मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016
सत्र
बुधवार, दिनांक 16 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग
5 : पशुपालन,
उद्यानिकी
तथा खाद्य प्रसंस्करण,
मछुआ
कल्याण तथा मत्स्य
विकास, कुटीर एवं
ग्रामोद्योग,
विधि
और विधायी कार्य,
लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी,
स्कूल
शिक्षा, आदिम जाति
कल्याण, अनुसूचित
जाति कल्याण,
श्रम,
पिछड़ा
वर्ग तथा अल्पसंख्यक
कल्याण, विमुक्त,
घुमक्कड़
एवं अर्द्ध घुमक्कड़
जाति कल्याण)
वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पट्टों का बंटन
1. ( *क्र. 2532 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम क्या है? इस नियम के अंतर्गत वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जनजातियों को भूमि के पट्टे दिये जाने का क्या प्रावधान है? (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में इस अधिनियम के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने पात्रों को वन भूमि के पट्टे दिये गये हैं एवं ऐसे कितने आवेदन पत्र हैं, जो किन कारणों से निरस्त किये गये हैं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वन अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि पर काबिजों को कोई पट्टा दिये जाने की अनुशंसा करने पर कितनों को पट्टे दिये गये हैं एवं कितने किन कारणों से आवेदन पत्र निरस्त किये गये हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वनभूमि के अधिभोग के अधिकारों की मान्यता के प्रावधान अधिनियम में उल्लेखित हैं। (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में इस अधिनियम के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में 401 पात्रों को वन भूमि के वन अधिकार पत्र दिये गये एवं 818 आवेदन पत्र निम्न कारणों से निरस्त किये गये :- (1) दावा की गई भूमि वन भूमि न होना। (संख्या 50), (2) जनजाति के मामले में दिनांक 31.12.2005 के पूर्व का काबिज न होना। (संख्या 540), (3) दावा की गई भूमि पर वास्तविक रूप से काबिज न होना। (संख्या 178), (4) गैर आदिवासी के मामले में 75 वर्ष से निवास का साक्ष्य उपलब्ध न होना। (संख्या 50) (ग) माननीय विधायक की अनुशंसा पर अधिकार पत्र दिये जाने का प्रावधान अधिनियम में नहीं है। अतः इसका अभिलेख संधारित नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजनांतर्गत निष्पादित कार्य
2. ( *क्र. 6479 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजनांतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने कार्य किए गए हैं? इनमें कितना अनुदान दिया गया है? शासकीय एवं निजी क्षेत्र की अलग-अलग वर्षवार जानकारी देवें। (ख) बैतूल जिले में विगत 3 वर्षों में सब्जी बीज उत्पादन कार्यक्रम/बीज अधोसंरचना विकास के लिए शासकीय एवं निजी क्षेत्र में कौन-कौन सी इकाई स्वीकृत की गई तथा कितना-कितना अनुदान दिया गया? इकाई की लागत, किए गए व्यय एवं दिए गये अनुदान की जानकारी देवें। (ग) क्या बैतूल जिले में पुष्प विकास/मसाला विकास/पुराने बगीचों का जीर्णोद्धार किया गया है? यदि हाँ, तो इस पर किए गए व्यय की वर्षवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विगत तीन वर्षों में 38 कार्य किये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्राथमिक स्कूल के भवन का निर्माण
3. ( *क्र. 764 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम वरपनवाड़ी पंचायत मुहांसा वि.ख. आरोन में प्राथमिक स्कूल आंगनवाड़ी केन्द्र में लगता है? (ख) यदि हाँ, तो प्राथमिक स्कूल के नवीन भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा एवं शासन द्वारा प्राथमिक स्कूल शाला निर्माण के क्या मापदण्ड हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। निर्मित शाला भवन का मरम्मत कार्य किया जाना है इस कारण आँगनवाड़ी के भवन में अस्थाई रूप से स्कूल संचालित किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2016-17 की कार्य योजना में शाला भवन की मरम्मत प्रस्तावित है, भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर भवन की मरम्मत कराई जा सकेगी। शाला भवन जीर्ण-शीर्ण होने पर नवीन भवन स्वीकृति का मापदण्ड है।
कटंगी में लिंक न्यायालय प्रारंभ किया जाना
4. ( *क्र. 4797 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मा. उच्च न्यायालय जबलपुर ने बालाघाट जिले के कटंगी में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का लिंक न्यायालय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की है? (ख) यदि हाँ, तो अतिरिक्त सत्र न्यायालय का लिंक न्यायालय प्रारंभ होने में विलंब के क्या कारण हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) कंटगी जिला बालाघाट में मूलभूत सुविधायें न्यायालय भवन, न्यायाधीश आवासगृह और उपजेल इत्यादि सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं।
कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित श्रमिक
5. ( *क्र. 5784 ) श्री विष्णु खत्री : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा श्रमिकों के हित में कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के माध्यम से किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रजिस्टर्ड श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक दिया गया?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में कुल 23 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 8480 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन मण्डल के माध्यम से किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु प्रश्नांकित अवधि में योजनांतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की संख्यावार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम |
हितग्राही संख्या |
1. |
प्रसूति सहायता |
364 |
2. |
विवाह सहायता |
09 |
3. |
शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि एवं मेधावी छात्र/छात्रा को नगद पुरस्कार |
1153 |
4. |
मृत्यु दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान |
03 |
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित नल-जल योजनाएं
6. ( *क्र. 5903 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में हैण्डपंप लगे हुये हैं, जिसमें कितने चालू हैं एवं कितने बंद हैं? बंद पड़े हैण्डपंपों को कब तक चालू किया जाएगा या उनकी जगह नयें हैण्डपंप लगाये जायेंगे? (ख) क्षेत्र के कितने ग्रामों में कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं तथा जिन ग्रामों में नल-जल योजना नहीं है, उन ग्रामों में नल-जल योजना का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बसाहट में निर्धारित मापदण्ड से कम पेयजल आपूर्ति होने की स्थिति में नये हैण्डपंप लगाने की कार्यवाही की जाती है। (ख) 97 ग्रामों में नल-जल योजना संचालित है। वर्तमान में नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परियोजना मद अंतर्गत संपादित कार्य
7. ( *क्र. 2876 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2015 तक आदिवासी विकास ''परियोजना मद'' अंतर्गत कितने कार्य खरगोन जिले में किन एजेंसियों को कब-कब दिये गये? कार्य का नाम, राशि, स्थान, विकासखण्ड का नाम, यंत्री/उपयंत्री का नाम सहित सूची देवें। इन कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र कब-कब कार्य एजेंसी द्वारा विभाग को दिये गये? दिनांक सहित बतायें। यदि प्रमाण पत्र नहीं दिये गये हैं, तो कारण बतायें? (ख) उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, दिनांक, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक एवं सी.सी. जारी दिनांक की सूची कार्यवार देवें। कार्यों की स्थिति भी बतायें। (ग) उक्त कार्यों हेतु किन-किन अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा पत्र या मांग पत्र विभागीय कार्यालय में दिये गये। कार्यवार अधिकारी, जनप्रतिनिधि के नाम व पत्र क्रमांक, पत्र दिनांक सहित सूची देवें। (घ) उक्त कार्यों को किन शर्तों पर कार्य एजेंसी को प्रदान किया गया।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’, 'दो' एवं 'तीन' अनुसार है। (घ) कार्य एजेंसी को प्रदाय राशि की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है।
आवंटित बजट का उपयोग
8. ( *क्र. 6568 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 में विभाग अंतर्गत SC/ST/OBC वर्ग/क्षेत्रों के लिये किस-किस मद में कितनी राशियां आवंटित हुईं? (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित राशि का पूर्ण उपयोग किस-किस मद में किया गया और कितनी राशि किस-किस मद में समर्पित की गयी? (ग) क्या विभाग जिले में आवंटित राशि का पूर्ण उपयोग नहीं करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करेगा? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं 'एक' अनुसार है। (ख) एवं (ग) अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, जबकि अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पानी की टंकी का हस्तांतरण
9. ( *क्र. 4132 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2005-06 में स्वीकृत छतरपुर जिले की बड़ामलहरा नगर पंचायत में कितनी लागत की पानी की टंकी का विभाग ने किस दिनांक से निर्माण किया? यह टंकी किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक नगर पंचायत को सौंपी नहीं जा सकी है? (ख) कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य पूर्ण न होने के कारण नगर पंचायत टंकी का प्रभार लिए जाने से इंकार कर रहा है, उन अधूरे कार्यों को पूरा किए जाने के संबंध में विभाग ने कब और क्या कार्यवाही की है? (ग) कब तक टंकी पूरी की जाकर नगर पंचायत को सौंप दी जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 32.10 लाख लागत की पानी टंकी का निर्माण 08.2.2006 से प्रारंभ किया एवं 23.1.2008 को पूर्ण। पेयजल योजना के अंतर्गत एनीकट का निर्माण व टरबाइन पंप का क्रय न होने से नगर पंचायत द्वारा टंकी आधिपत्य में नहीं ली गई। (ख) एनीकट लागत रूपये 28.85 लाख एवं टरबाइन पंप लागत रूपये 3.00 लाख के कार्य अपूर्ण रहने के कारण। विभाग द्वारा रूपये 322.33 लाख की पुनरीक्षित योजना तैयार की गई है, परंतु नगर पंचायत द्वारा अंशदान की राशि देने में असमर्थता व्यक्त की गई है। अतः विभाग द्वारा एनीकट को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) टंकी का कार्य एवं उसका परीक्षण पूर्ण किया जा चुका है। यदि नगर पंचायत सहमति दे तो टंकी विभाग द्वारा तत्काल हस्तांतरित की जा सकती है।
सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संपादित कार्य
10. ( *क्र. 4470 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 01.04.15 से 31.01.16 तक सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी राशि प्रदाय की गई? पंचायतवार एवं मदवार जानकारी बतावें। (ख) यह राशि किस-किस मद में किन-किन कार्यों में खर्च की गई? पंचायतवार, मदवार, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, शेष राशि का ब्यौरा दें। यह कार्य किन-किन क्षेत्रों में करवाए गए? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत खिरका जनपद पंचायत सबलगढ़ को अनुसूचित जाति बस्ती में सी.सी. खरंजा हेतु प्रस्ताव अधीक्षक अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को देने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक ए.एस. जारी नहीं की गई? कारण बतावें एवं कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) किन-किन जनप्रतिनिधियों ने प्रश्नांश (क) की अवधि में अनुशंसा पत्र किन-किन कार्यों की स्वीकृति हेतु विभाग को इस अवधि में प्रेषित किये हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर दिनांक 24.02.2016 को रूपये 2.00 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। (घ) जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुशंसा पत्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अनुशंसित कार्यों हेतु बस्ती विकास योजना के नियमों के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है। अनुशंसा के आधार पर राशि जारी करने के प्रावधान नहीं हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
विभाग को आवंटित बजट का उपयोग
11. ( *क्र. 4562 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में शासन से बजट की मांग की थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा भेजे गए बजट व शासन द्वारा प्रदत्त राशि का ब्यौरा दें? (ख) क्या श्रम विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त बजट में कोई अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) श्रम विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में प्राप्त बजट का क्या उपयोग किया गया? मदवार, राशिवार ब्यौरा दें।
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) 1. औद्योगिक न्यायालय- जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ए’ एवं ‘बी’ अनुसार है। 2. श्रमायुक्त- जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘सी’ एवं ‘डी’ अनुसार है। 3. संचालक- कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें- जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है। (ख) 1. औद्योगिक न्यायालय - जी नहीं। 2. श्रमायुक्त- जी नहीं। 3. संचालक, कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें- जी नहीं। (ग) 1. औद्योगिक न्यायालय - जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एफ’ अनुसार है। 2. श्रमायुक्त - जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘डी’ अनुसार है। 3. संचालक, कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें - जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ई’ अनुसार है।
वरिष्ठ अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ
12. ( *क्र. 5064 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ.1-2/2013/22 /पं.2 दिनांक 21 फरवरी 2013 द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों को अध्यापक संवर्ग में संविदा शाला शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने हेतु निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या सतना जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा आज दिनांक तक उक्त आदेश के परिपालन में वरिष्ठ अध्यापकों की क्रमोन्नति नहीं की जा रही है? कारण सहित बताएं। (ग) क्या आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को पत्र भेज कर मार्गदर्शन मांगा गया था, जिस पर संचालनालय द्वारा आयुक्त नगर निगम भोपाल जिला भोपाल को आदेश क्रमांक 1457 दिनांक 26.03.14 के द्वारा बिंदु क्रमांक 04 में स्पष्ट रूप से अंकित किया है कि संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में नियुक्त सहायक अध्यापक/अध्यापक/वरिष्ठ अध्यापक के क्रमोन्नति के प्रकरणों में 12/24 वर्ष की अवधि की गणना वर्ष 2001 या इसके उपरांत वास्तविक रूप से संविदा शाला शिक्षक के रूप में नियुक्ति दिनांक से की गई कार्य अवधि को 12/24 वर्ष के अनुभव के रूप में सम्मिलित करते हुए अनुभव की गणना की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अध्यापक संवर्ग में संविदा शाला शिक्षक को नियुक्ति दिनांक से नियम में उल्लेखित अनुसार योग्यता एवं अन्य शर्तों की पूर्ति करने पर वरिष्ठता का लाभ पदोन्नति एवं क्रमोन्नति के लिए प्राप्त होता है। (ख) सतना जिले में वरिष्ठ अध्यापकों को क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) जी हाँ। अध्यापक संवर्ग में क्रमोन्नति की सेवा गणना संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति दिनांक से करने के उपरान्त 12 अथवा 24 वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने का प्रावधान है।
जिला परियोजना समन्वयक पद हेतु निर्धारित अर्हता
13. ( *क्र. 4504 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र के ज्ञापन क्र. राशि के/प्रशा./2015/7230 भोपाल, दिनांक 28/9/2015 द्वारा जिला परियोजना समन्वयक पद हेतु अर्हता में स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक संचालक/प्राचार्य उ.मा.वि./प्राचार्य हाई स्कूल संवर्ग के अधिकारी, जिनकी आयु 52 वर्ष से अधिक न हो? विज्ञापित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र की आयु 52 वर्ष से अधिक है? नाम एवं वर्तमान आयु बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताये गये 52 वर्ष से अधिक उम्र धारण करने वाले जिला परियोजना समन्वयकों को क्या तत्काल मुक्त करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र से पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक एवं शासन से पदस्थ सहायक संचालक (ई.ई.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, जिला परियोजना समन्वयक के पद पर चयन के लिए निर्धारित अर्हता में आयु सीमा 52 वर्ष निर्धारित की गई है। इसका आशय यह नहीं है, कि चयनित अभ्यर्थी 52 वर्ष की ही आयु तक जिला परियोजना समन्वयक का कार्य सम्पादित करेंगे।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नतियां
14. ( *क्र. 6004 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 1 जनवरी, 2011 के पश्चात किस-किस दिनांक को जिला पंचायत एवं नगरीय निकायों द्वारा अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति किस अधिकारी द्वारा की गई है? (ख) क्या अध्यापकों की पदोन्नति हर 6 माह में की जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय एवं विभाग द्वारा कब-कब दिशा-निर्देश जारी किये गये? दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) क्या कुछ जिलों में अध्यापकों की पदोन्नतियां समय पर हो रही हैं तथा कुछ में 3 से 4 वर्ष के बावजूद भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है, जिससे अध्यापकों को अपनी वरिष्ठता का नुकसान भुगतना पड़ रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) रतलाम मंदसौर जिले में ऐसे कितने अध्यापक हैं, जिनकी अर्हता एवं योग्यता के पूर्ण होने के बाद एवं पद होने के बावजूद भी पदोन्नतियाँ गत दो वर्षों से नहीं मिली हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी नहीं। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 24.04.13 एवं 12.05.14 के अनुसार प्रत्येक वर्ष में दो बार पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। पदों की उपलब्धता, वरिष्ठता, निर्धारित योग्यता, पात्रता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान है। शेषांश अध्यापक संवर्ग स्थानीय निकाय के अधीन एवं नियंत्रण में है। ये पद स्थानीय निकाय स्तरीय होते हैं। निकाय अंतर्गत पदोन्नति होने से वरिष्ठता प्रभावित नहीं होती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रतलाम जिले में ऐसे कोई अध्यापक नहीं हैं, जिन्हें पात्रता होने के बावजूद पदोन्नत नहीं किया गया। मन्दसौर जिले में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक (विषयमान) के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। ग्रामीण क्षेत्र मन्दसौर जिलान्तर्गत ग्रामीण निकाय जिला पंचायत मन्दसौर क्षेत्रान्तर्गत कार्यरत 1110 अध्यापक में से 634 अध्यापक स्नातकोत्तर उत्तीर्ण होकर पदोन्नति हेतु संबंधित विषय में पात्रताधारी हैं। वर्ष 2015 में पदोन्नति अंतर्गत उपलब्ध 118 पदों पर विषयमान से पदोन्नति किये जाने हेतु दिनांक 01.04.15 की स्थिति में अंतरिम पदक्रम सूची दिनांक 12.10.15 के द्वारा जारी की जाकर दावे आपत्ति उपरान्त अंतिम पदक्रम सूची जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। नगरीय क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका मन्दसौर में रिक्त 10 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण की जाकर काउंसलिंग दिनांक 08.03.16 को संपन्न होगी। नगर पालिका सुवासरा में 07 पदों पर पदोन्नति हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। नगर पंचायत नगरी, सीतामऊ, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा एवं पिपल्यिा मण्डी में पदोन्नति हेतु पद रिक्त नहीं है।
म.प्र. राज्य वक्फ न्यायाधिकरण में लंबित प्रकरण
15. ( *क्र. 4984 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य वक्फ न्यायाधिकरण में कितने प्रकरण विगत पाँच वर्ष एवं इससे अधिक समय से लंबित हैं? (ख) वर्ष 2015 तक संपत्ति विवाद के लंबित प्रकरणों की जिलेवार संख्या क्या है? (ग) वर्ष 2012 से दिसंबर 2015 तक म.प्र. वक्फ बोर्ड के कितने प्रकरण लंबित हैं?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) म.प्र. राज्य वक्फ न्यायाधिकरण में विगत पाँच वर्ष एवं इससे अधिक समय से 60 प्रकरण लंबित हैं। (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में 308 प्रकरण लंबित हैं।
परिशिष्ट - ''चार''
गोड़ गोवारी को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाना
16. ( *क्र. 6412 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. आदिम जाति अनुसंधान संस्थान भोपाल के द्वारा छिन्दवाड़ा जिले में गोड़ की उप जाति गोड़ गोवारी, जिन्हें स्थानीय बोली में गोड़ेरा अहीर कहा जाता है, के सदस्यों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 1404 दिनांक 06.08.2014 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया है? (ख) क्या तहसील छिन्दवाड़ा, परासिया एवं बिछुआ में गोड़ गोवारी के सदस्यों के पूर्व में अनुसूचितजनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया है? शेष तहसीलों में और वर्तमान में उक्त तहसीलों में भी अब उक्त वर्ग के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय नहीं किया जा रहा है? हाँ तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. आदिम जाति अनुसंधान संस्थान भोपाल के द्वारा कलेक्टर छिन्दवाड़ा को स्पष्ट निर्देश दिये जाने के पश्चात भी गुडेरा अहीर जो गोड़ की उप जाति गोड़ गोवारी है, को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदाय क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या शासन उक्त को संज्ञान में लेकर इसकी जाँच कराने तथा गुडेरा अहीर जो गोड़ की उपजाति गोड़ गोवारी है, को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के आदेश के साथ उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित।
अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र की छपाई में त्रुटियां
17. ( *क्र. 432 ) श्रीमती लोरेन बी. लोबो : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा गत वर्ष 2015 की वार्षिक परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र में व्याकरण एवं प्रश्न पत्र छपाई में बहुत सी त्रुटियां की गईं, जिससे छात्र-छात्राओं को परीक्षा में कठिनाई के साथ ही अंग्रेजी भाषा में कम अंक प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में माध्यमिक शिक्षा मण्डल के द्वारा परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य में बरती गई लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गोपनीयता के उद्देश्य से प्रश्न पत्रों का निर्माण अनुभवी शिक्षकों से हस्तलिखित तैयार कराया जाता है। प्रिंटर द्वारा हस्तलिखित शब्दों के पठन में भ्रांतिवश शब्दाशों की त्रुटियां विश्लेषण में पाईं गईं। त्रुटिपूर्ण शब्दाशों को सही शब्दाशों में स्पष्ट करते हुए परीक्षकों को मूल्यांकन के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। हाई स्कूल अंग्रेजी सामान्य के मूल्यांकनकर्ताओं हेतु जारी किये गये निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार एवं हायर सेकण्डरी अंग्रेजी सामान्य के मूल्यांकनकर्ताओं हेतु जारी किये गये निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। ऐसी त्रुटियों के कारण छात्रों के प्राप्तांक प्रभावित नहीं हुये। (ख) प्रत्यक्ष रूप से प्रश्नांश (क) से संबंधित त्रुटियों के लिये कोई दोषी नहीं है। इस कारण उन पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी विकास की स्थापना अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी
18. ( *क्र. 6448 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास की स्थापना अंतर्गत कार्यालय एवं संस्थाओं में ऐसे कौन-कौन कर्मचारी हैं, जिनका वेतन अन्यत्र किस-किस कार्यालयों में आहरण किया जा रहा है और कब से तिथि बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में बताये गये कर्मचारियों को संलग्न रखने संबंधी शासन के आदेश बतावें? यदि शासन आदेश नहीं हैं, तो किस आधार पर रखा गया? अनियमित भुगतान के लिए दोषी सहायक आयुक्त से वसूली की जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय से किस-किस लेखापाल एवं सहायक ग्रेड-2 का वेतन उ.मा.शा. मद से आहरण किया जा रहा है? उ.मा.शा. के लेखापालों के पद जिला कार्यालय में अधिग्रहण करने के कोई शासन आदेश हैं, तो बतावें? यदि नहीं, तो अनियमित भुगतान की वसूली भुगतान करने वाले दोषी अधिकारी से की जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कोई नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बालाघाट स्तर पर इस मद से एक लेखापाल का वेतन आहरण किया जा रहा है। पद अधिग्रहण नहीं किये गये हैं। हैड मेंपिंग सहायक आयुक्त बालाघाट के डी.डी.ओ. कोड में दर्ज है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
19. ( *क्र. 5622 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीणों से राशि जमा कराकर नल-जल योजनायें बनाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ग्राम सिकौआ के ग्रामवासियों से राशि जमा कराने के बाद अभी तक नल-जल योजना क्यों नहीं बनाई गई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह योजना कब तक पूर्ण होगी? (ख) क्या भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री संकल्प पेयजल योजना एवं बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत नल-जल योजनायें संचालित हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो कौन-कौन सी योजनाएं चालू हैं एवं कितनी योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित हैं और शेष योजनायें कब तक पूर्ण कर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की अहस्तांतरित योजनायों के लिए कौन जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। नल-जल योजना रूपये 20.55 लाख लागत की तैयार की गई है। योजना की स्वीकृति हेतु ग्राम पंचायत का ठहराव एवं प्रस्ताव व योजना से हितग्राहियों द्वारा नल कनेक्शन लेने की सहमति प्रस्तुत न करने एवं नवीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति पर प्रतिबंध होने के कारण। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) योजनाएं विभिन्न कारणों से अहस्तांतरित हैं, कोई जिम्मेवार नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लाभांवित हितग्राही
20. ( *क्र. 3164 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पशुपालन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश में राज्य योजनाएं एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के अंतर्गत विगत 03 वर्षों से कुल कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? योजनावार बतायें तथा जिला पश्चिम निमाड़ में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? उक्त राशि खर्च के संबंध में कितनी-कितनी अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुईं और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं के अंतर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी हितग्राहीमूलक योजनाएं संचालित हैं और उनके उद्देश्यों के तहत कितने-कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है? हितग्राहीवार एवं ग्रामवार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। उक्त राशि खर्च के संबंध में अनियमितताओं की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
कटनी जिले में समितियों का गठन
21. ( *क्र. 6378 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य केन्द्र के पत्र क्रमांक-राशि के/03/2016/368 भोपाल, दिनांक 14.01.2016 के अनुसार जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर गठित जिला इकाई विकासखण्ड इकाई एवं अन्य समितियों की नियमित बैठक आयोजित करने के प्रावधान हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इनमें कौन-कौन सी समितियां हैं एवं वर्तमान तक उनका पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्या उक्त समितियों की बैठकें समय-सीमा में आयोजित करने के संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री म.प्र. शासन द्वारा पत्र क्र. 6381, भोपाल, दिनांक 22.12.2015 द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में मान. मंत्री महोदय के समय-सीमा के निर्देशों का पालन हुआ? यदि नहीं, तो स्वयं शिक्षा मंत्री महोदय एवं शासन के निर्देशों का पालन न करने वाले कटनी जिले के संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले में जिला इकाई, जिला क्रय समिति, जिला नियुक्ति समिति, जिला अनुदान समिति, जिला निर्माण कार्य समितियां होती हैं, जिसमें पदेन शासकीय एवं मनोनीत अशासकीय सदस्यों का समावेश होता है। अशासकीय सदस्यों के मनोनयन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनु. ज.जा. एवं परंपरागत वन निवासी अधिनियम का क्रियान्वयन
22. ( *क्र. 5732 ) श्री मधु भगत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 तथा नियम 2008 के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या, कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के कितने प्रकरण उक्त अधिनियम/नियम के मापदण्डों के अनुसार बनाये गये हैं, कितने बनाये जाना शेष हैं? ग्रामवार बतायें। (ग) क्रियान्वयन में हो रहे विलंब का क्या कारण है? क्या शासन स्तर/आयुक्त स्तर/विभागाध्यक्ष स्तर पर विलंब के कारण आपत्तियों, कठिनाइयों के निराकरण, हेतु चर्चा/बैठक कब-कब की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा मामले वन विभाग को भेजे गये? तिथि सहित बतायें। क्या वन विभाग द्वारा प्रकरणों को निराकृत करने के उद्देश्य से कोई कार्यवाही की? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले में परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण
23. ( *क्र. 4088 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कक्षा 10वीं व 12वीं हेतु वर्ष 2015-16 में शासकीय हाईस्कूल हवलदारसिंह का पुरा व शासकीय कन्या हाईस्कूल नुन्हाटा विकासखण्ड भिण्ड में परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए शासन से क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्यालय देहात कोतवाली भिण्ड, दूरी 6 कि.मी. और थाना उमरी भिण्ड से करीब 5 कि.मी. दूरी है? शासकीय हाईस्कूल हवलदार सिंह का पुरा का परीक्षा केन्द्र अशासकीय विद्यालय के.व्ही.एम. ग्वालियर रोड भिण्ड, दूरी 17 कि.मी. पर परीक्षा केन्द्र रखने की क्या आवश्यकता थी? परीक्षा केन्द्र को बदलने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में छात्राओं की संख्या 59 और 55 है, परीक्षा केन्द्र बदलने से असुरक्षित, आवागमन भिण्ड शहर से करीब तीन कि.मी. दूर रखने के लिए जिला योजना समिति से अनुमोदन कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? परिवर्तन करने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में शासकीय विद्यालय से अशासकीय विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाने के क्या कारण हैं? निर्धारित परीक्षा केन्द्र में से कितने परीक्षा केन्द्र बदले/परिवर्तन/परिवर्धन किए गए? क्या कारण हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परीक्षा केन्द्र निर्धारण में मण्डल द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन किया गया है एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये किया गया है। परीक्षा केन्द्र निर्धारण में मापदण्ड के बिन्दु क्रमांक-05 का पालन किया गया है। (ग) मण्डल द्वारा निर्धारित मापदण्डों में छात्राओं के लिये पृथक से कोई निर्देश नहीं हैं। म.प्र.शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन के निर्देश क्रमांक-1139/1151/2015/20-3, भोपाल, दिनांक 24.7.2015 द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार केन्द्र निर्धारण हेतु गठित चयन समिति द्वारा परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया गया। केन्द्र निर्धारण का कार्य समय-सीमा में संपादित कराया जाना था, तत्समय जिला योजना समिति की बैठक प्रस्तावित नहीं थी। (घ) मण्डल द्वारा निर्धारित मापदण्डों के बिन्दु क्रमांक-15 के अनुसार परीक्षा केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। निर्धारण के पश्चात किसी भी केन्द्र में परिवर्तन/परिवर्धन नहीं कराया गया है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति
24. ( *क्र. 6217 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत बस्ती विकास योजना हेतु जिले में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या विधायक के द्वारा अनुशंसा किये गये कार्यों को स्वीकृत किया जा सकता है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के कलेक्टर शहडोल तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल को अनुशंसा किये गये कार्यों को स्वीकृत न किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में कौन दोषी है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना 2005 यथा संशोधित 2014 में निहित अनुसार कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 07 एवं 2015-16 में 02 कार्य स्वीकृत किये गये। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति की राशि का वितरण
25. ( *क्र. 1168 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं जबलपुर जिलों में निजी इंजीनियरिंग/नर्सिग/ एम.बी.ए./सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक कितने छात्रों एवं छात्राओं को कितनी छात्रवृत्ति किस-किस प्रकार की कब दी? (ख) क्या स्टूडेंटों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंक एकाउण्ट में शासन द्वारा दी? क्या कॉलेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गयी? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि छात्रवृत्ति शासन कॉलेजों के एकाउण्टों में नियमानुसार दे सकता है? अगर नहीं तो किस नाम/पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 13-14, 14-15, 15-16, 30 जनवरी, 2016 तक में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों के छात्रों को दी गयी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सतना एवं जबलपुर जिलों में प्रश्नांश में दर्शित पाठयक्रमों में अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को 01.4.2013 से अब तक निम्नानुसार पो.मै. छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है :-
जिला |
छात्र संख्या |
भुगतान की गई छात्रवृत्ति की राशि |
सतना |
590 |
1,51,28,588 |
जबलपुर |
2037 |
4,51,95,340 |
(ख) जी हाँ। कॉलेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कॉलेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सतना एवं जबलपुर जिलों में वर्षवार निम्नानुसार राशि छात्र/छात्राओं को भुगतान की गई है :-
जिला |
वर्ष |
छात्र संख्या |
राशि |
जबलपुर |
2013-14 |
1083 |
25222670 |
2014-15 |
954 |
19972670 |
|
15-30 जनवरी 16 |
0 |
0 |
|
सतना |
2013-14 |
194 |
4448053 |
2014-15 |
227 |
5387282 |
|
15-30 जनवरी 16 |
169 |
5293253 |
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जलस्तर
नीचे जाने से
उत्पन्न
स्थिति
1. ( क्र. 92 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पिपलौदा तहसील व रतलाम जिले के अन्य ब्लॉक में कम वर्षा से भूजल स्तर अत्यंत नीचे चला गया है तथा अधिकांश हैण्डपंप सूख गये है व उनमें पानी नहीं है? ब्लॉकवार कितने-कितने हैण्डपंप किस-किस ब्लाक में चालू हैं व कितने सूख गये हैं व जहाँ सूख गये है वहाँ पेयजल की क्या व्यवस्था है? (ख) क्या पिपलौदा मुंगावली, चंदेरी क्षेत्र में भूजल स्तर अत्यधिक नीचे चला गया है वहाँ प्रत्येक गांव में एक विद्युत मोटर देने पर शासन विचार करेगा ताकि नीचे चला गया पानी खींचकर पशुओं व मनुष्यों को पीने के लिए पानी मिल सकें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ब्लाक में कितने गांवों में दूषित पेयजल, खारा पेयजल या फ्लोरेसेट युक्त पानी पाया गया है तथा पानी शुद्ध करने हेतु शासन ने कितनी धनराशि का क्या प्रयास किया है व उससे किस-किस ब्लॉक में कितने गाँवों में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया गया है तथा किस-किस ब्लॉक में कितने गाँवों में अभी भी दूषित जल मिल रहा है? इसे ठीक करने हेतु कितना बजट है व कब तक सभी गांवों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आवश्यकता होने पर आगामी समय में मोटर पंप देने पर विचार किया जायेगा। (ग) पिपलौदा विकासखण्ड के 3 ग्रामों में खारेपानी की समस्या थी, इन तीनों ग्रामों में नल-जल योजना के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था कर दी गई है जिस पर लगभग रूपये 85.14 लाख का व्यय हुआ है। अन्य विकासखण्डों में दूषित पेयजल की समस्या नहीं पाई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नल योजना का संधारण
2. ( क्र. 119 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला डिण्डोरी, लो.स्वा. यांत्रिकीय विभाग द्वारा नल-जल योजना के अंतर्गत वर्ष 14-15 एवं 15-16 में ठेकेदारों द्वारा कौन-कौन से कितने कार्य हैं जो समय-सीमा में संपादित नहीं किये हैं? ठेकेदारों के नाम एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) वि.ख. डिण्डोरी के अंतर्गत ग्राम घुसिया में कितने टोला-मजरों में कितने मीटर नल-जल योजना के पाईप बिछाये गये हैं और कब से संचालित हैं? (ग) उक्त ग्राम के कौन से मोहल्ला में जहां पाईप लाईन बिछी है पर आज तक सप्लाई नहीं दी गई है एवं किस कारण से? (घ) इस ग्राम की इस योजना की लागत क्या है एवं ठेकेदार को कब कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) लागत रूपये 14.88 लाख है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सामुदायिक रेडियों स्टेशन के क्रियाकलाप
3. ( क्र. 120 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी, विकासखण्ड बजाग के ग्राम चौड़ा में म.प्र. वन्या द्वारा सामुदायिक रेडि़यों केन्द्र स्थापित किया गया था, क्या वह वर्तमान में चालू है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्तमान में स्थायी एवं अस्थायी कितने कर्मचारी नियुक्त हैं? उन्हें कब तक का वेतन/मानदेय दिया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) रेडियों स्टेशन से कार्यक्रम प्रसारण हेतु प्रत्येक माह या वार्षिक कार्यक्रम तैयार करने हेतु कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गई? (घ) इस केन्द्र को चलाने हेतु किस संस्था से अनुबंध कब तक के लिये, कितनी राशि में संपादित किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) म.प्र. वन्या द्वारा जिला डिण्डोरी, ग्राम चाडा में एक रेडियो केन्द्र का निर्माण किया गया है। संचालन का दायित्व दीक्षा वेलफेयर सोसायटी को वन्या एवं दीक्षा वेलफेयर सोसायटी के मध्य निष्पादित अनुबंध अनुसार किया जाता है। केन्द्र चालू है। (ख) अनुबंध अनुसार दीक्षा वेलफेयर सोसायटी द्वारा सामुदायिक रेडियो केन्द्र चाडा में 10 अस्थाई कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है। कर्मचारियों को सितम्बर- 2014 तक का मानदेय भुगतान दीक्षा वेलफेयर सोसायटी द्वारा उपलब्ध करायी गयी प्रतिमाह प्रसारित कार्यक्रम की सी.डी. के परीक्षण पश्चात किया गया है। शेष अवधि की सी.डी. अप्राप्त है। प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। (ग) अनुबंध अनुसार कार्यक्रम निर्माण एवं प्रसारण हेतु लगभग रूपये 39,000.00 प्रतिमाह के मान से राशि उपलब्ध करायी जाती है। दीक्षा वेलफेयर सोसायटी द्वारा सितम्बर-2014 तक की उपलब्ध कराई गयी कार्यक्रम प्रसारण सी.डी. के परीक्षण पश्चात् लगभग 10.14 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (घ) इस केन्द्र को चलाने हेतु दीक्षा वेलफेयर सोसायटी से जुलाई 2012 में तीन वर्ष के लिए राशि रूपये 80,300.00 प्रतिमाह के आधार पर अनुबंध निष्पादित किया गया।
शासकीय स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
4. ( क्र. 409 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरोद में विगत पाँच वर्षों में कितने स्कूलों का उन्नयन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में ऐसे शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल, हायर सेकण्ड्री स्कूल कितने है? जहां बाउण्ड्रीवॉल बनाये जाने की आवश्यकता है? (ग) शासन स्तर पर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की क्या कार्यवाही प्रचलित है? कब तक सभी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य करा लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विगत पाँच वर्षों में 05 प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में, 03 माध्यमिक शाला का हाई स्कूल में एवं 08 हाई स्कूल का उ.मा.वि. में उन्नयन किया गया है। (ख) 94 शासकीय प्राथमिक विद्यालय, 80 शासकीय माध्यमिक विद्यालय, 06 शासकीय हाई स्कूल एवं 05 उ.मा.वि. में बाउण्ड्रीवॉल बनाये जाने की आवश्यकता है। (ग) सभी विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु जिले की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 में सम्मिलित किया गया है। बजट उपलब्धतानुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शा. शालाओं में शौचालय की स्थिति
5. ( क्र. 420 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल, हायर सेकण्ड्री स्कूलों में शौचालय की क्या स्थिति है? (ख) कितने स्कूलों में शौचालय नहीं बने हैं? (ग) शासन कब तक शत प्रतिशत स्कूलों में शौचालय का निर्माण कार्य करवा देगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शौचालय क्रियाशील स्थिति में है, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में शौचालय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वच्छ विद्यालय अभियान के अंतर्गत शासकीय विद्यालयों में बालक-बालिका हेतु पृथक-पृथक शौचालय उपलब्ध कराये गए है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल की परीक्षाओं में लापरवाही
6. ( क्र. 434 ) श्रीमती लोरेन बी. लोबो : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा गत वर्ष 2015 को 12वीं की मुख्य परीक्षा में गणित विषय में आई सप्लीमेंट्री में छात्र-छात्राओं को 11वीं का गणित का पेपर त्रुटिवश दिया गया था, जिससे परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था, उक्त परीक्षा में किसके द्वारा लापरवाही बरती गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में माध्यमिक शिक्षा मण्डल के द्वारा परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य में बरती गई लापरवाही के लिये कौन-कौन दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। हायर सेकण्डरी पूरक परीक्षा वर्ष 2015 उच्च गणित का प्रश्न-पत्र त्रुटिपूर्ण होने के कारण दिनांक 06.07.15 को आयोजित उच्च गणित की परीक्षा निरस्त की जाकर उक्त विषय की परीक्षा दिनांक 14.07.15 को प्रातः 08:30 से 11:30 के मध्य पूर्ण निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर पुनः आयोजित की गई कार्यालयीन आदेश क्रं. 590/परीक्षा संमन्वय/15, दिनांक 06.07.15 संलग्न परिशिष्ट पर है। जिसका परीक्षा परिणाम समयावधि में घोषित किया गया। प्रकरण में व्यक्ति विशेष द्वारा लापरवाही बरतना प्रकरण में नहीं आया। (ख) प्रश्नांश (क) में माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
कपिल धारा के विद्युत पम्पों के संबंध में
7. ( क्र. 498 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग सागर में कपिल धारा योजना अंतर्गत विद्युत पम्प वन अधिकार पत्र धारक एवं बिखरे हुये बी.पी.एल. आदिवासियों के लिये किस वर्ष में कितनी राशि के क्रय किये गये एवं कितने पम्पों की आवश्यकता थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत पम्पों का वितरण किस वर्ष में कितने आदिवासी को किया गया? इनमें से विधान सभा नरयावली में कितने पम्पों का वितरण किसके द्वारा किया गया? (ग) क्या योजना का लाभ आदिवासियों को विद्युत पम्प समय पर वितरित नहीं होने से प्राप्त नहीं हुआ एवं अनेक पम्प प्रश्न दिनांक तक चालू नहीं हैं? इनमें से कितनों का वितरण शेष है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) में वर्णित स्थिति के लिये कौन जिम्मेदार है? विद्युत पम्प भंडार में क्यों रखे रहे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) प्रश्नावधि में पम्पों की मांग नहीं थी। पम्पों का क्रय नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वितरण हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूप खनन
8. ( क्र. 587 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा/शाहगढ़ क्षेत्र में कितने नलकूप खनन वर्ष 2014-15 में स्वीकृत किए गए हैं एवं इसके लिए कितनी राशि शासन स्तर से आवंटित की गई है? क्षेत्रवार जानकारी दी जाए? (ख) विधानसभा क्षेत्र बंडा/शाहगढ़ में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र में कितने नलकूप खनन किए जा चुके हैं एवं नलकूपों में मोटर डाली जा चुकी है? (ग) मुख्यमंत्री नल-जल योजना का क्रियान्वयन किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बंडा के विकासखण्ड बंडा एवं शाहगढ़ में क्रमशः 46 एवं 77 नलकूप खनन किये गये। राशि का आवंटन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं, जिलेवार होता है। जिले के लिये आवंटित राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 223 नलकूप खनित किये गये जिनमें से 110 नलकूपों में मोटरें डाली गयी हैं (ग) मुख्यमंत्री पेयजल योजना 1.4.2014 से बंद की जा चुकी है।
स्कूलों में वाटर प्यूरीफायर लगाने में अनियमितता
9. ( क्र. 614 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय स्कूलों में शुद्ध पेयजल देने हेतु जलमणि योजना के तहत इंदौर जिले के किन-किन स्कूलों में पेयजल व्यवस्था की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त योजना अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा भी राशि दी जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रदेश सरकार को प्राप्त हुई व इंदौर जिले में इस योजना से कहाँ-कहाँ पर शुद्ध पेयजल हेतु स्कूल में वाटर प्यूरीफायर लगाये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या शासकीय स्कूलों में वाटर प्यूरीफायर लगाये गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन स्कूलों में कौन सी कम्पनी के व कब-कब प्यूरीफायर लगाये गये थे? क्या इनमें से कई बंद अथवा खराब हो गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वाटर प्यूरीफायर बंद होने की स्थिति में शुद्ध पेयजल की क्या व्यवस्था की गई है? क्या पी.एच.ई. विभाग द्वारा सिर्फ प्यूरीफायर खरीदा गया? इसका मेन्टेनेंस किस विभाग का दायित्व है? क्या पी.एच.ई. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इस अनियमितता के कारण कई स्कूलों में क्लोराइड युक्त पानी पीने पर मजबूर हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या पी.एच.ई. विभाग की अनियमितता पर दोषियों पर कोई कार्यवाही संभव है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी व प्यूरीफायर चालू किये जायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश सरकार को रूपये 5.46 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) हैण्डपंपों के माध्यम से, मेंटेनेंस का दायित्व 5 वर्ष तक की अवधि के लिये प्रदायकर्ता फर्म का था। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्यूरीफायर चालू नहीं किये जा सकते हैं।
छात्रावास निर्माण
10. ( क्र. 615 ) श्री राजेश सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि महाविद्यालय इन्दौर में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्त छात्रावास बनकर कितने समय से तैयार पड़ा है? क्या अभी छात्रावास में छात्रों को प्रवेश आदि सुविधा प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्या आगामी सत्र में छात्रों को छात्रावास में प्रवेश दिया जायेगा? प्रवेश न देने का कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छात्रावास के निर्माण में कुल कितनी राशि व्यय की गई व कितने छात्रों हेतु छात्रावास में रहने की सुविधा है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी गयी छात्रवृत्ति की जानकारी
11. ( क्र. 1169 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं जबलपुर जिलों में निजी इंजीनियरिंग/नर्सिग/एम.बी.ए./सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कालेजों के द्वारा 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक कितने छात्रों एवं छात्राओं को कितनी छात्रवृत्ति किस प्रकार की कब दी? (ख) क्या स्टूडेंटों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंकों के एकाउण्टों में शासन द्वारा दी? क्या कालेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गयी? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम है? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि क्या छात्रवृत्ति शासन कालेजों के एकाउण्टों में नियमानुसार दे सकता है? अगर नहीं तो किस नाम/पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 13-14, 14-15, 15,30 जनवरी, 2016 तक में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों के छात्रों को दी गयी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सतना एवं जबलपुर जिलों में निजी इंजीनियरिंग/नर्सिंग/एम.बी.ए./सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक दी गई छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति यथा संशोधित नियम-2013 की नियम कंडिका क्रमांक 8.4 अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण पूर्णत: आर.टी.जी.एस. के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में तथा शिक्षण शुल्क संस्था के खाते में नियमानुसार जमा की गई है। (ग) पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। जी हाँ, नियम कंडिका 8.4 अनुसार शिक्षण शुल्क संस्था के खाते में नियमानुसार सीधे दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बरती जा रही अनियमितताएँ
12. ( क्र. 1206 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के चारों विकासखण्ड़ों अशोकनगर, ईसागढ़, चंदेरी, मुंगावली में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट उ.मा.वि. के प्राचार्य अथवा प्राचार्य का पद रिक्त होने पर समीपवर्ती शा.उ.मा.वि. के प्राचार्य को दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/स्था-1/राज/बी/ 2015/1187 दिनांक 17.08.2015 की अवहेलना की गई है? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्मेदार जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर को दिनांक 06.03.2016 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (घ) कारण बताओ सूचना पत्र का प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
नियम विरूद्ध जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर द्वारा आदेश करना
13. ( क्र. 1207 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोक नगर के शा.प्रा.वि.बेरखेड़ी सोनेरा में पदस्थ एकमात्र शिक्षक थे जिनका स्थानान्तरण प्रा.वि.सांदोह में कर शाला को शिक्षक विहीन करने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर को है? (ख) यदि नहीं, तो फिर माह जून 2015 में जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर ने संबंधित उपरोक्त शिक्षक का स्थानान्तरण किस नियम के तहत किया गया है? (ग) शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लघंन करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) हरवीरसिंह रघुवंशी सहायक शिक्षक का स्थानातंरण, शा.प्रा.वि.बेरखेड़ी सोनेरा से प्रा.वि.सांदोह में स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 के तहत शाला में दो शिक्षक होने की त्रुटिपूर्ण जानकारी के आधार पर जिला स्थानांतरण बोर्ड के अनुमोदन उपरांत किया गया है। संबंधित द्वारा स्थानातंरण हेतु प्रस्तुत आवेदन में संस्था में कार्यरत शिक्षकों की संख्या 02 दर्शाई थी। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। गलत जानकारी प्रस्तुत करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक को दिनांक 2.3.2016 एवं कार्यालय स्थापना प्रभारी लिपिक श्री बलवीर सिंह भण्डारी को पत्र दिनांक 03.03.2016 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार । (ख) प्रश्नांश का उत्तर ‘क‘ अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ‘क‘ में दर्शाये अनुसार दोषी प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं स्थापना लिपिक के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ की गई है। अतःशेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हटा नगर की जलावर्धन योजना
14. ( क्र. 1234 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हटा नगर की जल आवर्धन योजना में किस वर्ष में कितनी राशि स्वीकृत हुई थी एवं किसको कार्य एजेन्सी बनाया गया था एवं हटा नगर की जल आवर्धन योजना में शासन द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ख) क्या PHE के प्रमुख सचिव म.प्र. द्वारा जनहित याचिका क्रमांक 12701/14 में योजना का पूर्णत: एवं हस्तांतरण संबंधी शपथ-पत्र न्यायालय में दायर किया गया? यदि हाँ, तो क्या हटा नगर की जलावर्धन योजना का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो हस्तांतरण नगर पालिका हटा को कब किया गया? नगर पालिका हटा का हस्तांतरण प्राप्ति का पत्र प्रदाय करें? यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो क्यों? (ग) यदि हटा नगर की जलावर्धन योजना पूर्ण होने का गलत शपथ-पत्र न्यायालय को प्रमुख सचिव PHE द्वारा क्यों प्रदाय किया गया? न्यायालय को गलत जानकारी प्रदाय करने पर शासन कब और क्या कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) योजना के पूर्ण होने तथा जलप्रदाय करने में सक्षम होने संबंधी शपथ-पत्र दिया गया था। योजना में स्थायी विद्युत कनेक्शन को छोड़कर शेष समस्त कार्य पूर्ण। स्थायी विद्युत कनेक्शन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण नगर पालिका हटा द्वारा योजना अपने आधिपत्य में नहीं ली गई है। स्थायी विद्युत कनेक्शन शेष रहने के कारण। (ग) गलत शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित ही नहीं होता।
शासन को हानि पहुंचाना
15. ( क्र. 1314 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 15-16 के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाग होशंगाबाद के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु कब-कब निविदायें/टेंडर आमंत्रित किये गये, किन-किन एजेंसियों द्वारा टेंडर/निविदा प्रस्तुत की गई, टेंडरवार, एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) निविदावार प्राप्त निविदायें स्वीकृत करने हेतु तुलनात्मक विवरण पत्रक की जानकारी देवें तथा न्यूनतम दरें किस एजेंसी की थी बतायें? (ग) क्या टेंडर क्रमांक 5858 द्वारा आहूत की गई निविदाओं को निरस्त कर पुन:/दोबारा किस आधार पर किस नियम के तहत एवं किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से टेंडर आहूत किये गये? (घ) क्या टेंडर क्रमांक 5858 में प्राप्त दरें शासन द्वारा निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम दी गई थी उसे निरस्त कर पुन: टेंडर बुलाकर शासन द्वारा निर्धारित दर से 7 प्रतिशत कम की दर पर टेंडर स्वीकृत कर शासन को/विभाग को आर्थिक क्षति पहुचायी है यदि हाँ, तो निविदा स्वीकृतकर्ता अधिकारी के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण कर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की जावेगी अथवा नहीं बतायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित टेण्डर में न्यूनतम निविदाकार की दरों की स्वीकृति पश्चात उक्त ठेकेदार द्वारा अनुबंध नहीं किए जाने के कारण पुनः निविदा आमंत्रित की गई। म.प्र. कार्य विभाग मेन्यूअल-1983 के अनुच्छेद 2.080 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार कार्यपालन यंत्री खण्ड होशंगाबाद उक्त निविदा आमंत्रण हेतु स्वयं सक्षम अधिकारी हैं। (घ) जी नहीं, उक्त टेण्डर निरस्त नहीं किया गया अपितु संबंधित ठेकेदार द्वारा अनुबंध निष्पादित नहीं करने के कारण पुनः निविदा आमंत्रित की गई। पूर्व निविदाकार ठेकेदार के अनुबंध नहीं करने पर उसकी धरोहर राशि शासन के पक्ष में राजसात की गई है, द्वितीय निविदा आमंत्रण में ई-टेंडरिंग पद्धति से खुली निविदा का आमंत्रण कर न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले निविदाकार की दरें स्वीकृत की गई, अतः शासन/विभाग को आर्थिक क्षति पहुँचाए जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
आय सीमा में असमानता
16. ( क्र. 1426 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में छात्रवृत्ति के मामलों में अ.ज.जा./अ.जा./पिछड़ा वर्ग की आय सीमा क्या है? (ख) इन वर्गों की आय सीमा समानांतर नहीं होने का क्या कारण है? (ग) क्या शासन पिछड़ा वर्ग की आय सीमा के समकक्ष अ.जा./अ.ज.जा. की आय सीमा करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के मामलो में अनुसूचित जनजाति वर्ग की आय सीमा भारत सरकार द्वारा रू. 2.50 लाख निर्धारित है इस आय सीमा तक छात्रों को शिक्षण शुल्क एवं निर्वाह भत्ता पूरा देय है। म.प्र.शासन द्वारा रू. 2.50 लाख से रू. 3.00 लाख वार्षिक आय सीमा तक राज्य मद से आधा शिक्षण शुल्क देय किया गया है। अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 3.00 लाख रूपये वार्षिक आय सीमा निर्धारित है। पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति हेतु विद्यार्थी जिनकी आय उनके माता/पिता अभिभावकों की आय सहित रू. 75,000/- वार्षिक से अधिक न हो, निर्धारित है। (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए आय सीमा समान है। अन्य पिछड़े वर्ग के लिए पृथक है। अनुसूचित जाति वर्ग हेतु आय सीमा इस वर्ग की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये निर्धारित की गई है। (ग) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु आय सीमा इस वर्ग की आर्थिक और सामाजिक स्थिति के दृष्टिगत निर्धारित की गई है।
दोषी अधिकारियों की मुख्य पदों पर पदस्थापना
17. ( क्र. 1427 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में विभाग प्रमुख कौन है? उक्त अधिकारी जिले में कब से पदस्थ है? (ख) क्या पूर्व के वर्षों में भी उज्जैन जिले में इनकी पदस्थी रही है? यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ग) इनके विरूद्ध क्या कोई जाँच प्रचलित है? यदि हाँ, तो किन-किन मामलों में? (घ) क्या विभाग ऐसे दोषी अधिकारियों को मुख्य पदों से हटाकर अन्यत्र पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) श्रीमती रंजना सिंह जिला संयोजक आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण उज्जैन में दिनांक 23-11-12 से पदस्थ हैं। (ख) जी हाँ। दिनांक 23-03-2005 से 17-06-2010 तक पदस्थ रही हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जाँच प्रचलित है। निराकरण होने पर गुण दोषों के आधार पर कार्यवाही संभव होगी। समय सीम बताई जाना संभव नहीं है।
श्योपुर जिले में हैण्डपंपों की स्वीकृति
18. ( क्र. 1490 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में पी.एच.ई. विभाग के रिकार्ड के मुताबिक कुल स्थापित 6128 हैण्डपंपों में से 5424 हैण्डपंप चालू एवं 704 हैण्डपंप विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं में से लाईन गिरने वे भरे पटे बोर के कारण 667 असुधार योग्य हैं लेकिन चालू हैण्डपंपों की धरातलीय स्थिति खराब हैं क्योंकि ये पर्याप्त पानी मुश्किल से दे रहे हैं। (ख) उक्त कारणों से क्या सूखाग्रस्त श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) वर्तमान में ही पेयजल का गंभीर संकट व्याप्त हो गया हैं ये संकट ग्रीष्मकाल में भयंकर रूप ले लेगा यदि हाँ, तो उक्त स्थिति से निपटने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा हैं? (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में उत्पन्न होने वाले पेयजल संकट के निदान हेतु विभाग द्वारा क्या 557.50 लाख की विशेष कार्य योजना कलेक्टर श्योपुर के अनुमोदन पश्चात शासन को स्वीकृति हेतु भेजी हैं यदि हाँ, तो ये वर्तमान में किस स्तर पर लंबित हैं व क्यों, क्या शासन इसे शीघ्र स्वीकृत कर इसका क्रियान्वयन कराएगा यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। किसी भी आकस्मिक संकट से निपटने हेतु रूपये 557.50 लाख की कार्ययोजना विभाग द्वारा तैयार की गई है। (ग) जी हाँ। योजना केन्द्र सरकार को प्रेषित की गई है। आवश्यकतानुसार पेयजल संकट के निवारण हेतु कार्य करवाये जा रहे हैं।
नल-जल योजनाओं की स्थिति
19. ( क्र. 1491 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सूखा घोषित श्योपुर जिले में (कराहल तहसील को छोड़कर) अल्पवर्षा के कारण वर्तमान में भू-जल स्तर अत्यधिक गिरने के कारण पेयजल की गंभीर समस्या पैदा हो गई हैं ये समस्या आगामी ग्रीष्मकाल में अत्यंत गंभीर हो जावेगी इससे निपटने हेतु पी.एच.ई. विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं। (ख) उक्त समस्या को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्योपुर ने भी पेयजल की समीक्षा बैठक में जिले की समस्त नल-जल योजनाएं (नल-जल/स्थलजल/मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएं) हर हाल में चालू बनाए रखने के निर्देश दिये हैं? (ग) यदि हाँ, तो श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की सामरसा, भीखापुर, टोंगनी, जानपुरा, उदोतपुरा, राड़ेप, गुरनावदा, पहाड़ली, काशीपुर, पाण्डोली नल-जल योजनाए थ्री फेस विद्युत कनेक्शन न होने मोटर पंप व डीपी खराब होने के कारण कब से क्यों बंद पड़ी हैं उक्त निदेशों के पालन में जिला/जनपद/ग्राम पंचायतों/विभाग द्वारा उक्त योजनाओं को चालू कराने हेतु क्या कार्यवाही की गई कब तक चालू कराया जावेगा। (घ) क्या ग्राम नागदा, ननावद, सेमल्दा हवेली, पाण्डेली, गांधीनकर हलगावड़ा बुजुर्ग तीन प्रतिशत अनुदान योजनान्तर्गत नल-जल योजना के निर्माण हेतु प्रस्ताव ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर द्वारा शासन/विभाग को भेजे हैं यदि हाँ, तो सूखे के मददेनजर इन्हें शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जावेगी, कब तक बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। आगामी ग्रीष्मकाल में किसी भी पेयजल समस्या से निपटने हेतु विभाग द्वारा जिले के लिये रूपये 557.50 लाख की आकस्मिक कार्य योजना तैयार की गई है। आवश्यकतानुसार कार्य योजना में प्रस्तावित कार्य करवाये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनाएं स्रोत असफल होने के कारण बंद नहीं हैं। अन्य कारणों से बंद हैं, योजनाओं को चालू करवाने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। (घ) जी हाँ। वर्तमान में नवीन योजनाओं की स्वीकृति प्रतिबंधित है। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती।
खरगापुर की संस्था शा.क.उ.मा.वि. की व्यवस्थाएं
20. ( क्र. 1592 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा.क.उ.मा. विद्यालय खरगापुर में छात्राओं की संख्या 0890 है एवं उन छात्राओं के बैठने हेतु मात्र 07 कक्ष है तथा 11वीं एवं 12वीं की छात्रायें स्कूल के आंगन में बैठकर विद्या अध्ययन करती है जो छात्राओं के हित में नहीं है क्या कक्षा 11 एवं 12 की छात्राओं के लिये और कमरे बनाये जाने की शासन एवं शिक्षा विभाग की कोई योजना है यदि हाँ, तो कमरों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या शा.क.उ.मा. विद्यालय खरगापुर के इस भवन का लोर्कापण म.प्र. सरकार में रहे सहकारिता मंत्री श्री बिसेन द्वारा किया गया था तथा लोर्कापण के समय इस कन्या शाला के समीप स्थित खदान पूरने हेतु अपनी निधि दिये जाने की घोषणा की थी, परन्तु खदान आज भी ज्यों की त्यों है, क्या मंत्री जी की घोषणा अधूरी है क्या इस घोषणा को पूरा करायेंगे? (ग) क्या छात्राओं के बैठने हेतु पर्याप्त फर्नीचर नहीं है उपलब्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। अतिरिक्त कक्ष बनाया जाना बजट आवंटन की उपलब्धता पर निर्भर है अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्न के मध्यांश की पुष्टि हेतु कोई अधिकारिक अभिलेख विभाग के पास नहीं है अतःशेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) सीमित बजट उपलब्धता के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव हीं है।
शासन की राशि में हेरा-फेरी के संबंध में कार्यवाही
21. ( क्र. 1629 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अतारांकित प्रश्न संख्या-43 (क्र. 676) दिनांक 11.12.2015 के अनुसार संविदा शिक्षक वर्ग 1,2, 3 अध्यापक वर्ग 1,2,3 तथा शिक्षाकर्मी वर्ग 1,2,3 ने छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लोगों ने स्तीफा दिया? (ख) क्या शासन प्रावधानों के अनुसार एक माह का वेतन अग्रिम जमा शासन खजाने में जमा कराई गई? (ग) क्या अतारांकित प्रश्न क्र. 676 दिनांक 11.12.2015 प्राप्त होने पर नगद रखी राशि जमा कराई गई थी? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों की क्या भूमिका रही?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 के 03, श्रेणी-2 के 05, श्रेणी-3 के 17, सहायक अध्यापक 09, अध्यापक 08, वरिष्ठ अध्यापक निरंक, शिक्षा कर्मी-1,2,3 निरंक, कुल-42 ने सेवा से त्याग पत्र दिया है। (ख) जी हाँ। (ग) श्री एच.एन.कोरी, सहायक ग्रेड-3 जनपद पंचायत राजनगर, जिला-छतरपुर द्वारा एक सहायक अध्यापक एवं संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 द्वारा सेवा से त्याग पत्र संबंधी नगद राशि पास में रखने के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर प्रतिवाद चाहा गया था। प्राप्त उत्तर के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राजनगर द्वारा दिनांक 02.12.2015 को संबंधित को भविष्य के लिए चेतावनी दी गई कि कोई भी आवेदन पत्र या राशि स्वयं प्राप्त न कर अधिकारी के समक्ष अवलोकन हेतु प्रस्तुत करे, तदुपरांत निर्देश अनुसार कार्यवाही करें किन्तु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर ने अपने आदेश दिनांक 03.03.2016 द्वारा श्री एच.एन.कोरी सहायक ग्रेड-3 को विभागीय जाँच संस्थित करते हुये नियमानुसार कार्यवाही किये जाने संबंधी निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राजनगर को जारी किये गये है।
पावरा जाति को अ.ज.जा. में शामिल करना
22. ( क्र. 1907 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पावरा जाति म.प्र. के किन क्षेत्रों में निवासरत है और यह जाति म.प्र. में किस वर्ग में शामिल है? (ख) यह जाति महाराष्ट्र राज्य में अ.ज.जा. वर्ग में शामिल है फिर म.प्र. में क्यों नहीं? (ग) क्या पानसेमल विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्र होकर यहाँ पावरा जाति निवास करती है? शासन पावरा जाति को म.प्र. में अ.ज.जा. वर्ग में शामिल करने हेतु कार्यवाही कब तक करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) पावरा जाति नाम मध्यप्रदेश की आरक्षित वर्ग की किसी भी सूची में शामिल न होने के कारण इस जाति के निवास क्षेत्र संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) संविधान अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 के तहत भारत सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची 1976 में भी पावरा जाति नाम अधिसूचित/शामिल नहीं है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं। किसी भी जाति को किसी भी राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने का क्षेत्राधिकार भारत शासन का है। उक्त कार्य राज्य शासन के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के विरूद्ध जाँच
23. ( क्र. 1991 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त महोदय, आदिवासी विकास को जिला पंचायत बालाघाट का ज्ञापन क्र./4200/मनरेगा/शिकायत 2011 बालाघाट दिनांक 31.05.2011 प्राप्त हुआ है जिसमें तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बिरसा, बैहर एवं परसवाड़ा के विरूद्ध मनरेगा योजना में डी.पी.आर. की राशि का नियम विरूद्ध भुगतान करने हेतु उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। विकास आयुक्त, कार्यालय के पत्र दिनांक 16.09.2013 के द्वारा मनरेगा योजना में डी.पी.आर. की राशि का नियम विरूद्ध भुगतान किये जाने के बारे में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बैहर एवं परसवाड़ा के विरूद्ध नियमित विभागीय जाँच की कार्यवाही की गई है। ग्रामीण विकास विभाग से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बिरसा के विरूद्ध जाँच दल द्वारा समय पर डी.पी.आर. में अनियमित भुगतान संबंधित रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। (ख) संबंधितों के विरूद्ध नियमित विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूपों में जल स्तर कम होने पर विद्युत पम्प प्रदाय
24. ( क्र. 2303 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण खनन किये गये नलकूपों का जल स्तर काफी कम होने के कारण राज्य शासन से विद्युत पम्प प्रदाय किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो एक विकासखण्ड पर प्रति ग्राम पंचायत स्तर पर विद्युत पम्प दिये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो जिले में स्थापित ग्राम पंचायतों की संख्या की अनुपातिक संख्या के आधार पर विद्युत पम्प दिये जाते हैं? यदि दिये गये हैं, तो शाजापुर जिले में विगत दो वर्षों में कितने विद्युत पम्प दिये गये हैं वर्ष 2014-15 में कितने प्रदाय हुए? (घ) क्या विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों की आवश्यकता अनुसार खनन किये गये नलकूपों में विद्युत पम्प प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) ऐसी कोई योजना नहीं है।
अम्बेडकर भवन की स्वीकृति
25. ( क्र. 2382 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पिछले 03 वर्षों में कितने अम्बेडकर भवन कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत अम्बेडकर भवन में से कितने कार्य पूर्ण हुए और कितने अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) क्या उक्त अम्बेडकर भवन की राशि मंजूर के बाद भी आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? कार्य प्रारंभ न करने का क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में वर्ष 2014-15 में एक अम्बेडकर भवन रू. 41.80 लागत का स्वीकृत किया गया है। (ख) भवन निर्माणाधीन है। भवन निर्माण हेतु उपलब्ध भूमि पर बारिश का पानी भरा होने के कारण कार्य विलंब से प्रारंभ हुआ। अनुबंध अनुसार कार्य माह अक्टूबर 2016 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) जी नहीं। कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सा के पद की स्वीकृति
26. ( क्र. 2384 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में पशु चिकित्सा कार्यालय में कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पद में से कौन-कौन से पद भरे गए है और कौन-कौन से पद अभी तक रिक्त है? रिक्त रहने का क्या कारण है? कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पशु औषधालय केन्द्र है? प्रत्येक पशु औषधालय केन्द्र में किस-किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे गये और कितने पद अभी तक रिक्त है? रिक्त पद रहने के क्या कारण हैं पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। स्थानांतरण तथा सेवानिवृत्ति होने के कारण पद रिक्त है। नवनियुक्ति या स्थानांतरण होने पर पदपूर्ति होती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। स्थानांतरण तथा सेवानिवृत्ति होने के कारण पद रिक्त है। नवनियुक्ति या स्थानांतरण होने पर पदपूर्ति होती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कराये गये कार्य
27. ( क्र. 2748 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुर (सहरिया विकास अभिकरण सहित) में किस-किस मद में कितना-कितना भौतिक एवं वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ व प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी (सहरिया विकास अभिकरण सहित) में कौन-कौन से पद स्वीकृत है व उन पदों पर वर्तमान में कौन-कौन से कर्मचारी कब से पदस्थ है? क्या उनका कभी स्थानांतरण किया गया है यदि हाँ, तो स्थानांतरण का विवरण व यदि स्थानांतरण पश्चात् किसी कर्मचारी को भारमुक्त नहीं किया गया है तो उसका कारण स्पष्ट करें? (ग) आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी (सहरिया विकास अभिकरण सहित) की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी (सहरिया विकास अभिकरण सहित) में प्रश्नकर्ता द्वारा अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य हैण्डपम्प खनन एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ प्रदाय किए जाने हेतु कितने पत्र प्रेषित किये गये व उन पर क्या कार्यवाही की गयी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्तमान में स्थानांतरण नहीं किये गये है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तथा (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
वार्डन की पदस्थापना
28. ( क्र. 2777 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/2013/7849/भोपाल दिनांक 13.08.2013 के द्वारा सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत वार्डनों की तीन वर्षों में स्थापना परिवर्तन के आदेश जारी कये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो रीवा जिले के अंतर्गत संचालित छात्रावास एवं विद्यालयों में उक्त आदेश का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश दिनांक से कितने स्थापना परिवर्तन किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रीवा जिले में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत वार्डनों की पदस्थापना दिनांक, वार्डेन का नाम एवं छात्रावास तथा विद्यालय की सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आदेश पालन में सभी वार्डनों के आदेश का पालन किया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावे एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई, कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन दोषी है, दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र./2013/7849/भोपाल, दिनांक 13.08.2013 के द्वारा सर्वशिक्षा अभियान मिशन के अंतर्गत संचालित बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षा विभाग के अधीनस्थ प्रधानाध्यापक/शिक्षकों को मात्र प्रभार दिये जाने की स्थिति के संबंध में लेख है। (ख) रीवा जिले में वार्डन के अतिरिक्त प्रभार संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं एवं बालकों को मिल रही सुविधाएं
29. ( क्र. 3005 ) श्री सतीश मालवीय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति की किस-किस स्थान पर कितनी छात्र-छात्राओं की क्षमता वाली आश्रम शालाएं एवं छात्रावास कमरों की संख्या सहित स्थित है? क्षमता के विरूद्ध कितने छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया है? छात्रावासों के स्थानवार, क्षमतावार, रहने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री एवं खान-पान की व्यवस्था छात्र-छात्राओं का नि:शुल्क प्रदाय की जाती है? छात्रावासवार क्या-क्या सामग्री भौतिक रूप से छात्रावासों में प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में छात्रावासवार क्या-क्या सामग्री दिनांक 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब, किस फर्म/दुकानों से किस दर पर टेण्डर (निविदा) आए? किस को कितना भुगतान कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में बुनियादी सुविधाओं अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क निवास के साथ बिस्तर सामग्री गद्दा, चादर, तकिया, नाश्ता भोजन की व्यवस्था हेतु बालक को 1,000/- एवं बलिका को रूपये 1,040/- राशि की शिष्यवृत्ति दी जाती है। अनुसूचित जाति अंतर्गत नि:शुल्क आवासीय सुविधा प्री-मैट्रिक छात्रावासों में मेस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति तथा पोस्टमैट्रिक छात्रावासों में मेस संचालन हेतु सहायता भत्ता बिस्तर सामग्री खानपान व्यवस्था हेतु सामग्री खेलकूद सामग्री कम्प्यूटर, लायब्रेरी, समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी एवं कोचिंग आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। सभी छात्रावासों/आश्रमों में बिस्तर सामग्री (गद्दा, चादर, तकिया, कवर, कम्बल, मच्छरदानी, पंखे, ट्यूबलाईट इत्यादि) मेस सामग्री हेतु बर्तन भौतिक रूप उपलब्ध हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' तथा 'चार' अनुसार है। (घ) निर्धारित आयु सीमा पूर्ण होने पर गठित समिति द्वारा अनुपयोगी सामग्री का भौतिक सत्यापन उपरांत खारीज की कार्यवाही की गई है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को दी गई छात्रवृत्ति
30. ( क्र. 3006 ) श्री सतीश मालवीय : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को निजी इंजीनियरिंग, नर्सिग, एम.बी.ए. एवं सभी ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2013 से प्रश्नतिथि तक कितनी छात्राओं को कितनी छात्रवृत्ति किस प्रकार की कब दी गई? (ख) क्या छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंक अकाउन्ट में ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया अथवा कॉलेजों के अकाउन्ट में छात्रवृत्ति की राशि जारी की गई? (ग) क्या छात्रवृत्ति की राशि कॉलेजो के एकाउन्ट में नियमानुसार जारी की जा सकती है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध राशि जारी करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम है? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराई जावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) उज्जैन जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को निजी इंजीनियरिंग, नर्सिंग, एम.बी.ए. एवं सभी ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2013 से प्रश्न तिथि तक 7,504 छात्राओं को राशि रूपये 1,84,11,941/- की छात्रवृत्ति दी गई। (ख) जी हाँ। छात्र-छात्राओं की राशि का भुगतान उनके बैंक अकाउन्ट में ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया एवं शिक्षण शुल्क की राशि का भुगतान कॉलेजों के अकाउन्ट में ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया। (ग) पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति नियम-2013 के नियम 8.4 अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण पूर्णत: आर.टी.जी.एस. के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में तथा शिक्षण शुल्क संस्था के खाते में सीधे जमा किये जाने का प्रावधान है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति नियम- 2013 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
31. ( क्र. 3008 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 1.7.15 से प्रश्न दिनांक तक सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों के युक्तियुक्तकरण के तहत कितने स्थानांतरण किये गये? युक्तियुक्तकरण किये जाने के क्या कारण थे? (ख) युक्तियुक्तकरण के पश्चात् कितने सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों के स्थानांतरण निरस्त/संशोधन किये गये? निरस्त किये स्थान पर कितने शिक्षक थे और कितने शिक्षकों की कमी थी? निरस्त किये जाने के क्या कारण थे? निरस्त करने से पूर्व युक्तियुक्तरण क्यों किया गया? (ग) क्या युक्तियुक्तकरण करने के बाद स्थानांतरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से निरस्त किये गये? यदि नहीं, तो किसके अनुमोदन से निरस्त किये गये? (घ) जिन कर्मचारियों का युक्तियुक्तकरण करके आदेश निरस्त/संशोधन किया गया क्या उनका युक्तियुक्तकरण नियम विरूद्ध किया गया था?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी निरंक है, शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उज्जैन जिलान्तर्गत नवम्बर 2015 तक प्रभारी मंत्री की नियुक्ति नहीं होने से युक्तियुक्तकरण अंतर्गत किये गये निरस्त संशोधन कलेक्टर जिला उज्जैन के अनुमोदन से किये गये। प्रभारी मंत्री की नियुक्ति होने के उपरान्त उनके अनुमोदन से किये गये। (घ) जी नहीं।
आदिम जाति कल्याण विभाग में संचालित योजनाओं में प्राप्त राशि एवं व्यय
32. ( क्र. 3106 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि किस मद में प्राप्त हुई? प्राप्त राशि के विरूद्ध कितनी राशि से कौन से कार्य स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि व्यय की? कितनी राशि किस मद में शेष है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला स्तरीय गठित समितियो की बैठक आयोजित अनुमोदन उपरांत ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन कार्यों हेतु बैठक आयोजित कर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए जाने का अनुमोदन लिया गया है? 2015-16 में कौन से कार्य बिना मीटिंग में अनुमोदन के स्वीकृत कर कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1354 दिनांक 24.07.15 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट (अ) में जिला श्योपुर वर्ष 2014-15 में सी.सी.डी. प्लान एवं विशेष केन्द्रीय सहायता मद में प्राप्त राशि क्रमश: 859.16 लाख एवं 11.27 लाख तथा 2015-16 में प्राप्त राशि क्रमश: 466.96 लाख एवं 11.27 लाख व्यय न कर समर्पित किए जाने की जानकारी दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो विशेष पिछड़ी जनजाति के उत्थान के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की राशि व्यय न कर समर्पित किए जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारण कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी वर्ष 2015-16 वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहिले ही राशि समर्पित किये जाने का क्या औचित्य है? क्या यह विशेष पिछड़ी जनजाति के मानवाधिकारों का हनन नहीं है? (ड.) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत प्राप्त राशि में से जिला श्योपुर अंतर्गत कितने-कितने व कौन-कौन से कार्य बिना किसी मीटिंग बुलाये बिना किसी से प्रस्ताव लिए स्वीकृत किए गए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार 2014-15 एवं 2015-16 में जिला कार्यालय को विभिन्न मदों में प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्य एवं समर्पण राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ पर अंकित है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन नहीं होने से एवं जिला सहरिया विकास अधिकरण में अध्यक्ष एवं सदस्यो का नामांकन नहीं होने से इनकी पदेन अध्यक्ष कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा बैठक ली गई। बैठक में निर्णय अनुसार स्वीकृति जारी की गई। जो निम्नानुसार हैः- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, संबंधित हितग्राही एवं विभिन्न उद्वहन समितियों को सिचाई हेतु अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विद्युतीयकरण, बस्ती विकास एवं विशेष केन्द्रीय सहायता येाजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन से गठित उद्वहन सिंचाई एवं पेयजल समितियों को राशि उपलब्ध कराई गयी जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ पर है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विशेष पिछड़ी जनजाति के उत्थान के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की राशि व्यय के संबध में समय-समय पर चुनाव आचार संहिता प्रभावशील होने से एवं कोषालय से आहरण न हो सकने से उक्त आवंटन समर्पित किया गया। इस परिप्रेक्ष्य में राशि समर्पित किये जाने के लिए अधिकारी दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आयोजना मदान्तर्गत योजना गत प्रावधान त्रैमासिक उपलब्ध होता है उस त्रैमास में राशि व्यय न होने के कारण वित्तीय वर्ष 2015-16 की समाप्ति के पूर्व समर्पण किया गया। अतः वित्तीय वर्ष 2015-16 में समर्पण होने पर विशेष पिछड़ी जाति के मानवाधिकारो का हनन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार श्योपुर जिले में प्राप्त आवटन से बिना किसी मीटिंग बुलाए कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित हायर सेकण्ड्री
33. ( क्र. 3107 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शासकीय हायर सेकण्ड्री विद्यालयों, उत्कृष्ट उ.मा.वि. में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य/सामग्री हेतु प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य कराए जाने थे एवं प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कराए गए अथवा सामग्री क्रय की गई? कौन-कौन सी सामग्री, कितनी मात्रा में, किस संस्था/फर्म से, किस दर पर कब खरीदी गई, कितना भुगतान कब किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा संस्था को सामग्री कब प्राप्त हुई? (ग) क्या शासन के भण्डार क्रय नियमों के अनुसार रू. 25000.00 से अधिक राशि की सामग्री क्रय हेतु विधिवत निविदा विज्ञप्ति प्रकाशित की जाना चाहिए यदि हाँ, तो कब-कब किस माध्यम से विज्ञप्ति प्रकाशित की गई? यदि नहीं, तो सामग्री क्रय हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? क्या जिस संस्था/फर्म को क्रयादेश दिया गया वह भण्डार क्रय नियमों के अंतर्गत शासन से मान्यता प्राप्त है? यदि हाँ, तो शासन से मान्यता की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या सामग्री क्रय किए जाने से पूर्व संस्था प्रमुखों द्वारा सक्षम अधिकारी/क्रय समिति से अनुमोदन लिया गया? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? (ड.) क्या उक्त सामग्री का क्रय भण्डार क्रय नियमों शर्तों के पालन किए बिना मनमाने तरीके से एक ही संस्था को आदेश प्रदान कर क्रय की गई है? क्या शासन समस्त खरीदी प्रक्रिया की वरिष्ठ अधिकारियों से जाँच कराने के आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा 'ब' अनुसार है। (ग) से (ड.) सामग्री क्रय में अपनाई गई प्रक्रिया तथा सामग्री का क्रय उनके भौतिक सत्यापन की जाँच कराई जा रही है।
फैक्ट्रियों में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों
34. ( क्र. 3237 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी फैक्ट्रियाँ संचालित हैं एवं श्रम विभाग में पंजीकृत है? (ख) इन फैक्ट्रियों में श्रम विभाग एवं फैक्ट्री एक्ट के तहत कितने स्थानीय कर्मचारी/मजदूर कार्यरत है? स्थायी/अस्थाई/दैनिक कर्मचारियों की जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या इन फैक्ट्रियों में स्थानीय कर्मचारियों/मजदूरों को शासन के नियमों/श्रम एक्ट/फैक्ट्री एक्ट के तहत नियुक्ति/सेवा में रखा गया है? (घ) यदि फैक्ट्रियों में एक्ट के तहत स्थानीय कर्मचारियों/मजदूरों को नहीं रखा गया है तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं की जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत् 15 कारखाने पंजीकृत हैं जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत् पंजीकृत कारखानों में अधिकतम श्रमिकों की संख्या एवं औसत दैनिक कार्यरत् श्रमिकों की नियोजन संख्या संलग्न परिशिष्ट पर है। कारखाना अधिनियम 1948 एवं श्रम अधिनियमों में स्थानीय श्रमिकों के नियोजनों के संबंध में कोई नियम नहीं है। श्रम अधिनियमों में स्थाई, अस्थाई, दैनिक भोगी श्रमिकों का उल्लेख है। स्थाई, अस्थाई, दैनिक कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) कारखाना अधिनियम, 1948 एवं अन्य श्रम अधिनियमों में स्थानीय श्रमिकों/कर्मचारियों को नियोजित किये जाने का कोई नियम नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्त्रोत से बंद ग्रामीण नल-जल योजनाएं
35. ( क्र. 3238 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड में कितनी ग्रामीण नल जल योजनाएं स्त्रोत बंद/जल स्तर कम/स्त्रोत असफल हो जाने के कारण बंद है/ योजनाएं चालू नहीं हो पा रही है? (ख) स्त्रोत बंद/जल स्तर कम/स्त्रोत असफल हो जाने के कारण बंद ग्रामीण नल जल योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या स्त्रोत बंद/जल स्तर कम/स्त्रोत असफल नल जल योजनाओं की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति का प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में क्रमशः 20 एवं 16 योजनाएं बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनायें
36. ( क्र. 3440 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं द्वारा किस-किस योजना से कितने व्यक्ति या फर्म को क्या-क्या लाभ दिया गया है? (ख) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग ग्वालियर में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा जनकल्याण के लिये क्या-क्या योजनायें चलाई जा रही है? इन योजनाओं को किस प्रकार के पात्र व्यक्तियों या फर्मों को किस-किस प्रकार का लाभ दिया जा सकता है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) योजनावार लाभान्वित हितग्राही एवं उपलब्ध कराये गये लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2016 की स्थिति में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार तथा योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मशीने उपकरण दवा खरीदी
37. ( क्र. 3550 ) श्री अंचल सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग जबलपुर के अंतर्गत प्रदेश शासन एवं केन्द्रीय शासन की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हो रही है? संचालित योजनाओं में राज्य एवं केन्द्र शासन से कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद में जारी हुई वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की जानकारी मदवार विवरण सहित बतावें? (ख) प्रश्नांकित (क) में आवंटित राशि से किन-किन योजनान्तर्गत कब-कब किसके आदेश से कौन-कौन सी मशीने, उपकरण व दवाईयों की खरीदी की गई फर्म के नाम सहित राशि का उल्लेख करें? क्रय की गई दवाइयों का उपयोग पशु चिकित्सा के लिये कितनी दवाइयों उपयोग में लाई गई एवं कितनी राशि की दवाइयां अनुपयोगी व बेकार हो गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में क्रय की गई मशीनों का वर्तमान में क्या उपयोग हो रहा है किस-किस स्थान पर मशीनों को स्थापित किया गया है कितनी मशीने वर्तमान में अनुपयोगी है क्यों कारण दे? क्या अनुपयोगी मशीनों की विभाग को आवश्यकता ही नहीं थी किन्तु क्रय की गई यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है नाम बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। क्रय की गई समस्त दवाइयों का उपयोग पशु चिकित्सा हेतु किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शालाओं में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण
38. ( क्र. 3556 ) श्री अंचल सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण हेतु शासन द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई प्रस्तावित लक्ष्य के तहत कितने स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया गया है एवं कितने स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण नहीं कराया गया क्यो? कितने कार्य अपूर्ण है एवं कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके है? (ख) प्रश्नांकित (क) में जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर द्वारा अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु निर्माण एजेंसियों को किस मान से कितनी राशि प्रदाय की गई क्या जारी की गई राशि का उपयोग कर निर्माण एजेंसियों ने कार्य पूर्ण कर भवन संबंधित स्कूल को हस्तांतरित कर दिया है यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? कार्य समयावधि में पूर्ण न होने का दोषी कौन है? (ग) क्या प्रश्नांकित शासकीय स्कूलों में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु क्रय की गई निर्माण सामग्री गायब/चोरी हो चुकी है चूंकि निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं कराया गया है और यदि तो राशि का दुरूपयोग किया गया है क्या शासन इसकी जाँच करावेगा तो कब तक एवं दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में वर्ष 2014-15 में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु रू. 38.93 लाख उपलब्ध कराई गई, जिसमें से 38.93 लाख व्यय किये गये। वर्ष 2015-16 में भारत शासन से संपूर्ण राशि प्राप्त नहीं हुर्ई। प्रस्तावित लक्ष्य के तहत 61 स्कूलों में 63 अतिरिक्त कक्ष के निर्माण कराये गये जिनमे से 34 पूर्ण है एवं 29 कार्य फिनिशिंग स्तर पर है। (ख) अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी को अग्रिम के रूप में 50 प्रतिशत प्रथम किश्त एवं कार्य की प्रगति के अनुसार द्वितीय किश्त की राशि 35 प्रतिशत एवं कार्य पूर्ण होने पर कार्य के मूल्यांकन के आधार पर शेष राशि प्रदाय की गई। 34 निर्माण एजेंसी द्वारा जारी राशि का उपयोग कर कार्य पूर्ण कर स्कूल को हस्तांतरित कर दिया गया है। 29 कार्य की एजेंसी द्वारा राशि का उपयोग कर विभिन्न स्तर पर आंशिक कार्य शेष होने से स्कूल को हस्तांतरित नहीं किया गया है। भारत शासन से संपूर्ण राशि प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण कराये जा सकेंगे। अत: कोई दोषी नहीं हैा (ग) निर्माण एजेंसी द्वारा अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी द्वारा जारी राशि का उपयोग कर कार्य कराया गया एवं शेष निर्माण कार्य हेतु निर्माण सामग्री गायब/चोरी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
39. ( क्र. 3680 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले को हथकरघा बुनकरों के विकास हेतु संचालित योजना में कितना-कितना आवंटन दिया गया? कितना-कितना किस-किस कार्यों में व्यय किया गया? विकासखण्डवार बताया जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खरगोन जिले की विकासखण्डवार वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना से कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? कितने कार्य स्वीकृति पश्चात् निरस्त किये गये, कितने पूर्ण किये, कितने अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का कारण बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में निर्माण कार्य कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग तथा पंचायत ग्राम संचालनालय को 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों के लिए प्रस्ताव दिये गये? प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने कार्य स्वीकृत किये गये, कितने प्रस्ताव लंबित है? लंबित रहने का कारण बताया जावे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जिले के बुनकरों के विकास हेतु संचालित योजना में आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन
40. ( क्र. 3684 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा पंचपरमेश्वर, पिछ़डा क्षेत्र विकास योजना, परफार्मेंस ग्रांट, अधोसंरचना, मुद्रांक शुल्क, 14 वा वित्त एवं पंचायत राज निधि मद में कितना-कितना आवंटन दिया गया है एवं कितना-कितना व्यय किया गया? विकासखण्डवार बताया जावें वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक एवं इन योजनाओं के नियम क्या हैं? कौन-कौन लाभ ले सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा खरगोन जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितने पात्रों को लाभान्वित किया गया एवं किस योजना में कितना-कितना ऋण अनुदान राशि दिया गया वर्तमान में इकाई की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा हस्त करघा बुनकरों के विकास हेतु क्या योजना तैयार की गई? कितनों को लाभान्वित किया गया? (घ) क्या यह सही है कि बुनकरों के सर्वांगीण विकास हेतु बुनकर आवासीय कॉलोनी, वर्कशेड एवं अन्य अत्यावश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कार्ययोजना तैयार कर विभाग/शासन को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की गई है? यदि हाँ, तो कब पत्रक/दिनांक सहित एवं वर्तमान यह कार्यवाही किस स्तर पर विचाराधीन है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाएं विभाग द्वारा संचालित नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बुनकर आवास हेतु वर्तमान में कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते। प्रचलित योजनाओं में वर्कशेड व अन्य आवश्यक सुविधाये समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती है।
नलों के उत्खनन की जानकारी
41. ( क्र. 3699 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नलों (हैण्डपम्प) के उत्खनन हेतु वर्ष 2015-16 में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र कार्यपालन यंत्री को लिखे गये? (ख) पत्र में उल्लेखित स्थानों पर कहाँ-कहाँ नलों का उत्खनन किया गया? स्थानवार जानकारी प्रदान करें? (ग) वर्ष 2016 में कितने नलों का उत्खनन किया जाना है? स्थानवार जानकारी प्रदान करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में 3 पत्र कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड नरसिंहपुर को प्राप्त हुए। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 की कार्य योजना की स्वीकृति अपेक्षित होने से स्थानवार जानकारी नहीं दी जा सकती है।
अनु.जाति, जनजाति, पि.वर्ग कल्याण के लिये योजना की जानकारी
42. ( क्र. 3700 ) श्री संजय शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास खण्डवार, अनु. जाति, अनु. जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये? (ख) कितनों को किस योजनांतर्गत कितना ऋण स्वीकृत किया गया? (ग) कितने हितग्राहियों के प्रकरण लंबित है? इन लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक हो जावेगा?
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क)
तेंदूखेड़ा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत विकासखंण्ड
चावरपाठा में
अनुसूचित
जाति वर्ग के
लिये
मुख्यमंत्री
आर्थिक
कल्याण
योजनांतर्गत 54 एवं
मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजनांतर्गत 10 कुल 64 आवेदन
पत्र प्राप्त
हुये।
विकासखण्ड
चीचली एवं
सांईखेड़ा
में कोई आवेदन
पत्र प्राप्त
नहीं हुये।
म.प्र.
आदिवासी वित्त
एवं विकास
निगम, जिला
शाखा
नरसिंहपुर
द्वारा
संचालित मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना
(आदिवासी
हेतु) अंतर्गत
तेन्दूखेड़ा
विधानसभा
क्षेत्रों
में अनुसूचित
जनजाति के
हितग्राहियों
की विकासखण्डवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'क'
अनुसार
है। पिछड़ा
वर्ग अंतर्गत
हितग्राहियों
के कुल 24
आवेदन पत्र
प्राप्त
हुये हैं।
विकासखण्डवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'एक' अनुसार है।
(ख)
मुख्यमंत्री
आर्थिक
कल्याण योजना
के तहत अनुसूचित
जाति वर्ग के 54
हितग्राहियों
को राशि रूपये
10.80 लाख
का बैंक ऋण
तथा
मुख्यमंत्री
स्वरोजगार योजनांतर्गत
10
हितग्राहियों
को राशि रूपये
20.50 लाख
का बैंक ऋण
स्वीकृत किया
गया है।
पिछड़ा वर्ग
अंतर्गत कुल 02 प्रकरणों
में ऋण स्वीकृत
किया गया है।
म.प्र.
आदिवासी वित्त
एवं विकास
निगम, जिला
शाखा
नरसिंहपुर
द्वारा
संचालित मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना
(आदिवासी
हेतु) अंतर्गत
ऋण स्वीकृत
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ख'
अनुसार
है। (ग)
अनुसूचित जाति
अंतर्गत कोई
प्रकरण लंबित
नहीं है। अत:
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। पिछड़ा
वर्ग अंतर्गत
कुल 19
प्रकरण
बैंकों में
परीक्षण हेतु
लंबित हैं। जिनका
निराकरण
बैंकों
द्वारा स्वीकृति
उपरांत किया
जायेगा।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। 03 प्रकरण
पात्रता न
होने से बैंकों
द्वारा वापस
किये गये हैं।
म.प्र.
आदिवासी वित्त
एवं विकास
निगम, जिला
शाखा
नरसिंहपुर
द्वारा
संचालित मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना
(आदिवासी
हेतु) बैंकों
में लंबित
प्रकरणों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ग'
अनुसार
है।
कालीसिंध नदी से ग्राम सांवेर में जल प्रदाय
43. ( क्र. 3729 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सोनकच्छ तह. अंतर्गत ग्राम सांवेर में कालीसिंध नदी से पानी दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या सांवेर में जल प्रदाय हेतु कालीसिंध नदी से पाईप लाईन लगवाई गई है? यदि हाँ, तो किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत है? क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि उक्त संबंध में कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। कालीसिंध नदी पर आधारित कोई भी पेयजल योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
दोषी को भारमुक्त किए जाने बावत्
44. ( क्र. 3736 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा रीवा में पदस्थ श्री सी.डी. द्विवेदी लिपिक को पूर्व में लोकायुक्त कार्यालय रीवा द्वारा रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया था? यदि हाँ, तो कब एवं प्रकरण क्रमांक क्या था तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश क्रं./सर्वे/97/103 रीवा दिनांक 09.05.1997 को निलंबित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) में संबंधित लिपिक के निलंबन अवधि को किस अधिकारी द्वारा किस नियम के तहत कर्तव्य अवधि मान्य किया गया है। नियम बतायें तथा उक्त नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही करेगें तथा क्या उक्त नियम विरूद्ध आदेश को निरस्त कर उसे अनुपस्थित अवधि मानकर दिया गया वेतन वसूल करेंगे? (घ) प्रश्नांक (क) में अंकित लिपिक को क्या स्थापना वित्त एवं परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कक्ष का प्रभार सौंपा गया है। यदि हाँ, तो क्या उसका प्रभार बदला जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। दिनांक 17.08.1993 एवं प्रकरण क्रमांक 74 / 934/57-13 (1) डी, पी.सी.एक्ट 1988 था। माननीय न्यायालय रीवा द्वारा दिनांक 22.01.2004 को पारित निर्णय में दोषमुक्त किये जाने के कारण तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जिला रीवा के आदेश दिनांक 31.01.2004 द्वारा निलबंन से बहाल किया जा चुका है। वर्तमान स्थिति में प्रकरण प्रचलन में नहीं है। (ख) आदेश क्रमांक/सर्त./ 97/1003-1004 दिनांक 9.5.1997 से निलंबित किया गया था। (ग) माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश रीवा द्वारा पारित निर्णय दिनांक 22.01.2004 में दोषमुक्त करने पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा निलंबन से बहाल करते हुए निलंबन अवधि को कर्तव्य अवधि मान्य की गई है। निलंबन से बहाल करने के अधिकार नियोक्ता अधिकारी को है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनाधिकृत रूप से आदेश जारी करने वाले तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. तिवारी की सेवाएं अन्य प्रकरण में समाप्त की जा चुकी हैं अतः इस प्रकरण में कार्यवाही करने हेतु नियमों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जायेगी। (घ) संबंधित को वर्तमान में सूचना का अधिका का कार्य आंवटित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी का परम्परागत पेशा समूह, पर्यायवाचिता, समाविष्टता
45. ( क्र. 3794 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के मा.मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत पत्र दिनांक 08.12.2014 के परिशिष्ट -3 के 3 कालमों क्या बिन्दु उद्भूत किये गये हैं, किसने क्या टीपें अंकित की हैं और किसने क्या समीक्षात्मक विवरण दिया है? (ख) क्या प्रश्नांक (क) परिशिष्ट की किसी कण्डिका में शासन के किसी ब्रोशर, किन्हीं संदर्भ साहित्यों के लेखकों, जनगणनाओं और एन्थ्रोपोलाजिकल सर्वे आफ इण्डिया, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित किसी साहित्य में मांझी जनजाति और धीमर, केवट आदि मछुआ-नाविक जातियों के परस्पर संबंधों के विषय में कोई लेख किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांक (क) के परिशिष्ट की कण्डिका 7.5 के कालम 2 में प्रश्नांश (ख) की किसी पुस्तक के मांझी विषयक किन्हीं वाक्यों का उल्लेख किया गया है और समीक्षा में क्या लेख किया गया है और विभाग ने किस आधार पर किसे उचित पाया है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के अनुसार मांझी जनजाति का परम्परागत पेशा, समूह, पर्यायवाचिता और समाहितता किससे बनती है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अपनी व्याख्या की गयी है।
संदर्भ साहित्यों, अभिमत और केबिनेट निर्णय की स्थिति
46. ( क्र. 3795 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने मांझी प्रकरण के संबंध में मा. मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत अपने पत्र दिनांक 07.07.2014 के साथ लोकसभा, O.R.G.I., विधि विभाग, राज्य मंत्री परिषद, विभाग, आ.जा.अ. संस्था, प्राचीन जनगणनाएं व संदर्भ साहित्य, (एन्थ्रोपोलाजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय सहित) के विवरण, अभिमत, निर्णय, ब्रोशर, सी.मा.शा. अध्ययन आदि के दस्तावेज संलग्न किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन्ही संदर्भ साहित्यों में माझी का मछुआ-नाविक पेशे की जाति होना तथा किसी प्राचीन जनगणनाओं में माझी, मांझी, मझिया आदि का धीमर, केवट, मल्लाह से किन रूप से संबंध दर्शाया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के आ.जा.अ. संस्था के किन्हीं संदर्भ साहित्यों पर आधारित किन्हीं जातियों के सी.मा.शा. अध्ययन और सांस्कृतिक प्रलेख में माझी जनजाति की मझवार, गोंड जनजातियों तथा धीमर, केवट, कहार, भोई मल्लाह मांझी से सम्बद्धता की क्या स्थिति दर्शित की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के विधि विभाग के अभिमत, राज्य मंत्री परिषद के निर्णय तथा प्राचीन संदर्भ साहित्यों व जनगणनाओं के अनुसार माझी जनजाति और धीमर, केवट, कहार, भोई, मल्लाह आदि में कोई साम्यता बनती है और प्रश्नांश (ग) संस्था के अध्ययनों के प्रतिवेदनों में दिया गया अभिमत निष्प्रभावी बन गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दि शेडयूल ट्राईब्स (लेखक के.एस.सिंह) में माझी (Majhi- The Term Majhi Means boat Man. The group has Synonyms like Mallah. Kewat and nabik) तथा भारत की जनजणना 1901 Central Probinces में गोहक मांझी, महिया, मझही, माझी, मझिया, मझिया-केवट में मांझी-धीवर व केवट में और मझवार- केवट के अंतर्गत दर्शाया गया है। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 07-07-2014 के अध्ययन प्रतिवेदन में माझी जनजाति तथा केवट कहार आदि जातियों का अध्ययन तुलनात्मक दृष्टि से किया गया है। सांस्कृतिक प्रलेख में के निष्कर्ष में प्रतिपादित है कि सीधी जिले में माझी का निवास बताया है। वहां माझी नहीं वरन गोंड जनजाति के व्यक्ति निवासरत है। (घ) जी नहीं।
माझी, मांझी व मल्लाह माझी में भेद
47. ( क्र. 3798 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग और आ.जा.अ. संस्था द्वारा माझी (MAJHI) और मांझी (MANJHI) में से कितने संविधान अनुसूची की अनुसूचित जनजाति माना गया है और क्या किसी माझी समिति ने अपने पत्र दिनांक 26.06.2014 द्वारा अपीलों को संदर्भित कर किन्हीं से माझी और मझवार जनजातियों का कोई विवरण मांगने पर उसके द्वारा किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करायी गई है? (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र/प्रतिवेदन दिनांक 08.12.2014 के साथ संदर्भ साहित्यों/जनगणनाओं और प्रतिवेदनों आदि को संलग्न किया गया है जिनमें देश, सेन्ट्रल इण्डिया, उत्तरप्रदेश, सेन्ट्रल प्रोविन्सस एवं मध्यप्रदेश में माझी और मांझी जनजाति के शब्द कहाँ प्रयुक्त हुये है? उन्हें किन पेशों की, किनकी पर्यायवाची जातियों व किन जातियों में समाविष्ट माना गया है? (ग) क्या आदिम जाति अनुसंधान संस्था ने प्रश्नांश (ख) के माझी जनजाति तथा धीमर, केवट मल्लाह, मांझी आदि के प्रतिवेदनों में किन संदर्भ साहित्यों को उल्लेखित किया है तथा किन आधार पर मछुआ-नाविक मांझी जनजाति को मल्लाह मांझी होना माना है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अनुसार माझी व मांझी एक ही है? तब आदिम जाति अनुसंधान संस्था द्वारा स्वीकार व स्पष्ट न किया जाना और उन्हें मछुआ-नाविक तथा धीमर, केवट, कहार, भोई, मल्लाह मांझी को परस्पर पर्यायवाची, तत्सम एवं उपजनजाति न माना जाना कहाँ तक व्यवहारिक है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) माझी (MAJHI) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश अंतर्गत माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 07-07-2014 को माननीय मुख्यमंत्रीजी को प्रस्तुत अभ्यावेदन, भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय के पत्र की छायाप्रतियां, विधि विभाग के अभिमत, शासन द्वारा दिये गये पत्राचार, आदिम जाति अनुसंधान तथा विकास संस्थान के पत्र तथा माझी जाति प्रकरण से संबंधित जानकारी की छायाप्रतियां, पत्र दिनांक 07-07-2014 के बिन्दुओं एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के पत्र 25.6.13, 08.09.2013, 11.09.2013 में दी गई जानकारी की उनके द्वारा की गई तुलनात्मक समीक्षा, मध्यप्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के पत्र दिनांक 10-09-2013 के साथ कथित अभिमत का प्रारूप तथा अन्य पत्राचारों की छायाप्रतियां संलग्न की गई है। (ग) इन विवरणों एवं क्षेत्रीय अध्ययनों में प्राप्त जानकारी के आधार पर मछुआ, नाविक, मल्लाह, मांझी माना गया है। (घ) अध्ययन से यह पाया गया है कि माझी जनजाति तथा मछुआ, नाविक, ढीमर, केवट, भोई, मल्लाह, पृथक-पृथक है।
पिछड़ा वर्ग मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
48. ( क्र. 3813 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? (ख) उक्त लक्ष्य अनुसार पिछड़े वर्ग के कितने हितग्राहियों को लक्ष्य अनुसार प्रकरण स्वीकृत कर, वितरण किया गया? (ग) शासन से 30 प्रतिशत या अधिकतम 2.00 लाख का अनुदान देने के नियम अनुसार कितने प्रकरणों में अनुदान सीधे हितग्राहियों के खाते में जमा कराया गया? (घ) अगर अनुदान जमा नहीं किया गया तो क्यों? कब तक जमा कराये जाने के निर्देश है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों वर्ग हेतु क्रमश: 10 एवं 27 हितग्राही का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन अवधि वर्ष 2014-15 में स्वीकृत लक्ष्य के अनुसार सभी 10 प्रकरणों में अनुदान राशि का वितरण कर दिया गया है एवं वर्ष 2015-16 में अब तक कुल स्वीकृत प्रकरण 23 के विरूद्ध 11 प्रकरणों में अनुदान राशि वितरित की गई है शेष 12 प्रकरणों हेतु जिले को अनुदान राशि उपलब्ध करा दी गई है। (घ) स्वीकृत प्रकरणों हेतु अनुदान राशि उपलब्ध करा दी गई है वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्यालयों/कार्यालयों में अनुलग्न व अतिशेष कर्मचारी
49. ( क्र. 3863 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग शिवपुरी के अंतर्गत शहरी क्षेत्र शिवपुरी में कौन-कौन से शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल व हायर सेकण्ड्री स्कूल संचालित है व उक्त स्कूलों में कौन-कौन से पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद भरे व कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या रिक्त पदों के विरूद्ध अन्य विद्यालयों के शिक्षक/कर्मचारी शहरी क्षेत्र के विद्यालयों/कार्यालयों में अतिशेष व अनुलग्न है उनके नाम, पदनाम, मूल पदस्थापना व शहरी क्षेत्र में पदस्थापना/अनुलग्न किये जाने कि तिथि से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शहरी क्षेत्र में अतिशेष व अनुलग्न शिक्षकों की मूल पदस्थापना के स्कूलों में वर्तमान में कौन-कौन शिक्षक पदस्थ है व उन विद्यालयों में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत हैं जानकारी स्कूलवार उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में शहरी क्षेत्र में अनुलग्न व अतिशेष शिक्षकों/कर्मचारियों को उनकी मूल पदस्थापना हेतु कब तक भारमुक्त कर दिया जावेगा अथवा शिक्षकविहीन/एक शिक्षकीय स्कूलों में कब तक पदस्थ कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर को अतिशेष शिक्षकों/कर्मचारियों की मूल पदस्थापना के संबंध में आदेशों के परीक्षण हेतु पत्र क्रमाकं 308 दिनांक 05/03/2016 को लिखा गया हैं। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
चलित पशु चिकित्सालय
50. ( क्र. 3935 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पशु चिकित्सा विभाग द्वारा झाबुआ जिले में कितने चलित पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहे है तथा इस पर कितना व्यय होता है? (ख) चलित पशु चिकित्सालय द्वारा विगत दो वर्षों में 2014-15 एवं 2015-16 में कहाँ-कहाँ भ्रमण किया तथा कितने-कितने पशु पालकों को इससे लाभान्वित किया गया? (ग) क्या अधिकतर मैदानी कर्मचारी/अधिकारियों के सतत् क्षेत्र में भ्रमण नहीं करने के कारण पशु पालकों को काफी परेशानियां उठाना पड़ती है? विभाग को इस संबंध में लगातार शिकायतें प्राप्त होती रहती है? क्या विभाग इन पर कोई कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्तमान में झाबुआ जिले में एक चलित पशु चिकित्सालय कार्यरत है इसमें एक चिकित्सक, दो सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं दो भृत्य कार्यरत है। चलित पशु चिकित्सालय द्वारा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर उपचार, टीकाकरण, औषधि वितरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि कार्य किया जा रहा है। साथ ही आकस्मिक रूप से पशुओं में बीमारी होने पर उक्त वाहन भेजकर उपचार आदि कार्य करवाया जा रहा है। वाहन पर प्रति वर्ष लगभग 1.00 लाख रू. की राशि व्यय की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जिले में कार्यरत समस्त संस्थाओं पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में सतत् भ्रमण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सामग्री खरीदी के संबंध में
51. ( क्र. 3936 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में किस-किस योजना में कौन-कौन सी सामग्री किस-किस दर पर खरीदी गई? (ख) विभाग द्वारा खरीदी गई सामग्री को किस-किस उपयोग में लाया जा रहा है? खरीदी गई सामग्री पर विगत दो वर्षों में कितना व्यय किया गया है? क्या सामग्री खरीदी हेतु टेण्डर आमंत्रित किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सामग्री खरीदी के समय क्या उसकी गुणवत्ता की जाँच की गई? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के समक्ष अवगत करावें? क्या खरीदी गई सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन के समय कौन-कौन जनप्रतिनिधि उपस्थित थे? (घ) झाबुआ जिले के आदिवासी विकास विभाग की भण्डार शाखा में वर्तमान में कौन-कौन सी सामग्री रखी है? क्या इनमें कोई सामग्री काफी लम्बे समय में रखी है? यदि हाँ, तो क्या कारण है तथा इनके लिए कौन जिम्मेदार है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निविदा आमंत्रित नहीं की गई। सामग्री का क्रय भण्डार क्रय नियमों के तहत किया गया है। शेष जानकारी निम्नानुसार है- (राशि लाखों में)
क्र. |
विवरण |
व्यय |
व्यय |
1 |
उमावि |
136.99 |
98.29 |
2 |
हाईस्कूल |
33.94 |
37.30 |
3 |
छात्रावास आश्रम परिसर |
319.06 |
360.83 |
(ग) जी हाँ। जनप्रतिनिधि नहीं थे। भौतिक सत्यापन क्रय समिति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहा.आयुक्त आदिवासी विकास, प्रबंधक उद्योग विभाग झाबुआ एवं जिला कोषालय अधिकारी झाबुआ द्वारा किया गया। (घ) क्रय/प्रदाय स्टाक रजिस्टर अनुसार सामग्री निरंक है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कक्षा 10वीं व 12वीं परीक्षा के लिए परीक्षा केन्द्र में अनियमितता
52. ( क्र. 4089 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कक्षा 10वीं व 12वीं वर्ष 2015-16 के परीक्षा केन्द्र का चयन करते समय क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? शहरी क्षेत्र 5 किमी ग्रामीण क्षेत्र 10 किमी सम्बद्ध शाला से प्रस्तावित केन्द्र रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत भिण्ड में परीक्षा केन्द्र के प्रस्ताव प्रेषित करने के पूर्व जिला योजना समिति में अनुमोदन कराना आवश्यक था? यदि हाँ, तो किस बैठक में किस दिनांक को अनुमोदन कराया गया? कितने सदस्यों द्वारा भाग लिया गया? यदि अनुमोदन नहीं कराया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय विद्यालय का अशासकीय विद्यालय में और अशासकीय विद्यालय का शासकीय विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्र में और शहरी क्षेत्र को ग्रामीण क्षेत्र में परीक्षा केन्द्र बनाने के क्या कारण है? क्या छात्राओं को परेशान करने के दृष्टिकोण से परीक्षा केन्द्र बनाये गये? क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कितनी छात्रायें कक्षा 10वीं व 12वीं में वर्ष 2015-16 में शामिल हो रही हैं? कितनी छात्राओं को ग्रामीण से शहर परीक्षा केन्द्र में सम्मिलित होना पड़ रहा है? उनके आवागमन के लिए क्या साधन है? साधन के अभाव में परीक्षा में सम्मिलित होने में असुविधा व असुरक्षा होगी? इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग के पत्र क्रमांक-1139/1151/2015/20-3, भोपाल दिनांक 24.7.2015 द्वारा केन्द्र निर्धारण हेतु गठित चयन समिति द्वारा परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया गया। केन्द्र निर्धारण का कार्य समय-सीमा में संपादित कराया जाना था, तत् समय जिला योजना समिति की बैठक प्रस्तावित नहीं थी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के पत्र क्रमांक-1139/1151/2015/20-3, भोपाल दिनांक 24.7.2015 के संदर्भ में बिन्दु क्रमांक-15 के मापदण्ड के अनुरूप केन्द्र निर्धारित किये गये। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2015-16 में कक्षा 10वीं की परीक्षा में ग्रामीण क्षेत्र में 8137 तथा कक्षा 12वीं में ग्रामीण क्षेत्र में 5794 छात्रायें सम्मिलित हो रही है। इनमें से कक्षा 10वीं की ग्रामीण क्षेत्र की 976 तथा कक्षा 12वीं की ग्रामीण क्षेत्र की 695 छात्रायें शहरी क्षेत्र में सम्मिलित हो रही है। साधन के अभाव में परीक्षा में सम्मिलित होने की असुविधा व असुरक्षा नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति का विवरण
53. ( क्र. 4148 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में गत दो वर्षों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक वर्ग के कितने छात्र,छात्राओं के लिए कितनी छात्रवृत्ति किस-किस शासकीय एवं निजी बी.एण्ड., डी.एड., कॉलेज, नसिंग कॉलेज, होम्यो चिकित्सा कॉलेज, कम्प्यूटर संस्थान को दी गई है? (ख) छात्रवृत्ति प्रदाय किए जाने के पूर्व किस-किस अधिकारी ने संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का सत्यापन किया है? (ग) की गई जाँच के दौरान किस संस्थान के द्वारा कितने छात्र-छात्राओं की गलत तरीके से छात्रवृत्ति लिया जाना गत पाँच वर्षों में पाया है उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की गई? (घ) छात्रवृत्ति घोटाले के लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) छतरपुर जिले में गत् दो वर्षों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के- 2290 छात्र, छात्राओं के लिए शासकीय एवं निजी बी.एड., डी.एड. कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, होम्यो चिकित्सा कॉलेज, कम्प्यूटर संस्थान को राशि रू. 2,16,67,395/- छात्रवृत्ति दी गई है। कालेजवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्रवृत्ति पोर्टल अनुसार उपस्थिति का प्रमाणीकरण/सत्यापन संस्था प्रमुख एवं संकुल प्राचार्य द्वारा किया गया है। (ग) अभी दोहरी छात्रवृत्ति की जाँच प्रचलन में है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
व्याख्याताओं के क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना
54. ( क्र. 4149 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 1477/2796/ 1/3105 दिनांक 03.09.2005 एवं स्कूली शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ/44/10/9/20/ 2007 दिनांक 22.05.2008 के द्वारा किस श्रेणी के शिक्षकों को कितनी सेवा अवधि के बाद क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के आदेश दिए गए? (ख) छतरपुर जिले में पदस्थ व्याख्याता के पद पर पदस्थ पात्रताधारी शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक नहीं दिया जा सकता है? (ग) शासन के आदेशानुसार 24 साल की सेवा पूरी करने वाले व्याख्याता को कब तक द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दे दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति लाभ संबधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-109/20-2/2007, दिनांक 22.08.2008 द्वारा संयुक्त संचालकों (लोक शिक्षण ) को अधिकारों का प्रत्यायोजन किया गया है। (ख) प्रश्नांश अनुसार 05 व्याख्याताओं द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जारी प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति का परित्याग किये जाने के कारण मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ-1- 1/1/वेआप्र/99 दिनांक 052 जुलाई 2002 / 23 सितम्बर 2002 के तहत कार्यालय सन्युक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग सागर के पत्र क्रमांक/स्था.1/फ-86 भाग दो/2015/1171, सागर दिनांक 28.04.2015 के द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पात्रता न होने के कारण एसे 05 व्याख्याताओं के द्वितीय क्रमोन्नति के प्रकरण अमान्य किये गये है। (ग) क्रमोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
डिनोटीफाईड भूमियों बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे पत्र पर कार्यवाही
55. ( क्र. 4192 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग को दिनांक 13 जनवरी, 2016 को लिखे गये पत्र में डिनोटीफाईड जमीनों को वनभूमि मानकर वन अधिकार कानून 2006 के तहत वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने के संबंध में किन-किन दस्तावेजों को संलग्न कर कार्यवाही किये जाने का निवेदन किया है? (ख) राज पत्र में वन विभाग के द्वारा डिनोटीफाईड की गई वन भूमियों को किस कानून की किस धारा, किस न्यायालीन आदेश के अनुसार वनभूमि माना जाकर वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है? (ग) राजपत्र में वन विभाग के द्वारा डिनोटीफाईड की गई वनभूमियों को वन भूमि माना जाकर वन अधिकार पत्र के दावे मान्य करने या अमान्य किये जाने की कार्यवाही के आदेश, राज्य सरकार या भारत सरकार ने किस आदेश से दिये है? (घ) डिनोटीफाईड की गई भूमियों को वन भूमि माना जाकर वितरित किये गये वन अधिकार पत्रों के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) से (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 नियम 2008 यथा संशोधित 2012 में डिनोटिफाईड की गई वनभूमियों का उल्लेख नहीं है। अधिनियम की धारा 2 (घ) में दी गई वनभूमि की परिभाषा के अनुसार वन अधिकार पत्र दिये जाने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआ समितियों को तालाब के आवंटन
56. ( क्र. 4319 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में ऐसे कितने तालाब हैं, जो मत्स्य पालन हेतु समितियों/समूहों को आवंटित किये जाते हैं? सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कितने तालाबों का आवंटन जनपद पंचायतों/जिला पंचायतों द्वारा सहायक संचालक, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग द्वारा किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत कितने हेक्टेयर तालाबों को आवंटन कर चुकी है तथा सहायक संचालक द्वारा कितने हेक्टेयर के तालाबों का आवंटन किया गया है, तथा ऐसे कितने तालाब शेष हैं, जिनका आवंटन अभी तक नहीं किया गया है, तो क्यों? कब तक आवंटन किया जावेगा? (घ) ऐसे कितने तालाब हैं जो मछुवारा समितियों एवं समूहों को आवंटित किये गये? सूची उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सिवनी जिले में 331 तालाब है जो मत्स्य पालन हेतु समिति/समूहों को आवंटित किये जाते है। तालाबों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी तालाब ग्राम पंचायत की अधिकारिता में होने से इनका पट्टा आवंटन ग्राम पंचायतों द्वारा किया गया है, जनपद/जिला पंचायतों द्वारा नहीं किया गया है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग को तालाब पट्टा आवंटन के अधिकार नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत द्वारा पट्टे पर आवंटित तालाब एवं शेष रहे तालाब की संख्या शून्य है। (घ) मत्स्य पालन हेतु समितियों/समूहों को आवंटित किये गये तालाबों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति छात्रावास में क्रय सामग्री
57. ( क्र. 4356 ) डॉ.
कैलाश जाटव :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2013 से
वर्तमान तक
विधानसभा
क्षेत्र के
गोटेगांव
जिला
नरसिंहपुर
में स्थापित
अनुसूचित
जनजाति
छात्रावास
में किन-किन
सामानों की
कितनी राशि से
खरीदी की गई
है? वित्तीय
वर्षवार
विवरण प्रदान
करें? (ख)
क्या इन खरीदे
सामानों की
गुणवत्ता की
जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस
संस्था से यह
जाँच कराई है?
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। वित्तीय
वर्ष 2013-14
में क्रय की
गई सामग्री का
भण्डार क्रय
नियम अंतर्गत
जिला स्तर पर
गठित समिति
द्वारा
जाँच/भौतिक
सत्यापन
किया गया।
वर्ष 2014-15
एवं 2015-16
में पालक
समिति/विद्यार्थी
द्वारा क्रय
की गई है।
संस्कृत पाठशाला का संचालन
58. ( क्र. 4410 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत संचालित संस्कृत पाठ शालाएं किन-किन ग्रामों/नगरों में संचालित हैं? शाला एवं ग्राम का नाम बतावें? (ख) देवास जिले के अंतर्गत संचालित संस्कृत पाठशालाओं के लिए प्रत्येक शाला के लिए कितने संस्कृत विषय के शिक्षक/अध्यापकों के पद स्वीकृत हैं एवं क्या स्वीकृत पदों अनुसार संस्कृत विषय के शिक्षक/अध्यापक कार्यरत हैं? (ग) देवास जिले के अंतर्गत ऐसी कितनी संस्कृत पाठशालायें हैं जिन्हें शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है एवं प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कितना अनुदान दिया जाता है वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 15 व प्रश्नांश दिनांक तक दिये गये अनुदान की राशि बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत संचालित संस्कृत पाठशालाओं में अध्ययनरत् छात्रों को अधिक से अधिक सुविधा प्राप्त हो, इस हेतु शासन की क्या योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 में है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नेमावर में केवल शासकीय संस्कृत पाठशाला में सभी पत्र छात्र-छात्राओं को शासकीय योजनाओ यथा छात्रवृत्ती, गणवेश, पुस्तकें, मध्यान्ह भोजन, सायकल आदि सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
मत्स्य पालन
59. ( क्र. 4413 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से उपाय संचालित किये जा रहे हैं? (ख) देवास जिले में मत्स्य पालन हेतु कितने जलाशय उपलब्ध हैं एवं कितने जलाशयों की विभाग द्वारा नीलामी की जा चुकी है? जलाशय का नाम एवं नीलामी की राशि बतावें? (ग) विगत तीन वर्ष में देवास जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु कितना-कितना अनुदान किन-किन संस्थाओं को दिया गया है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) देवास जिले में मछली बाजार निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं किन-किन ग्रामों/नगरों में मछली बाजार का निर्माण कार्य होना है? ग्राम एवं नगरवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु मछुआरों के कल्याण के लिये विभिन्न जन कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) देवास जिले में मत्स्य पालन हेतु 42 जलाशय उपलब्ध है जलाशयों की विभाग द्वारा नीलामी नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जलाशयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिले में विगत तीन वर्षों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु मछुआ सहकारी समितियों को अनुदान प्रदाय किया गया है, अनुदान प्रदाय की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन मछली बाजार निर्माण हेतु योजना प्रारंभ से अद्यतन 6 मत्स्य बाजारों के निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई है। मछली बाजार निर्माण स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना
60. ( क्र. 4449 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में लोक स्वा.या.विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना स्वीकृत की गई? विधान सभा क्षेत्रवार बताएं? (ख) हरदा जिले में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है? जहां पर नल-जल योजना स्वीकृत किया जाना शेष है? उन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत नल-जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? कितनी योजनाएं कौन-कौन से ग्रामों की क्रियाशील है व किन-किन ग्रामों की नल-जल योजना बन्द है? (घ) बन्द नल-जल योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्रोत असफल होने के कारण को छोड़कर शेष अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। अतः निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
अनुसूचित जाति छात्रावास में अधीक्षक के स्वीकृत पद
61. ( क्र. 4453 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र एवं छात्राओं के कितने छात्रावास कहाँ-कहाँ पर स्थापित है एवं इनके लिए कितने अधीक्षक के पद स्वीकृत है? (ख) क्या एक-एक अधीक्षक के पास दो एवं उससे अधिक छात्रावासों का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किस कारण? (ग) उपरोक्त (ख) के अनुसार क्या छात्रावासों की सुरक्षा संदिग्ध नहीं है? यदि हाँ, तो प्रत्येक छात्रावास में अलग-अलग अधीक्षकों की नियुक्ति कब तक हो जाएगी? (घ) क्या छात्रावासों में बच्चों को मीनू अनुसार भोजन दिया जा रहा है भोजन की गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायतें विगत एक वर्ष में प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो उनका निराकरण किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त छात्रावासों में विभागीय कर्मचारियों की कमी होने, नवीन छात्रावासों में पद पूर्ति न होने तथा एक ही परिसर में छात्रावास संचालित होने से अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ग) जी नहीं। उक्त छात्रावासों में चौकीदार कार्यरत हैं। छात्रावास अधीक्षकों की नियुक्ति संबंधी समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। मीनू अनुसार भोजन दिया जा रहा है। भोजन की गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। समय-समय पर छात्रावासों का निरीक्षण किया जाकर निराकरण किया जाता है।
उद्यानिकी द्वारा कराये जाने वाले प्रशिक्षण
62. ( क्र. 4475 ) श्री लखन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में फलोद्यान के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने किसानों को लाभांवित किया गया? क्या फलोद्यान को प्रोत्साहन देने हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है? (ख) प्रशिक्षण कहाँ-कहाँ व कब-कब दिया गया? प्रशिक्षण में सम्मिलित कृषकों की संख्या उपलब्ध करावे व प्रशिक्षणों में कितनी राशि व्यय की गई? अलग-अलग जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में फलोद्यान के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल 231 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। जी हाँ। (ख) प्रशिक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मछुआ समिति का गठन
63. ( क्र. 4476 ) श्री लखन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मत्स्य पालन तथा मत्स्याखेट हेतु शासकीय तालाब आवंटित किए जाते हैं? यदि हाँ, तो किन नियमों व शर्तों के आधार पर? (ख) दमोह जिले में वर्तमान में कितने तालाबों को किन-किन को कितनी-कितनी अवधि के लिए कितनी पट्टे की राशि जमा कराकर आवंटित किया गया? (ग) क्या पथरिया विधानसभा के विकासखण्ड पटियागढ़ में फतेहपुर तालाब के लिए मछुआ समिति गठित की गई है? मछुआ समिति के गठन के क्या नियम शर्ते हैं? किस समुदाय के लोगों को समिति में वरीयता है? (घ) क्या फतेहगढ़ तालाब में बनायी गई समिति में नियमों का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? क्या दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। त्रिस्तरीय पंचायतों की अधिकारिता वाले तालाबों को पट्टे पर देने के संबंध में जारी नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में दमोह जिले के 155 तालाब विभिन्न मछुआ समिति/समूह/व्यक्तिगत को दस वर्ष की अवधि पर पट्टे पर आवंटित है। पट्टा धारक एवं पट्टा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन तालाब हेतु कोई समिति पंजीकृत नहीं है मत्स्य पालन नीति-2008 भाग-2 नीति एवं निर्देश के बिन्दु क्रमांक 2.12 के अनुसार वंशानुगत मछुआ जाति की समिति गठन करने हेतु प्राथमिकता दिया जाना प्रावधानित है। समिति गठन हेतु नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में इस प्रकार की स्थिति नहीं है।
विभाग अंतर्गत 1980 के पूर्व निर्मित भवन
64. ( क्र. 4478 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र नेपानगर के आदिवासी विकासखण्ड खकनार अंतर्गत वर्ष 1980 के पूर्व के निर्माण किये हुये कितने शाला एवं छात्रावास भवन है? (ख) उक्त भवनों की भौतिक स्थिति क्या है? भवनों में क्या-क्या मरम्मत कार्य कब-कब किए गए? मरम्मत पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकण्ड्री शाला खकनार में शैक्षणिक वर्ष 2013, 2014, 2015 में प्रवेश हेतु कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने प्रवेश हुए, कितने प्रवेश से वंचित रह गये? (घ) क्या उक्त शाला भवन उत्कृष्ट शाला के अनुरूप अनुकूल स्थिति में है? यदि नहीं, तो नवीन शाला भवन निर्माण हेतु किसी स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो जानकारी दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नेपानगर अंतर्गत 1980 के पूर्व के निर्माण किये हुये 04 शाला एवं छात्रावास भवन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) उक्त शाला भवन में दर्ज छात्र संख्या के मान से पर्याप्त कक्ष नहीं है। जी हाँ। जिला स्तर पर 05 अतिरिक्त कक्षों हेतु प्राक्कलन एवं ड्राईंग तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है।
छात्रावासों/आश्रमों में दूषित भोजन पर नियंत्रण
65. ( क्र. 4546 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रमों में वर्ष 2013-14 से 04 फरवरी 2016 की अवधि में किन-किन छात्रावासों/आश्रमों में दूषित भोजन से कितने-कितने छात्र अस्वस्थ हुए और कितने मृत हुए? (ख) प्रश्नाधीन दूषित भोजन के घटित घटना के लिए कौन जिम्मेवार है तथा जिम्मेवार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) छात्रावासों/आश्रमों में दूषित भोजन के कारण दुर्घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि दूषित भोजन से बीमार हुए छात्रों एवं मृत हुए छात्रों को कितनी-कितनी राहत/क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रदेश में आदिवासी विकास मद से छात्रावासों/आश्रमों में वर्ष 2013-14 से 04 फरवरी 2016 की अवधि में छात्रावासों/आश्रमों में दूषित भोजन से छात्र/छात्रा अस्वस्थ नहीं हुए और न ही मृत्यु ही हुई है, अत: जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रभार
66. ( क्र. 4656 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री प्रमोद कुमार माथुर, धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड धरमपुरी एवं नालछा में पूर्व में प्रभारी विकासखण्ड अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे हैं? यदि हाँ, तो पदस्थ रहने की अवधि बतावें एवं हटाने का कारण बतावें? (ख) क्या श्री माथुर के विरूद्ध तात्कालीन कार्यावधि में अधिनस्थ स्कूलों व छात्रावास, आश्रमों में घटिया सामग्री प्रदाय करने एवं शिक्षकों व होस्टल अधीक्षकों आदि से अवैध वसूली करने संबंधी शिकायतें हुई थीं? (ग) क्या शिकायतों में प्रथम दृष्टया श्री माथुर को अनेकों अनियमितताओं में संलिप्त पाये जाने तथा अपने पद का दुरूपयोग करने का दोषी पाये जाने पर पद से हटाया गया था? क्या उस समय संबंधित के विरूद्ध बैठाई गई जाँच पूर्ण हो गई है? यदि जाँच पूर्ण हो गई हो तो जाँचकर्ता द्वारा उसमें क्या निष्कर्ष दिया गया? विवरण उपलब्ध करावें? (घ) यदि संबंधित को जाँच में अनियमितता किये जाने का दोषी पाया गया था तो फिर किस उपलब्धि के आधार पर श्री माथुर को वापस विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नालछा का प्रभार सौंपा गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री प्रमोद कुमार माथुर दिनांक 06-06-2011 से 24-09-2013 तक विकासखंड शिक्षा अधिकारी, धरमपुर दिनांक 25-09-2013 से 10-08-2014 तक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नालछा दिनांक 11-08-2014 से 29-05-2015 तक प्राचार्य उर्दू हाई स्कूल धार एवं दिनांक 30-05-2015 से निरंतर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नालछा के पद पर पदस्थ है। (ख) जी हाँ। (ग) प्राप्त शिकायतों की स्थिति निम्नानुसार है- (1) जनशिक्षक एवं अधीक्षकों ने मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत जो कलेक्टर, सतर्कता धार के पत्र दिनांक 19-02-2012 से प्राप्त हुई। उक्त शिकायत की जाँच परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुक्षी से कराई गई। प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में शिकायत निराधार एवं असत्य पाई गई। (2) माननीय पूर्व विधायक क्षेत्र धरमपुरी के पत्र दिनांक 12-04-2013 के साथ मण्डल संयोजक एवं अन्य 24 कर्मचारियों से प्राप्त शिकायत की जाँच परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुक्षी से कराई गई। प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में उन्हें दोषी पाये जाने पर जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न करते हुये अपचारी अधिकारी से अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पत्र दिनांक 23-09-2013 द्वारा लिखा गया है, अपचारी अधिकारी ने पक्ष प्रस्तुत नहीं किये जाने पर जाँच कार्यवाही प्रचलित है। (घ) अपचारी अधिकारी की उल्लेखित शिकायतें धरमपुरी पदस्थापना की है, जहां से उन्हें तत्समय हटाया जाकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नालछा पदस्थ किया गया है।
शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन सीवर लाईन प्रोजेक्ट
67. ( क्र. 4814 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी नगर में सीवर लाईन का निर्माण कार्य प्रचलित है? यदि हाँ, तो कितना-कितना, क्या-क्या कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुका है तथा कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? कितनी राशि शेष है? (ख) क्या सीवर लाईन बिछाने एवं चेम्बर बनाने का कार्य अत्यंत घटिया स्तर एवं बेहद अमानक स्तर का किया जा रहा है? क्या सीवर लाईन योजना की लाईन एवं चेम्बर निर्माण का कार्य केवल औपचारिकता पूर्ण है और घटिया निर्माण कर राशि हड़पी जा रही है? यदि नहीं, तो डी.पी.आर. के अनुसार मानक स्तर के कार्य की जाँच के लिए तकनीकी जाँच कब तक कराई जाकर कार्य के मानक स्तर के होने का प्रमाणीकरण उपलब्ध कराया जाएगा? (ग) क्या निगरानी समिति ने दिनांक 16 जनवरी 2016 को शिवपुरी नगर में जाँच करने आई थी? यदि हाँ, तो जाँच दल ने कहाँ-कहाँ जाँच की और जाँच उपरांत प्रचलित कार्यों के प्रति अपना क्या प्रतिवेदन दिया?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”क“ अनुसार। (ख) जी नहीं। जी, नहीं। कार्य की गुणवत्ता की निगरानी समय-समय पर विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है एवं मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा भी निरीक्षण किया गया है। पृथक से किसी तकनीकी जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”ख“ अनुसार। जाँच प्रतिवेदन निगरानी समिति द्वारा सीधे उच्च न्यायालय ग्वालियर को दिया गया, इस विभाग को प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी है।
शिवपुरी जिले को हैण्डपम्प संधारण हेतु प्राप्त आवंटन
68. ( क्र. 4819 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक हैण्डपम्प संधारण के लिए वर्षवार कितना आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन के विरूद्ध हैण्डपम्प संधारण के लिए कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) उक्त अवधि में हैण्डपम्प संधारण के लिए ठेकेदारों को किस-किस कार्य के लिए निविदा लगाई? कितना भुगतान किया? कितना हैण्डपम्प पार्टस के लिए भुगतान किया? एवं कितना किन-किन उपयंत्रियों के लिए भुगतान किया? एवं कितना वाहन किराया पी.ओ.एल. सहित भुगतान किया? (ग) वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में नल-जल योजनाओं के लिए कितना आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध उपयंत्री/एजेंसीवार बंद नल-जल योजनाओं में मोटर संबंधित पाईप लाईन आदि अन्य कार्य के लिए कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं किन कारणों से बंद है? बंद नल-जल योजनाएं कब तक कौन से कार्य कराकर सुचारू कर दी जाएगी? बंद नल-जल योजनाओं के नाम, लागत राशि, व्यय राशि सहित जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) हैण्डपंप के पेडिस्टल, वाटर चेंबर, हैंडिल एवं हेड के सुधार हेतु निविदा लगाई गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2अ, 2ब एवं 2स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3अ, 3ब एवं 3स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
हाई स्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन
69. ( क्र. 4820 ) श्री रामसिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विकासखण्ड बदरवास के हाई स्कूल खतौरा को हायर सेकण्डरी (10 + 2) स्कूल में उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव अनुसार हायर सेकण्डरी स्कूल खोलने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ख) उक्त प्रस्ताव कब से विचाराधीन है? क्या उक्त प्रस्ताव शासन को प्राप्त होने की तिथि उपरांत प्रदेश में हाई स्कूलों को हायर सेकण्डरी (10 + 2) स्कूल में उन्नयन किया गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पता, सहित सूची संलग्न कर जानकारी दें? (ग) खतौरा हाई स्कूल को हायर सेकण्डरी (10 + 2) स्कूल में उन्नयन करने में विलंब क्यों हो रहा है? कारण सहित बताएं? (घ) क्या ग्राम खतौरा प्रश्नकर्ता का गृह ग्राम होने के कारण जानबूझकर खतौरा हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी (10 + 2) स्कूल में उन्नयन करने में अनावश्यक एवं अकारण विलंब किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त स्कूल के उन्नयन में कौन सी बांधा आ रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2015-16 में उन्नयन हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव में हाई स्कूल खतौरा सम्मिलित है। उन्नयन की कार्यवाही वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) याचिका क्रमांक 1175 के द्वारा दिनांक 18-11-2014 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला शासकीय कर्मचारियों को चाईल्ड केयर लीव
70. ( क्र. 4900 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की शासकीय महिला कर्मचारियों को चाईल्ड केयर लीव (संतान पालन/देखभाल अवकाश) का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें अपने सेवाकाल में कितने दिनों का अवकाश की पात्रता किन शर्तों के तहत उपलब्ध है? (ख) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्र. शिक्षाकर्मी/2010/291, भोपाल दिनांक 17.05.2010 द्वारा आदेश किया गया है अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी नियमित शिक्षकों के समान अवकाश के पात्र हैं? (ग) क्या संतान पालन अवकाश का लाभ स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला शासकीय कर्मचारियों सहित शासकीय महिला शिक्षकों को भी अवकाश की पात्रता है? (घ) लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्र. शिक्षाकर्मी/2010/291 भोपाल दिनांक 17.05.2010 द्वारा आदेश किया गया है? अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी नियमित शिक्षकों के समान अवकाश के पात्र है? तो क्या यह आदेश संतान पालन अवकाश के लिये मान्य नहीं है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' में अंकित पत्र में संतान देखवाल अवकाश की पात्रता महिला शासकीय सेवकों को है। स्थानीय निकाय के अधीनस्थ व नियंत्रण में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की महिला शासकीय सेवक की श्रेणी में नहीं है। अत: उक्त अवकाश की पात्रता के संबंध में निर्णय लिया जाना प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम्प्यूटर खरीदी के दोषियों पर कार्यवाही
71. ( क्र. 4911 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हेड स्टॉर्ट योजना अंतर्गत राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से वर्ष 2009-10, 2010-11 एवं 2011-12 में कम्प्यूटर क्रय किये गये थे? तो कितनी राशि से एवं किस-किस फर्म से कितनी-कितनी संख्या में कौन-कौन सी कंपनी के? क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये खरीदे गये थे? क्या इनकी खरीदी के लिए निविदाएं बुलाई गई थीं? अगर बुलाई गई थी तो फर्म का नाम के साथ निविदा स्वीकृति का विवरण देवें? (ख) रीवा जिले अंतर्गत हेड स्टार्ट योजना अंतर्गत खरीदे गए कम्प्यूटर किस-किस विद्यालय को एवं कब-कब आवंटित किये गये? आवंटित किये गये कम्प्यूटरों में से कितने कम्प्यूटर वर्तमान में चालू हालत में हैं तथा कितने किन-किन कारणों से बंद पड़े हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रदान/आवंटित किये गये कम्प्यूटरों में से कितने ऐसे विद्यालय हैं जहां विद्युत कनेक्शन नहीं कराये गये हैं? अगर कनेक्शन विद्युत विभाग द्वारा लिये गये हैं तो कब एवं कितनी सिक्योरिटी राशि जमा कर एवं किस मद से? अगर विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन नहीं है तो कम्प्यूटर देने का क्या औचित्य था? (घ) प्रश्नांश (क) के कम्प्यूटर गुणवत्ता विहीन एवं लोकल कम्पनी के खरीदे गए जो बंद पड़े हैं? अगर कम्प्यूटर गुणवत्ता विहीन हैं तो इसकी जाँच कराकर दोषियों की पहचान कर कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2009-10 में कम्प्यूटर क्रय किये गए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। जी हाँ। इन कंप्यूटरों का क्रय भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुए महानिदेशक प्रदाय एवं निपटान अभिकरण, नई दिल्ली से किया गया एवं इन से क्रय करने हेतु किसी प्रकार की निविदाएँ बुलाने की आवश्यकता नहीं होती। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. मदरसा बोर्ड
72. ( क्र. 4985 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड का गठन वर्ष 2016 में किया गया है? यदि हाँ, तो बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों का ब्यौरा क्या है? (ख) मदरसा बोर्ड अध्यक्ष व सदस्यों की उर्दू शैक्षणिक व हिन्दी शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा क्या है? (ग) बोर्ड अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति हेतु शिक्षा व अर्हता हेतु क्या मापदण्ड है एवं बोर्ड के कार्यकाल की अवधि क्या है? (घ) मदरसा बोर्ड की पिछले तीन वर्षों की उपलब्धि का ब्यौरा क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड का गठन वर्ष 1998 में किया गया हैं। म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-1/2016/20-3 दिनांक 20.01.2016 के द्वारा श्री सैय्यद इमादउद्दीन को म.प्र. मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शासन द्वारा सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) श्री सैय्यद इमादउद्दीन, अध्यक्ष, म.प्र. मदरसा बोर्ड की शैक्षणिक योग्यता एम.एस.सी. (गणित) है, हायर सेकण्डरी उर्दू एवं हिन्दी विषय तथा बी.एस.सी. हिन्दी विषय के साथ उत्तीर्ण की गई है। (ग) मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड अधिनियम-1998 के अनुसार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष एवं नाम निर्देशित सदस्यो की नियुक्ति हेतु शिक्षा एवं अर्हता निम्नानुसार है:-
स.क्र. अध्यक्ष एवं सदस्य योग्यता
1 अध्यक्ष ख्याति प्राप्त शिक्षाविद
2 शासन द्वारा नाम निर्देशित
अन्य सदस्य 1. उर्दू भाषा का एक विद्वान
2. अरबी भाषा का एक विद्वान 3. सुप्रबंधित मदरसों के तीन अध्यक्ष
4. मुस्लिम समुदाय के तीन प्रतिष्ठित समाजसेवी
बोर्ड अध्यक्ष एवं सदस्यों का निश्चित कार्यकाल नहीं है। शासन द्वारा इनकी नियुक्ति के समय कार्यकाल निर्धारित किया जाता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
वक्फ सम्पत्ति पर शापिंग एवं आवासीय काम्पलेक्स का निर्माण
73. ( क्र. 5005 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के इतवारा क्षेत्र में स्थित वक्फ सम्पत्ति जाफर अली खां जिसका क्षेत्रफल 6848 है का राजपत्र में दिनांक 24 नवम्बर 1961 को वक्फ सम्पत्ति के रूप में प्रकाशित होकर पंजीबद्ध है? (ख) भोपाल कलेक्टर कार्याल्य नजूल अधिकारी द्वारा राजस्व मामला 29/बी-121 वर्ष 2013-14 में तहसीलदार नजूल के दिनांक 06.11.2013 की स्पष्ट प्रतिवेदन खसरा नम्बर 1755/1309 आबादी नजूल भूमि मध्यप्रदेश शासन होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या नजूल अधिकारी/कर्मचारियों से मिलीभगत कर वक्फ सम्पत्ति को एक आवेदक द्वारा स्वयं की बताकर झूठा शपथपत्र एवं आवेदन प्रस्तुत कर नजूल से शॉपिंग एवं आवासीय कॉम्पलेक्स निर्माण हेतु दिनांक 07.11.2013 अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है? (घ) यदि हाँ, तो इस प्रकार शासकीय वक्फ सम्पत्ति पर स्वामित्व की भूमि संबंधी फर्जी आवेदन एवं झूठें शपथ पत्र के आधार पर बिना पूर्व परीक्षण किये शॉपिंग एवं आवासीय कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु गम्भीर अनियमितता कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले संबंधितों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या नजूल अधिकारी द्वारा एन.ओ.सी. एक वर्ष की वैध अवधि के लिए जारी की जाती है? यदि हाँ, तो उक्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र एक वर्ष से अधिक होने के कारण निरस्त की गई है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) राजस्व प्रकरण क्रमांक 29/बी-121/2013 द्वारा तत्कालीन नजूल अधिकारी शहर वृत्त भोपाल एवं तहसीलदार नजूल शहर वृत्त भोपाल द्वारा प्रस्तु्त प्रतिवेदन एवं आवेदक मुबश्शिर मसूद खान द्वारा प्रस्तुत जानकारी एवं दस्तावेज के आधार पर संपूर्ण जाँच उपरांत दिनांक 07.11.13 को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। (घ) म.प्र. वक्फ बोर्ड, भोपाल का पत्र दिनांक 21.09.2015 के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निरस्त करने संबंधी लेख किये जाने पर नजूल अधिकारी शहर वृत्त भोपाल के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 02/बी-121/2015-16 दर्ज है। पूर्व में जारी अनापत्ति प्रमाण पत्रों को निरस्त करने के संबंध में पुर्नवालोकन की अनुमति सक्षम अधिकारी कलेक्टर से प्राप्त की गई। पूर्व में जारी अनापत्ति को निरस्त करने के संबंध में प्रकरण वर्तमान में उभय पक्ष के सुनवाई हेतु प्रचलित है। (ड.) जी हाँ। अनापत्ति प्रमाण पत्र क्रमांक 29/नजूल बी-121/2013-14, दिनांक 07.11.13 के बिन्दु क्रमांक 6 के अनुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र की वैधता एक वर्ष है। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश ‘घ’ के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन प्रक्रिया में विचाराधीन है।
अनियमितता के प्रकरण के बाद भी पदोन्नति/समयमान
74. ( क्र. 5065 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीकांत पाण्डेय योजना अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सतना के विरूद्ध लोकायुक्त में अनियमितता के प्रकरण दर्ज है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरण कब से व किस-किस अनियमितता के दर्ज हैं, बताएं? (ख) क्या श्री पाण्डेय के विरूद्ध वर्ष 1996 से 2006 तक शहरी विकास परियोजना सतना में पदस्थगी अवधि के दौरान की गई अनियमितता की जाँच लोकायुक्त रीवा द्वारा की गई है, जिस पर उन्हें दोषी पाया गया है व प्रकरण में विभागीय जाँच संस्थापित है? (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, उक्त कार्यवाही लंबित रहते हुए भी श्री पाण्डेय को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के द्वारा वर्ष 2011 में सहायक सांख्यकी से योजना अधिकारी के पद पर पदोन्नति एवं उसके बाद समयमान वेतनमान का लाभ कैसे दिया गया? किस अधिकारी की अनुशंसा एवं गोपनीय चरित्रावली के लेख पर लाभ दिया गया, उस अधिकारी का भी विवरण दिया जावे? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जाँच में दोषी पाये जाने एवं विभागीय जाँच लंबित रहते उक्त अवधि में दी गई पदोन्नति एवं समयमान के लाभ को शासन नियमों के अनुसार उचित मानता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें? यदि नहीं, तो प्रदान की गई पदोन्नति एवं समयमान को कब तक निरस्त किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री श्रीकांत पाण्डे, योजना अधिकारी के विरूद्ध पूर्व पदस्थापना कार्यालय शहरी विकास परियोजना सतना के कार्यकाल के दौरान जाँच प्रकरण क्रमांक 217/2011 लोकायुक्त में दर्ज है, जो आपात्र लोगों को ऋण दिलाये जाने से संबंधित है। (ख) वर्ष 1997 से 2005 तक की अवधि के दौरान अनियमितता की जाँच संभागीय लोकायुक्त, रीवा द्वारा की गई है। विभागीय जाँच में दोषी पाये जाने पर संचालनालय के आदेश क्रामांक 195-196 दिनांक 11.02.2016 द्वारा दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित करते हुए प्रकरण समाप्त किया गया है। (ग) वर्ष 2009 में पदोन्नति के समय लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध नहीं था एवं समयमान वेतनमान वर्ष 2011 के समय उक्त प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं होने व ए.सी.आर. अनुसार पात्रता के आधार पर लाभ दिया गया। अतः शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग’’ अनुसार विभागीय जाँच लंबित व लोकायुक्त की जाँच में दोषी सत्यापित होने से पूर्व अवधि में पदोन्नति व समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
75. ( क्र. 5154 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के किन छ: गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में शामिल किया गया है? (ख) उक्त स्वीकृत राशि का उपयोग किस प्रक्रिया द्वारा किस-किस कार्यों में किया जाना है? क्या इस राशि से रोड निर्माण, नाली निर्माण, शमशान घाट निर्माण, आदि कार्य भी किये जा सकते हैं? (ग) उक्त गांव पंचायत भी होने के कारण पंचायत अंतर्गत अन्य गांवों में भी विकास कार्य हेतु इस राशि का उपयोग किया जा सकता है हां या नहीं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) विभाग से संबंधित नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोकनगर जिले में पूर्व की पेयजल योजना
76. ( क्र. 5179 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर जिले में मुंगावली की पूर्व की पेयजल योजना के बारे में 3 वर्ष पूर्व प्रश्नकर्ता ने बेतवा से पानी लाने की योजना की थी, उसका विवरण देते हुए शासन ने क्या कार्यवाही की तथा वर्तमान में स्वीकृत योजना का भी विवरण देने का कष्ट करें? (ख) चंदेरी पेयजल योजना में भी घटिया पाइप व अन्य शिकायतें दो वर्ष पूर्व हुई थी उनका विवरण देते हुए शासन ने क्या कार्यवाही की वर्तमान की राजघाट से पानी लाने की योजना का भी विवरण देवें? (ग) मुंगावली तहसील की मल्हारगढ़, अचलगढ़, रूसल्ला आदि पेयजल योजनाओं का विवरण देते हुए बताये कि अशोकनगर जिले में कौन-कौन से गांव की पेयजल योजनाऐं है जहां पाइप डाल दिये है लेकिन चालू नहीं हुई है व उन्हें कब तक चालू कर दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुंगावली नगर की बेतवा नदी पर आधारित पेयजल योजना पूर्ण कर 21.6.2013 को नगर पालिका परिषद मुंगावली को हस्तांतरित की जा चुकी है। (ख) चंदेरी पेयजल योजना में घटिया पाइप संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मुंगावली तहसील की मल्हारगढ़, अचलगढ़, रूसल्ला पेयजल योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार एवं अशोक नगर जिले में कोई भी योजना ऐसी नहीं है जहाँ पाइपलाइन डाली गई हो एवं योजना चालू न की गई हो।
हैण्डपम्पों की मरम्मत संधारण पर प्राप्त वंटन/व्यय एवं कार्य
77. ( क्र. 5197 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में पी.एच.ई. विभाग के अंतर्गत कुल कितने जीवित सार्वजनिक हैण्डपंप हैं जिनका संधारण विभाग द्वारा किया जाता है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे? (ख) हैण्डपंप संधारण हेतु कुल कितनी राशि प्रति हैण्डपंप प्रतिवर्ष प्राप्त होती है वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में ग्वालियर जिले को हैण्डपंप संधारण हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि हैण्डपंप संधारण में व्यय की गई? (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत दो वर्षों में कुल कितने हैण्डपंप का संधारण कार्य किया गया एवं उस पर कितनी राशि व्यय की गई? आवंटित राशि से क्या-क्या सामग्री क्रय की गई एवं उसका कितना उपयोग किया गया? (घ) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत क्या सामग्री अपव्यय का कोई प्रकरण प्राप्त हुआ है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 6710। विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण में- 2110, डबरा में- 1990 एवं भितरवार में 2610। (ख) अधिकतम रूपये 1600 प्रति हैण्डपंप व्यय की जा सकती है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में हैण्डपंप संधारण हेतु क्रमशः रूपये 142.96 लाख एवं रूपये 145.20 लाख का आवंटन दिया गया है, जिसके विरूद्ध क्रमशः रूपये 140.53 लाख एवं रूपये 138.73 लाख का व्यय हुआ। (ग) विगत दो वर्षों में रूपये 72.37 लाख की राशि से 2917 हैण्डपम्पों का संधारण कार्य किया गया। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।
दोषी पर कार्यवाही
78. ( क्र. 5210 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल में अतिरिक्त सचिव के पद पर सितम्बर 2011 से दिसम्बर 2012 तक कौन-कौन अधिकारी कार्यरत थे? क्या उक्त अवधि में स्कूलों के मान्यता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों की जाँच किन-किन अधिकारी से कब-कब कराई गई हैं तथा उक्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के शिकायत के संबंध में जाँच हेतु संचालनालय स्तर से जाँच दल गठित किया गया था? जाँच दल द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें तथा जाँच में जाँच दल द्वारा किन-किन को दोषी पाया गया है? दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में जिन अशासकीय विद्यालयों के द्वारा मान्यता संबंधी शिकायत की गई थी? उक्त शिकायत पर जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई थी? उन शिकायतों के संबंध में क्या निराकरण किया गया हैं की जानकारी आदेश प्रति के साथ देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल में अतिरिक्त सचिव के पद पर माह सितम्बर, 2011 से दिसम्बर, 2012 तक निम्नानुसार अधिकारी कार्यरत थे:-
क्रमांक अधिकारी का नाम कार्यावधि
1 श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, अति.सचिव 03.09.2011 से 14.02.2012 तक
2 डॉ. सुभाष पाचपोर, अति. सचिव 09.02.2011 से 28.06.2012 तक
3 श्री राकेश श्रीवास्तव 5.06.2012 से 18.10.2012 तक
4 श्रीमती अज़ीजा सरशार जफर
उप सचिव को अति. सचिव का प्रभार 18.10.2012 से 28.09.2013 तक
प्रश्नांकित तिथि में माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने अशा. शिक्षण संस्था दाताहरि पब्लिक हायर सेकण्डरी स्कूल कुक्षी, जिला धार की सत्र 2011-12 की कक्षा 11वीं नवीन मान्यता की नस्ती पृष्ठ-01 से 10 गायब किया जाना/नष्ट कर दिये जाने के संबंध में कार्यालय आदेश क्रमांक-प्रशा/स्था/ए-4-398, दिनांक 04.05.2013 द्वारा मण्डल संविदा पर कार्यरत विधि अधिकारी श्री लालजी प्रसाद शर्मा को प्रकरण में जाँच अधिकारी नियुक्त किया जाकर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें कार्यालय आदेश क्रमांक/स्था/ए-4/397, दि. 13.2.2015 द्वारा अपचारी अधिकारी के विरूद्ध अधिरोपित आरोप प्रमाणित नहीं किये जाने से विभागीय जाँच के प्रकरण को समाप्त किया गया संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अन्य कोई शिकायत मण्डल में प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति अवधि
79. ( क्र. 5332 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री के.के.द्विवेदी, पदेन उप सचिव, की स्कूल शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति की अवधि तीन वर्ष के लगभग हो गयी है और इनकी गंभीर शिकायतें स्कूल शिक्षा विभाग में लंबित होने पर भी विभाग द्वारा संरक्षण प्रदान कर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की मुख्य सचिव को दिनांक 28.01.16 को शिकायत प्राप्त होने पर भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और उसे जानबूझकर लंबित रखा गया और सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक 1789/2159/2006/1-7/स्था.-3 भोपाल, दिनांक 04.07.2006 के विपरीत विभागीय सेवा के अधिकारी होने के बावजूद विभागीय जाँच का कार्य नियमों के विरूद्ध आवंटित किया गया? (ग) श्री राजेन्द्र मेश्राम, विधायक जी द्वारा मुख्य सचिव को दिनांक 10.11.2014 को की गयी, शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं कर इनके द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों के साथ भेदभाव एवं पक्षपात किया जाता है? (घ) उक्त गंभीर शिकायतों एवं सामान्य प्रशासन विभाग के विपरीत जाँच का कार्य आवंटित किये जाने पर इनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही कर इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त करने की कार्यवाही विभाग करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : क) श्री के.के.द्विवेदी, पदेन उपसचिव, स्कूल शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है, अपितु स्कूल शिक्षा विभाग श्री द्विवेदी का मूल विभाग है। इनके विरूद्ध प्राप्त कोई शिकायत विभाग में लंबित नहीं है। (ख) मुख्य सचिव को दिनांक 28.01.2016 को प्राप्त शिकायत वस्तुतः श्री सुरेश तिवारी सहायक ग्रेड-3 माध्यमिक शिक्षा मण्डल के विरूद्ध होकर कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्न में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग का ज्ञाप दिनांक. 04.07.2006 में तत्संबंधी व्यवस्था है, किन्तु संबंधित अधिकारी की सक्षमता, विभागाध्यक्ष कार्यालयों से त्वरित समन्वय किया जाकर लंबित मामलों के त्वरित निराकरण की दृष्टि से कार्य आवंटित किया गया। (ग) माननीय विधायक जी द्वारा मुख्य सचिव को दिनांक 10.11.2014 को की गई शिकायत वस्तुतः श्री सुरेश तिवारी, सहायक ग्रेड-3 माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा की गई अनियमितिताओं के विरूद्ध थी जिसे माध्यमिक शिक्षा मण्डल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। श्री द्विवेदी द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों के साथ भेदभाव किये जाने की अन्य कोई शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं है। अतः पक्षपात करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) (क) से (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाहपुर भोपाल स्थित 48 किसानों को स्थाई पट्टे
80. ( क्र. 5444 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 1975-76 में भोपाल सीमांतर्गत ग्राम सब्जी फार्म शाहपुरा में खेतीहर मजदूरों को 02-02 एकड़ भूमि साग सब्जी उत्पन्न करने के लिये पूर्ण शासकीय सुविधा प्रदान करते हुए साग सब्जी उत्पादक क्रय विक्रय सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल को सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत मुहैया करके 48 किसानों को अस्थाई पट्टें पर प्रदान की गई थी? (ख) इन पट्टों को शासन द्वारा उल्लेखित शर्तानुसार कब-कब नवीनीकरण किया गया? नहीं किया गया तो क्यों? कारण सहित इन पट्टों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? इस प्रक्रिया को निष्पादन न किये जाने में कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या इन पट्टेधारियों को शासन द्वारा नोटिस प्रदान कर हटाया जा रहा है? यदि हाँ, तो इससे पूर्व इन पट्टें धारियों को उक्त स्थान पर रोजगारोन्मुखी भूमि प्रदान की जा सकती है या अन्यत्र पूर्ण सुविधा प्रदान करते हुए भूमि चयन किया जाकर विस्थापन किया जा सकता है? (घ) क्या किसानों के हित में प्रक्रिया पूर्वनुसार रखा जाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने की शासन नीति को जीवित रखा जा सकता है? इस संबंध में शासन स्तर पर इन किसानों की सहभागिता से नीति निर्धारण की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। कृषि विभाग द्वारा 48 कृषकों को विभिन्न शर्तों पर 3 वर्ष के लिये अस्थाई पट्टे प्रदान किये गये थे। (ख) निर्धारित शर्तों के अनुसार कृषकों द्वारा तीन वर्ष होने के 90 दिन पूर्व अधिकार समर्पित नहीं करने, नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं करने तथा निर्धारित शर्तों का पालन नहीं करने के कारण से नवीनीकरण नहीं किया जा सका। वर्तमान में भूमि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आधिपत्य में है। प्रक्रिया के निष्पादन नहीं किये जाने हेतु उपरोक्त कृषक दोषी है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चल रहे अवमानना प्रकरण
81. ( क्र. 5509 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की अपील क्र.1266/2010 दिनांक 01.11.2011 एवं उच्चतम न्यायालय के 20025/2011 दिनांक 21.01.2015 को पारित आदेश का पालन कब तक कर लिया जायेगा? (ख) क्या शासन प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी के हितों के लिए कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार न्यायालय के आदेशों का पालन कब तक कर लिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अपील क्रमांक 1266/2010 में पारित निर्णय दिनांक 01.11.2011 एवं माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा एस.एल.पी. (सिविल) सी.सी.क्रमांक 20025/2011 में पारित निर्णय दिनांक 21.1.2015 के अनुसार विभाग से संबंधित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी वर्गीकरण के दिनांक से नियमित वेतनमान एवं वेतन अंतर की राशि प्रदान किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। माननीय न्यायालयों के आदेशों के पालन हेतु निश्चित समय-सीमा या तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक अपील (सिविल) 3595-3612/1999 सचिव कर्नाटक राज्य एवं अन्य विरूद्ध उमादेवी एवं अन्य के प्रकरण में दिनांक 10.04.2006 को पारित निर्णय में प्रदत्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में नीतिगत निर्णय लेकर परिपत्र दिनांक 16 मई 2007, 06 सितंबर, 2008 एवं 29 सितंबर, 2014 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। जो दैनिक वेतन भोगी उक्त नीति के तहत् नियिमत नहीं हुये उनके लिये म.प्र. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम, 2013 दिनांक 30 मई 2013 अधिसूचित किये गये हैं।
गौरवशाली विरासत एवं सांस्कृतिक मूल्यों को विद्यालयीन पाठ्यक्रम
82. ( क्र. 5606 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रायमरी से लेकर हायर सेकण्डरी स्तर तक की कक्षाओं में भारत की गौरवशाली विरासत एवं सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस स्तर की किन-किन कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से इसका अध्यापन कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की भॉति परीक्षा आयोजित करने पर विचार करेगा अथवा प्राथमिक स्तर से हायर सेकण्डरी स्तर तक की कक्षाओं में भारत के गौरवशाली विकास एवं सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित पाठ्यक्रम को एक अनिवार्य विषय के रूप में प्रारंभ करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 01 एवं 12वीं तक हिन्दी, सहायक वाचन, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी एवं सामाजिक विज्ञान की पाठयपुस्तकों में समाहित पाठों के माध्यम से अध्यापन कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं, भारतीय संस्कृति से संबधित ज्ञान का विभिन्न विषयों में समाहित जानकारी के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। अत: पृथक से पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
योग के क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों को मान्यता प्रदान
83. ( क्र. 5607 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योग के प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य में संलग्न ख्याति प्राप्त संस्थाओं को प्रदेश में योग केंद्र स्थापित करने के लिये आवश्यक सुविधायें एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्ष में अब तक कितनी संस्थाओं को उक्त लाभ प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार जो संस्थायें योग के प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य में सतत् रूप से सक्रिय है? क्या शासन द्वारा इन योग संस्थानों को अन्य अशासकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की भॉति प्रदेश स्तर पर एक प्रमाणन संस्था बनाकर निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अधीन मान्यता प्रदान की जावेगी? ताकि ये संस्थायें योग प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सके? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। योग प्रचार-प्रसार तथा प्रशिक्षण कार्य में संलग्न ख्यातिलब्ध संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना दिनांक 30-01-2012 से प्रभावशील है। गत तीन वर्ष में योजनांतर्गत किसी संस्था को लाभांवित नहीं किया गया। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक अध्यापकों को प्रथम क्रमोन्नति
84. ( क्र. 5623 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा हायर सेकण्ड्री उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों को प्रथम क्रमोन्नति देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो दतिया जिले में इसका लाभ क्यों नहीं दिया गया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) दतिया जिले के सहायक अध्यापक को प्रथम क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने के लिए कर्मचारी संगठन तथा जनप्रतिनिधियों से पत्र प्राप्त हुये है? यदि हाँ, तो प्रथम क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि हाँ, तो उन पर अभी तक क्या कार्रवाई हुई और कृत कार्रवाई से संबंधित को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के परिपत्र दिनांक 17.03.1999/19.04.1999, मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 22.07.10 एवं लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्र./स्था.3/एच/मार्गदर्शन/2007/1176-1177, दिनांक 23.04.2007 के अनुसार सहायक अध्यापकों को प्रथम क्रमोन्नति के लिए पदोन्नति हेतु निर्धारित शैक्षणिक, व्यवसायिक योग्यता होने संबंधी कोई शर्त नहीं है। (ख) दतिया जिले की निकायों में कार्यरत सहायक अध्यापकों को क्रमोन्नति देने की कार्रवाई प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ उत्तर अनुसार। क्रमोन्नति की कार्रवाई के संबंध में कर्मचारी संगठन/जनप्रतिनिधियों को जिला शिक्षा अधिकारी दतिया के पत्र दिनांक 23.07.15, 17.02.16 एवं 27.02.16 के द्वारा अवगत कराया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग को प्राप्त वंटन व व्यय
85. ( क्र. 5671 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन नीति अनुसार गरीब एवं अजा/अजजा वर्ग के कृषकों को फलोद्यान एवं औषधीय खेती हेतु उत्प्रेरित करने के लिए प्रतिवर्ष उन्नत पौधे एवं दवाइयां व यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डिजल पंप, पाइपलाइन आदि अनुदान पर अथवा रियायती दर पर प्रदाय किये जाते है? (ख) क्या उपरोक्त सामग्री विभागीय इकाइयों द्वारा निर्मित की जाती है, अथवा निर्माता कम्पनियों से क्रय कर प्रदाय की जाती है? (ग) यदि क्रय की जाती है तो किस स्तर पर कितनी मात्रा में क्रय करने के अधिकार किस स्तर की क्रय समिति को है व क्रय सामग्रियों की दर के निर्धारण व सत्यापन संबंधी क्या मापदण्ड निर्धारित है? (घ) क्रय समिति का कार्यकाल कितने समय का रहता है व उसमें कितने सदस्य शासकीय कर्मचारी व कितने गैर-शासकीय सदस्य रहते है? गैर-शासकीय सदस्य के नामांकन का अधिकार किसे है, व उसकी योग्यता व चयन के क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ड.) धार जिले में वर्ष 2013 से अब तक प्रतिवर्ष उद्यानिकी विभाग को दवाइयों व यंत्र एवं सिंचाई सुविधा के तहत विद्युत/डीजल पंप, पाइपलाइन आदि सामाग्री क्रय हेतु कितना-कितना वंटन प्रदाय किया गया? उद्यानिकी विभाग द्वारा किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से सामग्रियों क्रय की गई है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कृषकों को फलोद्यान एवं औषधीय पौधों की खेती को उत्प्रेरित करने हेतु अनुदान सहायता की योजनाएं संचालित है, इस हेतु उन्नत पौधे, दवाइयां एवं टपक सिंचाई स्प्रिंकलर यंत्र पर अनुदान देय होता है। विद्युत/ डीजल पंप, पाइपलाइन पर अनुदान विभाग द्वारा नहीं दिया जाता है। (ख) विभाग की शासकीय रोपणियों/कृषि विश्व विद्यालय/मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम के माध्यम से उन्नत पौधे कृषकों को प्रदाय किये जाते है। दवाइयाँ एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा यंत्र कंपनियों के अधिकृत विक्रेताओं से क्रय किये जाते है। (ग) योजनाओं के दिशा निर्देशानुसार पौधे विभाग की शासकीय रोपणियों से अथवा शासन द्वारा स्वीकृत दर पर निजी क्षेत्र की टिशू कल्चर लैब से तथा म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम के माध्यम से निविदा दर पर क्रय किये जाते है। यंत्र कंपनियों के अधिकृत विक्रेताओं से क्रय किये जाते है। दवाइयां भी म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम से निविदा दर पर क्रय की जाती है। योजनान्तर्गत क्रय समिति का प्रावधान नहीं है। सत्यापन विभाग के मैदानी अमले द्वारा किया जाता है। (घ) योजनान्तर्गत प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुना जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थ संविदा प्रेरकों को न्याय दिलाने बाबत्
86. ( क्र. 5675 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गुना जिले के स्कूलों में संविदा प्रेरकों की नियुक्ति की है एवं किस दिनांक से? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रेरकों को विभाग समय पर वेतन भत्ते देता है? यदि हो तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण बताये? (ग) क्या विभाग ने प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रेरकों को नियमित करके उन्हें वेतनमान बढ़ाने के लिए कोई योजना बनाई है या बनाकर उन्हें लाभान्वित करेंगे? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर अमल कराने की जिम्मेदारी विभाग की है? क्या इन प्रेरकों को शासन भविष्य में कब तक न्याय दिलायेगा कारण सहित बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) जी नहीं। 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम जिला अंतर्गत नर्सरी के संबंध में
87. ( क्र. 5700 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि रतलाम जिला अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन/विभाग की कितनी नर्सरी होकर किन-किन स्थानों पर कार्यरत है? (ग) साथ ही वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक शासन विभाग को रतलाम जिला अंतर्गत नर्सरी हेतु कितना-कितना बजट प्राप्त होकर क्या-क्या कार्य किये गये? उपरोक्त वर्षों में उपरोक्त कार्यरत नर्सरी में कितना-कितना व्यय हुआ? (घ) नर्सरी पर किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन होकर क्या-क्या कार्य किये गये? कितने निर्माण कार्य हुए तथा कितने कृषक लाभांवित हुए?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में विभाग अंतर्गत 6 नर्सरिया स्थापित की है जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र विकासखण्ड का नाम स्थान का नाम
1 रतलाम डोसीगांव
2 जावरा जावरा
3 आलोट हामपुरा (ताल)
4 पिपलौदा
आम्बा
5 बाजना
रावटी
6 सैलाना भेडली (शिवगढ़)
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नर्सरियों पर योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया जाता है, केवल पौध उत्पादन कार्य किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में नर्सरियों में कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रतलाम जिले में नलकूप एवं जल योजनाएं
88. ( क्र. 5701 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट की स्थितियां अलग-अलग ब्लॉकों में भिन्न-भिन्न प्रकार की होकर ग्रामीण जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले की दो तहसीलें जावरा एवं पिपलौदा सूखाग्रस्त घोषित होकर जल संकट बना हुआ है, साथ ही रतलाम की ग्रामीण तहसीलें भी दूषित एवं लाल जल पीने को मजबूर होकर संकट झेल रही है? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक कितनी बड़ी एवं छोटी पेयजल योजनाएं स्वीकृत होकर जिले में कितने नलकूप खनन किये गये? (घ) कितनी योजनाएं पूर्ण हुई, कितनी अपूर्ण रही तथा कितने नलकूप खनन होकर कितने प्रयोग में आ रहे है? कितने बंद पड़े है वर्षों से बंद पड़े नलकूपों की सामग्रियों के स्टोर में जमा कर क्या किया जाता है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) दोनों तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित हैं परंतु पेयजल संकट नहीं है। जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘1’’ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘2’’ एवं ‘3’’ अनुसार है। बंद पड़े नलकूपों की उपयोगी सामग्री का उपयोग अन्य स्थानों पर किया जाता है एवं अनुपयोगी सामग्री को विभागीय भण्डारागार में जमा कराकर नियमानुसार नीलामी की जाती है।
लोकायुक्त कार्यालय को गलत जानकारी
89. ( क्र. 5752 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक स्था-2/2015/5242, दिनांक 26/09/2015 के बिन्दु 3 में उल्लेख किये गये कर्मचारी सुरेश गर्ग और अशोक मनवारे का 7 करोड़ रूपये और 68 करोड़ 11 लाख रूपये की वित्तीय अनियमितता से क्या संबंध था? इन्होंने कितने बिल बनाये थे और कितनी राशि इनके खातों में गई थी? इन्होंने कितनी राशि का गबन किया? इन्होंने कितने बिलों पर प्रतिहस्ताक्षर किये? (ख) लोकायुक्त कार्यालय को लिखे गये पत्र में उक्त दोनों कर्मचारियों का उल्लेख करने का सुझाव किस अधिकारी कर्मचारी ने दिया? नाम व पद बतावें? (ग) पत्र के बिंदु 5 अनुसार अनधिकृत रूप से स्वयं प्रतिहस्ताक्षर कर करोड़ों रूपये के देयक आयुक्त से छिपाने का दोषी कौन है? (घ) मार्च 2010 में कैशबुक में कूटरचना किन किनके द्वारा की गई? विभाग ने इस मामले में अब तक क्या कार्यवाही की? नहीं तो क्यों? (ड.) जाँच एजेन्सी द्वारा दोषसिद्धि बगैर कैशियर की सेवा समाप्त क्यों की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक स्था 2/2015/5242 दिनांक 26.9.2015 के बिन्दु क्रमांक 3 में उल्लेख किये गये कर्मचारी श्री सुरेश गर्ग एवं श्री अशोक मनवारे का वित्तीय अनियमितता की विभागीय जाँच में कोई संबंध नहीं पाया गया। इनके द्वारा इस संबंध में कोई बिल नहीं बनाये गये और न ही इनके खाते में कोई राशि जमा की गयी थी। इनके द्वारा किसी भी राशि का गबन नहीं किया गया है और न ही इनके द्वारा कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, म.प्र. के बिलों पर प्रति हस्ताक्षर किये गये हैं। (ख) लोकायुक्त के द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी चाहे जाने पर प्रकरण की वस्तुस्थिति से आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास द्वारा अवगत कराया गया है। (ग) अनाधिकृत प्रतिहस्ताक्षर करने विषयक जाँच शासन स्तर एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इकाई, भोपाल द्वारा की जा रही जाँच प्रचलन में है। जाँच निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरांत दोषी का निर्धारण हो सकेगा। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ में दिये गये उत्तर अनुसार आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इकाई, भोपाल द्वारा की जा रही उक्त उल्लेखित जाँच में संबंधित केशबुक की भी जाँच की जा रही है। जाँच निष्कर्ष उपरांत ही कूटरचना प्रमाणित हो सकेगी। (ड.) श्री गोविंद जेठानी, तत्कालीन कैशियर (सहायक ग्रेड-3) के विभागीय जाँच में दोषी पाये जाने के कारण नियमानुसार इनकी सेवाएं समाप्त की गयी हैं।
भर्ती नियम के विपरीत पदोन्नति की जाँच
90. ( क्र. 5753 ) श्री हर्ष यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण में कौन-कौन सहायक सांख्यिकी अधिकारी पदस्थ हैं? इनकी वरिष्ठता सूची किस कार्यालय में संधारित है? इनकी पदोन्नति कौन सा कार्यालय और कौन सा विभाग करता है? (ख) उक्त सहायक सांख्यिकी अधिकारी को निम्न श्रेणी लिपिक/सहायक ग्रेड-3 सं संगणक बनाने के आदेश/पदोन्नति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यह आदेश कब हुआ? (ग) क्या मध्यप्रदेश आदिम जाति कल्याण अधीनस्थ तृतीय श्रेणी अलिपिक वर्गीय सेवा भर्ती नियम 1970 में निम्न श्रेणी लिपिक से संगणक बनाने अथवा पदोन्नति देने के प्रावधान थे? (घ) इस पदोन्नति प्रकरण में पदावनति आदेश और दोबारा पदोन्नति मान्य करने के संबंध में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ड.) बगैर कैबिनेट अनुमति और भर्ती नियम के विपरीत जाकर नियम शिथिल कर पदोन्नति/पदस्थापना मान्य करने के लिये शासन/विभागाध्यक्ष को कब अधिकृत किया गया? आदेश की प्रति दें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) संचालनालय में श्री ओ .पी. कटियार, सहायक सांख्यिकी अधिकारी पदस्थ है। इनकी वरिष्ठता सूची कार्यालय आयुक्त, आदिवासी विकास भोपाल, म.प्र. में संधारित है। इनकी पदोन्नति प्रशासकीय विभाग आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय
91. ( क्र. 5785 ) श्री विष्णु खत्री : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कार्यालय तहसील स्तर पर कहाँ-कहाँ पर संचालित किये जा रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग तहसील बैरसिया में कार्यालय संचालित किये जाने की मंशा रखता है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
बंद अथवा खराब पडे हैंडपंप
92. ( क्र. 5791 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में किस-किस ग्राम में कितने हैंडपंपों है? उक्त में से कितने बंद अथवा खराब है? (ख) क्या वर्षों से बंद अथवा खराब या फेल हैंडपंपों को विभागीय सूची से पृथक नहीं किये जाने से नवीन हैंडपंपों स्वीकृति कार्य बाधित हो रहा है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा फेल अथवा बंद और खराब घोषित किये गये हैंडपंपों के स्थान पर नवीन हैंडपंपों लगाये गये? (घ) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में किन-किन ग्रामों में लगाये गये ग्रामवार, विकासखण्डवार नवीन हैंडपंपों की जानकारी उपलब्ध करायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जल पूर्ति हो सके इस हेतु नवीन हैण्डपंप लगाये गये। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पेय जल संकट समाधान हेतु
93. ( क्र. 5798 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले की सभी तहसीले सूखाग्रस्त घोषित है? सूखे के कारण गंभीर पेय जल संकट के समाधान हेतु विभाग द्वारा क्या योजना तैयार की गई? एवं योजना का स्वरूप क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विभाग द्वारा किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि की योजना बनाई गई? एवं आगामी ग्रीष्म काल को ध्यान में रखते हुये कार्य कब से प्रारंभ किये जायेगें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती।
ग्वालियर जिले में संचालित नल-जल योजना
94. ( क्र. 5812 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर जिले में किन-किन पंचायतों में नल-जल योजनायें संचालित हैं सूची प्रस्तुत करें इनमें से किस-किस पंचायत में नल-जल योजना से ग्रामीण बस्ती को वर्तमान में पेयजल उपलब्ध हो रहा है तथा किस-किस ग्राम पंचायतों में नल-जल योजनायें बन्द हैं। कब तक चालू कर पेय जल उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ख) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री एवं किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य कराये गये हैं या कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक क्या भौतिक एवं वित्तीय स्थिति हैं। अलग-अलग निर्माण कार्य वाईज स्पष्ट करें? (ग) 1 फरवरी 2016 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पी.एच.ई. विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद, कार्य क्षेत्र स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
डीनोटिफाइड वन भूमियों के वन अधिकार पत्र
95. ( क्र. 5813 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव कार्यालय के पत्र क्रमांक 4760/उ.स./मु.स./201 दिनांक 16 जुलाई 2015 के द्वारा प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग को प्रेषित डीनोटिफाइड जमीनों को वन भूमि बताया जाकर वितरित किये गए वन अधिकार पत्र एवं अमान्य किए गए दावों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित की जाकर उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है? (ख) यदि हाँ, तो 16 जुलाई 2015 को किस-किस जिले से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में किस-किस का पत्र प्रमुख सचिव को प्रेषित किया गया? उनमें से किस पत्र को किस दिनांक को किस निर्देश के साथ प्रश्नांकित दिनांक तक कौन-कौन सी जानकारी संकलित कर ली गई है? (ग) राजपत्र में डीनोटिफाइड वन भूमियों को किस कानून को अनुसार वन भूमि किया गया है? किस कानून की किस धारा के अनुसार डीनोटिफाइड भूमियों के मान्य और अमान्य किए जाने का प्रावधान दिया गया है? (घ) दिनांक 16 जुलाई 2015 के पत्र द्वारा संलग्न पत्रों में चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित न किए जाने का क्या कारण है? कब तक जानकारी संकलित कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन निर्माण की स्वीकृति
96. ( क्र. 5822 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत पुराने बस स्टैण्ड स्थित शासकीय कन्या मा.वि. ब्यावरा का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किस वर्ष में किया गया था? क्या उन्नयन के साथ ही हायर सेकण्डरी स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो बतावे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्ष 2007-08 अथवा 2008-09 में उक्त हायर सेकण्डरी स्कूल भवन निर्माण हेतु लगभग 61 लाख रूपये की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति अनुसार भवन निर्माण कार्य करवा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा स्वीकृत राशि का क्या उपयोग किया गया? (ग) क्या शासन हायर सेकण्डरी स्कूल में अध्ययनरत् 1858 छात्राओं के लिये पर्याप्त बैठक की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो बैठक स्थान के अभाव में अध्ययन कार्य बाधित न हो सकें, इस हेतु हायर सेकण्डरी स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शासकीय कन्या माध्यमिक शाला ब्यावरा का उन्नयन वर्ष 1963 में किया गया था। वर्ष 2007-08 में भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। भवन निर्माण की स्वीकृति राशि की उपलब्धता पर निर्भर होता है। (ख) वर्ष 2007-08 में रुपये 61.58 लाख की स्वीकृति दी गई थी। वर्ष 2010 तक भवन निर्माण हेतु निर्धारित क्षेत्रफल की भूमि उपलब्ध न होने के कारण स्वीकृति निरस्त की गई। यह राशि अन्य भवन निर्माण कार्यों में उपयोग की गई। (ग) विद्यार्थियों के मान से पर्याप्त बैठक व्यवस्था न होने से विद्यालय दो पालियों में संचालित किया जा रहा है। अतिरिक्त कक्ष/भवन निर्माण स्वीकृति निर्धारण क्षेत्रफल की भूमि एवं बजट की उपब्धता पर निर्भर करेगा।
दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा अनियमितता
97. ( क्र. 5823 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 06/08/2015 को दुग्ध महासंघ भोपाल के एक जाँच दल द्वारा राजगढ़ जिले की दुग्ध सहकारी समिति चैनपुरा, सिंदूरिया एवं सीलखेड़ा पर 14 केन 560 लीटर दूध मिलावटी तथा शक्कर मिला पाया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त अनियमितता के लिये संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित दुग्ध सहकारी समिति के प्रबंधकों द्वारा निरंगत अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के कारण समितियां घाटे में चल रही है तथा सिन्दूरिया दुग्ध समिति द्वारा वर्ष 2014-15 में लगभग 30 लाख की लागत का घी संघ से क्रय किया जाकर बिना सुपरवाईजर के हस्ताक्षर के और न ही भंडार प्रविष्टि की जाकर सांठ-गांठ से स्थानीय बाजारों में बेज दिया गया? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इस संबंध में उच्च अधिकारियों से जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। दिनांक 06/08/2015 को दुग्ध संघ भोपाल के एक जाँच दल द्वारा राजगढ़ जिले की दुग्ध सहकारी समिति चैनपुरा कला की 14 मिल्क केनों में शक्कर मिला दूध पाया गया था। उक्त अनियमितता के विरूद्ध दुग्ध समिति/दुग्ध शीतकेन्द्र के कर्मचारी एवं प्रबंधक दुग्ध शीत केन्द्र/प्रबंधक क्षेत्र संचालन के विरूद्ध निम्नानुसार कार्यवाही की गईः 1-चैनपुरा कला समिति की दिनांक 28/8/15 से प्रातः पाली अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है। 2- शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ में वर्तमान में दूध तौलने एवं दूध परीक्षण करने वाले कर्मचारियों को हटाया जा चुका है। 3- श्री एम.एस. आर्य प्रबंधक दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ का आदेश क्रमांक 5061 दिनांक 6/10/15 से स्थानांतरण कर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। क्षेत्र में पदस्थ श्री आर.के.सुगंध प्रबंधक क्षेत्र संचालन का आदेश क्रमांक 4915 दिनांक 29/9/15 से स्थानांतरण इंदौर दुग्ध संघ किया गया। (ख) चैनपुरा कला सिंदूरिया एवं सीलखेड़ा के प्रबंधकों, सचिवद्वय द्वारा समिति संचालन में घोर अनियमितता पाई गई। यद्यपि वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में दुग्ध समिति चैनपुरा कलाए सिंदूरिया एवं सीलखेड़ा क्रमशः रू 264506.62,145662.83 एवं 105075.86 के प्रगतिशील लाभ में रही है। सिंदूरिया दुग्ध समिति ने वर्ष 2014-15 में समिति पर्यवेक्षक की बिना अनुशंसा राशि रू 3057000.00 का भी घी क्रय किया गया था, परन्तु समिति द्वारा अभिलेख उपलब्ध न कराने के कारण भंडार पंजी में प्रविष्टि की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी, परन्तु स्थानीय बाजार में घी विक्रय के कोई साक्ष्य नहीं मिले। (ग) एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन को निरंतर प्राप्त हो रही शिकायतों की उच्च अधिकारियों से विस्तृत जाँच करवाई गई एवं क्षेत्र में पदस्थ श्री आर.के.सुगंध प्रबंधक क्षेत्र संचालन को कार्य दायित्व निर्वहन में दोषी पाते हुए आदेश क्र. 14 दिनांक 6/2/16 से निलंबित किया गया है। उक्त समितियों को विगत तीन वर्षों के अभिलेख जाँच हेतु उपलब्ध कराने बाबत् निर्देशित किया गया था। परन्तु समितियों द्वारा वांछित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये। अतः अभिलेखों की जप्ती हेतु उपायुक्त सहकारी संस्थाऐं जिला राजगढ़ को लिखा गया है। अभिलेख प्राप्त होने एवं विस्तृत जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
राष्ट्रीय पुरस्कार/राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पारी पदोन्नति
98. ( क्र. 5837 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ऐसे सेवारत उच्च श्रेणी शिक्षक को जिसने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार/राज्य पुरस्कार योजना के अंतर्गत यथास्थिति राष्ट्रपति/राज्यपाल द्वारा पुरस्कार प्राप्त किया हो, हायर सेकण्डरी स्कूल में व्याख्याता के पद पर पारी बाहर पदोन्नति दिए जाने का शासन ने निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो उक्त निर्णय कब लिया गया एवं आदेश कब प्रसारित किए गए? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कितने उच्च श्रेणी शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार एवं राज्य पुरस्कार प्राप्त हैं? जिलेवार नाम सहित सूची दें? (ग) उक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के पालन में प्रदेश में कितने उच्च श्रेणी शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार/राज्य पुरस्कार योजना के अंतर्गत हायर सेकण्डरी स्कूलों में व्याख्याता के पद पर पारी बाहर पदोन्नति दी गई? नाम पद एवं पदांकन स्थान सहित सूची दें? यदि नहीं, तो क्यों और उक्त योजना का लाभ कब तक दिया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। 14/12/2011 (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पारी बाहर पदोन्नति आदेश पर पुनर्विचार संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्काउट कार्यालय की गतिविधियां
99. ( क्र. 5884 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्काउट कार्यालय की जानकारी निमानुसार प्रस्तुत करें 1. भूमि का स्वामित्व 2. कार्यालय परिसर का नाम 3. निर्मित भवन 4. भवन का उपयोग किस-किस प्रयोजन में हो रहा है? (ख) क्या भवन और परिसर महाराजा शिवाजी राव विद्यालय के नाम की भूमि पर है? यह भी सही है कि भवन और परसिर सामाजिक कार्यों हेतु किराये पर दिया जाता है? (ग) कैलेण्डर वर्ष 2010 से लेकर दिसम्बर 2015 तक का वर्षवार भवन और परिसर से आय और व्यय बतावें? साथ ही 2010 से 2015 तक स्काउट फीस अनुदान व अन्य आय अलग से बतावें। किसी पदाधिकारी पर अग्रिम राशि हो तो बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
हा.सेकण्ड्री विद्यालयों में लाइब्रेरियन की रिक्त पद
100. ( क्र. 5887 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर उज्जैन संभाग में हायर सेकण्डरी विद्यालयों में लाइब्रेरियन के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों पर कब और किस प्रणाली से नियुक्ति की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 60 पद स्वीकृत व 57 पद रिक्त है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्कूल शिक्षा विभाग के मध्यप्रदेश अराजपत्रित तृतीय वर्ग शैक्षणिक सेवा (अमहाविद्यालयेत्तर सेवा) भर्ती तथा पदोन्नति नियम- 1973 के अनुसार लाइब्रेरियन के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से हो सकेगी।
पशु चिकित्सालय एवं सामग्री
101. ( क्र. 5925 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले में पशु चिकित्सालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? नाम बतावें? (ख) विगत 03 वर्षों में पशु चिकित्सालयों हेतु क्या सामग्री क्रय की गई? सामग्री का नाम एवं राशि बतावें? (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सक के द्वारा पशु का उपचार करने का शुल्क लिया जाता है या नहीं बतावें? सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के पशु चिकित्सालय में कार्यरत डॉक्टर का नाम एवं पदस्थापना स्थान बतावें? (घ) शासन द्वार पशुओं के उपचार हेतु नि:शुल्क कौन-कौन सी दवाइयां एवं इन्जेक्शन प्रदाय की जाती है वर्तमान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के पशु चिकित्सालयों में कार्यरत स्टॉफ की जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) पशु चिकित्सक/संस्था प्रभारी द्वारा पशु कल्याण समिति का निर्धारित शुल्क लिया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (घ) पशु चिकित्सा संस्थाओं में उपलब्ध समस्त प्रकार की औषधियां एवं इन्जेक्शन पशुओं के उपचार हेतु नि:शुल्क प्रदाय किये जाते है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार।
आदान सामग्री का क्रय
102. ( क्र. 5935 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उपसंचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जबलपुर द्वारा राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन उद्यानिकी एवं कृषि विकास योजनाओं में आदान सामग्री एवं अन्य सामग्री की खरीदी परिवहन व रख-रखाव पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांक (क) में किन-किन योजनान्तर्गत कितनी राशि की आदान सामग्री एवं अन्य सामग्री क्रय की गई तथा उससे संबंधित कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांक (क) में आदान सामग्री की गुणवत्ता की जाँच हेतु गठित कमेटी के सदस्यों द्वारा गुणवत्ता की जाँच उपरांत कौन-कौन सी आदान सामग्री मानक स्तर की नहीं पाई गई और उसकी जाँच रिपोर्ट किसे भेजी गई और उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांक (क) में किन-किन नर्सरियों को कितनी मात्रा में आदान सामग्री प्रदाय की गई एवं कितने हितग्राही किसानों को किस दर पर कितनी मात्रा में आदान सामग्री का विक्रय व नि:शुल्क वितरण किया गया? इसकी जाँच कब, किसने की है? वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा अंतर्गत प्रश्नांक (क) में उल्लेखित योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला स्तर पर जाँच कमेटी गठित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई योजनाओं के अतंर्गत क्रय की गई सामग्री नर्सरियों को प्रदाय नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पाटन विधानसभा अतंर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं से लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. योजनाओं के नाम वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16
लाभांवित हितग्राही संख्या लाभांवित हितग्राही संख्या
(प्रश्न दिनांक तक)
1 राज्य पोषित योजनाएं 7453 3739
2 केन्द्र प्रवर्तित योजनाए 48 27
योग 7501 3766
शासकीय हाई स्कूल जोरौट एवं अन्य विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त
103. ( क्र. 5973 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के शासकीय हाईस्कूल जोरौट तहसील नईगढ़ी एवं शासकीय हाई स्कूल चौखंडी तहसील जवा एवं अन्य ऐसी कितनी जिले में हाईस्कूल हायर सेकण्ड्री एवं माध्यमिक शालायें हैं जिनकी भूमि में अवैध तरीके से अतिक्रमण कर रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त शालाओं के अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग व संस्था द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्राप्त जानकारी में अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध थाना अथवा तहसील में प्रशासन स्तर से क्या कार्यवाही कब की गई है। क्या उक्त अतिक्रमण हटाने हेतु टी.एल. की बैठक दिनांक 17/02/2016 में रखे गये हैं। (घ) प्रश्नांश 'क' 'ख' 'ग' के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर जिला कलेक्टर/संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारियों के द्वारा किन-किन का अतिक्रमण हटाया गया तथा जिन शालाओं के अतिक्रमण नहीं हटाये गये उसके क्या कारण है? अतिक्रमण न हटाने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संबंधितों के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। टी.एल. बैठक का आयोजन प्रश्नांश ‘ग‘ में वर्णित दिनांक को नहीं रखा गया है। (घ) जानकारी उत्तरांश ‘ग‘ अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल
104. ( क्र. 6018 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत नवीन शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल प्रारंभ करने/उन्नयन करने हेतु ज्ञाप क्रमांक योजना/द्वारा मापदंड निर्धारित किये गये है? इसके अलावा अन्य कोई मापदंड संबंधी परिपत्र प्रचलन में नहीं हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त ज्ञाप में केवल ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन/उन्नयन हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिये मापदंड निर्धारित हैं? (ग) यदि हाँ, तो राज्य शासन किस नीति के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में, बालक एवं कन्या तथा को-एजुकेशन वाली शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल प्रारंभ करने का/उन्नयन करने का निर्णय लेता हैं? नीति संबंधी प्रति उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ज्ञाप दिनांक 25.8.2006 के बाद प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितनी और कहाँ-कहाँ, किस-किस जिले में कौन-कौन सी शासकीय कन्या हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलें प्रारंभ की गयी? जिलेवार, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र समेत कन्या शालाओं की नामवार सूची देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। राज्य बजट से उन्नयन हेतु म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 25.08.2006 को परिपत्र क्र. एफ-44-12/20-02/2006 जारी किया गया है। जी हाँ अन्य कोई परिपत्र प्रचलन में नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) शहरी क्षेत्र में शालाओं का उन्नयन क्षेत्र की आवश्यकता एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गाडरवारा में संचालित स्कूल
105. ( क्र. 6044 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हाईसेकण्डरी स्कूल वर्तमान में संचालित है? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार उक्त स्कूलों में किस-किस श्रेणी के कितने शिक्षक/कर्मचारी के पद स्वीकृत है व कितने कार्यरत है एवं कौन-कौन से पद रिक्त है? पदनाम सहित पूर्ण जानकारी दें? (ग) रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) रिक्त पदों पर पदस्थापना सीधी भरती/पदोन्नति से की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति में काउन्सलिंग
106. ( क्र. 6069 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग में पदोन्नति हेतु क्या प्रावधान हैं? क्या पदोन्नति स्वैच्छिक काउन्सलिंग के माध्यम से किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में की गई काउन्सलिंग की जानकारी देवें। (ख) विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन से पद पदोन्नति द्वारा भरे गये हैं कृपया विषयवार, संस्थावार विवरण देवें? पदपूर्ति हेतु रिक्त पदों की सूची सार्वजनिक की गई थी? यदि हाँ, तो तद्संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित सूची उपलब्ध करावें? (ग) उज्जैन संभाग में विसंगतिपूर्ण पदोन्नति (रिक्त पदों की सूची सार्वजनिक न किए जाने के संबंध में) कितनी शिकायतें विगत 02 वर्षों में प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आगर जिला अंतर्गत प्राप्त शिकायतों व उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें? क्या प्रतिनियुक्ति समाप्ति उपरांत भी पदांकन काउन्सलिंग के माध्यम से किया जाता है? यदि हाँ, तो तद्संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2008 की अनुसूची-चार के अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) आगर जिलान्तर्गत सहायक अध्यापक से अध्यापक (विषयवार) एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक (विषयवार) पदोन्नति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ। अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक के पदोन्नति रिक्त पदों की सार्वजनिक की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत नवीन नियुक्ति के फलस्वरुप मुक्त हुये कर्मचारियों की पदस्थापना के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार।
छात्रावासों/आश्रम शालाओं में व्यवस्था
107. ( क्र. 6070 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में अधीक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति, स्थानांतरण व प्रभार के क्या नियम है? कृपया आदेशों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) आगर जिले में संचालित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में कार्यरत अधीक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। उक्त सभी वर्तमान पद पर कब से पदस्थ हैं? (ग) लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधी कोई प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो जिला आगर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में लिए गए स्थानांतरण की जानकारी देवें? (घ) विभाग के छात्रावासों में विषय कोचिंग एवं कम्प्यूटर कोचिंग हेतु शिक्षकों को रखे जाने के क्या प्रावधान है? निर्देशों की प्रति देवें? कोचिंग संचालन की मॉनिटरिंग किस प्रकार की जाती है? विगत 02 वर्षों में कोचिंग संचालन हेतु रखे शिक्षकों की सूची व भुगतान की जानकारी विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग के ज्ञाप. दिनांक 16/03/2015 द्वारा आदिवासी मद से संचालित छात्रावास/आश्रमों में अधीक्षक को तीन वर्ष पश्चात् स्थानांतरण किये जाने के निर्देश हैं। ज्ञाप. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आगर जिले में छात्रावास/आश्रम आदिवासी विभाग मद से संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में पीने का पानी पहुँचाना
108. ( क्र. 6094 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में पीने के पानी की सुविधाओं के लिए किस-किस ग्राम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पानी की टंकियों के निर्माण, सिंटेक्स की टंकियां एवं पानी की पाइपलाइन घर-घर बिछाकर नल कनेक्शन दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सभी ग्रामों में उक्त सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु कौन-कौन से निर्माण कार्य किये जाने है? ग्रामवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित स्थानों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया और उनके पदनाम सहित जानकारी दें? साथ ही (ख) के संदर्भ में की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से प्रश्न दिनांक तक अवगत करायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1’’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘2’’ अनुसार है। की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1’’ अनुसार है।
शा. विद्यालयों में समय पर छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं गणवेश राशि का विवरण
109. ( क्र. 6095 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं गणवेश की राशि समय पर वितरित नहीं किये जाने के संबंध में विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी शिकायत किस-किस के द्वारा कब-कब प्राप्त हुई? क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी शासन स्तर पर कोई पत्र प्राप्त हुआ है? हां, तो सभी शिकायती पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में कितने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं गणवेश की राशि प्राप्त नहीं हुई? (ग) उक्त कार्यवाही समय पर पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण है और इनमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? उनके पदनाम सहित जानकारी दे? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं में अध्ययनरत सभी पात्र छात्र-छात्राओं को वर्ष 2014-15 से 2015-16 प्रश्न दिनांक तक साइकिल वितरण से लाभावित किया जा चुका है यदि नहीं, तो कारण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छात्रवृत्ति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। गणवेश के संबंध में सीएम हेल्पलाइन में 03 शिकायतें दर्ज की गई थी, जिनका निराकरण कर दिया गया है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) छात्रवृत्ति के संबंध में जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। सर्वशिक्षा अभियान मद में प्राप्त होने वाली राशि से समस्त बालिकाओं एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे के बालकों को तथा गरीबी रेखा से ऊपर एवं सामान्य वर्ग के बालकों को राज्य योजना मद की राशि से शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से बच्चों को एकाउंट पेयी चैक द्वारा गणवेश की राशि प्रदान की जा चुकी है। (ग) समेकित छात्रवृत्ति योजनांतर्गत 8 विभागों की लगभग 30 प्रकार की छात्रवृत्तियों की ऑनलाइन स्वीकृति एवं भुगतान का कार्य किया जाता हैं, जो अत्यंत वृहद स्वरूप का कार्य है। गरीबी रेखा के उपर एवं सामान्य वर्ग के बालकों को राज्य योजना मद की राशि प्राप्त होने पर वितरित की गई। अतः कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के परिवारों के संबंध
110. ( क्र. 6120 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम घुमक्कड-अर्द्धघुमक्कड़ जाति बाहुल्य है? उक्त ग्रामों में किस-किस मद में कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि सन् 2012 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में आवंटित की गई? (ख) क्या घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जाति के लोगों को शासन द्वारा आवास उपलब्ध कराने की योजना है? यदि हाँ, तो नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किस-किस ग्राम में सन् 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवास उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) व (ख) की उपलब्ध जानकारी शासन की योजनाओं का लाभ सन् 2012 से प्रश्न दिनांक तक क्या किसी एक ही ग्राम में अधिक दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों? अन्य ग्रामों में क्यों नहीं?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में विमुक्त घुमक्कड एवं अर्द्धघुमक्कड जाति के बाहुल्य ग्राम पंचायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर एवं योजना से संबंधित जानकारी की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपलब्ध कराये गये आवासों की संख्या निरंक है। (ग) जी नहीं। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 04 ग्रामों में योजना का लाभ दिया गया है। इसी प्रकार नरसिहंपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या निरंक है।
संविदा हैण्डपम्प मैकेनिकों की नीति
111. ( क्र. 6121 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन भविष्य में संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों को नियमित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जिन संविदा कर्मचारियों को 5 वर्ष से अधिक हो गये हैं, उनका भविष्य क्या होगा? यदि संविदा समाप्त नहीं करते हैं, तो उनको नियमित क्यों नहीं कर दिया जाता? (ख) क्या शासन ने सन् 2010 में संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों के 1286 रिक्त पदों के विरूद्ध 1000 संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों की भर्ती की गई थी? जिसकी संविदा अवधि 2010 से प्रत्येक वर्ष बढ़ा दी गई है? (ग) क्या शासन संविदा हैण्डपंप मैकेनिकों की सेवाओं का कोई लाभ उनको देगी? यदि नहीं, तो क्यों और देगी तो क्या?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। संविदा शर्तों में नियमितीकरण का कोई उल्लेख नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संविदा शर्तों के अधीन संविदा अवधि प्रति वर्ष बढ़ाई जाती है। (ग) जी हाँ। संविदा अनुबंध के अनुसार लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण एवं आदिवासी विकास परि. अंतर्गत स्वीकृत बजट
112. ( क्र. 6137 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में आदिम जाति कल्याण एवं आदिवासी विकास परियोजना अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि (बजट) स्वीकृत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस ग्राम में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये है? विधानसभा क्षेत्रवार बताएं? (ग) स्वीकृत कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (घ) विभाग द्वारा स्वीकृत कार्यों को कब तक पूरा निर्माण कार्य करा लिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत विवरण निम्नानुसार है-
(राशि रू. लाख में)
क्र |
मद |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
1 |
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
84.40 |
51.04 |
निरंक |
2 |
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजीगत मद) |
26.15 |
11.05 |
निरंक |
3 |
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
107.38 |
59.04 |
निरंक |
4 |
परियोजना क्षेत्र के बाहर निवासरत बिखरे हुए आदिवासियों हेतु आवंटन |
65.40 |
51.98 |
निरंक |
5 |
विद्युतीकरण योजना |
102.53 |
118.00 |
100.00 |
(ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान अंतर्गत देयक सुविधायें
113. ( क्र. 6162 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25.02.2015 के बिंदु क्रमांक 50 स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान अंतर्गत हमने प्रदेश के समस्त विद्यालयों में शौचालय निर्माण का संकल्प लिया है वर्तमान की शालाओं में 25 हजार 817 शौचालयों के निर्माण तथा 23 हजार 359 अक्रियाशील शौचालयों की मरम्मत तथा पुनरूद्धार कार्य की आवश्यकता है जिस पर 552 करोड़ रू. का व्यय भार संभावित है? इन कार्यों हेतु राज्य बजट के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्वच्छता कोष, विधायक तथा सांसद निधि एवं कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत औद्योगिक प्रतिष्ठानों से राशि प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त (क) के प्रकाश में कितनी राशि वर्ष 2015-16 में से मुरैना जिले को दी जाकर जिले की किन-किन विधानसभाओं को राशि दी जाकर निर्माण कार्य किये गये? (ग) विधानसभा 07 दिमनी जिला मुरैना को प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से कहाँ-कहाँ शौचालयों का निर्माण एवं मरम्मत आदि कार्य कराये गये? की जानकारी लागत राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी एवं कार्य निर्माण की पूर्णावधि आदि सहित जानकारी दी जावें? (घ) क्या (ग) में उल्लेखित सभी निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें व कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्यमंत्री स्वच्छता कोष, कॉर्पोरेट सोशल, के तहत औद्योगिक प्रतिष्ठानों से कितनी-कितनी राशि जिला मुरैना को दी जाकर उसमें से कितनी-कितनी जिले की विधानसभाओं में दी गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 में मुरैना जिले को राशि रू. 719.67 लाख दिये गये। उपरोक्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी अम्बाह के शासकीय, प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में शौचालयों की निर्माण हेतु राशि दी जाकर निर्माण कार्य कराये गये। हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों के शौचालय निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से 75.81 लाख एवं राज्य बजट से राशि रू. 131.1 लाख प्राप्त हुई थी। विधानसभा सभावार दी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में 66 शौचालयों का निर्माण कार्य कराया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी, हाँ। शेषांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ङ) जिला मुरैना को मुख्यमंत्री स्वच्छता कोष, कॉर्पोरेट सोशल के तहत् औद्योगिक प्रतिष्ठानों से शौचालय निर्माण हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। मुरैना जिले में पब्लिक सेक्टर युनिट एम.एस.टी.सी. (मेटल स्क्रैप ट्रेड कारपोरेशन लिमिटेड) द्वारा जिले को राशि न दी जाकर स्वयं शौचालय निर्मित किए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्य कल्याण वर्ग को देयक सुविधायें
114. ( क्र. 6163 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25.02.2015 के बिंदु क्रमांक 94 एवं 95 प्रदेश के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक हितग्राहियों के लिये भी प्री-मैट्रिक तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से इस वर्ग के उत्थान के कार्य किया जा रहे है? पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्य कल्याण हेतु वर्ष 2015-16 में रू. 950 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो वर्ष 2014-15 के बजट प्रावधान से रू. 121 करोड़ अधिक है? का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो जिला मुरैना में प्री-मैट्रिक तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रावास व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में क्या-क्या कार्य किये जाकर कितने लोगों को लाभ दिया गया?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला मुरैना में पिछड़ा वर्ग के दो पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास संचालित हैं, जिसमें बालक छात्रावास में कुल 17 छात्र एवं कन्या छात्रावास में 07 छात्राएं निवासरत हैं। मुख्यमंत्री स्वरोगार योजना अंतर्गत 20 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है।
एकीकृत आदिवासी विकास, परियोजनाओं को राशि का आवंटन
115. ( क्र. 6218 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु कितने एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाएं तथा परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन किया गया है? (ख) क्या अब उक्त परियोजनाओं का औचित्य नहीं रह गया है तथा शासन इन्हें बंद कर रही है? (ग) यदि नहीं, तो जिला शहडोल के एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं में विगत दो वर्षों से राशि आवंटित न करने के क्या कारण हैं? (घ) लापरवाही बरतने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताएं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रदेश में 31 एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनायें तथा 23 परियोजनाओं में परियोजना सलाहकार मण्डल के अध्यक्षों के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके हैं। शेष 08 परियोजना में परियोजना सलाहकार मण्डल के अध्यक्षों की नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) से (घ) जी नहीं। प्रश्नांश अंतर्गत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोहरी में कूनो नदी से प्रस्तावित जल आवर्धन योजना
116. ( क्र. 6225 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी क्षेत्र में कूनो नदी से पेयजल आपूर्ति हेतु जल आवर्धन योजना कब प्रस्तावित की गई? उक्त जल आवर्धन योजना को प्रदेश स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृति कब प्रदान की गयी योजना की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित जल आवर्धन योजना को पूर्ण किए जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गयी है? उक्त योजना को धरातल पर आने में कितना समय लगेगा बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 2014-15 में। तकनीकी परीक्षण करने पर स्रोत में आवश्यक जल की मात्रा न होने के कारण योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन नहीं बनाया गया। (ख) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.एग्रो. रतलाम मंदसौर में भारी भ्रष्टाचार
117. ( क्र. 6236 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछले चार वर्षों में एम.पी. एग्रो इण्ड डेव. कारपोरेशन लि. रतलाम और मंदसौर द्वारा कृषि विभाग के आर्डर पर कितनी मात्रा में पाइप ड्रीप एवम स्प्रिंकलर खरीदा गया वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त सामग्री के मूल्य देवें तथा बतावे कि प्राप्त सामग्री कृषि विभाग को कब भेजा गया? (ग) वर्ष 2015 में कृषि विभाग में घोटाले की जाँच के दौरान रतलाम के कृषि उपसंचालक पी. के. जैन के कार्यकाल अवधि में एम. पी. एग्रो रतलाम के किन-किन दस्तावेज की जाँच की गई, उसकी सूची देवे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों के पिछले चार वर्ष के ऑडिट में पाई गई आर्थिक अनियमिता की सूची प्रस्तुत करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जाँच में समस्त दस्तावेजों की सूची नहीं बनाई जाने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर शैक्षणिक कार्य हेतु मुक्त करना
118. ( क्र. 6268 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, डी.पी.सी. कार्यालय, सभी विकासखण्डों के बी.आर.सी.सी. कार्यालय में कितने शैक्षणिक कार्य करने वाले शिक्षकों को संलग्नीकरण कर उनसे कार्य कराया जा रहा है? उनका पदवार/कार्यालयवार विवरण देवे? (ख) क्या आयुक्त शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा सभी शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर उन्हें शैक्षणिक कार्य हेतु मूल पदस्थापना की स्कूलों में जाने का आदेश/निर्देश किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये तथा कब तक सभी संलग्नीकृत शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया जायेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क)
जानकारी
निरंक है। (ख) जी
हाँ, संलग्न परिशिष्ट
अनुसार।
प्रश्नांश 'क' के
उत्तर के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट - ''पैंतालीस''
पन्ना में विभाग के निर्माण कार्य
119. ( क्र. 6303 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पन्ना में वर्ष 2012-2013, 2013-2014 एवं 2014-2015 में कितने शाला भवन, अतिरिक्त कक्ष, किचन शेड, बाउन्ड्री स्वीकृत हुए है? (ख) इनमें से कितने निर्माण कितने स्थानों पर अपूर्ण है? यह कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) क्या शासन के मापदण्डों के विपरीत निर्माण स्थलों की स्वीकृति प्रदान करने की जाँच की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (घ) उपरोक्त कार्य गुणवत्ताहीन एवं निर्धारित अवधि में पूर्ण न होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा, समय-सीमा बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में शासकीय हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र पन्ना में प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के लिए वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में स्वीकृत शाला भवन, अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवाल स्वीकृति की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
वर्ष |
भवन |
अतिरिक्त कक्ष |
बाउण्ड्रीवॉल |
योग |
1 |
2012-13 |
19 |
53 |
0 |
72 |
2 |
2013-14 |
0 |
0 |
0 |
0 |
3 |
2014-15 |
27 |
0 |
0 |
27 |
|
|
46 |
53 |
0 |
99 |
किचन शेड निर्माण की स्वीकृति शिक्षा विभाग द्वारा नहीं दी जाती हैं। (ख) शासकीय हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। अपूर्ण कार्यों का निर्माण प्रगति पर है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय के 32 कार्य अपूर्ण है। जिनको वर्ष 2016-17 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत् राशि प्राप्त होने के पश्चात् पूर्ण कराये जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ में वर्णित शासकीय हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों से संबंधित निर्माण की स्वीकृति शासन मापदण्डों के अनुरुप भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है तथा निर्माण एजेन्सी जिला कलेक्टर द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को निर्धारित किया गया है। जिले के द्वारा शासन के मापदंडों के आधार पर जिला निर्माण समिति के अनुमोदन उपंरात कार्य कराया जाता है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता। (घ) गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य संबंधी कोई प्रकरण नहीं है। अत: प्रशंनाश उपस्थित नहीं होता।
भ्रष्ट प्रवृत्ति के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
120. ( क्र. 6321 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वाराविभागीय जाँच प्रकरणों का निपटारा एक वर्ष की निर्धारित समयावधि में किये जाने एवं लंबित जांचों की छ:माही समीक्षा करने के निर्देश जारी किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्ति पर राज्य प्रशासनिक सेवा के 1- श्री एस.यु.सैय्यद 2. श्री डॉ. एस.एम.एच. जैदी पशुपालन विभाग ओर 3 श्री दाउद अहमद तिलहन संघ से हैं जो कि अल्पसंख्यक कल्याण के अतिरिक्त प्रदेश हज कमेटी का भी कार्य कर रहे है के विरूद्ध इनके मूल विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में किस-किस मामले की जाँच कब-कब संस्थित की जाकर कब-कब निराकृत की गई और जांचों का अंतिम निर्णय क्या रहा तथा उक्त अधिकारियों के विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन सी जांचे कब-कब से प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देश के बावजूद उक्त अधिकारियों की जांचे किन-किन कारणों से निराकृत नहीं हो सकी तथा इन जांचों की समीक्षा किस-किसके द्वारा कब-कब की गई नाम पद तथा वर्तमान पदस्थापना सहित बतावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ‘’ख’’ में उल्लेखित अधिकारियों के विरूद्ध प्रचलित जांचों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजनैतिक दबाव के चलते शासकीय संसाधनों का अपव्यय
121. ( क्र. 6322 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1995 की धारा 4 (3) (च) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य शासन एतद् द्वारा डा. गुलाब सिंह सदस्य राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने के आदेश दिनांक 16 जुलाई 2015 को जारी किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से और क्या सदस्यता समाप्त होने के बावजूद आज भी आयोग/शासन के वाहन एवं स्टाफ का उपयोग कर रहे है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर नियम विरूद्ध शासन के संसाधनों का उपयोग करने को लेकर राशि वसूल कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस अधीक्षक, जिला ग्वालियर के प्रतिवेदन के आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य डॉ. गुलाब सिंह किरार के विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज होने से म.प्र. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1995 की धारा 4 (3) (च) के प्रावधान के तहत् इनकी सदस्यता समाप्त की गई है। सदस्यता समाप्ति के पश्चात् दिनांक 19/11/2015 तक उनके द्वारा शासकीय सुविधाओं का लाभ लिया गया है। (ग) जी, हाँ दिनांक 17 जुलाई, 2015 से दिनांक 19/11/2015 तक प्रदत्त सुविधाओं की वसूली हेतु विभाग द्वारा दिनांक 19/11/2015 को निर्देश जारी किये गये हैं। (घ) मान. उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 20279/2015 के निर्देशानुसार वसूली की कार्यवाही स्थगित की गई है। न्यायालय के निर्णय उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति
122. ( क्र. 6337 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) की पदोन्नति नीति की भॉति नगरीय क्षेत्रों के विद्यालयों में भी पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/ सहायक अध्यापक) की पदोन्नति नीति लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में राजगढ़ जिले में तथा नगरीय क्षेत्रों के विद्यालयों हेतु कितने-कितने, किस-किस संवर्ग एवं विषय के पद कब-कब पदोन्नति हेतु स्वीकृत किये गये हैं? (ग) उक्त स्वीकृत पदों में से नगरीय क्षेत्रों के विद्यालयों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) के कितने अध्यापकों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है? (घ) क्या शासन द्वारा राजगढ़ जिले के नगरीय क्षेत्रों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) की पदोन्नति हेतु ग्रामीण क्षेत्र की भॉति पदोन्नति हेतु पद स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कितने और किस वर्ग के तथा कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अध्यापक संवर्ग ग्रामीण एवं नगरीय निकाय स्थानीय निकाय के अधीनस्थ एवं नियंत्रण में है और दोनों निकायों के भरती तथा पदोन्नति नियम एक समान लागू है। (ख) ग्रामीण एवं नगरीय निकाय में पदोन्नति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (घ) अध्यापक संवर्ग के अंतर्गत ग्रामीण या नगरीय निकायों में स्वीकृत पदों में से 50 प्रतिशत पद सीधी भरती एवं 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का नियम में प्रावधान है। पदोन्नति के लिए पद पृथक से स्वीकृत करने का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति
123. ( क्र. 6379 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजना कब से लागू है? किन-किन ग्रामों में योजनायें चालू है और किन-किन ग्रामों में वर्तमान में बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन ग्रामों में योजनाएं, किन-किन कारणों से, कब-कब से बंद है, चालू नहीं है? इसके निराकरण के लिये विभागीय स्तर पर क्या प्रयास किये गये? (ग) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कितने हैण्डपंप, किन-किन कारणों से बंद पड़े है? क्या इनमें सुधार के प्रयास विभाग द्वारा किये गये? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्य बतायें? (घ) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र के कौन-कौन ग्रामों में आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट संभावित है? क्या इसके लिये विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्य योजना बनाई गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसे कब तक तैयार कर, कब से लागू किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कोई योजना बंद नहीं है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) ग्रीष्मकाल में पेयजल संबंधी किसी भी संकट से निपटने हेतु तैयार की गई कार्य योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कार्ययोजना लागू की जा रही है।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की अधीनस्थ कंपनी के श्रमिकों का वेतन
124. ( क्र. 6399 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में संचालित सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगालिया में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम एन.टी. कंस्ट्रक्शन बिरसिंगपुर द्वारा किस दिनांक से किया जा रहा है? इसके अंतर्गत कितने कुशल एवं अकुशल तथा अर्द्धकुशल श्रमिक कार्यरत हैं? नवीन गाइड लाइन अनुसार कुशल, अकुशल व अर्द्धकुशल श्रमिक को कितना वेतन दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी के द्वारा उसके अधीन कार्यरत अनुसार कुशल, अकुशल व अर्द्धकुशल श्रमिकों को कितना वेतन दिया जा रहा है? इनके पी.एफ. की राशि कितनी काटी जा रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी द्वारा अधीनस्थ श्रमिकों को प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम एन.टी. कंस्ट्रक्शन बिरसिंगपुर द्वारा दिनांक 17.11.2015 से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1 कुशल, 18 अर्द्धकुशल एवं 1 अकुशल श्रमिक कार्यरत है। न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कुशल, अकुशल व अर्द्धकुशल श्रमिकों के लिये दिनांक 01.10.2015 से निम्नानुसार वेतन निर्धारित हैः-
श्रमिक श्रेणी |
निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर |
|
|
प्रतिमाह |
प्रतिदिन |
कुशल |
रू. 8810/- |
रू. 339/- |
अर्द्धकुशल |
रू. 7432/- |
रू. 286/- |
अकुशल |
रू. 6575/- |
रू. 253/- |
(ख) कंपनी द्वारा नियोजित 1 कुशल, 18 अर्द्धकुशल एवं 1 अकुशल श्रमिक को निम्नानुसार दर से वेतन दिया जा रहा हैः-
श्रमिक श्रेणी |
श्रमिक संख्या |
कंपनी द्वारा देय वेतन |
कुशल |
1 |
286/- प्रतिदिन |
|
1 |
7100/- प्रतिदिन |
1 |
6300/- प्रतिदिन |
|
1 |
6394/- प्रतिदिन |
|
1 |
286/- प्रतिदिन |
|
1 |
210/- प्रतिदिन |
|
7 |
220/- प्रतिदिन |
|
6 |
230/- प्रतिदिन |
|
अकुशल |
1 |
5400/- प्रतिदिन |
इनके वेतन से पी.एफ. की राशि काटी जा रही है। (ग) जी हाँ।
ग्रामों के विद्युतीकरण
125. ( क्र. 6413 ) पं. रमेश दुबे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत किन-किन ग्रामों के विद्युतीकरण के प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु सहायक आयुक्त आदिवास विकास, आदिवासी परियोजना सौंसर व तामिया को कब-कब कितनी-कितनी राशि के भेजे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विकासखण्ड विछुआ के ग्राम नाहरझिर, गुम्बज खमरिया, गुमतरा, खैरांजी, किसनपुर, कान्हासागर, सिलोटाकला इत्यादि ग्रामों में विद्युतीकरण, विद्युत विस्तार एवं पंप उर्जीकरण के प्राक्कलन विद्युत विभाग के द्वारा आदिवासी परियोजना सौंसर व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा को प्रेषित किये गये है? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों के किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि का प्राक्कलन प्रेषित किये गये है? (घ) उक्त कार्यों हेतु पर्याप्त आवंटन होने के पश्चात् भी अभी तक कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं करने के क्या कारण है? क्या शासन उक्त कार्यों की शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ करवाने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार राशि रुपये 12,26,26,059/- के प्राक्कलन प्राप्त हुये। आदिवासी विकास परियोजना सौंसर एवं तामिया को कोई प्राक्कलन प्राप्त नहीं हुये। (ख) तथा (ग) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में से ग्राम गम्बज खमरिया, कान्हासागर एवं सिलोटाकला के पंप उर्जीकरण के कार्य व ग्राम गुमतरा का भूमका टोला एवं किसनपुर के नहर टोला के विद्युतीकरण के कार्यों के कार्य आदेश द्वारा जारी किये जा चुके है। शेष ग्रामों के कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अलीराजपुर जिले के विद्यालयों में खेल सामग्री
126. ( क्र. 6425 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में खेल सामग्री भेजी गई है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि कौन-कौन सी? स्कूलवार सामग्रीवार सूची प्रदान करें? (ग) जिले में कितने शासकीय विद्यालयों में खेल के मैदान बने हुए हैं? (घ) यदि सभी विद्यालयों में मैदान नहीं है तो वहां पर खेल सामग्री भेजने का क्या औचित्य है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उपरोक्त 'क' अनुसार। (ग) अलीराजपुर जिले में 31 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 45 हाईस्कूल, 362 माध्यमिक विद्यालय एवं 1936 प्राथमिक विद्यालय संचालित है जिनमें सामान्य खेलकूद के लिये जगह है। मानक स्तर के पृथक से खेल मैदान नहीं बनाये गये हैं। (घ) उपरोक्त प्रश्नांक 'क' अनुसार।
शासकीय प्रा.वि. एवं मा.वि. के संचालन हेतु भवन
127. ( क्र. 6436 ) श्री राजकुमार मेव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कितने शा.प्रा.वि., मा.वि. संचालित किये जा रहे हैं, कितने प्रा.वि., मा.वि. के भवन बने हैं, कितने भवन नहीं बने हैं? कितने मा.वि., प्रा.वि. के भवनों में संचालित की जा रही है? विकासखण्डवार जानकारी दी जावे? इसके लिए क्या कार्यवाही की गई? (ख) खरगोन जिले में कितने प्रा.वि. भवनों, कितने मा.वि. भवनों एवं कितनी शालाओं में अतिरिक्त कक्ष एवं शाला भवनों की बाउन्ड्रीवॉल बनाने के प्रस्ताव भेजे गये? विकासखण्डवार बताया जावे? क्या प्रस्ताव वर्ष 2016-17 के बजट में सम्मिलित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से हैं? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगौन जिले में 2532 प्राथमिक एवं 814 माध्यमिक विद्यालय संचालित किये जा रहे है, 64 भवनविहीन है। 26 माध्यमिक विद्यालय प्राथमिक विद्यालय के भवन में संचालित की जा रही है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भवनविहीन शालाओं के लिए भवन निर्माण वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2016-17 में प्रस्तावित की गई है। (ख) खरगौन जिले में 12 प्राथमिक एवं 16 माध्यमिक विद्यालय में भवन एवं 200 अतिरिक्त कक्ष तथा 1474 शालाओं में बाउन्ड्रीवॉल बनाने का प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में सम्मिलित किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
आरक्षण रोस्टर के पालन
128. ( क्र. 6470 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक आयुक्त आदिवासी धार दिनांक 01.01.2012 से 31.12.15 तक शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों में सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक, सहायक अध्यापक से अध्यापक, अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक एवं लिपिकीय वर्ग के पद पर कब-कब प्रमोशन किए गए? पदवार, विषयवार जानकारी देवें। (ख) उक्त पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर के पालन की प्रक्रिया का विवरण सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर सहित देवें। (ग) क्या (ख) अनुसार रोस्टर का पालन नहीं किया गया एवं सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं पाये गये तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक पद पर पदोन्नति दिनांक 23-03-2013, 16-08-2013, 22-09-2014 एवं 26-05-2015 द्वारा सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर पदोन्नति दिनांक 13-09-2013, 16-04-2015 एवं 06-06-2015 द्वारा अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति दिनांक 20-09-2013, 16-04-2015 एवं 06-06-2016 की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एवं विषयवार पदोन्नति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में लिपिक वर्ग की पदोन्नति नहीं की गई। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित पदोन्नतियों के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार जिले में विद्युत पंपों के ऊर्जीकरण
129. ( क्र. 6474 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के कितने कृषकों के विद्युत पंपों के ऊर्जीकरण के लिए दिनांक 01.01.13 से 31.12.15 तक कितनी राशि आवंटित की गई? माहवार, कृषक संख्या, राशि सहित वि.स. वार जानकारी देवें? (ख) इसके लिए कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए, कितने निरस्त हुए, कितने लंबित है? (ग) जो प्रस्ताव लंबित हैं उनका कार्य कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' 'अ' एवं 'दो' 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश अंतर्गत जनजाति के 4587 अनुसूचित जाति के 441 इस प्रकार कुल 5028 कृषकों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। कोई भी प्रस्ताव निरस्त्ा नहीं हुये हैं। 337 अनुसूचित जाति के तथा 2590 जनजाति के प्रस्ताव लंबित है। वित्तीय संसाधन की सीमा में कार्य कराने के कारण समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्य
130. ( क्र. 6502 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्य नहीं कराये जाने के निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे? (ख) मध्यप्रदेश में आदिवासी विकासखण्ड की संख्या क्या है? मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विकासखंड अधिकारी की अलग भूमिका क्या है? क्या 60 विकासखण्ड अधिकारी के पद समाप्त कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो विकासखंड अधिकारियों के पद समाप्त करने का कारण क्या है? (ग) क्या विकासखण्ड अनूपपुर में प्रधानाध्यापक को विकासखण्ड अधिकारी का प्रभार सौंपा गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में आदिवासी विकासखण्ड की संख्या 89 है। अतिरिक्त विकास सहायक आयुक्त/पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पदों के सृजन के पूर्व जो भूमिका विकासखण्ड अधिकारी की थी वहीं वर्तमान में अतिरिक्त विकास सहायक आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की है। जी हाँ। शासन दिनांक 21/07/2010 के द्वारा 30 प्रतिशत पदों की कटौती एवं पदों की विभागीय संरचना के युक्तियुक्तकरण किया गया है। (ग) पूर्व में प्रभार दिया गया था। वर्तमान में दिनांक 01-03-2016 को प्रभार हटा दिया गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के नलकूप खनन करने वाले ठेकेदार
131. ( क्र. 6504 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अशोकनगर जिले में विभाग द्वारा घोषित नीति से वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक नलकूप खनन के ठेकेदारों से निविदाओं की शर्तों अनुसार कार्य कराये हैं कि नहीं क्या सभी निविदाओं के कार्य पूर्ण कराये हैं? विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों के अनुसार क्या निविदा क्रमांक-82/17-12-12 के ठेकेदार श्री वी.एस. पचौरी ने 300 नलकूपों का संपूर्ण कार्य करके निविदा पूर्ण की थी? यदि नहीं, तो कौन से अधिकारी ने उसको एफ.डी.आर. तथा सिक्युरिटी डिपोजिट बिना कार्य पूर्ण किये वापिस की थी? (ग) क्या - श्री वी.एस. पचौरी ठेकेदार द्वारा विभाग की नलकूप खनन की शर्तों के अनुसार कितनी बार निविदाएं स्वीकृत कराके निविदा की शर्त क्रमांक-26 का पालन किया है और विभाग को समय से नलकूप खनन करके दिये हैं? यदि नहीं, तो विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों के अनुसार बताये कि उपरोक्त ठेकेदार तथा कौन अधिकारी नलकूप खनन के नियमों का पालन ना करने एवं कराने के दोषी हैं? विभाग ने उपरोक्त ठेकेदार को काली सूची में डाला या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निविदा क्रमांक 82/17.12.2012 ठेकेदार श्री बी.एस.पचोरी ग्वालियर की 300 नलकूपों की निविदा नहीं थी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री बी.एस. पचोरी, ठेकेदार की दरें विभागीय दर सूची से 10 प्रतिशत से अधिक नीची न होने के कारण निविदा की शर्त क्र. 26 के पालन की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डाटा एन्ट्री ऑपरेटर
132. ( क्र. 6509 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संभागीय माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, इन्दौर, भोपाल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति किस-किस वेतन पर संविदा पर कब तक के लिए की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की प्रथम नियुक्ति क्या संभागीय अधिकारियों द्वारा की गई थी या सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा की गई थी? पृथक-पृथक बताएं तथा उक्त सभी डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की संविदा अवधि कब-कब बढ़ाई गई या किसी को छोड़ दिया गया? यदि हाँ, तो किसको और क्यों कारण बताएं? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मई 2015 से प्रश्न दिनांक तक सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मण्डल कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख अनुसार प्रदेश के संभागीय माध्यमिक शिक्षा मण्डल कार्यालय भोपाल, रीवा, उज्जैन, जबलपुर में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक निम्नलिखित डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति वाउचर पेमेंट के आधार पर की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है।
स.क्र. |
डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के नाम |
नियुक्ति कार्यालय का नाम |
आदेश क्रमांक एवं नियुक्ति दिनांक |
मानदेय वाउचर पेमेन्ट के आधार पर अवधि |
1 |
श्री निजामुद्दीन सिद्दीकी |
संभागीय कार्या. भोपाल द्वारा |
1420, दिनांक 17.9.2010 |
4500/- 06 माह |
2 |
श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी |
संभागीय कार्या. रीवा द्वारा |
8329, दिनांक 25.1.2010 |
4500/- अवधि का उल्लेख नहीं (पूर्ण रूप से अस्थायी) |
3 |
श्री अनंतकुमार दुबे |
संभागीय कार्या. जबलपुर द्वारा |
847, दिनांक 05.02.2010 |
4500/- 06 माह |
4 |
श्री राजेश कुमार मालवीय |
संभागीय कार्या. भोपाल द्वारा |
155, दिनांक 01.05.2010 |
4500/- 06 माह |
5 |
श्री अवधेश कुमार पालिया |
संभागीय कार्या. उज्जैन द्वारा |
471, दिनांक 14.07.2010 |
4500/- 06 माह |
(ख) उक्त नियुक्तियां संभागीय अधिकारियों के द्वारा की गई थी। उक्त डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की सेवा अवधि समय-समय पर आवश्यकतानुसार बढ़ाई गई। श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर संभागीय कार्यालय रीवा से समय पर प्राप्त न होने के कारण सेवा वृद्धि नहीं की जा सकी थी। संभागीय अधिकारी रीवा के पत्र क्रमांक-67/स्था/2016/रीवा, दिनांक 23.1.2016 द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक-प्रशा/स्था/ए-2/ 4737/2016 भोपाल, दिनांक 29.2.16 द्वारा श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की दिनांक 30.9.2016 तक सेवावृद्धि की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) मान. विधायक का पत्र क्रमांक-क्यू, दिनांक 11.5.15 को मण्डल को प्राप्त नहीं हुआ है। मान. विधायक का पत्र क्रमांक-774, दिनांक 22.5.15 पत्र क्रमांक 1210, दिनांक 19.6.15 एवं पत्र क्रमांक-1700, 1701, दिनांक 10.8.15 तथा मुख्य सचिव कार्यालय के माध्यम से प्राप्त पत्र क्रमांक-6867, दिनांक 29.9.15 के अनुक्रम में माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक-प्रशा/स्था/3238 /2015, भोपाल दिनांक 22.9.15 द्वारा संभागीय अधिकारी रीवा को पत्र प्रेषित कर श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी, डाटा एन्टी ऑपरेटर की सेवा अवधि एवं वेतन के संबंध में जानकारी चाही गई। उक्त पत्र के अनुक्रम में संभागीय अधिकारी रीवा द्वारा पत्र क्रमांक-1224/स्था/स.का./2015/रीवा, दिनांक 21.10.15 द्वारा जानकारी प्राप्त हुई। संभागीय अधिकारी रीवा द्वारा स्पष्ट जानकारी न भेजे जाने पर कार्यालय के पत्र क्रमांक-प्रशा/स्था/ए-2/3575/2015, भोपाल, दिनांक 31.10.15 द्वारा श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की संविदा वृद्धि के संबंध में दिनांक 1.1.2013 से 31.12.2014 तक की सेवा के आदेश की प्रति संदर्भित पत्र द्वारा चाही गई थी, जिसकी जानकारी अभी तक अप्राप्त है। जिसके अनुक्रम में संभागीय अधिकारी रीवा द्वारा पत्र क्रमांक-1564/स्था./शाखा/2015, रीवा दिनांक 6.11.15 द्वारा जानकारी प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। जिसमें श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी की तत्कालीन संभागीय अधिकारी रीवा द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक-8329/10/रीवा, दिनांक 25.1.10 द्वारा संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पर कलेक्टर दर पर रूपये 4500/-वाउचर पेमेंट के आधार पर संविदा नियुक्ति की गई थी का उल्लेख किया गया था। पुनः कार्यालयीन पत्र क्रमांक-4318, दिनांक 13.01.16 द्वारा संभागीय अधिकारी द्वारा श्रीमती द्विवेदी के लगातार कार्यालय में कार्यरत होने का उल्लेख किया गया है जबकि वर्ष 2011-12 से संविदा वृद्धि हेतु कोई आदेश प्रसारित नहीं किया गया। उक्त जानकारी मंडल कार्यालय को तत्काल उपलब्ध कराये। जिसके अनुक्रम में संभागीय कार्यालय रीवा द्वारा पत्र क्रमांक-67/स्था/2016/रीवा, दिनांक 23.1.16 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। जिसमें संभागीय अधिकारी रीवा द्वारा मुख्य रूप से लेख किया गया कि दिनांक 5.1.2015 को ज्येष्ठ संपरीक्षा स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा टीपांकित आपत्ति लगाई गई है कि ’’श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी के संविदा नियुक्ति का वेतन सहित अनुमोदन के साथ ही अद्यतन तक सेवा वृद्धि का समक्ष आदेश से संपरीक्षक को अवगत कराया जाय, अन्यथा संपरीक्षा द्वारा संविदा मानदेय का भुगतान मान्य किया जाना संभव नहीं होगा।’’ उक्त ऑडिट आपत्ति के कारण सेवा अवधि बढ़ाने की कार्यवाही प्रचलन में रही। संभागीय अधिकारी रीवा के प्राप्त उपरोक्त प्रस्ताव के आधार पर मण्डल स्तर की समिति के समक्ष दिनांक 1.2.16 को प्रकरण का परीक्षण किया जाकर अनुशंसा उपरान्त श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी, डी.ई.ओ. संविदा के रूप में कार्यरत का 30 सितम्बर, 2016 तक सेवा वृद्धि कार्यालयीन आदेश क्रमांक-प्रशा/स्था/ए-2/4737/2016, भोपाल, दिनांक 29.2.16 द्वारा की गई है तथा संभागीय कार्यालय रीवा को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। जन शिकायत निवारण विभाग का पत्र विभाग के माध्यम से प्राप्त पत्र दिनांक 18.12.15 के अनुक्रम में कार्यालयीन पत्र क्रमांक-4167, दिनांक 4.1.2016 द्वारा मान. विधायक जी को प्रतिलिपि भेजकर अवगत कराया गया कि प्रकरण प्रचलन में है, निर्णय उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ अनुसार है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत कार्यों
133. ( क्र. 6510 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक 13 कितनी शालाओं के नवीन भवन, अतिरिक्त कक्ष एवं शौचालय का निर्माण कराया गया हे तथा कितनी शालाओं का जीर्णोद्धार कराया है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये स्वीकृत हैं? कितनी भुगतान की गई है तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है? प्रश्नांकित अवधि में स्वीकृत कार्य किस एजेंसी के माध्यम से पूर्ण कराये गये? कितने कार्यों के कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है? कितने कार्य अपूर्ण है? इन कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शाला भवन का निर्माण केवल दीवाल स्तर तक ही हुआ है? कार्य अवरूद्ध होने के कारण दीवाले क्षतिग्रस्त होकर भवन में लगे खिड़की दरवाजे एवं अन्य सामग्री चोरी हो गई है? क्या इन भवनों को पूर्ण नहीं कराया जावेगा इसके लिये दोषी अधिकारी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांकित विषय पर कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कटनी जिले में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों की वर्षवार एवं शालावार पृथक-पृथक विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है।
क्र. |
स्वीकृत वर्ष |
कार्य का प्रकार |
कार्यों की संख्या |
1 |
12-13 |
अति.कक्ष प्रा/मा. |
257 |
2 |
12-13 |
प्रा.शा. भवन जीर्ण-शीर्ण |
32 |
3 |
12-13 |
मा.शा. भवन |
09 |
क्र. |
स्वीकृत वर्ष |
कार्य का प्रकार |
कार्यों की संख्या |
4 |
13-14 |
शौचालय |
22 |
5 |
14-15 |
शौचालय |
11 |
6 |
14-15 |
नवीन मा.शा.भवन |
11 |
7 |
15-16 |
शौचालय निर्माण |
504 |
(ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कार्यवार स्वीकृत राशि, भुगतान की गई राशि, शेष राशि, निर्माण एजेन्सी, पूर्णता प्रमाण पत्र, अपूर्ण कार्य तथा भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियो का विवरण वर्षवार, ब्लाकवार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। भौतिक सत्यापन संबोधित अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत ग्राम कुम्हरवारा, घुडहरी, बांधा एवं अन्य अपूर्ण निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। कार्य अपूर्ण होने के कारण भवन दिवाले क्षतिग्रस्त एवं भवन में लगे खिड़की, दरवाजे और अन्य सामग्री चोरी होने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। भवनों को पूर्ण कराया जावेगा। अपूर्ण निर्माण कार्यों के दोषियों पर कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित विषय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों का वेतनमान
134. ( क्र. 6521 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विभिन्न कार्य करने वाले कुशल व अकुशल श्रमिकों के लिए वेतन तय किया क्या है? हां, तो श्रेणीवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अतिथि शिक्षकों के लिए शासन द्वारा क्या वेतनमान निर्धारित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या अतिथि शिक्षकों को अकुशल मजूदर से भी कम वेतन प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, जिला कलेक्टरों द्वारा कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के लिये दरें तय की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अतिथि शिक्षकों के लिये कोई वेतनमान निर्धारित नहीं किया गया हैं बल्कि मानदेय निर्धारित किया गया हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवनविहीन विद्यालय
135. ( क्र. 6522 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में किन-किन हाईस्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्कूलों के स्वयं के भवन नहीं हैं तथा क्यों? विद्यालयवार कारण बतायें? (ख) किन-किन हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूलों में छात्र संख्या के मान से पर्याप्त कक्ष तथा खेल मैदान, शौचालय पेयजल व्यवस्था नहीं है तथा क्यों? विद्यालयवार कारण बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के विद्यालयों में उक्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु आयुक्त, लोक शिक्षण तथा विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) किन-किन विद्यालयों में भवन तथा अतिरिक्त कक्षों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों कारण बतायें तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) स्व-भवनविहीन हाईस्कूलों/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन सभी शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकण्डरी में शौचालय और खेल मैदान उपलब्ध है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वर्ष 2015-16 की वार्षिक कार्य योजना में 02 स्व-भवनविहीन हाईस्कूलों में भवन निर्माण प्रस्तावित किया गया था परन्तु स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई, तथा वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्य योजना में 07 स्व-भवनविहीन हाईस्कूलों में भवन निर्माण प्रस्तावित किया गया है। स्वीकृति एवं राशि प्राप्त होने पर ही आगामी कार्यवाही संभव हो सकेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
खिलचीपुर अंतर्गत पिछड़ा वर्ग छात्रावास खोलना
136. ( क्र. 6527 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखंड स्तर पर पिछड़ा वर्ग के छात्रा-छात्राओं के लिए छात्रावास खोलने के प्रावधान हैं? अगर हाँ, तो क्या खिलचीपुर विधानसभा में खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्र के बड़े ग्रामों ब्यावरा कलां व रामगढ़ में खोले जा सकते हैं? यदि हाँ, तो कब तक?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले की खिलचीपुर में संचालित छात्रावास/आश्रम
137. ( क्र. 6529 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर में किन-किन स्थानों पर किन-किन वर्गों के छात्रावास/आश्रम संचालित है? संचालित छात्रावास/आश्रम में निर्धारित सीट संख्या कितनी-कितनी है? क्या सीट संख्या में वृद्धि संभव है? यदि हाँ, तो कितनी सीट वृद्धि हो सकती है? (ख) राजगढ़ जिले में कितने कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास संचालित है? कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में वार्डन, सहायक वार्डन तथा भृत्य के कितने पद रिक्त है? कितने पदों पर नियुक्तियां हुई है? (ग) कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में वार्डन, सहायक वार्डन तथा भृत्यों के पदों पर नियुक्तियां नियमों के अंतर्गत हुई है? क्या ये नियुक्तियां स्थाई हैं या अस्थाई हैं? यदि अस्थाई है तो कितने समय में पुन: नियुक्तियां होना है? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर में वर्तमान में संचालित छात्रावास/आश्रम के अतिरिक्त नवीन छात्रावास/आश्रम खुलना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक एवं कहाँ-कहाँ नवीन छात्रावास आश्रम प्रस्तावित है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के संचालित छात्रावास/आश्रमों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई छात्रावास/आश्रम संचालित नहीं है। जी हाँ। 12 वीं पंचवर्षीय योजना में छात्रावासों का उन्नयन कर 50 सीटर किये जाने की योजना है। (ख) 06 कस्तूरबा गांधी छात्रावास संचालित हैं। वर्तमान में वार्डन, सहायक वार्डन तथा भृत्य के कोई पद रिक्त नहीं है। (ग) जी हाँ। सभी छात्रावास में वार्डन अतिरिक्त कार्यप्रभार में तथा सहायक वार्डन संविदा आधार पर नियुक्त है। भृत्य कलेक्टर दर पर नियुक्त है तथा अस्थाई है। कार्य व्यवहार संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में ही नियुक्तियां की जाती हैं। (घ) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण विभाग बैतूल में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री
138. ( क्र. 6541 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में नर्मदापुरम संभाग अंतर्गत जिलो में वर्ष 2015-16 में कुल प्राप्त आवंटन में से कितना आवंटन समर्पित किया गया जिलेवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015-16 में कितना आवंटन निर्माण कार्य हेतु प्राप्त हुआ? इसमें कितना समर्पित किया एवं कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये एवं निर्माण एजेन्सी कौन है,? विभागीय निर्माण एजेन्सी द्वारा कुल कितनी राशि के कार्य कराये गये? (ग) म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेशानुसार राशि 25 लाख तक के कार्य विभाग से कराया जाने के आदेश है? फिर लघु उद्योग निगम से कार्य क्यों कराये जा रहे हैं? (घ) विभाग के तकनीकी अमले की पदस्थापना का औचित्य क्या है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) तथा (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ','ब' तथा 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। बैतूल जिले में पी.डी. खाते की निरंतरता प्राप्त न होने तथा जिले में विगत 03 वर्षों के विभागीय निर्माण एजेंसी के 36 कार्य अपूर्ण होने से नवीन कार्यों की एजेंसी लघु उद्योग निगम निर्धारित की गई है। जिससे कि पुराने एवं नवीन कार्य समय पर पूर्ण किये जा सकें। (घ) विभाग के द्वारा अनुसूचित जनजाति के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य विभागीय निर्माण एजेंसी सहित विभिन्न निर्माण एजेंसियों से कराये जाते हैं। इन निर्माण कार्यों को किये जाने के साथ साथ निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग एवं पर्यवेक्षण हेतु विभाग के तकनीकी अमले की पदस्थापना की गई है।
बैतूल जिले विभाग द्वारा संचालित पंप अभिकरण
139. ( क्र. 6542 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में आदिम जाति कल्याण विभाग जिल बैतूल में पंप ऊर्जीकरण कार्य हेतु केवल 2015-16 में प्राप्त आवंटन पर निविदा आहूत की गई जबकि विभाग के पास पूर्व के वित्तीय वर्षों का आवंटन भी उपलब्ध था? (ख) यदि हाँ, तो निविदा कितनी राशि की बुलाई गई? निविदा दिनांक तक कुल कितनी राशि विभाग के पास उपलब्ध थी वर्षवार बतायें? निविदा किन कार्यों की बुलाई गई तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति कब प्राप्त की गयी? कार्यवार बतावें? (ग) वर्ष 2015-16 में बुलाई गई निविदा की स्वीकृति निविदा दर क्या है एवं पूर्व वर्ष की स्वीकृत निविदा दर क्या थी? निविदा राशि से कितनी अधिक राशि के कार्य बिना निविदा के कराये गये? (घ) वर्ष 2015-16 के पूर्व की उपलब्ध राशि की निविदा नहीं बुलाये जाने एवं वर्ष 2015-16 के स्वीकृत दर पर कराये जाने का औचित्य बताये? क्या उक्त प्रकिया कार्य विभाग के मेन्यूअल/नियमों अनुसार सही है? इसके लिए कौन दोषी है एवं उस पर क्या कार्यवाही होगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। गत वर्ष की उपलब्ध राशि रूपये 97.00 लाख की निविदा की टर्न की बेस पर वर्ष भर में प्राप्त होने वाली राशि के लिये निविदा बुलाई गई थी। इस तिथि तक वर्ष 2015-16 का आवंटन प्राप्त नहीं हुआ था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 की निविदा दर एस.ओ.आर. से 17.75 प्रतिशत है जबकि पूर्व वर्ष की दर एस.ओ.आर. से 4.90 प्रतिशत अधिक थी। प्रश्नांश अंतर्गत अनुसूचित जनजाति पम्प उर्जीकरण के अंतर्गत राशि रूपये 368.88 लाख के कार्य कराये गये। बिना निविदा के कार्य कराये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन निर्देश दिनांक 19-12-2014 में उल्लेखित शर्त अनुसार आमंत्रित निविदा एक वर्ष के लिये वैद्य होने के कारण उपलब्ध पूर्व वर्षों की राशि एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त राशि के सभी कार्य नियमानुसार प्रक्रियाकूल होने से स्वीकृत दर पर कराये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेय जल से निपटने हेतु कार्य योजना
140. ( क्र. 6552 ) श्री संजय पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत क्या सूखे की स्थिति के कारण 70 प्रतिशत से अधिक हैण्डपम्प तथा जल प्रदाय योजना द्वारा क्षेत्र की जनता को अभी से पानी नहीं मिल रहा है तथा दिन-प्रतिदिन स्थिति विकराल होती जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) हां, तो विभाग तथा जनपद पंचायत द्वारा सूखे से निपटने के लिए कौन-कौन सी कार्य योजना तैयार कराकर स्वीकृत कराई गई तथा उनमें कार्य प्रारंभ कर पूर्ण किये गये? (ग) यदि कोई आकस्मिक कार्ययोजना नहीं बनाई गई है तो विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ जिले में मार्च-अप्रैल में पानी की कमी से कैसे निपटा जायेगा? (घ) क्या सूखे से निपटने हेतु वृहद कार्य योजना तैयार कर स्थिति को नियंत्रण में किया जायेगा बतायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) योजना तैयार, योजना में प्रस्तावित कार्य आवश्यकतानुसार करवाये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
सहायक आयुक्तों की पदस्थापना
141. ( क्र. 6571 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त के कितने पद स्वीकृत है और उसके विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? (ख) विभाग में किन-किन जिलों में सहायक आयुक्त के नियमित पद स्वीकृत है और उसके विरूद्ध प्रभारी सहायक आयुक्त कार्यरत है? उनके नाम एवं पदस्थापना अवधि कब-कब से है? (ग) जिन जिलों में नियमित सहायक आयुक्त के पद स्वीकृत है, उन जिलों में प्रभारी सहायक आयुक्त पदस्थापना करने संबंधी कोई विभाग नियम/नीति बनायी गयी? यदि नहीं, तो इन जिलों में नियमित सहायक आयुक्तों की पदस्थापना कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त (प्रशासन संवर्ग) के 31 पद स्वीकृत है एवं इन पदों के विरूद्ध 22 अधिकारी कार्यरत है। (ख) विभाग अंतर्गत 26 जिलों में सहायक आयुक्त के पद स्वीकृत है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इन पदों के विरूद्ध 13 प्रभारी सहायक आयुक्त कार्यरत है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग के कार्य संचालन की दृष्टि से प्रशासकीय व्यवस्था के तहत प्रभारी सहायक आयुक्त पदस्थ किये गये है। नियमित सहायक आयुक्तों की पदस्थापना, पदोन्नति/स्थानांतरण से किये जाने की सतत् प्रक्रिया है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान
142. ( क्र. 6581 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत विद्यालयों में क्या-क्या कार्य किन-किन मापदण्डों के आधार पर स्वीकृत किये जाते हैं, इसमें सांसद-विधायकों की क्या-क्या भूमिका है? (ख) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं विदिशा जिले में क्या-क्या कार्य स्वीकृत करने के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों से कब-कब पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? निर्माण एजेन्सी, स्वीकृत राशि, कार्य की स्थिति तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) कौन-कौन से कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हुए तथा उनके पूर्ण नहीं होने के लिए कौन-कौन जवाबदार है? शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों के मापदण्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। भारत शासन द्वारा मापदण्ड के अनुरूप स्वीकृति दी जाती है। प्रतिवर्ष वार्षिक कार्ययोजना जिला योजना समिति के अनुमोदन से भेजे जाने के निर्देश है। (ख) माननीय मंत्रीजी से प्राप्त पत्र एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। प्रतिवर्ष वार्षिक कार्ययोजना जिले से जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा प्रेषित की जाती है जिसे संकलित कर पात्रतानुसार राज्य स्तर पर कार्यकारिणी के अनुमोदन से कार्ययोजना भारत शासन को प्रेषित की जाती है। भारत शासन द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजना के मापदण्डों के अनुसार शालावार स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ग) विदिशा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं रायसेन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। (घ) विदिशा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं रायसेन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। निर्माण कार्य निर्माण एजेंसियों को आवंटित किए जाते हैं तथा दोषी ठेकेदारों के विरूद्ध उनसे हुए एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा कार्यवाही की जाती है।
जिला मुरैना में 32 एम.एम. पाईपों की भारी कमी गंभीर पेयजल समस्या
143. ( क्र. 6628 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला मुरैना में 32 एम.एम. रायजर पाइप की भारी कमी के चलते नवीन हैण्डपंप खनन नहीं हो पा रहे हैं, जिसमें जौरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो पाइप की उपलब्धता कब तक करवा दी जावेगी? (ख) जौरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डमेजर, कोट सिरथरा, गेहतोली, कुसमानी, छडेहद्व नरहेला, घाडोर आदि ग्रामों में पेयजल की गंभीर समस्या है? आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए उक्त ग्रामों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने की विभाग की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में एवं पेयजल समस्या ग्राहित ग्रामों में बड़े-बड़े खनन कर मोटर द्वारा तत्कालिक पेयजल समस्या निदान हेतु पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या आगामी माह मार्च से ही गर्मी के मौसम में विधानसभा क्षेत्र जौरा के पथरीले एवं जंगली इलाकों के ग्रामों में पेयजल की समस्या गंभीर हो जावेगी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा तत्कालिक स्थिति में क्या-क्या तैयारी की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। आगामी ग्रीष्मकाल में किसी भी प्रकार के पेयजल संकट से निपटने हेतु मुरैना जिले के लिये रूपये 805.00 लाख की कार्य योजना तैयार की गई है। योजना में प्रस्तावित कार्य आवश्यकतानुसार करवाये जा रहे हैं। (ग) प्रश्नाधीन गांवों में पेयजल की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है जो कि पर्याप्त है। इस कारण तात्कालिक कार्यों की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार।
दसवें वित्त आयोग में स्वीकृत मा. शाला भवनों के अपूर्ण निर्माण
144. ( क्र. 6653 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में 10वें वित्त आयोग में कितने माध्यमिक शालाओं के भवन कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुये हैं? अलग-अलग नाम सहित बतायें? (ख) वर्तमान में कितने भवनों का निर्माण पूर्ण होकर शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है? जिनमें विद्यालय संचालित होना प्रारंभ हैं? सूची बतायें? (ग) शेष अपूर्ण भवनों के निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है और क्या निर्माण कार्य अभी चालू हैं तथा कब तक कार्य पूर्ण होना था? (घ) अपूर्ण भवनों के लिये की गई राशि भुगतान के लिये कौन-कौन दोषी हैं? पदनाम सहित बतायें तथा इनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) टीकमगढ़ जिले में दसवें वित्त आयोग अंतर्गत माध्यमिक शालाओं के भवन स्वीकृत नहीं हुये है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
नल-जल योजनाओं में प्रयुक्त घटिया सामग्री
145. ( क्र. 6660 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्ष में टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-कौन सी नल-जल योजनायें कितनी लागत की किन-किन गांवों में स्वीकृत होकर निर्मित कर ली गई हैं? पृथक-पृथक पूर्णता, अपूर्णता एवं निर्माणाधीन के साथ बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि की कौन-कौन सी योजनाओं का ग्राम पंचायतों को हस्तांतरण हो गया है तथा किस-किस दिनांक को हुआ? (ग) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र की विगत 3 वर्ष में क्रियान्वित ऐसी कौन-कौन सी नल-जल योजनायें हैं, जो 6 माह से कम संचालित रही हैं तथा इसके क्या कारण हैं? कौन-कौन योजना किस कारण से बंद हैं? (घ) क्या योजनाओं में प्रयुक्त घटिया सामग्री की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एकमात्र योजना ग्राम सूडा धरमपुरा की है जो विद्युत पम्प जलने एवं ग्राम पंचायत द्वारा सुधार न कराने से बंद हैं शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नल-जल योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री निर्धारित गुणवत्ता की होने से जाँच करवाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेशम घोटाले में कार्यवाही
146. ( क्र. 6666 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तत्कालीन विभाग P.S. श्री प्रवीर कृष्ण द्वारा लोकायुक्त में शिकायत करने के बाद रेशम घोटाले में किन-किन जिलों के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित या उनके विरूद्ध जाँच के आदेश दिए गए? जिलावार जानकारी नाम, पदनाम सहित देवें? (ख) जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित कर उनका स्थानांतरण किया गया? उनमें से कितनों को कार्यमुक्त नहीं किया गया? (ग) इन्हें कब तक कार्यमुक्त कर दिया जाएगा? (घ) इस प्रकरण में तत्कालीन आयुक्त के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) श्री आर.के. श्रीवास्ताव उपसंचालक रेशम (निलंबित) के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित कर जाँच अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की गई है। जिला रेशम कार्यालय होशंगाबाद के श्री रविन्द्र सिंह, फील्ड आफीसर, श्री वाय.एन. श्रीवास्तव, फील्ड आफीसर,श्री अजय नेमा, फील्ड आफीसर छिन्दवाडा के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं के कारण विभागीय जाँच हेतु आरोप पत्र जारी किये गये है। (ख) श्री आर.के. श्रीवास्ताव उपसंचालक रेशम संचालनालय मुख्यालय भोपाल को शासन द्वारा निलंबित किया जाकर उनका मुख्यालय राजगढ़ किया गया है। निलंबन पर कार्यमुक्त किये जाने का प्रावधान नहीं है। श्री रविन्द्र सिंह, फील्ड आफीसर,श्री वाय.एन. श्रीवास्तव,फील्ड आफीसर, श्री अजय नेमा,फील्ड आफीसर को रेशम संचालनालय के आदेश क्रमांक 2232 दिनांक 1/10/2015 द्वारा निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय जिला रेशम कार्यालय विदिशा किया गया। उक्त तीनों निलंबित कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में निलंबन के विरूद्ध याचिका दायर कर निलंबन आदेश के विरूद्ध स्थगन आदेश प्राप्त किया गया। न्यायालय स्थगन प्राप्त होने से तीनों फील्ड आफीसरों द्वारा अपने पूर्व कर्तव्य स्थल पर उपस्थिति दी गई। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण में तत्कालीन आयुक्त के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु विभागीय पत्र दिनांक 6/10।2015 द्वारा वन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।
छात्रवृत्ति घोटाला
147. ( क्र. 6670 ) श्री मधु भगत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फर्जी छात्रवृत्ति, छात्रवृत्ति वितरण, चयन इत्यादि में अनियमितता के कौन-कौन से मामले विभाग में चल रहे हैं और संज्ञान में है? ब्यौरा दें? (ख) छात्रवृत्ति में अनियमितताएं, गबन, नियमों के दुरूपयोग इत्यादि में किसे-किसे, पृथक दृष्टया दोषी/जिम्मेदार माना गया? नाम, पद, कार्यालय बतायें? (ग) क्या विभाग को अशासकीय संस्थाओं में छात्रवृत्ति वितरण में चयन में अनियमितता के मामले जानकारी में आये हैं और जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो किस-किस के विरूद्ध?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) लोकायुक्त में जाँच प्रक्रियाधीन है। अंतिम स्थिति विवेचना पूर्ण उपरांत बतायी जा सकेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ‘ख‘ के अनुसार।
रतलाम में विशेष उद्यानिकी प्रक्षेत्र
148. ( क्र. 6685 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम और उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों के लिये विशेष उद्यानिकी प्रक्षेत्र बनाने की प्रश्नकर्ता द्वारा की गई मांग पर मुख्यमंत्री जी ने विशेष पैकेज के लिये 35 करोड़ रूपये देने की घोषणा की थी? इस हेतु कितनी राशि आवंटित हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो विशेष उद्यानिकी प्रक्षेत्र के तहत कितने किसानों को ड्रिप इरीगेशन, पैक हाउस, पॉली हाउस और शेडनेट का आवंटन हो चुका है और कितना भुगतान हो चुका है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। ’’रतलाम जिले में उद्यानिकी के क्षेत्र को और अधिक विकसित करने के लिये विशेष उद्यानिकी क्षेत्र (Spacial Horticulture Zone) हेतु 38.00 करोड़ स्वीकृत किये जावेंगे। रतलाम जिले हेतु वर्ष 2015-16 में 935.21 लाख का बजट आवंटन किया गया है। शेष राशि आगामी वर्षों में उपलब्ध कराई जावेगी। (ख) वर्ष 2015-16 में 723 कृषकों को ड्रिप हेतु 478.50 लाख, 6 कृषको को पॉली हाउस हेतु 53.40 लाख, 4 कृषको के पैक हाउस हेतु 8.00 लाख एवं 2 कृषक के शेडनेट हाउस हेतु राशि रूपये 7.10 लाख कुल राशि रूपये 547.00 लाख आवंटित कर कार्यादेश जारी कर दिये गये है। कार्य पूर्ण होने पर भुगतान किया जावेगा।
रतलाम शहर को लाल पानी की समस्या से मुक्ति
149. ( क्र. 6687 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम शहर और उससे लगे 10 ग्रामों को लाल पानी की गंभीर समस्या से मुक्ति दिलाने के लिये प्रस्तावित गुणावद जल योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? यह योजना कब तक पूरी हो जायेगी? (ख) रतलाम कलेक्टर द्वारा योजना की मंजूरी और त्वरित क्रियान्वयन के लिये प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को भेजे गये प्रस्ताव पर क्या कार्रवाई हुई है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) समूह नल-जल योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदाएं प्राप्त कर ली गई हैं, जो परीक्षणाधीन हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ख) समूह नल-जल योजना के पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रस्ताव लागत रूपये 2630.15 लाख का अनुमोदन जारी किया जा चुका है।
शुल्क बढ़ाने
150. ( क्र. 6692 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन यह मानता है कि निजी विद्यालयों द्वारा भारी भरकम शिक्षण शुल्क एवं अन्य शुल्क लिया जा रहा है यदि हाँ, तो उसे नियंत्रित करने हेतु पिछले 05 वर्षों में किये गये प्रयासों की जानकारी दें? (ख) क्या शासन ने विधानसभा में यह आश्वासन दिया कि निजी विद्यालयों के शुल्क पर नियंत्रण हेतु विनियामक आयोग का गठन किया जायेगा? यदि हाँ, तो यह गठन की प्रक्रिया आज तक क्यों नहीं पूरी की गई? (ग) जब शासन दुग्ध, मिठाई, नमकीन जैसे छोटे व्यापारी के दाम को नियंत्रित करने में कानूनी कार्यवाही करता है तो फिर वह निजी विद्यालय की फीस को नियंत्रित करने में कानूनी न होने का अर्थ किस आधार पर दे रहा है? (घ) क्या शासन तीन माह में निजी विद्यालयों की भारी भरकम फीस पर नियंत्रण हेतु सक्षम कानून बनाने की प्रक्रिया पूरी करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य शासन द्वारा अशासकीय शिक्षण संस्थाओं द्वारा शुल्क का निर्धारण करने एवं उनमें वृद्धि करने के संबंध में दिनांक 30-04-2015 को मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्राकश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निजी विद्यालयों द्वारा जी जा रही फीस में वृद्धि पर नियंत्रण हेतु अधिनियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय हाईस्कूल का उन्नयन
151. ( क्र. 6702 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिलों में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूल खोले जा चुके हैं? नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर नवीन ऐसे विद्यालयों के भवनों का निर्माण कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी लागत से हो चुका है और कहाँ-कहाँ प्रश्न दिनांक तक होना शेष है? प्रत्येक पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर विभाग द्वारा अभी कहाँ-कहाँ नवीन हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल खोले जाने की योजना है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर ऐसे भवन विहीन विद्यालयों के भवनों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें? शा. माध्यमिक शाला टानगा विकासखण्ड जतारा जिला टीकमगढ़ को कब तक शा. हाई स्कूल में उन्नयन कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नवीन हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल खोला जाना सक्षम स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्भर करता है। वर्ष 2015-16 में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में हैं एवं स्थान अभी तक अन्तिम रूप से निर्धारित नहीं किए गये है। (घ) भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उन्नयन हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन हैण्डपंपों का खनन
152. ( क्र. 6703 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा क्षेत्र एवं छतरपुर जिले की विजावर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक किस-किस ग्राम में हैण्डपंपों का खनन किया गया है एवं प्रत्येक ग्राम में प्रश्न दिनांक तक कितने हैंडपंप हो गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि किस ग्राम के कितने हैंडपंप प्रश्न दिनांक तक चालू है और कितने बंद है? कितने भरे पड़े है? कितने खनन होना शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक जो हैण्डपंप बंद है उन्हें ठीक कराया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों और जो शेष लगना है तो वह लगेगें तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) साधारण सुधार योग्य हैण्डपंपों का सुधार सतत् प्रक्रिया के तहत किया जाता है। असुधार योग्य हैण्डपंपों का सुधार नहीं किया जा सकता। शेष हैण्डपंप इसी वित्तीय वर्ष में स्थापित किये जायेंगे।
स्कूलों में कृषि संकाय संचालित करना
153. ( क्र. 6709 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने का प्रयास किया जा रहा है, परन्तु आज भी प्रदेश के कई जिलों में जहां के विद्यार्थी कृषि विषय में अध्ययन करना चाहते हैं, वहां के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कृषि संकाय की कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं, (ख) शाजापुर जिले में किन-किन उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कृषि संकाय की कक्षाएं संचालित हैं? (ग) क्या शाजापुर जिले के प्रमुख उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कृषि संकाय की कक्षाएं आगामी सत्र से प्रारंभ की जायेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 180 उ.मा.विद्यालयों में कृषि संकाय संचालित है। प्रदेश में 96 अतिरिक्त शालाओं में कृषि संकाय की मांग है। (ख) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. शाजापुर एवं शा.उ.मा.वि. तामनेर में कृषि संकाय की कक्षाएं संचालित है। (ग) शाजापुर जिले में शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. कालापीपल, शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. पोलायकलॉ एवं शा.उ.मा.वि. गुलाना में कृषि संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है। कृषि संकाय का संचालन बजट प्रावधान पर निर्भर है।
उद्यानिकी नर्सरियों का विकास
154. ( क्र. 6711 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के विकासखंड शुजालपुर में जामनेर नर्सरी एवं कालापीपल विकासखण्ड में कालापीपल गांव की नर्सरी में सिंचाई हेतु पानी गर्मी के मौसम में होता है? यदि नहीं, तो उसके लिए क्या कार्य योजना तैयार की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नर्सरियों से किसानों को कैसे सुविधा दी जावेगी, जब नर्सरी का विकास ही नहीं होगा? क्या इन नर्सरियों के विकास की कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या बतायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जामनेर नर्सरी में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध रहता है। लेकिन कालापीपल नर्सरी में गर्मी के मौसम में पानी की कमी हो जाती है। कालापीपल नर्सरी हेतु नलकूप खनन की कार्य योजना स्वीकृत की गई है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के संदर्भ में वर्ष 2015-16 में जामनेर एवं कालापीपल नर्सरी में पौधे कृषकों को वितरित किये गये है। आगामी वर्ष में भी उपरोक्त दोनो नर्सरी में आवश्यकतानुसार पौधे तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराये जाने की योजना है। साथ ही कालापीपल नर्सरी में नलकूप सुविधा का विकास किया जा रहा है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ई-अटेंडेंस
की व्यवस्था
1. ( क्र. 160 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ फोन से ई-अटेंडेंस की व्यवस्था कब से लागू की गई तथा क्या इसको बंद करना पड़ा तो इसके क्या कारण हैं व इसमें कब तक सुधार कर पुन: चालू कर दिया जाएगा? (ख) क्या नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एन.आई.सी.) द्वारा ई-अटेंडेंस एप्लीकेशन की तरह विशेष सॉफ्टवेयर बनाया गया? उसके सफल नहीं होने पर क्या शिक्षा विभाग का ध्यान बायोमेट्रिक मशीन पर है तथा इस संबंध में क्या योजना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) इंदौर संभाग के सभी जिलों में ई-अटेंडेंस की व्यवस्था दिनांक 30.10.2014 से लागू की गई थी, उक्त व्यवस्था बीच में बंद नहीं की गई थी, इसके स्थान पर पूरे प्रदेश में ‘‘एम-शिक्षा मित्र‘‘ योजना दिनांक 25 सितम्बर 2015 से लागू की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एन.आई.सी.) द्वारा ई-अटेंडेंस एप्लीकेशन मोबाइल एप ‘‘एम-शिक्षा मित्र’’ बनाया गया है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाना
2. ( क्र. 165 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य के 925 वन ग्रामों को 1 जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत प्रश्नांकित तिथि तक भी राजस्व ग्राम नहीं बनाया जा सका क्योंकि वन विभाग ने इस बाबत् प्रक्रिया का निर्धारण कर आदिम जाति कल्याण विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई वन ग्रामों के नाम जिलेवार दें? (ख) राज्य में किस जिले में वर्तमान में कितने वनग्राम हैं, वन विभाग ने 1980 के पूर्व किस जिले के कितने वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया उसके लिये वन विभाग ने क्या प्रक्रिया अपनाई थी? जिलेवार विवरण दें? (ग) वर्तमान वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? 1980 के पूर्व अपनाई गई प्रक्रिया के अनुसार ही वनग्रामों को राजस्व ग्राम न बनाएं जाने का क्या कारण रहा है? (घ) वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाएं जाने हेतु 1980 के पहले अपनाई गई प्रक्रिया के अनुसार वर्तमान वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने हेतु शासन क्या कदम कब तक उठाएगा, समय-सीमा सहित बताएं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वनग्रामों के निर्वनीकरण के संबंध में सिविल याचिका क्रमांक 202/1995 प्रकरण में माननीय उच्चतम न्यायालय का स्थगन होने के कारण राज्य में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के अधिकारों की मान्यता की कार्यवाही नहीं हुई है। वन ग्रामों की नामवार/जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्तमान में मध्यप्रदेश के जिलों में स्थित वनग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वन विभाग द्वारा वर्ष 1980 के पूर्व 6 वनग्राम निर्वनीकरण कर तथा 533 वनग्राम बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो के कालम-7 एवं 6 में दर्शित है। (ग) वर्तमान में वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के संबंध में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है। दिनांक 24.10.1980 से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 लागू होने के कारण वर्ष 1980 के पूर्व अपनाई गई प्रक्रियानुसार वर्तमान में वनग्रामों को राजस्व ग्राम नहीं बनाया जा सकता। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वंशानुगत मछुओं को पट्टा आवंटन
3. ( क्र. 249 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभागीय मत्स्यपालन नीति 2008 में मछुआ की परिभाषा में और तालाब/जलाशय के पट्टे के आवंटन की प्राथमिकता एवं वरीयता में वंशानुगत मछुआ जाति के लोगों को रखा गया है? (ख) क्या तालाब/जलाशय के कार्यक्षेत्र के तटवर्ती वंशानुगत मछुओं की सहकारी समितियों/समूह के रहते अन्य वर्ग की सहकारी समितियों/समूह, भले ही उनका कार्यक्षेत्र समान हो, पट्टा आवंटन में प्राथमिकता दोनों में से किसे होगी? (ग) विभागीय अधिकारियों के अभिमत में सुनिश्चित वंशानुगत मछुओं की प्राथमिकता को त्रिस्तरीय पंचायतों द्वारा अस्वीकार किये जाने अथवा असाधारण विलम्ब किये जाने पर मछुआ नीति के अनुसार सीधे जिला कलेक्टर से पट्टा आवंटित क्यों नहीं कराया जाता है? (घ) क्या त्रिस्तरीय पंचायत की स्वेच्छाचारिता एवं उदासीनता के कारण ग्वालियर संभाग के जिलों में स्थानीय विभागीय अधिकारियों द्वारा सीधे जिला कलेक्टर से पट्टे आवंटन कराये हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन वंशानुगत मछुओं की सहकारी समिति/समूह को पट्टा आवंटन में प्राथमिकता होगी। (ग) ग्वालियर संभाग के जिलो में ऐसी स्थिति नहीं होने से सीधे जिला कलेक्टर के माध्यम से पट्टा आवंटन कराने की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी हाँ। शिवपुरी जिले के खिरिया जलाशय का पट्टा आवंटन सीधे जिला कलेक्टर से कराया गया है, संभाग के शेष जिलों में ऐसी स्थिति नहीं है।
छात्रावासों में अधीक्षकों की पदस्थापना
4. ( क्र. 571 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी में वर्ष 2013, 14, 15 में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस कार्यों के लिये स्वीकृत हुई? विकासखण्डवार बतावें? (ख) जिला डिण्डौरी में कितने एस.सी., एस.टी. छात्रावास हैं? उनमें कितने छात्रावासों में इन्हीं वर्गों के अधीक्षक हैं? कितने छात्रावासों में सामान्य वर्गों के अधीक्षक हैं? (ग) क्या ऐसा कोई प्रावधान है कि इन छात्रावासों में इसी वर्ग के अधीक्षक नियुक्त हैं? यदि ऐसा नहीं तो इसके लिये जिम्मेदार कौन है? (घ) जिले में कितने ऐसे छात्रावास हैं, जिनमें अधीक्षक के पद रिक्त हैं, एक से अधिक छात्रावास के प्रभार में एक ही अधीक्षक है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति विकास मद अंतर्गत वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 में स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) डिण्डौरी जिले में 71 अनुसूचित जनजाति एवं 10 अनुसूचित जाति के छात्रावास संचालित हैं। इन छात्रावासों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 61, अनुसूचित जाति वर्ग के 06, अन्य पिछड़ा वर्ग के 09 तथा सामान्य वर्ग के 02 अधीक्षक पदस्थ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) म.प्र. राजपत्र 14 मई 2008 म.प्र. आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग छात्रावास/आश्रम संविदा अधीक्षक भर्ती नियम में निर्धारित रोस्टर के आधार पर नियुक्ति के निर्देश हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 03 छात्रावास। एक ही भवन में संचालित होने से तीन अधीक्षक दो-दो छात्रावासों के प्रभार में है।
छात्रावासों/आश्रमों में कम्प्यूटर व्यवस्था
5. ( क्र. 884 ) श्री जतन उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में छिंदवाड़ा के कितने छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई? (ख) कम्प्यूटर सेट किस कंपनी के क्रय किया गया है? कितने कम्प्यूटर सेट क्रय किये गये? कम्प्यूटर सेट किसके द्वारा क्रय किया गया? (ग) क्या शासन द्वारा कम्प्यूटर क्रय हेतु निर्धारित मापदण्ड तय किया गया है? यदि हाँ, तो प्रति सेट का मूल्य बताये तथा विज्ञापन का दिनांक व समाचार पत्र का नाम बतावें? (घ) कितने छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है? इसकी संख्या बतायें। वंचित छात्रावासों में कब तक कम्प्यूटर की व्यवस्था करा दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला छिन्दवाड़ा में 16 आदिवासी छात्रावासों में कम्प्यूटर व्यवस्था की गई है। (ख) सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा द्वारा ACER कम्पनी से 42 कम्प्यूटर सेट क्रय किये गये हैं। (ग) जी हाँ। आयुक्त, आदिवासी विकास, भोपाल के पत्र दिनांक 28/07/2015 द्वारा मापदण्ड निर्देश जारी किया गया है। प्रति कम्प्यूटर रूपये 50,000/- के मान से शासन द्वारा निर्धारित शासकीय उपक्रम से भण्डार क्रय नियम के तहत क्रय किये गये हैं। इस हेतु विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। (घ) 75 छात्रावासों में कम्प्यूटर व्यवस्था नहीं है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के आधार पर व्यवस्था की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति
6. ( क्र. 885 ) श्री जतन उईके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा में सहायक शिक्षक/उच्च श्रेणी शिक्षकों को प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति कर पदपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन को शिक्षा संबंधित अनेक योजनाओं को शिक्षण संस्थानों में पूर्णकालिक एवं उत्तरदायित्व निभाने वाले संस्था प्रधान पाठक की आवश्यकता नहीं है? (ग) क्या कई वर्षों से एक ही पद पर शिक्षक पदस्थ हैं? उन्हें क्रमबद्ध पदोन्नति से पदोन्नति कर प्रधानपाठक/प्रा.मा.शाला/ मा.शा. के पदों पर पदोन्नति किया जा सकता है? (घ) यदि हाँ, तो अभी तक इन सहायक शिक्षक/उच्च श्रेणी शिक्षक को पदोन्नति से वंचित क्यों रखा जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आवश्यकता व प्रावधानानुसार प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति की जा रही है। (ग) वरिष्ठता- सह उपर्युक्तता, रिक्त पदों की उपलब्धता व पात्रतानुसार सहायक शिक्षक/ उच्च श्रेणी शिक्षकों को प्रधान पाठक प्राथमिक व माध्यमिक शाला के पद पर पदोन्नत किया गया है। (घ) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ग'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुनर्वास की व्यवस्था
7. ( क्र. 1048 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत बाणसागर परियोजना बांध के पूर्व दिशा में नगर परिषद खांड में मत्स्य पालन के लिये तालाबों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ, तो जिस स्थान में तालाबों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? उन स्थानों में बाणसागर परियोजना के विस्थापित कई परिवार वर्षों पूर्व से आबाद हैं जिनके पास उक्त भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमि नहीं है तो क्या उन्हें मकान इत्यादि से हटाया जाना उचित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार हां, तो मानवीय दृष्टि से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग, मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्रमांक 272/1610/31/सा/2002 दिनांक 05.03.2003 द्वारा बाणसागर परियोजना भू-अर्जन द्वारा खसरा क्रमांक 197, 204 एवं 206 कुल रकबा 55.00 हेक्टेयर भूमि में से 51.922 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता न होने के कारण राजस्व विभाग को वापस की गयी। इससे स्पष्ट है कि बाणसागर परियोजना द्वारा राजस्व विभाग को वापिस की गई भूमि में किसी भी विस्थापित सदस्य को नहीं बसाया गया। अतिक्रमणकारी परिवार अवैध रूप से निवासरत है। निवासरत अतिक्रमणकारियों में कई परिवार के पास स्वयं की पट्टे की भी भूमि है। सूची सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मछली पालन विभाग को न्यायालय कलेक्टर जिला शहडोल के आदेश दिनांक 03.07.2013 से हस्तांतरित की गई भूमि में अतिक्रमणकारियों को व्यवस्थापन करने के लिये शासन द्वारा राजस्व विभाग की भूमि खसरा क्रमांक 206/1 का अंश रकबा 2.630 हेक्टेयर सुरक्षित रखा गया है।
विभिन्न योजनाओं के तहत राशि आवंटित
8. ( क्र. 1067 ) श्री रामपाल सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में आदिम जाति कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं के तहत राशि आवंटित की जाती है? (ख) विगत 03 वर्षों से कितनी राशि आवंटित की गई है तथा ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि व्यय की गई? (ग) जनपदवार तथा वर्षवार ब्यौरा कार्य एवं लाभान्वित हितग्राहियों सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'ख' तथा 'क' अनुसार है।
जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर द्वारा बरती जा रही अनियमितताएं
9. ( क्र. 1208 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक 1663 दिनांक 9.8.2015 के द्वारा अध्यापकों के संविलियन/स्थानांतरण आदेश जारी किये गये है, जिसमें सूची के स.क्र.25 पर अंकित अध्यापिका श्रीमती हेमलता अहिरवार शा.मा.वि.ढिचरी का स्थानांतरण अशोकनगर से विदिशा जिले में किया गया है? क्या यह स्थानांतरण/संविलियन नियमानुसार है? (ख) शासन के नियमानुसार प्रत्येक मिडिल स्कूल में 03 शिक्षक पदस्थ होना अनिवार्य है? 03 से अधिक शिक्षक पदस्थ होने पर स्थानांतरण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये जाने का प्रावधान है? इसके बावजूद उच्च विद्यालय में 02 शिक्षक पदस्थ होने पर भी जिला शिक्षक अधिकारी अशोकनगर द्वारा स्थानान्तरण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया और संबंधित को विदिशा जिले के लिये कार्यमुक्त भी किया गया? क्या यह जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर द्वारा शासन आदेशों की अवहेलना नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त स्थानान्तरण निरस्त किया जायेगा तथा दोषी जिला अधिकारी अशोकनगर के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश दिनांक 09 सितम्बर 2015 है। जी हाँ। श्रीमती हेमलता अहिरवार, अध्यापक, शा.मा.वि. ढिचरी जिला-अशोकनगर से विदिशा अन्तर्जिला संविलियन आदेश के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। श्री आर.एस. निम, जिला शिक्षा अधिकारी अशोकनगर को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी कर 15 दिवस में प्रतिवाद चाहा गया है। प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में परीक्षण उपरान्त नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
हाई स्कूल संकुल के रूप में कार्य
10. ( क्र. 1292 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने हाई स्कूल संकुल के रूप में कार्य कर रहे है एवं इनके अंतर्गत कितने हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी इनके अधीन कार्य कर रहे है? तहसीलवार, ग्रामवार, स्थानवार जानकारी प्रदान करें? (ख) हाई स्कूल प्राचार्य का पद बड़ा होता है अथवा हायर सेकण्डरी प्राचार्य का? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जो हाई स्कूल संकुल के रूप में कार्य कर रहे है एवं जिनके अधीनस्थ हायर सेकण्डरी स्कूल है ऐसी स्थिति में हाई स्कूल प्राचार्य के अधीनस्थ हायर सेकण्डरी स्कूल के प्राचार्य का कार्य किया जाना कहाँ तक न्याय संगत है? यदि नहीं, तो उक्त व्यवस्था को बदलने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राचार्य, हायर सेकेण्डरी का। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित हाईस्कूल संकुल केन्द्र पूर्व से ही गठित है। इसके अंतर्गत संचालित माध्यमिक शाला का हाईस्कूल एवं हाईस्कूल का उ.मा.वि. में उन्नयन होने के कारण वर्तमान स्थिति निर्मित है। संकुल केन्द्र के प्राचार्य को अधीनस्थ उ.मा.वि. प्राचार्य के संबंध में अनुशासनिक एवं प्रशासनिक अधिकार नहीं होने से उक्त व्यवस्था का परिवर्तन करना आवश्यक नहीं है।
प्रेरकों को मानदेय का भुगतान
11. ( क्र. 1525 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में भारत साक्षर योजनान्तर्गत ग्रामीणों को बुनियादी शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले प्रेरकों को मानदेय का भुगतान व अन्य कार्य हेतु भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितनी राशि प्रदाय की इसे किन-किन कार्यों में व्यय किया जानकारी वर्षवार देवें? (ख) क्या उक्त अवधि में आवंटन की उपलब्धता होने के बावजूद संबंधित विभागीय अमले की उदासीनता के कारण प्रेरकों को विगत 25 माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया हैं इसके क्या कारण है? (ग) क्या उक्त अवधि के मानदेय का भुगतान न होने के कारण जिले के तीनों ब्लॉक में औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्रों पर 106 प्रेरक भीषण आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रेरकों को मानदेय के भुगतान में विलंब के कारणों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा अविलम्ब लंबित मानदेय का भुगतान कराकर भविष्य में प्रतिमाह समय पर भुगतान की व्यवस्था हेतु विभाग को निर्देश जारी करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ पर है। संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही हेतु कलेक्टर श्योपुर द्वारा आयुक्त चंबल संभाग को पत्र लिखा गया है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्त़रांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय विद्यालयों में व्यापम शिक्षकों की संख्या
12. ( क्र. 1584 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले अंतर्गत उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में व्यापम शिक्षक (उच्च वेतनमान व निम्न वेतनमान) कार्यरत है? यदि हाँ, तो पदस्थ संख्या सहित संबंधित व्यापम शिक्षकों की सूची संस्था में पदभार दिनांक के साथ उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रदेश के कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में महिला व्यापम शिक्षक का ही होना आवश्यक है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पदस्थ व्यायाम शिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं।
इन्दौर जिले में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
13. ( क्र. 1585 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग के तहत नल-जल योजना अंतर्गत इन्दौर जिले को शामिल किया गया हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्ष में इन्दौर जिले के कितने गांवों को इस योजना अंतर्गत जोड़ा जा चुका है, व इन वर्षों में इस योजना अंतर्गत कितनी राशि का व्यय किया गया है, वर्षवार एवं ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार नल-जल योजना का क्रियान्वयन इन्दौर जिले में निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण नहीं किया गया है, यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? इन्दौर जिले के निर्धारित लक्ष्य को कब तक हासिल किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजनाओं का कार्य निर्धारित लक्ष्य अनुसार किया जा रहा है। कोई उत्तरदायी नहीं है। 89 योजनाओं में से 84 योजनाएं पूर्ण की गई तथा 5 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, जिनमें से 3 योजनाएं जून 2016 तक एवं 2 योजनाएं दिसंबर 2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
मध्यप्रदेश में बाल मजदूरी पर प्रतिबंध
14. ( क्र. 1586 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में बाल मजदूरी प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में इन्दौर जिले में कितने बाल मजदूरी के प्रकरण बनाए गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बाल मजदूरी के बनाए गये प्रकरणों में संबंधित (बाल मजदूर रखने वाले) के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, स्पष्ट करें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) बाल श्रम (प्रेतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 18 उप जीविकाओं तथा 65 प्रविधियों में 14 वर्ष से कम आयु के बाल श्रमिकों का नियोजन प्रतिबंधित है। विगत 3 वर्षों में 88 बाल श्रमिकों के नियोजन हेतु दोषी 44 नियोजकों के विरूद्ध प्रकरण बनाये गये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बाल श्रमिकों के नियोजन हेतु दोषी सभी 44 नियोजकों के विरूद्ध मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में अभियोजन दायर किये गये।
इन्दौर जिले में अ.जा./अ.ज.जा. निधि में किए विकास कार्य
15. ( क्र. 1587 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति निधि से विकास कार्य स्वीकृत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में इन्दौर जिले के विधान सभा क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की सूची संबंधित कार्य की राशि सहित उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्न (क) अनुसार स्वीकृत कार्य किसकी अनुशंसा पर स्वीकृत किये जाते है, व उपरोक्त कार्य जो स्वीकृत हुए है व किसकी अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। नियमों में अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त प्रस्तावों को नियमों के परिप्रेक्ष्य में कार्य योजना में सम्मिलित किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति
16. ( क्र. 1676 ) श्रीमती ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में 30 से कम छात्र संख्या होकर पूर्व से पदस्थ 2 शिक्षकों के बावजूद भी एक अन्य और अतिथि शिक्षक रखने का प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो शासकीय प्रौन्नत प्रा.वि. कालापहाड़ जिला गुना में दो शिक्षक पदस्थ होने के बाद भी एक अन्य अतिथि शिक्षक की नियुक्ति किस आधार पर की गई है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार अतिथि शिक्षक की नियुक्ति नियम विरूद्ध है तो इसे भुगतान किये गये मानदेय के लिये किस पर जवाबदेही निर्भर की जाकर वसूली एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांकित शाला में कोई अतिथि शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शा. हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी
17. ( क्र. 1714 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने शास. हाई स्कूल एवं शास. हायर सेकण्डरी स्कूल हैं? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने शास. हाई स्कूल और शास. हायर सेकण्डरी स्कूल स्वीकृत किए जाने प्रस्तावित हैं? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित शास. हाई स्कूल और शास. हायर सेकण्डरी स्कूलों में किन-किन विषयों के शिक्षकों की कमी है? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) परासिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित शास. हाई स्कूल और शास. हायर सेकण्डरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? शिक्षकों की कमी को कब तक दूर किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 18 हाईस्कूल एवं 24 हायर सेकेण्डरी स्कूल। (ख) उन्नयन की कार्रवाई प्रत्येक वर्ष वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर की जाती है। वर्ष 2015-16 हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) अतिथि शिक्षकों से अध्यापन की यवस्था है। शासन निर्देशानुसार रिक्त पदों पर पदस्थापना सीधी भरती/पदोन्नति की जाती है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उत्कृष्ट विद्यालय की स्वीकृति
18. ( क्र. 1821 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं तथा उनमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या क्या है, कक्षावार बतलावें? संचालित उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षा की उत्कृष्टता एवं गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए अन्य प्रशिक्षित शिक्षकों की पदस्थापना की जाती है अथवा पुराने ही शिक्षकों को पदस्थ किया जाता है? (ख) कितने नवीन उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाने हेतु प्रस्तावित हैं तथा अगले वित्तीय वर्ष में कहाँ-कहाँ उत्कृष्ट विद्यालय स्वीकृत होना है? (ग) जबेरा विधान सभा क्षेत्र के तहसील तेन्दूखेड़ा एवं जबेरा में क्या उत्कृष्ट विद्यालय प्रस्तावति है, यदि नहीं, तो कब तक उक्त तहसीलों में उत्कृष्ट विद्यालय का प्रारम्भ कर दिया जावेगा, समय-सीमा बतलावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में कुल 323 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं जिनमें स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 235 एवं आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत 88 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित है। स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित उत्कृष्ट विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत संचालित उत्कृष्ट विद्यालयों में 1643 शिक्षक कार्यरत हैं एवं कक्षा 9वीं से 12 वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या 59541 है। उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों का चयन निर्धारित समिति द्वारा चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) पूर्व से ही उत्कृष्ट विद्यालय संचालित होने के कारण कोई नवीन उत्कृष्ट एवं विद्यालय खोला जाना प्रस्तावित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं हेाता।
बीज अनुदान एवं अन्य सामग्री वितरण में पक्षपात
19. ( क्र. 1889 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन की उद्यानिकी विभाग द्वारा गुना जिले को विकासखण्डवार वर्ष 2015-16 में खरीफ एवं रबी सीजन में पेड़-पौधे, खाद्य, सब्जी-बीज, धनिया बीज, आलू-बीज, लहसुन एवं प्याज बीज तथा इनमें खाद्य एवं दवाइयों किसानों को अनुदान पर वितरण हेतु मदवार कितना लक्ष्य था, कितने किसानों को विकासखण्डवार वितरण किया? (ख) क्या गुना जिले के आरोन विकासखण्ड में कितने किसानों को पेड़ पौधे खाद्य तथा सब्जी बीज दवाइयां तथा कितने किसानों को आलू, धनिया, प्याज, लहसुन का बीज दिया? (ग) क्या आरोन ब्लॉक में प्लासिटक मालचिंग शीट का वितरण किया है। यदि हाँ, तो कितने किसानों को किस नियम से वितरण किया है एवं कृषि यंत्र कितने किसानों को कौन से नियम से दिये है। (घ) गुना जिले के विकासखण्डवार उद्यानिकी विभाग की समस्त योजनाओं का क्या लक्ष्य निर्धारित था लक्ष्य के अनुपात में कितना कितने कृषकों को वितरण किया कितना शेष है, प्रचार-प्रसार हेतु कोई प्रावधान था?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। व्यावसायिकी उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 16 किसानों को प्लास्टिक मल्चिंग सीट की वितरण तथा उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना के अंतर्गत 02 किसानों को कृषि यंत्रों का वितरण शासन द्वारा जारी मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कृषक प्रशिक्षण एवं मेला प्रदर्शनी प्रचार-प्रसार के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है।
वनाधिकार पट्टों का वितरण
20. ( क्र. 1897 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन क्षेत्रों में निवासरत लंबे समय से भूमि पर काबिज परिवारों को वनाधिकारों की मान्यता नियम 2006 संशोधित नियम 2012 के अंतर्गत वनाधिकार पट्टों का वितरण जनपद पंचायत पानसेमल एवं निवाली में अधिकारियों की तालमेल के अभाव में नहीं हो रहा है? क्या इस हेतु विभाग ने कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो क्यों नहीं कारण बतायें? (ख) वनाधिकार पट्टों के वितरण में उक्त दोनों जनपदों में कार्य में गति लाने के लिये विभाग के पास क्या योजना है? कब तक काबिज लोगों को पट्टे प्रदाय कर दिये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। जनपद पंचायत पानसेमल एवं निवाली में वन अधिकार के दावों के निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर द्वारा प्रति सप्ताह आयोजित टी.एल. समीक्षा बैठक में लंबित/शेष रहे प्रकरणों के त्वरित गति से निराकरण हेतु संबंधित अनुभाग स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। (ख) वनाधिकार पट्टों के वितरण में उक्त दोनों जनपदों में कार्य में गति लाये जाने हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व, वन) को समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नलकूप खनन की जानकारी
21. ( क्र. 1999 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में नलकूप खनन कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2009-10 तक विभाग द्वारा कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई? सफल निविदाकार का नाम, स्वीकृत दर, प्रभावशील एस.ओ.आर. का दिनांक, वर्ष नलकूप का व्यास, प्रकार बतावें? (ख) क्या लॉजी/किरनापुर/बैहर/बिरसा/परसवाड़ा में अन्य विकासखण्ड की अपेक्षा अधिक दर पर नलकूप खनन हेतु दर स्वीकृत किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रश्नकर्ता की शिकायत पर जाँच
22. ( क्र. 2011 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा श्री वाय.के. डोंगरे प्राचार्य के विरूद्ध शिकायत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच हेतु किसको जाँचकर्ता अधिकारी बनाया गया, जाँच अभी तक पूर्ण की गई या नहीं की गई बतावें? (ग) जाँच पूर्ण की गई तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति मय साक्ष्य, पूर्ण नहीं की गई तो विलम्ब का कारण एवं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी समय-सीमा बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच हेतु प्राचार्य आवासीय विद्यालय मलाजखण्ड, प्र.क्षेत्र संयोजक आ.जा.क. विभाग बालाघाट एवं कनिष्ट लेखाधिकारी आदिवासी विकास बालाघाट को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच की कार्यवाही गतिशील है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
खरगोन शासकीय अधिवक्ता की पैनल
23. ( क्र. 2165 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण स्कीम 2012 अंतर्गत राज्य द्वारा किन-किन प्रकरणों में मृत्यु सहायता राशि प्रदान किया जाना है? (ख) इस योजना में सहायता हेतु खरगोन, बड़वानी एवं खण्डवा से कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने स्वीकृत/अस्वीकृत हुए? (ग) विगत 03 वर्षों में खरगोन, बड़वानी एवं खण्डवा जिलों में शासकीय अधिवक्ताओं की पैनल के सदस्यों के नाम, श्रेणी एवं कब से सदस्य है दिनांक सहित जिलेवार सूची देवे बतायें? इन पैनल में कितनी महिला, कितने अ.जा./अ.ज.जा. श्रेणी के सदस्य है नाम, सदस्यता दिनांक सहित जिलेवार सूची देवें? यदि महिला, अ.जा., अ.ज.जा., सदस्य नहीं है तो कारण बताये? यह पैनल में महिला एवं अ.जा., अ.ज.जा. सदस्य कब तक शामिल कर लिये जावेंगे? समय-सीमा बताये? (घ) म.प्र. शासन, विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों दिनांक 27.02.2013 में दिए गए निर्देशों के अनुसार योग्य एवं उपयुक्त पाई जाने वाली महिला अधिवक्ताओं का नाम पैनल में भेजे जाने हेतु निर्देश कब जारी किये गये? इन निर्देशों की एक प्रति देवें? खरगोन, बड़वानी एवं खण्डवा जिलों से किन-किन महिला अधिवक्ताओं के नाम भेजे गये सूची देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मृत अधिवक्ता के आश्रित को। (ख) खरगोन से 1, बड़वानी से 02 एवं खण्डवा से 04 सभी स्वीकृत किये गये। (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला शिक्षा केन्द्र अंतर्गत किचन शेड निर्माण
24. ( क्र. 2259 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा कितने-कितने किचन शेड निर्माण की स्वीकृति कितनी-कितनी शालाओं में दी गई? (ख) यदि शालाओं में किचन शेड निर्माण की स्वीकृति दी गई है तो वर्तमान तक कौन-कौन सी शालाओं में किचन शेड का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? ऐसी कितनी शालाएं है जहां किचन शेड निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? शालावार बतायें? (ग) यदि किचन शेड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो विभाग द्वारा किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा किसी शाला में किचन शेड निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण
25. ( क्र. 2264 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग झाबुआ में वर्ष 2013-14 से अब तक कितने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण विभाग को प्राप्त हुए है? (ख) उक्त अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में कौन-कौन से वर्ग के कितने-कितने प्रकरण है? बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार झाबुआ जिले में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में किस-किस को एवं कौन-कौन से वर्ग में अब तक अनुकम्पा नियुक्ति दी गई? (घ) अगर वर्तमान तक अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित है तो प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित अनुकम्पा नियुक्ति पर शासन कुछ कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी विकास विभाग झाबुआ में वर्ष 2013-14 से अब तक अनुकम्पा नियुक्ति के 30 प्रकरण प्राप्त हुये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में अनुसूचित जनजाति के 26, अन्य पिछड़ा वर्ग के 02, अनारक्षित वर्ग के 02 प्रकरण प्राप्त हुये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के आवेदनों का निराकरण
26. ( क्र. 2288 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला कटनी के विकासखण्ड कटनी के ग्राम कटंगीकलां, ढरका, टिकरिया, देवरी हटाई के युवकों द्वारा वर्ष 2014 से 2015 की अवधि में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत आवेदन किया है और उनमें से कितने लोगों के आवेदन अनुमोदित कर किन बैंकों को भेजे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में से कितने प्रकरणों को किन बैंकों द्वारा स्वीकृत किया गया है और उनमें से किनको किन तिथियों में ऋण प्रदान कर दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा अपने पत्र दिनांक 08.06.2015 व 08.07.2015 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जि.पं. कटनी और 24.01.2016 को कलेक्टर कटनी को लेख किया है और किन्हीं बिन्दुओं पर ध्यानाकर्षित किया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अधिकारियों द्वारा कब-कब बैंक अधिकारियों से प्रश्नांश (क), (ख) की समीक्षा की है और कितने प्रकरणों का निराकरण बैंकों से कराया है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, प्रश्न में उल्लेखित गांवों के 13 आवेदन पत्र मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत प्राप्त हुए थे इसमें से एक आवेदन श्री सतईया आत्मज राजाराम कोरी का रूपये 1.00 लाख का म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को तथा शेष 12 आवेदन उद्योग विभाग को प्राप्त हुए। सभी आवेदन अनुमोदित कर बैंकों को भेजे गये। (ख) बैंकों द्वारा कुल 5 आवेदन स्वीकृत किये गये। किसी भी प्रकरण में ऋण वितरण नहीं किया गया। इसमें से खादी बोर्ड को प्राप्त एक आवेदन बैंक द्वारा दिनांक 9/2/2015 को स्वीकृत किया गया तथा दिनांक 26/2/2015 को 30,000 अनुदान बैंक को उपलब्ध कराया गया। किन्तु आवेदक द्वारा ऋण संबंधी औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने से ऋण वितरण नहीं किया गया। अनुदान राशि बैंक में जमा है। (ग) जी हाँ। (घ) योजना की समीक्षा डी.एल.सी.सी. बैठक एवं विभाग की समीक्षा के दौरान के दौरान की जाती है। बैंकों द्वारा 5 प्रकरण स्वीकृत किये गये है, वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मंत्री परिषद के निर्णय एवं जनसंकल्प का प्रभावशील होना
27. ( क्र. 2295 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के माध्यम से विभाग को प्रेषित ओ.आर.जी.आई. के पत्र दिनांक 09.02.2015 में उसके द्वारा पूर्व के अर्द्ध-शासकीय पत्र दिनांक 06.04.2007 तथा 04.01.2011 का उल्लेख किया गया है और उनमें जातियों-जनजातियों के संबंध में संदर्भ साहित्यों, जनगणनाओं, मंत्री परिषद के निर्णय जनसंकल्प, आग्रहपत्र तथा किसी संस्था के अध्ययन-प्रतिवेदन का उल्लेख है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के मा.मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत पत्र दिनांक 08.12.2014 में दर्शित प्रश्नांश (क) के मंत्री परिषद के निर्णय के एक वर्ष पूर्व मंत्री परिषद हेतु कोई संक्षेपिका प्रस्तुत की गई है और उसके बाद मंत्री परिषद का कोई निर्णय किसी माध्यम से भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, जिनमें माझी जनजाति तथा धीमर, केवट, कहार, भोई, मल्लाह आदि के विषय में कोई लेख किया गया है? (ग) क्या भारत सरकार को प्रस्तुत प्रश्नांश (ख) निर्णय संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन है और जिससे प्रश्नांश (ख) के पूर्ववर्ती निर्णय निष्प्रभावी बन गये है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) (ग) के मंत्री परिषद के निर्णय, अभिमत, संदर्भ साहित्यों के उल्लेखों और जनसंकल्पों से ओ.आर.जी.आई. की प्रश्नांश (क) की कामेंट्स स्वयंमेव निष्प्रभावी बन जाती है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
माझी जनजाति की जनसंख्या व स्थिति
28. ( क्र. 2296 ) श्री
मोती कश्यप :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
ने मा. मुख्यमंत्री
जी को प्रस्तुत
अपने पत्र
दिनांक 08.12.2014
में माझी
जनजाति की किन
वर्षों की
जनसंख्या
कितनी होना
दर्शायी गई है? (ख) क्या
आ.जा.अ. संस्था
ने किन्हीं
जातियों
द्वारा फर्जी
जाति प्रमाण
पत्रों
द्वारा
आरक्षण का लाभ
लेने और इस
प्रकार माझी
की जनसंख्या
बढ़ी होने का
लेख किया है? (ग) प्रश्नकर्ता
के मा. मुख्यमंत्री
जी को प्रस्तुत
पत्र दिनांक 07.07.2016 में क्या
भारत की
जनगणना 1901
(सेन्ट्रल
प्रोविन्सेस)
को संलग्न
किया गया है
और जिसके सरल
क्रमांक 311, 594, 600, 604, 605, 606, 626 एवं 627 में किन
जातियों को
किन जातियों
में समाविष्ट
किया जाना
दर्शाया जाकर
जनगणना किये
जाने से ही
आगामी
जनगणनाओं में
माझी समूह की
जनसंख्या
निरंतर घटी है? (घ) क्या
प्रश्नांश (क) (ख)
(ग) के अनुसार
माझी जनजाति
के मछुआ-नाविक
वर्ग, समूह, परस्पर
पर्यायवाची व
समाविष्ट
जाति बन जाने
से वर्तमान
में वह
अविद्यमान व
अस्तित्वहीन
जाति बन गई है?
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय मुख्यमंत्री
जी को प्रस्तुत
अपने पत्र
दिनांक 08.12.2014
में मांझी
जनजाति से
संबंधित
जनसंख्या का
कोई उल्लेख
नहीं है। (ख) जी
नहीं। (ग) एवं (घ)
माननीय प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा पत्र
दिनांक 07-07-2016 का
उल्लेख किया
है। जबकि इन प्रश्न
के सदन हेतु
उत्तर तिथि 16-03-2016
निर्धारित
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सरकार की तुलना में आ.जा.अ. संस्था की प्रास्थिति
29. ( क्र. 2297 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 02/10-09-2013, 08-12-2014, 23/24-03-2015 एवं 01-12-2015 को मा. मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत किन्हीं बिन्दु पर दिये गये अभिमतों में तत्कालीन एवं वर्तमान राज्यों व जिले की माझी व मांझी जनजाति की उत्पत्ति, विभाग, अनुभाग, समूह, उपजातियों, पर्यायवाची व समाहित नामों की कोई स्थिति दर्शित की गई है तथा संदर्भ साहित्यों की तुलना में आ.जा.अ. संस्था के प्रतिवेदनों में क्या अंतर है? (ख) क्या संविधान आदेश की मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजाति की अनुसूची की माझी (अंग्रेजी में) तथा मांझी (हिन्दी में) जनजाति के समक्ष किन्हीं विभाग, उपविभाग, अनुविभाग, समूह, उपजनजातियों व पर्यायवाची व समाविष्ट जातियों के किन्हीं नामों का उल्लेख है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संलग्न संदर्भ साहित्यों के उल्लेखों, जनगणना 1901 व 1961 की पर्यायवाचिता व समाविष्टता, मंत्री परिषद का निर्णय, विधि विभाग का अभिमत, सरकार का जनसंकल्प और मा. मुख्यमंत्री जी का आग्रहपत्र को आदिमजाति अनुसंधान संस्था द्वारा मान्य किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में सरकार (केबिनेट, मा. मुख्यमंत्री जी सहित) और आ.जा.अ. संस्था में से किसकी क्या प्रास्थिति है और उच्च कौन है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। संदर्भ साहित्यों में माझी जनजाति तथा केवट, ढीमर, भोई, कहार, आदि के संबंध में दिये गये विवरणों को दृष्टिगत रखते हुये एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं संस्था द्वारा किये गये क्षेत्रीय अध्ययनों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर माझी एवं केवट, ढीमर, भोई, कहार, आदि में स्पष्ट अंतर किया गया है। (ख) अनुसूचित जनजाति की सूची की प्रविष्टि 29 पर माझी के साथ किन्ही नामों का उल्लेख नहीं है। (ग) संस्था द्वारा प्रत्येक प्रकरणों पर यथास्थिति संबंधी वैधानिक/अकादमिक जानकारी शासन को सुझायी जाती है। संस्था द्वारा शासन के चाहे अनुसार प्रकरणों के संबंध में यथास्थिति संबंधी वैधानिक/अकादमिक जानकारी प्रस्तुत की जाती है। संस्था द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता है। (घ) समुचित निष्कर्षों तथा संदर्भों के तारतम्य/परिप्रेक्ष्य में लिये गये निर्णय के आधार पर - शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शालाओं का हाई-स्कूल में उन्नयन
30. ( क्र. 2311 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में सत्र 2013-14 से 2015-16 तक कितने माध्यमिक विद्यालयों का उन्नयन हाई स्कूलों में किया गया है? (ख) माध्यमिक विद्यालय क्रमश: तिलावद गोविन्द, विकलाखेड़ी, लखनखेड़ी, मण्डोदा, का उन्नयन हाई स्कूल में किया जाना है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के अनुसार इनका उन्नयन कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2013-14 में शासकीय माध्यमिक शाला देहरीया सुसनेर, 2014-15 में निरंक माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन किया गया एवं वर्ष 2015-16 हेतु उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) शा.मा. शाला तिलावद गोविन्द एवं विकलाखेड़ी उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं करते है। लखनखेड़ी नाम से कोई माध्यमिक शाला नहीं है। शा.मा. शाला मण्डोदा उन्नयन हेतु मापदण्ड की पूर्ति करता है। शालाओं का उन्नयन वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति
31. ( क्र. 2312 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने वरिष्ठ प्रधानाध्यापक (मा.वि.) कार्यरत है? कितने प्रधानाध्यापकों को वरिष्ठ वेतनमान प्राप्त हुआ है? (ख) वरिष्ठ प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्य हाई स्कूल का वेतनमान समान है? (ग) शाजापुर जिले में हाई स्कूलों में प्राचार्य पद रिक्त है? यदि रिक्त पद पर वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति हाई स्कूल प्राचार्य पद पर की जाती है तो शासन पर कोई वित्तीय भार आयेगा? (घ) शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आता है तो वरि. प्र.अ. की पदोन्नति प्राचार्य हाई स्कूल पर करने का प्रावधान किया जा सकता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक प्रधानाध्यापक का कोई पद स्वीकृत नहीं है। 26 प्रधानाध्यापक को वरिष्ठ वेतनमान प्राप्त हुआ। (ख) प्रधानाध्यापक को वरिष्ठ वेतनमान एवं प्राचार्य हाईस्कूल का वेतनमान समान है। (ग) जी हाँ, भरती पदोन्नति नियम, 1982 अनुसार प्रधानाध्यापक की पदोन्नति हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी शाला में उन्नयन
32. ( क्र. 2313 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के हाई स्कूल से हायर सेकण्डरी उन्नयन हेतु क्या नीति निर्धारण की गई है? (ख) वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 में जिला शाजापुर में कितने हाई स्कूलों का उन्नयन हायर सेकण्डरी शालाओं में किया गया है वर्षवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) विकासखण्ड शाजापुर के हाई स्कूल बर्डियासोन एवं हाई स्कूल साजोद का उन्नयन हायर सेकण्डरी शाला में कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति
33. ( क्र. 2314 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शाजापुर जिले में कितने सहायक शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं? कितने सहायक शिक्षक, शिक्षक का वेतनमान कब से प्राप्त कर रहे है? (ख) शाजापुर जिले में कितने पद विषयमान से माध्यमिक शाला एवं हाईस्कूल में शिक्षक के रिक्त है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विषयमान से सहायक शिक्षकों की पदोन्नति शिक्षक के पद की जाती है? तो शासन पर कितना वित्तीय भार आएगा? (घ) यदि शासन पर कोई वित्तीय भार सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर पदोन्नति करने से नहीं आता है तो कृपया प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार पदोन्नति कब तक होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1032 सहायक शिक्षक। उक्त सहायक शिक्षकों को 12 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण होने के उपरांत शासन नियमानुसार वरिष्ठ वेतनमान के रूप में शिक्षक का वेतनमान निम्नानुसार प्राप्त कर रहे है-
कार्यरत् सहायक शिक्षकों की संख्या |
वरिष्ठ वेतनमान के रूप में शिक्षक का वेतनमान प्राप्त करने की अवधि |
39 |
20 से 25 वर्षों से |
86 |
15 से 20 वर्षों से |
599 |
10 से 15 वर्षों से |
165 |
05 से 10 वर्षों से |
143 |
01 से 05 वर्षों से |
(ख) विषयमान
से 256
माध्यमिक
शाला एवं हाई
स्कूल में
शिक्षक के पद
रिक्त है।
जिनका विवरण
निम्नानुसार
है-
स.क्र. रिक्त पद का विषय रिक्त पद संख्या कुल रिक्त पद
माध्यमिक शाला हाई स्कूल
1 हिन्दी 00 03 03
2 अंग्रेजी 64 27 91
3 गणित 43 18 61
4 विज्ञान 32 14 46
5 सामा.विज्ञान 38 17 55
योग 177 79 256
(ग) भरती एवं पदोन्नति नियम अनुसार सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति पद की रिक्तता के साथ शैक्षिक अर्हता, अनुभव एवं पात्रता आदि पर आधारित है। अतः वित्तीय भार की गणना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं में अनियमितता
34. ( क्र. 2646 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान अनुच्छेद-275 (1) तथा विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले में स्वीकृत कार्यों की कार्य नाम, स्थान, राशि, कार्य एजेंसी सहित वर्षवार, योजनावार सूची देवें? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति भी कार्यवार बतायें? (ख) खरगोन जिले में आदिवासी क्षेत्र उपयोजना अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु कितने प्रकरण विगत 4 वर्षों में स्वीकृत किये गये? हितग्राही संख्या विकासखण्डवार वर्षवार देवें? (ग) खरगोन जिले में वर्ष 2011 से 2015 तक आई.टी.डी.पी. योजना अंतर्गत कितनी राशि किन शर्तों पर विकासखण्ड अधिकारियों को प्रदान की गई वर्षवार राशि एवं हितग्राहियों की संख्या सहित सूची देवें, शर्तों की एक-एक प्रति देवें? इस योजना के हितग्राहियों के चयन एवं राशि वितरण में किन-किन शर्तों का पालन एवं किन-किन शर्तों का उल्लंघन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (घ) जनपद सेगांव सी.ई.ओ. द्वारा आई.टी.डी.पी. योजना में अनियमितता के संबंध में भगवानपुरा विधायक की शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई वर्तमान में शिकायती जाँच प्रतिवेदन कहाँ पर कब से लंबित है? कारण बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ तथा 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’तीन’’ पर तथा शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’चार’’ अनुसार है। हितग्राहियों के चयन एवं राशि वितरण में समाग्री वितरण की शर्त का उल्लंघन जनपद पंचायत सेगांव की तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा वर्ष 2012-13 में किया गया है। (घ) शिकायत की जाँच हेतु आयुक्त इंदौर संभाग को परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के द्वारा आरोप पत्र पर आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेगांव को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, कार्यवाही आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर के स्तर पर प्रचलित है।
विभागीय योजनाओं के हितग्राहियों की सूची
35. ( क्र. 2647 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आयुक्त, आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/निर्माण-2/2014-15/17474 भोपाल दिनांक 28.08.14 द्वारा जारी निर्धारित प्रारूप में खरगोन जिले में विभाग द्वारा संचालित स्कूलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ख) मांग संख्या 41 मुख्य शीर्ष 4225 योजना क्रमांक 8832 छात्रावास/आश्रमों के सुदृढ़ीकरण मद अंतर्गत आवंटन-वित्तीय वर्ष 2015-16 का आवंटन खरगोन जिले के लिए कितना, किन शर्तों पर किया गया? इस राशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया गया, कार्य नाम, स्थान, राशि सहित सूची देवें? इस आवंटन की कब-कब कितनी किश्त राशि जिले को प्राप्त हुई राशिवार सूची देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2015-16 में प्राप्त राशि के उपयोग की शर्तों हेतु राशि आवंटन का ज्ञापन पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शालाओं के उन्नयन
36. ( क्र. 2730 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं यथा प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, आदि संस्थाओं का संस्था अथवा पोषक संस्थाओं में दर्ज छात्र/छात्रओं की संख्या के आधार पर उन्हें उच्च कक्षा के लिये उन्नयन किये जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. के धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं यथा कन्या हाईस्कूल नालछा, हाईस्कूल कछवानिया, कुसुमला व तलवाड़ा, तथा क.मा.वि.बगड़ी, मा.वि.सोडपुर, मेघापुरा, लोभानपुरा, कुंजरोद, मेवासजामन्या, ईमलीपुरा आदि संस्थाओं का उन्नयन उच्च कक्षा में करने तथा हा.से. स्कूल माण्डव व खलघाट में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव मय आवश्यक जानकारी एवं अनुशंसा सहित विगत दो तीन वर्षों से प्रेषित करने के बावजूद नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) विभाग को प्रेषित प्रस्ताव अनुसार उपरोक्त संस्थाओं का उन्नयन एवं वांछित संस्थाओं में विज्ञान संकाय शिक्षा सत्र 2016-17 से प्रारंभ कर दिया जावेगा अथवा नहीं? प्रस्तावित शालाओं का उन्नयन कब तक किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन किया जाता है। (ख) सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 20 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन एवं 40 हाईस्कूलों का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन किया जाता है। उ.मा.वि. खलघाट में विज्ञान विषय संचालित है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
37. ( क्र. 2787 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अनुदान प्राप्त सरस्वती बाल मंदिर मऊगंज (प्राथमिक) के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के एरियर्स के प्रथम किस्त का भुगतान माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार अप्रैल, 2015 में किया जाना था? यदि हाँ, तो क्या एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विद्यालय में 06 कर्मचारी पदस्थ थे जिसमें 02 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं? यदि हाँ, तो 03 कर्मचारियों के छठवें वेतनमान के एरियर्स की प्रथम किस्त का भुगतान किया जा चुका है तथा शेष 03 कर्मचारियों के एरियर्स के प्रथम किस्त का भुगतान नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इस प्रकार के अनियमितता के लिए कौन सा अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम बतावें? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार भुगतान हो चुका है। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के शास. हाई स्कूलों में प्राचार्य पद की पूर्ति
38. ( क्र. 3197 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने हाई स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है? रिक्त पद की जानकारी संस्थावाइज़ प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में दी जावे? (ख) हाई स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त पद रहने का कारण क्या है? (ग) क्या H.S. में प्राचार्यों के पद खाली रहने से विद्यालयों की प्रशासनिक कसावट में कमी आ रही है? यदि हाँ, तो विद्यालयों में प्रशासनिक कसावट लाने एवं विद्यालय को सुचारू संचालन हेतु कब तक प्राचार्यों के रिक्त पदों को भरा जा सकेगा, समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रिक्त पद- 2126, शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अलीराजपुर, झाबुआ, मंडला, डिंडोरी, बड़वानी एवं अनूपपुर की जानकारी एकात्रित की जा रही है। (ख) अनेक पदोन्नत लोक सेवक द्वारा पदोन्नति स्वीकार न करना, ५० प्रतिशत पद ए.ई.ओ. एवं वरिष्ठ अध्यापन से पद पूर्ति के लिये रिक्त रखे जाने के कारण रिक्त है। (ग) जी नहीं। रिक्त पद की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्राचार्य का पद रिक्त होने पर वरिष्ठ शिक्षक/अध्यापक द्वारा प्राचार्य पद का दायित्व पूर्ण किया जाता है।
विभागीय योजनाएं एवं कार्य
39. ( क्र. 3267 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय :
क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा रतलाम
जिला अंतर्गत
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र में
बस्ती विकास
योजना एवं
विद्युतीकरण
योजना का क्रियान्वयन
एवं अनुसूचित
जाति कल्याण
हेतु अनेक
निर्माण
कार्यों का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है? (ख)
यदि हाँ,
तो
क्या वर्ष 2013-14 एवं
वर्ष 2014-15
तथा वर्ष 2015-16 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक उक्त
आश्य संबंधी
अनेक कार्यों
को स्वीकृति
दी जाकर अनेक
कार्य
प्रारंभ हुए
है? (ग)
यदि हाँ,
तो
उक्त वर्षों
में कितना बजट
स्वीकृत
होकर कितनी
योजनाओं का
क्रियान्वयन
एवं कितने
कार्य स्वीकृत
होकर किये गये? (घ) कृपया
उपरोक्त
वर्षों में
जावरा
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत
स्वीकृत बजट, स्वीकृत
कार्य एवं
योजनाओं के
क्रियान्वयन
के साथ ही
योजनाओं एवं
निर्माण
कार्यों की
अद्यतन
स्थिति से
अवगत कराएं?
आदिम
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क)
एवं (ख) जी हाँ।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘अ’
अनुसार
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब’
अनुसार
है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
40. ( क्र. 3268 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में अनेक विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले में वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक अनेक कार्यों की स्वीकृति दी जाकर अनेक कार्य एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में शासन/विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अन्य कार्यों हेतु कितना-कितना बजट किन-किन वर्षों में स्वीकृत होकर क्या-क्या कार्य/क्रियान्वयन किया गया? (घ) उपरोक्त वर्षों में प्राप्त स्वीकृत बजट से किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ? क्या क्रियान्वयन हुआ? कितने कार्य पूर्ण होकर अपूर्ण रहे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
भू-जल स्तर संबंधी
41. ( क्र. 3646 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अल्प वर्षा एवं अवर्षा के कारण रतलाम व उज्जैन जिले की तहसीलों में भू-जल स्तर की वर्तमान स्थिति का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? कब भू-जल स्तर की जाँच की गई? (ख) उपरोक्त (क) के कारण उत्पन्न पेयजल समस्यामूलक ग्रामों की दोनों जिलों में तहसीलवार सूची बतायें? (ग) वर्तमान सर्वे अनुसार समस्यामूलक ग्रामों की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु विभाग की प्रस्तावित कार्य योजना का ब्यौरा क्या है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वरिष्ठ भू-जल विद्, संभागीय भू-जल सर्वेक्षण ईकाई उज्जैन से प्राप्त जानकारी के अनुसार भू-जल स्तर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन एवं रतलाम जिलों में वर्तमान में कोई समस्या मूलक ग्राम नहीं है अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान
42. ( क्र. 3663 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषक श्री रामकृष्ण रघुवंशी नि.ग्राम बांसखेड़ी ब्लॉक व जिला गुना को गत वर्षों में ब्याज भण्डार गृह केन्द्र शासन या म.प्र.शासन योजनांतर्गत स्वीकृत किया था, क्या उसका निर्माण कार्य पूर्ण होकर अनुदान सहायता राशि वितरण करने का आदेश संचालक उद्यानिकी भोपाल द्वारा वर्ष 2015 में दे दिया है? (ख) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ, है तो कृषक रामकृष्ण सिंह रघुवंशी को प्याज भण्डार गृह की अनुदान राशि उनके यूनियन बैंक खाता नं. 410602010100458 गुना आई.एफ.सी. UBIN0541061 में भुगतान ना करके यूनियन बैंक के लेण्ड लाईन नं. 07542222239 खाता नं. लिखकर संचालक उद्यानिकी भोपाल के किसी अधिकारी ने भुगतान रोकने की कूट रचना की थी? (ग) क्या विभाग प्रश्नांश (क), (ख) के अभिलेखों की जाँच कराकर कृषक को अनुदान सहायता का भुगतान करके अनुदान राशि भ्रष्ट आचरण से कूट रचना करने वाले दोषी संचालक कार्यालय में लेखापाल और संबंधित अन्य अधिकारियों के विरूद्ध अपराध दर्ज करायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) खाता नम्बर त्रुटिपूर्ण लिखना मानवीय त्रुटि थी जो प्रकाश में आने पर सुधारात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) कृषक को अनुदान राशि का भुगतान हो चुका है। प्रशासनिक कार्यवाही में किसी के दोषी नहीं पाये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि का अधिकार पत्र
43. ( क्र. 3727 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश में वन भूमि को वन अधिकार नियम के तहत वन भूमि पर काबिज लोगों को अधिकार पत्र दिये जा रहे है या नहीं? (ख) क्या वन विभाग के द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत दिये जाने वाले अधिकार पत्र किन-किन लोगों को दिये जा सकते है? क्या इसके लिऐ कोई वर्ग या श्रेणी निश्चित है या नहीं? (ग) वन अधिकार पत्र शासन द्वारा किस प्रक्रिया व नियम के तहत प्रदान किये जाते है? इसकी अधिकार पत्र (पट्टे) प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत वन भूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार पत्र दिये जा रहे है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन में निवास करने वाली ऐसी अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों, जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व वन भूमि अधिभोग में ले लिये थे, को वन अधिकार पत्र दिये जा सकते है। वन निवासियों की दो श्रेणी अनुसूचित जनजाति वन निवासी एवं अन्य परम्परागत वन निवासी है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 यथा संशोधित 2012 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्थानांतरण आदेश जारी किए जाना
44. ( क्र. 3740 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के पत्र क्र.स्था.04/बी/ 2014/2291दिनांक 09.12.2014 एवं स्मरण पत्र क्र.337 दिनांक 13.02.2015 एवं दिनांक 27.11.2015 के द्वारा कार्यालय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यरत तीन वर्ष से अधिक लिपिकों के स्थानांतरण आदेश जारी करने के निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यालय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा कार्यालय रीवा/सतना में कितनों लिपिक तीन वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत हैं उनकी सूची बताई जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) सूची अनुसार कितनों लिपिकों के स्थानांतरण आदेश जारी किये गये उनकी सूची बताई जावे एवं शेष लिपिकों के स्थानान्तरण आदेश कब तक जारी किये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के आदेश के अनुक्रम में प्रश्नांश (ग) अंकित शेष लिपिकों के स्थानांतरण आदेश जारी न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) स्थानांतरण आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेषांश के संबंध में प्रश्नांश ''क'' में दर्शाए पत्र अनुसार कक्ष का प्रभार परिवर्तन किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाति प्रमाण पत्रों का मुद्रण
45. ( क्र. 3817 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2012 से 2014 तक कितने-कितने जाति प्रमाण पत्र मुद्रण कर तैयार किये गये? (ख) जाति प्रमाण पत्रों का मुद्रण कौन-कौन सी फर्मों से करवाया गया? फर्मवार विवरण देवें? (ग) मुद्रित जाति प्रमाण पत्र का वितरण किसके माध्यम से करवाया गया? (घ) अगर जाति प्रमाण पत्र मुद्रण में अनियममितता हुई तो शासन द्वारा दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) मुद्रित जाति प्रमाण पत्र का वितरण वर्ष 2012 से 2014 तक खण्ड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से वितरण करवाये गये हैं। (घ) तत्कालीन सहायक आयुक्त, श्रीमती मोहिनी श्रीवास्तव के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही विषय में की जा रही है।
आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
46. ( क्र. 3952 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में जिला झाबुआ अंतर्गत वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक में कितने निर्माण कार्य, नवीन कार्य एवं मरम्मत के कार्य स्वीकृत किये गये है? उनकी स्वीकृति दिनांक तथा स्थान और उसकी कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य समय-सीमा में प्रारंभ किये जाकर समय-सीमा में पूर्ण किये जा चुके है? यदि नहीं, तो ऐसे कितने कार्य है जो वर्तमान में लंबित है और उनके लंबित रहने का कारण क्या है? (ग) क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने वाले संबंधित ठेकेदार/अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? उसकी जानकारी दी जावें और लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? (घ) वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक विभाग द्वारा कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब किसके द्वारा कराया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) झाबुआ जिले में प्रश्नांकित अवधि में 313 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) ‘‘जी-नहीं‘‘। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। लम्बित कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ में उल्लेखानुसार समयावधि में पूर्ण करा लिये जायेंगे। (घ) वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक विभाग द्वारा कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन समय-समय पर संबंधित संस्था प्रमुख, विभागीय उपयंत्री, विभागीय सहायक यंत्री एवं निर्माण एजेन्सी के तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया है।
श्रम विभाग द्वारा की गई जाँच
47. ( क्र. 3953 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेटलावत विधान सभा क्षेत्र में श्रम विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में कितने पंजीयन दुकानों एवं अन्य स्थापनाओं के किये गये तथा कितने लायसेंस जारी किये गये? (ख) पेटलावत विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में श्रम विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ जाँच की गई तथा जाँच में पाई गई कमियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 02 वर्षों में पेटलावत विधान सभा क्षेत्र में जिस फर्म, होटल या अन्य स्थान पर बाल श्रमिक को कार्य करते हुए पकड़ा गया उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) जाँच के दौरान दण्ड के रूप में व्यवसायिक फर्म, होटल व अन्य स्थानों से कितना राजस्व वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक वसूला गया तथा उसे कब राजस्व मद में जमा किया गया?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) पेटलावाद विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनिमय, 1958 के अंतर्गत 07 पंजीयन जारी किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘1’’ अनुसार है। (ख) पेटलावाद विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में श्रम विभाग द्वारा श्रम अधिनियम के अंतर्गत कुल 56 निरीक्षण किए गए। जिसमें दोषी पाये गये समस्त 56 नियोजकों के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में प्रकरण दायर किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘2’’ अनुसार है। (ग) विगत 2 वर्षों में पेटलाबाद विधानसभा क्षेत्र में जाँच के दौरान फर्म, होटल या अन्य स्थान पर बाल श्रमिक को कार्य करते हुए नहीं पकड़ा गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्रम विभाग द्वारा दंड की राशि वसूल किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रकरणों में सक्षम न्यायालय में अभियोजन दायर किए गए है।
सौर ऊर्जा द्वारा नल-जल योजना का कार्य
48. ( क्र. 4068 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में कितनी जगह कितने लागत के सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना के कार्य कराये गये? (ख) उक्त कार्य किस योजना मद की राशि से कराये गये हैं? (ग) क्या उक्त कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किस दिनांक में कौन-कौन से समाचार पत्र (स्थानीय) विज्ञप्ति की गई थी? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिले में सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना कितनी जगह चालू हैं व कितनी जगह बंद है? बंद है तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 66 जगह पर रूपये 469.55 लाख लागत। (ख) एकीकृत क्षेत्र योजना (इंटीग्रेटेड एरिया प्लान) के अंतर्गत। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
असफल हैण्डपंप की संख्या
49. ( क्र. 4069 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में ग्रामीण जनों को पेय-जल प्रदाय हेतु सिविल एवं यांत्रिकी खण्ड के द्वारा विगत 3 वर्षों में विकास खंडवार कितने हैण्डपंपों का खनन कराया गया? खनन कराये गये हैण्डपंपों में कितने हैण्डपंप असफल थे या ड्राई थे? विकासखंडवार बतायें? उपरोक्त अवधि में खनन किये गये हैण्डपम्पों असफल व सफल नलकूपों पर कुल कितना व्यय मदवार किया गया? (ख) विभाग द्वारा जल उपलब्धता का परीक्षण कराये जाने के बाद भी असफल हैण्डपम्पों की संख्या इतनी अधिक क्यों है? असफल हैण्डपम्पों की धन बर्बादी के लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? इन पर क्या कार्यवाही शासन करेगा बताये? (ग) क्या शासन असफल हैण्डपम्पों के विकल्प के तौर पर दूसरी जगह हैण्डपंप खनन करायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हाइड्रोजियोलाजिकल मैप्स एवं रेजिस्टिविटी सर्वे के आधार पर स्थल चयन किया जाता है तथा असफलता का प्रतिशत अधिक नहीं होने से कोई भी अधिकारी/ कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) जी हाँ, निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जलापूर्ति न होने की स्थिति में हैण्डपंप अथवा किसी अन्य माध्यम से पेयजल व्यवस्था की जाती है।
वन अधिकार पत्रों का विवरण
50. ( क्र. 4150 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार कितनी भूमियों के कितने वन अधिकार पत्र एवं कितनी भूमियों के कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक मान्य किये गये एवं अमान्य किये गये जिलेवार बतावें? (ख) जिला छतरपुर वन अधिकार कानून के तहत सामुदायिक वन अधिकार पत्रों से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाये जाने के संबंध में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा जून 2008 में किस-किस विषय पर पत्र लिखकर कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाये जाने के निर्देश दिए गए? (ग) जिला छतरपुर प्रमुख सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकारों की जानकारी संकलित की जाकर संबंधित ग्रामसभा या ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाई गई जिलेवार बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रमुख सचिव द्वारा जून 2008 में जारी पत्र के अनुसार अधिकारों से संबंधित जानकारी संकलित करवाई जाकर उपलब्ध करवाये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत 497 व्यक्तिगत दावे मान्य किये जाकर 880.012 हेक्टेयर भूमि के वन अधिकार पत्र एवं 240 सामुदायिक अधिकारों के दावे मान्य किये जाकर 212.638 हेक्टेयर भूमि के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये। 6481.66 हेक्टेयर भूमि के 7741 व्यक्तिगत दावें तथा 172.116 भूमि के 884 सामुदायिक दावे अमान्य किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तथा (घ) प्रमुख सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार जिले में अनुविभागों के अंतर्गत निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकारों की जानकारी सभी ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराने के साथ निर्देशों अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
भूमि अर्जुन एवं मूल्यांकन
51. ( क्र. 4151 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के किस धारा के तहत बैतूल जिले के वनग्राम बरेठा एवं धार के भूमि, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन किया जाकर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 69 के लिए अर्जन की कार्यवाही गत एक वर्ष में की गई? (ख) वनग्राम धार एवं बरैइ के किस-किस की कितनी भूमि मकान, दुकान का पहले कितना मूल्यांकन किया गया, बाद में किन प्रावधानों के अनुसार कितना मूल्यांकन किया गया इसमें से कितनी राशि किस दिनांक को किसे भुगतान की गई? (ग) गत एक वर्ष में विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी.आर.नायडू को ग्राम बरेठा एवं धार में भूमि, मकान एवं दुकान के मूल्यांकन एवं भुगतान के संबंध में किस-किस की किस दिनांक को शिकायत एवं पत्र प्राप्त हुये है? (घ) प्रमुख सचिव के द्वारा प्राप्त शिकायत एवं पत्रों पर किस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई यदि कार्यवाही नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें, कब तक प्रमुख सचिव क्या कार्यवाही करेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) निहित प्रावधानों के तहत प्रभावित वन निवासियों के हितों की रक्षा हेतु जिला वन अधिकार समिति की बैठक दिनांक 9.4.2015 में लिये गये निर्णय अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग-69 के लिए वन बरेठा एवं धार के निवासियों की भूमि, मकान एवं दुकानों का मूल्यांकन कार्य गत एक वर्ष में किया गया है। (ख) वनग्राम धार एवं बरेठा के निवासियों की भूमि, मकान, दुकान तथा शासकीय परिसंपत्ति मिलाकर मूल्यांकन का कार्य संबंधित विभाग द्वारा किया गया। भूमि का मूल्यांकन राजस्व विभाग द्वारा संरचना का मूल्यांकन लोक निर्माण विभाग द्वारा फलदार वृक्षों का मूल्यांकन उद्यान विभाग द्वारा तथा नोडप बायो गैस से संबंधित मूल्यांकन कृषि विभाग द्वारा किया गया। जिसके अनुसार वनग्राम धार की राशि 13954865 वनग्राम बरेठा की राशि 10449744 इस प्रकार कुल राशि 24404609 रू. मूल्यांकित की गई। उक्त मूल्यांकन पर जिला वन अधिकार समिति की बैठक दिनांक 9.4.2015 में सहमति प्रदान की गई। मूल्यांकित राशि में से वनग्राम धार में 3044235 रू. तथा वनग्राम बरेठा में 3403385 रू. का भुगतान प्रथम किश्त के रूप में किया गया भुगतान पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी
52. ( क्र. 4193 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य सचिव कार्यालय भोपाल से पत्र क्रमांक 4760 दिनांक 16 जुलाई 2015 से प्रमुख सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल को प्रश्नकर्ता के किस जिले की किस जानकारी उपलब्ध करवाये जाने से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ उस पत्र पर प्रमुख सचिव ने किस दिनांक को किस-किस को क्या-क्या आदेश निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर चाही गई किस जिले की कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किस दिनांक को उपलब्ध कराई गई कौन-कौन सी जानकारी किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ग) प्रश्नकर्ता के द्वारा मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चाही गई किस जिले की कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन-किन प्रावधानों के अनुसार उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चाही गई कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
53. ( क्र. 4219 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मत्स्योद्योग विभाग जिला रीवा के द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य योजना मण्डल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जलाशय व नदी विकास योजना में जल संसाधन विभाग रीवा को गोरमा जलाशय में पेरी-फेरी में संवर्धन पोखर का निर्माण करने हेतु राशि प्रदान कर जल संसाधन विभाग को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है? (ख) क्या मत्स्योद्योग विभाग जिला रीवा के द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य योजना मण्डल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जलाशय व नदी विकास योजना में जल संसाधन विभाग जिला रीवा को और किस जलाशय में पेरीफेरल पोण्ड निर्माण की राशि प्रदान कर जल संसाधन विभाग को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है? (ग) प्रश्नांश ‘’क’’और ‘’ख’’के संदर्भ में मत्स्योद्योग विभाग जिला रीवा के द्वारा किस दिनांक को कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किस दिनांक को कितनी राशि निर्माण एजेन्सी को प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश ‘’क’’ ‘’ख’’ ‘’ग’’ के संदर्भ में निर्माण एजेन्सी के कार्य के प्रगति की समीक्षा कर वस्तुस्थिति से अवगत करावें? (ड.) प्रश्नांश ‘’क’’ ‘’ख’’ ‘’ग’’ ‘’घ’’ के संदर्भ में क्या कार्य पूर्ण हो गया यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावे? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी? कार्यवाही की समय-सीमा बतावे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में सहायक संचालक मत्स्योद्योग रीवा को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई, अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर निरंक है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्य की प्रगति की समीक्षा का प्रश्न ही नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है अत: कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं होता।
श्रमिकों की संख्या
54. ( क्र. 4220 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ब्लाक मऊगंज एवं हनुमना में प्रश्न दिनांक से पूर्व 2 वर्षों में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण, कर्मकार मण्डल द्वारा पंजीकृत़ निर्माण श्रमिकों की संख्या बताये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों को शासन द्वारा चलाई जा रही 22 योजनाओं में से कितने निर्माण श्रमिक को किन योजनाओं का लाभ दिया गया है? (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण, कर्मकार, कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कुल चलाई जा रही 22 योजनाओं की गाइड लाइन उपलब्ध करावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) रीवा जिले के ब्लॉक मउगंज एवं हनुमना में प्रश्नांकित दिनांक से पूर्व 02 वर्ष में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या क्रमशः 2278 एवं 1270 है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा वर्तमान में 23 योजनाएं संचालित की जा रही है। रीवा जिले के मउगंज एवं हनुमना द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को योजनाओं के अंतर्गत वितरित किए गए हितलाभ की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. योजना का नाम मउगंज हनुमना
1. विवाह सहायता 05 505
2. प्रसूति सहायता 70 334
क्र. योजना का नाम मउगंज हनुमना
3. शिक्षा प्रोत्साहन 557 3812
4. अंत्येष्टि एवं अनुग्रह 04 97
5. चिकित्सा सहायता – 09
(ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये वर्तमान में कुल 23 योजनाएं संचालित की जा रही है। चाही गई योजनाओं की गाईड-लाईन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय अधिकारियों की शिकायतें, निलम्बन, ट्रांसफर एवं निराकरण
55. ( क्र. 4232 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में ग्वालियर व चम्बल संभाग में कार्यपालन यंत्री सहायक यंत्री और उपयंत्री के पद पर कौन कब से पदस्थ है, किसका कहाँ पर वर्ष 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक कब स्थानांतरण किया गया? कब भार मुक्त किया गया? किसके विरूद्ध क्या शिकायत प्राप्त हुई? क्या निराकरण हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पदस्थ व्यक्तियों पर कब से विभागीय जाँच प्रारंभ की गई? क्या आरोप लगाये गये? निराकरण कब हुआ? निराकरण कब होगा? क्या दण्ड दिया गया? जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत वर्ष 2011 से आरोपी कार्यपालन यंत्री सहायक यंत्री उपयंत्री को क्रमोन्नति, पदोन्नति या समयमान वेतन दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों? क्या विभागीय जाँच प्रचलित होने के उपरांत क्रमोन्नति, पदोन्नति दी जा सकती है? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी दें? (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के ग्वालियर व चम्बल संभाग में कितने पद रिक्त हैं? पद पूर्ति के लिए शासन स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं? क्या पद रिक्त होने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पदस्थापना एवं स्थानान्तरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ ‘क1‘, ‘क2‘, ‘क3‘ एवं ‘क4‘ अनुसार है। शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख 1‘, ‘ख 2‘, ‘ख 3‘ ‘ख 4‘ एवं ‘ख 5’ के अनुसार है। (ख) विभागीय जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग’’ के अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पदो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘घ-1, घ-2 अनुसार है।
मत्स्य विभाग में संचालित योजनाएं
56. ( क्र. 4339 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के मत्स्य विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है व उन योजनाओं का लाभ लेने हेतु क्या नियम व पात्रताएं है? समस्त जानकारी योजनवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य उत्पादन का ठेका किस प्रकार व किसे प्रदाय किया जाता है? विवरण उपलब्ध करावें? (ग) शिवपुरी जिले में किस-किस तालाब/जल संरचना में मत्स्य उत्पादन किया जाता है व उनकी उत्पादन क्षमता क्या है वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस संस्था को, किस-किस तालाब हेतु मत्स्य उत्पादन का ठेका किस आधार पर प्रदाय किया गया है जानकारी वर्षवार, तालाबवार/जल संरचनावार, संस्थावार उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग के अंतर्गत संचालित योजनायें तथा उनका लाभ लेने हेतु नियम व पात्रता की योजनावार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्योत्पादन का ठेका दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिले के 1175 तालाब एवं 76 जलाशय मत्स्य उत्पादन हेतु उपलब्ध है। तालाब/जलाशय वार मत्स्य उत्पादन क्षमता का आंकलन नहीं किया जाता है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण
57. ( क्र. 4490 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले में विगत 03 वर्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किन-किन आश्रम छात्रावासों में कब-कब स्वास्थ्य परीक्षण/शिविर का आयोजन किया गया? (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य परीक्षण/शिविर एन.जी.ओ. के माध्यम से आयोजित किये गये? यदि हाँ, तो इसके लिये संबंधित एन.जी.ओ. को कब-कब, किस-किस मद से कितना-कितना भुगतान किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विगत 03 वर्षों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अंतर्गत आश्रम/छात्रावासों में स्वास्थ्य परीक्षण का आयोजन पृथक से विभाग द्वारा नहीं किया गया है। छात्रावास/आश्रम के छात्र/छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी अनुसूचित जाति वर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्न (क) उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शालाओं का उन्नयन
58. ( क्र. 4519 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन माध्यमिक शालाओं से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है? (ख) क्या विगत वर्ष विधान सभा क्षेत्र में एक भी स्कूल का उन्नयन नहीं किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कारण सहित स्पष्ट करें? प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस शाला को उन्नयन करने हेतु पत्र लिखे हैं? उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में शाला उन्नयन की कार्रवाई शासन द्वारा पूर्ण की जा चुकी है। वर्ष 2015-16 हेतु उन्नयन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्ष 2015-16 में भारत सरकार एवं राज्य बजट से उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है।
मत्स्यपालन के पट्टे की जानकारी
59. ( क्र. 4523 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा रायसेन जिले के किस-किस जलाशय/तालाब में मछलीपालन हेतु संस्थाओं/फर्मों/व्यक्तियों के लिए कितनी-कितनी अवधि के मछलीपालन हेतु पट्टे दिये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किस-किस जलाशय/तालाब में मछलीपालन हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस संस्था/फर्म/व्यक्ति को मत्स्यपालन/आखेट का पट्टा दिया गया है? उसकी क्या-क्या अवधि है? (ग) क्या सुकान मछली का जलाशय/तालाबों से आखेट किया जाना प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो उसके क्या-क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मत्स्य पालन नीति 2008 अनुसार रायसेन जिले में उपलब्ध 50 जलाशयों एवं 242 तालाबों को मछली पालन हेतु 10 वर्षीय पट्टा अवधि पर दिये जाने का प्रावधान है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशयों एवं तालाबों को पट्टे पर दिये जाने की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है (ग) जी हाँ। मत्स्य प्रजाति के संरक्षण हेतु।
सेवानिवृत्त अधिकारी के टी.ए. बिल्स की राशि स्वीकृति
60. ( क्र. 4577 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.पी.आई. के पत्र क्र. स्था.-1/राज/विविध/12/1539, दिनांक 25.09.2012 द्वारा संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, इंदौर को सेवानिवृत्त अधिकारी के टी.ए. बिल्स की राशि स्वीकृति करने के आदेश जारी करने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो स्वीकृति कब जारी की गई? आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावें कि संबंधित के बैंक खाते में उक्त राशि कब जमा की गई? (ग) यदि उक्त टी.ए. बिल्स की राशि प्रश्न दिनांक तक संबंधित को भुगतान नहीं की गई तो उत्तरदायी/ कर्मचारी का नाम, पद दर्शाते हुए बतावें की उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री एम.के. सक्सेना, से.नि. प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी का कोई यात्रा देयक संयुक्त संचालक कार्यालय इन्दौर को अप्राप्त होने से पारित करके संबंधित के बैंक खाते में राशि जमा किये जाने का प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीहोर जिले में निवासरत घट्टिया/घट्टे/लौहकूटें/लौह पीटें जातियों के संबंध में
61. ( क्र. 4578 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में घुमक्कड़ व अर्ध घुमक्कड़ जातियों का सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी जातियाँ वर्ग में चिन्हित की गई है? उनकी संख्या क्या है? (ख) क्या घट्टिया/घट्टे/लौहकूटें/लौह पीटें जातियों के लोग पाए गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त जातियों को किस वर्ग/श्रेणी में रखा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जातियों के विकास के लिये क्या योजना है? क्या उक्त जाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्रदान किए जा रहे हैं? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं।शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या छात्रावास कटंगी का भवन निर्माण
62. ( क्र. 4614 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में शासकीय पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास कटंगी भवनविहीन है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शासकीय पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास कटंगी का भवन स्वीकृत किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सीमित वित्तीय संसाधन के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भवनविहीन शालाओं के क्रियान्वयन
63. ( क्र. 4635 ) श्री कैलाश चावला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितनी प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी ऐसे है जिनके भवन नहीं है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) उक्त शालाएं किस वर्ष से प्रारंभ की गई थी वर्ष बतावें? (ग) ऐसी भवनविहीन शालाओं के भवनों का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में 08 प्राथमिक विद्यालय, 05 माध्यमिक विद्यालय, 07 हाईस्कूल स्व-भवनविहीन है, सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हाईस्कूल भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्यालयों में शौचालय निर्माण
64. ( क्र. 4636 ) श्री कैलाश चावला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र के कितने विद्यालयों में शौचालय का निर्माण वर्ष 2014-15 में किया गया? (ख) उक्त शौचालयों में कितने शौचालय ऐसे है जिनमें अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं होने से उपयोग नहीं किया जा रहा है? (ग) कितने विद्यालयों में प्रश्न दिनांक तक शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पाई? (घ) ऐसे विद्यालयों में कब तक शौचालय का निर्माण एवं उपयोग हेतु पानी की व्यवस्था कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2014-15 में 03 शासकीय प्राथमिक एवं 02 माध्यमिक 05 हाईस्कूल एवं 06 हायर सेकण्डरी शालाओं में शौचालय निर्माण किये गये। (ख) सभी शौचालयों में पानी की व्यवस्था है। (ग) प्रश्नांक ''क'' के सभी शालाओं के शौचालयों में पानी की व्यवस्था है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जन सुनवाई शिकायत
65. ( क्र. 4686 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त शहडोल संभाग के जन सुनवाई दिनांक 25.08.15 के दौरान 20 कन्या छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षकों द्वारा संयुक्त रूप से लिखित शिकायत पत्र मंडल संयोजक, आदिवासी विकास, अनूपपुर के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है, जिसका जनसुनवाई पंजी क्रमांक 758 दिनांक 25.08.15 है? (ख) क्या उक्त शिकायत पत्र के आधार पर आयुक्त, शहडोल के पत्र क्रमांक 788155023 दिनांक 26.08.15 के द्वारा शिकायतकर्ताओं के कथन सहायक आयुक्त, अनूपपुर के माध्यम से लिये गये हैं? (ग) क्या एक शिकायतकर्ता महिला आदिवासी अधीक्षिका, शा. उत्कृष्ट प्री.मे. आदि. कन्या छात्रावास, कोतमा के कथन से आरोप सिद्ध हुये हैं, कि मंडल संयोजक महिला अधीक्षकों से अभद्रता करते हैं? यदि हाँ, तो ऐसे भ्रष्टाचार-कदाचार जैसी गंभीर शिकायतों के बाद भी मंडल संयोजक के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या आयुक्त, आदिवासी विकास भोपाल के आदेश दिनांक 30.05.15 के द्वारा उक्त मंडल संयोजक का प्रशासनिक स्थानांतरण जिला अनूपपुर से जिला बैतूल किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उन्हें अभी तक कार्यमुक्त नहीं करने के क्या कारण हैं? इन्हें कार्यमुक्त कब तक कर दिया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आयुक्त शहडोल संभाग शहडोल के पत्र दिनांक 26.08.15 के संबंध में शिकायतकर्ताओं के कथन लिये गये हैं। (ग) शिकायतकर्ता महिला अधीक्षिका शासकीय उत्कृष्ट प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास कोतमा एवं अन्य शिकायतकर्ताओं से बयान लेकर प्रतिवेदन आयुक्त शहडोल संभाग को भेजा गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) आदिवासी विकास भोपाल के आदेश दिनांक 30.05.2015 से श्री सतीश कुमार तिवारी का स्थानांतर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बैतूल के लिये किया गया था। आदेश दिनांक 27.08.2015 द्वारा उक्त स्थानांतर निरस्त हो जाने के कारण कार्यमुक्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजरे टोले में विद्युतीकरण
66. ( क्र. 4724 ) श्री अंचल सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जबलपुर द्वारा क्या लकरामोला के वार्ड क्र. 13 एवं 14 में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो किया गया विद्युती कार्य शहरी क्षेत्र अथवा ग्रामीण क्षेत्र के लिये स्वीकृत था? (ख) प्रश्नांश (क) क्या विभाग द्वारा विकासखण्ड सिहोरा के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण हेतु राशि जारी की थी किंतु विभाग की कूटरचित नीति के चलते ग्रामीण क्षेत्र के लिये स्वीकृत राशि से शहरी क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य कराकर संबंधित ठेकेदार को लाभ पहुँचाया गया है एवं शासन की महत्वाकांक्षी योजना को ठेस पहुँचाई है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतायें? (ग) क्या लकरामोला के वार्ड 13, 14 में रहने वाले मदनलाल/श्री सुखलाल को एस.एल.पी. कनेक्शन दिया गया? जिसकी दूरी 20 मीटर की है जिसमें शासकीय दर 26 रूपये प्रति मीटर के मान से भुगतान किया जाना था? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा 26/- के मान से भुगतान किया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से किये गये घपले की जाँच क्या शासन उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर करायेगी एवं दोषी अधिकारी या कर्मचारी का संबंधित ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करेगी तो कब तक बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्य नगर परिषद क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत था। माननीय विधायक महोदय के प्रस्ताव अनुसार म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी द्वारा प्रदत्त प्राक्कलन अनुसार विद्युतीकरण एवं एकलबत्ती कनेक्शन का कार्य नियमानुसार स्वीकृत किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी हाँ। म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी द्वारा प्रस्तुत देयक के अनुसार ही भुगतान किया गया है। मुख्यालय स्तर के अधिकारी के जाँच के निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति
67. ( क्र. 4791 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 27.09.2014 में अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति की? संवर्गवार संख्या बतावें। (ख) क्या उक्त पदोन्नति के लिए आयोजित काउंसलिंग में अध्यापकों को अपात्र बताकर काउंसलिंग से बाहर किया गया था? अगर हाँ तो संवर्गवार उनकी संख्या बताएं। अपात्र अध्यापकों के चयन के लिए कौन जिम्मेदार था? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त पदोन्नति में शामिल होने के लिए कुछ अध्यापकों द्वारा अनुचित तरीके से कूटरचित दस्तावेजो का प्रयोग कर पदोन्नति पाने का प्रयास किया गया था? यदि हाँ, तो उन अध्यापकों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्यों? (घ) उक्त पदोन्नति के संबंध में कितने अभ्यावेदन प्राप्त हुए? संवर्गवार उनकी संख्या बताएं? क्या उनका निराकरण कर दिया गया है? अगर नहीं तो क्यों नहीं? क्या शासन इस प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा? अगर हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वरिष्ठ अध्यापक के पद पर 20 एवं सहायक अध्यापक से अध्यापक के पद पर 145 पदोन्नति की गई है। (ख) जी हाँ। दिनांक 22-09-2014 को पदोन्नति के लिये आयोजित काउंसिलिंग के दौरान विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार 05 अध्यापकों तथा 12 सहायक अध्यापकों को नियमानुसार पात्र न होने से काउंसिलिंग में सम्मिलित नहीं किया गया। (ग) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त पदोन्नति के संबंध में 02 अध्यापकों तथा 07 सहायक अध्यापक कुल 09 अभ्यावेदन प्राप्त हुये हैं। 06 अभ्यावेदनों का निराकरण कर शेष 03 अभ्यावेदन विभागीय पदोन्नति समिति के समक्ष विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था
68. ( क्र. 4800 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अभी तक लक्ष्य अनुसार पेयजल व्यवस्था नहीं की गई है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लक्ष्य विधान सभा क्षेत्रवार निर्धारित नहीं किये जाते जिलेवार निर्धारित किये जाते है। (ख) जबलपुर जिले के लिये वर्ष 2015-16 हेतु स्कूलों एवं आंगनवाडि़यों हेतु क्रमशः 40 एवं 92 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध क्रमशः 39 स्कूलों एवं 68 आंगनवाडि़यों में पेयजल व्यवस्था की जा चुकी है। शेष में कार्य प्रगति पर है। (ग) इसी वित्तीय वर्ष में की जाना लक्षित है।
प्रदेश में पशु चिकत्सकों/सहायकों/कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
69. ( क्र. 4840 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में पशु चिकत्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक सलज्ञ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं कर्मचारियों के कितनी-कितने पद जिलेवार रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन क्या कार्यवाही/व्यवस्था कब तक करेगा? निश्चित समयावधि बताएं? (ख) क्या वर्ष 2015 में प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों की पूर्ति हेतु नियुक्तियां की गई है? यदि हाँ,तो कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने पदों पर नियुक्तियां प्रदान की गई? (ग) शिवपुरी जिले के बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड में प्रश्नांश (क) में वर्णित कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ पर रिक्त है? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? अभी तक रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों पर प्रदेश में कार्यरत गैर पशु चिकित्सीय कार्य में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त है? अथवा गैर पशु चिकित्सीय कार्य में संलग्न है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पद, पता सहित बताएं कि कौन-कौन कब से कहाँ-कहाँ पर किस कार्य के लिए कार्यरत है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के रिक्त पदों की पूति हेतु लोकसेवा आयोग इन्दौर को 492 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारियों के चयन हेतु मांग पत्र प्रेषित किया गया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के 307 पदों पर नियुक्तियां की गई है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी होने के कारण। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
सांची दुग्ध पार्लर
70. ( क्र. 4895 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में कुल कितने सांची दुग्ध पार्लर स्थापित किये गये हैं एवं जिला/विकासखण्ड/नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्र में मुख्य पार्लर या एजेंट कितने नियुक्त हैं? (ख) क्या नवगठित नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में विभाग द्वारा अलग से एजेंसी एवं सांची दुग्ध पार्लर स्थापित किये जावेंगे? (ग) नव गठित मकरोनिया नगर पालिका में कहाँ-कहाँ सांची दुग्ध पार्लर स्थापित किये जावेंगे एवं सांची दुग्ध पार्लर की मुख्य एजेंसी कब तक दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सागर जिले में कुल 07 मुख्य पार्लर एवं 07 एजेंट है जो कि नगर निगम सागर के क्षेत्र में है। (ख) नवगठित नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा 02 स्थानों पर सांची मिल्क पार्लर स्थापित किये जायेंगे। (ग) नवगठित नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में 02 स्थानों पर सांची मिल्क पार्लर 1 मकरोनिया 16 वीं बटालियन जैन मंदिर के पास। स्थापित किये जायेंगे। 2 आनंद नगर मकरोनिया, अंकुर कालोनी/रजाखेड़ी में। सांची दुग्ध पार्लर की मुख्य एजेंसी हेतु पार्लर आवंटन के संबंध में विज्ञापन प्रकाशन की कार्यवाही एवं विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर मई 2016 तक मुख्य एजेंसी दी जायेगी।
अतिथि शिक्षकों द्वारा सेवाएं
71. ( क्र. 4896 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में अतिथि शिक्षकों किस वर्ष से अपनी सेवाएं दे रहे हैं एवं वर्ष 2015-16 में कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत है? (ख) क्या अतिथि शिक्षकों को विभाग में संविदा शिक्षक के रूप में विलय करने की कोई योजना सरकार द्वारा बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक में विलय करते समय उनकी आयु/निर्धारित योग्यता/ 2005, 2008, 2011 में पास अतिथि शिक्षकों को 2-5 वर्षों से कार्यरत/वरीयता/बोनस अंक दिये जावेंगे? (घ) क्या अतिथि शिक्षकों को नियमित करने हेतु पृथक से शासन द्वारा परीक्षा आयोजित करने नीति/प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2010 से। वर्तमान में प्रदेश में 64727 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संविदा शाला शिक्षक में विलय करने का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु संविदा शाला शिक्षक श्रेणी -1, 2 एवं 3 के नियोजन की प्रक्रिया हेतु जारी विभागीय आदेश क्र. एफ 1-54/2014/20-1 दिनांक 17.3.15 द्वारा व्यापम द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत योग्यताधारी अतिथि शिक्षकों को चयन हेतु कार्य अनुभव के आधार पर बोनस अंक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य के पट्टे का बंटन
72. ( क्र. 4921 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग में मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग के कितने पट्टे पंजीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रीवा संभाग में कितने तालाबों को पंजीकृत मछुआ समितियों को किस-किस राजस्व दर पर आवंटित किया गया एवं कुल कितना राजस्व पिछले 2010 से प्रश्नांश तक में प्राप्त हुआ? कितने तालाबों का आवंटन विवादित होने के कारण नहीं किया गया तथा कितने प्रकरण विवाद के लंबित हैं, बतावें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार मछुआ समितियों के आवेदन लंबित हैं, तालाबों का आवंटन/पट्टे वितरित नहीं किये गये, इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या रीवा संभाग में मछलियों के बिक्री हेतु मण्डी या बाजार स्थापित कराई गई है? अगर कराई गई है तो विवरण देवें? अगर नहीं तो इस हेतु शासन की क्या कार्य योजना है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन संभाग में कोई पट्टा पंजीयन अधिनियम के अधीन पंजीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन संभाग में 99 तालाबों को पंजीकृत मछुआ समितियों को मत्स्य पालन नीति 2008 के तहत ग्रामीण तालाब (मौसमी) रूपये 300/- बारहमासी रू. 500/- प्रति हेक्टेयर एवं सिंचाई जलाशय 10 से 50 हेक्टेयर (मौसमी) रू. 200/- बारहमासी रू. 150/- प्रति हेक्टेयर 200 हेक्टेयर से अधिक रूपये 75/- प्रति हेक्टेयर राजस्व दर पर आवंटित किये गये हैं। पट्टा आवंटन से ग्राम/ जनपद/जिला पंचायत को लीज राशि के रूप में कुल राशि रू. 2485664.00 देय हुई। संभाग में मात्र देवरी जलाशय विवादित होने से पट्टा आवंटन नहीं हुआ। (ग) प्रश्नाधीन संभाग में कोई भी मछुआ समिति को तालाब पट्टा आवंटन हेतु आवेदन लंबित नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन संभाग में मछलियों की बिक्री हेतु दो वृहद बाजार जिला स्तर पर रीवा तथा सतना में निर्मित कराये गये है तथा विकासखंड स्तर पर 14 हाट-बाजार के निर्माण हेतु राशि प्रदाय की गई है जिनका कार्य पूर्णता की ओर है निर्मित एवं निर्माणाधीन मत्स्य विक्रय बाजार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
73. ( क्र. 4922 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कितने छात्रावास संचालित हैं? प्रति छात्रावासवार छात्रों/छात्राओं की संख्या का विवरण देवें तथा इनके प्रभारियों की नियुक्ति शासन के जारी मापदण्डों के अनुसार की गई? अगर की गई है तो विवरण देवें? अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के छात्रावासों में वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई पृथक विवरण देवें? साथ ही मदवार व्यय राशि की जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त राशि का छात्र/छात्राओं को उनके मान से न खर्च कर फर्जी बिल व्हाउचर के आधार पर राशि खर्च कर झूठी जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? क्या ज्यादा छात्र संख्या दर्ज कर राशि का गबन किया जा रहा है, जबकि छात्रावास में छात्रों की उपस्थिति कम है? (घ) प्रश्नांश (ग) के लिए उत्तरदायी अधिकारियों की पहचान कर क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत् 06 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 06 बालिका छात्रावास एवं 01 नि:शक्त कन्या छात्रावास संचालित है। इन छात्रावासों में बालिकाओं की संख्या तथा प्रभारियों की नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों में वर्ष 2012-13 से प्रश्नांश तक की अवधि में आवंटित की गई राशि तथा मदवार व्यय विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) प्रश्नांक (ख) के अनुसार प्राप्त राशि का कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली में प्रावधानित राशि से अधिक व्यय किये जाने एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हनुमना, बालिका छात्रावास जवा एवं अगड़ाल में नियमों का पालन न कर अनियमित रूप से राशि का व्यय किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। समिति गठित कर शिकायत की जाँच कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पद दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित छात्रावासों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली, हनुमना तथा बालिका छात्रावास जवा के प्रभारी वार्डन को अतिरिक्त प्रभार के पृथक किया गया है। तथा बालिका छात्रावास अगड़ाल में जाँच प्रतिवेदन के अधार पर वार्डन के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्राथमिक पाठशाला प्रारंभ का वर्ष
74. ( क्र. 4923 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-सतना तहसील उचेहरा के ग्राम इचौल में प्राथमिक पाठशाला प्रारंभ होने का वर्ष क्या है? उक्त संस्था में दर्ज छात्र संख्या कितनी है, वर्गवार संख्या का उल्लेख करें? (ख) क्या प्राथमिक पाठशाला भवन न होने के कारण बच्चों को अध्ययन करने हेतु पेड़ के नीचे बैठना पड़ता है? यदि हाँ, तो भवन की स्वीकृति न मिलने का कारण क्या है? (ग) यदि भवन की स्वीकृत प्रदान की जावेगी, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) तहसील उचेहरा अंतर्गत ग्राम इचैल में 05 शासकीय प्राथमिक शालाएँ संचालित है। संस्था की स्थापना एवं वर्गवार वर्ष 2015-16 में दर्ज संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ग्राम इचैल अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला इचैल, गलेही टोला, गहवरा कोलान, गढि़या टोला में भवन उपलब्ध है। शासकीय प्राथमिक शाला देवीनगर इलौच वर्ष 2013 में युक्तियुक्तकरण के तहत खोली गई शाला है जो ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में संचालित है। भारत शासन से शाला की स्वीकृति उपरान्त ही शाला भवननिर्मित किया जाएगा। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन भूमि में बसे लोगों को पट्टा
75. ( क्र. 4973 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन भूमि व्यवस्थापन नियम वर्ष 2005 के पूर्व से बसे अनुसूचित जाति एवं जनजाति निवासरत लोगों को पट्टा देने का अधिकार है? अन्य वर्गों के लिये 75 वर्ष पूर्व से निवासरत व्यक्तियों को वन भूमि का पट्टा देने का नियम है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, है तो छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा में 100 वर्षों एवं पैतृक निवासी अनुसूचित जाति व जनजाति तथा अन्य वर्गों को अभी तक क्यों पट्टा नहीं दिया गया उन्हें कब तक पट्टा उपलब्ध करा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के कितने ऐेसे लोग हैं जिन्हें पट्टा दिया गया है और कितने ऐसे लोग है जिन्हें पट्टा नहीं दिया गया है? क्या उक्त भूमि में निवासरत लोगों ने पट्टा प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है यदि हाँ, तो उनके आवेदन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के निवासरत लोगों को पट्टा ना देने में कौन-कौन अधिकारी दोषी है उनके विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 4 (3) अंतर्गत वन निवासियों को वन अधिकार हक प्रमाण पत्र दिये जाने के नियम है। गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 75वर्ष पूर्व से वन क्षेत्र में निवासरत एवं आजीविका के लिये वन भूमि पर निर्भर होना आवश्यक है। (ख) जिला छतरपुर के चांदला विधान सभा क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वर्गों का 75 वर्षों से कब्जा नहीं पाया गया और अधिनियम के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से वन अधिकार पत्र प्रदान नहीं किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंत्यावसायी योजनान्तर्गत हितग्राहियों को लाभ
76. ( क्र. 4975 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में अंत्यावसायी योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 से 15-16 तक कितना बजट प्राप्त हुआ वर्षवार जानकारी देवें? (ख) अंत्यावसायी योजना अंतर्गत हितग्राहियों के चयन के क्या प्रावधान है? चयनित हितग्राहियों को किस आधार पर ऋण दिया जाता है वर्ष 2012 से 2015-16 तक कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया? (ग) उक्त योजनान्तर्गत माह जनवरी 2014-15, 2015-16 की स्थिति में कितने प्रकरण लंबित है? चन्दला विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कितने हितग्राहियों को किस-किस कार्य हेतु ऋण स्वीकृत किया गया है? (घ) उक्त अवधि में कितने प्रकरण लंबित हैं एवं लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक स्वीकृत किये जायेंगे? छतरपुर जिले में चंदला विधानसभा में प्रायमरी एवं माध्यमिक शालाओं में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला छतरपुर में अंत्यावसायी योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक कुल रू. 2,09,66,700.00 का बजट प्रदाय किया गया। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) अंत्यावसायी योजनान्तर्गत वर्तमान में संचालित योजनाओं में हितग्राहियों के चयन के प्रावधान एवं पात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। पात्रताधारी आवेदकों से प्राप्त आवेदन पत्रों को जिला समिति की गठित चयन समिति के समक्ष चयन हेतु प्रस्तुत किये जाते हैं। तदुपरांत चयन समिति से चयनित हितग्राहियों को चाहे अनुसार योजना का लाभ दिया जाता है। वर्ष 2012 से 2015-16 तक 432 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ग) उक्त योजनान्तर्गत माह जनवरी 2014-15, 2015-16 की स्थिति में 131 प्रकरण लंबित है। चांदला विधान सभा क्षेत्र में उक्त अवधि में 12 हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत कराया गया है। हितग्राही एवं कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) उक्त अवधि में 131 प्रकरण लंबित हैं एवं लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए बैंकों से सतत् सम्पर्क कर स्वीकृति के प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। इस अंश का संबंध स्कूल शिक्षा विभाग से है। पद संबंधी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
77. ( क्र. 5075 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा द्वारा लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान न दिये जाने से कई पात्र लिपिक वंचित रह गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो रीवा संभाग अंतर्गत जिलों में ऐसे कितने लिपिक है जो प्रथम एवं द्वितीय समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित है? (ग) शासन ऐसे पात्रताधारी लिपिकों को समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दिलाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थति नहीं होता है।
अनुसंधान अधिकारी के रिक्त पद की पूर्ति
78. ( क्र. 5076 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पिछड़ा वर्ग आयोग में अनुसंधान अधिकारी का पद कब से रिक्त है? (ख) क्या भविष्य में अनुसंधान अधिकारी के रिक्त पद की पूर्ति की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक कर दी जाएगी? (ग) पदस्थापना न करने के क्या कारण है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) म.प्र. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अनुसंधान अधिकारी का पद दिनांक 05.02.2014 से रिक्त था, जिस पर विभागीय आदेश दिनांक 30.10.2014 द्वारा श्री उमर फारूख खट्टानी, अनुसंधान अधिकारी म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग को अस्थाई रूप से अनुसंधान अधिकारी के रिक्त पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। श्री उमर फारूख खट्टानी की संविदा अवधि दिनांक 09.05.2015 को समाप्त होने के उपरांत से अनुसंधान अधिकारी का पद रिक्त हैं। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग में अनुसंधान अधिकारी उपलब्ध नहीं है। राज्य शासन के अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर लेकर अथवा संविदा आधार पर अनुसंधान अधिकारी की पदस्थापना की जाती है।
जानकारी उपलब्ध कराएं
79. ( क्र. 5216 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के तहसील सिरमौर, मनगवां, मऊगंज एवं जवा में उद्यानिकी विभाग की नर्सरी कहाँ-कहाँ पर स्थित है? उक्त नर्सरी में कितने विभाग के किस-किस श्रेणी के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी नियुक्त हैं, तथा कितने लोगों को मस्टर पर, मजदूरी पर रखा गया है तथा उक्त नर्सरियों में किसानों के लिये कौन-कौन सी योजनायें चालू कर रखी गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) नर्सरी में दिनांक एक जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को किस-किस योजना के तहत कौन-कौन से पौधे/ बीज/उपकरण उपलब्ध करायें गये? (ग) प्रश्नांश (क) नर्सरियों को पौधे एवं बीज की बिक्री तथा फलों की नीलामी से उक्त अवधि में कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है तथा शासन से कब कितना नगद एवं वस्तु उक्त अवधि में दिया गया, की जानकारी आय एवं व्यय के साथ वर्षवार, नर्सरीवार उपलब्ध करायें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के नर्सरियों में शासन की मंशानुसार योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया गया है तथा नियम विरूद्ध तरीके से प्राप्त राशि का व्यय किया गया है तो उसमें कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यालय में भारी भ्रष्टाचार
80. ( क्र. 5333 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सहायक ग्रेड-3 द्वारा मण्डल मुख्यालय में भारी भ्रष्टाचार एवं फर्जी कार्य किये जाने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 37-8/2014/20-3 दिनांक 06.06.2015 को इसका स्थानान्तरण संभागीय कार्यालय रीवा किया गया? (ख) क्या संबंधित कर्मचारी नवीन कार्यभार ग्रहण करते ही लंबे समय से अनधिकृत रूप से मुख्यालय से बिना अवकाश स्वीकृत कर अनुपस्थित रहे एवं इन्हें जिला सतना की समस्त परीक्षा का कार्य आवंटित होने पर अनुपस्थित के संबंध में संभागीय अधिकारी ने अपने पत्र क्रमांक 1076/संभा. कार्या.स्था./2015 दिनांक 14.09.2015 को सचिव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल को पत्र लिखे जाने पर संबंधित कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या अनाधिकृत अनुपस्थिति पर संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध मण्डल मुख्यालय से कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) सही है तो सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी 6-3/ 2000/3/एक भोपाल दिनांक 02.02.2000 में प्रावधान है कि ऐसे शासकीय सेवकों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 में निलंबित कर सेवा से हटाने अथवा सेवा से पदच्युत करने के परिपालन में शासन/विभाग/मण्डल ने क्या कार्यवाही की यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कब तक करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 37-8/ 2014/20-3, दि. 06.06.2015 के परिपालन में मण्डल के आदेश क्रमांक-प्रशा/स्था/ए-2/ 1802/15, भोपाल, दि. 08.06.2015 द्वारा संबंधित कर्मचारी को संभागीय कार्यालय रीवा हेतु कार्यमुक्त किया गया था। (ख) संबंधित कर्मचारी नवीन कार्यभार ग्रहण करते ही लंबे समय से अनाधिकृत रूप से मुख्यालय से बिना अवकाश स्वीकृत कर, अनुपस्थित रहे एवं इन्हें जिला सतना की समस्त परीक्षा का कार्य आवंटित होने पर अनुपस्थिति के संबंध में संभागीय अधिकारी ने अपने पत्र क्रमांक-1076, संभागीय कार्यालय स्था, 2015 दि. 14.9.2015 को सचिव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल को पत्र प्राप्त होने के उपरान्त कार्यालयीन पत्र क्रमांक-स्था/ए-10/3933/15, दि0 8.12.2015 के द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। (ग) जी नहीं। कारण बताओं सूचना पत्र का प्रतिउत्तर संतोषजनक न होने के कारण संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध कार्यालयीन पत्र क्रमांक-प्रशा/ स्था/ए-4/विजा/4108-09, दि0 31.12.15 के द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। विभागीय जाँच प्रचलन में है। (घ) संबंधित के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। विभागीय जाँच निष्कर्ष उपरान्त कार्यवाही की जा सकेगी।
आदिवासी क्षेत्रों का विकास
81. ( क्र. 5382 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों के अंतर्गत जहाँ आदिवासी निवास करते हैं, के संदर्भ में संबंधित राज्यों के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को प्रति वर्ष आदिवासियों के हालातों की जानकारी स्वरूप प्रतिवेदन देना अनिवार्य हैं? यह प्रतिवेदन मध्यप्रदेश के द्वारा कब-कब दिया गया? गत तीनों वर्षों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) संविधान की 5वीं अनुसूची के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में शासकीय व विदेशी शराब की दुकान नहीं खोल सकते, क्या ऐसा कोई नियम शासन का है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें, यदि है तो इसका पालन किया जा रहा है अथवा नहीं, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्ष 13-14, 14-15 एवं 15-16 में आदिवासी सब प्लान के तहत केन्द्र व राज्य सरकार को कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि लेप्स हुई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2011-12 का प्रतिवेदन राज्यपाल सचिवालय के पत्र क्रमांक रा.स.यू.ए.-2-2013-1452, दिनांक 31.10.2013 वर्ष 2012-13 का प्रतिवेदन राज्यपाल सचिवालय के पत्र क्रमांक रा.स./यू.ए.-2-2014-1027, दिनांक 09.10.2014 से भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजे गये है। वर्ष 2013-14 का प्रतिवेदन आदिम जाति कल्याण विभाग से पत्र क्रमांक 20-1-2012-3-25-898, दिनांक 07.09.2015 से भारत सरकार जनजाति कार्य मंत्रालय को प्रेषित करने हेतु राज्यपाल सचिवालय को भेजा गया है। वर्ष 2014-15 का प्रतिवेदन तैयार हो चुका है, जिसे आदिम जाति मंत्रणा परिषद के अनुमोदन उपरांत भेजा जायेगा। तीन वर्षों के प्रतिवेदनों की संक्षेपिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर है। (ख) जी नहीं, संविधान के 5वीं अनुसूची के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में विदेशी शराब की दुकानें नहीं खोले जाने संबंधी मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आदिवासी उपयोजना के तहत केन्द्र सरकार-आदिवासी उपयोजना मद अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक प्राप्त-लेप्स राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
महाराजा शिवाजीराव उ.मा.वि. की भूमि पर अतिक्रमण
82. ( क्र. 5432 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर शहर स्थित महाराजा शिवाजीराव उ.मा.वि. के नाम पर कितनी भूमि है और इस भूमि पर विद्यालय भवन के अतिरिक्त भी भवन निर्मित है? (ख) यदि हाँ, तो विद्यालय की भूमि जो विद्यालय के नाम अंकित है उस पर विद्यालय के अलावा कौन-कौन से भवन बने हुए हैं जैसे मा.शि.म. क्षेत्रीय कार्यालय, स्काऊट भवन, कर्मचारियों के क्वार्टर, मंदिर, दुकानें आदि? (ग) विद्यालय की भूमि पर जितने भी निर्माण है उन सभी का अलग-अलग नाम, निर्माण तिथि, विद्यालय के उपयोग में आने वाले भवन के अतिरिक्त सभी निर्माणों की अनुमति की प्रतियां देवें? (घ) क्या विद्यालय की भूमि पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण भी किया हुआ है और सेवानिवृत्त कर्मचारी भी विद्यालय परिसर की भूमि पर निवास कर रहे है? यदि हाँ, तो उनको नहीं हटाने का कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शासकीय महाराजा शिवाजीराव उ.मा.वि. इंदौर की खसरा नं. 146 के अनुसार 10.149 हेक्टेयर भूमि है। जी हाँ। (ख) उतरांश 'क' की भूमि पर शासकीय महाराजा शिवाजीराव उ.मा.वि. के अतिरिक्त, माध्यमिक शिक्षा मंडल का क्षेत्रीय कार्यालय तथा शासकीय/अर्द्ध शासकीय कर्मचारी के आवास, मंदिर, दुकानें, खेल संस्थाओं के स्थाई/अस्थाई निर्माण एवं शासन द्वारा दिये गये पट्टे और रहवासियों द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि पर किया गया निर्माण है। स्काउट भवन पृथक भूमि पर बना है। (ग) निर्माण हेतु अनुमतियों के संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ, अतिक्रमण हटाने हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता।
पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य
83. ( क्र. 5434 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में करीब 32 पंचायत अधिकारियों ने सर्व शिक्षा अभियान की राशि निकाल कर निर्माण कार्य नहीं कराया? इनमें कतिपय असरावद बुजुर्ग, गारी पिपल्या, चोरल, गोकन्या कुन्ड, खुर्दी, छापरियां, तिल्लोर खुर्द, राजपुरा, भाटखेड़ी, पिगडम्बर, बाई, सिहोद, कॉकरिया, व अन्य कई है? यदि हाँ, तो इन पर 31.01.2016 तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) विभाग को और कितनी पंचायतों की जानकारी है जहाँ बिना निर्माण या अधूरा निर्माण होते हुये भी पूरी राशि निकाल ली?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) इंदौर जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत निर्माण कार्य हेतु पंचायतों द्वारा राशि आहरण करने उपरांत भी कार्य न करने के विरूद्ध की गई कार्यवाही (31.01.2016 की स्थिति में) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित तिल्लौराखुर्द एवं सिहोद में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कोई भी निर्माण कार्य लंबित नहीं है। उल्लेखित पंचायतों के अतिरिक्त ऐसी पंचायतें हैं जहाँ बिना निर्माण या अधुरा निर्माण होते हुये भी राशि निकाल ली गई है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक/माध्यमिक स्कूल भवनों एवं बाउण्ड्रीवाल के निर्माण पंचायतों के द्वारा संपादित करये जाते हैं। अन्य कार्यों के संबंध में जानकारी विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) जिला इंदौर में सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत कार्यों के संबंध में जानकारी प्रश्नांक 'क' के उत्तर अनुसार है।
इंदौर स्थित डाईट परीक्षा केन्द्र पर अनियमितता
84. ( क्र. 5435 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.शि.मं. की 2015 की दसवीं, बारहवीं की वार्षिक में परीक्षा केन्द्र डाईट इंदौर पर प्रेक्टिकल के नाम पर छात्रों से 300-300 रूपये अवैध रूप से वसूलने की जाँच के निर्देश माननीय मंत्रीजी ने दिये थे? (ख) डाईट परीक्षा केन्द्र पर दसवीं, बारहवीं के विद्यार्थियों से अवैध रूप से 300-300 रूपये वसूली की जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त हुई और दिनांक 30.06.2015 तक दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई जाँच रिपोर्ट में किन-किन को दोषी पाया उनके नाम व पद बतावें? (ग) क्या मा.शि.म. की डी.एड. परीक्षा 2014 के कतिपय केन्द्रों की उत्तरपुस्तिकाएं स्व. लक्ष्मणसिंह गौड़ उ.मा.वि. इंदौर के मूल्यांकन केन्द्र से अन्यत्र ले जाते समय कतिपय बंडल रास्ते में गिर गये और अभी तक संभवत: नहीं मिले हां तो ले जाने वाले शिक्षक और प्राचार्य पर 30.06.15 तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) शिक्षा विभाग में इस प्रकार की कई अनियमितताएं होती है किन्तु उन पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं होती है कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) मण्डल को इस प्रकार की कोई जाँच रिपोर्ट या शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) जी, हाँ। उत्तरदायी व्यक्ति के विरूद्ध कार्य में लापरवाही बरतने के कारण आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत पत्र दिनांक 12/02/2015 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं पुलिस जवान श्री जसवंत सिंह, 835, डी.आर.पी. लाईन इंदौर के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक जिला इंदौर द्वारा प्राथमिकी विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (घ) अनियमिततायें प्रकाश में आने पर संबंधितों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
नवीन हाई स्कूल खोलना
85. ( क्र. 5478 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना विधान सभा 029 में नवीन हाई स्कूल को खोलने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2014-2015 में गुना जिले में स्थानांतरित शिक्षक, सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षकों की सूची उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र शालाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश
86. ( क्र. 5479 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश एफ 1-42/2014/20-9 दिनांक 08.09.2014 के क्रम में शिक्षा विभाग जिला गुना अंतर्गत शिक्षकों अध्यापकों के जुलाई 2015 में अतिशेष किया जाकर आदेश जारी किये गये थे? (ख) क्या (क) में उल्लेखित आदेश में स्थानांतरण नीति के विरूद्ध स्थानांतरण किये हैं यदि नहीं, तो एक शिक्षकीय शाला मा.वि. सनौतिया से वेलका राघौगढ़, मा.वि. वेलका राघौगढ़ से गुना मा.वि. डोवा राघौगढ़ से मा.वि. साकरा आरोन, शा.उ.मा.वि. गुना से खुटियावद गुना, शा.उ.मा.वि.पनवाड़ी हाट आरोन से मा.वि. पिपरिया गुना एवं शा.प्रा.वि. राघौगढ़ से प्रा.वि. बालाभेंट राघौगढ़, प्रा.वि. लक्ष्मणपुरा राघौगढ़ से प्रा.वि.चौंडाखेड़ी राघौगढ़, शा.हा.स्कूल पटोदी चांचौड़ा से शा.हा.स्कूल मंगरोडा बमोरी इत्यादि अनेकानेक जिले में किये गये, अतिशेष (क) अनुसार नियम विरूद्ध हैं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ग्वालियर संभाग ग्वालियर को जाँच हेतु लिखा गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर स्थानांतरण के नियम विरूद्ध सत्यापित होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
शिक्षक उच्च श्रेणी की पदोन्नति
87. ( क्र. 5480 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक की पदोन्नति प्रधानाध्यापक मा.शा. तथा व्याख्याता पद पर की जाती है? (ख) क्या व्याख्याता की पदोन्नति प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर की जाती है? प्राधानाध्यापक माध्यमिक शाला की पदोन्नति व्याख्याता पद पर की जाने की व्यवस्था है? दोनों पदों का वेतनमान एक ही है, फिर विसंगति क्यों? (ग) क्या विसंगति को दूर कर प्राधानाध्यापक माध्यमिक शाला को भी प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति करने की नीति बनायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्र.अ.मा.वि. की पदोन्नति शिक्षक संवर्ग की वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर एवं भर्ती पदोन्नति नियम 1982 के प्रावधान अनुसार व्याख्याता उ.मा.वि. के पद पर की जाती है। जी हाँ, शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्र.अ. से प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नत किये जाने हेतु कोई नीति विचाराधीन नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेहरिया छात्राओं की माताओं को प्रोत्साहन
88. ( क्र. 5481 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र गुना द्वारा वर्ष 2013-14 में जनपद शिक्षा केन्द्रों को सेहरिया छात्राओं की माताओं को प्रोत्साहन छात्रवृत्ति की कितनी राशि व्ही.ई.आर.डाईस से संकलित होकर गणना उपरांत छात्र संख्या के मान से जनपद शिक्षा केन्द्रों को बैंक खातों के माध्यम से भुगतान किये जाने हेत आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि प्रदाय करने का आधार क्या था? जिन-जिन विद्यालयों में वितरण हेतु राशि प्रदाय की गई उनकी वर्षवार, ब्लॉकवार एवं शालावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि के लाभांवित माताओं की बच्चियों की चाईल्ड आई.डी. सहित शालावार, वर्षवार बैंक खाते नंबरों की जानकारी दी जावे? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि का ब्लॉकवार, वर्षवार, शालावार वास्तविक हितग्राहियों को राशि वितरण हुई है इस क्रम में जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा प्राप्त उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी किया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग गुना से राशि 13014000/- प्राप्त हुई जो समस्त बी.आर.सी.सी. को संबंधित छात्राओं को भुगतान हेतु आवंटित की गई थी। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में दर्ज कक्षा 5 से 8 तक की सेहरिया जाति की छात्राओं की संख्या को आधार मानकर राशि प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ग) वर्ष 2013-14 चाईल्ड आई.डी. का प्रावधान नहीं होने से विवरण निरंक है। शालाओं में अध्ययनरत छात्राओं के बैंक खातों के नंबर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जी हाँ, समय-समय पर जिला कार्यालय के अधिकारियों एवं बी.आर.सी./बी. ए.सी. तथा जनशिक्षकों के द्वारा वास्तविक हितग्राही को भुगतान योग्य राशि की मॉनिटरिंग शाला भ्रमण के दौरान की गई है।
अर्जित अवकाश नगदीकरण का लाभ नियमानुसार नहीं दिया जाना
89. ( क्र. 5538 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जूनियर बेसिक स्कूल जतारा संकुल केन्द्र शासकीय कन्या उ.मा.वि. जतारा जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2012 से 2015 तक की अवधि में कौन-कौन प्रधान अध्यापक/अध्यापक/सहायक शिक्षक/शिक्षिका कब-कब सेवानिवृत्त हुए? (ख) उक्त सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक/अध्यापक/सहायक शिक्षक/शिक्षिका का उनकी सेवा-पुस्तिका में कितने-कितने दिनों का अर्जित अवकाश इन्द्राज था तथा उन्हें कितने-कितने दिन का अर्जित अवकाश नगदीकरण स्वीकृत किया जाकर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? पृथक-पृथक कर्मचारीवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि माननीय राज्यमंत्री स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 2.09.2015 को संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण सागर को पत्र लिखने पर भी अभी तक श्रीमती तारादेवी जैन के शेष अर्जित अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो में सरल क्रमांक 07 पर दर्शाये अनुसार पात्रता के अनुरूप भुगतान किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले के संबंध में
90. ( क्र. 5541 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अनुविभागीय अधिकारी, बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही के समक्ष भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत 1988 में अधिसूचित कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों की जाँच वर्तमान में भी लंबित है? (ख) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियां निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किन-किन अधिकारों, सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिये वर्तमान में भी दर्ज है? इनमें से कितनी भूमि वन विभाग ने किसके आदेश से वर्किंग प्लान में सम्मिलित कर ली है? (ग) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के अलावा निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी भूमियों को वन विभाग किन प्रावधानों के अनुसार नारंगी भूमि प्रतिवेदित कर रहा है, नारंगी भूमि प्रतिवेदित किए जाने की वन विभाग ने राजस्व विभाग से किस दिनांक को अनुमति प्राप्त की है? (घ) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों को वर्किंग प्लान में सम्मिलित किए जाने एवं नारंगी भूमि प्रतिवेदित किए जाने का अधिकार सर्वोच्च अदालत ने किस याचिका में किस दिनांक को प्रदान किया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वनमंडलाधिकारी, वनमंडल उत्तर/दक्षिण/पश्चिम सामान्य बैतूल के द्वारा प्रतिवेदित उत्तर अनुसार बैतूल जिले के निम्नांकित वनमंडल के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 (1) के तहत अधिसूचित वनखण्डों की निम्नानुसार वन भूमियों की धारा-5 से 19 तक की जाँच अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया अंतर्गत प्रक्रियाधीन है-
वनमंडल |
अधिसूचित वनखण्ड |
भूमि |
प्रकाशित अधिसूचना दिनांक |
नियुक्त
वन
व्यवस्थापन्न
अधिकारी |
उत्तर (सामान्य)
बैतूल |
114 वनखण्ड |
16332.444 हे. |
25.03.88 |
अ.वि.अ. (रा.) बैतूल |
दक्षिण (सामान्य) बैतूल |
212 वनखण्ड |
31998.803 हे. |
25.03.88 |
अ.वि.अ. (रा.)
बैतूल, मुलताई, भैंसदेही |
पश्चिम (सामान्य) बैतूल |
156 वनखण्ड |
23578.00 हे. |
18.03.88
एवं |
अ.वि.अ. (रा.)
बैतूल, भैंसदेही |
(ख) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों के अलावा निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेखों में इमारती एवं जलाऊ लकड़ी एवं चराई के लिये दर्ज है। बैतूल जिले में धारा 4 (1) में अधिसूचित निम्नांकित वन भूमि को कार्ययोजना में शामिल किया गया है-
वन मंडल |
कार्ययोजना में सम्मिलित अधिसूचित भूमि |
वनमंडल दक्षिण (सा.) बैतूल |
32578.014
हे. |
वनमंडल
उत्तर (सा.) बैतूल |
16332.444 हे. |
वनमंडल
पश्चिम (सा.) बैतूल |
23578.00 हे. |
भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं 4 (1) में अधिसूचित भूमियां वन विभाग के प्रभार में है एवं म.प्र. शासन, वन विभाग के अधिसूचना क्रमांक-9.ग.58 दिनांक 10 जुलाई 1958 के अधिसूचना में भूमियों के प्रबंधन का अधिकार वन विभाग को दिया गया है। (ग) असीमांकित संरक्षित वन के अतिरिक्त निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों को वन विभाग नारंगी भूमि प्रतिवेदित नहीं कर रहा है। अतः राजस्व विभाग से अनुमति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों को कार्य-आयोजना में सम्मिलित किये जाने एवं नांरगी भूमि प्रतिवेदित किये जाने बाबत् सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया।
सामुदायिक वन अधिकार
91. ( क्र. 5542 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर बैतूल को आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव का पत्र दिनांक 10 जून 2008 एवं प्रमुख सचिव वन का पत्र दिनांक 10 अप्रैल 2015 किन-किन राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमियों एवं अधिकारों का संबंध में प्राप्त हुए हैं? (ख) बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक उपलब्ध है उनमें दर्ज कितनी जमीनों की अनुविभागीय अधिकारी बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही के समक्ष आरक्षित वन बनाए जाने की जाँच लंबित है? (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों पर निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकारों के संबंध में पत्र दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 10 अप्रैल 2015 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई दिनांकवार बतावें? (घ) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों में से निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों के कब तक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए जावेंगे? समय-सीमा सहित बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बैतूल जिले में 1303 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्र उपलब्ध है। जिनमें दर्ज निम्नानुसार जमीनों की जाँच से संबंधित प्रकरण लंबित है-
क्रमांक |
अनुविभागीय अधिकारी |
भूमि रकबा |
1 |
अ.वि.अ. (रा.) बैतूल |
59854.67 एकड़ |
2 |
अ.वि.अ. (रा.)
मुलताई |
जाँच
लंबित नहीं
है। |
3 |
अ.वि.अ. (रा.) भैंसदेही |
जाँच
लंबित नहीं
है। |
(ग) मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र दिनांक 10.6.2008 अनुसार दिनांक 8.7.2008 को जिले के सभी वनमण्डलाधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को पत्र जारी किया गया। प्रमुख सचिव वन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक -एफ-25-36/2005/10-3 दिनांक 10.4.2015 के अनुसार मुख्य वन संरक्षक, बैतूल वृत्त बैतूल एवं समस्त वन मंडलाधिकारी (सामान्य) बैतूल को पृष्ठांकित कर कार्यवाही हेतु भेजा गया है। सामुदायिक वन अधिकार के दावे प्राप्त करने एवं मान्यता की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है। (घ) अधिनियम की धारा 2 (घ) में दी गई ‘‘वनभूमि‘‘ की परिभाषा में आने वाली वनभूमियों में सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग में लंबित अनुकम्पा नियुक्तियां
92. ( क्र. 5592 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के निमयानुसार शासकीय कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके आश्रित को आवेदन करने के दिनांक से अधिकतम कितने समय तक अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के पालन में स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल में रिक्त 66 पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रस्ताव भेजा है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार कब तक मा.शि. मण्डल भोपाल में लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निपटारा कर नियुक्ति कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) आवेदन करने के दिनांक से नहीं अपितु मृत्यु दिनांक से सात वर्ष तक पद उपलब्ध होने पर ही उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। (ख) 60 अभ्यार्थियों के प्रकरण भेजे गये। (ग) माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा 01 प्रकरण में नियुक्ति दी गई एवं 59 अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण मूलत: वापस करने एवं विभाग में सहायक ग्रेड - 03 के पद रिक्त नहीं होने कारण सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी-12/2013/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्बर 2014 की कंडिका 7.8 के प्रावधान अनुसार अन्य विभाग में रिक्त समकक्ष पद पर अनुकंपा नियुक्ति पर किये जाने हेतु संबंधित कलेक्टर को अनापत्ति पत्र जारी किये गये हैं।
प्रदेश के विद्यालयों में पुस्तकालयों की स्वीकृति
93. ( क्र. 5616 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत क्या मध्यप्रदेश के सभी शासकीय हाईस्कूलों एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में पुस्तकालय हैं? (ख) क्या पुस्तकालयों की व्यवस्था हेतु प्रत्येक विद्यालय में ग्रंथपाल के पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद भरे है और कितने रिक्त हैं? जिन पुस्तकालयों में ग्रंथपाल के पद रिक्त हैं, उन्हें कब तक भर दिया जायेगा? जिन हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में पुस्तकालय नहीं हैं, उन विद्यालयों में पुस्तकालय कब तक स्वीकृत कर दिये जायेगें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्रंथपालों के 186 पद स्वीकृत हैं। 20 पदों पर कार्यरत व 166 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर पूर्ति किया जाना सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ''क'' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाण्डेर की पेय-जल समस्या
94. ( क्र. 5625 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा घरों तक कनेक्शन देने के लिए योजना बनाई है? यदि हाँ, तो भाण्डेर विधान सभा के कितने ग्रामों में कनेक्शन दिये गये? यदि नहीं, तो कब तक कनेक्शन दे दिये जावेंगे? (ख) क्या ग्राम गोदन, उड़ीना, पण्डोखर, दुरबड़ा, पिपरौआकला, भर्रोली बरका ग्रामों की नल-जल योजनायें चालू हैं और उनकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जावें? (ग) क्या भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में नल-जल योजनाओं पर सोलर पंप डाले गये? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? यदि नहीं, तो कब तक सोलर पंप डाले जावेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र के 12 ग्रामों में 1165 घरेलू नल कनेक्शन दिये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी हाँ। प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) जी हाँ। सोडा और चाँदनी नल-जल प्रदाय योजना अंतर्गत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर की शिक्षण व्यवस्था
95. ( क्र. 5626 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधान सभा में कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है? (ख) क्या भाण्डेर विधान सभा के कई शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी अपने मूल पदस्थापना से हटकर अन्य स्थानों पर संलग्न है? (ग) विगत 03 वर्षों से लेकर वर्तमान तक ऐसे कितने शिक्षक और कितने शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी किसके आदेश से अन्य स्थानों पर कार्य किया या कर रहे हैं? उनकी सूची उपलब्ध कराई जाये? (घ) मूल पदस्थापना से हटकर अन्य स्थानों पर संलग्न रहने के कारण मूल पदस्थापना कार्य प्रभावित होने के लिए कोन जिम्मेदार है? ऐसे संलग्नीकृत शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को कब तक कार्यमुक्त किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। वर्तमान में कोई शिक्षक या कर्मचारी अन्यत्र कार्यरत नहीं है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिम जाति कल्याण विभाग के विकास कार्य
96. ( क्र. 5631 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के आदिवासी विकास विभाग में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. शासन की विभिन्न योजनाओं के विकास कार्य के लिये कितनी राशि प्राप्त हुई मदवार बतायें? क्या भारत सरकार को आयकर एवं म.प्र. शासन को कर्मकार सेस की एक प्रतिशत राशि विकास कार्य में व्यय करने की प्रक्रिया के पालन स्वरूप कटौती करने के शासन के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो आयकर एवं कर्मकार सेस की राशि कब-कब कितनी-कितनी कटौती कर भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के खजाने में जमा की गयी? यदि नहीं, तो क्या विभाग इसके समयोजन कराने की वैधानिक व्यवस्था बनाते हुये समायोजन करायेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) मण्डला जिले में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी कितने है एवं उसमें प्राचार्य के कितने पद स्वीकृत, रिक्त भरे हैं संस्थावार बतायें? क्या मण्डला जिले के ज्यादातर हाई स्कूल प्राचार्यविहीन हैं और एक पूर्णाकालिक प्राचार्य के द्वारा तीन से चार हाई स्कूल के आहरण संवितरण अधिकार है? (घ) यदि हाँ, तो व्याख्याता से प्राचार्य पद पर पदोन्नति क्यों नहीं की जा रही है? कब से पदोन्नति नहीं की गयी है कब की जायेगी समय-सीमा बतायें? क्या उक्त पदों को भरने के लिये पदोन्नति पर शिक्षा विभाग की तरह काउंसलिंग की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी विकास विभाग में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तक अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई हैः-
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त आवंटन (लाखों में ) |
आहरित राशि (लाखों में ) |
अनाहरित राशि (लाखों में ) |
2014-15 |
175.80 |
175.80 |
-- |
2015-16 |
212.09 |
169.52 |
42.57 |
योग - |
387.89 |
345.32 |
42.57 |
विकास कार्य का विवरण निम्नानुसार है -
योजना का नाम |
वर्ष 2014-15 में प्राप्त राशि |
वर्ष 2015-16 में प्राप्त राशि |
जिला - मण्डला |
|
|
विद्युतीकरण योजना |
346.00 |
700.00 |
परियोजना मण्डला जिला-मण्डला |
|
|
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
151.01 |
निरंक |
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजीगत मद) |
53.79 |
निरंक |
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
123.82 |
निरंक |
परियोजना निवास जिला-मण्डला |
|
|
विशेष केन्द्रीय सहायता (राजस्व मद) |
86.62 |
निरंक |
विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजीगत मद) |
39.72 |
निरंक |
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
142.77 |
निरंक |
विभाग को कर्मकार से 1% राशि विकास कार्यों में कटोती करने के शासन निर्देश हैं। (ख) आदिवासी विकास विभाग में वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत कार्य एजेन्सी सरपंच ग्राम पंचायत एवं सर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को नियुक्त कर राशि प्रदाय की गई, तथा संबंधित कार्य एजेन्सियों द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण की गई है। (ग) मण्डला जिले में 99 हाईस्कूल एवं 68 हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं। प्राचार्यों के कुल 167 पद स्वीकृत, जिसमें हाईस्कूल के 72 पद एवं हायर सेकण्डरी के 26 पद रिक्त हैं। प्रदाय आवंटन एवं समय-सीमा में वेतन, अन्य भुगतान करने हेतु पूर्णकालिक प्राचार्यों को आहरण-संवितरण अधिकार दिया गया है। संस्थावार स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, शासन आदेश क्रमांक/एफ-4-05/2015/25/1 दिनांक 02.06.2015 द्वारा व्याख्याताओं से हाईस्कूल प्राचार्य के पद पर 79 व्याख्याताओं की पदोन्नति की गई है। पदोन्नति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विभाग में काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति पश्चात् पदस्थापना उचित नहीं है, क्योंकि दूरस्थ आदिवासी अंचलों में प्राचार्य के अधिकांश पद रिक्त रहने की संभावना है।
उपयंत्री से सहायक यंत्री/सिविल में पदोन्नति
97. ( क्र. 5634 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में लोक स्वा. यांत्रिकी विभाग सहायक यंत्रियों के कितने पद स्वीकृत, रिक्त एवं भरे हैं तथा उपयंत्री (सिविल) की सहायक यंत्रियों के पद पर कब से पदोन्नति नहीं हुई? नियमानुसार होने के बाद भी पदोन्नति न करने के क्या कारण हैं? (ख) क्या दिनांक मार्च 2014 में उपयंत्री से सहायक यंत्री (सिविल) के पद पर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गयी तथा उससे प्राप्त अनुशंसा के आधार पर चयनित उपयंत्रियों को अब तक पदोन्नति आदेश जारी न किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या दिनांक 31.12.2012 से प्रश्न दिनांक तक उपयंत्री से सहायक यंत्री (सिविल) पद पर पदोन्नति नहीं की गयी है जबकि प्रदेश भर में सहायक यंत्री (सिविल) के काफी पद रिक्त हैं साथ-साथ उपयंत्री 32 से 35 वर्ष की सेवा कर चुके हैं उन्हें आज दिनांक तक पदोन्नति का लाभ नहीं मिला? शासन कब तक पदोन्नति आदेश जारी कर देगा समय-सीमा बतायें? (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक सी 3-2/2013/1/3 भोपाल दिनांक 12 मार्च 2014 के तहत सभी विभागों की वर्ष में दो बार पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित किये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो मार्च 2014 से कब-कब बैठक आयोजित की गयी और उसमें क्या निर्णय लिये गये?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सहायक यंत्री के 241 पद स्वीकृत हैं, 69 पद रिक्त हैं एवं 172 पद भरे हैं तथा उपयंत्री (सिविल) की सहायक यंत्रियों के पद पर वर्ष 2013 से पदोन्नति नहीं हुई। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम निर्णयानुसार पदोन्नति पर स्थगन है, तथा वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय के विचाराधीन है। (ख) जी हाँ, प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण। (ग) जी हाँ, वर्तमान में पदोन्नती पर स्थगन है तथा प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है। स्थगन समाप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ, माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने तथा पदोन्नति पर स्थगन होने के कारण बैठक आयोजित नहीं की जा सकी।
दतिया में छात्रावास का विवरण
98. ( क्र. 5649 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने छात्रावास है, इनमें कितने बालक कितने कन्या, कितने विकलांग छात्रावास है? इन छात्रावासों में कितनी-कितनी सीटें हैं एवं कितनी सीटें भरी है तथा कितनी रिक्त हैं? विकासखण्डवार छात्रावास के नाम एवं स्थान सहित, छात्रों की संख्या के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित छात्रावासों में क्या मैस (भोजनालय) संचालित है? यदि हाँ, तो उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री क्रय करने के संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश है? (ग) कंडिका (क) में वर्णित छात्रावासों में स्टापिंग पेटर्न के अनुसार कितने पद हैं तथा इन छात्रावासों में कितने पद भरे हुये है तथा कितने रिक्त हैं? कर्मचारियों के मुख्यालय पर रहने के संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश हैं, क्या कर्मचारी मुख्यालय पर रहते हैं? कर्मचारियों के नाम/पद/निवास की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) उक्त छात्रावास किन-किन विभागों द्वारा संचालित किये जा रहे हैं वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन अधिकारियों द्वारा इनका निरीक्षण किया गया, निरीक्षण प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध कराई जावे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कुल 04 छात्रावास संचालित है। इनमें 03 कन्या एवं 01 विकलांग छात्रावास है। बालक छात्रावास स्वीकृत नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी हाँ। शाला प्रबंधन समिति द्वारा भंडार क्रय नियमों एवं निर्धारित क्रय प्रक्रिया का पालन करते हुए क्रय की समस्त कार्यवाही किए जाने के निर्देश है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। निर्देशानुसार वार्डन, सहायक वार्डन व आवश्यकतानुसार रसोईया तथा चैकीदार छात्रावास में ही निवासरत हैं एवं शेष कर्मचारी मुख्यालय पर ही निवास करते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित किए जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
विद्यालय भवन का जीर्णोद्धार एवं मरम्मत
99. ( क्र. 5706 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय जावरा एवं कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा के भवन क्रमश: अंग्रेजकालीन एवं रियासतकालीन होकर काफी वर्षों पूर्व बनाए गये, बड़े भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त दोनों स्कूल क्षेत्र के काफी ख्यात स्कूलों की गिनती में आकर हजारों छात्र एवं छात्राएं यहां पर अध्ययनरत है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दोनों भवन काफी पुराने होकर जीर्ण-शीर्ण स्थिति में आकर इनके जीर्णोद्धार एवं मरम्मत तथा रख-रखाव के प्रस्ताव शासन को अग्रेषित किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो अत्यंत जीर्ण-शीर्ण दोनों भवनों के सम्पूर्ण जीर्णोद्धार हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शासकीय महात्मा गाँधी उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा में 351 एवं शासकीय कमला नेहरु कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा में 376, इस प्रकार प्रश्नाधीन दोनों स्कूलों में 727 विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। (ग) दोनों भवन पुराने हैं एवं मरम्मत का प्राक्कलन प्राप्त हो चुका है। (घ) बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
बांघडा जाति समाज के कल्याणकारी कार्य
100. ( क्र. 5707 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत अनेक ग्रामों बांघडा समुदाय जाति के परिवार निवासरत होकर अपना जीवन यापन कर रहे है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले की किन-किन तहसीलों के किन-किन ग्रामों में उक्त समुदाय निवासरत होकर अपना जीवन यापन कर रहा है? (ग) साथ ही वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से कितना बजट प्राप्त कर कितना, किन-किन कार्यों पर व्यय किया है? (घ) उपरोक्त वर्षों में समाज के कल्याण हेतु शासन/विभाग एवं एन.जी.ओ. तथा अन्य संस्थाओं के माध्यम से क्या-क्या किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) बांघडा नहीं बांछडा जाति के परिवार रतलाम जिला अंतर्गत अनेक ग्रामों में निवासरत हैं। (ख) रतलाम में बांछडा समुदाय का सर्वे नहीं होने से तहसीलवार, ग्रामवार ब्यौरा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2009-10 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभाग के माध्यम से विमुक्त घुमक्कड एवं अर्ध-घुमक्कड जनजाति अंतर्गत संचालित कन्या आश्रम चिकलाना में बांछडा समुदाय की बालिकाएं प्रवेशित हैं जिनको नियमानुसार छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है।
पेय-जल हेतु मोटर पम्प
101. ( क्र. 5723 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पेय-जल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कौन-कौन से ग्रामों में नवीन बोर उत्खनन कर हैण्डपंप लगाये जाने प्रस्तावित है? ग्रामों के नाम से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों के हैण्डपंप का जल स्तर नीचे चले जाने के कारण हैण्डपंप बन्द हो गये है? ग्रामवार स्थान का नाम एवं संख्या बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन हैण्डपंप का जल स्तर नीचे हो गया है, उन हैण्डपंपों के लिय मोटर पंप उपलब्ध करायें जावेगे? यदि हाँ, तो ग्रामवार मोटरपंपों की संख्या बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिन ग्रामों को मोटर पंप उपलब्ध करावें जावेंगे उन ग्रामों में विद्युत व्यवस्था चालू है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) चालू वित्तीय वर्ष में विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत आंशिक पूर्ण श्रेणी के 23 बसाहटों में नल-कूप खनन कर हैण्डपंप लगाये जाने थे, जिसे पूर्ण कर लिया गया है। अब इस वित्तीय वर्ष में आंशिक पूर्ण बसाहटों में नवीन बोर उत्खनन कर हैण्डपंप लगाने का कार्य शेष नहीं होने से ग्रामों की सूची नहीं दी जा सकती है। (ख) 51 बसाहटों के 108 हैण्डपंप। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 17 ग्रामों की 17 बसाहटों में 17 नलकूपों पर मोटर पंप लगाने हेतु चिन्हित किया गया है। संबंधित ग्राम पंचायतों से मोटर पंप के संचालन-संधारण संबंधी सहमति प्राप्त होने पर मोटर पंप लगाने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ।
शुद्ध पेय-जल हेतु कार्ययोजना
102. ( क्र. 5724 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत माह फरवरी 2016 की स्थिति में पेय-जल की दृष्टि से कुल कितने ग्राम समस्या ग्रस्त है? नाम बतावें एवं कितने ग्रामों में फ्लोराईड युक्त पानी आ रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समस्या ग्रस्त ग्रामों को पेय-जल उपलब्ध कराने की विभाग की क्या कार्ययोजना है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में फ्लोराईड युक्त पानी आ रहा है, उन ग्रामों को शुद्ध पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु विभाग की क्या योजना है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। सभी फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में वैकल्पिक पेय-जल व्यवस्था की जा चुकी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्ययनरत् विद्यार्थियों की फीस
103. ( क्र. 5787 ) श्री विष्णु खत्री : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशासकीय स्कूलों में कौन-कौन सी श्रेणी के अध्ययनरत् विद्यार्थियों की फीस विभाग द्वारा जमा की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की फीस शासकीय मद से वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 जमा की गई है? स्कूलों के नाम सहित संख्यात्मक सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश 'क' के तारतम्य में कितने पात्र विद्यार्थी योजना के लाभ से वंचित रहे हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क अध्ययनरत् वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति नियमानुसार राज्य सरकार द्वारा की जाती है। (ख) सत्र 2014-15 में अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिक्षा का अधिकार नियम 2011 में गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अधिनियम के तहत नि:शुल्क अध्ययनरत् बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति शैक्षणिक सत्र के अंत में मार्च में किये जाने का प्रावधान है। अत: शैक्षणिक सत्र 2015-16 में अध्ययनरत् बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति तदानुसार होगी। (ग) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश के प्रावधान के तहत उपलब्ध सीटों पर नियमानुसार प्रवेश दिया गया है। इन प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति अशासकीय विद्यालयों को की जाती है। अत: विद्यार्थियों के योजना के लाभ से वंचित रहने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक विहीन स्कूल
104. ( क्र. 5806 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में 166 स्कूल शिक्षक विहीन होने की जानकारी स्थायी शिक्षा समिति की बैठक दिनांक 15/07/2015 को दी गई है? (ख) क्या जिले में जहां शिक्षक विहीन विद्यालय हैं वही अतिशेष शिक्षकों को भी पदस्थापना शहरी क्षेत्रों में है। यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ,? तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) क्या स्कूलों में स्वीकृत पद के विरूद्ध शिक्षकों की पदस्थापना अतिशेष रूप से की गई है अथा जानबूझ कर शिक्षक विहीन बनाए विद्यालयों में अतिथि शिक्षक रख कर शासन को आर्थिक हानि भी पहुंचाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या नियामानुसार कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार विद्यालयों में छात्र संख्या के मान से शिक्षक पदस्थ किये जाने की व्यवस्था है। संस्थाओं की छात्र संख्या परिवर्तनशील होने से शिक्षक अतिशेष होने की स्थिति निर्मित होती है। शिक्षण सत्र समाप्ति के पश्चात युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही करने की सतत् प्रक्रिया है। यह नियमित प्रक्रिया का भाग है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहडोल जिले में आवासीय छात्रावासों में पदस्त स्टॉफ
105. ( क्र. 5807 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवासीय छात्रावासों के अधीक्षकों को 3 से 5 वर्ष में स्थानान्तरण के निर्देश शासन द्वारा दिये गये हैं? उक्त निर्देशों के पालन हेतु शिक्षा स्थायी समिति में भी प्रस्ताव पारित किया गया हैं? (ख) इन निर्देशों के बाद भी क्या शहडोल जिले के छात्रावासों में 5 से 30 वर्ष तक एक ही स्थान पर छात्रावास अधीक्षक पदस्थ हैं यदि हाँ, तो बतावें? 5 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर कौन-कौन अधीक्षक/कर्मचारी पदस्थ हैं उनका नाम, छात्रावास का नाम, पदस्थापना दिनांक भी स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार शासन के नियमों की अवहेलना करने के लिए दोषी अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल है? यदि हाँ, तो शासन उन पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो क्या और कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले में संचालित आदिवासी छात्रावासों में 30 वर्ष से कोई अधीक्षक एक स्थान पर पदस्थ नहीं है। वर्तमान में केवल 05 अधीक्षक 05 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नियमों की अवहेलना नहीं की गई है। छात्रावास की व्यवस्था बनाये रखना सर्वोपरि है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन उन्नत हाई स्कूल हेतु भवन निर्माण
106. ( क्र. 5831 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/योजना/ब/आयोजना/2014-15/377 भोपाल, दिनांक 09/09/2014 से वर्ष 2014-15 में प्रावधानित 50 मिडिल स्कूलों का हाई स्कूल में उन्नयन में सरल क्रमांक 26 पर अंकित शा.मा.शाला सेमलापार का भी उन्नयन हाई स्कूल में किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उन्नत हाई स्कूल में पद संरचना भी स्वीकृत की जाकर विद्यालय माध्यमिक विद्यालय के भवन में प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) क्या कंडिका 'क' वर्णित माध्यमिक विद्यालय सेमलापार का हाई स्कूल में उन्नयन तो किया गया। लेकिन हाई स्कूल भवन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है तथा भवन की व्यवस्था नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य कराने में अत्यंत कठिनाईयां उत्पन्न हो रही है? यदि हाँ, तो शाला भवन निर्माण हेतु कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन नवीन उन्नत हाई स्कूल शाला भवन निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शाला उन्नयन एवं पद संरचना की स्वीकृति दी जा चुकी है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय विद्यालय परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने
107. ( क्र. 5832 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कितने ऐसे विद्यालय है, जिनके नाम पर विद्यालय एवं खेल गतिविधियों के लिये शासन द्वारा भूमि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में किन-किन विद्यालयों को शासन द्वारा आंवटित भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण है तथा शासन द्वारा विद्यालयों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो ऐसे अतिक्रमणों को कब तक हटाकर भूमि विद्यालयों के सुपुर्द कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या ऐसे अधिकांश विद्यालय जो अतिक्रमण से ग्रसित है, भविष्य में फिर से अतिक्रमण न कर सकें। इस हेतु विद्यालय परिसरों में बाउण्ड्रीवॉल बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 07 हायर सेकण्डरी एवं 20 हाई स्कूल संचालित हैं। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 47 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के लिये विद्यालय एवं खेल गतिविधियों दोनों के लिये शासन द्वारा भूमि आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में विद्यालयों के खेल गतिविधियों हेतु आवंटित भूमि पर अस्थाई अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रशासनिक स्तर पर प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभंव नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) सीमित बजट आवंटन के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण सर्वशिक्षा अभियान एवं राज्य मद में उपलब्ध वित्तीय संसाधन पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभंव नहीं हैं।
पदस्थ लिपिकों में व्याप्त भ्रष्टाचार
108. ( क्र. 5843 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपया आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में लम्बे समय से पदस्थ लिपिकों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक दिनांक सहित प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ख) कृपया आयुक्त के उक्त निर्देशों के अनुसार तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना श्री अजब सिंह ठाकुर द्वारा स्थानांतरण प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे उनमें कितने लिपिकों का स्थानांतरण प्रस्तावित था? उक्त प्रस्ताव अनुसार श्री आर.के. मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना द्वारा लिपिकों का स्थानांतरण किया गया यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) उक्त स्थानांतरित कितने लिपिकों ने स्थानांतरण स्थान पर उपस्थिति देकर आदेश का पालन किया और कितनों ने नहीं किया? (घ) क्या स्थानांतरित लिपिकों का स्थानांतरण जिला शिक्षा अधिकारी श्री मिश्रा द्वारा रोका गया यदि हाँ, तो किस आधार पर एवं उनके प्रभार आज भी क्यों नहीं बदले गये? इन्हें कब तक स्थानांतरण स्थान में उपस्थित कराया जाकर इनके प्रभार अन्य लिपिकों को सौंपे जावेंगे वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों का पालन न करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी को कब तक दंडित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार। (ग) परिशिष्ट-02 के स्थानान्तरण आदेश में स्थानांतरण नीति 2015 का अनुपालन न होने से जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना ने आदेश दिनांक 18/02/2016 से निरस्त किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्थानांतरण नीति 2015 के अनुसार स्थानांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नियमानुसार स्थानांतरण आदेश जारी होने पर प्रभार परिवर्तन संभव हो सकेगा। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचार्यों की पदोन्नति
109. ( क्र. 5895 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में कई अधिकारी पदोन्नत हुये और प्राचार्य उ.मा. विद्यालय की बड़ी संख्या में पदोन्नतियां हुई? हाँ, तो 31/12/2014 की स्थिति में सभी अधिकारियों और प्राचार्यों के रिक्त पदों की स्वीकृत संख्या कार्यरत और रिक्त संख्या बतावें? (ख) कैलेण्डर वर्ष 2015 में प्राचार्य, उ.मा.विद्यालय हेतु कितनी-कितनी पदोन्नति हुई और उनमें से ज्वाईन कितने-कितने हुये जो ज्वाईन नहीं हुये उनके नाम बतावें और पदोन्नति निरस्त करने के आदेश की प्रति देवें? (ग) दिनांक 31/01/2016 की स्थिति में प्राचार्य, उ.मा.विद्यालय की रिक्तियां बतावें? वर्ष में दो बार डी.पी.सी. करने के निर्देश के बावजूद लम्बे समय तक डी.पी.सी. नहीं करने का कारण बतावें? (घ) क्या विभाग में प्राचार्य उ.मा.विद्यालय के पदों की पदक्रम सूचियां 2015 की स्थिति में अपडेट नहीं है कारण बतावें? विभाग द्वारा पदक्रम सूचियां कब तक अपडेट हो जावेंगी? समय अवधि बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार। (ख) प्राचार्य उ.मा.वि. के पदों पर 799 लोक सेवकों की पदोन्नति हुई, इनमें से 777 लोक सेवकों द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया। 22 लोक सेवकों की पदोन्नति निरस्त करने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले लोक सेवकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) दिनांक 31.01.2016 की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग के रिक्त पदों की संख्या 862 है। जी हाँ। विभागीय पदोन्नति रिक्त पद की उपलब्धता, विचार क्षेत्र में आने वाले अभ्यार्थियों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदनों की प्राप्ति व विभागीय जांच आदि की अन्यान्य जानकारियों के साथ लोक सेवा आयोग से सहमति प्राप्त करने संबंधी प्रक्रियागत कारणों से। (घ) दिनांक 01.04.2015 की स्थिति में प्राचार्य उ.मा.वि. की अंतरिम पदक्रम सूची जारी की जा चुकी है। अंतिम पदक्रम सूची जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निर्धारित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शास. विद्यालय भवन और परिसर को शिक्षा विभाग की बुक्स पर अंकित करना
110. ( क्र. 5896 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कई शासकीय विद्यालय भवन और परिसर शिक्षा विभाग की बुक्स पर अंकित नहीं हैं, जबकि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राजस्व अधिकारियों को इस बाबत् निर्देश दिये गये हैं? (ख) क्या शिक्षा महाविद्यालय देवास को शिक्षा विभाग की शासकीय पुस्तकों पर अंकित करने हेतु राजस्व विभाग में एक प्रकरण चल रहा है एक शासकीय विभाग से दूसरे शासकीय विभाग की पुस्तकों पर अंकित करने में प्रकरण की क्या आवश्यकता पड़ गई? (ग) क्या सामान्य तौर पर विद्यालय प्रधान को उसकी भवन परिसर की सीमा का ज्ञान नहीं रहता अत: अतिक्रमण पर वह यथोचित कार्यवाही नहीं कर पाता इस कारण उसके पास भूमि की समुचित जानकारी होना आवश्यक है। (घ) यदि हाँ, तो क्या इस पर शीघ्र कार्यवाही होना प्रस्तावित है? अगर नहीं तो क्या आपत्ति है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जो शाला भवन शिक्षा विभाग की बुक पर अंकित नहीं है, उनकी कार्यवाही प्रचलित है। (ख) शिक्षा महाविद्यालय का मुख्य भवन शिक्षा विभाग देवास के नाम दर्ज है, किन्तु विभिन्न परिसरों - नायडू महिला छात्रावास, टैगोर छात्रावास, बी.टी.आई. क्वाटर्स एवं क्राफ्ट भवन की भूमि/भवन के नामांतरण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। किसी भी संस्था का नाम राजस्व रिकार्ड में नियमानुसार दर्ज किया जाता है। (ग) सामान्य तौर पर विद्यालय के प्रधान को भवन परिसर की सीमा का ज्ञान रहता है जब भी अतिक्रमण होता है विद्यालय प्रधान के द्वारा समुचित कार्यवाही की जाती है। (घ) 'ग' के संबंध में कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
पशुपालन विभाग के भवन
111. ( क्र. 5909 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पशुपालन विभाग के कितने केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं एवं कितने भवन विहिन हैं? अलग-अलग जानकारी दें। (ख) क्या संचालित सभी केन्द्रों में पशु चिकित्सक एवं नंदी रक्षक पदस्थ हैं? अगर नहीं तो क्यों? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। विभाग में पशु चिकित्सक/कर्मचारी के पद रिक्त होने के कारण हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
फल, बीज एवं फूल पौधों का क्रय
112. ( क्र. 5940 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उप-संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जबलपुर द्वारा राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन उद्यानिकी एवं कृषि विकास योजनान्तर्गत कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि के फल, बीज, फूल पौधों का क्रय किया गया वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांक (क) में किस नोडल एजेंन्सी से किस-किस प्रजाति के कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि के फल, फूल, बीज पौधा का क्रय किया गया? किस-किस एजेंसी ने क्रय आदेश/निविदा की शर्तों के तहत कितनी-कितनी राशि के फल, फूल, बीज पौधों का प्रदाय नहीं किया है एवं क्यों? दोषी एजेंसी के विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की गई? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों के कितने हितग्राही कृषकों को किस दर पर कितनी मात्रा में फल, फूल, बीज पौधों का विक्रय व नि:शुल्क वितरण किया गया एवं उन्हें किस मान से अनुदान की कितनी राशि प्रदाय की गई? (घ) प्रश्नांक (क) में किस-किस प्रजाति के कितनी-कितनी मात्रा में फल, फूल, बीज पौधे नष्ट, खराब या सूख गये हैं? इसका सत्यापन कब किसने किया? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी बच्चों के अधिकारों का हनन
113. ( क्र. 5947 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय अनुसंधान विकास संस्थान से माह जनवरी-फरवरी 2016 में किस अधिकारी-कर्मचारी को शासन के किस आदेश से कार्यमुक्त किया गया है? कार्यमुक्त करने के कारण बतावें? (ख) संस्थान में कितने व्याख्याता, शिक्षक, प्राचार्य पदस्थ हैं? शिक्षक वर्ग के यह कर्मचारी-अधिकारी किन-किन पदों के विरूद्ध पदस्थ हैं? शासन के किन-किन आदेशों से इनको गैर शिक्षकीय कार्य पर पदस्थ किया गया? (ग) इनकी पदस्थापना गैर-शिक्षकीय कार्य में होने से स्कूलों में हुई रिक्ति की पूर्ति कौन करेगा? आदिवासी और अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को होने वाली अपूरणीय क्षति की भरपाई कौन करेगा? (घ) उद्यमी विकास संस्थान, वन्या प्रकाशन, मेपसेट में कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी डेप्यूटेशन पर कब से पदस्थ हैं? इनके मूल पद बतावें? (ड.) क्या शासन अन्य शिक्षकों को भी गैर-शिक्षकीय कार्य पर पदस्थ होने की सुविधा प्रदान करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जनजातीय अनुसंधान विकास संस्थान में माह जनवरी-फरवरी 2016 में निम्नलिखित अधिकारी/कर्मचारी को शासन द्वारा आदेश किये जाने से कार्यमुक्त किया गया:-
कार्यमुक्त किये गये अधिकारी के नाम एवं पद |
शासन आदेश क्रमांक एवं पद |
कार्यमुक्त
करने का
दिनांक |
3 |
4 |
5 |
1.श्री एस.एस. चौहान सहायक अनुसंधान अधिकारी (मूल पद प्राचार्य) |
शासन आदेश क्रमांक 9216/2016/लो.से.प्र./61 दिनांक 15.1.2016 |
दिनांक 21.1.2016 |
2. श्री एल.एन.पयोधी सहायक अनुसंधान अधिकारी (सहायक संपादक) |
शासन आदेश क्र.738/369/2005/25/1 दिनांक 24.5.2013 |
दिनांक 12.2.2016 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग के कार्य संचालन की दृष्टि से प्रशासकीय व्यवस्था के तहत पदस्थ किये गये हैं। शिक्षकीय कार्य में होने से स्कूलों में हुई रिक्त की पूर्तियां समय समय पर की जाती रही हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री कुलदीप सिंह ओड (मूल पद प्राचार्य) उद्यमी विकास संस्थान में दिनांक 04-07-11 से प्रबंधक के पद पर एवं श्रीमती प्रीति शाह (मूल पद सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग) संपादक पद के विरूद्ध वन्या प्रकाशन में दिनांक 10-11-14 से पदस्थ हैं। (ड.) जी नहीं।
प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित गणक का वेतनमान
114. ( क्र. 5964 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 लागू होने के पश्चात के आदेश अर्थात म.प्र. वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 383/109/97/सी/चार, दिनांक 6.3.97 से विभाग में कार्यरत प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित गणक/लेखापाल को पृथक-पृथक वेतनमान का लाभ दिया गया था या नहीं? यदि हाँ, तो वेतनमान बतावें? (ख) यह म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1998 के नियम 12 में जिन विद्यमान वेतनमानों के विषय में म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 एवं तत्पश्चात के आदेशों के अंतर्गत एक निर्धारित सीमा के पश्चात अथवा अन्य किन्हीं विशिष्ट शर्तों के अध्यायाधीन रहते हुये वेतनमान देने की शर्तें लगाई गई थीं वह पुनरीक्षित वेतनमान के संदर्भ में यथावत रहेगी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शर्त पुनरीक्षित वेतनमान 1998 में लागू कर पृथक-पृथक वेतनमान का लाभ दिया जा रहा या नहीं? नहीं तो कारण देवें? (ग) क्या म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर सूचना के अधिकार मेनुअल विषय सूची स.क्र. 10 (पृ.54) पर विभाग के अधिकारी/कर्मचारी का वेतनमानों में जिला स्तर के पदों अर्थात प्रशिक्षित लेखापाल/गणक का वेतनमान 4500-7000 एवं अप्रशिक्षित लेखापाल/गणक का वेतनमान 4000-6000 दर्शाया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो तदानुसार वेतनमान का लाभ विभाग में दिया जा रहा है या नहीं? नहीं तो कारण बतावें? (घ) जिला विदिशा में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत ऐसे कितने प्रशिक्षित लेखापाल/गणक/जूनियर ऑडिटर है? जिन्हें पुनरीक्षित वेतनमान 1998 में लेखा प्रशिक्षित होने पर पृथक से वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है? प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में विभाग इस विसंगति के निराकरण का प्रस्ताव वित्त शासन को प्रस्तुत करेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रशिक्षित लेखापाल को वेतनमान 1320-2040 तथा अप्रशिक्षित लेखापाल का वेतनमान 1200-2040 दिया गया। (ख) जी हाँ। पुनरीक्षित वेतनमान 1998 में प्रशिक्षित लेखापाल वेतनमान 1320-2040 तथा अप्रशिक्षित लेखापाल वेतनमान 1200-2040 दोनों का एक ही वेतनमान 4000-6000 निर्धारित कर दिये जाने से पृथक-पृथक वेतनमान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वेबसाईट पर त्रुटिपूर्ण जानकारी को संशोधित कर प्रशिक्षित लेखापाल/गणक एवं अप्रशिक्षित लेखापाल/गणक को 4000-6000 वेतनमान दर्शाया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विदिशा जिले में स्कूल शिक्ष विभाग अंतर्गत 12 प्रशिक्षित लेखापाल/गणक/जूनियर ऑडिटर को पृथक से कोई वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. पुनरीक्षित वेतनमान 1998 के अनुसार प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित लेखापाल/गणक/जूनियर ऑडिटर का एक ही वेतनमान नियत है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग को समूह बीमा व पेंशन
115. ( क्र. 5992 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में अध्यापक संवर्ग को शासकीय कर्मचारियों के समान समूह बीमा योजना लागू है? यदि नहीं, तो इस वर्ग को लागू नहीं करने के क्या कारण है? (ख) क्या अध्यापक संवर्ग एवं शिक्षाकर्मी की पदोन्नति व क्रमोन्नति हेतु उनके नियुक्ति दिनांक से गणना की जाती है? यदि हाँ, तो 01.01.2005 के पूर्व नियुक्ति कर्मचारियों को पेंशन योजना से क्यों वंचित रखा जा रहा है? इन्हें अंशदायी पेंशन देने का क्या औचित्य है? (ग) क्या अध्यापक संवर्ग के अंशदान की राशि प्रत्येक माह वेतन से काटकर NSDL कंपनी को जमा की जा रही है? यदि नहीं, तो विलंब से जमा करके अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को हो रहे आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अध्यापक संवर्ग के लिए समूह बीमा योजना का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। उनके द्वारा की गई सेवा की गणना केवल पदोन्नति/क्रमोन्नति, वरिष्ठता के प्रयोजन हेतु मान्य किये जाने का प्रावधान होने, अध्यापक संवर्ग के लिए पेंशन योजना का प्रावधान नहीं होने तथा अध्यापक संवर्ग के लिए दिनांक 01.04.2011 से अंशदायी पेंशन योजना लागू है। (ग) जी नहीं। वंटन की अनुपलब्धता, प्रक्रियागत कारणों से विलम्ब होता है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला प्रबंधन की राशि में विसंगति
116. ( क्र. 6023 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के द्वारा प्रत्येक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल को पूर्व में रुपये 75,000/- शाला प्रबंधन हेतु प्रदाय किये जाते थे, वर्तमान में अब प्रत्येक विद्यालय को मात्र रुपये 50,000/- दिये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित राशि एक वर्ष के लिये समान रूप से दी जाती है? चाहे विद्यालय में दर्ज संख्या 100, 200, 500, 1000, 1500 या 2000 ही क्यों न हो राशि का वितरण प्रश्नांश (क) अनुसार ही किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो यह उक्त राशि का वितरण एक विसंगति पूर्ण व्यवस्था है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन विद्यालय के भवन और विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के आधार विद्यालय की आवश्यकतानुसार शाला प्रबंधन की राशि के वितरण की व्यवस्था करना सुनिश्चित करेगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वितरण भारत शासन के निर्देशानुसार एवं उनकी स्वीकृति के आधार पर किया जाता है। (घ) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान केन्द्र प्रवर्तित योजना है अत: भारत शासन के निर्देशों का पालन बंधनकारी है। अत: मापदण्डों के अनुरूप ही कार्यवाही की जाती है।
भवन विहीन शालायें
117. ( क्र. 6024 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सागर जिले में कितनी बालक/कन्या एवं Co-Education की शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं? विधान सभा, क्षेत्रवार एवं विकासखंडवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शालायें ऐसी हैं जो भवन विहीन हैं? जिनके स्वत: के भवन नहीं हैं? स्वत: के भवन न होने के कारण वे कहाँ किसके भवन में लग रहीं हैं? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार एवं विकासखंडवार देवें? (ग) जिन शालाओं के स्वत: के भवन नहीं हैं, क्या उनके लिये नये भवन अथवा अतिरिक्त कक्ष बनवाये जाने के प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो किन-किन शालाओं के और इन्हें कब तक नये भवन/अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध करा दिये जायेंगे? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार एवं विकासखंडवार देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो’ पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो’ पर है। बजट उपलब्धता पर स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नरसिंहपुर जिले में संचालित योजनाएं
118. ( क्र. 6045 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) हितग्राही चयन के लिये क्या प्रक्रिया एवं मापदण्ड अपनाये जाते हैं? (ग) कुटीर उद्योगों के विस्तार हेतु विभाग के द्वारा क्या-क्या उपाय अपनाये जाते हैं जिससे प्रचार-प्रसार हेतु हितग्राही तक जानकारी उपलब्ध हो सके? इस हेतु विभाग द्वारा क्या योजना है, स्पष्ट जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नरसिंहपुर जिले में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, मलबरी रेशम विकास विस्तार कार्यक्रम, टसर रेशम विकास विस्तार कार्यक्रम, एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम, उद्यमी स्व-सहायता समूहों को सहयोग एवं मनरेगा अंतर्गत मलबरी विस्तार कार्यक्रम संचालित है। (ख) चयन प्रक्रिया एवं मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विकासखण्ड स्तर पर आयोजित होने वाले अंत्योदय मेला/लोक कल्याण शिविर एवं अन्य शासकीय आयोजनों में पेम्प्लेट/ब्रोशर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। विभागीय वेबसाईट एवं समाचार पत्रों के माध्यम से भी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।
विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदाय
119. ( क्र. 6052 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के अनुसूचित जाति/जनजाति व ओ.बी.सी. जाति वर्ग के कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदाय करने हेतु 2013-14 से 2015-16 तक वर्षवार कितनी राशि शासन द्वारा विभाग को आवंटित की, छात्रवृत्ति प्रदाय हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त आवंटित राशि में से विभाग द्वारा वर्तमान तक की अवधि की छात्रवृत्ति का भुगतान उक्त समस्त विद्यार्थियों में से कितनों को कर दिया गया हैं कितनों को नहीं व क्यों? (ग) क्या विभागीय अमले की मनमानी के चलते उक्त विद्यार्थियों को वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक की अवधि की छात्रवृत्ति का भुगतान लगभग 2 दर्जन छात्रों को नहीं हो पाया है? क्या शासन छात्रवृत्ति वितरण में विलम्ब के कारणों की जाँच कराएगा एवं शीघ्र छात्रवृत्ति से वंचित छात्रों को इसका भुगातन शीघ्र कराएगा यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति हेतु आवंटित राशि एवं नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2013-14 में रू. 11.24 लाख, वर्ष 2014-15 में रू. 11.15 लाख एवं वर्ष 2015-16 में रू. 10.29 लाख की राशि आवंटित की गयी। अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति हेतु आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवंटित छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। वर्ष 2013-14 में शेष रहे 348 विद्यार्थियों को अभिलेख उपलब्ध न कराने के कारण भुगतान नहीं किया गया है तथा वर्ष 2015-16 के शेष 228 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को आवंटित राशि एवं शेष रहे छात्रों व उसके कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष पात्र विद्यार्थियों को नियमानुसार शीघ्र भुगतान किया जायेगा। अनसूचित जनजाति वर्ग के शेष 26 विद्यार्थियों को वर्ष 2013-14 में अशासकीय पैरामेडिकल संस्थाओं द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने के कारण छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो सका। शेष छात्रवृत्ति प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही कर शीघ्र निराकरण किया जायेगा। पिछड़ा वर्ग के छात्रवृत्ति से वंचित विद्यार्थियों को परीक्षणोपरांत वितरण की प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बेरोजगारों को ऋण स्वीकृति
120. ( क्र. 6053 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अन्त्यावसायी कार्यालय श्योपुर में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार व्यक्तियों के स्व-रोजगार हेतु कौन-कौन सी हितग्राहीमूलक योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं? इन योजनाओं का वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक का लक्ष्य एवं ऋण वितरण की स्थिति वर्ष/योजनवार बतावें? (ख) उक्त हितग्राहीमूलक योजनाओं में विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए में से कितने प्रकरण बैंकों में भेजे गये जिनमें से कितने प्ररकण बैंकों द्वारा स्वीकृत, कितने वितरित/निरस्त एवं कितने प्रकरणों में निगम द्वारा अनुदान राशि प्रदाय की गई की? (ग) क्या निगम द्वारा अनुशंसित दर्जनों ऋण प्रकरण वर्तमान तक निगम कार्यालय में ही एवं संबंधित बैंकों में लंबित पड़े हैं नतीजन न तो वर्षवार लक्ष्य पूर्ति हो पा रही है और ना ही बेरोजगार व्यक्तियों को उक्त योजनाओं का लाभ मिल पा रहा हैं? इस स्थिति से निपटने हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त स्वीकृत प्रकरणों को लंबित रखने के कारणों की जाँच करवाएगा के उपरांत इनका शीघ्र निराकरण कराकर बेरोजगारों को ऋण वितरण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों इस हेतु समय-सीमा बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला अन्त्यावसायी कार्यालय, श्योपुर में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार व्यक्तियों के स्व-रोजगार हेतु वर्तमान में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना संचालित हैं। उक्त योजनाओं का वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक के लक्ष्य एवं ऋण वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त हितग्राही मूलक योजनाओं में विगत तीन वर्षों में 387 आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त आवेदनों में से 387 प्रकरण बैंकों को भेजे गये जिनमें से 176 प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये। स्वीकृत प्रकरणों में से 176 प्रकरण वितरित किये गये। वितरित 176 प्रकरणों में निगम द्वारा अनुदान राशि प्रदान की गयी। (ग) जी नहीं, जिला अन्त्यावसायी कार्यालय, श्योपुर में वर्षवार लक्ष्यों की पूर्ति की गयी है तथा योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को दिलाया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में सुविधा के नाम पर दुरूपयोग राशि
121. ( क्र. 6067 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति के कितने छात्रावास हैं? विधान सभावार छात्रावास स्थान, छात्रों की संख्या सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक संचालित इन छात्रावासों को किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि दी गई? राशि, दिनांक, कार्य का नाम, अधीक्षक का नाम सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विभाग द्वारा इन छात्रावासों को कब-कब कौन-कौन सी सामग्री छात्रों के लिये दी गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''स'' अनुसार है।
न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण
122. ( क्र. 6085 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर अंतर्गत ऐसे कितने न्यायालयीन प्रकरण हैं जो उच्च न्यायालय में शासन के विरूद्ध प्रचलित हैं? (ख) क्या ऐसे शासकीय अधिवक्ता जिनके पास उपलब्ध प्रकरण लम्बे समय से लंबित हैं को परिवर्तित करने पर विचार किया जावेगा एवं शासन के पक्ष में न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण हेतु कार्य योजना बनाई जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 134 (ख) शासकीय अधिवक्ताओं को प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित रोस्टर/कॉज लिस्ट के अनुरूप पैरवी हेतु आवंटित किये जाते हैं किसी भी शासकीय अधिवक्ता के पास कोई भी प्रकरण लंबे समय तक पैरवी हेतु लंबित नहीं रहता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति
123. ( क्र. 6086 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अद्यतन स्थिति में हाई स्कूल प्राचार्य के कितने पद रिक्त हैं? कृपया जिलेवार विवरण देवें? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जावेगी वरिष्ठ अध्यापकों हेतु क्या पृथक से पद निर्धारित किए जावेंगे? (ग) प्रदेश में कुल कितने व्याख्याता हैं जिनकी हाई स्कूल प्राचार्य पर पदोन्नति प्रस्तावित हैं, इनमें से कितने सेवानिवृत्ति के निकट हैं? क्या ऐसे व्याख्याताओं के स्थान पर वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति पर विचार होगा? (घ) वरिष्ठ अध्यापकों को हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने हेतु क्या कोई ठोस नीति बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो क्या व कार्यवाही कब प्रारंभ की जावेगी? यदि नहीं, तो वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति हेतु क्या कदम उठाये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ख) जी हाँ। 50 प्रतिशत पद व्याख्याता उ.मा.वि. से 25 प्रतिशत पद ए.ई.ओ. की पदोन्नति से तथा 25 प्रतिशत पद सीमित परीक्षा के माध्यम से वरिष्ठ अध्यापकों के चयन द्वारा पद पूर्ति किये जाने का प्रावधान है। आदिम जाति कल्याण विभाग के 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जायेंगे। (ग) पदोन्नति, सम्भावित रिक्तियों एवं रिक्त पदों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। निश्चित संख्या बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार कानून की धारा में प्रावधान
124. ( क्र. 6089 ) श्री सचिन यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) (ख) में क्या प्रावधान दिया गया है? राज्य शासन ने जून 2008 में किन-किन अभिलेखों से कौन-कौन सी जानकारी संकलित किए जाने के बाबत् पत्र जारी किया था? (ख) जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक धारा 3 (1) (ख) के अनुसार कितनी भूमि के कितने दावे प्राप्त हुए? कितने मान्य एवं कितने अमान्य किए गए बतावें? (ग) राज्य शासन द्वारा जून 2008 में जारी पत्र के अनुसार भोपाल संभाग के किस जिले के कितने राजस्व ग्रामों के आजादी पूर्व एवं आजादी के बाद बनाए गए किन-किन अभिलेखों की जानकारी ग्राम सभाओं को उपलब्ध करवाई गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा (1) (ख) अनुसार- ’’निस्तार के रूप में सामुदायिक अधिकार चाहे किसी भी नाम से ज्ञात हों, जिनके अंतर्गत तत्कालीन राजाओं के राज्यों, जमींदारी या ऐसे अन्य मध्यवर्ती शासनों में प्रयुक्त अधिकार भी सम्मिलित है,’’ विभाग द्वारा जारी पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एवं (ग) अधिनियम की धारा 3 (1) (ख) के अनुसार प्राप्त अधिकांश दावों में रकबा का उल्लेख नहीं होने से कुल प्राप्त दावों की भूमि का रकबा बताना संभव नहीं है। जिलेवार मान्य एवं अमान्य दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' तथा 'तीन' अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर लंबित कार्यवाही
125. ( क्र. 6103 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंख्यमंत्री जी द्वारा माह दिसम्बर 2015, जनवरी 2016 के मध्यप्रदेश के अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या घोषणानुसार अध्यापक संवर्ग को इसका लाभ मिलने लगा है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है तथा कब तक घोषणा की पूर्ति करते हुये जस का तस लाभ अध्यापक संवर्ग को दिया जावेगा? (ख) क्या उक्त अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के अध्यापक संवर्ग की स्वतंत्र स्थानांतरण नीति यथाशीघ्र बनाये जाने हेतु अध्यापक संगठनों को आश्वस्त किया गया था? यदि हाँ, तो क्या आश्वासन अनुरूप स्वतंत्र स्थानांतरण नीति बनाई जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक नीति बनाई जावेगी? (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्न दिनांक तक मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा व आश्वासन पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं करना, की गई घोषणा पर प्रश्न चिन्ह लगाता है? नहीं तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 02.02.2016 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से देय वेतनमान का नगद भुगतान दिनांक 01.04.2016 से किया जाना है। वेतन निर्धारण संबंधी विस्तृत निर्देश वित्त विभाग की सहमति से पृथक से जारी किये जाने के आदेश है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अध्यापक संवर्ग के लिए संविलियन की ऑन-लाईन नीति तैयार करने की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है।
पंजीकृत मजदूरों को सुविधायें
126. ( क्र. 6104 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल में पंजीकृत मजदूरों को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? इस हेतु क्या-क्या निर्देश है? (ख) असंगठित निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु क्या-क्या निर्देश है? नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में पंजीकृत मजदूरों की संख्या जनपद पंचायत/नगरीय निकायवार नाम/ग्राम का नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) पंजीकृत मजदूरों को चिकित्सा सहायता हेतु क्या-क्या प्रावधान है? इस हेतु मजदूरों को क्या-क्या प्रक्रिया पूर्ण करना पड़ती है? (घ) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किस-किस योजना में कितने मजदूरों के आवेदन पत्र सहायता हेतु लंबित है तथा क्यों? उनको कब तक सहायता उपलब्ध कराई जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) वर्तमान में कुल 23 योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन किये जाने हेतु शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका/नगर परिषद् एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अधिकृत प्राधिकारी है। 2. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए श्रमिकों की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में काम करना अनिवार्य है। प्रथम बार पंजीयन पाँच वर्ष के लिये पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर रू. 05/- नगद भुगतान कर किया जाता है। निरंतरीकरण हेतु 5 वर्ष के लिए रू. 10/- शुल्क निर्धारित है। नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या 3828 है। जनपद पंचायत, नगरीय निकायवार नाम व ग्राम का नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु चिकित्सा सहायता योजना का प्रावधान एवं प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार है। (घ) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किसी भी योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र लंबित नहीं है।
न्यायालयों के कार्यालयों का निर्माण
127. ( क्र. 6172 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25.02.2015 के बिन्दु क्रमांक 132 न्याय का सिद्धांत है कि न्याय तत्परता से प्राप्त हो? न्यायालयों के समक्ष लाये गये प्रकरणों से सामयिक निराकरण से न्याय व्यवस्था तथा सरकार पर जनता का विश्वास दृढ़ होता है? न्यायालयों एवं न्यायिक अधिकारियों के कार्यालयों एवं आवासों की व्यवस्था के लिये राज्य शासन प्रतिवर्ष आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रही है? इसी क्रम में वर्ष 2015-16 में अधोसंरचना निर्माण एवं अनुरक्षण हेतु रू. 160 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है? न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिये 200 नवीन पदों का सृजन किया गया है? का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो मुरैना जिले के बजट में कितनी राशि का प्रावधान होकर जिला मुरैना में कितने निर्माण कार्य कराये गये? की जानकारी कार्यालय एवं आवास सहित अलग-अलग दी जावे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायिक अधोसंरचना के अंतर्गत निर्माण कार्यों एवं अनुरक्षण कार्यों हेतु जिला स्तर पर बजट राशि का प्रावधान नहीं किया जाता है। जिला मुरैना में वर्ष 2015-2016 में न्यायालयों एवं आवास गृहों का निर्माण नहीं कराया गया है।
प्रस्तुत पत्रों की जानकारी
128. ( क्र. 6178 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश व निर्देशों के अनुसार माननीय सांसद व विधायकों के पत्रों की प्राप्ति एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 तक विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा के स्कूलों के उन्नयन एवं अन्य समस्याओं को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी को भेजे गये पत्रों की प्राप्ति व निराकरण से संबंधित प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें व संबंधित के खिलाफ शासन के आदेशों का उल्लंघन करने से संबंधित पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 तक विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा के स्कूलों के उन्नयन एवं अन्य समस्याओं के क्रम में माननीय विधायिका के कार्यालय से कार्यालयीन अभिलेखानुसार कोई भी पत्र प्राप्त नहीं है। वर्तमान में उनके कार्यालय से पत्रों की प्रतियां प्राप्त कर कार्यालयीन पत्र क्र. 720,721,723 दिनांक 02.03.2016 द्वारा अवगत कराया गया हैा (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जनजाति के अधिकारों का हनन
129. ( क्र. 6201 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित क्षेत्रों जहां आदिवासी रहते हैं, के संदर्भ में संबंधित राज्यों द्वारा राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष आदिवासियों के हालातों की जानकारी स्वरूप प्रतिवेदन देना अनिवार्य हैं? हाँ, तो मध्यप्रदेश द्वारा अंतिम बार प्रतिवेदन कब दिया गया था? समय पर नहीं देने का कारण क्या था? (ख) क्या संविधान की अनुसूची के 5वीं अनुसूची के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में शासकीय व विदेशी शराब की दुकानें नहीं खोल सकते तथा इसके बाद भी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने हेतु अनुमति क्यों प्रदान की जाती हैं? क्या दुकानें खोलना अत्यंत आवश्यक है तो इन क्षेत्रों में आदिवासियों को दुकानें आवंटित करने में प्राथमिकता क्यों नहीं दी जाती है? (ग) क्या 5वीं अनुसूची के आधार पर प्रत्येक राज्यों में आदिवासी सलाहकार समिति का गठन किया जाना अनिवार्य हैं? हाँ, तो क्या कारण हैं कि मध्यप्रदेश में वर्तमान तक नहीं हुआ हैं तथा इसका गठन कब तक होगा? (घ) क्या खरगोन जिले में Tribal Sub Plan के तहत संपूर्ण राशि का खर्च किया जाता हैं तथा इसका व्यय अन्य मदों में भी किया गया हैं? हाँ, तो वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की राशि का किन-किन मदों पर व्यय किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012-13 का वार्षिक प्रतिवेदन अंतिम बार राज्यपाल सचिवालय के पत्र क्रमांक रा.स./यू.ए.-2/2014/1027, दिनांक 09.10.2014 से भारत सरकार जन जातीय कार्य मंत्रालय को भेजा गया है। वर्ष 2013-14 का प्रतिवेदन आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 20-1/2012/3-25/ 898, दिनांक 07.09.2015 से राज्यपाल सचिवालय को भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजने हेतु प्रेषित किया गया है। वर्ष 2014-15 का प्रतिवेदन तैयार हो चुका है, जिसमें आदिम जाति मंत्रणा परिषद् का अनुमोदन आवश्यक है। आदिम जाति मंत्रणा परिषद् के अनुमोदन उपरान्त प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) जी नहीं, संविधान के 5वीं अनुसूची के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में विदेशी शराब की दुकानें नहीं खोले जाने संबंधी मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं उसके अंतर्गत बनाये गये नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। आदिवासी क्षेत्रों में जन-सामान्य को मानव उपयोग हेतु वैज्ञानिक तरीकों से विनिर्मित शराब वैध तरीकों से उपलब्ध हो सकें तथा स्वास्थ्य के प्रति प्रतिकूल न हो को दृष्टिगत रखते हुये अनुसूचित क्षेत्रों में मदिरा दुकानें खोली जाती है। मदिरा दुकानों का आवंटन नियमानुसार लाटरी/ओपन टेण्डर आमंत्रित कर किया जाता है। इस प्रक्रिया में कोई भी व्यक्ति भागीदारी कर सकता है। आदिवासियों को मदिरा दुकानें आवंटित करने संबंधी पृथक से कोई नियम नहीं है। (ग) जी हाँ, आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 20-2/2013/3725, दिनांक 08 सितम्बर, 2014 के द्वारा आदिम जाति मंत्रणा परिषद् का गठन किया गया है, जिसका कार्यकाल वर्तमान विधान सभा के कालावधि तक रहेगा। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर है। (घ) खरगोन जिले में आदिवासी उपयोजना के तहत वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 तक विभिन्न मदों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर है।
इन्दौर दुग्ध संघ मांगलिया में श्रमिकों को लगाने में अनियमितता
130. ( क्र. 6202 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर दुग्ध संघ मांगलिया में श्रमिकों को लगाने का ठेका विगत तीन वर्षों में किन-किन कम्पनियों को दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तीन वर्षों में कम्पनियों द्वारा कितने कर्मचारियों को रखा व दुग्ध संघ द्वारा उन्हें प्रतिवर्ष किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने कर्मचारियों/श्रमिकों के ई.पी.एफ. नम्बर एवं यूनिवर्सल एकाउंट खोले गये है व कितने श्रमिकों के ई.एस.आई. कार्ड बनाकर ठेकेदार/कम्पनियों द्वारा प्रति श्रमिक कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह किन बैंक खातों के माध्यम से कब-कब वेतन आदि दिये गये हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) इन्दौर सहकारी दुग्ध संघ मांगलिया में श्रमिकों को लगाने का ठेका विगत तीन वर्षों में निम्नानुसार कम्पनियों को दिया गया -
वर्ष |
कम्पनी का नाम |
2012-13 |
मेसर्स राजेश गोयल लेबर कान्ट्रेक्टर देवास |
2013-14 |
मे. राजेश गोयल लेबर कान्ट्रेक्टर देवास |
2014-15 |
मे.
राजेश गोयल
लेबर कान्ट्रेक्टर
देवास |
2014-15 |
मे.
रतन
एम्पोरियम
धार |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मेसर्स राजेश गोयल लेबर कान्ट्रेक्टर द्वारा प्रदायित सूची अनुसार 396 कर्मचारियों/श्रमिकों को EPF नम्बर दिये गये है एवं 246 कर्मचारियों/श्रमिकों ESI नम्बर दिये गये है (इसमें शीत केन्द्रों पर प्रदाय श्रमिकों की संख्या भी सम्मिलित है।) मेसर्स रतन एम्पोरियम द्वारा 439 कर्मचारियों/श्रमिकों के EPF नम्बर व ESI नम्बर दिये गये हैं। ठेकेदार/कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों/श्रमिकों को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ इण्डिया, कार्पोरेशन बैंक एवं एक्सेस बैंक के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है तथा प्रति श्रमिक प्रतिमाह औसत राशि का कम्पनीवार एवं माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनुसूचित जाति/अनु.ज.जाति विभाग में रोस्टर
131. ( क्र. 6205 ) श्री राजेश सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत 100 रोस्टर बिन्दु का संधारण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अनुसूचित जाति कल्याण एवं आदिम जाति कल्याण विभाग में किया जा रहा है? विभागवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन की सूचना आदेश एफ-61/2002, दिनांक 21/09/2010 के पालन में जिला स्तरीय संशोधित नवीन आरक्षण रोस्टर के तहत अनुसूचित जाति कल्याण एवं आदिम जाति कल्याण विभाग में रोस्टर का प्रमाणीकरण जिला बैकलॉग कमेटी से कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के सदंर्भ में जिला बैकलॉग कमेटी का प्रमाणीकरण किन विभागों में किया गया है? (घ) जिला बैकलॉग कमेटी द्वारा कब-कब बैठक आयोजित की गई एवं इन्दौर जिले में अनुसूचित जाति कल्याण एवं आदिम जाति कल्याण विभाग में बैकलॉग के कितने पद रिक्त हैं? क्या विभाग बैकलॉग पदों पर रोस्टर नियम का पालन कर कर्मचारियों को क्रमोन्नति/पदोन्नति एवं नवीन नियुक्तियां करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र में दी है। (घ) विभिन्न विभागों से प्राप्त रोस्टर पंजी समिति सदस्यों से प्रमाणीकरण कराया जाता है। इस हेतु बैठकें आयोजित नहीं की जाती हैं। रिक्त पद विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा कर्मचारियों की नियमानुसार क्रमोन्नति/पदोन्नति की कार्यवाही की गई है। पद रिक्त होने पर नवीन नियुक्तियों कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत निर्माण कार्य
132. ( क्र. 6207 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में जनपद शिक्षा केन्द्र बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा विद्यालयों के शौचालय निर्माण का कार्य किया गया है? कितनी राशि स्वीकृत की गई है? इनमें कितने कन्या शौचालय व कितने बालक शौचालय हैं स्वीकृत राशि की जानकारी देवें? (ख) कितने शौचालयों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने शौचालयों का कार्य पूर्ण होना बाकी है तथा अपूर्ण शौचालयों की जानकारी प्रदान करें? (ग) शौचालय का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा किया गया है तथा शौचालयों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र किसके द्वारा जारी किया गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2015-16 में जनपद शिक्षा केन्द्र बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा स्वीकृत बालक बालिका शौचालयों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
स.क्र. |
शौचालय |
शौचालयों की संख्या |
इकाई लागत |
कुल स्वीकृत राशि |
1 |
बालक |
38 |
1.32 |
50.16 |
2 |
बालिका |
89 |
1.39 |
123.71 |
|
कुल |
127 |
|
173.87 |
(ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में सभी 127 शौचालय पूर्ण हो गये हैं। (ग) शौचालयों का निर्माण शाला प्रबंधन समिति द्वारा किया गया है तथा शौचालयों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला शिक्षा केन्द्र उज्जैन द्वारा जारी किया जाता है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत निर्माण कार्य
133. ( क्र. 6213 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में जनपद शिक्षा केन्द्र बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा किस-किस विद्यालय में विद्यालय भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय निर्माण, किचन शेड, रेम्प, बाउण्ड्रीवॉल, ट्यूबवेल निर्माण का कार्य किया गया हैं? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 की वर्षवार तथा विद्यालयवार जानकारी प्रदान करें कि कितनी राशि स्वीकृत हुई तथा कितनी राशि का कार्य पूर्ण हुआ तथा पिछले 3 वर्षों में कितनी राशि लैप्स हुई तथा लैप्स राशि का क्या कारण है तथा कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2015-16 में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं तथा कितने स्थान पर कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा कहाँ पर कार्य पूर्ण नहीं है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में जनपद शिक्षा केन्द्र बड़नगर विद्यालय भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय निर्माण, रेम्प, बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किचन शेड निर्माण एवं टयूबवेल खनन जनपद शिक्षा केन्द्र द्वारा नहीं किया गया। (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में जनपद शिक्षा केन्द्र बड़नगर अंतर्गत स्वीकृत शौचालय, प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवन के निर्माण के कार्यों के पूर्ण/अपूर्ण एवं राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
स्वीकृत वर्ष |
कार्य का प्रकार |
स्वीकृत कार्यों की संख्या |
लागत प्रति इकाई (लाख में) |
कुल स्वीकृत राशि (लाख में) |
जारी राशि (लाख में) |
उपयोग की गई राशि (लाख में) |
पूर्ण |
अपूर्ण |
रिमार्क |
2013-14 |
शौचालय निर्माण |
02 |
0.71 |
1.42 |
1.37 |
0.689 |
1 |
0 |
1 कार्य भूमि समस्या के कारण निरस्त |
2014-15 |
शौचालय निर्माण |
04 |
1.051 |
4.20 |
4.03 |
4.03 |
4 |
0 |
|
प्रा.वि. भवन |
03 |
11.485 |
34.455 |
32.99 |
0.0 |
0 |
3 |
राशि माह फरवरी 16 में जारी की गई |
|
मा.वि. भवन |
03 |
14.30 |
42.90 |
41.09 |
0.0 |
0 |
3 |
राशि माह फरवरी 16 में जारी की गई |
|
2015-16 |
बालक शौचालय |
38 |
1.32 |
50.16 |
48.24 |
43.42 |
38 |
0 |
|
बालिक शौचालय |
89 |
1.39 |
123.71 |
118.97 |
107.07 |
89 |
0 |
|
|
|
योग |
139 |
|
256.845 |
246.69 |
155.209 |
132 |
6 |
|
विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पिछले तीन वर्षों में उपरोक्त कार्यों की कोई राशि लैप्स नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 में बड़नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 127 शौचालय निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गये। समस्त 127 शौचालयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, कोई भी निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है।
निजी विद्यालयों की फीस पर नियंत्रण
134. ( क्र. 6239 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस पर नियंत्रण के लिये शासन की क्या योजना है? क्या शासन ने कई स्तरों पर यह घोषणा की थी कि निजी स्कूलों के फीस पर नियंत्रण के लिये विनियामक आयोग बनाया जायेगा? (ख) क्या शासन यह मानता है कि निजी विद्यालय के शुल्क पर नियंत्रण किया जाना चाहिये? यदि हाँ, तो बतावें कि यह कार्य कब तक कर लिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) निजी विद्यालयों द्वारा ली जा रही फीस का निर्धारण करने एवं उसमें वृद्धि करने के संबंध में राज्य शासन द्वारा दिनांक 30-04-2015 को मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किये गये है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कनिष्ठ लेखा परीक्षक की अनियमितताओं की जाँच
135. ( क्र. 6266 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संकुल शा. उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय बड़वारा जिला कटनी में कौन कनिष्ठ लेखा परीक्षक विगत कितने वर्षों से पदस्थ है और विगत 3 वर्षों की उपस्थिति पंजी के अनुसार विद्यालय में प्रतिमाह की अनुपस्थिति कितनी है? (ख) संकुल में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक किन अध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों के संविलियन व शिक्षकों के क्रमोन्नति एरियर्स, पेंशन, ग्रेच्युटी और जी.पी.एफ. निकालने के प्रकरण लम्बित हैं और उनमें से किनके क्या कारण हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) कर्मी के विरूद्ध प्रश्नांश (ख) प्रकरणों की दिनांक 09.02.2016 को कटनी कलेक्टर जन-सुनवाई में कोई शिकायतें की गई हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) कर्मी को दीर्घावधि से पदस्थी, प्रकरणों के लम्बित होने और शिकायतें पायी जाने पर अन्यत्र स्थानांतरित किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कनिष्ठ लेखा परीक्षक श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता दिनांक 10.02.2009 से कार्यरत है। विगत 3 वर्षों की उपस्थिति पंजी चोरी की सूचना दी गई है। प्रश्नांश अवधि के अनुपस्थिति के संबंध कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कटनी के आदेश क्रमांक/वि.स./शिकायत/11094 दिनांक 05.03.16 से जाँच दल गठन कर जाँच हेतु आदेशित किया है। अतः अनुपस्थिति अवधि की जानकारी दी जाना संभव नहीं। (ख) वर्तमान में पेंशन से संबंधित एक प्रकरण स्व. श्री मनसुखलाल अरकरे सहायक शिक्षक की आश्रित पत्नी द्वारा पुनर्विवाह की सूचना एवं इस संबंध में पुनर्विवाह का प्रमाण-पत्र व अन्य आवश्यक सहपत्र अप्राप्त होने से लंबित हैं। उक्त प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के उपरांत ही प्रकरण में भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। (ग) जी हाँ। शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा पेंशन/ग्रेज्युटी की मांग की गई है। (घ) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
जनजाति समूह के लिए कार्य-योजनान्तर्गत कार्य
136. ( क्र. 6292 ) श्री सचिन यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना (आदिवासी हेतु) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में आदिवासी जन को लाभांवित करने के लिए कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया और 2016-17 में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्ष 2015-16 की प्राप्त राशि से जिला पश्चिम निमाड़ (खरगोन) में कितने-कितने आदिवासी जन को कौन-कौन से लाभों से लाभान्वित किया? (ग) विशेष पिछड़ी जनजाति समूह तथा बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति के लिए कौन-कौन सी योजनान्तर्गत उक्त सभी जनजातियों को किस-किस प्रकार के कार्यों एवं इन्हें कौन-कौन से लाभों से लाभान्वित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित जनजातियों के लिए विगत पाँच वर्षों में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशियों से उक्त जनजातियों को प्रश्नांश (ख) जिले में किस-किस प्रकार के लाभों से लाभान्वित किया गया और कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना (आदिवासी हेतु) अंतर्गत राशि रूपये 10.00 करोड़ का बजट प्रावधान है एवं राशि रूपये 70.00 करोड़ पूरक बजट में प्रावधान है। वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 8.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। (ख) वर्ष 2015-16 में भौतिक लक्ष्य 280 के विरूद्ध 477 प्रकरण विभिन्न बैंकों को प्रेषित किये गये, जिसमें से 264 प्रकरण बैंक द्वारा निम्न योजनाओं में स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें से 143 प्रकरणों में वाहन 10, रेडीमेड कपड़ा दुकान 06, भैंस पालन 38, ट्रैक्टर 05, फोटोकॉपी 03, मोटर वाईडिंग 05, मोबाईल रिपेयरिंग 03, ईंट भट्टा 08, कृषि बागवानी 06, हथकरघा 03, तराफा सेंट्रिंग 05, बकरी पालन 75, किराना एवं आटा चक्की 10, किराना एवं जनरल स्टोर 15, ढाबा 03, सिलाई मशीन 06, चाय दुकान 03 एवं किराना दुकान 60 हैं। जिसमें से 143 प्रकरण वितरित एवं 121 प्रकरणों में वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजनांतर्गत 30 प्रतिशत मार्जिन-मनी सहायता (अधिकतम 2.00 लाख) 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं 1 प्रतिशत बैंक गारंटी का प्रावधान है। (ग) विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति के लिये विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत हितग्राही मूलक कार्य तथा केन्द्र क्षेत्रीय योजना (संरक्षण सह-विकास योजना) अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेय-जल, कृषि सिंचाई, आवास अजीविका तथा संस्कृति संरक्षण के कार्यों एवं जनश्री बीमा योजना से लाभांवित किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित जनजातियों के लिये विगत 5 वर्षों में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई राशियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिला खरगोन विशेष पिछड़ी जनजाति का चिन्हांकित क्षेत्र नहीं है, अत: गैर विशेष पिछड़ी जनजातियों पर व्यय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेशम केन्द्र का लेखा-जोखा
137. ( क्र. 6304 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में कितने रेशम केन्द्र संचालित हैं? तीन वर्ष का आय व्यय का लेखा-जोखा देवें? (ख) क्या पन्ना विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित रेशम केंद्र लाभ में चल रहे है, यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को लाभ हो रहा है? (ग) रेशम केन्द्रों में कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पन्ना जिले में 01 रेशम केन्द्र रैपुरा संचालित है। तीन वर्ष के आय-व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कोई रेशम केन्द्र संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) रेशम केन्द्र पर मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार अंतर्गत 10 हितग्राहियों को तथा टसर रेशम विकास एवं विस्तार अंतर्गत 34 हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
पन्ना जिलान्तर्गत विभाग की संचालित योजनाएं
138. ( क्र. 6305 ) श्री मुकेश नायक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में वर्तमान में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है, इनके संचालन हेतु वर्ष 2014-15 से फरवरी 2016 तक की अवधि में जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई, योजनावार, कार्यवार एवं वर्षवार बतावें? (ख) वर्तमान में किन-किन योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों के आवेदन विभाग को वर्ष 2014-15 से वर्तमान तिथि तक प्राप्त हुए, उनमें से कितने आवेदन निराकृत हुए, कितने आवेदन लंबित हैं? इनका निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) विभाग योजनाओं के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) संचालित योजनायें, आवंटित बजट, व्यय एवं कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्राप्त एवं लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लंबित आवेदन में बैंक से स्वीकृति हेतु अनुश्रवण किया जा रहा है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) योजनाओं के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अल्पसंख्यक महिला नेतृत्व विकास योजना
139. ( क्र. 6324 ) श्री आरिफ अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में अल्पसंख्यक महिला नेतृत्व विकास योजनांतर्गत प्रदेश में किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी अनुदान राशि किस-किस वर्ष में दी गई? (ख) उक्त संस्थाओं के द्वारा प्रदेश में किन-किन स्थानों पर कितने प्रतिभागियों को नेतृत्व विकास कार्यक्रम अंतर्गत कितने दिवस की ट्रेनिंग आदि दी गई? (ग) क्या उक्त संस्थाओं द्वारा प्राप्त राशि के विरूद्ध प्रदेश एवं भारत सरकार को सी.ए. द्वारा प्रमाणित उपयोगिता प्रमाण-पत्र शासन को उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ, तो सी.ए. के नाम व पते सहित बतावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) से (ग) प्रदेश में अल्पसंख्यक महिला नेतृत्व विकास योजना भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग का स्थानांतरण
140. ( क्र. 6349 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के विद्यालयों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) की स्थानान्तरण नीति लागू की गई है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त अध्यापक संवर्ग में पदस्थ अध्यापकों की पदस्थापना एक ही विशेष शाला के लिये की गई थी जिससे इनका स्थानान्तरण अन्यत्र शाला में नहीं किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो फिर सहायक अध्यापक से अध्यापक एवं अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति कर उनकी पदस्थापना दूसरी शालाओं में किस नियम के अधीन की गई है? जानकारी देवें? (घ) क्या शासन द्वारा वर्ष 2008 से अध्यापक संवर्ग हेतु स्वैच्छिक स्थानान्तरण नीति लागू की गई थी? यदि हाँ, तो अब उक्त नीति बन्द क्यों कर दी गई है? अब क्या पुन: ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में पदस्थ अध्यापक संवर्ग (वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/सहायक अध्यापक) पुरूष एवं महिला को एक शाला से दूसरी शाला में जाने के लिये स्थानान्तरण नीति लागू की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक तिथि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? नहीं कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अध्यापक संवर्ग में ऑन-लार्इन आवेदन करने पर महिला नि:शक्त एवं पारस्परिक अन्तर्निकाय ऑन-लार्इन संविलियन केवल नगरीय निकाय, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत से जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत में अन्तर्निकाय संविलियन का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। अन्य शाला में स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है, अपितु प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार संविलियन की व्यवस्था है। (ग) पदोन्नति हेतु उसी निकाय की अन्य शाला में पदों की उपलब्धता के आधार पर। (घ) जी हाँ। यह नीति निकाय के अंतर्गत सीमित समय के लिए थी। जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में संचालित कुटीर उद्योग
141. ( क्र. 6350 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जाती हैं? योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले में वर्तमान में ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन से कुटीर उद्योग संचालित हैं? (ग) उक्त कुटीर उद्योग किसके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? क्या उन्हें कोई अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई है? (घ) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कोई कुटीर उद्योग लगाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ पर और कौन-कौन से तथा कब तक लगाये जावेगें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) राजगढ जिले में विभाग द्वारा संचालित उद्योग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अन्य कुटीर उद्योग हितग्राहियों द्वारा संचालित है। (ग) हितग्राहियों द्वारा संचालित कुटीर उद्योग एवं उन्हें उपलब्ध अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनायें
142. ( क्र. 6351 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा श्रम विभाग के अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) क्या उक्त योजनायें राजगढ़ जिले में भी संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में सभी योजनाओं तथा उनसे लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करावें? (ग) श्रम विभाग के अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन किये जाने हेतु शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? आज दिनांक तक राजगढ़ विधान सभा के कितने श्रमिकों ने अपना पंजीयन कराया है? उनके पंजीयन की स्थिति क्या है? क्या पंजीयन हेतु कोई राशि जमा कराई जाती है? यदि हाँ, तो बतावें?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. योजना
का नाम हितग्राही
संख्या
1. प्रसूति
सहायता 143
2. विवाह
सहायता 87
3. शिक्षा
हेतु
प्रोत्साहन
राशि 1235
4. मेधावी
छात्र/छात्रा
को नगद
पुरूस्कार 47
5. मृत्यु की
दशा में
अंत्येष्टि
सहायता एवं अनुग्रह
भुगतान 17
6. सुपर 5000 (कक्षा
10) 01
7. सुपर 5000 (कक्षा
12) 01
(ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन हेतु शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका/नगर परिषद् एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अधिकृत प्राधिकारी हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में काम करना अनिवार्य है। आज दिनांक तक राजगढ विधान सभा क्षेत्र में कुल 13409 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। जी हाँ। प्रथम बार पंजीयन पाँच वर्ष के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑन-लाईन आवेदन करने पर रू. 05/- नगद भुगतान कर किया जाता है। निरंतरीकरण हेतु 5 वर्ष के लिये रू. 10/- शुल्क निर्धारित है।
साक्षर भारत अभियान
143. ( क्र. 6386 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साक्षर भारत योजना के तहत कटनी जिले में विकासखण्डवार वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किये गये? कितने व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा किये गये और कितने निरक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में योजना के तहत कितने व्यक्तियों को प्रेरक के तौर पर नियुक्त किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में योजना के तहत कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य एवं मद में व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में योजना के क्रियान्वयन की सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कब-कब जाँच कर, क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? क्या योजना की प्रगति, शासनादेशों के अनुरूप है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कटनी जिले में साक्षर भारत योजना अंतर्गत मास्टर ट्रेनर्स द्वारा जिला एवं ब्लॉक स्तर पर प्रेरकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया एवं प्रेरकों द्वारा निरक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान किये जाने का कार्य ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया। उक्त कार्य 587 व्यक्तियों द्वारा प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से किये गये। 24982 निरक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान की गई। (ख) कटनी जिले में साक्षर भारत योजनांर्तगत 587 व्यक्तियों को प्रेरक के तौर पर नियुक्त किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। राज्य संसाधन केन्द्र इंदौर, जिला लोक शिक्षा समिति के पदाधिकारियों तथा विकासखण्ड लोक शिक्षा समिति के पदाधिकारियों के द्वारा केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। जिले द्वारा शासन की मंशा एवं उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप साक्षरता के कार्य किये जा रहे हैं। अतः शेषांश का प्रश्न ही नहीं है।
उद्यानिकी फसलों का उत्पादन
144. ( क्र. 6387 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला कटनी में विगत 03 वर्षों में उद्यानिकी फसलों का रकबा एवं उत्पादन मात्रा की जानकारी बतायें तथा किस-किस फसल में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी किन कारणों से हुई? ग्रामवार, विकासखण्डवार, वर्षवार बतायें? (ख) विकासखण्ड कटनी में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को किस-किस योजना से लाभान्वित किया गया? कृषकों को कौन-कौन सामग्री, कितनी राशि, अनुदान दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में कृषक प्रशिक्षण योजना में कितने कृषकों को प्रशिक्षण भ्रमण कहाँ-कहाँ एवं कब-कब कराया गया? आवागमन हेतु किन वाहनों का उपयोग किया गया? वाहनों के पंजीयन क्रमांक सहित कार्यक्रमवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में मेला प्रदर्शनी योजना में किन-किन रोपडि़यों में कब-कब कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, प्रचार-प्रसार के क्या कार्य किये गये वर्षवार बतायें? (ड.) अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षण योजना में विगत 03 वर्षों में जिला कटनी के कौन-कौन शासकीय सेवकों को कहाँ-कहाँ एवं क्या-क्या प्रशिक्षण दिया गया?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्रामवार जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार है।
उज्जैन जिले के उद्योग
145. ( क्र. 6467 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने प्रकरण श्रम न्यायालय में कितने उद्योगों के लंबित हैं? (ख) ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें 6 माह या अधिक समय से तारीखें नहीं लगी?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) उज्जैन जिले में 940 प्रकरण 39 उद्योग के श्रम न्यायालय, उज्जैन में लंबित हैं। (ख) श्रम न्यायालय, उज्जैन में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है।
महिदपुर विधान सभा से संबंधित
146. ( क्र. 6468 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कहाँ-कहाँ कार्य करवाया गया? (ख) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिदपुर विधान सभा के कहाँ-कहाँ कितने ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के लगाए गए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
विभागीय कार्य
147. ( क्र. 6477 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में विधान सभा क्षेत्रवार राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? इनमें कितना अनुदान दिया गया है? पृथक-पृथक वर्षवार बतावें? शासकीय एवं निजी क्षेत्र की अलग-अलग वर्षवार जानकारी देवें? (ख) धार जिले में विगत 3 वर्षों में सब्जी बीज उत्पादन कार्यक्रम/बीज अधोसंरचना विकास के लिए शासकीय एवं निजी क्षेत्र में कौन-कौन सी इकाई स्वीकृत की गई तथा कितना-कितना अनुदान दिया गया? इकाई की लागत किए गए व्यय एवं दिये गये अनुदान की जानकारी देवें? (ग) इसी तरह पुष्प विकास/मसाला विकास/पुराने बगीचें का जीर्णोद्धार संबंधी पूर्ण जानकारी (क) अवधि अनुसार देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पॉली हाउस निर्माण
148. ( क्र. 6483 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2013-14 से माह दिसंबर 2015 तक कितने पॉली हाउस कहाँ-कहाँ एवं कब बनाए गए? स्थान नाम, हितग्राही नाम सहित वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इसके लिए कितने हितग्राहियों ने अनुदान (सब्सिडी) हेतु आवेदन दिए तथा उन्हें अनुदान (सब्सिडी) राशि किस-किस दिनांक को दी गई? (ग) उपरोक्त अवधि में जिन प्रकरणों के आवेदन अस्वीकृत कर सब्सिडी नहीं दी गई? उनकी संख्या, अस्वीकृत करने का कारण सहित बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. वर्ष हितग्राही की संख्या जिन्होंने दी गई अनुदान राशि की
अनुदान हेतु आवेदन दिया दिनांक उपरोक्त क्रमानुसार है।
1. 2013-14 4 (1) 27.10.13 (2) 27.10.13
(3) 28.03.14 (4) 28.03.14
2. 2014-15 4 निरंक
3. दिसम्बर 2015 1 29.12.2015
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभाग की हितग्राही मूलक योजना
149. ( क्र. 6487 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के संबंध में कौन-कौन सी योजनाएं कब से लागू हैं? (ख) इन योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नांश (क) के क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से जनवरी 2016 तक कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? (ग) हितग्राहियों की संख्या, योजना नाम, अनुदान राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
150. ( क्र. 6493 ) श्री बाला बच्चन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने छात्रों ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया तथा कितने छात्रों को स्वीकृत की गई? बड़वानी एवं खरगोन जिले के विषय में बतावें? (ख) जिन आवेदकों को अस्वीकृत किया गया इसके क्या कारण है प्रकरणवार जिलावार बतावें? (ग) क्या शासन का ऐसा कोई नियम है जिसके तहत जिस महाविद्यालय का कुल परीक्षा परिणाम 75 % से कम होगा उनके छात्रवृत्ति आवेदन अस्वीकृत कर दिए जाएंगे? यदि हाँ, तो इसकी प्रति देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति महाविद्यालयीन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में बड़वानी में 831 आवेदन प्राप्त हुये, इनमें से 604 आवेदन स्वीकार किये गये। खरगोन में 1965 आवेदन प्राप्त हुये, इनमें से 1308 स्वीकृत किये गये। अनुसूचित जनजाति के प्राप्त/स्वीकृत आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
जिला |
प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत आवेदन |
लम्बित |
खरगोन |
4339 |
3283 |
1056 |
बड़वानी |
6670 |
5688 |
982 |
(ख) अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ तथा अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) ऐसा कोई नियम नहीं है।
छात्रावास अधीक्षकों के स्थानांतरण
151. ( क्र. 6494 ) श्री बाला बच्चन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवासीय छात्रावासों के अधीक्षकों के 3 से 5 वर्ष से स्थानांतरण के निर्देश शासन द्वारा दिए गए हैं? (ख) उक्त निर्देशों के पालन हेतु शहडोल जिले की शिक्षा स्थायी समिति ने कब प्रस्ताव पारित किया है? (ग) इन निर्देशों के बाद भी क्या शहडोल जिले के छात्रावासों में 5 से 30 वर्ष तक एक ही स्थान पर छात्रावास अधीक्षक पदस्थ हैं? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी अधिकारी कौन है? उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बैठक दिनांक 27-05-2015 को प्रस्ताव पारित किया गया है। (ग) शहडोल जिले में संचालित आदिवासी छात्रावासों में 05 से 30 वर्ष तक 05 अधीक्षक पाँच वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। (घ) पदस्थापना परिवर्तन की जायेगी। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। पदस्थापना परिवर्तन की सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-कूप खनन ठेकेदार को नियम विरूद्ध लाभ
152. ( क्र. 6503 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला अशोकनगर की निविदा क्रं. 82/17-12-2012 ठेकेदार श्री बी.एस. पचौरी के नाम 300 नलकूपों के लिए संपूर्ण जिले के लिए स्वीकृत किये थे, यदि हाँ, तो क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा निविदा की शर्त क्रं. 26 के अनुसार अन्तर की राशि ठेकेदार से 10 लाख जमा कराई है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों का पालन न कराने वाले दोषी कौन है? क्या उक्त निविदा की एफ.डी.आर. 2.00 लाख रूपये ठेकेदार श्री बी.एस. पचौरी को वापस कर दी एवं क्या धरोहर राशि कार्य अपूर्ण होने पर भी वापिस की गई है, यदि हाँ, तो किस नियम से? क्या कार्यपालन यंत्री दोषी है या ठेकेदार दोषी है? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री जिला अशोकनगर द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित निविदा का पालन न करने की कार्यवाही को बिना ठेकेदार श्री बी.एस. पचौरी को लोकसभा निर्वाचन 2014 की आचार संहिता के समय 200 मि.मि. व्यास के 32 नल-कूप खनन कराने का आदेश दिया था? किस नियम से कार्यवाही पूर्ण की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के तथ्यों का विवरण अनुसार विभाग के नल-कूप खनन करने वाले ठेकेदार और कराने वाले विभाग के अधिकारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा और उनसे अन्तर की राशि जमा करायेगा? विभाग को समय से नल-कूप खनन न करने के कारण जो हानि हुई है उसका उत्तरदायित्व और वसूली की जावेगी कब तक तथा आपराधिक प्रकरण दर्ज करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सामग्री खरीदी
153. ( क्र. 6515 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा सामग्री प्रतिपूर्ति, कम्प्यूटर क्रय एवं अन्य मदों से सीधे प्राचार्यों के एवं अन्य डी.डी.ओ. के बी.सी.ओ. में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार, स्कूलवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि से इन प्राचार्यों द्वारा क्या-क्या सामग्री किस फर्म/संस्था के माध्यम से क्रय की जाकर भुगतान जिला कोषालय कटनी एवं अन्य के माध्यम से सीधे फर्मों को दिया गया? पृथक-पृथक विवरण दें? क्या उक्त सामग्री क्रय हेतु क्रय नियमों का पालन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का भुगतान तथा सामग्री की उपलब्धता एवं वितरण/उपयोग किस-किस कार्य में किया गया है? क्या उक्तानुसार प्राप्त राशि का दुरूपयोग करने वाले प्राचार्यों एवं फर्म के विरूद्ध कोई शिकायत एवं जाँच जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं अन्य किस-किस के द्वारा की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्रय सामग्री की स्टॉक एन्ट्री के पश्चात् किस अधिकारी द्वारा क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया है? नाम पद सहित बताएं? (ड.) प्रश्नांश (ख), (ग) और (घ) में की गई अनियमितताओं के लिए कौन अधिकारी दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवही की गई बताएं? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुरूजियों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3
154. ( क्र. 6516 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिला अंतर्गत कार्यरत गुरूजियों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 शासन के निर्देशानुसार बनाया गया? ऐसे गुरूजियों की पद पर पदस्थापना कहाँ-कहाँ, कब-कब की गई? शालावार बताएं? (ख) क्या पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण एवं अन्य गुरूजियों की पदस्थापना संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर उसी शाला में की जानी थी जहां पर वे मूलत: पदस्थ थे? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले के अंतर्गत किन गुरूजियों की संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 की पदस्थापना अन्य शाला में की गई है? यदि उक्त पदस्थापनाएं नियम विरूद्ध की गई है तो उन्हें निरस्त किया जाकर पदस्थापना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी, नहीं। (ग) शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महिला कृषक के खेत में जलगांव की कंपनी
155. ( क्र. 6526 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम में महिला कृषक श्रीमती रामकन्या बाई शर्मा के खेत पर जलगांव की कंपनी जैन इरिगेशन द्वारा गलत फाउन्डेशन एवं स्ट्रक्चर का पॉली हाउस बनाने की शिकायत पर मिशन संचालक, उद्यानिकी, भोपाल द्वारा उप संचालक रतलाम की लिखे गये पत्र क्र. उधान/एम-1/43/2015-16/817 दि. 9 जुलाई 15 तथा 22 जुलाई 2015 को भेजे गये स्मरण पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की बिन्दुवार जानकारी देवें तथा इस संदर्भ में मिशन संचालक द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे गये पत्र की प्रतिलिपि देवें? (ख) उप संचालक, रतलाम द्वारा जैन इरिगेशन, जलगांव की इंदौर शाखा को लिखे गये पत्र क्र. उधान/तक-2/2083 दिनांक 5.8.15 के अनुसार क्या कंपनी द्वारा कृषक का संतुष्टि प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिया गया है, यदि नहीं, तो आज दिनांक तक कंपनी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) महिला कृषक द्वारा उप संचालक को लिखे गये पत्र दिनांक 12.8.2015 के अनुसार पॉली हाउस के शेड की स्ट्रक्चर डिजाइन, केलकुलेशन एवं ड्राइंग की प्रति किस दिनांक को प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन महिला कृषक को हुये लाखों रू. के नुकसान का हर्जाना दिलायेगा, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। मिशन संचालक द्वारा प्रमुख सचिव को कोई पत्र नहीं लिखा गया है। (ख) कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 20.10.2015 से सूचित किया है कि कृषक द्वारा सुधार कार्य में लगाई गई सामग्री की पावती देने से इंकार कर दिया है। कंपनी द्वारा सुधार कार्य पूर्ण कर पत्र दिनांक 04.11.2015 से अवगत कराया गया है जिसकी पुष्टि विभागीय अधिकारी द्वारा की गई है। (ग) महिला कृषक ने पत्र दिनांक 21.08.2015 से जैन इरिगेशन सिस्टम जलगांव को लेख किया है मात्र प्रतिलिपि उप संचालक रतलाम को दी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय योजना में हर्जाने का कोई प्रावधान नहीं है। आवेदिका एवं निजी कंपनी के मध्य करार होने से आवेदिका सक्षम न्यायालय में क्षति प्रतिपूर्ति हेतु वाद प्रस्तुत कर सकती है।
बंद पड़ी नल-जल योजना
156. ( क्र. 6531 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर एवं जीरापुर अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं? किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो रहा है तथा किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना के कार्य बंद है? (ख) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर जीरापुर में नल-जल योनजाएं किन कारणों से बन्द है तथा कितने समय से नल-जल योजनाएं बन्द पड़ी है? ग्रामवार बन्द नल-जल योजना का कारण एवं समयावधि बतावें? (ग) कितनी नल-जल योजना ट्रांसफार्मर के अभाव में बंद है तथा कितनी पेय-जल सोर्स के अभाव में बंद है? ट्रांसफार्मर के अभाव में बन्द नल-जल योजनाओं के कब तक ट्रांसफार्मर बदले जावेंगे एवं पेय-जल सोर्स बढ़ाने हेतु विभाग की क्या योजनाएं है? (घ) क्या शासन स्तर पर आगामी ग्रीष्म ऋतु के पेय-जल संकट को दृष्टिगत रखते हुए बन्द नल-जल योजनाओं को चालू कराने की क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि कार्यवाही प्रस्तावित है तो विभाग बन्द नल-जल योजनाओं को कब तक चालू करा देगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 3 नल-जल योजनाएं ट्रांसफार्मर खराब होने से बंद है, पेय-जल स्रोत के अभाव में कोई योजना बंद नहीं है। ट्रांसफार्मर बदलने का कार्य म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। अतः निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। स्रोत की जल क्षमता ग्राम/बसाहट के लिये अपर्याप्त होने की स्थिति में ही आवर्धन योजनाएं तैयार एवं स्वीकृत कर पेय-जल स्रोत क्रियान्वित करने की शासन की नीति है। (घ) स्रोत असफल होने के कारण को छोड़कर शेष अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का होने के कारण विभाग द्वारा निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
आदिम जाति कल्याण विभाग बैतूल में निर्माण कार्य
157. ( क्र. 6548 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ऐसे कितने निर्माण कार्य जो कि आज दिनांक तक पूर्ण होने के फलस्वरूप कार्यों की सुरक्षा निधि की राशि विभाग के पास जमा हैं? राशि जमा करने का औचित्य क्या है? कार्यवार, वर्षवार बतायें? (ख) कितने ठेकेदार द्वारा कब-कब राशि वापस हेतु आवेदन विभाग को दिया गया एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कितने कार्यों को विभाग द्वारा ठेकेदार को कार्य सुधार हेतु नोटिस दिये गये वर्षवार बतायें? (घ) ठेकेदार की सुरक्षा निधि की राशि को वापस करने का क्या नियम हैं? नियमानुसार कार्यवाही नहीं करने वाले दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित होगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) बैतूल जिले में कुल 102 निर्माण कार्यों की सुरक्षा निधि की राशि विभाग के पास जमा है। कार्य में होने वाली क्षतिपूर्ति के लिये सुरक्षा निधि की राशि जमा की जाती है। कार्यवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 17 ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा निधि की राशि वापस करने के लिये आवेदन दिये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। ठेकेदारों को कार्य सुधार हेतु नोटिस नहीं दिये गये हैं। अत: वर्षवार बताये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य पूर्ण होने के उपरांत एवं अंतिम प्रमाण-पत्र जारी होने के एक वर्ष पश्चात सुरक्षा निधि वापस किये जाने का नियम है। नियमानुसार कार्यवाही नहीं करने के संबंध में जाँच कराई जाकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
दवाई खरीदी एवं वितरण
158. ( क्र. 6555 ) श्री संजय पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में उप संचालक पशु स्वास्थ्य सेवाओं को वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पशु उपचार हेतु कितनी औषधि राज्य स्तर से प्राप्त हुई एवं कितनी औषधि एवं सामग्री का जिला स्तर से क्रय किया गया? औषधिवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त औषधि किस-किस पशु चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्रों को भेजी गई तथा औषधि वितरण के पूर्व कितने लाट के कितने-कितने नमूने जाँच हेतु प्रयोगशालाओं में भेजे गये तथा परीक्षण परिणाम क्या प्राप्त हुये, कितने मानक, कितने अमानक नमूने आये? (ग) प्राप्त अमानक नमूनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, कितनी प्रदाय संस्थाओं को जिला एवं राज्य स्तर पर कालातीत किया गया? घटिया सामग्री वितरण कराने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राज्य स्तर से औषधियों का प्रदाय नहीं किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तवा डेम में तालाब निर्माण
159. ( क्र. 6565 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद एवं हरदा जिले में तवा डेम का मेन केनाल साईड में मत्स्य महासंघ द्वारा विगत 2 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने छोटे-छोटे तालाब स्वीकृत किये गये? कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केनाल के साईड में तालाब जिस उद्देश्य के प्रयोजन से निर्माण किया गया था, उसका उपयोग किया जा रहा है, तालाब की वर्तमान स्थिति क्या है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। होशंगाबाद एवं हरदा जिले में तवा डेम के मेन केनाल साइड में मत्स्य महासंघ द्वारा विगत दो वर्षों से छोटे 2 तालाबों हेतु कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। यद्यपि हरदा जिले में पूर्व से निर्मित तालाबों के कार्य पूर्ण करने हेतु वर्ष 2014-15 में रू. 2.50 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसके विपक्ष में राशि रू. 226535.00 से 18 पोखरों का सुधार कार्य माह जून-जुलाई 2014 में कराया गया। (ख) तवा डेम के मेन केनाल साइड में पोखरों का निर्माण मत्स्य बीज संवर्धन करने के उददेश्य से किया गया है। पोखरों का उपयोग किया जा रहा है और उत्पादित अंगुलिकाओं का इंदिरा सागर जलाशय में संचय किया जा रहा है। उक्त पोखरों का उपयोग माह अगस्त से अक्टूबर-नवम्बर की अवधि में प्रतिवर्ष पोखरों की स्थिति अनुसार किया जाता है। चूंकि नहर में पानी भरने/चलने के अनुसार ही पोखरों में भी पानी भर जाता है। होशंगाबाद जिले में विगत दो वर्षों से प्रतिकूल वर्षों की स्थिति होने के कारण निर्मित पोखरों का उपयोग समय पर पानी न भरने से नहीं किया जा सका, कुछ पोखरों में टायफा जलीय वनस्पति के प्रकोप होने से उपयोग करने में बाधा आती है।
युक्तियुक्तकरण के तहत बंद स्कूल
160. ( क्र. 6567 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विगत 02 वर्ष में होशंगाबाद संभाग में युक्तियुक्तकरण के तहत कितने स्कूल कहाँ-कहाँ बंद किये गये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : विगत 02 वर्ष में होशंगाबाद जिले में युक्ति-युक्तकरण के तहत बंद किए गए शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मजदूरों की योजनाएं
161. ( क्र. 6636 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा अकुशल एवं कुशल कितने मजदूर पंजीकृत हैं और उन्हें वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सुविधाएं दी गई हैं एवं विभाग द्वारा उनके लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) क्या अधिकांशत: मजदूर अशिक्षित होने के कारण विभाग की योजनाओं का समुचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं? क्या उनके लिए कोई विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र जौरा में कब-कब शिविरों का आयोजन किया गया? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के शिविरों का आयोजन कर गरीब मजदूरों को लाभान्वित किया जावेगा? (ग) क्या मजदूरों के कार्य स्थल का भ्रमण संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वहां पर गैर पंजीकृत मजदूरों को पंजीकृत किया जाता है?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत सभी तरह के निर्माण श्रमिक पंजीयन के पात्र है। जौरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 7392 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है उन्हें वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार वितरित सहायता राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. योजना
का नाम हितग्राही
संख्या वितरित
राशि
1. प्रसूति
सहायता 1055
5416310
2. विवाह
सहायता 666 13647000
3. शिक्षा
हेतु
प्रोत्साहन
राशि 4279 3258950
क्र. योजना
का नाम हितग्राही
संख्या वितरित
राशि
4. मेधावी
छात्र/छात्रा
को नगद
पुरूस्कार 653 462700
5. मृत्यु की
दशा में
अंत्येष्टि
सहायता 76 2010000
एवं
अनुग्रह
भुगतान
6. सायकल
अनुदान 267 677000
7. दो पहिया
वाहन क्रय
अनुदान 6 60000
मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जौरा विधान सभा क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के माध्यम से शिविरों का निम्न दिनांक 08.01.2015, 22.04.2015, 02.05.2015, 15.05.2015. 23.09.2015, 26.09.2015, 05.12.2015 एवं 08.01.2016 को आयोजन किया गया है। जिनमें हितग्राहियों से प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए पात्र श्रमिकों का पंजीयन कर परिचय-पत्र जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा कार्यस्थल का भ्रमण कर अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है।
जाँच समिति की रिर्पोट पर कार्यवाही की जाना
162. ( क्र. 6639 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत स्काउट गाईड एवं मुख्यालय भोपाल के कार्यकलापों की जाँच हेतु अपर संचालक लोक शिक्षण की अध्यक्षता में जाँच समिति गठित की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच समिति कब गठित की गई थी तथा समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने के क्या कारण है? यदि जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है तो जाँच निष्कर्ष के आधार पर की गई कार्यवाही की वस्तुस्थिति से अवगत कराएं? (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन शासन को दिनांक 13.10.2015 को प्राप्त हो चुका है? उसके बावजूद जाँच रोक कर जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के आधार पर जानबूझकर दोषियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक जाँच निष्कर्ष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जाँच समिति दिनांक 10 नबम्बर 2014 को गठित की गई है। जाँच कार्य प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
मत्स्य पालन के लिए पट्टे का आवंटन
163. ( क्र. 6664 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच जिले में वर्तमान में किन-किन जलाशयों में मत्स्य पालन किया जा रहा है तथा किन-किन मत्स्य समितियों को कितनी अवधि के लिए मत्स्य पालन के लिए पट्टे आवंटित किए गए हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ख) क्या हमेरिया जलाशय में पर्याप्त जल संग्रहण नहीं होने के कारण लाखों मछलियां मर चुकी हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं और इसके लिए कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नीमच जिले में 20 जलाशय जलक्षेत्र 1813.47 हेक्टेयर में मत्स्य पालन किया जा रहा है। जिले में दस जलाशय 9 मत्स्य सहकारी समितियों को दस वर्षीय पट्टे पर आवंटित किये गये है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जलाशय में जल भराव 71 प्रतिशत रहा परंतु स्थानीय कृषकों द्वारा सिंचाई के लिये पानी लिये जाने से पानी की कमी के कारण मछलियों की आंशिक मृत्यु हुई। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के उत्तरदायी नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
नीमच जिले में पेय-जल योजना
164. ( क्र. 6665 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच जिले में सूखा राहत पेय-जल योजना के तहत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ख) कौन-कौन सी योजनाएं चालू हैं एवं कौन-कौन सी किन-किन कारणों से बंद हैं, बंद योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जायेगा? (ग) नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर नल-कूप का खनन किए गए, ग्रामवार जानकारी दें? (घ) इसमें से कौन-कौन सी जगह पर हैण्डपंप किस-किस कारण से बंद है, कब तक उनको चालू कर दिया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कोई नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समयावधि नहीं बतायी जा सकती। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जल स्तर नीचे होने से बंद हैण्डपंपों को चालू नहीं किया जा सकता।
पर्याप्त अमला होने पर भी आदिवासी हितों के लिये कार्य
165. ( क्र. 6672 ) श्री मधु भगत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत, विभागाध्यक्ष, अधीनस्थ कार्यालय, विभाग के, निगम/मण्डल/उपक्रम/संस्थान/मिशन में कौन-कौन, कब से, किस पद पर पदस्थ हैं और इनमें से प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन है? उसका मूल विभाग, पद, प्रतिनियुक्ति की तिथि बतायें? (ख) विभाग के उपरोक्त पर्याप्त, अमले के होते हुए भी क्या संविधान के अनुच्छेद 275 (4) के पालन में, क्या-क्या कार्यवाही उपरोक्त कार्यालयों द्वारा वर्ष 2014-15 में की गई? जबलपुर संभाग के अंतर्गत 03 वर्षों का ब्यौरा बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिकायतों की जाँच कर कार्यवाही
166. ( क्र. 6682 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संयुक्त संचालक उद्यान जबलपुर द्वारा बीमारी अवकाश के दौरान राशि आहरण की 1 जनवरी, 2014 से फरवरी 15 की अवधि में प्रशासन को क्या दो शिकायतें प्राप्त हुई थीं? (ख) क्या शिकायतों की जाँच संयुक्त संचालक उद्यान नर्मदापुरम् संभाग, होशंगाबाद से कराई गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रशासन ने जाँच पूर्ण कर ली है? (ग) प्रशासन द्वारा प्रकरण में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है तथा क्या दण्डनीय कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विभाग के आदेश दिनांक 26.10.2015 द्वारा तत्कालीन संयुक्त संचालक उद्यान जबलपुर संभाग को भविष्य के लिए सचेत किया गया है।
मछलियों को बांधों से पकड़ना व बेचना
167. ( क्र. 6695 ) श्री जितू पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर संभाग अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सरोवरों तालाबों व बांधों पर मछली पकड़ने हेतु किन-किन कम्पनियों को कार्य दिया गया? (ख) प्रश्न (क) अंतर्गत दिये गये ठेके की निविदा राशि कितनी थी एवं कौन-कौन सा ठेका कितने रूपये में किन शर्तों के साथ कम्पनियों ने लिया, राशि एवं आवंटित कम्पनियों के नाम बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत टेन्डरों में किन-किन कम्पनियों ने भाग लिया एवं क्या रेट डाले गये सरोवरों एवं बांधोवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत ठेका प्राप्त कम्पनियों से शासन को कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है एवं उत्पादित मछली देश में कहाँ-कहाँ किस-किस दाम पर ठेकेदार द्वारा बेचा जा रहा की जानकारी देवें? (ड.) सरोवर एवं बांधवार कार्यरत ठेकेदार द्वारा श्रमिक कल्याण बोर्ड में कितना रूपया दिसम्बर 2015 में जमा कराया गया?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन इंदौर संभाग अंतर्गत सरोवरों, तालाबों, व बांधो में मछली पकड़ने हेतु कंपनियों को कार्य नहीं दिया गया है। (ख) से (ड.) प्रश्नांश भाग 'क' के उत्तर के प्रकाश में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घोटाले की जाँच
168. ( क्र. 6696 ) श्री जितू पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तात्कालीन प्रमुख सचिव प्रवीण कृष्ण ने रेशम संचालनालय में 250 करोड़ के घोटाले के दस्तावेज सहित लोकायुक्त में शिकायत की है? यदि हाँ, तो शिकायत पर दर्ज प्रकरण क्रमांक दिनांक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत में विभागीय जाँच कब स्थगित की गई? उस जाँच के बिंदु और जाँच अधिकारी कौन थे? (ग) पिछले पाँच वर्षों में रेशम संचालनालय में जिन स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान दिया गया उसकी सूची तथा उसमें से किस-किस संस्था के किस कार्य में गड़बड़ी/अनियमितता की जाँच में स्वंय सेवी संस्थाओं की जाँच का बिंदु भी है या नहीं? (घ) जिस विभाग में 250 करोड़ के घाटाले का उल्लेख स्वयं उस विभाग के तात्कालिक प्रमुख सचिव करें, उस घोटाले की जाँच CBI से क्यों नहीं कराई जा रही है तथा विभाग के जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त, EOW अथवा विभागीय जाँच प्रचलित है, उनके नाम, प्रकरण क्रमांक, दिनांक, जाँच के बिंदु सहित सूची देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, किन्तु शिकायत लोकायुक्त कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 1/3/2016 से मूलत: वापिस लौटाते हुये निर्धारित प्रक्रियानुसार प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। श्री आर.के. श्रीवास्ताव उप संचालक रेशम (निलंबित) के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच संस्थित कर श्रीमती सुधा चौधरी (सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा) को प्रकरण में जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया। (ग) विगत पांच वर्षों में रेशम संचालनालय से कोई भी स्वंयसेवी संस्थाओं को अनुदान नहीं दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रारंभिक परीक्षण उपरांत जाँच राज्य की एजेन्सी (लोकायुक्त) से कराई जाने का अनुरोध किया गया था शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुराने छात्रावास भवनों का निर्माण
169. ( क्र. 6707 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिलों में वर्ष 2009 के पूर्व कहाँ-कहाँ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के छात्र-छात्राओं के शासकीय छात्रावास संचालित थे और प्रश्न दिनांक तक अब कहाँ-कहाँ, कब-कब नवीन खोले जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के प्रत्येक छात्रावास पर कितनी-कितनी राशि व्यय करके छात्रावासों का निर्माण हो चुका है और कहाँ-कहाँ के बनना शेष हैं? उनके लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि विभाग कहाँ-कहाँ नवीन छात्रावास खोले जाने की योजना बना रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि नवीन छात्रावास और खोले जावेंगे तो कब तक और शेष के भवनों का निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से कब तक करवा दिये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति अंतर्गत 20 प्री-मैटिक एवं 20 पोस्ट मैटिक छात्रावास खोलने का प्रावधान है। जबकि अनुसूचित जाति विकास द्वारा अब छात्रावास बड़े शहरों में खाले जायेंगे। नवीन छात्रावासों की स्थापना NIC द्वारा निर्मित HOPE के आधार पर होगी। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के कारण समयावधि निर्धारित करना संभव नहीं है।
नवीन पशु औषधालयों को खोलना
170. ( क्र. 6714 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शुजालपुर एवं कालापीपल विकासखण्ड में किन-किन गांवों में पशु औषधालय संचालित है, सूची देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी औषधालयों में पशु चिकित्सक पदस्थ हैं? औषधालयवार सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विकासखण्डों में नवीन पशु औषधालय प्रस्तावित किये गये है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ तथा उन्हें कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।