खाद्यान्न पर्ची का वितरण
1. ( *क्र. 1677 ) श्रीमती
योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) शासन की समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन योजना अन्तर्गत गरीबो को शासकीय उचित
मूल्य दुकान से खाद्यान्न पर्ची के आधार पर ही अनाज दिये जाने का प्रावधान कब से
है ?(ख) क्या पंधाना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत योजना से लाभान्वित परिवारों को
शत प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया जा चुका है ?(ग) यदि हां, तो लाभान्वित
परिवारों का उचित मूल्य दुकान से प्रतिमाह अनाज क्यों नहीं उपलब्ध हो रहा है
?(घ) यदि नहीं तो क्यों ? इस हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है ? उन पर क्या
कार्यवाही की गई ? नहीं तो कब तक की जावेगी ? इन परिवारों को कब तक खाद्यान्न
पर्ची प्रदाय की जावेगी ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क)
दिनांक 01 मार्च, 2014 से सत्यापित पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण पात्रता
पर्ची (ई-राशनकार्ड) के आधार पर प्रारम्भ किया गया है। (ख) पंधाना विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सत्यापित 67,719 पात्र
परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जा चुका है। (ग) पंधाना
विधानसभा क्ष्ोत्रान्तर्गत पात्रता पर्चीधारी (ई-राशनकार्ड) परिवारों को प्रतिमाह
नियमित रूप से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि बीज उत्पादक
समितियां
2. ( *क्र. 2053 ) श्री के.
के. श्रीवास्तव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
कृषि बीज उत्पादक समितियों के पंजीयन करने का क्या मापदण्ड है ? क्या टीकमगढ़
जिले में इन मापदण्डों का पालन किया गया है ?(ख) टीकमगढ़ जिले में विगत पांच वर्षो
में किन-किन वर्षों में कुल कितनी बीज उत्पादक समितियां पंजीकृत हुई है ? विधानसभा
वार नाम पता सहित अवगत करावें ? (ग) विगत 2 वर्षों 2013-14 एवं 2014-15 में
टीकमगढ़ जिला की बीज उत्पादक समितियों द्वारा रबी-खरीफ सीजन में किन-किन सेवा
सहकारी समितियों को कितना-कितना बीज प्रदाय किया गया एवं सेवा समितियों द्वारा
किसानों को कितना बीज वितरण किया गया वर्षवार अलग-अलग अवगत करावें ?(घ) जिले में
किन-किन समितियों का बीज गुणवत्ताहीन पाया गया जिसमें कम अंकुरण एवं अफलन की
शिकायतें आई ? शासन ने उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की और यदि नहीं तो कब करेंगे ?
इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध भी कोई कार्यवाही शासन करेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बीज उत्पादक सहकारी
समितियों का पंजीयन मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 व नियम 1962 एवं
समितियों की उपविधियों में वर्णित प्रावधान/मापदण्डों के अनुसार किया जाता है.
इसके अतिरिक्त बीज उत्पादक सहकारी समितियों के पंजीयन हेतु प्रमुख मापदंड यह है, कि
प्रत्येक सदस्य के पास कम से कम 01 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि हो, जी हाँ. (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - अ अनुसार है. (ग) विगत दो वर्ष
2013-14 में टीकमगढ़ जिले की बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा रबी सीजन में कुल
18368.50 क्विंटल बीज प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को प्रदाय किया गया तथा
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा कुल 19132.50 क्विंटल का वितरण किसानों
को किया गया, जिसमें 764 क्विंटल बीज, बीज निगम का भी शामिल है. इसी प्रकार वर्ष
2013-14 में खरीफ सीजन में बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा कुल 11669.20
क्विंटल बीज प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को प्रदाय किया गया तथा प्राथमिक
कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा 12169.20 क्विंटल बीज किसानों को वितरण किया गया,
जिसमें 500.00 क्विंटल बीज, बीज निगम का शामिल है. वर्ष 2014-15 में टीकमगढ़ जिले
की बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा रबी सीजन में कुल 8161.10 क्विंटल बीज
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को प्रदाय किया गया तथा प्राथमिक कृषि साख
सहकारी समितियों द्वारा कुल 9976.50 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया
जिसमें 1815.40 क्विंटल बीज, बीज निगम एवं आईएफएफडीसी का शामिल है. इसी प्रकार वर्ष
2014-15 में खरीफ सीजन में बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा कुल 2702.00 क्विंटल
बीज प्राथमिक साख सहकारी समितियों को प्रदाय किया गया तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी
समितियों द्वारा 2702.00 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया. जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ब अनुसार है. (घ) किसान कल्याण एवं कृषि
विकास विभाग जिला टीकमगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में किसी भी समिति का
बीज गुणवत्ताहीन नहीं पाया गया और न ही अफलन की शिकायतें प्राप्त हुई. खरीफ
वर्ष 2014-15 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. ऐरोरा द्वारा वितरित बीज
के संबंध में कृषक श्री बालगोपाल सिंह एवं अन्य के द्वारा कम अंकुरण होने की
शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच कराई गई, जाँच में शिकायत की पुष्टि नहीं हुई
इसलिये किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उदभूत नहीं होता.
स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार प्रसार के तात्पर्य से
3. ( *क्र. 2717 ) श्री शंकर
लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
सतना जिले में स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार सामग्री के मुद्रण में राशि
रुपये 30,04281 (तीस लाख चार हजार दो सौ इक्यासी रू. मात्र) की वित्तीय अनियमितता
जिला पंचायत सतना द्वारा की गई है ? (ख) क्या जिला पंचायत सतना द्वारा मात्र एक ही
संस्था से दरें प्राप्त कर उसी संस्था को मुद्रण आदेश दिया जाकर म.प्र. भंडार
क्रय नियम का उल्लंघन किया गया है ? (ग) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग इस वित्तीय अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच करा चुकी है ? जिला
पंचायत सतना के कौन-कौन अधिकारी इसके दोषी पाये गये हैं ? (घ) चार माह बीत जाने पर
भी इस घोटाले में दोषी पाये गये अधिकारियों पर विभाग द्वारा अनुशासनात्मक
कार्यवाही क्यों नहीं की गई है ? कब तक की जावेगी ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। (ख) जी हॉ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी,
जिला पंचायत सतना द्वारा प्रचार सामग्री का कार्य आदेश म0प्र0 राज्य सहकारी
उपभोक्ता संघ मर्यादित प्रेस यूनिट गोविंदपुरा भोपाल म0प्र0 जारी करने के पूर्व
शासकीय मुद्रणालय, से मुद्रण की दरे प्राप्त कर म0प्र0 राज्य सहकारी उपभोक्ता
संघ मर्यादित प्रेस यूनिट गोविंदपुरा भोपाल म0प्र0 द्वारा प्रस्तुत दर से
तुलनात्मक विश्लेषण नहीं किया गया। (ग) जी हॉ। जिला समन्वयक श्री ओमेश्वर
सूर्यवंशी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्री बी.पी.
श्रीवास्तव, तत्कालीन (प्रभारी) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री
मूलचंद वर्मा प्रत्यक्षत: उत्तरदायी है। वित्तीय अनुशासन हेतु राज्य मुख्यालय
से जारी निर्देश का पालन न करने के लिये तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला
पंचायत श्रीमती सुफिया फारूकी भी उत्तरदायी है। (घ) अनुशासनात्मक कार्यवाही
प्रचलित है।
फसल बीमा योजना एवं नलकूप खनन
4. ( *क्र. 1669 ) श्री सचिन
यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) फसल बीमा
के मापदण्ड क्या है ? प्रक्रिया का उल्लेख करें ? वर्तमान खरीफ वर्ष 2015 में
किन जिलों में तहसील स्तर पर सूखे से प्रभावित किसानों को फसल बीमा की राशि
उपलब्ध करा दी गई है ?जिसमें राज्य शासन की कितनी राशि संभावित है ? जिलेवार
देवें (ख) कसरावद तहसील क्षेत्रान्तर्गत खरीफ 2015 में कितनी राशि फसल बीमा हेतु
राज्य सरकार द्वारा कृषकों को वितरित की गई है ?(ग) प्रदेश में कुल फसल बीमा हेतु
कितनी प्रीमियम राशि प्राप्त हुई ? जानकारी दें तथा राज्य शासन द्वारा कुल
कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया है ?(घ) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों के लिये नलकूप खनन योजना एवं सामान्य
वर्ग के कृषकों के लिये नलकूप खनन आर.के.बी.वाई. योजना भारत सरकार सहायता के तहत
वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया
है और कितने हितग्राही शेष है ? विकासखण्डवार जानकारी दे ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)राष्ट्रीय कृषि बीमा
योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है।खरीफ
2015 में योजनान्तर्गत अधिसूचित फसलों की दावा राशि के आंकलन हेतु आयुक्त भू-अभिलेख
एवं बंदोबस्त ग्वालियर से वास्तविक उपज के आंकडे प्राप्त करने की समय-सीमा
31.01.2016 निर्धारित है।तत्पश्चात वास्तविक उपज के आंकडो के आधार पर दावा राशि की
गणना की जावेगी, तदनुसार प्रभावित कृषकों को दावा राशि का भुगतान किया जायेगा। दावा
राशि गणना प्रक्रियाधीन होने के कारण राशि बताना संभव नहीं है।(ख)प्रश्नांश क
अनुसार दावा राशि का गणना कार्य प्रक्रियाधीन है।कृषकों को राशि वितरण का प्रश्न ही
नहीं है।(ग)प्रदेश में कुल फसल बीमा हेतु दिनांक 23.11.2015 तक रू0
2,80,48,96,358.30 प्रीमियम राशि प्राप्त हुई।जानकारी संलग्न परिशिष्ट दो अनुसार
है।वर्ष 2015-16 हेतु रू0 1898,47,00,000.00 बजट का प्रावधान किया गया है।(घ)कसरावद
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों के लिये नलकूप
खनन योजना एवं सामान्य वर्ग के कृषकों के लिये आर.के.व्ही.वाय. योजनान्तर्गत नलकूप
खनन के हितग्राहियों की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट तीन अनुसार
है।
परिशिष्ट
एक राशन कार्डों से अधिक आवंटन के संबंध में
5. ( *क्र. 1562 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता सदस्य ने कटनी जिले में राशन कार्डों से अधिक आवंटन और वितरण के
तथ्य शासन के सामने रखे हैं ? जिसकी जांच हेतु राशन दुकानों के द्वारा वितरण
अभिलेख नहीं देने से जांच नहीं हो सकी है ? (ख) क्या शासन स्वंय अभिलेख के
प्रावधान में छूट देकर, जांच में बाधा बना है ? (ग) क्या शासन उक्त जांच में
विशेष सुधार करके सहायक बनेगा ? यदि हां, तो कब ? यदि नहीं तो क्यों ? (घ) विभाग
द्वारा ट्रांजिट गेन से इंकार किया गया है ? फिर भी मार्कफेड और म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के बीच पत्र व्यवहार में ट्रांजिट गेन का उल्लेख है ?
यदि हां, तो कौन में और क्या ? (ड़) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में सदन में गलत
उत्तर हेतु कौन अधिकारी उत्तरदायी है ? शासन उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा
और कब ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां ।
माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर की रिट पिटीशन क्रमांक 18112/2015 दिनांक
05.11.2015, द्वारा राशन दुकानो की जांच हेतु रोक लगाई गई है।, (ख)
प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।,
(ग) प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष शासन का पक्ष प्रस्तुत किया जा
रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग)
के संदर्भ में ट्रांजिट गेन से संबंधित कोई तथ्य विभाग द्वारा स्वीकार नहीं किया
गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (ड़.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता
।
जिला पंचायत दतिया में तिलहन संघ से आये लोक सेवकों को
कार्यमुक्त किया जाना
6. ( *क्र. 1387 ) श्री
घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जिला पंचायत दतिया में तिलहन संघ से आये वेद प्रकाश गुप्ता, जे.के.चौरे,
एम.एस. राघव की प्रतिनियुक्ति शासन द्वारा समाप्त कर दी गई है ? (ख) यदि हां, तो
कब समाप्त की और अभी तक कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया है ? (ग) क्या पंचायत
और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बार-बार उपरोक्त लोक सेवकों को कार्यमुक्त करने के
लिए निर्देश जारी किए गये हैं ? (घ) यदि हां, तो इस के क्रियान्वयन न कराने के लिए
कौन दोषी है ? और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? तिलहन संघ के कर्मचारियों
को कब तक कार्यमुक्त किया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क)
जी हॉ। (ख) विभाग के आदेश क्र. 10047 दिनांक 01.09.2014 द्वारा सेवाएं सहकारिता
/तिलहन संघ को वापिस की गई। मध्यप्रदेश सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों का लोक
सेवा में संविलियन प्रतिषेध अधिनियम 2000 एवं संशोधन 2003 संलग्न
परिशिष्ट 1 अनुसार कार्यवाही की गई है। अन्य विकल्प संबंधितों द्वारा
तलाशने हेतु कार्यमुक्त नहीं किया गया। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ग के
प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नही होता । परिशिष्ट
दो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
7. ( *क्र. 1954 ) श्री
चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मुलताई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 2 वर्षों में कितने वर-वधु को लाभान्वित किया
गया ? संख्या एवं उक्त कार्यक्रम के आयोजन में शासन द्वारा कितना व्यय किया गया
? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दी गई राशि का व्यय वित्तीय नियमों का
उल्लंघन करते हुए विधानसभा क्षेत्र मुलताई के अधीनस्थ जनपद पंचायतों द्वारा किया
गया है ? जनपद पंचायत प्रभातपट्टन द्वारा निविदा का प्रकाशन समाचार पत्रों में
प्रकाशित कर एवं जनपद पंचायत मुलताई में बिना समाचार पत्रों के प्रकाशन के किया गया
है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर उक्त अनियमितता के
चलते शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं गई तो कब तक की जावेगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)वर्ष
2013-14 में 114 वर-वधुओं को लाभांवित किया जाकर राशि रु.17.10 लाख का व्यय किया
गया है। वर्ष 2014-15 में कोई आयोजन नहीं किया गया है।(ख)जी नहीं। जी हॅा। जनपद
पंचायत मुलताई के अंतर्गत वैवाहिक कार्यक्रम हेतु ग्राम पंचायत हिवटिया एवं निरगुड़
में जनभागीदारी से कार्यक्रम संपन्न कराये जाने के कारण समाचार पत्र में प्रकाशन
एवं निविदा नहीं बुलाई गई।(ग)उत्तरांश-’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
बदरवास जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत धामनटूक में
निर्माण कार्यों में अनियमितता
8. ( *क्र. 1031 ) श्री
रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
बदरवास विकासखण्ड की ग्राम पंचायत धामनटूक में 01/04/2010 से 30/09/2014 तक
निर्माण कार्य एवं हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किए गए थे ? यदि हां, तो कौन-कौन
से निर्माण कार्य एवं कौन-कौन से हितग्राही मूलक कार्य कितनी-कितनी राशि के कब-कब
स्वीकृत किए गए ? स्वीकृत कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति, क्रमांक
एवं दिनांक सहित बताएं ?(ख) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्य एवं हितग्राही मूलक
किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायत द्वारा कब-कब आहरित की गई एवं
आहरित राशि से संबंधित कार्य कब-कब प्रारंभ कराए गए एवं कार्य कब पूर्ण हुए ?(ग)
उक्त निर्माण कार्यों एवं हितग्राही मूलक कार्यों का मूल्यांकन किन-किन के द्वारा
कब-कब, कितनी-कितनी राशि का किया गया ? एवं मूल्यांकन का भौतिक सत्यापन किन-किन
के द्वारा कब-कब किया गया ? कार्यों की सी.सी. कब जारी की गई ?(घ) क्या ग्राम
पंचायत धामनटूक के निर्माण कार्यों एवं हितग्राही मलक कार्यों में भ्रष्टाचार की
कलेक्टर शिवपुरी द्वारा जांच करायी गई है ? यदि हां तो जांच प्रतिवेदन एवं
कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि किन-किन को नोटिस दिए गए एवं जांच
प्रतिवेदन अनुसार क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध की गई ? यदि कार्यवाही
नहीं की गई तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार।(ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।(घ) जी हां। ग्राम पंचायत धामनटूक के
निर्माण कार्यो एवं हितग्राही मूलकों की जांच कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी
सेवा संभाग क्र. 01 द्वारा करायी गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार संंबंधित सहायक यंत्री,
उपयंत्री, सचिव एवं सरपंच को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये संबंधितों के विरूद्व
कार्यवाही प्रचलन में है।
लोक सेवा प्रदाय गांरटी अधिनियम के
अंतर्गत की गई कार्यवाहियॉं
9. ( *क्र. 1445 ) श्री
कमलेश्वर पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अब
तक कुल कितनी सेवाएं लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लाई गई हैं ? (ख)
अब तक कुल कितने गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर इस अधिनियम में कार्रवाई हुई है ?
ऐसे अधिकारियों को दण्डित कर कितने हितग्राहियों की भरपाई की गई है
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अब तक 23
विभागों की अधिसूचित 163 सेवाएं लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लाई गई
है। पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'क' अनुसार।
(ख) प्रदेश के अंतर्गत अब तक कुल 443 गैर जिम्मेदार
अधिकारियों के विरूद्ध इस अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की गई है । ऐसे
अधिकारियों को दण्डित कर कुल 1085 हितग्रहियों को भरपाई की गई
है।
प्रदेश में संचालित शासकीय कृषि प्रक्षेत्रों की स्थिति
10. ( *क्र. 1828 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या राज्य सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए कृत संकल्पित है ? यदि हां,
तो क्या प्रदेश में 48 शासकीय कृषि प्रक्षेत्र संचालित है ? (ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक उक्त
48 कृषि प्रक्षेत्रो के लिये कुल मिलाकर कितनी राशि व्यय की गई ? (ग) क्या उक्त
कृषि प्रक्षेत्रों पर किए गए व्यय की तुलना में लाभ कम हो रहा है ? यदि हां, तो
कौन-कौन से कृषि प्रक्षेत्र घाटे में चल रहे है ? घाटे में चलने के क्या कारण हैं
एव इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं ? (घ) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश सरकार
द्वार आयोजित कृषि महोत्सव में कुल कितनी राशि व्यय की गई ? वर्षवार जानकारी दें
? उक्त कृषि महोत्सव के क्या सार्थक परिणाम प्राप्त हुए ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हां, प्रदेश में कुल
48 शासकीय कृषि प्रक्षेत्र संचालित हैं।(ख)प्रदेश के 48 शासकीय कृषि प्रक्षेत्रों
पर वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक उक्त 48 कृषि
प्रक्षेत्रों के लिए कुल मिलाकर राशि रूपये 1089.254 लाख व्यय की गयी।(ग)उक्त 48
प्रक्षेत्रों में से प्रक्षेत्र 1.किन्ही जिला बालाघाट 2.नांदघाट जिला जबलपुर
3.सतराठी जिला खरगौन 4.गोहद जिला भिंड 5.जौरा जिला मुरैना 6.गजौरा जिला शिवपुरी पर
व्यय की तुलना में लाभ कम हो रहा है।घाटे में चलने के मुख्य कारण सिंचाई हेतु पानी
की अत्याधिक कमी का होना, अल्पवर्षा, प्राकृतिक आपदा का होना है, इस कारण कोई भी
दोषी नहीं है।(घ)वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित कृषि
महोत्सव में दर्शाए गये वर्षों में क्रमश: राशि रूपये 2824.576 लाख एवं रूपये
2588.042 लाख व्यय किये गये हैं।प्रदेश में कृषि महोत्सव आयोजन के दौरान ग्रामीण
एवं विकासखण्ड स्तरीय, संगोष्ठी योजनाओं के प्रचार प्रसार तथा जिला स्तरीय किसान
मेलों से कृषकों को कृषि की उन्नत तकनीक अपनाकर कम लागत में प्रतिकूल परिस्थितियों
में अधिक उत्पादन प्राप्त करने, फसल चक्र परिवर्तन, नवीन किस्मों के क्षेत्र में
वृद्धि, अल्प जल मांग व कम अवधि की फसलों के क्षेत्र में वृद्धि, भू-जल संरक्षण,
स्थानीय संसाधनों से जैविक खेती प्रोत्साहन, कृषि विश्वविद्यालय के कृषि
वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन दिये गये एवं कृषकों से परिचर्चा
की गयी, जिसके फलस्वरूप सार्थक परिणाम प्राप्त हुए।
आत्मा परियोजना
में अनियमितता
11. ( *क्र. 286 ) श्री बाला
बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आत्मा
परियोजना के अंतर्गत बड़वानी एवं खरगौन जिलों में अनियमिततायें भ्रष्टाचार की
कितनी शिकायतें विभाग को 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है ?
शिकायतों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें ?(ख)
आत्मा परियोजना के अंतर्गत खरगौन, बड़वानी जिलों के लिये 01 अप्रैल, 2013 से
प्रश्न दिनांक तक आवंटित की गई राशि की वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें ?
प्रत्येक जिले में प्रत्येक वर्ष में आवंटित राशि से किये गये कार्यों एवं व्यय
की गई राशि का विवरण देवें ?(ग) आत्मा परियोजना के अंतर्गत खरगौन, बड़वानी जिलों
में कौन-कौन सी स्वयंसेवी संस्थाओं (एन.जी.ओ.) को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य
के लिये स्वीकृत की गई ? दिनांक 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी
वर्षवार जिलेवार उपलब्ध करावें ? (घ) बड़वानी एवं खरगौन जिले में आत्मा परियोजना
के अंतर्गत ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके विरूद्ध शिकायत, जांच
विचाराधीन होने के बाद भी उनकी पदोन्नति कर दी गई है ? ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों
के नाम, वर्तमान पद सहित बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)01जनवरी,2013 से प्रश्न दिनांक तक जिला खरगौन से 3
शिकायत प्राप्त हुई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।
बड़वानी जिले से कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।(ख)आत्मा परियोजना के अन्तर्गत खरगौन,
बड़वानी जिलों के लिये 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित एवं व्यय की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है!(ग)आत्मा
परियोजना के अन्तर्गत खरगौन, बड़वानी जिलों में स्वयंसेवी संस्थाओं (एन॰जी.ओ.) को 01
जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 4 अनुसार है। (घ)बड़वानी एवं खरगोन जिलें में आत्मा परियोजना के अन्तर्गत
पदस्थ किसी भी अधिकारी के विरूद्ध शिकायत, विभागीय जॉच आदि लंबित होने पर पदोन्नत
कर पदस्थ नहीं किया गया है।
दॉंत टीला जलाशय हेतु मत्स्य समिति का
पंजीयन
12. ( *क्र. 1921 ) श्रीमती
अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़
जिले के दॉंत टीला जलाशय हेतु वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी मत्स्य
समितियों द्वारा पंजीयन हेतु आवेदन किये गये है एवं किस समिति का पंजीयन किया गया
हैं ? (ख) क्या वर्ष 2014 में कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा जिस समिति का पंजीयन किया
गया है उसे निरस्त करने हेतु संयुक्त संचालक सहकारिता को निर्देश दिये गये थे ?
यदि हां, तो उसक पालन किया गया है ? यदि नहीं, तो क्यों ? (ग) क्या कलेक्टर
टीकमगढ़ द्वारा जिस समिति के पंजीयन निरस्त करने हेतु संयुक्त संचालक सहकारिता को
निर्देश दिये गये थे, वर्तमान में उसी समिति को दॉंत टीला जलाशय का पट्टा दिया गया
है ? यदि हां, तो किस नियम के तहत ?(घ) क्या प्रश्नांक (ग) में वर्णित जलाशय का
पट्टा नियम विरूद्ध दिया गया है ? यदि हां तो कौन दोषी है एवं पट्टा कब तक निरस्त
होगा एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मत्स्य समिति के
पंजीयन हेतु तीन समूहो के आवेदको द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये थे. मत्स्य
उद्योग सहकारी समिति मर्यादित, दांत टीला जलाशय पंचमपुरा का पंजीयन किया गया. (ख)
जी हां. जी नहीं, न्यायालय कलेक्टर टीकमगढ के आदेश दिनांक
20/05/2014 द्वारा मत्स्य उद्योग सहकारी समिति दांत टीला जलाशय पंचमपुरा का
पंजीयन निरस्त करने हेतु संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, सागर को निर्देश दिये
गये थे. समिति द्वारा कलेक्टर के आदेश के विरूद्ध कमिश्नर सागर संभाग को अपील की
गई. कमिश्नर सागर द्वारा अपील निरस्त करने के कारण मत्स्य उद्योग सहकारी समिति
दांत टीला जलाशय पंचमपुरा द्वारा मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका
क्रमांक/डब्ल्यू.पी 13594/2014 दायर की गई. मान. उच्च न्यायालय जबलपुर ने
दिनांक 20/02/2015 को निर्णय पारित कर संयुक्त पंजीयक सागर को सोसाइटी के पंजीयन
के संबंध में कलेक्टर के आदेश के प्रभाव में आये बिना कार्यवाही करने के आदेश दिये
गये थे. न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाऐं सागर संभाग, सागर के निर्णय
दिनांक 29/05/2015 में पंजीकृत संस्था में सदस्य वास्तविक रूप से पात्र होने से
एवं मत्स्य विभाग द्वारा जारी मत्स्य नीति 2008 का पालन किया
जाना, पाये जाने से मत्स्य उद्योग सहकारी समिति दांत टीला
जलाशय पंचमपुरा का पंजीयन यथावत रखा गया. (ग) जी हां. मत्स्य विभाग द्वारा जारी
मत्स्य नीति 2008 के अंतर्गत. (घ) जी नहीं, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता.
स्थाई जाति प्रमाण-पत्र के लंबित आवेदनों का
निराकरण
13. ( *क्र. 433 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन जिले
की नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 29 से 35 तक विशेष अभियान के तहत स्कूलों से लोक
सेवा केन्द्र को जनवरी 2014 से आज दिनांक तक कितने स्थाई जाति प्रमाण-पत्र हेतु
आवेदन प्राप्त हुए है ? उनमें से एक वर्ष से अधिक अवधि के कितने आवेदन पेण्डिग हैं
? कारण स्पष्ट करें ? (ख) विशेष अभियान के तहत स्कूलों से प्राप्त लोक सेवा
केन्द्र द्वारा आनलाईन दर्ज किये गये आवेदन पत्रों को एस.डी.एम स्तर पर कितने समय
में निराकरण किया जाना निर्धारित है ? कितने आवेदन ऑनलाईन होने के पश्चात भी एक
वर्ष की अवधि से अधिक में निराकरण नहीं किया गया उसकी संख्या एवं कारण स्पष्ट
किया जावें ? (ग) क्या जाति प्रमाण-पत्र आवेदन पत्रों के निराकरण हेतु अधिकतम अवधि
निर्धारित है ? यदि हां, तो कितनी एवं निर्धारित अवधि में निराकरण न होने पर
किस-किस स्तर पर किस-किस प्रकार के दण्ड का प्रावधान है ? एक वर्ष से अधिक अवधि
के आवेदन पत्रों का निराकरण न किये जाने पर क्या दण्डित किया जावेगा
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) उज्जैन जिले की नगर
निगम क्षेत्र के वार्ड 29 से 35 तक विशेष अभियान के तहत स्कूलों से लोक सेवा
केन्द्र पर 1 जनवरी, 2014 से 26/11/2015 तक कुल 7706 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं।
एक वर्ष से अधिक की अवधि के कुल 2846 आवेदन पत्र लंबित हैं। आवेदन जांच हेतु भेजे
गए हैं। (ख) विशेष अभियान के तहत स्कूलों से प्राप्त लोक सेवा केन्द्र
द्वारा ऑनलाईन दर्ज किए गए आवेदन पत्रों को एस.डी.एम. स्तर पर निराकरण की अवधि
निर्धारित नहीं है। पोर्टल पर आवेदन पर दर्ज करने का टारगेट 31-12-2015 प्रदर्शित
है। एक वर्ष से अधिक अवधि के 2846 आवेदन पत्र लंबित है। जो जॉच हेतु भेजे
गए। (ग) जी नहीं। विशेष अभियान के तहत जाति प्रमाण पत्र आवेदन प्रत्रों
के निराकरण की अवधि निर्धारित नहीं है। पोर्टल पर आवेदन पत्र दर्ज करने पर टारगेट
दिनांक 31-12-2015 प्रदर्शित होती है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत
अन्य विभिन्न सेवाओं के लिए विहित पदाभिहित अधिकारी / प्रथम अपीलीय अधिकारी
/द्वितीय अपीलीय अधिकारी के स्तर पर रूपये 250 प्रतिदिन अधिकतम 5,000 रूपये तक
दण्ड का प्रावधान है।
कृषि महोत्सव वर्ष 2015 में व्यय की
जानकारी
14. ( *क्र. 1957 ) श्री हर्ष
यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
सागर जिले में कृषि महोत्सव (25 मई 2015 से 15 जून 2015 तक) में लगने वाली सामग्री
हेतु उप संचालक कृषि ने निविदा जारी की थी ? यदि हां, तो कितनी निविदायें प्राप्त
हुई ? किस एजेंसी को किस कार्य हेतु/सामग्री हेतु किस दर पर कार्यादेश दिया गया
?(ख) कृषि महोत्सव में प्रति दिवस/प्रति आयोजन कितनी राशि किस मद में व्यय करने
का प्रावधान था ? क्या जिले में इन प्रावधानों का उल्लंघन किया गया ?(ग) क्या
निविदा अनुसार कार्य न किया जाकर इन प्रभारियों द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य किया
गया ? बिना निविदा, बिना टैक्सी परमिट के वाहन किराये पर लिए गये ? क्यों ? कौन
उत्तरदायी है ?(घ) क्या अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा मनमाने फर्जी देयक तैयार
किये गए ? यदि नहीं तो सागर, केसली, खुरई, मालथोन, राहतगढ़ बीना विकासखण्डों में
कृषि महोत्सव में कुल कितनी राशि व्यय की ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र1अनुसार है। जिले में कुल 34 निविदाऍ प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। कार्य एवं सामग्री हेतु कार्यादेश की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(ख)कृषिमहोत्सव2015 में ग्राम
स्तरीय,विकास खण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय आयोजन हेतु प्रतिदिवस/ प्रति आयोजन का
प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। सागर जिले में
प्रावधानों का उल्लंघन नही हुआ है।(ग)जी नहीं। कृषि महोत्सव 2015 में टैक्सी परमिट
के ही वाहन किराये पर लिये गये, वाहन के किराये दर का भुगतान कार्यालय मुख्य
निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र॰ निर्वाचन सदन भोपाल के अनुमोदित दर पर किया गया।वाहन दर
की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। शेष का
प्रश्न ही नहीं उठता है।(घ)जी नहीं। विकासखण्ड सागर, केसली, खुरई, मालथौन,राहतगढ़
एवं बीना में कृषि महोत्सव 2015 में व्यय की गई राशि का विस्तृत जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है।
सावेर विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़कों के निर्माण बाबत्
15. ( *क्र. 724 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सावेर विधान
सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत विगत 03 वर्षों में
कितने पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये ?(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ
में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निधि से कितनी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी गई
व कितनी सड़कों के प्रस्तावों में स्वीकृति लंबित है ?(ग) प्रश्नांक (क) के
संदर्भ में कहां-कहां पर स्वीकृति हेतु प्रकरण लंबित है व किन कारणों से लंबित है
?(घ) प्रश्न (क) के संदर्भ में लंबित प्रकरणों को कब तक स्वीकृति मिल जायेगी व कब
से कार्यों को प्रारंभ किया जायेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव
) : (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत
संबंधी विगत 03 वर्षो में 05 पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये। (ख)
प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 16 सड़कों एवं 1
ब्रिज का डी.पी.आर. तैयार किये जा रहे हैं। निर्माण कार्य का प्रस्ताव स्वीकृति
हेतु प्रेषित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निश्चित
समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का
क्रियान्वयन
16. ( *क्र. 1338 ) श्री जतन
उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
छिन्दवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण का
कार्य किया जा रहा है यदि हां, तो छिन्दवाड़ा जिले के कितने ग्रामों में कितने
कि.मी. सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है ?(ख) वर्तमान में कितने सड़क
निर्माण कार्य प्रारंभ है तथा कितने अप्रारंभ है ? कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कर
लिया गया है ?(ग) छिन्दवाड़ा जिले के तहसील पांदुर्णा के अंतर्गत कितनी
प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है
?(घ) कितने सड़के निर्माण की गई है तथा कितना निर्माण होना शेष है सड़क निर्माण
ठेकेदारों को दी गई अवधि के पश्चात् भी कितने ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण का
कार्य अधूरा रखा गया है ? क्या इनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा रही है तहसील
पांढुर्णा की जानकारी देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी हां। छिंदवाडा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 931 ग्रामों
को जोडने के लिये कुल 2964.85 कि.मी. सड़कों का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है।
(ख) वर्तमान में माह अक्टूबर 2015 तक 2397.02 कि.मी. लंबाई में सड़क निर्माण कार्यो
को पूर्ण कर लिया गया है, 138 सड़कों का कार्य प्रगतिरत है एवं 05 सडक निर्माण कार्य
बंद/अप्रारंभ है। (ग) छिंदवाडा जिले के तहसील पांदुर्णा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजनांतर्गत 48 सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। (घ)उत्तरांश (ग) में उल्लेखित
सड़कों में से 36 सड़कों के निर्माण कार्य पूर्ण किये गये, 12 सड़कों का निर्माण कार्य
शेष है। 2 ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कराने की अनुबंधानुसार अवधि पूर्ण होने के
उपरांत भी निर्माण कार्य अधूरा रखा गया है। उक्त ठेकेदारों द्वारा विलंब से कार्य
करने के कारण विभाग द्वारा उनके विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर एक ठेकेदार का
ठेका निरस्त किया गया एवं अन्य ठेकेदार के चलित देयकों से दण्ड हेतु राशि का
कटोत्रा किया जा रहा है।
लोक सेवा द्वारा बनाये कार्डों
की संख्या
17. ( *क्र. 2043 ) श्री
सज्जन सिंह उईके : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
घोड़ाडोंगरी तहसील में लोक सेवा प्रबंधन द्वारा वर्ष 2013-14 से 2014-15 तक कितने
बी.पी.एल. कार्ड, खसरा/नक्शा प्रदाय किये है ?(ख) चिचोली तहसील में वर्ष 2014-15
में कितने बी.पी.एल. कार्ड बने हैं ? कितने अपात्र घोषित हुये ?(ग) शाहपुर लोक सेवा
केन्द्र ने वर्ष 2014 से 2015 तक कितने बी.पी.एल. कार्ड पात्र हितग्राहियों को
सुविधा दी है ?(घ) क्या बी.पी.एल. सर्वे में पटवारियों द्वारा हितग्राहियों को
परेशान किया जाता है ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क)
घोड़ाडोंगरी तहसील के अंतर्गत लोक सेवा प्रबंधन द्वारा 2013-14 में 121 बी.पी.एल.
कार्ड, 7846 खसरा, 6017 नक्शा एवं वर्ष 2014-15 में 256 बी.पी.एल कार्ड,
9956 खसरा, 6893 नक्शा प्रदाय किये गये। (ख) चिचोली तहसील के
अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 36 बी.पी.एल. कार्ड बने है। 601 अपात्र घोषित हुये। (ग) लोक
सेवा केन्द्र शाहपुर से वर्ष 2014 से 2015 तक कुल 274 बी.पी.एल. कार्ड पात्र
हितग्राहियों को जारी किये गये है। (घ) जी
नहीं।
दोषी पर कार्यवाही
18. ( *क्र. 825 ) श्रीमती
शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा
जिले के जनपद पंचायत गंगेव, नईगढ़ी, त्योंथर, जवा, सिरमौर के किन-किन ग्राम
पंचायतों में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक सौर ऊर्जा कितनी लागत एवं किस मद से
लगवाया गया है ? (ख) क्या मूलभूत पंच परमेश्वर मद की राशि शत प्रतिशत एक ही कार्य
में व्यय नहीं की जा सकती है ? यदि हां तो व्यय नियम की प्रति देवें ? यदि नहीं
तो उक्त राशि से यदि सौर ऊर्जा लगवाने का भुगतान मूलभूत/पंच परमेश्वर से
शत-प्रतिशत किया गया है तो किसके आदेश से और किस नियम से, उक्त नियम विरूद्ध
भुगतान में कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे ? (ग) यदि
प्रश्नांश (क) के कार्य में प्रश्नांश (ख) की राशि का भुगतान शत प्रतिशत करने के
लिये किसी अधिकारी द्वारा अनुमति दी गई है तो क्या उसे अधिकार था ? यदि हां तो
उससे संबंधित आदेश की प्रति देवें ? यदि बिना अधिकार एवं नियम के किसी अधिकारी
द्वारा राशि भुगतान के लिये अनुमति दी गई है तो क्या उस राशि की वसूली दोषी
अधिकारी, सरपंच सचिव से की जाएगी ? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार।(ख)जी नहीं। सौर उर्जा लगाने में
व्यय राशि में नियम निर्देशो का पालन किया गया है या नहीं की जाॅच समिति गठित कर की
जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘
अनुसार।(ग)सौर उर्जा लगाने में व्यय राशि में नियम निर्देशो का पालन किया
गया है या नहीं की जाॅच समिति गठित कर की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार।
जनपद पंचायत परसवाड़ा में
प्रतिनियुक्त अधिकारी
19. ( *क्र. 1506 ) श्री मधु
भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जनपद पंचायत
परसवाड़ा के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी के पद पर कौन कब से प्रतिनियुक्ति पर है ?
क्या इनकी प्रतिनियुक्ति शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति के संबंध में जारी आदेशों
परिपत्रों के अनुरूप वर्तमान में है, तथा चार वर्षों की अवधि के पश्चात पद पर बने
रहने हेतु अनुमति/सहमति ली गई है ? यदि हां, तो प्रति बतायें ? (ख) उपरोक्त
पदाधिकारी द्वारा कार्यकाल में विगत तीन वर्षों में कितनी राशि का आवंटन शासन से
प्राप्त किया गया ? उस राशि का व्यय कौन-कौन से मद में किया गया ? कार्य का नाम,
स्थान, कार्य की मात्रा, व्यय की गई राशि औचित्य सहित बतायें ? (ग) क्या
उपरोक्त पदाधिकारी के विरूद्ध संबंधित निर्माण कार्य एवं क्रय से अनेक शिकायतें
विभिन्न स्तर पर प्राप्त हुई है ? यदि हां, तो कौन-कौन सी नस्तीबद्ध की गई एवं
कौन-कौन सी जांच की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जनपद पंचायत परसवाडा के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं है।
अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन व्यवस्था का संचालन
20. ( *क्र. 1574 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्रामीण
क्षेत्रों में स्कूलों में मध्यान्ह भोजन समूह संचालन व्यवस्था का अधिकार
किसको है ? नियम की प्रति सहित बतायें ?(ख) छतरपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में
इस व्यवस्था का संचालन किस अधिकारी के निर्देश पर हो रहा है ? अधिकारी का नाम, पद
सहित बतायें ? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के मध्यान्ह भोजन संचालन
व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विभाग द्वारा
जवाबदारी दी गई है ? अगर हां तो आदेश की प्रति सहित बतायें ? अगर नहीं तो मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को मध्यान्ह भोजन व्यवस्था संचालन के लिये किस
प्रकार का अधिकार है बतायें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)ग्रामीण
क्षेत्रों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन मुख्यतः स्व सहायता समूह के
माध्यम से किया जाता है। स्व सहायता समूह द्वारा एक त्रि-पक्षीय अनुबंध ग्राम
पंचायत और शाला प्रबंधन समिति के साथ निष्पादित किया जाकर अनुबंध की शर्ताें के
अनुसार कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अ अनुसार है।(ख)छतरपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्यवस्था का
संचालन कलेक्टर के समग्र निर्देशन में व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के
पर्यवेक्षण में जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत व स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों
द्वारा किया जाता है।(ग)जी हाँ, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के मध्यान्ह भोजन
संचालन व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विभाग द्वारा
प्रमुख जवाबदारी दी गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत पर अपने जनपद
क्षेत्र में कार्यक्रम के नियमित व प्रभावी पर्यवेक्षण एवं निगरानी द्वारा सुचारू
संचालन की समग्र जिम्मेदारी है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब अनुसार
है।
गरीबी रेखा, अति गरीबी रेखा एवं कर्मकार कार्डधारी
खाद्यान वितरण के संबंध में
21. ( *क्र. 1531 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर
जिले में खाद्य विभाग में कितने गरीबी रेखा, अति गरीबी रेखा एवं कर्मकार कार्डधारी
पंजीकृत हितग्राही प्रश्न दिनांक तक खाद्यान पर्ची धारी है ? विकासखण्डवार
जानकारी देवें ? (ख) 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक सागर एवं राहतगढ़
विकासखण्ड में विभाग द्वारा कितनी खाद्यान पर्चिया जारी की गई ? माहवार जानकारी
देवें ।(ग) क्या जारी की गई खाद्यान पर्चिया एवं विभिन्न श्रेणी के पंजीकृत
हितग्राही की संख्या एवं जारी की गई खाद्यान पर्चियों में अंतर है ? तो कारण देवें
।(घ) पंजीकृत कार्डधारी संख्या से अधिक खाद्यान पर्चिया जारी की गई है, तो विभाग
द्वारा संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध जांच कर शासन क्या
कार्यवाही करायेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली
के सागर जिले में अन्त्योदय अन्न योजना के 54,805, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन
करने वाले 2,34,415 एवं मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के
अंतर्गत पंजीकृत 77,780 परिवारों को पात्र पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी किये गये है।
पात्रता पर्चिधारी परिवारों की विकासखण्डवार जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है।, (ख) 01 अप्रैल 2015 से माह नवम्बर, 2015 तक सागर एवं राहतगढ़
विकासखण्ड में कुल 3,880 परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है।
माहवार जारी पात्रता पर्ची की जानकारी
परिशिष्ट-'ब'
पर दर्शित है।, (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।, (घ) प्रश्नांश (ग) भाग
के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव है।
परिशिष्ट
तीन गोन्डन सिटी कॉलोनी का अवैध निर्माण
22. ( *क्र. 2396 ) श्री नाना
भाऊ मोहोड़ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
ग्राम खैरी तहसील सौंसर जिला छिन्दवाड़ा में गोल्डन सिटी कॉलोनी निर्माणाधीन है ?
क्या यह औद्योगिक क्षेत्र से लगा होने पर भी कॉलोनी का निर्माण नियमानुकूल है ?
(ख) क्या उक्त कॉलोनी के निर्माण में कृषकों के आवागमन की शासकीय भूमि का
अतिक्रमण और पानी निकासी के नाला पर भी अतिक्रमण कर उसे बंद कर दिया गया है ? (ग)
प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या गोल्डन सिटी कॉलोनी निर्माण की सभी विधिवत
अनुमति संबंधित विभागों से प्राप्त की गयी है ? यदि नहीं तो क्या शासन संबंधित के
विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देंगे ? (घ) क्या अवैधानिक तरीके के किये जा रहे
गोल्डन सिटी कॉलोनी निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाये जाने का शासन आदेश देगा ?
यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव
) : (क) ग्राम खैरीतायगांंव में गोल्डनसिटी कालोनी के नाम से
कालोनी निर्माणधीन नहीं है। बल्कि गोकुलधाम (एप्पलसिटी) के नाम से कालोनी
निर्माणाधीन है। उक्त गांव औधोगिक क्षेत्र से पृथक है। कालोनी नियमानुसार
निर्माणाधीन है।(ख)गोकुलधाम कालोनी में आवागमन की सुविधा पर
अतिक्रमण नहीं किया गया है पानी निकासी पाईप के माध्यम से किया जा रहा है जिस पर
पुलिया का निर्माण कालोनाईजर के द्वारा प्रस्तावित है।(ग)
उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिपेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता
है।(घ)उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता
है।
रोजगार सहायक/सहायक सचिव को नियमित किये जाने बावत्
23. ( *क्र. 1320 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 932/761/13/22/ए
(दिनांक 06/07/2013) के आदेश के आधार पर ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित
किया गया है ? अगर हां तो सहायक सचिव को पद पर नियमित किये जाने की शासन की क्या
योजना है ? (ख) माननीय मंत्रीजी द्वारा भोपाल में आयोजित ग्राम रोजगार सहायक
कर्मचारी संघ की महापंचायत में घोषणा की गई थी कि वार्षिक अनुबंध समय पर नहीं होने
की वजह से मानदेय मिलने में होने वाली कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए अनुबंध
व्यवस्था समाप्त किये जाने एवं मंहगाई भत्ता व यात्रा भत्ता प्रदान किये जाने
की घोषणा की गई थी ? अगर हां तो उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है
एवं इन घोषणाओं को कब तक लागू किया जायेगा ? (ग) जिस प्रकार पंचायत कर्मी (पंचायत
सचिव), गुरूजी, संविदा शिक्षकों, संविदा कर्मचारियों को 3 वर्ष की सेवा के बाद
नियमित कर दिया जाता है ? ठीक उसी प्रकार ग्राम रोजगार सहायक/सहायक सचिव को क्या
नियमित किया जावेगा ? (घ) क्या ग्राम रोजगार सहायक/सहायक सचिव को शासन की ओर से
5000/- रूपये प्रमिमाह मानदेय दिया जाता है ? तो क्या सरकार की मंशा इनका मानदेय
बढ़ाने की है या नहीं ? अगर हां, तो समय-सीमा बताये ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। सहायक सचिव की नियुक्ति होने तक
वैकल्पिक व्यवस्था में अस्थाई रूप से ग्राम रोजगार सहायक को सहायक सचिव घोषित
करने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र.
932/761/13/22/ए दिनांक 6.7.13 के अनुसार जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है,
ग्राम रोजगार सहायक संविदा कर्मचारी होने एवं उक्त व्यवस्था अस्थायी होने से
नियमित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी हॉ, ग्राम रोजगार सहायक को वर्ष 2012 में संविदा नियुक्ति के समय
निर्धारित एक मुश्त संविदा पारिश्रमिक रूपये 3200/- प्रतिमाह को बढाकर आदेश दिनांक
1.10.14 के माध्यम से रूपये 5000/- प्रतिमाह किया गया है। जी नहीं।
परिशिष्ट
चार लंबित कार्यों को पूर्ण किया जाना
24. ( *क्र. 1279 ) श्री
रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत रायसेन द्वारा विधानसभा
क्षेत्र बरेली अन्तर्गत समस्त योजनाओं में कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये
थे ? उनमें से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण है तथा
ऐसे कितने कार्य है जो प्रारंभ ही नहीं कराये गये ?(ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में ऐसे कौन-कौन से कार्य है ? वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, योजनावार
पृथक-पृथक ब्यौरा दें ? प्रश्नाधीन अपूर्ण कार्यों या जो कार्य प्रारंभ नहीं किये
गये, उनकी राशि क्या विभाग को समर्पित (सरेंडर) की गई ? यदि हां, तो कब-कब एवं
कितनी-कितनी राशि उपरोक्तानुसार मदवार ब्यौरा दें ? यदि नहीं तो उक्त अनियमितता
हेतु कौन-कौन दोषी है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा (बरेली)
के अंतर्गत जिला पंचायत रायसेन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं में 5737 कार्य
स्वीकृत किये गये है। उनमें से 4626 कार्य पूर्ण हुये तथा 1111 कार्य अपूर्ण है,
सभी स्वीकृत कार्य प्रारंभ है।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।
अपूर्ण कार्यो की राशि विभाग को समर्पित किये जाने का प्रावधान नहीं है। निर्माण
कार्यो में अनियमितता की शिकायत जिला स्तर पर संज्ञान में नहीं पायी गई है। शेष
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को राहत राशि
25. ( *क्र. 1643 ) श्री जितू
पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जनवरी
2015 से प्रश्न दिनांक तक अतिवृष्टि, सूखे, कर्ज से परेशान होकर तथा सोयाबीन की
फसल खराब होने के कारण सम्पूर्ण म.प्र. में कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की
गई है ? जिलेवार आकड़े प्रदान करे ?(ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में, क्या शासन
द्वारा किसानों को राहत या मुआवजा प्रदान करने हेतु कोई नीति निर्धारित की गई है ?
यदि हां, तो इस हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से कदम उठाये गये है ? आदेश की प्रतियां
प्रदान करें ।(ग) क्या किसानों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंको, सहकारी
बैंको, सार्वजनिक संस्थाओं से लिये गये कर्ज को मॉफ करने हेतु कोई आदेश शासन
द्वारा प्रसारित किये गये है ? यदि हां, तो आदेश प्रति प्रदान करते हुये इस हेतु
क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये है ? (घ) क्या विगत वर्ष सूखा, ओलावृष्टि एवं
अन्य कारणों से किसानों की फसल खराब होने पर जो बीमा किया गया था वह बीमा राशि
प्रश्न दिनांक तक कई जिलों में किसानों को वितरित नहीं की गई है एवं जिन जिलों में
यह राशि वितरित की गई है वह सौ-दौ सौ रू. प्रति हैक्टयर है ? इस हेतु क्या
मापदण्ड तय है तथा किसानों को बीमे की राशि का कब तक वितरण कर दिया जावेगा
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख)उत्तरांश "क" अनुसार।(ग)उत्तरांश"क"
अनुसार।(घ)राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ 2014 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति
राशि का भुगतान म प्र के उन पात्र कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किया गया। जिन
अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी एवं जिनका बैंको
व्दारा बीमा किया गया था, जिलेवार बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार
है। रबी वर्ष 2014-15 मौसम हेतु जिलेवार बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट दो
अनुसार है।रबी वर्ष 2014-15 के दावों के भुगतान कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है।
परिशिष्ट
पांच
भाग-2नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित
प्रश्नोत्तरसहकारी समितियों को राशन दुकानों का आवंटन
1. ( क्र. 29 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम
बामनगर विकासखण्ड चंदेरी की सहकारी समिति को ग्राम दुंगाखरा,बडेरा मोहोली, गरेही
की राशन की दुकानें किस तिथि व वर्ष से दी गई है जबकि वहां सहकारी समितियां है ?
रामनगर सहकारी समिति में क्या कर्मचारी जगदीश कुशवाह के रिश्तेदार संचालक है ?(ख)
इसी तरह की अन्य सहकारी समितियॉ तथा घाटबमुरिया बिलाखेड़ा व उपरोक्त सभी राशन की
दुकानों के बारे में प्रश्नकर्ता ने जिलाधीश गुना, अशोकनगर एस.डी.ओ चंदेरी
मुंगावली को कब-कब क्या शिकायतें की व उस पर क्या कार्यवाही हुई
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विकास खण्ड चंदेरी
में वामनगर नाम का कोई ग्राम नहीं है। विकासखण्ड चंदेरी में रामनगर के नाम से सेवा
सहकारी समिति है, जिसकी जानकारी निम्नानुसार हैः- 1. ग्राम डुंगासरा की
उ.मू. दुकान का संचालन सेवा सहकारी संस्था रामनगर के द्वारा वर्ष 2013 से पूर्व से
ही किया जा रहा है। 2. ग्राम महोली की उ.मू. दुकान का संचालन सेवा सहकारी
संस्था रामनगर के द्वारा 22.06.2010 के अनुविभागीय अधिकारी चन्देरी के आदेश
से किया जा रहा है। 3. ग्राम बडेरा की उ.मू. दुकान का संचालन सेवा
सहकारी संस्था हिरावल के द्वारा 05.11.2014 के अनुविभागीय अधिकारी चन्देरी के आदेश
से किया जा रहा है। 4. ग्राम गरेठी की उ.मू. दुकान का संचालन सेवा सहकारी संस्था
महोली के द्वारा 22.06.2010 के अनुविभागीय अधिकारी चन्देरी के आदेश से किया
जा रहा है। उपायुक्त सहकारिता अशोकनगर से प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनगर
सहकारी समिति में पूर्व समति प्रबंधक श्री जगदीश कुशवाह के निम्न रिश्तेदार
संचालक है:- 01. श्री चिन्नेराम कुशवाह पुत्र श्री मर्दन सिंह कुशवाह, संबंध-(दूर
के रिश्ते के चाचा), 02. श्री अनेक सिंह पुत्र श्री रज्जूलाल कुशवाह,
संबंध-(भाई), 03. श्रीमती उमादेवी पत्नी श्री जगदीश कुशवाह, संबंध-(पत्नी), (ख)
उल्लेखित सहकारी समितियों व राशन की दुकानों के बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र
क्रमांक 510 दिनांक 31.05.2015, पत्र क्र.471 दिनांक 01.05.2015, पत्र क्र.
निरंक दिनांक 08.06.2015, पत्र क्र. निल दिनांक 16.07.2015, पत्र क्र.635 दिनांक
28.09.2015, दिनांक 06.11.2015 एवं पत्र क्र.673,674 दिनांक 15.11.2015 के
द्वारा कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) गुना को शिकायतें प्राप्त हुई जिसे
पत्र क्रमांक 1886/दिनांक 26.11.15 के द्वारा परस्पर जिलाधीश अशोकनगर को
निराकरण हेतु भेजी गई। प्राप्त शिकायतों में सेवा सहकारी समिति ओण्डेर द्वारा
संचालित उ.मू. दुकान घाटबमूरिया की जॉच किये जाने पर अनियमिततायें प्राप्त हुई
जिसके आधार पर दोषी कर्मचारियों अरविन्द शर्मा एवं गजेन्द्र सिंह के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है एवं दुकान संचालन का कार्य अन्य
संस्था को दिया गया है। उचित मूल्य दुकान बीलाखेडा की जॉच में अनियमिततायें पाये
जाने से प्रकरण बनाया गया है। उचित मूल्य दुकान बम्मनखिरिया, डोंगरा, मदउखेडी की
जांच में दोषी कर्मचारियों के विरूद्व एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है। इसी प्रकार
उ.मू.दुकान जसैया भ्याना लपतौरा के प्रकरण दर्ज किये गये है। अन्य सहकारी समितियॅा
जिनके विरूद्ध शिकायत दर्ज की गई है एवं की गई कार्यवाही की जानकारी परिशिष्ट ‘‘अ’’
अनुसार हैं।
परिशिष्ट
छ: सहकारी समितियों एवं स्वंय सहायता ग्रुप द्वारा की गई
अनियमितताएं
2. ( क्र. 32 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल
से जांच को गये सहायक संचालक खाद्य सुकृति सिंह, उपसचिव श्री चंदेल तथा प्रमुख सचिव
खाद्य ने अशोक नगर जिले की राशन की दुकानों में किस-किस सहकारी समिति स्वंय सहायता
ग्रुप आदि की पिछले 2 वर्ष की क्या-क्या शिकायतों में अनियमितता के प्रमाण
किस-किस तिथि व वर्ष में पाये गये व उन पर क्या कार्यवाही हुई ? (क) जगदीश कुशवाह,
जगदीश कोरकू, अरविन्द शर्मा, दिनेश यादव, रणजीत धाकड़ के विरूद्ध राशन की दुकानों
के बारे में क्या-क्या शिकायतें मिली व इनमें जो कर्मचारी हैं, उन्हें निलम्बित
या राशन वितरण से अलग क्यों नहीं किया गया व जिन सहकारी समितियों व समूह में
अनियमितताएं आईं उन्हें भंग करने की सिफारिश क्यों नही की गई ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पिछले 2 वर्षो में सहायक संचालक खाद्य,
सुकृति सिंह, उपसचिव श्री चन्देल द्वारा जिले में कोई जांच नहीं की गई है। प्रमुख
सचिव खाद्य, के निर्देश पर उचित मूल्य दुकान गुन्हेरू, सहराई(अचलगढ़)
केनवारा(सिलवाराखुर्द), बीडसरकार, चकेरी, सिंहपुरचाल्दा एवं गदूली लीड संस्था की
जांच करायी गयी। अनियमितताऐं पाए जाने पर केनवारा (सिलवाराखुर्द) के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज कराई एवं उचित मूल्य दुकान गुन्हेरू, सहराई(अचलगढ़), बीडसरकार तक
गदूली लीड संस्था द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर से स्थगन प्राप्त
होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी। चकेरी और सिंहपुरचाल्दा के विरूद्ध कोई
अनियमितता नहीं पाई गई। पिछले 2 वर्ष में दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं के
विरूद्ध 15 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें जांच के उपरान्त संबंधित के विरूद्ध प्रकरण
अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में पंजीबद्ध किये गए तथा गम्भीर अनियमितता वाले
प्रकरण में एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई गई। प्राप्त शिकायतो में पाई गई अनियमितता तथा
उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘अ‘ अनुसार
है।, (ख) जगदीश कुशवाह, जगदीश कोरकू, अरविन्द शर्मा, दिनेश यादव के विरूद्ध
उचित मूल्य दुकानों के संचालन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच करायी गयी एवं
अनियमितता पाए जाने से इनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाकर एफ.आई.आर.दर्ज कराई जा
चुकी है। उक्त में प्राप्त शिकायत एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘
अनुसार है। रणजीत धाकड़ द्वारा संचालित उचित मूल्य
दुकान की जांच में अनियमितता नहीं पायी गयी। कर्मचारियों को निलंबित या राशन वितरण
से अलग करने एवं समितियों को भंग करने हेतु सहकारिता विभाग को लिखा
गया।
एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन में स्वीकृत परियोजनाएं
3. ( क्र. 136 ) श्री चम्पालाल
देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) देवास जिले
के बागली विधानसभा क्षेत्र एवं कन्नौद विकास खण्ड अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न
दिवस तक एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन में कितनी परियोजनाऐं स्वीकृत की गई ?
कितनी परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है ? कितनी योजनाओं का कार्य शेष है
बतावें ? जानकारी स्थलवार, राशिवार दें ? (ख) प्रश्नांकित परियोजनाओं की लागत
कितनी है व निर्माण एजेंसी कौन-कौन है ? स्वीकृत जलग्रहण संरचनाएँ कब तक पूर्ण
होगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।(ख)जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
परिशिष्ट
सात कृषि मंडी खरगोन के संदर्भ में
4. ( क्र. 250 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
वर्ष 2012 से 2015 तक कृषि उपज मंडी खरगोन में दर्ज जिनिंग, गेहूँ एवं सोयाबीन
व्यापारियों की सूची उनके फर्म नाम सहित देवें । इनमें संचालक नाम, फर्म नाम, टिन
नंबर, संचालक पेन नंबर सहित देवें । (ख) इनके द्वारा देय मंडी शुल्क, निराश्रित
शुल्क की जानकारी भी उपरोक्त वर्षोंनुसार देवें । (ग) कृषि उपज मंडी खरगोन के
विभिन्न खातों में जमा राशि के ब्याज की आय से किये गये कार्यों की विगत 5 वर्षों
की जानकारी देवें । (घ) वर्ष 2015 में मंडी प्रांगण में हरे-भरे पेड़ों की कटाई
होने पर संबंधित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ? समय सीमा बतावें
।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट पर है।(ख) प्रश्नागत जानकारी
पुस्तकालय में परिशिष्ट पर है।(ग) कृषि उपज मंडी समिति खरगोन के विभिन्न खातों में
जमा राशि के ब्याज की आय से विगत 5 वर्षो में कोई कार्य नहीं कराये गये।(घ)वर्ष
2015 में मंडी प्रागंण में हरे-भरे पेड़ नहीं काटे गये है।अत: शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
हितग्राही मूलक योजनायें
5. ( क्र. 388 ) श्रीमती पारूल
साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग अंतर्गत किसानों के हित में कौन सी हितग्राही
मूलक योजनायें संचालित हैं ? उनके नाम बतायें ?(ख) सागर जिले में किसान कल्याण
एवं कृषि विकास विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में प्रश्नांश(क) में वर्णित योजनाओं के
अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया जानकारी योजनावार बतावें ?(ग)
क्या सागर जिले में बहुत सी किसान हितग्राही मूलक योजनाओं में शासन से प्राप्त
आवंटन का उपयोग उनके हित में नहीं किया गया और राशि लेप्स हो गयी ? यदि हां, तो
वर्ष 2014-15 मे किसान हितग्राही योजनाओं में प्राप्त आवंटन व्यय एवं समर्पित
राशि की योजनावार जानकारी देवें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार है।(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट 2 अनुसार है ।(ग)जी हॉ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 3 अनुसार
है।
परिशिष्ट
आठ जावरा शुगर मिल का हस्तांतरण
6. ( क्र. 460 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या जावरा शुगर मिल जावरा बंद होकर विरान पड़ी है क्या शहीद नरेन्द्र
सिंह चन्द्रवत सहकारी समिति का परिसमापन हो चुका है ? (ख) यदि हां, तो ऐसी दशा
में उद्योग विभाग की निज सम्पत्ति यथा शुगर मिल भवन सम्पत्ति एवं संलग्न भूमि
इत्यादि के हस्तांतरण में देरी क्यों ? (ग) क्या इसे सहकारिता विभाग से
हस्तांतरण कर रोजगार कौशल उन्नयन केन्द्र नहीं बनाया जा सकता ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां, जी नहीं, परिसमापन की कार्रवाई
प्रक्रियाधीन है. (ख) परिसमापन की कार्रवाई अभी पूर्ण नहीं हुई है. दिनांक
26.11.2015 को मंत्रालय में आयोजित बैठक में सहकारिता विभाग एवं वाणिज्य उद्योग और
रोजगार विभाग के मध्य मिल को बिना किसी दायित्वों के उद्योग आयुक्त को
हस्तानांतरित करने की सहमति हुई है, जिससे उपलब्ध भूमि का उपयोग उद्योग के विकास
के लिये किया जा सके. (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार.
सहकारी बैकों के
ब्याज की माफी
7. ( क्र. 489 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या वर्ष 2010 से किसानों की प्राकृतिक आपदा के कारण सोयाबीन, उड़द, एवं चना गेहूं
के फसल लगातार 04 वर्षों से नष्ट हो रही है ?(ख) यदि हां तो प्राकृतिक आपदा के
कारण वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने किसानों को कितनी राशि का मुआवजा
वितरित किया गया ? फसलवार, विकास खण्डवार जानकारी देवें ?(ग) क्या सहकारी बैंकों
के ब्याज माफ कर किसानों के खाते नियमित कर उन्हें खाद्य, बीज की पात्रता प्रदान
करने पर विचार किया जावेगा या नहीं ? यदि हां तो कब तक नहीं तो क्यों ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)प्रदेश में प्राथमिक कृषि
साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण दिया
जा रहा है। प्राकृतिक आपदा से 33 प्रतिशत से अधिक फसलक्षति होने की स्थिति में
प्रभावित कृषकों के अल्पावधि कृषि ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित किये जाते है
तथा मध्यावधि ऋण पर भी ब्याज नहीं लिया जाता है। वर्ष 2010से प्राकृतिक आपदा के
कारण अल्पावधि फसल ऋणों को मध्यावधि ऋणों में परिवर्तित किये गये ऋणों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है।
परिशिष्ट
नौ ग्राम पंचायत द्वारा कराए कार्यों की जानकारी के संबंध में
8. ( क्र. 513 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मंदसौर
जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा सुदूर खेत सड़क योजना के तहत कितनी सड़कों का
निर्माण किया गया है लंबाई एवं लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें ?(ख) विगत दो
वर्षों में सुदूर खेत सड़क योजना में कितने कार्य पूर्ण हो चुके है ? कार्य प्रारंभ
करने एवं पूर्ण होने की दिनांक एवं वर्ष बतावें ? क्या उनका पूर्ण भुगतान हो चुका
है या नहीं ? (ग) इस वर्ष सुदूर खेत सड़क योजना में कितने नए कार्य प्रारंभ किए गए
है ? पंचायत /गांवों की जानकारी देवें ?(घ) जिन पंचायतों में सुदूर खेत सड़क योजना
के तहत सड़क का कार्य पूर्ण हो चुका है उनको कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया
है ? तथा जो कार्य शेष है उन कार्यों की स्थिति एवं भुगतान की जानकारी देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिले में मनरेगा
योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में ५३९ सुदूर ग्राम सडक सम्पर्क व खेत सडकों का
निर्माण कार्य कराया गया। जिनकी लंबाई ४६४.४२ किलो. मी. एवं लागत रू. ७३८०.९१ लाख
है। (ख) विगत दो वर्षों में सुदूर ग्राम सडक सम्पर्क व खेत सडक के ५ कार्य पूर्ण
हो चुके है कार्यो के प्रारंभ होने का वर्ष व पूर्णता दिनांक की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मूल्यांकन अनुसार पूर्ण भुगतान हो
चुका है। (ग) इस वित्तीय वर्ष २०१५-१६ में सुदूर ग्राम सडक सम्पर्क व खेत सडक उप
योजना के दो कार्य प्रारंभ किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'
अनुसार है। (घ) पूर्ण कार्यो पर रू. ५५.९ लाख एवं प्रगतिरत कार्यो पर रू. ३१६४.८८
लाख का भुगतान किया गया है। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स'
अनुसार है ।
मध्यप्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड धारी
किसानों की बीमा फसल के साथ किसानों का बीमा कराने बावत
9. ( क्र. 530 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या मध्यप्रदेश में सहकारी बैकों द्वारा किसानों को क्रेडिट कार्ड दिये
है यदि हां तो उनमें क्या मध्यप्रदेश शासन का कोई ऐसा नियम है कि फसल के साथ साथ
किसानों का भी बीमा कराया जाता है ? यदि नहीं तो क्यों ?(ख) क्या प्रश्नांश
’’क’’ में वर्णित तथ्य अनुसार यदि किसान क्रेडिट कार्ड धारी किसान की आकस्मिक
बीमारी या कृषि कार्य करते समय मृत्यु हो जाती है या किसान द्वारा आत्महत्या की
जाती है तो क्या शासन ऐसे किसानों को बीमा राशि का भुगतान करायेगी या भविष्य में
बीमा कराकर भुगतान करेगी ?(ग) यदि प्रश्नांश ’’ख’’ के अनुसार शासन या बैकों
द्वारा किसानों की मृत्यु होने पर उनको राशि का भुगतान नहीं किया जाता तो क्यों ?
क्या किसान क्रेडिट की राशि उन किसानों की माफ की जावेगी ? नहीं तो क्यों ? क्या
शासन इस संबंध में कोई योजना किसानों के हित में बनायेगी ?(घ) क्या प्रश्नांश
’’क’’ ’’ख’’ ’’ग’’ में उल्लेखित बिन्दुओं का पालन कराने की मध्यप्रदेश शासन या
केन्द्र शासन की कोई योजना है ?कब तक किसानों का बीमा करा कर उन्हें या उनके
परिवारजनों को भुगतान या किसान क्रेडिट राशि माफ करायेगें ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से
संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां के द्वारा कृषक सदस्यों को किसान क्रेडिट
कार्ड दिए जाते है. जी नहीं, परन्तु नाबार्ड के दिशा निर्देशानुसार किसान क्रेडिट
कार्डधारी कृषकों का किसान क्रेडिट कार्ड दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत राशि रू.
50,000/- तक का दुर्घटना बीमा कराये जाने का प्रावधान है, परन्तु किसान की सहमति
आवश्यक है. (ख) किसान क्रेडिट कार्ड दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत बाहरी हिंसा और
दृष्टिगत साधन से दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या स्थायी अपंगता पर बीमा कवर किया
जाता है, परन्तु आत्महत्या के मामलों में उक्त योजनान्तर्गत जोखिम कवर नहीं है. (ग)
उत्तरांश ‘ख’ में उल्लेखित दुर्घटना बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार मृत्यु
होने पर बीमा राशि का भुगतान किया जाता है. अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
(घ) उत्तरांश ‘ख’ में उल्लेखित दुर्घटना बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार मृत्यु
होने पर बीमा राशि का भुगतान किया जाता है. अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता.
सावर्जनिक खाद्य वितरण प्रणाली मे खाद्य सुरक्षा अधिनियम में
दुकानों का आवंटन एवं वितरण
10. ( क्र. 531 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या मध्यप्रदेश में खाद्य का वितरण खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत
पंचायतवार नवीन दुकानें खोलकर किया जा रहा है, यदि नहीं तो कब और कैसे पालन
करायेगें ?(ख) क्या खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली पुराने नियम से दुकानों से
वितरण हो रहा है ? यदि हां तो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पुरानी दुकानों को कब
तक बंद किया जावेगा तथा नवीन दुकानें का आरक्षण शासन निर्देशानुसार कब तक किया
जावेगा ? नवीन अधिनियम के तहत 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिये जाने का प्रावधान
है, यदि हां, तो पुरानी संचालित दुकानों पर भी महिलाओं को आरक्षण दिया जावेगा ?(ग)
प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों के पालन में मध्यप्रदेश शासन ने ऐसा
संशोधन कर ऐसी नीति बनाई है कि पुरानी दुकानों का यथावत कर उनमें आरक्षण न कर शेष
बची पंचायतों में नवीन दुकानों की खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खोलने की ही योजना
है ? क्या मात्र नवीन दुकानों के लिए ही आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान है ? (घ)
गुना जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितनी नवीन दुकानों से खाद्यान वितरण
कराया जा रहा है कितनी पुरानी दुकानों से वितरण हो रहा है । क्या पुरानी दुकानों
में सेल्समेन या संस्थाएं अधिनियम के तहत पालन करते है क्या उनका आरक्षण नवीन
अधिनियम के तहत है यदि नहीं तो क्यों ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह )
: (क) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के निर्णय के संदर्भ
में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) ओदश, 2015 में संशोधन
विचाराधीन है। निर्णय उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा प्रश्नांकित बिन्दुओं पर
नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।, (ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सामग्री
का वितरण पूर्व से संचालित दुकानों के माध्यम से हो रहा है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक
वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन पर विचार उपरांत नियमानुसार
दुकानों का आवंटन किया जा सकेगा। जी हां। दुकानों को आरक्षित करने हेतु संख्या की
गणना प्रत्येक नगरीय निकाय एवं प्रत्येक जनपद पंचायत में स्थापित होने वाली कुल
दुकानों की संख्या की एक तिहाई होगी।, (ग) जी नहीं। दुकानों के आरक्षण के
प्रावधानानुसार नगरीय निकाय अथवा जनपद पंचायत में खोली जाने वाली कुल दुकानों की
संख्या के एक तिहाई दुकानों को महिलाओं की संस्थाओं को आवंटित करने हेतु आरक्षित
करने की शासन की नीति है।, (घ) गुना जिले में नई संस्थाओं को उचित मूल्य दुकानें
आवंटित नहीं की गई हैं। पूर्वानुसार 218 उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन
सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण)
आदेश, 2015 में उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं की योग्यता एवं उचित मूल्य
दुकानों का महिलाओं के लिए आरक्षण एवं उनका महिला द्वारा संचालन संबंधी प्रावधान
हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम में दुकान के आरक्षण के संबंध में कोई भी प्रावधान नहीं
है।
संलग्नीकरण समाप्त कर मूल विभाग से वापसी
11. ( क्र. 541 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) रीवा जिले में कितने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को विभिन्न
कार्यालयों में संलग्न किया गया है ? सभी के नाम, पदस्थापना, पद संलग्नीकरण का
स्थान, कार्यालय एवं कार्य का विवरण सहित जानकारी देवें ?(ख) प्रश्नांश के
संदर्भ में क्या शासन द्वारा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के संलग्नीकरण का कोई
आदेश है ? (ग) सूखा पीडि़त रीवा जिले में कृषकों को खाद एवं बीज की उपलब्धता समय
पर कराने हेतु क्या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को उनके मूल विभाग में वापस कर
उनसे विभागीय कार्य कराया जावेगा ? यदि हां तो कब तक ? समय सीमा बतावें एवं यदि
नहीं तो क्यों ? कारण स्पष्ट बतावें ?(घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने
पत्र क्रमांक 718 दिनांक 05/11/15 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को ग्रामीण कृषि
विस्तार अधिकारियों को उनके मूल विभाग में वापस करने हेतु पत्र भी लिखा गया था ?
यदि हां तो सूखा जैसे अति महत्व के विषय में इन्हें इनके मूल विभाग में वापस क्यों
नहीं किया गया ? कारण स्पष्ष्ट बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)रीवा जिले में एक भी ग्रामीण कृषि विस्तार
अधिकारी विभिन्न कार्यालयों में वर्तमान में संलग्न नहीं है।(ख)जी
नहीं।(ग)ग्रामीण कृषि विस्तारअधिकारी मूल विभाग में ही कार्यरत है। अत: शेष का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ)जी हॉ, कलेक्टर रीवा द्वारा आदेश क्रमांक 4195,
दिनांक 27.11.2015 से संलग्नीकरण समाप्त कर मूल विभाग/कार्यालय हेतु वापिस कर
दिया है।
जनपद पंचायत लहार में इंदिरा / अंत्योदय मुख्य मंत्री
आवास की स्वीक़ति राशि का भुगतान
12. ( क्र. 551 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्तीय वर्ष
2014-15 में जिला पंचायत भिण्ड द्वारा जनपद पंचायत लहार में किन-किन हितग्राहियों
के इंदिरा आवास / अन्त्योदय मुख्यमंत्री आवास स्वीकृति किये गये थे ? नाम सहित
बतायें ?(ख) क्या उपरोक्त अवधि में स्वीकृति इंदिरा आवास / अन्त्योदय मुख्यमंत्री
आवास हेतु हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि भेजने हेतु जिला पंचायत भिण्ड द्वारा
प्रस्ताव का पत्र संयुक्त आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश भोपाल को
भेजा था ? यदि हां तो किन-किन हितग्राहियों के खातों में राशि भेजी गई ?(ग) क्या
प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 30.08.2015 को संचालक ग्रामीण रोजगार विकास आयुक्त
मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र लिखा था ? यदि हां तो उस पर क्या कार्यवाही की गई ?
मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्राशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक
एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 06 अगस्त 2012 के पालन में प्रश्नकर्ता के पत्र पर
क्या कार्यवाही की गई एवं इस संबंध में क्या प्रश्नकर्ता को सूचना दी गई ? यदि
नहीं तो क्यों ?(घ) क्या यह सच है कि ग्राम पंचायत रोहानीसिंगपुरा, अजनार विकास
खण्ड लहार जिला भिण्ड के वर्ष 2014-15 में इंदिरा एवं अन्त्योदय योजना में स्वीकृत
आवासों की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया । यदि हां तो हितग्राहियों को कब तक
राशि की जावेगी ।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)वित्तीय
वर्ष 2014-15 में जिला पंचायत भिण्ड द्वारा ज.प. लहार के 263 हितग्राहियों के
इंदिरा आवास एवं 16 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना स्वीकृत किये
गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख)जी हाँ।
जिले को प्राप्त कुल लक्ष्य 1561 में जनपद पंचायत लहार को 315 का लक्ष्य आवंटित है।
जनपद पंचायत लहार द्वारा 263 हितग्राहियाें की सूची कार्यालय को प्रेषित की गई,
जिनमें बैंक द्वारा 218 हितग्राहियों के खाते मे राशि हस्तान्तरित की जा चुकी है,
तथा शेष 45 हितग्राहियों के त्रुटिपूर्ण खाता एवं गलत आईएफएससी कोड होने के कारण
बैंक द्वारा रिजेक्ट किया गया है। जिले से शेष हितग्राहियों की पूर्ण सूची प्राप्त
कर राशि हस्तान्तरित की कार्यवाही की जा रही है। राशि जमा किये गये हितग्राहियों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।(ग)जी
हाँ। जनपद पंचायत लहार द्वारा हितग्राही श्री पातीराम, ग्राम पंचायत अजनार को
मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत राशि जारी की जा चुकी है। श्री भोगीराम,
ग्राम पंचायत अजनार एवं श्रीमति शिवा देवी, ग्राम पंचायत रोहानी सीगंपुरा का इंदिरा
आवास योजनान्तर्गत राशि जारी की जा चुकी है। जी हाँ मा0 विधायक जी को राशि जारी
करने की सूचना भेज दी गयी है।(घ)जी नहीं/वित्तीय वर्ष 2014-15 में इंदिरा आवास
योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत रोहनी सींगपुरा में स्वीकृत 08 में 05 हितग्राहियों को
राशि जारी की चुकी है, तथा ग्राम पंचायत अजनार में 09 में से 08 हितग्राहियों को
राशि जारी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत
ग्रा0पंचाा0 रोहानी सींगपुरा में कोई आवास स्वीकृत नहीं है, एवं ग्रा0पचां
अजनार में 01 आवास स्वीकृत है। जिले से शेष हितग्राहियों की सूची प्राप्त होने पर
राशि हस्तान्तरित की जा रही है।
श्रीमती माधुरी शर्मा
(सी.ई.ओ.) पर कार्यवाही के संबंध में
13. ( क्र. 587 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तारांकित
प्रश्न संख्या 27 (क्र. 2513) दिनांक 18.03.2015 में प्रश्नांश (ख) के उत्तर
में श्रीमती माधुरी शर्मा (तत्कालीन सी.ई.ओ. जनपद पंचायत सुसनेर) के प्रकरण में
जांच प्रक्रिया प्रचलित बताई गई है एवं गुण दोष के आधार पर कार्यवाही का उल्लेख
है, कार्यवाही कब तक की जावेगी ?(ख) उक्तानुसार प्रश्नांश (घ) के उत्तर में
क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 में जनपद पंचायत क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम गैलाना
व मोड़ी में 10-10 लाख के सामुदायिक भवन निर्माण कार्य स्वीकृत बताए गए हैं,
जिनमें क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा ली जाना थी ? क्या क्षेत्रीय विधायक की
अनुशंसा के बिना कार्य स्वीकृत करना अनियमितता की श्रेणी में आता है ? यदि हां, तो
श्रीमती माधुरी शर्मा दोषसिद्ध है, तो क्या कार्यवाही की जावेगी, (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में वर्तमान तक हुए भुगतान संबंधी दस्तावेज व
तदसंबंधी सहायक दस्तावेज जो वैधानिक भुगतान हेतु आवश्यक हो, का विवरण उपलब्ध
करावें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
श्रीमती माधुरी शर्मा, तत्का. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सुसनेर के
प्रकरण में विभागीय आदेश क्र. 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के
लिये सचेत किया गया । (ख) जी हां। शेष (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नही होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है
।
अनुदान योजनाओं का क्रियान्वयन
14. ( क्र. 588 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विभाग द्वारा कौन-कौन सी अनुदान योजनायें विगत 03 वर्षों से संचालित की जा रही है ?
योजनावार, मापदण्ड/अर्हता सहित विवरण देवें ?(ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत
विगत 03 वर्षों में कितने कृषकों को अनुदान योजना से राशि या सामग्री देकर लाभांवित
किया गया ? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अनुदान
योजना में क्या लक्ष्य निर्धारित है ? योजनावार, लक्ष्य का विवरण देवें ?(घ)
अनुदान योजनाओं से कृषकों को लाभांवित करने हेतु कृषकों के चयन हेतु क्या
प्रक्रिया निर्धारित है, तद्संबंधी शासनादेशों की सत्यप्रति प्रति उपलब्ध करावें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)विधान सभा
क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत तीन वर्षो में कुल 47956 कृषकों को लाभान्वित किया
गया।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।(घ)अनुदान
योजनाओं से कृषकों को लाभान्वित करने हेतु निर्धारित चयन प्रक्रिया की जानकारी
पुस्तकालय में रखे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार
है।
मध्यान्ह भोजन हेतु खाद्यान्न तथा रसोईया को मानदेय भुगतान
15. ( क्र. 601 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
रायसेन जिले में मध्यान्ह भोजन को कितने स्वसहायता समूहों एवं पालक शिक्षक संघो
द्वारा संचालित किया जा रहा है ? निर्धारित मीनू अनुसार कितनी संस्थाओं द्वारा
छात्र-छात्राओं को भोजन दिया जा रहा है और कितनी संस्थाओं द्वारा नहीं ? नाम सहित
शालावार विवरण दें ? (ख) 15 जून 2013 से नवबंर 2015 तक की अवधि में किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समूहों का निरीक्षण किया गया ? निरीक्षण दिनांक एवं
संस्था का नाम बतायें क्या कोई अनियमितता पाई गई ? यदि हां, तो क्या-क्या
कार्यवाही की गई ? (ग) मध्यान्ह भोजन के समूह को खाद्यान्न, रसोईया को वेतन
मानदेय किस आधार पर कौन देता है ? रायसेन जिले में खाद्यान्न एवं रसोईयां को वेतन,
मानदेय प्रतिमाह क्यों नहीं दिया जा रहा है ? (घ) 25 जून 2013 से नवम्बर 2015 तक
रायसेन जिले में रसोईयों को वेतनमान देय का भुगतान कब-कब किसने किया, संस्थावार
सूची दे किन-किनको नहीं किया तथा क्यों ? कारण बताये कब तक करेंगे
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)रायसेन
जिले की कुल 2545 शालाओं में से 1987 शालायें स्व सहायता समूहों द्वारा, 64 शालायें
पालक शिक्षक संघ द्वारा एवं 44 शालाओं में ग्राम पंचायतों द्वारा मध्यान्ह भोजन
कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। समूह द्वारा 140 संस्थाओं में मीनू अनुसार
मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा था। जिन्हें नोटिस जारी कर समूह परिवर्तन की
कार्यवाही कर समस्त 2545 शालाओं में मध्यान्ह भोजन मीनू अनुसार वितरण कराया जाना
सुनिश्चित किया गया।(ख)15 जून 2013 से नवम्बर 2015 तक की अवधि में
एडीईओ/पीसीओ/बीएसी/सीएसी आदि अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा समूहों का निरीक्षण किया
गया। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब अनुसार है।(ग)शासन के आदेशानुसार
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के समूहों को खाद्यान्न जनपद स्तर से दिया जाता है।
रसोईयों का मानदेय जिला पंचायत से शालाओं में दर्ज छात्र संख्या के आधार पर सीधे
शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) के खातों में प्रदाय किया जाता है। माह दिसम्बर 2015
तक का खाद्यान्न आवंटन जिला पंचायत द्वारा दिया जा चुका है एवं माह दिसम्बर 2015 तक
का रसोईयों का मानदेय भी प्रदाय किया जा चुका है।(घ)समस्त शालाओं में कार्यरत्
रसोईयों को शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से भुगतान किया गया है। संस्थावार व
वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट स अनुसार
है।
ए.पी.एल. परिवारों को केरोसीन उपलब्ध
कराना
16. ( क्र. 602 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या खुले बाजार में केरोसीन उपलब्ध कराने हेतु गैर सार्वजनिक प्रणाली का केरोसीन
कोई भी व्यक्ति समानांतर विपणनकर्ता से प्राप्त कर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा
सकता है ? इस संबंध में भारत सरकार ने केरोसीन संशोधन आदेश 2015 में आवश्यक
प्रावधान किये हैं ? (ख) यदि हां, तो खुले बाजार में केरोसीन किस दर पर प्राप्त
होगा तथा विभाग द्वारा खुले बाजार में केरोसीन उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या
कार्यवाही प्रयास किये गये ? (ग) ए.पी.एल. परिवारों को खुले बाजार में केरोसीन
उपलब्ध कराने हेतु माननीय मंत्रीजी को किन-किन माननीय सांसद/विधायकों के पत्र
कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? 1 जनवरी 2015 से
नवम्बर 2015 की अवधि में खुले बाजार में ए.पी.एल परिवारों को कब से केरोसीन मिलने
लगेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कोई व्यक्ति
मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त
व्यक्ति ही गैर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का केरोसीन समानान्तर विपणनकर्ताओं से
अथवा सरकारी तेल कंपनियों के थोक विक्रेताओं से क्रय कर उपभोक्ताओं को वितरित कर
सकता है। जी हां। भारत सरकार ने केरोसीन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत
नियतन) आदेश, 1993 में आवश्यक संशोधन किया है।, (ख) खुले बाजार में केरोसीन का दर
सदैव एक समान नहीं रहेगा। गैर घरेलू केरोसीन की डिपो दर में परिवहन व्यय तथा
विभिन्न स्तर पर कमीशन आदि जोडे जाने पर जो दर आएगा, उस दर पर केरोसीन विक्रय
किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा गैर घरेलू केरोसीन की कीमत निर्धारित नहीं की
जाएगी। भारत सरकार के उक्त संशोधन के पूर्व ही राज्य सरकार ने उचित मूल्य
दुकानों के माध्यम से गैर पीडीएस केरोसीन जरूरतमंद परिवारों को 5 जिलों-इन्दौर,
भोपाल, सीहोर, जबलपुर, खण्डवा एवं सिवनी में उपलब्ध कराये थे। परन्तु मांग के
अभाव में केरोसीन का उपभोक्ताओं को वितरण नहीं हो सका।,(ग) जानकारी संकलित की जा
रही है। भारत सरकार के संशोधन पश्चात गैर पीडीएस केरोसीन की आपूर्ति के
क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य की गतिविधियों को केरोसीन (उपयोग पर
निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के प्रावधानों से मुक्त किया गया है।
इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर रियायती केरोसीन का
व्यवसाय कर सकता है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता ।
फसल बीमा राशि की भरपाई से नुकसान
17. ( क्र. 621 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सहकारी
बैंकों के माध्यम से किसानों को कृषि ऋण दिये जाने के क्या नियम है तथा फसल बीमा
के क्या नियम हैं ? (ख) खरगोन जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रथम छ:
माही में सहकारी बैंक/ सहकारी समिति के माध्यम से कितने किसानों को कितना-कितना
कृषि ऋण, फसल ऋण, अन्य ऋण दिया गया ? (ग) प्रश्न (क) के संदर्भ में बैंक
शाखावार, समितिवार कितने किसानों से कितना-कितना फसल बीमा प्रीमियम राशि खाते से
काटी गई ? तथा संस्थाओं द्वारा कितने किसान की कितनी-कितनी राशि, कब-कब बीमा कंपनी
में जमा कराई गई ? क्या किसानों को फसल बीमा हेतु काटी गई प्रीमियम राशि की रसीद,
बीमा पॉलिसी, उपलबध कराई गई है ? यदि हां तो उसकी प्राप्ति रसीद है ? (घ) क्या
महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में किसानों की खरीफ फसल जैसे सोयाबीन, कपास एवं अन्य
फसलों को नुकसान हुआ है अथवा उत्पादन कम हुआ है ? यदि हां तो बैंक शाखाओं, सहकारी
समितियों द्वारा फसल बीमा राशि से नुकसान की भरपाई हेतु बीमा क्लेम राशि दिलाये
जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई ? कब तक किसानों को नुकसान की भरपाई हेतु बीमा
क्लेम राशि उपलब्ध कराई जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) फसल ऋण प्रणाली के अनुसार सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को ऋण दिये
जाते हैं. जिला स्तर पर गठित तकनीकी समूह द्वारा फसलवार प्रति हेक्टेयर ऋणमान
निर्धारित किये जाते है. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख
सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों को उनकी भूमि जोत के आधार पर उक्त ऋणमान के अनुसार
सामान्य साख सीमा (एन.सी.एल.) स्वीकृत कर अल्पावधि कृषि ऋण किसान क्रेडिट कार्ड के
माध्यम से दिये जाते है. मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित
फसलों हेतु निर्धारित प्रीमियम दर अनुसार फसलों का बीमा राज्य शासन द्वारा अधिकृत
बीमा कंपनियों से ऋणी कृषकों के लिए कराया जाना अनिवार्य है. प्राथमिक कृषि साख
सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों के खातों को नामे कर बीमा प्रीमियम राशि जिला सहकारी
केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से बीमा कंपनी को निर्धारित समयावधि में भेजे जाने का
प्रावधान है. (ख) वर्ष 2014-15 में 1,90,546 कृषकों को फसल ऋण राशि रूपये 1901.40
करोड़ एवं 75 कृषकों को कुंआ, पम्प/पशुपालन हेतु राशि रूपये 2.65 करोड़ तथा वर्ष
2015-16 में 1,91,539 कृषकों को फसल ऋण राशि रूपये 1502.19 करोड़ एवं 52 कृषकों को
कुंआ, पम्प/ पशुपालन हेतु राशि रूपये 1.92 करोड़ का ऋण दिया गया है. (ग) खरगोन जिले
में शाखावार, समितिवार कृषकों के खाते में नामे की गई फसल बीमा प्रीमियम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02, 03, 04 एवं 05 अनुसार है. बीमा
कंपनी को जमा कराई गयी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 06
अनुसार है. जी नहीं, फसल बीमा योजना में बीमा पालिसी देने का कोई प्रावधान नहीं है,
सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों के ऋण खातें को नामे कर बीमा प्रीमियम की राशि बैंक
के माध्यम से बीमा कंपनी को भेजी जाती है, भविष्य में कृषकों के ऋण खाते को बीमा
प्रीमियम की राशि नामे करने की सूचना संबंधित कृषक को दिये जाने के निर्देश जारी
किये गये है. (घ) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खरीफ 2014 में फसल में हुई
क्षति के कारण फसल बीमा योजना के अंतर्गत सोयाबीन फसल के 320 कृषकों को राशि रूपये
2,31,040.50 तथा मिर्च फसल के 60 कृषकों को राशि रूपये 1,63,328 की क्षतिपूर्ति
प्राप्त हुई है. महेश्वर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बैंक द्वारा प्राथमिक कृषि
साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खरीफ 2015 में कुल 17,921 कृषकों को राशि रूपये
189.81 करोड़ का फसल ऋण वितरित किया गया था, परन्तु अधिसूचित फसलों का ऋण वितरण
10,359 कृषकों की राशि रूपये 75.92 करोड़ ही था, जिसमें से बैंक द्वारा मात्र 3,543
कृषकों का राशि रूपये 10.91 करोड़ का बीमा कराया गया. खरीफ 2015 में फसल क्षति के
आंकलन की कार्यवाही जिला प्रशासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है. फसल क्षति की जानकारी के
आधार पर बीमा राशि की गणना की जाकर बीमा कंपनी द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
के माध्यम से कृषकों को योजनान्तर्गत राशि का भुगतान किया जा सकेगा. ऐसे कृषक जिनका
अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल का बीमा नही किया गया है, फसल क्षति की स्थिति
में उन्हें बीमा क्लेम की राशि दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों से वसूल कर भुगतान करने
के निर्देश दिये गये. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
जल ग्रहण
क्षेत्र प्रबंधन मिशन में कराए गए कार्य
18. ( क्र. 663 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा
प्रश्न क्र. 1772 दिनांक 26.02.2015 के प्रश्नांश (क) में उत्तर दिया गया कि रू.
2749.14 लाख का व्यय किया गया ? क्या धरातल पर कार्यों की गुणवत्ता ठीक नहीं हैं
? जिससे व्यय राशि पर संवालिया निशान लग रहे हैं ? (ख) अब तक किन-किन अधिकारियों
ने कार्यों का भौतिक सत्यापन किया उनके नाम पद सहित बताये ?(ग) भडार क्रय नियमों
का पालन न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हाॅ। धरातल पर कार्यों की गुणवत्ता सही है।मात्र आईडब्ल्यूएमपी-8 मे गुणवत्ता में
कमी पायी गई है।(ख)जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।(ग)भण्डार क्रय नियमों का
पालन किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।परिशिष्ट
दस कपिलधारा कूपो, इन्दिरा आवासों के संबंध में कार्यवाही
समय-सीमा में किये जाने बाबत्
19. ( क्र. 664 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा
प्रश्न क्र. 1209 दिनांक 11.12.12 के उत्तर के परिशिष्ट-1 में 3232 अपूर्ण कूप
दर्शाये गये थे तथा जांच कमेटी बनाई गई परिणाम क्या हासिल हुए केवल कागज दौड़ते
रहे है ? वर्ष 15-16 तक कितने अपूर्ण कूप पड़े है उनके जिम्मेदार कौन अधिकारी है
उनके नाम बतायें ?(ख) इन्दिरा आवास योजना के तहत वर्ष 2012 से मार्च 14 तक कितने
आवास बनाये गये जिनका भौतिक सत्यापन किया गया था कुछ अपूर्ण स्थिति में पाये गये
विस्तृत विवरण दें ?(ग) क्या प्रश्नकर्त्ता द्वारा इन्दिरा आवास योजना के
अंतर्गत प्रस्ताव आदिवासियों के 05.05.2015 को दिये गये थे किन्तु इन्द्रा आवास
प्रभारी अधिकारी छतरपुर द्वारा पालन नहीं किया गया ?(घ) क्या दिनांक 05.05.2015 को
ACEO छतरपुर ने प्रभारी अधिकारी को पत्र पर निर्देश दिये गये थे जिसमें आदिवासियों
के समस्त सहपत्र संलग्न थें ? दोषी के विरूद्ध कितने समय-सीमा में कार्यवाही की
जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही है कि
विधान सभा प्रश्न क्र. १२०९ दिनांक ११.१२.१२ के उत्तर में ३२३२ अपूर्ण कूप
दर्शाये गये थे। भौतिक सत्यापन हेतु गठित जांच कमेटी के जांच के परिणाम स्वरूप
२११२ कूप पूर्ण कराये गये तथा ४३ कूप निरस्त किये गये। १०७७ कूप अभी प्रगतिरत हैं
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यो का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा
रोजगार की मांग पर निर्भर होने से वर्तमान में कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ख)
इंदिरा आवास योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष २०१२-१३ एवं २०१३-१४ में बनाये गये आवासों
के संबंध में विस्तृत जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग)
जी हॉ। उक्त प्रस्ताव में सम्मिलित ४ पात्र हितगाहियों को नियमानुसार इंदिरा
आवास स्वीकृत कर दिया गया है। (घ) जी हॉ। उक्त पत्र पात्रता परीक्षण हेतु प्रेषित
करने के लिए टीपांकित किया गया था जिसमें प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यवाही कर दी गई
है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
ग्यारह जिला पंचायत में जमा जॉंच प्रतिवेदन एवं
SCN.
20. ( क्र. 681 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सीईओ
जिला पंचायत खरगोन को समस्त जनपद पंचायत कार्यालय से वर्ष 2014 एवं 2015 में कुल
कितने जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए है कितने जांच प्रतिवेदन पर निर्णय लिया गया है
तथा कितने जांच प्रतिवेदन कितने समय से लंबित है ? कितने प्रकरण में अधिकारी,
कर्मचारी दोषी पाये गये तथा इन पर क्या कार्यवाही की गई ? सूची देवे।(ख) जिला
पंचायत खरगोन द्वारा जनपद पंचायत सीईओ को वर्ष 2015 में कितने कारण बताओ नोटिस जारी
हुई तथा उनके जवाब प्राप्त हुए, कितने नोटिस के जवाब लंबित है ? (ग) सीईओ जिला
पंचायत खरगोन द्वारा जनपद पंचायत कार्यालयों को वर्ष 2014 एवं 2015 में कुल कितने
जांच प्रतिवेदनों पर पुलिस एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये गये ? कितने प्रकरण में
पुलिस एफआइआर दर्ज हो गई है तथा कितने जांच प्रतिवेदनों में पुलिस एफआईआर कितने समय
से लंबित है ? प्रकरणवार सूची देवे ?(घ) जिला पंचायत कार्यालय खरगोन के विभिन्न
योजनाओं की राशि किन-किन बैंको के खातो में जमा है वर्तमान में कितनी राशि है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जिला पंचायत खरगौन को
समस्त जनपद पंचायत कार्यालय से वर्ष 2014 एवं 2015 में कुल 36 जांच प्रतिवेदन
प्राप्त हुए, प्राप्त 36 जांच प्रतिवेदनों पर निर्णय लिया गया है। कोई जांच
प्रतिवेदन लंबित नहीं हैं। 36 प्रकरणों में 47 अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाये गये। इन
पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार।(ख)जिला पंचायत खरगौन द्वारा जनपद पंचायत सीईओ को वर्ष 2015 में 11
कारण बताओ सूचना पत्र जारी हुए तथा 06 के जवाब प्राप्त हुए, 5 नोटिस के जवाब लंबित
हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार।(ग)सीईओ
जिला पंचायत खरगौन द्वारा जनपद पंचायत कार्यालय को वर्ष 2014 एवं 2015 में कुल 19
प्रकरणों में जांच प्रतिवेदनों के आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये
गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स‘ अनुसार। 01 प्रकरण
में एफआईआर दर्ज हो गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द‘
अनुसार। 18 जांच प्रतिवेदनों में पुलिस एफआईआर वर्ष 2014-15 से लंबित है।
प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ई‘
अनुसार।(घ)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘फ‘
अनुसार।
प्रधानमंत्री सड़क योजना में अधूरी सड़कें
21. ( क्र. 687 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन
जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना द्वारा विगत 05 वर्षों में कितनी सड़कें
निर्मित की गई स्थान सहित, दूरी एवं लागत की जानकारी देवें ? कितनी सड़कें
निर्माणाधीन हैं तथा कितनी सड़कें अप्रारंभ हैं, स्थान, दूरी एवं लागत की जानकारी
देवें ? कितनी सड़कों की सी.सी. जारी की गई है, सड़कवार बतायें ?(ख) प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क योजना क्र. 1 अंतर्गत पैकेज क्र. 2222 की 05 सड़कें लगभग 5.47 करोड़
की लागत से कौन-कौन सी सड़कें बनाई गई ? क्या इन सभी 05 सड़कों की सीसी जारी हो गई
है, दिनांक, सीसी जारी पत्र क्रमांक सहित बताये ? इन सड़कों की पूर्ण होने की
दिनांक क्या थी, यह सड़क कब पूर्ण हुई तथा कब इन सड़कों का निरीक्षण किसके द्वारा
किया गया ?(ग) विभाग अंतर्गत खरगोन की देवला से आवलिया, अंदड से आखापुरा, शकरगांव
से मालखेड़ी, अंजरगांव से पोखर खुर्द एवं बमनाला से वलका सड़कों की प्रशासनिक
स्वीकृति किस दिनांक को प्राप्त हुई, किस दिनांक को कार्य प्रारंभ किया गया, किस
दिनांक को पूर्ण हुआ, इन सड़कों की सी.सी. किस दिनांक को जारी हुई ? इन सड़कों पर
पुलियाओं की स्थिति जर्जर होने की कोई सूचना, शिकायत प्राप्त हुई है ? वर्तमान में
इन सड़कों की स्थिति एवं पुलियाओं की स्थिति कैसी है ?(घ) विभाग द्वारा सभी सड़कों
पर साईन बोर्ड लगाये जाते हैं ? क्या सभी सड़कों पर साईन बोर्ड लगे हैं ? सभी साईन
बोर्डों की वर्तमान में स्थिति क्या है ? बिंदु (ग) की सड़कों की गुणवत्ता किस
उपयंत्री द्वारा कब चेक की गई नाम, पद बतायें ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) खरगौन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विगत
5 वर्षो में 196 सड़कें निर्मित की गई, 36 सड़के निर्माणाधीन है तथा कोई भी सड़क का
निर्माण कार्य अप्रारंभ नहीं है। सभी निर्मित सड़कों (196 सड़कों) के पूर्णता प्रमाण
पत्र जारी कर दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सभी सड़कों के पूर्णता प्रमाण
पत्र जारी किये जा चुके है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
स अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़कों की पुलियाओं
की स्थिति जर्जर होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। वर्तमान में उक्त सड़कों
एवं पुलियों की स्थिति संतोषजनक है। (घ) जी हां, विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम
सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण स्थल पर सूचना पटल लगाये जाते है, लगाये गये सूचना पटल
की वर्तमान स्थिति ठीक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
स अनुसार है।
गरीबी रेखा को राशन कार्ड बाबत्
22. ( क्र. 718 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तह. अन्तर्गत जनवरी 2015 से आज तक गरीबी रेखा राशन
कार्ड हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए है ?(ख) जनवरी 2015 से आज तक कुल कितने गरीबी
रेखा के राशन कार्ड बनाए गए है ?(ग) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील में जनवरी 2015 से
आज दिनांक तक कुल प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पेडिंग है और किस कारण से है
तथा कितने आवेदन निरस्त किये हैं ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) प्रश्नांकित अवधि में सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील में गरीबी रेखा के
राशनकार्ड हेतु क्रमश: 2737 एवं 824 आवेदन प्राप्त हुए हैं।, (ख) प्रश्नांकित
अवधि में सोनकच्द एवं टोंकखुर्द तहसील में क्रमश: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों
के 630 एवं 33 राशनकार्ड बनाये गए हैं।, (ग) सोनकच्द एवं टोंकखुर्द तहसील में
प्रश्नांकित अवधि में क्रमश: 2107 एवं 740 आवेदन अपात्र पाये गए हैं। वर्तमान में
कोई भी आवेदन पत्र लंबित नहीं है।
सावेर विधान सभा क्षेत्र से
संबंधित पत्र व प्रश्नकर्ता द्वारा रोग पत्र कि विषयक
23. ( क्र. 739 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सांवेर
विधानसभा क्षेत्र से संबंधित एवं प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत इंदौर को कौन-कौन से पत्र भेजे गये ? उक्त पत्रों पर विभाग द्वारा अभी
तक क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता
द्वारा भेजे गये पत्रों की अभिस्वीकृति एवं कृत कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया गया
? क्या कृत कार्यवाही से कई पत्रों से अवगत नहीं कराया गया ? यदि हां, तो क्या
कारण है ? इसके लिए कौन दोषी है ?(ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता
द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों / स्थानांतरण हेतु भेजे गये प्रस्तावों पर क्या
कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये
पत्रों में से कितने प्रस्तावों को विभिन्न विभागों द्वारा स्वीकृति प्रदान की
गई व कितनी स्वीकृतियां प्रदान की जाना शेष है ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार।(ख)जिला पंचायत इंदौर द्वारा भेजे गये समस्त पत्रों की अभिस्वीकृति
एवं कृत कार्यवाहीयोें से माननीय विधायक महोदय सांवेर को अवगत कराया गया।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के काॅलम 06 अनुसार।(ग)
निर्माण कार्यो से संबंधित प्राप्त प्रस्तावों की स्थिति निरंक है। स्थानांतरण हेतु
प्राप्त प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स के काॅलम 07 अनुसार।(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द अनुसार।
समग्र स्वच्छता अभियान बी.पी.एल.
सर्वे की योजनाएं
24. ( क्र. 740 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन
द्वारा चलाई जा रही हितग्राही मूलक योजना समग्र स्वच्छता अभियान में छूट गये
हितग्रहियों को पुन: सम्मिलित करने हेतु शासन स्तर पर कोई अभियान चलाया जा रहा है
?यदि हां तो इस कार्य को करने हेतु इन्दौर जिले के जनपद स्तर पर किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों को नियुक्त किया ? नाम सहित सूची उपलब्ध करायें ?(ख)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व में कितने हितग्राहियों को इंदौर जिला अंतर्गत
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में पात्र घोषित किया गया ? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये ।
उक्त अभियान कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा ?(ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छूटे
हुए हितग्राहियों का पुन: सर्वे कराकर शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकेगा ?
समय-सीमा बतायें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी
नहीं। यदि पूर्व में किसी परिवार द्वारा शौचालय बनाने का लाभ न लिया हो अथवा
त्रुटिवश लाभ से वंचित रह गया हो तो ऐसे पात्र परिवारेां के नाम समग्र पोर्टल पर
डाटा संशोधन उपरांत भारत शासन द्वारा नियत संख्या के अधीन जोडे जा
सकेंगे। (ख) प्रश्नांश क के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) प्रश्नांश क के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत नीमखेडी व शाहपुर
को जोड़ने बाबत्
25. ( क्र. 751 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैरसिया
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील बैरसिया के भुजपुरा पंचायत का नीमखेडी ग्राम एवं
तहसील हुजूर की परवलिया सड़क पंचायत का शाहपुर ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजनान्तर्गत जोडे जाने की निर्धारित मापदण्ड के आधार पर पात्रता रखता है ?(ख)
यदि हां, तो विभाग की इस संबंध में क्या कार्य योजना है ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भुजपुरा
का ग्राम नीमखेडा जनसंख्या 622 (वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार) मुख्य मार्ग
बैरसिया-मकसूदन रोड पर स्थित दर्शाया गया है। ग्राम शाहपुर (जनसंख्या 500 वर्ष
2001 की जनगणना अनुसार) तहसील हुजूर को नवीन राजस्व ग्राम घोषित किया गया है उक्त
ग्राम को परवलिया सड़क से जोडने हेतु मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत मार्ग
स्वीकृत है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
गुना जिले में
आर.टी.ओ. विभाग द्वारा समयबद्ध कार्य ना करने बाबत्
26. ( क्र. 771 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या गुना
जिले में गत दो वर्ष पूर्व निर्धारित राजस्व से कम गत वर्ष एवं वर्तमान वर्ष में
वसूल हुआ है ? इसका जिम्मेदार कौन है ?(ख) क्या गुना जिले में आर.टी.ओ. द्वारा
नवीन वाहनों के रजिस्ट्रेशन एवं नम्बर प्लेट वितरण में लापरवाही की जा रही है ।
समय पर नम्बर प्लेटों का वितरण एवं आर.टी.ओ. द्वारा ऑफिस में समय से ना बैठना
मुख्य कारण है, बतावें ?(ग) गुना जिले के परिवहन विभाग में कम राजस्व वसूली एवं
समय पर नागरिकों को रजिस्ट्रेशन एवं नम्बर प्लेट ना मिलने के लिये जिम्मेदार
कौन है ?(घ) क्या गुना जिले के परिवहन विभाग द्वारा ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं
ड्राईविंग लाईसेंस बनाये जाते है ? यदि हां तो निर्धारित समय पर उनके रजिस्ट्रेशन
एवं लाईसेंस तथा नम्बर प्लेट दलालों के माध्यम से वितरण क्यों होते हैं ? कारण
सहित विवरण दें ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) गुना जिले में गत दो वर्ष क्रमश: वर्ष 13-14 एवं 14-15
में निर्धारित लक्ष्य से 1.7 एवं 4.7 करोड राजस्व में कमी रही है । प्राकृतिक
अापदाओं के कारण वाहनों के पंजीयन में कमी के कारण निर्धारित लक्ष्य से कम वसूली
हुई है । (ख) जी नही, गुना जिले मे वाहनों का नवीन पंजीयन
निर्धारित अवधि में किया जा रहा है । पंजीयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की
लापरवाही न करते हुये एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य किया जा रहा है । वर्तमान
में नवीन वाहनों पर नंबर प्लेट विभाग द्वारा नही बल्कि वाहन स्वामी द्वारा स्वयं
लगाई जाती है। जिला परिवहन अधिकारी द्वारा नियमित रूप से कार्यालय में बैठकर कार्य
संपादित किये जाते है ।(ग) प्रश्नांश क एवं ख्ा के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नही उठता है । (घ) जी हॉ, गुना जिले
में ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन एवं ड्रायविंग लायसेंस बनाये जाते है तथा रजिस्ट्रेशन
कार्ड एवं लायसेंस कार्ड निर्धारित प्रक्रिया अनुसार समय पर पंजीकृत डाक से आवेदक
द्वारा प्रस्तुत अंकित पते पर भेजे जाते है । दलालो के माध्यम से वितरण नही किया
जाता है ।
कृषि उपज मण्डी समिति, गुना के प्रशासनिक अधिकारियों
द्वारा की गई अनियमितता
27. ( क्र. 772 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान
सभा ता.प्रश्न संख्या - 25 (क्रमांक 876) की जानकारी दी गई कि कृषि उपज मण्डी
समिति, गुना द्वारा दिनांक 26.07.2014 के प्रस्ताव क्रं.22 के अनुसार पूर्व में
स्वीकृत निर्माण कार्यों की निविदा दर की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है
क्या उक्त प्रस्ताव पारित ही नहीं हुआ जिसे विलोपित किया गया ?(ख) क्या सचिव
श्री एम.पी.शर्मा द्वारा पत्र क्रं.2090 दिनांक 25.08.2014 को दिनांक 26.07.2014 की
मण्डी समिति की बैठक के प्रस्तावों की सत्यप्रति प्रश्नकर्ता को दी गई है ।
जिसमें उक्त प्रस्ताव विलोपित किया गया है ? (ग) यदि हां तो विधान सभा में गलत
जानकारी देने पर सचिव कृषि उपज मण्डी समिति पर क्या कार्यवाही की गई ?(घ) क्या
मंत्री जी को, प्रबन्ध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को भी पत्र दिनांक 28.4.2015 से
अवगत कराया था ? क्या कृषि उपज मण्डी गुना के अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे ?
यदि हां, तो कब तक ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन
) : (क)जी हॉ। शेष के संबंध में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच उपरांत
तथ्यों के आधार पर उक्त प्रस्ताव के पारित अथवा विलोपित होने की स्थिति स्पष्ट हो
सकेगी।(ख)जी हॉ। शेष उत्तरांश (क)अनुसार है।(ग)उत्तरांश(क) में उल्लेखित जांच
उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।(घ)जी हॉ।जांच उपरांत दोषियों के
विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
मण्डी बोर्ड के सेवानिवृत्त अधिकारियों को संविदा पर
रखा जाना
28. ( क्र. 843 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या म.प्र. शासन में रोजगार गारंटी अधिनियम/लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत
सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को संविदा के अंतर्गत नियुक्ति का प्रावधान है
? (ख) यदि हां तो कितने विभागों में रिटायर्ड अधिकारी/कर्मचारी को संविदा नियुक्ति
का प्रावधान है ? यदि नहीं तो कब तक ऐसे प्रावधान निर्मित किये जायेंगे ? (ग)
प्रश्नांक (क) एवं (ख) के अनुसार क्या म.प्र. राज्य मंडी बोर्ड में भी रिटायर्ड
अधिकारी/कर्मचारी को संविदा नियुक्ति का प्रावधान है ?(घ) यदि नहीं तो कब तक ऐसे
प्रावधान निर्मित किया जायेगा ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ।(ख)जानकारी एकत्र की जा रही है।(ग)प्रश्नांश (क)
एवं (ख) के परिपेक्ष्य में रोजगार गारंटी अधिनियम/लोक सेवा गांरटी अधिनियम के
अंतर्गत्ा नही, पंरतु राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 में संविदा नियुक्ति का
प्रावधान है।(घ)उत्तरांश "ग" के परिपेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है
।
समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत योजना का संचालन
29. ( क्र. 844 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत योजना प्रारंभ होने से माह सितम्बर
2015 तक पंचायत वार विकास खण्डवार कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी ? (ख) कितने
कार्य पूर्ण हुये एवं कितने कार्य अपूर्ण है ?(ग) ऐसी एजेंसी जिनके द्वारा कोई
कार्य नहीं कराया गया उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? सूची सहित प्रस्तुत
करें ? (घ) जिन एजेंसियों के द्वारा कार्य नहीं कराया गया उनके विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की जायेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) 39558
शौचालय पूर्ण एवं 6413 शौचालय अपूर्ण है। (ग) एजेंसीयों के विरूद्ध पंचायत
अधिनियम की धारा 92 के तहत वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ में दर्शित है। (घ) प्रकरण
अनुविभागीय न्यायालय मे प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
नरसिंहगढ़ विधानसभाओं में खाद्यन पर्ची वितरण
30. ( क्र. 883 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या म.प्र.
शासन द्वारा अनु.जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों को खाद्यान पर्ची वितरित करने का
कोई नियम है ? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के समस्त
अनु.जाति/अनु.जनजाति के लोगों को खाद्यान पर्ची उपलब्ध करा दी गई है ? अगर नहीं तो
क्यों ? क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य
सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत मध्यप्रदेश
में निवासरत समस्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों (प्रथम, द्वितीय एवं
तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी एवं आयकरदाता को छोड़कर) को प्राथमिकता परिवार के
रूप में सम्मिलित किया गया है जिनको सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची को
(ई-राशनकार्ड) स्थानीय निकाय के माध्यम से वितरण कराया जाता है। (ख)
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आवेदन करने वाले 6,645 अनुसूचित जाति/जनजाति के
सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। पात्र परिवारों का
सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिलें के ग्रामीण यांत्रिकी की
पदस्थापना
31. ( क्र. 940 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) अनूपपुर जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग राजेन्द्रग्राम,
पुष्पराजगढ़ में श्री सुमेर सिंह, उप यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, पुष्पराजगढ़
में कब से कार्यरत हैं ? श्री सुमेर सिंह, उपयंत्री के तकनीकी मार्गदर्शन में
पुष्पराजगढ़ में किन-किन ग्राम पंचायतों में पुलिया/रपटा/ सीसी मार्ग निर्माण
ग्रेवल मार्गों की किस वर्ष में कितनी-कितनी प्रशासकीय स्वीकृति की राशि का
निर्माण कार्य कराया गया है ? क्या उक्त सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण व निर्धारित
मापदण्ड के हैं ? (ख) यदि नहीं तो क्या इनके कार्यकाल में कराये गये सभी
निर्माण कार्यों की जांच उच्च तकनीकी विशेषज्ञों से कराई जायेगी ? (ग) क्या
शासन के निर्देशानुसार कार्यपालिक पद पर लगातार तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही
अनुविभाग में कार्यरत होने के कारण इनका स्थानांतरण किया जाना प्रस्तावित है ?
यदि हां, तो कब तक स्थानांतरण किया जायेगा, निरंतर पदस्थी के क्या कारण हैं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जी नहीं। अनूपपुर जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग राजेन्द्रग्राम,
पुष्पराजगढ़ में श्री सुम्मेद सिंह उपयंत्री दिनांक 07.08.2006 से कार्यरत है।
श्री सुम्मेद सिंह उपयंत्री के तकनीकी मार्गदर्शन मे पुष्पराजगढ़ में कराये गये
कार्यो की जानकारी
पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यो
की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रतिवेदित है। (ख)
उत्तरांश ''क'' के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग)जी नही। अत: शेष प्रश्न उपस्थित
नही होता।
म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल में
भर्ती
32. ( क्र. 941 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल द्वारा वर्ष 2014 के दौरान कितने
पीएफटी मेंबर की भर्ती की गई तथा उनकी कहां-कहां से पदस्थापना की गई, उनके गृह
जिले कौन-कौन से हैं ? (ख) भर्ती विज्ञापन में कौन-कौन से जिलों में रिक्तियॉं
दर्शाई गई थी ? (ग) वर्ष 2014 में नियुक्त किन-किन पीएफटी मेंबरों द्वारा
पदस्थापना पश्चात अन्य जिलों में स्थानांतरण हेतु आवेदन पत्र राज्य स्तरीय
कार्यालय भोपाल में प्रस्तुत किये गये ? सूची उपलब्ध करायें ? उनमें से कितने के
स्थानांतरण किये गये तथा कितने लोगों के स्थानांतरण अभी तक नहीं किये गये और
क्यों ? (घ) वर्ष 2014 में स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों में जिनके
स्थानांतरण किये जाने शेष है, उनके स्थान परिवर्तन आदेश क्या जारी किये जायेंगे
? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों ? पूर्व में क्यों स्थान परिवर्तन किये
गये ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य
ग्रामीण आजीविका मिशन, भोपाल द्वारा वर्ष 2014 के दौरान 208 पीएफटी मेंबर की भर्ती
की गई है। अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है। (ख) भर्ती विज्ञापन
में अनूपपुर, अलीराजपुर, मंडला, झाबुआ, बडवानी, डिंडौरी, धार, शहडोल एवं श्योपुर
में रिक्तियां दर्शाई गई हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार
है। प्राप्त आवेदनों में से 05 के स्थानांतरण किए गए तथा 49 आवेदकों के स्थानांतरण
पर निर्णय नहीं लिया गया है। पद उपलब्धता एवं प्रशासकीय आवश्यकता की दृष्टि से
स्थानांतरण नहीं किए गये हैं। (घ) स्थान परिवर्तन विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के घटिया
निर्माण के संबंध में
33. ( क्र. 986 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 388 दिनांक 08.09.2015 द्वारा पोहरी मोहना रोड़ से
नानौरा तक निर्मित प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के घटिया निर्माण के संबंध में
महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जिला शिवपुरी को अवगत कराया गया था ?
(ख) क्या उक्त पत्र पर महाप्रबंधक द्वारा कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं
की गयी है और न ही किसी प्रकार की जांच की गयी और न ही प्रश्नकर्ता को इस संबंध
में कोई पत्राचार किया गया ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में क्या उक्त
घटिया सड़क निर्माण की जांच राज्य स्तरीय अधिकारियों द्वारा करायी जाकर दोषी
व्यक्तियों को दण्डित किया जावेगा व कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। उक्त पत्र पर कार्यवाही कर पोहरी मोहना
रोड से नानौरा सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण नेशनल क्वालिटी मॉनीटर से कराये जाने
की पूर्व सूचना महाप्रबंधक ने पत्र क्रमांक 780 दिनांक 13.10.2015 द्वारा माननीय
विधायक को दी गयी थी। उक्त सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण नेशनल क्वालिटी मॉनीटर
द्वारा दिनांक 23.10.2015 को किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क के
नेशनल क्वालिटी मॉनीटर के निरीक्षण में एक पुलिया में सुधार कार्य की आवश्यकता
प्रतिवादित करते हुये सड़क की गुणवत्ता संतोषप्रद पायी गई। तत्पश्चात् पुलिया में
सुधार कार्य करवा कर एक्शन टेकन रिपोर्ट स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा कराया गया
है। अतः अन्य किसी जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनियमितताओं के संबंध
में
34. ( क्र. 987 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शिवपुरी जिले
में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन
सी उचित मूल्य की दुकानों पर गंभीर अनियमितताऐं पाये जाने के कारण दुकानें हटाकर
अन्य संस्थाओं पर संबद्ध की गयी है जानकारी दुकानवार, संस्थावार, परिवर्तन की
तिथि व कारण स्पष्ट करते हुए अनुभागवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें ? (ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उचित मूल्य की दुकानों, संचालकों व पदाधिकारियों पर
एफ.आई.आर दर्ज की गयी है यदि हां, तो किस-किस दुकान व संस्था के नाम सहित जानकारी
उपलब्ध करावें ? (ग) क्या एक ही प्रकार की अनियमितताऐं पाये जाने पर अलग-अलग
कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है यदि हां, तो उक्त प्रावधानों से अवगत करावें ?
(घ) यदि नहीं तो प्रश्नांश (क) अनुसार अनियमितताऐं पाये जाने पर किस-किस दुकान को
मात्र संस्था से हटाकर अन्य संस्था पर अटैच किया गया है उसके विरूद्ध एफ.आई.आर.
की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी दुकानवार पूर्ण विवरण सहित स्पष्ट बतावें इसके
लिये कौन-कौन दोषी है व उस पर कार्यवाही की जावेगी ?
खाद्य मंत्री (
कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार है।, (ख) जी हॉं। जानकारी का विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘ब‘
अनुसार है।, (ग) प्रत्येक प्रकरण में अनियमितता
पाए जाने पर गुणदोष के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा विभागीय कार्यवाही अथवा
अभियोजन की कार्यवाही या दोनों कार्यवाही करने का निर्णय लिया जाता है।, (घ)
प्रश्नांश 'क' अनुसार अनियमितता पाए जाने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
'स' अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों व सहकारी संस्थाओं
को निलंबित कर अन्य संस्था पर अटैच किया गया है। जिस प्रकरण में गंभीर
अनियमितताऐं पाई गई है, वहां सक्षम अधिकारी द्वारा दुकान संचालकों के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है। उक्त से भिन्न प्रकार के प्रकरण में
सक्षम अधिकारी द्वारा भिन्न कार्यवाही की गई है। सक्षम अधिकारी द्वारा
अर्धन्यायीक प्रकिया अन्तर्गत कार्यवाही किए जाने से किसी के दोषी होने का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक न्याय संचालित एन.जी.ओ. की
जानकारी
35. ( क्र. 998 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दतिया जिले
में ऐसी कितनी संस्थायें हैं, जो N.G.O. द्वारा संचालित होकर राज्य शासन एवं
केन्द्र शासन से अनुदान प्राप्त कर रही है उनके नाम/कार्य क्षेत्र का
विवरण/पता/संचालित एजेन्सी के नाम सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे
?(ख) कंडिका (क) में वर्णित संस्थाओं के औचक निरीक्षण किये जाते हैं कि नहीं ? यदि
हां, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये विगत तीन वर्षों का निरीक्षण
प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराया जावे ? (ग) उक्त संस्थाये किराये के भवन से
संचालित हो रही है या इनके निजी भवन है तथा इनमें कौन-कौन कर्मचारी किस वेतनमान पर
कार्यरत है ? इन संस्थाओं को वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान के रूप में
कितनी राशि केन्द्र/राज्य शासन द्वारा दी गई है सूची उपलब्ध कराई जावे ?
विकासखण्डवार क्या यह सत्य है कि दतिया में संस्थायें अपने कार्य क्षेत्र में
सक्रिय नहीं है सिर्फ केन्द्र/राज्य शासन से अनुदान के उद्देश्य से संचालित हो
रही है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है(ख)निरीक्षण प्रतिवेदन
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है(ग)केन्द्र एवं राज्य बजट से
कोई अनुदान राशि स्वीकृत नहीं की गई है।निराश्रित निधि से स्वीकृत राशि की जानकारी
परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है।संस्था का नियमित संचालन होने पर ही अनुदान दिया जाता
है।जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है ।
बीज ग्राम योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण
36. ( क्र. 1002 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
दतिया जिलान्तर्गत वर्ष 2013-14 एवं 14-15 बीज ग्राम योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण
बाबत् कितना बजट (आवंटन) खरीफ/रवि की फसल के लिये दिया गया एवं इसके विरूद्ध कृषि
विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार वितरित की गयी ?(ख) कंडिका (क) में
वर्णित राशि के उपयोग के लिये वरिष्ठ कृषि अधिकारियों द्वारा किस-किस दिनांक को
किन अधिकारियों द्वारा किस-किस ग्राम में कितने किसानों को प्रशिक्षण दिलाया गया
तथा राशि का कौन-कौन से मद से व्यय किया गया विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायी
जाये ?(ग) क्या दतिया जिले में विगत कई वर्षों से एक ही परिवार के लोगों को
बार-बार लाभ दिया जा रहा है एवं अधिकारियों व दलालों की मिली भगत से शासन की
योजनाओं का दुरूपयोग किया जा रहा है ? यदि नहीं तो विगत 3 वर्षों की हितग्राहियों
की सूची उपलब्ध करायी जाये ?(घ) एक ही योजना में एक पंचवर्षीय में एक ही व्यक्ति
को कितनी बार लाभान्वित किया जा सकता है ? यदि नियम विरूद्ध कार्य हुआ है तो उसके
लिये कौन-कौन से अधिकारी तथा कौन-कौन से वितरक दोषी है एवं उनके विरूद्ध क्या
कार्यवाही की जायेगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज
बिसेन ) : (क)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
खाद्य प्रभावित किसानों की खाद्यान्न पर्ची का वितरण करने
बाबत्
37. ( क्र. 1011 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2014-15 में प्रभावित ऐसे परिवार जिनकी फसलों की
प्राकृतिक आपदा से क्षति 50% या उससे अधिक हो, ऐसे परिवारों को राष्ट्रीय
खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित
किया जाना है ? रवि विपणन वर्ष 2015 में विधानसभा क्षेत्र नागौद के अंतर्गत विकास
खण्ड उचेहरा नागौद के कितने कृषकों को खाद्यान्न सामग्री प्राप्त करने हेतु
पात्रता पर्ची प्रदाय की गई ? सूची दें तथा शेष किसान एवं अन्य पात्रताधारियों को
कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जायेगी बताएं और अब तक पर्ची जारी न करने के
लिये कौन उत्तरदायी है ? (ख) प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा राशन
वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा सार्वजनिक
वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 15(1) के अंतर्गत उचित मूल्य
दुकानों के अनियमितताओं की जांच उचेहरा एवं नागौद तहसील के किन-किन दुकानों की वर्ष
2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा कब-कब की गई और उसमें क्या
अनियमितताएं पाई गईं ? पृथक-पृथक कार्यवाहीवार विवरण दें ?
खाद्य मंत्री
( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हॉ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,
2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित
ऐसे परिवार जिनकी फसल की प्राकृतिक आपदा से क्षति 50% या उससे अधिक हुई हो उन्हें
प्राथ्ामिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। इसके अंतर्गत केवल वे ही
हितग्राही सम्मिलित किये गये है जो वर्तमान में सार्वजनिक विरतण प्रणाली की किसी भी
श्रेणी में सम्मिलित नहीं है। रबी विपणन वर्ष 2015 में विधानसभा क्षेत्र नागौद के
अंतर्गत विकासखण्ड उचेहरा के 50 एवं नागौद के 77 कृषको को खाद्यान्न सामग्री
प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) प्रदाय की गयी है। पात्रता
परिवारों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। सत्यापित समस्त परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड)
जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना
सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।, (ख) प्रश्नकर्ता माननीय
सदस्य द्वारा तहसील उचेहरा एवं नागौद की उचित मूल्य दुकानों से सामग्री वितरण के
संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम पंचायत बाबूपुर के उप सरपंच एवं
अन्य प्रतिनिधियों द्वारा सेवा सहकारी संस्था, बाबूपुर द्वारा संचालित उचित
मूल्य दुकान बाबूपुर से सामग्री वितरण न करने के संबंध में शिकायत की गई थी जिसकी
जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, उचहेरा द्वारा की गई। जांच में पाई गई अनियमितता का
प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। पाई गई
अनियमितता के फलस्वरूप दिनांक 31.07.2014 को दुकान निलंबित कर अर्चित महिला
प्राथमिक उपभोक्ता भंडार से संलग्न की गई। सेवा सहकारी संस्था, बाबूपुर द्वारा
दुकान निलंबन आदेश के विरूद्ध अपर कलेक्टर न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई
जिसमें अपर कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के निलंबन आदेश को
निरस्त किया गया। प्रबंधक, अर्चित महिला प्राथमिक उपभोक्ता भंडार द्वारा अपर
कलेक्टर न्यायालय के आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका
प्रस्तुत कर स्थगन दिया गया है।
पेंशन राशि का नियमित कराने बाबत्
38. ( क्र. 1012 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सामाजिक सुरक्षा, निराश्रित, वृद्धावस्था विकलांग (नि:शक्तजन) विवाह अनुदान विधवा
पेंशन भुगतान किये जाने हेतु शासन के दिशा निर्देश/मापदण्ड क्या हैं ? प्रति
उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र नागौद के
हितग्राहियों को कब से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया ? कारण बताएं और कब तक भुगतान
कर दिया जायेगा ? अब तक भुगतान न करने के लिए कौन उत्तरदायी हैं ? (ग) ग्रामीण
क्षेत्र के हितग्राहियों को बैंक/पोस्ट आफिस के नजदीकी केन्द्र से कराने हेतु
क्या व्यवस्था की गई है, जिससे हितग्राहियों को लम्बी दूरी तय कर पेंशन लेने न
जाना पड़े ?(घ) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के संबंध में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न
दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं ? उन पर क्या कार्यवाही की गई
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1अनुसार है।(ख)विधान सभा क्षेत्र नागौद के
हितग्राहियों को माह नवम्बर 2015 तक पेंशन का भुगतान कर दिया गया है।शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है।(ग)
ग्रामीण क्षेत्र के संबंध में संचालित बैंक/पोस्ट आफिस तथा कियोस्क सेंटर के
माध्यम से शिविर लगाकर पेंशन भुगतान की व्यवस्था की गई है।(घ) 231 शिकायतें जनपद
पंचायत नागौद से प्राप्त हुई थी,जिसका निराकरण किया
गया।
सहकारी समितियों के दोषी शाखा प्रबंधकों पर कार्यवाही
39. ( क्र. 1030 ) डॉ.
रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या सहकारी के. बैंक मर्या. होशंगाबाद से संबद्ध हरदा जिले की सहकारी समितियों
में खरीफ वर्ष 2011 में 10410 कृषकों को 28.45 करोड़ से अधिक की राशि का क्लेम
भुगतान किया गया है ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सहकारिता विभाग
द्वारा किये गये ऑडिट में 7 करोड़ रू. से अधिक की वित्तीय अनियमितता पाये जाने पर
बैंक द्वारा पुलिस थाना हरदा में आ.प्र.क्रमांक-150/2015 दर्ज किये जाने के बाद भी
संबंधित शाखा प्रबंधकों को उसी शाखा में पदस्थ रखने का क्या कारण है ?(ग) क्या
अनियमितता के दोषी शाखा प्रबंधकों पर कोई कार्यवाही की जाकर उन्हें निलंबित किया
जावेगा ?(घ) यदि कोई कार्यवाही की जावेगी तो क्या व कब तक ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, खरीफ 2011 में 10,410 कृषक
सदस्यों की फसल बीमा क्लेम की राशि रूपये 2845.59 लाख प्राप्त हुई थी, जिसमें से
राशि रूपये 2103.33 लाख पात्र सदस्यों के खातों में समायोजित की गई. अपात्र सदस्यों
की बीमा प्रीमियम की राशि रूपये 37.39 लाख कम कर शेष राशि रूपये 704.87 लाख बीमा
कंपनी को वापस भेजी जा चुकी है. (ख) वर्ष 2011 एवं 2012 में ही संबंधित शाखा
प्रबंधकों को अनियमितता प्रकाश में आने पर उनकी पदस्थ शाखाओं से स्थानान्तरित कर
दिया गया था, केवल एक प्रभारी शाखा प्रबंधक श्री के.सी. सारन को मुख्य शाखा हरदा
में राशि रूपये 2.77 करोड़ की सिलक शार्टेज की घटना होने से एवं स्टाफ की कमी को
दृष्टिगत रखते हुये पुनः दिनांक 26 फरवरी, 2015 को प्रभारी शाखा प्रबंधक, मुख्य
शाखा हरदा में पदस्थ किया गया था, जिन्हें दिनांक 30.11.2015 को वापस हटा दिया गया
है. (ग) दोषी पाये गये शाखा प्रबंधकों को बैंक कर्मचारी सेवानियम के तहत सेवामुक्ति
दण्ड प्रस्तावना के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर, उनके विरूद्ध विभागीय जांच
संस्थित की गई है, जो वर्तमान में गतिशील है. अनियमितता के दोषी 07 प्रभारी शाखा
प्रबंधकों में से 02 सेवानिवृत्त हो चुके हैं, 01 अन्य प्रकरण में सेवामुक्त हो
चुका है, 02 अन्य प्रकरण में निलंबित है तथा शेष 02 शाखा प्रबंधकों को बैंक में
स्टाफ की कमी एवं कार्य की अधिकता के कारण संचालक मंडल द्वारा निलंबन की कार्यवाही
में शिथिलता बरतने का निर्णय लिया गया है, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये बैंक को
संचालक मंडल के उक्त निर्णय की समीक्षा कर पुनर्विचार करने हेतु लिखा गया है. (घ)
उत्तरांश "ग" अनुसार, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं.
बदरवास जनपद
पंचायत के अंतर्गत जारी पूर्णता प्रमाण पत्र (सी.सी) की जानकारी
40. ( क्र. 1032 ) श्री
रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 2014-15 एवं 2015-16 में
दिनांक 15.11.2015 तक सहायक यंत्री मनरेगा जनपद पंचायत बदरवास ने पूर्णता प्रमाण
पत्र जारी किया है यदि हां तो कितने निर्माण कार्यो का कितनी राशि का जारी किया
वर्षवार जानकारी दें ? (ख) वर्णित अवधि में जारी सी.सी. के कार्यों का भौतिक
सत्यापन किसके द्वारा किया गया ? क्या भौतिक सत्यापन में निर्माण कार्य मानक
स्तर के थे ? उक्त कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति कितनी राशि की थी और सी.सी.
कितनी राशि की जारी की गई ? (ग) शासन द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत सी.सी. जारी
करने हेतु कौन-कौन अधिकारी को अधिकृत किया गया है ? यदि अधिकृत अधिकारी द्वारा
पूर्णता प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं, तो क्या शासन ऐसे सभी कार्यों
की जांच कराएगा ? यदि हां, तो कब तक ? (घ) नियमानुसार कार्य प्रारंभ होने के
पश्चात कितनी अवधि में गुणवत्तापूर्वक कार्य पूर्ण कराकर सी.सी. जारी की जाना
चाहिए ? तथा सी.सी. जारी करने हेतु अधिकृत कार्यालय कौन-कौन से अधिसूचित किए गए हैं
? क्या कार्यालय सहायक यंत्री, मनरेगा नाम से कोई कार्यालय शासन द्वारा अधिसूचित
है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) हॉ। प्रश्नाधीन
अवधि में ६२१ निर्माण कार्यो के लिये पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किया गया है वर्षवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्णित अवधि में जारी सी.सी.
के कार्यो का भौतिक सत्यापन सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। भौतिक सत्यापन में
निर्माण कार्य मानक स्तर के पाये गये। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य के भौतिक सत्यापन के पश्चात कार्य की
सी.सी.जारी करने के पूर्व सहायक यंत्री के साथ कार्यक्रम अधिकारी को कार्य पूर्णता
प्रमाण पत्र पर प्रतिहस्ताक्षरित करने के निर्देश हैं। परिशिष्ट अनुसार जारी
प्रमाण पत्रों पर कार्यक्रम अधिकारी के प्रतिहस्ताक्षर नहीं हुए हैं। अपूर्ण/अधूरे
कार्यो का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होना संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही
की जायेगी। (घ) कार्य प्रारंभ होने के पश्चात कार्य का पूर्ण होना कार्य के प्रकार
तथा जॉबकार्डधारियों द्वारा रोजगार की मांग एवं निर्माण सामग्री की उपलब्धता पर
निर्भर करता है। अतएव कार्य प्रारंभ होने के पश्चात कितनी अवधि में पूर्ण हो
सकेगा, इसका कोई निश्चित नियम नहीं है। सी.सी. सामान्य रूप से संबंधित
क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा जारी की जाती है। इस हेतु पृथक से कोई कार्यालय
अधिसूचित नहीं है। कार्यालय सहायक यंत्री, मनरेगा के नाम से कोई कार्यालय शासन
द्वारा अधिसूचित नहीं है।
नागदा को विकास खण्ड का दर्जा
41. ( क्र. 1055 ) श्री दिलीप
सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्ड खाचरौद में 218 ग्राम एवं 130 ग्राम
पंचायतें है। भौगोलिक दृष्टि से यह 110 कि.मी. वर्ग क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
विकासखण्ड से कई पंचायतों की दूरी करीब 60-70 कि.मी. तक है ? (ख) क्या ग्रामीण
क्षेत्रों की सड़कों की स्थिति खराब होने से जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों को
विकासखण्ड तक जाने में काफी परेशानियों होती है ? (ग) यदि हां, तो नागदा जिले का
सबसे बड़ा शहर एवं विकासखण्ड के मध्य में स्थित होने से नागदा को विकासखण्ड का
दर्जा देने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई है ? (घ) शासन
द्वारा नागदा तहसील को कब तक विकासखण्ड का दर्जा प्रदान किया जावेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जी, हॉ । (ख) जी, हॉ । (ग) भारत शासन द्वारा इसमें निर्णय लिया
जाता है । (घ) उत्तर ''ग'' के अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नही होता
।
प्रधानमंत्री सी.सी. रोड के दोनों ओर नालियों का
निर्माण
42. ( क्र. 1056 ) श्री दिलीप
सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित प्रधानमंत्री
सी.सी. रोड के दोनों ओर पानी निकासी हेतु नालियों बनाये जाने का क्या योजना में
प्रावधान था ? (ख) यदि स्टीमेट में दोनों ओर नालियां बनाये जाने का प्रावधान था,
तो कितनी जगह नालियां बनाई गईं एवं कितनी जगह नहीं बनाई गई ? सूची उपलब्ध करावें ।
(ग) यदि ऐसा नियम नहीं है, तो शासन पानी निकासी हेतु नालियां बनाने का प्रावधान
करेगा ? (घ) शेष जगह जहां नालियां नहीं हैं वहां कब तक बनाई जावेंगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां। (ख)
जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्थल की
आवश्यकतानुसार डी.पी.आर. में नाली निर्माण का प्रावधान रखा जाता है। अपरिहार्य
कारणों से नाली निर्माण न होने अथवा कार्य पूर्णता उपरांत नाली की आवश्यकता प्रतीत
होने पर गारंटी अवधि के पश्चात्, किये जाने वाले संधारण कार्यो के प्राक्कलन में
स्थल की आवश्यकतानुसार नाली निर्माण का प्रावधान किया जा सकेगा। (घ) निश्चित
समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड
उपलब्ध कराये जाना
43. ( क्र. 1065 ) श्री सुशील
कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार प्रदेश के समस्त किसानों को शत
प्रतिशत मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है ? (ख) यदि
हां, तो प्रश्नांश (क) के अनुसार जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में
कुल कितने मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य था एवं कितने उपलब्ध
कराये गये ? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें । (ग) शासन की मंशा के अनुरूप क्या इन
योजना को शत प्रतिशत सफलता मिली ? यदि हां, तो शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों पर
कोई कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्यों ? क्या कार्यवाही की जावेगी, तो कब तक
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी
हॉ।(ख)प्रदेश में शतप्रतिशत कृषकों को स्वाईल हैल्थ कार्ड प्रदाय करने की योजना
वर्ष 2015-16 से प्रारंभ हुई है,जिसमें तीन वर्षो में सभी कृषकों को मृदा स्वास्थ्य
कार्ड प्रदाय किये जाना है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट
1 एवं 2 पर है।(ग)शासन की मंशा के अनुरूप मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषकों को उपलब्ध
कराने की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
बारह सूरज धारा योजना बाबत्
44. ( क्र. 1066 ) श्री सुशील
कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सूरज धारा योजना के अंतर्गत जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन
से वीजों का वितरण कितनी मात्रा में किया गया ?(ख) यह वीज किन-किन संस्थाओं से
किस-किस दर पर क्रय किये गये ?(ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सूरज धारा योजना के
अंतर्गत क्रय बीजों की दरें क्या राज्य शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप की
या इन दरों में कोई अंतर था ? यदि हां तो कितना ?(घ) जबलपुर जिले में सूरज धार
योजनान्तर्गत वितरित वीज एवं हितग्राहियों की महिला एवं पुरूषों की संख्या
विधानसभा क्षेत्रवार बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है।(ख)विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है।(ग)जी हां, विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-3 पर है।(घ)विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर
है।
बीज समितियों द्वारा प्रदत्त बीज मानक
45. ( क्र. 1070 ) श्री
ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) जिला होशंगाबाद में कितनी बीज उत्पादन समितियॉ है ? वरिष्ट कृषि विकास
अधिकारी कार्यालयवार बतायें ? (ख) बीज उत्पादन समितयॉ मानक स्तर का बीज तैयार
करने हेतु किन-किन कृषकों को सीड प्रोग्राम देते हैं ? रबी एवं खरीफ तथा इनसे कितना
बीज किस-किस प्रजाति का कितना क्रय करती है ? इन कृषकों का किस-किस इंस्पेक्टर
द्वारा रबी सीजन एवं खरीफ सीजन में वर्ष 2014-15 में निरीक्षण किया गया ? इन सीड
प्रोग्रामों के प्लाटों का बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किन-किन इंस्टपेक्टर
एवं अधिकारी द्वारा कृषकों के प्लाटों का निरीक्षण किया जाता हैं ? तथा इस सीड का
सत्यापन एवं इनकी गुणवत्ता की जांच किसके द्वारा की जाती हैं ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जिला-होशंगाबाद में कुल
32 बीज उत्पादन समितियां हैं।वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालयवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)बीज उत्पादन समितियां मानक
स्तर का बीज तैयार करने हेतु स्वयं कृषकों का चयन कर उन्हें सीड प्रोग्राम देती
हैं। जिले की बीज समितियों द्वारा खरीफ 2014 में कुल 17570.10 क्विं. तथा रबी
2014-15 में कुल 84410.00 क्विं बीज मात्रा उनके पंजीकृत कृषकों से क्रय की गई। बीज
उत्पादक समितिवार विस्तृत जानकारी एवं इनके निरीक्षणकर्ता अधिकारी की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।(खरीफ 2014 एवं रबी 2014-15
में बीज उत्पादक समितिवार पंजीकृत कृषकों के बीज लाट्स का निरीक्षण करने वाले सहायक
बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3
एवं 4 अनुसार है।सीड प्रोग्राम के प्लाटों का निरीक्षण मूलरूप से संस्था के सहायक
बीज प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा किया जाता है। उप एवं बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों
द्वारा भी सीड प्रोग्राम के प्लाटों का निरीक्षण आवश्यकतानुसार किया जाता है। बीज
उत्पादक संस्थाओं द्वारा उपार्जित किये गये बीज का सत्यापन प्रक्रिया केन्द्र पर
सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा किया जाता है।बीज प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के
अंतर्गत भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों में दिये गये प्रावधान के अनुसार
संस्था की बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में उपार्जित बीज लाटों की गुणवत्ता का परीक्षण
किया जाता है।
सहकारी समिति मर्यादित वारा जिला बालाघाट में गबन
विषयक
46. ( क्र. 1112 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विषयांकित सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा सोसाइटी के कर्मचारी गुलाब सिंह क्षीरसागर के
खिलाफ सोसइटी के 13,60,405/ रूपये गबन संबंधी एफ.आई.आर. थाना किरनापुर में की गयी
है ?(ख) क्या उक्त कर्मचारी द्वारा राशि में हेर फेर का काम सत्र 2013-14 से किया
जा रहा है ? उक्त सोसाइटी का ऑडिट किसके द्वारा किया गया ? ऑडिट के दौरान यह
गड़बड़ी सामने क्यों नही आयी इस संबंध में ऑडिट पर क्या कार्यवाही की गयी ?(ग)
सोसाइटी के कर्मचारियों के हाथों में लाखों रूपये की राशि के कारोबार पर शासन की ओर
से कौन नियंत्रण करता है ? उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बालाघाट द्वारा इस प्रकरण
में क्या-क्या कार्यवाही की गयी है ?(घ) गबन की राशि को वसूल करने के लिए राज्य
शासन क्या कार्यवाही करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी हां. (ख) जी हां. श्रीमति हंसा टेंभरे, अंकेक्षण अधिकारी, सहकारिता
बालाघाट. अंकेक्षक द्वारा उक्त आर्थिक अनियमितता का उल्लेख अंकेक्षण टीप में किया
गया है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) सहकारी संस्था सदस्यों द्वारा
संचालित होने से संस्था के कर्मचारियों एवं उनके कार्यो पर संस्था के संचालक
मण्डल का नियंत्रण होता है, उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, बालाघाट द्वारा प्रकरण
में संबंधित संस्था के कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिये संस्था प्रबंधक को
निर्देशित किया गया है एवं गबन की राशि में से राशि रू. 3,09,933/- वसूली की जा
चुकी है शेष राशि रू. 10,50,472/- की वसूली हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम
1960 की धारा 58 (बी) के तहत कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. (घ) उत्तरांश "ग" के अनुसार
वसूली की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट
द्वारा सोसाइटियों से बारदानों की राशि की कटौती
47. ( क्र. 1113 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
वर्ष 2015-16 में विषयांकित बैंक द्वारा पंचनामा किये हुए खराब बारदाने वापस न ले
जाकर खराब बारदानों सहित सोसाइटियों में रखे हुए समस्त बारदानों की राशि
सोसाइटियों से काट ली गयी है ?(ख) वर्ष 2015-16 में जिले की किन-किन सोसाइटियों से
बारदानों की कितनी-कितनी राशि बैंक द्वारा काटी गयी है विस्तृत जानकारी दें ?(ग)
खराब बारदाने वापस न ले जाकर तथा बचे हुए अच्छे बारदानों को अग्रिम स्टॉक में न
जोड़कर सोसाइटियों से गैर वाजिब तरीके से जो राशि काटी गयी है उस पर क्या
कार्यवाही की जाएगी कृपया बताएं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी नहीं, बैंक द्वारा नहीं, अपितु म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा
वर्ष 2015-16 में संस्थाओं द्वारा पंचनामा किये हुये खराब बारदाने वापस न लेकर
इनकी राशि काटी गई है, संस्थाओं द्वारा बारदाने का जो प्रारंभिक स्कंध ऑनलाईन
साफ्टवेयर में दर्शाया गया है उन्हें प्रारंभिक स्कंध मानते हुये उन बारदानों की
राशि नहीं काटी गई है. (ख) बैंक द्वारा राशि नहीं काटी गई, विपणन संघ द्वारा काटी
गई राशि की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ग) अच्छे
बारदाने जिनकी मात्रा ई-उपार्जन साफ्टवेयर में दर्ज है उसको अग्रिम स्टॉक में लिया
गया जिसकी कोई राशि नहीं काटी गई. खराब बारदानों के निराकरण हेतु म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के पत्र क्रमांक/ उपार्जन/2015-16/1461 दिनांक
03.11.2015 के अनुक्रम में कलेक्टर बालाघाट के द्वारा पत्र
क्रमांक/2054/खाद-3/2015 दिनांक 04.11.2015 से खराब बारदानों के निरीक्षण हेतु
समिति गठित की गई है. कार्रवाई समिति के प्रतिवेदन के
निष्कर्षाधीन.
अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में
48. ( क्र. 1134 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या अर्द्ध शासकीय कार्यालय जैसे जिला सहकारिता बैंक में अनुकम्पा
नियुक्ति का प्रावधान है ? यदि है तो क्या 12वीं पास को सहायक ग्रेड-3 के पद पर
अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा सकती है ? (ख) क्या 2005 के बाद मण्डी कार्यालय
में नियुक्त हुए कर्मचारियों का भी सी.पी.एफ., बीमा व अन्य कटोत्रा काटा जाता है
? क्या मण्डी कार्यालय में भी अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है ? हां या नहीं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. जी नहीं,
बैंकों में बैंकिंग सहायक लिपिक के पद पर नियुक्ति हेतु शैक्षणिक योग्यता स्नातक के
साथ मान्यता प्राप्त संस्था से कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा/सर्टिफिकेट होना
अनिवार्य है. (ख) जी नहीं, 01 जनवरी, 2005 के पश्चात नियुक्त होने वाले कर्मचारियों
के लिये नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू होने से सी.पी.एफ. एवं बीमा के कटौत्रे नहीं
किये जाते है. जी हां.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत
अनुदान
49. ( क्र. 1146 ) श्री
नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) भिण्ड जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत
वर्ष 2013-14 में कितने कृषकों को अनुदान दिया गया ? (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत
राष्ट्रीय तिलहन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में सोयाबीन मिनिकिट वितरण के
अन्तर्गत कितने कृषकों को अनुदान दिया गया ? कीटनाशक औषधि तथा सूक्ष्म पोषक तत्व
कितने कृषकों को अनुदान दिया गया ? (ग) भिण्ड जिले के अंतर्गत आर.के.व्ही. वार्ड
योजना के अंतर्गत जनवरी, 13 से प्रश्न दिनांक तक बाजरा, तिल, ग्वार कलस्टर के
अंतर्गत कितने कृषकों को अनुदान प्राप्त हुआ तथा अन्नपूर्णा योजना/सूरजधारा
योजना/बीजग्राम योजना के अंतर्गत किन कृषकों को अनुदान प्राप्त हुआ
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)भिण्ड
जिले के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 14546
कृषकों को अनुदान दिया गया है।(ख) भिण्ड जिले के अन्तर्गत राष्ट्रीय
तिलहन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में सोयाबीन मिनिकिट वितरण का प्रावधान नहीं
है।कीटनाशक औषधि हेतु 935 कृषकों को तथा सूक्ष्म पोषक तत्व हेतु 110 कृषकों को
अनुदान दिया गया।(ग) भिण्ड जिले में राष्टीय कृषि विकास योजनान्तर्गत जनवरी 2013 से
प्रश्न दिनांक तक बाजरा, तिल, ग्वार, कलस्टर के अंतर्गत 6277 कृषकों को अनुदान
प्राप्त हुआ अन्नपूर्णा योजना 15176 अजा. वर्ग, सूरजधारा योजना 15598 अजा. वर्ग, के
कृषकों को अनुदान प्राप्त हुआ एवं बीजग्राम योजनान्तर्गत 32554 सामान्य वर्ग के
कृषक तथा 17520 अजा. वर्ग, कुल 50074 कृषकों को अनुदान प्राप्त हुआ है।जानकारी
संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार है।
परिशिष्ट
तेरह पंचायत एवं समन्वय अधिकारी भिण्ड के विरूद्ध
भ्रष्टाचार/अनियमितता की जांच उपरांत कार्यवाही
50. ( क्र. 1187 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या श्री
रमाकांत उपाध्याय, ग्राम सहायक, कार्यालय उप संचालक पंचायत एवं समाज सेवा जिला
भिण्ड को कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्रमांक स्था./बि.जा./98/भिण्ड, दिनांक
30.03.1999 द्वारा श्री उपाध्याय के विरूद्ध आरोप अधिरोपित बिंदु क्रमांक 03 एवं
04 के संबंध में दोषी मानते हुए दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई
थी ? (ख) यदि हां, क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड के पत्र क्र.
5492 दिनांक 26.03.2012 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार को थाना
दबोह में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 21/11 के आरोपी रमाकांत उपाध्याय, पंचायत समन्वय
अधिकारी की गिरफ्तारी कराने के सबंध में पत्र लिखा गया था ? (ग) क्या खण्ड
अधिकारी जनपद पंचायत लहार जिला भिण्ड द्वारा प्रभारी मंत्री महोदय से प्राप्त
शिकायत श्री रमाकांत उपाध्याय, पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत लहार द्वारा
किए गए भ्रष्टाचार की जांच बाबत् पत्र क्रमांक 285 दिनांक 30.05.2015 को
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार को
लिखा गया था ? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकार लहार जिला भिण्ड के क्र. 2632
दिनांक 23.09.2015 द्वारा श्री रमाकांत उपाध्याय, पंचायत समन्वय अधिकारी को कारण
बताओ नोटिस तामिल कराने विषयक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड को पत्र
लिखा गया था ?(ड़) उक्त प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक क्या-क्या कार्यवाही की
गई ? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों और इसके लिए कौन दोषी है एवं उसके खिलाफ
क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जी हां।(ख)जी हां। उक्त पत्र 5492 दिनांक
26.03.2012 न होकर वस्तुतः उक्त पत्र 3492 दिनांक 26.03.2012
है।(ग)जी हां।(घ)जी हां।(ड.)
प्रश्नांश-‘‘क‘‘ के संदर्भ में श्री रमाकांत उपाध्याय की वार्षिक वेतनवृद्धियां
रोकी गई थी। प्रश्नांश-‘‘ख‘‘ के संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत
भिण्ड के पत्र क्रमांक 5492/3492 दिनांक 26.03.2015 के पूर्व ही श्री रमाकांत
उपाध्याय, पंचायत समन्वय अधिकारी को पत्र क्रमांक 245 दिनांक 20.01.2012 एवं पत्र
क्र. 404 दिनांक 23.02.2012 से थाना दबोह में उपस्थिति हेतु निर्देशित किया गया था।
किन्तु श्री उपाध्याय द्वारा पत्र में दिये गये निर्देशों का पालन न किये जाने के
कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भिण्ड के पत्र क्रमांक 1056 दिनांक
28.03.2015 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड को श्री उपाध्याय
के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु लिखा गया था। प्रश्नांश-‘‘ग‘‘ के
संबंध में खण्ड पंचायत अधिकारी जनपद पंचायत लहार का पत्र क्रमांक 285 दिनांक
30.05.2015 जो कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग लहार जिला भिण्ड एवं मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत लहार को संबोधित है के संबंध में कार्यवाही की जा
रही है। प्रश्नांश-‘‘घ‘‘ के संबंध में श्री रमाकांत उपाध्याय को कारण बताओं नोटिस
तामील कराया गया है।
सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति
51. ( क्र. 1200 ) श्री मुकेश
नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश
में राज्य सहकारी अपेक्स बैंक और जिला सहकारी बैंकों में औसतन जमा-साख अनुपात
क्या है और वर्तमान में किन जिला सहकारी बैंकों में जमा-साख अनुपात कम होने के
कारण रिजर्व बैंक ने अनेक काम काज पर नियंत्रण लगाया है ? कृपया जिला बैंकों के नाम
दीजिए ?(ख) हाल के वर्षों में मौसम की अनिश्चितता के कारण राज्यों में फसलों को
हुए नुकसान के कारण राज्य सहकारी अपेक्स बैंक और जिला सहकारी बैंकों में ऋण के
रूप किसानों को दी गई कुल कितनी धनराशि बकाया है और उसे वसूलने के लिये शासन की
क्या नीति है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में साख-जमा अनुपात
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
साख-जमा अनुपात कम होने के कारण प्रदेश के किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के
काम-काज पर नियंत्रण नहीं लगाया गया है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख)
प्राकृतिक आपदा के कारण नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) के
निर्देशों के आधार पर अल्पावधि कृषि ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित करने के
प्रावधान हैं, वर्ष 2012-13, 2013-14 तथा 2014-15 में मौसमी अनिश्चितता से फसलों
में हुए नुकसान के कारण प्रभावित किसानों पर बकाया राशि रूपये 764.71 करोड़ के
अल्पावधि कृषि ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित किया गया है, जिसे आगामी 03 वर्षों
में वसूल किये जाने का नियम है. अन्य किसानों पर दिनांक 30.06.2015 की स्थिति पर
राशि रूपये 4990.18 करोड़ अल्पावधि फसल ऋण बकाया है, अल्पावधि कृषि ऋणों की वसूली
निर्धारित ड्यू डेट पर न होने की स्थिति में सहकारी अधिनियम की धारा 84 एवं 85 के
अंतर्गत कार्यवाही कर वसूली किये जाने का प्रावधान है.
परिशिष्ट
चौदह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत पैकेज
52. ( क्र. 1243 ) पं.
रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जिला रीवा, विकासखण्ड-त्योंथर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत
पैकेज क्र.3285 भटवा-महुली मार्ग के सुकाढ़ नदी में ह्यूम पाइप पुलिया का निर्माण
कराया गया और पहली बरसात में ही पुलिया ध्वस्त हो गई है ?(ख) क्या त्रयोदश विधान
सभा में इस परिप्रेक्ष्य में माननीय सदस्य श्री केदारनाथ शुक्ल के ध्यानाकर्षण
प्रस्ताव पर सदन को आश्वस्त किया गया था कि नया पुल बनाया जायेगा, तब तक
ध्वस्त पुलिया को आवागमन योग्य बनाया जायेगा ?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का यदि
हां तो नये पुल निर्माण की क्या स्थिति है तथा पुल निर्माण होने तक आश्वासन
अनुसार क्या ध्वस्त पुलिया को आवागमन योग्य बनाया गया है ?(घ) यदि नहीं तो
क्यों ? कब तक ध्वस्त पुलिया को आवागमन योग्य बनाया जायेगा ? समय सीमा बतायें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, रीवा जिले के
त्योंथर विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पैकेज क्रमांक 3285
भटवा-महुली मार्ग के सुकाढ़ नदी में निर्मित ह्यूम पाइप पुलिया के एप्रोच कट जाने
के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। (ख) जी हां। (ग) नये पुल निर्माण की स्वीकृति हेतु
प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। विगत वर्षो में
वर्षाकाल पश्चात् पंचायत स्तर पर अस्थाई व्यवस्था के अंतर्गत मिट्टी कार्य कर
पूर्व निर्मित पुलिया को आवागमन योग्य बनाया गया था। (घ) निश्चित समय सीमा बताना
संभव नहीं है।
वाटर शेड कमेटी का गठन
53. ( क्र. 1252 ) श्री रामपाल
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शहडोल
जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जनकपुर के ग्राम सथनी को
एकीकृत जल गृहण क्षेत्र प्रबंधन योजना अंतर्गत चयनित किया गया है ?(ख) क्या उक्त
वाटर शेड योजना के क्रियान्वयन हेतु ग्राम सभा सथनी द्वारा वाटर सेड कमेटी का गठन
किया गया है और कमेटी का अध्यक्ष वीरेश सिंह पिता धर्मजीत सिंह को बनाया गया है
?(ग) क्या उपरोक्त वाटर शेड समिति के सचिव का चयन अभी तक नहीं हुआ है ? यदि हां,
तो क्यों ? जब वर्ष 2013 में ग्राम सथनी को वाटर शेड योजना के तहत चिन्हित किया
गया है, तो आज तक कार्य प्रारंभ न किये जाने के कारण संबंधित जन के विरूद्ध
कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?(घ) क्या कलेक्टर एवं मिशन लीडर,
एकीकृत जल गृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम जिला शहडोल के आदेश
क्र./वाटरशेड/आई.डब्लू.एम.पी./फा. 340-9/2011/3016 शहडोल दिनांक 27.05.2015 के
द्वारा दिनांक 06.06.2015 को नोडल अधिकारी की उपस्थिति में वाटर शेड समिति का पूर्ण
गठन कराये जाने का निर्देश दिया गया था ? यदि हां, तो क्या उक्त निर्देश का पालन
किया जाकर वाटर शेड का संचालन किया जा रहा है ? यदि नहीं, तो क्यों और लापरवाही
करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हाॅं।(ख)जी नहीं।(ग)जी हाॅं,नियमानुसार वाटरशेड समिति का गठन न होने की दशा में
सचिव की नियुक्ति संबंधी कार्यवाही नही की जा सकी है एवं वाटरशेड विकास कार्य
कार्यान्वित नहीं किये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ)जी हाॅं,परन्तु
कोरम पूरा न होने के कारण ग्राम सभा निरस्त कर दी गई एवं वाटरशेड समिति के गठन की
कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। वाटरशेड समिति का गठन नहीं होने के कारण वाटरशेड
विकास कार्य कार्यान्वित नहीं कियें गये।अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
सामुदायिक भवन का निर्माण
54. ( क्र. 1253 ) श्री रामपाल
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जनपद
पंचायत ब्यौहारी, जिला-शहडोल, म.प्र. के आदेश क्रमांक/ज.प./13 वां वित/2015-16/843
ब्यौहारी, दिनांक 09.07.2015 के द्वारा मेरे अनुशंसा पत्र क्र./क्यू/2015/106
दिनांक 15.06.2015 के परिपालन में सामुदायिक भवन निर्माण मउ की पंचायत भवन के पास
10 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी ? प्रशासकीय स्वीकृति के शर्त
क्रमांक 2 में उक्त कार्य को 03 माह के भीतर पूर्ण कराये जाने की शर्त थी ? (ख)
क्या निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त कार्य का भूमि पूजन कराया जाकर तकनीकी अधिकारी
से तकनीकी मार्गदर्शन लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया था ? (ग) क्या जनपद
पंचायत ब्यौहारी, जिला-शहडोल, म.प्र. के पत्र क्रमांक/ज.प./ /2015-16/1130
ब्यौहारी, दिनांक 07.08.2015 के द्वारा जनपद पंचायत ब्यौहारी, जिला-शहडोल, म.प्र.
के आदेश क्रमांक/ज.प./13वां वि/2015-16/843 ब्यौहारी, दिनांक 09.07.2015 का आदेश
निरस्त किया गया है ? (घ) क्या दिनांक 09.07.2015 को स्वीकृत कार्य को एजेंसी
द्वारा कार्य प्रारंभ किये जाने के बाद दिनांक 07.08.2015 को स्वीकृत आदेश निरस्त
किया जाना वैधानिक है ? यदि नहीं तो संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध
कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां तो, कब तक ? (ड़) क्या जनपद पंचायत के सामान्य
प्रशासन समिति में विधायक पदेन सदस्य होते हैं ? यदि हां तो जनपद पंचायत ब्यौहारी
के सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 05.08.2015 को क्षेत्रीय विधायक को सूचना
दी गई थी ? यदि नहीं तो क्यों और नियमानुसार सूचना न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध
क्या कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। जी
हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार।(ख)निर्माण
एजेंसी ग्राम पंचायत मऊ द्वारा अवगत कराया गया की सामुदायिक भवन का भूमि पूजन
मान.विधायक से कराया गया है। तकनीकी अधिकारी द्वारा कार्य का लेआउट व तकनीकी
मार्गदर्शन नहीं दिया गया है और न ही कार्य प्रारम्भ किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।(ग)जी हां। मुख्य कार्यपालन अधिकारी,
जनपद पंचायत ब्यौहारी जिला शहडोल के पत्र क्र. 1130 ब्यौहारी दिनांक 07.08.2015
द्वारा आदेश क्र. 843 दिनांक 09.07.2015 को जारी प्रशासकीय स्वीकृति आदेश को जनपद
पंचायत ब्यौहारी की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 05.08.2015 के प्रस्ताव
क्र. 02 के बिंदु क्र. 03 के अनुसार निरस्त किया गया था, किन्तु ज.पं.की सामान्य
प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 08.09.2015 में उक्त प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर ग्राम
पंचायत मऊ में ही ई-पंचायत कक्ष के पास सामुदायिक भवन बनाने हेतु सहमति व्यक्त की
गई जिसके परिपालन मेें जनपद पंचायत ब्यौहारी के आदेश क्र. 1354 दिनांक 08.09.2015
द्वारा उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।(घ)जनपद पंचायत ब्यौहारी के प्रशासकीय स्वीकृति
आदेश दिनांक 09.07.2015 में स्वीकृत कार्य प्रारंभ नहीं किया गया था एवं जनपद
पंचायत ब्यौहारी की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 05.08.2015 में लिये गए
निर्णय के आधार पर उक्त आदेश दिनांक 07.08.2015 को निरस्त किया गया था। तत्पश्चात्
जनपद पंचायत ब्यौहारी की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 08.09.2015 में उक्त
प्रकरण दर्ज पुनर्विचार करते हुए उक्त सामुदायिक भवन निर्माण मऊ के कार्य को कराए
जाने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके परिपालन में जनपद पंचायत ब्यौहारी के आदेश
क्र.1354 दिनांक 08.09.2015 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है एवं
वर्तमान में उपयंत्री द्वारा कार्य का लेआउट देकर कार्य प्रारंभ कराने हेतु तकनीकी
मार्गदर्शन दिया गया है। उक्त कार्यवाही हेतु कोई दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता।(ड)जी हां। जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन
समिति में मान.विधायक पदेन सदस्य होते है। जनपद पंचायत ब्यौहारी की सामान्य प्रशासन
समिति की बैठक दिनांक 05.08.2015 हेतु मान.विधायक को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद
पंचायत ब्यौहारी के पत्र क्र. 1049 दिनांक 01.08.2015 द्वारा अवगत कराया गया था।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ अनुसार। मुख्य कार्यपालन
अधिकारी, जनपद पंचायत ब्यौहारी द्वारा मान.विधायक जी को दूरभाष पर सूचित किया गया
था। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रबी की फसल हेतु बीज वितरण
55. ( क्र. 1261 ) श्रीमती
उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) हटा विधान सभा अंतर्गत वर्ष 2015 में किसानों को रवी की फसल के बीज प्रदाय
करने के लिये कितने वितरण केन्द्र बनाये गये हैं एवं बीज प्रदाय करने हेतु किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों को केंद्र पर वितरण प्रभारी बनाया गया है ? केन्द्रवार
सूची उपलब्ध करावें ?(ख) किस केन्द्र पर कितने किसानों को कितना-कितना बीज प्रदाय
किया गया है ? कितने किसानों को चना या मसूर, गेंहू आदि का कितना-कितना बीज प्रदाय
किया गया है ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)हटा विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2015 में किसानों का रबी की फसल के बीज प्रदाय
करने के लिये 30 वितरण केन्द्र बनाये गये है एवं बीज प्रदाय करने हेतु जिन-जिन
अधिकारियों/कर्मचारियों को केन्द्र पर वितरण प्रभारी बनाया गया है, उनकी सूची
संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार है।(ख)केन्द्रवार प्रदाय बीज की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ब अनुसार है। 8592 किसानों को चना 1931 क्विंटल एवं गेहूं 3476 क्विंटल,
कुल 5407 क्विंटल बीज प्रदाय किया गया है।
परिशिष्ट
पंद्रह पंचपरमेश्वर की राशि द्वारा कराये गये कार्य
56. ( क्र. 1262 ) श्रीमती
उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
हटा एवं पटेरा जनपद में पंचपरमेश्वर योजना अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 व
2015-16 में ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये कार्यों के मूल्यांकन किन अधिकारियों
द्वारा किये गये ? (ख) कार्यवार व नामवार जानकारी तथा कितने कार्य पूर्ण हुये व
कितने कार्य अपूर्ण हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ‘ के काॅलम नम्बर 06 के
अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ‘ के काॅलम नम्बर 04, 06 एवं 07 के
अनुसार।
समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का
निर्माण
57. ( क्र. 1280 ) श्री
रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल
संभाग में योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समग्र स्वच्छता अभियान के
तहत राशि का जिलेवार, कार्यवार, वर्षवार, जनपद पंचायतवार विवरण देवें ?(ख) समग्र
स्वच्छता अभियान के तहत प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में किस-किस कार्य हेतु
किस-किस कार्य ऐजेन्सी को कितना-कितना भुगतान किया गया है ? ऐजेन्सी के चयन की
प्रक्रिया बतायें ?(ग) रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कुल
कितने परिवारों में शौचालयों का निर्माण किया है ? कितने परिवार शौचालयविहीन है ?
शौचालय विहीन परिवारों का विवरण ग्राम पंचायतवार दें ? संपूर्ण जिले को स्वच्छ
बनाने एवं शौचालयविहीन परिवारों में शौचालयों का निर्माण कब तक कराये जाने का
लक्ष्य है ? लक्ष्य की पूर्ति हेतु शासन की क्या कार्य योजना है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
एजेन्सी का चयन योजना की गाईड लाईन एवं शासन के निर्देशों के अनुरूप किया गया
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार
है। रायसेन जिले को स्वचछ बनाने एवं शौचालय विहीन परिवारेां में शौचालयों
का निर्माण शासन मंशानुसार वर्ष 2019 तक कराये जाने का लक्ष्य है। लक्ष्यपूर्ति
हेतु जिला स्तर पर वार्षिक लक्ष्य निर्धारित कर शौचालय निर्माण कराये जाने का
प्रयास है तथा लक्ष्य पूर्ति हेतु शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों,
स्वैच्छिक संस्थाओं, प्रेरकों का सहयोग लिये जाने की कार्ययोजना
है।
सागर में आई.टी. पार्क स्थापित किये जाने के संबंध में
58. ( क्र. 1300 ) श्री
शैलेन्द्र जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के परि. तारांकित प्रश्न संख्या-112 (क्र. 2288) दिनांक 27 जुलाई
2015 के (क) के उत्तरांश में बताया गया हैं कि सागर संभागीय मुख्यालय पर आई.टी.
पार्क स्थापना हेतु सिदगुंवा, तहसील सागर की 10 एकड़ भूमि आवंटन के लिए आवेदन दिए
गये है, तो इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक भूमि आवंटन की प्रक्रिया क्या प्रगति
हुई है ? (ख) संदर्भित प्रश्न के (ख) उत्तरांश में बताया गया हैं कि आई.टी. पार्क
स्थापित किये जाने में समय सीमा बताना संभव नहीं है ? क्या माननीय विभागीय मंत्री
महोदय के द्वारा उक्त योजना स्थापित किए जाने हेतु की गई घोषणा को लगभग 2 वर्ष
पूर्ण हो गये है । अब तक इस योजना की क्या प्रगति हैं ? इस संबंध में संभागीय
मुख्यालय की आवश्यकताओं के दृष्टिगत एवं मेक इन डिजिटल इण्डिया जैसे तथ्यों पर
विचार करते हुए आई.टी.पार्क स्थापित करने में शासन अविलंब विचार करेगा ? यदि हां
तो कब तक ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर में
आईटी पार्क की स्थापना हेतु विभाग द्वारा चयनित भूमि औद्योगिक केन्द्र विकास निगम
जबलपुर से वापिस लेकर विभाग को हस्तांतरित करने के संबंध में कलेक्टर जिला सागर
द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा सागर
में आईटी पार्क की स्थापना की घोषणा दिनांक 29-10-2014 की गई है। योजना की प्रगति
उत्तरांश ''क'' अनुसार है। आईटी पार्क स्थापना की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं
है।
सागर नगर में परिवहन विभाग के भवन निर्माण के संबंध में
59. ( क्र. 1301 ) श्री
शैलेन्द्र जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर
जिला मुख्यालय पर परिवहन विभाग के कार्यालय भवन निर्माण की प्रगति क्या है ? (ख)
प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2279 दिनांक 27 जुलाई 2015 के (ग) के
उत्तरांश में बताया गया है कि भवन निर्माण के साथ ड्राईविंग ट्रेक बनाया जाना
प्रस्तावित है, तो इस संबंध में अब तक क्या प्रगति हुई है ?
परिवहन
मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर जिला मुख्यालय पर परिवहन
विभाग के कार्यालय भवन का निर्माण किया जा रहा है । वर्तमान में उक्त कार्य लेनटिल
लेवल पर प्रगति पर है । (ग) सागर जिला मुख्यालय पर परिवहन विभाग के कार्यालय
भवन निर्माण के साथ ड्रायविंग ट्रेक बनाया जाना प्रस्तावित है जो कि मुख्य
कार्यालय भवन निर्माण कार्य उपरान्त प्रारंभ किया जावेगा
।
आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के पत्र पर
कार्रवाई
60. ( क्र. 1313 ) श्री
विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के पत्र
क्रमांक/साख/सीबी/2/2015/888 दिनांक 11.05.2015 पर प्रश्न दिनांक तक मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी बैंक जिला रायसेन ने क्या-क्या कार्रवाई की
जानकारी दें ? यदि नहीं की तो कारण दें ? नियम बताएं ? पत्र में किन-किन अनुशंसाओं
का उल्लेख है ? क्या अब की जायेगी ? कब तक ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र
में उल्लेखित सहकारी संस्था का कर्मचारी प्रश्न दिनांक को कहां कार्यरत है ?
क्या सेवा सहकारी संस्था मर्या. पांजरा कांशीराम ने उक्त कर्मचारी को संस्था
में ही पदस्थ रखने का प्रस्ताव बैंक/डीआर/कलेक्टर को भेजा है ? यदि हां तो
प्रश्न दिनांक तक संबंधित कर्मचारी को स्थानांतरण निरस्त करने के आदेश जारी
क्यों नहीं हुए ? क्या यह वैद्यनाथन कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन है ? यदि हां
तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत संबंधित
कर्मचारी का वेतन भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है ? कारण दें ? किस नियम के तहत
वेतन रोका गया है ? क्या बैंक प्रबंधन ने जान बूझकर प्रताडि़त करने के उद्देश्य
से वेतन रोका है ? क्या वेतन भुगतान अब किया जायेगा ? कब तक ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक
सहकारी संस्थाऐं, म.प्र के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा बैंक को आवश्यक
कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था. उक्त पत्र में कोई अनुशंसा नही किये जाने से शेष
प्रश्न उपस्थित नही होता. (ख) श्री वंशीलाल रघु, संस्था चम्पानेर (शाखा सुल्तानपुर)
में उपस्थित न होकर लगातार अनुपस्थित हैं. जी नहीं. शेष का प्रश्न उपस्थित नही
होता. (ग) श्री वंशीलाल रघु का स्थानांतरण दिनांक 20.02.2015 को संस्था
पांजराकाशीराम से संस्था चम्पानेर किया गया था, जिसके परिपालन में दिनांक
20.02.2015 को शाखा प्रबंधक, शाखा खरगौन द्वारा श्री रघु को संस्था चम्पानेर में
उपस्थित होने हेतु भारमुक्त किया था. श्री रघु उसी दिन 27 दिवस के मेडिकल अवकाश पर
चले गये तथा आज दिनांक तक उपस्थित नहीं हुए एवं न ही अवकाश बढ़ाने का आवेदन
प्रस्तुत किया गया. इस कारण से वेतन भुगतान नहीं किया गया. बैंक प्रबंधन द्वारा
जानबूझकर प्रताडि़त करने के उद्देश्य से वेतन नहीं रोका गया है. श्री रघु के नवीन
कार्य स्थल पर उपस्थित होने तथा नियमानुसार अवकाश/ अनुपस्थिति अवधि का निराकरण होने
के उपरांत तदनुसार वेतन भुगतान किया जा सकेगा.
शासकीय धन को निजी
खातों में जमा करना
61. ( क्र. 1314 ) श्री
विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रश्नकर्ता के परि. तारांकित संख्या-113 (क्रमांक 2310), दिनांक
27.07.2015 के तहत उप संचालक कृषि व सहायक संचालक उद्यानिकी ने किस नियम के तहत
वर्ष 2010-11, 2011-12 व 2012-13 में किस नियम के तहत शासकीय धन को अपने निजी खाते
में जमा किया ? किस दिनांक से किस दिनांक तक जमा रखा ? क्यों रखा ? कारण सहित
जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त अवधि की ब्याज राशि कितनी हुई ?
क्या ब्याज राशि उक्त अधिकारियों से वसूल की गई ? यदि नहीं तो क्यों ? कारण दें
? नियम बताएं ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत नियम विरूद्ध कार्य करने पर उक्त
अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई ? यदि नही तो क्यों ?
कारण दें ? नियम बताएं ? क्या अब की जाएगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)म0प्र0 कोषालय संहिता भाग-1 के सहायक नियम 533
से 536 में निहित प्रावधान के आधार पर म0प्र0 शासन वित्त विभाग के यू.ओ.
क्रमांक-सी.आर.457/व-4/2011 दिनांक 30.03.2011 द्वारा प्रदान की गयी, सहमति अनुसार
म0प्र0 शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्र.-बी-1-3/2010/14-2
दिनांक 31.03.2011 से संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा उप संचालक
भोपाल के पदनाम से कोषालय में व्यक्तिगत जमा खाता खोला गया। इसी प्रकार से वित्त
विभाग के सी.आर. 629/बी-4/2011 दिनांक 16.06.2011 एवं सी.आर.1059/ब-4/2012 दिनांक
05.07.2012 द्वारा प्रदत्त सहमति के आधार पर म0प्र0 शासन, उद्यानिकी एवं खाद्य
प्रसंस्करण विभाग, के पत्र क्रमांक /एफ 3-1/2011/58 दिनांक 16.06.2011 एवं पत्र
क्रमांक/एफ 3-1/2011/58 दिनांक 09.08.2012 के द्वारा अनुमति प्राप्त कर शासकीय धन
को संचालनालय उद्यानिकी के सहायक संचालक के पदनाम से कोषालय में शासकीय व्यक्तिगत
जमा खाता में जमा किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1
अनुसार है।(ख)पी.डी.खाते में जमा राशि पर ब्याज देय नहीं होने से राशि वसूली का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।(ग)प्रश्नांश(क)एवं (ख) के उत्तर के परिपेक्ष्य में
कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय राशि का
दुरूपयोग
62. ( क्र. 1343 ) श्री संजय
पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तारांकित
प्रश्न क्र. 3890 दिनांक 18.03.2015 के प्रश्नांश (क) का उत्तर परिशिष्ट एक (ख)
का उत्तर परिशिष्ट दो अनुसार प्रश्नांकित अवधि में किसी भी योजना में राशि
समर्पित नहीं की गई (ग) का उत्तर परिशिष्ट तीन (घ) का उत्तर जी नहीं विभागीय
योजनाओं का लाभ जिले के सभी विकासखण्डों को दिया गया है, तो वर्ष 2009-10 से
प्राप्त लघु सिंचाई योजना में किस-किस विकासखण्ड में निर्माण कराया गया तथा
कितनी राशि व्यय की गई ?(ख) वर्ष 2009-10 से 13-14 में राष्ट्रीय जलग्रहण योजना
में परिशिष्ट अनुसार बताई गई राशि से वर्षवार कौन-कौन से कार्य कराये गये ?
राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र बड़वारा को किन परिस्थितियों में अधिक राशि जिले के
अन्य जलग्रहणों की तुलना में दी गई एवं यह भी उपचारित क्षेत्र बड़वारा जलग्रहण
में कितना है ?(ग)क्या वर्ष 2012-13 में महानदी जलग्रहण क्षेत्र की 18 लाख रूपये
की राशि संचालक कृषि के शाखा निर्वाही सहायक तथा जलग्रहण क्षेत्र बड़वारा के कृषि
विस्तार अधिकारी की मिलीभगत से इस राशि का अपव्यय किया गया ?(घ) यदि प्रश्नांश
(ग) का उत्तर हां तो कौन-कौन अधिकारी दोषी है ? दोषी अधिकारियों पर क्या
अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी उक्त 18 लाख रूपये जारी आदेश से कौन-कौन से
कार्य कराये गये तथा संचालक के द्वारा वित्तीय राशि जारी आदेश की कापी देवें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)वर्ष
2009-10 से 2011-12 तक राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत लघुत्तम सिंचाई तालाब की
वर्षवार/विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। वर्ष 2012-13
से लघुत्तम सिंचाई योजना प्रदेश में संचालित नही है।(ख)कटनी जिले में वर्ष 2009-10
से 2012-13 में राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास योजना में वर्षवार/जलग्रहण
क्षेत्रवार कराये गये कार्यो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है।
पूर्व वर्षो में अन्य जलग्रहण क्षेत्रों की तुलना में बरूआ नाला बड़वारा जलग्रहण
क्षेत्र को अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित हुई, इस कारण मेक्रोमैनेजमेंट योजना वर्ष
2012-13 से समाप्त होने के कारण स्वीकृत कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने हेतु
बरूआ नाला बड़वारा को अधिक राशि आवंटित की गई। वर्ष 2009-10 से 2012-13 तक जलग्रहण
क्षेत्रवार उपलब्ध कराई गई राशि औसतन समान है, बड़वारा जलग्रहण क्षेत्र के उपचारित
क्षेत्र का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। वर्ष 2013-14 से राष्ट्रीय
जलग्रहण क्षेत्र विकास योजना प्रदेश में संचालित नहीं है।(ग)जी नहीं
(घ)प्रश्नांश(ग)के संदंर्भ में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। राशि रू0 18.00
लाख से कराये गये कार्यो का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है। संचालक
के द्वारा वित्तीय स्वीकृति राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार पर
है।
ग्राम पंचायतों की कार्य योजना
63. ( क्र. 1344 ) श्री संजय
पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पत्र क्रमांक
8127/मनरेगा-म.प्र./एस.ओ.पी./जि.प./2015, कटनी दिनांक 26.09.2015 के माध्यम से
मनरेगा में कार्ययोजना बनाने हेतु पत्र लिखा गया था ? (ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में बतायें कि विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ की जनपद पंचायत
विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा की कितनी ग्राम पंचायतों एवं उनके आश्रित ग्रामों में
आयोजित ग्रामसभा के प्रस्तावों को कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है ?(ग)
प्रश्नांश (ख) में सम्मिलित पंचायतों एवं ग्रामों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में
कितनी राशि पंचायतवार एवं ग्रामवार कार्य की संख्या एवं नाम में प्रस्तावित कर
कार्ययोजना में शामिल किया गया है ? क्या इन समस्त कार्यों के प्रस्ताव ग्रामसभा
द्वारा अनुमोदित हैं ? ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिनको कार्ययोजना में
सम्मिलित नहीं किया गया है ?(घ) कार्ययोजना में न शामिल किये जाने हेतु कौन दोषी है
और उसके संबंध में दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। (ख) जनपद पंचायत
विजयराघवगढ की 74 ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत बडवारा की 25 ग्राम पंचायतों के
आश्रित ग्रामों में आयोजित ग्राम सभा के प्रस्तावों को वित्तीय वर्ष 2016-17 के
महात्मा गांधी नरेगा के शेल्फ आफ प्रोजेक्ट (वार्षिक कार्ययोजना) में सम्मिलित
किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश ‘’ख‘’ अनुसार समस्त ग्रामों
का ग्राम पंचायतवार लेबर बजट तथा उसकी पूर्ति हेतु लिये जा सकने वाले कार्यो का
शेल्फ आफ प्रोजेक्ट तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश
‘’ख’’ व ‘’ग’’ अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न
उपस्थित नही होता हैं।
वनाधिकार अंतर्गत पट्टाधारियों को आवास
हेतु राशि प्रदान करना
64. ( क्र. 1358 ) श्री रामलाल
रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनूपपुर जिले
में वनाधिकार के अंतर्गत कितने आदिवासियों को पट्टा प्रदान किया गया तथा
पट्टाधारियों में से कितने को आवास हेतु प्रथम किस्त की राशि प्रदान की गयी है ?
(ख) क्या प्रश्नाधीन पट्टाधारियों को आवास हेतु द्वितीय किस्त की राशि प्रदान की
गई हैं ? यदि हां, तो द्वितीय किस्त की राशि कब और किस किसको प्रदान की गई है और
यदि नहीं तो द्वितीय किस्त की राशि क्यों नहीं प्रदान की गई कारण बताइये तथा शेष
राशि कब तक में प्रदान की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क)अनूपपुर
जिला अंतर्गत वनाधिकार के 2737 अदिवासियों को पट्टा प्रदान किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार हैै। जनपद पंचायत जैतहरी में 440
जनपद पंचायत अनूपपुर में 90 जनपद पंचायत कौतमा ने 87 तथा जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़
में 284 को कुल 901 हितग्राहियों को वनाधिकार आवास स्वीकृत किया जाकर प्रथम किश्त
की राशि प्रदाय किया गया है। विस्तृत विवरण हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार हैै।(ख)जी हाँ। विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल
का पत्र क्रमांक 15659 दिनांक 02.10.2015 से प्राप्त केन्द्रांश एवं राज्यांश से
द्वितीय किश्त की राशि से जनपद पंचायत कोतमा के 87 हितग्राहियाें को उपयोगिता
प्रमाण पत्र के आधार पर राशि प्रदान की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार हैै। शेष तीन जनपद पंचायत
अनूपपुर/जैतहरी/पुष्पराजगढ़ के हितग्राहियों की द्वितीय कियत की राशि जारी किये
जाने के लिये संबंधित जनपद पंचायतों को उपयोगिता प्रमाण पत्र तथा नेशनलाईज बैंक का
खाता संख्या प्राप्त की जा रही है। संबंधित हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि
जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री सड़क
योजनान्तर्गत स्वीकृत
65. ( क्र. 1363 ) श्री
गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में विगत वर्ष 2014-15 में कितनी
सड़कें प्रधानमंत्री सड़की योजनान्तर्गत स्वीकृत हुई है ? नाम सहित जानकारी दे ?
(ख) क्या स्वीकृत सड़कों में कितने के टेण्डर हो गये हैं तथा कितनी सड़कों के
बाकी है ? (ग) शेष बाकी सड़कों की टेण्डर प्रक्रिया कर निर्माण कार्य कब तक पूर्ण
किया जाएगा ? समय सीमा बताएं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्ष 2014-15 में
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजनान्तर्गत कोई भी सडकें स्वीकृत नहीं हुई हैं। (ख)
प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखे की स्थिति से निपटने के
लिये विभाग की योजना
66. ( क्र. 1402 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क)सीहोर जिले में सूखे की स्थिति को ध्यान में रखते हुये रबी सीजन के लिये कृषि
विभाग की क्या योजना है ?(ख)सीहोर जिले में कम सिंचाई में पैदावार वाली कौन-कौन सी
फसलों के बीज सरकार के पास उपलब्ध है ? (ग) सीहोर जिले में इस रबी सीजन किस-किस
फसल का कितना-कितना, किस-किस ब्लॉक को बीज उपलब्ध कराया गया है ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)सीहोर जिले में बीजग्राम
योजनान्तर्गत दलहनी-तिलहनी फसलों पर 60 प्रतिशत तथा खाद्यान्न फसलों पर 50 प्रतिशत
अनुदान दिया जा रहा है।सूरजधारा/अन्नपूर्णा योजनान्तर्गत 75 प्रतिशत अनुदान पर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत क्लस्टर प्रदर्शन हेतु चना बीज व
सामग्री तथा गेहॅू प्रदर्शन हेतु गेहॅू बीज एवं सामग्री अनुदान पर उपलब्ध कराई गई
है। मैदानी अमले व्दारा कृषकों को सूखे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कम पानी
चाहने वाली फसल किस्मों के चयन एवं सिंचाई की उन्नत तकनीकों के लिये प्रेरित किया
जा रहा है। (ख)सीहोर जिले में कम सिंचाई में उत्पादन देने वाली फसलें गेहॅू एवं चना
के बीज की उन्नत किस्में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिनका कृषकों की मांग के
अनुसार भंडारण एवं वितरण कराया जा रहा है।(ग)जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार
है।
परिशिष्ट
सोलह पूर्व सरपंचों के लंबित मानदेय भत्तों का भुगतान
67. ( क्र. 1424 ) श्री राम
लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा अप्रैल-2013 में सरपंचों के मानदेय
भत्तों में बढ़ौत्री कर 1750/- रूपये का भुगतान प्रतिमाह करने हेतु आदेश जारी किये
गये हैं ? (ख) यदि हां, तो सिंगरौली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान एवं
पूर्व सरपंचों का भुगतान विगत कितने वर्षों से नहीं किया गया है ? इसके लिए
उत्तरदायी दोषी अधिकारी कौन है ? इनके विरूद्ध कब तक में क्या कार्यवाही करने
हेतु शासन निर्णय लेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जी हांं।(ख)सिंगरौली विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत बैढ़न के वर्तमान सरपंचों को माह मई, 2015 से
अक्टूम्बर, 2015 तक का मानदेय भुगतान किया जा चुका हैं तथा पूर्व सरपंचों का माह
जून, 2014 से फरवरी, 2015 तक का भुगतान भी कर दिया गया हैं। शेषांश का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता हैं।
समग्र स्वच्छता की जानकारी
68. ( क्र. 1434 ) श्री ओमकार
सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) समग्र
स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत डिंडौरी जिले में कितने शौचालय का निर्माण हुआ है
तथा कितनी राशि व्यय हुई है व्यय राशि की जानकारी देवें ?(ख) प्रश्नांश (क)
अनुसार निर्मित सभी शौचालयों के निर्माण क्या निर्धारित मापदण्ड अनुसार हुआ है
क्या सभी शौचालयों की उपयोग होने लगा है क्या सभी शौचालयों में उपयोग हेतु
पर्याप्त पानी है अगर नही है तो पर्याप्त पानी हेतु क्या प्रयास किया जा रहा है
?(ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित शौचालयों के निर्माण में कहां-कहां से शिकायत
मिली, शिकायत के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1
अनुसार है। (ख) जी हॉ। ग्राम पंचायत में निर्मित शौचालयों का उपयोग सुनिश्चित
कराने हेतु समुदाय आधारित स्वच्छता पद्धति (सीएलटीएस) से ग्रामीणों को शौचालय का
उपयोग कर खुले में शौच न करने हेतु जागरूक किया जा रहा है। जिन ग्राम पंचायतों में
पानी की उपलब्धता नहीं है उन ग्राम पंचायतों में नलजल योजना के प्रस्ताव क्रमश:
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से क्रियान्वित होता
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार
है।
क्षैत्रिय विधायक को जनपद की बैठक तथा समितियों की बैठक में
आमंत्रित किया जाना
69. ( क्र. 1451 ) श्रीमती
झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
पंचायतराज अधिनियम अंतर्गत जनपद पंचायत की बैठक एवं जनपद पंचायत द्वारा निर्मित
समितियों की बैठक में क्षेत्रिय विधायक पदेन सदस्य होता है तथा जनपद पंचायत की
बैठक तथा जनपद पंचायत द्वारा निर्मित समितियों की बैठक के आयोजन में क्षेत्रीय
विधायक को आमंत्रित किया जाना चाहिए ? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष
2014-15 एवं 2015-16 में जनपद पंचायतों द्वारा कब-कब जनपद की बैठक तथा स्थाई
समितियों की बैठक का आयोजन किया गया है ? क्या यह आयोजन नियमानुसार प्रतिमाह हुआ
है तथा समितियों की बैठक में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया है ? (ग) क्या
उपरोक्त प्रक्रिया पंचायतीराज अधिनियम अनुसार की गई है ? नहीं तो इसके लिये कौन
उत्तरदायी है ? क्या उत्तरदायी पर कोई कार्यवाही प्रस्तावति की जावेगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी हां। जी
हां।(ख)भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायतो की वर्ष 2014-15 में कुल 07
तथा स्थाई समितियों की कुल 09 बैठक का आयोजन किया गया। वर्ष 2015-16 में जनपद की
कुल 07 बैठक तथा स्थाई समितियों की कुल 2 बैठको का आयोजन किया गया। मासिक बैठक
प्रतिमाह आयोजित नहीं की गई। आयोजित बैठकों में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया
गया है। तिथिवार
जानकारी परिशिष्ट-अ अनुसार।(ग)जी नहीं। जांच कर
अग्रेत्तर कार्यवाही की जाएगी।
परिशिष्ट
सत्रह आदिम जाति सेवा सह संस्था द्वारा पुराना भवन तोड़कर नवीन
भवन बनाने बावद
70. ( क्र. 1453 ) श्रीमती
झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था सुन्द्रेल
द्वारा नवीन कार्यालय सह गोडाउन भवन का निर्माण पूर्व में निर्मित भवन को तोड़कर
बनाया गया है ? (ख) हां तो तोड़ा गया भवन का निर्माण कौन से वर्ष का था तथा उसको
तोड़ने की अनुमति कौन से सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त की गई थी ? (ग) क्या
उपरोक्त अपनाई गई प्रक्रिया शासन के नियमानुसार हुई है ? हां तो कौन से
नियमान्तर्गत भवन तोड़ने की अनुमति सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदाय की गई है ? (घ)
क्या उपरोक्त प्रक्रिया में उल्लंघन किया गया है ? हां तो संबंधित संस्था के
प्रबंधक या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही शासन द्वारा प्रस्तावित
की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं,
पूर्व निर्मित भवन को नहीं बल्कि उसके सामने के पुराने टीनशेड को तोड़कर एवं रिक्त
भूमि पर निर्माण कराया जा रहा है. (ख) पूर्व कार्यालय भवन को नहीं तोड़ा गया है,
सिर्फ टीनशेड को तोड़ा गया है, जिसका निर्माण वर्ष 2001 में हुआ था, संस्था द्वारा
भवन निर्माण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन से ऋण लेकर किया जा रहा
है, तोड़ने की अनुमति संचालक मंडल के निर्णय अनुसार उप आयुक्त सहकारिता, जिला खरगोन
द्वारा दी गई है. (ग) जी हां, संस्था द्वारा ऋण लेकर निर्माण कार्य कराया जा रहा
है. मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 44 एवं नियम 1962 के नियम 31.
(घ) उत्तरांश "ग" अनुसार. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
आदिम
जाति सहकारी संस्था थान्दला में विगत 3 वर्षों में करोड़ों की हेराफेरी के संबंध
में
71. ( क्र. 1457 ) श्री कल
सिंह भाबर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
झाबुआ जिले के अंतर्गत आदिम जाति सहकारी संस्था थान्दला में विगत 3 वर्षों में 2
करोड़ नगदी केश बुक में गड़बड़ी की गई है क्या इनका पुन: ऑडिट उच्च अधिकारियों
द्वारा कराया जावेगा ? (ख) आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाऐं थान्दला, खवासा,
कल्याणपुरा, मेघनगर एवं अन्य संस्थाओं में करोड़ों के ऋण नामें ऋणी नहीं है
जिसके कारण हिसाब का मिलान नहीं हो पा रहा है वह राशि कहां गई है ? (ग) आदिम जाति
सेवा सहकारी संस्था का भवन का निर्माण मात्र 40 का लाख में निर्माण किया गया है
जिसकी इनका खर्च बिना किसी बिल के 1.50 करोड़ का खर्च बताया गया है ? उक्त निर्माण
में खर्च की जांच कर अवगत करावे ? (घ) झाबुआ जिलें के किसानों की अंशपूंजी 10
प्रतिशत प्राप्त कर ली गई है परन्तु विगत 10 वर्षों से अंशपूंजी किसानों के खातों
में नहीं जमा की गई है एवं नहीं संस्था में जमा । उक्त उस राशि का उपयोग कहां
किया गया है पूर्ण उक्त राशि की जांच कर अवगत करावे ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां, आदिमजाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित,
थांदला जिला झाबुआ में दिनांक 01.04.2011 से 30.09.2015 के मध्य राशि रूपये
1,61,63,495.78 का केशबुक में नगदी सिलक का अंतर निरीक्षण के दौरान प्रकाश में आया
है, प्रकरण में दिनांक 04.12.2015 को विशेष संपरीक्षा के आदेश जारी कर दिये गये.
(ख) प्रश्नांश की जांच कार्यवाही संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, इंदौर संभाग, इंदौर के
द्वारा गठित जांच दल द्वारा की जा रही है, शेष जांच निष्कर्षाधीन है. (ग) आदिमजाति
सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, थांदला के भवन निर्माण हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय
बैंक मर्या., झाबुआ से राशि रूपये 35.00 लाख का ऋण वर्ष 2012 में स्वीकृत किया गया
था तथा गोदाम निर्माण हेतु एकीकृत सहकारी विकास परियोजना अंतर्गत राशि रूपये 4.75
लाख स्वीकृत हुआ था, संस्था थांदला के अभिलेखों के आधार पर भवन निर्माण में राशि
रूपये 106.13 लाख खर्च हुये है. प्रश्नांश की जांच कार्यवाही संयुक्त आयुक्त,
सहकारिता, इंदौर संभाग, इंदौर के द्वारा गठित जांच दल द्वारा की जा रही है, शेष
जांच निष्कर्षाधीन है. (घ) प्रश्नांश की जांच कार्यवाही संयुक्त आयुक्त, सहकारिता,
इंदौर संभाग, इंदौर के द्वारा गठित जांच दल द्वारा की जा रही है, शेष जांच
निष्कर्षाधीन है.
दागी अधिकारियों की पदोन्नति
72. ( क्र. 1462 ) श्री आरिफ
अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या पंचायत
एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रशासकीय संरचना के अंतर्गत अपर आयुक्त एवं संयुक्त
आयुक्त के पदों पर पदोन्नति हेतु विभाग द्वारा आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति
में ऐसे अधिकारियों को पदोन्नत किया गया जिनके विरूद्ध लोकायुक्त, आर्थिक अपराध,
विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलित थी ? यदि हाँ तो किन-किन के विरूद्ध कौन-कौन सी
जांचे कब-कब से संस्थित थी ? (ख) क्या अपर आयुक्त के पद पर पदोन्नत किये गये
श्री सुरेश आर्य के विरूद्ध संभागीय आयुक्त भोपाल संभाग के पत्र क्र. 22 दिनांक
07.07.2009 से विभागीय जांच के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था ? और उज्जैन
जिले में आर्थिक अपराध के अन्य प्रकरण में चालन प्रस्तुत किये गये हैं ? (ग) यदि
हां तो प्रश्नांश (क-ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि जब पदोन्नति
प्राप्त करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जांच प्रचलन में है तो पदोन्नति किस
नियम व आधार पर दी गई ? क्या शासन नियम विरूद्ध पदोन्नति आदेश निरस्त करेगा यदि
हां तो कब तक यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। श्री सुरेश्वर सिंह, तत्का. मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बड़वानी के विरुद्ध लोक आयुक्त जांच प्रकरण
476/2011 प्रचलित था। आरोप पत्र जारी न होने के कारण पदोन्नति सामान्य प्रशासन
विभाग के नियमानुसार दी गई। (ख) जी हां। कमिश्नर, भोपाल संभाग, भोपाल के आदेश
दिनांक 16.12.2009 द्वारा प्रकरण समाप्त किया गया। श्री सुरेश आर्य के विरुद्ध
आर्थिक अपराध ब्यूरो के उज्जैन मुख्यालय के न्यायालय में प्रकरण लंबित होना नहीं
पाया गया। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के नाम
पर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जाना
73. ( क्र. 1463 ) श्री आरिफ
अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश
में पर्यटन विकास निगम शासकीय आयोजनों के लिये भोजन एवं मध्य प्रदेश माध्यम
प्रचार-प्रसार हेतु अधिकृत संस्थाएं हैं ? (ख) यदि हां तो क्या प्रदेश में सांसद
आदर्श ग्राम योजना राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करने का दायित्व पंचायत राज
संचालनालय को सौंपा गया था ? यदि हां तो संचालनालय द्वारा आयोजन हेतु व्यापक स्तर
पर नियमानुसार निविदाएं नहीं बुलाकर सीधी तौर पर एम.पी.कॉन सहकारी समिति को
अनाधिकृत रूप से प्रदेश में सांसद आदर्श ग्राम योजना राष्ट्रीय कार्यशाला हेतु
विभिन्न कार्य करने का दायित्व सौंपा गया था ? (ग) यदि हां तो एमपी कॉन संस्था
द्वारा कौन-कौन सी व्यवस्थाएं सामग्री व कार्य किए गए तथा किस-किस दर से कौन-कौन
से कार्य हेतु शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया ? (घ) प्रश्नांश
(क-ग) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि नियम विरूद्ध जाकर एमपी.कॉन सहकारी
संस्था जिसे खाने एवं प्रचार का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद कार्य सौंपे जाने
हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है ? उनके विरूद्ध शासकीय धन के दुरूपयोग एवं मनमाने
भुगतान के लिये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या तथा कब तक कार्यवाही
करेगा ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)इस संबंध में शासन आदेश उपलब्ध नहीं है।(ख)राष्ट्रीय
कार्यशाला का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा किया गया।
एम.पी.काॅन भारत सरकार की एक शासकीय कंपनी है, जिसे नियमानुसार कार्य सौंपा गया।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार।(ग)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘
अनुसार।(घ)प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2014-15 की
खरीफ फसल की बीमा राशि का भुगतान
74. ( क्र. 1470 ) श्री
कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) वर्ष 2014-15 की खरीफ फसल का राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के
कितने ग्रामों के कितने कृषकों को कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया है ? (ख)
प्रश्नांश (क) अनुसार राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्राम
बीमा राशि से छूटे है ?(ग) प्रश्नांश (ख) में छूटे हुए ग्रामों की अनावरी राजस्व
विभाग, कृषि विभाग एवं बीमा कम्पनी द्वारा कितनी-कितनी आंकलित की गयी है ग्रामवार
जानकारी देवें ?(घ) क्या कृषकों द्वारा फसल बीमा हेतु प्रीमियम जमा की गयी तो फसल
बीमा राशि का प्रीमियम किस दिनांक से बैंक द्वारा बीमा कम्पनी को भेजी गई
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)योजनान्तर्गत बीमा की न्यूनतम इकाई पटवारी हल्का है। बैंक व्दारा घोषणा
पत्र ग्रामवार न बनाकर पटवारी हल्कावार एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी को भेजे
जाते है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत खरीफ वर्ष 2014-15 में राजगढ़ जिले के
विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में लाभान्वित कृषक एवं भुगतान की गई राशि की पटवारी
हल्कावार जानकारी संलग्न परिशिष् एक एवं दो अनुसार है।(ख)राष्ट्रीय कृषि बीमा
योजनान्तर्गत न्यूनतम इकाई पटवारी हल्का है।अत: बीमा प्रक्रिया ग्रामवार न करके
पटवारी हल्कावार की जाती है। सारंगपुर विधान सभा अन्तर्गत तहसील सारंगपुर के 70एवं
तहसील पचौर के कुल 01 से 33 तक पटवारी हल्के सम्मिलित है। खरीफ वर्ष 2014 में राजगढ़
जिलें की सारंगपुर विधानसभा अन्तर्गत सारंगपुर तहसील में कुल 70 पटवारी हल्कों में
बैंक द्वारा बीमा किया गया था। जिसमें से केवल 13 पटवारी हल्कों में उपज में कमीं
पायी गई थी एवं क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान किया गया है, शेष 57 पटवारी हल्कों
में योजना अनुसार उपज में कमी नहीं पाई जाने के कारण क्षतिपूर्ति देय नहीं
है,जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार है। पचोर तहसील अन्तर्गत केवल 01 पटवारी
हल्का के लिये उपज में कमीं पायी गई है एवं क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान किया
गया है शेष 32 पटवारी हल्कों में योजनानुसार उपज में कमीं नहीं पायी जाने के कारण
क्षतिपूर्ति देय नहीं है, परिशिष्ट-2 पर है।खरीफ 2014 मौसम हेतु सारंगपुर तहसील में
पटवारी हल्का नम्बर 19, 45 एवं 54 तथा पचोर तहसील में पटवारी हल्का नम्बर 19 में दो
बैंकों के कुछ घोषणा पत्रों में ऋणमान संबंधी त्रृटियों के कारण दावा राशि का
भुगतान प्रक्रियाधीन है। (ग)राष्ट्रीय कृषि योजनान्तर्गत फसल बीमा दावों का आंकलन
करने के लिये फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर गणना की जाती है न कि
आनावारी के आधार पर। योजनान्तर्गत न्यूनतम इकाई पटवारी हल्का होने से गणना पटवारी
हल्कावार की जाती है न कि ग्रामवार (घ)खरीफ मौसम 01 अप्रेल से 30 सितम्बर के
मध्य होता है। इस दौरान कृषक द्वारा किसी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु
बैंक से ऋण लिया हो तो ऐसे कृषक का फसल बीमा अनिवार्य रूप से बैंक द्वारा किया जाता
है। योजना अनुसार खरीफ मौसम में बैंक द्वारा एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी को
प्रीमियम राशि डी.डी. के साथ घोषण पत्र भेजने की अन्तिम तिथि 31 अक्टूबर होती
है,जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1,2 अनुसार है।
परिशिष्ट
अठारह किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए
संचालित योजनाओं के संबंध में
75. ( क्र. 1476 ) श्री
महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या विभाग द्वारा किसानों के लिये विभिन्न अनुदान योजनाएं चलायी जा रही
है? (ख) यदि हां है तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा गुनौर के ग्रामीण
कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा मुख्यालय के किस-किस केन्द्र से कितने
हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, उन्हें किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया
है ? (ग) क्या हितग्राही चयन हेतु कुछ मापदण्ड निर्धारित है, जिनका पालन करना
अनिवार्य है ? यदि हां तो वह मापदण्ड क्या है ? योजनवार मापदण्ड स्पष्ट करें ?
(घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या कहीं-कहीं हितग्राही चयन में मापदण्डों की
अनदेखी की गई ? क्या संबंद्ध अपात्र हितग्राही को लाभ पहुँचाने वाले अधिकारी के
विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां तो क्या शिकायत की जांच कमेटी गठन कर की
जावेगी या विभागीय जांच कराई जायेगी ? यदि जांच कराई जायेगी तो समय सीमा बतावें ?
यदि नहीं, तो क्यों ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज
बिसेन ) : (क)जीहॉ।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार
है।(ग)जी हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार
है।(घ)हितग्राही चयन में मापदण्डों की अनदेखी नहीं की गई हैअत: जॉच कराने एवं
अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
विभाग द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजनाऍं
76. ( क्र. 1477 ) श्री
महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
म.प्र. शासन के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी
पेंशन योजनाएं चलाई जा रही है ? गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न योजनाओं
के तहत कितने हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है ? हितग्राही को स्वीकृति दिनांक
को दी जाने वाली पेंशन राशि एवं वर्तमान में दी जा रही पेंशन राशि की जानकारी देवें
?(ख) क्या पेंशन की मासिक किश्तों का भुगतान हितग्राहियों को सालो से नहीं हो पा
रहा है ?(ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद गुनौर व पन्ना अंतर्गत ग्राम
पंचायतों में स्वीकृत पेंशन का भुगतान हर माह कितने हितग्राहियों को मिल रहा है
कितनों को नहीं मिल रहा है ? (घ) क्या जिन ग्राम पंचायतों में सामाजिक सुरक्षा
पेंशन का भुगतान हितग्राहियों को लगातार नहीं किया जा रहा है, उसके लिये दोषी
अधिकारियों के विरूद्ध सख्त दण्डात्मक निलंबन की कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां,
तो कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है।(ख)जी नहीं।(ग)जनपद पंचायत गुनौर में 12608 एवं
जनपद पंचायत पन्ना में 4179 कुल 16787 हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान मिल रहा
है।कोई हितग्राही पेंशन से वंचित नहीं है।(घ)हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन
योजना का नियमित भुगतान किया जा रहा है।शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।परिशिष्ट
उन्नीस सिंहस्थ में खाद्यान आवंटन
77. ( क्र. 1525 ) डॉ. मोहन
यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गत सिंहस्थ में
विभाग द्वारा कितनी मात्रा में खाद्यान्न पैट्रोल, डीजल गैस एवं लकड़ी का आवंटन,
भण्डारण एवं वितरण किया गया था एवं वर्तमान में आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते
हुए कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न (गेहूं, चावल, कैरोसीन, शक्कर) का आवंटन का
प्रावधान रखा गया है ? उपरोक्त सामग्री के भण्डारण एवं वितरण के संबंध में विभाग
द्वारा क्या योजना बनाई गई है ?(ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी
अनुसार वर्तमान सिंहस्थ में दिया गया आवंटन 05 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के
अनुसार कम हैं ?(ग) क्या शिवरात्रि पर प्रसाद में फूड पाईजनिंग के कारण बड़ी
संख्या में लोग बीमार हुए थे तथा आगामी सिंहस्थ में भी करोड़ों की संख्या में
श्रद्धालुओं के आने पर मिलावट खोरी होने की संभावना है ? यदि हां, तो मिलावट खोरी
रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई हैं, यदि नहीं तो कारण
स्पष्ट करें ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गत सिंहस्थ
में खाद्यान्न, शक्कर, केरोसीन एवं जलाउ लकड़ी के आबंटन, भण्डारण और वितरण की
जानकारी तथा आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खाद्यान्न,
शक्कर एवं केरोसीन की मांग की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। विभाग द्वारा पेट्रोल, डीजल एवं एलपीजी का कोई पृथक से आबंटन नहीं दिया
जाता है। पूर्व में ऑयल कम्पनियों द्वारा आवश्यकतानुसार इनकी आपूर्ति की
व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। इस अनुसार ही ऑयल कम्पनी द्वारा व्यवस्था
सुनिश्चित की जा रही है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए खाद्यान्न, शक्कर
एवं केरोसीन के आबंटन हेतु भारत सरकार को पत्र लिखा गया है। भारत सरकार से आबंटन
प्राप्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।, (ख) वर्तमान में आबंटन की प्रक्रिया प्रचलित
है। गत सिंहस्थ के अनुभव के आधार पर ही व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।, (ग)
जी हां। जी नहीं। जिला प्रशासन द्वारा मिलावटखोरी को रोकने के लिए विस्तृत
कार्ययोजना बनाई गई है। सिंहस्थ हेतु जिला प्रशासन द्वारा माईक्रो प्लान तैयार कर
सिंहस्थ कार्यालय एवं आयुक्त खाद्य कार्यालय को प्रस्तुत किया गया है। खाद्य
पदार्थो की गुणवत्ता की निगरानी हेतु उड़नदस्ता एवं चलित प्रयोगशाला स्थापित की
जाएगी। जनजागरण हेतु प्रचार सामग्री की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही
है।
परिशिष्ट
बीस सिंहस्थ हेतु व्यवस्थाएं
78. ( क्र. 1526 ) डॉ. मोहन
यादव : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिंहस्थ के
दृष्टिगत परिवहन विभाग द्वारा व्यवस्थाओं स्वरूप कितनी-कितनी बैठक 01.01.2015 से
प्रश्न दिनांक तक आयोजित की गई, इनमें किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया
गया तथा उन्होंने इस संबंध में क्या-क्या सुझाव दिये एवं उनके किन-किन सुझावों
पर अमल हेतु कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है ? यदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर
सुझाव प्राप्त नहीं किये गये हैं तो क्यों ?(ख) सिंहस्थ परिहन की दृष्टिगत
उज्जैन के किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने स्थाई एवं अस्थाई नवीन बस
स्टेण्ड का निर्माण किया जा रहा है एवं उनमें क्या सुविधाएं प्रदान की जा रही है
?(ग) सिंहस्थ के दृष्टिगत उज्जैन में विभिन्न शहरों से आने वाली बसों के दबाव को
दृष्टिगत किनती बसों को परमिट देने हेतु योजना बनाई गई है ? उनको किस आधार पर परमिट
दिये जावेंगे ? क्या इस हेतु कोई बैठक आयोजित की गई है ?
परिवहन मंत्री
( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिंहस्थ महापर्व के
प्रबंध व्यवस्थाओं एवं योजनाओं के संबंध में वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारियों, पुलिस
प्रशासन, सिहंस्थ मेला प्राधिकरण एवं माननीय प्रभारी मंत्री जी द्वारा समय-समय पर
बैठके ली गयी है । इन बैठकों में परिवहन विभाग की अोर से क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
उपस्थित रहे है । बैठकों में परिवहन विभाग के संबंध में जो भी निर्देश दिये
गये है उन पर पूर्ण अमल किया जा रहा है, भविष्य में जो भी निर्देश दिये जावेगें उन
पर पूर्ण अमल किया जावेगा। (ख) सिंहस्थ 2016 में यात्रियों
को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने दृष्टि से मेला अधिकारी, उज्जैन से प्राप्त
जानकारी अनुसार देवास, बडनगर, खाचरोद, सुजालपुर, मागडोन, तराना, जावरा, महिदपुर,
आलोट, कन्नोद, खातेगाॅव, सोनकच्छ, कानड, सुसनेर, नलख्ेाडा, आगर, पचौर, मक्सी,
ओंकारेश्वर,सांवेर, गौतमपुरा, घरमपुरी, महू,नागदा, पिपलोदा, आष्टा, घटिया,
रतलाम, अागर, मालवा आदि क्षेत्रों के नगर पालिक निगम/ नगर पालिका/ नगर परिषद्
द्वारा अस्थाई /स्थाई बस स्टेण्डों का उन्नयन सार्वजानिक शौचालय, पेयजल,
व्यवस्था, यात्री प्रतिक्षालय एवं प्रकाश व्यवस्था इत्यादि सुविधाएं प्रदान
किया जाना प्रस्तावित है । इसके अतिरिक्त सिंहस्थ 2016 हेतु नवीन 06 अस्थाई बस
स्टेण्ड (सेटेलाइट टाउन) निम्नानुसार बनाये जा रहे है :- 1. बडनगर रोड(मोहनपुरा
फलेग स्टेशन) 2. आगर रोड (आर.डी. गार्डी के सामने) 3. उन्हेल रोड (माता साडू की
बावडी) 4. इन्दौर रोड (सावरा खेडी) 5. देवास रोड (इंजीनियरिंग कॉलेज/लालपुर
टर्निंग) 6. मक्सी रोड (पॅवासा शासकीय स्कूल)
। (ग) सिंहस्थ के दौरान यात्रियों के दवाब एवं
विभिन्न शहरों से आवागमन की सुगम सुविधायें प्रदान करने की दृष्टि से प्रदेश के
विभिन्न जिलो के क्षेत्रीय/जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 की
धारा 87(1) (ए) के अंतर्गत उदारता पूर्वक यात्रियों की अावश्यकता के अनुरूप समस्त
आवेदित वाहनों को परमिट जारी किये जावेगेंं।
म.प्र. में मंडी
प्रांगड़ों हेतु भूमि अधिग्रहण
79. ( क्र. 1546 ) श्री इन्दर
सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या उज्जैन संभाग अंतर्गत में नवीन मंडी प्रांगण, उपमंडी प्रांगण, अतिरिक्त
मंडी प्रांगण हेतु वर्ष 2014 एवं 2015 में भूमि अधिग्रहण की गई है ? यदि हां, तो
किन-किन मंडियों में कितनी-कितनी भूमि ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि का
क्या भौतिक आधिपत्य विधिवत् मंडियों द्वारा क्या प्राप्त कर लिया गया है ? यदि
हां, तो किन-किन मंडियों में ? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंडी प्रांगणों
में से किन-किन में निर्माण कार्यों हेतु राशि स्वीकृत कर निविदाऐं आमंत्रित की गई
हैं ? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रांगणों में से किन-किन मंडियों में
भूमि पर अग्रिम कब्जे की कार्यवाही को निरस्त कर दी गई है ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। कृषि उपज मंडी
समिति नीमच के अतिरिक्त मंडी प्रांगण हेतु 16.76 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण
किया गया है।(ख)जी हॉ।कृषि उपज मंडी समिति नीमच को निजी भूमि का अधिपत्य प्राप्त हो
गया है।(ग)कृषि उपज मंडी समिति नीमच के अतिरिक्त मंडी प्रागंण हेतु
अधिग्रहित/आवंटित भूमि पर बाउन्ड्रीवाल निर्माण की निविदायें आमंत्रित की जाकर
स्वीकृत की गई।(घ)प्रश्नांश(क)के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. की मंडियों में सचिव (स) वर्ग की
पदोन्नति
80. ( क्र. 1547 ) श्री इन्दर
सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश की मण्डियों में कार्यरत सचिव (ब) के पद पर पदोन्नति उपरान्त शेष बचे सचिव
(ब) के पदों पर क्या प्रतिनियुक्ति के द्वारा अन्य विभागों के कर्मचारियों को
मंडियों में पदस्थ करने की मंडी बोर्ड में कोई कार्यवाही प्रचलित है ? यदि हां तो
शत प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर प्रतिनियुक्ति से कर्मचारी लेने
हेतु संचालक मंडल बोर्ड की किस दिनांक की बैठक के अनुपालन में किस आदेश क्र. से
स्वीकृति प्राप्त की गई, आदेश की प्रति देवें ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ।म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड के
संचालक मंडल की 64वीं बैठक दिनांक 13.07.1998 में लिये गये निर्णय के अनुसार "
राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998" दिनांक 13.07.1998 से प्रभावशील है।इसके विनियम
- 6 (2) में प्रतिनियुक्ति हेतु निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत प्रावधानित है कि
सामान्यत: प्रतिनियुक्ति सीधी भर्ती अथवा प्रतिनियुक्ति हेतु निर्धारित पदों पर ही
की जा सकेगी किंतु बोर्ड की आवश्यकता तथा तत्कालिकता को दृष्टिगत रखते हुये
प्रस्तावित नियुक्ति अवधि में बोर्ड में उक्त प्रवर्ग में फीडिंग केडर में पदोन्नित
हेतु उपयुक्त तथा अर्हरत कर्मचारी उपलब्ध न होने पर लेखबद्ध किये जाने वाले कारण के
आधार पर नियुक्ति प्राधिकारी व्दारा नियुक्ति की जा सकेगी।अत: संचालक मण्डल से
प्रतिनियुक्ति पर लेने हेतु पृथक से अनुमोदन लेने की आवश्यकता नही है।वांछितआदेश
संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार है।
परिशिष्ट
इक्कीस पत्र पर कार्यवाही बाबत्
81. ( क्र. 1563 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र क्रमांक 1479 दिनांक 16.07.2015 में म.प्र. सार्वजनिक
वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 में राशन दुकानों में मात्र 03 माह के अभिलेख
रखने के प्रावधान में सुधार का आग्रह किया है ? यदि हां, तो इस पत्र में क्या
कार्यवाही की गई है ? (ख) क्या प्रश्न क्रमांक 151 (2422) दिनांक 27.07.15 के
प्रश्नांश (क) में वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक उपार्जित धान की जमा मात्रा में कमी
को अस्वीकार किया गया है ? यदि सही है तो जिला प्रबंधक म.प्र. सिविल सप्लाईज
कार्पोरेशन कटनी के पत्र क्रमांक 524 दिनांक 16.09.13 में क्या उल्लेख है ? इस
पत्र में कौन-कौन समितियों को अधिक भुगतान दिखाया गया है और क्यों ? (ग)
प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रश्न के (ख) में ट्रांजिट गेन से इंकार किया गया है ?
क्या मार्कफेड और म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के बीच पत्र व्यवहार
में ट्रांजिट गेन का उल्लेख है ? यदि हां, तो कौन में और क्या ? (ख) एवं (ग) के
संदर्भ में गलत उत्तर हेतु कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं ? उन पर क्या
कार्यवाही करेंगे ? (घ) क्या मार्च 2015 में जन सुनवाई में तेवरी समिति की
कौन-कौन राशन दुकानों की जांच में कितने कैरोसिन का उपयोजन पाया गया है ? क्या
उपयोजन जिस थोक डीलर का था वह पूर्व में विजयराघवगढ़ में उपयोजन का दोषी पाया जा
चुका है ? यदि हां, तो उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं, तो कब
तक की जावेगी ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : 'क', 'ख', 'ग',
'घ' जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास
योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृत करने के संबंध में
82. ( क्र. 1580 ) श्री महेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बीना के अंतर्गत विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन बैंकों के
माध्यम से मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कुल कितने हितग्राहियों को आवास हेतु ऋण
स्वीकृत किया गया है ? (ख) क्या उक्त योजनान्तर्गत कई हितग्राहियों के प्रकरण
कई महीनों से बैंकों में लंबित है, लंबित रहने का क्या कारण है एवं पंचायत विभाग
के अधिकारियों द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गयी है, एवं विलम्ब के
लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, एवं कार्यवाही का क्या प्रावधान है ? (ग)
क्या उक्त योजनान्तर्गत कई हितग्राहियों को बैंकों द्वारा अंतिम किस्त का
भुगतान नहीं किया है ? यदि नहीं तो कब तक कर दिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत विगत 03 वर्षों
से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, बैंकवार स्वीकृत किये गये प्रकरणों की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस मिशन में, वित्तीय
वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य अनुसार, पात्र हितग्राहियों के ऋण प्रकरण प्राथमिकता
के अनुसार जनपद पंचायतों द्वारा बैंकों को प्रेषित किये जाते हैं। बैंक शाखाओं
द्वारा इन ऋण प्रकरणों की स्वीकृति तथा अन्य दस्तावेज इत्यादि की कार्यवाई पूर्ण कर
ऋण वितरित करने की प्रक्रिया में प्रकरण बैंक शाखाओं में लंबित रहते हैं। जनपद
पंचायत के संबंधित अधिकारियों द्वारा, बैंकों से समन्वय कर प्रकरणों में स्वीकृति
प्राप्त कर, ऋण वितरण करवाया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया होने से, विलम्ब हेतु
दोष निर्धारण व्यवहारिक नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस मिशन
में, निर्धारित स्तर तक आवास निर्माण कार्य पूर्ण करने पर ही अंतिम किश्त का बैंक
शाखा द्वारा भुगतान किया जाता है। अतः अंतिम किश्त भुगतान के लिए निर्धारित स्तर
तक, निर्माण किये गये आवासों में, अंतिम किश्त भुगतान के लिए जिला स्तर के
अधिकारियों द्वारा बैंकों से समन्वय कर, शीघ्र अंतिम किश्त भुगतान हेतु प्रयास किये
जायेंगे।
परिशिष्ट
बाईस ग्राम पंचायत सरानी जिला छतरपुर में निर्माण कार्यों में
राशि का दुरूपयोग
83. ( क्र. 1588 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या वर्ष 2005-06 से वर्ष 2009-10 तक सरपंच ग्राम पंचायत सरानी में
कौन था तथा वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक सरपंच पद पर सरानी में कौन था ? इन दोनों
तत्कालीन सरपंचों के कार्यकाल में विधायक निधि से 2011-12 में चबूतरा निर्माण
80,000 रू. वर्ष 2012-13 में नलजल येाजना आदिम जाति कल्याण विभाग से, पंच
परमेश्वर योजना से सी.सी. रोड निर्माण वर्ष 2013-14 में हाट बाजार निर्माण,
सामुदायिक भवन, 13 वे वित्त से राजीव गांधी भवन निर्माण सेवा केन्द्र स्वीकृत
हुये थे जो निर्माण कार्य उक्त दोनों सरपंचों की मिलीभगत से आज तक नही कराये गये
है और उक्त निर्माण कार्यों की राशि निकालकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया है ?
क्या उक्त सभी निर्माण कार्यों की जांच करायेगें क्या, यदि हां तो कब तक यदि
नहीं तो क्यों ? (ख) क्या पूर्व सरपंच एवं अधिकारी यदि दोषी पाये जायेगें तो
पूर्व सरपंच से राशि वसूल की जाने की कार्यवाही करेगें ? अधिकारी कर्मचारी दोषी
पाये जाने पर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेगें ? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं
तो क्यों कारण स्पष्ट करें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जनपद पंचायत छतरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सरानी में वर्ष 2005-06 से
2009-2010 तक श्री बृजगोपाल शिवहरे एवं 2010-11 से 2014-15 तक श्रीमती रामरती
शिवहरे सरपंच पद पर कार्यरत रहे हैं। जी हां। प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार निर्माण
कार्यों की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार। जी हां।
उपरोक्त उल्लेखित निर्माण कार्यों की जांच हेतु कमेटी गठित कर जांच प्रतिवेदन
प्रस्तुत करने हेतु 10 दिवस का समय नियत किया गया है।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार। जांच कमेटी के प्रतिवेदन के अनुसार विधिसंगत
कार्यवाही होनी अपेक्षित है।(ख)जी हां। जी हां। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर
नियमानुसार कार्यवाही गुण दोष के आधार पर की जायेग। निश्चित समय-सीमा बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
तेईस ग्राम पंचायत कलरा विकासखण्ड पलेरा जिला टीकमगढ़ के पूर्व
सरपंच एवं उपयंत्री द्वारा शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाला
84. ( क्र. 1589 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या ग्राम पंचायत कलरा में दिनांक 10.7.11 को किस निर्माण की
स्वीकृति कर 04 लाख 93 हजार रूपये आहरण कर लिये गये और वृक्षारोपण किया जाना बताया
गया फिर दिनांक 14.10.13 को 4 लाख 63 हजार रूपये स्वीकृत हुये और आहरण कर
वृक्षारोपण करना बताया गया और मिट्टी मुरम रोड गड़ाघाट मार्ग पर स्वीकृत राशि
2.10.13 को 14 लाख 76 हजार एवं 2.10.13 को ही मिट्टी मुरम रोड स्वीकृत 14.76 लाख,
एक ही स्टेमेट पर उपयंत्री द्वारा राशि स्वीकृत कराई गई इसी तरह 5.3.14 को मिट्टी
मुरम रोड-स्वीकृत राशि 14.76 लाख और 5.3.14 को मिट्टी मुरम स्वीकृत राशि 14.76
लाख, और फिर नवीन तालाब निर्माण 15.8.13 को स्वीकृत राशि 9.95 लाख, 15.8.13 को
9.93 लाख, फिर 26.1.14 को, 9.95 लाख, फिर 26.2.14 को 9.96 लाख फिर 26.2.14 को 9.96
लाख इस प्रकार की राशि आहरण कर निर्माण कार्यों को कराया जाना बताया गया जबकि सभी
निर्माण कार्य फर्जी है । उपयंत्री एवं तत्कालीन सरपंच की मिली भगत से शासन
की भारी राशि का दुरूपयोग कर हड़प लिया गया है ? क्या इसकी जांच करायेंगे ? (ख)
क्या उक्त सभी वर्णित निर्माण कार्यों में उपयंत्री द्वारा एक ही स्टीमेट का
उपयोग कर सरपंच की शह पर राशि स्वीकृत कराई गई है और आज की स्थिति में उक्त
निर्माण कार्य लुप्त है कहीं कोई निशान निर्माण कार्यों के नहीं है ऐसी स्थिति में
होने पर दोषी पाये जाने वाले पूर्व सरपंच एवं उपयंत्री के विरूद्ध शासन की राशि
वसूल की जाने की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे ? यदि हां, तो कब तक समयावधि बताये ?
यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें ? (ग) क्या सचिव ग्राम पंचायत कलरा द्वारा कोई
हस्ताक्षर आहरण राशि पर नहीं किया एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिख कर भी दिया
फिर भी भुगतान हो गया ? क्या यह नियमों के विपरीत नहीं है ऐसी स्थिति में भुगतान
करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगे ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो
कारण स्पष्ट करें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी
नहीं, प्रश्नाधीन निर्माण कार्यो की जॉच करा ली गयी है। विवरण संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्त सभी वर्णित निर्माण कार्य जॉच में गुणवत्ता पूर्ण
पाये गये हैं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
(ग) जी नहीं, प्रश्नांक क में उल्लेखित कार्यो के बिल व्हाउचर, मस्टररोल,
पूर्णता/उपयोगिता प्रमाण पत्रों पर सचिव द्वारा हस्ताक्षर किये गये हैं, जिनके
अधार पर एफटीओ के माध्यम से मजदूरी/वेण्डर को भुगतान किया गया है। कोई भी राशि
नियम विरूद्ध भुगतान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
चौबीस गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य
85. ( क्र. 1602 ) श्री संजय
उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या वर्ष
2014-15 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग
द्वारा निर्माण कार्यों को विभागीय तौर पर एवं ठेके में एस.ओ.आर. दर से कम पर
निर्माण कार्य किया जा रहा है ?(ख) यदि हां, तो प्रश्नांश(क) अन्तर्गत क्या
गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसके कारण कई पुल-पुलिया टूट गये
है एवं विभागीय एवं ठेके में कई कार्य अपूर्ण पाये गए हैं ? क्या निर्माण कार्य
की जांच कराई जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत कार्यों का सम्पादन कार्य विभाग मेनुअल के
प्रावधानों अनुसार कराया जाता है। निविदाये खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से प्राप्त
की जाती हैं। निविदा दरें स्थल की भौगोलिक स्थिति सामग्री की उपलब्धता एवं
प्रतिस्पर्धा पर निर्भर होती हैं। अतः निविदा दरें प्रचलित एस.ओ.आर. से कम अथवा
अधिक प्राप्त होती हैं एवं तदानुसार कार्य किया जाता है। विभागीय रूप से होने वाले
कार्य भी कार्य विभाग मेनुअल के प्रावधानों एवं विभागीय निर्देशों के अनुरूप
संपादित कराये जाते हैं। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य उक्त कारणों से गुणवत्ताविहीन
एवं अपूर्ण पाया जाना प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
आदिवासी उपयोजना मद से प्राप्त आवंटन के संबंध में
86. ( क्र. 1605 ) श्री संजय
उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विभाग को आदिवासी उपयोजना मद से विकास हेतु बजट प्राप्त होता है ?(ख) यदि हां, तो
प्रदेश के सभी जिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने
आदिवासी हितग्राहियों को नलकूप खनन हेतु अनुदान दिया गया, जिलेवार बतावें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी
हॉ।(ख)प्रदेश के सभी जिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2728
आदिवासी हितग्राहियों को नलकूप खनन में अनुदान दिया गया है।जिलेवार एवं वर्षवार
जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है।
परिशिष्ट
पच्चीस राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2014 की बीमा
राशि का भुगतान
87. ( क्र. 1635 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, राजगढ़ (ब्यावरा) द्वारा पत्र
क्रमांक/फील्ड/ऋण/योजना/2015-16/3580 राजगढ़ दिनांक 03.11.2015 के माध्यम से
क्षेत्रीय प्रबंधक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, भोपाल को
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना खरीफ 2014 के अंतर्गत संशोधित घोषणा पत्रों की बीमा
दावा राशि शीघ्र भेजने के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया है ?(ख) यदि हां, तो
प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई तथा क्या संशोधित घोषणा
पत्रों की बीमा दावा राशि संबंधित बैंक को प्रदान की जा चुकी है ? यदि नहीं, तो
क्यों कारण सहित स्पष्ट करें ?(ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन राष्ट्रीय कृषि
बीमा योजना खरीफ-2014 के अंतर्गत संशोधित घोषणा पत्रों की बीमा दावा राशि संबंधित
बैंक को प्रदान करने हेतु इंश्योरेंस कंपनी को पाबंद करेगा ? यदि हां, तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. (ख) एग्रीकल्चर
इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजगढ़ बैंक
द्वारा प्रेषित घोषणा पत्रों में से कुछ घोषणा पत्रों में ऋणमान संबंधी त्रुटि के
कारण दावा राशि रोकी गयी है, बैंक से प्राप्त संशोधित घोषणा पत्रों पर एग्रीकल्चर
इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड स्तर पर कार्यवाही प्रगति पर है, प्रकरणों
का निराकरण कर सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन उपरांत राज्य एवं केन्द्र शासन से उनके
हिस्से की राशि प्राप्त कर देय क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जायेगा. (ग)
उत्तरांश "ख" अनुसार.
कैरोसीन की कालाबाजारी पर कार्यवाही
88. ( क्र. 1636 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजगढ़
जिले की तहसील ब्यावरा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक
आबादी के मान से कैरोसीन का कितना कोटा किस-किस वितरण केंद्र के लिये निर्धारित है
एवं किन-किन अनुज्ञप्तिधारियों को आपूर्ति हेतु निर्धारित किया गया है तथा किस-किस
अनुज्ञप्तिधारक को कैरोसीन आपूर्ति हेतु कितना-कितना कोटा आवंटित है ? पृथक-पृथक
बतावें ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कैरोसीन आपूर्ति हेतु उपरोक्त
निर्धारित अनुज्ञप्तिधारकों को कब और कितनी अवधि के लिये अनुज्ञप्तियां जारी की गई
तथा क्या प्रदत्त अनुज्ञप्तियों की कोई निर्धारित समय-सीमा है ? यदि हां, तो
बतावें तथा क्या आवंटित कैरोसीन के भौतिक सत्यापन की कोई व्यवस्था शासन द्वारा
निर्धारित है ? यदि हां, तो किस स्तर के अधिकारियों द्वारा उक्त अवधि में
कहां-कहां भौतिक सत्यापन किया गया ? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में
कैरोसीन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नागरिक एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को आवंटित होने वाले
कैरोसीन की बड़ी मात्रा कालाबाजारी की जा रही है ? इसे रोकने हेतु विगत 03 वर्षों
में खाद्य विभाग राजगढ़ द्वारा कब-कब, बड़ी कार्यवाहियां की गई तथा की गई कार्यवाही
के क्या-क्या निष्कर्ष रहें ? वर्षवार विवरण सहित बतावें ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में तहसील ब्यावरा
अंतर्गत वितरण केन्द्रों (उचित मूल्य दुकानों) को आवंटित केरोसीन की मात्रा की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। मेसर्स गोपाल ऑयल, मेसर्स
ज्योति ऑयल एवं मेसर्स गिरिराज ऑयल ऐसे अनुज्ञप्तिधारी हैं जिनके माध्यम से उचित
मूल्य दुकानों तक केरोसीन की आपूर्ति की जाती है। तहसील ब्यावरा में वितरित करने
के लिए अनुज्ञप्तिरियों को आवंटित की गई केरोसीन की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है।, (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘स’
अनुसार है। जिले में निरीक्षण करते समय खाद्य अमले द्वारा केरोसीन का भी भौतिक
सत्यापन किया जाता है।, (ग) जी नहीं। ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
केरोसीन की कालाबाजारी को रोकने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है, जिसकी
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘द’ अनुसार है।
ग्राम पंचायत
अलापुरा में खाद्यान्न वितरण
89. ( क्र. 1644 ) श्री जितू
पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम
पंचायत अलापुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खाद्यान्न जौरा एल.एस.एस. के
माध्यम से वितरित नहीं किया जाकर जौरा मार्केटिंग सोसायटी जिला मुरैना के माध्यम
से वितरित करवाया जा रहा है, यदि हां, तो क्यों एवं कब से कारण बतावें ?(ख) क्या
अंत्योदय कूट रचित दस्तावेज के आधार पर अप्रैल 2008 से मई 2013 तक ग्राम पंचायत
अलापुर को राशन कार्ड सामान्य 957, बी.पी.एल. 295 एवं अंत्योदय कार्ड 15 के
स्थान पर सामान्य कार्ड 1975 बी.पी.एल. कार्ड 703 एवं अंत्योदय कार्ड 20 के
अनुसार खाद्यान्न प्रदान किया गया है ? यदि हां, तो सज्ञान में होने के बावजूद
अधिक खाद्यान्न क्यों प्रदान किया गया ?(ग) क्या प्रश्न (ख) के तारतम्य में
उक्त प्रकरण की जांच खाद्य नियंत्रक ग्वालियर द्वारा की गई है ? उनके द्वारा
प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है ?(घ) कूट रचित दस्तावेज
प्रस्तुत कर अधिक खाद्यान्न लिये जाने के मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा
मार्केटिंग सोसायटी के अध्यक्ष डी.पी. शर्मा के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर दो अन्य
कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है ? क्या शासन द्वारा वास्तविक जिम्मेदार
पदाधिकारियों के विरूद्ध राशन हड़पने कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में
अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा ? यदि हां, तो समय-सीमा बतावें ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी, नहीं।, (ख) जी, हॉं । तत्कालीन
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जौरा, तत्कालीन पंचायत सचिव ग्राम पंचायत
अलापुर एवं तत्कालीन खाद्य शाखा के लिपिक कंचन सिंह यादव द्वारा दुकान के सही
राशनकार्ड की जानकारी नहीं दी जाने से अधिक आवंटन जारी हुई। इस अनियमितता का
संज्ञान कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) माह जुलाई 2013 में आने के उपरान्त अधिक
खाद्यान्न नहीं दिया गया। वर्षवार अधिक प्रदाय किए गए खाद्यान्न की जानकारी
निम्नानुसार है :-
(मात्रा क्विंटल में)
वर्ष |
गेहूँ एपीएल |
गेहूँ बीपीएल |
गेहूँ एएवाय |
चावल बीपीएल |
चावल एएवाय |
2010 |
485.56 |
450.58 |
10.50 |
59.98 |
0.00 |
2011 |
861.08 |
1168.99 |
19.40 |
217.34 |
1.60 |
2012 |
950.68 |
1279.98 |
19.80 |
63.56 |
1.20 |
2013 |
519.17 |
302.99 |
9.75 |
10.72 |
1.00 |
कुल मात्रा |
2816.49 |
3202.54 |
59.45 |
351.60 |
3.80 |
(ग) जी, हॉं । जॉंच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रकरण में जॉंच उपरान्त श्री सुरेन्द्र शर्मा, लीड
प्रबंधक विपणन सहकारी समिति जौरा एवं श्री बनवारीलाल सविता विक्रेता शासकीय उचित
मूल्य की दुकान अलापुर के विरूद्ध दिनांक 02.03.2015 को थाना जौरा में प्रथम सूचना
रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, तथा प्रबंधक मार्केटिंग सोसायटी जौरा को कारण बताओं सूचना
पत्र क्रमांक 2176 एवं 2071/रीडर-2/खाद्य/2015 जौरा दिनांक 10.07.2015 एवं
18.09.2015 जारी कर अपयोजित की गई राशि 9000838.44 (नब्बे लाख आठ सौ अडतीस रूपये
चौव्वालिस पैसे) की वसूली की कार्यवाही की जा रही है।, (घ) अधिक खाद्यान्न लिये
जाने के मामले में मार्केटिंग सोसायटी के प्रकरण में कलेक्टर, मुरैना के पत्र
क्रमांक 402/खाद्य/2015, दिनांक 08.06.2015 के पालन में दोषी प्रबंधक श्री
डी.पी.शर्मा के विरूद्ध थाना प्रभारी जौरा द्वारा एफ आई आर दर्ज कर लिया गया। अन्य
कर्मचारी श्री कंचनसिंह यादव, सहायक ग्रेड-3, खाद्य शाखा मुरैना, तत्कालीन पंचायत
सचिव, श्री प्रकाश शर्मा एवं श्री किशोर धाकड़ के विरूद्ध विभागीय जॉंच संस्थित
होकर कार्यवाही प्रचलित है, विभागीय जॉंच के निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्यवाही
की जाएगी। तत्कालीन खाद्य अधिकारी श्री शिरोमणि दोहरे थे, जिनका निधन हो चुका
है।
ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य
90. ( क्र. 1670 ) श्री सचिन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत कसरावद में शासन/विभाग द्वारा ग्राम
पंचायतों में विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत
किए गए है ? कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण है और अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर
लिया जायेगा ? (ख) क्या उक्त स्वीकृत कार्यों के लिए राशि आहरित कर ली गई है यदि
हां, तो किन कारणों से कार्य अपूर्ण की स्थिति में है ? जानकारी दें ? (ग)
प्रश्नांश (क) अनुसार मनरेगा अंतर्गत कितनी-कितनी राशि से कितने निर्माण कार्य हुए
है ? उक्त विकासखण्डों में जनभागीदारी कितनी-कितनी मांग संख्याओं के अंतर्गत
कौन-कौन से मार्ग निर्माण किए गए है और उनको एस.ओ.पी. अंक जारी किए गए है ? कितने
जॉब कार्डधारियों के खाते में राशि भेजी गई ? यदि हां, तो जानकारी दें ? (घ) उक्त
विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों के अंतर्गत भौतिक रूप से मांग अनुसार कोई निर्माण
कार्य नहीं होने के क्या कारण है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण/प्रगतिरत
कार्यों को आबंटन की उपलब्ध्ाता अनुसार मार्च 2016 तक पूर्ण कराने का प्रयास किया
जा रहा है। (ख) जी नहीं । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त विकासखण्ड में मनरेगा अंतर्गत जनभागीदारी से
कोई मार्ग निर्माण स्वीकृत नहीं है, अत: मार्ग निर्माण में एस.ओ.पी. अंक जारी नहीं
किए गए है। जॉबकार्डधारियों के खाते में जारी राशि का विवरण nrega.nic.in वेबसाईड
पर उपलब्ध है। (घ) उक्त विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों के अंतर्गत रोजगार की मांग
अनुसार निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
परिशिष्ट
छब्बीस पंचायत स्तर पर डब्ल्यू.बी.एम. मार्ग निर्माण कार्य
किये जाने के संबंध में
91. ( क्र. 1678 ) श्रीमती
योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या विभाग द्वारा पत्र क्रमांक/109/22/वि-10/ग्रायांसे/2015, भोपाल दिनांक
07.01.2015 द्वारा ग्राम खिडगांव (जिला खण्डवा विकासखण्ड पंधाना) से दीपला फाटे
तक डामरीकरण कार्य किये जाने हेतु पत्र जारी किया गया है ?(ख) यदि हां, तो उक्त
पत्र के परिपालन में संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? (ग) खिडगांव से
दीपला फाटे तक डामरीकरण कार्य कब तक कर दिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को खिडगांव से
दीपला फाटे तक डामरीकरण कराये जाने का प्रस्ताव दिया गया था। विकास आयुक्त
कार्यालय द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र द्वारा
आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु कलेक्टर जिला खण्डवा को लेख किया गया है। (ख)
कार्यालय जिला पंचायत खण्डवा द्वारा उक्त पत्र के तारतम्य में कार्यपालन यंत्री
लोक निर्माण विभाग खण्डवा को पत्र दिनांक 04.04.2015 द्वारा कार्य का प्राक्क्लन
तैयार करते हुए शासन से स्वीकृति प्राप्त करने हेतु लेख किया गया है। (ग)
प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विश्व
बैंक परियोजना में डामरीकरण का प्रस्ताव विचाराधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले में चल रहे जनमित्र
केन्द्रों के संबंध में
92. ( क्र. 1688 ) श्रीमती
इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायतों में संचालित जनमित्र केन्द्र किस दिनांक से चालू
होकर किसके आदेश से संचालित हो रहे हैं तथा इन पर प्रारंभ दिनांक से दिनांक
31.10.2015 तक कितना व्यय किस मद से किया गया है ? कितने कर्मचारियों को इस कार्य
के लिये लगाया गया है ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ग्वालियर जिले की ग्राम
पंचायतों में जनमित्र केन्द्र आज भी संचालित हो रहे और उन पर व्यय किया जा रहा है
? जब ब्लॉक स्तर पर लोक सेवा गारंटी केन्द्र खुले है तो इन पर व्यय क्यों किया
जा रहा है और जब पंचायत सचिवों को मुख्यालय पर रहने के आदेश विभाग द्वारा ही दिये
गये है तो उन्हें दूसरी पंचायतों में फिंगर लगाने क्यों और किसके आदेश से भेजा जा
रहा है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)वर्तमान में ग्वालियर जिले की 39 ग्राम पंचायतों अर्थात
ग्राम पंचायतों के क्लस्टर मुख्यालय स्तर पर, सर्वप्रथम दिनांक 25.09.2009 से जनपद
पंचायत घाटीगांव में 12 केन्द्र तथा 07.04.2010 से अन्य 3 जनपद पंचायतों में कुल 27
जनमित्र केन्द्र कलेक्टर के आदेश से संचालित हो रहे हैं। इन केन्द्रों पर
प्रश्नाधीन अवधि में व्यय किये गये विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार। कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार।(ख)जी हां।जी हां। ग्वालियर जिले की कुल 39 ग्राम
पंचायतों अर्थात राज्य शासन द्वारा स्वीकृत क्लस्टर मुख्यालय स्तर पर जनमित्र
केन्द्र संचालित हो रहे हैं तथा व्यय किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में जनमित्र
केन्द्र, लोक सेवा गारंटी केन्द्र प्रारंभ होने से पूर्व से ही राज्य शासन के
सुशासन अभियान अंतर्गत नवाचार के तहत एक जनपद पंचायत क्षेत्र में प्रारंभ किये गये
थे। पंचायत राज संचालनालय म.प्र. शासन द्वारा जिले की शेष तीन जनपद पंचायतों में
इसके विस्तार हेतु ‘‘पंचायत इम्पावरमेंट एण्ड एकाउंटबिलिटि इंसेटिंव स्कीम‘‘ से
प्रदाय राशि से जनमित्र केन्द्र संचालित किये जा रहे है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-‘‘स‘‘ अनुसार। स्वीकृत की गई राशि से स्थापित होकर
संचालित हैं। कलेक्टर के आदेश से। जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘‘द‘‘ अनुसार। शासन की सी.एफ.टी. अवधारणा में सर.एफ.टी.
हेतु समस्त क्लस्टर पंचायतों में सचिवों को उपस्थित रहना होता है। अतः उनके
फिंगरप्रिंट उस दिवस में उपस्थिति हेतु लगाये जाने की व्यवस्था है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ एवं ‘‘ई‘‘ अनुसार।
ग्राम
पंचायत सचिवों को वेतन का भुगतान
93. ( क्र. 1689 ) श्रीमती
इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र.
में ग्राम पंचायत सचिवों को वर्ष 01 अप्रैल 2013 से 31 अक्टूबर 2015 तक वर्षवार
किस जिले में कितना आवंटन प्राप्त हुआ ?(ख) कितना व्यय वेतन पर किया गया
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार।(ख)प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार
उल्लेखित अवधि में वेतन पर 34 जिलों व्दारा राशि रूपये 4,87,05,83,938/- व्यय किया
गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार। शेष
17 जिलों की जानकारी संकलित की जा रही हैं।
लंबित प्रकरणों का
निराकरण
94. ( क्र. 1699 ) श्री संजय
शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 20 नवम्बर 15
की स्थिति में रायसेन जिले में जनश्री बीमा, आम आदमी बीमा, मुख्यमंत्री मजदूर
सुरक्षा योजना के अंतर्गत कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है ?
प्रत्येक योजना की संख्या बतायें ? (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग ने
क्या-क्या कार्यवाही, प्रयास किये ? अनुबंध अनुसार प्रकरणों का निराकरण कितने दिन
में होना चाहिये ? उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा ? (ग) बीमा कंपनी
प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करे इस हेतु विभाग तथा शासन ने कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की ? (घ) उक्त योजनाओं के अंतर्गत मापदण्ड तथा शर्तें विभाग ने
क्या-क्या निर्धारित की है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)20
नवम्बर 2015 की स्थिति में रायसेन जिले में जनश्री बीमा योजना अंतर्गत 134 दावा
प्रकरण एवं इसी योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति के 114 प्रकरण तथा आम आदमी बीमा योजना के
92 दावा प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम स्तर पर लंबित हैं।मुख्यमंत्री मजदूर
सुरक्षा योजनान्तर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है।जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु भारतीय जीवन
बीमा निगम भोपाल को सामाजिक न्याय जिला रायसेन द्वारा समय-समय पर पत्राचार किया
गया।अनुबंध अनुसार कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं है।(ग) बीमा कंपनी प्रकरणों
का शीघ्र निराकरण करे, इस हेतु विभाग तथा शासन द्वारा समय समय पर समीक्षा की जाती
है एवं समय समय पर निर्देशित किया जाता है।(घ)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि
के प्रपत्र 2 अनुसार है।
वोहानी में कृषि महाविद्यालय एवं
गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना
95. ( क्र. 1702 ) श्री संजय
शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नरसिंहपुर जिले के भ्रमण के दौरान दिनांक 21.12.2009
को बोहानी में कृषि महाविद्यालय एवं गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की घोषणा
की थी ? (ख) यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई है ?
(ग) घोषणा अनुसार वोहानी कृषि महाविद्यालय एवं गन्ना अनुसंधान केन्द्र की
स्थापना कब तक की जायेगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नरसिंहपुर जिले के
भ्रमण के दौरान दिनांक 21-2-2009 को बोहानी में कृषि महाविद्यालय एवं गन्ना
अनुसंधान केन्द्र के स्थापना की घोषणा की थी।
(ख)माननीय मुख्य मंत्रीजी की
घोषणा के अनुसार शासन के पत्र दिनांक 07 जनवरी, 2014 के माध्यम से नरसिंहपुर जिले
के अन्तर्गत बोहानी में गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना हेतु तकनीकी व गैर
तकनीकी पदों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है
तथा गन्ना अनुसंधान केन्द्र हेतु भूमि हस्तारंतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
(ग)गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कृषि
महाविद्यालय की स्थापना का समय बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट
सत्ताईस सिवनी जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को प्रदत्त
रोजगार
96. ( क्र. 1744 ) श्री दिनेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले में
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष 2013-14
से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण किये गये ? सिवनी जिले की जानकारी जनपद
पंचायतवार देवें ? (ख) सिवनी जिले में उक्त योजना में कितने जॉबकार्डधारी परिवार
पंजीकृत हैं ? उनमें से कितने जॉबकार्डधारियों को रोजगार दिया गया एवं ऐसे कितने
जॉबकार्डधारी मजदूर परिवार हैं, जिन्हें रोजगार नहीं दे पाने से उन्हें रोजगार
भत्ता दिया गया ? यदि नहीं, तो कारण बतायें ? (ग) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत
कितने मजदूरों को एफ.टी.ओ. के माध्यम से भुगतान किया गया तथा कितनी पंजीकृत फर्मों
को एफ.टी.ओ. के माध्यम से सामग्री का भुगतान किया गया ? पंजीकृत फर्मों के नाम
जनपद पंचायतवार देवें ? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में सिवनी जिले के समस्त जनपद
पंचायत में मनरेगा से सड़कों, तालाब एवं अन्य मदों से अभिसरण से विगत तीन वर्षों
में किये गये कार्यों की संख्या, उनकी वर्तमान भौतिक स्थिति तथा उनमें से ग्राम
पंचायतों द्वारा कराये गये कार्यों की कुल संख्या उपलब्ध करावें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिले में
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष २०१३-१४
में प्रश्न दिनांक तक १९,७६९ कार्यो को पूर्ण किया गया है। जनपद पंचायतवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में
उक्त योजना में पंजीकृत जॉबकार्डधारी परिवारों की संख्या, क्रियाशील जॉबकार्डधारी
परिवारों की संख्या एवं जिन जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया
है, की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
रोजगार की मांग करने वाले सभी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने से किसी
जॉबकार्डधारी परिवार को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग)
प्रश्नाधीन कार्यो में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत ४,८१,३७२ मजदूरों को
एफटीओ के माध्यम से भुगतान किया गया तथा १३३१ पंजीकृत फर्मों को एफटीओ के माध्यम
से सामग्री का भुगतान किया गया। पंजीकृत फर्मों की जनपदवार सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) सिवनी जिले में मनरेगा से सड़कों,
तालाब एवं अन्य मदों से अभिसरण से विगत तीन वर्षों में किये गये कार्यों की
संख्या, उनकी वर्तमान भौतिक स्थिति की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'द' अनुसार है। जिले में वर्ष २०१३-१४ के पश्चात सभी कार्य
ग्राम पंचायत द्वारा संपादित किये गये हैं।
मेटेवानी ख्वासा बेरियर में अनियमितता
97. ( क्र. 1745 ) श्री दिनेश
राय : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले की
मेटेवानी ख्वासा चैक पोस्ट पर 1 जनवरी, 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने माल
वाहन पास किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पास किये गये वाहनों/माल से शासन को
कितना निर्धारित राजस्व शुल्क प्राप्त हुआ ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने
वाहनों से कितना-कितना टैक्स वसूली गया, तथा कितनी-कितनी अतिरिक्त राशि ली गई
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क)
परिवहन चैकपोस्ट ख्वासा (सेटेवानी) पर दिनॉक 01-01-2013 से 21-07-2014 तक चैक
पोस्ट से गुजरने वाले वाहनों का कोई रिकार्ड नही रखा जाता था । दिनॉक
22-07-2014 से MPBCDCL कम्पनी द्वारा कम्प्यूटरीकृत (एकीकृत) चैकपोस्ट
प्रारंभ किये जाने के फलस्वरूप उक्त दिनांक से अभिलेख संधारित किये जा रहे है ।
दिनॉक 22-07-2014 से 24-11-2015 (प्रश्न दिनॉक) तक 882956 वाहनें चैकपोस्ट
से गुजरें है । (ख) चैकपोस्ट से गुजरने वाले वाहनों में माल
संबंधी विवरण परिवहन विभाग द्वारा नही रखा जाता है, केवल माल का वजन अंकित रहता है
। दिनॉक 01-01-2013 से 24-11-2015 (प्रश्न दिनॉक) तक शासन को कुल
राजस्व रूपये 357125392 /- प्राप्त हुआ है।
(ग) दिनॉक 01-01-2013 से 24-11-2015 (प्रश्न
दिनॉक) तक कुल 256733 वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर मोटरयान कर
रूपये 54624172/- एवं शमन शुल्क रूपये 302501220 /- कुल राजस्व रूपये
357125392 /- अर्जित किया गया है ।
स्वच्छ भारत मिशन
अंतर्गत शौचालय निर्माण राशि का दुरूपयोग
98. ( क्र. 1768 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) स्वच्छ
भारत मिशन के अंतर्गत मार्च 2015 से अप्रैल 2015 तक जबलपुर जिले को शौचालय निर्माण
हेतु किस मान से कब-कब, कितनी राशि आवंटित की गई ? उक्त आवंटित राशि से कितने
शौचालय का निर्माण होना था ? (ख) शासन निर्देशों के अनुसार प्रश्नांक (क) में
उल्लेखित राशि किसके खाते में शौचालय निर्माण पश्चात हस्तांतरित होना थी ? क्या
उक्त शौचालय निर्माण की राशि जिला पंचायत जबलपुर द्वारा सीधे शौचालय निर्माण के
पूर्व ही ग्राम पंचायत के खाते में स्थानांतरित कर दी गई ? (ग) यदि हां तो
तत्संबंध में अध्यक्ष जिला पंचायत जबलपुर द्वारा शासन को की गई शिकायत का विवरण
देवें एवं उक्त शिकायत पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? क्या शासन द्वारा
मात्र एक संविदा परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी निर्मल भारत अभियान जिला पंचायत
जबलपुर की सेवाएं समाप्त कर अन्य दोषियों को बचाया जा रहा है ? क्या शासन
प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित वित्तीय कदाचार की उच्च स्तरीय जांच कराकर सभी
दोषियों पर कार्यवाही करेगा ? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों नहीं ? (घ)
प्रश्नांक (क) में उल्लेखित प्राप्त शौचालय निर्माण की राशि से कितनी लागत के
कितने शौचालयों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक हो चुका है एवं कितनी राशि किसके पास
शेष जमा है ? प्रश्नांक (ख) में गलत तरीके से ग्राम पंचायतों को स्थानांतरित राशि
क्या शत प्रतिशत वापिस जिला पंचायत स्थानांतरित कर दी गई है ? यदि नहीं वापिस की
गई है तो किसके पास कितनी शेष है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मार्च 2015 से अप्रैल 2015 तक जबलपुर जिले
को शौचालय निर्माण हेतु राशि आवंटित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले में पूर्व से उपलब्ध राशि से जिले में 995 शौचालयों का निर्माण कराया
गया। (ख) शासन के निर्देशानुसार राशि हितग्राही/वेण्डर/मिस्त्री/श्रमिकों के
खातों में हस्तांतरित होना थी। जी हॉ। (ग) जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा जिला
पंचायत जबलपुर में शासकीय योजनाओं/टीएससी में नियम विरूद्ध पद का दुरूपयोग कर
शासकीय धनराशि का हुआ दुरूपयोग करने के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज/जॉंच कराने तथा दोषि
अधिकारियों को दण्डित किये जाने बावत शिकायत की गई है। राज्य स्वच्छ भारत मिशन
के पत्र क्र. 314 दिनांक 13-07-2015 द्वारा उक्त शिकायत कलेक्टर, जिला जबलपुर को
जॉच हेतु प्रेषित की गई थी। पुन: कार्यालयीन पत्र क्र. 1611 दिनांक 01-12-2015
द्वारा कलेक्टर, जिला जबलपुर को जॉच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है। जी
नहीं। जॉच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर समस्त दोषियों पर कारवाई की
जावेगी। (घ) प्रश्नांश क में उल्लेखित राशि निरंक है। पूर्व से जिले में
उपलब्ध राशि में से 12000/- रूपये की इकाई लागत के मान से 995 शौचालयों का निर्माण
रूपये 119.46 लाख से किया गया है तथा जिला पंचायत जबलपुर में राशि रूपये 262.21 लाख
जमा है। जी हॉ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा के कार्य
99. ( क्र. 1769 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पाटन
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा के तहत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन
से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृति कर किन-किन निर्माण विभागो द्वारा
कब, कहां पर प्रारंभ कराये गये ? विकासखण्डवार सूची देवें एवं इन निर्माण कार्यों
से कितने मानव दिवसों का सृजन हुआ? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित निर्माण
कार्यों की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है ? इनमें से कितनी लागत से
कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण है ? इन निर्माण कार्यों में कितना व्यय,
परिश्रमिक भुगतान एवं कितनी सामग्री क्रय एवं भुगतान हेतु किस-किस के बिल लगाये गये
? क्या ये बिल मान्यता प्राप्त संस्थाओं के थे ? क्या शासन के नियमानुसार
मान्य है ? (ग) क्या प्रश्नांक (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यो का भुगतान समय
पर न होकर काफी विलंब से किया गया ? मनरेगा के भुगतान में हो रहे विलंब का दोषी कौन
है एवं क्या शासन ऐसी कोई योजना बनावे ताकि मनरेगा के कार्यों का भुगतान एक
निश्चित समय पर हो सके ? (घ) प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित निर्माण कार्यों के
संबंध में किन-किन के द्वारा अनियमितताओं के संबंध में किस-किस को, क्या-क्या
शिकायतें की गई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर शासन स्तर पर जांच कर दोषियों पर
कब-तक क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के कॉलम नं. 1 से १२
अनुसार है। बिल से संबंधित वांछित जानकारी परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। सामग्री मद के
भुगतान हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मनरेगा पोर्टल पर ऑनलाइन जिले स्तर से
पंजीकृत किये गये वेण्डरो के बिल मान्य किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क)
में उल्लेखित निर्माण कार्यो का भुगतान यथा संभव समय पर किये जाने का प्रयास किया
गया है यद़पि यह सही है कि भारत सरकार से स्वीकृत लेबर बजट के अनुरूप विगत वर्षो
में समुचित धन राशि प्राप्त नहीं होने के कारण कतिपय कार्यो में विलंब से भुगतान
की स्थिति निर्मित हुई है इस हेतु सीधे तौर पर किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है।
पारदर्शी प्रक्रिया से भारत सरकार द्वारा लागू लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली
(पीएफएमएस) से समय पर सीधे मजदूरों एवं सामग्री प्रदायकर्ता वेण्डरो के खातों में
भुगतान किये जाने के शासन स्तर से सतत् प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) वांछित
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सामुदायिक भवन
की राशि
100. ( क्र. 1790 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान, जिला
रीवा सहित अन्य जनपदों को सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 10-10 लाख रूपये के मान से
जनपद पंचायतों के खाते में पंचायत राशि संचालनालय से भेजी गई है ? (ख) यदि
प्रश्नांश (क) हां तो जिला पंचायत रीवा के पत्र क्र./26354/पंचा./
पं.ग्रा./जिं.पं./ 2015 रीवा दिनांक 18.08.2015 के अलावा पत्र क्र.
पं.रां./पर.ग्रा./ 2014/8132 भोपाल दिनांक 07.07.2014 पत्र क्र. पैरा./पर.ग्रा./
2014/8898 भोपाल दिनांक 14.08.2014, 12099 दिनांक 29.10.2014 सहित अन्य पत्रों में
स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सामुदायिक भवन के कार्यों का अनुमोदन उस जनपद
पंचायत के विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायकों की सहभागिता सुनिश्चित कर राशि जारी
की जायें ? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां तो प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31.08.2015
की प्रशासकीय समिति की बैठक जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान जिला रीवा में होनी थी
जिस हेतु अपने प्रतिनिधि के रूप में श्री मयंकधर द्विवेदी को भेजकर प्रश्नकर्ता
द्वारा अनुसंशित सामुदायिक भवन की सूची अनुसार बैठक में प्रस्ताव कर अनुमोदन कराना
था, लेकिन अध्यक्ष प्रशासनिक समिति द्वारा प्रतिनिधि को बैठक में कार्यवाही में
भाग लेने से वंचित कर दिया तथा उनके प्रस्ताव को कार्यवाही में नहीं लिखने दिया,
जिसकी शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान एवं जिला
पंचायत रीवा से प्रश्नकर्ता के प्रतिनिधि ने की, तत्संबंध प्रश्नकर्ता मेरे
द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को प्रश्नांश (ख) के आधार पर कार्यवाही का लेख किया,
परंतु मान. कलेक्टर रीवा द्वारा पत्र क्र. 4445 दिनांक 06.11.2015 के माध्यम से
सी.ओ. रायपुर कर्चुलियान को 31.08.2015 में लिये गये निर्णय अनुसार कार्यवाही करने
का आदेश दे दिया ? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र
क्र. 295 दिनांक 22.08.2015 के अनुसार भेजी गई सूची के आधार पर पंचायतों में
सामुदायिक भवन स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही की जावेगी एवं विधि विरूद्ध
कार्यवाही करने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हां।(ख)जी हां।(ग)जनपद पंचायत रायपुर कर्चूलियान
की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 31.08.2015 को मान.विधायक द्वारा अपने
प्रतिनिधि के रूप में श्री मयंकधर द्धिवेदी को सामुदायिक भवनों की सूची के साथ बैठक
में उपस्थित रहनें हेतु भेजा गया था, यह कहना सही नहीं है की उनके प्रतिनिधि को
अध्यक्ष, सामान्य प्रशासन समिति द्वारा बैठक की कार्यवाही में भाग लेेने से वंचित
कर उनके प्रस्ताव को कार्यवाही में लिखने नहीं दिया गया जबकि सत्यता यह है कि
मान.विधायक के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित हुये एवं बैठक पंजी में हस्ताक्षर कर
बैठक की कार्यवाही में प्रतिनिधि के रूप में सहभागी रहे जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार तथा मान.विधायक द्वारा प्रेषित सामुदायिक भवनों
की सूची सामान्य प्रशासन समिति के समक्ष विचारार्थ रखी गई थी किन्तु सामान्य
प्रशासन समिति द्वारा बहूमत से प्रस्ताव मेंं लिखने से मना कर दिया गया जिस कारण
मान.विधायक द्वारा अनुशंसित सामुदायिक भवन के कार्यो को कार्यवाही पंजी में अंकित
नहीं किया गया तथा सामान्य प्रशासन की समिति की बैठक दिनांक 15.06.2015 में पारित
04 सामुदायिक भवनों (ग्राम पंचायत बड़ागांव, चैडियार, जल्दर एवं रघुराजगढ) का
संकल्प यथावत रखनें का प्रस्ताव पुनः दिनांक 31.08.2015 को बैठक के दौरान बहूमत के
आधार पर पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार। कलेक्टर, जिला रीवा द्वारा 4445 दिनांक 06.11.2015 के माध्यम से
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रायपुर कर्चूलियान को दिनांक 31.08.2015 की सामान्य
प्रशासन समिति में लिए गए निर्णय अनुसार कार्यवाही करनें का आदेश दिया गया।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार।(घ)मान.विधायक के पत्र क्र. 295 दिनांक
22.08.2015 के अनुसार भेजी गई सूची के आधार पर पंचायतों में सामुदायिक भवन स्वीकृत
किये जाने की कार्यवाही नहीं की जा सकी क्योंकी इसका अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति
द्वारा नहीं किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
योजनांतर्गत हितग्राहियों का चयन
101. ( क्र. 1805 ) पं. रमेश
दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश
में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत पशुशेड बकरी शेड कपिलधारा उपयोजनान्तर्गत
हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया पात्रता प्राथिमकता के लिए शासन के निर्देशों में
क्या प्रावधान है निर्देश प्रक्रिया सहित विस्तृत ब्यौरा दें ? (ख) क्या
छिन्दवाड़ा जिले में उक्त नियम निर्देशों का पालन करते हुए उसमें दिये गये
प्रावधान अनुसार उक्त योजनाओं अंतर्गत लाभान्वित किये गये हितग्राहियों का चयन
किया गया है ? नहीं तो क्यों ? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है तथा क्या
मानिटरिंग अथार्टी व आडिट दल को भी शासन जिम्मेदार मानता है ? (ग) क्या ग्राम
पंचायत जमुनिया, जनपद पंचायत चौरई, जिला छिन्दवाड़ा में विगत 3 वर्षों में पशु शेड
निर्माण, बकरी शेड निर्माण, कपिल धारा अंतर्गत कुआं निर्माण हेतु हितग्राहियों के
चयन व उन्हें लाभान्वित करने के पूर्व इस हेतु जारी किये गये शासनादेशों, पात्रता
की शर्तों, प्राथमिकताओं व प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है ?(घ) यदि हां तो
क्या शासन प्रश्नकर्ता विधायक अथवा उसके द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि की उपस्थिति
में उक्त अनियमितताओं की जांच कराकर दोषियों तथा इन योजनाओं के लाभान्वित में
शामिल मानिटरिंग अथार्टी व आडिट दल को भी दोषी मानकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने
तथा दोषियों से राशि वसूल करने का आदेश देगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत पशुशेड,
बकरी शेड उपयोजना अंतर्गत्ा हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया, पात्रता तथा
प्राथमिकता के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ'
में तथा कपिलधारा के निर्देश परिशिष्ट 'ब' में दर्शित
है। (ख) जी हॉ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शासन के आदेशानुसार
पात्रता की शर्तों, प्राथमिकताओं व प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। (घ)
उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत पुल निर्माण
102. ( क्र. 1806 ) पं. रमेश
दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजनान्तर्गत छिन्दवाड़ा जिले में कुल कितने पुल(50 मीटर सेअधिक
स्पान)कहां-कहां पर कब से निर्माणाधीन है ? (ख) क्या जिला छिन्दवाड़ा,
विकासखण्ड बिछुआ के ग्राम बसोड़ा के समीप प्रवाहित नदी पर प्रधानमंत्री ग्रामीण
सड़क योजनान्तर्गत 2 पुल स्वीकृत हुए है जिसमें से एक पुल विगत 5 वर्षों से
निर्माणाधीन हैं और एक पुल का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है ? (ग)
क्या उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता ने निरंतर जिला स्तर और प्रदेश स्तर के
अधिकारियों के साथ-साथ माननीय मंत्री म.प्र. शासन को अवगत कराया जाता रहा है तो
उक्त पुल का समय पर निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है,
जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गयी ? (घ) क्या जिम्मेदार
ठेकेदार और इंजिनियर्स को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ? यदि नहीं तो उनके
विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त दोनों पुल का निर्माण कार्य एक लम्बी अवधि व्यतीत
होने के उपरांत भी पूर्ण क्यों नहीं कराया गया ? क्या शासन स्वयं इसे संज्ञान
में लेकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण
कराने का आदेश देगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
छिंदवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत वर्तमान में 50 मीटर से अधिक
स्पान के 6 पुल निर्माणाधीन है
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी हां, देवी साहनवाडी मार्ग पर सर्पा नदी एवं डोडीनाला पर दो पुल
निर्माण हेतु कार्यादेश दिनांक 09.12.2011 को जारी किया गया था। वर्तमान में सर्पा
नदी पर निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है तथा डोडीनाला पुल
का निर्माण कार्य नाला बेड लेवल तक पूर्ण हुआ है। (ग) जी हां, ठेकेदार द्वारा धीमी
गति से निर्माण कराने एवं डोडीनाला पुल एलायमेंट में कृषक की निजी भूमि आने के कारण
उक्त पुलों के निर्माण विलंबित हुये है। विलंब से कार्य करने के कारण ठेकेदार के
विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर उनके चलित देयकों से दण्ड हेतु राशि का कटोत्रा
किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, उत्तरांश (ग) के
प्रकाश में उत्तरदायी ठेकेदार के विरूद्ध अधिकारियों द्वारा अनुबंधानुसार कार्यवाही
कर पुलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।
परिशिष्ट
अट्ठाईस बलराम तालाब में अनियमितता राज्य स्तरीय जांच दल
द्वारा की गई जांच
103. ( क्र. 1829 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या देवास, सागर, टीकमगढ़, नीमच, शिवपुरी, श्योपुर आदि में जिलों बलराम तालाब
योजना में की गई आर्थिक अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य स्तरीय जांच दल गठित
किए गए हैं ? यदि हां, तो राज्य स्तरीय जांच दल में कौन-कौन सदस्य थे ? (ख)
राज्य स्तरीय जांच दल द्वारा कब-कब, किस-किस जिलें में जांच की गई ? जांच के
निष्कर्षों में किन-किन जिलों के किन-किन अधिकारियों को दोषी पाया गया है ? दोषी
अधिकारियों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)बलराम तालाब में की गई
आर्थिक अनियमितताओं की जांच हेतु राज्य स्तर से केवल देवास जिलें के लिये
संचालनालयीन आदेश क्रमांक 28 दिनांक 07.01.2015 द्वारा जांच दल गठित किया गया था।
आदेश की प्रति परिशिष्ट पर है।(ख)राज्य स्तर पर कलेक्टर देवास के द्वारा जांच कराये
जाने के निर्णय के क्रम में कलेक्टर देवास द्वारा 32 जांच दल गठित किये गये, जिनमें
से 26 दलों के जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए, कलेक्टर देवास द्वारा जांच रिपोर्ट शासन
को प्रेषित की गई, जिनके आधार पर श्री त्रिलोकचन्द्र छावनिया, तत्कालीन सहायक भूमि
संरक्षण अधिकारी देवास,श्री पदम सिंह यादव, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री बबलू
शाक्य, कृषि विकास अधिकारी एवं श्री के0एस0चौहान भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, देवास
के निलंबन की कार्यवाही की जा चुकी है।
परिशिष्ट
उनतीस सहकारी संस्थाओं से लाभांवित हितग्राही
104. ( क्र. 1836 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सहकारी संस्थाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसचित जनजातियों के लिए कौन-कौन सी
योजनाएं प्रचलित है ?(ख) रतलाम जिले में विगत तीन वर्षों में उक्त संस्थाओं से
लाभांवित अनु.जाति एवं अनु.जनजाति हितग्राहियों का तहसीलवार ब्यौंरा क्या है ?
(ग) अनुसूचित जाति एवं अनु.जनजाति के लिए रतलाम सहकारी संस्था का बजट प्रावधान
वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 का ब्यौरा क्या है ? तथा व्यय ब्यौरा क्या है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्राथमिक कृषि सहकारी
संस्थाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के कृषक सदस्यों के लिये
शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण योजना प्रचलन में है तथा इस योजना
में राज्य शासन द्वारा 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है. (ग) उत्तरांश "क" में उल्लेखित
योजना में जिलेवार बजट आवंटन नहीं किया जाता है. मुख्यालय स्तर पर राशि आहरित कर
म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, भोपाल के माध्यम से सहकारी संस्थाओं को राशि
उपलब्ध करायी जाती है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
परिशिष्ट
तीस नि:शक्त कल्याण योजना अन्तर्गत लाभांवित
हितग्राही
105. ( क्र. 1841 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क)उज्जैन संभाग में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण अंतर्गत केन्द्र
प्रवर्तित एवं राज्य स्तरीय कल्याणकारी योजनाओं के तहत 2013-2014 एवं अक्टूबर
2015 तक योजना लाभ का हितग्राहियों का जिलेवार ब्यौंरा क्या है ? (ख) उपरोक्त
(क) मद में उपरोक्त अवधि में केन्द्र सरकार से प्राप्त योजना राशि एवं व्यय का
पूर्ण ब्यौंरा क्या है ? (ग) उपरोक्त अवधि में किस वर्ष कितनी राशि योजना मद में
व्यय नहीं की जा सकी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)उज्जैन संभाग में केन्द्र प्रवर्तित योजना का संचालन नही किया जाता है।
राज्य योजनाओं की जानकारी परिशिष्ट ’’अ’’ पर संलग्न है।(ख)एवं (ग) उत्तरांश ’’क’’
के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
इकतीस अधूरे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराया
जाना
106. ( क्र. 1846 ) श्री
पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) छतरपुर जिले की विजावर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक
तक ऐसे कौन-कौन से अपूर्ण कार्य हैं जो पंचायतों, जनपदों, जिला पंचायतों एवं
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से स्वीकृत किये गये थे ? (ख) प्रश्नांश (क) के
आधार पर बताये कि इन अपूर्ण कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति कब और
किस-किस के द्वारा कितनी-कितनी लागत को दी गई थी ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के
आधार पर किस-किसको प्रत्येक अपूर्ण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा
चुका है ? प्रश्न दिनांक तक अर्पूण कार्य होने के क्या-क्या कारण हैं ? इसमें
दोषी कौन-कौन है ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर ऐसे अपूर्ण कार्यों
को पूर्ण करवा दिया जावेगा तो कब तक ? और नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ के काॅलम 05,
06 एवं 09 अनुसार।(ग)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ के
काॅलम 10 एवं 11 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘
के काॅलम 12 अनुसार। अपूर्ण कार्य हेतु संबंधित कार्य एजेंसी उत्तरदायी
है।(घ)अपूर्ण कार्यो को 06 माह में पूर्ण कराये जाने का प्रयास किया जा रहा
है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों की
पूर्ति
107. ( क्र. 1847 ) श्री
पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में प्रश्न दिनांक
तक किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के कब से पद रिक्त है ? (ख) क्या प्रश्नांश (क)
के आधार पर शासन को जिले से इन रिक्त पदों को भरे जाने हेतु मांग पत्र प्रस्तुत
किये गये है ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर इन रिक्त पदों का कार्य
कौन-कौन देख रहा है, किस विभाग से लेकर ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर
बताये कि कब तक ऐसे रिक्त पदों को भरा जावेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर
विजय शाह ) : (क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले में खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में रिक्त पदों की जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है।,(ख) जी हां।,(ग) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले में रिक्त पदों
का कार्य संपादित करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है।,(घ) सहायक आपूर्ति अधिकारी/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के रिक्त
पदों को भरने की कार्यवाही पदोन्नति एवं सीधी भर्ती द्वारा नियमित रूप से अब की जा
रही है। पूर्व में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने से और सीधी भर्ती बड़े अंतराल
पर होने के कारण बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। अत: रिक्त पदों की पूर्ति हेतु
निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट
बत्तीस मुरैना जिले में राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के
कार्य
108. ( क्र. 1869 ) श्री
सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मुरैना जिले में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम की कितनी परियोजनायें
किस-किस विकासखण्ड में संचालित है वर्ष 2013-14 से अब तक कितनी राशि जिला वाटरशेड
सेल द्वारा इन परियोजनाओं को जारी की गई एवं कितना व्यय किया गया ? (ख) विधान सभा
क्षेत्र जौरा में योजनान्तर्गत किन-किन परियोजनाओं में किन-किन पंचायतों में
वाटरशेड समितियॉ गठित की गई है ? इनके सदस्यों के नाम एवं वर्ष 2013-14 से प्रश्न
दिनांक तक कितनी बैठकों का आयोजन किया गया ? वर्ष 2013-14 से इन समितियों द्वारा
क्या-क्या वाटरशेड विकास कार्य कराये गये और इन कार्यो पर कितना-कितना भुगतान
किया गया ? कियेगये कार्यो का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारियों द्वारा कब-कब किया
गया ?(ग) विधान सभा क्षेत्र जौरा में योजनान्तर्गत वाटरशेड समितियों द्वारा वर्ष
2013-14 से क्या-क्या वाटरशेड विकास कार्य कराये गये ? कार्यवार लाभावित
उपयोगकर्ता समूहों की संख्या दी जावे ? क्या किये गये कार्यो का मूल्यांकन कराया
जाता है यदि हां तो वर्ष 2013-14 से अब तक मूल्यांकनकर्ता द्वारा क्या-क्या
आक्षेप लगाये गये एवं उन पर सबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)11
परियोजनाएं विकासखण्ड पहाड़गढ,सबलगढ़,कैलारस,जौरा,पोरसा एवं अम्बाह में संचालित
है।प्रश्नाधीन अवधि में रूपएं 1397.15 लाख की राशि उपलब्ध करायी गई,जिसमें से रूपएं
1307.23 लाख की राशि व्यय की गई।(ख)प्रश्नाधीन अवधि में 778 बैठकों का आयोजन किया
गया है।शेष जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-अ अनुसार है।(ग)वाटरशेड विकास की
कार्यवार एवं लाभांवित उपयोगकर्ता समूह की जानकारी परिशिष्ट-अ अनुसार है।कार्यों का
मूल्यांकन कराया जाता है।प्रश्नाधीन अवधि में मूल्यांकनकर्ता अधिकारी द्वारा अभी तक
कोई आक्षेप नहीं लगायें गयें है।शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क
109. ( क्र. 1874 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या सागर जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन
मार्गों में विलम्ब और निर्मित मार्गों का नियमित मेन्टीनेन्स न किये जाने से
अधिकतर मार्ग (Post Five Year, Within Five Year & MTN) अत्यंत बदहाल स्थिति
में हैं ? यदि हां, तो वे कौन-कौन से मार्ग है ?(ख) यदि नहीं तो दिनांक 1.4.2013 से
प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों का मेन्टीनेन्स कब-कब कराया गया और कितनी-कितनी
राशि व्यय की गयी ? जानकारी विकासखण्डवार, सड़कवार, लम्बाई, स्वीकृत राशि,
मेन्टीनेंस अवधि, मेनटीनेंस की व्यय राशि, ठेकेदार का नाम, पैकेज नम्बर सहित
विस्तारपूर्वक दी जावे ?(ग) यदि जर्जर और बदहाल सड़कों के मेन्टीनेन्स का कार्य
अब तक नहीं कराया गया है तो क्यों ? मेन्टीनेंस का कार्य समय पर न कराये जाने
हेतु कौन अधिकारी उत्तरदायी है ? सड़़कों के मेन्टीनेन्स का कार्य कब तक कराया
जाकर, जानकारी प्रश्नकर्ता को वर्षान्त तक भेजी जावेगी ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां, सागर जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजनांतर्गत वर्तमान में 31 सड़कों में ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य में विलंब
अथवा निर्मित सड़कों में नियमित रख रखाव का अभाव पाया गया है।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) ठेकेदारों द्वारा नियमित रखरखाव नहीं करने से उत्तरदायी
ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही कर धारा 33 के अंतर्गत 11 सड़कों के
ठेके निरस्त किये गये, एवं 14 सड़कों के लिये नोटिस जारी किये गये। इस प्रकार
अधिकारियों द्वारा अनुबंधानुसार कार्यवाही की गयी है, अतः वर्तमान में कोई अधिकारी
उत्तरदायी नहीं है। सड़कों का रखरखाव करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। निश्चित
समय-सीमा बताना संभव नहीं है। रखरखाव होने के उपरांत माननीय विधायक को जानकारी
प्रेषित की जा सकेगी।
परिशिष्ट
तैंतीस किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा देयक योजनाओं का
क्रियान्वयन
110. ( क्र. 1885 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) अतारांकित प्रश्न संख्या-150 (क्र. 2591) दिनांक 27 जुलाई 2015 के
प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्ष 2015-16 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग
की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शिवपुरी को अद्यतन त्रैमासिक व्यवस्था अनुसार
योजनावार राशि रू.467.10 लाख उपलब्ध कराई गई, तथा वर्ष 2015-16 की प्रथम त्रैमास
तक बलराम ताल योजना अन्तर्गत 20 बलराम तालाब पूर्ण एवं 07 तालाबों के कार्य
प्रक्रियाधीन हैं, उत्तर दिया है, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बलराम तालाब
हेतु विधान सभा क्षेत्र करैरा के किन-किन कृषकों को कितनी-कितनी राशि दी गई ? नाम,
पता सहित बतावें ?(ख) प्रथम त्रैमासिक राशि के अलावा द्वितीय एवं तृतीय त्रैमासिक
राशि उपलब्ध होकर विधान सभा क्षेत्र करैरा में कहां-कहां कितने कार्य कराये गये
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)विधान
सभा क्षेत्र करैरा में बलराम ताल हेतु कृषकों को राशि नहीं दी गई है।(ख)विधान सभा
क्षेत्र करैरा में द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में मात्र एक प्रकरण प्राप्त हुआ था,
किंतु कार्य नहीं कराया गया है।
कृ.उ.म. समितियों में माननीय
विधायकों को आमंत्रित करना
111. ( क्र. 1898 ) श्री बलवीर
सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समिति की बैठकों में पदेन सदस्य के रूप में
माननीय विधायकों को आमंत्रित हेतु कोई प्रावधान है ? यदि हां, तो क्या प्रावधान है
? व नियमानुसार वर्ष या माह में कितनी बैठकें बुलाने का प्रावधान है ?(ख) मुरैना
जिले की कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह एवं मुरैना में दिसम्बर 2013 से अक्टूबर
2015 तक कौन-कौन सी तिथियों में बैठक आयोजित की गयी ? तथा बैठकों में प्रश्नकर्ता
विधायक को उपस्थित होने हेतु कब-कब सूचना दी गयी ? (ग) यदि बैठकों में भाग लेने
हेतु विधायक को सूचना नहीं दी गयी तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है ? व दोषियों के
विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी ? यह जानकारी मण्डी अम्बाह व मुरैना
की अलग-अलग दी जावे ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज
बिसेन ) : (क)जी हॉ।जी हॉ, विधायकों को मंडी समितियों की बैठकों में पदेन सदस्य
के रूप में बुलाये जाने हेतु निम्न प्रावधान है:- "म0प्र0 कृषि उपज मंडी अधिनियम,
1972 की धारा 11 (1) (घ) राज्य की विधान सभा के ऐसे सदस्य जिनके निर्वाचन क्षेत्र
की कम से कम पचास प्रतिशत जनसंख्या ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है जो
किसी नगर पालिक निगम, नगरपालिका परिषद या नगर पंचायत की स्थानीय सीमाओं के बाहर है"
एवं कृषि उपज मंडी समिति मुरैना/अम्बाह में स्वीकृत उपविधि 2000 के अध्याय दो की
कंडिका 3 के प्रावधान अनुसार मंडी समिति की माह में कम से कम एक बार सम्मेलेन के
आयोजन किये जाने का प्रावधान है।(ख)मुरैना जिले की कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह
द्वारा दिसंबर 2013 से 29.12.2013, 29.01.2014, 23.02.2014, 29.06.2014,
25.07.2014, 31.08.2014, 29.09.2014, 15.10.2014, 14.12.2014, 11.03.2015,
26.04.2015, 31.05.2015, 28.06.2015, 26.07.2015, 23.08.2015,
30.09.2015, 26.10.2015 में अक्टूबर 2015 तक कुल 17 बैठकें आयोजित
की गयी।कृषि उपज मंडी अम्बाह द्वारा प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के कार्यकाल में
आयोजित बैठकों में बुलाये जाने हेतु मंडी समिति द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 462
दिनांक 09.09.2015 द्वारा माननीय कलेक्टर महेादय से नाम निर्देशन कराने हेतु लिखा
गया।नाम निर्देशन के अभाव में माननीय विधायक को मंडी समिति की बैठक में बुलाये जाने
हेतु सूचना पत्र जारी नहीं किये गये।मुरैना जिले की कृषि उपज मंडी समिति मुरैना
द्वारा दिसंबर2013 से 24.12.2013, 28.01.2014, 28.02.2014, 26.06.2014, 31.07.2014,
29.08.2014, 29.09.2014, 10.03.2015, 29.04.2015, 30.05.2015, 29.06.2015,
04.09.2015 एवं 31.10.2015 में अक्टूबर 2015 तक कुल 13 बैठकें आयोजित की गई है।
कृषि उपज मंडी समिति मुरैना द्वारा प्रश्नांश (क) के प्रावधान अनुसार प्रश्नकर्ता
माननीय विधायक को बैठकों में बुलाये जाने हेतु सूचना नहीं दी गयी है।(ग)(1)कृषि उपज
मंडी समिति मुरैना द्वारा प्रश्नांश(क)में अंकित प्रावधान अनुसार प्रश्नकर्ता
माननीय विधायक जी परिधि में नहीं आने से सूचना पत्र जारी नहीं किये जा सके, अत: कोई
दोषी नहीं है।(2) मंडी बोर्ड के आदेश क्रमांक 438 दिनांक 31.07.2015 से माननीय
विधायक को बैठक में न बुलाने के लिये श्री के0के0 दिनकर तत्कालीन सचिव कृषि उपज
मंडी समिति अम्बाह की एक वार्षिक वेतन वृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है, एवं
श्री जगदीश कुमार बंसल, प्रभारी सचिव, कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह को कारण बताओं
सूचना पत्र दिनांक 04.12.2015 जारी किया गया।
कृषि उपज मण्डी
समितियों में साफ-सफाई ठेका
112. ( क्र. 1899 ) श्री बलवीर
सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या म.प्र. में कृषि उपज मण्डी समिति के द्वारा प्रतिवर्ष साफ-सफाई का
ठेका दिया जाता है ? व इस हेतु क्या मार्गदर्शी सिद्धान्त प्रचलन में है ?(ख)
कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह, मुरैना के सचिव द्वारा वर्ष 2011-12 से वर्ष
2015-16 (अक्टूबर 2015) तक किस-किस व्यक्ति को कितनी-कितनी राशि सफाई का ठेका
दिया गया ?(ग) ठेके में क्या कोई विज्ञप्ति जारी की गयी थी ? यदि हां, तो
विज्ञप्ति की प्रति उपलब्ध करावें व विज्ञप्ति में किन-किन व्यक्तियों ने ठेका
में भाग लिया ? उनके नाम, पते व सफाई रेट्स (दरें) भी दर्शावें ? कृषि उपज मण्डी
समिति अम्बाह, मुरैना की अलग-अलग जानकारी दी जावे ?
किसान कल्याण मंत्री
( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। जिसके अनुसार मंडी समितियॉ अपनी
आवश्यकतानुसार साफ-सफाई कार्य हेतु निमयानुसार कार्यवाही करती है।(ख)जी
नही।(ग)प्रश्नांश"ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
बिना टैक्सी परमिट वाहनों का शासकीय कार्य हेतु
अनुबंध
113. ( क्र. 1922 ) श्रीमती
अनीता नायक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
टीकमगढ़ जिले में अधिकारियों द्वारा चार पहिया वाहनों का अनुबंध किया गया है ? यदि
हां, तो म.प्र.शासन की वाहन अनुबंध की क्या शर्ते हैं ? (ख) क्या शासकीय कार्य
हेतु जो चार पहिया वाहनों (टैक्सी) का अनुबंध किया जाता है उस वाहन का टैक्सी
परमिट होना अनिवार्य है ? यदि हां, तो टीकमगढ़ जिले में ऐसे कितने वाहन अनुबंध किये
गये हैं जिनका टैक्सी परमिट नहीं है ? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित जो
अधिकारी बगैर टैक्सी परमिट के वाहन का अनुबंध किये हुये हैं उससे शासन को राजस्व
की हानि हो रही है ?(घ) यदि हां, तो ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही
होगी एवं कब तक ? ऐसे वाहनों को कब तक हटाया जावेगा ?
परिवहन मंत्री (
श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, वित्त विभाग
द्वारा जारी परिपत्र दिनॉक 06-10-2012 की प्रति
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है ।
(ख) जी हॉ, वित्त विभाग के परिपत्र दिनॉक 06-10-2012
की कण्डिका (3) में शर्त दी गई है कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में टैक्सी कोटे
में रजिस्टर्ड वाहन ही किराये पर लिये जावें । जिला कार्यालय से प्राप्त जानकारी
अनुसार कुल 10 वाहन विभिन्न कार्यालयों द्वारा अनुबंधित किये गये है, जिनकी
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है । उक्त सभी
वाहन टैक्सी कोटे में दर्ज हैं । (ग) प्राप्त
जानकारी अनुसार प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में राजस्व हानि का प्रश्न
नही है ।(घ) प्रश्नांश ख एवं ग के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही अपेक्षित नही है ।
जिला सहकारी
केंद्रीय बैंक में अनियमितता
114. ( क्र. 1939 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला सहकारी
केंद्रीय बैंक खरगोन के दै.वे.भो. नियमित करने के मामले की श्री महेन्द्र दीक्षित
अपेक्स बैंक द्वारा की गई जांच की पूर्ण जानकारी देवें ? (ख) इस जांच में अपेक्स
बैंक प्रबंधन में किन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की है, उनके नाम,
पदनाम सहित बतावें ? इस पर क्या कार्यवाही की गई, अद्यतन स्थिति बतावें ? यदि नहीं
तो क्यों ? कारण स्पष्ट करें ?(ग) इन नियुक्तियों को कब तक निरस्त कर दिया
जायेगा समय-सीमा बतावें ? (घ) म.प्र. सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 44 का
उल्लंघन कर प्रबंध संचालक मंडलोई द्वारा पुत्रों को नियुक्त करने पर क्या
कार्यवाही की गई बतावें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
श्री महेन्द्र दीक्षित, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, अपेक्स बैंक, भोपाल द्वारा जिला
सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित
करने की जांच नहीं की गई, अपितु संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की जांच की गई,
जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है. (ख)
बैंक के संचालक मंडल के विरूद्ध कार्यवाही करने की अनुशंसा की गई, संचालक मंडल के
सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है. संचालक मंडल
को अधिक्रमित करने हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 53(2) के अंतर्गत मुख्य कार्यपालन
अधिकारी श्री नानकराम मण्डलोई को पद से हटाने हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 53-बी
(2) के अंतर्गत तथा संचालक मंडल की बैठक दिनांक 17 मार्च, 2015 के अतिरिक्त संकल्प
क्रमांक 20(18), जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया था,
को बातिल करने हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 80-क के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किये
गये हैं. श्री बी.एस. अलावा, उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला खरगोन के विरूद्ध
अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार अधिनियम की धारा
80-क के अंतर्गत संचालक मंडल के दिनांक 17.03.2015 के अतिरिक्त संकल्प क्रमांक
20(18) को, नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जाकर बातिल करने के उपरांत नियुक्तियां
निरस्त की जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. (घ) उत्तरांश "ख" अनुसार
बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नानकराम मण्डलोई के विरूद्ध सहकारी अधिनियम
की धारा 53-बी (2) के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया
है.
पंचायत सचिव द्वारा निर्माण कार्यों में
अनियमितता
115. ( क्र. 1940 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम
पंचायत टिमरावन जनपद पंचायत उदयपुरा जिला रायसेन के सचिव श्री राजेश रघुवंशी द्वारा
निर्माण कार्यों में अनियमितता की जांच की गई है ?(ख) क्या तत्कालीन कार्यपालन
यंत्री ग्रा.या. सेवा द्वारा प्रश्नांश (क) की ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य के
जांच प्रतिवेदन पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सचिव से राशि वसूल करने
तथा दोषी सचिव के विरूद्ध प्राथमिकी पुलिस में दर्ज करने के निर्देश दिये थे ?(ग)
यदि हां, तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के आदेश का क्रियान्वयन
हो गया है ? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी अधिकारी का नाम तथा कब तक कार्यवाही होगी
स्पष्ट करें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हां।(ख)जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’
अनुसार।(ग)जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा एफ.आई.आर.
एवं राशि वसूली की कार्यवाही नहीं की गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत
द्वारा कार्यवाही नहीं करने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के
पत्र क्रमांक 3251 दिनांक 29.05.2015 से श्री वृंदावन मीणा मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत उदयपुरा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’अनुसार। इसके लिए तत्कालीन मुख्य कार्यपालन
अधिकारी जनपद पंचायत श्री वृंदावन मीणा दोषी हैं। इसके विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित
है। तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध एफ.आई.आर. एवं राशि वसूली की कार्यवाही
एक माह में कर ली जायेगी।
इंदिरा आवास, मुख्यमंत्री आवास योजना
116. ( क्र. 1943 ) श्री
बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में इंदिरा आवास योजना की वरीयता सूची दिनांक 01.01.10 से
01.11.15 तक समयावधि में ग्राम पंचायतवार देवें ? इस अवधि की आवंटन सूची भी संलग्न
करें ?(ख) मुख्यमंत्री आवास योजना के संदर्भ में दिनांक 01.01.12 से 01.11.15 तक
महिदपुर वि.स. क्षेत्र की ग्राम पंचायतवार वरीयता सूची, आवंटन सूची देवें ?
आवंटितों के नाम, किश्त वितरण सहित बतावें ?(ग) दिनांक 01.11.15 तक दोनों योजनाओं
में कितने हितग्राहियों की कितनी किश्तें प्रदाय किया जाना शेष है, ग्राम
पंचायतवार बतावें ?(घ) किश्तों में विलंब के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन
कब तक कार्यवाही कर भुगतान कराएगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क) खण्ड
क्षेत्र महिदपुर अन्तर्गत इंदिरा आवास योजना की वरियता सूची आवासहीन एवं कच्चे
आवासधारियों की ग्राम पंचायतवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2009-10 से 2015-16 में स्वीकृत आवास की सूची की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।(ख) मुख्यमंत्री आवास
योजनान्तर्गत इंदिरा आवास प्रतीक्षा सूची में से ही हितग्राहियों का चयन किया जाता
है, पृथक से सूची तैयार नहीं की जाती है। वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक 78
हितग्राहियों को स्वीकृत की गई है, सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। 25 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त अंशिका प्राप्त होना
शेष है।(ग)इंदिरा
आवास योजना में प्रथम अंशिका 46 हितग्राहियों की एवं द्वितीय किश्त
अंशिका 500 हितग्राहियों की शेष है। मुख्यमंत्री आवास योजना में द्वितीय
अंशिका 25 हितग्राहियों की शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार है।(घ)भारत
सरकार से राशि विलंब से प्राप्त होने के कारण विलम्ब होता है। किश्तों का भुगतान
समय पर करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं।
कृषकों को राहत
राशि बीमा राशि का भुगतान
117. ( क्र. 1944 ) श्री
बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा खेड़ा खजूरिया के ग्राम
राजू निपानिया के कितने कृषकों के खातों में राहत राशि, बीमा राशि शासन द्वारा विगत
03 वर्षों में दी गई ? (ख) ग्राम राजू निपानिया के कृषकों को कितने K.C.C. एवं
अन्य ऋण उपरोक्त बैंक द्वारा दिया गया ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जानकारी
महिदपुर वि.स. क्षेत्र स्थित खेड़ा खजूरिया सहकारी साख संस्था एवं कृषि सेवा समिति
बैजनाथ के संदर्भ में भी देवें ?(घ) क्या कृषकों द्वारा एक ही समय में बैंक ऑफ
इंडिया खेड़ा खजूरिया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार दोनों सोसायटियों में से ऋण एक साथ
लेने पर कोई कार्यवाही की गई है, नहीं तो कब तक की जावेगी ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)महिदपुर वि.स. क्षेत्र स्थित
बैंक ऑफ इण्डिया शाखा खेडा खजूरिया के ग्राम राजू निपानिया के कुल 44 (चौआलिस)
खातों में राहत राशि, बीमा राशि विगम 03 वर्षों में दी गई।जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)विगत03 वर्षों में बैक ऑफ इण्डिया शाखा
खेडा खजुरिया के द्वारा ग्राम राजू निपानिया के 38 (अडतीस) कृषकों को के.सी.सी. एवं
अन्य ऋण वितरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार
है।(ग)प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में संस्था खेडा खजूरिया के कार्य क्षेत्र
में ग्राम राजू निपानिया नहीं आता है। अत: शाखा द्वारा विगत 03 वर्षों में इस ग्राम
के किसी भी कृषक को फसल बीमा, राहत राशि, के.सी.सी. एवं अन्य ऋण वितरण नहीं किया
गया है। संस्था बैजनाथ के कार्य क्षेत्र के ग्राम राजू निपानिया में विगत 03 वर्षों
में 72 कृषकोंको बीमा राशि रू0 795879.58 का भुगतान किया गया है, तथा के.सी.सी. एवं
अन्य ऋण के माध्यम से कुल 237 कृषकों को रू0 134.93 लाख का वितरण किया गया
है।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है।(घ)बैंक ऑफ इण्डिया
के द्वारा कृषकों से समितियों के नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त प्राप्त करने के
उपरान्त ही भुगतान किया जाता है तथा सहकारी साख संस्था एवं कृषि सेवा समिति द्वारा
कृषकों को संस्था का सदस्य बनाया जाता है तत्पश्चात नो ड्यूज प्रमाण पत्र लिया जाकर
पात्रतानुसार ऋण दिया जाता है।
बैतूल जिले में ई-कक्षों
के निर्माण में अनियमितता
118. ( क्र. 1947 ) श्री
हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या प्रदेश में पंचायतों में ई-कक्षों के निर्माण में धांधली एवं
भ्रष्टाचार के संबंध में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से विधानसभा में मामला
प्रकाश में लाया गया था ?(ख) क्या सरकार द्वारा बैतूल जिले में ई-कक्षों के
निर्माण के संबंध में कोई जांच कराई है ? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है ?(ग)
क्या जांच के दौरान ई-कक्षों के निर्माण में अनियमितता पाई गई ? यदि हां, तो इस
संबंध में सरकार द्वारा किस-किस के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई ?(घ) यदि कोई
कार्यवाही नहीं हुई है, तो इसके क्या कारण हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां।(ख) जी हां।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग) जी नहीं। कार्य म.प्र. लघु
उद्योग निगम द्वारा कराया गया था। इसमें विभाग की भूमिका नहीं है। शासन द्वारा कराई
गई जाँच में ई-पंचायत कक्षों के निर्माण में किसी प्रकार कोई आर्थिक अनियमितता नहीं
पाई गई। निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा आंशिक कमियां होने के कारण
प्रति शेल्टर राशि रू. 10,000/- काटी गई एवं 10 प्रतिशत परफाॅरमेंस गारंटी प्रति
शेल्टर के मान से 05 वर्ष के लिए जमा करवाई गई। जाँच समिति ने यह भी मत दिया कि
विभाग के पायलट प्रोजेक्ट के ऐसे कार्य हाथ में लेने से पहले म.प्र. लघु उद्योग
निगम को सुनियोजित क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी
चाहिए।(घ)उत्तरांश ‘‘ग‘‘ अनुसार।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
119. ( क्र. 1948 ) श्री
हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) विगत तीन वर्षों में बैतूल जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत
कौन-कौन से मार्ग कितनी-कितनी लंबाई तथा कितनी-कितनी लागत के कब-कब स्वीकृत हुए ?
विकासखण्ड एवं वर्षवार जानकारी देवें ? (ख) क्या स्वीकृत समस्त मार्गों के
निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं ? यदि हां, तो कितनी राशि व्यय की गई ? (ग) यदि
नहीं, तो कौन-कौन से मार्ग अपूर्ण हैं ? इसके क्या कारण है तथा कब तक पूर्ण कर लिए
जायेंगे ? मार्गवार निश्चित समय-सीमा बतावें ?(घ) क्या मार्गों के निर्माण समय पर
पूर्ण नहीं होने के लिये उत्तरदायित्व का निर्धारण किया गया है, यदि हां, तो
क्या ? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। वर्तमान तक रू. 457.82 लाख का व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्टअनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) योजना
अंतर्गत 30 अपूर्ण कार्यो में से 26 कार्य वन क्षेत्र अंतर्गत होने से अपूर्ण है।
अत: कार्य अपूर्ण रहने में किसी का दोष न होने के कारण उत्तरदायित्व का निर्धारण
नही किया गया । शेष 04 कार्यो में मिट्टी कार्य मनरेगा के जाबकार्डधारी श्रमिकों
द्वारा संपन्न कराया जाना था किन्तु श्रमिक समय पर उपलब्ध न होने से मिट्टी का
कार्य पूर्ण कराने में बिलम्ब हुआ। मार्ग की उपरी सतहों का निर्माण ठेकेदारों से
संपन्न कराया जाना था इन कार्यो में भी बिलम्ब हुआ। ठेकेदारों की ओर से बिलम्ब
पाये जाने पर अनुबंधानुसार कार्यवाही की जायेगी।
मुलताई
विधानसभा के हाट बाजार के कार्य
120. ( क्र. 1955 ) श्री
चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मुलताई विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड प्रभात पटटन तथा मुलताई में कितने हाट बाजार
स्वीकृत हुए ? कितने हाट बाजार की निविदाएं आमंत्रित की गई ? (ख) कितने हाट बाजार
का कार्य पूर्ण किया गया है, कितने अपूर्ण है ?(ग) सांवगी एवं टिवरखेड ग्राम के हाट
बाजार का वर्क आर्डर क्यों नहीं जारी किया गया ? उनकी निविदाएं कितने दिनों बाद
निरस्त की गई ? (घ) निरस्त की गई निविदाओं की जानकारी कारण सहित उपलब्ध करायी
जावे ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)प्रभातपट्टन
विकासखंड में 07 एवं मुलताई विकासखंड में 08 हाट बाजार स्वीकृत किये गये है।
स्वीकृत समस्त 15 हाट बाजारों की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।(ख)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ के काॅलम 10 अनुसार।(ग)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार।(घ)सांवगी एवं हिवरखेड में हाट
बाजार स्वीकृत होने के लगभग 1 वर्ष 06 माह पश्चात भी अप्रारंभ रहने से निरस्त किये
गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों द्वारा
प्रीमियम की वसूली एवं भुगतान
121. ( क्र. 1958 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर जिले में
वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक सहकारी समितियों द्वारा कृषक खातेदारों से फसल
बीमा योजनान्तर्गत कितनी-कितनी प्रीमियम राशि समितिवार प्राप्त की है ? वर्षवार
समितिवार जानकारी दें ? (ख) सहकारी समितियों द्वारा उक्त राशि कब-कब फसल बीमा
कंपनी को अंतरित की ? वर्षवार समितिवार राशि की जानकारी व तिथि बतावें ? (ग) फसल
नुकसानी की स्थिति में सोसायटीवार कितनी-कितनी राशि का क्लेम फसल बीमा कंपनी को
वर्षवार किया गया ? और कितनी-कितनी मुआवजा/बीमा राशि कृषकों को वितरित की गई ? (घ)
सागर जिले की किन-किन सहकारी समितियों ने बीमा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को
अतंरित नहीं की ? इसके लिए कौन उत्तरदायी है व ऐसे प्रकरणों में अब तक क्या
कार्यवाही की गई है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है. (ख) फसल बीमा
योजनान्तर्गत बीमा प्रीमियम की राशि सहकारी समितियों द्वारा सीधे बीमा कंपनी को
नहीं भेजी जाती है, अपितु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से बीमा कंपनी को
भेजी जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है. (ग)
फसल बीमा योजनान्तर्गत सहकारी समितियों द्वारा बीमा क्लेम हेतु दावा प्रस्तुत करने
का प्रावधान नहीं है. फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों के आधार पर बीमा कंपनी द्वारा फसल
की नुकसानी का आंकलन कर बीमा दावे की गणना की जाती है. प्रश्नाधीन अवधि में बीमा
कंपनी से प्राप्त दावा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02
अनुसार है. बीमा कंपनी से प्राप्त राशि संबंधित कृषकों के खातों में जमा कर दी गई
है. (घ) अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों हेतु दिये गये ऋणों के लिये बीमा
प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को भेज दी गयी है. अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही
होता.
जिला नरसिंहपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत जोबा में आवंटित राशि
122. ( क्र. 1963 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जिला नरसिंहपुर अंतर्गत जिला पंचायत नरसिंहपुर एवं जनपद पंचायत करेली अंतर्गत ग्राम
पंचायत जोबा में विभिन्न योजनाओं से वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शासन की
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितनी राशि आवंटित की गई ? (ख) इस राशि से कौन-कौन से
कार्य किए गए ? कार्यवार जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार
है।(ख)जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1अनुसार है।
परिशिष्ट
चौंतीस डोभी (देवरी) जिला सागर स्थित उचित मूल्य दुकान में
अनियमितताएं
123. ( क्र. 1964 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सार्वजनिक
खाद्य वितरण प्रणाली अंतर्गत डोभी (देवरी) जिला सागर में स्थापित उचित मूल्य की
दुकान से माह जुलाई - अगस्त 2015 में हितग्राहियों को सामग्री वितरित नहीं किए
जाने एवं सामग्री को ब्लैक में बाजार में वितरित किए जाने संबंधी शिकायत
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा की गई थी ? (ख) यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही की
गई ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां।, (ख) प्राप्त
शिकायत की जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से करवाई गई, जिसमें प्रश्नांकित अवधि में
उचित मूल्य दुकान डोभी से राशन सामग्री का वितरण किया जाना प्रतिवेदित किया गया है
एवं कालाबाजारी का कोई भी तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। फिर भी प्रक्रियात्मक
अनियमितताओं के कारण उक्त उचित मूल्य दुकान के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया
है।
को-ऑपरेटिव बैंक का नवीन मुख्यालय स्थापित करने संबंधी
124. ( क्र. 1967 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण की सूचना दिनांक 24.02.2015 पर श्योपुर में
कॉ-ऑपरेटिव बैंक का नवीन जिला मुख्यालय स्थापित करने हेतु सदन मे हुई चर्चानुसार
आपने आश्वासन दिया था कि कॉआपरेटिव बैंक मुरैना से दिनांक 31.12.2015 की स्थिति
में मुरैना में संचालित बोर्ड से प्रस्ताव व निर्धारित प्रपत्रों पर जानकारी
मंगाकर उसका परीक्षण करने उपरांत बायवल (साध्य) पाने के उपरांत इस प्रस्ताव को
स्वीकृति हेतु आर.बी.आई./नाबार्ड को भेजेंगे ? क्या ये प्रस्ताव भेज दिया है,
यदि हां, तो कब ?(ख) उक्त प्रस्ताव को भेजने उपरांत इसे स्वीकृत कराने हेतु
वर्तमान तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई ?(ग) क्या किसी भी जिले में नवीन
कॉआपरेटिव बैंक का जिला मुख्यालय की स्थापना के प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति
राज्य शासन ही देती है ? इसे आर.बी.आई./नाबार्ड में तो स्वीकृति उपरांत केवल
लायसेंस जारी कराने हेतु ही प्रेषित किया जाता है ?(घ) यदि हां, तो लायसेंस कब तक
जारी करवा लिया जावेगा ? यदि नहीं, तो उक्त प्रस्ताव को आर.बी.आई./नाबार्ड से कब
तक स्वीकृत कराकर श्योपुर में कॉआपरेटिव बैंक का नवीन जिला मुख्यालय स्थापित
करा दिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी
हां. जी नहीं. (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग)
जी नहीं. जी नहीं, सहकारी समितियों के पुनर्गठन के अधिकार पंजीयक को है, किन्तु
सहकारी बैंकों के पुनर्गठन के मामलों में भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति आवश्यक
है. (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना से पुनर्गठन हेतु प्राप्त
प्रस्ताव का परीक्षण उपरांत नाबार्ड के निर्देशानुसार जानकारी नहीं होने से पुनः
नाबार्ड के निर्देशानुसार जानकारी तैयार कर भेजने हेतु दिनांक 24.08.2015 को लिखा
गया है. जानकारी प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी.
समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
विभागीय योजनाओं का लाभ
125. ( क्र. 1972 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) श्योपुर जिले में वर्ष 2015-16 में वर्तमान तक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग
द्वारा सभी जाति वर्ग के कृषकों को स्प्रिंकलर व पाईप लाईने प्रदाय हेतु किस-किस
योजना अंतर्गत कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ ? इस हेतु कितने कृषकों के आवेदन
पंजीयन हेतु प्राप्त हुए, उसमें से कितने कृषकों का पंजीयन किया गया ? उक्त
योजनाओं के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं ? (ख) किन-किन पंजीकृत कृषकों से
स्प्रिंकलर व पाईप लाईनों हेतु कितनी-कितनी अंश राशि किस-किस दिनांक को जमा कराई ?
वर्तमान तक कितने कृषक उक्त योजनाओं से लाभान्वित हुए के नाम पते योजनवार बतावें
? (ग) क्या जिले में चालू वित्त वर्ष के आठ माह व्यतीत हो जाने के बावजूद
संबंधित अमले की उदासीनता के कारण वर्तमान तक एक भी कृषक का पंजीयन नहीं हो पाया है
? इस कारण जिले के कृषक उक्त योजनाओं के लाभ से वंचित बने हुए हैं ? (घ) यदि नहीं,
तो क्या शासन उक्त योजनाओं के तहत लक्ष्य पूर्ति व पंजीयन करने में विलम्ब के
कारणों की जांच करवाएगा ? तत्पश्चात कृषकों को योजना का लाभ दिलाने हेतु उक्त
समस्त कार्यवाही पूर्ण करने निर्देश विभाग को जारी करेगा ? यदि नहीं, तो क्यों
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)वर्ष
2015-16 अन्तर्गत श्योपुर जिले में विभिन्न योजनाओं में स्प्रिंकलर पाईप लाईन के
लक्ष्य एवं पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है
तथा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार
है।(ख)विभिन्न् योजनाओं में लाभान्वित हुए कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(ग)जिले में वर्ष 2015-16 में प्राप्त आवेदन
अनुसार ही 12 कृषकों के पंजीयन किये गये हैं अतएव अमले की उदासीनता का प्रश्न ही
नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(घ)शासन
निर्देशानुसार एवं योजनाओं के लाभ हेतु प्राप्त आवेदनों का पंजीयन किया जाकर कृषकों
को लाभ दिया जा रहा है। अत: जांच का प्रश्न ही नहीं
उठता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के कार्य
126. ( क्र. 1998 ) श्री अनिल
जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रधानमंत्री
सड़क योजना के अंतर्गत लिये जाने वाले कार्यों के लिए वर्तमान में प्रचलित
क्या-क्या मापदण्ड हैं ? (ख) विगत वित्तीय वर्ष से अब तक निवाड़ी विधानसभा
क्षेत्र में स्थित किन-किन सड़कों को प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत
प्रस्तावित किया गया है इन सड़कों से लाभान्वित होने वाले ग्रामों के नाम, सड़क की
लंबाई, अनुमानित लागत, टेण्डर की स्थिति तथा कार्य पूर्णता की प्रस्तावित दिनांक
सहित जानकारी दी जावें ? (ग) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र की ओरछा तहसील के
ग्राम गुजर्राकलां सहित किन-किन ग्रामों को मात्र 1 किमी से कम लंबाई की सड़क के
द्वारा उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जा सकता है ? ग्रामवार जानकारी दी
जाये साथ ही क्या इन ग्रामों के लिये कोई योजना तैयार की गई है ? यदि हां तो
स्वीकृति संबंधी विवरण दिया जावे और यदि नहीं तो इन ग्रामों की कार्य योजना कब तक
तैयार कर ली जावेगी ? (घ) पृथ्वीपुर तहसील के ग्राम सरसौरा सहित ऐसे कितने गांव है
जिन्हें इसी वर्ष प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत लिया जा सकता है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजनांतर्गत वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या के घटते क्रम में सामान्य
विकासखण्डों में 500 एवं आदिवासी विकासखण्डों में 250 तक की जनसंख्या की बसाहटो को
जो पक्की सड़कों से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है को पक्की सड़कों से जोड़ने का
प्रावधान है। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि उक्त
प्रस्तावित सड़कों की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है अतः टेण्डर एवं कार्य पूर्णता की
प्रस्तावित दिनांक बताना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत
टीकमगढ़ जिले के स्वीकृत कोरनेटवर्क के अनुसार ग्राम गुजर्राकला पूर्व में ही पक्की
सड़क से जोड़ा जा चुका है, अन्य ऐसे कोई भी ग्राम नहीं है जिसे 01 कि.मी. से कम लंबाई
में राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडा जाना प्रस्तावित है एवं ना ही अन्य किसी
योजनांतर्गत जोडना प्रस्तावित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पृथ्वीपुर
तहसील के अंतर्गत ग्राम सरसौरा सहित ऐसे 08 ग्राम है जिन्हें इस वर्ष प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है।
परिशिष्ट
पैंतीस बीज उत्पादक संस्थाओं के द्वारा बीजों का उपार्जन
127. ( क्र. 2001 ) श्री अनिल
जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) टीकमगढ़
जिले में विगत दो वर्षों में 01.11.2013 से अब तक विभिन्न संस्थाओं के द्वारा रबी
एवं खरीफ मौसम में किन-किन फसलों के बीज उत्पादन हेतु कितने रकवा में पंजीयन कराये
गये हैं ? संस्थावार उत्पादकों की जानकारी रकवा सहित दी जावे ? (ख) टीकमगढ़ जिले
में विगत दो वर्षों में 01.11.2013 से अब तक विभिन्न संस्थाओं के द्वारा रबी एवं
खरीफ मौसम में किन-किन फसलों के बीज उत्पादन हेतु कितने रकवा में पंजीयन कराये गये
हैं ? संस्थावार उत्पादकों की जानकारी रकवा सहित दी जावे ? (ग) खरीफ 2015 में
जिले की उत्पादक संस्थाओं के द्वारा विक्रय किेये गये प्रमाणित बीजों की मात्रा
फसल, किस्म एवं ग्रेडवार दी जावे साथ ही रबी 2015 में इन संस्थाओं के पास उपलब्ध
प्रमाणित बीजों की जानकारी फसल किस्म एवं ग्रेडवार दी जावे ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)टीकमगढ जिले में विगत दो
वर्षों में दिनांक 01.11.2013 से अब तक विभिन्न संस्थाओं के द्वारा रबी में मुख्यत:
चना व गेहूं तथा खरीफ में सोयाबीन व उडद के बीज उत्पादन हेतु कुल 29004.905
हेक्टेयर में पंजीयन कराया गया है।विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 1,2,3,4,5,6 एवं 7 अनुसार है।(ख)उत्तरांश 'क' के अनुसार।(ग)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 8 एवं 9 अनुसार है।
चम्बल
संभाग की कृषि मंडियों में श्रेणी स्तर के सचिवों की पदस्थापना
128. ( क्र. 2009 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) चम्बल संभाग की कृषि मंडियों में नवम्बर 2015 तक कितने सचिवों की
पदस्थापना कृषि मंडी के श्रेणी स्तर की ना कर गैर श्रेणी के सचिवों की गई है ?
मंडी का नाम, स्थापना का वर्ष, मंडी की श्रेणी, सचिवों के नाम सहित पूर्ण जानकारी
दी जावे ? (ख) वर्तमान में चम्बल संभाग की मंडियों में प्रतिनियुक्ति पर कितने
सचिव हैं ? उनमें ऑडिटर, लिपिकीय वर्ग के सचिव कहां-कहां कब से पदस्थ हैं ? शासन
की नीति के अनुरूप सचिव नियुक्त क्यों नहीं किये हैं ? (ग) क्या शासन निर्धारित
नीति के अनुसार सचिवों की पदस्थापना करेगा ? यदि हां, तो कब ? नहीं करने के क्या
कारण हैं ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)प्रश्न में समयावधि निर्धारित नहीं होने से दिनांक 01.01.2015 से दिनांक
30.11.2015 तक की अवधि अंतर्गत जानकारी दी गई है। इस अवधि में चंबल संभाग की कृषि
उपज मंडी समितियों में 14 गैर श्रेणी के सचिव पदस्थ है।वांछित शेष जानकारी परिशिष्ट
पर है।(ख)चंबल संभाग की कृषि उपज मंडी समितियों में 04 सचिव प्रतिनियुक्ति पर
कार्यरत है, जिसमें से केवल कृषि उपज मंडी समिति कैलारस में सचिव के पद पर वरिष्ठ
अंकेक्षक दिनांक 17.10.2014 से पदस्थ्ा है।वर्तमान में पर्याप्त संख्या में सचिवों
की अनुपलब्धता के कारण सभी मंडी समितियों में संबंधित श्रेणी के सचिव की पदस्थापना
संभव नहीं हो पा रही है।(ग)सचिवों की उपलब्धता एवं प्रशासनिक दक्षता के अनुसार कृषि
उपज मंडी समितियों में नियमित सचिवों की पदस्थापना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके
लिये समय सीमा बताना संभव नहीं है।अत: शेष प्रश्न उदृभूत नहीं होता है।
परिशिष्ट
छ्त्तीस किसानों को सिंचाई पाईप अनुदान पर कटौती
129. ( क्र. 2010 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) मुरैना जिले में वर्ष 2015 में कृषि विभाग द्वारा दिये जाने वाले
अनुदान का प्रतिशत या राशि किस दर से दिया जा रहा है ? वर्तमान में कितने किसानों
को सिंचाई पाईप वर्ष 2014-15 एवं 2015-016 में दिये गये हैं ? विकासखण्डवार
जानकारी दी जावे ? (ख) क्या जिले में 2010 से 2013 तक किसानों को सिंचाई हेतु दिये
जाने वाले पाईपों पर 50% राशि अनुदान के रूप में दी जाती थी या अधिकतम अनुदान
पंद्रह हजार दिया जाता था ? वर्तमान में उसे कम करने का क्या कारण है ? (ग) क्या
वर्तमान नीति के कारण सिंचाई पाईपों पर अनुदान कटौती के कारण किसानों की संख्या
काफी कम हो गई है ? वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कितने किसानों को अनुदान
दिया गया है ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) :
(क)मुरैना जिले में वर्ष 2015 में कृषि विभाग द्वारा पाईप लाईन पर 25 रूपये
प्रति मीटर अधिकतम 600 मीटर की सीमा तक प्रति कृषक अधिकतम 15000 रूपये अनुदान दिया
जा रहा है। विकास खंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार
है।(ख)जी हां, भारत सरकार की गाईड लाईन में आइसोपाम योजनान्तर्गत पाईप लाईन प्रति
सेट पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 15000 अनुदान दिये जाने का प्रावधान था। वर्ष 2014-15
से राष्ट्रीय तिलहन मिशन भारत सरकार द्वारा लागू की गई है मिशन में 600 मीटर पाईप
लाईन में 25 रूपये प्रति मीटर अधिकतम राशि रूपये 15000 का अनुदान दिये जाने का
प्रावधान है। अनुदान का प्रावधान पूर्वत: यथावत है। गाईड लाईन की छायाप्रति
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।(ग)जी नहीं, जिले में वर्ष
2014-15 में किसानों को दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र तीन अनुसार है। वर्ष 2015-16 में प्रश्नांकित अवधि में कृषकों को अनुदान
देने की जानकारी निरंक है।
वाहनों पर रिफलेक्टर
130. ( क्र. 2013 ) श्री
यशपालसिंह सिसौदिया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या केन्द्र सरकार ने 12 नवम्बर 2008 एवं राज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर सभी
परिवहन वाहनों में निर्धारित मानक व डिजाईन के रिफलेक्टर लगाना अनिवार्य किया गया
था ? इसी के साथ 15 जनवरी 2013 को एक और आदेश में संशोधन करते हुए वाहनों को
विभिन्न श्रेणी में करते हुए अलग-अलग आकार की रिफलेक्टर टेप लगाने के आदेश दिये
गये हैं ? यदि हां, तो क्या उज्जैन संभाग में समान परिवहन वाहनों पर रिफलेक्टर
लगा दिये गये हैं ? यदि नहीं, तो कब-कब और किस-किस सक्षम अधिकारी ने इसकी जांच की ?
(ख) क्या किसी भी वाहन का फिटनेस रिफलेक्टर लगे हो तभी जारी किया जाता है ? यदि
हां, तो ऐसे कितने वाहनों का 1 जनवरी 2013 के पश्चात फिटनेस जारी किये गये, जिनमें
रिफलक्टर नहीं थे ? (ग) क्या हाईवे पर अधिकांश दुर्घटना ट्रेक्टर, ट्राली पर
रिफलेक्टर नहीं होने से होती है ? यदि हां, तो इसके लिये कौन दोषी है ? उनके
विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? उज्जैन संभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से
सैकड़ों ट्रालियों पर रिफलेक्टर ही नहीं है, जबकि परिवहन अधिकारियों द्वारा उनसे
राशि वसूल कर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है ? ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कितनी
शिकायतें प्राप्त हुईं और उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी
हॉ । जी हाॅ । उज्जैन संभाग में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में अब तक
लगाये गये रेडियम रिफ्लेक्टर टेप की संख्या कार्यालय वार निम्नानुसार है
:
-
स.क्र. |
कार्यालय का नाम
|
वाहनों मे
लगाये गये रिफ्लेक्टरों की संख्या |
1 |
आगर मालवा |
814 |
2 |
देवास |
861 |
3 |
मंदसौर |
2944 |
4 |
नीमच |
2188 |
5 |
रतलाम |
4129 |
6 |
शाजापुर |
1144 |
7 |
उज्जैन |
1018 |
यह एक सतत्
प्रक्रिया है ।
(ख) जी हॉ, परिवहन वाहनों को फिटनेस तभी
जारी किये जाते है जबकि उनमें रिफ्लेक्टर टेप लगे हुए हो जिनका पालन करते हुए ही
फिटनेस जारी किये जाते है, बिना रिफ्लेक्टर टेप लगी वाहनों को फिटनेस जारी
नही किये जा रहे है, अत: ऐसे वाहनों की संख्या निरंक है ।
(ग) हाईवे पर अधिकांश दुर्घटना का मुख्य कारण असावधानी एवं
तेजगति से नियम विपरीत वाहन चलाना है । संभाग में उज्जैन जिलान्तर्गत ट्रालियों
का पंजीयन रिफ्लेक्टर टेप लगी होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के
उपरान्त ही किया जा रहा है । वाहनों के पंजीयन के समय रिफ्लेक्टर लगाने हेेतु
प्रृथक से कोई राशि वसूल नही की जाती है ।
पंचायत हेतु मास्टर
प्लान
131. ( क्र. 2014 ) श्री
यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्राम पंचायतों के समग्र विकास हेतु राज्य
के सभी ग्राम पंचायतों के लिये मास्टर प्लान बनाने का विचार रखती है, यदि हां तो
इस सबंध में क्या प्रक्रिया प्रचलन में है ?(ख) क्या मंदसौर जिले में ग्राम
पंचायतों के लिये मास्टर प्लान प्रस्तावित है, यदि हां तो कौन-कौन सी पंचायतों
का ? (ग) मंदसौर जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्राम
पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई व कितनी व्यय हुई ? कौन-कौन से कार्य
कहां-कहां करवाये गये ? (घ) क्या प्रदेश में ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कार्यों
का समय-समय पर निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अंकेक्षण करवाया जाता है ? यदि हां
तो 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले की किस-किस ग्राम पंचायत का
अंकेक्षण किस-किस व्यक्ति/फर्म ने किया ? विधानसभावार जानकारी देवें तथा ऐसी कितनी
पंचायतें है जिनका उक्त अवधि में अंकेक्षण नहीं हुआ ? कारण सहित जानकारी देवें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी हां।(ख)जी हां।
मंदसौर जिले की 440 ग्राम पंचायतों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है।(ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(घ)ग्राम पंचायत में
प्रत्येक स्वीकृत कार्यो का निर्धातिर मापदण्डों अनुसार अकेक्षण नहीं कराया जाता है
किन्तु ग्राम पंचायत के लेखों का अंकेेक्षण करवाया गया है। सामजिक अंकेक्षण (Social
Audit) भी ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार। उपरोक्त वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 की शेष रहीं ग्राम
पंचायतों का अंकेक्षण सचिव ग्राम पंचायतों के स्थानान्तरण एवं रिकार्ड उपलब्ध नहीं
करवानें के कारण नहीं हो सका है संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा
रही है। अब सुदृढ़ व्यवस्था से वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 के अंकेक्षण का कार्य
वर्तमान में प्रचलन में है। अब विभाग में ‘‘पंचायत दर्पण‘‘ के माध्यम से व्यवस्था
की है। अतः सारे काम के रिकार्ड अब उपलब्ध है।
प्रदेश की परिवहन
नीति !
132. ( क्र. 2033 ) श्रीमती
नीना विक्रम वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर बसों के संचालन हेतु राज्य शासन द्वारा वर्ष
2013 से आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई नीति बनाई गई है ?(ख) क्या नीति के अभाव
में परिवहन अधिकारियों द्वारा मनमानी से बसों के परमिट जारी किये जा रहे है ?(ग)
क्या धार जिलान्तर्गत पूर्व से संचालित बसों के पूर्व निर्धारित समय पर अन्य
बसों को एक-एक माह के अस्थाई परमिट जारी किये गये है ? जिससे आपस में विवाद की
स्थिति निर्मित हो रही है ?(घ) क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही
प्रस्तावित है तथा सुचारू रूप से परिवहन व्यवस्था चलाने हेतु परिवहन नीति लागू
की जावेगी? और कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) वर्ष 2010 में परिवहन नीति बनाई गई थी । इसी
प्रकार वर्ष 2014 में ग्रामीण परिवहन नीति बनाई गई है । जिन्हें दृष्टिगत रखते
हुये परमिट स्वीकृत करने की कार्यवाही की जाती है । (ख) जी नही,
अस्थाई अनुज्ञायें यातायात के मार्ग पर विधमान अस्थाई आवश्यकताओं को
ध्यान में रखकर स्वीकृत किये जाते है । उसी के अनुसार समय च्रकों का निर्धारण
जनहित में किया जाता है ।(ग) धार जिला अंतर्गत पूर्व से
संचालित बसों के पूर्व निर्धारित समय चक्र पर अन्य बसों को एक एक माह के अस्थाई
अनुज्ञायें जारी नही किये गये है। विवाद की कोई स्थ्िाति निर्मित नही है ।
(घ) परमिट स्वीकृति का कार्य एक अर्द्ध न्यायायिक व्यवस्था
के अंतर्गत होता है । जिसके निदान हेतु वरिष्ठ न्यायालय में चुनौती देने का
प्रावधान है । सदभावना पूर्वक की गई कार्यवाही के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने
का औचित्य नही है ।
बैतूल जिले में पेट्रोल पम्प की
व्यवस्था
133. ( क्र. 2044 ) श्री
सज्जन सिंह उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
बैतूल जिले में कितने पेट्रोल पम्प किस-किस कम्पनी के संचालित हैं ? संख्या सहित
बताइयें ?(ख) क्या विभाग द्वारा उपभोक्ता संरक्षण सप्ताह मनाया जाता है ?
हितग्राहियों को पेट्रोल पम्प संचालक द्वारा डीजल/पेट्रोल क्रय की रसीद क्यों नही
दी जाती है ?(ग) कितने पेट्रोल पम्प मिलावट/नकली के कारण बंद हुये है ? क्या विगत
5 वर्षों में शाहपुर में कभी पेट्रोल से दुर्घटना हुई थी ?
खाद्य मंत्री
( कुँवर विजय शाह ) : (क) बैतूल जिले में आईओसीएल के 16, एचपीसीएल के 14,
बीपीसीएल 17 कुल 47 पेट्रोल पम्प संचालित है। (ख) विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष
उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस एवं विश्व
उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया जाता है एवं उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए
समय-समय शिविर का आयोजन कर उनके हितों की जानकारी दी जाती है। उपभोक्ताओं द्वारा
मांगे जाने पर डीजल/पेट्रोल की रसीद पेट्रोल पम्प संचालकों के द्वारा दी जाती है।
(ग) जिले में 01 पेट्रोल पम्प (मेसर्स बी.एन.अग्रवाल, घोडाडोंगरी आई.ओ.सी.एल.)
कंपनी के द्वारा मिलावट के कारण वर्ष 2006 से बंद कर दिया किया गया है। जी नहीं,
शाहपुर में विगत 5 वर्षो में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल से संबंधित किसी दुर्घटना का
मामला प्रकाश में नहीं आया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की संचालित
दुकानें
134. ( क्र. 2054 ) श्री के.
के. श्रीवास्तव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कितनी दुकानें संचालित हैं तथा कौन-कौन
समितियां इन दुकानों का संचालन कर रही है ? विधानसभा वार समितियों के नाम सहित
दुकानों की जानकारी से अवगत करावें ?(ख) क्या एक समिति 5 से 6 दुकानों से लेकर
10-12 दुकानों का या इससे भी अधिक का संचालन कर रही है तथा कब से ? इसका क्या कारण
है ?(ग) शासन के नियमानुसार राशन की दुकाने महीने में कितने दिन खोलना चाहिये तथा
समय क्या है ?(घ) क्या सभी दुकाने उसी स्थान पर संचालित हो रही हैं जहां
स्वीकृत हैं ? यदि नहीं तो क्यों ? इन सभी अनिमियताओं के लिये कौन जिम्मेवार हैं
? क्या शासन कोई सख्त कार्यवाही का पक्षदार है ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर
विजय शाह ) : (क) टीकमगढ जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कुल 454
शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों का संचालन प्राथ.कृ.सा.सह.
समिति, प्राथ.वनो.सह. समिति, महिला बहु. सह. समिति एवं प्राथमिक उपभोक्ता
भण्डारों द्वारा किया जा रहा है। विधानसभावार समितियों के नाम सहित उचित मूल्य
दुकानों के स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ख) जी
हां। कुछ समितियों द्वारा 5 या उससे अधिक दुकानें संचालित की जा रही हैं। 5 या
उससे अधिक दुकानें संचालित करने वाली समितियां, उनके संचालन की अवधि एवं इतनी अधिक
संख्या में दुकान संचालन के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’
अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में
साप्ताहिक एवं सार्वजनिक अवकाश को छोडकर उचित मूल्य दुकानों के प्रतिदिन 6 घण्टे
खोले जाने का प्रावधान है। (घ) जी हां। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के नागरिकों को खाद्य सुरक्षा
अधिनियम का लाभ
135. ( क्र. 2120 ) श्री संदीप
श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या शासन निर्देशानुसार आरक्षित वर्ग एवं अन्य श्रेणी के नागरिकों का समग्र
पोर्टल पर पंजीयन एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों को
सार्वजनिक वितरण प्रणली के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न प्रदाय करने के निर्देश
समय-समय पर दिये गये है ? यदि हां तो बतायें कि नगरपालिक निगम, कटनी सीमान्तर्गत
नागरिेकों का समग्र पोर्टल पर पंजीयन करने, पात्रता की श्रेणी का सत्यापन एवं
खाद्यान्न की प्राप्ति हेतु पात्रता पर्ची जारी करने का कार्य किस-किस कार्यालय
द्वारा किस प्रकार से किन-किन स्थानों से किया जाना चाहिए ? (ख) प्रश्नांश (क) के
तहत जनवरी 2014 से अब तक समग्र पोर्टल पर पंजीयन एवं पात्रता पर्ची जारी करने के
संबंध में कार्यालय द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई ? एवं इन कार्यों के लिए
कौन-कौन कर्मचारी कहां-कहां कार्यरत है एवं प्रक्रिया के तहत, वर्तमान में पात्रता
पर्ची जारी की जा रही है ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत क्या नागरिकों,
जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त कार्य कार्यालय नगरपालिक निगम, कटनी से ही कराये जाने
हेतु पत्र लिखे गये है एवं क्या इन पत्रों पर कार्यवाही की गई ? यदि हां तो
पत्रवार की गई कार्यवाही बतायें ? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत शासन के नियमों
के विपरीत, जनप्रतिनिधियिों के ध्यानाकर्षण के बावजूद, कार्यालय नगरपालिक निगम,
कटनी की बजाय अन्य स्थानों से कार्य करवाने, नागरिेकों को भटकाने, आर्थिक क्षति
पहुंचाने एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातिवर्ग के परिवारों को भोजन के अधिकार से
वंचित रखने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर कार्यवाही की जायेगी ? यदि हां तो क्या
और कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) जी हॉं। समग्र पोर्टल पर परिवारों की आई डी का निर्माण एवं पात्र
परिवार का सत्यापन का दायित्व स्थानीय निकाय को दिया गया है। शासन द्वारा पात्र
परिवारों का सत्यापन के स्थान के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।,
(ख) समग्र पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन का कार्य नगरपालिका निगम द्वारा
माह जनवरी, 2014 से अब तक कटनी कम्प्यूटर सिस्टम से अनुबंध कर उनके दो
कम्प्यूटर आपरेटरों के माध्यम से ई-गर्वनेन्स कार्यालय, कटनी में किया गया है।
वर्तमान में पात्र परिवारों के सत्यापन का कार्य नगरपालिका निगम कटनी कार्यालय
स्थित लोक सेवा केन्द्र में प्रारम्भ कराया गया है।, (ग) जी हॉ। प्राप्त पत्रों
के आधार पर पात्र परिवारों के सत्यापन का कार्य नगर निगम, कटनी कार्यालय में लोक
सेवा केन्द्र में प्रारम्भ किया गया है।, (घ) नगर पालिका निगम, कटनी द्वारा
तात्कालिक तौर पर ई-गर्वनेन्स कार्यालय, कटनी में पात्रता पर्ची जारी करने का
कार्य कराया गया था। वर्तमान में यह कार्य नगरपालिका निगम कटनी कार्यालय स्थित लोक
सेवा केन्द्र में किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
नरसिंहपुर जिले में प्र. सड़क योजनान्तर्गत सड़क निर्माण
136. ( क्र. 2734 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रधानमंत्री सड़क अंतर्गत 1. ग्राम झगरहाई से फोरलाइन तक तह. नरसिंहपुर 2. ग्राम
अमोदा से कुरेला तह. नरसिंहपुर 3. ग्राम झामर से गुडवारा तक तह. नरसिंहपुर 4. ग्राम
सासबूह ने रहली 5. एन.एच. 12 से डोंगर गांव 6. एन.एच. 12 से झिलपनी धाना तक तह.
करली की सड़कें प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्माण करने में सम्मिलित कर ली गई है
?(ख) यदि सम्मिलित नहीं की गई है तो कब तक प्रधानमंत्री सड़क योजना में शामिल की
जावेगी एवं पूर्ण निर्माण कब तक कर लिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित 6 सड़कों में से ग्राम सासबहू से रहली
सड़क को छोड़कर शेष सभी 5 सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सम्मिलित है। (ख)
नरसिंहपुर जिले के स्वीकृत कोरनेटवर्क के अनुसार लक्ष्य ग्राम रहली को गिडवानी से
जोड़ने हेतु स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है। अतः सासबहू से रहली सड़क को
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सम्मिलित नहीं किया जा सकता है। एन.एच.-12 से
झिलपानी ढाना सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत है किन्तु सड़क अभ्यारण्य क्षेत्र में होने से
निर्माण कार्य की अनुमति हेतु प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलन में है।
एन.एच.-26 से झगरहाई, झामर से गुडवारा एवं राजमार्ग से डोंगरगांव सड़क निर्माण कार्य
की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये है, स्वीकृति अपेक्षित
है। ग्राम अमोदा से कुरैला सड़क निर्माण हेतु राजस्व विभाग एवं वन विभाग की अनुमति
एवं भारत सरकार से स्वीकृति, प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः उक्त
सड़कों के निर्माण कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भाग-3अतारांकित
प्रश्नोत्तरमनरेगा योजना अंतर्गत टीन शेड निर्माण
1. ( क्र. 54 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)क्या
मनरेगा योजनान्तर्गत पशु शेड निर्माण की योजना प्रारम्भ की गई है ? (ख)उक्त
योजना अन्तर्गत मुंगावली विधान सभा क्षेत्र की कितनी पंचायत में कितने
हितग्राहियों के जहां पशुशेड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी कितनी पंचायतों
द्वारा पशु शेड निर्माण कर दिया गया संख्या बतावें ?? (ग) क्या ग्राम नगेश्री
जिला अशोकनगर में बिना पशु शेड बने ही सभी हितग्राहियों का 6 लाख 49 हजार का भुगतान
हो चुका है व मौके पर पशु शेड नहीं है ?क्या ग्राम पंचायत झागर नगेश्री अब परगना
में कई हितग्राहियों के 31 हजार मूल्यांकन कर 5 लाख 10 हजार निकल लिए गए है व मौके
पर पशु शेड नहीं है ? (घ) जिन पंचायतों द्वारा पशु शेड निर्माण नहीं किया उसके
क्या कारण है ? देरी होने के क्या कारण हैं व कब तक निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया
जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख)
मुंगावली विधानसभा क्षेत्र की 14 ग्राम पंचायतों में 87 हितग्राहियों के यहां पशु
शेड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 03 पंचायतों के 04 निर्माण
कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। (ग) जी नहीं। ग्राम नगेश्री, ग्राम पंचायत नगेश्री,
जिला अशोकनगर में 21 टीन शेडों का भुगतान राशि रू. 646956/- मूल्यांकन के अनुसार ही
किया गया है एवं ग्राम झागर, ग्राम पंचायत झागर में 16 टीन शेडों का भुगतान राशि
रू. 487222/- मूल्यांकन के अनुसार ही किया गया है, मौके पर इन कार्यों में बिना
कार्य कराये अथवा सामग्री क्रय किये बिना भुगतान किये जाने का कोई प्रकरण संज्ञान
में नहीं आया है, वर्तमान में उक्त सभी कार्य प्रगति पर हैं, जिन्हें शीघ्र पूर्ण
करा दिया जावेगा। (घ) उक्त कार्य वर्ष 2014-15 के अंत में स्वीकृत किये गये थे।
ग्राम पंचायत चुनाव के कारण उक्त कार्य विगत वर्ष में पूर्ण नहीं हो सके एवं नवीन
निर्वाचित सरपंचों द्वारा कार्य पूर्ण कराने में रूचि नहीं लिये जाने के कारण
अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराने हेतु प्रयास किये
जा रहे हैं।
प्राकृतिक आपदा से पीडित किसानों की कर्ज माफी
2. ( क्र. 156 ) श्री आरिफ
अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रदेश का अन्नदाता कर्ज, सूखा, ओला, अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक आपदा से पीडि़त
प्रदेश के किसानों द्वारा वर्ष 2010 से जहर खाकर, कीटनाशक दवाईयां पीकर, फांसी
लगाकर, हृदयघात आदि प्रकार से आत्म हत्याएं किए जाने के मामले उजागर हुए है ? (ख)
यदि हां, तो अन्नदाताओं द्वारा आत्म हत्याएं न किए जाने एवं उक्त प्रकार की
पुनरावृत्ति न हो इस दृष्टि से शासन द्वारा क्या किसानों के कर्ज माफ करने व खाद्य
बीज इत्यादि नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा ? यदि हां, तो कब तक औपचारिक आदेश
प्रसारित किए जायेंगे ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी एकत्रित की जा
रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शौचालयों का निर्माण
3. ( क्र. 332 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
श्योपुर जिले के स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में शौचालयों के
निर्माण हेतु कितनी राशि आवंटित की, कितने शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य मिला, के
विरूद्ध कितने शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया, जानकारी पंचायत/ग्रामवार
उपलब्ध करावें ? (ख) उक्त शौचालयों के निर्माण उपरांत जिले के समस्त ग्रामों के
कितने परिवारों को कितनी-कितनी राशि जारी कर हितग्राहियों के खाते में भेजी गई,
जानकारी उपरोक्तानुसार देवें ? (ग) क्या जिले में चालू वित्त वर्ष में जिला
पंचायत को 20032 शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में बनाने का लक्ष्य मिला लेकिन संबंधित
अमले की उदासीनता के कारण वर्तमान तक मात्र 2947 शौचालयों का निर्माण ही संभव हो
सका, नतीजन उक्त मिशन जिले में असफल साबित हो रहा है ? (घ) यदि हां,तो इस हेतु कौन
उत्तरदायी है एवं उस के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा ? यदि नहीं तो उक्त
तथ्यों की वास्तविकता की जांच करवाएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए
शौचालयों के निर्माण तीव्र गति से कराने हेतु प्रभावी निर्देश विभाग को जारी करेगा
? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
श्योपुर जिले के स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में शौचालयों
के निर्माण हेतु राशि आवंटित नहीं की गई। जिले द्वारा लक्ष्य 20032 के
विरूद्ध 4446 शौचालयों का निर्माण पूर्ण कराया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है । (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है ।(ग) जिले में चालू वित्त वर्ष में जिला पंचायत
को 20032 शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में बनाने का लक्ष्य मिला जिसके विरूद्ध 4446
शौचालयों का निर्माण पूर्ण कराया गया। प्रत्येक परिवार को शौचालय निर्माण एवं
उपयोग हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आई.ई.सी. गतिविधियों के माध्यम से
शौचालयों के महत्व को बताकर हितग्राहियों को शौचालय निर्माण एवं उपयोग हेतु
प्रेरित कर मिशन को जिले में सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें किसी
अधिकारी एवं कर्मचारी के दोषी होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ)
प्रश्नांश ग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
पेंशन व्यवस्था में सुधार
4. ( क्र. 372 ) श्री चम्पालाल
देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभिन्न
योजनाओं में स्वीकृत पेंशन हितग्राहियों को भुगतान के संबंध में शासन के
क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें ? उक्त निर्देशों का रायसेन जिले में पालन
क्यों नहीं हो रहा है, कारण बतायें ? (ख) रायसेन जिले की किन-किन जनपद पंचायतों के
पेंशन पाने वाले हितग्राही कितने किलोमीटर चलकर बैंक/पोस्ट आफिस पेंशन लेने जाते
हैं ? (ग) पेंशन समय पर प्राप्त न होने, 15 से 20 किलोमीटर चलकर पेंशन मिलने की
व्यवस्था में सुधार हेतु माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन
सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए ? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक
क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।रायसेन जिले में निर्देशों का
पालन किया जा रहा है।(ख)रायसेन जिले की जनपद पंचायत सिलवानी की ग्राम पंचायत
प्रतापगढ़ के पेंशन पाने वाले हितग्राही 15 से 20 किलोमीटर चलकर बैंक/पोस्ट आफिस
पेंशन लेने जाते है।(ग)कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।जिला सर्तकता एवं निगरानी
समिति की बैठक दिनांक 22.11.15 में माननीय मंत्री महोदय, राजस्व एवं पुर्नवास,
म0प्र0 शासन द्वारा जनपद पंचायत सिलवानी की ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के जिन
हितग्राहियों के खाते 15 से 20 किलोमीटर दूर बैंक/पोस्ट आफिस में है,उन
हितग्राहियों को उनकी सुविधानुसार समीप के पोस्ट आफिस से पेंशन राशि भुगतान कराने
की कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये है।(घ)उत्तरांश-’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनान्तर्गत हितग्राहियों को पेंशन का प्रदाय
5. ( क्र. 373 ) श्री चम्पालाल
देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अप्रैल 2015
की स्थिति में रायसेन एवं देवास जिले में राष्ट्रीय वृद्धावस्था, सामाजिक
सुरक्षा, विकलांग तथा अन्य पेंशन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को पेंशन मिल रही
थी ? (ख) नवम्बर 2015 की स्थिति में कितने हितग्राहियों को पेंशन मिल रही है ?
क्या अप्रैल 2015 की तुलना में हजारों की संख्या में पेंशन पाने वाले
हितग्राहियों की कमी हो गई ? कारण बतायें ? (ग) जनवरी 2012 से नम्बर 2015 की अवधि
में कितने हितग्राहियों की पेंशन बंद कर दी गई तथा क्यों ? (घ) उक्त
हितग्राहियों की पेंशन कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी ? यदि नहीं तो क्यों, कारण
बतायें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)अप्रैल
2015 की स्थ्िाति मे रायसेन जिले में 58768 एवं देवास जिले मे 58351 हितग्राहियों
को राष्ट्रीय वृध्दावस्था, सामाजिक सुरक्षा, विकलांग तथा अन्य पेंशन योजनाओं को
पेंशन मिल रही थी।(ख)नवम्बर 2015 की स्थ्िाति मे रायसेन जिले में 63662 एवं देवास
जिले में 62950 हितग्राहियों को पेंशन मिल रही है। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नही
होता। (ग)जनवरी 2012 से नवम्बर 2015 की अवधि में रायसेन जिले में 779
हितग्राहियों की मृत्यु होने तथा 35 हितग्राहियों के पलायन करने से एवं जिला देवास
में उक्त अवधि में 1514 हितग्राहियों की मृत्यु होने के कारण पेशन बंद कर दी गई
है।(घ)उत्तरांश ‘ग’ के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं
होता।
संयुक्त संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास सागर से
चाही गई योजनाओं की जानकारी
6. ( क्र. 394 ) श्रीमती पारूल
साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 23 मार्च 2015 को संयुक्त संचालक किसान कल्याण
एवं कृषि विकास, सागर को पत्र लिखकर योजनाओं की जानकारी 10 दिवस में चाही थी ?
परंतु विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक भी पत्रों के उत्तर एवं
जानकारी नहीं दी है ? (ख) यदि हां, तो क्यों ? प्रश्नकर्ता को उनके द्वारा
प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र एवं 01.04.2014 से अभी तक विभाग को भेजे गये
पत्रों का प्रत्युत्तर एवं वांछित जानकारी कब तक उपलब्ध करा देना सुनिश्चित किया
जावेगा ? (ग) क्या संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन सामान्य
प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 06.08.2012 एवं फरवरी 2014 के परिपेक्ष्य में
संबंधित अधिकारी के विरूद्ध आचरण या सेवा नियमों के अधीन अपचार समझा जाकर
अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हां। वांछित जानकारी पत्र
क्रमांक/टी-1/आर.के.व्ही.वाय./2015-16/2981 सागर दिनांक 28.11.2015 के द्वारा
प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1
अनुसार है।(ख)शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग)शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
पंचायतों में कार्य एवं सरपंच अधिकार
7. ( क्र. 515 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
त्रिस्तरीय पंचायती राज में वर्तमान समय में सरपंच के क्या अधिकार है एवं इसके
पूर्व क्या-क्या अधिकार थे ?(ख) ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सभाओं में कितने
प्रतिशत जनसंख्या की उपस्थिति अनिवार्य है ?(ग) प्रथम ग्राम सभा सम्मेलन के लिए
निर्धारित अनिवार्य जनसंख्या यदि सभा में उपस्थित नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में
सभा में लिए गए निर्णय मान्य है या नहीं ?(घ) विगत दो तीन वर्षों से इंदिरा आवास
होम स्टेड के हितग्राहियों को दूसरी किस्त प्राप्त नहीं हुई है, कब तक प्राप्त होगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)मध्यप्रदेश पंचायत
(ग्राम पंचायत के सरपंच तथा उपसरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के अध्यक्ष तथा
उपाध्यक्ष की शक्तियां तथा कृत्य) नियम, 1994 के नियम 3 में सरपंच की शक्तियां
वर्णित है। जो परिशिष्ट-‘अ‘ पर पठनीय है। वर्ष 1994 के बाद से कोई संशोधन नहीं किया
गया है।(ख)ग्राम सभा के कुल सदस्यों की संख्या के कम से कम दस प्रतिशत या कम से कम
500 सदस्य इनमें जो भी कम हो, की उपस्थिति अनिवार्य है।(ग)ग्राम सभा के सम्मिलन में
गणपूर्ति (कोरम) न होने की स्थिति में लिए गये निर्णय मान्य नहीं है।(घ)विगत वर्ष
2012-13 में इंदिरा आवास योजना (होमस्टेड) अंतर्गत 27 जिलों को द्धितीय किश्त की
राशि प्राप्त है। 11 जिलों की आपत्ति का निराकरण होकर राशि जारी की प्रक्रिया भारत
सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय में प्रचलित है, शेष 12 जिलों के आपत्ति का निराकरण
प्रक्रिया में है।
परिशिष्ट
सैंतीस वर्ष 2014-15 में गेहूं खरीदी केन्द्रों पर मौसम से
खराब हुए खाद्यान्न की जमा खर्च अनियमितता के संबंध में
8. ( क्र. 533 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2014-15 में किसानों से गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर जो
गेंहू खरीदा था उसका भुगतान किसानों को कर दिया, किन्तु मौसम की खराबी से जो खरीदा
गया गेहूं खराब या नष्ट हो गया जो केन्द्रों पर शासन को जमा नहीं हुआ उस गेहूं की
राशि का उत्तरदायित्व किसका है और कौन जिम्मेदार है ?(ख) प्रश्नांश (क) में नष्ट
हुये गेहूं की मात्रा जिलेवार कितनी है तथा कितनी मात्रा में खराब हुआ उसकी कितनी
राशि थी ? उस गेहूं का विभाग द्वारा क्या किया गया ? इसके लिये कौन दोषी है क्या
दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी ?(ग) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित बिन्दुओं के
अनुसार खराब हुए गेंहू का जिम्मेदारी शासन की है या उस विभाग की ? क्या उक्त खराब
हुये गेहूं की भरपाई शासन द्वारा की जावेगी या पदस्थ कर्मचारियों द्वारा ? शासन को
अनियमितता के कारण करोड़ो रूपये की हानि की राशि की वसूली की गई है यदि नहीं तो
क्यों ?(घ) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित
बिन्दुओं के पालन कराने की कोई कार्य योजना है या कोई पूर्व नीति है ? यदि नहीं तो
कब तक शासन द्वारा इस नुकसान से बचने के लिये कार्य योजना तैयार की जावेगी ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हॉ। रबी विपणन
वर्ष 2014-15 में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन खरीदी केन्द्रों
पर किया गया था, जिसका भुगतान किसानों को कर दिया गया है। श्योपुर जिले में मौसम
खराब होने के कारण 2157.38 क्विंटल नष्ट हुए गेहूं का दायित्व उपार्जन संस्था के
कर्मचारी का है। शेष जिलों में उपार्जित गेहूं मौसम की खराबी के कारण खराब/नष्ट
नहीं हुआ है।,(ख) श्योपुर जिले में 2157.38 क्विंटल गेहूं मौसम खराबी के कारण
नष्ट हुआ है जिसकी कुल राशि रू. 33,43,939.00 है, खराब हुआ गेहूं को नष्ट कर दिया
गया है। खराब हुए गेहूं के लिए उपार्जन संस्था के कर्मचारी जिम्मेदार है।
संस्थावार खराब हुए गेहूं की जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है। खराब हुए गेहूं में से 652.54 क्विंटल की राशि रू. 1011437.00 संबंधित
उपार्जन संस्था के कर्मचारी से जमा करा ली गई है। शेष गेहूं 1504.84 क्विंटल की
राशि रू. 2332502.00 संबंधित संस्था के कर्मचारियों से वसूली हेतु न्यायालय सहायक
पंजीयक सहकारी संस्थाए जिला श्योपुर में सहकारी अधिनियम, 1960 की धारा 58(बी) के
तहत प्रकरण दर्ज कराए गए है।, (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के अनुसार वर्ष
2014-15 में श्योपुर जिले में उपार्जित गेहूं का स्टाक मोसम की खराबी से नष्ट
हुआ जिसके लिये खरीदी केन्द्र के प्रभारी संबंधित प्रबंधक जिम्मेदार है, जिसकी
भरपाई हेतु राशि संबंधित संस्था प्रबंधकों से जमा कराई गई है, जिन समिति
प्रबंधकों द्वारा खराब गेहूं की राशि जमा नहीं कराई गई उन समिति प्रबंधकों के
विरूद्ध न्यायालय सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाए जिला श्योपुर में प्रकरण दर्ज
कराये गये है ।, (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन करने वाली
संस्थाओं को उपार्जित खाद्यान्न के सुरक्षित भण्डारण तथा प्राकृतिक आपदा से
उपार्जित खाद्यान्न को सुरक्षित रखने के प्रबंध करने के लिए उपार्जन हेतु जारी
दिशा निर्देशों में स्पष्ट प्रावधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
अड़तीस जिला सहकारिता केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के
प्रशासनकाल में की गई अनियमिता
9. ( क्र. 535 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जिला
सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना को प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को सदस्यता देने का
अधिकार प्राशासक को है कि निर्वाचित संचालक मण्डल कोयदि निर्वाचित संचालक मण्डल को
है तो प्रशासक द्वारा गुना में वर्ष 2012 से2014 के बीच में कितनी संस्थाओं को
सदस्यता प्रदान की ? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना का संचालक
मण्डल कब और किस दिनांक से भंग है उसके बाद कौन-कौन प्रशासक रहे है । प्रश्नांश
(क) अनुसार बैंक प्राशासक द्वारा कितनी प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को सदस्यता प्रदान
की है ? (ग) क्या बैंक गुना के प्रशासक द्वारा प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को वर्ष
2012 से 2014 के बीच में दी गई बैंक की सदस्यता देने में कौन से प्रशासन ने
अनियमितता की है ? कितनी संस्थाओं को ऋणी बनाया है ? सदस्यता वाली संस्थाओं का
विवरण दें ?(घ) क्या विभाग सहकारी अधिनियम के निहित प्रावधानों के विरूद्ध दी गई
सदस्यता एवं दिये गये ऋण वाले प्रशासक एवं वैद्य प्रबंधक के विरूद्ध कोई कार्यवाही
करेगा और उन संस्थाओं की सदस्यता निरस्त करेगा कब और कैसे कारण सहित जानकारी दें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रशासक एवं निर्वाचित
संचालक मंडल दोनों को. प्रशासक के कार्यकाल में 29 अकृषि सहकारी संस्थाओं को जिला
सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, गुना की सदस्यता दी गई. (ख) दिनांक 07.04.2012 से.
प्रशासक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है. 29 प्राथमिक संस्थाओं
को. (ग) प्रथम दृष्टया अनियमितता नही है, किन्तु सदस्यता दिये जाने के कारण का
परीक्षण किया जा रहा है. एक संस्था को ऋण दिया गया. सदस्यता दिए जाने वाली सहकारी
संस्थाओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है. (घ) उत्तरांश ‘क’ एवं
‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
परिशिष्ट
उनतालीस जानकारी का प्रदाय
10. ( क्र. 545 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या रीवा जिले की प्रधानमंत्री सड़क रीवा मऊगंज द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य के
विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा निर्मित सड़क का एन.एच. 7 के फोरलेन सड़क
निर्माण के ठेकेदार द्वारा कौन सी सड़क का उपयोग लिखित अलिखित किया गया है ?
प्रश्न दिनांक तक प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क रीवा मऊगंज द्वारा सड़कों के उपयोग
की स्थिति अनुसार करने के लिये कितने पत्र प्रेषित किये गये है ? प्रेषित पत्रों के
तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही हुई ? कार्यवाही के क्या
परिणाम निकले है ? जानकारी पत्र क्रमांक वार दिनांक वार प्रत्येक पत्र के संबंध में
पृथक पृथक देवे ?(ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में यदि पत्रों में कार्यवाही
नहीं हुई तो इस हेतु कौन कौन जिम्मेदार है ? इनके खिलाफ क्या शासन कठोर कार्यवाही
करेगा ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित 11 सड़कों का उपयोग, म.प्र. सड़क विकास निगम के
अंतर्गत ठेकेदार द्वारा एन.एच.-7 फारेलेन सड़क के निर्माण कार्य में निर्माण सामग्री
के परिवहन हेतु किया गया है।
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार
है। उक्त सड़कों से निर्माण सामग्री परिवहन से क्षतिग्रस्त हो रही सड़कों का
संधारण कर यथास्थिति बनाये रखने हेतु 11 पत्र महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास
प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक 02 रीवा (मऊगंज) द्वारा संभागीय
प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग क्र. 2 रीवा को प्रेषित किये गये। म.प्र. सड़क
विकास निगम द्वारा 3 पत्र प्राप्त होना बतलाया है जिस पर उनके द्वारा कार्यवाही कर
संविदाकार को पत्रों में दिये गये निर्देशों का कडाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु
निर्देशित किया गया है। उक्त संविदाकारों की ओर से कार्य किया जाना अपेक्षित
है।
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ख) म.प्र.
सड़क विकास निगम द्वारा संविदाकार को निर्देशित किया गया है इसमें कोई
अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है अतः कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
चालीस मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर प्रचलित जांच
11. ( क्र. 592 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)उज्जैन
संभाग में विगत 05 वर्षों में किन-किन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं
जिला पंचायत पर कार्य में अनियमितता के चलते विभागीय जांच प्रस्तावित की गई है ?
प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जांच के अलावा
क्या जनप्रतिनिधियों की शिकायत के आधार पर जांच की गई ? यदि हां, तो क्या
कार्यवाही की गई?(ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 05 वर्षों में परर्फोमेंस
ग्रान्ट योजना के क्रियान्वयन में कौन-कौन से कार्य किए गए ? कार्यवार विवरण
देवें ?(घ) उक्तानुसार प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति में कोई
विपरीत तथ्य संज्ञानित हुए हैं ? यदि हां, तो इसके लिये क्या कार्यवाही की गई ?
यदि कोई जांच प्रचलित है, तो पूर्ण विवरण देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र
ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र स
अनुसार है । (घ) जी हां। दोषी के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया
गया। प्रकरण में विभागीय आदेश क्र. 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के लिये
सचेत किया गया ।
बुन्देलखण्ड पैकेज का आवंटन
12. ( क्र. 636 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बुन्देलखण्ड
पैकेज के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रदेश के 6 जिलों में वर्ष 2010-11 से 13-14
तक कितना आवंटन जिले को प्राप्त हुआ था तथा जिले से कितनी-कितनी राशि किन-किन
विभागों को आवंटन की गई थी ?(ख) दमोह जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में विभाग
द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान कौन-कौन से कार्य कब स्वीकृत
किये गये तथा उन पर कितनी राशि व्यय की गई ?(ग) क्या बुन्देलखंड पैकेज के
अंतर्गत स्वीकृत किये गये कार्य मौके पर पूर्ण है अथवा अपूर्ण हैं एवं कितने कार्य
अप्रारंभ है ? कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ रहने का क्या कारण है ? कार्य एजेंसी
सहित जानकारी देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रदेश के 6 जिलों में वर्ष
2010-11 से वर्ष 2013-14 तक आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है । (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित अवधि के दौरान
स्वीकृत कार्यों के नाम स्वीकृति के वर्ष एवं व्यय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है । (ग) बुन्देलखण्ड
पैकेज अंतर्गत मौके पर स्टाप डेम के 53 कार्य तथा लिफ्टिंग डिवाईस के 7219 कार्य
पूर्ण है । कोई कार्य अप्रारंभ नहीं है, कोई कार्य अपूर्ण नहीं है । शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता ।
म.प्र. द्वारा आनुषंगिक संस्थाओं में कार्यरत
अधिकारी/कर्म. के मानदेय में वृद्धि
13. ( क्र. 637 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विभाग
द्वारा अपने आनुषंगिक संस्थाओं में कार्यरत् अधिकारी/कर्मचारीयों के मानदेय में
वृद्धि किये जाने के आदेश जारी किये थे, यदि हां तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें
?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जारी आदेश का पालन किन-किन आनुषंगिक संस्थाओं
ने कर लिया है तथा किन-किन संस्थाओं ने नहीं किया है ? (ग) जारी आदेश का पालन न
करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी, यदि हां तो कब तक ?
क्या बढ़ा हुआ मानदेय जारी आदेश दिनांक से स्वीकृत किया जावेगा, यदि हां तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जी, हॉ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 2 अनुसार है। (ग)
प्रश्नांश ''ख'' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
।
इंदिरा आवास/मुख्यमंत्री आवास का लक्ष्य
14. ( क्र. 643 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के
लिए वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक इंदिरा आवास/मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत
कितना-कितना लक्ष्य आवंटित किया गया था ? प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध जिले के
सातों विकासखंड की ग्राम पंचायतों को कितना-कितना लक्ष्य दिया गया, वर्गवार एवं
वर्षवार बतलावें ? (ख) वर्ष 2012-13 से 15-16 तक ग्राम पंचायतों को लक्ष्य के
विरूद्ध कितने हितग्राहियों को कुटीरें आवंटित की गई, विकासखंड तेंदूखेड़ा एवं
जबेरा की ग्राम पंचायतवार जानकारी बतलावें ? क्या जो ग्राम पंचायतों को लक्ष्य
दिया गया, उसी के अनुरूप कुटीरें आवंटित की गई, यदि नहीं की गई, तो कारण बतलावें ?
(ग) वर्ष 2012-13 से 15-16 तक किस वर्ष की प्रथम अथवा द्वितीय किस्त प्राप्त
नहीं हुई है ? यदि हां, तो क्यों ? जिले में ऐसी कितनी कुटीरें अधूरी पड़ी है,
इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या दमोह विकासखंड की अथाई ग्राम पंचायत के
हितग्राहियों को वर्ष 2012-13 से 14-15 तक स्वीकृत कुटीरों की द्वितीय किस्त
प्राप्त नहीं हुई है ? इस संबंध में पीडि़त हितग्राहियों द्वारा अनेक शिकायतें
जिला पंचायत में की गई थी, उसका क्या निराकरण किया गया ? कुटीर आवंटन के लिए शासन
के अद्यतन क्या निर्देश हैं, उसकी प्रति उपलब्ध करावें ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)दमोह
जिले का वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक इंदिरा आवास/मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत
शासन स्तर से निम्नानुसार का आवंटन किया गया है- इंदिरा आवास योजनान्तर्गत वर्ष
2012-13 में 2466 वर्ष 2013-14 में 1676, वर्ष 2014-15 में 1631 एवं वर्ष 2015-16
में 1706 तथा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 में 144,
वर्ष 2013-14 में 112, वर्ष 2014-15 में 132 एवं वर्ष 2015-16 में 00
लक्ष्य आवंटित किया गया है। जिले की विकासखण्ड को जारी लक्ष्य वर्षवार/वर्गवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)दमोह जिले में वर्ष
2012-13 से 2014-15 तक ग्राम पंचायत को लक्ष्य के विरूद्ध 6030 हितग्राहियों को
कुटीरे आंवटित की गई है। वर्ष 2015-16 में हितग्राहियों की स्वीकृति की कार्यवाही
प्रचलन में है। विकास खण्ड तेन्दूखेडा एवं जबेरा की ग्राम पंचायतवार/हितग्राही सूची
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। वर्ष
2012-13 एवं 2013-14 मे निर्धारित लक्ष्य अनुसार कुटीरें आवंटित की गई है। वर्ष
2014-15 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तेन्दूखेडा के पत्र
क्र/इ.आ/2014.15/451 तेन्दूखेडा, दिनांक 09.09.15 द्वारा निर्धारित लक्ष्य के विरूध
64 हितग्राहियों के बी.पी.एल क्रमांक सही न होने के कारण सूची प्रस्तुत नहीं की गई
थी, जिससे विकास खण्ड तेन्दुखेड़ा मे निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कुटीरें आवंटित
नहीं की गई है। पत्र की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र स अनुसार है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जबेरा द्वारा जनपद
पंचायत मुख्यालय पर ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तुत मांगपत्र के आधार पर कुटीरों का
चयन कर प्रथम किश्त जारी हेतु अनुशंसा की गयी थी। उसी के अनुरूप अतिरिक्त कुटीरें
07 एवं विधवा/विकंलाग मद में 13 कुटीरों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।(ग)दमोह जिले
को इंदिरा आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 की द्वितीय किश्त की राशि केन्द्रांश
3,37,37,800/- एवं राज्यांश 1,12,46,000/- कुल राशि रूपये 4,49,83,800/- से शासन
स्तर से अप्राप्त है। भारत सरकार नई दिल्ली को समय सीमा मे द्वितीय किश्त के
प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं, परन्तु भारत सरकार द्वारा द्वितीय किश्त की राशि
में जिले को उपरोक्तानुसार कटोत्रा किया गया हैै। ग्राम पंचायत अथाई में वर्ष
2012-13 मे 03 कुटीर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी 03 हितग्राहियों को
कुटीर की द्वितीय किश्त की राशि जारी की जा चुकी है। वर्ष 2013-14 मे 05 कुटीरों
का लक्ष्य निर्धारित था, जिसमें 03 हितग्राहियो को द्वितीय किश्त जारी की जा चुकी
है। शेष 02 हितग्राहियो के उपयोगिता प्रमाण-पत्र कार्यालय जनपद पंचायत दमोह से
28.01.15 को प्राप्त हुये थे, उक्त समयावधि में जिले के इंदिरा आवास योजना के
संभावित खाते में राशि उपलब्ध न होने के कारण उक्त हितग्राहियों के प्रस्ताव जिला
स्तर पर लंबित हैं। इस संबंध में संबंधितों द्वारा कलेक्टर दमोह को द्वितीय किश्त
की राशि के संबध में शिकायती आवेदन दिया गया था। चूँकि राशि अप्राप्त रहने के
फलस्वरूप शिकायत लंबित है। वर्ष 2014-15 में 02 कुटीरों का लक्ष्य निर्धारित किया
गया था। 02 हितग्राहियों की द्वितीय किश्त हेतु प्रस्ताव शासन स्तर को प्रेषित
किये जा चुके है। शेष हितग्राहियो के उपयोगिता प्रमाण पत्र अप्राप्त है। शासन के
अघतन निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार
है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
15. ( क्र. 658 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
राजगढ़ अंतर्गत विभाग द्वारा राज्य स्तरीय एवं केन्द्र शासन के सहयोग से कौन- सी
योजना संचालित है ? उपरोक्तानुसार योजनाओं में 01.04.2014 से 30.10.2015 तक जिले
में कितना आवंटन प्रदान किया गया ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ की विधान
सभा क्षेत्र सारंगपुर में उपरोक्तानुसार समयावधि में कितने हितग्राहियों को
किस-किस योजनाओं का लाभ दिया गया ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
परिशिष्ट
इकतालीस कालाबाजारी में शामिल अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
16. ( क्र. 678 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या राजनगर
विधान सभा क्षेत्र में लोगों को प्रतिमाह राशन नहीं मिल रहा है ? (ख) यदि नहीं, तो
खाद्य अधिकारी, संबंधित अधिकारियों ने किन-किन तिथियों में वर्ष 2013 से प्रश्न
दिनांक तक कहां-कहां निरीक्षण किया तथा क्या-क्या कार्यवाही की विवरण सहित बताये
?(ग) क्या गांव के गरीब वर्ग के लोगों के नाम उनके परमिट पर इंट्री की गई और उनको
राशन सामग्री नहीं दी गई ? ऐसे कितने मामले अधिकारियों के सामने आये ?(घ) दोषी
अधिकारियों के विरूद्ध आयुक्त खाद्य विभाग सचिव तथा कलेक्टर ने कितनो को नोटिस
दिये तथा निलंबित किया ? यदि नहीं तो कौन जिम्मेदार है ?
खाद्य मंत्री (
कुँवर विजय शाह ) : (क), (ख), (ग), (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपद पंचायत निधि द्वारा जारी की गई राशि
17. ( क्र. 680 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर जिले
में वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में कितनी राशि जनपद पंचायत निधि अन्तर्गत जनपद
पंचायतों को प्राप्त हुई ? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे ?(ख) लवकुशनगर, गौरिहार,
राजनगर के किन-किन ग्राम पंचायतों को किस-किस कार्य हेतु राशि प्रदाय की गई
कार्यवार, पंचायतवार, राशिवार विवरण दें ?(ग) दिनांक 1.1.14 से प्रश्न दिनांक तक
कितने उपयंत्रियों के विरूद्ध नोटिस कार्य में लापरवाही तथा गंभीर अनियमितताओं से
संबंधित प्रकरण लंबित है ? उनके नाम बताये ? कारण सहित ।
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘
अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘
अनुसार।(ग)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स‘‘
अनुसार।
मंडी सचिव द्वारा शासन को भ्रमित करना
18. ( क्र. 691 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
दिनांक 01.03.2014 से 10.11.2015 तक कृषि उपज मंडी खरगोन कार्यालय को भगवानपुरा
विधायक के कितने पत्र प्राप्त हुए ? कृषि उपज मंडी खरगोन द्वारा कितने पत्र
भगवानपुरा विधायक को प्रेषित किये गये ? क्या कार्यालय कृषि उपज मंडी समिति खरगोन
के पत्र क्रमांक/मण्डी/सू.अधि./15-16/1691 खरगोन दिनांक 21.09.2015 को विधायक
भगवानपुरा को पत्र द्वारा यह बताया गया है कि चाहे गये बिंदुओं में लगने वाले
पृष्ठों की संख्या लगभग 42000 है । इस पृष्ठ संख्या पर लगने वाले खर्च हेतु
40000 रूपये की स्वीकृति खरगोन मंडी सचिव द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र.राज्य कृषि
विपणन बोर्ड, भोपाल तथा उप संचालक, म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड, आंचलिक कार्यालय
इंदौर से मांगी गई है ? क्या उक्त पत्र की प्रतिलिपि निज सचिव माननीय
मुख्यमंत्री जी, म.प्र. शासन भोपाल तथा कलेक्टर जिला खरगोन को भी भेजी गई है ?(ख)
भगवानपुरा विधायक द्वारा किसी भी माध्यम से कृषि उपज मंडी खरगोन सचिव को पृष्ठो
की अधिकता होने के कारण चाही गई जानकारी ई-मेल से भेजने संबंधी कथन प्रेषित किया
गया था, जानकारी ई-मेल के माध्यम से क्यों नहीं भेजी गई इससे पृष्ठों एवं समय की
बचत हो सकती थी ?(ग) कृषि उपज मंडी समिति खरगोन के पत्र
क्रमांक/मण्डी/सू.अधि./15-16/1691 खरगोन दिनांक 21.09.2015 को विधायक भगवानपुरा को
पत्र के बिंदु क्रमांक 1/5 की जानकारी में लगने वाले पृष्ठो की संख्या 31200 पेज,
बिंदु क्रमांक 4/2 की जानकारी में लगने वाले पृष्ठो की संख्या 96 पेज, बिंदु
क्रमांक 4/5 की जानकारी में लगने वाले पृष्ठो की संख्या 192 पेज बताया गया है ।
जबकि यह जानकारी कृषि उपज मंडी समिति खरगोन के पत्र क्रमांक/मंडी/नियमन/15-16/2056
खरगोन दिनांक 3.11.2015 में उक्त बिंदुओं की जानकारी क्रमश: 3 पेज, 1 पेज, 2 पेज
में विधायक भगवानपुरा को प्रदान की गई । खरगोन मंडी सचिव द्वारा 6 पेज की जानकारी
को 31488 पेज होना बताकर कलेक्टर खरगोन, उपसंचालक इंदौर, प्रबंध संचालक भोपाल तथा
निज सचिव माननीय मुख्यमंत्री महोदय को क्यो भ्रमित किया गया ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी एकत्र की जा रही
है।(ख)जानकारी एकत्र की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्र की जा रही
है।
कृषि महोत्सव 2015 का लंबित भुगतान
19. ( क्र. 692 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक में क्षेत्रिय विधायक को बुलाया जाता है ?
खरगोन जिले में आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक वर्ष 2015 में कब-कब हुई ? इन बैठको
में कितने विधायको को बुलाया गया, किस माध्यम से बुलाया गया, यदि नहीं तो कारण
बताये ? बैठक में बुलाने संबंधी भगवानपुरा विधायक के कितने शिकायती पत्र प्राप्त
हुए और इन पत्रो के जवाब की एक प्रति देवे ? क्या परियोजना संचालक आत्मा जिला
खरगोन के पत्र क्रमांक/आत्मा/स्था./14-15/15 खरगोन दिनांक 14.01.2015 से
भगवानपुरा विधायक को आगामी बैठक में आमंत्रित करने संबंधी आश्वासन दिया गया था,
यदि हॉं तो आगामी बैठक में पुन: क्यों नहीं आमंत्रित किया गया ? (ख) परियोजना
संचालक आत्मा जिला खरगोन को वाहन सुविधा किन शर्तों पर प्रदान की जाती है ?
इन्हें वाहन सुविधा का कितना बजट दिया जाता है ? यह सुविधा पूरे वर्ष की है या
सिर्फ जिला मुख्यालय से बाहन जाने पर ही प्रदान की जाती है ? वर्ष 2012 से 2015 तक
परियोजना संचालक आत्मा जिला खरगोन द्वारा वाहन सुविधा, ईंधन पर कुल कितना खर्च
किया गया ?(ग) कृषि महोत्सव 2014 में आत्मा कार्यालय खरगोन द्वारा टेंट एवं खाने
की निविदा किन शर्तों पर कब, किस माध्यम से बुलाई गई । इस महोत्सव में टेंट एवं
खाने के निविदाकर्ताओं के कितने बिल कितनी राशि के लगाये गये? इन टेंट एवं खाने के
बिलो का भुगतान कब-कब कितनी राशि का किया गया बताये ? क्या खाने एवं टेंट के बिलो
की पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है ? यदि नहीं तो कारण बताये ? खाने एवं टेंट
के निविदाकर्ताओं द्वारा कम भुगतान की कितनी शिकायत कार्यालय को प्राप्त हुई ?(घ)
वर्ष 2014 के तत्कालिक परियोजना संचालक आत्मा जिला खरगोन विजय चौरसिया पर कई
वर्षों से जांच प्रचलन में है, कोई जांच प्रतिवेदन जमा नहीं हो पाया है ? क्या
विभागीय जांच में हो रही अनावश्यक देरी पर कोई कार्यवाही की जावेगी । क्या कारण
है कि विजय चौरसिया की शिकायतो पर एक भी जांच प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को कई साल
बीतने पर भी प्राप्त नहीं हो पाया है । विभागीय जांच एवं जांच प्रतिवेदन को पूर्ण
करने की समय सीमा का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)मध्य प्रदेश शासन किसान कल्याण
तथा कृषि विकास विभाग के पत्र दिनांक 18॰10॰2014 द्वारा आत्मा गवर्निग बोर्ड में
उल्लेखित सदस्यों के अतिरिक्त जिले के माननीय विधायकों को विशेष आमंत्रित सदस्य के
रूप में शामिल किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।पूर्व में माननीय विधायक को
बुलाये जाने का प्रावधान नहीं था। खरगौन जिले में वर्ष 2015 में दिनांक 17.08.2015
को उक्त बैठक आयोजित की गई थी।बैठक में बुलाने संबंधी भगवानपुरा विधायक महोदय के
शिकायती पत्र के संबंध में कार्यालयीन पत्र क्र.आत्मा।स्था/2015-16 /917, दिनांक
07.09.2015 के व्दारा महोदय को आगामी बैठक में आमंत्रित करने संबंधी आश्वासन दिया
गया था। उक्त पत्र जारी होने के बाद आत्मा गवर्निग बोर्ड की बैठक का आयोजन नहीं
किया गया। आगामी आत्मा गवर्निग बोर्ड की बैठक में माननीय विधायक महोदय को आमंत्रित
किया जावेगा। (ख)परियोजना संचालक आत्मा जिला खरगोन को वाहन सुविधा जिले स्तरीय
आत्मा गवर्निग बोर्ड के अनुमोदन उपरांत जिले में विभागीय गतिविधियों के संचालन,
क्षेत्र भ्रमण हेतु एवं वरिष्ठालय में आयोजित बैठकों में संमिलित होने हेतु प्रदाय
की गई है।आत्मा दिशा निर्देश अनुसार पूरे वर्ष के लिये राशि रूपये 180000.00 लाख
राशि का प्रावधान है।वर्ष 2012 से 2015 तक परियोजना संचालक आत्मा जिला खरगोन
व्दारा वाहन सुविधा, ईधन पर कुल राशि रूपये 585000.00 लाख व्यय किया गया।(ग)कृषि
महोत्सव 2014 में आत्मा कार्यालय खरगोन द्वारा टेंट एवं खाने की निविदा 09.09.2014
को समाचार पत्र में प्रकाशित की गई।इस महोत्सव में टेंट एवं खाने के निविदाकर्ताओं
के बिल राशि रूपये 174707/- के लगाये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार है।
इन टेंट एवं खाने के बिलों का भुगतान हेतु राशि रूपये 174707/- का किया गया। जी हां
बिलों की पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है। खाने एवं टेंट के निविदाकर्ताओं
व्दारा कम भुगतान के संबंध में 2 शिकायत प्राप्त हुई। (घ)वर्ष 2014 के तत्कालिक
परियोजना संचालक आत्मा जिला खरगोर विजय चौरसिया पर विभागीय जांच प्रचलन में नही है।
1.शिकायतकर्ता विनीत समस्त बी.टी.एम आत्मा जिला खरगोन शिकायत दिनांक 25.12.2014
जिसकी जांच संचालनालय के पत्र क्रमांक अ-5/सी-2/32-15/पार्ट-2/157 दिनांक
13.02.2015 के द्वारा जांच अधिकारी संयुक्त संचालक इन्दौर की नियुक्त किया गया।
जिसका जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। 2.प्रमुख सचिव कृषि के माध्यम से शिकायतकर्ता
प्रवीण कुशवाहा एवं पूनम चंद कुशवाहा कि शिकायत प्राप्त हुई जिसकी जांच संचालनालय
के पत्रक्रमांक अ-5/सी-2/32-15 पार्ट /267 दिनांक 09.03.2015 के द्वारा जांच
अधिकारी कलेक्टर जिला खरगोन को सौपी गई। जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
परिशिष्ट
बयालीस कन्यादान योजना की राशि प्रदाय किये जाने बाबत
20. ( क्र. 829 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले
के जनपद पंचायत सिरमौर, नईगढ़ी, गंगेव, जवा को वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न
दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिये वर्षवार, जनपदवार कितनी-कितनी राशि
उपलब्ध कराई गई है ? तथा उक्त जनपदों में उक्त वर्षों में कितनी कन्याओं की
शादी कराई गई है ? जनपदवार देय राशि अंकित कर जानकारी उपलब्ध करायें ? (ख)
प्रश्नांश (क) की जनपदों में कुल कितने ऐसे हितग्राही हैं जिन्हें नगद एवं
सामग्री का भुगतान कर दिया गया है और कितने ऐसे हितग्राही हैं जिन्हें आज दिनांक
तक नगद एवं सामग्री का भुगतान नहीं किया गया है ? (ग) प्रश्नांश (क) की जनपदों एवं
वर्षों में जिन हितग्राहियों को अभी तक राशि नहीं दी गई है तो क्या कारण बतायें
तथा कब तक उक्त राशि का भुगतान कर दिया जाएगा ? अभी तक भुगतान ना करने में कौन-कौन
अधिकारी व कर्मचारी दोषी हैं ? दोषियों के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे ?
(घ) यदि प्रश्नांश (क) की जनपदों में उक्त योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ होने
से तथा संबंधित अधिकारी द्वारा शासन की नीति एवं आदेशों का पालन न करने से ऐसे
अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है।(ख)प्रश्नांश-’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में समस्त
हितग्राहियों को नगद एवं सामग्री का भुगतान कर दिया गया है।(ग) प्रश्नांश-’’क’’ के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ)प्रश्नांश-’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।परिशिष्ट
तैंतालीस सेवा सहकारी समिति मर्या. तिवनी जिला रीवा की जानकारी
21. ( क्र. 853 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सेवा
सहकारी समिति मर्यादित तिवनी जिला रीवा के संचालक मंडल के सदस्यों के निर्वाचन
वर्ष 2007 में हुई त्रुटि के कारण निर्वाचन में हुए व्यय की वसूली हेतु दोषी पाये
गये तत्कालीन सहायक आयुक्त सहकारिता रीवा एवं निर्वाचन कक्ष प्रभारी के वेतन से
क्रमश: 70 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत की राशि की वसूली कर संस्था तिवनी में जमा करने
हेतु आदेश दिये गये थे ? (ख) यदि हां तो दोषी अधिकारियों के वेतन से राशि वसूलकर
क्या संस्था तिवनी में जमा करायी गई है ? यदि हां तो दोषी अधिकारियों से
कितनी-कितनी राशि की वसूली कब-कब की जाकर राशि संस्था तिवनी में जमा करायी गई है ?
(ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में क्या दोषी सहायक आयुक्त सहकारिता रीवा
के वेतन से राशि की वसूली नहीं की गई ? यदि हां, तो क्यों ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. (ख) एक अधिकारी से वसूली की गई.
श्री सी.एन. सिंह, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक व निर्वाचन कक्ष प्रभारी के वेतन माह
अगस्त 2010 से निर्वाचन में हुए व्यय की 30 प्रतिशत राशि एकमुश्त रुपये 6756/-
कटौत्रा किया जाकर भारतीय स्टेट बैंक से बैंक ड्राफ्ट क्रमांक 689223 शाखा पीली
कोठी रीवा से दिनांक 27.1.2010 को सेवा सहकारी समिति तिवनी के खाते में जमा कराई
गई. (ग) जी हां. तत्कालीन सहायक आयुक्त रीवा के विरूद्ध प्रश्नांश ‘क‘ में वर्णिंत
आदेश अपीलीय अधिकारी द्वारा निरस्त किये जाने से वर्तमान में रिमाण्ड विभागीय जांच
पर निर्णय प्रक्रियाधीन होने से.
स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय
निर्माण संबंधित
22. ( क्र. 875 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जांवेर
विधानसभा क्षेत्र में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत किन-किन पंचायतों में
ओ.पी.डी. (खुले में शौच) युक्त अभियान में शामिल किया गया है ? (ख) (क) के संदर्भ
में वर्ष 2015-16 तक किन-किन पंचायतों को शत-प्रतिशत ओ.पी.डी का लिया जायेगा ? इस
अभियान के तहत किन-किन पंचायतों में कितने शौचालय निर्मित किये गये व किन-किन में
अभी निर्माण किया जाना शेष है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधान सभा
क्षेत्र में उक्त अभियान के तहत शौचालय निर्माण किये जाने हेतु कितनी राशि किन-किन
पंचायतों/व्यक्ति/समूह को प्रदाय कि गई विवरण देवे ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ
अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार
है।
नरसिंहगढ़ क्षेत्र में मसूर के बीज की उपलब्धता
23. ( क्र. 887 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजगढ़
जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक में 01 सितम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान योजना
के तहत कुल कितना मसूर का बीज आया ? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी
के अनुसार उपलब्ध बीज को प्रश्न दिनांक तक कितने किसान को कितना बीज दिया गया
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)राजगढ
जिले के नरसिंहगढ ब्लाक में 01 सितम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान योजना के
अंतर्गत कुल 86.80 क्विंटल मसूर का बीज आया, जिसमें से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
मिशन प्रदर्शन अंतर्गत 80 क्विंटल एवं नकद बीज वितरण अनुदान हेतु 6.80 क्विंटल बीज
प्राप्त हुआ।(ख)प्रश्न की कण्डिका (क) की उपलब्ध जानकारी के अनुसार ब्लाक नरसिंहगढ
में उपलब्ध बीज में से 80 क्विंटल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन प्रदर्शन अंतर्गत
200 कृषकों को एवं नकद बीज वितरण अनुदान पर 1.28 क्विंटल बीज 3 किसानों को दिया
गया।इस प्रकार प्रश्न दिनांक तक कुल 81.28 क्विंटल मसूर बीज 203 किसानों को दिया
गया।
अशोक नगर मण्डी में स्थित तोलकांटा
24. ( क्र. 894 ) श्री
महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) अशोकनगर मण्डी में विगत वर्षों केन्टीन के पीछे लगा तोल काँटा कौन
सी कंपनी का था व वर्तमान में कहां व किस स्थिति में है, उसके बदले में जो तोलकांटा
रखा है क्या वह वही है या दूसरा ? (ख) विगत 05 वर्षों में तोलकांटों की रिपेरिंग
मरम्मत का कार्य किस-किस संस्था या व्यक्ति ने किया व उस संस्था या व्यक्ति को
कितना-कितना भुगतान किया गया ? (ग) संबंधित मण्डी में कुल कितने कर्मचारी पदस्थ
है व कब से हैं बताएं कि इसमें प्रतिनियुक्ति या अटेचमेंट पर भी है यदि हां, तो
कहां से कब से नाम, पते पद सहित विवरण दें ? (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित मण्डी
में विगत 05 वर्षों में इनके कार्यकाल में कब-कब, कौन-कौन से क्या-क्या निर्माण
कार्य कितनी-कितनी राशि के हुए व उन कार्यो की गुणवत्ता की जांच कब-कब, किस-किस
स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा की गई ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)अशोकनगर मंडी में केन्टीन के पीछे 05 में
टन क्षमता का मैकेनिकल तौलकांटा दी प्रसीजन मशीनरी कंपनी प्रा0लि0 इंदौर का है।उक्त
तौलकांटा क्षतिग्रस्त होने से इसे मंडी के गोदाम में रखा गया है । अन्य शेष का
प्रश्न उपस्थित नहीं हेाता है।(ख)विगत 05 वर्षो में प्रश्नांश् "क" से संबंधित
तौलकांटे की रिपेयरिंग पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है।मंडी समिति के पास उपलब्ध 03
क्विंटल क्षमता के 100 नग इलैक्ट्रानिक तौलकांटों की मरम्मत का कार्य मेसर्स
महेन्द्रा स्केल भोपाल, में0 सिंघई इलेक्ट्रानिक सेल्स कार्पो0 सागर द्वारा किया
गया है।वर्ष 2011-12 में मेसर्स महेन्द्रा स्केल भोपाल को रूपयें 1,34,013/- का
भुगतान किया गया एवं वर्ष 2013 से 2015 तक मेसर्स सिंघई इलेक्ट्रानिक सेल्स कार्पो0
सागर को रूपये 3,89,792/- का भुगतान किया गया।विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है।(ग) कृषि उपज मंडी समिति अशोकनगर में
कुल 46 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है, इनमें से 04 कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत
है।पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार
है।(घ)कृषि उपज मंडी समिति अशोकनगर में वर्ष 2010 से वर्तमान तक कराये गये निर्माण
कार्यो के नाम, लागत राशि एवं उन कार्यो की गुणवत्ता की जांच, कब-कब, किस-किस स्तर
के अधिकारी द्वारा की गई है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स
अनुसार है।
प्रदेश की कृषि मंडियों में एक जैसे नियम बनाना
25. ( क्र. 904 ) श्री जितू
पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र.
कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 36 तथा 37 में कृषक की फसल विक्रय तथा कमीशन
हेतु क्या नियम विधि/उपविधि बनाई गई है बतावें कि नियम अनुसार फसल की नीलामी किसके
द्वारा की जावेगी तथा किस दर से कमीशन किससे लिया जायेगा ? (ख) प्रदेश के इंदौर
जिले की कृषि मंडियों में लहसन, प्याज,हरी सब्जी एवं फल-फूल की नीलामी प्रक्रिया
किस-किस मण्डी में किसके द्वारा की जा रही है तथा कमीशन किससे काटा जा रहा है ?
मण्डी अनुसार फसल अनुसार जानकारी दें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिले की
किस-किस मण्डी में मण्डी फीस किससे ली जा रही है ? किस मण्डी में लहसन प्याज
की नीलामी कमीशन एजेंट (आढ़तीया) तथा किस मंडी में मंडी प्रशासन द्वारा की जा रही
है एवं किस मंडी में बारदान कृषक द्वारा लगाया जा रहा है तथा किस मंडी में
व्यापारी द्वारा लगाया जा रहा है ? (घ) सलीम मोहम्मद, अध्यक्ष आढतीया संघ रतलाम
द्वारा अप्रैल 2015 में माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे पत्र अनुसार प्रदेश की कृषि
मण्डीयों में कृषक की फसल विक्रय हेतु एक जैसे नियम लागू किये जाने के बारे में की
गई कार्यवाही से अवगत करावें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जानकारी एकत्र की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्र की जा रही
है।(ग)जानकारी एकत्र की जा रही है।(घ)जानकारी एकत्र की जा रही
है।
संयुक्त रजिस्टार सहकारी सोसायटी रीवा की जानकारी
26. ( क्र. 916 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
कार्यालय संयुक्त रजिस्ट्रार सरकारी सोसाइटियां रीवा संभाग रीवा ने पत्र क्रमांक/
05/241 दिनांक 25/02/2015 से 150 पृष्ठीय जांच प्रतिवेदन सचिव सहकारिता एवं
आयुक्त सहाकारिता एवं रजिस्ट्रार सहकारी सोसाइटीज म.प्र. भोपाल को भेजी गयी थी ?
यदि हां, तो जांच में दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ?
(ख) क्या वर्ष 2002 के सूखा प्रभावित रीवा जिले के कृषकों को राहत उपलब्ध कराने
में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रीवा के अधिकारियों द्वारा सुनियोजित
तरीके से की गई करोड़ों की शासकीय राशि के घोटाले जिसका उल्लेख संयुक्त आयुक्त
सहकारिता रीवा ने भी आयुक्त सहकारिता को दिनांक 25/02/2015 को प्रेषित उपरोक्त
(प्रश्नांक क) पत्र में किया था की जांच म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल
के अधिकारियों की टीम गठित कर करायी गई थी ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि
हां, तो क्या गठित जांच दल ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया हैं ? यदि हां, तो
जांच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी नहीं, दिनांक 25 फरवरी, 2005 को प्रतिवेदन भेजा गया था. जांच
में दोषी पाये गये जिला सहकारी केन्द्रीय बैक मर्यादित, रीवा के कर्मचारी श्री
श्याम बिहारी दुबे तत्कालीन शाखा प्रबंधक, श्री बाबूलाल शर्मा पर्यवेक्षक एवं श्री
रामचन्द्र चतुर्वेदी समिति प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्यादित, महसांव के विरूद्ध
विभागीय जांच संस्थित की गई थी, जो गतिशील है एवं तथा श्री आर.के. दुबे तत्कालीन
महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के विरूद्ध विभागीय जांच
संस्थित कर श्री दुबे को एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने का दंड दिया गया है.
प्रकरण में नियमों के विरूद्ध वितरित अधिक राहत राशि को दोषी अधिकारी/कर्मचारियों
एवं कृषकों से वसूल कर शासकीय कोषालय में ब्याज सहित जमा कराये जाने के निर्देश
दिये गये है. (ख) जी हां. मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, भोपाल के द्वारा
जांचदल का गठन दिनांक 09.05.2007 को किया गया है. (ग) जी हां, अंतरिम प्रतिवेदन
प्रेषित किया गया था, अंतरिम जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
मर्यादित, रीवा स्तर से सूखा राहत योजना अंतर्गत राशि के दुरूपयोग एवं गबन के संबंध
में परीक्षण कर दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है.
कार्यवाही का प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है. प्रकरण में नियमों
के विरूद्ध वितरित अधिक राहत राशि को दोषी अधिकारी/कर्मचारियों एवं कृषकों से वसूल
कर शासकीय कोषालय में ब्याज सहित जमा कराये जाने के निर्देश दिये गये है.
परिशिष्ट
चौवालीस सहकारिता गृह निर्माण समिति के
अनियमितता
27. ( क्र. 921 ) श्री मधु
भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या यह सही है
कि हजरत निजामुद्दीन गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल के वर्ष 2012-13 के
आडिट तथा सुपर आडिट में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थी ? यदि हां, तो क्या
सदस्यों के हित में वर्ष 2007-08 से 30/10/2012 का सुपर आडिट कराया जावेंगे ? (ख)
वर्ष 2005-06 और 2006-07 में संस्था का प्रभारी सहकारिता निरिक्षक था ? इनके
द्वारा संस्था की आम सभाएं नहीं कराई गई थी ? यदि हां, तो क्यों क्या इनके
विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जावेगी ? (ग) क्या वर्ष 2002-03 और 2003-04 में
तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा संस्था की 3.59 एकड़ भूमि में से .13 एकड़ जमीन बिना
विभाग, पंजीयक इत्यादि की मंजूरी, बिना ए.जी.एम के अनुमोदन के अन्य संस्था को
बेच दी गई थी ? जिसकी जांच उपरांत पुष्टि दिनांक 19/09/2015 को ही हो गई थी ? यदि
हां, तो इनके विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर क्यों नहीं कराई गई ? (घ) संस्था के
विरूद्ध कितनी शिकायतें जांच हेतु पिछले 3 वर्षों से लंबित है ? यदि हां, तो कौन
जिम्मेदार है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष
2012-13 के आडिट में वित्तीय अनियमितता पाई गई थी. सुपर आडिट का प्रावधान
मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम में नही होने से प्रश्न उदभूत नही होता है. (ख)
वर्ष 2005-06 में अंशतः वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एवं अंशतः सहकारी निरीक्षक तथा वर्ष
2006-07 में सहकारी निरीक्षक प्रभारी अधिकारी नियुक्त थे. जी हां. एक शासकीय सेवक
के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रक्रियाधीन, दूसरे शासकीय सेवक के सेवा निवृत्त
हो जाने से अनुशासनिक कार्यवाही उपयोगी नही है, किन्तु दोनो शासकीय सेवकों के
विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 49(5) अन्तर्गत कार्यवाही
प्रक्रियाधीन. (ग) जी हां. दिनांक 19.09.2015 को अथवा अन्य किसी दिनांक को पुष्टि
नही की गई है. पुलिस में एफ.आई.आर दर्ज कराने की आवश्यकता नही है, अपितु संस्था की
भूमि बिना सक्षम स्वीकृति के बेचे जाने हेतु संबंधित के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी
सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 74 अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध करने एवं जमीन के विक्रय
से प्राप्त राशि संस्था के खाते में यदि नही जमा हुई है तथा यदि राशि जमा है एवं
कलेक्टर गाईड लाईन से कम है तो इसका परीक्षण करते हुये मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी
अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) अंतर्गत कार्यवाही के निर्देश उपायुक्त, भोपाल को
दिये गये है. (घ) 05. जांच पूर्ण न कराने हेतु क्रमशः श्री विलिन खटावकर, सहकारी
निरीक्षक, श्री डी.के. गुप्ता, सहकारी निरीक्षक एवं श्री विनोद गुप्ता, वरिष्ठ
सहकारी निरीक्षक जिम्मेदार है.
शासकीय उचित मूल्य की दुकान इमलिया
पर की गई एफ.आई.आर के संबंध में
28. ( क्र. 988 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शिवपुरी जिले
की शासकीय उचित मूल्य की दुकान इमलिया विकासखण्ड शिवपुरी में विगत जनवरी 2015 से
किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही थी ? उक्त संस्था के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं
विक्रेता का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें ? (ख) उचित मूल्य की दुकान पर
विक्रेता द्वारा अनियमितताऐं पाये जाने पर किस-किस के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है
नियमों की प्रति उपलब्ध करावें ? (ग) क्या उचित मूल्य की दुकान इमलिया पर श्री
दाताराम धाकड़ के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज कराई गयी है ? यदि हां, तो किस नियम के तहत
जबकि वह न तो उक्त संस्था का पदाधिकारी है और न ही विक्रेता ? (घ) क्या श्री
दाताराम धाकड़ के विरूद्ध गलत एफ.आई.आर दर्ज करायी गयी है ? यदि हां, तो क्या
विभाग की गयी एफ.आई.आर में से श्री दाताराम धाकड़ का नाम हटाया जावेगा यदि हां, तो
कब तक ? एफ.आई.आर में गलत नाम दर्ज कराये जाने हेतु कौन-कौन दोषी है व उसके विरूद्ध
क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) वर्ष 2015 से प्रश्नांकित दुकान वन समिति महेशपुर द्वारा संचालित की
जा रही है। उक्त संस्था के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं विक्रेता का नाम क्रमश: रघुवर
धाकड, सुरेन्द्र कुमार जैन एवं चंद्रप्रकाश जोशी है। (ख) उचित मूल्य दुकानदार
द्वारा अनियमितता किये जाने पर मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण)
आदेश, 2015 की कंडिका 16 (8) के प्रावधानानुसार सोसायटी के अध्यक्ष,
विक्रेता/कर्मचारी के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही की जा सकती है।, (ग) जी हां।
आरोपी दाताराम धाकड के विरूद्ध अनियमितता में संलिप्तता के आधार पर एफआईआर दर्ज
कराई गई है। दुकान से इतर किसी व्यक्ति के विरूद्ध भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की
सामग्री के अपयोजन में लिप्त होने पर अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत
एफआईआर दर्ज की जा सकती है।,(घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क का निर्माण
29. ( क्र. 1005 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम
उचाड़ से स्यावरी मार्ग (प्रधानमंत्री सड़क योजना) का निर्माण कार्य कौन सी
एजेन्सी द्वारा कराया गया है ? मार्ग की लागत एवं निर्माण की तिथि की जानकारी
उपलब्ध कराई जावे ?(ख) उक्त मार्ग के निर्माण के समय कौन-कौन से अधिकारियों
द्वारा निरीक्षण किेये गये ? जिले के अधिकारियों के अलावा क्या किसी राज्य के
अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है उनके नाम/पद/निरीक्षण के दिनांक उपलब्ध
कराएं ?(ग) उक्त मार्ग के निर्माण के उपरांत किस दिनांक से कितने वर्ष की सड़क की
गारन्टी ठेकेदार द्वारा दी गई है ?(घ) क्या सड़क की गुणवत्ता खराब होने से सड़क
गारन्टी पीरियड में ही ध्वस्त हो गई, विभाग को 1.8.15 को सूचना देने के उपरांत
भी सुधार कार्य नहीं कराया गया है ? क्या शासन द्वारा इस संबंध में पृथक से आदेश
जारी किये जायेंगे ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित गोराघाट इंदरगढ़ रोड (उचाड) से स्यावरी
सड़क का निर्माण कार्य मेसर्स रामेन्द्र सिंह ग्वालियर द्वारा कराया गया है। उक्त
सड़क की स्वीकृत राशि रूपये 115.34 लाख तथा वास्तविक व्यय लागत रूपये 92.34 लाख है।
उक्त सड़क निर्माण कार्य दिनांक 28.05.2010 को प्रारंभ कर दिनांक 30.04.2012 को
पूर्ण कराया गया। (ख) उक्त सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण जिला स्तर पर तत्कालीन
महाप्रबंधक, सहायक प्रबंधक तथा उपयंत्री द्वारा किया गया है। राज्य स्तर पर स्टेट
क्वालिटी मॉनीटर द्वारा किये गये निरीक्षण की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उक्त सड़क निर्माण कार्य के पैकेज की पूर्णता दिनांक
30.04.2012 के पश्चात् आगामी पांच वर्षो तक सड़क ठेकेदार की
गारंटी अवधि में है। (घ) उक्त सड़क का निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुरूप कराया गया
है। वाहनों के आवागमन से सड़क संधारण कार्य की आवश्यकता होती है जिसे ठेकेदार द्वारा
सतत् रूप से गारंटी अवधि में कराया जाता है। माननीय विधायक द्वारा दिनांक
01.08.2015 की सूचना के अनुक्रम में ठेकेदार को सड़क के सुधार हेतु निर्देशित किया
गया था। ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य नहीं करने के कारण अनुबंध की धारा 33 के
अंतर्गत नोटिस जारी किया गया। ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जा रही
है, अतः अन्य किसी कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
परिशिष्ट
पैंतालीस हितग्राहियों को किसान सेवा आवंटन के संबंध में
30. ( क्र. 1006 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
दतिया जिले में कुंवर बाबा किसान सेवा केन्द्र रतनगढ़ मार्ग चंदोखरा तहसील इंदरगढ़
एवं बाबा अमरनाथ किसान सेवा केन्द्र उड़ीना तह. भाण्डेर के प्रोपराइटर कौन है तथा
कहॉं के मूल निवासी है उनके नाम/पता सहित उनके निवास संबंधी दस्तावेजों की
छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे ?(ख) क्या उक्त्ा किसान केन्द्रों के लिये जिले
का मूल निवासी होना अनिवार्य था, यदि हां, तो जांच कराई जावे कि जिन्हें ये सेवा
केन्द्र आवंटित किये गये उनके मूल निवासी किस आधार पर कौन से अधिकारी द्वारा बनाये
गये ? ये कब से उक्त स्थान पर निवास कर रहे हैं ? अवधि के साथ-साथ प्रमाणित
दस्तावेज उपलब्ध कराये जावें ?(ग) कंडिका (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्यों की जांच
कराई जावे ? जांच में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर सही हितग्राहियों को किसान
सेवा केन्द्र आवंटित किये जावे ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)दतिया जिले में कुवंरबाबा किसान सेवा केन्द्र नामक कोई
सेवा केन्द्र विभाग से पंजीकृत नहीं है।(ख)शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
है।(ग)शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना का क्रियान्वयन
31. ( क्र. 1018 ) श्री हरवंश
राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2014-15
में जिला सागर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत किन-किन पंजीकृत
संस्थाओं, अशासकीय, अर्द्धशासकीय, स्वसायी निकायों या शासकीय विभागों ने कितने
सामूहिक विवाहों का आयोजन किन-किन तारीखों तथा स्थान पर कराए हैं ? जनपद पंचायतवार
संख्या बतलावें ? (ख) जनपद पंचायतवार संपन्न विवाहों की संख्या में से कितनी
कन्याओं को एफडी रूपया 10,000 तथा नगद राशि 7000 रूपया उपलब्ध कराई जा चुकी है
तथा कितनी राशि विवाह आयोजितों के खाते में जमा हैं ? यदि सभी के खातों में
उपर्युक्त अनुसार राशि प्रदान नहीं की गई है, तो कब तक उपलब्ध कराई जाएगी ? जनपद
पंचायतवार संख्या बतलावें ? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा क्षेत्र
बंडा/शाहगढ़ में सामूहिक विवाह किन-किन तारीखों में तथा स्थान पर कराए गए हैं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है।(ख) वर्ष 2014-15 में कुल 1204 कन्याओं का विवाह
संपन्न कराया जाकर कन्याओं की एफडीआर एवं सामग्री जनपद पंचायतों द्वारा उपलब्ध कराई
जा चुकी है। किसी भी प्रकार की राशि शेष नहीं है।(ग) प्रश्नांश-’’क’’ की अवधि में
विधान सभा क्षेत्र बंडा, शाहगढ़ में सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं कराया
गया।परिशिष्ट
िछयालीस वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत
इन्द्राआवास के लक्ष्य का निर्धारण
32. ( क्र. 1021 ) श्री हरवंश
राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बंडा/शाहगढ़ विकासखंड में वर्ष 2015-16 में शासन स्तर से प्राप्त
इन्द्राआवास लक्ष्य का निर्धारण ग्राम सभा से प्राप्त प्रस्ताव के प्राथमिकता
क्रम के आधार पर क्या लक्ष्य निर्धारण किया गया है ?(ख) क्या ग्राम पंचायत वार
लक्ष्य निर्धारण करते समय कुछ पंचायतों में ग्राम सभा के प्राथमिकता क्रम को
तोड़कर मनमाने तरीके से नियम विपरित इन्द्रा आवास स्वीकृत की गई है ?(ग) विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतवार वितरण लक्ष्य एवं ग्राम सभा के प्राथमिकता क्रम
की प्रस्ताव की सूची उपलब्ध कराई जाए ?(घ) नियम विरूद्ध प्राथमिकता क्रम को
तोड़कर मनमाने तरीके से आवास का लक्ष्य निर्धारण करने वाले अधिकारी/दोषी कर्मचारी
के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जाए ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क)विधानसभा
क्षेत्र बंडा की जनपद पंचायत बंडा को जिले द्वारा इंदिरा आवास योजना वर्ष 2015-16
में अ0जा0 76 अ0ज0जा0 91, अल्पसंख्यक 12, अन्य 69 कुल 648 लक्ष्य प्रावधानित
किया गया है, इसी प्रकार जनपद पंचायत शाहगढ को जिले द्वारा इंदिरा आवास योजना वर्ष
2015-16 में अ0जा0 77 अ0ज0जा0 92, अल्पसंख्यक 08, अन्य 49 कुल 226 का लक्ष्य
प्रावधानित किया गया है। प्रावधानित लक्ष्य को विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल के पत्र
क्रमांक 8953/22/वि-7/ग्रा0आ0/2015 भोपाल, दिनांक 28.05.2015 के निर्देशानुसार
जनसंख्या के मान से ग्रामसभा वार वितरण किया गया है।(ख)ग्राम पंचायतों से प्राप्त
प्रस्ताव (लक्ष्य) के आधार पर प्राथमिकता क्रम में पात्र हितग्राहियों को चयन किया
गया है।(ग)विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतवार वितरित लक्ष्य व ग्राम
पंचायतवार एवं ग्राम सभा के प्राथमिकता क्रम के प्रस्ताव की सूची की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।(घ)नियम विरूद्ध प्राथमिकता क्रम को तोड़कर
मनमाने तरीके से आवास का लक्ष्य निर्धारित करने के संबंध में कार्यालय को कोई
शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः कार्यवाही निरंक
है।
सार्वजनिक शौचालय का निर्माण
33. ( क्र. 1022 ) श्री हरवंश
राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बंडा अंतर्गत सार्वजनिक शौचालय निर्माण के संबंध में दिनांक 27 जुलाई 2015
के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1369 के उत्तर (घ) में सार्वजनिक शौचालय निर्माण
ग्राम पंचायत द्वारा संधारण की सहमति के आधार पर जनपद पंचायत बंडा से 6 ग्राम
पंचायतों में क्रमश: कंदवा, छापरी, उल्दन, बरा, धामौनी एवं मगरधा के प्रस्ताव
उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका परीक्षण का कार्य प्रचलन में होने का उल्लेख किया है
तो क्या परीक्षण उपरांत जिला स्तर से स्वीकृति प्रदान की गई है ?(ख) यदि नहीं तो
विलंब के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। (ख)
प्रश्नांश क के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के संबंध में
34. ( क्र. 1023 ) श्री हरवंश
राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बंडा अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष
में कितने ग्रामों तक कितने किलोमीटर तथा कितनी राशि का लक्ष्य तय किया गया है
?(ख) प्रस्तावित सड़कों की ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
विधानसभा क्षेत्र बंडा में मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में
कोरनेटवर्क से छूटे 17 ग्रामों में 35.15 किमी. लंबाई एवं रू. 763.62 लाख की लागत
से मार्ग बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।(ख)जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।परिशिष्ट
सैंतालीस बदरवास जनपद में बी.आर.जी.एफ. के निर्माण कार्यों का
मूल्यांकन एक ही उपयंत्री से करायी जाना
35. ( क्र. 1041 ) श्री
रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत निर्माण कार्यों की देख-रेख एवं मूल्यांकन हेतु
जनपद में पदस्थ उपयंत्रियों को ग्राम पंचायतें आवंटित की गई है ? यदि हां, तो
अक्टूबर 2015 की स्थिति में किन-किन उपयंत्रियों को कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें
आवंटित की गई है ?(ख) क्या बदरवास जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक यंत्री मनरेगा ने
उनके आदेश क्रमांक क्यू-7/तक./2015 बदरवास दिनांक 30/04/2015 से श्री अशोक कुमार
खैरोनिया (विकलांग) उपयंत्री को जनपद के अंतर्गत समस्त ग्राम पंचायतों के प्रचलित
बी.आर.जी.एफ. के निर्माण कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए अधिकृत किया गया है ?
यदि हां, तो क्या सहायक यंत्री इसके लिए अधिकृत है ? यदि नहीं तो आदेश क्यों जारी
किया ?(ग) क्या सहायक यंत्री के उक्त आदेश को वास्तविक कार्यालय प्रमुख सी.ई.ओ.
जनपद पंचायत बदरवास द्वारा निरस्त कर दिया गया है ? फिर भी उपयंत्री श्री अशोक
कुमार खैरोनिया द्वारा अन्य उपयंत्रियों के कार्य क्षेत्र वाली पंचायतों का
बी.आर.जी.एफ. कार्यों का मूल्यांकन किया है ?(घ) यदि हां, तो किन-किन कार्यों का
कितना-कितना मूल्यांकन कब-कब किया है और इसका सत्यापन कब-कब किसके द्वारा किया है
? गुणवत्ताविहीन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार कार्य न कराए जाने की जांच कराकर
कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी
हां, जनपद पंचायत बदरवास में निर्माण कार्यों की देखरेख एवं मूल्यांकन हेतु जनपद
पंचायत में पदस्थ उपयंत्रियों को ग्राम पंचायतें आबंटित की गईं हैं। दिनांक 20
अक्टूबर 2015 की स्थिति में आबंटित की गईं ग्राम पंचायतों का विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हां। सहायक
यंत्री ऐसा आदेश जारी करने के लिये अधिकृत नहीं है। वर्णित आदेश शासन निर्देशों के
विपरीत होने से निरस्त किया गया है। (ग) जी हां। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिवपुरी जिले
में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण में अनियमितता
36. ( क्र. 1047 ) श्री
रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
शिवपुरी जिले में स्वच्छता अभियान के तहत 01.04.2012 से 31.10.2015 तक शौचालय
निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है ? यदि हां तो उक्त अवधि में किन-किन को
कितनी-कितनी राशि के शौचालय निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई ? (ख) उक्त
शौचालय निर्माण हेतु किन-किन को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई एवं भुगतान की
गई राशि से किन-किन के द्वारा कहां-कहां पर शौचालय निर्माण कराए गए एवं निर्माण
कराए गए शौचालय का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन किन-किन के द्वारा किया गया ?(ग)
क्या प्रश्नाधीन वर्णित शौचालयों का स्थल पर निर्माण ही नहीं हुआ है ? एवं
हितग्राही को शौचालय निर्माण हेतु कोई राशि या सामग्री नहीं दी गई ? और राशि
खुर्द-बुर्द कर दी गई है ? यदि हो तो शासन जांच कराकर तदानुसार कार्यवाही कब तक
करेंगा ?(घ) क्या शासन शिवपुरी जिले में 01.04.2012 से 31.10.2015 तक स्वीकृत
शौचालयों के निर्माण का भौतिक सत्यापन कराएगा ? यदि हां तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन रोजगार
सहायक, ब्लाक समन्वयक, पी.सी.ओ., उपयंत्री द्वारा किया गया है। (ग) जी नहीं।
शौचालयों का निर्माण हुआ है जॉच उपरांत कतिपय ग्राम पंचायतों में जहॉ शौचालय
निर्मित नहीं हुये है, से राशि रूपये 264.92 लाख वसूल की गई। (घ) जी नहीं।
जिले द्वारा जॉंच कराई जा चुकी है, जॉच उपरांत कार्यवाही भी की गई
है।
खाचरौद तहसील में मटरफली को कृषि उपज मण्डी में तुलवाने की
व्यवस्था
37. ( क्र. 1059 ) श्री दिलीप
सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के विधानसभा के खाचरौद तहसील में मटरफली का बम्पर उत्पादन होता है ।
मटर उत्पादन के मामले में खाचरौद तहसील म.प्र. में सर्वोच्च उत्पादन वाली तहसील
के रूप में जानी जाती है । इतना उत्पादन होने के बावजूद शासन स्तर पर मटर तुलाई
एवं भण्डारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से व्यापारियों द्वारा किसानों का शोषण
किया जाता है ? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त मटर उत्पादन कृषि उपज मण्डी में
तुलवाने हेतु नियम निर्देश बनाये जा रहे हैं ? यदि हां, तो कब तक लागू कर दिये
जावेंगे ? यदि नहीं बनाये गये तो किसानों के हित में कब तक खचरौद मण्डी को
निेर्देश जारी कर दिये जायेंगे ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना
दिनांक 27 जनवरी 2012 से म0प्र0 कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 6 में जो
संशोधन किया गया है उसके तहत़ फल-सब्जी का क्रय-विक्रय मंडी प्रागंण के बाहर करने
का विकल्प उत्पादक-व्यापारी को प्राप्त हुआ है।मंडी अधिनियम के संशोधित इस प्रावधान
के अनुसार अब फल-सब्जी व्यवसाय को मंडी प्रागंण के अंदर संपादित करने की बाध्यता
समाप्त हो गई है।ऐसी स्थिति में यदि फल-सब्जी व्यापारी मंडी प्रागंण में व्यवसाय
करने के इच्छूक नहीं हो तो उन्हे मंडी प्रांगण में व्यापार करने हेतु बाध्य नहीं
किया जा सकता है।कृषकों द्वारा मंडी प्रागंण खाचरौद के बाहर ही विक्रय करते
है।जिसमें नियमन लागू नहीं होता है।खाचरौद मंडी प्रागंण में मटर फली का स्टोरेज
गोदाम नहीं है क्योंकि मटर फल कच्चा माल होने से अतिशीघ्र खराब हो जाती है।(ख)जी
नहीं।मंडी बोर्ड के पत्र क्रमांक 4937 दिनांक 28.10.15 से कृषि उपज मंडी समिति
खाचरौद में मटर/सब्जी/फल आदि की आवक को प्रोत्साहित करने हेतु मंडी में व्यापक
प्रचार-प्रसार करने, तथा घोष विक्रय, तौल एवं मंडी प्रागंण में नियमन व्यवस्था लागू
की जाने के निर्देश दिये गये है।
वायोप्रेस्टीसाईड के लायसेंस
38. ( क्र. 1075 ) श्री
ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रदेश में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कितने कंपनियों/व्यक्तियों को
वायोप्रेस्टीसाईट उत्पादन करने/बेचने हेतु लाईसेंस दिये गये ? कंपनी/ उत्पादक
के फर्म नामवार जिलेवार लाईसेंस धारकों के नाम पंजीयन क्रमांक सहित जानकारी देवें ?
(ख) वायोप्रस्टीसाईट प्रोडक्ट के सेम्पल की जांच कराये जाने का प्रावधान हैं
अथवा नहीं, नहीं तो क्यों ? कारण बतायें ? यदि हां, तो इसके लिये प्राधिकृत
अधिकारी कौन-कौन हैं तथा इस वित्तीय वर्ष में किन-किन कंपनियों के प्रोडक्ट की
जांच की गई जानकारी देवें ? (ग) क्या वायोप्रेस्टिसाईट के नाम कई अधिकृत/अनाधिकृत
कंपनियां केमीकल मिलाकर अपने उत्पादन का विक्रय कर रही है जिससे शासन से मिलने
वाले टैक्स का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, एवं शासन को राजस्व हानि हो रही हैं ?
(घ) इन लाईसेंसधारी उत्पादकों का उत्पादन कहां-कहां चेक किया जाता हैं तथा इनके
अधिकृत विक्रता कौन-कौन हैं ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी,हॉ। कम्पनी के नाम पंजीयन क्रमांक सहित विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)जी, हां।
जांच का प्रावधान है। सेम्पल जांच हेतु विश्लेषक प्राधिकृत है। वित्तीय वर्ष में
प्रोडक्ट जांच की गई संबधित कम्पनियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार है।(ग)बॉयोपेस्टीसाईडस के नाम केमीकल मिलाकर
उत्पादन करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।जिला अनुज्ञापन अधिकारी व्दारा
निर्धारित शुल्क जमा होने के पश्चात ही पंजीकृत कीटनाशक विक्रय हेतु अनुज्ञप्ति
जारी की जाती है। शासन से मिलने वाले टैक्स का लाभ या शासन को राजस्व हानि का
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता(घ)लायसेंसधारी उत्पादकों के कीटनाशक की विनिर्माण
स्थल, विक्रय स्थल पर जांच की जाती है। अधिकृत विक्रेताओं का विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
राज्य
सरकार द्वारा दलहनों की स्कंद सीमा (स्टॉक लि.) का निर्धारण
39. ( क्र. 1076 ) श्री
ठाकुरदास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार द्वारा दलहनों की स्कंद सीमा
(स्टॉक लिमिटेड) निर्धारित कर तत्काल आदेश किये गये तथा एक सप्ताह के अन्दर
स्कंद सीमा (स्टॉक लिमिटेड) संशोधित कर बढ़ा दी गई ? (ख) यदि हां, तो प्रथम आदेश
के पश्चात एवं द्वितीय आदेश के बीच व्यापारियों के यहां क्षमता से अधिक प्रदेश
में दाले जब्त की गई यदि हां, तो किन-किन जिलों में कितनी-कितनी दाले जब्त की गई
जिलेवार जानकारी देवें ? (ग) क्या कुछ जिलों में प्रथम एवं द्वितीय आदेश के बीच
जब्त की गई स्कंद सीमा से अधिक पाई गई दाले द्वितीय आदेश द्वारा स्टॉक लिमिट
संशोधित होने के उपरांत द्वितीय सीमा के अंदर जब्त की गई दालों को किन-किन जिलों
में रिलीज किया गया हैं ? तथा किन-किन जिलों में ये जब्त दाल रिलीज नहीं की गई ?
यदि हां, तो यह विसंगतिया कैसे बतायें ? (घ) कंडिका (क) में वर्णित प्रश्नांश के
संबंध में स्टाक निर्धारण का प्रथम आदेश जारी करते समय स्टाक लिमिट नवीन आदेश के
अनुसार करते समय व्यापारियों को प्रदान किया जाना था जो नहीं किया गया क्यों ?
क्या यह नियम एवं विधि संगत हैं ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) जी हां। (ख) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ग) जप्त
दालों का निराकरण अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 ‘ए’ के तहत जिला
कलेक्टर द्वारा किया जाता है। जप्त दालों के निर्वतन की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा की गई कार्यवाही विधि संगत है।
परिशिष्ट
अड़तालीस लोक सेवा केन्द्रों के संचालन के संबंध में
40. ( क्र. 1094 ) श्री
मुरलीधर पाटीदार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में कुल कितने लोक सेवा केन्द्र संचालित है ? कृपया जिलेवार सूची उपलब्ध
करावें ? क्या तहसील मुख्यालय के अतिरिक्त उप तहसीलों /टप्पा मुख्यालयों पर भी
लोक सेवा केन्द्र संचालित है ? यदि हां, तो कृपया पृथक से सूची उपलब्ध करावें
?(ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित लोक सेवा केन्द्रों द्वारा विगत 03
वर्षों में कितने आवेदन विभिन्न सेवाओं में प्राप्त किए व कितनी राशि शुल्क के
रूप में ली गई ?(ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार प्राप्त आवेदनों में से
कितनों का निराकरण हुआ ? कितने प्रकरणों में अपील की गई व अपील का निराकरण हुआ ?
(घ) क्या अनुभाग सुसनेर अंतर्गत उपतहसील सोयतकलां में पृथक से लोक सेवा केन्द्र
प्रारंभ करने या सहायक लोक सेवा केन्द्र प्रारंभ करने संबंधी कोई प्रस्ताव
प्राप्त हुआ है ? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्या इस और
विचार किया जावेगा ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) प्रदेश में कुल 336 लोक सेवा केन्द्र संचालित है, जिसकी
जिलेवार सूची परिशिष्ट- एक अनुसार संलग्न हैं। तहसील मुख्यालय के
अतिरिक्त उप तहसीलों /टप्पा मुख्यालयों पर लोक सेवा केन्द्र संचालित नहीं है।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
(ख) विधान सभा सुसनेर
अंतर्गत विगत 3 वर्षो में विभिन्न सेवाओं के कुल 2,30,131 आवेदन प्राप्त हुए तथा
शुल्क के रूप में कुल राशि रू 69,03,930/- प्राप्त हुई।
(ग)
प्रश्नांश ‘’ख’’ अनुसार कुल प्राप्त 2,30,131 में से 2,27,604 आवेदन निराकृत किये
गये। कुल 49 प्रकरणों में अपील की गई तथा समस्त अपील प्रकरणों का निराकरण किया
गया।
(घ) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारण्टी अधिनियम 2010 के
क्रियान्वयन हेतु प्रदेश में 336 लोक सेवा केन्द्र प्रारंभ किये गये हैं। लोक
सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु तथा उप लोक सेवा केन्द्र प्रारंभ किये जाने के
संबंध में नवीन नीति तैयार होने पर निर्णय लिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
परिशिष्ट
उन्चास फर्म शारदा दाल मिल पुरैना कटनी की अनुज्ञप्ति निरस्त
करने बाबत्
41. ( क्र. 1104 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या कृषि उपज मंडी समिति कटनी के थोक व्यापारी फर्म शारदा दाल मिल पुरैनी
कटनी पर राशि 43 लाख के लगभग वर्ष 11-12, 12-13 की स्थिति में बकाया था माननीय
उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश दें ? दिनांक 04.12.2014 द्वारा कार्यालय के आदेश
क्रमांक 2736 दिनांक 13.09.2014 के प्रभाव पर रोक लगाई गई थी ?(ख) प्रश्नांश (क)
जी हां तो माननीय उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 04.12.2014 के संबंध में
उच्च न्यायालय के अधिवाक्ता से अभिमत लिया गया था जिसमें अधिवक्ता द्वारा किस
दिनांक को अभिमत दिया गया था कि अनुज्ञप्ति निरस्त करने एवं आर.आर.सी. जारी करने
में माननीय उच्च न्यायालय का आदेश बाधक नहीं था ?(ग) यदि प्रश्नांश (ख) उत्तर
हां तो इतनी अवधि तक अनुज्ञप्ति क्यों निरस्त नहीं की और न आर.आर.सी. जारी की
बताएं ? मंडी समिति ने प्रस्ताव क्रमांक 11 (अ) (ब) द्वारा दिनांक 15.10.2015 से
निर्णय लिया है कि शारदा दाल मिल एवं श्रीधर इन्डस्ट्रीज एवं उसकी सहयोगी फर्म
श्री जी इन्डस्ट्रीज की अनुज्ञप्ति निरस्त कर आर.आर.सी. जारी की जाए किन्तु
मंडी के निर्णय अनुसार भेदभावपूर्ण आदेश पारित किए गए शारदा दल मिल की अनुज्ञप्ति
निरस्त नहीं किया और न हीं आर.आर.सी. जारी की क्यों कारण बताएं ?(घ) प्रश्नांश
(ख) अनुसार विलंब से कार्यवाही करने के लिए दोषी अधिकारी/मंडी समिति के विरूद्ध
क्या कार्यवाही करेंगे साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार भेदभावपूर्ण कार्यवाही करने
के लिए कौन दोषी है बताएं तथा समान रूप से कब कार्यवाही करेंगे ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। माननीय म0प्र0
उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यु0पी0 18588/14 मेसर्स शारदा
दाल मिल विरूद्ध म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड व अन्य में पारित स्थगन आदेश दिनांक
04.12.14 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।जी हॉ।(ख)जी हॉ।माननीय म0प्र0 उच्च
न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित स्थगन आदेश दिनांक 04.12.2014 के संबंध में मंडी
समिति कटनी के अधिवक्ता श्री रामेश्वर प्रसाद सिंह से दिनांक 10.12.2014 को अभिमत
लिया गया था।(ग)उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाकर सचिव कृषि उपज
मंडी समिति कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 3086 दिनांक 17.10.2015 से फर्म शारदा दाल मिल
को अंतिम सूचना पत्र बकाया राशि जमा करने हेतु जारी किया गया।उक्त सूचना पत्र से
व्यथित होकर फर्म शारदा दाल मिल द्वारा माननीय म0प्र0 उच्च न्यायालय जबलपुर में
याचिका क्रमांक डब्ल्यु0पी018143/2015 दायर कर दिनांक 26.10.2015 को स्थगन आदेश
प्राप्त किया गया है।वर्तमान में यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।मंडी समिति
कटनी के बैठक दिनांक 15.10.2015 के निर्णय के परिपालन में फर्म शारदा दाल मिल के
प्रकरण में मंडी के अधिवक्ता के अभिमत अनुसार निर्धारित समयावधि में राशि जमा न
करने पर अनुज्ञप्ति निरस्त कर बकाया राशि भू-राजस्व के तहत वसूल करने के लिये सूचना
पत्र जारी किया गया था, मंडी समिति कटनी की बैठक दिनांक 15.10.2015 के निर्णय के
अनुपालन में श्रीधर इण्डस्ट्रीज की अनुज्ञप्तियों को आदेश दिनांक 16.10.15 से
निरस्त की गई, जिसमें दोनो फर्मो द्वारा माननीय म0प्र0 उच्च न्यायालय जबलपुर से
स्थगन प्राप्त किया गया है।इसलिये भेदभाव पूर्ण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता है।(घ)प्रश्नांश "ख" के उत्तर अनुसार फर्म शारदा दाल मिल के संबंध में माननीय
उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 04.12.2014 के संबंध में मंडी समिति कटनी के
अधिवक्ता श्री रामेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा दिनांक 10.12.2014 को अभिमत दिया गया
था, इस प्रकरण को आगामी कार्यवाही हेतु मंडी समिति की बैठक दिनांक 15.10.15 में
विलंब से रखा गया जिसके लिये उक्त अवधि में पदस्थ तत्कालीन सचिव श्री के0सी0 जैन,
श्री एस0के0द्विवेदी, श्री राजेश गोयल सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी उत्तरदायी है,
उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी परंतु समय-सीमा बताना संभव नहीं
है।उत्तरांश "ग" के अनुसार प्रश्नगत तीनों फर्मो पर भेद-भाव पूर्वक कार्यवाही नहीं
होने से कोई दोषी नहीं है।
परिशिष्ट
पचास दाल मिलों की जांच
42. ( क्र. 1111 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) दिनांक 27.07.2015 में मुद्रित परि.अता.प्र.सं. 122 (क्र. 2416) के
प्रश्नांश (ख) का उत्तर मंडी समिति कटनी की शेष अनुज्ञप्तिधारी दाल मिलों की उप
संचालक मंडी बोर्ड जबलपुर के स्तर से यथाशीघ्र जांच पूर्ण कर नियमानुसार मंडी फीस
एवं निराश्रित शुल्क वसूल करने हेतु निर्देश दिये गये है परन्तु दाल मिलों की
व्यापक संख्या को देखते हुये जांच पूर्ण होने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं
है ? तो उप संचालक मंडी र्बोड को यथाशीघ्र जांच पूर्ण करने के निर्देश जो दिए गए है
उसकी प्रति उपलब्ध करावे तथा यह भी बताएं कि दिनांक 11.10.2009 से 25 दिसम्बर
2009 की अवधि में प्रदेश के बाहर से किन-किन दाल मिलों ने दलहन कितनी मात्रा में
क्रय किया था क्या प्रदेश के बाहर से उक्त अवधि में दलहन क्रय करने वाली दाल मिले
सीमित है यदि हां तो विगत चार माह में जांच में क्या-क्या कार्य किए गए विवरण दें
? यदि नहीं किए गए तो उसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा जांच पूर्ण किए जाने की एक
निश्चित समय सीमा बताएं ?(ख) दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन फर्मो
के लेखा सत्यापन किए गए उनके आदेशों की प्रतियों उपलब्ध करावें ? उक्त लेखा
सत्यापन अनुसार किन-किन फर्मों पर कितनी-कितनी राशि बकाया पाई गई विवरण दें उक्त
बकाया राशि किस रसीद क्रमांक दिनांक से जमा की गई ?(ग) प्रश्नांश (ग) की फर्मों
में से जिन-जिन दाल मिलों के लेखा सत्यापन किए गए है उसमें से किन-किन के द्वारा
प्रदेश के बाहर से कितनी मात्रा, कीमत की दलहन क्रय की गई है उस पर निराश्रित
शुल्क से छूट नहीं होने पर भी राशि नहीं वसूल की गई उक्त के लेखा सत्यापन करने
वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को निलम्बित कर विभागीय जाचं संस्थित की जावेगी तथा
फर्म से निराश्रित शुल्क की वसूली की जावेगी ? यदि हां तो कब तक यदि नहीं तो
क्यों कारण बताएं ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन
) : (क)म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के वांछित पत्र दिनांक 17.07.2015
की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।सचिव कृषि उपज मंडी समिति कटनी द्वारा 05
सदस्यीय दल का गठन किया गया है।जिनके द्वारा प्रश्नागत जानकारी तैयार करने में समय
की आवश्यकता है।प्रकरण अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से किसी के उत्तरदायी
होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस कार्य की व्यापकता को देखते हुये वांछित
जानकारी उपलब्ध कराने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नही है।(ख)उत्तरांश "क" का
अनुसार प्रकरण अंतर्गत कार्यवाही पूर्ण होने पर ही वांछित अभिलेख एवं जानकारी
उपलब्ध कराई जा सकेगी।(ग)उत्तरांश "क" एवं "ख" अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने के
पश्चात ही प्रश्नाधीन जानकारी ज्ञात होने के साथ ही उत्तरदायी होने की स्थिति
स्पष्ट हो सकेगी।जिसके लिये समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट
इक्यावन सहकारी सोसाइटियों को अनाज खरीदी हेतु दिये जाने वाले
कमीशन विषयक
43. ( क्र. 1114 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सहकारी
सोसाइटियों द्वारा खरीदी हेतु गेहूं, धान अथवा अन्य फसलों के लिए दी जाने वाली
राशि का निर्धारण करने की क्या प्रक्रिया है ? यदि यह निर्धारण प्रतिवर्ष किया
जाता है तो कृपया सत्र 2010-11 से कमीशन की राशियों का फसल अनुसार प्रति क्विंटल
जानकारी दें ?(ख) क्या विगत वर्ष में बालाघाट जिले की सोसाइटियों को निर्धारित दर
से कम दर पर कमीशन की राशि दी गयी है ?(ग) क्या बालाघाट जिले में धान की खरीदी पर
निर्धारित दरों से कम राशि कमीशन दिये जाने की जांच शासन द्वारा करायी जाएगी
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) समर्थन मूल्य पर
खाद्यान्न उपार्जन करने वाली संस्थाओं को कमीशन का निर्धारण प्रतिवर्ष भारत सरकार
द्वारा किया जाता है। उपार्जन करने वाली संस्थाओं को वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक
धान एवं गेहूं उपार्जन पर निर्धारित कमीशन की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं।
उपार्जन करने वाली संस्थाओं को निर्धारित कमीशन का भुगतान किया गया है। (ग)
प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
बावन म.प्र. इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा उच्च
शिक्षा विभाग के लिए स्मार्ट फोन का क्रय
44. ( क्र. 1117 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विषयांकित कार्पोरेशन द्वारा मिलेनियम आटोमेंशन एड सर्विस लिमिटेड ओखला इंडस्ट्रीज
नई दिल्ली से स्मार्ट फोन खरीदने हेतु उच्च शिक्षा विभाग को कहा गया था यदि हां,
तो इस डील को क्यों रोका गया ? क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आर्डर कर दिये गये
थे ?(ख) क्या उक्त डील के लिए नामी गिरामी मोबाईल कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया
में भाग नहीं लिया ? जिन कंपनियों द्वारा इस डील के लिए टेंडर भरे गये थे उनके नाम
बताएं ? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री जी की शिकायत पर इस डील को
निरस्त किया गया है ? यदि हां, तो क्या शासन इस डील में हुई अनियमित्ताओं की
जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा ?
परिवहन
मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लिये
गये प्रशासकीय निर्णय के आधार पर र्स्माट फोन क्रय प्रक्रिया को रोका गया है । जी
हॉ। (ख) नामी गिरामी मोबाइल कंपनियों का अधिकृत श्रेणीकरण उपलब्ध नहीं है। निम्न
इच्छुक कम्पनियों द्वारा टेन्डर प्रक्रिया में भाग लिया गया था :-(1)मे.
मिलेनियम ऑटोमेशन एण्ड सर्विसेस लि., नई दिल्ली, (2)मे. नेशनल स्मॉल
इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन लि. अमृतसर,(3) मे. कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेस लि.,
हैदराबाद।(ग) जी नहीं। टेण्डर निरस्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता ।
पी.डी.एस. की सामग्री पर कार्यवाही
45. ( क्र. 1156 ) श्री
नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत 7 नवम्बर 2015 को आई.टी.आई. पर केन्द्रिय विद्यालय
के सामने गोदाम पर पी.डी.एस. का गेंहूं 284 बोरी छापामार कार्यवाही में पकड़ा गया ?
(ख) प्रश्नांश (क) में क्या जप्त शुदा सामग्री खाद्य विभाग के सुपुर्द की गई ?
यदि हां तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई ? (ग) विगत पांच वर्षों में
भिण्ड जिले में कहां-कहां पर पी.डी.एस. का गेंहूं व अन्य सामग्री पकड़ी गई ?
क्या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्नांश (क) में क्या वर्णित छापामार कार्यवाही
में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाया जा रहा है ? यदि हां, तो क्यों
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हॉं।, (ख)
जी हॉं। जप्तशुदा सामग्री म0प्र0 स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन, भिण्ड के श्री
राजेश कुमार चैधरी वरिष्ठ सहायक की सुपूर्दगी में की गयी
है। प्रश्नांश दिनांक तक प्रकरण में 10.01.2015 को पुलिस थाना देहात, भिण्ड में
प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवायी गयी है।, (ग) भिण्ड जिले में विगत 5
वर्षों में, मौ, गोहद, मेहगांव, खरिका, भिण्ड, गढा (अटेर), मेहगॉंव में पी.डी.एस.
का गेहॅू एवं अन्य सामग्री पकडी जाकर संबंधित पुलिस थाना में एफ.आई.आर.
दर्ज करायी गयी है, प्रकरणों में पुलिस द्वारा कार्यवाही की जा रही है।, (घ)
जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यातायात
विभाग द्वारा नियमानुसार जुर्माना रसीद काटने बाबत्
46. ( क्र. 1165 ) श्री सुशील
कुमार तिवारी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
यातायात विभाग को बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चालाकों से जुर्माना राशि वसूलने का
अधिकार हैं ? (ख) यदि हां, तो किस स्तर के अधिकारी को एम.पी.टी.सी 6 काटने का
अधिकार है ? (ग) क्या जुर्माना रसीद काटने वाले अधिकारी को अपने पद का नाम देना
अनिवार्य हैं ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क)
एवं (ख) जी हॉ, मोटरयान अधिनियम1988 (1988 का सं. 59) की धारा 200 की
उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए परिवहन विभाग एवं
पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं समस्त परिवहन निरीक्षक तथा
परिवहन उपनिरीक्षक को उक्त धारा के अंतर्गत शक्तियॉ प्रदाय की गई है । पुलिस
विभाग /परिवहन विभाग में पदस्थ समस्त परिवहन निरीक्षक / परिवहन उपनिरीक्षक
को निर्धारित प्रारूप MPTC 6 पर रसीद काटने एवं शमन शुल्क वसूलने का अधिकार
प्राप्त है । (ग) MPTC 6 के प्रारूप पर
हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के पद नाम का उल्लेख नही है ।
जारीकर्ता द्वारा पदनाम की मुहर (सील) आवश्यक है
।
अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत बीज वितरण
47. ( क्र. 1166 ) श्री सुशील
कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में
कौन-कौन से बीजों का वितरण कितनी मात्रा में किया गया ? (ख) यह बीज किन-किन
संस्थाओं से किस-किस दर पर क्रय किये गये ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार
अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत क्रय बीजों की दरें क्या राज्य शासन द्वारा
निर्धारित दरों के अनुरूप थी या इन दरों में कोई अंतर था ? यदि हां, तो कितना ? (घ)
जबलपुर जिले में अन्नपूर्णा योजनांतर्गत वितरित बीज एवं हितग्राहियों की महिला एवं
पुरूषों की संख्या विधानसभा क्षेत्रवार बतावें ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 पर
है।(ख)विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 पर है।(ग)जी हां। केवल गेहूं में अन्तर
नहीं था शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 पर है।(घ)विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट -4 पर है।
परिवहन आयुक्त को लिखे गये पत्र
48. ( क्र. 1180 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 07 नवम्बर 2015 को सार्वजनिक उपक्रम कोयला कम्पनी
एवं सारनी पावर हाऊस के तौल कांटों से की जा रही ओवरलोडिंग एवं बिना परमिट, बिना
बीमा के वाहनों को कोयला परिवहन के कार्य की अनुमति दिए जाने के संबंध में की गई
लिखित शिकायत आयुक्त परिवहन मोती महल ग्वालियर को प्राप्त हुई हैं ?(ख) यदि हां,
तो सार्वजनिक उपक्रमों के तौल कांटों से ओवर लोडिंग रोके जाने के संबंध में माननीय
उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा किस याचिका में किस दिनांक को राज्य शासन को
क्या-क्या आदेश दिए हैं उनका पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में आयुक्त
परिवहन द्वारा किस दिनांक को पत्र जारी किए गए ?(ग) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए
पत्रों में किस-किस बिन्दु पर जांच एवं कार्यवाही का आयुक्त परिवहन से अनुरोध
किया गया उस पर परिवहन विभाग ने किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की ?(घ)
सार्वजनिक उपक्रम के तौल कांटों से ओवर लोडिंग रोके जाने, वाहनों के दस्तावेजों की
जांच कर ही कोयला परिवहन की अनुमति दिए जाने के संबंध में परिवहन विभाग क्या
कार्यवाही कर रहा है ? कब तक करेगा ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र
सिंह ) :
(क) जी हाँ । (ख) सार्वजनिक उपक्रमों के तौल कांटों से ओवर लोडिंग रोके
जाने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा WP No. 7007/2006
श्ोख महमूद विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन में याचिका क्र. 12203/2006 , 8385/2008
(PIL) Cont No. 1055/2008, WP No. 1372/2009 (PIL) Conc. No. 301/2011, WP No.
19578/2012 (PIL), WP No. 2289/2013 (PIL), WP No. 6631/2013 (PIL), WP No.
17886/2013 (PIL), WP No. 4237/2014 (PIL), WP No. 6458/2014 (PIL) ,WP No.
12454/2014 (PIL), WP No. 17556/2014 (PIL), WP No. 3164/2015 (PIL) ,WP No.
14770/2015 & WP No. 15032/2015 को एकत्रित कर WP No. 15032/2015 में
निर्देशित किया गया है कि respondents to check the laden weight of the
vehicles at the sand quarries itself before issuing the transit passes which is
the only way forward for ensuring that there is no case of overloading of
vehicles. The relief claimed in this petition, prima facie, seems to be valid
suggestion which must be explored by the State Authorities. मान. न्यायालय द्वारा
समय-समय पर दिये गये जारी आदेशों के क्रम में जनहित एवं जन सुरक्षा को
दृष्टिगत् रखते हुए संभाग, जिला मुख्यालय के मैदानी कार्यालयों में पदस्थ प्रर्वतन
अमले को प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। वाहनों के
ओव्हरलोडिंग को रोकने हेतु समय-समय पर मान. न्यायालय द्वारा विभिन्न याचिकाओं में
दिये गये निर्देश एवं मोटरयान अधिनियम में विहित् प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही
किये जाने संबंधी निर्देश भी जारी किये गये हैं। जिनका अवलोकन पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'क'
अनुसार हैं। (ग) प्रश्नकर्ता मान.
विधायक जी की ओर से प्राप्त शिकायत में दर्शित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही के
संबंध में जिला परिवहन अधिकारी बैतूल को परिवहन अायुक्त के कार्यालयीन पत्र
क्रमांक 176-ए ग्वालियर दिनांक 19.11.2015 जारी कर प्राप्त शिकायत के संबंध में
जाँच कर रिपोर्ट भेजने हेतु निर्देशित किया गया। भेजे गये पत्र की प्रति
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी
बैतूल द्वारा अवगत कराया गया है कि, सारणी क्षेत्र में कोयले की काला
बाजारी/अवैध परिवहन/अवैध भण्डारण एवं ओव्हरलोडिंग के संबंध में कलेक्टर बैतूल
द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), शाहपुर की अध्यक्षता में जिला खनिज अधिकारी,
परिवहन अधिकारी एवं चौकी प्रभारी (पुलिस) पाथाखेडा के साथ संयुक्त जाँच दल का गठन
किया गया है। उक्त जाँच दल समय-समय पर ओव्हरलोडिंग के विरुद्ध औचक सतत् जाँच कर
प्रभावी कार्यवाही करता है। जिस पर जिला परिवहन अधिकारी बैतूल द्वारा थाना प्रभारी
सारणी एवं खनिज अधिकारी बैतूल से जानकारी प्राप्त की गई। थाना प्रभारी सारणी द्वारा
अपने पत्र क्रमांक 3794/15 दिनांक 30.11.2015 में ओव्हर लोडिंग के संबंध में
मोटरयान अधिनियम की धारा 66/192 के तहत् 11 चालान बनाये जाकर रुपये 25700/- वसूल
किये जाने एवं थाना सारणी एवं पाथाखेडा क्षेत्र में 5 तौलकांटे क्रमशः
कालीमाई तौलकांटा, छतरपुर माईन्स-1, छतरपुर माईन्स-2, तवा-1 माईन्स, तवा-2 माईन्स
शासकीय तौलकांटे स्थापित होना बताया गया हैं। साथ ही उनके द्वारा अपने पत्र में यह
भी दर्शाया गया है कि, थाना सारणी से समय-समय पर ओव्हरलोडिंग रोकने के लिए सघन
चैकिंग की जाती रहती है। जिसकी जानकारी पुस्ताकलय में
रखे परिशिष्ट ‘ग‘ अनुसार है। खनिज अधिकारी बैतूल से प्राप्त
प्रपत्र अनुसार उनके द्वारा दिनांक 20.01.2015 से 30.11.2015 तक खनिज कोयला अवैध
परिवहन के विरुद्ध कार्यवाही कर 19 परिवहनकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाकर
रुपये 16,61,630/- शासकीय राजस्व राशि वसूल की गयी। जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘घ.‘ अनुसार है। दिनांक 26.11.2015 एवं
27.11.2015 को प्रवर्तन अमले द्वारा निम्न के विरुद्ध कार्यवाही कर शासकीय राजस्व
अर्जित किया गयाः-
क्र. |
वाहन
क्रमांक |
अपराध |
वसूला गया
राजस्व |
कुल |
टैक्स |
सी. एफ. |
1 |
MP09HF3318 |
मो. यान कर बकाया |
6750 |
2000 |
8750 |
2 |
MP09HF0805 |
कोई दस्तावेज नही / ओव्हर लोड/ मो. यान कर
बकाया |
7250 |
2500 |
9750 |
3 |
CG04G8164 |
फिटनेस प्रमाण-पत्र नही /
अोव्हर लोड |
- |
8500 |
8500 |
|
कुल |
|
14000 |
13000 |
27000 |
(घ) सार्वजनिक उपक्रम के तौलकांटों से ओव्हरलोडिंग रोके जाने के संबंध में
प्रस्तुत शिकायत के क्रम में घोड़ाडोगरी, पाथाखेड़ा एवं सारणी क्षेत्रों में कोयले
की कालाबाजारी /अवैध परिवहन/अवैध भण्ड़ारण एवं ओव्हर लोडि़ंग परिवहन तथा यातायात
अवरुद्ध होने के संबंध में जिला परिवहन अधिकारी बैतूल द्वारा महाप्रबंधक
डब्लू.सी.एल. पाथाखेडा जिला बैतूल को पत्र क्रमांक 2910 दिनांक 29.10.2015 संलग्न
43 वाहनों की सूची भेजी गई। जिसकी जानकारी पुस्तकायल में
रखे परिशिष्ट ‘ड.‘ अनुसार है। जिसमें कोयला खदानों से भोपाल एवं गुजरात के
लिये कोयला प्रदाय किया जा रहा है, उनके गेट पास एवं अभिवहन अनुज्ञा पत्र जारी किये
जा रहे हैं, उन वाहनों का परिवहन विभाग में पंजीयन हुआ है अथवा नहीं एवं वाहन कर
बकाया, बीमा फिटनेस सर्टीफिकेट प्रमाण-पत्र संबंधी दस्तावेजों के पूर्ण न होने पर
वाहनों को कोयला परिवहन की अनुमति प्रदान न की जावे। साथ ही उक्त भेजे गये पत्र की
प्रति प्रभारी परिवहन चैकपोस्ट अदनानाका को भेजकर निर्देशित किया गया कि, उक्त के
क्रम में आकस्मिक चैकिंग कर ऐसी अवैध संचालित वाहनों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त
कार्यवाही करें। जिसके क्रम में महा प्रबंधक डब्लू.सी.एल. पाथाखेडा जिला बैतूल की
ओर से प्राप्त पत्र क्रमांक 687 दिनांक 26.11.2015 प्राप्त हुआ है। जिसमें उनके
द्वारा भेजी गयी शिकायत के संलग्न वाहनों की सूची अनुसार उक्त सभी वाहनों को कोयला
दिया जाना प्रतिबंधित किया जा चुका है एवं अब कायेला परिवहन हेतु सभी वाहनों के
दस्तावेज इंटरनेट से जाँच कर सही पाये जाने पर ही उन्हें कोयला परिवहन की अनुमति दी
जाती है। साथ ही किसी भी वाहन को उसकी क्षमता से अधिक मात्रा में कोयला नहीं दिया
जाता। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘च‘ अनुसार है।
मान. उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों एवं प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र के माध्यम से उठाये गये बिन्दुओं का कडाई से पालन करने के लिये लगातार
चैकिंग कर ओव्हरलोडिंग पर कडाई से प्रतिबंध किया जाता है एवं वैधानिक कार्यवाही की
जाती है।
नियम विरूद्ध दुग्ध संघ ग्वलियर के संचालक पद
पर निर्वाचित
49. ( क्र. 1190 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या रामकुमार
कौरव पुत्र श्री द्वारिका प्रसाद कौरव मूल निवासी ग्राम खूजा, सेवा सहकारी संस्था
मर्यादित आलमपुर जिला भिण्ड से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड के
लिए दिनांक 21.02.2007 को प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे ? (ख) यदि हां, तो क्या श्री
रामकुमार कौरव ग्राम खूजा के कृषक होकर कृषि उपज मंडी समिति आलमपुर से वर्ष 2013
में संचालक निर्वाचित हुए थे ? (ग) क्या श्री रामकुमार कौरव द्वारा ग्राम बरथरा का
फर्जी मूल निवासी की जानकारी देकर दुग्ध सहकारी संस्था ग्राम बरथरा विकासखण्ड
गोहद जिला भिण्ड से प्रतिनिधि बनकर दुग्ध सहकारी संघ ग्वालियर के संचालक पद पर
अवैध रूप से निर्वाचित हुए हैं ? जबकि दुग्ध सहकारी संस्था ग्राम बरथरा का
कार्यक्षेत्र सेवा सहकारी संस्था दबोह के अंतर्गत हैं ? (घ) क्या प्रश्नांश (ग)
के परिप्रेक्ष्य में श्री रामकुमार कौरव द्वारा ग्राम बरथरा का फर्जी मूल निवासी
होकर दुग्ध सहकारी संस्था ग्राम बरथरा से दुग्ध संघ ग्वालियर के संचालक पद पर
निर्वाचित होने के संबंध में पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई ? यदि हां, तो कब ?
यदि नहीं तो क्यों ? (ड.) क्या दुग्ध संघ में 05 वर्ष के लिए संचालक निवार्चित
होते हैं ? यदि हां, तो श्री रामकुमार कौरव जो कि वर्ष 2007 में दुग्ध सहकारी
संस्था बरथरा से प्रतिनिधि होकर दुग्ध संघ ग्वालियर के संचालक निर्वाचित हुए थे
को 05 वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी संचालक पद नियम विरूद्ध बने हुए हैं ? क्या
उन्हें संचालक पद से हटाया जाएगा ? यदि हां, तो कब तक ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. (ख) जी हां. (ग) दुग्ध सहकारी संस्था,
बरथरा, ग्राम बरथरा, विकासखण्ड-गोहद में नहीं, अपितु विकासखण्ड-लहार, जिला भिण्ड
में है. श्री रामकुमार कौरव उक्त संस्था से वर्ष 2007 में दुग्ध सहकारी संघ,
ग्वालियर के प्रतिनिधि एवं संचालक निर्वाचित हुए. श्री कौरव के द्वारा ग्राम बरथरा
का फर्जी मूल निवासी होने की जानकारी देकर अवैध रूप से उक्तानुसार निर्वाचित होने
तथा दुग्ध सहकारी संस्था, बरथरा के कार्यक्षेत्र से संबंधित बिन्दुओं पर परीक्षण के
निर्देश उप आयुक्त, सहकारिता, भिण्ड को दिये गये हैं. परीक्षण के उपरांत तत्सबंध
में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ अनुसार परीक्षण के निष्कर्ष के
उपरांत यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी. (ड.) जी हां. जी हां, किन्तु वर्ष 2007 में
निर्वाचित संचालकों की दिनांक 24.04.2015 को आयोजित प्रथम बैठक में संपन्न निर्वाचन
के संबंध में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.ए. 499/2013 में माननीय उच्च न्यायालय
खण्डपीठ, ग्वालियर द्वारा पारित आदेश दिनांक 23.04.2015 से परिणाम की घोषणा पर रोक
लगाये जाने से संचालक मंडल द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया जा सका है. उक्त
परिस्थिति में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
सेवा
सहकारी संस्था मर्यादित सुमावली जिला मुरैना में रासायनिक खाद एवं फर्जी ऋण वितरण
घोटाले की जांच
50. ( क्र. 1192 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सेवा सहकारी
संस्था मर्यादित सुमावली जिला मुरैना में वर्ष 2009 एवं 2010 में रासायनिक खाद तथा
फर्जी ऋण वितरण में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतें कब-कब, किस-किस के
द्वारा किस-किस स्तर पर की गई ? (ख) उक्त शिकायतों की जांच कब एवं किस अधिकारी से
कराई गई एवं जांच में कौन-कौन दोषी पाए गए ? नाम एवं पद सहित बताएं ? (ग) उक्त
प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उप-आयुक्त सहकारिता मुरैना द्वारा पत्र
क्र./शिकायत/13/1287 ए दिनांक 24.08.2013 को शाखा प्रबंधक केन्द्रीय सहकारी बैंक
जौरा जिला मुरैना को पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए
जाने के निर्देश दिए गए थे ? (घ) यदि हां, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य
में क्या दोषियों के विरूद्ध प्रकरण आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया ? यदि हां,
तो कब एवं किस थानांतर्गत ? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध
कराया जाएगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र
अनुसार है. (ग) जी हां. (घ) थाना सुमावली जिला मुरैना में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने
हेतु आवेदन दिया गया था जिसमें जांच उपरांत नस्ती आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों
ग्वालियर शाखा को भेजी गई है. आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों ग्वालियर में प्रकरण
में प्राथमिकी जांच क्रमांक 3/14 दिनांक 10.03.2014 पर पंजीबद्ध होकर विचाराधीन
है.
परिशिष्ट
ितरेपन ग्रामीण शौचालयों का निर्माण
51. ( क्र. 1212 ) श्री मुकेश
नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पन्ना जिले
में स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण
के लिये कुल कितने ग्रामों/ग्राम पंचायत की मैपिंग की गयी ? ग्रामवार पात्र
हितग्राही और लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी देवें और कितना भुगतान किया गया
बतावें ?(ख) स्वच्छ भारत अभियान की मैपिंग में कितने गांव की मैपिंग दर्ज नहीं
हुई उसका कारण बतावें ? (ग) व्यक्तिगत हितग्राही मूलक शौचालय के लिये जिले में
कितने हितग्राही के प्रकरण प्रेषित हुये और उन प्रकरणों में कितने प्रकरणों का
भुगतान नहीं हुआ बतावें ?(घ) व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिये पात्रता शर्ते
क्या है ? वे व्यक्ति/परिवार जिनका नाम मैपिंग पात्रता सूची में दर्ज नहीं है और
पात्र है उन्हें लाभ दिये जाने के लिये क्या प्रक्रिया है ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) तकनीकी कमियों के कारणों से 09 ग्राम पंचायतों
की मैपिंग दर्ज नहीं हुई। (ग) प्रश्न दिनांक तक जिले में कुल 2830 शौचालयों
के प्रकरण जनपद पंचायतों द्वारा प्रेषित किये गये हैं जिनमें से 281 प्रकरणों का
भुगतान पात्रता सूची में नाम न होने अथवा शौचालय अपूर्ण होने के कारण भुगतान नहीं
किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार
है। जिस हितग्राही का नाम भारत सरकार की एमआईएस में वर्तमान में दर्ज नहीं है।
उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता यदि भविष्य में नाम दर्ज करने की
प्रक्रिया खुलती है, तो ऐसे हितग्राहियों को जोडकर लाभ दिया
जायेगा।
खाद्य विभाग के राशन कार्ड
52. ( क्र. 1213 ) श्री मुकेश
नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश के
पन्ना जिले में गरीबी रेखा के नीचे आने वालों की जनसंख्या के लिये सस्ते राशन
पाने की पात्रता के संबंध में कुल कितने राशन कार्ड सितम्बर 2015 तक जारी किये गये
? (ख) इन कार्डों के आधार पर सस्ता राशन पाने वालों की कुल जनसंख्या कितनी है ?
(ग) वर्तमान में सस्ता राशन उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के अंतर्गत प्रतिमाह
प्रति व्यक्ति कितना अनाज किस कीमत पर कितना उपलब्ध कराया जाता है ? (घ) क्या
जिला स्तर पर बोगस राशन कार्डों और अपात्रों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के
संबंध में शासन को कोई शिकायतें प्राप्त हुई है, यदि हां तो इस बारे में क्या
कार्यवाही की गई ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क)
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में प्रश्नांकित अवधि में प्राथमिकता परिवार (बीपीएल
परिवार सहित) श्रेणी के 1,58,225 एवं अन्त्योदय अन्नयोजना के 27,357 राशनकार्ड
जारी किये गए हैं। (ख) प्राथमिकता परिवारों के अंतर्गत लाभान्वित होने वाली
जनसंख्या 7,11,546 एवं अन्त्योदय अन्नयोजना के अंतर्गत लाभान्वित जनसंख्या
1,13,627 है। (ग) वर्तमान में प्राथमिकता परिवारों को राशनकार्डों/पात्रता पर्ची पर
प्रति सदस्य 5 किग्रा खाद्यान्न 1 रूपया प्रति किग्रा के मान से तथा अन्त्योदय
राशनकार्डों पर अधिकतम 7 सदस्य वाले परिवारों को प्रति राशनकार्ड 35 किग्रा
खाद्यान्न 1 रूपये प्रति किग्रा के मान से उपलब्ध कराया जाता है। (घ) जी नहीं।
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नलकूप उत्खनन अनुदान राशि का भुगतान
53. ( क्र. 1256 ) श्री रामपाल
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शहडोल
जिले में विगत वर्ष 2010 से अब तक कृषि विभाग द्वारा नलकूप खनन हेतु कितने
हितग्राहियों का पंजीकरण किया गया है तथा नलकूप उत्खनन के लिये विभाग द्वारा कितना
अनुदान दिये जाने का प्रावधान है ?(ख) क्या शहडोल जिले के कृषि विभाग द्वारा नलकूप
खनन हेतु पंजीकृत किसानों को अनुदान की राशि वर्ष 2010 से अब तक भुगतान कर दिया गया
है ? यदि हां तो वर्षवार कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की जा चुकी
है ? यदि नहीं तो कितने किसानों के नलकूप उत्खनन का अनुदान राशि भुगतान किया जाना
बकाया है और कब तक भुगतान किया जावेगा ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)वर्षवार पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है।(ख)शहडोल जिलें में नलकूप खनन योजनांतर्गत्
पंजीकृत किसानों को अनुदान का भुगतान की वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र दो अनुसार है। एवं वर्षवार हितग्राहियों को भुगतान की राशि की पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट प्रपत्र तीन के अनुसार है।नलकूप खनन हेतु शेष अनुदान राशि के
भुगतान प्रकरणों में जांच की जावेगी।जांच निष्कर्ष के पश्चात गुण दोषों के आधार पर
भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
स्व. सहायता समूहों को प्रदत्त
राशन दुकानें
54. ( क्र. 1266 ) श्रीमती
उमादेवी लालचंद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मध्यप्रदेश में 25 मार्च 2015 को एक राजपत्र प्रकाशित किया गया था कि स्वसहायता
समूहों को 33 प्रतिशत राशन दुकानें प्रदाय की कार्यवाही की जाना है ? यदि हां, तो
राजपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें । (ख) राजपत्रानुसार दमोह जिले में
किन-किन स्व-सहायता समूहों को राशन दुकानें किस तिथि को प्रदाय की गई है ? अधिकार
पत्र सहित नाम पतावार सूची उपलब्ध करावें ? आरक्षण अनुसार शेष राशन दुकानें समूहों
को प्रदाय की कार्यवाही कब तक की जावेगी ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी हां। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। दमोह जिले की शेष राशन दुकानों का आवंटन मध्यप्रदेश
सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में संशोधन पर विचार उपरांत
किया जाएगा।
पंचपरमेश्वर राशि के कार्यों में लापरवाही
55. ( क्र. 1269 ) श्रीमती
उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विगत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में दमोह जिले को पंचपरमेश्वर योजना अंतर्गत कितनी
सड़के स्वीकृत की गई ? (ख) प्रश्नांश(क) में उल्लेखित योजना में सड़कवार कार्य
ऐजेंसी का नाम तथा पूर्ण अपूर्ण की स्थिति स्पष्ट करते हुये जानकारी प्रदाय करें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)विगत वर्ष 2014-15 व
2015-16 में दमोह जिले में पंच-परमेश्वर योजनांतर्गत कुल 775 सड़के स्वीकृत की गई
है।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘
अनुसार।
संविदा डाटा इंट्री आपरेटर, सह कार्यालय सहायक का
नियमितिकरण
56. ( क्र. 1281 ) श्री
रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत संविदा डाटा इंट्री आपरेटर, सह
कार्यालय सहायक, सह पी.डी.ए. ऑपरेटर पद पर कितने कर्मचारी पदस्थ है ? इनका चयन किस
आधार पर किया गया था ? प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों में पद रिक्त है और इन
पदों को कब तक भरा जावेगा ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संविदा डाटा इंट्री
आपरेटर को नियमित किये जाने हेतु विभाग की कोई योजना है ? यदि हां, तो नियमितिकरण
हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये है ?(ग) क्या कार्यरत संविदा डाटा इंट्री आपरेटर
को सीधे नियमित किये जाने हेतु विभाग विचार कर निर्णय लेगा ? यदि हां, तो कब तक
?(घ) क्या कार्यरत संविदा डाटा इंट्री आपरेटर के मानदेय प्रतिवर्ष बढाने के शासन
के निर्देश है ? यदि हां, इसका पालन किया जा रहा है ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में, प्रदेश में,
संविदा डाटा एंट्री आपॅरेटर -सह- कार्यालय सहायक -सह- पीडीए ऑपरेटर के पद पर 206
संविदा सेवक संयोजित हैं। इनका चयन जिला स्तर पर, खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती
के आधार पर किया गया है। प्रदेश में जिन जिलों में उपरोक्त पद रिक्त हैं, उनकी
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन रिक्त पदों को भरे जाने की
निश्चित दिनांक बताना अभी संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, डाटा एंट्री
आपॅरेटर (संविदा) के नियमितीकरण हेतु इस विभाग में अभी कोई योजना नहीं है। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अभी इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचारार्थ नहीं
है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।
परिशिष्ट
चउवन पंचायतों का ऑडिट
57. ( क्र. 1285 ) श्री
रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
रायसेन जिलान्तर्गत आने वाली पंचायतों का ऑडिट विगत 3 वर्षों में कब-कब कराया गया
वर्षवार, दिनांकवार जानकारी दें ? (ख) क्या उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत
पंचायतों का ऑडिट कई वर्षों से नहीं कराया है ? यदि हां, तो इसके लिये कौन-कौन
जिम्मेदार हैं ? व ऑडिट ना कराये जाने का क्या कारण था ? (ग) प्रश्नांश (ख) के
संदर्भ में ऑडिट ना कराने पर संबंधित पंचायतों/अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही
की जायेगी ? समय सीमा बतायें ? उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों का ऑडिट कब तक
कराया जायेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘अ‘
अनुसार।(ख) जी नही। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘ब‘
अनुसार। प्रश्न उपस्थित नही होता
है।(ग)प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
शेष रही पंचायतो का अंकेक्षण स्थानीय निधि संपरीक्षा विभाग से विशेष शिविर
लगाकर पूर्ण कराने के लिये लेख किया गया है।
सागर नगर में उचित
मूल्य की दुकानों का संचालन
58. ( क्र. 1304 ) श्री
शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न (क्रमांक 2280) दिनांक 27 जुलाई 2015 के
प्रश्नांक (क) के उत्तरांश में बताया गया हैं कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों
के संचालन हेतु शासन की नई नीति अनुसार नगरीय क्षेत्र में पात्र परिवारों की
संख्या के मान के आधार पर शासन के द्वारा प्रावधानित किया गया है ? सागर नगर में
नई नीति के तहत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित किया जाना सुनिश्चित
है, वार्डवार बताएं ? (ख) संदर्भित प्रश्न (ग) के उत्तरांश में बताया गया था कि
नई नीति के तहत महिला स्वसहायता समूह के द्वारा 33 प्रतिशत उचित मूल्य की दुकानों
का संचालन किया जाना है, तो क्या सागर नगर में उक्त नीति के तहत महिला
स्वसहायता समूहों को चिन्हित कर लिया गया है, यदि नहीं तो यह कब तक किया जायेगा
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। सागर नगर में
प्रावधानानुसार 59 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित किया जाना है। वार्डवार
संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हां। सागर नगर में
पूर्व से ही महिला संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही 20 उचित मूल्य दुकानों को
महिला संस्थाओं को आवंटित करने हेतु चिन्हांकित कर लिया गया है। शेष भाग का
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
पचपन एनजीओ चयन प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जांच
59. ( क्र. 1316 ) श्री
विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए एनजीओ चयन प्रक्रिया में हुई
अनियमितताओं की जांच पूर्ण हो गई है ? यदि नहीं हुई तो कारण दें ? तथा बताएं कि
जांच कब तक हो जायेगी ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या माननीय मंत्री जी ने एनजीओ
के गलत ढंग से चयन को लेकर एफआईआर दर्ज करने की घोषणा की थी ? यदि हां तो किन-किन
के खिलाफ किस थाने में किन-किन धाराओं के तहत एफआईआई दर्ज कराई गई है ? यदि नहीं
कराई है तो क्यों ? क्या अब कराई जायेगी ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत इन
अनियमितताओं के लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार हैं ? क्या उनकें ऊपर कोई
कार्यवाही की जायेगी ? यदि हां, तो क्या और कब तक ? यदि नहीं तो कारण दें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)पंचायत
प्रतिनिधियों एवं विभिन्न प्रशिक्षणों हेतु महात्मागांधी राज्य ग्रामीण विकास
संस्थान जबलपुर द्वारा अभिरूचि की अभिव्यक्ति के अंतर्गत एक चयन समिति बनाकर
अशासकीय संस्थाओ का चयन किया गया था। किन्तु पुनः अशासकीय संस्थाओ के अनुभव के
संबंध में सही जानकारी प्राप्त होने पर चयन निरस्त कर दिया गया था ।(ख)एफ.आई.आर.
संबंधी कोई घोषणा नहीं की गई थी ।(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के संबंध में
कोई प्रश्न उपस्थित नही होता है ।
जिला सहकारी बैंकों में
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के पद पर नियम विरूद्ध अयोग्यों की नियुक्ति
60. ( क्र. 1317 ) श्री
विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश के किन-किन जिला सहकारी बैंकों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों
(महाप्रबंधकों) की नियुक्तियां म.प्र. सहकारिता अधिनियम की धारा 49 (ई) के अनुरूप
नहीं हुई है ? क्या नहीं हुई है ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत ऐसे कितने महाप्रबंधक
है जो वैद्यनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार योग्यता और अर्हताएं रखते हैं ? (ग)
प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत ऐसे कितने महाप्रबंधक है जिनकी जांच नियुक्ति पूर्व से
ही चल रही है ? किन-किन मामलों की क्या-क्या जांच चल रहीं हैं ? (घ) प्रश्नांश
(क) (ख) व (ग) के तहत अयोग्य और जिनकी जांच चल रही है ऐसे महाप्रबंधकों को उनके पद
से हटाया जायेगा ? यदि नहीं तो कारण दें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 49(ई/ङ) के
अंतर्गत किसी भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में महाप्रबंधक की नियुक्ति नहीं की गई
है. संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत नियम तथा संवर्ग सृजन करने की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन है. (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है. (ग) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (घ)
उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है.
उचित मूल्य राशन की दुकानों का आवंटन
61. ( क्र. 1325 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य राशन दुकानें
महिला स्वसहायता समूह को माह जुलाई 2015 तक आवंटित किया जाना था ? यदि हां तो
छिन्दवाड़ा व परासिया तहसीलों की उचित मूल्य राशन दुकान अभी तक आवंटित क्यों
नहीं की गई ? राशन दुकान आवंटित नहीं किये जाने का क्या कारण है ? (ख) छिन्दवाड़ा
एवं परासिया तहसील में उचित मूल्य राशन दुकानें महिला स्वसहायता समूह को कब तक
आवंटित कर दी जावेगी ? (ग) क्या नगरीय मध्यान्ह भोजन बताने वाले समूहों को रसोई
गैस शासन द्वारा निर्धारित सब्सीडी के आधार पर उपलब्ध कराई जा रही है ? यदि हां
तो छिन्दवाड़ा जिले के कौन-कौन से नगरीय क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई
है ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। माननीय उच्च
न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश के पालन में प्रश्नांकित तहसीलों में उचित मूल्य
राशन की दुकान आवंटित नहीं की गई। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली
(नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन पर विचार व निर्णय के उपरांत सक्षम अधिकारी
द्वारा नियमानुसार पात्र संस्थाओं को उचित मूल्य दुकानें आवंटित की जाऐंगी। (ग)
मध्यान भोजन निर्माता समूहों को वर्तमान में सब्सिडी रहित रसोई गेस उपलब्ध कराई
जा रही है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन
रसोईयों के मानदेय में वृद्धि
62. ( क्र. 1326 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मध्यान्ह भोजन रसोईयों के मानदेय बढ़ाने की आपकी क्या योजनायें है ? मध्यान्ह
भोजन रसोईयों का मानदेय कब तक बढ़ाया जावेगा ? (ख) क्या मध्यान्ह भोजन रसोईयों
को कलेक्टर दर से वेतन प्रदान करने की शासन की कोई योजना है ? यदि हां तो योजना कब
तक लागू की जायेगी ? (ग) मध्यान्ह भोजन प्रदान करने वेाले समूहों के अध्यक्ष एवं
सचिव को मानदेय प्रदान करने की शासन की कोई योजना है ? (घ) मध्यान्ह भोजन कार्य
में एक समूह को अधिकतम कितनी दर्ज संख्या का कार्य देना है व एक समूह को कितने
गांव या नगर का मध्यान्ह भोजन कार्य देने के नियम है ? क्या इस नियम का पालन हो
रहा है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)मध्यान्ह
भोजन कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित योजना है। केन्द्र शासन द्वारा रसोईयों का मानदेय
बढ़ाने पर राज्य स्तर से भी बढ़ोतरी हो सकेगी। कोई समय सीमा बताना संभव नहीं
है।(ख)मध्यान्ह भोजन केन्द्र प्रवर्तित योजना है, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।(ग)जी
नहीं।(घ)सामान्य तौर पर एक समूह को 01 से 02 स्कूल व 100 से 200 बच्चों की दर्ज
संख्या पर कार्य आवंटित होता है। सामान्य तौर पर नियमों का पालन किया जा रहा
है।
छिंदवाड़ा में कन्यादान योजना में कराए गए विवाह
63. ( क्र. 1340 ) श्री जतन
उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या वर्ष
2014-15 के ओला तथा अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
से छिन्दवाड़ा जिले के कितने किसानों की बेटी का विवाह कराया गया है ? संख्या
बताये ?(ख) क्या कन्या गृहस्थी के लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है और
कितनी राशि का विवाह कार्यक्रम के लिये प्रावधान रखा गया है ? (ग) क्या जीवन में
खुशहाली के लिये कितने वर्ष तक के लिये कितनी राशि का F.D. कराया जाता है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)वर्ष
2014-15 में 59 किसानों की बेटियों का विवाह कराया गया है।(ख)वर्ष 2014-15 में
कन्या की गृहस्थी की सामग्री हेतु रु. 16,000/- की नगद सहायता तथा विवाह कार्यक्रम
हेतु राशि रु. 3000/- का प्रावधान रखा गया है।(ग)कन्या के दाम्पत्य जीवन की खुशहाली
के लिए 5 वर्ष तक के लिए रु. 6000/- सावधि जमा का प्रावधान किया गया
है।
खाद्यान्न पर्ची का वितरण
64. ( क्र. 1345 ) श्री संजय
पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या खाद्य एवं
नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया
जाता है ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधानसभा क्षेत्र
विजयराघवगढ़ में खाद्यान्न पर्ची का आवंटन वित्तीय वर्ष 2013-14 में किया गया है
? क्या इन पर्चियों का वितरण प्रत्येक माह नहीं किया जाता है ? यदि हां, तो ऐसी
कितनी खाद्यान्न दुकानें हैं, जिनमें आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया ? इसके लिये
कौन दोषी है नाम बतायें तथा उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खादय सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सम्मिलित
पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता पर्ची
(ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जाता है। (ख) प्रदेश में राष्ट्रीय खादय
सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का क्रियान्वयन
दिनांक 01 मार्च, 2014 से प्रारम्भ किया गया है जिसके अंतर्गत सत्यापित पात्र
परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण का कार्य माह फरवरी, 2014 से
प्रारम्भ किया गया है उसके उपरांत जैसे-जैसे पात्र परिवार श्रेणी में अन्य
परिवारों को सम्मिलित एवं सत्यापित किया गया है वैसे-वैसे उनको पात्रता पर्ची
(ई-राशनकार्ड) का वितरण किया गया है। जिन परिवारों को एक बार पात्रता पर्ची जारी की
जा चुकी है उनको प्रतिमाह पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया जाता है जब तक कि उनके
परिवार की पात्रता में परिवर्तन नहीं होता है। उचित मूल्य दुकानों को उनसे संलग्न
पात्र परिवार की संख्या एवं पात्रतानुसार राशन सामग्री का आवंटन उपलब्ध कराया गया
है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सह. समितियों को खाद्यान्न
वितरण एवं आवंटन
65. ( क्र. 1346 ) श्री संजय
पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला कटनी में
वर्ष 2013-14, 2014-15 में कितनी सहकारी समितियों का गठन विभाग द्वारा किया गया है
? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितनी समितियों को खाद्यान्न वितरण एवं गरीबी
रेखा में आने वाले हितग्राहियों को खाद्यान्न एवं सामग्री वितरण का कार्य दिया गया
है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत ऐसी कितनी समितियां हैं, जिनके विरूद्ध शिकायत
एवं कालाबाजारी एवं खाद्यान्न चोरी एवं बेचने के प्रकरण वित्तीय वर्ष 2013-14 तथा
2014-15 में दर्ज किये गये हैं ? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत यदि हां, तो इनके
विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्यों ? इसके लिए कौन उत्तरदायी है
? संबंधित के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी ? नहीं, तो क्यों ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कटनी जिले में
सहकारिता विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा 60 सहकारी समितियों का पंजीयन किया गया है।
(ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पंजीकृत सहकारी समितियों में से किसी
भी समिति को राशन सामग्री के वितरण का कार्य नहीं दिया गया है। (ग)उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ)उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गाडरवारा विधान
सभा क्षेत्र में ग्रामों को पक्की सड़कों से जोड़ने की जानकारी
66. ( क्र. 1368 ) श्री
गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने गांव है कि जो कि अभी
पक्की सड़कों से नहीं जुडे है ? ग्रामवार जानकारी दे ? (ख) पहुंचविहीन ग्रामों को
पक्की सड़कों से कब तक जोड़े जाएगे ? शासन की कोई कार्ययोजना है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।(ख)पहुच
विहीन ग्रामों को पक्की सडको से जोडने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना एवं
मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना संचालित है। पहुच विहीन ग्रामों को पक्की सडको से
जोडे जाने की योजना आवंटन की उपलब्धता पर निर्भर होने से निश्चित समय-सीमा बताया
जाना संभव नही है। परिशिष्ट
छप्पन दतिया जिले में किसानों से गेहूं खरीदी बाबत्
67. ( क्र. 1395 ) श्री
घनश्याम पिरोनियॉं : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
फरवरी 2015 से जून 2015 तक दतिया जिले में किसानों से कितना गेहूं खरीदा गया ? उन
किसानों की संख्या तथा कुल कितनी मात्रा में गेहूं खरीदा गया ? (ख) क्या
उपरोक्त किसानों को गेहूं की राशि भुगतान कर दी गई है ?(ग) वर्ष 2012 से अभी तक
कितने किसानों के गेहूं खरीदी की राशि भुगतान नहीं की ? भुगतान न होने का कारण ?
(घ) क्या वर्ष 2012 एवं 2013 में गेहूं खरीदी में किसानों द्वारा खरीद कर प्रयोग
किये वारदाने का भुगतान किया गया ? यदि हां, तो कितना ? नहीं तो कारण बतायें
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2015-16
में दतिया जिले में समर्थन मूल्य पर 1,00,560 मे.टन गेहूं का उपार्जन 11,487
किसानों से किया गया है। (ख) जी हॉं। (ग) वर्ष 2012 से अभी तक समर्थन मूल्य
पर उपार्जित गेहूं की राशि का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2012-2013 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन
हेतु किसानों के 10,70,952 बारदानों का उपयोग किया गया था, जिसकी राशि रू.
1,07,09,520 का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
ग्राम पंचायतों में किये जा रहे निर्माण कार्यों का सत्यापन
68. ( क्र. 1396 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विदिशा
जिले के सभी जनपद पंचायत बासौदा अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों को 01 जनवरी,
2013 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी धन राशि प्राप्त हुई ?(ख)
प्रश्नांश (क) में वर्णित प्राप्त धनराशि में से प्रत्येक ग्राम पंचायतों के
द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये तथा निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति
क्या है ?(ग) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा सक्षम अधिकारियों से तकनीकी स्वीकृति
एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है तथा निर्माण कार्यों का तकनीकी
मूल्यांकन एवं सत्यापन करवाया गया है, उसका विवरण तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति एवं
तकनीकी मूल्यांकन सहित देवें ?(घ) यदि ग्राम पंचायतों द्वारा समक्ष अधिकारियों से
बगैर तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किये हुये राशि निर्माण
कार्यों में व्यय की गई है एवं मदवार गाइडलाईन के अनुसार कार्य नहीं कराये गये तो
संबंधित मूल्यांकनकर्ता एवं मूल्यांकन सत्यापितकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही
की जावेगी ? अनियमित निर्माण कार्यों के लिये वास्तविक रूप से कौन-कौन जिम्मेदार
है ? क्या किये गये अनियमित निर्माण कार्यों की वसूली संबंधितों से की जावेगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के काॅलम 02, 04 एवं 05 अनुसार।(ख)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के काॅलम 02, 06 एवं 07 अनुसार।(ग)जी
हाॅ। ग्राम पंचायतों द्वारा सक्षम अधिकारियों से तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति
प्राप्त की गई है एवं निर्माण कार्यो का तकनीकी मूल्यांकन एवं सत्यापन कराये गये
है।(घ)ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य आवश्यक तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति
उपरांत ही कराये गये है। अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जनशिकायत निवारण विभाग की वेबसाइट पर
दर्ज शिकायतें
69. ( क्र. 1397 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जन
शिकायत निवारण विभाग अंतर्गत विदिशा जिले के कितने आवेदकों द्वारा वेबसाइट पर 01
जनवरी, 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी शिकायतें दर्ज हुई है ?(ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण संबंधित विभागों
द्वारा किया गया है ? वर्तमान में कितनी शिकायतें लंबित हैं ?(ग) प्रश्नांश (ख)
में उल्लेखित शिकायतों का निराकरण विलंब से करने के लिये एवं निराकरण की सूचना
शिकायतकर्ता को नहीं देने के लिये दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की
जावेगी ? लंबित शिकायतों के निराकरण की समय-सीमा बतावें ?
परिवहन मंत्री
( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जन शिकायत निवारण विभाग के अंतर्गत विदिशा जिले
में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 875 शिकायते प्राप्त हुई (ख) प्राप्त शिकायतों में से
कुल 671 शिकायतों का निराकरण संबंधित विभागों द्वारा किया जा चुका है, निराकरण हेतु
204 शिकायते शेष है (ग) प्राप्त शिकायतों का निराकरण समय-समय पर किया जाता है तथा
निराकरण की सुचना आवेदकों को दी जाती है, लंबित शिकायतों के निराकरण की समय-सीमा
बताया जाना संभव नहीं है
पंचायत सचिवों को मिलने वाली अंशदायी
पेंशन योजना
70. ( क्र. 1404 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
पंचायत सचिव अंशदायी पेंशन योजना किस दिनांक को लागू की गई ?(ख) अभी तक इछावर
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षो में कितनी राशि कितने पंचायत सचिवों के
खातें में अंशदायी पेंशन जमा की गई है ? यदि नहीं, तो पंचायत सचिवों को इससे होने
वाली हानि के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है ? क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर
कार्यवाही होगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)म0प्र0शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश
दिनांक 20.07.2013 से पंचायत सचिव के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गयी
हैं।(ख)इछावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षो में किसी भी
पंचायत सचिवों के खातें में अंशदायी पेंशन जमा नहीं की गयी हैं। पंचायत सचिवों के
खातें में अंशदायी पेंशन जमा किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में हैं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
कृषि विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहे
विस्तार कार्यकर्ता
71. ( क्र. 1405 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रदेश में कृषि विभाग के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर विस्तार कार्यकर्ता के
रूप में कितने कार्यकर्ता काम कर रहे हैं ?(ख) क्या प्रदेश में विश्वबैंक योजना
अंतर्गत 1300 कृषक परिवारों पर एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता के अमलें की तैनाती के
मार्गदर्शन को अपनाया जा रहा है ?(ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो कितने कृषक
परिवार पर एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता की नियुक्ति है ?(घ) क्या रिक्त पदों को भरने
की योजना है ? यदि हां, तो विवरण देवें ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)प्रदेश में कृषि विभाग के अंतर्गत ग्रामीण
स्तर पर विस्तार कार्यकर्ता के रूप में 3779 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी काम
कर रहे है।(ख)जी नहीं। प्रदेश में विश्व बैंक योजना वर्ष 1977-78 में प्रारंभ हुई,
जो 31.02.1983 को समाप्त हुई, जिसमें अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं कमांड
सिंचित क्षेत्र में 500 कृषक परिवारों पर तथा शेष क्षेत्रों में 700 कृषक परिवारों
पर एक व्ही.एल.डब्ल्यु. (विलेज लेवल वर्कर) वर्तमान पदनाम ग्रामीण कृषि विस्तार
अधिकारी की तैनाती के मार्गदर्शन का प्रावधान था।(ग)2287 जोत संख्या पर एक
प्रशिक्षित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पदस्थ है।(घ)मध्यप्रदेश व्यावसायिक
परीक्षा मण्डल(व्यापम)के माध्यम से रिक्त पदों को भरने के लिये भरती नियमों में
संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली का
खाद्यान निजी ठेकेदारों से कराया जाना
72. ( क्र. 1432 ) श्री
महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रदाय योजना का कार्य
म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाई को सौंपा गया है ? यदि हां, तो कब से व क्यों ? जबकि
सहकारिता विभाग द्वारा पंजीकृत लीड संस्थाओं के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली
नियंत्रण आदेश 2009 के अंतर्गत लीड कार्य करने का लायसेंस था ? (ख) क्या मंदसौर
जिले में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न निजी
ठेकेदारों से करवाया जा रहा है ? यदि हां, तो क्यों ? खाद्यान्न परिवहन हेतु
अनुज्ञप्ति जारी की गई थी ? यदि हां तो वाहन क्रमांक, मालिक का नाम, ठेकेदार का नाम
व वाहन में जी.पी.एस. सिस्टम लगाया या नहीं विवरण दें ? क्या परिवहन में वही वाहन
उपयोग में लाये जा रहे हैं जो अनुबंध के समय टेण्डर में लिये गये थे ? क्या अन्य
जिलों में भी यही स्थिति है ? (ग) यह भी बताएं कि लीड संस्था से उक्त कार्य ले
लेने के कारण लायसेंसी लीड संस्थाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने व कर्मचारियों के
वेतन हेतु कोई और व्यवस्था करेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) जी हां। जुलाई, 2014 से। शासन की नीति अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के
सुदृढ़ीकरण हेतु इस योजना के क्रियान्वयन का कार्य मध्यप्रदेश स्टेट सिविल
सप्लाईज कार्पोरेशन को दिया गया है। (ख) जी हां। द्वार प्रदाय योजनान्तर्गत
खाद्यान्न परिवहन हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा
खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक के परिवहन हेतु निविदा स्वीकृत की जाकर मंदसौर जिले
में परिवहनकर्ताओं की नियुक्ति की गई थी। कार्पोरेशन को कलेक्टर, मंदसौर द्वारा
अनुज्ञप्ति भी जारी की गई थी। वाहन क्रमांक, वाहन मालिक का नाम, ठेकेदार फर्म का
नाम व जीपीएस सिस्टम की जानकारी का विवरण परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। जी हां,
उन्हीं वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है जो अनुबंध के समय टेण्डर में उल्लेखित
थे। जी हां। (ग) परिवहन संबंधी कार्य हेतु लीड संस्थाओं के पास खुले बाजार में
निविदा में भाग लेने हेतु पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं।
परिशिष्ट
सत्तावन राज्य की कृषि बीमा योजना की रूपरेखा
73. ( क्र. 1447 ) श्री
कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या सरकार राज्य की कृषि बीमा योजना बना रही है ? (ख) यदि हां तो कब तक
योजना बन जायेगी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन )
: (क)विचाराधीन है।(ख)समय सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि
महोत्सव अंतर्गत व्यवस्था पर व्यय
74. ( क्र. 1454 ) श्रीमती
झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कृषि
महोत्सव का शासकीय आयोजन किया गया है ? (ख) क्या कृषि रथ ग्राम में पहुँचने पर
ग्राम में किसानों को एकत्रित करना, सभास्थल पर छाया, पानी, स्पीकर, टेंट,
चाय-नास्ता/भोजन की व्यवस्था करने हेतु शासन द्वारा किसको निर्धारित किया गया था
? (ग) क्या कृषि महोत्सव अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में कृषि क्रांति रथ पहुचने पर
कृषकों को इकट्ठा करने एवं उनके बैठने एवं छाव स्पीकर चाय नास्ता भोजन की
व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा किसी प्रकार से राशि उपलब्ध कराई गई थी यदि हां तो
जनपद पंचायतवार राशि की जानकारी प्रदान करें ? (घ) राशि उपलब्ध कराने का माध्यम
क्या था तथा क्या सभी आयोजनकर्ता निर्धारित एजेंसी को राशि उपलब्ध करा दी गई है
? यदि हां तो राशि का विवरण देवें ? अगर शेष हो तो क्या कारण है कि वर्तमान तक
राशि उपलब्ध नहीं कराई है तथा इसके लिये कौन दोषी है ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हां।(ख)कृषि महोत्सव के आयोजन
हेतु मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र
क्र. बी-6-15/2014/14-2 दिनांक 13 मई 2015 द्वारा जिला कलेक्टर को अधिकृत किया
गया।(ग)जी हां। कृषि महोत्सव 2014-15 हेतु विभाग द्वारा चेक के माध्यम से राशि
उपलब्ध करायी गयी थी तथा कृषि महोत्सव 2015-16 अंतर्गत उक्त व्यवस्थाओं हेतु कोषालय
के माध्यम से ई-पेमेन्ट के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी गयी थी। जनपद पंचायतवार
प्रदाय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।(घ)कृषि महोत्सव 2014-15 अंतर्गत
आयोजनकर्ता निर्धारित एजेन्सियों को चेक के माध्यम से एवं 2015-16 अंतर्गत विभिन्न
व्यवस्थाओं हेतु आयोजनकर्ता निर्धारित एजेन्सियों को ई-पेमेन्ट के माध्यम से राशि
उपलब्ध करायी गयी थी। राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। राशि शेष नहीं
है।
परिशिष्ट
अट्ठावन नवीन उचित मूल्य की दुकान खोली जाना
75. ( क्र. 1455 ) श्रीमती
झूमा सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 में कितनी नवीन उचित मूल्य की
दुकानें प्रस्तावित हैं ? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नवीन
प्रस्तावित दुकान खोलने हेतु क्या आवेदन आमंत्रित किये गये हैं ? हां तो कितने
आवेदन प्राप्त हुए ? (ग) क्या प्राप्त आवेदनों पर विचार कर निर्धारित प्रक्रिया
अनुसार दुकान आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है ? हां तो कौन सी दुकान किसको
आवंटित की गई है ? (घ) क्या दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया वर्तमान तक नहीं हुई है
? इसका क्या कारण है तथा शेष प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर नवीन दुकानों का आवंटन किया
जाएगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भीकनगांव
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 में कुल 62 नवीन उचित मूल्य की दुकानें
प्रस्तावित हैं। (ख) जी हां। विज्ञप्ति प्रकाशन के उपरांत 213 आवेदन पत्र
नवीन दुकान खोलने हेतु प्राप्त हुए हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित
नहीं होता। (घ) माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन होने के कारण दुकान
आवंटन की कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा वर्तमान में नहीं की गई है। दिनांक
23.11.2015 को माननीय उच्च न्यायालय ने प्रकरण का अंतिम निराकरण कर दिया है।
मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में संशोधन पर विचार
उपरांत दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी।
खाद्य
एवं खाद्य वितरण एवं कालाबाजारी की रोकथाम
76. ( क्र. 1459 ) श्री कल
सिंह भाबर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन की
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत झाबुआ जिले की सभी सहकारी संस्थाओं को खाद्यान्न
हितग्राहियों को वितरण करने हेतु उपलब्ध कराया जाता है किन्तु हितग्राहियों को
समय पर पूर्ण खाद्यान्न वितरित नहीं किया जाता है एवं उनके हिस्से का खाद्यान्न
खुलेआम मार्केट में बेचा जाता है ? खाद्यान्न की कालाबाजारी की रोकथाम हेतु शासन
द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ? (ख) प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा किसानों
हेतु खाद सहकारी संस्थाओं को उपलब्ध करवाया जाता है, उक्त खाद पात्र किसानों को
समय पर नहीं मिल पाता है जिसके कारण किसानों को बाजार से ऊँचे दाम पर खरीदना पड़ता
है ? संस्थाओं द्वारा खाद के वाहन सीधे व्यापारियों के गोदामों में खाली किये
जाते हैं ? किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने एवं खाद की कालाबाजारी रोकने हेतु
शासन क्या कार्यवाही कर रहा है ? अगर वितरण किया जाता है तो विगत एक वर्ष में
कितने किसानों को कितनी मात्रा में खाद्य का वितरण किया गया ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ऐसा तथ्य शासन के ध्यान में नहीं आया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य
दुकानों के माध्यम से सभी पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह वितरण हेतु खाद्यान्न,
शक्कर, नमक, केरोसिन उपलब्ध करवाया जाता है, जिसे हितग्राहियों को पात्रता अनुसार
समय पर वितरित किया जाता है। खाद्यान्न की कालाबाजारी की रोकथाम हेतु राजस्व, खाद्य
एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा उचित मूल्य दुकानों का नियमित निरीक्षण
किया जाकर अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसी प्रकार
शिकायत प्राप्त होने पर जांच करवाई जाती है। यदि जांच में अनियमितता पाई जाती है तो
नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। जिले में 46 आदिम जाति
सेवा सहकारी संस्थाओं (सहकारी समितियों) एवं 02 विपणन सहकारी संस्थाओं के माध्यम से
कृषकों को रासायनिक खाद उपलब्ध करवाया जाता है। 46 आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं
के माध्यम से खरीफ 2014 में 18065.80 में. टन 31,733 कृषकों को एवं रबी 2014-15
मौसम में 6720.100 में. टन 17,076 कृषकों का उपलब्ध करवाया गया। जिले में 02 विपणन
सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खरीफ 2014 में 84.950 में. टन 115 कृषकों को एवं रबी
2014-15 में 689.150 में. टन 2,835 कृषकों का उपलब्ध करवाया गया। खाद की कालाबाजारी
को रोकने हेतु वर्ष 2014-15 के दौरान विपणन सहकारी संस्था मेघनगर में खाद की
कालाबजारी की स्थिति पाए जाने पर वैधानिक कार्यवाही (एफ.आई.आर.) करवाई गई, प्रकरण
न्यायालय में विचाराधीन है।
कार्य समय पर नहीं कराये जाने एवं शासन
की राशि का दुरूपयोग करने से उत्पन्न स्थिति
77. ( क्र. 1466 ) श्री आरिफ
अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या पंचायत
राज संचालनालय के द्वारा वर्ष 2012-13, 2013-14 में सीहोर,रायसेन,सागर,विदिशा जिले
में परफार्मेन्स ग्रान्ट, पंचायत भवन निर्माण, मुख्यमंत्री हाट बाजार एवं पंचायत
भवन संधारण हेतु जिलेवार कुल कितनी-कितनी लागत के कार्य स्वीकृत किये गये ? (ख)
आलोच्य अवधि में प्रदेश के जिला सीहोर, विदिशा, रायसेन एवं सागर को उपरोक्त सभी
योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को जारी की गई ? जिलेवार एवं
योजनावार जानकारी दी जावे ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संचालनालय से उपलब्ध
करायी गयी राशि से कितने कार्य मौके पर प्रारम्भ एवं पूर्ण कराये गये, वर्तमान में
कितनी राशि जिला पंचायत एवं संबंधित ऐजेन्सियों पर शेष है तथा कार्यों की स्थिति
क्या है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी संकलित
की जा रही है।(ख) जानकारी संकलित की जा रही है।(ग) जानकारी संकलित की जा रही
है।
सचिवों को अनियमित भुगतान
78. ( क्र. 1467 ) श्री आरिफ
अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के उपरांत भोपाल एवं ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायतों
को समाप्त कर उनकी सीमाओं का संविलियन नगर निगम, नगर पालिका में किया गया है ? यदि
हां, तो कौन-कौन सी तथा किस दिनांक से पंचायतें अस्तित्व में नहीं है ?(ख) क्या
लगभग एक वर्ष पूर्व हुये पंचायत निर्वाचन में जो ग्राम पंचायते समाप्त हो गयी उनके
पंचायत सचिवों का संविलियन नगर निगम, नगर पालिका में अथवा जिले में की रिक्त सचिव
के पद पर पदस्थापना करना थी किन्तु ग्वालियर जिले में बगैर पद के आज तक इन
पंचायत सचिवों को वेतन किस आधार पर भुगतान किया जा रहा है ?(ग) शासन के निर्देशों
का पालन नहीं करने, पंचायतों के सचिवों को बगैर कार्य के शासकीय धन का भुगतान करने
के लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी है क्या उनसे भुगतान की गयी राशि की वसूली की
जावेगी और कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हां।अस्तित्व में नहीं रहीं भोपाल जिले की पंचायतें परिशिष्ट ‘अ‘ एवं ग्वालियर जिले
की पंचायते परिशिष्ट ‘ब‘ पर संलग्न है।(ख)ग्वालियर जिले की नगरीय निकायो में शामिल
ग्राम पंचायतों के सचिवो की नगरी निकाय में संविलियन अथवा रिक्त सचिव पद वाली ग्राम
पंचायत में पदस्थापना करने की कार्यवाही प्रचलन में है।(ग)उत्तर कंडिका ‘ख‘ अनुसार।
शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
परिशिष्ट
उनसठ मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन
79. ( क्र. 1480 ) श्री
महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
गुनौर विधानसभा क्षेत्र 59 के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत
2013-14, 2014-15 में कितने हितग्राहियों को लाभ मिला है ग्राम पंचायतवार संख्या
बतायें ?(ख) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत कितने आवास पूर्ण हो चुके
है एवं कितने अपूर्ण हैं ग्राम पंचायतवार प्रगति बताये एवं किस बैंक द्वारा किस
ग्राम पंचायत को कितना भुगतान किया गया है बैंकवार सूची उपलब्ध करावें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 59,
गुनौर के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में, वर्ष 2013-14 में 612 एवं
2014-15 में 549 इस प्रकार कुल 1161 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। ग्राम पंचायतवार
लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र में, इस मिशन के अंतर्गत 746 आवास पूर्ण
हो चुके हैं एवं 415 आवास अपूर्ण हैं। उक्त क्षेत्रान्तर्गत उक्त वर्षो में, ग्राम
पंचायतवार पूर्ण एवं अपूर्ण आवासों की संख्या की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। इस मिशन में किसी भी बैंक द्वारा, किसी भी ग्राम पंचायत को कोई
भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
साठ गुनौर जनपद निधि द्वारा किये गये निर्माण कार्य एवं जांच
80. ( क्र. 1481 ) श्री
महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत जनपद निधि के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य
स्वीकृत किये गये हैं ? वर्षवार बतावें ? निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति की
जानकारी स्वीकृत राशि एवं स्वीकृति दिनांक सहित उपलब्ध करायें ? (ख) जनपद निधि
में प्रश्न दिनांक तक गुनौर एवं पन्ना जनपद को कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं
आवंटन के विरूद्ध कितना व्यय किय गया ? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें ? (ग) जनपद
निधि के अंतर्गत स्वीकृत किेये जाने वाले निर्माण कार्यों की गाईड लाईन क्या थी ?
क्या जनपद पंचायतों द्वारा योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत
समस्त निर्माण कार्य योजना की गाईड लाईन के अनुरूप स्वीकृत किये गये हैं ? यदि
नहीं, तो इसके लिये दोषी कौन है ? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की
जायेगी ? यदि हां, तो समय सीमा बतावें ? (घ) क्या उक्त योजना से स्वीकृत निर्माण
कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है ? क्या मौके पर अधिकांश निर्माण कार्य
हुये ही नहीं है और कार्य का अंतिम भुगतान कर दिया गया है ? क्या इन सभी कार्यों
का भौतिक सत्यापन कराया जाकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार।(ग)जी हां। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।(घ)जी नहीं। स्वीकृत निर्माण कार्यो की राशि संबंधित एजेंसी
द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र के आधार पर ही जारी की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित
नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना के अंतर्गत
कार्यों की स्वीकृति
81. ( क्र. 1487 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन
जिले के अंतर्गत राशि के, वर्ष 2010 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम
सड़क संपर्क योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन सी
एजेन्सी को स्वीकृत किये गये ? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में कितने कार्य पूर्ण
हुये ? कितने कार्य अपूर्ण हैं एवं किस एजेन्सी के हैं ? कार्य अपूर्ण रहने का
क्या कारण है ? विधानसभावार कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें ? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में वर्ष 2012-13 से प्रश्नांकित
दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत प्रस्ताव दिये गये हैं ?
यदि हां, तो कब-कब दिये गये एवं उन प्रस्तावों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की
है ? कार्यवार विवरण सहित जानकारी दी जावे ? (घ) प्रश्न (ग) के संदर्भ में कितने
प्रस्तावों में कार्यों की स्वीकृति दी गई एवं कितने कार्य स्वीकृति हेतु
प्रस्तावित है, कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी ? यदि स्वीकृति नहीं दी जा सकती
है, तो कार्यवार क्या कारण है ? कार्यवार जानकारी दी जावे ? क्या उन प्रस्तावों
को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित किया जावेगा ? यदि हां, तो कब तक
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
– अ अनुसार
है। (ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
– अ अनुसार
है। (ग)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
– ब अनुसार
है। (घ)उत्तरांश (ग) अंतर्गत प्राप्त मार्गो के प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सडक
योजना/ मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के मापदण्ड अनुसार नही होने से स्वीकृति
प्रदान नही की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र
– ब अनुसार
है।
एकीकृत जल गृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत
वाटरशेड निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में
82. ( क्र. 1488 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन
जिले में विधानसभा क्षेत्रवार वर्ष 2011-12 से प्रश्नांकित दिनांक तक एकीकृत जल
गृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत के
क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये ? कितने पूर्ण कराये गये ? कितने अपूर्ण है ?
अपूर्ण रहने का क्या कारण है ? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में कौन-कौन से निर्माण
कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान सामग्री पर एवं मजदूरी पर तथा अन्य
प्रयोजनों हेतु किया गया ? (ग) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में उक्त परियोजना के
क्रियान्वयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब प्रस्ताव दिेये गये ? उन प्रस्तावों
पर क्या कार्यवाही की गई ? कितनी राशि स्वीकृति की प्रदान की गई ? कितने
प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन हैं ? कब तक स्वीकृतियां प्रदान की जावेगी ?
(घ) एकीकृत जल गृहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत वाटरशेड कार्यक्रमों में
क्षेत्रीय विधायक की क्या भागीदारी होती है ? तद संबंध में क्या क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधियों, विधायक को अवगत कराया जाता है ? यदि हां, तो विधानसभा क्षेत्र
महेश्वर में कब-कब जानकारी, सूचना उपलब्ध कराई गई एवं किन-किन कार्यक्रमों के लिए
अवगत कराया गया ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।(ग)माननीय विधायक द्वारा अक्टूबर 2012 में माननीय मुख्य मंत्री जी को
प्रेषित पत्र के अनुक्रम में जिला पंचायत द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक परियोजना
प्रतिवेदन भारत सरकार को प्रेषित कर महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में रूपएं 509.76 लाख
की परियोजना की स्वीकृति प्राप्त की गई।अन्य कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु राज्य स्तर
पर विचाराधीन नहीं है।अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ)भारत सरकार द्वारा जारी
गाईड लाइन में क्षेत्रीय विधायक की भागीदारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।अतः शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य का भण्डारण
83. ( क्र. 1507 ) श्री मधु
भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बालाघाट जिले के
अंतर्गत पिछले दो वर्षों में उपार्जित धान के परिवहन और भंडारित मात्रा में से
कौन-कौन से राईस मिल द्वारा मिलिंग एवं ट्रासपोर्ट कर गोदाम में कितनी-कितनी मात्रा
का परिदान किया गया ? (ख) क्या उपरोक्त कार्यों के संबंध में कोई अनियमितता,
शिकायत विभाग के संज्ञान में आयी ? यदि हां, तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई ?
(ग) क्या जिला प्रबंधक बालाघाट का संदर्भित पत्र क्रमांक/साविप्रा/2015/458
बालाघाट दिनांक 21.07.2015 तथा मु.का. अधि. जिला पंचायत बालाघाट पत्र क्रमांक
3884/जि.प./ए.डी.एम./2015 के अनुसार एम.मार्का का चावल समूह/शाला प्रबंधन समिति को
वितरित करने के संबंध में निर्देश दिये गये थे ? यदि हां, तो क्या आदेश का पालन
किया गया ? यदि नहीं, तो क्यों ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :
(क) बालाघाट जिले में वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में उपार्जित धान, भंडारित
मात्रा एवं राईस मिलर्स को प्रदाय हेतु परिवहन मात्रा तथा मिलिंग उपरांत गोदाम में
जमा चावल की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘अ’
अनुसार है। वर्ष 2014-15 में उपार्जित धान की मिलिंग का कार्य प्रचलित
है।, (ख) धान खरीदी एवं चावल गुणवत्ता के संबंध में प्राप्त शिकायतें एवं
उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘ब’
अनुसार है।, (ग) जी हॉ। मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत प्रदाय चावल की
निम्न गुणवत्ता के संबंध में कुछ स्थानों से प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य
में अच्छी गुणवत्ता का चावल प्रदाय करने के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत एवं जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन
बालाघाट द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसके तहत मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत
प्रदाय किये जाने वाले अच्छी गुणवत्ता के चावल के बोरे पर ‘एम’ मार्का लगाए जाने
की व्यवस्था की गई थी। प्रदाय चावल की गुणवत्ता के संबंध में मिलर्स पर कडी
कार्यवाही कर चावल की गुणवत्ता में सुधार कराया गया जिसके कारण मध्यान्ह भोजन
योजनांतर्गत प्रदाय किए जाने वाले चावल पर पृथक से ‘एम’ मार्का लगाए जाने की
आवश्यकता प्रतीत नहीं हुई। मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत प्रदाय किए जाने वाले चावल
(एम मार्का) का पृथक से भण्डारण एवं परिवहन में कठिनाई के कारण यह व्यवस्था आगे
जारी नहीं रखी जा सकी है।
शिकायतों की जांच एवं घोटालों पर
कार्यवाही
84. ( क्र. 1515 ) श्री मधु
भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बालाघाट जिले के
अंतर्गत परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित सहकारिता विभाग में क्या कोई
शिकायतें शासन स्तर पर विभागाध्यक्ष स्तर पर एवं जिला स्तर पर प्राप्त हुई है?
यदि हां तो पिछले तीन वर्षो की अवधि में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थी ? (ख) यदि
शिकायतें प्राप्त हुई थीं अथवा अनियमितताएं विभाग के संज्ञान में आने पर क्या
जांच अधिकारी की नियुक्ति की गई ? (ग) क्या विकासखंड परसवाड़ा के अंतर्गत सेवा
सहकारी समिति बघोली में विगत तीन वर्षों से अनियमितताएं एवं लाखों का घोटाला उजागर
हुआ है ? संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां.
विभागाध्यक्ष स्तर पर 01 एवं जिला स्तर पर 34. (ख) जी हां. (ग) जी हां, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है.
परिशिष्ट
इकसठ नरसिंहपुर जिले में बी.पी.एल. कार्डधारकों की संख्या
85. ( क्र. 1521 ) श्री
गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
नरसिंहपुर जिले में बी.पी.एल. कार्डधारकों के अलावा भी गरीब व्यक्तियों को
जिन्हें करोसिन तेल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से नहीं मिलता, इस हेतु शासन की कोई
नीतिगत योजना है, जिसका प्रत्येक गरीब व्यक्ति को लाभ मिल सके ?(ख) बी.पी.एल.
कार्ड की श्रेणी के क्या मापदंड हैं तथा वास्तव में जो गरीब परिवार है, उन्हें
भी इस योजना से जोड़कर लाभ मिल सके ? इस हेतु विभाग की कोई गाईड लाईन है
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (अ) प्रदेश में खाद्य सुरक्षा
अधिनियम के अंतर्गत चिन्हित प्राथमिकता परिवारों (बीपीएल परिवार सहित) की श्रेणी
में 23 गैर-बीपीएल श्रेणी के परिवारों को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत
केरोसीन का वितरण किया जा रहा है।,(ब) नगरीय क्षेत्रों में 522.65 रूपये प्रति
व्यक्ति मासिक आय से कम होने की स्थिति में परिवार को बीपीएल सूची में शामिल होने
की पात्रता आती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 13 अंक (उल्लेखित मानकों में
प्राप्त अंकों के आधार पर) तक प्राप्त करने वाले परिवारों को बीपीएल की पात्रता
आती है। बीपीएल की सूची में नाम सम्मिलित होने के पश्चात उक्त परिवारों को
प्राथमिकता परिवार श्रेणी के अंतर्गत राशनकार्ड/पात्रता पर्ची जारी की जाती है।
प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत विभिन्न 23 गैर-बीपीएल श्रेणी के परिवारों को भी
शामिल कर राशन सामग्री का लाभ दिया जा रहा है।
सिंहस्थ के संबंध
में
86. ( क्र. 1529 ) डॉ. मोहन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिंहस्थ के
दृष्टिगत उज्जैन के आसपास किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि
व्यवस्थाओं के संबंध में आवंटित की गई है ? उनमें कितनी ग्राम पंचायतों में
निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं ?(ख) उज्जैन से लगी हुई कितनी-कितनी ग्राम
पंचायतों में धर्मशाला का निर्माण, बस स्टेण्ड का निर्माण या अन्य किसी प्रकार
का स्थाई या अस्थाई निर्माण किया जाना है ? इस हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों को
राशि आवंटित करा दी गई है ? आवंटित राशि में से कितनी राशि का उपयोग हो चुका है ?
(ग) उज्जैन जिले में वर्षा ऋतु के पानी को रोकने हेतु 01.01.2014 के पश्चात्
विभाग द्वारा कितने-कितने डेम एवं श्रंखलाबद्ध डेम का निर्माण किया जा चुका है,
कितने में पानी भरा है एवं कितने डेम खाली है एवं उक्त डेम के खाली रहने के पीछे
क्या कारण है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)सिंहस्थ 2016 उज्जैन में आयोजित होने के कारण सड़क के
किनारें स्थित ग्राम पंचायतों को स्मार्ट ग्राम रूप में विकसित करने की कार्यवाही
शासन स्तर से प्रचलित है। ग्राम पंचायतों को स्मार्ट रूप देने के लिए राशि के वितरण
की कार्यवाही भी प्रचलन में है।(ख)सड़क किनारे वाली ग्राम
पंचायतों को स्मार्ट रूप देने की कार्यवाही प्रचलन में । शेष प्रश्न उपस्थित नही
होता।(ग)एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन अन्तर्गत दिनांक
01.01.2014 के पश्चात कुल 99 चेकडेम/स्टापडेम का निर्माण किया जा चुका है, चूंकि
माह सितम्बर अन्त में बारिश बंद हो जाने एवं किसानों द्वारा पानी का उपयोग फसल
सिंचाई हेतु करने के कारण लगभग सभी डेम में पानी समाप्त हो चुका
है।
सिंहस्थ के संबंध में
87. ( क्र. 1530 ) डॉ. मोहन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्तीय वर्ष
2015-16 में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा हितग्राहियों को
लाभांवित करने के लिये उज्जैन जिले में कितने शिविर लगाये गये ? (ख) उक्त लगाये
गये शिविरों में कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया तहसीलवार सूची प्रदान करें
? उक्त पंजीकृत हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया शेष
पंजीकृत लोगों को लाभांवित नहीं किया गया कारण सहित जानकारी प्रदान करें ?(ग) क्या
आगामी सिंहस्थ के दृष्टिगत विभाग द्वारा समाज के पिछड़े वर्ग एवं नि:शक्तजन को
घाट पर स्नान करने एवं धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के लिये विशेष कार्ययोजना
बनाई गई है ? यदि हां, तो जानकारी प्रदान करें ? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)वित्तीय
वर्ष 2015-16 में उज्जैन जिले में 22 शिविर आयोजित किये गये।(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट -‘‘अ‘‘ अनुसार है।(ग)आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा
पिछड़े वर्ग एवं निःशक्तजन को घाट पर स्नान करने एवं धार्मिक आयोजनों में भाग
लेने के लिये कलेक्टर जिला उज्जैन से अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/ 1909 दिनांक
30-11-2015 द्वारा विशेष कार्ययोजना/प्रतिवेदन चाहा गया है।कार्ययोजना प्राप्त होने
पर पृथक से प्रेषित की जायेगी।परिशिष्ट
बासठ मनरेगा कर्मचारियों के समयानुसार डी.ए. की पात्रता
88. ( क्र. 1541 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
शासन की नीति अनुसार मनरेगा कर्मचारियों को समयानुसार डी.ए. की पात्रता है ? (ख)
यदि हां, तो क्या वर्तमान में शासन द्वारा 119 प्रतिशत डी.ए. कर्मचारियों को दिया
जा रहा है, जबकि मनरेगा कर्मचारियों को 82 प्रतिशत डी.ए. दिया जा रहा है ? इस
विसंगति के कारण से अवगत करायें । (ग) कब तक मनरेगा कर्मचारियों को समयानुसार डी.ए.
की पात्रता प्रदान की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी नहीं। मनरेगा अंतर्गत नीति अनुसार कर्मचारियों को एकमुश्त पारिश्रमिक
दिए जाने की व्यवस्था है । (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता । (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता ।
दोषी पर कार्यवाही किए जाने बाबत्
89. ( क्र. 1542 ) श्रीमती
शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
सहकारी केंद्रीय बैंक रीवा के महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष को एक माह में भ्रमण में
कितने रूपये का डीजल एवं कितने रूपये नगद व्यय किये जाने का नियम है, तथा वार्षिक
भ्रमण पर कितना व्यय किये जाने का नियम है ? नियम प्रति के साथ जानकारी देवें ?
(ख) प्रश्नांश (क) के बैंक में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक में महाप्रबंधक एवं
अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के द्वारा किस-किस प्रयोजन से कहां-कहां
का भ्रमण कितने किलोमीटर का किया गया है ? टूर डायरी एवं नगर, डीजल पर व्यय राशि
के साथ जानकारी देवें ? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में पात्रता से अधिक
व्यय किया गया है, तो उक्त नियम विरूद्ध व्यय में कौन-कौन दोषी है, उनके विरूद्ध
क्या और कब तक कार्यवाही करेंगे ? पात्रता से अधिक व्यय की गई राशि की क्या
वसूली करेंगे ? यदि हां, तो कब तक ?(घ) क्या प्रश्नांश (क) के बैंक के
कर्मचारियों का स्थानांतरण अध्यक्ष की सहमति से किया जाता है ? यदि हां, तो
रामकृष्ण मिश्र तत्कालीन शाखा प्रबंधक, डभौरा के पदस्थापना में अध्यक्ष की
सहमति थी ? यदि हां, तो क्या वह दोषी है ? तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही
करेंगे ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सहकारी
केन्द्रीय बैंक मर्या., रीवा के महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष को एक माह में तथा वार्षिक
भ्रमण पर डीजल एवं नगद व्यय किये जाने का पृथक से कोई नियम नहीं है, पंजीयक द्वारा
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों हेतु जारी वाहन नियम की कंडिका 15 एवं 16 के अनुसार
एक लाख व इससे अधिक आबादी वाले शहरों में क्रमश: 125/100 लीटर पेट्रोल/डीजल एवं एक
लाख से कम आबादी वाले शहरों या गांवों में क्रमश: 90/75 लीटर पेट्रोल/डीजल प्रति
माह तथा मुख्यालय से बाहर यात्रा करने पर 9 किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से
पेट्रोल/डीजल संबंधित अधिकारी वाहन में भरा सकेंगे. पंजीयक द्वारा जिला सहकारी
केन्द्रीय बैंकों द्वारा जारी वाहन नियम की संबंधित कंडिका की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 02 एवं 03 अनुसार है. महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष द्वारा टूर डायरी कभी
प्रस्तुत नहीं की गई एवं न ही यात्रा देयक का क्लेम प्रस्तुत किया गया, प्रकरण में
जांच आदेशित की गयी है, वाहन पर हुए डीजल व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है. (ग) प्रश्नांश की जांच आदेशित की गयी है. शेष
जांच निष्कर्षाधीन. (घ) जी हां. जी हां. स्थानातंरण की सहमति के संबंध में अध्यक्ष
के दोषी होने अथवा न होने के संबंध में जांच आदेशित की गई है. शेष जांच
निष्कर्षाधीन.
दोषी पर कार्यवाही
90. ( क्र. 1543 ) श्रीमती
शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा
जिले के किन-किन सेवा सहकारी समिति/लीड समिति प्रबंधकों के विरूद्ध गबन, ख्यानत
का प्रकरण जे. आर. रीवा, डी. आर. रीवा के न्यायालय में विचाराधीन है ? दोषी समिति
प्रबंधकों का नाम, पदस्थापना स्थान एवं प्रकरण क्रमांक अंकित कर अधिरोपित राशि
अंकित कर सूची देवें ? (ख) प्रश्नांश (क) की समितियों में किन-किन समिति प्रबंधकों
के विरूद्ध वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में खाद्य कलेक्टर रीवा, कलेक्टर
रीवा, महाप्रबंधक रीवा के द्वारा गबन, खाद्यान्न कालाबाजारी के संबंध में
एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने का आदेश किया गया है ? किन-किन आदेशों का पालन हो गया
है, किन-किन का नहीं ? जिन अदेशों का पालन नहीं हुआ है, उनका पालन कब तक सुनिश्चित
करा दिया जायेगा ? (ग) समिति प्रबंधक लवकुश शुक्ला समिति जवा के पास कुल कितनी
समितियों का प्रभार है, इनकी प्रथम नियुक्ति से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन
समितियों में कब-कब पदस्थापना की गई है ? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के समिति प्रबंधक
की नियुक्ति वर्तमान पदस्थापित समितियों में ही पदस्थापित कर रखा गया तो, ऐसा
क्यों ? क्या इसे अन्यत्र स्थानान्तरित कर इनके वित्तीय अनियमितता की जांच
कराई जायेगी ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01
अनुसार है. (ख) रीवा जिले के सेवा सहकारी समिति, सिरमौर के तत्कालीन लीड समिति
प्रबंधक श्री जगदम्बा प्रसाद मिश्रा एवं सहायक लीड प्रबंधक सिरमौर श्री मदनगोपाल
पाण्डेय के विरूद्ध गबन/ ख्यानत/ कालाबाजारी के प्रकरण में कलेक्टर न्यायालय रीवा
के पारित आदेश के पालन में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आदेश किया गया है तथा सम्बधित
थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गयी है. उक्त संबंध में अन्य कोई आदेश न होने से
शेष प्रश्न उपस्थित नही होता. (ग) श्री लवकुश शुक्ला, पर्यवेक्षक के पास गढ़वा, जवा
एवं नौबस्ता समितियों का प्रभार है. श्री शुक्ला की प्रथम नियुक्ति से प्रश्न
दिनांक तक समितिवार पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02
अनुसार है. (घ) प्रश्नांश "ग" में दर्षित सूची अनुसार श्री लवकुश शुक्ला के प्रभार
की समितियॉ समय-समय पर परिवर्तित हुई है. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा के स्तर
से यह पदस्थी प्रशासकीय व्यवस्था के अंतर्गत की गई है. अनियमितता के संबंध में
शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी. अतः शेष प्रश्न उपस्थित
नही होता.
मंडी कर्मचारियों के स्थानांतरण
91. ( क्र. 1550 ) श्री इन्दर
सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण करने
में मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा शासन की किस स्थानांतरण नीति का पालन किया गया ? (ख)
उज्जैन संभाग की सभी मंडियों में मंडी बोर्ड सेवा के दस वर्ष से अधिक एक ही स्थान
पर पदस्थ रहने वाले कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों का किस-किस मंडी से
अन्यत्र मंडियों में स्थानांतरण किया गया है ? प्रत्येक स्थानांतरित किए गए
कर्मचारियों के नाम व पदनाम सहित संपूर्ण सूची स्थानांतरण के कारण सहित देवें ?
(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दस वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर मंडी बोर्ड सेवा के
पदस्थी वाले शेष कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है
? स्पष्ट करते हुए ऐसे कर्मचारियों की मंडीवार सूची उपलब्ध कराएं
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)प्रदेश
की कृषि उपज मंडी समितियों में पदस्थ राज्य मंडी बोर्ड सेवा के अधिकारी/
कर्मचारियों हेतु साधारणत: म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा दिनांक 07.07.2015
को जारी स्थानांतरण नीति का पालन किया जा रहा है।(ख)कृषि उपज मंडी समितियों में 10
वर्ष से अधिक समय से पदस्थ सहायक उप निरीक्षकों का स्थानांतरण नहीं हुआ है, अपितु
गृह मंडी में 10 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ उज्जैन संभाग अंतर्गत् 26 कर्मियों का
यथासंभव उसी जिले या निकटवर्ती जिले की अन्य मंडियों में स्थानांतरण किया गया है
परंतु ऐसे सहायक उपनिरीक्षकों जिनकी सेवा निवृत्ति अवधि एक वर्ष शेष रही हे, उन्हें
प्रश्नाधीन स्थानांतरण से मुक्त रखा गया है।उज्जैन संभाग की कृषि उपज मंडी समितियों
के स्थानांतरित 25 सहायक उप निरीक्षक तथा 01 उपयंत्री का विवरण संलग्न परिशिष्ट अ
अनुसार है।(ग)सहायक उप निरीक्षक संवंर्ग के स्थानांतरण की संख्या को यथासंभव सीमित
करने के लिये उत्तरांश ख के अनुसार स्थानांतरण किये गये है।उज्जैन संभाग की कृषि
उपज मंडी समितियों में 10 वर्ष से अधिक समय से एक ही मंडी में पदस्थ कर्मचारियों की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट ब अनुसार है।
परिशिष्ट
ितरेसठ मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार योजना
92. ( क्र. 1551 ) श्री इन्दर
सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विधान सभा क्षेत्र कालापीपल . में मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजनांतर्गत सभी
चयनित गांवों में भूमि उपलब्ध हो गई है ? यदि नहीं हुई है, तो क्या उन हाट
बाजारों के ग्रामों को बदलकर अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया गया है ? यदि हां,
तो कहां-कहां पर ? (ख) मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार योजनांतर्गत कालापीपल
विधानसभा क्षेत्र में कितने गांवों का चयन किया गया है ? उसमें से किन-किन गांवों
में 15-15 लाख रूपये एवं किन-किन गांवों में 50-50 लाख रूपयों से हाट बाजार निर्माण
किए जावेंगे ? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजना के ग्रामों का कार्य कब तक
पूर्ण कर लिया जावेगा ? ग्रामवार दिनांकवार सूची देवें ? (घ) प्रश्नांश (ख) में
उल्लेखित योजना में ग्राम पंचायत पानखेड़ी एवं ग्राम पंचायत नांदनी के हाट बाजार
का निर्माण कब तक किया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)विधानसभा सभा क्षेत्र कालापीपल में नांदनी एवं पानखेडी को
छोडकर शेष हाट बाजार कार्यों हेतु भूमि उपलब्ध हो गई है। हाट बाजारों के ग्रामों का
स्थान परिवर्तन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
(ख) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 08 ग्रामों को लागत
राशि रू. 50.00 लाख के एवं 03 ग्रामों को लागत राशि रू. 15.00 लाख के हाट बाजार
कार्यों हेतु चयनित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार।
(ग)जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ‘
अनुसार।
(घ)ग्राम पंचायत पानखेडी नगरीय क्षेत्र में आने
से एवं ग्राम पंचायत नांदनी में पर्याप्त भूमि उपलब्ध न होने से हाट बाजार के कार्य
निरस्त किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
चौंसठ सामाजिक न्याय नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा
प्रदत्त पेंशन योजना
93. ( क्र. 1555 ) श्री
शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परि.
अतारांकित प्रश्न संख्या-56 (क्र.1580) दिनांक 26 फरवरी 2015 (क) के उत्तरांश
में बताया गया है कि सामाजिक न्याय, नि:शक्त जन कल्याण विभाग द्वारा संचालित
पेंशन योजना अंतर्गत वर्तमान में अलग-अलग तरह की पेंशन राशि प्रदत्त की जाती है ?
जिनकी राशि में एकरूपता नहीं है ? क्या शासन अन्य राज्यों के समान एवं वर्तमान
में मंहगाई को दृष्टिगत रखते हुये पेंशन हितग्राहियों के उचित जीवन गुजर बसर पर
विचार करते हुये पेंशन राशि में वृद्धि करने पर विचार करेगा ? (ख) संदर्भित
प्रश्नांश के (ग) के उत्तरांश में बताया है कि सागर नगर में मुख्यमंत्री कन्या
अभिभावक पेंशन योजना के अंतर्गत पात्रता अनुसार हितग्राहियों को लाभांवित किया जा
रहा है तो विगत वर्ष से प्रश्नांश दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कितना लाभ
प्रदत्त किया गया है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हॅा।वर्तमान में पेंशन वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।(ख) जी हॅा। 45
हितग्राहियों को मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना के अंतर्गत लाभांवित किया
जाकर राशि रु 3.15 लाख का व्यय किया गया।
पंच
परमेश्वर योजनाओं की जानकारी बाबत्
94. ( क्र. 1566 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पंच परमेश्वर
योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों के अतिरिक्त किन-किन
कार्यों/मदों/सामग्रियों/व्यवस्थाओं/सेवाओं/कार्यालय उपयोग में कितनी-कितनी राशि
व्यय किये जाने के क्या-क्या प्रावधान है ? क्या उक्त प्रावधानों में राशि
व्यय किये जाने के पूर्व कार्ययोजना तैयार कर, उसका अनुमोदन अनुविभागीय अधिकारी
अथवा अन्य सक्षम अधिकारी से कराया जाना आवश्यक है ? (ख) कटनी जिले की बहोरीबंद
विधान सभा क्षेत्र पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्नांकित अवधि
तक ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई ? उसमें से कितनी-कितनी राशि
निर्माण कार्यों तथा अन्य किन-किन मदों/व्यवस्थाओं आदि हेतु व्यय की गई है ?
ग्राम पंचायतवार, वर्षवार जानकारी देवें ? क्या उक्त राशि के व्यय में योजना के
मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन किया गया है ? यदि नहीं, तो क्यों ? (ग) कटनी जिले
में विगत 2 वर्षों में कतिपय ग्राम पंचायतों में सोलर लाईटों/लैम्पों का नाम, क्रय
किेये गये लाईटों/लैम्पों की संख्या, व्यय राशि, व्यय का मद, स्थापित करने
वाली फर्म का नाम, भुगतानकर्ता अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पद, भुगतान की
स्वीकृति देने वाले अधिकारी का नाम एवं पद, सोलर लाईट, लैम्प स्थापना का दिनांक
तथा स्थल एवं सत्यापनकर्ता का नाम सहित विवरण देवें ? (घ) प्रश्नांश (ग) में
सोलर लाईट/लैम्प में व्यय की मद/योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन किया
जाकर कार्ययोजना अनुसार व्यय किया गया है ? क्या उक्त खरीदी में म.प्र. भण्डार
क्रय नियमों का पालन किया गया है ? यदि नहीं, तो क्यों ? इसके लिये कौन दोषी है ?
क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘अ‘अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट‘ब‘अनुसार। (ग)जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ‘स‘ अनुसार।(घ)जी हां। सोलर लाईट/सोलर लैम्प व्यय की
मद/योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन किया गया है।कार्यालयीन पत्र क्रमांक
8913 दिनांक 23.07.2013 के द्वारा भण्डार क्रय नियमों का पालन करने के निर्देश दिये
गये है।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 182 के संबंध में
95. ( क्र. 1567 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक
27.07.2015 के अता. प्रश्न -5 (क्रमांक 182) के प्रश्नांश (ख) का उत्तर
प्रश्नांश (क) के दैनिक वेतन भोगी उपयंत्रियों के नियमितीकरण की दिनांक की जानकारी
परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) (ब) अनुसार है तथा म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की
धारा 26 के अंतर्गत परिशिष्ट (अ) में उल्लेखित राज्य विपणन सेवा के उपयंत्रियों
को राज्य मंडी बोर्ड सेवा के उपयंत्रियों कों मंडी बोर्ड सेवा में संविलियन न करने
के संबंध में मांग मंडी बोर्ड में प्राप्त नहीं हुई है । शेष का प्रश्न उद्भूत
नहीं होता । तो म.प्र. शासन कृषि विभाग की अधिसूचना दिनांक 20.11.1986 द्वारा
उपयंत्री का पद राज्य विपणन सेवा में शामिल कर लिया था । जब उक्त अधिसूचना से
उपयंत्री का पद राज्य विपणन सेवा में शामिल होने से मंडी समितियों में कार्यरत सभी
दैनिक/नियमित उपयंत्री विपणन सेवा में शामिल हो गए और पूरे के पूरे उपयंत्री मंडी
बोर्ड सेवा में स्वमेव आमेलित हो गए ? (ख) शेष 38 उपयंत्रियों को मंडी बोर्ड सेवा
में शामिल करने के लिए तत्कालीन कटनी विधानसभा के सदस्य ने पत्र क्रमांक 1877
दिनांक 10.07.2011 तथा 16.07.2008 को एवं 7 उपयंत्रियों ने प्रबंध संचालक को
अभ्यावेदन दिया था तथा प्रश्नकर्ता सदस्य ने भी प्रमुख सचिव किसान कल्याण को
पत्र क्रमांक 1199 दिनांक 18.06.2015 लिखा था । (ग) क्या यह सत्य है कि प्रबंध
संचालक मंडी बोर्ड भोपाल ने पत्र क्रमांक/बोर्ड/कार्मिक/ग/179 पार्ट 2439 दिनांक
07.09.2013 से तत्कालीन विधानसभा सदस्य कटनी को सूचित किया है कि 38 उपयंत्रियों
को मंडी बोर्ड सेवा में शामिल करने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है ? (घ.) प्रश्नांश
(ख) (ग) (घ) के परिप्रेक्ष्य में असत्य उत्तर देने की जांच कराकर दोषियों को
दण्डित करते हुए 38 उपयंत्रियों को मंडी बोर्ड में शामिल किया जावेगा ? यदि हां, तो
कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर
चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी नही। म0प्र0 शासन कृषि विभाग की अधिसूचना दिनांक
20.11.1986 द्वारा अनुसूची के कॉलम (1) में उल्लेखित अधिकारियों को उसके (अनुसूची
के) कॉलम 2 की तत्स्थानी प्रविष्टियों में विर्निदिष्ट मंडी समिति के लिये राज्य
विपणन सेवा के सदस्य के रूप में अवधारित किया गया है, जिसमें उपयंत्री भी शामिल
है।म0प्र0 शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के ज्ञाप क्रमांक
एफ-5-9/1/वेआप्र/90 दिनांक 19.01.1990 एवं दिनांक 11.11.1997 आदि के तहत मंडी
समितियों में दिनांक 31.12.1988 के पूर्व से कार्यरत दैनिक वेतन/तदर्थ उपयंत्री
हेतु संबंधित मंडी समिति के लिये समय-समय पर उपयंत्री पद का सृजन करते हुए वर्ष
1995 से 1998 तक की अवधि में मंडी समितियों को इन सेवकों को मंडी समिति में नियमित
किये जाने के निर्देश दिये गये थे जिसके तारतम्य में इन सेवकों का
नियमितीकरण/नियुक्ति मंडी समिति में उपयंत्री के पद पर की गई है। उक्त स्थिति में
वर्तमान में 38 उपयंत्री मंडी समिति के नियमित सेवक है।(ख)जी हॉ।(ग)जी हॉ, इसी
अनुक्रम में प्रशासनिक निर्णय लेते हुए म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश
क्रमांक बोर्ड कार्मिक/ग/179/2444 दिनांक 27.09.2014 के द्वारा 38 उपयंत्री का
नियमितीकरण/नियुक्ति जिस मंडी समिति में हुई थी वहॉ उपयंत्री पद का
सृजन/पुर्नस्थापित इस शर्त के साथ किया गया है कि संबंधित कर्मचारी के सेवानिवृत्त,
दिवंगत या अन्य स्थिति में पद रिक्त् होता है तो वह पद डाइंग केडर होगा।इस
कार्यवाही के विरूद्ध कुछ उपयंत्रियों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में
याचिका क्रमांक 6633/2014(एस) में दायर कर स्थगन प्राप्त किया गया है, जो कि
वर्तमान में न्यायालय अंतर्गत विचाराधीन है।(घ)माह जुलाई 2015 के सत्र में प्रश्न
अतारांकित 182 के भाग-ग में यह पूछा गया था कि उपयंत्रियों को मंडी बोर्ड में
संविलियन न करने के संबंध में किन-किन के द्वारा कार्यवाही किये जाने की मांग कब-कब
की गई तथा इन पर क्या कार्यवाही की गई।इस प्रश्न के अनुसार उत्तर दिया गया था
उपयंत्रियों को मंडी बोर्ड सेवा में संविलियन न करने के संबंध में मांग पत्र मंडी
बोर्ड में प्राप्त नहीं हुए है, जो पूर्णत: सही एवं रिकार्ड पर आधारित है।अत: किसी
के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।वर्तमान में उत्तरांश-"ग"
अनुसार मंडी समिति सेवा के उपयंत्रियों का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर
में याचिका क्रमांक 6633/2014(एस)अंतर्गत विचाराधीन होने से शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
खाद्यान्न पर्चियों में अनियमितता
96. ( क्र. 1575 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में कितने गरीबी रेखा, अति गरीबी रेखा एवं कर्मकार कार्डधारी पंजीकृत हैं ?
विकासखण्डवार बतायें ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न
दिनांक तक विभाग द्वारा छतरपुर विकासखण्ड के शहर के वार्डों एवं किस-किस ग्राम में
कितनी-कितनी खाद्यान्न पर्ची जारी की गई ? (ग) क्या पंजीकृत कार्डधारी एवं जारी
की गई पर्चियों में अंतर है अगर हां तो क्यों ? और किन-किन स्थानों पर बतायें ?
(घ) कर्मकार कार्डधारियों के लिये जारी की गई सूची का क्या विभाग द्वारा सत्यापन
किया गया है कि कर्मकार कार्डधारी क्या वास्तव में कर्मकार हैं ? अगर हां तो कब
और सत्यापन करने वाला अधिकारी कौन है दिनांक सहित बतायें ?
खाद्य मंत्री
( कुँवर विजय शाह ) : (क
( छतरपुर जिले में
अन्त्योदय अन्न योजना, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों एवं मध्यप्रदेश भवन तथा
अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत पंजीकृत परिवारों की जानकारी
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार है।, (ख) 01 जनवरी, 2015 से अक्टूबर, 2015 तक छतरपुर
विकासखण्ड एवं छतरपुर नगर में ग्रामवार एवं वार्डवार जारी पात्रता पर्ची
(ई-राशनकार्ड) की जानकारी
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार है।, (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।, (घ)
पात्र परिवारों के सत्यापन का दायित्व स्थानीय निकाय को दिए जाने के कारण
मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत पंजीकृत परिवारों का
सत्यापन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अमले द्वारा नहीं
किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
पैंसठ सड़कों व पुलियों के निर्माण में मनमानी
97. ( क्र. 1576 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले की छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से
ग्रामों में कितनी नवीन मुख्यमंत्री सड़कों एवं पुलियों के निर्माण की स्वीकृति
दी गई ? गांव का नाम, स्वीकृत राशि व कार्य का प्रकार सहित पृथक-पृथक बतायें ? (ख)
प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कब-कब किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि प्रदान
की गई ? कार्य कब पूर्ण हुये ? (ग) क्या स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं यदि
हां तो उन कार्यों का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा
किया गया ? नाम, पदनाम सहित बतायें ? (घ) क्या स्वीकृत कोई कार्य शेष है अगर
हां तो कहां-कहां ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी
नही। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) जानकारी
संलग्नपरिशिष्ट अनुसार
है।परिशिष्ट
िछयासठ नि:शक्त विकलांगों को उपकरण उपलब्ध कराये जाना
98. ( क्र. 1581 ) श्री महेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
क्षेत्र बीना के एवं विकासखण्ड बीना में नि:शक्त विकलांगों की संख्या कितनी है ?
(ख) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा क्या नि:शक्त विकलांगों को नि:शुल्क उपकरण
उपलब्ध कराने का प्रावधान है अथवा नहीं ? (ग) यदि हां तो वर्ष 2012 से प्रश्न
दिनांक तक सामाजिक न्याय विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र बीना एवं विकासखण्ड बीना
में कितने नि:शक्तजनों को नि:शुल्क उपकरण उपलब्ध कराये है, सूची उपलब्ध कराने
का कष्ट करें ? (घ) यदि नहीं तो कब तक नि:शक्त विकलांगों को नि:शुल्क उपकरण
उपलब्ध करा दिये जावेगें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)पंजीकृत
नि:शक्तों की संख्या 1253 है।(ख)जी हॅा।(ग)310 नि:शक्तजनों को नि:शुल्क उपकरण
उपलब्ध कराये हैं।विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
अनुसार है।(घ)नि:शक्तजनों को नि:शुल्क उपकरण उपलब्ध कराया जाना एक सतत्
प्रक्रिया है।
पदों की जानकारी एवं कर्तव्यहीन अधिकारियों
पर कार्यवाही
99. ( क्र. 1583 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग में
परिवहन उपनिरीक्षक (गैरतकनीकी) के कितने पद स्वीकृत हैं ? तथा कितने पद रिक्त हैं
एवं कितने पदों पर पदस्थापना हैं ? क्या विभाग में लिपिक संवर्ग से गैर तकनीकी
परिवहन उपनिरीक्षक के पदों की पूर्ति हेतु व्यापमं द्वारा 15.02.2015 एवं
23.08.2015 को आयोजित करने हेतु विज्ञापन जारी कर उक्त परीक्षा को स्थगित कर
दिया गया था ? स्थगित करने का कारण स्पष्ट करते हुए बतावें कि पुन: परीक्षा
आयोजित करने हेतु क्या ठोस कार्यवाही की जा रही है ? (ख) क्या वर्ष 2013 में भी
परिवहन विभाग द्वारा उक्त परीक्षा विभागीय स्तर पर आयोजित किया जाना प्रस्तावित
था ? किन कारणों से विभाग द्वारा परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाई गई ? (ग) उक्त
परीक्षा के विलंब के लिये विभाग एवं व्यापमं के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी
जिम्मेदार हैं ? उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों ?
तथा आगामी परीक्षा सम्पन्न कराने की तिथि बतावें ?
परिवहन मंत्री (
श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विभागीय भर्ती नियम, राजपत्र (कार्यपालिक) दिनॉक
06-07-2011 में परिवहन उप निरीक्षक (गैर तकनीकी) के102 पद स्वीकृत है जो वर्तमान
में रिक्त है इन पर किसी की भी पदस्थी नही है । व्यवसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल
द्वारा दिनॉक 15-02-2015 एवं दिनॉक 23-08-2015 लिपिक वर्गीय संवर्ग से परिवहन
उपनिरीक्षक की सीमित विभागीय परीक्षा आयोजित करने हेतु विज्ञप्ति जारी की गई
थी । किन्तु फरवरी 2015 में आयोजित होने वाली परीक्षा में संयुक्त नियंत्रक
(परीक्षा) व्यवसायिक परीक्ष्ाा मण्डल भोपल को दिनॉक 16-01-2015 पत्र भेजकर
अनुरोध किया गया कि वर्ष 2015 के प्रथम 3 माहों में नगरीय निकाय चुनाव,
पंचायत चुनाव होने से कर्मचारियों की डयूटी चुनावी प्रकिया में संलग्न होने के
कारण उन्हें अध्ययन के लिये पर्याप्त समय न मिलने के कारण परीक्षा माह अप्रैल
2015 में आयोजित करने के संबंध में लिखा गया था। माननीय उच्च न्यायालय
जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 12109 श्री ज्ञान प्रकाश विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन
में सुनवाई दिनॉक 24-08-2015 नियम होने से दिनॉक 23-08-2015 को आयोजित होने वाली
परिक्षा को स्थगित किया गया है । परीक्षा आयोजित करने के संबंध में व्यवसायिक
परीक्षा मण्डल से पत्राचार किया गया है । (ख) दिसम्बर 2013 में परिवहन
उपनिरीक्षक के गैर तकनीकी 20 पदों के लिये लिपिक वर्ग संवर्ग परिवहन उपनिरीक्ष्ाक
पद की परीक्षा आयोजन करने के संबंध में सभी मैदानी कार्यालयों को दिनॉक 13-12-2013
द्वारा पत्र जारी कर निर्धारित योग्यता रखने वाले कर्मचारियों से निर्धारित
प्रारूप में परिवहन विभाग की अधिसूचना दिनॉक 10-12-2013 की अधिसूची 5 में की
अधिसूचित स्कीम के तहत दिनॉक 20-12-2013 तक अावेदन आंमत्रित कर दिनॉक 27-12-2013
परीक्षा की तिथि निर्धारित की गई । विभागीय कर्मचारियों द्वारा आयु सीमा में
छूट देने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर खण्डपीठ इन्दौर, ग्वालियर,
16 याचिकाऍ दायर की गई। माननीय न्यायालय द्वारा कुछ प्रकरणाें में अभ्यार्थीयों
को परीक्षा में सम्मलित करते हुये परीक्षा परिणाम घोषित न करने के आदेश जारी
किये गये थे। (ग) परीक्षा आयोजन में विलंब माननीय उच्च न्यायालय में आयु के
संबंध में छुूट देने के संबंधी याचिका दायर होने तथा वर्ष 2015 के प्रारंभिक माहों
में कर्मचारियों को चुनावी प्रक्रिया में संलग्न होने के कारण विलंब्ा हुआ है ।
अगस्त 2015 में शासन के विरूद्ध श्री ज्ञान प्रकाश द्वारा माननीय उच्च न्यायालय
जबलपुर याचिका दायर होने के कारण विलंब हुआ है । परीक्षा आयोजन न होने के लिये
विभागीय एवं व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से संबंधित कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार
नही है । परीक्षा आयोजन के संबंध में शासन एवं व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से
पत्राचार प्रचलन में है । निश्चित समय अवधि बताना संभव नही है
।
टीकमगढ़ जिले की प्राथमिक वन समिति लिथौरा के नाम पर
खाद्यान्न का उठाव
100. ( क्र. 1594 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या रामगढ़ सहकारी समिति में वन समिति लिधौरा का परिक्षेत्र नहीं आता है
फिर भी कंदवा, बल्देवपुरा, मुहारा का खाद्यान्न राशन सामग्री प्राथमिक वन समिति
लिधौरा के नाम उठाव करके आम जनता को राशन नहीं बांटा जाता है ? कंदवा, बल्देवपुरा,
मुहारा का पूरा राशन खुलेआम कालाबाजारी में विक्रय किया जाता है जबकि वन समिति
लिधौरा के अध्यक्ष द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा लिखकर पत्र भी दिया जा
चुका है कि उनकी वन समिति लिधौरा के द्वारा कंदवा, बल्देवपुरा, मुहारा में किसी भी
दुकान को संचालित किये जाने एवं राशन नहीं उठाये जाने का कोई कार्य नहीं हो रहा है,
ऐसी स्थिति में कंदवा, बल्देवपुरा, मुहारा का राशन किसके द्वारा उठाया जा रहा है
? क्या पूर्ण रूप से कालाबाजारी की जा रही है ? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराऐंगे ?
(ख) क्या वन समिति लिधौरा द्वारा इस बात का पत्र अनुविभागीय अधिकारी जतारा को दिया
है कि मेरी वन समिति लिधौरा द्वारा राशन सामग्री का उठाव नहीं कर रही है एवं सेवा
सहकारी समिति रामगढ़ के द्वारा इस आशय का पत्र दिया कि कंदवा, बल्देवपुरा के राशन
सामग्री उठाव हेतु कोई सहमति नहीं दी गई है। आखिर कंदवा, बल्देवपुरा का राशन किसके
द्वारा उठाया जाता है और कौन-कौन हितग्राहियों को बांटा जाता है तथा किस नियम के
तहत उठाव कार्य किया जा रहा ? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएंगे ? (ग) क्या
जांच के दौरान यदि काला बाजारी पाई जाती है एवं रिकार्ड अभिलेख असत्य तो काला
बाजारी करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे ? यदि हां, तो कब तक ? यदि
नहीं, तो कारण स्पष्ट करें ? (घ) क्या वर्ष 2013-14 से 2015 तक का उठाव राशन
संबंधी तारीखवार अभिलेख एवं वितरण सूची सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रामगढ़ सहकारी समिति में
वन समिति लिधौरा के केवल जरूआ ग्राम का क्षेत्र आता है। माननीय उच्च न्यायालय,
जबलपुर में दायर याचिक क्र. 686/2013 एवं 879/2013 में पारित स्थगन आदेश क्रमश:
दिनांक 21.01.2013 एवं 17.01.2013 के परिपालन में प्रश्नांकित दुकानें प्राथमिक
वनोपज सहकारी समिति लिधौरा में संलग्न की गई हैं। आम जनता को राशन का वितरण किया
जा रहा है। जी नहीं, प्रश्नांकित दुकानों से राशन की कालाबाजारी का तथ्य प्रकाश
में नहीं आया है। वन समिति के अध्यक्ष द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को इस आशय का
पत्र नहीं दिया गया है कि उनके द्वारा प्रश्नांकित दुकानों का संचालन नहीं किया जा
रहा है, अपितु उनके द्वारा यह शपथ पत्र दिया गया है कि वे फतेह का खिरक, पैतपुरा,
कछियागुडा, चंदेरा एवं बराना की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को छोडकर अन्य दुकानों
का संचालन करना नहीं चाहते हैं। उक्त शपथ पत्र एवं आवेदन के आधार पर ही अनुविभागीय
अधिकारी, जतारा ने प्रश्नांकित दुकानों को वन समिति से पृथक करते हुए सेवा सहकारी
समितियों को आवंटित किया था, जिसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्र.
686/2013 एवं 879/2013 में पारित स्थगन आदेश क्रमश: दिनांक 21.01.2013 एवं
17.01.2013 के पालन में वन समिति लिधौरा द्वारा प्रश्नांकित उचित मूल्य दुकानों
का संचालन किया जा रहा है एवं राशन सामग्री प्राप्त की जा रही है। जी नहीं।
निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।, (ख) वन
समिति, लिधौरा के अध्यक्ष द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को इस आशय का पत्र नहीं दिया
गया है कि उनके द्वारा प्रश्नांकित दुकानों का संचालन नहीं किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में दुकान-संलग्नता के
संबंध में समितियों से सहमति लेने का प्रावधान नहीं है। कंदवा, बल्देवपुरा सहित
सभी दुकानों पर द्वार प्रदाय योजना के अंतर्गत खाद्यान्न, नमक, शक्कर का प्रदाय
किया जाता है। केरोसीन भी आवंटन अनुसार दुकानों पर पहुंचाया जाता है। अन्त्योदय
एवं प्राथमिकता परिवारों को उक्त राशन सामग्री वितरित की जाती है। उक्त तथ्यों
के प्रकाश में जांच का कोई औचित्य नहीं है।,(ग) जी हां, जांच के दौरान कालाबाजारी
अथवा अनियमितता पाये जाने पर प्रावधानानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। शेष भाग
का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (घ) नियमानुसार रखे जाने वाले अभिलेख उपलब्ध
कराए जा सकेंगे।
प्राप्त आवंटन की जानकारी बाबत्
101. ( क्र. 1606 ) श्री संजय
उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विभाग को आदिवासी उपयोजना मद से विकास हेतु बजट प्राप्त होता है ?(ख) यदि हां, तो
वित्तीय वर्ष 2013-14 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय ग्वालियर
एवं नवीन कृषि महाविद्यालय वारासिनी बालाघाट को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य
हेतु आवंटित की गई थी ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज
बिसेन ) : (क)जी हॉ।(ख)नवीन कृषि महाविद्यालय वारासिवनी बालाघाट को वर्ष
2013-14 में वेतन एवं भत्तों हेतु रूपये 62.50 लाख एवं परिसंपत्तियों निर्मित करने
हेतु रूपये 250.00 लाख राशि आवंटित की गई। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि
विश्वविद्यालय ग्वालियर को वर्ष 2013-14 में आदिवासी उपयोजना मद में निम्नानुसार
राशि आवंटित की गई थी।1.अधोसंरचना पॅूजीगत व्यय हेतु राशि रूपये 110.00
लाख।2.संधारण हेतु (वेतन एवं भत्ते हेतु) राशि रूपये 500.00
लाख।
बालाघाट जिले में विपणन संघ द्वारा धान उपार्जन
102. ( क्र. 1607 ) श्री संजय
उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या बालाघाट
जिले में विपणन संघ द्वारा धान उपार्जन केंद्रों से खरीदी कर भंडारण, मिलिंग एवं
परिवहन का कार्य किया जाता है ? (ख) यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15
तक उर्पाजन केंद्रों से कुल कितनी-कितनी धान की खरीदी की गई मिलर्स को दी गई मात्रा
मिलर्स का नाम, शेष, जिले में कहां-कहां, किस-किस कैप शासकीय/अशासकीय गोदामों में
कितना-कितना भंडारण किया गया, जिले के बाहर कहां-कहां, कितना-कितना भंडारण किया
गया, भंडारण की तिथि प्रारंभ एवं पूर्ण की जानकारी देवें ?(ग) मिलर्स को मिलिंग
हेतु दी गई मात्रा, मिलर्स का नाम जमा किए गए चावल की मात्रा मिलर्सवार जानकारी
बतायें ?(घ) मिलरों द्वारा परिवहन एवं मिलिंब भुगतान एवं शेष मिलवार देवें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां. (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है, वर्ष 2012-13, 2013-14
एवं 2014-15 में धान भण्डारण प्रारंभ एवं पूर्णता की तिथि क्रमशः
31.10.2012-25.03.2013, 28.10.2013-15.02.2014, 03.11.2014 -16.03.2015 है. (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है, वर्ष 2014-15 में
दिनांक 04.12.2015 तक 18,94,544.75 क्विंटल चावल जमा किया गया, भारत सरकार द्वारा
उपार्जित धान की मिलिंग एवं उससे निर्मित चावल जमा करने की समयावधि 31.12.2015
निर्धारित होने से मिलिंग एवं चावल जमा कराने का कार्य प्रक्रियाधीन है. (घ) वर्ष
2012-13 एवं 2013-14 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार
है, वर्ष 2014-15 का मिलिंग एवं परिवहन का बिल दिनांक 04.12.2015 तक विपणन संघ को
प्राप्त न होने से मिलर्स को भुगतान नहीं किया गया.
ग्रामीण
मार्गों के निर्माण हेतु वैकल्पिक व्यवस्था
103. ( क्र. 1639 ) श्री
नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण
सड़क योजनांतर्गत 20 ग्रामीण मार्ग जिनकी आबादी 500 से 700 के मध्य है, सर्वेक्षित
होकर भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय में स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित है
?(ख) यदि हां, तो उक्त ग्रामों में आवागमन की भारी असुविधा है तथा 500 से कम आबादी
के ग्राम मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़ जाने के कारण उपरोक्त मार्गों की
तीव्र मांग ग्रामीण आबादी द्वारा की जा रही है तथा ऐसे सड़कों से वंचित ग्रामीणों
द्वारा निरंतर धरने-प्रदर्शन एवं आंदोलन किये जा रहे हैं ?(ग) उपरोक्तानुसार क्या
उक्त मार्गों के शीघ्र निर्माण हेतु शासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था निर्मित करेगा ?
यदि हां, तो क्या और कब तक ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजनांतर्गत 19 ग्रामीण सड़कों जिनकी आबादी 500 से 700 (वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार)
के मध्य है, के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है। (ख)
उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण नहीं होने से कुछ असुविधाऐं हो सकती है किन्तु
ग्रामीणों द्वारा निरंतर धरने-प्रदर्शन एवं आंदोलन की जानकारी विभाग को नहीं है।
(ग) जी नहीं, वर्तमान में उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण की वैकल्पिक व्यवस्था करने
का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण
104. ( क्र. 1640 ) श्री
नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की
दुकानों की कुल कितनी संख्या निर्धारित है ? नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र सहित
पृथक-पृथक बतावें ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 से
प्रश्न दिनांक तक किस-किस शासकीय उचित मूल्य दुकान पर उपभोक्ताओं के बंटन हेतु
कौन-कौन सी जिन्स कितनी-कितनी मात्रा में आवंटित की गई तथा उपभोक्ता सामग्री का
वस्तुवार ब्यौरा बतावें कि उपभोक्ता को प्रति यूनिट कितनी सामग्री प्रदाय की जा
रही है ?(ग) क्या उचित मूल्य की दुकानों का समय-समय पर निरीक्षण करने हेतु शासन
द्वारा खाद्य विभाग का अमला निर्धारित है ? यदि हां, तो आलोच्य अवधि में उचित
मूल्य की दुकानों का कब-कब और किस-किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया ? क्या
उपरोक्त दुकानों पर खाद्य विभाग के नियम, आवंटन की जानकारी, दुकान खुलने का समय व
दिनांक आदि के संकेतक बोर्ड दुकानों पर पाये गये है तथा राशन कार्डों की मात्रा,
खाद्यान्न पर्ची, आदि के माध्यम से बंटन योग्य सामग्री सही उपभोक्ता तक पहुंच
रही है ? (घ) यदि नहीं तो किस-किस दुकान के विरूद्ध अनियमितता बाबत् कब-कब किस
अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई ? की गई कार्यवाही व उसके परिणामों से अवगत करावें
?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा
क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 14 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 77 उचित
मूल्य की दुकानें संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि-‘अ’
अनुसार है। अन्त्योदय परिवारों को 30 किलोग्राम गेहूं एवं 5 किलोग्राम चावल प्रति
परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न (4
किलोग्राम गेहूं एवं 1 किलोग्राम चावल) प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी
हां। निरीक्षित दुकानों का अधिकारीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि-‘ब’
अनुसार है। जी हां। राशनकार्डों/पात्रता पर्ची पर पात्र परिवारों को उपभोक्ता
सामग्री पहुंचाई जा रही है। (घ) किसी भी दुकान के विरूद्ध अनियमितता नहीं पाई गई।
शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वाहन के मूल दस्तावेज अन्य
व्यक्तियों को दिये जाने बाबत्
105. ( क्र. 1645 ) श्री जितू
पटवारी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या वाहन
के मूल दस्तावेज (पर्टिकुलर) वाहन मालिक के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को दिया जा
सकता है ? नियम बताएं ?(ख) यदि दूसरे व्यक्ति को दिया जा सकता है तो कौन-कौन से
दस्तावेजों की आवश्यकता परिवहन विभाग को होती है ?(ग) नहीं दिया जा सकता है तो
जनवरी 2012 से अब तक भोपाल संभाग के कितने वाहनों के मूल दस्तावेज अन्य
व्यक्तियों को दिये जाने की कितनी शिकायत विभाग के पास आई है और उन पर क्या
कार्यवाही की गई ?(घ) वाहन के मालिक की शिकायत के आधार पर विभाग ने पुलिस में
शिकायत करवाई है क्या ? यदि करवाई है तो जनवरी 2012 से अब तक पुलिस ने कितनों पर
कार्यवाही की है ?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क) जी नही,केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 41(3) के
अनुसार मोटरयान का पंजीयन प्रमाण-पत्र ( Registration Certificate) मोटरयान के
स्वामी काे जारी किया जाता है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1984 के नियम 58 के
अनुसार कोई भी व्यक्ति निययमानुसार फीस अदा कर रजिस्ट्रीकरण्ा की विशिष्टयॉ
प्राप्त कर सकता है । (ख) प्रश्नांश
'क' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी अपेक्षित नही ।(ग)
प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित अवधि जनवरी 2012 के पश्चात् एक शिकायती
प्रतिवेदन ऑरिजनल पर्टीक्यूलर निकालने के संबंध में वाहन क्रमांक एमपी-04/सीई/5193
बावत् आरटीओ भोपाल व थाना प्रभारी एम0 पी0 नगर भोपाल को प्राप्त हुई
थी। आर0टी0 अो0 भोपाल के द्वारा दिनॉक 31-12-2014 को शिकायत आवेदन
थ्ााना प्रभारी एम0पी0 नगर को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा था । थाना
प्रभारी एम0पी0नगर द्वारा जॉच में किसी भी प्रकार का जुर्म
दस्तनदाजी अपराध का घटित होना नही पाया गया का उल्लेख कर पुलिस अधीक्षक काे माह
08/2015 में प्रतिवेदन प्रेषित किया गया, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
'अ' अनुसार है। (घ) आवेदक के द्वारा शिकायत आर0टी0ओ0 भोपाल व थाना एम0पी0
नगर भोपाल को की गई थी, जिस पर थाना प्रभारी ने जॉच उपरान्त किसी
प्रकार का अपराध घटित होना नही पाया
गया।
अम्बाह विधानसभा में APL का खाद्यान
वितरण
106. ( क्र. 1660 ) एडवोकेट
सत्यप्रकाश सखवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जिला मुरैनान्तर्गत सबलगढ तहसील में मार्च,2013 से मार्च,2015 तक कुल कितना APL
खाद्यान का आवंटन प्राप्त हुआ तथा उक्त आवंटित खाद्यान में से किस दुकान से
कितना-कितना खाद्यान APL धारकों को वितरण किया गया, दुकानवाईज, महीनेवाईज जानकारी
दी जावें ? (ख) क्या जितना आवंटन आया, उतना APL धारकों को वितरित न करते हुए कुछ
खाद्यान का बंदरवाट हुआ ? यदि हां तो इसके लिये दोषी कौन है, दोषी पर शासन क्या
कार्यवाही करेगा ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मुरैना
जिले की सबलगढ तहसील को प्रश्नांकित अवधि में मार्च, 2013 से फरवरी, 2014 तक कुल
17286.63 क्विंटल खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया। उक्त आंवटित खाद्यान्न के
विरूद्ध उपभोक्ताओं को वितरित की गई मात्रा की दुकानवार एवं माहवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में मार्च, 2014 से
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन के फलस्वरूप एपीएल योजना के समाप्त होने
से आवंटन जारी नहीं किया गया। (ख) जी नहीं, ऐसा कोई तथ्य शासन के ध्यान में नहीं
आया है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पशुओं के लिए
बनाये गये टीन शेडों में अनियमितताओं की जांच
107. ( क्र. 1661 ) एडवोकेट
सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत पशु शेड हेतु कितनी
धन राशि शासन द्वारा आवंटित की गई थी अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दी
जावे ? प्रति पशु शेड हेतु कितनी राशि व्यय करने का प्रावधान है ?? (ख) अम्बाह
विधानसभान्तर्गत कुल कितने पशु टीन शेड बनकर पूर्ण हो चुके है तथा कितने
निर्माणाधीन है ? (ग) क्या पूर्व से बने हुए पशु टीन शेडों को ही योजना में शामिल
कर शासन को लाखों रूपयों की चपत दी गई है ? यदि हां तो क्या शासन उक्त फर्जीवाडे
की जांच कराकर दोषी को दण्डित करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव
) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यवार राशि आबंटित किये जाने का
प्रावधान नहीं है। अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत मार्च 2014 से
प्रश्न दिनांक तक 1758 पशु शेड हेतु रू. 1450.08 लाख की स्वीकृति की गई
है। प्राक्कलन के आधार पर प्रति पशु शेड हेतु रू. 70500/- व्यय किये जाने का
प्रावधान है। (ख) अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा अंतर्गत 774 कार्य पूर्ण
हो चुके हैं तथा 984 कार्य निर्माणाधीन हैं। (ग) जी नहीं। अम्बाह विधानसभा
क्षेत्र में पूर्व से बने हुये पशु टीन शेडों को मनरेगा योजनांतर्गत शामिल नहीं
किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वकराधान
योजनान्तर्गत आवंटित निर्माण कार्य
108. ( क्र. 1671 ) श्री सचिन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) स्वकराधान
योजना क्या है ? इसे आवंटित करने के क्या नियम एवं मापदण्ड है ? इस
योजनान्तर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले की कसरावद
विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की
गई ? पंचायतवार सूची देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रदत्त राशि से
पंचायतों द्वारा क्या-क्या कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य कराये गये ? इसमें
से कितने पूर्ण एवं कितने किन कारणों से अपूर्ण है ? सूची देवें ?(ग) क्या
स्वकराधान योजनान्तर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में ग्राम पंचायतों
को प्रदत्त राशि के दुरूपयोग की शिकायतें प्राप्त हुई है ? हां, तो उन पर क्या
कार्यवाही की गई ग्राम पंचायतवार सूची दें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार।योजनान्तर्गत खरगौन जिले की विधानसभा कसरावद क्षेत्रान्तर्गत ग्राम
पंचायत बडिया सहेजला को राशि रू. 3.00 लाख एवं ग्राम पंचायत अंदड को राशि रू.3.00
लाख प्रदाय की गई।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार।(ग)जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
पंचायतो में सोलर लैंप, सोलर स्ट्रीट लाईट
109. ( क्र. 1672 ) श्री सचिन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन जिले की
कसरावद विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सोलर लैम्प, सोलर स्ट्रीट
लाइटें लगाने हेतु कितनी-कितनी राशि का प्रावधान कब-कब किया गया विगत 03 वर्ष की
जानकारी ग्राम पंचायतवार बतायें ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कसरावद विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतो में सोलर लैम्प, सोलर स्ट्रीट लाईटे क्रय की गई
है ? हां, तो ग्राम पंचायतवार व्यय की गई राशि मद का नाम सप्लायर का नाम सहित
जानकारी दें ?(ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित ग्राम पंचायतों में कब तक सोलर लैंप,
सोलर स्ट्रीट लाइटें समय पर लगाये जाने का प्रावधान है ? हां, तो बतायें नहीं तो
कारण दें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी नहीं। खरगोन
जिले की ग्राम पंचायतों में सौलर लाईट लेम्प लगाने हेतु कोई राशि का प्रावधान नहीं
किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ख)जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।(ग)प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोगलगांव कालपाट की क्षतिग्रस्त
पुलिया निर्माण के संबंध में
110. ( क्र. 1683 ) श्रीमती
योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या पंधाना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत छैगांवमाखन के
अधिनस्थ ग्राम मोकलगांव कालपाट की क्षतिग्रस्त पुलिया के पुन: निर्माण की
कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है या नहीं ?(ख) यदि हां, तो कितने स्टीमेट राशि की
पुलिया बनाई जायेगी ?(ग) यदि नहीं तो इस की स्वीकृति में इतना विलम्ब क्यों हो
रहा है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
प्रश्न में उल्लेखित कार्य मोकलगांव कालपाट की पुलिया के सुधार का प्राक्कलन तैयार
किया गया है। (ख) कार्य के प्राक्कलन की अनुमानित लागत रू. 14.91 लाख आंकलित है।
(ग) कार्य की स्वीकृति की कार्यवाही विचाराधीन है।
पंधाना
विधान सभा अन्तर्गत गोराडिया कुसुम्बिया मार्ग पर पुलिया निर्माण
111. ( क्र. 1684 ) श्रीमती
योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या विभाग द्वारा गोराडिया कुसुम्बिया मार्ग पर पुलिया निर्माण संबंधित कोई
कार्यवाही की गई है ? यदि हां, तो क्या उसकी स्वीकृति दी जा चुकी है ? एवं किस मद
के अन्तर्गत पुलिया निर्माण का प्रावधान रखा गया है ?(ख) पुलिया निर्माण की
समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव
) : (क)
प्रश्न में उल्लेखित ''गोराडिया कुसुम्बिया मार्ग पर पुलिया निर्माण'' का प्राक्कलन
रूपये 12.16 लाख का तैयार किया जाकर तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्य की
स्वीकृति अभी नहीं हुई है। पुलिया का प्राक्कलन मनरेगा अभिसरण अंतर्गत बनाया गया
है। (ख) उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण
112. ( क्र. 1697 ) श्री अशोक
रोहाणी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला पंचायत
जबलपुर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण
कराने हेतु किस स्तर से कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई ? गाईड लाईन के
अनुसार कितने स्वीकृत/प्रस्तावित शौचालयों में से कितने शौचालयों का निर्माण
कितनी राशि में कराया गया ? योजना की अवधि व लक्ष्य पूर्ति बतलावें ? वर्ष 2014-15
से 2015-16 तक की जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) में योजनान्तर्गत जनपद पंचायत
वार कितनी-कितनी राशि स्वीकृत एवं आवंटित की गई ? कितनी ग्राम पंचायतों में किस
एजेंसी से कितनी राशि में शौचालयों का निर्माण कराया गया ? कितनी ग्राम पंचायतों
में कितने शौचालयों का निर्माण गाईड लाईन व नियमावली के अनुसार कितनी राशि में
कराया गया है, इसकी जांच कब-कब, किसने की है ? (ग) प्रश्नांश (क) में जनपद
पंचायतवार किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने-कितने हितग्राहियों का चयन किस स्तर
पर किया गया ? हितग्राही का अंशदान व अनुदान की कितनी-कितनी राशि है ? गाईड लाईन के
अनुसार कितने हितग्राहियों के खाते में अनुदान की कितनी राशि जमा कराई गई एवं कितनी
राशि ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव के खातों में किसके आदेश से जमा कराई गई एवं
क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत
मिशन के अंतर्गत जबलपुर जिले को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। जिले में पूर्व से
रूपये 822.90 लाख राशि उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र अ अनुसार है। योजना की अवधि 02 अक्टूबर 2019 तक है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
118 ग्राम पंचायतों में राशि रूपये 441.60 लाख से हितग्राही द्वारा स्वयं एवं
ग्राम पंचायतों के द्वारा शौचालयों का निर्माण कराया गया है। शौचालयों की जॉच कार्य
पूर्ण होने पर संबंधित उपयंत्री/ब्लाक समन्वयक द्वारा की गई। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स एवं द अनुसार
है।
अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराना
113. ( क्र. 1708 ) श्री संजय
शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रायसेन जिले
के विकासखण्ड सिलवानी की ग्राम पंचायत सिवनी, सिंगपुर, उमरझिर, खमकुआ, खमैरा,
मुनार, करतोली, खमरिया मानपुर, डुगरियाकलां तथा अमगवां को वर्ष 2010-11 से 20
नवम्बर 15 तक किन-किन योजनाओं में कितनी राशि प्राप्त हुई ? (ख) उक्त राशि से
क्या-क्या कार्य, कहां-कहां करवाये गये ? कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण हुए ?
कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है कार्यवार कारण बतायें ? कब तक कार्य पूर्ण
होगें ? (ग) उक्त कार्यों में कार्य स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगवाये गये ?
उक्त कार्यों का निरीक्षण कब-कब किसने किया ? क्या-क्या अनियमिततायें पाई ? (घ)
उक्त पंचायतों के अपूर्ण कार्य, शाला भवन तथा अपूर्ण शौचालय के कार्य कब तक पूर्ण
होगें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार।(ग)उक्त कार्य स्थलों पर बोर्ड लगाये गये है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के काॅलम नं. 13 एवं 14 अनुसार। किसी भी
प्रकार के कार्य में अनियमितता संबंधित शिकायत नहीं पायी गई।(घ)कोई कार्य अपूर्ण
नहीं है।
अपूर्ण सड़कों का कार्य पूर्ण करना
114. ( क्र. 1709 ) श्री संजय
शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजना, मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में
किन-किन सड़कों का कार्य, कब पूर्ण हुआ तथा उनकी गारंटी अवधि कब तक की है ? (ख)
नवम्बर 15 की स्थिति में किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा
क्यों सड़कवार कारण बतायें ? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा ? (ग) 01 जनवरी 13 से
नवम्बर 15 तक की अवधि में रायसेन जिले में सड़कों की मरम्मत, पटरी की सफाई तथा
पात्रता उपरांत वंचित ग्रामों में सड़क निर्माण के संबंध में मान. मंत्री जी तथा
विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर
क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब
अनुसार है। कार्यो को पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स एवं द अनुसार
है।
हितग्राहीयों को पेंशन का भुगतान
115. ( क्र. 1741 ) डॉ.
योगेन्द्र निर्मल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
वारासिवनी-खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने हितग्राहियों को विधवा पेंशन,
वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन दी जा रही है ? (ख) क्या पेंशन धारियों को
प्रतिमाह उनके खातों में पेंशन जमा करने के निर्देश सामाजिक न्याय विभाग द्वारा
जारी किए गए है ? यदि हां, तो निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें ? (ग) क्या ऐसे
भी पेंशनधारी हैं जिन्हें तीन या इससे अधिक माह से भुगतान नहीं किया गया है ? यदि
हां, तो इसके क्या कारण हैं तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी है ? (घ) इसकी जांच कब तक
पूरी कर उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क)वारासिवनी-खैरलॅाजी
विधान सभा क्षेत्रांतर्गत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 9673,
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 9750 एवं इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना में 367 हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है।(ख)जी
हॅा।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।(ग)जी नहीं।शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ)उत्तरांश-’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित
नहीं होता है।
बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत कार्यरत कर्मचारियों
का संविलियन
116. ( क्र. 1757 ) श्री दिनेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन
द्वारा बी.आर.जी.एफ. योजना दिनांक 1 अप्रैल, 2015 से बंद कर दी गई हैं ? यदि हां,
तो उक्त योजना में संलग्न शासकीय अमले की जानकारी जिलेवार संख्यात्मक रूप से
उपलबध करावें ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) योजना में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की
सेवाएं 1 जुलाई, 2015 से समाप्त कर दी गई हैं ? यदि हां, तो वैकल्पिक तौर पर उक्त
कर्मचारियों की किसी अन्य विभाग में सेवाऍं लेने की योजना है ? यदि हां, तो बतावें
? (ग) क्या उक्त योजनांतर्गत उपयंत्री अमले का प्रधानमंत्री सड़क योजना में
संविलियन किया गया है ? यदि हां, तो शेष कर्मचारियों, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ए.पी.ओ.
आदि को कब और किस विभाग में संविलियन किया जावेगा ? निश्चित समय-सीमा बतावें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ‘ के काॅलम 4 अनुसार।(ख)जी
हां। विभाग में लिये जाने की कार्य प्रचलन में है,अन्य विभागों में लिये जाने
संबंधी योजना नहीं है।(ग)जी हां। चयनित उपयंत्री अमले की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-‘ब‘ अनुसार। विभाग में संविलियन किये जाने की कोई
निर्धारित योजना नहीं है।
होम स्टेट योजनान्तर्गत स्वीकृत
आवास
117. ( क्र. 1758 ) श्री दिनेश
राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सिवनी
जिले की विधानसभा क्षेत्र में होम स्टेट योजनांतर्गत आवास स्वीकृत किए गए हैं ?
यदि हां, तो कितने-कितने हितग्राहियों को ? ग्राम पंचायतवार सूची देवें ?
उपरोक्तानुसार स्वीकृत आवासों में कितने हितग्राहियों को कितनी राशि प्रदाय की जा
चुकी है व कितनी शेष है ? कितने आवास पूर्ण/अपूर्ण हैं ? (ख) प्रश्नांक (क)
अनुसार स्वीकृत आवासों में हितग्राहियों द्वारा प्रथम किशत की राशि से निर्माण
कार्य पूर्ण कराकर मूल्यांकन प्रस्तुत करने के बावजूद भी द्वितीय किश्त की राशि
पिछले 2-3 वर्षों से अभी तक क्यों प्रदाय नहीं की गई है ? कब तक हितग्राहियों को
शेष राशि का भुगतान कर दिया जावेगा ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आवास निर्माण की
द्वितीय किश्त प्रदाय करने हेतु जिला पंचायत सिवनी कार्यालय द्वारा कब-कब,
क्या-क्या प्रयास किये गये हैं ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव )
: (क)सिवनी
जिले की 4 विधानसभा क्षेत्रों के लिए इंदिरा आवास होमस्टेट योजना अन्तर्गत वर्ष
2012-13 के लिए 1063 आवासों का भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुआ, जिसमें 1063 स्वीकृत
आवासों के प्रति हितग्राही 22500 के मान से प्रथम किश्त की राशि 239.17 लाख प्रदाय
की गई है। जिसमें से 562 हितग्राहियोें को द्वितीय किश्त की राशि 126.450 लाख
प्रदाय किया गया। शेष 501 हितग्राहियों को राशि 112.725 लाख द्वितीय किश्त की राशि
प्रदाय किया जाना शेष है। जिसमें से 562 आवास कार्य पूर्ण एवं 501 आवास की राशि
प्राप्त न होने से अपूर्ण है। पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
अ अनुसार है।(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत 1063 आवासों में से 501 आवासों
के द्वितीय किश्त की राशि 112.725 लाख रू. शासन स्तर से राशि प्राप्त नहीं होने के
कारण प्रदाय नही की गई है। शासन से राशि प्राप्त होते ही शेष 501 हितग्राहियो को
द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा।(ग)प्रश्नांश (ख) अनुसार आवास
निर्माण की द्वितीय किश्त प्रदाय करने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक (1) 6373
दिनांक 14.08.2014 (4) 2063 दिनांक 29.12.2014 (5) 2138 दिनांक 28.08.2015 (6) 3468
दिनांक 21.09.2015 (7) 4101 दिनांक 15.10.2015 के तहत् म.प्र. शासन, भोपाल एवं
केन्द्र शासन नई दिल्ली से अनुरोध किया गया है। सुलभ संदर्भ हेतु उपर्युक्त पत्रों
की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार
है।
ई-पंचायत हेतु उपकरणों का क्रय
118. ( क्र. 1773 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जबलपुर
जिला पंचायत एवं कटनी जिला पंचायत की 2013-14 में कितनी ग्राम पंचायतों को ई-ग्राम
पंचायत में सम्मिलित किया गया ? (ख) ई-पंचायत के अंतर्गत किन-किन उपकरणों को ग्राम
पंचायतों में स्थापित किये गये है ? उपकरणों के नाम एवं प्रदाय कंपनी का नाम की
जानकारी उपलब्ध करावें ?(ग) ई-पंचायत के अंतर्गत खरीदे गये उपकरणों के लिये शासन
द्वारा क्या मापदण्ड तय किया गया था ? (घ) ई-पंचायत को सम्मिलित करने के लिए
प्रति ग्राम पंचायत को कितनी राशि का प्रावधान निश्चित किया गया था ? ई-पंचायत के
अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत को उपकरण क्रय करने हेतु किसे अधिकार दिये गये थे ?
(ड.) जबलपुर एवं कटनी जिला पंचायत में ई-पंचायत उपकरण खरीदी में कुल कितनी राशि
शासन द्वारा व्यय की गई ? पृथक-पृथक जिलेवार सूची उपलबध करावें एवं क्रय किये गये
उपकरण का सत्यापन किसके माध्यम से कराया गया ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : जिला पंचायत जबलपुर की 532 ग्राम पंचायतो एवं जिला पंचायत
कटनी की 394 ग्राम पंचायतों को, वर्ष 2013-14 में ई-ग्राम पंचायत में सम्मिलित किया
गया है।(ख) ई-पंचायत के अन्तर्गत कम्प्यूटर
हार्डवेअर सामग्री में डेस्कटाॅप कम्प्यूटर, लेजर प्रिंटर, स्केनर, पावर कंडिशनर
यूनिट, एल.ई.डी. टी.वी., एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाईस, लेन स्वीच, माईक्रोसाॅफ्ट आॅफिस
2013 स्टेण्डर्ड इंडिक MOLP with Media (Non Ecadmic) ग्राम पंचायतों में स्थापित
किए गए है। उक्त सामग्री म.प्र. लघु उद्योग निगम के वेण्डर मेसर्स एसर इण्डिया
प्रा.लि. द्वारा प्रदाय किए गए है।(ग) ई-पंचायत
के अन्तर्गत खरीदे गए उपकरण, भण्डार क्रय नियमों के तहत, शासन द्वारा तकनीकि
मापदण्डों के आधार पर MPLUN, MPSEDC & DCS&D से निविदा आमंत्रित करवाई जाकर
म.प्र. लघु उद्योग निगम के रेट काॅन्ट्रेक्ट के माध्यम से जिलो द्वारा खरीदे
गए।(घ) ई-पंचायत को सम्मिलित करने के लिए प्रति
ग्राम पंचायत को राशि रू. 1,18,572 का प्रावधान निश्चित किया गया था। ई-पंचायत
अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत को उपकरण क्रय करने हेतु एकरूपता के आधार पर शासन
निर्देशानुसार जिलो को अपने स्तर से निर्णय लिए जाने के अधिकार दिए गए
थे।(ड)जिला पंचायत जबलपुर एवं कटनी में ई-पंचायत
हेतु उपकरण खरिदी में क्रमशः कुल राशि रू.5,74,98,500/- एवं राशि रू. 4,25,83,326/-
व्यय की गई। जिलेवार ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘‘अ’’ एवं ‘‘ब’’ अनुसार। क्रय किए उपकरणों का सत्यापन जिले स्तर पर गठित
दल द्वारा करवाया गया है।
जनपद पंचायत कार्यालय मझौली में आग
दुर्घटना की जांच
119. ( क्र. 1775 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
अगस्त 2015 को जनपद पंचायत कार्यालय मझौली जिला जबलपुर में अज्ञात कारणों से आग लग
गई थी ? (ख) यदि हां तो इस अग्नि कॉण्ड के क्या कारण थे एवं इससे किस-किस प्रकार
की कितनी हानि हुई ? आग लगने से किस कार्य से संबंधित कौन-कौन से कागजात, फाईले
एवं रिकार्ड नष्ट हुआ, कुल कितनी संपत्ति का नुकसान हुआ ? (ग) उक्त अग्नि
दुर्घटना की जांच किसके द्वारा की जा रही है एवं अब तक की जांच के क्या निष्कर्ष
है ? (घ) क्या शासन उक्त दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर
कार्यवाही करेगा एवं कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्थित कर दुर्घटनाओं को
रोकने हेतु समुचित कार्यवाही करेगा ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को
रोका जा सके ? यदि हां तो किस प्रकार की ? यदि नहीं तो क्यों नहीं
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी हाॅ। दिनांक
24.08.2015 को कार्यालय जनपद पंचायत मझौली के अभिलेख कक्ष में आग लग गई
थी।(ख)कार्यपालन यंत्री वि़द्युत एवं यांत्रिकी लोक निर्माण विभाग जिला जबलपुर के
जांच प्रतिवेदन के आधार पर विद्युत शाॅट सर्किट के कारण आग लग गई थी। आग लगने से
हुये नुकसान का विवरण परिशिष्ट-‘अ‘ पुस्तकालय में रखे
अनुसार।(ग)अग्नि दुर्घटना की जांच थाना प्रभारी मझौली एवं कार्यपालन
यंत्री विद्युत एवं यांत्रिकी लोक निर्माण विभाग जबलपुर के द्वारा की गई। कार्यपालन
यंत्री विद्युत एवं यांत्रिकी लोक निर्माण विभाग जबलपुर के पत्र क्रमांक 6643
दिनांक 21.09.2015 द्वारा दिनांक 16.09.2015 को जनपद पंचायत मझौली के कम्प्यूटर
कक्ष, स्टोर कक्ष में लगी आग का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण दौरान पाया गया कि
सर्किट वायर्रिंग एवं पाइंट वायरिंग के लिये अलग-अल्रग तारों का प्रयोग किया जाना
था, जो मझौली जनपद में विद्युत वायरिंग के लिये नहीं किया गया। जो कि विद्युत
सुरक्षा के मापदंडो के अनुसार अत्यधिक आवश्यक था। लोड होने एवं लूज कनेक्शन होने के
कारण शाॅट सर्किट हो जाने की वजह से आग लगने की संभावना लग रही है। इस प्रकरण में
प्रथम दृष्टियां निरीक्षण में ऐसा ही प्रतीत होता है। परिशिष्ट-‘ब‘
पुस्तकालय में रखे अनुसार।(घ)अग्नि दुर्घटना की जांच जिला स्तरीय तकनीकी
अधिकारी के द्वारा की जा चुकी है। अन्य जांच आवश्यक नहीं है। भविष्य में ऐसी
दुर्घटना की पुनरावृत्ति रोकने के समुचित उपाय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत
द्वारा किये गये है।
हितग्राही मूलक योजनाओं में अनियमितता पर
कार्यवाही
120. ( क्र. 1800 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या म.प्र. शासन को प्रदेश के 42 जिलों में कृषि एवं हितग्राही मूलक
योजनाओं में की गई गड़बड़ी की शिकायत मिली थी जिसमें रीवा जिला भी शामिल है ? जिस
पर राज्य शासन ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का भौतिक सत्यापन कर की
गई कार्यवाही पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन मांगा था ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो
क्या प्रतिवेदन प्रमुख सचिव कृषि ने संबंधित जिला प्रशासन को भेजने का निर्देश
दिया था ? साथ ही जिला स्तर से ही संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का भी आदेश दिया
था ? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां तो क्या रीवा जिले के कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन
प्रस्तुत किया जा चुका है ? अगर प्रस्तुत किया जा चुका है तो उस पर दोषियों के
विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी ? अगर नहीं की गयी तो क्यों ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हां।जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र अ के अनुसार है।(ख)जी हां।प्रश्नांश(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र अ के अनुसार है।(ग)जी हां। कलेक्टर
जिला रीवा द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला रीवा में संचालित विभिन्न
योजनाओं के हितग्राही मूलक कार्यों की जांच कराई गई। जांच में भौतिक सत्यापन के
दौरान कृषकों को प्रदाय किये गये सभी यंत्र/उपकरण उनके पास पाये गये है एवं किसी
प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
प्रपत्र ब के अनुसार है।
ग्राम पंचायतों द्वारा संधारित की जा रही
पेयजल योजनाएं
121. ( क्र. 1830 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
श्योपुर में कितनी नलजल/स्थल जल/मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं हैं जो लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हस्तांतरित की जाकर ग्राम पंचायतों द्वारा
संधारित की जा रही है ? वर्तमान में इनमें से कितनी चालू है ? कितनी किस कारण कब से
खराब/बंद है ? योजनावार, विकासखण्डवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के
योजनाओं के संधारण हेतु राशि का आवंटन किस मद से किया जाता है ? वर्ष 2014-15 एवं
2015 में प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन इन योजनाओं के संधारण
हेतु किया गया तथा किस-किस योजना के संधारण पर क्या-क्या कार्य कराए जाकर
कितनी-कितनी राशि व्यय की गई ? बंद पड़ी योजनाओ को सुचारू संचालन के लिए अभी तक
क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा उचित देख-रेख एवं
संधारण के अभाव में अधिकांश पेयजल योजनाएं बंद होने से पेयजल का संकट व्याप्त हैं
? यदि हां, तो खराब/बंद पड़ी पेयजल योजनाओं को दुरुस्त कराकर जल प्रदाय प्रारंभ
किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर कलेक्टर श्योपुर एवं अपर मुख्य
सचिव, ग्रामीण विकास विभाग को लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई ? (घ) क्या
शासन प्रश्नांश (क) अनुसार पेयजल योजनाओं की देखरेख एवं संधारण में ग्राम पंचायतों
द्वारा रूचि न लेने के कारण इनके संधारण का दायित्व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
विभाग को सौंपकर आवंटन उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेगा जिससे पेयजल योजनाएं ठीक
ढंग से चल सके ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जिला श्योपुर में कुल 187 नलजल/स्थलजल/मुख्यमंत्री
पेयजल योजना है सभी योजनाये ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित है, योजनाओं का
संचालन/संधारण ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है, इनमें से 165 योजनाये चालू तथा
22 योजनाये विभिन्न कारणों से बंद है। योजनावार विकासखंडवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘क‘ अनुसार।(ख)नलजल योजनाओं के संधारण हेतु
पृथक से कोई आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है। ग्राम पंचायतों द्वारा समय-समय पर इसके
संधारण हेतु पंच-परमेश्वर योजना की 20 प्रतिशत राशि से संधारण काम कराया जाता है,
समय-समय पर बैठकों में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा श्योपुर एवं
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को पेयजल सुचारु संचालन के लिये निर्देशित
किया गया है।(ग)जी नहीं, फिर भी माननीय विधायक जी के पत्रानुसार पेयजल व्यवस्था
सुनिश्चित करने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा श्योपुर एवं
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों के माध्यम से संबंधित ग्राम पंचायतों को
निर्देशित किया गया है।(घ)वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं
है।
फसल बीमा की राशि का निर्धारण
122. ( क्र. 1831 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विगत दो वर्षों में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित मुरैना की प्राथमिक
सहकारी समितियों को दी जाने वाली ब्याज अनुदान की राशि प्रदाय की गई है ? यदि हां,
तो समितिवार, राशिवार एवं शेष दी जाने वाली राशि कितनी-कितनी है और कब तक प्रदाय की
जावेगी ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बैंक द्वारा फसल बीमा कराया जाता है ? यदि हां,
तो बीमा के प्रीमियम एवं दावा राशि का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है ? (ग)
विगत दो वर्षा में विजयपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने किसानों से कितना-कितना
प्रीमियम राशि जमा कराई जाकर फसलों को हुए नुकसान के पश्चात कितनी राशि कितने
कृषकों को प्रदाय की गई ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
जी हां. वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र -1 अनुसार है. संस्थाओं को शेष राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट से उपलब्ध
कराई जा रही है. वर्ष 2015-16 में खरीफ एवं रबी के वितरित ऋण की देय तिथि क्रमशः
दिनांक 28.03.2016 एवं 15.06.2016 होने से ब्याज अनुदान की गणना संभव नहीं है. (ख)
जी हां. अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल हेतु दिये गये फसल ऋण के लिये फसलवार
बीमा प्रीमियम की दरें भारत सरकार द्वारा एवं दावा राशि का निर्धारण बीमा कंपनी
द्वारा योजना के मापदंडों के आधार पर किया जाता है. (ग) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं
2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार
है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्तर्गत खाद्यान्न आवंटन
123. ( क्र. 1844 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए खाद्यान्न आवंटन हेतु प्रदेश में म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन तथा भारतीय खाद्य निगम के कितने एवं कौन-कौन से प्रदाय
केन्द्र हैं ? वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक उनसे की गई वितरण सामग्री का
वर्षवार ब्यौंरा क्या है ? (ख) रतलाम जिले में कितने स्थानों पर सप्लाय
गोदामों से राशन कार्डों का राशन सीधे कालाबाजारी करते हुए पकड़ गया ? विगत तीन
वर्षों का ब्यौरा क्या है ? (ग) क्या सरकार स्टेट सिविल सप्लाय कार्पोरेशन के
गोदामों को वर्तमान में पर्याप्त मानती है ? क्या प्रायवेट गोदामों में
खाद्यान्न स्टॉक करवाया गया है ? यदि हां, तो तीन वर्षों में प्रायवेट गोदामों को
किया भुगतान का जिलेवार ब्यौंरा क्या है ?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय
शाह ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज
कार्पोरेशन के 190 प्रदाय केन्द्र एवं 31 उप प्रदाय केन्द्र हैं। प्रदाय केन्द्र
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। वर्ष 2012 से प्रदाय
केन्द्र से वितरित सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है।,
(ख) प्रश्नांकित जिले में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के
गोदामों से प्रश्नांकित अवधि में राशन की कालाबाजारी का कोई तथ्य प्रकाश में नहीं
आया है।, (ग) प्रश्नांश की जानकारी संकलित की जा रही है।
कृषि उपज
मंडियों एवं उप मंडियों के कार्य
124. ( क्र. 1848 ) श्री
पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) छतरपुर जिले की कृषि उपज मंडियों एवं उप मंडियों में वर्ष 2012-13 से
प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य करवाये गये ? (ख)
प्रश्नांश (क) के आधार पर ऐसी मंडियों एवं उप मंडियों में कार्य कराने हेतु कितनी
लागत की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी ? (ग) प्रश्नांश
(क),(ख) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन अंकित करने पर
कितनी राशि, ठेकेदारो को भुगतान किस दर पर किया गया है ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख)
एवं (ग) के आधार पर बताये कि ऐसे अपूर्ण कार्य संबंधित ठेकेदार पूर्ण करायेगा तो कब
तक और नहीं तो क्यों ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज
बिसेन ) : (क)छतरपुर जिले की कृषि उपज मंडियों एवं उपमंडियों में वर्ष 2012-13
से प्रश्न दिनांक तक म0प्र0 राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अंतर्गत कराये गये निर्माण
कार्यो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार
है, तथा बुंदेलखंड परियोजना के अंतर्गत म0प्र0 राज्य सहकारी विपणन
संघ मर्या0 द्वारा कराये गये निर्माण कार्यो की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।(ख)तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है।(ग)उत्तरांश "ख" के
सह-पठित परिशिष्ट-"अ" में, निर्माण कार्यो के उपयंत्री द्वारा अंकित मूल्यांकन के
परीक्षण उपरांत ठेकेदारों को भुगतान की गई राशि की जानकारी दी गई है तथा
परिशिष्ट-"ब" में, बुंदेलखंड परियोजना के निर्माण कार्यो के नियुक्त कंसल्टेंट
द्वारा अंकित मूल्यांकन के परीक्षण उपरांत ठेकेदारों को भुगतान की गई राशि की
जानकारी दी गई है।(घ)उत्तरांश "क" में संलग्न परिशिष्ट-अ में उल्लेखित 15 निर्माण
कार्यो में से 12 निर्माण कार्य पूर्ण तथा 01 निर्माण कार्य निविदा स्तर पर
कार्यवाही में है एवं 02 निर्माण कार्य निर्माणाधीन है तथा परिशिष्ट-ब के सभी
निर्माण कार्य पूर्ण होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।
कृषकों की ऋण राशि की माफी
125. ( क्र. 1849 ) श्री
पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले के ऐसे कितने किसान हैं जिन्हें जनवरी 2010 से
प्रश्न दिनांक तक सेवा सहकारी समिति मर्यादित शाखाओं के माध्यम से कितना कृषि ऋण
दिया गया था ? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर इन कृषकों को किस-किस प्रयोजनार्थ ऋण
दिया गया था ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर ऐसे कृषकों के ऋण को राशि
भारत सरकार या प्रदेश सरकार द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी, राशि का ऋण माफ कर दिया गया
है ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर कृषकों के ऋण माफ होते समय वहां
कौन-कौन समिति प्रबंधक थे स्पष्ट करें, शेष कृषकों के ऋण माफ होगें तो कब तक और
नहीं तो क्यों ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष
2010 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक
कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा 4,24,468 सदस्यों को राशि रूपये 1079.49 करोड़ एवं
टीकमगढ़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं
द्वारा 2,38,147 सदस्यों को राशि रूपये 285.46 करोड़ का कृषि ऋण दिया गया है. (ख)
फसल हेतु अल्पावधि कृषि ऋण. (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ में वितरित ऋण माफ नहीं किया गया
है. (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता.
बी.आर.जी.एफ. योजना
126. ( क्र. 1850 ) श्री
सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रदेश में बी.आर.जी.एफ. योजना में विभिन्न पदों पर कितने कर्मचारी/अधिकारी
कार्यरत थे ?(ख) योजना बन्द होने से उन कर्मचारियों/अधिकारियों को शासन के किसी
अन्य विभाग में मर्ज किया है ? यदि हां, तो कितने और किस विभाग में ?(ग)
प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं तो उनके भविष्य के लिए शासन की
क्या योजना है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार।(ख)जी
हाॅ। चयनित कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘ब‘अनुसार।(ग)ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत योजनाओं में लिये जाने की कोई
निर्धारित योजना नहीं है।
सामान्य सभा की बैठक में पारित प्रस्ताव
127. ( क्र. 1858 ) श्री
सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत निसरपुर एवं कुक्षी में सामान्य
सभा की कितनी बैठकें अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित हुई ?(ख) प्रश्नांश
(क) के परिप्रेक्ष्य में आयोजित बैठकों में कितने प्रस्ताव पारित हुए ?(ग)
प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पारित प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही हुई
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)प्रश्नावधि में जनपद पंचायत निसरपुर में 05 तथा जनपद
पंचायत कुक्षी में 05 बैठकें सामान्य सभा की आयोजित हुई।(ख)जनपद
पंचायत निसरपुर में 35 तथा जनपद पंचायत कुक्षी में 21 प्रस्ताव पारित
हुए।(ग)पारित प्रस्तावों पर कार्यवाही करने के लिए संबंधित
विभागों को निर्देशित किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना
128. ( क्र. 1859 ) श्री
सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या दिनांक 26.06.2015 को कुक्षी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत डही में
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ था ? यदि हां, तो
कितने जोड़े शामिल हुए थे ?(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जोड़ो को
क्या-क्या सामग्री, कितनी राशि की एफ.डी.आर. एवं बैंक खाते में कितनी राशि जमा की
गई ? (ग) क्या एफ.डी.आर. एवं बैंक में जमा होने वाली राशि का भुगतान नहीं होने की
शिकायत प्राप्त हुई है ? यदि हां, तो कब तक भुगतान हो जाएगा ?(घ) प्रश्नांश (ख)
के परिप्रेक्ष्य में क्या वितरण की गई सामग्री क्रय हेतु निविदा की विज्ञप्ति
जारी की गई थी ? यदि हां, तो किस दिनांक को एवं कितने फर्मों द्वारा निविदा जमा की
गई थी ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)जी
हॅा, 847 जोड़े शामिल हुये थे।(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है।शासन
द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुसार प्रत्येक जोड़े को राशि रु. 10,000/- की एफ.डी.
एवं रू.7000/- उनके बैंक खाते में जमा करायी गई।(ग) जी हॅा।शिकायतकर्ताओं को राशि
का भुगतान शासन नियमानुसार निकायवार किया जा चुका है।(घ) जी हॉ। म.प्र. शासन,
सामाजिक न्याय विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ 3/14/2013/26-2 दिनांक 26/06/2013 के
संशोधन नियम के पैरा-17 में वर्णित समिति के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार
अनुमोदित दरों के अनुपालन में जिला स्तरीय समिति गठित की गई थी।उक्त के परिपालन
में नगर परिषद माण्डव के पत्र दिनांक 24/04/2015 के द्वारा सामग्री क्रय हेतु
निविदा आमंत्रित की गई थी,जिसमें दो फर्मों के द्वारा निविदायें जमा की गई
थी।परिशिष्ट
सड़सठ लोक सेवा केन्द्र द्वारा प्रदायित
सेवाएं
129. ( क्र. 1866 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) धार जिले में
लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जिले में कितनी सेवाएं लोक सेवा केन्द्रों के
द्वारा दी जा रही है ? उन सेवाओं की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति बताएं ?(ख)
क्या प्रश्न दिनांक तक जाति के विशेष अभियान का लक्ष्य अपूर्ण है ? कितना
लक्ष्य था और कब तक पूरा किया जायेगा और शासन द्वारा जाति विशेष अभियान को पूर्ण
करने की समय-सीमा, कब-कब बढ़ाई गई ?(ग) धार जिले में संचालित सभी लोक सेवा
केन्द्रों में जाति विशेष अभियान में प्रश्न दिनांक तक ऑनलाइन किये गये जाति के
फार्म का भुगतान कितना बाकी है ? ब्लाकवार संचालित लोक सेवा केन्द्रों में शेष
भुगतान की राशि की जानकारी दें तथा शेष राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) धार जिले में
वर्तमान में 72 सेवाएं ऑनलाईन प्रदान की जा रहीं हैं। प्रश्न दिनांक तक
अद्यतन स्थिति में कुल 1052729 आवेदन प्राप्त
हुए सेवावार जानकारी परिशिष्ट '' अ
'' अनुसार। (ख) विशेष
जाति अभियान अंतर्गत वर्ष 2014–15 में प्रवेशित
आरक्षित छात्र / छात्राओं के लिए 420998 का लक्ष्य निर्धारित था। आज दिनांक तक
415022 आवेदन दर्ज किए जा चुके हैं। शेष 1.5 प्रतिशत आवेदन जो प्राप्त किए जाना
हैं। उनमें कार्यवाही प्रचलन में है। जो शीघ्र पूर्ण की जावेगी।
(ग) धार जिला अंतर्गत संचालित सभी लोक सेवा केन्द्रों पर
जाति विशेष अभियान में प्रश्न दिनांक तक ऑनलाईन किए गए जाति के कुल रूपये 12022660
का भुगतान शेष है। ब्लाकवार जानकारी परिशिष्ट '' ब '' अनुसार संलग्न है। शेष
राशि के भुगतान हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।परिशिष्ट
अड़सठ स्रोत पर वेट की कटौती
130. ( क्र. 1877 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या वाणिज्यक कर अधिकारी, वृत सागर के द्वारा मध्यप्रदेश वाणिज्यक कर विभाग
मंत्रालय भोपाल के पत्र दिनांक 12.05.2015 का हवाला देते हुये मुख्य कार्यपालन
अधिकारी जिला पंचायत सागर को ठेकेदारों/सप्लायर्स वेट की स्रोतो पर कटौती किये
जाने हेतु दिनांक 17.6.2015 को एक पत्र लिखा गया था ?(ख) यदि हां, तो क्या पत्र
में दिये गये निर्देशों के परिपालन में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले के
जनपद पंचायतों में सामग्री की खरीद फरोख्त में नियमानुसार स्रोत पर कटोती की गयी
है ? यदि नहीं तो क्यों ?(ग) यदि हां, तो दिनांक 1.4.2015 से ठेकेदारों एवं
सप्लायर्स द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत प्रदाय की गयी निर्माण सामग्री
आदि के भुगतान पर वेट टैक्स की कटोती कितनी-कितनी की गयी है ? 1.4.2015 से
31.10.2015 तक जिला पंचायत में रजिस्टर्ड फर्म का नाम,टिन नम्बर,सामग्री का
नाम,क्रय की गयी मात्रा कुल भुगतान की गयी राशि एवं कितना कितना वेट टैक्स काटा
गया है कि जानकारी देवें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क) जी हॉं। (ख) स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले की जनपद पंचायतों
द्वारा सामग्री की खरीद फरोख्त नहीं की जाती है। अत: स्त्रोत पर कटौती का प्रश्न
नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश ख के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
पत्रों पर कार्यवाही
131. ( क्र. 1878 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सागर द्वारा पत्र दिनांक 26.3.2015 को कलेक्टर
सागर को विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
अंतर्गत निर्मित रोड की मरम्मत किये बिना भुगतान किये जाने बाबत पत्र लिखा गया था
? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 23 मार्च 2015 को आयुक्त सागर संभाग, सागर को
प्रधानमंत्री सड़क योजना के हस्तांतरण बाबत् एक पत्र लिखा था ? (ग) यदि हां, तो
कलेक्टर सागर एवं कमिश्नर सागर ने प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित पत्रों में
दर्शित तथ्यों के आधार पर प्रकरण में कार्यवाही की जानकारी से प्रश्नकर्ता को
सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा दिये गये निर्देशानुसार अब तक क्यों अवगत नहीं
कराया गया है ? कब तक की गयी कार्यवाही से अवगत करा दिया जावेगा ?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। (ग) प्रश्नांश (क) और
(ख) में वर्णित पत्रों में दर्शित तथ्यों की जांच हेतु कलेक्टर सागर के निर्देश पर
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर ने पत्र क्रमांक 7424 दिनांक 03.06.2015
द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सागर, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा संभाग सागर एवं महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण इकाई
क्रमांक 02 सागर की समिति बनाकर जैसी नगर से तोडातरफदार सड़क की जांच किये जाने के
आदेश दिये गये। चूंकि समिति से जांच प्रतिवेदन दिनांक 04.12.2015 को प्राप्त हुआ है
अतः विधायक महोदया को पूर्व में अवगत नहीं कराया जा सका है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन
के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाकर माननीया विधायक महोदय को अवगत कराया गया।
विधान सभा क्षेत्र करैरा
अन्तर्गत कैटल शेडो का निर्माण
132. ( क्र. 1893 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अतारांकित प्रश्न संख्या 149 (क्रमांक 2590) दिनांक 27 जुलाई 2015 के उत्तर (घ)
में बताया गया था कि जिला शिवपुरी की जनपद पंचायत नरवर व करैरा के कुल स्वीकृत 276
कैटल शैडों में से 56 पूर्ण, 210 अपूर्ण एवं 10 अप्रारम्भ हैं, मनरेगा
योजनान्तर्गत कार्यों का अपूर्ण अप्रारम्भ रहना जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा
कार्य की मांग पर निर्भर है ?(ख) 210 अपूर्ण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है ?
इनमें से कितना-कितना कार्य किस-किस प्रकार का शेष है ? किस-किस कार्य में
कितनी-कितनी राशि का व्यय हुआ है ? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें ?(ग) शेष 10
अप्रारम्भ कार्य होने के क्या कारण है ? इसके लिये कौन उत्तरदायी है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग)
हितग्राहियों द्वारा पूर्व में निर्धारित स्थल पर कार्य नहीं कराये जाने के कारण
कार्य प्रारम्भ नहीं किये जा सके। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह, मुरैना को विभिन्न मदों
से प्राप्त राशि
133. ( क्र. 1910 ) श्री बलवीर
सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) मुरैना जिले की कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह, मुरैना से म.प्र. शासन को
वर्ष 2012-13 से 2015-16 (अक्टूबर 2015) तक विभिन्न करों आदि से कितना राजस्व
प्राप्त हुआ ? वर्षवार जानकारी दी जावे ?(ख) प्रश्नाधीन अवधि में कृषक हित में
शासन द्वारा मण्डी निधि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये ? (ग) किसान सड़क
निधि अंतर्गत कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह, मुरैना में वर्ष 2013-14, से अक्टूबर
2015 तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुये जानकारी वर्षवार, कार्यवार, लागत राशि,
निविदा सूचना की प्रति आदि सहित दी जावे व कार्यों की भौतिक स्थिति से भी अवगत
करावें ? यह जानकारी भी मण्डी अम्बाह, मुरैना की अलग-अलग दी जावे
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)वर्ष
2012-13 से 2015-16 (माह अक्टूबर 2015) तक की अवधि में विभिन्न मदों से कृषि उपज
मंडी समिति अम्बाह को राशि रू0 3,80,74,874/-कृषि उपज मंडी समिति मुरैना को राशि
रू0 12,70,98,878/- राजस्व की प्राप्ती हुई।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्टि के
प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह एवं मुरैना में प्रश्नाधीन अवधि
में मंडी निधि से निर्माण कार्य स्वीकृत नही किये गये।(ग)कृषि उपज मंडी समिति
अम्बाह एवं मुरैना में वर्ष 2013-14 से अक्टूबर 15 तक किसान सड़क निधि मद से
निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किये गये। कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह एवं मुरैना में
अन्य निधियों से स्वीकृत निर्माण कार्यो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना का क्रियान्वयन
134. ( क्र. 1911 ) श्री बलवीर
सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मुख्य मंत्री सड़क योजनान्तर्गत म.प्र. शासन द्वारा योजना क्रियान्वयन हेतु
क्या नीति निर्मित की है ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2013-14 से
2015-16 तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन बजट में प्रावधान होकर आवंटित की गई, वर्षवार
बतावें ?(ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित राशि में से जिला मुरैना को कितनी राशि
आवंटित की गयी वर्षवार बतावें व विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी अथवा जनपद पंचायत
मुरैना, अम्बाह को कितनी राशि दी जाकर कहां-कहां रोड निर्माण हुये व कार्यों की
अद्यतन स्थिति क्या है ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) :
(क)मध्यप्रदेश
शासन द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के लाभ से वंचित राजस्व ग्रामों को
कोरनेटवर्क के अनुसार ग्रेवल मार्ग से एकल सम्पर्कता प्रदान करने की नीति निर्मित
है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र
- अ अनुसार
है। (ग) जिला मुरैना को वर्ष 2014-15 में राशि रू 136.30 लाख एवं वर्ष 2015-16 में
राशि रू. 198.80 लाख राज्य शासन से आवंटित की गई । शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र
- ब अनुसार
है।परिशिष्ट
उनहत्तर बलराम तालाब योजना के तहत अनुदान
135. ( क्र. 1941 ) श्री बाला
बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
बड़वानी जिले में 01.1.11 से 01.11.15 तक कितने कृषकों को बलराम तालाब योजना के तहत
कितना अनुदान दिया गया ? अनुदान राशि सहित वर्षवार जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार
?(ख) उपरोक्त योजना से अनुदान प्राप्त हितग्राहियों ने कितना ऋण बैंकों से लिया
है ? इसकी जानकारी (क) अनुसार देवें ?(ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समयावधि में क्या
स्वीकृत तालाबों का भौतिक सत्यापन किया गया ? यदि हां, तो विवरण देवें
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)बड़वानी
जिलें में 01.1.11 से 01.11.15 तक बलराम तालाब योजना के तहत विधानसभा क्षेत्रवार,
वर्षवार, हितग्राहियों, को दिये गये अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है।(ख)बैंक से लिये गये ऋण की जानकारी निरंक है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ग) प्रश्नांश(क)
अनुसार समयावधि में उपसंचालक कृषि बड़वानी सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी बड़वानी एवं
सेंधवा द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र दो अनुसार है।
स्वच्छ भारत अभियान अन्तर्गत स्वीकृत
राशि
136. ( क्र. 1942 ) श्री बाला
बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रधानमंत्री
के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत म.प्र. को कुल कितनी धनराशि स्वीकृत हुई,
कितनी आवंटित हुई, कितनी व्यय की गई ? दिनांक 01.11.2015 तक जिलावार बतावें ?(ख)
प्राप्त धनराशि का उपयोग किन-किन कार्यों के लिये किया गया है, कार्यवार, मदवार
बतावें ?(ग) क्या उक्त मद से ग्रामीण अंचलों की शिक्षण संस्थाओं में शौचालयों के
निर्माण हेतु कल कितनी राशि व्यय की गई तथा कितने नये शौचालयों का निर्माण किया
गया ? जिलावार एवं संस्थावार जानकारी देवें ?(घ) क्या उक्त मद से पुराने
शौचालयों के पुनर्उद्धार के लिये भी राशि व्यय की गई है, यदि हां, तो कितनी ?
जिलावार बतावें ? इसका आदेश/नियम की छायाप्रति भी देवें ।
पंचायत मंत्री
( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत
म0प्र0 को स्वीकृत राशि रूपये 139000.00 लाख के विरूद्ध राशि आवंटित नहीं हुई।
पूर्व में उपलब्ध राशि से व्यय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ग) उक्त मद से
ग्रामीणों अंचलों की शिक्षण संस्थाओं में शौचालय के निर्माण हेतु राशि व्यय नहीं
की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
137. ( क्र. 1945 ) श्री
बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महिदपुर वि.स. क्षेत्र के नागदा से हिड़ी मार्ग व्हाया बनबना, बोरखेड़ा पित्रामन
मार्ग की स्वीकृति दिनांक, लागत, कार्य पूर्णता दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायें
?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी रत्नाखेड़ी से झांझाखेड़ी रोड के संदर्भ में
भी देवें ? प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ये दोनों मार्ग कब तक पूर्ण होंगे ?
(ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार गुणवत्ताहीन कार्य व मापदण्डों का पालन न करने
वाले संबंधित ठेकेदार एवं इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक
कार्यवाही करेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के नागदा से हिडी मार्ग व्हाया बनबना, बोरखेडा पित्रामन
मार्ग, तीन भागों में स्वीकृत हुआ है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) रत्नाखेडी से झांझाखेडी रोड का निर्माण
नहीं किया गया है। अपितु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत नागदा बेरछा रोड से
झांझाखेडी सड़क निर्माण कार्य किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित
सड़कों का निर्माण कार्य गुणवत्तानुसार एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराया गया
है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिलीप ट्रेडिंग कं. महिदपुर के
विरूद्ध कार्यवाही
138. ( क्र. 1946 ) श्री
बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) दिलीप ट्रेडिंग कंपनी महिदपुर के विरूद्ध 6,61,685/- एवं 6,21,958/- जारी
नोटिस पर क्या कार्यवाही की गई ? (ख) उपरोक्त राशि कब तक वसूल की जावेगी ? (ग) इस
प्रकरण में पुलिस कार्यवाही कब तक की जावेगी ?
किसान कल्याण मंत्री (
श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ। राशि जमा कराई गई है।(ख)शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता।(ग)उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं
होता।
मुख्यमंत्री आवास एवं इंदिरा आवास योजना
139. ( क्र. 1956 ) श्री
चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या मुलताई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री आवास योजना एवं इंद्रिरा आवास
योजना के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में क्रमश: 2100 एवं 1020 आवास स्वीकृत किये गये
है एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 859 एवं इंद्रिरा आवास योजना में
565 आवास पूर्ण है ? शेष क्रमश: 1241 एवं 455 कब तक पूर्ण कर लिये जावेगे ?(ख)
सहायक विकास विस्तार अधिकारी एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी द्वारा संबंधित ग्रामों
का कब-कब भ्रमण किया गया ? दैनंदिनी के अनुसार दिनांकों की संख्या माह वार बतावें
एवं क्या निरीक्षण पंजी के अनुसार निर्माणाधीन मुख्यमंत्री आवास योजना एवं इंदिरा
आवास योजना के भौतिक सत्यापन के समय संबंधित हितग्राही से सामग्री परीक्षण
रिपोर्ट प्राप्त किए बिना आगामी किस्त हेतु अनुशंसा की गई है ? (ग) यदि
प्रश्नांश (ख) अनुसार अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बिना सामाग्री परीक्षण रिपोर्ट
प्राप्त किये भौतिक सत्यापन कर हितग्राहियों को अनुचित लाभ दिया गया है तो ऐसे
अधिकारी/कर्मचारी पर शासन द्वारा गुणवत्ता-विहीन कार्य में सहायक होने के कारण
क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तुत की गई है ?(घ) क्या मुख्यमंत्री ग्रामीण
आवास मिशन में विगत 2 वर्षों में 859 आवास पूर्ण हैं एवं उक्त सभी पूर्ण कार्यों
में योजना के तहत प्रावधानित शौचालय का निर्माण किया गया है ? क्या सत्यापनकर्ता
अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा अवलोकन किया गया है
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां। मुख्यमंत्री
ग्रामीण आवास मिशन एवं इंदिरा आवास योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि के वर्तमान में
शेष अपूर्ण क्रमशः 743 एवं 253 आवासों का निर्माण, हितग्राहियों द्वारा स्वंय किया
जा रहा है। अतः उनके पूर्णता का दिनांक अभी बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सहायक
विकास विस्तार अधिकारी एवं पंचायत समन्वय अधिकारी द्वारा संबंधित ग्रामों के किये
गये, भ्रमण की, दैनंदिनी के अनुसार, दिनांकों की संख्या की माहवार
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन एवं इंदिरा
आवास योजना में हितग्राही से निर्माण सामग्री की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने का
प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित
नहीं होता है। (घ) जी हां।
परिशिष्ट
सत्तर 13 वे वित्त आयोग परफॉरमेंस मद से स्वीकृत कार्य
140. ( क्र. 1959 ) श्री हर्ष
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग ने 13वां
वित्त आयोग परफॉरमेंस मद से वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक
तक सागर एवं रायसेन जिले में कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये
गये ? (ख) स्वीकृत कार्यों की वर्तमान में पूर्णता-अपूर्णता की क्या स्थिति है ?
कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है ? (ग) 13वां वित्त आयोग परफॉरमेंस मद
व स्टाम्प ड्यूटी मद से कार्यों को स्वीकृत किये जाने के क्या मापदंड, नियम
प्रक्रिया हैं ? मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करावें ? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित
अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क)सागर एवं रायसेन जिले की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ
के काॅलम 02, 04, 06 एवं 08 अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार।(घ)कार्यो की पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव
नहीं।
लोकसेवा केन्द्र से किसानों को खसरा-खतौनी की नकल देनें में
विलंब
141. ( क्र. 1960 ) श्री हर्ष
यादव : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्तमान में
लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से किसानों का खसरा-खतौनी (बी-1) की नकल प्रदाय
करने हेतु कितनी अवधि/दिन का प्रावधान है ? पूर्व में क्या अवधि/दिवस निश्चित थे ?
(ख) क्या देवरी विधानसभा क्षेत्र में किसानों को खसरा-खतौनी (बी-1) की नकल मिलने
में एक सप्ताह से भी ज्याद की अवधि लग रही है ? इस अव्यवस्था से किसानों को
जानबूझकर परेशान नहीं किया जा रहा है ? (ग) किसानों को आवेदन दिनांक को ही बी-1 की
नकल न दिये जाने के क्या कारण हैं ? (घ) पूर्व में पटवारी द्वारा हस्तलिखित नकल
तुरंत दी जाती थी ? क्या पटवारी द्वारा जारी नकल को शासकीय कार्यों में मान्यता
दी जावेगी ? अथवा शीघ्र नकल प्रदाय कराने की समुचित व्यवस्था की जावेगी
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों
के माध्यम से खसरा-खतौनी (बी-1) की नकल प्रदाय करने हेतु 05 कार्य दिवस की
अवधि नियत हैं। पूर्व में पदाभिहित अधिकारी के द्वारा सेवा दिये जाने पर कोई
समय सीमा नियत नहीं थी। (ख) जी नहीं। समय पर सेवा दी जा रही हैं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) बी-1 की नकल दिये जाने हेतु 01 से 05
दिवस की अवधि नियत है। (घ) जी नहीं। विधिवत जारी नकलों को ही
शासकीय कार्य हेतु मान्यता दी गई है। आवेदन प्राप्त होने पर नकल तैयार करने में
समय लगता है, इस कारण 01 से 05 दिवस के भीतर नकल प्रदाय कर दी जाती है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
क्रेडिट कार्डधारी किसानों को फसल क्षति का
लाभ
142. ( क्र. 1965 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
नरसिंहपुर जिला अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्डधारी किसानों से सभी बैंकों द्वारा खरीफ
की फसल की कितनी बीमा राशि बैंकों ने काटकर प्रबंधक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी
ऑफ इंडिया लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश क्वालिटी ग्लोब्स मैंदा मिल
के पास भोपाल को प्रदाय की है, नाम सहित जानकारी प्रदान करें । (ख) क्या किसान
क्रेडिट कार्डधारी किसान को उक्त बीमा कंपनी फसल क्षति का फसल बीमा दे रही है ?
यदि दे रही है तो कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जावेगी ?
किसान कल्याण
मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)नरसिंहपुर जिला अंतर्गत जिन
किसान क्रेडिट कार्डधारी किसानों द्वारा विभिन्न बैंकों से कृषि ऋण लिया गया है, उन
कृषकों की अधिसूचित फसलों की बीमा राशि का बैंकों द्वारा प्रीमियम काटा जाकर
एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड भोपाल को प्रदाय किया गया
है।प्राप्त प्रीमियम राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है।(ख)खरीफ 2015
मौसम हेतु वास्तविक उपज के आंकडे आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय ग्वालियर से दिनांक
31.1.2016 तक एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड भोपाल को उपलब्ध
कराये जावेगें, तत्पश्चात क्षूतिपूर्ति प्रक्रिया आरंभ होगी,तथा वास्तविक उपज थ्रेश
होल्ड उपज से कम आने पर नियमानुसार गणना कर किसान क्रेडिट कार्डधारी बीमित कृषकों
को दावा राशि का भुगतान किया जायेगा।
परिशिष्ट
इकहत्तर बलराम तालाब योजनांतर्गत स्वीकृत तालाब निर्माण
143. ( क्र. 1976 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) श्योपुर जिले को वर्ष 2013-14 से 15-16 तक बलराम तालाब निर्माण योजनांतर्गत
प्रदाय राशि, योजना का निर्धारित लक्ष्य व लक्ष्य के विरूद्ध सभी जाति वर्ग के
कितने पंजीकृत कृषकों के नाम से कितने तालाबों के कार्य कितनी-कितनी राशि के
स्वीकृत किये गये ? वर्षवार जानकारी बतावें । (ख) उक्त अवधि में उक्त स्वीकृत
कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं ? कितने निर्धारित अवधि के पश्चात
भी अप्रारंभ/अपूर्ण पड़े हैं व क्यों ? इन्हें प्रांरभ/पूर्ण कराने हेतु विभाग
द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्यों ?(ग) उक्त अवधि में जिन
तालाबों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनसे संबंधित कृषकों को कितनी-कितनी अनुदान
राशि का भुगतान कब-कब किया गया ? कितनों को नहीं व क्यों ? (घ) क्या विभागीय अमले
की उदासीनता के कारण वर्तमान तक आधे से अधिक तालाबों के कार्य पूर्ण/प्रारंभ नहीं
हो पाये ? पूर्ण हो चुके कार्यों से संबंधित कृषकों को अनुदान राशि का भुगतान नहीं
हो पाया है ? नतीजन योजना की लक्ष्य पूर्ति में रूकावट व संबंधित कृषक योजना के
लाभ से वंचित हैं ?यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन व
भुगतान न होने के कारणों की जांच कराएगा ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)श्योपुर जिलें को वर्ष 2013-14 से 15-16 तक
बलराम तालाब निर्माण योजनांतर्गत प्रदाय राशि एवं भौतिक लक्ष्य की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है।पंजीकृत कृषकों के स्वीकृत
बलराम तालाब एवं उन्हे प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है।(ख)उक्त अवधि में स्वीकृत कुल 186 कार्यो में से 98
पूर्ण, 40 अपूर्ण एवं 48 अप्रारंभ कार्यो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र एक अनुसार है।अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यो को पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा
हितग्राहियों को सूचनापत्र दिये गये।(ग)कृषकों द्वारा पूर्ण कराये गये तालाबों को
अनुदान राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो
अनुसार है। कोई भी कृषक अनुदान भुगतान हेतु शेष नहीं है।(घ)जी
नही।योजनांतर्गत तालाब निर्माण का समस्त कार्य कृषक द्वारा स्वंय किया जाता है,इस
कारण अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यो को पूर्ण कराने हेतु विभागीय अमले द्वारा हितग्राहियों
को सूचना पत्र दिये गये है, पूर्ण हो चुके कार्यो का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है
कोई भी कृषक योजना के लाभ से वंचित नहीं रहा है।शेष का प्रश्न ही नहीं
उठता।
लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रदाय अनुदान
144. ( क्र. 1984 ) श्री मुकेश
पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रदेश में लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान पर ट्यूबवेल की
खुदाई और पंप की स्थापना की जाती है ? (ख) पिछले 3 सालों में विधानसभा क्षेत्र
बड़नगर में कितने किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं ? (ग) यदि नहीं, तो क्या
कारण हैं कि शासन की इस महती योजना का लाभ बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के किसानों को
नहीं प्रदान किया जा रहा है ? वर्तमान सत्र में के किसानों को लाभान्वित किये जाने
के लिये क्या शासन की कोई योजना है ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क) जी हॉ, प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि विकास
योजनांतर्गत सामान्य वर्ग के समस्त कृषकों के लिये नलकूप खनन पर लागत का 50 प्रतिशत
अथवा रूपयें 25000/- में जो भी कम हो, अनुदान देय है एवं सफल होने पर पंप स्थापना
हेतु लागत का 50 प्रतिशत अथवा राशि रू0 15000/- में जो भी कम हो, अनुदान देय
है।राज्य पोषित योजनांतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के समस्त कृषकों के लिये
नलकूप खनन पर लागत का 75 प्रतिशत अथवा राशि रू0 25000/- में जो भी कम हो अनुदान देय
है एवं सफल होने पर पंप स्थापना हेतु लागत का 75 प्रतिशत या राशि रू0 15000/- में
जो भी कम हो, अनुदान देय है।(ख)अत्यधिक दोहन से विधान सभा क्षेत्र बड़नगर "डार्क"
क्षेत्र अंतर्गत होने से योजना के प्रावधान अनुसार विगत तीन वर्षो में कृषकों को
योजना में लाभांवित नहीं किया जा सका।(ग)विधान सभा क्षेत्र बडनगर में "डार्क"
क्षेत्र अंतर्गत होने से योजना प्रावधान के अनुसार किसानों को लाभ नहीं दिया जा रहा
है।सेंट्रल ग्राउण्ड वाटर बोर्ड द्वारा प्रतिबंध होने से योजना क्रियान्वयन की
विभाग की कोई योजना नहीं है।
बड़नगर विधानसभा
क्षेत्र में संचालित विभाग की योजना
145. ( क्र. 1985 ) श्री मुकेश
पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सहायक भूमि संरक्षण कार्यालय में कितने
अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, तथा इनमें से कितने मुख्यालय पर रहते हैं ? उनके
नाम, टेलीफोन नम्बर और स्थानीय पता क्या है ? (ख) पिछले दो साल में इस विभाग के
अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में क्या-क्या विकास कार्य किये
जा रहे हैं ? कितने कार्य पूर्ण किये गये और कितने लंबित हैं ? यदि पूर्ण हुए तो
कौन-कौन से कार्य हुए तथा लंबित हैं, तो कौन-कौन से हैं ? (ग) विभाग के द्वारा
संचालित की जा रही योजनाओं से कितने ग्राम तथा कितने लोग लाभान्वित हुए हैं
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)बडनगर
विधानसभा क्षेत्र के कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी बडनगर में 11
कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत हैं।जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक
अनुसार है।(ख)कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी बडनगर अन्तर्गत बडनगर विधानसभा
क्षेत्र में बलराम ताल योजना एवं नेशनल मिशन फार सस्टेनेवल एग्रीकल्चर
योजनान्तर्गत विकास कार्य किये जा रहे हैं,जिसमें 17 बलराम ताल पूर्ण एवं12
निर्माणाधीन है तथा नेशनल मिशन फार सस्टेनेवल एग्रीकल्चर अन्तर्गत वाटर
एप्लीकेशन एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन के 20 कार्य तथा शासकीय भूमि पर गली चेक निर्माण
के 10 कार्य किये गये,कोई कार्य अूपर्ण नहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।(ग)कार्यालय सहायक भूमि सरंक्षण अधिकारी बडनगर
में बलराम ताल एवं नेशनल मिशन फार सस्टेनेवल एग्रीकल्चर योजना संचालित की जा रही
हैं,जिसमें 22 ग्रामों के 47 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है।
किसानों को
गहरी जुताई हेतु अनुदान
146. ( क्र. 2011 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) मुरैना जिले में शासन की नीति के अनुसार वर्ष 2014 एवं अक्टूबर 2015
तक कितने किसानों की गहरी जुताई कराई गई तथा कितना अनुदान दिया गया है ? (ख)
तहसीलवार किसानों की संख्या, खेती का रकवा, अनुदान की राशि सहित जानकारी दी जावे ।
(ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना की कितनी पंचायतों में गहरी जुताई कराई गई है
? किन-किन पंचायतों में अनुदान राशि दी गई है ? कितनी राशि देना लंबित है ? पंचायत
के नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)मुरैना जिलें में वर्ष 2014-15 में 474 किसानों
की 621.84 हेक्टेयर भूमि में तथा वर्ष 2015-16(अक्टूबर 2015 तक) में 830 किसानों की
821.585 हेक्टेयर रकबे में गहरी जुताई कराई गई।गहरी जुताई कार्य हेतु दिये गये
अनुदान की राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है।(ख)जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-अ अनुसार है।(ग)सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना की 11 पंचायतों में वर्ष
2015-16 में गहरी कराई गई है।पंचायतवार दी गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट ब
अनुसार है।किसी भी पंचायत में अब भुगतान योग्य लंबित अनुदान नहीं है
परिशिष्ट
बहत्तर मुख्यमंत्री आवास योजना
147. ( क्र. 2012 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) मुरैना जिले में वर्ष 2013, 2014 एवं अक्टूबर 2015 तक मुख्यमंत्री आवास
योजना का क्या लक्ष्य रखा गया था ? विकासखण्डवार संख्या सहित जानकारी दी जावे ?
(ख) उक्त समयावधि में कितने प्रकरण प्रस्तुत हुए थे, उनमें से कितने प्रकरण
स्वीकृत किये गये ? विकासखण्डवार जानकारी दी जावे ?(ग) उक्त अवधि में स्वीकृत
आवास प्रकरणों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी विकासखण्डवार किन-किन अधिकारियों को दी
गई तथा आवास निर्माण की क्या प्रगति है ? जानकारी प्रतिशत के हिसाब से दी जाये
?(घ) उक्त अवधि में कितने आवेदन अभी तक लंबित हैं ? उनके क्या कारण रहे ? इनमें
कितने अपात्र कितने पात्र हैं ? संख्या सहित विकासखण्डवार जानकारी दी जावे
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य स्तर से मुरैना
जिला हेतु, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 3920, वर्ष 2014 -15 में 3850 एवं वर्ष
2015-16 में द्वितीय त्रैमास तक (सितम्बर 2015 तक) 1925 आवासीय ऋण प्रकरणों में
स्वीकृति/वितरण का लक्ष्य रखा गया था। राज्य स्तर से, जिलेवार वार्षिक एवं
त्रैमासिक लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। मुरैना जिले में, जिला स्तर से जनपद
पंचायतों के लिए निर्धारित माह अक्टूबर 2015-16 तक के लक्ष्य की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख) उक्त अवधि में, इस मिशन में कार्यरत बैंकों में प्रस्तुत एवं
बैंकों द्वारा स्वीकृत आवासीय ऋण प्रकरणों की जनपद पंचायतवार
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग) इस मिशन में स्वीकृत आवासीय ऋण प्रकरणों के मॉनिटरिंग का
उत्तरदायित्व संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) एवं जिला अग्रणी बैंक
अधिकारी का होता है। इस अवधि में आवासों के निर्माण की प्रगति 75 से 100 प्रतिशत तक
है। (घ) इस मिशन में, उक्त अवधि में, बैंक शाखाओं में प्रक्रियाधीन लंबित रहे
आवेदनों (आवासीय ऋण प्रकरणों) की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्राम सभा द्वारा
प्राथमिकता निर्धारित हितग्राहियों के प्रकरण, क्रम से बैंक-शाखाओं में
लक्ष्यानुसार प्रस्तुत किए जाते हैं। बैंक शाखाओं द्वारा इन ऋण प्रकरणों की
स्वीकृति तथा इक्विटेबल मार्टगेज इत्यादि की कार्यवाई पूर्ण कर ऋण वितरित करने की
प्रक्रिया में प्रकरण बैंक शाखाओं में लंबित रहते हैं। इनमें से पात्र एवं अपात्र
हितग्राहियों के आवेदनों (आवासीय ऋण प्रकरणों) संबंधी
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परिशिष्ट
ितहत्तर कृषि उपकरण खरीदी में अनुदान
148. ( क्र. 2023 ) श्री
यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में कृषि उपकरणों की खरीद पर मिलने
वाली अनुदान राशि के लिये जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू कर दी है, यदि नहीं तो
क्यों ? यदि हां, तो ऐसे में क्या किसानों को कृषि
विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों से जांच रिपोर्ट लेना आवश्यक हो गया है ? नियमों
की प्रतिलिपि से अवगत करावें ?(ख) क्या प्रदेश के अधिकतर कृषि विश्वविद्यालय /
महाविद्यालय में उपकरणों की जांच हेतु प्रयोगशाला ही नहीं है किसानों की समस्या को
देखते हुए क्या सरकार की मन्दसौर कृषि महाविद्यालय में नवीनतम उपकरणों से लैस
प्रयोगशाला प्रारंभ करने की योजना है ? यदि हां, तो कब तक ?(ग) मंदसौर कृषि
महाविद्यालय में कृषि से जुड़े श्रेष्ठ आर्गनिक कोर्स तथा शेष रिक्त पदों को कब
तक भर दिय जायेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)जी हॉ।प्रदेश सरकार द्वारा पत्र क्रमांक
डी-7-2/2014/14-3,दिनांक 22.10.2014 के घटक क्रमांक 3 बिंदु क्रमांक अ(6)द्वारा
कृषि उपकरणों की खरीद पर मिलने वाले अनुदान हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित
टेस्टिंग की आवश्यकताओं एवं गुणवत्ता के मापदण्डों के आधार पर टेस्ट रिपोर्ट की
अनिवार्यता लागू की गई है । नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 अनुसार है।कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की टेस्टिंग कर जॉच रिपोर्ट जारी
करने के लिये भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न संस्थानों को अधिकृत किया गया है।इन
संस्थानों द्वारा कृषि यंत्रों की टेस्टिंग उपरांत जारी प्रमाण-पत्र ही मान्य किये
जाते है।अधिकृत संस्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2
अनुसार है।(ख)भारत सरकार द्वारा प्रदेश में केवल दो संस्थानों को टेस्टिंग हेतु
अधिकृत किया गया है जो केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान नवीबाग भोपाल तथा
केन्द्रीय फर्म मशीनरी टेस्टिंग संस्थान बुधनी है।इनके अतिरिक्त प्रदेश संस्थान
द्वारा कृषि अभियांत्रिकी महाविघालय जबलपुर में भी टेस्टिंग सेंटर तैयार किया जा
रहा है।वर्तमान में इसमें टेस्टिंग इक्यूपमेंट स्थापित किये जा रहे है।मंदसौर कृषि
महाविघालय में अभी इस तरह की सुविधा प्रारंभ करने की योजना नही है।(ग)मंदसौर
उघानिकी महाविघालय में कृषि से जुड़े आर्गनिक कोर्स संचालित नही है तथा शेष रिक्त
पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
नवाचार कृषकों को प्रोत्साहन
स्वरूप इनाम
149. ( क्र. 2024 ) श्री
यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या 2009 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में नवाचार हेतु कृषकों को ईनाम राशि
वितरित की गई है ? यदि हां, तो मदंसौर जिले की सूची प्रस्तुत करें ?(ख) क्या
उक्त राशि वितरण एवं किसानों का चयन करने हेतु कोई कमेटी का गठन किया गया है ? यदि
हां, तो इस कमेटी में कौन-कौन सदस्य हैं जानकारी देवें ?(ग) प्रश्नांश (क)
संदर्भित कृषकों ने किस-किस प्रकार का नवाचार किया ?(घ) प्रदेश के किसानों को
आर्गनिक खेती हेतु क्या-क्या सहयोग सरकार द्वारा किया जाता है ?
किसान
कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)प्रदेश में नवाचार हेतु
कृषकों को ईनाम राशि नहीं दी जाती है। आत्मा अनतर्गत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन,
मत्स्य पालन आदि कार्य के संर्वागीण मूल्यांकन कर उत्कृष्ठ कार्य हेतु कृषकों को
पुरस्कार दिया जाता है। मंदसोर जिले में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक वितरित
पुरस्कार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है।(ख)जी हॉ।
गठित कमेटी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।(ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।(घ)प्रदेशके किसानों
को आर्गनिक खेती हेतु जैविक खेती प्रोत्साहन योजना"संचालित की जा रही है। जो कि 16
जिलों के 32 विकासखण्डों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 4 अनुसार है।प्रदेश में "परम्परागत कृषि विकास योजना" भी लागू है। उक्त
योजनाओं में वर्मी कम्पोस्ट पिट, जैविक फार्म स्कूल कृषक प्रशिक्षण, राज्य के
बाहर/अंदर भ्रमण, जिला स्तरीय कार्यशाला जैव कीटनाशक एवं जैव उर्वरक हार्मोन्स का
वितरण आदि घटकों के अन्तर्गत सहयोग प्रदान किया जाता
है।
कपिलधारा कूप निर्माण
150. ( क्र. 2047 ) श्री
सज्जन सिंह उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जनपद पंचायत शाहपुर में वर्ष 2014-15 में कपिलधारा कूप निर्माण प्राक्कलन कितने
रूपये का अनुमानित था ?(ख) वर्ष 2015-2016 में ज.पं.शाहपुर बैतूल में कपिलधारा कूप
निर्माण की राशि में कटौती की गई है ? यदि हां, तो कारण बताईये ?(ग) वर्ष 2009 से
2014 तक निर्मित कपिलधारा कुएं की सूची देवें ? अधूरे कूप की पंचायतवार जानकारी
देवें ?(घ) चिचोली खंड (बैतूल) की कूप निर्माण/अधूरे की सूची देवें
?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत शाहपुर में
वर्ष 2014-15 में कपिलधारा कूप निर्माण का प्राक्कलन राशि रू. 2.33 लाख का था। (ख)
जी नहीं। पूर्व वर्ष में निर्मित कूपों के आंकलन एवं क्षेत्रीय परिस्थितियों के
दृष्टिगत वर्ष 2015-16 के कूपों का आंतरिक व्यास 05 मीटर के स्थान पर 04 मीटर रखा
गया है। तकनीकी मापदण्ड में परिवर्तन के फलस्वरूप कूप की प्राक्कलित राशि रू. 2.33
लाख के स्थान पर राशि रू. 2.07 लाख आती है। (ग) जनपद पंचायत शाहपुर में प्रश्नाधीन
अवधि में प्रारम्भ 1682 कूपों में से 1382 कूप निर्मित हो चुके हैं, निर्मित तथा
अधूरे कूपों की पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है। (घ) जनपद पंचायत चिचौली (बैतूल) में 324 कार्य अधूरे हैं। सूची
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार
है।
बैतूल में अवर्षा से प्रभावित कृषक
151. ( क्र. 2048 ) श्री
सज्जन सिंह उईके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) वर्तमान में अवर्षा से बैतूल में कितने हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है कितने
कृषक प्रभावित हुये, संख्या बताईये ?(ख) क्या शासन ने खरीफ फसल में सिर्फ सोयाबीन
के लिये आदेश दिये थे ? यदि हां, तो मक्का, धान, उड़द, मूंग खरीफ फसल नहीं है ?(ग)
चोपना (घोड़ाडोंगरी) क्षेत्र में खाद/बीज में कितने कृषकों को सोसायटी से कर्ज दिया
गया है ?(घ) शाहपुर / चिचोली में भी कर्ज दिया गया है ? यदि हां,तो कितनों को
?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)बैतूल
जिले में अवर्षा से प्रभावित भूमि एवं कृषकों की जानकारी निरंक है।(ख)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।(ग)जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. बैतूल अंतर्गत शाखा
शाहपुर से संबंधित चोपना (घोडाडोंगरी) क्षेत्र में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति
चोपना द्वारा खाद/बीज में 1936 किसानों को कर्ज दिया गया है, संलग्न परिशिष्ट एक
पर।(घ)हां, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. बैतूल अंतर्गत शाहपुर क्षेत्र से
संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा शाहपुर क्षेत्र से 2729 किसानों एवं
चिचोली क्षेत्र में 2581 किसानों को कर्ज दिया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक
अनुसार है।
परिशिष्ट
चौहत्तर 01 रूपयें किलो वाली खाद्यान्न पर्चियों का वितरण
152. ( क्र. 2051 ) श्री
राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर में कितने अ.जा., अ.ज.जा. एवं बीपीएल परिवार हैं ?
ग्रामवार जानकारी दें ?(ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त परिवारों को
01 रूपये किलो वाली खाद्यान्न पर्ची का वितरण हो गया है ?(ग) यदि नहीं तो शेष
परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण कब तक कर दिया जावेगा ?
खाद्य
मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर के अंतर्गत
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति-34,329 एवं बीपीएल- 37,739 के पात्र परिवार हैं।
ग्रामवार परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी हॉं। आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को
पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जा चुका हैं पात्र परिवारों का सत्यापन
एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’
के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायकों की भर्ती
153. ( क्र. 2056 ) श्री के.
के. श्रीवास्तव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रदेश में रोजगार सहायकों की भर्ती हेतु क्या-क्या अर्हताएं निर्धारित की गई है
तथा इनके लिये शासन ने प्रदेश के बाहर के किन विश्वविद्यालयों की डिग्री/डिप्लोमा
का मान्यता प्रदान की है ?(ख) क्या टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2012 में जनपद पंचायत
टीकमगढ़ में हुई रोजगार सहायकों की भर्ती में उपरोक्त नियमों/अर्हताओं का पालन
किया गया ? चयन समिति में कौन-कौन अधिकारी थे ? पदनाम सहित बतावें ?(ग) क्या चयन
समिति ने अन्य प्रदेशों के अनाम विश्वविद्यालय की डिग्री / डिप्लोमा की सत्यता
की जांच हेतु उनका प्रति परीक्षण किया ? यदि नहीं तो किस आधार पर उन्हें मान्यता
देकर नियुक्ति दे दी ?(घ) क्या शासन ऐसी त्रुटिपूर्ण चयन प्रक्रिया की पुन: जांच
कराकर ऐसी डिग्री डिप्लोमा की सत्यता हेतु प्रति परीक्षण करायेगा ? यदि हां, तो
कब तक ? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे ?
पंचायत मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद
अंतर्गत ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति हेतु निर्धारित की गई अर्हताऐं
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉ। चयन समिति
में तत्कालीन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी श्री ओ.पी. शुक्ला एवं कार्यक्रम
अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत) श्री डी.के. श्रीवास्तव थे। (ग)
अन्य प्रदेशों के अनाम विश्वविद्यालय की डिग्री/डिप्लोमा में किसी प्रकार की
दावा/आपत्ति प्राप्त होने पर उनका निराकरण चयन समिति द्वारा किया गया है एवं
दावा/आपत्ति प्राप्त न होने की दशा में अन्य समस्त दस्तावेजों का मिलान
अभ्यर्थी के मूल अभिलेखों से चयन के समय किया गया है। (घ) यदि ऐसा कोई प्रकरण
प्रकाश में आता है तो मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र क्र.
5335/एनआरईजीएस-म.प्र./स्था./एनआर-2/12 दिनांक 2.6.12 द्वारा दिये गये
दिशा-निर्देशों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
महिलाओं को ड्रायविंग लाइसेंस शुल्क से छूट
154. ( क्र. 2128 ) श्री संदीप
श्री प्रसाद जायसवाल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की मंशा एवं घोषणा के अनुरूप शासन द्वारा
युवतियों/महिलाओं के ड्रायविंग लायसेंस के शुल्क से छूट प्रदान किये जाने के आदेश
किये गये हैं ? यदि हां, तो बताये कि उपरोक्त आदेश क्या है एवं क्या इन आदेशों
को क्या वर्तमान में लागू किया जा चुका है, यदि हां, तो किस दिनांक से आदेश लागू
है, यदि नहीं तो किस दिनांक से इसे लागू किया जायेगा ?(ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में बतायें कि कटनी जिला के अंतर्गत क्या युवतियों/महिलाओं से
ड्रायविंग लायसेंस शुल्क की राशि ली जा रही है, यदि हां, तो बताये कि शुल्क ना
लिये जाने के आदेश उपरांत भी राशि क्यों वसूली की गई, इसके लिये कौन जिम्मेदार है
?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि शासन के आदेश के
पश्चात युवतियों/महिलाओं से नियम विरूद्ध वसूली गई ड्रायविंग लायसेंस की राशि
क्या शासन आवेदकों को वापिस करेगा, यदि हां, तो किस प्रकार, यदि नहीं तो क्यों ?
(घ) साथ ही यह भी इस प्रकार के नियम विपरीत कार्य करने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों
पर क्या कार्यवाही की जायेगी, यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों
?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :
(क),(ख,)(ग),(घ) प्रश्नांतर्गत युवतियों/महिलाअों को
ड्रायविंग लायसेंस के शुल्क से छूट प्रदान हेतु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम
1994 में संशोधन करने की कार्यवाही करते हुए अंतिम अधिसूचना प्रकाशन के पूर्व
परिमार्जन हेतु विधि विभाग को भेजी गई है। विधि विभाग से परिमार्जन पश्चात् अंतिम
अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित होने की तिथि से युवतियों/ महिलाओं को
ड्रायविंग लायसेंस शुल्क से छूट प्रदान करने के आदेश प्रभावशील हो सकेंगे। शेषांश
का प्रश्न की उपस्थित नही होता है ।
ग्राम बाकल ग्राम पंचायत
दुरेंदा वि.ख. केवलारी में उमर तालाब का गहरीकरण
155. ( क्र. 2298 ) श्री रजनीश
सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या ग्राम
बाकल, ग्राम पंचायत दुरेंदा, वि.ख. केवलारी में स्थित उमरतालाब के गहरीकरण एवं उसको
सिंचाई हेतु उपयोग में लाये जाने हेतु शासन द्वारा कोई राशि स्वीकृत की गई है ?(ख)
यदि हां, तो कितनी और इसके पूर्ण होने की समय सीमा बतायें ? (ग) और नहीं तो क्यों
? जबकि इसका पूर्व में भूमि पूजन भी कर दिया गया है ?
पंचायत मंत्री (
श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत केवलारी के अंतर्गत ग्राम पंचायत
दुरेंदा के ग्राम बाकल में स्थित उमरतालाब के गहरीकरण एवं उसके सिंचाई हेतु पंचायत
एवं ग्रामीण विकास विभाग से कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सिवनी जिले के ग्राम बाकल, ग्राम
पंचायत दुरेंदा विकासखण्ड केवलारी में स्थित उमरतालाब के गहरीकरण एवं उसको सिंचाई
हेतु उपयोग में लाये जाने हेतु वर्ष 2008 में इसका भूमिपूजन किया गया था। किन्तु
कार्य की स्वीकृति न होने से कार्य के पूर्ण होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
156. ( क्र. 2401 ) श्री सचिन
यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के प्रथम चरण से कई
चरणों में स्वीकृत सड़क मार्गों में से किन-किन मार्गों का निर्माण कार्य प्रश्न
दिनांक तक पूर्ण एवं अपूर्ण है ? अपूर्णता के क्या कारण है ?(ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में उक्त मार्गों पर बारहमासी आवागमन के लिये क्या शासन
पुल-पुलियाओं का निर्माण कार्य करेगा ? यदि हां, तो कब ? नहीं तो क्यों कारण दें
?(ग) विधान सभा क्षेत्र कसरावद के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम व मजरे टोले शेष है जो
उक्त योजना के लाभ से वंचित है ? क्या इन्हें ग्राम व मजरे टोलों में
मुख्यमंत्री सड़क का निर्माण कार्य कर आम ग्रामीणों को लाभांवित किया जायेगा ?
हां, तो कब तक ?(घ) प्रथम चरण से प्रश्न दिनांक तक के चरणों में लंबित सड़क
निर्माण कार्यों को कब तक प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया जायेगा ? नहीं तो कारणों का
उल्लेख करें ?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क)कसरावद
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में स्वीकृत समस्त
चरणों के मार्ग निर्माण के कार्य पुल-पुलियो सहित पूर्ण हो चुके है अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) मजरे
टोलो में सडको का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड में शामिल न
होने से नही किया गया है। विधानसभा क्षेत्र कसरावद में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क
योजना के लाभ से वंचित कोई राजस्व ग्राम शेष नही है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही
होता।(घ) उत्तरांश
(क) परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
गहरी
जुताई के लंबित प्रकरण
157. ( क्र. 2406 ) श्री सचिन
यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कसरावद
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक शासन की योजनानुसार
कितने हेक्टेयर की गहरी जुताई कृषि विस्तार अधिकारियों की अनुशंसा पर की जा चुकी
है ? विकासखण्डवार जानकारी दें ? (ख) उक्त समयावधि में जुताई पर अभी तक कितने
किसानों को अनुदान दिया गया है कितना अनुदान देना बकाया है ?(ग) उक्त
क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों की गहरी जुताई होना बाकी है ? विकासखण्डवार लंबित
प्रकरणों की जानकारी दी जावें, इसे कितनी समय सीमा में पूर्ण कर लिया जाना था ? यदि
नहीं तो लापरवाही में कौन-कौन दोषी है ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री
गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन ) : (क)कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2011 से
प्रश्न दिनांक तक गहरी जुताई की विकासखंडवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अ अनुसार
है।(ख)प्रश्नांश की अवधि में गहरी जुताई हेतु 2178 किसानों को अनुदान दिया गया
है।जानकारी परिशिष्ट ब अनुसार है। अब किसी भी किसान को अनुदान देना बकाया नहीं
है।(ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसानों के गहरी जुताई के कोई भी प्रकरण
लंबित नही है।अत: लापरवाही का प्रश्न उपस्थित नही होता है।
परिशिष्ट
पचहत्तर