मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
सोमवार, दिनांक 14 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उपार्जन
केन्द्रों
में खरीदी
प्रभारी एवं
कर्मचारियों
की नियुक्ति
[सहकारिता]
1. ( *क्र. 843 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपार्जन केन्द्रों में खरीदी प्रभारी और अन्य कर्मचारियों को किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है और क्या इन नियुक्तियों में सहकारिता विभाग और सहकारी बैंकों के अधिकारियों की भी भूमिका होती हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पन्ना और कटनी जिले में वर्ष-2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सहकारी समितियों के उपार्जन केंन्द्र कहां-कहां संचालित रहें, इन उपार्जन केन्द्रों में कौन-कौन खरीदी प्रभारी एवं अन्य कर्मचारी नियुक्त थे? इन कर्मचारियों को किसके द्वारा नियुक्त किया गया? क्या इन केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारी पूर्व में भी अनियमितता के आरोपी/दोषी थे? यदि हाँ, तो किन-किन केन्द्रों के कौन-कौन कर्मचारी, किस अनियमितता के दोषी/आरोपी हैं? केन्द्र/समितिवार बतायें। (ग) क्या आयुक्त सहकारिता द्वारा दोषी/आरोपी कर्मचारियों को प्रभारी नियुक्त न करने के निर्देश रबी विपणन वर्ष 2021-22 के पूर्व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिये थे? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित ''ख'' जिलों में दोषी/आरोपी कर्मचारियों को खरीदी प्रभारी किसके द्वारा बनाया/नियुक्त किया गया? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं, उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) क्या मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (सहकारिता), प्रमुख सचिव (खाद्य), संभाग आयुक्त जबलपुर सहित कलेक्टर कटनी की कार्यालयीन ई-मेल आई.डी. पर दिनांक 12.12.2021 को ई-मेल आई.डी. bhaskarkatni@gmail.com से ''कटनी जिले में धान खरीदी में शासन/विभाग और कार्यालयीन आदेशों के पश्चात् भी अपचारी कर्मचारियों को खरीदी प्रभारी नियुक्त करने की जांच और कार्यवाही बावत्'' विषयक पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित पत्र पर कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश ''ख'' जिलों में रबी विपणन वर्ष 2021-22 के उपार्जन कार्य में क्या-क्या अनियमितता पायी गयी और प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा किन आदेशों से जांच की गयी? किस-किस के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी और क्या खाद्यान्न के उपार्जन, परिवहन एवं भण्डारण में लगातार पायी जा रही अनियमितताओं पर शासन स्तर पर संज्ञान लिया जायेगा और विस्तृत जांच के आदेश किए जायेंगे? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुपालन हेतु संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( *क्र. 1980 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार पशु जीवन उत्थान एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित कर रही है? (ख) सरकार द्वारा किसानों को पशुपालन करने हेतु सब्सिडी देने एवं ऋण देने के लिये कौन-कौन-सी योजनाएं संचालित की हुई हैं? क्या सरकार दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजा राशि को बढ़ाने का विचार रखती है? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पशु जीवन उत्थान हेतु विभाग द्वारा पशु चिकित्सा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान एवं बधियाकरण कार्यक्रम संचालित है एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा अनुदान पर मुर्रा पाडा प्रदाय, गौ सांड प्रदाय (नंदीशाला), नर सूकर प्रदाय, सूकर त्रयी प्रदाय, प्रजनन योग्य बकरा प्रदाय, बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई का प्रदाय, बैकयार्ड कुक्कुट इकाई का प्रदाय, कड़कनाथ इकाई का प्रदाय तथा आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना संचालित है। निगम के द्वारा विभाग के माध्यम से राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम तथा पशुधन बीमा योजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा किसानों को पशुपालन करने हेतु सब्सिडी देने की संचालित योजनाएं-अनुदान पर मुर्रा पाडा प्रदाय, गौ सांड प्रदाय (नंदीशाला), नर सूकर प्रदाय, सूकर त्रयी प्रदाय, प्रजनन योग्य बकरा प्रदाय, बैकयार्ड कुक्कुट इकाई का प्रदाय, कड़कनाथ इकाई का प्रदाय तथा बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई का प्रदाय एवं आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना संचालित है। निगम द्वारा संचालित पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से ऊपर श्रेणी के हिग्राहियों को 50 प्रतिशत तथा गरीबी रेखा से नीचे/ओ.बी.सी./एस.टी./एस.सी. के हितग्राहियों को 70 प्रतिशत बीमा प्रीमियम अनुदान दिया जाता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 97 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उज्जैन जिले में लागू है? यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2019, 2020, 2021 एवं 2022 में जिले के किस-किस विकासखण्ड में कब-कब इस योजना के अंतर्गत कितने-कितने जोड़ों के विवाह करवाये गये हैं? इस पर कितनी राशि का व्यय किया गया है? किस-किस जोड़े को कब-कब कितनी-कितनी मुख्यमंत्री कन्यादान की राशि/सामग्री प्रदाय की गई है? नाम, पते सहित सूची देवें। कन्यादान योजना के लिए शासन के क्या मापदण्ड/निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर उज्जैन व संभागायुक्त उज्जैन को तथा जनसुनवाई में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में कितनी अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो जांच कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि जांच कराई है तो जांच में कौन दोषी पाया गया? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में अभी तक कौन-कौन सी समितियां गठित हुई हैं और किनके खातों में राशि जारी की गयी? समितियों में पदाधिकारियों के नाम, पते सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। उज्जैन जिले के अन्तर्गत वर्ष 2019-2020 में विकासखण्डों में आयोजित विवाह निकाह सम्मेलनों में 997 कन्याओं के विवाह/निकाह सम्पन्न कराये जाकर राशि रूपये 548.47 लाख का व्यय किया गया है। वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में कोरोना महामारी के कारण कोई विवाह/निकाह सम्मेलन का आयोजन नहीं कराया गया है। कन्याओं को प्रदाय की गई राशि नाम, पते सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के ज्ञापन क्रमांक/एफ-3/39/2017/26-2, दिनांक 14.01.2019 के द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन हेतु यथास्थिति अधिकृत नगरीय/ग्रामीण निकाय को प्रायोजक के रूप में रू. 3000/- प्रति कन्या के मान से तथा शेष राशि रूपये 48000 संबंधित कन्या के बचत खाते में जमा कराये जाने के निर्देश हैं। (ख) विधान सभा घट्टिया क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत संभागायुक्त एवं कलेक्टर उज्जैन को अनियमितता संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है। उपरोक्त शिकायतों की जांच कराई गई। जांच उपरांत ग्राम पंचायत गोनसा के सरपंच श्री रामचन्द्र-मांगीलाल को कार्यालय कलेक्टर जिला उज्जैन के पत्र क्रमांक/1055/न्याय.कले./2021-22/दिनांक 24.2.2022 से (क्लोजेज एक्ट 1897 की धारा 16 के अन्तर्गत) प्रधान के पद से पृथक किये जाने के संबंध में कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है एवं सचिव श्री दिलीप आंजना, सचिव ग्राम पंचायत गोनसा को कार्यालय जिला पंचायत उज्जैन के आदेश क्रमांक 1025/पंचायत प्रकोष्ठ/दिनांक 23.2.2022 से निलंबित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पैरामेडिकल शुल्क प्रतिपूर्ति में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
4. ( *क्र. 1583 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा वर्ष 2013 में आरक्षित वर्ग के पैरामेडिकल कोर्स के विद्यार्थियों के शुल्क प्रतिपूर्ति की अनियमितता के संबंध में वर्ष 2009-10 से 2013-14 के पैरामेडिकल संस्थाओं को छात्रवृत्ति भुगतानों की जांच हेतु निर्देश जारी किये गये थे? (ख) उक्त मामले में समस्त जिलों में बनाई गयी जांच समितियों द्वारा की गयी जांच में क्या–क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए? जिलेवार प्रतिवेदनों की प्रतियाँ देवें। (ग) उक्त जाँच के पश्चात जिलेवार किन-किन संस्थाओं को, कितनी-कितनी राशि की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये? जिलेवार जारी नोटिस की प्रतियाँ देवें। (घ) उक्त मामले में जारी किये गये नोटिस के विरुद्ध जिलेवार किन-किन संस्थाओं द्वारा कितनी-कितनी राशि वापस की गयी? (ड.) उक्त जारी वसूली नोटिसों के विरुद्ध जिलेवार, किन-किन संस्थाओं द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी? उनमें न्यायालय द्वारा क्या-क्या निर्देश दिए गये? उच्च न्यायालय द्वारा उक्त याचिकाओं में पारित अंतिम आदेशों की प्रति देवें। (च) क्या उच्च न्यायालय द्वारा उक्त याचिकाओं में दिए गये निर्देशों के पालन में जिलेवार कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेज विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (छ) उक्त पैरामेडिकल संस्थाओं से छात्रवृत्ति की राशि की वसूली में लापरवाही हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) से (छ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
बैगा जनजाति हेतु संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 600 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2016-2017 में मण्डला एवं डिंडौरी जिले में निवासरत बैगा जनजाति के उत्थान हेतु किन-किन योजनाओं के संचालन के लिए आत्मा समिति, आजीविका मिशन या अन्य अर्द्ध शासकीय संस्थानों समितियों को कृषि विभाग द्वारा कितना-कितना आवंटन दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) योजनाओं का लाभ बैगा जनजाति के हितग्राहियों के अतिरिक्त गैर बैगा आदिवासी के हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों की सूची प्रदान करें। इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी हैं? दोषी पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) योजना क्रियान्वयन एजेंसी के निगरानी हेतु किस विभाग को दायित्व सौंपा गया था? क्या निगरानी कर रहे विभाग द्वारा योजना क्रियान्वयन की समीक्षा नहीं की गई? प्रतिवेदन सहित दोषियों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
6. ( *क्र. 2315 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों में गौशाला स्वीकृत की गई थी? कुल कितनी गौशालाओं का निर्माण हो चुका है तथा कितनी ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण कार्य शेष है? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में पंचायतों में निर्मित की गई गौशालाओं के संचालन एवं प्रबंधन हेतु कर्मचारियों का क्या प्रावधान किया गया है? नियुक्त किए गए कर्मचारियों को किस मद से मानदेय प्रदान किया जा रहा है व किस गौशाला में कितनी संख्या में गौवंश रखा गया है? (ग) यदि उक्तानुसार गौशालाओं में गौवंश रखा गया है तो उनके भरण-पोषण के लिए क्या शासन द्वारा गौशालावार राशि दी जा रही है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में किस-किस गौशाला को कितनी-कितनी राशि विगत 3 वर्ष में प्रदाय की गई? सूची उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विगत 3 वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पंचायतों में निर्मित की गई गौशालाओं के संचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पंचायतों की है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
माडा पाकेट योजनांतर्गत किये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 2296 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत माडा पाकेट योजनांतर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? इस योजनांतर्गत अब तक क्या-क्या कार्य कितनी लागत से कहां-कहां, कब-कब कराये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजनांतर्गत कार्य योजना में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं? इन्हें कब तक कराया जावेगा? क्या इन ग्रामों में माडा पाकेट योजनांतर्गत कार्य हेतु जनप्रतिनिधियों ने भी अनुशंसायें की हैं? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) माडा पाकेट योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य लक्षित ग्रामों में कराये जाने का प्रावधान है? प्रचलित कार्यों का कब-कब विभागीय अधिकारियों ने सत्यापन किया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रस्तावित कार्यों पर सरंपच ग्राम पंचायत द्वारा अनुशंसा की गई है। अनुसंशित कार्य प्रस्तावित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' एवं ''पांच'' अनुसार है।
रेडियो थेरेपी हेतु आवंटित राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( *क्र. 1753 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के पत्र दिनांक 02 दिसम्बर, 2010 द्वारा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को आवंटित राशि में से रूपये 6 करोड़ 70 लाख का आवंटन रेडियो थेरेपी विभाग को मशीन क्रय हेतु किया गया था? उक्त राशि से क्रय मशीनें रेडियो थेरेपी विभाग में कहां स्थापित की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त राशि का उपयोग अन्य मद में किया गया है अथवा राशि भारत सरकार को वापस दी गई है? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आवंटित राशि का उपयोग कैंसर विभाग (रेडियो थेरेपी) में नहीं किया गया है, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत सरकार का पत्र दिनांक 02.12.2010, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विभागीय निर्माण कार्य
[सहकारिता]
9. ( *क्र. 110 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर शासन/विभाग द्वारा किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य किस-किस प्रयोजन हेतु किये गये? कार्य एजेन्सी मूल्यांकन हेतु अधिकृत सक्षम अधिकारी के नाम सहित वर्षवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त वर्षों में विभिन्न निर्मित व निर्माणाधीन कार्यों का भौतिक सत्यापन किस के द्वारा किस की उपस्थिति में कब-कब किया गया? कार्यवार, स्थानवार, दिनांकवार जानकारी दें। (ग) अवगत कराएं कि उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विभागीय कार्यों हेतु किस-किस प्रकार के वाहनों का क्रय किया गया, जिनकी लागत कितनी-कितनी है? वे किन कार्यों हेतु उपयोग में लिये जा रहे हैं? उनकी टूट-फूट, मरम्मत व रख-रखाव पर कितना व्यय हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (घ) बताएं कि उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितने ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं, जो भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में भी लगातार तीन वर्षों से भी अधिक एक ही स्थान पर कार्यरत हैं? कितने अधिकारी/कर्मचारी एक ही ब्लॉक में एवं कितने ऐसे अधिकारी जो कि एक ही कार्यालय पर तीन वर्षों से अधिक पदस्थ हैं? वर्षवार, स्थानवार, कार्यवार जानकारी दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में आर.के.व्ही.वाय. योजनार्न्तगत रतलाम जिले में 05 गोदाम का निर्माण तथा 02 गोदाम की मरम्मत निर्माण एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ, भोपाल के माध्यम से किया गया, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त वर्षों में निर्मित एवं निर्माणाधीन कार्यों का भौतिक सत्यापन विपणन संघ के सहायक यंत्री द्वारा किया गया एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा परीक्षण किया गया। दिनांकवार जानकारी संधारित नहीं किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विभागीय कार्यों हेतु रतलाम जिले में कोई वाहन क्रय नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
दमोह में मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( *क्र. 547 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री द्वारा विगत 27 फरवरी, 2021 को दमोह प्रवास के दौरान दमोह में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो दमोह में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद प्रश्न दिनांक तक इसके क्रियान्वयन के लिए क्या-क्या कार्यवाही हुई है? (ग) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इसका क्या कारण है? (घ) क्या दमोह में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए बजट में प्रावधान किया जा रहा है? (ड.) मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रियान्वयन में विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) दमोह में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) उत्तरांश 'क' से 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल में कैदियों को प्रदत्त सामग्री
[जेल]
11. ( *क्र. 1592 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में किस-किस स्थान पर किस-किस स्तर की जेले हैं, इन जेलों में कितने कैदियों को रखने की क्षमता है? दिनांक 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में इन जेलों में कितने-कितने कैदी रखे गये हैं? पूर्ण विवरण देवें। वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची उपलब्ध करायें। इसमें उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी देवें। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक बतावें कि ग्वालियर एवं चम्बल संभाग की जेलों में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना-कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया? प्रत्येक जेलवार अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग की जेलों में 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं तथा कितने-कितने पद किस-किस जेल में किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के रिक्त हैं? पदस्थ कर्मचारियों का नाम, पद वर्तमान पद पर पदस्थापना दिनांक अलग-अलग जेलवार स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में 01 केन्द्रीय जेल, 07 जिला जेल एवं 14 सब जेल हैं। इन जेलों की बंदी आवास क्षमता 5396 है एवं इसके विरूद्ध परिरूद्ध बंदियों की संख्या 6987 है। जेलवार आवास क्षमता एवं परिरूद्ध बंदियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। बंदियों को दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं/भोजन/उपवास एवं रोजे पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
गुमशुदगी के प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
12. ( *क्र. 1681 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला अन्तर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में आई.पी.सी. की धारा-363 के तहत् नाबालिग बालक/बालिका गुमशुदगी की कितनी-कितनी शिकायतें पुलिस थानों में दर्ज हैं? थानावार, वर्षवार, नामवार प्रकरण बतावें। (ख) उक्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का पूर्ण निराकरण कर नाबालिग बालक/बालिकाओं को दस्तयाब कर लिया गया है? (ग) कितने गुमशुदा नाबालिग बालक/बालिकाओं को अब तक दस्तयाब नहीं किया जा सका है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में गुमशुदा नाबालिग बालक/बालिकाओं को दस्तयाब नहीं किये जा सकने के क्या-क्या कारण हैं? इस संबंध में क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विदिशा जिले में घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
13. ( *क्र. 2386 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के 18 दिसम्बर, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक विदिशा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सिरोंज एवं लटेरी तथा थाना सिरोंज, लिटेरी, मुगलसराय, आनंदपुर, उनरसीकलां, दीपनाखेड़ा, मुरवास, पथरिया को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए हैं एवं पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? पत्रों की पावती एवं कृत कार्यवाही से कब अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कब तक की जावेगी? (ख) विदिशा जिले में 18 दिसम्बर, 2018 से 22 मार्च, 2020 तक एवं 23 मार्च, 2020 से प्रश्नांकित अवधि तक हत्या, चोरी, लूट-पाट, बलात्कार, डकैती, आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार, किसान आत्महत्या, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मार-पीट, अपहरण, नकवजनी, फिरौती, गौहत्या आदि की कुल कितनी घटनाएं एवं अपराध घटित हुए हैं तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए? प्रकरणवार, थानेवार, अनुविभागवार एवं वर्षवार तुलनात्मक रूप से जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) 18 दिसम्बर, 2018 से कितने अपराधी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी कब तक कर ली जावेगी? अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? इसके लिए दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने आदतन अपराधी जिला बदर हुए हैं? क्या सभी जिला बदर के आरोपी पुलिस की मिलीभगत से जिले के अंदर ही निवास कर रहे हैं? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में समाहित है। (घ) जिला विदिशा में दिनांक 18.12.2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कुल 68 आदतन अपराधियों को जिलाबदर किया गया। जी नहीं, जिलाबदर के आरोपियों की पुलिस की मिलीभगत से जिले के अंदर निवास करने की कोई सूचना प्रकाश में नहीं है, अतः दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रमाण-पत्र
[जनजातीय कार्य]
14. ( *क्र. 1524 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो गायकी समाज कब से प्रदेश के किन-किन जिलों में अनुसूचित जनजाति के रूप में चिन्हित है? (ख) क्या बैतूल जिले में प्रश्नांकित समाज को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो कब से और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी एवं कलेक्टर बैतूल को प्रश्नांकित गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में सम्मिलित किये जाने एवं छात्र-छात्राओं हेतु जाति प्रमाण पत्र बनवाये जाने हेतु निरंतर पत्र प्राप्त हुये हैं? (घ) यदि हाँ, तो बैतूल जिले में उक्त समाज के लोगों को कब तक जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जा सकेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां सूची (पुनरीक्षण) आदेश 1956 के तहत भारत सरकार द्वारा जारी सूची में गायकी जनजाति को गोंड के साथ 1. बस्तर, छिंदवाडा, सिवनी, मंडला, रायगढ़ और सरगुजा जिलों में। 2. बालाघाट की बैहर तहसील में। 3. बैतूल जिले की बैतूल एवं भैंसदेही तहसीलों में। 4. बिलासपुर जिले की बिलासपुर एवं कटघोरा तहसीलों में। 5. दुर्ग जिले की दुर्ग और संजारी तहसीलों में। 6. जबलपुर जिले की मुरवारा, पाटन और सिहोरा तहसीलों में। 7. होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद और सुहागपुर तहसीलों और नरसिंहपुर जिले में। 8. निमाड़ जिले की हरसूद तहसील में। 9. रायपुर जिले की बिन्द्रान्वागढ़, धमतरी और महासमुंद तहसीलों में क्षेत्रीय बंधन के साथ अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया है। अधिनियम, 1956 के तहत जारी सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम, 1976 के तहत भारत सरकार द्वारा म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में गायकी जनजाति को संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिये अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया है। जारी सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। अधिनियम 1956 के अनुसार बैतूल जिले की बैतूल एवं भैंसदेही, तहसीलों में एवं अधिनियम 1976 के अनुसार प्रश्नांकित जनजाति पर लगे क्षेत्रीय बंधन को समाप्त किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) बैतूल जिले में गायकी समाज को परीक्षण उपरांत अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं।
होमगार्ड सैनिकों का रोटेशन
[गृह]
15. ( *क्र. 1281 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होमगार्ड सैनिकों ने कोर्ट में रोटेशन बंद करने के लिए आवेदन दिया था, जिसके निर्णय में कोर्ट ने रोटेशन बंद करने का आदेश दिया, फिर भी राज्य सरकार ने होमगार्ड सैनिकों का रोटेशन बंद नहीं किया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राज्य सरकार तत्काल रोटेशन बंद करने की दिशा में कोई पहल करने जा रही है? यदि हाँ, तो कब से, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या रोटेशन प्रक्रिया जारी रख कर 12 माह की ड्यूटी और वेतन न देना अन्यायपूर्ण और न्यायालय की अवमानना नहीं है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रोटेशन बंद करने के संबंध में कतिपय याचिकाकर्ता सैनिकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिकाओं पर ''स्थगन आदेश'' प्राप्त हुये थे, जिस पर होमगार्ड नियम-2016 के नियम-27 (ग) में दर्शित प्रावधान अनुसार जवाबदावा प्रस्तुत करने की कार्यवाही की गई है तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहा है। (ख) रोटेशन बंद करने के संबंध में प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
16. ( *क्र. 1698 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा जौरा अन्तर्गत पुलिस थानों में कितने कर्मचारी/कितने अधिकारियों के पद रिक्त हैं, रिक्त पदों की पूर्ति न हो पाने के क्या कारण हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्या पुलिस अनुविभाग कैलारस में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के रिक्त पद पर अधिकारी पदस्थ नहीं हैं? यदि हाँ, तो पुलिस अधिकारी की स्थापना जल्द की जावेगी? (ग) थाना देवगढ़ एवं चिन्नौनी चम्बल दस्यु गतिविधियों का क्षेत्र होने एवं अन्तर्राज्यीय सीमा होने के बावजूद कर्मचारियों के स्वीकृत पदों के विरूद्ध पदों की पूर्ति नहीं की गयी है, जिससे पुलिसिंग कार्य प्रभावित हो रहे हैं, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा जौरा अंतर्गत पुलिस थानों के स्वीकृत, उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी.आर. 72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जा रही है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, बल की उपलब्धता होने पर रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। (ख) अनुविभाग कैलारस में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का पद वर्तमान में रिक्त है। रिक्त पद की पूर्ति प्रक्रियाधीन है। (ग) जिले में कानून व्यवस्था सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने हेतु जिलों में उपलब्ध पुलिस बल से ही आवश्यकतानुसार थानों में पुलिस बल की व्यवस्था की जाती है एवं आवश्यकता होने पर जिला रक्षित केन्द्र में उपलब्ध रिजर्व बल व निकटवर्ती थानों/ चौकियों से अतिरिक्त बल को लगाया जाता है। उक्त हेतु जिले में 5वीं वाहिनी वि.स. बल की व्यवस्था भी की गई है। थाना देवगढ़ एवं चिन्नौनी में पुलिसिंग का कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। शेष प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश(क) में समाहित है।
महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरण
[गृह]
17. ( *क्र. 2378 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017 से 2021 तक कितनी नाबालिग लड़कियों, किशोरी तथा महिलाओं के अपहरण के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? उनमें आरोपियों की कुल संख्या कितनी थी तथा कितनी लड़कियों तथा महिलाओं को अपहरणकर्ता से मुक्त कराया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रदेश में वर्ष 2017 से 2021 तक कितने नाबालिग बालिका, किशोरी तथा महिलाओं के गुम होने/लापता होने के प्रकरण दर्ज किये गये? उनमें से कितनों को ढूंढ निकाला तथा कितने को नहीं खोजा जा सका? वर्षवार जिलेवार जानकारी देवें। (ग) 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में प्रदेश में कितने महिला पुलिस थाने हैं? उनमें कॉन्स्टेबल एवं अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं तथा किस-किस केटेगिरी के कितने पद खाली हैं? कितने सामान्य पुलिस थाने हैं, उनमें महिला कर्मचारी/अधिकारी के कितने स्वीकृत पद हैं तथा कितने पद खाली हैं? प्रति सामान्य थाने में औसत कितनी महिला कर्मचारी 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में कार्यरत हैं? (घ) प्रदेश में विभिन्न स्तर के डी.जी.पी. से लेकर होमगार्ड तक में कुल कितने-कितने स्वीकृत पद हैं, कितने कार्यरत हैं तथा उनमें कितनी महिलाएं हैं? उनका प्रत्येक स्तर के पद में प्रतिशत क्या है? (ड.) वर्ष 2017 से 2021 तक महिलाओं के प्रति अपराध के विभिन्न धाराओं में कितने प्रकरण दर्ज हुये तथा उनकी प्रतिशत वृद्धि या कमी क्या है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रदेश में विभिन्न स्तर पर डी.जी.पी. से लेकर होमगार्ड तक स्वीकृत पद एवं कार्यरत पद तथा उसमें महिलाओं के पद की प्रतिशत सहित जानकारी पुलिस मुख्यालय प्रशासन शाखा, विशेष शाखा, दूरसंचार शाखा, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, अपराध अनुसंधान विभाग एवं विशेष सशस्त्र बल की जानकारी प्राप्त हुई जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
आयुक्त सहकारिता के कर्मचारी सेवा नियम
[सहकारिता]
18. ( *क्र. 1674 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कर्मचारियों की नियुक्ति व उनका वेतन निर्धारण हेतु विषयांकित नियम लागू किया गया है? यदि हाँ, तो कब से? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) 31 मार्च, 2021 के स्थिति में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की ऋण असंतुलन की कितनी राशि है? जानकारी बैंकवार एवं समितियों की संख्या के साथ देवें। (ग) वर्तमान में प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में विभाग के अधिकारियों के प्रशासक पदस्थ होने के बावजूद वेतन के नाम पर लोक धन को क्यों खर्च किया जा रहा है? विषयांकित नियम अनुसार समिति की भुगतान क्षमता के आधार पर वेतन भुगतान करना कब तक सुनिश्चित कर लिया जायेगा तथा अब तक नियम का पालन न करने वाले दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, दिनांक 26.02.2010 से। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में नियुक्त प्रशासकों पर वेतन या अन्य कोई व्यय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से नहीं हो रहा है। विषयांतर्गत नियम अनुसार कर्मियों को वेतन भुगतान का दायित्व संबंधित संस्था का है। संस्था कर्मियों को सेवानियम अनुसार वेतन भुगतान हेतु निर्देश दिये गये हैं।
पुलिस मुख्यालय के कर्मचारियों के संबंध में
[गृह]
19. ( *क्र. 1624 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.आई.डी. पुलिस मुख्यालय भोपाल में AIG, CID प्रशासन द्वारा दिनांक 01.06.2021 से 16.09.2021 एवं दिनांक 17.09.2021 से 31.12.2021 के मध्य अधीनस्थ कर्मचारियों को कुल कितने स्पष्टीकरण/कारण बताओ सूचना पत्र/चेतावनी/निंदा/छोटी या बड़ी सजा दी गई है? उपरोक्त समयावधि अनुसार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। (ख) सी.आई.डी. पुलिस मुख्यालय भोपाल में वर्तमान में किसी अधिकारी के विरूद्ध मानव अधिकार आयोग में शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत जांच में साक्षियों द्वारा दिये गये कथनों एवं जांच प्रतिवेदन की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। (ग) नवम्बर 2017 से जनवरी 2018 तक AIG, CID (J) के अधीनस्थ कार्यरत कितने कर्मचारियों ने IG/ADG को CID की ही अन्य शाखा में स्थानांतरण हेतु आवेदन पत्र दिये? आवेदनों की छायाप्रति देवें। (घ) 2017-18 में AIG (J), CID के विरूद्ध कितने कर्मचारियों ने शिकायत की, शिकायत आवेदनों की छायाप्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में 02 कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण हेतु आवेदन पत्र दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
20. ( *क्र. 1948 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें मिली हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी शिकायतों की एस.टी.एफ. ने जांच करके कितने केस दर्ज किये हैं? (ग) एस.टी.एफ. ने कितनी शिकायतें पुलिस को भेजी हैं? पुलिस द्वारा एस.टी.एफ. से प्राप्त कितनी शिकायतों की जांच करके कितने केस दर्ज किये हैं? कितने मामलों में जांच बंद कर दी गई है? (घ) पुलिस द्वारा सी.बी.आई. को कितने केस स्थानांतरित किये गये हैं और कितने केस अभी और स्थानांतरित किये जाना है? (ड.) कितनी शिकायतें ऐसी हैं, जिनमे अभी तक कोई जांच शुरू नहीं हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) व्यापम घोटाले से संबंधित कुल 1500 शिकायतें एस.टी.एफ. को प्राप्त हुई है। (ख) प्राप्त शिकायतों में से एस.टी.एफ. ने कुल 780 शिकायतों की जाँच पूर्ण की एवं शिकायत जाँच पर से कुल 38 अपराध दर्ज किये गये हैं। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित कुल 588 शिकायतें जिला पुलिस को जाँच हेतु प्रेषित की गई थी। जिला पुलिस द्वारा कुल 387 शिकायतों पर जाँच पूर्ण की गई एवं जांच पर से 02 अपराध दर्ज किये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15, दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेशानुसार पुलिस द्वारा सी.बी.आई. को कुल 185 केस स्थानांतरित किये गये थे। सी.बी.आई. को स्थानांतरित किए जाने हेतु कोई केस शेष नहीं है। (ड.) ऐसी कोई शिकायत नहीं हैं, जिनमें जाँच शुरू नहीं हुई है।
चाटूखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
21. ( *क्र. 37 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1305, दिनांक 24.12.2021 की कंडिका (क) के उत्तर में शासन ने बताया था कि ग्राम चाटूखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी स्थापना का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो पुलिस मुख्यालय कब तक चाटूखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी प्रारम्भ करने बाबत आवश्यक अनुशंसा शासन को प्रेषित करेगा? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार चाटूखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी कब तक स्वीकृत हो जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विचाराधीन प्रस्ताव, ग्राम चाटूखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के पूर्ण नहीं होने से अमान्य किया गया। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( *क्र. 88 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रदेश शासन की मंशा है कि प्रत्येक जिले में एक चिकित्सा महाविद्यालय खोला जाये? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा धार जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जनजाति बाहुल्य धार जिले में चिकित्सा सुविधा को बेहतर करने तथा क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा व रोजगार के उचित अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में नस्ती किस स्तर पर प्रचलित है तथा आगामी वित्तीय वर्ष में इसकी स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासन ने अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। (ख) जी हाँ। (ग) भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त स्वीकृति एवं समय-समय पर शासन द्वारा लिय गये नीतिगत निर्णय अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के धार्मिक स्थलों में हुई चोरियां
[गृह]
23. ( *क्र. 2182 ) श्री विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2000 से प्रश्न दिनांक तक पूरे प्रदेश में कितने धार्मिक स्थलों पर चोरियां हुई हैं? कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी चोरी हुई मूर्तियों को बरामद किया गया है और पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कहां-कहां चोरी में मंदिर में मौजूद पुजारियों की हत्या की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पुलिस स्टेशनों के संबंध में
[गृह]
24. ( *क्र. 1943 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने पुरूष/महिला पुलिस स्टेशन स्थापित हैं और कितने नये पुरूष/महिला पुलिस स्टेशन स्थापित किये जाने वाले हैं? शहर के नाम सहित बतायें। (ख) वर्ष 2017 से जनवरी 2022 तक सहायक उप निरीक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक तक के कुल कितने पद हैं? (ग) मध्यप्रदेश में मॉडल पुलिस स्टेशन कितने हैं? कितने पुलिस स्टेशनों को मॉडल पुलिस स्टेशन के रूप में बदला जा रहा है? पुलिस स्टेशनों के उन्नयन एवं नवीनीकरण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? सूची सहित बतावें। (घ) क्या म.प्र. में स्थापित पुलिस स्टेशनों पर आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचालित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्य प्रदेश में सामान्य थाने-968, महिला थाने-52, रेल थाने-28, यातायात थाने-51, अजाक थाने-51, नारकोटिक्य थाना-1, क्राईम थाने-4, साईबर थाना-1, विलिजेन्स थाना-1, सी.आई.डी. थाना-1, एस.टी.एफ. थाना-1, कुल 1159 थाने स्वीकृत हैं। जिला भोपाल कोलार अंतर्गत ग्राम कजलीखेड़ा में नवीन थाना तथा जिला अलीराजपुर में चौकी बरझर को थाने में उन्नयन करने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) सहायक उप निरीक्षक-489, सूबेदार-121, उप निरीक्षक-172, निरीक्षक-79, उप पुलिस अधीक्षक-1, कुल 862 पद है। (ग) वर्तमान में म.प्र. में कोई मॉडल थाना नहीं है। भोपाल जिले के थाना टी.टी. नगर को मॉडल थाना बनाये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। सभी थानों में सुधार के प्रयास जारी है। (घ) जी नहीं। नवीन थाने के भवन निर्माण की डी.पी.आर. में स्वचालित अग्निशामक यंत्र लगाए जाने का प्रावधान किया जायेगा।
विधानसभा क्षेत्र बीना के रेलवे क्षेत्र में चोरियां
[गृह]
25. ( *क्र. 1710 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के रेलवे क्षेत्र में एवं ट्रेनों में चोरियों की वारदात आये दिन बढ़ती जा रही हैं, जिसका प्रकाशन आये दिन समाचार पत्रों में हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जी.आर.पी. पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) जी.आर.पी. पुलिस द्वारा चोरी की वारदातों को रोकने के लिए क्या पहल की जा रही है? (घ) पुलिस विभाग ऐसी घटनाओं को रोकने के क्या कदम उठा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही नहीं है कि बीना रेलवे क्षेत्र में एवं ट्रेनों में चोरियों की वारदात आये दिन बढ़ती जा रही है। बीना के रेलवे क्षेत्र एवं ट्रेनों में वर्ष 2019 में 320, वर्ष 2020 में 91 एवं वर्ष 2021 में 184 चोरी की वारदातें घटित हुई हैं। (ख) चूंकि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ में नहीं है, अतः प्रश्नांश (ख) के उत्तर का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी.आर.पी. पुलिस द्वारा अपराधों के सम्बंध में यात्रियों को जागरूक करने हेतु, बैनर्स, बोर्ड डिसप्ले, रेलवे प्लेटफॉर्म पर चस्पा किये जाकर आर.पी.एफ., रेल रक्षा समिति एवं आम यात्रियों को सुरक्षा में भागीदार बनाकर प्लेटफॉर्म एरिया सुरक्षित रखने की पहल की गई है। जनवरी 2022 के प्रथम सप्ताह (01-07 जनवरी) को यात्री सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया गया, जिस दौरान विभिन्न गतिविधियां, जैसे ट्रेनों/प्लेटफॉर्म पर रेल यात्री जागरूकता अभियान द्वारा यात्रियों से संपर्क/संवाद, अकेली महिला रेल यात्रियों, वरिष्ठजनों तथा दिव्यांगों को सुरक्षा/सहायता, रेल यात्रियों में जी.आर.पी. हेल्प एप, वेबसाईट, चलित ट्रेन में Q.I.R.T./F.I.R. की सुविधा प्राप्त करने हेतु प्रचार-प्रसार, जी.आर.पी. द्वारा की गईं। साथ ही बीना क्षेत्र में सिविल कपड़ों में भी कर्मचारियों को अपराधियों पर नजर रखने हेतु लगाया गया है। इस कार्य में रेल विशेष शाखा के कर्मचारियों एवं रेल रक्षा समिति के सदस्यों की भी मदद ली जा रही है। रेलवे क्षेत्र में चलने वाली महत्वपूर्ण रात्रिकालीन ट्रेनों में सशस्त्र ट्रेनगार्ड चलाई जा रही है एवं रेलवे आउटरों व बीट पर राउंड द क्लॉक सतर्कतापूर्वक ड्यूटी तथा सी.सी.टी.वी. कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। (घ) घटित अपराधों के प्रतिमाह विश्लेषण के आधार पर, हॉट स्पॉट चिन्हित कर, अपराधियों की धरपकड़ की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही प्रत्येक थाना क्षेत्र में सबसे अधिक सक्रिय अपराधियों को चिन्हित कर उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु निगरानी की जा रही है। समंस/वारंटों की बेहतर तामीली, दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा अन्य कानूनों के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, अपराध करने वाले संगठित गैंगों के विरूद्ध कार्रवाई, अभ्यासिक अपराधियों के विरूद्व कठोर कार्रवाई हेतु डिटेक्टिव यूनिट द्वारा विवेचकों को मार्गदर्शन, थानों में क्राइम सेल का गठन जैसी व्यवस्थायें/प्रक्रियाओं का पालन तथा ''GRP HELP APP", " Web Site" "Twitter", "Whatsapp"' "Face book", "Dial 100", "e-FIR" आदि नवीनतम साधनों को प्रयुक्त किया जा रहा है।
भाग-2
नियम
46
(2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अभ्यर्थियों
द्वारा जमा
फीस को वापस
किया जाना
[सहकारिता]
1. ( क्र. 25 ) श्री मनोज चावला [ श्री विशाल जगदीश पटेल, श्री विनय सक्सेना, श्री के.पी. सिंह कक्काजू] : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपेक्स बैंक द्वारा विगत समय 104 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी? यदि हाँ, तो किस तारीख को प्रारम्भिक परीक्षा ली गई? (ख) इसमें कितने अभ्यर्थियों ने भाग लिया था तथा उनसे कुल कितनी राशि फीस के रूप में ली गई? (ग) उपरोक्त प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम किस तारीख को घोषित किया गया? (घ) क्या इसके बाद मुख्य परीक्षा आयोजित न करके भर्ती निरस्त कर दी गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ड.) क्या परीक्षा निरस्त करने के बाद अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई फीस उन्हें वापस की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। अधिकारियों के 104 पदों पर भर्ती हेतु ऑनलाईन प्रारम्भिक परीक्षा दिनांक 20.03.2021 एवं दिनांक 27.03.2021 को आयोजित की गई थी। (ख) परीक्षा में कुल 1389 अभ्यर्थियों ने भाग लिया तथा अभ्यर्थियों से फीस राशि रू.19,09,456.09 प्राप्त हुई। (ग) प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम क्रमश: दिनांक 03.05.2021 एवं 18.05.2021 को घोषित किया गया। (घ) जी हाँ। प्रारम्भिक परीक्षा उपरांत विज्ञप्त किए गए पदों पर समुचित संख्या में अभ्यर्थी के उपलब्ध न होने से भर्ती संबंधी प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा) नहीं की गई। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पर की गई कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 83 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग में प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत दिनांक 30.12.2021 एवं 27.01.2022 पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र की एक प्रति सीधी कलेक्टर को भी दी गई थी। (ख) क्या हितग्राही सोमई उर्फ सोमनाथ कोरी की तथा गुड़िया कोरी की राशि जालसाजी कर मिठाईलाल गुप्ता, विपिन सिंह और आरती सिंह के खाते में डाली गई। (ग) क्या अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण के प्रावधानों के अनुसार अगस्त 2020 से अब तक के सारे प्रकरणों की जांच कर तथा उक्त के साथ भा.द.वि. की धाराएं लगाकर कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या दोषी अधिकारी/ कर्मचारियों को निलंबित करेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मा. विधायक, विधानसभा क्षेत्र, सीधी के पत्र दिनांक 30.12.2021 एवं 27.01.2022 में वर्णित शिकायती बिंदुओं पर आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के आदेश क्र. 734 दिनांक 22.02.2022 द्वारा जांच दल गठित कर जांच की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ, यह सत्य है कि हितग्राही शोभई उर्फ सोभनाथ कोरी तथा गुड़िया कोरी को स्वीकृत राहत राशि की राशि श्री मिठाईलाल गुप्ता एवं श्री विपिन सिंह के खाते में अंतरित हो गई है। उपरोक्त हितग्राहियों की राशि आरती सिंह के बैंक खाते में नहीं डाली गई थी। उक्ताशय की जानकारी प्राप्त होते ही आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्र. 2179 दिनांक 24.12.2021 द्वारा शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक शाखा बढौरा को पत्र द्वारा निर्देशित किया गया कि श्री मिठाईलाल गुप्ता के खाते से शोभई कोरी के बैंक खाते में तथा विपिन सिंह के बैंक खाते से गुड़िया कोरी के बैंक खाते में यह राशि तत्काल अंतरित करें। शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक बढौरा के पत्र दि. 10.01.2022 द्वारा जानकारी प्रदान की गई कि श्री मिठाईलाल गुप्ता के खाते में जमा राशि को शोभई कोरी के बैंक खाते में रूपये 429300/- विपिन सिंह के बैंक खाते से गुड़िया कोरी के बैंक खाते में रूपये 100000/- राशि अंतरित की जा चुकी है जिसका सत्यापन भी करा लिया गया है। राशि सही हितग्राही को भुगतान हो चुकी है। उक्त कार्यवाही में किस स्तर पर त्रुटि हुई है विस्तृत जांच हेतु आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के आदेश क्र. 243 दिनांक 14.01.2022 एवं आदेश क्र. 734 दिनांक 22.02.2022 द्वारा जांच दल गठित किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण में जांच प्रतिवेदन के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
क्षेत्रीय विभागीय कार्यों की जानकारी
[गृह]
3. ( क्र. 111 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर संभाग एवं उज्जैन संभाग कतिपय परिस्थितिजन्य विभिन्न कारणों से अतिसंवेदनशील होकर आपराधिक गतिविधियों का मुख्य केन्द्र बना हुआ है? (ख) उपरोक्त उल्लेखित संभागों के विभिन्न जिलों के अनेक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र आपराधिक कार्यों के विगत कई वर्षों से केन्द्र बने हुए हैं, झिरन्या (नागदा) हथियार कांड जैसे गंभीर से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अनेक अपराध घटित होते रहे हैं? (ग) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग अन्तर्गत अवैध हथियार मादक पदार्थ, तस्करी, अवैध शराब, हत्या, अपहरण, फिरौती, लूट, डकैती, सट्टा, जुआ इत्यादि जैसे अपराध वर्षवार, जिलेवार, तहसीलवार, स्थानवार कितने घटित हुए हैं? (घ) उपरोक्त वर्षों के दौरान आर्थिक अपराध एवं सायबर अपराध कितने घटित हुए? तदानुसार वर्षवार जानकारी दें। उपरोक्त वर्षों में ऐसे कितने अधिकारी पदस्थ रहे, जिन पर कतिपय कारणों से कोई विभागीय जांच चलती रही किन्तु विभागीय जांच के साथ ही वे कार्यरत भी रहे तो किन कारणों से?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (घ) संभाग इन्दौर एवं संभाग उज्जैन में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक घटित आर्थिक अपराध एवं सायबर अपराध की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय जाँच से संबंधित अधिकारीगण की पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
लापता नाबालिक लड़कियों की जानकारी
[गृह]
4. ( क्र. 159 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सीधी व सिंगरौली जिले सहित प्रदेश में कितनी नाबालिग लड़कियों के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज की गई है? जिलावार बतावें। (ख) उक्त अवधि में कितनी नाबालिग लड़कियों को पुलिस द्वारा ढूंढ निकाला गया या उनकी वापसी की सूचना मिली है, जिलावार बतावें? (ग) ऐसी नाबालिग लड़कियां जो अभी तक लापता है, उन्हें कब तक ढूंढ लिया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 जनवरी 2021 से दिनांक 19.02.2022 तक सीधी व सिंगरौली जिले सहित प्रदेश में 10793 नाबालिग लड़कियों के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज की गई है जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उक्त अवधि में 9284 नाबालिग लड़कियों को पुलिस द्वारा ढूंढ निकाला गया या उनकी वापसी की सूचना मिली है जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 1509 लड़कियां अभी तक लापता हैं, लापता लड़कियों की दस्तयाबी हेतू आपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा हैं। तलाश हेतु हर संभव प्रयास जारी हैं।
तहसील सिंहावल एवं बहरी में व्यवहारवाद न्यायालय खोला जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
5. ( क्र. 163 ) श्री
कमलेश्वर
पटेल : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विधानसभा
क्षेत्र
सिंहावल
अंतर्गत
तहसील सिंहावल
एवं बहरी में
व्यवहारवाद
न्यायालय के
स्थापना की
मांग
ग्रामीणों
द्वारा की
जाती है, जिसके
संबंध में प्रश्नकर्ता
द्वारा
समय-समय पर
पत्राचार
किया गया एवं प्रश्न
पूछे गये किन्तु
शासन द्वारा
मांग पूरी
करने में
सार्थक
प्रयास क्यों
नहीं किया जा
रहा है? (ख) म.प्र. शासन
विधि और
विधायी कार्य
विभाग का पत्र
क्रमांक/6067/2019/21 ब (एक) भोपाल
दिनांक 27/11/2019 एवं पत्र
क्रमांक 5756/2019/21ब (एक) भोपाल
दिनांक 07/11/2019 के संबंध
में अब तक की
गई कार्यवाही
बतावे? (ग) विधानसभा
क्षेत्र
सिंहावल
अंतर्गत
तहसील सिंहावल
एवं बहरी में
व्यवहारवाद
न्यायालय की
स्थापना कब
तक की जावेगी?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नाबालिग लड़कियों की गुमशुदगी दर्ज रिपोर्ट पर कार्यवाही
[गृह]
6. ( क्र. 191 ) श्री
लक्ष्मण
सिंह : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनवरी, 2021 से
जनवरी, 2022
तक गुना जिले
में कितनी
नाबालिग
लड़कियों की गुमशुदगी
की प्राथमिकी
रिपोर्ट दर्ज
करायी गयी? (ख) प्रश्न
दिनांक तक उन
रिपोर्टों पर
आधारित
कार्यवाही का
विवरण बतावें।
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) 01
जनवरी 2021
से जनवरी 2022 तक
गुना जिलें
में 130
नाबालिग
लड़कियों की
गुमशुदगी की
प्राथमिकी रिपोर्ट
दर्ज हुई है। (ख) दिनांक
01 जनवरी 2021 से प्रश्न
दिनांक 19.02.2022 तक उक्त
दर्ज 130
रिपोर्ट में
से 116
नाबालिग
गुमशुदा
लड़कियों की
दस्तयाबी की
गई है तथा 14 अदम
दस्तयाब
लड़कियों की
तलाश जारी है।
अवैधानिक रूप से सहकारी संस्थाओं की भूमि का विक्रय
[सहकारिता]
7. ( क्र. 228 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न तिथि के दौरान किन-किन गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के द्वारा नियमों/शर्तों के विपरित जाकर तत्कालीन सहायक/उपायुक्त सहकारिता आयुक्तों से सांठ-गांठ कर, उक्त अधिकारियों के द्वारा नियमों के विपरित, शासन के स्थापित मापदण्डों/मानदण्डों को दर किनार कर, अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर क्या-क्या अवैधानिक कार्य किये जाने पर आयुक्त सहकारिता के द्वारा नोटिस कब-कब व क्या-क्या जारी किये गये थे? संक्षिप्त विवरण दें। (ख) इंदौर जिले में देव गुराडिया क्षेत्र, निरंजनपुर, छोटी खजरानी, खजराना एवं राजस्व ग्राम कर्मचारी संस्था मर्यादित, जय हिंद गृह निर्माण सहकारी संस्था, श्री राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, लक्ष्मणनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित सहित उन सभी संस्थाओं की जानकारी दें जिनकी भूमि पर बनाये जा रहे आवासीय एवं कामर्शियल प्रोजेक्टों को खुले बाजार में विक्रय किया जा रहा है। साथ ही इन सभी सहकारी संस्थाओं ने अपनी संस्था की मीटिंग में इस विक्रय को किये जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी (पास) किया है? प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या 23.08.2018 को या उसके पश्चात सहकारिता आयुक्त महोदय भोपाल के द्वारा इंदौर/उज्जैन जिले के सहकारिता विभाग के पंजीयक/सहायक आयुक्त/उपायुक्तों को गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के संबंध में की गई अनियमितताओं पर नोटिस जारी किये गये थे? शासन द्वारा उक्त जारी नोटिसों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है संक्षिप्त विवरण दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) इंदौर जिले में स्थित राजस्व कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की भूमि पर प्रश्नांश "क" में वर्णित तिथि से प्रश्न तिथि तक कोई आवासीय या कमर्शियल प्रोजेक्ट नहीं बनाये जा रहे है। लक्ष्मणनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं जयहिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर में प्रश्नांश "क" में वर्णित तिथि से प्रश्न तिथि तक आवासीय/कमर्शियल प्रोजेक्ट को खुले बाजार में विक्रय नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त उल्लेखित संस्थाओं के उत्तर अनुसार इस संबंध में कोई प्रस्ताव को पास नहीं किया गया है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामग्री क्रय में हुये भ्रष्टाचार के जांच
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 290 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिलें में 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में हुये भ्रष्टाचार के जांच प्रतिवेदन में दोषी पाये गये प्राचार्यों पर कार्यवाही होगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित दोषी अधिकारियों से राशि वसूल की जाएगी तथा दोषी अधिकारियों की एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में श्री आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, संभागीय आयुक्त, इंदौर, कलेक्टर बड़वानी द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक से आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, निम्नानुसार कार्यवाही की गई है:- 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में अनियमितता के मामले में दोषी पाये गये 31 प्राचार्यों में से 23 प्राचार्यों को आयुक्त, इंदौर संभाग, इंदौर द्वारा परिनिन्दा की शास्ति से दण्डित किया गया। 05 प्राचार्यों की एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। एक प्राचार्य का निधन होने से एवं एक प्राचार्य की सेवानिवृत्ति होने से एवं एक प्राचार्य के पदच्युत होने से प्रकरण को समाप्त किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। की गई कार्यवाही की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आदिवासियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराये जाना
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 291 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जिले में प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) इनमें से कितने मामलों से सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए? (ग) क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शासन द्वारा निरस्त दावों के पुन: परीक्षण हेतु एमपी वनमित्र पोर्टल बनाया गया है। जिसके माध्यम से दावेदारों को युक्ति-युक्त अवसर प्रदान किया गया है, बड़वानी जिले में विभिन्न आधारों पर निरस्त किये गये दावों में से अनुसूचित जनजाति के 2034 दावों को पुन: परीक्षण में मान्य किया गया है।
संदेहास्पद मृत्यु की जांच
[गृह]
10. ( क्र. 363 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.28 दिनांक 09.08.2021 के प्रश्नांश 'ख' में जानकारी दी गई थी कि रामविलास आ.सुन्दरलाल की दिनांक 11.06.2013 को हुई संदेहास्पद मृत्यु की जांच दिनांक 09.10.2020 से सी.आई.डी. द्वारा की जा रही है। (ख) क्या उक्त प्रकरण में साक्ष्य एकत्रित कर जांच पूरी कर ली गई है? (ग) क्या कतिपय लोगों द्वारा सी.आई.डी. को जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? (घ) जांच कब तक पूरी होने की संभावना है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जांच जारी है। (ग) जी नहीं। (घ) घटना लगभग 8 वर्ष से अधिक पुराने अकाल मृत्यु से संबंधित है। घटना के संबंध में प्रमाण एकत्रित किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून हेतु प्राप्त सुझाव
[विधि एवं विधायी कार्य]
11. ( क्र. 364 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 7834/मु.स./2021/सामान्य, दिनांक 11.10.2021 से प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग को जनसंख्या नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार करने हेतु आगामी कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) क्या विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ग) जनवरी 2020 से नवम्बर 2021 तक जनसंख्या नियंत्रण पर कठोर कानून बनाये जाने हेतु किन-किन नागरिकों/जनप्रतिनिधियों के सुझाव प्राप्त हुए? नाम सहित सुझावों की जानकारी देते हुए उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय श्री सीतासरण शर्मा, विधायक का पत्र क्रमांक 2904, दिनांक 04.10.2021 मुख्य सचिव महोदय को प्रेषित पत्र, जो मुख्य सचिव कार्यालय के द्वारा उनके पृष्ठांकन क्रमांक 7834, दिनांक 11.10.2021 के द्वारा विधि और विधायी कार्य विभाग को प्राप्त हुआ था। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'अ' पर है। (ख) उक्त पत्र के संबंध में इस विभाग के पत्र क्रमांक 13541/273/21-अ (प्रा.) दिनांक 12.10.2021 द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग तथा प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग/प्रमुख सचिव, संसदीय कार्य विभाग/प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग/प्रमुख सचिव, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग/प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग/प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग/प्रमुख सचिव, वित्त विभाग/प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग/प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग/प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया था। उक्त विभागों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर इस विभाग द्वारा परिमार्जन किए जाने की कार्यवाही की जावेगी पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'ब' पर है। क्योंकि मध्यप्रदेश कार्य आवंटन नियम 21 में विधि और विधायी कार्य विभाग को दिए गए विषय एवं प्रशासित अधिनियम के अंतर्गत मांग किए गए विषयों पर विधि बनाने का अधिकार नहीं दिया गया है। (ग) माननीय श्री सीतासरण शर्मा, विधायक का पत्र क्रमांक 2904 दिनांक 04.10.2021 मुख्य सचिव महोदय को प्रेषित पत्र, जो मुख्य सचिव कार्यालय के द्वारा उनके पृष्ठांकन क्रमांक 7834 दिनांक 11.10.2021 के द्वारा विधि और विधायी कार्य विभाग को प्राप्त हुआ था। उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में इस विभाग के पत्र क्रमांक 13541/273/21-अ (प्रा) दिनांक 12.10.2021 द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग तथा प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग/प्रमुख सचिव, संसदीय कार्य विभाग/प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग/प्रमुख सचिव, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग/प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग/प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग/प्रमुख सचिव, वित्त विभाग/प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग/प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग/प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया था।
आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं हेतु स्वीकृत राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 428 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नेता जी
सुभाषचंद्र
बोस चिकित्सा
महाविद्यालय
जबलपुर को
केन्द्र एवं
राज्य शासन ने
किन-किन योजना
मद में आधुनिक
चिकित्सा
सुविधाएं
उपलब्ध कराने
नये भवनों, प्रोजेक्ट
का निर्माण
कराने हेतु
कब-कब कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की है एवं
कब-कब,
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की है तथा
कितनी-कितनी
राशि कब से
आंवटित नहीं
की है एवं
क्यों? इन
भवनों व
प्रोजेक्ट के
निर्माण
कार्य की निर्धारित
लागत व अवधि
क्या हैं? वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक की
स्थिति में
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) में कौन-कौन
सी आधुनिक
मशीनों, उपकरणों
संसाधनों की
व्यवस्था पर
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई।
कौन-कौन सी
मशीनें कब-कब
कहां-कहां से
कितनी-कितनी
राशि में क्रय
की है एवं
कौन-कौन सी
मशीनें उपकरण
उपलब्ध नहीं
कराये गये हैं
एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) में
स्वीकृत
कौन-कौन से
नये निर्माण
कार्य, प्रोजेक्ट
कब से अपूर्ण
व निर्माणाधीन
है एवं क्यों? इनकी
निर्धारित
निर्माणाधीन
अवधि व डेड
लाइन क्या है? कौन-कौन
से नये
निर्मित भवनों
व प्रोजेक्ट
को कब से हैंड ओव्हर
नहीं किया गया
है एवं क्यों? एम.बी.बी.एस.
की कितनी
सीटें बढ़ेगी? क्या
शासन निर्माण
कार्यों में
वित्तीय
अनियमितता, राशि का
दुरूपयोग व
गुणवत्ताविहीन
निर्माण
कार्य की जांच
कराकर दोषी
निर्माण
एजेंसी व
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगी?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख) नेताजी
सुभाष चन्द्र
बोस मेडिकल
कॉलेज, जबलपुर
में शासन
द्वारा
समय-समय पर
आवंटित बजट उपलब्ध
कराई गई
राशियों के
विरूद्ध निम्नानुसार
मशीनों, उपकरणों
एवं संसाधनों
की व्यवस्था
पर राशि व्यय
की गई है:-
सं.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
व्यय राशि |
1 |
2015-16 |
10440468.00 |
2 |
2016-17 |
66111639.00 |
3 |
2017-18 |
74395587.00 |
4 |
2018-19 |
58993474.00 |
5 |
2019-20 |
19448770.00 |
6 |
2020-21 |
75176078.00 |
7 |
2021-22 (अद्यतन स्थिति में) |
110229060.00 |
व्यय राशि की वर्षवार विवरण सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। कार्यालय द्वारा विषय विशेषज्ञों की मांग अनुसार समय-समय पर जारी किये गये क्रय आदेशों के विरूद्ध सभी मशीनें/उपकरण संस्था को उपलब्ध कराये गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में एम.बी.बी.एस. की 150 से 250 सीट्स वृद्धि किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध कमांक 370/2 के संबंध में
[गृह]
13. ( क्र. 540 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किभिण्ड शहर के थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध कमांक 370/21 किस दिनांक को दर्ज किया गया? इसमें कौन फरियादी है और कौन-कौन आरोपी हैं? जिस मेडीकल के आधार पर यह अपराध दर्ज किया गया वह मेडीकल सर्टिफिकेट किस दिनांक का है? मेडीकल सर्टिफिकेट जारी होने की दिनांक से कितने दिनों बाद एफ.आई.आर. दर्ज की गई? क्या अनुसंधान अधिकारी के द्वारा पुख्ता तहरीर को जानबूझकर छिपाया गया एवं डायरी में नहीं लगाया जिसकी वजह से एफ.आई.आर. दर्ज होने में देरी हुई और फरियादी को न्याय नहीं मिल पाया। इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : अपराध क्रमांक 370/21 दिनांक 15.07.2021 को दर्ज किया गया। प्रकरण में सौरव पिता हाकिम सिंह निवासी भीमनगर भिण्ड, फरियादी है एवं (1) अशोक जाटव (2) कन्हैया जाटव (3) सोना जाटव (4) परसराम जाटव (5) भारत जाटव सभी निवासी भीमनगर भिण्ड, आरोपी है। जिस मेडिकल के आधार पर अपराध दर्ज किया गया वह मेडिकल सार्टिफिकेट दिनांक 10.10.2020 का है। मेडिकल सार्टिफिकेट जारी होने की दिनांक से 278 दिनों के बाद एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। प्रकरण में विलम्ब से कायमी करने की प्राथमिक जांच एस.डी.ओ.पी. गोहद द्वारा की जा रही है, जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नकल का प्रदाय
[लोक सेवा प्रबन्धन]
14. ( क्र. 553 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत लोकसेवा केंद्र में समाधान योजना अंतर्गत 24 घंटे में अनेक विभागों से संबंधित दस्तावेजों और प्रमाण-पत्र, सत्यापित प्रतिलिपि दिए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक दमोह में स्थित लोक सेवा केंद्र में माहवार समाधान योजना के अंतर्गत कितने कितने आवेदन मिले? (ग) उपरोक्त अवधि में माहवार कितने कितने आवेदकों को 24 घंटे में उनके द्वारा चाहे गये दस्तावेज/प्रमाणपत्र की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करा दी गई? (घ) उपरोक्त में माहवार कितने आवेदन ऐसे हैं जिनमे 24 घंटे में आवेदक को वांछित दस्तावेज/प्रमाणपत्र नहीं मिला? इसका क्या कारण है? (ड.) मध्यप्रदेश में दमोह जिला सहित कितने जिलों में ऑफलाइन रिकार्ड को ऑनलाइन के जरिए दिया जा रहा है। शासन के किस आदेश से ऑफलाइन रिकार्ड को ऑनलाइन किया गया है? आदेश की प्रति देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी, हाँ। लोक सेवा प्रबंधन विभाग अंतर्गत समाधान एक दिन तत्काल सेवा व्यवस्था के तहत वर्तमान में 09 विभागों की 42 सेवाएं एक दिवस में प्रदाय की जा रहीं हैं। (ख) कुल प्राप्त आवेदन – 75055। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) आवेदन एक दिवस में निराकृत कुल आवेदन – 74063। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) अगले कार्यदिवस में निराकृत आवेदन – 992। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। विभाग द्वारा समाधान एक दिन तत्काल सेवा व्यवस्था के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के निराकरण अवधि शाम 04:30 बजे तक निर्धारित है। उक्त अवधि उपरांत प्राप्त आवेदनों का निराकरण अगले कार्य दिवस में किया जाना निर्धारित है। (ड.) म.प्र. शासन राजस्व विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्र. एफ 09-11/2017/सात (एक) दिनांक 03/01/2018 के अनुसार राजस्व विभाग अंतर्गत समाधान एक दिन तत्काल सेवा व्यवस्था के तहत आधुनिक अभिलेखागार (Modern Record room) में जमा भू-अभिलेखों/राजस्व प्रकरणों/नक्शों एवं अन्य अभिलेखों की सत्यप्रतिलिपि प्रदाय की जा रही है। राजस्व विभाग के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
डीनोटीफाईड भूमियों के वन अधिकार पत्र
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 560 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि बैतूल जिले में जिन 829 ग्रामों की समस्त भूमि वर्ष 1972 में भा.व.अ.1927 की धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई, उन ग्रामों की बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों के भी व्यक्तिगत अधिकार पत्र वितरित कर दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिन 829 ग्रामों की समस्त भूमि डीनोटीफाईड की गई उनमें से कितने ग्रामों में ग्राम वनाधिकार समितियाँ बनाई गई, कितने ग्रामों में कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किए गए, कितनी भूमि के कितने दावे अमान्य किए गए, कितनी भूमि के कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिए गए? (ग) डीनोटीफाईड कर दी गई भूमियों के काबिजों को भूमि का मालिकाना हक नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है, इस संबंध में मध्यप्रदेश में ग्रामों की दखल रहित भूमि के कृषिकरण का अधिनियम 1970 की धारा 5 में क्या-क्या प्रावधान हैं? (घ) डीनोटीफाईड भूमियों पर काबिजों को कब तक मालिकाना हक के पट्टे वितरित किए जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 के प्रावधानों के तहत वन अधिकार की मान्यता प्रदान किये जाने हेतु वन अधिकार अधिनियम 2006 नियम 2008 की धारा 2 (घ), 2 (ण) एवं 4 (3) के तहत दावे मान्य/अमान्य किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कृषिकरण अधिनियम 1970 की धारा 5 के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
सामुदायिक वन अधिकार का दावा
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 561 ) डॉ.
योगेश
पंडाग्रे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) बैतूल
जिले की बैतूल
जनपद पंचायत
के अंतर्गत मोवाड़
पंचायत के
भोपाली
क्षेत्र से
संबंधित सामुदायिक
वन अधिकार के
संबंध में
ग्राम सभा, उपखण्डस्तरीय
समिति, जिला
स्तरीय समिति
ने किस-किस
दिनांक को
क्या-क्या
प्रस्ताव
मिले?
(ख)
जिला
स्तरीय समिति
द्वारा
प्रस्ताव लिए
जाने के बाद
सहायक आयुक्त
कार्यालय, बैतूल, उत्तर
वनमण्डल
बैतूल, जनपद
पंचायत बैतूल, उपमण्डलाधिकारी
सारनी ने किस-किस
विषय पर
क्या-क्या
आपत्ति दर्ज
करते हुए
किस-किस
दिनांक को
पत्र लिखे? (ग) वन
विभाग द्वारा
उपलब्ध करवाए
गए वनकक्ष मानचित्र
एवं रकबे में
हुई त्रुटि को
विभागीय तौर
पर ठीक करवाए
जाने के संबंध
में वन मण्डल
द्वारा सारनी
उपवन मण्डलाधिकारी
एवं रानीपुर
परिक्षेत्राधिकारी
को आवश्यक
निर्देश नहीं
दिए जाने का
क्या कारण रहा
है? (घ) भोपाली
क्षेत्र का
सामुदायिक वन
अधिकार पत्र
कब तक ग्राम
पंचायत को
सौंप दिया
जावेगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है।
(ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है
(ग) वन
मण्डल
द्वारा
अनुसूचित
जनजाति और अन्य
परम्परागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम
2006 के
अंतर्गत नोडल
अधिकारी
सहायक आयुक्त
आदिवासी
विकास बैतूल
है, अत: वन
मंडल द्वारा
सीधे उपवन मंडलाधिकारी
सारनी एवं
परिक्षेत्र
अधिकारी
रानीपुर को
निर्देश दिये
जाने का प्रश्न
उपस्थिति
नहीं होता है।
नोडल अधिकारी/सहायक
आयुक्त
आदिवासी
विकास बैतूल
से प्रश्नाधीन
प्रकरण
वनमंडल
कार्यालय को
प्राप्त
होने पर
परीक्षण
उपरांत
प्रकरण में
पाई गई कमियां/आपत्तियों
की पूर्ति
हेतु वापस
प्रेषित किये
गये है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है।
(घ) सहायक
आयुक्त
जनजाति कार्य
विकास बैतूल
के पत्र
क्रमांक 1185
दिनांक 15.02.2022 से त्रुटि
सुधार कर
सामुदायिक वन
अधिकार के 02 दावे
हस्ताक्षर
हेतु प्रेषित
किये गये है। दावे
प्राप्त
होने पर ग्राम
पंचायत को
जनपद पंचायत
बैतूल के माध्यम
से सौंप दिये
जावेंगे। समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
मुरैना में कानून व्यवस्था की स्थिति
[गृह]
17. ( क्र. 637 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में चालू वित्तीय वर्ष में चोरी, डकैती, छीना-झपटी, अपहरण, लूट, घसोट एवं मारपीट जैसे कई अपराध हो रहे है जिससे जनमानस का घर से निकलना दूबर हो गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों से संबंधित कितने आवेदन प्राप्त होकर उनकी जांच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? नाम, पद सहित बतावें एवं जांच के प्रतिवेदन से भी अवगत करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला मुरैना में दिनांक 01.04.21 से 15.02.22 तक चोरी के कुल 772 प्रकरण, डकैती के कुल 04 प्रकरण, छीना-झपटी के कुल 08 प्रकरण, अपहरण के कुल 120 प्रकरण लूट के कुल 31 प्रकरण एवं मारपीट के कुल 3098 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिला मुरैना में अपराधियों के विरूद्ध लगातार कानूनी कार्यवाही की जार ही है। जिला में शांति व्यवस्था कायम है, जनमानस का घर से निकलना दुबर नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
योजनाओं
की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
18. ( क्र. 638 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग को केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत राशि प्रदान की जाती है व इनकी क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा क्या मार्ग दर्शिका प्रचलन में है? (ख) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में (क) में प्राप्त राशि में से कितने कार्यों को वर्ष 2018-19 से 2022 जनवरी तक क्या-क्या कार्य किस-किस प्रकार के किस-किस एजेंसी द्वारा कराये गये? मांग संख्या, लेखाशीर्ष, क्रियान्वयन एजेंसी का नाम स्वीकृत दिनांक/देयक दिनांक कार्य पूर्ण अवधि का समय, प्राक्कलन की प्रति आदि सहित तथा कार्यों की स्थिति बताते हुए वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ग) क्या उपरोक्त सभी कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके है अथवा नहीं यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण विभाग अंतर्गत केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में निर्माण कार्य हेतु कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है, न ही कोई निर्माण कार्य कराया गया है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशासनिक अधिकारियों के मानदेय में विसंगति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
19. ( क्र. 679 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जिला नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र (DDRC) में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य विशेषज्ञों की शैक्षणिक/वांछनीय योग्यता एवं कार्यानुभव समान है? क्या यह भी सही है कि समकक्ष शैक्षणिक योग्यता एवं कार्यानुभव समान होने के पश्चात् भी दोनों के मानदेय राशि में भिन्नता हैं? यदि हाँ, तो कितनी एवं क्यों? (ख) क्या वर्णित (क) में प्रशासनिक अधिकारियों के मानदेय विसंगति दूर किये जाने की कोई योजना है, यदि हाँ, तो यह विसंगति कब तक समाप्त की जावेगी? क्या उक्त अधिकारी के पी.एफ., एच.आर. एवं अन्य भत्तों को प्रदाय किये जाने हेतु कार्यवाही विभाग में प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो कब तक क्रियान्यवन किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य विषय विशेषज्ञों की अर्हताये पदों के अनुरूप भिन्न-भिन्न है। दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र में स्वीकृत पदों का मानदेय भिन्न-भिन्न स्वीकृत है, स्वीकृत पद, उनकी अर्हताये और मानदेय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वेतन विसंगति नहीं है, कार्य एवं पद के अनुरूप मानदेय निर्धारित है। पुनर्वास केन्द्रों का संचालन विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों/संस्थाओं द्वारा क्रियान्वयन एजेन्सी के रूप में चयनित कर कराया जा रहा है। पुनर्वास केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारी क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा नियुक्त किये जाते है जिन्हें निश्चित मानदेय प्रदान किया जाता है। पी.एफ., एच.आर. एवं अन्य भत्ते प्रदाय किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
गौशलाओं को अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
20. ( क्र. 718 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किन-किन गौशालाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में किन-किन दिनांकों में कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रति गौवंश किस मान से दी गई पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या यह सच है कि रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किन-किन गौशालाओं को 20 रूपये प्रति गौवंश के मान से नियमित रूप से अनुदान राशि नहीं दी जा रही है यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें तथा इस हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में मनरेगा अंतर्गत निर्मित एवं निर्माणाधीन गौशालाओं में बिजली एवं पानी की व्यवस्था हेतु विभाग की क्या-क्या जवाबदारी है तथा इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) क्या यह सत्य है कि मनरेगा अंतर्गत रायसेन जिले में निर्मित एवं निर्माणाधीन गौशालाओं में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिजली एवं पानी की व्यवस्था नहीं है यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें तथा मान. मंत्री जी ने उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं को प्रदायित अनुदान राशि का गौशालावार, वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार तथा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालाओं का गौशालावार, वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ख) रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं को राशि रू. 20.00 प्रतिदिवस प्रतिगौवंश के मान से प्रदाय की जा रही है एवं शासन द्वारा राशि प्राप्त होने पर, उस राशि का वितरण उपलब्ध गौवंश की गणना के आधार पर जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति के माध्यम से गौशालाओं को प्रदाय की जाती हैं। (ग) रायसेन जिले में मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2019-20 में निर्मित 15 गौशालाओं हेतु पानी की व्यवस्था के लिए राशि रू. 29.69 लाख प्राप्त हुए थे, जिसे जिला पंचायत रायसेन के द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों को आवंटित कर जल की व्यवस्था की गई। निर्मित 15 गौशालाओं की विद्युतव्यवस्था हेतु कुल राशि रू. 55.09 लाख प्राप्त हुए जिस में से राशि रू. 18.58 लाख महाप्रबंधक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. को प्रदाय की जा चुकी है। जिन में से 06 गौशालाओं का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष गौशालाओं में विद्युतीकरण कार्य हेतु विभाग द्वारा दिनांक 09.02.2022 को राशि रू. 36.52 लाख मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को प्रदाय की जा चुकी है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दर्ज अपराध कमांक 363/19 पर कार्यवाही
[गृह]
21. ( क्र. 796 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड के थाना शहर कोतवाली में दर्ज अपराध क्रमांक 363/19 में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या उक्त प्रकरण में अपराधियों की गिरफ्तारी हुई? क्या आज दिनांक तक न्यायालय में चालान पेश किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक होगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना कोतवाली जिला भिण्ड के अपराध क्रमांक 363/19 में घटना स्थल की कार्यवाही की गई हैं, फरियादी एवं साक्षियों के कथन लिये गये हैं। प्रकरण में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई हैं, प्रकरण अनुसंधान में है, चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पट्टेधारियों को सम्मान निधि का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 809 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत प्रदान किए गए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारकों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि दिए जाने का क्या प्रावधान है? वनग्रामवासी अधिकार पत्र धारकों के लिए क्या प्रावधान है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के वनग्राम जनोना में किस-किस व्यक्ति को किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का वन अधिकार पत्र किस दिनांक को वितरित किया गया है? उसमें से किस-किस अधिकार पत्र धारक को प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का भुगतान नहीं किया जा सका है। (ग) जनोना ग्राम के व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारकों को कब तक प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान करवा दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है, इनमें वनग्रामवासी वन अधिकार पत्र धारक भी शामिल है। (ख) विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही के वनग्राम जनोना में कुल 69 व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र दिये गये है। इनमें से 45 वन अधिकार पत्र धारकों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का भुगतान किया जा चुका है। शेष 24 वन अधिकार पत्र धारकों को भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) वन ग्राम जनोना के 02 वन अधिकार पत्र धारकों का एक्स.एम.एल. फाईल पी.एम. किसान पोर्टल पर भेज दी गई है तथा 22 व्यक्तियों का एन.आई.सी. से डाटा प्राप्त करने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। सारा पोर्टल पर डाटा प्राप्त होते ही प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सम्मान निधि का भुगतान कर दिया जावेगा।
गैर वनभूमि होने से अमान्य दावे
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 815 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार बैतूल जिले के कितने ग्रामों के कितने दावदारों की भूमि को गैर वनभूमि बताया जाकर दावा अमान्य किया गया कितने दावेदारों का तीन पीढ़ियों से कब्जों का प्रमाण न होने के कारण दावा अमान्य किया गया ब्लॉकवार पृथक-पृथक बतावें? (ख) राजस्व विभाग के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस मद में दर्ज जमीनों को वन भूमि माना गया, किस-किस में दर्ज जमीन को गैर वनभूमि माना गया, किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज जमीन को वन भूमि माना गया पृथक-पृथक बतावें? (ग) गैर आदिवासियों के भूमि पर कब्जे के संबंध में वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण) एवं धारा 4 (3) में क्या-क्या उल्लेख किया गया है किस धारा में गैर आदिवासियों का तीन पीढ़ी का भूमि पर कब्जा होने का उल्लेख है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बैतूल जिले में 375 ग्रामों के 486 दावे गैर वन भूमि होने के कारण तथा 2008 दावे तीन पीढ़ियों से कब्जों का साक्ष्य न होने के कारण अमान्य किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 में दिनांक 12.12.1996 एवं आई.ए. क्रमांक 791 एवं 792 दिनांक 01.08.2003 में दिये निर्देशानुसार अभिलेख में दर्ज भूमियों को वन भूमि माना गया तथा शेष मदों को गैर वन भूमि माना गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
बैतूल जिले के 92 वनग्राम
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 816 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (च) एवं धारा 3 (1) ज में वन ग्रामों बावत् क्या प्रावधान दिया गया है, बैतूल जिले के 92 वनग्रामों में से किस वन ग्राम का पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं निस्तार पत्रक संबंधित सरपंच/सचिव को किस दिनांक को उपलब्ध करवाया गया। (ख) किस वनग्राम की खसरा पंजी में कितनी भूमि कितने किसानों के नाम पर दर्ज बताई गई कितनी भूमि पर कितने लोगों का अतिक्रमण बताया गया? इनमें से कितनी भूमि कितने अधिकार पत्र पर उपलब्ध करवाई गई? आदिवासी एवं गैर आदिवासी की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) किस वनग्राम की खसरा पंजी में अतिक्रमित बताई गई? कितनी भूमि के दावों को कब्जों का प्रमाण नहीं होने के कारण अमान्य किया गया, खसरा पंजी में दर्ज अतिक्रमण की प्रविष्टि को प्रमाण क्यों नहीं माना गया।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
पन्ना जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( क्र. 844 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में कौन-कौन सी विभागीय योजनाएं कब से लागू एवं वर्तमान में प्रचलित हैं? योजनाओं के क्रियान्वयन के निर्देश एवं लाभ लेने की क्या प्रक्रिया है? योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए क्या-क्या कार्यवाही और प्रयास किए जाते हैं? (ख) पन्ना जिले में विगत-05 वर्षों में हितग्राही मूलक एवं स्वरोजगार की किन-किन योजनाओं से किन-किन हितग्राहियों को किस प्रकार एवं कब-कब लाभान्वित किया गया और क्या इन योजनाओं से लाभान्वित होने से इनके जीवन में कोई बदलाव आना परिलक्षित हुआ है? यदि हाँ, तो इसका परीक्षण किस प्रकार किया गया एवं क्या परिणाम रहें? (ग) पन्ना जिला हेतु विगत 03 वर्षों में बस्ती विकास मद में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और बस्ती विकास मद से कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य किन मांग एवं आवश्यकताओं/प्रस्तावों पर स्वीकृत किए गए एवं कहाँ-कहाँ और किस-किसके द्वारा कब-कब कराये गये? किन-किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यों का प्राक्कलन तैयार किया गया? कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गयी? किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा कार्यों का पर्यवेक्षण किया गया एवं कार्यों की माप और माप का सत्यापन किया गया तथा कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के तहत क्या विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन और बस्ती विकास मद के कार्यों में अनियमितताओं की जानकारी एवं शिकयतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या जानकारी एवं शिकायतें प्राप्त हुई और इन पर क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय योजनाओं/कार्यों का सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब-कब और क्या परिणाम रहें? यदि नहीं, तो क्यों? इस पर क्या कार्यवाही की जायेंगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु रोजगार मेले एवं अन्य शिविरों के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। योजनाओं से लाभान्वित कर जीवन शैली में बदलाव हुआ है तथा समय-समय पर विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों से निरीक्षण कराया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) आवश्यकतानुसार तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टेण्डर में ई-टेंपरिंग के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
26. ( क्र. 871 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 4680 दिनांक 23-3-2021 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 1239 दिनांक 24-12-2021 दोनों के उत्तर में बताया गया कि (क) से (घ) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) जानकारी एकत्रित हो चुकी है तो चाही गई सम्पूर्ण जानकारी सहपत्रों सहित उपलब्ध कराऐं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में शासन/विभाग स्तर के सदस्यों द्वारा प्रश्न पूछे जाने पर जानकारी व रिकार्ड एकत्रित करने के लिये समय-सीमा के क्या नियम-निर्देश हैं? नियम निर्देशों की प्रतियों सहित जानकारी देवें। क्या समय-सीमा में जानकारी नहीं देने वाले संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा ई-टेपरिंग घोटाले के संबंध में प्रमुख सचिव गृह विभाग को पत्र क्रमांक 844/2021 दिनांक 08-02-2022 दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही न करने व चाही गई जानकारी उपलब्ध न कराने का कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे। जांच प्रतिवेदनों के साथ संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
27. ( क्र. 906 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत कितने आवेदन हितग्राहियों द्वारा प्रस्तुत किये गये, कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये? नामवार, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत प्रकरणों के आधार पर कितने हितग्राहियों को कितनी राशि वितरित की गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही का नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख एवं किस बैंक खाते में कितनी राशि भेजी गई, उसका विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अन्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन नहीं होने से हितग्राहियों द्वारा कोई भी आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों से राशि की वसूली
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
28. ( क्र. 933 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले कि विभिन्न जनपद पंचायतों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कन्याओं के विवाह में विवाह सहायता की राशि स्वीकृत की गई का विवरण वर्षवार पंचायतवार, जनपदवार जिलेवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिनकों विवाह सहायता का लाभ दिया गया है उनके माता-पिता का नाम परिवार आई.डी. एवं जिस खाते में राशि भेजी गई का खाता नंबर सहित संपूर्ण पते का विवरण जनपदवार, पंचायतवार, हितग्राहीवार जिलेवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विवाह सहायता कब-कब, किन-किन माह व वर्ष में स्वीकृत की गई का विवरण नोटशीट व कैश बुक की प्रति देते हुये बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के विवाह सहायता के प्रकरणों के स्वीकृत पर कब-कब शासन द्वारा अस्थायी रूप से रोक लगाई गई थी का विवरण देते हुये आदेशवार बतायें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत प्रकरण की राशि प्रश्नांश (ख) अनुसार दूसरों के खातों में भेज कर राशि की हेराफरी की गई एवं प्रश्नांश (ग) व (घ) अनुसार शासन के रोक के बाद अपात्रों को राशि स्वीकृत लाभ प्रदान किया गया? पात्र वंचित हुये आज भी आवेदन लंबित है इस पर क्या कार्यवाही किन-किन पर करेंगे बतावें? राशि वसूली के साथ गबन के प्रकरण दर्ज करावेगे तो कब तक बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) शहडोल जिले में जनपद पंचायतों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत कुल 1655 कन्याओं को विवाह सहायता राशि का भुगतान किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि अनुसार। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (घ) विभाग द्वारा किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई। (ड.) उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार पात्र हितग्राहियों को ही लाभांवित किया गया है और कोई हेरा-फेरी या फर्जी राशि अंतरित नहीं की गई है इसलिए राशि वसूली के साथ गबन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति
[जनजातीय कार्य]
29. ( क्र. 1010 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में प्रश्न दिनांक तक कितने क्षेत्र संयोजक/विकासखंड अधिकारी/मंडल संयोजक पदोन्नति एवं तृतीय वेतनमान के लिए पात्र है? विवरण सहित बतायें। (ख) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग भोपाल के पत्र कमांक एफ-11/1/2008/नियम चार भोपाल दिनांक 24 जनवरी 2008 की कंडिका 12 में प्रथम व द्वितीय वेतनमान प्राप्त करने वालों को तृतीय उच्चतर वेतनमान के लिए ए.सी.आर. की आवश्यकता नहीं होती। प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कितनों की ए.सी.आर. विभाग में है कितनों की नहीं है। पृथक-पृथक सूची देवें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में जिनकी ए.सी.आर. विभाग में उपलब्ध है। क्या उनको तृतीय समयमान वेतनमान विभाग द्वारा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के संबंध में विभागीय नीति बतायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया से संबंधित प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है। तृतीय समयमान हेतु सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नियमानुसार ए.सी.आर. की आवश्यकता होती है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रक्रिया निरंतर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पदोन्नति हेतु विभागीय (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 1969 (यथा संशोधित) एवं सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देश तथा समयमान वेतनमान हेतु वित्त विभाग के नियम निर्देश लागू हैं।
स्कूलों को सर्वसुविधा युक्त बनाया जाना
[जनजातीय कार्य]
30. ( क्र. 1025 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विभाग के अंतर्गत संचालित किन-किन प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षकों, प्राचार्य एवं अन्य स्टॉफ की कमी है? यह कमी कब से है एवं इस कमी की पूर्ति करने की दिशा में शासन द्वारा अब तक प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है और कब तक पूर्ति कर दी जायेगी? (ख) उपरोक्तानुसार कौन-कौन से स्कूल भवनविहीन, टॉयलेटविहीन विद्युतविहीन, खेल मैदानविहीन, बाउण्ड्रीवॉलविहीन है? (ग) उक्त कमियों की पूर्ति के लिये निचले स्तर से शासन को विगत दो वर्षों में कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये है उन प्राप्त प्रस्ताव में से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये जाकर बजट में शामिल किये गये है? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु 1011 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 3126 माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियों की जा चुकी है, जिसमें से विकासखंड धरमपुरी में 18 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 51 माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियों की जाकर पदस्थापना की गई है। द्वितीय चरण में प्रतिक्षा सूची से नियुक्तियां किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पद पूति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
वर्षों से खराब पड़ी मशीनों के सुधार व सामान्य परिषद की बैठक
[चिकित्सा शिक्षा]
31. ( क्र. 1121 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में पिछले 10 वर्षों में कौन-कौन सी मशीन खराब अथवा तकनीकी खामियों के कारण बंद पड़ी हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा मशीनों के रिपेयरिंग, नई मशीनें जो शासन या अन्य साधनों से प्राप्त हुई जो तकनीकी रूप से बंद पड़ी हुई है? को चालू कराने हेतु क्या प्रयास किये गये? दिनांक 2017 से दिनांक 2021 तक सामान्य परिषद की बैठक आयोजित की गई? हाँ या नही? यदि हाँ, तो कब-कब की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.या.चि. में पदस्थ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डाक्टरों द्वारा बंद पड़ी मशीनों को क्यों नहीं चालू कराया गया? कॉलेज प्रशासन द्वारा शासन को कौन-कौनसी मशीनों कि खरीदी कि आवश्यकता बताई गई? शासन द्वारा क्या कार्यवाही कि जा रही है (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से मुद्दे बैठक में पारित किये गये? सामान्य परिषद की बैठक में वित्तिय अनुमोदन लिया गया? हाँ या नही? यदि नहीं, तो किसकी अनुमति से उक्त वर्षों में वित्तिय अनुमोदन प्राप्त नहीं किया जाकर राशि व्यय की जा रही थी? क्या उक्त अवधि का ऑडिट कराया गया? हाँ या नही? यदि हाँ, तो ऑडिट रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत करें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर द्वारा भारत सरकार के उपक्रम हाईट्स के साथ उपकरणों के रख-रखाव एवं सुधार हेतु दिनांक 06/08/2021 को अनुबंध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) बंद पड़ी मशीनों को चालू कराने के प्रयास किए गए। गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट विभाग की एंडोस्कोपी मशीन पुरानी होने एवं सुधार के सतत् प्रयासों के उपरांत भी अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य नहीं कर पा रही है। आवश्यक मशीनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। विभाग द्वारा नवीन एंडोस्कोपी मशीन के क्रय हेतु स्वीकृति एवं बजट प्रदान किया गया है, क्रय की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज इंदौर में की गई भर्तियाँ
[चिकित्सा शिक्षा]
32. ( क्र. 1122 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज इंदौर एवं अधीनस्थ संस्था में किन-किन विभागों में समस्त पदों पर कितनी-कितनी भर्तियां की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज द्वारा मध्यप्रदेश शासन के रोस्टर का पालन किया गया? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो 2018 से प्रश्न दिनांक तक रोस्टर समिति के गठन के आदेश की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित रोस्टर निर्धारण समिति के बगैर प्रमाणिकरण के भर्तियां किन नियमों के तहत की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदेशित आरक्षण रोस्टर का पालन क्यों नहीं किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौवंश के घटती संख्या के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
33. ( क्र. 1135 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेरे द्वारा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1533 दिनांक 01/03/2021 के प्रश्न में उज्जैन ज़िले में गौवंश की घटती हुई संख्या की चिंता में सवाल उठाया गया था? यदि हाँ, तो उस पर सरकार ने कोई कार्यवाही की है? यदि संज्ञान में लेकर कोई कार्यवाही की है तो सुसनेर, भोपाल बैरसिया, खंडवा की घटना और दिनांक 09/02/2022 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में 16 गौवंश की मृत्यु की जो घटना घटित हुई है तो क्या यह सरकार की नाकामी नहीं है? (ख) क्या पूर्व में कमलनाथ सरकार ने पत्र क्रमांक 6/2/2019 पंचायत ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश शासन के माध्यम से प्रदेश में 1000 गौशाला खोलने हेतु प्रत्येक जिले को संभावित लक्ष्य दिये थे? यदि हाँ, तो आपकी वर्तमान सरकार ने प्रत्येक ज़िले को गौवंश के संरक्षण के लिए कितनी नई गौशाला बनाने का लक्ष्य दिया है और उसके लिए कितना बजट स्वीकृत किया है? पिछले 2 वर्षों की वर्षवार और ज़िलेवार जानकारी देवें। (ग) पूर्व की कमलनाथ सरकार में प्रत्येक गौवंश पर आहार हेतु 4 रुपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 रुपए किया था? यदि हाँ, तो क्या आपकी सरकार ने उक्त राशि में कमी करने से गौवंश की मृत्यु दर बढ़ी है? दोनों सरकार की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा गौवंश के संवर्धन हेतु अनेकों योजनाएं संचालित है। भोपाल बैरसिया के संदर्भ में गौशाला संचालिका के विरूद्ध थाना बैरसिया में अपराध पंजीबद्ध कर, गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया है। सुसनेर की घटना अंतर्गत एफ.आई.आर.दर्ज की गई है एवं प्रकरण की जांच की जा रही है। श्री कृष्ण गोपाल गौशला घाटाखेडी पंधाना खण्डवा के संदर्भ में गौशाला प्रारम्भ से लेकर समाचार प्रकाशन दिनांक तक कुल 15 गौवंश की मृत्यु हुई है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2019-20 में प्रतिगौशाला के अधोसंरचना निर्माण हेतु रू. 27.62 लाख एवं 2020-21 में राशि रू. 37.85 लाख का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में भी रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस दिए जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र में चौरिया एवं अवैध शराब बिक्री
[गृह]
34. ( क्र. 1298 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक किन किन थानों में चोरियां हुई हैं? नामवार एफ.आई.आर. दर्ज हुई है विवरण देवें? (ख) क्या यह सत्य है कि पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण प्रत्येक थानों में चोरियां हुई है जिसके लिये किन-किन अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना प्रभारियों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो विवरण देवें नहीं तो क्यों? (ग) क्या यह भी सत्य है कि थाना खजुराहो बमीठा राजनगर अनुभाग में व्यापक पैमाने पर विभाग की मिलीभगत से जुआ एवं अवैध शराब की बिक्री गाँव-गाँव में हो रही है यदि हाँ, तो (क) दिनांक पर कितने प्रकरण दर्ज हुये यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या यह सत्य है कि थाना राजनगर अन्तर्गत अपराध क्र 24/20 दिनांक 05.02.2020 प्रकरण में दो पुलिस विभाग के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में उक्त प्रकरण को असत्य प्रमाणित किया है तदोपरांत आज दिनांक तक उक्त प्रकरण को शून्य/निरस्त क्यों नहीं किया गया। यदि किया गया है तो बतावें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। विधानसभा राजनगर क्षेत्र में हुई चोरी की घटनाओं पर पुलिस द्वारा तत्परता से कार्यवाही की गई है, अतः किसी अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना प्रभारी पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा जुआ एवं अवैध शराब विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा अवैध शराब विक्रय एवं जुआ खेलने संबंधी सूचना प्राप्त होने पर आरोपियों की धडपकड़ कर वैधानिक कार्यवाही की गई है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में राजनगर अनुभाग में जुआ अधि. के कुल 105 प्रकरण तथा आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत कुल 833 प्रकरण दर्ज किये जाकर आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। (घ) अप. क्र. 24/2020 धारा 294, 353, 506, ता.हि. के आरोपी बृजकिशोर पाण्डे द्वारा दिये गये आवेदन पत्र की जांच सर्व प्रथम अनुविभागीय अधिकारी पुलिस बिजावर द्वारा की गई जिनके द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में लेख किया गया है कि ''शिकायत का संबंध थाना राजनगर का होकर प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी राजगनर द्वारा की जा रही है। शिकायत के संबंध में एस.डी.ओ.पी. खजुराहो से जांच तस्दीक कराई जाना एवं प्रकरण का निराकरण कराया जाना उचित है। '' इसके पश्चात उक्त आवेदन पत्र की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस खजुराहो द्वारा की गई, जिनके द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में लेख किया गया है कि ''दिनांक 14.01.2020 को ग्राम कोडा में एम. राशन सर्वे कार्य के दौरान बृजकिशोर पाण्डे निवासी कोडा के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भी वाद-विवाद करना नहीं पाया गया है।'' उक्त प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, प्रकरण में आये साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
एकीकृत सहाकारी विकास परियोजना में घोटाला
[सहकारिता]
35. ( क्र. 1299 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत सहकारी विकास परियोजना छतरपुर अन्तर्गत करोड़ों रू. के हुये गबन घोटाले की जांच किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से एकीकृत सहकारी विकास परियोजना छतरपुर के महाप्रबंधक की संलिप्तता में हुये गबन घोटाले में पुलिस प्रकरण दर्ज करने के आदेश हुये हैं यदि हाँ, तो किन अधिकारियों कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज हुये हैं, विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह भी सत्य है कि परियोजना के महाप्रबंधक की संलिप्तता के कारण जिस राशि का गबन हुआ था, वह राशि अन्य राज्यों के खातों में हस्तांतरण हुई थी यदि हाँ, तो किनके खातों में हस्तांतरण हुई एवं किनके द्वारा राशि वापिस पुनः खातों में जमा हुई उनके नामवार जानकारी देवें? (घ) क्या यह सत्य है कि उपायुक्त सहकारिता एवं परियोजना के महाप्रबंधक द्वारा छतरपुर में पदस्थी दिनांक से समर्थन मूल्य खरीदी एवं परियोजना अन्तर्गत करोड़ों रूपये की अनियमितताएं कराई गई हैं, यदि हाँ, तो उपायुक्त सहकारिता परियोजना महाप्रबंधक के विरूद्ध निलंबन एवं पुलिस प्रकरण (एफ.आई.आर) की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) क्या उपायुक्त सहकारिता एवं परियोजना महाप्रबंधक को शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूर्व में हुई शिकायतों एवं वर्तमान में हुये करोड़ों के घोटाले में विधिवत जांच न होने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है? शिकायतवार विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) आयुक्त सहकारिता के पत्र क्र./आई.सी.डी.पी./योजना/2021/107 दिनांक 16.12.2021 द्वारा प्रकरण की जांच हेतु संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग सागर को आदेशित किया गया, जिसका जांच प्रतिवेदन दिनांक 24.01.2022 को प्राप्त हुआ। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी छतरपुर के आदेश क्र./3344/शि./2021, दिनांक 10.12.2021 द्वारा जांच दल गठित किया गया है, जिसका जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ख) एकीकृत सहकारी विकास परियोजना छतरपुर के गबन प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 05.12.2021 को थाना सिटी कोतवाली, छतरपुर में दिनांक 22.12.2022 को थाना बक्स्वाहा में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया। एफ.आई.आर.दर्ज नहीं होने से पंजीकृत डाक द्वारा पुन: दिनांक 24.12.2021 को दोनों थानों में आवेदन भेजा गया। आयुक्त सहकारिता के पत्र क्र./आई.सी.डी.पी./योजना/2022/26 दिनांक 24.01.2022 एवं पत्र क्रमांक 66 दिनांक 02.03.2022 द्वारा पुलिस अधीक्षक छतरपुर एवं कलेक्टर छतरपुर को प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु लिखा गया है। (ग) परियोजना के खाते से गबन की राशि अन्य राज्यों के खातों में हस्तान्तरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा राशि वापसी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर के विरूद्ध समर्थन मूल्य खरीदी में अनियमितता कराने के संबंध में कोई प्रमाणिक तथ्य संज्ञान में नहीं आया है। परियोजना में हुये गबन के संबंध में उत्तरांश 'ख' अनुसार एफ.आई.आर. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उपायुक्त सहकारिता एवं तत्कालीन परियोजना महाप्रबन्धक के विरूद्ध जांच प्रतिवेदन के आधार पर पर्याप्त नियंत्रण न रखने के लिये कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। (ड.) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
गौशाला में गायों की मृत्यु
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 1340 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा गौशालाओं में गौमाताओं को चूने का पानी पीलाकर मारने व उनकी हड्डी, चमड़ी व चर्बी के व्यवसाय पर रोक लगाने हेतु अशासकीय संकल्प दिनांक 11 जुलाई 2014 को सदन में प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2094 दिनांक 07 मार्च 2018 द्वारा भोपाल जिले की विभिन्न गौशालाओं में हजारों गौमाताओं के मरने के मामले ध्यान में लाये? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न के 7 वर्ष बाद माह जनवरी 2022 में पुन: श्रीमती निर्मला शांडिल्य की गौसेवा भारती गौशाला बैरसिया में सैकड़ों गौमाताओं के मरने का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो इस घोर निन्दनीय लापरवाही के लिए शासन के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी माना और उनके विरुद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 11 जुलाई 2014 को माननीय मंत्री महोदया ने अवगत कराया था कि वर्ष 2004 को वर्ष 2010 में संशोधन किया गया है इस अधिनियम की धारा 4 के उपबंध 5 (6) में 6 का उल्लंघन यानि गौमाता को कोई क्षति पहुँचाएगा अथवा उसकी हत्या करेगा तो उसे 6 माह से 3 वर्ष की कारावास होगी से अवगत कराया था? यदि हाँ, तो 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) गौवंश के हड्डी चमड़े का व्यवसाय न हो इस हेतु गौवंश की मृत्यु उपरांत उसकी समाधि बनाने हेतु गौशाला प्रबंधकों को निर्देशित किया गया है। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रश्न क्र. 2094 दिनांक 7.3.2018 प्रश्न में गौशालाओं को प्रदाय अनुदान की जानकारी चाही गई थी। (ख) जानकारी परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रदेश में गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 (संशोधित अधिनियम 2010) प्रभावशील है। अधिनियम के तहत अपराध कारित होने पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है।
संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्य दिया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
37. ( क्र. 1341 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रोजगार एवं प्रशिक्षण योजना की नोडल एजेंसी कौन है? योजनान्तर्गत विगत पांच वर्षों में किन-किन संस्थाओं का विभाग द्वारा किस नियम व शर्तों के तहत प्रशिक्षण हेतु चयन किया गया है? (ख) उक्त चयनित संस्थाओं को कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण का लक्ष्य दिया गया एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार, संस्थावार एवं छात्रों की संख्या सहित बतावें? (ग) क्या प्रशिक्षण हेतु चयनित संस्थाओं द्वारा चयनित प्रशिक्षणार्थियों के प्लेसमेंट/पासआउट प्रावधान अनुसार कराया गया है? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार हैं उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो कारण सहित यह बतावे कि योजनान्तर्गत चयनित संस्थाओं द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्या शासन द्वारा आवंटित राशि की वसूली करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) नोडल एजेंसी संचालक राज्य स्तरीय रोजगार एवं प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल है। योजनांतर्गत विगत-05 वर्षों में चयनित प्रशिक्षण संस्थाओं के नाम एवं योजना नियम शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) वर्षवार चयनित संस्थाओं स्वीकृत प्रशिक्षणार्थियों की संख्या एवं उन्हें भुगतान की गई प्रशिक्षण शुल्क की राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी जिले में दर्ज अपराध
[गृह]
38. ( क्र. 1428 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में 01 अप्रेल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध दर्ज हुये हैं? क्या इन प्रकरणों में अपराधी पकड़े गये हैं या फरार चल रहे है? जो फरार चल रहे है उनके नाम, पता बतावें, इनको कब तक गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की जायेगी? थानावार अलग-अलग जानकारी देवें? (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन पुलिस विभाग के कर्मचारी/अधिकारी है, जो प्रश्न दिनांक की स्थिति में एक ही थाना में 03 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ है, उनका नाम, पद, बैज नं. सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। क्या शासन या स्थानीय निर्वाचन आयोग का कोई आदेश है कि एक ही स्थान पर 03 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों को तुरन्त हटाया जावेगा? यदि हाँ, तो इस आदेश की प्रति देवें? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में पुलिस विभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, उनका कार्यक्षेत्र, मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में एक ही थाना में 03 वर्ष या अधिक समय से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है एवं 03 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के संदर्भ में परिपत्र/आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
यूरिया एवं डी.ए.पी. खाद की कालाबाजारी
[सहकारिता]
39. ( क्र. 1429 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की सहकारी समितियों में माह अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक यूरिया, डी.ए.पी. की कितनी-कितनी आपूर्ति कराई गई? सीजनवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में खाद, यूरिया, डी.ए.पी. वितरण हेतु जिलेवार कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी भूमि के लिये कितनी-कितनी खाद प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव शासन को कब भेजा गया था? प्रस्ताव के अनुरूप खाद उपलब्ध कराई गई? यदि नही, तो क्यों? (ग) सिवनी जिले में नकली खाद विक्रय करने एवं कालाबाजारी किये जाने के कितने मामले संज्ञान में आये और उनके विरूद्व क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) खरीफ सीजन 2021 (दिनांक 01.04.2021 से 30.09.2021) में 19,693 मे.टन यूरिया तथा 12,567 मे.टन डी.ए.पी. की आपूर्ति की गई। रबी सीजन वर्ष 2021-22 (दिनांक 01.10.2021 से 21.02.2022 तक) 14,679 मे.टन यूरिया तथा 2,982 मे.टन डी.ए.पी. की आपूर्ति की गई। (ख) उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग सिवनी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार यूरिया, डी.ए.पी. वितरण हेतु भूमि के आधार पर खाद प्रदाय करने हेतु सिवनी जिले से कोई लिखित प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा गया। सहकारी संस्थाओं को उनकी मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति की गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सिवनी जिले में खाद की कालाबाजारी (अवैध भण्डारण) के संबंध में दो मामले संज्ञान में आये जिनके विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. दर्ज की गई।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
40. ( क्र. 1436 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैसर्स राज मंगल डेवेलपर्स, शिवपुरी के विरूद्ध जिला भिंड की निविदा क्रमांक 2754 और 2758 में गंभीर धोखाधड़ी की शिकायतों की जांच के दौरान, M.P.I.D.C. Ltd. ग्वालियर के कार्यपालन यंत्री द्वारा जवाबी पत्र दिनांक 31 July 2019 के माध्यम से J.P. Postore, C.P.E., मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसरंचना, भोपाल को स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि, कार्यादेश क्रमांक IIDC (G)/Tech-R/2016/2346 को दिनांक 05.09.2018 को निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो ठेकेदार और विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध प्रबंध संचालक द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी है? सभी सहपत्रों की प्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यवाही पूरी होने तक प्रबंध संचालक द्वारा ठेकेदार के सभी भुगतान रोकने का आदेश क्यों नहीं दिया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ठेकेदार के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला सिद्ध होने के उपरान्त ठेकेदार को काली सूची में डाल कर उसकी विभाग में जमा सभी राशि को राजसात किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ठेकेदार के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला सिद्ध होने पर ठेकेदार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैरसिया गौशाला के गायों के शवों का मिलना
[पशुपालन एवं डेयरी]
41. ( क्र. 1465 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को भोपाल के बैरसिया स्थित गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौशाला किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले दस वित्तीय वर्षों में कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मात्र 87 गौवंश के शव प्राप्त हुए है। (ख) गौशाला अशासकीय स्वयंसेवी संस्था गौसेवा भारती ग्राम बसई विकासखण्ड बैरसिया द्वारा संचालित थी। अनुदान राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संस्था संचालक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर, संस्था का पंजीयन निरस्त किया गया है। (घ) प्रदाय अनुदान राशि का ऑडिट संबंधी संस्था द्वारा सी.ए. से कराया जाता है।
पुलिस एवं न्यायिक अभिरक्षा में आरोपियों की मृत्यु
[गृह]
42. ( क्र. 1532 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत एक वर्ष में एवं प्रश्न दिनांक तक पुलिस एवं न्यायिक अभिरक्षा में कितने आरोपी व्यक्तियों/बंदियों की मृत्यु हुई है। इलाज के दौरान कितने बंदियों की मुत्यु हुई हैं। कितने लोगों ने पुलिस की प्रताड़ना, धमकियों भय व मारपीट से परेशान होकर आत्महत्या की हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश शासन एवं राष्ट्रीय मानव आयोग ने मौतों के कितने मामलों में क्षतिपूर्ति की कितनी राशि देने की सिफारिश की है, शासन ने किन-किन मृतकों के परिजनों/आश्रितों को कब-कब क्षतिपूर्ति की कितनी-कितनी राशि दी है तथा कितनी राशि किसे नहीं दी हैं एवं क्यों? (ग) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा पुलिस अभिरक्षा से बंदियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के पूर्व उनकी शासकीय चिकित्सालय में पूरे शरीर की जांच कराने बावत कब क्या दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? परिपत्र की छायाप्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश अवधि में पुलिस अभिरक्षा एवं न्यायिक अभिरक्षा में हुई मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार। उपचार के दौरान हुई बंदियों की मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। पुलिस अभिरक्षा में मृत बंदियों के मृत्यु का कारण जानने हेतु न्यायिक जांच प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश शासन एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मौतों में क्षतिपूर्ति राशि देने की सिफारिश की जानकारी निरंक है। (ग) इस संबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा जारी परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
गौ माताओं की हत्या के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
43. ( क्र. 1569 ) श्री संजय शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पिछले दिनों भोपाल संभाग में कहाँ-कहाँ में गौशालाओं में गौवंश कि क्रूरूता/मृत्युओं के मामले सामने आये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बसई गांव में गौवंश कि हत्या के मामले सामने आये है? कितनी गाये मृत पाई गई मृत्यु के क्या कारण थे? क्या गौशाला संचालकों द्वारा गौवंशी कि अनदेखी के कारण गौवंश कि मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो गौशाला संचालकों पर गौ-हत्या कि धाराओं में कोई कठोर कार्यवाही क्यों नहीं कि जा रही? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भोपाल संभाग में कहाँ-कहाँ पर शासकीय गौशालाओं का संचालन किन-किन समितियों व अन्य के द्वारा किया जा रहा है? कब से किया जा रहा है संपूर्ण जानकारी देवें? शासकीय गौशालाओं को क्या-क्या अनुदान दिया जाता है? पिछले 05 वर्षों कि जानकारी देवें? बसई गांव में कितना अनुदान दिया गया संपूर्ण जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय गौशालाओं में वेटनरी डॉक्टरों द्वारा निरीक्षण आदि कि भी जिम्मेदारी दी जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन वेटनरी डॉक्टरों द्वारा गौशालाओं में निरीक्षण किया था? बसई गांव में भी डॉक्टरों द्वारा निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो क्या सभी गाय स्वस्थ्य थी? यदि नहीं, तो डॉक्टरों की क्या जिम्मेदारी थी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। ग्राम बसई स्थित गौसेवा भारती गौशाला एवं समीप तालाब में गौवंश के शव के मिलने का प्रकरण सामने आया है। (ख) जी नहीं। विकासखण्ड बैरसिया की गौसेवा भारती गौशाला परिसर एवं समीप तालाब में 87 पशुओं के शव पाए गए है। मृत पशुओं के मृत्यु का कारण वृद्धावस्था, निमोनिया एवं लिवर सिरोसिस पाया गया। गौशाला संचालिका के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर, गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
महिला अपराधों की रोकथाम हेतु किये गये प्रयास
[गृह]
44. ( क्र. 1584 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विगत 2 वर्ष में घटित महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की संख्या कितनी है? (ख) महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए कब-कब कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जबलपुर में विगत 02 वर्ष में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराध वर्ष 2020 में 633 एवं वर्ष 2021 में 854 कुल 1487 अपराध संख्या है। (ख) महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के रोकथाम हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के रोकथाम हेतु व्यय राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
सहकारी समितियों का संचालन
[सहकारिता]
45. ( क्र. 1593 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी प्राथमिक सहकारी समितियां संचालित की जा रही है उनका नाम,पता बतावें। भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का संचालन किया जा रहा हैं और इनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम एवं कृषक संख्या आते हैं इन समितियों पर कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम,पद,पदस्थापना दिनांक सहित पूर्ण विवरण देवें? (ख) सहकारी समितियों के संचालन के लिये शासन के क्या मापदण्ड है? नियमों की प्रति देवें? (ग) कृषकों की संख्या को देखते हुये सहकारी समितियों की संख्या का विस्तार कर ग्रामीणजनों को आसानी से सुविधाएं उपलब्ध हो सके इस हेतु शासन की क्या कार्य योजना है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 76 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 30 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" में निर्धारित मापदंड के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
एकलव्य/आवासीय स्कूलों का संचालन
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 1596 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डिण्डोरी जिले में कुल कितने एकलव्य कन्या शिक्षा परिसर एवं आवासीय विद्यालय संचालित है? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कितने आवासीय संस्थाएं है जिनमें पीने के पानी की सुविधा हेतु विभाग के द्वारा सत्र 2020-21 में कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इन संस्थाओं को विभाग के द्वारा विभिन्न मदों में कितनी राशि आवंटित की गई है और विभिन्न फर्मों से क्रय एवं गणवेश वितरण को जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) विभाग द्वारा संचालित स्कूल एवं आवासी संस्था में सत्र 2020 में छात्रावास/आश्रम में मरम्मत कार्य के लिए आवंटित राशि एवं व्यय की जानकारी बतावें। (ड.) डिण्डोरी जिले के अंतर्गत विभिन्न शिक्षा एवं आवासीय संस्थाओं में हैंडवाश यूनिट के निर्माण के आवंटन एवं कार्य पूर्ण की जानकारी उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) वित्तीय सत्र 2020 में विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के मरम्मत आवंटन प्राप्त नहीं हुआ था। आवासीय संस्था छात्रावास एवं आश्रम में वित्तीय वर्ष 2020 में मरम्मत कार्य के लिए आवंटित राशि एवं व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ड.) डिण्डोरी जिले अंतर्गत शिक्षा एवं आवासीय संस्थाओं में हैंडवाश यूनिट के निर्माण हेतु आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है, किन्तु जल मिशन योजनान्तर्गत स्कूलों में पेयजल कार्यव्यवस्था अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक 1376 शालाओं में हैंडवाश यूनिट बनाये गये।
अवैध हथियारों की जप्ती
[गृह]
47. ( क्र. 1600 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि खरगोन जिले के विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा समय-समय पर अवैध हथियारों की धर पकड़ की जाती रही है। (ख) क्या यह भी सच है कि इस छापेमारी के तहत पुलिस द्वारा अनेक प्रकार के हथियारों की जब्ती की गई है? (ग) क्या यह भी सत्य है कि पुलिस कार्यवाही में जो अवैध हथियार जब्त होते है उन्हें एक सुरक्षित स्थान में उचित अभिरक्षा में रखा जाता है? (घ) यदि हाँ, तो सन् 2015 से 31/12/2021 तक खरगोन जिले के कौन-कौन से थानों की पुलिस द्वारा कितने अवैध हथियार किस-किस किस्म के जब्त किये एवं उन्हें कहां रखा गया है तथा इनका समय-समय पर सत्यापन भी किया गया है तथा किस अधिकारी ने कब-कब किया है? कृपया थानेवार हथियार सहित अलग-अलग जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, पुलिस कार्यवाही में जो अवैध हथियार जब्त होते है, उन जब्तशुदा समस्त प्रकरण के अवैध हथियारों को संबंधित थाने के मालखाने में पुलिस अभिरक्षा में रखा जाता है तथा प्रकरण में माननीय न्यायालय में चालान पेश होने के साथ ही जब्त अवैध हथियार संबंधित न्यायालय में जमा किये जाते है। जो संबंधित न्यायालय के मालखाने में सुरक्षित रखे जाते है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
मेडिकल कॉलेज खोलना
[चिकित्सा शिक्षा]
48. ( क्र. 1636 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 में कितने मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं? (ख) वर्ष 2022- 23 में कितने मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है? (ग) क्या हर संभाग में मेडिकल कॉलेज हैं? (घ) यदि नहीं, तो उन संभागों में कब तक मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2021-22 में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं खोला गया है। (ख) वर्ष 2022-23 में सतना मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। (ग) जी नहीं। (घ) भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त स्वीकृति एवं समय समय पर शासन द्वारा लिय गये नीतिगत निर्णय अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषकों को 0% ब्याज ऋण योजना
[सहकारिता]
49. ( क्र. 1637 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 -22 में कितने कृषकों को मध्यप्रदेश में 0% ऋण योजना का लाभ दिया गया? (ख) कितने कृषक 0% ऋण योजना से प्रदेश में लाभान्वित से वंचित रहे और उसका क्या कारण रहा? (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में 0% ब्याज ऋण योजना से कितने कृषक लाभान्वित हुए एवं कितने इस योजना से वंचित रहे? (घ) 0% ऋण योजना में अपात्र लोगों को पात्र बनाने में विभाग की क्या योजना है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा खरीफ 2021 में 17.96 लाख तथा रबी 2021-22 में 12.25 लाख (दिनांक 18.02.2022 तक) कृषक सदस्यों को 0 प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि ऋण दिया गया। (ख) प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में से केवल ग्वालियर जिला बैंक को छोड़कर अन्य में सभी इच्छुक एवं पात्र कृषकों को 0 प्रतिशत ब्याज दर ऋण योजना का लाभ दिया गया, ग्वालियर बैंक में निधियों की कमी के कारण फसल ऋण वितरण में कठिनाई हो रही है, इस कारण लाभान्वित से वंचित किसानों की संख्या का आंकलन किया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) 0 प्रतिशत ब्याज दर ऋण योजना में मुख्यत: अपात्रता का कारण कृषकों के कालातीत होने से है, इस हेतु समितियों एवं बैंकों द्वारा कालातीत कृषक सदस्यों से बकाया ऋण की राशि जमा कराये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं ताकि कालातीत ऋणी कृषकों को अपात्रता की श्रेणी से पात्रता की श्रेणी में लाया जा सके, जिससे कृषक 0 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना अंतर्गत अल्पकालीन फसल ऋण प्राप्त करने हेतु पात्र हो सकें।
गौ-शालाओं को आवंटित धनराशि
[पशुपालन एवं डेयरी]
50. ( क्र. 1643 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के पालन एवं अन्य व्यवस्थाओं हेतु कुल कितनी धन राशि आवंटित की गई? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विवरण देवें? (ख) वर्ष 2018 से 2021 तक मध्यप्रदेश में प्रति पशु, गौ-शालाओं को कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार एवं पशुवार बतावे? (ग) वर्ष 2021 में मध्यप्रदेश में कितने पशुओं की मृत्यु हुई? गौ-शालावार विवरण देवे? (घ) बसई बैरसिया, जिला भोपाल गौ-शाला में वर्ष जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गायों की मृत्यु हुई? माहवार जानकारी देवें। उक्त गौ-शाला किसके द्वारा संचालित की जाती है? क्या उक्त गौ-शाला के संचालक पर पशु क्रूरता/पशु हत्या से संबंधित कोई प्रकरण थाने में दर्ज हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के कॉलम क्रमांक 3 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के कॉलम क्रमांक 8 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। प्रश्नाधीन गौशाला अशासकीय स्वयंसेवी संस्था गौसेवा भारती गौशाला ग्राम बसई, विकास खण्ड बैरसिया के संचालिका द्वारा संचालित की जा रही थी। जी हाँ। संचालिका के विरूद्ध थाना बैरसिया में अपराध क्र. 66/22 पंजीबद्ध है।
चुनाव के दौरान चुनावी हिंसा के दर्ज प्रकरण
[गृह]
51. ( क्र. 1644 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत थाना खिलचीपुर, जीरापुर, छापीहेड़ा, भोजपुर एवं माचलपुर में विगत विधानसभा चुनाव के दौरान अनियमितता व चुनावी हिंसा से संबंधित कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी? विवरण देवें? (ख) उनमें कौन-कौन दोषी पाये गये थे? उक्त में से क्या कोई शासकीय कर्मचारी थे? (ग) यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? दोषियों के नाम भी स्पष्ट करें। (घ) उक्त में से कितनों के पास शस्त्र लायसेंस हैं? क्या इनके शस्त्र लायसेंस निरस्त किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसी आरोपी के पास शस्त्र लायसेंस नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्रापुर पुलिस चौकी को थाना में उन्नयन किया जाना
[गृह]
52. ( क्र. 1659 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सागर में तहसील सागर अंतर्गत नवीन पुलिस थाना एवं पुलिस चौकी खोले जाने के प्रस्ताव या मांग या घोषणा विभाग के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर थाना बहेरिया को थाना में उन्नयन/नवीन थाना बनाये जाने के संबंध में विभाग को जनप्रतिनिधियों/ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में समय-समय पर विभाग को सूचित किया गया है/मांग की गई है? (ग) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर नवीन पुलिस थाना/थाना उन्नयन की अर्हता/मापदंड रखता है? यदि हाँ, तो विभाग पुलिस चौकी कर्रापुर को पुलिस थाना का दर्जा/नवीन थाना प्रदान करने के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या मकरोनिया थाना अंतर्गत दीनदयाल नगर वार्ड क्र. 03 में पुलिस चौकी स्थापित/स्वीकृति हेतु घोषणा/प्रस्ताव/ मांग लंबित है? यदि हाँ, तो दीनदयाल नगर वार्ड क्र. 03 मकरोनिया में पुलिस थाना मकरोनिया की पुलिस चौकी कब तक स्थापित होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में कर्रापुर पुलिस चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव एवं दीनदयाल नगर में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय स्तर पर विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) मापदण्डों के आधार पर प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। मापदण्डों के आधार पर प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रोटोकाल तथा सुरक्षा के संबंध में
[गृह]
53. ( क्र. 1673 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ एफ 3-30/2021/एक (1) दिनांक 3 सितम्बर 2021 के तहत गौरीशंकर बिसेन अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को मंत्री का दर्जा दिया गया? क्या यह भी सही है कि उक्त सामान्य प्रशासन के आदेश में गौरीशंकर बिसेन की सुरक्षा बढ़ाने कोई आदेश न होने के बावजूद श्री गौरीशंकर बिसेन को फालो तथा पायलट उपलब्ध करायी जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा इसे कब तक हटा दिया जायेगा? (ख) क्या यह भी सही है कि मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल दिनांक 23 दिसम्बर 2011 क्रमांक एफ 1-5-2011- एक (1) द्वारा जारी प्रोटोकाल में क्रमांक 24 पर संसद सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य, नगर निगम के महापौर के बाद मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री अथवा राज्यमंत्री की समकक्ष हैसियत वाले निर्वाचित गणमान्य व्यक्ति आते है? (ग) यदि हाँ तो नक्सल जिले के कारण यदि श्री गौरीशंकर बिसेन को सुरक्षा की दृष्टि से फालो पायलट दी जा रही है तो क्या यह सुरक्षा नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों लांजी तथा बैहर के विधायकों को भी दी जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। श्री गौरीशंकर बिसेन, अध्यक्ष, राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सुरक्षा बढ़ाने संबंधी कोई आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नहीं दिये गये हैं और न ही भ्रमण के दौरान फालो पायलट गार्ड उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय विधायक बैहर एवं लांजी को राज्य सुरक्षा समिति भोपाल 2-2 अंगरक्षक प्रदाय किये गये हैं, जो लगातार सुरक्षा में संलग्न रहते हैं एवं स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार सुरक्षा का आंकलन कर माननीय विधायक महोदय के संबंधित विधानसभा क्षेत्र के अति संवेदनशील क्षेत्र में कार्यक्रम के दौरान थाना स्तर पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी जाती है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाती के किसानों के सिंचाई हेतु विद्युतीकरण
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 1675 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु विद्युतीकरण के लिए कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार लाभान्वित किसानों के नामवार व्यय राशि की जानकारी देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
55. ( क्र. 1677 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में आदिम जाति कल्याण/जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक उक्त राशि से जिले की कौन-कौन सी विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? विधानसभावार किये गये कार्य एवं व्यय राशि की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, व्यय राशि से कौन-कौन से विधानसभा में कौन-कौन सी जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा से कौन-कौन कार्य किये गये? कार्यवार अनुशंसा करने वाले जनप्रतिनिधियों की जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कन्या विवाह सम्मेलनों पर लगाई गई रोक
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
56. ( क्र. 1689 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा क्न्या विवाह सम्मेलनों पर कब से रोक लगाई गई है रोक लगाने के क्या काराण रहे है वर्ष 2022 प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या यह भी सही है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद सभी शासकीय कार्य यथावत जारी रहे थे एवं करोना की तीसरी लहर की समाप्ति या कम होने से शासन द्वारा रेली विवाह समारोह की संख्या में छूट दी गई तो सामूहिक विवाह सम्मेलनों पर प्रतिबंध समाप्त कर क्यों नहीं विवाह कराये जा रहै हैं। (ग) क्या शासन जल्द कन्या विवाह सम्मेलन करवाकर गरीब कन्याओं के हाथ पीले कराकर आर्थिक सहायता प्रदान करेगा यदि हाँ, तो कब तक।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह सम्मेलन कोविड-19 के प्रभावी होने के कारण प्रदेश में 23 मार्च 2020 से लॉकडाउन के दौरान सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन नहीं हुआ। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा व्यक्तिगत एकल विवाह समारोह की संख्या में छूट दी गई है किन्तु सामूहिक विवाह सम्मेलनों में अत्यधिक संख्या होने के कारण कोविड नियमों का पालन न होने से सामूहिक विवाह पर प्रतिबंध था। वर्तमान में वर्ष 2022-23 में सामूहिक विवाह कराये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। यह एक सतत् प्रकिया है।
मुरैना में हत्या के प्रकरण में गिरफ्तारी में विलम्ब
[गृह]
57. ( क्र. 1691 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के सिविल लाईन पुलिस स्टेशन में दिनांक 15.01.2022 की मृत्यु घटना का अपराध क्रमांक 0035/2022 को धारा 306,388,34 श्रीमती ममता शर्मा पत्नी महेन्द्र शर्मा निवासी बिरला नगर हजीरा ग्वालियर के खिलाफ पंजीबद्ध किया गया है इन्हे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? (ख) क्या यह भी सही है कि मृतक सैन्की उर्फ यतेन्द्र सिंह सिकरवार पुत्र रामनरेश सिंह सिकरवार निवासी टी आर पुरम मुरैना द्वारा सोसाईट नोट में श्रीमती ममता एवं पति महेन्द्र शर्मा द्वारा उसे लम्बे समय से चारित्रिक ब्लैक मेल तथा बीस लाख रूपये की मांग की जा रही थी? (ग) क्या यह भी सही है उक्त महिला ब्यूटी पार्लर के बहाने सेक्स रैकिट चलाने का काम लम्बे समय से करती आ रही थी जो कि इनके मोबाईल में फाटो खींचकर कई लोगो को ब्लैक मेल करती रही है क्या पुलिस द्वारा इन्वेस्टीगेशन में इसे जप्त किया गया है? (घ) पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण को सी.आई.डी जांच को किस आधार पर दिया गया है अभियुक्त पूर्व पुलिस अधिकारी रहा है विभाग द्वारा प्रकरण को विलम्ब करने अभियुक्त को खुले छोड़ने बचाव में राजनीति बनाने की दिशा में किया गया है।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रकरण अनुसंधान में है, साक्ष्यानुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी। (ख) जी हाँ। (ग) अभी तक की विवेचना में प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित तथ्य प्रमाणित नहीं पाये गये। (घ) पुलिस रेगुलेशन की कंडिका 16 में निहित मापदंड के आधार पर पुलिस अधीक्षक मुरैना एवं अति. पुलिस महानिदेशक चम्बल जोन की अनुशंसा पर उक्त प्रकरण सी.आई.डी. द्वारा विवेचना में लिया है। प्रकरण का स्वंतत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान किया जा रहा है उपलब्ध साक्ष्यों के निष्कर्ष के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
सहायता राशि के लंबित प्रकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
58. ( क्र. 1704 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भिण्ड जनपद पंचायत में विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने वैवाहिक, राष्ट्रीय परिवार सहायता एवं अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरण लंबित हैं? उक्त सहायता राशि हितग्राही के खाते में पहुँचने की समय-सीमा क्या है? अब तक कितने प्रकरण पूर्ण हो चुके हैं? प्रश्न दिनांक तक किन-किन हितग्राहियों के प्रकरण लंबित है? नाम एवं ग्रामवार जानकारी देवें लंबित प्रकरणों के निराकरण कब तक हो जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : भिण्ड जनपद पंचायत अंतर्गत विगत तीन वर्षों से वैवाहिक एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त सहायता राशि हितग्राही के खाते में पहुँचने की समय-सीमा 30 दिवस है। विगत तीन वर्षों में नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन सहायता के 09 प्रकरण, मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता में 09 प्रकरण एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता में 72 प्रकरण पूर्ण हो चुके है। जनपद पंचायत भिण्ड अंतर्गत वैवाहिक एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी पर कार्यवाही करना
[गृह]
59. ( क्र. 1712 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में दिनांक 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी द्वारा जनता का जमा पैसा भुगतान नहीं करने के सम्बन्ध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी है उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना में सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी द्वारा कितने लोगों से कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार आम लोगों को कम्पनियों की ठगी से बचाने और उन्हें रकम वापिस दिलाने के लिए क्या–क्या प्रयास कर रही है? (ग) राज्य सरकार द्वारा सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबन्ध कर दिया जायेगा? (घ) क्या सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी प्रमुख पर थानों में प्रकरण दर्ज है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। शासन द्वारा सहारा इंडिया कंपनी की राशि गबन के संबंध में शिकायत दर्ज करवाने हेतु जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिला पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। सहारा इंडिया कंपनी की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कैंप लगाये गये हैं। उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। शासन द्वारा सहारा इंडिया कंपनी के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। बीना विधानसभा क्षेत्र में सहारा इंडिया कंपनी के निवेशकों को 13,72,145 रूपये वापस दिलाये गये हैं। सहारा इंडिया कंपनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायतें मिलने पर '' म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 '' एवं '' दी बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट 2019'' के अंतर्गत विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
शासन से अनुदान प्राप्त गौशालाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
60. ( क्र. 1754 ) श्री आरिफ मसूद : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन से अनुदान प्राप्त भोपाल जिले में कितनी गौशालाएं संचालित की जा रही हैं? शासन द्वारा प्रत्येक गौशाला को प्रति वर्ष कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? वर्तमान में किस गौशाला में कितनी गाय हैं संख्या सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2018-2019 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी राशि शेष बची है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन गौशालाओं में कितनी-कितनी गायों की मृत्यु हुई एवं कितनी मृत गायों का पोस्टमार्टम हुआ तथा कितने पुलिस प्रकरण दर्ज हुए एवं आरोपियों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) शासन से अनुदान प्राप्त भोपाल जिले में 32 गौशालाएं संचालित की जा रही है। शासन से प्राप्त बजट की उपलब्धता के आधार पर पंजीकृत, क्रियाशील गौशालाओं को चारा भूसा हेतु राशि रू. 20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। भोपाल जिले की पंजीकृत, क्रियाशील गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक गौशालाओं में मृत गायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। भोपाल जिले में गौसेवा भारती गौशाला, ग्राम बसई, विकासखण्ड बैरसिया के आस-पास पाई गई 09 मृत गायों का पोस्टमार्टम हुआ है। भोपाल जिला प्रशासन द्वारा गौशाला प्रबंधन पर थाना बैरसिया में अपराध क्र. 66/22 पंजीद्ध कराया गया है। म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड, भोपाल के आदेश क्र. 339-41 दिनांक 17.02.2022 द्वारा गौसेवा भारती गौशाला, ग्राम बसई, विकास खण्ड बैरसिया का पंजीयन निरस्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. के घोटाले की जांच
[गृह]
61. ( क्र. 1791 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शिवपुरी जिले की केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. शिवपुरी में 80 करोड़ से अधिक के घोटाले में कुल कितनी एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? (ख) क्या यह सही है कि बैंक घोटाले में 15 लोगों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. दर्ज है, लेकिन केवल 01 नामजद आरोपी की ही गिरफ्तारी हुई है तथा गिरफ्तार किये गये 02 अन्य नामजद नहीं है? नामजद आरोपियों की सूची उपलब्ध करावें। माह अगस्त, 2021 से अभी तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न हो पाने का क्या कारण है? (ग) क्या यह सत्य है कि उक्त घोटाले की जांच श्री निरंजन राजपूत, अनुविभागीय अधिकारी कोलारस को सौंपी गई है? यदि हाँ, तो उप निरीक्षक, बैराड़ इस जांच में क्यों शामिल हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला शिवपुरी के थाना कोलारस में केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित शिवपुरी शाखा कोलारस में 80 करोड़ से अधिक घोटाले में दो एफ.आई.आर. हुई है। दिनांक 28.08.2021 को अपराध क्रमांक 386/2021 धारा 409 भा.द.वि. इजाफा 420, 467, 468, 120-बी, 34 भा.द.वि. एवं 13 (1) क, ख भ्रष्टाचार अधिनियम एवं दिनांक 11.01.2022 को अपराध क्रमांक 15/2022 धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी, भा.द.वि. इजाफा 13 (1) क, ख भ्रष्टाचार अधिनियम। (ख) जी हाँ। अपराध क्रमांक 15/22 जो दिनांक 11.01.2022 को दर्ज हुआ है उसमें 15 लोगों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. है। नामजद आरोपी राकेश पाराशर की गिरफ्तारी अपराध क्रमांक 386/2021 में हो चुकी है तथा गिरफ्तार किये गये दो अन्य आरोपी पवन यादव व पिंकी यादव एफ.आई.आर. में नामजद नहीं थे किन्तु विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर सह आरोपी हैं। अपराध क्रमांक 15/2022 में नामजद आरोपियों की सूची निम्नानुसार है:- 1- राकेश पाराशर (तत्कालीन प्रभारी कैशियर शाखा कोलारस) 2-स्व. श्री कृष्ण शर्मा (तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस) 3-राकेश कुलश्रेष्ठ (तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस) 4-सौरभ मैहर (तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस) 5-ज्ञानेन्द्र दत्त शुक्ला (तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस) 6- रमेश कुमार राजपूत (तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस) 7-कु. रेनू शर्मा (तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर शाखा कोलारस) 8-प्रभात भार्गव (प्रबंधक लेखा एवं सी.बी.एस. प्रभारी मुख्यालय शिवपुरी) 9-रामप्रकाश त्यागी (तत्कालीन प्रबंधक लेखा शाखा शिवपुरी) 10-हरवंश शरण श्रीवास्तव (तत्कालीन सहा. लेखापाल शाखा मुख्यालय शिवपुरी) 11-ए.एस. कुशवाह (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यालय शिवपुरी) 12-श्री मिलन्दम सहस्त्रबुद्धे (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यालय शिवपुरी) 13-डी.के. सागर (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यालय शिवपुरी) 14-वाय.के. सिंह (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यालय शिवपुरी) 15-श्रीमती लता कष्णनन (तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यालय शिवपुरी) 16-अन्य (अज्ञात) माह अगस्त 2021 में हुयी अपराध क्रमांक 386/21 में 03 नामजद आरोपी थे जिनमें से आरोपी राकेश पाराशर की गिरफ्तारी हो चुकी है शेष 02 आरोपी नामजद आरोपी ज्ञानेन्द्र शुक्ला और नरेश राजपूत की गिरफ्तारी के लिये पुलिस द्वारा निरंतर दविश दी गई किन्तु आरोपी अपने परिवार सहित फरार है। गिरफ्तार के प्रयास एवं अन्य वैधानिक कार्यवाही जारी है। दिनांक 11.01.2022 को दर्ज हुई एफ.आई.आर. में 15 नामजद आरोपी है, जिनसे गबन की राशि वसूली जाना है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास के साथ-साथ गबन की राशि वसूलने के निम्न प्रयास किये जा रहे है:- 1-पंजीयन कार्यालय से आरोपियों एवं उनके परिवार की रजिस्ट्रियां निकाली जा रही है। 2-राजस्व विभाग से आरोपियों की जमीन संबंधी जानकारी ली जा रही है। 3-आर.टी.ओ. कार्यालय से वाहन संबंधी जानकारी ली जा रही है। 4-इनकम टैक्स कार्यालय को जानकारी देने एवं अग्रिम कार्यवाही के लिये लिखा गया है। 5-विभिन्न बैकों से आरोपियों एवं उनके परिवार के नाम खाते एवं लॉकरों की जानकारी ली जा रही है। (ग) जी हाँ। उक्त घोटालों के संबंध में पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना श्री निरंजन सिंह राजपूत, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) पोहरी इंचार्ज अनुभाग कोलारस द्वारा की जा रही है। उप निरीक्षक बैराड़ इस जांच में शामिल नहीं है।
बैरसिया स्थित गौशाला में गायों की मौत
[पशुपालन एवं डेयरी]
62. ( क्र. 1796 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन को भोपाल जिले के बैरसिया स्थित गौशाला में गायों के कितने शव प्राप्त होने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौशाला किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को विगत 10 वित्तीय वर्षों में कितना-कितना अनुदान राशि दी गई? वर्षवार बतावें। (ग) गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था एवं उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या इसमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या सरकार गौशाला के अनुदान लेने वाली संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भोपाल जिले की विकासखण्ड बैरसिया में स्थित गौशाला में गौवंश के शव मिलने की जानकारी के संबंध में विदित है कि निरीक्षण दौरान गौशाला परिसर में 45 पशुओं के शव काफी पुराने जिनमें 09 शव दो से तीन दिन पुराने पाए गए थे। इसके अतिरिक्त गौशाला परिसर के समीप तालाब किनारे 42 पशुओं के कंकाल अत्यधिक पुराने पाये गये थे। (ख) गौशाला गौसेवा भारती गौशाला ग्राम बसई विकासखण्ड बैरसिया द्वारा संचालित की जा रही थी, जो कि अशासकीय स्वयंसेवी संस्था थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) गौसेवा भारती गौशाला बसई, विकास खण्ड बैरसिया में गायों के शव मिलने के बाद गौशाला प्रबंधन की लापरवाही पर संचालिका के विरूद्ध भोपाल जिला प्रशासन द्वारा थाना बैरसिया में अपराध क्र. 66/22 पंजीबद्ध कराया गया है एवं म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल के आदेश क्र. 339-41 दिनांक 17.02.2022 द्वारा गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया है, विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर गौशाला का निरीक्षण कर आवश्यक उपचार एवं टीकाकरण किया जाता रहा है। निरीक्षण के दौरान गौशाला प्रबंधन को व्यवस्था में सुधार के सुझाव दिये जाते रहे है। उचित प्रबंधन की जिम्मेदारी गौशाला प्रबंधन की थी। (घ) गौशालाओं के संचालकों द्वारा सी.ए. से ऑडिट कराए जाने का प्रावधान है।
गौ-शालाओं को दिया गया अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
63. ( क्र. 1808 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुपपूर जिले में पंजीकृत क्रियाशील कितनी गौशालाएं हैं? उन गौशालाओं का पंजीयन कब हुआ? पंजीयन दिनांक से कितना अनुदान प्रति गाय दिया गया है? अनुदान राशि में वृद्धि कब-कब हुई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण एवं रख-रखाव हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है? इसकी कार्य संरचना और जिम्मेदारी किस विभाग की होगी? (ग) अनुपपूर जिले में उपलब्ध गौशालाओं में अधोसरंचना की दृष्टि से कितनी गौवंश रखने की क्षमता है तथा गौशाला परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति क्या है? संबंधित दिशा-निर्देश एवं गौशालाओं की कार्यविधियां तथा न्यूनतम मानक संहिता उपलब्ध करावें। (घ) क्या जिला अनूपपुर को गौशाला खोले जाने हेतु कोई संभावित लक्ष्य दिया गया था? लक्ष्य के संबंध में प्रगतिरत कार्यों की स्थिति का विवरण प्रदान करें? (ड.) उक्त अवधि में जिले में कब से गौ-सेवक काम कर रहे हैं, उन्हें कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या इनको नियमित करने संबंधी कोई योजना है? यदि नहीं, तो मानदेय में वृद्धि कब तक की जावेगी? जिले में कार्यरत गौ-सेवक का नाम, पता, योग्यता कार्य अवधि की जानकारी भी उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुपपूर जिले में 02 अशासकीय पंजीकृत गौशाला एवं मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत क्रियाशील एवं संचालित 12 गौशालाएं, कुल 14 गौशालाएं संचालित है। जिनका विवरण निम्नानुसार है - अशासकीय पंजीकृत गौशालाओं की संख्या 02 है :- 1. प्रखर प्रज्ञा मण्डल गौशाला अंजनी पंजीयन क्रमांक 1031/पंजीयन दिनांक 23.04.2007 2. कपिला गौशाला, अमरकंटक, पंजीयन क्रमांक 241/पंजीयन दिनांक 12.04.2000 मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालाओं की संख्या 12 है। जिनका संचालन वर्ष 2019-20 से प्रारंभ हुआ है। संचालन की तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत स्थापित गौशालाओं के पंजीयन की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्रति गौवंश प्रतिदिवस रू. 20.00 के मान से अशासकीय पंजीकृत गौशालाओं को रू. 8.61 लाख तथा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना की गौशालाओं को रू. 62.32 लाख कुल रू. 70.93 लाख का अनुदान दिया गया है। अनुदान में वृद्धि वर्ष 2019 में की गई है। (ख) अनूपपुर जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत, संबंधित ग्राम पंचायतों की है। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन तथा संचालन हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) अनुपपूर जिले में उपलब्ध मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत निर्मित गौशालाओं में अधोसंरचना की दृष्टि से प्रति गौशाला 100 गौवंश रखने की क्षमता है। गौशाला परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन से संबंधित दिशा-निर्देश एवं गौशालाओं की कार्यविधियां तथा न्यूनतम मानक संहिता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जिला अनूपपुर में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 12 गौशालाएं खोले जाने का लक्ष्य था, लक्ष्य के विरूद्ध 12 गौशालाएं पूर्ण होकर संचालित हैं। वर्ष 2020-21 में योजना अंतर्गत 12 गौशालाओं का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध 16 गौशालाएं निर्माणाधीन है। नर्मदा सेवा मिशन अंतर्गत गौसंवर्धन मद तथा महात्मा गांधी स्वरोजगार एवं विकास योजना मद के संयुक्त अभिसरण से 07 गौशालाएं निर्माणाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ड.) उक्त अवधि में जिले में 268 गौ-सेवक हैं। उन्हें मासिक मानदेय दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम में टीकाकरण, टैगिंग एवं ऑनलाईन फीडिंग तथा राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में कृत्रिम गर्भाधान तथा वत्सोत्पादन कार्य हेतु प्रोत्साहन राशि इनके कार्य अनुसार प्रदाय की जाती है। इनको नियमित करने संबंधी कोई योजना वर्तमान में नहीं है। गौसेवकों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
राज्य एवं केन्द्र सरकार की संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 1809 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2019-2020 एवं प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि अनूपपुर जिले को प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहाँ-कहाँ करवाये गये तथा कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? (ग) कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुये तथा उनका मूल्यांकन कब किस अधिकारी ने किया? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) क्या शैक्षणिक सत्र 2020-21 में उक्त वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है, कब तक होगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है। (घ) कक्षा 1 से 12वीं तक के अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान मिशन वन क्लिक के माध्यम से विद्यार्थियों के खातों में किया जा चुका है तथा महाविद्यालयीन छात्रवृत्ति अंतर्गत 2559 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के मात्र 185 विद्यार्थियों के आवेदन भुगतान हेतु अद्यतन लंबित हैं। भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है।
सामान्य निर्धन आयोग द्वारा संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
65. ( क्र. 1827 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में सामान्य निर्धन वर्ग आयोग द्वारा कौन-कौन योजनाएं संचालित है पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण देवें? रायसेन जिले के विद्यालयों में उक्त योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में किन-किन योजनाओं में कितने-कितने छात्र/छात्राओं को लाभ मिला? (ख) आयोग द्वारा 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में आम जनता/जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कितने सुझाव प्राप्त हुए तथा उनमें से किन-किन पर आयोग ने क्या-क्या अनुशंसायें की? (ग) सामान्य निर्धन वर्ग आयोग की कौन-कौन सी अनुशंसा शासन स्तर पर विचाराधीन है तथा उक्त अनुशंसाओं पर शासन कब तक निर्णय करेगा? (घ) क्या यह सत्य है कि सामान्य निर्धन वर्ग आयोग द्वारा संचालित योजनाओं में बहुत कम राशि का प्रावधान है यदि हाँ, तो राशि बढ़ाने में आयोग तथा शासन कब तक विचार करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) म.प्र. सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा पर शासन द्वारा संचालित योजनाएं एवं योजनाओं की पात्रता की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है एवं रायसेन जिले के विद्यालयों के लाभान्वित छात्र/छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) सामान्य निर्धन वर्ग आयोग दिनांक 31.03.2019 को समाप्त हो गया था। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को बीमा राशि का लाभ
[सहकारिता]
66. ( क्र. 1828 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितने किसानों को खरीफ 2019, खरीफ 2020 तथा रबी 2020-21 की कितनी बीमा प्रीमियम राशि काटी गई संस्थावार कृषकों की संख्या एवं काटी गई प्रीमियम राशि बतायें। (ख) कितने किसानों को खरीफ 2019, खरीफ 2020 तथा रबी 2020-21 की बीमा राशि प्रदान की गई? बैंकवार संस्थावार किसानों की संख्या तथा बीमा की राशि की जानकारी दें शेष रहे कृषकों को बीमा राशि का लाभ मिलेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक तथा यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) यदि बीमा प्रीमियम राशि जमा करने के उपरांत भी शेष रहे किसानों को बीमा राशि का लाभ नहीं दिया जाता है तो क्यों, इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
राजगढ़ जिले की गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
67. ( क्र. 1838 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाएं स्वीकृत की गई है? वर्षवार, विधानसभावार, ग्रामवार गौशाला का नाम एवं स्वीकृत राशि तथा निर्माण कार्य के प्रारंभ एवं पूर्ण दिनांकवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पूर्ण की गई गौशालाओं में पूर्णता की दिनांक से कितनी-कितनी गाय रखी जा रही है एवं उन गौशालाओं को संचालन हेतु प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? विधानसभावार, ग्रामवार, गौशालावार, तिथिवार प्रदाय की गई राशि से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि जिन गौशालाओं में उपलब्ध गायों की संख्या के अनुपात में निर्धारित मापदंड से अधिक राशि प्रदान की जा चुकी है तो क्या उन गौशालाओं से राशि की वसूली की जावेगी? अधिक राशि का भुगतान करने वाले अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत जिला राजगढ़ में वर्ष 2018-19 में कोई गौशाला स्वीकृत नहीं हुई। वर्ष 2019-20 में 30 गौशालाएं स्वीकृत होकर संचालित की जा रही है। वर्ष 2020-21 में 103 गौशालाएं स्वीकृत है, जिनमें से 34 गौशाला पूर्ण होकर संचालित की जा रही है। वर्षवार, विधानसभावार, ग्रामवार गौशाला का नाम एवं स्वीकृत राशि तथा निर्माण कार्य के प्रारंभ एवं पूर्ण की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) गौशालाओं को अनुदान गौवंश की संख्या के आधार पर जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से दिया जाता है। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सहकारी समितियों का संचालन
[सहकारिता]
68. ( क्र. 1839 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का संचालन किया जा रहा है? जिला सह केंद्रीय बैंक की शाखावार संचालित सहकारी समिति की जानकारी देवें तथा उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के नाम एवं कृषकों की संख्या बतावे। (ख) एक बैंक के अधीनस्थ कितने सहकारी समितियों का संचालन किया जा सकता है एवं इनके संचालन हेतु शासन के क्या मापदंड है? (ग) राजगढ़ जिले की किन-किन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में नियमित प्रबंधक कार्यरत हैं एवं उनके पास कितनी कितनी कृषि साख सहकारी समितियों का प्रभार हैं? प्रभारी प्रबंधक के स्थान पर नियमित प्रबंधक की नियुक्ति शासन द्वारा कब तक की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 32, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कार्यक्षेत्र की समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का संचालन किया जाता है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 के प्रावधानों के अंतर्गत संचालन किया जाता है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। नियमित समिति प्रबंधकों की नियुक्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समयावधि बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का अवैध तरीके से विक्रय
[गृह]
69. ( क्र. 1850 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर, एसपी इन्दौर द्वारा भू-माफियाओं, शासकीय जमीन पर कब्जा करने, बेचने वालों के खिलाफ कोई अभियान चलाया गया है अथवा चलाया जाएगा, चलाने की कोई योजना है? विवरण देवें। (ख) क्या पुलिस थाना तिलक नगर को दिनांक 21/11/2021 को इकबाल खान पिता अब्दुल गनी खान निवासी 135, एम.आर-10, इन्दौर द्वारा शासकीय भूमि पर स्थित इन्दौर की तिलक नगर मेन रोड भूखण्ड क्रमांक 496, तहसील इन्दौर पटवारी हल्का पिपल्याहाना सर्वे नं. 143/645/2 के संबंध में श्रीमती दिव्या, वंशीका रोचलानी, नितिन रोचलानी के विरूद्ध धोखाधड़ी कर शासकीय अवैध संपत्ति बेचने और रूपए ऐठ लेने की कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत की प्रति सहित दिनांकवार की गई कार्रवाई का विवरण देवें? (ग) क्या इन्दौर की तिलक नगर कॉलोनी भूखण्ड क्रमांक 496, तहसील इन्दौर पटवारी हल्का पिपल्याहाना सर्वे नं. 143/645/2 वर्ष 2015 तक राजस्व अभिलेखों में शासकीय नजूल की भूमि थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि को दिव्या रोचलानी पति नितिन रोचलानी, वंशिका रोचलानी पति जीतेन्द्र रोचलानी और नितिन रोचलानी पिता महेश रोचलानी निवासीगण 169, काटजू कॉलोनी इन्दौर द्वारा किस आधार पर भूमि का विक्रय किया जा रहा है? विवरण देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार समय-समय पर विभिन्न अभियान संचालित किये जाते है। भूमाफियाओं/शासकीय जमीन पर कब्जा कर विक्रय करने वालों के विरूद्ध दिनांक 18.12.2019 से अभियान चलाया जा रहा है। उक्त प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है। (ख) जी हाँ। आवेदक इकबाल खान पिता अब्दुल गनी खान द्वारा थाना तिलक नगर में शिकायत की गई है। शिकायत की प्रति संलग्न है। दिनांकवार की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवेदन पत्र जांच में राजस्व अभिलेख से पटवारी हल्का क्र. 143/645/2 के वर्ष 2015 से पूर्व की जानकारी प्राप्त की जाकर जांच में शामिल कर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
दिव्यांग शिविरों का आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
70. ( क्र. 1871 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में दिव्यांग शिविरों का आयोजन कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किया गया? (ख) क्या यह सही है कि विगत वर्षों में दिव्यांग शिविरों का आयोजन नहीं होने से उन्हें इसके उपकरणों से वंचित होना पड़ा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि विभाग में उपसंचालक (कार्यालय प्रमुख) का पद विगत 20-25 वर्षों से रिक्त है? जिसके कारण इस पद का दायित्व अऩ्य विभागीय अधिकारी के पास होने से हितग्राही मूलक योजनाएँ ठप्प हो गई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन गरीबों के सामाजिक उत्थान एवं निःशक्तजनों के उत्थान के लिये जिले में उपसंचालक के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये कोई ठोस कदम उठायेगा? (ड.) आगामी माहों में दिव्यांग शिविरों का आयोजन एवं आवश्यक निःशुल्क उपकरण वितरित किये जाने की क्या कार्ययोजना है? क्या शासन आजादी के 75वें अमृत महोत्सव वर्ष में दिव्यांगों को सुविधाएँ देने पर विचार करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भारत सरकार की एडिप योजना अंतर्गत एल्मिको द्वारा दिव्यांगजनों के लिये जिला स्तरीय असिस्मेंट शिविर का आयोजन दिनांक 05.3.2020 एवं 06.3.2020 को तथा दिनांक 25.12.2020 एवं 31.12.2020 को उपकरण वितरण शिविर का आयोजन खण्डवा जिले में किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उपसंचालक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला खण्डवा का पद मार्च 2017 से रिक्त है। स्थानीय व्यवस्था से विभागीय योजनाओं का सुचारू रूप से कार्य सम्पादन कराया जा रहा है। (घ) स्थानीय व्यवस्था से विभागीय योजनाओं का सुचारू रूप से कार्य सम्पादित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) आवश्यकतानुसार जिले में शिविरों का आयोजन किये जाते है तथा पात्र दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किये जाते है, यह एक निरंतर प्रक्रिया है।
प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराध
[गृह]
71. ( क्र. 1880 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सायबर क्राइम की कुल कितनी घटनाएं दिनांक 01 जनवरी 2018 के पश्चात घटित हुई? इसमें कुल कितनी राशि का क्राइम हुआ? कितनी राशि पुन: अपराधियों से लौटाई गई? (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित प्रदेश में उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी घटनाओं की वृद्धि या कमी हुई, प्रतिशत (%) में भी प्रतिवर्ष की जानकारी देवें। (ग) लगातार सायबर अपराध के बड़ने से शासन ने अपने संसाधनों में उक्त अवधि में कौन-कौन सी वृद्धि की? कितने उपकरण, कितने तकनीकी एक्सपर्ट (आईटी इंजीनियर) तथा कितना-कितना बजट इस हेतु प्रतिवर्ष बढ़ाया? प्रतिवर्ष की जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है कि सायबर एक्सपर्ट के कमी के चलते प्रदेश में सायबर प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं? प्रकरणों का निराकरण ही नहीं हो पा रहा है जिससे दर्ज प्रकरण तथा निराकृत प्रकरणों की संख्या के बीच बड़ी दूरी बनती जा रही है यदि नहीं, तो 1 जनवरी 2018 के पश्चात से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण दर्ज हुए, कितने निराकृत हुए? संख्या बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स.क्र.1 वर्ष 2018 कुल दर्ज अपराध 770 कुल राशि का अपराध हुआ रू 44019930.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई राशि रू 1544553.00 स.क्र.2 वर्ष 2019 कुल दर्ज अपराध 750 कुल राशि का अपराध हुआ रू 74430960.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई रू. 5457652.00 स.क्र.3 वर्ष 2020 कुल दर्ज अपराध 741 कुल राशि का अपराध हुआ रू 127817703.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई रू 33415414.00 स.क्र. 4 वर्ष 2021 कुल दर्ज अपराध 1019 कुल राशि का अपराध हुआ रू 2905116402.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई रू 1340087768.00 स.क्र. 5 वर्ष 01.01.2022 से 19.02.22 तक कुल दर्ज अपराध 85 कुल राशि का अपराध हुआ रू 18113390.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई रू 116260.00 कुल योग दर्ज अपराध 3365 राशि का अपराध हुआ रू 554893625.00 कितनी राशि पुनः अपराधियों को लोटाई रू 68022624.00 संलग्न परिशिष्ट-'अ' पर है। (ख) स.क्र. 1 वर्ष 2018 कुल दर्ज अपराध 770 घटनाओं में वृद्धि या कमी प्रतिशत में - स.क्र. 2 वर्ष 2019 कुल दर्ज अपराध 750 घटनाओं में वृद्धि या कमी प्रतिशत में 2.59 प्रतिशत कमी स.क्र. 3 वर्ष 2020 कुल दर्ज अपराध 741 घटनाओं में वृद्धि या कमी प्रतिशत में 1.20 प्रतिशत कमी स.क्र. 4 वर्ष 2021 कुल दर्ज अपराध 1019 घटनाओं में वृद्धि या कमी प्रतिशत में 37.51 प्रतिशत वृद्धि स.क्र. 5 वर्ष 01.01.2022 से 19.02.2022 तक कुल दर्ज अपराध 85 घटनाओं में वृद्धि या कमी प्रतिशत में (ग) संलग्न परिशिष्ट 'ब' पर। (घ) स.क्र. 1 वर्ष 2018 कुल दर्ज अपराध 770 निराकृत अपराधों की संख्या 687 स.क्र. 2 वर्ष 2019 कुल दर्ज अपराध 750 निराकृत अपराधों की संख्या 581 स.क्र. 3 वर्ष 2020 कुल दर्ज अपराध 741 निराकृत अपराधों की संख्या 431 स.क्र. 4 वर्ष 2021 कुल दर्ज अपराध 1019 निराकृत अपराधों की संख्या 449 स.क्र. 5 वर्ष 01.01.2022 से 19.02.22 तक कुल दर्ज अपराध 85 निराकृत अपराधों की संख्या 05 कुल योग कुल दर्ज अपराध 3365 कुल निराकृत अपराधों की संख्या 2153
जेलों का शहर से अन्यत्र स्थानांतरण
[जेल]
72. ( क्र. 1881 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में उज्जैन संभाग में कुल कितनी जेलों को कहाँ-कहाँ शहर से अन्यत्र स्थानांतरण की योजना प्रचलन में है? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त संभाग में कहाँ-कहाँ नवीन जेल हेतु भूमि का चयन कर लिया है या भूमि आरक्षित कर ली गई है तथा कितनी नवीन जेलों के निर्माण के लिए कितना-कितना बजट प्राप्त हो चुका हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या मंदसौर जिला जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की कार्य योजना प्रचलन में हैं? क्या वर्तमान जिला जेल में पुनर्घनत्वीकरण योजना प्रचलन में हैं? क्या इसके लिए गृह निर्माण मण्डल को कोई कार्य योजना हेतु विभाग ने पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो कार्य योजना की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) क्या संभाग की समस्त जेलों में कैंटीन व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों? 1 जनवरी 2020 ये प्रश्न दिनांक तक कैदियों के भोजन, नास्ता एवं अन्य पर संभाग की जेलों में कुल कितनी राशि वहन की गई? इस हेतु विभाग से कुल कितनी राशि का बजट एवं कितना खद्यान्न आवंटन प्राप्त हुआ? वर्तमान में सप्ताह में प्रतिदिन कैदियों को खाने एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं में क्या-क्या प्रदान किया जाता है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) तीन जेलों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम-3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पुनर्घनत्वीकरण में नहीं बल्कि बजट प्रावधान कर जेल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। जी नहीं। (घ) कैन्टीन की सुविधा केन्द्रीय जेल उज्जैन को छोड़कर संभाग की अन्य किसी जेल में सुरक्षा एवं प्रशासनिक कारणों से नहीं है। 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोजन, नाश्ते एवं अन्य पर राशि रूपये 27,53,00,356 व्यय की गई, इस हेतु राशि रूपये 28,09,63,959 आवंटित की गई। कैदियों को दिये जा रहे खाने एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
चिट फण्ड कम्पनियों पर कार्यवाही
[गृह]
73. ( क्र. 1907 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा दिनांक 01.04.2020 से सहारा इंडिया लिमिटेड और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा जनता की जमा पूंजी वापस दिलाने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रतो राय और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रदेश के किन-किन थानों पर प्रकरण दर्ज हुए हैं और उसे गिरफ्तार करने के संबंध में क्या प्रयास किए गए? (ग) रतलाम जिले के विभिन्न थानों पर दिनांक 01.04.2020 से किन-किन जमा धारकों द्वारा उनकी जमा पूंजी लौटाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं तहसीलवार बताएं कि जमा पूंजी लौटाने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रदेश में सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से, कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है राज्य सरकार आम लोगों को चिटफंड कंपनियों की ठगी से बचाने और उन्हें रकम वापस दिलाने के लिए क्या क्या प्रयास कर रही हैं। शासन द्वारा इन कंपनियों को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? (ड.) शासन द्वारा प्रदेश में इन चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही करने हेतु कोई समिति बनाई गई है यदि नहीं, तो इन पर कार्यवाही हेतु शासन की क्या रणनीति है जनता की जमा पूंजी दिलाने की जिम्मेदारी किसकी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। शासन द्वारा आम लोगों को चिटफंड कम्पनियों की ठगी से बचाने एवं ठगी की शिकायत दर्ज कराने हेतु प्रचार प्रसार किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिला पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किये गये है। चिटफंड कम्पनियों की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कैंप लगाये गये है, उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। सहारा इण्डिया लिमिटेड और चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायतें मिलने पर म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 एवं दी बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट 2019 के अंतर्गत विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ड.) शासन द्वारा आम लोगों को चिटफंड कम्पनियों की ठगी से बचाने एवं ठगी की शिकायत दर्ज कराने हेतु प्रचार प्रसार किया गया है। चिटफंड कम्पनियों की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कैंप लगाये गये है, उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। सहारा इण्डिया लिमिटेड और चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायतें मिलने पर म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 एवं दी बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट 2019 के अंतर्गत विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
वृद्धावस्था
पेंशन में
बी.पी.एल.
कार्ड की बाध्यता
समाप्त करने
विषयक
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
74. ( क्र. 1908 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत समय सामाजिक न्याय विभाग/सहकारिता विभाग से दिव्यांगों को एवं विधवा महिलाओं हेतु पेंशन से गरीबी राशन कार्ड की बाध्यता सरकार ने समाप्त कर प्रदेश में सभी दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं को पेंशन स्वीकृत की गई है? इसी प्रकार म.प्र. में जो बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्ध एवं निराश्रितों को जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, पेंशन प्रदान की जाती है। (ख) क्या वृद्धावस्था में समस्त वृद्धजनों जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं हैं एवं इन्हें भी पेंशन की आवश्यकता रहती है तो उनके लिए भी शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त कर पेंशन प्रदान करने हेतु कोई योजना लागू की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. की बाध्यता समाप्त करने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है तो कब तक पूर्ण होकर आदेश जारी किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा सभी दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं का बी.पी.एल. बंधन समाप्त कर जो आयकरदाता नहीं है उन हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की गई है। 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन जो बी.पी.एल हैं अथवा निराश्रित हैं अथवा वद्धाश्रम में निवासरत हैं, आयकरदाता नहीं है उन्हें पेंशन प्रदाय की जाती है। (ख) जी हाँ। जो वृद्धजन बी.पी.एल कार्डधारी एवं आयकरदाता नहीं है उन्हें राज्य की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत लाभ प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागों द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 1939 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति कल्याण एवं जनजाति कार्य विभाग द्वारा हितग्राही मूलक एवं सामूहिक कार्य कटनी जिले के किन-किन विधानसभाओं में विभाग द्वारा अन्य विभागों के माध्यम से कराये गये? जानकारी ग्रामवार, हितग्राहीवार, विभागवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन किसानों के यहाँ विद्युत लाइन के प्रस्ताव प्राप्त हुये और किसके माध्यम से विद्युतीकरण का कार्य कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिलास्तर से क्या संबंधित जातियों एवं गांव के उत्थान हेतु पंचवर्षीय योजना प्रस्तावित की गई है? क्या प्रस्तावित योजना अनुसार वित्तीय वर्ष में कार्य किये गये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुनरीक्षित पेंशन व एरियर्स का भुगतान न करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
76. ( क्र. 1952 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य मंत्री महोदय के कार्यालय के पत्र क्र. 307/सी.एम.एस./एम.डी.आई./2020/20 दिनांक 31-07-2020 द्वारा पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल को श्रीमती मंशा देवी पत्नी स्व. श्री प्रभु सिंह यादव आर. 495 आत्मज स्व. श्री राजनारायण यादव रांझी बस्ती जबलपुर के पत्र पर पेंशन पुनरीक्षण कर ऐरियर्स भुगतान बाबत् लेख किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो इस पत्र पर पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा कार्यवाही के संबंध में मुख्य मंत्री कार्यालय को दिनांक 08-09-2020 को पत्र लिखा गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में अतिरिक्त महानिर्देशक कल्याण शाखा पुलिस मुख्यालय म.प्र. द्वारा पत्र क्र. 1249/12 दिनांक 27-12-2012 एवं पत्र क्र. 927/14 दिनांक 19-09-2014 को परिवार पेंशन पुनरीक्षण बाबत् प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिसका अंतिम स्मरण पत्र 14-08-2020 को भेजा गया। जिस पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही करा दी गई हो तो कार्यवाही की प्रति देवें। अगर कार्यवाही लंबित है तो कब तक कार्यवाही होगी एवं कार्यवाही में विलंब के लिये किनको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दलित परिवार के साथ मारपीट
[गृह]
77. ( क्र. 2021 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के भगवां थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुंडलया में गत 09 फरवरी, 2022 को श्री दयाचंद पिता श्री भागीरथ अहिरवार दलित होने से गांव के दबंगों ने गालीगलौज की, डीजे बंद करा दिया और घोड़ी पर बारात निकालने से रोककर अपमानित किया? (ख) क्या दूल्हा स्वयं पुलिसकर्मी है तथा उसके द्वारा पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट करने के बाद प्रशासन ने कार्यवाही की और दूसरे दिन 10 फरवरी, 22 गुरूवार को कलेक्टर, एस.पी. और कई थानों की पुलिस की मौजूदगी में वापस लौटने पर बारात को गांव में घुमाया गया? (ग) दलितों के अपमान की इस प्रकार की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (घ) भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार क्या कार्यवाही करने जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) यह सही नहीं है कि जिला छतरपुर के थाना भगवा के ग्राम कुण्डलया में 09 फरवरी 2022 को श्री दयानंद पिता श्री भागीरथ अहिरवार से दलित होने के कारण गाँव के दबंगो ने गाली-गलौच की एवं डी.जे. बन्द किया और घोड़ी पर बारात निकालने से मना किया। अपितु वस्तु स्थिति यह है कि दिनांक 09/02/2022 को श्री दयाचन्द्र घोड़े पर बैठकर गाँव में अपने परिजनों, रिश्तेदारों के साथ बैण्ड बाजे सहित गाँव में राछ फिराने के लिये निकला था जो अन्य मुहल्लो से राछ फिराकर वापिस अपने मुहल्ले आ रहा था तभी मंदिर के पास वाली गली में कुछ लोगों ने बैण्ड वालों से कहाँ कि यहाँ पर मंदिर है। मंदिर के सामने से घोड़े पर बैठकर नहीं निकला जाता, दूसरे रास्ते से निकल जाओ। तब श्री दयाचन्द एवं उसके परिजनमय बैण्ड एवं घोड़े के दूसरे रास्ता से अपने घर चले गये। गाँव के लोगों द्वारा श्री दयाचन्द के साथ कोई गलत बर्ताव एवं गाली-गलौच नहीं की गई। (ख) हाँ यह सही है कि दूल्हा श्री दयाचन्द अहिरवार जिला टीकमगढ़ में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। श्री दयाचन्द के द्वारा पुलिस अधीक्षक छतरपुर को उक्त संबध में कोई रिपोर्ट नहीं की गई और न ही कोई आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया किसी अंजान व्यक्ति के द्वारा फोन पर पुलिस को यह सूचना दी गई। उक्त सूचना पर दिनांक 10 फरवरी 2022 को कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, छतरपुर द्वारा स्वंय गाँव में भ्रमण किया गया और संवेदनशीलता एवं जागरूकता हेतु श्री दयाचन्द अहिरवार के बारात की वापसी पर होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम सम्मान पूर्वक दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर सम्पन्न कराया गया। (ग) दलितों के अपमान की इस प्रकार की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जागरूकता एवं संवेदनशीलता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते है और अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल्य क्षेत्रों में जनचेतना शिविर का आयोजन कर इन वर्गों के व्यक्तियों को अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों से अवगत कराया जाता है एवं उनके साथ घटित घटनाओं पर त्वरित रूप से विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ अपमान की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु शासन द्वारा प्रदेश के 51 जिलों में विशेष अजाक पुलिस थाने, अपराधों के पर्यवेक्षण हेतु 10 पुलिस अधीक्षक अजाक रेंज स्तर पर स्थापित किए गए है और इन वर्गों के मामलों में विचारण हेतु 43 विशेष न्यायालय तथा 7 विशेष सत्र न्यायालयों को अधिकृत किया गया है। इन वर्गों की शिकायतों पर समुचित वैधानिक कार्यवाही हेतु समय-समय पर पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाते है तथा ऐसे ग्रामों/कस्बों में जहाँ एससी/एसटी एक्ट के मामले अधिक घटित होते है, वहाँ पर जन चेतना शिविरों का आयोजन आपसी सामंजस्य और सद्भाव हेतु किया जाता है। पुलिस द्वारा उन क्षेत्रों विशेष रूप से भ्रमण भी किया जाता है।
म.प्र. में ट्राईबल सब-प्लान
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 2030 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक भारत सरकार द्वारा ट्रायबल सब-प्लान अंतर्गत विकास कार्यों हेतु जनजातीय कार्य विभाग को राशि का आवंटन किया गया था? (ख) प्रश्नांकित ''क'' अनुसार यदि हाँ, तो धार जिले में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) धार जिले में किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि व्यय की गई एवं उक्त राशि का व्यय किन-किन कार्यों हेतु किया गया है? कार्यवार, राशिवार, वर्षवार बतावें तथा कितनी राशि शेष है? (घ) भारत सरकार से जनजातीय कार्य विभाग को ट्रायबल सब-प्लान अन्तर्गत प्राप्त राशि के विरूद्ध व्ययित राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस-किस दिनांक को जारी किये गये थे? वर्षवार, दिनांकवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
कैदियों को मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय एवं विभागीय जांच की जानकारी
[जेल]
79. ( क्र. 2043 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मुरैना जिले की सभी जेलों में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन एवं अन्य उपयोगी वस्तुओं की सूची उपलब्ध करावें। उपवास एवं रोजा होने पर जेलों में दिये जाने वाले व्यजनों की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या ये व्यंजन नि:शुल्क या सशुल्क दिये जाते हैं? (ख) दिनांक 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिला जेल एवं उप जेलों में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया है? (ग) दिनांक 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक जेल विभाग के कितने कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये? कितने निर्दोष साबित हुये? नाम, पद नाम एवं वर्तमान स्थिति बतावें। जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दर्ज अपराधों का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सेन्ट्रल जेल उज्जैन में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर विभागीय जांच चल रही है एवं कितने कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया? सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में बंदियों को प्रतिदिन दिए जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची तथा उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उक्त सामग्री बंदियों को नि:शुल्क प्रदाय की जाती है। (ख) मुरैना जिले की जिला जेल मुरैना, सब जेल सबलगढ़, जौरा एवं अम्बाह में 01 जनवरी, 2016 से दैनिक उपयोग भोजन आदि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) 01 जनवरी, 2016 से दोषी/निर्दोष कर्मचारी/अधिकारियों की वर्तमान स्थिति एवं उन पर दर्ज अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) केन्द्रीय जेल उज्जैन में 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय जांच एवं बर्खास्त कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
थाना प्रभारियों विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
80. ( क्र. 2046 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान थाना प्रभारी सिविल लाईन मुरैना, थाना प्रभारी सुमावली एवं थाना प्रभारी सरायछोला के विरूद्ध अवैध वसूली की शिकायत का क्षेत्रीय लोगों द्वारा पुलिस अधीक्षक मुरैना को भी तीनों प्रभारियों के विरूद्ध आवेदन दिया गया? क्या प्रश्न दिनांक तक तीनों प्रभारियों पर कोई कार्यवाही हुई है? यदि नहीं हुई तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व पुलिस अधीक्षक मुरैना को कई बार दूरभाष एवं मौखिक एवं लिखित में उक्त थाना प्रभारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कहा गया, किंतु पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार थाना प्रभारी सिविल लाईन थाना प्रभारी सुमावली एवं थाना प्रभारी थाना सरायछोला में पदस्थ आरक्षक 730, आरक्षक 230, आरक्षक 508, आरक्षक 1036 एवं थाना सिविल पदस्थ आरक्षक संजय आदि के द्वारा प्रतिदिन अवैध वसूली, रेत माफिया एवं शराब तस्करों को संरक्षण दिया जा रहा है, इनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में निरीक्षक विनय यादव थाना प्रभारी सिविल लाईन दिनांक 18.12.2019 से उप निरीक्षक ऋषिकेश शर्मा थाना प्रभारी सरायछोला दिनांक 23.10.2021 एवं कार्यवाहक उप निरीक्षक मनोज यादव थाना प्रभारी सुमावली दिनांक 06.02.2022 से थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है। कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार उक्त थाना प्रभारियों के विरूद्ध अवैध वसूली के संबंध में क्षेत्रीय लोगों द्वारा कोई शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार उक्त थाना प्रभारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने संबंधी प्राप्त होना नहीं पाया गया है। इसलिए कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पुलिस मुख्यालय कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार उक्त आरक्षकों के विरूद्ध अवैध वसूली रेत माफिया एवं शराब तस्करों को संरक्षण दिये जाने के संबंध में आज दिनांक तक कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है।
अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
81. ( क्र. 2081 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या डॉ. राममनोहर लोहिया शिक्षा प्रसार समिति लहार जिला भिण्ड द्वारा संचालित जनता माध्यमिक विद्यालय बरौआ, विकासखण्ड लहार, जिला भिण्ड में पदस्थ भृत्य श्री लज्जाराम कोरी (अनुसूचित जाति) की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी श्रीमती मालती की भृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति कलेक्टर भिण्ड ने अशासकीय संस्था अनुदान नियम 1985 के नियम 12 (अ) के अनुसार कलेक्टर भिण्ड के आदेश कमांक/अनुदान/2004/1914 भिण्ड दिनांक 05.08.2004 द्वारा प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा श्रीमती मालती, भृत्य को वर्ष 2004 से 31.03.2021 तक लगातार लगभग 17 वर्षों तक वेतन भुगतान किया जाता रहा है? (ग) क्या संयुक्त संचालक, कार्यालय अनुसूचित जाति विकास म.प्र. के पत्र क्र./अनुदान/न.क्र./170/2021/2463 भोपाल, दिनांक 01.09.2021 से श्रीमती मालती की नियुक्ति को अवैध बताया गया है? यदि हाँ, तो नियुक्ति को वैध बताने का कारण बताएं। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि तत्समय नियुक्ति अवैध थी तो श्रीमती मालती को नियम विरूद्ध नियुक्ति प्रदान किए जाने के दोषी अधिकारी एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग से वेतन आवंटन करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमती मालती, भृत्य जनता माध्यमिक विद्यालय बरौआ विकासखण्ड लहार जिला भिण्ड के वेतन भुगतान के संबंध में पत्र क्र. 305, दिनांक 08.12.22021 को प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारी को पूर्ण वेतन कब तक प्रदान किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। अशासकीय संस्था अनुदान नियम 1985 के नियम 12 'अ' में अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) अनुकम्पा नियुक्ति अनुदान नियम 1985 के नियम 12 'अ' के अनुसार नहीं की गई है। जी हाँ वेतन भुगतान किया जाता रहा है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र के माध्यम से जिला संयोजक भिंड को यह लेख किया गया है कि अनुदान नियम 1985 में अनुदान प्राप्त संस्थाओं में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। अत: अनुकम्पा नियुक्ति किन नियमों के तहत की गई है, कलेक्टर के अभिमत सहित स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्रीमती मालती की अनुकंपा नियुक्ति परीक्षणाधीन है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आरोपियों का बचाव
[गृह]
82. ( क्र. 2082 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 440 दिनांक 09 अगस्त 2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में भिण्ड जिले के थाना लहार के अपराध क्रमांक 83/20 में ग्राम पंचायत वैशपुरा की लूटी गई सम्पत्ति संबंधी प्रकरण की विवेचना में साक्ष्य नहीं होने से खात्मा दिनांक 14.03.2021 को भेजे जाने की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो विवेचना करने वाले अधिकारी का नाम व पद बताएं तथा विवेचना अधिकारी किस-किस दिनांक को विवेचना हेतु घटना स्थल पर पहुंचे एवं ग्राम पंचायत वैशपुरा के किन व्यक्तियों के समक्ष विवेचना की गई एवं किन-किन व्यक्तियों के कथन लिये गये? विवेचना अधिकारी एवं कथन देने वालों की मोबाइल लोकेशन की प्रमाणित प्रति, कथनों की प्रति, अपराध क्रमांक 83/20 के संबंध में घटना से संबंधित दस्तावेजों एवं रोजनामचा की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या पूर्णत: सत्य घटना को असत्य बताकर दोषियों को बचाने हेतु वरिष्ठ अधिकारी से जांच न कराकर घटना असत्य बताने वाले पुलिस कर्मियों को शासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा? यदि नहीं, तो रिपोर्टकर्ता तथा घटना के समर्थन में कथन देने वालों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रश्न क्रमांक 440 के प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में भिण्ड जिले के थाना लहार के अप. क्र. 83/20 में खात्मा भेजे जाने की जानकारी नहीं दी गई है, अपितु थाना दबोह के अप.क्रं. 38/20 में खात्मा भेजे जाने की जानकारी दी गई थी। थाना लहार जिला भिण्ड में दिनांक 29.03.20 को पंजीबद्ध अप. क्र. 83/20 धारा 384, 427, 34 भादवि का निष्पक्ष अनुसंधान किया गया, अनुसंधान के दौरान आरोपीगण द्वारा सरिया, सीमेंट का उद्यापन किया जाना नहीं पाये जाने से धारा 384 भादवि हटाई गई एवं धारा 3 (1) (द) (ध) एस.सी.एस.टी. एक्ट, धारा 3 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम का इजाफा किया गया। आरोपीगण हरगोविन्द पुत्र बालादीन एवं अन्य 11 के विरूद्ध विवेचना पूर्ण कर चालान क्रमांक 65/21 दिनांक 04.12.2021 को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ख) चूंकि अप. क्र. 83/20 में खात्मा नहीं भेजा गया हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जातियों की बस्तियों का विकास एवं नि:शुल्क सायकिल वितरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
83. ( क्र. 2095 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की मुख्य योजना के अंतर्गत विभाग की मांग संख्या क्र. 49 योजना क्र. 4722 योजना का नाम अनुसूचित जातियों की बस्तियों का विकास हेतु वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? उसमें से कितना-कितना बजट आवंटित हुआ? आवंटित बजट में से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है और कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में व्यय नहीं की गई? वर्षवार पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या उक्त मद में बजट की राशि में कटौती की गई है? यदि हाँ, तो किन कारणों से किस-किस वित्तीय वर्ष में कितने-कितनी प्रतिशत की गई? स्पष्ट करें। (ग) विभाग की मांग संख्या 49, योजना क्र. 6813, योजना का नाम सायकिलों का प्रदाय, इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था एवं कितनी-कितनी राशि का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें से कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक व्यय की जा चुकी है तथा कितनी छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क सायकिल प्रदाय की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 के कारण विद्यालय का नियमित संचालन न होने से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नि:शुल्क सायकिल विवरण नहीं की गई तो विभाग द्वारा स्कूल बंद होने की स्थिति में सायकिलों का प्रदाय किस आधार पर किया गया? जिन छात्र/छात्राओं को सायकिल वितरण की गई है, कृपया हितग्राहियों के नाम व पिता का नाम, स्कूल का नाम एवं पता सहित ब्यौरा दें। (ड.) क्या उक्त सायकिलों का प्रदाय कागजों में किया जाकर आर्थिक अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) कोई कटौती नहीं की गई है। विधानसभा द्वारा पारित बजट के अनुसार प्रावधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सायकिल प्रदाय योजना क्रमांक 6813 में एवं वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में बजट प्रावधान, आवंटित राशि, व्यय राशि एवं प्रदाय सायकिल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) कोविड-19 के कारण शिक्षण संस्थाओं के प्रारंभ न होने से विभाग द्वारा नि:शुल्क सायकिल वितरण नहीं की गई है। इसलिए शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में पूर्व वर्षों के लंबित दायित्व हेतु आवंटन जिलों को जारी किया गया है। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
84. ( क्र. 2116 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में टूरिस्ट प्लेस पर घूम रहे कितने व्यक्तियों से लूटपाट, महिला से अश्लील हरकत, बलात्कार तथा मारपीट के प्रकरण दर्ज हुये? 2015 से 2021 तक की वर्षवार जिलेवार जानकारी दें तथा बतावें कि इसकी रोकथाम हेतु क्या कदम उठाये गये? (ख) प्रदेश में किन-किन धाराओं में दर्ज ऐसे कितने प्रकरण 31 जनवरी 2022 की स्थिति में हैं, जिनमें सारे आरोपी या कुछ आरोपी अभी तक नहीं पकड़ाये गये हैं? धारा तथा प्रकरण दर्ज की दिनांक एवं संबंधित पुलिस थाना, प्रकरण क्रमांक तथा आरोपी के न पकड़े जाने के कारण सहित सूची देवें। (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के प्रति अपराध की विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरणों की वर्ष 2015 से 2021 तक की वर्षवार जानकारी दें तथा बतावें कि उक्त अवधि में कितनी महिला गुम हुईं तथा कितनी अभी तक नहीं मिली? (घ) रतलाम जिले के रेल्वे स्टेशन पर, रेल पटरी पर, रेल्वे पुलिया पर कितनी दुर्घटना हुई तथा कितने मृत हुये तथा रेल में लूटपाट, चोरी तथा मारपीट के कितने प्रकरण दर्ज हुये? वर्ष 2015 से 2021 तक की जानकारी देवें। (ड.) रतलाम जिले में विधानसभावार वर्ष 2015 से 2021 तक विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरणों की वर्षवार सूची देवें तथा 31 जनवरी 2022 की स्थिति में बतावें कि विधानसभावार पुलिस विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद खाली हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कुछ थाना क्षेत्र पूर्णतः शामिल हैं तथा कुछ थानों का क्षेत्र आंशिक रूप से शामिल है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' में समाहित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि जिले में दर्ज प्रकरणों की जानकारी थानावार संधारित की जाती है, विधानसभावार संधारित नहीं की जाती है। विधानसभा के क्षेत्र में कुछ थाने पूर्णरूप से स्थित है तथा कुछ थानों का क्षेत्र आंशिक रूप से सम्मिलित है। अतः विधानसभावार जानकारी देना संभव नहीं है। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' में सम्मिलित की गई है। पुलिस विभाग में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी विधानसभावार संधारित नहीं की जाती है अपितु इकाइवार (थाना/चैकी/आदि) संधारित की जाती है। स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी विधानसभावार देना संभव नहीं है। दिनांक 31 जनवरी 2022 की स्थिति में जिला रतलाम में थाना/चौकीवार स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'फ' में दी गई है।
जनजातीय विकासखण्डों में किये गये कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
85. ( क्र. 2118 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा वर्ष 2015 से 2021 तक जनजातीय से संबंधित क्या सर्वेक्षण तथा अनुसंधान किया गया? रिपोर्ट की प्रति देवें एवं बतावें कि जनजातीय के जीवनांक (शिशु बाल, मातृ मृत्यु दर, औसत आयु, कुपोषण का प्रतिशत आदि) वार्षिक आय, जनजाति के पास कुल जमीन, उसमें सिंचित जमीन का प्रतिशत काश्तकार तथा खेतीहर मजदूर का प्रतिशत का सर्वेक्षण किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो उसकी रिपोर्ट देवें। (ख) प्रशासकीय प्रतिवेदन 2020-21 में पृष्ठ 15 पर शैक्षणिक संस्थाओं की सूची में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या क्यों नहीं दी गई? क्या विद्यालय की संख्या ही शैक्षणिक विकास है? उससे विद्यार्थियों का होना आवश्यक नहीं है? वर्ष 2010-11 से 2021-22 तक प्राथमिक, माध्यमिक शाला में कक्षा 1 से 8 तथा कक्षा 9 से 12 के नामांकनांक बतावें। (ग) वर्ष 2010-11 से 2021-22 तक प्राथमिक शिक्षा पर व्यय की गई राशि बतावें। इस अवधि में साईकल, पुस्तकें, गणवेश तथा मध्यान्ह भोजन पर व्यय तथा लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या की वर्षवार जानकारी दें। (घ) वर्ष 2017 से 2021 तक रतलाम जिले के जनजातीय विकासखण्ड में कितनी किलोमीटर सड़कें बनाई गईं तथा इस क्षेत्र की कुल आबादी में से कितनी आबादी को शुद्ध पेयजल, नलजल योजना से प्राप्त हो रहा है? (ड.) रतलाम जिले के विकासखण्ड में विभिन्न विभागों द्वारा आदिवासी उपयोजना की कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा लाभान्वित हितग्राही की संख्या क्या है? वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक की वर्षवार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजाति अनुसंधान विकास संस्था द्वारा प्रश्नांश में उल्लेख विषयों पर कोई अनुसंधान नहीं किया गया है। उक्त कार्य के लिये संबंधित विभाग द्वारा संस्था से कोई मांग नहीं की गई है। (ख) प्रशासकीय प्रतिवेदन में आवश्यकता अनुसार जानकारी का समावेश किया जाता है। विस्तृत जानकारियों का समावेश नहीं किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2017 से 2021 तक रतलाम जिले के जनजातीय विकासखण्ड सैलाना एवं बाजना अन्तर्गत सड़क निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। क्षेत्र की कुल आबादी में से शुद्ध पेयजल नलजल योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार'' अनुसार है। (ड.) विभिन्न विभागों द्वारा आदिवासी उपयोजना में व्यय की गई राशि तथा लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पांच'' अनुसार है।
आदिवासी सामुदायिक भवन का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
86. ( क्र. 2119 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि माननीय कमलनाथ सरकार के समय में आदिवासी ब्लाकों में आदिवासी सामुदायिक भवन आदिवासी देवठानों की मड़िया/मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी किन्तु वर्तमान सरकार में अभी तक काम चालू नहीं हुये हैं? डिण्डोरी जिले में कब तक आदिवासी सामुदायिक भवन देवठानों की मड़िया/मंदिर का निर्माण कार्य कब तक चालू हो जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : जी हाँ। डिण्डोरी जिले में पी.व्ही.टी.जी. योजनातंर्गत स्वीकृत 08 सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य प्रारम्भ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, मड़िया/मंदिर निर्माण कार्य की योजना विभाग में संचालित नहीं है।
राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का संचालन
[गृह]
87. ( क्र. 2126 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर की स्थापना किस वर्ष में हुई थी? कहाँ संचालित की गई थी? जानकारी देवें तथा कब स्वयं के भवन में स्थापित हुई? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या वर्ष 1992 में क्षेत्रीय विज्ञान प्रयोगशालाओं का विभाग द्वारा गठन किया गया? यदि हाँ, तो नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर का संचालन पूर्व में वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा किया जाता था? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त पद पर पुलिस सेवा के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या राज्य वैज्ञानिक प्रयोगशाला सागर को विभाग द्वारा जारी अनेक पत्रों में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला/न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का लेख किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 1958 में अपराध अनुसंधान विभाग, भोपाल में एक वैज्ञानिक प्रकोष्ठ की स्थापना की गई थी, जिसके द्वारा आग्नेय अस्त्र, मिटाए गए नंबरों का परीक्षण का कार्य किया गया। अपराध अनुसंधान विभाग, भोपाल में जो सन 1964 में इस वैज्ञानिक प्रकोष्ठ को सागर विश्वविद्यालय के अपराध शास्त्र विभाग भवन में स्थानांतरित कर फोरेंसिक फिजिक्स, बैलिस्टिक्स, बायोलॉजी एवं केमिस्ट्री संबंधी परीक्षण कार्य आरंभ किया गया। वर्ष 1977 में यह प्रयोगशाला विश्वविद्यालय केम्पस के पास नवनिर्मित भवन (वर्तमान भवन राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर) में स्थानांतरित हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में समाहित है। (ख) म.प्र. में वर्ष 1992 में इंदौर एवं ग्वालियर में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाएं प्रारंभ की गई। वर्ष 2005 में भोपाल में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई तथा वर्ष 2017 में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाल जबलपुर में बायोलॉजी से संबंधित परीक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' में समाहित है। (ग) हाँ, वर्ष 2011 से राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला में कोई वैज्ञानिक अधिकारी संचालक के पद पर पदस्थ न होने से प्रयोगशाला का संचालन प्रभारी संचालकों द्वारा किया जा रहा है। भर्ती नियमों के अनुसार इस पद पर उपयुक्त विभागीय अधिकारी न पाया जाने पर यह पद अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर भरा जा सकता है। अतः शासन द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार पुलिस सेवा के अधिकारी को पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' में समाहित है। (घ) सागर राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का नाम परिवर्तन का काई निर्देश नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' में समाहित है।
विभागीय अधिकारियों के निर्देशों पर की गयी कार्यवाही
[सहकारिता]
88. ( क्र. 2142 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–607, दिनांक 09/07/2019 के प्रश्नांश (ग) उत्तर में दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–607, दिनांक 09/07/2019 के प्रश्नांश (घ) में दिये गये उत्तर अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी और क्या कार्यवाही किया जाना क्यों शेष हैं? शेष क्या कार्यवाही किस प्रकार और कब तक पूर्ण की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) क्या कटनी जिले में अपचारी/दोषी/आरोपी कर्मचारियों को वरिष्ट अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी उपार्जन कार्यों में संलग्न किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) आयुक्त सहकारिता के पत्र दिनांक 28/06/2019 एवं दिनांक 29/06/2019 और वर्तमान में वीडियो-कान्फ्रेंस में दिये गये निर्देश के बाद भी कटनी जिले में उपार्जन कार्यों में कौन-कौन अपचारी/दोषी/आरोपी कर्मचारी किन-किन केन्द्रों में कब-कब कार्यरत रहे? क्या विभागीय एवं सहकारी बैंकों के अधिकारियों को यह अनियमितता ज्ञात थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी? कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? कारण बताइये। यदि नहीं, तो यह किस प्रकार संभव हैं? स्पष्ट कीजिये। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में उपार्जन कार्यों में किन-किन अनियमितताओं के किस-किस प्रकरण में क्या-क्या जांच/कार्यवाही किन-किन सक्षम आदेशों से किस नाम, पदनाम के अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब की गयी? जांच/कार्यवाही के परिणाम क्या हैं? क्या शासन/विभाग स्तर से लगातार व्याप्त अनियमितताओं का संज्ञान लिया जाकर कोई कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितताओं की जांच एवं कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
89. ( क्र. 2143 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक-07/03/2021 द्वारा कटनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के भवनों के नवीन निर्माण में अनियमितताओं की जांच एवं कार्यवाही बाबत् कलेक्टर कटनी को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गयी जांच/कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) डिप्टी कलेक्टर कटनी द्वारा दिनांक-01/07/2021 को ''कटनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के भवनों के नवीन निर्माण में अनियमितताओं की जांच एवं कार्यवाही बाबत'' विषयक प्रेषित पत्र क्रमांक-4665 से जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी को क्या कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? क्या पत्रानुसार नियत अवधि में कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही का विवरण बताइयें। नहीं तो कारण बताइये। यह भी बताइये कि वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन कब तक दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) माह मई-जुलाई 2021 में जिला संयोजक आदिम जाति और डिप्टी कलेक्टर कटनी के पद पर कौन-कौन शासकीय सेवक कार्यरत थे? क्या दोनों पदों पर एक ही व्यक्ति कार्यरत थे, तो स्वयं को ही निर्देशित पत्र का पालन न करने का कारण बताइये और इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक-07/03/2021 पर लगभग एक वर्ष पश्चात भी समुचित कार्यवाही न होने का कारण बताइये और क्या पत्र में उल्लेखित तथ्यों पर किन्हीं सक्षम तकनीकी अधिकारियों से अवधि नियत कर जांच और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जांच प्रचलन में है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मई-जुलाई 2021 में जिला संयोजक, आदिम जाति के पद पर श्री रोहित सिसोनिया पदस्थ रहे हैं तथा डिप्टी कलेक्टर के पद पर श्रीमती संघमित्रा गौतम एवं नदीमा शौरी पदस्थ रही हैं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शिकायतों पर कार्यवाही एवं स्थानान्तरण
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 2147 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला संयोजक श्री मुकेश पालीवाल, आदिम जाति कल्याण विभाग मुरैना की आपको एवं आपके अधीनस्थ भोपाल स्तर कार्यालय आयुक्त एवं प्रमुख सचिव को वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्राप्त शिकायतें एवं की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1576/2444/2021/25/1/भोपाल, दिनांक 08/11/2021 द्वारा सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/क्षेत्र संयोजकों को किस कारण एवं किस नियम तथा किस आधार पर स्थानांतरण किये गये हैं? स्थानान्तरण नियम, स्थानांतरण करने का कारण एवं आधार की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) श्री मुकेश पालीवाल, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग मुरैना को मुरैना जिले में वर्ष 2017 से निरन्तर पदस्थ होने एवं तीन वर्ष से अधिक पदस्थ होने तथा विभागीय योजनाओं में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद श्री पालीवाल का स्थानांतरण मुरैना जिले से अन्य जिले में किस नियम एवं किस कारण तथा आधार पर नहीं किया जा रहा है? नियम, कारण, आधार की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) श्री मुकेश पालीवाल, जिला संयोजक, आदिम जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग मुरैना का स्थानांतरण मुरैना जिले से अन्य जिले में किया जावेगा अथवा नहीं? नहीं तो क्यों? अगर हाँ तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक/1576/2444/2021/25/1 भोपाल, दिनांक 08.11.2021 द्वारा सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/क्षेत्र संयोजक/के प्रशासकीय स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति 2021 में किये गये है। प्रावधानों के अनुरूप किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) स्थानांतरण नीति 2021 में किये गये प्रावधानों के अनुरूप। स्थानांतरण नीति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवंटन का दुरूपयोग
[अनुसूचित जाति कल्याण]
91. ( क्र. 2148 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना में विभाग द्वारा अनु. जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में स्वीकृत किये गये विकास/निर्माण कार्य क्या शासन नियमानुसार किये गये हैं? अगर हाँ तो किस निमय से स्वीकृत किये गये? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। ग्राम हेतमपुर, जौहा, मानगढ, गुलालई, सराय, खोह, जलालपुर, रतनपुर, रूपहटी, सांठो, तरैनी, मोधनीसामंत सभी ग्रामों की निवासरत कुल जनसंख्या, एवं उक्त ग्रामों में अनु. जाति की जनसंख्या व अनु. जाति के प्रतिशत सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग के श्री मुकेश पालीवाल, जिला संयोजक मुरैना द्वारा कार्यालयीन देयक क्रमांक 935, दिनांक 02.02.2018, राशि 75000.00 हजार के देयक को शासन नियमानुसार तैयार किया गया? यदि नहीं, तो उक्त देयक क्यों तैयार किये गये? उक्त देयक एवं आदेश तथा जिला कोषालय द्वारा लगाई गई आपत्ति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत मुरैना जिले के चयनित 43 ग्रामों में विकास कार्य व अन्य कार्य हेतु वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन किस-किस दिनांक को प्राप्त हुआ तथा प्राप्त आवंटन के विरुद्ध किस-किस कार्य पर किस-किस दिनांक को कितना-कितना व्यय हुआ तथा कितना आवंटन किस दिनांक को किस कारण से शासन को वापस किया गया? क्या वर्तमान में प्राप्त आवंटन निर्धारित समय में व्यय किया जावेगा अथवा पुनः शासन को वापिस किया जावेगा? क्या प्राप्त आवंटन शासन नियमानुसर वित्तीय वर्ष में व्यय न होने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? अगर हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रश्नानुसार ग्रामवार जनसंख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसे किसी देयक का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्राप्त आवंटन का नियमानुसार व्यय किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
92. ( क्र. 2151 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की लोक सेवा प्रबंधन को वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार क्या उक्त आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में निराकरण करने के नियम व निर्देश हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण नहीं किया गया एवं लंबित हैं? (ग) क्या लोक सेवा प्रबंधन के आवेदनों का समय-सीमा पर निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना के नियम व निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या जिला छतरपुर में लोक सेवा प्रबंधन के आवेदनों पर निर्धारित समय-सीमा पर निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित समय-सीमा पर निराकरण न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला छतरपुर में लोक सेवा प्रबंधन को वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक 556166 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 55449 आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा के बाह्य निराकरण किया गया है एवं वर्तमान में फरवरी 2022 के 07 आवेदन लंबित है। (ग) जी हाँ। जिले में निर्धारित समय-सीमा पर निराकरण न करने वाले अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर समय-सीमा बाह्य होने के कारण यथोचित न पाये जाने पर संबंधित पदाभिहित अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। वर्ष 2017 में 15 शास्ति, वर्ष 2018 में 03 शास्ति, वर्ष 2019 में 06 शास्ति एवं वर्ष 2021 में 09 शास्ति अधिरोपित की गई। शास्ति आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के प्रावधान अनुसार दोषी अधिकारियों पर समय-समय पर कार्यवाही की जाती है।
जांच दल का गठन
[गृह]
93. ( क्र. 2152 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1009, दिनांक 24/12/2021 माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था, कि आरोपी द्वारा स्वीकार किया कि उक्त मिठाई विक्रय के लिए उतारी जा रही थी, लेख किया था? यदि हाँ, तो प्रमाण की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त आपराधिक प्रकरण में आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के उपरांत उक्त व्यक्ति/परिजन को सूचना पत्र में दिनांक में काट-छांट की गई थी? यदि हाँ, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त व्यक्ति को कब किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया था? जांच दल गठित कर शासन जांच के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त मिठाई आरोपी द्वारा स्थित दुकान पर बेचते हुए पकड़ी गई थी? क्या उक्त दुकान पर आरोपी दुकान पर खोवा एवं मिठाई बेचने का लाइसेंसधारी अधिकृत व्यक्ति था? यदि हाँ, तो लाइसेंस की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो उक्त दुकान पर खोवा एवं मिठाई बेचने वाला कौन अधिकृत लाइसेंसधारी व्यक्ति था?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आरोपी रोहित जैन ने कथन में बताया था कि वह गांधी चौक, छतरपुर में जैन मावा के नाम से दुकान संचालित कर खोवा, सफल मटर, छेना पाउडर एवं मिल्क केक विक्रय करता है। दिनांक 15.12.21 को झांसी से पवन एजेंसी के द्वारा मिल्क केक इसके यहां भेजा गया था। 84 किलो ग्राम मिल्क केक बस से आया था, जो रिक्शा के माध्यम से इसकी दुकान पर लाया जाना था, जिसे राजस्व विभाग की टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये पकड़ा गया था। आरोपी रोहित जैन के कथन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। दिनांक 17.01.2021 को आरोपी रोहित जैन को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी को गिरफ्तार करने के संबंध में मामले के विवेचनाधिकारी के द्वारा दिनांक 18.01.2021 को गिरफ्तारी की सूचना आरोपी के पिता श्री पुष्पेन्द्र जैन को दी गई थी। गिरफ्तारी की सूचना में आरोपी की गिरफ्तारी दिनांक लेख करते समय सहवन से दिनांक 17.03.2021 के स्थान पर दिनांक 16.01.2021 लेख हो गया था, जिसमें सुधार कर सही गिरफ्तारी दिनांक 17.01.2021 लेख किया गया था। (ग) प्रकरण में दिनांक 17.01.21 को आरोपी रोहित जैन उर्फ छोटू जैन को गिरफ्तार किया गया था। प्रकरण की विवेचना पूर्ण होने पर चालान दिनांक 18.01.22 को सी.जे.एम. न्यायालय छतरपुर में पेश किया गया है। चूंकि प्रकरण की विवेचना पूर्ण होकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है, अतः शासन जांच के आदेश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। उक्त मिठाई रोहित जैन के कर्मचारी रिक्शे वाला अशोक चौरसिया द्वारा बस क्रमांक एमपी-16 पी-0362 से उतारते समय खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा जप्त की गई थी। आरोपी रोहित जैन के पिता पुष्पेंद्र जैन के नाम पर खोवा एवं मिठाई बैचने का लायसेंस पंजीकृत है। लाइसेंस की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वन अधिकार दावे
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 2155 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के लागू होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में कितने दावे प्राप्त हुये? कितने प्रकरण मान्य किये गये? कितने अमान्य किये गये? कितने प्रकरण शेष हैं? सामुदायिक और व्यक्तिगत दावे की जानकारी अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत निवासी की अलग-अलग उपलब्ध करावें। (ख) क्या बालाघाट जिले में ग्राम की सीमा के भीतर स्थित वन भूमि में तार के बाड़ (फेंसिंग) लगाया जा रहा है? यदि हाँ तो बाड़ लगाने के कारण अधिनियम के अध्याय 2 वन अधिकार धारा 3 (ख) (ग) (घ) में दिये गये अधिकारों से वंचित हो रहा है? (ग) बालाघाट जिले में मान्य किये गये दावों की ग्रामवार, नामवार, पते सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) बालाघाट जिले में किस-किस प्रयोजन हेतु कितने-कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र मान्य किये गये हैं। वर्ष 2019-20 के प्रश्न दिनांक तक जिला स्तरीय वन अधिकार समिति बालाघाट की बैठकें कब-कब आयोजित की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) ग्राम सीमा के भीतर स्थित वनभूमि में प्रचलित कार्य आयोजना एवं एक्शन प्लान अनुसार प्रतिवर्ष ड्यू कूपो में वनवर्धनिक दृष्टि से उपचारित करने एवं पुनरूत्पादन सुनिश्चित करने हेतु चयन सह सुधार कार्यवृत्त, सुधार कार्यवृत्त एवं बिगड़े वनों को पुनर्स्थापित करने हेतु वृक्षारोपण अंतर्गत सीमित क्षेत्र को बारबेड वायर से फेंसिंग कर अस्थाई रूप से 06 से 07 वर्षों हेतु चराई हेतु बंद किया जाता है। अवधि पूर्ण होने पर उक्त बंद कूपों एवं क्षेत्रों को निस्तार हेतु पुन: ग्रामीणों के उपयोग हेतु खोल दिया जाता है। बंद अवधि में चराई के अतिरिक्त अन्य सामुदायिक अधिकारों पर ग्रामीणों को कोई प्रतिकूल अधिकारों से वंचित नहीं किया जाता है। उक्त क्षेत्र से भी ग्रामीण अपनी आजीविका सुनिश्चत करने के लिए लघु वनोपज जैसे :- तेंदुपत्ता, अचार, महुआ, बहेड़ा, हर्रा आदि ग्रामीणों की मवेशियों के लिए मध्यप्रदेश निस्तार नीति के अनुसार बंद कूप एवं बंद क्षेत्र के अतिरिक्त चराई हेतु प्रतिबंधित क्षेत्र को छोड़कर शेष वनक्षेत्र में चराई हेतु कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' एवं 'द' अनुसार है
शिकायत पत्रों का परीक्षण
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 2158 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1342 दिनांक 24/12/2021 के उत्तर में शिकायत पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का परीक्षण किया जाकर परीक्षण में तथ्य प्रकाश में आने पर जांच हेतु समिति गठित की जावेगी, दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के शिकायत पत्रों का परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है? उस अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतावें। परीक्षण में क्या तथ्य मिले? उसकी जानकारी देवें। परीक्षण हेतु जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा शिकायत पत्रों की सीधे जांच न कराकर शिकायत पत्रों के तथ्यों की जांच कराने का निर्णय किन कारणों से लिया गया है? क्या शिकायत पत्रों के बिन्दुओं की सीधे जांच न कराकर अनियमितता करने वालों को बचाया जा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत पत्रों का परीक्षण श्री हरजिंदर सिंह, प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश, रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा किया जा रहा है। परीक्षणाधीन (ग) प्रक्रियानुसार। जी नहीं।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
96. ( क्र. 2159 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
विभाग
अंतर्गत
शिक्षक की
मृत्यु होने पर
उनके आश्रित
को संविदा
शाला शिक्षक
के पद पर
अनुकम्पा
नियुक्ति
नहीं देने
हेतु कोई आदेश
या पत्र जारी
किया गया है? यदि
नहीं,
तो
मण्डला जिले
में संविदा
शिक्षक के पद
पर नियुक्ति
क्यों नहीं दी
जा रही है? यदि हाँ, तो
आदेश या पत्र
की प्रति
उपलब्ध कराएं। किन
कारणों से यह
आदेश जारी
किया गया? (ख) क्या म.प्र.
सामान्य
प्रशासन
विभाग के 29/9/2014 के
नियम 5.1
में अनुकम्पा
नियुक्ति
संविदा शाला
शिक्षक के पद
पर दिए जाने
का उल्लेख है? यदि
हाँ, तो इस
आधार पर वर्ष 2019 से
मण्डला जिले
में कितने
आश्रितों को
संविदा शाला
शिक्षक के पद
पर अनुकम्पा
नियुक्ति दी गई
है? कितने
आवेदन लंबित
हैं और उन पर
कब तक
नियुक्ति दी
जाएगी? (ग) क्या
वर्तमान में
प्राथमिक
शिक्षक के पद
पर अनुकम्पा
नियुक्ति
देने का
प्रावधान है? यदि
हाँ, तो
प्रदेश में अब
तक कितने
आश्रितों को
प्राथमिक/माध्यमिक
शिक्षक के पद
पर अनुकम्पा
नियुक्ति दी
गई है? प्रदेश
के ट्राइबल
जिलों में
कितने प्रकरण
लंबित हैं और
कब तक उनको
अनुकम्पा
नियुक्ति दे
दी जाएगी? यदि
नहीं,
तो
क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
नहीं। म.प्र.
जनजातीय एवं
अनुसूचित
जाति शिक्षण
संवर्ग (सेवा
एवं भर्ती) नियम
2018 जारी
होने के पश्चात
संविदा
शिक्षक के
पदों का
संविलियन
शिक्षक
संवर्ग में हो
जाने से
संविदा
शिक्षक के पद
शेष नहीं है। (ख) हाँ, वर्ष 2019-20 में
संविदा शाला
शिक्षक के पद
पर 08 अभ्यर्थियों
को अनुकंपा
नियुक्ति दी
गई है, नियुक्ति
हेतु 36
प्रकरण लंबित है।
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार
है।
(ग) जी
नहीं। शेष प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता है।
निर्माण कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 2160 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत सहायक आयुक्त कार्यालयों व विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में कार्यालयीन व्यय हेतु राशि देने के क्या नियम हैं? वर्ष2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के समस्त कार्यालयों में कितनी राशि आवंटित की गई? क्या यह सही है कि वर्ष 2020-21 से वर्तमान दिनांक तक उपरोक्त कार्यालयों को कार्यालयीन व्यय हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई है? क्या तब से लेकर अब तक संबंधित कार्यालयों में कोई कार्यालयीन व्यय नहीं हुआ है? यदि हुआ है तो उस व्यय का भुगतान कहाँ से किया गया? (ख) मण्डला जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण हेतु कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया? प्रदाय राशि से कौन-कौन से कार्य करवाये गए? क्या विकासखंड बिछिया व मवई में वर्ष 2020-21 में आश्रम छात्रावासों में करवाये गए कार्य घटिया गुणवत्ता के हैं एवं ठेकेदार द्वारा मापदंडों के विरुद्ध कार्य किये हैं? क्या इनकी जांच करवाई जाएगी? (ग) आदिवासी उपयोजना व विशेष केंद्रीय सहायता योजना की राशि मण्डला जिले में कब से अप्राप्त है एवं इसके क्या कारण हैं? वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मण्डला जिले से कौन-कौन से कार्यों के प्रस्ताव भेजे गए हैं? इन कार्यों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है? यदि राशि आवंटित नहीं की गई है तो कब तक आवंटित कर दी जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मांग एवं उपलब्ध आवंटन के मान से राशि आवंटित की जाती है। वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। जी नहीं। सहायक आयुक्त एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों को वर्ष 2020-21 से वर्तमान दिनांक तक आवंटित राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। शेष के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' एवं 'चार' अनुसार है। वर्ष 2020-21 में विकासखण्ड बिछिया व मवई के आश्रम, छात्रावास भवनों में कराये गये निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त हैं तथा ठेकेदार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'पांच' अनुसार है। । आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत भारत सरकार को प्रेषित प्रस्तावों पर परियोजनाओं हेतु स्वीकृति अपेक्षित होने से, मंडला एवं निवास परियोजना को वर्ष 2018-19 से राशि अप्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'छ' अनुसार है। भारत सरकार को प्रेषित प्रस्तावों पर स्वीकृति अपेक्षित होने से राशि आवंटित नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रेडेशन सूची में बदलाव
[गृह]
98. ( क्र. 2163 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के लिए डी.पी.सी. आप किस नियम तथा किस ग्रेडेशन लिस्ट के आधार पर करते हैं? (ख) 01/01/2021 की स्थिति में होने वाली पदोन्नति आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई है? दिनांक 01/01/2021 की स्थिति में उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पदोन्नति कब तक की जावेगी? (ग) क्या किसी अधिकारी को व्यक्तिगत लाभ पहुँचाने के लिए ग्रेडेशन सूची में बदलाव किया जा रहा है और इसलिए डी.पी.सी. में करीब 1 साल का विलंब कर दिया गया है? (घ) ग्रेडेशन सूची में बदलाव क्यों किया जा रहा है? क्या पिछले 20 वर्षों से जिस ग्रेडेशन लिस्ट के आधार पर पदोन्नति होती चली आ रही है, वह गलत तरीके से की जा रही थी? यदि हाँ, तो क्या उन अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जाएगी? (ड.) शासन ने 01/01/2021 की डी.पी.सी. को 1 वर्ष से अधिक लेट कर दिया है, इस दौरान जो अधिकारी रिटायर हो जाएँगे तथा पदोन्नति के लाभ से वंचित रह जाएंगे, उसके लिए कौन जिम्मेदार है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
99. ( क्र. 2164 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति का भुगतान विगत 3 वर्षों कितनी राशि दी गई है और कितने छात्रों की छात्रवृत्ति बकाया है? क्या पिछडे वर्ग के छात्र/छात्राओं को भी अ.ज.जा./अ.जा. छात्रों के समकक्ष मिलने वाली छात्रावास सुविधा एवं छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी की जायेगी? (ख) संबल योजना, गांव की बेटी, प्रतिभा किरण, मेधावी छात्र योजना क्या शासकीय और अशासकीय दोनों महाविद्यालय के छात्रों के लिए लागू है? इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) एम.पी. ट्रांस के माध्यम से छात्रों को प्राप्त होने वाली शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति के निर्धारण का क्या प्रारूप है? (घ) एम.पी. ट्रांस के माध्यम से प्राप्त होने वाले शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति महाविद्यालय तक आसानी से पहुँच सके इसके लिए सरकार की कोई कार्ययोजना है या नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति का भुगतान विगत 03 वर्षों में पोर्टल अनुसार राशि रूपये 2544.46 करोड़ दी गई है। 1, 11, 715 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बकाया है। पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को भी अ.ज.जा./अ.जा. छात्रों के समकक्ष मिलने वाली छात्रावास सुविधायें उपलब्ध हैं। छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ख) दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय नियमों के अनुसार है। (घ) विद्यार्थियों के देय शिक्षण शुल्क एवं अन्य शुल्कों की प्रतिपूर्ति का भुगतान उनके आधार से लिंक बैंक खाते में किए जाने का प्रावधान है।
आत्महत्या की निष्पक्ष जांच
[गृह]
100. ( क्र. 2167 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत सहकारी समिति सतपाडा सराय में दिनांक 21 जुलाई 2021 को गबन कर समिति प्रबंधक श्री किशनलाल दुबे द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी, जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक विदिशा को दिनांक 1.9.2021 को पत्र क्र. 381/2021-22 के माध्यम से मृत्यु पूर्व लिखे गये सुसाईड नोट की छायाप्रति चाही गई थी एवं विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1461, दिनांक 24 दिसम्बर 2021 के उत्तर में माननीय मंत्रीजी द्वारा अपने उत्तर में कहा था कि जांच जारी होने के कारण सुसाईड नोट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती? (ख) क्या प्रकरण में जांच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराए एवं यदि प्रश्नांश (क) के क्रम नहीं तो अभी तक सुसाईड नोट की प्रति उपलब्ध नहीं कराये जाने के संबंध में कारण सहित जानकारी दें कि किस नियम के तहत विधायक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती? नियम की प्रति उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मर्ग जांच लंबित होने से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) (ज) एवं 8 (1) (ञ) के अधिकारों के अंतर्गत सुसाइड नोट की छायाप्रति नहीं दी जा सकती है। नियम प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
संविलियन हुये कर्मचारियों का वेतन निर्धारण
[सहकारिता]
101. ( क्र. 2170 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर अंतर्गत भूमि विकास बैंक से सहकारी केन्द्रीय बैंक शाजापुर अंतर्गत कर्मचारियों के संविलियन पश्चात शासन की संविलियन नीति अनुसार 5 कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किया गया है एवं वेतनमान अनुसार एरियर का भी भुगतान किया गया है? इसी क्रम में संविलियन पश्चात अन्य कर्मचारियों का वेतन निर्धारण नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी दें। (ख) क्या जिन 5 कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किया गया है, उनको माह दिसम्बर 2021 से वेतन का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ तो कर्मचारियों को दिये जा रहे वेतनमान एवं दिये गये एरियर की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन भूमि विकास बैंक से सहकारी केन्द्रीय बैंक शाजापुर में संविलियन पश्चात पदस्थ वेतनमान के लाभ से वंचित अन्य पात्र कर्मचारियों को भी उक्त वेतनमान का लाभ प्रदान करने एवं एरियर के भुगतान के संबंध में निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो प्रश्नांश (ख) के क्रम में 5 कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किये जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं उक्त कर्मचारियों को देय वेतनमान के निर्धारण के संबंध में आदेश की प्रति भी उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. भोपाल के विभिन्न आदेशों के परिपालन में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शाजापुर के संचालक मण्डल द्वारा समय-समय पर लिये गये निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैकों के 31 कर्मचारियों का संविलियन किया गया था, संविलियत कर्मचारियों को बैंक में लागू वेतनमान के अनुसार उनके संविलियन तिथि के अनुरूप कार्य पर उपस्थित दिनांक से वेतनमान का निर्धारण कर भुगतान किया गया। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। दिये जा रहे वेतनमान एवं ऐरियर्स की जानकारी निम्नानुसार है :- (राशि रूपयों में)
क्रमांक |
नाम कर्मचारी |
दिया जा रहा वेतन |
कुल ऐरियर्स राशि |
1 |
श्री अजय बोस |
19500-62000 |
1548700 |
2 |
कु. आशा मालवीय |
19500-62000 |
946911 |
3 |
श्री राजेन्द्र पटवा |
19500-62000 |
486897 |
4 |
श्री चतुर्भुज परमार |
19500-62000 |
605154 |
5 |
श्री राजेन्द्र देशमुख |
19500-62000 |
749985 |
(ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश ''ख'' के वेतन निर्धारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार एवं वेतन निर्धारण आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
न्यायिक जांच के संबंध में
[गृह]
102. ( क्र. 2171 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1455 दिनांक 24.12.2021 के उत्तर में इन्दौर जिले के पुलिस थाना लसूडिया में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 67/18 दिनांक 20.07.2018 के संबंध में बताया गया था कि (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जानकारी एकत्रित कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी गई हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या खात्माशुदा प्रकरणों संबंधी समस्त अभिलेख एवं अन्य साक्ष्य संबंधित थानों में सुरक्षित रखे जाते हैं? यदि हाँ, तो उक्त वर्णित प्रकरण से संबंधित जानकारी प्रश्नकर्ता को अभी तक न दिया जाना स्पष्ट करता है, कि उक्त प्रकरण में सभी तथ्यों की जांच न कर अपराधियों को संरक्षण दिया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरण संबंधी समस्त अभिलेख संबंधित थानों में सुरक्षित रखे जाते है। उपरोक्त प्रकरण में विधिवत मर्ग जांच की जाकर संज्ञेय अपराध नहीं पाया जाने से संबंधित एस.डी.एम. द्वारा नस्तीबद्ध की गई है। अत: न्यायिक जांच करवाने की आवश्यकता नहीं है।
समिति को भंग कर नवीन समिति का गठन
[सहकारिता]
103. ( क्र. 2172 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1456 दिनांक 24.12.2021 के उत्तर अनुसार दूधी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित हिनोतिया, तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ का इस जांच प्रतिवेदन एवं अन्य विषय अंतर्गत प्रकरण न्यायलय संयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग भोपाल में प्रकरण न्यायालय संयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग भोपाल में प्रकरण क्रमांक-ई/जेआर/बीपीएल/80 (ए) 2021-22/0002 पर पंजीबद्ध होकर प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त प्रकरण में न्यायालय संयुक्त सहकारिता भोपाल संभाग भोपाल द्वारा उक्त समिति को भंग किये जाने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता जिला राजगढ़ को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त समिति को भंग कर नवीन समिति का गठन किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। प्रकरण निराकृत। (ख) जी नहीं। दूधी अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति मर्यादित, हिनोतिया, तहसील नरसिंहगढ, जिला राजगढ संबंधी प्रकरण में न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल द्वारा प्रकरण क्र./ई/जेआर/बीपीएल/80 (ए)/2021-22/0002, में पारित आदेश दिनांक 21/1/2022 से उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला राजगढ़ को संस्था के सदस्यों की पात्रता के संबंध में म.प्र. शासन मत्स्य पालन नीति-2008 की कंडिका -4 का परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस कर्मियों के भत्तों में वृद्धि
[गृह]
104. ( क्र. 2176 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में कानून और व्यवस्था की ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी के खाने के लिए 70 रुपए दिए जाते हैं, इसमें 20 रुपए का नाश्ता और 25.25 रुपए का दो बार खाना दिया जाता है? क्या इतनी ही रकम का खाना सरकार थाने की लॉकअप में बंद मुल्जिमों को भी देती है? (ख) पुलिसकर्मियों को पौष्टिक आहार भत्ता बढाने की मांग शासन के पास लंबित है? इसके लिए हर पुलिसकर्मी को 650 रुपए मासिक दिए जाते हैं? सिपाही से इंस्पेक्टर तक को 18 रुपए विशेष पुलिस भत्ता दिया जाता है। क्या इसकी शुरुआत 1979 में कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान हुई थी? यदि हाँ, तो क्या आज तक उतना ही है? ऐसे ही क्या पुलिसकर्मियों को राइफल भत्ते के तौर पर 10 रुपए की शुरुआत तब हुई थी, जब उनकी तनख्वाह 50 रुपए से भी कम थी? क्या पुलिस के सिपाही और हवलदारों के लिए वर्तमान में भी आठ रुपए की दर से साईकिल भत्ता दिए जाने का प्रावधान है? क्या इसकी शुरुआत तब हुई थी जब साईकिल से ही पेट्रोलिंग की जाती थी। (ग) क्या शासन द्वारा वर्तमान परिस्थिति अनुसार मांग की जा रहे भत्ते एवं पौष्टिक आहार हेतु व्यवस्था की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) पोष्टिक आहार भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव स्थगित रखा गया है। जी हाँ। विशेष पुलिस भत्ता 18/- प्रतिमाह दिया जाता है। इसकी शुरूआत 1978 से हुई है। जी हाँ। जी नहीं पुलिस विभाग में विसबल के आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को रायफल भत्ता रू. 20/- प्रतिमाह से वृद्धि कर 30/- प्रतिमाह किया गया। जी हाँ साईकिल भत्ते की शुरूआत वर्ष 1977 से की गई है। (ग) पौष्टिक आहार भत्ते का प्रस्ताव स्थागित रखा गया है। शेष प्रक्रियाधीन है।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
105. ( क्र. 2179 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर सी.बी.आई. ने कितनी शिकायतें/मामले पुलिस जांच हेतु वापस किये सी.बी.आई. द्वारा इस संदर्भ में प्राप्त पत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि पी.एम.टी. परीक्षा के किस वर्ष की जांच सी.बी.आई. कर रही है तथा किस-किस वर्ष की एस.टी.एफ. कर रही है? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज तथा न्यायालय में दायर किये कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा फैसला दिया गया? उससे कितने में आरोपी को सजा हुई तथा कितने में आरोपी बरी हुए तथा कितने प्रकरण न्यायालय में लंबित है। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा सी.बी.आई. को व्यापम घोटाले के कितने प्रकरण दिये गये तथा कितने प्रकरण एस.टी.एफ. के कार्यक्षेत्र में रहे? उसमें से कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये हैं तथा कितने प्रस्तुत करना शेष है? शेष प्रकरणों की सूची देवें। (घ) क्या एस.टी.एफ. ने समाचार पत्रों में कितनी विज्ञप्ति प्रकाशित कर जनता से व्यापम घोटाले के संबंध में आवेदन आमंत्रित किये थे? यदि हाँ तो विज्ञप्ति की प्रति देवें तथा बतावें कि इस संदर्भ में कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदन की अद्यतन स्थिती से अवगत करावें। (ड.) पूर्व विधायक पारस सकलेचा, आशीष चर्तुवेदी, डॉ. आनंदराय, डॉ. गुरूप्रसाद द्विवेदी के आवेदन किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए? उनके बयान किस-किस दिनांक को हुए तथा विवेचना कब पूर्ण हुई तथा क्या कार्यवाही संस्थित की गई।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सी.बी.आई. ने एस.टी.एफ. को व्यापम संबंधी कोई प्रकरण वापस नहीं किए। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15 में पारित आदेश दिनांक 09/07/2015 तक के समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द किए जा चुके है। व्यापम संबंधी जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है, उनकी जांच की जा रही है। विभिन्न शिकायतों का वर्षवार विभक्तीकरण किया जाना संभव नहीं है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15 में पारित आदेश दिनांक 09/07/2015 तक के समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द किए जाने के पश्चात वर्तमान में एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज किये गये किसी भी प्रकरण में मान. न्यायालय द्वारा निर्णय नहीं दिया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। एस.टी.एफ. द्वारा वर्तमान में दर्ज/विवेचित प्रकरणों में से कुल 04 प्रकरण माननीय न्यायालय भोपाल में विचाराधीन है। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित कुल 185 आपराधिक प्रकरण सी.बी.आई. को सुपूर्द किये गये थे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15 में पारित आदेश दिनांक 09/07/2015 तक के समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सुपुर्द किए जाने के पश्चात तत्समय एस.टी.एफ. के कार्यक्षेत्र में कोई प्रकरण शेष नहीं रहे थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं। (घ) जी हाँ, विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 की प्रति संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। उपरोक्त विज्ञप्ति के संदर्भ में कुल 03 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 02 आवेदन पत्रों की जांच एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है तथा 01 आवेदन पत्र पर अपराध पंजीबद्ध कर सी.बी.आई. को स्थानांतरित किया गया। (ड.) माननीय पूर्व विधायक पारस सकलेचा, आशीष चतुर्वेदी, डॉ. आनंदराय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। डॉ. गुरूप्रसाद द्विवेदी के आवेदन पत्र पर अपराध पंजीबद्ध कर सी.बी.आई. को स्थानांतरित किया गया।
आदिवासी उपयोजना की राशि
[जनजातीय कार्य]
106. ( क्र. 2180 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक जनजातीय विकासखण्ड में विभागवार कितना व्यय किया गया तथा उसमें आदिवासी उपयोजना की राशि कितनी थी तथा शेष राशि कितनी थी। (ख) धार जिले में विधानसभावार बतावें कि वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक विभाग अनुसार व्यय की गई आदिवासी उपयोजना की राशि तथा लाभान्वित हितग्राही की संख्या बतावें। (ग) धार जिले में विधान सभावार आदिवासी उपयोजना से कितने किलोमीटर सड़क बनाई गई? कितनी-कितनी आबादी को किस-किस माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है तथा कितने खेल के विकसित मैदान तथा बगीचे है। (घ) संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्राप्त राशि बतावें तथा बतावें कि इस राशि का भौतिक लक्ष्य कार्य एवं हितग्राही संख्या क्या थी तथा उपलब्धि कार्य एवं हितग्राही संख्या क्या है? भौतिक लक्ष्य की तुलना में उपलब्धि कितने प्रतिशत रही तथा कमी का कारण क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
107. ( क्र. 2183 ) श्री विक्रम सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्र./भू./वि.अ./1/2021/401 भोपाल दिनांक 30.11.2021 को कलेक्टर जिला सीधी को जिला अधिकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित सीधी को 1057 कृषकों को राशि रू. 49, 47, 87, 648/- राजस्व अधिकारियों की मदद से एक विशेष वसूली अभियान चलाकर प्राप्त राशि से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देय स्वत्वों को भुगतान हो सके इस बाबत् उप आयुक्त सहकारिता/परिसमापक जिला सहकारी संस्थायें सीधी को आदेशित किया गया है, कि आप कलेक्टर जिला सीधी के समक्ष अद्यतन देय राशि तथा वसूली की राशि का पृथक-पृथक चार्ट तैयार कर कलेक्टर सीधी को अवगत करायें। (ख) यदि हाँ, तो सेवानिवृत्त वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हरिशंकर कुशवाहा को वसूली हेतु राशि 49, 47, 87, 648/- में अभी तक कितना भुगतान हुआ और समस्त पिछले वेतन एवं अन्य देय स्वत्व संबंधित को भुगतान हेतु कितना बकाया है? वर्षवार, माहवार विवरण प्रस्तुत करें। (ग) अभी तक हरिशंकर कुशवाहा का भुगतान न्यायालयीन एवं वरिष्ठ अधिकारी के आदेशानुसार क्यों नहीं किया गया है? इसमें दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) न्यायालयीन एवं वरिष्ठ कार्यालय के आदेश मुताबिक हरिशंकर कुशवाहा सेवानिवृत्त वरिष्ठ शाखा प्रबंधक जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. सीधी का भुगतान शासकीय बजट से या 1057 कृषकों से बकाया राशि 49, 47, 87, 648/- कब तक एवं कुल भुगतान कितना किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) परिसमापन अन्तर्गत जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक सीधी के जमाकर्ताओं एवं कर्मचारियों की देयताओं के भुगतान हेतु उक्त कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। जी हाँ। (ख) उल्लेखित सेवानिवृत्त कर्मचारी के विरूद्ध थाना जियावन जिला सीधी में राशि रूपये 15, 88, 016/- के गबन मामले में आरोपी होकर प्रकरण न्यायालय देवसर में अपराध क्रमांक मामला 79/2018 प्रचलन में है, अन्य मामले में जिला विकास बैंक सीधी के वर्ष 2005-06 के लिए धारा 58 (बी) अन्तर्गत अधिरोपित राशि रूपये 8, 41, 100/- में सह आरोपी है एवं जिला विकास बैंक सीधी की पंजी अनुसार एक पृथक मामले में राशि रू. 2, 00, 699/- अग्रिम चुकता न करने का आरोपी बताया गया है। इन मामलों के लंबित रहते हुए आरोपी से वसूली योग्य राशियों के निराकरण उपरांत देयताओं के भुगतान पर नियमानुसार विचार संभव है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश "ग" अनुसार।
तकनीकी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों की लम्बित छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
108. ( क्र. 2191 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में डिप्लोमा, बी.टेक एवं एम.टेक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को सत्र 2020-21 की नवीन एवं नवीनीकरण छात्रवृति का भुगतान किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ख) प्रदेश में क्या छात्रवृत्ति प्रकरण लंबित हैं? अगर हैं क्यों? (ग) विगत सत्र के छात्रवृत्ति भुगतान लम्बित होने की वजह से वर्तमान में सत्र 2021-22 में विद्यार्थी छात्रवृत्ति आवेदन नहीं जमा कर पा रहे हैं? क्या विगत सत्र में छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है तो विगत सत्र में छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं होने कारण वर्तमान सत्र में कितने विद्यार्थियों के आवेदन जमा नहीं हो पाये हैं? कब तक जमा होंगें? नहीं तो क्यों? (घ) क्या खरगोन जिले के विद्यार्थियों की भी छात्रवृत्ति के प्रकरण सत्र 2020-21 के लंबित है? तहसीलवार विवरण बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (ग) सत्र 2020 -21 के लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। आवेदन प्राप्त होने पर पात्रता का परीक्षण उपरांत बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जायेगा। इस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभवन नहीं है। (घ) जी हाँ। अभी तक प्राप्त आवेदन अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आर्थिक अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
109. ( क्र. 2192 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिनियम की धारा 26 (3) में प्रावधान है की विश्वविद्यालय की वित्त समिति द्वारा वित्त वर्ष प्रारम्भ होने के पूर्व वार्षिक बजट विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् में अनुमोदन कराने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मेडिकल विश्वविद्यालय में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट बिना कार्यपरिषद् के पास किये बिना भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या बिना कार्यपरिषद् के भुगतान करना आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है? अगर आता है तो विश्वविद्यालय के कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उन पर आर्थिक आपातकाल की धारा लगाई गई? नहीं तो क्यों? (घ) बजट पास कराये बिना भुगतान करने में विश्वविद्यालय के कौन-कौन अधिकारी दोषी है? नाम बतायें व शासन ने विश्वविद्यालय में आर्थिक आपातकाल धारा 50 क्यों नहीं लगाई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 06 मई 2011 कुलपति की शक्तियां तथा कर्तव्य धारा 14 (4) का प्रयोग करते हुये कुल राशि रूपये 58, 02, 525/- (रूपये अठावन लाख दो हजार पांच सौ पच्चीस मात्र) का भुगतान किया गया। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 06 मई 2011 कुलपति की शक्तियां तथा कर्तव्य धारा 14 (4) का प्रयोग करते हुये भुगतान की कार्यवाही की गई है। अत: आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 06 मई 2011 कुलपति की शक्तियां तथा कर्तव्य धारा 14 (4) का प्रयोग करते हुये भुगतान की कार्यवाही की गई है। अत: कोई दोषी नहीं है। आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 (क्र. 19 सन् 2011) की धारा 51 की उपधारा (i) के अंतर्गत अधिसूचना क्रमांक एफ 2-33/2019/55-1, दिनांक 17.08.2021 द्वारा जारी की गई है, जो कि तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गई है।
विशेषाधिकारों का उल्लंघन
[गृह]
110. ( क्र. 2195 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के धार, झाबुआ, अलीराजपुर, मंडला, डिंडोरी जिले संवैधानिक आधार पर कौन-से क्षेत्र घोषित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रों में किस संवैधानिक व्यवस्था के तहत प्रशासन एवं नियंत्रण का क्या प्रावधान है? इन क्षेत्रों में सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था है या विशेष संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर प्रशासनिक व्यवस्था लागू है? (ग) प्रश्नांश (क) क्षेत्रों में विगत पांच वर्षों में कितनी बार धारा-144 लगाई गई? क्या इन विशेष संवैधानिक व्यवस्था वाले क्षेत्रों में धारा-144 लगाने से पूर्व क्या राज्यपाल से अनुमति ली गई? अगर नहीं ली गई तो क्या राज्य शासन धारा-144 लागू कर इन आदिवासी बाहुल्य जिलों में पांचवीं अनुसूची एवं अन्य संवैधानिक व्यवस्था के तहत मिले विशेषाधिकारों का उल्लंघन कर रही है? (घ) राज्य शासन ने अब तक अनुसूचित क्षेत्रों में जनजाति वर्ग को संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत मिले प्रावधानों का अनुपालन करवाने के लिए कोई विशेष प्रयास किए? यदि नहीं, किए तो विधिसम्मत कारण बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैकलॉग पद के विरुद्ध नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
111. ( क्र. 2196 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त चिकित्सा शिक्षा म.प्र. पत्र क्र.2568/स्था/राज/2019 भोपाल दिनांक-26/12/2019 एवं अधिष्ठाता गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल पत्र-क्र.5253-58/एम.सी./13/2020 भोपाल दिनांक-29/12/2020 के अनुसार गठित समिति ने माना कि पैथोलॉजी विभाग में सह-प्राध्यापक के लिए अ.ज.जा. के आरक्षित बैकलॉग पदोन्नति का रिक्त पद रोस्टर संधारण में त्रुटि कर अनारक्षित वर्ग से पूर्ति की गई? उक्त पद को कब तक अ.ज.जा. से पूर्ति की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं। प्रश्न दिनांक तक भी उक्त त्रुटि को सुधार कर अ.ज.जा. से पूर्ति नहीं करने का विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) गा.चि.महा.वि. भोपाल पत्र-क्रमांक 29061-69 दिनांक-04/09/2021 द्वारा गठित जांच-समिति के आदेश-क्रमांक 4840-48/एम.सी./4/राज/2019 दिनांक-22/10/2019, की प्रति देवें। (ग) गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल पत्र क्रमांक 6543-53/एम.सी./ 4/राज/2021 दिनांक-09/12/2021 जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं जी.एम.सी. पत्र-क्रमांक 875-76/एम.सी/13/2021 दिनांक-19/02/2021 में की गई जांच रिपोर्ट एवं अधिष्ठाता जी.एम.सी. भोपाल द्वारा पूर्व में डॉ. के.के. कांवरे की अध्यक्षता में गठित जांच समिति का पत्र-क्रमांक 329-33/एम.सी./13/2020 दिनांक-25/01/2020 जांच रिपोर्ट में विपरीत एवं विरोधाभास पाए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। क्या इस समिति द्वारा तथ्यों को जानबूझकर संज्ञान में नहीं लेकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। पद पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित संदर्भित पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अनुसार दिनांक 25.01.2020 द्वारा डॉ. के.के. कांवरे की अध्यक्षता में की गई जांच शिकायत से संबंधित होने तथा शिकायत के संबंध में साक्ष्य न होने एवं शिकायतकर्ता के उपस्थित न होने से शिकायत तथ्यहीन तथा आधारहीन पाए जाने पर निरस्त की गई। प्रश्नांश अनुसार दिनांक 19.02.2021 की जांच आदर्श सेवा नियम, 2018 के अंतर्गत पदों को विभक्त किए जाने संबंधी संधारित आरक्षण रोस्टर से संबंधित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला प्रबंधकों की पुनः नियुक्ति
[लोक सेवा प्रबन्धन]
112. ( क्र. 2206 ) श्री हर्ष यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सागर संभाग के अन्तर्गत जिला प्रबंधक एवं कार्यालय सहायक के लिए वर्ष 2011 के बाद कब-कब विज्ञापन जारी किया गया है? क्या जिला प्रबंधक की नियुक्ति प्रथम बार संविदा अवधि एक वर्ष के लिए एवं अधिकतम 3 वर्ष किए जाने का प्रावधान किया गया है? वर्षवार, जिलेवार विज्ञापन एवं संविदा नीति निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में जारी विज्ञापनों के आधार पर नियुक्त जिला प्रबंधकों की संविदा अवधि कब-कब बढ़ाई गई? नामवार, वर्षवार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित नियुक्त जिला प्रबंधकों में से किन-किन को संविदा अवधि के दौरान एक माह से अधिक की अनुपस्थिति एवं अन्य कारणें से सेवा से पृथक किया गया है? नामवार, जिलेवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित सेवा से पृथक जिला प्रबंधकों को पुनः सेवा में नियुक्ति प्रदान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सागर संभाग के अन्तर्गत जिला प्रबंधक एवं कार्यालय सहायक के लिए वर्ष 2011 के बाद जारी किये गये विज्ञापन एवं नीति निर्देश की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“अ” अनुसार है। जिला प्रबंधक की नियुक्ति प्रथम बार संविदा अवधि एक वर्ष के लिए एवं अधिकतम 3 वर्ष किए जाने का प्रावधान है। तत्पश्चात शासन के आदेश क्रमांक एफ 6-1/2011/61/लोसेप्र, दिनांक 14/01/2015 के द्वारा 05 वर्ष एवं आदेश दिनांक 15/05/2020 के द्वारा उक्त पदों को पुन: 05 वर्ष निरंतर रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब” अनुसार है। (ख) जिला प्रबंधकों की संविदा अवधि की नामवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“स” अनुसार है। (ग) नियुक्त जिला प्रबंधकों में से संविदा अवधि के दौरान एक माह से अधिक की अनुपस्थिति एवं अन्य कारण से सेवा से पृथक किये जाने की नामवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“द” अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी की स्थापना एवं पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
113. ( क्र. 2213 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में क्षेत्र की भौगोलिक दृष्टि, असुरक्षित कस्बों एवं अन्य पुलिस थानों से अधिक दूरी को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा पुलिस चौकी/थानों की स्थापना किए जाने का प्रावधान किया गया हैं? स्थापना किए जाने के संबंध में विस्तृत नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सागर जिले अन्तर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र के देवरीनाहमऊ व सहजपुर में पुलिस चौकी की स्थापना की मांग प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय, गृहमंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव से लम्बे समय क्रमंशः पत्र क्रमांक 261/22.07.2018, 1539/18.12.2021 एवं 1552/18.12.2021 से की गई है? शासन द्वारा इस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पुलिस चौकी की स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति देवरीनाहमऊ व सहजपुर नगर/ग्राम कर रहे है तो आज दिनांक तक पुलिस चौकी की स्थापना क्यों नहीं की गई है? यदि की जावेगी तो कब तक? (घ) क्या उक्त दोनों कस्बों में पुलिस चौकी खोलने के साथ विधानसभा क्षेत्र देवरी के थानों में पुलिस बल की कमी को पूरी करने हेतु विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। इस सबंध में अन्य पत्र प्राप्त हुये है। वर्तमान में प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पुलिस बल की पूर्ति पदोन्नति/भर्ती के माध्यम से की जाती है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विद्युतीयकरण
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 2214 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सच है कि जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा वर्ष 2016-2017 में आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विद्युतीयकरण कार्य हेतु विद्युत विभाग मण्डला को राशि रू. 3.56 करोड़ की राशि प्रदान की गई थी़? यदि हाँ तो आवंटन पत्र एवं कार्ययोजना की छायाप्रति देवें। (ख) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विगत 4-5 वर्षों में कोई कार्ययोजना बनाकर उपयोग राशि नहीं होने का क्या कारण है। (ग) अत्यंत पिछड़े जिले में इतने महत्वपूर्ण राशि का उपयोग नहीं करने के प्रति कौन-कौन अधिकारी जिम्मेनदार हैं? क्या शासन स्तर से इन अधिकारियों के विरूद्ध जांच व कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त राशि के उपयोग हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है। यदि हाँ, तो कार्ययोजना की प्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नगरीय निकाय चुनाव, विधानसभा, लोक सभा की आदर्श आचार संहिता लागू होने तथा दिनांक 25-06-2018 को एजेन्सी द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रस्तुत किये जाने से दिनांक 26-09-2018 को कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई, एजेन्सी द्वारा कार्य नहीं कराये जाने तथा विलम्ब होने से दिनांक 06-06-2020 को प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त की गई। (ग) जांच की जाकर, जिम्मेदारी का निर्धारण कर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
वन अधिकार पट्टों का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
115. ( क्र. 2216 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा जबलपुर कार्यक्रम दिनांक 18 सितम्बर 2021 से भोपाल कार्यक्रम दिनांक 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस के दौरान वन अधिकार के पट्टे देने की कार्ययोजना थी? यदि हाँ तो शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) मण्डला जिले में वन अधिकार के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टे कितने हिग्राहियों को प्रदान किये गये। विकासखण्डवार बतावें। (ग) यदि शासन के आदेशों के अनुसार वन अधिकार के पट्टे प्रदान नहीं किये गये हैं तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कैदियों को मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[जेल]
116. ( क्र. 2220 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में समस्त जेल एवं उपजेलों में कितने कैदी विचाराधीन और कितने सजा काट रहे हैं और जेलों में कितने-कितने कैदियों की रखने की क्षमता है? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? सम्बंधितों की निरीक्षण टीप से पृथक-पृथक अवगत करावें। (ख) विभाग द्वारा कैदियों को खान-पान सहित अन्य क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? प्रश्नांश (क) की अवधि में कितना बजट प्राप्त हुआ है और कितना व्यय किया गया है? व्यय देयक बिलों की छायाप्रति सक्षम अधिकारी स्वीकृति टीप सहित पृथक-पृथक अवगत करावें। (ग) प्रश्नकर्ता को प्राप्त शिकायत जो उपजेल जौरा में कैदियों से भोजन एवं चाय नाश्ते के नाम पर की जा रही अवैध वसूली के सम्बंध में पुलिस महानिदेशक (जेल) म.प्र. को ई-मेल के माध्यम से कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त गंभीर आरोपों पर प्रश्नकर्ता को सम्मिलित कर उच्च अधिकारियों के साथ कोई जांच कमेठी गठित की जावेगी? कब तक? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उपजेल जौरा में कैदियों से भोजन एवं नाश्ते के नाम पर हजारों रूपये की अवैध वसूली की जा रही है। कैदियों को डराया, धमकाया जा रहा है। जमानत द्वारा बाहर आये कैदियों द्वारा ऐसी शिकायत प्राप्त हो रही हैं। इस सम्बंध में कब तक जांच कमेठी गठित कर जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला मुरैना की जिला जेल एवं सब जेलों में बंदी रखने की क्षमता एवं परिरुद्ध बंदियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) बंदियों को खान-पान सहित उपलब्ध कराई जा रही अन्य सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। व्यय देयक बिलों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। (ग) सब जेल, जौरा में परिरुद्ध बंदियों को भोजन एवं चाय नाश्ते के नाम पर अवैध वसूली संबंधी कोई शिकायत ई-मेल के माध्यम से महानिदेशक, जेल को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चोरी के दर्ज अपराधों की जानकारी
[गृह]
117. ( क्र. 2223 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह बात सही है कि सतना शहर अंतर्गत थाना कोलगवां, सिटी कोतवाली, सिविल लाइन, जी.आर.पी थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न प्रकार की चोरियां होती हैं? पंजीबद्ध/दर्ज हुई चोरियों की विस्तृत जानकारी, चोरियों के प्रकार के साथ अनुमानित राशि सहित वर्ष जनवरी 2018 से जनवरी 2022 तक की थानावार जानकारी उपलब्ध करावें। साथ ही चोरी के हिस्ट्री-शीटर अपराधी शहर में घूम रहे हैं। क्या उन पर कार्यवाही की जाएगी जिससे कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके? (ख) फरियादी द्वारा सी.सी.टी.वी. फुटेज थाने में प्रस्तुत करने के बाद भी अपराधियों को नहीं पकड़ा जा रहा है। सतना शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर के विभिन्न स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे इंस्टॉल हैं, इसके बावजूद भी पुलिस चोरों को पकड़ने में असमर्थ है। (ग) दर्ज हुए प्रकरणों में घटना दिनांक एवं एफ.आई.आर. दिनांक में कई दिनों का अंतर क्यों रहता है एवं इसकी वजह से चोर फरार होने में सफल रहते हैं। (घ) बरामद किए गए माल में कितने फरियादियों को माल वापस किया गया है एवं कितने फरियादियों को जप्त किया हुआ माल वापस नहीं हुआ है और क्यों नहीं हुआ है? कब तक वापस किया जाएगा? थानावार जानकारी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ“ अनुसार है। चोरी के अपराधों के हिस्ट्री-शीटर अपराधियों के विरूद्ध समय-समय पर धारा 107, 116 (3), 110 जा.फौ. एवं जिलाबदर के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा समय-समय पर हिस्ट्रीशीटर की चैकिंग भी की जाती है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि सी.सी.टी.वी. फुटेज थाने में प्रस्तुत करने के बाद भी अपराधियों को नहीं पकड़ा जा रहा है बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एवं सायबर सेल की मदद से चोरी की घटनाओं को पकड़ने में सफलता प्राप्त होती है। (ग) जिले में फरियादी की रिपोर्ट पर तत्काल प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर अनुसंधान कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में समाहित है।
माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण
[विधि एवं विधायी कार्य]
118. ( क्र. 2226 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के कितने प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये प्रकरणों में कितने प्रकरणों में शासन की ओर से नियुक्त प्रभारी अधिकारी द्वारा प्रत्यावर्तन/रिज्वाईण्डर प्रस्तुत किया जा चुका है तथा कितने प्रकरण अब भी शेष है? प्रकरणवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) दर्शाये गये प्रकरणों में प्रत्यावर्तन/रिज्वाईण्डर प्रस्तुत न किये जाने की स्थिति में शासन द्वारा नियुक्त प्रभारी अधिकारी के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) में विचाराधीन प्रकरणों में कब तक प्रत्यावर्तन/रिज्वाईण्डर प्रस्तुत कर दिये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनवरी 2018 से, उज्जैन जिले में 862, देवास जिले में 303, रतलाम जिले में 278, नीमच जिले में 300, मंदसौर जिले में 209, आगर मालवा में 85, शाजापुर जिले में 183 प्रकरण विचाराधीन है। (ख) उज्जैन जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 553 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 309 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। देवास जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 164 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 139 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। रतलाम जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 176 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 102 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। नीमच जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 123 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 177 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। मंदसौर जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 95 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 114 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। आगर मालवा जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 47 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 38 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। शाजापुर जिले के माननीय उच्च न्यायालय में कुल 112 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत किया जा चुका है तथा 71 प्रकरण में जवाब प्रस्तुत की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये प्रकरणों में प्रत्यावर्तन/रिज्वाईण्डर प्रस्तुत किये जाने कि कार्यवाही प्रचलित है शासकीय अभिभाषक द्वारा दिये गये समय अनुसार प्रत्यावर्तन/रिज्वाईण्डर प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। अत: अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विचाराधीन प्रकरणों में शासकीय अभिभाषक द्वारा जैसे-जैसे समय दिये जा रहे हैं, उस क्रम में वादोत्तर तैयार कर माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किये जा रहे हैं।
बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय में बढ़ाई गई सीटें
[चिकित्सा शिक्षा]
119. ( क्र. 2228 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र स्थित बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय कितनी सीटों की क्षमता के साथ शुरू किया गया था एवं केन्द्र सरकार द्वारा कालांतर में कितनी सीटों की वृद्धि की जाकर, कितनी-कितनी राशि प्रत्येक बढ़ी हुई सीट के मान से बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय को प्रदान की गई थी? (ख) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा इस राशि का उपयोग कर लिया गया है एवं छात्रों की बढ़ाई गई क्षमता के हिसाब से संचालन हो रहा है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय में जो सीटें बढ़ाई गई है, उनके मान से शासन डॉक्टर, मेडिकल, पैरामेडिकल एवं अन्य नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति करेगा और कब तक? (घ) क्या यह भी सही है कि, वर्तमान में बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में एम.बी.बी.एस. छात्रों को 250 सीटें आवंटित है? यदि हाँ, तो इस अनुपात में क्या लेब, हॉस्टल, क्लास रूम एवं चिकित्सा शिक्षकों की नेशनल मेडिकल कौंसिल के मापदण्ड अनुसार प्रतिपूर्ति करेगा एवं कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सागर में बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय वर्ष 2009 में एम.बी.बी.एस पाठ्यक्रम की 100 सीट के साथ प्रारंभ किया गया है। पी.जी पाठ्यक्रम हेतु विभिन्न विभागों में 38 सीटें स्वीकृत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 150 एम.बी.बी.एस. सीट्स वृद्धि हेतु राशि रूपये 180 करोड़ एवं विभिन्न विभागों में 85 पी.जी. सीट्स वृद्धि हेतु राशि रूपये 92.23 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं ''3'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। 250 एम.बी.बी.एस एवं पी.जी. सीट्स के मान से निर्माण कार्य का डी.पी.आर., पी.आई.यू द्वारा तैयार किया जा रहा है एवं उपकरण एवं फर्नीचर का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. सागर को उपलब्ध करा दिया गया है। 250 एम.बी.बी.एस. सीट वृद्धि के मान से पद सृजन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
नागरिकता के लंबित प्रकरण
[गृह]
120. ( क्र. 2241 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 796 दिनांक 17/03/2020 में गृह विभाग द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि इंदौर और भोपाल जिले सहित प्रदेश के 15 जिलों में पाकिस्तान से आये हिन्दु नागरिकों के 1245 नागरिकता के प्रकरण लंबित हैं? (ख) क्या यह भी सही है कि अधिकांश प्रकरण (1) आवेदन ऑनलाइन न आ पाने (2) आई.बी.रिपोर्ट न होने एवं (3) प्रकरण आई.व्ही.एफ.आर.टी. के माध्यम से कार्यवाही होने के आधार पर लंबित है? (ग) क्या भोपाल-इंदौर को छोड़ शेष 12 जिलों के नागरिकता संबंधी अधिकांश मामले वर्ष 1997 से 2007 से उपरोक्त कारणों से लंबित हैं और बालाघाट जिले के 24 मामले वर्ष 2018 से मात्र इसलिये लंबित हैं कि पिछले 4 साल में पुलिस अधीक्षक, बालाघाट का स्पष्ट मत शासन को नहीं मिला है? यदि हाँ, तो शासन किस प्रकार इस असाधारण विलंब को औचित्यपूर्ण मानता है? विशेषत: उस स्थिति में जब भारत सरकार दिसम्बर 2016 से ही प्रकरणों के शीघ्र निपटारे हेतु प्रयासरत है और अपने अधिकारों का प्रत्यायोजन इंदौर और भोपाल के कलेक्टर्स को कर दिया है? (घ) क्या शासन कड़े निर्देश जारी कर सभी 15 जिलों के जिलाध्यक्षों से समय-सीमा में ऑनलाइन आवेदन भरवाकर संबंधितों की आई.बी. रिपोर्ट प्राप्त कर एवं अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करवाकर लंबित मामले निपटाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कृपया समय-सीमा बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पूर्ण दस्तावेज/आवेदक द्वारा आवेदन ऑनलाइन नहीं किए जाने/इन्टेलीजेंस ब्यूरो एवं पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट प्राप्त होने में समय लगने से प्रकरण वर्तमान में लंबित है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जिला बालाघाट के प्रकरण आवेदकों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर पूर्ण एवं सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण लंबित हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार ही नागरिकता के प्रकरणों में कार्यवाही संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नागरिकता के लंबित प्रकरणों की सतत् निगरानी की जाकर शीघ्र निपटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं, क्योंकि यह एक सतत् प्रक्रिया हैं जिसमें अनेक प्रकार के दस्तावेजों एवं विभिन्न जांच एजेंसियों से आवेदकों के संबंध में संपूर्ण जानकारी की सत्यता का प्रमाणीकरण करना अत्यन्त आवश्यक होता हैं।
पुलिस विभाग में सीधी भर्ती
[गृह]
121. ( क्र. 2243 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस विभाग की सीधी भर्तियों के कुल कितने पद कैडर सहित रिक्त हैं? सूची उपलब्ध करायें तथा रिक्त पदों पर भर्तियों की कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) म.प्र. पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितने पदों में किस-किस कैडर की भर्तियां की गई? कैडर सहित सूची प्रदान करें। (ग) पुलिस विभाग के सुरक्षाबल को साप्ताहिक अवकाश का प्रावधान है अथवा नहीं? कारण बतायें। यदि प्रावधान है तो कब तक सुरक्षाबल को अवकाश का लाभ दिया जायेगा? (घ) होमगार्ड सुरक्षा बल को वर्दी धुलाई भत्ता कब तक दिया जायेगा? कृपया बतायें। नहीं तो कारण बतायें। (ड.) क्या भोपाल शहर अंतर्गत शबरीनगर, बाणगंगा क्षेत्र, भीमनगर क्षेत्र, राहुल नगर, पंचशील नगर, नया बसेरा में पुलिस चौकी खोले जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक खोली जायेगी और यदि नहीं, तो क्यों? (च) कोरोनाकाल के दौरान पुलिस विभाग के सुरक्षा कर्मियों के मृत्यु उपरांत उनके परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ किस-किस कैडर में दी गई एवं कितने अनुकम्पा प्रकरण आज दिनांक तक लंबित हैं और इन्हें कब तक नियुक्ति प्रदान की जायेगी? (छ) क्या शासन द्वारा कोरोना काल की ड्यूटी में लगे सुरक्षाकर्मियों को प्रोत्साहन स्वरूप राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक कितने सुरक्षाबलों को यह राशि प्रदान की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। आरक्षक (जी.डी.) एवं आरक्षक (रेडियो) के 6000 पदों पर सीधी भर्ती हेतु लिखित परीक्षा पी.ई.बी. भोपाल द्वारा ली गई है। भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) म.प्र. पुलिस विभाग में केवल आरक्षक (जी.डी.) एवं आरक्षक (रेडियो) के पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। इन वर्षों में कोई सीधी भर्ती अन्यथा नहीं हुई है। (ग) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक/पुमु/प्रशासन/कार्मिक/7/05/2019 दिनांक 01.01.2019 के माध्यम से थाना एवं वि.स.बल कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के संबंध में प्रावधान किया है, जो प्रचलन में है। (घ) होमगार्ड सुरक्षा बल को नियमानुसार रूपये 60/- प्रतिमाह वर्दी धुलाई भत्ता का भुगतान किया जा रहा है। (ड.) शबरी नगर पुलिस चौकी म.प्र. शासन से स्वीकृत है परंतु भवन एवं भूमि उपलब्ध नहीं होने से संचालित नहीं है। बाणगंगा क्षेत्र, भीमनगर, राहुल नगर, पंचशील नगर, नया बसेरा में पुलिस चौकी खोले जाने की कोई योजना नहीं है। प्रश्न में उल्लेखित क्षेत्रों से संबंधित थानों से कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (छ) जी नहीं।
धान एवं गेहूँ खरीदी केन्द्रों, केन्द्र प्रभारियों एवं भंडारण की जानकारी
[सहकारिता]
122. ( क्र. 2254 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा डभौरा में वर्ष 2016-17, 17-18, 18-19, 20-21, 21-22 में किन-किन समितियों को धान/गेहूँ खरीदी केन्द्र बनाया गया है तथा उक्त खरीदी केन्द्रों में कौन प्रभारी अधिकारी है? खरीदी केन्द्रवार, वर्षवार, धान/गेहूँ की कितनी मात्रा में खरीदी केन्द्रवार खरीदी की फीडिंग की गई है तथा गोदाम में खरीदी केन्द्रवार किस मात्रा में भण्डारण किया गया? खरीदी एवं भण्डारण का अंतर वर्षवार क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के खरीदी केन्द्रों एवं वर्ष में प्रासंगिक व्यय हेतु कितनी-कितनी राशि दी गई है तथा उक्त राशि को व्यय करने के क्या नियम-निर्देश थे? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। यदि निर्धारित दर से अधिक भुगतान किया गया है, तो कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के खरीदी केन्द्र समिति रिमारी के प्रभारी का मूल पद क्या है? यदि मूल पद विक्रेता है, तो समिति प्रबंधक का प्रभार किस अधिकारी द्वारा किया गया है तथा वर्तमान में किसके आदेश से वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य कर रहा है? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के समिति प्रबंधक को कितने रूपये वेतन प्रतिमाह दिया जाता है और किस मद से क्या समिति प्रबंधक बनने संबंधी आदेश को डी.आर. न्यायालय, जे.आर. न्यायालय रीवा द्वारा निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में किसके आदेश से कार्य लिया जा रहा है? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। यदि समिति प्रबंधक रिमारी बिना सक्षम अधिकारी के आदेश से कार्य कर रहे हैं तो उक्त कार्य लेने में कौन दोषी है तथा कब तक उसे समिति प्रबंधक पद से हटा दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) धान एवं गेहूँ खरीदी केन्द्रों, केन्द्र प्रभारियों एवं भंडारण की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. के पत्र क्र./विप./उपा./2018/630 दिनांक 28.02.2018 के द्वारा प्रासंगिक व्यय की अधिकतम राशि गेहूँ खरीदी हेतु रू. 16.76 प्रति क्विंटल एवं धान खरीदी हेतु रू. 15.00 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निर्धारित दर से अधिक व्यय न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समिति रिमारी के प्रभारी उदयभान सिंह का मूल पद विक्रेता था। कार्यालय उप पंजीयक सहकारी समितियां रीवा के आदेश क्र./1104/साख/96 दिनांक 05.08.1996 द्वारा श्री उदयभान सिंह को सहायक समिति प्रबंधक के पद पर पदोन्नति की अनुमति दी गई है एवं कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. के पत्र क्र./साख/विधि/2014/2257 दिनांक 20.10.2014 के अनुक्रमांक 7 पर समिति प्रबंधक के दायित्वों के निर्वहन हेतु अधिकृत किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) श्री उदयभान सिंह को रू. 12, 235/- प्रतिमाह वेतन समिति रिमारी द्वारा प्रदाय किया जा रहा है। न्यायालय संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं रीवा द्वारा प्रकरण क्रमांक 80 (क) -30/12 में पारित आदेश दिनांक 30.03.2013 द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रीवा के द्वारा विभिन्न प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के प्रभारी समिति प्रबंधकों के प्रभार को विभागीय निर्देशों के विपरीत माना गया है, जिसमें रिमारी समिति भी शामिल है, शेष उत्तरांश (ग) अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
123. ( क्र. 2263 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 16 (4) के अंतर्गत आयोग द्वारा सामाजिक शैक्षणिक एवं समुदाय (मध्यप्रदेश) में आये है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ख) पिछड़ा वर्ग में क्या अति पिछड़ा जातियां हैं? अगर अति पिछड़ी हैं तो पिछड़ने का कारण क्या है? क्या विभाग एवं सरकार द्वारा अति पिछड़ी जातियों, वर्गों, समुदायों के उत्थान के लिए विशेष कार्ययोजना बन रही है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ग) म.प्र. में सामाजिक शैक्षणिक पिछड़ी जातियों, वर्गों, समुदायों का पुन: शोध कराने के लिये क्या कोई नियम कानून है? जानकारी प्रदान करें। क्या सरकार एवं विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग में जातियों, समूहों, समुदायों के उत्थान के लिये क्या-क्या उपाय किये गये हैं एवं किये जा रहे हैं? (घ) पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कब किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 16 (4) में निहित निर्देशों की पूर्ति हेतु राज्य शासन ने अनुसूची में दी गई जातियों के नागरिकों के वर्ग को सामाजिक तथा शिक्षात्मक दृष्टि से पिछड़ा वर्ग घोषित किया है तथा पश्चातवर्ती दिनांकों में मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचनाओं से जाति/उप जाति/वर्ग समूहों को सम्मिलित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) राज्य में अति पिछड़ी जातियां पृथक से अधिसूचित नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। पिछड़ा वर्ग में जातियों, समूहों, समुदायों के उत्थान के लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग में वर्तमान में अशासकीय अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सदस्य के पद रिक्त हैं। म.प्र. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग दिनांक 02.09.2021 को गठित किया गया है।
भरिया-भारिया जाति को अन्य जिलों जैसी सुविधाओं का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
124. ( क्र. 2264 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में भरिया, भारिया जाति निवास करती है? यदि हाँ, तो जनसंख्यावार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या भरिया, भारिया जाति को अन्य जिलों के समान सुविधायें प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जिले में भरिया, भारिया की कुल जनसंख्या 4621 है। (ख) भरिया, भारिया जाति को अन्य जिलों के अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्राप्त सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हत्या कर साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास
[गृह]
125. ( क्र. 2294 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा जिला उज्जैन के अपराध क्र. 857/2021 धारा 302, 120बी, 34 भादवि दिनांक 29.12.2021 में बजरंग दल सुरक्षा प्रमुख राकु चौधरी हत्याकाण्ड में युवक कांग्रेस के विधान सभा अध्यक्ष कमल आर्य सहित किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध नामजद रिपोर्ट की गई है? प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करवाते हुये विवरण दें। (ख) प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद आरोपियों में से कितने आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है? (ग) पुलिस थाना नागदा के अपराध क्र.857/2021 के नामजद आरोपियों के विरूद्ध नागदा थाने में कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं? अपराध क्रमांक, धारा, फरियादी का नाम सहित सभी आरोपियों का नाम सहित विवरण दें। (घ) वर्ष 2018 के पश्चात पुलिस थाना नागदा व बिरलाग्राम में राकु चौधरी हत्याकाण्ड दिनांक 29.12.2021 के पूर्व मृतक राकु द्वारा नामजद आरोपियों के विरूद्ध कितनी एफ.आई.आर. अदम चेक दर्ज करवाई गई एवं शिकायती आवेदन दिए गए थे तथा नामजद आरोपियों द्वारा मृतक राकु एवं उसके परिवार के विरूद्ध कितनी एफ.आई.आर. अदम चेक दर्ज करवाई? शिकायती आवेदन पत्र का विवरण देते हुये छायाप्रति उपलब्ध करवाएं। (ड.) क्या हत्याकाण्ड के गिरफ्तार आरोपियों द्वारा पुलिस पूछताछ में जानकारी दी गई है, कि राकु चौधरी की हत्या हिन्दु शौर्य यात्रा दिनांक 25 दिसम्बर 2021 को कर हत्या को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जाना था? (च) राकु चौधरी हत्याकाण्ड के पश्चात उपजे आक्रोश मारपीट, तोड़फोड़ के संबंध में नागदा-बिरलाग्राम क्षेत्र में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध कितने प्रकरण किन धाराओं में दर्ज किए गए हैं? अपराध क्रमांक, धारा, आरोपियों के नाम सहित विवरण दें तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करवाएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना नागदा, जिला उज्जैन के अपराध क्रमांक 857/2021 धारा 302, 120बी, 34 भादवि में नामजद आरोपियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। प्रकरण की प्रथम सूचना पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ख) प्रथम सूचना पत्र में नामजद आरोपियों में से 02 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' एवं 'इ' अनुसार। (ड.) जी नहीं। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'फ' अनुसार।
पेंशन योजनाओं का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
126. ( क्र. 2297 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी पेंशन योजनायें विभाग अंतर्गत संचालित हैं? विवरण दें। इन योजनाओं के अंतर्गत विकासखंड मैहर में योजनावार कितने-कितने हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजनाओं की पात्रता हेतु क्या कोई सर्वे किया जाता है? मैहर विकासखंड में इन योजनाओं हेतु वर्तमान में कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? कारण सहित बतावें। इनका निराकरण कब तक किया जाकर पात्र हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृत की जावेगी? (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में पंचायत स्तर, जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों का विवरण दें व बतायें कि कब तक इनका निराकरण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित पेंशन योजनाओं में क्या हितग्राहियों को नियमित भुगतान हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विकासखण्ड मैहर में योजनावार कुल 23648 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मैहर विकासखण्ड में पेंशन योजनाओं के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ समस्त पेंशन हितग्राहियों को नियमित भुगतान हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तिरूपति गृह निर्माण सहकारी संस्था का रजिस्ट्रेशन
[सहकारिता]
127. ( क्र. 2304 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले अंतर्गत तहसील इन्दौर में ग्राम सुखलिया स्थित भूमि का खसरा क्रमांक 604/1 में तिरूपति अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था एवं ग्राम भमोरी दुबे में स्थित भूमि का खसरा क्रमांक 18/3 में तिरूपति गृह निर्माण सहकारी संस्था है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया? संस्था द्वारा वरीयता सूची बनाई गई, ऑडिट रिपोर्ट किया गया व TNCP मेप स्वीकृत किया गया? TNCP के पूर्व विभागों की एन.ओ.सी. दी गई है, डायवर्सन किया गया एवं उक्त जमीन पर बने हुए मकानों की इन्दौर नगर निगम से बिल्डिंग परमीशन ली गई है व संस्था के सदस्यों के द्वारा शुल्क जमा किया एवं सदस्यों को रजिस्ट्री की गई है? (ग) प्रश्नांकित (ख) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन नंबर की प्रमाणित छायाप्रति, संस्था द्वारा बनाई गई वरीयता सूची, ऑडिट रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति, TNCP मेप की स्वीकृति, आदेश की प्रमाणित छायाप्रति एवं किन-किन विभागों द्वारा किस-किस दिनांक को एन.ओ.सी. प्रदान की गई? एन.ओ.सी. की प्रमाणित छायाप्रति व डायवर्सन की संपूर्ण दस्तावेजों की छायाप्रति, नगर निगम द्वारा प्रदान की गई बिल्डिंग परमीशन की प्रमाणित छायाप्रति व संस्था के सदस्यों द्वारा कितना शुल्क जमा किया गया है? संपूर्ण शुल्क रसीद की प्रमाणित छायाप्रति तथा जिन सदस्यों के नाम से रजिस्ट्री की गई है उसकी भी प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इंदौर जिले में श्री तिरूपति अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की ग्राम सुखलिया में खसरा नंबर 604/1 की भूमि है। तिरूपति गृह निर्माण सहकारी संस्था के नाम से कोई संस्था पंजीकृत नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित श्री तिरूपति अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर का पंजीयन क्रमांक डी.आर/आई.डी.आर/161 दिनांक 22.11.1973 है। संस्था के वर्ष 2019-20 तक का अंकेक्षण हुआ है। अंकेक्षण टीप में वरीयता सूची प्रकाशित नहीं किया जाना उल्लेखित है। कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला इंदौर के पत्र क्रमांक/1251 दिनांक 03.03.2022 के अनुसार प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित ग्राम सुखलिया स्थित भूमि खसरा क्रमांक 604/1 एवं ग्राम भमौरी दुबे स्थित सर्वे क्रमांक 18/3 पर अभिन्यास स्वीकृति संबंधी कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। कार्यालय नगर पालिक निगम इंदौर (कालोनी सेल विभाग) के पत्र क्रमांक (1002/कालोनीसेल/2022/दिनांक 04.03.2022 के द्वारा विभागीय रिकार्ड अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम सुखलिया स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 604 पार्ट पर कैलाशपुरी (खातीपुरा) एवं कारसदेव नगर अवैध कालोनी तथा ग्राम भमौरी दुबे की भूमि सर्वे क्रमांक 18 पार्ट पर मारुति नगर अवैध कालोनी स्थित होना अंकित है एवं कार्यालय द्वारा उक्त कालोनियां अवैध होने से कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता जिला इंदौर के पंजीयन रजिस्टर में श्री तिरुपति अपार्टमेन्ट गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के पंजीयन संबंधी इंद्राज की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। संस्था के अंकेक्षण टीप वर्ष 2019-20 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन के तारतम्य में शेष जानकारी निरंक है।
प्रदेश में अपराधों की दर्ज घटनाएं
[गृह]
128. ( क्र. 2309 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में दंगे की कितनी घटना दर्ज हुयी? उसमें कितनी गिरफ्तारी हुयी व कितने लोगों को सजा हुयी? वर्षवार टेबल फार्मेट में जानकारी देवें। (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग पर उत्पीड़न व अत्याचार के कितने केस दर्ज किये गये व उनमें से कितने केसों में न्यायालय से सजा हुई? (ग) लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. में 2015 से प्रश्न दिनांक तक भ्रष्टाचार व रिश्वत खोरी के कितने प्रकरण दर्ज किये? दर्ज प्रकरण में न्यायालय से सजा का सक्सेस रेट कितना रहा? वर्षवार बतायें। (घ) विगत 3 वर्षों में बेरोजगारी व गरीबी के कारण कितने लोगों ने आत्महत्या की? उनमें से 25 वर्ष की आयु से कम की संख्या कितनी है व 25 वर्ष से ज्यादा की संख्या कितनी है? वर्षवार बतायें। (ड.) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक हत्या, लूट, बलात्कार व चोरी की कितनी घटनायें दर्ज की गयी? वर्षवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं खेल सामग्री का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 2316 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र के बिछुआ में शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक संवर्ग के कितने पद रिक्त हैं? पदवार संख्या सहित देवें। समस्त बिछुआ विकासखंड के विषय में स्कूलवार बतावें। इन्हें कब तक भरा जाएगा? (ख) विगत 3 वर्षों में कितनी खेल सामग्री बिछुआ विकासखंड के स्कूलों में प्रदाय की गई? स्कूल नाम, सामग्री की जानकारी, सप्लायर बिलों की छायाप्रति सहित देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विकासखण्ड बिछुआ में शिक्षकों एवं गैर शैक्षणिक संवर्ग की पदवार, संख्यावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। स्कूलवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूति एक निरंतर चलने वाली प्रकिया हैं। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
सेवा शर्तों का उल्लंघन
[सहकारिता]
130. ( क्र. 2319 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर जिला बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक/खाद्य/2021/5373 राजपुर दिनांक 07-10-2021 से उप पंजीयक, सहकारी संस्थाएं बड़वानी को प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति संस्था जुलवानिया, ठान, अगलगांव, ओसर, राजपुर, नागलवाड़ी, दानोद, भागसुर पर कार्यवाही हेतु जो पत्र लिखा था उस पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बड़वानी ने इन्हें कितने व कब-कब नोटिस जारी किए व इनके द्वारा क्या प्रति उत्तर दिए गए? समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। इन संस्थाओं द्वारा किस नियम के तहत शासन से प्राप्त थैलों के स्थान पर अन्य व्यक्ति के चित्र लगे थैलों में राशन वितरण कर दिया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मनमाने तरीके से थैले बदलकर अन्य व्यक्ति का प्रचार करके इन्होंने सेवा शर्तों का जो उल्लंघन किया है उस पर इन संस्थाओं के प्रबंधकों को कब तक दंडित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रकरण के 4 माह बाद भी इन पर कार्यवाही न करने वाले सक्षम अधिकारी की शासन कब तक जांच करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजपुर जिला बड़वानी का पत्र उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला बड़वानी को प्राप्त होना नहीं पाया गया है, अत: कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[गृह]
131. ( क्र. 2323 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1535 दिनांक 24.12.2021 के (घ) उत्तर अनुसार प्रकरण में 21.01.2022 को सुनवाई नियत थी? इस सुनवाई में कौन वकील उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी नाम सहित देवें। (ख) इस सुनवाई का कार्यवाही विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र. शासन के स्थाई अधिवक्ता श्री सन्नी चौधरी को कुल 9 पत्र लिखे गये लेकिन उनके द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया? इस पर उनसे कब तक जानकारी ली जाएगी? (घ) कब तक इस प्रकरण में शीघ्र सुनवाई कराई जाएगी? लंबे समय तक सुनवाई न होने के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक 1535 दिनांक 24.12.2021 के भाग 'घ' के उत्तर में यह बताया गया था कि प्रकरण में दिनांक 21.01.2022 नियत है। उक्त दिनांक को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हुई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में समाहित है। (ग) म.प्र. शासन के स्थायी अधिवक्ता श्री सन्नी चौधरी को लिखे गये पत्रों के क्रम में उक्त प्रकरण में दिनांक 21.01.2022 नियत हुई थी, किंतु उक्त दिनांक को प्रकरण में सुनवाई नहीं हुई। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री माननीय न्यायालय के समक्ष अपने नियम, विनियम और प्रक्रिया के अनुसार मामले का सूचीबद्ध करती है, इसलिये अधिकारियों के दोषी पाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
132. ( क्र. 2324 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1534 दिनांक 24.12.2021 के (क) उत्तर अनुसार अपराध क्रमांक 325/21 की विवेचना क्या पूर्ण हो गयी है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि केवल 07 आरोपियों को ही सूचना पत्र दिये गये, शेष आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) जिन 07 आरोपियों को सूचना पत्र तामील किये गये उन पर आगे क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी? (घ) कब तक इसके आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, विवेचना पूर्ण हो चुकी है। प्रकरण में विवेचना पूर्ण होने के उपरांत अंतिम प्रतिवेदन ( चालान ) माननीय न्यायालय में दिनांक 24.02.2022 को प्रस्तुत किया गया है। अंतिम प्रतिवेदन (चालान) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पूर्व में प्रश्न क्रमांक 1534 पर प्रदाय किये गये उत्तर में तत्समय 07 आरोपियों को नोटिस तामील कराये गये थे। वर्तमान में 12 अन्य आरोपियों को नोटिस तामील कराकर, कुल 19 आरोपियों को नोटिस तामील कराये जा चुके हैं तथा एक आरोपी की मृत्यु हो गई है। (ग) जिन 07 आरोपीगण को सूचनापत्र तामील कराये गये, उनके तथा 12 अन्य आरोपीगण ( कुल 19 आरोपीगण ) के विरूद्ध अंतिम प्रतिवेदन ( चालान ) माननीय न्यायालय में दिनांक 24.02.2022 को प्रस्तुत किया गया है। (घ) प्रकरण में सभी 19 आरोपीगण के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही कर नोटिस तामील कराये गये हैं एवं अंतिम प्रतिवेदन (चालान) माननीय न्यायालय में दिनांक 24.02.2022 को प्रस्तुत किया गया है।
लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
133. ( क्र. 2327 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3433/जि.पं./स्था. 2019 अनूपपुर दिनांक 24.09.19 जो थाना प्रभारी थाना भालूमाड़ा जिला अनूपपुर को प्रेषित किया गया था, जिसमें बर्खास्त पंचायत सचिव राजकुमार शुक्ला के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का निर्देश है पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही न होना क्या प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त होने का संकेत देता है? (ख) क्या कारण है कि 02 वर्ष से अधिक समय तक संबंधित पर कार्यवाही न करके उसे संरक्षण दिया जा रहा है? ऐसे सभी प्रश्न दिनांक तक उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) कब तक राजकुमार शुक्ला पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (घ) अनूपपुर जिले में ऐसे कितने प्रकरण किन थानों में लंबित हैं जिनमें कलेक्टर अनूपपुर में कार्यवाही का निर्देश दिया हो और उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? थानावार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कलेक्टर जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3433/जि.पं./स्था. 2019 अनूपपुर दिनांक 24.09.19 के आधार पर थाना भालूमाड़ा में दिनांक 28.09.2019 को आरोपी बर्खास्त पंचायत सचिव राजकुमार शुक्ला एवं अन्य के विरूद्ध अप. क्र. 393/19 प्रकरण कायम किया गया था। समुचित कार्यवाही की गई है, अतः प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आरोपी बर्खास्त राजकुमार शुक्ला एवं अन्य के विरूद्ध अप. क्र. 393/19 कायम कर विवेचना में लिया गया है। आरोपी सचिव राजकुमार शुक्ला द्वारा मान. उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया। स्थगन समाप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। संबंधित को संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) थाना भालूमाड़ा के अपराध क्रमांक 393/19 के अतिरिक्त अन्य थानों में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है जिसमें कलेक्टर अनूपपुर ने कार्यवाही के निर्देश दिये हो और कार्यवाही नहीं की गई है।
आरोपी को विभाग का संरक्षण
[जनजातीय कार्य]
134. ( क्र. 2328 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग को संभागायुक्त शहडोल द्वारा कार्यालयीन पत्र क्र./फा.72-18/विकास-06/वि.जांच (अनूपपुर)/2021/4405 शहडोल दिनांक 22.12.2021 के साथ मूल प्रकरण क्र. 01 से 61 तक तथा अन्य संलग्नक पृ.क्र. 1 से 211 तक वर्तमान सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला अनुपपुर के विरूद्ध अधिरोपित 10 आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु भेजी अनुशंसा पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या कारण है कि 2 करोड़ 86 लाख 80 हजार 196 रूपये की राशि अधिरोपित होने के बाद भी विभाग इन्हें संरक्षण दे रहा है? इस संरक्षण का आधार बतावें। (ग) इन्हें कब तक निलंबित किया जाकर इनके विरूद्ध एफ.आई.आर. कराई जाएगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें। इनके संरक्षणकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि विभाग इसके लिए उन पर क्या कदम उठाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आयुक्त शहडोल संभाग के पत्र दिनांक 22/12/2021 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में कुछ बिन्दु स्पष्ट नहीं होने से स्पष्ट करने हेतु कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल एवं आयुक्त, जनजातीय कार्य म.प्र. को पत्र दिनांक 10/01/2022 को लिखा गया है। प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ख) एवं (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ
[जनजातीय कार्य]
135. ( क्र. 2354 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में कार्यरत अध्यापक शिक्षक संवर्ग में से वर्ष 2018 में नवीन संवर्ग में नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देते हुए 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर कुल कितने कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना था? क्या सभी को लाभ दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो उसमें से कितने कर्मचारियों को लाभ दिया गया एवं कितने कर्मचारियों को दिया जाना शेष हैं? विलंब का क्या कारण है एवं शेष कर्मचारियों को कब तक क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा? (ख) इन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एवं पेंशन दिये जाने हेतु क्या नियम हैं? क्या अध्यापक/शिक्षक/संगठनों/आजाद अध्यापक शिक्षक संघ, जिला अनूपपुर द्वारा पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिये जाने हेतु प्रदेश सरकार के समक्ष समय-समय पर ज्ञापन पत्र प्रस्तुत कर मांग की गई? उक्त संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उक्त बिन्दु/मांग पर प्रदेश सरकार द्वारा कब तक निर्णय लिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुपपूर जिले अंतर्गत वर्ष 2018 में नवीन संवर्ग में नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देते हुए 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वर्ष 2018 से वर्ष 2020 की अवधि में पात्र पाये गये 299 प्राथमिक एवं 175 माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना था। संबंधित शिक्षकों में से 299 प्राथमिक एवं 175 माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2020 के बाद पात्रता की श्रेणी में आने वाले 275 प्राथमिक एवं 50 माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। 108 उच्च माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने के संबंध में संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास म.प्र. को क्रमोन्नति दिये जाने के अधिकार प्रत्यायोजित किये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यह निरंतर चलने वाली प्रकिया हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) नवीन संवर्ग के लिये वर्तमान में अध्यापक संवर्ग हेतु प्रभावशील राष्ट्रीय पेंशन योजना के प्रावधान अनुसार देय हैं। वित्त विभाग से नवीन निर्देश प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
पुलिस चौकी का निर्माण
[गृह]
136. ( क्र. 2366 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के विधानसभा महाराजपुर के सिंहपुर एवं टटम में पुलिस चौकी निर्माण की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो उक्त पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त दोनों पुलिस चौकी कब तक स्वीकृत होकर संचालन होगा? (ग) विधान सभा महाराजपुर में कितने पुलिस थाने एवं चौकी प्रस्तावित हैं? (घ) विधानसभा महाराजपुर में वर्तमान में कितना पुलिस बल पदस्थ है एवं कितने पुलिस बल की और आवश्यकता है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। भौगोलिक स्थिति अनुसार वर्तमान में सिंहपुर एवं टटम में नवीन पुलिस चौकियों के निर्माण की आवश्यकता नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा महाराजपुर में कोई भी थाने एवं चौकी प्रस्तावित नहीं है। (घ) आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक 180 का बल पदस्थ है एवं स्वीकृत बल के मान से 34 बल की आवश्यकता है।
आरोपियों पर जिला बदर की कार्यवाही
[गृह]
137. ( क्र. 2367 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के बेलखेड़ा थाना अंतर्गत दिनांक 12.07.2020 को हुई फाईरिंग संबंधी प्रकरण में विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 240 दिनांक 21.09.2020 के प्रश्नांश (ख) में आरोपियों पर जिला बदर की कार्यवाही करने के संबंध में पूछा था परंतु उत्तर में विभाग द्वारा जिला बदर की कार्यवाही संबंधित जानकारी नहीं दी है? यदि हाँ, तो इस प्रकार जानकारी छुपाकर विधानसभा को गुमराह किया गया है? (ख) जिला बदर की कार्यवाही हेतु शासन के क्या दिशा-निर्देश एवं नियम है? किन अपराधियों पर इस प्रकार की कार्यवाही की जाती है? (ग) उक्त घटना के मुख्य आरोपी पर जिला जबलपुर में लगभग 18 प्रकरण पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो उक्त व्यक्ति पर उक्त प्रकरण एवं अन्य प्रकरणों को देखते हुए जिला बदर की कार्यवाही आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई? (घ) उक्त घटना के मुख्य आरोपी किसी मामले में गिरफ्तारी हेतु आरोपित है एवं फरार है? यदि हाँ, तो गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जबलपुर के बेलखेड़ा थाना अंतर्गत दिनांक 12.07.20 को हुई फाईरिंग संबंधी प्रकरण में आरोपियों पर जिला बदर की कार्यवाही नहीं की गई है। आरोपी 1- गोलू उर्फ अनुराग सिंह 2- विपिन पिता कैलाश भुर्रक 3- पुष्पराज सिंह 4- चिन्टू उर्फ विपिन पाण्डेय 5- अजय सिंह एवं 6- सुन्नू उर्फ सुरेंद्र सेन के विरूद्ध धारा 110 जाफौ की कार्यवाही की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उक्त घटना के आरोपी के विरूद्ध जिला जबलपुर में 13 प्रकरण पंजीबद्ध हैं एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं
स्वीकृत भवनों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
138. ( क्र. 2368 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र क्रमांक 37/भोपाल/2021, दिनांक 27/09/2021 एवं पत्र क्रमांक 36/भोपाल/2021, दिनांक 27/09/2021 विभाग को प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के पालन में क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुए किये गए पत्राचारों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 835 दिनांक 24/12/21 के उत्तर में भूमि चयन का लेख है तो उक्त भवन हेतु भूमि का चयन पत्रानुसार क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा? (ग) क्या जिला जबलपुर के घाटपिपरिया में छात्रावास भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उस स्वीकृत भवन का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? निर्माण में देरी के क्या कारण हैं? (घ) विधानसभा बरगी अंतर्गत कितने सामुदायिक भवन विभाग द्वारा स्वीकृत हैं, जिनके निर्माण अधूरे अथवा अप्रारंभ हैं? क्या शहपुरा ब्लॉक के ग्राम कुटरी, चिरापौड़ी व नीची में भी भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो निर्माण क्यों अवरूद्ध है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संभागीय स्तरीय सामुदायिक भवन जबलपुर का निर्माण कार्य किसी स्थान विशेष हेतु स्वीकृत नहीं हुआ है जिससे जमीन का चयन प्रश्नांश ''ख'' के अनुसार नहीं किया गया। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। निर्माण एजेन्सी द्वारा भवन निर्माण प्रारम्भ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्य की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश ''घ'' के सम्बन्ध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सायबर अपराधों की रोकथाम
[गृह]
139. ( क्र. 2371 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में दिनांक 01 अक्टूबर, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 तक विभिन्न बैंक खातों से सायबर फ्रॉड के माध्यम से किन-किन खाताधारकों के खातों से धन राशि निकाली जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त अवधि में माहवार शिकायतकर्ताओं के नाम, पते सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांकित शिकायतों पर विभाग द्वारा कब-कब प्रकरण पंजीबद्ध पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितनी शिकायतों का अब तक निराकरण किया गया है? प्रकरणवार जानकारी दें तथा लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांकित प्रकरणों में कितने अपराधी कहाँ-कहाँ से गिरफ्तार हुए हैं? उनके नाम, पता सहित बतावें एवं उनसे कितनी धन राशि की बरामदगी हुई है? (घ) क्या सायबर फ्रॉड से संबंधित अधिकांश मामलों में पुलिस द्वारा प्रशिक्षित स्टॉफ न होने एवं प्रभावी तरीके से कार्यवाही नहीं करने से सायबर अपराध की संख्या निरंतर बढ़ रही है? पुलिस की निष्क्रियता तथा इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिये विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अब तक कुल 186 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं जिसमें कुल 18968 पुलिस एवं न्यायाधीश व लोक अभियोजन अधिकारियों एवं अन्य शासकीय संस्थाओं के अधिकारी/कर्मचारियों को सायबर अपराधों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया है। म.प्र. की आम जनता को सायबर अपराधों की रोकथाम हेतु अब तक कुल 296 जागरूकता अभियान आयोजित किये गये हैं। जिसमें कुल 364911 लोगों को सायबर अपराधों से बचने के लिये जागरूक किया गया। सायबर अपराधों की रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
समिति के गैर सदस्यों को प्रकोष्ठों का विक्रय
[सहकारिता]
140. ( क्र. 2372 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 24.12.2021 के अतारांकित प्रश्न क्र. 1522 के उत्तरांश (ख) में विभाग द्वारा बताया गया है कि उत्तरांश (क) में उल्लेखित सदस्यों के द्वारा शिकायत प्राप्त हुई हैं, जिन पर कार्यवाही की जा रही है? क्या विभाग द्वारा प्रदत्त की गई सदस्यों की सूची अद्यतन है? यदि नहीं, तो अद्यतन सूची प्रदान करें। (ख) क्या समस्त सदस्यों को प्रकोष्ठ प्रदाय कर दिये गये हैं या फिर उनके प्रकोष्ठों का विक्रय गैर सदस्यों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन सदस्यों के प्रकोष्ठों का विक्रय गैर सदस्यों को किया गया है? उक्त सदस्यों तथा प्रकोष्ठ क्रेताओं की सूची नाम, पते सहित प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के उत्तरांश (ग) में बताया गया है कि प्रकोष्ठों के पंजीयन निरस्त कराने हेतु उपायुक्त सहकारिता को निर्देशित किया गया है? उक्त निर्देश कब दिया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकोष्ठों का पंजीयन निरस्त करा दिया गया है? सम्पूर्ण दस्तावेज सहित जानकारी प्रदाय करें। (घ) दोहरे पंजीयन एवं गैर सदस्यों को विक्रय किये गये प्रकोष्ठों का पंजीयन कब तक निरस्त करा कर प्रकोष्ठ संस्था के सदस्यों को प्रदाय कर दिये जावेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल में उपलब्ध सूची 31-03-2008 की स्थिति की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। संस्था के 40 सदस्यों में से 19 सदस्यों को प्रकोष्ठ प्रदान किये गये हैं। संस्था द्वारा जिन गैर सदस्यों को भू-खण्ड का पंजीयन कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता के द्वारा गैर सदस्यों को विक्रय किये गये प्रकोष्ठों के पंजीयन निरस्त करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल को दिनांक 17-12-2021 को निर्देशित किया गया है, उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के द्वारा पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही हेतु प्रशासक को निर्देशित किया गया है, प्रश्न दिनांक तक गैर सदस्यों को पंजीयन कराये गये प्रकोष्ठों का पंजीयन निरस्त नहीं किया गया है। (घ) दोहरे पंजीयन एवं गैर सदस्यों के विक्रय किये प्रकोष्ठों का पंजीयन निरस्त किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एस.टी.एफ. के प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
141. ( क्र. 2379 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.बी.आई. को व्यापम घोटाले के प्रकरण हस्तांतरित करने के बाद एस.टी.एफ. के पास कितने प्रकरण उस दिनांक को शेष रहे थे? प्रकरण क्रमांक, दिनांक धारा, आरोपी का नाम, न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित एस.टी.एफ. के प्रकरणों में कुल कितने आरोपी हैं, उसमें से कितने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है? उन आरोपियों की सूची प्रकरण क्रमांक सहित देवें जो तीन तथा तीन से ज्यादा प्रकरणों में आरोपी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में एस.टी.एफ. के प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में न्यायालय में फैसला आ चुका है। फैसले की प्रति उपलब्ध कराये तथा बतावें कि कितने प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं? (घ) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित आवेदन प्राप्त करने हेतु जारी विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 की प्रति देवें तथा बतावें कि प्राप्त आवेदन को पुलिस थाने में किसके निर्देश से भेजा गया, उस निर्देश की प्रति देवें। (ड.) व्यापम घोटाले पर रोल नंबर सेटिंग्स की प्रक्रिया पर मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसी प्रकरण में कोई फैसला दिया गया हो तो उसके आदेश की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले से संबंधित प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने के पश्चात एस.टी.एफ. के पास कोई प्रकरण शेष नहीं रहे थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सी.बी.आई. को सुपुर्द किए गए। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सी.बी.आई. को सुपुर्द किए गए। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। उपरोक्त विज्ञप्ति के तारतम्य में प्राप्त आवेदन पत्रों में से 02 आवेदन प़त्रों की जांच एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है तथा 01 आवेदन पत्र पर अपराध पंजीबद्ध कर सी.बी.आई. को स्थानांतरित किया गया। (ड.) माननीय सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका क्रमांक 1727/2016 निधी कैम्प में पारित निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
बैंक में स्टाफ की कमी
[सहकारिता]
142. ( क्र. 2382 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में लिपिक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उसमें कितने पद भरे हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ख) पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, म.प्र. द्वारा किस-किस बैंक के कितने लिपिकों को दूसरे बैंकों को मर्ज करने की अनुमतियां दी गयी? तिथिवार जानकारी दें। क्या दी गयी अनुमतियों के कारण कई बैंकों में स्टॉफ कम हो गया है और उन बैंकों में कार्य संचालन में कठिनाई हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) स्वीकृत पद 4021, भरे पद 2343 एवं रिक्त पद 1678 है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी विकास हेतु दी जाने वाली राशि की कटौती
[जनजातीय कार्य]
143. ( क्र. 2383 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में आदिवासी विकास हेतु राज्य सरकार ने किन-किन योजनाओं के लिए कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे थे? उनमें कितनी-कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई? वित्तीय वर्षवार बतायें। (ख) उपरोक्त किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी कम राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त हुई है? (ग) उक्त कम राशि देने के कारण क्या-क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में होने से कारण बताया जाना संभव नहीं है।
निराश्रित निधि बंद किए जाने संबंधी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
144. ( क्र. 2390 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग द्वारा दिव्यांग एवं नि:शक्तजन के लिए क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) क्या विभाग द्वारा नि:शक्तजन विभाग द्वारा दिव्यांग एवं नि:शक्तजनों के कल्याण के लिए दी जाने वाली ''निराश्रित निधि'' को समाप्त कर दिया गया है जिससे सिविल सेवा में जाने वाले निराश्रितों की संख्या में कमी आई है एवं वृद्धाश्रमों को समय पर अनुदान नहीं दिए जाने के कई वृद्धाश्रम बंद हो गए हैं? (ग) यदि हाँ, तो ''निराश्रित निधि'' कब और किन कारणों से बंद की गई? (घ) क्या सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं पर व्यय की राशि रू. 748 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने के संबंध में वर्ष 2020-21 में कैग द्वारा आपत्ति लिए जाने पर केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान की आगामी किश्त जारी नहीं की जा रही है? (ड.) यदि हाँ, तो उक्त राशि किस-किस योजना में किस-किस वित्तीय वर्ष में उपयोग की गई एवं समय पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र केन्द्र सरकार को प्रस्तुत न करने के लिए कौन जिम्मेदार है एवं क्या इसकी जाचं कराकर जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा भारत सरकार को वर्ष 2020-21 का वार्षिक उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ड.) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामूहिक विवाह आयोजन में अनियमितताओं की जांच
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
145. ( क्र. 2395 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री निकाह योजना एवं मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना अंतर्गत किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि कितने-कितने हितग्राहियों को कब-कब जारी की गई है? जिलेवार, हितग्राहीवार, सामूहिक विवाह दिनांकवार, वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन अवधि में शासन के किस सक्षम अधिकारी से सामूहिक विवाह आयोजन के लिये अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार कार्यक्रमवार, अनुमतिवार, सक्षम अधिकारी का नाम, पदनाम, पत्र की प्रति सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कोराना कर्फ्यू, भीड़भाड़ पर प्रतिबंध के बावजूद कागजों पर विवाह/निकाह दर्शाकर राशि आहरित किये जाने की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उनमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त कार्यकाल में विवाह/निकाह हेतु राशि वितरण में की गई अनियमितताओं की सूक्ष्म जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तों क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं मुख्यमंत्री निकाह योजना अंतर्गत लंबित हितग्राहियों के शत्-प्रतिशत भुगतान एवं मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना अंतर्गत एकल विवाह के हितग्राहियों के भुगतान हेतु जिलों की मांग अनुसार जिलेवार, हितग्राहीवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ग) जी नहीं। कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कोविड-19 के प्रभावी होने से वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 में आज दिनांक तक कोई सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाने से जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच
[सहकारिता]
146. ( क्र. 2396 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना की शाखा चंदेरी में वर्ष 2017 से 2021 तक बचत खातों एवं एफ.डी. में आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच कराई जा रही है? यदि हाँ, तो यह जांच हेतु कितनी शिकायतें, किस-किस कार्यालय को कब-कब प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों का संक्षिप्त विवरण देवें। (ख) उपरोक्त के संबंध में 429 शिकायतों के विरूद्ध कितने प्रकरणों में क्या-क्या निष्कर्ष एवं जांच परिणाम प्राप्त हुये हैं? क्या 429 शिकायतों के पूर्ण निराकरण हेतु आयुक्त सहकारिता द्वारा उप सहकारिता आयुक्त जिला गुना की अध्यक्षता में जांच दल गठित किया गया है? यदि हाँ, तो इसके सदस्यों के नाम, कार्यालय का नाम, जांच दल द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन दिये गये हैं की संपूर्ण जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कुल कितनी राशि का भ्रष्टाचार किन-किन के खातों में किया गया है? उक्त अवधि में इन्टर्नल एवं एक्सटर्नल ऑडिट की क्या भूमिका भी स्पष्ट करें। इस घोटाले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये उच्च जांच एजेंसी को प्रकरण सौंपे जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में प्रश्न क्रमांक 1177 उत्तर दिनांक 24.12.21 के पुस्तकालय की समस्त जानकारी दें। घोटाले की जांच कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? मृत शाकिर अली की भूमिका, पदस्थापना, पदीय दायित्व संपूर्ण सेवाकाल का रिकार्ड दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बैंक द्वारा कराई गई जांच एवं प्रदत्त जानकारी के आधार पर 429 शिकायतों में से 263 शिकायतें रू. 413.04 लाख की प्रमाणित पाई गई, 42 शिकायतें अप्रमाणित पाई गई शेष 124 शिकायतों में कोई निष्कर्ष प्राप्त नहीं हुआ। उप आयुक्त सहकारिता की अध्यक्षता में दिनांक 08.12.2021 के 4 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जांच दल में पुन: संशोधन किया जाकर श्री शिवेन्द्र देव पाण्डेय उप आयुक्त मुख्यालय की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया। तत्पश्चात 9 कर्मचारियों को जांच दल में शामिल किया गया। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) बैंक द्वारा कराई गई जांच अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उत्तरांश "ख" अनुसार विभाग स्तर से कराई जा रही जांच में परिवर्तन संभव है। शेष उत्तरांश "ख" के जांच निष्कर्ष के आधार पर स्पष्ट हो सकेगा। (घ) प्रश्न क्रमांक 1177 दिनांक 24.12.2021 से संबंधित समस्त जानकारी पूर्व में दी गई है। घोटाले की जांच की कार्यवाही जारी है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शाकिर अली की भृत्य पद पर नियुक्ति दिनांक 08.01.1981 से की गई। शाकिर अली भृत्य को शाखा चंदेरी में दिनांक 09.10.1991 से पदस्थ किया गया। शाखा प्रबंधक चंदेरी के निर्देशानुसार ही मृतक शाकिर अली भृत्य से कैशियर का कार्य संपादित किया जा रहा था। मृत शाकिर अली घटना का मुख्य आरोपी है।
जनजातीय कार्य द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
[जनजातीय कार्य]
147. ( क्र. 2549 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए क्या-क्या पहल की जा रही है? प्रति सहित बताएं। (ख) स्कूलों में बच्चों के अनुरूप माहौल, अध्यापकों की पूर्ण नियुक्ति, छात्रवृत्ति, आवश्यक संसाधन, पेयजल, टायलेट, खेल सामग्री के आधार पर निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा धार जिले में संचालित स्कूलों में किए गए निरीक्षण का प्रति सहित ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) क्या शासन द्वारा किए गए सर्वे में यह बताया गया है कि पांचवीं तक के 40%-50% बच्चों को पुस्तक पढ़ने नहीं आती? यदि हाँ, तो बेसलाइन टेस्ट, मिडलाइन टेस्ट एवं प्रतिभा पर्व टेस्ट किस आधार पर लिए जाते हैं एवं उक्त टेस्ट की कॉपियां किसके द्वारा लिखी जाती हैं, यह पारदर्शिता कैसे तय की जाती है? (घ) विकासखंड स्रोत समन्वयक को शिक्षा की गुणवत्ता एवं स्कूलों के निरीक्षण के लिए दिए जाने वाला वाहन भत्ता विगत 3 वर्षों से नहीं दिए जाने का क्या कारण है? (ड.) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के किन-किन कार्यक्रमों के लिए वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 में कितनी धनराशि आवंटित की गई? पृथक-पृथक प्रति-सहित बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार किये जाने हेतु शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण विभिन्न विषयों के डाईट संस्था द्वारा प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। छात्रों की रेमिडियल कक्षाएं आयोजित की जा रही है। विषय विशेषज्ञों द्वारा ग्रुप बनाकर छात्रों की कठिनाईयों को हल कराया जा रहा है। शालाओं में शाला सिद्धी कार्यक्रम दक्षता उन्नयन कार्यक्रम, प्रतिभा पर्व कार्यक्रम, वार्षिक मूल्यांकन कोविड-19 की अवधि में व्हाट्सऐप समूह के माध्यम से अध्ययन अध्यापन कार्यक्रम, डिजिलेब कार्यक्रम हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम, अभ्यास पुस्तिका कार्यक्रम, 100 दिवसीय रीडिंग केम्पेन कार्यक्रम, मॉनिटरिंग कार्यक्रम वर्क बुक पर अभ्यास कार्यक्रम, द्वारा पहल की जा रही है। तत्संबंधित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) स्कूलों में बच्चों के अनुरूप माहोल, अध्यापकों की पूर्ण नियुक्ति छात्रवृत्ति, आवश्यक संसाधन, पेयजल, टॉयलेट, खेल सामग्री के आधार पर निरीक्षण किया जाता है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7703 दिनांक 26.06.2019 के द्वारा सत्र 2019-2020 हेतु निरीक्षण के निर्देश दिये गये तद्नुसार जनवरी 2020 से जून 2020 तक किये गये निरीक्षण का ब्यौरा संलग्न है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत पत्र क्रमांक 4724 दिनांक 27.06.2020 द्वारा सत्र 2020-2021 हेतु निरीक्षण के निर्देश दिये गये। कोविड महामारी की समयावधि में शिक्षण संस्थाएं बंद रही है। जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत पत्र क्रमांक 6758 दिनांक 26.07.2021 के द्वारा सत्र 2021-22 हेतु निरीक्षण के निर्देश दिये गये। किये गये निरीक्षण का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जिला अंतर्गत राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के दिशा निर्देशानुसार शाला दर्पण मॉड्यूल के आधार पर मॉनीटरिंग की जाती है। जिसकी ऑनलाइन इंट्री संबंधित अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन एम शिक्षा मित्र एप पर की जाती है। (ग) धार जिले के संदर्भ में कक्षा 5वीं तक के 40 से 50 प्रतिशत बच्चों की पुस्तक पढ़ने नहीं आती ऐसी कोई शासन के द्वारा किये गये सर्वे की रिपोर्ट नहीं है। बच्चों की प्रगति नियमित ट्रेक करने के उददे्श्य से जिले के समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत बच्चों का बेसलाईन टेस्ट की कॉपियां अध्ययनरत् संबंधित बच्चों द्वारा लिखी जाती है। टेस्ट पूर्ण पारदर्शिता के साथ संबंधित कक्षा शिक्षकों के माध्यम से लिये जाते है एवं परिणामों की ऑनलाइन प्रविष्टि की जाती है। उक्त संपूर्ण प्रक्रियाएं शासन एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के तत्संबंधित निर्देशानुसार एवं समय-सीमा में पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपादित की जाती है। (घ) धार जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में विकासखण्ड स्तोत्र समन्वयकों शिक्षा की गुणवत्ता एवं स्कूलों के निरीक्षण के लिये दिये जाने वाला वाहन भत्ता राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के द्वारा उपलब्ध बजट के आधार पर दिया गया है। जो कि निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
प्रतिमाह राशि प्रति विकासखण्ड |
कुल माह की संख्या |
कुल राशि प्रति विकासखण्ड |
1 |
2019-20 |
22500 |
10 |
225000 |
2 |
2020-21 |
- |
- |
- |
3 |
2021-22 |
22500 |
1 |
22500 |
(ड.) धार जिले अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा नि:शुल्क गणवेश एकीकृत शाला निधि, स्पोर्ट्स, सेल्फडिफेन्स, विज्ञान मित्र क्लब, आस-पास की खोज आदि कार्यक्रमों के लिये वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 में धनराशि आवंटित की गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
आवासीय विद्यालय का निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
148. ( क्र. 2683 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजनान्तर्गत आरिफ नगर, भोपाल में 34 करोड़ रूपये की लागत से 500 सीटर आवासीय विद्यालय के निर्माण हेतु 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश से निर्माण करने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक 30/41/ 2021/54-2 दिनांक 07/01/2021 के संदर्भ में आयुक्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक पीएमजेव्हीके./2020-21/1558 भोपाल दिनांक 24/03/2021 को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भूमि हस्तांतरित करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक की स्थिति में अद्यतन स्थिति से अवगत करावें कि आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड से भूमि हस्तांतरित होने अथवा वैकल्पिक भूमि मिलने पर आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
कन्यादान
योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
1. ( क्र. 22 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए, कितने अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? सभी के नाम पता सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि की सहायता दी गई? कब बैंक खाते में राशि भेजी गई, उसका विवरण दें। (ग) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में किन-किन आवेदकों के प्रकरण अस्वीकार किए गए कारण सहित जानकारी प्रदाय करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने के कारण कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेल्समेन की नियुक्ति
[सहकारिता]
2. ( क्र. 51 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग ने 2018-19 में सेल्समेन/जूनियर सेल्समेन की नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये थे? यदि हाँ, तो जूनियर सेल्समेन भर्ती के क्या नियम हैं? आवेदन क्या ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन आमंत्रित किये थे? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राजगढ़ विधान सभा में सेल्समेन/जूनियर सेल्समेन के कितने पद किस-किस स्थान पर रिक्त हैं? कितने आवेदन ऑनलाईन/ऑफलाईन प्राप्त हुए? रिक्त पद एवं प्राप्त आवेदनों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर क्या राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में रिक्त पदों पर पदस्थापना हो गई? यदि हाँ, तो पदस्थ सेल्समेनों की नाम सहित सूची दुकान का नाम दर्शाते हुये उपलब्ध करायें
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। भर्ती नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवेदन ऑनलाईन आमंत्रित किये गये थे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
गौ-शालाओं
हेतु
पंचायतों को
राशि प्राप्त
ना होना
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( क्र. 68 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत निर्माणाधीन गौशालाओं में विद्युत आपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश शासन पशुपालन विभाग मंत्रालय की नोटशीट क्रमांक 7529/अमुस/पशुपालन/2020 दिनांक 05.10.2021 से 14 जिले की गौशालाओं में विद्युतीकरण हेतु 7 करोड़ 2 लाख सैंतीस हजार रुपए स्वीकृत हुए थे? जिसमें से अशोकनगर जिले की गौशालाओं में विद्युतीकरण हेतु 60 लाख रुपए स्वीकृति होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक यह राशि संबंधित ग्राम पंचायतों को क्यों नहीं दी गयी है? कारण सहित बताएं। (ख) 2019 से गोशालाएं संचालित है और 3 वर्ष बाद गौशालाओं में लाईट हेतु राशि स्वीकृत हो जाने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक संबंधित ग्राम पंचायतों को राशि प्राप्त नहीं हुई है इसमें दोषी अधिकारी, कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जिला अशोकनगर में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत निर्माणाधीन गौशालाओं में विद्युत आपूर्ति हेतु राशि रू.60,80 लाख स्वीकृति उपरांत, विद्युतीकरण कार्य कराने हेतु मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला अशोकनगर में वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत स्वीकृत गौशालाओं हेतु, विद्युत व्यवस्था के लिए स्वीकृत राशि रू. 60,80 लाख सीधे मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्रदाय की गई है, जिसमें गौशालाओं में विद्युतीकरण कार्य, कंपनी द्वारा शीघ्र किया जा सके। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कदवाया थाने का भवन निर्माण
[गृह]
4. ( क्र. 71 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कदवाया विकासखंड ईसागढ़ जिला अशोकनगर में जिसकी जनसंख्या लगभग 7000 है एवं आसपास के लगभग 45 से 50 ग्रामों से घिरा हुआ है वर्तमान में पुलिस थाना 2 कमरों की बिल्डिंग में संचालित हो रहा है? क्या थाने के नवीन भवन हेतु शासन से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो कब से नवीन भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा? (ग) कदवाया थाने के क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुये डायल 100 की गाड़ी कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम पंचायत कदवाया की जनसंख्या लगभग 3500 है थाना कदवाया 45 ग्रामों से घिरा हुआ है। वर्तमान में थाना कदवाया पूर्व में बनी चौकी के छोटे-छोटे चार कमरों में संचालित है। जी नहीं। थाने के नवीन भवन हेतु स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) थाना भवन निर्माण की स्वीकृति उपरांत भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जिला अशोकनगर में डॉयल-100 के 10 वाहन संचालित है। वर्तमान में एक डॉयल-100 वाहन थाना कदवाया एवं ईशागढ़ क्षेत्र में संचालित है।
कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 80 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सत्य है कि नियुक्ति दिनांक से 30 वर्षों की सेवा उपरांत शासकीय सेवक को तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता है? यदि हाँ, तो मंडल संयोजक संवर्ग से उक्त सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कितने कर्मचारियों को विभाग द्वारा तृतीय समयमान प्रदान किया गया है? आदेश की सूची उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग में ऐसा नियम है कि उक्त संवर्ग के समस्त कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली प्राप्त होने पर ही आदेश जारी किए जाएंगे? यदि हाँ, तो, नियम बतावें? यदि नहीं, तो उक्त संवर्ग के ऐसे कर्मचारी जिनकी विभाग को गोपनीय चरित्रावली प्राप्त है उन्हें वर्ष 2020 में 30 वर्षों की शासकीय सेवा करने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक तृतीय समयमान वेतन आदेश जारी क्यों नहीं किए गए है? शासन नियमों के पालन में आदेश कब तक जारी किए जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मंडल संयोजक संवर्ग से उक्त सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को विभाग द्वारा तृतीय समयमान प्रदान किया गया आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिन कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली प्राप्त हो जाती है, उनके आदेश जारी किये जाते है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जिन मंडल संयोजकों की गोपनीय चरित्रावली प्राप्त हो गई थी, उन्हें पात्रता अनुसार 30 वर्ष का समयमान के आदेश जारी किये जा चुके है। आदेश की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाक अभियोजक एवं नोटरी की पदपूर्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
6. ( क्र. 126 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत लोक अभियोजक एवं नोटरी के विधि एवं विधायी कार्य किये जाने हेतु शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिये शासन/विभाग द्वारा कुल कितने पद स्वीकृत किये गये हैं? (ख) उपरोक्त क्षेत्रीय कुल कितने पद पृथकत: उपरोक्तानुसार स्वीकृत होकर उन पर किस-किस वर्ष से कौन-कौन कार्यरत होकर कार्य कर रहे है? वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की जानकारी प्रदान करें। (ग) बताएं कि स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद किन वर्षों से भरे हैं व कितने पद किस वर्ष से रिक्त पड़े हैं? (घ) अवगत कराएं कि शासन/विभाग को नियमानुसार प्रक्रिया के माध्यम से किन-किन पदों हेतु किन-किन वर्षों में कब-कब विभागीय प्रस्ताव प्राप्त हुए एवं प्राप्त प्रस्तावों पर शासन/विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत लोक अभियोजक का कोई पद नहीं है। रतलाम में लोक अभियोजक का 01 पद है एवं राज्य शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये पृथक से नोटरी के पद स्वीकृत नहीं किये जाते। वर्तमान में तहसील-जावरा में नोटरी के कुल 09 पद स्वीकृत है तथा तहसील-पिपलौदा में नोटरी के कुल 05 पद स्वीकृत है, जो कि पूर्णतः भरे हुए है। (ख) रतलाम में लोक अभियोजक के पद पर विभागीय आदेश दिनांक 25.11.2016 के द्वारा श्री सुभाष जैन को नियुक्त किया गया है, विभागीय आदेश दिनांक 18.10.2019 के द्वारा श्री विमल छिपानी को रतलाम में लोक अभियोजक के पद पर नियुक्त किया गया है तथा राज्य शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये पृथक से नोटरी के पद स्वीकृत नहीं किये जाते। तहसील-जावरा एवं पिपलौदा में वर्तमान में कार्यरत नोटरीगणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला-मुख्यालय, रतलाम में लोक अभियोजक का पद वर्ष 2016 से भरा हुआ है, वर्तमान में कोई पद रिक्त नहीं है एवं तहसील-जावरा एवं पिपलौदा में नोटरी के सभी पद वर्तमान में भरे हुए है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लोक अभियोजक के प्रस्ताव दिनांक 17.8.2016, 28.8.2019 को प्राप्त हुये, जिस पर शासन द्वारा कार्यवाही कर नियुक्ति की गयी एवं दिनांक 11.10.2021 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिस पर शासन स्तर पर कार्यवाही विचाराधीन है। चूंकि तहसील-जावरा एवं पिपलौदा में वर्तमान में नोटरी के सभी पद भरे हुए है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित रिडेंसिफिकेशन कार्ययोजना
[जेल]
7. ( क्र. 127 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थानीय व जिला प्रशासन द्वारा विगत समय में जावरा नगर स्थित जेल को अन्यत्र स्थानांतरित कर उक्त स्थल पर रिडेंसिफिकेशन कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्ययोजना प्रस्तावित होकर प्रस्तावित योजना पर अब तक शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? (ग) प्रस्तावित रिडेसिफिकेशन योजना का कार्य शासन/विभाग के किस सक्षम अधिकारी के दिशा-निर्देशन में किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त प्रस्तावित कार्ययोजना शासन/विभाग को स्थानीय व जिला प्रशासन के माध्यम से कब अग्रेषित की जाकर कब प्राप्त हुई एवं तब से लेकर अब तक प्रस्तावित कार्ययोजना पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? सम्पूर्ण कार्ययोजना एवं की गई कार्यवाहियों से अवगत कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा पुरानी जेल की भूमि के बदले रिडेंसिफिकेशन योजना में नई जेल बनाने का प्रारंभिक प्रस्ताव दिया था। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तैयार प्रस्ताव कार्यरत् जेल के बाहर रिक्त भूमि न होने व बंदियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए व्यवहारिक रूप से संभव नहीं होने से मान्य नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशाला में सैंकड़ों गायों के शवों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
8. ( क्र. 169 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को भोपाल के बैरसिया स्थित गौशाला में सैंकड़ों गायों के शव मिलने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौशाला किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले दस वित्तीय वर्षों में कितना-कितना अनुदान दिया गया वर्षवार जानकारी देवें? (ग) गौशाला में सैंकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या हत्या, आपराधिक एवं अन्य कार्यवाही की गई है तो छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का भौतिक सत्यापन व ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मात्र 87 गौवंश के शव प्राप्त हुए है। (ख) गौशाला अशासकीय स्वयं सेवी संस्था गौ-सेवा भारती ग्राम बसई विकासखण्ड बैरसिया द्वारा संचालित थी। अनुदान राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) संस्थाओं का भौतिक सत्यापन विभाग द्वारा किया जाता है। प्रदाय अनुदान राशि का ऑडिट संबंधित संस्था द्वारा सी.ए. से कराया जाता है।
ओ.बी.सी. एवं अल्पसंख्यक छात्रों का प्रशिक्षण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
9. ( क्र. 170 ) श्री कमलेश्वर पटेल [ श्री विशाल जगदीश पटेल, श्री नीलांशु चतुर्वेदी, श्री आलोक चतुर्वेदी ] : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार अभ्यार्थियों के लिए नि:शुल्क रोजगारोन्मुखी सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना 2020 के अंतर्गत इन वर्गों के शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोचिंग क्लास चलाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर कितने-कितने शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोचिंग क्लास चल रही है? स्थानवार बतायें? (ग) योजना आरंभ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने शिक्षित बेरोजगारों को कोचिंग से प्रशिक्षण दिया जा चुका है? कोचिंगवार बतावें? (घ) यदि अभी तक कोई कोचिंग क्लास आरम्भ नहीं हुई है तो इस विलंब का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजना आरंभ होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक ग्रुप-ए अंतर्गत 771, ग्रुप-बी अंतर्गत 3573 एवं ग्रुप-सी अंतर्गत 2658 इस प्रकार कुल 7702 शिक्षित बेरोजगारों के लिए कोचिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में पदपूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 254 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई? (ख) विश्वविद्यालय में कितने पद प्रथम श्रेणी व कितने पद द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सृजित किये गए हैं? (ग) क्या वर्तमान में सभी पद भरे हुए हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो बताये किस वर्ग के कितने पद भरे हैं व कितने पद रिक्त हैं? पद, नाम सहित बतायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर की स्थापना दिनांक 6 मई 2011 को हुई। (ख) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सृजित किये गये पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में भरे एवं रिक्त पदों का विवरण पत्रक, पद, नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
वन अधिकार पत्रों का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
11. ( क्र. 309 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार पत्र प्रदान करने हेतु व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावा आमंत्रित कब से किया गया? दावा आमंत्रित दिनांक से नवम्बर 2018 तक कुल कितने व्यक्तिगत दावे एवं कुल कितने सामुदायिक दावे प्राप्त हुए जिसमें कितने व्यक्तिगत दावे निरस्त हुए, कितने सामुदायिक दावे स्वीकृत हुए एवं कितने अस्वीकृत हुए? विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) वन अधिकार पत्र प्रदान करने हेतु वन मित्र ऐप कब प्रारंभ हुआ? वन मित्र ऐप के तहत कितने वन अधिकार पत्र का परीक्षण हुआ तथा कितने व्यक्तिगत अधिकार पत्र दिये गये? वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बड़वानी जिले में जनवरी 2008 से वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दावे आमंत्रित किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) वन मित्र ऐप वर्ष 2019 से प्रारंभ हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
रिवॉल्वर, पिस्टल के शस्त्र लायसेंस की जानकारी
[गृह]
12. ( क्र. 310 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2021 से 31.12.2021 तक की अवधि में रिवॉल्वर, पिस्टल के शस्त्र लायसेंस हेतु संभागायुक्त इंदौर द्वारा कितने आवेदकों को लायसेंस देने हेतु गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन को प्रस्ताव भेजे गये? भेजे गये इन प्रस्तावों का विवरण सहित जानकारी दें। (ख) क्या शासन द्वारा इंदौर संभागायुक्त से प्राप्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो ऐसे प्रकरणों में गृह विभाग द्वारा कब तक आदेश कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुल 09 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 प्रस्ताव पर स्वीकृति आदेश जारी। प्रकरण में विधिवत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
13. ( क्र. 337 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, मोबाईल नंबर, स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई, उसका विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अस्वीकृत किये गए प्रकरणों का क्या कारण रहा सूची व विवरण देवें तथा जो प्रकरण लंबित हैं वे कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं होने से कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुध संशोधन विधेयक का क्रियान्वयन
[गृह]
14. ( क्र. 365 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुध संशोधन विधेयक 2019 के अंतर्गत शस्त्र नवीनीकरण एवं प्रति लायसेंस शस्त्र संख्या के संबंध में भारत सरकार द्वारा कोई निर्देश दिए गये है? यदि हाँ, तो निर्देशों की जानकारी दें। (ख) क्या भारत सरकार के द्वारा प्रदेश को दिये निर्देशों के अनुसार (1) शस्त्र लायसेंस का नवीनीकरण अब तीन वर्ष की जगह पांच वर्ष में किया जाना हैं? (2) एक शस्त्र लायसेंस पर हथियारों की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी है। यदि हाँ, तो इस संबंध में भारत सरकार द्वारा कब आदेश जारी किए गए? (ग) भारत सरकार द्वारा जारी आदेशों के परिपालन में अधिकारियों द्वारा क्या कोई निर्देश जारी किए गए है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक जारी किए जावेंगे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा समस्त जिला दण्डाधिकारियों को भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र 13 दिसम्बर 2019 अनुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिनांक 08.12.2020 को जारी किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
अल्पसंख्यकों का निर्धारण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
15. ( क्र. 366 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुसार ''राज्य में किसी समुदाय विशिष्ट की अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचना संबंधित राज्य के अधिकार के अंतर्गत आता है?'' (ख) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा किन-किन समुदायों को किस आधार पर अल्पसंख्यक माना गया है? (ग) क्या राज्य शासन जिलों या तहसील के जनसंख्यकीय आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय का चयन उसी प्रकार करेगी जिस प्रकार अनुसूचित जाति या जनजाति का किया जाता है? यदि हाँ, तो कब से? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) राज्य में किसी समुदाय विशिष्ट को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित करने का अधिकार मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1996 की धारा- 2 (ग) - (2) के अनुसार राज्य सरकार को है। (ख) राज्य शासन द्वारा मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौध्द, पारसी एवं जैन समुदाय को भारत सरकार की अधिसूचना के आधार पर अल्पसंख्यक माना गया है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के आधार पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन में फर्जीवाड़ा
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
16. ( क्र. 411 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
पंचायत
जबलपुर को
सामाजिक
न्याय एवं निःशक्तजन
कल्याण विभाग
म.प्र. शासन की
संचालित
किन-किन
योजनामद में
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं
किन-किन
योजनान्तर्गत
लाभान्वित
कितने-कितने
हितग्राहियों
को
कितनी-कितनी
दी गई हैं? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की
स्थिति में
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में जनपद
पंचायतों को
कितनी-कितनी
राशि प्रदाय
की गई एवं
किन-किन
योजनान्तर्गत
लाभान्वित
कितने-कितने
हितग्राहियों
को कितनी-कितनी
राशि वितरित
की गई तथा
कितने हितग्राहियों
को कितनी राशि
नहीं दी गई
एवं क्यों? इसका
सत्यापन
किसने किया
हैं? वर्षवार
व जनपद
पंचायतवार
पृथक-पृथक
बतावें। (ग) प्रश्नांश
(क) में कराये
गये भौतिक
सत्यापन में
किन-किन योजनान्तर्गत
कितने-कितने
हितग्राही
अपात्र एवं
कितने मृत
पाये गये हैं।
इनके खाते में
कितनी-कितनी
राशि जमाकर
कितनी आहरित
की गई हैं? जनपद
पंचायतवार
बतावें।
फर्जीवाड़ा
करने वाले
दोषी
अधिकारियों/कर्मचारियों
पर शासन ने
क्या
कार्यवाही की?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) राज्य शासन के द्वारा माह जून 2017 से सिंगल क्लिक के माध्यम से विभिन्न पात्र पेंशन हितग्राहियों के खाते में राशि सीधे ई-अंतरित की जा रही है शासन द्वारा जिला पंचायत जबलपुर को प्रश्नांश अवधि में राशि आवंटित नहीं की गई है विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित 12 प्रकार की विभिन्न पेंशन योजना अंतर्गत विगत 04 वर्षों में जनपद पंचायतों द्वारा व्यय राशि एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) राज्य शासन के द्वारा माह जून 2017 से सिंगल क्लिक के माध्यम से पात्र पेंशन हितग्राहियों के खाते में राशि सीधे ई-अंतरित की जा रही है। ऐसी स्थिति में जनपद पंचायतों को राशि प्रदाय नहीं की जाती है। विभिन्न पेंशन योजना अंतर्गत जिले की कुल 07 जनपद पंचायतों को प्रदाय की गई राशियों एवं लाभांवित हितग्राहियों का विवरण वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान सीधे राज्य स्तर से सिंगल क्लिक के माध्यम से किया जाता है ऐसी स्थिति में हितग्राहियों को पेंशन राशि न दिये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। समय-समय पर शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में जिले में विभिन्न पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन का कार्य संबंधित जनपद पंचायतों के माध्यम से कराया जाता है। (ग) शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में जनपद पंचायतों के माध्यम से विभिन्न पेंशन याजनाओं के लाभान्वित हितग्राहियों को भौतिक सत्यापन कराया जाता है। भौतिक सत्यापन के दौरान विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अपात्र एवं मृत पाये गये हितग्राहियों की जानकारी तथा उनके खाते में जमा राशि एवं आहरित राशि का विवरण जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। फर्जीवाड़ा संबंधी कोई शिकायतें प्राप्त न होने के कारण दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति योजनाओं में प्रावधानित बजट का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( क्र. 429 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कौन-कौन सी छात्रवृत्ति योजनाओं में प्रावधानित बजट के तहत कितनी-कितनी राशि आंवटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि का आवंटन नहीं किया गया है? इसमें कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया हैं? योजनावार वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की स्थिति में बतावें? (ख) विदेश में उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति योजना में चयनित कितने छात्र/छात्राओं को स्वीकृत कितनी राशि में से कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया? इसमें कितनी बजट राशि आवंटित नहीं की गई हैं? वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर में छात्रवृत्ति योजनाओं में आवंटित कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया है क्यों? क्या शासन छात्रवृत्ति में वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं में वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक प्रावधानित बजट, आवंटित बजट और शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) विदेश में उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विभिन्न वर्षों में चयनित विद्यार्थियों में से वर्ष 2021-22 में छात्रवृत्ति हेतु आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को स्वीकृत राशि एवं भुगतान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर में छात्रवृत्ति योजनाओं में बजट ग्लोबल होने के कारण जबलपुर जिले में प्राप्त आवेदनों के आधार पर वर्ष 2019-20 में राशि रू. 160504853/- एवं वर्ष 2020-21 में 130209839/- रूपये का आहरण कर भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में छात्रवृत्ति पोर्टल पर छात्र-छात्राओं द्वारा आवेदन की कार्यवाही की जा रही है। जबलपुर जिले अंतर्गत छात्रवृत्ति में वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार की शिकायत न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के खिलाफ अत्याचार एवं अपराध
[गृह]
18. ( क्र. 430 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के बालक/बालिकाओं पुरूष व महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, अपहरण, मारपीट, बलवा, आगजनी, हिंसा, हत्या, हत्या का प्रयास, जातिगत अपमान भूमि पर अवैध कब्जा करना, दुष्कृत्य, सामूहिक दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, यौन शोषण, देह व्यापार, मानव तस्करी तथा गुमशुदा (लापता) होने सम्बंधी कितने-कितने मामले पंजीकृत हैं? वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की जिलावार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में अपहरण, गुमशुदा व लापता होने के पंजीकृत कितने मामलों में कितने बालक/बालिकाओं, पुरूष व महिलाओं का पता लगाकर बरामद किया है तथा कितने लापता गुमशुदा हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में दुष्कृत्य के पंजीकृत कितने-कितने मामलों में कितने-कितने आरोपियों को पकड़ा गया है। कितने लापता, फरार है। कितने अपराधियों को सजा सुनाई गई? शासन ने इसमें पीड़ित कितनी बालिकाओं/महिलाओं के परिजनों को क्षतिपूर्ति/ मुआवजा की कितनी राशि दी है एवं कितनी राशि नहीं दी है? (घ) क्या यह सत्य है कि केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की वर्ष 2020-21 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार देशभर में जनजातीय आबादी पर होने वाले अत्याचार व अपराधों के मामलों में म.प्र. सबसे आगे है? यदि हाँ, तो शासन ने अपराधियों को सजा दिलवाने, जनजाति समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने हेतु क्या प्रबंध किये हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दर्शित अवधि में जबलपुर संभाग के जिलों की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) यह सही नहीं है कि केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की वर्ष 2020-21 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार देशभर में जनजातीय आबादी पर होने वाले अत्याचार व अपराधों के मामलों में म.प्र. सबसे आगे है। केन्द्रीय जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017 से 2019 तक के आंकड़ों की वर्ष 2020-2021 में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 23.3 प्रतिशत जनजाति जनसंख्या है तथा कुल आबादी 153.2 लाख है तथा जनजाति वर्ग के विरूद्ध अपराध की दर 12.5 दर्शाई गई है। शासन ने अपराधियों को सजा दिलाये जाने हेतु प्रदेश में 51 जिलों में विशेष (अजाक) पुलिस थाने, अपराधों के पर्यवेक्षण हेतु 10 रेज पर पुलिस अधीक्षक (अजाक) के पद स्थापित किये है और मामलों में शीघ्र विचारण हेतु 43 विशेष न्यायालय और 07 विशेष सत्र न्यायालय को अधिकृत किया है पुलिस बल को इस वर्ग के प्रति संवेदनशील करने हेतु लगातार प्रशिक्षण और सेमिनार जिला स्तर, जोन स्तर और राज्य स्तर प्रशिक्षण शिविर और सेमिनार आयोजित किये जाते है।
नकली खाद विक्रय करने एवं कालाबाजारी
[सहकारिता]
19. ( क्र. 541 ) श्री
संजीव सिंह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) माह
अप्रैल 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
भिण्ड जिले की
सहकारी
समितियों यूरिया, डी.ए.पी.
की
कितनी-कितनी
आपूर्ति कराई गई? सीजनवार
पृथक-पृथक
बतायें। (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में खाद, यूरिया, डी.ए.पी.
वितरण हेतु
जिले में
कितने-कितने
कृषकों को
कितनी-कितनी
भूमि के लिये
कितनी-कितनी खाद
प्रदाय करने
हेतु
प्रस्ताव
शासन को कब भेजा
गया था? प्रस्ताव
के अनुरूप खाद
उपलब्ध कराई
गई है? यदि
नहीं,
तो
क्यों? (ग) जिले में
नकली खाद
विक्रय करने
एवं कालाबाजारी
किये जाने के
कितने मामले
संज्ञान में
आये और उनके
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या
उपरोक्त
प्रश्नांश
के संबंध में सोसायटियों
द्वारा वितरण
पर्ची में
गड़बड़ी निर्धारित
समय-सीमा में
खाद वितरण में
अनियमितताएं
एवं किसानों
को खाद नहीं
मिलने के कारण
क्या है?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) उर्वरक
(नियंत्रण)
आदेश 1985
में उर्वरक
वितरण/विक्रय
हेतु भू-सीमा
निर्धारित
नहीं है।
प्रश्नांश 'क'
के
संबंध में कोई
प्रस्ताव
शासन को नहीं
भेजा गया, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
भिण्ड
जिले में नकली
खाद विक्रय
करने एवं
कालाबाजारी
किये जाने की
कोई शिकायत
नहीं प्राप्त
हुई, शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (घ) सोसायटियों
द्वारा वितरण
पर्चियों में
गड़बड़ी और
निर्धारित
समय-सीमा में
खाद वितरण में
अनियमितताओं
के संबंध में
शिकायत नहीं
प्राप्त हुई।
विपणन संघ से
खाद मिलने पर
किसानों को
खाद उपलब्ध
कराया गया है।
सहारा इंडिया एवं अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा भुगतान
[गृह]
20. ( क्र. 542 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड और चिटफंड कंपनियों द्वारा जनता का जमा पैसा भुगतान नहीं करने के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राप्त हुई हैं उन पर क्या कार्रवाई की गई है? (ख) भिण्ड में सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार उन्हें रकम वापस दिलाने के लिए क्या-क्या प्रयास कर रही है। शासन द्वारा इन कंपनियों को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? (ग) भिण्ड शहर कोतवाली थाना में सहारा इण्डिया कम्पनी के चेयरमेन सुब्रतो राय सहारा और कम्पनी से जुड़े अन्य अधिकारियों पर जमाकर्ताओं का पैसा नहीं लौटाने पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं एफ.आई.आर. दर्ज करने के इतने अंतराल तक आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्या प्रयास किये गये? भिण्ड जिले के कितने लोगों का रूपया सहारा इण्डिया में जमा है। इनके भुगतान के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जा रही है? क्या एफ.आई.आर. के बाद से लोगों का पैसा वापस मिलना बंद कर दिया गया है? (घ) मध्यप्रदेश में किन-किन जिलों में सहारा कम्पनी पर एफ.आई.आर की गई है? उक्त जिलों में गिरफ्तारी के लिए क्या प्रयास किये गये हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सहारा इंडिया लिमिटेड के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं सहारा इंडिया लिमिटेड और चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध सीधे पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा 63 लोगों से 20,13,71,500/- रूपये धनराशि हड़पनें का अनुमान है एवं 3,38,246/- रूपये का निवेशकों को भुगतान किया गया है। शासन द्वारा सहारा इंडिया लिमिटेड और चिटफंड कंपनियों की राशि गबन के संबंध में शिकायत दर्ज करवाने हेतु जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिला पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। सहारा इंडिया लिमिटेड एवं चिटफंड कंपनियों की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर केंप लगाये गये हैं। उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। सहारा इंडिया लिमिटेड और चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायतें मिलने पर ''म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000'' एवं ''दी बैनिंग ऑफ अनरैगुलेटेड डिपॉजिट स्किम्स एक्ट 2019'' के अंतर्गत विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश के संदर्भ में विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''य'' अनुसार है।
जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 646 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से जनवरी 2022 तक जनजाति बस्ती विकास योजना के तहत कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से कितने कार्य जनजाति बस्तियों में हुए व उनकी स्थिति वर्तमान में क्या है? यह जानकारी केवल विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना की दी जावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
अवैध शराब की बिक्री
[गृह]
22. ( क्र. 648 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में विगत वर्ष अवैध शराब एवं निर्माण से ग्राम छेरा जिला मुरैना कई व्यक्तियों की मौत हुईं? (ख) उपरोक्त घटना की पुनरावृत्ति उपरोक्तानुसार चल रही है। शराब माफिया रोज अवैध बिक्री कर रहे है। मुरैना जिले से बाहर भी राजस्थान से अवैध सप्लाई हो रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। घटना के संबंध में थाना बागचीनी में अप.क्र. 12/21 धारा 304,34 भा.द.वि. 34,49 (ए) आबकारी एक्ट इजाफा धारा 420, 465, 468, 470, 471, 473 भा.द.वि. पंजीबद्ध हुआ था, जिसमें विवेचना पूर्ण कर 15 आरोपीगणों के विरूद्ध दिनांक 17.05.21 को माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। (ख) जी नहीं। ग्राम छैरा की घटना के उपरांत अवैध शराब एवं निर्माण के कारण जिला मुरैना में अभी तक किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। जिला मुरैना में ग्राम छैरा की घटना के बाद शराब माफियाओं के विरूद्ध अवैध शराब एवं निर्माण पर पूर्ण रोकथाम हेतु निरंतर सघन अभियान चलाये जाकर 1183 प्रकरणों में 1271 आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर 39462 लीटर अवैध शराब जप्त की गई, जिसमें राजस्थान से अवैध सप्लाई करने वालों माफियाओं के विरूद्ध 386 प्रकरणों में 436 आरोपियों के विरूद्ध 21640 लीटर अवैध शराब जप्त की गई तथा म.प्र. एवं अन्य राज्यों में निर्मित मदिरा के 797 प्रकरणों में 835 आरोपियों से अवैध मदिरा जप्त की गई। राजस्थान राज्य के सीमावर्ती जिले धौलपुर से शराब माफियाओं द्वारा अवैध शराब के परिवहन रोकने हेतु जिला पुलिस मुरैना की गश्ती टीम द्वारा सक्रिय रूप से निरंतर कड़ी निगरानी रखी जाकर आरोपियों के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
औद्योगिक क्षेत्रों में नकली पाइप लाइन की शिकायत
[गृह]
23. ( क्र. 698 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया-डुगरिया औद्योगिक क्षेत्र में नकली पाईप के निर्माण से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हाँ तो, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) क्या जबलपुर के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में इस प्रकार की नकली और फर्जीवाड़े की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) यदि हाँ तो ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शासन स्तर पर क्या कोई ठोस नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को प्रारंभ करना
[चिकित्सा शिक्षा]
24. ( क्र. 701 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना को लेकर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वर्ष 2018 में उपचार हेतु शुरू होना था, किन्तु निर्माण एजेन्सी के द्वारा मेडिकल कॉलेज को हस्तांतरण मात्र की औपचारिकताओं के कारण लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो इस हस्तांतरण प्रक्रिया को पूरा करने और स्वीकृत प्रस्ताव में दर्ज सुविधाओं के साथ कब तक शुरू करने पर विचार किया जा रहा है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। निर्माण कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31/03/2022 है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्गेनिक फार्मिंग योजना के अंतर्गत प्रावधानित बजट और उपयोग
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र. 707 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
यह सही है कि
वर्ष 2016-17
में भारत
सरकार के
जनजातीय मामले
के मंत्रालय
के द्वारा
आर्गेनिक
फर्मिंग के
तहत आवंटित 74 करोड़
रूपये के बजट
को पात्र
लाभार्थियों
को देने के
बजाय अपात्र
व्यक्ति को
दिये जाने की
शिकायतें
मिली हैं? (ख) यदि
हाँ तो तत्संबंधी
विस्तृत
जानकारी देवे? (ग) क्या
इस अवमानना के
खिलाफ विभाग
द्वारा इस
फर्जीवाड़े
में संलिप्त
जिम्मेदार
अधिकारियों
पर कार्यवाही
सुनिश्चित की
गई है? (घ) यदि हाँ तो
इस संबंध में
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( कुमारी मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) जी
हाँ। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ग) जी
हाँ। । (घ) मंत्रि
परिषद द्वारा
लिये गये
निर्णय अनुसार
दायित्व
निर्धारण की
कार्यवाही
कृषि विभाग के
अधीन प्रचलन
में है।
वन मित्र पोर्टल आवेदन पत्रों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 730 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन मित्र पोर्टल पर वन भूमि के पट्टा प्रदान करने के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं पूर्ण विवरण देवें? (ख) फरवरी, 22 की स्थिति में वनमित्र पोर्टल पर वनभूमि के पट्टा हेतु रायसेन जिले में कितने व्यक्तियों द्वारा ऑनलाईन आवेदन किये गये तहसीलवार संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है तथा कब तक निराकरण होगा? (घ) रायसेन जिले में वनभूमि के पट्टा प्राप्त अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को खेत में विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर स्थापित करने से वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा हैं इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है पूर्ण विवरण देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है (ग) पूर्व के निरस्त दावों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत प्राप्त वन अधिकार पत्र के हितग्राहियों को विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत सुविधा प्रदान करने एवं संबंधित विभाग को वन अधिकार अधिनियम 2006 अथवा वन संरक्षण अधिनियम 1980 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत अनुमति प्राप्त किये जाने के निर्देश हैं। उपरोक्त संबंध में आवेदन प्राप्त होने पर सामान्य वन मण्डल रायसेन द्वारा नियमानुसार अनुमति प्रदान की जाती है।
निराश्रित पेंशन स्वीकृति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
27. ( क्र. 732 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र निराश्रित पेंशन स्वीकृति के संबंध में कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण देवें? (ख) माननीय विधायकों के पत्रों में उल्लेखित किन-किन व्यक्तियों की पेंशन कब-कब स्वीकृत की गई तथा किन-किन की पेंशन क्यों स्वीकृत नहीं की गई व्यक्तिवार कारण बतायें? (ग) माननीय विधायकों को उनके पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये गये पत्रवार कारण बतायें? (घ) निराश्रित से क्या अभिप्राय है तथा इसका निर्धारण करने का अधिकार शासन ने किसको दिया है शासन के आदेश की प्रति बताये रायसेन जिले में व्यक्ति निराश्रित है या नहीं इसका निराकरण पटवारी एवं ग्राम पंचायत के सचिव किसके आदेश से कर रहे हैं पूर्ण विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय से निराश्रित पेंशन स्वीकृति के संबंध में कुल 14 पत्र प्राप्त हुए है जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय के पत्रों का उत्तर निरंतर प्रस्तुत किया गया है जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार। (घ) सामाजिक न्याय विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-2/-87/2010/26-2 दिनांक 25-06-2013 की कंडिका-8 में निर्धारण किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
गौशालाओं में शासन द्वारा प्राप्त राशि का दुरूपयोग
[पशुपालन एवं डेयरी]
28. ( क्र. 749 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि हाल में भोपाल के बैरसिया स्थित गौशाला में कितनी गायों के शव पाये गये? उक्त गौशाला किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले दस वित्तीय वर्षों में कितना-कितना अनुदान दिया गया? सम्पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नाधीन गौशाला में वर्ष 2015 से 2022 के जनवरी माह में कितनी-कितनी गाय दर्ज हैं तथा किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया। (ग) गौशाला में सैंकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उसके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जानकारी देवें यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सरकार इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गौशाला के अनुदान लेने वाली सभी संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भोपाल जिले की विकासखण्ड बैरसिया में स्थित गौशाला में गौवंश के शव मिलने की जानकारी के संबंध में विदित है कि निरीक्षण दौरान गौशाला परिसर में 45 पशुओं के शव काफी पुराने जिनमें 09 शव दो से तीन दिन पुराने पाए गए थे। इसके अतिरिक्त गौशाला परिसर के समीप तालाब किनारे 42 पशुओं के कंकाल अत्यधिक पुराने पाए गए थे। गौशाला सेवा भारती ग्राम बसई विकासखण्ड बैरसिया द्वारा संचालित की जा रही थी जो कि एक अशासकीय स्वयं सेवी संस्था है। विगत 10 वर्षों में प्रदाय अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जिला प्रशासन द्वारा थाना बैरसिया में अपराध क्र. 66/22 पंजीबद्ध कराया गया है। म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड भोपाल के आदेश क्रमांक 339-41 दिनांक 17.02.2022 द्वारा गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया है। कार्यवाही से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) गौशाला संचालकों द्वारा सी.ए.से ऑडिट कराए जाने का प्रावधान है।
लापता नाबालिग लड़कियों की जानकारीl
[गृह]
29. ( क्र. 779 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर जिले में कितनी नाबालिग लड़कियों के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज की गई? (ख) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त में से कितनी नाबालिग लड़कियों को पुलिस द्वारा ढूंढ निकाला गया या उनकी वापसी की सूचना मिली है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 19.02.22 तक इंदौर जिले में नाबालिग लड़कियों के लापता होने की 853 रिपोर्ट पुलिस थानें में दर्ज की गई। (ख) दिनांक 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 19.02.2022 तक उक्त दर्ज 853 रिपोर्ट में से 688 नाबालिग गुमशुदा लड़कियों की दस्तयाबी की गई है।
सी.एम. हेल्पलाईन शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
30. ( क्र. 787 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 21 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में इंदौर जिले से कुल कितनी शिकायतें मिली हैं? (ख) उपरोक्त अवधि में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ग) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (घ) यदि हाँ, तो कितने ऐसे मामले हैं जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं? (ड.) इंदौर जिले में कितनी ऐसी शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में इंदौर जिले से 1,67,695 शिकायतें प्राप्त हुई है। (ख) 1,54,446 शिकायतों का निराकरण किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) असंतुष्ट मामलों की संख्या 21,799 (ड.) कुल लंबित शिकायतें 151।
सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण नहीं किया जाना
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 822 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों में से वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित की जा रही भूमियों पर वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 ख के तहत प्रश्नांकित दिनांक तक भी सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण नहीं किया गया? (ख) जिले के कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज कितनी जमीन वन विभाग के वर्तमान वर्किंग प्लान में शामिल कर सरंक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित की जा ही है इसमें से कितने ग्रामों की कितनी भूमियों के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान कर दिए गए है? (ग) वर्किंग प्लान में शामिल संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित भूमियों से संबंधित निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज किन-किन प्रयोजनों को समाप्त कर दिया गया है, इन्हें समाप्त करने, बदलने की कार्यवाही वर्तमान में किसके समक्ष लम्बित है? (घ) वर्किंग प्लान में शामिल संरक्षित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित की जा रही भूमि से संबंधित निस्तार पत्रक में दर्ज अधिकारों के अधिकार पत्र कब तक वितरित किए जायेंगे समय-सीमा सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। (ख) वनमंडल उत्तर, दक्षिण एवं पश्चिम वन मंडल बैतूल में वर्किंग प्लान में शामिल भूमि कुल वनखंड 498 में 74312.724 हेक्टेयर एवं असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी भूमि) की कुल भूमि वनखण्ड 107 में 19420.879 हेक्टेयर प्रतिवेदन की जा रही है। इसमें से 15 ग्रामों की कुल 192.928 हेक्टेयर भूमि के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान कर दिये गए हैं। (ग) वर्किंग प्लान में शामिल संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित भूमियों से संबंधित निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज किसी भी मद/प्रयोजनों को समाप्त नहीं किया गया है। वन बनाये जाने हेतु वन संरक्षण अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष लंबित है। (घ) वर्किंग प्लान में शामिल संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित भूमि में 15 गामों की कुल 192.928 हेक्टेयर भूमि के सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये है एवं जिले स्तर पर कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार कानून के अनुसार मान्य दावे
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 823 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार व्यक्तिगत वन अधिकार दावें पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस मद और प्रयोजन के लिए दर्ज जमीनों के मान्य किए जाने का क्या प्रावधान है दावें अमान्य किए जाने का क्या-क्या प्रावधान है पृथक-पृथक बतावें। (ख) भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 अ के अनुसार वन विभाग द्वारा राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर डीनोटीफाईड कर दी गई भूमियों पर वन अधिकार दावों को मान्य किए जाने का क्या प्रावधान आदेश या निर्देश है प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 27 एवं धारा 34 अ के अनुसार डीनोटीफाईड की गई भूमियों से सम्बंधित व्यक्तिगत वन अधिकार दावों को मान्य किए जाने या अमान्य किए जाने या निरस्त किए जाने के सम्बंध में शासन के स्तर से किस-किस दिनांक को पत्र परिपत्र आदेश निर्देश जारी किए गए हैं, यदि जारी नहीं किए हों तो उसका कारण बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में वर्णित वन भूमि एवं म.प्र.शासन राजस्व विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 2-4/ 2014/सात – 6, दिनांक 5.8.2014 एवं म.प्र.शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र क्रमांक/एफ 20-3/2013/3-25, दिनांक 26.7.2016 के अनुसार राजस्व वन (छोटे-बड़े झाड़ के जंगल) मद में दर्ज भूमि के दावे मान्य किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006, मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के प्रावधानों का पालन न होने पर दावे अमान्य होते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) अनूसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) में दी गई परिभाषा के अनुसार '' वनभूमि'' से किसी वन क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली किसी प्रकार की भूमि अभिप्रेत है और उसके अन्तर्गत अवर्गीकृत वन, असीमांकित विद्यमान वन या समझे गए वन संरक्षित वन, आरक्षित वन, अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी है, का प्रावधान है। (ग) अधिनियम के अनुसार कार्यवाही करना प्रावधानित है। अत: पृथक से निर्देश की आवश्यकता नहीं है।
विभागीय निर्माण कार्यों को कराये जाने की प्रक्रिया
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 853 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर. के प्रावधानों के तहत निर्माण कार्यों को कराया जाता है? यदि हाँ तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों? विभागीय निर्माण कार्यों को किन नियम एवं निर्देशों के तहत किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) निर्माण कार्यों की माप लेने एवं माप पुस्तिका में दर्ज करने और ली गयी एवं माप पुस्तिका में दर्ज की गयी माप का सत्यापन करने के क्या नियम हैं और इसे किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा किस प्रकार किया जाता है? इस संबंध में विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के नियम/निर्देश बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या विभागीय सहायक यंत्री द्वारा निर्माण कार्यों की माप कर माप को माप पुस्तिका में दर्ज किया जाये और दर्ज की गयी माप का किसी अन्य उच्च तकनीकी अधिकारी से सत्यापन कराये बिना निर्माण कार्यों का भुगतान कर दिया जाये? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो किस प्रकार एवं किन नियमों/निर्देशों के तहत? यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1718 दिनांक 01/03/2021 के प्रश्नांश (ग) का दिया गया उत्तर किस प्रकार सही है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में एक ही तकनीकी अधिकारी द्वारा कार्यों का प्राक्कलन तैयार करने, कार्यों की माप कर माप पुस्तिका में दर्ज करने एवं ली गयी दर्ज की गयी माप का अन्य किसी उच्च तकनीकी अधिकारी द्वारा माप का सत्यापन ना करने और कार्यों के बिल/देयक तैयार किए जाने की वर्षों तक की गयी अनियमितता का संज्ञान लिया जायेगा और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। निविदा के माध्यम से निर्माण कार्य कराये जाते है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभागीय निर्माण कार्यों को कराये जाने के नियम एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' के सम्बन्ध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। विभाग से सम्बन्धित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, लोक निर्माण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1718 दिनांक 01-03-2021 में नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है एवं कार्यालयीन आदेश क्रमांक/ निर्माण/2/06-07/744 दिनांक 15-01-07 अनुसार मापदर्ज एवं भुगतान की कार्यवाही की गई। जिला कटनी में सहायक यंत्री के पास उपयंत्री का प्रभार होने से माप एवं सत्यापन कार्य किये गये है। (ड.) प्रश्नांश ''ड.'' के सम्बन्ध में प्रश्नांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् अधिसूचित सेवायें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
34. ( क्र. 854 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत् किन-किन विभागों की कौन-कौन सी सेवायें अधिसूचित हैं? इन सेवाओं को प्राप्त करने की क्या व्यवस्था नियत हैं और अधिसूचित सेवाओं के आवेदन कहां-कहां किए जा सकते हैं? (ख) पन्ना जिले में कितने लोक सेवा केन्द्र कहां-कहां कब से संचालित हैं, लोक सेवा केन्द्रों में नागरिकों की सुविधा के लिए क्या-क्या संसाधनों की उपलब्धता के निर्देश हैं? क्या पन्ना जिले में संचालित केन्द्रों में उपरोक्त सुविधायें उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो केंन्द्रवार जानकारी दीजिए, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत पन्ना जिले में विगत 02 वर्षों में अधिसूचित किन-किन सेवाओं के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितने आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण किया गया? कितने आवेदनों की सेवायें प्रदाय की गयी एवं किन-किन पदभिहित अधिकारियों द्वारा कितने एवं कौन-कौन से आवेदनों का निराकरण समय-सीमा के बाद किया गया? कितने आवेदनों की सेवायें किन कारणों से प्रदाय नहीं की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या समय-सीमा बाह्य आवेदनों और प्रथम अपील आवेदनों की समीक्षा की गयी? यदि हाँ, तो कब-कब और क्या कार्यवाही की गयी तथा क्या जिन पदभिहित अधिकारियों द्वारा आवेदनों का निराकरण नियत अवधि के बाद किया गया? उन अधिकारियों पर नियमानुसार कार्यवाही कर शास्ति अधिरोपित की गयी? यदि हाँ, तो विवरण बताइये, यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही ना करने और शास्ति अधिरोपित ना करने का कारण बताइये।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम अंतर्गत 47 विभागों की 564 सेवाऐं अधिसूचित हैं, सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। इन सेवाओं में से ऑनलाईन चिन्हित सेवाओं का लाभ लोक सेवा केन्द्र, सी.एस.सी, एम.पी. ऑनलाईन एवं लोक सेवा गारंटी पोर्टल पर स्वयं ई-केवायसी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है तथा शेष सेवाओं का लाभ सीधे कार्यालय में आवेदन दिया जाकर प्राप्त किया जा सकता है। सेवाओं को प्राप्त करने संबंधी नीति-निर्देश/परिपत्र/आदेश आदि लोक सेवा गारंटी पोर्टल www.mpedistrict.gov.in पर उपलब्ध है। (ख) पन्ना जिले में 09 तहसील मुख्यालयों पर निम्नानुसार लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं। 1. लोक सेवा केन्द्र तहसील पन्ना, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 25/09/2012 2. लोक सेवा केन्द्र तहसील अजयगढ़, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 10/01/2013, 3. लोक सेवा केन्द्र तहसील पवई, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 15/01/2013 4. लोक सेवा केन्द्र तहसील शाहनगर, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 14/02/2013 5. लोक सेवा केन्द्र तहसील गुनौर, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 05/04/2013 6. लोक सेवा केन्द्र तहसील देवेन्द्र नगर, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 27/04/2016 7. लोक सेवा केन्द्र तहसील अमानगंज, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 27/04/2016 8. लोक सेवा केन्द्र तहसील सिमरिया, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 27/04/2016 9. लोक सेवा केन्द्र तहसील रैपुरा, केन्द्र प्रारम्भ दिनांक 29/04/2016। जिले के समस्त लोक सेवा केन्द्रों में नागरिकों की सुविधा हेतु शासन निर्देशानुसार समस्त बुनियादी व्यवस्थायें उपलब्ध हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) पन्ना जिले में अधिसूचित सेवाओं के 02 वर्षों में कुल 3,01,528 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 2,71,688 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया तथा 15,058 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा बाह्य किया गया है 17,419 आवेदनों की सेवाऐं अमान्य की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। आवेदक द्वारा दस्तावेज संलग्न न करने तथा सेवा हेतु अपात्र होने आदि जैसे कारणों से पदाभिहित अधिकारी द्वारा अमान्य किये जाते हैं। (घ) जी हाँ। जिले में समय-सीमा बाह्य आवेदनों एवं अपीलों की समीक्षा साप्ताहिक बैठकों एवं राजस्व बैठकों के माध्यम से की जाती है तथा समय-सीमा बाह्य हुये आवेदनों पर संबंधित पदाभिहित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाती है, साथ ही कुछ प्रकरणों में शास्ति संबंधी कार्यवाही भी अपीलीय अधिकारियों द्वारा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
सी.एम. हेल्प लाईन शिकायतों की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
35. ( क्र. 874 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में कुल कितनी शिकायतें किस-किस विभाग की प्राप्त हुई तथा उनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है यदि हाँ, तो कितनी ऐसी शिकायतें हैं जिनमें शिकायत निराकरण से शिकायतकर्ता संतुष्ट हैं? यदि नहीं, संतुष्ट हैं तो क्यों शिकायत बन्द की गई? संतुष्ट/असंतुष्ट अंकित कर शिकायतवार जानकारी देवें। (ख) मुरैना जिले में एक वर्ष या अधिक अवधि से किस-किस विभाग की कितनी शिकायतें लंबित है विभागवार जानकारी देवें। (ग) क्या यह सही है कि सी.एम. हेल्पलाईन की कई शिकायतों को कई विभागों के अधिकारी शिकायकर्ता की संतुष्टि के बिना ही शिकायत बन्द कर देते हैं यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) मुरैना जिले की विभागवार शिकायतों की संतुष्टि/असंतुष्टि अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि-“अ” अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित शिकायतों की विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब” अनुसार है। (ग) जी नहीं। सी.एम. हेल्पलाईन की शिकायतों को कुछ विशेष परिस्थितियों में स्पेशल क्लोज किए जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –“स” अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
36. ( क्र. 1030 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एक जिले में एक ही जाति के नागरिकों को दो अलग-अलग तहसीलों में अलग-अलग केटेगरी (आरक्षण की दृष्टि से) के माने जा सकते हैं? (ख) दतिया जिले के भाण्डेर तहसील में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति माना जाता है? यदि हाँ, तो प्रमाणित साक्ष्य बतावें? (ग) क्या दतिया जिले में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष 1950 की स्थिति में जिला दतिया में कुम्हार जाति अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। भाण्डेर तहसील वर्ष 1998 के पूर्व ग्वालियर जिला में सम्मिलित थी, वर्ष 1998 में जिलों के पुनर्गठन पश्चात दतिया जिले में सम्मिलित हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है।
वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों को कानूनी सहायता
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 1110 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार कानून के अंतर्गत कितने ऐसे मामले हैं जिनमें अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक आदिवासियों द्वारा किए गए भूमि स्वामित्व के दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज किया गया है? (ख) इनमें से कितने मामलों में सबूतों के अभाव, प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव तथा वन विभाग द्वारा प्रमाण नहीं दिए जाने के कारण और दावेदार आदिवासी द्वारा अपनी पैरवी ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण दावे निरस्त हो गए। (ग) क्या सरकार ने वनाधिकार का दावा करने वाले आदिवासियों की सहायता के लिए परामर्श या कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो क्या सहायता दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) कानूनी परामर्श या कानूनी सहायता हेतु किसी भी आवेदक का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शासन द्वारा निरस्त दावों के पुन: परीक्षण हेतु एम.पी. वनमित्र पोर्टल बनाया गया है। जिसके माध्यम से दावेदारों को युक्ति-युक्त अवसर प्रदान किया गया है, धार जिले में विभिन्न आधारों पर निरस्त किये गये दावों में से अनुसूचित जनजाति के 2666 एवं अन्य परम्परागत वर्ग के 03 कुल 2669 दावों को पुन: परीक्षण में मान्य किया गया है।
ओ.टी. रिनोवेशन एवं एम.जी.एम.मेडिकल कॉलेज में स्कील सेंटर खोलना
[चिकित्सा शिक्षा]
38. ( क्र. 1125 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर में आपरेशन थियेटर (ओ.टी.) के रिनोवेशन के लिये शासन को कब प्रस्ताव भेजा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कितनी राशि का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था? कितनी राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई थी? लोक निर्माण विभाग को शासन से कब कार्य के लिये मंजूरी प्राप्त हुई? लोक निर्माण विभाग द्वारा रिनोवेशन कार्य प्रारंभ किया जा चुका है? हाँ या नही? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कार्य प्रारंभ किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रिनोवेशन हेतु पुरानी ओ.टी.को शिफ्ट किया जायेगा? हाँ या नही? यदि हाँ, तो कब तक ओ.टी. शिफ्ट की जाकर वैकल्पिक स्थान पर संचालित की जायेगी? क्या रिनोवेशन कार्य प्रारंभ किया जाकर पूर्ण किया जायेगा? समय-सीमा बताये? (घ) क्या एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज में नये ओ.पी.डी. भवन की छत पर नेशनल इमरजेंसी लाईफ कोर्स प्रारंभ करने के लिये स्कील सेंटर खोला जाना भी प्रस्तावित था? हाँ या नही? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कब सेंटर खोलने हेतु मंजूरी दी गई, कितनी राशि की मंजूरी दी गई? वर्तमान में सेंटर खोलने की क्या स्थिति है, कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? कार्य प्रारंभ कब तक होगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासन को कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं हुआ है। प्रेषित प्रस्ताव संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन से संबंधित नहीं है। राशि रूपये 5.41 करोड़ का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। शासन द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई थी। राशि रूपये 5.41 करोड़ की स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अधिष्ठाता (शासकीय स्वशासी संस्थान) महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर से दिनांक 21/01/2019 को प्राप्त हुई। जी नहीं। कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर में ऑपरेशन थियेटर (ओ.टी.) रिनोवेशन के लिए रिक्त ऑपरेशन थियेटर (ओ.टी.) कराने के लिए स्त्रीरोग एवं प्रसुति रोग विभाग को नवीन निर्मित अस्पताल में स्थानांतरित नहीं किया जा सका। रिक्त आपॅरेशन थियेटर (ओ.टी.) स्थान की अनुपलब्धता के कारण ऑपरेशन थियेटर (ओ.टी.) रिनोवेशन का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। भारत शासन द्वारा अक्टूबर 2019 में राशि रूपये 1.40 करोड़ की मंजूरी स्कील सेन्टर हेतु दी गई है। एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर की नवीन ओ.पी.डी. भवन की छत पर स्कील सेन्टर बनाया जाना है। वर्तमान में उक्त स्थान पर म.प्र. सरकार के विद्युत विभाग की योजना के तहत सोलर पैनल लगे हुए है। तकनीकी विषय होने के कारण संबंधित विभाग वर्तमान में सोलर पेनल स्थानांतरण का कार्य किया जा रहा है। सोलर पैनल स्थानांतरण का कार्य पूर्ण होते ही स्कील सेन्टर के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रशासकीय स्वीकृत राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
39. ( क्र. 1136 ) श्री महेश परमार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के डी.डी.ओ. कोड 4302506001 में कब तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना में प्रशासकीय स्वीकृति आदेश अनुसार 15 लाख एवं 50 लाख डाले जाएंगे? (ख) क्या आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मध्य प्रदेश भोपाल को पत्र क्रमांक/आजा/निर्माण/2020-21/2474 उज्जैन दिनांक 07/09/2020 के द्वारा कलेक्टर ज़िला उज्जैन ने इस संबंध में पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण होगी? विलंब के कारण क्या है? (ग) क्या इस संबंध में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण ने आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मध्य प्रदेश भोपाल को दिनांक 04/12/2020 को पत्र क्रमांक/आजा/निर्माण/2020-21/3665 पत्र लिखकर स्वीकृत कार्यों की राशि लौटाने के लिए पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या कलेक्टर अनु.जाति कल्याण विभाग उज्जैन को आवक शाखा में भोपाल दिनांक 28/11/2020 को जारी पत्र क्रमांक 3900 ज़िला संयोजक उज्जैन कार्यालय में उल्लेखित कार्यों की अद्यतन स्थिति अभिमत सहित भिजवाने के लिए प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 में स्वीकृत कार्यों की आवंटन राशि प्रदाय करने के संबंध में की गयी आवश्यक कार्यवाही से अवगत कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश अनुसार ग्राम पंचायत उपडी को स्वीकृत कार्य के विरूद्ध राशि रू. 15.00 लाख जिला कार्यालय के आहरण आदेश क्र. 3000 दिनांक 14.10.2020 से जारी की गई है। शासन स्वीकृति क्र. 196/1684/2019/4/25 दिनांक 26.02.2020 से उज्जैन जिले के 25 कार्यों के लिए राशि रू. 50.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की थी। कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के ज्ञापन क्र. 12557-58 दिनांक 05.03.2020 से राशि रू. 50.00 लाख ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के बी.सी.ओ. में जारी की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। एक बार स्वीकृति अनुसार राशि जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रतिवर्ष प्राथमिकता से उपलब्ध आवंटन से स्वीकृतियां जारी होती हैं। (घ) जी हाँ। एक बार स्वीकृति अनुसार राशि जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी उप केन्द्रों का क्रियान्वयन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
40. ( क्र. 1139 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सागर जिला
अंतर्गत लोक
सेवा गारंटी
उप केन्द्र
स्वीकृत किये
गये थे? विकासखंडवार
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
''क'' में
स्वीकृत लोक
सेवा गारंटी
उप केन्द्रों
का संचालन
प्रारंभ हो
गया है? विकासखंडवार
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
''ख'' में
स्वीकृत
कितने लोक
सेवा गारंटी
उप केन्द्रों
का संचालन
प्रारंभ नहीं
हुआ है? विकासखंडवार
जानकारी
देवें। (घ) यदि लोक
सेवा गारंटी
उप केन्द्रों
का संचालन प्रारंभ
नहीं हुआ है
तो क्यों? इसके
लिए कौन
उत्तरदायी है? उप
केन्द्र कब तक
प्रारंभ
होंगे।
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-“अ” अनुसार है। (ख)
जी हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-”ब” अनुसार है। (ग)
स्वीकृत लोक
सेवा गारंटी
उपकेन्द्र के
संचालन
प्रारंभ नहीं
होने संबंधी
विकासखंडवार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-“स” अनुसार है। (घ)
उप लोक सेवा
केन्द्रों के
संचालन हेतु
चयनित स्थल
संबंधित
ग्राम पंचायत
एवं अन्य शासकीय
कार्यालय में
किये जाने का
कार्य प्रचलन
में है। उप
लोक सेवा
केन्द्र
शीघ्र
स्थापित किए
जाने के संबंध
में जिलों को
निर्देश जारी
किए गए हैं।
नरसिंहपुर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 1154 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है, यदि हाँ, तो जानकारी बतावें? (ख) यदि नहीं, तो क्या सरकार द्वारा कोई कार्य योजना बनाई जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) योजना के संबंध में समय-समय पर नीतिगत निर्णय लिये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
42. ( क्र. 1173 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 611 दिनांक 11/08/2021 में प्रश्नकर्ता के पूछे जाने पर खरगोन में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत होना बताया गया है, क्या स्वीकृति के उपरांत मेडिकल कॉलेज खोलने हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही हुई है? पत्राचारों की छायाप्रति देवें। कॉलेज का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जाएगा? (ख) जब खरगोन मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति हुई उस दौरान खरगोन के साथ-साथ किन-किन जिलों में मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति प्रदान की गई थी? उन जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के पश्चात क्या-क्या कार्यवाही हो चुकी है? उसकी छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज का कार्य प्रारंभ हो चुका है उन जिलों में कार्य प्रारंभ होने का क्या कारण रहा और खरगोन जिले में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के बाद कोई कार्य आगे नहीं बढ़ने का क्या कारण था? (घ) क्या खरगोन में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति निरस्त कर दी गई है? निरस्ती पत्र की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो मेडिकल कॉलेज का कार्य कब से प्रारंभ किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) महेश्वर, जिला खरगोन के साथ-साथ सिंगरौली में चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति प्राप्त हुई संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) इस विभाग द्वारा जारी की गई प्रशासकीय स्वीकृति के अनुक्रम में राजगढ़, मंदसौर, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर तथा मण्डला में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त स्वीकृति एवं समय-समय पर शासन द्वारा लिय गये नीतिगत निर्णय अनुसार। (घ) महेश्वर में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु भारत शासन से MOU हस्ताक्षरित न होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हो सकी है।
पैरामेडीकल स्टॉफ एवं नर्सिंग स्टॉफ की भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
43. ( क्र. 1198 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में पिछले वर्ष पैरामेडीकल स्टॉफ एवं नर्सिंग कर्मियों की भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन पदों पर कितने अभ्यर्थियों की भर्ती की गई है? तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इस भर्ती प्रक्रिया में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतः पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग के पास इस आशय की शिकायत प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायतों पर विभाग या शासन द्वारा किसी प्रकार की जांच अथवा कार्यवाही संस्थित की गई है? यदि हाँ, तो की गई समस्त कार्यवाही की जानकारी मय दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या इन भर्तियों में चिकित्सा शिक्षा आदर्श भर्ती नियमों का किसी भी स्तर पर उल्लंघन किया गया है? (घ) क्या चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में स्टॉफ नर्स की भर्ती में आयु का लाभ देते हुए कम अंक वाले उम्मीदवारों का चयन किया गया है तथा इसी महाविद्यालय में इस अवधि में पैरामेडिकल छात्रों की भर्ती में आयु में छूट का लाभ नहीं दिया गया? जबकि नर्सिंग एवं पैरामेडीकल स्टॉफ की भर्ती में एक समान नियम हैं? ब्यौरा सहित जानकारी देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध समूह ग्वालियर में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित आरक्षण प्रावधानों के उल्लंघन संबंधी जांच संभागायुक्त द्वारा की जा रही है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) जी नहीं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी 3-8/2016/1/3 भोपाल, दिनांक 04 जुलाई 2019 के अनुसार पैरामेडिकल की भर्ती में आयु में छूट का लाभ दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समस्याओं के निराकरण में गलत जानकारी दिया जाना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
44. ( क्र. 1220 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री शिकायत निवारण केन्द्र 181 काल सेंटर पर नागरिकों की समस्यायें दर्ज की जाती है? (ख) क्या 181 पर दर्ज कराई गई शिकायत के समाधान पश्चात् संबंधित द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत निवारण केन्द्र को सूचित किया जाता है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) का उत्तर हाँ है तो क्या संबंधित विभाग द्वारा शिकायत के समाधान संबंधी उत्तर की पुष्टि मुख्यमंत्री शिकायत निवारण केन्द्र द्वारा की जाती है। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो विभागों द्वारा दी गई त्रुटिपूर्ण/जानकारी के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सी.एम. हेल्पलाईन 181 पर शिकायत प्राप्त होने के पश्चात संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा शिकायतों का निराकरण कर, ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से निराकरण दर्ज किया जाता है। जिस पर कॉल सेंटर द्वारा शिकायतकर्ता से सहमति/असहमति परीक्षण हेतु कॉल किया जाता है। (ग) जी हाँ। (घ) संबंधित विभाग द्वारा शिकायतों के निराकरण को पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज किया जाता है। यदि किसी शिकायत में त्रटिपूर्ण निराकरण पाया जाता है तो संबंधित विभाग द्वारा शासन के प्रचलित नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है।
भुगतान किये जाने के संबंध में
[सहकारिता]
45. ( क्र. 1291 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि राज्य शासन के पत्र क्र./एफ-3-3/2012/15-1 भोपाल दिनांक 21.10.2015 एवं पत्र क्र.फ-3-6/2017/15-1 भोपाल दिनांक 17.05.2021 से जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. सीधी के कर्मचारियों का संविलियन सीधी/सतना/शहडोल बैंक में हो गया हैं। इसी बीच सेवानिवृत्त वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हरिशंकर कुशवाहा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित सीधी को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 29.03.2010 आदेश पारित किया था जिसके परिपालन में न्यायालय उप रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटीज रीवा ने दिनांक 12.07.2021 आदेश पारित कर भुगतान करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो हरिशंकर कुशवाहा के भुगतान बावत् उप आयुक्त सहकारिता/परिसमापन को आदेश क्र./रीडर/21/540 सीधी दिनांक 18.11.21 से आयुक्त सहकारिता म.प्र. को हरिशंकर कुशवाहा के भुगतान बावत् 40 लाख रूपये की आवश्यकता बताई गई, उस पर आयुक्त सहकारिता म.प्र. द्वारा पत्र क्रं./297 भोपाल दिनांक 14.09.21, 416 भोपाल, दिनांक 13.12.21 एवं पत्र क्रमांक 02 भोपाल दिनांक 04.01.2022 लिखा किन्तु उप आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल द्वारा कलेक्टर जिला सीधी को पत्र क्रं/भू.वि.अ./1/2021/401 भोपाल दिनांक 30.11.21 लिखा गया जिसमें उप आयुक्त सहकारिता सीधी को कलेक्टर-सीधी से मिलकर वसूली हेतु एक विशेष अभियान राजस्व अमले की मदद से चलाया जाय जिससे 10557 कृषकों से रूपये 49,47,87648/- की वसूली एक समय-सीमा के अन्दर प्राप्त करें। (ग) अभी तक परिसमापन/उप आयुक्त सहकारिता जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित सीधी द्वारा कलेक्टर सीधी से विशेष वसूली अभियान हेतु कितने बार सहयोग लिया दिया गया है। विवरण सहित जानकारी बतायें? इस प्रयास में अभी तक परिसमापन के बाद कुल कितनी वसूली प्राप्त हुई है तथा यह वसूली सेवानिवृत्त कर्मचारी की जगह अन्य किसे-किसे, कितना-कितना भुगतान किया गया हैं? विवरण सहित बतावें। (घ) हरिशंकर कुशवाहा का लगभग 40 लाख का भुगतान कालातीत ऋण वसूली से कब तक किया जावेगा, समय-सीमा बतायें? अभी तक विशेष वसूली अभियान क्यों नहीं चलाया गया है दोषी कौन है, दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी? हरिशंकर कुशवाहा का भुगतान शासन से बजट मिलने पर कब तक किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक के उल्लेखित निर्देशों का पालन प्रक्रिया अन्तर्गत है। (ग) उपायुक्त सहकारिता/परिसमापक जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक सीधी के द्वारा वसूली हेतु अभियान अन्तर्गत कलेक्टर जिला सीधी स्तर से ऋण वसूली हेतु संबंधित तहसीलदारों के माध्यम से आर.आर.सी. जारी कराये जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से राशि वसूली व भुगतान विवरण निरंक है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार प्रक्रिया जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उल्लेखित सेवानिवृत्त कर्मचारी के विरूद्ध थाना जियावन जिला सीधी में राशि रूपये 15,88,016/- के गबन मामले में आरोपी होकर प्रकरण न्यायालय देवसर में अपराध क्रमांक मामला 79/2018 प्रचलन में है, अन्य मामले में जिला विकास बैंक सीधी के वर्ष 2005-06 के लिए धारा 58 (बी) अन्तर्गत अधिरोपित राशि रूपये 8,41,100/- में सहआरोपी है एवं जिला विकास बैंक सीधी की पंजी अनुसार एक पृथक मामले में राशि रू. 2,00,699/- अग्रिम चुकता न करने का आरोपी बताया गया है। इन मामलों के लंबित रहते हुए आरोपी से वसूली योग्य राशियों के निराकरण उपरांत देयताओं के भुगतान पर नियमानुसार विचार संभव है। शेष प्रश्न नहीं उठता।
लिपिक वर्ग से सहकारी निरीक्षक के पद पर सीमित चयन परीक्षा
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1311 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग में सेवा भर्ती के नियम अनुसार प्रतिवर्ष लिपिक वर्ग से सहकारी निरीक्षक के पद पर सीमित चयन परीक्षा आयोजन किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो, उक्त परीक्षा वर्ष 2012 से आज दिनांक तक कितनी बार आयोजित हुई है? वर्षवार ब्यौरा देवें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (ख) विभाग के पत्र क्रमांक/स्था./3/2019/3465, दिनांक 20.12.2019 के संदर्भ में उल्लेखित परीक्षा कब आयोजित कराई गई है? यदि नहीं, तो परीक्षा आयोजन में विलंब का क्या कारण रहा? विषयांकित परीक्षा का आयोजन कब कराया जावेगा, समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में परीक्षा आयोजन में विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? उत्तरदायित्व निर्धारित कर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक एक बार दिनांक 19.05.2012 को उक्त परीक्षा आयोजित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नही, म.प्र. अधीनस्थ सहकारी (अलिपिक वर्गीय) सेवा भरती नियम-1967 की अनुसूची 5 में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। भरती नियम में संशोधन के उपरांत। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
47. ( क्र. 1316 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन में शिवपुरी जिले की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? (ख) क्या निराकरण के बाद शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने या असंतुष्ट होने की जानकारी दर्ज की गई है? (ग) यदि हाँ, तो कितने ऐसे मामले हैं जिनमें निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं तथा ऐसी कितनी शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम.हेल्पलाईन में शिवपुरी जिले में कुल 131178 शिकायतें प्राप्त हुईं तथा 121025 शिकायतों का निराकरण किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) 21425 शिकायतों में निराकरण के बाद भी शिकायतकर्ता असंतुष्ट है। शिवपुरी जिले में 104 शिकायतें हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित है।
शासन की राशि का दोहन किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
48. ( क्र. 1348 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भारत सरकार द्वारा दिनांक 02 दिसम्बर 2010 को प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.जी.कोर्स हेतु प्रथम किश्त के रूप में 22.41 करोड़ रूपये अनुदान स्वीकृत किया था? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस चिकित्सा महाविद्यालय को किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की जाकर किस-किस प्रयोजन में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गई अलग-अलग बतावें? (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि गांधी मेडिकल कालेज को रेडियों थेरेपी विभाग द्वारा राशि 6.70 करोड़ रूपये की मशीन क्रय की गई या नहीं यदि क्रय की गई तो कहां पर स्थापित की गई और यदि क्रय नहीं की गई तो उक्त राशि का उपयोग किस कार्य में किया गया क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जांच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राशि के उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी.एम.सी. भोपाल को प्राप्त राशि का उपयोग वांछित मदों में ही किया गया है।
गामा केमरा मशीन रखरखाव के अभाव में बंद होना
[चिकित्सा शिक्षा]
49. ( क्र. 1349 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि गांधी मेडिकल कालेज के हमीदिया अस्पताल में स्थापित गामा केमरा मशीन वर्षों से रख-रखाव के अभाव में बंद पड़ी होने की शिकायत शासन स्तर पर विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि गामा केमरा मशीन के सफल संचालन हेतु नियमानुसार किन-किन को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु विदेश भेजा जाना था और किन-किन को भेजा गया और उस पर शासन की कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि विदेश प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता को माह दिसम्बर 2017 को रायपुर एम्स में नवीन पदस्थापना हेतु एन.ओ.सी. प्रदाय की गई? यदि हाँ, तो प्रशिक्षण के नाम पर विदेश यात्रा पर शासन की राशि का सदुपयोग नहीं होने के चलते क्या शासन उक्त राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के एक चिकित्सक एवं रेडियो डायग्नोसिस विभाग से एक चिकित्सक को प्रशिक्षण पर विदेश भेजा जाना था। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. करण पीपरे को विदेश भेजा गया। शासन का व्यय निरंक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रशिक्षण हेतु शासन का व्यय नहीं हुआ है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 1357 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु अनुसूचित जाति विकास मद अंतर्गत आवंटन का प्रावधान है? यदि हाँ तो 01 अप्रैल, 2019 से आज पर्यन्त तक विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के विकासखंड वारासिवनी एवं खैरलांजी के किन-किन ग्रामों में योजनांतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य किये गये है? (ख) क्या यह सही है कि विकासखंड वारासिवनी एवं खैरलांजी के अनुसूचित जाति के कृषकों के द्वारा सिंचाई के विद्युत पंप में कनेक्शन हेतु खेतों में विद्युत आपूर्ति के लिये आवेदन किया है किन्तु आवंटन के अभाव में अनुसूचित जाति के पात्र कृषक योजना के लाभ से वंचित है। (ग) यदि हाँ तो 01 अप्रैल, 2019 से आज पर्यन्त तक विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी के अनुसूचित जाति के किन-किन कृषकों के सिंचाई के विद्युत पंप में कनेक्शन हेतु खेतों में विद्युत आपूर्ति के संबंधी आवेदन लम्बित है? आवेदन लम्बित होने का क्या कारण है तथा कब तक इन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
आवेदन पत्रों को सीधे संस्था प्रमुखों द्वारा न लिये जाने पर कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
51. ( क्र. 1368 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 1050 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्न क्र. 30 (ग) के उत्तर में सीधे आवेदन पत्रों को लिये जाने बावत् रोक जिला एवं शासन द्वारा नहीं लगाई गई है, का दिया गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल एवं रीवा जिले में कितने आवेदन पत्र किन-किन विभागों के प्रमुखों के कार्यालयों में वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में सीधे दिये गये, का विवरण माहवार, वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नांश (ख) अनुसार अगर संस्था प्रमुखों द्वारा सीधे आवेदन नहीं लिये गये, लोक सेवा केन्द्रों पर जबरन भेज कर केन्द्रों को लाभान्वित कराया गया, इसके लिये किन-किन की जवाबदार मानकर कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बिन्दु (ख) एवं (ग) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वार सीधे आवेदन न लेकर आवेदक को परेशान करने व लोक सेवा केन्द्रों के संचालकों को लाभान्वित कराने वाले पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही सीधे आवेदन लेने बावत् निर्देश जारी करेंगे एवं जिनके द्वारा सीधे आवेदन नहीं लिये गये, उन पर क्या कार्यवाही करेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला शहडोल – शहडोल जिले संचालित लोक सेवा केन्द्रों के अलावा सीधे आवेदन पत्र लिये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा रोक नहीं लगाई गयी है। जिला रीवा – रीवा जिले में जिला प्रशासन द्वारा शासन की मंशानुरूप पारदर्शी एवं पीपुल टू गवर्नेंस मोडल पर शासन प्रदत्त निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए जनता व शासन के मध्य से बिचौलिये हटाने के लिए तथा शीघ्र सेवा देने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यालय कलेक्टर, जिला रीवा म.प्र. द्वारा आदेश क्रमांक 60/लोसेगा/2020 दिनांक 08/07/2020 जारी किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के आवेदन http://mpedistrict.gov.in के माध्यम से लिये जाते हैं। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले में कुल 6,54,017 एवं जिला रीवा में कुल 10,45,370 आवेदन प्राप्त हुये हैं। जिला स्तर के विभिन्न कार्यालयों में उक्त सेवाओं के सीधे प्राप्त आवेदनों की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (ग) विभागों द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के आवेदन सीधे प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है। जिला रीवा में कार्यालयों में आवेदक से सीधे आवेदन प्राप्त न करके आवेदनों को लोक सेवा केन्द्रों/एमपी ऑनलाईन/सीएससी अथवा आवेदक द्वारा स्वयं ऑनलाईन दर्ज कराकर समय-सीमा में निराकरण किये जाने हेतु पदाभिहित अधिकारियों/अपीलीय अधिकारी/विभाग प्रमुख को निर्देशित किया गया है, जिससे कि लोक सेवा केन्द्र संचालकों को व्ही.जी.एफ. की राशि का भुगतान शासन को कम से कम करना पड़े। तदनुक्रम में जिला रीवा को शासन द्वारा भुगतान किये गये व्ही.जी.एफ. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ''घ'' के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता।
नाबालिग लड़कियों के लापता होने का कारण
[गृह]
52. ( क्र. 1375 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक ब्यावरा जिले राजगढ़ में कितनी नाबालिग लड़कियों के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज की गई? (ख) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त में से कितनी नाबालिग लड़कियों को पुलिस द्वारा ढूंढ निकाला गया या उनकी वापसी की सूचना मिली है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 जनवरी 2021 से दिनांक 21.02.22 तक ब्यावरा जिला राजगढ़ के पुलिस थाना ब्यावरा शहर में 09 एवं थाना देहात ब्यावरा में 10 नाबालिग लड़कियों के लापता होने की कुल-19 रिपोर्ट दर्ज हुई है। (ख) दिनांक 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 21.02.2022 तक उक्त दर्ज 19 रिपोर्ट में से 18 नाबालिग लापता लड़कियों की दस्तयाबी की गई तथा थाना देहात ब्यावरा की 01 लापता नाबालिग लड़की की तलाश जारी है।
इन्दौर एवं भोपाल जिले में यातायात सुधार
[गृह]
53. ( क्र. 1378 ) श्री संजय शुक्ला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर, भोपाल जिला अन्तर्गत पिछले 08 वर्षों में यातायात सुधार के लिये क्या प्रयास किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन चौराहों पर कैमरे लगाये गये किन कंपनियों को टेंडर दिये गये थे? कितनी-कितनी राशि का कार्य किस-किस कंपनी द्वारा किया गया? क्या वर्तमान में सभी स्थानों पर कैमरे चालू है? हाँ या नही? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो कैमरे बंद होने का क्या कारण है कैमरों की गुणवत्ता/प्रमाणीकरण कराया गया था? हाँ या नही? यदि हाँ तो किस सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वर्तमान में इन्दौर एवं भोपाल जिलों में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के पश्चात विभाग द्वारा दोनों शहरों में चौराहों एवं अन्य स्थानों पर लगे कैमरे खराब होना बताये गये? हाँ या नही? यदि हाँ तो शासन द्वारा इन्दौर भोपाल को नई व्यवस्थाओं हेतु कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? इन्दौर एवं भोपाल पुलिस द्वारा यातायात सुधार हेतु क्या-क्या कार्य कराये जायेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। टेक्नोसिस सेक्योंरिटी सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड कंपनी एवं मेसर्स हनीवेल कंपनी को टेंडर दिये गये। इन्दौर शहर में प्रथम चरण में राशि रूपये 8,38,23,644/- एवं द्वितीय चरण में राशि रूपये 8,86,09,963/- का कार्यादेश टेक्नोसिस सेक्योंरिटी सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया था तथा भोपाल शहर में राशि रूपये 24,96,07,451/- का कार्यादेश मेसर्स हनीवेल कंपनी को दिया गया था। वर्तमान में इन्दौर शहर के सभी स्थानों पर कैमरे चालू हैं। भोपाल शहर के सभी स्थानों पर कैमरे चालू नहीं हैं। (ग) भोपाल शहर में वर्तमान में 40 कैमरे बंद है इनमें से 19 कैमरे विविध सड़क निर्माण कार्यों के कारण अक्रियाशील है तथा 05 कैमरे बी.एस.एन.एल. कनेक्टीविटी के कारण अक्रियाशील है। 16 कैमरें तकनीकी खराबी के कारण बंद है। विभाग द्वारा मेसर्स ओरियन प्रो नवी मुम्बई को 03 वर्षीय कम्प्रेहेंसिव ए.एम.सी. का कार्यादेश जारी किया गया है जो नवम्बर 2021 से कार्यरत है। जी हाँ इन्दौर शहर में कैमरों की स्थापना एवं चैक टेस्ट के समय पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में तकनीकी समिति द्वारा कैमरों की तकनीकी गुणवत्ता का निर्धारण एवं परीक्षण किया गया तथा भोपाल शहर में निरीक्षक (रेडियों) उप पुलिस अधीक्षक (रेडियों) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) की समिति द्वारा कैमरों की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया। (घ) इन्दौर जिले के सभी चौराहों पर स्थापित कैमरे चालू है। भोपाल शहर के चौराहों एवं अन्य स्थानों पर लगे 40 कैमरे खराब होना बताये गये हैं। शासन द्वारा कैमरों के रख रखाव हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में इन्दौर को राशि रू. 1,36,99,751/- एवं भोपाल को राशि रूपये 1,46,64,282/- का बजट उपलब्ध कराया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है।
वित्तीय अनियमितता की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
54. ( क्र. 1431 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी अंतर्गत पशु रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समिति के गठन का उद्देश्य/नियम की प्रति देवें तथा समिति के अध्यक्ष, सदस्यों एवं सचिवों की जानकारी देते हुये समिति की बैठक कितने-कितने अंतराल से करने के नियम हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार जिला सिवनी अंतर्गत पशु रोगी कल्याण समिति के गठन से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि खाते में जमा की गई? वर्षवार राशि की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश ''क'' अनुसार वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठक का आयोजन किया गया? दिनांकवार बैठक का एजेण्डा एवं उन पर लिये गये निर्णय की जानकारी तथा कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश ''ग'' अनुसार पशु रोगी कल्याण समिति से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार, कार्यवार व्यय की गई राशि की जानकारी बतावें। (ड.) क्या प्रश्नांश ''घ'' अनुसार पशु रोगी कल्याण समिति की राशि पशु कल्याण में न करते हुये नियम विरूद्ध अन्य कार्यों में व्यय करने पर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। समिति की साधारण सभा की बैठक वर्ष में 01 बार तथा शासी निकाय की बैठक 02 माह के अंतराल से करने के नियम है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' एवं ''इ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''फ'' अनुसार है। (ड.) जिला पशु कल्याण समिति एक पंजीकृत समिति है जिसके अध्यक्ष पदेन कलेक्टर तथा सचिव, पदेन उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाऐं है। जिला पशु कल्याण समिति नियमावली 2006 में प्रदत्त अधिकारों के अनुसार कार्यवाही करती है। समिति को नियमावली 2006 के अनुसार अपने कार्यक्षेत्र में निर्णय लेने हेतु पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
अनुसूचित जाति बस्तियों में कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
55. ( क्र. 1440 ) श्री राकेश मावई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना विधान सभा के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति की कितनी बस्तियों को विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है तथा विभाग द्वारा उन बस्तियों में विद्युतीकरण कार्य का सर्वे कब तक कराया गया एवं किन-किन बस्तियों के विद्युतिकरण के प्रस्ताव तैयार कराए गए और कौन-कौन से शेष है? बस्तियों के नाम, गांव सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विद्युतीकरण के कितने प्रस्ताव विभाग द्वारा उच्च स्तर पर भेजे गए तथा प्रस्ताव अनुसार कितनी बस्तियों में विद्युतीकरण कार्य लम्बित है? विद्युतिकरण कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? कार्यों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) विधान सभा क्षेत्र मुरैना के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से अद्योसंरचना के विकास कार्य एवं अन्य निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ पर किसकी अनुशंसा से कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए? कार्यवार राशि सहित कार्यों की जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग द्वारा कोई चिन्हांकन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
56. ( क्र. 1466 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रदेश में कोविड-19 के प्रभावी होने से जिले में कोई कार्यक्रम एवं विवाह आयोजित नहीं किये जाने से हितग्राहियों से कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर न्यायालय भवन की अद्यतन स्थिति
[विधि एवं विधायी कार्य]
57. ( क्र. 1515 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर में नवीन न्यायालय हेतु भूमि आरक्षित की जा चुकी है यदि हाँ, तो कितनी जानकारी देवे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित भूमि पर शासन स्तर पर नवीन भवन निर्माण की कोई कार्य योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति बताएं? (ग) विधि एवं विधायी विभाग मंदसौर ने कब-कब नवीन भवन हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे गए, विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) मंदसौर का नवीन न्यायालय भवन का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर मंदसौर के आदेश दिनांक 08-12-2016 के द्वारा मंदसौर की सर्वे क्रमांक 135 की 3.281 हैक्टेयर भूमि नवीन न्यायालय भवन, मंदसौर के निर्माण हेतु आवंटित की गई है। (ख) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मंदसौर से 20 न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 4356.85 लाख के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे, जिन्हें माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन की बिल्डिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत हुए, तत्समय अधीनस्थ न्यायालय भवन में नवीन न्यायालय भवनों के निर्माण हेतु मानक मानचित्र विचाराधीन होने के फलस्वरूप लंबित रखा गया था। उक्त निर्माण कार्य हेतु उपयुक्त प्रस्ताव प्राप्त होने पर माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन की बिल्डिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। (ग) जिला न्यायालय, मंदसौर से वर्तमान में मानक मानचित्र के अनुसार प्लान एवं डी.आर. प्राप्त नहीं होने के फलस्वरूप उच्च न्यायालय द्वारा शासन को अग्रेषित नहीं किये गये। वर्तमान में विभाग में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (घ) निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
पदों की स्वीकृति देने की कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
58. ( क्र. 1554 ) श्री
अनिल जैन : क्या
पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
यह सही है कि
निवाड़ी जिले
में विभाग का जिला
कार्यालय एवं
जिला
कार्यालय
प्रमुख अधिकारी
कार्यालय के
पदों की
स्वीकृति
शासन द्वारा
दे दी गई है
यदि हाँ, तो आदेश
दिनांक से अवगत
कराया जावे? (ख) यदि
प्रश्नांश
(क) अनुसार
स्वीकृति
जारी हो चुकी
है तो जिले
में क्या उक्त
कार्यालय ने
कार्य
प्रारंभ कर
दिया है, यदि हाँ, तो कब से, बतावें? (ग) निवाड़ी
जिले में
विभाग के
कितने और
कौन-कौन से
अधिकारी
किन-किन पदों
पर वर्तमान
में कार्यरत
हैं। इनमें से
किन
अधिकारियों
तथा
कर्मचारियों
की वेतन का
आहरण किस
डी.डी.ओ. के
द्वारा किया
जा रहा है उस
कार्यालय का
नाम तथा विवरण
दिया जावे? (घ) शत-प्रतिशत
अमले की वेतन
का आहरण एवं
स्वत्वों का
भुगतान
निवाड़ी जिले
के कार्यालय
से कब से
प्रारंभ किया
जा सकेगा
समयावधि बताई
जावे?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
प्रेमसिंह
पटेल ) : (क) जी हाँ।
पशुपालन
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ 23-10/ 2019/पैंतीस
दिनांक 10 अक्टूबर, 2019
द्वारा
नवगठित जिला
निवाड़ी के
उपसंचालक कार्यालय
हेतु 03
प्रथम श्रेणी
के पद सृजन
करने एवं
पूर्ववर्ती
जिला टीकमगढ़ से
20 पद
रि-डिप्लाय
कर आवंटित
किये जाने की
स्वीकृत
प्रदान की गई
एवं समसंख्यक
आदेश दिनांक 04
दिनांक 2019 द्वारा
नवगठित जिला
निवाड़ी को
कार्यालय प्रमुख
घोषित किये
जाने की स्वीकृति
प्रदान की गई
है। (ख) कार्यालय
उप संचालक, पशु
चिकित्सा
सेवाएं जिला
निवाड़ी का
दिनांक 04.03.2020 से कार्य
प्रारंभ किया
गया है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) उपसंचालक, पशु
चिकित्सा
सेवायें जिला
निवाड़ी
द्वारा
डी.डी.ओ. कोड संचालन
हेतु
कार्यवाही की
जा रही है।
समयावधि
बताना संभव
नहीं।
सूबेदारों की पदोन्नति
[गृह]
59. ( क्र. 1555 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में रक्षित निरीक्षकों के 167 पद रिक्त है। यदि हाँ, तो इन्हें भरने की क्या कोई कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 167 रिक्त पदों के विरूद्ध वर्ष 2013 के सूबेदारों जिनकी संख्या लगभग 44 है को उच्च पद का प्रभार प्रदान कर कार्यवाहक रक्षित निरीक्षक बनाया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि वर्ष 2013 के सूबेदारों को कार्यवाहक रक्षित निरीक्षक के पद पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त में क्या कार्यवाही की गई है, बिन्दुवार जानकारी देवें तथा विलम्ब का कारण बताते हुये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में विभाग अंतर्गत प्रदेश में रक्षित निरीक्षक संवर्ग (यातायात निरीक्षक सहित) के कुल 169 पद रिक्त है। विभाग में रक्षित निरीक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं पी.आर.-72 में निहित प्रावधानों के अनुसार उच्च पद प्रभार दिया जाकर की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया प्रतिबंधित होने के कारण पदोन्नति के माध्यम से उपरोक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उच्चपद का प्रभार देने हेतु जारी जी.ओ.पी. 148/2021 दिनांक 10.02.2021 के बिन्दु क्रमांक 5.1 के अनुसार समयमान वेतनमान के पात्र शासकीय सेवक ही उच्च पद का कार्यभार प्राप्त करने हेतु पात्र है। विभाग में वर्ष 2012 तक के सूबेदारों को पदोन्नति दी जा चुकी है। वर्ष 2013 के सीधी भर्ती के सूबेदारों द्वारा 10 वर्ष की सेवावधि पूर्ण नहीं होने से उनको समयमान प्राप्त नहीं हुआ है। जिस कारण वर्ष 2013 के सूबेदार उच्च पद प्रभार प्रदान दिये जाने हेतु पात्र नहीं है। अत: उक्त माध्यम से भी रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग स्तर से कोई भी कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन नहीं है। (ख) उच्च पद का प्रभार देने हेतु जारी जीओपी- 148/21 दिनांक 10.02.2021 के बिन्दु क्रमांक- 5.1 के अनुसार समयमान- वेतनमान के पात्र शासकीय सेवक ही उच्चतर पद का कार्यभार प्राप्त करने के पात्र है। वर्ष 2013 के सूबेदारों को अभी 10 वर्ष की सेवा पूर्ण न होने से समयमान-वेतनमान प्राप्त नहीं हुआ है, जिस कारण वर्ष 2013 के सूबेदार उच्च पद प्रभार प्रदान दिये जाने हेतु पात्र नहीं है। निर्धारित अर्हता पूर्ण करने के उपरांत नियमानुसार उच्च पद का प्रभार प्रदान किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
60. ( क्र. 1557 ) श्री अनिल जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम आयु के स्त्री/पुरूष की मृत्यु कब-कब हुई, मृत्यु होने के कितने दिन बाद उनको राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान किया गया एवं शासन के निर्देशों के अनुरूप कितने दिन के भीतर राशि का भुगतान होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान नहीं किया गया तथा भुगतान न होने के संबंध में क्या कारण है एवं यदि भुगतान न होने के संबंध में कोई कारण नहीं है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) निवाड़ी जिले में 01 जनवरी 2019 प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले 18 वर्ष से अधिक 60 वर्ष से कम के स्त्री/पुरूष के कुल 180 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है जिनमें से 175 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना अन्तर्गत राशि स्वीकृत की गई है एवं 5 हितग्राहियों प्रकरण अस्वीकृत किये गये है, आवेदन पत्र प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन के अंदर भुगतान किया जाता है। हितग्राही की मृत्यु दिनांक एवं प्रकरण की स्वीकृति दिनांक एवं राशि भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिले में समस्त पात्र हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना अन्तर्गत स्वीकृत राशि का भुगतान किया जा चुका है किसी भी हितग्राही का भुगतान लंबित नहीं है।
पुलिस थानों में कैमरे लगाने के निर्देशों का क्रियान्वयन
[गृह]
61. ( क्र. 1585 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिसम्बर 2020 में प्रदेश के समस्त थानों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाने हेतु निर्देश दिए गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति बतावें। (ख) उक्त आदेश के पालन में प्रदेश के थानों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) प्रदेश के समस्त थानों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाने हेतु क्या कोई एक्शन प्लान बनाया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (घ) उक्त कार्य हेतु कैबिनेट द्वारा लिए गये निर्णय, स्वीकृत किये गये बजट एवं माननीय न्यायालय द्वारा दिए गये निर्देशों के परिपालन में गृह विभाग द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये शपथपत्र की प्रति देवें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त आदेश के पालन में प्रदेश के समस्त थानों/चौकियों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरा सिस्टम की स्थापना हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति अनुरूप दिनांक 23.07.2021 को आदेश जारी किए गए, तदानुक्रम में नियमानुसार सी.सी.टी.व्ही. स्थापना के कार्यादेश जारी किए गये, कार्य प्रगति पर है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त थानों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाने की कार्यवाही मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमानुसार की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
वन भूमि का पट्टा वितरण
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 1595 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 15 फरवरी 2022 की स्थिति में ग्वालियर जिले में कितने वन अधिकार (वन भूमि का पट्टा) वितरित किये गये? ग्राम पंचायतवार संख्या बताये? वन भूमि के पट्टाधारी व्यक्ति अपने खेत में बिजली नलकूप खनन करवा सकता है या नहीं? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) ग्वालियर जिले में वन भूमि के किन-किन पट्टाधारी को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यंमत्री किसान कल्याण योजना की राशि क्यों नहीं मिल पा रही हैं तथा इसके लिए कौन दौषी है? (ग) वनभूमि की पट्टाधारी अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति को शासन के द्वारा क्या-क्या सुविधायें दिये जाने के निर्देश है? उनकी प्रति दें तथा ग्वालियर जिले में उक्त निर्देशों को पालन क्यों नहीं हो रहा हैं? (घ) ग्वालियर जिले में जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना, दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ख) तहसीलदार द्वारा मेपिंग का कार्य करने के पश्चात् जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वन अधिकार पत्रधारकों के फीडिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पटवारियों द्वारा पंजीयन कराने के पश्चात् वन अधिकार पत्रधारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से लाभांवित कराने की कार्यवाही प्रचलित है। कोई अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। ग्वालियर जिले में निर्देशों का पालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है।
म.प्र. पुलिस के अराजपत्रित अधिकारियों का निलंबन
[गृह]
63. ( क्र. 1625 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस के अराजपत्रित अधिकारी/कर्मचारी के निलंबन के संबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल/म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर जारी हुये समस्त आदेशों/परिपत्रों का विवरण बतावें? (ख) अराजपत्रित अधिकारी/कर्मचारियों के निलंबन के संबंध में माननीय उच्च/उच्चतम न्यायालयों द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों/पत्रों की छायाप्रति देवें? (ग) अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों के निलंबन के संबंध में मानव अधिकार आयोग की समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश/अनुशंसाओं की छायाप्रति देवें? (घ) किसी अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित करना (प्रत्येक मामले में) पुलिस विभाग की प्राथमिकता है? यदि नहीं, तो किन परिस्थितियों में निलंबन आवश्यक माना जाता है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र.पुलिस के उपनिरीक्षकों के पदों की जानकारी
[गृह]
64. ( क्र. 1626 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र.पुलिस में जिला पुलिस बल के सीधी भर्ती के कुल कितने उपनिरीक्षक, जो अभी भी उपनिरीक्षक के पद पर हैं (जिला पुलिस बल में हो या पुलिस मुख्यालय में कार्यरत हों) की प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी संख्या है? (ख) बिन्दु क्र. (क) के अनुसार म.प्र.पुलिस में सर्वाधिक ईनाम प्राप्त करने वाले प्रथम दस उपनिरीक्षकों के नाम एवं उनके नाम के समक्ष इनामों की संख्या दर्शाकर जानकारी देवें। (ग) उपनिरीक्षक को निलंबन की अधिकारिता किस पुलिस अधिकारी (पदनाम) को होती है? क्या आरोप लगाने वाले अधिकारी किसी अन्य अधिकारी द्वारा जांच कराये बिना स्वयं ही किसी अधीनस्थ को निलंबित कर सकता है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में विभाग अंतर्गत कुल 2229 जिला पुलिस बल के उपनिरीक्षक है जो सीधी भर्ती के है और अभी भी उपनिरीक्षक के पद पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ब एवं परिशिष्ट- स अनुसार है।
थाना एवं पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
65. ( क्र. 1638 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में कितने थाने एवं पुलिस चौकी हैं और वर्ष 2022-23 में कितने नये थाने एवं पुलिस चौकी खोलने की योजना है? (ख) वर्तमान स्थिति में क्या सभी थानों एवं पुलिस चौकियों में स्वीकृत मान से नियुक्तियां हैं? (ग) यदि नहीं, तो थानों में विभिन्न रिक्त पदों पर कब तक नियुक्तियां की जावेगी? (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 में कितने नवीन थाना एवं पुलिस चौकियां खोलने की विभाग की योजना है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में 1159 पुलिस थाने एवं 624 पुलिस चौकी है। समय-समय पर इकाइयों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर परीक्षण उपरांत निर्धारित मापदण्ड अनुसार उचित पाये जाने पर वर्ष 2022-23 में थाने एवं चौकी खोली जावेगी, यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। (ख) जी नहीं। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी.आर.-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जा रही है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) ग्राम हिरणखेड़ा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव विचाराधीन है।
गौशाला स्वीकृत किये जाने की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
66. ( क्र. 1639 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितनी गौशाला स्वीकृत की गई जिनमें से कितनी पूर्णतः बन चुकी हैं एवं कितनी अपूर्ण हैं? (ख) क्या सभी पूर्णतः निर्मित गौशाला सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं? (ग) प्रति पशु, चारा, भूसा, पानी एवं अन्य सुविधा हेतु कितनी राशि खर्च की जाती है? (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में कितनी गौशाला स्वीकृत हैं उनमें से कितनी गौशाला पूर्णतः बनकर संचालित की जा रही हैं और कितनी अपूर्ण हैं? यह कब तक पूर्ण हो जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 3396 गौशाला स्वीकृत की गई, जिनमें से 1490 पूर्ण है एवं 1906 गौशालाएं अपूर्ण है। (ख) मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 1490 पूर्ण गौशालाओं में से 1006 गौशालाऐं सूचारू रूप से संचालित है। (ग) म.प्र.शासन द्वारा प्रति गौवंश प्रतिदिवस रू. 20.00 गौवंश के चारा भूसा हेतु दिए जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री गौसेवा योजना में गौशालाओं के निर्माण अंतर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत गौशालाओं हेतु अन्य मूलभूत सुविधाऐं बोरवेल खनन हेतु राशि रू. 1.00 लाख, चैफ कटर क्रय हेतु राशि रू. 0.35 लाख ओवर हेड टैंक निर्माण हेतु राशि रू. 0.20 लाख प्रति गौशाला एवं विद्युत व्यवस्था हेतु प्राप्त प्राक्कलन अनुसार राशि उपलब्ध कराई गई थी। वर्तमान में मनरेगा अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन गौशालाओं में बिजली व पानी की व्यवस्था 15वें वित्त आयोग अनुदान से कराए जाने के निर्देश हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में मनरेगा योजना अंतर्गत 17 गौशालाएं स्वीकृत है जिनमें से 4 गौशाला पूर्ण होकर संचालित हो रही है तथा 13 गौशालाओं का कार्य प्रगतिरत है। समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
चिकित्सा महाविद्यालय भवन का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
67. ( क्र. 1647 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ में चिकित्सा महाविद्यालय भवन स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु भूमि आवंटित की गई? यदि हाँ, तो कितनी भूमि आवंटित की गई? किस स्थान पर भूमि चयनित की गई? (ख) क्या उक्त भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब तक भवन पूर्ण कर दिया जाएगा? (ग) यदि नहीं, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। 10.00 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण हेतु राजगढ़ नगर में स्थित सर्वे क्रमांक 812/3/3 एवं 812/3/5 की भूमि चयनित की गई है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिये एजेन्सी निर्धारित करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशु चिकित्सा विभाग की स्थानांतरण नीति
[पशुपालन एवं डेयरी]
68. ( क्र. 1648 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसीलों में कितने पशु चिकित्सालय एवं औषधालय हैं? कितने पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? स्थान का नाम सहित बताएं। (ख) वर्ष जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील के पशु चिकित्सालय एवं औषधालयों में कितने पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अन्य स्थानों से स्थानांतरण होकर किन-किन स्थानों पर पदस्थ हुए, पद व नाम सहित दर्शाएं। (ग) क्या मार्च 2020 के पश्चात उक्त दोनों तहसीलों के पशु चिकित्सालय एवं औषधालय से कितने स्थानांतरण अन्य स्थान पर हुए हैं व किन-किन के स्थानांतरण हुए, नाम व पद सहित बताएं। (घ) क्या जनवरी 2019 से मार्च 2020 के बीच क्षेत्र में अन्य स्थान से स्थानांतरण होकर आये पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के स्थानांतरण मार्च 2020 के पश्चात क्षेत्र से अन्य स्थानों पर पुन: हो गए हैं? यदि हाँ, तो स्थानांतरण नीति क्या है? एक व्यक्ति को एक स्थान पर कितने वर्षों तक सेवाऐं देने की नीति शासन द्वारा तय की गई? क्या क्षेत्र में स्थानांतरण नीति के तहत पालन करते हुए स्थानांतरण किए गए हैं? यदि नहीं, तो स्थानांतरण नीति का पालन नहीं करने पर दोषी कौन हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं। विभाग के संदर्भ में उल्लेखित नहीं है। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं।
व्यापम घोटाले में प्राप्त शिकायतें
[गृह]
69. ( क्र. 1652 ) श्री हर्ष
यादव [ श्री
नारायण सिंह
पट्टा ] : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में हुए
व्यापम
घोटाले में
प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितनी
शिकायतें
मिली हैं? (ख) उपरोक्त
में से कितनी
शिकायतों की
एस.टी.एफ. ने
जांच करके
कितने केस
दर्ज किये हैं?
(ग)
एस.टी.एफ.
ने कितनी
शिकायतें
पुलिस को भेजी
है? पुलिस
द्वारा
एस.टी.एफ. से
प्राप्त
कितनी शिकायतों
की जांच करके
कितने केस
दर्ज किये हैं? कितने
मामलों में
जांच बंद कर
दी गई है? (घ) पुलिस
द्वारा
सी.बी.आई. को
कितने केस
स्थानांतरित
किये गये हैं
और कितने केस
अभी और
स्थानांतरित
किये जाना है? (ड.) कितनी
शिकायतें ऐसी
हैं जिनमे अभी
तक कोई जांच
शुरू नहीं हुई
है?
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) व्यापम
घोटाले से
संबंधित कुल 1500 शिकायतें
एस.टी.एफ. को
प्राप्त हुई
है। (ख) प्राप्त
शिकायतों में
से एस.टी.एफ. ने
कुल 780
शिकायतों की
जाँच पूर्ण की
एवं शिकायत
जाँच पर से
कुल 38
अपराध दर्ज
किये गये हैं।
(ग) एस.टी.एफ.
द्वारा
व्यापम
घोटाले से
संबंधित कुल 588
शिकायतें
जिला पुलिस को
जाँच हेतु
प्रेषित की गई
थी। जिला
पुलिस द्वारा
कुल 387
शिकायतों पर
जाँच पूर्ण की
गई एवं जांच
पर से 02
अपराध दर्ज
किये गये है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित
नहीं। (घ)
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय
द्वारा रिट
याचिका क्र. 372/15
दिनांक 09/07/15 को पारित
आदेशानुसार
पुलिस द्वारा
सी.बी.आई. को
कुल 185 केस
स्थानांतरित
किये गये थे।
सी.बी.आई. को स्थानांतरित
किए जाने हेतु
कोई केश शेष
नहीं है। (ड.) ऐसी
कोई शिकायत
नहीं हैं
जिनमें जाँच
शुरू नहीं हुई
है।
निःशक्तजनों को प्रदाय सामग्री
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
70. ( क्र. 1658 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग को म.प्र.शासन द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने निःशक्तजनों को उपकरण/सामग्री प्रदाय की गई? वर्षवार, माहवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' में प्रदाय सामग्री का वितरण विभाग द्वारा किन मापदण्डों के आधार पर किया गया? विकासखंडवार जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा प्रदाय सामग्री जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर भी दी गई है? यदि हाँ, तो किन-किन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने लंबित है? विधानसभावार जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग में ट्राय मोटर साईकिल एवं नवीन इलेक्ट्रानिक कान की मशीन प्रदाय किये जाने का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) दिव्यांगता प्रमाण पत्र होने पर एवं विषय विशेषज्ञ/चिकित्सक के परामर्श/अनुशंसा अनुसार कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते है। पात्रता हेतु समस्त प्रदेश में समान मापदण्ड है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजनातंर्गत अस्थिबाधित विद्यार्थी (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत दिव्यांगता) को 10वीं कक्षा में प्रथम बार प्रवेश लेने पर अथवा स्नातक में प्रवेश लेने पर (केवल एक बार ही) मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। श्रवण बाधित दिव्यांगजनों को विषय विशेषज्ञ/चिकित्सक के परामर्श/अनुशंसा अनुसार श्रवण यंत्र भी उपलब्ध कराये जाते है।
निर्धारित इलाज हेतु पैकेज की राशि का अधिक व्यय
[गृह]
71. ( क्र. 1666 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पुलिस चिकित्सा योजना अंतर्गत पुलिस कर्मचारियों के उपचार हेतु अधिकृत चिकित्सा संस्था श्रीकृष्ण हृदयालय नागपुर की मान्यता अवधि बतावे? (ख) जिला बालाघाट, सिवनी, मंडला, छिंदवाड़ा, बैतूल, छतरपुर के पुलिसकर्मियों द्वारा श्रीकृष्ण हृदयालय नागपुर में कराए गए उपचार पर हुए खर्च का विवरण जिलेवार देवें? (ग) शासन द्वारा प्रत्येक बीमारी का उपचार पर होने वाले खर्च का पैकेज निर्धारित है किंतु श्री कृष्णा हृदयालय नागपुर द्वारा पुलिसकर्मियों के उपचार में निर्धारित पैकेज से अधिक की राशि के देयक प्रस्तुत कर अतिरिक्त राशि प्राप्त की गई है? पुलिस विभाग द्वारा ऐसे प्रकरणों की जांच कर श्री कृष्णा हृदयालय नागपुर द्वारा प्राप्त की गई अतिरिक्त राशि की वसूली कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संचालनालय चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 1958 के अंतर्गत श्री कृष्णा हृदयालय नागपुर की मान्यता अवधि दिनांक-25.08.2022 तक है एवं म.प्र.पु.स्वा.सु. योजना अंतर्गत 25.11.2021 अनुबंधित था। वर्तमान में नवीन अनुबंध हेतु प्रस्ताव अप्राप्त है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) श्री कृष्णा हृदयालय नागपुर को पुलिसकर्मियों के उपचार के देयकों का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 1958 के अंतर्गत परीक्षण कर निमयमानुसार स्वीकृति पश्चात अनुमोदित राशि का ही भुगतान किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विण्डसर हिल्स परिवार एवं सांस्कृति समिति की जानकारी
[गृह]
72. ( क्र. 1688 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है विण्डसर हिल्स परिवार एवं सांस्कृति समिति जी 03/02 विण्डसर हिल्स रोड ग्वालियर द्वारा दिनांक 07.07.2021 को पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को अमानत में खयानत में प्रकरण दर्ज करने का ज्ञापन दिया था उसकी जांचकर अपराध पंजीयन क्यों नहीं किया गया है। (ख) क्या यह भी सही है कि ऐसोटेक सी.पी. इन्फ्रस्टकचर, विण्डसर हिल्स के संचालकों द्वारा रख-रखाव एवं मेन्टीनेंस इन्ट्रेस्ट फीर फंड के दस करोड़ रूपये निजी उपयोग में खर्च कर अमानत में खयानत के अपराधिक कृत्य कार्य किया है फिर अपराध पंजीबद्ध की श्रेणी में आता है। (ग) उक्त संस्था के रहवासियों की धनराशि संस्था के संचालकों निजी कार्यों में खर्च कर राशि को खुर्द-बुर्द किया है उक्त प्रकरण रेरा में कार्यवाही योग्य नहीं? क्यों कि रेरा केवल अनदेखी पर कार्यवाही करती है धनराशि के गबन धोखाधड़ी पर कार्यवाही अपराधिक कृत्य जैसी है जानकारी दी जावे। (घ) क्या शासन इनके खिलाफ कार्यवाही कर रहवासियों द्वारा इकट्ठी की गई राशि को जब्त करायेगा।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदन पत्र की जांच उपरांत थाना सिरोल, ग्वालियर में अनावेदक संजीव श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक, ऐसोटेक सी.पी. इन्फ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड के विरूद्ध अपराध क्रमांक 59/22 धारा 420, 406, 409, भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। (ख) अमानत में खयानत से संबंधित धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जो विवेचनाधीन है। (ग) जानकारी प्रश्नांश 'क' में समाहित है। (घ) विवेचना के दौरान आने वाले साक्ष्यों के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
ग्वालियर, मुरैना जिले की गौशालाओं में गायों की मृत्यु
[पशुपालन एवं डेयरी]
73. ( क्र. 1690 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं मुरैना जिले में गौशालाओं की कितनी संख्या है जिनमें निजी, शासन की कितनी गौशालायें है जिलावार पंचायत के एवं कस्बों के नाम, गायों की संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त गोशालाओं में शासन द्वारा प्रति गाय के हिसाब से भूसा, चारा, हेतु कितनी राशि वर्ष 2020, 2021 फरवरी 2022 तक की पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त समय अवधि में कितनी गायों की मृत्यु भूख, बीमारी से हुई है। गौशालावार जानकारी दी जावे मृत्यु के लिये कौन दोषी है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी एवं शासन जाँच करायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) मृत्यु की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। गौशालाओं में वृद्ध, अशक्त, असहाय, दुर्घटनाग्रस्त गौवंश आता है, जिनकी प्राकृतिक मृत्यु हुई है। गौशालाओं में किसी भी गाय की मृत्यु भूख अथवा लापरवाही से नहीं हुई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आबकारी एक्ट के तहत बनाये गये प्रकरण
[गृह]
74. ( क्र. 1714 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पिछले 2 वर्ष में आबकारी एक्ट में कितने प्रकरण पुलिस ने दर्ज किए? आम आदिवासी वर्ग के कितने आरोपी है? (ख) आदिवासी वर्ग को कितने लीटर शराब रखने की अनुमति है और जो प्रकरण बनाए गये वे उस मात्रा से ज्यादा के हैं? यदि नहीं, तो प्रकरण इनके विरूद्ध किस नियम के तहत बनाये गये है। (ग) प्रश्न दिनांक तक आबकारी एक्ट के तहत कितने मामलों में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है? कारण बतावें? (घ) क्या आबकारी एक्ट के तहत जिलों में हर थाने को लक्ष्य दिया जाता है। यदि हाँ, तो किस आदेश या निर्देश के तहत दिये जाते हैं आदेश-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें? (ड.) क्या बैतूल पुलिस में लक्ष्य को लेकर प्रतिदिन आर्टिकल में सवाल जवाब किया जाता है। यदि हाँ, तो उक्त प्रक्रिया के संबंध में क्या आदेश-निर्देश है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 61 (घ) (2) के अनुसार 'अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के सदस्य आसवन द्वारा देशी मदिरा का विनिर्माण कर सकेंगे। अधिनियम के भाग (3) के तहत 'इस प्रकार विनिर्मित की गई देशी मदिरा के कब्जे की अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति 4.5 लीटर तथा प्रति गृहस्थी 15 लीटर तथा विशेष परिस्थितियों में सामाजिक तथा धार्मिक समारोह के अवसर पर प्रति गृहस्थी 45 लीटर होगी। भाग-दो के अनुसार ' इस प्रकार विनिर्मित की गई देशी मदिरा का विक्रय नहीं किया जायेगा।' बनाये गये प्रकरण 61 (घ) म.प्र. आबकारी अधिनियम के तहत दिये गये छूट से ज्यादा की मात्रा के है। सभी आरोपियों के द्वारा अवैध कच्ची, महुआ विक्रय करने/परिवहन करते पाये जाने के उपरांत ही पुलिस द्वारा म.प्र. आबकारी अधिनियम की धारा 34ए, 34 (2) के तहत प्रकरण बनाये गये है। म.प्र. सरकार द्वारा प्रदेश के अंदर किसी भी आरोपी को शराब विक्रय करने की छूट प्रदाय नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) यह कहना गलत है कि आबकारी एक्ट के तहत जिले में हर थाने को लक्ष्य दिया जाता है अपितु अपराधों में अंकुश लगाये जाने हेतु जिले के समस्त थानों को माइनर एक्ट/प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये जाते है। (ड.) यह कहना सही नहीं है कि बैतूल पुलिस में लक्ष्य को लेकर प्रतिदिन आर्टिकॉल में सवाल जवाब किया जाता है अपितु थानों द्वारा की गई कार्यवाही एवं लंबित प्रकरणों के निराकरण तथा कानून व्यवस्था के संबंध में आर्टिकॉल के माध्यम से समस्त थानों से जानकारी प्राप्त की जाती है।
एफ.आई.आर. दर्ज करने की प्रक्रिया नियम
[गृह]
75. ( क्र. 1715 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एफ.आई.आर. दर्ज करने का नियम प्रक्रिया क्या है? क्या बैतूल कोतवाली में नियम प्रक्रिया के तहत एफ.आइ.आर. दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो 28 जनवरी को बैतूल कोतवाली में कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितने में एफ.आई.आर. दर्ज कि गई और कितने में नहीं की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ख) क्या अवनी शर्मा हाल मुकाम सिविल लाइन बैतूल ने भी कोई आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें। (ग) प्रश्न दिनांक तक उक्त आवेदन पर क्या जांच हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कारण बतावें? (घ) अवनी शर्मा के आवेदन पर नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज न होने पर कौन जिम्मेदार है? क्या एस.पी. बैतूल द्वारा मौखिक या लिखित में इस आवेदन पर कोई दिशा-निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो क्या? अब यह एफ.आई.आर. कब तक दर्ज हो जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) फरियादी की रिपोर्ट से यदि कोई संज्ञेय अपराध घटित होना पाया जाता है तो धारा 154 द.प्र.स. के तहत थाने पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाती है। यदि रिपोर्ट पर मामला असंज्ञेय पाया जाता है तो रिपोर्टकर्ता को धारा 155 द.प्र.सं. के तहत रिपोर्ट दर्ज कर माननीय न्यायालय में परिवाद हेतु अवगत करा दिया जाता है। जी हाँ, 28 जनवरी को 05 आवेदन प्राप्त हुये। 01 आवेदन में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। 04 आवेदन में जांच की जा रही है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। आवेदिका अवनी शर्मा के आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर उक्त घटनाक्रम की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं होने से तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई। (ग) जी हाँ। आवेदिका आवेदन पत्र की पुष्टि हेतु दिनांक 22.02.2020 को कथन देनें उपस्थित हुई। कथन उपरांत थाना कोतवाली बैतूल में अपराध क्रमांक 152/22 धारा 341, 294, 506 भा.द.वि. दिनांक 23.02.2022 को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (घ) आवेदिका अवनी शर्मा के द्वारा दिनांक 28.01.2022 को सीधे थाना कोतवाली बैतूल को आवेदन दिया गया था। उक्त आवेदन पत्र की जांच उपरांत अपराध क्रमांक 152/22 धारा 341, 294, 506 भा.द.वि. दिनांक 23.02.2022 को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद निजी चिकित्सालय में उपचार
[जेल]
76. ( क्र. 1757 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंदी रंजीत सिंह रघुवंशी पुत्र पहलवान रघुवंशी को पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद जेल में समर्पण करने के बजाय दिनांक 28.01.2022 से निजी चिकित्सालय जिला अशोक नगर में कोविड-19 के उपचार के लिये भर्ती कराया गया था? यदि हाँ, तो किस निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था एवं भर्ती कराए जाने के नियमों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बंदी रंजीत सिंह रघुवंशी के इलाज के बिल का भुगतान शासन द्वारा किया गया था? यदि हाँ, तो बजट, मद तथा नियम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं एवं भुगतान की गई राशि का ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या बंदी रंजीत सिंह रघुवंशी के पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद उपचार करने वाले निजी चिकित्सालय ने जेल प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस को बिना सूचित किये, उपचार किया? यदि हाँ, तो क्या जेल प्रशासन/पुलिस निजी चिकित्सालय, डॉक्टर के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) 01 अप्रैल 2020 के बाद म.प्र. की जेलों में बंद ऐसे कितने बंदी/कैदी हैं जिन्होंने पैरोल अवधि के दौरान लोक शांति भंग एवं प्रभावित की है तथा जिनके संबंध में जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुन: पैरोल ना दिये जाने के संबंध में अनुशंसा भी की गई थी परन्तु उसके बाद भी उन्हें पुन: पैरोल पर छोड़ा गया, पैरोल अवधि के दौरान लोक शांति भंग करने वाले बंदियों को पुन: पैरोल पर छोड़े जाने संबंधी नियमों सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, रंजीत सिंह रघुवंशी पुत्र पहलवान सिंह रघुवंशी को दिनांक 27/01/2022 तक की अवधि के लिये पश्चातवर्ती पैरोल पर रिहा किया गया था। बंदी को दिनांक 28/01/2022 को केन्द्रीय जेल ग्वालियर में उपस्थित होना था, किन्तु उसके पूर्व ही बीमार होने के कारण बंदी स्वयं 27/01/2022 को निजी चिकित्सालय लाईफ लाईन, जिला अशोकनगर में भर्ती हो गया। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, भर्ती की प्राप्त सूचना पर बंदी को पैरोल अवधि समाप्त होने के पश्चात् बंदी छुट्टी नियम, 1989 के नियम 09 के अनुसार दिनांक 28/01/2022 को तत्काल अभिरक्षा में ले लिया गया था। (घ) 01 अप्रैल, 2020 के बाद पैरोल अवधि के दौरान लोकशांति भंग एवं प्रभावित करने वाले कैदियों की संख्या 22 है, इनमें से किसी भी बंदी को पुन: पैरोल पर नहीं छोड़ा गया है।
अनूपपुर जिले की सहकारी संस्थाओं की जानकारी
[सहकारिता]
77. ( क्र. 1812 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की विगत तीन वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट में किन-किन संस्थाओं में गंभीर आर्थिक अनियमिततायें पाई गई? विभाग द्वारा उक्त आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी वर्षवार, संस्थावार उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रों पर हुई खरीदी में किन-किन संस्थाओं द्वारा खरीदी की गई? खरीदी में कौन-कौन सी व कितनी-कितनी उपज की कितनी-कितनी राशि की शार्टेज हुई? इस हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की वर्षवार, संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में कुल कितनी फर्टिलाईजर प्राप्त हुआ, कितना वितरण किया, वितरण उपरांत कितनी राशि जमा की गई? (घ) अनूपपुर जिले में सहकारिता विभाग का विगत तीन वर्ष का आय व्यय का ब्यौरा मदवार, राशिवार, वर्षवार उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 1813 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किन-किन नियमों के अंतर्गत क्या-क्या निर्माण कार्य किया जाता है? वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में अब तक अनूपपुर जिले में क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये? सूचीवार जानकारी एवं किये गये निर्माण की मूल्यांकन एवं सत्यापन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले में विभाग द्वारा संचालित कितने छात्रावास हैं एवं वर्तमान में छात्रावास में क्या-क्या सामग्री प्रदाय की जाती है? प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में अब तक क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गई है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) अनूपपुर जिले में उक्त अवधि में अब तक कितने स्कूलों में फर्नीचर डेस्क प्रदाय किया गया है, किस-किस ने सप्लाई किया, क्या निविदा की शर्तों का पूर्ण रूप से पालन किया गया है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश ''क'' के सम्बन्ध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ख) जिले अन्तर्गत विभाग द्वारा 53 छात्रावास संचालित है। वर्तमान में छात्रावास में बिस्तर, बर्तन, खेल सामग्री तथा टेबल कुर्सी प्रदाय की जाती है। प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अवधि से अब तक छात्रावासों में जिला कार्यालय से कोई सामग्री प्रदाय नहीं की गई है। एम.पी.टास पोर्टल के माध्यम से आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल द्वारा बिस्तर सामग्री की राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में प्रदाय की गई है। (ग) प्रश्नांश 'ग' के सम्बन्ध में जिले में उक्त अवधि में अब तक स्कूलों में फर्नीचर डेस्क प्रदाय नहीं किया गया है।
प्राप्त राशि का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
79. ( क्र. 1835 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 में संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को किस-किस योजना में कब-कब शासन से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई पूर्ण विवरण देवें? (ख) उक्त प्राप्त राशि में से क्या-क्या, कितनी-कितनी राशि के किसकी अनुशंसा पर कहां-कहां स्वीकृत किये गये पूर्ण विवरण देवें? (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों कारण बतायें? इसके लिये कौन-कौन दोषी है तथा उल्लेखित समस्याओं को निराकरण कब तक होगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है, पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवीक्षा अवधि के संबंध में
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
80. ( क्र. 1836 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के पद पर कौन-कौन कार्यरत है तथा कौन-कौन से पद कब से क्यों रिक्त है? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी की परिवीक्षा अवधि कब तक की थी तथा उनकी परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्त होगी इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या यह सत्य है कि समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी की ट्रेनिंग एवं ऑनलाईन परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्त होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में कार्यरत समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारियों एवं अन्य संवर्ग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है तथा रिक्त पदों की जानकारी एवं पद पूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रचलित नियमों के अनुसार एवं नियुक्ति आदेश की शर्त अनुसार अनिवार्य रूप दो वर्ष के भीतर विभागीय परीक्षा उर्त्तीण तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत नियमानुसार परिवीक्षा अवधि समाप्त करने का प्रावधान हैं। उक्त नियमों में संशोधन की आवश्यकता होने से नवीन विभागीय परीक्षा नियम तैयार किये गये है जिस पर अभिमत प्रदान करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया गया है एवं अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) ट्रेनिंग ऑनलाईन दी गई हैं। जिस की ऑनलाईन परीक्षा आयोजित की गई थी। यह ट्रेनिंग विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं कार्यप्रणाली की जानकारी हेतु आयोजित की गई थी। विभागीय परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। (घ) संशोधित नियम के प्रभावशील होने के पश्चात् उन नियमों एवं नियुक्ति आदेश की शर्त पूर्ण करने के उपरांत नियमानुसार परिवीक्षा अवधि समाप्त की जावेगी।
नोटरी के पद पर नियुक्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
81. ( क्र. 1840 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नोटरी के पद रिक्त हैं यदि हाँ, तो किस जिले में कितने पद कब से रिक्त हैं? जिलेवार रिक्त पदों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नोटरी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बताएं। (ग) राजगढ़ जिले के नोटरी के रिक्त पद के विरुद्ध कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? तहसीलवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया एक सतत प्रक्रिया है, जो कि नोटरी अधिवक्ता के निधन/त्याग पत्र आदि के फलस्वरूप रिक्त हुए नोटरी पदों के विरूद्ध निरन्तर चलती रहती है, जिलेवार रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) नोटरी के रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में संबंधित सक्षम प्राधिकारी/जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अधिवक्ताओं के अनुशंसित पैनल प्राप्त हो चुके है, जो शासन स्तर पर प्रशासकीय अनुमोदन हेतु विचाराधीन है। रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में तय समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जिला-राजगढ़ में रिक्त 06 नोटरी पदों में से तहसील-सारंगपुर में रिक्त 02 नोटरी पद के विरूद्ध जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़/सक्षम प्राधिकारी से 25 अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल प्राप्त हो चुका है, जो कि प्रशासकीय अनुमोदन हेतु शासन स्तर पर विचाराधीन है। शेष रिक्त 04 नोटरी पदों पर नियुक्ति के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़/सक्षम प्राधिकारी से अधिवक्ताओं का नवीन अनुशंसित पैनल मंगवाये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पुलिस कर्मचारियों के स्थानांतरण
[गृह]
82. ( क्र. 1879 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2021 के पश्चात किस-किस के अनुमोदन से मंदसौर जिले में कितने-कितने पुलिस कर्मचारी, सिपाही अन्य के स्थानांतरण जिले के जिले में किए गए? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित स्थानांतरण में माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन से कुल कितने स्थानांतरण किए गए? इनमें से कितनों ने नवीन पदस्थापन पर कार्य प्रभार ग्रहण किया? कितनों ने नहीं? स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी पुलिस कर्मियों द्वारा नवीन पद स्थापना पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर उच्च अधिकारियों ने कितने स्थानांतरित हुये? पुलिसकर्मियों तथा रिलीव न करने वाले कितने उच्च अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की? क्या यह शासन के स्पष्ट आदेश का उल्लंघन नहीं है? (ग) क्या यह सही है कि उक्त अवधि में कार्यालय द्वारा प्रभारी मंत्री जी के बगैर अनुमोदन के 119 पुलिस कर्मियों की सूची दिनांक 30 जून, 2021 को जारी की गई? यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि इस सूची को माननीय प्रभारी मंत्री जी ने अपने पत्र क्रमांक 347 दिनांक 25 जुलाई को तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक को सूची निरस्त करने को लिखा था उस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 अप्रैल, 2021 के पश्चात मंदसौर जिले में कुल 189 पुलिस कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रशासकीय दृष्टिकोण से किए गए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) पुलिस विभाग के अंतर्गत स्थानांतरण की कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2021-22 दिनांक 24 जून, 2021 में दिये गये निर्देशानुसार की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। प्रश्नांश (क) के संदर्भित स्थानांतरण में 188 पुलिस कर्मचारियों ने नवीन पदस्थापना पर कार्य प्रभार ग्रहण किया है। 01 महिला आरक्षक मातृत्व अवकाश पर होने से नवीन पदस्थापना पर उपस्थित नहीं हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) तत्समय म.प्र. शासन द्वारा किसी को भी जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्ति नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस कर्मियों की समस्याओं का निराकरण
[गृह]
83. ( क्र. 1899 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 30 जुलाई, 2020 का आई.जी. होशंगाबाद के परिपत्र 5 तथा पी.एच.क्यू. से ए.डी.जी. कल्याण/लेखा के आदेश क्रमांक पु मु./अमनि (क/ले)/173/17 दिनांक 23 सितम्बर, 2017 की छायाप्रति देवें। (ख) क्या उक्त दोनों आदेशों/निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशों की वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा समीक्षा की गयी यदि नहीं, तो क्या समीक्षा की जायेगी? (ग) विगत 8 माह में होशंगाबाद रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को कितने पुलिस कर्मियों द्वारा अपनी समस्या को लेकर आवेदन किया गया तथा इन आवेदनों पर क्या त्वरित निराकरण किया गया? (घ) होशंगाबाद रेंज के एक जिले से दूसरे जिले में कितने आवेदन विगत 1 वर्ष में अंतरित किये गये और उन आवेदनों पर क्या समाधान संबंधित पुलिस कर्मियों को प्राप्त हुए?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार। (ख) जी हाँ, उल्लेखित दोनों आदेशो का पालन किया जा रहा है। प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश की समय-समय पर समीक्षा की जाती हैं। (ग) विगत 08 माह में होंशगाबाद रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को कुल 307 आवेदन प्राप्त हुए है। प्राप्त आवेदन पत्रों में लिखित समस्याओं/व्यथाओं पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की गयी है। (घ) होशंगाबाद पुलिस रेंज अंतर्गत आने वाले 03 जिला नर्मदापुरम, रायसेन एवं हरदा में विगत 01 वर्ष में एक जिले से दूसरे जिले से संबंधित कोई भी कर्मचारी द्वारा अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन प्रस्तुत न करने पर रेंज के अन्य जिलों में आवेदन पत्र अंतरित नहीं किये जाने से इन 03 जिलों की जानकारी निरंक है। पुलिस अधीक्षक बैतूल द्वारा उनके जिले में प्राप्त 02 आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक रायसेन की ओर अंतरित किये गये है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
वित्तीय वर्ष में किये गये कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
84. ( क्र. 1900 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 में बालाघाट जिले में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? वित्तीय वर्ष अनुसार जानकारी देते हुए प्रत्येक वित्तीय वर्षों में किन-किन कार्यों में कितनी राशि खर्च हुई? कृपया विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विधानसभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत अनुसूचति जाति बस्ती विकास हेतु प्रस्ताव दिये गये थे? क्या यह भी सही है कि प्रस्ताव पर समस्त कार्यवाही होने के बाद राशि आज दिनांक तक आवंटित नहीं की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रस्ताव पर स्वीकृति नहीं मिलने के कारणों से अवगत कराते हुए यह भी बताये कि राशि कब तक स्वीकृत कर दी जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्रस्तुत प्रस्ताव में बताये गये कार्य, अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के मापदंड, 40 प्रतिशत् अनुसूचित जाति की आबादी की अनिवार्यता में नहीं आने से स्वीकृत योग्य नहीं पाये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
85. ( क्र. 1947 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कुल कितनी गौशाला है, पूर्ण हो चुकी है? वह कितनी प्रगति रथ है? कितनी लंबित है? पिछले 3 वर्षों की वित्तीय वर्ष अनुसार जानकारी देवें। (ख) वित्तीय वर्ष 22-23 मैं शासन द्वारा नवीन गौशालाओं का निर्माण करने की कार्य योजना तैयार की गई है हाँ तो कितनी व उसमें से कितनी आगामी बजट में ली जाएगी विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या जिले में सड़कों पर नगर में व गांव में गाय बेसहारा होकर दर-दर भटक रही है? यदि हाँ, तो इसका जिम्मेदार कौन है और यदि नहीं, तो जिले की समस्त गाय को कहां रखा जा रहा है? (घ) विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में किन-किन गौशाला में कितनी-कितनी राशि आज दिनांक तक दी गई? मदवार व विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराएं एवं जिले में लंबित गौशाला कब तक पूर्ण कराई जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत कोई गौशाला स्वीकृत नहीं हुई। वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 30 गौशालाऐं स्वीकृत होकर संचालित की जा रही है। वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 103 गौशालाऐं स्वीकृत होकर 34 गौशालाऐं पूर्ण होकर संचालित की जा रही है तथा शेष 69 गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ख) वर्तमान में पूर्व वर्ष में स्वीकृत गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है, वर्तमान में वित्तीय वर्ष 22-23 में शासन द्वारा नवीन गौशालाओं के निर्माण करने की कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) राजगढ़ जिले में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 28 एवं मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 64 गौशालाएं क्रियाशील है तथा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 69 गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। स्थानीय निकायों के द्वारा गौशालाओं में निराश्रित गौवंश को रखे जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में संचालित क्रियाशील गौशालाओं को प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जिले में लंबित गौशालाओं पूर्ण कराए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध
[गृह]
86. ( क्र. 1951 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के विभिन्न धाराओं में दर्ज कितने प्रकरणों में विभिन्न न्यायालय में फैसले हुए कितने में आरोप सिद्ध हुए, कितनों में आरोपी बरी हुए? वर्ष 2015 से 2021 तक जिलेवार प्रकरणों की जानकारी देवें। (ख) प्रदेश में 2015 से 2021 तक किस-किस जिले में कितनी-कितनी महिलाओं ने किस कारण से आत्महत्या की तथा कितनी महिलाओं की किस कारण से हत्या हुई? (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरणों की वर्ष 2015 से 2021 तक की जानकारी प्रतिशत वृद्धि या कमी सहित देंवे तथा बताये कि 31 जनवरी, 22 की स्थिति में आलोट विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थानों में दर्ज कितने प्रकरणों में आरोपी या कुछ आरोपी नहीं पकड़े गए हैं? (घ) रतलाम जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में 2015 से 2021 तक कितने व्यक्तियों ने किस-किस कारण से आत्महत्या की, कितनों की हत्या हुई कितनी महिलाओं से बलात्कार तथा कितनी महिलाओं का अपहरण, चोरी की कितनी घटनाएं हुई तथा कितनों में चोरों का कोई पता नहीं चला, चिटफंड कंपनी के खिलाफ कितनी शिकायतें मिली तथा किस-किस चिटफंड कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ? (ड.) रतलाम जिले में विधानसभावार बतावे कि वर्ष 2015 से 2021 तक विभिन्न न्यायालयों में हुए फैसले में कितने प्रतिशत प्रकरणों में आरोपी बरी हुए वर्षवार थाने अनुसार सूची देवें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार।
काला बाजारी करने वाले दोषियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज
[सहकारिता]
87. ( क्र. 1959 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के मझौली की समिति नौढ़िया में समिति प्रबंधक व सेल्समैन की मिलीभगत से यूरिया व डी.ए.पी. खाद की बाजार में बिक्री कर दिये जाने की शिकायत सम्पूर्ण ग्रामवासियों द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन में की गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उपरोक्त खाद में काला बाजारी की जांच हेतु क्या कार्यवाही की गई? जांच की स्थिति क्या है? जांच की प्रति देते हुये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार खाद की काला बाजारी करने किसानों की खाद न मिलने के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर क्या वसूली के साथ गबन का प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., शाखा मझौली, जिला सीधी के द्वारा जांच कराई गई। जांच में शिकायत निराधार पाई गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
88. ( क्र. 1979 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 450 दिनांक 17/3/20 के संदर्भ में विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 3/9/2019 की प्रति देवें तथा बतावे कि STF किन-किन प्रकरणों की पुनः जांच कर रही हैं, जिन्हें पूर्व में बंद कर दिया गया था? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 451 दिनांक 17/3/20 के संदर्भ में मा. उच्चतम न्यायालय के आदेश क्रमांक 9/07/2015 की प्रति उस पंक्ति/पैरा पर लाल स्याही से निशान लगा कर देवें जिसके कारण एसटीएफ द्वारा 5 वर्षों तक जांच रोकी गई थी। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या विभागीय मंत्री का आदेश मा. उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो हमें उस नोटशीट की प्रति देवें, जिसके तहत जांच रोकी गई तथा जांच प्रारंभ की गई? (घ) क्या मा. उच्चतम न्यायालय ने रिट याचिका क्रमांक 114/15 तथा 115/15 में STF को निजी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रवेश में फर्जीवाड़े की जांच रोकने का अंतरिम आदेश दिया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवे। यदि नहीं, तो बतायें कि ऐसा उल्लेख करना क्या मा. उच्चतम न्यायालय की अवमानना नहीं है? (ड.) क्या सीबीआई ने पीएमटी 2012 तथा पीएमटी 2013 की जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिकों को भी आरोपी बनाया है? यदि हाँ, तो फिर एसटीएफ निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती की जांच क्यों नहीं कर रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। एसटीएफ द्वारा किसी भी प्रकरण में जांच बंद नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। आदेश के परिपालन में समस्त आपराधिक प्रकरण सीबीआई को सुपुर्द किए गए। एसटीएफ द्वारा किसी भी प्रकरण में जांच बंद नहीं की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं। जी नहीं। चूँकि निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश में फर्जीवाड़े से संबंधित शिकायतों में जांच इकाई निर्धारण के संबंध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। इसी तारतम्य में माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा भी ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्रमांक 327/2015 सहपठित Interlocutory Application (इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन) नंबर 13864/2015 दायर की गई है जो उपरोक्त रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के साथ सुनवाई हेतु लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी। (ड.) जी हाँ, सीबीआई ने पीएमटी 2012 की जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिकों को भी आरोपी बनाया है। निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश में फर्जीवाड़े से संबंधित शिकायतों में जांच इकाई निर्धारण के संबंध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 लंबित है। इसी तारतम्य में माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा भी ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्रमांक 327/2015 सहपठित Interlocutory Application (इंटरलोकेटरी एप्लीकेशन) नंबर 13864/2015 दायर की गई है जो उपरोक्त रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के साथ सुनवाई हेतु लंबित है। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्णयानुरूप कार्यवाही की जायेगी
विभिन्न अपराधिक प्रकरणों में खात्मा/खारिजी लगाने की जानकारी
[गृह]
89. ( क्र. 1981 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग के समस्त जिलों के थानों में वर्ष 2020 एवं चालू वर्ष 2021 में लूट, हत्या, डकैती, नकबजनी, धोखाधड़ी एवं सनसनीखेज अपराध एवं 10 लाख रूपये से अधिक की चोरी एवं महिला संबंधी अपराध के जिन अपराधिक प्रकरणों में खात्मा/खारिजी लगाये जाने प्रस्ताव तैयार किये जाकर संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है, उन अपराधिक प्रकरणों के क्रमांक, धाराओं की जानकारी, खात्मा/खारिजी क्रमांक सहित न्यायालय में प्रस्तुत करने का दिनांक सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक वार देवें। (ख) चम्बल संभाग के संपूर्ण जिलों के थानों में पंजीबद्ध विभिन्न अपराधों में खात्मा/खारिजी लगाये जाने हेतु जो नियम प्रक्रिया पुलिस महानिदेशक/एडीजी पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा निर्धारित की गई है। उसकी संपूर्ण जानकारी देवें एवं खात्मा/खारिजी लगाए जाने हेतु जारी किये गये संपूर्ण परिपत्र एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन न्याय हित में पारदर्शिता पूर्ण तरीके से किसी भी अपराधिक प्रकरण में खात्मा/खारिजी लगाये जाने हेतु कोई नीति निर्धारित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) चंबल संभाग सहित पुलिस विभाग म.प्र. में विभिन्न अपराधों में खात्मा/खारिजी लगाये जाने हेतु परिपत्र एवं अधिनियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) खात्मा/खारिजी के नियम मध्य प्रदेश पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 787 एवं 788 में वर्णित है, जो शासन द्वारा ही निर्धारित है।
प्रदेश के परीक्षा केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 2022 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर, रीवा, सागर और उज्जैन संभागीय मुख्यालयों पर दलित-आदिवासी बच्चों की पीएससी, यूपीएससी, थानेदार, बैंकिंग और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संचालित परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों में कार्यरत फैकल्टी, अंशकालीन कर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय और वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी अवधि के वेतन और मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है तथा इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (ग) दलित-आदिवासी बच्चों को अफसर बनाने के लिए कोचिंग देकर तैयारी कराने वाले इन परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन में सरकार की उदासीनता का क्या कारण है? (घ) क्या सरकार भविष्य में इन प्रशिक्षण केन्द्रों के लिए नियमित वेतन और मानदेय का भुगतान किया जाना सुनिश्चित करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) उपलब्ध बजट अनुसार भुगतान किया जा रहा है। (ख) आवंटन के अभाव में लंबित भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ।
निवर्तमान थाना प्रभारी सरायछौला जयपाल गुर्जर के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
91. ( क्र. 2047 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना सरायछौला जिला मुरैना में दिनांक 12.11.2020 को मृगपुरा के ग्रामीणों द्वारा लूट, डकैती के शातिर बदमाश इन्दल गुर्जर व दो अन्य को रंगे हाथों पकड़कर थाना सरायछौला निवर्तमान प्रभारी जयपाल गुर्जर को सौंपा गया था? जिन पर एफ.आई.आर. नं. 105 मुकदमा दर्ज किया गया किन्तु थाना प्रभारी द्वारा अपराधी को किस नियम के तहत छोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या थाना प्रभारी द्वारा आरोपी इंदल गुर्जर को फरियादी बनाकर उल्टा ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा एफ.आई.आर. नं. 149 दर्ज किया गया क्या? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शातिर बदमाश इंदल गुर्जर को 15.11.2020 को थाना सिटी कोतवाली मुरैना द्वारा गिरफ्तार कर एफ.आई.आर. 1294 अंतर्गत जेल भेज दिया गया? थाना सिटी कोतवाली प्रभारी द्वारा इंदल पर संगीन अपराध व गिरफ्तारी वारंट बताए गये थे? (घ) निवर्तमान सरायछौला थाना प्रभारी श्री जयपाल गुर्जर द्वारा डकैती के शातिर नामजद बदमाशों को संरक्षण देने, बचाने, छोड़ने वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी छिपाने के साथ उल्टा फरियादी ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने में सहयोग किया है तो निवर्तमान थाना प्रभारी जयपाल गुर्जर के खिलाफ एक आम नागरिक की तरह अपराध पंजीबद्ध कर दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 12.11.20 की स्थिति में थाना सरायछौला में इंदल गुर्जर के विरूद्ध ऐसा कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं था जिसमें उक्त व्यक्ति की गिरफ्तारी वांछनीय हो। उक्त व्यक्ति के साथ दिनांक 12.11.20 में हुई मारपीट के कारण उसे इलाज हेतु जिला अस्पताल मुरैना में भर्ती किया गया था। (ख) दिनांक 12.11.20 को फरियादी इंदल सिंह घायल अवस्था में मृगपुरा के ग्रामीणों द्वारा एक राय होकर मारपीट करने कि रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिस पर से थाना सरायछौला में अपराध क्र. 148/20 धारा 323,294,506,147,148,149 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया था। उक्त प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। (ग) थाना कोतवाली के अपराध क्र. 1294/20 धारा 379 भादवि में आरोपी इंदल गुर्जर की गिर0 की आवश्यकता होने से दिनांक 15.11.20 को विधि अनुसार गिरफ्तार किया गया था। (घ) निवर्तमान थाना प्रभारी सरायछौला जयपाल सिंह गुर्जर के विरूद्ध वर्तमान में ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने में सहयोगी होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सहकारिता समितियों द्वारा खाद आवंटन
[सहकारिता]
92. ( क्र. 2050 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले की सहकारी समितियों में यूरिया, डी.ए.पी. एवं एन.पी.के. की कितनी-कितनी आपूर्ति कराई गई? सीजनवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में खाद यूरिया, डी.ए.पी. एवं एन.पी.के. के वितरण हेतु जिले के कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी भूमि के लिये कितने-कितने खाद प्रदाय करने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया था? क्या प्रस्ताव के अनुरूप खाद उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ तो कितनी यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत किन-किन सोसायटियों द्वारा खाद वितरण किया गया? क्या निर्धारित समय में किसानों को खाद दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क) के संबंध में कोई प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा गया, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संस्थाओं द्वारा सदस्य कृषकों को उनकी पात्रता, खाद की उपलब्धता एवं उनकी मांग अनुसार खाद उपलब्ध कराया गया है।
गौ-शाला के संचालन हेतु शासन द्वारा राशि का प्रदाय
[पशुपालन एवं डेयरी]
93. ( क्र. 2083 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कितनी गौशालाएं कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से बनाई गई हैं? विकासखण्डवार बताएं। (ख) शासन द्वारा गौशाला में गाय, बछड़े, बैल एवं सांड आदि के भूसा-चारा आदि के लिए प्रतिदिन कितनी-कितनी राशि प्रदान की जाती है एवं उक्त अवधि में किस-किस गौशाला को कितनी राशि गायों को भूसा-चारा आदि हेतु शासन द्वारा गौशाला संचालकों को भुगतान की गई? (ग) क्या शासन द्वारा पशुओं से किसानों की कृषि भूमि की सुरक्षा हेतु तार, बागड़, जाली एवं बाउण्ड्री बनाने की योजना है? यदि नहीं, तो वर्षा एवं सर्दी के मौसम में जानवरों से फसलों को नुकसान से बचाने हेतु क्या योजना है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में निर्मित गौशालाओं की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) शासन द्वारा चारा भूसा दाना हेतु रू. 20.00 प्रति दिवस प्रति गौवंश के मान से राशि प्रदाय करने के प्रावधान है। प्रदाय राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) वर्तमान में विभाग की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
नियम विरूद्ध गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की भूमि का विक्रय
[सहकारिता]
94. ( क्र. 2099 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में इंदौर एवं भोपाल जिले की किन-किन गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की भूमि कितनी-कितनी, कब-कब विक्रय करने की अनुमति पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा दी गई? कृपया दी गई अनुमतियों की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे। (ख) समितियों द्वारा प्राप्त अनुमतियों के आधार पर भूखण्डों के विक्रय की क्या प्रक्रिया अपनायी गई? क्या जिन शर्तों पर अनुमतियां दी गई, उन शर्तों का पालन किया गया? क्या किसी संस्था द्वारा पूर्व में बेची गई जमीन की अनुमतियां भी बाद में दी गई? इसके लिये कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जून 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में इंदौर एवं भोपाल जिले की किसी भी गृह निर्माण सहकारी संस्था को भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान नहीं की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इंदौर जिले की एस.जे.डी. गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की भूमि दिनांक 15-10-2007 को विक्रय होने की कार्योत्तर स्वीकृति विभागीय परिपत्र क्रमांक 814 दिनांक 02-08-2011 के आधार पर दोषियों पर कार्यवाही की शर्त पर दिनांक 25-10-2021 को प्रदान की गई है, शेष परीक्षणाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मन्दसौर गोलीकाण्ड की जांच
[गृह]
95. ( क्र. 2117 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में मंदसौर गोलीकांड पिपलीयामंडी में किसान आन्दोलन के दौरान किस दिनांक को हुआ था? इस गोलीकांड की जांच हेतु जैन आयोग का गठन किस दिनांक को किया गया? जैन आयोग की जांच रिपोर्ट किस दिनांक को शासन को प्राप्त हुई तथा उसे विधानसभा के पटल पर किस दिनांक को रखा गया? (ख) आयोग की रिपोर्ट शासन को प्राप्त होने के बाद, पटल पर रखने के पूर्व क्या-क्या प्रक्रिया होती है? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि उस प्रक्रिया हेतु सामान्यतया कितनी अवधि चाहिये? (ग) क्या गृह विभाग आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण कर सकता है तथा उसे विधानसभा के पटल पर न रखी जाय ऐसी अनुशंसा कर सकता है? यदि हाँ, तो इस सन्दर्भ में जारी परिपत्र की प्रति देवें। (घ) वर्ष 2017 में किसान आन्दोलन के दौरान दलौदा में हुये कृषक धनश्याम धाकड़ की मृत्यु किस दिनांक को हुई थी तथा उसकी जांच हेतु किस अधिकारी को किस दिनांक को आदेश दिया गया था? जांच किस दिनांक को पूर्ण कर रिपोर्ट शासन को किस दिनांक को प्राप्त हुई? रिपोर्ट की प्रति देवें। (ड.) क्या मंदसौर गोलीकाण्ड पर आयोग की रिपोर्ट तीन वर्ष नौ माह बाद भी विधानसभा के पटल पर नहीं रखी गई तथा धनश्याम धाकड़ की मृत्यु की जांच 04 वर्ष 09 माह में भी पूरी नहीं हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2017 में थाना पिपलीयामंडी क्षेत्र में किसान आंदोलन के दौरान दिनांक 06.06.2017 को गोलीचालन को हुआ था। गोलीकांड की जांच हेतु जैन आयोग का गठन दिनांक 12.06.2017 को किया गया। जैन आयोग की रिपोर्ट गृह विभाग में दिनांक 14.06.2018 को प्राप्त हुई। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2017 में किसान आंदोलन के दौरान दलौदा में दिनांक 08.06.2017 को घनश्याम धाकड़ की मृत्यु हुई थी। श्री नरेन्द्र सिंह राजावत, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, मंदसौर को मृत्यु की जांच हेतु पत्र दिनांक 22.06.2017 द्वारा अधिकृत किया गया था। शासन को रिपोर्ट दिनांक 03.03.2021 प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ड.) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश (घ) अनुसार।
कर्मचारियों की वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति
[पशुपालन एवं डेयरी]
96. ( क्र. 2125 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परस्पर वरिष्ठता के संबंध में दिनांक 01.04.2014 की स्थिति में म.प्र. शासन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग के ज्ञापन क्र. सी-3-4/89/3/49 दिनांक 24 जनवरी, 1989 के परिपालन में दिनांक 31.03.86 के पूर्व प्रक्रिया एवं स्थिति के आधार पर नियमित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपर्युक्त आदेश के परिपालन में विभाग में कार्यरत प्रगति सहायक/संगणक के पद पर तदर्थ रूप से कार्यरत कर्मचारियों को खंड अवधि को गणना में न लिये जाने के बाद प्रथम उपस्थिति दिनांक मान्य करते हुये वरिष्ठता प्रदान किये जाने हेतु निर्देश दिये गये है? वरिष्ठता सूची में नियम/आदेशों का परिपालन किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो नियम/आदेशों का पालन न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग जवाबदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश का परिपालन न होने के कारण जिन कर्मचारियों को दिनांक 01.04.2014 की स्थिति में वरिष्ठता होने के बाद भी पदोन्नति नहीं हो पाई एवं कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिला है उन वरिष्ठ कर्मचारियों को जिनकों पदोन्नति नहीं मिल पाई उन्हें कब तक पदोन्नति का लाभ मिलेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2000, 2003, 2006, 2007, 2009, 2011, 2012, 2014, 2015 तक वरिष्ठता सूची का प्रकाशन किया गया जिसमें 01 माह के अन्दर आपत्ति संबंधी अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का समय दिया गया। किन्तु समायवधि में अभ्योवदन प्राप्त न होने के कारण सूची यथावत रही। प्रकाशित पदक्रम सूचियों से वरिष्ठता के आधार पर वर्ष 1989 के पश्चात निरंतर वर्ष 2014 तक विभागीय पदोन्नति की गई है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति के विकास हेतु प्राप्त राशि
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 2129 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में ऐसे कितने गांव है जहां अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 15 प्रतिशत् से ज्यादा है। सभी के नाम एवं जनसंख्या प्रतिशत बताएं। (ख) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण एवं गांव के विकास हेतु छतरपुर जिले को कितनी राशि एवं कौन सी सामग्री केन्द्र एवं राज्य सरकार या अन्य एजेंसी से प्रतिवर्ष प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में उक्त राशि से विधानसभा बिजावर के किस-किस गांव में क्या-क्या कार्य करवाये गए तथा सामग्री किसे प्रदाय की गई। वर्षवार सभी के नाम सहित जानकारी प्रदाय करे। सभी सामग्री एवं कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में 165 गावों में अनुसूचित जनजाति के लोगों की जनसंख्या 15 प्रतिशत से ज्यादा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र''अ''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सामग्री केन्द्र एवं राज्य सरकार या अन्य एजेन्सी से प्राप्त नहीं हुई। (ग) प्रश्नांश (ग) के सम्बन्ध में कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र''स''अनुसार है। सामग्री प्रदाय की जानकारी निरंक है।
छात्रावासों के लिये उपलब्ध बजट
[जनजातीय कार्य]
98. ( क्र. 2130 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में सामग्री क्रय करने एवं विभिन्न कार्यों हेतु कितना बजट प्रतिवर्ष जारी किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त बजट में से प्रतिवर्ष कितना बजट छतरपुर जिले हेतु आवंटित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में छतरपुर जिले हेतु आवंटित बजट में से कितना विधानसभा क्षेत्र बिजावर हेतु आंवटित किया गया? उक्त बजट से विभिन्न छात्रावासों में प्रतिवर्ष क्या सामग्री किस संस्था से कितनी राशि की क्रय की गई तथा क्या-क्या कार्य करवाये गए? क्रय या प्राप्त सभी सामग्री की भौतिक स्थिति क्या है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मध्य प्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-12-16/2018/25-2/121 दिनांक 27.02.2019 द्वारा विभागीय हितग्राही मूलक योजनाओं को आधार बेस्ड डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरण हेतु पूल अकाऊंट खोलने की अनुमति प्रदाय की गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 से MPTAASC पोर्टल लागू होने के कारण जिलों को आवंटन जारी नहीं किया गया है। छात्रावासों एवं विद्यार्थियों के खाते में सीधे MPTAASC पोर्टल के माध्यम से राशि हस्तांतरित की जा रही है।
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
||
|
|
संधारण/अनुरक्षण/मरम्मत |
शिष्यवृति |
सामग्री पूर्ति |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1 |
जनवरी 2019 से मार्च 2019 |
0 |
ग्लोबल |
38.60 |
2 |
2019-20 |
4988.87 |
8234.06 |
1686.99 |
3 |
2020-21 |
2094.48 |
2638.51 |
729.50 |
4 |
2021-22 |
1702.00 |
5390.00 |
490.00 |
(ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जिले में संचालित छात्रावासों में सामग्री क्रय एवं विभिन्न कार्यों हेतु निम्नानुसार राशि MPTAASC के माध्यम से अंतरित की गई है:-
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
||
|
|
संधारण/अनुरक्षण/मरम्मत |
शिष्यवृति |
सामग्री पूर्ति |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1 |
जनवरी 2019 से मार्च 2019 |
0 |
2220800 |
2998412 |
2 |
2019-20 |
250000 |
6604357 |
93600 |
3 |
2020-21 |
300000 |
179929 |
105000 |
4 |
2021-22 |
650000 |
1239030 |
0 |
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय निर्माण कार्यों की प्रक्रिया
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 2144 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभागीय निर्माण कार्य म.प्र. शासन के किस तकनीकी विभाग के नियमों एवं एस.ओ.आर. के अध्याधीन कराये जाते हैं और संबन्धित विभाग के निर्माण कार्यों की माप करने एवं माप पुस्तिका में माप दर्ज करने तथा माप एवं दर्ज की गयी माप के अन्य वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों से सत्यापन/परीक्षण एवं जांच के क्या नियम/निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्या उपयंत्री अथवा अन्य तकनीकी अधिकारी द्वारा निर्माण कार्यों की की गयी माप और माप पुस्तिका में दर्ज की गयी माप का अन्य वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से सत्यापन कराया जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो किस नियम/निर्देशों के तहत? यदि नहीं, तो क्यों? माप पुस्तिका में दर्ज प्रविष्टियों का अन्य वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से सत्यापन नहीं कराया जाना किस प्रकार उचित हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–1718, दिनांक 01/03/2021 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर “जी हाँ” दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) नियमानुसार माप और माप पुस्तिका में दर्ज माप का अन्य वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से सत्यापन कराये बिना देयक तैयार करना और भुगतान किया जाना किस प्रकार नियमानुसार हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1718, दिनांक-01/03/2021 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर “सत्यापन उपरांत देयक का भुगतान किया गया,” दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ख) नियमानुसार माप और माप पुस्तिका में दर्ज माप का भी अन्य वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से सत्यापन कराया गया और जांच कराई गयी? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभागीय निर्माण कार्य विभाग को प्रदत्त वित्तीय अधिकार अंतर्गत एवं लोक निर्माण विभाग के प्रचलित एस.ओ.आर. दर सूची पर कराये जाते है। निर्माण कार्यों के माप दर्ज एवं सत्यापन किये जाने के नियम/निर्देश जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियम जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मापदर्ज एवं सत्यापन उपंरात देयक का भुगतान किया गया। (घ) जी हाँ। कार्य के माप का नियमानुसार सत्यापान सहायक यंत्री द्वारा किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। कार्य के माप दर्ज एवं सत्यापन नियमानुसार किया गया।
वि.स.बल कम्पनियों के मुख्यालयों की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 2149 ) श्री कमलेश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी एवं कौन-कौन सी वि.स.बल की कम्पनियों है एवं उनके मुख्यालय किस-किस संभाग के किस-किस जिलों में है? जानकारी बि.स.बल कम्पनियों के नामवार एवं उनके मुख्यालय के संभागवार, जिलावार उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश के सभी संभागों में पर्याप्त बि.स.बल कम्पनियों तैनात है? यदि हाँ तो उक्त कम्पनियों की इकाइयों में तैनात जवानों को रेन्ज से बहार अन्यत्र संभागों में क्यों पदस्थ किया जाता है? क्या इससे शासन पर अतिरिक्त व्यय नहीं पड़ता है? (ग) क्या सभी संभागों में पर्याप्त बि.स.बल कम्पनियों के होने के बाबजूद जवानों को रेन्ज से अन्यत्र संभागों में तैनात किया जाना एक सजा के रुप में है? यदि नहीं, तो शासन पर अतिरिक्त होने वाले व्यय को रोकने हेतु क्या प्रदेश सरकार उक्त सम्बध में जवानों को उनकी कम्पनी की रेन्ज में ही तैनात किये जाने के लिये कोई नियम बनाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या देश एवं प्रदेश की सुरक्षा में सदैव तैनात जवानों को शासकीय कर्तव्यों के साथ साथ सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों को पूर्ण किये जाने का अवसर प्रदान नहीं करना चाहिये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए विसबल की कपंनियां अस्थाई रूप से भिन्न-भिन्न जिलों में तैनात रहती है, जिनका रोटेशन होता रहता है। नियमानुसार यात्रा भत्ता प्रदाय किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) उपस्थित नहीं होता। (घ) विसबल के जवानों को शासकीय कर्तव्यों के साथ-साथ सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों को पूर्ण करने के अवसर प्रदाय किये जाते है।
अज्ञात बीमारी से पशुओं की मृत्यु
[पशुपालन एवं डेयरी]
101. ( क्र. 2150 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अम्बाह के ब्लाक अम्बाह एवं पोरसा में तथा जिला मुरैना के अन्य ब्लाक जोरा एवं कैलारस अन्य में विगत कुछ माह पूर्व किसी अज्ञात बीमारी से असंख्यक लगभग 400 से अधिक भैंसों की मृत्यु हुई है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र एवं जिला मुरैना के अधिकांश ग्रामीण के पास प्रतिमाह अपने परिवार की आजीविका को चलाने हेतु केवल पशुपालन ही एक मात्र जरिया है, क्या प्रदेश सरकार प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में भेंसों की मृत्यु का सर्वे कराकर उनके मालिक किसानों को मुआवजा दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा भविष्य में इस तरह की महामारी से पशुओं को बचाये जाने हेतु क्षेत्र में योग्य एवं अनुभवी डॉक्टरों एवं अन्य सहायक चिकित्सा कर्मचारियों की कमी को पूरा करने हेतु कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं, बीमारी से मृत पशुओं का सर्वे कराकर मालिकों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान पशुपालन विभाग में नहीं है। (ग) पशु चिकित्सा संस्थाओं में पशु चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की पदस्थापना/स्थानांतरण एक निरन्तर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
जानकारी उपलब्ध कराये जाना
[गृह]
102. ( क्र. 2153 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1010 दिनांक 24/12/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि जानकारी एकत्रित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सक्षम अधिकारी द्वारा जानकारी एकत्रित करने में विलंब क्यों किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नजूल अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार विवादित भूखण्ड क्र. 277 खसरा क्र. 2666 के स्वामी श्री अवधेश कुमार पुत्र श्री संतोष कुमार निवासी हटवारा मोहल्ला छतरपुर है। उपरोक्त श्री अवधेश कुमार अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जांच का.वा. प्र.आर. 860 संतराम द्वारा की गई। जांच पर पाया गया है कि उक्त भूखण्ड पर दो मंजिला भवन निर्मित है जिसके दोनों तल पर दुकानें है। विवादित भूमि पर निर्मित उपरोक्त भवन के प्रथम तल की दुकान पर पंजीकृत भवन स्वामी श्री अवधेश कुमार द्वारा दिये गये शिकायत पत्र के अनुसार श्रीमती गांधी अग्रवाल, वीरेन्द्र अग्रवाल, मनोज अग्रवाल एवं अनिल अग्रवाल निवासीगण हटवारा मोहल्ला, छतरपुर का कब्जा है। जबकि भू-तल पर भवन स्वामी श्री अवधेश कुमार का ही कब्जा है। उपरोक्त शिकायत पत्र पर कार्यवाही के दौरान पंचनामा बनाये जाने पर उपरोक्तानुसार कब्जे की पुष्टि हुई है। भूमि संबंधी विवाद होने से शिकायत पत्र के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जाँच एवं कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है। दोनों संबंधित पक्षों के मध्य शांति भंग होने की संभावना के दृष्टिगत दोनों पक्षों के विरूद्ध परिवाद धारा 107, 116 (3) द.प्र.सं. के अंतर्गत संबंधित कार्यपालक दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किये गये है। (ख) जानकारी एकत्र करने में विलंब नहीं किया गया है।
बोर्ड बहाल करने के संबंध में
[सहकारिता]
103. ( क्र. 2154 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग के पत्र क्रमांक 883/427/2012/15-1 दिनांक अप्रैल 2012 में अंजलि प्राथमिकता उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित चंदला फर्जी शिकायत के आधार पर बोर्ड भंग किए जाने की कार्रवाई की गई थी? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार प्राप्त शिकायतों के आधार पर संयुक्त आयुक्त सहकारिता सागर से जांच कराई गई थी? यदि हाँ, तो जांच की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) प्रश्न (ख) के अनुसार जांच में अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए थे। हाँ या नहीं यदि हाँ, तो दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी? (घ) प्रश्न (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्रवाई की गई थी कार्रवाई की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए? (ड.) क्या शासन उक्त भंडार बोर्ड को बहाल करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 2156 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अनुकम्पा नियुक्ति बालाघाट जिले में किसी भी विभाग में देने अनापत्ति हेतु आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को श्रीमती लीना भेलावे एवं श्री आदिल सिद्दकी द्वारा दिनांक 22/10/2021 को आवेदन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अनापत्ति हेतु आदेशित करने प्रकरण किन कारणों से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन कर्ताओं के प्रकरणों का कब तक निराकरण कर आदेशित किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय पत्र दिनांक 05/01/2022 द्वारा श्रीमती लीना भेलावे को अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है एवं आयुक्त जनजातीय कार्य विकास के पत्र दिनांक 07/02/2022 द्वारा प्रकरण कलेक्टर जिला बालाघाट को प्रेषित किया गया है। श्री आदिल सिद्दकी के प्रकरण में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) श्रीमती लीना भेलावे का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया। श्री आदिल सिद्दकी के संदर्भ में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कनिष्ठ विक्रेताओं की नियुक्ति
[सहकारिता]
105. ( क्र. 2157 ) श्री संजय उइके : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग के आदेश से प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि शाख सहकारी संस्थाओं में कनिष्ठ विक्रेताओं की नियुक्ति की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रिक्त पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन कब-कब निकाला गया? उसकी प्रति देवें? रिक्ति हेतु आरक्षण का पालन प्रदेश/जिला स्तर पर किया गया? जबलपुर संभाग अन्तर्गत कितने रिक्त पदों के विरूद्ध कितनी नियुक्तियां की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से कनिष्ठ संविदा विक्रेताओं का चयन कर संस्थाओं के प्रशासकों द्वारा नियुक्ति की गई है। (ख) कनिष्ठ संविदा विक्रेता के रिक्त पदों की नियुक्ति हेतु दिनांक 14.09.2018 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रिक्ति हेतु आरक्षण का पालन जिला स्तर पर प्रत्येक संस्था को पृथक इकाई मानते हुये किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
स्वीकृत बजट राशि
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 2161 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में स्वीकृत पशु चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम पॉलिटेक्निक महाविद्यालय हेतु वर्ष 2020-21 में प्रतीकात्मक बजट रुपये 100 लाख रुपये अब तक कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में खर्च की गई है? (ख) उपरोक्त हेतु ग्राम माधोपुर तहसील बिछिया जिला मण्डला में आवंटित 6.08 हेक्टेयर भूमि में भवन सहित अन्य निर्माण के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई है? क्या शासन को इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) उपरोक्त के तात्कालिक संचालन हेतु कक्षाओं व आवासीय भवनों की व्यवस्था होने के बाद भी कक्षाओं के संचालन प्रारम्भ नहीं करने के क्या कारण हैं? आदिवासी बाहुल्य जिले में युवाओं को इस रोजगार मूलक पाठ्यक्रम से वंचित रखने के क्या कारण हैं? कब तक कक्षाओं का संचालन प्रारम्भ कर दिया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्राविधानित राशि का व्यय नहीं किया गया है। (ख) आवंटित भूमि व भवन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जी हाँ। जी हाँ प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) सक्षम वित्तीय समिति की स्वीकृति के पूर्व योजना का संचालन किया जाना संभव नहीं है। सक्षम स्वीकृतियां प्राप्त न होने के कारण रोजगार मूलक पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं किया जा सका। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारिता एवं लघुवनोपज समितियों के त्रि स्तरीय चुनाव
[सहकारिता]
107. ( क्र. 2166 ) श्री सुनील उईके : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की कितनी लघु वनोपज सहकारी समितियों के चुनाव लंबित हैं? (ख) प्राथमिक वनोपज समितियों, जिला लघु वनोपज संघ प्रदेश के वनोपज संघ सहित तीनों श्रेणी के चुनाव कब तक कराएं जाएंगे? (ग) कितनी वनोपज समितियों के माध्यम से किसानों को राशन, खाद वितरित किया जाता है? चुनाव न होने से क्या इनमें सरकारी नुमाइंदो द्वारा अनियमितताऐं की जा रही है? (घ) प्रदेश के वनोपज समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा है परन्तु अन्य 32 लघु वनोपज जिनका समर्थन मूल्य निर्धारित है इनकी खरीदी कब तक की जाएगी? खरीदी नहीं की जाने से प्रदेश के 02 करोड़ संग्राहको का शोषण हो रहा है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 126 (ख) प्रथमत: जिला लघु वनोपज संघ की सदस्य प्राथमिक समितियों के निर्वाचन कराने के पश्चात जिला लघु वनोपज संघ के निर्वाचन कराये जायेंगे, तत्पश्चात म.प्र. राज्य सहकारी लघु वनोपज संघ के निर्वाचन संभव होंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) 48 वनोपज समितियों के माध्यम से राशन, खाद वितरित किया जाता है, अनियमितता संबंधी जानकारी वर्तमान में प्रकाश में नहीं आई है। (घ) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा प्रदेश में 32 प्रमुख लघु वनोपज प्रजातियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है, लघु वनोपजों का संग्रहण कराने हेतु क्षेत्रीय वन मण्डल अधिकारी एवं पदेन प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियनों को समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते हैं, बाजार मूल्य अधिक होने पर संग्राहकों द्वारा व्यापारियों को विक्रय किया जाता है, बाजार मूल्य कम होता है तब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज समितियों द्वारा वनोपज क्रय की जाती है। अत: शोषण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु औषधालय एवं गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
108. ( क्र. 2168 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत कितने पशु औषधालय संचालित है, उक्त औषधालयों में पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सा कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों में से कितने रिक्त है? रिक्त रहने के कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित पशु औषधालयों में दवाइयों के वितरण की जानकारी देवें? विदिशा जिले में कितनी गौशालाए वर्तमान स्थिति में अपूर्ण है एवं जिन ग्रामों में गौशालाएं पूर्ण होकर संचालित हो रही है, उन गौशालाओं में कितनी-कितनी राशि, चारा, भुसा, दाना एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए दी गई है, के संबंध में गौशालावार जानकारी देवें? (ग) क्या यह सच है, कि पशु चिकित्सालयों में ग्रामीण क्षेत्र के पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सा कर्मचारियों के नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के पशु पालकों को अपने पशुओं को होने वाली बीमारी के ईलाज के संबंध में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन पशु चिकित्सा क्षेत्र में व्यवस्थाओं को सुधारे जाने एवं गौशालाओं को व्यवस्थित रूप से चलाए जाने के संबंध में उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यो?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (ग) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र के पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सा कर्मचारियों की कमी होने पर निकटस्थ संस्था के प्रभारी को अतिरिक्त प्रभार देकर पशुओं का उपचार किया जाता है। विभाग की 1962 पशुधन संजीवनी योजना अंतर्गत पशुपालकों को घर पहुँच उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। गौशालाओं का संचालन स्वयं सेवा संस्थाओं/ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा हैं तथा विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा गौशालाओं में नियमित भ्रमण कर आवश्यक समझाईश दी जाती है।
शासकीय अटल बिहारी चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सकीय सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
109. ( क्र. 2169 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा स्थित शासकीय अटल बिहारी चिकित्सा महाविद्यालय में ब्लड बैंक की स्थापना एवं सी.टी. स्कैन मशीन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो उक्त मशीन से आम मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? एम.आर.आई. मशीन की सुविधा कब तक उपलब्ध होगी एवं हड्डी रोग के लिए इमप्लांट, दवाइयों की सुविधा के संबंध में जानकारी देवें एवं लेब के माध्यम से सम्पूर्ण जांचों की सुविधा उपलब्ध है अथवा नहीं एवं प्रसूति विभाग में डिलेवरी की व्यवस्था चालू नहीं किए जाने एवं नेत्र विभाग में माईक्रोस्कोप ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं के संबंध में भी जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) क्या यह सच है कि प्रश्नांश (क) के क्रम में आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में विदिशा से मरीजों को भोपाल रेफर किया जा रहा है? अभी तक कितने मरीजों को संसाधनों के अभाव में भोपाल रेफर किया गया है? मरीजों के नामवार जानकारी उपलब्ध करायें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अस्थि रोग विभाग में इमप्लांट हेतु चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा निविदा जारी की गयी है। अस्थि रोग विभाग हेतु आवश्यक दवाईयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हाँ। सुविधा उपलब्ध है। लैब में की जाने वाली जांचों (Tests) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा द्वारा जिला चिकित्सालय विदिशा में डिलेवरी करायी जा रही है। नेत्र रोग विभाग में माइक्रोस्कोप उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार के उपक्रम हाईट्स द्वारा निविदा जारी की गयी है। वर्तमान में नेत्र रोग विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा के चिकित्सकों द्वारा नेत्र रोग से संबंधित मरीजों के ऑपरेशन जिला चिकित्सालय विदिशा में किये जा रहे है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहगढ़ में स्वीकृत कार्य
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
110. ( क्र. 2173 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत विभाग द्वारा एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, किन-किन की अनुशंसा पर कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कब-कब स्वीकृत किये गये तथा वर्तमान में उक्त कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या हैं, वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभागीय जिला कार्यालय राजगढ़ द्वारा उक्त वर्णित अवधि में कब-कब, कौन-कौन से प्रस्ताव किन-किन की अनुशंसा से शासन/वरिष्ठालय को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये? वर्षवार बतावें। (ग) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ सहित राजगढ़ जिले में लगभग 50 से अधिक ग्राम पंचायतों में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियां निवासरत हैं, लेकिन प्रश्नकर्ता की बिना अनुशंसा के ही एक ही ग्राम पंचायत को बार-बार करोड़ों की राशि स्वीकृत किया जाना संदेहास्पद होकर शासकीय राशि के दुरूपयोग होने का स्पष्ट संकेत प्रतीत होता हैं? यदि हाँ, तो विभाग का इस संबंध में क्या अभिमत हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) बस्ती विकास संबंधी कार्यों के प्रस्ताव जिलों से प्राप्त होने पर नियमानुसार स्वीकृत किये जाते है। प्रश्नाधीन अवधि में किसी एक पंचायत को करोड़ों की राशि स्वीकृत नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
111. ( क्र. 2174 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2219 दिनांक 16.07.2019 के उत्तर अनुसार दस न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु प्लान तैयार किये जाने की कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रकियाधीन हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन माननीय अपर सत्र न्यायालय नरसिंहगढ़ के नवीन कार्यालय भवन स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जिला न्यायालय राजगढ़ से नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में 07 न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के मानचित्र को उच्च न्यायालय की माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन की बिल्डिंग कमेटी द्वारा अनुमोदन किया गया तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ से विस्तृत प्राक्कलन तैयार कराने हेतु लिखा गया है। वर्तमान में प्राक्कलन अपेक्षित है। (ख) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
शत-प्रतिशत परिणाम देने वाली संस्थाओं को पुरस्कार राशि
[जनजातीय कार्य]
112. ( क्र. 2177 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों को 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाली खरगोन जिले कि स्कूल और छात्रावासों को क्रमश: रू. 25,15,10 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में दिए जाते हैं जो विगत 2 वर्षों से आवंटन के आभाव में स्कूलों को प्रदाय नहीं किए गए हैं? कब तक भुगतान संभव है? (ख) राज्य के कर्मचारियों को अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थ होने पर ट्राईबल अलाउंस का भुगतान विगत वर्षों से बंद कर दिया गया है। न ही वेतन मद में इसका आवंटन दिया जा रहा है। कब से भुगतान संभव हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) हाँ। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों को 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाली खरगोन जिले की स्कूल और छात्रावास को क्रमश: 25,15,10 हजार रूपये पुरस्कार के लिये दिये जाते है। विगत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कोविड 19 के कारण उक्त योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाया। (ख) जी नहीं, आवंटन ग्लोबल प्रदाय किया जाता है, जिसका भु्गतान निरन्तर किया जा रहा है।
नवीन मेडीकल कॉलेज खोले जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 2178 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन जिले में नवीन मेडीकल कॉलेज खोलने हेतु कोई कार्यवाही शासन द्वारा की जा रही है? हाँ तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? नवीन मेडीकल कॉलेज खोलने हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जोयेगी? हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कंसाइनमेंट के आधार पर खाद का बिना विक्रय हुए पूर्ण भुगतान
[सहकारिता]
114. ( क्र. 2181 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में कितनी प्रोम, बोरोन एवं जिंक खाद सहकारी संस्थाओं में भण्डारित की गयी, जिलेवार, कम्पनीवार एवं मूल्य सहित जानकारी दी जावें। (ख) इसमें कितनी प्रोम, बोरोन एवं जिंक खाद विक्रय हुई तथा विपणन संघ द्वारा कितना भुगतान किया गया मात्रा एवं राशि की जानकारी कम्पनीवार एवं वर्षवार दी जावें। (ग) क्या भुगतान के पूर्व गुणवत्ता परीक्षण के निर्देश थे, क्या इन निर्देशों का पालन हुआ करायी गयी गुणवत्ता परीक्षणों की वर्षवार, कम्पनीवार एवं जिलावार जानकारी देवें? (घ) क्या यह सही है कि कई जिलों में कंसाइनमेंट के आधार पर रखी गयी खाद का बिना विक्रय हुए पूर्ण भुगतान कर दिया गया इसके लिये कौन कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नागरिक सहाकरी बैंक का परिसमापन
[सहकारिता]
115. ( क्र. 2190 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले अंतर्गत मित्रमण्डल नागरिक सहाकरी बैंक कब से परिसमापन में है, इसके परिसमापक कौन है और कब से है? (ख) क्या इस बैंक द्वारा मित्रमण्डल सहकारी चिकित्सालय को कोई ऋण दिया गया था जो अभी-अभी तक बकाया था? यदि हाँ तो कितना ऋण दिया गया था और ब्याज सहित कितनी राशि दिनांक 31.03.2021 पर बकाया थी? (ग) क्या मित्रमण्डल सहकारी चिकित्सालय द्वारा किसी सम्पत्ति को बंधक रखकर पूर्व में अन्य संस्था से भी ऋण लिया था तथा सम्पत्ति बंधक रखी थी? उसी सम्पत्ति को मित्रमण्डल नागरिक सहाकरी बैंक में बंधक रखकर बैंक के साथ धोखाधड़ी पूर्ण कृत्य किया था? यदि हाँ तो क्या मित्रमण्डल नागरिक सहाकरी बैंक के परिसमापक और मित्रमण्डल नागरिक सहाकरी बैंक के ऋणी के विरूद्ध कोई समझौता कर उनकी सम्पत्ति मुक्त कर दी गयी है? यदि हाँ तो कितनी राशि में समझौता हुआ और बंधक सम्पत्ति का बाजार मूल्य क्या है और इसकी अनुमति किसके द्वारा दी गयी? (घ) क्या धोखाधड़ी के प्रकरणों में इस प्रकार का समझौता किया जा कर करोड़ो रूपये की सम्पत्ति को बंधक मुक्त किया जाना नियमानुसार है? रिजर्व बैंक के क्या निर्देश है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 2193 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत विभाग की कितनी स्कूलें संचालित है? विवरण देवें। (ख) क्या उक्त शालाओं में स्वीकृत पदों के अनुरूप शिक्षक कार्यरत है? नहीं तो कहाँ-कहाँ, कितने-कितने पद रिक्त हैं? (ग) क्या जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये है? यदि हाँ तो किस कारण से? किसकी अनुशंसा पर? नहीं तो पदों की रिक्तिता का कारण?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय दृष्टि से एवं शिक्षकों के स्वेच्छा से दिये गये अभ्यावेदनों के कारण। जिला अंतर्गत स्थानांतरण जिलें के प्रभारी मंत्रीजी की अनुशंसा/अनुमोदन से एवं अंतर जिला स्थानांतरण माननीय विभागीय मंत्रीजी के अनुमोदन से स्थानांतरण नीति में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
117. ( क्र. 2194 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? इनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत, कितने प्रकरण अस्वीकृत तथा कितने प्रकरण लंबित हैं। प्रकरणवार जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि की सहायता राशि दी गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रत्येक हितग्राही नाम, उम्र, ग्राम का नाम, विवाह की तारीख, प्रकरण स्वीकृत करने की तारीख तथा जिस बैंक खाते में राशि भेजी गई उसका विवरण देवे?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला खरगोन में कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों की संख्या निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाँधी चिकित्सा महा. में बैकलॉग पद के विरुद्ध नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
118. ( क्र. 2197 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय गां.चि.महा.वि. भोपाल के आदेश-क्रमांक 6543-53 दिनांक 09/12/2021 द्वारा गठित कार्यकारिणी समिति के अभिमत में स्वीकार किया गया कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सह-प्राध्यापक के लिए अजजा के आरक्षित बैकलॉग पदोन्नति का रिक्त पद रोस्टर संधारण में त्रुटि कर अनारक्षित वर्ग से पूर्ति की गई? उक्त त्रुटि को सुधार कर उक्त पद को कब तक अजजा से पूर्ति की जाएगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पद को 100 बिंदु रोस्टर द्वारा विलुप्त किए जाने का विधिसम्मत प्रति-सहित कारण बताएं। उक्त त्रुटि के सुधारने बाबत प्रश्न-दिनांक तक कार्यकारिणी समिति द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रति-सहित बताएं। (ग) क्या म.प्र. शासन चि.शि. विभाग मंत्रालय आदेश-क्रमांक एफ-2-53/2017/1-55 भोपाल दिनांक 18/09/2020 म.प्र. सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 1958 का लाभ गा.चि.महा.वि. भोपाल में नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों (स्वशासी चिकित्सकों) को नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) विधानसभा प्रश्न 3611 बैठक-दिनांक 08/03/2021 के उत्तर (ख) में शासन आदेश अनुसार चिकित्सा शिक्षकों को 05 वर्ष की सेवा पश्चात् रुपये 8000/- का ग्रेड-पे होने के 03 वर्ष पश्चात सह-प्राध्यापक का वेतनमान स्वीकृत किया जाना बताया गया है? चिकित्सा शिक्षको के लिए दिनांक 16.12.1986 से लागू समयबद्ध पदोन्नति योजना में उक्त प्रावधान सम्मिलित किये जाने हेतु उक्त प्रकरण प्रक्रियाधीन है किन्तु प्रश्न-दिनांक तक उक्त प्रकरण का निराकरण क्यों नहीं किया गया?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक 6543-53 दिनांक 09.12.2021 से कार्यकारिणी समिति का गठन नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण विभाग में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
119. ( क्र. 2198 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून में किए गए प्रावधानों के बाद भी राज्य में वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित 925 वनग्रामों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिया गया। (ख) 925 ग्रामों में से कितने वनग्राम वन ग्राम नियम 1928 के तहत बसाए गए कितने वनग्राम आजादी के पहले तत्कालीन राजस्व विभाग ने प्रबन्धन के लिए वन विभाग को सौपें थे, वर्तमान में कितने वनग्राम किस-किस अभ्यारण एवं पार्क की सीमा में आ रहे है जिलेवार बतावें। (ग) 925 वनग्रामों में से कितने वनग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी 1980-81 में किए गए बन्दोबस्त के दौरान बनाए गए कितने वनग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी 1980 के पहले से ही शासन के पास उपलब्ध थे, इन पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी की प्रतियाँ संबंधित ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को किस आदेश क्रमांक दिनांक से प्रदान की गई। (घ) राजस्व वनग्रामों का प्रबन्धन राजस्व विभाग को सौंपे जाने एवं शेष वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में पृच्छित जानकारी अत्यन्त पुराने अभिलेखों पर आधारित होने के कारण उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य की सीमा से लगे वनग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 925 वनग्रामों में से वनग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी 1980-81 में किए गए बंदोबस्त के दौरान राजस्व विभाग द्वारा नहीं बनाए गए हैं। म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र एफ -25-83/2006/10-3 भोपाल दिनांक 9.06.2017 में लेख है कि 925 वन ग्रामों के राजस्व ग्रामों के भांति ग्राम का नक्शा बी-1 आदि अभिलेख तैयार किया जाना एक व्यापक कार्य है इसके लिए वन विभाग को पटवारियों की आवश्यकता होगी। अत: वन विभाग के अंतर्गत पटवारी के पद स्वीकृत किये जाने तथा वन विभाग के अधिकारियों को राजस्व अधिकारी के अधिकार दिये जाने की आवश्यकता बताई गई। वन ग्रामों के संबंध में समस्त अधिकारिता वन विभाग की है। वन ग्रामों के अभिलेखों का संधारण वन विभाग द्वारा किया जाता है। वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वनग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी की जानकारी वन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को सौंपे गये वनग्रामों की वनभूमि के निर्वनीकरण के सबंध में एवं वनग्राम को राजस्व गामों में परिवर्तन कराये जाने की कार्यवाही शासन स्तर से प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 2205 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासी क्षेत्र के हितो का संरक्षण व संवर्धन के लिए विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं कब से संचालित की जा रही हैं? (ख) क्या यह सही है कि 89 आदिवासी विकासखण्डों का प्रशासकीय नियंत्रण जनजाति कार्य विभाग के पास है? (ग) यदि हाँ तो अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की पदस्थापना प्रश्नांश (ख) की जनपदों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कैसे की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ख) की प्रशासकीय व्यवस्था संविधान के किस अनुच्छेद/मंत्रि परिषद/शासन निर्णय से लिया गया? प्रश्नांश (ग) की स्थिति में सुधार के लिए क्या योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-27/2017/25/1, दिनांक 03 फरवरी, 2018 द्वारा दी गयी सहमति के आधार पर की जी रही है। (घ) अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विकासखण्डों का प्रशासकीय नियंत्रण (संविधान की धारा 244 (1) की पांचवीं अनुसूची के पैराग्राफ 6 (1) के अनुसार) पंचायत एवं सामुदायिक विकास विभाग के आदेश क्रमांक 2199/398/वि-1/22/77 भोपाल, दिनांक 17 जून, 1977 द्वारा जनजातीय कार्य विभाग को सौंपा गया है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुक्त सहकारिता के निर्देशन में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन
[सहकारिता]
121. ( क्र. 2222 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक/f-3/2012/15-1 भोपाल दिनांक 21-10-15 के द्वारा जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों को संविलियन योजना का लाभ दिया गया तत्पश्चात योजना 31-12-19 को समाप्त हो गई। शेष को योजना का लाभ देने के लिए मध्यप्रदेश शासन पत्र क्रमांक/f-3-6/2017/15-1/भोपाल दिनांक 17-05-21 के द्वारा 30-09-2021 तक विस्तारित की गई, इसी के परिप्रेक्ष्य में आयुक्त सहकारिता के निर्देशन में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है? (ख) उप रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटी जिला रीवा के आदेश क्रमांक/540/रीवा दिनांक 20-7-21 के परिपालन श्री हरि शंकर कुशवाहा वरिष्ठ शाखा प्रबंधक जो बैंक में 16.7.21 को उपस्थित हो गए थे। गठित स्क्रीनिंग कमेटी श्री कुशवाहा का नाम प्रस्ताव में भोपाल नहीं भेजा गया जबकि प्रश्नांश (क) में दर्शित संदर्भित आदेश के द्वारा दिनांक 30-9-21 तक मिलना था? (ग) यह भी सही है कि उपायुक्त सहकारिता सीधी के पत्र क्रमांक/स्था/2021/46/सीधी दिनांक 18-11-21 के अनुसार श्री कुशवाहा को लगभग 40 लाख का भुगतान शेष है बजट के अभाव में भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है, हितलाभ देने के लिए प्रस्ताव मंगाया जा कर दोषियों को दंडित करते हुए 12% ब्याज सहित न्यायालय आदेश अनुसार कब तक भुगतान किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्राप्त जानकारी अनुसार श्री कुशवाहा दिनांक 31.01.2019 को अधिवार्षिकी आयु प्राप्त कर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उल्लेखित आदेश क्रमांक 540 दिनांक 12.07.2021 के परिप्रेक्ष्य में संबंधित द्वारा दिनांक 16.07.2021 को उपस्थिति दी थी। उक्त कर्मचारी के विरूद्ध थाना जियावन जिला सीधी में राशि रूपये 15,88,016/- के गबन मामले में आरोपी होकर प्रकरण न्यायालय देवसर में अपराध क्रमांक मामला 79/2018 प्रचलन में है, अन्य मामले में जिला विकास बैंक सीधी के वर्ष 2005-06 के लिए धारा 58 (बी) अन्तर्गत अधिरोपित राशि रूपये 8,41,100/- में सहआरोपी है एवं जिला विकास बैंक सीधी की पंजी अनुसार एक पृथक मामले में राशि रू. 2,00,699/- अग्रिम चुकता न करने का आरोपी बताया गया है, जिसके कारण संबंधित के नाम पर विचार किया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। उपरोक्त दर्शित प्रकरणों के लंबित रहते हुए आरोपी से वसूली योग्य राशियों के निराकरण उपरांत देयताओं के भुगतान पर नियमानुसार विचार संभव है।
सी.एम. हेल्पलाइन में लंबित शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
122. ( क्र. 2224 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. हेल्पलाइन 181 पर कटनी जिला अंतर्गत विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई, शिकायतकर्ता का नाम, ग्राम, शिकायत के प्रारूप सहित विभागवार बतलावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन शिकायतों का निराकरण एल 1, एल 2, एल 3 एवं एल 4 में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी शिकायतों को किन कारणों से शिकायतकर्ता की सहमति के बिना (फोर्सली क्लोज) बंद कराया गया एवं सी.एम.हेल्पलाइन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश की प्रति देवे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन 181 पर कटनी जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक 21/02/2022 तक कुल 66327 शिकायतें प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सी.एम. हेल्पलाईन अंतर्गत एल-1 स्तर पर 33,761, एल-2 पर 7,212 एल-3 पर 4,041 एवं एल-4 पर 3,479 इस प्रकार कुल 48,493 शिकायतों का निराकरण किया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। परिशिष्ट ''अ'' के कालम क्रमांक 07 में निराकरण का स्तर एवं कॉलम क्रमांक 08 में निराकरण की स्थिति है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सी.एम. हेल्पलाईन में जिले की कुल 10,628 शिकायतों को जिले के संबंधित विभाग के एल-3 एवं एल-4 अधिकारी द्वारा फोर्स क्लोज किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, जो कॉलम क्रमांक 08 दर्शित है। सी.एम. हेल्पलाईन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
कटनी जिला अंतर्गत घटित सड़क दुर्घटनाएं
[गृह]
123. ( क्र. 2225 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां पर किन कारणों से सड़क दुर्घटनाऐं कब-कब घटित हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोग घायल हुए तथा कितने लोगों की मृत्यु हुई? थानेवार सूची देवे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में घटित दुर्घटनाओं का मुख्य कारण क्या था? इन दुर्घटनाओं को रोकने एवं ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने एवं दुर्घटनाओं को रोकने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा लापरवाही पूर्वक एवं तेजगति से वाहन चलाना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
124. ( क्र. 2227 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में हितग्राही मूलक योजना अंतर्गत कितनी राशि आवंटित की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित राशि के विरुद्ध कितनी राशि व्यय की गई? व्यय राशि का जिलेवार ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई व्यय राशि के विरुद्ध नीमच जिले में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? योजनावार व्यय राशि सहित हितग्राही संख्या उपलब्ध कराई जावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत नीमच जिले में 14 हितग्राहियों को लाभांवित किया जाकर राशि रूपये 12.78 लाख का व्यय की गई।
कोविड-19 अंतर्गत जिला स्तर पर चिकित्सकों को भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
125. ( क्र. 2230 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश क्रमांक एनएचएम/एचआर/सेल-1/2021/8671 भोपाल दिनांक 24.5.21 के अनुसार ऐसे समस्त अस्थाई मानव संसाधन जिन्हें कोविड-19 के अंतर्गत जिला स्तर पर आयुष/दंत चिकित्सक/स्टॉफ नर्स/लैब टैक्निशियन/एएनएम/फार्मासिस्ट के पद पर 89 दिवस अस्थाई एवं आकस्मिक सेवाऐं दी हैं उन्हें उपस्थिति पत्रक एवं पारिश्रमिक/ मानेदय पत्रक के आधार पर प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना था? जिससे उन्हें आगामी भर्ती प्रक्रिया में 10 प्रतिशत अधिभार अंक मिल सकें? क्या शासकीय मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में इस आदेश के अनुरूप नर्सिंग एवं पैरामेडीकल स्टाफ भर्ती में किन्हीं अभ्यर्थियों को अधिभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किन्हें? (ख) क्या शासकीय मेडीकल कॉलेज ग्वालियर से पैरामेडीकल डिग्री/डिप्लोमा धारक उम्मीदवारों ने मेडीकल कॉलेज की भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था और उन्हें कम अंक देकर अपात्र घोषित कर दिया गया? जबकि प्रदेश के अन्य जिलों के ऐसे ही छात्रों को पात्र माना गया है? क्या पूर्व में मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में जितनी भी भर्ती की गई उसमें शासन के नियमानुसार चयन समिति एवं स्क्रूटनी प्रक्रिया में अजाक्स प्रतिनिधि, संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक जेएएच अस्पताल को भी सम्मलित किया जाता रहा है जबकि वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ एवं नियुक्ति पत्र जारी करते समय दोनों प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया? स्क्रूटनी समिति एवं चयन समिति के हस्ताक्षर युक्त प्रपत्रों की समस्त छायाप्रतियां उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ भर्ती प्रक्रिया की गई है जिसमें उक्त आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी न होने के कारण उक्त अभ्यार्थियों को 10 प्रतिशत अधिभार अंक प्रदान नहीं किया गया है। (ख) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध जयारोग्य चिकित्सालय समूह ग्वालियर में पैरामेडिकल डिग्री/डिप्लोमा धारक उम्मीदवारों ने मेडिकल कॉलेज की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन प्रस्तुत किया गया था और उन्हें कम अंक देकर अपात्र घोषित नहीं किया गया है। आदर्श सेवा भर्ती नियम 2018 के निहित प्रावधानों के अनुसार आदेश क्रमांक 28919-39 दिनांक 04/9/2021 द्वारा संस्था स्तर पर चयन समिति तथा आदेश क्रमांक 27764-79 दिनांक 27/08/2021 द्वारा स्क्रुटनी समिति का गठन किया गया है। नियमानुसार गठित चयन समिति में संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक जयारोग्य चिकित्सालय समूह को सदस्य बनाया गया है। जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चिट फंड कम्पनी पर कार्यवाही
[गृह]
126. ( क्र. 2231 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में आरोग्य रिटेल (ऑक्सीजन लाइफ लाइन प्रा.लि) इंदौर के मालिक कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चौहान, रूपेंद्र सिंह चौहान व उर्वशी भदौरिया के द्वारा रेडक्रॉस सोसाइटी के साथ कंपनी का अनुबंध बताकर दवा दुकानों की फ्रेंचाइजी लोगों से लाखों रूपए लेकर दी गई व बाद में कंपनी द्वारा लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रूपए की ठगी की गई? जिसकी शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा भी इन पर शासन की संस्था के नाम का दुरूपयोग करने की एफ.आई.आर. की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक की जाएगी? (ग) क्या चिट फंड कंपनी के द्वारा ठगी का शिकार हुए लोगों के पैसे दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रयास किये जा रहे हैं व आगे क्या प्रयास किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जबलपुर, इन्दौर एवं ग्वालियर में आरोग्य रिटेल (ऑक्सीजन लाइफ लाइन प्रा.लि) के द्वारा धोखाधड़ी करने की शिकायत प्राप्त होने पर कम्पनी के संचालकों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जो विवेचनाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में जिन आपराधिक प्रकरणों का उल्लेख है, उसमें संबंधित शिकायतकर्ता द्वारा रेड क्रॉस सोसायटी के नाम पर धोखाधड़ी करने संबंधी शिकायत नहीं की है। संबंधित शिकायतकर्ताओं के साथ उपरोक्त कम्पनी आरोग्य रिटेल (ऑक्सीजन लाइफ लाइन प्रा.लि) के द्वारा धोखाधड़ी की गई है। अतः आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। अभिलेख पर आये साक्ष्य अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। शासन की किसी संस्था का दुरूपयोग करने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्पनी, की शिकायत चिटफंड कम्पनी अथवा गैर बैकिंग वित्तीय कम्पनी के रूप में नहीं की गई है। संबंधित शिकायतकर्ताओं को उक्त कम्पनी आरोग्य रिटेल में पार्टनरशिप देकर उनके साथ धोखाधड़ी किये जाने की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। चिटफंड कम्पनियों के द्वारा की गई धोखाधड़ी के अन्य प्रकरणों में संबंधित विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
इदाते आयोग की रिपोर्ट
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
127. ( क्र. 2232 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार को केन्द्र सरकार द्वारा विमुक्त घुमंतु एवं अर्ध्दघुमंतु जनजातियों के संबंध में इदाते आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कुल संख्या 51 से बढ़ाकर 84 करने को कहा है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार ने इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाई की है? (ख) क्या इसके साथ ही इनकी वास्तविक जनंसख्या और सामाजिक स्थिति का पता लगाने के लिये बेसलाइन सर्वे करवाने के लिये आदेश/निर्देश दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति प्रदान करें। (ग) क्या इस तरह के सर्वे का व्यय केन्द्र सरकार द्वारा वहन करने की बात कही है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार ने इस संबंध में अब तक क्या का कार्यवाही की है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है।
एकलव्य विद्यालय में अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
128. ( क्र. 2234 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले में विकासखण्ड बिछिया के अंतर्गत सिझौर में कब से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है? क्या उक्त विद्यालय में मापदण्ड अनुसार अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति पर पदों की पूर्ति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) विद्यालय का नया भवन का निर्माण कार्य प्रस्तावित है और कितनी राशि स्वीकृत है? कितने अधिकारी/कर्मचारियों को ट्रायवल वेलफेयर सोसायटी से जारी फंड से वेतन आहरण होता है? कितने अधिकारी/कर्मचारियों को मण्डला ट्रेजरी से वेतन आहरण होता है? नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) उक्त विद्यालय का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण टीप की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। वर्ष 2007 से 2015 तक किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? नाम, पदनाम सहित वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या एक ही परिसर में तीन अलग-अलग विद्यालय संचालित है? विद्यालयों का नाम बतावें। यदि यह सच है तो क्या एकलव्य आदर्श विद्यालय के मापदण्ड के अनुसार संचालित हैं? (ड.) वर्ष 2007 से 2015 तक ट्रायवल वेलफेयर सोसायटी से कितना फण्ड जारी किया गया है और किन-किन मदों में खर्च किया गया है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मण्डला जिले में वर्ष 2006 से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा संचालित है। मापदण्ड अनुसार अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। (ख) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा विद्यालय में नया भवन निर्माण कार्य प्रस्तावित नहीं है। 19 कर्मचारियों को ट्रायवल वेलफेयर सोसायटी फण्ड से एवं 18 कर्मचारियों को मण्डला ट्रेजरी से वेतन आहरित होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा का निरीक्षण निम्नलिखित अधिकारियों द्वारा किया गया है:- 1. श्री कृष्ण गोपाल तिवारी, अपर आयुक्त, जनजातीय कार्य सह-अपर सचिव मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी भोपाल। 2. श्री संजीव सिंह, आयुक्त, सह-सचिव मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी भोपाल। 3. श्री सुभाष जैन कलेक्टर जिला मण्डला जुलाई 2007 अक्टूबर 2008 फरवरी 2009, 4. सुश्री स्वाती मीणा कलेक्टर जिला मण्डला दिसम्बर 2014, 5. श्रीमती सूफिया फारूकी बलि, कलेक्टर जिला मण्डला अक्टूबर 2018, 6. श्री जगदीश चन्द्र जटिया, कलेक्टर जिला मण्डला सितम्बर 2019, 7. श्री एस.आर. भारती उपायुक्त, जनजातीय एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जबलपुर संभाग जबलपुर। 8. अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व बिछिया एवं सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता रहा है। (घ) ''जी हाँ'' 1. शास.नार्मल हायर सेकेन्ड्री स्कूल सिझौरा, 2. शास.कन्या हाईस्कूल सिझौरा, 3. शास.अभ्यास शाला सिझौरा, 4. शास.बी.टी.आई. सिझौरा, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा निर्धारित मापदण्ड अनुसार संचालित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
आरोपी सहायक आयुक्त की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 2240 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व में डॉ. संतोष शुक्ला, प्रभारी सहायक आयुक्त के पद पर जिला मण्डला में 4-5 वर्षों से पदस्थ रहे व भारी अनियमिततायें व गबन करने के उपरांत लोकायुक्त जांच चलने के बाद उन्हें पुन: डिण्डौरी जिले में पदस्थ किया गया है? (ख) किस आधार पर दोबारा डिण्डौरी जिले में सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) डॉ. सतोष शुक्ला, प्रभारी सहायक आयुक्त के पद पर जिला मण्डला में दिनांक 11.09.2012 से 10.01.2019 तक पदस्थ रहे। श्री संतोष शुक्ला, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मण्डला के विरूद्ध विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन जबलपुर द्वारा आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण अपराध क्रमांक 172/2018 पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना प्रचलित होने से आदेश क्रमांक एफ 14-6/2018/1/25 दिनांक 16.08.2018 द्वारा श्री शुक्ला का स्थानांतरण कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य विकास, भोपाल में किया गया एवं आदेश क्रमांक 388/679/2019/25/1 दिनांक 01.03.2019 द्वारा श्री संतोष शुक्ला को आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल में अनुसंधान अधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया था एवं आदेश दिनांक 13.01.2021 द्वारा डिण्डौरी पदस्थ किया गया है। (ख) विभागीय आदेश क्रमांक 110/2497/2020/25/1 दिनांक 13.01.2021 द्वारा प्रशासकीय आधार पर श्री संतोष शुक्ला, अनुसंधान अधिकारी को सहायक आयुक्त, जिला डिण्डौरी के पद पदस्थ किया गया है।
कैदियों के सुधार की योजनाएं
[जेल]
130. ( क्र. 2247 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अंदर कितनी जेलें संचालित हैं एवं वर्तमान में कैदियों के सुधार एवं रोजगार की क्या योजना चलाई जा रही है? (ख) जेल में बालकों एवं महिला कैदियों के स्वरोजगार एवं शिक्षा हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या गतिविधियां/प्रशिक्षण दिया जाता है? (ग) लम्बे समय से जेल में सजा काट रहे कैदियों के द्वारा किये जा रहे कार्यों का पारिश्रमिक अत्यंत कम/न के बराबर है, उनका पारिश्रमिक बढ़ाये जाने की क्या योजना है? यदि हाँ, तो कब तक बढ़ाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश के अंदर 125 जेलें संचालित हैं। 11 केन्द्रीय जेलों तथा कुछ जिला जेलों में बंदियों के लिए उद्योग संचालित है, जिनमें प्रशिक्षण सह उत्पादन कार्य किया जाता है। 04 जेलों में बंदियों के व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु आई.टी.आई. संचालित हैं। (ख) महिला बंदियों के पुनर्वास हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण के अंतर्गत महिला बंदियों को विभिन्न लघु एवं कुटीर उद्योगों जैसे गुडिया बनाना, कशीदकारी, अगरबत्ती बनाना, फ्लावर मेकिंग, लिफाफा निर्माण, ब्यूटी पार्लर एवं एम्ब्रायडरी आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। महिला बंदियों को प्राथमिक कक्षा से स्नातकोत्तर तक विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने का अवसर प्रदान किया जाता है। निरक्षर महिला बंदियों को साक्षर बनाने के लिए कक्षाएं चलाई जा रही हैं। शासन द्वारा पुस्तको एवं स्टेशनरी आदि के लिए मुफ्त व्यवस्था की जाती है। महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों के लिए शासन के निर्देशानुसार दी जाने वाली सुविधाएं झूलाघर, आहार, वस्त्र आदि प्रदान की जाती हैं। (ग) कैदियों को मिलने वाली पारिश्रमिक राशि समय-समय पर पुनरीक्षित की जाती है। पूर्व में पारिश्रमिक राशि कुशल बंदियों हेतु 110 रू. एवं अकुशल हेतु 62 रू. थी, जिसे बढ़ाकर कुशल बंदियों हेतु 120 रू. तथा अकुशल हेतु 72 रू. किया गया है। वर्तमान में पुन: बढ़ाए जाने की कोई योजना नहीं है।
किसानों की फसल बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
131. ( क्र. 2261 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला विदिशा अन्तर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा नटेरन की सोसायटी नटेरन के सदस्य किसानों की फसलों को हुये क्षतिपूति के लिये शासन द्वारा फसल बीमा का प्रकरण स्वीकृत कर बीमा राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो सोसायटी नटेरन अंतर्गत किन-किन किसानों की कौन-कौन सी फसलों की कितनी-कितनी बीमा राशि स्वीकृत की गई थी? दोनों वित्तीय वर्षों की फसलवार अलग-अलग बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित फसल बीमा राशि संबंधित सभी किसानों के बैंक खातों में जमा करा दी गई है? यदि नहीं, तो उन किसानों के नाम एवं स्वीकृत राशि बतावें तथा अभी तक राशि जमा नहीं करने का क्या कारण रहा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस कर्मियों के लिए आवास की उपलब्धता
[गृह]
132. ( क्र. 2293 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अभी तक हमारे प्रदेश के थाने चौकियों में पदस्थ बल के हिसाब से कितने आवास उपलब्ध कराये गये हैं तथा शेष आवास कब तक उपलब्ध कराये जावेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : अभी तक प्रदेश के थाने चौंकियों में पदस्थ बल के हिसाब से कुल 26025 आवास गृह उपलब्ध कराये गये हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत 25000 आवास गृहों का निर्माण कार्य पुलिस की समस्त इकाईयों में चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। योजना अंतर्गत 11500 आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें से 6268 आवास गृह पूर्ण किए जा चुके हैं। शेष 5232 आवास गृह प्रगतिरत हैं। बजट प्राप्ति पश्चात शेष 13500 आवास गृहों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा। शेष आवास गृहों की उपलब्धता के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
केन्द्रीय जेलों में पूजा स्थलों की व्यवस्था
[जेल]
133. ( क्र. 2295 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की केन्द्रीय जेलों के अंदर धार्मिक उपासना के लिए जेल मेन्युअल के अनुसार पूरी आजादी है? निर्देश एवं प्रतिवेदन देवें। (ख) क्या म.प्र. की केन्द्रीय जेलों में सभी धर्मों के लिए समान रूप से धार्मिक उपासना के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च इत्यादि उपलब्ध हैं? अगर हाँ तो प्रत्येक पूजा स्थल का जेलवार उपलब्ध सुविधानुसार जानकारी दें एवं यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन के पास क्या कोई कार्ययोजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूजा स्थलों में मूलभूत सुविधाएं जैसे, बैठने के लिए फर्श, पानी एवं धूप से बचाव के लिए टीन शेड या छत उपलब्ध है या नहीं? प्रत्येक पूजा स्थल का जेलवार उपलब्ध सुविधा अनुसार जानकारी दें। क्या इन धार्मिक स्थलों में जनसहयोग के विकास के कार्य किए जा सके हैं या नहीं? स्पष्ट दिशा-निर्देश बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जेलों में धार्मिक उपासना एवं कैदियों के सुधार हेतु पंडित/मौलवी/पादरी आदि की नियुक्ति की गई है? क्या उनके उपदेश होते हैं? यदि हाँ, तो यह स्वैच्छिक होते हैं या जेल प्रबंधन के निमंत्रण पर होते हैं? इस संबंध में विभागीय दिशा-निर्देशों की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नियमावली के नियम 672, 673 एवं 674 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जेलों में कैदियों द्वारा भक्ति उपासना हेतु बैरिकों के अंदर चित्र लगाकर तथा बैरिकों के बाहर चार दीवारी के अंदर प्रतीक स्वरूप मंदिर/मस्जिद आदि स्वयं के श्रम से स्थापित हैं। जेलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पृथक से कार्य योजना बनाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। इस संबंध में नियमों में दिये गये प्रावधान के अतिरिक्त पृथक से कोई दिशा-निर्देश नहीं है। (घ) जी नहीं। जी हाँ, स्वैच्छिक एवं जेल प्रबंधन के निमंत्रण पर उपदेश होते हैं। पृथक से कोई दिशा-निर्देश नहीं है और न ही आवश्यकता है।
स्वीकृत कार्य योजना में बदलाव
[जनजातीय कार्य]
134. ( क्र. 2298 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 तक भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता और 275 (1) मद अंतर्गत स्वीकृत कार्ययोजना के किन-किन कामों में राज्य स्तर पर बदलाव किया गया? सूची देवें। (ख) विशेष केन्द्रीय सहायता और 275 (1) मद अंतर्गत स्वीकृत कार्ययोजना/कार्यों में बदलाव करने के अधिकार भारत सरकार ने किस आदेश/निर्देश द्वारा राज्य शासन को दिए है? (ग) कार्ययोजना/कार्यों में बदलाव करने के दोषियों के नाम और पदों की जानकारी देवें और इस संबंध में 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें। दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''एक'' अनुसार है। (ख) कार्ययोजना/कार्यों में बदलाव करने के अधिकार के संबंध में भारत सरकार द्वारा कोई आदेश/निर्देश नहीं दिये है। (ग) मत्स्योद्योग विभाग की कार्ययोजना/कार्यों में बदलाव हेतु मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में गठित कार्यपालन समिति के अनुमोदन उपरांत कार्योत्तर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय को प्रेषित किये गये है। कृषि विभाग की कार्ययोजना में बदलाव के लिये मंत्रि परिषद द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार दायित्व निर्धारण की कार्यवाही कृषि विभाग के अधीन प्रचलन में है। 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'दो' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रमाणित शिकायत पर कार्यवाही की जाना
[गृह]
135. ( क्र. 2299 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री महोदय ने भू-माफिया, खनिज माफिया एवं शासकीय जमीनों को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर निजी स्वत्व में दर्ज कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. 23, दि. 18.07.2019 के माध्यम से जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये थे? शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ प्रमाणित दस्तावेज लगाये जाने के बावजूद थाना प्रभारी कोलगवां एवं चौकी प्रभारी बाबूपुर ने कार्यवाही न करने का कारण बतावें। क्या तत्कालीन चौकी प्रभारी ने दिनांक 04.09.2017, 06.09.2017, 12.08.2017, 08.08.2017 को खनिज माफिया एवं भू-माफिया एवं भू-माफिया को नोटिस जारी किये थे तथा अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर एवं खनिज अधिकारी सतना को दिनांक 14.08.2017 जानकारी हेतु पत्र जारी किया था? (ख) क्या थाना कोलगवां में अपराध क्र. 168/16 एवं थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्र. 169/17 दर्ज है? उक्त संबंध में तारांकित प्रश्न क्र. 762, दिनांक 06.03.2017 था, उक्त संबंध में अपराध अनुसंधान के सहायक पुलिस महानिरीक्षक ने पत्र क्र. 198, दिनांक 15.02.2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र जारी कर (क) से (घ) तक की जानकारी मांगी गई थी, किंतु तीन वर्ष बीते जाने के बाद भी मात्र 16 कृषकों में से 3 कृषकों की आराजी पर अपराध दर्ज हुआ है? ईश्वर प्रताप सिंह की आराजी की जांच होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक अपराध दर्ज क्यों नहीं किया गया है,? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अगर सही है, तो कब तक उक्त मामलों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर दी जायेगी? नहीं की जायेगी तो बिंदुवार कारण सहित बतायें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में गौवंश के मौत की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
136. ( क्र. 2311 ) श्री जितु पटवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017 से 2022 तक 31 जनवरी को कार्यरत गौशाला तथा उसमें संरक्षित गाय की संख्या गौशाला अनुसार बतायें तथा बतावें कि वर्ष 2015 से 2022 जनवरी के मध्य किस-किस वर्ष में कितनी नयी गौशाला स्थापित हुईं? (ख) वर्ष अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक प्रदेश की गौशाला में प्रतिवर्ष नयी गायों के प्रवेश तथा मृत गायों की संख्या बतावें। क्या उक्त अवधि में भोपाल, जबलपुर, इंदौर संभाग से लापरवाही के कारण काफी मात्रा में गौवंश की अकाल मृत्यु हुई? (ग) अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक गौशाला में लापरवाही से गौवंश की मृत्यु होने पर किस गौशाला तथा संचालक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 2017 से 2021 तक प्रत्येक गौवंश पर प्रतिदिन किस दर से अनुदान दिया जा रहा है तथा उक्त वर्ष में कितनी-कितनी गौशाला को किस दर से कितने-कितने गौवंश के लिये कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ड.) वर्ष 2017 से 2021 तक प्रदेश से गाय की वर्षवार संख्या बतावें तथा बतावें कि प्रतिवर्ष कितनी-कितनी गाय की मृत्यु हुई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' एवं ''ब''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''' अनुसार। जी नहीं, एक मामला भोपाल संभाग में प्रकाश में आया है। (ग) गौसेवा भारती गौशाला बसई विकासखण्ड बैरसिया जिला भोपाल की संचालिका के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर गौशाला का पंजीयन निरस्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द' अनुसार। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ' अनुसार।
प्रदेश के जेलों स्वीकृत पदों की जानकारी
[जेल]
137. ( क्र. 2312 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस केटेगरी की कितनी जेले हैं तथा उसमें कुल स्वीकृत पद कितने तथा खाली पद कितने हैं? सभी जेल को मिलाकर कैदियों की स्वीकृत संख्या कितनी है तथा वास्तव में कितने कैदी है? 31 जनवरी, 2022 के अनुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने सजायाफ्ता कैदी तथा कितने विचाराधीन कैदी हैं? पुरूष एवं महिला अनुसार संख्या बतावें तथा जानकारी देवें कि वर्ष 2017 से 2021 तक की अवधि में वर्ष अनुसार विचाराधीन कैदी को औसत कितने दिन जेल में रखा गया? (ग) क्या पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों में न्यायालयीन सक्सेस रेट 25 से 30 प्रतिशत हैं तो 70 से 75 प्रतिशत विचाराधीन कैदी को अपराध के आरोप से बरी होने पर भी बिना वजह जेल में रखा गया? क्या यह मानव अधिकार के खिलाफ नहीं है? (घ) क्या जेल में सजायाफ्ता तथा विधाराधीन कैदी को अलग-अलग बैरक में रखा जाता है, उनका भोजन अलग बनता है तथा उनकी सारी गतिविधियां अलग-अलग होती है या नहीं? यदि नहीं, तो क्या ऐसा होना मानवीय आधार पर तथा एक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के विपरीत नहीं है? (ड.) क्या सजायाफ्ता कैदी तथा विचाराधीन कैदी के लिये अलग-अलग जेल बनाई जायेगी या एक ही जेल में दोनों को बिल्कुल अलग-अलग रखा जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में 11 केन्द्रीय जेल, 41 जिला जेल, 73 सब जेल एवं 06 खुली जेलें है। प्रदेश की जेलों हेतु स्वीकृत स्टाफ पद संख्या 6694 है, इनमें से 1149 पद खाली है। 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में प्रदेश की जेलों की बंदी आवास क्षमता 29571 है, जिसके विरूद्ध 47405 बंदी जेलों में परिरूद्ध है। (ख) प्रदेश की जेलों में 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में दंडित बंदी 19469 (पुरूष 18674 एवं महिला 795) तथा विचाराधीन बंदी 27936 (पुरूष 26909 एवं महिला 1027) परिरूद्ध है। वर्ष 2017, 2018, 2019, 2020 एवं 2021 में विचाराधीन बंदी क्रमश: 210, 237, 192, 224 एवं 247 औसत दिन जेल में रहा। (ग) पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों में न्यायालयीन आदेशानुसार विचाराधीन कैदियों को जेल में निरूद्ध रखा एवं बरी किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जेल में सजायाफ्ता तथा विचाराधीन कैदी को अलग-अलग बैरक में रखा जाता है। सजायाफ्ता तथा विचाराधीन बंदियों का भोजन एक साथ ही बनता है। (ड.) सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदियों के लिए पृथक-पृथक जेल नहीं बनाई जायेगी। सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदियों को जेल में पृथक-पृथक रखा जा रहा है।
सट्टा कारोबार पर रोक लगाना
[गृह]
138. ( क्र. 2317 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अंजड जिला बड़वानी में चल रहे सट्टे के कारोबार को रोकने के लिये हेमंत सोनवणे निवासी इंदौर द्वारा दिनांक 14.02.2022 को पुलिस महानिदेशक भोपाल ए.डी.जी. इंटेलीजेंस शाखा भोपाल एवं ए.डी.जी. शिकायत शाखा भोपाल को लिखे आवेदन पर की गई कार्यवाही से पृथक-पृथक अवगत करावें। (ख) क्या कारण है कि अंजड नगर व उसके आस-पास के क्षेत्रों में भारी मात्रा में चल रहे इस अवैध कारोबार के पत्र में उल्लेखित संचालकों पर विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की? इनके सट्टा कारोबार की श्रृखंला आस-पास के गांवों से लेकर सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र तक होने के बाद भी इन्हें किस कारण से बचाया जा रहा है? (ग) क्या पत्र में उल्लेखितों व उनके सहायकों के मोबाईल नंबरों की जांच कर इस अवैध कारोबार को बंद कराया जाएगा? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण स्पष्ट करें। (घ) स्थानीय अधिकारियों द्वारा इस कारोबार को समाप्त करने में विफलता पर विभाग उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेगी? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी कब तक इस अवैध कारोबार को बंद कराने हेतु निर्देश जारी करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 14.02.2022 को ए.डी.जी. इंटेलीजेंस, ए.डी.जी. शिकायत एवं पुलिस महानिदेशक भोपाल को प्रेषित आवेदन पत्र दिनांक 21.02.2022 एवं 24.02.2022 को पुलिस अधीक्षक बड़वानी की ओर कार्यवाही हेतु भेजे गये। पुलिस अधीक्षक बड़वानी द्वारा सूचित किया है कि दिनांक 23.11.2021 से नवीन थाना प्रभारी की पदस्थापना के उपरांत दिनांक 22.02.2022 तक अवैध रूप से सट्टा जुआ संचालित करने वाले आरोपियों पर सतत् निगाह रखकर लगातार दबिश दी जा रही है तथा कस्बा अंजड व आस-पास क्षेत्र में जुआ अधिनियम के तहत कुल 07 प्रकरण पंजीबद्ध कर 64 आरोपियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कर आरोपियों से 76,066/- रूपये जब्त किये गये तथा सट्टा संचालित करने वाले सटोरियों के विरुद्ध कुल 19 प्रकरण पंजीबद्ध कर 21 आरोपियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही कर 70,070/-रूपये जब्त किये गये। (ख) थाना अंजड़ क्षेत्र व आस-पास के क्षेत्रों में सट्टा लिखने वाले सटोरियों एवं जुआ खेलने वाले जुवारियों के विरुद्ध पंजीबद्ध 21 प्रकरणों में आरोपियों के विरुद्ध धारा 107,116 (3) जा0फौ0 की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) सट्टा एवं जुआ अधिनियम अंतर्गत प्रकरण दर्ज होने पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मोबाईल/फोन नंबर आदि की जांच प्रकरण में आये अनुसंधान हेतु आवश्यकतानुसार की जाती है। (घ) थाना अंजड क्षेत्र में उक्त गतिविधि के प्रकरण लगातार पंजीबद्ध किये जा रहे हैं।
इंदौर में फर्जी लोन पर कार्यवाही
[गृह]
139. ( क्र. 2318 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस कमिश्नर इंदौर को दिनांक 12.02.2022 को प्रार्थी शाश्वत जोशी द्वारा दिए आवेदन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या कारण है कि आवेदन में उल्लेखित श्रीमती आरती ऊर्फ आयशा पत्नी वेदांत चौरे के द्वारा इंदौर में जो लोन लिए गए हैं उनकी जांच अभी तक नहीं की गई? इनके लोन किस-किस बैंक में हैं की जानकारी उपलब्ध करावें। खंडवा जिले में जिस बैंक से इन्होंने लोन लिया उसकी जानकारी भी देवें। (ग) क्या कारण है कि इनकी वार्षिक आय 5 लाख रू. से कम है तो भी इनकी ई.एम.आई. लगभग 6 लाख रू. है, इसकी जांच कब तक कराई जाएगी कि इन्होंने फर्जी पेपर कैसे और कहाँ से तैयार करवाकर उपरोक्तानुसार लोन लिए? इन समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करायें। (घ) फर्जी दस्तावेजों से इस तरह लोन लेकर नियमों को उल्लंघन करने वालो पर विभाग कब तक कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज कराएगा? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शिकायत के संबंध में आवेदक के कथन लेख किये जाकर शेष बिंदुओं के संबंध में जांच जारी है। जांच में आये साक्ष्य अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। श्रीमती आरती उर्फ आयशा पत्नि वेदांत चौरे के खण्डवा जिले में बैंक से लोन की जानकारी की जांच पूर्व में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय खण्डवा से करायी गई थी। बैंकों द्वारा जानकारी व्यक्तिगत होने से देने में असमर्थता व्यक्त की थी तथा इनके विरूद्ध खण्डवा जिले के किसी भी बैंक द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर लोन लेने की कोई शिकायत किया जाना नहीं पाया गया है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
गृह निर्माण संस्थाओं का परिसमापन
[सहकारिता]
140. ( क्र. 2322 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1536 दिनांक 24-12-2021 के (ख) उत्तर में वर्णित जिन 33 गृह निर्माण संस्थाओं में परिसमापन की कार्यवाही प्रचलित है उनकी लेनदारी, देनदारी की जानकारी संस्थावार देवें। (ख) इनके परिसमापकों के नाम, पदभार गृहण दिनांक सहित देवें प्रत्येक परिसमापक ने संबंधित संस्था को कितने नोटिस दिए उनके क्या जवाब दिए गए की जानकारी नोटिस दिए जवाब की प्रमाणित प्रति सहित देवें। परिसमापक के साथ संस्था नाम भी देवें। (ग) क्या कारण है कि परिसमापकों द्वारा विगत 4 वर्षों में एक भी संस्था के परिसीमन की कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी है? इसके लिए इनकी क्या जिम्मेदारी तय की गई है? प्रत्येक परिसमापक के संदर्भ में नाम, संस्था नाम सहित देवें। (घ) कब तक इन संस्थाओं का परिसमापन पूर्ण होगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1536 दिनांक 24-12-2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में परिसमापन की कार्यवाही में प्रक्रियाधीन संस्थाओं की संख्या 36 थी, जिसमें 02 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है, वर्तमान में जिन 34 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के संबंध में परिसमापन की कार्यवाही की जा रही है उनकी लेनदारी-देनदारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' के कॉलम 7, 9, 10, 11 एवं 12 अनुसार। नोटिसों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कार्यों की स्वीकृति
[घुमन्तु और अर्ध्दघुमन्तु जनजाति]
141. ( क्र. 2326 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.19 से 10.02.2022 तक प्रश्नकर्ता की अनुशंसा से कितने पत्र विभाग को प्राप्त हुये? वर्षवार बतावें। (ख) इसमें कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य, नाम, लागत सहित बतावें। (ग) क्या कारण है कि महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कार्य स्वीकृत न कर इस वर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा है? कब तक अनुशंसा के कार्य स्वीकृत कर दिये जाएंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नकर्ता के 02 पत्र माह सितम्बर 2021 में विभाग को प्राप्त हुए। (ख) वर्तमान तक कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) कार्य स्वीकृत करने हेतु नियमों के तहत ही उल्लेखित कार्यों के लिए विस्तृत प्राक्कलन एवं प्रस्तावों पर प्रतिवेदन हेतु कलेक्टर उज्जैन को भेजे गए है।
थाने में दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तारी
[गृह]
142. ( क्र. 2329 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजकुमार पिता शंकर दयाल शुक्ला निवासी वार्ड क्र. 04 कोतमा जिला अनूपपुर के विरूद्ध कोतमा विधानसभा क्षेत्र के थानों में कितने प्रकरण दर्ज हैं? थाना नाम, प्रकरण क्रमांक, धाराओं सहित देवें। प्रकरण कब से पंजीबद्ध है? (ख) प्रत्येक प्रकरण की न्यायालयीन स्थिति देकर बतावें कि ये प्रकरण कौन से न्यायालय में कब से पंजीबद्ध हैं? कितने प्रकरणों में गिरफ्तारी हुई कितनों में लंबित है की जानकारी प्रकरणवार देवें। (ग) जिन प्रकरणों में इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है उनमें कब तक गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण नियम सहित देवें। (घ) इन पर कोतवाली अनूपपुर में 19.01.2022 को दर्ज एफ.आई.आर. में अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? कब तक गिरफ्तारी कर ली जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है, कोई संरक्षण नहीं दिया गया है। (घ) प्रकरण में सात वर्ष से कम सजा का प्रावधान होने के कारण गिरफ्तारी न करते हुए विधि अनुसार आरोपी को न्यायालय उपस्थित होने हेतु नोटिस दिया गया है।
गांजा जब्ती प्रकरणों में कार्यवाही
[गृह]
143. ( क्र. 2330 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोतमा अंतर्गत समस्त थानों द्वारा जनवरी 2019 से 31.01.22 तक गांजा जब्ती के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? जब्त वाहन क्रमांक, वाहन प्रकार, वाहन मालिक का नाम, जब्त किए गांजा की मात्रा, मशरूका सहित कितने व्यक्ति गिरफ्तार किए गए की जानकारी थानावार प्रकरण क्रमांक, प्रकरण दिनांक सहित देवें। (ख) उपरोक्त प्रकरणों के न्यायालय में चालान पेश करने की तिथि प्रकरण क्रमांक सहित बतावें। प्रत्येक प्रकरण की अद्यतन स्थिति जब्त वाहन, गिरफ्तार व्यक्ति, जमानत की स्थिति सहित बतावें। (ग) ऐसे प्रकरणों की जानकारी देवें जिनमें गांजा व वाहन तो जब्त हुआ लेकिन गांजे के साथ व्यक्ति व वाहन चालक पकड़े नहीं गए? ऐसे भी प्रकरण बतावें कि जिनमें उपरोक्तानुसार एक ही व्यक्ति पकड़ाया? पूरी जानकारी थानावार देवें। कब तक ये लोग पकड़े जाएंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार ऐसी स्थिति के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार ऐसी स्थिति के लिए कोई भी अधिकारी उत्तदायी नहीं है न ही किसी भी तरह का संरक्षण दिया जा रहा है।
सेवा सहकारी समिति एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकानें प्रारंभ कराना
[सहकारिता]
144. ( क्र. 2376 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के ग्राम पिसाटा, करजगांव, सोमोरा एवं खड आमला वर्तमान में सेवा सहकारी समिति मर्यादित सांडिया में सम्मिलित है? क्या इन गांवों से सांडिया पहुँचने के लिये सुलभ मार्ग न होने के कारण 25 किलोमीटर का मार्ग तय कर राशन खाद्य बीज उर्वरक लेने हेतु जाना पड़ता है? (ख) प्रश्नांकित ग्रामों की तरह ग्राम धारणी और जंबाड़ी सेवा सहकारी समिति सेमझिरा में सम्मिलित है जो देहगूढ डेम बन जाने के कारण इनके रास्ते में पानी भरने के कारण सेमझिरा से संपर्क टूट गया है जिससे उन्हें भी 40 किलोमीटर का फासला तय करके सेमझिरा जाना पड़ता है? (ग) क्या प्रश्नांकित ग्रामों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुये ग्रामीण कृषकों की सुविधा को दृष्टिगत रखकर ग्राम सोमोरा में सेवा सहकारी समिति बनाने हेतु विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) बैतूल जिले के ग्राम पिसाटा, बाजियाखापा, सोनेगांव एवं गांगई में शासकीय उचित मूल्य की राशन वितरण की दुकानें खोले जाने हेतु विभाग विचार करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। संस्था सांडिया में पहुँचने के लिए उक्त ग्रामों की दूरी 4 से 8 कि.मी. है, किंतु वर्षाकाल में सुलभ मार्ग न होने के कारण व्हाया मुलताई होते हुए जाने से यह दूरी 15 से 21 कि.मी. हो जाती है। (ख) जी हाँ, उक्त ग्रामों की दूरी व्हाया मुलताई होने पर 25 से 27 कि.मी. है। (ग) प्रश्नांकित ग्रामों के सभी पात्र सदस्यों को पात्रता अनुसार खाद एवं बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुर्नगठन मापदण्ड अनुसार मापदण्ड की पूर्ति न होने से ग्राम सोमोरा में सेवा सहकारी समिति का गठन संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) बैतूल जिले के ग्राम पिसाटा, बाजियाखापा एवं सोनेगांव के ग्राम खल्ला में पूर्व से दुकानें संचालित हैं तथा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) मुलताई के द्वारा ग्राम गांगई में दिनांक 14.02.2022 से शासकीय उचित मूल्य की दुकान खोले जाने के आदेश पारित किये गये हैं।
घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
145. ( क्र. 2380 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सेल्फी लेते हुये या लेने का प्रयास कर रहे कितने व्यक्तियों की मृत्यु नदी पर, पहाड़ पर, ब्रिज पर, सड़क पर, वाहन दुर्घटना होने पर आदि किस-किस प्रकार से हुई? वर्ष 2015 से 2021 तक की जानकारी देवें तथा बतावें कि इस तरह की घटना को रोकने के लिये तथा जन चेतना जागृत करने के क्या-क्या उपाय किये गये? (ख) प्रदेश में रेल्वे स्टेशन पर, रेल्वे पटरी पर, रेल्वे की पुलिया आदि पर दुर्घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई? वर्ष 2015 से 2021 तक की जानकारी देवें तथा बतावें कि इन दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष कितने % की कमी या वृद्धि हुई? (ग) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न धाराओं में हुये अपराधों की पिछले पांच वर्ष की वर्षवार जानकारी देवें तथा बतावें कि किस-किस धारा के अपराध में कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई? (घ) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के पुलिस थानों द्वारा दर्ज कितने प्रकरणों में पिछले पांच वर्ष में विभिन्न न्यायालयीन फैसलों में आरोप सिद्ध हुये तथा आरोपी बरी हुये? वर्षवार जानकारी देवें। (ड.) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के पुलिस थाने अनुसार बतावें कि 31 जनवरी, 2022 के अनुसार किस-किस केटेगरी के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद खाली हैं? पूरी विधान सभा मिलाकर पुलिस विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद खाली हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बजट की राशि कम किया जाना
[जनजातीय कार्य]
146. ( क्र. 2384 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में आदिवासी विकास और आदिवासी उपयोजना में केन्द्रांश एवं राज्यांश की कितनी-कितीन राशि का बजट प्रावधान किया था एवं कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) क्या उक्त योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वार लगातार कमी की जा रही है? यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में कितनी राशि कम की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है।
अनु.जाति/जनजातीय वर्ग महिला के साथ हुए अत्याचारों की जानकारी
[गृह]
147. ( क्र. 2385 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 01 जनवरी, 2018 से 15 फरवरी, 2022 तक की अवधि में अनुसूचित जाति/ जनजातीय वर्ग की महिलाओं एवं अबोध/अव्यस्क बालिकाओं के साथ बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार तथा बलात्कार के बाद हत्या कितने प्रकरण दर्ज हैं? प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) उक्त वर्ग की महिलाओं के साथ प्रश्नांश (क) के मामलों में वृद्धि होने के कारण क्या है और इनकी रोकथाम हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) प्रदेश में उक्त अवधि में अनु.जाति/ अनु.जनजाति वर्ग की महिलाओं के साथ घटित अत्याचार के प्रकरणों संख्यात्मक जानकारी दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में 01 जनवरी, 2018 से 15 फरवरी, 2022 तक की अवधि में अनुसूचित जाति/जनजातीय वर्ग की महिलाओं एवं अबोध/अव्यस्क बालिकाओं के साथ बलात्कार के 4644 प्रकरण सामूहिक बलात्कार के 355 प्रकरण तथा बलात्कार के बाद हत्या के 24 प्रकरण घटित हुये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश में उक्त अवधि में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की महिलाओं के साथ अत्याचार के 9369 प्रकरण घटित हुये है।
अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
148. ( क्र. 2387 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान एवं विकास कार्यों हेतु विभिन्न मदों से विदिशा जिले को कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं? कार्य, योजनावार, विकासखण्डवार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों के खेतों पर विद्युत लाइन विस्तार एवं पंप कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितने आवेदन लंबित हैं? हितग्राही का नाम, स्वीकृत राशि विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारंभ हैं? योजनावार, कार्यवार, विकासखण्ड जानकारी देवें एवं अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेगे? (घ) विदिशा जिले में अनुसूचित जाति के हितग्राहियों को रोजगार प्राप्त करने के लिए कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गई है? हितग्राहीवार, वर्षवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं स्वरोजगार योजनाओं के क्या नियम/निर्देश एवं आदेश हैं? नियम/ निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (च) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत विदिशा जिले में कितने ग्रामों का चयन किया गया है एवं उन ग्रामों में कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये हैं? कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितनी राशि का भुगतान शेष है? शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ध' अनुसार कार्यों की प्रगति एवं मूल्यांकन पश्चात भुगतान किया जा रहा है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
149. ( क्र. 2388 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री नि:शक्तजन शिक्षा प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय वयोश्री योजना, एडिप योजना एवं विभागीय कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजना के नाम, पात्रता की श्रेणी सहित नियम, निर्देश एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले के दिव्यांग विद्यार्थियों, वृद्धजनों को कौन-कौन सी सामग्री/सहायक उपकरण, मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, लेपटॉप हेतु कितने दिव्यांगजन पात्र हैं? पात्र दिव्यांगजनों की सूची उपलब्ध करावें तथा किन-किन को उपरोक्त सामग्री एवं सहायक उपकरण प्रदान किये जा चुके हैं? नाम, पता सहित विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में यदि पात्रता के उपरांत भी सहायक सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है? तो इसके लिए दोषी कौन है? कब तक उपरोक्त योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जावेगा? (घ) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में किन-किन स्वयं सेवी संस्थाओं, ट्रस्टों अथवा व्यक्तियों को अनुदान राशि स्वीकृत की गई है? वर्षवार स्वयं सेवी संस्थाओं के नाम, अनुदान राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 130/एसआरजे/ 2022 दिनांक 02.02.2022 माननीय मंत्री महोदय, पत्र क्रमांक 128/एसआरजे/2022 दिनांक 02.02.2022 प्रमुख सचिव महोदय, पत्र क्रमांक 129/एसआरजे/2022 दिनांक 02.02.2022 आयुक्त महोदय एवं पत्र क्रमांक 127/एसआरजे/2022 दिनांक 02.02.2022 कलेक्टर विदिशा को प्राप्त हुए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) शेष पात्र हितग्राहियों को लाभांवित करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांकित पत्र के संदर्भ में कलेक्टर जिला विदिशा के पत्र क्रमांक 452 एवं 454 दिनांक 28.2.2022 द्वारा समस्त संबंधित कार्यालयों को आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये है, उक्त पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
पैक्स समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
150. ( क्र. 2389 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले के अन्तर्गत पैक्स समितियों में पदस्थ समिति प्रबंधक सहायक समिति प्रबंधक एवं उचित मूल्य की दुकान के विक्रेताओं की कब-कब वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों की जांच किस अधिकारी द्वारा की गई? जांच प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पैक्स समितियों में पदस्थ समिति प्रबंधक, सहायक समिति प्रबंधक एवं उचित मूल्य की दुकान के विक्रेताओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितनी राशि वसूली की गई है? थाने में प्रकरण कब दर्ज करवाया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? जांच लंबित रखने वाले अधिकारी कौन-कौन हैं व कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) विभाग द्वारा एमपी ऑनलाईन के माध्यम से कितने पदों पर संविदा आधार पर कनिष्ठ संविदा विक्रेता की नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकलवाकर आवेदन प्राप्त किये थे? यदि हाँ, तो कितने आवेदन प्राप्त हुए? कनिष्ठ संविदा विक्रेता की नियुक्ति के संबंध में नियम/निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आवेदकों का चयनकर उचित मूल्यों की दुकानों पर कनिष्ठ संविदा विक्रेता पर नियुक्ति की गई? दुकानवार विकासखण्ड जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। इनमें चयनित आवेदकों को पात्र होने के बाद भी नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है और कितने व्यक्तियों को अपात्र किया गया है? अपात्रता का कारण सहित बतलावें। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या कनिष्ठ संविदा विक्रेता के विज्ञापन जारी करने के बाद कई समितियों द्वारा उचित मूल्य की दुकान अन्य संस्था को दे दी गई? इस कारण कई पात्र आवेदकों की भी नियुक्ति नहीं हो पाई है? यदि हाँ, तो दुकानों का नाम सहित पात्र हितग्राही के नाम बतावें। (च) विदिशा जिले की पैक्स समिति पिपलियाहाट में कनिष्ठ संविदा विक्रेता में किसका चयन हुआ था एवं चयनित आवेदक को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है? यदि आवेदक पात्रता की श्रेणी में आता है तो उसकी नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? (छ) विकासखंड सिरोंज एवं लटेरी में पैक्स समिति कितनी है एवं उनमें कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है? सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रदेश में 3629 कनिष्ठ संविदा विक्रेताओं के पद पर नियुक्ति करने हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी। कुल 98,330 आवेदन प्राप्त हुये। नियम/निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) जी हाँ, कई समितियों की उचित मूल्य की दुकानें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विभाग के आदेश से अन्य संस्थाओं को दी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (च) एम.पी. ऑनलाइन की सूची में श्री दशरथ सिंह राजपूत का चयन हुआ था एवं पैक्स पिपलिया हाट की उचित मूल्य की दुकान अनुविभागीय अधिकारी सिरोज जिला विदिशा के आदेश दिनांक 19-7-2018 से महिला स्व सहायता समूह सरदार वल्लभ भाई पटेल स्व समूह शब्दलपुर को आवंटित किये जाने से नियुक्ति नहीं दी गयी। उचित मूल्य की दुकान नहीं होने से नियुक्ति की कार्यवाही संभव नहीं। (छ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
गबन के आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
151. ( क्र. 2391 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, शिवपुरी में हुये गबन की राशि एनईएफटी के माध्यम से किन-किन व्यक्तियों के खातों में कितनी-कितनी राशि कब-कब हस्तांतरित हुई? (ख) इन व्यक्तियों के नाम दर्ज करायी गई एफ.आई.आर. में शामिल है या नहीं? यदि नहीं, तो एफ.आई.आर. का प्रारूप किस अधिकारी द्वारा तैयार किया गया तथा एफ.आई.आर. में इनके नाम क्यों शामिल नहीं किये गये? इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) गबन की अवधि में सतत अंकेक्षक कौन-कौन थे और उनके विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों और उनके लिये कौन उत्तरदायी है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 11.01.2022 को थाना कोलारस जिला शिवपुरी में दर्ज एफ.आई.आर. में मुख्य 15 आरोपियों के नाम का उल्लेख करते हुये जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित ऐसे व्यक्तियों के नाम एवं विवरण, जिनके बैंक खातों में राशि आर.टी.जी.एस. एवं अन्य माध्यमों से स्थानान्तरित की गई है, की सहभागिता और साजिश भी अभियोजन में शामिल करने का उल्लेख किया गया है। प्रकरण में पुलिस में एफ.आई.आर. कराने हेतु सौंपे गये अनुमोदित पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है तथा एफ.आई.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है और अंतरिम जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) सतत अंकेक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है, सतत अंकेक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण अंकेक्षण न करने एवं सतत अंकेक्षण में घोर लापरवाही करने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों में भण्डारित खाद की गुणवत्ता की जांच
[सहकारिता]
152. ( क्र. 2392 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 में बोरोन, जिंक्र एवं प्रोम खाद किस-किस कंपनी की कितनी-कितनी भण्डारित हुई, जिलेवार जानकारी दें। (ख) विपणन संघ द्वारा इन जिलों के लिये कितनी-कितनी डीआई किस-किस कंपनी की कब-कब जारी की गयी? जिलेवार तिथिवार विवरण दें। (ग) खाद के भण्डारण के संबंध में पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, म.प्र. द्वारा जून 2021 में क्या निर्देश जारी किये गये थे? क्या इन निर्देशों का पालन हुआ? (घ) सहकारी समितियों में किस कंपनी के बोरोन, जिंक एवं प्रोम खाद की अधिक सप्लाई हुई और क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या इसके भुगतान के पूर्व विपणन संघ ने गुणवत्ता की जांच करायी थी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहा.समिति के प्रबंधकों के संविलयन में आरक्षण नियमों का पालन
[सहकारिता]
153. ( क्र. 2393 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक हेतु निर्धारित संवर्ग में संविलियन के संबंध में दिनांक 03.09.2021 को क्या निर्देश जारी किए गए थे? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जारी निर्देशों के आधार पर कितने कर्मचारियों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में संविलियन किए जाने की कार्यवाही कब-कब की गई? जिलेवार नाम व वर्गवार जानकारी दें। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में क्या आरक्षण के नियम लागू होते हैं? यदि हाँ, तो क्या इन निर्देशों/नियमों को जारी करते समय सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार जिलेवार रोस्टर जारी किया गया था? यदि नहीं, तो इस संविलियन में आरक्षण के नियमों का पालन किस आधार पर किया गया? आरक्षण के नियमों का पालन न करने के लिए कौन उत्तरदायी है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के किसी भी कर्मचारी का संविलियन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के समिति प्रबंधक संवर्ग में नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के जिलों हेतु जारी आरक्षण रोस्टर के अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा आरक्षण का पालन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं
[गृह]
154. ( क्र. 2394 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 01 जनवरी, 2018 से 15 फरवरी, 2022 तक अवधि में कुल कितने किसानों ने आत्महत्याएं की हैं एवं आत्महत्याओं के कारण क्या-क्या रहे हैं? कृपया वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) नेशनल क्राइम ब्यूरो की वर्ष 2020 में दी गई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कितने किसानों ने आत्महत्या की है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र एवं राज्य सरकार की किसानों के लिए संचालित लाभकारी योजनाओं के बाद भी आत्महत्या में लगातार वृद्धि किये जाने के कारण बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्सिंग कॉलेज में संबद्धता नियमों का पालन
[चिकित्सा शिक्षा]
155. ( क्र. 2397 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं इसमें से कितने शासकीय एवं कितने निजी है? संस्था का नाम, कॉलेजों के नाम, पते, छात्र संख्या, मान्यता वर्ष, प्रदेश के छात्रों के कोटे सहित संपूर्ण जानकारी गोशवारा बनाकर दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कुल कितने नर्सिग कॉलेज की संबद्धता हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? संस्था का नाम, कॉलेज का नाम, छात्र संख्या सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में प्रदेश के कितने कॉलेजों में बिल्डिंग, नर्सिंग कॉलेज हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के प्रकरण कहां-कहां से कितने संज्ञान में आये है? विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में कितने संबद्धता के प्रकरण लंबित हैं? कारण सहित स्पष्ट करें। कितने कॉलेजों को सशर्त संबद्धता क्या और किन नियमों के तहत दी गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में कुल 695 नर्सिंग कॉलेज संचालित है। इनमें से 25 शासकीय एवं 670 निजी है। गोशवारा में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) वर्ष 2019-20 में 516, वर्ष 2020-21 में 699 तथा वर्ष 2021-22 में 803 नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता हेतु आवेदन प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। मान्यता प्राप्त कॉलेजों में छात्र संख्या 60607 है। (ग) प्रदेश के 33 कॉलेजों में बिल्डिंग, नर्सिंग कॉलेज हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के प्रकरण संज्ञान में आये है। 05 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। शेष 28 कॉलेजों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये जिनमें से 26 कॉलेज की बैंक ग्यारंटी प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (घ) 02 नर्सिंग कॉलेजों के संबद्धता प्रकरण लंबित है वांछित कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सायबर अपराध में कानूनी प्रावधान
[गृह]
156. ( क्र. 2398 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 में राज्य सायबर पुलिस म.प्र., भोपाल के कार्यालय को अपराध पुलिस थाना भोपाल घोषित किया गया है? यदि हाँ, वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी सायबर प्रमुख की भूमिका में पदस्थ रहे हैं? उनके नाम, आई.पी.एस. बैच, कुल अवधि, सायबर कार्यालय से संबंधी विशेष तकनीकी/शैक्षणिक योग्यता जिसके आधार पर पदस्थापना एवं प्रत्येक सायबर प्रमुख के अल्पावधि में स्थानांतरण के कारण सहित बतायें। (ख) सायबर अपराध किस आई.टी. धारा एवं उसके उपबंधों में प्रकरण पंजीबद्ध होते हैं? धारा एवं उपबंधों की समस्त जानकारी, सजा, आर्थिक जुर्माना, सहित संपूर्ण जानकारी दें? ग्वालियर, भोपाल, होशंगाबाद एवं इंदौर रेंज में दर्ज प्रकरणों की जानकारी आवेदक के नाम, पते सहित दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। वर्तमान में पदस्थ अधिकारी की विशेष तकनीकी/शैक्षणिक योग्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ए'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है।
नियम विरूद्ध संविलियन
[सहकारिता]
157. ( क्र. 2399 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक में जिला बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की सेवाएं संविलियन किए जाने के संबंध में क्या-क्या प्रावधान हैं? प्रावधान की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) वर्ष 2021-22 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के किन-किन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की सेवाएं अपेक्स बैंक में संविलियन की गई और उन्हें कहां-कहां पदस्थ किया गया? (ग) क्या जिस बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का संविलियन किया गया हो, उस अधिकारी को उसी बैंक में पदस्थ नहीं किया जा सकता है? यदि हाँ, तो सहकारिता के नियमों के विरूद्ध पदस्थापना के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं? (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद भी उनकी सेवाएं अपेक्स बैंक में किस आधार पर संविलयन की गई तथा इन संविलयन किए गए अधिकारियों को एक बार दिए गए वेतनमान को दूसरी बार किस आधार पर बदला गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के सेवानियम क्रमांक 30 में जिला बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की सेवायें संविलियन किये जाने का प्रावधान है। प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. दुबे एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय प्रकाश सिंह की सेवायें अपेक्स बैंक में संविलियन की गई और उन्हें क्रमश: जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है। (ग) जी हाँ। अपेक्स बैंक में कैडर अधिकारियों की कमी होने तथा जिला बैंक होशंगाबाद एवं जिला बैंक विदिशा के सुचारू कार्य संचालन के लिये आगामी व्यवस्था होने तक अस्थायी रूप से संबंधितों की पदस्थापना उसी बैंक में अपेक्स बैंक द्वारा की गई। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मांग के बिना सामग्रियों का प्रदाय
[सहकारिता]
158. ( क्र. 2511 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरित की जाने वाली यूरिया के साथ अन्य कंपनियों के रसायनिक एवं जैविक पदार्थों को बगैर मांग के दिए जाने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में नहीं? तो जिला विदिशा अंतर्गत यूरिया खाद लेने जाने वाले कृषकों को बगैर मांग के अन्य कंपनियों के रसायन नेनो, सल्फर, जिंक, कल्चर, जैविक खाद आदि दिए जाने के कारण सहित जानकारी दें कि किसानों को बगैर मांगे हुये उक्त रसायन एवं जैविक पदार्थ क्यों दिए जा रहे हैं? (ग) क्या शासन बगैर मांग के किसानों को इस प्रकार के जैविक एवं रसायनिक पदार्थों को जबरिया दिए जाने के संबंध में रोक लगाए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) विदिशा जिले में सहकारी संस्थाओं से यूरिया खाद लेने वाले कृषकों को बगैर मांग के किसी प्रकार का कोई रासायनिक एवं जैविक खाद नहीं दिया गया। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति
[सहकारिता]
159. ( क्र. 2972 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में राज्य सहकारी निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र. का पद कब से रिक्त है? शासन राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की नियुक्ति कब तक करेगा? उस प्राधिकारी की नियुक्ति न होने से रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त न होने से ड्यू तिथि पश्चात निर्वाचन न होने पर शीर्ष, केन्द्रीय एवं प्राथमिक सहकारी संस्थाओं में प्रशासन नियुक्त क्यों किया गया? (ख) प्रदेश में दिनांक 01.04.2021 से निरंतर तक कितनी शेष, केन्द्रीय एवं प्राथमिक सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात निर्वाचन प्राधिकारी न होने के कारण इन संस्थाओं में प्रशासन की नियुक्ति कितने समय तक की जाती है? प्रशासन का कार्यकाल समाप्त पश्चात उक्त संस्थाओं में पुन: प्रशासक नियुक्त कर इस संस्थाओं का निर्वाचन क्यों लंबित है? (ग) मध्यप्रदेश में कार्यरत शीर्ष, केन्द्रीय एवं प्राथमिक सहकारी संस्थाओं का ड्यू तिथि में निर्वाचन कराने राज्य सहकारी निवार्चन प्राधिकारी की अनुपस्थिति में प्रदेश में पदस्थ पंजीयक एवं अधीनस्थ संयुक्त पंजीयक, उप पंजीयक एवं सहायक पंजीयकों को पूर्ववत उक्त सहकारी संस्थाओं का निर्वाचन कराने शासन प्राधिकृत कब तक करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) दिनांक 08.09.2021 से रिक्त है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 49 (7-ए/क) के खण्ड (ख) के प्रावधान अनुसार संचालक मण्डल का कार्यकाल पूर्ण हो जाने पर प्रशासकों की नियुक्ति की जाती है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। उनकी अनुपस्थिति में किसी अधिकारी को प्राधिकृत करने का प्रावधान म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 में नहीं है।