मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
बुधवार, दिनांक 14 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पेयजल समस्या
का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 2276 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पी.एच.ई.डी. के द्वारा पेयजल समस्या के निराकरण हेतु शासन की क्या नीति व निर्देश प्रचलन में हैं? (ख) पी.एच.ई.डी. को मध्यप्रदेश से विगत चार वर्ष से खण्ड मुरैना को कितने हैंडपंप की स्वीकृति प्राप्त हुई? जानकारी वर्षवार दें। (ग) उपरोक्त अनुसार मुरैना जिले के लिए प्राप्त हैंडपंप कितने स्वीकृत किये गये व स्वीकृति हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार दी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है।
मे. रॉयल केटर्स द्वारा निविदा की शर्तों का उल्लंघन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( *क्र. 2418 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत् 3 वर्ष में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को केन्टीन ठेका मेसर्स, रॉयल केटर्स द्वारा वर्तमान कुल सचिव की कालावधि में कुल कितनी अवधि तक संचालित किया गया है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा मेसर्स रॉयल केटर्स के केन्टीन आवंटन की अवधि में कुल कितनी रॉयल्टी राशि प्राप्त की जानी थी और कितनी रॉयल्टी राशि प्राप्त की गई? दिनांकवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या मेसर्स रॉयल केटर्स द्वारा निविदा की शर्तों के अनुसार ही रॉयल्टी की एक मुश्त राशि कुल सचिव द्वारा जमा कराई गई है? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्यों? इस हेतु कौन उत्तरदायी है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) एकमुश्त राशि कब तक जमा करा दी जावेगी? (ड.) क्या मेसर्स रॉयल केटर्स को निविदा की शर्त के उल्लंघन हेतु चेतावनी पत्र जारी किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) मेसर्स रॉयल केटर्स को दिया गया ठेका वर्तमान कुलपति के कार्य के पूर्व से ही वर्ष 2014 से संचालित था। नियमानुसार विश्वविद्यालय के पत्र दिनांक 17.10.2017 द्वारा मेसर्स वी.आई.पी. सर्विसेज, को ठेका दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) रॉयल केटर्स से अनुबंध द्वारा वर्ष 2015 की अवधि में निविदा की शर्तों अनुसार पूर्व में जमा रॉयल्टी रूपये 7,21,101/- पर 10 प्रतिशत अधिक राशि की वृद्धि की जाकर राशि रूपये 7,93,211/- जमा की जानी थी। (रॉयल केटर्स से अनुबंध की अवधि दिनांक 25.12.2015 तक थी), जिसके विरूद्ध मेसर्स रॉयल केटर्स द्वारा किश्तों में दिनांक 26.11.2015 से 31.03.2016 तक राशि रूपये 1,98,304/- एवं दिनांक 01.04.2016 से 31.07.2016 तक राशि रूपये 2,64,404/- (कुल राशि रूपये 4,62,708) जमा की गई। विश्वविद्यालय स्तर पर गठित समिति की अनुशंसा संबंधित केटर्स को निविदा प्रक्रियाधीन होने के कारण केन्टीन संचालक की अनुमति दी गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) संबंधित केटर्स द्वारा वर्ष 2014 से ही एकमुश्त राशि जमा नहीं कराये जाने के कारण धरोहर राशि एवं उसके समस्त देयकों का भुगतान वि.वि. के पत्र दिनांक 16.10.2017 द्वारा रोका गया है। चूंकि ठेका पूर्व से ही प्रदान किया गया है, एकमुश्त राशि जमा नहीं किये जाने का उत्तरदायित्व जाँच उपरांत निर्धारित किया जायेगा। (घ) संबंधित ठेका निरस्त किया गया है, शेष राशि की वसूली हेतु कानूनी कार्यवाही की जा रही है। (ड.) विश्वविद्यालय द्वारा मेसर्स रॉयल केटर्स को पूर्ण बकाया राशि जमा करने हेतु पत्र दिनांक 03.02.2018 जारी किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सुमावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नल-जल योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( *क्र. 3881 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम नन्दपुरा, बरौली, हेतमपुर की ग्रामीण नल-जल योजना की वर्तमान में क्या स्थिति है? ग्राम पंचायतवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त योजना में ग्रामों में खनन कब किये गये? विगत 02 वर्षों में उन पर संपूर्ण कार्यों सहित कितनी राशि खर्च की गई? वर्ष, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त योजना को बंद कर दिया है? यदि नहीं, तो पूर्ण नहीं करने में विलंब के क्या कारण रहे? (घ) क्या शासन उक्त नल-जल योजना को राशि आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। योजनाओं में पर्याप्त क्षमता के स्त्रोतों का अभाव होने के कारण। (घ) जी हाँ। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
जबलपुर जिले में प्रदूषणयुक्त वाहनों पर कार्यवाही
[परिवहन]
4. ( *क्र. 579 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जबलपुर जिले में पी.यू.सी. वाहन नियुक्त किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में कितने वाहनों का निरीक्षण किया गया? (ग) क्या निर्धारित मापदण्ड से अधिक प्रदूषण वाले वाहनों पर कार्यवाही की गई? (घ) यदि हाँ, तो कितने वाहनों पर कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। परिवहन विभाग द्वारा जबलपुर जिले में 35 पी.यू.सी. सेन्टर नियुक्त किये गये हैं। (ख) से (घ) परिवहन विभाग द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में 4568 वाहनों का निरीक्षण 35 पी.यू.सी. सेन्टर के माध्यम से किया गया है। विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड से अधिक प्रदूषण फैलाने वाले 137 वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
कृषकों को मुआवजा/फसल बीमा का भुगतान
[राजस्व]
5. ( *क्र. 614 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत खरीफ की फसल की वर्ष 2017 में अल्प वर्षा एवं सूखे के कारण उपज आनावरी 50 प्रतिशत से कम रही है? क्या किसानों को क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत खरीफ की फसल वर्ष 2017 में अल्प वर्षा एवं सूखे के कारण उपज आनावरी 50 प्रतिशत से कम रही है, क्या किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? कितनी राशि प्रति हेक्टेयर फसल वार प्रदान की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2017 में सूखा मैन्युल 2016 के नियमानुसार वैज्ञानिक मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने से सूखा घोषित नहीं होने के कारण मुआवजा की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लि. के माध्यम से बीमा किया जाता है। फसल बीमा का लाभ फसल कटाई प्रयोग के आधार पर उत्पादन में कमी पाई जाती है तो निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्रता होने पर ही बीमा राशि दी जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झांसी-खजुराहो सड़क निर्माण में अधिगृहीत भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
6. ( *क्र. 1360 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झांसी-खजुराहो एन.एच. सड़क का निर्माण छतरपुर जिला मुख्यालय में बाई-पास सड़क निर्माण के रूप में राजनगर रोड पर किया जा रहा है? उक्त एन.एच. के निर्माण में जिन किसानों की पटैती भूमि/मालकाना हक की भूमि शासन द्वारा अधिग्रहण की है, उन किसानों को बहुत ही कम दर पर मुआवजा राशि दी जा रही है? (ख) क्या छतरपुर से राजनगर रोड पर कृषक राम अवतार S/o भान सिंह की कृषि भूमि खसरा क्र. 238/1, 241, 245 कुल रकबा 4,325 हे., जो पटवारी हल्का बरकुआं (पलौठाहार) तह. जिला छतरपुर में स्थित है, उक्त कृषक की भूमि में से उक्त झांसी-खजुराहो एन.एच. का निर्माण किया जा रहा है तथा उक्त किसान द्वारा मुआवजा राशि न लेकर उसकी भूमि के बदले पास से लगी हुई शासकीय भूमि खसरा क्र. 228/2/3 की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या जिला कलेक्टरों को शासन के नियमानुसार भूमि तल-बदल किये जाने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो उक्त किसान को भूमि के बदले भूमि प्रदाय किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के संबंध में उक्त किसान को यदि भूमि के बदले भूमि नहीं मिले एवं मुआवजा भी नहीं ले रहा है, ऐसी स्थिति में उक्त किसान को किस प्रकार की योजना से उसकी पटैती भूमि अधिग्रहण की भरपाई करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रावधान अनुसार मुआवजा निर्धारण किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। खसरा क्रमांक 238/1 एवं खसरा क्रमांक 241 के अंश भाग पर निर्माण हो रहा है। जी हाँ। जी नहीं। भू-अर्जन की कार्यवाही होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कृषक को प्रचलित अधिनियम के तहत मुआवजा भुगतान ही किया जा सकता है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोला जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
7. ( *क्र. 329 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक विकासखण्ड में शासन द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले के कौन-कौन से विकासखण्ड के किस स्थान पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले गये हैं एवं उनमें कौन-कौन से विषय कितनी-कितनी सीटों हेतु स्वीकृत किये गये हैं? विषयवार सीटों की संख्या से अवगत करावें। (ख) सारंगपुर विकासखण्ड के अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ना खोले जाने के क्या कारण हैं एवं भविष्य में कब तक सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के पचोर एवं सारंगपुर नगर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जावेगी? (ग) क्या कौशल उन्नयन केन्द्र को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में उन्नयन किये जाने के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या विकासखण्ड सारंगपुर में संचालित कौशल उन्नयन केन्द्र को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में उन्नयन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। राजगढ़ जिले में जीरापुर एवं सारंगपुर विकासखण्ड में कोई शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। जीरापुर विकासखण्ड में 01 प्रायवेट आई.टी.आई. तथा सारंगपुर विकासखण्ड में 02 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित हैं। वर्तमान में 119 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिनमें शासकीय आई.टी.आई. नहीं है तथा 58 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिनमें शासकीय/प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। इतनी अधिक संख्या में शासकीय आई.टी.आई. एक साथ खोलना संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधों की जानकारी
[गृह]
8. ( *क्र. 3889 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2017 से दिसम्बर 2017 तक महिलाओं के प्रति विभिन्न अपराधों की शीर्ष (head) अनुसार संख्या क्या है तथा वर्ष 2016 की तुलना में कितने प्रतिशत किस head में वृद्धि या कमी हुई? वर्ष 2017 में प्रतिदिन औसतन कितनी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ तथा औसतन प्रतिदिन कितनी महिलाओं का अपहरण हुआ? (ख) जनवरी 2017 से दिसम्बर 2017 तक महिलाओं के प्रति विभिन्न अपराधों पर न्यायालय में कितने प्रकरणों में फैसले दिये गए, उनमें से कितने प्रकरणों में दोषमुक्त हुये तथा कितनों को सजा हुई? सजा का प्रतिशत कितना है? बलात्कार (376), गैंग रेप, अपहरण (363, 364, 366 आई.पी.सी.) के प्रकरणों में न्यायालय द्वारा वर्ष 2017 में दिये गये फैसलों में सजा का प्रतिशत बतायें। (ग) क्या वर्ष 2016 में एस.सी. तथा एस.टी. पर घटित अपराध में क्रमश: 36 % तथा 47 % की वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें तथा 2017 में इसमें कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई तथा बतावें कि वर्ष 2016 तथा 2017 में न्यायालय द्वारा एस.सी. तथा एस.टी. के खिलाफ घटित अपराध पर दिये गये फैसले में सजा का प्रतिशत क्या है? (घ) प्रशासकीय प्रतिवदेन 2016-17 के पृष्ठ 27 पर विधि विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की टेबल में क्रमांक 8, 9, 10 तथा 14 को छोड़कर शेष क्रमांक के बारे में बतावें कि पत्राचार क्र. 1 से 4, 6, 11 से 13 आवश्यक कार्यवाही (क 5) तथा जाँच प्रतिवेदन (क 7) के परिणाम क्या हैं? क्या सारे प्रकरणों में कार्यवाही संपन्न हो गई है? यदि नहीं, तो संख्या बतावें तथा 2017 में भी विधि विभाग की कार्यवाही का विवरण ऊपर अनुसार प्रस्तुत करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 अंतर्गत भूमि का व्यपवर्तन
[राजस्व]
9. ( *क्र. 1483 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रदेश के कुछ अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों को शेड्यूल 5 के तहत रखा गया है? इस नियम के कारण शेड्यूल 5 के तहत इन अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के सदस्यों के नागरिक मुख्यालय में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या न होते हुए भी सामान्य सहित अन्य वर्गों को अपनी भूमि का व्यपवर्तन अर्थात् डायवर्सन करने में लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है? (ख) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 815 के नियम में इस आदिवासी वर्ग की जनसंख्या के न होने के कारण नगरीय निकाय में उक्त नियम में शिथिलता प्रदान की जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में भूमि का व्यपवर्तन अर्थात डायवर्सन में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रदेश के कुछ अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों को शेड्यूल 5 में छूट प्रदान की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-ड.ड.) के अनुसार आदिम जनजाति के भूमि स्वामि से भिन्न भूमि स्वामी द्वारा अन्य व्यक्ति जो आदिम जनजाति का न हो, को अंतरित भूमि, अंतरण के दिनांक से 10 वर्ष तक व्यपवर्तन के लिये प्रतिबंधित है। स्पष्ट प्रतिबंध होने से व्यपवर्तन नहीं किये जा सकते, अत: विलंब का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
थाना सिटी कोतवाली सतना में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
10. ( *क्र. 1727 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के धवारी मोहल्ला निवासी रामनरेश पांडे द्वारा थाना सिटी कोतवाली में गंगा गृह निर्माण समिति धवारी के विरुद्ध दिनांक 16.01.2016 को मय दस्तावेज शिकायत पत्र के साथ संलग्न कर जाँच हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र की जाँच पश्चात् समिति के खिलाफ अपराध क्रमांक 782, दिनांक 23.11.2017 पंजीबद्ध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या शिकायतकर्ता द्वारा पुनः दिनांक 06.12.2017 को पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र प्रस्तुत कर मूल डायरी के मूल दस्तावेजों की हेराफेरी करने पर मूल डायरी का अवलोकन कर अन्य राजपत्रित अधिकारी से जाँच करवाए जाने का अनुरोध किया गया है? उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या संबंधित प्रकरण के संबंध में जाँच अधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों से मूल राशन कार्ड/मूल श्ापथ पत्रों को संकलित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो मूल राशन कार्डों के ऊपरी पृष्ठों सहित सभी पन्नों की तथा मूल शपथ-पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या जाँच अधिकारी द्वारा, समिति द्वारा संचालित गंगापुरम कॉलोनी धवारी में जाकर अपराधियों की पतासाजी की गई? यदि हाँ, तो उनका मकान नंबर, गली नंबर, मोहल्ला/वार्ड तथा आधार कार्ड/परिचय पत्र की छायाप्रति सहित जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच कार्यवाही नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। विवेचना की कार्यवाही का विवरण देना न्यायसंगत नहीं है।
ग्वालियर पुलिस द्वारा दर्ज अपराध
[गृह]
11. ( *क्र. 2673 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 14 नवम्बर, 2017 को युवा काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री कुणाल चौधरी, पूर्व विधायक श्री रमेश अग्रवाल एवं ग्वालियर युवक काँग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष श्री संजय सिंह यादव के नेतृत्व में क्षेत्र की जनता की समस्याओं को लेकर आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को मोतीमहल में ज्ञापन देना था? क्या इस ज्ञापन के लिये कलेक्टर ग्वालियर को दिनांक 02 नबम्वर, 2017 को विधिवत स्वीकृत हेतु ऑनलाईन आवेदन किया था? क्या इस ऑनलाईन आवेदन की प्रति एवं लोकसभा अध्यक्ष संजय सिह यादव द्वारा पत्र क्र. 508 एवं 509 दिनांक 10 नवम्बर, 2017 को सी.एस.पी. लश्कर एवं झांसी रोड को दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्रों की छायाप्रति दें? फिर दिनांक 14 नवम्बर, 2017 को समस्याओं के निराकरण के लिये आयुक्त महोदय को ज्ञापन देने जाते समय रास्ते में लाठियों, डन्डों एवं वाटर कैनन से रोककर क्यों मारा-पीटा गया? (ख) किस कारण से पुलिस द्वारा किन-किन नेताओं एवं जनता पर किस-किस धारा के अंतर्गत झूठे केस लगाये गये? इसके लिये कौन-कौन पुलिस अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? (ग) क्या नेताओं एवं जनता पर लगाये गये झूठे, गलत केसों को वापिस लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ग्वालियर जिले के थाना जनकगंज, इन्दरगंज, पड़ाव, माधौगंज एवं गिरवाई तथा भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 10.11.2017 को सी.एस.पी. लश्कर व झांसी रोड को दी गई, आवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' व 'ब' अनुसार है। दिनांक 14.11.2017 को श्री संजय सिंह यादव, अध्यक्ष लोकसभा युवा कांग्रेस ग्वालियर द्वारा फूलबाग मैदान पर आमसभा का आयोजन किया गया था, तत्पश्चात् संजय सिंह यादव अपने करीब 500 कार्यकर्ताओं के साथ चौपाटी होते हुये कमिश्नर कार्यालय मोतीमहल ग्वालियर जाने लगे। इन्हें रोकने हेतु चौपाटी पर बैरीकेट्स लगाये गये, इनके द्वारा अनुमति का उल्लंघन कर जबरन बैरीकेट्स हटाये, तब इन्हें रोकने हेतु वाटर कैन का उपयोग पुलिस द्वारा किया गया। अनुमति के उल्लंघन पर थाना पड़ाव में अप. क्रमांक 612/17 धारा 147, 188 भा.द.वि. कायम किया गया जो अभी विवेचना में है। (ख) किसी के भी विरुद्ध कोई झूठा केस नहीं लगाया गया है, अतः किसी भी पुलिस अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) अभी तक की विवेचना में पंजीबद्ध अपराधिक प्रकरण गलत नहीं पाया गया है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार पूछे गये थानों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
गलत नामांतरण की जाँच/कार्यवाही
[राजस्व]
12. ( *क्र. 3606 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के तहसील कार्यालयों में कार्यरत तहसीलदारों द्वारा किये जाने वाले जमीनों के नामांतरण के संबंध में गलत नामांतरण करने संबंधी शिकायत अथवा विभागीय जाँच चल रही है? (ख) यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में पिछले पाँच वर्षों में ऐसे कितने तहसीलदारों द्वारा जमीनों का गलत नामांतरण किया गया है व उन पर क्या कार्यवाही की गई है? साथ ही संबंधित अधिकारी व उसके विरूध्द प्राप्त शिकायत या जाँच प्रकरण व की गई कार्यवाही की सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। विभागीय जाँच प्रचलित नहीं है। (ख) वर्ष 2013-14 में कार्यरत तहसीलदार श्री बिहारी सिंह एवं श्री बजरंग बहादुर के गलत नामांतरण करने पर श्री बिहारी सिंह की एक वेतन वृद्धि तथा श्री बजरंग बहादुर की तीन वेतन वृद्धियां आयुक्त इंदौर संभाग द्वारा असंचयी प्रभाव से रोकी गईं थीं। श्री श्रीकांत तिवारी, राजस्व निरीक्षक जिन्हें शासन द्वारा नायब तहसीलदार की शक्तियां प्रदान की गई हैं, के द्वारा दिनांक 27.10.2016 को त्रुटिपूर्ण नामांतरण किए जाने पर श्री तिवारी को निलंबित किया जा चुका है। विभागीय कार्यवाही प्रचलित है।
फसल मुआवजा राशि का आवंटन
[राजस्व]
13. ( *क्र. 3290 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में वर्ष 2017 में अल्पवृष्टि के कारण खरीफ फसल धान एवं सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाने के कारण शासन द्वारा प्रभावित किसानों को सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु शासन से राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जिले के प्रत्येक तहसीलों में सहायता राशि प्राप्त करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? कितने लोगों को कितनी राशि की सहायता प्रदान की गई है? तहसीलवार हितग्राही की संख्या, प्रदाय राशि की जानकारी उपलब्ध करायी जावे तथा लंबित प्रकरणों की संख्या उपलब्ध कराई जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2017 में खरीफ मौसम में अल्पवृष्टि से फसल नष्ट नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
क्षिप्रा नदी में प्रदूषित जल रोकने की कार्ययोजना
[पर्यावरण]
14. ( *क्र. 3683 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षिप्रा नदी में देवास की टाटा कंपनी और इन्दौर का प्रदूषित पानी मिल रहा है, जिससे उज्जैन नगरवासियों को दूषित पेयजल प्रदाय होने के कारण बीमारियां फैल रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त दूषित जल को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये विभाग की क्या कार्य योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। देवास स्थित मेसर्स टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड का दूषित जल क्षिप्रा नदी में नहीं मिल रहा है। इंदौर शहर का दूषित जल-मल का कुछ भाग खान नदी के माध्यम से क्षिप्रा नदी में मिल रहा है। उज्जैन नगरवासियों को मुख्य रूप से गंभीर जलाशय से पेयजल प्रदाय किया जाता है तथा कभी-कभी पर्याप्त मात्रा नहीं होने पर क्षिप्रा नदी से भी उपचारित पेयजल प्रदाय किया जाता है। उपरोक्त पेयजल प्रदाय से उज्जैन नगरवासियों को बीमारियां फैलने की पुष्टि नहीं हुई है। (ख) नगर निगम इन्दौर द्वारा इन्दौर शहर के जल-मल के पूर्ण संग्रहण हेतु प्राइमरी एवं सेकेण्डरी सीवर लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि शहर का दूषित जल-मल खान नदी में प्रवाहित होने से रोका जा सके। खान नदी डायवर्सन योजना के प्रभावी संचालन-संधारण तथा राघौ पिपल्या स्टापडेम से सीपेज को रोकने हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा संधारण एवं निगरानी की जाती है।
धार जिलांतर्गत लंबित विवादित/अविवादित नामांतरण प्रकरण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 2006 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2013 से वर्तमान तक कितने विवादित, अविवादित नामांतरण/बंटवारे किये गये हैं? वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2013 से वर्तमान तक धार जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कितने नामांतरण/बंटवारे के प्रकरण लंबित हैं? कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला धार में वर्ष 2013 से वर्तमान तक कुल विवादित नामांतरण-5436, अविवादित नामांतरण-50616, विवादित बंटवारा-5991, अविवादित बंटवारा-6756 किये गये हैं। प्रश्नांकित अवधि में किये गये विवादित, अविवादित, नामांतरण, बंटवारे की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला धार में वर्ष 2013 से वर्तमान तक कुल विवादित/अविवादित नामांतरण के कुल प्रकरण 837 लंबित/प्रचलित हैं। सिटीजन चार्टर की निर्धारित समय-सीमा के होकर तामिली/साक्ष्य/अभिलेख आदि कारणों से लंबित हैं।
शासकीय/पट्टे की भूमि के राजस्व मण्डलों में लंबित प्रकरण
[राजस्व]
16. ( *क्र. 1990 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय भूमियों व कृषि पट्टा भूमि/आवासीय पट्टा भूमियों के जिला स्तरीय/अनुभाग स्तरीय/तहसील स्तरीय न्यायालयों में प्रचलित विभिन्न प्रकरणों को राजस्व मण्डल द्वारा सुनवाई हेतु मूल नस्ती सहित प्रकरण बुलवाये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा क्या-क्या प्रावधान किन-किन नियमों व शर्तों के अधीन किये गये हैं? (ग) क्या मूल नस्ती सहित राजस्व मण्डल द्वारा इस प्रकार सुनवाई हेतु बुलवाये गये प्रकरणों की सुनवाई हेतु कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो निचले स्तर के राजस्व न्यायालयों के प्रकरण विभिन्न कारणों से राजस्व मण्डल के पास लम्बे समय से लंबित चले आने के कारण, शासकीय भूमियों की हेरा-फेरी व दुरूपयोग रोकने हेतु विभाग अपने स्तर से क्या प्रयास कर रहा है? (ड.) धार जिले में शासकीय भूमियों व कृषि पट्टा भूमि/आवासीय पट्टा भूमियों के कितने प्रकरण कितनी समयावधि से राजस्व मण्डल में सुनवाई हेतु लंबित चले आ रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 49 व 50 के अन्तर्गत प्रावधान है। (ग) नियमों में कोई समय-सीमा निधारित नहीं है। (घ) विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ड.) धार जिले के 207 प्रकरण राजस्व मण्डल में प्रचलन में हैं। राजस्व मण्डल में प्रचलित व्यवस्था अनुसार प्रकरणों को शासकीय भूमि एवं कृषि पट्टा भूमि के रूप में पृथक से वर्गीकृत नहीं किया जाता है।
धार जिले में दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
17. ( *क्र. 1783 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर एवं संपूर्ण धार जिले में वर्ष 2015-16 से 2017-18 में कितनी महिलाओं के ऊपर दुष्कर्म एवं हत्याओं की घटनायें घटित हुईं? (ख) इनमें से कितनी घटनाओं में एफ.आई.आर. दर्ज हुईं एवं कितनी घटनाओं में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुईं, जिन घटनाओं में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुईं है, तो क्यों नहीं हुई? एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त में से कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण होकर चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये हैं? कितने प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें विवेचना पूर्ण हो चुकी है, परन्तु चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये? इसके लिए कौन दोषी है? अपूर्ण विवेचना का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) इन सभी घटनाओं में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विवेचना पूर्ण प्रकरणों में नियत दिनांक को चालान न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। विवेचना पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पटवारी चयन परीक्षा में कम्प्यूटर डिप्लोमा को मान्यता
[राजस्व]
18. ( *क्र. 3219 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा अशोकनगर, दतिया, उज्जैन, देवास, मंदसौर, खरगोन, खण्डवा, रायसेन, विदिशा, सागर, छतरपुर एवं रीवा आदि जिलों में मान्य किये गये हैं, जबकि भिण्ड जिले में मान्य नहीं किये गये हैं, ऐसा क्यों? (ख) क्या सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा के संबंध में संपूर्ण म.प्र. में एक समान स्पष्ट नीति लागू करेंगे? (ग) इस प्रक्रिया में जिन-जिन अधिकारियों ने भ्रमित किया है तथा असमानता कर उम्मीदवार अभ्यार्थियों का नुकसान आज तक किया है, क्या उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? (घ) इस प्रक्रिया में सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा मान्य कर इस संबंध में पूरे प्रदेश में समानता लाने में कितना समय लगेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारी चयन परीक्षा 2008 के अंतर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 07.07.2008 थी, इसलिये दिनांक 07.07.2008 के पूर्व के डिप्लोमा मान्य किये गये हैं एवं सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा मान्य नहीं किये गये। (ख) कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3929/स्था.एक/पट/2009, दिनांक 27.07.2009 एवं दिनांक 20.11.2009 द्वारा समस्त कलेक्टरों को एक समानता कम्प्यूटर डिप्लोमा को मान्य करने के लिये निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्रमांक 3929/स्था.एक/पट/2009, दिनांक 27.07.2009 एवं दिनांक 20.11.2009 द्वारा संपूर्ण म.प्र. में कम्प्यूटर डिप्लोमा के संबंध में एक समान स्पष्ट नीति लागू है। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। (घ) पटवारी चयन परीक्षा 2008 के अंतर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 07.07.2008 थी। इसलिये 07.07.2008 के पूर्व के डिप्लोमा मान्य किये गये हैं एवं सत्र 2008-09 के कम्प्यूटर डिप्लोमा मान्य नहीं किये जा सकते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी खाद्यान्न पर्ची जारी करने पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( *क्र. 3968 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम जारी होने के बाद से फर्जी खाद्यान्न जारी करने के कितने प्रकरण सामने आये हैं? जिलेवार बतायें। (ख) गुना जिले में फर्जी परिवार तैयार कर कितने प्रकरणों में कितनी राशि का खाद्यान्न जारी किया गया है। कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? किन अधिकारियों और संस्थाओं पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) गुना जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन में गड़बड़ी करने वाले कितने उपभोक्ता भण्डार और उचित मूल्य की दुकानों और सोसायटियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने परिवारों के नाम खाद्यान पात्रता पर्ची में जोड़े जाने के लिए लंबित हैं? (घ) कितने अधिकारी, कर्मचारियों पर फर्जी खाद्यान्न पर्ची जारी करने पर विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाल अपराधों की रोकथाम
[गृह]
20. ( *क्र. 2532 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल में दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक नाबालिग बच्चों के अपहरण, दुष्कर्म सहित अन्य अपराधों की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? पृथक-पृथक बताया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में जिला भोपाल के थानों में बाल अपराध की कितनी-कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई? पृथक-पृथक बताया जाए। (ग) शासन द्वारा गठित बाल आयोग द्वारा नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के लिये क्या-क्या अनुशंसाएं की गई हैं? (घ) शासन द्वारा बाल अपराध रोकने के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( *क्र. 3799 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल निगम द्वारा मांधाता विधानसभा क्षेत्र में 25 से 30 गांवों को मिलाकर समूह नल-जल योजना का सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन गांवों को शामिल किया गया है? (ख) क्या बिजोरा माफी जलकुआं धारकवाडी, सातमोहनी, सिंधखाल, फेफरिया, मिर्जापुर गुलगांव रैयत बोरखेड़ा भुरलाय दिनकरपुरा देवला माफी हैडाइ, दोहद, मोहद, शिवरिया, सीवरटाण्डी में पेयजल संकट व्याप्त है? क्या इन गांवों को मिलाकर कुल 25 गांव का समूह बनाकर नल-जल योजना स्वीकृत की जाएगी? (ग) क्या इंदिरा सागर जलाशय से यह नल-जल योजना स्वीकृत की जाएगी? (घ) क्या इसी प्रकार इंदिरा सागर जलाशय से किल्लोद विकासखण्ड के 29 गांव की भी समूह नल-जल योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा इंदिरा सागर-1 समूह जलप्रदाय योजना एवं खण्डवा-बुरहानपुर समूह जल प्रदाय योजना का सर्वेक्षण कराया गया है, जिनमें मांधाता विधानसभा क्षेत्र के क्रमशः 145 एवं 57 ग्राम सम्मिलित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिला छतरपुर अंतर्गत तहसीलों की शासकीय भूमि से छेड़छाड़
[राजस्व]
22. ( *क्र. 2253 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की तहसील राजनगर सर्किल चन्द्रनगर के हल्का मौजा पीरा के खसरा नं. 1561 में बंदोबस्त के समय से एवं वर्ष 1990-91 में भी मध्यप्रदेश शासन दर्ज था? हाँ या नहीं। उपरोक्त से संबंधित बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक सम्पूर्ण खसरा की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त खसरा नम्बर 1561 को कब मध्यप्रदेश शासन हटाकर किन व्यक्तियों के नाम किस आधार पर एवं सक्षम अधिकारी के आदेश से दर्ज किया गया था? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या खसरा क्रमांक 1561 को वर्ष 1999-2000 में पुन: पट्टा निरस्त कर मध्यप्रदेश शासन दर्ज किया गया था? पट्टा निरस्त आदेश की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें एवं सक्षम अधिकारी का नाम, पद सहित सूची भी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार वर्ष 1990 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन आदेशों से मध्यप्रदेश शासन की भूमि से छेड़छाड़ कर किन-किन व्यक्तियों के नाम की गयी? समस्त आदेशों की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें। उक्त नम्बर को पुन: मध्प्रदेश शासन दर्ज कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन खसरा नम्बर के वर्ष 1990 से वर्तमान समय तक की खसरा नकलें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्न दिनांक तक भूमि खसरा नम्बर 1561 विभिन्न व्यक्तियों के नाम से दर्ज की गई। उक्त नम्बर के संबंध में विधिवत राजस्व प्रकरण पंजीबद्ध कर विभिन्न प्रकरणों में आदेश पारित किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज़ भूमि के दुरूपयोग पर रोक
[राजस्व]
23. ( *क्र. 1277 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में किन-किन व्यक्तियों एवं संस्थाओं को कितनी-कितनी शासकीय भूमि मनोरंजन के नाम आवंटित की गई है? वर्तमान में इस भूमि पर क्या गतिविधि संचालित हो रही है? (ख) क्या मनोरंजन के नाम पर आवंटित भूमि पर सिनेमागृह के बजाय बिना किसी अनुमति के मांगलिक परिसर का उपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या शासन ऐसे समस्त लीज़ धारकों, जो सेवा के नाम पर ली गई बेशकीमती भूमि का व्यावसायिक प्रयोजन कर शासन को नुकसान पहुंचा रहे हैं, क्या उनकी लीज़ निरस्त कर शासकीय भूमि को राजस्व विभाग के आधिपत्य में लिये जाने का निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब? (घ) क्या ऐसी सभी लीज़ भूमि जहां पर बिना अनुमति निर्माण किया गया है, को अतिक्रमण मानकर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल लीज़ शर्तों में परिवर्तन कर बेशकीमती लीज़भूमि को फ्री-होल्ड किये जाने जैसे प्रावधान समाप्त किये जाने पर विचार किया जाएगा? (च) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में भू-राजस्व संहिता में आवश्यक संशोधन किये जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में व्यक्तियों एवं संस्थाओं को शासकीय भूमि मनोरंजन के नाम से आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) एवं (च) जी नहीं कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सोनकच्छ में नवीन आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
24. ( *क्र. 1655 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ तहसील के युवा छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आई.टी.आई. (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) आई.टी.आई. स्वीकृत होने के पश्चात् आज तक नगर में आई.टी.आई. शुरू क्यों नहीं हो सकी? (ग) क्या सोनकच्छ तहसील के लाखों युवा बच्चों को तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिलाने हेतु आई.टी.आई. संस्थान की सौगात मिल सकेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सोनकच्छ में आई.टी.आई. स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। देवास जिले में 06 विकासखण्डों में से 04 विकासखण्डों क्रमश: देवास, टोंकखुर्द, कन्नौद एवं बागली में शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं। 02 विकासखण्ड क्रमश: सोनकच्छ एवं खातेगांव में शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। वर्तमान में 119 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिनमें शासकीय आई.टी.आई. नहीं हैं तथा 58 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिसमें शासकीय एवं प्रायवेट आई.टी.आई. नहीं हैं। वर्तमान में विकासखण्ड सोनकच्छ में नवीन आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ओवर लोडिंग के प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
25. ( *क्र. 759 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस विभाग को ओवर लोडिंग के प्रकरणों में चालान करने एवं जुर्माना करने की शक्ति प्राप्त है? क्या पुलिस मुख्यालय (अपराध अनुसंधान विभाग) म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक अ.अ. वि./वि.स./मानसून सत्र/2017, ध्याना./87/17, दिनांक 18.07.2017 से पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र भेजा था? क्या चौकी बाबूपुर थाना कोलगवां से क्र. 117/299, दिनांक 05.09.2017 से आर.टी.ओ. सतना को पत्र भेजा गया? (ख) क्या कार्यालय नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्रमांक न.पु.अ./सतना/2094-सी/17, दिनांक 04.09.2017 को स्मरण पत्र-3, थाना प्रभारी कोलगवां को भेजा गया? क्या पत्र क्रमांक 2094/17, दिनांक 25.07.2017, 2094-ए/17 दिनांक 09.08.2017, 2094-बी/17 दिनांक 20.08.2017 से भी भेजे गये? क्या कार्यवाही नगर निरीक्षक कोलगवां के द्वारा ई.टी.पी. सिस्टम से प्राप्त पर्चियों पर जो स्पष्ट दस्तावेजी सबूत हैं, ओवर लोडिंग पर प्रश्न तिथि तक की? अगर नहीं की तो क्या डी.जी.पी म.प्र. पुलिस/ए.डी.जी. अ.अ.वि.टी.आई. कोलगवां को तत्काल निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करने के आदेश जारी करेंगे? (ग) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला सतना के पत्र क्रमांक-पु.अ./सतना/ओ.एम./वि.स.प्र./23/2017, दिनांक 18.07.2017 के पत्र के पैरा 8 एवं नगर पुलिस अधीक्षक के पत्र दिनांक 25.07.2017 के अंतिम पैराग्राफ में एवं 09.08.2017 के पत्र के पैरा क्र. 7 में एवं 04.09.2017 के पैरा क्र. 7 में थाना प्रभारी को निर्देश दिये गये थे कि अवैध उत्खनन एवं ओवरलोडिंग पर प्रतिदिन चेकिंग लगाकर प्रकरण माननीय न्यायालय एवं आर.टी.ओ. में प्रस्तुत कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें? उसके बाद भी निरीक्षक द्वारा प्रश्नतिथि तक कोई कार्यवाही नहीं की? अगर की है तो क्या कार्यवाही की, दिनांकवार जानकारी दें? क्या पुलिस मुख्यालय उक्त निरीक्षक को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम बतायें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस विभाग में माल ओवर लोडिंग के प्रकरणों में थाना स्तर पर जुर्माना करने की शक्ति निरीक्षक एवं उप निरीक्षक को नहीं है। पुलिस मुख्यालय (अपराध अनुसंधान विभाग) म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक अ.अ.वि./वि.स./मानसून सत्र/2017 ध्याना./87/17, दिनांक 18.07.2017 से पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र भेजा गया था। जी हाँ। (ख) जी हाँ। थाना प्रभारी कोलगवां द्वारा ई.टी.पी. सिस्टम से प्राप्त पर्चियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु परिवहन विभाग सतना को भेजा गया है। परिवहन अधिकारी सतना ने नोटिस (पत्र) जारी कर संबंधितों को अपना पक्ष रखने बावत् जारी किया है। समय पर पक्ष न प्रस्तुत करने पर प्राकृतिक न्याय सिद्धांत को दृष्टिगत रखते हुए पुनः स्मरण पत्र जारी किया गया है। अतः थाना प्रभारी कोलगवां के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष उत्तर प्रश्नांश (ख) में समाहित है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
हितग्राहियों
को ई-पात्रता
पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( क्र. 8 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में भिण्ड जिले की लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को चिन्हित किया गया? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कितने हितग्राहियों को ई-पात्रता पर्ची खाद्य सुरक्षा समग्र पोर्टल से जनरेट की जाकर वितरित की गई है? (ग) 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राहियों को राशन हेतु ई-पात्रता पर्ची किन-किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराई गई है? (घ) क्या ई-पात्रता पर्ची जारी नहीं किये जाने से खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है जिससे हितग्राहियों का जीवन-यापन करना कठिन हो रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन कब तक आदेश जारी कर खाद्यान्न उपलब्ध करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा तक ही हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत किया जाता है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची अधिनियम की निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में 1,761 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। प्रश्नांकित अवधि में स्थानीय निकाय द्वारा 31,834 परिवारों को लाभांवित किया गया है। शेष प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (घ) भिण्ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 31,834 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को नियमानुसार राशन सामग्री वितरण किया जा रहा है। आवंटन सीमा के अन्तर्गत पात्रता पर्ची जारी करना सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
कलेक्टर भिण्ड एवं दतिया द्वारा शासनादेश की अवहेलना
[राजस्व]
2. ( क्र. 11 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम मडौरी तहसील लहार, जिला भिण्ड एवं दतिया जिले में स्थित नारददेव मंदिर की भूमि के सीमांकन एवं अतिक्रमण हटाने हेतु वर्ष 2017 में प्रमुख सचिव, राजस्व ने कलेक्टर भिण्ड एवं कलेक्टर दतिया को पत्र लिखकर एवं दूरभाष पर सीमांकन एवं अतिक्रमण हटाने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर भिण्ड एवं दतिया ने किस-किस दिनांक को किस-किस ग्रामों की भूमि का सीमांकन कराया एवं अतिक्रमण किन-किन की उपस्थिति में कब-कब हटाया गया? (ग) क्या भिण्ड एवं दतिया कलेक्टर द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन के उक्त आदेशों/निर्देशों की अवहेलना की जाकर प्रश्न दिनांक तक उक्त मंदिर की भूमि का न तो सीमांकन कराया गया और न ही दतिया जिले की ग्राम बिजौरा, गुमानपुरा का अतिक्रमण हटाया गया? (घ) यदि हाँ, तो किन कारणों से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका एवं इसके लिए जिम्मेदार कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला भिण्ड की तहसील लहार के नारददेव मंदिर से लगी ग्राम मडोरी की भूमि का सीमांकन अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा गठित दल ने दिनांक 16.7.2017 को सीमांकन कर मंदिर कमेटी को कब्जा दिया जा चुका है। तथा तहसील गोहद अन्तर्गत ग्राम केसवगढ़, इटायदा की मंदिर से लगी भूमि का सीमांकन दिनांक 14.9.2017 को नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी गोहद द्वारा सीमांकन कर मंदिर कमेटी को कब्जा दिया गया। तहसील सेवढ़ा जिला दतिया के नारददेव मंदिर की गुमानपुरा की भूमि कुल किता 15 रकबा 5.18 हे. एवं ग्राम विजौरा की भूमि कुल किता 05 रकबा 1.79 हे. का सीमांकन दिनांक 19.03.2017 को किया गया, उसी दिनांक को मौके पर अतिक्रमण हटाकर पुजारी श्री अखलेशपुरी महंत चेला हीरपुरी निवासी ग्राम मडौरी को कब्जा दिया जाकर अतिक्रमण हटाया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 79 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबों को खाद्यान्न पर्ची वितरण करने संबंधी जन कल्याणकारी योजना के क्या-क्या नियम हैं? इस योजना में पात्रता की अर्हता क्या है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ परिवारों को खाद्यान्न पर्ची प्रदाय वितरण करने के लिए प्रश्नकर्ता ने कब-कब जिला प्रशासन को पत्र लिखा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्राप्त पत्र के आधार पर क्या कार्यवाही की गई है? पर्ची कहाँ-कहाँ वितरित की गई, उसकी जानकारी देवें। यदि नहीं, जारी की तो उसके क्या कारण रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणी एवं उनके सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में समय-समय जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बागदा बुजुर्ग के 14 घुमक्कड़ जाति परिवारों की पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में माननीय सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र, दिनांक 20.10.2016 एवं दिनांक 09.11.2016 को जिला प्रशासन का प्राप्त हुए हैं। (ग) ग्राम पंचायत बागदा बुजुर्ग के 14 परिवारों को पात्रता पर्ची वितरित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्प का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( क्र. 163 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्रमांक 42/शिकायत-2/2017 छतरपुर दिनांक 08/12/2017 के अनुसार पानी की समस्या के समाधान हेतु क्या हैण्डपम्प खनन/अधूरी पड़ी नल जल योजनाएं चालू कराये जाने की कार्यवाही की गई? (ख) यदि हाँ, तो विभाग में प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर क्या हैण्डपम्प खनन की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों। (ग) छतरपुर जिले में हैण्डपम्प खनन हेतु वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन दिया गया? (घ) आवंटन के आधार पर राजनगर तथा लवकुशनगर क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर हैण्डपंप खनन किये गये? सूची दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, वित्तीय आवंटन की उपलब्धता अनुसार वर्ष 2017-18 की लक्षित आंशिक पूर्ण श्रेणी की सूची में प्रस्ताव के सम्मिलित ग्रामों में नलकूप खनन कर सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया गया है। (ग) आवंटन रूपये 541.49 लाख। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुआवजा वितरण
[राजस्व]
5. ( क्र. 164 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला सूखाग्रस्त घोषित होने के कारण वर्ष 2017-18 में तहसीलवार कितना-कितना आवंटन दिया गया तथा किस आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाना है उसकी गाईड लाईन की प्रति दें। (ख) क्या मुआवजा के वितरण के संबंध में सामूहिक शिकायतें प्राप्त हुई तथा ज्ञापन भी प्रशासन को दिये गये? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन जाँच अधिकारी नियुक्त किये गये तथा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? तहसीलवार बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला छतरपुर को प्रश्न दिनांक तक कुल राशि 151.31 करोड़ का आवंटन प्रदाय किया गया है। एकीकृत आहरण व्यवस्था होने के कारण जिला कोषालय के माध्यम से समस्त तहसीलों की राहत राशि का भुगतान किया जा रहा है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राशि वितरित की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 24/02/2018 तक तहसीलवार सूखा राहत राशि वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, मुआवजा वितरण के संबंध में सामूहिक शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। प्राप्त ज्ञापनों पर समुचित कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 270 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लाभ बी.पी.एल. सूची के अनुसार किस सन् के हितग्राहियों को दिया जा रहा है? 14 ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा में ऐसे पात्र हितग्राहियों की कितनी संख्या है? (ख) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र में उज्जवला योजना का लाभ कितने हितग्राहियों को मिल चुका है? पात्र हितग्राही कितने शेष हैं? उनको कब तक इस योजना का लाभ मिल जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आते है, को गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र-14 में एस.ई.सी.सी. 2011 के डाटा में कुल 10,875 परिवार हैं। (ख) ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 7,931 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन प्रदाय किये जा चुके हैं। सूची में से 2,944 परिवार शेष है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है एवं प्राप्त आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर एल.पी.जी. कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं।
बोर खनन की गहराई एवं चौड़ाई बढ़ाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 275 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में अल्प वर्षा के कारण पेयजल स्त्रोतों में वॉटर लेवल नीचे जाने से ग्रीष्म काल में पेयजल संकट से निपटने हेतु विभाग द्वारा क्या तैयारी की गई है? विस्तार सहित विवरण दें। (ख) ग्वालियर जिले के वि.ख. मुरार, वि.ख. बर्रई में 2017 में विभाग द्वारा कितने हैण्डपंप, टयूबवेल खनन कराये गये? कितने ट्यूबवेल खनन में पानी के स्त्रोत नहीं मिले एवं वर्तमान में कितने हैण्डपंप एवं टयूबवेल सूख चुके हैं? विस्तार से विवरण दें। (ग) क्या वर्तमान में बोर खनन की गहराई एवं चौड़ाई क्या पर्याप्त है अथवा नहीं? यदि नहीं, है तो ट्यूबवेल खनन की गहराई गिरते वॉटर लेवल के हिसाब से गहराई एवं चौड़ाई बढ़ाई जावेगी? (घ) वि.खं. मुरार एवं बर्रई में ऐसे कितने ग्राम हैं जो पी.सी.डी. श्रेणी में आते हैं और ऐसे दोनों ब्लॉकों में कितने ग्राम एवं मजरे टोले हैं जो एफ.सी. में आते हैं? एफ.सी. में आने वाले गांवों में पेयजल व्यवस्था हेतु इन गांवों को पी.सी. में कर हैण्डपंप खनन का लक्ष्य आवंटित किया जावेगा? समय-सीमा बतायें। नहीं तो इन गांवों की पेयजल समस्या कैसे हल की जायेगी? पेयजल संकट से निपटने के लिये विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव अतिरिक्त बसाहटों में हैण्डपंप खनन हेतु भेजा है? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) आकस्मिक कार्ययोजना अनुमानित लागत रूपये 7.10 करोड़ की बनाई गई है, जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग आदि कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। (ख) वर्ष 2017 में हैण्डपंपों हेतु 148 तथा अन्य 62 नलकूप नल योजना हेतु खनन किये गये जिनमें कुल 19 नलकूप असफल रहे। प्रश्नांकित क्षेत्र में वर्तमान में 319 हैण्डपंप तथा 2 ट्यूबवेल सूख चुके हैं। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विकासखण्ड मुरार एवं घाटीगांव (बर्रई) में क्रमशः 90 एवं 57 ग्राम/बसाहट पी.सी. श्रेणी में आते हैं तथा क्रमशः 219 एवं 248 ग्राम/बसाहट एफ.सी. श्रेणी में हैं। ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड से कम जलप्रदाय वाले ग्रामों में उपलब्ध आवंटन एवं प्राथमिकता के आधार पर नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना एवं नलजल योजना के माध्यम से पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों की कृषि भूमि सीलिंग एक्ट में मुक्त करना
[राजस्व]
8. ( क्र. 286 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर के विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत निवासरत कृषकों की कृषि भूमि अर्बन सीलिंग एक्ट 1976 के अंतर्गत राजस्व रिकार्ड में शासकीय मद में दर्ज की जा चुकी है? क्या समस्त कृषकगण विगत कई वर्षों से आज दिनांक तक निरंतर कृषि कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है? (ख) क्या अर्बन सिलिंग एक्ट वर्ष 1999 को समाप्त हो चुकी है? किन्तु पीड़ित कृषकों की कृषि भूमि वापिस नहीं की गई? क्या शासन कृषकों की भूमि वापिस हेतु उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले में नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनिमयन) अधिनियम 1976 के प्रावधानों के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों की अर्बन सीलिंग की परिभाषा में आने वाली भूमियों के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही की जाकर भूमियों का कब्जा शासन पक्ष में लिया जाकर मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज किया गया है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नगर भूमि (अधिकतम सीमा और विनियमन) निरसन अधिनियम, 1999 प्रभावशील है जिसकी धारा 3 के अंतर्गत कब्जा प्राप्त भूमियां शासन की ही रहना प्रावधानित है। शासन स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नवविवाहिता की मृत्यु पश्चात् संबंधित दोषियों पर कार्यवाही
[गृह]
9. ( क्र. 287 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरी (प्रश्नकर्ता) ने अपने पत्र क्र. 5207 दिनांक 04.01.2018 को पुलिस महानिदेशक महोदय भोपाल को ग्राम खजरी (खिरिया) थाना आधारताल जबलपुर के अंतर्गत नवविवाहिता श्रीमती रामेश्वरी पटेल को उसके ससुराल वालों के द्वारा दहेज प्रकरण को लेकर उसकी मृत्यु की निष्पक्ष जाँच हेतु पत्र लिखा था? (ख) क्या स्व.रामेश्वरी पटेल की मृत्यु दिनांक 13.08.2017 में होने के पश्चात् नवविवाहिता के मायके के परिजनों द्वारा संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही है तो कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर पीड़ित परिवार को राहत प्रदान कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 13.08.17 को सूचना के आधार पर थाना आधारताल में मर्ग क्र. 54/17 धारा 174 जा.फौ. के तहत कायम किया जाकर मृतिका नवविवाहिता होने से मर्ग की अग्रिम जाँच नगर पुलिस अधीक्षक आधारताल द्वारा की गई। जाँच पश्चात दिनांक 26.08.17 अपराध क्रमांक 701/17 धारा 304बी/498ए/34 ताहि एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम अन्तर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना पश्चात चालान क्रमांक 733/17 दिनांक 23.11.17 को मान. न्यायालय जबलपुर पेश किया गया, जिसमें केस नंबर 1270/18 पर उक्त प्रकरण वर्तमान में मान. न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की गई है तथा वर्तमान में प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 331 ) श्री हरवंश राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अल्पवर्षा के कारण वर्ष 2017-18 की खरीफ की फसल खराब होने के कारण सूखाग्रस्त उपरांत शासन स्तर से कितनी मुआवजा राशि स्वीकृति की गई है? (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्रामों में कितने-कितने कृषकों को मुआवजा राशि प्रदाय की जा चुकी है? सूची उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या फसलों से प्रभावित किसानों से बिजली बिल राशि की विभाग द्वारा कनेक्शन काटे जाने एवं वसूली की कार्यवाही की जा रही है, जबकि अल्पवर्षा एवं फसल खराब होने से कृषकों की स्थिति भरण पोषण करने के लायक भी नहीं रही है एवं कृषक कर्ज में डूबे हुए हैं? क्या ऐसी स्थिति में सूखा घोषित उपरांत कृषकों के बिजली बिल भी माफ किए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अल्पवर्षा/सूखा के कारण वर्ष 2017-18 की खरीफ की फसलें क्षतिग्रस्त होने के कारण सूखाग्रस्त किये जाने उपरान्त शासन से प्राप्त आवंटन में से बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 29,73,00,000/- रूपये की राहत राशि प्रत्यावंटित की गई है। (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 84 ग्रामों में 7782 कृषकों को 43374946/- रूपये की राहत राशि/मुआवजा राशि दिनांक 27.02.2018 तक वितरित की जा चुकी है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष विषयों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत थानों को अनुभाग पुलिस बण्डा में जोड़े जाना
[गृह]
11. ( क्र. 343 ) श्री हरवंश राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खारमऊ, नाहरमऊ, भड़राना चारौधा, मड़िया, बूढ़ाखेरा, सहावन जो वर्तमान में थाना सानौधा विकासखंड सागर अनुभाग रहली के अंतर्गत आते हैं? (ख) क्या इसके पूर्व उक्त ग्राम विधानसभा क्षेत्र बण्डा के अंतर्गत आते थे परंतु अनुभाग रहली के अंतर्गत जोड़े जाने के फलस्वरूप ग्रामीणों को अपने केस के निराकरण हेतु अनुभाग रहली तथा दुर्घटना या घटना की स्थिति में पोस्टमार्टम हेतु सागर आना पड़ता है जिससे कठिनाई उत्पन्न होती है? (ग) वर्तमान में शाहपुर चौकी का उन्नयन न होने के कारण ग्रामीणों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए इन ग्रामों को पूर्व की भांति ही विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत अनुभाग में जोड़े जाएंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ये सही है कि दुर्घटना/घटना की स्थिति में सनौधा में अस्पताल न होने से पोस्ट मार्टम हेतु सागर आना पड़ता है, परन्तु कठिनाई उत्पन्न होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। (ग) जी हाँ। इस बावत् निर्देश जारी किए गए है।
लम्बित पेंशन प्रकरण व देय स्वत्वों का निराकरण
[राजस्व]
12. ( क्र. 357 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अन्तर्गत राजस्व विभाग में दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 31.01.2018 तक कितने कर्मचारी/अधिकारी सेवानिवृत्त हुये हैं? कर्मचारियों के नाम, पदनाम, सेवानिवृत तिथि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी व कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पर कौन-कौन देय स्वत्वों का भुगतान कर दिया गया है? कौन-कौन से देय स्वत्व शेष हैं? शेष का भुगतान न किए जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश 'ख' में शेष रहे देय स्वत्वों का भुगतान कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विदिशा जिल के अंतर्गत राजस्व विभाग में दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2018 तक 30 अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी व कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर देय स्वत्व समर्पित अवकाश, बीमा, राशि, पेंशन एवं ग्रेच्यूटी का भुगतान कर दिया गया है। कोई स्वत्व शेष नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चकबन्दी के संबंध में
[राजस्व]
13. ( क्र. 445 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 592 दिनांक 29.11.2017 के प्रश्नांश (क) व (ख) में उल्लेखित तथ्यों को स्वीकारते हुए प्रश्नांश (ग) के उत्तर में जानकारी दी है कि बडौदा जिला श्योपुर के ग्राम मेखड़ाहेड़ी, राजपुरा उर्फ झुनझुनीपुरा, ललितपुरा, बिचगावड़ी, सारंगपुर भिलवाडिया में चकबन्दी से त्रुटि पूर्ण 6 गांवों का नवीन नक्शा एवं अधिकार अभिलेख बनाने हेतु पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक (नियमित) को ग्राम आवंटित किए गए हैं? जिसके अंतर्गत उक्त कर्मचारी कार्यालयीन कार्य, अभिलेख निर्माण स्वच्छ अभिलेख प्रमाणीकरण अभिलेख का प्रथम व अंतिम प्रकाशन कर अभिलेख जिला प्रशासन को हस्तांतरित करेंगे? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन पटवारियों/राजस्व निरीक्षक को उक्त कार्य करने हेतु कौन-कौन से ग्राम आवंटित किए व कब इनके द्वारा कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर लिए हैं, कौन-कौन से नहीं? कब तक पूर्ण होंगे? (ग) उक्त कर्मचारियों द्वारा उदासीनता बरतने के कारण 22 माह कार्य होने के उपरांत भी उक्त कार्य पूर्ण नहीं हो पाया क्या शासन अब उक्त 6 ग्रामों में चकबन्दी की समाप्ति हेतु समस्त विधिमान्य प्रक्रियाएं एक निश्चित समय-सीमा पूर्ण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला श्योपुर की तहसील बडौदा के ग्राम मेखड़ाहेड़ी, राजपुरा उर्फ झुनझुनीपुरा, ललितपुरा, बिचगावड़ी, सांरगपुर, भिलवाडिया में चकबंदी से त्रुटिपूर्ण 06 ग्रामों का नवीन नक्शा एवं अधिकार अभिलेख बनाने हेतु आवंटित किये गये है जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवंटित किये गये ग्रामों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित है। प्रक्रिया चरणबद्ध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नियमित राजस्व निरीक्षक व हल्कों पर पदस्थ पटवारियों द्वारा अपने कार्य के साथ-साथ अधिकार अभिलेख तैयार करने का भी कार्य किया जा रहा है। प्रक्रिया चरणबद्ध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुआवजे का वितरण
[राजस्व]
14. ( क्र. 446 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या असमय अल्पवर्षा के कारण सूखाग्रस्त जल अभाव क्षेत्र घोषित श्योपुर जिले में इसी वर्ष 2017 के समस्त खरीफ फसलें 50 से 80 प्रतिशत तक नष्ट हुई थी? (ख) क्या उक्त नष्ट फसलों का सर्वे कलेक्टर श्योपुर अथवा विभाग द्वारा तत्समय करवाया था तत्पश्चात उक्त तथ्य को सही मानते हुये 90 करोड़ का प्रस्ताव मुआवजा वितरण हेतु शासन/राजस्व/राहत आयुक्त को स्वीकृति हेतु भेजा था, के विरूद्ध 36 करोड़ शासन द्वारा जिले को प्रश्न दिनांक तक प्रदाय भी कर दिए है, क्या ये राशि प्रस्ताव अनुसार हैं? यदि नहीं, तो शेष राशि जिले को कब तक प्रदाय की जावेगी? इससे जिले के कितने-कितने प्रभावित कृषकों को कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक मुआवजे के रूप में वितरित की गई जानकारी तहसील/ग्रामवार देवें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त राशि के वितरण उपरांत कितने प्रभावित कृषकों को ग्राम/तहसीलवार मुआवजे का वितरण नहीं हो पाया, क्या शासन उन्हें मुआवजे के विवरण हेतु जिले को शीघ्र शेष राशि प्रस्तावनुसार प्रदाय करेगा व इसका वितरण शीघ्र करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों, क्या शासन प्रश्न दिनांक तक मिली राशि से मुआवजे का वितरण न करने अथवा इसमें विलंब करने के कारणों की जाँच करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) श्योपुर जिले में इस वर्ष 2017 के समस्त खरीफ फसलें 50 से 80 प्रतिशत तक नष्ट नहीं हुई है। (ख) श्योपुर जिले में सूखा से नष्ट हुई फसलों का संयुक्त सर्वे राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा दल गठित कराकर कर किया गया था। गठित दलों द्वारा प्रस्तुत की गई सर्वे रिपोर्ट उपरान्त 90.05 करोड़ रूपये आर.बी.सी. 6-4 के तहत मुआवजा राशि का प्रस्ताव जिले से प्राप्त हुआ था। जिसके विरूद्ध जिले को 79.25 करोड़ की राशि का आवंटन दिया गया है। (ग) मुआवजा राशि के वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। वितरण प्रक्रिया में होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
यात्री बसों के निर्धारित रूट पर नियमित आवागमन की सुनिश्चितता
[परिवहन]
15. ( क्र. 560 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग द्वारा नियत रूट हेतु जारी परमिट अंतर्गत निर्धारित स्थानों तक यात्री बसें न जाकर बायपास से निकल जाने का पूर्व में मुद्दा उठाये जाने पर कुछ समय तक बसें समस्त स्टॉपों पर जाने लगी थी, लेकिन थोडे समय पश्चात् ही ग्रामों में नियम स्थान पर न जाकर वापस बायपास/फाटे से ही निकल जाती हैं जैसे (1) ग्राम बगड़ी तहसील व जिला धार (2) ग्राम गुजरी तहसील धरमपुरी जिला धार, जिससे यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या शासन निर्धारित रूट के समस्त स्टॉपों पर बसों के नियमित रूप से जाने की सुनिश्चतता निर्धारित करेगा तथा निर्देशों का पालन नहीं करने वाले बस मालिकों के परमिट निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? समयावधि सहित बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जिन बसों के परमिट व्हाया बगली गाँव होकर है उनमें से 18 वाहन बगली गाँव से संचालित हो रही है। जिला परिवहन अधिकारी द्वारा समय-समय पर चैकिंग कर वाहनों के दस्तावेज चैक किये जाते है, जिनके परमिट जिन व्हाया से होकर है उन्हें निर्धारित मार्ग से संचालन सुनिश्चित कराया जाता है। जिन बसों के परमिट व्हाया गुजरी होकर है, उनमें से 02 वाहन गुजरी होकर ही संचालित हो रही है। जिला परिवहन अधिकारी द्वारा बस क्रमांक MP-09FA-6293, MP-09FV6585 को दिनांक 15.07.2017 को गुजरी गाँव में न आने के कारण गुजरी फाटे पर चालान किये गये है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही निरंतर प्रकृति की है। अतः समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत मछली पालन हेतु मछली बीज का अनुदान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
16. ( क्र. 580 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मछली बीज पर अनुदान देय है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत तीन वर्षों में कितना-कितना अनुदान दिया गया वर्षवार बतावें? (ग) क्या अनुदान न मिलने के कारण मछली बीज उत्पादक राशि के अभाव में स्थानीय बीज का उपयोग करते है, जिससे उत्पादन कम होता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन मछली बीज खपत के अनुसार बजट प्रावधान करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश "ग" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल शहर स्थिति मानसरोवर कॉम्पलेक्स की दुकानें
[परिवहन]
17. ( क्र. 650 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर स्थित मानसरोवर कॉम्पलेक्स में दुकान एवं आफिस के क्रय विक्रय हेतु दरें निर्धारित की गई हैं। यदि हाँ, तो उक्त कॉम्पलेक्स में ग्राउण्ड फ्लोर सहित कितनी दुकानें बनायी गयी हैं और प्रत्येक फ्लोर के दुकानों की दरें क्यानिर्धारित की गई हैं। उक्त दरों का निर्धारण कब और किस आधार पर किया गया है। दर निर्धारण उपरांत प्रत्येक वर्ष कितना बढ़ाया गया है। (ख) क्या मानसरोवर कॉम्पलेक्स की ग्राउण्ड फ्लोर की पीछे की दो लाइनों में निर्मित दुकानों की दरें गाईड लाईन के वास्तविक मूल्य से लगभग दो गुना अधिक है? जिसकी वजह से क्रेता दुकानें क्रय नहीं कर पा रहे हैं? क्या उक्त दुकानों की कीमत कम कर बिक्री किया जावेगा जिससे दुकान खुलने की स्थिति में बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त होगा।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदसौर में एम्बुलेंस में मादक पदार्थ की तस्करी
[गृह]
18. ( क्र. 685 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2013 के पश्चात मंदसौर, नीमच, रतलाम जिलों के किस-किस थानों में मादक पदार्थ की तस्करी एम्बुलेंस में किये जाने के प्रकरण किसके नाम दर्ज किये गये? (ख) क्या मंदसौर जिले में लगातार डोडाचुरा व अन्य मादक पदार्थ की तस्करी, विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एम्बुलेंसों में की जा रही है यदि "हाँ" तो अभियान चलाकर मंदसौर में चल रही इन फर्जी एम्बुलेंसों की जाँच कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने की, यदि नहीं, तो लगातार प्रतिवर्ष एम्बुलेंसों में तस्करी के प्रकरण दर्ज होने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त जिलों में चल रही इन फर्जी एम्बुलेंस की जानकारी पुलिस विभाग ने परिवहन विभाग से ली है, यदि "हाँ" तो मंदसौर में कुल कितनी फर्जी एवं नियम अनुरूप एम्बुलेंस कार्य कर रही हैं, यदि "नहीं" तो क्या टेम्पोट्रेक्स, कमांडर जीप को एम्बुलेंस के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है? (घ) पुलिस विभाग की निरंतर चेकिंग के दौरान उक्त अवधि में, उक्त जिलों में, कितनी एम्बुलेंस के दस्तावेजो में क्या-क्या अनियमितता पाई गई, क्या उक्त जिलो के नर्सिंग होम एवं निजी चिकित्सालयों में नियम विरुद्ध सैकड़ों खटारा एम्बुलेंस मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर प्रतिदिन 400 से 500 किलोमीटर का सफर तय कर रही है, इसकी जाँच विभाग द्वारा कब-कब की गयी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वस्तुतः पुलिस द्वारा समय-समय पर वाहनों की नियमित चैकिंग की जाती है एवं थाना प्रभारी द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में अपराध की रोकथाम एवं अपराधियों की धरपकड़ हेतु भ्रमण किये जाते है। उस दौरान मादक पदार्थ की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्यवाही की गई है। मंदसौर जिले में वर्ष 2017 में कुल 100 प्रकरण एवं दिनांक 01.01.2018 से 15.02.2018 तक कुल 12 प्रकरण मादक पदार्थ के पंजीबद्ध किये गये है। थाना प्रभारी नारायणगढ़ ने चैकिंग के दौरान दिनांक 13.01.2018 को राजस्थान क्षेत्र की एम्बुलेंस क्र. आर.जे.-03-पी-1856 को चैक करते 02 आरोपियों को गिरफ्तार कर 153 किलो डोडाचूरा जब्त किया गया। पुलिस द्वारा वाहन चैकिंग के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। वर्ष 2013 से अभी तक एम्बुलेंस से तस्करी 02 प्रकरण प्रकाश में आये है। चूंकि तस्कर, तस्करी हेतु लगातार नये-नये साधन उपयोग में लाये जा रहे है। जिसके कारण एम्बुलेंस से तस्करी के प्रकरण प्रकाश में आये है। (ग) मंदसौर जिले में कोई फर्जी एम्बुलेंस नहीं चल रही है। परिवहन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर समस्त एम्बुलेंस का सत्यापन करवाया जा रहा है। परिवहन विभाग द्वारा बताया गया है कि टेम्पोट्रेक्स को एम्बुलेंस के रुप में उपयोग में लिया जा सकता है। जिला नीमच में जिला परिवहन विभाग नीमच से जानकारी अनुसार कुल 39 वाहन एम्बुलेंस के तौर पर रजिस्टर्ड होना बताया गया है। (घ) मंदसौर जिले में दिनांक 01 जनवरी 2013 से निरंतर चैकिंग के दौरान एम्बुलेंस के दस्तावेजों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग से जानकारी प्राप्त करते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला मंदसौर द्वारा जिले में 50 शासकीय चिकित्सालय है जिनमें कुल 36 एम्बुलेंस होकर 8 जर्जर अवस्था में होने से उनका उपयोग वर्तमान में एम्बुलेंस के रुप में नहीं किया जा रहा है। जिले में कुल 19 निजी चिकित्सालय/नर्सिंग होम है, जिनमें 02 एम्बुलेंस संचालित होना लेख किया गया है। जिनकी जाँच विभाग द्वारा समय-समय पर निंरतर चैकिंग के दौरान की जाती है। नीमच जिले में पुलिस विभाग की चैकिंग के दौरान उक्त अवधि में किसी भी एम्बुलेंस के दस्तावेजों में अभी तक कोई अनियमितता नहीं मिली है। जिला नीमच में 25 निजी नर्सिंग होम/चिकित्सालय है एवं परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला नीमच में कुल 39 वाहन एम्बुलेंस के तौर पर रजिस्टर्ड होना बताया गया है। रतलाम जिले में चैकिंग के दौरान किसी भी एम्बुलेंस के दस्तावेजो में अभी तक कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। जिला रतलाम में 11 निजी नर्सिंग होम/चिकित्सालय है एवं उनमें कुल 07 वाहन एम्बुलेंस के तौर पर रजिस्टर्ड होना बताया गया है।
दोष सिद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही की जानकारी
[परिवहन]
19. ( क्र. 760 ) श्री अजय सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय अति. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना के द्वारा पृष्ठ क्र./900/अ.क्षे.प./2017 सतना दिनांक 17/11/2017 से छह (6) पत्र जारी किये थे? अगर हाँ तो क्या अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना के द्वारा ई.टी.पी सिस्टम के शुरू होने की दिनांक से प्रश्न तिथि तक ओव्हर लोड गाड़ियों के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही की? प्रकरणवार/बिन्दुवार दें? अगर नहीं की तो क्यों? कारण एवं नियम बतायें? (ख) क्या दिनांक 04/07/17 से दिनांक 07/07/17 तक ई.टी.पी. सिस्टम की पर्चियां चौकी प्रभारी बाबूपुर ने प्राप्त कर अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना को दी? दिनांक 07/07/17 से प्रश्नतिथि तक अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा मात्र नोटिस जारी करने के अलावा कोई भी ठोस दंडनीय कार्यवाही न किये जाने पर परिवहन आयुक्त ग्वालियर क्या अति.क्षे. परि. अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेंगे? अगर नहीं करेंगे तो क्यों कारण एवं नियम बतायें? (ग) क्या अति.क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने पत्र क्र. 959 से 980/अति.क्षे.अधि./75 सतना दिनांक 30/11/17 से जो नोटिस जारी की उस पर प्रश्नतिथि तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी? यदि हाँ, तो प्रकरणवार क्या कार्यवाही की गयी? अगर कार्यवाही नहीं की गयी तो राज्य शासन अति.क्षेत्रीय.परि. अधिकारी की जानकारी में होने के बाद भी ई.टी.पी. सिस्टम की पर्चियां कंपनी से नहीं ली? क्यों लोडिंग/अनलोडिंग की पर्चियों का मिलान भी नहीं किया गया? क्या वर्तमान में भी ई.टी.पी. सिस्टम में ओव्हर लोडिंग स्पष्ट देखी जा सकती है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। ई.टी.पी सिस्टम परिवहन विभाग द्वारा लागू नहीं किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उसके अन्तर्गत बनाये नियमों के अंतर्गत वाहनों की आकस्मिक जाँच कर 28 वाहनो के विरूद्ध कार्यवाही की जा कर रूपये 1,57,800/- शमन शुल्क वसूल किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। पुलिस चौकी, बाबूपुर द्वारा दिनांक 05.09.2017 को पत्र भेजा गया जिसके साथ ई.टी.पी. की जानकारी की छायाप्रति भी संलग्न की गई थी। बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा भेजी गयी सूचना पर संज्ञान लेते हुये संबंधित 22 वाहन स्वामियो को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 53 में वर्णित प्रावधानो के अन्तर्गत नोटिस जारी किये गये। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वाहनो के ओव्हर लोड माल लेकर संचालित होने की शिकायत मिलने पर मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 53 के अन्तर्गत कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया है। धारा 53 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार वाहन स्वामियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने हेतु सूचना पत्र क्रमांक 959 से 980 तक दिनांक 30/11/2017 द्वारा जारी किये गये थे। निर्धरित तिथि पर उपस्थित ना होने के कारण पुनः स्मरण पत्र क्रमांक 1283 दिनांक 13/02/2018 पंजीकृत डाक के भेजा गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है कार्यवाही नियमानुसार प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपयंत्री के संलग्नीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 948 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खण्ड मऊगंज रीवा के उप खण्ड मऊगंज में पदस्थ उपयंत्री को रीवा नगर निगम में अटैच (संलग्न) किया गया है जिनका वेतन आहरण वर्तमान में भी उप खण्ड मऊगंज से ही किया जा रहा है, यदि हाँ, तो कब से संलग्न है तारीख एवं आदेश की प्रति उपलब्ध कराये? तथा उप खण्ड मऊगंज में कितनी ग्राम पंचायतों का कार्य किया जाता है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अटैचमेंट व्यवस्था को निरस्त किये जाने की कार्यवाही की गयी बताये तथा नगर निगम रीवा में उपखण्ड मऊगंज में पदस्थ उपयंत्री को मऊगंज के लिए कब तक मुक्त किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड मऊगंज में पदस्थ श्री के.बी.सिंह, उपयंत्री को तत्कालीन कार्यपालन यंत्री खण्ड रीवा के आदेश क्रमांक 17/स्था./2015 दिनांक 27.2.2015 द्वारा नगर पालिक निगम रीवा के कार्यकारी नियंत्रण में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था। श्री के.बी.सिंह दिनांक 27.2.2015 से नगर पालिका निगम रीवा में अटैच (संलग्न) हैं। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपखण्ड मऊगंज के अधीन 180 ग्राम पंचायतों में कार्य किया जाता है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री खण्ड मऊगंज के आदेश क्रमांक 01, दिनांक 1.1.2018 के द्वारा अटैचमेंट आदेश निरस्त किया गया, किंतु प्रभारी कलेक्टर द्वारा दिनांक 29.1.2018 को दिये निर्देश के अनुपालन में पत्र क्रमांक 164/स्था. दिनांक 30.1.2018 के तहत पुनः श्री के.बी.सिंह उपयंत्री को नगर पालिका निगम रीवा के अधीन उनके कार्यकारी नियंत्रण में कार्य करने हेतु दिनांक 31.1.2018 को कार्यमुक्त किया गया। उपखण्ड मऊगंज का कार्य प्रभावित न हो इस दृष्टि से वहां के कार्यों का दायित्व अन्य उपयंत्री को सौंपा गया है।
समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 949 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा में समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु कुल कितने खरीदी केन्द्र बनाये गये है वर्ष 2017 में धान बिक्री के लिए कुल कितने किसानों का पंजीयन किया गया तथा निर्धारित तिथि तक कितने किसानों द्वारा धान खरीदी केन्द्र में विक्रय किया और कितने क्विंटल धान खरीदी की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उपार्जित धान का कुल मूल्य कितना हुआ तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रश्नांश दिनांक तक कुल कितने किसानों का कितनी राशि का भुगतान शेष है और उसका भुगतान कब तक कर दिये जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु 60 उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत धान उपार्जन हे तु 32,382 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया था जिसमें से 27,521 किसानों द्वारा 1,62,791.94 मे.टन धान समर्थन मूल्य पर विक्रय किया गया है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित कुल 1,62,791.94 मे.टन धान की कुल राशि 252.33 करोड़ होती है जिसका भुगतान 27,521 किसानों को किया जा चुका है। किसानों को भुगतान योग्य राशि शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संभागायुक्त रीवा के न्यायालय में लंबित राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
22. ( क्र. 950 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभागायुक्त रीवा एवं अपर आयुक्त रीवा के न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक के कुल कितने राजस्व प्रकरण लंबित हैं? एक वर्ष में औसतन कितने राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है वर्ष 2015, 2016, 2017 में निराकृत राजस्व प्रकरणों की संख्या बतायें? (ख) अत्यधिक मात्रा में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की जायेगी? जिससे पक्षकारों को राहत प्राप्त हो सके बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) संभागायुक्त रीवा के न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक के कुल 4 एवं अपर कमिश्नर कोर्ट रीवा में 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरण 4250 है, अपर कमिश्नर कोर्ट सतना श्री भगत सिंह कुलेश के न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरण 1637, अपर कमिश्नर कोर्ट सीधी, सिंगरौली श्री अमर सिंह बघेल के न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरण 1526 है। एक वर्ष में औसतन लगभग 532 से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। राजस्व वर्ष माह अक्टूबर 2014 से सितम्बर 2015 तक कुल 362, माह अक्टूबर 2015 से सितम्बर 2016 तक कुल 730, माह अक्टूबर 2016 से सितम्बर 2017 तक कुल 503 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। अपर आयुक्त न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक के कुल 7413 प्रकरण लंबित है। एक वर्ष में औसतन लगभग 1400 से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। राजस्व वर्ष माह अक्टूबर 2014 से सितम्बर 2015 तक कुल 1410, माह अक्टूबर 2015 से सितम्बर 2016 तक कुल 1719, माह अक्टूबर 2016 से सितम्बर 2017 तक कुल 1409 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ख) आयुक्त न्यायालय में प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अपर आयुक्त न्यायालय में अत्याधिक मात्रा में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु म.प्र. शासन द्वारा रीवा संभाग, रीवा में अपर आयुक्त पद पर माह सितंबर 2017 में वर्तमान अधिकारी के अतिरिक्त पृथक से दो अधिकारियों की पदस्थापना की गई है।
यात्री बसो में ई-टिकिट एवं अन्य सुविधा दिया जाना
[परिवहन]
23. ( क्र. 1038 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में लोक परिवहन और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रही है? यात्रियों को आरामदायक यात्रा के लिए कितने किमी तक की यात्रा के लिए 55 सीटर बस की अनुमति है? नियमानुसार बसों में 2 सीटों के बीच में यात्रियों की बैठक सुविधा के हिसाब से कितना अंतर होना चाहिए? नियम की प्रति देवें, नियम विरूद्ध (निर्धारित 2 सीटों के बीच के अंतर) होने पर पिछले 6 माह अर्थात 1 जुलाई, 17 से वर्तमान तक इंदौर संभाग में कितनी चालानी कार्यवाही की गई? बस नंबर, मालिक सहित सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में यात्री बसो में यात्री सुविधा के लिए तथा बसों के किराया वृद्धि/कमी में आपरेटरों द्वारा मनमानी पर रोक के लिए ई-टिकिट, 2 सीटों के मध्य नियमानुसार अंतर, यात्री बीमा, बसों में जी.पी. एस. लगाने एवं अन्य सुविधा के लिए लिखे गए पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या शासन यात्री बसों में यात्री सुविधा के लिए बसों में ई-टिकिट एवं 2 सीटों के मध्य निर्धारित अंतर के नियम को ओर अधिक सख्ती से पालन करने एवं उचित दंड पर शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा लोक परिवहन को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिये साधारण एवं डीलक्स बसों का टैक्स एक समान किया गया है। स्पीड गर्वनर, जी.पी.एस. सिस्टम, कैमरा आदि लगाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। महिलाओं/दिव्यांग हेतु बसों में सीट आरक्षित की जाती है। अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 55 सीटर बस के लिये किलोमीटर संबंधी कोई प्रतिबंध नहीं है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 158 (1) (एक) की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 1 जुलाई 2017 से वर्तमान तक इंदौर संभाग में की गई चालानी कार्यवाही की जानकारी निरंक है। (ख) मोटरयान अधिनियम के नियम व म.प्र मोटरयान नियम 1994 के अंतर्गत नियमों का पालन सुनश्चित कराया जाता है। (ग) कुछ बड़े ऑपरेटरों द्वारा लम्बे मार्गों पर संचालित की जाने वाली वाहनों के लिये ऑनलाईन बुकिंग (ई-टिकिट) प्रदाय की जा रही है, जिससे प्रेरित होकर अन्य बस ऑपरेटरों द्वारा सुविधा प्रारंभ किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। मोटरयान अधिनियमों एवं नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची न मिलना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 1057 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बी.पी.एल.धारी) हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची प्राप्त क्यों नहीं हो रही हैं? (ख) खाद्यान्न पर्ची बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के उपरांत पोर्टल पर आवेदन तो ऑनलाइन जमा हो रहे हैं, किंतु विगत कई माह से खाद्यान्न पर्ची जनरेट नहीं हो रही हैं। इसका क्या कारण है? (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों के कितने-कितने आवेदन खाद्यान्न पर्ची हेतु जमा हैं? इनकी खाद्यान्न पर्चियां कब तक जनरेट होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को सम्मिलित नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या के नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तक स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापित समस्त गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बी.पी.एल.) प्राथमिकता श्रेणी के हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 1505 परिवारों दिसम्बर, 2017 से पात्रता पर्ची जारी की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार। (ग) प्रश्नांश दिनांक की स्थिति में तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामपंचायतों में खाद्यान्न पर्ची के सत्यापित आवेदन शेष नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 75 प्रतिशत आबादी को ही लाभांवित करने की सीमा निर्धारित है, इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित नहीं किया जा सकता है।
नागदा नगर में आई.टी.आई. की स्थापना करना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
25. ( क्र. 1130 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री महोदय के ग्राम बुरानाबाद प्रवास के दौरान दिनांक 26.04.15 को घोषणा क्रमांक बी.0914 द्वारा यह घोषणा की थी की नागदा नगर में नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र (आई.टी.आई.) की स्थापना की जावेगी। जिसके पालन में विभाग के द्वारा नागदा नगर में नवीन आई.टी.आई. केन्द्र की स्थापना कर दी गयी थी, किन्तु कुछ समय के बाद इसे बन्द कर खाचरौद की आई.टी.आई. संस्था में मर्ज कर दिया गया है। जबकि नागदा नगर तहसील मुख्यालय होते हुए एक प्रसिद्ध औद्योगिक शहर है। तथा यहां के उद्योगो में आई.टी.आई. प्रशिक्षित टेक्नीशियनों की आवश्यकता बनी रहती है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नागदा नगर में पुनः आई.टी.आई. संस्था कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा के परिप्रेक्ष्य में नागदा नगर में आई.टी.आई. सत्र अगस्त 2016 से प्रारंभ की गई। मंत्री परिषद् की बैठक दिनांक 21.12.2016 में निर्णय लिया गया कि आई.टी.आई. नागदा नगर की हुई घोषणा के परिप्रेक्ष्य में संबंधित विकासखण्ड में पूर्व संचालित आई.टी.आई., खाचरौद में तीन अतिरिक्त व्यवसायों के लिये आवश्यक भवन निर्मित किया जाये। इसी आधार पर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के आदेश क्र.एफ-15-1/2016/42-2, दिनांक 21.12.2016 द्वारा भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति तथा पदों के सृजन की स्वीकृति जारी की गई है, इसीलिये नागदा नगर में प्रारंभ की गई आई.टी.आई., खाचरौद में अंतरित की गई। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नक्शा तरमीम करना
[राजस्व]
26. ( क्र. 1155 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम चौरी, पटवारी हल्का नं. 55, तहसील ब्यौहारी, जिला शहडोल की अराजी खसरा नम्बर 163/1, 162/2/4 एवं 162/1 के रकबा एवं भूमि स्वामी का नाम बतायें? (ख) क्या उक्त आराजी का नक्शा तरमीम कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? नक्शा तरमीम न करने का औचित्य बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम चौरी, पटवारी हल्का नं. 55, तहसील ब्यौहारी की आराजी खसरा नं. 163/1- 0.101 बद्री प्रसाद पिता गैवीनाथ ब्रा. 162/1- 0.255 म.प्र. शासन 162/2/4 – 0.050 जगन्नाथ, काशीनाथ, बैजनाथ, लालमणि, शम्भू पिता रामसहाय लालजीत गोविन्द, बद्री, नागेन्द्र पिता गैवीनाथ ब्रा. के नाम दर्ज है। (ख) भूमि खसरा नं. 163/1 का नक्शा बटांकन भूमि के बंटवारे के समय राजस्व प्रकरण क्रमांक 143/अ-27/2015-16 आदेश दिनांक 17.08.2016 को किया गया है। खसरा नं. 162/1 रकबा 0.255 हे. म.प्र.शासन की भूमि है तथा आराजी खसरा नं. 162/2/4 रकबा 0.050 हे. भू स्वामी स्वत्व की भूमि है। नक्शा तरमीम की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य दुकान माण्डव से खाद्यान्न वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 1174 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माण्डव के सागर, कनडीपुरा, झाबरी, जामन्या, नंदलालपुरा आदि क्षेत्र के निवासियों को खाद्यान्न का वितरण किस शासकीय उचित मूल्य दुकान के माध्यम से किया जाता है? (ख) उक्त शासकीय उचित मूल्य दुकान के कार्यक्षेत्र अंतर्गत कितने परिवार खाद्यान्न सुरक्षा मिशन के तहत दर्ज हैं? दर्ज परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2015 से अब तक प्रतिमाह कितना-कितना खाद्यान्न (गेहूँ, चावल, मक्का, शक्कर, केरोसिन, नमक) प्रदाय किया गया वर्षवार, माहवार जानकारी देवें? (ग) दुकान संचालक द्वारा उक्त अवधि में कितने परिवारों को कितना-कितना खाद्यान्न वितरित किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र के निवासियों को खाद्यान्न का वितरण शासकीय उचित मूल्य दुकान माण्डव क्र. 02 के माध्यम से किया जाता है। (ख) शासकीय उचित मूल्य दुकान माण्डव क्र. 02 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित 1058 अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवार संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वितरित सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माहवार राशन प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को उद्योग स्थापित करने के लिए आवंटित भूमि
[राजस्व]
28. ( क्र. 1183 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा धार जिले की मनावर तहसील में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि दी गई है? यदि हाँ, तो किन-किन गांवों की कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया? अधिग्रहित भूमि किन-किन व्यक्तियों के नाम पर दर्ज थी? क्या भूमि अधिग्रहण से पूर्व पारम्परिक ग्रामसभा एवं ट्रायबल एडवाइजरी काउंसिल से अनुमति प्राप्त की गयी? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिगृहित की गयी भूमि में से कितनी राशि लीज/अन्य रूप से प्राप्त कर किन-किन खसरों की कितनी-कितनी भूमि अल्ट्राटेक सीमेंट कम्पनी को हस्तांतरित की गयी? अधिग्रहित भूमि में से किन भूमि मालिकों को कितनी भूमि का कितना-कितना मुआवजा दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन व्यक्तियों की भूमि अधिग्रहित की गयी है? उनमें से कितने व्यक्तियों का पुनर्वास किया गया है एवं रोजगार आदि की क्या व्यवस्था की गयी है? (घ) क्या अधिग्रहित की गयी भूमि का क्षेत्र संविधान की 5 वीं अनुसूची क्षेत्र में शामिल है, जो अनुच्छेद 244 (1) के अंतर्गत आता है? यदि हाँ, तो किन प्रावधानों के अनुसार उक्त भूमि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को अधिग्रहित कर दी गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ।, अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के लिए धार जिले की मनावर तहसील में सीमेंट उद्योग स्थापित करने हेतु उनकी मांग अनुसार वर्ष 2012-13 में शासन अनुमति से 8 ग्रामों की 90.611 हेक्टर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया, अधिग्रहित भूमि का ग्रामवार विवरण निम्नानुसार है:-
अ.क्र. |
ग्राम का नाम |
खातेदारों की संख्या |
अधिग्रहित क्षेत्रफल हेक्टर में |
1 |
टोंकी |
29 |
60.173 |
2 |
टेमरनी |
27 |
17.362 |
3 |
सोण्डूल |
4 |
2.119 |
4 |
गोलपुरा |
2 |
0.518 |
5 |
मोराड़ |
20 |
2.502 |
6 |
मुहाली |
25 |
4.588 |
7 |
देवरा |
20 |
2.987 |
8 |
सीतापुरी |
1 |
0.362 |
|
योग |
128 |
90.611 हेक्टर |
नामवार
एवं अन्य
जानकारी हेतु
ग्रामवार अवार्ड
पत्रक पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। भूमि
का अधिग्रहण
म.प्र.शासन
राजस्व विभाग
के परिपत्र
क्रमांक एफ 12-01/2013/ सात/2ए
भोपाल दिनांक 08.04.2013
के माध्यम से
प्रसारित
अनुमति
अनुसार किया गया
है,
जिसके
निर्देश
बिन्दु
क्रमांक 14
अनुसार
संबंधित
ग्रामसभा से
परामर्श करते
हुए किया गया
है,
ग्राम
पंचायतों
द्वारा जारी
अनुमति पत्र
की छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ख) धार
जिले में
अल्ट्राटेक
सीमेंट
प्लांट के लिये
बिन्दु
क्रमांक (क)
अनुसार उपर
वर्णित 8
ग्रामों की
कुल 90.611
हेक्टर निजी
भूमि का
अधिग्रहण
किया गया है।
2. उक्त के
अतिरिक्त
अल्ट्राटेक
कंपनी को
सतही अधिकार के तहत 9
ग्रामों की 774.625
हेक्टर भूमि
लीज पर दी गई
है। जिनका
ग्रामवार
विवरण
निम्नानुसार
है:-
अ.क्र. |
ग्राम का नाम |
खातेदारों की संख्या |
सतही अधिकार के तहत् लीज पर दी गई भूमि (क्षेत्रफल हेक्टर में। ) |
1 |
बड़िया |
13 |
21.441 |
2 |
करोंदिया |
43 |
41.175 |
3 |
घुरसल |
30 |
35.391 |
4 |
उदियापुर |
42 |
72.505 |
5 |
बोरलाय |
156 |
156.061 |
6 |
चीराखान |
98 |
115.885 |
7 |
सीतापुरी |
165 |
232.171 |
8 |
अवराल |
86 |
92.390 |
9 |
अंडियाव |
11 |
7.606 |
|
योग |
644 |
774.625 हेक्टर |
ग्राम चिराखान में गैर आदिवासी वर्ग के एक कृषक खातेदार की 2.705 हेक्टर भूमि अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा सीधे क्रय की गई है। नामवार एवं ग्रामवार विवरण हेतु गणना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) अल्ट्राटेक कंपनी से प्रभावितों का ग्राम टोंकी में पुनर्वास किया जा रहा है, जिसके अनुक्रम में ग्राम टोंकी के पात्र 3 प्रभावित परिवारों के 25 सदस्यों को स्वीकृत पुनर्वास नीति अनुसार 2690 वर्ग फीट के 25 भू-खण्डों का आवंटन किया जा चुका है, जिनमें से 20 सदस्यों नें भवन निर्माण कर लिये है। 8 ग्रामों की अधिग्रहित भूमि से संबंधित कृषक खातेदारों में से 5 सदस्यों द्वारा रोजगार चाहने से उन्हें कम्पनी द्वारा योग्यता अनुसार रोजगार दिया गया है तथा 82 सदस्यों द्वारा कम्पनी से रोजगार न चाहते हुए स्वयं का स्वरोजगार खोलने के लिए अनुदान चाहने से स्वीकृज पुनर्वास नीति अनुसार प्रत्येक को तीन-तीन लाख रूपये का एक मुश्त नगद भुगतान किया गया है। (घ) जी हाँ।, अधिग्रहित की गयी भूमि का क्षेत्र अनुसूची क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। भूमि का अधिग्रहण अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की मांग पर शासन अनुमति से किया गया है।
मण्डला जिले में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 1221 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के खादय सुरक्षा अधिनियम के तहत कितना खाद्यान्न प्रदान किया जाता हैं तथा कुल कितने गरीब और अति गरीब लोगों को राशन दिया जा रहा है तथा कितने ऐसे गरीबी रेखा एवं अति गरीबी रेखा के नीचे के हितग्राही हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? गरीबी रेखा में नाम के बाद भी खाद्यान्न पात्रता पर्ची नहीं होने के कारण ऐसे कितने परिवार हैं या हितग्राही हैं जिनकों वर्तमान समय में राशन नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या ऐसे पात्र लोगों को खाद्यान्न पर्ची जारी करते हुये खाद्यान्न देने का काम करेंगे
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मण्डला जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत 60087.10 क्विंटल प्रतिमाह खाद्यान का आवंटन जारी किया जा रहा है। जिले में 2,18,712 अन्त्योदय अन्न योजना एवं 7,74,515 प्राथमिकता परिवार श्रेणी के (6+ अन्त्योदय सदस्यों सहित) कुल 9,93,227 हितग्राहियों हेतु राशन सामग्री का आवंटन दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी की संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। स्थानीय निकाय द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत माह दिसम्बर, 2017 तक सत्यापित नवीन समस्त परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर राशन सामग्री का आवंटन दिया जा रहा है। वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार राशन से वंचित नहीं हैं। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत वितरण किये जाने वाले खाद्यान्न
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 1222 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में खाद्यान्न सुरक्षा योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत जिले में संचालित सभी छात्रावास आश्रमों में एक रूपये किलो के हिसाब से प्रति माह एक छात्र को बारह किलो पाँच सौ ग्राम खाद्यान्न देने का काम किया जा रहा है? (ख) यदि नहीं, दिया जा रहा है तो इसके क्या कारण हैं? क्या खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है और किंतु इसका वितरण नहीं किया जा रहा है तो इसका क्या उपयोग नहीं किया जा रहा है? (ग) मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना अंतर्गत खाद्यान्न वितरण की संपूर्ण जानकारी देते हुये यह भी बताएं कि पिछले छह (6) माहों से विद्यालयों में संचालित मध्यान्ह भोजन का खाद्यान्न न मिलने के क्या कारण रहे हैं? पिछले माहों में अप्राप्त राशन कब तक दे दिया जावेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग छात्रावास योजना के अंतर्गत अक्टूबर-2017 से मार्च-2018 का आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। राज्य शासन द्वारा आवंटन की प्रत्याशा में दिसम्बर माह में 3 माह का आवंटन 12 कि.ग्रा. प्रति रहवासी के मान से उक्त योजनांतर्गत जारी किया गया है। भारत सरकार द्वारा 'कल्याणकारी एवं हॉस्टल योजना' नाम से एक नई योजना प्रारंभ की गई है जिसके पालन में राज्य शासन द्वारा नई योजना अधिसूचित की गई है जिसके अंतर्गत छात्रावासों एवं कल्याणकारी संस्थाओं का पंजीयन ऑनलाईन किया जा रहा है। (ख) राज्य शासन द्वारा आवंटन की प्रत्याशा में दिसम्बर माह में 3 माह का आवंटन 12 कि.ग्रा. प्रति रहवासी के मान से उक्त योजनांतर्गत जारी किया गया है जिसका वितरण संस्थाओं को किया जा रहा है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत चिन्हांकित पात्र परिवारों को प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 16,48,522 अंत्योदय परिवारों को 35 कि.ग्रा. प्रति परिवार एवं 99,91,264 प्राथमिकता परिवारों को 5 कि.ग्रा. प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न का वितरण 1 रूपये प्रति कि.ग्रा. की दर से कराया जा रहा है। एम.डी.एम. पोर्टल पर शालाओं की मेपिंग में विलम्ब, शालाओं के इनरोलमेंट की जानकारी में विसंगति, इंटरनेट कनेक्टीविटी शून्य होने के कारण खाद्यान्न जारी नहीं किया तथा कतिपय पी.ओ.एस. मशीनों में तकनीकी खराबी के कारण खाद्यान्न वितरण में कुछ स्थानों में खाद्यान्न मिलने में देरी हो सकती है।
पेयजल नलकूप मरम्मत खनन में अनयिमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 1280 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से अब तक खंडवा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कितने नए नलकूप खनन कराए गए है? विधानसभा क्षेत्रवार, संख्यात्मक जानकारी दी जाए? (ख) जिले में विगत तीन वर्षों में बंद/खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत/संधारण पर वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई है? जनपद व वर्षवार बतायें? (ग) क्या यह सही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल नलकूपों की मरम्मत/सुधार कार्य किये बिना ही विभाग से उक्त राशि का मनमाने ढंग से भुगतान किया जाना दर्शाया जा रहा है? क्या इसकी जाँच कराई जाएगी? (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में नए नलकूप खनन हेतु क्या प्रावधान है? क्या विभाग के पास ऐसे ग्रामों की सूची है जहां पेयजल संकट उत्पन्न हो सकता है यदि हाँ, तो उपलब्ध कराएं? (ड.) नवीन मुख्यमंत्री नलजल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा तथा बंद योजनाओं को कब तक चालू कर दिया जाएगा? (च) क्या शासन की मॉनीटरिंग योजना परख एवं विभाग द्वारा दर्शित चालू एवं खराब ट्यूबवेल की संख्या में बड़ा अंतर पाया जा रहा है? इस क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 1677 नलकूप खनन कराए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन से कम जल प्राप्त होने वाले ग्रामों में नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का प्रावधान है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) निविदा प्रक्रिया की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। हस्तांतरित बंद योजनाओं को स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सर्मथन मूल्य धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 1370 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा समर्थन मूल्य पर वर्ष 2017-18 में कितनी धान खरीदी गई। खरीदी केन्द्रवार विवरण दें तथा उक्त जिलों के खरीदी केन्द्रों में वेयर हाउस में भण्डारित धान में से कब-कब किस-किस के द्वारा धान की कितनी-कितनी मात्रा को अमानक पाकर रिजेक्ट किया गया और रिजेक्ट धान को किस क्वालिटी इंस्पेक्टर द्वारा पास करने पर क्रय किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रिजेक्ट धान को वेयर हाउस में जमा करने के बाद भी किसानों को उनकी धान की कीमत का भुगतान क्यों नहीं किया गया? जबकि वेयर हाउस में जमा धान में रिजेक्ट धान और पास धान दोनों एक समान है क्या कम खरीदी करने के उद्देश्य से शासन द्वारा बहुतायत मात्रा में धान को रिजेक्ट किया गया है? (ग) समर्थन मूल्य में धान/गेहूँ खरीदी में सेवा सहकारी समितियों को प्रासंगिक लेवर चार्ज एवं अन्य खर्चे 8 रू. प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किये जाने के निर्देश है यदि हाँ, तो प्रासंगिक व्यय लगभग 25 रू. प्रति क्विंटल की दर से होता है, जिसे समितियों के कमीशन से कटौती कर ली जाती है? यहाँ तक की समितियों को बैंक द्वारा कमीशन की राशि एक-एक वर्ष तक भुगतान नहीं की जाती ऐसा क्यों? कारण बताएं तथा उक्त तथा उक्त जिलों में प्रश्न दिनांक तक समितिवार कमीशन की कितनी भुगतान हेतु शेष है? विवरण दें और उसे कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) कटनी/रीवा जिले में वर्ष 2016-17 में समर्थन मूल्य में खरीदी गई धान एवं गेहूँ के परिवहन में अनुबंध शर्तों का उल्लंघन कर परिवहनकर्ताओं को लाभ पहुँचाने की शिकायत मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को दिनांक 27.06.2017 एवं कलेक्टर कटनी को दिनांक 03.08.2017 को श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है
फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की जाँच
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
33. ( क्र. 1377 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4382 दिनांक 10/03/2017 में उल्लेखित फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त कर्मियों तथा श्री धमेन्द्र कुमार वर्मा राम नगर जिला सतना द्वारा थाना प्रभारी सिटी कोतवाली रीवा, संचालक कौशल विकास संचालनालय शाखा जनसुनवाई जबलपुर मध्यप्रदेश दिनांक 30/04/2013 एवं 05/12/2015 को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान न्यू रामनगर में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य प्रशिक्षण अधिकारी व्यवसाय विद्युत कार्य के अतुल कुमार सौंधिया द्वारा वर्ष 2003 में नियुक्ति समय लगाये गये दस्तावेज में अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण-पत्र फर्जी लगाकर नौकरी पाने की शिकायत पुलिस अधीक्षक रीवा को दिनांक 23/01/2016 को भी की गई है। (ख) यदि हाँ, तो फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी और अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4382 दिनांक 10.03.2017 संचालनालय में प्राप्त नहीं। श्री अतुल कुमार सौंधिया के द्वारा अनुसूचित जनजाति का फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी पाने की शिकायत संचालनालय को प्राप्त हुई है। (ख) श्री अतुल कुमार सौंधिया के जाति प्रमाण-पत्र की विस्तृत जाँच करने के लिए कलेक्टर रीवा को संचालनालय के पत्र क्रमांक कौविस/गोप-2/न्यूरामनगर-34/90, दिनांक 15.02.2018 के द्वारा लिखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र खाद्यान्न पर्ची जेनरेट न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 1464 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची किन-किन को जारी नहीं की गई? पंचायतवार विवरण दें। (ख) जिन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई, उन परिवारों के खाद्यान्न का आवंटन प्राप्त होने बाद किसको वितरित किया जाता है? इस बात की जाँच विशेष दल गठित कर कब तक करवाई जाएगी? (ग) क्या आधार कार्ड से लिंक न होने के कारण खाद्यान्न पर्ची जारी न होने से हितग्राही को खाद्यान्न एवं मिट्टी का तेल नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इसे दूर कर लिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) जिन पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है, उन्हें खाद्यान का वितरण किया जा रहा है। पात्रता पर्ची जारी होने के उपरांत ही हितग्राही हेतु खाद्यान का आवंटन जारी किया जाता है, इस कारण बगैर पात्रता पर्ची के खाद्यान का आवंटन जारी न करने के कारण उसके वितरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित कर वास्तविक हितग्राहियों को ही रियायती दर का राशन वितरण करने हेतु हितग्राहियों के डाटाबेस में आधार नंबर दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलित है साथ ही प्रदेश में आधारविहीन पात्र हितग्राहियों को वर्तमान में राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।
अधिगृहित भूमि के मुआवजा वितरण
[राजस्व]
35. ( क्र. 1465 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड अन्तर्गत पटना बांध हेतु किन-किन भूस्वामियों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के भूस्वामियों में से किन-किन भूस्वामियों की भूमि का अधिग्रहण, मुआवजा वितरण किन कारणों से नहीं किया? कब तक करेंगे, क्या कारण हैं और कौन उत्तरदायी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड अंतर्गत पटना बांध हेतु ग्राम पटना कला के 20, पटनाखुर्द के 02 तथा रोहनिया के 14 कुल 36 हितग्राहियों/खातेदार की भूमि अधिग्रहण किया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के कुल 36 भूमि स्वामियों में से ग्राम पटनाकला के 02, पटनाखुर्द के 01 तथा रोहनिया के 03 कुल 06 हितग्राहियों/खातेदार को भूमि अधिग्रहण का मुआवजा राशि वितरण नहीं हुआ। कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है।
प्याज विक्रय की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 1488 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला शहडोल में विभिन्न गोदामों से प्याज किन-किन व्यापारियों/फर्मों को कितनी-कितनी मात्रा में किस दर पर बेची गई? व्यापारी/फर्म द्वारा विक्रय की गई प्याज की राशि किस दिनांक को जमा कराई? नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन व्यापारियों/फर्मों के ऊपर प्याज खरीदी की बकाया राशि जमा करनी शेष है? राशि जमा न करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण उपलब्ध करायें। शेष राशि कब तक विभाग द्वारा जमा करा ली जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में शहडोल जिले में 1,31,880 क्विंटल प्याज का विक्रय किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शहडोल जिले में उचित मूल्य दुकानों से राशि रू. 1.66 लाख प्राप्त करना शेष है। चूंकि यह शासकीय उचित मूल्य दुकान में राशि जमा कराने की कार्यवाही प्रचलित है, जिसे जमा कराने की कार्यवाही निरंतर जारी है।
शासकीय आबादी एवं धार्मिक स्थलों का मुआवजा
[राजस्व]
37. ( क्र. 1501 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत एन.एच.03 सड़क निर्माण कार्य हेतु ग्रामों के धार्मिक स्थलों की भूमि सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित की जाकर राशि का अवार्ड पारित किया गया? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विभाग द्वारा धार्मिक स्थलों जैसे ग्राम मऊ के नरसिंह मंदिर एवं चतरुखेड़ी में मदरसा स्कूल का अवार्ड पारित किया गया, परन्तु संरचना से लगी भूमि का कोई अवार्ड नहीं दिया गया है? क्या उक्त प्रकरण की जाँच कर संरचनाओं के साथ लगी हुई भूमि का भी अवार्ड पारित कर राशि कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार धार्मिक स्थलों के अधिग्रहण में की गई अनियमितता में दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित धार्मिक स्थलों को अन्यत्र स्थानों पर बनाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार धार्मिक स्थल ग्राम मउ की भूमि सर्वे क्रमांक 255 में स्थित नरसिंह मंदिर जिसके व्यवस्थापक कलेक्टर महोदय होने से धार्मिक संरचनाओं की राशि रू. 5,96,586/- परियोजना निर्देशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग इन्दौर द्वारा स्वीकृत की जाकर खाते में जमा कराई गई है। ग्राम चतरूखेड़ी की भूमि सर्वे क्रमांक 351 रकबा 0.269 हे. पर स्थित मदरसा जो कि निजी भूमि पर स्थित होने से भूमि स्वामी अब्दुल जलील अब्दुल हकीम पिता जमीरखां नि. शाजापुर के नाम अवार्ड पारित किया जाकर संरचना निजी होने से राशि संबंधित के बैंक खाते में जमा कराई जा चुकी है। ग्राम मउ के मंदिर की संरचना से लगी हुई शासकीय भूमि जो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 फोरलेन में प्रभावित हो रही है उक्त शासकीय भूमि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत शासन के हस्तांतरण की कार्यवाही का प्रस्ताव पत्र क्रमांक 8148/6/प्रवाचक-1/2015 दिनांक 24.11.2015 से वरिष्ठालय को प्रेषित किया गया है। (ग) धार्मिक स्थलों में अधिग्रहण में अनियमितता नहीं की गई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित धार्मिक स्थलों को अन्यत्र स्थान पर बनाने हेतु समिति का गठन कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1717/भू-अर्जन/2018 दिनांक 23.02.2018 द्वारा किया गया है। मंदिर स्थानांतरण की कार्यवाही प्रचलित है।
सिंगरौली में महिला बैरक का निर्माण
[जेल]
38. ( क्र. 1542 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के अंतर्गत महिला बैरक के संबंध में मांग की गई थी वहां कब तक महिला आरक्षकों की भर्ती, बंदीगृह का शुभारंभ हो जायेगा? (ख) क्या महिला अपराधियों को जिला जेल सिंगरौली में रखे जाने का क्या प्रावधान किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। केन्द्रीय जेल रीवा से महिला आरक्षकों की व्यवस्था कर महिला बैरक को दिनांक 06/03/2018 से शुभारंभ किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थांदला विधान सभा क्षेत्र में नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 1544 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) थांदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन पंचायतों में नल-जल योजना स्वीकृत की गई है? (ख) स्वीकृत नल-जल योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध की जायें? (ग) उक्त नल-जल योजना किन किन गांवों में चालू है? यदि नहीं, है तो चालू करवाने की क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मध्य प्रदेश पुलिस विभाग की सब इन्सपेक्टर परीक्षा वर्ष 2018
[गृह]
40. ( क्र. 1578 ) श्री कैलाश चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पुलिस विभाग की सब इन्सपेक्टर परीक्षा में माह फरवरी 2018 में कितने प्रत्याशियों को लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद शारीरिक परीक्षा एवं साक्षात्कार हेतु भोपाल आमंत्रित किया था? (ख) उक्त प्रत्याशियों में से कितने प्रत्याशियों को शारीरिक परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्रवेश नहीं दिया गया? वे किस वर्ग के थे तथा उन्हें लिखित परीक्षा में कितने अंक प्राप्त हुए थे? (ग) उन्हें प्रवेश नहीं दिए जाने के क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्य प्रदेश पुलिस विभाग की सब इन्सपेक्टर भर्ती में 3107 अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया था। (ख) उक्त प्रत्याशियों में से 221 अभ्यार्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्रवेश नहीं दिया गया। उनका वर्ग निम्न प्रकार है- अनारक्षित-71, ओ.बी.सी.-45, अनुसूचित जाति-38 एवं अनुसूचित जनजाति-67 अभ्यर्थी थे। उक्त अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल से अप्राप्त है। (ग) दस्तावेज परीक्षण एवं शारीरिक माप में अयोग्य होने के कारण।
महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा कार्यवाही न करना
[गृह]
41. ( क्र. 1622 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना जहांगीराबाद की एफ.आई.आर. 889/2013 में दिनांक 10 अप्रैल 2014 को चालान पेश होने संबंधी तथ्य को एम.सी.आर.सी. 3267/2014 में दिनांक 11 अप्रैल 2014 को किन-किन पक्षों ने सुनवाई में उच्च न्यायालय जबलपुर से छिपाया? इस संबंध में महाधिवक्ता एवं लोक अभियोजन कार्यालय क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) चालान पेश होने के 01 दिन बाद दिनांक 11 अप्रैल 2014 को एम.सी.आर.सी. 3267/2014 में एकमात्र प्रतिवादी जहांगीराबाद पुलिस के लिये निर्देश होने पर आर.सी.टी. 3009/2014 की कार्यवाही में लोक अभियोजन कार्यालय द्वारा अधीनस्थ जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल के लिये चालान पर स्थगन मानने के कारण बतावें? (ग) एम.सी.आर.सी 3267/2014 के वादी की याचिका एफ.आई.आर. 889/2013 के विरूद्ध (सी.आर.पी.सी. 482 के तहत) दाखिल होने के कारण दिनांक 11 अप्रैल 2014 को एफ.आई.आर. प्रोसीडिंग स्टे को मध्यप्रदेश महाधिवक्ता कार्यालय और लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा चालान पर स्टे मानने के कारण बतावें? शासकीय अधिवक्ता द्वारा 3267/2014 में मेन्शन और अरजेंट हियरिंग हेतु कार्यवाही कब तक की जायेगी? नहीं तो क्यों? शासन पक्ष ने न्यायालय को यह क्यों नहीं बताया कि चालान पेश हो चुका है? (घ) थाना जहांगीराबाद की एफ.आई.आर. 889/2013 में हाईकोर्ट जबलपुर से अग्रिम जमानत प्राप्त किन-किन अभियोगियों ने चालान पेश होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल से आर.सी.टी. 3009/2014 में नियमित जमानत नहीं ली? किस आदेश द्वारा जमानत लेने से छूट प्रदान की गई है? इन अभियोगियों को फरार घोषित कराने के लिए लोक अभियोजन अधिकारी वैधानिक कार्यवाही कब तक करेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सेवा निवृत्त डी.एस.पी. की विभागीय जाँच
[गृह]
42. ( क्र. 1625 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैलेन्डर वर्ष 2017 में सी.आई.डी. से कितने उप पुलिस अधीक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं? सेवानिवृत्त उक्त डी.एस.पी. में से किस किस के विरूद्ध कब कब से विभागीय जाँच लम्बित/प्रचलित है? नामवार विवरण दें। (ख) कंडिका (क) अनुसार लम्बे समय से लम्बित विभागीय जाँच के लिए क्या जाँचकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) कंडिका (क) के उल्लेखानुसार विभागीय जाँच में आरोपित सेवानिवृत्त किस किस अधिकारी द्वारा शासकीय आवास गृह रिक्त नहीं किया है? क्या उन अधिकारियों से बाजार दर से दोगुनी दर पर किराया वसूला जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) कंडिका (क) अनुसार आरोपी अधिकारियों को कितने-कितने प्रतिशत पेंशन का भुगतान किया जा रहा है? अवकाश नकदीकरण तथा ग्रेच्युटी एवं अन्य उपादानों के भुगतान की प्रकरणवार स्थिति बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कुल-08 उप पुलिस अधीक्षक सेवानिवृत्त हुये है। केवल श्री प्रदीप कुमार शर्मा जो कि दिनांक 31.07.17 से सेवानिवृत्त है, के विरूद्ध दिनांक 13.10.15 से संयुक्त विभागीय जाँच लंबित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित अधिकारी द्वारा शासकीय आवास गृह रिक्त नहीं किया गया है। दाण्डिक दर से नियमानुसार किराया वसूला जायेगा। (घ) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित अधिकारी को 90 प्रतिशत प्रत्याशित पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। अवकाश नगदीकरण की राशि रू. 3,92,589/- एफबीएफ की राशि रू. 13445/- जी.आई.एस. की राशि रू. 99811/- आई.सी.एस.एस. की राशि रू. 45042/- एवं जी.पी.एफ. की राशि रू. 935280/- का भुगतान किया गया है। पी.पी.ओ. जारी नहीं होने के कारण ग्रेच्युटी की भुगतान नहीं किया गया है।
पंचायत विभाग में कार्यरत श्रमिकों को न्युनतम वेतन
[श्रम]
43. ( क्र. 1637 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लगभग २३०० ग्राम पंचायतों में सचिव के अलवा भृत्य, प्लंबर सफाईकर्मी व क्लर्क के रुप में अन्य ४-५ कर्मचारी कार्यरत हैं, जिन्हें न्यूनतम वेतन से कम वेतन पंचायत दे रही है? क्या यह श्रम कानूनों के विपरीत नहीं है? (ख) क्या प्रदेश सरकार ने न्यूनतम वेतन अधिसूचित किया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? उक्त अधिसूचना का पालन इन गरीब कर्मचारियों के लिए क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) शासन कब तक प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का लाभ प्रदान करेगा?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) प्रदेश में ग्राम पंचायतों में सचिव के अलावा भृत्य, प्लंबर, सफाई कर्मी व क्लर्क के रूप में अन्य 4-5 कर्मचारी कार्यरत होने की जानकारी इस कार्यालय में नहीं है एवं न ही उक्त कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन से कम वेतन पंचायत द्वारा प्रदाय किये जाने की कोई शिकायत समक्ष आई है। न्यूनतम वेतन से कम वेतन का भुगतान करना श्रम कानूनों के विपरित है। (ख) हाँ। म.प्र शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के पुनरीक्षण के संबंध में जारी की गई अधिसूचना अनुसार म.प्र में न्यूनतम वेतन लागू है। जो वर्तमान में निम्नानुसार हैः-
कर्मचारियों की श्रेणी प्रतिमाह प्रतिदिन
अकुशल रू.7125 रू. 274
अर्द्धकुशल रू. 7982 रू. 307
कुशल श्रमिक रू. 9360 रू. 360
उच्च कुशल रू. 10660 रू 410
(ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
झांसी खजुराहों फोरलेन एन.एच.संख्या 76 का निर्माण
[राजस्व]
44. ( क्र. 1690 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में झांसी खजुराहो फोरलेन का निर्माण राज्य अथवा केन्द्र शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उन गांवों के नाम बतावें, जिनसे होकर इस फोरलेन मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांकित फोरलेन हेतु क्या किसानों की भूमि अधिग्रहण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु शासन द्वारा तदाशय की सूचना प्रकाशित करना आवश्यक है तो यह सूचना किस राजपत्र में प्रकाशित कराई गई की छाया प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रकाशित सूचना ही, भूमि अधिग्रहण हेतु क्या अंतिम आदेश था यदि हाँ, तो प्रकाशन उपरान्त किसानों को क्यों नोटिस जारी कर दावा आपत्ति आमंत्रित किये गये। कारण सहित बतावें और यदि नहीं, तो भूमि अधिग्रहण का अंतिम आदेश कब किस के द्वारा पारित किया गया? की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रभावित किसानों को जारी नोटिस पर किन-किन किसानों द्वारा आपत्ति सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत की गई और उनमें से कितनी आपत्ति स्वीकार और खारिज कर किसानों के संज्ञान में लायी जाकर सार्वजनिक की गई है? यदि नहीं, तो कारण बताया जाये।
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। विधानसभा
क्षेत्र
निबाड़ी में
झांसी
खजुराहो
फोरलेन का
निमार्ण
विचाराधीन है।
निम्न
ग्रामों से
फोर-लेन का
निर्माण
प्रस्तावित
है :-1- प्रतापपुर
2- बबेडीजंगल
3- निबाडीखास
4- निबाडी
भाटा,
5- देवेन्द्रपुरा
6-नैगुवां
7- मुडारा
8- उरदौरा
9- घूघसीखास
10-घूघसीग्रन्ट
11- भोजपुरा (ख) जी
हाँ। फोरलेन
निर्माण हेतु
भूमि
अधिग्रहण का
प्रावधान है।
राष्ट्रीय
राजमार्ग
अधिनियम 1956 की
धारा 3 घ
के अंतर्गत
भारत के
राजपत्र नई
दिल्ली
दिनांक 25 अक्टूबर 2010 में
अंतिम
प्रकाशन किया
गया, राजपत्र
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रप्रत्र-1
अनुसार है। (ग) जी
हाँ, राष्ट्रीय
राजमार्ग
अधिनियम 1956 की
धारा 3 घ
के अंतर्गत
भारत के
राजपत्र नई
दिल्ली दिनांक
25 अक्टूबर
2010 में
अंतिम आदेश
अनुविभागीय
अधिकारी एवं भू-अर्जन
अधिकारी
निबाडी के
द्वारा निम्नानुसार
पारित किये
गये:-
ग्राम का नाम |
पारित अवार्ड का दिनांक |
निवाडीखास |
20.06.2017 |
निवाडीभाटा |
20.06.2017 |
मुडारा |
20.06.2017 |
देवेन्द्रपुरा |
20.06.2017 |
नैगुवां |
20.06.2017 |
उरदौरा |
20.04.2017 |
घूघसीखास |
20.06.2017 |
घूघसीग्रंट |
20.04.2017 |
प्रतापपुरा |
20.12.2017 |
बबेडीजंगल |
20.12.2017 |
अवार्ड की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्राम भोजपुरा की भूमि अधिग्रहण के संबंध में धारा 3 (क) की कार्यवाही भा.रा.रा.प्रा. के मुख्यालय कार्यालय दिल्ली में विचाराधीन है। (घ) पारित अवार्ड के संबंध में किसानों द्वारा आपत्ति/आवेदन प्रस्तुत किये गये है जिनकी जाँच कराई जा रही है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कलस्टर ग्रामों में डेयरी विकास संबंधी योजनाओं में प्राप्त राशि की जानकारी
[पशुपालन]
45. ( क्र. 1726 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्यविभाग द्वारा बालाघाट जिले की बैहर एवं परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बैहर/बिरसा एवं परसवाड़ा जनपद पंचायत के कलस्टर ग्रामों में आदिवासी हितग्राहियों हेतु डेयरी विकास संबंधी योजना हेतु राशि दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्राप्त हुई? प्रत्येक वर्ष क्रियान्वित योजना/परियोजना के पूर्ण होने के उपरान्त कब तक कौन-कौन से हितग्राही समिति/सहकारी समिति/समूह द्धारा योजनानुसार दुग्ध उत्पादन का कार्य किया जाता रहा है एवं कुल कितनी राशि का व्यवसाय लाभ एवं हानि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग के पास उपरोक्त क्रियान्वित योजनाओं के अनुसार आदिवासी हितग्राही/समूह/समिति द्वारा दुग्ध उत्पादन का कार्य किया गया, या नहीं किया गया एवं उक्त योजनाओं में क्या कमी रही कि आदिवासी हितग्राही दुग्ध उत्पादन का कार्य लगातार करने में असफल रहे? क्या योजनाओं का फीडबैक लिए बिना ही पुन: वित्तीय वर्ष 2015-16 में डेयरी विकास हेतु योजना बनाकर जनजातीय कार्य मंत्रालय से स्वीकृत कराया गया है? (घ) स्वीकृत वर्ष से प्रश्न दिनांक तक बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डेयरी विकास योजना एवं परियोजना हेतु कितनी राशि कब प्राप्त हुई एवं प्राप्त राशि का व्यय कहाँ-कहाँ, कितना-कितना व्यय किया गया? बिल व्हाउचर सहित जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) क्रियान्वित योजनाओं अन्तर्गत परसवाड़ा एवं बैहर क्षेत्र में दुग्ध समितियों द्वारा दुग्ध उत्पादन का कार्य किया गया अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना से प्राप्त स्वीकृति दिनांक 29.09.2015 के अंतर्गत आदिवासी महिला डेयरी विकास योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (घ) प्रश्न दिनांक तक आदिवासी महिला परियोजना अंतर्गत दिनांक 18.01.2017 को प्राप्त राशि रू. 222.61 लाख के विरूद्ध रू. 77.71 लाख व्यय किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजना
[गृह]
46. ( क्र. 1784 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने बांग्लादेशी घुसपैठिये निवास कर रहे है, जिन्होंने राशन कार्ड तथा वोटर आई.डी. कार्ड भी बनवा लिये हैं। इसकी रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय ने क्या कार्यवाही की है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में अभी तक कितने बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई व कितने घुसपैठियों को वापस भेजने की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश के रायसेन जिलें में 1 बांग्लादेशी नागरिक निवासरत है, जिसने राशन कार्ड तथा वोटर आ.ई.डी. कार्ड बनवा लिया है। इस संबंध में दर्ज प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इस संबंध में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, किन्तु अवैध रूप से निवासरत विदेशियों पर विदेशी अधिनियम 1946 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ख) विगत 3 वर्षों में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिया चिन्हित नहीं हुआ है। जिस कारण कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिंक कोर्ट के माध्यम से ग्राहकों को न्याय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
47. ( क्र. 1849 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राहकों को न्याय दिलाने के लिए मध्यप्रदेश में पूर्ण कोर्ट के अलावा लिंक कोर्ट की भी व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो प्रदेश में किन-किन स्थानों पर लिंक कोर्ट के माध्यम से ग्राहकों को न्याय दिलाया जा रहा है? उन स्थानों के नाम सहित जानकारी प्रदान। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लिंक कोर्ट को पूर्ण पीठ में स्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी लिंक कोर्ट को पूर्ण पीठ में स्थापित किया जायेगा और कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के 26 जिला मुख्यालयों पर सम्बद्ध जिला फोरम कार्यरत हैं, जहां मुख्य जिला फोरम के अध्यक्ष द्वारा बैठकों का आयोजन किया जाता है। (ख) प्रदेश के 48 जिला मुख्यालयों पर जिला उपभोक्ता फोरम गठित है। भोपाल, इंदौर तथा जबलपुर में अतिरिक्त जिला फोरम भी गठित है। इस प्रकार 51 जिला उपभोक्ता फोरम में से 25 जिला उपभोक्ता फोरम मुख्य फोरम के रूप में कार्यरत है तथा शेष 26 जिला उपभोक्ता फोरम सम्बद्ध जिला फोरम के रूप में कार्यरत है। प्रदेश के मुख्य तथा सम्बद्ध जिला उपभोक्ता फोरम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बोरिंग व मोटर पंप स्थापित करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
48. ( क्र. 1921 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पिछले ०३ वर्षों में कितने पत्र बोरिंग खनन एवं मोटर पंप आदि डालने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक पत्र प्रेषित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा उक्त अवधि में क्या-क्या कार्य विधानसभा सांवेर में कराये गये? विवरण देवे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सांवेर में विभाग द्वारा कितने बोरिंगों को खनन की स्वीकृति दी जायेगी व मोटर डाली जायेगी, कितने बोरिंग एवं मोटर की मांग प्रश्न दिनांक तक पेंडिंग है? क्या शीघ्र अति शीघ्र बोरिंग व मोटर पंप की मांगों की पूर्ति की जायेगी समय-सीमा बतायें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 22 पत्र। (ख) 137 नलकूप खनन (बोरिंग) एवं 67 मोटर पंपों की स्थापना की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय लक्ष्यों, निर्धारित मापदण्डों एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार नलकूप खनन एवं मोटर पंपों के स्थापना के कार्य कराये जाते हैं। मांग पत्रों के अनुसार 321 नलकूप खनन (बोरिंग) एवं 136 मोटर पंपों की स्थापना के कार्य लंबित हैं। लंबित कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाले आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभागीय लक्ष्यों, निर्धारित मापदण्डों एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कराये जा सकेंगे। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी बिमा निगम के औषधालय (अस्पताल) की उपलब्धता
[श्रम]
49. ( क्र. 1941 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कर्मचारी बीमा निगम के जिला मुख्यालयों पर कितने औषधालय (अस्पताल) हैं? (ख) धार जिला मुख्यालय पर राज्य बीमा निगम की डिस्पेंसरी या सुपर स्पेशिलिस्टी अस्पतालों से टाईअप है अथवा नहीं? (ग) अगर नहीं है तो शासन द्वारा कब तक राज्य बीमा निगम के माध्यम से उक्त सुविधा प्रदान की जावेगी? (घ) सुपर स्पेशिलिस्टी अस्पतालों से टाईअप हेतु धार जिला मुख्यालय पर किन-किन अस्पतालों ने आवेदन किया है, उनके नाम बतावें। शासन द्वारा टाईअप हेतु अस्पतालों से प्राप्त आवेदन पत्रों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) वर्तमान स्थिति में अगर कोई धार का कर्मचारी बीमार होता है तो मध्यप्रदेश कर्मचारी बीमा निगम के क्या दिशा-निर्देश हैं?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) मध्यप्रदेश में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के जिला मुख्यालयों पर कोई भी औषधालय (अस्पताल) नहीं है, अपितु श्रम विभाग, मध्यप्रदेश शासन के प्रशासकीय नियंत्रणाधीन कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के जिला मुख्यालयों पर 32 औषधालय एवं 6 अस्पताल तथा एक ऐनेक्सी वार्ड कार्यरत है। (ख) जी नहीं। (ग) चूंकि कार्रवाई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (भारत शासन) द्वारा की जाना है, अतः राज्य शासन स्तर पर समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (घ) क्षेत्रीय कार्यालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, इन्दौर से प्राप्त नये क्षेत्रों की सूची जहाँ चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाना है, उसमें धार जिला मुख्यालय शामिल नहीं है। अतः धार जिला मुख्यालय हेतु कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा सुपरस्पेशिलिटी हेतु निजी चिकित्सालय से अनुबंध/प्रस्ताव आमंत्रित नहीं किये गये है। (ड.) धार का कोई श्रमिक/कर्मचारी बीमार होता है तो वह प्राथमिक, द्वितीयक एवं अतिविशिष्ट चिकित्सा सुविधा का लाभ कर्मचारी राज्य बीमा सामान्य (विनियम) 1950 के विनियम (96) ए के अन्तर्गत प्राप्त कर सकता है।
पेय जल व्यवस्था एवं स्वीकृत नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 1986 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में पेय जल व्यवस्था हेतु केन्द्र सरकार ने कितनी राशि मध्य प्रदेश को दी? जिसमें से कितनी राशि खर्च की गई? राशिवार वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित वर्षों में हरदा जिले में कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं वर्षवार व विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) हरदा विधानसभा क्षेत्र अनर्गत स्वीकृत नल-जल योजना में से कितनी योजनाएं सुचारू रूप से संचालित है? अंकित वर्षों में योजनाओं में कितना व्यय किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाएं बंद हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) बंद नल-जल योजना का क्या कारण है व कब तक बन्द पड़ी योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित कर दिया जावेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अंकित वर्षों में व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक 18 योजनाएं बंद हैं, योजनाओं की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाना
[राजस्व]
51. ( क्र.
2000 ) श्रीमती
सरस्वती
सिंह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिंगरौली
जिले के
अंतर्गत वर्ष 2017 में वर्षा
का प्रतिशत
औसत क्या था? कितने
प्रतिशत
वर्षा होने पर
सूखाग्रस्त
क्षेत्र
घोषित किये
जाने का
प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
चितरंगी
विधानसभा
क्षेत्र में
औसत से कम वर्षा
हुई है, तो उक्त
तहसील को अभी
तक सूखाग्रस्त
क्यों घोषित
नहीं किया गया? कब तक
किया जायेगा
और अब तक न
करने के क्या
कारण हैं? (ग) जिले
में वर्षा
मापक यंत्र कहाँ
स्थापित हैं
और वर्षा
नापने हेतु
उसकी कितनी किलोमीटर
तक की क्षमता
है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) सिंगरौली
जिले की औसत
वर्षा 1232.1 मि.मी. है
वर्ष 2017
में 908.5
मि.मी. हुई है
वर्षा का औसत 74
प्रतिशत था। नवीन
सूखा मैन्युअल
2016 के
अनुसार
सामान्य से
कम वर्षा होने
पर तथा अन्य
वैज्ञानिक
मापदंडों की
पूर्ति होने
पर ही सूखा
घोषित किए
जाने का
प्रावधान है। (ख) चितरंगी
विधानसभा
क्षेत्र में 99.6
प्रतिशत हुई
है। अत: नवीन
सूखा मैन्युअल
2016 के
वैज्ञानिक
मापदण्डों
में पूर्ति नहीं
होने से तहसील
चितरंगी को
सूखा ग्रस्त
घोषित नहीं
किया गया है। (ग)
जिले में
वर्षा मापक
यंत्र तहसील
सिंगरौली, चितरंगी
एवं देवसर में
स्थापित है। वर्षा
मापी केन्द्रों
की दूरी 25 से 30
किलोमीटर का
अंतराल होना
अनिवार्य है।
वर्ष 2013 से वर्तमान तक किये गये भूमि डायवर्जन
[राजस्व]
52. ( क्र. 2007 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से वर्तमान तक जिला धार में कितने कृषि भूमि के डायवर्जन व्यपवर्तन प्रकरणों का निराकरण किया गया है वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार, खाता, खसरा नम्बर सहित जानकारी देवें? (ख) क्या सभी डायवर्जन प्रकरणों का निपटारा किया जा चुका है? (ग) क्या डायवर्जन (व्यपवर्तन) के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने खाता, खसरा नम्बरवार जानकारी देवें? लंबित होने के कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला धार में 2013 से वर्तमान तक कुल 3034 कृषि भूमि के डायवर्सन व्यपवर्तन प्रकरणों का निराकरण किया गया है। वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार खाता, खसरा नम्बर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जिले में डायवर्सन (व्यपवर्तन) के कुल 180 प्रकरण लंबित है। लम्बित प्रकरणों की खाता, खसरा नम्बरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। टी.एन.सी.पी. तथा अन्य विभागों से अभिमत अप्राप्त होने, स्थल निरीक्षण एवं निर्धारण के कारण लंबित है।
शासन की भूमि को व्यक्तिगत नाम से दर्ज किया जाना
[राजस्व]
53. ( क्र. 2033 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की तहसील नौगांव-सर्किल नौगांव के हल्का मौजा सरसेड़ के पुराने खसरा नं. 2359 एवं 2360 में बंदोबस्त के समय से नया खसरा नं.4676/4965, 4676/4966, 4676/4967, 4976/4968 एवं वर्ष 1992-93 के पूर्व म.प्र. शासन दर्ज था? प्रश्नांश से संबंधित बन्दोबस्त से प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण खसरा की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त खसरा नम्बर 2360, 2359 को कब मध्यप्रदेश शासन हटाकर किन व्यक्तियों के नाम किस आधार पर किस सक्षम अधिकारी के आदेश से दर्ज किया गया था? आदेश की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या खसरा क्र. 2359, 2360 को वर्ष 1992-1993 में पुन: पट्टा निरस्त कर म.प्र. शासन दर्ज किया गया था? पट्टा निरस्तीकरण आदेश की सत्य प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें एवं सक्षम अधिकारी का नाम, पद सहित सूची भी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार वर्ष 1992-93 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन व्यक्तियों के नाम की गयी? उक्त नम्बरों को पुन: मध्यप्रदेश शासन दर्ज करते हुए षड़यंत्र में सम्मिलित व्यक्तियों/अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील नौगांव के मौजा सरसेड के खसरा नम्बर 2359, 2360 वर्ष 1945 के बंदोबस्त समय से म.प्र. शासन दर्ज रहा है। नवीन बंदोबस्त वर्ष 1992-93 के पूर्ववर्ती खसरा नम्बर 2359,2360 की पुराने बंदोबस्त वर्ष 1945-46 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन नए खसरा नम्बर 4676/4965, 4676/4966,4676/4967, 4676/4968 बंदोबस्त वर्ष 1992-93 के दौरान पुराने खसरा नम्बर 2359, 2360 से निर्मित नहीं है। अपितु खसरा नम्बर 2360/4324 से निर्मित है जो म.प्र. शासन नहीं थे, पुरानी बंदोबस्त वर्ष 1945-46 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-2'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नाधीन खसरा नम्बर 2360, 2359 में हुए परिवर्तनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अ-2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन खसरा नम्बरों का जो भाग बंदोबस्त वर्ष 1992-93 में निजी व्यक्तियों के नाम था वह बंदोबस्त के पश्चात निजी रहा है जो भाग शासकीय था वह शासकीय है, मात्र उक्त नम्बरों की री-नम्बरिंग की गयी है। रि-नम्बरिंग सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कोई भी पट्टा निरस्त नहीं किए जाने से शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के अनुसार प्रश्नाधीन खसरा नम्बर 2360, 2359 में हुए परिवर्तनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अ-2'' अनुसार है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में आवश्यक नहीं।
निगरानी शुदा बंदियों से ड्यूटी का कार्य कराया जाना
[जेल]
54. ( क्र. 2064 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जेल नियमों को ताक में रखकर जेल अधीक्षक जबलपुर द्वारा निगरानी शुदा बंदियों से ड्युटी का कार्य कराया गया? जिसके कारण केन्द्रीय जेल जबलपुर में दिनांक 15/1/16 को निगरानी शुदा बंदी के द्वारा कैदी सीता राम राव की हत्या की गई? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकरण की जाँच न्यायायिक मजिस्ट्रेट जबलपुर प्रथम श्रेणी द्वारा की गई? जिसका प्रतिवेदन दिनांक 30/12/16 को प्रस्तुत किया गया? इसकी प्रति उपलब्ध करायें एवं जाँच अधिकारी द्वारा मुख्य रूप से किन-किन को दोषी माना गया है? क्या जेल प्रशासन को वास्तविक तथ्यों को छुपाने का दोषी माना गया है एवं हत्या तथा साक्ष्य छुपाने के लिये निगरानी शुदा बंदी रईस खान एवं ऋषि को दोषी माना हैं? दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही न करते हुये फेरन सिंह परस्ते जेल प्रहरी को दिनांक 15/1/18 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रतिवेदन अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये फेरन सिंह परस्ते को अनिवार्य सेवानिवृत्त दिये जाने को आलोच्य आदेश दिनांक 15/1/18 का परीक्षण किया जाएगा।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। दंडित बंदी ऋषि खरे पुत्र नारायण खरे तथा रहीस पुत्र कल्लन को न्यायिक जाँच प्रतिवेदन में दंडित बंदी सीताराम पुत्र भीमराव की हत्या के लिए दोषी प्रकट होना बताया गया है। अपराधिक प्रकरण माननीय न्यायालय में लंबित है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 30/12/2016 को प्रस्तुत किया गया है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जाँच अधिकारी द्वारा दंडित बंदी ऋषि खरे पुत्र नारायण खरे तथा रहीस पुत्र कल्लन को बंदी की हत्या के लिए दोषी प्रकट होना तथा जेल प्रशासन भी वास्तविक तथ्यों को छिपाने का दोषी प्रकट होना बताया गया है। उक्त दोनों बंदियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में धारा-302 भा.द.वि. एवं 3 (2) V अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण वर्तमान में विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी. जबलपुर में विचाराधीन है। प्रकरण की विभागीय तौर पर की गई प्रारंभिक जाँच के निष्कर्ष के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचरियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थापित की गई। घटना के समय ड्यूटीरत प्रहरी श्री फेरनसिंह को विभागीय जाँच में अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के आरोपों का दोषी पाते हुए जेल अधीक्षक, जबलपुर द्वारा दिनांक 31/12/2017 अपरान्ह से अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने की दीर्घ शास्ति अधिरोपित की गई है। (ग) प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है। श्री फेरनसिंह परस्ते का अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश दिनांक 31/12/2017, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के अधीन है।
अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट संबंधित जानकारी
[राजस्व]
55. ( क्र. 2098 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट को शासन के द्वारा कौन-कौन से ग्रामों से निजी एवं सरकारी भूमि दी गई? उक्त प्लांट के लिये कितनी भूमि आदिवासी एवं गैर आदिवासी की खरीदी एवं लीज पर ली गई? सभी भूमि का खाता, खसरा नंबर हल्के सहित उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार जिन आदिवासियों एवं गैर आदिवासियों एवं सरकारी भूमि अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिये ली गई है क्या उक्त भूमि के लिये ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्ताव ठहराव पारित किये गये? (ग) क्या अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा जिन आदिवासी/गैर आदिवासी का भूमि अधिग्रहित किया गया, क्या उन भूमि स्वामी के प्रत्येक परिवार के सदस्य को रोजगार दिया गया? यदि हाँ, तो कितने परिवार के सदस्यों को रोजगार दिया गया,? क्या भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों के सदस्यों को मुआवजा दिया गया? यदि हाँ, तो कितने परिवारों के सदस्यों को मुआवजा दिया गया? (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या उक्त परियोजना के लिये भू-अर्जन तथा खनिज विभाग की अनुमति ग्रामसभा से ली गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के लिए निजी भू-अर्जन अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि 90.611 हेक्टेयर तथा शासकीय भूमि उद्योग विभाग के माध्यम से १२१.२०३ हेक्टेयर लीज पर उपलब्ध करायी गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्ताव ठहराव पारित किये गये है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा स्वीकृत पुनर्वास नीति अनुसार प्रभावित परिवारों के 5 सदस्यों द्वारा रोजगार चाहे जाने से उन्हें योग्यतानुसार कम्पनी द्वारा रोजगार दिया गया। 82 सदस्यों द्वारा कम्पनी से रोजगार न चाहते हुए स्वयं का स्वरोजगार खोले जाने की मंशा जाहिर करने से कम्पनी द्वारा उन्हें 3 लाख रूपये प्रत्येक को नगद भुगतान किया गया। अल्ट्राटेक कम्पनी हेतु 08 ग्रामों के 128 कृषक खातेदारों की निजी भूमि क्षेत्रफल 90.611 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया गया है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। उक्त प्लांट के लिए भू-अर्जन के मामलों में ग्राम सभा से प्रस्ताव ठहराव लिया गया है।
नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 2166 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनायें संचालित हैं? योजनावार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी नल-जल योजनायें बंद, कितनी पूर्ण एवं कितनी अपूर्ण हैं? इन बंद एवं अपूर्ण योजनाओं के संधारण एवं संचालन के लिये योजनावार कितनी राशि स्वीकृत की गई थी तथा स्वीकृति पश्चात् भी योजना के अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बंद एवं अपूर्ण नल-जल योजनाओं के संचालन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक इन नल-जल योजनाओं को प्रारंभ कर दिया जायेगा? उक्त क्षेत्र में उक्त अवधि में बंद पड़े हैंडपंपों को सुधारने हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई योजना अपूर्ण नहीं है। बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् अधिकतम 15 दिवस में सुधारें जाने का प्रावधान है।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों का बी.पील.एल. कार्ड
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
57. ( क्र. 2167 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नरसिंहपुर अंतर्गत गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं, उनमें से कितनी खाद्य पर्ची जारी की गई है, कितनों की जारी नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत हितग्राही को पर्ची जारी न करने के क्या कारण हैं? क्या पर्ची के बिना हितग्राही को योजना का लाभ मिलेगा? यदि नहीं, तो पर्ची जारी करने में विलंब के क्या कारण रहे, इसके लिये कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) बी.पी.एल. राशन कार्ड हितग्राहियों के लिये शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें नरसिंहपुर जिले में संचालित है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा के अधीन ही हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 में है। प्रश्नांकित क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्राथमिकता श्रेणी के 10,210 बी.पी.एल. परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। विगत तीन माह में प्राप्त 58 परिवारों की सत्यापन एवं चिन्हाकंन प्रक्रिया प्रचलित है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। हितग्राही सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी करना सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता को सुरक्षा
[गृह]
58. ( क्र. 2188 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के आर.टी.आई. कार्यकर्ता श्री आशीष चतुर्वेदी की फोटोग्राफी, विडियोग्राफी करवाए जाने, मेगा पिक्सल कैमरा छुपाए जाने, लगाए जाने के संबंध में ग्वालियर पुलिस को शिकायतें वर्ष 2016 एवं 2017 में प्राप्त हुई हैं। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त अवधि में आशीष चतुर्वेदी आर.टी.आई. कार्यकर्ता को किसके आदेश से किस श्रेणी की सुरक्षा दी गई? उससे संबंधित वीडियोग्राफी फोटोग्राफी की पुलिस ने क्या-क्या व्यवस्था की जाकर उनके निवास पर कौन-कौन सा कैमरा कब-कब लगाए? (ग) आशीष चतुर्वेदी से संबंधित वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी लगाए गए कैमरा के गायब होने से संबंधित शिकायतों की वर्ष 2017 में किस-किस ने जाँच कर प्रतिवेदन किस दिनांक को किसे प्रेषित किया? प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) ग्वालियर निवासी श्री आशीष चतुर्वेदी की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी करवाये जाने, मेगा फिक्सल कैमरा छुपाये जाने, लगाये जाने के संबंध में शिकायत वर्ष 2017 में प्राप्त हुई थी। वर्ष 2016 में इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) श्री आशीष चतुर्वेदी को सुरक्षा गार्ड प्रदान किये जाने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा दिनांक 06.08.2014 को आदेश जारी किया गया। वर्तमान में उनकी सुरक्षा में तीन सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। श्री आशीष कुमार चतुर्वेदी की सुरक्षा सुदृढ़ बनाने हेतु इनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को दिनांक 25.01.2017 को वीडियो कैमरा प्रदान किया गया था, श्री चतुर्वेदी के निवास पर कोई कैमरा नहीं लगाया गया है। (ग) श्री आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए दिये गये कैमरे के गायब होने की शिकायत सुरक्षा गार्ड आरक्षक-144 बनवारी लाल, ई कम्पनी, 13 वीं वाहिनी विसबल ग्वालियर द्वारा थाना प्रभारी झांसी रोड़ को दिनांक 15.06.2017 को की गई थी। थाना प्रभारी झांसी रोड़ द्वारा जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11.10.17 को नगर पुलिस अधीक्षक झांसी रोड़ ग्वालियर को प्रतिवेदन भेजा गया। नगर पुलिस अधीक्षक, झांसी रोड ग्वालियर द्वारा दिनांक 30.10.2017 को जाँच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर को भेजा गया। पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा दिनांक 06.11.2017 को आरक्षक-144 बनवारी लाल के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने बाबत् प्रतिवेदन सेनानी, 13 वीं वाहिनी विसबल ग्वालियर को भेजा गया है। प्रेषित जाँच प्रतिवेदनों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है।
पट्टा अभियान 2002 से संबंधित
[राजस्व]
59. ( क्र. 2228 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय भूमि कृषकों को कृषि कार्य हेतु पट्टे देने के भू-राजस्व संहिता (एल.आर.सी.) में क्या नियम व प्रक्रिया प्रचलन में है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या पट्टे वितरण में वरीयता के आधार पर सर्वप्रथम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को पट्टे दिये जाने का प्रावधान था? (ग) क्या सन् 2002 एवं उसके पट्टा वितरण पश्चात् राजस्व निरीक्षक वृत्त करैरा एवं दिनारा में पट्टे वितरण के समय नियमों की अनदेखी करते हुये सामान्य वर्ग को भी पट्टे वितरण किये गये? यदि हाँ, तो पट्टा अभियान 2002 प्रारम्भ से अंत तक किन-किन लागों को पट्टे दिये गये? की जानकारी नाम, कृषक, नाम, सर्वे क्रमांक, रकबा एवं दायरा रजिस्टर की सत्यप्रतिलिपि सहित उपलब्ध करावें? (घ) क्या (ग) में वितरित पट्टेधारियों को कब्जा दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता में शासकीय भूमि क़ृषि कार्य हेतु पट्टे पर दिए जाने हेतु वर्तमान में प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 4 क्र 3 के तहत कृषि भूमि बंटन में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के कृषकों को प्राथमिकता के आधार पर पट्टे दिए जाने का प्रावधान था। (ग) तहसील करैरा जिला शिवपुरी में तत्समय नियमानुसार न्यायिक प्रक्रिया अनुसार जारी किये गये पट्टों में तहसीलदार न्यायालय वृत-1 करैरा में 37 एवं नायब तहसीलदार न्यायालय वृत-2 दिनारा में 5 इस प्रकार कुल 42 सामान्य वर्ग के लोगों को प्रदाय किये गये हैं। दायरा रजिस्टर एवं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। पट्टेधारियों को कब्जा दिया जा चुका है।
गुना जिले के मक्सूदनगढ़ थाने में दर्ज अपराध
[गृह]
60. ( क्र. 2325 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्रमांक 81/2017 की प्राथमिकी किन प्राथमिक तथ्यों एवं साक्ष्यों के दृष्टिगत की गई? मृतिका की मेडिकल रिपोर्ट में क्या पाया गया? मेडिकल रिपोर्ट किस दिनांक को थाने पर प्राप्त हुई एवं प्राथमिकी किस दिनांक को दर्ज हुई? एफ.आई.आर. एवं मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कष्ट करें? (ख) अपराध के आरोपी का मेडिकल परीक्षण तथा डी.एन.ए. सेम्पल किस दिनांक को लिया गया एवं उसे गिरफ्तार किस दिनांक को किया गया? क्या उसे गिरफ्तार किये बिना मेडिकल/डी.एन.ए. परीक्षण किये जाने का प्रावधान है? विवेचना तथा अधिकारियों द्वारा सुपरविजन में बरती गई गंभीर लापरवाहियों के लिये कौन जिम्मेदार है? उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त गंभीर अपराध में पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किस दिनांक को किया गया? शासकीय मोबाईल नम्बर की सी.डी.आर. सहित प्रस्तुत करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला गुना के थाना मक्सूदनगढ़ अन्तर्गत दिनांक 04.11.2017 को एक अवयस्क बालिका की मृत्यु की सूचना पर मर्ग कायम कर जाँच की गई। जाँच पर दिनांक 05.11.2017 को अपराध क्रमांक 81/2017 धारा-302, 376 भारतीय दण्ड विधान, धारा-3, 4 लैंगिक अपराधों से बालाकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा धारा 3 (2) 5, 3 (1) 23 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-3 एवं धारा-4 का समावेश होने तथा अधिनियम-2015 में पीड़िता बालिका की पहचान स्पष्ट न करने के प्रावधान होने से एफ.आई.आर. एवं मेडिकल रिपोर्ट दी जाना न्यायसंगत नहीं है। (ख) विधि का उल्लंघन करने वाले बालक का मेडिकल परीक्षण तथा डी.एन.ए. सेंपल के पश्चात उसे अभिरक्षा में लेकर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण विवेचना में होने के कारण विवरण दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। जी हाँ। विवेचना तथा सुपरविजन में कोई लापरवाही नहीं किये जाने के कारण कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) हालांकि पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण नहीं किया गया है किन्तु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुना एवं पुलिस अधीक्षक अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण ग्वालियर रेंज ग्वालियर द्वारा घटना स्थल निरीक्षण किया गया है। शासकीय मोबाईल के सी.डी.आर. का प्रश्नांश प्रकरण की विषयवस्तु से संबंधित नहीं है।
भारत ओमान रिफायनरी लिमिटेड आगासौद बीना के नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित करना
[राजस्व]
61. ( क्र. 2330 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 3254/री.कले./09 सागर दिनांक 31.03.2009 द्वारा भारत ओमान रिफायनरी आगासौद बीना के 5 कि.मी. की चतुर्मुखी सीमा के क्षेत्रफल को नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के निर्देश उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किये जाने के भारत सरकार अथवा म.प्र. शासन के निर्देश नहीं है, तो कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 3254/री.कले./09 सागर दिनांक 31.03.2009 कब तक निरस्त किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि कलेक्टर जिला सागर द्वारा आदेश जारी किया गया है, तो निषिद्ध क्षेत्र में अवैध रूप से दुकानें/शराब दुकान/पेट्रोल पम्प एवं अन्य निर्माण कार्य किस अधिकारी की अनुमति से क्रियान्वित हुये हैं? अवैध रूप से निर्मित दुकानें/शराब दुकान/पेट्रोल पम्प एवं अन्य निर्माण कार्यों की अनुमति प्रदान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार निषिद्ध क्षेत्र में अवैध रूप से निर्मित सम्पत्तियों को नष्ट किया जावेगा अथवा नहीं? अगर नष्ट किया जावेगा तो, स्पष्ट समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी, हां। संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश जिला सागर के प्रस्ताव पर न्यायालय कलेक्टर सागर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 1/अ-10 वर्ष 2008-09 में पारित आदेश दिनांक 31/03/2009 के द्वारा ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत रिफायनरी से 1 कि.मी. की सीमा तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित होने के अधिसूचना दिनांक 16/07/2008 के तहत असाधारण स्थिति की संभावना को दृष्टिगत रखते हुयें बचाव एवं राहत के संचालनार्थ युक्तियुक्त शर्तों के अधीन रिफायनरी से 05 कि.मी. क्षेत्र को नो डेवलपमेंट जोन घोषित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार (ख) आदेश से परिवेदित होकर कोई अभ्यावेदन प्रस्तुत होता है तो विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) कलेक्टर जिला सागर द्वारा निषिद्ध क्षेत्र में शराब दुकान/पेट्रोल पम्प निर्माण की अनुमति जारी नहीं की गई है, अपितु माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर के डब्ल्यू.ए.नं. 396/2010 में पारित निर्णय दिनांक 05/10/2010 के अनुक्रम में पेट्रोल पंप प्रचलित है। पारित निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शराब दुकान जिस मकान में स्थित है वह आदेश दिनांक 31/03/2009 के पूर्व का होना प्रतिवेदित है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जताना संभव नहीं है।
गौ-अभ्यारण्य के मामले में भ्रामक जानकारी देने पर कार्यवाही
[पशुपालन]
62. ( क्र. 2339 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सालरिया गौ-अभ्यारण्य में गौवंश की वास्तविक मौत के मामले में गौ-अभ्यारण्य हेतु तय व्यवस्थाओं हेतु जवाबदारों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच की गई? यदि नहीं, तो क्या समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर जाँच की गई? (ख) क्या गौवंश की मौत के मामले में शव परीक्षण एवं अन्य आवश्यक जाँच करवाई गई थी, जिसमें गौवंश का अधिक ठण्ड में निमोनिया से मरना बताया गया है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी मौत के लिये किसी जिम्मेदार को जवाबदेही तय थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में गौ-संवर्धन एवं पशुपालन बोर्ड की ओर से क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय महू एवं राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण शाला एवं कलेक्टर जिला आगर द्वारा अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जाँच दल द्वारा जाँच की गई है। (ख) जी हाँ। राज्य स्तरीय रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल के विशेषज्ञों द्वारा शव परीक्षण कराया गया साथ ही पशु चिकित्सा महाविद्यालय, महू के विशेषज्ञों द्वारा भी पृथक से शव परीक्षण किया गया। मृत गौवंश के सेम्पल पशु चिकित्सा महाविद्यालय,महू एवं संभागीय रोग अनुसंधान प्रयोगशाला अन्वेषण हेतु भेजे गए। शव परीक्षण की जाँच रिपोर्ट अनुसार मृत गौवंश की मृत्यु के कारणों में पॉलिथिन, लेन्टेना एवं निमोनिया भी एक कारण है। चूँकि गौ-अभ्यारण्य में निराश्रित गौवंश है जिसमें अधिकांश गौवंश बूढ़ा, अशक्त व कमजोर हैं, जो उपरोक्त बिमारियों से रोगग्रस्त हुए। कमिश्नर, उज्जैन द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए राज्य स्तरीय प्रयोगशाला का दल जाँच हेतु भेजा गया। इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, महू के विभिन्न विषय विशेषज्ञों के दल को भी जाँच हेतु भेजा गया। प्रबंध संचालक द्वारा गौ अभ्यारण्य पर सूक्ष्म निगरानी रखने हेतु गौवंश की मृत्य की दैनिक जानकारी से मुख्यालय को अवगत कराने के निर्देश जारी किए गए। साथ ही प्रबंध संचालक गौ-संवर्धन बोर्ड द्वारा भी गौ-अभ्यारण्य का भ्रमण कर स्थिति का आंकलन किया गया एवं प्रबंधन व्यवस्था में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए गए।
नामान्तरण के प्रकरणों के निराकरण
[राजस्व]
63. ( क्र. 2340 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में नामान्तरण के कितने प्रकरण तहसील कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में दर्ज किए गए हैं? इनमें से कितने फौती नामान्तरण के प्रकरण थे, तहसीलवार पूर्ण विवरण देवें? फौती नामान्तरण हेतु तय नियम, प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) आवेदक द्वारा नामांतरण का आवेदन करने एवं नामांतरण का आदेश करने पश्चात् किए गए नामांतरण को संबंधित आवेदक के राजस्व रिकार्ड में अमल करने हेतु कोई समय-सीमा तय हैं? यदि हाँ, तो क्या एवं इसके लिये क्या नियम एवं दिशा निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में किए गए नामांतरण की सम्पूर्ण जानकारी प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रकरणवार उपलब्ध करावें? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समय-सीमा में नामान्तरण न करने या नामान्तरण हेतु राशि की मांग करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में जिलाधीश महोदय, अनुविभागीय अधिकारी को या सी.एम.हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला आगर मालवा में तहसीलदार न्यायालय में विगत 03 वषों में नामांतरण के प्रकरण निम्नागनुसार दर्ज हुए है:-
तहसील का नाम |
विगत 03 वर्षों में (2014-15 से 2016-17) नामांतरण के कुल दर्ज प्रकरण |
|
नामांतरण |
दर्ज नामांतरणों में फौती नामांतरणों की संख्या |
|
आगर |
447 |
139 |
बडौद |
403 |
178 |
सुसनेर |
652 |
200 |
नलखेडा |
375 |
56 |
जिला योग |
1877 |
573 |
अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय में विगत 03 वर्षों में नामांतरण के अपील में निम्नानुसार प्रकरण दर्ज हुए है:-
अनुविभागीय अधिकारी |
विगत 03 वर्षों में नामांतरण के कुल दर्ज प्रकरण |
|
नामांतरण |
दर्ज नामांतरणों में फौती नामांतरणों की संख्या |
|
आगर |
117 |
41 |
सुसनेर |
0 |
0 |
जिला योग |
117 |
41 |
जिला शाजापुर के अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में तहसील कार्यालय में नामांतरण के 5865 प्रकरण दर्ज किये गये इनमें से फौती नामांतरण के 3003 प्रकरण है। तहसीलदार दर्ज प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है।
क्रमांक |
तहसील का नाम |
दर्ज नामांतरण |
फौती नामान्तरण |
1 |
शाजापुर |
781 |
121 |
2 |
गुलाना |
421 |
369 |
3 |
मो.बडोदिया |
636 |
249 |
4 |
शुजालपुर |
397 |
50 |
5 |
कालापीपल |
2153 |
1177 |
6 |
पोलायकला |
825 |
492 |
7 |
अ.बडोदिया |
652 |
545 |
|
योग |
5865 |
3003 |
फौती नामांतरण में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) नामांतरण का आदेश करने पश्चात् किए गए नामांतरण को संबंधित आवेदक के राजस्व रिकार्ड में अमल करने हेतु कोई समय-सीमा तय नहीं हैं। नामांतरण प्रकरण में पारित आदेशानुसार पटवारी ग्राम/कम्युप्रटर शाखा प्रभारी द्वारा आदेशानुसार शीघ्र अमल किया जाता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत तहसील सुसनेर तथा नलखेड़ा में दर्ज नामांतरण प्रकरणों की सुची प्रकरणवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी निंरक है।
सूखाराहत राशि के वितरण में विलंब
[राजस्व]
64. ( क्र. 2371 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 में प्रदेश में दमोह जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जिले में राहत राशि दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी? आदेश की प्रति प्रदान करें? (ख) क्या दमोह जिले में प्राप्त सूखा राहत को प्रश्न दिनांक तक वितरित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को बांटी गई? सूची प्रदान करें। यदि नहीं, तो किस आदेश के तहत उक्त सूखा राहत राशि को वितरित नहीं किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या जिले की सूखा राहत राशि को जानबूझकर वितरित करने से रोका गया है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दमोह जिले को 12442.00 लाख रूपये आबंटन प्रदाय किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) सूखा राहत राशि वितरण संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सामूहिक पेयजल योजनाओं का विस्तार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 2388 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभागान्तार्गत मध्ययप्रदेश जल निगम के द्वारा नदियों व जलाशयों से कोई सामूहिक पेयजल प्रदाय योजनायें बनायी जाती हैं और क्या उनके द्वारा वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा के लिये कहीं से कोई योजना बनायी गयी है? (ख) क्या छोटी महानदी कटनी जिला में वि.खं. ढीमरखेड़ा के ग्राम दैगवां-महगवां से प्रारंभ होकर वि.खं. बड़वारा के ग्राम सुड्डी और उसके आगे वि.स.क्षे. विजयराघवगढ़ के किन्हीं ग्रामों से होकर जाती है और जिसके तटवर्ती व समीपवर्ती कोई ग्राम आते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) द्वारा नदी के तटवर्ती कितने ग्रामों को पेयजल प्रदाय योजनाओं में सम्मिलित किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) योजनाओं का विस्तार छोटी महानदी से मझगवां, विलायतकला, भजिया, भुडसा, बड़वारा, खमतरा, खमरिया, ढीमरखेड़ा, उमरियापान, सिलौंडी, दशरमन आदि ग्रामों तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 103 ग्रामों की करनपुरा समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत विकासखण्ड बड़वारा के 40 ग्राम सम्मिलित हैं। विकासखण्ड कटनी एवं ढीमरखेड़ा हेतु योजना नहीं बनाई गई है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में करनपुरा समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित ग्रामों से विकासखण्ड बड़वारा के ग्राम विलायकला एवं बड़वारा, करनपुरा समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित हैं वर्तमान में शेष ग्रामों तक योजना का विस्तार किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
बुंदेलखण्ड पैकेज अंतर्गत प्राप्त राशि
[पशुपालन]
66. ( क्र. 2435 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्ड पैकेज अंतर्गत दतिया जिले को विभागीय योजनाओं हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि मदवार प्राप्त हुई है। आय-व्यय का ब्यौरा दें। (ख) क्या उपसंचालक दतिया द्वारा बहुउद्देशीय हाईब्रिड चारा नेपियर का लाभ हितग्राहियों को देने के लिए पत्र क्र./3410/चारा/AFDP/2016-17 भोपाल दिनांक 24/04/2016 द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या संचालक द्वारा निर्देशानुसार P.G.I.V.A.S. AKOLA एवं IGFRI - Jhansi (U.P.) से चारा खरीदना था? (ग) यदि हाँ, तो क्या संबंधित हितग्रहियों द्वारा विभाग से प्राप्त राशि से चारा खरीद कर उत्पादन किया गया? यदि हाँ, तो क्या भोपाल स्तर से संयुक्त जाँच दल (कृषि, राजस्व एवं पशुपालन विभाग) से भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा उक्त चारा उत्पादक किसानों को हस्तचलित चैफ कटर भी प्रदाय किये गये हैं। यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतायें कि अधिकारियों द्वारा हितग्रहियों से नियमानुसार राशि पुनः विभाग के बैंक खाते में वापिस क्यों नहीं की गई? क्या विभाग एस.आई.टी. जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। योजनांतर्गत बहुवर्षीय चारा जैसे हाइब्रिड नेपियर की रूट शूट क्रय की कार्यवाही P.G.I.V.A.S. AKOLA एवं IGFR-Jhansi (U.P.) से की जा सकती है, के निर्देश जारी किए गए हैं। (ग) जी नहीं। भारत सरकार का केन्द्रीय संस्थान ''भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान'' झांसी (IGFR-Jhansi) दतिया जिले से नजदीक है इसलिए योजनांतर्गत हाइब्रिड नेपियर की रूट/शूट प्राप्ती हेतु उप संचालक, दतिया द्वारा संचालक भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी से निरन्तर संपर्क किया गया है। संस्थान संचालक द्वारा अवगत कराया गया है कि सम्पूर्ण किसानों को एक साथ रूट उपलब्ध नहीं कराई जा सकती हैं, रूट चरणबद्ध क्रम में ही प्रदान की जा सकती है। हितग्राहियों के द्वारा बहुवर्षीय हाइब्रिड चारा नेपियर रूट नोड हेतु राशि ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करवाई गई है तथा अब रूट उपलब्ध कराना प्रारम्भ हो गया है। वर्तमान में 25000 रूट संस्थान से किसानों को प्राप्त हुई हैं जिसकी बुआई कर चारा उत्पादन प्रारम्भ किया गया है। जैसे जैसे चरणबद्ध क्रम में किसानों को चारा रूट प्राप्त होती जाएंगी, किसानों द्वारा चारा उत्पादन कार्य संपादित किया जाएगा, इसलिए सत्यापन की आवश्यकता उत्पन्न नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। पशुपालकों द्वारा हरे चारे को कुट्टी कर पशुओं को खिलाने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किए जाने हेतु हस्त-चलित चैफ कटर प्रदाय का प्रावधान योजनांतर्गत है। योजनांतर्गत 10 पशुपालकों के समूह में से एक पशुपालक को हस्त चलित चैफ कटर प्रदाय किया जाना है। उप संचालक दतिया द्वारा एम.पी.एग्रो इन्डस्ट्रीज से 303 हस्त-चलित चैफ कटर क्रय किए गए है। ऐसे पशुपालकों के समूह जिनके द्वारा चारा रूट क्रय करने हेतु राशि भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी को जमा किए गए हैं, उन समूह को 119 हस्त-चलित चैफ कटर प्रदाय किए गए है। जिसका उपयोग उनके द्वारा अन्य चारा के कुट्टी करने हेतु किया जा रहा है। जैसे-जैसे समूह द्वारा चारा रूट हेतु राशि भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी को उपलब्ध कराई जाएगी, हस्त-चलित चैफ कटर प्रदाय किए जाएंगे, अत: राशि वापिस खाते में जमा करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरित कर्मचारियों को भारमुक्त करना
[राजस्व]
67. ( क्र. 2437 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2-6/2017/सात/4ए भोपाल, दिनांक 26-12-2017 द्वारा जारी पत्र के क्रम में समस्त स्थानांतरित कर्मचारियों को संबंधित कलेक्टरों को एकतरफा कार्यमुक्त करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो दतिया कलेक्टर द्वारा स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया है? यदि हाँ, तो कार्यमुक्त आदेश की प्रतिया प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ख) दतिया जिले में भी प्रश्नांश (क) के अनुसार श्री कन्हैयालाल साहू सहायक ग्रेड-3 का स्थानांतरण दतिया से श्योपुर जिला में राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-6/2017/सात/4ए भोपाल, दिनांक 10-07-2017 के द्वारा किया गया था, परंतु प्रश्न दिनांक तक संबंधित को श्योपुर हेतु कार्यमुक्त नहीं किया गया है तो क्यों? संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या 2015 से प्रश्न दिनाक तक श्री कन्हैयालाल साहू सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध स्थानीय स्तर पर दतिया जिले में एवं शासन स्तर पर भोपाल तथा संभागीय स्तर पर ग्वालियर आयुक्त कार्यालय में जनप्रतिनिधियों तथा अन्य व्यक्तियों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की प्रतियां मय शिकायती आवेदन प्रदान करें। (घ) क्या श्री कन्हैयालाल साहू सहायक ग्रेड-3 को जानबूझकर भारमुक्त नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी
हाँ। जी नहीं।
माननीय उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ ग्वालियर
में दायर
याचिका
क्रमांक डब्ल्यू
पी 2796/2018
में आदेश
दिनांक 05.02.2018 के क्रम
में भारमुक्त
नहीं किया गया।
आदेश दिनांक 05.02.2018 की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र पर
है। (ख) जी
हाँ। उत्तरांश
क के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता। छायाप्रति
संलग्न है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' पर है।
शिकायती
आवेदनों पर जाँच
कार्यवाही
प्रचलित है। (घ) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
परिशिष्ट
- ''बीस''
धारा 144 के पालन में विभाग की उदासीनता एवं उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
68. ( क्र. 2443 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय दंण्डाधिकारी जौरा द्वारा दिनांक 19/11/2017 में आदेश पारित कर पुरानी तहसील परिसर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय परिसर में शांति स्थापित करने के लिये धारा 144 लागू की गई थी? (ख) क्या भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 शांति बनाये रखने हेतु लगाई जाती है? यदि हाँ, तो उसका पालन करवाने में पुलिस की क्या भूमिका रहती है? (ग) क्या धारा 144 लगाये जाने के उपरांत भी पुरानी तहसील परिसर में टेंट एवम माइक लगाकर महेश दत्त मिश्र द्वारा सभा का आयोजन कर धारा 144 का उलंघन किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? अनुविभागीय दंण्डाधिकारी द्वारा धारा 144 के उल्लंघन के सम्बंध में थाना प्रभारी जौरा को किये गये लेख का पालन किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में थाना प्रभारी द्वारा बरती गई लापारवाही एवम उदासीनता से धारा 144 का स्पष्ट उल्लंघन हुआ, शांतिभंग हुई एवं अप्रिय घटना निर्मित होने की पूर्ण आशंका बनी रही क्या कर्तव्य पालन में असफल पुलिस अधिकरियों एवं धारा 144 का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, अनुविभागीय दण्डाधिकारी जौरा द्वारा धारा 144 लगाई गई थी। (ख) जी हाँ, धारा 144 लगाये जाने के उपरान्त संबंधित क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था आवश्यकतानुसार लगाई जाती है तथा धारा 144 का पालन कराया जाता है। (ग) जी हाँ, पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्र द्वारा दिव्यांग एवं बुजुर्ग महिलाओं की मांगों को लेकर शासकीय कार्यालय पर घेरा डालो डेरा डालो सत्याग्रह किया गया। अनुविभागीय दण्डाधिकारी जौरा द्वारा धारा 144 के उल्लघंन के संबंध में दिनांक 20.11.2017 को थाना प्रभारी जौरा को लेख किया गया। समस्त घटनाक्रम की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुरैना के द्वारा जाँच कराई जा रही है। (घ) समस्त घटनाक्रम की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुरैना से कराई जा रही है। जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
इंजीनियरिंग कालेज हेतु आवंटित जमीन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
69. ( क्र. 2472 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के सिरोज विकासखण्ड में आई.टी.आई. और पॉलिटेक्निक कॉलेज के अलावा अन्य कोई इंजीनियरिंग कॉलेज हेतु क्या जमीन आवंटित हुई है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर कितनी जमीन आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त इंजीनियरिंग कॉलेज हेतु जमीन आवंटित की स्वीकृति किस वर्ष प्राप्त हुई? निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि कब स्वीकृत हुई? स्वीकृति दिनांक से आज दिनांक तक निर्माण कार्य हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई हैं? (ग) यदि इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति हुई है, तो अब तक निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? इतना विंलब क्यों किया जा रहा है, विलंब के लिए जिम्मेदार कौन है? निर्माण कार्य कब प्रांरभ किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। ग्राम मलसीपुर तहसील सिंरोज में 10.120 हेक्टेयर भूमि (25 एकड़) राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल को घटक संस्था यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नालॉजी, सिरोंज जिला विदिशा की स्थापना के लिये आवंटित की गई थी। (ख) उत्तरांश-''क'' अनुसार उक्त इंजीनियरिंग कॉलेज हेतु जमीन आवंटन की स्वीकृति वर्ष 2013 में प्राप्त हुई। राज्य शासन द्वारा इस हेतु कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) राज्य शासन द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं की गई है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी के तहत नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 2479 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के जनपद पंचायत लटेरी के ग्राम आनंदपुर में जनभागीदारी योजना के तहत किस दिनांक को नल-जल योजनान्तर्गत पानी की टंकी निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई? निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया गया? कार्य स्वीकृति के समय उसकी लागत क्या थी? अभी तक कितना कार्य किया जा चुका है? कितना कार्य होना शेष है? कब तक पूर्ण किया जावेगा? कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? (ख) यदि निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तो निर्माण एजेन्सी द्वारा ग्राम पंचायत को क्या हस्तांतरित किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या निर्माण एजेंसी द्वारा ग्राम में पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों पूर्ण नहीं किया गया? कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त कार्य में निर्माण एजेन्सी या ठेकेदार के विरूद्ध क्वालिटी की अनियमितता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनांक 29.10.2014 को। कार्यादेश जारी होने की दिनांक 21.4.2016 के पश्चात कार्य प्रारंभ किया गया था। पानी की टंकी (सम्पवेल) की लागत रूपये 6.89 लाख। कार्य पूर्ण। 4 माह। (ख) जी नहीं। विद्युत कनेक्शन का कार्य शेष है। कोई नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन द्वारा अर्जित भूमि
[राजस्व]
71. ( क्र. 2499 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के राजस्व ग्रामों के हकूक रजिस्टर में दर्ज जमीनों को राजस्व विभाग ने अर्जित कर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में दखल रहित भूमि माना जाकर प्रावधान किए हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ख) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के राजस्व ग्रामों के हकूक रजिस्टर में किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को किस कानून की किस धारा के तहत राजस्व विभाग ने अर्जित किया है तथा अर्जन के प्रकरण जिला अभिलेखागार में संधारित किए जाने की वर्तमान में क्या व्यवस्था है? (ग) अर्जित की गई भूमियों को राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किन-किन प्रयोजनों के लिए आरक्षित कर राजस्व अभिलेखों में किन-किन मदों में दर्ज किया गया व इनमें से किन-किन मदों में दर्ज जमीनों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन आदेशित एवं अधिसूचित किया गया है? (घ) भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के वर्तमान राजस्व अभिलेखों में धारा 237 (1) में आरक्षित कितनी भूमि किस-किस मद में दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीहोर जिले में वर्तमान राजस्व अभिलेखों में धार 237 (1) के तहत 82,154 हे. आरक्षित भूमि इमारती लकड़ी, चरनोई, कब्रस्तान, श्मशान, ग्रामस्थल, शिविर स्थापना स्थल, खलिहान, बाजार, खाद के गड्ढे, खाल निकालने के लिए, सार्वजनिक प्रयोजन, पाठशाला, खेल मैदान, पार्क, नालिया तथा अन्य, सड़कें, मार्ग, निस्तार स्वत्व प्रयोग के लिए, सिंचाई तथा अन्य जल स्वत्व, सिंचाई के लिए, सिंचाई के अतिरिक्त अन्य निस्तारों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले तालाब, अन्य प्रयोजन मद में दर्ज है। रायसेन जिले के वर्तमान राजस्व अभिलेखों में धारा 237 (1) में 183896 हेक्टेयर भूमि इमारती लकड़ी या ईधन, चारागाह, कब्रस्तान, श्मशान भूमि, गोठान, शिविर भूमि, खलिहान, बाजार, खाल निकालने के स्थान, खाद के गड्ढों, पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों, सड़कों, गलियों, नालियों सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन मद में दर्ज है। भोपाल जिले से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फोरेंसिक विशेषज्ञ के पद की पूर्ति
[गृह]
72. ( क्र. 2520 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला की सी-1 ऑफ क्राइम यूनिट (FSL) में फोरेंसिक विशेषज्ञ का पद दिनांक 01-04-17 से रिक्त होने के कारण जिले में होने वाले गम्भीर प्रकरणों में विवेचना अधिकारियों को वैज्ञानिक सहायता प्राप्त नहीं हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में क्या उक्त पद को भरने के लिये विभाग द्वारा शासन को कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यही हाँ तो आज तक आदेश क्यों नहीं हुये। और आदेश होंगे तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जिला विदिशा में ज्येष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण, रायसेन जिले में पदस्थ, ज्येष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा, विदिशा जिले के गंभीर प्रकरणों में भी घटना स्थल निरीक्षण कर वैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा रही है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
असफल हैण्डपंप के स्थान पर नवीन उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 2521 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हैण्डपम्प उत्खनन हेतु जनसंख्या का मापदण्ड है किन्तु पूर्व में उत्खनित हैण्डपम्प असफल होने के बाद भी गणना में आ रहे हैं जिससे नवीन हैण्डपम्प उत्खनन नहीं हो रहे है? यदि हाँ, तो असफल बोर के स्थान पर नवीन बोर उत्खनन की क्या योजना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में सूखा प्रभावित क्षेत्र में नवीन हैण्डपम्प उत्खनन की प्रस्तावित योजना कब तक पूरी की जावेगी जिससे सूखा प्रभावित क्षेत्र में जल पूर्ति हो सकें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में असफल बोर के कारण बंद नल जल योजना को चालू कराने की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। असफल बोर के स्थान पर नवीन नलकूप खनन हेतु वार्षिक कार्य योजना में प्रस्तावित कर सर्वेक्षण उपरांत खनन कराया जाता है। (ख) आकस्मिक कार्ययोजना की स्वीकृति राहत आयुक्त से अपेक्षित है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। यद्यपि आवश्यकतानुसार वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था विभाग द्वारा की जाती है। (ग) स्त्रोत विकसित कर नलजल योजना को चालू करने की योजना है।
प्रदेश में पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमला
[गृह]
74. ( क्र. 2533 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल के वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 से प्रश्न दिनांक तक जिला भोपाल के किन-किन समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों पर जानलेवा हमले किये गये? पृथक-पृथक जानकारी दी जाये? (ख) पत्रकारों पर हुये हमले की कितनी-कितनी एफ.आई.आर.जिला भोपाल के किन-किन थानों में दर्ज की गई हैं? पृथक-पृथक बताया जावे। (ग) पत्रकारों पर हो रहे हमले को रोकने के लिये सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना के अंतर्गत पानी की टंकी निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 2552 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर विकासखंड बाबई के ग्राम आरी में नल-जल योजना कब और किस मद से स्वीकृत हुई है कार्य प्रारंभ की दिनांक बतायें? (ख) क्या उक्त नल-जल योजना का कार्य जनभागीदारी मद से किया गया है परन्तु अभी तक न तो योजना चालू की गई है और न विभाग द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में नल-जल योजना के निर्माण अपूर्ण होने एवं मौके से सामान चोरी होने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में भी अवगत कराया, परन्तु उक्त योजना का कार्य किस कारण से पूर्ण नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) नल-जल प्रदाय योजना कार्य मद अंतर्गत दिनांक 13.09.2013 को स्वीकृत की जाकर दिनांक 22.08.2014 को कार्य प्रारंभ किया। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजना का कार्य पूर्ण किया जाकर पाइप लाइन टेस्टिंग कार्य प्रगति पर है। योजनांतर्गत कोई सामान चोरी नहीं हुआ है। यद्यपि पूर्व ठेकेदार श्री सुभाष गायकवाड़ की अरूचि के कारण योजना का कार्य अवरूद्ध हुआ था, फलस्वरूप पूर्व ठेकेदार का अनुबंध निरस्त कर धरोहर राशि राजसात की जाकर उसकी जोखिम एवं लागत पर योजना के शेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु नवीन ठेकेदार मे. गौरांग कंस्ट्रक्शन भोपाल को आवंटित कर दिये गये हैं।
नजूल पट्टा नवीनीकरण प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
76. ( क्र. 2619 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इटारसी एवं होशंगाबाद नगर में स्थित नजूल भूमि के कितने पट्टे हैं, जिनका नवीनीकरण किया जाना हैं? क्या वे तहसील व नजूल कार्यालय में लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब से? कृपया स्पष्ट जानकारी दें? (ख) कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) प्रकरणों का निराकरण शीघ्र नहीं होने के कौन से कारण रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नगर होशंगाबाद में नजूल भूमि के 2592 पट्टे शेष है, जिनका नवीनीकरण किया जाना है। इनमें से कुल 37 प्रकरण विचाराधीन है। इसी तरह नगर इटारसी में स्थित नजूल भूमि के वर्तमान में 671 पट्टे का नवीनीकरण किया जाना है जिसमें से 147 आवेदन प्राप्त हुए है। जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। अधिकांश पट्टेधारियों की लीज 1995 में समाप्त हो चुकी है। शेष पट्टेधारियों से आवेदन प्राप्त कर नवीनीकरण की कार्यवाही की जा रही है। (ख) लंबित प्रकरणों में नियमानुसार न्यायालयीन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) आवेदकों द्वारा समयावधि में आवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने एवं पट्टेधारियों की मृत्यु हो जाने के कारण उनके वारसानों द्वारा नामान्तरण नहीं कराये जाने एवं आवेदकों द्वारा नवीनीकरण में रूचि नहीं लेने के कारण प्रकरणों का निराकरण समयावधि में नहीं हुआ है।
नजूल भूमि के रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों का नामांतरण
[राजस्व]
77. ( क्र. 2620 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ-6-48/2014/सात/नजूल, भोपाल दिनांक 11 जुलाई 2014 को स्थाई पट्टे के नवीनीकरण तथा स्थाई पट्टों की शर्त उल्लंघन/अपालन के मामलों के निराकरण की प्रक्रिया के संबंध में परिपत्र समस्त संभागायुक्त एवं कलेक्टर को जारी किया गया हैं? (ख) क्या इटारसी नगर में स्थित शीट नं. 3 एवं 6 प्लाट क्रमांक 3/1,7/1 क्षेत्रफल 307810 वर्गफुट भूमि पर रजिस्ट्री प्राप्त व्यक्तियों के नामांतरण का प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो राजस्व विभाग द्वारा जारी उक्त परिपत्र के प्रकाश में प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या शासन उक्त प्रकरण का निराकरण जनहित में शीघ्र हो सके, इस दिशा में ठोस पहल करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में है। विधि अनुसार निराकरण किया जावेगा।
राशन आवंटन वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 2643 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 और 2017-18 में छात्रावासों, कल्याणकारी संस्थाओं को रियायती दर पर प्रदाय किये जाने वाले राशन को सीधे व्यापारियों को बेचने का मामला कब प्रकाश में आया? जाँच प्रतिवेदन की प्रति बतायें। इसमें किस-किस की संलिप्तता, भागीदारी, लापरवाही पायी गई? (ख) क्या ऐसी संस्थाओं को राशन दिया जा रहा था, जो बंद थी? यदि हाँ, तो वे कौन-कौन हैं? क्या उन्हें आवंटन बंद कर दिया गया? इसके लिये विभाग क्यों दोषी नहीं है? (ग) क्या जनवरी 2018 में नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर आवंटन जारी किया गया? यदि हाँ, तो पर्ची की संख्या आवंटित खाद्यान्न, नमक, केरोसिन की मात्रा जिलेवार बतायें। (घ) 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक राशन की कालाबाजारी से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? दुकानदार परिवहनकर्ता और विभागीय अधिकारी के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (ड.) क्या एक आधार नम्बर से राशन वितरण में हुये घोटाले की जानकारी शासन के संज्ञान में आयी थी परंतु शासन द्वारा उस जिले के अधिकारी को जो कि पहले भी घोटाले में निलंबित हो चुका था? संरक्षण देते हुये परिवहनकर्ता को दोषी ठहरा दिया गया था? यदि नहीं, तो सही क्या है? क्या उक्त अधिकारी जहां-जहां रहे ऐसे ही घोटाले करते रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2016-17 में कोई मामला प्रकाश में नहीं आया। वर्ष 2017-18 में माह दिसंबर 2017 में भोपाल जिले में छात्रावासों कल्याणकारी संस्थाओं को रियायती दर पर प्रदाय किए जाने वाले राशन को सीधे व्यापारियों को बेचने का मामला प्रकाश में आया। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। ऐसी बंद संस्थाओं की सूची जिन्हें राशन दिया जा रहा था सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में इन संस्थाओं को आवंटन बंद कर दिया गया है। संबंधित संस्थाओं के प्रभारी विभाग द्वारा समय पर सूचना न दी जाने के कारण संस्थाओं को आवंटन जारी किया जाता रहा, इस कारण खाद्य विभाग के अधिकारी का दोषी होना नहीं पाया गया। (ग) जी हाँ। 25,214 पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची निर्मित हुई जिसके लिए गेहूँ 4,17,225 किलो ग्राम, चावल 1,00,657 किलो ग्राम, नमक 25,214 किलो ग्राम तथा केरोसिन 47,711 लीटर आवंटन जारी किया गया। (घ) भोपाल जिले में 01 जनवरी 2017 से 07 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतों के आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) जी हाँ। एक ही आधार से राशन वितरण संबंधी अनियमितता में जिले के किसी भी अधिकारी की संलिप्तता नहीं पाई गई न ही जिले का कोई अधिकारी पूर्व में घोटाले में निलंबित हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ-शालाओं का निर्माण
[पशुपालन]
79. ( क्र. 2674 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी-कितनी पंजीकृत गौ-शालायें संचालित हैं? दिनांक 1 फरवरी 2018 की स्थिति में उक्त गौ-शालाओं में कितनी-कितनी गायें, बछड़े, बछिया, बैल-साँड या अन्य जानवर थे? उनके रख-रखाव, भोजन बीमारी इलाज या अन्य व्यवस्था पर दिनांक 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक गौ-शालावार अलग-अलग प्रतिमाह कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या ग्वालियर शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में आवारा रूप से गायें, बछड़े, बछिया, साँड इत्यादि इधर से उधर घूम रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इन आवारा जानवरों के पालन के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में गौ-शालायें खोली जावेगी? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? पंचायतों के नाम बतावें। यदि नहीं, तो क्या इन आवारा पशुओं को लावारिस हालात में छोड़ देना उचित है? ऐसे आवारा गाय, बैल, बछिया, बछड़ों की ग्वालियर जिले के नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी जनसंख्या है? अलग-अलग शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की संख्या बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 05 गौ-शालाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। गौ-शालाएं खोलने का कार्य स्वयं-सेवी संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। यदि किसी स्वयं-सेवी संस्था द्वारा गौ-शाला खोलने हेतु आवेदन प्राप्त होता है, तो आवश्यक कार्यवाही की जाकर उसके पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। ग्वालियर जिले के नगरीय क्षेत्र में 6251 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 8708 आवारा गाय, बैल, बछड़ा, बछियों की जनसंख्या है।
पटवारियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[राजस्व]
80. ( क्र. 2689 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में किन-किन पटवारियों के विरुद्ध पद का दुरूपयोग कर राजस्व नक्शों में हेराफेरी करके कितने हेक्टेयर शासकीय भूमि को नियम विरुद्ध आवंटित करवाकर शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि पहुंचाये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायती प्रकरणों में नीमच विधानसभा क्षेत्र के किन-किन पटवारियों के विरुद्ध प्रारंभिक जाँच कराई जाकर उनके विरुद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में नियम विरुद्ध आवंटित कराई गई शासकीय भूमि को शासन पुन: अपने कब्जे में लेने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा दें । यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला नीमच को छोड़कर शेष जिलों से जानकारी निरंक है। उज्जैन संभाग के जिला नीमच की तहसील में वर्ष 2016-17 में निरंक तथा वर्ष 2017-18 में ग्राम अरनिया कुमार के पूर्व हल्का पटवारी सुनील अग्रवाल के विरूद्ध पद का दुरूपयोग कर राजस्व नक्शों में हेराफेरी करके 0.75 हें. कुल 0.75 हे. शासकीय भूमि को नियम विरूद्ध आवंटित करवाकर शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि पहुंचाये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) जी नहीं। ग्राम अरनिया कुमार के पूर्व हल्का पटवारी सुनील अग्रवाल की शिकायत के संबंध में न्यायालय अपर कलेक्टर नीमच के प्रकरण क्रमांक 03/पुनर्विलोकन/2017-18 प्रचलित है। (ग) न्यायालय अपर कलेक्टर नीमच के प्रकरण क्रमांक 03/पुनर्विलोकन/2017-18 के निराकरण पश्चात ही कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. को मॉडल आई.टी.आई. बनाने की घोषणा
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
81. ( क्र. 2723 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष माननीय विभागीय मंत्री जी ने सागर प्रवास के दौरान शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सागर को मॉडल आई.टी.आई. बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रश्नाधीन संस्था को मॉडल आई.टी.आई. बनाने हेतु कौन-कौन से कार्य कराये जाना सम्मिलित है तथा कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (ग) शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सागर में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद भरे तथा कितने रिक्त हैं? विषयवार पद बतायें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से एक योजना क्रियान्वयित की जा रही है, जिसमें प्रदेश के 10 संभाग स्तरीय आई.टी.आई. के उन्नयन की योजना है। संस्था के उन्नयन के लिये भवन की डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। (ख) आई.टी.आई. सागर के उन्नयन के लिये डी.पी.आर. का अंतिम रूप से निर्धारण नहीं किया गया है। अतएव स्वीकृत बजट की राशि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.टी. पार्क की स्थापना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
82. ( क्र. 2724 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3296 दिनांक 06.03.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया था कि सागर संभागीय मुख्यालय पर आई.टी. पार्क की स्थापना हेतु विभाग को ग्राम सिदगुवां में 4 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है? प्रश्न दिनांक तक आई.टी. पार्क निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आई.टी. पार्क निर्माण हेतु राशि स्वीकृत कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कितनी तथा कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन शिक्षित युवा बेरोजगारों को आई.टी. पार्क का लाभ दिलाये जाने हेतु कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर में आई.टी. पार्क के निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाकर स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। (ग) सूचना प्रौद्योगिकी पार्क में निवेश के इच्छुक शिक्षित बेरोजगार युवाओं को शासकीय भूमि आवंटन हेतु सूचना प्रौद्योगिकी इकाई के रूप में मान्य होने का प्रमाण-पत्र प्रदान करने एवं पंजीयन का कार्य मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। पंजीयन उपरान्त आई.टी. इकाई को ''मध्यप्रदेश आई.टी., आई.टी.ई.एस एवं ई.एस.डी.एम. निवेश प्रोत्साहन नीति 2016'' में प्रावधानित छूट/सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाता है।
नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति एवं पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना
[गृह]
83. ( क्र. 2738 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रावनवाड़ा थाने को प्रारंभ किया जा चुका है परंतु विभाग द्वारा रावनवाड़ा थाने के सुचारू संचालन हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही भवन निर्माण हेतु राशि का आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) रावनवाड़ा थाने के सुचारू संचालन हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या रावनवाड़ा थाने हेतु पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना की जा चुकी है? अगर नहीं की गई है तो इसका क्या कारण है? कब तक पर्याप्त पुलिस बल की पदस्थापना कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना रावनवाड़ा (ग्राम शिवपुरी) के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। भूमि आवंटन के पश्चात् आगामी चरण की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में इसे शामिल कर राशि आवंटन हेतु अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 2739 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किन-किन राशन दुकानों से किन-किन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में कितने परिवारों को राशन प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने परिवारों को किस-किस श्रेणी के अन्तर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है। और कितने परिवारों को किस-किस श्रेणी के अन्तर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण किया जाना शेष है? अभी तक पात्रता पर्ची का वितरण शेष रहने का क्या कारण है? कब तक शेष परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न श्रेणियों के अन्तर्गत पात्र हुये हितग्राहियों को विगत 6 माह से पात्रता पर्ची विभाग द्वारा प्रदान नहीं की जा रही है। जिसका क्या कारण है? ऐसे कितने पात्र हितग्राही है, जिन्हें पात्रतापर्ची प्रदान किया जाना बाकी है? कब तक ऐसे पात्र हितग्राहियों को पात्रतापर्ची प्रदान कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरीय निकायवार, ग्राम पंचायत एवं उचित मूल्य दुकानवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवार श्रेणीवार पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राही सीमा के अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी करना सतत् प्रक्रिया है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत माह जनवरी में अनुसूचित जाति-जनजाति एवं बी.पी.एल. श्रेणी के 1171 नवीन सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप-तहसील की स्थापना
[राजस्व]
85. ( क्र. 2753 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज में पिपराही आदिवासी क्षेत्र जो कि 30 किलोमीटर में स्थित गांवो के मध्य में बहरी-हनुमान मार्ग पर स्थित है? वहां क्या उप-तहसील खोलने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव शासन मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। की जावेगी तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रस्ताव औचित्य परीक्षण हेतु कलेक्टर रीवा को प्रेषित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
86. ( क्र. 2768 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के अंतर्गत कुल कितने प्रकरण नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के कितने समय से लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के प्रकरणों की तय समय-सीमा क्या है? कितने प्रकरण तय समय-सीमा में निराकृत किए गए और कितने प्रकरण किन कारणों से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा बतायें। (ग) अत्यधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी उक्त प्रकरण लंबित रखने के लिए कौन उत्तरदायी है? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी देवें। इन दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करावें। (घ) नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के प्रकरणों में आवेदन प्रस्तुत करते समय ही आवेदक से पूर्ण आवेदन एवं पात्र आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर ही प्राप्त किये जाते हैं। यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कई आवेदकों के प्रकरण आज दिनांक तक क्यों लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इंदौर जिले में तहसीलवार, अनुभागवार नामांतरण के/2856 बंटवारा के 385 एवं डायवर्सन के 187 प्रकरण लंबित है। तहसीलवार/अनुभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा नामांतरण की 45 दिन बंटवारा एवं डायवर्सन की 3 माह प्रकरण निराकरण हेतु नियत है। नामांतरण के कुल 1102 प्रकरण, बंटवारा के 427 एवं डायवर्सन के 463 प्रकरण निराकृत किये गये हैं। नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के प्रकरण लंबित होने का कारण आवेदक/अनावेदक से प्रकरण के संबंध में प्राप्त आपत्ति/अपील की सुनवाई हेतु न्यायालीन प्रक्रिया है। (ग) नामांतरण बंटवारा एवं डायवर्सन के प्रकरण लंबित होने का कारण आवेदक/अनावेदक द्वारा प्रकरण के संबंध में की गई आपत्ति/अपील के संबंध में सुनवाई की न्यायालीन प्रकिया, स्थगन एवं डायवर्सन में विभिन्न विभागों की अनापत्ति प्राप्त न होना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नामांतरण बंटवारा एवं डायवर्सन के आवेदन पत्र लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से प्राप्त किये जाते है। लोक सेवा केन्द्र से कार्यालयों में अपूर्ण आवेदन प्राप्त होने पर आवेदक से सम्पर्क कर आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर पूर्ति कर ली जाती है।
भू-अभिलेख का डाटा अद्यतन एवं संधारण की जानकारी
[राजस्व]
87. ( क्र. 2769 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत भू-अभिलेख के डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु वर्तमान में कौन से सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है? क्या पूर्व में अन्य सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता था? यदि हाँ, तो दोनों सॉफ्टवेयर में क्या तकनीकी भिन्नताएं थी? (ख) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में भी भू-अभिलेख के डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु अन्य अथवा किन-किन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) हाँ है, तो क्या भू-अभिलेखों के संधारण में तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससें गंभीर परिणाम संभावित हो सकते हैं? यदि हाँ, तो उनका निदान किस प्रकार किया जा रहा है? क्या संबंधित सॉफ्टवेयर कंपनी को तकनीकी निराकरण के निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कब तक अद्यतन का कार्य किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) हाँ है, तो क्या इन गंभीर परिणामों से आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? क्या प्रदेश में भू-अभिलेखों के डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु एक ही सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के आदेश जारी किए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान में इन्दौर जिले में डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु ऑन-लाइन वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। इसके पूर्व एन.आई.सी. द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा था। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट/सर्वर आधारित ऑफ-लाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नकल प्राप्त करने के लिए नागरिकों को शासकीय कार्यालय में जाना होता है जबकि नया वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर वेब आधारित ऑन-लाइन सॉफ्टवेयर है। इससे नागरिकों को आवश्यकतानुसार कहीं से भी इन्टरनेट के माध्यम से नकल उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही डाटा ऑन-लाइन होने से अन्य विभागों के साथ डाटा शेयरिंग हो सकेगी। (ख) इन्दौर जिले में डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु ऑन-लाइन वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। शेष जिलों में डाटा अद्यतन एवं संधारण का कार्य एन.आई.सी. के ऑफ-लाइन सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है। (ग) जिलों से प्राप्त शिकायत तथा सुझाव अनुसार सम्बन्धित कम्पनी से वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन एवं प्रक्रिया का सरलीकरण करा लिया गया है। वर्तमान में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में कोई तकनीकी परेशानी नहीं है। जिलों में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर से डाटा अद्यतन की कार्यवाही प्रारम्भ करने हेतु निर्देश दिया गया है। (घ) वेब जी.आई.एस. के कारण आमजन को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। जी हाँ, प्रदेश में भू-अभिलेखों के डाटा अद्यतन एवं संधारण हेतु ऑन-लाइन वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के आदेश जारी किये गए है।
तालाब की जमीन पर अतिक्रमण
[राजस्व]
88. ( क्र. 2798 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत टोला विकासखण्ड लहार जिला भिण्ड में ग्राम बिजोरा के निस्तारी शासकीय तालाब सर्वें नं. 466/508 रकबा 0.26 हेक्टेयर की भूमि पर ग्राम रावतपुरा निवासी श्री सरजू प्रसाद त्रिपाठी द्वारा अतिक्रमण कर धान और गेहूँ की फसल विगत पाँच वर्षों से अवैधानिक रूप से बोयी जा रही हैं? यदि हाँ, तो पटवारी और राजस्व निरीक्षक द्वारा अतिक्रमण मुक्त की दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही हैं? (ख) सरपंच ग्राम पंचायत टोला विकासखण्ड लहार ने शिकायत क्र. 4076263/20-6-17 जन-सुनवाई शिकायत क्र.57862/29-8-17 को कलेक्टर भिण्ड को की? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (ग) सरपंच ग्राम पंचायत टोला विकासखण्ड लहार द्वारा मा. मुख्य मंत्री मध्यप्रदेश शासन को ऑन-लाइन शिकायत सरजू त्रिपाठी द्वारा ग्राम रावतपुरा के आबादी मार्ग, जिस पर राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना से पूर्व में अर्थ वर्ग का कार्य करवाया गया, उस पर अतिक्रमण कर दीवाल बना दी है। यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं, इसके क्या कारण हैं? कौन दोषी हैं? कब तक क्या कार्यवाही की जा जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। हल्का पटवारी/रा.नि. के द्वारा सीमांकन की कार्यवाही किए जाने से शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने से शिकायत बन्द हो गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्वयं की भूमि पर दीवार निर्मित की गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पंजीबद्ध प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
89. ( क्र. 2799 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के अंतर्गत पुलिस थाना उमरी जिला भिण्ड में श्री संजीव सिंह कुशवाह उर्फ संजू पुत्र रामलखन के विरूद्ध कौन से प्रकरण कब पंजीबद्ध किए गए हैं? किसके द्वारा क्या विवेचना कब की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें। दिनांक 01/01/14 से 31/01/2018 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में क्या एस.सी. एक्ट के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध हैं? क्या वृद्धि की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री संजीव कुमार कुशवाह उर्फ संजू पुत्र रामलखन के विरुद्ध वर्ष 2016 में 01 प्रकरण एवं 2017 में 01 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अपराध क्रमांक 176/2016 की विवेचना पूर्ण की जाकर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। अपराध क्रमांक 231/2017 की विवेचना जारी है। विवेचना से संबंधित जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
क्षतिग्रस्त जमीन का मुआवजा
[राजस्व]
90. ( क्र. 2811 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी, बिरसिंहपुर, पाली-जिला उमरिया को श्री शिवशंकर दुबे, निवासी पाली प्रोजेक्ट कालोनी, बिरसिंहपुर, पाली-जिला उमरिया द्वारा सुन्दरदादर स्थित भूमि खसरा नं. 350, 351, 352 पर दिनांक 15.10.2016 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के आगमन पर हेलीपेड बनाये जाने हेतु जमीन से रास्ता बनाकर उपयोग किये जाने पर मुआवजे की राशि देने हेतु आवेदन दिनांक 09.12.2016 को दिया गया है? यदि हाँ, तो मुआवजा देने की क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या श्री दुबे द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत बिरसिंहपुर पाली, तहसील कार्यालय से आवेदन के संबंध में जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो उन्हें जानकारी कब दी गई तथा क्या दी गई? (ग) माननीय मुख्यमंत्री के सुन्दरदादर जाने के समय हेलीपेड खेत में बनाया गया था तथा रास्ते के लिए प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरे की जमीन का उपयोग किया गया था, तो उसका आदेश किसके द्वारा तथा किस ऐजेन्सी को दिया गया? पूर्ण जानकारी दें। (घ) क्या इस प्रकरण पर कोई जाँच एस.डी.एम. द्वारा करायी गई थी? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन क्या था? उसमें कलेक्टर उमरिया द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या उक्त जमीन में रास्ता बनाने हेतु भूमि स्वामी की सहमति ली गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें क्या पटवारी, कानूनगो एवं तहसीलदार दोषी हैं? यदि हाँ, तो क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों? उक्त जमीन का मुआवजा कब तक दिलाया जायेगा। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी बिरसिंहपुर पाली द्वारा आवेदक के आवेदन को सुनवाई उपरांत निरस्त किए जाने से मुआवजा देने की कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय मुख्य मंत्री के सुन्दरदादर जाने के समय हेलीपेड खेत में बनाया गया था तथा रास्ते के लिए प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरे की जमीन का उपयोग किया गया था, क्यों कि उक्त खसरा नंबर की भूमि अनुविभागीय अधिकारी के दा.प्र.क्र./12/145-146/जा.फौ./2004-05 में दिनांक10.11.2006 को न्यायालय द्वारा कुर्क की जाकर तत्कालीन सरपंच की सुपुर्दगी में दिया गया था और उक्त दिनांक से अंत्योदय मेला कार्यक्रम दिनांक 15.10.2016 तक सुन्दरदादर स्थित भूमि खसरा 350, 351, 352 शासकीय तौर पर पूर्व सरपंच की सुपुर्दगी में थी एवं सन् 2006 से संपूर्ण रूप से पड़त थी। कार्यक्रम के समय प्रश्नाधीन भूमि हेलीपेड तक जाने के लिये सुपुर्ददार पूर्व सरपंच से मौखिक सहमति ली जाकर एवं वर्तमान सरपंच के संज्ञान में लाकर जनहित में आयोजित अंत्योदय मेला हेतु आवेदित भूमि अस्थाई तौर पर लोक निर्माण विभाग द्वारा हेलीपेड तक जाने के लिये अस्थाई रास्ता बनाकर उपयोग किया गया था, जिससे प्रश्नाधीन भूमि के स्वरूप में किसी प्रकार का स्थायी परिवर्तन नहीं हुआ है। (घ) इस प्रकरण में मुआवजे का आवेदन दिये जाने पर एस.डी.एम. द्वारा जाँच करवाई गई थी एवं जिसमें तत्कालीन तहसीलदार द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि खण्ड स्तरीय अंत्योदय मेला दिनांक 15.10.2016 हेतु हेलीपेड पर पहुंचने के लिये आवेदक की माता के नाम की भूमि स्वामी के हक की प्रश्नाधीन भूमि पर अस्थायी एवं अल्प कालिक मार्ग बनाया गया था, जिसे तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पाली के निर्देशानुसार हटवा दिया गया था। आवेदित आराजियां अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में शासन के पक्ष में कुर्क है एवं लगभग 07 वर्ष से पड़त पायी गयी। भूमि के मूल स्वरूप में परिवर्तन की शिकायत निराधार पाये जाने पर मुआवाजा दिये जाने हेतु आवेदक द्वारा प्रस्तुत प्रकरण क्रमांक/29/अ-74/2016-17 दिनांक 15.01.2018 को विधिवत कार्यवाही कर खारिज किया जा चुका है। (ड.) उक्त जमीन में रास्ता बनाने हेतु भूमि स्वामी की सहमति नहीं ली गई थी, उक्त खसरा नंबर की भूमि अनुविभागीय अधिकारी के दा.प्र.क्र./12/145-146/जा.फौ./2004-05 में दिनांक 10.11.2006 को न्यायालय द्वारा कुर्क की जाकर तत्कालीन सरपंच की सुपुर्दगी में दिया गया था और उक्त दिनांक से ग्राम सुंदरदादर स्थित भूमि खसरा 350, 351, 352 शासकीय तौर पर पूर्व सरपंच की सुपुर्दगी में थी तथा पड़त थी एवं वर्तमान सरपंच के संज्ञान में लाया गया था, अनुविभागीय अधिकारी के दा.प्र.क्र./12/145-146/जा.फौ./2004-05 में दिनांक 29.09.2017 को आदेश पारित कर कमला देवी का आवेदन खारिज किया जाकर पूर्व कब्जेदार रामकुमार उपाध्याय पिता जमुना उपाध्याय आदि के पक्ष में कबजा बहाल कर सुर्पुददार से कब्जा दिलाया जा चुका है, जिसकी पुनरीक्षण याचिका आवेदिका कमला देवी जो आवेदक की माता है, द्वारा माननीय जिला न्यायाधीश उमरिया के समक्ष प्रस्तुत की जा चुकी है और प्रकरण लंबित है, आवेदिका कभी भी उक्त भूमि पर काबिज नहीं रही है और भूमि पड़त होने के कारण जनहित में अंत्योदय मेला के कार्यक्रम के लिये अस्थाई रास्ता बनाया जाने से भूमि के स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हुआ है, इसलिये मुआवजे का आधार नहीं बनता है। इसमें पटवारी, कानूनगो एवं तहसीलदार दोषी नहीं है।
प्याज खरीदी, भण्डारण, परिवहन एवं विक्रय में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 2817 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें प्याज का स्टॉक किया गया था? उसमें से कितनी प्याज वितरण की गई है? स्टॉक एवं वितरण का जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक का ब्यौरा उपलब्ध करावें। जिलेवार बताते हुये जिले से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थी? उनका ब्यौरा दें तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उचित मूल्य की दुकानों में विक्रताओं द्वारा समय-सीमा में प्याज वितरण न करने पर बरसात में प्याज खराब हो गई है? यदि हाँ, तो क्या उसे फेंका गया है? यदि नहीं, तो उसका क्या उपयोग लिया गया है? फेंके गये प्याज का मूल्य क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के खराब प्याज की भरपाई किसके द्वारा की गई? इस पर सरकार क्या विचार कर रही है तथा खराब प्याज के संबंध में अब तक किस विभाग के द्वारा लापरवाही पायी गयी और लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अधिकारियों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्याज की भरपाई के लिये पन्ना जिले में किस-किस से वसूली की जावेगी? सरकार ने इस भाव के अंतर में दोनों का भुगतान करने के लिये कितनी राशि का भुगतान किया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सांची दुग्ध पार्लर का आवंटन
[पशुपालन]
92. ( क्र. 2852 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कहाँ-कहाँ सांची दुग्ध पार्लर आवंटित/स्थापित हैं? किस-किस व्यक्ति अथवा फर्म द्वारा संचालित हैं? क्या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, आरक्षित स्टॉल अथवा पार्लर आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ एवं किस-किस को? (ख) आलोट विधानसभा क्षेत्र में दुग्ध पार्लर आवंटन की क्या स्थिति है? विगत चार वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए एवं कितने पार्लर स्वीकृत हुए तथा कितने लंबित हैं? (ग) क्या आलोट दुग्ध उत्पादन क्षेत्र है तथा यहाँ पूर्व में दुग्ध शीत केन्द्र स्थापित था? यदि हाँ, तो क्या दुग्ध संघ दुग्ध आधारित उद्योग/प्लांट यहाँ प्रारभ करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) निरंक। विगत चार वर्षों में पार्लर हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में आलोट में उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ द्वारा मई 2012 से 10,000 लीटर क्षमता का दुग्ध शीत केन्द्र संचालित है। वर्तमान में नवीन दुग्ध प्लांट प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
आदर्श मत्स्य महासंघ का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
93. ( क्र. 2869 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य महासंघ के अधीन किन जिला क्षेत्र के कितने हेक्टेयर के कौन से जलाशय हैं और उनमें किन जिलों की मछुआ समितियां कार्यरत हैं तथा महासंघ व समितियों की भूमिकायें क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन जिलों में कितने हेक्टेयर के कितने जलाशय/तालाब हैं और उनमें कितनी पट्टाधारी मछुआ समितियां कार्यरत हैं तथा उनमें प्रश्नांश (क) महासंघ का नियंत्रण व मार्गदर्शन क्या है तथा इनके लिये पृथक से कोई जिला, क्षेत्रीय/संभागीय एवं राज्य स्तरीय संघ बनाया जाकर मछुआ समितियों को संगठित कर सुनियोजित विपणन द्वारा अधिक आय प्रदान कराने व कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की नीति बनायी गई है? (ग) महाराष्ट्र राज्य की मछुआ सहकारिता, आखेटन एवं विपणन नीति का स्वरूप व भूमिका क्या है और राज्य के मत्स्य महासंघ से तुलनात्मक भिन्नता क्या है? (घ) राज्य में बड़े, मध्यम, छोटे जलाशयों तथा ग्रामीण जलाशयों का समेकित महासंघ बनाने की दिशा में क्या योजना बनायी गई है? (ड.) क्या विभाग राज्य की प्रत्येक मछुआ सहकारी समितियों को समाहित कर और ठेकेदारी व बिचौलियाई प्रथा को समाप्त कर मछुओं के आर्थिक व सामाजिक कल्याण की दृष्टि से प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोई आदर्श राज्य स्तरीय महासंघ का स्वरूप बनाने हेतु विशेषज्ञों की कोई समिति गठित करेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। जलाशय का जल क्षेत्र जिन जिलों में होता है, उन जिलों की मछुआ समितियां इसमें कार्य करती हैं। इन जलाशयों में कार्यरत मत्स्य सहकारी समिति के सदस्यों से मत्स्याखेट का कार्य महासंघ के नियंत्रण में कराया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। जलाशयों में कार्यरत मत्स्य सहकारी समितियों के मछुआ सदस्यों से महासंघ के नियंत्रण में मत्स्याखेट कार्य कराया जाता है। जी नहीं। महासंघ द्वारा मछुओं की आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनायें संचालित है। (ग) प्रश्नाधीन महाराष्ट्र राज्य की मछुआ सहकारिता, आखेटन एवं विपणन नीति अन्य राज्य से संबंधित होने के कारण मत्स्य महासंघ से तुलनात्मक भिन्नता करना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायल 100 पर प्राप्त सूचनाओं की जानकारी
[गृह]
94. ( क्र. 2908 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन द्वारा प्रारंभ की गई डायल 100 योजनान्तर्गत विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई? प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कितने प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज की गई? (ख) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें झूठी सूचना दी गई? झूठी सूचना देने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) डायल 100 पर सूचना देने तथा इसके घटना स्थल पर पहुंचने के क्या नियम हैं? क्या किसी प्रकरण में सूचनादाता को भी थाने ले जाया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 9156 सूचनाएं प्राप्त हुईं। 331 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज की गई। (ख) 40 प्रकरणों में झूठी सूचना दी गई। झूठी सूचना देने वालों को समझाइश देकर छोड़ा गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) आम जनता द्वारा किसी आपदा में पुलिस सहायता के लिए 100 नंबर पर कॉल करने पर घटना स्थल पर शीघ्र से शीघ्र पुलिस सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। जी हाँ। घटना स्थल पर आवेदक व अनावेदक दोनों पक्ष उपस्थित रहते हैं तथा पुलिस स्टॉफ के द्वारा अगर उनकी शिकायत का निराकरण घटना स्थल पर नहीं किया जा सकता है अथवा पक्षों को थाने ले जाने की आवश्यकता है तो शिकायत के उचित समाधान के लिये पक्षों को थाने लाया जाता है।
नवीन राशन दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 2909 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन दुकाने हैं तथा इनसे कितने परिवार लाभान्वित हो रहे हैं? राशन दुकानवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या शासन द्वारा वर्ष 2017-18 में नवीन राशन दुकाने खोली जा रही हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या नियम हैं? सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ नवीन राशन दुकान खोली जा रही हैं? (ग) दुकानों का संचालन किसके द्वारा किया जावेगा? इसके लिये कितने आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने पात्र व अपात्र पाए गए? पात्र पाए गए चयनित आवेदक के शासन द्वारा निर्धारित दस्तावेज का परीक्षण किया गया या नहीं? परीक्षण उपरांत कितने सही पाए गए?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नवीन राशन दुकान खुलने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) दुकानों का संचालन आवंटिती संस्थाओं के द्वारा विक्रेता के माध्यम से किया जायेगा। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' में समाहित है।
कड़कनाथ मुर्गे को जी.आई. टेग
[पशुपालन]
96. ( क्र. 2919 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के कड़कनाथ मुर्गे को जी.आई टेग हासिल करने के लिए विभाग द्वारा कब-कब आवेदन किया? दिनांकवार जानकारी देवें? क्या उक्त मुर्गे के लिए अन्य प्रदेश ने भी दावेदारी की है? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भ में क्या झाबुआ कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को जी.आई. टैग के लिए कोई आवेदन किया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गयी? क्या विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में भौगोलिक संकेतक कार्यालय से कोई संवाद स्थापित किया गया यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या उक्त सन्दर्भ में संस्था जी.वी.टी. द्वारा 2014 में "झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे" के जी.आई टैग को लेकर कोई आवेदन किया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में पूरे प्रकरण की क्या स्थिति है? (घ) क्या विभाग की लापरवाही के चलते देश की अन्य प्रदेश सरकार उक्त मुर्गे का जी.आई टैग लेने का दावा कर रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) झाबुआ जिले के कड़कनाथ मुर्गे को जी.आई. टेग हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास ट्रस्ट झाबुआ द्वारा भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री कार्यालय चैन्नई में दिनांक 8.2.2012 को आवेदन प्रस्तुत कर कड़कनाथ मुर्गे की जी.आई. टेग की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। प्रकरण का आवेदन क्र. 378 है। विभाग द्वारा प्रकरण में ''पशुपालन विभाग, मध्यप्रदेश'' का नाम बतौर फैसिलिटेटर (co-applicant) जोड़ने हेतु भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री कार्यालय चैन्नई को पत्र क्रमांक 4831/पोल्ट्री/ए-58/जीआई/2017-18, दिनांक 01.05.2017 द्वारा आवेदन किया गया है। प्रकरण में अन्य प्रदेश की दावेदारी की अधिकारिक जानकारी नहीं है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा भौगोलिक संकेतक कार्यालय को कड़कनाथ मुर्गे को जी.आई. टेग के आवेदन क्रमांक 378 पर कार्यवाही करने व जी.आई. टेग शीघ्र जारी करने का अनुरोध पत्र क्रमांक 1677/दिनांक 20.02.2018 द्वारा किया गया है। विभाग द्वारा इस संबंध में सी.आई.आई. के उप निदेशक श्री अनिल पाण्डे तथा भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री कार्यालय चैन्नई से लगातार संवाद स्थापित किया जा रहा है। दिनांक 27.02.2018 को भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री कार्यालय चैन्नई के श्री प्रशांत वरिष्ठ परीक्षक से संवाद पर उन्होंने सूचित किया कि नोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। उक्त संदर्भ में संस्था जी.वी.टी. द्वारा वर्ष 2014 में नहीं बल्कि वर्ष 2012 में झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे के जी.आई. टेग को लेकर कोई आवेदन किया था। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे को जी.आई. टेग प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा आवेदन दिनांक से प्रयास किया जा रहा है।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 190, 110 के तहत नामांतरण
[राजस्व]
97. ( क्र. 2991 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 06.03.2017 प्रश्न क्रमांक 3324 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि धारा 190-110 के तहत किये गये नामांतरण में स्टाम्प ड्यूटी लिये जाने का कोई प्रावधन नहीं हैं? किन्तु धारा 190 के तहत किया गया नामांतरण अंतरण की श्रेणी में आता है। अत: इस पर देय स्टाम्प ड्यूटी वसूल करवाना राजस्व अधिकारी की जवाबदारी है। (ख) यदि हाँ, तो जब स्टाम्प ड्यूटी लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं हैं, तो राजस्व अधिकारी किस नियत के तहत तथा किस दर से वसूली की कार्यवाही करेंगे? (ग) नियम नहीं होने के कारण राज्य सरकार जो राजस्व की हानि हो रही है उसे रोकने के लिये क्या नियम बनाये जायेंगे? यदि हाँ, तो नियम कब तक बनाये जायेंगे तथा उन्हें कब से लागू किया जायेगा? (घ) यदि राज्य शासन इस संबंध में नियम बनाता है, तो क्या पुराने प्रकरण जिनमें राजस्व की हानि हो चुकी है, उसकी भी वसूली का प्रावधान उसमें रखा जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं, प्रश्न 3324 के प्रश्नांश (ग) में उत्तर दिया गया था कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में ऐसा प्रावधान नहीं है। किन्तु धारा 190 के तहत किया गया नामांतरण अंतरण की श्रेणी में आता है। अत: इस पर देय स्टाम्प ड्यूटी वसूल करवाना राजस्व अधिकारी की जवाबदारी है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रावधान होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस के आधुनिक अस्त्र-शस्त्र एवं अन्य आधुनिकीकरण की जानकारी
[गृह]
98. ( क्र. 3031 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग को वर्ष 2011 से 2016 के दौरान कुल उपलब्ध निधि 349.53 करोड़ रुपये के विरूद्ध 316.47 करोड़ रुपये थी? उपलब्ध निधियों की वृद्धि व्यय की प्रगति धीमी क्यों थी? मार्च 2016 की स्थिति में 33.06 करोड़ रुपये (केन्द्रांश और राज्यांश) अभी भी अप्रयुक्त था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या निधियों को 6 वर्षों पश्चात भी व्यय न करना वित्तीय प्रबंधन एवं क्रय प्रबंधन की कमी को दर्शाता है, जिसके परिणामत: गृह मंत्रालयों द्वारा केन्द्रांश की विमुक्ति में कमी हुई? स्वीकृत केन्द्रीय सहायता 289.85 करोड़ रुपये के विरूद्ध क्या रू. 197.06 करोड़ विमुक्ति किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार 92.79 करोड़ और अनुपाती राज्यांश से वंचित रहना पड़ा जिसके कारण पुलिस के आधुनिकीकरण की योजना प्रभावित हुई। वर्ष 2015-16 के लिए गृह मंत्रालय द्वारा म.प्र. शासन को विमुक्ति 23.42 करोड़ केन्द्रांश और 17.87 करोड़ राज्यांश को मार्च 2016 तक विमुक्त नहीं किया गया था? इसकी स्थिति वर्तमान में क्या है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में रीवा संभाग को वर्ष 2011 से प्रश्नांश दिनांक तक में पुलिस बल के आधुनिकीकरण बाबत् कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का कब-कब किन कार्यों हेतु व्यय किन माध्यमों से किया गया। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निधियों का उपयोग कर पुलिस के आधुनिक अस्त्र-शस्त्र एवं अन्य आधुनिकीकरण बाबत् कार्यवाही नहीं कराई गयी? जिसके कारण अपराधों में वृद्धि हुई? प्राप्त राशि का समुचित उपयोग न कर फर्जी बिल वाऊचर एवं घटिया सामग्री क्रय कर दुरुपयोग किया गया? इसके लिए जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उपलब्ध निधि प्राप्त होने पर प्रत्येक वर्ष में प्रक्रियानुसार व्यय किया गया है। मार्च 2016 की स्थिति में 33.06 करोड़ राशि अव्ययित थी, जो वर्तमान में रू. 5.26 करोड़ शेष है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्पष्ट है कि राशियों का व्यय किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पुलिस आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत राशि राज्य स्तर पर प्राप्त होती है। पृथक-पृथक संभाग अथवा जिला को राशि आवंटित नहीं होती है। जिससे प्रस्ताव में अनुमोदित सामग्री क्रय कर समस्त पुलिस इकाईयों की उनकी मांग अनुसार सामग्री आवंटित की जाती है। (ड.) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमियों का आवंटन एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[राजस्व]
99. ( क्र. 3032 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 63 (1082) दिनांक 29.11.2017 के तारतम्य में शासकीय भूमियों को समदडि़या मेसर्स जबलपुर को देना बताया गया, लेकिन जमीन आवंटन के पूर्व क्या विधि प्रक्रिया अपनाई गयी का विवरण नहीं दिया गया? भूमिया के आवंटन पूर्व शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं कराया गया, क्यों? निविदा एवं विज्ञापन की कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि व्यक्ति विशेष बिल्डर को लाभान्वित किया जा रहा, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय जमीनों/ भू-खण्डों को कम कीमत पर व्यक्ति विशेष बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिये विधि प्रक्रिया का पालन किए बगैर आवंटित/देने से शासन के हुए राजस्व की नुकसानी के लिये शासन एवं प्रशासन के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? शासन को हुई आर्थिक क्षति की वसूली के साथ संबंधितों पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करते हुये भूमि का आवंटन निरस्त करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना के अन्तर्गत निम्नानुसार 3 शासकीय भूमियों का आवंटन मेसर्स समदडिया बिल्डर्स प्राईवेट लिमेटेड जबलपुर को किया गया है। 01. सिरमौर चैराहा बाल भारती स्कूल के सामने स्थित 16782.00 वर्ग मी. शासकीय भूमि में से 15000.00 वर्ग मी.। 02. एस.पी. बंगले के सामने स्थिति 4718.45 वर्ग मी. शासकीय भूमि। 03. शासकीय मुद्रणालय की 2300.00 वर्ग मी. भूमि का पुनर्घनत्वीकरण करते हुये संयुक्त भवन का निर्माण। भूमियों के आवंटन के पूर्व म.प्र.शासन द्वारा जारी पुनर्घनत्वीकरण नीति में दिये गये निर्देशो के तहत कार्यवाही की गई है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण नीति में दिये गये निर्देशो के तहत कार्यवाही की गई है। किसी व्यक्ति विशेष बिल्डर को लाभ नहीं पहुंचाया गया है जिसके कारण आर्थिक क्षति की वसूली का प्रश्न नहीं उठता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सालय में रिक्त पदों की पूर्ति एवं भवन निर्माण
[पशुपालन]
100. ( क्र. 3047 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र और राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक वर्षवार जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत कितने पशु चिकित्सालय कौन-कौन से नगर/ग्राम में स्वीकृत है? इनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त चिकित्सालयों में कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत हैं, कितने पद रिक्त हैं और क्यों? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) उक्त चिकित्सालयों में से कितने चिकित्सालय भवनविहीन हैं, कितने जीर्ण-शीर्ण हैं, कितने चिकित्सालयों के भवन निर्माण के प्रस्ताव प्रस्तावित हैं? कितने स्वीकृत हैं, इनके निर्माण कार्य कब प्रारंभ किए जायेंगे? कितने लंबित है और क्यों? कितने निर्माण कार्य प्रगतिरित है? तत्संबंध में जानकारी दें। (ड.) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 4 वर्षों में प्रेषित पत्रों को कब-कब प्रस्तावित किया गया? तत्संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा योजनाओं का आवंटन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु राशि का आवंटन जिले के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को आवंटित किया जाता है। वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले को आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है, रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत कोई भी पशु चिकित्सालय भवनविहीन एवं जीर्ण-शीर्ण स्थिति में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) माननीय विधायक श्री सचिन यादव के पत्र क्रमांक 51/पी.ए./दिनांक 12.4.2015 द्वारा ग्राम बिटनेरा विकासखंड भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र कसरावद में पशु चिकित्सालय खोलने की कार्यवाही हेतु उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं खरगोन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। उक्त के परिपालन में विभागीय निर्धारित मापदंड अनुसार ग्राम बिटनेरा में नवीन पशु औषधालय स्वीकृत कर संचालनालय के पत्र क्रमांक 10875/भोपाल दिनांक 19.09.2016 द्वारा राशि रू. 6.60 लाख स्वीकृत कर म.प्र. गृह निर्माण मंडल को जारी की गई हैं। भवन निर्माण हेतु टेंडर की कार्यवाही म.प्र. गृह निर्माण द्वारा की जा रही है।
पशु स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार शिविरों का आयोजन
[पशुपालन]
101. ( क्र. 3048 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधान सभा क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार शिविरों का आयोजन किया है? यदि हाँ, तो जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक आयोजित शिविरों का वर्षवार, विकासखण्डवार, ब्लॉकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) उक्त शिविरों में कितने पशुओं का पंजीयन किया गया? किस प्रकार के रोग पाए गए? क्या गंभीर रोगों के लक्षण भी मिले हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शिविरों में कितने प्रकार की दवाएं पशु मालिकों को उपलब्ध कराई गई? शिविरवार, वितरित दवाओं का ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त क्षेत्र के सभी पशु चिकित्सालयों में ओ.पी.डी. एवं आई.पी.डी. की सुविधाएं उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। नहीं तो कारणों का उल्लेख करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शिविरों में पशुओं में किसी प्रकार के गंभीर रोग के लक्षण नहीं मिले। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के सभी चिकित्सालयों में ओ.पी.डी. की सुविधा उपलब्ध है पर किसी भी पशु चिकित्सालय में आई.पी.डी. की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। वर्तमान व्यवस्था अनुसार आई.पी.डी. की सुविधा जिला मुख्यालय पर संचालित पॉलीक्लीनिक पर उपलब्ध काई जाती है। पॉलीक्लीनिक, जिला खरगोन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, निर्माण कार्य पूर्ण होते ही आई.पी.डी. सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मत्स्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनायें
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
102. ( क्र. 3066 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत जबलपुर जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? वित्त वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक इन योजनाओं के अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से कार्य कराये गये? लाभांवित हितग्राही की संख्या, ग्राम, लाभांवित राशि सहित तहसीलवार सूची देवें। (ख) जबलपुर जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर मछली पालन केन्द्र स्थापित हैं एवं किस-किस केन्द्र पर कितना-कितना मछली का बीज वित्त वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक वितरित किया गया एवं कितना उत्पादन हुआ एवं मछली बेचने से कितना राजस्व प्राप्त हुआ? वर्षवार, केन्द्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में जबलपुर जिले को किन-किन मदों के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं इसके परिप्रेक्ष्य में किस-किस योजनान्तर्गत कितना-कितना व्यय हुआ? इस व्यय का लेखा परीक्षण कब-कब किसने किया एवं क्या विसंगतिया पाई गई? इन विसगंतियों पर किसके ऊपर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार।
तालाबों का संरक्षण एवं संवर्धन
[राजस्व]
103. ( क्र. 3067 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में तालाबों के संरक्षण एवं संवर्धन के क्या नियम हैं? पाटन विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने एवं कहाँ-कहाँ शासकीय, सार्वजनिक एवं निस्तारी तालाब हैं? वर्तमान में उनका रकबा कितना-कितना बचा है? वर्ष 1960 की स्थिति में उपरोक्त तालाबों का तालाबवार कितना-कितना रकबा था? वर्तमान में कितना-कितना रकबा बचा है? (ख) उक्त में से किन-किन तालाबों को पूर कर विनिष्टीकरण किया गया है? उक्त तालाबों पर अतिक्रमण, विनिष्टीकरण नहीं रोकने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेवार हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 251 के तहत प्रावधान है। जिले की विधानसभा क्षेत्र पाटन के अंतर्गत शासकीय, सार्वजनिक एवं निस्तारी तालाबों एवं तालाबवार रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी तालाबों का रकबा सूची में दर्षित अनुसार पूर्ववत् है। (ख) सभी तालाब पूर्ववत् होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता हैं।
पट्टेदारों को कब्जा दिलाया जाना
[राजस्व]
104. ( क्र. 3200 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर अंतर्गत राजस्व ग्राम मुडहाकला की आराजी क्रमांक 132, 133, 134, 135, 138, 162, 189, 270, 271, 272 कुल 10 किता रकबा 3.07 एकड़ का पट्टा बंदोबस्त सन् 1945-46 में दिया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त आराजियों के पट्टेदार कौन हैं? (ख) क्या उपरोक्त आराजियों में से आराजी क्रमांक 162 म.प्र. शासन शासकीय दर्ज कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस सन् में व किसके आदेश से? विवरण सहित बतायें। क्या उक्त आराजी में विद्यालय बनवा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों ? क्या इस आराजी का मुआवजा संबंधीजन को भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों क्या? मुआवजा भुगतान किया जावेगा? (ग) क्या तहसील रघुराजनगर के ही ग्राम रैगांव निवासी जीतलाल चौधरी पिता जगतदेव चौधरी एवं अन्य चार व्यक्तियों को वर्ष 2003 में राजस्व ग्राम निपनियां में आराजी क्रमांक 2 रकबा 6.93 एकड़ में से प्रत्येक व्यक्ति को 1.05 एकड़ का पट्टा भूमि आवंटन के तहत दिया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या इन अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आज दिनांक तक सीमांकन कराकर मौके से कब्जा क्यों नहीं दिलाया गया? क्या उक्त आवंटित जमीनें दबंगों के कब्जे में हैं, जो शासकीय कर्मचारी हैं? कब तक मौके से कब्ज़ा दिलाकर अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तहसील रघुराजनगर के राजस्व ग्राम मुडहाकला की प्रश्नांकित आराजियों का कुल रकबा 3.07 ए. वर्ष 1945-46 के पट्टा बन्दोबस्त खतौनी में श्री भजना और भागीराथी पिता वना चमार सा. मुडहाकला के नाम से दर्ज अभिलेख है। वर्तमान में उपरोक्त आराजियों के पट्टेदार/विवरण निम्नानुसार है :-
1. आ.नं. 132 रकबा
0.032
हे. श्री
रामजस, रामसिया
वगैरह
2. आ.नं. 133 रकबा 0.032
हे. श्री
रामजस, रामसिया
वगैरह
3. आ.नं. 134/1 रकबा 0.012
हे श्री मु. सरोज
बेवा रामलाल
वगैरह
4. आ.नं. 134/2/1 रकबा
0.006
हे. श्री
रुद्रकान्त
पिता
रामसजीवन
निगम
5. आ.नं. 134/2/2 रकबा
0.006
हे. श्री
रुद्रकान्त
पिता
रामसजीवन
निगम
6. आ.नं. 135 रकबा 0.089
हे. म.प्र. शासन
रास्ता
7. आ.नं. 138/1/क रकबा
0.014
हे. रामवती
पत्नी
सीताराम
8. आ.नं. 138/1/ख रकबा
0.014
हे. सीताराम
केशव प्रसाद
9. आ.नं. 138/2 रकबा 0.004
हे. हनुमान
प्रसाद पिता
श्यामसुन्दर
ब्रा.
10. आ.नं. 162 रकबा 0.073
हे. मु.
रामावतारी
बेवा बैजनाथ
11. आ.नं. 189 रकबा 0.065
हे. म.प्र. शासन
रास्ता
12. आ.नं. 271/1 रकबा 0.716
हे. ददन
प्रसाद
शिवबालक
13. आ.नं. 271/2 रकबा 0.405
हे. सुखलाल
पिता मुदानी
14. आ.नं. 271/3 रकबा 0.307
हे. सुन्दरलाल
पिता शिवबालक
15. आ.नं. 272 रकबा 0.837 हे. शासकीय आम रास्ता (ख) मुडहाकला की आराजी क्र. 162 वर्तमान समय में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख नहीं है। वर्तमान में उक्त आराजी मु. रामावतारी वेवा बैजनाथ के नाम से दर्ज अभिलेख है। उक्त भूमि में शासकीय विद्यालय नहीं बना है जिससे मुआवजा भुगतान किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) तहसील रघुराजनगर के ग्राम रैगांव निवासी जीतलाल चौधरी पिता जगतदेव चौधरी एवं अन्य 05 व्यक्तियों के नाम वर्ष 2001 में मौजा निपिनिया की आ.नं. 02 रकबा 6.93 एकड़ में प्रत्येक व्यक्ति को 1.05 एकड़ के मान से बंटन किया गया था। किन्तु श्री शिवरोमणि प्रसाद पिता नर्मदा प्रसाद वगै. जाति ब्रा.सा. निपनिया द्वारा उक्त बंटन के विरुद्ध मान्नीय द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश सतना में प्रस्तुत अपील क्र. 10ए/2011 संस्थित दिनांक 20.03.2006 में पारित निर्णय दिनांक 01.08.2012 के आधार पर न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार वृत्त रैगांव के रा.प्र.क्र. 11 अ 6 अ/2013-14 में पारित आदेश दिनांक 17.12.2015 द्वारा शिरोमणि प्रसाद पिता नर्मदा प्रसाद वगै. ब्रा.सा. देह के नाम से राजस्व अभिलेखों में (खसरा/खतौनी) दर्ज किये जाने हेतु आदेशित किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोदामों में भण्डारित चावल की स्थिति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 3209 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी स्थित भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में भण्डारित चावल रखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो चावल के भण्डारण का वर्ष, चावल की मात्रा, चावल का मूल्य, चावल की वर्तमान स्थिति एवं चावल का उठाव नहीं होने के कारणों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या चावल मानव उपयोग के लायक है या नहीं? यदि नहीं, तो रख-रखाव में लापवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) शासन को चावल की खरीदी एवं भण्डारण में हुए करोड़ों के नुकसान की भरपाई किस प्रकार की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मूर्ति तोड़ने/खंडित करने की घटना
[गृह]
106. ( क्र. 3258 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा जिला शिवपुरी के प्राचीन किले वाले महादेव मंदिर में दिनांक 2 दिसम्बर 2015 को मूर्ति तोड़ने/खंडित करने संबंधी प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) उक्त प्रकरण से संबंधित विवेचना किस अधिकारी द्वारा कराई गई? विवेचना कार्यवाही की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जावे। क्या घटना के दौरान करैरा बस्ती में साम्प्रदायिक स्थिति भी निर्मित होकर नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया था। व उस समय पुलिस अधीक्षक शिवपुरी भी मौजूद थे? उपरोक्त प्रकरण में कार्यवाही न होने के कारण भविष्य में साम्प्रदायिक स्थिति निर्मित हो सकती है? (ग) उक्त प्रकरण में पुलिस थाना करैरा द्वारा 03 दिवस तक अपराधिओं को गिरफ्तार करने का वादा भी किया था? यदि हाँ, तो घटना घटित प्रकरण में लगभग 18/19 माह उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं होने का क्या कारण है? कारणों से अवगत करावें व अपराधियों को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मूर्ति तोड़ने/खंडित करने की घटना के संबंध में थाना करैरा में अपराध क्रमांक 796/15 धारा 295 भारतीय दण्ड विधान पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया गया। आरोपियों की पतारसी के भरसक प्रयास किये गये। प्रयासों के बाद भी आरोपियों का पता नहीं लगने पर प्रकरण में खात्मा प्रकरण तैयार कर न्यायालय में स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया गया है। (ख) प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक अशोक सिंह परिहार, उपनिरीक्षक अशोक कुशवाह, सहायक उप निरीक्षक सुल्तान सिंह, निरीक्षक ओ.पी. आर्य द्वारा की गई थी। विवेचना की जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। घटना के संबंध में साम्प्रदायिक स्थिति निर्मित नहीं हुई थी, किन्तु राजमार्ग पर चक्काजाम किया गया था। कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से घटना दिनांक को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शिवपुरी भी करैरा गये थे। यह कहना उपयुक्त नहीं है कि प्रकरण में कार्यवाही नहीं होने के कारण भविष्य में साम्प्रदायिक स्थिति निर्मित हो सकती है। पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपियों की पतारसी के भरसक प्रयास किए गए हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) उत्तर उत्तरांश (क) में समाहित है।
प्रशिक्षण अधिकारियों एवं प्रशिक्षण अधीक्षकों की पदोन्नति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
107. ( क्र. 3269 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कौशल विकास विभाग में प्रशिक्षण अधिकारियों एवं प्रशिक्षण अधीक्षकों के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभाग में भर्ती नियमों में किन-किन पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था है तथा किन-किन पदों पर पदोन्नति नहीं किये जाने का प्रावधान है? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। क्या जिन पदों पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है, उन पदों पर भर्ती नियमों में संशोधन किया जाकर पदोन्नति की प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या कटिंग एवं टेलरिंग, ड्राइंग एवं मैथ्स, एम्ब्रायडरी, पेंटर, ड्रेस मेकिंग, हेयर एंड स्किन केयर तथा हिन्दी एवं अंग्रेजी मुद्रलेखन व्यवसाय क्या तकनीकी व्यवसाय के अंतर्गत आते हैं, जिनके प्रशिक्षण अधिकारियों को पदोन्नति की पात्रता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इसी आधार पर स्टेनोग्राफी हिन्दी एवं अंगेजी के प्रशिक्षण अधिकारियों को भी तकनीकी व्यवसाय मानने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन कर पदोन्नति देने के संबंध में विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या हिन्दी एवं अंग्रेजी स्टेनोग्राफी के प्रशिक्षण अधिकारियों का वेतनमान प्रशिक्षण अधीक्षक के समकक्ष है? यदि हाँ, तो क्या प्रशिक्षण अधीक्षकों को मिलने वाले प्राचार्य वर्ग 2 की पदोन्नति में भी हिन्दी एवं अंग्रेजी स्टेनोग्राफी व्यवसाय के प्रशिक्षण अधिकारियों को शामिल किया जावेगा? क्या इसके लिए भर्ती नियमों में संशोधन किये जाने की विभाग कोई कार्ययोजना तैयार कर रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं नवीन पुलिस चौकी स्थापना
[गृह]
108. ( क्र. 3291 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पुलिस विभाग के अंतर्गत पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के वर्गवार कितने-कितने पद रिक्त हैं? मैदानी अमले के विषय के संबंध में थानावार पुलिस चौकीवार जानकारी देवें। (ख) सिवनी जिले के पुलिस विभाग में खाली पदों को भरे जाने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या पुलिस थाना उगली में पुलिस बल की कमी है? जिसके कारण पांडिया छपारा व उगली क्षेत्र में अपराधों के नियंत्रण पर प्रभाव प्रड़ता है? यदि हाँ, तो क्या पुलिस बल बढ़ाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या पांडिया छपारा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकी स्थापित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) गृह (पुलिस) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है। वर्ष 2017 में कुल-77 (02 उप पुलिस अधीक्षक, 01 सूबेदार, 03 उप निरीक्षक एवं 71 आरक्षक) नवीन पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना जिले में की गई है। (ग) जी हाँ। जिले में उपलब्ध बल को युक्ति-युक्त तरीके से समस्त थानों/चौकी में पदस्थ किया गया है, जिससे थाना उगली के पांडिया छपारा एवं उगली क्षेत्र के अपराधों में नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
डिटरजेंट फैक्ट्रियों के प्रदूषण पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
109. ( क्र. 3335 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 04 वर्षों में नरयावली विधान सभा क्षेत्र में स्थित सिद्वगुवॉ एवं चनाटौरिया में संचालित डिटरजेंट फैक्ट्रियों द्वारा निकल रहे अवशिष्ट पदार्थों/अन्य कारणों से नजदीकी ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मण्डल सागर में शिकायतें की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो मण्डल/विभाग को प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि डिटरजेंट कंपनी द्वारा लगातार प्रश्न दिनांक तक कंपनी संचालित की जा रही है एवं अभी भी अवशिष्ट पदार्थों का बहाव एवं गैस रिसाव किया जा रहा है़ तो इस संबंध में विभाग ने कंपनी के विरूद्ध कब-कब, क्या कार्यवाही की? (घ) क्या डिटरजेंट कंपनी के प्रदूषण फैलाने पर रोक हेतु मण्डल द्वारा कार्यवाही की जावेगी तथा इसकी उच्च स्तरीय मानक जाँच नियंत्रण मण्डल सागर से हटकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। डिटरजेंट कंपनी मे. आर.एस.पी.एल. लि. यूनिट नं. 01 (चनाटोरिया) तथा मे. आर.एस.पी.एल.लि. यूनिट नं.02 (सिद्वगुवॉ) प्रश्न दिनांक तक संचालित है तथापि उनके द्वारा वर्तमान में अपशिष्ट पदार्थों का बहाव अथवा गैस रिसाव नहीं पाया गया है। समय-समय पर उद्योगों को स्थापित जलवायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के सतत् संचालन बाबत् चेतावनी पत्र जारी किये गये है, जिसके फलस्वरूप आर.एस.पी.एल.लि. यूनिट नं. 02 (सिद्वगुवॉ) पैकिंग एवं रॉ-मटेरियल हैण्डलिंग सेक्शन में बैग डस्ट कलेक्टर तथा बायलर हाउस में बैग फिल्टरों की स्थापना वर्ष 2017 में कराई गई है। (घ) डिटरजेंट कंपनी के द्वारा प्रदूषण फैलाने पर रोक/नियंत्रण हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर उद्योगों की जाँच कर सुधार कराये गये है एवं स्थापित किये गये प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थाओं के सतत् एवं सुचारू संचालन हेतु निर्देशित किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि की जानकारी
[राजस्व]
110. ( क्र. 3367 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या/म.प्र. विधानसभा के अतारांकित प्रश्न क्रमांक २८१६ दिनांक 26.07.2017 के उत्तर में कलेक्टर शहडोल द्वारा राजस्व आयुक्त भोपाल को पत्र क्र./१८/भू.अभि./ वि.स./२०१७/९४२ दिनांक १८-०७-२०१७ में यह जानकारी भेजी गई है कि शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील के राजस्व निरीक्षक मण्डल नंबर १ के पटवारी हल्का नंबर ७८ शहडोल नगर की भूमि खसरा नंबर २१५/५४७ रकबा ०.१२ एकड़ पुराना अभिलेख खसरा वर्ष १९५४-५५ एवं वर्तमान खसरा वर्ष २०१६-१७ अनुसार म.प्र. शासन की भूमि नहीं है और वर्तमान खसरा अनुसार श्रीमती सविता कटारे पति राकेश कटारे निवासी वार्ड क्रमांक २६ शहडोल भूमि स्वामी के रूप में दर्ज है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्नांकित भूमि को नामांतरण क्र./१०१ दिनांक १२.१०.२०११ द्वारा भूमि स्वामी सविता कटारे के नाम स्वीकार किया जाकर ऋण पुस्तिका क्रमांक एलएल ०५३९५१ प्रदाय की गई है। तथा भूमि स्वामी को निर्माण हेतु न्यायालय नजूल अधिकारी शहडोल द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र क्र/८४/अ-२० (४)/२०१३-१४ शहडोल दिनांक ०४ मार्च २०१४ को दी गई है। (ग) क्या प्रश्नांकित भूमि को नजूल भूमि मानकर तहसीलदार सोहागपुर द्वारा पत्र क्र./३६/रीडर/२०१८ दिनांक २५-०१-२०१८ से निर्माण पर रोक लगाया गया है और प्रकरण क्र./३५०/बी-१२१/२०१७-१८ के द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है। यदि हाँ, तो उपरोक्त संबंध में दस्तावेज सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जिला आबकारी अधिकारी शहडोल के पत्र क्रमांक आब/न्याय/2017/1104, दिनांक 20.5.2017 से प्रश्नाधीन भूमि निर्माण कार्य रोकने की शिकायत एवं आबाकरी विभाग का स्वत्व होने का दावा तथा शिकायतकर्ता श्री धमेन्द्र श्रीवास्तव वाद नंबर 35, परमठ, शहडोल के द्वारा की गई शिकायत के आधार पर न्यायालय तहसीलदार नजूल शहडोल में प्रकरण क्रमांक 350 बी 121/2017-18 पंजीबद्ध किया जाकर न्यायिक प्रक्रिया के तहत अनावेदक सविता कटारे को आहूत किया गया है। शिकायत की जाँच किये जाने तक उक्त स्थल पर न्यायिक प्रक्रिया के तहत यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया था। शिकायत एवं यथास्थिति बनाये रखने के सबंध में सुसंगत दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवगठित तहसील को अस्तित्व में लाना
[राजस्व]
111. ( क्र. 3373 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा के परिपालन में शासन द्वारा राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के टप्पा सुठालिया को नवीन तहसील बनाया गया है, जिसकी अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 22 दिसम्बर 2017 को प्रकाशित की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक नवीन तहसील को अस्तित्व में लाने के लिये क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नवीन तहसील सुठालिया में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहित कार्यालयीन अमले के पदों का सृजन एवं पदस्थापना तथा तहसील कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है अथवा की जाना है? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक समस्त आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण कर नवीन तहसील के माध्यम से लाभ मिलना प्रारंभ हो सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तहसील ब्यावरा के टप्पा तहसील सुठालिया को नवीन तहसील बनाये जाने के संबंध में म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा क्रमांक एफ 01-02/ 2017/सात-6 दिनांक 20/12/2017 से सूचना जारी की जाकर 60 दिवस में आपत्ति/सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसारा। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[राजस्व]
112. ( क्र. 3374 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1390 दिनांक 29 नवम्बर 2017 के उत्तर में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा तहसील नरसिंहगढ़ के ग्राम बैरसिया के मजरा-टोला गोल्यापुरा एवं नई दिल्ली तथा ग्राम सोनकच्छ का मजरा-टोला पुरा को पृथक राजस्व ग्राम बनाने हेतु प्रस्ताव परीक्षण में हैं? कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया हैं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त मजरे-टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा तहसील नरसिंहगढ़ के ग्राम बैरसिया के मजरा गोल्यापुरा तथा नई दिल्ली एवं ग्राम सोनकच्छ का मजरा टोला पुरा को पृथक राजस्व बनाने की प्रक्रियाधीन कार्यवाही में पाया गया है कि मजरा टोला गोल्यापुरा व नई दिल्ली एवं मजरा टोला पुरा अपने मूल ग्राम की आबादी क्षेत्र से 02 कि.मी. परिधि के अंदर स्थित होन से राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते। अतः उपरोक्त मजरे टोलों को पृथक से राजस्व घोषित नहीं किया जा सकता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
विधानसभा प्रोटोकाल का उल्लंघन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 3378 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत 3 वर्ष में खरगोन जिला कार्यालय द्वारा प्रश्नकर्ता को विधानसभा में पूछे गये प्रश्न का जवाब विधानसभा प्रश्न दिनांक से कई दिन पूर्व प्रेषित किया जा रहा है। इस कार्य को करने वाले अधिकारी का नाम व पद, पत्र की प्रति सहित सूची देवें। क्या विधानसभा में प्रश्नोत्तर पटलित होने के पूर्व इस तरह का कार्य विधानसभा प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं हैं? इस अवैधानिक कार्य को करने वाले अधिकारी पर की गई विभागीय कार्यवाही की जानकारी। (ख) यदि उक्त प्रकार की घटना विभाग में पूर्व में कभी घटित हुई हो तो प्रश्न क्रमांक, अधिकारी के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त प्रकरण पर विभागीय खरगोन/इंदौर कार्यालय द्वारा विभागीय मंत्रालय से हुए पत्राचार की प्रति देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विधानसभा शीतकालीन सत्र दिसंबर 2016 में एक बार तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड खरगोन द्वारा विधानसभा में पूछे गये प्रश्न का जवाब विधानसभा सदन में उत्तर के दिनांक के पूर्व प्रेषित किया गया था। इस कार्य को करने वाले अधिकारी का नाम श्री बी.एस. अचाले, सहायक यंत्री, (तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री, खरगोन) है। जी हाँ। संबंधित अधिकारी को चेतावनी देते हुए भविष्य में पुनरावृत्ति न करने हेतु सचेत किया गया है। (ख) विभाग में पूर्व में इस प्रकार की घटना घटित होने की जानकारी नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राहत राशि का आवंटन, बैंक ऋण एवं बिजली बिल वसूली स्थगित करना
[राजस्व]
114. ( क्र. 3386 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में सूखाग्रस्त घोषित किये गए जिलों की तहसीलों में से किन-किन तहसीलों को गंभीर, अतिगंभीर, मध्यम एवं सामान्य सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? जिलेवार, तहसीलवार जानकारी दें। (ख) क्या सूखे के कारण नष्ट हुई फसलों की राहत राशि देने के लिए राशि जिलों को आवंटित की गयी है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी एवं आवंटित राशि के विरुद्ध किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों में कितने-कितने किसानों को कितनी राशि आवंटित कर दी है? जिलेवार तहसीलवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो कब तक आवंटित कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) की सूखाग्रस्त जिलों की तहसीलों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए एवं किसानों को राहत, ग्रामीणों को रोजगार एवं पेयजल की व्यवस्था के लिए बैंक ऋण वसूली, बिजली बिल वसूली आदि स्थगित करने जैसे कदम क्या शासन द्वारा उठाये गए हैं? यदि हाँ, तो क्या क्या? जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या सरकार कोई कदम उठाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) शेष विषयों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
खसरे में दर्ज शासकीय भूमि की जानकारी
[राजस्व]
115. ( क्र. 3404 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के ग्राम ललितपुर नं. 1 तहसील अमरपाटन की आराजी नं. 442/1 रकबा 7.5 हे. एवं आराजी नं. 442/2 रकबा 10 हेक्टेयर में शासकीय भूमि जंगल दर्ज था। यदि हाँ, तो खसरे की प्रति देवें। (ख) आराजी नं. 442/1 राजस्व प्रकरण क्रमांक 295/अ-74, 94-95 एवं आराजी नं. 442/2 राजस्व प्रकरण क्रमांक 106ए74/2002-03 में इन भूमियों का नामांतरण किन-किन लोगों के नाम पर किस अधिकारी ने किया था? (ग) क्या उपरोक्त नामांतरण विधि के अनुकूल था? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। यदि नहीं, तो दोषी पट्टेदारों एवं अधिकारियों का नाम सहित उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? समयावधि बतायें। (घ) क्या 442/1 क,ख,ग, के शासकीय आराजी के पट्टेदारों को लाभ पहुंचाने बिना परीक्षण क्योटी नहर से मुआवजे का भुगतान (एवार्ड) दिया गया हैं? यदि हाँ, तो मुआवजे के राशि की वसूली कब तक की जावेगी एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समयावधि बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आराजी नं. 442/1 का नामान्तरण रा.प्र.क्र. 295 अ74/94-95 में ब्रजभान पिता श्यामलाल सिंह सा. पडरी के दलवीर सिंह पिता रामस्वरूप सिंह सा. पडरी के नाम अंश भाग 3.13 एकड़ नायब तहसीलदार वृत्त ताला के द्वारा किया गया था व आराजी नं. 442/2 रकबा 10.00 एकड़ नामान्तरण रा.प्र.क्र. 106अ74/2002-03 में दलवीर सिंह पिता रामस्वरूप सिंह सा. पडरी के तहसीलदार तहसील अमरपाटन के द्वारा किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में तहसीलदार तहसील अमरपाटन के रा.प्र.क्र. 01अ/2010-11 आदेश दिनांक 03.01.2017 से म.प्र. शासन पट्टे की भूमि को निजी स्वामित्व का पट्टा नामान्तरण निरस्त कर म.प्र. शासन रिकार्ड कर दिया गया है। (घ) जी हाँ। वसूली नियमानुसार की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चरनोई भूमि छोड़ने का प्रावधान
[राजस्व]
116. ( क्र. 3416 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में ग्रामों में चरनोई (छोटे घास) भूमि कितने प्रतिशत छोडने का प्रावधान है? (ख) क्या वर्तमान में चरनोई (छोटे घास) भूमि छोड़ने का प्रतिशत कम करने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या आगामी समय में शासकीय कार्यों के लिए कोई प्रावधान होगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि किसी ग्राम में चरनोई (छोटे घास) भूमि प्रावधान अनुसार प्रतिशत कम है, तो शासन के निर्माण कार्यों या शासन की योजना जो कि जनहित की हो, इस हेतु चरनोई (छोटे घास) भूमि का प्रतिशत कम करने हेतु कोई निर्णय लेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान में ग्रामों की कुल कृषि भूमि का 2 प्रतिशत चरनोई भूमि छोड़ने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबर टेण्डर एवं शासकीय हेल्पर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 3513 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हाल ही में विभाग द्वारा सम्पूर्ण राजगढ़ जिले में लेबर उपलब्ध कराये जाने हेतु टेण्डर लगाये थे? यदि हाँ, तो कब तथा किस आदेश से वरिष्ठ कार्यालय के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले की तरह प्रदेश के अन्य जिलों में भी हैण्डपम्प संधारण के लिये टेण्डर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी दरों पर स्वीकृत किये गये हैं? (ग) क्या राजगढ़ जिले में हैण्डपम्प संधारण के लिय शासकीय हेल्पर उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने हेल्पर हैं? टेण्डर के उपरांत उनका क्या उपयोग लिया जा रहा है? (घ) क्या राजगढ़ जिले में विभाग के पास शासकीय वाहन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने वाहन हैं? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? यदि चालू स्थिति में हैं तो टेण्डर होने के दिनांक से उनका क्या उपयोग किया जा रहा है? यदि चालू स्थिति में नहीं हैं तो क्या उनके नीलामी की कोई प्रक्रिया विचाराधीन है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। निविदा लागत (पी.ए.सी.) पर 36.24 प्रतिशत कम से लेकर 17.31 प्रतिशत अधिक तक दरें स्वीकृत हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त हेल्परों से हैण्डपम्प संधारण कार्य, जल नमूनों का संकलन एवं भंडार गृह तथा कार्यालय की चौकीदारी का कार्य कराया जा रहा है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। सभी वाहन अनुपयोगी हैं, उनके नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जेल के नवीन भवन का निर्माण
[जेल]
118. ( क्र. 3514 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर संचालित जिला जेल के नवीन भवन हेतु क्या शासन द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई हैं? यदि हाँ, तो कब, कहाँ और कितनी? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्तमान जिला जेल भवन अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर मुख्य बाजार में स्थित हैं, जिसमें वर्तमान में कैदियों की संख्या के मान से पर्याप्त स्थान नहीं है? जिससे कैदियों को रखने में परेशानी आती है? (ग) क्या शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई? उक्त शासकीय भूमि पर नवीन जेल भवन का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? (घ) यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कब तक चालू किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, दिनांक 10.05.2001 को राजगढ़ नगर में सर्वे क्रमांक 614 की 10 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान भवन की स्थिति उपयोग योग्य है। जेल भवन रहवासी क्षेत्र में है जिसमें कैदियों की संख्या के मान से आवास क्षमता कम है। कैदियों को आवास की कमी अवश्य है किन्तु उन्हें सभी सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पुनर्घनत्वीकरण योजना में मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को कार्यवाही करना है। समयावधि निश्चित करना संभव नहीं।
वन ग्राम जुगपुरा को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
119. ( क्र. 3528 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को वन विभाग द्वारा पट्टे की भूमि उपलब्ध करा दी है, लेकिन राजस्व ग्राम घोषित न होने से एवं राजस्व अभिलेख में दर्ज न होने के कारण शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ग्राम को राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जावेगा? (ग) वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ कब से मिलने लगेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। राजस्व ग्राम घोषित नहीं है, किन्तु शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। (ख) उत्तारांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तारांश (क) अनुसार।
नल-जल/हैण्डपम्प याजनाओं के नवीनीकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
120. ( क्र. 3529 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में विगत 3 वर्षों में कितनी नल-जल एवं नल उत्खनन (हैण्डपम्प) योजनायें स्वीकृत की गयी हैं एवं विधानसभा क्षेत्र बीना के लिये कितनी आवंटित की गयी हैं? विगत वर्षों से जर्जर हालत में संचालित नल-जल/हैण्डपम्प याजनाओं के नवीनीकरण हेतु क्या प्रावधान है? (ख) ग्राम-खिमलासा एवं मंडीवामोरा की जर्जर हालत में संचालित नल-जल योजना के नवीनीकरण या नवीन नल-जल योजना स्वीकृत करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना में बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 7 नल-जल योजनाएं तथा 916 हैण्डपम्प योजनाएं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है, जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। (घ) निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि
[राजस्व]
121. ( क्र. 3578 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में ''जंगल मद और गैर जंगल मद'' में दर्ज जमीनों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 धारा 4 एवं धारा 20 में अधिसूचित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज जमीनों को भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिए गए? किस-किस अधिकार या छूट के अनुसार धारा 29 धारा 4 एवं धारा 20 में अधिसूचित किये जाने का प्रावधान दिया गया है? (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा के अनुसार वन विभाग द्वारा धारा 20 धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित भूमियों को पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी से पृथक किए जाने का अधिकार किस-किस अधिकारी को प्रदान किया है? (घ) पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज जमीनों को संबंधित ग्राम की सीमा से बाहर की भूमि माने जाने का अधिकार किस अधिसूचना के अनुसार वन विभाग को प्रदान किया है? प्रति सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 एवं 20 में शासकीय/अशासकीय भूमियां इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरक्षित/संरक्षित की जाती है। उक्त में प्रश्नांश (क) में लिखित जंगल एवं गैर जंगल दर्ज जमीनें भी सम्मिलित रहती है। (ख) पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज जमीनों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29, धारा 4 एवं धारा 20 में/एम.पी एल.आर.सी 1959 में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20, 29 एवं 4 में भूमि अधिसूचित करने का प्रावधान वन व्यवस्थापन अधिकारी को है। (घ) वन विभाग को ऐसे कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।
व्यापम परीक्षा एवं परीक्षा शुल्क निर्धारण की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
122. ( क्र. 3616 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राजपत्र में दिनांक 04.10.2013 को व्यापम की परीक्षा आयोजित किए जाने एवं परीक्षा शुल्क निर्धारित किए जाने के संबंध में नियम प्रकाशित करने का क्या कारण रहा है? (ख) दिनांक 04.10.2013 को नियम प्रकाशित किए जाने के पूर्व व्यापम ने किस अधिकार से कितनी परीक्षाओं का आयोजन कितने पदों के लिये किया एवं इसके लिये कितनी फीस ली? परीक्षावार, फीसवार, पदवार बतावें। (ग) इसके लिये शासन ने किसकी जिम्मेदारी निर्धारित की एवं इस पर क्या कार्यवाही की?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) व्यावसायिक परीक्षा का गठन सर्वप्रथम प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन हेतु किया गया था। तत्पश्चात 2007 से प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ भरती परीक्षाओं का आयोजन किया जाने वाले भरती परीक्षाएं एक से अधिक विभाग एवं समकक्ष शैक्षणिक योग्यता वाले पदों के लिये समूह/उपसमूह में कराना आवश्यक होने से दिनांक 04.10.2013 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अहर्ता) परीक्षा नियम-2013 का निर्माण किया जाकर व्यापम को विभिन्न समूह में भरती परीक्षाएं आयोजित करने एवं शुल्क निर्धारिण हेतु विनिर्दिष्ट किया गया है। (ख) दिनांक 04.10.2013 से राजपत्र जारी होने के पूर्व म.प्र. राजपत्र दिनांक 01.09.2007 के प्रकाश में प्रशासकीय विभाग एवं अन्य विभागों की अनुशंसा पर भरती एवं प्रवेश तथा पात्रता परीक्षाएं आयोजित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2/3 अनुसार है। (ग) प्रोफेशन एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा सभी कार्य शासन के निर्देशानुसार एवं गठित संचालक कार्यपालिक समिति द्वारा पारित निर्णय एवं निर्देश के अंतर्गत नियमानुसार संपादित किये जाते हैं।
वित्तीय अनियमितता की जाँच
[श्रम]
123. ( क्र. 3652 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्तमान में श्रम पदाधिकारी के पद पर कौन पदस्थ है तथा बालाघाट पदस्थापना के दौरान उन्होंने कहाँ-कहाँ, कितना, किस कार्य हेतु व्यय किया? (ख) क्या विभागीय कार्य हेतु लिया गया वाहन उनका स्वयं का है तथा घरेलू वाहन का उपयोग कर शासन द्वारा प्रदाय वाहन की राशि स्वयं ही उपभोग कर रहे हैं? जिले में वर्तमान श्रम अधिकारी ने कब-कब कहाँ-कहाँ दौरा किन-किन कारणों से किया तथा निरीक्षण के दौरान किस-किस कार्य पर कौन-कौन सी कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) वर्तमान में श्रम पदाधिकारी बालाघाट का पद रिक्त है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
124. ( क्र. 3653 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध कॉलोनी क्षेत्र में निजी प्लॉट धारकों के सीमांकन के क्या नियम हैं तथा इन क्षेत्रों में राजस्व शुल्क किन आधारों पर वसूला जाता है? (ख) बालाघाट जिले में कॉलोनाईजर एक्ट के आधार पर किन-किन भू-मालिकों पर कार्यवाही वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की गई साथ ही कौन-कौन पंजीकृत कॉलोनाईजर हैं? (ग) बालाघाट तहसील में पटवारी हल्का नंबर 13/2 से अब तक कौन-कौन से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही हुई? साथ ही पटवारी हल्का नंबर 13/2 में स्थित खसरा क्रमांक 327/3 पर किस-किस भू-माफिया द्वारा अवैध रूप से राजस्व एवं रेल भूमि तथा गरीब प्लाट धारकों के प्लॉट पर कब्जे की शिकायतें प्राप्त हुई तथा क्या कार्यवाई की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अवैध कालोनी क्षेत्र में भी सामान्य क्षेत्र के अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता १९५९ की धारा १२९ के तहत् शासन द्वारा तय सीमांकन शुल्क ५०/- रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से लिया जाकर सीमांकन किया जाता है। (ख) बालाघाट जिले में कॉलोनाईजर एक्ट के तहत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर १२२ प्रकरण दर्ज किये गये है, प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय पारित होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जा सकेगी। बालाघाट जिले में 22 पंजीकृत कॉलोनाईजर है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालाघाट तहसील के पटवारी हल्का नंबर १३/२ में पवन चंदानी के नाम से एक शिकायत दिनांक २३-०१-२०१८ को प्राप्त हुई है, जिसमें खसरा नं. ३२७/३ की भूमि का सीमांकन किये जाने हेतु शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर से राजस्व निरीक्षक द्वारा दिनांक ०२-०२-२०१८ को खसरा नंबर ३२७/३ की भूमि का सीमांकन किया गया है। पटवारी हल्का नंबर १३/२ में स्थित भूमि खसरा नंबर ३२७/३ पर शारदा विधवा चन्दनलाल का नाम दर्ज था जिसके द्वारा छोटे-छोटे आवासीय भू-खण्ड बनाकर लगभग २० से २५ वर्ष पूर्व से बिक्री किया गया है। रेल्वे विभाग की भूमि पर कोई प्लाट नहीं बेचे गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अति-ओलावृष्टि वाले क्षेत्रों में किसानों की कर्ज माफी
[राजस्व]
125. ( क्र. 3672 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे सिवनी जिले में 13 फरवरी 2018 को हुई अति-ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल गेहूँ चना सहित अन्य दलहन की फसलें बर्बाद हो गई हैं? (ख) क्या ओलावृष्टि से प्रभावित हुये जिलों को एवं सिवनी जिले सहित सिवनी विधानसभा क्षेत्र के किसानों की गेहूँ, चना सहित अन्य दलहन की फसलें चौपट हो जाने के पश्चात किसानों के बैंको के कर्जे एवं खाद-बीज के कर्ज माफ किये जाने का सरकार के पास कोई प्रावधान हैं? क्या किसानों के कर्ज माफ करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो, कारण सहित बतायें कि किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं किये जा सकते?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, सिवनी विधानसभा क्षेत्र सहित सिवनी जिले के अंतर्गत तहसील सिवनी, छपारा, केवलारी, कुरई एवं बरघाट कुल पाँच तहसीलों में दिनांक 13 फरवरी 2018 को हुई ओलावृष्टि से खेतों में खडी फसलों की क्षति हुई है। (ख) ओलावृष्टि तथा असमयिक वर्षा से प्रभावित फसलों हेतु राहत राशि पात्रतानुसार दिए जाने का प्रावधान है। शेष विषयों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के संबंध में
[राजस्व]
126. ( क्र. 3688 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय कब से प्रारंभ किया गया है? (ख) क्या इसे स्थाई सब-डिवीजन कार्यालय का दर्जा मिला हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें इस विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? नाम, पद कब से कार्यरत हैं, की सूची प्रदान करें। (ग) क्या गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय का स्वतंत्र भवन निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ पर स्थित है? यदि नहीं, तो इसका निर्माण कब तक कराया जावेगा। (घ) माननीय मंत्री महोदय ने बजट सत्र 2016 के दौरान सदन में वक्तव्य दिया था कि एक हफ्ते में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय भवन निर्माण के आदेश जारी कर दिये जावेंगे, उसके उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया? क्या कारण है? अवगत करावें। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय भवन निर्माण के आदेश कब तक जारी हो जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-1/2004/सात-6 भोपाल दिनांक 29.04.2004 के अनुसार स्वीकृत किया है l (ख) जी हाँ। अमला स्वीकृत नहीं है l (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) परीक्षाणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 3689 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई? ग्रामवार, जनपदवार एवं वर्षवार सूची प्रदान करें। (ख) स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से वर्तमान में कितनी चालू हैं एवं कितनी बंद हैं, की सूची प्रदान करें। (ग) जो नल-जल योजनायें बंद हैं, उनके बंद होने का क्या कारण है? (घ) बंद नल-जल योजनाओं को पुनः प्रारंभ करने हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा? बंद नल-जल योजनायें कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 14 योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है, जिसे रु. 20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
128. ( क्र. 3707 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-3242 दिनांक 06/12/2017 के उत्तर में उल्लिखित तथ्यों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही बतायें। (ख) भूमि के नक्शा बटांकन एवं नक्शा तरमीम के क्या शासनादेश हैं और इसके लिये क्या कोई प्रक्रिया एवं नियत अवधि में कार्यवाही पूर्ण करने के विभागीय निर्देश जारी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या भूमि के नामांतरण एवं खसरा बटांकन के सक्षम प्राधिकारी के आदेश के साथ ही नक्शा बटांकन एवं नक्शा तरमीम स्वमेव किये जाने के विभागीय निर्देश हैं? यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2016-17 से तहसीलवार भूमि नामांतरण एवं खसरा बटांकन के कितने एवं कौन-कौन से प्रकरणों में खसरा बटांकन के साथ ही नक्शा बटांकन किया गया और कितने एवं किन-किन प्रकरणों में इन विभागीय निर्देशों का पालन नहीं किया गया? तहसीलवार, प्रकरणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत नक्शा-बटांकन एवं नक्शा-तरमीम के वर्ष-2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कौन से आवेदन कटनी जिले में तहसीलवार किन-किन दिनांकों को सीधे तौर पर या लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्राप्त हुये और प्राप्त आवेदनों का कब-कब निराकरण कर नक्शा-बटांकन एवं नक्शा-तरमीम किया गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों के पालन न करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3242 दिनांक 06-12-2017 के उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार कार्यवाही लंबित नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) भूमि के नक्शा बटांकन एवं नक्शा तरमीम के संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1025/11-भू.प्र./2015 ग्वालियर दिनांक 15-06-2015 द्वारा निर्देश जारी किए गए। (ग) जी हाँ। कटनी जिले में वर्ष 2016-17 से तहसीलवार भूमि नामांतरण एवं खसरा बटांकन के प्रकरणों में खसरा बटांकन के साथ ही किए गए नक्शा बटांकनों की तहसीलवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (घ) कटनी जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक सीधे तौर एवं लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्राप्त आवेदन एवं उनके निराकरण की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ड़) शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों के पालन नहीं करने पर संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
विधायक निधि के अनुशंसित कार्यों को पूर्ण करना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
129. ( क्र. 3709 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1428 दिनांक 29/11/2017 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर ''प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक-6385 दिनांक-05/08/2017 से पुन: आवंटन हेतु आर्थिक सांख्यिकी विभाग को लिखा गया है'' दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक राशि आवंटित हो गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1428 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार अनुशंसित कार्य कराने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बतायें। (ग) कटनी जिले में वर्तमान में पेयजल उपलब्धता की क्या स्थिति है और क्या आगामी समय में पेयजल की कमी परिलक्षित हो रही है? यदि हाँ, तो इस स्थिति से निपटने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना अब तक बनाई गई है? यदि नहीं, तो कैसे? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत सदस्य विधानसभा द्वारा अनुशंसित कार्यों की अनुशंसा लगभग-02 वर्ष पूर्व प्राप्त होने पर भी अब तक कार्य पूर्ण न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी और क्या अनुशंसित कार्य कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, दिनांक 07.03.2018 को राशि रूपये 14.75 लाख जारी कर दी गई है। (ख) विभाग को राशि प्राप्त होने उपरांत अनुशंसित कार्य करवाये जा सकेंगे। (ग) कटनी जिले में वर्तमान में पेयजल की स्थिति सामान्य है तथा अल्पवर्षा के दृष्टिगत पेयजल व्यवस्था हेतु सूखा राहत अंतर्गत 678.00 लाख रूपये की कार्ययोजना बनाकर राहत आयुक्त को भेजी गई है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
शत्-प्रतिशत योजनाओं को चालू कर पेयजल वितरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
130. ( क्र. 3715 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना विभाग द्वारा स्वीकृति प्राप्त कर स्थापित की गई हैं? सूची देवें। वर्तमान में कितनी योजनाएं बंद हैं तथा कितनी योजनाएं चल रही हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम पंचायत दवारा कई ऐसी योजनाएं जो मूलभूत या अन्य मद से ग्राम पंचायत दवारा खर्च कर पाईप लाईन एवं मोटर पम्प स्थापित किये गये थे, जो वर्तमान में बंद पड़ी हैं परन्तु उसका रिकार्ड विभाग में न होने से उनका संधारण एवं देख-रेख नहीं हो रहा है तथा संचालन हेतु ग्राम पंचायतों के पास भी राशि नहीं है? क्या इस प्रकार की योजनाओं का भौतिक सत्यापन कर शत्-प्रतिशत योजनाओं को चालू कर पेयजल वितरण कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 71 ग्राम पंचायतों में, कुल 91 नल-जल योजनाएं। 87 चालू एवं 4 बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 11 पंचायतों में 12 नल-जल योजनाएं हैं, जिनमें ग्राम पंचायत द्वारा पाईप लाईन एवं मोटर पम्प स्थापित किये गए हैं। सभी योजनाएं चालू हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 3716 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल ऐसे कितने परिवार हैं जिन्हें वर्तमान तक खाद्यान्न पर्ची अप्राप्त हैं? सूची उपलब्ध करावें। क्या कारण है कि पात्र व्यक्तियों को प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची प्रदाय नहीं की गई? (ख) क्या विभाग दवारा शत् प्रतिशत खाद्यान्न पर्चियां उपलब्ध कराने हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही गई या की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करवा दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवार की श्रेणीवार पात्रता पर्ची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राही सीमा के अन्तर्गत पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार।
नल-जल योजना एवं पाईप-लाईन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 3723 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? इनमें से कितनों का कार्य पूर्ण हो गया है तथा कितनों का अपूर्ण हैं? (ख) वर्ष 2017-18 में नल-जल योजना के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं तथा कितने स्वीकृत हुए हैं? कितने अस्वीकृत किये गये हैं? अस्वीकृति का क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूण्डत और ग्राम पंचायत इंगोरिया में नल-जल योजना का कार्य अभी तक पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? इस संदर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी प्रदान करें। इंगोरिया में कुल कितनी पाईप लाईन स्वीकृत की गई थी और कितनी पाईप लाईन और लगाना है? क्या ग्राम पंचायत मुण्डत और ग्राम पंचायत इंगोरिया में अ.जा. ज.जा. बस्ती में आज भी पाईप लाईन नहीं डाली गई है? कितनी और पाईप लाईन डालना शेष है? क्या इस योजना का कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं किया गया है? इस योजना का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी के द्वारा किया गया है? दोनों ग्रामों की जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 6 ग्रामीण नल-जल योजनाएं। पूर्ण कोई भी नहीं। (ख) उत्तरांश-(क) के अतिरिक्त 4 प्रस्ताव जिसमें 2 प्रस्ताव मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत स्वीकृत एवं 2 प्रस्ताव जनभागीदारी योजना अंतर्गत प्राप्त होकर ग्राम लिम्बासा की डी.पी.आर तैयार की जा रही है एवं ग्राम बीराखेड़ी की जनभागीदारी की राशि अप्राप्त होने से उसका प्रस्ताव अस्वीकृत किया गया। (ग) योजनाओं के कार्य पूर्ण होकर जल प्रदाय टेस्टिंग कार्य किया जा रहा है। ग्राम इंगोरिया में कुल 7500 मीटर पाईप लाईन स्वीकृत की गई थी, जो सभी डाल दी गई है। दोनों ग्राम पंचायतों की अजा/जजा बस्तियों में पाईप लाईन डाली जा चुकी है। पाईप लाईन डालना शेष नहीं है। योजनाओं का कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जाकर सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
133. ( क्र. 3728 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सर्पदंश से, डूबने से और एक्सिडेंट में मृत्यु होने वाले कितने लोगों को राहत राशि का वितरण किया गया हैं? (ख) प्रदान की गई राहत राशि की जानकारी मृतक का नाम, वारिस का नाम, ग्राम का नाम एवं प्रदान की गई राशि की जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण प्राप्त हुए? उनमें कितने प्रकरण स्वीकृत हुए तथा कितने अस्वीकृत किये? अस्वीकृति का क्या कारण रहा? ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें राहत राशि स्वीकृत होने के बाद भी राशि का वितरण नहीं किया गया और राशि वितरण न होने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सर्पदंश से, डूबने से मृत्यु होने से 69 लोगों को राहत राशि का वितरण किया गया तथा एक्सीडेंट से मृत्यु के 10 प्रकरणों में संबंधित हितग्रहियों को भुगतान किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 80 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, इनमें से 79 प्रकरण स्वीकृत किये गये। 01 प्रकरण सूची के सरल क्रमांक 44 रेखाबाई राजू नायक में पोस्टमार्टम नहीं करने एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने से अस्वीकृत किया गया। उक्त विधानसभा क्षेत्र के ऐसे प्रकरण निरंक है, जिनमें राहत राशि स्वीकृत होने के बाद भी राशि का वितरण नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
राजनैतिक द्वेषतापूर्ण की गई शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
134. ( क्र. 3737 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस थाने पर आवेदन देने पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाती है या जाँच होने के बाद दर्ज की जाती है? (ख) यदि पुलिस थाने में कोई राजनैतिक द्वेषता एवं व्यक्ति के नाम गलत आवेदन देने पर एफ.आई.आर. दर्ज कर ली जाती है, तो विवेचना होती है या कार्यवाही की जाती है? (ग) दिनांक 08.06.2017 को पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार द्वारा दिये गये आवेदन में प्रश्नकर्ता के खिलाफ षड्यंत्र रचने का जो आरोप लगाया गया है? वह किस आधार पर लगाया गया है एवं पुलिस द्वारा इतने दिनों में की गई विवेचना की जानकारी देवें। (घ) पुलिस आने पर यदि किसी व्यक्ति द्वारा राजनैतिक द्वेषतापूर्वक गलत जानकारी देकर कार्यवाही करता है, तो क्या उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही का प्रावधान हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रथम सूचना प्रतिवेदन (एफ.आई.आर.) दण्ड संहिता की धारा 154 में वर्णित प्रावधान अनुसार की जाती है। (ख) एफ.आई.आर. दर्ज करने के पश्चात विवेचना की जाती है और विवेचना में पाए गए तथ्यों के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रकरण में विवेचना जारी होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। (घ) जी हाँ।
आई.टी.आई. संचालन की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
135. ( क्र. 3739 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में कितने विकासखण्डों में आई.टी.आई. चल रहे हैं? क्या नवीन आई.टी.आई. प्रारम्भ करने हेतु विकासखण्डों को श्रेणी में विभक्त किया गया है? यदि हाँ, तो श्रेणियों का विवरण देवें तथा उसके क्या-क्या मापदण्ड हैं? श्रेणीवार बतावें। (ख) कालापीपल विकासखण्ड में शासकीय आई.टी.आई. नहीं होने से यहां के छात्रों को शुजालपुर व सीहोर आई.टी.आई. में प्रवेश हेतु जाना पड़ रहा है। छात्रों की परेशानी को देखते हुऐ कालापीपल में नवीन आई.टी.आई. कब तक खोला जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) उज्जैन संभाग में 23 विकासखण्डों में शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। वर्तमान में प्रदेश में 119 विकासखण्ड ऐसे है जिनमें शासकीय आई.टी.आई. नहीं है तथा 58 विकासखण्ड ऐसे हैं जिनमें शासकीय/प्रायवेट आई.टी.आई. नहीं है। इतनी अधिक संख्या में संस्थाओं को एक साथ प्रारंभ करना संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुद्रण कार्य की जानकारी
[पशुपालन]
136. ( क्र. 3742 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र प्रवर्तित पशु बीमा योजना अंर्तगत प्रचार-प्रसार मद से कैलेण्डर, फोल्डर, पम्पलेट, सी.डी. इत्यादि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो किस संस्था से मुद्रण कार्य करवाया गया है? कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी संख्या में छपवाई गई तथा सामग्रीवार कितना व्यय हुआ? वर्ष 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक की वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुद्रण कार्य क्या निजी संस्थाओं से करवाया गया है? यदि हाँ, तो क्या नियंत्रक शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो प्रति देवें। क्या प्रशासकीय विभाग से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रक्रिया से मुद्रण कार्य नहीं कराया गया है? तो क्या उसकी जाँच की गयी है? यदि नहीं, तो क्या जाँच करायी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
137. ( क्र. 3746 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा आपराधिक घटनाओं के नियंत्रण हेतु लगातार सक्रियता से प्रयास किये जाने के बावजूद जिले में आपराधिक घटनाओं में कमी नहीं आ पा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में वर्ष 2017 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी चोरी, डकैती, लूट, हत्या, बलात्कार, मादक पदार्थों की तस्करी के साथ ही अवैध शराब विक्रय की जाना, जुआ सट्टा इत्यादि प्रकार के अपराध किन-किन थानों पर किन-किन वर्षों में कितने-कितने घटित हुए? जानकारी दें। (ग) उक्त वर्षों में घटित आपराधिक गतिविधियों के पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना के पश्चात किस-किस प्रकार की स्थिति रही यथा न्यायालय में न्याय हेतु कितने अग्रेषित हुए? कितने विचाराधीन होकर लंबित हैं? (घ) लंबित प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय, नजूल एवं राजस्व भूमियों का लीज पर आवंटन
[राजस्व]
138. ( क्र. 3748 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग अंतर्गत रतलाम जिले में अनेक स्थानों पर विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किये जाने वाले जनहित कार्यों के कार्यालयों, भवनों, मैदानों के अतिरिक्त भी शासकीय, नजूल भूमियां एवं राजस्व भूमियां जिले भर में अनेक स्थानों पर होकर रिक्त पड़ी हैं अथवा विभिन्न कार्यों हेतु लीज पर दी गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन की राजस्व एवं नजूल भूमियां लीज पर दी जाने के साथ ही विभिन्न कार्यों हेतु व्यक्तियों, समूहों, फर्मों, एजेंसियों, संस्थाओं, उद्योगों इत्यादि प्रकार के कई अन्य भी प्रयोजनों हेतु लीज पर अथवा अनुबन्ध पर दी गयी हैं? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में म.प्र. गठन के बाद से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संस्थाओं को किन-किन वर्षों में किन-किन कार्यों के लिए, किन-किन शर्तों पर एवं कितने-कितने वर्षों तक के लिए लीज पर अथवा अनुबंध पर दी गयी है? (घ) कृपया अवगत कराएं कि म.प्र. गठन के बाद से लेकर प्रश्न दिनांक तक की नगर पालिका जावरा एवं पिपलौदा नगर परिषद् अंतर्गत मास्टर प्लान में सम्मिलित समस्त लीज एवं अनुबन्ध पर दी गयी राजस्व एवं नजूल की भूमियों का पंजी संधारण, मूल रिकॉर्ड शासन के भू-अभिलेख कार्यालयों यथा ग्वालियर कार्यालय, उज्जैन सम्भाग कार्यालय, रतलाम जिला कार्यालय एवं अनुविभागीय क्षेत्रान्तर्गत कार्यालयों के साथ ही अन्य किसी स्थानों पर उपलब्ध है, तो कृपया उपरोक्त जानकारी से अवगत कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जिला रतलाम अन्तर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों एवं संस्थाओं को शासन के प्रावधानों के अनुसार लीज पर दी गई भूमियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जावरा कार्यालय में उपलब्ध है।
आर.टी.ओ. भवन का निर्माण
[परिवहन]
139. ( क्र. 3770 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में आर.टी.ओ. के भवन निर्माण हेतु क्या कार्य योजना है? विभाग द्वारा उक्त भवन कब स्वीकृत किया गया था? उक्त भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विवरण मय दस्तावेज के उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्वीकृति उपरान्त भवन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग की उज्जैन शहर में जिला परिवहन कार्यालय के भवन निर्माण की योजना है। इस संबंध में कार्यालय परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 55/9/भंडार/2013 दिनांक 04.03.13 के माध्यम से कलेक्टर जिला उज्जैन को परिवहन नीति अनुसार नवीन भवन निर्माण हेतु परिवहन विभाग को मुख्य मार्ग से लगी 4 से 5 एकड़ भूमि आवंटन किये जाने हेतु लिखा गया, जिसके अनुक्रम में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जो भूमि आवंटित की गई थी, उसके विरूद्ध राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट पिटीशन क्रमांक 3094/2015 प्रस्तुत की जाकर प्रचलित है, जिसके कारण उक्त भूमि पर शासन द्वारा नियुक्त निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग की पी.आई.यू. द्वारा भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा सका। उक्त भूमि आवंटन के संबंध में न्यायालयीन विवाद के कारण विलम्ब होने से कलेक्टर उज्जैन को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1814/16 दिनांक 01.08.2016 एवं 2981/2016 दिनांक 05.10.2016 को लिखा जाकर अन्य भूमि आवंटित किये जाने हेतु लिखा गया है। भूमि आवंटित होने के उपरांत नवीन भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि का आवंटन नहीं हुआ है। इस कारण भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। भूमि आवंटन होने पर नवीन भवन के निर्माण कार्य हेतु पी.आई.यू. को कार्य प्रारम्भ करने हेतु कार्य आदेश जारी किया जावेगा।
नवीन हैण्डपम्पों का खनन एवं पुराने हैण्डपम्पों की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
140. ( क्र. 3782 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा क्षेत्र अंतर्गत नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु कौन-कौन ग्रामों मजरों में आवश्यकता महसूस की जा रही है? प्रश्नकर्ता द्वारा 2017-18 में क्षेत्र की जनता की मांग पर विभाग को दिये गये पत्रों में उल्लेखित स्थानों पर खनन करने की क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या पत्रों में उल्लेखित स्थानों पर पेयजल आपूर्ति हेतु नवीन हैण्डपम्प खनन किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) विधानसभा जौरा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित कितने हैंण्डपम्प मरम्मत के अभाव में प्रश्न दिनांक तक खराब हैं? उन्हें मरम्मत कर चालू करने का दायित्व कौन-कौन सी एजेन्सी पर हैं और जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपम्प सही किये गये? जानकारी देवें। (ग) क्षेत्र में खराब पड़े हैण्डपम्प की सूचना विभाग को किस माध्यम से प्राप्त होती है और सूचना प्राप्ति के कितने समयावधि में वांछित सामान लगाकर उसे चालू करने का नियम है? (घ) क्या विभाग पेयजल आपूर्ति हेतु ठेकेदारों की संख्या बढ़ाकर खराब पड़े हैण्डपम्पों को दुरस्त करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। बंद हैण्डपम्पों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान है। (घ) ठेकेदारों की संख्या पर्याप्त है। विभागीय अमले एवं आउट सोर्सिंग के माध्यम से बंद हैण्डपम्पों का सतत् संधारण कार्य कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक आयुक्त आबकारी के विरूद्ध जाँच
[गृह]
141. ( क्र. 3802 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त श्री नागेश्वर सोनकेसरी के जाति प्रमाण पत्र के संबंध में शिकायत के आधार पर छानबीन समिति (वर्ष 2010) द्वारा जाँच उपरांत इनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया था तथा इस आधार पर अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग द्वारा पुलिस अधीक्षक भोपाल व कलेक्टर भोपाल को आगामी कार्यवाही हेतु लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है? यदि हाँ, तो किस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है व चालान कब व किस न्यायालय में पेश किया गया हैं? (ग) यदि नहीं, तो वर्ष 2010 से उक्त जाँच किस स्तर पर पर लंबित चल रही है तथा लंबित रहने का क्या कारण रहा है? (घ) वर्तमान में उक्त प्रकरण की क्या स्थिति है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण थाना भोपाल में अपराध क्रमांक-16/2010 धारा-420 भारतीय दण्ड विधान का पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण वर्तमान में अनुसंधान में है। (ग) वर्तमान में प्रकरण में अनुसंधानकर्ता के स्तर पर अनुसंधान जारी है। (घ) वर्तमान में प्रश्नांकित प्रकरण अनुसंधान में है।
भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु कार्य योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
142. ( क्र. 3803 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद का भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, यहां अधिकांश ग्रामों में 1000 फिट नलकूप खनन करने के बाद भी पानी नहीं निकल रहा है तथा इसीलिये विभाग के द्वारा इसे खतरनाक जोन घोषित किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु विभाग के द्वारा क्या योजना बनाई गयी है? यह कब तक स्वीकृत हो जायेगी? यदि कोई योजना नहीं बनाई गयी है तो कब तक बना ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं, केन्द्रीय भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा इस क्षेत्र को सेमीक्रिटिकल क्षेत्र घोषित किया गया है। (ख) जी नहीं। भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से इस हेतु धनराशि प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय सेवक द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
143. ( क्र. 3834 ) श्री शिवनारायण सिंह लल्लू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 6498 दिनांक 17 मार्च 2016 के उत्तर से यह प्रमाणित व पुष्टि है कि अनूपपुर पटवारी हल्का के खसरा नं. 1082/1 रकबा 0.081 हे. के अंश भाग पर पटवारी रमेश सिंह की शिक्षिका पत्नी बेलावती तथा पुलिस आरक्षक शिवराम सिंह मार्को की पत्नी वृन्दा मार्को के नाम पर म.प्र. शासन की भूमि पर अतिक्रमण किया था, जिस पर तहसील न्यायालय के निर्णय पर दोषीजनों को अर्थदण्ड से दंडित करते हुए अतिक्रमण मुक्त कराया गया है? यदि हाँ, तो 15 फरवरी 2018 की स्थिति में भौतिक सत्यापन कर अतिक्रमण भूमि के मुक्त होने की सत्य जानकारी देते हुए नजरी-नक्शा, खसरा की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमणकारी का नाम, पति का नाम, शासाकीय सेवक का पद, पदस्थापना स्थान की स्पष्ट जानकारी देते हुए बताएं कि क्या शासकीय सेवक द्वारा अतिक्रमण करने पर म.प्र. सेवा आचरण संहिता के तहत कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभाग प्रमुख कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या अतिक्रमण हटाने के बाद पुन: दोनों अतिक्रमणकारियों ने जिला मुख्यालय की बहुमूल्य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है? यदि हाँ, तो विधि अनुसार सिविल जेल की कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जाएगा? जिला मुख्यालय की बहुमूल्य भूमि पर अतिक्रमण हटाने व राजस्व न्यायालय के निर्णय पर कार्यवाही करने में विलम्ब का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भूतकालीन स्थिति में प्रश्नाधीन भूमि का भौतिक सत्यापन किया जाना व नजरी-नक्शा उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन शासकीय भूमि पर निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया था :- (1) श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह, अध्यापक, शा.उ.मा.वि. खांड़ा। (2) श्रीमती बिन्दा मार्को पति श्री शिवराम सिंह मार्को, जो कि गृहणी हैं। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर के कार्यालयीन आदेश क्र.5329/शि.स्था.3/ज.का.वि./2017 दिनांक 19.12.2017 द्वारा अतिक्रामक श्रीमती बेला बाई अध्यापक, शा.उ.मा.वि. खांड़ा की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। अतिक्रामक श्रीमती बिन्दा मार्को के पति शिवराम सिंह मार्को पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के आदेश क्रमांक-पु.अ./अनू./निस/सजा/625/2018 दिनांक 16.06.2017 द्वारा श्रीमती बिन्दा मार्को के पति श्री शिवराम सिंह मार्को को निंदा के दण्ड से दण्डित किया गया है। (ग) अतिक्रमण हटवाये जा चुके हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
अतिक्रमण मुक्त भूमि की जानकारी
[राजस्व]
144. ( क्र. 3835 ) श्री शिवनारायण सिंह लल्लू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिला अंतर्गत अनूपपुर तहसील के अनुपपुर पटवारी हल्का के खसरा नम्बर 1082/1 शासकीय भूमि पर तहसील न्यायालय ने अतिक्रमण प्रमाणित करते हुए निर्णय पारित किया है? यदि हाँ, तो तहसील न्यायालय के निर्णय की प्रति उपलब्ध कराते हुए अतिक्रमणकारियों के नाम, पद, अतिक्रमण का क्षेत्रफल पृथक-पृथक बताएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमण भूमि प्रश्नांश दिनांक तक अतिक्रमण मुक्त करा दी गयी है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटवाने वाले सक्षम अधिकारी का नाम, पद व दिनांक बताएं? (ग) संबंधित जिले के कलेक्टर या एस.डी.एम. के भौतिक सत्यापन उपरांत अतिक्रमण मुक्त भूमि का नजरी-नक्शा व कुल क्षेत्रफल की जानकारी देते हुए दोषियों पर सेवा संहिता के तहत क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या कलेक्टर जिला मुख्यालय की बहुमूल्य भूमि का बाजारू कीमत से अवगत कराते हुए शासन हित में बाउण्ड्रीवॉल से सुरक्षित कराएंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) भूमि का नजरी नक्शा, खसरा की प्रति उपलब्ध कराएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पारित निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नाधीन शासकीय भूमि पर निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया था:- (1) श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह, अध्यापक, अतिक्रमित रकबा 4800 वर्गफिट। (2) श्रीमती बिन्दा मार्को पति श्री शिवराम सिंह, ग्रहिणी, अतिक्रमित रकबा 880 वर्गफिट। (ख) जी हाँ। अतिक्रमण हटाने वाले अधिकारी/कर्मचारी का नाम श्री बजरंग सिंह राजस्व निरीक्षक अनूपपुर एवं श्री गजराज सिंह पटवारी अनूपपुर हैं तथा अतिक्रमण हटाने का दिनांक 29.05.2016 है। श्रीमती बेलावती पति श्री रमेश सिंह का प्रथम बार अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रतिवेदन श्री गजराज सिंह मार्को पटवारी अनूपपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया है, परन्तु तिथि अंकित नहीं है। दिनांक 02 मार्च 2017 को उक्त खसरा नम्बर पर श्री बजरंग सिंह राजस्व निरीक्षक एवं श्री गजराज सिंह पटवारी अनूपपुर द्वारा भौतिक सत्यापन करने पर पाया गया कि पुनः श्रीमती बेलावती द्वारा फैसिंग तार व लोहे के तार से बाड़ी बनाकर व आवला, नीबू, आम, अमरूद के पौधे लगाकर कब्जा कर लिया गया था, जिसे राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा हटवा दिया गया है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के अन्तर्गत अतिक्रमण के मामले में सक्षम अधिकारी तहसीलदार हैं। कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी पुनरीक्षण/अपीलीय न्यायालय हैं। प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के अनुसार उक्त प्रकरणों में वरिष्ठ न्यायालय द्वारा सत्यापन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अपील/पुनरीक्षण इन्हीं न्यायालयों में प्रस्तुत होते हैं। नायब तहसीलदार द्वारा सत्यापन उपरान्त पंचनामा व नजरी नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर के कार्यालयीन आदेश क्र. 5329/शि.स्था.3/ज.का.वि./2017 दिनांक 19.12.2017 द्वारा अतिक्रामक श्रीमती बेला बाई अध्यापक, शा.उ.मा.वि. खांड़ा की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। अतिक्रामक श्रीमती बिन्दा मार्को के पति शिवराम सिंह मार्को पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के आदेश क्रमांक-पु.अ./अनू./निस/सजा/625/2018 दिनांक 16.06.2017 द्वारा श्रीमती बिन्दा मार्को के पति श्री शिवराम सिंह मार्को को निंदा के दण्ड से दण्डित किया गया है। (घ) प्रश्नाधीन भूमि का कुल रकबा 0.081 हे. है, जिसका वर्तमान कलेक्टर गाईड-लाईन अनुसार बाजार मूल्य 20,52,300/- है। प्रश्नांश का शेष भाग शासन से सम्बन्धित है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लोकायुक्त जाँच की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
145. ( क्र. 3868 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री पी.के. पैदमवार, अधीक्षण यंत्री द्वारा छिंदवाड़ा में पदस्थीकरण के दौरान निविदा स्वीकृति एवं क्रय में अनियमितता के कारण लोकायुक्त में प्रकरण क्र.10/19/2011-12 एवं 10/49/2008-09 दर्ज है? (ख) क्या लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने पर क्या विभाग के संज्ञान में अनियमिततायें नहीं आईं तथा क्या अनियमिततायें उजागर होने के बावजूद क्या विभाग लोकायुक्त के फैसले के इंतजार में कोई कार्यवाही नहीं कर पायेगा। (ग) क्या श्री पैदमवार ने रीवा में पदस्थ रहते हुए सीधी जिले की छात्रावास/आश्रम में सतही टंकी निर्माण की निविदा कार्यपालन यंत्री कार्यपालन यंत्री सीधी की अनुशंसा पर एकल निविदा होने से निरस्त कर दी लेकिन नियम विरूद्ध ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने अपने पत्र दिनांक 18.6.12 द्वारा स्वीकृत कर दी गयी? (घ) विभाग के संज्ञान में सारी अनियमितता प्रथम दृष्ट्या आने के बाद उन्हें क्यों संरक्षण दिया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 10/19/2011-12 में विभागीय जाँच की कार्यवाही पूर्ण की जाकर शासनादेश दिनांक 3.3.2018 द्वारा श्री पी.के. पैदमवार, अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध ''दो वेतनवृद्धि संयची प्रभाव से रोके जाने'' की शास्ति अधिरोपित की गई एवं लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 10.49/2008-09 में विभागीय जाँच की कार्यवाही पूर्ण की जाकर शासन आदेश दिनांक 02.11.2015 द्वारा ''एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने'' की शास्ति अधिरोपित कर प्रकरण समाप्त किया गया है। (ग) जी नहीं। नियमानुसार निविदा का निराकरण किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में संरक्षण देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्यालय का गजट नोटिफिकेशन
[राजस्व]
146. ( क्र. 3869 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित कार्यालय लांजी में कब प्रारंभ किया गया? क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पूर्व में पूछे गए प्रश्न तथा ध्यान आकर्षण द्वारा ध्यान आकर्षित किये जाने पर शासन द्वारा विषयांकित कार्यालय का गजट नोटिफिकेशन न किए जाने की बात स्वीकार कर ली गयी थी? (ख) बिना गजट नोटिफिकेशन के चल रहे विषयांकित कार्यालय में न तो भवन है न ही स्टॉफ की स्वीकृति है। ऐसी स्थिति में बार-बार शासन का ध्यान आकर्षित करने के बाबजूद गजट नोटिफिकेशन न होने का क्या कारण हैं। (ग) कलेक्टर बालाघाट द्वारा विषयांकित के गजट नोटिफिकेशन के संबंध में कब-कब पत्र द्वारा शासन को अवगत कराया गया है? समस्त पत्रों की छायप्रति उपलब्ध करावें। (घ) विषयांकित कार्यालय का गजट नोटिफिकेशन कब तक कर दिया जाएगा? समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय, लांजी में वर्ष १९९४-९५ से प्रारंभ किया गया है। जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कलेक्टर बालाघाट द्वारा पत्र 2410/स.आ (रा)/96 दिनांक 19/03/1996 एवं पत्र क्रमांक 13145/स.आ (रा)/2015 दिनांक 05/12/2015 एवं आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर के पत्र क्रमांक 432/एक (3) 408/96 दिनांक 25/04/1996 से अवगत कराया गया है। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का आवंटन
[राजस्व]
147. ( क्र. 3876 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 8 फरवरी 2018 को हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में मध्यप्रदेश मंत्रालयीन अधिकारी/कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था को ग्राम कानासैया (तहसील-हुजूर) में 16 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ है, तो क्या भोपाल शहर स्थित ग्राम शाहपुरा के खसरा क्रमांक 272, 266 एवं 267 रकबा की 4 एकड़ शासकीय भूमि किस संस्था के लिये आरक्षित की गई है? आरक्षित की गई भूमि उक्त संस्था को प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक आवंटित कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व रिकार्ड के सॉफ्टवेयर में विसंगतियां
[राजस्व]
148. ( क्र. 3882 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के 31 जिले कौन से हैं, जिनमें वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर लागू किया गया है? इन जिलों में वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर, एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर, फसल गिरदावरी ऐप पर वर्तमान में दर्ज निजी खाते की भूमि एवं शासकीय भूमियों के पृथक-पृथक आंकड़े क्या-क्या हैं? इन जिलों के भू-अभिलेख कार्यालायों से चिट्ठा के माध्यम से वर्षवार संकलित होने वाले उक्त आंकड़े क्या हैं। उक्त चारों आंकड़ों में अंतर क्यों हैं? (ख) क्या वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में गंभीर विसंगतियां होने के कारण पूर्व से इन जिलों में एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर पर अपलोडेड डाटा आज दिनांक की स्थिति में शुद्ध है। क्या फसल गिरदावरी ऐप पर भी एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर को अपडेटेड डाटा का ही उपयोग किया जा रहा है। क्या एन.आई.सी. के इसी डाटा से ही किसानों को नि:शुल्क खसरा खतौनी की नकलें वितरित की गई हैं? क्या एन.आई.सी. के इसी डाटा से ही पटवारियों को ई-बस्ता के प्रिन्ट भी दिये गये हैं। वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जावे। (ग) क्या वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर को पुन: उसकी पुरानी स्थिति में ही लागू किया जा रहा है? क्या उक्त सॉफ्टवेयर में फीड डाटा पूरा एवं अपडेटेड नहीं है। क्या इसी अधूरे एवं आउटडेटेड डाटा के आधार पर ही उक्त सॉफ्टवेयर में डाटा परिमार्जन का कार्य प्रस्तावित है? उक्त कार्य हेतु एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर में फीड अपडेटेड डाटा को वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में अपलोड क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या वेब जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर में चिन्हित की गई कमियों को दूर किया गया है? समस्त कमियों की आइटमवार जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश के निम्न 31 जिलों में वेब बेस्ड जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर लागू किया गया था - अलीराजपुर, झाबुआ, शिवपुरी, खण्डवा, बुरहानपुर, दतिया, भिण्ड, डिण्डोरी, सिवनी, मण्डला, विदिशा, जबलपुर, उज्जैन, मुरैना, बैतूल, सागर, दमोह, ग्वालियर, खरगोन, छिन्दवाड़ा, भोपाल, रायसेन, सीहोर, शाजापुर, होशंगाबाद, इन्दौर, नरसिंहपुर, राजगढ़, बालाघाट, रीवा एवं हरदा। एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर के डाटा को वेब जी.आई.एस. में माइग्रेट किया गया है। इनमें अन्तर हो सकता है। (ख) एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर के डाटा को ही वेब जी.आई.एस. एप्लीकेशन में उपयोग किया गया है। सॉफ्टवेयर में कोई गंभीर विसंगति नहीं है। जी हाँ। 20 जिलों में एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर के डाटा एवं 31 जिलों में वेब जी.आई.एस. डाटा का उपयोग, फसल गिरदावरी ऐप के लिए किया जा रहा है। जी हाँ, जिला इन्दौर को छोड़ कर शेष सभी जिलों से एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर से किसानों को नि:शुल्क खसरा खतौनी की नकलें वितरित की गई हैं। जी हाँ, जिला इन्दौर को छोड़कर एन.आई.सी. के इसी डाटा से पटवारियों को ई-बस्ता के प्रिन्ट दिए गए हैं। (ग) जी नहीं, जिलों से प्राप्त समस्या एवं सुझाव अनुसार सॉफ्टवेयर का सरलीकरण कराया गया है साथ ही सुरक्षा प्रावधानों को सुदृढ़ किया गया है। जिलों से प्राप्त प्रतिक्रिया (फीडबैक) के आधार पर एन.आई.सी. सॉफ्टवेयर के डाटा को वेब जी.आई.एस. में री-माइग्रेट किया जाएगा। जिन जिलों में एन.आई.सी. का डाटा माइग्रेट नहीं होना है, उन जिलों में डाटा परिमार्जन (क्लीनजिंग) के उपरांत वेब जी.आई.एस. से डाटा अद्यतन की कार्यवाही प्रारम्भ की जाएगी। जी हाँ, जिलों से प्राप्त सुझाव के आधार पर वेब जी.आई.एस. का सरलीकरण कराया गया है। मुख्य समस्या सेशन टाईम आउट, प्रक्रिया का सरलीकरण, डाटा परिमार्जन तथा सुरक्षा प्रावधानों की थी, जिसे दुरुस्त करा लिया गया है।
कुटरचना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
149. ( क्र. 3897 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री हेमन्त कटारे से पैसा वसूलने के लिये प्रिंशु सिंह एवं विक्रमजीत सिंह द्वारा षड्यंत्र रचा गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रिंशु सिंह ने स्वत: मोबाईल पर वीडियो बनाकर विक्रमजीत सिंह को व्हाट्सऐप पर भेजा गया, जो वायरल किया गया? (ख) क्या प्रिंशु सिंह जेल में निरूद्ध होने के बाद दिये गये आवेदन पर श्री कटारे के विरूद्ध बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध किया गया? यदि हाँ, तो क्या प्रिंशु सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रश्मि मिश्रा पर झूठा फंसाने संबंधी गम्भीर आरोप लगाये हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रश्मि मिश्रा के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि भोपाल जी.आर.पी. क्षेत्र में हुये बलात्कार के प्रकरण में मात्र हंसने पर से पुलिस अधीक्षक रेल अनिता मावलीय को हटाया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या विक्रमजीत सिंह को संरक्षण प्राप्त है तथा उपरोक्त प्रश्नांश की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए मामले की सी.बी.आई. जाँच कराई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से जानकारी दी जाना न्यायसंगत नहीं।
तहसील कार्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
150. ( क्र. 3911 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के तहसील मुख्यालय बैहर, बिरसा में तहसील कार्यालय संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो पटवारियों के एवं कार्यालय में स्वीकृत पद, भरे पद एवं रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें। शासन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर देगा? (ग) क्या तहसील कार्यालय बिरसा में नकल शाखा संचालित है? यदि नहीं, तो नकल शाखा कब तक प्रारंभ करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले के तहसील मुख्यालय बैहर में पटवारियों के स्वीकृत पद 22, भरे पद 12 एवं रिक्त पद 10 तथा बिरसा में स्वीकृत पद 37 भरे पद 12 एवं रिक्त पद 25, रिक्त पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा पटवारी चयन परीक्षा 2018 के माध्यम से परीक्षा आयोजित कराई गई है, परीक्षा परिणाम आने पर शीघ्र पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। (ग) जी नहीं। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
प्रोग्रामरों के संबंध
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
151. ( क्र. 3912 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भर्ती नियम २०१४ में प्रावधान न होने के बाद भी प्रोग्रामरों को सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता इंजीनियरिंग/पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में किन नियमों के तहत बनाया गया है? (ख) किन नियमों के तहत प्रोग्रामर पद की सेवा सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता के समकक्ष घोषित की गई है? नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) समस्त पॉलीटेक्निक/इंजीनियरिंग महाविद्यालय वर्ष 1997 के उपरांत स्वशासी घोषित कर समस्त पद संबंधित महाविद्यालयों की सोसायटी को हस्तांतरित कर दिये गये थे? आज भी समस्त संस्थाएं सोसायटी के अधीन हैं? क्या कारण है कि सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता के पद शासकीय कैडर में सृजित कर प्रोग्रामरों को पिछले दरवाजे से सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता बनाया गया है? (घ) किन कारणों से सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता के पद पर नियुक्ति के पश्चात इन प्रोग्रामरों को बिना सी.ए.एस के नियमों के पालन एवं बिना शासन आदेश के 7000 ए.जी.पी. प्रदान किया गया है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) विभाग के अंतर्गत इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत प्रोग्रामरों/सिस्टम एनालिस्ट (वेतनमान 8000-13500) के 27 पदों का समाप्त कर इनके स्थान पर सहायक प्राध्यापक/व्याख्याता कम्प्यूटर साइंस/सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सिविल इंजीनियर के 27 पद ए.आई.सी.टी.ई. वेतनमान (8000-13500) सृजित कर मंत्रि-परिषद् के निर्णय दिनांक 23.06.2009 के अनुसार संविलियन किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभागीय आदेश दिनांक 19.06.2103 द्वारा प्रोग्रामर/सिस्टम एनालिस्ट को प्रथम समयमान वेतनमान 10000-15200 वर्ष 2006-2007 में स्वीकृत किया गया है। शासन स्तर से केश के अंतर्गत 7000/- ए.जी.पी. की स्वीकृति के आदेश जारी नहीं किये गये है, न ही इस आशय के शासन स्तर से कोई निर्देश जारी किये गये हैं। प्रकरणों का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर आदेश जारी किये जा रहे हैं।
बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
152. ( क्र. 3954 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बुन्देलखण्ड पैकेज के अंतर्गत वर्ष 2013 से टीकगमढ़ में कितनी योजना के अंतर्गत कितनी राशि प्रदाय की गई? वर्षवार बतावें एवं वर्तमान में जिन योजनाओं में राशि जारी की गई थी, प्रश्न दिनांक तक उन योजनाओं की क्या स्थिति है? (ख) क्या जल प्रदाय हेतु स्त्रोत चयन में अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरती गई है? अगर हाँ तो वे अधिकारी कौन-कौन से हैं? विभाग ने प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या कार्यवाही की? क्या तत्कालीन ई.एन.सी. श्री डामोर के द्वारा जाँच भी कराई गई थी? (ग) क्या ई.एन.सी. ने जो रिपोर्ट सरकार को भेजी थी उसमें रूपये की बर्बादी के लिये सीधे तौर पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था? अगर हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उन अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अगर की जायेगी तो कब तक और क्या? (घ) विभाग के द्वारा जो जाँच की जा रही है वह कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 200 योजनाएं स्वीकृत की गई, जिसके अंतर्गत वर्ष 2013-14 में रुपये 95.00 लाख एवं वर्ष 2014-15 में रुपये 50.00 लाख की राशि प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, प्रारंभिक जाँच। (ग) जी हाँ। विस्तृत जाँच के गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। जाँच निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध रूप से अतिक्रमण
[राजस्व]
153. ( क्र. 3955 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत पृथ्वीपुर में राजस्व खसरा नं. 2145/2 रकबा 0.283 क्षेत्र पठार मड में दर्ज है? यदि हाँ, तो इस भूमि पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन लोगों के द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवैध अतिक्रमण धारियों के संबंध में किन-किन लोगों के द्वारा शिकायत की गई? नामवार बतावें एवं प्रश्न दिनांक तक विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? अवैध अतिक्रमण कब तक हटा लिया जायेगा और अतिक्रमण धारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ग) खसरा नं. 2141 से 2145/2 तक कितनी शासकीय भूमि है, कितनी निजी भूमि है और कितनी-कितनी भूमि अन्य विभागों के लिये आरक्षित है? रकबावार बतावें। क्या अतिक्रमण हटाने के संबंध में नायब तहसीलदार नैगुवां की अध्यक्षता में दल गठित किया गया था? अगर हाँ तो उस दल के द्वारा कितनी भूमि से अतिक्रमण हटवाया गया? (घ) जिन लोगों के द्वारा खसरा नं. 2141 से 2145/2 में अतिक्रमण किया गया है वह भूमि कब तक अतिक्रमण से मुक्त करा ली जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। उक्त भूमि के अंश रकबा 20x10 वर्ग फुट पर राठौर पेट्रोल पम्प के कर्मचारियों द्वारा सर्विस सेंटर हेतु गड्ढा खोदकर अतिक्रमण किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में श्री भूपेन्द्र अग्रवाल निवासी पृथ्वीपुर द्वारा शिकायत कि गई थी। शिकायत के आधार पर सीमांकन दल गठित करके सीमांकन किया गया जिससे खसरा नं. 2145/2 की भूमि के अंश रकबा 10x20 वर्गफुट पर अवैध गड्ढा खोदकर अतिक्रमण की पुष्टि होने पर अनावेदकों के विरूद्ध बेदखली की कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया गया। (ग) ख.नं. 2141 से 2145/2 तक के मध्य 0.177 हे. निजी भूमि है तथा 0.323 हे. शासकीय भूमि दर्ज है जिसमें से 0.283 हे. पर वन परिक्षेत्राधिकारी पृथ्वीपुर का कार्यालय एवं डिपो स्थित है तथा 0.040 हे. पर सड़क म.प्र. शासन स्थित है। जी हाँ। गठित दल द्वारा 10x20 वर्ग फुट पर खोदे गए गड्ढे का भराव कराके पूर्ववत् स्थिति में लाकर अतिक्रमित भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
भोपाल स्थित शत्रु सम्पत्ति की जानकारी
[राजस्व]
154. ( क्र. 3960 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में शत्रु संपत्ति के अंतर्गत आने वाली भूमियों तथा वर्तमान में सभी भूमि स्वामियों सहित, खसरा नंबर एवं रकबा नं. सहित जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश में शत्रु सम्पत्ति के अंतर्गत आने वाली भूमियों तथा वर्तमान में सभी भूमि स्वामियों सहित, खसरा नंबर सहित, रकबा नंबर सहित जानकारी दें? (ग) वर्तमान में शत्रु सम्पत्ति में निवासरत निवासियों के निवास, पुनर्वास, विस्थापन के लिए क्या नीति बनाई गई है? जानकारी दें। (घ) पूर्व भोपाल रियासत की स्वामित्व से संबंधी भारत शासन के गृह मंत्रालय एवं कस्टोडियन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राजस्व विभाग एवं मध्यप्रदेश कलेक्टर भोपाल को पूर्व भोपाल रियासत के स्वामित्व, भोपाल की कस्टोडियन प्रापर्टी भोपाल से संबंधित कस्टोडियन प्रापर्टी के बारे में जारी अधिसूचनाओं सहित मध्यप्रदेश शासन को भेजे पत्रकों की जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नजूल वृत्त शहर भोपाल अंतर्गत भोपाल शहर नजूल सिटी सर्वे क्रमांक 9403 रकबा 7240 वर्गफीट शत्रु सम्पत्ति जो कि राजस्व ग्राम शहर भोपाल खसरा क्रमांक 1680/1302 रकबा 0.845 हेक्टेयर के अंशभाग पर स्थित है जो राजस्व अभिलेख में म.प्र. शासन नजूल भूमि (आबादी गाँवठान) दर्ज है। खसरे के कैफियत के काँलम नंबर - 12 में म.प्र. शासन नजूल भूमि न्यायालय तहसीलदार, वृत्त एम.पी. नगर के रा.प्र.क्र. 2673/बी- 121/12-13 आदेश दिनांक 28/09/2013 के अनुसार म.प्र. शासन पुनर्वास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 5-23/2011/28 दिनांक 10.09.2013 द्वारा कन्हैयालाल पुत्र मंगलराम भाटिया का सिटी सर्वे नंबर 9403 रकबा 7240 वर्गफीट नानी की हवेली का दिया गया आवंटन निरस्त किया गया। (ख) गृह सचिव भारत सरकार के पत्र क्र. 37/88/2017 दिनांक 07 नवम्बर 2017 के साथ संलग्न सूची अनुसार मध्यप्रदेश के 6 जिलों में 88 संपत्तियां हैं, जिनका विस्तृत सर्वेक्षण प्रक्रियाधीन है। (ग) शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 यथा संशोधित 2007 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
डी.एम.एफ. अंतर्गत पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
155. ( क्र. 3979 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 3931/1752/2017/12/1 दिनांक 03.10.17 में दिये गये निर्देशानुसार क्या प्रथम प्राथमिकता पेयजल एवं द्वितीय प्राथमिकता में स्वास्थ्य सुविधाओं को सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले को डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डी.एम.एफ.) की प्राप्त राशि 29.17 करोड़ में से जिले द्वारा कितने ग्रामों में कितनी राशि पेयजल व्यवस्था हेतु आवंटित की गई? आवंटित राशि का उपयोग कितना हुआ? वर्ष 2015-16 से विकासखण्डवार वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या कटनी जिले द्वारा प्रश्नांश (क) के निर्देशानुसर पेयजल एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में राशि व्यय न की जाकर प्राथमिकता की सूची से हटकर नवीन सूची अनुसार अधिकांश राशि व्यय की गई? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (घ) प्रश्नांश (क) का पालन न होने के लिये कौन दोषी हैं, दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। कटनी जिला अंतर्गत पेयजल व्यवस्था एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्रकाशन दिनांक 28.07.2016 में उल्लेखित प्रावधानुसार राशि आवंटित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 के मध्य पेयजल व्यवस्था हेतु कुल प्रशासकीय स्वीकृति 298.56 लाख रू. आवंटित किये जाने से यह कहना सही नहीं है कि निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमानुसार राशि आवंटित किये जाने से किसी के भी विरूद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
साइबर क्राइम की घटनाओं की जानकारी
[गृह]
156. ( क्र. 3980 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में बहुतायत में साइबर क्राइम की घटनायें सामने आ रहीं हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में जिले में साइबर क्राइम से संबंधित कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? वर्षवार, पुलिस थानावार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में से कितने शिकायतों का निराकरण हुआ? कितनी शिकायतों की जाँच प्रक्रियाधीन हैं? जाँच उपरांत किन-किन दोषियों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार विवरण दें। लंबित शिकायतों की जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लखनवारा निवासी किशोरी आदिवासी के पंजाब नेशनल बैंक कटनी के खाता नं. 0263000100212133 से राशि रूपये 4.00 लाख के आहरण संबंधी शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांकित मामले में कलेक्टर कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1627 दिनांक 02.02.18 एवं पुलिस अधीक्षक कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1639 दिनांक 05.02.18 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं ''स'' अनुसार है। जाँच की समय-सीमा निर्धारित कर पाना संभव नहीं। (ग) आवेदक किशोरी लाल पिता चैतू आदिवासी निवासी ग्राम लखनवारा द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जाँच उपरांत अपराध घटित होना पाये जाने पर दिनांक 23.02.2018 को थाना कोतवाली कटनी में अप.क्र. 159/18, धारा 420 भादवि अज्ञात आरोपी के विरुद्ध कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया है। (घ) पत्र क्रमांक 1639 दिनांक 05.02.2018 पुलिस अधीक्षक कार्यालय कटनी में आवक क्रमांक 02/2018 दिनांक 05.02.2018 पर प्राप्त हुआ। जो जावक क्रमांक 02/2018 दिनांक 05.02.2018 को थाना कोतवाली भेजा गया। थाना कोतवाली में जाँच उपरांत दिनांक 23.02.2018 को अप.क्र. 159/18 धारा 420 भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है।
चालू एवं बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
157. ( क्र. 3992 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं चालू हैं एवं कितनी बंद है? (ख) ग्रीष्मकाल को देखते हुए बंद नल-जल योजनाएं कब तक प्रारंभ कर दी जाएगी? (ग) विगत 3 वर्षों में ऐसे कितने खनन किए गए जिन पर हैण्डपम्प स्थापित नहीं हैं या जो प्रश्न दिनांक को बंद हैं? (घ) इन्हें कब प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 68 योजनाएं चालू एवं 7 योजनाएं बंद हैं। (ख) यथाशीघ्र सुधार का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) कोई भी नहीं। सभी में हैण्डपम्प स्थापित हैं। वर्तमान में 62 हैण्डपम्प जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार बंद हैण्डपम्प वर्षा उपरांत स्वतः चालू हो जाते हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
मृतकों को मुआवजा राशि का प्रदाय
[गृह]
158. ( क्र.
4000 ) श्री
रमेश पटेल : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बड़वानी
वि.स. क्षेत्र
को ग्राम
गुड़ी में माह
जनवरी-फरवरी 2018 में
हुई मौतों पर
शासन ने अब तक
क्या
कार्यवाही की
है? मृतक
का नाम, पता, एफ.आई.आर. क्रमांक, दिनांक
सहित देवें। (ख) इसकी
जाँच किनके
द्वारा की जा
रही है? इन मौतों का
प्रथम दृष्ट्या
क्या कारण है? यदि जाँच
हो गई हो, तो जाँच
प्रतिवेदन का
विवरण देवें। (ग) शासन
मृतकों को कब
तक मुआवजा
राशि उपलब्ध
कराएगा?
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) घटना
के संबंध में
थाना पाटी
जिला बड़वानी
में एफ.आई.आर.
क्रमांक 13/18
धारा 304
भा.द.वि. के
अंतर्गत
दिनांक 31.01.2018 को लेख की
जाकर प्रकरण
की विवेचना की
जा रही है। घटना
में मृतकों के
नाम (1) दिनेश
पिता धनिया
बारेला (2) जगत् उर्फ
जुगनिया पिता
गटिया बारेला
(3) राकेश
पिता रामलाल
बारेला (4) नानसिंह
पिता मास्तर
बारेला, सभी
निवासीगण
ग्राम गुडी
हैं। (ख) प्रकरण
की विवेचना उप
निरीक्षक
एम.टी. बेग थाना
प्रभारी पाटी
द्वारा की जा
रही है। प्रकरण
विवेचनाधीन
होने से
जानकारी दी
जाना न्यायसंगत
नहीं होगा। (ग) शासन
द्वारा
प्रत्येक
मृतक को 30 हजार रुपये
के मान से कुल 1,20,000/- रुपये
की सहायता
राशि प्रदान
की गई है।
भूमि के पट्टे का वितरण
[राजस्व]
159. ( क्र. 4005 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1700 दिनांक 29.11.17 के उत्तर में मुलताई में नवीनीकरण से शेष पट्टाधारियों की संख्या 1202 तथा फ्री-होल्ड पट्टों की संख्या 55 बताई गई है तथा नजूल नोटिफिकेशन का दिनांक 29.07.2008 बताया है, तो स्पष्ट करें कि उपरोक्तानुसार 1257 पट्टों के भू-खण्ड खसरा आबादी नजूल के हैं या सरकारी भूमि नजूल के हैं? (ख) क्या उपरोक्तानुसार 29.07.2008 तक निर्मित सभी आवासीय स्थल व भू-खण्डधारी का आर.बी.सी. खण्ड-4 कमांक-1 के अनुसार भूमि स्वामी अधिकारी रहेगा? यदि हाँ, तो इन्हें प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि नजूल पट्टा लेने हेतु बाध्य क्यों किया जा रहा है? (ग) शासन के दिनांक 21.09.10 एवं 11.07.14 के नोटिफिकेशन के अनुसार सरकारी भूमि नजूल के पट्टों पर ही उपरोक्त नोटिफिकेशन के प्रावधान लागू होंगे तो फिर इसका उल्लंघन कर प्रशासन इनके प्रावधान खसरा आबादी नजूल के भूमि स्वामी अधिकार के भू-खण्डों पर सामान रूप से क्यों लागू कर रहा है? (घ) किस नियम/आदेश के तहत खसरा आबादी नजूल के भू-खण्डों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है? इसकी छायाप्रति देवें। उपरोक्त (क) से (ग) अनुसार नियमों की मनमानी व्याख्या कर जनता को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओलावृष्टि का सर्वे
[राजस्व]
160. ( क्र. 4006 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में माह फरवरी 2018 में जिन स्थानों पर वर्षा, ओलावृष्टि हुई, की सूची तहसीलवार, जिलावार देकर यह बतावें कि इनका सर्वे किस-किस दिनांक को किस-किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? स्थान का नाम, अधिकारी/कर्मचारी नाम सहित जिलावार देवें। (ख) इन प्रभावित स्थानों की सर्वे रिपोर्ट जो संबंधित जिला कलेक्टरों को सौंपी गई की जानकारी देवें। (ग) जिन स्थानों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 25% का तुरंत भुगतान किया गया, उन स्थानों की जानकारी जिलावार कृषक संख्यावार देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार रिपोर्ट नहीं भेजी गई एवं (ग) अनुसार फसल बीमा क्लेम नहीं दिया गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा एवं बीमा क्लेम का भुगतान कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) माह फरवरी 2018 में ओलावृष्टि प्रभावित स्थानों में सर्वे एवं क्षति के आंकलन का कार्य प्रगति पर है। अत: अभी प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (घ) रबी 2017-18 हेतु अग्रिम राज्यांश का भुगतान बीमा कम्पनियों को किया जा चुका है। राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति द्वारा ओलावृष्टि प्रभावित कृषकों की फसलों का सर्वे एवं दावा राशि की गणना कर पात्र कृषकों को दावों का तत्काल भुगतान करने के निर्देश जारी किये जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
शुद्ध
पेयजल उपलब्ध
कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 23 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत दो वर्षों में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत फ्लोराइड, खारापानी व लौहतत्व आदि जल तत्व गुणवत्ता समस्या प्रभावित प्रदेश के कौन-कौन से जिलों के ग्रामों में शुद्ध पेयजल प्रदान हेतु विभाग द्वारा कदम उठाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विगत दो वर्षों में किन कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई? जिलेवार विवरण दें। (ग) क्या दतिया एवं शिवपुरी जिले में सभी चिन्हित फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में इलेक्ट्रोलिटिक डिफ्लोरीडेशन (ई.डी.एफ.) संयंत्र की स्थापना कर फ्लोराईड मुक्त शुद्ध जल प्रदाय की व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त संयंत्र की स्थापना की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत फ्लोराइड, खारापानी एवम् लोहतत्व से प्रभावित ग्रामों में विभाग द्वारा वैकल्पिक स्रोतों का विकास, जल शोधन संयंत्र की स्थापना, नलजल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन आदि कार्य किये गये है। प्रभावित जिलों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) ई.डी.एफ. संयंत्र के स्थान पर वैकल्पिक डिफ्लोरिडेशन संयंत्र लगाने का कार्य शिवपुरी जिले अंतर्गत प्रगतिरत है। दतिया जिले में कोई भी बसाहट फ्लोराइड प्रभावित नहीं है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
पेयजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 327 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017-18 में कौन-कौन से ग्रामों के लिए पेयजल योजना स्वीकृत है? उक्त स्वीकृत पेयजल योजना अंतर्गत किस-किस ग्राम में पानी का स्त्रोत मिल गया है? ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश ”क” के उत्तर में जिन ग्रामों में पानी का स्त्रोत मिल गया है, उन ग्रामों में पेयजल योजना का निर्माण कार्य कब से प्रारम्भ करवाया जावेगा? ग्रामवार पेयजल योजना की स्वीकृत राशि, कार्य प्रारम्भ करने एवं पूर्ण करने की तिथि से अवगत करावें? यदि पेयजल योजना स्वीकृत नहीं करायी गयी है तो कब तक स्वीकृत करा दी जावेगी? (ग) क्या वर्ष 2017-18 में स्वीकृत पेयजल योजना से माह अप्रैल 2018 तक ग्रामवासियों को पेयजल प्रदाय कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी योजनाओं में पेयजल स्त्रोत उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनाओं हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।
नवीन हैण्डपंप/टयूबवेल लगाने बावत्
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 328 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कुल कितने हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल संचालित हैं? उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल चालू हैं एवं कितने बंद हैं? ग्रामवार बंद हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल के कारणों सहित जानकारी देवें? (ख) वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण जो हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल बंद हो गये हैं, उनके स्थान पर ग्रामों में जल आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनायी गयी है? (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितने नवीन हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल लगाया जाना प्रस्तावित हैं? ग्रामवार जानकारी से अवगत करावें एवं नवीन हैण्डपंप तथा ट्यूबवेल का कार्य कब से प्रारम्भ किया जावेगा? नवीन हैण्डपंप/टयूबवेल लगाने का कार्य किस एजेन्सी को प्रदाय किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 1114 हैण्डपंप संचालित, जिसमें 850 चालू एवं 264 बंद हैं तथा 90 ट्यूबवेल संचालित हैं, जिनमें 74 टयूबवेल चालू एवं 16 ट्यूबवेल बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में 17 हैण्डपंप एवं 31 ट्यूबेवल। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवश्यकतानुसार उपलब्ध आवंटन के आधार पर कार्य करवाया जा रहा है। कार्यादेश मेसर्स स्वागत बोरवेल गुना तथा मकवाना बोरवेल पचोर को प्रदान किये गये हैं। वर्ष 2018-19 हेतु जिलेवार लक्ष्यों का निर्धारण एवं स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
जनप्रतिनिधि के पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
4. ( क्र. 354 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्राप्त पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने एवं पत्र का उत्तर दिए जाने और चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य शासन के किस-किस दिनांक को जारी पत्र का गृह विभाग (पुलिस) भी पालन करता है? (ख) प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस विषय पर किस दिनांक को किस क्रमांक का किसको लिखा पत्र पुलिस अधीक्षक, जिला सागर/पुलिस मुख्यालय भोपाल में संधारित पंजी में किस क्रमांक पर किस दिनांक को अंकित किया गया? इसमें से किस का प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उत्तर प्रेषित नहीं किया, किस पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ग) प्रश्नकर्ता के द्वारा किस दिनांक को लिखे गए पत्र में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को किन किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई वह जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किये जाने एवं पत्र का उत्तर दिये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 06.08.2012 एवं दिनांक 29.11.015 का पालन गृह (पुलिस) विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ख) माननीय विधायक द्वारा वषे 2014-15 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रेषित पत्रों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय विधायक को पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा कार्यालयीन पत्र दिनांक 26.02.2018 के माध्यम से जानकारी प्रेषित की गई। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अपराधिक प्रकरण में चालान पेश न करना
[गृह]
5. ( क्र. 355 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन एस.डी.ओ. बीना (सागर) व अन्य के विरूद्ध पुलिस थाना बीना में अपराधिक प्रमाण क्रमांक 114/2003 दर्ज है? (ख) प्रश्नांश 'क' का उत्तर हाँ तो उक्त अपराधियों के विरूद्ध चालान पेश हुआ या नहीं? यदि हाँ, तो तिथि बतावें? यदि नहीं, तो प्रकरण में 14 वर्ष बाद भी चालान पेश नहीं करने के लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) कब तक अपराधियों के विरूद्ध चालान पेश किया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। चालान पेश नहीं किये जाने के संबंध में कोई दोषी नहीं है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन नलजल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 467 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में ग्राम ईछनाखेड़ली में वर्तमान में स्थापित समस्त हैण्डपंपों में दूषित खारा पानी आ रहा है जो पीने योग्य नहीं है, क्या इस कारण ग्राम में पेयजल की गंभीर समस्या व्याप्त हैं? ग्रामीण दूर-दूर से पेयजल लाकर प्यास बुझा रहे हैं व अन्यत्र पलायन करने को विवश है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त समस्या के समाधान हेतु ग्राम ईछनाखेड़ली में शीघ्र नलजल योजना स्वीकृत कर इसका निर्माण कराये जाने की आवश्यकता है? (ग) इस संबंध में दिनांक 02.01.2018 को प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन ग्राम ईछनाखेड़ली में नागरिकों को शुद्ध पेयजल सुलभ कराने हेतु नलजल योजनाओं की स्वीकृति हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमों को शिथिल करते हुए यथाशीघ्र ग्राम की सीमा के आस-पास उपयुक्त स्थान पर जहां शुद्ध पेयजल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। उस प्वाइंट पर नलजल योजना के निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार करवाकर इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। ग्राम के समस्त स्रोतों के पेयजल में खारेपन (टी.डी.एस.) की मात्रा मापदण्डानुसार स्वीकार्य सीमा में है, नलकूपों का पानी दूषित नहीं है। वर्तमान में ग्राम में पेयजल की गंभीर समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्राम में सिस्टर्न आधारित मुख्यमंत्री पेयजल योजना क्रियान्वित है, जो वर्तमान में चालू है, इसके अतिरिक्त एक अन्य नलकूप पर पेयजल व्यवस्था हेतु सिंगलफेस पावर पंप स्थापित कर जलप्रदाय की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में पृथक से नलजल प्रदाय योजना की स्वीकृति की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी को प्रेषित पत्र पर विभागीय कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
स्वीकृत नलजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 468 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम नागदा, ननावद, धीरोली, मकड़ावदा, बागल्दा, हासिलपुर, लुहाड़, उतनवाड़, मयापुर, सोंठवा में नलजल स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्रस्तावित हैं? (ख) उक्त में से क्या तीन ग्राम उतनवाड़ा मयापुर, सोंठवा की नलजल योजना की डी.पी.आर. तैयार कर ई.ई. पी.एच.ई. श्योपुर ने शासन/विभाग को स्वीकृति हेतु भेज दी है ये वर्तमान में किस स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित हैं व क्यों? शेष योजनाओं की डी.पी.आर. भेजने में विलम्ब का कारण क्या है व कब तक भेजी जावेगी? (ग) क्या सूखा व जल अभाव क्षेत्र घोषित श्योपुर जिले में वर्तमान में भू-जल स्तर 200 से 400 फिट नीचे चला गया है? नतीजन पेयजल का गंभीर संकट व्याप्त है। आगामी ग्रीष्मकाल में ये भयावह हो जावेगा। (घ) उक्त स्थिति के मद्देनजर क्या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित योजनाओं की डी.पी.आर. को तत्काल स्वीकृति प्रदान कर वर्ष 2018-19 के बजट में इस हेतु राशि का प्रावधान करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्राम ननावद की योजना स्वीकृत हो चुकी है। ग्राम उतनवाडा़, सोंठवा, की योजनाएं प्रमुख अभियंता कार्यालय में तथा धीरोली, मायापुर एवं लुहाड़ की योजनाएं मुख्य अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। शेष ग्राम नागदा, मकड़ावदा, बागल्दा एवं हासिलपुर की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश-'क' अनुसार। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) जी नहीं। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार स्वीकृति दी जा सकेगी।
नलकूप खनन मशीन की आवश्यकता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 581 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत 46 ग्रामों में पेयजल की व्याप्त भीषण समस्या हल करने हेतु कॉम्बिनेशन मशीन से खनन कराना ही एक मात्र विकल्प है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या कॉम्बिनेशन नलकूप खनन मशीन न होने के कारण घाना, कैलवास, ककरतला, रिछाई शारदानगर, परतला, लहंगी, सिलपुरी, देवरी, बसनिया, इन्द्रा, हिनौतिया (बारहा), सिलगौर, पिपरियाखुर्द, तिलहरी, सालीवाड़ा, सरौरा, गाडरखेड़ा एवं अन्य ग्रामों में खनन कार्य नहीं हो सके हैं? (ग) क्या जबलपुर जिले में विभाग की कॉम्बिनेशन नलकूप खनन मशीन उपलब्ध है? यदि हाँ, तो गत 2 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कॉम्बिनेशन मशीन से कौन-कौन से ग्रामों में नलकूप खनन किये गये हैं? (घ) यदि जबलपुर जिले के लिये मशीन नहीं है तो क्या कॉम्बिनेशन मशीन उपलब्ध करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, स्ट्रेटा के अनुसार डी.टी.एच. एवं रोटरी मशीन द्वारा भी इन 46 ग्रामों में नलकूप खनन कार्य किया जाकर सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। ग्रामों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विगत 2 वर्षों में लो.स्वा.यां. विभाग मैकेनिकल खंड जबलपुर द्वारा जबलपुर जिले में कॉम्बिनेशन मशीन से खनित नलकूपों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश-'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
9. ( क्र. 639 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन दिए जाने के तहत नीमच जिले के कितने अशासकीय वि़द्यालयों के पास ऐसे विद्यार्थी है जिनके 12वीं में 85 प्रतिशत या अधिक अंक हैं द्वारा उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु ऑनलाईन आवेदन किए गए हैं? (ख) क्या अशासकीय विद्यालयों के 12वीं में पास 85 प्रतिशत से अधिक प्राप्तांक प्राप्त छात्रों द्वारा ऑनलाईन आवेदन करने पर कम्प्यूटर द्वारा स्वीकार नहीं करने के परिणाम स्वरुप उन्हें उक्त योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा हैं? इस हेतु नीमच जिले के विद्यालयों द्वारा कम्प्यूटर द्वारा ऑनलाईन आवेदन स्वीकृत न करने की शिकायत विभाग के अधिकारियों को दी गई? (ग) उक्त विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिल सके इस हेतु प्राप्त शिकायतों पर शासन द्वारा क्या निर्णय लिया गया है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना वर्ष 2017-2018 से प्रारंभ हुई है। नीमच जिले के शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों के 132 विद्यार्थियो ने ऑनलाईन आवेदन किये है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) उत्तरांश-''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन से वंचित कार्डधारियों को राशन उपलब्ध न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 743 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में नवीन बी.पी.एल. कार्ड बना तो दिये गये हैं लेकिन उन पर हितग्राहियों को राशन की पर्ची उपलब्ध नहीं हो पा रही है? कारण स्पष्ट किया जावे। (ख) मुरैना जिले में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हैं और कितनों को राशन मुहैया करवाया जा रहा है और कितने राशनकार्डधारी पर्चियों के अभाव में राशन लेने से वंचित रह जाते हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा वंचित रह गये कार्डधारियों को राशि कब तक उपलब्ध करवाया जायेगा? इस संबंध में विभाग की क्या योजना हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या के नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। माह नवम्बर, 2017 में सत्यापित 7249 प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार में सम्मिलित श्रेणियों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) मुरैना जिले में 1,42,143 बी.पी.एल. परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर अनुसार।
अनुमोदित लेआउट के विपरीत कालोनी का विकास
[राजस्व]
11. ( क्र. 780 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला सतना के प्रकरण क्र. 156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.02.2017 में उल्लेखित है कि मौजा कोलगवां तह. रघुराजनगर जिला सतना म. प्र. की आ. नं. 95/4/1/3/, आ. नं. 95/3/ 3/2ब, आ. नं. 95/4/3/3/2, आ.नं.95/4/2, आ.नं. 2/1अ कुल क्षेत्रफल 40946 वर्गफुट में वर्णित आवासीय भूमि उपयोग के अंतर्गत भू खण्डीय विकास का क्रियान्वित करने हेतु म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 30 (1) (ख) एवं म.प्र. भूमि विकास नियम, 1984 के नियम 27 (1) के अधीन शर्तों के अध्याधीन नगर तथा ग्राम निवेश सतना द्वारा अनुमोदित ले आउट के विपरीत कालोनी विकास किये जाने का कालोनाईजर दोषी है? (ख) क्या उक्त कालोनाईजर ने 26456 वर्गफुट का नक्शा नगर पालिक निगम सतना/राजस्व विभाग एवं कालोनाईजर का लायसेंस लेने के बाद पास कराकर 40946 वर्गफुट में कालोनी बनाई जिसमें आस पास की शासकीय भूमियों पर भी अवैध अतिक्रमण किया गया है? (ग) क्या उक्त कालोनी में पार्क की भूमि पर हॉस्टल का निर्माण किया गया है? जो भूमि रिक्त छोड़ी जाती है उस पर अवैध रूप से मकान बनाकर बेच दिये गयो हैं? अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा कि रिक्त भूखण्डों की रजिस्ट्री करवाकर पूरा बना बनाया मकान बेचा गया और स्टाम्प ड्यूटी की चोरी कर ली गयी? (घ) क्या कलेक्टर के आदेश के बाद प्रश्नतिथि तक जिला पंजीयक (कलेक्टर आफ स्टाम्प) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग, नगर पालिक निगम सतना, तहसीलदार एवं अनुविभागीय (राजस्व) द्वारा क्या क्या कार्यवाही, कब कब, कैसे कैसे, स्थल पर की? जारी सभी पत्रों की एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर नहीं की तो शासन किस किस अधिकारी पर कब व क्या कार्यवाही करेगा? आदेशों की एक प्रति दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यपालन यंत्री नगर निगम सतना के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कालोनाईजर को प्रश्नांकित आराजियों का कुल रकबा 40946 वर्ग फिट पर कालोनी विकास एवं भवन अनुज्ञा की अनुमति दिनांक 14.10.2003 को जारी की गयी थी। शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया जाना नहीं पाया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ''क'' में अंकित प्रकरण एवं पारित आदेश दिनांक 09.02.2017 के पालन में उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश सतना के पत्र क्रमांक 77/न.ग्रा.नि./स्था0/2018 दिनांक 13.02.2018 द्वारा श्री संजय कापडी पिता घनश्यामदास कापडी निवासी भरहुत नगर सतना को जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि ग्राम कोलगवां कि प्रश्नांश ''क'' में अंकित आराजियों में आवासीय अभिन्यास की अनुज्ञा नगर तथा ग्राम निवेश के पत्र क्रमांक 178-181 दिनांक 09.12.2005 द्वारा प्रदान की गई थी, जिसमें ओपन/पार्क हेतु आरक्षित भूमि पर आपके द्वारा भवन का निर्माण/विकास कर लिया गया है जो कि जारी की गई अनुज्ञा का उल्लंघन है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय घोषित भूमियों को दस्तावेजों में ना चढ़ाया जाना
[राजस्व]
12. ( क्र. 781 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना कलेक्टर द्वारा तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का सिजहटा के मौजा सोनौरा की आराजियों को रा.प्र.क्र. 1924 ए 74, 2015-16 कलेक्टर सतना ने प्र.क्र. 33ए (111) 2015-16 दि. 5.4.16 के तहत शासकीय दर्ज करने का आदेश दिया था, इसी तरह पटवारी हल्का कृपालपुर की आराजी 1285 का आदेश मामला क्र. 1217 अ 74/2015-16 कलेक्टर ने मामला क्र. 32 अ 19 (111) 15-16 दिनांक 28.3.16 के तहत आराजी 1285 रकबा 19.14 एकड़ को शासकीय घोषित करने का आदेश जारी किया था तथा कोलगवां हल्के की उतैली चेक सोनौरा की आ.नं. 91/6/8 2 एकड़ आराजी को शासकीय घोषित किया है तथा जिले के अन्य तहसील में भी कई आराजियों को शासकीय घोषित किया गया है? अगर हाँ तो उक्त आदेशों की कॉपी उपलब्ध कराये नहीं करायेंगे तो कारण सहित बतायें। क्या उक्त आराजी में सप्तम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 के द्वारा 11.5.16 एवं 22.9.16 तथा तृतीय अपर जिला न्यायाधीश द्वारा 2.9.16 को उक्त आराजी के संबंध में फैसला हुआ है? उसका भी प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पत्र क्र. 87 दि. 22.3.16 के तहत जिले के समस्त एस.डी.एम. को निर्देशित किया था कि शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द करने वाले राजस्व कर्मचारी एवं अधिकारी तथा भूमाफिया के खिलाफ एफ.आई.आर. कराये, अगर हाँ तो अब तक कितनों के उपर शासन द्वारा एफ.आई.आर. करायी गयी है? उसकी कॉपी उपलब्ध करायें नहीं करायी गयी है, तो क्यों बिन्दुवार बतायें। (ग) अगर (क), (ख) सही है तो क्या राजस्व शासन उन कलेक्टरों पर कार्यवाही करेगा जिन्होंने जमीन तो शासकीय कर दी पर उसकी उक्त उन्हें नोटशीट पर आदेश जारी करना चाहिये था कि शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले अधिकारी कर्मचारी तथा भूमाफिया के खिलाफ एफ.आई.आर करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो राज्य शासन द्वारा प्रदेशस्तरीय कमेटी बनाकर सतना जिले में हुए शासकीय जमीनों के फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जाँच करायेंगे तथा जो जमीन शासकीय घोषित हो चुकी है, उनमें संबंधित लोगों के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. करायेंगे? नहीं करायेंगे तो क्यों? स्पष्ट कारण सहित बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) - 1- न्यायालय कलेक्टर सतना के रा.प्र.क्र.33 अ19 (। । । ) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 05-04-2016 द्वारा तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत पटवारी हल्का सेजहटा के मौजा सोनौरा की आराजी क्रमांक 44, रकबा 3.38ए, आ0नं0 329/342/3 रकबा 5.00ए0, आ0नं0 329/342/2 रकबा 5.00ए0, आ0नं0 309/2 रकबा 5.00ए0 कुल किता 04 रकबा 18.38,ए0 म.प्र. शासन घोषित किया गया 2- न्यायालय कलेक्टर सतना के रा0प्र0क्र0 32अ19 (। । । ) 2015-16 में पारित आदेश दिनांक 28-03-2016 द्वारा पटवारी हल्का कृपालपुर मौजा कृपालपुर की आ0नं0 1285/1ख रकबा 2.00ए0, आ0नं0 1285/1ड/1 रकबा 5.00ए0, आ0नं0 1285/1घ रकबा 2.00ए0, आ0नं0 1285/2 रकबा 4.00ए0, आ0नं0 1285/1ग रकबा 3.00ए0 कुल किता 06 रकबा 16.00 ए0 म.प्र. शासन घोषित किया गया तथा न्यायालय कलेक्टर सतना के प्रकरण क्रमांक 02/स्व0 प्रेनिग0/2014-15 में पारित आदेश दिनांक 28-12-16 द्वारा मौजा सोनौरा चेक उतैली के आ0क्र0 91/6/8 रकबा 2.00 ए0 को म.प्र. शासन घोषित किया गया न्यायालय कलेक्टर सतना के द्वारा जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माननीय अपर जिला न्यायाधीश द्वारा आदेश की प्रतिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत उत्तरांश (क) में वर्णित न्यायालयीन आदेशों के माध्यम से न्यायालय कलेक्टर सतना द्वारा जो भूमियों शासकीय घोषित की गई है, जारी आदेश में किसी भी राजस्व अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं ठहराया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश क, ख के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश ख का उत्तर भेजने का कष्ट करें।
पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
13. ( क्र. 811 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के ग्राम मलपुरा थाना लहार के निवासी श्री योगेन्द्र उर्फ पप्पू पर वर्ष 1985 से तथा श्री संजीव सिंह निवासी मलपुरा हाल मिहोना पर वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले के थाना भिण्ड, अमायन, मौ, लहार, मिहौना, रौन, दबोह एवं आलमपुर में कब-कब किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किये गये? (ख) उपरोक्त दोनों पर दर्ज अपराधों में वर्तमान में से कौन-कौन से अपराध न्यायालयों में विचाराधीन है किन-किन अपराधों में न्यायालयों से कितनी-कितनी सजा हुई तथा किन-किन में दोषमुक्त हुये? (ग) उपरोक्तानुसार दोनों व्यक्तियों की वर्तमान में किन-किन अपराधों में गिरफ्तारी नहीं हुई? गिरफ्तार न करने का कारण बतायें? (घ) थाना रौन जिला भिण्ड ग्राम लारौल निवासी श्री गोपालसिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एन.एस.ए.) के तहत तथा श्री दीपक शर्मा निवासी ग्राम बिरखड़ी थाना रौन को जिलाबदल की कार्यवाही करने के दिनांक को भिण्ड जिले के किन-किन न्यायालयों में कौन-कौन अपराध विचाराधीन थे तथा पूर्व में किन-किन अपराधों में दोषमुक्त हो चुके हैं? (ड.) क्या यह सच है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधियों पर अनेक अपराध पंजीबद्ध होने के बाद भी एन.एस.ए./जिलाबदल की कार्यावाही न करने वाले तथा अधिकांश अपराधों में दोषमुक्त किये गये श्री गोपालसिंह तथा श्री दीपक शर्मा पर कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों के कृत्यों की जाँच करायी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) संजीव सिंह के विरुद्ध वर्ष 2017 में एन.एस.ए. के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। योगेन्द्र उर्फ पप्पू पुत्र महेन्द्र सिंह राजपूत निवासी मल्लपुरा के द्वारा वर्ष 2014 के पश्चात अपराध घटित नहीं किये जाने के कारण एन.एस.ए./जिलाबदर की कार्यवाही नहीं की गई है। गोपाल सिंह के विरुद्ध दिनांक 17.11.2013 को जिलाधीश भिण्ड के न्यायालय में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया गया। इसी प्रकार दीपू उर्फ दीपक शर्मा के विरुद्ध दिनांक 08.04.2016 को जिलाधीश भिण्ड के न्यायालय में जिला बदर प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। कार्यवाही न्यायसंगत है। अतः जाँच कराए जाने के आवश्यकता नहीं है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना का पालन
[श्रम]
14. ( क्र. 1095 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न/विभागों/उपक्रमों में कार्यरत अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों को वर्तमान प्रतिमाह किस दर से मजदूरी दी जा रही है? (ख) बढ़ती महंगाई को देखते हुए विगत पाँच वर्षों में कब-कब मजदूरी की दर तय करने हेतु समीक्षा की गई? यदि नहीं, तो मजदूरी की दरें किस आधार पर तय की जाती है? (ग) क्या भारत का राजपत्र असाधारण भाग-II खण्ड 3 -उपखण्ड (ii) Part II-Section 3-Sub-Section (ii) प्राधिकार से प्रकाशित श्रम और रोजगार मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 28 अगस्त 2017 में ''केन्द्रीय सरकार, मजदूरी संदाय अधिनियम, 1936 (1936 का 4) की धारा (1) की उप-धारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन द्वारा प्रकाशित उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर उक्त उप-धारा (6) के अधीन मजदूरी के रूप में चौबीस हजार रूपए प्रति मास विनिर्दिष्ट करती है? (घ) क्या उक्त अधिसूचना का मध्यप्रदेश में पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) प्रदेश में न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अधिसूचित नियोजनों में न्यूनतम वेतन का निर्धारण किया जाता है जिसके अंतर्गत विभिन्न विभागों/उपक्रमों में कार्यरत अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों को देय मजदूरी की दरें निम्नानुसार हैः-
कर्मचारियों की श्रेणी प्रतिमाह प्रतिदिन
अकुशल रू. 7125 रू. 274
अर्द्धकुशल रू 7982 रू. 307
(ख) विभिन्न अधिसूचित नियोजनों में न्यूनतम वेतन का निर्धारण किया जाता है तथा अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत 5 वर्ष की अवधि पश्चात् न्यूनतम वेतन का पुनरीक्षण वर्ष 2014 में किया गया। म.प्र शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के पुनरीक्षण के संबंध में जारी की गई अधिसूचना अनुसार म.प्र में न्यूनतम वेतन लागू है। (ग) जी हाँ। (घ) वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 की धारा 1 (6) के अनुसार उक्त अधिनियम की प्रभावशीलता जिन श्रमिकों पर होगी उनकी अधिकतम वेतन सीमा को 24000 रूपए निर्धारित किया गया है। अतः वे श्रमिक जिन्हें वेतन का भुगतान नहीं हुआ है अथवा वेतन में से अवैधानिक कटौती की गयी है। अधिसूचना अनुसार उनका अधिकतम वेतन 24000/- रू तक होने पर उनकी शिकायतों पर अथवा निरीक्षण के दौरान ऐसी स्थिति पाये जाने पर वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 के अंतर्गत विधानानुसार कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य में की जा रही है।
शासकीय भूमि एवं पट्टे की भूमि के सम्बन्ध में कार्यवाही
[राजस्व]
15. ( क्र. 1156 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम चौरी, पटवारी हल्का नं. 55 तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल म.प्र. में कुल कितनी शासकीय भूमि है तथा शासकीय भूमि में किन-किन लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? आ.ख.नं., रकबा अतितक्रमण कर्ता का नाम बतायें। (ख) अतिक्रमित भूमि का उपयोग किस प्रयोजन में किया जा रहा है? (ग) क्या शासकीय आराजी से अतिक्रमण हटाने हेतु राजस्व अमले द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। यदि नहीं, तो कार्यवाही न करने का औचित्य बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) - ग्राम चौरी पटवारी हल्का -55 तहसील व्यौहारी जिला शहडोल म.प्र. में कुल रकबा 107.667 हे. शासकीय भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। ग्राम चौरी स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 162/1 0.255 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.020 अतिक्रमणकर्ता ओंकार पिता श्यामलाल ब्रा0 162/1 0.255 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.010 अतिक्रमणकर्ता बद्रीप्रसाद पिता गैवीनाथ ब्रा0 15/1/क 0.801 हे. अतिक्रमित रकबा 0.020 हे. अतिक्रमणकर्ता कालिका प्रसाद पिता कमला प्रसाद ब्रा0 15/1/क 0.801 हे. अतिक्रमित रकबा 0.100 हे. अतिक्रमणकर्ता रामकरण पिता गोकुल प्रसाद ब्रा0 15/1/क 0.801 हे. अतिक्रमित रकबा 0.020 हे. अतिक्रमणकर्ता शिवकुमार पिता कुशल विश्वकर्मा 8/37 0.344 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.344 अतिक्रमणकर्ता मानकली पिता बालमीक खैरवार 8/38 0.445 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.223 अतिक्रमणकर्ता बालमीक पिता भोला खैरवार 8/38 0.445 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.222 अतिक्रमणकर्ता रघुनाथ पिता भोला खैरवार 8/40 0.541 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.271 अतिक्रमणकर्ता मुन्नेलाल पिता भोला खैरवार 8/40 0.541 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.270 अतिक्रमणकर्ता रामसजीवन पिता भोला खैरवार 12/1 11.016 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.060 अतिक्रमणकर्ता परदेशी पिता विरझू बसोर 12/1 11.016 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.060 अतिक्रमणकर्ता रमेश पिता परदेशी बसोर 12/1 11.016 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.060 अतिक्रमणकर्ता मुनेश पिता परदेशी बसोर 11/2 1.011 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.405 अतिक्रमणकर्ता संतोष पिता रामावतार ब्रा0 7/63 0.040 हे0 अतिक्रमित रकबा 0.040 अतिक्रमणकर्ता मोहन पिता सुदर्शन खैरवार का अतिक्रमण पाया गया। (ख) 162/1 गेहूँ की फसल बोकर एवं बाउण्ड्रीवाल बनाकर,15/1/क मकान एवं बाडी बनाकर, 8/37 गेहूँ अलसी की फसल लगाकर,8/38 गेहूँ अलसी की फसल लगाकर, 8/40 गेहूँ अलसी की फसल लगाकर,12/1 मकान एवं बाडी बनाकर,11/2 मकान एवं गेहूँ की फसल बोकर,7/63 गेहूँ-सरसो की फसल बोकर। (ग) जी हाँ म.प्र. भू राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत प्रक्ररण दर्ज कर न्यायालयीन कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि सीमांकन बाबत्
[राजस्व]
16. ( क्र. 1157 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग सतना जिला सतना ने पत्र क्रमांक 2689 दिनांक 3.8.2017 के द्वारा ग्राम किरहाई तहसील अमरपाटन की आ.ख.नं. 615/1, 526/1 एवं 536 भराव सीमांकन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग अमरपाटन को पत्र लिखा गया था? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अमरपाटन द्वारा प्रश्नांकित आराजी का सीमांकन करा लिया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? सीमांकन न करने का औचित्य बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) किरहाई मिट्टी बांध में पानी भरा होने के कारण सीमांकन नहीं हुआ था। सीमांकन हेतु दिनांक १२.३.२०१८ की तिथि नियत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधिग्रहित पट्टे की आराजी को प्रभावित किये जाने
[राजस्व]
17. ( क्र. 1158 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल की तहसील ब्यौहारी अंतर्गत ग्राम चौरी, पटवारी हल्का 55, चौरी से सथनी (कुसमानी) तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्माणाधीन मार्ग बन्दोबस्ती आराजी में है या पट्टे की आराजी में? (ख) क्या पट्टे की अधिग्रहित आराजी की सहमति भूमिस्वामी से ली गई? यदि हाँ, तो भूमिस्वामी का नाम व अधिग्रहित आराजी का रकबा बतायें। यदि सहमति नहीं ली गयी तो क्यो? (ग) उक्त मार्ग निर्माण में भूमिस्वामी की आराजी खसरा नम्बर को प्रभावित किये जाने का क्या कारण है यदि म.प्र.शासन की भूमि बन्दोबस्ती रास्ता हेतु आरक्षित हैं तो निर्धारित नक्शानुसार मार्ग का निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला शहडोल तहसील ब्यौहारी अंतर्गत ग्राम चौरी पटवारी हल्का 55 चौरी से सथनी तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्माणाधीन मार्ग (कुशमानी) पट्टे की भूमि में नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ( (ग) उत्तरांश-क अनुसार निर्धारित नक्शानुसार मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।
प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
18. ( क्र. 1181 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004 में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत थे? इनमें से कितने पुरुष एवं कितनी महिलाएं थीं? महिला एवं पुरुष बेरोजगारों की पृथक-पृथक संख्या बतावें? (ख) जनवरी 2018 की स्थिति में प्रदेश में कुल कितने शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं? इनमें से कितने महिला एवं पुरुष हैं? पृथक-पृथक संख्या बतावें? यह वर्ष 2014 की तुलना में कितना प्रतिशत अधिक है? बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि होने के क्या क्या कारण रहे? (ग) वर्ष 2004 से जनवरी 2018 तक रोजगार कार्यालयों के माध्यम से प्रदेश में कितने बेरोजगारों को सार्वजनिक, सहकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया? पुरूष एवं महिला उम्मीदवारों की संख्या वर्षवार पृथक-पृथक बतावें? (घ) क्या प्रदेश के रोजगार कार्यालय पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में असफल सिद्ध हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इनका क्या औचित्य है? क्या प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि नहीं, तो प्रदेश में बढती बेरोजगारी पर काबू पाने की शासन की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) वर्ष 2004 में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कुल पंजीकृत 20,29,939 में से शिक्षित 17,86,235 एवं अशिक्षित 2,43,704 बेरोजगार थे। इनमें कुल पंजीकृत महिला 3,64,056 में से 3,16,659 तथा अशिक्षित 47,397 एवं कुल पंजीकृत पुरूष 16,65,883 में से शिक्षित 14,69,576 तथा अशिक्षित 1,96,307 बेरोजगारों की संख्या थी। (ख) जनवरी 2018 की स्थिति में प्रदेश में कुल पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों में से 503127 महिला एवं 1605610 पुरूष है। कुल पंजीकृत अशिक्षित बेरोजगारों में से 51319 महिला एवं 218503 पुरूष है। यह वर्ष 2014 की तुलना में 16.4 प्रतिशत अधिक है। शेष विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। बेरोजगार की रोजगार उपलब्धता निरन्तर वर्ष दर वृद्धि हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने के लिये शासन द्वारा रोजगार कार्यालय प्लेसमेंट सेन्टर के रूप में उन्नयन एवं आधुनिकीकरण जननिजी भागीदारी (पी.पी.पी.) के माध्यम से कर निर्धारित लक्ष्यानुसार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए कार्य आदेश जारी किया गया है।
संविदा श्रमिकों के वेतनमान व अन्य सुविधाएं
[श्रम]
19. ( क्र. 1234 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में संविदा श्रमिक जो प्रदेश के विभिन्न कारखानों में स्थायी नेचर का कार्य कर रहे है, ऐसे श्रमिकों को स्थाई श्रमिकों के समान वेतनमान एवं सामाजिक सुरक्षा देने के संबंध में सरकार क्या कदम उठा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त संबंध में श्रम कानून क्या है? (ख) केन्द्र सरकार द्वारा प्रश्नांश (क) संबंधी व अन्य श्रमिकों का न्यूनतम वेतनमान रूपये १८०००/- देने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो इन श्रमिकों को इस निर्देशानुसार वेतनमान व अन्य सुविधायें क्यों नहीं हैं? (ग) सरकार कब तक प्रश्नांश (क) श्रमिकों के हित में केन्द्र सरकार के निर्देश व प्रावधानों पर अमल करेगी?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) मध्याप्रदेश में संविदा श्रम हेतु विभिन्न कारखाने में केवल ऐसे ही कार्यों हेतु अनुज्ञप्ति जारी की जाती है जिनमें ठेका श्रमिकों का नियोजन/प्रतिबंधित नहीं है। ऐसे ठेका श्रमिक जो विभिन्न कारखाने में स्थाई नेचर का कार्य कर रहे है, के संबध में मध्यप्रदेश ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) नियम 1973 के उपनियम 25 नि (v) में प्रावधान है कि ''ऐसे मामलों में जहां संस्थान के नियोक्ता द्वारा सीधे नियोजित श्रमिकों का ही या उनके समान कार्य करने के लिए श्रमिकों को ठेके पर नियोजित किया गया हो, उनके वेतन की दर, अवकाश, कार्य के घंटे तथा सेवा की अन्य शर्तें वही होंगी, जो कि मुख्य नियोक्ता द्वारा सीधे नियोजित कर्मचारियों को उसी कार्य पर या समान कार्य करने पर देय है। उक्त के संबध में कार्यवाही हेतु श्रम कार्यालयों को पूर्व से ही दिशा निर्देश जारी हैं। (ख) उक्त के संबध में केंद्र सरकार के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिसूचित नियोजनों में प्रभावशील न्यूनतम वेतन दरों अनुसार श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. राशन कार्डों में गड़बड़ी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 1281 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2013 से 2016 तक कितने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन वाले राशन कार्ड जारी किये गये हैं? नगर एवं ग्रामीण की पृथक-पृथक जानकारी दीजिए। (ख) क्या खंडवा जिला मुख्यालय पर जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा उक्त अवधि के दौरान सबसे अधिक गरीबी रेखा से नीचे के राशनकार्ड जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या खाद्य विभाग के अधिकारी द्वारा तत्समय अपने पदीय कर्तव्यों का दुरूपयोग कर बड़ी संख्या में बिना किसी आधार के बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जाएगा? (घ) यदि हाँ, तो जाँच की समय-सीमा एवं दोषी अधिकारियों के नाम सार्वजनिक कर दंडित किये जाने की कार्यवाही कब तक की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खंडवा जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नांकित अवधि में क्रमश: 1194 एवं 3162 गरीबी रेखा के राशनकार्ड जारी किए गए हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य में प्राथमिकता परिवारों के लिए 24 श्रेणी जिसमें बी.पी.एल. भी सम्मिलित है को केन्द्र शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की सीमा के हितग्राही संख्या अंतर्गत पात्रता परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने का प्रावधान है। बी.पी.एल. श्रेणीकरण पात्रता तहसीलदार द्वारा तय कर पात्रता स्थानीय निकाय द्वारा चिन्हित की जाती है। उक्त अवधि में सक्षम अधिकारी सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वारा 752 बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को पात्रता पर्ची जारी के आधार पर जारी किए गए हैं। अत: अधिक या कम जारी किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र परिवारों को बी.पी.एल. राशनकार्ड जारी किए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कौशल विकास केन्द्रों की सार्थकता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
21. ( क्र. 1293 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनांतर्गत कौन-कौन से प्रशिक्षण केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? ये प्रशिक्षण केन्द्र किसके द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रशिक्षण केन्द्रों में किस-किस विषय/फील्ड में कितने प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षणरत हैं? प्रशिक्षण के उपरांत कितनों को रोजगर उपलब्ध हो पाया है? (ग) इन सभी कौशल विकास केन्द्रों को विगत 2 वर्षों में कितनी राशि शासन द्वारा दी गई है? क्या ये केन्द्र एवं राज्य शासन की मंशानुरूप निर्धन वर्ग के छात्र-छात्राओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने के पश्चात रोजगार दिलाने में सक्षम सिद्ध हो रहे हैं? (घ) खण्डवा जिले में इन प्रशिक्षण केन्द्रों का निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग किस विभाग द्वारा कब की गई? क्या इन केन्द्रों पर कोई कमियां पाई गई हैं? यदि हाँ, तो ऐसे केन्द्रों के विरूद्ध कब एवं क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या इन केन्द्रों से प्रशिक्षण प्राप्त छात्र-छात्राओं को बिना किसी गारंटी के रोजगार हेतु ऋण दिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या प्रावधान किया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि योजना प्रारंभ हुये पर्याप्त समय नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधीन प्राचार्य आई.टी.आई. खण्डवा एवं उनके स्टाफ द्वारा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन/मुख्यमंत्री कौशल्या योजना अन्तर्गत संचालित केन्द्रों का समय-समय पर निरीक्षण एवं मानीटरिंग की गई है। पाई गई कमियों का यथा समय निराकरण कर पूर्ण किया गया। कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। जी नहीं।
अतिक्रमण हटाए जाना
[राजस्व]
22. ( क्र. 1382 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के ग्राम बाबुपुर तहसील एवं विकासखण्ड उचेहरा के अंतर्गत बघईना तालाब की आराजी नं. 526/2, 1643/2, 526/1 व 1643/1 सरकारी तालाब कास्तकार दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त तालाब में श्री जगदीश सिंह सिगरहा तनय सुखना सिगरहा एवं अन्य द्वारा कब्जा करके सिंघाड़ा उत्पादन एवं मछली पालन कर रहे हैं। जबकि उक्त तालाब का निस्तार गांववासियों के मवेशियों के पानी पीने एवं अन्य सार्वजनिक कार्य उपयोग हेतु है। क्या कब्जा धारकों द्वारा मवेशियों को घुसने नहीं दिया जाता, जिसकी शिकायत कलेक्टर सतना को दिनांक 10.01.2018 को ग्रामीणवासियों द्वारा की गई थी, साथ ही एस.डी.एम., तहसीलदार, थाना प्रभारी, सरपंच उचेहरा को भी की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अतिक्रमकों के विरूद्ध अभी तक पुलिस थाने में सरपंच द्वारा प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई? कब तक कराई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। ग्राम बाबूपुर की आराजी नं. 526/1, 1643/1, जगदीश तनय सुखना सिंगरहा एवं आ.नं. 526/2 1643/2 बाबूलाल पिता सुखना सिंगरहा के नाम राजस्व अभिलेख खसरा में शासकीय पट्टेदार स्वत्व में तालाब दर्ज है। (ख) जी हाँ। जगदीश पिता सुखना सिंगरहा द्वारा सिंघाड़ा उत्पादन एवं मछली पालन कर रहे हैं। कब्जाधारकों द्वारा सिंघाड़ा की फसल एवं मछली पालन होने की स्थिति में ही सुरक्षात्मक बचाव हेतु आवारा पशुओं को रोकने का कार्य करते हैं। अन्य सार्वजनिक कार्य के उपयोग में व्यवधान करना मौके से नहीं पाया जाता क्योंकि तालाब की मेड़ से आवागमन हो रहा है। जी हाँ। शिकायत 10.01.2018 को कलेक्टर सतना, एस.डी.एम., तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं सरपंच उंचेहरा को की गई थी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसीलदार के निलम्बन के संबंध में
[राजस्व]
23. ( क्र. 1383 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3196 दिनांक 30.11.2011 में सदन में चर्चा माननीय राजस्व मंत्री द्वारा की गई घोषणानुसार तत्कालीन तहसीलदार देवेन्द्र नगर जिला पन्ना वर्तमान में पदस्थ पन्ना को निलम्बित करने की घोषणा की गई थी? उक्त घोषणानुसार तत्कालीन तहसीलदार को कब निलम्बित किया गया था? निलम्बन आदेश की प्रति उपलब्ध कराये, यदि नहीं, किया गया तो कब तक किया जाएगा और अब तक न करने के लिये कौन दोषी हैं? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा गृह तहसील में पदस्थ गृह ग्राम के बगल के हल्का में पटवारी श्री भूपेन्द्र गौतम को हटाने के लिये मुख्य सचिव म.प्र. शासन को दिनांक 19.06.2017 पत्र लिखा दिनांक 20.03.2017 को माननीय राजस्व मंत्री जी को लिखा गया एवं विधानसभा सदस्य श्रीमती प्रमिला सिंह जी ने दिनांक 29.8.2017 को प्रभारी मंत्री सतना को गृह तहसील में पदस्थ उक्त पटवारी को हटाने हेतु लिखा था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त पटवारी को अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? इसके अतिरिक्त सतना जिले अन्य पटवारी जो शासकीय भूमि को खुर्दबुर्द घोटाले में लिप्त हैं, जिनकी शिकायतें शासन के पास है, उनको अभी तक क्यों नहीं हटाया गया बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। घोषणा अनुसार तत्कालीन तहसीलदार देवेन्द्र नगर जिला पन्ना को निलंबित करने की घोषणा के संबंध में जाँच की गई, जाँच उपरांत पाया गया कि तहसीलदार देवेन्द्र नगर अंतर्गत विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3196 के उत्तर के अनुसार कुल 28 प्रकरण लंबित थे। जिनका निराकरण किया जा चुका है। प्रकरण क्रमांक 26/अ-6/2010-11 की जाँच में पाया गया कि प्रकरण दिनांक 1.3.2011 को दायर किया गया है तथा दिनांक 1.3.2011 को ही उद्घोषणा जारी की गई है। निराकरण दिनांक 30/4/2011 को किया गया था। अत: यह कहना सही नहीं है कि बिना इश्तहार जारी किये सीधा-सीधा दो दिन में बंटवारा/नामांतरण किया गया है। प्रकरण में त्रुटि वश पूर्व में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3196 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट–अ में प्रकरण दर्ज करने का दिनांक 1/3/2011 के स्थान पर 26/4/2011 टंकित हो गया था। इस कारण उक्त में कोई भी अधिकारी/व्यक्ति दोषी न होने से किसी की कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। गृह तहसील बीरसिंहपुर के पगार कला हल्कें में पटवारी श्री भूपेन्द्र सिंह गौतम दिनांक 7.7.2014 से पदस्थ है। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) स्थानांतरण नीति जारी होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेंगी। पटवारियों के भूमियों को खुर्द-बुर्द घोटाले में लिप्त होने की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक आपदा के संबंध में
[राजस्व]
24. ( क्र. 1490 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा में प्राकृतिक आपदा जैसे अतिवृष्टि, ओला, पाला सूखे आदि के कारण फसले नष्ट होने से कितनी राशि के नुकसान का आंकलन किया गया? आंकलन के विरूद्ध कुल कितनी राहत राशि/मुआवजा राशि किसानों को प्रदाय की गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार गांवों में किन-किन किसानों की फसले नष्ट होने के बाद अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है? (ग) प्रदेश में प्रधान मंत्री कृषि बीमा योजना लागू होने के बाद से पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने कृषकों का फसल बीमा किया गया? किस किस कंपनी को कितनी कितनी राशि किस वर्ष से प्रीमियम रूप में जमा की गई? इसमें से कितनी राशि केन्द्र सरकार की कितनी राज्य सरकार की एवं कितने कृषकों द्वारा जमा की गई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा में फसल नष्ट होने के बाद कितने कृषकों को फसल बीमा की दावा राशि का भुगतान किया गया एवं कितने कृषकों की कितनी दावा राशि का भुगतान किया जाना शेष है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रदेश के प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना लागू होने के बाद पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीमा कम्पनी आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बर्ड द्वारा कुल 9073 कृषकों का फसल बीमा किया गया। अनूपपुर जिला अन्तर्गत बीमा हेतु आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बर्ड को अधिकृत किया गया है। खरीफ वर्ष 2016, रबी वर्ष 2016-17 तथा खरीफ वर्ष 2017 के लिए कुल प्रीमियम राशि रू. 714.32088 लाख के रूपये में जमा कराया गया है। इसमें से केन्द्रांश राशि रूपये 313.62179 लाख, राज्यांश राशि रूपये 313.62179 लाख एवं कृषक द्वारा जमा किया गया प्रीमियम राशि रू. 87.07730 लाख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) बीमा कम्पनी आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बर्ड द्वारा फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ 2016 में फसल नष्ट होने से 59 कृषकों को फसल बीमा की दावा राशि रू. 13728/- का भुगतान किया गया है।
हितग्राहियों के लिए योजनाएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 1491 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपूर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले जिन हितग्राहियों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं, उनमें से कितनी खाद्य पर्ची जारी की गई है कितनों को जारी नहीं की गई? संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत हितग्राही को पर्ची जारी न करने के क्या कारण हैं? क्या पर्ची के बिना हितग्राही को योजना का लाभ मिलेगा? यदि नहीं, तो पर्ची जारी करने में विलंब के क्या कारण रहे, इसके लिये कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) बी.पी.एल. राशन कार्ड हितग्राहियों के लिये शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें अनूपपुर जिले में संचालित है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 से बी.पी.एल. परिवार श्रेणी अंतर्गत 2209 नवीन हितग्राहियों की पात्रता-पर्ची जारी की गई है। बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. परिवारों को अन्त्योदय एवं प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जिसमें अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार खाद्यान 1 किलो नमक एवं 5 लीटर केरोसीन तथा प्राथमिकता परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह खाद्यान 1 किलो नमक एवं 2 लीटर केरोसीन लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण किया जा रहा है।
आवासीय पट्टों का वितरण
[राजस्व]
26. ( क्र. 1533 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत कुल कितने राजस्व ग्राम और कुल कितने वन ग्राम हैं? क्या दखल रहित म.प्र.शासन की भूमि पर आबादी बनाकर भूमिहीन व्यक्ति, जो पुस्तैनी से काबिज हैं, उन्हें आवासीय पट्टा देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो केशवी, रतनपुरा, बावडीखोदरा, जलोख्या, गुंगीदेवी, देदली के, पाँचपिपल्या, पंथा, सिरोंज, धोलाहनुमान, होलीबयड़ा इत्यादि ग्रामों के कई व्यक्तियों को आवासीय पट्टे वितरण नहीं किये गये है? पट्टे वितरण नहीं करने का करण स्पष्ट करें तथा कब तक आवासीय पट्टों को वितरण कर दिया जायेगा? (ग) क्या विभाग द्वारा पट्टे दिये जाने हेतु सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले की विधानसभा क्षेत्र गंधवानी अंतर्गत तहसील गंधवानी में राजस्व ग्राम 139 व 11 वन ग्राम है। तहसील कुक्षी के बाग टांडा क्षेत्र के 89 राजस्व ग्राम व 2 वन ग्राम तथा तहसील धार के तिरला क्षेत्र के 117 राजस्व ग्राम इस प्रकार कुल 345 राजस्व ग्राम तथा 13 वन ग्राम है। जी हाँ मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 1970 के अन्तर्गत प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र गंधवानी अंतर्गत प्रश्नांकित ग्रामों के संबंध में ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्यप्रदेश ग्रामों में की दखल रहित भूमि (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 1970 के अन्तर्गत पट्टा वितरण किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सर्वे रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
गेहूँ खरीदी हेतु सोसायटी प्रारंभ करने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 1551 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहावल विधानसभा क्षेत्र के चंदवाही सोसायटी में गेहूँ खरीदी का कार्य चालू नहीं किया गया है, जिससे किसानों को काफी दूर गेहूँ लेकर जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो कब तक चंदवाही सोसायटी में गेहूँ खरीदी का कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) ग्राम पंचायत लौआर, ग्राम पंचायत कुसेडा व ग्राम पंचायत खुटेली के किसान नदी पार कर बघोर सोसायटी में धान व गेहूँ बेचने जाते हैं, यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों हेतु नवीन सोसायटी खोलने अथवा मयापुर सोसायटी में जोड़ने का कार्य कब तक किया जावेगा? (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बारपान में नवीन दुकान क्यों नहीं खोली जा रही है? कब तक खोली जावेगी? जबकि लोग 10 किमी दूर अनाज लेने जाते हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) रबी विपणन मौसम 2018-19 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन नीति के अंतर्गत नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने अथवा विगत वर्ष के केन्द्र को यथावत् उपार्जन केन्द्र बनाए रखने हेतु सामान्य क्षेत्र में कम से कम 200 कृषकों का पंजीयन एवं 100 कृषकों द्वारा विगत वर्ष गेहूँ का विक्रय किया जाना आवश्यक है। चंदवाही सोसायटी में गेहूँ उपार्जन हेतु 85 कृषक ही पंजीकृत होने के कारण नवीन उपार्जन केन्द्र नहीं खोला गया है। इसके कृषक अन्य सोसायटी में गेहूँ विक्रय कर सकते है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत लौआर, कुसेडा एवं खुटेली बघोर सोसायटी के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने से उपार्जन केन्द्र बघोर सोसायटी से संलग्न है। उपार्जन नीति में जिला कलेक्टर को उपार्जन केन्द्र परिवर्तन की अनुशंसा कर आयुक्त खाद्य को भेजने का प्रावधान उपलब्ध है। (ग) सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बारपान की ग्राम पंचायत भरूही में उचित मूल्य दुकान संचालित है, जिसमें 402 पात्र परिवार संलग्न है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में खोलने का प्रावधान है। यदि किसी पंचायत में 800 से अधिक पात्र परिवार होने पर अतिरिक्त दुकान खोली जा सकती है। ग्राम बारपान की ग्राम पंचायत भरूही में दुकान होने तथा 800 से कम पात्र परिवार होने के कारण एक ग्राम पंचायत में एक से अधिक दुकान खोली जाना नियमानुसार नहीं है।
उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति.
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
28. ( क्र. 1581 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में उपभोक्ताफोरम के माध्यम से ग्राहकों को न्याय दिलाने के लिए अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद की व्यवस्था की गई थी? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उपभोक्ता फोरम के गठन हेतु अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए क्या–क्या मापदण्ड हैं? स्पष्ट करने की कृपा करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के कितने जिलों में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त हैं और कितने समय से किस-किस जिले के अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त है? क्या रिक्त पदों पर जल्द नियुक्तियां की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
टैक्सटाइल अवार्ड की घोषणा
[श्रम]
29. ( क्र. 1638 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री (श्री प्रकाशचंद सेठी, श्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा, श्री सुंदरलाल पटवा, श्री मोतीलालवोरा) सभी ने टैक्सटाइल उद्योगों के श्रमिकों को टैक्सटाइल अवार्ड घोषित किया, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या वर्तमान समय में म.प्र. शासन भी इस दिशा में टैक्सटाइल अवार्ड की घोषणा करने का विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक एवं किस प्रकार?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश में संचालित टेक्सटाइल उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के लिये तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री गण श्री प्रकाश चन्द्र सेठी द्वारा वर्ष 1973 में, श्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा द्वारा वर्ष 1979 में, श्री मोतीलाल वोरा द्वारा वर्ष 1986 में तथा श्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा वर्ष 1991 में अवार्ड/अपील जारी किये गये थे। उक्त अवार्डस में मुख्य रूप से तत्समय राज्य के टेक्सटाइल उद्योगों के श्रमिकों के वेतन, महंगाई भत्ता, अन्य भत्ते व विभिन्न स्वतवों के संबंध में निर्णय लिये गये थे। (ख) जी नहीं। श्रमायुक्त संगठन में इस आशय की कोई जानकारी नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भिण्ड जिले में गेहूँ खरीदी केन्द्रों पर किसानों की सुविधाओं की व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 1762 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की किन-किन सहकारी संस्थाओं को वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये तथा वर्ष 2017-18 में किन-किन संस्थाओं ने कितना-कितना गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदा, संस्थावार बतायें? (ख) भिण्ड जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी करने वाली सहकारी संस्थाओं को प्रासंगिक व्यय जैसे पल्लेदारी, तुलाई, भराई, सिलाई, धागा तथा किसानों की सुविधा हेतु छाया पानी आदि की व्यवस्था करने हेतु प्रति क्विंटल गेहूँ पर कितनी राशि शासन द्वारा भुगतान की जाती है? (ग) क्या कृषि मंडी नियमानुसार किसानों के हिस्से की राशि भी संस्थाओं द्वारा वहन की जाती है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा प्रासंगिक व्यय की कम राशि भुगतान करने से संस्थाओं को हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो पल्लेदारी, तुलाई आदि की वास्तविक व्यय राशि भुगतान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या गेहूँ खरीदी करने में कम प्रासंगिक व्यय राशि मिलने से अनेक संस्थाऐं हानि उठा रही हैं? यदि हाँ, तो प्रासंगिक व्यय की राशि बढ़ाकर संस्थाओं को हानि से बचाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भिण्ड जिले में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 38 उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं। वर्ष 2017-18 में संस्थावार उपार्जित गेहूँ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन पर सहकारी संस्थाओं को रू. 27 प्रति क्विंटल कमीशन के रूप में एवं रू. 9.76 प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय (जैसे पल्लेदारी, तुलाई, भराई, सिलाई, धागा, छपाई आदि) के लिए भुगतान किया जाता है। (ग) समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु किसानों से प्रासंगिक व्यय के रूप में कोई राशि नहीं ली जाती है, इस राशि का भुगतान सहकारी संस्थाओं को राज्य शासन द्वारा किया जाता है। प्रावधानिक रूप से भारत एवं राज्य सरकार द्वारा अधिकतम राशि रू.9.76 प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय अथवा वास्तविक व्यय राशि में से जो कम हो, का भुगतान किया जाता है। यदि अधिकतम राशि रू. 9.76 प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय से अधिक व्यय होता है तो संस्था द्वारा उनकी निधि से भुगतान कर तथा अंकेक्षित वास्तविक लेखे के साथ अंतिम लेखों के समय भारत सरकार से भुगतान लिये जाने की प्रक्रिया है। (घ) उपार्जन समिति द्वारा प्रासंगिक व्यय के रूप में होने वाले वास्तविक व्यय के अंकेक्षित लेखे उपलब्ध कराने पर उसकी प्रतिपूर्ति हेतु भारत सरकार को व्यय लेखे के साथ भेजा जा सकेगा एवं भारत सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति करने पर संस्थाओं को राशि दी जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उपार्जन संस्थाओं को गेहूँ उपार्जन पर रू. 27 प्रति क्विंटल कमीशन का भुगतान भी किया जाता है। साथ ही अंतिम लेखे में भारत सरकार से वास्तविक क्लेम प्रस्तुत करने का प्रावधान है। अत: संस्थाओं को किसी प्रकार की हानि होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को वेतन पर्ची दिये जाने के नियम
[श्रम]
31. ( क्र. 1764 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप वि़द्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में कार्य कर रहे, ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची न देने एवं मजदूरी की आधी राशि वापस न करने के संबंध में जिला कलेक्टर अनूपपुर को जन सुनवाई दिनांक 26.12.2017 क्रमांक 5208647 में तथा श्रम संगठनों के द्वारा शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों/जनसुनवाई में दिये गये आवेदन पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने श्रमिकों के बयान लिये गये एवं क्या निराकरण हुआ तथा इनमें कौन-कौन ठेकेदारों/अधिकारी दोषी पाये गये? दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या संविदा श्रमिक (विनिमय एवं उत्पादन) म.प्र. 1970 की धारा 29 नियम 78 (2) जी के अन्तर्गत श्रमिकों को वेतन पर्ची दिये जाने के नियम है वेतन पर्ची न देने पर दण्डनीय धारा 23, 24 के अंतर्गत कारावास का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त प्रावधानों का पालन न किये जाने के संबंध में कितने प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये है विवरण देवें?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत चचाई जिला अनुपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची न देने एवं समय पर भुगतान न करने आदि के संबंध में दिनांक 30/12/2017 को कलेक्टर अनुपपुर की जनसुनवाई के दौरान शिकायत क्रमांक. 5208647 दिनांक 30/12/2017 प्राप्त हुई है एवं एक शिकायत अध्यक्ष/ सचिव भारतीय ठेका मजदूर संघ चचाई द्वारा भी दिनांक 30/12/2017 को कलेक्टर अनुपपुर को प्रस्तुत की गई है। वेतन पर्ची आदि न देने के संबंध में प्रमुख नियोजक तथा संबंधित ठेकेदार को संविदा श्रमिक ( विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 के प्रावधानों के पालन करने हेतु निर्देश दिए गए हैं। निर्देश उपरांत ठेकेदार तथा प्रमुख नियोजक द्वारा अधिनियम का पालन करते हुए श्रमिकों को वेतन पर्ची आदि वितरित करना तथा समय पर भुगतान करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। शिकायत के निराकरण से संतुष्ट होकर शिकायतकर्ता श्रमिक श्री श्याम नारायण पटेल ने स्वत: लिखित आवेदन दिनांक. 08/01/2018 को प्रस्तुत किया है जिसमें उन्होनें स्वत: यह कहाँ है कि उन्हें वेतन पर्ची मिल गई है। अब उन्हें ठेकेदार के विरूद्ध कोई शिकायत नहीं है। 15 फरवरी 2018 में ठेकेदार का कार्य समाप्त हो गया है। (ख) हाँ, संविदा श्रमिक (विनियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 की धारा 29 नियम 78 (2) के अंतर्गत श्रमिकों को वेतन पर्ची दिए जानें का प्रावधान है। शिकायत की अवधि में माननीय न्यायालय में कोई प्रकरण दायर नहीं किये गये।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कार्यरत गो-सेवकों बावत
[पशुपालन]
32. ( क्र. 1837 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत गो-सेवक योजना के अंतर्गत गत तीन वर्षों से अब तक कितने गो-सेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने गो-सेवक ग्राम पंचायतों में अपनी सेवायें दे रहे हैं? (ग) कितनी ग्राम पंचायतों में गो-सेवक नहीं हैं? ग्राम पंचायतों के नाम बतावें. (घ) क्या इन ग्राम पंचायतों के लिये गो-सेवक प्रशिक्षित किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 01 गौसेवक ने। (ख) प्रशिक्षित 01 गौसेवक सेवाएं नहीं दे रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ। गौसेवक प्रशिक्षण हेतु निर्धारित मापदण्ड एवं बजट प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं।
पेयजल मशीन का क्रय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 1877 ) श्री जतन उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले के 11 विकासखण्डों में हैण्डपंपों में पेयजल शुद्धता के लिये कितनी मशीन किस कंपनी की किस फार्म से क्रय की गई है? (ख) सप्लाई मशीनों के आई.एम.ओ. एवं भंत्य प्रमाण-पत्र देवें? (ग) शासन द्वारा पेयजल शुद्धता की मशीनों का मापदण्ड निर्धारित करने के नियम की छायाप्रति देवें? लघु उद्योग उपभोक्ता भंडार से संबंधित नियम की छायाप्रति देवें? यह भी बतायें कि सप्लाई इन नियम के तहत की गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उपरोक्त मापदण्ड का पालन न करने वाले सप्लायर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 475 मशीनें, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) सप्लाई मशीनों के आई.एम.ओ. एवं भंत्य प्रमाण-पत्र का आशय स्पष्ट नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) शासन द्वारा पेयजल शुद्धता की मशीनों का मापदण्ड पृथक से निर्धारित नहीं है। ”लघु उद्योग उपभोक्ता भण्डार“ से संबंधित कोई नियम प्रचलित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चालकों द्वार एयर फोन लगाना प्रतिबंधित किया जाना
[गृह]
34. ( क्र. 1878 ) श्री जतन उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में दो पहिया मोटर साइकिल, स्कूटर आदि वाहन चालकों द्वारा गाड़ी चलाते समय एयर फोन लगाना प्रतिबंधित है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन इसे प्रतिबंधित करने के लिये कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इसे लागू किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 में दोपहिया वाहन पर वाहन चालकों द्वारा गाड़ी चलाते समय ईयरफोन लगाए जाने पर प्रतिबंध के संबंध में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। परिवहन आयुक्त ग्वालियर से प्राप्त जानकारी के अनुसार 'केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 21 (25) के तहत वाहन संचालन के समय मोबाईल फोन का उपयोग किया जाना दण्डनीय है, जिसके लिए मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 177 के अनुसार प्रथम अपराध के लिए रूपये 100/- तथा द्वितीय या पश्चातवर्ती अपराध के लिए रूपये 300/- का अर्थदण्ड निर्धारित है। भारत सरकार का राजपत्र क्र0- 525 दिनांक 23 जून 2017 की अधिसूचना क्र0- 634 में उल्लेखित नियम 37 में मोबाईल, टेलीफोन और संचार युक्तियों का उपयोग- 1- चालक के हाथ में पकड़े जाने वाले फोन या अन्य संचार का उपयोग नहीं करेगा। 2- कोई प्रशिक्षक या पर्यवेक्षक नौसीखिया चालक को प्रशिक्षण या पर्यवेक्षण करते समय मोबाइल फोन या अन्य संचार उपकरणों का उपयोग नहीं करेगा। (ख) विषय केन्द्रीय सरकार से संबंधित है।
पशु औषधालय भवन स्वीकृति
[पशुपालन]
35. ( क्र. 1885 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नांदनवाड़ी, सिराठा, चांगोबा, मोरडोंगरी, बडचिचोली, सिवनी, राजना कस्बों में संचालित पशु औषधालय का भवन वर्तमान में जीर्ण अवस्था में होकर जगह के अभाव में सुविधाहीन भी है, इसी कारण चिकित्सा स्टाफ सहित पशु के उपचार हेतु आने-वाले क्षेत्र के पशुपालक को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है? (ख) उक्त स्थिति को देखते हुए क्या विभाग द्वारा उक्त औषधालय भवनों का प्रस्ताव/प्राक्कलन (लागत) तैयार कर उसे जिला योजना समिति से अनुमोदन कराने के उपरांत स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया है? (ग) यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त प्रस्ताव/प्राक्कलन वर्तमान में स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लंबित है? क्या शासन चालू वर्ष के अनुपूरक अथवा आगामी वर्ष के वार्षिक बजट में शामिल कर इन औषधालयों को स्वीकृति आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत गैस कनेक्शन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 1987 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3567 दिनांक 06 मार्च 2017 अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत हरदा जिले में गैस कनेक्शन प्राप्त करने से शेष रहे 15494 हितग्राहियों को परीक्षण उपरान्त कनेक्शन वितरण किया जाना था, में से कितने हितग्राहियों को गैस कनेक्शन प्रदाय कर दिया गया है व कितने हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदाय किया जाना शेष है? (ख) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत शेष रहे हितग्राहियों को कब तक गैस कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) हरदा विधानसभा अन्तर्गत किस-किस ऐजन्सी द्वारा कितने-कितने गैस कनेक्शन प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत दिये गये? (घ) उज्जवला योजनान्तर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को गैस सेलेण्डर भरवाये जाने हेतु कितनी राशि प्रति सिलेण्डर सब्सिडी दी जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित हितग्राहियों में से 1140 हितग्राहियों को परीक्षण उपरांत गैस कनेक्शन प्रदाय कर दिए गए हैं एवं 14,354 हितग्राहियों के आवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शेष संभावित हितग्राहियों द्वारा जब आवेदन किया जाता है उसके उपरांत e-kyc कर गैस वितरण एजेंसी द्वारा परीक्षण में पात्र पाए जाने पर कनेक्शन दिया जाता है। स्वीकृति की समय-सीमा हितग्राही द्वारा आवेदन करने के ऊपर निर्भर है, नियमानुसार पात्र पाए जाने पर गैस कनेक्शन प्रदाय किए जाने की प्रक्रिया जारी है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाले जिन हितग्राहियों द्वारा प्रथम रिफिल एवं चूल्हे के मूल्य का ऋण लिया है, उन्हें प्रति रिफिल प्राप्त होने वाली अनुदान की राशि ऋण की किश्त के रूप में समायोजित की जाती है एवं जिन हितग्राहियों द्वारा बगैर लोन के रिफिल एवं चूल्हा लिया है, उन्हें सबसिडी की राशि प्राप्त होती है। हरदा जिले में माह फरवरी, 2018 में राशि रू. 252.25 की सबसिडी प्रति रिफिल दी जा रही है।
पुलिस द्वारा चरित्र सत्यापन की कार्यवाही
[गृह]
37. ( क्र. 2009 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति पत्र जारी करने के पूर्व चयनित उम्मीदवार द्वारा दी गई जानकारी पर पुलिस के माध्यम से चरित्र सत्यापन की कार्यवाही शासन द्वारा कराई जाती है? (ख) यदि किसी उम्मीदवार ने चरित्र सत्यापन हेतु प्रस्तुत अनुप्रमाणन फार्म में जानकारी दी है कि उसके विरूद्ध धारा ३२४ के अन्तर्गत प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होकर प्रचलन में है और वह जमानत मुचलके पर रिहा है, तब पुलिस द्वारा शासन को भेजी गई चरित्र सत्यापन रिपोर्ट (पुलिस वेरीफिकेशन) में उपरोक्त तथ्यों का उल्लेख किया जावेगा अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थिति होने पर उम्मीदवार को शासकीय सेवा के योग्य प्रतिवेदन किया जावेगा? अथवा नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण के तथ्यों एवं तत्समय प्रभावशील चरित्र सत्यापन संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्णय लिया जाकर प्रतिवेदित किया जायेगा।
भू-जलस्तर घटने से उत्पन्न पेयजल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 2042 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक की अवधि में छतरपुर जिले में भू-जलस्तर कितना घटा है एवं इससे पेयजल पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ख) जिला छतरपुर से विकासखण्डों के मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) अनुसार जलस्तर कितना घटा है तथा भू-जलस्तर निरंतर घटने के कौन-कौन से कारण हैं? (ग) शासन द्वारा छतरपुर जिले के कौन-कौन से विकासखण्डों को सूखाग्रस्त एवं जल अभाव क्षेत्र घोषित किया है? (घ) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल को उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) औसतन 2.25 मीटर घटा है, जिससे हैण्डपंपों एवं नलजल योजनाओं के स्त्रोतों में पेयजल का स्तर भी नीचे चला गया एवं जल आवक क्षमता प्रभावित हुई है। (ख) औसतन 2.25 मीटर घटा है। अल्प वर्षा एवं भूजल स्तर का अत्यधिक दोहन है। (ग) छतरपुर जिले की समस्त तहसीलें एवं विकासखण्डों को मध्यम श्रेणी का सूखाग्रस्त एवं जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। (घ) आकस्मिक कार्य योजना रूपये 582.15 लाख की तैयार की गई है आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग आदि कार्य प्रस्तावित हैं।
नल-जल योजनाओं की जानकारी के संबंध
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 2100 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड गंधवानी बाग एवं तिरला में नल-जल योजना अंतर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु पाईप लाईन एवं टंकियों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन विकासखण्ड में किन-किन ग्राम पंचायतों में उक्त योजना अंतर्गत कार्य स्वीकृत किये गये थे? विकासखण्डवार तथा ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा क्या उक्त सभी पाईप लाईन चालू स्थिति में हैं? यदि नहीं, तो बंद होने के कारण स्पष्ट करें? (ग) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में पेयजल व्यवस्था हेतु नल-जल योजना के प्रस्ताव शासन की ओर प्रेषित किये गये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में 7 प्रस्ताव।
कर्मचारियों को महगांई भत्ते के एरियर्स का भुगतान
[परिवहन]
40. ( क्र. 2147 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा अपील क्र. 321/13 में पारित आदेश दिनांक 1/12/2016 के पालन में मंहगाई भत्ते के एरियर्स का भुगतान म.प्र. सड़क परिवहन निगम के सेवानिवृत्त/ व्ही.आर.एस./कर्मचारियों को किया जाना था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक कितने कर्मचारियों को भुगतान किया गया एवं कितने कर्मचारी शेष हैं? जानकारी पृथक-पृथक सूचीवार प्रदान की जावे। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित के भुगतान के संबंध में शासन द्वारा कोई प्रक्रिया अथवा मापदण्ड निर्धारित किये हैं? यदि की गई है तो उसकी एक प्रति उपलब्ध करवाई जावे? क्या वर्ष 1998 से वर्ष 2005 तक के अनेक कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया है एवं वर्ष 2009-2010 में सेवानिवृत्त व व्ही.आर.एस. प्राप्त कर्मचारियों को भुगतान कर दिया गया है? ऐसी विषयमतायें शासन द्वारा क्यों अपनाई जा रही हैं? (ग) अब कब तक शेष कर्मचारियों को महगांई भत्ते के एरियर्स का भुगतान कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक 11051 कर्मचारियों को भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। भुगतान हेतु शेष कर्मचारियों की जानकारी तैयार की जा रही है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं। उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर क्रमबद्ध तरीके से भुगतान किया गया है। भुगतान हेतु शेष कर्मचारियों की जानकारी तैयार की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रतिमा पर काला रंग पोतने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
41. ( क्र. 2148 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित गांधी भवन (टाउनहाल) थाना ओमती अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर कतिपय तत्वों द्वारा काला रंग पोतने की घटना की प्राथमिकी थाना ओमती में दर्ज करवाई गई थी? (ख) यदि वर्णित (क) सही है तो पुलिस प्रशासन जबलपुर द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त अपराधिक कृत्य करने वाले तत्व को पुलिस हिरासत में ले चुकी है अथवा कार्यवाही जारी है? (ग) यदि विवेचना/कार्यवाही प्रचलन में है तो कब तक कतिपय तत्वों को हिरासत में लेकर कठोर कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्थिक सहायता का प्रावधान
[राजस्व]
42. ( क्र. 2173 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन की नीति के अनुसार प्राकृतिक आपदा/जहरीले कीट के काटने से मृत्यु होने पर राजस्व पुस्तक पत्रक के अनुसार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला नरसिंहपुर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण विभाग के समक्ष आये? कितनों का निराकरण किया गया? कितने अभी लंबित हैं? लंबित रहने का कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त प्रकरणों का संपूर्ण निराकरण करते हुये मुआवजा राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 593 प्रकरण विभाग के समक्ष आये। जिसमें से 588 का निराकरण किया गया। नवीन 5 प्रकरण लंबित हैं। नवीन प्रकरणों में जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) स्वीकृत प्रकरणों में राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष 5 नवीन लंबित प्रकरणों में जाँच प्रक्रिया पूर्ण हो जाने पर समय-सीमा में निराकरण किया जावेगा।
दखल रहित प्रतिवेदित भूमि को संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित करना
[राजस्व]
43. ( क्र. 2194 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमि को वन विभाग 1980 से लगातार वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित कर रहा है, जिसकी मध्यप्रदेश शासन ने माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन के जुलाई 2017 में प्रेषित पत्र एवं शिकायत के बाद भी प्रकरण पंजीबद्ध कर जाँच प्रारम्भ नहीं की है। (ख) माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन के मुख्य सचिव को लिखे पत्र क्रमांक 7162 से पत्र क्रमांक 7209 दिनांक 22 जुलाई 2017 एवं प्रमुख आयुक्त राजस्व भोपाल को दिनांक 21 जुलाई 2017 को प्रेषित पत्र क्रमांक 7110 से पत्र क्रमांक 7157 के साथ संलग्न शिकायत में राजस्व विभाग द्वारा प्रतिवर्ष प्रतिवेदित की जा रही गैरखातें की कितनी दखल रहित राजस्व भूमि को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस धारा में अधिसूचित किए जाने का उल्लेख किया गया है? (ग) मध्य प्रदेश शासन राज्य मंत्रालय भोपाल एवं प्रमुख आयुक्त राजस्व ने माननीय विधायक के किस पत्र क्रमांक में उल्लेखित दखल रहित जमीनों को भारतीय वन अधिनियम के तहत अधिसूचित करने वर्किग प्लान में शामिल करने, संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किए जाने की जाँच का प्रकरण किस-किस दिनांक को पंजीबद्ध किया है? यदि जाँच का प्रकरण भी पंजीबद्ध नहीं किया हो तो उसका कारण बतावें? (घ) माननीय विधायक के किस पत्र क्रमांक एवं उसके साथ संलग्न शिकायत को कब तक जाँच के लिए पंजीबद्ध किया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक जी द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत पत्र के संलग्न माननीय मुख्य सचिव महोदय को संबंधित श्री गिरीश गर्ग अडवोकेट द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन संलग्न किया गया है। जिसमें उन्होने गैरखाते की दखलरहित राजस्व भूमि को वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन, नारंगी वन प्रेतिवेदित किए जाने एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में अधिसूचित किए जाने का उल्लेख किया गया है। शिकायती पत्र एवं श्री गिरीश गर्ग के अभ्यावेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट क्रमांक 1 लगायत 48 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश क में उल्लेखित पत्र द्वारा प्राप्त शिकायत पर प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में जिलेवार नस्तियां दिनांक 05.08.17 को पंजीबद्ध की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में नस्ती पंजीबद्ध करने का विवरण अंकित है।
विस्फोटक सामग्री के रखरखाव के नियम
[गृह]
44. ( क्र. 2264 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विस्फोटक अधिनियम 1884 व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के अनुसार विस्फोटक के सुरक्षित रखने, कब्जे, प्रयोग,विक्रय, परिवहन, के क्या नियम हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ही विस्फोटक व पहाडों पर विस्फोट करने हेतु बारूद नियम अनुसार ही सुरक्षित रखा जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित पत्थर, ग्रेनाईट के कार्य में उपयोग किये जाने बारूद को सुरक्षित रखा जाता है? यदि हाँ, तो ग्राम पल्टा एवं बदौराकला के बीच में बने एवं मुख्य सड़क मार्ग के किनारे निर्मित विस्फोट घर में नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि भविष्य में बारूद विस्फोटक से कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार होगा एवं वर्तमान में नियमों का पालन ना करने वालों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विस्फोटक अधिनियम 1884 एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के अंतर्गत विस्फोटक नियम 2008 के अनुसार विस्फोटक के सुरक्षित रखने, कब्जे, प्रयोग, विक्रय परिवहन की कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। (ग) उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला छतरपुर ग्राम पल्टा में कोई भी विस्फोटक घर (मैगजीन) नहीं है। तथा ग्राम बदौराकला में तीन विस्फोटक घर (मैगजीन) है। मैसर्स पितम्बरा एक्सप्लोसिव के नाम से अनुज्ञप्ति जारी की गई, जो लगभग एक वर्ष से बंद पड़ी है। जिला छतरपुर में जितनी भी मैगजीन है सभी विस्फोटक नियम 2008 के अनुसार बनी हुई है। (घ) विस्फोटक नियम 2008 के अनुसार सुरक्षा की जिम्मेदारी एवं अनुज्ञप्ति की शर्तों का पालन मैगजीन अनुज्ञप्तिधारी को करना होता है। नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध उक्त नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
कोटवार के पारिश्रमिक/वेतन में बढ़ोत्तरी
[राजस्व]
45. ( क्र. 2265 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के ग्रामों में पदस्थ कोटवारों को शासन द्वारा दिया जा रहा वेतन 2000 रूपये है? (ख) क्या कोटवार से ग्राम के साथ-साथ तहसील, थाना आदि में लगभग 8 से 24 घण्टे तक प्रतिदिन कार्य लिया जाता है? (ग) क्या इनका वेतन 2000 से बढाकर कलेक्टर रेट पर कुशल श्रमिक का दिया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। आवश्यकतानुसार कार्य लिया जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पम्प अटेण्डर को शासन के निर्णयानुसार शेष राशि देने
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 2275 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अशोक शर्मा पम्प अटेण्डर पी.एच.ई.डी. खण्ड जिला शिवपुरी के प्रकरण क्र. 882/2012 दिनांक 06.02.2012 माननीय उच्च न्यायालय खण्ड पीठ ग्वालियर के पारित निर्णय दिनांक 06.02.2012 के परिपालन में मध्यप्रदेश शासान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 16-6/2015/1/34 भोपाल दिनांक 18.10.2016 एवं ई.एन.सी. एवं सूचना अधिकार के तहत क्रमांक 9893684224 दिनांक 16.06.2017 द्वारा भी खण्ड शिवपुरी को पम्प अटेण्डर को निर्णय के अनुसार भुगतान करने के आदेश दिये गये थे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा भी दिसम्बर 2017 में माननीय मुख्यमंत्री, मंत्री, प्रमुख सचिव एवं ई.एन.सी.पी. एच.ई.डी. भोपाल को भी उपरोक्त (क) में उल्लेखित पम्प अटेण्डर को माननीय हाई कोर्ट के निर्णय अनुसार नियमित स्थापना के वेतन मान भुगतान हेतु पत्र व्यवहार भी किया था? यदि हाँ, तो कोई भी सूचना फरवरी 2018 तक क्यों नहीं प्राप्त हुई? क्या यह शासन के आदेशों का उल्लंघन होकर विधायक के विशेषाधिकारों का हनन नहीं हैं? प्रकरण का निराकरण न करने के लिए कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक 9161/प्र.अ./विधि-1597/लो.स्वा.यां.वि./2016 दिनांक 23.11.2016 द्वारा कार्यवाही की गई है एवं उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक 356 दिनांक 03.03.2018 से माननीय विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना जिले में कथित मुठभेड़ों के बाद कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
47. ( क्र. 2326 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक जावक नम्बर-पी.एच.क्यू./ प्रशासन/ए3_कार्मिक/1677/ 2017/ दिनांक 16.10.2017 द्वारा किस उपनिरीक्षक का स्थानांतरण किया गया और उसे किस आदेश से रोका गया? स्थानांतरण आदेश आते ही उक्त विशेष उपनिरीक्षक द्वारा कितने अपराधियों, खासकर इनामी अपराधियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के प्रकरण बने, उनकी एफ.आई.आर. प्रस्तुत करें। (ख) पुलिस अधीक्षक द्वारा अधिकृत प्रेस कान्फ्रेंस में उक्त मुठभेड़ों में पुलिस द्वारा कई राउण्ड एवं बदमाशों द्वारा सैकड़ों गोलियां चलाया जाना बताया गया। उक्त मुठभेड़ों में कितने लोग घायल हुये? कितने चले हुये कारतूस के खोके घटना स्थल से जप्त किये? (ग) प्रश्नांश (क) में स्थानांतरित उपनिरीक्षक कितने समय से जिले में पदस्थ हैं? स्थानांतरण आदेश के पूर्व उन्होंने कितने इनामी पारदी गिरफ्तार किये? क्या स्थानांतरण आदेश आते ही एक के बाद एक इनामी बदमाशों की नाटकीय मुठभेड़ के बाद गिरफ्तारी उक्त उपनिरीक्षक की भूमिका को संदिग्ध नहीं बनाती? (घ) वरिष्ठ के आदेश को दरकिनार कर उक्त उपनिरीक्षक को एस.पी. द्वारा रिलीव नहीं करना किस श्रेणी का कृत्य है? क्या ऐसे कृत्य शासन के आदेशों का अवमूल्यन नहीं हैं? यदि स्थानांतरण निरस्त किये जाना है, तो फिर स्थानांतरण किये जाने का क्या औचित्य है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, उप निरीक्षक उमेश यादव का स्थानांतरण किया गया था। पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक पीएचक्यू/प्रशासन/ए3/कार्मिक/133/2018 दिनांक 10.01.2018 द्वारा उक्त स्थानांतरण आदेश निरस्त किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) उपनिरीक्षक उमेश यादव प्रशिक्षण के दौरान दिनांक 04.04.2012 से जिला गुना में पदस्थ हैं। जिसमें 01 वर्ष की जे.एन.पी.ए. सागर की प्रशिक्षण अवधि भी शामिल है। उप निरीक्षक उमेश यादव द्वारा स्थानांतरण आदेश के पूर्व, 04 ईनामी पारदी एवं 05 अन्य ईनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया था। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौसेवकों की समस्याओं के निराकरण
[पशुपालन]
48. ( क्र. 2341 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में गौसेवक कार्य कर रहे हैं, जिनके सहयोग से विभाग विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों का क्रियान्वयन हो रहा हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितने गौसेवक कार्यरत है एवं इनको कितना मानदेय/भत्ता दिया जा रहा हैं? गौसेवक कितने वर्षों से विभाग के कार्यों में सहयोग कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के सुसनैर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कार्यरत गौसेवकों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या लम्बे समय से गौसेवक पंचायत स्तरीय नियुक्ति, निश्चित मानदेय एवं उपचार किट प्रदान करने की मांग कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इस और विचार कर कोई कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या शासन की योजनाओं एवं पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु गौसेवकों की न्यायोचित मांगों के निराकरण हेतु कोई निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, प्रदेश की सभी 22816 ग्राम पंचायतों में से 9829 ग्राम पंचायतों में गौसेवक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। 9829 गौ सेवकों को विभाग द्वारा कोई मानदेय नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 1997-98 में योजना प्रारंभ होने के उपरांत से। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) गौसेवक योजना के प्रावधान अनुसार गौसेवक शासकीय सेवक नहीं होते अपितु प्रशिक्षण उपरांत अपने क्षेत्र में प्राथमिक पशु उपचार कर पशुपालकों से स्वेच्छा शुल्क प्राप्त का स्वरोजगार स्थापित करते हैं। अत: योजना के प्रावधान अनुसार विचाराधीन नहीं।
पुलिसकर्मियों की समस्याओं के निराकरण
[गृह]
49. ( क्र. 2342 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस कर्मियों को 25 रू. हेड क्वाटर अलाउंस, 10 रू. मेस अलाउंस, 60 रू. वर्दी धुलाई अलाउंस, रू. 650 फ्रूट अलाउंस प्रतिमाह दिया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या इन भत्तों में वृद्धि पर विचार किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कब तक बढ़ोतरी होगी? (ख) क्या पुलिस कर्मियों हेतु रू.18 स्पेशल अलाउंस एवं रू.30 रायफल अलाउंस प्रतिमाह तय हैं? यदि हाँ, तो उक्तानुसार राशि का नियमित भुगतान हो रहा हैं? यदि नहीं, तो क्या इनके नियमित भुगतान हेतु कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों को दिये जाने वाले अल्प भत्ते में बढ़ोतरी एवं मानदेय/वेतन बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो किस स्तर पर एवं निर्णय कब तक होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या स्वप्रेरणा से पुलिसकर्मियों के हित में कोई निर्णय लिया जावेगा? क्षेत्रान्तर्गत सोयतकलां एवं नलखेड़ा में पुलिस आवास गृह बनाने हेतु कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति होगी? यदि नहीं, तो क्या पुलिसकर्मियों की समस्याओं के निदान हेतु स्वप्रेरणा से कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रस्ताव प्राप्त होने पर निर्णय लिया जावेगा। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मुख्यमंत्री आवास योजनांतर्गत आगामी पाँच वर्षों में प्रदेश में 25000 आवास गृह बनाया जाना है।
नवीन बोर खनन पर रोक हटाने
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 2374 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में शासन द्वारा नवीन बोर खनन पर रोक लगाई गई हैं? यदि हाँ, तो क्यों। (ख) क्या प्रदेश में सूखाग्रस्त क्षेत्र में नवीन बोर खनन बंद किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? जिन रहवासी क्षेत्र में जलस्तर गिरने से भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है, इसके लिये शासन की क्या योजना है? (ग) क्या पेयजल समस्या के निराकरण के लिये शासन द्वारा मंजूरी दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। पेयजल संकट की स्थिति में पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 के तहत् संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा निजी नलकूपों के खनन पर रोक लगाई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हे। (ख) उत्तरांश-'क' अनुसार। ग्रीष्मकाल में जलस्तर से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने/बदलने, सिंगलफेस मोटरपंप डालने, हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं नवीन नलकूप खनन की योजनाएं हैं। (ग) आकस्मिक कार्ययोजना की स्वीकृति राहत आयुक्त से अपेक्षित है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
इन्दौर जिला अंतर्गत हैण्डपंप एवं नलकूपो के संधारण एवं संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 2451 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत हैण्डपंप एवं नलकूपो के संधारण एवं संचालन हेतु वर्ष २०१७-२०१८ में कितनी राशि का आवंटन में किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र के सांवेर ब्लाक में वर्ष २०१५-२०१६, २०१६-२०१७ एवं २०१७-२०१८ में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि व्यय की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में किस-किस एजेन्सी द्वारा संधारण का कार्य किया गया एवं कितने हैण्डपंपो को सुधारा गया है? जानकारी देवें? कार्य का सत्यापनकर्ता सहायक यंत्री का नाम भी बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सांवेर ब्लाक अन्तर्गत हेण्डपंपो के संधारण पर किये गये कुल भुगतान की राशि का विवरण प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 113.31 लाख। (ख) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः रूपये 19.85 लाख, 9.49 लाख एवं 15.77 लाख। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध रूप से चल रही बसों पर कार्यवाही
[परिवहन]
52. ( क्र. 2466 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में कितनी टूरिस्ट बसों को परमिट दिया गया? ग्राम देवझीरी, पिटोल, फूलमाल से चलने वाली बसों को क्या टूरिस्ट बसों का परमिट दिया गया? (ख) अगर परमिट नहीं दिया गया तो इन अवैध परिवहन बसों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? जिला परिवहन अधिकारी द्वारा प्रदेश में हो रहे हादसों को ध्यान में रखते हुए झाबुओं जिले में चल रही अवैध टूरिस्ट बसों पर लगाम रखने हेतु कोई मुहिम चलाई गई? (ग) अगर नहीं चलाई गई तो जिले में अवैध रूप से बिना फिटनेस की गाडि़यों पर शासन विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) झाबुआ जिले में 01 टूरिस्ट बस को परमिट दिया गया। ग्राम देवझीरी, पिटोल, फूलमाल से चलने वाली बसों को टूरिस्ट बसों का परमिट नहीं दिया गया है। (ख) जिला परिवहन कार्यालय, झाबुआ द्वारा समय-समय पर टूरिस्ट बसों के विरूद्ध चैकिंग अभियान चला कर कार्यवाही की गई है। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 2480 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में दिनांक 01 जनवरी, 2014 से दिनांक 30/01/2018 तक कितने नल-जल योजना के कार्य स्वीकृत किये गये? नल-जल योजना के तहत कितने ग्रामों में नलकूप खनन कराया गया? इसमें से कितने नलकूप सफल/असफल रहे एवं कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार ग्रामवार पूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नलकूप खनन के पूर्व भू-जल सर्वेक्षण कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें कौन दोषी है? क्या दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में कितनी नल-जल योजना चालू है और कितने बंद है? क्या अधिकांश नल-जल योजना बंद पड़ी हैं? बंद पड़े नल-जल योजना को चालू करने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इसके लिए क्या नियम बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 34 योजनाएं चालू एवं 14 योजनाएं बंद है। जी नहीं। बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रु.20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्रामों के हकूक रजिस्टर
[राजस्व]
54. ( क्र. 2509 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सीहोर एवं रायसेन जिले में कितने राजस्व ग्राम हैं? इनमें से कितने वीरान ग्राम हैं? कितने नगरीय सीमा में शामिल ग्राम हैं तथा कितने ग्रामों के हकूक रजिस्टर एवं निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के अभिलेखागार में उपलब्ध हैं? (ख) भोपाल सीहोर एवं रायसेन जिले में कितने वन ग्राम है जिनके हकूक रजिस्टर एवं पटवारी मानचित्र राजस्व विभाग के जिला अभिलेखागार में उपलब्ध हैं? इन ग्रामों को वन ग्राम माने जाने का क्या कारण रहा है? (ग) हकूक रजिस्टर में दर्ज जंगलात मद की जमीन, बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन एवं पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, कदीम मद की जमीनों में से किन किन मदों को जमीनों को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन किस आदेश या अधिसूचना से घोषित किया गया है? (घ) हकूक रजिस्टर में अलग अलग मदों में दर्ज जमीनों को किन किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए हकूक रजिस्टर में दर्ज किया गया था?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भोपाल/सीहोर/रायसेन में निम्नानुसार राजस्व ग्राम/ वीरान ग्राम व नगरीय सीमा में शामिल ग्राम है:-
जिला |
राजस्व ग्राम |
वीरान |
नगरीय |
1 |
2 |
3 |
4 |
भोपाल |
629 |
18 |
138 |
सीहोर |
1069 |
49 |
23 |
रायसेन |
1529 |
60 |
59 |
भोपाल जिले में 54 ग्रामों के हकूक रजिस्टर एवं 354 ग्रामों के निस्तार पत्रक, सीहोर जिले के 1058 ग्रामों के हकूक रजिस्टर एवं निस्तार पत्रक तथा रायसेन जिले के 1437 ग्रामों के हकूक रजिस्टर एवं निस्तार पत्रक राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध है। (ख) भोपाल जिले में 13 वन ग्रामों के पटवारी मानचित्र सीहोर जिले में 35 वन ग्रामों के पटवारी मानचित्र तथा रायसेन जिले में 12 वन ग्रामों के हकूक रजिस्टर एवं पटवारी मानचित्र राजस्व विभाग के अभिलेखागार में उपलब्ध है। सन् 1919 से वन माना गया है। (ग) भोपाल, सीहोर, रायसेन वन मण्डल के अन्तर्गत नबाबी एलान नम्बर 03 दिनांक 12 जनवरी 1916 से आरक्षित वन घोषित है। जिन्हें बाद में भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत आरक्षित मान्य किया गया तथा वन भारतीय अधिनियम 1927 की धारा 29 से अधिसूचना क्रमांक 21 दिनांक 14.06.1954 एवं अधिसूचना क्रमांक 22 दिनांक 29.06.1954 से संरक्षित वन घोषित किया गया है। (घ) भोपाल, सीहोर, रायसेन में हकूक रजिस्टर में अलग-अलग मदों में दर्ज जमीनों को निम्नलिखित सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज किया गया है। 1- ईमारती लकड़ी या ईंधन के लिए आरक्षित 2- चारागाह 3- कब्रस्तान तथा श्मशान 4- गोठान शिविर खलिहान, बाजार, खाल निकालने के लिये, खाद के गढ्ढे के लिए, पाठशाला के लिए, खेल के मैदानों, उद्यनों, सड़कों, गलियों, नालियों जैसे तथा उसी प्रकार के लोक प्रयोजनों के लिये 5- निस्तार अन्य प्रयोजनों के लिये।
चालक-परिचालक कल्याण योजना
[परिवहन]
55. ( क्र. 2510 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा चालक परिचालक कल्याण योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से योजना संचालित है तथा इसके तहत किन-किन को लाभ दिया जा सकता है? (ख) क्या चालक परिचालक कल्याण योजना का लाभ देने के लिए समितियों का भी गठन किया गया है? यदि हाँ, तो किस स्तर यथा राज्य, जिलास्तर पर समितियों का गठन किया है तथा समितियों के सदस्यों के पदनाम सहित ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्ष के दौरान भोपाल में चालक परिचालक कल्याण योजना का लाभ दिया है? यदि हाँ, तो प्रकरणवार वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त योजना के तहत लाभ लेने के लिए प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों तथा कब तक उन्हें लाभान्वित किया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। चालक-परिचालक कल्याण योजना वर्ष 2015 दिनांक 14.08.15 से लागू है। योजना के तहत समग्र में पंजीकृत चालक-परिचालक व उनके परिवार के सदस्यों को लाभान्वित किये जाने के प्रावधान हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भोपाल जिले में इस योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्ष में किसी भी हितग्राही का आवेदन योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्राप्त नहीं होने के कारण लाभ प्रदान नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इस योजना के अधीन कोई भी आवेदन विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
झुग्गी का पट्टा दिया जाना
[राजस्व]
56. ( क्र. 2525 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में राजस्व की भूमि पर आबाद झुग्गी-झोपड़ीवासियों को भूमि का पट्टा कब तक दे दिया जायेगा? (ख) शासन द्वारा कई बार दिए गये निर्देशों के बावजूद भी ट्रायवल और वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को पट्टा अभी तक नहीं प्रदाय किया गया है तो ऐसे लोगों को जिला सिंगरौली में कब तक पट्टा दे दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिंगरौली जिले में 142 हितग्राहियों को भूमि का पट्टा दिनांक 25.12.2017 को वितरण किया जा चुका है। (ख) सिंगरौली जिले में ट्रायबल और वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को 7103 व्यक्तिगत दावे एवं 774 सामुदायिक दावे कुल 7877 दावा/पट्टा वितरित किये गये है। शेष 644 दावों पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेपर लीक प्रकरण में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही
[गृह]
57. ( क्र. 2550 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित कक्षा नौंवी एवं ग्यारहवीं की परीक्षा प्रश्नपत्र, मोबाईल में लीक होने से क्या परीक्षा निरस्त की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा कोई अपराध पंजीबद्ध किया गया है? उस पर पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्न पत्र लीक के प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर ली गई है? इसमें कितने आरोपियों को अभी तक गिफ्तार किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में परीक्षा निरस्त की गई थी। वर्ष 2017-18 में मोबाईल से पर्चा लीक होने की कोई घटना नहीं हुई है। (ख) थाना अमरपाटन जिला सतना में अपराध क्रमांक 115/2017 धारा 3/4 परीक्षा अधिनियम 1982 का पंजीबद्ध किया गया। पुलिस द्वारा विधि अनुरुप प्रकरण की विवेचना की गई, विवेचना में 12 आरोपीगणों की गिरफ्तारी की जाकर इन आरोपीगणों के विरुद्ध अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। (ग) प्रकरण की विवेचना धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जारी है। शेष जानकारी प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में समाहित है।
कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में
[राजस्व]
58. ( क्र. 2651 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश पर जारी कारण बताओ सूचना पत्र किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को दिया गया? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद, विषय सहित विभागवार सूची देवें। (ख) विगत 5 वर्षों में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश पर निलंबित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद, विषय सहित विभागवार सूची देवें। इनकी वर्तमान स्थिति भी बतायें। (ग) फरवरी 2018 तक कलेक्टर कार्यालय जिला खरगोन में कार्यवाही/आगामी आदेश हेतु लंबित जाँच प्रतिवेदनों की सूची अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद, लंबित अवधि सहित देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश से अधिकारी/कर्मचारियों को जारी कारण बताओं सूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) राजस्व विभाग अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश से निलंबित अधिकारी/कर्मचारी एवं वर्तमान स्थिति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिला कलेक्टर कार्यालय में कोई प्रश्नाधीन प्रकरण लंबित नहीं हैं।
योजनाओं से लाभांवित हितग्राही
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
59. ( क्र. 2654 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों से खरगोन जिले में विभागीय विभिन्न योजनाओ से लाभांवित हितग्राहियों की संख्या उन्हें अनुदान राशि सहित योजनावार बताएं। (ख) उक्त चयनित हितग्राहियों के अतिरिक्त विभाग के संबंधित कार्यालय में कितने आवेदन योजनावर प्राप्त हुए? संख्या बतायें। कितने स्वीकृत कितने अस्वीकृत हुए संख्या बताते हुए अस्वीकृति का कारण बतायें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) खरगोन जिले में विगत पाँच वर्षों में विभागीय योजनाओं में लाभान्वित हितग्राही एवं स्वीकृत अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ (1), (2), (3), (4) एवं (5) पर है। (ख) विभागीय योजनाओं में प्राप्त, स्वीकृत एवं अस्वीकृत आवेदन तथा अस्वीकृति के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब (1), (2), (3) एवं (4) पर है।
व्यावसायिक भवन पर पेनल्टी
[राजस्व]
60. ( क्र. 2663 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार द्वारा खरगोन जिले में किन-किन व्यावसायिक भवन/काम्पलेक्स/कालोनाईजर पर कब-कब किन कारणों से पेनल्टी/अधिभार/शुल्क अधिरोपित किया गया? नाम, पता, नोटिस क्रमांक व दिनांक सहित सूची देवें। इन प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त प्रकरणों में कार्यवाही के समय संबंधी निर्माण कार्य कितना हो चुका था? प्रकरणवार सूची देवें। (ग) वर्तमान में उक्त प्रकरणों में वसूल राशि, बकाया राशि की सूची प्रकरणवार देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) स्थल निरीक्षण के समय स्थल पर कितने क्षेत्रफल में निर्माण है अथवा भूमि रिक्त है मात्र इतना ही देखा जाता है। अतः प्रश्नाधीन जानकारी अभिलिखित नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
ग्वालियर जिले में सूखा-राहत राशि की उपलब्धता
[राजस्व]
61. ( क्र. 2671 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार, डबरा एवं ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में दि. 1 फरवरी 2018 की स्थिति में कितनी-कितनी राशि सूखाराहत के तहत कृषकों को उपलब्ध कराई गई है? प्रत्येक विधान सभावार जानकारी दें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दि. 1 फरवरी 2018 की स्थिति में उपलब्ध कराई गई सूखाराहत राशि प्रत्येक पंचायत में प्रभावित कृषकों की संख्यावार एवं प्रदाय कराई गई, कुलराशि की जानकारी दें। (ग) सूखा राहत हेतु घाटीगाँव जनपद की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाली पंचायतों के लिये कितने सर्वे टीम (दल) का गठन किया गया था उन दलों में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी थे? उनका नाम, पद तथा विभाग बतावें। उन दलों द्वारा किस दिनांक से किस दिनांक तक सर्वे किया था? उनकी उक्त क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट बतावें? क्या सूखा राहत सर्वे दल द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर भृष्टाचार कर सूखें की सूची बनाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या उनको दण्डित कर पुनः सर्वे सूची को समस्त ग्रामीणों के समक्ष पुनः तैयार कर मुआवजा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या आरौन पंचायत के अनु. जाति, जनजाति के गरीब कृषकों द्वारा दि. 1 फरवरी 2018 को तहसीलदार घाटीगाँव को उनके नाम पात्रता उपरान्त भी सर्वे सूची में नहीं लिये हैं? नाम जोड़ने तथा सूखा राहत राशि दिलाने हेतु आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? आरौन पंचायत में सूखा राहत सूची में प्रभावित कृषक,फसलों का नाम एवं रकबा तथा उपलब्ध कराई राशि का विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर जिले में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील घाटीगांव के 23 ग्रामों में 01 फरवरी 2018 की स्थिति में राशि 21623666/- रूपये 3661 किसानों को उपलब्ध कराई गई। डबरा एवं ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में नुकसान 25 प्रतिशत से कम पाये जाने के कारण आर.बी.सी. 6-4 के तहत कोई सूखा राशि वितरित नहीं की गर्इ। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील घाटीगांव में 1 फरवरी 2018 की स्थिति में 7 ग्राम पंचायतों के 23 ग्रामों में 21623666/- राशि कुल 3661 कृषकों को उपलब्ध कराई गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ए'' अनुसार है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के घाटीगांव जनपद की 07 ग्राम पंचायतों के 23 ग्रामों में सूखा राहत का विस्तृत सर्वे कराने हेतु संयुक्त टीम का गठन किया गया जिसमें पटवारी, राजस्व विभाग, कृषि विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के संयुक्त गठित टीम को संलग्न किया गया था आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''बी 1 एवं बी 2'' अनुसार है। दिनांक 7.11.2017 से 9.11.2017 तक जाँचकर रिपोर्ट देनी थी सर्वे के नियमानुसार जाँच कर रिपोर्ट दी गई कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया। (घ) आरोन पंचायत के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों के द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों की जाँच आदेश दिनाक 7.11.2017 को संयुक्त गठित टीम से कराई गई जिसमें संबंधित सर्वे में पात्र नहीं पाये जाने के कारण पात्रता सूची में नाम सम्मिलित नहीं किये गये आरोन पंचायत के पात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''सी 1 एवं सी 2'' अनुसार है।
जेल मैन्युअल का पालन
[जेल]
62. ( क्र. 2675 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में जेल तोडने की कितनी घटनाएं सामने आई हैं वर्षवार, जेलवार घटनाओं का ब्यौरा दें, कितने कैदी किन-किन जेलों से फरार हुये? जेलवार ब्यौरा दें? (ख) जेल मैन्युअल के क्या-क्या प्रावधान हैं? ग्वालियर संभाग में कितने अधिकारियों द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक जेलों का निरीक्षण किया गया है? जेलवार निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का ब्यौरा तथा जेलवार निरीक्षण प्रतिवेदन का ब्यौरा दें? (ग) ग्वालियर संभाग में कुल कितनी जेले हैं और उनकी कैदी क्षमता कितनी है तथा उनमें प्रश्न दिनांक को कितने कैदी निरूद्ध हैं? जेलवार क्षमता एवं निरूद्ध कैदियों का ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या सरकार इन अतिरक्त कैदियों के लिये अन्य कोई नई जेल निर्माण करायेगी या कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करेगी? यदि हाँ, तो क्या योजना है? प्रत्येक जेलवार अलग-अलग जानकारी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। (ग) ग्वालियर संभाग में कुल 12 जेले हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जी हाँ, 06 जेलों में क्षमता से अधिक कैदी परिरूद्ध हैं। जेलों में न्यायालयीन निर्देशों के पालन में कैदियों को रखा जाता है। जेलों की क्षमता बढ़ाने के किये गए प्रयास एवं आगामी योजनाओं का जेलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई के कॉलम क्रमांक 5 अनुसार है।
नगर व पंचायतों में संचालित खाद्य दुकान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 2676 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु प्रत्येक नगर में वार्ड एवं ग्रामों में पंचायत स्तर पर खाद्य विभाग की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त निर्देश के पालन में ग्वालियर जिले की विधानसभा क्षेत्र भितरवार के नगर के सभी वार्डों एवं पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें खोली गई हैं? (ग) दिनांक १ फरवरी २०१८ की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन नगरों के वार्डों एवं ग्रामों की पंचायतों में कहाँ-कहाँ पर किस सेल्समेन के द्वारा कब से संचालित की जा रही है? उनके नाम,पता तथा उक्त दुकानों पर कितने-कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री प्रतिमाह वितरित की जा रही है? (घ) दिनांक १ फरवरी २०१८ की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र की ऐसी कितने नगर के वार्ड एवं ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं हैं? क्यों? अब उन नगर के वार्डों एवं पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य दुकानें कब तक संचालित की जावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार नगरीय क्षेत्रों में 800 पात्रता परिवारों के आधार पर 1 दुकान खोली जा सकती है परंतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान दुकान संचालकों की दुकानों को आगामी आदेश तक चलते रहने का अंतरिम आदेश विभिन्न प्रकरणों में जारी करने के कारण नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों का युक्तियुक्तकरण नहीं किया जा सका है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत स्तर पर न्यूनतम 1 उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान दुकान संचालकों की दुकानों को आगामी आदेश तक चलते रहने का अंतरिम आदेश देने के कारण नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों के आवंटन का कार्य नहीं किया जा सका है। प्रश्नांकित क्षेत्र में सभी पंचातयों में दुकान संचालित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पात्र परिवारों के प्रतिमाह राशन प्राप्त करने की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) नगरीय क्षेत्र में वार्डवार उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 113 पंचायते हैं, इन सभी पंचायतों में उचित मूल्य की दुकाने संचालित हैं। नगरीय क्षेत्र में माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आरक्षक ट्रेडमेन से आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) में संविलियन
[गृह]
64. ( क्र. 2686 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस विभाग में आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) और आरक्षक ट्रेडमेन (जैसे-नाई, मोची, स्वीपर, धोबी आदि) के पद पर भर्ती प्रक्रिया एक समान है? (ख) वर्ष 2010 के पूर्व आरक्षक ट्रेडमेन (जैसे-नाई, मोची, स्वीपर, धोबी आदि) के पद पर पदस्थ कर्मियों को उनकी 5वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर उनका संविलियन आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) में कर दिया जाता था और तत्पश्चात उनकी पदोन्नति भी की जाती थी ! (ग) क्या वर्ष 2010 के पत्पश्चात आरक्षक ट्रेडमेन से आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) में संविलियन की प्रक्रिया शासन द्वारा बंद कर दी है? यदि हाँ, तो क्यों? प्रदेश में ऐसे कितने आरक्षक ट्रेडमेन (जैसे-नाई, मोची, स्वीपर, धोबी आदि) हैं, जो आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) में संविलियन नहीं होने के कारण मिलने वाले अन्य लाभों से वंचित रहे हैं? (घ) क्या शासन आरक्षक ट्रेडमेन (जैसे-नाई,मोची,स्वीपर,धोबी आदि) से आरक्षक जी.डी. (जनरल ड्यूटी) में संविलियन की प्रक्रिया को पुनः चालू करेगा? नहीं तो क्यों।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) पुलिस विभाग में आरक्षक जी.डी. ओर आरक्षक ट्रेडमेन पद पर भर्ती प्रक्रिया का प्रथम चरण (लिपिक परीक्षा) एक समान है द्वितीय चरण (शारीरिक प्रवीणता परीक्षा) हेतु आरक्षक जी.डी. ओर आरक्षक ट्रेडमेन पदों के अनुरूप अलग-अलग मापदण्ड निर्धारित है। तृतीय चरण केवल ट्रेडमेन आरक्षकों के लिये है जिसमें उन्हें उनके ट्रेड के अनुरूप ट्रेड टेस्ट उत्तीर्ण करना होता है। इस तरह आरक्षक जी.डी. की भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में एवं आरक्षक ट्रेड की भर्ती प्रक्रिया तीन चरणों में होती है। (ख) किसी आरक्षक ट्रेड द्वारा उसके स्वयं के आरक्षक जी.डी. के पद पर संविलियन का निवेदन करने पर जी.ओ.पी. 55/97 में उल्लेखित निर्धारित अर्हताओं को पूर्ण करने पर जी.ओ.पी. में उल्लेखित समिति की अनुशंसा पर संविलियन, आरक्षक जी.डी. के पद पर किया जाता था। संविलियन पश्चात नियमानुसार पदोन्नति की पात्रता भी होती थी। (ग) पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्रमांक/पुमु/3/कार्मिक/4/3319/13 दिनांक 19.06.2013 द्वारा वर्तमान में प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार आरक्षक जी.डी. एवं आरक्षक ट्रेड के भर्ती प्रक्रिया तथा वेतनमान समान होने की दृष्टि से उच्चस्तरीय निर्णय लिया गया है कि आरक्षक ट्रेड से प्रधान आरक्षक ट्रेड तथा प्रधान आरक्षक ट्रेड से सहायक उप निरीक्षक/सेक्शन कमाण्डर के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया भी समान हो जाने से, आरक्षक ट्रेड के पदोन्नति/संविलियन हेतु जारी जी.ओ.पी. 57/93 दिनांक 23.01.93 परिपत्र दिनांक 20.06.94 एवं परिपत्र दिनांक 26.11.96 तथा समय-समय पर जारी परिपत्र निरस्त कर जिला बल संवर्ग हेतु जी.ओ.पी. क्र. 138/12 एवं वि.स.बल. हेतु जी.ओ.पी. क्र. 141/12 समान रूप से आरक्षक ट्रेड से आरक्षक/प्रधान आरक्षक संवर्गों के लिए पदोन्नति हेतु लागू की गई। आरक्षक जी.डी. एवं आरक्षक ट्रेड के भर्ती प्रक्रिया तथा वेतनमान समान होने तथा आरक्षक ट्रेड से प्रधान आरक्षक ट्रेड से सहायक उप निरीक्षक/सेक्शन कमाण्डर के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया भी समान किये जाने के फलस्वरूप संविलियन की प्रक्रिया स्वतः ही समाप्त हो जायेगी। आरक्षक ट्रेड एवं आरक्षक जी.डी. के वेतनमान/अवकाश एवं अन्य भत्ते एक समान है। ऐसी स्थिति में यह कहना सही नहीं है कि संविलियन न होने के कारण आरक्षक ट्रेड संविलियन के फलस्वरूप मिलने वाले अन्य लाभों से वंचित रहे हो। (घ) कार्यवाही विचाराधीन है।
वैध एवं अवैध कालोनियां
[राजस्व]
65. ( क्र. 2695 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच जिले में अनुमति एवं बिना अनुमति प्राप्त किये नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक वैध एवं अवैध कालोनियां विकसित होकर अनेक लायसेंसी कालोनाईजर एवं व्यक्ति तथा संस्था के द्वारा कालोनियां विकसित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो नीमच जिला अंतर्गत किन-किन नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन स्थानों पर वैध एवं अवैध कालोनियां विकसित की जा रही हैं? (ग) विगत 04 वर्षों में कितनी कालोनियों की वैधता का प्रमाण पत्र देकर हस्तांतरित कर वैध किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितनी कालोनियां अवैध हैं? (घ) कालोनियों को वैध किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं इन्हें कब तक वैध कर राजस्व कर वसूली एवं आमजन की मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी, हाँ (ख) जिला नीमच अंतर्गत नगर पालिका/परिषद् नीमच मनासा एवं नयागांव में नवकार वैध एवं सूरज अवैध कालोनी विकसित की जा रही है एवं जनपद पंचायत नीमच अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में धनेरियाकलां स्थित रिटायर्ड कॉलोनी, जायसवाल कॉलोनी, रामअवतार कॉलोनी, अमर कॉलोनी, गुमाश्ता कॉलोनी कुमारिया विरान, अरनिया कुमार, कुचडौद में अवैध कालोनीयां एवं ग्राम गिरदौडा, जमुनियाकलां, दुलाखेडा, भौलियावास, कनावटी, मालखेडा में वैध कालोनीयां विकसित की जा रही है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक (वैध) एवं 'दो' (अवैध कालोनियां) अनुसार है। शेष नगरीय,ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। (ग) विगत 04 वर्षों में वैधता का प्रमाण पत्र देकर हस्तांतरित कर कालोनियों को वैध करने की जानकारी निरंक है। प्रश्न दिनांक तक 56 कालोनियां अवैध पाई गई है। (घ) जिला नीमच अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र जनपद पंचायत नीमच धनेरियाकलां स्थित रिटायर्ड कॉलोनी, जायसवाल कॉलोनी, रामअवतार कॉलोनी, अमर कॉलोनी, गुमाश्ता कॉलोनी को वैध करने संबंधी प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय नीमच में प्रकरण क्रमांक 17/बी-121/17-18 दर्ज है। नगर परिषद् नयागॉंव में सूरज कॉलोनी को वैध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है एवं नगर परिषद् मनासा द्वारा 15 अवैध एवं नगर पालिका नीमच में 31 अवैध कालोनियों को वैध करने संबंधी सर्वे कार्य प्रचलित है। शेष नगरीय निकायो एवं ग्रामीण क्षेत्रो में अवैध कालोनियों के सर्वे कराये जाने हेतु मुख्य कार्यपलन अधिकारी जिला पंचायत नीमच परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण नीमच, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नीमच, मनासा, जावद को निर्देशित किया गया है। शासन निर्देशानुसार समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिकायत पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
66. ( क्र. 2746 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में पुलिस अधीक्षक महोदय छिन्दवाड़ा को जो भी शिकायत पत्र प्रेषित किये गये थे, उन शिकायत पत्रों पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि उपरोक्त शिकायतों के संबंध में विभाग द्वारा अभिस्वीकृति पत्र प्रश्नकर्ता को प्रेषित किये गये हैं, तो किस-किस शिकायत के संबंध में किस-किस तिथि में अभिस्वीकृति पत्र प्रेषित किये गये हैं? प्रत्येक शिकायत के अनुसार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें तथा उनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है और कितनी शिकायतों का निराकरण किया जाना बाकी है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में जो प्रेषित शिकायतों का निराकरण नहीं किये जाने एवं निराकरण में विलम्ब किये जाने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में भेजे गये शिकायत पत्रों की जानकारी, उन शिकायत पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी तथा अभिस्वीकृति पत्र प्रेषित करने के दिनांक का पृथक-पृथक विस्तृत विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। अवधि में प्राप्त कुल 29 शिकायतों में से 24 का निराकरण किया जा चुका है तथा 05 का निराकरण किया जाना बाकी है। (ख) 05 शिकायतें, जो वर्ष 2018 की है, इनकी जाँच की जा रही है। आवेदनों की विषयवस्तु जटिल स्वरुप की होने के कारण जाँच में समय लग रहा है अतः उक्त शिकायतें लंबित है।
नलजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 2747 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी नलजल योजनायें स्वीकृत हैं? कितनी नलजल योजनायें प्रस्तावित हैं और कितनी नलजल योजनायें लंबित हैं? नलजल योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कितनी नलजल योजनायें चालू अवस्था में हैं? कितनी नलजल योजनायें बंद हैं? नलजल योजना के बंद होने का क्या कारण है? (ग) बंद पड़ी नलजल योजनाओं को प्रारंभ किये जाने हेतु शासन की क्या योजनायें हैं? बंद पड़ी नलजल योजनाओं को कब तक विभाग द्वारा प्रारंभ करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 130 नलजल योजनाएं स्वीकृत हैं। 8 योजनाएं प्रस्तावित जिसमें 3 योजनाएं स्वीकृत, 2 योजनाएं स्त्रोत के अभाव में लंबित एवं 3 योजनाएं स्वीकृति हेतु परीक्षणाधीन हैं। (ख) 124 योजनाएं चालू एवं 6 योजनाएं बंद हैं, जिसमें से 2 योजनाएं स्त्रोत असफल, 1 योजना पाईप लाईन क्षतिग्रस्त, 2 योजनाएं विद्युत के अभाव में तथा 1 योजना मोटर पंप खराब होने के कारण बंद हैं। (ग) हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद नलजल योजनायें यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की है जिसे रू.20.00 लाख तक के स्वीकृति के अधिकार सौंपे गए हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
समयमान वेतनमान
[राजस्व]
68. ( क्र. 2758 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर (भू-अभिलेख) जिला सीधी द्वारा पत्र क्र. 1937/कलेक्टर/भू-अभिलेख/2017 सीधी दिनांक 10.11.2017 द्वारा जानकारी भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त मध्यप्रदेश ग्वालियर को भेजी गयी थी? यदि हाँ, तो उस कर्मचारी का नाम एवं पद बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अनुरेखकों को प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने हेतु विभागीय जाँच/आपराधिक प्रकरण की जानकारी से संबंधित था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो केवल प्रथम समयमान, वेतनमान स्वीकृत किया गया, जबकि द्वितीय समयमान वेतनमान दिनांक 24.07.2015 से स्वीकृत किया जाना था? यदि हाँ, तो द्वितीय समयमान-वेतनमान स्वीकृत क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में द्वितीय समयमान, वेतन दिनांक 24.07.2015 से स्वीकृत न करना एवं आर्थिक क्षति पहुँचाने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? द्वितीय समयमान, वेतनमान कब तक स्वीकृत किया जावेगा? नहीं किया जावेगा तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। श्री रवि प्रकाश राजेन्द्र सिंह, अनुरेखक जिला सीधी। (ख) हॉ। (ग) आदेश क्र. 48/स्था0एक/सर्वे0तक./2018 दिनांक 09/02/2018 द्वारा स0क्र0 12 अनुसार दिनांक 24/07/2015 से द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है। उक्त आदेश में ग्रेड-पे की त्रुटि होने से संशोधित पत्र क्र. 515 दिनांक 24/02/2018 द्वारा रू. 2800 ग्रेड-पे स्वीकृत किया गया। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में व्दितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है। कोई दोषी नहीं है।
खसरा, बी-1, बी-2 की नकल प्रदान करना
[राजस्व]
69. ( क्र. 2779 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के अंतर्गत कुल कितने खसरा, बी-1, बी-2 की नकल के प्रकरण वर्तमान समय में कब से लंबित हैं? तहसीलवार सूची देवें। क्या प्रदेश के अन्य जिलों में भी प्रकरण लंबित हैं? जिलेवार सूची प्रस्तुत करें। (ख) किन कारणों से खसरा, बी-1, बी-2 की नकल के प्रकरण लंबित हैं? क्या वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा तत्संबंध में समीक्षा की गयी है? उनके द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की गयी है? (ग) राजस्व अधिकारियों के द्वारा लंबित खसरा, बी-1, बी-2 के नकल संबंधी प्रकरणों की समीक्षा के दौरान क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है? सूची सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) खसरा, बी-1, बी-2 की नकल के समस्त प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत खसरा, बी-1 की नकल के कोई भी प्रकरण समय-सीमा से बाहर लम्बित नहीं है। लोक सेवा गारंटी के तहत बी-2 की नकल के प्रकरण नहीं लिए जाते है। दिनांक 27/02/18 की स्थिति में, प्रदेश के शेष जिलों में कोई भी नकल के प्रकरण, समय-सीमा से बाहर लंबित नहीं है। जिलेवार सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जिलों के अंतर्गत प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में कोई भी नकल के प्रकरण, समय-सीमा से बाहर लंबित नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर समीक्षा की जाती है। प्रकरण लंबित नहीं पाए जाने की स्थिति में कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जिलों के अंतर्गत प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में कोई भी नकल के प्रकरण, समय-सीमा से बाहर लंबित नहीं पाए जाने की स्थिति में कार्यवाही नहीं की गयी है। (घ) लोक सेवा गारंटी के तहत प्राप्त आवेदनों का निराकरण नियत समय-सीमा में किया जावेगा।
डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की जानकारी
[राजस्व]
70. ( क्र. 2780 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के अंतर्गत कुल कितने डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कार्यरत हैं? तहसीलवार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनके विरूद्ध क्या ठोस कार्यवाही की गयी? अधिकारियों के भ्रमण के दौरान कितने डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कितने ऑपरेटरों को निलंबित किया गया अथवा सेवा से पृथक किए गए हैं? (ग) क्या डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के विरूद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी और जिन ऑपरेटरों को निलंबित किया गया, उन्हें उसी कार्य स्थान में पुन: पदस्थ कर दिया गया? (घ) ऐसे डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की उपलब्धता किस एजेन्सी से प्राप्त की गयी थी? उन एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इंदौर जिले में भू-अभिलेख शाखा अंतर्गत दो डाटा एंट्री ऑपरेटर कार्यरत है। (ख) कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर के विरूद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक। (घ) उक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति आदेश कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा जारी किए गए है।
राजस्व रिकार्ड में मकान एवं आबादी दर्ज किया जाना
[राजस्व]
71. ( क्र. 2795 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के हनुमना तहसील के पटवारी हल्का तिलया के खसरा क्रमांक 16/2 'क' 1 रकबा 0.20/0.081 आर.ए. शासन म.प्र. में वर्ष 1950 से किन किन के नाम राजस्व रिकार्ड में मकान एवं आबादी दर्ज थी एवं वर्तमान में अभिलेख अनुसार मकान एवं आबादी किस स्थान पर दर्ज है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित मकान और आबादी उसी खसरा नम्बर की शासकीय जमीन जो वर्तमान में बने हुए मकान से दूर अन्य जमीदार के मकान के सामने दर्ज कर दी गई है और पूर्व से दर्ज आबादी अन्य के पट्टे में शामिल कर दी गयी है, जबकी मकान अभी भी यथावत हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित वर्तमान दर्ज आबादी को निरस्त कर पूर्व में आबादी जहां पर दर्ज भी वहीं पर दर्ज की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो कारण बतावें। (घ) क्या इस प्रकार के फर्जीवाड़ा करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी जिससे भविष्य में इस प्रकार का फर्जीवाड़ा न हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पटवारी हल्का तिलया के भूमि ख.क्र. 16 रकबा 0.332 हे. म.प्र. शासन नदी पूर्व से दर्ज अभिलेख है। राजस्व रिकार्ड में बटांक दर्ज नहीं है। नदी/नाला से लगी हुयी आराजियो में किसी भी प्रकार का मकान या आबादी नहीं है। (ख) भूमि ख.क्र. 16 रकबा 0.332हे. म.प्र. शासन नदी पूर्व से दर्ज राजस्व अभिलेख है। मौके से भूमि नं. 16 में नाला बना हुआ है। उक्त आराजी में बटांक नहीं हैं। आबादी अथवा मकान नहीं है। (ग) चूकि मौके से नदी/नाला है। आबादी नहीं है। अतः आबादी निरस्त करने का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) चूकि मौके से उक्त भूमि पर कोई आबादी नहीं है अपितु नदी/नाला है जो राजस्व अभिलेख में भी दर्ज है। अतः किसी प्रकार के फर्जीवाड़े का प्रश्न ही नहीं उठता है।
स्थानांतरण नीति का उल्लंघन
[राजस्व]
72. ( क्र. 2824 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में राजस्व विभाग के कितने अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं तथा वर्ष 2016 एवं 2017 में विभाग द्वारा अब तक कितने स्थानांतरण किये गये तथा कितनों की उपस्थिति हुई? नामवार सूची प्रस्तुत करें। (ख) क्या पन्ना जिले में तहसीलदारों के अधिकतम पद रिक्त हैं उन पर विभाग कब तक रिक्त पदों की पूर्ति करेगा? ऐसे कितने अधिकारी हैं जिनका स्थानांतरण होने के बाद भी भारमुक्त नहीं किया गया? (ग) क्या राजस्व विभाग जिला कार्यालयों में पदस्थ लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को उनके पदों के विरूद्ध तहसील कार्यालयों में संलग्न किया गया है तथा अन्य विभाग के कर्मचारियों को संलग्न कर कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उस विभाग में संलग्न कर्मचारी के विरूद्ध पद की पूर्ति की गई है? यदि नहीं, तो उस पद का कार्य किससे कराया जा रहा है? (घ) पन्ना जिले में राजस्व विभाग के अंतर्गत अनुविभाग, तहसीलों में कितने सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारी पाँच साल से अधिक समय तक पदस्थ हैं? क्या इनके स्थानांतरण नहीं किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? तहसीलों में स्वीकृत पदों की पूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? कितने कर्मचारी स्वीकृत पदों के विरूद्ध संलग्न है? उन्हें कब तक मूल पदस्थापना के लिये बुला लिया जावेगा? कर्मचारियों के नाम बार सूची प्रस्तुत करें। (ड.) क्या पन्ना जिले में राजस्व विभाग के मुखिया द्वारा कर्मचारियों की सुविधा को मानते हुये उनके आवेदनों का निराकरण नहीं किया गया? ऐसे कितने कर्मचारी है जिनके आवेदनों का निराकरण वर्ष 2016 एवं 2017 से नहीं किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कर्मचारियों के नाम तथा आवेदनों की तिथिवार ब्यौरा उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पन्ना जिला में राजस्व विभाग के अंतर्गत संयुक्त कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर के 07 पद तहसीलदार के 12 पद एवं नायब तहसीलदार के 13 पद स्वीकृत है। स्वीकृत पदों के विरूद्ध संयुक्त कलेक्टर/डिप्टीकलेक्टर के 06 पद तहसीलदार 04 पद एवं नायब तहसीलदार 06 पद भरे हैं। नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। यह सही है कि पन्ना जिले में तहसीलदारों के 08 पद रिक्त है प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से पदों की पूर्ति की जाती है। शासन स्तर से स्थानांतरण के बाद किसी भी तहसीलदार को भारमुक्त किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पन्ना जिला राजस्व विभाग के अंतर्गत अनुविभाग/तहसीलों में सहायक ग्रेड-02 एवं सहायक ग्रेड-03 के कर्मचारी 05 साल से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण किए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) पन्ना जिला राजस्व विभाग अंतर्गत ऐसे कोई भी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के आवेदन पत्र निराकरण हेतु अपेक्षित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्याज खरीदी एवं भण्डारण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 2825 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कितनी उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें जनवरी, 2016 से प्याज का स्टाक किया गया था? उसमें से कितनी प्याज वितरण की गई है स्टॉक एवं वितरण का ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ख) क्या उचित मूल्य की दुकानों में विक्रेताओं द्वारा समय-सीमा में प्याज वितरण ना करने पर बरसात में प्याज खराब हो गई है? यदि हाँ, तो क्या उसे फेंका गया है? यदि नहीं, तो उसको किस उपयोग में लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार खराब प्याज की भरपाई किसके द्वारा की गई इस पर सरकार क्या विचार कर रही है तथा खराब प्याज के संबंध में अब तक किस विभाग के द्वारा लापरवाही पायी गयी और लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अधिकारियों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्याज की भरपाई के लिये वसूली की जावेगी, यदि हाँ, तो किससे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) पन्ना जिले में जनवरी 2016 से प्याज का स्टॉक नहीं किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवकों को समय पर वेतन/भत्ते न देना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
74. ( क्र. 2830 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत शासकीय/अशासकीय/स्वशासी महाविद्यालय/पॉलिटेक्निक में प्रचलित भर्ती नियमों के तहत कौन-कौन से पदों पर वर्ष 2004 के बाद विभागाध्यक्ष के पद पर व्याख्याता तथा अन्य के पद पर कितने लोगों की कब कब नियुक्ति की गई है? पद नाम संख्या बतायें? (ख) इनके वेतन भत्ते किस मद से किये जाते हैं और वेतन समय पर मिल सके इसके लिये क्या नियम, निर्देश हैं तथा विलम्ब की स्थिति में उनके क्या कारण हैं? उनका निराकरण किस प्रकार किया जायेगा? (ग) क्या स्वशासकीय संस्थाओं के अंतर्गत नियुक्त लोक सेवकों के वेतन भत्ते शासकीय लोक सेवकों के समान हैं? यदि हाँ, तो असमानता क्या क्या है? प्रत्येक पद का अलग अंतर बताते हुये कारण बतायें? (ग) क्या शासन द्वारा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के लोक सेवकों को शासकीय सेवा में संविलियन क्यों नहीं किया जाता है, उसका क्या कारण है और संविलयन किये जाने में क्या हर्ज है? वेतन समय पर प्रदाय न होने पर क्या उसकी समीक्षा की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों भविष्य में वेतन समय पर प्रदान हो इसके लिये निर्देश जारी किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) शासकीय/स्वशासी पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में वर्ष 2004 के बाद एवं आज दिनांक तक प्रचलित सेवा भरती 2004 के अंतर्गत नियुक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र.शासन के पत्र दिनांक 21.07.2008 के द्वारा म.प्र. तकनीकी शिक्षा पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में अध्यायन संवर्ग सेवा भरती नियम 2004 में दिये गये प्रावधान के अनुसार शासकीय पोलीटेक्निक महाविद्यालयों में सोसायटी के अंतर्गत प्रबंध समिति के द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन के लिये सहायक अनुदान राज्य शासन द्वारा प्रदान किया जाता है बजट के माध्यम से सहायक अनुदान 8885 मद से राशि उपलब्ध कराई जाती है। वित्त विभाग द्वारा अनुदान की राशि 10 प्रतिशत कटोत्रा के उपरांत प्रावधानित राशि की 90 प्रतिशत प्राप्त होती है। वित्त विभाग के निर्देशानुसार प्रथम/द्वितीय त्रेमास में उपलब्ध राशि का 45 प्रतिशत व्यय किया जाता है। अतिरिक्त राशि चतुर्थ त्रेमास से आहरित करने की स्वीकृति प्राप्त कर उपलब्ध करायी जाती है। चतुर्थ त्रेमास में 10 प्रतिशत की कटोत्रा राशि प्राप्त होने पर कमी पड़ती है तो अन्य योजनाओं में उपलब्ध राशि से पुनर्विनियोजन के द्वारा राशि प्राप्त कर भुगतान किया जाता है। शिक्षकों को प्रदाय किये गये सी.ए.एस. के एरियर्स भुगतान के कारण वेतन में विलंब की स्थिति निर्मित हुई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 10 प्रतिशत राशि कटोत्रा न किये जाने का प्रस्ताव प्रचलित है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है।
सीलिंग एक्ट के अधीन अधिग्रहीत भूमि पट्टे पर आवंटित करना
[राजस्व]
75. ( क्र. 2870 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1976 में प्रभावशील अर्बन लेण्ड सीलिंग एक्ट के अधीन जबलपुर नगर सीमा की किन्हीं कृषकों की कृषि प्रयोजन की भूमि वर्ष 1990 से 1993 की अवधि में किन्हीं राजस्व अधिकारियों द्वारा अधिग्रहीत कर मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज कर दी गई है और क्या उक्त एक्ट वर्ष 2002 में निरस्त कर दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कुल प्रभावित कृषकों में से किन कृषकों को अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अनुबंध निष्पादित कर वर्ष 1990 से आज दिनांक तक में कितनी किस्तों में कितनी-कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किन-किन तिथियों में कर दिया गया है? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) कार्यवाहियां न किये जाने व अधिनियम के प्रावधानों का परिपालन न किये जाने एवं प्रश्नांश (क) भूमि पूर्ववर्ती भूमि स्वामियों को वापस न की जाने के वैधानिक कारण क्या हैं और नैसर्गिक न्याय सिद्धान्त के अनुसार वापस योग्य क्यों नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) भूमि अधिनियम के प्रावधानों के परिपालन के बिना मध्यप्रदेश शासन के नाम है, तो क्या विभाग किसी नीति का निर्धारण कर किन्हीं उदार शर्तों सहित प्रभावित मूल भूमिस्वामी कृषकों को स्थायी पट्टों पर आवंटित करेगा और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। उक्त एक्ट दिनांक 17.02.2000 में निरस्त किया गया है। (ख) मुआवजा भुगतान नगद व बाण्डस् के रूप में किया जाना प्रावधानित था, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूमि स्वामियों द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा लेने से इंकार किये जाने के कारण भुगतान नहीं हुये है। शासन के नाम से दर्ज एवं कब्जा प्राप्त भूमियों को वापस करने की अधिकारिता किसी प्राधिकारी को ना होने से अधिग्रहित भूमियों को वापस किया जाना संभव नहीं है। (घ) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता विभाग की शिकायतों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 2887 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से पन्ना जिले में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की अव्यवस्था से संबंधित CM Helpline व जनसुनवाई में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनमें से कितने का निराकरण किया गया एवं कितनी लंबित हैं? (ख) पन्ना जिला अंतर्गत कितनी शिकायतें उचित मूल्य की दुकानों से संबंधित फोर्स क्लोज की गई एवं कितनी सहमति से बंद की गई तथा किस शिकायत में क्या कार्यवाही कर बंद किया गया? (ग) क्या बिना शिकायत का निराकरण किये मनमाना जबाव देकर फोर्स क्लोज कर दिया जाता है या सही जबाव न होने पर एल-4 स्तर पर शिकायत लंबित रह जाती है? (घ) क्या शिकायतों की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2014 से पन्ना जिले में शासकीय उचित मूल्य दुकानों की अव्यवस्था से संबंधित सी.एम. हेल्पलाइन में 3142 व जनसुनवाई में 494 शिकायतें कुल 3636 शिकायतें प्राप्त हुई हैं उनमें से 3597 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं 39 शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) पन्ना जिला अंतर्गत 847 शिकायतें शासकीय उचित मूल्य दुकानों से संबंधित फोर्स क्लोज की गई एवं 2249 शिकायतें सहमति से बंद की गई। सी.एम. हेल्पलाइन के पोर्टल पर शिकायत के निराकरण एवं क्लोजर की स्थिति जन सामान्य के लिए उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। जिले अंतर्गत ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
77. ( क्र. 2918 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना कस्बा अंतर्गत कितने हेक्टर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण है तथा यह कब से है? अतिक्रमण धारियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण कर शासकीय भूमि पर कृषि की जा रही है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक इस भूमि से बेदखल कर इसे शासकीय भवन एवं अन्य निर्माण हेतु आरक्षित की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सैलाना कस्बा अन्तर्गत लगभग 13.600 हेक्टर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण था, जिसे माह जुलाई 2017 में म.प्र.भू0रा0 संहिता 1959 की धारा-248 के तहत विधिवत कार्यवाही कर तथा रूपये-66500,00 (अक्षरी रूपये छियासठ हजार पाँच सौ मात्र) अर्थदण्ड आरोपित की जाकर अतिक्रामकों को बेदखली आदेश पारित कर बेदखल किया गया। वर्तमान में कोई अतिक्रमण नहीं है एवं अर्थदण्ड की राशि भी वसूल की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासकीय आवश्यकता अनुसार भूमि आरक्षित की जाती है।
राजस्व शासकीय रिकार्ड में दर्ज केफियत परिवर्तन
[राजस्व]
78. ( क्र. 2923 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के विभिन्न पटवारी हल्कों में वर्ष 1968 से प्रश्न दिनांक तक रिकार्ड की क्या स्थिति है? (ख) क्या विभिन्न पटवारी हल्कों में शासकीय रिकार्ड में दर्ज केफियत परिवर्तित कर वक्फ समितियों के रूप में इन्द्राज की गयी हैं? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में ऐसे इन्द्राज कौन-कौन से पटवारी हल्कों में किये गये वर्षवार जानकारी देते हुए अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ग) क्या मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील में विभिन्न पटवारी हल्कों में वक्फ की सम्पत्तियां इन्द्राज हुई हैं यदि हाँ, तो कौन से वर्ष में, कौन-कौन से हल्कों में की जा चुकी हैं? (घ) क्या मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के विभिन्न पटवारी हल्कों में वक्फ सम्पत्तियों के राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज को लेकर मंदसौर कलेक्टर तथा भोपाल राजस्व विभाग, मंत्रालय ने कोई शिकायत प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मंदसौर जिले के विभिन्न पटवारी हल्को में वर्ष 1968 से प्रश्न दिनांक तक रिकार्ड की संतोषप्रद स्थिति है। (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तहसील भानपुरा में वर्ष 2002 में म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 4110/6.601 दिनांक 30.5.2001 से कलेक्टर महोदय मंदसौर को म.प्र. राज्य पत्र भाग 3 (1) दिनांक 25.8.1989 की छायाप्रति भेजकर म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा घोषित व दर्ज वक्फ सम्पत्तियों पर वक्फ संपत्तियों म.प्र. वक्फ बोर्ड दर्ज करने हेतु तहसीलदार को आदेश देने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त पत्र के पालन में कलेक्टर भू अभिलेख मंदसौर से तहसीलदार भानपुरा को पत्र क्रमांक 690/आ का/2002 दिनांक 15.2.2002 से संबंधित 15 हल्का ( कोहला, अंत्रालिया, बाबुल्दा, सांदलपुर, भानपुरा, नावली, कैथूली, ढाबला माधोसिंह, सुधारा, सानडा, औसारा, नीमथुर, रतनपुरा, भैसोदा, चोकी) के नाम के पटवारियों को वक्फ संपत्ति दर्ज करने संबंधी आदेशित किया गया। (घ) जी हाँ, कार्यालय कलेक्टर जिला मन्दसौर के पत्र क्र. 31/आर.एम./2018 मन्दसौर दिनांक 17.1.2018 से राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को शिकायत की जाँच का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
पुलिस में ड्रायवर की ट्रेनिंग
[गृह]
79. ( क्र. 2924 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में वर्तमान में पुलिस विभाग के ड्राइवरों का डेन्डम कोर्स कितने स्थलों पर आयोजित किया जाता है? 1 जनवरी 2014 के पश्चात इस कोर्स में कितने पुलिस ड्राइवरों ने इसमें ट्रेनिंग ली? (ख) क्या म. प्र में इस ट्रेनिंग का एक मात्र स्थल रीवा जिले में हैं जिससे म.प्र के पुलिस ड्राइवरों को ट्रेनिंग हेतु प्रदेश के अंतिम क्षेत्र रीवा जाना पड़ता है? क्या विभाग इस ट्रेनिंग को प्रदेश के मध्य इंदौर भोपाल (भोरी) या उज्जैन संचालित करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) पुलिस ड्रायवर ट्रेनिंग में ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने हेतु प्रदेश में कितने ट्रेनर प्रशिक्षण दे रहे हैं? क्या अन्य पुलिस प्रशिक्षण स्थलों पर भी इनकी पदस्थापना कर ट्रेनिंग दी जा सकती है? (घ) प्रदेश पुलिस में वर्तमान में कुल कितने ड्रायवर हैं, कितने प्रशिक्षित हैं, कितने अप्रशिक्षित? क्या अप्रशिक्षित को प्रशिक्षण नहीं देने का मुख्य कारण प्रदेश में ट्रेनिंग सेंटर की कमी होना है? क्या विभाग के ड्रायवर बिना ट्रेनिंग के ही सेवा के 10 वर्षों से अधिक समय से अप्रशिक्षित हैं? यदि "हाँ" तो प्रदेश के ऐसे पुलिस ड्रायवर की संख्या बताएं? इन्हें कब तक प्रशिक्षण दे दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग के ड्रायवरों का डी. एण्ड एम. कोर्स मोटर प्रशिक्षण शाला, रीवा में संचालित किया जाता है। 01 जनवरी 2014 के पश्चात उक्त कोर्स में 233 ड्रायवर प्रशिक्षण ले चुके है। (ख) जी नहीं, मोटर प्रशिक्षण शाला रीवा के अतिरक्ति भोपाल में पी.टी.एस. (एम.टी.) घोषित किया गया है, जिसमें डी. एण्ड एम. कोर्स संचालित किया जावेगा। (ग) डी. एण्ड एम. कोर्स का प्रशिक्षण कुशल चालकों द्वारा दिया जाता है। वर्तमान में एम.टी.एस. रीवा में 4-5 कुशल चालक प्रशिक्षण देते है। अन्य पुलिस प्रशिक्षण स्थलों पर भी इनकी पदस्थापना कर प्रशिक्षण दिलाया जा सकेगा। (घ) मध्यप्रदेश में कुल अभी 3896 ड्राईवर है जिसमें से 2375 ड्राईवर डी. एण्ड एम. कोर्स में प्रशिक्षित है एवं 1521 डी. एण्ड एम. कोर्स अप्रशिक्षित है, किंतु इन्हें चालाक बुनियादी प्रशिक्षण कराया गया है। पुलिस विभाग में अभी सेवा के 10 वर्षों के 135 ड्राईवर अप्रिशिक्षित है जिन्हें मोटर प्रशिक्षण शाला रीवा में वरिष्ठता के आधार पर लगातार डी. एण्ड एम. कोर्स संचालित कर प्रशिक्षण दिलाया जावेगा।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों का सही कमीशन, वितरण, समान आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
80. ( क्र. 2927 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, श्री पन्नालाल शाक्य : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विपणन सहकारी संस्था ईसागढ़ द्वारा संचालित शा.उ.मूल्य दुकान गणेशखेड़ा पर संबध्द राशनकार्ड/पात्रता पर्चियों की संख्या के मान से 8400 रूपये प्रतिमाह से खाद्यान्न सामग्री के उठाव का कमीशन भुगतान किया जाना चाहिये था, जबकि विभाग द्वारा मात्र 2400 रूपये मान से ही कमीशन की राशि का भुगतान किया जा रहा है? (ख) यदि कमीशन की राशि रुपये 8400 से कम भुगतान की गयी है तो शेष अंतर की राशि विपणन सहकारी संस्था ईसागढ़ को कितनी राशि देना शेष है? भुगतान की शेष राशि संस्था को कब तक प्रदाय कर दी जावेगी? (ग) जिला गुना के शहरी क्षेत्र गुना में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर संबद्ध पात्रता पर्चियों की संख्या माह जनवरी 2018 में जारी सामग्री की संस्थावार जानकारी देवें। शहरी क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर समान रूप से निर्धारित 800 पर्चियों के आधार एक शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालित किये जाने बावत् नवीन शा.उचित मूल्य दुकानों का आवंटन, निर्धारण कब तक किया जा रहा है? अभी तक क्यों नहीं किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सेवा सहकारी संस्था महुआखेड़ा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान गणेशखेड़ा पर पृथक विक्रेता न होने के कारण संस्था से माह जून, 2016 से पृथक कर विपणन सहकारी संस्था, ईसागढ़ से संलग्न की गई। सेवा सहकारी संस्था शासकीय उचित मूल्य दुकान गणेशखेड़ा पर पृथक विक्रेता न रखने के कारण शासन द्वारा निर्धारित रू. 2400 प्रतिमाह कमीशन का भुगतान किया गया। माह जून, 2016 में विपणन सहकारी संस्था, ईसागढ़ द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान गणेशखेड़ा पर पृथक विक्रेता रखने एवं 200 से अधिक पात्र परिवार होने के कारण रू. 8400 खाद्यान पर कमीशन की पात्रता बनती है। (ख) माह जुलाई, 2016 से मार्च, 2018 तक कमीशन के अंतर की राशि रू. 1,26,000 भुगतान की जाना शेष है। भुगतान हेतु जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन को निर्देशित किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में नगरीय क्षेत्र में 800 पात्र परिवार संख्या के मान से अधिकतम दुकान संख्या का निर्धारण का प्रावधान है। वर्तमान में नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्य दुकान आवंटन के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिए जाने के कारण दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरक्षकों को न्यूनतम वेतन पर रोकने की सजा
[गृह]
81. ( क्र. 2959 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस विभाग में आरक्षकों को पुलिस रेग्यूलेशन एक्ट में न्यूनतम वेतन पर लाने अथवा उनकी वेतन वृद्धि रोके जाने के नियम हैं। यदि हाँ, तो क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत करावें। (ख) क्या पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा वर्ष २०१२ में इस संबंध में कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या पुलिस रेग्यूलेशन एक्ट के नियमों एवं पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी निर्देशों का पालन हो रहा है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों। क्या सरकार इस संबंध में कोई निर्देश जारी करेगी? (घ) बैतूल जिले में कितने आरक्षकों को न्यूनतम वेतन अथवा वेतनवृद्धि रोकने का दण्ड दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। क्या दण्ड प्रश्नांश (क) में दर्शित एक्ट एवं पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार सही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, पुलिस रेग्युलेशन के पैरा-217 के नियम (अ) एवं पैरा 226 के नियम (। । । ) में स्पष्ट निर्देश है कि ''आरक्षक के मामलें में, वेतन वृद्धि से वंचित रहने की अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी और न यह उचित होगा कि आरक्षक एक समय में एक से अधिक वेतन वृद्धि से वंचित किया जाय। '' नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) जी हाँ, पुलिस महानिदेशक द्वारा वर्ष 2012 में निर्देश जारी किये गये है एवं पुलिस रेग्यूलेशन एक्ट के नियमों एवं पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार।
अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत गैर आदिवासी को भूमि अंतरण की अनुमति
[राजस्व]
82. ( क्र. 2960 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित क्षेत्र कें अंतर्गत भूमि स्वामी से भिन्न किसी भूमि स्वामि का कृषि भूमि को छोड़कर अन्य भूमि, आबादी भूमि का अधिकार किसी ऐसे व्यक्ति को जो आदिम जन जाति को न हो अंतरण के संबंध में क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मध्यप्रदेश भू राजस्व की संहिता १९५९ की धारा १६५ (६-क) के प्रावधान अनुसार अंतरण के लिए क्या कलेक्टर बैतूल की अनुमति आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सिवनी जिले को छोड़कर शेष जिलों में अनुमति दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है तो क्या कलेक्टरों द्वारा अनुमति दी जा रही है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? सिवनी जिले को छोड़कर शेष जिलों के प्रकरणों में अनुमति कब तक दे दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6 क) में प्रावधान है। (ख) धारा 165 (6 क) के तहत संबंधित जिलो के कलेक्टर की अनुमति आवश्यक है। (ग) विधिवत आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर के द्वारा गुण दोषों के आधार पर अनुमति दी जाने के संबंध में निर्णय लिया जाता है। (घ) विधिवत आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर के द्वारा गुण दोषों के आधार पर अनुमति दी जाने के संबंध में निर्णय लिया जाता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में है। अनुमति आदेश के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पीड़ित किसानों को मुआवजा
[राजस्व]
83. ( क्र. 2964 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में विगत दिनों हवा आंधी से कितने ग्रामों में फसलों को नुकसान पहुंचा हैं? (ख) क्या पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया गया हैं? (ग) यदि किसानों को मुआवजा उपलब्ध नहीं कराया गया है, तो कब तक मुआवजा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के एक ग्राम इटारिया में दिनांक 13.02.2018 को हवा, आंधी से गेहुँ की फसल प्रभावित हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आगर जिले में पॉलीटेक्निक कॉलेज निर्माण से संबंधित जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
84. ( क्र. 2994 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में स्वीकृत पॉलीटेक्निक कॉलेज के निर्माण हेतु शासन से स्वीकृत तकनीकी रिपोर्ट/भवन नक्शा/आवंटित भूमि की जानकारी एवं खसरा नम्बर की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तकनीकी स्वीकृति के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच के लिये किन-किन अधिकारियों को नियुक्त किया गया? अधिकारियों द्वारा की गई गुणवत्ता जाँच की कब-कब कार्यवाही की गई। साथ ही जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) शासन द्वारा जारी टेण्डर नियम शर्तें तथा ठेकेदार को किस नियम शर्तों के अधीन टेण्डर स्वीकृत किया गया? स्वीकृत टेण्डर की शर्तें बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता के लिये निर्धारित डी.पी.आर. तथा मैनेजमेंट की कॉपी तथा ठेकेदार द्वारा किस-किस सामग्री का उपयोग किया गया, इस हेतु सामग्री क्रय बिलिंग की फोटो कॉपी देवें। क्या निर्माण कार्य में तार फेंसिंग की गई है? यदि हाँ, तो निर्धारित सीमा के अन्तर्गत या सीमा से बाहर?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का संचालन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
85. ( क्र. 2995 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुख्यालय आगर में मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार आई.टी.आई. संचालित हो रहा है या नहीं? नहीं तो कब तक आई.टी.आई. संचालित हो जायेगा? (ख) आगर जिले के अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना का संचालन जिला स्तर पर व मुख्यमंत्री जी की घोषणा उपरांत जिला मुख्यालय पर हो रहा है या नहीं? (ग) क्या मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत जो बजट जिला स्तर पर दिया गया है, उस बजट का उपयोग मुख्यालय पर हो रहा है या नहीं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। जिला मुख्यालय आगर में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आई.टी.आई. खोले जाने की घोषणा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 3042 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के गरीबी रेखा एवं अतिगरीबी रेखा के जारी राशन कार्डों में परिवार के सदस्यों के नाम भूलवश या त्रुटिवश छूट जाने पर उनको खाद्यान्न न मिलने पर राशन कार्ड पर नाम जोड़ने एवं खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराये जाने बाबत् कितने आवेदन जनपद पंचायतों एवं खाद्य विभाग को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में प्राप्त हुए का विवरण जनपदवार जिले का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों/आवेदन पत्रों पर कार्यवाही कर कितने कार्डों पर सुधार/नाम जोड़ने की कार्यवाही की गयी? नाम जोड़ने के बाद कितने लोगों को खाद्यान्न पर्चियाँ जारी की गयी, का विवरण प्रश्नांश (क) अनुसार दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में परिवार के छूटे हुए सदस्यों के राशन कार्ड में नाम जोड़ने बाबत् प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही कर संबंधितों द्वारा समय पर निराकरण नहीं किया एवं खाद्यान्न पर्चिया उपलब्ध नहीं कराई गयी। आवेदनकर्ता/हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हुए इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियिम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। अधिनियम अंतर्गत राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत इस सीमा से अधिक जनसंख्या की पात्रता नहीं बनती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। प्रश्नांकित श्रेणी के सम्मिलित पात्र परिवारों में हितग्राहियों के नाम जोडने हेतु वर्ष 2014 से जनपद रायपुर कर्चुलियान- 518, सिरमौर- 254, ज्वा- 149, त्यौथर- 35, गंगेव- 351, नई गडी- 47, हनुमना- 193 एवं महुगंज- 285 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) परीक्षण में हितग्राही सीमा के अधीन पाए गए 1480 आवेदन पत्रों पर कार्यवाही कर संशोधित पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। (ग) सम्मिलित पात्र परिवारों में नवीन नाम जोड़ने एवं छूटे हुए व्यक्तियों का नाम जोड़ने की कार्यवाही प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार सतत् प्रक्रिया होने के कारण किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित वैध पात्रता पर्ची जारी परिवारों को नियमित रूप से राशन वितरण किया जा रहा है।
बड़वाह वन मण्डल अंतर्गत आने वाले वन ग्राम
[राजस्व]
87. ( क्र. 3051 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाह वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले वन ग्रामों की भूमि से संबंधित जिला राजस्व अभिलेखागार खरगोन में उपलब्ध पटवारी मानचित्र एवं भूमि से संबंधित अभिलेखों की प्रतियां जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी संबंधित वनाधिकार समिति, ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी हैं? (ख) यदि हाँ, तो बड़वाहा वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले किस-किस वन ग्राम के पटवारी मानचित्र एवं किस अवधि में बनाए गये भूमि संबंधित कौन-कौन से अभिलेख राजस्व अभिलेखागार खरगोन में उपलब्ध हैं? उनकी प्रतियां प्रश्नांकित दिनांक तक भी संबंधित ग्राम सभा, ग्राम पंचायत एवं वनाधिकार समिति को उपलब्ध नहीं कराए जाने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) जिला अभिलेखागार में उपलब्ध किस वन ग्राम के शासकीय अभिलेख में कितनी भूमि भू-स्वामी हक पर दर्ज है, कितनी भूमि आबादी एवं निस्तारमद में दर्ज है, कितनी भूमि वन भूमि दर्ज हैं? इनमें से कितनी-कितनी भूमि के जनवरी 2008 के बाद वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं? (घ) जिला अभिलेखागार में उपलब्ध पटवारी मानचित्र एवं अन्य अभिलेखों की प्रति कब तक संबंधित वनाधिकार समिति, ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) 09 वन ग्रामों के अभिलेख उपलब्ध है। मांग नहीं होने के कारण। (ग) जिला अभिलेखागार में तहसील बड़वाह के अन्तर्गत 09 वन ग्राम के अभिलेख उपलब्ध हैं। है, इन ग्रामो में भू-स्वामी हक पर 614.122 हेक्टेयर, आबादी के रकबा 3.680 हेक्टेयर, निस्तार मद में 213.286 हेक्टेयर वन भूमि दर्ज है वन भूमि का रकबा 3467.402 हेक्टेयर दर्ज है। जनवरी 2008 के बाद 723 वन अधिकार पत्र 896.822 हेक्टेयर भूमि पर वितरित किये गये है। (घ) अभिलेखागार से अभिलेखों की प्रति नियमानुसार मांगे जाने पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
जिला अभिलेखागार में उपलब्ध भूमि संबंधित अभिलेख के संबंध में
[राजस्व]
88. ( क्र. 3055 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के तहसीलदार ने ग्राम मोयदा वनग्राम को राजस्व ग्राम बनाए जाने के संबंध में दिनांक 15/11/2010 को उद्घोषणा जारी करने के बाद भी प्रश्नांकित दिनांक तक आदेश पारित कर राजस्व वन ग्राम मोयदा को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया है? (ख) यदि हाँ, तो बड़वाहा तहसील एवं बड़वाह ब्लाक में आने वाले वन ग्राम मोयदा के जिला अभिलेखागार खरगोन में वर्ष 1928 से 1992 तक के कौन-कौन से अभिलेख उपलब्ध हैं उस अभिलेख में कितनी-कितनी भूमि निजी भू-स्वामित्व पर दर्ज है, कितनी भूमि आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि दर्ज है? (ग) जिला राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध राजस्व अभिलेखों में दर्ज भू-स्वामी हक की भूमि को किस कानून, नियम के अनुसार राजस्व विभाग, आरक्षित वन या संरक्षित वन भूमि मान रहा है? (घ) जिला राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध राजस्व अभिलेखों में दर्ज राजस्व भूमि की वर्तमान खसरा पंजी नहीं बनाए जाने का क्या कारण रहा है? कब तक खसरा पंजी बनाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम मोयदा को वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया नियमानुसार नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जिला अभिलेखागार खरगोन में ग्राम मोयदा तहसील बड़वाह का बी-1, खसरा, नामान्तरण पंजी उपलब्ध है। उक्त अभिलेख अनुसार ग्राम मोयदा में 137.191 हे. भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज है। मोयदा कक्ष क्रमांक 263 रकबा 213.48 हे. समस्त भूमि आरक्षित वन भूमि अधिसूचित है। (ग) Forest & Tribal Welfare Depatument Gwalior की अधिसूचना क्रमांक 1626/X-F/114 (54) दिनांक 09.10.1954 राजपत्र दिनांक 21.10.1954 द्वारा आरक्षित वन घोषित किया गया है। (घ) संधारित है।
राजस्व वन ग्राम के जिला अभिलेखागार में उपलब्ध अभिलेख
[राजस्व]
89. ( क्र. 3056 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिला अभिलेखागार में बड़वाहा वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले मोयदा राजस्व वनग्राम से संबंधित भूमियों के अभिलेख वर्तमान में उपलब्ध हैं? (ख) यदि हाँ, तो वनग्राम मोयदा की भूमियों से संबंधित कौन-कौन से अभिलेख जिला अभिलेखागार खरगोन एवं तहसील अभिलेखागार बड़वाह में उपलब्ध हैं, उसमें से किस अभिलेख में कितनी भू-स्वामित्व की भूमि दर्ज है? कितनी-कितनी आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि दर्ज है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) ग्राम मोयदा की कितनी भूमि किस आदेश क्रमांक, दिनांक से राजस्व विभाग में वन विभाग को प्रबंधन के लिये सौंपी थी? उस भूमि का नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रश्नांकित दिनांक तक भी वन विभाग से वापस नहीं लिये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) ग्राम मोयदा की भूमि संबंधित जिला अभिलेखागार एवं तहसील अभिलेखागार में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर किसानों की निजी भूमि को राजस्व भूमि मान्य किये जाने के संबंध में कलेक्टर या बन्दोबस्त अधिकारी क्या कार्यवाही कर रहे हैं? कब तक करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मोयदा वन ग्राम के अभिलेख उपलब्ध है। (ख) जिला अभिलेखागार खरगोन में ग्राम मोयदा तहसील बड़वाह का वर्ष 1965-66 से 2005 तक की बी-1 वर्ष 1955-56 से 2005-06 तक का खसरा उपलब्ध है। तहसील बड़वाह के अभिलेखागार में खसरा एवं बी-1 वर्ष 2005-06 जमा है। अभिलेख अनुसार ग्राम मोयदा में 137.191 हे. भूमि भूमिस्वामी स्वत्व खाता में दर्ज है। मोयदा कक्ष क्रमांक 263 रकबा 213.48 हे. समस्त भूमि आरक्षित वन भूमि अधिसूचित है। (ग) आरक्षित वन भूमि को Forest & Tribal Welfare Depatument Gwalior की अधिसूचना क्रमांक 1623/X-F/114 (54) दिनांक 09.10.1954 राजपत्र दिनांक 21.10.1954 द्वारा आरक्षित वन घोषित किया गया है। वर्तमान में मोयता वन ग्राम है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अधीन आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
90. ( क्र. 3073 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा समूह 4 के अंतर्गत सहायक ग्रेड तीन/ स्टेनों ग्राफर, स्टेनो टायपिस्ट, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं अन्य पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा 2016 कब आयोजित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संयुक्त भर्ती परीक्षा, 2016 में कितने परीक्षार्थी सम्मिलित हुये? उनसे किस दर से कितना परीक्षा शुल्क जमा कराया गया? उक्त आयोजित परीक्षा का परीक्षाफल कब घोषित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संयुक्त भर्ती परीक्षा 2016 के परीक्षाफल अनुसार किन-किन पदों हेतु कौन-कौन से परीक्षार्थी चयनित हुये? पदवार चयनित प्रत्याशियों के नाम सहित सूची देवें। (घ) शासन के नियमानुसार प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित चयनित उम्मीदवारों को कब तक नियुक्ति आदेश प्रदान कर दिये जाने थे? प्रश्न दिनांक तक इन चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान न किये जाने के क्या कारण हैं? इन्हें किस प्रकार से कब तक नियुक्ति आदेश प्रदान कर दिये जावेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) संयुक्त भरती परीक्षा 2016 दिनांक 18.12.2016 एवं 19.12.2016 को आयोजित की गई है। (ख) पी.ई.बी. द्वारा आयोजित संयुक्त भरती परीक्षा 2016 में 55,234 अभ्यर्थी सम्मिलित हुये। परीक्षा शुल्क सामान्य श्रेणी एवं आरक्षित श्रेणी के अभ्यार्थियों से क्रमश: 550/- एवं 250/- रूपये प्रति अभ्यर्थी लिया गया। कुल शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त परीक्षा का परिणाम दिनांक 22.03.2017 को घोषित किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) शासन के नियमानुसार प्रोफेशन एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित होने के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की सूची संबंधित विभागों को उपलब्ध करा दी गई है। नियुक्ति की कार्यवाही संबंधित विभागों में प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों को अतिक्रमण मुक्त करने बाबत्
[राजस्व]
91. ( क्र. 3075 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1477 दि. 9/12/2016 के उत्तर (ख) में बताया था कि कलेक्टर जि. जबलपुर के पत्र क्र. 2676 दि. 27.3.2015 एवं पत्र क्र. 7080 दि. 24.07.2015 के द्वारा शालाओं से अतिक्रमण हटाने लिखा था? यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश (ख) वर्णित शाला से अतिक्रमण हटाने अब तक क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में वर्णित शालाओं में से विकासखण्ड जबलपुर की शालाओं एवं विकासखण्ड पनागर की निरंदपुर शाला को छोड़कर शेष 04 विकासखण्डों की शालाओं में अब अतिक्रमण नहीं है। जबलपुर विकासखण्ड की शालाओं में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलित है।
गैर खाते की दखल रहित भूमियां
[राजस्व]
92. ( क्र. 3084 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैर खाते की दखल रहित भूमि को जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिण्डौरी एवं बैतूल जिले में वन विभाग ने वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन एवं नांरगी वन प्रतिवेदित किये जाने पर कलेक्टर द्वारा वन विभाग के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो मंडला, डिण्डौरी, जबलपुर, कटनी एवं बैतूल जिले के राजस्व अभिलेखों में दर्ज कितनी दखल रहित राजस्व भूमि को वन विभाग ने वर्किंग प्लान में शामिल कर उन्हें संरक्षित वन एवं नांरगी वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? इसकी अनुमति कलेक्टर द्वारा किस दिनांक एवं पत्र क्रमांक के द्वारा दी है? (ग) यदि वन विभाग को वर्किंग प्लान में शामिल कर दखल रहित भूमि को संरक्षित वन एवं नांरगी वन प्रतिवेदित किये जाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है तो क्यों नहीं? कारण बतावें एवं यह भी बतायें कि वन विभाग के विरूद्ध किन कारणों से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है? (घ) वन विभाग के विरूद्ध कब तक प्रकरण पंजीबद्ध कर दखल रहित भूमियों को वर्किग प्लान से पृथक करवाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं है। (ग) व (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 एवं 234 के प्रावधान
[राजस्व]
93. ( क्र. 3085 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 एवं धारा 237 में क्या-क्या प्रावधान दिये गये हैं? किस दिनांक को नियम अधिसूचित किये तथा किस दिनांक को और क्या-क्या संशोधन किया गया है एवं वर्तमान में क्या प्रावधान है? (ख) धारा 237 (1) में सार्वजनिक प्रायोजनों के लिए आरक्षित भूमि को निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजरी में बड़े छोटे झाड़ का जंगल, पहाड़, चट्टान, घास, चरनोई मद में दर्ज करने का किस धारा में प्रावधान है? इन मदों में परिवर्तन का किस धारा में किस अधिकारी को क्या अधिकार दिया गया है? (ग) मण्डला, डिण्डौरी, जबलपुर, कटनी एवं बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक विभाग के पास उपलब्ध हैं? उनमें से किस मद में कितनी-कितनी भूमि दर्ज है? (घ) धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि को वन विभाग के वर्किंग प्लान में शामिल किया जाकर संरक्षित वन एवं नारंगी वन प्रतिवेदित किये जाने की अनुमति दिये जाने का किस-किस धारा में किस-किस को अधिकार प्राप्त है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत निस्तार पत्रक तैयार किये जाने एवं धारा 237 निस्तार अधिकारों के प्रयोग के लिए भूमि को पृथक रखे जाने का प्रावधान है। जो म.प्र. अधिनियम क्रमांक 42 सन् 2011 द्वारा संशोधित किए गए है। (ख) धारा 237 (1) में सार्वजनिक प्रयोजनो के लिए आरक्षित भूमि को निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में बड़े छोटे झाड़ का जंगल पहाड, चटटान, घास चरनोई मद में दर्ज करने का प्रावधान है। इन मदों में परिवर्तन का अधिकार धारा 237 (3) में कलेक्टर को दिए गए है। (ग) जिलेवार जानकारी निम्नानुसार :-
क्र. |
जिला |
विवरण |
1 |
मण्डला |
मण्डला
जिले में कुल 1185 राजस्व
ग्रामों में
से समस्त 1185 ग्रामों
के निस्तार
पत्रक
राजस्व
विभाग के पास
उपलब्ध है।
इनमे मदवार
दर्ज भूमि
निम्नानुसार
है। |
2 |
डिण्डौरी |
डिण्डौरी जिले में
कुल ८४१
राजस्व ग्रामों
मेंसे सभी
८४१ ग्रामों के
निस्तार
पत्रक उपलब्ध
जिनमें निम्ननुसार
भूमि दर्ज
है। |
3 |
जबलपुर |
जिले के सभी 1508 राजस्व ग्रामों का निस्तार पत्रक उपलब्ध है, मदवार भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। |
4 |
कटनी |
कटनी जिले में कुल 968 ग्रामों में से 966 ग्रामों के निस्तार पत्रक विभाग के पास उपलब्ध है। मदवार दर्ज भूमि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। |
5 |
बैतूल |
बैतूल जिले के 1358 राजस्व ग्रामों में से 1344 ग्रामों के निस्तार पत्रक उपलब्ध है। उनमें आबादी में 3071 हेक्टेयर, बाग अमराई 04 हे. बड़े झाड़ का जंगल 114361 हे. छोटे झाड़ के जंगल 27827 हे. पहाड़-चट्टान 22518 हे. पानी के नीचे 28847 हे. सड़क रास्ता 10722 हेक्टेयर भूमि दर्ज है। |
(घ) धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि को वन विभाग के वर्किंग प्लान में शामिल किया जाकर संरक्षित वन एवं नारंगी प्रतिवेदित किये जाने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में नहीं है।
नजूल भूमि के पट्टेदारों का नवीनीकरण
[राजस्व]
94. ( क्र. 3086 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प. शासन राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ-6-48/2014/7 नजूल दिनांक 11 जुलाई, 2014 के अनुसार नजूल भूमि के स्थाई पट्टों के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लंघन/अपालन के मामलों में पट्टेदारों पर देय भू-भाटक, प्रब्याजि, अर्थदण्ड में वृद्धि की गई है? (ख) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ-6-48/2014/7 नजूल दिनांक 11 जुलाई, 2014 में शासन क्या संशोधन कर रहा है? यदि हाँ, तो किस तरह? समय-सीमा बतायें। नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मण्डला जिले में वर्ष 1996 से प्रश्न तक नवीनीकरण के कितने पट्टों पर कार्यवाही की गई है? सूची उपलब्ध करावें। नियम 2014 के पूर्व एवं पश्चात कितने पट्टों का नवीनीकरण किया गया है? तहसीलवार पूर्ण ब्यौरा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) परिपत्र दिनांक ११/०७/२०१४ के द्वारा नजूल पट्टों के नवीनीकरण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। उक्त परिपत्र में नवीनीकरण शर्त उल्लंघन/अपालन के मामलों में देय भू-भाटक, प्रीमियम, अर्थदण्ड पुर्ननिर्धारित किया गया है। (ख) जी नहीं। कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) मण्डला जिले में प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 1996 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1116 पट्टों के नवीनीकरण की कार्यवाही की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार।
कलेक्टर की अनुमति के बिना शामिल भूमि
[राजस्व]
95. ( क्र. 3100 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत सार्वजनिक प्रयोजनों के लिये आरक्षित भूमि को वन विभाग ने कलेक्टर मण्डला, डिण्डौरी, कटनी, जबलपुर एवं बैतूल की अनुमति के बिना नारंगी वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किये जाने पर भी राजस्व विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया है? (ख) यदि हाँ, तो किस जिले के कितने राजस्व ग्रामों की कितनी दखल रहित भूमि नारंगी वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल कर ली गई हैं? इसकी अनुमति कलेक्टर द्वारा किस आदेश तथा दिनांक के द्वारा दी गई है, अनुमति आदेश प्रति सहित बतावें? (ग) धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि की नारगी वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किये जाने और कलेक्टर द्वारा इसकी अनुमति दिये जाने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिये गया है? (घ) दखल रहित भूमि को बिना अनुमति नारंगी वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किये जाने पर कलेक्टर एवं राजस्व विभाग द्वारा किस धारा के तहत किसके विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं।
तालाबों को संरक्षित करने बाबत्
[राजस्व]
96. ( क्र. 3118 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में स्थित शासकीय, सार्वजनिक एवं निस्तारी कितने तालाब दर्ज हैं वर्ष 1960 की स्थिति में उनका रकबा कितना-कितना था? उक्त तालाबों में से कितने एवं किन-किन तालाबों को नियम विरूद्ध पूरकर, अतिक्रमण कर नष्ट किया गया है? तालाबवार विवरण रकबावार दें। (ख) उक्त तालाबों पर नियम विरूद्ध अतिक्रमण, निर्माण, विनिष्टीकरण पर शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी वर्ष 2017 की स्थिति में तालाबों का कितना-कितना रकबा बचा है? कितने पर अतिक्रमण हुआ?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले में स्थित शासकीय, सार्वजनिक एवं निस्तारी 595 तालाब दर्ज है, जिनके रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
पायली परियोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 3119 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराने की स्वीकृत की गयी पायली पेयजल परियोजना में बरगी विधानसभा क्षेत्र के कितने एवं कौन-कौन से गांवों को सम्िमलित किया गया है? (ख) वर्तमान उक्त परियोजना की वित्तीय तकनीकी स्वीकृति की क्या स्थिति है? परियोजना का कार्य कब से प्रारम्भ होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित के अंतर्गत प्रस्तावित 838 ग्रामों की पायली समूह जल प्रदाय योजना में बरगी विधानसभा क्षेत्र के 193 ग्राम सम्मिलित हैं। बरगी विधानसभा के योजना में सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना का वित्तीय पोषण बाह्य वित्तीय सहायता अंतर्गत न्यू डेवलपमेंट बैंक (एन.डी.बी.) से प्रस्तावित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन घोषित राजस्व ग्रामों का नक्शा, खसरा बाबत
[राजस्व]
98. ( क्र. 3120 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के जबलपुर वि.ख. के 11 ग्रामों मगरधा, गांगंध आदि को क्या शासन द्वारा राजस्व ग्राम घोषित किया गया है? उपरोक्त नव गठित राजस्व ग्रामों का नक्शा, खसरा सहित कौन-कौन सा कितना रिकार्ड तैयार हो चुका है? कितना शेष है? (ख) उक्त राजस्व ग्रामों का सम्पूर्ण राजस्व रिकार्ड कब तक तैयार होगा एवं कब ये पूर्ण राजस्व ग्राम बन जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर जिले के जबलपुर वि.ख. के 11 ग्रामों मगरधा, गांगधा आदि सभी ग्राम पूर्व से राजस्व ग्राम कलेक्टर महोदय के संशोधित आदेश क्रमांक 145 दिनांक 23.1.2016 के तहत इन्हें हल्काबंदी में शामिल किया है। रिकार्ड तैयार करने की कार्यवाही तहसील जबलपुर में प्रचलित होकर प्रारम्भिक स्तर पर ही है। (ख) मगरधा, गांगधा आदि 11 ग्रामों के संबंधित सभी राजस्व अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है, शीघ्र तैयार करा लिए जावेंगे।
पार्क एवं अभ्यारण के लिए अर्जन की कार्यवाही
[राजस्व]
99. ( क्र. 3156 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पार्क एवं अभ्यारण के लिए दिसंबर 2013 तक भू-अर्जन की कार्यवाही भू-अर्जन अधिनियम 1894 एवं जनवरी 2014 से भूमि अर्जन पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी कर सकते है? (ख) भू-अर्जन अधिनियम 1894 में प्रतिकर, तोषण, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के सबंध में किस धारा में क्या प्रावधान दिए थे? जनवरी 2014 से लागू कानून की किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिए है? (ग) जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 तक नौरादेही अभ्यारण एवं पचमढ़ी पार्क से किस ग्राम के कितने किसानों, पट्टेदारों एवं अतिक्रमणकारियों के विस्थापन का किस दिनांक को आदेश जारी कर भू-अर्जन अधिनियम 1894 की किस धारा एवं भू-अर्जन अधिनियम 2013 की किस धारा का पालन किया? (घ) भूमि अर्जन अधिनियिम 2013 का पालन नहीं करने पर धारा 87 में किस-किस के विरूद्ध किन कार्यवाहियों के प्रावधान है? उसके अनुसार शासन किस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) भूमि अर्जन अधिनियम 1894 में प्रतिकर के संबंध में धारा 23 में प्रावधान थे। नवीन भू-अर्जन अधिनियम 2013 में प्रतिकर पुर्नवास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में अध्याय 4 एवं अध्याय 5 में प्रावधान किए गए है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी अवत्यजन किये जाने के संबंध में
[राजस्व]
100. ( क्र. 3199 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की तहसील जवा अंतर्गत राजस्व ग्राम ओझापुरवा की पट्टे की आराजी क्रमांक 22 कुल रकवा 9.54 हेक्टेयर में से 22/1 रकवा 2.04 एकड़ के कितने पट्टेदार थे? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या आराजी क्रमांक 22/1 पूर्व में आराजी क्रमांक 22 था, किन्तु इसी आराजी में लालजी मिश्रा/फूलचंद्र मिश्रा पिता रामजीत मिश्रा के प्रधानमंत्री आवास भी बने हैं जिनके वे भूमिस्वामी नहीं हैं तथा इसी आराजी को स्कूल के लिए 32 डीसमिल एवं पंचायत भवन को पृथक से स्थानांतरित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी तथा किसके हिस्से की आराजी दी गई है, उनके नाम सहित बताएं। (ग) क्या रामकिंकर मिश्रा पिता रामसुंदर/इन्द्रजीत मिश्रा पिता हेतलाल मिश्रा उक्त आराजी के सहखातेदार थे? यदि हाँ, तो क्या इन लोगों द्वारा स्कूल एवं पंचायत भवन को जमीन देने की सहमति दी थी? यदि नहीं, तो फिर इनके हिस्से की जमीन में अन्य सहखातेदार जो अपनी सहमति से जमीन दे चुके हैं, उनका नाम अभी तक रिकार्ड में क्यों दर्ज किया जा रहा है? विलोपित क्यों नहीं किया गया? दोषी पटवारी एवं तहसीलदार के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या इन्द्रजीत मिश्रा के सहमति के बिना अवत्यजन में फर्जी हस्ताक्षर कर लिए गए थे, जबकि वे अंगूठा लगाते हैं, क्या इनके द्वारा कमिश्नर/कलेक्टर रीवा को फर्जी अवत्यजन में हस्ताक्षर करने वालों के विरुद्ध 420 की कार्यवाही की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रीवा जिले के तहसील जवा अन्तर्गत राजस्व ग्राम ओझापुर्वा पटवारी हल्का तेंदुनी रा.नि.म. अतरैला तहसील जवा आ.नं. 22/1 रकवा 0.825 हे. भूमि श्री रामगोपाल राकेश पिता विक्रमाजीत वगैरह के नाम पर वर्ष 2015-16 लगायत 2016-17 तक खसरा में भूमिस्वामी दर्ज हैं। खसरे की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आराजी क्रमांक 22/1 पूर्व में आराजी क्रमांक 22 का भाग था। खसरा नं. 22 के अन्य खातेदारों द्वारा भूमि का त्यजन शासन के नाम किया था जो वर्तमान में खसरा नं. 22/2 रकवा 0-129 हे. शासकीय दर्ज है। इसी भूमि पर पंचायत भवन, स्कूल एवं प्रधानमंत्री आवास है। (ग) आ.नं. 22/1 रकवा 0.062 हे. रामकिंकर पिता रामसुन्दर वगैरह के नाम दर्ज है। इनके द्वारा जमीन देने की सहमति की जानकारी नहीं है। (घ) त्यजन की कार्यवाही नियमानुसार है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं है।
हैण्ड पंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 3216 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में लो.स्वा.यां. (तकनीकी) विभाग में हैण्डपंप खनन हेतु कुल कितनी मशीनें कार्यरत है तथा उक्त मशीनों द्वारा वर्ष 2016-17 से चालू वित्त वर्ष तक किस-किस विकासखण्ड में कितने बालाघाट जिले में हैण्डपंप खनन किये गये? (ख) बालाघाट जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (तकनीकी) जबलपुर खण्ड द्वारा हैण्डपंप प्लेटफार्म निर्माण की एजेंसियों की वर्ष 2015-16 की धरोहर राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है तथा उक्त कार्य अब निर्माण एजेंसियों से न कराकर विभागीय स्तर पर क्यों किया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एक विभागीय मशीन कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धरोहर राशि का भुगतान संबंधित एजेंसी को किया जा चुका है। वर्तमान में विभागीय अमले द्वारा ही कार्य पूर्ण कर लिये जाने से एजेंसियो द्वारा कराने की आवश्यकता नहीं हुई।
चरनोई भूमि
[राजस्व]
102. ( क्र. 3232 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ग्रामीण अंचल में चरनोई भूमि पर किस विभाग का आधिपत्य है? (ख) ग्वालियर जिले में कितने हेक्टेयर चरनोई भूमि है? (ग) क्या (ख) अंतर्गत चरनोई भूमि पर वन विभाग द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है? ऐसी कितनी चरनोई भूमि है? क्या इसको वन विभाग से मुक्त कराने हेतु शासन विशेष अभियान चलायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले में ग्रामीण अंचल में चरनोई भूमि पर राजस्व विभाग का आधिपत्य है। (ख) ग्वालियर जिले में 14080.560 हेक्टर भूमि चरनोई दर्ज है। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत चरनोई भूमि पर वन विभाग का कब्जा न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
चलो चरनोई योजना
[राजस्व]
103. ( क्र. 3253 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चलो चरनोई योजना क्या हैं व इसके क्या-क्या उद्देश्य आदि हैं? इसके क्रियान्वयन के क्या मार्गदर्शन हैं? गाइड लाइन की प्रति देवें। (ख) उपरोक्त योजना मध्यप्रदेश में कब से प्रारंभ हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में चलो चरनोई योजना के तहत क्या-क्या कार्य किये गये, की जानकारी योजना प्रारंभ से फरवरी 2018 तक की दी जावे। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में उपरोक्त योजना में कोई कार्य नहीं किये गये? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार है व योजना संबंधित कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विभाग अन्तर्गत ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
104. ( क्र. 3264 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रमांक/153/एमएलए/2018 दिनांक 11.01.2018 के माध्यम से मत्स्य विभाग जिला शिवपुरी की जानकारी पत्र में उल्लेखित बिन्दु 01 लगायत 06 तक की चाही गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश निर्देश द्वारा जो कई बार जिलों को निर्देश दिये जा रहे हैं कि माननीय सांसद/विधायकों से प्राप्त आवेदनों की प्राप्ति व की गई कार्यवाही से निश्चित रूप से अवगत करावें व पिछले सप्ताह में कलेक्टर शिवपुरी द्वारा इस प्रकार के निर्देश भी दिये गये हैं, परन्तु उपरोक्त पत्र पर कोई भी कार्यवाही न होना शासन के आदेशों की अवहेलना व माननीय सांसद/विधायकों के विशेषाधिकारों का हनन नहीं है? (ग) क्या प्रस्तुत पत्र में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा व कब तक, जिससे भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (ग) सहायक संचालक मत्स्योद्योग शिवपुरी द्वारा जानकारी दिनांक 26.02.2018 को उपलब्ध करा दी गई है। अत: किसी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्राम की जानकारी
[राजस्व]
105. ( क्र. 3298 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत आने वाले कुल कितने मजरों टोलों को राजस्व ग्राम हेतु चिन्हांकित किया गया है? क्या ये चिन्हित मजरे टोले राजस्व ग्राम संबंधी मापदण्ड पूर्ण करते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? ऐसे घोषित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या पूर्व की भांति पंचायत राज को अविवादित नामांतरण, बंटवारा के अधिकार पुन: ग्राम पंचायतों को सौंपे जाने का मामला विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक यह अधिकार पंचायत राज संस्थाओं को सौंपे जावेंगे एवं इनका क्रियान्वयन कब तक प्रारंभ होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत 02 मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने संबंधी मापदण्डों के अनुरूप चिन्हांकित किया गया हैं। (ख) जी हां। घोषित राजस्व ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं। विभाग की अधिसूचना दिनांक 13 मई, 2016 द्वारा अधिकार प्रत्यायोजित कर दिये गये है।
परिशिष्ट - ''पैंसठ ''
जप्तशुदा वाहनों की जानकारी
[गृह]
106. ( क्र. 3299 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अन्तर्गत आने वाले थानों में कुल कितने दुपहिया, चौपहिया वाहन कब से जप्तशुदा है? इन जप्त शुदा वाहनों की नीलामी की क्या प्रक्रिया है वर्तमान में इन वाहनों की क्या स्थिति है? क्या शासन इन वाहनों की नीलामी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) विगत दो वर्षों में जिला सिवनी अंतर्गत कुल कितने दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की चोरी किन-किन थाना क्षेत्रों के अंतर्गत की गई? कितने चोरी के प्रकरणों का खुलासा हुआ? (ग) क्या विगत वर्षों में दो पहिया वाहनों की चोरी की संख्या में बढ़ोतरी हुई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ऐसे प्रकरणों के संबंध में क्या कोई ठोस नीति बनाई गई है जिससे इन घटनाओं को रोका जा सके।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिले अंतर्गत आने वाले थानों में धारा 25 पुलिस एक्ट, दं.प्र.स. की धारा 102 एवं अपराधों के अंतर्गत विभिन्न वर्षों के कुल 387 दो पहिया एवं चार पहिया वाहन जप्तशुदा रखे हैं। अधिकांश प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं। न्यायालय से निराकरण के उपरांत वाहनों का निकाल किया जाता है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2016- (74) की तुलना में वर्ष 2017- (89) में दो पहिया वाहनों की चोरी की संख्या में सामान्य वृद्धि हुई है। दो पहिया वाहनों की चोरी में अकुंश लगाने हेतु समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र अंतर्गत व्यवसायिक संस्थायें, स्कूल, कॉलेज, बैंक एवं शासकीय संस्थाओं को दो पहिया वाहनों की चोरी में अंकुश लगाने के लिये सी.सी.टी.व्ही. कैमरे स्थापित करने हेतु हिदायतें दी गई एवं अधिकांश संस्थाओं में लगाया भी गया है एवं वाहन चोरी में संलिप्त व्यक्तियों की पतारसी एवं वाहन चैकिंग के निर्देश दिये गये। समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालयों के आदेशानुसार चलाये गये। अभियान के दौरान सघन वाहन चैकिंग करने के निर्देश दिये गये है।
प्रोसेस सर्वरों का नियमितीकरण
[राजस्व]
107. ( क्र. 3322 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ10-17/97/7-1 भोपाल दिनांक 17/10/05 एवं पत्र क्रमांक एफ-10-10/2005/7-1 भोपाल दिनांक 29/05/2007 द्वारा समस्त कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए जिला व तहसील कार्यालयों में कार्यरत प्रोसेस सर्वरों (वसूली भृत्यों) को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से अस्थाई रूप से नियमितिकरण किये जाने के निर्देश दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रोसेस सर्वर भृत्यों को किन-किन जिलों में नियमितीकरण किये जाने के आदेश संबंधित कलेक्टरों द्वारा जारी किये गए हैं?? (ग) क्या सतना जिले में जिला कलेक्टर कार्यालय एवं तहसील कार्यालयों में पदस्थ प्रोसेस सर्वर (वसूली भृत्य) को आज दिनांक तक नियमितीकरण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिए कौन दोषी है? इन कर्मचारियों के कब तक नियमितीकरण के आदेश जारी कर दिए जावेंगे तथा सतना कलेक्टर द्वारा वर्तमान समय तक अपने जिले में पदस्थ इन कर्मचारियों के नियमितीकरण के आदेश क्यों नहीं जारी किये गए?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। त्रुटिपूर्ण पत्र जारी हुआ था, जिसे दिनांक 17/12/2008 को निरस्त किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट है। नियमितीकरण के आदेश निरस्त किये गये हैं, किन्तु संबंधितों द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर कार्यरत हैं। प्रकरण मान. न्यायालयों में विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आरक्षक को शहीद का दर्जा देने के संबंध में
[गृह]
108. ( क्र. 3327 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने शहीद परिवारों द्वारा आवेदन किये गये जिन्होंने भारतीय केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में उड़ीसा एवं अन्य प्रदेश के नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में कार्य करते हुये देशहित में अपनी जान गवाई एवं उन्हें शासन द्वारा शहीद नहीं माना गया? (ख) यदि उड़ीसा एवं अन्य प्रदेश के नक्सल व आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र से ड्यूटी/सेवा करते हुये जान गवाने वालों को मध्यप्रदेश गृह सामान्य विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 31-17/99/दो-ए (3) दिनांक 15/03/2000 एवं एफ 31-17/99/दो-ए (3) दिनांक 02/11/2000 के तहत अन्य मृतकों को शहीद माना गया है एवं आर्थिक सहायता/मकान तथा अनुकंपा नियुक्ति पदान की गई है तो आरक्षक (जी.डी.) स्व. श्री प्रदीप लारिया पिता स्व. श्री भगवानदास लारिया निवासी सागर को शहीद क्यों नहीं माना गया? (ग) आरक्षक (जी.डी.) स्व. श्री प्रदीप लारिया को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल/ गर्वमेंट ऑफ उड़ीसा/उड़ीसा पुलिस स्टेशन इंटेलिजेन्सी विंग भुवनेश्वर द्वारा उन्हें मृतक क्यों माना जा रहा है? (घ) यदि उपरोक्त सरकार एवं विभाग द्वारा आरक्षक (जी.डी.) स्व. श्री प्रदीप लारिया को शहीद माना गया है तो क्या मध्यप्रदेश सरकार 15 वर्ष उपरांत स्व. आरक्षक को शहीद का दर्जा दिये जाने की कार्यवाही करेगी एवं शहीद हुये सैनिक की वृद्ध बीमार माँ एवं विकलांग भाई को पूर्व एवं वर्तमान के शहीद परिजनों के समान न्याय प्रदान करेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) विभागीय परिपत्र एफ 31-1/2013/दो-ए (3) दिनांक 19/03/013 के अनुसार प्रकरण अमान्य किया गया है। (ग) भारत सरकार से संबंधित है। अत: जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) में दी गयी जानकारी अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति
[गृह]
109. ( क्र. 3338 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश गृह विभाग द्वारा 2015 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस उप अधीक्षक, सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर के सीधी भर्ती से आरक्षित/अनारक्षित कितने पदों को भरा गया? संवर्गवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों में से कितने अधिकारी परीविक्षा अवधि में अन्य विभागों में अथवा त्याग पत्र देकर चले गये? संवर्गवार बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों पर सीधी भर्ती के पश्चात परीविक्षाधीन अधिकारी से बांड/इकरारनामा भरवाया जाता है कि प्रशिक्षण/परीविक्षा अवधि में सेवा छोड़ने पर वेतन भत्ते, यात्रा भत्ता वापिसी के लिये स्वयं उत्तरदायी होंगे? (घ) यदि हाँ, तो विभाग शिक्षित बेराजेगारों को सेवा के अधिक अवसर प्रदान करने एवं बेरोजगारी पर नियंत्रण के लिये प्रश्नांश (ग) में वर्णित अधिकारी को परीविक्षा अवधि पूर्ण करने के पश्चात कम से कम दो वर्ष मैदानी क्षेत्र में/विभाग में कार्य करना होगा, अनिवार्य करने का नियम बनायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ, द्वितीय श्रेणी शासकीय सेवकों से बाण्ड/इकरारनामा भरवाया जाता है। तृतीय श्रेणी शासकीय सेवकों से नहीं भरवाया जाता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पॉलीक्लिनिक खोलने एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन]
110. ( क्र. 3352 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने पशु औषधालय हैं? पशु चिकित्सिक के कुल कितने पद स्वीकृत हैं वर्तमान में कितने कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्या गरोठ तहसील जिला मुख्यालय से १२० कि.मी.से अधिक दूरी पर स्थित है, क्षेत्र अंतर्गत एक भी पॉलीक्लिनिक नहीं है? जिससे पशुपालकों को काफी असुविधा होती है। क्या विभाग इस क्षेत्र हेतु एक पॉलीक्लिनिक का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजना से पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र के पशुपालकों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? सूची सहित बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) वर्तमान में जिला स्तरीय पशु चिकित्सालयों पर ही पॉलीक्लिनिक स्थापना की गई हे। जिले की अन्य संस्थाओं को पॉलीक्लिनिक का स्वरूप देने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
मछुआ बस्ती विकास योजना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
111. ( क्र. 3353 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना का संचालन किया जा रहा है? पिछले तीन वर्षों में क्षेत्र अंतर्गत कितने हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ दिया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ख) मछुआरा की बस्ती विकास योजना अंतर्गत गांधीसागर क्षेत्र पर पिछले तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये हैं? इन कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? कुल कितने परिवार इस वर्ग के यहां निवासरत् हैं जो मत्स्य उत्पादन में संलग्न हैं? इन लोगों के कल्याण हेतु क्या-क्या कार्य किये गये?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। कुल 46 परिवार निवासरत है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है।
ए.डी.एम. कलेक्टर की पदस्थापना
[गृह]
112. ( क्र. 3354 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा उप चुनाव के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गरोठ अनुभाग क्षेत्र पर एडीशनल एस.पी. एवं ए.डी.एम. कलेक्टर की पदस्थापना की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या इन पदों की पूर्ति एवं पदस्थापना कर दी गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्या विभाग इन की पदस्थापना अनुभाग क्षेत्र गरोठ पर करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) घोषणा दर्ज होना नहीं पाया गया है। (ख) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, गरोठ के पद पर पदस्थापना कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन विस्तार केन्द्र खोलने हेतु
[परिवहन]
113. ( क्र. 3355 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र के गरोठ अंतिम ग्राम कालाकोट से जिले की दूरी लगभग १५० कि.मी. से अधिक है, यहां क्षेत्रावासियों को अपने परिहवन से संबंधित कार्य हेतु जिला मुख्यालय मंदसौर जाना पड़ता है जिसमें समय एवं धन का काफी व्यय होता है। (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्रवासियों की मांग अनुसार गरोठ अनुभाग क्षेत्र पर परिवहन विस्तार केन्द्र खोलने हेतु विभाग ने कोई योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस पर विचार कर क्षेत्रवासियों को यह सुविधा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। परिवहन विभाग द्वारा ऑन लाईन अपाईन्टमेंट की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है जिसके द्वारा परिवहन कार्यालय में कार्य हेतु उपस्थित होने वाले व्यक्ति अपनी इच्छानुसार समय लेकर उपस्थित होकर अपने कार्य करवा सकता है। ऑन लाईन सुविधा प्रदाय होने से धन एवं समय का अपव्यय नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के प्रत्येक जिले में परिवहन विभाग का कार्यालय अस्तित्व में है। प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालय कम्प्यूटरीकृत है तथा क्षेत्रवासियों के लिये ऑन लाईन पेमेंट एवं अपाईन्टमेंट की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संभागीय कार्यालय संचालन की स्थिति
[राजस्व]
114. ( क्र. 3360 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला संभागीय मुख्यालय है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो कब से? (ग) क्या वर्तमान में भी विभिन्न विभागों के ऐसे संभागीय कार्यालय हैं जो शहडोल संभाग मुख्यालय की सीमा के बाहर के जिलों में स्थापित हैं। (घ) यदि हाँ, तो कब तक उन कार्यालयों को शहडोल मुख्यालय में स्थापित किये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) 14 जून, 2008 से। (ग) जी हाँ। (घ) प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से स्थापना का निर्णय लिया जाता है।
जिले में आवंटित तथा व्यय राशि
[श्रम]
115. ( क्र. 3361 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले से श्रम विभाग को शासन स्तर से राशि आवंटित की जाती है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गई है और प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गये वर्षवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त अवधि में क्या म.प्र. भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार में राशि व्यय की गई है? यदि हाँ, तो प्रचार-प्रसार सामग्री क्रय की प्रक्रिया एवं प्रचार-प्रसार सामग्री क्रय की निविदा कार्यवाही तथा पोस्टर एवं फ्लैक्सी की सप्लाई आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावे। साथ ही सामग्री दर एवं क्रय की गई पोस्टर, फ्लैक्सी की साइज वाईज क्रय की जानकारी तथा क्रय सामग्री के भुगतान की जानकारी एवं किस एजेंसी से क्रय किया गया, संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी नहीं। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। उपरोक्त अवधि में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु राशि व्यय की गई है। मंडल द्वारा प्रश्नांकित अवधि में प्रचार-प्रसार सामग्री क्रय नहीं की गई है। अपितु प्रचार-प्रसार के संबंध में ''मध्यप्रदेश माध्यम'' संस्था के माध्यम से पोस्टर एवं फ्लैक्स मुद्रण व मुद्रण उपरांत लगवाये जाने तथा जिलों को प्रेषित किये जाने का कार्य करवाया गया है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. माध्यम से उक्त कार्यवाही हेतु निविदा प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है। उक्त संबंध में पोस्टर एवं फ्लैक्स की सप्लाई आदेश की प्रति, सामग्री दर, साईजवार जानकारी तथा भुगतान की जानकारी व एजेंसी संबंधी संपूर्ण वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रचार-प्रसार पर व्यय
[श्रम]
116. ( क्र. 3368 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु राशि खर्च की जाती है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो किस एजेंसी से पोस्टर एवं फ्लैक्सी छपवाये गये हैं? क्रय प्रक्रिया एवं नियम उपलब्ध करायें तथा किस लागत से पोस्टर एवं फ्लैक्सी क्रय की गई हैं, साइजवार विगत 03 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक जानकारी बतायें। (ग) बनवाये गये फ्लैक्सी, पोस्टर का वितरण कहाँ-कहाँ किया गया है? जिलेवार संख्या सहित एवं उनके उपयोगिता का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है या नहीं, जिलेवार विगत 03 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध करायी जाये?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी हाँ। (ख) से (ग) जानकारी विस्तृत स्वरूप की है जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 3375 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश में पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्देश में पालन में क्या विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के संबंध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत किस-किस पंचायत में किन-किन आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की स्थापना प्रश्न दिनांक तक कर दी गई अथवा नहीं? यदि हाँ, तो सूची सहित बतावें। यदि नहीं, तो इसमें विलंब के क्या कारण हैं तथा कब तक शासन द्वारा मंशानुरूप पंचायतवार दुकानों की स्थापना करा दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले में 249 दुकानविहीन पंचायतों के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत 47 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों में दुकान खोलने के लिए ऑनलाईन आवेदन बुलाए गये थे, जिसमें 31 दुकानविहीन पंचायतों में दुकान खोलने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। आवेदनों के परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। परीक्षण उपरांत उचित मूल्य दुकानों के आवंटन के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
जप्तशुदा वाहनों के निष्पादन की कार्यवाही
[गृह]
118. ( क्र. 3376 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में निहित प्रावधानों के तहत पुलिस थानों में जप्तशुदा वाहनों का निष्पादन विधि अनुरूप किये जाने हेतु अभियान चलाकर कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के अनुसार राजगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में कब-कब, किन-किन थानों के जप्तशुदा वाहनों के निष्पादन की कार्यवाही की गई? थानावार, वाहन का प्रकार सहित बतावें। (ख) क्या जप्तशुदा वाहनों के निष्पादन की कार्यवाही एक निर्धारित अवधि में नहीं होने से थाना परिसरों में ऐसे वाहनों की सुरक्षा व रख-रखाव का अतिरिक्त भार विभाग को झेलना पड़ता है तथा थाना परिसर में अधिक समय तक रखे होने से वाहन कबाड़ में परिवर्तित होने लगते है? यदि हाँ, तो क्या शासन राजगढ़ जिले के अंतर्गत थानों में जप्तशुदा वाहनों के निष्पादन की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में मानव तस्करी के प्रकरण
[गृह]
119. ( क्र. 3387 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3689 दिनांक 06.03.17. में प्रदेश में 1 जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2016 तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों की मानव तस्करी के 06, अपहरण के 702 एवं गुमशुदगी के 1575 प्रकरण, कुल 2283 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने, जिनमें अपहृत, गुम महिला/बच्चों की कुल संख्या 2292 महिला/बच्चे इनमें से (विवाहित महिलाएं-727, अविवाहित-1565) तथा (वयस्क-1296 तथा अवयस्क 996) है, की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में 1 फरवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में महिलाओं/बच्चों के मानव तस्करी/अपहरण/गुमशुदगी के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? इनमें से कितने महिला एवं कितने पुरुष वयस्क एवं अवयस्क थे? जिलेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने पुरुष एवं महिलाएं अभी तक दस्तयाब (बरामद) किये गए हैं वयस्क एवं अवयस्क सहित पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) क्या मान. उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश (दि. 10 मई, 2013) अनुसार प्रत्येक गुमशुदा बच्चे के 4 माह तक दस्तयाब (बरामद) न होने की स्थिति में प्रकरण स्वतः ही मानव दुर्व्यापार विरोधी इकाई को हस्तांतरित किया जाना था? यदि हाँ, तो उक्त दिशा-निर्देशों के बाद से अभी तक कितने प्रकरण मानव दुर्व्यापार विरोधी इकाई को हस्तांतरित हुए हैं? लिंगवार, जिलेवार, आयुवार उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हैण्ड पंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
120. ( क्र. 3414 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले में विगत तीन वर्षों में कितने हैण्ड पंप स्वीकृत हुए हैं, कितने पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने शेष हैं? शेष कब तक पूर्ण हो जायेंगे? जानकारी उपल्बध करावें। (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अर्तगत वनग्रामों में ग्रीष्म कालीन समय में पेय जल हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो योजना से अवगत करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 280 हैण्ड पंप स्वीकृत हुए हैं एवं सभी पूर्ण हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) आकस्मिक कार्य योजना रूपये 277.00 लाख की तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत टिमरनी विधानसभा क्षेत्र भी सम्मिलित है। आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग आदि कार्य प्रस्तावित हैं।
छात्र-छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना छोड़ने
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
121. ( क्र. 3467 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश्ा के शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशित मेधावी विद्यार्थियों द्वारा उन्हें छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित करने के कारण सामान्य वर्ग को छोड़कर अन्य वर्गों के द्वारा यह योजना छोड़ी जा रही है? विगत दो वर्षों में योजना छोड़ने वाले विद्यार्थियो की संख्या जिले अनुसार उपलब्ध कराएं? (ख) विषयांकित योजना के अंतर्गत आने वाले छात्र-छात्राओं को शासकीय महाविद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश का सीधा मतलब विद्यार्थियों द्वारा दिये जाने वाले शुल्क की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा किया जाना होता है किन्तु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उसका अर्थ बदलकर यह कहकर कि छात्रवृत्ति में ही शिक्षण शुल्क शामिल होता है, यदि शिक्षण शुल्क माफ होगा तो छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी? चूंकि शासकीय महाविद्यालयों के शिक्षण शुल्क कम होते हैं, अत: क्या सामान्य वर्ग को छोड़कर सभी छात्र-छात्राएं इस योजना को घाटे का सौदा मानकर छोड़ रहे हैं? (ग) क्या विभाग उच्च शिक्षा विभाग को यह अवगत करायेगा कि नि:शुल्क शिक्षा का अर्थ शुल्क की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा करना है न कि छात्रवृत्ति द्वारा? क्या मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु आवश्यक निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को जारी किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी नहीं। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना से संबंधित विद्यार्थियों द्वारा मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित अन्य छात्रवृत्ति योजनाओं की उपलब्धता के फलस्वरूप अन्य योजना का नियमानुसार चयन किया जा रहा है, पात्रता अनुसार वर्ष 2017-2018 में प्रारंभ मेधावी विद्यार्थी योजना छोड़ने वाले विद्यार्थियों की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहदी जवानों के परिजनों के अनुकंपा नियुक्ति
[गृह]
122. ( क्र. 3486 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन कारपस फण्ड से सी.आर.पी.एफ. के शहीद जवानों के आश्रित/परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रदान की जाती है? (ख) क्या सागर विधानसभा क्षेत्र के शहीद जवान प्रदीप कुमार लारिया बल संख्या 015060912, 34वीं बटालियन की विधवा एवं वृद्ध माँ को नियमानुसार आर्थिक अनुलाभ प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सी.आर.पी.एफ. के शहीद जवान के आश्रित/परिजन को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में दर्शित शहीद जवान के भाई प्रमोद कुमार लारिया को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गयी है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, राशि रू 10/- लाख प्रदान की जाती है। (ख) जी नहीं, विभागीय परिपत्र एफ-31-1/2013 दो-ए (3) दिनांक 19/03/2013, जारी होने की दिनांक से प्रभावी है। सागर विधानसभा क्षेत्र के शहीद, जवान श्री प्रदीप कुमार लारिया वर्ष 2002 में शहीद हुए थे। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, जी नहीं, विभागीय परिपत्र एफ-31-1/2013 दो-ए (3), दिनांक 19/03/2013, जारी होने की दिनांक से प्रभावी है। विभागीय परिपत्र क्रमांक 2129/441/ 2013/दो-ए (3), दिनांक 19 अगस्त, 2013 से स्पष्ट किया गया है कि 19 मार्च, 2013 का परिपत्र जारी होने के दिनांक से प्रभावी होगा एवं पुराने प्रकरणों को नहीं खोला जावेगा।
भावान्तरण योजना के पंजीयन त्रुटि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
123. ( क्र. 3501 ) श्री कैलाश चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ फसल में भावान्तर योजना के अन्तर्गत नीमच जिले में पंजीयन में त्रुटि (जैसे फसल का नाम, आवेदक द्वारा आवेदन में लिखे होने के बावजूद ऑन लाईन चढ़ाने में त्रुटि होने से, नाम नहीं लिखा जाना, बैंक खाते में त्रुटि ट्रिपल एस.एम. आई.डी. नहीं चढ़ाना आदि) की कितनी शिकायतें कलेक्टर नीमच/उपसंचालक कृषि/खाद्य अधिकारी को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) उक्त शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कितने कृषकों को उक्त त्रुटि के कारण अभी तक भावान्तर का भुगतान नहीं हो पाया है और आवेदन में फसल का उल्लेख होते हुए भी निर्धारित अवधि में मण्डी में माल बेचने पर भावान्तर का लाभ नहीं दिया गया हैं? ऐसे प्रकरणों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरीफ विपणन मौसम 2017-18 में भावान्तर भुगतान योजनांतर्गत पंजीयन में त्रुटि संबंधी 225 शिकायतें प्राप्त हुई। विभागवार, विधानसभा क्षेत्रवार प्राप्त शिकायतों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राप्त कुल 225 शिकायतों में से जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण उपरांत 140 शिकायतों का निराकरण किया जाकर संबंधितों को भुगतान की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। (ग) शेष 85 शिकायतों का समिति द्वारा परीक्षण किया जा रहा है परीक्षण उपरांत निर्णय कर एक माह के अंदर कार्यवाही की जा रही है।
राजगढ़ जिले के ग्रामीण मार्गों पर बसों का संचालन
[परिवहन]
124. ( क्र. 3519 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग में शहरी एवं ग्रामीण मार्गों पर बसों/मिनी बसों के संचालन हेतु क्या कोई नियम निर्देश निर्धारित है? यदि हाँ, तो शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले के अंतर्गत 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी शहरी एवं ग्रामीण मार्गों पर कौन-कौन सी बसे किस-किस नाम से कब-कब संचालित हो रही हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) क्या राजगढ़ जिले के सभी ग्रामीण मार्गों पर विभाग द्वारा परमिट दिये जाकर बसे संचालित की जा रही हैं? (घ) यदि नहीं, तो जिन ग्रामीण मार्गों पर बसों/मिनी बसों का संचालन नहीं हो रहा है, उन मार्गों पर ग्रामीणों के आवागमन हेतु क्या शासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर वाहन चलवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। परिवहन विभाग में, मोटरयान अधिनियम की धारा 71 के प्रावधानों के अनुसार शहरी मार्गों पर मंजिली गाडी के अनुज्ञा पत्र जारी किये जाने हेतु मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 70, 71, 72, 73, 74, 76, 77, 78 एवं 80 में विस्तृत प्रावधान किये गये हैं। विभाग द्वारा शहरी मार्गों के संचालन हेतु इन नियमों के अधीन समय-समय पर जारी नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ग्रामीण मार्गों पर वाहनों के संचालन हेतु जारी परिपत्र क्रमांक एफ-22-09/2014/आठ दिनांक 09.10.2014 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मार्गों पर 44 अस्थाई परमिट जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। राजगढ़ जिले में 24 ग्रामीण मार्ग सूत्रीकृत है। इन मार्गों पर किसी भी आवेदक द्वारा आवेदन नहीं देने के कारण परमिट जारी नहीं हुए है। (घ) विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ-22-12-2017-आठ दिनांक 13.11.2017 में यह प्रावधान किया गया है कि अनुज्ञापत्र मंजूर करने वाला प्राधिकारी किसी मंजिली गाडी की अनुज्ञापत्र मंजूर/नवीनीकरण करते समय या किसी भी समय यह शर्त लगा सकेगा कि ''अनुज्ञापत्र धारक अनुज्ञापित मार्ग के साथ ग्रामीण मार्ग के लिये भी अनुज्ञापत्र प्राप्त कर सेवा का प्रचालन करेगा''। जारी अधिसूचना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग की संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
125. ( क्र. 3520 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा राजगढ़ जिले में वर्तमान में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में राजगढ़ जिले में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार योजना सहित संख्यात्मक जानकारी बतावें? (ग) क्या राजगढ़ जिले में विभाग का कार्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो उनमें कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उन स्वीकृत पदों पर कार्यरत कर्मचारी एवं अधिकारी का नाम, पदनाम, पदस्थी दिनांक सहित बतावें। (घ) उनमें कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की जानकारी देवें तथा पूर्ति कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री जालम सिंह पटेल ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब (1), (2), (3), (4) एवं (5) पर है। (ग) जी हाँ। स्वीकृत पद एवं कार्यरत अधिकारी कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स (1), (2), (3) एवं (4) पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स (1), (2), (3) एवं (4) पर है। हाथकरघा संचालनालय के अंतर्गत राजगढ़ जिले में रिक्त 03 पदों की पूर्ति पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने तथा सीधी भरती की शासन अनुमति उपरांत की जावेगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आवारा पशुधन के संबंध में कार्य योजना
[पशुपालन]
126. ( क्र. 3530 ) श्री महेश राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के ग्राम-देवल में सन् 1939 में ब्रिटिश शासनकाल में मध्यप्रदेश निर्माण के पूर्व डेयरी फार्म की स्थापना की गयी थी? (ख) मध्यप्रदेश शासन ने सन् 1962 में डेयरी फार्म बन्द कर 11 गौसदनों की स्थापना करायी जो सन् 2003 तक संचालित रही इसके उपरांत शासन ने उक्त भूमि एवं कर्मचारियों को पशुचिकित्सा विभाग में सेवायें एवं 700 एकड़ जमीन सम्पत्ति सौंप दी? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम-देवल की भूमि पर पुन: गौसदन प्रारंभ करने के लिये क्या प्रावधान है? (घ) ग्राम-देवल की खाली भूमि पर शासन के द्वारा कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रश्नांश (क) की पुष्टि से संबंधित अभिलेख विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। (ख) सन् 1962 में डेयरी फार्म बंद करने से संबंधित कोई अभिलेख विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। अपितु मध्यप्रदेश शासन पशुपालन विभाग के पत्र क्रमांक 12794/गौसदन/ 2000-1/भोपाल, दिनांक 10.07.2000 द्वारा गौसदन बंद कर, कार्यरत अमले का समायोजन विभाग में किया गया है। वर्तमान में कोई भूमि पशुपालन विभाग के पास नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में ग्राम देवल की भूमि पर पुन: गौसदन की स्थापना प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति परिचालक को एक्सग्रेसिया का भुगतान
[परिवहन]
127. ( क्र. 3577 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा अपने कर्मचारियों के लिये दिनांक 01/07/2005 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई थी? इसके क्या नियम थे? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को उनकी समस्त देय राशि का भुगतान कब तक किस नियम से किया जाना था? (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम डिपो ब्यावरा में पदस्थ बुकिंग एजेण्ट श्री नरेन्द्रसिंह परमार पिता नाथूसिंह परमार ने भी उक्त योजना अंतर्गत स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या श्री नरेन्द्रसिंह परमार को सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली समस्त देय राशि डी.ए./बीमा/ एक्सग्रेसिया राशि का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? नहीं किया तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त योजना के भाग 'क' के सरल क्रमांक-4 के उपभाग (IX) अनुसार भुगतान किया गया था। । (ख) एवं (ग) जी हाँ। एक्सग्रेसिया, अवकाश नगदीकरण उपदान/ग्रेज्युटी का भुगतान किया जा चुका है। निगम के कर्मचारियों का बीमा किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशासकीय व्याख्याताओं का शासकीय सेवा में संविलियन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
128. ( क्र. 3648 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं गेट (ग्रेजुएशन एप्टीटयूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग) परीक्षा द्वारा चयनित अशासकीय व्याख्याता, विभागध्यक्ष एवं प्राचार्य कार्य कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो इनके वेतन भत्ते इत्यादि की व्यवस्था संस्था स्तर पर की जाती है? यदि हाँ, तो संस्थाए किस प्रकार वित्तीय प्रबंधन करती है? (ग) क्या स्वशासी के अन्तर्गत नियुक्त व्याख्याता के वेतन भत्ते इत्यादि शासकीय संवर्ग के अन्य शिक्षकों के समान हैं? यदि शासन द्वारा ही अनुदान प्राप्त करके इनके वेतन भत्ते इत्यादि की वित्तीय व्यवस्था की जाती है एवं इसके वेतनमान अन्य शासकीय संवर्ग के व्याख्याता के समान हो तो इनका शासकीय सेवा में संविलियन क्यों नहीं किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सेवा भरती नियम 2004 के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के वेतन के लिये सहायक अनुदान राज्य शासन द्वारा प्रदान किया जाता है। (ग) जी हाँ। सेवा भरती नियम 2004 के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों को शासकीय सेवा में संविलियन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि वर्तमान में प्रचलित सेवा भरती नियमों में इस हेतु प्रावधान निहित नहीं है तथा इनकी नियुक्ति संस्था द्वारा की जाती है।
नलजल योजना एवं हैण्ड पंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
129. ( क्र. 3655 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के विकासखण्ड बालाघाट किरनापुर परसवाड़ा की समस्त पंचायतों में किन-किन पंचायतों के कहाँ-कहाँ नलजल योजना है तथा कितने पंचायत नलजल योजनाओं से वंचित हैं? पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या जिन पंचायतों में नलजल योजना का क्रियान्वयन हो चुका है उनमें से कई ग्राम पंचायतों में उक्त योजनाएं बंद पड़ी हुई है? यदि हाँ, तो क्यों? उन योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में कितने हैंड पंप वर्तमान में चालू अवस्था में हैं? कितने हैंड पंप बंद हैं? विगत 02 वर्षों में हैंड पंप खनन किए जाने हेतु किस-किस जनप्रतिनिधि द्वारा कब-कब विभाग को पत्र जारी किए? विगत 02 वर्षों का ब्यौरा देवें कि कितने हैंड पंप खनन किए गए तथा कितने हैंड पंप की अनुशंसाओं पर कार्यवाही नहीं की गई तथा क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 137 पंचायतों में से 88 पंचायतों में नलजल योजना क्रियान्वित है एवं 49 पंचायतों में नलजल योजना नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 294 ग्रामों में 3757 हैण्डपंप स्थापित एवं चालू हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 40 नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना कार्य किया गया, शेष अनुशंसित ग्राम पूर्ण श्रेणी में होने के कारण नलकूप खनन का कार्य नहीं कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
बबीता मिश्रा के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[गृह]
130. ( क्र. 3658 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बबीता मिश्रा वरिष्ठ अध्यापक सारंगपुर जिला राजगढ़ की शिकायत पर कार्यालय कलेक्टर जिला राजगढ़ के निलंबन आदेश क्रमांक 2586 दिनांक 23.08.2012 में पीड़ित छात्राओं के नाम एवं पहचान उजागर करने पर तथा आरोप पत्र की साक्ष्य सूची में क्रमांक 1 से 12 तक के नाम एवं पहचान उजागर करने के दोषियों के विरूद्ध थाना सारंगपुर जिला राजगढ़ में अपराधिक प्रकरण दर्ज कब करवाया जायेगा? (ख) बबीता मिश्रा संस्था एवं जिला स्तरीय यौन उत्पीड़न जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट में प्रभारी प्राचार्य पद का दुरूपयोग करने संस्था में षडयंत्र करने, कूटरचित पत्र बनाने, यौन उत्पीड़न के असत्य एवं निराधार आरोप लगाने तथा थाना सारंगपुर में असत्य रिपोर्ट लिखवाने की दोषी होने पर अभी तक अपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया है? जबकि श्री सुभाषचन्द्र शर्मा पीड़ित द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल को वर्ष 2012 से अभी तक कई अभ्यावेदन दिये गये थे उन अभ्यावेदनों पर निष्पक्ष जाँच क्यों नहीं की गई तथा असत्य एवं निराधार शिकायत करने तथा फर्जी रिपोर्ट लिखवाने के दोषी पर अभी तक अपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? (ग) थाना सारंगपुर जिला राजगढ़ में दर्ज करवाई गई एफ.आई.आर. के संबंध में न्यायालय सारंगपुर द्वारा पारित निर्णय में श्री सुभाषचन्द्र शर्मा के निर्दोष होने पर बबीता मिश्रा के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण श्री सुभाषचन्द्र शर्मा के अभ्यावेदन देने पर दर्ज किया जायेगा तथा नियमों का पालन किया जायेगा तथा असत्य एवं निराधार शिकायत करने के दोषियों के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित विवरण/घटनाक्रम के संबंध में कोई अपराध का घटित होना नहीं पाए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सुश्री बबीता मिश्रा द्वारा पद का दुरुपयोग करने कूट रचित पत्र बनाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारंगपुर द्वारा जाँच में सुश्री बबीता मिश्रा के विरुद्ध साक्ष्य प्राप्त न होने से अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। (ग) शिक्षक श्री सुभाष चन्द्र शर्मा के विरुद्ध थाना सारंगपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 423/12 धारा 294, 509, 506 भादवि वर्तमान में माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी. सारंगपुर में विचाराधीन है। न्यायालय के निर्णय अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व विभाग की अधिसूचित सेवाएं
[राजस्व]
131. ( क्र. 3674 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं कब-कब से अधिसूचित हैं एवं इनके क्रियान्वयन के क्या शासनादेश हैं? (ख) क्या इन सेवाओं के आवेदनों को पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में भी जमा किया जा सकता है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सेवाओं के कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने आवेदनों पर सेवाएं प्रदान की गई?। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत आवेदन के पंजीयन हेतु लोक सेवाएं के प्रदान की गारंटी नियम, 2010 के तहत नियम 16 क्या है? क्या सिवनी जिले में पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों में निर्धारित पंजी का संधारण एवं पंजी में आवेदनों का इंद्राज किया जा रहा है?यदि नहीं, तो कारण बतायें एवं इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व विभाग की सेवाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं और अधिनियम के प्रावधानों पर कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। पदाभिहित अधिकारी कार्यालय में आवेदन प्राप्त नहीं हुये हैं, आवेदन लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ही प्राप्त हो रहे हैं। (ग) लोक सेवाएं के प्रदान की गारंटी नियम, 2010 के तहत नियम 16 के तहत अधिनियम के अधीन निराकृत प्रकरणों के अभिलेख का संधारण होता है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उत्पन्न ही नहीं होता। (घ) प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता।
सिवनी जिले में भूमि डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
132. ( क्र. 3675 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में कितने लोगों को भूमि डायवर्सन नोटिस कितनी-कितनी राशि के दिये गये? तहसीलवार, नाम पता एवं राशि सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के नोटिसों के विरूद्ध कितने लोगों द्वारा राशि जमा कराई गई? कितने लोगों की कितनी-कितनी राशि की रसीदें काटी गई? इसमें से कितनी राशि कोषालय में जमा कराई गई व किस मद में जमा कराई गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं? इनके लंबित रहने के क्या कारण हैं? भूमि डायवर्सन शुल्क जमा कराने वाले लोगों में से किस-किस से कितनी राशि रोगी कल्याण समिति के खातों में जमा कराई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सिवनी जिले में 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक 570 लोगों को भूमि डायवर्सन की राशि रूपये 8861630 (अठठाईस लाख इकसठ हजार छ: सौ तीस) जमा कराये जाने हेतु सूचित किये गये है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में 555 लोगों के द्वारा राशि रूपये 8235548 (बयासी लाख पैंतीस हजार पाँच सौ अडतालीस) चालान के माध्यम से 0029 भू-राजस्व एवं अन्य प्राप्तियां मद में बैंक के माध्यम से कोषालय में जमा करायी गयी है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि डायवर्सन के 89 प्रकरण समय-सीमा के भीतर विहित प्रक्रिया में लंबित है, भूमि डायवर्सन शुल्क जमा कराने वाले लोगों में से किसी से कोई राशि रोगी कल्याण समिति के खातों में जमा नहीं कराई गई है।
बटवारा एवं नामांतरण
[राजस्व]
133. ( क्र. 3690 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में फरवरी 2018 की स्थिति में नामांतरण एवं बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? तहसीलवार बतावें लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) जिला प्रशासन द्वारा जनवरी 2014 से फरवरी 2018 तक नामांतरण एवं बटवारे के प्रकरणों के निराकरण हेतु कब-कब समीक्षा की गई? कब-कब निर्देश दिए? दिए गए निर्देशानुसार कितने नामांतरण एवं बटवारे के प्रकरणों का निराकरण किया गया। (ग) प्रदेश में भूमि के नामांतरण एवं बटवारे के लिए फरवरी 2018 की स्थिति में शासन के कौन से नियम लागू हैं? लागू नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव तहसील गोटेगांव एवं नरसिंहपुर में फरवरी 2018 की स्थिति में निम्नानुसार प्रकरण प्रचलन में है।
तहसील का नाम |
नामांतरण |
बटवारा |
गोटेगांव |
41 |
59 |
नरसिंहपुर |
30 |
68 |
समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रत्येक माह में जिला राजस्व अधिकारियों की बैठक में नामान्तरण/बटवारा के प्रकरणों की समीक्षा की जाती है एवं समय-सीमा में उनके निराकरण करने हेतु निर्देश दिए जाते हैं। जिले में जनवरी 2014 से फरवरी 2018 तक 10883 नामान्तरण प्रकरणों एवं 2878 बटवारा के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 के तहत नामान्तरण एवं धारा 178- 178 क के तहत बटवारा किए जाने का प्रावधान है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
हैण्डपम्प एवं नलजल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 3695 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कोलारस अंतर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में नल-जल योजना स्वीकृत की गई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम पंचायत में कब-कब, जनपदवार वर्षवार विवरण देवें। (ख) क्या स्वीकृत समस्त नलजल योजनायें क्रियाशील हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? इसके लिए कौन जवाबदेह है? क्या शासन अक्रियाशील नलजल योजनाओं की जाँच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं क्या कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? अक्रियाशील नलजल योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र कोलारस में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में हैण्डपम्प स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार स्थानवार सूची प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो क्या समस्त हैण्डपम्प का खनन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या समस्त हैण्डपम्प क्रियाशील हैं यदि नहीं, तो इसका कारण स्पष्ट किया जावे? अक्रियाशील हैण्डपम्प का कब तक सुधार किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 5 योजनाएं स्वीकृत, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 2 योजनाएं स्थल पर चालू, 3 योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु निविदा आमंत्रण प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। योजना प्रारंभ करने की निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
शिकायतों की जाँच
[गृह]
135. ( क्र. 3706 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय पुलिस अधीक्षक (उत्तर क्षेत्र) जिला भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. विविध-73 दिनांक 18.04.2017 द्वारा अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय एवं अन्य आवेदकगणों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के संबंध में अन्तरिम रिपोर्ट अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को भेजते हुए उक्त पत्र में शिकायतों की जाँच जारी है एवं प्रस्तुत प्रतिवेदन से शीघ्र अवगत कराने का लेख किया गया है? (ख) क्या थाना प्रभारी कोहेफिजा एवं विभाग के कुछ कतिपय अधिकारियों द्वारा अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय से उपकृत होकर बिना जाँच करे ही जाँच नस्तीबद्ध कर दी गई हैं? (ग) यदि नहीं, तो उपरोक्तानुसार कर्मचारियों से प्राप्त शिकायत पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच अधिकारी कौन है? किन-किन के बयान लिये गये? उपरोक्तानुसार विस्तृत प्रतिवेदन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय कब भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार लगभग एक वर्ष बीतने के पश्चात भी जाँच पूर्ण क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन जवाबदेह है? जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांकित शिकायत पर अलग-अलग दिनांकों को आवेदक एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये उनके नाम बताया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। जाँच थाना कोहेफिजा के सहायक उप निरीक्षक, श्री रामकरण सिंह द्वारा की गई। प्रतिवेदन दिनांक 26.02.2018 को भेजा गया। (घ) जाँच पूर्ण हो गई है।
भूमि व्यपवर्तन के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
136. ( क्र. 3708 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि एवं अन्य भूमियों के व्यपवर्तन (डायवर्सन) के क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं और क्या किन्हीं मामलों में भूमि का स्वमेव डायवर्सन होना मान लिया जाता है? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कैसे? इसके लिये भूमि-स्वामी को क्या कार्यवाही करनी होती है एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही संपादित की जाती है? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक अनुविभागवार, भूमि-डायवर्सन के कितने एवं कौन-कौन से आवेदन प्राप्त हुये, इनके निराकरण की क्या समयावधि नियत थी? प्रकरणों का निराकरण, किन-किन दिनांकों को किस नाम, पदनाम के सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया गया? प्रकरणवार, अनुविभागवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत किन-किन प्रकरणों में भूमि का डायवर्सन स्वीकृत किया गया एवं किन-किन प्रकरणों में भूमि का डायवर्सन, किन कारणों से अस्वीकृत किया गया? अधिरोपित प्रीमियम, अर्थदण्ड राशि सहित प्रकरणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) भूमि-डायवर्सन के शुल्क, प्रीमियम एवं अर्थदण्ड के क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं? क्या कटनी-जिले में किन्हीं प्रकरणों में शुल्क एवं अर्थदण्ड के अधिरोपण में भिन्नता परिलक्षित हुई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इस संबंध में प्राप्त आपत्तियों पर क्या कार्यवाही की गई?ब्यौरा उपलब्ध करायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में स्वमेव डायवर्सन की भूमि का राजस्व अभिलेखों में डायवर्टेड भूमि के तौर पर दर्ज न करने एवं समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने और भिन्न-भिन्न शुल्क अधिरोपित करने पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कृषि एवं अन्य भूमियों के व्यपवर्तन (डायवर्सन) हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 (1), (2), (3) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अनुज्ञा जारी किये जाने के प्रावधान है। कृषि एवं अन्य भूमियों के व्यपवर्तन (डायवर्सन) के संबंध में म.प्र. शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा अधिसूचना दिनांक 10 जुलाई, 2014 में निर्देश जारी किये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक अनुविभागवार भूमि डायवर्सन के प्राप्त आवेदन एवं उनके निराकरण का दिनांक, निराकरण की समयावधि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’' अनुसार तथा निराकरण हेतु सक्षम प्राधिकारी के नाम एवं पदनाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत भूमि के डायवर्सन के स्वीकृत प्रकरण एवं अस्वीकृत प्रकरण व अस्वीकृति का कारण, अधिरोपित प्रीमियम, अर्थदंड राशि के साथ संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) भूमि डायवर्सन के शुल्क, प्रीमियम एवं अर्थदंड के संबंध में म.प्र. शासन राजस्व विभाग की अधिसूचना दिनांक 10 जुलाई, 2014 में निर्देश जारी किये गये है। कटनी जिले में शासन हित में भूमि विक्रय के पंजीयन हेतु निर्धारित कलेक्टर गाइड लाइन के प्रचलित बाजार मूल्य के अनुसार शुल्क का अधिरोपण किया गया है। शुल्क एवं अर्थदंड के संबंध में प्राप्त आपत्तियों का निराकरण किया जाता है। (ड.) कटनी में जिले में स्वमेव डायवर्सन की भूमि, राजस्व अभिलेखों में डायर्वटेड भूमि के तौर पर दर्ज की जाती है। जिले में शासन हित में डायवर्सन प्रकरणों में कलेक्टर गाइड लाइन के प्रचलित बाजार मूल्य के अनुसार, डायवर्सन शुल्क अधिरोपित किया जाता है। अतः संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं है।
विधानसभा प्रश्नों के उत्तर एवं धान उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 3710 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-2242 दिनांक-22/02/2017 तथा प्रश्न क्रमांक-1427 दिनांक-29/11/2017 की जानकारी एकत्रित की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो यह जानकारी क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2016-17 से अब तक कितनी धान किन-किन उपार्जन केन्द्रों में, कितनी मात्रा में कितने कृषकों से कब-कब उपार्जित की गई और धान उपार्जन कार्य में अनियमितताओं के कितने प्रकरण किस प्रकार सामने आये तथा इनपर कब एवं किसके द्वारा क्या जाँच कर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) किन उपार्जन केन्द्रों की उपार्जित धान किन भण्डार गृहों में भण्डारित की गई? उपार्जन केन्द्रों से भण्डार गृहों की दूरी कितनी थी? इसमें कितना परिवहन व्यय किस ठेकेदार को भुगतान किया गया? केन्द्रवार, भण्डार गृहवार बतायें, (घ) प्रश्नांश (ग) जिले में संचालित उपार्जन केन्द्रों से निकटतम बढते क्रम में कौन-कौन लायसेंसी भण्डार गृह कहाँ-कहाँ स्थित है? खरीद केन्द्रों से भण्डार गृहों की दूरी सहित बतायें और निकटतम भण्डार गृहों में, समीप के उपार्जन केन्द्रों की धान का भण्डारण न करने का कारण पृथक-पृथक बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या इन अनियमितताओं की शासन स्तर से जाँच कर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशु औषधालय भवन निर्माण
[पशुपालन]
138. ( क्र. 3717 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पशु औषधालय केन्द्रों का संचालन हो रहा है वर्तमान में इन केन्द्रों पर भवन की क्या व्यवस्था है? (ख) क्या वर्तमान में संचालित केन्द्रों पर भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं? यदि हाँ, तो उनकी मरम्मत या नवीन भवन निर्माण सम्बंधी विभाग के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इन केन्द्रों पर भवन निर्माण होगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित नवीन पशु औषधालय धूपा एवं नवीन पशु औषधालय बडी के भवन निर्माण हेतु राशि लोक निर्माण विभाग को प्रदाय की गई है। भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा वर्तमान में पशु औषधालय धूपा एवं पशु औषधालय बडी ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में संचालित है।
नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति
[गृह]
139. ( क्र. 3718 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भीकनगांव थाने का क्षेत्रफल कितना है? क्या इस सम्पूर्ण क्षेत्र में घटित होने वाले अपराधों पर नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण कार्य करना आसान है? (ख) यदि नहीं, तो सुविधा की दृष्टि से ग्राम अंजनगांव एवं दौडवां नवीन पुलिस चौकी की स्वीकृति प्रदाय की जा सकती है, जिससे अपराधों पर नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण आसानी से हो सकेगा।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्षेत्रफल 24X30 वर्ग किलोमीटर है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की संचालित योजनाएं
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
140. ( क्र. 3727 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रोद्योगिकी विभाग के द्वारा कौन-कौन सी योजना किस-किस नाम से संचालित की जा रही है? (ख) उज्जैन जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कौन सी योजना चल रही है तथा इससे कितने लोग लाभान्वित हो रहे है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत जैव प्रौद्योगिकी परिषद की निम्न योजनाएं प्रचलित है:- (1) जैव विज्ञान संस्थान की स्थापना (2) जैव प्रौद्योगिकी इकाईयों की स्थापना एवं विकास हेतु सहायता (3) जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाओं का पोषण। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की निम्न योजनाएं संचालित है:- आई.टी. अधोसंरचना संबंधी विकास, स्टेट डाटा सेंटर (SDC), स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) की स्थापना। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं भोपाल में आई.टी. पार्क की स्थापना संबंधी योजना। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी क्रियाकलापों का उन्नयन एवं प्रदेश में आई.टी. निवेश संबंधी कार्य। आधार पंजीयन एवं केबल डिजिटाइजेशन संबंधी कार्य। मैप-आई.टी. द्वारा निम्न योजनाएं संचालित है :- ई-शक्ति, ई- दक्ष, व्ही.सी.आर. परियोजना, जी.आई.जी. डब्ल्यू के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट का निर्माण, डिजीटल इंडिया, म.प्र. राज्य स्थानिक डाटा अधोसंरचना, मध्यप्रदेश स्टेट स्पेशियल डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर (MPSSDI), कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा, राज्य ई-मेल सेवा, एम.पी. मोबाईल, ई-साईन, डिजिटल लॉकर, एमपी कोड, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस वर्चुअल आईटी केडर, ई-गवर्नेन्स अवार्ड, ई-गवर्नेन्स सोसायटी की स्थापना, प्रोजेक्ट ई-मिशन टीम। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की निम्न योजनाएं संचालित है :- (1) अनुसंधान, योजना तथा विकासीय गतिविधियां (2) सामाजिक आर्थिक विकास के लिए विज्ञान (3) निर्देशन और प्रशासन (4) परिषद की स्थापना तथा विश्वविद्यालय मेडिकल तथा इंजिनियरिंग महाविद्यालय में अधोसंरचना (5) विज्ञान को लोकप्रिय करना, विज्ञान के प्रचार हेतु सहायता (6) सुदूर संवेदन केन्द्र (7) मिशन एक्सीलेंस ऑफ एमपी ह्यूमन रिसोर्स (8) परिषद का भवन निर्माण (9) विज्ञान पार्क की स्थापना (10) ग्रामीण तकनीक प्रयोग केन्द्र की स्थापना (11) एटलस परियोजना (12) जलवायु परिवर्तन शोध केन्द्र की स्थापना (13) जैव प्रौद्योगिकी उपयोगिता केन्द्र (14) पेटेन्ट सूचना केन्द्र संबंधी योजना। (ख) उज्जैन जिले में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संचालित योजनाएं निम्न है:- (1) स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) की स्थापना (2) आधार पंजीयन (3) वीडियो कॉफ्रेंसिंग स्टूडियों की स्थापना (4) आर.सी.बी.सी (ई-दक्ष केन्द्रों की स्थापना) (5) केबल डिजिटाइजेशन संबंधी कार्य। उज्जैन जिले में म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा विज्ञान पार्क की स्थापना योजना अंतर्गत उज्जैन शहर में तारा मंडल स्थापित किया गया है एवं खगोलीय वेधशाला ग्राम डोगला में स्थापित की गई है। मैप-आई.टी. द्वारा उज्जैन जिले में ई-दक्ष तथा ई-गवर्नेन्स सोसायटी योजना संचालित है। (ग) बडनगर विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संचालित आधार पंजीयन योजना अर्न्तगत कुल 2,83,680 व्यक्तियों का आधार पंजीयन किया गया है। स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क के माध्यम से सभी शासकीय विभागों को कनेक्टिविटी प्रदाय की गयी है।
उज्जैन-बदनावर मार्ग पर चल रही यात्री बसों की जानकारी
[परिवहन]
141. ( क्र. 3730 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन से बदनावर मार्ग की कितनी दूरी है वर्तमान में इस मार्ग पर कितनी बसें चल रही है? इस दूरी को तय करने में बसों को कितना समय लगता है? (ख) क्या शासन द्वारा इस मार्ग पर एक्सप्रेस बसों को परमिट प्रदान किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) उज्जैन से बदनावर मार्ग की दूरी 69 कि.मी. है। वर्तमान में इस मार्ग पर 9 यात्री बसे चल रही है। इस मार्ग की दूरी तय करने के लिये दो से ढ़ाई घण्टा का समय लगता है। (ख) एक्सप्रेस बसों को इस मार्ग पर परमिट प्रदान किये जाने के संबंध में कार्यालय परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्रमांक 105/टीसी/कैम्प/14 भोपाल दिनांक 10.06.2014 द्वारा द्रुतगामी मंजिली गाडी के संबंध में जारी किये गये मार्ग दर्शक सिद्धात अनुसार अन्य मापदण्डो के साथ-साथ मार्ग की दूरी न्यूनतम 100 किमी होना आवश्यक है, परन्तु प्रश्नांकित मार्ग की दूरी 69 कि.मी. होने से उक्त मार्ग पर एक्सप्रेस रस बसों को परमिट प्रदान किये जाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[श्रम]
142. ( क्र. 3735 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग द्वारा विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) विगत चार वर्षों में मंदसौर जिले में विभाग द्वारा किये गये विकास एवं उपरोक्त योजनाओं से दिये गये कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य की जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) जी नहीं। अपितु श्रम विभाग के अधीन संचालित -1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में 21 जनकल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। 2. म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा वर्तमान में 8 जनकल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। 3. म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा वर्तमान में 10 जनकल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। (ख) उक्त मंडलों से पंजीकृत हिताधिकारियों एवं अन्य पात्रता रखने वाले श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से हितलाभ प्रदाय किया जाता है। विगत 04 वर्षों की मंदसौर जिले की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्रम विभाग द्वारा विकास कार्य की स्वीकृति नहीं दी जाती है। अपितु श्रम विभाग के अधीन विभिन्न उक्त मंडलों के माध्यम से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती है जिसकी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निरंक।
जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
143. ( क्र. 3736 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की तरफ से मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना की शुरूआत कब की गई थी? (ख) उक्त योजना के तहत स्वीकृत योजनाओं से कितने ग्रामों में जल प्रदाय किया जा रहा हैं? (ग) स्वीकृत योजनाओं में से जिन ग्रामों में जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है, उसका क्या कारण हैं? (घ) वंचित ग्रामों में जल प्रदाय कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2017-18 से। (ख) एक ग्राम में आंशिक रूप से जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) योजनाओं में निविदा आमंत्रण एवं क्रियान्वयन प्रक्रियाधीन होने से। (घ) वित्तीय संयोजन एवं स्वीकृति उपरांत, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
बीमा क्लेम भुगतान
[पशुपालन]
144. ( क्र. 3740 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में केन्द्र सरकार के कृषि एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत रिस्क मैनेजमेंट एवं लाइव स्टॉक इंश्योरेंस (पशुधन बीमा) योजना में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक इस योजना में कितने किसानों द्वारा अपने पशुधन का बीमा कराया था वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना एवं वर्षों में बीमित पशुधन की मृत्यु होने पर कितनी-कितनी राशि का कितने किसानों को क्लेम का लाभ दिया गया? सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में शाजापुर जिले के ग्राम अवंतिपुर बडोदिया के पशुपालक श्री बाबूलाल पिता भेरूसिंहजी द्वारा क्या अपने पशु का वर्ष 2016-17 में बीमा कराया गया था। यदि हाँ, तो क्या उन्हें पशु की मृत्यु उपरांत बीमित पशु का क्लेम भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2015-16 में 417 वर्ष 2016-17 में 370 तथा वर्ष 2017-18 (प्रश्न दिनांक तक) 372 किसानों का बीमा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। वर्ष 2017-18 की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
हाई स्कूलों हेतु भूमि का आंवटन
[राजस्व]
145. ( क्र. 3741 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के शासकीय हाई स्कूल पंचदेहरिया, कमालपुर, लसुडल्या मलक एवं छापरी में भवन निमार्ण हेतु भूमि आंवटन हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या भूमि आंवटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रति देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु भूमि आवंटन की समय अवधि तय करके शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले में एक आवेदन ग्राम कमालपुर का प्राप्त हुआ है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलित है। (ख) भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुलिस बल की पदपूर्ति
[गृह]
146. ( क्र. 3747 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा अपराधों के नियंत्रण एवं यातायात की सुगमता हेतु जिले भर में अपने पास उपलब्ध बल एवं संसाधनों के माध्यम से निरन्तर प्रयास जारी रखे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में डी.आई.जी. एवं एस.पी. के अधीनस्थ जिले भर में किस-किस प्रकार के दायित्ववान अधिकारी-कर्मचारी होकर कुल कितने जिम्मेदार आते हैं? जिले भर की थाना, चौकी, कार्यालय सहित संख्या बताएं। (ग) अवगत कराएं कि डी.आई.जी. कार्यालय, एस.पी. कार्यालय, अजाक थाना, महिला थाना इत्यादि प्रकार से जिले भर में किन-किन स्थानों पर कुल कितने-कितने अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं? साथ ही यातायात पुलिस अधिकारी-कर्मचारी की जिले भर में किस-किस प्रकार की पदस्थापना है? (घ) वर्तमान में रतलाम जिले में शासन/विभाग द्वारा उपरोक्त व्यवस्थाओं हेतु कुल कितने पद किन-किन स्थानों पर, किस-किस कार्य के लिए स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद भरे हैं तथा कितने पद रिक्त हैं एवं रिक्त पदों की पदपूर्ति कब तक की जाकर व्यवस्थाओं को सुगम किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, जिले में अपराधों के नियंत्रण एवं यातायात की सुगमता हेतु जिले भर में उपलब्ध बल एवं संसाधनों के माध्यम से निरन्तर प्रयास जारी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं जिले में यातायात व्यवस्था हेतु 01 निरीक्षक, 03 सूबेदार, 01 उप निरीक्षक, 05 सहायक उप निरीक्षक, 10 प्रधान आरक्षक एवं 17 आरक्षक की पदस्थापनाएं की गई है। (घ) रतलाम जिले में शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। भरे पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। वर्तमान में जिले की व्यवस्था सुगम है।
क्षेत्रीय नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
147. ( क्र. 3749 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध एवं समुचित पेयजल प्रदाय किये जाने हेतु केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छोटी-बड़ी विभिन्न प्रकार की पेयजल योजनाएं बनाई जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन की केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम के साथ ही जनभागीदारी माध्यम इत्यादि प्रकार से भी जावरा विधानसभा क्षेत्र में अनेक योजनाएं बनाई गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार की, कितनी-कितनी लागत की कितनी योजनाएं बनाई गई हैं? साथ ही उनमें से कितनी योजनाएं क्रियाशील होकर चालू हैं तथा कितनी निष्क्रिय होकर बन्द पड़ी हैं? (घ) नवीन प्रारम्भ योजनाओं के साथ ही कितनी पूर्ण होकर कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी कब से अपूर्ण होकर अप्रारम्भ हैं? कारण सहित बताए एवं इन्हें कब तक प्रारम्भ किया जाकर पूर्ण किया जा सकेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत हाई स्कूलों के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
148. ( क्र. 3762 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पोहरी विधानसभा क्षेत्र के खौरघार, सांपरारा, नरैयाखेडी, बिलौआ, भिलोडी में नए शासकीय हाई स्कूल भवनों के निर्माण हेतु भूमि आवंटन के आदेश जारी कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो भूमि आवंटन आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्थानों पर हाई स्कूल भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन का प्रस्ताव किस दिनांक को विभाग को प्राप्त हुआ था? विभाग द्वारा प्रस्ताव प्राप्ति दिनांक से क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नए शासकीय हाई स्कूल भवनों के निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं हुई है, तो किस दिनांक तक भूमि आवंटन के आदेश जारी कर दिए जाऐंगे जिससे छात्रहित में हाई स्कूल भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिले में पोहरी विधानसभा क्षेत्र के खौरघार, सांपरारा, नरैयाखेडी, बिलौआ, भिलोडी में नए शासकीय हाई स्कूल भवनों के निर्माण हेतु भूमि आवंटन के आदेश जारी किए जा चुके हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिले की संबंधित शाखा में प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थानों पर हाई स्कूल भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन हेतु पत्र जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी द्वारा दिनांक 01.10.2016 को प्रेषित किया गया, जिसमें नियमानुसार भूमि आवंटन संबंधी कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ग) भूमि आवंटित की गई हैं। शेष प्रश्न उद् भूत नहीं होता।
पुलिस थानों में रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
149. ( क्र. 3771 ) डॉ. मोहन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने पुलिस थाने एवं चौकियां हैं? तहसीलवार, थानेवार, चौकीवार जानकारी प्रदान करें? प्रत्येक थाने एवं चौकियों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? पद के मुकाबले कितने पद पर अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? उपरोक्तानुसार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार पदों के रिक्त रहने से कानून व्यवस्था प्रभावित होने के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार पदों के रिक्त रहने से कानून व्यवस्था प्रभावित न हो इस हेतु जिले के पुलिस लाईन एवं अन्य थानों में उपलब्ध बल से स्थिति पर नियंत्रण किया जाता है। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति द्वारा के द्वारा की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
150. ( क्र. 3772 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कार्यरत अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालयों में अधिकारियों एवं अधीनस्थ कर्मचारियों के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति के लिये विभाग की क्या कार्य योजना हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उज्जैन जिले में कार्यरत अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालयों में अधिकारियों एवं अधिनस्थ कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नायब तहसीलदार एवं पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। शेष रिक्त पदों की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में जिले में अधिनस्थ कर्मचारियों की उपलब्धता अनुसार संतुलन बनाए रखते हुए पदस्थापना होती रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मउगंज तहसील के डिघौल ग्राम की जानकारी
[राजस्व]
151. ( क्र. 3776 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का उचेहरा/बराती वृत्त देवतालाब तहसील मउगंज जिला रीवा के भूमि संख्या 56/ 354 रकवा 1.019 हेक्टेयर एवं भूमि क्र.-55/353 रकवा 3.157 हेक्टेयर की वर्तमान कैफियर मौके पर कितने परिवार काबिज हैं, परिवारवार, जातिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ किन-किन के बीच विवाद व निगरानी किस अधिकारी के क्षेत्राधिकार में प्रचलित हैं? अधिकारी के अधिकार क्षेत्र के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त भूमि पर काबिज परिवार को कब तक पट्टा/अधिकार दिलाया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उक्त भूमिया पटवारी हल्का डिघौल अंतर्गत ग्राम पहाड़ी धनीराम स्थित भवनिहा तालाब की भूमिया है। भूमि नं. 55/355 रकवा 3.157 हे. (तालाब) एवं भूमि नं. 56/354 रकवा 1.019 (भीठा) शासकीय दर्ज है। उक्त भूमिया सार्वजनिक प्रयोजन हेतु स्थानीय निवासियों द्वारा उपयोग में लायी जाती रही है जिन पर दिनांक 03.01.2018 को ग्राम पहाड़ी अमोच, ग्राम पहाड़ी भोलाराम एवं ग्राम गोदरी अंबिकाराम के अजा./अजजा. एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों द्वारा अस्थाई झोपड़िया बनाकर अतिक्रमण किया गया है। ग्रामवार एवं व्यक्तिवार जातिवार विवरण निम्नानुसार है:-
ग्राम पहाड़ी अमोच (पटवारी हल्का डिघौल) :-
अ.जा. वर्ग 28
अ.ज.जा. वर्ग 27
अन्य पिछड़ा वर्ग 03
योग:- 58
ग्राम पहाड़ी भोलाराम (पटवारी हल्का पहाड़ी निरपत सिंह) :-
अ.जा. वर्ग 25
अन्य पिछड़ा वर्ग 02
योग:- 27
ग्राम गोदरी अंबिकाराम (पटवारी हल्का पहाड़ी निरपत सिंह) :-
अ.जा. वर्ग 01
योग 01
कुल संख्या
अ.जा. वर्ग 54
अ.ज.जा. वर्ग 27
अन्य पिछड़ा वर्ग 05
महायोग:- 86
(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आम जनता ग्राम पहाड़ी धनीराम एवं सरपंच ग्राम पंचायत हटवा के द्वारा शासकीय तालाब एवं भीठे पर से अतिक्रमणकर्ताओं को हटाये जाने हेतु नायब तहसीलदार वृत्त देवतालाब के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है जो प्रक्रियाधीन है एवं जमुना प्रसाद साकेत वगैरह द्वारा उक्त प्रश्नांकित भूमियों पर आवास निर्माण हेतु अनुमति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। (ग) प्रश्नांकित भूमियों शासकीय तालाब भीठे आबादी योग्य भूमि नहीं है एवं राजस्व अभिलेख में उक्त भूमियां भीठा तालाब एवं तालाब दर्ज अभिलेख है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहनों की बकाया राशि वसूली
[परिवहन]
152. ( क्र. 3777 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, सतना, सिंगरौली एवं शहडोल जिले के वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक बस मालिकों, ट्रक मालिकों व अन्य वाहनों के लिए कौन-कौन से टैक्स की वसूली के कितने प्रकरण लंबित हैं? वाहन संख्यावार, राशिवार व जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा जिला व उच्च स्तर पर वसूली हेतु प्रश्न दिनांक तक कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में लंबित राशि वसूली न करने के लिए कौन आधिकारी दोषी है। दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 8 के प्रावधानों अनुसार बकाया कर बस/ट्रक वाहन स्वामियों के विरूद्ध कर वसूली की कार्यवाही सतत एवं निरंतर प्रकृति की होने से कार्यवाही सतत प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
आदिवासी भूमि व भवन पर अवैध अंग्रेजी शराब दुकान हटाने
[राजस्व]
153. ( क्र. 3836 ) श्री शिवनारायण सिंह लल्लू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत तहसील जैतहरी के पटवारी हल्का जैतहरी की भूमि खसरा नंबर 2365 एवं 2367 तथा खसरा नंबर 336 राजस्व अभिलेख में वर्ष 1958-59 में किस भूमि स्वामी के नाम दर्ज है तथा वह किस वर्ग व जाति का है तथा वर्तमान में भूमि किस-किस भूमि स्वामी के नाम दर्ज है वह किस वर्ग व जाति के हैं? (ख) क्या अधिसूचित क्षेत्र अनूपपुर में अनुसूचित जनजाति की भूमि गैर अनुसूचित जनजाति यानि सामान्य वर्ग को क्रय करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) की अवैध हस्तांतरण/नामांतरण पर समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित कर भूमि स्वामी आदिवासी वर्ग को वापस दिलाने या मध्यप्रदेश शासन दर्ज की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) भूमि की खसरा खतौनी व नक्शा वर्ष 1958-59 की स्थित अनुसार उपलब्ध कराएं। प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अवैध नामान्तरण तथा अादिवासी वर्ग के हित में शासन समय-सीमा में कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या कलेक्टर अवैधानिक रूप से काबिज भूमि और भवन पर संचालित शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान जैतहरी हटाकर न्याय की मान्य परंपरा का पालन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के गाइड लाइन स्टेट हाइवे से व मुख्य मार्ग से जनहित में हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम जैतहरी की आराजी खसरा नम्बर 2365 रकवा 0.425 एवं 2367 रकवा 0.287 हे. वर्ष 1958-59 में लंगरा तनय बिहारी कौम गोंड़ (अनुसूचित जनजाति वर्ग) सा. लहरपुर के नाम दर्ज है। वर्तमान में वर्ष 2016-17 में उक्त भूमि निम्नानुसार भूमिस्वामी के नाम दर्ज हैः- (1) ख.नं. 2365 रकवा 0.425 हे. भूपेन्द्र सिंह पिता सुरेष सिंह क्षत्रीय सा. जैतहरी (सामान्य वर्ग) के नाम दर्ज है। (2) ख.नं. 2367/1 रकवा 0.158 हे. भूपेन्द्र सिंह पिता सुरेष सिंह क्षत्रीय सा. जैतहरी (सामान्य वर्ग) के नाम दर्ज है। (3) ख.नं. 2367/2 रकवा 0.129 हे. शासकीय सड़क (पी.डब्ल्यू.डी.) के नाम दर्ज है। इसी प्रकार ख.नं. 336 रकवा 0.14 एकड़ वर्ष 1958-59 में बैठोली तनय टेड़कू कौम बैगा (अनुसूचित जनजाति वर्ग) सा. जैतहरी के नाम दर्ज है। वर्तमान में वर्ष 2016-17 में उक्त भूमि निम्नलिखित व्यक्तियों के नाम अंकित हैः- (1) ख.नं. 336/1क रकवा 0.016 हे. शंकरलाल पिता भोला सोनी (अन्य पिछड़ा वर्ग)। (2) ख.नं. 336/1ख रकवा 0.020 हे. शासकीय सड़क (पी.डब्ल्यू.डी.) के नाम दर्ज है। (3) ख.नं. 336/2 रकवा 0.020 हे. अवधेष पिता मूलचन्द्र अग्रवाल (सामान्य वर्ग) के नाम दर्ज है (ख) जी नहीं। उक्त भूमि खसरा नं. 336 जो 1958-58 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के नाम दर्ज थी, के वर्तमान भूमिस्वामियों के विरूद्ध म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 170 (ख) के तहत अनुविभागीय अधिकारी (रा.) जैतहरी के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक-01/अ-23/2016-17 प्रीतम भरिया बनाम शंकरलाल सोनी वगैरह के नाम कायम कर सुनवाई में लिया गया है। वर्तमान में उक्त प्रकरण अभिलेखीय साक्ष्य हेतु नियत है। इसी प्रकार ख.नं. 2365 एवं 2367 वर्ष 1958-59 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के नाम दर्ज है, जो वर्तमान में गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के नाम से दर्ज है, के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जैतहरी द्वारा प्रकरण क्र. 11/अ-23/2016-17 म.प्र. शासन बनाम भूपेन्द्र सिंह कायम कर सुनवाई में लिया गया है, जो वर्तमान में प्रकरण अनावेदक तलवी हेतु नियत है। (ग) खतौनी वर्ष 1958-59 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क तथा वर्ष 2016-17 की खसरा की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख व नक्शा की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। विधि अनुसार न्यायालयीन कार्यवाही की जा रही है। (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 15.12.2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग/राज्य राजमार्ग के किनारे स्थापित/ संचालित, प्रभावित होने वाली मदिरा दुकानों की अवस्थिति के परिक्षेत्र के पुनर्निर्धारण के निर्देश हैं, किन्तु जैतहरी में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान राष्ट्रीय राजमार्ग/राज्य राजमार्ग के किनारे संचालित नहीं होने से उक्त मदिरा दुकान हटाये जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
फर्जी व अपात्र डॉक्टर पर कानूनी कार्यवाही
[गृह]
154. ( क्र. 3837 ) श्री शिवनारायण सिंह लल्लू भैया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिला अंतर्गत पुलिस थाना जैतहरी के अपात्र डॉक्टर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट पर वर्ष 2016 या 2017 में अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो कथित अपात्र डॉ. का नाम, पिता का नाम, अपराध क्रमांक सहित जानकारी देवें? (ख) क्या कथित अपात्र व फर्जी डॉक्टर न्यायालय से जमानत पर रिहा है? यदि है तो क्या जमानत पर रिहा डॉक्टर द्वारा पुन: जैतहरी सिवनी मार्ग तिराहे पर क्लीनिक खोलकर प्रेक्टिस की जा रही है, यदि हाँ, तो क्या इस पर पुलिस कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सी.एम.ओ. स्वास्थ्य विभाग ने प्रश्नांश (क) आरोपी कथित डॉक्टर के द्वारा संचालित क्लीनिक भी सील कर पंचनामा बनाकर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करायी थी? यदि हाँ, तो किस न्यायालय व सक्षम आदेश से क्लीनिक का सील खोला गया? सक्षम अधिकारी व न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराये तथा सील तोड़ने पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) थाना मुख्यालय से 300 मीटर पर संचालित फर्जी क्लीनिक व डॉक्टर पर कब तक पुन: अपराध पंजीबद्ध कर सख्त कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना जैतहारी में डॉ समीर विश्वास पिता जोगन विश्वास के विरुद्ध अपराध क्रमांक 12/17 धारा 420 भादवि, धारा 18 (सी), औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया था। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित स्थान पर क्लीनिक खोलने की सूचना/शिकायत थाने में प्राप्त नहीं हुई है। उक्त स्थान पर क्लीनिक संचालित नहीं है। (ग) सी.एम.ओ. स्वास्थ्य विभाग की शिकायत एवं पंचनामे के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है, जिसमें क्लीनिक को सीलबंद करने का उल्लेख नहीं है। (घ) वर्तमान में थाने से 300 मीटर दूरी पर कोई फर्जी क्लीनिक संचालित होना नहीं पाया गया।
कृषि भूमियों/भूखण्डों के व्यपवर्तन पर प्रीमियम एवं भू-राजस्व का गलत निर्धारण
[राजस्व]
155. ( क्र. 3861 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कृषि भूमियों/भूखण्डों को विभिन्न प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर प्रीमियम व भू-राजस्व के पुनर्निर्धारण हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-1/2012/सात/शा.6, भोपाल दिनांक 10 जुलाई, 2014 प्रभावशील है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त नियम के नियम 6 एवं 8 में दिये गये प्रावधान अनुसार इस नियम के साथ संलग्न अनुसूची के कालम २ में उल्लेखित प्रयोजनार्थ व्यपवर्तन पर कालम 3 एवं 4 के अनुसार कृषि भूमि के बाजार मूल्य पर प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण एवं इसी अनुसूची के नीचे स्पष्टीकरण 1 में अनुसूची के अनुसार प्रीमियम तथा भू-राजस्व के निर्धारण की गणना हेतु समस्त भूमि को सिंचित कृषि भूमि के रूप में माने जाने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो छिन्दवाड़ा जिले में उक्त जिले में उक्त नियमों में दिये गये प्रावधान अनुसार सिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य के आधार पर कृषि भूमियों/भूखण्डों का प्रीमियम व भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण न करते हुये भूमियों के पंजीयन हेतु निर्धारित कलेक्टर गाईड लाईन दर पर कृषि भूमियों/भूखण्डों का वर्गमीटर में गणना कर प्रीमियम व भू-राजस्व का निर्धारण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकुल है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन छिन्दवाड़ा जिले में उपरोक्तानुसार किये जा रहे गलत निर्धारण का परीक्षण कर अब तक किये गये गलत निर्धारण को सुधार कर पुन: सही निर्धारण करने तथा अंतर की राशि भू-धारकों को वापस करने अथवा आगामी वर्षों में इस राशि को समायोजित करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) छिंदवाड़ा जिले में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित प्रावधान के अनुसार ही सिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य (कलेक्टर गाईड लाईन एवं गाइड लाईन हेतु बने उपबंधो) के आधार पर कृषि भूमियों/भूखण्डों का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है जो नियमानुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पारित आदेश प्रकरण की नकल प्रदाय किया जाना
[राजस्व]
156. ( क्र. 3863 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व प्रकरण क्रमांक 13/अ-6/2005-06 में पारित आदेश दिनांक 29/04/2006 का सत्यप्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु हितबद्ध पक्षकार श्री भजनलाल गाकरने निवासी बिछुआ का आदेश की सत्यप्रतिलिपि प्रदान नहीं की गयी तथा प्रश्नकर्ता को श्री भजनलाल गाकरे निवासी विछुआ से उक्त शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 1602 दिनांक 26/12/2017 प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? क्या संबंधति को सत्यप्रतिलिपि प्रदान की गयी नहीं? यदि तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के हितबद्ध पक्षकार को आदेश की सत्यप्रतिलिपि प्राप्त नहीं होने से अपील प्रस्तुत नहीं कर पा रहा है? यदि हाँ, तो हितबद्ध पक्षकार को किस प्रकार से न्याय प्राप्त हो सकेगा? विधि संगत उपाय बतायें। (ग) क्या शासन उक्त प्रकरण के आदेश की नकल हितबद्ध पक्षकार को प्रदान करने और यदि प्रकरण गुम है और सत्यप्रतिलिपि प्रदान नहीं की जा सकती है तो यह मानकर कि ऐसा कोई आदेश पारित ही नहीं हुआ और अभिलेख पूर्ववत करने का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सौंसर को 28/12/2017 को पत्र प्रेषित किया गया। दिनांक 27/02/2018 को नकल प्रदाय की जा चुकी है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के थानों में महिला पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना
[गृह]
157. ( क्र. 3872 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महिला बलात्कार तथा उत्पीड़न से संबंधित मामलों की एफ.आई.आर. महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ही लिखी जाती है? महिला अधिकारी थानों में पदस्थ न होने पर उक्त एफ.आई.आर. कैसे लिखाई जाती है? (ख) प्रदेश के विभिन्न थानों में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारियों की संख्यात्मक जानकारी जिले अनुसार उपलब्ध करावे। कृपया जहाँ महिला अधिकारी पदस्थ नहीं हैं, उन थानों की जानकारी भी जिले अनुसार दें। (ग) बालाघाट जिले में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारियों की जानकारी उनके नाम सहित दें तथा ऐसे थानों की जानकारी भी दें जहाँ महिला पुलिस अधिकारी नहीं है? (घ) बालाघाट जिले में आवश्यक महिला पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, दण्ड विधि संशोधन अधिनियम 2013 धारा-154 का संशोधन अनुसार महिला बलात्कार तथा उत्पीड़न से संबंधित मामलों की एफ.आई.आर. किसी महिला पुलिस अधिकारी या किसी महिला अधिकारी द्वारा अभिलिखित की जाती है। थानों में महिला अधिकारी की उपलब्धता न होने पर निकटवर्ती थानों से महिला अधिकारी को बुलाकर एफ.आई.आर. लिखाई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) महिला पुलिस अधिकारियों की नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। जिले के प्रत्येक थानों में महिला पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) उपस्थित नहीं होता है।
बचत सह राहत योजना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
158. ( क्र. 3873 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित बचत सह राहत योजना क्या है? योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दें। क्या इस योजना को लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राही का बी.पी.एल. सूची में होना आवश्यक है? (ख) क्या इस योजना के तहत सभी हितग्राहियों से उनके खाते में 1500 रूपये जमा करा लिये गये किंतु शासन की अनुदान राशि 3000 रूपये डालते समय केवल बी.पी.एल. कार्डधारकों को ही अनुदान दिये जाने की बात कही जा रही है? (ग) क्या योजना में पहले बी.पी.एल. होने का बंधन नहीं था तथा उसे बाद में जब राशि जमा हो गयी तब लाया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस वर्ष ए.पी.एल. तथा बी.पी.एल. सभी सदस्यों को योजना का लाभ देगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। बंधन था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्प दंश मृत्यु पर आर्थिक सहायता
[राजस्व]
159. ( क्र. 3885 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती रेबो पत्नी नारायण सिंह बघेल, निवासी मजरा, नन्दापुरा, पंचायत, बामसौली, थाना रामपुरकलां, तहसील सबलगढ़ (मुरैना) की दिनांक 04/10/2017 को सर्प के काटने से मृत्यु हुई थी? (ख) क्या सर्प काटने के बाद मृतिका प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरकलां में उपचार हेतु पहुंची जहा रामपुर अस्पताल की रोगी कल्याण्ध समिति की बुक नं. 58 बाह्य रोगी, क्रमांक 9818 से भर्ती होकर सी.एस.सी. सबलगढ़ (मुरैना) के लिए रैफर बाह्य रोगी क्रमांक 8 बाह्य रोगी क्रमांक 83574 पर भर्ती होकर ग्वालियर जयारोग्य अस्पताल के लिए रैफर किया गया था जहां श्रीमती रेबो की मृत्यु हो गई? (ग) क्या श्रीमती रेबो की मृत्यु की जानकारी तहसील सबलगढ़ को दिये चार माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन मृतक परिवारजनों को शासन की नीति के अनुसार आर्थिक सहायता क्यों? नहीं दी गई है, परिवारजनों को कब तक आर्थिक सहायता दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्रीमती रेबो को सर्प के काटने से मृत्यु होने पर मृतका के वैध वारिसान पति नारायण पुत्र श्यामलाल जाति गडरिया, निवासी मजरा नन्दापुरा बामसोली के स्टेट बैंक सबलगढ़ के बैंक खाता क्रमांक 20439756913 राशि 4,00,000/- (चार लाख मात्र रूपये) आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाकर भुगतान हेतु कोषालय को देयक क्रमांक 249 दिनांक 01.03.2018 के द्वारा मृतका के वैध वारिसान पति श्री नारायण को आर्थिक सहायता प्रदाय की जा चुकी है।
विश्वविद्यालय के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
160. ( क्र. 3895 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.के. जैन कुलसचिव राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को उनकी पदस्थापना अवधि 20 जुलाई, 2015 से प्रश्नाधीन दिनांक तक कुलपतियों द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो संख्या बतावें और पत्रों की प्रति देवें। (ख) क्या विभाग के पत्र क्रमांक 1393/2401/2016 दिनांक 07/12/2016 के द्वारा यू.आई.टी., आर.जी.पी.व्ही., शहडोल के संबंध में कुलसचिव के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-16 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने हेतु 15 दिवस समय दिया गया था? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या कार्यवाही की गई। इस संदर्भ में एस.के. जैन द्वारा क्या जवाब दिया गया हैं। क्या जवाब शासन द्वारा मान्य हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या राज्यपाल के प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक एफ-61-1/16/रा.स./यू.ए./77 दिनांक 28 जनवरी 2017 के बिन्दु 3 में कुल सचिव को प्रथम दृष्टया अधिनियम के प्रावधनों के उल्लंघन के लिये दोषी पाया हैं? यदि हाँ, तो सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक इतने गंभीर आरोपों के बाद भी कुलसचिव को सेवा से बर्खास्त क्यों नहीं किया गया तथा अभी तक ये पद पर क्यों बने हुये हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जी हाँ। कुल 11 पत्र जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री एस.के. जैन द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) विभागीय आदेश दिनांक 23.12.2017 द्वारा श्री एस.के. जैन, कुलसचिव, रागांप्रोवि, भोपाल के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
अन्त्योदय अन्न योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
161. ( क्र. 3896 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अन्त्योदय अन्न योजना के तहत जनवरी, 2018 को प्राथमिकता परिवार की 24 श्रेणी में पात्र परिवार तथा कुल जनसंख्या जिलेवार श्रेणीवार बतावें तथा जनवरी 2018 को प्रत्येक जिले में कितनी मात्रा में खाद्यान्न, नमक, शक्कर तथा केरोसीन वितरण किया गया, यह माह जनवरी 2017 से कितना फीसदी ज्यादा हैं? (ख) सिंहस्थ 2016 में साधु और उनके अनुयायियों को जो राशन वितरित किया गया उसकी खरीदी लागत कितनी थी तथा वितरण से कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि के अंतर को वित्त के किस शीर्ष (मद) में समायोजित किया गया तथा सामग्री का क्रय किस फर्म/ व्यक्ति से किस दर में कितनी मात्रा में किया गया? क्या इस वितरण में गड़बड़ी हुई हैं। (ग) इन्दौर व उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 से 2017 के दौरान कितनी उचित मूल्य की दुकानों की जाँच में गड़बड़ी पाई गई, उनमें से कितनी दुकानों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया? शेष में क्यों नहीं कराया गया क्या रतलाम में 8 दुकानों पर लगभग 10 करोड़ का घोटाला पाया गया? यदि हाँ, तो यह घोटाला किस वर्ष किया गया? (घ) PSO मशीन की कीमत कितनी होती है? प्रदेश में किस-किस एजेंसी द्वारा कितने किराये पर कितने समय के लिए कितनी मशीनें दी हैं? शासन का कम्पनी के साथ किये गए एग्रीमेंट की प्रति उपलब्ध कराएं।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) माह जनवरी, 2018 की स्थिति में श्रेणीवार सम्मिलित पात्र परिवार एवं हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माह जनवरी, 2018 में एवं माह जनवरी, 2017 में वितरित खाद्यान्न, नमक, शक्कर एवं केरोसीन की वितरण मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) सिंहस्थ 2016 में साधु और उनके अनुयायियों को वितरित खाद्यान्न सामग्री की मात्रा, खरीदी लागत एवं वितरण से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। खरीदी एवं वितरण लागत के अंतर की राशि मांग संख्या-71 से की गई। खाद्यान्न का प्रदाय समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न से किया गया है। शक्कर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा खुली निविदा पद्धति से क्रय कर प्रदाय की गई है। सिंहस्थ, 2016 राशन वितरण संबंधी गड़बड़ी प्रकाश में नहीं आई है। (ग) इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 से 2017 तक उचित मूल्य की दुकानों की जाँच में पाई गई अनियमितता एवं उसके संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। रतलाम जिले में 11 दुकानों की जाँच में पाई गई अनियमितता के फलस्वरूप उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है जिसमें रतलाम नगर की 08 दुकानों पर रू. 09.80 करोड़ की अनियमितता प्रतिवेदित की गई है, जो कि वर्ष 2014 से 2018 तक की है। (घ) विभाग द्वारा पी.ओ.एस. मशीन क्रय न करने के कारण मशीन की लागत बताई जाना संभव नहीं है। उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल टेक्नॉलाजीस प्राईवेट लिमिटेड द्वारा 13362 मशीने एवं मेसर्स लिंकवेल टेली सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 9155 मशीने BOO (Build-Own-Operate) मॉडल के तहत 05 वर्ष की अवधि के लिये लगाई गई है। मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डव्हलपमेन्ट कार्पोरेशन द्वारा सेवा प्रदाता से किए गए अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
भोपाल में अपराधों की वृद्धि होना
[गृह]
162. ( क्र. 3903 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल पुलिस अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होने तथा अधिकांश सहायक निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक तक कई वर्षों से भोपाल में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थ होने से अपराधियों से सीधे सांठ-गांठ होने के कारण अपराधों में वृद्धि हो रही है? यदि नहीं, तो सहायक निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक तक कौन-कौन से अधिकारी की कब-कब से कुल कितनी-कितनी सेवावधि भोपाल में हो चुकी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने-कितने हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, लूट, चोरी, गोली चालान, फरार अरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाना, ठगी, अडीबाजी आदि के अपराध घटित हुए? यदि हाँ, तो थानेवार, अपराधवार वर्षवार अपराधों में वृद्धि के क्या कारण है तथा अपराधों पर नियंत्रण हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? (ग) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल जिले में महिला/नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार व सामूहिक बलात्कार, अपहरण व गुम होने की घटनाएं घटित होकर पंजीबद्ध हैं वर्षवार यह भी बतावें कि वर्ष 2017 में 12 वर्ष से कम आयु की नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए बलात्कारियों के विरूद्ध फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो प्रावधान लागू किए जाने के पश्चात भोपाल जिले में बलात्कार की घटना/प्रकरण पंजीबद्ध किए गए तथा बालिग महिलाओं के साथ बलात्कार करने वालों के विरूद्ध सख्त व त्वरित कार्यवाही किए जाने हेतु क्या नियम लागू किए गए है? यदि नहीं, तो कब तक लागू किए जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल की यातायात व्यवस्था में सुधार
[गृह]
163. ( क्र. 3904 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर विशेषकर पुराने भोपाल के विभिन्न मार्गों पर वन-वे नियमों का पालन नहीं किए जाने तथा अव्यवस्था के कारण अधिकांश मार्गों का अधिकतर यातायात अवरूद्ध रहने संबंधी कई बार जिला योजना समिति की बैठक में जनहित को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित अधिकारियों को यातायात सुगम बनाने की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या यातायात व्यवस्था में लगे बल भोपाल के किस-किस थाने में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस स्तर के कितने-कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा संसाधनों की कब-कब से कमी है तथा उसकी पूर्ति कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल के किस-किस मार्ग पर कब-कब सड़क दुर्घटनाएं हुई और उसमें कितना जान व अनुमानित माली नुकसान हुआ है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। कमी बल की पूर्ति भर्ती एवं स्थानान्तरण से की जाती है जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। उपलब्ध संसाधनों से भोपाल यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है एवं समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट अनुसार संसाधनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
उज्जवला योजना में गैस वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
164. ( क्र. 3915 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को केन्द्र सरकार की उज्जवला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन बांटे जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने हितग्राहियों को कितनी राशि लेकर गैस कनेक्शन बांटे गये हैं एवं कितने शेष हैं? (ग) उज्जवला योजनांतर्गत किन-किन ग्रामों के कितने हितग्राही पात्रता रखते हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें? (घ) शेष गैस कनेक्शन कब तक बांटे जावेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों को ही गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। (ख) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत 13,488 हितग्राहियों को गैस कनेक्शन का वितरण किया गया है। जिसमें हितग्राही से गैस चूल्हा की राशि रूपये 990 एवं रिफिल सिलेंडर की राशि ली जाती है। गैस कनेक्शन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की ग्रामवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 34,625 हितग्राहियों के आवेदन प्रक्रियाधीन है। (ग) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रातंर्गत सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत वंचित श्रेणी के 34,625 हितग्राही गैस कनेक्शन हेतु शेष हैं। प्राप्त आवेदन एवं नए प्राप्त होने वाले आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर एलपीजी कनेक्शन जारी किए जाते हैं। इस कारण शेष रहे हितग्राहियों में से कितने हितग्राही गैस कनेक्शन की पात्रता रखते हैं, की संख्या बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) यह एक निरंतर प्रक्रिया है एवं प्राप्त आवेदन एवं नए प्राप्त होने वाले आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर एलपीजी कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने के संबंध में
[राजस्व]
165. ( क्र. 3956 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के ग्राम लुहरगुवां में उवेर, पडाव गोचर एवं खेल मैदान की शासकीय भूमि पर किन-किन लोगों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है? (ख) जिन लोगों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है, उन लोगों के विरूद्ध शासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? अतिक्रमण की शिकायत किन-किन लोगों के द्वारा की गई नामवार बतावें। शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सरपंच पति के द्वारा भी अतिक्रमण किया गया है, यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर? रकबा बतावें। (घ) जिन लोगों के द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है वह भूमि कब तक अतिक्रमण से मुक्त करा ली जायेगी? अवैध अतिक्रमण धारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? अगर हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान क्षेत्र पृथ्वीपुर के ग्राम लुहरगुवां की शासकीय भूमि उबेर, पडाव गोचर एवं खेल के मैदान की भूमि की स्थल जाँच कराई गई। उबेर भूमि ख.न. 704/1 के रकवा 0.200 हे., पड़ाव भूमि ख.न. 708 रकवा 0.101 हे. तथा खेल मैदान की भूमि ख0नं0707 रकवा 1.189 हे. पर विजय सिंह तनय हरदेव सिंह ठाकुर निवासी लुहरगुवां का अवैध कब्जा पाया गया। शेष भूमि उबेर ख.न. 153,894, गोचर भूमि ख.नं. 704/2 अतिक्रमण से मुक्त है। (ख) प्र.क्र.26/अ-68/2017-18 दर्ज कर 15000 रूपये की अर्थदण्ड राशि आरोपित कर सिविल जेल की कार्यवाही प्रस्तावित की गई। शिकायत करने वाले व्यक्ति मातादीन नायक, चतुर्भुज नायक, सुरेश, स्वरूप सिंह बुंदेला निवासी लुहरगुवां हैं। (ग) सरपंच पति विजय सिंह तनय हरदेव सिंह ठाकुर द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण का रकवा 1.490 हे. है। (घ) अवैध कब्जाधारियों से शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मोहनगढ़ तहसील में ई.रजिस्टरी की सुविधा
[राजस्व]
166. ( क्र. 3957 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ में मोहनगढ़ से तहसील चालू है? अगर हां, तो कब से संचालित है? क्या उसमें तहसील स्तर की सभी सुविधायें किसानों को मिल रही हैं, जो अन्य तहसीलों में मिल रही है? (ख) क्या मोहनगढ़ में ई-रजिस्ट्री, स्टाम्प शपथ पत्र जैसी अन्य सुविधाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी सभी सुविधायें कब तक किसानों को मिलना शुरू हो जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कार्यालय तहसील मोहनगढ़ जिला टीकमगढ़ 20.08.2009 से प्रारंभ है। जी हाँ। तहसील स्तर की राजस्व विभाग की सभी सुविधाएं मिल रही है। (ख) तहसील मोहनगढ में वर्तमान में उप पंजीयक कार्यालय स्वीकृत न होने से रजिस्ट्री स्टाम्प शपथ पत्र जैसी अन्य सुविधाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। विभाग में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण परिवारों को दिये गये पट्टों की जानकारी
[राजस्व]
167. ( क्र. 3967 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं ग्वालियर संभाग में 1 जनवरी, 2015 के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गये हैं? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने भूमिहीन परिवारों को कृषि के लिये भूमि के पट्टे दिये गये हैं? जिलावार संख्या बतायें। (ग) 1 जनवरी, 2018 की स्थिति प्रश्नांश (क) वर्णित संभागों में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कितने परिवार भूमिहीन हैं। जिलावार संख्या बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित संभागों में कितने भूमि स्वामी ऐसे हैं, जिनके पास पट्टे की कृषि भूमि है? जिलेवार संख्या बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 1 जनवरी, 2015 के बाद प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग में 128977 परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गये है संभाग अंतर्गत जिला भोपाल में 9040, जिला सिहोर में 56320 जिला रायसेन में 27588, जिला राजगढ़ में 31297 एवं जिला विदिशा में 4732 परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गये है ग्वालियर संभाग में 114114 परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गये है। संभाग अंतर्गत जिला ग्वालियर में 7309, जिला गुना में 30945 जिला शिवपुरी में 65243, जिला अशोकनगर में 1886 एवं जिला दतिया में 8731 परिवारों को आवासीय पट्टे दिये गये है। (ख) भोपाल एवं ग्वालियर संभाग में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक को कृषि भूमि के पट्टे नहीं दिये गये है। (ग) भोपाल संभाग में 1 जनवरी, 2018 में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कुल 45049 परिवार भूमिहीन है। संभाग अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले जिला भोपाल में 405, जिला सीहोर में 16097 जिला रायसेन में 28547 एवं ग्वालियर संभाग में संभाग अंतर्गत जिला ग्वालियर में 7057, जिला गुना में 2408 जिला शिवपुरी में 1800, परिवार भूमि हीन है। जिला अशोकनगर एवं जिला दतिया की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) भोपाल संभाग में कुल 58325 भूमि स्वामी के पास पट्टे की कषि भूमि है। संभाग अंतर्गत जिला भोपाल में 2060, जिला सिहोर में 12350 जिला रायसेन में 7161, जिला राजगढ़ में 20518 एवं जिला विदिशा में 16236 भूमि स्वामी के पास पट्टे कि कृषि भूमि है। ग्वालियर संभाग अंतर्गत जिला ग्वालियर में 6178, जिला गुना में 29403 जिला शिवपुरी में 33372, जिला अशोकनगर में 10921 एवं जिला दतिया में 4653 भूमि स्वामी के पास पट्टे कि कृषि भूमि है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न पर्ची की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
168. ( क्र. 3973 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितने परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा की पर्ची दी गई हैं? जिलेवार कुल परिवार एवं खाद्यान्न सुरक्षा से लाभांवित परिवारों की ग्वालियर, भोपाल और उज्जैन संभागों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवार अपात्र होने से हटाये गये और कितने परिवार पात्र पाये जाने पर जोड़े गये? जिलावार बतायें। अपात्रों को राशन देने के लिये कौन दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) स्वेच्छा से खाद्यान्न पर्ची से कितने परिवारों ने नाम कटवायें हैं? जिलावार बतायें। (घ) खाद्यान्न सुरक्षा की पर्ची से खाद्यान्न लेने वाले कुल परिवारों में से कितने परिवार ए.पी.एल. (गरीबी रेखा से ऊपर) वाले हैं? जिलावार बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश के 116.39 लाख सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक विलोपित किए गए अपात्र परिवार, नवीन सम्मिलित परिवार एवं अपात्र परिवारों को राशन वितरण करने वाले दोषियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 25 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार श्रेणी अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। पात्र परिवार श्रेणी में ए.पी.एल. परिवार सम्मिलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बेरोजगार युवाओं की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
169. ( क्र. 3974 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी, 2018 की स्थिति में कितने बेरोजगार युवा रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत हैं? जिलेवार एवं अनु.जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्गवार बतायें। (ख) प्रदेश में कितने बेरोजगार युवा रोजगार कार्यालय में पंजीकृत हैं? कितने युवाओं को 1 जनवरी, 2014 से अब तक रोजगार उपलब्ध कराया गया हैं। (ग) प्रदेश में कितने जिलों में रोजगार कार्यालय बंद किये जा रहे हैं? इन जिलों में क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी। कितने जिलों में रोजगार कार्यालय पी.पी.पी. मोड पर किन शर्तों पर खोले जा रहे हैं? (घ) प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की क्या नीति हैं? भविष्य में रोजगार देने की क्या योजनाएं हैं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक कैलाश जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2/3 अनुसार है। (ग) प्रदेश में 36 जिलों में रोजगार कार्यालय बंद किये जा रहे है। इन जिलों में युवा सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत जिला मिशन ईकाई की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में संचालित 15 जिलों के रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन प्लेसमेंट सेंटर के रूप 10 वर्षों के अनुबंध पर बी.ओ.टी. आधार पर किया जा रहा है। (घ) प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने के लिये शासन द्वारा रोजगार कार्यालय प्लेसमेंट सेन्टर के रूप में उन्नयन एवं आधुनिकीकरण जननिजी भागीदारी (पी.पी.पी.) के माध्यम से कर निर्धारित लक्ष्यानुसार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए कार्य आदेश जारी किया गया है।
हाई स्कूल हेतु भूमि का नामांतरण
[राजस्व]
170. ( क्र. 3986 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की रीठी तहसील के ग्राम गोदाना स्थित भूमि ख.नं.1303 रकबा 0.43 हेक्टेयर पर शासकीय हाई स्कूल गोदाना का भवन एवं खेल मैदान संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित शासकीय भूमि का हाईस्कूल गोदाना (शिक्षा विभाग) के नाम पर नामांतरण हेतु प्राचार्य हाई स्कूल गोदाना द्वारा तहसील कार्यालय में कब-कब पत्र प्रस्तुत किये गये? तिथिवार, पत्रवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रेषित पत्रों में विभाग द्वारा कब, क्या कार्यवाही की गई वर्ष 2010 से अब तक स्कूल के नाम पर भूमि का नामांतरण न होने का क्या कारण है? क्या शासकीय भूमि के नामांतरण हेतु व्यक्ति विशेष/विभाग द्वारा कोई आपत्ति ली गई? यदि हाँ, तो विवरण दें? अब तक नामांतरण न होने के लिये कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 3108 दिनांक 18.02.16 एवं म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक आर 710/754/2017/सात/शा-6 दिनांक 29.06.17 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार, पृथक-पृथक विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राचार्य हाई स्कूल गोदाना द्वारा पत्र क्र. 584 दिनांक 1.12.2017, पत्र क्र. 567 दिनांक 11.8.2017 एवं पत्र क्र. 598 दिनांक 28.3.2017 को पत्र प्रेषित किये गये हैं। (ग) भूमि शिक्षा विभाग को आवंटित नहीं होने से नामांतरण नहीं किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा पत्र क्र. आर 710/754/2017/सात-6 दिनांक 29.6.2017 को पत्र प्रेषित किया गया। कॉलम 12 में प्रविष्टि की गई है।
ग्रेसिम उद्योग नागदा के विरूद्ध दर्ज प्रकरण
[श्रम]
171. ( क्र. 3990 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, श्रम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम उद्योग नागदा जंक्शन के विरूद्ध कौन-कौन से प्रकरण कहाँ-कहाँ चल रहे हैं? (ख) इनमें विगत 1 वर्ष में कितनी तारीखें लगी? इनमें दोनों पक्षों से वकील/अधिकारी की उपस्थिति/ अनुपस्थिति देवें? (ग) सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति देवें?
राज्यमंत्री, श्रम ( श्री बालकृष्ण पाटीदार ) : (क) ग्रेसिम उद्योग नागदा जंक्शन के विरूद्ध श्रम कानूनों में प्रचलित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पक्षों में न्यायालय में उपस्थिति आदि संबंधी जानकारी न्यायालयीन रिकार्ड से संबंधित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
172. ( क्र. 3994 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न पर्ची वितरण नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्न दिनांक तक इसके कितने आवेदन लंबित हैं? (ग) कब तक पर्ची वितरण कर दिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 57,021 वैध पात्रता पर्चीधारी है। बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/ जनजाति के वर्ष 2017-18 में नवीन सत्यापित 868 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए हितग्राहियों की अधिकतम सीमा निर्धारित है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत न होने के कारण शेष आवेदकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। दिनांक 01 मई, 2017 की स्थिति में सदस्यों की संख्या के विरूद्ध विलोपन योग्य सदस्यों को पोर्टल पर विलोपित किया जाकर, उतनी ही संख्या के नवीन सत्यापित सदस्यों को सम्मिलित किया जा रहा है। हितग्राही सीमा के अंतर्गत आनेवाले पात्रता पर्ची हेतु 752 आवेदन लंबित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
जारी जाति प्रमाण-पत्र
[राजस्व]
173. ( क्र. 3997 ) श्री कमलेश शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्र.क्र. 4649 दिनांक 06.03.17 में यह जानकारी दी गई थी कि दिनांक 28.07.2005 को जाति प्रमाण-पत्र क्र. 2042/बी/121/04-05 एवं 2042/बी/121/04-05 जारी नहीं किए गए हैं? (ख) दिनांक 28.07.2005 को हुजूर तहसील भोपाल द्वारा अनु. जनजाति के कितने जाति प्रमाण-पत्र जारी किए गए है? सभी का विवरण देवें। (ग) क्या सुषमा कुमरे द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त कर ली है? इस संबंध में कोई शिकायत जिला प्रशासन/शासन को प्राप्त हुई है? (घ) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। दिनांक 28.07.2005 को अनु. जनजाति का कोई प्रमाण-पत्र जारी नहीं हुये है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अवैध कब्जे पर कार्यवाही
[गृह]
174. ( क्र. 4003 ) श्री रमेश पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09/02/17 को थाना प्रभारी कोलार थाना भोपाल को श्री राजेश एवं योगेश गोयल द्वारा दिए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? आवेदन की छायाप्रति भी देवें। (ख) क्या आवेदक की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) कब तक इसे मुक्त करा लिया जाकर ऐसा कृत्य करने वालों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) श्री राजेश एवं योगेश गोयल द्वारा दिये गये आवेदन पर जाँच की गई। जाँच में पाया गया कि आवेदकगंण द्वारा मंदाकनी कालोनी भोपाल में प्लाट नम्बर 46, 15 जनवरी 2014 में खरीदा गया था। इस प्लाट पर किसी अन्य द्वारा किसी प्रकार को कोई कब्जा करना नहीं पाया गया। आवेदन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवेदकगण की भूमि पर उनका कब्जा है। किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा भूमि पर कोई अवैध कब्जा करना नहीं पाया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य दुकानों में गबन पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
175. ( क्र. 4008 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर तथा उज्जैन संभाग में जनवरी 2015 में उचित मूल्य की कितनी दुकानें थी व 2018 में कितनी हैं? जिलेवार जानकारी हितग्राही संख्या सहित देवें। (ख) रतलाम में 13 जनवरी, 2017 को जिन 8 उचित मूल्य की दुकाने पर गबन का प्रकरण दर्ज किया गया उन दुकानों की समितियों के सदस्यों के नाम, पिता/पति का नाम, पता सहित सूची देवें? बतावें कि जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक इनके द्वारा कितने पात्र परिवारों को कितनी सामग्री दी गई? सामग्री नाम मात्रा, परिवार संख्या सहित माहवार पृथक-पृथक दुकानों के संदर्भ में दें? (ग) इसकी जाँच के क्या बिन्दु रहे, उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? गबन राशि की वसूली के लिए क्या कदम उठाए गये? यदि नहीं, तो क्यों? जाँच प्रतिवेदन का विवरण भी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित दिनांक को रतलाम में गबन का कोई प्रकरण दर्ज नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़वानी-खरगोन-धार जिलों में सामग्री खरीदी
[पशुपालन]
176. ( क्र. 4009 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1730, दिनांक 29-11-17 को (ख) उत्तर में वर्णित बड़वानी, खरगोन, धार जिलों में जो सामग्री क्रय दर्शायी गयी है उनके बिलों की छायाप्रति फर्मवार वर्षवार, जिलावार देवें। इनके भुगतान के T.D.S. कटौत्रे की जानकारी भी इसी अनुसार प्रति भुगतानवार देवें। (ख) उपरोक्त प्रश्नानुसार अवधि में इन जिलों में शासन से जो सामग्री प्राप्त हुई उसकी जानकारी छायाप्रति सहित वर्षवार देवें। (ग) दिनांक 01-01-15 से 31-01-18 तक बड़वानी, खरगोन व धार जिला मुख्यालयों द्वारा अधीनस्थ जिन-जिन संस्थाओं को दवा सामग्री दी गई के इंडेन की छायाप्रति वर्षवार देवें। (घ) क्या बिना T.D.S. कटौत्रे के भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित प्रश्नांश (क) अनुसार जिलावार देवें। इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।