मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी, 2024 सत्र
बुधवार, दिनांक 14 फरवरी, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नल-जल
योजनाओं के
कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 1783 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जल जीवन मिशन में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं कब-कब स्वीकृत की गई है? किन-किन नल-जल योजनाओं का प्रारंभ कब-कब किया गया है? पूर्ण एवं अपूर्ण की स्थिति बतायें। (ख) किन-किन योजनाओं की कार्य अवधि पूर्ण होने के बाद भी कार्य अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो क्या उन ठेकेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या ग्राम रजेगांव एवं आलेझरी में नल-जल योजना स्वीकृत है? यदि हाँ, तो क्या विगत 2 वर्षों से इन योजनाओं का कार्य बंद है? क्या कार्य अवधि समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यह योजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, ग्राम रजेगांव एवं आलेझरी में जल जीवन मिशन अंतर्गत कमशः रेट्रोफिटिंग एवं नवीन नल-जल योजना स्वीकृत है। ग्राम रजेगांव तथा आलेझरी में ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण करने की नियत कार्य अवधि समाप्त हो चुकी है, ग्राम रजेगांव की नल-जल योजना लगभग पूर्ण है एवं ट्रायलरन प्रारंभ है, कार्य पूर्ण होने के उपरांत अंतिम देयक निराकरण के समय विलंब के लिये ठेकेदार के उत्तरदायी पाये जाने की स्थिति में अनुबंध की शर्तों के प्रावधान अनुसार नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। ग्राम आलेझरी की नल-जल योजना लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण है। ग्राम पंचायत द्वारा विद्युत कनेक्शन हेतु सहमति दिया जाना शेष है, संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, योजनाओं के पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
जल-जीवन मिशन अंतर्गत खराब हुई सड़कों की दुरूस्ती
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 1700 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में जल जीवन मिशन अंतर्गत किन-किन ग्रामों एवं शहरी क्षेत्र में कार्य प्रश्न दिनांक तक किस फर्म/कम्पनी/ठेकेदार द्वारा किये गए हैं? प्राक्कलन लागत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या जिन ग्रामों में पानी की टंकिया बनाई हैं, पाइप लाइन बिछाई गई हैं, वहां सी.सी. रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है? (ग) क्या लाखों रुपए की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सी.सी. रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? संचालित कार्यों का निरीक्षण कब-कब स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किस पैमाने के आधार पर किया गया है? यदि सी.सी. रोड नहीं सुधरे तो क्या निर्देश नोटिस दिए गए हैं? (घ) जिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य पूर्ण होकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है, वहां की पंचायत की सहमति, हैंडओवर करने संबंधी जानकारी देवें और संचालित योजनाओं के मेंटेनेंस का कार्य कब तक किसके द्वारा किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य नहीं किया जाता है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों में पाइप लाइन के बिछाने एवं जोड़ने में आवश्यकतानुसार खोदी गई सी.सी. सडकों को पाइप लाइन की टेस्टिंग के उपरांत पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में कर दिया जाता है। (ग) जी नहीं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है।
पेसा एक्ट अधिनियम के अधिकार
[जनजातीय कार्य]
3. ( *क्र. 1402 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेसा एक्ट अधिनियम के तहत विशेष अधिकार दिए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकार दिए गए है? पेसा एक्ट अधिनियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट के अधिकारों का लाभ हुआ है? यदि हाँ, तो क्या-क्या लाभ हुए?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेसा ऐक्ट के तहत मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 अधिसूचित कर विशेष अधिकार दिये गये हैं। (ख) समुदाय, परंपराओं और रूढ़िओं के अनुसार ग्राम सभा के गठन, पारंपरिक पद्धति से ग्राम के विवाद का कार्य तथा ग्राम में शांति बनाये रखने की दिशा में कार्य, कृषि की योजना बनाने, भू-अर्जन के पूर्व परामर्श, कपट द्वारा अंतरिम आदिम जनजाति की भूमि की वापसी, जल संसाधनों एवं लघु जल संभर की योजना और प्रबंधन, खान और खनिज संबंधी, मादक पदार्थ नियंत्रण, श्रम शक्ति की योजना बनाने, गौण वनोपज, साहुकारी, हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राहियों का चिन्हांकन एवं चयन आदि के अधिकार दिये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। 180 नवीन ग्राम सभाओं एवं 11507 शांति एवं विवाद निवारण समितियों का गठन किया गया है। 20512 सहयोगिनी मातृ समितियों का गठन किया गया है। शराब की 211 नवीन दुकानों के प्रस्ताव ग्राम सभा द्वारा अस्वीकार किये गये हैं। 04 प्रकरणों में अनुसूचित जनजाति की भूमि जो गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को अंतरित की गई थी, ग्राम सभा के द्वारा वापस प्रदाय की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अनियमित पेड़ों की कटाई के साथ गुणवत्ताविहीन कार्य कराने वालों पर कार्यवाही
[वन]
4. ( *क्र. 1954 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में कितनी प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित हैं, इनके द्वारा विगत 02 वर्षों से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितने-कितने कार्य कब-कब, मदों, कितनी-कितनी लागत से कराए गये, का विवरण देवें, यह राशियां किन-किन मदों से कब-कब प्राप्त हुईं? मदवार, समितिवार, कार्यवार बतावें। कार्य की भौतिक स्थितियां क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विगत 02 वर्षों में कराये गये कार्यों के भुगतान कब-कब, किन-किन के द्वारा कितनी राशि के किये गये का विवरण प्रश्नांश के समितिवार समय अनुसार देवें। इन कार्यों का सत्यापन कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया, जांच के दौरान केवल शासकीय वाहन/किराये पर लिये गये वाहनों का क्रमांक व लॉगबुक की प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में वन समितियों के द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी के कार्य प्रश्नांश (क) के अवधि अनुसार की गई का विवरण समितिवार देवें? तेंदूपत्ता खरीदी मद से प्राप्त बोनस की राशि का उपयोग कब-कब कहां-कहां किया गया? समितिवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में शहडोल जिले के संजय टाईगर रिजर्व वन परिक्षेत्र बफर जोन ब्यौहारी अंतर्गत बीर कोयलारी में लगभग 250 हेक्टयर का पत्ता एवं अन्य फलदार पेड़ों को काटकर चारागाह बनाया जा रहा है, जिसमें लगभग 10,000 तेंदूपत्ता एवं अन्य पेड़ काटे गये, इसकी अनुमति कब किसके द्वारा दी गई? आदेश की प्रति देते हुये, इन अवैधानिक पेड़ों की कटाई के लिये कौन जिम्मेदार है, इसके बगल से लगे हुये अनूसूचित जाति एवं जनजाति के लोग तेंदूपत्ता तोड़कर अपना व परिवार का भरण पोषण करते हैं, इस पर क्या कार्यवाही के आदेश देंगे? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे, अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) शहडोल जिले में 5 एवं रीवा जिले में 21 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां संचालित हैं। विगत 02 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों एवं लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। वाहनों की लॉगबुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है। (ग) तेन्दूपत्ता संग्रहण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में है। वर्ष 2022 के बोनस की राशि का वितरण संग्राहकों को किया गया है। समितिवार बोनस वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 में है। वर्ष 2022 की शेष समितियों के बोनस वितरण क्रेता से समस्त राशि प्राप्त न होने के कारण नहीं की गई है। वर्ष 2023 के बोनस की राशि की गणना वित्तीय वर्ष 2023-24 समाप्त होने के पश्चात् किया जावेगा। (घ) संजय टाइगर रिजर्व वन परिक्षेत्र ब्यौहारी बफर अंतर्गत बीट कोयलारी में 90 है, बफर क्षेत्र में चारागाह विकास किया गया है, जिसमें 20 से.मी. गोलाई तक के अनुपयोगी प्रजाति के अग्र पौधों को उखाड़ा गया है तथा उच्च गुणवत्ता का तेन्दू प्राप्त करने के लिए तेन्दू के ढूठों की ड्रेसिंग तथा कट बैंक करने का कार्य भारत सरकार द्वारा अनुमोदित बाघ संरक्षण योजना (Tiger Conservation Plan) में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है। कोई भी फलदार पेड़ को नहीं काटा गया है। सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदाय कार्य की स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 में है। चारागाह कार्य से लगे हुए वन क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को उच्च गुणवत्ता का तेन्दू पत्ता, वनोपज एवं चारा आजीविका हेतु प्राप्त होगी। किसी भी प्रकार की अवैधानिक कार्यवाही न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के तारतम्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक वन अधिकार पत्र
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 408 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला वनाधिकार समिति बैतूल ने अपनी बैठक दिनांक 04.7.2020 एवं दिनांक 08.3.2022 में किस-किस की उपस्थिति में भोपाली क्षेत्र ग्राम पंचायत मोवाड़ से संबंधित कितने-कितने रकबे के सामुदायिक वन अधिकार पत्र मान्य किये। (ख) भोपाली ग्रामसभा ने अपनी किस दिनांक की बैठक में कितने रकबे का सामुदायिक वन अधिकार स्वीकार किया, ग्रामसभा की सहमति या अनुमति या प्रस्ताव के बिना ही दिनाँक 8.3.2022 की बैठक में रकबे में कितनी-कितनी कमी किस-किस की आपत्त्ति के आधार पर की गई? (ग) दिनांक 04.07.2020 की बैठक में मान्य सामुदायिक अधिकार के रकबे को दिनांक 08.3.2022 की बैठक में कम किए जाने का अधिकार उपखण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति को वन अधिकार कानून 2006, नियम 2008, नियम 2012 की किस धारा या नियम में दिया है? प्रति सहित बतावें। (घ) ग्रामसभा के प्रस्ताव के बिना सामुदायिक अधिकार के रकबे को कम किए जाने पर राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने किस दिनाँक को क्या निर्णय लिया? राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति किस दिनांक को बैठक कर विचार करेगी, निर्णय लेगी।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जिला वनाधिकार समिति बैतूल की बैठक दिनांक 04.07.2020 में उपखण्ड स्तर समिति बैतूल द्वारा प्रस्तुत दो सामुदायिक दावों के अंतिम विनिश्चय (अनुमोदन) हेतु ग्राम पंचायत मोबाड़ के ग्राम भोपाली के पूजा स्थल के प्राप्त (1) कालाबाबा एवं अन्य पूजा स्थल 1.352 हेक्टेयर (2) अम्बा मां भूरा भगत पूजा स्थल 2.050 हेक्टेयर प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर, वन अधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिला वन अधिकार समिति बैतूल की बैठक दिनांक 08.03.2022 में ग्राम पंचायत मोबाड़ के ग्राम भोपाली के कालाबाबा एवं अन्य पूजा स्थल हेतु आर.एफ. 506, 503 के रकबा 0.310 हेक्टेयर एवं अम्बा मां भूरा भगत एवं अन्य देव स्थल हेतु आर.एफ. 506 के रकबा 0.270 हेक्टेयर के सामुदायिक अधिकार जारी किये जाने संबंधी निर्णय लिया गया। जिला वनाधिकार समिति बैतूल की बैठक दिनांक 04.07.2020 एवं बैठक दिनांक 08.03.2022 में उपस्थित एवं बैठक के कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) भोपाली ग्रामसभा की बैठक दिनांक 04.10.2019 में कालाबाबा एवं अन्य पूजा स्थल हेतु 1.352 हेक्टेयर तथा अम्बा मां भूरा भगत पूजा स्थल हेतु 2.050 हेक्टेयर रकबे के सामुदायिक दावे को मान्य करने का संकल्प पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। ग्रामसभा से प्रस्ताव के आधार पर उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा प्रस्ताव पारित कर जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को प्रस्ताव प्रेषित किया गया, जिस पर जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा बैठक दिनांक 04.07.2020 में प्राप्त प्रस्ताव के प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर प्रस्ताव पारित किया गया, जिस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया एवं वनमंडलाधिकार उत्तर वनमंडल बैतूल द्वारा प्रस्ताव पर जी.पी.एस. रीडिंग का न होना एवं के.एम.एल. फाईल बनाने पर रकबे में अन्तर होने की त्रुटि दर्शायी जाकर सुधार हेतु प्रकरण मूलत: वापस किये गये। पुन: उपखण्ड स्तर से प्रकरण में कमी पूर्ति होकर प्राप्त होने पर वनमंडलाधिकारी उत्तर बैतूल को परीक्षण हेतु प्रकरण भेजे गये। उपरान्त जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा सुधार किये गये रकबे के अनुसार दिनांक 08.03.2022 की बैठक में दावे मान्य किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 की धारा 6 (6) के तहत वन अधिकारों के अभिलेख पर जिला स्तर की समिति का विनिश्चय अंतिम और आबद्ध कर होगा का उल्लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है एवं संशोधन नियम 2012 के नियम 10 (10) के अनुसार किसी रैंक का व्यष्टिक अधिकारी वन अधिकारों पर किसी दावे को लेने या नामंजूर करने, उपांतरित करने या विनिश्चय करने के लिये सशक्त होगा का उल्लेख किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार जिला स्तर की समिति का विनिश्चय अंतिम और आबद्धकारी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजोद एवं रिंगनोद समूह पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( *क्र. 1681 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजोद समूह जल पेयजल योजना की कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया गया? यदि हाँ, तो कब किया गया? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्य अनुबंध अनुसार हुआ या नहीं। सामग्री गुणवत्ता अनुसार लग रही है, इसका परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया? उसका नाम, पद देवें। अभी तक किए गए परीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र 99/2023, दिनांक 26.2.2023 पर क्या कार्यवाही की गई? ग्राम पंचायत लाबरिया के गंगातलई, जुलवानिया, नन्दलई के शकरपुरा, सलवा के छीतरीपाड़ा, लालगढ़, कुण्डालपाड़ा योजना में सम्मिलित थे, किन्तु प्रश्न दिनांक तक उक्त बसाहट में नल कनेक्शन दिया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो उक्त बसाहट में जल वितरण हेतु क्या किया जायेगा? (घ) सरदारपुर विधानसभा में कितने ग्राम एवं बसाहट नल-जल योजना से वंचित हैं? उसकी सूची देवें। नल-जल योजना से वंचित ग्रामों एवं बसाहटों में नल-जल योजना के लिए क्या योजना है? (ड.) रिंगनोद समूह जल पेयजल योजना का कितना कार्य पूर्ण किया गया, कितना कार्य अपूर्ण है? कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। जी नहीं। वर्तमान में योजना के कार्य प्रगतिरत हैं, कार्य पूर्ण होने के उपरांत अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) कार्य अनुबंधानुसार हुआ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) कार्यवाही बावत् महाप्रबंधक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई इंदौर के पत्र क्रमांक 1368, दिनांक 13.04.2023 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड-सरदारपुर (जिनको पत्र संबोधित है) को अवगत कराया गया है। जल जीवन मिशन की दिशा निर्देशानुसार सर्वेक्षण कर योजना से आच्छादन करने हेतु आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पाइप लाइन बिछाकर घरेलू कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में नल-जल प्रदाय योजना से वंचित 07 ग्रामों (कुल 28 बसाहटें) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। इन 07 ग्रामों के लिए नल-जल योजना की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) रिंगनोद समूह जल प्रदाय योजना का 56.07 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है, 43.93 प्रतिशत कार्य अपूर्ण है, फर्म के मुख्य ठेकेदार की मृत्यु हो जाने के कारण फर्म कार्य करने में असमर्थ है। शेष कार्य हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सामूहिक नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 1756 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद इंदिरा सागर सामूहिक नल-जल योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? हाँ तो स्वीकृति आदेश की जानकारी दें। क्या योजना की कार्य एजेंसी तय कि जा चुकी है? हाँ तो एजेंसी की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कार्य प्रारंभ किया जा चुका है? हाँ तो विधानसभा क्षेत्र कसरावद के कितनी ग्राम पंचायतों के ग्रामों को शामिल किया गया है? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष बचे ग्रामों के लिए कोई पृथक योजना बनाई गई है? अगर हाँ तो विवरण दें। नहीं तो क्या पृथक से कोई योजना बनाई जावेगी? (घ) निमरानी-2 सामूहिक नल-जल योजना का अनुबंध सीमा में कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? अगर नहीं तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, इंदिरासागर-2 समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 575.30 करोड़ की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक-एफ 16-21/2020/2/34, भोपाल दिनांक 20.06.2023 से जारी की गई है। जी हाँ, कार्य एजेंसी मेसर्स नालंदा इंजिकॉन प्रा.लि. पटना एवं हिन्दुस्तान प्रोजेक्ट, राजकोट, (ज्वाइंट वेंचर) हैं। (ख) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र-कसरावद के आबाद ग्राम 224 में 45 ग्राम पंचायतों के 90 ग्रामों को शामिल किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र-कसरावद के शेष आबाद 134 ग्रामों हेतु निमरानी-2 समूह जल प्रदाय योजना बनाई गई है, योजना में सम्मिलित ग्रामों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है, वर्तमान में उक्त समूह जल प्रदाय योजना के कार्य प्रगतिरत हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना अंतर्गत पानी की टंकी एवं पाइप लाइन का निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 1560 ) श्री मोहन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2020 से 2023 के मध्य राजगढ़ जिले की समस्त तहसील में विभाग द्वारा नल-जल योजना से पानी की टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन का कार्य स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम में पानी की टंकी एवं पाइप लाइन के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? ग्रामवार एवं तहसीलवार बतायें। (ग) क्या विभाग द्वारा पानी की टंकियों, ओवर हेड टेंक का निर्माण कार्य गुणवत्ता से किया गया है? क्या ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में प्रत्येक ग्राम में पाइप लाइन डालने में सी.सी रोड क्षतिग्रस्त हुआ है, उसे वापस ठीक किया गया है या नहीं? (घ) पानी की टंकी एवं सीवेज पाइप लाइन के लिये स्वीकृत की गई राशि से कहां-कहां कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं? ग्रामवार बतायें एवं शेष रहे कार्य कब तक पूर्ण होंगे तथा शासन द्वारा कार्य पूर्ण करने का कितना समय निर्धारण किया गया था?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है, इसके अतिरिक्त राजगढ़ जिले की 08 तहसीलों ब्यावरा, सुठालिया, राजगढ़, खुजनेर, खिलचीपुर, जीरापुर, सारंगपुर एवं पचोर में मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत 05 समूह जल प्रदाय योजनाओं के तहत पानी की टंकी एवं पाइप लाइन का कार्य स्वीकृत किया गया है, समूह जल प्रदाय योजनाओं में प्रत्येक ग्रामवार टंकी एवं पाइप लाइन हेतु पृथक-पृथक राशि स्वीकृत नहीं की जाती है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिलने पर सुविधा
[जनजातीय कार्य]
9. ( *क्र. 1910 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया है? यदि उक्त वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया है तो उक्त ग्रामों को राजस्व का दर्जा किस दिनांक से दिया गया? पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के उपरांत उक्त ग्रामों के निवासियों को क्या-क्या सुविधा मिलेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित ग्रामों में कितने लोगों को भू-अधिकार, खेती हेतु पट्टा प्रदाय किया गया एवं कितने लोगों को नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार 12 वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है। (ख) वनग्रामों के नक्शे, खसरा पंजी आदि अभिलेख राजस्व ग्रामों की भांति बन सकेंगे। इन ग्राम के निवासियों को शासन की विभिन्न योजनाओं एवं बैंकों से ऋण इत्यादि मिल सकेगा। (ग) वनग्राम से राजस्व ग्राम घोषित ग्रामों में कुल 327 लोगों को कृषि कार्य हेतु वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये हैं। वनग्राम से राजस्व ग्राम घोषित ग्रामों में प्रदाय किये एवं अमान्य किये गये वन अधिकार पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
राज्य के रूप में (भील प्रदेश) के गठन हेतु गठित मंत्री मंडल उपसमिति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 174 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव द्वारा भील प्रदेश के रूप में नवीन राज्य के गठन के संबंध में दिनांक 01.01.2000 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब बैठकें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की गई? उसकी संपूर्ण वर्षवार जानकारी देवें। (ख) मध्य प्रदेश में वर्तमान भाजपा सरकार भील प्रदेश के रूप में नये राज्य के गठन के संबंध में विचार कर रही है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं विचार कर रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अपने ई-मेल आई.डी. (kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in) से मुख्यमंत्री की विभागीय ई-मेल आई.डी. (cm@mp.nic.in) पर दिनांक 12.01.2024 को अपने पत्र क्र. 001/व्ही.आई.पी./2024 के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन को भील प्रदेश के रूप में नये राज्य गठन के प्रस्ताव हेतु पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र पर भील प्रदेश के गठन के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय भील प्रदेश को नये राज्य के रूप में गठन के संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को प्रस्ताव प्रेषित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
[वन]
11. ( *क्र. 1661 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में कैम्पा फंड से कितनी राशि प्राप्त हुई है? कितनी राशि किन-किन कार्यों में खर्च हुई है? (ख) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों में ईको टूरिज्म पर्यटक प्रबंधन के तहत कितनी राशि प्राप्त हुई है? यह राशि किन-किन कार्यों में खर्च की गई है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 111 बालाघाट के अंतर्गत आने वाले लालबर्रा वन परिक्षेत्र दक्षिण सामान्य के सोनेवानी क्षेत्र को अभयारण्य बनाने हेतु शासन स्तर पर क्या पहल हुई है तथा इसकी प्रक्रिया प्रारंभ है या नहीं? क्या सोनेवानी अभयारण्य बनाया जा सकता है या नहीं? नहीं बनाया जा सकता तो क्यों? (घ) वन विभाग बालाघाट की संपूर्ण जानकारी दी जाये।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बालाघाट जिले के उत्तर सामान्य वनमंडल एवं दक्षिण (सामान्य) वनमंडल बालाघाट के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कैम्पा फंड से कार्यवार प्राप्त एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले के उत्तर सामान्य वनमंडल एवं दक्षिण (सामान्य) वनमंडल बालाघाट के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में ईको पर्यटन अंतर्गत कार्यवार प्राप्त एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव पर जनप्रतिनिधियों एवं आमजन के विरोध को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव निरस्त किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बालाघाट जिले के उत्तर सामान्य वनमंडल एवं दक्षिण (सामान्य) वनमंडल बालाघाट की प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' से संबंधित संपूर्ण जानकारी उत्तरांशों के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
बिना टेण्डर प्रक्रिया के एक फर्म विशेष को उपकृत कर किया जाना
[वन]
12. ( *क्र. 1902 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल डिवीजन अंतर्गत कितनी रेंज आती हैं? उक्त सभी कार्यालयों में कितना अमला पदस्थ है? कार्यालय का नाम, पदनाम, कब से पदस्थ हैं, कार्य आंवटन, संपर्क नं. सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) भोपाल डिवीजन में निर्माण कार्यों/मरम्मत के संधारण के लिये क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? विभाग में संधारण कार्यों की टेण्डर प्रक्रिया अंतिम बार कब, किस-किस सामग्री के लिये किस फर्म को, किस दर पर, कितनी अवधि के लिये अधिकृत किया गया था? अनुबंध की प्रति सहित आदेश/निर्देश नियम सहित बतायें। (ग) उपरोक्त अवधि में कुल कितने निर्माण/मरम्मत कार्य, कितनी लागत, किस फर्म से कोटेशन लेकर, कितनी दर, कितनी सामग्री के लिये किये गये हैं? प्राप्त देयक, देयकों का ऑडिट, देयकों का भुगतान (कटौत्रा सहित), उपयोगिता प्रमाण पत्र, एस.ओ.आर. की प्रति सहित बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में नियम विरूद्ध कार्य होने पर मौके की जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो एक फर्म विशेष को फायदा पहुँचाने वाले संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) भोपाल डिवीजन के अंतर्गत कुल 6 रेंज आती हैं, जिसमें 3 अधिसूचित रेंज हैं एवं 3 अधिसूचित रेंज नहीं हैं। कुल रेंजों में 165 अमला पदस्थ है। नाम, पदनाम एवं कब से पदस्थ है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भोपाल डिवीजन में निर्माण कार्यों, मरम्मत कार्यों के संधारण के लिये विभागीय प्रक्रिया अपनाकर वन विभाग द्वारा की जाती है। उक्त अवधि में भोपाल डिवीजन में म.प्र. शासन, वित्त विभाग के पत्र क्रमांक-F2-1/2022/नियम चार, भोपाल दिनांक 03.06.2022 के अनुपालन में संधारण कार्यों की टेण्डर प्रक्रिया नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपरोक्त अवधि में कुल 4 निर्माण कार्य तथा 1 मरम्मत कार्य किये गये हैं। उपरोक्त कार्यों में लागत राशि रू. 74.88 लाख है। कोटेशन के माध्यम से किये गये कार्यों की सामग्री की मात्रा, दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। देयकों का ऑडिट महालेखाकार ग्वालियर दल द्वारा जुलाई 2023 तक की अवधि तक का किया जा चुका है। देयकों के भुगतान से संबंधित प्रमाणकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। एस.ओ.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) वनमंडल अंतर्गत दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी नियम विरूद्ध कार्य होना नहीं पाया गया है।
जबलपुर में राशन दुकानों की संख्या
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 1263 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितनी राशन दुकानें खाद्य सामग्री वितरित करती हैं? (ख) केंट विधानसभा के कितने हितग्राही लोगों की पात्रता पर्ची बनी हुई है? संख्या बताएं। (ग) क्या पात्र लोगों को संपूर्ण सामग्री वितरित हो रही है? संख्या बताएं। (घ) नहीं हो रही तो कारण क्या है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राशन सामग्री वितरण हेतु 984 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। (ख) जबलपुर जिले की केंट विधानसभा क्षेत्र में 22,331 परिवारों के 84,634 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। (ग) जी हाँ। जबलपुर जिले में माह दिसम्बर, 2023 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित 3,76,638 परिवारों द्वारा पात्रतानुसार राशन सामग्री प्राप्त की गई है। जिले में पात्र परिवारों की संख्यानुसार मासिक राशन सामग्री का आवंटन जारी किया गया है। राशन प्राप्त करने हेतु उचित मूल्य दुकान पर उपस्थित होने वाले सभी पात्र परिवारों को राशन का वितरण किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल व्यवस्था हेतु कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 1632 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र, जिला-देवास अंतर्गत कुल कितनी राशि से हैंडपंप, बोरिंग, विद्युत उपकरण (मोटर इत्यादि) वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रश्न दिनांक तक स्थापित किये गये व वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कितने किये जाने शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में कुल कितनी राशि व कुल कितने स्थानों पर कार्य किये जाने का लक्ष्य था व कितने कार्यों का लक्ष्य प्रश्न दिनांक तक प्राप्त कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में कुल कितने स्थानों पर या गावों में नल-जल योजना स्वीकृत है और उनकी लागत कितनी है तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी पेयजल योजनाएं चालू और कितनी बंद हैं? (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मैकेनिकल ब्रांच द्वारा कितनी संख्या में हैंडपंप, बोरिंग का निर्माण किया गया है तथा कितनी संख्या में सिविल ब्रांच द्वारा पेयजल हेतु कार्य किए गये हैं? स्थानों के नाम सहित सूची प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कुल 15 ग्रामों में रू. 890.76 लाख की नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गईं, इन सभी नल-जल योजनाओं में वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 एवं 04 अनुसार है।
नल-जल योजना प्रारंभ किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( *क्र. 872 ) श्री सुरेन्द्र पटवा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र भोजपुर में कुल कितनी नल-जल योजनाएं हैं, इसमें कितनी बंद हैं? (ख) क्या शासन बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को शीघ्र प्रारंभ कराने के निर्देश देगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 128 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं, इनमें से वर्तमान में 04 योजनाएं बंद हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत विवाह में भ्रष्टाचार
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
16. ( *क्र. 1047 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह संशोधित योजना 2022 के बिन्दु क्र. (8) कार्यक्रम के आयोजन हेतु अधिकृत संस्था नगरीय निकाय दतिया-भाण्डेर-सेंवढ़ा-इंदरगढ़-बड़ौनी, जनपद पंचायत भाण्डेर जनपद पंचायत सेंवढ़ा न बनाकर केवल जनपद पंचायत दतिया को ही क्यों अधिकृत किया गया है? बिन्दु क्र. 8-1 एवं 8-2 का पालन क्यों नहीं किया गया है? योजना के बिन्दु क्र. (13) वधु को उपहार सामग्री प्रदान करने की प्रक्रिया एवं बिन्दु क्र. (14) दरों के निर्धारण हेतु प्रक्रिया तथा बिन्दु क्रमांक (17) कार्यक्रम के आयोजन एवं उपहार सामग्री की गुणवत्ता कंडिका 7-2 एवं 7-3 का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत दिनांक 20 मई, 2022 को सेंवढ़ा, भाण्डेर जनपद पंचायत का आयोजन दतिया जनपद पंचायत में सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो सम्मेलन में कितनी कन्याओं का विवाह हुआ था? क्या आयोजन हेतु सम्मेलन से पूर्व कन्याओं को चैक के माध्यम से दी जाने वाली राशि के अलावा प्रशासनिक व्यय हेतु प्राप्त राशि को कोषालय से आहरण कर जनपद पंचायत के खाते में रखने के निर्देश हैं? यदि नहीं, तो जनपद पंचायत दतिया द्वारा आयोजन दिनांक 20 मई, 2022 से पूर्व राशि आहरित कर वित्तीय अनियमितता की गई? यदि नहीं, तो विवरण दें। (ग) क्या कन्याओं को दी जाने वाली सामग्री एवं आयोजन हेतु टेंट, खाना एवं अन्य व्यवस्था स्वरूप कार्यों के टेण्डर जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उसकी टेण्डर प्रक्रिया सहित कार्यादेश, बिल व्हाउचर, सत्यापन आदि की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या वित्तीय अनियमितता की गई है, जिसके लिए दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? क्या कन्याओं को दी गई सामग्री के गुणवत्ताहीन होने की जांच तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कराई गई थी? क्या जांच में आरोप सही पाये जाकर दोषी अधिकारी को चिन्हित किया गया? यदि हाँ, तो नाम/पद सहित विवरण दें एवं दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या दोषी पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या गुणवत्ताहीन सामग्री वितरित होने पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हेतु प्रस्ताव भेजा गया था? प्रतिवेदन के आधार पर दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसी प्रकार जिला दतिया में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में लाभान्वित कन्याओं की सत्यापित सूची उपलब्ध कराई जावे। क्या सामूहिक विवाह सम्मेलन में विवाहित महिलाओं को अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से पुन: विवाह कराया जाकर राशि दी गई एवं आयोजन पूर्व राशि 11 हजार के स्थान पर 55 हजार के मान से कोषालय से आहरित की जाकर वित्तीय अनियमितता की गई? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह संशोधित योजना 2022 के बिंदु क्रमांक (8) कार्यक्रम के आयोजन हेतु दिनांक 20 मई, 2022 को अन्य किसी जनपद एवं नगरीय निकाय द्वारा प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से सामूहिक विवाह सम्मेलन हेतु कार्यालय जनपद पंचायत दतिया के प्रस्ताव दिनांक 25.04.2022 के अनुपालन में बिन्दु क्रमांक 8-1 एवं 8-2 का पालन करते हुये जनपद पंचायत जिला दतिया को अधिकृत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत दतिया द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 703 कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ था। जी हाँ, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, कन्याओं को दी गई सामग्री गुणवत्ताहीन होने की जांच तत्कालीन कलेक्टर से करायी गई थी। समिति का जांच प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी के विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही प्रचलन में है। नीतिगत विषय होने के कारण समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में लाभान्वित कन्याओं की सत्यापित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार से संबंधित कार्य योजना
[जनजातीय कार्य]
17. ( *क्र. 1204 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास एवं आदिवासियों के रोजगार से संबंधित कौन-कौन से मद की कौन-कौन सी योजना वर्तमान में लागू हैं, उस योजना के तहत कार्यों के चयन एवं राशि आवंटन की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य कौन-कौन सा ग्राम है, उस ग्राम में गत पांच वर्षों में किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य लंबित है? (ग) किस-किस आदिवासी बाहुल्य ग्राम में आवागमन के लिए सड़क एवं पेयजल की समस्या है, किस ग्राम में नलकूप खनन में पानी नहीं निकला? (घ) मार्ग निर्माण, पेयजल की व्यवस्था एवं अन्य स्थानों पर बोर खनन कर पानी की व्यवस्था हेतु शासन क्या कदम उठा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास एवं आदिवासियों के रोजगार से संबंधित मद का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार योजना वर्तमान में लागू है। योजनान्तर्गत नियमानुसार कार्यों का चयन एवं राशि आवंटन किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं विगत पांच वर्षों में किये गये कार्य, व्यय तथा कार्य की लम्बित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आदिवासी बाहुल्य ग्राम में आवागमन एवं सड़क तथा पेयजल की समस्या का सर्वे कराया जा रहा है, नलकूप खनन में पानी नहीं निकला की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत आंतरिक सड़क, पेयजल की व्यवस्था किये जाने के प्रावधान हैं एवं जल-जीवन मिशन के तहत सफल नलकूप खनन कर हर घर में जल पहुंचाया जा रहा है। समस्याग्रस्त बसाहटों में हेण्डपंप स्थापना का कार्य कराया जा रहा है।
समूह नल-जल योजना की अद्यतन स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( *क्र. 1641 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन समूह नल-जल योजना की जानकारी देवें तथा कौन-कौन सी कार्य एजेन्सियों से किन-किन ग्रामों में कार्य करने का अनुबंध किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन ग्रामों में कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया है/कितना कार्य पूर्ण हो गया है/किन-किन ग्रामों में आज प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है/किन ग्रामों में पूर्ण हो गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य एजेन्सी ने अनुबंध में कितना पाइप लाइन विस्तार का कार्य/अन्य कार्य हेतु अनुबंध किया था? जानकारी देवें तथा कार्य एजेन्सी ने प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया? जानकरी देवें। (घ) विभाग द्वारा कार्य एजेन्सी के कार्य का कब-कब निरीक्षण किया गया/कार्य एजेंसी द्वारा मापदंड के अनुसार पाइप लाइन विस्तार किया गया इसकी विभाग/परियोजना द्वारा कब-कब जांच/निरीक्षण किया गया? जानकारी देवें तथा कार्य में अनियमितताएं एवं विलंब की विभाग उच्च स्तरीय जांच कर एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा एवं कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा कार्यों के जांच/निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। कार्य में अनियमितताएं नहीं पाईं गईं एवं कार्यों में विलंब नहीं हुआ है। अत: उच्च स्तरीय जांच एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजनाओं के कार्य पूर्ण होने की तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है।
नल-जल योजनाओं का नियम विरुद्ध निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( *क्र. 1735 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत करवाए जाने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन संबंधी आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl योजना प्रारंभ से ग्वालियर जिला के विकास खंडवार कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? वर्षवार तथा कार्यवार पूर्ण/अपूर्ण का कारण सहित स्थिति बतावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जल जीवन मिशन के पूर्व विकास खंड डबरा अंतर्गत किस ग्राम में नल-जल योजना संचालित थी? योजना में किस ग्राम में कितनी राशि का रेट्रोफिटिंग कार्य किस दिनांक को किस ठेकेदार/फर्म द्वारा किस दिनांक से कार्य प्रारंभ किया गया? पूर्ण करने की अवधि क्या है? पूर्ण योजना से जलप्रदाय किस दिनांक से किया जा रहा है? ऐसा ग्राम जिसमें पानी की टंकी का निर्माण करवाया गया, किन्तु नलकूप सफल नहीं होने से जलप्रदाय नहीं हो रहा है? (ग) विकासखंड डबरा क्षेत्र के अंतर्गत जल जीवन मिशन से स्वीकृत नल-जल योजना में नलकूप खनन/पानी की टंकी का निर्माण/पाइप लाइन बिछाने के कार्य के दौरान खोदी गई सी.सी. सड़क का निर्माण किस-किस दिनांक से प्रारंभ कर किस दिनांक को पूर्ण हुआ? कार्यवार बतावेंl
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन की गाइडलाइन भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाइट https://jaljeewanmission.gov.in पर उपलब्ध है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है।
मत्स्य पालन के पट्टे बाबत
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
20. ( *क्र. 1717 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत/जनपद स्तरीय कितने जलाशय मत्स्य पालन पट्टे पर दिए गए हैं? (ख) क्या बड़वानी जिले में पट्टे पर दिए गए जलाशयों के पट्टे मध्यप्रदेश मत्स्य पालन नीति 2008 के बिन्दु क्रमांक 13 के ''ग'' के उपनियम (क) के तहत जल क्षेत्र की ही पंजीकृत संस्थाओं के अलावा अन्य जल क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत क्षेत्र की समितियों को जारी किए गए हैं? (ग) मध्य प्रदेश मत्स्य पालन नीति 2008 के बिन्दु क्रमांक 13 के (ग) के (क) के तहत जल क्षेत्र की ही पंजीकृत संस्था मानी जाने हेतु संबंधित संस्था के सदस्य उसी जल क्षेत्र अथवा उसी जलाशय से प्रभावित सदस्य होना चाहिए या नहीं? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले में अन्य जल क्षेत्र/जनपद क्षेत्र की संस्थाओं को पट्टे किस नियम के तहत दिए गए हैं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। बड़वानी जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत स्तरीय 105 जलाशयों को मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर प्रदान किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। बड़वानी जिले में ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत के जलाशयों को मत्स्य पालन नीति 2008 के बिन्दु क्रमांक 1.3 (ग) के उप नियम (क) के तहत जलक्षेत्र की ही स्थानीय पंजीकृत संस्थाओं को मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर दिये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मध्य प्रदेश मत्स्य पालन नीति 2008 के बिन्दु क्रमांक 04 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जिले में स्थापित हेण्डपम्प
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( *क्र. 1221 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में अप्रैल 19 से 31 दिसम्बर 2023 तक विकास खण्डवार कुल कितने नवीन हेण्ड पम्प स्वीकृत हुये एवं वास्तविक रूप से कितने लगाये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) विकास खण्ड अटेर एवं विधानसभा क्षेत्र अटेर में उक्त अवधि में स्वीकृत नल-जल योजनाओं का विवरण, स्वीकृत राशि, मौके पर हुये कार्य का विवरण एवं व्यय राशि बताई जावे? (ग) विभाग की अन्य योजनायें जो केन्द्रीय सहायता एवं राज्य सहायता से संचालित हैं, उक्त अवधि में प्राप्त आवंटन, व्यय राशि विकास खण्डवार/योजनावार/कार्यों के विवरण सहित उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (ग) विकासखंडवार/योजनावार आवंटन नहीं दिया जाता है, अपितु जिले में विभाग की योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के भुगतान के लिये जिले को राशि जारी की जाती है, जिले को विभिन्न मदों में कार्य के लिये प्रश्नांकित अवधि में जारी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है।
वनमंडलाधिकारी अनूपपुर की उच्चस्तरीय जांच
[वन]
22. ( *क्र. 561 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में वनमण्डलाधिकारी के पद पर कौन है एवं कब से पदस्थ है तथा इसके पूर्व इनकी पदस्थापना कहां पर किस पद पर थी? इनके सेवाकाल में इनके विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई थी? (ख) क्या वनमण्डलाधिकारी जिला अनूपपुर में जब से पदस्थ हुए हैं, तब से अपने अधीनस्थ कार्यरत रेंज बिजुरी, कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ के वन परिक्षेत्राधिकारियों, सहायक वन परिक्षेत्राधिकारियों, अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग के समस्त बीट प्रभारियों को षडयंत्र कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहते हैं? क्या इनकी जांच कराकर इनके विरूद्ध किये गये भ्रष्टाचार एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने तथा अनावश्यक रूप से कितने अधिकारी/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और कितने को तथ्यहीन कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं? क्या समस्त तथ्यों की जांच कराकर दोषी पाये जाने पर वनमण्डलाधिकारी के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वनमण्डलाधिकारी के द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से क्षेत्र के ग्रामीणों से वसूली कराये जाने का, रेत तस्करी, लकड़ी तस्करी सहित अन्य खनिज पदार्थों का काला बाजारी के कार्य कराये जाने का दबाव दिये जाने की जांच इन्हें अनूपपुर से हटाकर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उपरोक्त वनमण्डलाधिकारी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच दल का गठन कर जिले के वन विभाग के अधिकारियों का स्वतंत्र व निष्पक्ष बयान लेकर जांच अनुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला अनूपपुर में वनमण्डलाधिकारी के पद पर श्री सुशील कुमार प्रजापति, भा.व.से. दिनांक 13.01.2023 से पदस्थ हैं। इसके पूर्व श्री प्रजापति वनमण्डलाधिकारी, हरदा (उत्पादन) वनमण्डल के पद पर पदस्थ थे। इनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वनमण्डल अनूपपुर के अधीनस्थ 06 परिक्षेत्रों के परिक्षेत्राधिकारियों द्वारा मानसिक प्रताड़ना की शिकायतें प्राप्त होने पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सतर्कता/शिकायत) मुख्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक/सर्त./शिका./2023/149, दिनांक 14.09.2023 से जांच हेतु 02 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की गई है। पदस्थ अवधि के दौरान श्री प्रजापति द्वारा 09 वनरक्षकों को निलंबित किया गया है एवं 32 अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। तथ्यों की जांच उपरांत दोषी पाये जाने पर वनमण्डलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) जांच के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
हाईस्कूल भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 30 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल पुरईडोल, केसलार, सोनगढ़, दुआरी, धूपखड़, गुडवाधार, गोतरा, खोखरा, रूंदाभदोरा, मेडरा, बस्तुआ, कोटा, पिपराही, बहेराडोल, डेवा एवं दुबरीकला का उन्नयन किस वर्ष में किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उन्नयित हाईस्कूलों में भवन के लिये राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उन्नयित हाईस्कूल में भवन के लिये राशि स्वीकृत नहीं की गयी है तो कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उन्नयित हाईस्कूल भवन विहीन हैं? यदि हाँ, तो बच्चों को अध्ययन अध्यापन के लिये भवन के निर्माण के लिये विभाग की क्या कार्ययोजना प्रस्तावित है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी में संचालित हाईस्कूलों का उन्नयन निम्न वर्ष में किया गया है :-
क्र. |
संस्था का नाम |
उन्नयन का वर्ष |
1. |
हाई स्कूल पुरईनडोल |
2008 |
2. |
हाई स्कूल केशलार |
2015 |
3. |
हाई स्कूल सोनगढ़ |
2002 |
4. |
हाई स्कूल दुआरी |
2008 |
5. |
हाई स्कूल धुपखड़ |
2010 |
6. |
हाई स्कूल गुडुआधार |
2010 |
7. |
हाई स्कूल गोतरा |
2008 |
8. |
हाई स्कूल खोखरा |
2008 |
9. |
हाई स्कूल भदौरा |
2008 |
10. |
हाई स्कूल मेडरा |
2002 |
11. |
हाई स्कूल वस्तुआ |
2008 |
12. |
हाई स्कूल कोटा |
2002 |
13. |
हाई स्कूल पिपराही |
2016 |
14. |
हाई स्कूल डेवा |
2008 |
15. |
हाई स्कूल दुबरीकला |
2010 |
16. |
हाई स्कूल वेहराडोल |
2010 |
(ख) प्रश्न (क) उन्नयित हाई स्कूलों में भवनों के लिये राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) भवन स्वीकृत नहीं हैं, अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रश्नांश (घ) हाई स्कूल भवनों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजे जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( *क्र. 1744 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुल कितने ग्राम स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत ग्रामों में कितने ग्रामों का कार्य पूर्ण हो चुका है? उन ग्रामों के नाम बताने की कृपा करें। (ग) स्वीकृत ग्रामों में कार्य की स्थिति बताने की कृपा करें। (घ) जिन ग्रामों में योजना स्वीकृत नहीं है, उन ग्रामों में नल-जल योजना कब तक स्वीकृत की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 296 ग्रामों के लिए नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। (ख) 52 ग्रामों में नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, ग्रामों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के अनुसार नल-जल योजना की स्वीकृति हेतु कोई भी ग्राम शेष नहीं हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( *क्र. 1689 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाएं शासन/विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र में क्रियान्वित कर संचालित की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2023-24 तक किस-किस प्रकार की योजनाएं एवं उनके कार्य विधानसभा क्षेत्र में क्रियान्वित कर संचालित किये जा रहे हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) उपरोक्त वर्षों के अंतर्गत किए गए कार्यों की कार्यवार बजट स्वीकृति किस-किस प्रकार की रही, उन पर व्यय कितना-कितना किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (घ) बंद पड़ी अनेक योजनाएं एवं बंद पड़े ट्यूबवेल हैंडपंप के साथ ही बिना ढक्कन के खुले बोरवेल किन-किन स्थानों पर होकर इस हेतु क्या कार्रवाई की गई? साथ ही विगत वर्षों में हैंडपंप उपकरण, हैंडपंप की रॉड इत्यादि की हुई चोरियों के संबंध में क्या किया गया तथा अनुपयोगी सामग्री का पंजी संधारण कर, उन्हें स्टोर में किस प्रकार रखा जाकर क्या किया जाता है? वर्ष 2018-19 से वर्ष 2023 24 तक की जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त माही समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत हैं, जिसका कार्य प्रगतिरत है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2022-23 में माही समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 2017.92 करोड़ की स्वीकृत हुई है, उक्त योजना में अब तक व्यय राशि निरंक है। (घ) वर्ष 2022-23 में आउटसोर्स श्रमिक द्वारा हैंडपंप की सामग्री की हेराफेरी की गई थी, जिसके विरूद्ध दिनांक 06.05.2022 को एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गयी, वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। संबंधित हैण्डपंप तकनीशियन अनुपयोगी सामग्री समय-समय पर विभागीय भण्डार ग्रह में संधारित पंजी. में दर्ज करवाकर जमा करते हैं, उपरोक्त अनुसार एकत्रित अनुपयोगी सामग्री की नियमानुसार नीलामी की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 एवं 03 अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
खोदी
गई सड़कों का
सुधार कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 2 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रदेश के गांवों में नलजल योजना के अंतर्गत पाइप डालने हेतु जो सड़कें खोदी जा रही हैं, खोदी सड़कों की मरम्मत/सुधारने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या कारण है कि सड़कें सुधारी नहीं जा रही हैं? कीचड़ के कारण आम नागरिकों को आवागमन में असुविधा हो रही है? कब तक सड़कें सुधारी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : नलजल योजनाओं के कार्यों में पाइप लाइन बिछाने एवं जोड़ने के लिये आवश्यकता अनुसार खोदी जा रही सड़कों की मरम्मत/सुधारने की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की है। सड़कों का सुधार कार्य किया जा रहा है। सड़कें खोदकर, बिछायी जा रही पाइप-लाइन के कार्यों में ट्रेंच में पाइप-लाइन बिछाने एवं जोड़ने के पश्चात ट्रेंच का भराव कर सड़कों को आवागमन योग्य बना दिया जाता है एवं पाइन-लाइन की हाइड्रॉलिक टेस्टिंग के उपरांत यथाशीघ्र सड़कों की मरम्मत/पुनर्निर्माण कर सड़कों को यथास्थिति में लाया जाता है, अतः कीचड़ के कारण आवागमन की असुविधा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नल-जल योजनाओं के अंतर्गत पाइप-लाइन बिछाने एवं जोड़ने के कार्यों में उपरोक्तानुसार सड़कों के पुनर्निर्माण/सुधार का कार्य एक सतत् प्रक्रिया है, अतः सड़कें सुधारे जाने की कोई निश्िचत तिथि बताना संभव नहीं है।
उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 3 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक्या यह सही है कि शिक्षित युवा बेरोजगारों को अंत्यवसायी जिला उद्योग विभाग से जो योजना चल रही थी वह बंद कर दी गई है? बंद करने के क्या कारण है? कब तक योजना प्रारम्भ कर दी जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : जिला उद्योग विभाग से प्रश्नांश में उल्लेखित योजना म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अंतर्गत संचलित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.पी.एल. एवं कर्मकार मण्डल के कार्ड बनाए जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 11 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ में विगत पाँच वर्ष में कुल कितने बी.पी.एल. कार्ड एवं कर्मकार मण्डल के कार्ड बनाये गये? गांववार, नामवार बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्ड जारी करने में जनपद पंचायत टीकमगढ़ में CEO के अलावा अन्य अधिकारी के हस्ताक्षरों से जारी किये गये? उक्त कार्ड किस-किस अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित हस्ताक्षरकर्ता अधिकारी का पद एवं नाम भी बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित कृत्यों के लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरुद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ में विगत पाँच वर्ष में बी.पी.एल. के 8036 कार्ड एवं कर्मकार मण्डल के 5078 कार्ड बनाये गये। ग्रामवार, नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मकार मण्डल के कार्ड जारी करने में जनपद पंचायत के सीईओ के अलावा बी.पी.ओ. एवं पी.सी.ओ. को कार्य की सुविधा की दृष्टि से नस्ती संधारित कर कार्ड पर हस्ताक्षर हेतु अधिकृत किया गया एवं दिनांक 15.01.2021 से पहले मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं खण्ड पंचायत अधिकारी द्वारा बी.पी.एल. कार्ड जारी किये जाते थे एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के पत्र दिनांक 2245 दिनांक 15.01.2021 के निर्देशानुसार राशन कार्ड जारी नहीं किये जाने के कारण किसी भी कार्ड पर हस्ताक्षर नहीं किए गए। निर्देश का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार श्री बी.एल.रजक खण्ड पंचायत अधिकारी, श्री चंद्रभूषण श्रीवास्तव पी.सी.ओ एवं श्री प्रमोदादित्य तिवारी पी.सी.ओ. को कर्मकार मण्डल के कार्ड पर हस्ताक्षर हेतु अधिकृत किये जाने के आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा कर्मकार मण्डल के कार्ड जारी किए जाने हेतु अधिकार प्रत्यायोजन के तथ्यों की जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 19 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति जनजाति बस्ती विकास योजना के तहत वर्ष 2022-23 व 2023-24 में मण्डला जिले को कुल कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? उस राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कर कराए गए, कार्य का नाम लागत राशि पूर्णता अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त योजना की राशि से कार्य स्वीकृति के क्या नियम हैं? क्या नियम में इस हेतु एक समिति का उल्लेख है? यदि हाँ, तो क्या उक्त समिति की सहमति व अनुमोदन से कार्यों की स्वीकृति दिए जाने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या मण्डला जिले में वर्ष 2023-24 हेतु आवंटित राशि से कार्य स्वीकृति के लिए समिति की सहमति व अनुमोदन लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? (ग) मण्डला जिले के लिए वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि से कार्य स्वीकृत करने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लिए गए थे? जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गए प्रस्तावों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? क्या यह सही है कि समिति के सदस्यों की जानकारी व सहमति के बिना सहायक आयुक्त मण्डला द्वारा स्वीकृति जारी की गई? क्या यह नियम विरुद्ध है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्या उक्त समिति को औचित्यहीन मानते हुए समिति का प्रावधान समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो बिना समिति की सहमति व अनुमोदन के कार्य स्वीकृति करने वाले अधिकारियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। ''जी-हाँ''। ''जी- हाँ''। ''जी-हाँ''। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौंड समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 31 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत गौंड समूह नल-जल योजना देवसर की स्वीकृति कब एवं कितनी राशि की की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गौंड समूह नल-जल योजना देवसर के अंतर्गत कितने ग्रामों को नल-जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? सम्मिलित ग्रामों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के सदंर्भ में नल-जल योजना का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में छूटे हुये ग्राम महुआगांव, निवास, निगरी, हरदी, पापल को गौंड समूह नल-जल योजना देवसर में सम्मिलित कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक छूटे हुये ग्रामों को सम्मिलित कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) गौंड-देवसर समूह जल प्रदाय योजना लागत रू. 470.49 करोड़ की स्वीकृति दिनांक 22/09/2020 को प्रदान की गई है। (ख) 213 ग्रामों में। ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 30/11/2024 तक लक्षित है। (घ) प्रश्नांकित ग्राम गौंड-देवसर समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित हैं। प्रश्नांकित ग्रामों में से ग्राम महुआगांव, निवास, निगरी एवं पापल में नल-जल योजनाओं के अंत: ग्राम घटकों का निर्माण कार्य स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत कराया जा रहा है तथा गौंड-देवसर समूह जल प्रदाय योजना से इन ग्रामों को बल्क वॉटर उपलब्ध कराया जाएगा, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[वन]
6. ( क्र. 51 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्माण हेतु स्वीकृत गुंदलहा से मडैयन मार्ग, छतैनी से ब्रजपुर मार्ग, हरसा गेट से सलैया मार्ग एवं अजयगढ़ कस्बे से अजयपार मार्ग, गहरा से इमलौनिया पनारी मार्ग वन विभाग की स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों की औपचारिकतायें पूर्ण कर स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, विवरण संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों की स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रमपुरा गेट प्रारंभ किया जाना
[वन]
7. ( क्र. 52 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना नेशनल पार्क का तीसरा गेट कोर एरिया में स्वीकृत हुआ है जो बफर गेट के सामने बफर क्षेत्र अकोला में खोला गया है? यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि दोनों गेट बफर में आमने सामने खोल दिये गये है? (ख) क्या रमपुरा में पूर्व से गेट बना है? यदि हाँ, तो उसको चालू क्यों नहीं किया गया? क्या नेशनल पार्क में तीसरा गेट अकोला गेट की जगह रमपुरा गेट से चालू करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पन्ना नेशनल पार्क का तीसरा गेट अकोला कोर एरिया में स्वीकृत हुआ जो बफर क्षेत्र के अकोला गेट के सामने है। पूर्व से संचालित पर्यटन जोन में शामिल 13 कक्षों का रकबा 2470.26 हेक्टेयर को बंद करते हुए उसके स्थान पर नवीन 10 वन कक्षों के कुल क्षेत्रफल 2484.37 हेक्टेयर सम्मिलित करते हुए अकोला गेट से हिनौता गेट तक पर्यटन मार्ग प्रारंभ करने की अनुमति प्राप्त है, तदानुसार पन्ना टाइगर रिजर्व में नवीन पर्यटन प्रवेश द्वार के द्वारा अकोला गेट से हिनौता गेट तक पर्यटन मार्ग प्रारंभ किया गया है, जो कोर क्षेत्र में स्थित है। नवीन पर्यटन मार्ग अकोला गेट से हिनौता गेट तक पहुंच हेतु बफर क्षेत्र के वनमार्ग का उपयोग किया गया है। यह सही नहीं है कि दोनों गेट बफर में हैं। (ख) पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत रमपुरा में वन्यप्राणी प्रबंधकीय कार्य हेतु पूर्व से गेट बना हुआ है, जो पर्यटन गतिविधि हेतु नहीं है। भारत सरकार की गाइड-लाइन अनुसार कोर क्षेत्र में 20 प्रतिशत में ही पर्यटन हो सकता है। पन्ना टाइगर रिजर्व की भू-आकृति को देखते हुए अकोला कोर गेट की जगह रमपुरा गेट चालू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
वे.को.लि. खदानों के लिये वन विभाग का क्लीयरेंस
[वन]
8. ( क्र. 75 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत मोहन कॉलरी (मोआरी माईन) एवं महादेवपुरी भूमिगत खदान स्थित है और तानसी माईन जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। तीनों ही खदानों में फॉरेस्ट विभाग से क्लीयरेंस परमिशन नहीं मिलने के कारण वे.को.ली. प्रबंधन द्वारा कोयले का उत्पादन बंद कर दिया गया है। जबकि तीनों ही खदानों में कई मिलियन टन कोल रिजर्व है। जिससे सरकार को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है खदानों को बंद कर खदानों में कार्यरत वे.को.लि. कामगारों को अन्य खदानों में स्थानांतरित किया जा रहा है एवं ठेकेदारी कामगारों को कार्य से बंद कर दिया गया है। जिसके कारण कामगार एवं उनका आश्रित परिवार छोटे-बड़े व्यापारी एवं स्थानीय निवासी प्रभावित हो रहे हैं और सरकार को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्या राज्य सरकार सहयोग कर केन्द्र सरकार से फॉरेस्ट की परमिशन दिलाकर खदानों को सुचारू रूप से संचालित कराने हेतु कार्यवाही करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक राज्य सरकार द्वारा सहयोग कर कार्यवाही कराते हुये केन्द्र सरकार से फॉरेस्ट का क्लीयरेंस कराकर तीनों ही खदानों में पुनः कोयले का उत्पादन प्रारम्भ कराकर खदानों को पूर्व की भांति संचालित करा दिया जायेगा ताकि मजदूरों को कार्य मिल सके?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अन्तर्गत गैर वानिकी कार्य हेतु प्रस्तावित प्रस्ताव निम्नानुसार है:- 1. मोहन कॉलरी ओपन कास्ट फेस-5 रकबा 89.41 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तन के प्रकरण में आवेदक संस्था द्वारा समतुल्य गैर वन भूमि उपलब्ध नहीं कराये जाने से प्रकरण वर्तमान में आवेदक संस्था स्तर पर लंबित है। 2. मोआरी माईन रकबा 255.117 है. वनभूमि व्यपवर्तन के प्रस्ताव में भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 27/11/2023 से 02 बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई जानकारी आवेदक संस्था द्वारा उपलब्ध न कराए जाने से प्रकरण आवेदक संस्था स्तर पर लंबित है। 3. महादेवपुरी खदान रकबा 166.41 हेक्टेयर वनभूमि प्रकरण में पत्र दिनांक 18/01/2024 से माईन प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। 4. तानसी भूमिगत खदान रकबा 206.826 हेक्टेयर वनभूमि व्यपवर्तन का प्रस्तावः- भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पत्र दिनांक 27/11/2023 से निम्न 05 बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई जानकारी आवेदक संस्था द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने से प्रकरण आवेदक संस्था स्तर पर लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अन्तर्गत वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान करना भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्राधिकार में आता है। अत: कब तक तीनों खदानों की क्लीयरेंस भारत सरकार द्वारा दिया जावेगा समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति पर अत्याचार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 97 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग पर हुये अत्याचार सम्बंधी कितने-कितने प्रकरण अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 की किन-किन धाराओं में पंजीकृत किये गये। कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितने प्रकरण लम्बित/विवेचना में हैं। कितने प्रकरणों में कितने पीड़ितों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में कितनी राशि वितरित नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में हत्या, आगजनी, जातिगत अपमान, दुष्कर्म सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में कितने-कितने पीड़ित परिवारों, पीड़ितों, पीड़ितों के आश्रितों को किस मान से स्वीकृत कितनी-कितनी राशि वितरित की गई। कितनी राशि वितरित नहीं की गई एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी महिलाओं, लड़कियों व नाबालिग कन्याओं को कितनी-कितनी राशि की सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या के तहत दर्ज प्रकरणों एवं भुगतान की गई राशि का पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार शेष विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
10. ( क्र. 98 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 97 जबलपुर स्थित सिद्धबाबा वार्ड लालमाटी में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी? इसके लिये कब कितनी राशि आवंटित की है? (ख) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन हेतु जिला प्रशासन जबलपुर ने कब कितनी भूमि आवंटित की हैं एवं भू-स्वामित्व सम्बंधी अधिकार पत्र कब जारी किया है? (ग) संचालनालय नगर एवं ग्राम निवेश विभाग म.प्र. शासन भोपाल ने पत्र क्र.4559/न.ग्रा. नि./टी.सी./जबलपुर/107/2022 भोपाल, दिनांक 09/11/2022 को कलेक्टर जबलपुर को प्रश्नांकित भूमि के संबंध में क्या जानकारी दी है? तत्संबंध में कलेक्टर जबलपुर ने कब क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु अभी तक भूमि का उपांतरण न करने का क्या कारण है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर आवंटित भूमि का उपांतरण कराना सुनिश्िचत करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति जारी न होने के कारण भूमि आवंटन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (घ) भूमि आवंटित न होने से उपांतरण का प्रश्न उपस्थित नहीं है।
छात्रावासों में मिलने वाली सुविधाएं
[जनजातीय कार्य]
11. ( क्र. 133 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के विधानसभा क्षेत्र पोहरी में कितने एवं कौन-कौन से जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कन्या छात्रावास एवं बालक छात्रावास संचालित हैं, नामवार जानकारी दी जावें? (ख) वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त छात्रावासों में शासन द्वारा दिए गये आवंटन से कितनी-कितनी राशि का किस-किस कार्य हेतु व्यय किया गया, इसकी बिल व्हाउचर एवं देयकों सहित छात्रावास वार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में व्यय की गई राशि का परीक्षण एवं भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे, उनके पद सहित नाम बतायें। क्या देयकों/व्हाउचरों का भंडार क्रम नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो विवरण बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र पोहरी में संचालित छात्रावासों में बच्चों के निवास के दौरान प्रतिदिन नाश्ता व खाना कितना-कितना दिया जाता है तथा नियमित रूप से उनका डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है या नहीं, जानकारी दी जावे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) शिवपुरी जिले के विधानसभा क्षेत्र पोहरी में संचालित जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे में परिशिष्ट ''घ'' अनुसार है। जी हाँ, प्रतिमाह छात्र-छात्राओं का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है।
वन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्य
[वन]
12. ( क्र. 134 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले एवं विधानसभा क्षेत्र पोहरी में वन मण्डल ने वर्ष 2018 से 2023 तक कितने पौधों का वृक्षारोपण वन भूमि एवं राजस्व भूमि में किया गया तथा कितने संबंधित विभाग को हैण्डओवर किए गए, इसकी सूची उपलब्ध करावें? कितने पौधे जीवित है, कितने मृत हो गये? (ख) वृक्षारोपण किए गए कार्यों की मूल्यांकन रिपोर्ट वर्ष 2018 से 2023 तक तथा वन क्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं आरईएस विभाग द्वारा कराए गये कार्यों तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों की कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष 2018 से 2023 तक वन क्षेत्र में कितनी भूमि पर अतिक्रमण था, कितना अतिक्रमण हटाया गया और वर्तमान में कितना अतिक्रमण हटाना शेष है, वीट रैंजवार जानकारी दी जावें? (घ) जो अवैध अतिक्रमण ग्रामीणों द्वारा किया गया है, उसकी जीपीएस रीडिंग सहित अतिक्रमण की सूची उपलब्ध कराये तथा वन क्षेत्र में वन भूमि पर आदिवासियों एवं कब्जाधारियों को कितने पट्टे दिए गए और वर्तमान में कितने पट्टे दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, तो इसका विवरण दिया जावें? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 25 दिनांक 31/12/2023 से बिन्दु क्रमांक 1 लगायत 7 के संबंध में जानकारी चाही गयी थी जो अप्राप्त है इसका क्या कारण है विवरण देवें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। किसी अन्य विभाग हेतु वृक्षारोपण नहीं किये जाने से संबंधित विभाग को वृक्षारोपण हैण्डओवर किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2018 से 2023 तक कराये गये वृक्षारोपण की मूल्यांकन रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र पोहरी के वनक्षेत्र में ग्राम पंचायत एवं आरईएस विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्तमान में ग्राम पंचयत एवं आईएस विभाग द्वारा पोहरी विधान सभा क्षेत्र में कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध करने के प्रारूप में जी.पी.एस. रीडिंग दर्ज किये जाने का प्रावधान नहीं है। विधान सभा क्षेत्र पोहरी के वनक्षेत्र में वन भूमि पर आदिवासियों एवं कब्जाधारियों को पट्टों एवं वन अधिकार पत्र हेतु वन मित्र पोर्टल पर लंबित आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक-25, दिनांक 31.12.2023 के बिन्दु क्रमांक-1 लगायत 7 के संबंध में चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समर्थन मूल्य पर खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 143 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैठक दिनांक तक कैबिनेट की कितनी बैठकें आयोजित की जा चुकी है? कार्यवाही विवरण एवं एजेण्डे की प्रतियां देवें। (ख) आयोजित बैठकों में विषयांकित संकल्प को पूरा करने के लिए कैबिनेट की बैठक में मंत्रीमंडल ने क्या कार्यवाहियां की है? जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र. में किसानों से 2700 रूपये प्रति क्विंटल गेहूं और 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का आदेश म.प्र. शासन द्वारा जारी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रतियां देवें। यदि नहीं, तो, शासन कब तक किसानों के सर्वोत्तम हित में उक्त आदेश जारी करेंगा? (घ) क्या म.प्र. सरकार ने केन्द्र सरकार के अतिरिक्त किसान सम्मान निधि और किसान कल्याण योजना से किसानो को प्रतिवर्ष 12 हजार रूपये दिये जाने संकल्प पत्र में की गई घोषणा के आधार पर किसानों के हित में आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं, तो कब तक आदेश जारी किया जावेगा? (ड.) गेहूं व धान खरीदी एवं किसान सम्मान निधि की बढ़ी हुई राशि के लिए क्या म.प्र. सरकार ने बजट प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक बजट प्रावधान की प्रतियां देवें। यदि नहीं, तो बजट प्रावधान शासन द्वारा कब तक किया जावेगा? जिससे अन्नदाता किसानों को समयावधि में समर्थन मूल्य पर अपनी फसलों को बेच सके।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फोरलेन सड़क निर्माण में काटे गए वृक्ष
[वन]
14. ( क्र. 155 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में उज्जैन सीमा से लेकर बड़नगर तहसील की अंतिम सीमा तक (NHAI) नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा निर्माणाधीन फोरलेन सड़क निर्माण से पूर्व उक्त मार्ग में जो वृक्ष काटे गए हैं, उस संबंध में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है एवं मार्ग में आने वाले उन समस्त वृक्षों की प्रजातिवार सूची देवें जिन्हें वन विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है? (ख) वृक्षों के चिन्हांकन के बाद वृक्ष कटाई के पश्चात उसकी नीलामी में कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई एवं नीलामी से कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई एवं किस मद में राशि जमा कराई गई? (ग) वृक्षों को किस एजेन्सी द्वारा काटा गया? वृक्षों के परिवहन के लिए वन विभाग द्वारा जो टी.पी. जारी की गई उसके लिये विभाग द्वारा किस अधिकारी को अधिकृत किया गया था? संबंधित द्वारा मूल्यांकन के पश्चात कितनी मात्रा में लकड़ी मौके पर पाई गई? स्थलवार मूल्यांकन रिपोर्ट एवं कुल कितनी टी.पी. जारी की गई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन क्षेत्र नहीं होने से वृक्ष काटे जाने हेतु समस्त प्रक्रिया सक्षम अधिकारी एवं अनुविभागीय अनुभाग उज्जैन (ग्रामीण) द्वारा की गई थी जिसमें वृक्षों को चिन्हांकित करना सम्मिलित था। वन विभाग उज्जैन के द्वारा चिन्हांकित वृक्षों का मूल्यांकन कार्य किया गया है जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) NHAI द्वारा उनकी निविदा दिनांक 17.10.2022 के माध्यम से नीलामी कर रूपये 56,99,000/- की राशि प्राप्त की है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 पर है। नीलामी से वन विभाग को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मेसर्स जी.आर. इन्फ्रा प्रोजेक्टस प्रा.लि. उदयपुर राजस्थान द्वारा काटा गया था। वन विभाग द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी वन परिक्षेत्र उज्जैन को टी.पी. हेतु अधिकृत किया गया था। वन विभाग द्वारा वृक्ष काटे जाने पर प्राप्त काष्ठ का मूल्यांकन नहीं किया गया था। संबंधित द्वारा परिवहन पास चाहे जाने पर 3060.94 घ.मी. लकड़ी हेतु परिवहन पास जारी किए गए थे। कुल 214 टी.पी. वन परिक्षेत्राधिकारी उज्जैन द्वारा ऑनलाइन जारी की गई थी।
जल-जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 183 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में पन्ना जिले में जल-जीवन मिशन द्वारा कितनी योजनायें संचालित की जा रही है और कितनी योजनायें प्रस्तावित है? (ख) क्या पन्ना जिले की पवई विधानसभा अन्तर्गत तेंदुघाट पेयजल परियोजना जिसका उद्देश्य 158 ग्रामों में स्वच्छ पेयजल पहुँचाना था का कार्य वर्ष 2022 तक पूर्ण होना था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इन ग्रामों में पेयजल उपलब्ध क्यों नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपर्युक्त कार्य गुणवत्ता विहीन हुआ है? अधिकतर ग्रामों की टंकियों में रिसाव हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में संदर्भित योजना में सर्वे कार्य ठीक से न होने के कारण कई गाँवों में पानी चढ़ नहीं रहा है? यदि हाँ, तो सर्वे कार्य किन अधिकारियों के द्वारा किया गया और गलत सर्वे के लिये उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 144 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं। वर्तमान में अन्य कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी हाँ, पन्ना जिले के अंतर्गत पवई बांध/तेंदुघाट ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत 158 ग्रामों में स्वच्छ पेयजल प्रदाय किया जाना है, वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं योजना हेतु समयावृद्धि दिनांक 31.03.2024 तक दी गई है, वर्तमान में योजनांतर्गत 158 ग्रामों में से 150 ग्रामों में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। (ग) टंकियों की कमीशनिंग के समय रिसाव परिलक्षित हो सकता है, जिसे ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है। वर्तमान में टंकियों से किसी प्रकार का जल रिसाव नहीं है। कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनजातीय विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 184 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा पवई क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय विभाग द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस योजना के तहत कराये गये? निर्माण कार्यों के मूल्याकंन एवं सत्यापन की सूचीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) ऐसे कितने कार्य हैं जो अपूर्ण है, जिसका पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में दी गई समयावधि में पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल, छात्रावास आश्रम संचालित हैं? कितने जर्जर अवस्था में हैं? कितने किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में इन प्राथमिक, माध्यमिक छात्रावास आश्रमों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन, रख-रखाव एवं अन्य सुविधा हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित राशि के विरुद्ध कितनी-कितनी राशि किस-किस पर व्यय की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में विधानसभा पवई क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय विभाग द्वारा किये गये निर्माण एवं योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निर्माण कार्यों के मूल्यांकन एवं सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) पवई विधानसभा क्षेत्र में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल छात्रावास एवं आश्रम संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जर्जर भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। किराये के भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
गुलब्राण्डसन कंपनी द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण
[पर्यावरण]
17. ( क्र. 193 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट प्रायवेट लिमिटेड को शासन द्वारा क्या-क्या उत्पादन/सह उत्पादन की अनुमति प्रतिवर्ष/प्रतिदिन किन शर्तों के साथ प्रदान की गई है? छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए क्या उद्योग में उत्पादन सीमा से अधिक उत्पादन व भण्डारण किया जा रहा है? (ख) गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट प्रा.लि. को जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1974 व वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 या खतरनाक और अन्य अपशिष्ट नियम 2016 व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त सम्मति की वैधता समाप्त होने के पश्चात भी उत्पादन किया जा रहा है? सम्मति व शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए कंपनी द्वारा किन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या कंपनी द्वारा विभिन्न उत्पादनों से होने वाले हजारडस रसायनों, गैसों, प्रदूषित रासायनिक जल, ध्वनि प्रदूषण आदि से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाव हेतु शर्तों अनुसार समुचित प्रबंध नहीं किए गए है? यदि नहीं, किए तो क्यों? क्या कार्यवाही की गई? (घ) केन्द्रीय व क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा 01 जनवरी 2021 से 10 जनवरी 2023 तक कितनी बार गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट प्रा.लि. का निरीक्षण किया? क्या-कया अनियमितता पाई गई? दिनांकवार, सहित विवरण दें तथा फैलाए जा रहे प्रदूषण के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट प्रा.लि. नागदा में उत्पादन हेतु किस-किस प्रकार के कच्चे माल का उपयोग होता है और क्या-क्या उत्पादन कितनी क्षमता का तथा क्या-क्या सह उत्पादन, अपशिष्ट एवं उप-उत्पादन कितनी क्षमता के उत्पादित होते है? जल खपत की मात्रा, निस्तारित दूषित जल की मात्रा कितनी है? सम्मति वैधता कब तक है और कितनी-कितनी मात्रा में विभिन्न गैसों का उत्सर्जन होता है? पृथक-पृथक नाम, क्षमता सहित विवरण दें। (च) क्या उद्योग से निकलने वाली जहरीली गैस को ऊंचाई पर छोड़ने हेतु चिमनियां नहीं है न ही ईटीपी प्लांट है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (छ) गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट नागदा में म.प्र. शासन के आदेशानुसार 70 प्रतिशत कर्मचारी स्थानीय रखने के आदेश का उल्लंघन करते हुए प्रदेश के बाहर तथा अन्य स्थानों के श्रमिकों को कार्य पर रखा गया है? उद्योग में कितने स्टाफ, स्थाई, अस्थाई श्रमिक कार्यरत है? नाम, पद सहित विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मेसर्स गुलब्राण्डसन केटेलिस्ट प्रा.लि. को उत्पाद के रूप में एल्यूमीनियम क्लोराईड - 40,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष एवं सहउत्पाद के रूप में हाईड्रोक्लोरिक ऐसिड-150 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष व सोडियम हाईपोक्लोराईड- 200 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन करने हेतु जल/वायु सम्मति प्रदान की गई है। उद्योग को जारी सम्मति/प्राधिकार पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है, जिसमें सम्मति शर्तों का उल्लेख किया गया है। जी नहीं, उद्योग में सम्मति क्षमता से अधिक उत्पादन नहीं किया जा रहा है। भण्डारण की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। सम्मति पत्रों एवं निहित शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उद्योग द्वारा जल/वायु एवं परिसंकटमय अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में सामान्यतः सभी शर्तों का पालन किया गया है। प्रश्न का शेष भाग लागू नहीं। (ग) उद्योग द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु समुचित व्यवस्थाए की गई हैं, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योग का निरीक्षण नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में 04 बार क्रमशः दिनांक 17/09/2021, 07/10/2021, 04/03/2022 एवं 22/11/2022 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उद्योग द्वारा की गई जल/वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थाए उपयुक्त पाई गई। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रमुख रूप से एल्युमीनियम, क्लोरीन, टाईटेनियम टेट्राक्लोराईड व वेनेडियम ऑक्सीट्राईक्लोराईड का उपयोग किया जाता है। उद्योग की उत्पादन क्षमता क्रमशः एल्युमीनियम क्लोराईड - 40,000 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष एवं सहउत्पाद के रूप में हाईड्रोक्लोरिक ऐसिड - 150 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष तथा सोडियम हाईपोक्लोराईड - 200 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। परिसंकटमय अपशिष्ट की मात्रा- स्पेन्ट ऑइल - 2.5 मीट्रिक टन/प्रतिवर्ष है। उद्योग में घरेलू जल का उपयोग लगभग 8 किलोलीटर/दिन तथा घरेलू दूषित जल की मात्रा लगभग 5 किलोलीटर/दिन है। उद्योग को जारी जल/वायु सम्मति की वैधता एवं उत्सर्जित प्रदूषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में सम्मति पत्रों में दी गई है। (च) जी नहीं, उद्योग में उपयुक्त ऊँचाई की चिमनी एवं घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु एस.टी.पी. की स्थापना की गई है। प्रश्न का शेष भाग लागू नहीं। (छ) जी नहीं। गुलब्राण्डसन नागदा में कुल 75 कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें से 63 कर्मचारी स्थानीय हैं। नाम,पद सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
रबी एवं खरीफ फसल का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 251 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2022 एवं 2023 में खरीफ एवं रबी फसलों के उपार्जन हेतु कुल कितने केन्द्र बनाये गये तथा किस फसल का कितनी मात्रा में कितनी कीमत का अनाज किस उपार्जन केन्द्र में लिया गया? उपार्जन केन्द्रवार, फसलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कौन-कौन से उपार्जन केन्द्र डिफॉल्टर हुये? उपार्जन केन्द्रवार कारण स्पष्ट करते हुये जानकारी दें एवं यह भी बताने की कृपा करें कि क्या इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां,तो कृत कार्यवाही से अवगत कराते हुये यह भी बताने का कष्ट करें कि किन-किन उपार्जन केन्द्रों में किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में किये गये फसलों के उपार्जन में प्रश्न दिनांक को क्या किसानों के भुगतान लंबित हैं? यदि हाँ, तो किस किसान का कितनी फसल विक्रय का भुगतान कब से लंबित है? इन किसानों के भुगतान के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक इन किसानों का भुगतान किस प्रक्रिया के तहत कर दिया जायेगा? कृपया निश्िचत समय-सीमा बतावें। (घ) इन उपार्जन केन्द्रों में से किन-किन उपार्जन केन्द्रों द्वारा किस प्रकार की अनियमितताएं की गईं तथा किसे दोषी पाया गया तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान उपार्जन हेतु बनाए गए उपार्जन केन्द्र, उपार्जित मात्रा एवं समर्थन मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार उपार्जन करने वाली संस्थाओं के पात्रता के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उपार्जन केन्द्र संचालन हेतु निर्धारित मापदण्ड पूरा न करने वाली संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) जी हां। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले 30 किसानों का भुगतान लंबित है, किसानवार विक्रय धान की मात्रा एवं लंबित भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। धान उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्था के कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है एवं सहायक पंजीयक, सहकारी संस्था, पन्ना द्वारा कर्मचारियों से राशि वसूली हेतु प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण भुगतान की समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। (घ) पन्ना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति, अजयगढ़, उपार्जन केन्द्र स्थल बहादुरगढ़ द्वारा 30 किसानों की 1625 क्विंटल धान गोदाम में जमा नहीं कराए जाने के कारण राशि रू. 33.15 लाख का भुगतान नहीं हुआ है। सहकारी समिति द्वारा उपार्जन में अनियमितता करने के कारण संस्था के कर्मचारी समिति प्रबंधक श्री राधिका प्रसाद पटेल, खरीदी केन्द्र प्रभारी श्री मुन्नालाल रजक एवं कम्प्यूटर आपरेटर श्री नन्दकिशोर के विरूद्ध पुलिस थाना, अजयगढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सहायक पंजीयक, सहकारी संस्था, पन्ना द्वारा समिति के कर्मचारियों से राशि वसूली की कार्यवाही हेतु प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
कियोस्क द्वारा रॉयल्टी का भुगतान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
19. ( क्र. 273 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में मछली पालन हेतु कितने तालाब पट्टे पर दिये गये है? सभी हितग्राहियों/समूहों के नाम बतावे। इनमें से कितने समूहों द्वारा पट्टे पर प्राप्त तालाबों को ठेके पर दे दिये गये है एवं कितने तालाबों की रॉयल्टी प्रश्न दिनांक तक जमा नहीं की गई है? (ख) जिन समूहों द्वारा ठेके पर तालाब दिये गये है एवं जिनके द्वारा रॉयल्टी प्रश्न दिनांक तक जमा नहीं की गई है उनके पट्टे निरस्त करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) जिला अशोकनगर में सब्सिडी प्राप्त तालाब एवं कियोस्क के हितग्राहियों की विगत पांच वर्षों की सूची देवें। (घ) ऐसे कितने हितग्राही है जिन्होंने तालाब/कियोस्क का कार्य पूर्ण कर लिया है परन्तु उन्हें सब्सिडी अभी तक जारी नहीं की गई है। (ङ) इनमें से कितने तालाब एवं कियोस्क का निर्माण, अधिकारियों की मिलीभगत से धरातल पर न होकर केवल मात्र कागजों में है एवं सब्सिडी आहरण कर ली गई है। (च) ऐसे मिलीभगत से शासन की निधि को भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? अथवा हॉं, यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जिला अशोकनगर में मछली पालन हेतु 168 तालाब पट्टे पर दिये गये है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी निरंक। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (ड.) एवं (च) जानकारी निरंक।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना वितरण प्रणाली में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 279 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में प्र.ग.क.अ. योजना के राशन वितरण करने के क्या नियम थे? प्रतिलिपि देवें। क्या केवल कन्टेनमेंट जोन की शा.उ.मू. की दुकान पर राशन ऑफलाइन पंजी से वितरण के आदेश थे? यदि हाँ, तो जिला आपूर्ति कार्यालय में संधारित ऑफलाइन पंजी के रिकॉर्ड की प्रतिलिपि देवे। साथ में यह भी बताये कि ऑफलाइन पंजी के बिना पीओएस मशीन में से कितना स्टॉक कम किया है और किस अधिकारी की लॉगिन से कम हुआ है? यदि हाँ, तो नियमों का उल्लघंन करने पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) दिनांक 31 मार्च 2021 एवं दिनांक 31 मार्च 2022 की स्थिति में किन-किन शा.उ.मू. की दुकानों पर पीओएस मशीन में कितना स्टॉक शेष था? परन्तु भौतिक रूप से स्टॉक उपलब्ध नहीं था, ऐसी दुकानों की सूची देवें। क्या ऐसी शा.उ.मू. की दुकान के तत्कालीन संचालक पर राशन वितरण में अनियमितता करने पर वसूली एवं एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की समाप्ति में कितना स्टॉक पीओएस मशीनों में शेष है? कितना शासकीय भंडार गृह में शेष था, उसकी मूल्य सहित जानकारी देवें। तत्कालीन शा.उ.मू. की दुकानों के संचालकों को संरक्षण देने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत आवंटित खाद्यान्न का वितरण डिजिटल ट्रांजेक्शन (पीओएस मशीन) के माध्यम से करने के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। कोविड काल में महामारी के फैलाव को रोकने के लिए हितग्राही के बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर उचित मूल्य दुकान विक्रेता के बायोमेट्रिक सत्यापन से खाद्यान्न वितरण की तात्कालिक व्यवस्था की गई थी। भारत/राज्य सरकार द्वारा ऑफलाइन पंजी से खाद्यान्न वितरण के कोई निर्देश जारी नहीं किए जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न मात्रा का डाटा संकलन हेतु जिला स्तर से पोर्टल पर प्रविष्टि कराई गई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत पीओएस मशीन से स्टॉक कम करने की सुविधा पोर्टल पर जिला स्तर पर उपलब्ध नहीं कराई गई। ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि की वसूली संबंधित दुकानों द्वारा खाद्यान्न वितरण पर देय कमीशन से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत दिनांक 31 मार्च, 2021 एवं दिनांक 31 मार्च, 2022 की स्थिति में पीओएस मशीन में उपलब्ध ऑनलाइन शेष स्टॉक की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों पर भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक का सत्यापन समस्त उचित मूल्य दुकानों पर करने की व्यवस्था न होने के कारण दुकान पर उक्तावधि में भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि की वसूली संबंधित दुकानों द्वारा खाद्यान्न वितरण पर देय कमीशन से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत दिनांक 31 मार्च, 2021 एवं दिनांक 31 मार्च, 2022 की स्थिति में पीओएस मशीन में उपलब्ध ऑनलाइन शेष स्टॉक की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों पर भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक का सत्यापन समस्त उचित मूल्य दुकानों पर करने की व्यवस्था न होने के कारण दुकान पर उक्तावधि में भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि दिनांक 31 दिसम्बर, 2022 को पूर्ण हो जाने के कारण वितरण पश्चात् पीओएस मशीन में उपलब्ध शेष स्टॉक को अन्य योजनाओं में अंतरित कर वितरण कराया गया है। ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण मात्रा की राशि वसूली की कार्यवाही संबंधित उचित मूल्य दुकान से की जा रही है। दुकान संचालकों को संरक्षण देने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार का नियम विरूद्ध कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
21. ( क्र. 316 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 से 2018 तक पोषण आहार का कार्य उद्यानिकी विभाग की नोडल एजेंसी एमपी स्टेट एग्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा ज्वाइंट सेक्टर के माध्यम से प्राइवेट ठेकेदार के द्वारा कराया जा रहा था? यदि हाँ, तो पोषण आहार बनाने में जो कच्ची सामग्री का इस्तेमाल किया जाता था उसको क्रय करने का क्या नियम था? (ख) क्या एमपी एग्रो के ज्वाइंट सेक्टर के संयंत्रों द्वारा रजिस्टर्ड वेंडर से न्यूनतम दर पर कच्ची सामग्री क्रय न कर नियम विरुद्ध प्राइवेट ठेकेदार ने अपनी ही बनाई गई को-कंपनियों से माल क्रय किया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है प्रश्न दिनांक तक दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई यदि नहीं, तो क्यों? (ग) माह अप्रैल 2019 से माह जनवरी 2022 तक किस-किस फॉर्म द्वारा किस-किस संयंत्र के लिए पाम आईल और सोया आईल क्रय किया गया है? क्या इन फर्मों द्वारा जिन कंपनियों से तेल का अनुबंध किया गया था उन्हीं कंपनियों से तेल क्रय कर प्रदाय किया गया यदि नहीं, तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माह अप्रैल 2019 से जनवरी 2022 तक क्रय की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एन.आई.टी. के माध्यम से प्रदायकों का पंजीयन किया जाता था। तदोपरान्त पंजीकृत प्रदायकों से दरें आमंत्रित की जाकर न्यूनतम दर प्रस्तावक से सामग्री क्रय की जाती थी। अर्थात पंजीकृत प्रदायकों से ही क्रय किया गया। पंजीकृत प्रदायक एवं तेल निर्माता/आयातक कंपनीज के मध्य अनुबंध की जानकारी नहीं है। परन्तु कोरोना महामारी से संबंधित अपरिहार्य स्थिति में अन्य कंपनियों से समान दरों पर तेल क्रय कर प्रदाय की स्थिति रही है।
सड़कों की मरम्मत एवं नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 386 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के किन-किन ग्रामों में जलजीवन मिशन के तहत पेयजल योजना 01 अप्रेल 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गई है? किन-किन ग्रामों में किस-किस निर्माण एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? प्रत्येक ग्राम/योजना का अलग-अलग विस्तृत विवरण तकनीकी स्वीकृति/प्रशासकीय स्वीकृति/मूल्यांकन/भौतिक सत्यापन पूर्णता की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में पाइप लाइन विछाने हेतु सड़कों की खुदाई की गई? किन-किन ग्रामों की सड़कें एजेन्सी द्वारा ठीक करा दी गई नाम सहित बताएं तथा किन-किन ग्रामों की सड़कें कब तक ठीक करा दी जावेगी? समय-सीमा बताएं। सम्बंधित ग्राम पंचायतों से संतुष्टि पत्रक की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) किन-किन ग्रामों में पाइप लाइनें बिछाकर घरों में टोंटी लगाकर पानी सप्लाई की जा रही है? प्रत्येक ग्राम का नाम बताऐं? शेष रहे किन-किन ग्रामों में, घरो में टोंटी लगाकर पेयजल कब तक उपलब्ध करा दिया जाएगा? (घ) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में किस-किस पेयजल योजना हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? योजनावार विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। पाइप-लाइन के बिछाने एवं जोड़ने के कार्य में आवश्यकतानुसार खोदी गई सड़कों का पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में किए जाने का प्रावधान है। योजना के सफल ट्रायल रन उपरांत विभाग, ठेकेदार एवं ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापन कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि सड़कों के पुनर्निर्माण के कार्य संतुष्टि पूर्ण हैं, पृथक से ग्राम पंचायत से संतुष्टि पत्रक प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
आदिवासियों के विकास हेतु प्रयास
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 390 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य विभाग अन्तर्गत प्राप्त आवंटन से कराये गये सम्पूर्ण विवरण राशि सहित बतायें तथा शासन की गाइड-लाइन दें? (ख) वकस्वाहा क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या काफी है उनकी जीवन रेखा बदलने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये? (ग) विभाग द्वारा व्यय की गई राशि का/सामग्री क्रय का भौतिक सत्यापन किया गया? (घ) यदि हाँ, तो वह अधिकारी कौन-कौन है? उनकी जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में छतरपुर जिले के बडामलहरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों की जानकारी/ अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 गाइड लाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बकस्वाहा में आदिवासियों के विकास हेतु शासन की विभिन्न योजनाऐं संचालित है जिससे उनके जीवन स्तर को उच्च स्तर पर पहुंचाये जाने के प्रयास किये जा रहे है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) ''जी हाँ''। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है।
दूरसंचार कंपनियों द्वारा टॉवर लगाये जाने की नियमावली
[पर्यावरण]
24. ( क्र. 392 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 53 बड़ा मलहरा जिला-छतरपुर में दूर संचार कम्पनियों द्वारा टावर लगाये गये है जिनको लगाने के पूर्व दिये गये आवेदन एवं समस्त संलग्न दस्तावेज सहित शासन की नियमावली उपलब्ध करावें? (ख) क्या टावर के लिए निर्धारित ऊंचाई सुरक्षात्मक संसाधनों तथा आवश्यक विभागों द्वारा अनापत्ति प्रमाण प्राप्त किये गये? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेज उपलध कराने यदि नहीं, तो विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) से संबंधित समस्त टावरों की नियमितता निर्धारण तथा नियमों के पालन हेतु विभाग के द्वारा किये जाने वाले स्थल निरीक्षण की जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) दूरसंचार कम्पनियों द्वारा टावर लगाने संबंधी प्रावधान 'मध्यप्रदेश में दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति-2023' में निहित है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' पर है। बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जारी की गई अनुज्ञप्तियों के आवेदनों एवं संलग्न दस्तावेजों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' पर है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) नीति अनुसार शासकीय भूमि पर संबंधित विभाग से अनापत्ति प्राप्त कर अनुज्ञप्ति जारी करने का प्रावधान है। तदानुसार आवश्यक परीक्षण उपरांत ही आवेदन का निराकरण किया जाता है।
ऋण निधि से संग्राहित लघु वनोपज की खरीदी-बिक्री
[वन]
25. ( क्र. 436 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा वन मंडल में आचार, गुठली, महुआ, फूल, हर्रा एवं अन्य वनोपज ऋण निधि से वर्ष 2019 से आज तक कितनी राशि से लघु वनोपज समितिवार खरीदी की गई है मात्रा सहित बताने की कृपा करें? (ख) ऋण निधि एवं लघु वनोपज संघ की निधि से खरीदी गई सामग्री की बिक्री से प्राप्त राशि एवं वर्षवार बची राशि की जानकारी संघ मुख्यालय को भेजा जाना शेष है। (ग) भरतादेव प्रसंस्करण में संघ निधि से वन विभाग के द्वारा खरीदी गई लघु वनोपज एवं प्रसंस्करण के बाद सामग्री बिक्री से प्राप्त राशि, अगर बिक्री नहीं हुई तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (घ) पश्िचम वनमंडल के अंतर्गत खरीदी गई अचार एवं महुआ खरीदी पर व्यय की गई राशि एवं बिक्री की गई राशि की जानकारी एवं दोषी अधिकारियों तथा कर्मचारी व प्रबंधको के विरुद्ध की गई कार्यवाही व वसूल राशि की जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) छिंदवाड़ा वनमंडल में आचार गुठली, महुआ फूल, हर्रा एवं अन्य वनोपज ऋण निधि से वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में खरीदी नहीं की गई है। वर्ष 2022 में केवल महुआ फूल की खरीदी की गई है। समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-क अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ख अनुसार है। (ग) भरतादेव प्रसंस्करण केन्द्र में संघ निधि से किसी भी प्रकार की लघु वनोपज क्रय की जा कर प्रसंस्करण का कार्य नहीं किया गया है। अतः दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ख अनुसार है। अतः कार्यवाही एवं राशि वसूल करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
26. ( क्र. 493 ) श्री संजय उइके : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (संशोधित योजना 2022) के अन्तर्गत योजना क्रियान्वयन हेतु अधिकृत संस्था जनपद पंचायत बैहर एवं बिरसा जिला बालाघाट को योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक जो राशि जनपद पंचायत बैहर एवं बिरसा के खाते में प्राप्त हुई या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद के खाते में प्राप्त हुई। कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) योजनान्तर्गत राशि जनपद पंचायत के खाते में प्राप्त हुई तो क्या जनपद पंचायत के सामान्य प्रशासन समिति से अनुमोदन कराया गया था, यदि कराया गया था तो, अनुमोदित कार्यवृत्त की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, कराया गया तो म.प्र. पंचायत स्वराज अधिनियम 1961 की किस धारा एवं नियम में दिये गये प्रावधान अनुसार नहीं कराया गया? (ग) विवाह योजना की प्राप्त राशि के व्यय का अनुमोदन सामान्य प्रशासन समिति से नहीं कराया गया तो उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जनपद पंचायत बैहर द्वारा वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी के एकल खाते में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत राशि रूपये 2,03,50,000/- (दो करोड़ तीन लाख पचास हजार मात्र) आहरण की गई है। इसी प्रकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बिरसा द्वारा एकल खाते में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 2,01,85,000/- (दो करोड़ एक लाख पिच्चयासी हजार मात्र) आहरण की गई है। (ख) जी हाँ, जनपद पंचायत बैहर द्वारा सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 19/07/2023 में पारित प्रस्ताव क्रमांक-5 के अनुसार अनुमोदन कराया गया एवं जनपद पंचायत बिरसा द्वारा सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 04/1/2023 में पारित प्रस्ताव क्रमांक-3 एवं दिनांक 10/08/2023 में पारित प्रस्ताव 02 के अनुसार अनुमोदन कराया गया। अनुमोदित कार्यवृत्त प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्याज भावांतर की राशि का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
27. ( क्र. 508 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के किसानों को 2019 के प्याज भावांतर की राशि आज तक नहीं डाली गई है। देवास जिले के ऐसे करीब 5000 किसान है, जिनको प्याज भावांतर की राशि आज तक प्राप्त नहीं हई है। किसानों द्वारा बार-बार मांग की जा रही है? यह राशि कब तक डलेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना (भावांतर) संचालित थी, वर्तमान में यह योजना प्रचलन में नहीं होने से आवंटन उपलब्ध नहीं है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 562 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में जनजाति वर्ग के उत्थान हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है तथा जनजातीय क्षेत्रों में जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा उक्त अवधि में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मद में किस-किस कार्य हेतु राशि जारी की गई है? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा छात्रावासों, कन्या शिक्षा परिसरों, एकलव्य विद्यालयों, उत्कृष्ट विद्यालयों एवं अन्य विद्यालयों में किन-किन कार्यों के लिए छात्रों की सुविधा एवं अन्य प्रोत्साहन हेतु राशि आवंटित की जाती हैं? मदवार पृथक-पृथक जानकारी उलब्ध करावें। (ग) क्या शासन स्तर से जिले जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित समस्त विद्यालयों, छात्रावासों, कन्या परिसरों, एकलव्य विद्यालयों एवं मॉडल विद्यालयों में सामग्री, फर्नीचर, पुस्तक व गणवेश क्रय हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की जाती है? मदवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावे तथा क्या जिले के समस्त उपरोक्त विद्यालयों में उपरोक्तानुसार सामाग्रियों को सप्लायरों के माध्यम से सप्लाई की जाती है? यदि हाँ, तो सप्लायरों की जानकारी वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई जाये। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार शासन द्वारा प्राप्त मदवार उपरोक्त राशियों के आय एवं व्यय की जानकारी क्या स्थानीय विधायकों एवं सांसद की दी गई है? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? उपरोक्त राशि का व्यय किस आधार पर किये जाने का प्रावधान हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) समय-समय पर जिला स्तर पर माननीय सांसद एवं माननीय विधायक द्वारा की जाने वाली समीक्षा बैठक में सभी योजनाओं की जानकारी दी जाती है तथा उक्त राशि का व्यय नियमानुसार किया जाता है।
जल निगम द्वारा संचालित समूह योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 701 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल निगम के द्वारा जो समूह योजना संचालित की जा रही है यह योजना जुलाई-अगस्त 2022 में पूर्ण होना थी? किन्तु अभी तक अपूर्ण है? (ख) क्या यह सही है कई गांवों में सड़कों की खुदाई कर पाइप डाल दिए गए हैं उन जगह पर आर.सी.सी. नहीं होने की वजह से एवं गड्ढे होने से लोग परेशान हो रहे है एवं दुर्घटनाएं होती रहती हैं? (ग) पीने के पानी की समस्या की दृष्टि से यह योजना सरकार की बहुत बड़ी योजना है। किन्तु अभी तक वह अधुरी क्यों है? कार्य कब तक पूर्ण होगा समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न समूह जल प्रदाय याजनाओं की पूर्णता की तिथि प्रत्येक योजना की स्वीकृत निविदा/अनुबंधानुसार है। जल जीवन मिशन के तहत योजनाओं को वर्ष 2024-25 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं, पाइप-लाइनों की टेस्टिंग एवं कमीशनिंग होने के उपरांत सड़कों का पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाया जा रहा है। (ग) कोविड-19, नेशनल हाइवे, वन व अन्य विभागों से स्वीकृति विलंब से प्राप्त होने के कारण योजना के क्रियान्वयन में विलंब हुआ है, निश्िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में जल-जीवन मिशन योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 709 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिला में जल-जीवन मिशन योजना अंतर्गत वर्तमान में किन-किन ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? ग्रामवार योजना की जानकारी दें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में विभाग द्वारा कोई निगरानी नहीं की जा रही है? ठेकेदारों द्वारा मनमाना काम कराकर योजना को फर्जी अमलीजामा पहनाया जा रहा है? (ग) ग्राम पंचायत बैसा, जनपद पंचायत बल्देवगढ़, ग्राम पंचायत बरेठी जनपद जतारा में योजना चालू दिखा दी गई किंतु न तो कनेक्शन कराये गये न ही योजना पंचायत को सौंपी गई, ऐसा क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित योजना में लापरवाही के लिए कौन दोषी है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी नहीं, जल जीवन मिशन के अंतर्गत कराए जा रहे नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों की निगरानी विभागीय अधिकारियों एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं द्वारा की जा रही है। जी नहीं, ठेकेदारों द्वारा विभागीय अधिकारियों एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं के पर्यवेक्षण में कार्य किए जा रहे हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई दोषी नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना लागू कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 711 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में जल-जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिवस तक कुल कितने ग्रामों में नल-जल योजना लागू की गई है? ग्रामों के नाम सहित बतावें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में भारी अनियमिततायें की गई यदि नहीं, तो बतायें कि किन-किन ग्रामों में यह योजना चालू है और ग्रामीण लाभान्वित हो रहे है यदि नहीं, तो? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अनियमितता के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित योजना में कब तक सुधार कर आमजन को लाभान्वित कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 596 ग्रामों में, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, योजनाओं का क्रियान्वयन विभागीय मापदंडों एवं निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत कराया जा रहा है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण
[वन]
32. ( क्र. 727 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विगत 2 वर्षों में तेन्दूपत्ता बोनस वितरण के रूप में कितनी राशि का, कितने संग्राहकों को वितरण किया गया है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें? (ख) केवलारी विधानसभा परिक्षेत के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में विगत 2 वर्षों का तेन्दुपत्ता बोनस कीराशि का वितरण तेन्दुपत्ता संग्राहकों को नहीं किया गया है? कृपया कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तेन्दुपत्ता संग्राहकों को कब तक तेंदुपत्ता बोनस वितरण किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) दक्षिण एवं उत्तर वन मण्डल सिवनी में विगत वर्षों में कितनी-कितनी राशि का तेन्दुपत्ता बोनस का वितरण किया गया है परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) जिला यूनियन दक्षिण सिवनी अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति उगली, सोनखार, सरेखा, पांडिया छपारा, कान्हीवाड़ा एवं वर्ष 2022 में प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सोनखार के तेन्दूपत्ता लॉट की पूर्ण विक्रय राशि प्राप्त नहीं होने के कारण बोनस गणना नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) की समितियों के तेन्दूपत्ता लॉट की पूर्ण विक्रय राशि प्राप्त होने पर नियमानुसार तेन्दूपत्ता बोनस की गणना की जाकर अग्रिम कार्यवाही संभव होगी। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट- दो अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 728 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा केवलारी अंतर्गत जल जीवन मिशन में कितनी नल-जल योजना स्वीकृत की गई है एवं वर्तमान में कौन-कौन सी नल-जल योजना चालू है एवं योजना कितनी राशि की स्वीकृत की गई थी वर्षवार जानकारी देवें? कितनी योजनाओं में प्रश्न दिनांक तक कार्य चालू नहीं हुआ है पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस कारण से नल-जल योजना चालू नहीं हो पाई है की जानकारी देवें? (ग) विभाग अंतर्गत केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि का वर्षवार विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन नहीं दिया जाता है, तथापि सिवनी जिले को केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
हैण्डपंप सेट का भौतिक सत्यापन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 777 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिलांतर्गत वर्ष 2019 से 2023 तक सूखा राहत व जल स्तर कम होने वाले स्थानों में शासन द्वारा हैण्डपंपों में 1 एच.पी. मोटर एवं अन्य सामग्री प्रदाय करने के आदेश हुये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) दतिया जिले में कितने पंप सेट, हैण्डपंपों में डाले गये? इसमें भाण्डेर विधानसभा के किन-किन ग्रामों के हैण्डपंपों में पंप सेट डाले गये? ग्रामों की सूची प्रदाय करें। (ग) डाले गये हैण्डपंपों में पंपसेट का भौतिक सत्यापन कराया गया अथवा नहीं? यदि सत्यापन कराया गया है तो सत्यापन रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं, कराया गया है तो कौन दोषी है? उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, आदेशों की प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) 330 पंपसेट। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
भर्ती पर से प्रतिबंध को हटाया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
35. ( क्र. 778 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुदान प्राप्त संस्थाओं में कार्यरत कुल शिक्षकों/कर्मचारियों की संख्या बताएं एवं विगत 05 वर्षों में इस संस्थाओं से सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों की संख्या बताएं? (ख) उपरोक्त शिक्षण संस्थाओं में सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों का अध्यापन कार्यप्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों के पदों की पूर्ति नहीं किये जाने के क्या कारण है तथा सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी? (ग) विभाग द्वारा दिनांक 07.03.2020 के तहत भर्ती पर प्रतिबंध लगाया गया है क्या प्रतिबंध हटाया जाएगा? यदि नहीं, तो क्या यह अनुसूचित जाति की शैक्षणिक योजना बंद की जा रही है यदि बंद की जा रही है तो क्यों? क्या अनुसूचित जाति का शैक्षणिक विकास पूर्ण हो चुका है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुदान प्राप्त संस्थाओं में कार्यरत कुल शिक्षकों/कर्मचारियों की संख्या-546 एवं विगत 05 वर्षों में इन संस्थाओं से सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों की संख्या-120 है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी बनाया जाना
[जनजातीय कार्य]
36. ( क्र. 779 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत दतिया में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? (ख) उक्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी बनाने के शासन के क्या आदेश है? प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कब तक स्थायी कर्मी के आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत दतिया जिले में 03 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है। (ख) शासन आदेश, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 07/10/2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को जिला स्तर पर स्थाईकर्मी के रूप में विनियमित किये जाने हेतु पात्र नहीं पाया गया।
शिवपुरी में सीवर परियोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 826 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी नगर में सीवर परियोजना की स्वीकृति कब हुई थी? तत्समय परियोजना की निर्माण लागत क्या थी तथा वर्तमान में क्या है? परियोजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ? निविदा की शर्तों के अनुसार कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना था? वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने प्रतिशत क्या-क्या कार्य होना शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने नगरवासियों को सीवर परियोजना अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कनेक्शन दिए जा चुके हैं? जानकारी दें? अगर नहीं तो क्यों? कारण बताएं? कनेक्शन दिए जाने हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है व कब तक कनेक्शन प्रदाय कर दिए जाएंगे? समयावधि बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) अनुसार सीवर परियोजना से शहरवासियों को कनेक्शन दिए जाने के पूर्व अभी तक किए गए निर्माण कार्य की कोई जांच अथवा टेस्टिंग कर ली गई है? क्या इस बात की पुष्टि कर ली गई है, कि परियोजनांतर्गत किए गए कार्य के उपरांत सीवर की व्यवस्थित निकासी हेतु बिछाई गई पाइप लाइनें, बनाए गए सीवर चेम्बर्स एवं अन्य निर्माण कार्य की गुणवत्ता आदि उपयुक्त है अथवा नहीं? क्या परियोजना भविष्य में बेहतर ढंग से संचालित हो सकेगी अथवा नहीं? जांच/टेस्टिंग किए जाने संबंधी जानकारी उपलब्ध करावे? यदि कोई जांच/टेस्टिंग नहीं की गई है तो क्या इसकी आवश्यकता नहीं है? अगर है तो कब तक की जावेगी तथा कब तक शहरवासियों को सीवर कनेक्शन प्रदाय कर दिए जाएंगे? समयावधि बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) सीवर परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण सीवर कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। सीवर परियोजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत नगर पालिका परिषद, शिवपुरी द्वारा सीवर कनेक्शन दिए जाना हैं, सीवर कनेक्शन दिए जाने की निश्िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, जी हाँ, सीवर परियोजना अंतर्गत कराए गए कार्यों की विभागीय अधिकारियों एवं तकनीकी संस्थानों द्वारा मापदंडानुसार जांच/टेस्टिंग की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। सीवर परियोजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत नगर पालिका परिषद, शिवपुरी द्वारा सीवर कनेक्शन दिए जाना हैं, सीवर कनेक्शन दिए जाने की निश्िचत समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
वन समितियों का निर्वाचन
[वन]
38. ( क्र. 849 ) श्री अभय
कुमार मिश्रा
: क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या शासन
से प्राप्त
राशियों
डी.एफ.ओ.
द्वारा रेन्ज
अफसरों की
राशि स्टाक कर
समिति बैंक के
माध्यम से
अधीनस्थ का
हस्ताक्षर
कराकर
कार्यों का
भुगतान कराया
जाना दर्शाया
जाता है?
(ख)
क्या
वन अधिकारी
समिति के सदस्यों
की नियुक्ति
जंगल विभाग के
अधिकारियों द्वारा
ही की जाती है
न की ग्राम
सभा के माध्यम
से अथवा
निर्वाचन से? (ग) क्या
ग्राम सभा के
सदस्य एवं
उनके माध्यम
से रेन्ज
अफसर की इच्छानुरूप
नियुक्ति अध्यक्ष
रेन्ज अफसर
के पूर्वत व
दबाव में रहता
है एवं आदिवासी/दलित
होने की वजह
से दबाव से
चेक में दस्तखत
कर राशि का
आहरण कर राशि
अधिकारियों
को सौंप देता
है एवं व्यापक
भ्रष्टाचार
पाये जाने पर
अभिलेखों में
समिति का अध्यक्ष
को ठहरा दिया
जाता है क्या
मध्यप्रदेश
शासन इन बिलों
को रोकने हेतु
व्यापक कदम
उठाकर वन
समितियों की
मापदण्ड
प्रक्रिया
बदलेगी एवं
अधिकारियों
की चंगुल से
छुटकारा
दिलायेगी?
वन
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जी
नहीं। (ख) जी
नहीं, वन
अधिकारी
द्वारा समिति
सदस्यों की
नियुक्ति
नहीं की जाती
है। म.प्र.
शासन द्वारा
जारी संकल्प
दिनांक 22
अक्टूबर 2001 के कंडिका
क्रमांक 5.2 संलग्न
परिशिष्ट पर
है के अनुसार
समिति के
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष
एवं
कार्यकारिणी
का चुनाव किया
जाता है। (ग) जी नहीं। ऐसा
कोई प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है, अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 850 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक की अवधि तक में प्रति दुकान कितना खाद्यान्न पहुँचाया गया का विवरण दुकान व जनपदवार, विधानसभावार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार दुकानों हेतु प्राप्त आवंटन की स्थिति प्रतिवर्ष व माह क्या थी का विवरण दुकान व माहवार वर्षवार देवें, जिले की आवंटन की स्थिति भी बतावें क्या दुकानों के आवंटन प्रतिमाह प्रतिवर्ष दुकानों के बदलते रहे तो क्यों इसका कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित दुकानों में प्रश्नांश (ख) अनुसार खाद्यान्न का आवंटन घटता बढ़ता रहा हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हुये समय पर खाद्यान्न नहीं बांटा गया, खाद्यान्न की हेरा-फेरी एवं कालाबाजारी की गई इन सब अनियमितताओं की जांच हेतु क्या निर्देश देंगे। माहवार बदल रहे आवंटन के सुधार बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में प्रदेश में संचालित आटा मीलों की संख्या के साथ बतावें, कि इन मीलों के द्वारा कितने आटा की बिक्री वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक की अवधि में की गई, इनके द्वारा गेहूँ की खरीदी कब-कब, किन-किन दुकानों से की गई का विवरण प्रस्तुत कर बतावें की अनुबंध की शर्तों अनुसार गेहूँ खरीदी शासन से की गई या नहीं तो क्यों? इन मीलो गेहूँ से निर्मित आटा एवं अन्य उत्पाद पर प्रदत्त जी.एस.टी. का विवरण जिलेवार प्रस्तुत करें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित दुकानों में खाद्यान्न समय पर प्रतिमाह नहीं पहुँचाया गया कालाबाजारी की शिकायतें प्राप्त होती रहीं, खाद्यान्न के आवंटन में हेरा-फेरी कर उपभोक्ताओं को वंचित किया गया एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार संचालित आटा मीलों के द्वारा गेंहूँ की खरीदी का साधन एवं मात्रा की बिक्री अनुसार नहीं पाये जाने पर परिलक्षित अनियमितताओं के जांच एवं कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे समय-सीमा निर्धारित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदर्श ग्राम योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 899 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला में कुल कितनी ग्राम पंचायतों में आदर्श ग्राम योजना संचालित है? संचालित करने के क्या नियम व मापदण्ड हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में जिला स्तर से कौन-कौनसी पंचायतों को क्या कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों की सूची सहित निर्माण कार्यों की प्रगति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में कितनी ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाईट हेतु राशि आहरित की गई और कार्य नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में की गई अनियमितता के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ़ जिले के 13 ग्राम पंचायतों के 34 ग्रामों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित है। ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। योजना संचालन के नियम व मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत जिला स्तर पर स्वीकृत कार्यों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बल्देवगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 668 दिनांक 02.02.2024 द्वारा प्रश्नांश ''ख'' अंतर्गत ग्राम पंचायत जटेरा के ग्राम बलबंतपुरा उगड़ के निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता का प्रकरण दर्ज किये जाने हेतु प्रस्ताव पत्र क्रमांक/2840 जपंचा0/2023 दिनांक 19.06.2023 द्वारा कार्यालय जिला पंचायत टीकमगढ़ को प्रेषित किया गया है। प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कोई अनियमितता होना नहीं पाया गया है।
लम्बित भुगतान की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
41. ( क्र. 908 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 से सतना जिले में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूं के उपार्जन केन्द्रों से संबंधित सहकारी समितियों को प्रासंगिक व्यय, कमीशन एवं कम्प्यूटर आपरेटरों के वेतन आदि का भुगतान कब-कब, किन-किन समितियों को किया गया है, जानकारी समितिवार, केन्द्रवार, भुगतान राशि वार, लंबित राशिवार, वर्षवार, निर्धारित प्रारूप पर जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या यह सही है कि कुछ सहकारी समितियों के भुगतान अभी तक शेष है? यदि हाँ, तो क्यों और ऐसे लंबित भुगतान कब तक कर दिये जावेंगे, समितिवार समयावधि सहित जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या यह भी सही है कि मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सतना द्वारा उक्त संबंध की राशि भुगतान करने में प्राय: अकल्पनीय विलम्ब किया जाता है। यदि हाँ, तो उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी, यदि नहीं, तो भुगतान लंबित रखने के कारण क्या है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उपार्जन समितियों को प्रासंगिक व्यय, कमीशन की तदर्थ राशि उपार्जन के दौरान ही ऑनलाइन भुगतान करने की व्यवस्था है। शेष राशि का भुगतान समितियों द्वारा उपार्जित एवं जमा मात्रा, बारदाना मिलान उपरांत अंकेक्षित देयकों के आधार पर किया जाता है। सतना जिले में खरीफ एवं रबी विपणन वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं पर सहकारी समितियों को प्रासंगिक व्यय, कमीशन एवं कम्प्यूटर आपरेटरों के वेतन समितिवार, केन्द्रवार, वर्षवार, भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समग्र रूप से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को समितियों से राशि रू. 11918045 प्राप्ति योग प्रदर्शित है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 एवं रबी विपणन वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कम्प्यूटर आपरेटर के मानदेय का भुगतान किया जा चुका है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के समितियों से अंकेक्षित देयक एवं बारदाना मिलान की कार्यवाही शेष हैं, जिसका एक माह में निराकरण कर दिया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 एवं रबी विपणन वर्ष 2023-24 के कम्प्यूटर आपरेटर के मानदेय का भुगतान की कार्यवाही एक सप्ताह में पूर्ण कर दी जाएगी। (ग) उपार्जन करने वाली समितियों द्वारा बारदाना मिलान एवं अंकेक्षित देयक समय पर प्रस्तुत न करने पर अंतिम भुगतान की कार्यवाही लंबित रही है। समितियों को प्रासंगिक व्यय, कमीशन की तदर्थ राशि का भुगतान उपार्जन अवधि में ही किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि एवं कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
42. ( क्र. 912 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर सीमेन्ट/(अल्ट्राटेक मैहर सीमेन्ट वर्क्स) औद्योगिक संस्थान को स्थापना के समय कितने हेक्टेयर वन भूमि भारत शासन/म.प्र. शासन द्वारा स्वीकृत की गई थी? भूखण्ड की सीमा, नम्बर एवं नक्शा सहित जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में इस संस्थान के स्थापित हो जाने के पश्चात 31 दिसम्बर 2023 तक कितनी वन भूमि कब-कब और भी स्वीकृत की गई है, जानकारी दी जावें और क्या इस संस्थान द्वारा स्वीकृत सीमा के अंतर्गत ही अपनी यूनिटों की स्थापना की जा रही है? यदि हाँ तो ऐसे भूखण्डों के स्वीकृत आदेशों की विस्तृत जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या यह सही है कि इस संस्थान द्वारा स्वीकृत भूखण्ड सीमा के विरूद्ध वन भूमि में अपनी इकाई का विस्तार व कार्य मन माफिक तरीके से वन भूमि में किया जा रहा है यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो भौतिक स्थिति में कराये गये विस्तारण से संबंधित निर्माण कार्यों के नाम एवं उनसे संबंधित अधिग्रहित भूखण्ड की सीमा सहित पृथक-पृथक रूप से निर्माण कार्योंवार जानकारी दी जावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सतना जिले के वन मंडल सतना के वन परिक्षेत्र मैहर अन्तर्गत मैहर सीमेन्ट/(अल्ट्राटेक मैहर सीमेन्ट वर्कस) आद्योगिक संस्था हेतु 193.186 हेक्टेयर वनभूमि वर्ष 1975 में 99 वर्ष की अवधि के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा आवेदक संस्था को स्वीकृत की गई थी, भूखण्ड की सीमा निम्नानुसार:- पूर्वः- वनभूमि के कक्ष क्रमांक पी- 547, 555, 556 की सीमा। पश्िचमः- राजस्व भूमि उत्तरः- राजस्व भूमि दक्षिणः- वन कक्ष क्रमांक पी- 545 की सीमा स्थित है, औद्योगिक संस्था वनभूमि के कक्ष क्रमांक पी-545 एवं 546 में स्वीकृत है। लीज डीड एवं नक्शा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में संस्थान के स्थापित हो जाने के पश्चात 31 दिसम्बर 2023 तक मैहर सीमेन्ट/(अल्ट्राटेक मैहर सीमेन्ट वर्कस) को स्वीकृत वनभूमि की जानकारी एवं स्वीकृत आदेश की छायाप्रति प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बन्ध में यह सही है कि संस्थान द्वारा स्वीकृत भूखण्ड सीमा के बाहर वनभूमि के वन कक्ष क्रमांक पी-555 में रकबा 27.9 हेक्टेयर में बैंक कालोनी, कालेज, आवासीय कालोनी, हॉस्पिटल, बाजार आदि का निर्माण कार्य कर उल्लंघन किया गया है। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। पृथक-पृथक निर्माण कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
अधिकारी/कर्मचारियों के संलग्नीकरण के नियम
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 955 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग एवं सहायक आयुक्त कार्यालय सागर में शैक्षणिक संवर्ग के कितने प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक कार्यरत है? नाम व पदस्थापना एवं संलग्नीकरण की तिथि सहित विवरण देवें। (ख) क्या संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्यालय/सहायक उपायुक्त कार्यालय सागर में शैक्षणिक संवर्ग के प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षकों को संलग्न किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश के तहत, प्रति उपलब्ध कराये। (ग) क्या जनजातीय कार्य विभाग में शैक्षणिक वर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को संलग्न करने का नियम है? यदि हाँ, तो विवरण दें, यदि नहीं, तो क्या संलग्न शैक्षणिक संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों को मूल पद/संस्था में वापिस पदस्थ करने की कार्यवाही विभाग करेगा तथा कब तक? (घ) संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग एवं सहायक उपायुक्त कार्यालय सागर में विभागीय स्तर पर अधिकारी/कर्मचारी उपलब्ध होते हुये भी शैक्षणिक संवर्ग के कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य विभाग एवं सहायक आयुक्त कार्यालय सागर में श्रीमती मंजूलता राघव, मूल पद- प्राचार्य पदनाम-सहायक नियोजन अधिकारी को विभागीय आदेश क्रमांक/एफ-4-09/2015/25-1, दिनांक 27.03.2015 एवं डॉ. अशफाक अहमद, मूल पद-व्याख्याता, पदनाम-क्षेत्र संयोजक को सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग सागर के आदेश क्रमांक/आ.वि./स्था./2023/1540 दिनांक 06.10.2023 द्वारा पदस्थ किया गया है। (ख) संलग्नीकरण के नियम नहीं हैं। कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्य प्रभावित न हो इसलिए पदस्थापना की गई है। शेष जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) संभागीय उपायुक्त कार्यालय एवं सहायक आयुक्त कार्यालय में प्राचार्य एवं व्याख्याता की पदस्थापना की गई है, संलग्नीकरण नहीं किया गया है। इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
गौ-माताओं के साथ किया जा रहा भेदभाव
[पशुपालन एवं डेयरी]
44. ( क्र. 975 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सालरिया तह. सुसनेर जिला आगर गौ-अभयारण्य को 71 रूपये प्रति गौवंश प्रतिदिन दिया जा रहा है? यदि हॉ तो प्रदेश की अन्य गौशालाओं को प्रति गौवंश प्रतिदिन मात्र 20 रूपये ही क्यों दिये जा रहे हैं? (ख) सालरिया गौ-अभयारण्य को कितनी राशि अग्रिम दी गई है जबकि अन्य गौशालाओं को 20 रूपये प्रतिदिन प्रति गौवंश 10 माह से भुगतान नहीं हुआ है, क्यों? जानकारी दें। (ग) क्या पूर्व में कमलनाथ सरकार द्वारा प्रत्येक गौवंश आहार हेतू 04 रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 रूपये प्रतिदिन किया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में शासन द्वारा सभी गौशालाओं को सालरिया गौ-अभयारण्य की तरह 71 रूपये प्रति गौवंश प्रतिदिन क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है? सरकार द्वारा 71 रूपये प्रति गौवंश कब तक किया जावेगा? (घ) म.प्र. में कितनी गौशाला अपूर्ण एवं निमार्णाधीन है? अपूर्ण गौशालाओं को पूर्ण करने के लिए कितना बजट आवंटन किया गया है? पूर्ण विवरण देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। गौ-अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र सालरिया शासकीय परियोजना है जो निराश्रित गौवंश के पालन के साथ अनुसंधान एवं पंचगव्य से उत्पाद निर्माण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी। मंत्रि-परिषद के निर्णय दिनांक 28 जून 2022 के अनुक्रम में गौ-अभयारण्य संचालन हेतु चारा, भूसा, दाना,मजदूरी, डीजल, बिजली, औषधी, कुशल श्रमिक, शेड सुपरवाईजर हेतु राशि रूपये 71/- प्रति गौवंश प्रति दिवस प्रदाय किया जाता है। गौशाला में गौवंश के लिए रूपये 20/- प्रति गाय प्रतिदिन के मान से राशि प्रदान की जाती है। वह अनुदान के रूप में गौशाला प्रबंधन को दान से प्राप्त एवं स्वयं के आय से प्राप्त राशि अथवा वस्तु के अतिरिक्त है। (ख) मंत्रि-परिषद के निर्णय दिनांक 28 जून 2022 के अनुक्रम में गौ अभ्यारण्य सालारिया के संचालन हेतु संपादित अनुबंध के प्रावधान अनुसार अग्रिम राशि रूपये 207.675 लाख प्रदाय की गई है। प्रदेश की पंजीकृत गौशालाओं हेतु रूपये 20/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से दिसम्बर 2023 तक की अनुदान राशि मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा जारी की जा चुकी है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2019 में पंजीकृत गौशालाओं हेतु राशि रू. 20/- प्रति गौवंश प्रति दिवस का प्रावधान किया गया। वर्तमान में विभाग के पास प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है।
संचालित जे.के. सीमेंट प्लांट को जारी अनुमतियां
[पर्यावरण]
45. ( क्र. 981 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा में संचालित जे.के. सीमेंट प्लांट को विभाग द्वारा कौन-कौन सी अनुमतियों (कंसेंट लेटर) जारी किये गये है? संपूर्ण अनुमतियों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा वेस्ट वाटर के निकासी हेतु क्या प्रावधान किये गये है? क्या कंपनी द्वारा अन्य प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो, संपूर्ण जानकारी दस्तावेज़ सहित उपलब्ध करावें। (ग) कंपनी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु परिसर के चारों और एवं अंदर सघन वृक्षारोपण की जो शर्तें दी गई, क्या उसका कंपनी द्वारा पालन किया गया? यदि पालन किया गया है तो उसके मय फोटोग्राफ एवं लगाये गये वृक्षों की संख्या के फोटोग्राफ उपलब्ध करावें। अगर कंपनी द्वारा अगर वृक्षारोपण नहीं किया गया है, तो कंपनी को दी गई अनुमतियों का स्पष्ट उल्लंघन है इस संबंध में विभाग कंपनी के उपर क्या कार्यवाही करेगा? (घ) कंपनी के प्लांट लगाने से पूर्व विभाग से कौन-कौन सी अनुमतियां प्राप्त की एवं प्लांट लगाने के बाद कौन-कौन सी अनुमतियां प्राप्त की एवं कंपनी द्वारा विभाग को प्रोजेक्ट कास्ट कितनी दर्शाई गई एवं विभाग को कितना शुल्क प्राप्त हुआ? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) उक्त प्लांट लगाने से पूर्व व प्लांट चालू होने के बाद संयुक्त दल बनाकर अधिकारियों द्वारा कब-कब एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जे. के. सीमेंट वर्क्स, उज्जैन को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत जारी स्थापना एवं संचालन सम्मति पत्र की प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया से दूषित जल उत्पन्न नहीं होता है। उद्योग द्वारा जल एवं वायु सम्मति में निहित शर्तों का पालन किया जा रहा है। उद्योग में सतत् वायु मॉनिटरिंग स्टेशन की स्थापना की गई है, परिणाम मानक सीमा में पाये गये हैं। मॉनिटरिंग परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उद्योग परिसर में तथा परिसर के बाहर वृक्षारोपण किया गया है। वृक्षारोपण के फोटोग्राफ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्रश्न का शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उद्योग को बोर्ड द्वारा प्लांट लगाने के पूर्व जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत सशर्त "स्थापना सम्मति" तथा प्लांट लगाने के बाद संचालन हेतु "उत्पादन सम्मति" जारी की गई है। उद्योग द्वारा स्थापना पूर्ण होने पर सी.ए. द्वारा प्रमाणित प्रोजेक्ट कास्ट रूपये 418.96 करोड़ बताई गई है। उद्योग द्वारा स्थापना सम्मति एवं उत्पादन सम्मति हेतु कुल शुल्क राशि रूपये 17,71,000/- बोर्ड में ऑनलाइन माध्यम से जमा की गई है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
दतिया जिला स्थित वन विभाग की भूमि की जानकारी
[वन]
46. ( क्र. 1048 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया गिर्द सहित दतिया जिला में वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते हैं? यदि हाँ, तो कृपया वन संरक्षण अधिनियम 1927 एवं 1980 का गजट (राजपत्र) प्रकाशित हुआ है। क्या वर्ष 1943-44 में दतिया गिर्द के सभी सर्वे नम्बरों 5 से 1593, 12 से 1264, 3199 से 11, 2736 से 2895, 2869 से 3178, 2180 से 2436, 2438 से 2730, 1679 से 2179, 1434 से 2865, 2219 से 2747, 1802 से 2212, 2213 से 2509, 258 से 705, 1171 से 1373, 1666 से 1855, 1383 से 1657. 2459 से 3150, 2182 से 2443, 1 से 766, 793 से 1239, 1523 से 1758, 1244 से 1521, 1794 से 2265, 2172 से 2477. 3140 से 3212, 2490 से 3138, 48 से 1083, 1127 से 1293, 1509 से 1591, 1301 से 1407, 1779 से 2000, 1594 से 1778, 2313 से 2531, 3130 से 2255, 3126 से 3179, 2284 से 3123, 46 से 1405, 3181 से 3200, 1683 से 2656, 1802 से 2212, 1265 से 1801 में जंगल दर्ज है? यदि हाँ, तो वर्तमान में प्रकाशित एवं लागू गजट की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराये। (ख) क्या दतिया जिले की दतिया गिर्द के खसरा क्रमांक 257/8 एवं 257/9 वन भूमि अंतर्गत है। यदि हाँ, तो वन अधिनियम 1927 की धारा 4 के अंतर्गत अधिसूचित ब्लॉक हिस्ट्री से संबंधित पृष्ठ की छायाप्रति उपलब्ध कराये तथा अवगत कराये की क्या उक्त सर्वे नम्बरों में और कोई अन्य सर्वे नम्बर भी उक्त वन अधिनियमों में सम्मिलित है यदि हाँ, तो किस अधिसूचना के अंतर्गत शामिल की गई है तथा उक्ताशय का गजट नोटिफिकेशन की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) क्या दतिया गिर्द स्थित भूमि सर्वे नम्बर 2467, 2468, 2469 का राजस्व एवं वन अधिकारियों द्वारा दिनांक 19/02/2019 को मौके का संयुक्त निरीक्षण किया गया था। यदि हाँ, तो पंचनामा एवं जीपीएस रीडिंग की भी गई थी और जीपीएस रीडिंग को गूगल मेप पर डालने और वन विभाग रिकॉर्ड में उपलब्ध न होने के आधार पर ही उक्त सर्वे नम्बरों वन भूमि बाहर पाये गये यदि हाँ, तो कृपया संयुक्त निरीक्षण की रिपोर्ट पंचनामा एवं जी.पी.एस रीडिंग तथा वन विभाग के रिकॉर्ड की प्रतियां उपलब्ध कराये। (घ) क्या वन परिक्षेत्र अधिकारी के आदेश क्रमांक 1010 दिनांक 14/08/2020 के अनुपालन में दिनांक 14/08/2020 को दतिया गिर्द स्थित भूमि सर्वे नम्बर 2467,2468,2469 का निरीक्षण और अवलोकन किया गया था। यदि हाँ, तो उक्त संबंध में बनाये गये उल्लेखित पंचनामा में उक्त भूमि सर्वे नम्बर वन भूमि में नहीं पाये गये है। यदि हाँ, तो पंचनामा की प्रति एवं पंचनामा पर की गई समस्त विभागीय कार्यवाहियों से संबंधित प्रतिवेदन की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराये।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में चाही गई जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। दतिया जिले की दतिया गिर्द के खसरा क्रमांक 257/8 कुल रकबा 4.50 एकड़ में से 1.50 एकड़ एवं 257/9 कुल रकबा 52.00 एकड़ में 7.00 एकड़ इस प्रकार कुल 8.50 एकड़ भूमि वन भूमि है, जो वनखंड भूता के अन्तर्गत आती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिक्षक विहीन स्कूलों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 1065 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कितनी शिक्षक विहीन शाला हैं एवं कब से? उसकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शिक्षकों की पूति की जावेगी? (ग) वर्तमान में शिक्षक विहीन संस्था में क्या शैक्षणिक कार्य हेतु व्यवस्था की गई है और किन-किन शाला में की गई है? उसकी सूची शिक्षकवार बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) शिक्षकों की पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शिक्षक विहीन संस्था में शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
48. ( क्र. 1084 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत जनपद पंचायत मुरार की 65 ग्राम पंचायतों में तथा जनपद पंचायत घटीगाओं की 19 ग्राम पंचायतों के ग्रामों में विभाग के द्वारा कितनी-कितनी नल-जल योजनाएँ और किस-किस ग्राम में विगत 03 वर्षों से आज दिनांक तक संचालित की जा रही हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त नल-जल योजनाओं में से कितनी-कितनी नल-जल योजनाएँ ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गई हैं और निर्धारित समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी हस्तांतरित नहीं की गई हैं तो क्यों? विभाग सूची उपलब्ध करावे। (ग) विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों/ग्रामों में नल-जल योजनाओं हेतु किन-किन ग्रामों में पेय जल सर्विस लाइन बिछाने के लिए ग्रामों के आंतरिक मार्गों/सड़कों को खोद दिया गया और किन-किन ग्रामों में पेय जल सर्विस लाइन बिछाई गई है? सूची उपलब्ध करावें। स्थानीय ग्रामीणों को आंतरिक मार्गों/सड़कों के खोदे जाने से आवागमन में समस्या के अतिरिक्त गंदगी की विकराल समस्या हो रही है, इसके लिये कौन-कौन अधिकारी अथवा कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी अथवा कर्मचारियों के विरुद्ध आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, की गई तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है, नल-जल प्रदाय योजनाओं में पाइप-लाइन के बिछाने एवं जोड़ने के कार्य में आवश्यकतानुसार ग्रामों के आंतरिक मार्गों/सड़कों को खोदा जाता है तथा पाइप-लाइन के बिछाने एवं जोड़ने के उपरांत ट्रेंच को भरकर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाता है, पाइप-लाइन की टेस्टिंग के उपरांत खोदी गई सड़क का पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
49. ( क्र. 1111 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग अंतर्गत भोपाल जिले में पदस्थ सहायक संचालक, उपसंचालक एवं संयुक्त संचालक की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त अधिकारीगण का मूल पद क्या है एवं वह वर्तमान पद पर कब से पदस्थ हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त अधिकारीगणों में सम्मिलित अधिकारी भोपाल जिले में इससे पूर्व किन-किन पदों पर पदस्थ रहें है। पदस्थापना एवं स्थानांतरण की तिथि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि उपरोक्त अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं यदि हाँ, तो उन अधिकारियों के नाम और उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) उद्यानिकी विभाग अंतर्गत भोपाल जिले में श्री बी.एस.कुशवाह, व.उ.वि.अधि को प्रभारी सहायक संचालक उद्यान का कार्य सौंपा गया है तथा अपनें कार्य के साथ-साथ प्रभारी संयुक्त संचालक उद्यान भोपाल संभाग भोपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ख) अधिकारी का मूल पद वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी है एवं वह वर्तमान में प्रभारी सहायक संचालक उद्यान जिला भोपाल के पद पर दिनांक 01.03.2018 से एवं संयुक्त संचालक उद्यान भोपाल संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिनांक 30.06.2022 से दिया गया है। (ग) श्री बी.एस.कुशवाह दिनांक 25.08.2003 से दिनांक 28.02.2018 तक विकासखण्ड बैरसिया में वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी के पद पर पदस्थ रहें तथा प्रभारी सहायक संचालक उद्यान जिला भोपाल के पद पर दिनांक 01.03.2018 से पदस्थ है, साथ ही श्री कुशवाह को कार्यालय संयुक्त संचालक उद्यान भोपाल संभाग भोपाल का अतिरिक्त प्रभार दिनांक 30.06.2022 से दिया गया है। (घ) श्री बी.एस. कुशवाह प्रभारी सहायक संचालक उद्यान, जिला भोपाल द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार के संबंध में संचालनालय के पत्र क्र/उ/राज/शिक/ 200/2022-23/38 दिनांक 09.05.2023 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल को जांच सौंपी गई है प्रतिवेदन अपेक्षित है एवं आर्थिक अपराध भोपाल में पंजीबद्ध शिकायत क्रमांक 31/2021 पर कार्यवाही ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल द्वारा प्रचलन में है। जांच पूर्ण होने के पश्चात् गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा।
गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग को बंद करने विषयक
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
50. ( क्र. 1112 ) श्री आरिफ मसूद : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग व उसके अधीन कार्यरत संबंधित विभिन्न संस्थाओं व चिकित्सा इकाइयों को बंद करने अथवा अन्य विभागों में संविलियन करने का निर्णय लिया/प्रयास किया जा रहा है? विभाग को बंद करने व अन्य विभागों में संविलियन करने के कारणों सहित तथ्यात्मक जानकारी विवरण सहित उपलब्ध करावे? (ख) गैस राहत विभाग के अधीन कार्यरत विभिन्न संस्थाओं व चिकित्सा इकाइयों में से किन-किन को बंद करने का निर्णय लिया/प्रयास किया जा रहा है? किन-किन संस्थाओं व चिकित्सा इकाईयों को किस किस विभागों में संविलियन करने का निर्णय लिया/प्रयास किया जा रहा है? संस्थावार या चिकित्सा इकाइवार जानकारी देवें? (ग) गैस राहत विभाग को बंद करने अथवा अन्य विभागों में संविलियन करने से गैस राहत विभाग में कार्यरत अमले के संबंध में भी क्या निर्णय लिया गया व गैस पीड़ितों की चिकित्सा सुविधा किस प्रकार सुनिश्चित की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[वन]
51. ( क्र. 1145 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सुदामा चढ़ोकर, अधीक्षक, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षरक में पदस्थ दौरान अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र कूट रचना कर विभाग में नियुक्ति प्राप्त की गई एवं अधिकारियों से सांठ-गांठ कर महत्वपूर्ण पद/शाखाओं का प्रभार लिया गया? (ख) क्या श्री सुदामा चढ़ोकर, अधीक्षक द्वारा शासकीय सेवा में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगा कर पदोन्नति प्राप्त करते हुये शासन को क्षति वित्तीय क्षति पहुंचाई गई? कूटरचित दस्तावेज में पदस्थ कर्मचारी (श्री अतुल एवं अन्य) मिली भगत से पदोन्नतियां प्राप्त की है? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये पदावनत किया जावेगा हाँ अथवा नहीं? (ग) श्री चढ़ोकर, अधीक्षक के विरूद्ध प्रकरण से संबंधित प्रश्न दिनांक तक कार्यालय में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही हुई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। श्री सुदामा चढ़ोकर अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
52. ( क्र. 1146 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी राशि किस-किस दिनांक को किस कार्य हेतु शासन से आवंटित हुई? प्रशासकीय स्वीकृति सहित प्रस्ताव सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में किस एजेन्सी या निविदाकारों को कार्य किये जाने हेतु कार्यादेश प्रदाय किया गया? निविदा की तुलनात्मक प्रति सहित निविदा की समस्त प्रकार की कार्यवाही के दस्तावेज, नोटशीट एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान नगद/चेक/ड्राफ्ट/ आर.टी.जी.एस. या अन्य प्रकार से किया गया? बिल व्हाउचरों की प्रति दिनांकवार, कार्यवार, निविदावार उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? किस अपूर्ण कार्य हेतु भुगतान अधिक कर दिया गया है तथा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में कौन अधिकारी जिम्मेदार है? शासन स्तर पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित राशि की मदवार एवं दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति एवं दस्तावेज की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' 'अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में चयनित निविदाकार एवं सरपंच ग्राम पंचायत को कार्य आदेश प्रदाय किये गये है। निविदा की तुलनात्मक प्रति, निविदा की समस्त कार्यवाही के दस्तावेज, नोटशीट एवं समाचार पत्रों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में हुए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। कार्यों के बिल व्हाऊचरों की प्रति दिनांकवार, कार्यवार, निविदावार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) पूर्ण निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अपूर्ण निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। किसी भी अपूर्ण कार्य में अधिक भुगतान नहीं किया गया है। सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो रहे है, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का संचालन
[जनजातीय कार्य]
53. ( क्र. 1166 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
विधानसभा प्रश्न
क्रमांक-1454,दिनांक-24/12/2021 के प्रश्नांश-''ड़'' के
उत्तरानुसार
तृतीय पक्ष से
परीक्षण न
कराने का कारण
बताइये,
जबकि
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
तत्संबंध में
निर्देश जारी
हैं और
विभागीय
योजनाओं/कार्यों
का विगत-03 वर्षों
में विभागीय
अधिकारियों
द्वारा किए गए
परीक्षण/परिणामों
से अवगत
कराइये। (ख) कटनी के
ग्रामों एवं
नगरीय
निकायों के
वार्डों में
वर्ष-2011 की
जनगणना
अनुसार
जनजातीय वर्ग
की ग्रामवार/वार्डवार
कितनी-कितनी
जनसंख्या हैं
और क्या इन
ग्रामों एवं
वार्डों में
जनजातीय वर्ग
की बस्तियां
भी हैं? यदि
हाँ, तो
कहाँ-कहाँ? (ग) प्रश्नांश
''ख'' ग्रामों
एवं वार्डों
की जनजातीय
वर्ग की बस्तियों
में, किस
विभाग/कार्यालय
द्वारा विकास
एवं निर्माण
के क्या-क्या
कार्य किस
मांग एवं
आवश्यकता के
चलते, किन
प्रस्तावों
के आधार पर, विगत-05
वर्षों में
कितनी-कितनी
लागत से
कौन-कौन कार्य
कब-कब कराये
गये? (घ) प्रश्नांश
''क'' से ''घ'' के
परिप्रेक्ष्य
में क्या प्रश्नांकित
तथ्यों का
संज्ञान लिया
जायेगा और
कार्यवाही की
जायेंगी तथा
जनजातीय वर्ग
के विकास एवं
संसाधनों की
उपलब्धता के
और अधिक प्रयास
किसी पर्यवेक्षण
प्रक्रिया के
अधीन किए जाएंगे? यदि हाँ, तो किस
प्रकार एवं कब
तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. विजय शाह ) : (क) म.प्र.
विधानसभा प्रश्न
क्रमांक 1454 दिनांक 24.12.2021 के प्रश्नांश
''ड़'' के
उत्तरानुसार
तृतीय पक्ष से
(कलेक्टर
द्वारा गठित समिति
द्वारा) परीक्षण
करवाया गया है।
जांच
प्रतिवेदन की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। विभागीय
योजनाओं एवं
कार्यों का
समय-समय पर
विभागीय
उपयंत्री, विभागीय
अधिकारियों व
निर्माण
एजेंसी यथा पी.आई.यु
के
अधिकारियों
द्वारा
निरीक्षण
किया गया है। कार्य
नियमानुसार
पाये गये। (ख) कटनी जिला
अंतर्गत
ग्रामों एवं
नगरीय निकायों
के वार्डों
में वर्ष 2011 की जनगणना
अनुसार
जनजातीय वर्ग
की ग्रामवार/वार्डवार
जनसंख्या की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। जनजाति
वर्ग की बस्तियों
की पृथक सूची
कार्यालय में संधारित
नहीं है। म.प्र.
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास एवं
विद्युतीकरण
योजना नियम 2018 योजनान्तर्गत
अनुसूचित
जनजाति
बाहुल्य बस्ती
से तात्पर्य
ऐसे ग्राम/बस्ती/वार्ड/मजरा/टोला/पारा
(ग्रामीण एवं
नगरीय) से है, जिसमें
अनुसूचित
जनजातियों की
जनसंख्या
उसी ग्राम/बस्ती/वार्ड/मजरा/टोला/पारा
(ग्रामीण एवं
नगरीय) की कुल
जनसंख्या का 50 प्रतिशत
या उससे अधिक
हो, जिसमें
नियमानुसार
कार्य करवाए
जाते है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (घ) प्रश्नांश
''क'' से ''घ'' तक प्रश्नांकित
तथ्यों
अनुसार
संज्ञान लिया
जाकर जनजातीय
वर्ग की बस्तियों
में विकास का
निर्माण मांग
एवं आवश्यकता
के आधार पर
कराए जा रहे
है। प्रक्रिया
निरंतर है। आवश्यकता
व मांग के
आधार पर विकास
व संसाधनों की
उपलब्धता
अनुसार ही
कार्य किए
जाते है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
कृषि उपज का समर्थन मूल्य पर उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 1167 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपार्जन में किन-किन शासकीय विभागों/निगमों/मंडलों की सहभागिता होती हैं एवं रबी/खरीफ फसलों के उपार्जन कार्य का नोडल कौन-कौन शासकीय विभाग/निगम/मण्डल होता हैं तथा किस प्रक्रिया से उपार्जन कार्य किया जाता हैं? क्या उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों के शासकीय सेवकों की ज़िम्मेदारी भी निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो विवरण एवं नियम/निर्देश दें। (ख) कटनी जिले में धान खरीदी की वर्तमान में क्या कार्ययोजना रही? कितने एवं किन-किन स्थानों पर उपार्जन केंद्र स्थापित किए गये? स्वीकृत खरीदी केन्द्रों का संचालन किन समितियों/समूहों द्वारा किया गया? इन समितियों/समूहों के चयन का आधार क्या था? (ग) प्रश्नांश (ख) धान खरीदी में किन-किन विभागों के किस-किस शासकीय सेवक की क्या-क्या भूमिका एवं ज़िम्मेदारी नियत रही और क्या विगत 03 वर्षों में खरीदी/पर्यवेक्षण में कार्यरत रहे कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्देशानुसार निर्वाहन किया गया? हाँ, तो किस प्रकार? नहीं तो क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांकित अवधि में उपार्जन कार्यों में परिलक्षित/ज्ञात अनियमितताओं पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) क्या उपार्जन में अनियमितता पर संबंधितों की ज़िम्मेदारी निर्धारित करते हुए कोई एकीकृत नीति बनाई जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं क्यों एवं स्पष्ट कीजिये कि पूर्व में कई विभागों एवं कार्यालयों के उपार्जन में सम्मलित होने पर भी व्याप्त विसंगतियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण न होने का क्या निदान हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा तथा भंडारण कार्य मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा किया जाता है। उपार्जन केन्द्र का संचालन सहकारी समितियों, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाता है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला उपार्जन समिति द्वारा जिले में खाद्यान्न उपार्जन के पर्यवेक्षण एवं मॉनिटरिंग का कार्य किया जाता है। खाद्यान्न उपार्जन में संलग्न विभागों/अधिकारियों एवं उनके दायित्वों का प्रावधान नीति में निहित है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु 84 केन्द्र स्थापित किए गए। जिले में उपार्जन केन्द्र संचालन करने वाली संस्थाओं एवं केन्द्र संचालन स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उपार्जन करने वाली सहकारी समितियों का चयन उपार्जन नीति एवं महिला स्व-सहायता समूहों का चयन निर्देश के प्रावधान अनुसार किया गया है। (ग) समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु शासकीय सेवकों की भूमिका एवं जिम्मेदारी का विवरण उपार्जन नीति में उल्लेखित है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। विगत 03 वर्षों में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन में संलग्न अधिकारियों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन किया गया है। उपार्जन कार्य में पाई गई अनियमितताओं के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन का कार्य विस्तृत स्वरूप का है, जिसकी विभिन्न गतिविधियों का कार्य विभिन्न एजेंसियां/संस्थाओं द्वारा किया जाता है, जिसका प्रावधान उपार्जन नीति में किया जाता है। समय-समय पर उपार्जन व्यवस्था में सुधार की कार्यवाही की जा रही है। पृथक से नीति बनाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
खाद्यान्न वितरण की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
55. ( क्र. 1193 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता मंजू सिंह गौर पूर्व जनपद अध्यक्ष द्वारा मा.मुख्यमंत्री म.प्र. शासन से शिकायत की थी जिसके चलते मुख्यमंत्री निवास से प्राप्त शिकायत का निराकरण एवं पत्र 12/सात/खाद्य/2021/540 दिनांक 15/07/2021 को कार्यालय कलेक्टर खाद्य जिला टीकमगढ़ से जारी पत्र अनुसार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पलेरा को जांच सौंपी गई थी जिसमें उनके द्वारा जांच में लिखा गया कि शासकीय उचित मूल्य दुकान पाली, फूलपुर के विक्रेता द्वारा प्रस्तुत स्टाक पंजी एवं प्रदाय जानकारी अनुसार भौतिक सत्यापन में अंतर होने से म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 की कंडिका 13 (2) एवं 18 का स्पष्ट उल्लंघन करने से आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 1955 की धारा 317 के तहत प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा को कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया गया था परंतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई इसका मुख्य कारण क्या हैं जानकारी स्पष्ट करें तथा कार्यवाही नहीं करने के कारण उक्त विक्रेता को बल प्राप्त हो रहा हैं और भारी भ्रष्टाचार कर आम जनता के खाद्यान्न की कालाबाजारी व्यापक पैमाने पर की जा रही है, क्या पुन: जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराकर दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायेगें यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या पूर्व जांच पर कार्यवाही नहीं होने से विक्रेताओं के हौसले बुलंद है और पुन: ग्रामीणों द्वारा दिनांक 26/12/2023 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय से शिकायत की है तथा पूर्व जनपद अध्यक्ष मंजू सिंह ने जिला खाद्य अधिकारी टीकमगढ़ से पत्र देकर दिनांक 27/12/2023 में मांग की गई है कि शा.उ.मू.की दुकान के विक्रता के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया? क्या इस प्रकार भ्रष्टाचार करने वाले राशन विक्रेता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने के आदेश जारी कब कर दिये जावेंगे? कृपया समयावधि बतायें एवं एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा सकती संपूर्ण कारणों की जानकारी प्रदाय करें। (ग) क्या यही भी सच है कि इस प्रकार भ्रष्टाचार करने वाले दुकान विक्रेताओं को यदि बचाया जाता रहा तो इनके द्वारा भारी अनियमितताएं करके आम जनता के राशन का इसी तरह बंदर वाट करते रहेंगे इसलिये पुन: जांच या पुरानी जांच के आधार पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। शिकायतकर्ता मंजू सिंह गौर पूर्व जनपद अध्यक्ष द्वारा माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को की गई शिकायत प्राप्त होने पर तत्कालीन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पलेरा से जांच कराई गई। जांच में अनियमितता पाए जाने पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने संबंधित दुकानदार के विरूद्ध प्रतिवेदन दिनांक 23.07.2021 को सक्षम अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जतारा को प्रस्तुत किया गया है, जिस पर संबंधित शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के तहत प्रकरण के तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संबंधित विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समिति में जमा राशि से कराये गये कार्य
[वन]
56. ( क्र. 1205 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त वन प्रबन्धन समिति पर वनरक्षक, वनपाल, वन परिक्षेत्राधिकारी, उप वनमंडलाधिकारी एवं वनमंडलाधिकारी का वर्तमान में क्या-क्या नियंत्रण है, समिति के कार्यों को लेकर क्या-क्या अधिकार है, समिति द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि के व्हाउचरों से संबंधित क्या-क्या अधिकार वन विभाग के अधिकारियों को हैं? (ख) हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल की किस-किस समिति में वर्ष 2018 दिसम्बर को कितनी राशि जमा थी वर्ष दिसम्बर 2023 को कितनी राशि जमा थी इस अवधि में कितनी राशि जमा की गई कितनी राशि किस कार्य पर खर्च की गई? (ग) समिति में जमा राशि से ग्राम में कौन-कौन सा अधोसंरचना विकास का कार्य कर सकती है, कौन-कौन सा अन्य कार्य कर सकती है, कौन-कौन सी सामग्री ग्रामीणों के उपयोग के लिए क्रय कर सकती है। (घ) समिति से संबंधित किस-किस विषय को किस-किस गतिविधियों को ग्राम सभा के समक्ष रखकर अनुमति लिये जाने या अनुमोदन प्राप्त किए जाने का क्या प्रावधान प्रचलित हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 22 अक्टूबर, 2001 के कण्डिका क्रमांक-12 में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के नियंत्रण एवं संचालन के संबंध में अधिकारी के अधिकार एवं कर्तव्य दिये गये हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) वनमंडल हरदा, होशंगाबाद (नर्मदापुरम) एवं बैतूल के अंतर्गत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में दिसम्बर, 2018 की स्थिति में जमा राशि एवं वर्ष दिसम्बर, 2023 की स्थिति में जमा राशि एवं उक्त अवधि में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) समिति में जमा राशि से समिति द्वारा विधिवत बैठक आयोजित कर प्रस्ताव पारित कर उपलब्ध राशि अनुसार समस्त अधोसंरचना विकास कार्य, वन विकास कार्य एवं ग्रामीणों के उपयोग हेतु समस्त सामग्री क्रय कर सकती है। (घ) उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 22 अक्टूबर, 2001 के कण्डिका क्रमांक-5.1 एवं 5.2 के अनुसार समिति के गठन एवं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कार्यकारिणी का चुनाव ग्राम सभा द्वारा करने का प्रावधान है।
जनजातीय योजना में दी गई सहायता एवं व्यय की गई जानकारी
[जनजातीय कार्य]
57. ( क्र. 1222 ) श्री हेमंत कटारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में अप्रैल 2019 से 31 दिसम्बर 2023 तक किन-किन विकास खण्डों में जनजातीय विकास के अंतर्गत सार्वजनिक निर्माण कार्यों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय कर कौन-कौन से कार्य कराये गये? (ख) उक्त अवधि में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकास खण्डवार हितग्राही मूलक योजनाओं में कुल कितने हितग्राहियों को किस-किस कार्य हेतु सहायता दी गई संख्या एवं राशि वर्ष बताई जावे। (ग) विकासखण्ड अटेर में उक्त अवधि में कितने प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण कार्यों एवं हितग्राही मूलक योजनओं में प्राप्त हुये एवं किन-किन कार्यों को स्वीकृत किया जाकर आर्थिक सहायता/अनुदान उपलब्ध कराया गया कार्यवार, हितग्राहीवार जानकारी दी जावे।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) भिण्ड जिले में प्रश्नाधीन अवधि में जनजाति विकास के अन्तर्गत विकास खण्डों में निर्माण कार्यों की स्वीकृत एवं व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) विकास खण्डवार हितग्राही मूलक योजना अन्तर्गत हितग्राहियों को दी गई सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) विकासखण्ड अटेर में प्रश्नाधीन अवधि में सार्वजनिक निर्माण कार्य के प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए है अनुसूचित जनजाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत प्राप्त प्रस्ताव अनुसार विद्यार्थियों को प्रदाय छात्रवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
गेंहू खरीदी में भ्रष्टाचार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 1248 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मैहर विकासखंड रामनगर में वर्ष 2023 के गेहूं खरीदी में लक्ष्मी स्वसहायता समूह के द्वारा अरगट खरीदी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया था। जिसमें किसानों के गेहूं बिक्री की राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है क्यों कारण सहित बतावें और दी जायेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिन फर्जी किसानों के खातों में राशि गई है उन पर एफ.आई.आर. दर्ज कराया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, कराया गया तो कब तक एफ.आई.आर. कराई जायेगी? बतावें। (ग) जिन फर्जी किसानों के खातों में राशि डाली गई है वह राशि वसूली की गई अथवा नहीं यदि नहीं, तो कब तक वसूली की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में जिला मैहर के रामनगर विकासखण्ड में लक्ष्मी स्व सहायता समूह के द्वारा अरगट में संचालित उपार्जन केन्द्र पर उपार्जित गेहूं में से 3257.49 क्विंटल गेहूं गोदाम में जमा करने हेतु उपलब्ध नहीं कराने के कारण किसानों का राशि रू. 52,65,740 का भुगतान लंबित है। उपार्जन केन्द्र संचालन करने वाले महिला स्व सहायता समूह से राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है, वसूली होने पर राशि का भुगतान किया जा सकेगा। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन करने वाले लक्ष्मी स्व सहायता समूह के कर्मचारी/पदाधिकारी द्वारा पोर्टल पर गेहूं की फर्जी खरीदी की प्रविष्टि की गई है जिसके कारण समूह की अध्यक्ष, सचिव, उपार्जन प्रभारी, समूह के सदस्य एवं कम्प्यूटर आपरेटर सहित कुल 09 लोगों के विरूद्ध थाना रामनगर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। फर्जी किसान प्रमाणित न होने पर उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। (ग) उपार्जन केन्द्र संचालन करने वाले महिला स्व सहायता समूह से राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है वसूली होने पर राशि का भुगतान किया जा सकेगा।
दिव्यांगता एवं सामाजिक पेंशन का लाभ दिया जाना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
59. ( क्र. 1278 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी में दिव्यांगजनों को सामाजिक पेंशन के साथ-साथ दिव्यांगता पेंशन की पात्रता शासन के निर्देशानुसार है? यदि हाँ, तो जिले में कितने दिव्यांग है जिन्हें सामाजिक पेंशन के साथ दिव्यांग पेंशन का भी लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ तो जानकारी विकासखण्डवार देवें एवं विधानसभा विजयराघवगढ़ में कितने दिव्यांगजनों का सर्वे किया गया एवं सर्वे में पात्र पाये गये? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विजयराघवगढ़ विधानसभा में पात्र दिव्यांगजनों को प्रश्न दिनांक तक कितने लोगो को सामाजिक पेंशन के साथ दिव्यांग पेंशन दी जाती है? शेष बचे हुये दिव्यांगजनो को कब तक दी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि दोनों प्रकार की पेंशन दिव्यांगजनों को नहीं दी जा रही है तो उनके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की पेंशन योजना अनुसार कटनी सहित प्रदेश के समस्त हितग्राहियों को केवल सामाजिक सुरक्षा पेंशन अथवा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन में से केवल एक ही पेंशन की पात्रता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछली पालन समिति का पंजीयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
60. ( क्र. 1302 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्तमान में जल संसाधन एवं पंचायतों द्वारा निर्मित तालाबों में मछली पालन करने हेतु क्या पात्रता शर्तें है? क्या मछली पालन समिति में डूब प्रभावित एवं स्थानीय किसानों को प्राथमिकता का नियम है? हाँ तो भीकनगॉव विकासखण्ड अन्तर्गत ऊटखेड़ा तालाब में मछली पालन कौन सी समिति द्वारा संचालन किया जा रहा है? कृपया समिति के सदस्यों के नाम, निवास स्थान के विवरण सहित जानकारी देवें। क्या उक्त समिति में शतप्रतिशत स्थानीय एवं डूब प्रभावित किसान सम्मिलित है? नहीं तो क्या उक्त अवैध समिति का पंजीयन निरस्त कर नवीन डुब प्रभावित किसान एवं स्थानीय व्यक्तियों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए नवीन समिति का पंजीयन मछली पालन हेतु अनुबंध किया जायेगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्या कारण है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) मत्स्य नीति 2008 के पात्रता शर्तें निर्धारित नीति की प्रति है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ भिकन गाव विकासखण्ड अंतर्गत ऊटखेडा जलाशय में मछली पालन कार्य जलदेव मत्स्य सहकारी संस्था मर्यादित ऊटखेडा द्वारा किया जा रहा है। समिति के सदस्यों के नाम/निवास स्थान सहित पूर्ण जानकारी संलग्न है उक्त समिति स्थानीय आदिवासी व मछुआ समिति है जिसे वर्ष 2005 से ऊटखेडा जलाशय मत्स्य पालन हेतु आवंटित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कपिलधारा कूप एवं सिंचाई हेतु पंप उपलब्ध कराया जाना
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 1303 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वन अधिकार अधिनियम अन्तर्गत कुल कितने वन अधिकार पट्टे वितरण किये गये हैं तथा यह भी बताएं कि वर्तमान में कितने आवेदन लंबित है तथा लंबित आवेदनों का निराकरण कर कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी तथा लंबित रहने का क्या कारण है? क्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा वन अधिकार पट्टों की भूमि पर कपिलधारा उपयोजन (मनरेगा) अन्तर्गत कूप निर्माण एवं सिंचाई हेतु डीजल इंजन उपलब्ध कराने हेतु घोषणा की गई थी? हाँ तो वर्तमान तक कितने पट्टेधारी किसानों के पट्टों पर कूप एवं डीजल इंजन प्रदाय किए गए हैं? नहीं तो क्या कारण है तथा कब तक शतप्रतिशत पट्टेधारियों के पट्टों पर कपिलधारा कूप एवं डीजल इंजन प्रदाय किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार 7642 वन अधिकार पट्टे वितरित किये गये है। कोई दावा निराकरण हेतु लंबित नहीं है। कुल निरस्त 2251 दावों का पुन: परीक्षण एमपी वनमित्र पोर्टल के द्वारा किया जा रहा है जिसमें 516 दावे मान्य तथा 1543 दावे पुन: अमान्य हुये है। 192 अमान्य दावे पुन: परीक्षण हेतु लंबित है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। मनरेगा अंतर्गत कपिलधारा कूप निर्माण की माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वन अधिकार पत्र धारकों को शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित कराये जाने के निर्देश समय समय पर जारी किये गये है। जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। वन अधिकार पत्र धारकों की भूमि पर कपिलधारा उपयोजना (मनरेगा) अंतर्गत कूप निर्माण एवं सिंचाई हेतु प्रदाय किये गये डिजल, इंजन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। योजनांतर्गत पात्रता एवं बजट आवंटन अनुसार कार्यवाही की जाती है। अत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सोसायटी हेतु स्व सहायता समूहों को खाद्यान्न आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 1322 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में सहाकरिता सोसायटी, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामवासियों को खाद्यान्न वितरण हेत आवंटित किया जाता है तो जिले में कितनी सोसायटी ओर कितने समूह को आवंटित किया जाता है संख्या व सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या स्वयं सहायता समूह को आवंटित खाद्यान्न रखे जाने हेतु क्या व्यवस्था या शासकीय भवन उपलब्ध कराये गये है, उन्हें लक्ष्य के अनुरूप कम खाद्यान्न आवंटित किया जाता है यदि हाँ, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 एवं अन्य कल्याणकारी योजनांतर्गत राशन वितरण करने हेतु उचित मूल्य दुकानों का आवंटन सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को किए जाने का प्रावधान है। अलीराजपुर जिले में सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिला स्व-सहायता समूहों को उपलब्धतानुसार उचित मूल्य दुकान संचालन करने हेतु अन्य विभाग के भवन उपलब्ध कराए जाते हैं एवं भवन उपलब्ध न होने पर किराए के भवन में दुकानें संचालित की जा रही हैं। उचित मूल्य दुकान से संलग्न पात्र परिवारों की हकदारी अनुसार खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जाता है। किसी कारणवश कम आवंटन जारी होने पर अतिरिक्त आवंटन पोर्टल पर दर्ज करने की सुविधा जिले को दी गई है।
जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 1338 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर अंतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन व अन्य योजना अंतर्गत जल निगम/पी.एच.ई. द्वारा कितने कार्य कहाँ-कहाँ कब स्वीकृत हुए हैं? कार्य किस फर्म/कम्पनी/ठेकेदार को दिया गया है? लागत, अनुबंध की शर्तों आदि का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) स्वीकृत कार्यों में से सभी जगह कार्य पूर्ण होकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है या नहीं? योजना अंतर्गत जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप-लाइन बिछाने हेतु जिन सड़कों को खोदा गया, क्या उन्हें पुनः सही कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं। ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों की लागत से बने सी.सी. रोड को बिना तकनीक के तोड़-फोड़ कर, यूं ही छोड़ देना कहाँ तक उचित है? (ग) प्रश्नांश (क) में कार्यादेश दिनांक से कितने कार्य समय अवधि बीत जाने के बाद भी अपूर्ण हैं? इसके क्या कारण रहे हैं? कुल लागत राशि में से उन्हें कितना भुगतान कर दिया गया है? अपूर्ण कार्यों के संबंध में संबंधित को कब-कब नोटिस देकर कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रयुक्त सामग्रियां एवं निर्माण कार्य तय मानक अनुसार हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग प्रमुख का प्रतिवेदन देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है एवं अन्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 एवं 06 अनुसार है। अनुबंध की शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-07 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03, 04, 05 एवं 06 अनुसार है, जिन ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया है उन ग्रामों में सी.सी. रोड के रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा जिन ग्रामों में कार्य प्रगतिरत हैं, उन ग्रामों में पाइप-लाइन की टेस्टिंग के उपरांत सी.सी. रोड के रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण किया जाएगा। सी.सी. रोड के रेस्टोरेशन के कार्य उचित गुणवत्ता एवं निर्धारित मापदण्ड के हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03, 04, 05 एवं 06 अनुसार है, जिन कार्यों में विलम्ब हुआ है उन कार्यों से संबंधित एजेंसी को अनुबंध की शर्तों के अनुसार नोटिस जारी किये गये हैं। (घ) जी हाँ। इस संबंध में प्रतिवेदित है कि जो निर्माण कार्य कराए गए अथवा कराए जा रहे हैं उनमें प्रयुक्त सामग्री निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता के अनुसार ही प्रयुक्त की जाती है, नलजल योजनाओं में संबंधित एजेंसी/ठेकेदार द्वारा क्रय कर प्रयुक्त की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों की गुणवत्ता का पूर्व परीक्षण क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों एवं विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार थर्ड पार्टी के इन्स्पेक्शन, सिपेट आदि के माध्यम से कराया जाता है, जल निगम की योजनाओं में उपरोक्त के साथ ही योजना में सुपरविजन एवं क्वालिटी कन्ट्रोल (एस.क्यू.सी.) एजेन्सी भी कार्य करती है।
अल्प वर्षा होने से पेयजल संकट से उत्पन्न स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 1440 ) श्री हरिबाबू राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोक नगर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान समय में अल्प वर्षा होने से सूखा की स्थिति निर्मित हो चुकी है। स्थिति में कलेक्टर अशोकनगर द्वारा नवीन बोर उत्खनन पर रोक लगाने का कारण बतायें। क्या जनहित में इस प्रतिबंध को समाप्त कराया जावेगा? (ख) अशोक नगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित ग्रामों में कितने चालू हैण्डपंप हैं एवं कितने पूर्णतः बंद हो चुके हैं? कितने हैण्डपंप सुधार होकर चालू की स्थिति में हैं? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। वर्ष 2023-24 अंतर्गत कितने बोर खनन, नवीन हैण्डपंप स्थापित करने का लक्ष्य दिया था? वर्ष 2024-2025 के लिए कितने बोर खनन, नवीन हैंडपंप संस्थापित करने एवं मोटर पंप स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है? कितना बजट स्वीकृत किया गया? पूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी? (ग) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत पद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने हैं? कितने भरे हुए हैं? कितने रिक्त हैं? बतावें। हैण्डपंप मैकेनिक कितने कम हैं? बतावें। शासन इन पदों को भरने के लिए क्या कार्यवाही कर रहा है? बतावें। हैंडपंपों का संधारण एवं सुधार कार्य समय से नहीं हो पाता है तो इस संबंध में शासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) अल्प वर्षा के कारण भू-जल स्तर की संभावित गिरावट को ध्यान में रखते हये पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पेयजल परिरक्षण अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर, जिला-अशोकनगर द्वारा सक्षम अनुमति के बिना नवीन निजी बोर के उत्खनन पर जनहित में रोक लगायी गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में 1656 हैण्डपंप चालू स्थिति में हैं तथा 67 हैण्डपंप पूर्णतः बन्द है, हैण्डपंप संधारण कार्य एक सतत प्रक्रिया है जिसमें विभाग द्वारा सतत रूप से सुधार योग्य हैण्डपंपों का सुधार कार्य कराया जाता है, स्थापित, चालू एवं बन्द हैण्डपम्पों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्रवार नवीन हैण्डपंपों के लिये लक्ष्य तथा आवंटन जारी नहीं किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, तथापि अशोकनगर जिले के लिये वर्ष 2023-24 में 300 नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करने का लक्ष्य तथा रूपये 558.18 लाख का आवंटन दिया गया, वर्ष 2024-25 के लिये लक्ष्य/आवंटन अभी जारी नहीं किया गया है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार अधिकारियों/कर्मचारियों के पद स्वीकृत नहीं किये जाते है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, तथापि अशोकनगर जिले के लिये अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, हैण्डपंप मैकेनिकों के पद रिक्त रहने की स्थिति में हैण्डपंप संधारण का कार्य आउटसोर्स/ठेकेदार के माध्यम से कराये जाने का प्रावधान है।
उचित मूल्य दुकानों पर गंभीर अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
65. ( क्र. 1448 ) श्री हरिबाबू राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में पी.एम.जी.के.वाय वर्ष 2020-2021 अंतर्गत अनआटोमेटेड वितरण मान्य नहीं किये जाने से जिन-जिन संस्थाओं/दुकानदारों से वसूली योग्य राशि निर्धारित की गई, उन सभी के नाम सहित जानकारी देवें। इसी संबंध में विपणन सह. संस्था ईसागढ़, सेवा सह. संस्था पिपरिया-पाटखेड़ा से संचालित किस-किस शास. उ.मू. दुकान पर कितनी-कितनी मात्रा की वसूली योग्य कितनी राशि निर्धारित की गई है? दुकानवार मात्रा, राशि सहित जानकारी देंवे। इन दोनों संस्थाओं से राशि वसूलने की शासन से क्या कार्यवाही की जा रही है? इन दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों से राशि कब तक वसूल की जावेगी? इनके खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज नहीं कराने का कारण बतावें। (ख) अशोकनगर जिले में पदस्थ रही जे.एस.ओ. मनोरमा कौशिक के खिलाफ राजीव जैन अशोकनगर द्वारा शासन व संचालनालय को की गई शिकायतों की प्रतियां देवें। संचालनालय एवं शासन से इन सभी शिकायतों के संबंध में जारी किये पत्रों, प्राप्त जांच प्रतिवेदनों की प्रतियां देवें। वर्ष 2021 से आज दिनांक तक लगभग 3 साल व्यतीत पश्चात भी इन शिकायतों पर राज्य दल बनाकर सभी बिन्दुओं की जांच व कार्यवाही नहीं किये जाने का कारण बतावें। जांच व कार्यवाही कब तक हो जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावें। (ग) जिले में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी उचित मूल्य दुकानों पर गंभीर अनियमितताएं पाये जाने के कारण दुकानें हटाकर अन्य संस्थाओं पर संबद्ध की गयी है? किन-किन के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गयी है? किन-किन दुकानों पर कितनी राशि का अपयोजन किया जाना पाया गया है? अपयोजित राशि की वसूली हेतु किन-किन को नोटिस जारी किये गये? दुकानवार, संस्थावार, परिवर्तन की तिथि सहित अनुभागवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अशोकनगर जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत खाद्यान्न का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से ही करने की व्यवस्था है, जिन उचित मूल्य दुकानों द्वारा पी.ओ.एस. मशीन से योजनांतर्गत खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है, उनको देय कमीशन से राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। अशोकनगर जिले में वर्ष 2020-21 में बगैर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से वितरित खाद्यान्न मात्रा की वसूली योग्य राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। विपणन सहकारी संस्था ईसागढ़ एवं सेवा संस्था पिपरिया पाटखेड़ा द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाइन वितरण खाद्यान्न मात्रा, वसूली योग्य एवं वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। ईसागढ़ विपणन सहकारी संस्था एवं सेवा सहकारी संस्था, पिपरिया पाटखेड़ा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान में अनियमितता पाए जाने के कारण निलंबन करने एवं संस्थाओं द्वारा राशि की वसूली के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 31194/2023 में दिए गए निर्देश के अनुक्रम में शेष राशि की वसूली की कार्यवाही लंबित है। (ख) अशोकनगर जिले में पदस्थ रहीं श्रीमती मनोरमा कौशिक, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के खिलाफ श्री राजीव जैन द्वारा की गई शिकायत की प्रति एवं संचालनालय खाद्य एवं शासन द्वारा प्रेषित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार हैं। शिकायत की जांच हेतु कलेक्टर, अशोकनगर को लिखा गया है, की जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। शिकायत की जांच संचालनालय खाद्य से अधिकारी भेजकर कर एक माह में करा ली जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) अशोकनगर जिले में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक गंभीर अनियमितता के कारण निलंबित, संलग्न दुकानों, वसूली राशि एवं दर्ज एफ.आई.आर. के प्रकरणों की संस्थावार/अनुभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। गांधी महिला उप. भंडार एवं अम्बेडकर उपभोक्ता भण्डार अशोकनगर के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं विक्रेता से अपयोजित सामग्री की राशि वसूली हेतु तहसीलदार को पत्र प्रेषित किया गया है।
चीता प्रोजेक्ट पर व्यय राशि एवं चीतों की मृत्यु
[वन]
66. ( क्र. 1484 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर अंतर्गत कूनो पालपुर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट में परियोजना प्रारंभ किये जाने से अभी तक कुल कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई है? व्यय राशि का मदवार ब्यौरा दें। सितम्बर 2022 में मान. प्रधानमंत्री द्वारा चीतों को अभयारण्य में छोड़े जाने के कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय हुई? व्यय किस मद से किया गया एवं किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ कितने चीते कब-कब, कहाँ-कहाँ से लाकर बसाये गए? इनमें से कितने जिन्दा हैं एवं कितनों की मृत्यु हुई? क्या मृत चीतों का पोस्टमार्टम कराया गया? रिपोर्ट अनुसार इनकी मृत्यु किन-किन कारणों से हुई? कूनों पालपुर अभयारण्य में चीतों के लिए अनुकूल वातावरण न होने एवं आवश्यकता से अधिक चीतों को बसाने पर चीतों के सर्वाइव न कर पाने के सम्बन्ध में चीता विशेषज्ञों द्वारा क्या चिंता व्यक्त की गई है? (ग) क्या चीतों को बसाने के बाद से अभयारण्य में पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022 एवं 2023 में कितने पर्यटक आये? उन्हें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी गई? पर्यटन से अभी तक कितनी आय हुई? वर्षवार बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला श्योपुर अंतर्गत कूनो पालपुर अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के प्रारंभ 2021-22 से अद्यतन दिनांक तक कुल राशि रूपये 4414.04 लाख व्यय की गई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 से 7 में दर्शित है। मध्यप्रदेश राजपत्र प्रकाशन क्रमांक-640, दिनांक 14.12.2018 से कूनो वन्यप्राणी अभयारण्य को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया। सितम्बर, 2022 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े जाने के कार्यक्रम में राशि रूपये 75.44 लाख का व्यय IOCL मद से किया गया है, कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 में दर्शित है। (ख) कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत सितम्बर, 2022 में नामीबिया से 08 चीते एवं माह फरवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते, इस प्रकार कुल 20 चीते लाकर बसाये गए। इसके बाद 11 शावकों का कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जन्म हुआ, इस प्रकार कुल 31 चीतों में से 03 शावक एवं 07 वयस्क चीतों की विभिन्न कारणों से मौत हुई, मौत का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-9 में दर्शित है। वर्तमान तक जीवित 21 चीते जिनमें वयस्क 13 एवं शावक 8 उद्यान के अंतर्गत मौजूद है। चीतों के लिये अनुकूल वातावरण न होने, आवश्यकता से अधिक चीतों को बसाने, चीतों के सर्वाइव न कर पाने के संबंध में चीता विशेषज्ञों द्वारा कोई रिपोर्ट इस कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई। (ग) हाँ, चीतों को बसाने के बाद से राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 एवं 2023 का विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
पर्यटकों की संख्या |
पर्यटकों की कुल संख्या |
प्राप्त आय |
|
भारतीय |
विदेशी |
|
|
|
2022 |
936 |
06 |
942 |
492908.00 |
2023 |
6863 |
08 |
6871 |
505460.00 |
Total |
7799 |
14 |
7813 |
998368.00 |
आने वाले पर्यटकों को गाईड की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
एशियाई शेरों को कूनो अभयारण्य में बसाने की योजना
[वन]
67. ( क्र. 1485 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुजरात के गिरि अभयारण्य के एशियाई शेरों के वैकल्पिक निवास हेतु श्योपुर जिले में कूनो पालपुर अभयारण्य का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो इस पर अभी तक कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई है? एशियाई शेरों को बसाने हेतु शासन द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है? कितनी राशि विस्थापन पर व्यय की गई? क्या कुछ विस्थापितों को राशि भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो किन-किन को कितनी-कितनी राशि भुगतान किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मान. उच्चतम न्यायालय के निर्देश में गठित समिति द्वारा कब-कब दौरा/मीटिंग कर क्या-क्या अनुशंसायें की हैं? मान. उच्चतम न्यायालय की अनुशंसाओं के बावजूद एशियाई शेरों को कूनो पालपुर अभयारण्य में न बसाये जाने के क्या कारण हैं? सरकार की एशियाई शेरों को कूनो अभयारण्य में बसाने की क्या योजना है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। गुजरात के गिर अभयारण्य के एशियाई शेरों के वैकल्पिक निवास हेतु श्योपुर जिले में कूनो पालपुर अभयारण्य का विकास कराया जा रहा है। कूनो अभयारण्य पर वर्ष 1996-97 से 2015-16 तक विभिन्न मदों में केन्द्रीय योजनाओं में राशि रूपये 2406.29 लाख व्यय किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं राज्य की योजनाओं में राशि रूपये 3531.61 लाख व्यय किया गया है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। उक्त अभयारण्य में वर्ष 1996 से 2002 तक कुल 24 ग्रामों के 1545 परिवारों का विस्थापन किया जा चुका है, इनमें से 20 विस्थापितों को राशि रुपये 288081/- का मुआवजा भुगतान की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) विजयपुर द्वारा की जा रही है। शेष विस्थापितों की ग्रामवार, नामवार एवं मुआवजा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कूनो पालपुर अभयारण्य में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 15.04.13 के अनुसार एशियाई सिंहों के पुनर्स्थापन हेतु भारत शासन द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा दिनांक 29.07.2013, 19.08.2013, 28.04.2014, 11.02.2015 एवं 13.05.2016 को बैठकों का आयोजन किया जाकर की गई अनुशंसायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। प्रदेश सरकार कूनो अभयारण्य में एशियाई सिंहों को बसाने के प्रति पूर्ण रूप से गम्भीर है। प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में किये गये प्रयासों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है।
जंगलों में अवैध कटाई
[वन]
68. ( क्र. 1498 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में वन माफिया द्वारा जंगलों में सागौन एवं उपयोगी पेड़ों की कटाई निरन्तर जारी है? विभाग ने पेड़ों की कटाई रोकने हेतु आज तक ध्यान क्यों नहीं दिया? (ख) यदि नहीं, तो कुरई, लखनादौन, छपारा, बरघाट, घंसौर आदि घने जंगलों के सागौन के पेड़ों की कटाई किसके द्वारा की जा रही है? (ग) क्या सागौन की कटाई कर्मचारी/अधिकारियों की मिलीभगत से मशीनों से की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में जंगल के सागौन के पेड़ों के अलावा अन्य पेड़ भी काटे जा रहे हैं, तो क्या इसकी जांच कराई जावेगी? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्यतः बीट निरीक्षण एवं गश्ती के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं एवं तत्काल कार्यवाही की जाती है। वनमंडल अंतर्गत आने वाले वनक्षेत्रों में अवैध कटाई रोकने हेतु बीट निरीक्षण रोस्टर तैयार कर मुख्य वन संरक्षक, सिवनी से अनुमोदित कराकर रोस्टर अनुसार क्षेत्रीय वन अधिकारियों द्वारा बीटों का निरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त वन समितियों एवं वनमंडल स्तर पर गठित उड़नदस्ता दल के माध्यम से भी अवैध कटाई पर नियंत्रण रखा जाता है। अवैध कटाई पर नियंत्रण रखने के लिये रात्रि गश्ती भी की जाती है। (ख) उत्तर सिवनी वनमंडल अंतर्गत लखनादौन, छपारा, घंसौर तथा दक्षिण सिवनी वनमंडल अंतर्गत कुरई एवं बरघाट परिक्षेत्र के घने जंगलों में पेड़ों की कटाई भारत सरकार से अनुमोदित वनमंडल की कार्य आयोजना के प्रावधानों के अनुसार पेड़ों की मार्किंग उपरांत उत्पादन वनमंडल से कराये जाने के निर्देश हैं, तदानुसार पेड़ों की कटाई की जा रही है। यदाकदा अवैध कटाई के प्रकरण प्रकाश में आते हैं तो नियमानुसार वन अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में सिवनी वनवृत्त अंतर्गत जंगल में सागौन के अलावा अन्य प्रजाति के पेड़ों की अवैध कटाई के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं, अतः जांच किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
69. ( क्र. 1499 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु निरंतर पूरे प्रदेश की साथ ही सिवनी विधानसभा क्षेत्र में अनेक स्थानों पर वृक्षारोपण के कार्य किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों तक कितने-कितने पौधे लगाये एवं उन पर कितना व्यय हुआ? (ग) वर्षवार वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? कितने नष्ट हुये तो किन कारणों से? (घ) क्षेत्रीय वृक्षारोपण कक्षवार, वर्षवार यदि किये गये हैं तो तदानुसार जानकारी प्रदान करें। साथ ही वर्ष 2024-25 वर्षाकाल के पूर्व किन-किन स्थानों पर वृक्षारोपण हेतु कार्यालय वन मण्डल द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है तो कितनी लागत की होकर कब प्रारंभ होगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वनवृत्त सिवनी के अंतर्गत उत्तर सिवनी वनमंडल एवं दक्षिण सिवनी वनमंडल में वृक्षारोपण कार्य किये जा रहे हैं। (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वनमंडलों में किये गये वृक्षारोपण से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में वृक्षारोपण कराये जाने की कार्य आयोजना से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं शालाओं में पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 1512 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में जल जीवन मिशन अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र, शालाओं में बच्चों को पेयजल हेतु क्या व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक की इकाई की लागत क्या थी? कुल जिले में कितनी इकाई स्वीकृत की गई, पूर्ण की गई इकाई पर कितना व्यय किया गया? (ख) क्या स्वीकृत इकाई में कोई अपूर्ण है तो उस पर कितना व्यय किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या वर्तमान में पेजयल पूर्ति हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? यदि पेयजल व्यवस्था क्षतिग्रस्त है तो क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा गुणवत्ताविहिन कार्य करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) अलीराजपुर जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में शासकीय भवनों में संचालित 1106 आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं 2234 शालाओं में संस्थागत नल से पेयजल की व्यवस्था हेतु कुल 3340 इकाई कार्य स्वीकृत किए गए है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में 29 स्वीकृत इकाई कार्य अपूर्ण हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शिकायतों का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 1515 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले एवं तराना विधानसभा में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत में स्कूलों एवं आंगनवाड़ियों केन्द्रों में पी.एच.ई.विभाग द्वारा कार्य पूर्ण कर, हैण्डओवर किये गये कार्यों में बैठक दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है? कितनी शिकायते शेष है? पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें। (ख) पी.एच.ई. विभाग को कितने स्कूल एवं कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत अनुबंधित किया गया था? जिलेवार संख्या बताते हुए तराना विधानसभा के अन्तर्गत अनुबंध कि प्रतियां देवें एवं तराना विधानसभा में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने शेष हैं और कितने प्रगति पर हैं? सभी कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? सम्पूर्ण अभिलेख प्रस्तुत करें। (ग) पी.एच.ई. विभाग द्वारा कितने स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को स्कूल शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास विभाग को हैण्डओवर किये गये हैं? संख्या बताते हुए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रतियां देवें। (घ) पी.एच.ई. विभाग द्वारा अनुबंधित कार्य को हैण्डओवर करते समय डी.पी.आर., प्रशासनिक स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति के मापदण्ड अनुसार कार्यों का वेरीफिकेशन किस-किस दल द्वारा कब-कब किया गया है? सत्यापन रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ङ) जिला पंचायत, जनपद पंचायत से कौन-कौन से अधिकारियों एवं निर्वाचित जन प्रतिनिधियों ने मौके पर उपरोक्त कार्यों का निरीक्षण किया गया है? निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) श्रीमती शिवानी भूपेंद्र सिंह सोलंकी (उपाध्यक्ष जिला पंचायत, उज्जैन) द्वारा प्राप्त शिकायत पर प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 0918/लो.से.प्र./प्र.अ.दिनांक 08.06.2023 से जांच प्रतिवेदन मांगा गया। प्राप्त शिकायत का निराकरण कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ खण्ड, उज्जैन के पत्र क्रमांक 4843 दिनांक 25.08.2023 से किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, वर्तमान में अन्य कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उज्जैन जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 1593 स्कूल एवं 1021 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत अनुबंधित किया गया था। तराना विधानसभा के अंतर्गत 351 स्कूल एवं 220 आंगनवाड़ी के कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं वर्तमान में कोई भी कार्य प्रगतिरत अथवा शेष नहीं है। तराना विधानसभा क्षेत्र में कार्यों के अनुबंधों की 01 सैम्पल की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल स्कूलों की संख्या 1631 है जिसमें से जल जीवन मिशन अन्तर्गत पी.एच.ई. विभाग द्वारा स्कूलों में पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्य पूर्ण कर, स्कूल शिक्षा विभाग को हैण्डओवर किये गये हैं, शेष 38 स्कूलों में पूर्व से पेयजल व्यवस्था संचालित थी एवं उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ियों की कुल संख्या 1074 है जिसमें से जल जीवन मिशन अन्तर्गत पी.एच.ई. विभाग द्वारा 1021 आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्य पूर्ण कर, महिला बाल विकास विभाग को हैण्डओवर किये गये हैं। शेष 53 आंगनवाड़ियों में पूर्व से पेयजल व्यवस्था संचालित थी। हस्तांतरित किए गए स्कूल/आंगनवाड़ियों के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुबंधित कार्य की हैण्डओवर करते समय डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति के मापदंड अनुसार कार्यों का वेरिफिकेशन-विभाग, स्कूल, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया है। सत्यापन प्रमाण-पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ङ) कार्यालयीन रिकार्ड के अनुसार जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए कार्यों के निरीक्षण की निरीक्षण रिपोर्ट संबंधितों द्वारा विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुनर्निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 1536 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 920 दिनांक 11-07-2023 के (ग) उत्तर अनुसार 33, 510 मीटर लंबाई में पुनर्निर्माण प्रगतिरत है तो दिनांक 20-01-2024 की स्थिति तक हुए पुनर्निर्माण कार्य की जानकारी ग्रामवार, लंबाई (मीटर में) सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त प्रश्नांश "क" अनुसार कई फर्मों को वर्ष 2022 के पश्चात भुगतान नहीं दर्शाया है? क्या ये फर्में कार्य छोड़कर जा चुकी है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी फर्में हैं? नाम, आहरण राशि, कुल राशि कार्य लंबित प्रतिशत सहित देवें। (ग) दिनांक 01-07-2023 से 20-01-2024 तक कार्यों की जानकारी प्र.क्रमांक 920 दिनांक 11-07-2023 के प्रश्नांश "ख" अनुसार देवें। क्या कारण है कि 33, 510 मीटर कार्य प्रगतिरत रहते हुए फर्मों को कार्य के समक्ष राशि अधिक प्रतिशत में प्रदान कर दी गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार लंबित कार्य व अधिक राशि आहरित कर ठेकेदार फर्मों को लाभ पहुंचाने वाले विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिन फर्मों द्वारा कार्य पूर्ण किया जा चुका है अथवा कार्य नहीं किया जा रहा है, उन्हें वर्ष 2022 के बाद भुगतान किए जाने का उल्लेख नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जी नहीं। कोई भी फर्म कार्य छोड़कर नहीं गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। फर्मों को प्रशासकीय स्वीकृति से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। फर्मों को प्रशासकीय स्वीकृति से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिरिक्त भुगतान राशि की वसूली
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
73. ( क्र. 1537 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 920 दिनांक 11.07.2023 के (ख) उत्तर में परिशिष्ट 3 में जो जी.एस.टी. कटौत्रा दर्शाया गया है वह कितने प्रतिशत है एवं क्या उसके अतिरिक्त भी जी.एस.टी. कटौत्रा किया गया है? यदि हाँ तो इस संबंध में नियम की प्रमाणित प्रति देवें। परिशिष्ट 3 में हुए समस्त भुगतानों की जानकारी गौशवारा बनाकर देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार परिशिष्ट 3 में क्रमांक 92, 93, 94 में प्रवीण कुमार बोरलोई को अनुबंध लागत राशि 293.437 लाख रू. सापेक्ष 393 लाख रू. (लगभग) क्रमांक 95 से 100 में के.सी.सी. देवकान इंदौर को 294.57 लाख रू. के सापेक्ष 358 लाख रू. (लगभग) एवं राज शेख बड़वानी को क्रमांक 101 से 103 तक 225.88 लाख रू. के सापेक्ष 256 लाख रू. प्रदान कर दिये गये जबकि तीनों प्रोजेक्ट में एक-एक कार्य प्रगतिरत है, ऐसा क्यों किया गया? प्रत्येक प्रकरण में पृथक-पृथक कारण बतावें। (ग) भुगतान राशि में उपरोक्तानुसार अनियमितता कर निर्माणकर्ता फर्मों को अनैतिक लाभ पहुँचाने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि विभाग कब तक इन पर कार्यवाही कर अतिरिक्त भुगतान की राशि वसूलेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बिल राशि (जी.एस.टी. को छोड़कर) का दो प्रतिशत, जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) सरल क्रमांक 92 ग्राम बघाडी, 93 ग्राम घट्टी एवं 94 ग्राम खुरमपुरा की प्रशासकीय स्वीकृति की लागत क्रमश: रू. 278.13 लाख, रू. 76.56 लाख एवं रू. 74.56 लाख है। इस प्रकार उक्त तीनों ग्रामों की कुल प्रशासकीय स्वीकृत लागत रू. 429.25 लाख है, उक्त ग्रामों के कार्य एक ही अनुबंध के अंतर्गत हैं, भुगतान की गई राशि रू. 393.00 लाख ही है जो कि प्रशासकीय स्वीकृत लागत से कम है। इसी प्रकार स.क्र. 95 से 100 एवं 101 से 103 के अंतर्गत करवाए गये कार्यों के भुगतान की राशि उनकी कुल प्रशासकीय स्वीकृति की लागत से कम है, विस्तृत विवरण कारण सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02, 03 एवं 04 के अनुसार है। (ग) उतरांश ''ख'' के परिप्रेरक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की संचालित योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
74. ( क्र. 1549 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत प्रदेश में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक-योजनाएं प्रचलन में है तथा इन योजनाओं का लाभ किस प्रकार के कौन-कौन से हितग्राहियों को किस प्रकार से कितनी सीमा-अवधि में प्राप्त होता है? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वित्त वर्ष 2019-20 से प्रश्न-दिनांक तक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से हितग्राहियों ने विभाग को कब-कब आवेदन किया एवं उनमें से किन-किन को लाभ प्राप्त हुआ एवं किन-किन को किन कारणों से लाभ प्राप्त नहीं हुआ? संपूर्ण सूची देवें। (ग) कटनी जिला अंतर्गत रीठी एवं बहोरीबंद जनपद पंचायतों में वर्तमान समय में कौन-कौन से जलाशयों के कितने-कितने प्रकरण मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन के कब से लंबित हैं? लंबे समय से इन प्रकरणों का निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? इस विलंब का दोषी कौन है? (घ) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ कितने नवीन तालाबों का निर्माण किया गया तथा किस-किस को कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? वर्षवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इनका भौतिक सत्यापन कब किसने किया? यह जलाशय वर्तमान में किस स्थिति में हैं? क्या शासन उच्च स्तरीय कमेटी से इनका भौतिक सत्यापन कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी जनपद पंचायतों के लंबित तालाब/जलाशयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार
प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 1550 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर घर-घर नल योजना का कितनी लागत से किस-किस निविदाकार द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है? योजनावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित निर्माण कार्यों का निविदाकार द्वारा कब अनुबंध किया गया? अनुबंध की शर्तों के अधीन उल्लेखित निर्माण कब तक पूर्ण होने थे? वर्तमान समय पर ये निर्माण कार्य किस स्तर पर हैं? कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण एवं कितने किन कारणों से अप्रारंभ हैं? योजनावार सूची देवें (ग) विलंब से निर्माण कार्य करने पर किस-किस ठेकेदार पर कब-कब किसके द्वारा क्या कार्रवाई की गई तथा किन ठेकेदारों को टर्मिनेट कर ब्लैक लिस्टेड किया गया? बतलावें एवं सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में उल्लेखित अपूर्ण नल-जल योजनाओं का कौन-कौन सा कार्य किया जाना शेष है तथा शेष निर्माण कार्य किस दिनांक तक पूर्ण कर योजना प्रारंभ कर दी जावेगी? (ड.) टर्मिनेट ठेकेदारों के निर्माण कार्यों की कितनी लागत से पुनः निविदा आमंत्रित की गई है? नए एवं पुराने निर्माण कार्यों में अंतर की राशि का भुगतान कौन करेगा? कटनी जिला अंतर्गत योजनावार सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
राज्य में पांचवीं अनुसूची के नियम और योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
76. ( क्र. 1552 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले अंतर्गत कौन-कौन से क्षेत्र संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्र हैं? विकासखंडवार-ग्राम पंचायतवार डाटा उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में केंद्र व राज्य शासन के कौन-कौन से विशेष कानून लागू होते हैं, जो राज्य-केंद्र के सामान्य कानूनों से अलग हैं? (ग) धार जिले के अनुसूचित क्षेत्रों में केंद्र व राज्य शासन के कौन-कौन से विशेष योजना संचालित हैं, जो सभी क्षेत्रों पर लागू होने वाली योजनाओं से अलग हैं? (घ) पांचवीं अनुसूची एवं पेसा कानून में दिए गए प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार के पास जनजातीय समुदाय की परम्पराओं, रुढ़ियों, सामाजिक एवं धार्मिक पद्धतियों, सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संपदाओं से संबंधित परम्परागत पद्धतियों का क्या-क्या अभिलेख एवं दस्तावेज उपलब्ध है? प्रति सहित बताएं। (ङ) अनुसूचित क्षेत्रों के लिए महामहिम राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचना कब जारी की? प्रति देवें। यदि राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचना जारी नहीं की तो क्या शासन पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन करके सभी सामान्य नियमों को अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं कर रहा? (च) मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् नियम 1957 क्रमांक 3 के उपनियम 5 (1) की नवीनतम पूर्ण प्रतिलिपि संदर्भों सहित उपलब्ध कराएं। (छ) आदिवासी मंत्रणा परिषद् का गठन किस नियम के तहत होता है? कब तक परिषद् गठित की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) धार जिला अंतर्गत संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत 1310 ग्राम अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्र हैं, विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘एक’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘दो’ अनुसार है। (ग) धार जिले के अनुसूचित क्षेत्रों में केन्द्र व राज्य शासन की नियमित योजनाओं के अलावा कोई विशेष योजना संचालित नहीं है। (घ) पेसा कानून के प्रावधानों में अभिलेखीकरण का प्रावधान नहीं है। (ड.) पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्रों के लिए अधिसूचना महामहिम राज्यपाल द्वारा जारी नहीं की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् नियम 1957 क्रमांक 3 के उपनियम (1) की नवीनतम पूर्ण प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘तीन’ अनुसार है। (छ) आदिवासी मंत्रणा परिषद् का गठन मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद् नियमावली 1957 के तहत होता है। परिषद् के गठन की कार्यवाही प्रचलन में है।
एकलव्य आवासीय परिसर एवं छात्रावासों का संचालन
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 1555 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा इंदौर संभाग में कहाँ-कहाँ बालक-बालिका एकलव्य आवासीय परिसर और अन्य छात्रावास संचालित हैं? इनमें कितनी आदिवासी बालिकाएं/बालक पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा-देखभाल के क्या-क्या इंतजाम है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इंदौर संभाग के एकलव्य आवासीय परिसरों में पढ़ने वाली कितनी आदिवासी बालिकाओं की पिछले पांच वर्षों में किसी बीमारी, संदेहास्पद या अन्य कारणों से मृत्यु हुई? मृत्यु के बाद किसकी शिकायत पर किस-किस के नेतृत्व में क्या जांच-प्रक्रिया अपनाई गई? क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई? यदि जांच नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) विगत दिनों एकलव्य आवासीय परिसर धार में एक आदिवासी बालिका की मृत्यु किन कारणों से हुई? मृत्यु पर क्या जांच-प्रक्रिया अपनाई गई? उसकी न्यायिक जांच क्यों नहीं हुई? प्रति सहित बताएं। (घ) परिसरों में पढ़ने वाली आदिवासी बालिकाओं की मृत्यु क्यों हो रही है? क्या आदिवासी बालिकाओं की मृत्यु पर सरकार गंभीर है? यदि हाँ, तो इसे रोकने के लिए सरकार कोई ठोस और कारगर व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है? (ङ) इंदौर संभाग के एकलव्य आवासीय परिसरों के अलावा अन्य बालक-बालिका छात्रावासों में कितने आदिवासी छात्र-छात्राओं की मृत्यु हुई, मृत्यु के क्या कारण थे? जानकारी उपलब्ध करावें। (च) इंदौर संभाग के एकलव्य आवासीय परिसरों एवं अन्य छात्रावासों में छात्र-छात्राओं के सुरक्षा और देखभाल के इंतजाम, शिक्षक-कर्मचारी, स्वास्थ्य, भोजन-मेन्यू, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग, हिंदी-अंग्रेजी माध्यम तथा उपलब्ध सभी सुविधाओं का डिटेल विवरण पृथक-पृथक देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हेतु शाला एवं छात्रावासों में केयर टेकर, वार्डन, सिक्योरिटी गार्ड, हाउस कीपिंग, सी.सी.टी.वी. कैमरे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं। (ख) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार हैं। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रकरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जांच प्रक्रियाधीन है। प्रकरण से संबंधित अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' पर है। (घ) सामान्य रूप से मृत्यु की स्थिति नहीं है। मृत्यु की कुछ आकस्मिक घटनाएं घटित हुई हैं। जी हाँ, परिसरों में अध्ययनरत बालिकाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, सतत् काउंसलिंग, छात्रों के व्यवहार संबंधित मुद्दों पर संवेदनशील वातावरण तैयार किये जाने हेतु शिक्षकों का प्रशिक्षण, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। (ड.) निरंक (च) छात्र-छात्राओं के सुरक्षा हेतु शाला एवं छात्रावासों में केयर टेकर, वार्डन, सिक्योरिटी गार्ड हाउस कीपिंग, सी.सी.टी.वी. कैमरे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं। शिक्षक कर्मचारी के रिक्त पदों पर शिक्षकों की व्यवस्था नियमानुसार शाला में की गई हैं। स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग छात्र/छात्राओं के अध्ययन हेतु स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था पेनल्स के माध्यम से गई है जिनमें हिन्दी-अंग्रेजी एवं अन्य विषय से संबंधित शिक्षण का कार्य संपन्न कराया जाता है। मेन्यू के अनुसार भोजन प्रदाय किया जा रहा है। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की जानकारी विद्यालय पंजी में संधारित की जाती है।
आरा मशीनों का पंजीयन
[वन]
78. ( क्र. 1609 ) श्री मोहन शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की समस्त तहसीलों में शासन द्वारा स्वीकृति के पश्चात आरा मशीन संचालित हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो समस्त तहसीलों में संचालित आरा मशीन संचालकों के पास शासन की स्वीकृति है या नहीं? तहसीलवार नाम सहित ब्यौरा दें। (ग) जिन आरा मशीन संचालकों के पास शासन की स्वीकृति नहीं है उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? बतायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2021 से 2023 तक आरा मशीनों के पंजीयन उपरांत संचालित रही हैं तथा वर्ष 2024 से 2026 तक अनुज्ञप्ति नवीनीकरण की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन्यप्राणी से होने वाली दुर्घटनाओं एवं नुकसान की रोकथाम
[वन]
79. ( क्र. 1611 ) श्री विपीन जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले वर्षों में घोड़ारोज/नीलगाय/रोजडा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नुकसान के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र विभाग/शासन को प्राप्त हुए हैं? सूची उपलब्ध कराएं। बताएं कि इतने वृहद स्तर पर इनसे निजात पाने की मांग करने के बावजूद भी कोई ठोस कदम विभाग/सरकार द्वारा अभी तक क्यों नहीं उठाया गया? (ख) क्या इनके द्वारा किसानों के खेतों में होने वाले नुकसान के कारण मुआवजा प्रदान करने या इनसे होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में शासन की कोई योजना है? भरपाई हेतु कोई प्रयास या कमेटी का गठन किया गया है? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) विगत 10 वर्षों में मंदसौर जिले में इनके द्वारा होने वाले नुकसान/दुर्घटनाओं के संबंध में प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों, उन पर कार्रवाई एवं दिए गए मुआवजे की स्थिति से अवगत कराएं। (घ) क्या किसानों को राहत प्रदान करने हेतु अधिक प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के खेतों पर मेड/तार फेंसिंग/जाली निर्माण आदि का प्रावधान विचारणीय है जिससे किसानों को लाभ प्राप्त हो सके या इन्हें वन्य अभ्यारण में भेजने की कोई योजना है? (ड.) क्या समाधान के लिए वन्य जीव शोध संस्थान से राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन्यप्राणी द्वारा फसल हानि/जन हानि/जन घायल/पशु हानि/पशु घायल होने पर क्षतिपूर्ति राशि भुगतान का प्रावधान है, जो मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत है। राज्य सरकार द्वारा फसल हानि करने वाली नीलगाय को खेत में ही मारने की अनुमति हेतु समस्त जिलों के उप खण्ड अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया है। अत: यह कहना सही नहीं है कि कोई ठोस कदम विभाग द्वारा नहीं उठाया गया है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। नुकसान की भरपाई हेतु परिशिष्ट अनुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। इस हेतु कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया है। (ग) विगत 10 वर्षों में मंदसौर जिले में वन्यप्राणी नीलगाय से हुई नुकसानी/दुर्घटना में पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों एवं उनमें प्रदाय मुआवजे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 नीलगायों के शाजापुर एवं अन्य उपयुक्त स्थलों से पकड़कर अन्यत्र स्थानांतरित करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है। (ड.) जी नहीं।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 1624 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा सौंसर में जल जीवन मिशन अंतर्गत कितने ग्रामों में कार्य स्वीकृत हुए? कितने ग्रामों में कार्य स्वीकृत होना शेष है? (ख) कितने स्वीकृत कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूरे कर लिए जाएंगे? (ग) ऐसे कितने स्वीकृत कार्य हैं जो ठेकेदार द्वारा प्रारंभ नहीं किए गए? क्या कार्य प्रारंभ न करने के लिए ठेकेदार तथा संबंधित अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी? (घ) ऐसे कितने टोले-मजरे हैं जहां प्रश्न दिनांक तक पानी नहीं पहुंचा? क्या इन टोले-मजरों में पानी उपलब्ध कराने के लिये सरकार कोई समय-सीमा निर्धारित करेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सौंसर में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 207 ग्रामों में कार्य स्वीकृत हुये हैं, इन स्वीकृत कार्यों में से 203 ग्रामों के लिए नल-जल प्रदाय योजनाएं, शालाओं में संस्थागत पेयजल व्यवस्था एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में संस्थागत पेयजल व्यवस्था के कार्य सम्मिलित हैं तथा 04 ग्रामों में शालाओं में संस्थागत पेयजल व्यवस्था एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में संस्थागत पेयजल व्यवस्था के कार्य सम्मिलित हैं। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 ग्रामीण शालाओं एवं 199 ग्रामीण आंगनवाड़ी केन्द्रों में संस्थागत नल से पेयजल व्यवस्था के कार्य स्वीकृत हुए हैं। जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन के अनुसार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई भी कार्य स्वीकृत होना शेष नहीं है। (ख) नल-जल प्रदाय योजनाओ के कार्यों के अंतर्गत 57 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं एवं 14 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजनाओं के इस प्रकार कुल 71 ग्रामों के कार्य पूर्ण है तथा 117 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्य तथा 15 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजनाओं के इस प्रकार कुल 132 ग्रामों के कार्य अपूर्ण (प्रगतिरत) हैं। 197 शालाओं एवं 138 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के कार्य पूर्ण हैं तथा 78 शालाएं एवं 61 आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र में सभी स्वीकृत कार्य ठेकेदारों द्वारा प्रारंभ किये जा चुके हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन के प्रावधानों के अनुसार 20 से कम परिवार वाले टोले/मजरों के लिये नलजल प्रदाय योजना प्रस्तावित नहीं की गयी है, इन टोले/मजरों में हैण्डपंप की व्यवस्था की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले के वनोपज की स्थिति
[वन]
81. ( क्र. 1625 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में कुल वन क्षेत्र कितना है? साथ ही प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में वन आच्छादित क्षेत्रफल कितना है तथा यहाँ कौन-कौन से वनोपज पाये जाते हैं? (ख) क्या सीधी जिले में वनोपज संग्रहण की व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है? प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में विगत दो वर्षों में वनोपज संग्रहण एवं उसके हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार सूची देते हुए बोनस आदि की जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश में सरकार द्वारा वनोपज हितग्राहियों की आय को बढ़ाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (घ) सीधी जिले में संजय टाईगर रिजर्व में कुल कितने ग्रामों का विस्थापन किया जाना है? कितने ग्रामों को पूर्णतः विस्थापित किया जा चुका है? कितने ग्रामों में अभी विस्थापन प्रक्रिया चल रही है और शेष कितने ग्राम अभी हैं जिनकी विस्थापन प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है? (ङ) विस्थापन के दौरान विस्थापितों को सरकार के द्वारा कितनी मुआवजा राशि दी जा रही है? क्या सरकार के संज्ञान में विस्थापन की मुआवजा राशि बढ़ाने की कोई योजना है? क्या इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों के निराकरण की स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सीधी जिले में 1979.36 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है। प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में वन आच्छादित क्षेत्रफल 201.73 वर्ग किलोमीटर है, यहाँ इमारती लकड़ी (मिश्रित प्रजाति) , तेन्दूपत्ता, महुआ, फूल, हर्रा, बहेड़ा, आवला, बांस आदि वनोपज पाई जाती है। (ख) जी हाँ, वनोपज संग्रहण के सम्बन्ध में इमारती लकड़ी के विदोहन/विपणन की व्यवस्था वन मण्डल सीधी द्वारा की जाती है तथा लघु वनोपज के संग्रहण/विपणन की व्यवस्था जिला वनोपज सहकारी संघ सीधी द्वारा संचालित की जाती है। प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में विगत दो वर्षों में वनोपज संग्रहण एवं उनके हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) (1) तेन्दुपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक राशि रूपये 3000/- से राशि रूपये 4000/- प्रति मानक बोरा किया गया है। (2) जिला यूनियनों में स्थापित वन धन विकास केन्द्रों की मदद से वनोपज हितग्राहियों की आय बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। (घ) सीधी जिले में संजय टाईगर रिजर्व में कुल 54 ग्रामों का विस्थापन किया जाना है। 17 ग्राम पूर्णतः विस्थापित किया जा चुका है। 27 ग्रामों में अभी विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है और शेष 10 ग्राम अभी हैं, जिनकी विस्थापन प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं हुई है। (ड.) विस्थापन के दौरान विस्थापितों को 15 लाख प्रति परिवार मुआवजा राशि दी जा रही है। विस्थापन की मुआवजा राशि बढ़ाने के संबंध में वर्तमान में शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जी नहीं, इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति के विकास कार्य और योजनाओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
82. ( क्र. 1633 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ जिला देवास अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम एवं ग्राम पंचायतों में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए केंद्र और राज्य की कौन-कौन सी योजनाएं हैं? इन वित्त पोषित योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष प्राप्त आवंटन एवं खर्च की जानकारी प्रदान करने की कृपा करें। (ख) विधानसभा सोनकच्छ क्षेत्र में कितने अनुसूचित जाति वर्ग बाहुल्य ग्राम है? क्या इन ग्रामों में प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति विकास योजना अंतर्गत मूलभूत विकास कार्य करवाए गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम में क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? ग्रामवार, कार्यवार जानकारी प्रदान करें। विभाग द्वारा जिला स्तर पर विभिन्न मदों में प्रदत्त आवंटन को विधानसभा क्षेत्रवार प्राथमिकता के आधार पर खर्च करने के क्या-क्या निर्देश हैं? कृपया निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करवाने की कृपा करें। (ग) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं? क्या इसमें अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों के विकास हेतु भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना तथा राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास, मंजरे टोलों का विद्युतीकरण एवं अनुसूचित जाति वर्ग के कूपों तक विद्युत लाइन का विस्तार योजना संचालित की जा रही है, शेष जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों का वर्गीकरण उपलब्ध नहीं है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। विभाग द्वारा प्रदत्त आवंटन को विधानसभा क्षेत्रवार प्राथमिकता के आधार पर खर्च करने के कोई निर्देश नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, स्वीकृत कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वृद्धावस्था पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
83. ( क्र. 1642 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 60 वर्ष से अधिक महिला एवं पुरूषों के लिए विभाग द्वारा वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? नियमों सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में वर्तमान में सामाजिक वृद्धावस्था पेंशन योजना में महिला एवं पुरूष के लिए गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज होने की पात्रता अनिवार्य है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पूर्व वर्षां में संचालित वृद्धावस्था पेंशन योजना में महिला एवं पुरूष के लिए गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज होने की पात्रता अनिवार्यता नहीं थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) यदि पूर्व वर्षों में वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता नहीं थी। नियम/अर्हता से योजना को मुक्त रखा गया था, तो क्या वर्तमान में संचालित योजना में उक्त शर्त की अनिवार्यता को समाप्त या विलोपित किये जाने की शासन की कोई योजना है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु की महिला एवं पुरूषों के लिये वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 तक कुल तीन पेंशन योजनाएं संचालित हैं:- (1) समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना। (2) मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना। (3) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना। पेंशन नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बिंदु क्रमांक (1) एवं (2) में वर्णित योजनाओं में हितग्राही का नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज होना अनिवार्य नहीं है। बिंदु क्रमांक (3) में वर्णित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में हितग्राही का नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज होना अनिवार्य है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बिंदु क्रमांक (1) एवं (2) में वर्णित योजनाओं में पूर्वानुसार ही हितग्राही का नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज होना अनिवार्य नहीं है एवं बिंदु क्रमांक (3) में वर्णित योजना में हितग्राही का नाम गरीबी रेखा की सूची में दर्ज होना अनिवार्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा वृद्धजनों के लिये संचालित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में निराश्रित महिला/पुरूष वृद्धजन एवं मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के महिला/पुरूष हितग्राहियों के लिये गरीबी रेखा की सूची में नाम दर्ज होना प्रांरभ से ही अनिवार्य नहीं है। केवल भारत सरकार द्वारा संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा की सूची में नाम दर्ज होना अनिवार्य है। भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा को समाप्त/विलोपित किये जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
जनजातीय ब्लाकों में स्थानांतरण में संशोधन
[जनजातीय कार्य]
84. ( क्र. 1650 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला छिन्दवाड़ा अंतर्गत शिक्षक संवर्ग का प्रभार किस कर्मचारी के पास है? कितने शिक्षक संवर्गों की पदोन्नति/क्रमोन्नति के प्रस्ताव उपायुक्त कार्यालय जबलपुर में प्रेषित किये गये हैं एवं कितने प्रस्ताव सहायक आयुक्त कार्यालय छिन्दवाड़ा में लंबित है? प्रकरण पात्र होने के बावजूद प्रेषित नहीं किये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? कृपया बताने का कष्ट करें। (ख) जिले के चारों ब्लाकों में विभिन्न संवर्ग के शिक्षक के संलग्नीकरण की जानकारी संस्थावार/कार्यालयवार प्रदान करने का कष्ट करें। क्या यह सही है कि शासन के नियमानुसार शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य कराये जाने के प्रतिबंध के बावजूद संलग्नीकरण किया जा गया है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध संलग्नीकरण करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? उक्त सूची निम्न प्रारूप अनुसार प्रदान करने का कष्ट करें। क्रं., विकासखण्ड का नाम, पदस्थ शिक्षक का नाम, शिक्षक की पदस्थापना, जहां संलग्न किया गया है, किस दिनांक से संलग्न है? नियम विरूद्ध संलग्न किये जाने का कारण? (ग) क्या यह सही है कि सहायक आयुक्त छिन्दवाड़ा द्वारा गत वर्ष किये गये स्थानांतरणों का संशोधन किया गया है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत? किये गये स्थानांतरण संशोधन की सूची उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिन्दवाड़ा में शिक्षक संवर्ग की वरिष्ठता सूची, पदोन्नति, क्रमोन्नति, स्थानान्तरण का प्रभार श्री जी.एस. ठाकुर, लेखापाल, शिक्षकों की शिकायतों का प्रभार श्री सुरेन्द्र साहू, लेखापाल, शिक्षकों के अवकाश आदि का प्रभार श्री राहुल सोनी सहायक ग्रेड-3, पेंशन/जी.पी.एफ. श्री सुदीप कोष्टा सहायक ग्रेड-3 के पास है। विभाग अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक पद के उच्च पद का प्रभार देने हेतु संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित प्रस्ताव की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति प्रस्ताव कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग को प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। माध्यमिक शिक्षकों के 13 अपूर्ण प्रस्ताव कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य छिन्दवाड़ा में लंबित है। क्रमोन्नति हेतु पात्र कर्मचारियों के प्रस्ताव कार्यालय में लंबित नहीं होने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संलग्नीकरण की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिन्दवाड़ा द्वारा गत वर्ष किये गये स्थानान्तरणों के विरूद्ध संशोधन आदेश जारी नहीं किये गये है। अत: जानकारी निरंक है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी
[वन]
85. ( क्र. 1651 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लघु वनोपज समितियों के माध्यम से जुन्नारदेव विधानसभा में निर्मित अपनी दुकानों से कितनी-कितनी मात्रा में 32 समर्थन मूल्य की निर्धारित वनोपज की खरीदी आज दिनांक तक वर्षवार की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में लघुवनोपज संग्रहण की अधोसंरचना एवं विकास मद से वर्ष 2018 से आज दिनांक तक स्थलवार स्वीकृत एवं व्यय की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में संग्राहकों को लघु वनोपज समितिवार वितरित सामग्री की मात्रा एवं सदस्यों की संख्या की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। (घ) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव लघुवनोपज समितियों में शेष विकास कार्यों एवं अधोसंरचना मद की समितिवार जानकारी एवं प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृत की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में निर्मित अपनी दुकानों के माध्यम से वर्ष 2022 में शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 32 लघु वनोपजों में से सिर्फ महुआ फुल की बम्हनी समिति द्वारा 378.260 क्विंटल व देलाखारी समिति द्वारा 495.839 क्विंटल खरीदी की गई। शेष अन्य लघु वनोपजों का बाजार मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण खरीदी नहीं की गई। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में लघुवनोपज संग्रहण की अधोसंरचना मद से वर्ष 2018 से आज दिनांक तक स्वीकृत एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में संग्राहकों को लघु वनोपज समितिवार वितरित सामग्री की मात्रा एवं सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (घ) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के लघुवनोपज समिति क्षेत्रांतर्गत शेष विकास कार्यों के प्रस्ताव लघु वनोपज संघ में निरंक है।
अनधिकृत रूप से की गई वसूली की जांच
[वन]
86. ( क्र. 1655 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लघु वनोपज सहकारी समिति बम्हनी के द्वारा खरीदा गया महुआ पर व्यय की गई राशि नमक, कनकी एवं बारदानों की राशि तत्कालीन नोडल अधिकारी रवीन्द्र सिंह कुशवाह से निर्दोष होने के बाद वसूली गई? (ख) क्या प्रबंध संचालक जिला यूनियन को परिक्षेत्र अधिकारी/नोडल अधिकारी से वसूली के अधिकार है? (ग) क्या गोदाम निर्माण, तेन्दूपत्ता शाखकर्तन के प्रशिक्षण एवं रोपण कार्यों की वसूली कार्य पूर्ण होने एवं भुगतान होने के बाद भी वसूली की गई? जिसकी जांच की गई है वह निर्दोष पाये गये हैं? (घ) क्या यह सही है कि श्री एच.सी. बघेल वर्तमान एस.डी.ओ. तामिया से मुख्यमंत्री ऑनलाइन एवं श्री रवीन्द्र सिंह कुशवाह के आवेदन पत्र पर जांच कराई गई है? उस जांच रिपोर्ट पर आज तक निराकरण नहीं हुआ है। यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट पर निराकरण कब तक हो जायेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) तत्कालीन नोडल अधिकारी रवींद्र सिंह कुशवाह द्वारा महुआ खरीदी के नाम पर व्यय की गई राशि, नमक कनकी एवं बारदानों की शासकीय बकाया राशि प्रभार में नहीं सौंपने एवं उक्त राशि का लेखा एवं महुआ संग्रहण प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के फलस्वरूप वसूली की गई है। अतः निर्दोष होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) तत्कालील नोडल अधिकारी से वसूली प्रबंध संचालक जिला यूनियन के द्वारा नहीं की गई है अपितु उक्त वसूली मुख्य वन संरक्षक छिंदवाड़ा वन वृत्त द्वारा कार्यालयीन आदेश क्रमांक/स्थापना/11 दिनांक 13.01.2009 के माध्यम से नियमानुसार की गई है। (ग) गोदाम निर्माण, तेंदूपत्ता शाखकर्तन के प्रशिक्षण एवं रोपण कार्यों हेतु प्राप्त किया गया अग्रिम की शासकीय बकाया राशि प्रभार में नहीं सौंपने एवं उक्त राशि का लेखा प्रस्तुत नहीं करने के फलस्वरूप वसूली की गई है, अतः निर्दोष पाये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ यह सही है कि श्री एच.सी. बघेल, वर्तमान उप वनमंडलाधिकारी तामिया से श्री रवीन्द्र कुशवाह के आवेदन पत्र पर जांच कराई गई है किंतु उनके द्वारा प्रस्तुत जांच अपूर्ण है जिस कारण पुनः उप वनमंडलाधिकारी तामिया को उक्त प्रकरण में सूक्ष्म जांच कर सुसंगत अभिलेखों सहित जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया है, जिसके तारतम्य में श्री एच.सी. बघेल उप वनमंडलाधिकारी तामिया द्वारा उक्त आवेदन के संबंध में जांच की कार्यवाही प्रारंभ है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 1662 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में शहरी तथा ग्रामीण इलाके में अलग कितनी-कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही है? (ख) उपरोक्त में से कितनी ऐसी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें अनियमितता होने की शिकायतें मिली हैं? इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई है अथवा जांच लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में ग्रामीण इलाकों में संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ऐसी है जहां गरीब परिवारों को राशन लेने के लिए लगभग 3-4 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? (घ) क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार के आवास की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण इलाके में क्रमश: 13 एवं 93 उचित मूल्य दुकानें संचालित है। (ख) उक्त उचित मूल्य दुकानों में अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की 04 उचित मूल्य दुकानों से संबद्ध 04 ग्रामों के हितग्राहियों को 03 किलोमीटर दूरी तक चलकर राशन लेने आना पड़ता है। (घ) वर्तमान में आवास की अधिकतम दूरी के आधार उचित मूल्य दुकान आवंटन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वन विकास निगम द्वारा कराये गए कार्य
[वन]
88. ( क्र. 1666 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक प्रदेश सरकार ने वन विकास निगम को वर्षवार कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? वर्षवार एवं मंडल/जिलेवार जानकारी बतलावें। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में भोपाल सम्भाग के अन्तर्गत आने वाले वन मण्डलों के उप वनमण्डल क्षेत्रों हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों एवं पौध रोपण/वृक्षारोपण हेतु उपलब्ध करवाई गई है? (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' संदर्भ में उक्त आवंटित राशि में से कौन-कौन से कार्य कराये गए हैं? कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि में प्लांटेशन/पौधरोपण/वृक्षारोपण एवं हितग्राही मूलक कार्य कराये गए हैं? क्या कराये गए कार्यों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब किन तिथियों में एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा वर्षवार एवं वन मण्डल/उप वनमण्डलवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि उक्त कार्यों की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं तो इनके निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतकर्ताओं सहित उप वनमण्डल/मण्डलवार जानकारी दें। (ङ) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित कौन-कौन से पत्र माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, मान. मंत्री महोदय, मान. मुख्य सचिव महोदया, अपर मुख्य सचिव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, जिला वन मण्डल अधिकारी को प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक पत्रों पर कार्यवाही करके समस्या तथा शिकायतों का निराकरण किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड को कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनु्क्रम में चूंकि वन विकास निगम को राज्य सरकार ने कोई राशि आवंटित नहीं की है, अत: वन विकास निगम से भोपाल संभाग के वन मण्डलों को राशि आवंटन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) से (ड.) उत्तरांश (क) के तारतम्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की जानकारी
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
89. ( क्र. 1673 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग व उसके अधीन कार्यरत संबंधित विभिन्न संस्थाओं व चिकित्सा इकाइयों को बंद करने अथवा अन्य विभागों में संविलियन करने का निर्णय/प्रयास किया जा रहा है? विभाग को बंद करने व अन्य विभागों में संविलियन करने के कारणों सहित तथ्यात्मक जानकारी विवरण सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में गैस राहत विभाग के अधीन कार्यरत विभिन्न संस्थाओं व चिकित्सा इकाइयों में से किन-किन को बंद करने का निर्णय/प्रयास किया जा रहा है? किन-किन संस्थाओं व चिकित्सा इकाइयों को किस-किस विभागों में संविलियन करने का निर्णय लिया/प्रयास किया जा रहा है? संस्थावार चिकित्सा इकाईवार जानकारी दें। (ग) गैस राहत विभाग को बंद करने अथवा अन्य विभागों में संविलियन करने से गैस राहत विभाग में कार्यरत अमले के संबंध में क्या निर्णय लिया गया व गैस पीड़ितों की चिकित्सा सुविधा किस प्रकार सुनिश्चित की जावेगी? जानकारी से अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
वनग्रामों का राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन
[वन]
90. ( क्र. 1675 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि राजपत्र में दिनांक 25/05/1962 को हस्तान्तरण के लिए अधिसूचित एवं दिनांक 04/12/1975 को आदेशित सीहोर, भोपाल एवं रायसेन जिले के वनग्रामों का प्रश्न दिनांक तक भी हस्तान्तरण नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो अधिसूचित एवं आदेशित किस ग्राम की कितनी भूमि किस दिनांक को राजस्व विभाग को सौंपी गई? किस ग्राम की भूमि किन-किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक भी राजस्व विभाग को नहीं सौंपी गई? (ग) वर्ष 1962 में अधिसूचित एवं 1975 में आदेशित हस्तानान्तरण के लिए शेष किस ग्राम को कब तक हस्तान्तरित कर दिया जाएगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नांकित अधिसूचना/आदेश से भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के वनग्रामों का ऑक्युपाईड एरिया वर्ष 1980 के पूर्व राजस्व विभाग को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान में जनजातीय कार्य विभाग से जारी निर्देशों के तहत शेष बचे वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन हेतु वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत जिला कलेक्टर द्वारा प्रस्तावित अधिसूचना जारी की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
अनुसूचित जनजाति हेतु विकासार्थ योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
91. ( क्र. 1682 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में अनुसूचित जनजाति के विकासार्थ 275 (1) एवं राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं हेतु भारत सरकार से विगत 5 वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई है? योजनावार, वर्षवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार भारत सरकार से प्राप्त राशि के उपयोग, आवंटन के क्या नियम/मापदंड हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध राशि अनुसूचित जनजाति के लिए प्रश्नांश (ख) में दिए गए नियम/मापदंड के अनुसार ही उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्राप्त राशि का विभाग द्वारा पुनर्वियोजन एक योजना से दूसरी योजना/एक मद से दूसरे मद में किया है। वर्षवार व योजनावार विवरण देवें। यदि हाँ तो क्यों तथा किस नियम के तहत? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। यदि यह नियम अनुसार नहीं है तो दोषी कौन है एवं दोषी पर क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार की गाइड-लाइन एवं भारत सरकार द्वारा प्राप्त कार्ययोजना की स्वीकृति अनुसार उपयोग किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यावरण सुधार हेतु कराये गए कार्य
[पर्यावरण]
92. ( क्र. 1690 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के माध्यम से विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत पर्यावरण सुधार हेतु विभिन्न प्रकार के अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2023-24 तक बड़े एवं छोटे उद्योगों से होने वाले प्रदूषण, अत्यंत दूषित अपशिष्ट, संग्रहण स्थलों के माध्यम से होने वाले प्रदूषण, खनिज खदानों, ईट भट्टों इत्यादि अन्य अनेक प्रकार के स्थलों के संबंध में किस कार्ययोजना के माध्यम से क्या-क्या किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ग) बताएं कि प्रश्नांश (ख) उल्लेखित विभिन्न स्थलों के साथ ही अन्य स्थलों पर भी प्रदूषित वातावरण को स्वच्छ एवं नियंत्रित किए जाने हेतु उपरोक्त उल्लेखित वर्षवार क्या-क्या कार्रवाई की गई? जानकारी दें। (घ) अवगत कराएं कि जिला अंतर्गत प्रश्नांश (ख) उल्लेखित इस प्रकार के पर्यावरण विरुद्ध कार्य किए जाने की स्थिति में उपरोक्त स्थलों का निरीक्षण, जांच, परीक्षण एवं कठोर कार्रवाई कर नियंत्रण हेतु क्या-क्या किया गया? वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2023-24 तक वर्षवार की गई कार्रवाई की जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) म. प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) प्रदूषित वातावरण को स्वच्छ एवं नियंत्रित किए जाने हेतु नगर पालिक निगम, रतलाम द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' तथा 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
संचालित राशन दुकानों एवं कर्मचारियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 1698 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी राशन दुकानें खाद्य समितियों द्वारा संचालित हैं? उनके नाम, विक्रेताओं/सहायक विक्रेताओं की सूची, नियुक्त दिनांक से पते सहित देवें। बताएं कि इनमें से कितनों पर जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक गबन के प्रकरण कितनी राशि के/अन्य कारणों से दर्ज किए गए हैं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विक्रेता द्वारा एक से अधिक राशन दुकानें संचालित की जा सकती हैं? क्या राशन दुकानें पंचायतवार संचालित की जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों? सम्पूर्ण जानकारी देंवे। (ग) क्या इन राशन दुकानों में नियुक्त कर्मचारियों के अलावा मनमर्जी से अन्य व्यक्तियों को रखा गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में दैनिक वेतन भोगी/आउटसोर्स कर्मचारी जो की 4500 से अधिक कार्यरत हैं, जिनका 10 वर्षों से अधिक का समय हो गया है, उनको स्थाई करने हेतु क्या कार्रवाई विभाग द्वारा की जा रही है? डिपार्टमेंट में 450 स्थायकर्मी के पद रिक्त हैं, क्या इन्हें इनमें समायोजित नहीं किया जा सकता? (ड.) क्या इन्हें श्रम विभाग के आदेश क्रमांक 1341/एफ 4 (बी)-1-2014 ए सोलह भोपाल दिनांक 27.9.23 अनुसार वेतन और वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत कुल 138 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक गबन का कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। अन्य अनियमितता के 25 प्रकरण दर्ज किये गये हैं जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, विक्रेता द्वारा एक से अधिक उचित मूल्य दुकानें संचालित की जा सकती हैं। प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकानें आवंटित की गई हैं, परन्तु 07 पंचायतों में सुरक्षित भवन/स्थान उपलब्ध नहीं होने से अन्य ग्रामों में संचालित की जा रही हैं जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में 20.09.2022 से आउटसोर्स के माध्यम से कुल 2956 श्रमिक एवं सुरक्षा गार्ड कार्यरत हैं। राज्य शासन द्वारा जारी प्रपत्र दिनांक 07.10.2016 के तहत दैनिक वेतन भोगी को स्थायी कर्मी में विनियमित करने की योजना प्रभावशील की गई है। उक्त परिपत्र में दिये गये दिशा-निर्देश अनुसार पात्र कर्मचारियों को स्थायी कर्मियों में विनियमित किया गया है। (ड.) आउटसोर्स एजेन्सी द्वारा निष्पादित अनुबंध अनुसार श्रमिकों/सुरक्षा गार्ड को कलेक्टर दर अनुसार वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
एकलव्य शिक्षा विकास योजना
[वन]
94. ( क्र. 1704 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में एकलव्य शिक्षा विकास योजना अंतर्गत कुल कितने बालक-बालिका व कौन-कौन से कक्षा के विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया? (ख) मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों के कितने-कितने फड़मुशियों, प्राथमिक वनोपज समितियां के प्रबंधकों के बच्चों को लाभान्वित किया गया है? जिलावर, समितिवार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में एकलव्य शिक्षा विकास योजना के अन्तर्गत कुल 10177 बालाक बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। उक्त योजना में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं, गैर तकनीकी स्नातक एवं व्यवसायिक कोर्स के विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में फड़मुशियों एवं प्राथमिक लघु वनोपजों समिति के प्रबंधकों के बच्चों को लाभान्वित किया गया है। समितिवार जानकारी नहीं रखी जाती है। जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
विभाग द्वारा अंतरित की गयी राशि
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 1705 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रदेश में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग से अन्य विभाग/किन-किन विभागों को कितनी-कितनी धनराशि प्रदान की गई है? वर्षवार, विभागवार जानकारी देवें। अंतरित की गई राशि के आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंतरित राशि से कौन-कौन से कार्य, निर्माण कार्य, आधोसंरचना आदि पर या अन्य गतिविधियों में खर्च किया गया हो तो विभागवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभाग द्वारा जिला स्तर पर राशि भेजी गई हो तो जिलावार, वर्षवार राशि की जानकारी व आदेश की छायाप्रति देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) विभाग अंतर्गत दो विभागाध्यक्षों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'तीन' एवं 'चार' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'पांच' अनुसार है।
ग्रामीण पेयजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 1721 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी विधासभा क्षेत्र में दिनांक 1/4/2020 से उत्तर दिनांक तक जल जीवन मिशन में नलजल योजनाओं के कितने कार्य स्वीकृत किए गए? संख्यात्मक जानकारी, वर्षवार प्राप्त आवंटन सहित कार्यवार देवें। इनमें कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं की जानकारी देवें। (ख) इसके लिए कितनी राशि का भुगतान किन फर्मों को किया गया? फर्मनाम, राशि, भुगतान दिनांक फर्म जी.एस.टी. नंबर, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। लंबित भुगतान राशि भी साथ में देवें। (ग) प्रश्न क्रमांक 534 दिनांक 1/3/2023 के (ग) उत्तर में सी.सी. सड़कों व नालियों को खोदने के पश्चात् उनका पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाने का वर्णन है तो फिर बड़वानी विधानसभा में इनका पुनर्निर्माण क्यों नहीं किया गया? पुनर्निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों में से कितने घरों में कितने ग्रामों में पेयजल सप्लाई हो रहा है की सूची ग्रामवार, घर संख्या सहित देवें। संचालित योजनाओं के ग्रामों में जल प्रदाय की भौतिक सत्यापन का विवरण देवें। पुनर्निर्माण न करने वाली फर्म पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में बड़वानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 67 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं (सेगवाल-1 एवं सेगवाल-2) स्वीकृत हैं। योजनाओं हेतु विधान सभावार, वर्षवार एवं कार्यवार आवंटन प्राप्त नहीं होता है, तथापि जिले को कार्यों के भुगतान के लिए राशि जारी की जाती है, जिसका वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्यों के पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, स्वीकृत 02 समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है, कोई भी देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (ग) पाइप-लाइन के बिछाने एवं जोड़ने के कार्य में आवश्यकतानुसार खोदी गई सी.सी. सडकों एवं नालियों को पाइप-लाइन की टेस्टिंग के उपरांत पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाया जा रहा है, बड़वानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत 67 एकल ग्राम नलजल योजनाओं में से 36 ग्रामों की योजनाओं में 13045 मीटर सी.सी. रोड़ तोडी गई जिसमें से 8395 मीटर सी.सी. रोड का पुनर्निर्माण कर दिया गया है तथा शेष 4650 मीटर सी.सी. रोड़ का पुनर्निर्माण कार्य प्रगतिरत है। समूह नलजल योजना सेगवाल-1 में 4200 मीटर रोड़ तोड़ी गई है, जिसका पाइप-लाइन बिछाने, जोड़ने एवं टेस्टिंग के पश्चात पुनर्निर्माण किया जाना प्रावधानित है। सी.सी. रोड के पुनर्निर्माण के पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जल जीवन मिशन के अंतर्गत संपादित नलजल योजना के 48 ग्रामों के 18318 घरों में पेयजल सप्लाई हो रहा है। ग्रामवार घर संख्या सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। ग्रामों में जल प्रदाय के भौतिक सत्यापन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-2 अनुसार है। जिन योजनाओं के कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये, उन एजेन्सियों पर निविदा की अनुबंध की शर्तों तथा निविदा अनुबंध के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जाकर शास्ति अधिरोपित की जाती है। पुनर्निर्माण न करने वाली 06 फर्मों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
विकास कार्य हेतु राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
97. ( क्र. 1722 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में जिन अ.जा. बाहुल्य ग्रामों में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विकास हेतु राशि नहीं दी गई है, उनकी नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त जिन अ.जा. बाहुल्य ग्रामों में विभाग द्वारा विकास हेतु राशि नहीं दी गई है, क्या उन ग्राम पंचायतों में विकास हेतु विधायकगणों से कोई प्रस्ताव मांगे गए हैं या नहीं? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा अ.जा. बस्ती में मांगलिक भवन कहाँ-कहाँ प्रस्तावित हैं? जानकारी देवें तथा यदि प्रस्तावित नहीं हैं तो इसका कारण बतावें। (घ) विगत 2020 से प्रश्न दिनांक तक कृषि कार्य हेतु अनुदान वाली डी.पी. के लिए प्रदेश भर में कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि दी गई है? विधानसभावार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रति वर्ष जिले को प्राप्त आवंटन की जानकारी का प्रेषण कर माननीय जनप्रतिनिधियों से अनुमोदित सूची के ग्रामों के प्रस्ताव चाहे जाते हैं। (ग) प्रस्ताव अप्राप्त शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
बेसहारा गायों का सर्वे एवं गौ-प्रजनन केन्द्र की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
98. ( क्र. 1739 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना विधानसभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम में गौ-प्रजनन केन्द्र स्वीकृत है? इनमें कितने केन्द्र संचालित हो रहे है, कितने केन्द्र किस दिनांक से बन्द हैं? बंद का कारण सहित जानकारी केन्द्रवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बंद गौ-प्रजनन केन्द्रों को चालू कराने की योजना है? हाँ तो कब तक चालू कराया जा रहा है? नहीं को स्पष्ट कारण बतावें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कितनी गौशाला शासकीय व अशासकीय अनुदान प्राप्त कहाँ कहाँ व किस स्थान पर संचालित हो रही हैं? नामवार व स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में गाय मालिकों की कितनी गायें विभाग में दर्ज हैं? कितनी गांव गौ-शालाओं में दर्ज हैं, की जानकारी गौशालावार देवें। (ड.) प्रश्नांश (ग) में दर्ज गाय मालिकों व गौशालाओं में दर्ज गायों के कान में टैग लगे हैं। यदि हाँ, तो बतावें कि इन गायों की पहचान किस प्रकार होगी कि कौन सी गांव की एवं गाय मालिक की है और कौन सी गाय कौन सी गौशाला की है? यदि नहीं, तो गौशाला की गायों के लिए विशेष टैग लगाए जाने की योजना है या नहीं? नहीं तो कारण बतावें। आवारा व बेसहारा गायों का सर्वे कब तक कराया जावेगा?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना अन्तर्गत पशुपालन विभाग का कोई गौ-प्रजनन केन्द्र स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल 08 अनुदान प्राप्त गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें से 05 शासकीय एवं 03 अशासकीय है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) 20वीं पशु संगणना अनुसार विधानसभा क्षेत्र बीना अन्तर्गत कुल 100884 गौवंश दर्ज है एवं गौ शालाओं में 1740 गौवंश दर्ज है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पशुओं में टैग लगाकर पशु एवं पशु मालिक/गौशाला की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर पशुओं का पंजीयन किया जाता है। पूर्व में यह जानकारी इनाफ पोर्टल पर एवं वर्तमान में भारत पशुधन एप पर दर्ज की जा रही है। पोर्टल पर टैग नम्बर डालकर सर्च करने पर पशु तथा पशु मालिक/गौशाला के नाम, पते की जानकारी प्राप्त हो जाती है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत सरकार द्वारा प्रति 05 वर्ष में पशु संगणना अंतर्गत आवारा एवं बेसहारा गायों का भी सर्वे कराया जाता है। नवीनतम पशु संगणना 2019 में सम्पन्न हुआ है।
कार्यों की गुणवत्ता एवं अनियमितता की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1741 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले अंतर्गत जल जीवन मिशन में अंडर ग्राउंड पाइप के विभागीय मानक एवं मापदण्ड क्या हैं? कौन सी कंपनी और कितने साइज (एम.एम.) की कितने ग्रेड एवं गेज की पाइप डालने और कितनी गहराई में डालने की विभागीय स्वीकृति है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) सतना विधानसभा अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत जिन-जिन ग्राम पंचायतों में पाइप-लाइन डाली गई है, क्या सरकार के मानकों और मापदंडों के आधार पर कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो जगह-जगह पाइप-लाइनों पर लीकेज क्यों हो रहा है? ग्राम पंचायत कुआं, सोहास, डगडीहा, फुटौंधी, फुटौंधा, लिलौरी में पाइप-लाइनों के कार्यों की गुणवत्ता बेहद खराब है, इसकी कई बार ग्रामीणजनों द्वारा शिकायत की गई किंतु जांच उच्च स्तरीय टीम और क्वालिटी टेस्टिंग टीम द्वारा नहीं कराई गई, क्यों? संविदाकार और विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से इस योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। क्या गुणवत्ता एवं भ्रष्टाचार की जांच, उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्राम पंचायत कुआं, सोहास, डगडीहा, फुटौंधी (डफाई) मोतीमन सिंह के घर के आगे बस्ती में हर घर में पानी सप्लाई नहीं हो रहा है, क्यों? क्या इसकी जांच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत जल जीवन मिशन में अंडर ग्राउंड पाइप बिछाने के लिये इंडियन स्टैण्डर्ड (आई.एस.कोड) के मानक एवं मापदण्डों का पालन किया गया है। योजना की डिजाइन के अनुरूप निर्धारित व्यास एवं ग्रेड के पाइप ठेकेदार द्वारा विभाग में इम्पैनल्ड कंपनियों से प्राप्त कर जमीन से 90 सेंटीमीटर की गहराई पर डाले जाने का प्रावधान है। (ख) जी हों। पाइप लाइनों में जगह-जगह लीकेज की स्थिति नहीं हैं। प्रश्नांकित ग्रामों में पाइप-लाइन की गुणवत्ता उपयुक्त है, प्रयुक्त पाइपों की गुणवत्ता का सीपेट से परीक्षण कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित ग्रामों की नलजल प्रदाय योजना संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित है, संचालन-संधारण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है, वर्तमान में ग्राम सोहास एवं फुटौंधी (डफाई) मोतीमन सिंह के घर के आगे बस्ती में हर घर में पानी सप्लाई हो रहा है। ग्राम कुआं एवं डगडीहा की नल-जल योजना बंद है जिसे चालू करने हेतु ग्राम पंचायतों को पत्र लिखा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्राम के विकास कार्य
[वन]
100. ( क्र. 1745 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में आने वाले कौन-कौन से ग्राम वन ग्राम में आते हैं? विकासखंडवार बताने की कृपा करें? (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी मालवा में वन विभाग के द्वारा किन-किन योजनाओं में वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में किन-किन योजनाओं में क्या-क्या कार्य किए गए? प्रत्येक कार्य की लागत राशि एवं कार्य की स्थिति बताने की कृपा करें। (ग) उन कार्यों की पूर्णता की क्या स्थिति है? (घ) वन ग्रामों के लिए आगामी योजना बताने की कृपा करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में दो विकासखण्ड हैं। इन दो विकासखण्ड में 22 वनग्राम हैं। विकासखण्डवार विवरण निम्नानुसार है:-
विकासखण्ड का नाम |
वनग्राम |
सिवनी मालवा |
1 पीपलगोटा 2 बारासेल 3 घोघरा 4 नापूपुरा 5 बैंट 6 जाटामऊ 7 बांसपानी 8 नयागांव 9 ढेकना 10 पलासी 11 गीतखेड़ा 12 आमाकटारा |
केसला |
1 नयाचीचा 2 रांझी 3 भातना 4 लालपानी 5 गोलनडोह 6 जालीखेड़ा 7 हिरनचापड़ा 8 नयाझुनकर 9 ओझापुरा 10 चाटुआ |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) कार्य की पूर्णता की स्थिति उत्तरांश (ख) के संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 8 में है। (घ) कार्य मांग आधारित होने से कोई योजना अग्रिम रूप से स्वीकृत नहीं है।
पाइप-लाइन से वंचित ग्राम
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 1750 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल निगम द्वारा राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत ग्रामों में पाइप-लाइन डाली जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में पाइप-लाइन डाली जा रही है? बतावें। (ख) उक्त पाइप-लाइन किस कम्पनी द्वारा डलवाई जा रही है तथा निविदा में किस कम्पनी का पाइप लगवाये जाने का प्रावधान है? (ग) कम्पनी द्वारा किस कम्पनी का पाइप लगवाया जा रहा है? (घ) क्या पाइप-लाइन डाले जाने हेतु कोई ग्राम अभी शेष है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम वंचित हैं? उक्त छूटे हुये ग्रामों में कब तक पाइप-लाइन डलवायी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मेसर्स लार्सन एण्ड टुब्रो चैन्नई द्वारा तथा निविदा में रिलाइंस/दुरालाइन/जैन इरिमेंशन/गोदावरी/सांगिर/टाईम टेक्नोप्लास्ट/सिंगनेट इण्डस्ट्रीज/ओरी-प्लास्ट/कटारिया प्लास्टिक का पाइप लगवाए जाना प्रावधानित है। (ग) सांगिर एवं कटारिया प्लास्टिक का। (घ) जी हाँ, ग्राम बावडीपुरा, कमलपुरा एवं डूंगरपुरा में पाइप-लाइन डाले जाने का कार्य शेष है, दिनांक 31.03.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
दिव्यांगजनों को शासन की योजनाओं का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
102. ( क्र. 1751 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय विभाग अन्तर्गत दिव्यांगजनों को शासन द्वारा कोई शासकीय योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा अन्तर्गत दिव्यांगजनों को किस-किस को कौन-कौन सी शासकीय योजना का लाभ प्रदान किया है? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक भी सामाजिक न्याय विभाग में राजगढ़ विधानसभा के कई आवेदकों के आवेदन शासकीय योजना का लाभ प्रदान किये जाने हेतु लम्बित हैं? (घ) यदि हाँ, तो उनके आवेदनों को कब तक निराकरण कर हितग्राहियों को शासकीय योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –''अ'' अनुसार। (ख) दिव्यांग हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशष्ट–''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं, कार्यालय उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला राजगढ़ स्तर पर कोई पात्र दिव्यांग हितग्राही का आवेदन लाभ हेतु लंबित नहीं है। (घ) उत्तरांश-''ग'' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही
[वन]
103. ( क्र. 1752 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्यालय, वन भवन, तुलसी नगर, भोपाल में अविभाजित झाबुआ एवं अविभाजित खरगोन जिले से संबंधित मध्य भारत वन विधान 1950 एवं भा.व.अ. 1927 की धारा 29, धारा 4, धारा 20 एवं धारा 34अ के तहत राजपत्र में किस-किस दिनांक को प्रकाशित अधिसूचना के प्रति उपलब्ध है? (ख) धारा 29, धारा 4 एवं धारा 34अ के तहत राजपत्र में किस ग्राम की किस-किस जंगल, गैर जंगल मद में दर्ज कितनी-कितनी भूमि को किस दिनांक को अधिसूचित किया? धारा 4 में अधिसूचित कितनी भूमि की धारा 5 से 19 तक की जांच वर्तमान में किसके समक्ष लंबित है? (ग) धारा 29 में अधिसूचित की गई भूमि राजस्व विभाग के अभिलेखों में किस-किस मद में दर्ज ज़मीन है? राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में किस-किस मद में दर्ज जमीन को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार। अविभाजित खरगोन की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 34 (अ) के तहत मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना क्रं. 4079-दस (2)-72 दिनांक 10.07.72 में ग्रामों के समक्ष रकबा उल्लेखित नहीं है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमि धारा 5 से 19 तक की जांच हेतु वर्तमान में झाबुआ एवं अलीराजपुर वनमंडल अंतर्गत 16255.26 हेक्टेयर भूमि, वनमंडल खरगोन की 68.55 हेक्टेयर एवं बड़वानी वनमंडल की 1061.967 हेक्टेयर भूमि की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 1754 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत संचालित प्राथमिक/माध्यमिक एवं हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों एवं खण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में समस्त वर्ग के शिक्षक एवं लिपिकीय वर्ग अधिकारी स्तर पर कितने पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं तथा पद पूर्ति की क्या कार्ययोजना है? (ख) क्या मध्यप्रदेश के जन जातीय विभाग अन्तर्गत रिक्त पदों पर कनिष्ठ अधिकारियों को उच्च पद का दायित्व सौंपा गया है? इस सबंध में विभाग द्वारा कनिष्ठ अधिकारियों को उच्च पद देने के निर्देश दिये गये हैं? इस सबंध में क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा है? सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के पालन नहीं करने वाले जिलों में क्या ऐसी पदस्थापना आदेश निरस्त किये जावेंगे? (ग) जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत म.प्र. में वर्ष 2019 से 2023 तक विद्यार्थियों को गणवेश वितरण किस नीति पर सरकार द्वारा किया गया एवं कितनी राशि जिलों को आवंटित की गई? जिलेवार विवरण देवें। (घ) राज्य में गणवेश वितरण किन-किन कारणों से किस वर्ष से बन्द है अथवा लंबित है? जिलेवार विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल तथा मध्यप्रदेश लोक सेवा द्वारा पात्रता परीक्षा एवं चयन परीक्षा के माध्यम से पदपूर्ति की कार्यवाही निरन्तर है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। उच्च पद का प्रभार देने हेतु मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनजाति कार्य विभाग द्वारा गणवेश वितरण की योजना संचालित नहीं है। विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में स्कूल शिक्षा द्वारा गणवेश वितरण किया जाता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
105. ( क्र. 1757 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षण सत्र वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति वर्ग के डिप्लोमा, बी.टेक, एम.टेक और एम.सी.ए. के छात्र-छात्राओं को 60 प्रतिशत राशि स्कॉलरशिप के रूप में भारत शासन द्वारा प्रदान की जाती है? (ख) अगर हाँ तो क्या शत्-प्रतिशत छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जा चुकी है? यदि नहीं, तो शेष बचे छात्र-छात्राओं को कब तक स्कॉलरशिप प्रदान की जावेगी? समय-सीमा बताएं।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निम्नानुसार पात्रता आने पर छात्रवृत्ति देय है:-
छात्रवृत्ति भुगतान का माध्यम |
अशासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत अ.जा. वर्ग के आय सीमा 2.50 लाख वार्षिक तक के विद्यार्थियों हेतु |
अशासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत अ.जा. वर्ग के आय सीमा 2.50 लाख वार्षिक से 8.00 लाख वार्षिक तक विद्यार्थियों हेतु |
शासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत अ.जा. वर्ग के आय सीमा 2.50 लाख वार्षिक तक के विद्यार्थियों |
शासकीय संस्थाओं में अध्ययनरत अ.जा. वर्ग के आय सीमा 2.50 लाख वार्षिक से अधिक के आय के विद्यार्थियों हेतु |
राज्य शासन |
40% |
100% |
40% |
100% |
भारत सरकार |
60% |
- |
60% |
- |
(ख) जी नहीं। छात्रवृत्ति वितरण की कार्यवाही निरंतर प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 1768 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में नवीन गौशालाएं कहाँ-कहाँ पर कब-कब कितनी-कितनी राशि से बनवाई गईं तथा उन गौशाओं का वर्तमान में रख-रखाव किसके द्वारा किया रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित गौशालाओं में वर्तमान में कितने-कितने निराश्रित गौवंश रखे जा रहे हैं? गौशालावार पशुओं की जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में मुरैना जिले में कितने आवारा गौवंश हैं? निराश्रित गौवंश के रख-रखाव के लिए शासन की क्या नीति हैं? (घ) क्या मुरैना जिले में आवारा गौवंश किसानों की फसल खाकर उन्हें नष्ट कर रहे हैं तथा किसान आवारा गौवंश से फसल की दिन-रात रखवाली करते हुए बहुत परेशान हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार करोड़ो रूपये की राशि खर्च करके बनाई गई सभी गौशालाओं में निराश्रित गौवंश क्यों नहीं रखे जा रहे हैं? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जाती हैं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) मुरैना जिले में 20वीं पशु संगणना अनुसार 20862 निराश्रित गौवंश था। स्थानीय निकायों द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु जारी निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) पशुपालन विभाग मुरैना जिले में फसल नष्ट होने की सूचना प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
जल जीवन मिशन अंतर्गत पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
107. ( क्र. 1769 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला मुरैना एवं जिला भिंड में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्कूल, आंगनवाड़ी, अन्य शासकीय संस्थाओं पर किये गये निर्माण कार्य जैसे प्याऊ, पाइप फिटिंग तथा पानी की टंकी रखने आदि कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण किये गये तथा विभाग द्वारा जिनका अंतिम मूल्यांकन प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? विकासखंण्डवार, अनुबंध अनुसार जानकारी देवें। (ख) क्या यह भी सही है कि प्रश्नांश (क) अनुसार अनेक कार्य निर्माण एजेंसियों द्वारा पूर्ण कर दिये गये हैं और विभाग द्वारा मेजरमेंट भी कर लिया गया है लेकिन उनका अंतिम मूल्यांकन प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो उन पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन न करने का कारण क्या है? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जल जीवन मिशन के कार्यों का विभाग द्वारा लिये गये मेजरमेंट के आधार पर कब तक अंतिम मूल्यांकन किया जायेगा? निश्चित समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) जैसी स्थिति सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में है? यदि हाँ, तो इसका मूल्यांकन प्रदेश भर में कब तक किया जाना आपेक्षित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत अविवादास्पद रूप से पूर्ण किये गये प्रश्नांकित कार्यों का विभाग द्वारा लिये गये मेजरमेंट के आधार पर अन्तिम मूल्यांकन किया जा चुका है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पूर्ण किये गये कार्य जो अविवादास्पद है उनका अंतिम मूल्यांकन किया जा चुका है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन योजना की कार्य स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
108. ( क्र. 1777 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में जल जीवन मिशन के अंतर्गत किन-किन स्थानों में क्या-क्या कार्य किया जा रहा है? इन कार्यों को किन-किन संविदाकारों के माध्यम से कराया जा रहा है? विवरण दें। (ख) क्या इस मिशन का उद्देश्य हर घर में शुद्ध पेय जल प्रदान करना है? यदि हाँ, तो अभी तक प्रश्नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र सीधी में कहाँ-कहाँ शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराया गया है तथा कितनी जगह कार्य शेष है एवं कब तक में यह कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) सीधी जिले में चल रही जल जीवन योजना की कार्य स्थिति क्या है? प्रश्नकर्ता के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी का विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 61 ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य किए जा रहे हैं, स्थानों (ग्रामों) तथा संविदाकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त सीधी-बाणसागर एवं सीधी-गुलाबसागर समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य किए जा रहे हैं, इन योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों तथा योजनाओं के संविदाकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन के प्रावधानों के अंतर्गत सभी ग्रामों के सभी घरों को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन द्वारा पेयजल सुविधा दी जाना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन की भौतिक प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है तथा सीधी-बाणसागर समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक प्रगति 30.23 प्रतिशत एवं सीधी-गुलाबसागर समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक प्रगति 7.59 प्रतिशत है।
संभागीय प्रबंधक द्वारा की गई अनियमितताएं
[वन]
109. ( क्र. 1792 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुंडम परियोजना की संभागीय प्रबंधक श्रीमती सीमा द्विवेदी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनमें जांच की क्या स्थिति है? इन शिकायतों की जांच इन्हें पद से हटाकर नहीं करने का क्या कारण है? (ख) क्या कुंडम परियोजना मंडल जबलपुर के बेलकुण्ड रोपणी में वर्ष 2023 के वृक्षारोपण के 6 से 7 लाख रुट सूट प्राइवेट संस्थानों को बेचे जाने की शिकायत हुई थी, जिसकी जांच क्षेत्रीय महाप्रबंधक इंदौर द्वारा करवाई गई थी? जांच में कौन-कौन दोषी पाए गए एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) वन विकास निगम के कार्यक्षेत्रों में वन सुरक्षा हेतु लगाए गए वाहन किस प्रक्रिया से लगाये गए हैं? क्या इसके लिए ई-टेंडर/टेंडर बुलाये गए? यदि हाँ, तो प्रत्येक की जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? परियोजना मंडलवार वाहन की जानकारी, मालिक का नाम एवं टैक्सी कोटा के प्रमाणकों की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या श्री देवेश खराड़ी व श्रीमती अर्चना खराड़ी पति-पत्नी हैं एवं एक ही परियोजना मण्डल में रेंजर व एस.डी.ओ. के प्रभार में हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत श्रीमती अर्चना खराड़ी द्वारा श्री देवेश खराड़ी के रेंजों के कार्यों का सत्यापन करवाया जा रहा है? क्या इनके रेंजों व एस.डी.ओ. क्षेत्र के कार्यों की जांच कराई जाएगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) कुंडम परियोजना मण्डल की संभागीय प्रबंधक श्रीमती सीमा द्विवेदी की कुल 28 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 05 शिकायतों के जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं, शेष 23 शिकायतों की जांच प्रचलन में है। शिकायतों की जांच के समय इन्हें पद से हटाने की आवश्यकता नहीं है। (ख) कुंडम परियोजना मंडल जबलपुर के बेलकुण्ड रोपणी में वर्ष 2023 के वृक्षारोपण के रूट शूट की अफरा तफरी अथवा अवैध विक्रय की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक, इन्दौर द्वारा की जा रही है। जांच कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण दोषी पाये जाने एवं दोषी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन विकास निगम के कार्य क्षेत्रों में वन सुरक्षा हेतु कुल 34 वाहन लगाये गये हैं, जिसमें से 19 वाहनों के लिये ई-टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई है। इन 19 वाहनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है, शेष 15 वाहनों को वन विभाग की निर्धारित दर अंतर्गत समय-समय पर आवश्यकता के दृष्टिगत रखते हुए लगाया गया है। परियोजना मण्डलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। उप संभागीय प्रबंधक के कर्तव्य एवं दायित्वों के निर्वहन हेतु रेजों के कार्यों का सत्यापन करवाया जा रहा है। इनके रेंजों एवं एस.डी.ओ. क्षेत्र के कार्यों की वर्तमान में जांच की आवश्यकता नहीं है।
सड़ी हुई प्याज का मुआवजा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
110. ( क्र. 1803 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के हरपालपुर रेल पॉईंट पर 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्याज की कितनी रैक कब-कब आईं? दिनांकवार, मात्रा सहित प्याज को कितनी-कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ पहुंचाया गया? स्थानवार, मात्रा, दिनांक सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में हरपालपुर रेल पॉईंट पर ब्याज का HNT कॉन्ट्रेक्टर कौन-कौन रहे और रेल द्वारा आई प्याज की कितनी मात्रा ठेकेदार की लापरवाही से सड़ गई और इस मामले में क्या-क्या कार्रवाही की गई? (ग) सड़ी हुई प्याज का मुआवजा विभाग द्वारा ठेकेदार से काटा गया या नहीं? बतायें। उस ठेकेदार का प्याज के परिवहन के लिए अग्रिम भाड़ा कितना भुगतान किया गया था और कब?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले के हरपालपुर रेलवे पॉईंट पर 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्याज की निम्नानुसार रैक प्राप्त हुई, जिसका दिनांकवार, मात्रावार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
रैक प्रेषित जिला |
दिनांक |
मात्रा (मे.टन. में) |
1 |
राजगढ़ |
19.06.2017 |
1997.2 |
2 |
उज्जैन |
20.06.2017 |
2194.5 |
3 |
रतलाम |
23.06.2017 |
2759.0 |
4 |
राजगढ़ |
25.06.2017 |
1744.2 |
5 |
रतलाम |
26.06.2017 |
2267.7 |
योग |
10962.6 |
उपरोक्तानुसार हरपालपुर केन्द्र पर प्राप्त प्याज को निम्नानुसार जिला कार्यालय छतरपुर के केन्द्रों पर माह जून एवं जुलाई 2017 में प्रेषित किया गया:-
क्र. |
प्रदाय केन्द्र का नाम |
प्रेषित मात्रा (मे.टन. में) |
1 |
बड़ामलहरा |
2772.6 |
2 |
बक्सवाहा |
557.7 |
3 |
चंदला |
741.5 |
4 |
छतरपुर |
905.2 |
5 |
राजनगर |
1567.3 |
6 |
नौगांव |
1796.7 |
7 |
लौडी |
963.5 |
योग |
9304.5 |
(ख) 1. जिला छतरपुर में अनुबंधित परिवहनकर्ता (HLRT) मेसर्स राकेश कुमार भोपाल थे। 2. जिला कार्यालय छतरपुर के हरपालपुर केन्द्र पर प्राप्त प्याज में से 1651.5 मे. टन. प्याज लगातार रैकों से प्राप्त होने, परिवहन में विलंब होने एवं बारिश के कारण खराब हुई। 3. कलेक्टर छतरपुर के निर्देशानुसार कमेटी गठित करते हुए 1651.5 मे. टन. प्याज के विनिष्टिकरण की कार्यवाही की गई। (ग) जिला कार्यालय छतरपुर में प्राप्त प्याज में से खराब हुई प्याज का मुआवजा कार्पोरेशन द्वारा परिवहनकर्ता की देयक राशि में से राशि रूपये 673160.00 का कटोत्रा किया गया। परिवहनकर्ता को वर्ष 2017-18 में प्याज परिवहन हेतु अग्रिम भुगतान राशि रूपये 2644876.00 का किया गया।
कॉक्स डिस्टलरी से फैल रहे प्रदूषण पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
111. ( क्र. 1804 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौगांव स्थित कॉक्स डिस्टलरी द्वारा पर्यावरण को लगातार नुकसान किया जा रहा है। यहां से निकलने वाले गंदे पानी को नालों से नदियों में छोड़ा जा रहा है? आसपास के कुओं का पानी दूषित हो गया है। विभाग के द्वारा कॉक्स डिस्टलरी की कब-कब जांच की गई? जांच की प्रति सहित बतायें। (ख) कॉक्स डिस्टलरी नौगांव द्वारा पर्यावरण विभाग से कब-कब जांच का आवेदन दिया गया और विभाग द्वारा जांच रिपोर्ट दी गई? रिपोर्ट की प्रति सहित बतायें। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्रदूषण की विभाग को प्राप्त हुईं? शिकायत की कॉपी सहित बतायें और नहीं तो क्या समाचार पत्रों पर प्रदूषण फैलाने की खबरों पर कॉक्स डिस्टलरी के खिलाफ कार्यवाही नहीं होना चाहिए थी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नौगांव स्थित कॉक्स डिस्टलरी से निकलने वाले गंदे पानी को नालों से नदियों में नहीं छोड़ा जा रहा है। आस-पास के कुओं का पानी दूषित नहीं पाया गया है। बोर्ड द्वारा कॉक्स डिस्टलरी की समय-समय पर की गई जांच का विवरण एवं जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उद्योग की ओर से जांच हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: प्रश्न का शेष भाग लागू नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सीधे कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अपितु कार्यालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नौगांव से मेसर्स कॉक्स डिस्टलरी के विरुद्ध समाचार पत्र में छपी खबर की जांच हेतु पत्र प्राप्त हुआ था। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जांच के आधार पर उद्योग को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सागर द्वारा सुधार हेतु नोटिस जारी किया गया है।
समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण करने की अवधि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 1810 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत पडवार-पडरिया एवं जबलपुर समूह जल प्रदाय योजनायें पूर्ण करने की अवधि दिसम्बर 2024 तक निर्धारित है? (ख) क्या निर्धारित अवधि तक योजनायें पूर्ण हो जायेंगी? (ग) प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ग्रामों में कितना कार्य किया गया है? कितना शेष है? ग्रामवार जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, पडवार-पडरिया एवं जबलपुर समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण करने की अवधि क्रमश: दिनांक 04.04.2025 एवं 09.03.2025 तक निर्धारित है। (ख) योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अंतर्जातीय शादियों हेतु प्रोत्साहन राशि का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
113. ( क्र. 1811 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति से सामान्य जाति या अन्य पिछडा वर्ग से शादी करने पर 2 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जाती है? (ख) क्या वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जबलपुर जिले के आयुष बक्शी एवं अन्य प्रकरणों में राशि स्वीकृत की गई है? (ग) यदि हाँ, तो इन हितग्राहियों को राशि कब दी जायेगी? (घ) नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुष बक्शी का प्रकरण परीक्षणाधीन है। वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जबलपुर जिले अंतर्गत स्वीकृत एवं भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 85 प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत नल-जल योजनाओं की अद्यतन स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 1812 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र आष्टा जिला सीहोर अंतर्गत जल जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं एवं कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है? कितनी योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है? प्रगतिरत योजनाओं की पूर्णता दिनांक क्या है? क्या अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण हुआ है? (ख) उक्त योजनाओं में घर-घर नल कनेक्शन देने में जो स्टेंड-पोस्ट बनाना है वह किस-किस योजना में कितने नल कनेक्शन में बनाए गए एवं कितने नहीं बनाए गए? योजनावार संपूर्ण जानकारी देवें एवं नहीं बनाने का क्या कारण है? कब तक बनाए जाएंगे? (ग) उक्त योजनाओं में सी.सी. रोड जो कि को खोदा गया है, क्या संपूर्ण सी.सी. रोड का रेस्टोरेशन किया जा चुका है? क्या रेस्टोरेशन की गुणवत्ता पूर्व में निर्मित सी.सी. रोड जैसी है? यदि नहीं, तो उन पर क्या कार्रवाई की जाएगी? (घ) उक्त योजना में विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने ग्राम हैं जो योजना से वंचित हैं? जानकारी दें तथा उन ग्रामों में पेयजल की क्या व्यवस्था हो सकेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 130 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 01 समूह (आष्टा-रानीपुरा) जल प्रदाय योजना स्वीकृत है। एकल ग्राम नलजल योजनाओं के अंतर्गत 28 योजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 64 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, प्रगतिरत योजनाओं की पूर्णत: दिनांक तथा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आष्टा-रानीपुरा समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत सर्वेक्षण एवं रूपांकन का कार्य प्रगतिरत है, अनुबंधानुसार योजना के पूर्णता का दिनांक 25.09.2025 है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आष्टा-रानीपुरा समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत सर्वेक्षण एवं रूपांकन का कार्य प्रगतिरत है, वर्तमान में इस योजना से घर-घर कनेक्शन देने एवं स्टेंड-पोस्ट बनाने का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रोड रेस्टोरेशन के कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्डानुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन अनुसार किसी भी ग्राम के लिए नल-जल योजना की स्वीकृति शेष नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यान विकास हेतु कार्ययोजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 1814 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम अन्तर्गत कार्यालय सहायक संचालक उद्यान के दायित्व व कर्तव्य क्या हैं? क्या इन कर्तव्यों एवं दायित्वों के परिपालन में इनके द्वारा उद्यान विकास व उत्थान हेतु कार्ययोजना तैयार कर कार्य किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यालय में वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? इन योजनाओं के लक्ष्य के विरूद्ध वर्तमान में क्या उपलब्धि प्राप्त की गयी हैं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग की सहायक संचालक के दो कार्यालय संचालित है:- (1) कार्यालय सहायक संचालक उद्यान सिलारी प्रक्षेत्र (पिपरिया) । (2) कार्यालय सहायक संचालक उद्यान प्रमुख उद्यान पचमढ़ी। उक्त दोनों सहायक संचालक उद्यान कार्यालय द्वारा कार्यालय के अधीन संचालित प्रक्षेत्र/नर्सरी/उद्यान का प्रबंधन एवं बीज/पौध उत्पादन की कार्ययोजनानुसार लक्ष्य/पूर्ति का कार्य सम्पादित किया जाता है। इन उद्यानों के विकास एवं उत्थान हेतु कार्ययोजना तैयार कर किये जा रहे कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) उक्त कार्यालयों में हितग्राही मूलक योजनायें संचालित नहीं है। इन कार्यालयों के अधीन प्रक्षेत्रों/नर्सरी में मातृवृक्षों का रख-रखाव एवं सब्जी/मसाला फसलों के बीज एवं पौध उत्पादन कर विक्रय का कार्य किया जाता है। लक्ष्य के विरूद्ध प्राप्त उपलब्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
वृक्षारोपण हेतु राशि का प्रावधान
[वन]
116. ( क्र. 1816 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर वनमण्डल द्वारा वित्तीय वर्ष 2014 15 से 2018-19 तक में कितने वृक्षारोपण किस-किस प्रजाति के किये गए? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये वृक्षारोपण हेतु कितनी राशि का बजट प्रावधान अलीराजपुर वनमण्डल को प्राप्त हुआ था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार अलीराजपुर वनमण्डल को प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य किये गये और किन-किन स्थानों पर वृक्षारोपण किन-किन प्रजाति के किये गये हैं? प्रजाति सहित स्थानवार विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अलीराजपुर वनमण्डल में किये गये वृक्षारोपण में से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे जीवित हैं? स्थलवार विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 1843 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवास विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत निवास, बीजाडांडी, नारायणगंज, मोहगांव एवं मण्डला के कौन-कौन से ग्रामों को जल जीवन मिशन में शामिल किया गया है एवं कौन-कौन से ग्राम छूटे हैं? छूटे हुए ग्रामों को कार्योजना में शामिल किये जाने हेतु क्या प्रावधान किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की अनुमानित लागत कितनी है? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कितना कार्य पूर्ण किया गया? कितना अपूर्ण है? कार्यपूर्णता का मूल्यांकन किस आधार पर किया गया? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें। (ग) निविदा अनुबंध होने उपरांत कितने कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। छूटे हुये ग्रामों को जल जीवन मिशन की गाइड-लाइन अनुसार नल-जल प्रदाय योजनाओं से आच्छादित करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) निविदा अनुबंध होने के बाद सभी कार्य प्रारंभ हो गये हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्यालय भवन का निर्माण एवं मरम्मत कार्य की कार्ययोजना
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 1844 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले अंतर्गत कितने प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला एवं उच्चतर माध्यमिक शाला भवन विहीन है एवं जीर्ण-शीर्ण हैं? विकासखण्डवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) उपरोक्त विद्यालय भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य के लिए क्या कार्ययोजना तैयार की गई है एवं इन कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) मण्डला जिला अंतर्गत प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला एवं उ.मा. शाला भवन जीर्ण-शीर्ण एवं भवन विहिन की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला के भवन विहिन भवनों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा किया जाता है, वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्तावित किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र एवं जनजातीय कार्य विभाग वित्तीय वर्ष में योजनान्तर्गत प्रावधानिक बजट की सीमा में भवन निर्माण एवं मरम्मत के कार्य स्वीकृत किये जाते हैं, कार्यों को पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालय भवन के निर्माण में वन विभाग की आपत्ति
[वन]
119. ( क्र. 1845 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीथमपुर महाविद्यालय जिस भूमि पर निर्मित किया जा रहा है, उस पर वन विभाग को आपत्ति है? क्या उक्त भूमि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में होकर इस भूमि के आसपास कोई वन नहीं है तथा क्या राजस्व अभिलेखों में यह भूमि वन विभाग की नहीं होकर राजस्व की भूमि के रूप में है? (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विधिवत आवेदन कर शिक्षा के क्षेत्र में शासकीय संस्था को भूमि हस्तांतरित किये जाने के प्रावधान के क्रम में इस भूमि की मांग की है? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह सच है कि उक्त भूमि के बदले में कलेक्टर जिला धार द्वारा अन्य भूमि वन विभाग को आवंटित कर दी गई है तथा क्या विभाग को वांछित भूमि के डायवर्सन शुल्क का आवंटन प्राप्तकर्ता लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) इकाई धार द्वारा जिला स्तर पर विभाग से सम्पर्क कर डिमांड नोट चाहा जा रहा है, ताकि शुल्क विभाग को जमा किया जा सके? (घ) वांछित समस्त व्यवस्थाएं होने के उपरांत पिछले दो वर्ष से अधिक समय से प्रकरण किस स्तर पर, किन कारणों से लंबित है तथा विद्यार्थियों की पढ़ाई को दृष्टिगत रखते हुए भूमि संबंधी अनापत्ति त्वरित प्रदाय करने हेतु विभाग कार्रवाई करेगा? प्रकरण का निराकरण किस समयावधि में किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पीथमपुर महाविद्यालय जिस भूमि पर निर्माण कार्य प्रस्तावित किया है, उस भूमि पर वन विभाग को आपत्ति है। प्रस्तावित भूमि पीथमपुर अन्तर्गत नानकी घासबीड़ के रूप में अधिसूचना क्रमांक 4748-दस दिनांक 22.09.1967 से भारतीय वन अधिनियम, 1927 धारा 4 में आरक्षित वन बनाने के आशय से अधिसूचित है। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव प्रक्रिया में है। (ग) आवेदक संस्था व्यपवर्तित वनभूमि के बदले वैकल्पिक वृक्षारोण हेतु खसरा क्रमांक 20/2/1/2 ग्राम खैरवाजीगर, तहसील मनावर, जिला धार में 2.00 हेक्टेयर राजस्व भूमि उपलब्ध कराई गई है। लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) इकाई धार द्वारा वन विभाग से डिमाण्ड नोट संबंधी कोई पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) आवेदक संस्था द्वारा ऑनलाइन आवेदन में आवश्यक दस्तावेज एवं वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु राजस्व भूमि उपलब्ध नहीं कराने के कारण कार्यवाही लंबित रही है। प्रकरण में स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। भारत सरकार द्वारा चाही गई जानकारी का आवेदक द्वारा पूर्ति उपरान्त ही आगे की कार्यवाही संभव है, समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
वन भूमि पर अवैध कब्जा
[वन]
120. ( क्र. 1848 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिला पूर्व से ही वन संपदा एवं सागौन से परिपूर्ण सुरक्षित वन क्षेत्र है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सागौन के जंगल की कटाई एवं रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है? इसमें सर्वाधिक प्रभावित ग्राम दिगवार कला एवं कोटीगुलेदा क्षेत्र है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित सागौन की अवैध कटाई एवं रिजर्व वनक्षेत्र में अवैध खेती करने वालों के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही एवं जमीनी फसलों को कुर्क किया जावेगा? (घ) क्या लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? यदि नहीं, तो कब विस्तृत जांच के बाद समुचित कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु ग्राम दिगवार कला एवं कोटीगुलेदा क्षेत्र के कुछ रिक्त वनक्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित ग्राम दिगवार कला एवं कोटीगुलेदा क्षेत्र के कुछ रिक्त वनक्षेत्र में अतिक्रमण अवैध खेती के उद्देश्य से किया गया है, जिनमें अवैध खेती करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
क्रियाशील नल कनेक्शन का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 1854 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नल-जल योजना किस दिनांक से प्रारम्भ हुई? अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक क्या थी तथा कार्य कब पूर्ण हुआ? घरों में नल किस दिनांक से पानी चलना प्रारम्भ हुये? ठेकेदार का नाम, पता, योजना की लागत सहित बतावें कि विलंब के लिये ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या 2024 तक प्रत्येक घर में नल-जल योजना अंतर्गत क्रियाशील नल कनेक्शन के माध्यम से गुणवक्ता युक्त पर्याप्त जल उपलब्ध करवाये जाने की योजना है यदि हाँ, तो जौरा विधानसभा क्षेत्र में 31.12.2023 तक कितने गाँव के कितने घरों में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं तथा कितने गाँव के कितने घरों में देना शेष है। (ग) जौरा विधान सभा क्षेत्र में नल-जल योजना में चिन्हित शालाओं तथा आंगनवाड़ी की संख्या क्या है? इनमें से कितनों में क्या-क्या कार्य पूर्ण किये गये? (घ) क्या जल-जीवन मिशन द्वारा 06.12.2021 में दी गयी जानकारी अनुसार मुरैना जिले में 2061 चिन्हित आंगनवाड़ी में से 1049 में पाइप वॉटर कनेक्शन किया जा चुका है जबकि महिला बाल विकास के पत्र कमांक 4220/4390/21/502 दिनांक 10.12.21 अनुसार मुरैना जिले में 1049 में से मात्र 129 में ही वास्तविक पानी की आपूर्ति हो रही है। (ड.) जौरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे ग्राम की सूची देवें जहां जल जीवन मिशन के अंतर्गत सड़क उखाड़ दी गई और पुनः ठीक नहीं की गई तथा पाइप निर्धारित मापदण्ड अनुसार गहराई तक नहीं डाले गये, उन ठेकेदारों पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जौरा विधानसभा क्षेत्र में 31.12.2023 तक 158 ग्रामों के 21561 घरों में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं तथा 138 ग्रामों के 28552 घरों में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन देना शेष है। (ग) जौरा विधानसभा क्षेत्र में 404 ग्रामीण शालाएं एवं 384 आंगनवाड़ियों केन्द्रों को संस्थागत नल से पेयजल व्यवस्था हेतु चिन्हित किया गया, जिनमें किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र में तत्कालीन स्थिति अनुसार उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन नहीं होने के कारण का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण वास्तविक पानी आपूर्ति 129 आंगनवाड़ियों में उपलब्ध होने की जानकारी दी गयी है, पावर पंप संचालन के लिये आवश्यक विद्युत कनेक्शन का प्रबंध संबंधित आंगनवाड़ी संस्था द्वारा किया जाता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।
उचित मूल्य की दुकानों में वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 1855 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य की शहरी तथा ग्रामीण दुकाने कितनी-कितनी है तथा उसमें कुल मिलाकर पात्र परिवार एवं सदस्यों की संख्या दिसम्बर 2023 के अनुसार क्या है श्रेणीवार परिवार तथा सदस्यों की संख्या की सूची दिसम्बर 2023 के अनुसार देवें। (ख) जौरा विधानसभा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) में अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2023 तक कितने-कितने हितग्राही परिवार को लाभान्वित किया गया माह अनुसार बतावें। उपरोक्त अवधि में प्रतिमाह आवंटन मात्रा तथा वितरण मात्रा कितनी-कितनी है तथा कितने प्रतिशत वितरण हुआ? (ग) जौरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 से दिसम्बर 2023 तक खण्ड क, में उल्लेखित उचित मूल्य की कितनी-कितनी दुकानों का निरिक्षण किया गया तथा किस-किस दुकान में, क्या-क्या अनियमितता पाई गई तथा क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार बतावें। (घ) वर्ष 2021 से 2023 तक जौरा विधानसभा क्षेत्र में वितरण प्रणाली खाद्यान्न की हेरा-फेरी, काला-बाजारी के कितने प्रकरण पाये गये तथा कितनी सामग्री पकड़ी गई तथा किस-किस पर किस-किस धारा में प्रकरण दर्ज किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र में 14 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 113 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं जिनमें माह दिसंबर, 2023 के अनुसार अंत्योदय परिवारों की संख्या 3051 एवं प्राथमिकता परिवारों की संख्या 57526 कुल परिवारों की संख्या 60577 है। अंत्योदय परिवारों में 11816 सदस्य एवं प्राथमिकता परिवारों में 262676 सदस्य हैं, इस प्रकार कुल सदस्यों की संख्या 274492 है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में 186, वर्ष 2022 में 183 एवं वर्ष 2023 में 127 दुकान-निरीक्षण किये गये हैं। जिन दुकानों में अनियमितता पायी गई है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’स’’ अनुसार है।
वन अधिकार पत्र की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 1868 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिण्डौरी जिला के सभी पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र दिया जा चुका है? अगर हाँ तो अभी अनेक वनग्रामों में व्यक्तियों द्वारा वन अधिकार पत्र की मांग क्यों की जा रही है? उन व्यक्तियों की मांग पर शासन क्या कार्यवाही कर रही है? कब तक उनकी मांग पर शासन निर्णय लेगी और अगर नहीं तो बतावें कि इतने वर्षों के बाद भी पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र क्यों नहीं दिया गया है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कब तक पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र दे दिया जायेगा? (ख) डिण्डौरी जिला में कुल कितने व्यक्तिगत दावे एवं कुल कितने सामुदायिक दावे वन अधिकार पत्र के लिए कब-कब दिये गये? दिनांकवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार बतावें एवं उनके दावे का निराकरण हुआ या नहीं? दावेवार जानकारी दें। ग्रामवार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) सभी पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र दिया जा चुका है। वनग्रामों में प्राप्त एवं निराकृत दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
पेयजल व्यवस्था की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 1869 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या डिण्डौरी जिले के सभी ग्राम एवं बसाहटों में स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध है अगर हाँ तो बतावें? कई ग्रामों में स्वच्छ पेयजल क्यों नहीं है और अगर नहीं तो बतावें। सभी ग्रामों में स्वच्छ पेयजल कब तक मिलेगी? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जिन ग्रामों में स्वच्छ पेयजल हेतु योजना निर्माणाधीन है वह योजना की पूर्णता में समय लगेगा, वहां के निवासियों को वर्तमान में पीने का पानी शासन कहां से उपलब्ध करा रही है, किस माध्यम से उपलब्ध करा रही है, उसकी जानकारी दें। (ग) डिण्डौरी जिले के जिन ग्रामों की योजना पूर्ण हो गई है, परन्तु जल का स्रोत नहीं होने से योजना चालू नहीं है बिना जल स्रोत के योजना बनाने का उद्देश्य बतावें एवं कब तक जल स्रोत मिलेगा कहां से मिलेगा क्या प्रयास किया जा रहा है? योजनावार जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) डिण्डौरी जिले के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 6887 हैंडपंप चालू स्थिति में कार्यरत हैं, जिनसे जिले के सभी ग्रामों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त 120 ग्रामों में संचालित नल-जल प्रदाय योजनाओं से भी पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’01’’ एवं ‘’02’’ अनुसार है। हैंडपंपों का संधारण विभाग द्वारा सतत् हैंडपंप संधारण प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है। (ख) जिन ग्रामों में नल-जल प्रदाय योजनाएं निर्माणाधीन हैं, उन ग्रामों में उत्तरांश ''क'' अनुसार पेयजल व्यवस्था उपलब्ध है। (ग) जिन ग्रामों में नलजल योजना पूर्ण हो गईं हैं, उनमें स्रोत उपलब्ध है एवं जल प्रदाय की व्यवस्था है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। वर्तमान में जिले में संचालित कोई भी योजना स्रोत अनुपयोगी होने के कारण बंद नहीं है, तथापि पूर्ण/संचालित नलजल योजनाओं में जहाँ स्रोत अनुपयोगी हो जाते हैं वहॉं विभाग द्वारा नवीन स्रोत विकसित करने के लिये कार्यवाही की जाती है।
गौशाला संचालकों के लंबित भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
125. ( क्र. 1874 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन, विदिशा, सतना, मैहर जिलों में कितनी-कितनी शासकीय गौशालायें कब-कब से संचालित हैं? स्थानवार विवरण दें विभाग द्वारा इनके समुचित संचालन हेतु क्या-क्या व्यवस्थायें की गई हैं? (ख) क्या इन गौशालाओं का संचालन स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो गौवंश के मान से प्रतिमाह/प्रतिदिन की कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु दी जाती है? क्या भूसा, चारा, दाना हेतु दी जा रही राशि पर्याप्त है? (ग) विभाग द्वारा गौशाला संचालक समूहों/ग्राम पंचायतों को कब तक का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया है? महीनों से भुगतान न होने के कारण गौशालाओं की व्यवस्था किस राशि से की जा रही है? कब तक शेष राशियों का भुगतान संबंधित समूह/संस्था को कर दिया जायेगा? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) रायसेन, विदिशा, सतना, मैहर जिलों में शासकीय गौशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 2, 3, 4 एवं 11 अनुसार। (ख) गौशालाओं के संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 5 अनुसार। गौशालाओं को गौवंश संख्या के मान से चारा, भूसा, दाना हेतु प्रति गौवंश प्रतिदिन राशि रूपये 20/- प्रदाय की जाती है। जिसमें राशि रूपये 15/- चारा, भूसा एवं राशि रूपये 5/- दाना हेतु प्रदाय की जाती है। गौशाला में गायों के लिए जो रू. 20/- प्रति गाय प्रतिदिन के मान से राशि प्रदान की जाती हैं, वह अनुदान के रूप गौशाला प्रबंधन को दान से प्राप्त एवं स्वयं के आय से प्राप्त राशि अथवा वस्तु के अतिरिक्त हैं। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 8, 9 तथा 10 अनुसार।
प्रशिक्षण राशि का दुरूपयोग
[जनजातीय कार्य]
126. ( क्र. 1875 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा मार्च 2020 में मध्यप्रदेश के 52 जिलों के पंचायतराज प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के प्रोजेक्ट के लिये 8 करोड़ 42 लाख रूपये दिये थे? (ख) क्या इस राशि को सभी जिलों के पंचायतराज प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण में खर्च न कर केवल तीन जिलों में खर्च किया दिखाकर करोड़ों की राशि की हेरा-फेरी की गई है? (ग) क्या इस अनियमितता की जांच के लिये जांच कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब और इसमें किस-किस अधिकारी को शामिल किया गया है? (घ) क्या उक्त जांच कमेटी ने निर्धारित समय में अपनी जांच रिपोर्ट दे दी है? यदि हाँ, तो जांच के निष्कर्ष क्या है? यदि अभी तक जांच कमेटी का प्रतिवेदन अप्राप्त है तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
[जनजातीय कार्य]
127. ( क्र. 1892 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जनजातीय कार्य विभाग को विगत 5 वर्षों में भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय एवं अन्य केंद्र सरकार के विभागों से जो राशि मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग को विभिन्न मदों में प्राप्त हुई है उसकी संपूर्ण जानकारी वर्षवार एवं मदवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें एवं उक्त राशि के व्यय के संबंध में जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा भारत सरकार के सक्षम अधिकारी को भेजे गये समस्त उपयोगिता प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें एवं कितनी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को भेजा जाना शेष है उसकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें एवं विभाग में लंबित समस्त ऑडिट आपत्तियों की भी जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 15.01.2024 को अपर मुख्य सचिव, जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन से विधायक के विशेषाधिकार के अंतर्गत पृथक-पृथक तीन पत्रों के माध्यम से जानकारी चाही गई थी यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक को उक्त चाही गई जानकारी विभाग द्वारा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) यह कि विभाग की जानकारी में भारत के सविधान की पाँचवी अनुसूची में मध्यप्रदेश में आने वाले अनुसूचित क्षेत्रों का नाम बतावें एवं उक्त अनुसूचित क्षेत्रों में वर्तमान में कौन-कौन से उद्योग, बिजली, सीमेंट, कोयला खदान के कारखाने किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से संचालित हो रहे हैं । संपूर्ण उद्योगों का नाम, पता एवं उक्त उद्योगों को आंवटित भूमि का विवरण संहित उक्त उद्योगों को संचालन करने की अनुमति हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किये गये समस्त एम.ओ.यू. की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को दिनांक 16.01.2024 को अपने ई-मेल के माध्यम से पत्र क्रमांक 65/व्ही.आई.पी./2024 के माध्यम से भारत के सविधान के अनुच्छेद 275 (1) में हुये अरबों रूपये के भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच निदेशक सी.बी.आई. नई दिल्ली के माध्यम से कराये जाने हेतु आवेदन पत्र लिखा गया था यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पत्र पर सदन में उत्तर देने के दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निरस्त एवं लंबित दावों के निराकरण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
128. ( क्र. 1893 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की जानकारी में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अनुसार रतलाम जिले में कितने वन अधिकार पट्टे के दावों को निरस्त किया गया निरस्त किये गये दावों एवं लंबित दावों की संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा प्रचलित याचिका क्रमांक 109/2008 वाईल्ड लाईफ फर्स्ट ऑफ इंडिया विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य में दिनांक 13.09.2018 एवं दिनांक 28.02.2018 को दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में म.प्र. के वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सभी 3.60 लाख निरस्त दावों का पुनः परीक्षण किये जाने के आदेश की जानकारी वन विभाग को है यदि हॉं, तो उक्त संबंध में वन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने निरस्त दावों को पुनः स्वीकार कर वन भूमि के पट्टे जारी किये गये, उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 19.01.2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. से मध्यप्रदेश मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री को आवेदन पत्र लिखा गया था यदि हॉं तो उक्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार संपूर्ण मध्यप्रदेश में वन भूमि के पट्टे अनुसूचित जाति/जनजाति को जारी किये जायेंगे यदि हाँ, तो कब-तक निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या जिला रतलाम में कई वर्षों से वन भूमि पर काबिज अनुसुचित जाति/जनजाति के सभी हितग्राहियों को वन भूमि के पट्टे के दावों को स्वीकार करते हुये सभी को वन भूमि पट्टे जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब-तक निश्चित समयावधि बतायें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) रतलाम जिले में 6206 वन अधिकार के दावे निरस्त हुये है। पुन: परीक्षण हेतु 708 दावे लंबित है। निरस्त किये गये दावों एवं लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हां। निरस्त दावों का पुन: परीक्षण वनमित्र पोर्टल के द्वारा किया जा रहा है। पुन: परीक्षण में मान्य कर जारी किये गये वन अधिकार पत्र धारकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित पत्र जनजातीय कार्य विभाग को प्राप्त नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रतलाम जिले में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पात्रता अनुसार कुल 5053 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। रतलाम जिले में निरस्त 708 दावों का पुन: परीक्षण किया जाना है। वन अधिकार की प्रक्रिया अर्द्वन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कार्यालय द्वारा आरबीआई के नियमों का उल्लंघन
[पर्यावरण]
129. ( क्र. 1903 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च, 2020 से विभाग अन्तर्गत कार्यारत सभी कार्यालयों में कितने बैंक खाते संचालित हैं? विभाग/बोर्ड/निगम/मण्डल का नाम एवं पता, बैंक का नाम, शाखा का नाम, शाखा का पता, चालू/बचत खाता/अन्य, किसके नाम से है, खाता नम्बर सहित गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक वर्षवार बतायें। (ख) वार्षिक लेखा परीक्षण प्रतिवेदन 2020-21, म.प्र.प्रदूषण नियत्रण बोर्ड के पृष्ठ क्र. 11 के बिंदु क्र. 5 में क्या उद्धत है? बोर्ड को बैंक में बचत खाता रखने की अनुमति है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश/आदेश की प्रति दें। (ग) विभाग अन्तर्गत कितने बचत खाते हैं, उनसे कब-कब और कितना ब्याज विभाग को प्राप्त होता है? क्या विभाग की एफ.डी. अन्य जमा पूंजी भी है? खातेवार बैंक स्टेटमेन्ट की प्रति सहित बतायें। बैंक में खाता खोलने के लिये आर.बी.आई. के क्या नियम है? (घ) उपरोक्त अवधि में विभाग को किन-किन कार्यों से कितनी-कितनी आय हुई है और कितना व्यय किस-किस कार्य पर हुआ? कार्यवार गौशवारा आय-व्यय पृथक-पृथक बनाकर बतायें। (ड.) विभाग की कुल प्रदेश में कौन-कौन सी चल/अचल संपत्तियां है एवं कहां-कहां पर? वहां पर कार्यरत स्टॉफ की जानकारी नाम, पदनाम, कब से पदस्थ है, तकनीकी/गैर तकनीकी सहित बतायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्यालय, भोपाल एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों में बैंक खातों का गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –‘’01’’ एवं परिशिष्ट ’’02’’ अनुसार है। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा संधारित बैंक खातों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’03’’ पर है। (ख) वार्षिक लेखा परीक्षण प्रतिवेदन 2020-21 पृष्ठ क्रमांक 11 के बिन्दु क्र. 5 के उद्धरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’04’’ अनुसार है, जिसमें बैंक बैलेंस पर ब्याज संबंधी विवरण है। जी हां। बोर्ड को बैंक में बचत खाता रखने की अनुमति संबंधी (जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 64 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा बनाये गये जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) (मध्यप्रदेश) नियम 1975 के नियम 26 (यथा संधोधित) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’05’’ अनुसार है। (ग) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न कार्यालयों में 31.03.2023 की स्थिति में 29 बचत खाते हैं। साथ ही बोर्ड द्वारा विभिन्न बैंकों में एफ.डी.आर. भी संधारित है, जिनके खातेवार विवरण निर्धारित ब्याज दर तथा परिपक्वता उपरांत प्राप्त होने वाली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’06’’ अनुसार है। बोर्ड के वार्षिक लेखा अंकेक्षण रिपोर्टों के अनुसार बोर्ड को सभी प्रकार के बैंक खातों (बचत एवं सावधि जमा ) से वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक प्राप्त हो चुके ब्याज की वर्षवार जानकारी परिशिष्ट- ‘’07’’ के सरल क्रमांक 5 पर उल्लेखित है। एप्को द्वारा विभिन्न बैंकों में 32 बचत खाते एवं 11 एफ.डी. खाते संधारित किए जाते हैं जिनसे प्राप्त ब्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’08’’ पर है। आर.बी.आई. के नियम- पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’09’’ पर है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि (2019-20 से 2022-23) में बोर्ड को हुई आय विवरण का गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’10’’ अनुसार है तथा व्यय विवरण का गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’11’’ अनुसार है। एप्को का वर्षवार आय-व्यय पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’12’’ पर है। (ड.) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चल/अचल संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’13’’ के अनुसार है। बोर्ड में कार्यरत स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’14’’ अनुसार है। एप्को की संपत्तियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’15’’ अनुसार है। एप्को में कार्यरत स्टॉफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’16’’ पर है।
भवनों की निगरानी एवं रख-रखाव
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
130. ( क्र. 1913 ) श्री महेश परमार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में लोक संपत्ति विभाग के पास कितने भवनों की निगरानी, रख-रखाव, संधारण उपयोगी, अनुपयोगी संपत्ति की जवाबदारियां हैं? पूर्ण विवरण के साथ अभिलेख प्रस्तुत करें। (ख) विगत 05 वर्षों में राज्य शासन द्वारा प्रश्नांश (क) के प्रयोजन की आपूर्ति हेतु कितनी धनराशि आवंटित की गई है? वर्षवार आवंटित राशि का उपयोग, उद्देश्य, कार्य एवं कार्य करने वाली एजेंसी का अभिलेख सहित पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रयोजन की पूर्ति हेतु कौन-कौन सी एजेंसी किस कार्य को कर रही है? कार्यों की लागत, किया गया भुगतान एवं शेष भुगतान का विवरण देते हुए विवरण बतावें। (घ) विभाग के भवनों एवं संपत्तियों पर वर्तमान में कौन-कौन से अधिकारियों को उपयोग हेतु आवंटन दिया गया है? भवन आवंटन की पात्रता नियम क्या है? किन-किन श्रेणियों के अधिकारियों को भवन आवास की व्यवस्था शासन के नियमों के अनुरूप दी गई है? नीति नियम के साथ आदेश आवंटन की प्रतियां देते हुए अभिलेख प्रस्तुत करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा उज्जैन जिले में किसी भी भवनों की निगरानी, रख-रखाव, संधारण का कार्य नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग के स्वामित्व की मात्र एक" तिलहन संघ भवन" जिला भोपाल स्थित परिसम्पत्ति है जिसके भूतल एवं प्रथम तल "मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड" एवं द्वितीय तल "मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति" को किराये अनुबंध अंतर्गत दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-वध पर प्रतिबंध लगाया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
131. ( क्र. 1917 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मांस का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जैसा कि प्रदेश में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में बतलाया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार्मिक आस्था की प्रतीक पशु गाय के वध करने पर प्रतिबंध लगाये जाने के संबंध में राज्य सरकार का मत क्या है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हां। (ख) प्रदेश में मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 (यथा संशोधित 2010) नियम 2012 के तहत गौवध पर वर्ष 2004 से ही प्रतिबंध है।
प्रधानमंत्री आदर्श आदि ग्राम विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
132. ( क्र. 1918 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आदर्श आदि ग्राम विकास योजना के अंतर्गत किस-किस जिलों का चयन किया जाकर योजना स्वीकृत की गई है? (ख) उक्त योजना के लिए किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि भारत सरकार से प्राप्त हुई? (ग) वर्ष 2022-23 के लिए किस-किस जिले के कितने-कितने ग्रामों को चयन कर प्रत्येक ग्रामों के विकास के लिए कितनी राशि का आवंटन किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों और कब तक राशि का आवंटन किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''ब'' अनुसार है। (ग) भारत सरकार की नवीन प्रक्रिया अनुसार एस.एन.ए. के द्वारा व्यय सीमा निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान खरीदी में अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
133. ( क्र. 1923 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की नई सरकार ने अपने संकल्प पत्र में 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का संकल्प पत्र 2023 में उल्लेख किया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या संकल्प पत्र के अनुसार समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जबलपुर जिला सहित प्रदेश के अन्य जिलों में धान खरीदी में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं किये जाने के मामले सरकार के संज्ञान में आने पर सरकार द्वारा इसकी जांच हेतु विशेष जांच दल गठित किया है? यदि हाँ, जांच हेतु गठित जांच दल के आदेश कब जारी किए गए? आदेश की प्रति संलग्न करें। (ग) उक्त जांच दल के द्वारा जबलपुर जिले सहित कहां-कहां पर की गई है और जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पायी गई और क्या शासन को जांच दल द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंप दी है? यदि नहीं, तो कब तक सौंपी जाकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जबलपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन केन्द्र स्थापित करने के पूर्व गोदामों में धान के अग्रिम भण्डारण की जानकारी संज्ञान में आने पर जांच हेतु गठित दल के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं इस प्रकार की अनियमितता रोकने हेतु अन्य जिलों में भी जांच कराने हेतु जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में जांच हेतु गठित दल द्वारा जबलपुर जिले में ही जांच की गई है। अन्य जिलों के कलेक्टर्स द्वारा कराई गई जांच में अनूपपुर, दमोह एवं उमरिया में अनियमितता पाई गई। जबलपुर जिले में कराई गई जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है। जांच में पाई गई अनियमितता का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना में की गई अनियमितताओं की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 1924 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की लिखित शिकायतों के आधार पर प्रमुख अभियंता पी.एच.ई. भोपाल के आदेश क्रमांक 2117 दिनांक 13.06.2023 द्वारा जांच हेतु जांच दल गठित कर 15 दिवस में जांच की कार्यवाही पूर्ण कर रिपोर्ट देने के आदेश/निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति संलग्न करें। (ख) उक्त जांच दल द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? समय-सीमा में जांच पूर्ण नहीं करने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) उपरोक्त जांच कब तक पूर्ण करायी जाकर जांच निष्कर्ष के आधार पर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं नल-जल योजना के आधे अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, उक्त आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, समय-सीमा में जांच पूर्ण न किए जाने के कारण संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे गए हैं। (ग) वर्तमान में जांच की कार्यवाही प्रगतिरत है, जांच दलों को जांच की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। नलजल योजनाओं के अपूर्ण कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, कार्य पूर्ण करने की कोई निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
वन संरक्षण हेतु किए गए कार्य
[वन]
135. ( क्र. 1950 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वन संरक्षण हेतु कौन-कौन से कार्य विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कराए गए हैं? वर्षवार कराए गए कार्यों एवं उन पर व्यय का कार्यवार विवरण दें। (ख) वर्तमान में कौन-कौन से कार्य किस-किस स्थान, परिक्षेत्र में कराये जा रहे हैं? कार्य किस एजेंसी द्वारा किए जा रहे हैं? कार्यवार लागत बताएं तथा कार्यवाही पर कितना-कितना व्यय हुआ है? (ग) सोन चिरैया अभयारण्य में स्थित भूमि की रजिस्ट्री एवं नामांतरण की क्या स्थिति है? क्या यह सही है कि हितग्राहियों की भूमि की रजिस्ट्री/नामांतरण नहीं किए जा रहे हैं एवं उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारी निर्धारित कर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में कराये गये वन संरक्षण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कराये जा रहे वन संरक्षण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) सोनचिरैया अभयारण्य में स्थित भूमि की रजिस्ट्री एवं नामांतरण वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के प्रावधान अनुसार केवल उत्तराधिकारी को ही किया जा सकता है। शेष रजिस्ट्री एवं नामांतरण का कोई प्रावधान नहीं है, अत: अनावश्यक परेशान किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में संचालित ग्रामीण नल-जल योजनाओं की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
136. ( क्र. 1951 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में कितने ग्रामों में ग्रामीण नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं? स्वीकृती वर्ष एवं प्रति योजना की राशि स्वीकृत है? विगत 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत ग्रामीण नल-जल योजना में कितनी योजनाएं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत हैं? योजनावार स्वीकृत वर्ष एवं राशि कितनी-कितनी स्वीकृत है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत योजनाओं की वर्तमान में क्या स्थिति/प्रगति है एवं प्रति योजना कितनी राशि का व्यय किया जा चुका है? (घ) स्वीकृत योजनाएं अभी तक क्यों पूर्ण नहीं हुई है? योजनाओं को कब तक पूर्ण किया जाना था? अपूर्ण योजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जायेंगी? नियत समय तक योजनाएं पूर्ण नहीं होने के विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) ग्वालियर जिले में 455 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 212 ग्रामों के लिए 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, 455 ग्रामों के लिए स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से 165 ग्रामों (ऑवरलैप ग्राम) को स्वीकृत 02 समूह जल प्रदाय योजनाओं से बल्क वॉटर दिया जाएगा, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ’’01’’ एवं ‘’02’’ अनुसार है। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 208 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 180 ग्रामों के लिए 01 समूह जल प्रदाय योजना (घाटेगांव-भितरवार योजना) स्वीकृत हैं, 208 ग्रामों के लिए स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से 156 ग्रामों (ऑवरलैप ग्राम) को स्वीकृत घाटेगांव-भितरवार योजना समूह जल प्रदाय योजना से बल्क वॉटर दिया जाएगा, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’03’’ एवं ‘’04’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’03’’ एवं ‘’04’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’01’’ एवं ‘’02’’ अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ वसूली
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 1955 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में कितनी खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये हैं इनकी खरीदी हेतु कब से निर्देश जारी कर कार्य लिये जा रहे हैं इनकी अवधि के साथ यह बतावे कि कितने सहकारी समितियां है जिनको खरीदी केन्द्र न बनाकर स्व-सहायता समूहों से खरीदी के कार्य कराये जा रहे हैं का विवरण 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खरीदी केन्द्रों से जहां पर खरीदी की जा रही है वहां से वेयरहाउस/गोदाम जहां धान का उठाव कर रखा जाना है की दूरी खरीदी केन्द्रवार बतावें? क्या इन खरीदी केन्द्रों के पास नजदीक में वेयरहाउस/गोदाम है या नहीं अगर है तो इन नजदीकी गोदामों में भण्डारण न कर दूरस्त के वेयरहाउस/गोदामों को भण्डारण हेतु अधिकृत किया गया है, क्यों? इससे शासन को कितनी क्षति परिवहन के नाम पर पहुँचाई गई का विवरण खरीदी केन्द्रवार देवें, इस नियमितता पर क्या कार्यवाही कराएंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सहकारी समितियों से खरीदी न कराकर स्व-सहायता समूहों से खरीदी व्यक्तिगत हितपूर्ति कराई जा रही है, तो क्यों? समूहों को खरीदी हेतु आदेश देने की क्या शर्तें है शर्तों की प्रति देते हुये बतावे, दूरस्त/दूसरे ग्राम पंचायतों के समूहों को दूसरी जगह के खरीदी हेतु किन आधारों पर अधीकृत किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित तथ्यों के आधार पर की गई अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, उन पर क्या आदेश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल जिले में वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत खाद्यान्न उपार्जन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला स्व-सहायता समूहों को भी उपार्जन का कार्य दिया जा रहा है। जिले में उपलब्ध सभी पात्र सहकारी समितियों को उपार्जन का कार्य दिया गया है, पात्र समितियां नहीं होने पर उनके स्थान पर महिला स्व-सहायता समूहों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की अनुशंसा उपरांत उपार्जन का कार्य देने की कार्यवाही जिला उपार्जन समिति द्वारा की जाती है। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जारी नीति के उपरांत उपार्जन कार्य प्रारम्भ होने के पूर्व उपार्जन केन्द्रों की स्थापना तथा नीति में निर्धारित तिथि अनुसार उपार्जन कार्य प्रारम्भ किया जाता है। (ख) शहडोल जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु निर्धारित केन्द्र एवं धान भंडारण हेतु निर्धारित गोदाम की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। उपार्जन केन्द्र से नजदीक के गोदाम में ही धान का परिवहन कर भंडारण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शहडोल जिले में उपलब्ध समस्त पात्र सहकारी संस्थाओं को धान उपार्जन का कार्य दिया गया है। जिले में निर्धारित उपार्जन केन्द्र स्थापित करने हेतु महिला स्व-सहायता समूहों को भी उपार्जन का कार्य दिया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों को उपार्जन का कार्य देने संबंधी शर्तें एवं निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स अनुसार है। महिला स्व-सहायता समूहों को जिला उपार्जन समिति द्वारा पात्रता एवं आवश्यकतानुसार उपार्जन का कार्य दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त किया जाना
[जनजातीय कार्य]
138. ( क्र. 1961 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी अनापत्ति पत्र (सहमति) प्राप्त प्राथमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक/उच्च माध्यमिक शिक्षक कौन-कौन से हैं जो आयुक्त जनजातीय कार्य मध्यप्रदेश के आदेश द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की शालाओं में लोक सेवकों की सेवाएं 02 वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर दिनांक 29.11.2021 से कार्यरत हैं? कृपया ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह टीकमगढ़ जिले के ऐसे कौन-कौन से शिक्षक हैं, जो जिले में छात्रावास अधीक्षक बने बैठे हैं? क्या इनको सेवानिवृत्ति के समय तक जनजातीय कार्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है, अगर लिया गया है, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि टीकमगढ़ जिले में पदस्थ ऐसे शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग शिक्षा विभाग भेज दिया जावेगा तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
गेहूँ खरीदी में पाई गई शिकायतों के आधार पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
139. ( क्र. 1962 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय, यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा रबी एवं खरीफ फसलों की खरीदी के क्या-क्या नियम वर्तमान में संचालित है? ऐसे नियमों के एवं आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के प्रत्येक जिला का गेहूं उपार्जन का ठेका प्रतिवर्ष जिलावार गेहूं क्रय करने का ठेका किस-किस को, किस दर पर, कब-कब दिया गया है? ऐसे ठेकेदारों के नाम एवं फर्म का नाम, जिला, पता, जिस जिले का ठेका दिया गया है, उसका नाम सहित एवं सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार जिले में कुल गेहूं का उपार्जन जिले में कितना-कितना हुआ एवं कितना कुल ठेकेदार एवं फर्म ने किस दर पर खरीदा और जिले को प्रतिवर्ष विभाग को कितनी आय हुई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक इसी समयावधि में खरीदे गए गेहूं को जिले के ठेकेदार फर्म ने किस दर पर, कहां-कहां विक्रय किया? क्या प्रदेश के किसी जिले में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई थी, तो कहां-कहां की और किस-किस ठेकेदार फर्म की लंबित शिकायतों के आधार पर विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन व्यवस्था का प्रावधान उपार्जन नीति में किया जाता है। रबी एवं खरीफ 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान, मोटा अनाज उपार्जन हेतु उपार्जन नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’अ’’ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य ठेके पर देने का प्रावधान नहीं है। विकेन्द्रीयकृत उपार्जन योजनांतर्गत भारत सरकार की ओर से राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन किया जाता है। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य शासन की ओर से इंदौर एवं जबलपुर संभाग में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ एवं शेष संभाग में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य किया गया है। सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूह द्वारा रू. 2125 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से किसानों से गेहूं उपार्जन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रबी विपणन वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक जिलेवार उपार्जित गेहूं मात्रा एवं समर्थन मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’ब’’ अनुसार है। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत प्रदेश के किसानों को उत्पादित गेहूं का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराना है, जिसमें आय प्राप्त करने का उद्देश्य नहीं है। (घ) राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की ओर से विकेन्द्रीयकृत उपार्जन योजनांतर्गत समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन किया जाता है। उपार्जित गेहूं में से भारतीय खाद्य निगम को परिदान एवं राज्य की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनांतर्गत वितरण कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा उपार्जित गेहूं को किसी फर्म या व्यक्ति को विक्रय नहीं किए जाने से किसी प्रकार अनियमितता या शिकायत प्राप्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बायोमेडिकल
वेस्टेज के
कार्य में अनियमितता
[पर्यावरण]
1. ( क्र. 35 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा राज्य स्तर से बायो मेडिकल वेस्ट संग्रहण एवं परिवहन का कार्य किसी एजेंसी को दिया गया है उस एजेंसी का नाम एवं अनुबंध पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उक्त एजेंसी को कितना भुगतान किया गया है? भुगतान से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कितने देयकों का भुगतान स्वीकृत बेड संख्या को आधार मानकर किया गया है और कितने देयकों का भुगतान भर्ती मरीजों को आधार मानकर किया गया है यदि भुगतान में अनियमितता बरती गई है तो उसके लिये जिम्मेदार कौन है और उसके विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक करेगा? (घ) वर्ष 2019 से अशोक नगर जिले में मरीजों को भोजन वितरण हेतु कितना बजट स्वीकृत किया गया था? कितनी राशि का भुगतान किया गया है, पिछले पांच वर्षों में किस-किस को ठेका दिया गया, उनके नाम, ठेके से संबंधी निविदा की संपूर्ण जानकारी देवें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अशोकनगर जिले में स्थित समस्त शासकीय चिकित्सालयों हेतु बायोमेडिकल वेस्ट संग्रहण, परिवहन एवं उपचार का कार्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अशोकनगर द्वारा जे.के. मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दिया गया है। शेष प्रश्नांश संबंधी जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से प्राप्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नल-जल योजनाओं की प्रगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 63 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत पन्ना एवं अजयगढ़ हेतु जल जीवन मिशन में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नल-जल योजनायें स्वीकृत है इनमें से कितनी योजनायें पूर्ण हो चुकी है? (ख) क्या इन नल-जल योजनाओं के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल प्रदाय किया जाने लगा है? यदि हाँ तो ग्रामवार बतावें यदि नहीं, तो क्यों? कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत 57 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, इनमें से 42 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त विकासखंड पन्ना हेतु 01 समूह जल प्रदाय योजना (सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना) स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगतिरत है। (ख) पूर्ण 42 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से जल प्रदाय किया जाने लगा है, 15 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं प्रगतिरत हैं, ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सिंघौरा-02 समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है, इस योजना से जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हुआ है, योजना का कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 76 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत कौन-कौन से कितनी राशि के किन-किन ग्राम पंचायतों, गाँवों में वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2022-2023 तक विभिन्न कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके है और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है एवं कौन-कौन से निर्माण कार्यों को प्रारंभ किया जाना शेष है और कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारम्भ/प्रगतिरत हैं? निर्माण कार्यों की पूर्ण किये जाने की समय अवधि क्या है? सम्पूर्ण स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त वित्तीय वर्षों में विभाग द्वारा स्वीकृत किए गये सभी निर्माण कार्यों को संबंधित ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में पूर्ण कर दिया गया है? अगर संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया तो उसका क्या कारण है? क्या ऐसे ठेकेदारों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेज की छायाप्रति उपलब्ध करायें? ऐसे सभी अपूर्ण कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। इसके अतिरिक्त छिंदवाड़ा जिले के 711 ग्रामों की 01 समूह जल प्रदाय योजना (माचागोरा समूह योजना) लागत रू. 937.22 करोड़ की स्वीकृत हुई है, इस योजना में परासिया विधानसभा क्षेत्र के 139 सम्मिलित हैं, सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 एवं 02 अनुसार है। माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है एवं वर्तमान में कार्य की भौतिक प्रगति 15 प्रतिशत है, योजना को पूर्ण करने की लक्षित समयावधि दिनांक 16.03.2025 तक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
4. ( क्र. 86 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत कितनी निर्धन जरूरतमंद, निराश्रित, विधवा, परित्यक्ता महिलाओं के सामूहिक विवाह सम्मेलन सम्पन्न कराये गये। इसमें कितनी-कितनी कन्याओं व विधवा, परित्याक्ता महिलाओं को किस मान से उनके खातों में कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं कितनी राशि जमा नहीं की गई एवं क्यों? आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह, कल्याणी (विधवा) परित्यक्ता महिलाओं के पुनर्विवाह, निःशक्तजन कन्याओं के विवाह सम्पन्न कराये गये। कितनी-कितनी कन्याओं व महिलाओं के खाते में प्रति हितग्राही किस मान से कितनी-कितनी राशि जमा की गई। कितने हितग्राहियों के खाते में कितनी राशि जमा नहीं की गई एवं क्यों? नगरीय निकाय व जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में आयोजित सामूहिक कन्या विवाह आयोजन में फर्जीवाड़ा, राशि का दुरूपयोग भ्रष्टाचार व हितग्राही कन्याओं, महिलाओं के खाते में राशि न जमा करने की प्राप्त कितनी शिकायतों पर जिला प्रशासन ने दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत प्रदेश में वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 में निर्धन जरूरतमंद, निराश्रित विधवा, परित्यक्ता महिलाओं के सामूहिक विवाह सम्मेलन की संख्या, हितग्राहियों की संख्या, हितग्राहियों के खाते में दी जाने वाली राशि के व्यय की जानकारी तथा आयोजक कर्ताओं पर किये गये व्यय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत जिला जबलपुर में कन्या विवाह/निकाह, कल्याणी, परित्यक्त महिलाओं के पुनर्विवाह, नि:शक्तजन कन्याओं के संपन्न विवाह एवं कन्याओं को दी जाने वाली राशि की जानकारी नगरीय निकाय व जनपदवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'',''2'' एवं ''3'' अनुसार। सभी कन्याओं के खाते में राशि जमा की गई। शेष कोई लंबित नहीं है। (ग) योजनांतर्गत जबलपुर जिले में इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंध, मूकबधिर स्कूल में राशि का आवंटन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
5. ( क्र. 112 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अंध, मूकबधिर स्कूल जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? शाला भवन का रखरखाव, सुरक्षा व्यवस्था, सुधार मरम्मत पर कितनी राशि व्यय हुई? बतलावें। वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पद संरचना के तहत कितने-कितने पद भरे/रिक्त हैं? कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों कौन-कौन कब से किस-किस पद पर पदस्थ हैं? बतलावें। सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में संगीत से संबंधित कौन-कौन से वाद्य यंत्र हैं? वर्तमान में इनकी क्या स्थिति हैं? नये वाद्य यंत्र कब से क्रय नहीं किये गये? शाला भवन की क्या स्थिति हैं? छात्रों ने माह दिसम्बर में 2023 में किन-किन मांगों को लेकर आंदोलन अनशन किया है? जिला प्रशासन ने इनकी किन-किन मांगों का कब-कब क्या निराकरण किया हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कितने-कितने छात्रों में से कितने-कितने छात्र उत्तीर्ण हुये हैं? परीक्षा परिणाम कितने-कितने प्रतिशत रहा हैं? बतलावें। क्या शासन शाला में व्याप्त अव्यवस्था, जर्जर शाला भवन, छात्रों की समस्याओं, मांगों की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''घ'' अनुसार। संस्थाओं की सुचारू व्यवस्था एवं दिव्यांग विद्यार्थियों की समस्याओं के संबंध में जिला स्तर से नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर वन उद्यान की जानकारी
[वन]
6. ( क्र. 113 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य वन मण्डल जबलपुर द्वारा प्रस्तावित बरगी हिल्स से मदन महल के बीच ठाकुरताल की पहाड़ियों पर 7 कि.मी. के एरिया में नेशनल पार्क की तरह नगर वन उद्यान हेतु शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी एवं इसके लिये कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं तथा कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? बतलावें। (ख) प्रश्नांकित नगर वन उद्यान की मूल योजना, लागत व अवधि क्या हैं? इस पर कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं तथा कौन-कौन सा कितना कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित नगर वन उद्यान का ब्यू प्वाइंट एवं अन्य कौन-कौन से कार्य कब से पूर्ण न कराने से इसे चालू नहीं किया गया हैं? क्या शासन इसके शेष कार्य को शीघ्र ही कराना सुनिश्चित करेगा। (घ) प्रश्नांश (क) में कितने कि.मी. एरिया को फेंसिंग के जरिये सुरक्षित किया गया है और इस पर कितनी राशि व्यय हुई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन नगर वन उद्यान हेतु वर्ष 2017-18 में रूपये 200.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई एवं 2017-18 से 2020-21 तक रूपये 190.26358 लाख राशि आवंटित की गई। नवीन नगर वन योजनान्तर्गत वर्ष 2021-2022 हेतु भारत शासन द्वारा रूपये 200.50 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई एवं इसके लिए वर्ष 2021-22 में रूपये 95.75 लाख राशि आवंटित की गई। (ख) प्रश्नांकित नगर वन उद्यान की मूल योजना की लागत रूपये 200.00 लाख व अवधि वर्ष 2017-18 से 2020-21 है, इस पर कुल रूपये 139.72 लाख की राशि से निर्माण एवं विकास कार्य कराये गये हैं। कार्यवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 में है। राज्यांश मद की अवशेष राशि समर्पित की गई एवं केन्द्रांश मद की अवशेष राशि सिस्टर एकाउंट के स्थगित होने से स्वत: समर्पित हो गई। नवीन नगर वन उद्यान की मूल योजना की लागत रूपये 200.50 एवं अवधि वर्ष 2021-22 से 2024-25 है, इस पर कुल रूपये 92.85 लाख की राशि से निर्माण एवं विकास कार्य कराये गये हैं, जिसके कार्यवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 में है। (ग) नगर वन उद्यान ठाकुरताल के अंतर्गत माह मार्च 2020 से वाच टावर (ब्लू प्वाईंट) एवं गेट निर्माण का कार्य पूर्ण कराया जाना शेष है। नवीन नगर वन उद्यान बरगी हिल्स प्रोजेक्ट में फेंसिंग कार्य प्रगतिरत है एवं प्रोजेक्ट में शेष कार्य भारत सरकार से द्वितीय किश्त प्राप्त होने के पश्चात कराना सम्भव होगा। (घ) नगर वन ठाकुर ताल अंतर्गत 7450 रनिंग मीटर में फेंसिंग कार्य किया गया, जिस पर रूपये 5118049/- व्यय हुआ। नगर वन बरगी हिल्स अंतर्गत 2600 रनिंग मीटर में फेंसिंग कार्य किया गया है, जिस पर रूपये 8350690/- व्यय हुआ है।
शुद्ध लाभ राशि का भुगतान
[वन]
7. ( क्र. 116 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज के व्यापार से हुए शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की राशि के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के लिए वर्ष 1998 वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 में क्या-क्या आदेश दिए? (ख) मध्य प्रदेश राज्य मंत्रालय भोपाल, सहकारिता विभाग, भोपाल ने ग्रामीण विकास मद की राशि से स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों के प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति द्वारा लिए गए प्रस्ताव एवं प्रेषित प्राक्कलन पर किस-किस तरह की आपत्ति लेकर प्रकरण एवं प्रस्ताव को निरस्त करने या अमान्य करने का अधिकार संघ को दिया है। (ग) वर्ष 1998 वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 में दिए आदेश के अनुसार सागर जिले की किस-किस समिति को किस वर्ष की ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की कितनी राशि दी जाना चाहिए थी, किस मद की कितनी राशि दी गई है, किस मद की कितनी राशि नहीं दी गई? (घ) गत पांच वर्षों में किस समिति के कितनी लागत के किस कार्य को आपत्ति लगाकर संघ ने निरस्त एवं अमान्य किया गया?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की राशि के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल द्वारा वर्ष 1998 वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 में जारी आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) राज्य में लघु वनोपजों का व्यापार त्रिस्तरीय सहकारिता की संरचना के तहत किया जाता है, जिसमें प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां, जिला स्तर पर जिला स्तरीय सहकारी यूनियन तथा शीर्ष स्तर पर म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल कार्यरत है। इसी संरचना के तहत वनोपज व्यापार के लाभ से ग्रामीण अधोसंरचना एवं वन विकास मद के कार्यों के संबंध में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्णय लिया जाता है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में उप नियम 3 में भी तदनुसार प्रावधान दिये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 1998 वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 में दिए आदेशानुसार जिला यूनियनवार राशि उपलब्ध कराई जाती है। समितिवार राशि संधारित नहीं की जाती है। सागर जिले हेतु दी जाने वाली राशि एवं दी गई राशि तथा शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष राशि सिर्फ सागर जिले में व्यय हेतु आरक्षित है। (घ) विगत पांच वर्षों में जिला यूनियन उत्तर सागर एवं दक्षिण सागर के पक्ष में अधोसंरचना विकास मद एवं वन विकास मद में उपलब्ध राशि के अनुरूप प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है। प्रश्न के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पानी की टंकी एवं पाइप लाइन की गुणवत्ता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 137 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में नवनिर्मित पानी की टंकियाँ एवं डाली जा रही पाइप लाइन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, क्या शासन द्वारा गुणवत्ता संबंधी जांच कराई गई है, यदि हां तो जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जावे? यदि नहीं, तो कब तक जांच कराई जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिवपुरी जिले में पानी की टंकियाँ एवं डाली जा रही पाइप लाइन का कार्य पूर्व सर्वे अनुसार चिन्हित जगह ही कराया जा रहा हैं? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में टंकियों एवं डाली जा रही पाइप लाइन की गुणवत्ता खराब होने के कारण शिवपुरी जिले में कई टंकियाँ एवं पाइप लाइन लीकेज हो रही है, जिसके लिए क्या जिम्मेदार ठेकेदार व अधिकारियों पर कार्यवाही कर वसूली की जावेगी, यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पानी की टंकी एवं डाली जा रही पाइप लाइन के निर्माण की क्या समय-सीमा तय की गई है। यदि तय समय-सीमा में ठेकेदार एवं अधिकारियों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है, तो संबंधित ठेकेदार व जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी, यदि हां तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) शिवपुरी जिले में नल-जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत पानी की टकियों का निर्माण तथा डाली जा रही पाइप लाइन के कार्य निर्धारित गुणवत्ता के कराए जा रहे हैं तथा तृतीय पक्ष एजेंसियों के माध्यम से टकियों एवं पाइप लाइन कार्य में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जांच भी कराई जा रही है सुलभ संदर्भ हेतु सेम्पल के तौर पर कुछ रिपोर्टों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बनाई जा रही टंकियों एवं पाइप लाइन कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्ड अनुसार है, लीकेज की समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है तथा निर्माणाधीन समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। अनुबंधित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर देयक के अंतिम निराकरण में गुणदोष के आधार पर अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( क्र. 138 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी
अंतर्गत
शहरी/ग्रामीण
इलाकों में
कितनी-कितनी
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकानें
संचालित हैं? उक्त में
से कितनी उचित
मूल्य की
दुकानें हैं, जिनमें
अनियमितता
होने की
शिकायतें
मिली हैं? इनमें से
कितनी
शिकायतों की
जांच की गई है
अथवा जांच
लंबित है, नामवार
जानकारी दी
जावे? (ख) ग्रामीण
इलाकों में
संचालित
कितनी उचित
मूल्य की
दुकानें ऐसी
हैं जहां गरीब
परिवारों को राशन
लेने के लिए 3 कि.मी. या
उससे अधिक
दूरी चलकर आना
पड़ता है?
क्या
सरकार उचित
मूल्य की
दुकानों की न्यूनतम
दूरी
निर्धारित
करने पर विचार
करेगी, यदि
हां तो कब तक? (ग) आजीविका
मिशन द्वारा
संचालित
स्वसहायता समूह
को उचित मूल्य
की दुकानों का
आवंटन किये जाने
का क्या
प्रावधान है? विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी में
कितनी और
कौन-कौन-सी
उचित मूल्य की
दुकानें
स्वसहायता
समूह द्वारा
संचालित की जा
रही है? (घ) प्रश्नांश
(ग) के क्रम
में पोहरी
क्षेत्र में
समितियों द्वारा
चलाई जा रही
उचित मूल्य की
दुकानों के
संचालकों
द्वारा
अनियमितता
किये जाने के
कारण उनसे
हटाकर
स्वसहायता
समूहों को
अधिक से अधिक उचित
मूल्य की
दुकानें
आवंटित किये
जाने के संबंध
में विभाग द्वारा
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
शहरी क्षेत्र
में 12 एवं
ग्रामीण
क्षेत्र में 137 उचित मूल्य
दुकानें
संचालित हैं।
उक्त
विधानसभा में
अनियमितता की 02 शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं जिनमें
सढ़ ककरई एवं
खरई डाबर में
अनियमितता
पायी जाने के
कारण एफ.आई.आर.
दर्ज कराई गई
है। कोई भी
जांच लंबित
नहीं है। (ख) प्रश्नांकित
विधानसभा
क्षेत्र में 25 उचित मूल्य
दुकानें ऐसी
हैं जिनसे
संबंधित
परिवारों को 03 कि.मी. या
उससे अधिक
दूरी चलकर
राशन सामग्री
प्राप्त
करना पड़ता
है। जी नहीं, न्यूनतम
दूरी के आधार
पर दुकान
आवंटित करने
संबंधी कोई भी
प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। (ग) म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
नियंत्रण आदेश, 2015 के
अंतर्गत
सहकारी संस्थाओं, स्व-सहायता
समूहों एवं
संयुक्त वन
प्रबंधन समितियों
को उचित मूल्य
दुकान आवंटित
करने का
प्रावधान है।
आजीविका मिशन
द्वारा
संचालित स्व-सहायता
समूह भी इसके
अंतर्गत
शामिल हैं। वर्तमान
में पोहरी
विधानसभा में 02 स्व-सहायता
समूहों
द्वारा उचित
मूल्य
दुकानें
संचालित की जा
रही हैं जो ग्वालियर
एवं भीमपुर में
संचालित हैं। (घ) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में उल्लेखित
02 दुकानों
को नजदीकी
दुकान से
संलग्न किया
गया है।
प्रकरण सक्षम
अधिकारी के
यहां प्रचलित
है। अंतिम
आदेश पारित
होने पर नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी।
विस्थापित क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था
[वन]
10. ( क्र. 238 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है परन्तु उपरोक्त क्षेत्र में विस्थापित आदिवासियों को कृषि कार्य में सिंचाई हेतु वर्तमान में क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा क्या पूर्व में इन क्षेत्रों में सिंचाई हेतु नहर बनाये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है यदि हाँ, तो उसके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के विस्थापित ग्रामों में किसानों को सिंचाई हेतु नहर कब तक बना दी जायेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र से विस्थापित/पुनर्वासित 23 ग्रामों में से 19 ग्रामों के आदिवासियों एवं अन्य वर्ग के 674 परिवारों को वर्तमान में कृषि कार्य हेतु सिंचाई व्यवस्था के लिए 530 नलकूप खनन कराया गया है। 04 ग्रामों में विकास कार्य जारी है। जिनमें खेतों में सिंचाई व्यवस्था हेतु 113 नलकूप खनन कार्य प्रस्तावित है। (ख) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत बसाये गये ग्रामों में सिंचाई हेतु तवा जलाशय से नहर द्वारा पानी पहुंचाने के लिए अधीक्षण यंत्री, तवा परियोजना मण्डल, नर्मदापुरम द्वारा होज एरिगेशन योजना के तहत राशि 55.18 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया है। प्राक्कलन परीक्षण में है। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विस्थापित ग्रामों में किसानों को सिंचाई व्यवस्था हेतु प्राक्कलन परीक्षण एवं तदोपरांत राशि व्यवस्था होने पर ही नहर निर्माण संभव हो सकेगा।
प्लांट लगाने की योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
11. ( क्र. 313 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक जिला एक उत्पाद योजना अन्तर्गत जिला आगर-मालवा में संतरा उत्पाद का चयन किया गया है यदि हाँ, तो जिले में संतरे की पैदावार बढ़ाने हेतु किसानों को कोई वित्तीय सहायता दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आगर जिले तथा सुसनेर विधानसभा में संतरे की पैदावार को देखते हुए क्या विभाग द्वारा फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत उत्पाद की किन-किन सरकारी संस्थाओं द्वारा मार्केटिंग की जा रही है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत जिला आगर मालवा में संतरा उत्पाद का चयन किया गया हैI MIDH योजनांतर्गत 150.00 हेक्टेयर संतरा फल क्षेत्र विस्तार हेतु राशि रूपये 27.00 लाख की अनुदान सहायता का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले को दिया गया है। (ख) विभाग अंतर्गत ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पी.एम.एफ.एम.ई.)’ के तहत आगर मालवा जिले तथा सुसनेर विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित करने पर 35% (अधिकतम राशि रूपये 10 लाख) का अनुदान का प्रावधान है तथा ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को देय विशिष्ट वित्तीय सहायतायें- 2014’ अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित किये जाने पर 25% (अधिकतम 2.50 करोड़) का अनुदान प्रावधान है। इच्छुक हितग्राही पात्रता अनुसार प्रसंस्करण इकाई हेतु आवेदन कर सकते हैं। (ग) जी नहीं।
आदिवासी क्षेत्रों से पलायन रोकने की योजना
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 331 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी क्षेत्रों से हो रहे अनचाहे पलायन का डाटा शासन इकट्ठा नहीं करती है और न ही पलायन की समीक्षा करती है? यदि हाँ, तो क्यों, यदि नहीं, तो धार, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ जिले के पलायन का ग्रामवार डाटा उपलब्ध कराएं। (ख) क्या सरकार ऐसी योजना बनाएगी जिसमें मजदूरों के पलायन संबंधी सभी डाटा ग्रामपंचायत स्तर पर इकट्ठा कर पलायन रोकने के लिए कोई ठोस योजना बनाई जाए। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों। (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक विभाग को ट्राइबल सब-प्लान से किन-किन मदों में कितनी राशि आवंटित की गई? उक्त राशि कहां खर्च की गई? (घ) आदिवासी क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए प्रश्नकर्ता ने विगत पांच वर्षों में माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं विभाग को कब-कब पत्र लिखकर क्या-क्या सुझाव दिए? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ङ) विगत चार वर्षों में आदिवासी क्षेत्रों में पलायन रोकने हेतु कितने विशेष शिविरों का आयोजन किया गया, कितने आदिवासियों को रोजगार मिला? शिविरवार रोजगार प्राप्त व्यक्तियों का ब्यौरा देवें। (च) आदिवासियों के पलायन रोकने एवं रोजगार देने हेतु किन-किन विभागों/संस्थाओं के माध्यम से कितने विशेष शिविरों का आयोजन कराने की योजना है, ब्यौरा देवें। यदि नहीं, तो क्यों।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवहनकर्ताओं को लाभान्वित करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 342 ) श्री अभय
कुमार मिश्रा
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) रीवा जिले
में संचालित
खरीदी
केन्द्रों, वर्ष 2020 से प्रश्नांश
दिनांक तक में
कितनी धान, गेंहू एवं
अन्य अनाजों
की खरीदी की
गई का विवरण
खरीदी
केन्द्रवार, तहसीलवार
जिले का देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
खरीदे गये
अनाज के उठाव
एवं परिवहन बावत्
कार्यादेश
किन-किन की
कब-कब, किन-किन
शर्तों पर
दिये गये
इनमें से
कितने ऐसे
परिवहनकर्ता
थे जिनको
ब्लैक
लिस्टेड करने के
बाद भी पुनः
कार्यादेश
दिये गये ये
कौन है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के खरीदी
केन्द्रों
में खरीदे गये
अनाज, गेंहू
एवं धान का
उठाव समय पर न
होने से कितने
क्विंटल
खरीदी गई का विवरण
देवें? प्रश्नांश
(क) की अवधि
अनुसार
वर्षवार
देवें इस सड़े
अनाज की कीमत
क्या होगी? इस नुकसान
के लिये
कौन-कौन
जवाबदार है? इन पर क्या
कार्यवाही की
गई अब तक नहीं
की गई तो
क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क) के खरीदी
केन्द्रों के
उठाव एवं
परिवहन कर गोदामों/वेयर
हाउसों में
रखे जाने हेतु
जिन
गोदामों/वेयर
हाउसों को
अधिकृत किया
गया उनकी दूरी
खरीदी केन्द्रों
से क्या है
खरीदी
केन्द्रों के
पास में क्या
वेयर
हाउस/गोदाम
नहीं थे अगर
थे तो दूर के लिये
कार्यादेश
क्यों दिये
गये। इस कारण
शासन की कितनी
आर्थिक क्षति
पहुंची?
(ड.) प्रश्नांश
(क) में खरीदी
केन्द्रों से
उठाव व परिवहन
समय पर होने
अनाज के सड़ने
से हुई
नुकसानी के
लिये किन-किन
को जवाबदार
मानेंगे इन
जवाबदारों के
पदनाम का
विवरण देते
हुये इनसे हुई
क्षति की वसूली
के क्या आदेश
देंगे साथ ही
परिवहनकर्ताओं
पर समय पर
उठाव न होने
पर क्या
कार्यवाही
करेंगे यह
बतावे अगर
नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) रीवा जिले
में वर्ष 2017 से प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
धान एवं गेहूं
की जानकारी
तहसीलवार एवं
खरीदी की केन्द्रवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है।
(ख) रीवा
जिले में वर्ष
2017 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
खरीदी गई धान
एवं गेहूं के
उठाव हेतु
जारी किए गए
आदेश अनुसार
परिवहनकर्ताओं
को परिवहन का
कार्य दिया
गया। आदेश की
प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–'ब' अनुसार है। जिले
में ब्लैक
लिस्टेड करने
के बाद किसी
भी
परिवहनकर्ताओं
को पुन:
परिवहन का
कार्य नहीं
दिया गया। (ग) रीवा जिले
में वर्ष 2017 से प्रश्नांकित
अवधि तक
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
खाद्यान्न
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–अ अनुसार है।
उपार्जन केन्द्र
से समय पर
खाद्यान्न
के उठाव न
होने के कारण
स्कन्ध
खराब होने का
कोई प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है। (घ) समर्थन
मूल्य पर
खाद्यान्न
उपार्जन हेतु
निर्धारित
उपार्जन केन्द्रों
एवं भंडारण
हेतु नियत
गोदामों की
दूरी की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–स अनुसार है।
जिले में स्कन्ध
के भंडारण
हेतु उपलब्ध
रिक्त
क्षमता,
खरीदी
केन्द्रों
से गोदामों की
न्यूनतम
दूरी एवं
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली में
खाद्यान्न
के प्रदाय
केन्द्रों
में आवश्यकता
के आधार पर
गोदामों को
भंडारण हेतु
अधिकृत किया
जाता है। (ड.)
वर्ष 2017 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
धान एवं गेहूं
के परिवहन समय
पर नहीं होने
से खाद्यान्न
खराब होने का
प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खाद्यान्न का परिवहन एवं भण्डारण तथा डबल लॉक की सुविधा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 377 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के उपार्जन, परिवहन और भंडारण के क्या नियम, निर्देश विगत 03 वर्षों से वर्तमान तक लागू है? (ख) क्या कटनी में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के उपार्जन एवं परिवहन तथा भंडारण में अनियमितताओं के विगत 03 वर्षों में प्रकरण संज्ञान में आये है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रकरण किस प्रकार ज्ञात हुये और प्रकरणों में क्या कार्यवाही किसके विरूद्ध क्यों की जा रही है? (ग) क्या कलेक्टर कटनी द्वारा पत्र क्रमांक- 549, दिनांक 07.02.2023 से प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित मुख्यालय भोपाल के डबल लॉक केन्द्र स्थापित करने बावत् पत्र लिखा गया था, यदि हाँ तो पत्र पर आज दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराईये और जानकारी दें की तहसील ढीमरखेड़ा में उर्वरक के डबल लॉक केन्द्र किस प्रकार और कब तक खोला जायेगा? (घ) क्या मझगंवा ओपन वेयर हाउस में सुपरवाईजर के पद पर कार्यरत श्री रविकांत कुशवाहा की गुमशुदगी की सूचना दिनांक 23.06.2022 को थाना बड़वारा में दर्ज की गई थी, यदि हां तो प्रकरण की अद्यतन स्थिति और प्रकरण में की गई जाँच से अवगत कराइये?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के उपार्जन, परिवहन और भण्डारण जारी उपार्जन नीति के प्रावधान अनुरूप किया जाता है। विगत 03 वर्ष से वर्तमान तक लागू नियम व निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के उपार्जन, परिवहन एवं भण्डारण में विगत 03 वर्षों में पाई गई अनियमितताओं एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हां। कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा में उर्वरक के लिए डबल लॉक केन्द्र खोलने की कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा की जा रही है। (घ) जी हां। मझगंवा वेयर हाउस में सुपरवाईजर के पद पर कार्यरत श्री रविकांत कुशवाहा की गुमशुदी की रिपोर्ट श्री राजकुमार कुशवाह पिता श्री प्रेमलाल कुशवाह निवासी ग्राम भदोरा नंबर 1 थाना बड़वारा द्वारा दिनांक 22.06.2022 को बड़वारा थाना में दर्ज कराई गई। गुमशुदी की जांच के दौरान श्री रविकांत कुशवाह की मृत्यु की सूचना मिलने पर थाना बड़वारा मर्ग कायम कर जांच की गई जांच में किसी संज्ञेय अपराध नहीं पाए जाने पर मर्ग डायरी एस.डी.एम. कटनी के आदेश दिनांक 26.06.2023 को मर्ग फाईल किया गया।
शासन की राशि का व्यय एवं अवैध कटाई
[वन]
15. ( क्र. 401 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र बड़ा मलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गये शासन द्वारा कितना व्यय किया गया सम्पूर्ण विवरण दें? (ख) क्षेत्र में अवैध रूप से जंगल से पत्थर, लकड़ी की अवैध तस्करी की जा रही है? जिससे शासन को क्षति हो रही है। (ग) सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को जंगलों के मुआयना हेतु जो निर्देश जारी किये गये हैं उनके तहत किन-किन अवधियों में मानीटरिंग की गई उसकी अवधि सहित जानकारी दें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वनमंडल छतरपुर अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र बड़ा मलहरा में बिगड़ें वनों का सुधार कार्य, वृक्षारोपण, क्षतिपूर्ति, वैकल्पिक वृक्षारोपण, कूप मार्किंग एवं कटाई, कूप उपचार कार्य, अग्नि लाईन कटाई एवं जलाई, अग्नि सुरक्षा, मुनारा मरम्मत, मुनारा निर्माण, भवन निर्माण, वन मार्ग मरम्मत इत्यादि कार्य कराये गये। उक्त कराये गये कार्यों में वर्षवार निम्नानुसार राशि व्यय की गई है :-
वर्ष |
व्यय की गई राशि (रूपयों में) |
2020-21 |
54390000 |
2021-22 |
38870068 |
2022-23 |
38479092 |
2023-24 |
17805657 |
(ख) वनमंडल छतरपुर अंतर्गत परिक्षेत्र बड़ा मलहरा में क्षेत्र में अवैध रूप से जंगल से पत्थर, लकड़ी की कोई अवैध तस्करी नहीं हो रही है। (ग) सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को जारी निर्देशों के तहत् बीट रोस्टर अनुसार प्रतिमाह वनमंडलाधिकारी, उप वनमंडलाधिकारी, परिक्षेत्राधिकारी एवं परिक्षेत्र सहायकों द्वारा नियमित रूप से बीट निरीक्षण किया जाता है, इसके अतिरिक्त वनों की सुरक्षा हेतु वनक्षेत्रों में रात्रि गश्ती भी की जाती है।
अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति
[वन]
16. ( क्र. 409 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव वन विभाग की अध्यक्षता में वनभूमि से संबंधित विवादों एवं समस्याओं को लेकर शासन ने वर्ष 2019 एवं वर्ष 2023 में समितियों का गठन किया है। (ख) यदि हाँ, तो किस आदेश दिनांक से किस-किस की समिति का गठन किन-किन विवादों एवं समस्याओं के संदर्भ में किया जाकर समिति को क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं? किस-किस समिति को वन भूमि एवं राजस्व भूमि के किन-किन विवादों से संबंधित क्या-क्या जिम्मेदारी दी है? (ग) दिनांक 6 फरवरी 2020 को समिति ने किस-किस के हस्ताक्षर से किस-किस विषय पर क्या-क्या सुझाव एवं क्या-क्या सिफारिश सरकार के समक्ष प्रस्तुत की उसमें से किस-किस पर प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) दिनांक 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत किस सुझाव एवं किस सिफारिश पर राज्य शासन कब तक आदेश, निर्देश, अधिसूचना जारी करेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) राज्य शासन ने अपर मुख्य सचिव वन की अध्यक्षता में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 29.05.2019 से वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मध्य नारंगी क्षेत्र (Orange Area) वन राजस्व भूमि विवादों के निपटारे की प्रक्रिया के संबंध में टास्क फोर्स गठित की है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 27.12.2023 से वन विभाग से संबंधित मुद्दों के निराकरण एवं लम्बित प्रस्तावों की समीक्षा के लिए समिति गठित की है। (ग) दिनांक 06.02.2020 को शासन आदेश 2019 में गठित समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर से रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की है। रिपोर्ट के हिन्दी अनुवाद की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई एवं न ही कोई आदेश, निर्देश, अधिसूचना जारी नहीं किए गए। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
वन मंडल द्वारा किये गये कार्य
[वन]
17. ( क्र. 528 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वन मंडल द्वारा वर्ष 2020 से वर्तमान तक कितने निर्माण कार्य वनक्षेत्रों में कराये गये हैं? (ख) वनक्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिये पीने योग्य पानी हेतु पानी के कितने होज बनाये गये है तथा जानवरों के भोजन की क्या व्यवस्थायें की गई है, सूची उपलब्ध करावें? (ग) बड़वानी जिले के अंतर्गत वनक्षेत्रों में शासन के निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार सरकारी निर्माणों की अनुमतियां नियमानुसार ली गई है अथवा नहीं की जानकारी से अवगत करावें? (घ) बांस मिशन योजना के अंतर्गत बड़वानी वनमण्डल में कितने हेक्टेयर में बांस रोपड़ किया गया है साथ ही कितने काश्तकारों को उक्त योजना के अंतर्गत लाभांवित किया गया है? काश्तकरों को आवंटित बांसों की संख्या एवं मूल्यांकन की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ड.) वृक्षारोपण अंतर्गत वनमण्डल द्वारा कितने हेक्टेयर में वृक्षारोपण किया गया है उसकी वर्ष 2020 से वर्तमान स्थिति तक की जानकारी से अवगत करावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बड़वानी जिले अंतर्गत वन मण्डल बड़वानी एवं वन मंडल सेंधवा हैं। वन मण्डल बड़वानी (सामान्य) अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में वन क्षेत्रों में कोई निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं। वन मण्डल सेंधवा (सा.) में 03 वनरक्षक भवन निर्माण कराये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले में वन मण्डल बड़वानी एवं सेंधवा अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों की नियमानुसार स्वीकृतियां ली गई हैं। (घ) वन मण्डल बड़वानी (सामान्य) में बांस मिशन योजना अंतर्गत बांस रोपण, लाभान्वित कृषकों एवं मूल्यांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वन मण्डल सेंधवा अंतर्गत इस प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत विभिन्न कार्यों के स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 575 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि एवं आदिवासी बस्ती विकास मद की राशि स्वीकृत किये जाने का क्या प्रावधान है तथा उक्त मदों से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जा सकते है? उपरोक्त मदों से निर्माण कार्य स्वीकृत कराये जाने में स्थानीय विधायकों की क्या भूमिका होती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अनूपपुर में प्रशासन द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि एवं जनजातिय कार्य विभाग के निर्माण कार्यों हेतु प्रेषित पत्रों को दरकिनार कर प्रशासकीय प्रस्ताव अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो किन कारणों से सांसद, विधायकों के प्रस्ताव को सम्मिलित नहीं किया गया है, इसके लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या स्थानीय सांसद, विधायकों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान किये गये निर्माण कार्यों की घोषणा का प्रस्ताव प्रशासन को कार्य योजना में सम्मिलित नहीं करने के क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में खनिज प्रतिष्ठान निधि मद अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं आदिवासी बस्ती विकास मद अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार राशि एवं कार्य स्वीकृत किये जाने के प्रावधान है। उक्त मद अंतर्गत कार्य स्वीकृत किये जाने के लिये स्थानीय विधायकों की भूमिका पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' में प्रावधान अनुसार हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में माननीय सांसद एवं विधायकों द्वारा कार्य स्वीकृति के लिये प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृति की कार्यवाही हेतु कार्य योजना में सम्मिलित किया जाता हैं जिस पर नियमानुसार योजनान्तर्गत बजट उपलब्ध की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाते हैं।
छात्रावास की सुविधाओं में सुधार
[अनुसूचित जाति कल्याण]
19. ( क्र. 591 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की विधानसभा चाचौड़ा के अंतर्गत कितने अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रावास संचालित हैं व कितने प्रस्तावित है और जो प्रस्तावित है उनकी लोकेशन एवं लागत राशि क्या है? (ख) यहां के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा संचालित बालक/बालिका छात्रावासों को कब तक उत्कृष्ट छात्रावास घोषित कर दिया जावेगा? (ग) क्या पूर्व से विधानसभा चाचौड़ा में संचालित छात्रावास की मूलभूत सुविधाओं में सुधार का प्रस्ताव है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा चचौंड़ा अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के 08 छात्रावास संचालित है। नवीन छात्रावास प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लोक परिसम्पत्तियों के संधारण मद से छात्रावास की मूलभूत सुविधाओं में सुधार किये जाते है।
शिक्षकविहीन शालाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 603 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल की कुल कितनी शालाएं संचालित है? कृपया ग्रामवार, शालावार के प्रकार सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) उक्त शालाओं में कितने पद सृजन है? या शिक्षा के अधिकार अधिनियम अंतर्गत कितने शिक्षक पदस्थ होना चाहिए? कृपया शालावार जानकारी प्रदाय करें तथा यह भी बताये की वर्तमान में कितने स्थाई शिक्षक कौन सी शाला में पदस्थ है तथा यह भी बताये की कुल कितने स्थाई शिक्षक के पद रिक्त है? कृपया रिक्त पदों की जानकारी शालावार प्रदान करें। (ग) क्या उक्त पदों की पूर्ति हेतु अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की गई है? हां तो अतिथि शिक्षक का नाम, शाला का विवरण सहित जानकारी देवें तथा यह भी बतायें की कितनी शालाएं शिक्षकविहीन है? उनकी शाला का नाम सहित जानकारी देवें। उपरोक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी? नहीं तो क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 375 प्राथमिक विद्यालय, 116 माध्यमिक विद्यालय, 23 हाईस्कूल एवं 15 हायर सेकेण्ड्री शालाएं संचालित है। ग्रामवार, शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) हाँ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। 55 शिक्षक विहीन शालाएं है, जिसमें अतिथि शिक्षकों से कार्य लिया जा रहा है। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया निरन्तर है। शेष प्रश्न उपस्थति नहीं होता है।
उपचारित पेयजल का औद्योगिक उपयोग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 620 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पगरा डेम की जलजीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण पेयजल योजना के लिये बिछाई गई लाइनों से ग्राम सौरई के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित औद्यौगिक इकाई/इकाइयों को लगभग 6 इंच पाइप-लाइन के कनेक्शन द्वारा 2 एम.एल.डी. उपचारित पेयजल कनेक्शन देने की स्वीकृति जारी की गई है? (ख) हाँ तो क्या ऐसी स्वीकृति/स्वीकृतियों की प्रति प्रदान करवाएंगे? (ग) अगर प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृति जारी नहीं की गई है तो क्या 3 वर्षों से इस प्रकार भारी मात्रा में अवैध रूप से पेयजल की चोरी कर पेयजल के औद्योगिक उपयोग के दोष के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) वान्छित कार्यवाही कब तक संभव है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नापतौल विभाग कार्यालय की पुनः स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 626 ) श्री सुरेश राजे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा शहर में तहसील भितरवार एवं डबरा क्षेत्र का डबरा में नापतौल कार्यालय स्थापित था जिसे किस कारण कब से बंद किया गया? तहसील भितरवार एवं डबरा क्षेत्र में नापतौल का निरीक्षण कार्य करने हेतु किस दिनांक को किस नापतौल निरीक्षक को कार्य सौंपा गया? निरीक्षक का नाम और संपर्क उपलब्ध करवाएंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तहसील भितरवार एवं डबरा क्षेत्र में वर्तमान में नापतौल का कार्य देख रहे नापतौल निरीक्षक ने माह अप्रैल 2022 से जनवरी 2024 तक किस दिनांक को भितरवार एवं डबरा में किस दुकान/फर्म का निरीक्षण किया? निरीक्षण का क्या परिणाम हुआ? क्या जनसुविधा की दृष्टि से डबरा शहर में पुनः नापतौल कार्यालय स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावेंl
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालय निरीक्षक नापतौल डबरा को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग म.प्र.शासन के आदेश क्रमांक एफ-3420 (7-1)/ 2021/29-2, भोपाल, दिनांक 28.01.2022 के द्वारा जिला कार्यालय ग्वालियर में समायोजित किया गया है। उक्त आदेश के द्वारा विभाग के 08 तहसील कार्यालयों को जिला कार्यालयों में समाहित किया गया है। माह 08/2020 से नापतौल उपकरणों के सत्यापन/मुद्रांकन की सेवायें आनलाईन संचालित हो रही है जिसमें आवेदक को किसी भी स्थान से आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध है। विभाग द्वारा तहसील व इसके अधीनस्थ कस्बों स्तर पर शिविर आयोजित कर कार्यवाही संपादित की जाती है। नापतौल संबंधी गड़बड़ी के संबंध में उपभोक्ता द्वारा शिकायत आनलाईन सी.एम. हेल्पलाईन पर या नियंत्रक नापतौल की ई मेल आई.डी. cwmbhomp.nic.in पर या भारत सरकार के कंजूमर हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज की जाती है। शिकायत ऑनलाईन दर्ज/प्राप्त होने की अनुपलब्धता की स्थिति में उपभोक्ताओं को कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं रहती है। वेतन संबंधी समस्त कार्य भोपाल मुख्यालय स्तर पर संचालित होते हैं जिला मुख्यालय पर स्थित अधिकतर कार्यालय शासकीय भवन में संचालित है। तहसील कार्यालय शासकीय भवनों में होकर प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे थे जिससे शासन का किराये के रूप में लाखों रूपये का वार्षिक व्यय हो रहा था। अत: तहसील कार्यालयों को जिला कार्यालयों में समायोजित किया गया है। उक्त आदेश से निरीक्षक नापतौल से संबंधित कार्यक्षेत्र समाप्त नहीं किये गये है। निम्नलिखित निरीक्षकों को डबरा एवं भितरवार क्षेत्र में कार्य कराने हेतु आदेशित किया गया है- 1. श्री व्ही.एस.सिंघानिया दिनांक 26.08.2021 से दिनांक 04.06.2023 तक मोबाईल नं. 9826575373 2. श्री सुदीप शर्मा दिनांक 05.06.2023 से निरंतर मोबाईल नं. 7771878555 (ख) माह अप्रैल 2022 से जनवरी 2024 तक किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नहीं। डबरा निरीक्षक कार्यालय जिला कार्यालय में समायोजित होने के पश्चात डबरा भितरवार तहसीलों का कार्य सुगमतापूर्वक संपादित किया जा रहा है। अत: कार्यालय को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
वन भूमि से संबंधित गठित समितियां
[वन]
23. ( क्र. 662 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग की अध्यक्षता में वर्ष 2019 एवं वर्ष 2023 में वन भूमि से संबंधित विभिन्न विषयों के संबंध में कौन-कौन सी समिति गठित की तथा समिति के किस-किस सदस्य के हस्ताक्षर से दिनांक 6 फरवरी 2020 को रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत की गई? वर्ष 2023 में गठित समिति की किस-किस दिनांक को बैठक आयोजित की गई? (ख) राज्य में वन विभाग वर्तमान में किस जिले में कितनी-कितनी अतिरिक्त वन भूमि, सुरक्षित वन भूमि, अतिरिक्त वन बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि, असमांकित वन भूमि, नारंगी वन भूमि, राजस्व वन भूमि प्रतिवेदन कर रहा है? राजस्व विभाग कितने बड़े झाड़ के जंगल एवं छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि प्रतिवेदित कर रहा है? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग ने वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा प्रतिवेदित भूमियों से संबंधित किन-किन विवादों के संबंध में वर्ष 2023 दिसंबर में समिति का गठन किया है? इनमें से किन-किन विषयों से संबंधित 6 फरवरी 2020 की बैठक की गई एवं बैठक में क्या-क्या सुझाव एवं सिफारिशें की गई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) राज्य शासन ने अपर मुख्य सचिव वन की अध्यक्षता में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 29.05.2019 से वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मध्य नारंगी क्षेत्र (Orange Area) वन राजस्व भूमि विवादों के निपटारे की प्रक्रिया के संबंध में टास्क फोर्स गठित की है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 27.12.2023 से वन विभाग से संबंधित मुद्दों के निराकरण एवं लम्बित प्रस्तावों की समीक्षा के लिए समिति गठित की है। वर्ष 2019 में गठित समिति के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर से दिनांक 06.02.2020 को रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत की गई है। वर्ष 2023 में गठित समिति की बैठक दिनांक 08.01.2024 व 29.01.2024 को आयोजित की गई है। (ख) वन विभाग किस जिले में कितनी अतिरिक्त वनभूमि, सुरक्षित वनभूमि, अतिरिक्त वन बनाने के लिये प्रस्तावित भूमि की जानकारी संधारित नहीं करता है, अपितु वन विभाग के अधीन संरक्षित, आरक्षित एवं असीमांकित वन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी राजस्व विभाग से संबंधित होने से एकत्रित की जा रही है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 27.12.2023 से गठित समिति शासन के द्वारा किए जा रहे वनभूमि व्यपवर्तन के लम्बित प्रस्तावों की समीक्षा एवं निराकरण के लिए बनाई गई है। प्रश्नाधीन दोनों समितियां अलग-अलग उद्देश्यों से बनाई गई है जिनका परस्पर कोई संबंध नहीं है।
ग्रामवार हैंडपंपों
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 714 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितने हैण्डपम्प स्थापित है ग्रामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित हैंडपंपों में कितने चालू है कितने बिगड़े हैं ग्रामवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित हैंडपम्पों में कितने भू-पाईप बकाया हैं, ग्रामवार बताएं? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित हैण्डपम्प बिगड़ने का क्या कारण है कब तक सुधार होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित हैंडपंपों में वर्तमान में नलकूप के भूजल स्तर के अनुसार भू-पाइप (राइजर पाइप) स्थापित हैं। अत: किसी भी ग्राम के नलकूप में भू-पाइप (राइजर पाइप) बकाया नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में उपयंत्री का पदभार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 715 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा विभाग में निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों को उपयंत्री के पद पर पदोन्नति हेतु कौन-कौन से नियम एवं आदेश प्रचलित है? (ख) वर्तमान में विभाग में निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों की पदोन्नति एवं प्रभार दिये जाने हेतु विचाराधीन प्रकरणोंवार विवरण नाम एवं पद सहित, बताया जावे? (ग) निचले पदों पर नियमित स्थापना में तकनीकी पद पर कार्यरत कर्मचारियों जिनके पास 03 वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा/पार्ट टाईम डिप्लोमा पद पर 10 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक सेवा पूर्ण कर चुके है। उनकी पदोन्नति कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) की प्रक्रिया विलम्ब होने की दशा में प्रभारी उपयंत्री का पदभार दिये जाने एवं पदोन्नति किये जाने की कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभाग में निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों को उपयंत्री के पद पर पदोन्नति हेतु मध्यप्रदेश, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (अराजपत्रित) सेवा (सेवा की शर्तें तथा भर्ती) नियम, 2011 है। (ख) वर्तमान में पदोन्नति एवं प्रभार दिये जाने संबंधी नियम/निर्देश अनुपलब्ध होने से कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 734 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में कितनी नल-जल योजना निर्माणाधीन हैं एवं कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृति हेतु विचाराधीन है? (ख) निर्माणाधीन नल-जल योजनाओं का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) इसी प्रकार विचाराधीन नल-जल योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 119 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 01 समूह जल प्रदाय योजना (संगम घाट) निर्माणाधीन है। 01 ग्राम (ग्राम-मसानबर्रा) की एकल ग्राम नल-जल योजना स्वीकृति हेतु परीक्षणाधीन है। (ख) निर्माणाधीन 119 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है, संगम घाट समूह जल प्रदाय योजना का कार्य माह अप्रैल 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
अधिसूचित भूमि को डिनोटिफाइड करना
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 741 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त आदिम जाति कल्याण एवं उपायुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग, नर्मदापुरम को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि अपर कलेक्टर, नर्मदापुरम का पत्र क्रं. 397/ रीडर/2023 नर्मदापुरम दिनांक 04.04.2023 के संदर्भ में जानकारी दी गयी कि ''मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) की उपधारा (एक) में राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार तहसील होशंगाबाद को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है, जिसके अनुसार तहसील होशंगाबाद में अनुसूचित जनजाति वर्ग के भूमिस्वामी का अधिकार ऐसे व्यक्ति को जो ऐसी जनजाति का न हो, द्वारा विक्रय या अन्यथा या उधार संबंधी किसी संव्यवहार के परिणामस्वरूप न हो अंतरित किया जावेगा और न ही अंतरणीय होगा।'' (ख) क्या अपर कलेक्टर, नर्मदापुरम के पत्र से स्पष्ट है कि वर्तमान होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) तहसील क्षेत्र अधिसूचित क्षेत्र (आदिवासी) में आता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) तहसील क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र के अनुसार जो सुविधाएं (विकास कार्यों हेतु अनुसूचित जाति/जनजाति मद से राशि आवंटन, शासकीय कर्मचारियों को ट्रायबल अलाउंस आदि) केसला क्षेत्र को दी जाती है, दी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जानकारी दें कि वर्तमान नर्मदापुरम तहसील अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आती है या नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) तहसील क्षेत्र म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की (6-ग) के तहत धारा 165 (6) के खंड (एक) के प्रयोजनों के लिए अधिसूचित क्षेत्र में आता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ग) विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवंटन से नियमानुसार विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। ट्रायबल अलाउंस अधिसूचित विकासखण्ड केसला हेतु दिया जाता है। विकासखण्ड केसला म.प्र.भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6-ड़) के अंतर्गत भारत के असाधारण राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दि. 31.12.1977 के तहत अनुसूचित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। ट्रायवल अलाउंस व अन्य सुविधाओं का प्रावधान उपरोक्त वर्णित अधिसूचना द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों के लिए है। तहसील होशंगाबाद (वर्तमान तह. नर्मदापुरम) म.प्र.भू.राजस्व संहिता की धारा 165 (6) (ग) के तहत राज्य शासन द्वारा अधिसूचना दिनांक 26.01.1977 द्वारा अधिसूचित की गयी है। अत: ट्रायबल अलाउंस व अन्य सुविधाएं केसला विकासखण्ड हेतु प्रावधानित है, होशंगाबाद तहसील हेतु नहीं। (घ) म.प्र. भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा (6-ग) के अनुसार राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 26.01.1977 के तहत आती है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 782 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में अधीक्षकीय कार्य हेतु अनुसूचित जाति, जनजाति के अधीक्षक रखने के क्या निर्देश हैं? (ख) दतिया जिले में संचालित छात्रावासों में कौन-कौन वर्ग के अधीक्षक कार्यरत हैं तथा शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के शिक्षकों की पृथक-पृथक जानकारी की सूची दें। (ग) क्या शासन द्वारा अनु.जाति/जनजाति के अधीक्षक रखे जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. विजय शाह ) : (क) अनुसूचित
जाति, जनजाति
वर्ग के
अधीक्षक रखने
के निर्देश की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख)
दतिया जिले
में जनजातीय
विभाग का एक भी
छात्रावास
संचालित नहीं
है। एक मात्र
कन्या आश्रम
संचालित है।
जिसमें
अनुसूचित
जाति वर्ग की
एक महिला
कर्मचारी
कार्यरत है, जो शिक्षा
विभाग की है। (ग)
अनुसूचित
जाति, जनजाति
वर्ग के
अधीक्षक
प्राथमिकता
के आधार पर
पदस्थ किये
जाने के
निर्देश है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "चौबीस"
आदर्श ग्राम योजना के तहत कराए गए कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
29. ( क्र. 808 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) किस-किस
ग्राम पंचायत
में आदर्श
ग्राम योजना संचालित
है? संचालित
करने के क्या
नियम है?
नियम
के बारे में
सम्पूर्ण
जानकारी सहित
विवरण सहित
उपलब्ध कराये? (ख) प्रधानमंत्री
आदर्श ग्राम
योजना में
जिला स्तर से
कौन-कौन से
कार्य स्वीकृत
किये गये है
स्वीकृत
कार्यों की
सूची सहित निर्माण
कार्य की
स्थिति सहित
अवगत करायें? (ग) प्रधानमंत्री
आदर्श ग्राम
योजना में
स्ट्रीट लाईट
की किस ग्राम
पंचायत के
द्वारा अग्रिम
राशि निकाली
गई है? निकाली
गई राशि के
बारे में
सम्पूर्ण
जानकारी
बताये? ग्राम
पंचायत
वनगांय के
आदर्श ग्राम
टोरिया
सुकलान में कुल
कितनी राशि
विकास
कार्यों के
लिये प्राप्त
हुई? कौन-कौन
से विकास
कार्य कराये
गये? उनका
भौतिक
सत्यापन सहित
बतायें?
जो
विकास कार्य
नहीं कराये
गये हैं उनकी
राशि एवं
कार्यों की
जानकारी दी
जाये।
वन
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जिले
में योजना
अंतर्गत
चयनित आदर्श
ग्रामों की
संख्या जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है।
योजना संचालन
के नियम की
सम्पूर्ण जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है।
(ख) जिला स्तर
पर योजना
अंतर्गत स्वीकृत
कार्यों की
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-'स' एवं परिशिष्ट-द
अनुसार है।
दोषियों के ऊपर कार्यवाही
[वन]
30. ( क्र. 861 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया वन परिक्षेत्र के बीट पुर्वा में गुलबघा की हत्या शिकारियों द्वारा किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई जिसके संबंध में वन मण्डलाधिकारी वन मण्डल रीवा को प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर पत्र लिखा गया जिसकी पावती दिनांक 15.01.2024 को प्राप्त हुई अतएव शिकायती आवेदन अनुसार जांच एवं कार्यवाही की स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शिकायती आवेदन पत्र में वन्य प्राणियों का शिकार एवं हत्या करने वाले सरगना के नाम का उल्लेख भी है उनके ऊपर पूर्व में भी वन्य प्राणियों का शिकार कर हत्या करने के प्रकरण चल रहे हैं हत्या में शामिल कुछ आरोपियों को पकड़ कर जेल भेजा गया है इन पकड़े गये आरोपियों द्वारा शिकार करने वाले सरगना के नाम का भी खुलासा किया गया लेकिन आरोपी नहीं बनाया गया अगर घटना दिनांक के दौरान प्रश्नांश (क) के शिकायती आवेदन में उल्लेखित नाम के व्यक्ति के मोबाईल की कॉल डिटेल एवं श्री संजय सिंह परिहार रेंजर/डिप्टी रेंजर के मोबाईल के कॉल डिटेल का मिलान किया जाये तो मुख्य आरोपी एवं रेंजर की संलिप्तता का खुलासा हो सकता है श्री परिहार मुख्य आरोपी के सगे रिश्तेदार है जो आरोपी को बचाने में संलिप्त है, इन उल्लेखित तथ्य अनुसार क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे जिसमें मुख्य आरोपी की पहचान की जा सकें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वन्य प्राणियों के शिकार कर हत्या करने वाले के घर में वन्य प्राणियों के सींग, चमड़े शिकार के समय उपयोग किये जाने वाले अस्त्र-शस्त्र के साथ अन्य सामग्रियां तात्कालीन सी.सी.एफ. द्वारा छापामारी की कार्यवाही कर जब्ती बनाई गई थी लेकिन आपराधिक कार्यवाहियां नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के पत्र एवं शिकायती आवेदन अनुसार मुख्य अभियुक्त को पकड़ने एवं वन्य अधिनियम के तहत कार्यवाही हेतु निर्देश देंगे जिससे गरीब अनुसूचित जनजाति के लोगों को मजदूरी देकर जंगली जानवरों का शिकार कराया जाकर तस्करी की जाती है मुख्य तस्कर/आरोपी को नहीं पकड़ा गया क्यों? मुख्य आरोपी के विरूद्ध वन्य अधिनियम अनुसार कार्यवाही बावत् निर्देश देंगे जिससे आये दिन हो रही वन्य प्राणियों की तस्करी हेतू हत्या शिकार कर की जाती है इस कृत्य के मुख्य आरोपी को पकड़ कर मामले का खुलासा किये जाने बाबत् क्या आदेश देंगे समय-सीमा बताते?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हां। मृत तेन्दुआ को चिकित्सकीय परीक्षण कराकर नियमानुसार उसके शरीर के संपूर्ण अवयवों सहित दिनांक 09.01.2024 को जलाकर नष्ट किया गया था। मृत तेन्दुआ को फंदा लगाकर मारे जाने वाले आरोपियों श्री महेन्द्र पिता राजेश कोल, श्री रजनीश पिता जगन्नाथ कोल एवं दिलीप पिता सुग्रीव कोल प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये थे, जिनके विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 216/21, दिनांक 08.01.2024 दर्ज करते हुए आरोपियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिन्हें माननीय न्यायालय में न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। (ख) शिकायती आवेदन पत्र में उल्लेखित श्री हूतेश्वर सिंह (छोटन सिंह) पता- ग्राम बम्हनी अजमेर, सेमरिया के हैं, जो वर्तमान में रीवा में निवासरत हैं। उनके ऊपर पूर्व वन्य प्राणियों का शिकार करने के संबंध में वन अपराध क्रमांक 10799/18, दिनांक 29.10.1998 एवं क्रमांक-10799/20, दिनांक 04.11.1998 दर्ज कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। दिनांक 08.01.2024 को तेन्दुआ को फंदा लगाकर मारने वाले आरोपियों द्वारा शिकायत में उल्लेखित श्री हूतेश्वर सिंह (छोटन सिंह) का नाम नहीं लिया गया है। जांच में श्री ह्तेश्वर सिंह (छोटन सिंह) के विरूद्ध कोई साक्ष्य/संदिग्धता नहीं पाये जाने के कारण आरोपी नहीं बनाया गया है। पूछताछ में श्री संजय सिंह परिहार, वन परिक्षेत्र अधिकारी सेमरिया एवं श्री छोटे लाल सिंह, परिक्षेत्र सहायक सेमरिया के श्री हूतेश्वर सिंह (छोटन सिंह) से वन अपराध के संबंध में संलिप्तता प्रथम दृष्टया नहीं पायी गई। जांच में श्री संजय सिंह परिहार, वन परिक्षेत्र अधिकारी सेमरिया का श्री हूतेश्वर सिंह (छोटन सिंह) से सगी रिश्तेदारी होना नहीं पाया गया है। अत: बचाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री हूतेश्वर सिंह (छोटन सिंह) के विरुद्ध वन्यप्राणियों का शिकार करने तथा उनके घर में वन्यप्राणियों के सिंग, चमड़ा/शिकार में उपयोग में किये जाने वाले अस्त्र-शस्त्र या वन्यप्राणियों से संबंधित अन्य सामग्री जप्त किये जाने संबंधी साक्ष्य या विवरण अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है, इसलिए तत्समय उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन प्रकरण में मुख्य आरोपियों को पकड़कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 862 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के बसामन मामा में संचालित गौ-अभ्यारण्य/गौशाला के संचालन हेतु शासन के क्या निर्देश है प्रति देते हुये बतावें, इनके संचालन दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितनी राशि किन-किन माध्यमों से कब-कब प्राप्त हुई है का विवरण योजना संचालन दिनांक से वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजना के संचालन में कितनी राशि व्यय की गई का विवरण संचालन दिनांक से वर्षवार प्रश्नांश दिनांक तक का पृथक-पृथक देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार व्यय की गई राशि के तुलनात्मक स्थिति का विवरण देते हुये बतावें कि प्राप्त राशि और खर्च की राशि में कितना अंतर प्रतिमाह व वर्ष में रहता है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजना में कितने गौवंश संचालन दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक उपलब्ध है का विवरण प्रतिमाह वर्षवार योजना संचालन से देवें, इनमें से कितने गौवंशों (गायों/बैलों) की मृत्यु हुई का विवरण उपरोक्त अवधि अनुसार माहवार, वर्षवार देवें इनके मृत्यु का कारण भी बतावें?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कराये गए कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
32. ( क्र. 931 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत पिछले 5 वर्षों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य करवाए गए सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2023-2024 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत मंदसौर जिले हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है और प्राप्त राशि से गरोठ विधान सभा में कुल कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं, सूची उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत मंदसौर जिले को राशि रूपये 52.69 लाख आवंटित की गई। जिसमें 04 कार्यों के लिए राशि रूपये 40.00 लाख की स्वीकृति जारी की गई है, गरोठ विधानसभा क्षेत्र की जानकारी निरंक है।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 948 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत नल-जल योजना का कार्य संचालित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध करावें और नवीन प्रस्तावित योजनाओं की सूची भी उपलब्ध करावें। (ग) संचालित किये जा रहे कार्यों और विभाग द्वारा ठेकेदार को कितने-कितने का भुगतान किया गया है? भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) इन कार्यों का विभाग के किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को भौतिक सत्यापन गुणवत्ता की जाँच की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) क्या धरमपुरी विधान सभा प्रगतिरत कार्य की गुणवत्ता की जाँच के दौरान गुणवत्ता में कमियां पाई गईं? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों की गुणवत्ता में कमियां पाई गई हैं और सम्बंधित ठेकेदार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? गुणवत्ता में पाई गई कमी और सबंधित ठेकेदार पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त स्वीकृत 03 समूह जल प्रदाय योजना क्रमश: लोवर नर्मदा, मान डेम एवं अपर नर्मदा में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के सम्मिलित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के अंतर्गत ठेकेदारों को किए गए कुल भुगतान राशि रू.72.85 करोड़ का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत लोवर नर्मदा समूह जल प्रदाय योजना में राशि रू.1.34 करोड़ का भुगतान एजेंसी डब्लू.पी.आइ.एल. कोलकाता को किया गया है। (घ) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत स्थल पर कार्य अप्रारंभ है। (ड.) कार्यों की भौतिक जांच में गुणवत्ता में कमी की स्थिति में संबंधित फर्म/ठेकेदार से सुधारात्मक कार्यवाही करवाई जाती है, अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत विलंब हेतु संबंधित ठेकेदार के उत्तरदायी पाए जाने पर अंतिम देयक का निराकरण करते समय नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही की जाती है, अंतिम देयकों का निराकरण शेष है।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
[वन]
34. ( क्र. 949 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी बाहुल्य धरमपुरी विधान सभा में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गए हैं? कार्यवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) इन कार्यों में से कौन-कौन से पूर्ण, अपूर्ण और प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे? इन कार्यों में किन-किन की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (घ) क्या धरमपुरी विधानसभा में विभाग द्वारा नवीन कार्यों के प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो प्रस्ताव कब तक भेजे जायेंगे?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन मण्डल धार अंतर्गत धरमपुरी विधान सभा में 01 जनवरी, 2019 से आज दिनांक तक वनरक्षक भवन निर्माण, अपनी दुकान निर्माण, परिक्षेत्र सहायक भवन, परिक्षेत्र कार्यालय भवन के निर्माण हेतु कुल राशि रूपये 113.70 लाख स्वीकृत की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश ''ख'' के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत कार्य प्रगतिरत है जिन्हें दिनांक 31.03.2024 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (घ) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अन्य नवीन कार्यों के प्रस्ताव नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग द्वारा किये गये कार्य
[वन]
35. ( क्र. 1057 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है? (ख) क्या उक्त योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अंतर्गत वृक्षारोपण (सामाजिक वानिकी) के अंतर्गत वृक्ष/ पौधे रोपे गये है? यदि हाँ, तो दतिया जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने पौधे (वृक्ष) किन-किन स्थानों पर रोपे गये है (लगाये गये है)। कृपया स्थानों के नाम सहित वर्षवार पौधों की संख्या एवं व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण दें। (ग) उक्त पौधारोपण (लगाये गये वृक्षों) की वर्तमान में क्या स्थिति है? कृपया जीवित पौधों की संख्या का विस्तृत विवरण उपलब्ध करायें। (घ) वृक्षारोपण के अलावा जिला दतिया वन विभाग के द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अंतर्गत किस-किस मद में कितने-कितने कार्यों पर कितनी-कितनी धन राशि व्यय की गई है। वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हां। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
हैण्डपंप एवं नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 1058 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिला में वर्ष 2021 से 2023 तक कितने-कितने हैण्डपम्प लगाये गये तथा कितने-कितने हैण्डपम्प खराब हुए है तथा कितने-कितने हैण्डपम्प उक्त वर्षों में सुधरवाये गये? उक्त कार्यों पर कितना व्यय किया गया? कृपया वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) दतिया जिला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल हेतु नल-जल योजनाएं भी संचालित हो रही है? यदि हां, तो कितनी योजनाएं संचालित है तथा क्या उक्त नल-जल योजनाओं से वर्तमान में पेयजल सप्लाई किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कृपया अलग-अलग जानकारी दें। (ग) क्या बुंदेलखण्ड पैकेज-2 अंतर्गत नल-जल योजनाएं एवं हैण्डपम्प उत्खनन हेतु कितनी-कितनी धनराशि दी गई थी? कृपया अलग-अलग जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ, दतिया जिले में वर्तमान में 219 ग्रामों में एकल/समूह जलप्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण कर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) दतिया जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज-2 अंतर्गत म.प्र.जल निगम की उदगवां समूह जल प्रदाय योजना लागत रूपये 92.98 करोड़ वर्ष 2014-2015 में स्वीकृत हुईं थी, जिसका कार्य पूर्ण होकर योजना से नियमित जल प्रदाय किया जा रहा है। हैण्डपंप उत्खनन के लिए कोई धन राशि नहीं दी गई।
वन विभाग के विश्राम गृह की जानकारी
[वन]
37. ( क्र. 1072 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अन्तर्गत वन विभाग के कितने विश्राम गृह हैं? क्या ऐसे भी विश्राम गृह है जो आजादी के पूर्व के हैं, इनका निर्माण कब हुआ एवं कितने कर्मचारी नियमित पदस्थ हैं? (ख) क्या ऐसे विश्राम गृह है जो जर्जर हो गए हैं? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? इन विश्राम गृह का रिनोवेशन कब हुआ एवं किस ठेकेदार ने क्या कार्य किया? वाउचर की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ग) क्या विश्राम गृह आजादी के पूर्व के हैं? विगत 03 वर्ष में कितना व्यय हुआ? कितनी राशि वार्षिक रखरखाव के लिये दी जा रही है या नहीं? नहीं दी जा रही है तो क्यों? इसका संधारण किस मद से किया जाता है? (घ) क्या विश्राम गृह निवास योग्य है? विश्राम गृह में क्या सुविधाएं हैं? यदि नहीं, तो क्यों? विश्राम गृह के उन्नयन हेतु क्या योजना है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत वन विभाग के कुल 18 विश्राम गृह है। जी हां। आजादी के पूर्व के वन विश्राम गृह में उत्तर सिवनी अंतर्गत 1 वन विश्राम गृह वर्ष 1931-32 में निर्मित, दक्षिण सिवनी अंतर्गत 1 वन विश्राम गृह वर्ष 1905-06 में निर्मित तथा पेंच टाइगर रिजर्व अंतर्गत वन विश्राम गृह रूखड़ वर्ष 1920 में निर्मित, वन विश्राम गृह सकाटा वर्ष 1903 में निर्मित, वन विश्राम गृह कर्माझिरी वर्ष 1907 में निर्मित एवं वन विश्राम गृह घाटकोहका वर्ष 1909 में निर्मित हुये है। उत्तर सिवनी के वन विश्राम गृहों में 5 कर्मचारी तथा दक्षिण सिवनी अंतर्गत 2 कर्मचारी पदस्थ है। पेंच टाईगर रिजर्व अंतर्गत नियमित कर्मचारी पदस्थ नहीं किये गये है, अपितु समीपस्थ पदस्थ कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ख) जी नहीं। कोई भी वन विश्राम गृह जर्जर स्थिति में नहीं है, इसलिए जिम्मेदारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन विश्राम गृहों का रिनोवेशन आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर विभाग द्वारा कराया जाता है। रिनोवेशन कार्य किसी भी ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया है, अतः ठेकेदार को किये गये भुगतान के वाउचर की प्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां। विगत 3 वर्ष में इन पर रूपये 54,96,610/- व्यय किये गये है। उक्त वन विश्राम गृहों की आवश्यकता के आधार पर रखरखाव का कार्य कराने हेतु राशि प्रदाय की जाती है। उत्तर/दक्षिण सिवनी वनमंडलों हेतु रखरखाव योजना क्रमांक - 6218 एवं 9545 से किया जाता है तथा पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी वन विश्राम गृहों का संधारण विकास निधि से किया जाता है। (घ) लामाजोती विश्राम गृह को छोड़कर अन्य समस्त विश्राम गृह निवास योग्य है उनमें विश्राम हेतु आवश्यक सुविधायें उपलब्ध हैं। लामाजोती विश्राम गृह के उन्नयन हेतु प्राक्कलन तैयार करने की प्रक्रिया में है।
पिछले 5 वर्षों में प्राप्त हुई राशि की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
38. ( क्र. 1090 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियमानुसार जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो नियमावली उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग द्वारा छिंदवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति कल्याण समिति का गठन किया गया है? अगर हाँ तो वर्तमान समय में अनुसूचित जाति कल्याण समिति में कौन-कौन जनप्रतिनिधि या व्यक्ति पदाधिकारी एवं सदस्य हैं? जिले में समिति की बैठक पिछले तीन वर्षों में किस-किस तिथि को कितने बार की गई? बैठक की कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि प्राप्त होती है? पिछले 5 वर्षों की जानकारी उपलब्ध करायें साथ ही अनुसूचित जाति कल्याण विभाग छिंदवाड़ा जिले को पिछले 5 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है और विभाग कार्यालय छिंदवाड़ा द्वारा पिछले 5 वर्षों में प्राप्त राशि से जिले की सातों विधानसभाओं को प्रत्येक वर्ष कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है एवं प्रदान की गई राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है प्रत्येक वर्षवार विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सागर जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 73 छात्रावास/आश्रमों में विभागीय अधीक्षक, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। मरम्मत कार्य की गुणवत्ता के संबंध में एक शिकायत प्राप्त, जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। आवश्यकता होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
नलजल योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 1095 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार एवं म.प्र. सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में पेयजल की आपूर्ति हेतु स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के लिये नल-जल योजना एवं जल जीवन मिशन के सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में राशि प्रत्येक पंचायतों में जारी की गई हैं? इसमें स्वीकृति नल-जल योजना लगाये जाने के क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अनूपपुर के किन-किन पंचायतों में जल जीवन मिशन व नल-जल योजना लागू की गई है तथा किन-किन पंचायतों में कितनी-कितनी राशि कितने चरण में स्वीकृत किये गये हैं? (ग) क्या जल-जीवन मिशन व नल-जल योजना के तहत सम्पूर्ण पंचायत में नल लगाकर प्रत्येक घरों में पेयजल की व्यवस्था कराकर प्रत्येक घर को पेयजल की सुविधा मुहैया कराये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के किन-किन पंचायतों में प्रत्येक घरों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नल लगाकर टोंटी सहित की गई हैं तथा कितने घरों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या नल-जल योजना के ठेकेदारों के द्वारा विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में अपने निविदा के कार्यों को पेटी कान्ट्रेक्टर को ठेका के माध्यम से कार्य कराया गया है तथा कान्ट्रेक्टर के द्वारा घटिया किस्म का कार्य किया गया है। जिससे सम्पूर्ण गांव में शासन के मापदण्ड के अनुसार पेयजल की आपूर्ति पूरी विधानसभा की किसी भी पंचायत में नहीं हो रही है तथा पंचायत के सरपंच एवं सचिवों से सांठ-गांठ कर पंचायत को सौंप दिया गया है। अभी भी पंचायत में पेयजल की दिक्कतें जस का तस बना हुआ है। क्या प्रत्येक पंचायतों में उक्त योजना में किये गये भ्रष्टाचार दोषी कौन-कौन है? क्या वसूली की कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उच्च स्तरीय दल गठित कर सघन जांच कराकर दोषी अधिकारियों, ठेकेदारों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही कराकर पुन: नल-जल व जल जीवन मिशन के तहत किये गये पेयजल की व्यवस्था संचालित की जावेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) ग्राम पंचायतों को राशि जारी नहीं की जा रही है, अपितु ग्रामों की नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया जा रहा है, जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक घर को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है, जल जीवन मिशन की गाइडलाइन, भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाइट https://jalshakti.gov.in पर उपलब्ध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं, अनुबंधित कार्यों को ठेकेदारों द्वारा व्यक्तियों को नियोजित कर कराया जाता है। विभाग के तकनीकी अमले के पर्यवेक्षण में निर्धारित मापदंडानुसार कार्य कराए जाते हैं, तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसियों के माध्यम से भी कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण किया जाता है, उपयुक्त गुणवत्ता के निष्पादित कार्यों के माप लेकर विभाग द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (क), (ख) (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्यवाही
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
40. ( क्र. 1097 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीब बेरोजगार लघु सीमांत कृषकों को रोजगार से जोड़े जाने हेतु व गरीबी उन्मूलन हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य योजना प्रारंभ की गई है? यदि हां तो नियमावली उपलब्ध कराये तथा किन-किन लोगों को उक्त योजना की पात्रता है? (ख) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत सामाजिक कार्यकर्ता, श्री वालमिक राठौर द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में शासकीय कर्मचारियों एवं अपात्र हितग्राहियों को शासकीय अनुदान देने की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मत्स्य संचालक, को जून से अगस्त 2023 के अवधि में वैधानिक कार्यवाही हेतु की गई थी। यदि हां तो उक्त शिकायत की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश की शिकायत भ्रष्टाचार तथा शासकीय अनुदान की धांधली किये जाने का उच्च स्तरीय जांच दल गठित कर समय-सीमा में कार्यवाही कराये जाने की मांग की गई थी? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में शासकीय कर्मचारी शिक्षा को अनुदान लेने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत अनुसार दोषी अधिकारी एवं अपात्र हितग्राही के ऊपर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जायेगा। यदि हां तो कब तक यदि नहीं, तो लाखों रूपये का नियम विरूद्ध अनुदान दिये जाने वाले दोषी अधिकारी को क्या सजा दी जायेगी? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) के शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये उच्च स्तरीय जांच दल का गठन कराकर समय-सीमा में जांच करायेंगे तथा दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी? उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत नियमावली में शासकीय/अशासकीय कर्मचारियों को लाभ न दिये जाने का कोई उल्लेख नहीं है। श्री सुखेन्द्र सिंह शिक्षा गांरटी में गुरूजी के पद पर पदस्थ है जिसमें 3500/- मानदेय पर ग्राम छातापट पर विकासखण्ड जैतहरी एवं श्री विनय सिंह माननीय न्यायालय अनूपपुर में वकालत करते है एवं श्री धीरेन्द्र सिंह प्राथमिक पाठशाला में शिक्षक के पद पर पदस्थ है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग अनूपपुर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित कर दी गई है। (ड.) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्त अध्यापकों को आयु सीमा में छूट का प्रावधान
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
41. ( क्र. 1108 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र.-एफ/44-10/ 2019/20-2 भोपाल, दिनांक 26.06.2019 के बिन्दु क्र.-3.3 बंधन नहीं था, उसके पश्चात् नि:शक्तजनों के लिये आयु सीमा का बंधन समाप्त करके उनके हितों का संरक्षण हेतु निर्णय पारित किया जायेगा। (ख) अध्यापक से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हेतु प्रशिक्षण बी.एड़. तथा डी.एड़. आवश्यक हैं, स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के पश्चात् ही सेवानिवृत्ति पर शासन की योजना के लाभ के पात्र होते हैं अन्यथा नहीं जो भी नि:शक्त अध्यापक स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन में वंचित है तथा अशासकीय महाविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें उपस्थिति के आधार पर तथा नियोक्ता की अनुमति के पश्चात् वेतन भुगतान के निर्णय पारित कर उनके हितों का संरक्षण प्रदान किया जायेगा? (ग) आयुक्त नि:शक्तजन को न्यायिक शक्तियां प्रदान की गई है, नि:शक्तजनों के हितों का संरक्षण प्रदान कर जब आयु सीमा में छूट बंद करके उनके हितों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है तथा अधिक फीस जमा कर अशासकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेकर बी.एड़. कर रहे हैं उनके हितों को संरक्षण प्रदान कर स्कूल शिक्षा विभाग को आदेशित किया जायेगा। हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्न में अंकित संदर्भित पत्र अनुसार कार्यवाही लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा की जाती है। शेषांश के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। अशासकीय महाविद्यालय से नियमित बी.एड. करने की अनुमति प्रदान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। विभागीय भर्ती नियम 2018 के अनुसार नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति का प्रावधान है। शेषांश के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 82 के तहत आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त है। आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश के संज्ञान में आने पर दिव्यांगजनों के अधिकार संरक्षण हेतु दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 80 के तहत समुचित कार्यवाही आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश द्वारा की जाती है। प्रश्नगत जानकारी आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश के संज्ञान में आने पर प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल को दिव्यांगजनों को शासन निर्देशानुसार आयु सीमा में छूट दिये जाने हेतु निर्देशित किये जाने हेतु अनुशंसा की गई है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है।
कर्मचारियों की अंतिम पेंशन रोकी जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
42. ( क्र. 1117 ) श्री आरिफ मसूद : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैस राहत चिकित्सा संस्थाओं के अंतर्गत कितने कर्मचारियों के प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उनकी सेवानिवृत्त होने पर अंतिम पेंशन एवं शासकीय सेवा में रहते हुये असामायिक निधन हो जाने के कारण उनके आश्रित परिवार को अंतिम फैमिली पेंशन प्रदान की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विचाराधीन प्रकरणों की अद्यतन जानकारी देते हुए उन्हें प्रदान की जा रही अंतिम पेंशन एवं आश्रित परिवार को अंतिम फैमिली पेंशन किस-किस को कब-कब से प्रदान की जा रही है उनके नाम पेंशन प्रदान किये जाने का माह व वर्ष सहित जानकारी देवें? (ग) क्या विभागीय कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों की उदासीनता के कारण कुछ माह से उनके व उनके परिवार को जीवन यापन हेतु प्रदान की जा रही अंतिम पेंशन बंद कर दिये जाने के कारण उनके समक्ष गंभीर वित्तीय स्थिति निर्मित कर दी गई है? (घ) क्या शासन/विभाग इस प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही करते हुए अंतिम पेंशन भोगियों एवं उनके परिवार को प्राप्त होने वाली अंतिम फैमिली पेंशन उन्हें वंचित माह से प्रदान करते हुए समय रहते कार्यवाही नहीं करते हुए अकारण अंतिम पेंशन/फैमिली पेंशन रोकने वाले उदासीन अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर विभागीय प्रमुख सचिव एवं संचालक भोपाल गैस राहत एवं पुनर्वास के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासन नियम निर्देशों के अनुपालन में निर्मित हुई स्थिति के तारतम्य में उत्तरांश (ख) अनुसार प्रकरणों के निराकण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारी स्थापना/प्रतिनियुक्ति के स्वीकृत पद
[वन]
43. ( क्र. 1151 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल तथा जिला लघु वनोपज सहकारी संघों के लिये कर्मचारी अमले के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने प्रतिनियुक्ति के पद स्वीकृत हैं, कितने सीधी भर्ती के पद स्वीकृत हैं, पदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत पदों के विरूद्ध सीधी भर्ती से तथा प्रतिनियुक्ति पर कितने-कितने पद भरे गये हैं? प्रतिनियुक्ति पर किन-किन विभागों से कर्मचारियों की सेवाएं ली गई हैं? अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों की ली गई सेवाएं किन प्रावधान व शर्तों पर ली गई है? (ग) अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशा-11) आदेश क्र./प्रशा-11/मुख्या स्था-4/569 दिनांक 29-12-2023 के तहत श्री शिवदयाल खोब्रागढ़े, मुख्य लिपिक, कार्य आयोजना बालाघाट को जिला लघु वनोपज संघ यूनियन उत्तर बालाघाट में प्रतिनियुक्ति पर अस्थाई रूप से पदस्थ किये जाने का आदेश किन प्रावधानों व शर्तों के तहत जारी किया गया है? क्या जिला यूनियन के संचालक मण्डल की सहमति प्राप्त की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या जिला लघु वनोपज संघ यूनियन उत्तर बालाघाट में मुख्य लिपिक का पद स्वीकृत है? क्या जारी प्रतिनियुक्ति आदेश को निरस्त किये जाने हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लेख किया गया है? प्रतिनियुक्ति आदेश निरस्त किया जावेगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के आदेश क्रमांक/ विपणन/वनोपज/2021/866 दिनांक 03.07.2012 द्वारा म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल तथा जिला लघु वनोपज सहकारी संघों के लिए कर्मचारी अमले के 401 पद स्वीकृत है, जिसमें प्रतिनियुक्ति के 08 पद स्वीकृत है। सीधी भर्ती के 232 पद स्वीकृत है। पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार स्वीकृत पदों के विरूद् सीधी भर्ती से 98 तथा प्रतिनियुक्ति से 11 पद भरे गये है। प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं वन विभाग एवं सहकारिता विभाग से ली गई है। म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित कर्मचारी भर्ती, वर्गीकरण तथा सेवा शर्तें नियम-1994 की कंण्डिका-8 (3) में प्रावधान अनुसार एवं पदस्थ कर्मचारी की सहमति प्राप्त कर पदस्थिति की गई। (ग) प्रबंध संचालक, जिला यूनियन उत्तर बालाघाट के पत्र क्रमांक/1745 दिनांक 20.10.2023 द्वारा श्री शिवदयाल खेब्रागढ़े, मुख्य लिपिक, कार्य आयोजना बालाघाट की प्रतिनियुक्ति जिला यूनियन उत्तर बालाघाट में करने के प्रस्ताव के आधार पर लघु वनोपज संघ के पत्र क्रमांक/10525 दिनांक 20.10.2023 द्वारा सहमति दी गई। इस आधार पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशा-II) द्वारा आदेश क्रमांक/569 दिनांक 29.12.2023 द्वारा स्थानांतरण नीति की कंण्डिका-12 अनुसार स्थानीय व्यवस्था के तहत श्री शिवदयाल खेब्रागढ़े, मुख्य लिपिक, कार्य आयोजना बालाघाट को जिला लघु वनोपज संघ यूनियन उत्तर बालाघाट में प्रतिनियुक्ति पर अस्थाई रूप से पदस्थ किया गया है, जिला यूनियन के संचालक मण्डल की सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिला यूनियन उत्तर बालाघाट में मुख्य लिपिक का पद स्वीकृत नहीं है। प्रतिनियुक्ति हेतु सहायक ग्रेड-1 के स्वीकृत पद के विरूद् जिला यूनियन उत्तर बालाघाट की अनुशंसा अनुसार पदस्थिति हेतु सहमति दी गई है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों हेतु आवंटित राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 1152 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में समस्त बालाघाट जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु शासन से आवंटित हुई? जिला प्रशासन द्वारा दिए गये प्रस्ताव या किस जनप्रतिनिधि की मांग पर कौन-कौन से कार्य की कार्ययोजना बनाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में किस एजेंसी या निविदाकारों को कार्य किये जाने हेतु कार्यादेश प्रदाय किया गया? निविदा की तुलनात्मक प्रति एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से किस कार्य हेतु किस-किस एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान नगद/चेक/ड्राफ्ट/आर.टी.जी.एस. या अन्य प्रकार से किया गया? योजनावार, कार्यवार, निविदावार उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? किस अपूर्ण कार्य हेतु भुगतान अधिक कर दिया गया है तथा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने की स्थित में कौन अधिकारी जिम्मेदार है? शासन स्तर पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02, 03, 04 एवं 05 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा मध्यप्रदेश शासन के सॉफ्टवेयर आइ.एफ.एम.एस. के माध्यम से भुगतान किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। समस्त निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा किये जाते हैं। अपूर्ण कार्य हेतु अधिक भुगतान नहीं किया गया है। विलम्ब हेतु ठेकेदार का दोष पाये जाने पर अनुबंध के प्रावधान अंतर्गत नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है, अभी तक खण्ड बालाघाट में तीन फर्मों को काली सूची में डाला गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सार्वजनिक हैण्डपम्प का निजी उपयोग
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1154 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम पंचायत सिंगरावन कलां जनपद पंचायत नौगांव जिला छतरपुर म.प्र. में भगारी रास्ता पर गुवंदी कुशवाहा के मकान के सामने सार्वजनिक हैण्डपम्प जो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा खनन कराया गया था उस पर गांव के दबंगों द्वारा निजी सबमर्सिबल के माध्यम से स्वयं के उपयोग में लाया जा रहा है जिस पर अनुविभागीय अधिकारी नौगांव को दिनांक 07/10/2022 के शिकायती आवेदन के माध्यम से ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी किन्तु कार्यपालन यंत्री/एस.डी.ओ./सब इंजीनियर पी.एच.ई. की सहमति से उक्त बोर निजी उपयोग में लाया जा रहा है। अतः तत्काल संबंधित एस.डी.ओ./सब इंजीनियर पी.एच.ई. पर कार्यवाही कर बर्खास्त किया जाये एवं संबंधित अपराधी पर अपराध पंजीबद्ध कर उक्त सार्वजनिक हैण्डपम्प को आमजन हेतु मुक्त कराया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित हैण्डपम्प लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्थापित है। उक्त हैण्डपम्प पर ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर ग्राम पंचायत के माध्यम से विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटरपंप स्थापित कर संचालित है, जिसका उपयोग सार्वजनिक पेयजल के लिए किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 1168 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित होने वाले अनाज की गुणवत्ता परीक्षण के विभागीय निर्देश क्या हैं और उचित मूल्य दुकानों से वितरित होने वाले अनाज की गुणवत्ता की जांच/परीक्षण किस प्रक्रिया से किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किस-किस स्तर पर कब-कब किए जाने के नियम/निर्देश हैं? (ख) क्या कटनी जिले में प्रश्नांश (ख) नियमों/निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो जनवरी 2022 से माहवार किन-किन भंडारग्रहों से राशन सामग्री का कब-कब उठाव किया गया? किस नाम/पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा पी.डी.एस. सामग्री की किस-किस स्तर पर कब-कब जांच की गयी? गुणवत्ता जांच में क्या पाया गया? क्या परीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या उपभोक्ताओं/जनप्रतिनिधियों द्वारा अमानक/ गुणवत्ताविहीन राशन सामग्री वितरण की भी शिकायतें शासन/विभाग को की गयी हैं? हाँ, तो जब जांच उपरांत राशन सामग्री वितरण हेतु प्रदाय एवं वितरित की जाती हैं, तो यह शिकायतें होने का कारण बताइये, शिकायतों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए? (घ) कटनी में विभाग/निगम से अनुबंधित कितने और कौन-कौन से भंडारगृह कहाँ-कहाँ स्थापित हैं, इन भंडार गृहों से किन शर्तों के अध्याधीन क्या अनुबंध किए गये? विगत 03 वर्षों में किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा इन भंडार गृहों का निरीक्षण किया गया? क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? क्या भंडार गृहों में भंडारित खाद्यान्न अमानक पाया गया? हाँ, तो क्यों जबकि गुणवत्ता परीक्षण के उपरांत ही खाद्यान्न भंडारित किया गया था?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित होने वाले अनाज की गुणवत्ता परीक्षण के लिये विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकानों को वितरण हेतु खाद्यान्न प्रेषित करने के पूर्व गुणवत्ता की जांच/परीक्षण कर एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की स्टेकों का चयन प्रत्येक माह की 03 तारीख तक करने हेतु समिति गठित है। समिति में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के रैंक से अन्यून रैंक का कोई अधिकारी, शाखा प्रबंधक वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन तथा प्रदाय केन्द्र प्रभारी मध्यप्रदेश सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन सम्मिलित है। (ख) जी हां। कटनी जिले में माह जनवरी, 2022 से भण्डागरगृहों से राशन सामग्री के उठाव, सामग्री की गुणवत्ता के परीक्षण करने वाले शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम, दिनांक एवं प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हां। समाचार पत्रों के माध्यम से अमानक/गुणवत्ताविहीन राशन सामग्री वितरण की प्राप्त 03 शिकायतों में से एक दुकान में खाद्यान्न मानक स्तर का तथा दो उचित मूल्य दुकानों में अमानक स्तर का पाया गया। अमानक स्तर के खाद्यान्न को बदल कर निर्धारित मानक का राशन दुकान पर प्रदाय कर एवं उपभोक्ताओं को वितरण कराया गया है। गोदाम में खाद्यान्न भण्डारण एवं प्रदाय हेतु हैण्डलिंग कार्य में यदाकदा खाद्यान्न की लूज़ खाद्यान्न मात्रा के पैक किए गए बोरे परिवहन होने की स्थिति निर्मित होती है, परन्तु उचित मूल्य दुकान पर उपभोक्ताओं को राशन सामग्री के वितरण पूर्व विक्रेता द्वारा भी खाद्यान्न की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर खाद्यान्न को वापस किया जाता है एवं उपभोक्ताओं को निर्धारित गुणवत्ता का ही खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था है। दुकानों पर अमानक स्तर का खाद्यान्न प्रदाय करने के कारण जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन कटनी एवं प्रभारी जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन कटनी को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। (घ) कटनी में मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा अनुबंधित भण्डारगृहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। गोदाम संचालकों से संयुक्त भागीदारी योजनांतर्गत अनुबंध किया गया है। अनुबंधित भण्डागरगृहों के निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की जानकारी परिशिष्ट-द अनुसार है। जी हां। गोदामों में दीर्घ अवधि से भंडारित होने के कारण खाद्यान्न में गुणात्मक हा्स होना पाया गया है। अमानक गुणवत्ता के खाद्यान्न को अपग्रेट/सेग्रीगेट कर मानक गुणवत्ता का स्कंध का परिदान किया जा रहा है।
वन-मण्डल कटनी में किए गए कार्य
[वन]
47. ( क्र. 1169 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विधानसभा प्रश्न क्रमांक–4266,दिनांक 26/07/2019 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर क्या था एवं उत्तरानुसार जांच के निर्देश और जांच प्रतिवेदन से अवगत कराएं। प्रश्नांश (घ) के उत्तरानुसार पौधारोपण कहाँ-कहाँ किया गया? रखरखाव के क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ किए गए? (ख) विभाग द्वारा किस-किस मद से पौधारोपण एवं रखरखाव/निर्माण के क्या-क्या कार्य किस सक्षम स्वीकृति से, किस प्रक्रिया से और किस प्रकार, किसके द्वारा कराये जाते हैं और कैम्पा फंड/मद से वनमंडल कटनी को विगत -03 वर्षों में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु कब-कब प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) कैम्पा-मद की राशि से कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन कार्य, किस नाम, पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा कहाँ-कहाँ, कब-कब कराये गए? कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गए? वर्तमान में परिक्षेत्रवार कार्य की भौतिक स्थिति से अवगत कराइए तथा कार्य संबंधी दस्तावेज प्रदाय कीजिये। (घ) वन-मण्डल, कटनी में विगत-03 वर्षों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि, निर्माण/मरम्मत कार्यों हेतु कब-कब प्राप्त हुई? राशि से कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण/मरम्मत कार्य, किस नाम, पदनाम के शासकीय-सेवकों द्वारा कहाँ-कहाँ, कब-कब कराये गए? निर्माण-सामग्री की आपूर्ति किस-किस फर्म/ठेकेदार/फर्म द्वारा किस-किस दर पर की गयी? कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गए? (ङ) क्या वन-मण्डल, कटनी अंतर्गत विभागीय-कार्यों में अनियमितताओं की कोई जांच/कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्रचलित जांच/कार्यवाही से अवगत कराइए।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4266 दिनांक 26.07.2019 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। पुन: करायी गयी जाँच का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के विभिन्न मदों से प्राप्त राशि से पौधा रोपण, रखरखाव एवं निर्माण के कार्य कराये जाते हैं। पौधा रोपण कार्य के अंतर्गत फैंसिंग, गढ्ढा खुदाई, पौधारोपण निंदाई आदि कार्य कराये जाते हैं। निर्माण कार्यों के अंतर्गत वन विभाग के शासकीय कार्यालय एवं आवासीय भवनों आदि का कार्य कराया जाता है। कार्य की स्वीकृति विभागीय अधिकारियों द्वारा अपनी सक्षमता अनुसार प्रदाय की जाकर विभागीय प्रक्रिया अनुरूप वन विभाग द्वारा कार्य कराये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। शासकीय सेवकों द्वारा अपनी दौरा दैनंदिनी में निरीक्षण से संबंधित टीप अंकित की जाती है। कार्य संबंधी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। शासकीय सेवकों द्वारा अपनी दौरा दैनंदिनी में निरीक्षण से संबंधित टीप अकित की जाती है। (ङ) कटनी वन मण्डल अंतर्गत विभागीय कार्यों में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पौधा रोपण में भ्रष्टाचार की जांच
[वन]
48. ( क्र. 1171 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से बैठक दिनांक तक अमृत मिशन योजना के तहत कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिए उज्जैन वन विभाग को शासन द्वारा दी गई थी? (ख) क्या मुख्य वन संरक्षक उज्जैन वृत्त उज्जैन के आदेश क्र./स्था./2020/49 दिनांक 20.07.2020 द्वारा दिनांक 18.08.2020 को प्रेषित लेखा कार्य सत्यापन रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थी? यदि हाँ, तो अब तक उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) उपरोक्त अवधि में माँ क्षिप्रा के दोनों और किनारों पर वन विभाग द्वारा कितने पौधे लगवाये गये थे? वर्तमान में कितने पौधे जीवित होकर वृक्ष बन चुके है और कितने पौधे खराब होकर नष्ट हो चुके हैं? पौधे किस-किस प्रजाति के थे और उनकी लागत क्या थी? (घ) उपरोक्त अवधि में अमृत मिशन योजना के तहत् कौन-कौन सी एजेंसियों के माध्यम से वृक्षा रोपण हुआ? उनके रखरखाव के लिए किसकी जिम्मेदारी तय की गई है? संबंधित एजेंसियों/संस्थाओं को कितना भुगतान कौन से कार्य के लिए कब-कब हुआ और किन-किन अधिकारियों के सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर हुआ? भुगतान पत्रक, केशबुक एवं देयकों के साथ रिपोर्ट की प्रतियां देवें। (ङ) उपरोक्त अवधि के कार्यों में कितनी शिकायतें वित्तीय अनियमितताओं को लेकर हुई है? यदि हां तो उक्त शिकायतों पर जांच किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब कि गई? शिकायत पत्र एवं जांच रिपोर्ट की प्रतियां प्रस्तुत करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में अमृत मिशन योजना के तहत उज्जैन वन विभाग को शासन द्वारा कोई राशि नहीं दी गई है। नगर-निगम उज्जैन द्वारा राशि रूपये 3.59 करोड़ वृक्षारोपण कार्य हेतु प्राप्त हुई। जिससे शनि मंदिर से कालयादेह महल तक क्षिप्रा नदी के किनारों पर पौधा रोपण कार्य किया गया था। (ख) रिपोर्ट के आधार पर वनमंडलाधिकारी एवं उप वनमंडलाधिकारी का स्पष्टीकरण चाहा गया है तथा अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की विभागीय जांच स्थापित है। (ग) उपरोक्त अवधि में क्षिप्रा नदी के किनारों पर वन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों के 90150 पौधे रोपित किये गये थे। वर्तमान में वृक्षारोपण स्थल हस्तांतरित किये जा चुके है। हस्तांतरण के समय 85 - 90 प्रतिशत पौधे जीवित थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "1" अनुसार है। (घ) उपरोक्त अवधि में अमृत मिशन योजना के तहत वन विभाग द्वारा एजेन्सी के रूप में कार्य किया गया था। योजना अवधि में रखरखाव के लिए वनरक्षकों को क्षेत्रवार स्थल आवंटित किए जाकर जिम्मेदारी तय की गई थी। वन विभाग द्वारा किसी एजेन्सी से कार्य नहीं कराया गया था। प्रश्न के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "1" अनुसार है। (ड.) उपरोक्त अवधि में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कोई शिकायत नहीं हुई है केवल विभागीय जांच कमेटी द्वारा जांच की गई है। जांच प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
वन परिक्षेत्र का पुनर्गठन
[वन]
49. ( क्र. 1176 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बंडा में वन विभाग के परिक्षेत्रों का बंटवारा अन्य क्षेत्रों से जुड़कर असुविधाजनक हुआ हैं? जैसे- बंडा के ग्राम बहरोल का वन परिक्षेत्र वर्तमान में खुरई के बांदरी वन-परिक्षेत्र में है, इसी प्रकार ग्राम सेसई साजी, खुरई के मालथोन वन परिक्षेत्र में तथा ग्राम नीमोन-पडवार, उत्तर सागर रेंज में हैं। इस अनियमित क्षेत्र विभाजन के कारण वन परिक्षेत्र संचालन में असुविधा होती है। (ख) क्या प्रश्नांकित तीनों क्षेत्रों -बहरोल, सेसई साजी व नीमोन-पडवार, को एक रेंज बहरोल बनाकर कार्यालय की स्थापना की जायेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस आशय का पत्र भी जिला वन मंडल अधिकारी सागर को दिया था। यदि हाँ, तो क्या उक्तानुसार वन परिक्षेत्र के पुनर्गठन की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांकित के संबंध में वर्तमान में कोई कार्यवाही चल रही है तो वह किस स्तर पर लंबित है? इस कार्यवाही में कितना समय लगेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हां। वर्तमान में संचालित वन परिक्षेत्रों के प्रबंधन का रकबा प्रचलित निर्देशों के अंतर्गत होने के फलस्वरूप पुनर्गठन की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। पुनर्गठन की कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनोपज समिति को लाभांश की जानकारी
[वन]
50. ( क्र. 1212 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने राज्य शासन के आदेश वर्ष 1998 वर्ष 2006 वर्ष 2022 में दिये आदेश के बाद भी हरदा एवं बैतूल जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की पूरी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई? (ख) प्रश्नांकित आदेशों के तारतम्य में विगत वर्षों तक घोषित किये गये शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की कितनी राशि हरदा एवं बैतूल जिले की किस-किस समिति को उपलब्ध करवाई गई कितनी राशि किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी समिति को उपलब्ध नहीं करवाई? (ग) गत पांच वर्षों में किस समिति के प्रस्ताव पर वन विकास मद की कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये किस समिति को प्रदान की वन विकास के तौर पर वनरक्षक आवास, बाउन्ड्रीवाल निर्माण को कब-कब किस आदेश से शामिल किया है? (घ) गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास के किस समिति के किस कार्य पर संघ ने क्या-क्या आपत्ति लेकर प्रस्ताव अमान्य किया/निरस्त किया संघ को यह अधिकार किस आदेश से दिया है प्रति सहित बतावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) राज्य शासन के आदेशानुसार हरदा एवं बैतूल जिले की ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की जिला यूनियनवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। समितिवार राशि संधारित नहीं की जाती है। जिला यूनियनवार राशि संधारित की जाती है। जिला यूनियनवार शेष राशि सिर्फ संबंधित जिला यूनियन में व्यय हेतु आरक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष राशि संबंधित जिला यूनियन के लिए आरक्षित है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर समिति द्वारा परीक्षण करने के उपरांत स्वीकृति दी जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) गत पांच वर्ष में स्वीकृत वन विकास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 में प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए है। शेष राशि सिर्फ संबंधित जिला यूनियन के लिए आरक्षित है। प्रस्ताव प्राप्त होने एवं समिति द्वारा परीक्षण करने के उपरांत स्वीकृति दी जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। ग्रामीण विकास के अंतर्गत वन विभाग की अधोसंरचनाओं के अंतर्गत वनरक्षक आवास, बाउन्ड्रीवाल निर्माण को मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 11 मार्च 2022 के तहत शामिल किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) राज्य में लघु वनोपजों का व्यापार त्रिस्तरीय सहकारिता की संरचना के तहत किया जाता है, जिसमें प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां, जिला स्तर पर जिला स्तरीय सहकारी यूनियन तथा शीर्ष स्तर पर म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल कार्यरत है। इसी संरचना के तहत वनोपज व्यापार के लाभ से ग्रामीण अधोसंरचना एवं वन विकास मद के कार्यों के संबंध में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्णय लिया जाता है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में उप नियम 3 में भी तद्नुसार प्रावधान दिये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। गत पांच वर्षों में ग्रामीण विकास के पक्ष में उपलब्ध राशि के अनुरूप प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है। शेष राशि सिर्फ संबंधित जिला यूनियन के लिए आरक्षित है। प्रस्ताव प्राप्त होने एवं समिति द्वारा परीक्षण करने के उपरांत स्वीकृति दी जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है।
पत्रों पर कार्यवाही
[वन]
51. ( क्र. 1216 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत चार माह में वन मुख्यालय भू-अभिलेख शाखा वन भवन तुलसी नगर भोपाल एवं क्षेत्रीय वनवृत खण्डवा को बड़वाह वनमंडल के वनग्राम एवं ग्राम मोयदा से संबंधित किस-किस विषय पर किस-किस अभिलेख एवं दस्तावेज के साथ श्री अनिल गर्ग कोठी बाजार बैतूल का लिखा पत्र प्राप्त हुआ है? (ख) किस पत्र पर वनवृत खण्डवा एवं वन मुख्यालय ने किस-किस दिनांक को किस-किस निर्देश के साथ किस-किस को पत्र लिखा किस पत्र का उत्तर किस दिनांक को प्राप्त हुआ श्री अनिल गर्ग के पत्र पर लिखे पत्र एवं प्राप्त उत्तर की प्रति सहित बतावें? (ग) ग्राम मोयदा के संबंध में दिनांक 28/12/2023 को राज्य मंत्रालय वन मुख्यालय से प्रेषित टीप में श्री अनिल गर्ग द्वारा दिये गये किस-किस विषय से संबंधित क्या-क्या उल्लेख किया है? (घ) श्री अनिल गर्ग द्वारा प्रस्तुत टीप एवं दस्तावेजों पर विषयवार कब तक वनमंडल से प्रतिवेदन बुलाकर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाया जावेगा समय-सीमा बतावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) ग्राम मोयदा के संबंध में श्री अनिल गर्ग द्वारा उल्लेखित विषयों को वन मुख्यालय पर परीक्षण में है। (घ) जानकारी परीक्षण में समय लगना संभावित है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन ग्रामों की सूची
[वन]
52. ( क्र. 1219 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि इन्दौर वनमंडल के पत्र दिनांक 11/2/1961 के साथ संलग्न 247 ग्रामों की सूची संलग्न कर वन मुख्यालय मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा दिनांक 15/9/2023 को लिखे पत्र में चाही गई जानकारी वन मंडलों द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक वन मुख्यालय को प्रेषित नहीं की गई? (ख) यदि हां तो इन्दौर वनमंडल ने पत्र दिनांक 11/2/1961 से चार श्रेणियों के किस-किस ग्राम की सूची इन्दौर वनवृत प्रेषित की उनमें से 247 ग्रामों की सूची में शामिल कौन-कौन सा ग्राम राजस्व विभाग को कब सौंपा? (ग) 247 ग्रामों में से किस वन मंडल ने किस ग्राम को किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजस्व विभाग को नहीं सौंपा? (घ) 247 ग्रामों में से राजस्व विभाग को सौंपे जाने के लिये शेष किस ग्राम को कब तक राजस्व विभाग को सौंप दिया जावेगा समय-सीमा सहित बतावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार। (घ) वन विभाग के आधिपत्य के वनग्राम मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना दिनांक 26.04.1962 एवं 07.10.1964 के परिप्रेक्ष्य में राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 26.05.2022 के तहत वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत शेष वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तित कराये जाने संबंधी प्रस्तावित अधिसूचना जिला कलेक्टर द्वारा जारी की गई है। शेष ग्राम वर्तमान में वन विभाग के प्रबंधन में नहीं है।
दिव्यांगजन कल्याण की संस्थाओं को अनुदान की स्वीकृति
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
53. ( क्र. 1232 ) श्री हेमंत कटारे : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिव्यांगत की प्रत्येक श्रेणी में कुल कितनी जिलेवार अनुदान प्राप्त संस्थायें हैं एवं उन्हें कितनी अनुदान राशि की पात्रता है। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 से 31 दिसम्बर 2023 तक किन-किन जिलों की कौन-कौन सी ऐसी अनुदान प्राप्त संस्थाओं को अनुदान स्वीकृत कर उपलब्ध कराया गया सूची उपलब्ध करावें। (ग) नर्मदापुरम जिले की कुल विभागीय मान्यता स्व-अनुदान प्राप्त संस्थायें कौन-कौन सी है उन्हें वर्ष 2021-22 से 31 दिसम्बर तक अनुदान की पात्रता होने पर भी सहायता स्वीकृत नहीं की गई यदि की गई तो विवरण दें तथा इस विलंब के लिये क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रदेश में दिव्यांगता के क्षेत्र में संचालित अनुदान प्राप्त संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 से 31 दिसम्बर 2023 तक विशेष विद्यालयों/संस्थाओं को प्रदाय अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जिला नर्मदापुरम में संचालित संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। जिला नर्मदापुरम में संचालित 03 संस्थाओं यथा डॉ. ऐनीबेसेंट मानसिक नि:शक्त स्कूल/छात्रावास, संज्ञा शिक्षण एवं समाज कल्याण समिति एवं भविष्य मानसिक नि:शक्त विद्यालय/छात्रावास के प्रस्ताव अनुदान हेतु प्राप्त हुये है, जो कि सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के पत्र क्रमांक/763/1315020/2023/26-2, दिनांक 30.05.2023 आदेश की प्रति पुस्कालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार, द्वारा दीनदयाल पुनर्वास योजना (डी.डी.आर.एस.) अंतर्गत केन्द्रीय अनुदान स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है, भारत सरकार से स्वीकृति अप्राप्त है। 01 संस्था यथा संकल्प बधिर विशेष विद्यालय जिला नर्मदापुरम के संबंध में उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला नर्मदापुरम के पत्र क्रमांक 1801, दिनांक 13.12.2023, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''घ'' अनुसार, द्वारा संस्था के निरीक्षण उपरांत अनुदान प्रस्ताव रोके जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत किए गए कार्यों की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
54. ( क्र. 1279 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत गरोठ विधानसभा अंतर्गत कुल कितने कार्य स्वीकृत किए गए है, कितने कार्य पूर्ण हो गए है, कितने प्रगति पर है, कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) जो कार्य जल जीवन मिशन अंतर्गत हो रहे है, उन कार्यों की गुणवत्ता, कार्य की पूर्णता का निरीक्षण किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या एजेंसी द्वारा जो कार्य किए गए हैं, वह अधूरे छोड़ दिये गए हैं, कार्य पूर्ण नहीं हुये हैं जो सी.सी. रोड कार्य हेतु खोदे गए थे। पुनः उस जगह सी.सी. रोड नहीं बनाया गया है और जिस जगह बनाया गया है, उस जगह गुणवत्ता युक्त नहीं बने होने से ग्रामवासियों को काफी समस्या हो रही है, क्या शासन ऐसे कार्यों को चिन्हित कर पुनः सही कराएगा यदि हाँ, तो कब तक।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं म.प्र. जल निगम के अधिकारियों, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसियों एवं सुपरविजन क्वालिटी कंट्रोल कंसलटेंट द्वारा कार्यों की गुणवत्ता एवं पूर्णता का निरीक्षण किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, कार्य प्रगतिरत हैं, पाइप लाइन के बिछाने एवं जोड़ने के कार्य हेतु आवश्यकतानुसार खोदे गए सी.सी. रोड को पाइप लाइन की टेस्टिंग उपरांत पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाया जा रहा है। रोड पुनर्निर्माण के कार्य गुणवत्तायुक्त किए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
55. ( क्र. 1299 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत वर्ष 2020-2021 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? क्या उक्त समस्त स्वीकृत कार्यों की राशि जारी की गई है तथा स्वीकृत समस्त कार्य प्रारंभ हो गये है? कृपया कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा नहीं तो क्या कारण है? (ख) क्या उक्त अवधि में कार्य स्वीकृति के उपरान्त राशि न होने से समस्त कार्य अप्रारंभ है? हां, तो उक्त स्वीकृत कार्यों हेतु राशि कब तक उपलब्ध होगी तथा नहीं तो क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की परियोजना मूल्यांकन समिति की बैठक के कार्यवाही विवरण द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिला खरगोन के कार्यों की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से वर्ष 2020-21 में राशि निर्गमित नहीं होने से राशि जारी नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भारत सरकार द्वारा राशि निर्गमित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना से वंचित फाल्यों में पेयजल उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 1304 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल जीवन मिशन अन्तर्गत नल-जल योजना की स्वीकृति प्रदाय की गई है? उक्त स्वीकृत योजनाओं में कितनी संख्या में पूर्ण हो गई है? कृपया सूची उपलब्ध करावे तथा कितनी संख्या में अधूरी है तथा पूर्ण योजनाओं में फाल्या/ मंजरे या दूरस्थ घर जहां निवासरत है, कितनी संख्या में ऐसे हैं, जिन्हें उक्त योजना से पेयजल नहीं मिल रहा है? उक्त फाल्यों/ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त वांछित फाल्यों/घरों में पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है? अपूर्ण योजनाओं में भी शतप्रतिशत घरों में पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा? नहीं तो क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, 181 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा 03 समूह जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। 181 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से 98 योजनाएं पूर्ण एवं 83 योजनाएं अधूरी (प्रगतिरत) हैं। स्वीकृत 03 समूह जल प्रदाय योजनाएं प्रगतिरत हैं। पूर्ण एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की सूची तथा प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के प्रावधानों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में जो फाल्या/मंजरे/टोले/घर नल-जल योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो सकेंगे, वहाँ हैंडपंपों के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था है। अपूर्ण (प्रगतिरत) योजनाओं में जल जीवन मिशन की गाइडलाइन अनुसार नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है।
पचमढ़ी पार्क डेव्हलपमेंट हेतु विभाग की योजना
[वन]
57. ( क्र. 1318 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पचमढ़ी पार्क डेवलपमेन्ट हेतु विभाग द्वारा राशि उपलब्ध करायी गयी हैं यदि हाँ, तो कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी हैं? (ख) क्या बाग संरक्षण प्राधिकरण एवं शासन से विभिन्न योजनाओं हेतु राशि आवंटित करायी गयी हैं। यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित करायी गयी हैं बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार योजनाओं पर व्यय की गयी राशि का मूल्यांकन किसी संस्था द्वारा कराया गया हैं यदि हाँ, तो संस्था का नाम व उसके सक्षम अधिकारियों की जानकारी प्रदान करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पचमढ़ी पार्क डेवलपमेंट अलग से नहीं है। पचमढ़ी अभयारण्य में पार्क डेवलपमेंट हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में रूपये 2.55 करोड़ एवं 2023-24 में रूपये 4.71 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
मद |
आवंटन (राशि लाख में) |
व्यय (राशि लाख में) |
2022-23 |
NTCA 3730 |
91.74 |
91.74 |
|
Campa 9667 |
100.60 |
100.51 |
|
Park Development Fund |
62.80 |
62.79 |
|
Total |
255.14 |
255.04 |
2023-24 |
NTCA |
191.64 |
171.58 |
|
Campa 9667 |
239.61 |
239.53 |
|
Park Development Fund |
40.17 |
17.08 |
|
Total |
471.42 |
428.19 |
(ग) बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देश अनुसार समस्त टाइगर रिजर्व के लिए प्रत्येक 04 वर्षों में मूल्यांकन हेतु बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा गठित एम.ई.ई. टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम का एम.ई.ई. दल द्वारा माह अक्टूबर, 2022 में मूल्यांकन किया गया है। देश के 51 टाइगर रिजर्व्स का एम.ई.ई. दल द्वारा मूल्यांकन किया गया, जिसमें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को दूसरा स्थान दिया गया है।
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 1329 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड बड़वानी का आदेश क्रमांक 23 बड़वानी दिनांक 15/07/2023 में गठित जांच दल का प्रतिवेदन देवें एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल का पत्र क्रमांक 15866 भोपाल दिनांक 20/12/23 के आदेश में बड़वानी जिले के कार्य पालन यंत्री द्वारा निर्धारित प्रारूप में भेजी गई जानकारी उपलब्ध करावे यदि विभाग को नहीं दी गई है तो क्या आदेशानुसार जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही कर दी गई है? (ग) बड़वानी जिले में स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पर कुल कितना व्यय किया गया है? स्कूलवार, आंगनवाड़ी, विकासखंड जानकारी प्रश्न दिनांक की अवधि में देवें? (घ) कलेक्टर जिला बड़वानी द्वारा जल जीवन मिशन में कुल कितनी समीक्षा बैठक योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक की गई है एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी या विभाग के द्वारा को गई है या नहीं अथवा केवल पब्लिसिटी स्टंट था? कलेक्टर के अभिमत से प्रतिवेदन देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जांच की कार्यवाही उपरांत जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराए जाने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) निर्धारित प्रारूप में जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, संबंधित अधिकारी का स्पष्टीकरण मांगा गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के लिये 27 बैठकों का आयोजन किया गया है एवं कलेक्ट्रेट में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठकों में भी नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। समाचार पत्र के प्रकाशित खबर की विषय-वस्तु अथवा संदर्भ प्रश्नांश में उल्लेखित नहीं है। अतः उक्त तारतम्य में कार्यवाही की जानकारी अथवा अभिमत से अवगत करा पाना संभव नहीं है।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को दी गई राशि
[जनजातीय कार्य]
59. ( क्र. 1403 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय विकास एवं 275/1 हेतु केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को किन-किन मदों से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु आवंटित की गई है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा इस राशि को निर्माण कार्यों हेतु उपयोग की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को उपयोग की राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र कब-कब भेजे गये? उपयोगिता प्रमाण की छायाप्रति उपलब्ध करावे? (घ) केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को यह राशि कब से प्रदाय नहीं की गई थी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''दो'' अनुसार है। (घ) केन्द्र सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता मद में वित्तीय वर्ष 2020-21 में तथा विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (सी.सी.डी.) मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि प्रदाय नहीं की गई।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 1431 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राशन वितरण हेतु कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन किया गया है? दुकानों के नाम एवं पता सहित सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों को विगत 02 वर्षों में कितनी सामग्री प्रदाय की गई तथा कितनी सामग्री का विवरण किया गया? दुकानवार, सामग्रीवार गौशवारा बनाकर जानकारी दें। (ग) विगत कुछ समय से ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही है उपभोक्ताओं को राशन वितरण पर्ची तो दी जा रही है लेकिन राशन प्रदाय नहीं किया जा रहा है? विगत 06 माह में ऐसी कितनी शिकायतें किन-किन दुकानों के विरूद्ध प्राप्त हुई है? दुकान का नाम, शिकायत का स्वरूप तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी सूची बनाकर प्रदाय करें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राशन वितरण हेतु 107 उचित मूल्य दुकानों का आवंटन किया गया है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –'अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की दुकानों को प्रश्नांकित अवधि में प्रदायित सामग्री एवं वितरण की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब’ अनुसार है। (ग) विगत 06 माह में 01 उचित मूल्य दुकान गालवी के विरुद्ध 12.01.2024 को शिकायत प्राप्त हुई थी कि विक्रेता द्वारा शिकायतकर्ता रेणुका को राशन वितरण पर्ची तो दी गई, लेकिन राशन प्रदाय नहीं किया गया। तदुपरांत दिनांक 13.01.2024 को राजस्व एवं खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा शिकायत की जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर को प्रस्तुत किया गया। जांच समय उक्त दुकान म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत संचालित नहीं पाये जाने से सक्षम अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर द्वारा उक्त दुकान को निलंबित किया गया है। प्रकरण सक्षम अधिकारी के यहां विचाराधीन है।
खाद्यान्न की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र. 1447 ) श्री हरिबाबू राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना वर्ष 2020-2021 में जिला अशोकनगर में खाद्यान्न का वितरण अनआटोमेंटेड पंजी से किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे ऑफलाईन वितरित मात्रा की सूची गेहूँ और चावल की दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। जिला खाद्य कार्यालय में इस ऑफलाईन वितरण का रिकार्ड मौजूद है या नहीं? यदि नहीं, तो भारत सरकार द्वारा अनआटोमेंटेड वितरण को मान्य नहीं किये जाने संबंधी इतनी बड़ी स्टॉक मात्रा को अशोकनगर जिले में कालाबाजारी कर खुर्दबुर्द करने के दोषी कौन-कौन हैं? दोषी दुकानदार, तत्कालीन पदस्थ दोषी अधिकारियों के नाम सहित जानकारी देवें। दोषी अधिकारियों व दुकानदारों के खिलाफ एफ.आई.आर. नहीं करने के कारण बतावें। (ख) पी.एम.जी.वाय. योजनान्तर्गत निःशुल्क योजना वर्ष 2020-2021 के प्रश्नांश मात्रा का स्टॉक किस-किस दुकान पर आज दिनांक में उपलब्ध है किस पर नहीं? दुकानों के नामवार मात्रा सहित बतावें। अनआटोमेंटेड वितरण बताकर पोर्टल पर स्टॉक की मात्रा ऑनलाईन कम करने बावत् किस-किस अधिकारी ने अपनी लॉगिन पासवर्ड का उपयोग किया है ऑनलाईन पोर्टल पर कम करने की अमान्य मात्रा का विवरण दुकान के नाम सहित देवें। किस अधिकारी ने कितनी मात्रा पोर्टल पर कम करने की दर्ज की है? अधिकारियों के नाम सहित कम की गई मात्रा सहित बतावें। (ग) अशोकनगर जिले में कितनी मात्रा की कितनी राशि वसूली योग्य निर्धारित की है? संस्थाओं/ दुकानदारों के नाम सहित जानकारी देवें। विपणन सहकारी संस्था ईशागढ़, सेवा सह. संस्था पिपरिया-पाटखेड़ा से संचालित किस-किस शास.उ.मू. दुकान पर कितनी मात्रा की अनियमितता करने पश्चात वसूली योग्य कितनी राशि निर्धारित की गई है? दुकानवार, मात्रा, राशि सहित जानकारी देवें। इन दोनों संस्थाओं से राशि वसूलने की शासन से क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अशोकनगर जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत ऑफलाईन वितरित गेहूं एवं चावल की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न मात्रा की पोर्टल पर प्रविष्टि जिला स्तर से की गई है। ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि की वसूली संबंधित उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्था को खाद्यान्न वितरण पर देय कमीशन से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा की जा रही है। खाद्यान्न के ऑफलाईन वितरण के लिए उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्था एवं विक्रेता दोषी है जिनसे राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि दिनांक 31 दिसम्बर, 2022 को पूर्ण हो जाने के कारण वितरण पश्चात् पी.ओ.एस. मशीन में उपलब्ध शेष स्टॉक को अन्य योजनाओं में अंतरित कर वितरण कराया गया है, दुकान पर योजना अंतर्गत खाद्यान्न का स्टॉक उपलब्ध नहीं है। ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न मात्रा का डाटा संकलन हेतु जिला स्तर से पोर्टल पर ऑफलाईन खाद्यान्न वितरण मात्रा की प्रविष्टि कराई गई। पी.ओ.एस. मशीन से स्टॉक कम करने की सुविधा पोर्टल पर जिला स्तर पर उपलब्ध नहीं कराई गई। ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न मात्रा की पोर्टल पर दुकानवार दर्ज मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। पोर्टल पर मात्रा डी.एस.ओ. लॉगिन से दर्ज की गई है। (ग) अशोकनगर जिले में दुकानवार ऑफलाईन वितरित, खाद्यान्न मात्रा एवं वसूली योग्य राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स अनुसार है। विपणन सहकारी संस्था ईसागढ़ एवं सेवा संस्था पिपरिया पाटखेड़ा द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाईन वितरण खाद्यान्न मात्रा, वसूली योग्य एवं वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। ईसागढ़ विपणन सहकारी संस्था एवं सेवा सहकारी संस्था, पिपरिया पाटखेड़ा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान में अनियमितता पाए जाने के कारण निलंबित होने एवं संस्थाओं द्वारा राशि की वसूली के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 31194/2023 में दिए गए निर्देश के अनुक्रम में शेष राशि की वसूली की कार्यवाही लंबित है।
चंदेरी व ईशागढ़ में राशि वसूली की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 1449 ) श्री हरिबाबू राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की चंदेरी व ईशागढ़ तहसील के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य दुकान कहां-कहां संचालित है एवं किन-किन के द्वारा संचालित है? इन प्रत्येक दुकान पर कितने राशनकार्ड/पात्रता कार्ड संबद्ध हैं? दुकानें संचालित करने वाले विक्रेता तुलावट/प्रबंधक के नाम सहित दुकानदार की जानकारी देवें। (ख) तहसील ईशागढ़ अंतर्गत की विपणन सहकारी संस्था मर्या. ईशागढ़ तथा सेवा सह.संस्था पिपरिया-पाटखेड़ा के द्वारा कौन-कौन सी शास.उ.मू. दुकानें पूर्व में कब से कब तक संचालित की गई हैं? इन दोनों संस्थाओं पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अन्तर्गत का खाद्यान्न वर्ष 2020-2021 अनआटोमेटिव अमान्य किये वितरण से संबंधित कुल कितनी-कितनी राशि वसूली योग्य बाकी है? यह राशि वसूली हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? इन दोनों संस्थाओं को दुकान आवंटन व दुकान संलग्नीकरण किये जाने के अनुभाग अधिकारी राजस्व ईशागढ़ से जारी समस्त आदेशों की प्रतियां देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित संस्थाओं द्वारा संचालित दुकानें एवं उनके संचालन अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत अनऑटोमेटेड वितरण अमान्य किये जाने के कारण वसूली योग्य राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। अनियमितता के कारण उक्त संस्थाओं द्वारा संचालित दुकानों को निलंबित किया गया है। संस्थाओं द्वारा दुकान का संचालन न करने के कारण उनको देय कमीशन की राशि से वसूली की कार्यवाही नहीं हो सकी है। माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण क्रमांक 31194/2023 में अंतिम आदेश पारित कर यह निर्देश दिया गया है कि जिन याचिकाकर्ताओं द्वारा ऑफलाईन वितरण किया गया हैं, उन्हें 02 माह के भीतर सकारण आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ता को अवगत कराया जाये एवं यदि कोई जांच आवश्यक है तो जांच की जाये। अत: वसूली की कार्यवाही नहीं हो सकी है। सेवा संस्था पिपरिया, सेवा संस्था पिपरिया पाटाखेड़ा एवं विपणन सहकारी संस्था ईशागढ़ द्वारा दायर याचिकाओं में पारित आदेश के अनुक्रम में वसूली की प्रक्रिया अभी लंबित है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है।
वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना
[वन]
63. ( क्र. 1476 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के मगरई C-71 कम्पाउड हुन्नरगंज एवं सिद्धेश्वर कम्पाउंड 332 मगरई में वन विभाग की भूमि पर असरदार व्यक्तियों द्वारा कब्जा करके अतिक्रमण किये हुये है। (ख) क्या वन विभाग द्वारा कभी उक्त अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया यदि हाँ, तो कब-कब सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें क्या असरदार अतिक्रमणकर्ताओं से वन विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों की सांठ गांठ है? (ग) क्या उक्त भूमि पर अतिक्रमण करने वाले ग्रामीण जन वन विभाग को अवैध रूप से सीजन की खेती अनुसार रकम देते है और उक्त वीट पर नियुक्त कर्मचारी अतिक्रमणकारियों से मिलकर वन विभाग की भूमि पर आसानी से कृषि कार्य तथा अन्य अवैध कार्य निष्पादित होने देते हैं। (घ) क्या उक्त वन भूमि को अतिशीघ्र अतिक्रमण से मुक्त करा देंगे यदि हाँ, तो कब तक कृपया समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों तथा वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त रखे जाने हेतु वन विभाग का दायित्व नहीं है? कारण स्पष्ट करे इतने बड़े भू भाग के रकबा पर अतिक्रमण क्यों है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ़ जिले के मगरई सी-71 कंपाउंड हुन्नरगंज वनमंडल अंतर्गत अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। सिद्धेश्वर कम्पाउंड पीएफ-332 में 24.10.1980 के पूर्व के पात्र 10 अतिक्रामक रकबा 7.50 हेक्टेयर पर काबिज है। प्रचलित कार्य आयोजना में वर्ष 1980 के पश्चात् के कुल 27 अतिक्रामकों द्वारा रकबा 15.6 हेक्टेयर पर अतिक्रमण किया गया है। यह कहना गलत है कि असरदार व्यक्तियों द्वारा वनक्षेत्र पर कब्जा कर अतिक्रमण किया गया है। (ख) वन कक्ष में 24.10.1980 के पूर्व के पात्र अतिक्रामक मौके पर काबिज है तथा 1980 के पश्चात् से 2011 तक के 27 अतिक्रामक वनभूमि पर काबिज हैं। यह असत्य है कि वन विभाग के कर्मचारियों का अतिक्रमणकारियों से सांठ गांठ है। (ग) जी नहीं। वनभूमि पर वन विभाग के द्वारा प्रश्नांश अनुसार कोई कृत्य नहीं किया जाता है। (घ) वनभूमि पर काबिज अतिक्रामकों को नियमानुसार बेदखल किया जाता है। चूंकि अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल जीवन मिशन हेतु आवंटित राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 1477 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) यह जल जीवन मिशन से ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को घर-घर पानी की सुविधा मुहैया कराने हेतु टीकमगढ़ जिले में 376.14 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है जिसमें से खरगापुर विधान सभा के कितने ग्रामों में पाईप लाईन बिछाकर कितनी राशि खर्च किये जाने का प्रावधान है और इस योजना में कितनी ग्राम पंचायतों को शामिल किया वर्तमान में कितने ग्रामों में कार्य चल रहा है? कितने में पूर्ण हो चुका है तथा इस पाईप लाईन को कौन से पानी के स्त्रोत से जोड़ने का प्रावधान है? (ख) मेसर्स इन्वायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी को किस वर्ष में टेंडर प्राप्त हुआ किस विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई कब इसका अनुबंध हुआ तथा किन-किन ग्रामों में पाईप लाईन विछाने का कार्य पेटी काट्रेक्टर पर किसको दिया गया एवं जिन ग्राम पंचायतों में पाईप लाईन बिछाने पर सी.सी. रोडों की खुदाई करके उनका निर्माण कार्य नहीं किया गया उसका जिम्मेदार कौन है? सी.सी. रोड 5 उखाड़ने का अधिकार किसके द्वारा प्राप्त किया और पाईप कितने एम.एम. के डाले जा रहे है किस कम्पनी के हैं? (ग) क्या उक्त प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा अभी तक जहां-जहां सी.सी. रोडो को उखाड़ा है या पाईप लाईन डाली गई है उक्त सी.सी. रोड का निर्माण कराया गया क्या? उक्त कम्पनी के अनुबंध में सी.सी. रोड खोदने का अधिकार है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण दस्तावेजों को उपलब्ध कराये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या यदि इस कम्पनी के द्वारा घटिया पाईप डाले जाना तथा भारी भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है तत्काल इस कम्पनी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) टीकमगढ़ जिले में राशि रू. 376.14 करोड़ की बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के 36 ग्राम सम्मिलित हैं। इन 36 ग्रामों में से 14 ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन भी कराया जा रहा है, जिनमें उक्त समूह जल प्रदाय योजना से बल्क वॉटर दिए जाने का प्रावधान है। समूह जल प्रदाय योजना में ग्रामवार राशि का आंकलन नहीं किया जाता है। बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना में विकासखंड टीकमगढ़ की 79 एवं विकासखंड बल्देवगढ़ की 22 कुल 101 ग्राम पंचायतों के 201 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। 123 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत किसी भी ग्राम में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। योजना में बानसुजारा बांध से पानी प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है। (ख) मैसर्स इन्वायरों इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को वर्ष 2022 में टेंडर प्राप्त हुआ, मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, भोपाल द्वारा वर्ष 2022 में विज्ञप्ति जारी की गई। दिनांक 21.09.2022 को अनुबंध हुआ है। विभाग द्वारा किसी भी पेटी कांट्रेक्टर को कार्य नहीं दिया गया है। योजना अंतर्गत पाईप लाईन बिछाने हेतु संबंधित सड़क निर्माण एजेंसी से अनमति/सहमति के उपरांत सी.सी. रोडों की खुदाई की गई है। योजना अंतर्गत 90 मि.मी, 110 मि.मी, 160 मि.मी एवं 200 मि.मी व्यास के मैसर्स टाइम टेक्नॉप्लास्ट कंपनी के पाईप बिछाए जा रहे हैं। (ग) योजना अंतर्गत पाइप लाइन बिछाने एवं जोड़ने के उपरांत नल कनेक्शन एवं हाइड्रोटेस्टिंग का कार्य प्रगतिरत है, जिसके कार्य पूर्ण होने के उपरांत खोदी गई सी.सी. रोड के रेस्टोरेशन का कार्य किया जाएगा। रोड रेस्टोरेशन का कार्य अनुबंध के पेज क्र. 09 अनुसार अनुबंधित फर्म द्वारा किया जाना है। अनुबंध के पेज क्र. 09 की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं पर व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 1486 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजाति 'सहरिया' के कल्याण हेतु केंद्र प्रवर्तित एवं राज्य सरकार की कौन-कौन सी सामुदायिक कल्याण एवं हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित है? उक्त योजनाओं में जिला श्योपुर को वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 में प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? आवंटन के विरुद्ध स्वीकृति, व्यय एवं शेष राशि की जानकारी योजनावार, मदवार, वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से किस-किस कार्य पर व्यय की है? कार्य की स्वीकृति दिनांक, कार्य की लागत राशि, अभी तक व्यय राशि, कार्य एजेंसी, वर्तमान भौतिक स्थिति सहित योजनावार, वर्षवार जानकारी दें? किस-किस योजना के किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि शेष है? अभी तक कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं कौन-कौन से कार्य अप्रारम्भ हैं? सामुदायिक कल्याण एवं हितग्राही मूलक योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''एक'' एवं ''दो''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''दो''अनुसार है।
मछुआ सहकारी समितियों की जांच
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
66. ( क्र. 1500 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत कितनी मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत है एवं इनका संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है? संचालन मण्डल सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने समूह एवं स्व-सहायता समूह कार्यरत है? तालाब/जलाशय का नाम तथा संचालन कर रहे व्यक्ति का नाम तथा पिता/पति के नाम, मो.न. सहित बतावें। (ग) सिवनी जिले को विगत 5 वर्षों में मछली पालन हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि का आवंटन किन-किन जलाशयों/कार्यों हेतु किया गया है? जानकारी वर्षवार देवें। (घ) मछली पालन केन्द्रों से शासन को प्रश्नांश (ग) अवधियों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि का राजस्व प्राप्त हुआ? निर्धारित शुल्क राशि जमा न करने वालो पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) सिवनी जिले में वर्तमान में 96 मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जिले में 60 समूह एवं स्व सहायता समूह कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) विभाग के पास सिवनी जिले में कोई जलाशय नहीं है। आवंटन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
प्रदेश में विलुप्त पक्षी
[वन]
67. ( क्र. 1501 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में भूमि उपयोग तथा जलवायु परिवर्तन के कारण बड़ी संख्या में पाये जाने वाले पक्षियों की संख्या में भारी कमी हुई हैं व कुछ विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गये है? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से पक्षी हैं? (ख) क्या सारस पक्षी प्रदेश में लुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है मगर इसके संरक्षण के प्रति वन विभाग गंभीर नहीं है? यदि हाँ, तो प्रदेश में सारस की कुल संख्या कितनी है तथा इन आंकडों का विभाग के पास बतलाने का क्या आधार है? (ग) क्या वन विभाग ने प्रदेश में एक वेटलेण्ड अथॉरिटी का गठन किया है? यदि हाँ, तो उक्त समिति के गठन के बाद कितनी राशि के क्या-क्या कार्य वेटलेण्ड संरक्षण के लिए किये गये?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश में अंकित कारणों से प्रदेश में बड़ी संख्या में पाये जाने वाले पक्षियों की भारी संख्या में कमी होने के प्रमाण नहीं है। किंतु यह सही है कि विगत वर्षों में कुछ प्रजातियों के गिद्ध, खरमोर एवं सोनचिरैया की सख्ंया में कमी देखी गई है। (ख) यह सही नहीं है कि वन विभाग सारस पक्षी के संरक्षण हेतु गंभीर नहीं है। बल्कि सारस पक्षी के संरक्षण के लिए अशासकीय संस्थाओ एवं स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस संबंध में जन समर्थन से सारस संरक्षण स्मारिका वर्ष 2012 से 2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश स्तर पर सारस पक्षी की गणना नहीं कराई गई है। इसलिये प्रदेश में सारस की कुल संख्या बताया जाना संभव नहीं है। कुछ वनमंडलों में अशासकीय संस्थाओं एवं स्वयं सेवकों के सहयोग से पक्षी गणना कराई गई है। इसी आधार पर स्मारिका में जानकारी दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को दिये जाने वाले उपकरणों के वितरण प्रावधान
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
68. ( क्र. 1506 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु उपकरण आदि वितरित किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने दिव्यांगजनों को कितने और कौन-कौन से उपकरण वितरित किये गये, हितग्राही का नाम, पता, दिव्यांगता का प्रकार, उपलब्ध कराये गये उपकरण का नाम की सूची उपलब्ध करावें। (ख) दिव्यागंजनों के लिये पिछले 05 वर्षों में कितनी राशि के कौन-कौन से उपकरण क्रय किये गये? जिस संस्था से क्रय किये गये उसका नाम एवं संस्था का चयन किस आधार पर किया गया? (ग) क्या शासन स्तर पर विधानसभा क्षेत्र सागर के पण्डापुरा स्थित अंधू नेत्रहीन तथा मूक बधिर शाला के उन्नयन एवं विस्तार का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो इस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है और कब तक स्वीकृति की कार्यवाही हो जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पण्डापुरा सागर के मरम्मत एवं सुधार कार्य हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग से अनुमति हेतु प्रेषित है। नीतिगत मुद्दा होने से समय–सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समर्थन मूल्य के उपार्जन का परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 1529 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना, मसूर एवं सरसों का परिवहन जिले से बाहर एवं जिले के अंदर किये जाने की प्रचलित नस्ति उपलब्ध करावें एवं किसके आदेश पर और किस ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा किया गया था? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या जिला विदिशा में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना, मसूर एवं सरसों का परिवहन में राकेश रोड़ लाईन्स अशोकनगर द्वारा किया गया था यदि हाँ, तो राकेश रोड़ लाइंस द्वारा प्रस्तुत समस्त देयको की प्रतियां देवें? क्या विभाग द्वारा परिवहन का भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है या नहीं? (ग) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विदिशा जिले में पदस्थ विभागीय अधिकारियों एवं शाखा प्रभारी कौन-कौन पदस्थ रहे उनका नाम एवं उनके द्वारा बिल भुगतान हेतु की गई कार्यवाही का अधिकारीवार प्रतिवेदन देवें? (घ) विलंब से हुए भुगतान के लिए कौन अधिकारी, शाखा प्रभारी जिम्मेदार है उसका नाम बतावें एवं क्या राकेश रोड़ लाइंस को ब्याज सहित भुगतान कब तक किया जाएगा? क्या इस केस में अधिकारियों/शाखा प्रभारी के द्वारा अवैध धन राशि की मांग की गई थी? यदि नहीं, तो क्या सदन में उत्तर दिए जाने के पूर्व भुगतान कर दिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन कार्य नेफेड की एजेन्सी के रूप में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा किया गया है। उपार्जित चना, मसूर एवं सरसों का परिवहन खाद्य विभाग के आदेश से मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ द्वारा गेहूं के अनुबंधित परिवहनकर्ताओं से कराया गया है। परिवहन का कार्य भण्डारी रोड़ लाईन्स, इक़बाल अली ट्रांसपोर्ट, न्यू राकेश रोड़ लाईन्स एवं संजय ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के द्वारा किया गया है। आदेश की प्रति एवं नस्ती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हां। परिवहनकर्ता से न्यू राकेश रोड़ लाईन्स अशोकनगर द्वारा प्रस्तुत देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। परिवहनकर्ता द्वारा प्रस्तुत देयकों के परीक्षण उपरांत स्वीकृत दर अनुसार एफएक्यू की मात्रा के परिवहन की राशि का भुगतान परिवहनकर्ता को किया जा चुका है। (ग) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ एवं शाखा प्रभारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। परिवहनकर्ता द्वारा प्रस्तुत देयकों के परीक्षण उपरांत स्वीकृत दर अनुसार एफएक्यू की मात्रा के परिवहन की राशि का भुगतान परिवहनकर्ता को किया जा चुका है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा चना, मसूर एवं सरसों की परिवहन की गई स्वीकृत मात्रा का भुगतान किया जा चुका है। ब्याज सहित भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भुगतान हेतु अवैध धनराशि मांगने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों को कम आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
70. ( क्र. 1532 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिला में कोविड काल में शासकीय उचित मूल्य दुकान, समूह के माध्यम से संचालित दुकान को जिला प्रशासन द्वारा खाद्यान्न कियोस मशीन के माध्यम से वितरण किये जाने हेतु आवंटित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कियोस मशीन में खाद्यान्न वितरण होने के पश्चात भी शेष बता रहा है क्या यह सही है? (ग) क्या खाद्यान्न शेष बताने के कारण माह में लक्ष्य अनुसार उचित मूल्य दुकान, समूह को आवंटन कम दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) पात्र परिवारों को उचित मूल्य दुकान पर स्थापित पीओएस मशीन के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण की व्यवस्था है। दुकान से संलग्न पात्र परिवारों में से जिन परिवारों द्वारा खाद्यान्न प्राप्त नहीं किया जाता है, उनकी खाद्यान्न मात्रा दुकान एवं पीओएस मशीन में शेष रहती है। (ग) जी नहीं। उचित मूल्य दुकान पर वितरण पश्चात् शेष रही खाद्यान्न मात्रा के समायोजन उपरांत पात्रतानुसार मासिक खाद्यान्न आवंटन जारी किया जाता है। दुकान पर किसी कारणवश पात्रतानुसार खाद्यान्न आवंटन जारी न होने पर अतिरिक्त खाद्यान्न मात्रा पोर्टल पर दर्ज करने की सुविधा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संलग्नीकरण समाप्त किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 1541 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों को मानने के लिए बाध्य है और सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संलग्नीकरण पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अंतर्गत कौन-कौन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एक जिले से दूसरे जिले तथा एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में संलग्न है? जानकारी देवें। (ख) संलग्नीकरण के निर्देश अर्थात अनुमोदन किस अधिकारी द्वारा दिया गया था उनका नाम, पदनाम सहित देवें और जिस कार्यालय में संलग्नीकरण हुआ क्या उस कार्यालय द्वारा संलग्नीकरण की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो मांग पत्र की प्रति देवें। (ग) संलग्नीकरण कब तक समाप्त कर दिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जी हां। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एक जिले से दूसरे जिले तथा एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में संलग्न किया गया है की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्नीकरण जिला/कार्यालयों में विभागीय अमले की कमी एवं विभागीय कार्य संपादन हेतु किया गया है। संलग्नीकरण आदेश के अनुमोदन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के स्वीकृत पदों के अनुरूप नियुक्तियां होने पर संलग्नीकरण समाप्ति की कार्यवाही की जा सकेगी।
जल जीवन मिशन में घोटाले पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 1542 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 920, दिनांक 11-07-2023 के (ख) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट 3 में क्रमांक 74, 75 में ग्राम गोलाय एवं तक्यापुर में फर्म नंदराम कुशवाह, बड़वानी की अनुबंध दिनांक 15-07-2022 है लेकिन उन्हें दिनांक 18-03-2022 को ही 41,91,425=00 रू. का भुगतान कर दिया गया, क्यों? कारण स्पष्ट करें। भुगतान वाउचर की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) उपरोक्त फर्म द्वारा किए गए कार्य के भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति देवें। इनके द्वारा प्रस्तुत बिलों की भी प्रमाणित प्रति देवें। कार्य अपूर्ण रहने के कारण इनसे हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) राशि भुगतान में अनियमितता एवं कार्य लंबित रहने से फर्म को ब्लैक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया? इनसे कार्य में असफल रहने से राशि वसूली क्यों नहीं की गई? (घ) संबंधित फर्म व कार्य के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा एवं कब तक कार्य पूर्ण होगा? समय-सीमा देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) दिनांक 18.03.2023 के स्थान पर दिनांक 18.03.2022 त्रुटिवश टंकित हो गया था जबकि भुगतान की वास्तविक दिनांक 18.03.2023 ही है, भुगतान व्हाउचर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। ग्राम गोलाटा एवं तक्यापुर की नलजल योजनाओं के बिल विभाग द्वारा तैयार किये गये हैं उन्हें फर्म द्वारा स्वीकार किया जाता है। फर्म के कारण कार्य में विलंब नहीं हुआ है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पर्याप्त स्त्रोत की उपलब्धता में विलंब के कारण योजना कार्यों के क्रियान्वयन में विलंब हुआ। नियमानुसार अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित फर्म के विरूद्ध अंतिम देयक के पूर्व शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम गोलाटा एवं तक्यापुर नलजल योजना का वर्तमान में कार्य पूर्ण हो चुका है, उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रिंसिपलों और शिक्षकों से जातिगत-भेदभाव एवं उत्पीड़न
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 1553 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा संचालित कितने शिक्षा परिसरों और सी.एम. राइज स्कूलों में एससी-एसटी प्रिंसिपल हैं और कितने एससी-एसटी शिक्षक हैं, इनके कितने पद रिक्त हैं, परिसर-स्कूलवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) क्या सी.एम. राइज स्कूल मनावर के प्रिंसिपल सोहन शिंदे को एससी होने के कारण भेदभाव-दुर्भावना-साजिश के तहत आरोप लगाकर पदावनति कर उनके जगह किसी और को प्रभारी बनाया गया है? (ग) सोहन शिंदे पर लगाए गए आरोपों और सोहन शिंदे द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को निष्पक्ष, जातिगत-भेदभाव-रहित जांच के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? यदि निष्पक्ष, भेदभाव-रहित जांच प्रक्रिया नहीं अपनाई गई तो क्यों? (घ) कितने शिक्षा परिसरों और सी.एम. राइज स्कूलों में एससी-एसटी वर्ग के प्रिंसिपलों पर आरोप लगाकर या अन्य कारणों से हटाया जाकर किसी और को प्रभारी बनाया गया? प्रति सहित बताएं। (ङ) सी.एम. राइज स्कूल में प्रिंसिपल और शिक्षक के लिए क्या-क्या नियम बनाए गए हैं, क्या अधिकार दिए गए हैं, इनको हटाने के क्या नियम हैं? (च) विभाग द्वारा संचालित स्कूलों-परिसरों में कितने शिक्षक हैं, उनकी मूल पोस्टिंग कहां है और वर्तमान में कहां सेवा दे रहे हैं। वर्तमान में कितने पद किन-किन वर्गों के रिक्त हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) प्राचार्य एवं व्याख्याता के पद राज्य संवर्गीय पद है, माध्यमिक शिक्षक का पद संभाग संवर्गीय एवं सहायक शिक्षक का पद जिला संवर्गीय पद है। संस्थावार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पद स्वीकृत नहीं होते हैं, अत: इनके कितने पद रिक्त हैं, संस्थावार बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। श्री सोहन शिंदे, तत्कालीन प्राचार्य (मूल पद- उच्च माध्यमिक शिक्षक) को पदावनत नहीं किया गया है, अपितु शिक्षकों एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायत के आधार पर कलेक्टर द्वारा जांच दल गठित कर जांच प्रतिवेदन के आधार पर मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र दिनांक 06.07.2023 के द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कलेक्टर धार के आदेश दिनांक 30.09.2023 द्वारा अन्यत्र स्थानांतरित कर, अन्य को प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया है। (ग) श्री सोहन शिंदे (मूल पद- उच्च माध्यमिक शिक्षक) तत्कालीन प्राचार्य सी.एम. राइज स्कूल मनावर के विरूद्ध संस्था के शिक्षकों एवं जनप्रतिनिधियों की शिकायत के आधार पर कलेक्टर जिला धार के आदेश क्रमांक/शिकायत/15147 दिनांक 07.12.2022 के द्वारा तीन सदस्यीय जांच दल जिसमें जिला स्तरीय/अनुविभागीय स्तर एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी सम्मिलित हैं, का गठन कर निष्पक्ष जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार श्री शिंदे का व्यवहार स्टॉफ के प्रति संतोषप्रद नहीं होना पाया गया है। शिकायत के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धार द्वारा संस्था में उपस्थित होकर स्टॉफ एवं प्राचार्य को समन्वय स्थापित किए जाने की समझाईश भी दी गई एवं एक सप्ताह में प्राचार्य को कार्यशैली में सुधार कर स्टॉफ से सामंजस्य बनाया जाकर संस्था का सुचारू रूप से संचालन किए जाने का प्रतिवेदन चाहा गया था, जो श्री शिंदे द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। श्री शिंदे के साथ किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं किया गया है। (घ) दो प्राचार्यों द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के फलस्वरूप प्राचार्य के प्रभार से हटाया जाकर अन्य को प्रभारी बनाया गया, प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ड.) सी.एम. राइज स्कूल मूलत: विभागीय स्कूल ही हैं। इनमें विभागीय नियम ही लागू हैं, पृथक से कोई नियम नहीं बनाए गए हैं, न ही कोई पृथक से अधिकार दिए गए हैं। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है। संस्थाओं में वर्गवार पद स्वीकृत नहीं होते हैं, अत: वर्गवार रिक्त पद बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अभिलेख एवं दस्तावेज
[वन]
74. ( क्र. 1554 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा की आनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध प्रश्न-क्रमांक 334 एवं 344 दिनांक 2/3/2023 एवं प्रश्न-क्रमांक 418 दिनांक 21/12/2022 में बड़वाह वनमंडल के ग्राम मोयदा की वर्ष 1948-49 की मिसल बंदोबस्त, खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र, वर्ष 1955 से 2014 तक की खसरा पंजी अभिलेखागार में एवं वर्ष 2006 से 2023 तक की खसरा पंजी आनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होने की जानकारी दी है? (ख) यदि हाँ, तो बड़वाह वनमंडल, खंडवा वनवृत एवं वन मुख्यालय भोपाल ने कलेक्टर खरगोन एवं अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह से ग्राम मोयदा की खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र, नामांतरण पंजी एवं उनमें दर्ज ब्यौरों की जानकारी प्राप्त करने किस-किस दिनांक को पत्र लिखा, प्रति सहित बताएं। (ग) ग्राम मोयदा की वर्ष 1955 से 2023 तक की खसरा पंजी में किस वर्ष में कितने किसानों के भूस्वामी हक पर कितनी भूमि दर्ज है, किस वर्ष की खसरा पंजी में किसका नामांतरण दर्ज है? (घ) प्रश्नांश (ग) की कब तक जानकारी संकलित कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई जाएगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हां। (ख) वनग्राम मोयदा की प्रश्नांकित जानकारी के संबंध में मुख्य वन संरक्षक खण्डवा द्वारा पत्र क्रमांक/मा.चि./2023/5882 दिनांक 21.07.2023 से कलेक्टर खरगोन को लेख किया गया है जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वनमण्डल बड़वाह तथा वन मुख्यायल भोपाल द्वारा उक्त के संबंध में कोई लेख नहीं किया गया है। (ग) वनग्राम मोयदा की वर्ष 1955 से 2023 के मध्य में एवं वनग्राम मोयदा की वर्ष 1980-81 में वन एवं राजस्व विभाग द्वारा तैयार की गई खसरापंजी में 21 कृषकों की 137.091 हेक्टेयर वनभूमि दर्ज है। वन विभाग द्वारा खसरपंजी में नामांतरण का कार्य नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति कल्याण से भिण्ड जिले में कराये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 1586 ) श्री हेमंत कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में अप्रैल 2019 से 31 दिसम्बर, 2023 तक अनुसूचित जाति कल्याण से किन-किन योजनाओं में कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया एवं व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) विधान सभा क्षेत्र अटेर में उल्लेखित अवधि 2019 से 2023 तक सार्वजनिक कार्य एवं हितग्राही मूलक कौन-कौन से कार्यों को कितनी राशि सहायता स्वीकृत की गई स्वीकृत सहायता से क्या कार्य कराये गये? (ग) जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु किन-किन ग्रामों क्षेत्रों में उक्त योजना के विकास कार्य स्वीकृत कराये जा सकते है क्षेत्र के ग्रामों का विवरण दें क्या वर्तमान में स्वीकृति के प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से एवं कब तक स्वीकृत किये जायेंगे।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास, मजरें टोलों का विद्युतीकरण एवं अनुसूचित जाति वर्ग के कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन का विस्तार योजना नियम 2018 के नियमानुसार कार्य स्वीकृत किये जा सकते है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्योगों से प्रदूषण
[पर्यावरण]
76. ( क्र. 1612 ) श्री विपीन जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में प्रदूषण के उद्योगों की सूची देवें तथा बतावें कि इन उद्योगों की पिछले 5 वर्षों में कब-कब जलवायु तथा ठोस अपशिष्ट की जांच किस-किस स्तर के अधिकारियों द्वारा की गई है तथा प्राप्त निष्कर्ष की जानकारी वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की जांच पर किस-किस उद्योग पर क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब की गई है? विस्तृत जानकारी देवें तथा बतावें कि किस-किस उद्योग ने जल, वायु तथा ठोस अपशिष्ट के निदान के लिए कौन-कौन सी मशीन किस वर्ष की बनी हुई लगा रखी है? (ग) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित पानी व अपशिष्ट पदार्थ कहां प्रवाहित किया जा रहा है प्रवाहित करने से पहले उसे नॉन टॉक्सिक किया जाता है या नहीं? (घ) क्या दूषित पानी, अपशिष्ट पदार्थों से आसपास के जलस्त्रोतों एवं शिवना नदी का जल दूषित हो रहा है किसानों की फसले, मानव जीवन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इसके निवारण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ड.) क्या क्षेत्र अंतर्गत समस्त उद्योग वर्तमान उद्योग नीति अनुसार संचालित है यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग प्रमुख का प्रतिवेदन देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी प्रदूषणकारी उद्योगों को शून्य निस्त्राव की शर्त के साथ सम्मति जारी की गई है। उद्योगों द्वारा उपचार पश्चात् दूषित जल का पुर्नउपयोग परिसर के भीतर औद्योगिक तथा बागवानी कार्यों हेतु किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मंदसौर शहर का घरेलू जल-मल मिलने के कारण शिवना नदी के जल में प्रदूषण की स्थिति पाई गई है। शिवना नदी के शुद्धिकरण की योजना के संबंध में नगर पालिका, मंदसौर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। किसान कल्याण एवं कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार किसानों की फसलें प्रभावित होने तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानव जीवन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की पुष्टि नहीं होती है। किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, मंदसौर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मंदसौर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। (ड.) क्षेत्र के समस्त उद्योग नीति के अनुसार संचालित हैं। इस संबंध में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, मंदसौर से प्राप्त उत्तर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ' अनुसार है।
लहसुन उत्पादकों को वित्तीय सहायता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
77. ( क्र. 1613 ) श्री विपीन जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत जिला मंदसौर में लहसुन का चयन किया गया है? यदि हाँ, तो बताएं कि जिले में लहसुन की पैदावार, गुणवत्ता बढ़ाने हेतु किसानों को वित्तीय सहायता, वैज्ञानिक प्रशिक्षण, तकनीक और उपकरण प्रदाय किये गए हैं विवरण देवें। इसके अंतर्गत विभाग की क्या प्लानिंग है? (ख) लहसुन एवं इससे बनने वाले उत्पादों की ब्रांडिंग, प्रचार-प्रसार एवं विक्रय देश-विदेश में करने हेतु शासन की क्या योजना है इस कार्य हेतु मंदसौर विधानसभा के लहसुन उत्पादकों से कोई सुझाव लिए गए है? (ग) क्या मंदसौर जिला स्तर पर वृहद फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की योजना है? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित योजना के अंतर्गत किन-किन सरकारी संस्थाओं और निजी संस्थाओं द्वारा उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है क्या इसके द्वारा बनने वाले उत्पादों को विक्रय करने हेतु सूक्ष्म लघु उद्योग की स्थापना करने हेतु किसानों को तैयार करने की कोई योजना है या नहीं? (ड.) योजना अंतर्गत स्वयं किसानों द्वारा लहसुन को अन्य शहरों, राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन हेतु क्या रियायत देने का प्रावधान है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जिले में लहसुन फसल की पैदावार, गुणवत्ता बढ़ाने हेतु किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु पीडीएमसी योजनांतर्गत ड्रिप, मिनी एवं पोर्टेबल स्प्रिंकलर स्थापना हेतु 171.19 हेक्टेयर का भौतिक एवं 80.88 लाख का वित्तीय लक्ष्य प्रदाय किया गया है तथा MIDH योजनांतर्गत मल्चिंग के उपयोग हेतु अनुदान सहायता प्रदाय की जा रही है। जिले में लहसुन की पैदावार, गुणवत्ता बढ़ाने हेतु जिला/विकासखंड/ब्लॉक स्तर पर उद्यानिकी महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों, जिला रिसोर्स पर्सन तथा जिला स्तरीय प्रशिक्षक द्वारा कृषकों, युवाओं एवं उद्यमियों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण, तकनीकी जानकारी दी जा रही है। (ख) विभाग में संचालित पीएमएफएमई योजनांतर्गत प्रदेश में निर्मित उत्पादों की ब्रांडिंग मार्केटिंग हेतु अनुदान का प्रावधान है। हां। जिले में प्रशिक्षणों एवं संगोष्ठियों के माध्यम से कृषकों के सुझाव प्राप्त कर उस पर कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) सरकारी संस्था मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के विंघ्यवेली ब्राण्ड तथा रूद्र गार्लिक एवं गुर्जर गार्लिक निजी संस्थानों द्वारा उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। जी हॉ। (ड.) जी नहीं।
वेयर हाउस व नियोजित वाहनों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 1615 ) श्री विपीन जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत अनुबंधित विधानसभा क्षेत्र मंदसौर में कौन-कौन से वेयरहाउस शासकीय व निजी कहां-कहां पर, कितनी-कितनी क्षमता के हैं सूची देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर अंतर्गत रेक पॉइंट से गोदाम तक और गोदाम से विक्रय केन्द्रों पर माल परिवहन की क्या व्यवस्था है इस हेतु कार्य का ठेका/कॉन्ट्रैक्ट किस प्रक्रिया के तहत किसे, कब तक दिया गया है? अनुबंध की प्रति देवें इस हेतु संलग्न वाहनों के अनुबंध एवं फिटनेस प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। (ग) माल चढाई उतार (हम्माली) के लिए क्या व्यवस्था है इस हेतु कार्य का ठेका/कॉन्ट्रैक्ट किस प्रक्रिया के तहत किसे कब तक दिया गया है अनुबंध की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) में नियोजित कर्मियों यथा ड्राईवर, हम्माल व अन्य को कितना-कितना भुगतान संबंधित के द्वारा किया जाता है पीएफ कटोत्रा सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय व निजी वेअरहाउस कहां-कहां पर, कितनी-कितनी क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) रैक प्वाईंट से गोदाम तक परिवहन का कार्य मुख्यालय द्वारा जारी एच.एल.आर.टी. निविदा के माध्यम से अनुबंधित परिवहनकर्ता द्वारा किया जाता है वर्तमान में एच.एल.आर.टी. खाद्यान्न के परिवहनकर्ता मेसर्स शारदा रोड लाईन्स उज्जैन परिवहन कार्य के लिए अनुबंधित है। निष्पादित अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। इस निविदा अवधि वर्ष 2023-25 से समस्त निविदाऐं जेम पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित की गई थी जिसमें निविदाकर्ताओं से स्वयं/अनुबंधित वाहन (ट्रक) के फिटनेस प्रमाण-पत्र आदि किसी भी प्रकार के दस्तावेज नहीं मांगे गए थे। इसी प्रकार प्रदाय केन्द्र से शासकीय उचित मूल्य दुकानों तक राशन सामग्री का परिवहन कार्य मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजनांतर्गत चयनित हितग्राहियों से कराया जा रहा है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) अनुबंध की शर्तों अनुसार लोडिंग अनलोडिंग की व्यवस्था संबंधित परिवहनकर्ता का दायित्व है। (घ) नियोजित कर्मी तथा ड्राईवर आदि को भुगतान संबंधित परिवहनकर्ता/हितग्राही द्वारा किया जाता है।
अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले पशुओं को रोकने की कार्यवाही
[वन]
79. ( क्र. 1622 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर अभ्यारण में प्रदेश सीमा से लगी राजस्थान सीमा से आने वाले पशुओं को रोकने हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई है, प्रति वर्ष हजारों भेड़े राजस्थान सीमा से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर जाती है इनके प्रवेश को रोकने हेतु कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रोजड़ा (नील गाय) समस्या से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अब तक क्या प्रयास हुए है कितनी राशि व्यय हुई है कितनी उपलब्धि हुई है इस समस्या को हल करने हेतु कोई ठोस नीति बनाई जाएगी यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वनमंडल मन्दसौर अंतर्गत गांधीसागर अभ्यारण्य की राजस्थान राज्य से लगी सीमा पर अवैध रूप से प्रवेश करने वाले पशुओं एवं भेड़ों की रोकथाम हेतु राजस्थान राज्य से लगी वन सीमा पर वर्ष 2023-24 तक लगभग 21 किलोमीटर गेमप्रूफ वॉल का निर्माण किया गया है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2023-24 में गांधीसागर अभ्यारण्य सीमा में राजस्थान राज्य की सीमा की ओर से भेडों का अवैध रूप से प्रवेश नहीं होने दिया जा रहा है। राजस्थान से मध्यप्रदेश की सीमा में भेड़ों के प्रवेश को रोकने हेतु प्रतिवर्ष मानसून के समय संयुक्त गश्ती की जाकर भेड़ों के प्रवेश को नियंत्रित किया जाता है। वर्ष 2023-24 में गांधीसागर अभ्यारण्य सीमा में अवैध रूप से भेड़ों के प्रवेश करने पर पशु चराई के 13 प्रकरण पंजीकृत कर राशि रू. 2,85,500/- वसूल की गयी है तथा आगामी वर्षों में भी इसी तरह राजस्थान राज्य से लगी वन सीमा में भेड़ों के प्रवेश को रोका जावेगा। (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नीलगाय द्वारा होने वाले नुकसान के संबंध में यदा-कदा स्थानीय ग्रामीणों से सूचनायें प्राप्त होती रहती हैं। इस संबंध में नीलगाय द्वारा पशुहानि/पशुघायल, फसल की नुकसानी के मुआवजा का प्रावधान म.प्र. लोक सेवा गारण्टी अधिनियम, 2010 के अंतर्गत किया गया है। व्यथित आवेदक अपना आवेदन राजस्व विभाग को प्रेषित कर मुआवजा प्राप्त कर सकता है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/एफ-22/285/99/10-2 भोपाल, दिनांक 21 सितम्बर, 2000 द्वारा मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना क्रमांक एफ 22/285/99/10-2 दिनांक 31 मई, 2000 द्वारा वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 1972) की धारा 4 उपधारा (1) के खण्ड (ग) में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र के भीतर फसल नुकसान करने वाली नीलगाय को मारने की अनुमति के लिये उक्त अधिनियम की धारा 11 उप धारा 1 खण्ड (ख) के प्रयोजनों के लिये प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। उपरोक्तानुसार प्रावधान/ठोस नीति है। गरोठ विधान सभा क्षेत्र में नीलगाय से होने वाले नुकसान को रोकने बाबत् कोई भी राशि वनमंडल मन्दसौर को प्राप्त नहीं हुई है और न ही कोई राशि उपलब्ध है।
गरोठ में संतरा मंडी खोलने की योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
80. ( क्र. 1623 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत अत्यधिक मात्रा में संतरे का उत्पादन होता है इस उत्पादन हेतु समुचित भंडारण की व्यवस्था है यदि नहीं, तो क्या यहा कोल्ड स्टोरेज खोला जाना आवश्यक है? यदि हां तो इस संबंध कोई कार्यवाही की गई है? क्या शासन कोल्ड स्टोरेज खोलेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ख) यदि संतरा फलो के प्रसंस्करण के लिए ग्रेडिंग यूनिट, जूस यूनिट की आवश्यकता है तो क्या विभाग इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) गरोठ विधानसभा में संतरा मंडी खोलने की माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी यदि हाँ, तो क्या इसकी स्वीकृति जारी हो गई है यदि नहीं, तो क्या शासन संतरा मंडी खोलेगा यदि हाँ, तो कब तक?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत संतरे के समुचित भण्डारण की व्यवस्था हेतु कोल्ड स्टोरेज खोले जाने के संबंध में विभाग द्वारा MIDH तथा राज्य योजना के घटक फसलोंपरांत प्रबंधन योजना में इच्छुक हितग्राही आवेदन कर पात्रता अनुसार लाभ प्राप्त कर सकते है। शासन द्वारा कोल्ड स्टोरेज खोले जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) विभाग अंतर्गत ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) ’ के अंतर्गत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित करने पर 35% (अधिकतम राशि रूपये 10 लाख) का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान का प्रावधान है तथा ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को देय विशिष्ट वित्तीय सहायताये- 2014’ अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित किये जाने पर 25% (अधिकतम 2.50 करोड़) का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान प्रावधान है। इच्छुक हितग्राही पात्रता अनुसार प्रसंस्करण इकाई हेतु आवेदन कर सकते है। (ग) जी हाँ। कृषि उपज मण्डी समिति गरोठ के अधिसूचित प्रांगण में संतरा के सुचारू क्रय-विक्रय एवं विनियमन के लिये आंचलिक कार्यालय उज्जैन से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार कृषि उपज मण्डी समिति गरोठ के मण्डी प्रांगण में 02 स्थानों को चिन्हित कर संतरे के क्रय-विक्रय हेतु शेड आरक्षित कर आवश्यक सुविधायें विकसित किया जाकर कार्यवाही पूर्ण की गई है।
विभाग अंतर्गत पदपूर्ति किये जाना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
81. ( क्र. 1629 ) श्री अनिल जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक/एफ-1-45/26-1/2012 भोपाल दिनांक 18.06.2013 द्वारा विभाग अंतर्गत नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों हेतु 427 कम्प्यूटर ऑपरेटर सह सहायक ग्रेड-3 के कितने पद सृजित किये गये थे एवं उन पदों पर विभाग अंतर्गत पदपूर्ति की क्या स्थिति है, बतावें? यदि पद रिक्त हैं, तो कब तक पदपूर्ति करा ली जावेगी एवं इन पदों के भर्ती के क्या नियम है? संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) यदि पद रिक्त हैं तो क्या राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को उक्त पदों पर नियुक्त किया जावेगा, यदि हाँ तो कब तक?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-45/26-1/2012 दिनांक 18/06/2013 द्वारा विभाग के अंतर्गत 114 नगरीय निकाय एवं 313 जनपद पंचायतों में कुल 427 कम्प्यूटर आपरेटर सह-सहायक ग्रेड-03 के पद सृजित किये गये है, पद पूर्ति के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत कम्प्यूटर आपरेटरों को उक्त पद पर नियुक्ति संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.डी.ओ. कोड से भुगतान की प्रक्रिया
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
82. ( क्र. 1630 ) श्री अनिल जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी अंतर्गत उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को आवंटित डीडीओ कोड क्रमांक 5202602001 से भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ हो जायेगी? (ख) क्या जिला निवाड़ी अंतर्गत उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को आवंटित डीडीओ कोड क्रमांक 5202602001 में पद मैप किये गये है, यदि नहीं, तो कब तक मैप किये जाएंगे? (ग) जिला निवाड़ी अंतर्गत मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता के विगत 2 वर्ष में कितने प्रकरण प्राप्त हुये हैं, उनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये एवं स्वीकृत प्रकरण में से कितने प्रकरणों का भुगतान किया जा चुका है एवं कितने प्रकरण वर्तमान में स्वीकृति/भुगतान हेतु लंबित है, संलग्न प्रपत्र पर जानकारी देवें:- क्र. कल्याणी का नाम ग्राम पंचायत का नाम स्वीकृत/अस्वीकृत भुगतान स्थिति यदि लंबित है तो लंबित रहने का कारण आवेदन अनावश्यक लंबित रखने वाले दोषी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ, डी.डी.ओ. मैपिंग की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ''अनुसार। (ग) विगत 02 वर्षों में मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह में 06 प्रकरण प्राप्त हुये हैं एवं 06 प्रकरण ही स्वीकृत किये जा चुके हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। उक्त में से 05 हितग्राहियों का भुगतान किया जा चुका है तथा 01 हितग्राही श्री हीरा अहिरवार, ग्राम पंचायत-मुडारा वर्तमान में निवास स्थान पर नहीं पाये गये हैं जिस कारण हितग्राही का समग्र आई.डी. में आधार ई-केवायसी नहीं हो पाया है, इस कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावासों को राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
83. ( क्र. 1631 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत विभाग के कहां-कहां, कितने-कितने सीटर के छात्रावास संचालित हैं तथा निवासरत छात्र-छात्राओं को क्या-क्या सुविधा मुहैया कराई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक छात्र-छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु छात्रावासों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? छात्रावासवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों को आवंटित राशि का उपयोग किस-किस रूप में किया गया? छात्रावास में छात्र-छात्राओं को सुविधा मुहैया कराये जाने हेतु सामग्री क्रय करने पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस संस्था को किया गया? छात्रावासवार, वर्षवार, संस्थावार, नगद/चैक से भुगतान की स्थिति की संपूर्ण जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या सामग्री प्रदाय करने वाली संबंधित फर्म/संस्था/व्यक्ति को राशि का भुगतान चैक, आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से किए जाने के शासन के निर्देश हैं, यदि हाँ, तो नगद राशि के भुगतान पाये जाने जाने पर जिला संयोजक द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के लिये 07 कन्या एवं 10 बालक इस प्रकार कुल 17 छात्रावास संचालित है। छात्रावासों में छात्रों को नि:शुल्क आवास, बिजली, पानी एवं भोजन व्यवस्था, विस्तर सामग्री, खेलकूद सामग्री, प्रसाधन किट, पुस्तकालय तथा उत्कृष्ट छात्रावासों में स्टेशनरी एवं कोचिंग की सुविधा मुहैया कराई जाती है, छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों को प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों में शिष्यवृत्ति की 90% राशि का भुगतान छात्रावास अधीक्षक के खाते में किया जाता है तथा 10% राशि का भुगतान छात्रों के बैंक खाते में किया जाता है। कोचिंग हेतु मानदेय की राशि छात्रावास अधीक्षकों द्वारा प्रमाणित उपस्थिति के आधार पर संबंधित विषय शिक्षक के बैंक खातें में नियमानुसार अंतरित की जाती है। छात्रावासवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। छात्रावासों में सामग्री पूर्ति हेतु सामग्री के क्रय संबंधित कार्यवाही मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के नियमानुसार जिला स्तर से की जाती है। निवाड़ी जिले को आहरण संवितरण अधिकार न होने से सामग्री का क्रय जिला टीकमगढ़ के माध्यम से किया गया है। छात्रावासवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) नहीं। विभाग द्वारा नगद राशि के भुगतान का प्रावधान नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
पात्रता पर्ची विहीन उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 1639 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के तहत संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को राज्य एवं केन्द्रीय किन-किन योजनाओं में कितना-कितना खाद्यान्न, शक्कर, केरोसिन आदि का आवंटन किया गया तथा कितना वितरित किया गया और कितना अवितरित रहा? वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक की माहवार व राशन दुकानवार जानकारी दें। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को पर्ची जारी की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पात्रता पर्ची विहीन कार्डधारी उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्न वितरण की क्या व्यवस्था की गयी है? राशन दुकानवार व माहवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) देवास जिले की विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ में वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकानों को खाद्यान्न, शक्कर, नमक एवं केरोसीन का आवंटन, वितरण एवं शेष मात्रा की माहवार एवं दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बीपीएल, अन्त्योदय योजना सहित अन्य पात्रता श्रेणी के परिवारों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों में से पात्रता अनुसार नियमित रूप से ऑनलाईन पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही मासिक रूप से की जाती है। अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को पात्रता पर्ची भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा अंतर्गत ही पात्रता पर्ची जारी करने का प्रावधान है। आवेदनकर्ता एवं पात्र परिवारों की कोई पात्रता पर्ची लंबित नहीं है। देवास जिले की विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत अन्त्योदय-5494 एवं प्राथमिकता (बीपीएल सहित) परिवार-47718 कुल 53212 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्रता श्रेणी के सम्मिलित परिवारों को पात्रता पर्ची के आधार पर ही खाद्यन्न वितरण की व्यवस्था है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास में मरम्मत कार्य एवं क्षेत्र संयोजक की पदस्थापना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
85. ( क्र. 1643 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने छात्रावास में मरम्मत कार्य/मजबूतीकरण कार्य कराये गए? (ख) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावास में कितने विभागीय अधीक्षक कार्यरत हैं? जानकारी देवें तथा क्या सागर जिले में व्याख्याता को छात्रावास अधीक्षक/क्षेत्र संयोजक बनाया गया है? नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण है एवं मरम्मत कार्य की गुणवत्ता के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग ने कार्य गुणवत्ता की जांच अन्य एजेन्सी से कराये जाने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) सागर जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 73 छात्रावास/आश्रमों में विभागीय अधीक्षक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। मरम्मत कार्य की गुणवत्ता के संबंध में एक शिकायत प्राप्त, जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) आवश्यकता होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
मीनाक्षी टीएमटी आयरन प्लांट की जानकारी
[पर्यावरण]
86. ( क्र. 1644 ) श्री प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र चनाटोरिया में मीनाक्षी टीएमटी आयरन प्लांट स्थापित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा उक्त प्लांट हेतु किस वर्ष में एनओसी/अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया गया थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनापत्ति प्रमाण-पत्र किन शर्तों पर/अनुबंध के तहत प्रदान की गई है? संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा प्लांट का कब-कब निरीक्षण/परीक्षण किया गया? (घ) क्या प्लांट रात्रि कालीन में भी संचालित होता है? जानकारी देवें। प्लांट से चिंगारी/धुआं/चमक आदि की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? जानकारी देवें एवं विभाग द्वारा शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। बोर्ड द्वारा उद्योगों को एनओसी/अनापत्ति प्रमाण- पत्र जारी नहीं किया जाता है, अपितु सम्मति जारी की जाती है। बोर्ड द्वारा मेसर्स मीनाक्षी मेटल इन्डस्ट्रीज प्रा. लि, जिला सागर को दिनांक 08/12/2017 को स्थापना सम्मति, दिनांक 18/08/2018 को उत्पादन सम्मति, दिनांक 26/01/2021 को क्षमता विस्तार हेतु स्थापना सम्मति एवं दिनांक 09/01/2022 को क्षमता विस्तार हेतु उत्पादन सम्मति जारी की गयी थी। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित सम्मति पत्रों की प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ'अनुसार है। सम्मति शर्तों का विवरण उपरोक्त संलग्न सम्मति पत्रों में दिया गया है। (ग) बोर्ड द्वारा उद्योग का निरीक्षण/परीक्षण दिनांक 23/10/2017, 07/12/2017, 06/08/2018, 03/10/2018, 23/07/2019, 20/08/2020, 28/12/2020, 18/11/2021, 29/12/2021, 10/10/2022, 19/10/2022, 01/11/2023 को किया गया है। (घ) जी हाँ, आवश्यकता अनुसार प्लांट का संचालन किया जाता है। उद्योग के विरुद्ध समय-समय पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। शिकायतों का विवरण एवं बोर्ड द्वारा इन शिकायतों के निराकरण हेतु की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री वनधन विकास केन्द्र
[वन]
87. ( क्र. 1652 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में राज्य लघुवनोपज के सहयोग से कितने प्रधानमंत्री वनधन विकास केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित हो रहे हैं एवं इन केन्द्रों से आज दिनांक तक महिलाओं को मिले आर्थिक लाभ की जानकारी प्रदाय करने का कृपा करें? (ख) इस योजना में वनधन केन्द्रवार कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं आज दिनांक तक व्यय हुई? क्या यह वनधन केन्द्र आदिवासी आरक्षित विकासखण्डों में स्वीकृत होना है या अन्य स्थानों पर भी। (ग) जुन्नारदेव एवं बिछुआ विकासखण्डों जो आरक्षित विकासखण्ड हैं जिसमें सांगाखेडा, जमाई, दमुआ, बिछुआ एवं छिन्दवाड़ा परिक्षेत्रों के कार्यक्षेत्र में यह प्रधानमंत्री वनधन विकास केन्द्र कब तक स्वीकृत किये जायेगे? (घ) सोनापीपरी, परासिया विकासखण्ड परासिया परिक्षेत्र में संचालित वनधन केन्द्र में आज तक क्या-क्या सामग्री खरीदी एवं बिक्री की गई है साथ ही महिलाओं को मिले लाभ की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में राज्य लघु वनोपज के सहयोग से 4 प्रधानमंत्री वनधन विकास केंद्र स्वीकृत होकर संचालित हो रहे हैं एवं इन केंद्रों से आज दिनांक तक महिलाओं को रू. 138735/- का आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। (ख) वन धन केंद्रों हेतु स्वीकृत एवं व्यय राशि की जानकारी निम्नानुसार है:–
क्रमांक |
वन धन केन्द्र का नाम |
स्वीकृत राशि रूपये में |
व्यय राशि रूपये में |
1 |
चिलक |
1580000 |
1580000 |
2 |
छिन्दी |
1510000 |
1510000 |
3 |
बम्हनी |
1500000 |
962500 |
4 |
मैनावाड़ी |
1500000 |
1262500 |
यह वनधन केन्द्र आदिवासी आरक्षित विकासखण्ड के लिए है। इसकी स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गई है। (ग) जुन्नारदेव एवं बिछुआ विकासखंडों में आने वाले सांगाखेड़ा, जामई, दमुआ, बिछुआ एवं छिंदवाड़ा परिक्षेत्रों में माह जनवरी 2024 में निम्नानुसार प्रधानमंत्री वन धन विकास केंद्र स्वीकृत किये गये हैं।
क्रमांक |
परिक्षेत्र |
स्वीकृत पीवीटीजी वन धन केन्द्र का नाम |
1 |
सांगाखेड़ा |
झोंत |
2 |
जामई |
पटनिया |
3 |
डोब |
|
4 |
दमुआ |
गोरखघाट |
5 |
माली |
|
6 |
छिंदवाड़ा |
सारना |
(घ) जिला यूनियन पश्चिम छिन्दवाड़ा के अंतर्गत परासिया परिक्षेत्र में वन धन विकास केंद्र मैनावाड़ी में खरीदी एवं बिकी की गई सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वन धन विकास केंद्र मैनावाड़ी अंतर्गत "वनभोज रसोई" सोनापीपरी का भी संचालन किया जा रहा है जिससे महिलाओं को 75,000/- रू. लाभांश राशि का वितरण किया गया है।
आदेशों की अवहेलना
[वन]
88. ( क्र. 1654 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में आदेश क्रमांक 2544 दिनांक 29.05.2023 एवं 2554 06.09.2023 को 2 लाख से अधिक राशि के सभी वानिकीय एवं निर्माण कार्य अन्य विभागों की तरह ठेके से कराने के आदेश वल्लभ भवन भोपाल से जारी किये गये है? यदि हाँ तो वन विभाग के अधिकारियों ने दोनों आदेशों की पालन आज तक नहीं कर शासन आदेशों की खुली अवहेलना की जा रही है। (ख) उक्त दोनों आदेशों के पालन नहीं करने वाले विभाग के अधिकारियों की हठधर्मीता एवं आदेश का पालन न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। (ग) क्या शासन उक्त दोनों आदेशों का पालन कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे एवं गुणवत्ता में सुधार होगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन विभाग के पत्र क्रमांक-2544, दिनांक 29.05.2023 द्वारा विभागीय अधोसंरचना निर्माण कार्यों में निविदा प्रक्रिया लागू करने तथा विभागीय पत्र क्रमांक-2554, दिनांक 06.10.2023 द्वारा वानिकी कार्यों को निविदा के माध्यम से करने के निर्देश जारी किये गये हैं। इसी अनुक्रम में विभागीय पत्र दिनांक 19.10.2023 द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि दिनांक 01.01.2024 से प्रारंभ होने वाले कार्य निविदा के माध्यम से किये जाये तथा उक्त तिथि के पूर्व प्रारंभ हो चुके कार्य पुरानी व्यवस्था से किये जावें। उक्त निर्देशों के अनुरूप आगामी वित्तीय वर्ष में बजट उप मद निर्मित कराने की कार्यवाही की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही हेतु प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां। उत्तरांश ''क'' अनुसार बजट उप मद निर्मित कराने की कार्यवाही की गई है।
दिव्यांगजनों हेतु शिविर लगाकर सुविधाएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
89. ( क्र. 1656 ) श्री सुनील उईके : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में दिव्यांगजनों को सुविधा हेतु कौन-कौन से उपकरण प्रदाय किये जा रहे है? कृपया बताने का कष्ट करें। (ख) दिव्यांगजनों को जिला स्तर पर बुलाकर उपकरण एवं उनका शारीरिक चैकअप किया जाता है जिससे दिव्यांग को आने जाने में असुविधा होती है। क्या प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर प्रत्येक 2 माह अंतराल में शिविर लगाकर उनका मेडिकल चेकअप एवं दिव्यांग को मिलने वाले उपकरण प्रदाय करने पर विचार करेगा? (ग) दिव्यांगजनों को भर्ती में पूर्व से ही शासकीय सेवा में सुविधा मिलती है, क्या दिव्यांगजनों का जो प्रतिशत है उसके अनुसार खाली रिक्त पदों पर विशेष भर्ती अभियान चलाकर दिव्यांगजनों को भर्ती करेंगे पर विचार करेंगे? जिससे उन्हें शासकीय सेवा का लाभ मिल सकें?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रदेश में दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु प्रदाय किये जाने वाले उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ, दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग सहायक उपकरण दिये जाने के पूर्व जिला मेडिकल बोर्ड के चिकित्सक/विशेषज्ञ की अनुसंशा उपरांत कृत्रिम अंग सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते है, किन्तु ऐसे दिव्यांगजन जिन्हें आने-जाने में असुविधा होती है, उनके लिये समय-समय पर जिला/विकास खण्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाये जाकर जिला मेडिकल बोर्ड/भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्कों) द्वारा पात्रतानुसार चिन्हांकित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में भर्ती हेतु 6% का आरक्षण दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक/एफ 8-2/2013/आ.प्र./एक, दिनांक 04.01.2024 द्वारा दिव्यांगजनों के रिक्त पदों की पूर्ति वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किये जाने हेतु दिनांक 05.01.2023 से दिनांक 31.12.2024 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
कन्या/बालक छात्रावास की राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 1663 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितने कन्या छात्रावास एवं बालक छात्रावास संचालित हैं? (ख) वर्ष 21-22 से आज दिनांक तक उपरोक्त छात्रावासों में शासन द्वारा दिये गए आवंटन से कितने-कितने राशि का व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत व्यय की गई राशि के परीक्षण, भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहे? उनके पद सहित नाम बतायें। (घ) क्या देयकों/वाउचरों का भंडार क्रय नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण बतायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) बालाघाट जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 28 कन्या छात्रावास एवं 52 बालक छात्रावास कुल 80 छात्रावास संचालित हैं। (ख) वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों में MPTAASC पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन के माध्यम से आवंटन जारी किया गया है। प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छात्रावासों में व्यय की गई राशि के परीक्षण, भौतिक सत्यापन शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक छात्रावास के लिए गठित पालक शिक्षक समिति के द्वारा किया जाता है। (घ) आवंटन सीधे संस्था के खाते में ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाता है। संस्था प्रमुख एवं पालक शिक्षक समिति द्वारा भंडार क्रय नियमों के अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है।
निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
91. ( क्र. 1664 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में बालाघाट जिले में अनुसूचित जाति कल्याण हेतु विभाग द्वारा निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) कितनी राशि किन कार्यों में खर्च की गई हैं? (ग) सम्पूर्ण कार्यों की सूची प्रदान करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार।
पशु पालन एवं डेयरी क्षेत्र में सरकार द्वारा किये जा रहे कार्य
[पशुपालन एवं डेयरी]
92. ( क्र. 1665 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक राज्य-सरकार द्वारा किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? जिलावार एवं वर्षवार बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त आवंटित राशि में से कौन-कौन से निर्माण कार्यों एवं हितग्राही मूलक कार्यों व डेयरी क्षेत्र के विकास हेतु कार्य कराये गए इनमें कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गए कौन-कौन से कार्य लम्बित हैं एवं कौन-कौन से कार्य अभी तक अप्रारम्भ हैं एवं कौन-कौन हितग्राहियों को किन-किन कार्यों हेतु राशि प्रदाय की गई एवं शासन द्वारा किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी अनुग्रह राशि प्रदान की गई है? वर्षवार जिलेवार तहसील व ग्रामवार जानकारी राशि सहित बतलावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त योजनाओं में संचालित कार्यों की क्या विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई हैं यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता के नाम, पते सहित जानकारी देते हुए विभाग द्वारा उनके निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की है एवं लम्बित व अप्रारम्भ कार्यों को कब तक पूर्ण करवा दिया जावेगा?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। लंबित एवं अप्रारम्भ कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
93. ( क्र. 1674 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की दुकानें वर्तमान में संचालित होकर गरीबों को राशन वितरण का कार्य कर रही है? (ख) क्या यह सही है कि संचालित उचित मूल्य की दुकानों में से कई पर अनियमितता की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो जिन उचित मूल्य की दुकानों के विरुद्ध शासन को अनियमितता की शिकायत मिली है उन दुकानों पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? क्षेत्रवार, वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 55 उचित मूल्य दुकानें पात्र हितग्राही परिवारों को राशन वितरण का कार्य कर रही हैं। (ख) जी हाँ, वर्ष 2022, 2023 एवं 2024 में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त 02 शिकायतों में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की 13 शासकीय उचित मूल्य दुकानें सम्मिलित थी, उक्त दुकानों की जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों से करवायी गई जिसकी क्षेत्रवार, वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खरमौर अभ्यारण सरदारपुर की सीमा कम किया जाना
[वन]
94. ( क्र. 1683 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि केन्द्र शासन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पत्र दि. 11.08.2023 द्वारा सरदारपुर खरमौर अभ्यारण की क्षेत्र 348.12 वर्ग कि.मी. से 132.83 वर्ग कि.मी करने के लिये राज्य शासन से खरमौर अभ्यारण के 132.83 वर्ग कि.मी. की सीमा का प्रपोजल भेजने का कहा यदि हाँ तो बतावें कि सीमा का नया प्रपोजल कब भेजा गया उसकी प्रति देवें। (ख) राज्य शासन द्वारा खरमौर अभ्यारण सरदारपुर की सीमा कम करने के लिये केन्द्र शासन को भेजे गए प्रस्ताव की प्रति देवें तथा बतावे की किस गांव कि कितनी निजी तथा शासकीय भूमि को बाहर किया जायेगा तथा कितनी निजी तथा शासकीय भूमि को बाहर नहीं किया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन-जिन गांव की निजी भूमि को बाहर किया जायेगा उस गांव का नाम, खसरा क्रमांक, रकबा तथा भूमि स्वामी का नाम सहित सूची देवें। (घ) बतावें कि वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक सरदारपुर अभ्यारण में कितने-कितने खरमौर पक्षी पाये गये तथा इस अवधि में अभ्यारण पर किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई। (ड.) खरमौर अभ्यारण सरदारपुर में वर्ष 2015-16 से 2022-2023 तक कितने पर्यटक आये तथा उनसे कितनी आय प्राप्त हुई।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार के प्रश्नाधीन पत्र में संशोधित सीमा की अधिसूचना चाही है, जो भारत सरकार की अधिरोपित शर्तों की पूर्ति पर भेजना सम्भव होगा। (ख) केन्द्र शासन को पूर्व में भेजे गये प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है तथा वर्तमान अधिसूचित अभयारण्य से बाहर किए जाने वाले क्षेत्र का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 तथा जोड़े जाने वाले क्षेत्र का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। सम्पूर्ण अधिसूचित अभयारण्य क्षेत्र को बाहर किया जा रहा है। कोई क्षेत्र बाहर किये जाने हेतु शेष नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। (घ) वनमण्डल धार के अंतर्गत 2015-16 से 2022-23 तक सरदारपुर अभयारण्य में देखे गये खरमोर पक्षी एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। (ड.) खरमोर अभयारण्य सरदारपुर में वर्ष 2015-16 से 2022-2023 तक कोई पर्यटक नहीं आये, अत: उनसे प्राप्त आय निरंक है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 1684 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2023 तक 12006,808 के लक्ष्य की जगह कितने घरों में नल योजना के तहत क्रियाशील कलेक्शन से पानी दिया जा रहा है? जिले अनुसार गांव का नाम तथा घरों की संख्या सहित सूची देवें। (ख) नलजल योजना में धार जिले में घटिया कार्य के कारण किस-किस गांव के कार्य के ठेकेदार का कितना भुगतान रोका गया तथा धार जिले में समस्त कार्य की जांच में क्या अनियमितता पायी गई? (ग) नलजल योजना के तहत दिसम्बर 2023 तक कितने गांव में पानी की टंकी नहीं बनी, कितने गांवों के स्त्रोत सुख गये, कितने गांवों में मोटर नहीं लगी, कितने गांवों में नई योजना को बंद कर पुरानी योजना से कार्य चला रहे है? (घ) नलजल कनेक्शन की जिलेवार स्थिति की जानकारी दें कि दिसम्बर 2023 तक कितने प्रतिशत कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण होकर सारे गांव के घरों में क्रियाशील नल से पानी मिल रहा है, क्या यह सही है कि प्रदेश में नलजल योजना लक्ष्य का 45.78 प्रतिशत पूर्ण हुआ? (ड.) नलजल योजना की कितने प्रोजेक्ट में से कितने प्रोजेक्ट पर गुजरात के ठेकेदार कार्य कर रहे हैं तथा क्या यह सही है कि जिस कार्य का पुरा भुगतान कर दिया गया वहा 80 प्रतिशत स्थान पर पानी नहीं मिल रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी जल जीवन मिशन के पोर्टल पर प्रदर्शित है जिसका लिंक निम्नानुसार है:-https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/ Physical/rpt_JJM_VillageWisePWSReport_D.aspx?st=TShh%2fRgOLjs%3d&type=3SF6adRVTpM%3d (ख) नल-जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों का कोई भुगतान नहीं रोका गया है। विभाग के अंतर्गत जांच दल पुनर्गठित कर जांच के आदेश दिये गये हैं, वर्तमान में जांच की कार्यवाही प्रगतिरत है, जांच प्रतिवेदन, जांच दल द्वारा प्रस्तुत करने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (घ) जानकारी जल जीवन मिशन के पोर्टल पर प्रदर्शित है जिसका लिंक निम्नानुसार है:-https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/rpt_JJM_VillageWisePWSReport_D.aspx? st=TShh%2fRgOLjs%3d&type=3SF6adRVTpM%3d (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा निराकृत प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 1691 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम बनाकर उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों व सुविधा हेतु प्रारंभ किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितने जिले होकर उन जिलो में कुल कितने उपभोक्ता फोरम प्रारंभ किए गए? कार्यरत उपभोक्ता फोरम में किस-किस प्रकार के अधिकारी-कर्मचारी एवं मनोनीत अधिकारी/पदाधिकारी कार्यरत हैं? (ग) जिला उपभोक्ता फोरम प्रदेश में वर्ष 2012-13 से लेकर 2023- 24 तक कितने जिलों में गठित होकर संचालित किए जाते रहे हैं? (घ) वर्ष 2021-22 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने जिला उपभोक्ता फोरम कार्यरत होकर संचालित है? उनमें कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? फोरम में सदस्यों की अहर्ता हेतु नियमानुसार चयन की क्या प्रक्रिया है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रदेश में कुल 55 जिले है। वर्तमान में म.प्र. में 48 जिला मुख्यालयों पर जिला आयोग गठित होकर कार्यरत है। जिसमें से 22 जिला मुख्यालयों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर ग्वालियर, रीवा, उज्जैन, सागर, होशंगाबाद, गुना, धार, मुरैना, सतना, मंदसौर, खण्डवा, भिण्ड, विदिशा, दमोह, छिदंवाडा, शिवपुरी, रतलाम, छतरपुर तथा कटनी) पर मुख्य जिला आयोग, 03 अतिरिक्त जिला आयोग (भोपाल, इन्दौर तथा जबलपुर) सहित कार्यरत है। शेष 26 जिला मुख्यालयों पर जिला आयोग कार्यालय अंशकालिक रूप से कार्यरत है। जिला उपभोक्ता आयोग में न्यायिक अध्यक्ष/सदस्य एवं तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है। (ग) जिला उपभोक्ता आयोग प्रदेश में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक 48 जिलो में 24 पूर्णकालिक एवं 24 अंशकालिक जिला आयोग कार्यरत थे तथा वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक 48 जिला मुख्यालयों में से 25 पूर्ण कालिक जिला आयोग (22 जिले + 03 अतिरिक्त) , शेष 26 जिला मुख्यालयों पर अंशकालिक आयोग कार्यरत है। (घ) वर्ष 2021-22 से लेकर प्रश्न दिनांक तक 48 जिला मुख्यालयों में से 25 पूर्ण कालिक जिला आयोग (22 जिले + 03 अतिरिक्त) , शेष 26 जिला मुख्यालयों पर अंशकालिक आयोग संचालित है। प्रकरणों के निराकरण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। फोरम में सदस्यों की अर्हता हेतु भारत सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
97. ( क्र. 1692 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण हेतु केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाएं विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2023-24 प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या सुविधा प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी दें। (ग) वर्ष 2018-19 से लेकर 2023-24 के प्रश्न दिनांक तक किए गए कार्य किन-किन स्थानों पर आयोजित होकर आयोजन में क्या-क्या कार्य किए गए? उस पर कितना व्यय हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (घ) नियमानुसार पात्रता अनुसार मोटोराईज्ड ट्राईसाईकिल प्राप्त किए जाने हेतु कितने दिव्यांगजनों के आवेदन प्राप्त होकर प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध कितनी स्वीकृतियां प्रदान की गई? कितने शेष रहे, दिव्यांगजन के लिए क्या कार्रवाई की गई?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
पर्यावरण नियमों का पालन नहीं किया जाना
[पर्यावरण]
98. ( क्र. 1697 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्वास्तिक उद्योग में उत्पादन के दौरान क्या-क्या घातक हजारडस्ट, केमिकल, गैस, वेस्ट एसिड तथा अन्य घातक रसायन निकलते है? उनके निपटान हेतु उद्योग द्वारा लगाए संयंत्र अधिकांश समय बंद रहते है? (ख) क्या उद्योग द्वारा घातक हजारडस्ट, केमिकल, वेस्ट एसिड, प्रदुषित रासायनिक जल का उपचार न करते हुए खुली जगहों में फेक दिया जाता है और वही रासायनिक प्रदुषित जल को गंदी नाली व नालों में बहा दिया जाता है? गैंसों को उंचाई पर छोड़ने हेतु चिमनियों का निर्माण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) 01 जनवरी, 2021 से 18 जनवरी, 2024 तक हजारडस्ट वेस्ट व वेस्ट एसिड निपटान हेतु लाइसेंस प्राप्त कौन से उद्योग को स्वास्तिक उद्योग द्वारा निस्तारण हेतु कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन ट्रांसपोर्टरों द्वारा कब-कब पहुंचाया गया है? वर्षवार, उद्योग के नाम, प्राप्ति रसीद, ट्रांसपोर्टरों के नाम सहित विवरण दें। (घ) 01 जनवरी, 2021 से 18 जनवरी, 2024 तक स्वास्तिक क्लोरोफिन एलएलपी द्वारा कौन-कौन सी कम्पनियों को कितने-कितने टन हाइड्रोक्लोरिन एसिड बेचा गया है? उन कम्पनियों के एण्ड यूजर्स लाईसेंस की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए वर्षवार विवरण दें। (ड.) प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दिनांक 09/02/2021 को निरीक्षण के दौरान कई अनियमितता के संबंध में जारी नोटिस के पश्चात उद्योग के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) नागदा स्थित स्वास्तिक क्लोरोफिन एलएलपी उद्योग में उत्पादन के दौरान अवशिष्ट क्लोरीन उत्पन्न होती है जिससे उद्योग द्वारा सहउत्पाद के रूप में हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड का निर्माण कर लिया जाता है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। अवशिष्ट क्लोरीन के नियंत्रण हेतु स्थापित स्क्रबर के साथ उपयुक्त ऊंचाई के निकास (वेन्ट) की स्थापना की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उद्योग में वेस्ट एसिड उत्पन्न नहीं होता है। प्रश्नांकित अवधि में उद्योग द्वारा हजार्डस वेस्ट स्पेन्ट आयल उत्पन्न नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उद्योग द्वारा प्रश्नांकित अवधि में जिन कम्पनियों को सहउत्पाद हाइड्रोक्लोरिक एसिड बेचा गया है उनका विवरण, एसिड की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है तथा इन कम्पनियों के लाइसेंस की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) दिनांक 09/02/2021 के निरीक्षण के दौरान उद्योग में पाई गयी कमियों के परिप्रेक्ष्य में उद्योग को भेजे गये नोटिस का जवाब उद्योग के पत्र दिनांक 13/04/2021 द्वारा प्राप्त हुआ। उद्योग द्वारा सूचित किया गया कि पम्प की मेकैनिकल सील में लीकेज होने से उत्पन्न दूषित जल को टेंक में एकत्रित कर पूर्ण उपयोग किया गया है। जिसकी पुष्टि हेतु मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय परियोजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1699 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 860 दिनांक 11/07/2023 के नर्मदा-गंभीर परियोजना अंतर्गत के प्रश्न (क) में उत्तर दिया गया था कि टेंडर आमंत्रित किये जा रहे है। यदि हाँ, तो टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होकर कार्यादेश किस कंपनी/ठेकेदार को किन-किन शर्तों पर जारी किए गए हैं? इस योजना अंतर्गत क्या-क्या कार्य किए जाएंगे? छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ख) नर्मदा-गंभीर समूह जलप्रदाय योजना में नागदा-खाचरोद, तराना विकासखंड के अंतर्गत किन-किन गाँवो हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? किस गांव में कितनी लागत की स्कीम है? इसके अंतर्गत क्या-क्या कार्य होंगे? गांव का नाम, राशि सहित प्रत्येक गांव की योजना का पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) नर्मदा-गंभीर समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत ठेकेदार/कम्पनी द्वारा इस योजना अंतर्गत किन-किन गाँवों में क्या-क्या कार्य प्रारम्भ कर दिए गए है? क्या-क्या कार्य अपूर्ण है? किन-किन कार्यों को पूर्ण कर दिया गया है? सम्पूर्ण विवरण ग्रामवार दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, कार्यादेश मैसर्स दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड एंड पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड (ज्वांइट वेंचर) भोपाल को दिया गया है, योजना की शर्तों एवं प्रस्तावित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत विकासखंड नागदा-खाचरोद के 218 ग्राम एवं विकासखंड तराना के 205 ग्रामों हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है, ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्यों में ग्रामवार पृथक-पृथक लागत राशि बताया जाना संभव नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) किसी भी ग्राम में कार्य प्रारंभ नहीं है, योजनांतर्गत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर डिजाइन ड्राइंग कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानों की स्थिति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 1706 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कुल कितने उद्यान स्थापित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक उद्यान में वर्ष 2023-24 में कुल कितनी राशि खर्च किया गया है तथा प्रति उद्यान से प्राप्त आय-व्यय की जानकारी देवें? कर्मचारियों के वेतन को छोड़कर देवें। (ग) क्या इन नर्सरियों/उद्यान में हितग्राही मूलक कार्य भी किए गए है? हां तो वित्तीय वर्ष में किन-किन हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? नाम, पता सहित दिए गए मात्रा की भी जानकारी देवें। (घ) प्रत्येक नर्सरी उद्यानों में कितने-कितने दैनिक मजदूर कार्यरत हैं? उनका नाम, पता सहित कितने वर्षों से कार्य कर रहे हैं की जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कुल 02 उद्यान स्थापित है। 1. शासकीय उद्यान अमरकंटक 2. शासकीय उद्यान रोपणी किरगी (ख) वर्ष 2023-24 में उद्यानवार व्यय (कर्मचारी तथा श्रमिकों का व्यय छोडकर) एवं आय की जानकारी निम्नानुसार है:- (राशि रूपये में)
क्र. |
उद्यान का नाम |
व्यय राशि |
आय राशि |
1 |
शासकीय उद्यान अमरकंटक |
125217.00 |
459306.00 |
2 |
शासकीय उद्यान रोपणी किरगी |
65273.00 |
71399.00 |
(ग) उक्त नर्सरियों/उद्यान में हितग्राही मूलक कार्य नहीं किये गये है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘क’ एवं ‘ख‘ अनुसार है।
एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 1707 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कुल कितने एकीकृत जनजातीय (आदिवासी) विकास परियोजना किन-किन ब्लॉकों में हैं? उनके नाम और प्रारंभ दिनांक व वर्ष की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अनूपपुर परियोजना पुष्पराजगढ़ को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विकास कार्य हेतु वर्षवार पृथक-पृथक जारी राशि की जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार परियोजना द्वारा कराए गए हितग्राही मूलक/अधोसंरचना की सत्यापन/मूल्यांकन पूर्णता की जानकारी का किस अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? अधिकारी का नाम, पद सहित जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) एकीकृत जनजातीय (आदिवासी) विकास परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) एकीकृत जनजातीय (आदिवासी) विकास परियोजना पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर को वित्तीय वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) परियोजना पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतगर्त अधोसंरचना कार्य/मूल्यांकन पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। हितग्राही मूलक योजनाओं में प्रश्नांकित अवधि में आवंटन अप्राप्त होने के कारण जानकारी निरंक है।
विभाग में सामग्री क्रय में भ्रष्टाचार की जांच
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 1711 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग बड़वानी में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, छात्रावास, हॉस्टल, आश्रम में 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि की सामग्री खरीदी गई है? उसके जेम पोर्टल पर डाली गई बीड, क्रय आदेश, सामग्री की गुणवत्ता का सत्यापन, डिलेवरी चालान, टैक्स इनवॉइस की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की विगत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में क्रय समितियों की बैठक की जानकारी देवें? (ग) बड़वानी जिले के समस्त कन्या शिक्षा परिसर सहित किन-किन अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भोजन व्यवस्था का ठेका प्राइवेट संस्थानों, फर्मों, व्यक्तियों को आवंटित किया गया है? उनके नाम, जारी आदेश और कार्य प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितना भुगतान किया गया है? की जानकारी दें। (घ) सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग बड़वानी के कार्यालय में कुल कितने वाहन अनुबंधित है? उनकी निविदा, अनुबंध एवं वित्त वर्ष 2022-23, 2023-24 की लॉग बुक की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) बड़वानी जिलान्तर्गत जनजातीय कार्य विभाग से संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, कन्या शिक्षा परिसरों, जनजातीय छात्रावास एवं आश्रमों में 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 93192397/- (रूपये नौ करोड़ ईक्तीस लाख बानवे हजार तीन सौ सनतानवे मात्र) की सामग्री खरीदी गई है। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग में कोई भी वाहन अनुबंधित नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की स्थिति
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 1712 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग के द्वारा आदिवासी समाज के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? केंद्र एवं राज्य की पृथक-पृथक योजनवार जानकारी बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में सेंधवा विधानसभा में वर्ष 2023 में कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए? कितने निराकृत हुए, कितने लंबित हैं? प्रत्येक की जानकारी योजनावार, हितग्राहीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पैसा एक्ट के प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण के लिए शासन से कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कितना व्यय किया गया? एक्ट के क्रियान्वयन के लिए जारी समस्त निर्देशों की प्रति देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (ग) पेसा एक्ट के प्रचार-प्रसार हेतु जनजातीय कार्य विभाग को कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान अंतर्गत ''पेसा क्षेत्र में ग्राम सभा सुदृढीकरण हेतु विशेष सहायता'' मद के अंतर्गत राशि रूपये 36.29 करोड़ प्रावधानित है, जिसमें से राशि रूपये 2.00 करोड़ प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण में व्यय की गई है। शासन से पेसा एक्ट के प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण हेतु पृथक से आवंटन प्राप्त नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार''अनुसार है।
आदिवासियों को परंपरागत वन अधिकार पत्र (पट्टा) दिया जाना
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 1715 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वन अधिकार अधिनियम के तहत कितने दावे स्वीकृत किये गए एवं कितने दावे अस्वीकृत किये गए है? व्यक्तिगत दावे के नाम, ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ख) बड़वानी जिले में कितने सामुदायिक दावों का वितरण किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 13 (3) के अनुसार अगर कोई दस्तावेज में कमी पेशी होने पर गाँव के वरिष्ठ के कथन अनुसार दिया जाना था इस प्रकार के कितने व्यक्तिगत दावे दिए गये है? जानकारी दें। (घ) बड़वानी जिले में निरस्त दावे किन नियम के तहत किए गए है निरस्त किये है तो निरस्त के दावे की सूची व नियम उपलब्ध करावें। (ड.) आदेश क्रमांक वन अधिनियम 08/1047 दिनांक 10 जून, 2008 के अनुसार बड़वानी जिले के राजस्व ग्राम के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मत की जमीनों से संबंधित ग्राम सभा या ग्राम पंचायत को प्रदाय की गई जानकारी के प्रति उपलब्ध करवाएं। (च) भू राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों को वन विभाग के वर्किंग प्लान पीएफ एरिया रजिस्टर में शामिल किए जाने की दी गई अनुमति आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) बड़वानी जिले में वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार 25,127 दावे स्वीकृत तथा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार 3242 दावे निरस्त किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 13 अनुसार व्यक्तिगत दावे विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर स्वीकृत किये गये है, मात्र किसी एक साक्ष्य/दस्तावेज के आधार पर स्वीकृत प्रकरणों का वर्गीकरण नहीं किया गया है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, वन अधिकारों की मान्यता 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार दावे निरस्त किये गये है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (च) प्रश्नांकित दखल रहित भूमियों को वनमण्डल बड़वानी के वर्किंग प्लान पीएफ ऐरिया रजिस्टर में शामिल नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खण्डवा सर्कल अंतर्गत कैचमेंट एरिया की जानकारी
[वन]
105. ( क्र. 1716 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा सर्कल अंतर्गत वर्ष 2022-23, 2023-24 के लिए स्वीकृत केम्पा, क्षतिपूर्ति वनीकरण, चरागाह विकास, बिगड़े वनों का सुधार तथा नदियों के कैचमेंट एरिया की जानकारी देवें। (ख) खंडवा सर्कल अंतर्गत कितने प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट का वर्षवार विवरण दें। थर्ड पार्टी निरीक्षण रिपोर्ट की सत्यापित छायाप्रति देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) खण्डवा सर्कल अंतर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के स्वीकृत कैम्पा, क्षतिपूर्ति वनीकरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-A , चारागाह विकास जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-B , बिगड़े वनों का सुधार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-C एवं नदियों के केचमेंट एरिया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-D में वन मण्डल खण्डवा, बड़वानी, बड़वाह, खरगौन, बुरहानपुर एवं सेंधवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खण्डवा सर्कल अंतर्गत चल रहे प्रोजेक्ट एवं उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-A से D में है एवं वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कैम्पा अंतर्गत किये गये कार्यों का तृतीय पक्ष से मूल्यांकन अभी नहीं किया गया है। तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 1723 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग से प्रदेश भर में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रही है? जानकारी देवें। (ख) पशुपालन विभाग से ऋण प्रदाय किया जाता है या नहीं यदि ऋण प्रदाय किया जाता है तो उसकी पात्रता की योजनावार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में कितने हितग्राहियों को इसका लाभ प्रदान किया गया है जिले एवं विधानसभावार जानकारी देवें? (घ) उज्जैन संभाग में विगत 3 वर्षों में योजनाओं का लाभ लेने में यदि हितग्राही को किसी भी प्रकार की समस्या विभाग अथवा बैंक कि ओर से आती है तो उन शिकायतों के निवारण हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है जानकारी देवें? प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें विभाग ओर मुख्यमंत्री 181 पर प्राप्त हुई है और उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लिखित रूप से अथवा सी.एम. हेल्पलाइन 181 से प्राप्त शिकायतों को विभाग एवं बैंक द्वारा समन्वय कर निराकृत किया जाता है। सी.एम. हेल्प लाइन (181) पर 13 शिकायत प्राप्त हुई है, जो मांग आधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
107. ( क्र. 1724 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा में कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर पद रिक्त पद है, पदनाम एवं उचित मूल्य की दुकान के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) पदों की पूर्ति हेतु शासन की ओर से क्या योजना बनाई गई है? जानकारी देवें। (ग) किसी भी पंचायत स्तर उचित मूल्य की दुकान प्रारम्भ करने हेतु शासन की ओर से क्या प्रावधान/मापदण्ड तय किए गए जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 17 उचित मूल्य दुकान पर विक्रेता/सेल्समेन के पद रिक्त है। दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘अ’ अनुसार है। (ख) जिन दुकानों में पृथक सेल्समेन नहीं है उन उचित मूल्य दुकान को नियमानुसार स्व सहायता समूह को आवंटित की जा सकती है। (ग) उचित मूल्य दुकान प्रारंभ करने हेतु दुकान आवंटन अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा विज्ञप्ति जारी कर विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। तत्पश्चात् तहसीलदार, सहकारिता निरीक्षक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी की समिति द्वारा आवेदनों का परीक्षण किया जाता है। दुकान आवंटन हेतु पात्र संस्थाओं का प्रावधान म.प्र.सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण, आदेश 2015 में किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘ब’ अनुसार है। जिन दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘स’ अनुसार है।
उच्च पद का प्रभार एवं क्रमोन्नत वेतनमान की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
108. ( क्र. 1728 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित शासकीय विद्यालयों/आश्रम शालाओं में पदस्थ नवीन शैक्षिक संवर्ग को उच्च पद का प्रभार दिए जाने एवं 12, 24 वर्ष 30 वर्ष की सेवा उपरांत क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किये जाने के संबंध में जनवरी 2022 से प्रश्नांकित तिथि तक कौन-कौन से आदेश/निर्देश जारी किये गए हैं? प्रति उपलब्ध करावें। उक्त आदेशों के क्रम में अभी तक किन-किन जिलों में शिक्षकों को उच्च पद प्रभार एवं क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृति के आदेश जारी किये हैं? किन-किन में नहीं एवं किस कारण से? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में श्योपुर जिले में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? बतावें। क्या यह सही है कि विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की उदासीनता के कारण श्योपुर जिले में अभी तक न तो उच्च प्रभार के आदेश जारी किये हैं और न क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया गया है? क्या शासन समय-सीमा निर्धरित कर समय-सीमा में आदेश जारी करने की कार्यवाही करेगा? कब तक शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार एवं क्रमोन्नति आदेश जारी कर दिए जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ 4-22/2019/1/25 दिनांक 09.10.2019 के आधार पर नवीन शैक्षिक संवर्ग को क्रमोनन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व से ही प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के परिपत्र क्रमांक 1016/1081347/25/1 भोपाल दिनांक 24.07.2023 के पालन में नवीन शैक्षिक संवर्ग को उच्च पद पर प्रभार देने की कार्यवाही निरन्तर जारी है। जिला स्तर पर उच्च पद के प्रभार के आदेश जारी किये जाने के अधिकार नहीं है, अपितु संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को अधिकार प्रदत्त है। नवीन शैक्षिक संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करने वाले और प्रदान नहीं करने वाले जिलो एवं कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नवीन शिक्षक संवर्ग में प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के पद पर उच्च पद का प्रभार संभागीय उपायुक्त कार्यालय से माध्यमिक शिक्षक से उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर उच्च पद का प्रभार आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के स्तर से किया जाना है। जो प्रक्रियाधीन है। जी नहीं, पात्र पाये गये 16 माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ प्रदान किया गया है। साथ ही सहायक अध्यापक एवं अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को भी पात्रता अनुसार क्रमोन्नति का लाभ प्रदान किया गया है। प्राथमिक शिक्षकों को नियमानुसार क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किये जाने हेतु संकुल प्राचार्यों एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों से गोपनीय प्रतिवेदन एवं योग्यता संबंधी जानकारी प्राप्त कर पात्रता अनुसार क्रमोन्नति प्रदान की जाएगी।
खाद्य सामग्री खरीदी/सप्लाय के टेंडर में अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 1732 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 से वर्तमान अवधि में धान से चावल बना कर सप्लाय करने और अन्य खाद्य सामग्री खरीदी/सप्लाय के टेंडर में किस प्रकार की अनियमितताओं के संबंध में किस-किस की शिकायतें प्राप्त हुई है? किन कारणों से जांच की गई, की जा रही है, प्रतिवेदन देवें। (ख) उक्त संबंध में जांच एजेंसी, पुलिस में दर्ज प्रकरणों का विवरण देते हुए एफ.आई.आर./प्राप्त पत्रों की प्रतियां देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में दोषियों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाहियों के आदेश की प्रति और की जा रही कार्यवाहियों का विवरण देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राज्य शासन द्वारा जारी मिलिंग नीति अनुसार आवंटित जिलो में कॉर्पोरशन द्वारा धान से चावल बनाने का कार्य अनुबंधित राईस मिलर्स के माध्यम से किया जाता है। प्रमुख सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश से दलों का गठन किया जाकर राईस मिलो की जांच कराई गई, जांच - प्रतिवेदन अनुसार मिलो में धान/चावल कम पाये जाने से दमोह जिले में 1 मिलर - के विरुद्ध, छिंदवाड़ा जिले में 3 मिलर्स के विरूद्ध, शहडोल जिले में 3 मिलर्स के विरूद्ध एवं रीवा जिले में 14 राईस मिलर्स के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। उक्त के अतिरिक्त डिण्डौरी जिले में 1 मिलर के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई जबलपुर द्वारा दिनांक 03.05.2023 को प्रकरण क्रमांक 19/2023 दर्ज किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज एफ.आई.आर. प्रतिवेदन एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ट इकाई जबलपुर द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में दोषियों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाहियों के आदेश/पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। दमोह जिले में 1 मिलर को ब्लैक लिस्ट किया गया है एवं मिलर से चावल जमा कराया गया है। छिंदवाड़ा जिले में 3 मिलर्स से चावल जमा कराया गया है एवं प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। शहडोल जिले में 3 मिलर्स को ब्लैक लिस्ट किया गया है एवं मिलर से चावल जमा कराया गया है। रीवा जिले में 13 मिलर्स से चावल जमा कराया गया है एवं 1 मिलर्स से 145 मे.टन चावल की राशि रूपये 4640000/- वसूली योग्य है, जिसे उनके देयकों से समायोजन/वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है तथा उक्त मिल से खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मिलिंग कार्य नहीं कराया जा रहा है। डिण्डौरी जिले में 1 मिलर से 1264.93 मे.टन चावल की राशि रूपये 33456007.07/- वसूली योग्य है, जिसमें से राशि रूपयें 93 लाख की वसूली की जा चुकी है एवं शेष राशि की वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है तथा उक्त मिल से खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मिलिंग कार्य नहीं कराया जा रहा है।
प्रभारी स्थानांतरित शिक्षक/अधीक्षक को कार्यमुक्त
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 1733 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या यह सत्य है की कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण विभाग) ग्वालियर का आदेश क्रमांक अजाक/ शिक्षा/स्था/2019/2823 ग्वालियर दिनांक 24/08/2010 द्वारा श्री भारत सिंह कौरव शिक्षक/अधीक्षक अनुसूचित जाति सी. नि. छात्रावास बुज़ुर्ग डबरा एवं अनु. जा. प्री. मेट्रिक छात्रावास जेल रोड डबरा जिला ग्वालियर का प्रशासनिक रूप से स्थानांतरण आदिवासी बालक आश्रम घाटीगांव जिला ग्वालियर प्रभारी मंत्री जिला ग्वालियर के अनुमोदन से किया गया किन्तु श्री कौरव को अभी तक किस कारण कार्यमुक्त नहीं किया गया? कारण सहित बतावें। उक्त आदेश की अवहेलना के लिए सहायक आयुक्त कार्यालय आदिम जाति कल्याण विभाग ग्वालियर की स्थापना शाखा लिपिक अथवा कौन अधिकारी जिम्मेदार है? लापरवाही, दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही कर श्री भारत सिंह कौरव को कब तक स्थानांतरित संस्था पर उपस्थित हेतु कार्यमुक्त किया जायेगा? जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : श्री भारत सिंह कौरव का स्थानांतरण कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण विभाग) ग्वालियर के आदेश क्रमांक/आजाक/शिक्षा स्था/2019/2822 दिनांक 24.8.2019 के द्वारा किया गया। तत्समय स्थापना शाखा में पदस्थ लिपिक और अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। मार्च 2020 में कोरोना बीमारी के चलते सभी छात्रावास बंद कर दिये गये थे। इस कारण उक्त आदेश का पालन नहीं हुआ। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्री भारत सिंह कौरव को कार्यालयीन आदेश क्रमांक/ज.जा.क.वि/स्था24/3457 दिनांक 25.1.2024 के द्वारा कार्यमुक्त किया जा चुका है।
सहरिया जनजाति योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
111. ( क्र. 1734 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र डबरा शहर का वार्ड 23 स्थित आदिवासी दफाई सुगरमिल, छोले की दफाई, वार्ड 29 स्थित बरोठा दफाई, महाराजपुर दफाई, सिरोल दफाई, छीमक दफाई, में लभगग 100 वर्ष पूर्व से सहरिया अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार निवासरत हैं कुछ परिवारों की इन्द्रावास बनी है तथा कुछ स्थानों पर हैंडपंप एवं विद्युत पोल लगाकर प्रकाश व्यवस्था है किन्तु इन्हें "प्रधानमंत्री आवास योजना" के तहत आवास पट्टा नहीं देने के कारण आवास स्वीकृत नहीं होने से झोपडी में रहना पड़ रहा है l जिन्हें आवास पट्टा देकर कब तक आवास दिए जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या यह सत्य है की उक्त आदिवासी बस्तियों में निवासरत परिवारों के पूर्वज को सुगरमिल डबरा की स्थापना के समय शासन द्वारा गन्ना उत्पादन हेतु लीज पर दी कृषि भूमि में कार्य करने हेतु इन्हें बसाया गया तब से यह दफाइयों में निवासरत हैं। गत 10 वर्ष पूर्व डबरा सुगरमिल बंद होकर सम्पूर्ण सामग्री/मशीन विक्रय हो चुकी हैं तथा 05 वर्ष पूर्व सुगरमिल डबरा को लीज पर दी गई भूमि की अवधि पूर्ण होने से लीज समाप्त हो गई है ऐसी स्थिति में कृषि फार्मों की दफाइयों पर निवासरत परिवारों को कब तक आवास पट्टा दिया जाकर स्वीकृत किये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भैंस पालन एवं बकरी पालन योजनाओं का क्रियान्वयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
112. ( क्र. 1736 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा भैंस पालन एवं बकरी पालन हेतु संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अनुदान संबंधी आदेश/नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2023-24 में भैंस पालन तथा बकरी पालन हेतु किस-किस हितग्राही को कितना ऋण एवं अनुदान राशि किस दिनांक को खाते में भेजी गई? (हितग्राही का नाम/पता/पिता का नाम/निवास/कुल ऋण/बैंक द्वारा स्वीकृत राशि) वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) विधानसभा 19 डबरा के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पशु चिकित्सालय संचालित है? इनमें पदस्थ स्टाफ एवं चिकित्सालय संचालन का स्थान, अधिकारी-कर्मचारी का नाम, पदनाम, जन्मतिथि, जिले में पदस्थापना दिनांक, वर्तमान संस्था में पदस्थ दिनांक, स्थाई पता, चिकित्सालय के खुलने एवं बंद होने का समय की विस्तृत जानकारी देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
113. ( क्र. 1740 ) श्रीमती निर्मला सप्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में अनुसूचित जाति/जनजाति के हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजना संचालित हो रही है? योजना की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किस योजना में कितना आवंटन वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध कराया गया है? क्या यह आवंटन सागर जिले की अन्य विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध कराया गया आवंटन की तुलना में कम है या ज्यादा बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उपलब्ध कराया गया आवंटन एक समान न होकर भिन्नता है तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 किस-किस हितग्राही को किस योजना के लाभ से लाभान्वित किया गया है, की जानकारी हितग्राहीवार उपलब्ध करावें? (ड.) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2023-24 में ऐसे कितने पात्र हितग्राही है जिसको योजना का लाभ दिया जाना शेष है, की सूची उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभावार आवंटन किये जाने का प्रावधान न होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न ही उदभुत नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
114. ( क्र. 1746 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी-मालवा के अंतर्गत कितनी शासकीय एवं अशासकीय गौशालाएं वर्तमान में कार्यरत है? (ख) कितनी गौशाला निर्माणाधीन है? विकासखंडवार बताने की कृपा करें। (ग) निर्माणाधीन गौशालाओं की स्वीकृत राशि एवं स्वीकृत वर्ष बताने कृपा करें एवं गौशाला निर्माण पूर्ण होने की अवधि बताने कृपा करें? (घ) सिवनी-मालवा विधानसभा में नवीन गौशाला स्वीकृति की क्या योजना है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 सिवनी-मालवा के अंतर्गत 05 शासकीय एवं 01 अशासकीय गौशाला वर्तमान में कार्यरत है। (ख) विधानसभा क्षेत्र में जनपद पंचायत सिवनी-मालवा अंतर्गत 10 गौ शालाएं निर्माणाधीन है एवं जनपद पंचायत केसला अंतर्गत 01 गौ शाला निर्माणाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) आवश्यकता होने पर यदि कोई स्वयंसेवी संस्था गौशाला खोलने हेतु आवेदन करती है, उसका पंजीयन किया जाकर निर्धारित मापदण्ड अनुसार गौवंश के भरण-पोषण हेतु विभाग द्वारा राशि उपलब्ध कराई जावेगी।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 1748 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य विभाग द्वारा राजगढ़ विधानसभा में कोई शासकीय उचित मूल्य की दुकाने संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर कब से किस सेल्समेन के द्वारा संचालित की जा रही है? जानकारी दें। (ग) उक्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर प्रतिमाह क्या-क्या खाद्य सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में उपभोक्ताओं के वितरण के लिये शासन से प्राप्त होती है? जानकारी दें। (घ) उक्त प्राप्त खाद्य सामग्री में से प्रति दुकान पर कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी खाद्य सामग्री वितरित की जाती है? विवरण दें I
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 143 उचित मूल्य दुकानें संचालित की जा रही हैं। (ख) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ग) उक्त दुकानों से वितरण हेतु आवंटित की जाने वाली सामग्री का नाम एवं मात्रा की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है। (घ) आवंटित सामग्री में से दुकान पर आने वाले प्रत्येक पात्र परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जाता है। प्राथमिकता परिवार को प्रति सदस्य 03 किलोग्राम गेहूं एवं 02 किलोग्राम चावल दिया जाता है, जबकि अन्त्योदय परिवारों को प्रत्येक कार्ड पर 20 किलोग्राम गेहूं एवं 15 किलोग्राम चावल वितरित किया जाता है। 01 किलोग्राम नमक प्रत्येक परिवार को वितरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्त्योदय परिवार को 01 किलोग्राम शक्कर भी प्रति परिवार के मान से वितरित किया जाता है। दिसम्बर 2023 में प्रश्नांकित विधानसभा में दुकानवार वितरित खाद्य सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘स’ अनुसार है।
कार्यालयों की शासकीय भूमि
[पशुपालन एवं डेयरी]
116. ( क्र. 1749 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत पशुपालन विभाग के वर्तमान में कोई शासकीय कार्यालय संचालित है? जानकारी दें। (ख) यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर कौन-कौन से कार्यालय संचालित है? (ग) उक्त शासकीय कार्यालयों के भवन के पास कितनी-कितनी भूमि आवंटित है? (घ) उक्त आवंटित भूमि में से कार्यालय भवन के अलावा और भी भूमि शेष है यदि हाँ, तो उसका क्या उपयोग किया जा रहा है? जानकारी दें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
117. ( क्र. 1753 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत घर-घर, नल घर-घर जल पहुंचाने हेतु कुल कितनी योजनाएं स्वीकृत की गई? उक्त योजनाओं की लागत कितनी है तथा कितना व्यय किया जा चुका है? झाबुआ, अलीराजपुर जिले की जानकारी पृथक-पृथक दी जावे। (ख) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत कितनी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है एवं कितनी अपूर्ण है? जो योजना अपूर्ण है वह कब तक पूर्ण हो जावेगी? झाबुआ, अलीराजपुर जिले की जानकारी पृथक पृथक दी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) झाबुआ जिले में रूपये 822.05 करोड़ लागत की 716 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हुईं हैं, जिन पर प्रश्न दिनांक तक रूपये 400.28 करोड़ व्यय हुआ है। इसके अतिरिक्त म.प्र. जल निगम अंतर्गत कुल 247 ग्रामों के लिये 05 समूह जल प्रदाय योजनाएं लागत रूपये 416.73 करोड़ की स्वीकृत हुईं हैं, जिन पर प्रश्न दिनांक तक रूपये 34.15 करोड़ व्यय हुआ है। अलीराजपुर जिले में रूपये 198.82 करोड़ लागत की 156 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हुयी है जिन पर प्रश्न दिनांक तक रूपये 133.29 करोड़ व्यय हुआ है। इसके अतिरिक्त म.प्र. जल निगम अंतर्गत कुल 539 ग्रामों के लिये 01 समूह जल प्रदाय योजना लागत रूपये 1158.50 करोड़ की स्वीकृत हुयी है, जिस पर प्रश्न दिनांक तक रूपये 66.75 करोड़ व्यय हुआ है। (ख) झाबुआ जिले में 240 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं पूर्ण एवं 476 अपूर्ण (प्रगतिरत) है, म.प्र. जल निगम अंतर्गत सभी 05 समूह जल प्रदाय योजनाएं अपूर्ण (प्रगतिरत) हैं, अपूर्ण योजनाओं के पूर्ण किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। अलीराजपुर जिले में 65 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण एवं 91 अपूर्ण (प्रगतिरत) है, म.प्र. जल निगम अंतर्गत 01 समूह योजना अपूर्ण (प्रगतिरत) है. अपूर्ण योजनाओं के पूर्ण किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
पर्यावरणीय अनुमति हेतु लंबित प्रस्ताव
[पर्यावरण]
118. ( क्र. 1755 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं सिया भोपाल के किस जिले में किस मुख्य खनिज की खदान के पर्यावरणीय अनुमति के प्रस्तव प्रश्नांकित दिनांक तक अनुमति के लिए लंबित है? (ख) किस लंबित प्रस्ताव में कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि, कितनी राजस्व वन भूमि एवं कितनी निजी भूमि किस-किस ग्राम की खदान में शामिल किया जाना प्रतिवेदित किया है? (ग) किस खदान से संबंधित राज्य शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा समाप्त हो चुकी है, किस खदान के लिए किस दिनांक तक की समय-सीमा है, किस खदान में प्रतिवेदित निजी भूमि के अर्जन का प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (घ) किस खदान की पर्यावरणीय अनुमति कब तक प्रदान कर दी जाएगी समय-सीमा सहित बतावें? (ड.) झाबुआ जिले औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में संचालित उद्योगों द्वारा म.प्र. राज्य प्रदूषण बोर्ड के नियमानुसार संचालित करने के आवश्यक मापदण्डों का पालन किया जा रहा है या नहीं तो राज्य प्रदूषण बोर्ड द्वारा उद्योगों का वर्ष 2018 से 2023 तक कब-कब निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नियमों का पालन न करने पर आपके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं तथा इन उद्योग को अनापत्ति प्रदान करने के क्या मापदण्ड हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) में सतना जिले की चूना पत्थर की 02 खदानें, बालाघाट जिले की मैंगनीज की 03 खदाने एवं कटनी जिले में चूना पत्थर की 01 खदान इस तरह कुल 06 मुख्य खनिज खदानों की पर्यावरण अनुमति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ड.) जी हां। म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों का वर्ष 2018 से 2023 तक किये गये निरीक्षण एवं निरीक्षण के दौरान नियमों का पालन न करने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। बोर्ड द्वारा उद्योगों को अनापत्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है तथापि उद्योगों को बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायू (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत सम्मति एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत बनाये गये नियमों के अंतर्गत प्राधिकार/पंजीयन जारी किये गये हैं।
पशुपालन को बढ़ावा
[पशुपालन एवं डेयरी]
119. ( क्र. 1758 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक किस-किस पशुपालक एवं दुग्ध उत्पादक को किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों हेतु अल्पकालीन कार्यशील पूंजी साख सीमा हेतु बैंको से उपलब्ध कराया गया है? यदि हां तो विवरण देवें। (ख) क्या उपरोक्त योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित किये गये थे? (ग) यदि हां तो क्या लक्ष्य की पूर्ति हुई है? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति म.प्र. के पत्र दिनांक जेडओ:एसएलबीसी:2023-24:354 दिनांक 5 फरवरी, 2024 से बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 एवं अन्य संबंधित विधानों के अधीन ग्राहक संबंधी विवरण गोपनीय रखी जाना बाध्यकारी होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समितियों का संचालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
120. ( क्र. 1761 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा बड़ा मलहरा अंतर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक कितनी मत्स्य समितियां संचालित है तथा इनमें कितनी विवादित की स्थिति में है? (ख) कितनी मत्स्य समितियों को मछली पालन के पट्टे दिये गये? जो समितियां विवादित स्थिति में है उनकी जांच कर कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो कब? शासन नियमों के तहत जानकारी दें? (ग) ऐसी कौन सी समितियां है जो लाभ में है, जो लाभ में नहीं है उनके क्या कारण है? (घ) क्या शिकायतों या अन्य कारणों से विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण दें यदि कब तक क्यों नहीं की गई? कारण सहित बतावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा बडामलहरा अंतर्गत 27 समितियां संचालित एवं 03 समितियां विवादित है। (ख) 24 समितियों को मछली पालन पट्टे दिये गये 01 समिति की जांच कर ली गई 02 समितियों के प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) सभी समितियां उप पंजीयक सहकारी समिति की आडिट रिपोर्ट अनुसार लाभ में चल रही है। (घ) विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय एवं जांच एजेंसी के द्वारा की जा रही जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 1766 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2021 से लोक स्वास्थ यांत्रिकी (PHE) विभाग में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ चल रही विभागीय एवं जांच एजेंसी के द्वारा की जा रही जांच का विवरण देवें? जांच में दोषी पाए गए अधिकारी-कर्मचारियों के प्रकरण का विवरण, अंतिम निराकरण आदेश की प्रतिया देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित विभाग के ठेकेदारों द्वारा उक्त अवधि में अनियमितता आदि करने पर विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही का विवरण कारण सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक जिन ठेकेदारों पर विभाग ने अर्थ दंड लगाया गया है या ब्लैक लिस्टेड किया गया है या अन्य दंड से दंडित किया है उन आदेशों की प्रतियां सहित प्रकरणों का विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) ठेकेदारों द्वारा कार्यों में विलंब किए जाने के मामलों में विभाग द्वारा उन्हें ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की गई है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
खाद्य सुरक्षा योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 1767 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने प्रतिशत पात्रताधारी हितग्राही चयनित हैं? संख्या बतावें। (ख) क्या उक्त योजनान्तर्गत अपात्रधारियों के नामों को हटाकर उनसे वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपात्रधारी चयनित व्यक्तियों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटाएं गए और कितनों के नाम जोड़े गए? विवरण देवें। (ग) क्या सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर खाद्य सुरक्षा योजना को सभी वर्गों के पात्रधारियों के लिए लागू करते हुए वर्तमान सीमा को बढ़ाये जाने का नीतिगत निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो उक्त निर्णय की पालन हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्या सीमा बढ़ाये जाने की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? पूर्ण जानकारी देवें। (घ) नीमच विधानसभा में खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र होने के बावजूद सम्मिलित नहीं होने पर नाम जोड़ने के कितने प्रकरण किन-किन कारणों से, कितने-कितने समय से, किस-किस स्तर पर लंबित है? 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक नीमच विधानसभा में किस-किस प्रकरण को खाद्य सुरक्षा योजना में कब-कब जोड़ा गया एवं जोड़ा गया प्रकरण कब-कब जमा हुआ? जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार राज्य में वर्ष 2011 की जनसंख्या 7.26 करोड़ को आधार मानते हुए प्रदेश में लगभग कुल 5.30 करोड़ हितग्राही लाभांवित है जिसमें से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के अनुसार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
क्षेत्र |
जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत लाभांवित हितग्राही |
प्रतिशत |
1 |
शहरी |
20069405 |
11161750 |
55.61 |
2 |
ग्रामीण |
52557404 |
41889520 |
79.7 |
(ख) जी नहीं, मृत्यु/विवाह/दोहरे होने आदि कारणों से अपात्र हुए परिवार/सदस्यों को हटाना एवं इनके स्थान पर नवीन पात्रताधारी परिवार/सदस्यों को जोड़ना एक सतत् प्रक्रिया है। विगत एक वर्ष में 6 माह से अधिक समय से राशन प्राप्त नहीं कर रहे 437279 परिवारों के 911652 सदस्यों को हटाया गया है एवं 669632 नवीन पात्र परिवारों के 3699392 सदस्यों को जोड़ा गया हैं। (ग) जी नहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 5.46 करोड़ हितग्राहियों को लाभांवित करने का लक्ष्य दिया गया है जिसमें से वर्तमान में लगभग कुल 5.30 करोड़ हितग्राही लाभांवित है इस प्रकार प्रदेश के पास वर्तमान में 16 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित करने का स्थान उपलब्ध है इसलिये वर्तमान सीमा को बढ़ाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नीमच विधानसभा में खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र होने के बावजूद सम्मिलित नहीं होने पर नाम जोड़ने के प्रकरण लंबित नहीं हैं। 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक नीमच विधानसभा में कुल 11649 परिवारों को खाद्य सुरक्षा में जोड़ा गया है, जिनकी दिनांकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं।
फैक्ट्रियों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण पर अंकुश
[पर्यावरण]
123. ( क्र. 1770 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बानमोर एवं जरेरूआ इन्डस्ट्रीज ऐरिया में जो फैक्ट्रयां बहुत प्रदूषण फैला रही है? यदि नहीं, तो उक्त क्षेत्र में प्रदूषण दर सामान्य से अधिक क्यों है? (ख) किन-किन फैक्ट्रियों द्वारा कितना-कितना प्रदूषण फैलाया जा रहा है? विभाग द्वारा कब-कब निरीक्षण कर दोषियों को नोटिस दिया गया है? (ग) नोटिस के पश्चात भी फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण किया जा रहा है जिससे क्षेत्र के किसानों की फसले नष्ट हो रही है एवं लोगों को बीमारियों हो रही है। पशु हानि हो रही है। क्या एक जांच दल उक्त क्षेत्रों में निरीक्षण के लिए भेजा जावे जो कार्यवाही करें, जिससे क्षेत्र के लोग स्वच्छ वातावरण में रह सके?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बानमोर औद्योगिक क्षेत्र में परिवेशीय वायु की गुणवत्ता निर्धारित मानक सीमा से अधिक पाई गई है। जडे़रूआ औद्योगिक क्षेत्र में परिवेशीय वायु की गुणवत्ता निर्धारित मानक सीमा के अनुरूप पाई गई है। परिणाम क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) बानमौर औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स अम्बा शक्ति उद्योग लिमिटेड द्वारा निर्धारित मानक सीमा से अधिक चिमनी उत्सर्जन पाया गया तथा उद्योग परिसर में परिवेशीय वायु गुणवत्ता निर्धारित मानक सीमा से अधिक पाई गई है। गुणवत्ता मापन परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। मॉनिटरिंग परिणाम के आधार पर उद्योग को दिनांक 19/06/2023 एवं दिनांक 28/06/2023 को नोटिस जारी किये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 एवं 5 अनुसार हैं। (ग) मेसर्स अम्बा शक्ति उद्योग लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना अनुसार वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु नए इम्पोर्टेड फ्यूम्स एक्सट्रेक्शन सिस्टम एवं बैग फिल्टर सिस्टम की स्थापना का कार्य किया जा रहा है जो कि मार्च, 2024 तक पूर्ण होना संभावित है। इस व्यवस्था की स्थापना से उद्योग की वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की संभावना है। क्षेत्र के अन्य उद्योगों से प्रदूषण फैलने की स्थिति नहीं है, ना ही क्षेत्र के किसानों की फसलें नष्ट होने तथा लोगों में बीमारियाँ होने एवं पशु हानि होने की पुष्टि क्रमशः किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मुरैना के पत्र दिनांक 26/01/2024, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी, नूराबाद, जिला मुरैना के पत्र दिनांक 25/01/2024, उप संचालक, पशु पालन एवं डेयरी विभाग के पत्र दिनांक 25/01/2024 से होती है। संबंधित विभागों से प्राप्त पत्रों की प्रतियां क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6, 7 एवं 8 अनुसार हैं। अतः पृथक से जांच दल को निरीक्षण एवं कार्यवाही हेतु भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है।
कंदैला (एन.डी.बी.) परियोजना के कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 1776 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा रीवा जिले में कंदैला (एन.डी.बी.) परियोजना का कार्य कराया जा रहा है? यदि हां तो निर्माण एजेन्सी द्वारा तकनीकी निविदा के साथ संलग्न शेड्यूल A, B, C, D, E, G की जानकारी, निर्माण कार्य हेतु नियोजित श्रमिकों (कुशल/अकुशल) के नाम, पते एवं पारिश्रमिक/वेतन भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। विकासखण्ड रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत ग्रामों/ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या परियोजना निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो चुकी है? यदि हां तो पूर्णता संबंधी दस्तावेजों की प्रति उपलबध करायें। यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक पूर्ण होगी क्या समयवृद्धि की गई है? विवरण उपलब्ध करायें। साथ ही देरी हेतु अधिरोपित अर्थदण्ड की जानकारी निर्माण के विभिन्न चरणों में प्रावधानित गुणवत्ता एवं परीक्षण से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध करायें। परियोजना क्रियान्वयन में संलग्न निर्माण एजेन्सी के अधिकारियों/कर्मचारियों सुपरवीजन एवं गुणवत्ता नियंत्रण कसंल्टेन्सी एजेन्सी के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों और उनके दायित्व की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा अंतर्गत पंचायत स्तर पर क्रियान्वयन/संचा/संधा इकाई की जानकारी ग्राम पंचायतवार उपलब्ध करायें। योजना अंतर्गत दिये गये सामुदायिक योगदान सबंधी जानकारी योगदानकर्ता के नाम, पता सहित उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, निर्माण कार्य ई.पी.सी. पद्धति से किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा नियोजित श्रमिकों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। 50 ग्रामों में 15 उच्च स्तरीय टंकियों, 424 कि.मी. पाईप लाईन एवं 8293 घरेलू नल कनेक्शन का कार्य कराया गया है। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य किया गया है। जी हाँ, योजना 30 जून, 2024 तक पूर्ण होना संभावित है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत गुण दोष के आधार पर अर्थदण्ड निर्धारित किया जावेगा। निर्माण एजेन्सी के अधिकारी/कर्मचारियों का दायित्व निर्माण कार्य किया जाना, सुपरवीजन एवं गुणवत्ता नियंत्रण कंसलटेंसी का दायित्व निर्माण कार्यों की निगरानी एवं गुणवत्ता की जांच एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों का दायित्व इन एजेंसियों की सतत् निगरानी करते हुए दिशा-निर्देश दिया जाना है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जल जीवन मिशन की कोई योजना संचालन/संधारण हेतु ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं हुई है। निर्धारित सामुदायिक योगदान किसी भी योजनांतर्गत प्राप्त नहीं हुआ है।
संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
125. ( क्र. 1778 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी में अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित योजनाएं कहाँ-कहाँ और कब से संचालित हैं? इन योजनाओं का लाभ विगत दो वर्षों में किन-किन लाभार्थियों को प्राप्त हुआ है? कितने लोग पंजीकृत हैं और कितने लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं से वंचित हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
पशुओं के कारण सड़क दुर्घटना
[पशुपालन एवं डेयरी]
126. ( क्र. 1779 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी में कितने प्रकार के पशु पाये जाते हैं? सभी पशुओं की जातिवार अद्यतन संख्या की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित पशुओं से किसानों को क्या-क्या लाभ एवं किन-किन प्रकार की हानियाँ हो रही हैं? दोनों का तुलनात्मक विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सीधी में कृषि को हानि पहुँचाने वाले पशुओं के परीक्षण की कोई विशेष व्यवस्था भविष्य में संचालित किए जाने की योजना है? यदि हैं तो उन योजनाओं का विवरण दें। (घ) निर्वाचन क्षेत्र सीधी में विगत 5 वर्षों में पालतू एवं जंगली पशुओं से हुई हानि का मुआवजा कब-कब और कहाँ-कहाँ, किस–किस को, कितनी–कितनी राशि वितरित की गई है तथा कितने लोगों को वितरित किया जाना शेष है? विवरण दें। (ङ) प्रदेश स्तर पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं जिनका कारण अक्सर सड़कों पर विचरण कर रहे गाय, बैल एवं अन्य पशु होते हैं उन घटनाओं को रोकने एवं हो रही जन हानि एवं पशु हानि को दृष्टिगत रखते हुए सरकार की क्या योजनाएं संचालित हैं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीधी में छ: प्रकार के पशु पाये जाते है, 20वीं पशु संगणना अनुसार जातिवार अद्यतन संख्या की जानकारी निम्नानुसार है- गौवंशीय- 126457, भैंसवंशीय- 22721, बकरी- 87865, भेड़- 3187, सुकर-2745, पालतू कुत्ते-586 तथा निराश्रित गौवंशीय पशु की संख्या-1972 एवं कुत्ते-1342 है। (ख) पशुओं से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, मांस उत्पादन में वृद्धि, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार पशु पालकों का रोजगार सृजन के अवसर आदि लाभ प्राप्त होते है एवं पशुओं से किसानों को होने वाली हानियां विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थानीय निकायों द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु जारी निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (घ) पालतू पशुओं से हुई हानि का मुआवजा देने का विभाग में कोई प्रावधान नहीं हैं एवं जंगली पशुओं से हुई हानि पर दिए गये मुआवजा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ड.) स्थानीय निकायों द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु जारी निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा लोक मार्गों एवं स्थानों पर आवारा पशुओं के समुचित नियंत्रण के लिए राजपत्र दिनांक 23 फरवरी, 2023 से नियमावली जारी की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
कूटरचित प्रमाण-पत्र पर नौकरी प्राप्त करना
[वन]
127. ( क्र. 1788 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री सुदामा चढोकर, अधीक्षक द्वारा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में पदस्थी के दौरान अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र में कूट रचनाकर विभाग में नियुक्ति प्राप्त की गई एवं अधिकारियों से सांठ गांठ कर महत्वपूर्ण पद/शाखाओं का प्रभार लिया गया? हाँ या नहीं। यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या श्री सुदामा चढोकर, अधीक्षक द्वारा शासकीय सेवा में अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र लगा कर मिलीभगत कर पदोन्नति प्राप्त करते हुये शासन को वित्तीय क्षति पहुँचाई गई? हाँ या नहीं। यदि हाँ, तो क्या संबंधित कर्मचारी को पदावनत कर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) श्री चढोकर, अधीक्षक के विरूद्ध प्रकरण से संबंधित प्रश्न दिनांक तक कार्यालय में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई व उन पर क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। श्री चढ़ोकर अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कान्हा नेशनल पार्क के कार्यों की जांच
[वन]
128. ( क्र. 1793 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 660, दिनांक 02/03/2023 के आधार पर तत्कालीन मंत्री जी द्वारा कान्हा नेशनल पार्क के कार्यों की जांच का आश्वासन दिया गया था एवं उसके आधार पर केवल कोर जोन के कार्यों की जांच कराई गई थी एवं बफर जोन के कार्यों की जांच नहीं कराई गई? यदि हाँ, तो बफर जोन के कार्यों की जांच कब तक करवाई जाएगी? (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत कितनी नक्सली घटनाएं हुई हैं? इन घटनाओं में कितने वन कर्मी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं? क्या यह सही है कि पुलिस व अन्य सुरक्षा कर्मियों द्वारा इन घटनाओं के दौरान वन कर्मियों को परेशान किया जाता है? इस तरह की मारपीट या परेशान करने की कितनी घटनाएं हुई हैं? इसमें पीड़ित वन कर्मियों के नाम पदनाम की जानकारी प्रदान करें? इस तरहकी घटनाएं न हो इसके लिए विभाग द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं या उठाये जाएंगे? (ग) कान्हा नेशनल पार्क के वन कर्मचारी जो अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देते हैं इन्हें पुलिस कर्मियों के समान नक्सलाइट भत्ता देने में क्या परेशानी है? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इन वन कर्मियों को 30 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने में क्या परेशानी है? इस हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है एवं भविष्य में क्या कार्यवाही कीजाएगी? (घ) क्या तत्कालीन मंत्रीजी द्वारा कान्हा पार्क के सरही गेट की समस्त टिकिट सरहीगेट से ही देने का आश्वासन सदन में दिया गया था? यदि हाँ, तो अब तक उक्त आश्वासन पूरा नहीं करने के क्या कारण हैं? कब तक उक्त सभी टिकिट सरहीगेट से प्रारंभ कर दी जाएगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न क्रमांक 660 दिनांक 02.03.2023 के आधार पर तत्कालीन वनमंत्री महोदय द्वारा सदन को कान्हा टाइगर रिजर्व के कार्यों की जांच का आश्वासन दिया गया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के पत्र क्रंमाक/4550 दिनांक 17.05.2023 से माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को जांच समिति गठित कर जांच की अग्रिम कार्यवाही करने हेतु जांच दलों हेतु प्रतिनिधियों को नामांकित करने के लिये निवेदन किया गया। माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 1369 दिनांक 18-05-2023 से जांच दलों में प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। कान्हा टाइगर रिजर्व में स्थित परिक्षेत्रों का माननीय सदस्य स्वयं एवं उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में दिनांक 20-05-2023 से 31-05-2023 तक वर्ष 2019 से 2022 तक चार वर्षों में कराये गये कुल 1150 कार्यों का निरीक्षण किया गया तथा कार्य का मापन एवं मिलान, एम.बी.बुक एवं प्रोजेक्ट अभिलेख की जांच कराई गयी। माननीय सदस्य ने अपने पत्र क्रमांक/1370 दिनांक 09.06.2023 में लेख किया है कि ''मेरे द्वारा विधान सभा में उठाये गये विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 660 के अंतर्गत जांच दल के साथ स्वयं मेरे द्वारा एवं मेरे प्रतिनिधि द्वारा कार्यों का निरीक्षण किया गया। कार्य व्यय अनुसार उत्तम गुणवत्ता के पाये गये। '' आश्वासन में खरीदी गयी भूमि के फेसिंग कार्य की शिकायत के संबंध में भूमि का विवरण, स्थल, खसरा क्रमांक, स्वामित्व आदि का उल्लेख न होने से कोई जांच संभव नहीं हो सकी। किंतु संबंधित वन अधिकारियों द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि विभाग द्वारा किसी निजी भूमि का क्रय नहीं किया गया और ना ही किसी निजी भूमि पर शासकीय व्यय से फेसिंग कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में दिनांक 22.03.2022 को एक सुरक्षा श्रमिक की हत्या नक्सल तत्वों द्वारा की गयी थी। दिनांक 14.12.2023 का सूपखार परिक्षेत्र में हुई नक्सलियों से मूठभेड़ की घटना के दौरान पुलिस कमिर्यो द्वारा वनकर्मियों के साथ मारपीट किया गया है। इस घटना में 4 वनकर्मी श्री दयाल सिंह, सुरक्षा श्रमिक, श्री मेवालाल, सुरक्षा श्रमिक, श्री देवेन्द्र, वायरलेस अटेण्डेन्ट एवं श्री मोहपत सिंह, सुरक्षा श्रमिक प्रभावित हुये है। इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो इसके लिये कान्हा पार्क प्रबंधन द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) भोपाल एवं पुलिस महानिरीक्षक, बालाघाट रेंज, बालाघाट को पुलिस कर्मियों को निर्देशित करने व उचित कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गयी है। (ग) वनकर्मियों को प्रश्नाधीन भत्ता स्वीकृत नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य एवं विभिन्न संघ से प्रश्नांकित विषय में मांग-पत्र प्राप्त हुआ है, परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हां। वर्तमान में सरही जोन के लिये 36 टिकिट का प्रावधान है। जिसे पर्यटक अपनी इच्छा अनुसार गेट चयन कर सरही प्रवेश द्वार से पार्क में प्रवेश कर सकते है।
कर्मचारियों की क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 1794 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पत्र दिनांक 9 अक्टूबर, 2019 की कंडिका 3 के अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को 12 और 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमशः प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति के लाभ के लिए शिक्षाकर्मी सेवा और संविदा शाला शिक्षक सेवा की नियुक्ति दिनांक से गणना की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में इस नियम के अनुसार क्रमोन्नति का लाभ मिला है और किस जिले में यह लाभ अब तक नहीं दिया गया है कारण सहित बताने का कष्ट करेंगे? (ख) क्या विभाग के पत्र दिनांक 6 अक्टूबर, 2023 के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 5 अक्टूबर, 2023 को जनजाति कार्य विभाग द्वारा यथा स्थिति लागू की जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो कितने जिलों में यह लाभ निरंतर दिया जा रहा है? (ग) यदि क्रमोन्नति के लिए सेवा अवधि की गणना अध्यापक संवर्ग में आने के दिनांक से दिया जाना है तो क्या पूर्व में शिक्षाकर्मी, संविदा शाला शिक्षक की नियुक्ति दिनांक से मिले लाभ पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ, तो क्या किसी कर्मचारी को नियमानुसार पूर्व में दिए गए लाभ से वंचित किया जा सकता है यदि हाँ, तो क्या उस कर्मचारी से पूर्व के आदेशानुसार मिले लाभ की वसूली की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति - जनजाति मद से प्रदाय की गई राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
130. ( क्र. 1798 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले को तथा विधानसभा क्षेत्र श्योपुर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति मद से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गयी? कितनी राशि किस कार्य पर व्यय की गयी? वर्षवार, मदवार, कार्य का नाम, राशि सहित जिले का एवं विधानसभा श्योपुर का पृथक-पृथक व्यौरा दे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्षवार, मदवार, स्वीकृत कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ होने के कारणों से अवगत कराएं एवं सूची संलग्न करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य के लिए निमार्ण एजेन्सी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? दिनांकवार की गयी कार्यवाही से अवगत करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रगतिरत कार्य पूर्ण न होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्योपुर, के पत्र क्रमांक 960, दिनांक 15.07.2022 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कराहल के पत्र क्रमांक 962, दिनांक 15.07.2022 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत विजयपुर के पत्र क्रमांक 964, दिनांक 15.07.2022 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत विजयपुर के पत्र क्रमांक 713, दिनांक 28.03.2022 द्वारा सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विजयपुर को पत्र लिखा गया है, पत्र क्रमांक 1965, दिनांक 22.06.2022 से संबंधित उपयांत्रियों को स्पष्टीकरण जारी किये गये है, पत्र क्रमांक 3017 दिनांक 08.12.2023 के द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिवों को पत्र लिखे गये है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्योपुर, कराहल एवं विजयपुर के पत्र क्रमांक 3159, दिनांक 01.01.2024 को पत्र लिखा गया है।
गौशालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
131. ( क्र. 1799 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्न (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में आवारा गौवंश की कितनी गौशालाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है? जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी गौशालाएं शासकीय है और कितनी अशासकीय है, सभी गौशालाओं के नाम, पता, क्षमता और उनमें कितना गौवंश रखा गया है, इसका पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं? (ग) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी गौशालाओं को कब-कब, कितना-कितना आवंटन/सहायता/अनुदान शासन द्वारा उपलब्ध कराया गया? अवगत करावें एवं किस-किस गौशाला में कितना-कितना व्यय हुआ गौशालावार, वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी से अवगत करावें? (घ) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में निराश्रित गौवंश वर्तमान में खुले आम सड़कों पर एवं खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान क्षति पहुंचा रहे है? यदि हां तो गौवंश की रक्षा के लिये भविष्य में शासन द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु पंचायत स्तर पर मुख्यमंत्री गौसेवा योजना संचालित है एवं अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गौशालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें स्थानीय निकायों को गौवंश को गौशालाओं में व्यवस्थापन हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
132. ( क्र. 1800 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत कौन-कौन से हितग्राही मूलक कार्य किये जाते हैं? सूची देवें। (ख) अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए कृषि विद्युतीकरण योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत किन नियमों के तहत कितना अनुदान मिलता है तथा कौन-कौन से कार्य कराएं जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में किन-किन ने कब-कब आवेदन किया? किस-किस को लाभ मिला एवं कौन-कौन से हितग्राही बजट आवंटन के अभाव में योजना के लाभ से वंचित हैं? विकासखंडवार, वित्तवर्ष वार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में बजट आवंटन के अभाव से अनुसूचित जाति के कृषकों की कृषि भूमि में विद्युतीकरण के कितने आवेदन लंबित हैं? उन्हें क्या बजट आवंटन प्रदानकर लाभांवित किया जावेगा उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार (ग) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट -''ब'' एवं ''स'' अनुसार (घ) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत योजना के नियमानुसार पात्र होने तथा जिले को प्रदत्त आवंटन की सीमा में प्रभारी मंत्री जी की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा उपरांत कार्य कराये जाते है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ब्लैक लिस्ट ठेकेदारों को कार्य देना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
133. ( क्र. 1807 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग में कितने ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया गया कारण सहित ठेकेदार, फर्म, दिनांक, समय अवधि सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने ठेकेदार है जो ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी कार्य कर रहे है? (ग) ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी किस आधार पर ठेकेदारों द्वारा कार्य किया जा रहा है आदेश की प्रति सहित बतायें? (घ) ठेकेदार के ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी कार्य विभाग द्वारा दिए जाने के लिए कौन-कौन जवाबदार है उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सागर संभाग के सिर्फ एक जिले टीकमगढ में विभाग द्वारा 1 जनवरी 2019 से 02 परिवहनकर्ताओं 1. मेसर्स राजेन्द्र कुमार अग्रवाल एवं 2. मेसर्स देवेन्द्र कुमार अग्रवाल ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया है। विवरण निम्नानुसार है-
परिवहनकर्ता की फर्म का नाम |
ब्लैक लिस्ट होने का कारण |
ब्लैक लिस्ट दिनांक |
समयावधि |
मेसर्स राजेन्द्र कुमार अग्रवाल |
भारतीय खाद्य निगम द्वारा 10 वर्ष के लिये ब्लैक लिस्ट किया गया था, जिसकी जानकारी छुपाते हुये परिवहनकर्ता द्वारा द्वार प्रदाय योजना निविदा वर्ष 2019-21 में निविदा डाली गई थी जो कि द्वारा प्रदाय योजना निविदा दस्तावेज 201921 कंडिका क्रमांक 40.2, 40.4 एवं 41.14 का उल्लंघन किया गया है |
मुख्यालय आदेश क्र/परि./2019/551/भोपाल दिनांक 20.07.2019 |
10 वर्ष के लिए। |
मेसर्स देवेन्द्र कुमार अग्रवाल |
साविप्र के खाद्यान्न नमक एवं शक्कर सामग्री को परिवहनकर्ताओं एवं उनके अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा कूटरचित डिलेवरी आर्डर पर व्यपवर्तन/कालाबाजारी करते हुए पाये जाने के कारण एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी। |
मुख्यालय आदेश क्र./परि./2019/1370/भोपाल दिनांक 30.12.2019 |
10 वर्ष के लिए। |
(ख) संभाग में किसी भी ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं कराया जा रहा है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपम्पों के उत्खनन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 1808 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैंडपंपों का उत्खनन किया गया। उनमें से कितनों में पानी मिला और कितने सूखे निकले? ग्रामवार जानकारी दें। उत्खनन के लिए किसे अनुबंधित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में हैंडपंपों पर खर्च की गई राशि ग्रामवार, वर्षवार सहित पृथक-पृथक दें। (ग) छतरपुर विधानसभा में आज दिनांक में कितने हैंडपंप पानी दे रहे हैं? ग्रामवार बंद एवं चालू हैंडपंपों की सूची पृथक-पृथक दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) हैण्डपंपों के लिये 88 नलकूपों का उत्खनन किया गया, इनमें से 66 में पानी मिला एवं 22 सूखे निकले, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्तमान में 1211 हैण्डपंप पानी दे रहे हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कटनी जिला अंतर्गत धान खरीद
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 1809 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी-जिला अंतर्गत खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा निगम के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सेवा सहकारी-समितियां के द्वारा कितने-कितने, धान समर्थन मूल्य पर कृषकों से खरीदा गया बतलावें वर्षवार, समितिवार, खरीदी मात्रा सहित सूची देवें? (ख) खाद्य निगम द्वारा खरीदी पर सेवा सहकारी समितियां को दिया जाने वाला प्रासंगिक व्यय धान लदान खर्च क्या है? यह किस दर से देय होता है एवं इसमें कौन-कौन से कार्यों का भुगतान होता है? बतलावें? वर्षवार, समितिवार की गई खरीदी पर कितना-कितना प्रासंगिक व्यय एवं लोडिंग व्यय किस दर से देय होता है एवं इसमें कौन-कौन से कार्यों का भुगतान हुआ है? बतलावें? (ग) खाद्य निगम द्वारा समितियां को धान खरीदी पर कितना, किस दर से कमीशन दिया जाता है? बतलावें एवं यह भी बतलावें की प्रश्नांश "क" में उल्लेखित समयावधि में समितियां द्वारा की गई धान खरीदी पर उन्हें कितना कमीशन देय है बतलावें समितियों का नाम, देय कमीशन सहित वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश "ख" एवं "ग" के संदर्भ में कटनी जिला अंतर्गत सेवा सहकारी समितियों को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना प्रासंगिक व्यय तथा लोडिंग व्यय एवं कमीशन किस दर से कुल कितना देय है? कितना दिया गया है एवं कितनी राशि शेष है, यह भी बतलावें कि समितियों को शेष राशि का भुगतान किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा, भुगतान में विलंब के क्या कारण है? बिन्दुवार समुचित जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक सेवा सहकारी समितियों द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की किसान संख्यावार खरीदी मात्रा, वर्षवार एवं समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन करने वाली सेवा सहकारी समितियों को धान उपार्जन के लोडिंग तौल, सिलाई, धागा, छापा आदि कार्य हेतु प्रासंगिक व्यय का भुगतान किया जाता है। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 12 रू. एवं वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक रू. 16 प्रति क्विंटल के मान से प्रासंगिक व्यय के भुगतान का प्रावधान है। वर्षवार प्रासंगिक व्यय की देय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। स्कन्ध के लोडिंग व्यय प्रासंगिक व्यय में ही सम्मिलित होता है। (ग) भारत सरकार द्वारा प्रत्येक विपणन वर्ष हेतु मदों में प्रावधानिक दरें नियत की जाती हैं व उसके भुगतान के नियम नियत किए जाते हैं। समितियों को स्वीकृत मात्रा के आधार पर प्रति क्विंटल कमीशन राशि एवं देय राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के संदर्भ में कटनी जिले में सेवा सहकारी समितियों को वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक प्रासंगिक व्यय तथा कमीशन मद में कुल देय, भुगतान की समितिवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' एवं 'ब' अनुसार है। सेवा सहकारी समितियों को वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक बारदाना, शार्टेज मात्रा एवं अन्य कारणों से कटौत्रा राशि के उपरांत देय सम्पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
136. ( क्र. 1813 ) श्री
गोपाल सिंह
इंजीनियर : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आष्टा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
अनुसूचित जाति
वर्ग के
कल्याण हेतु
विभाग द्वारा
कितने
अनुसूचित
जाति बालक
छात्रावास
एवं बालिका छात्रावास
संचालित है
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार
ऐसे कितने
छात्रावास है
जो स्वयं
विभाग की
बिल्डिंग में
संचालित हो
रहे हैं एवं
ऐसे कितने
बालक एवं
बालिका
छात्रावास है
जो किराए के
भवनों में
संचालित हो
रहे हैं?
आष्टा
विधानसभा
क्षेत्र में
अध्ययनरत
छात्र-छात्राओं
की संख्या की
दृष्टि से पर्याप्त
छात्रावास
एवं भवन है यदि
संख्या के मान
से भवन की कमी
है तो भवन निर्माण
एवं नए
छात्रावास की
स्थापना हेतु
विभाग द्वारा
क्या कदम उठाए
जा रहे हैं? (ग) अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग भोपाल
द्वारा बस्ती
विकास योजना
एवं विभाग की
अन्य संचालित योजना
अन्तर्गत
अनुसूचित
जाति बाहुल्य
के कितने ग्रामों
में निर्माण
कार्य एवं
विकास कार्य हेतु
वित्तीय वर्ष 2022-23 कितनी
राशि दी गई
ग्रामवार
जानकारी
देवें? (घ) आष्टा
विधानसभा
क्षेत्र में
अनूसूचित
बाहुल्य
बस्ति/ग्राम
पंचायतों की
सूची उपलब्ध
करावें
जिसमें 40
प्रतिशत से
अधिक
अनुसूचित
जाति बाहुल्य
परिवार निवास
करते है?
वन
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
आष्टा
विधान सभा
क्षेत्र में 06 अनुसूचित
जाति बालक
छात्रावास
एवं 04
बालिका
छात्रावास
संचालित है, जानकारी
पुस्तकालय रखे
परिशिष्ट- ''अ''
पर
है। (ख) आष्टा
विधानसभा
क्षेत्र में परिशिष्ट- ''अ''
अनुसार 09
छात्रावास
शासकीय भवन
में एवं 01
छात्रावास
किराये के भवन
में संचालित
है जिसका भवन
निर्माण
कार्य स्वीकृत
हो चुका है, जानकारी
पुस्तकालय रखे
परिशिष्ट -''ब'' पर है। (ग) विभाग
द्वारा जिला
सीहोर में बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत 14 कार्य स्वीकृत
किये गये है जानकारी
पुस्तकालय रखे
परिशिष्ट- ''स''
पर है। (घ) आष्टा
विधान सभा
क्षेत्र में
अनुसूचित
जाति बाहुल्य
105 बस्तियां
है सूची जानकारी
पुस्तकालय रखे
परिशिष्ट -''द'' पर है।
नल-जल योजना अन्तर्गत घर-घर जल उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
137. ( क्र. 1815 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के ग्रामीण क्षेत्रों में जलजीवन मिशन से वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत होकर पूर्ण हो चुकी हैं तथा संचालित हैं एवं कितनी पूर्ण होकर संचालित नहीं हैं तथा कितनी अपूर्ण हैं बतायें। (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नल-जल योजना के ट्यूबवेल के बोर में पानी की कमी होने तथा कुछ स्थानों पर निर्मित टंकियों में दरार आ जाने से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही हैं यदि हाँ, जो जिन ग्रामों में यह स्थिति हैं उस ठेकेदार के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) क्या जिन मार्गों पर नल-जल योजना की पाइपलाइन डाली गयी हैं उस मार्ग को समतल व कांक्रीट से मजबूत नहीं किया गया हैं यदि हाँ, तो क्यों? क्या इस प्रकार के लापरवाहीपूर्वक कार्य करने के लिये ठेकेदार के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 229 नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। (ख) 64 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जिनमें से वर्तमान में 62 संचालित एवं 02 संचालित नहीं है तथा 165 योजनाएं अपूर्ण हैं। (ग) कोई भी नल-जल योजना ट्यूबवेल में पानी की कमी अथवा निर्मित टंकियों में दरार आ जाने से बंद नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पाइपलाइन के बिछाने एवं जोड़ने के कार्य में जिन मार्गों को खोदा गया है उन मार्गों को समतल कर कांक्रीट से मजबूत किया जा रहा है, जिन ठेकेदारों द्वारा उक्त कार्य में विलंब किया जा रहा है, उनको चेतावनी पत्र जारी किए गए है।
बरगी बांध की समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
138. ( क्र. 1827 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन ने बरगी बांध की समूह जल प्रदाय योजना कब कितनी राशि की बनाई है, मूल योजना के तहत इसमें किन-किन जिलों के कितने-कितने गांवों की कितनी-कितनी आबादी को पेयजल पहुंचना है, इसके तहत कितने एम.एल.डी. का इंटकबेल जल शोधन संयंत्र व कितनी टंकियां बनना है? इसकी कार्य विधि व निर्माण एजेंसी कौन है? कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य पूर्ण है? कौन-कौन सा कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रारंभ है एवं क्यों? इस पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय हुई? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरगी क्रमांक 96 जबलपुर में प्रस्तावित कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य पूर्ण हुआ है तथा कितने गांव की कितनी आबादी को कब से कितने एम.एल.डी. जलप्रदाय किया जा रहा है? कितने गांव योजना के लाभ से वंचित हैं एवं क्यों योजना निर्धारित समय अवधि में पूर्ण न होने का क्या कारण है? शासन ने दोषी एजेंसी एवं अधिकारियों पर कब क्या कार्रवाई की है? योजना का कार्य कब तक पूर्ण कराया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में कितने आदिवासी बहुल्य गांव पेयजल संकट से ग्रसित हैं, वर्तमान में इन गांव में शुद्ध पेयजल की क्या व्यवस्था है, पेयजल समस्या का स्थाई निदान करने की क्या योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण नहीं हैं, जल प्रदाय प्रारंभ नहीं हुआ है, कोविड-19 महामारी, वन विभाग से अनुमतियों में विलंब एवं ठेकेदारों द्वारा समुचित संसाधनों का नियोजन न किए जाने के कारण योजनाएं निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हो सकी हैं। कार्य एजेंसियों पर अनुबंधानुसार माइलस्टोन न पूरा किए जाने पर पेनाल्टी लगाई गई है। योजनाओं की कार्य पूर्णता की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र के सभी आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में हैंडपंपों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध हो रहा है तथा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 88 ग्रामों में नल-जल प्रदाय योजनाएं भी संचालित हैं, वर्तमान में इन ग्रामों में पेयजल समस्या नहीं है। पेयजल की स्थाई व्यवस्था हेतु विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सतही जल स्त्रोत आधारित पायली समूह जल प्रदाय योजना, पडवार-पडरिया समूह जल प्रदाय योजना एवं जबलपुर समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत हैं तथा इन योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।
उपार्जित अनाज के भंडारण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
139. ( क्र. 1830 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में समर्थन मूल्य पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूं, धान, चना, मूंग, मक्का का भंडारण किया गया, भंडारण परिवहन किराया आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई बतलावें। वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहां-कहां की गोदाम वेयरहाउस व ओपन कैप में भंडारित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूं, धान बे-मौसम बरसात व अन्य कारणों से खराब हो गया सड़ गया कीड़े लग गए व चोरी हो गया, इससे शासन को कितनी राशि की क्षति हुई बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में कहां-कहां की गोदाम वेयरहाउस व ओपन कैप में कब से भंडारित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूं धान को ना उठाने से खराब हो गया, सड़ गया व कीड़े लग गए इससे शासन को कितनी राशि की क्षति हुई, इस संबंध में जिला प्रशासन व शासन को प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई। शासन ने किन-किन दोषी अधिकारियों पर कब क्या-क्या कार्यवाही की है, बतलावे़। (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में किन-किन गोदाम वेयरहाउस ओपन कैप का कब-कब किन-किन अधिकारियों ने आकस्मिक निरीक्षण किया कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितता, अव्यवस्था व शिकायतें पाये जाने पर कब किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं, चना, मूंग की वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक एवं वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक धान उपार्जन, परिवहन, भंडारण आदि पर हुए व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन, परिवहन एवं भंडारण पर व्ययों के अंतिमीकरण की कार्यवाही प्रचलित है। जिले में समर्थन मूल्य पर मक्का का उपार्जन नहीं किया जाता है। (ख) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 में 10130.76 क्विंटल, वर्ष 2021-22 में 16117.83 क्विंटल एवं वर्ष 2022-23 में 22391.29 क्विंटल शेष धान के निराकरण की कार्यवाही जारी है। वर्ष 2023-24 में उपार्जन कार्य पूर्ण होने पर भंडारित धान की जानकारी दी जा सकेगी। वर्ष 2021-22 में उपार्जित मूंग में से 13949.07 क्विंटल मूंग के निराकरण की कार्यवाही जारी है। वर्ष 2023-24 में उपार्जित 269339.17 क्विंटल मूंग गोदामों में भंडारित है। मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के केपों में भंडारित धान में से 5308.08 क्विंटल एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के केपों में भंडारित धान में से 4329.36 क्विंटल धान खराब हुई, जिस पर कुल राशि रू. 103.87 लाख की क्षति हुई है। वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक गेहूं कुल 2565.092 मे.टन खराब हुआ, जिसकी राशि रू. 641 लाख की है। खराब गेहूं के डीसीसी की कार्यवाही प्रस्तावित है। वर्षवार एवं गोदाम/केपवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’ब ‘’ अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में धान भंडारण के दौरान आई कमी मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’स’’ अनुसार है। मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के केपों में भंडारित धान में से 5308.08 क्विंटल एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के केपों में भंडारित धान में से 4329.36 क्विंटल धान खराब हुई, जिस पर कुल राशि रू. 103.87 लाख की क्षति हुई है। कमी मात्रा की राशि की वसूली की कार्यवाही भंडारण एजेंसियों से की जा रही है। वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक गेहूं कुल 2565.092 मे.टन खराब हुआ, जिसकी राशि रू. 641 लाख की है। खराब गेहूं के डीसीसी की कार्यवाही प्रस्तावित है। (घ) जबलपुर जिले में मध्यप्रदेश वेयरहाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के अमले द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
वन परिक्षेत्र बीनागंज में मजदूरों को भुगतान
[वन]
140. ( क्र. 1838 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण मध्य प्रदेश वन क्षेत्र में उसी वन क्षेत्र के मजदूरों से कार्य करवाया जाता है? यदि हाँ, तो क्या उन्ही मजदूरों के खातों में मजदूरी की राशि डाली जाती है? यदि हाँ, तो अन्य जिलों के मजदूरों के खाते में राशि डालकर ए.टी.एम. से पैसे निकाले जाते हैं, अगर ऐसा है तो क्या यह अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो सम्बंधित पर कानूनी कार्यवाही का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिला गुना के वन परिक्षेत्र बीनागंज में मजदूरों से कार्य न करवाते हुए मशीनों से कार्य करवाया जाता है क्यों? ऐसा कोई प्रावधान हो तो स्पष्ट करें I (ग) ट्रैक्टर एवं मशीनरी से कार्य करवा कर पैसे का आहरण किस माध्यम से हुआ? क्या सभी के वित्तीय प्रमाण पत्रों की जांच की गई है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वन परिक्षेत्र बीनागंज में मशीनों से कार्य करवाकर अन्य जिले के लोगों के खातों में भुगतान करवाया जाता है क्या यह नियम के विरुद्ध नहीं है? यदि है तो वन परिक्षेत्र बीनागंज के मजदूरों के सेविंग खातों की जांच करवाएं कि कितने खाते अन्य जिलों के मजदूरों के द्वारा संचालित है? (ड.) वन परिक्षेत्र बीनागंज के गरीब मजदूरों के साथ अन्याय हुआ है क्या इसकी कोई जांच होगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश के समस्त वनक्षेत्रों में यथा संभव उसी वनक्षेत्र के मजदूरों से कार्य कराया जाता है किन्तु कार्य की अधिकता या उस क्षेत्र के मजदूर उपलब्ध न होने की स्थिति में अन्य मजदूरों से भी कार्य कराया जाता है एवं उनकी मजदूरी का भुगतान कोषालय के माध्यम से संबंधित मजदूर के बैंक के खाते में सीधे किया जाता है। ए.टी.एम. से पैसे निकालने संबंधी कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला गुना के वन परिक्षेत्र बीनागंज में मशीनों से कोई कार्य नहीं कराया गया है राज्य शासन के निर्देश दिनांक 03.08.2023 द्वारा श्रमिक की स्वयं की मशीन या संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा प्रदाय मशीन से कार्य कराये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में ट्रैक्टर एवं मशीनरी से कार्य नहीं कराया गया है, अत: ट्रैक्टर एवं मशीनरी से कार्य करवाकर पैसे आहरण करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) वन परिक्षेत्र बीनागंज में मशीनों से कोई कार्य नहीं कराया गया। अत: अन्य जिले के लोगों के खाते में मशीनरी से कराये कार्य का भुगतान कराने एवं बैंक खातों की जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश ''क'', ''ख'', ''ग'', ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान
[पशुपालन एवं डेयरी]
141. ( क्र. 1853 ) श्री केशव देसाई : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत जनपद पंचायत मुरार की 65 तथा जनपद पंचायत घाटीगांव की 19 ग्राम पंचायतों के ग्रामों में आवारा गौवंश द्वारा स्थानीय किसानों की फसल का नुकसान किया जा रहा है, जबकि आवारा गौवंश को गौशालाओं में रखे जाने का प्रावधान है, विभाग द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं की आश्रय व्यवस्था के संबंध में विधिवत रूप से बजट का निर्धारण किया गया है? उक्त बजट किस-किस मद में स्वीकृत किया गया है? (ग) विधानसभा 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत निर्मित की गई गौशालाओं में से कितनी-कितनी गौशालाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गई हैं? यदि गौशालाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं की गई हैं तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु पंचायत स्तर पर मुख्यमंत्री गौसेवा योजना संचालित हैं एवं अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गौशालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें स्थानीय निकायों को गौवंश के गौशालाओं में व्यवस्थापन हेतु निर्देश जारी किये गए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गौशाला में गायों के लिए जो रू. 20/- प्रति गाय प्रतिदिन के मान से राशि प्रदान की जाती हैं वह अनुदान के रूप गौशाला प्रबंधन को दान से प्राप्त एवं स्वयं के आय से प्राप्त राशि अथवा वस्तु के अतिरिक्त हैं। पशुपालन विभाग द्वारा गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु राशि रूपये 20/- प्रतिदिन प्रतिगौवंश के मान से प्रदाय की जाती है जिसमें राशि रूपये 15/- चारा हेतु एवं राशि रूपये 5/- दाना हेतु उपलब्ध कराई जाती है, इस संबंध में बजट मद स्वीकृत है। (ग) गौशालाओं का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं किया जाता अत: ग्राम पंचायतों को हस्तांतरण का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के संविलियन एवं भुगतान की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
142. ( क्र. 1860 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यमी विकास संस्थान को मेपसेट में संविलियन की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा बतावें कि दिसम्बर 2023 की स्थिति में उद्यमी विकास संस्थान में कितने अधिकारी कर्मचारी है। (ख) उद्यमी विकास संस्थान के कितने-कितने दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को उनके देय स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया है, दिसम्बर 2023 की स्थिति में संख्या बतावें तथा जानकारी देवें कि भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार भुगतान ब्याज सहित किया जायगा? यदि हाँ, तो कब तक कर दिया जायगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उद्यमी विकास संस्थान द्वारा वर्ष 2020 से 2023 तक कितने व्यक्तियों को उद्योगों तथा व्यापार के लिये प्रशिक्षण, आर्थिक तथा तकनीकी सहायता दी गई तथा आदिवासी कल्याण के लिये क्या-क्या कार्य किये गये हितग्राही की संख्या व्यय राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) उद्यमी विकास संस्थान को मेपसेट में संविलियन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दिसम्बर 2023 की स्थिति में उद्यमी विकास संस्थान में 30 कर्मचारी कार्यरत है। (ख) दिसम्बर 2023 की स्थिति में 01 दिवंगत तथा 05 सेवानिवृत्त कर्मचारी को स्वत्वों का पूर्ण भुगतान किया गया है। वेतन निर्धारण में वृद्धि होने से ऐरियर्स (ग्रेच्युटी, अवकाश, समर्पण/वेतन एरियर्स) भुगतान लंबित है एवं 01 दिवंगत तथा 06 सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भुगतान किया जाना शेष है। वित्त विभाग द्वारा मद संख्या-5218 को बंद कर दिये दिये जाने व इस मद में कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। (ग) वित्त विभाग की अनुमति उपरांत स्थापना अनुदान की राशि उपलब्ध होने पर देय स्वत्वों का भुगतान नियमानुसार किया जा सकेगा। (घ) वर्ष 2020 से 2023 तक उद्यमी विकास संस्थान अंतर्गत प्रशिक्षण की गतिविधियों न होने से जानकारी निरंक।
खाद्यान्न भण्डारण एवं गेहूँ वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
143. ( क्र. 1873 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में ग्रामीणों को खाद्यान्न वितरण हेतु कुल कितने केन्द्र व दुकान है, उनका नाम, दुकान आरम्भ करने का वर्ष, वर्तमान खाद्यान्न रखने हेतु भवन है या नहीं, सरकारी है या निजी भवन की भौतिक स्थिति, दुकानवार दें। (ख) डिण्डौरी जिला में गेंहू वितरण उचित मूल्य दुकानों में कब-कब नहीं किया गया? क्यों नहीं किया गया? (ग) राशन वितरण डिजिटल व्यवस्था से की जा रही है परन्तु डिण्डौरी जिला कई ग्रामों में नेटवर्क व सरवर सही नहीं होने से बहुत दिक्कत होती है जहां सरवर ठीक नहीं चलता वहां मेनूवल व्यवस्था लागू करना चाहिये या नहीं अगर हाँ तो कब तक और अगर नहीं तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित जिले में ग्रामीणों को खाद्यान्न वितरण करने वाली उचित मूल्य दुकानों की संख्या 377 है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जिले में माह जून, 2022 से जून 2023 तक भारत सरकार द्वारा गेहूं के आवंटन में कमी करने के कारण गेहूं का आवंटन जारी नहीं किया। (ग) प्रश्नांकित जिले में 67 दुकानें ऑफलाइन मोड में संचालित हैं। इन दुकानों पर स्थापित पी.ओ.एस. मशीन की सर्वर से कनेक्टिविटी नहीं है। इन मशीनों से हितग्राहियों को वितरण किया जाता है एवं वितरण पश्चात् कनेक्टिविटी क्षेत्र में जाकर वितरण का डाटा सर्वर पर अपलोड किया जाता है।
तेंदूपत्ता प्रदेश के बाहर भेजा जाना
[वन]
144. ( क्र. 1876 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के प्रीमियम क्वालिटी के तेन्दूपत्ते को पश्चिम बंगाल की कंपनियों/व्यापारियों द्वारा खरीद लिये जाने से प्रदेश के बीड़ी उद्योगों को तेंदूपत्ता नहीं मिल पा रहा है। जिससे प्रदेश के बीड़ी मजदूर रोजगार से वंचित हो रहे हैं? (ख) मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष कितनी राशि का तेन्दुपत्ता प्रदेश से बाहर भेजा जाता है? (ग) क्या सरकार प्रदेश के बाहर भेजे जाने वाले तेन्दूपत्ते पर अतिरिक्त टैक्स लगाने पर विचार करेंगी ताकि सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिल सके और प्रदेश के बीड़ी उद्योगों को भी प्रीमियम क्वालिटी का तेन्दूपत्ता उपलब्ध हो सकें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, संग्रहण वर्ष 2023 में मात्र पश्चिम बंगाल के केवल दो क्रेताओं द्वारा 2881.220 मानक बोरा क्रय किया गया। (ख) प्रदेश से वर्ष 2023 में 04 लाख 04 हजार मानक बोरा राशि रूपये 223.28 करोड़ का तेन्दूपत्ता प्रदेश से बाहर 110 व्यापारियों को विक्रय किया गया। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्रतिबंध अवधि में स्थानांतरण नीति का उल्लंघन
[वन]
145. ( क्र. 1877 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा प्रतिबंध अवधि में पदस्थापना (एक स्थान से दूसरे स्थान पर) करने में मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमोदन लेना आवश्यक नहीं है? (ख) क्या विभाग द्वारा उपवन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल की पदोन्नति उपरांत एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थापना एवं कार्य आयोजना में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थापना में प्रतिबंध अवधि होने के कारण मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमोदन लिया जा रहा है क्या? यदि नहीं, तो क्या वन विभाग के स्थानांतरण में व पदस्थापना में म.प्र. शासन की स्थानांतरण नीति लागू नहीं होती है? (ग) यदि स्थानांतरण नीति का उल्लंघन किया जा रहा है तो क्या भविष्य में इसमें सुधार कर वन विभाग द्वारा नीति अनुसार मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमोदन प्राप्त कर पदस्थापनायें की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रतिबंध अवधि में नियमानुसार स्थानांतरण पर समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन आवश्यक है। (ख) उप वनक्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल की पदोन्नति उपरांत एक स्थान से दूसरे स्थान पर पदस्थापना पर प्रतिबंध अवधि में समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त किया जा रहा है। कार्य आयोजना इकाई में पदस्थापना को म.प्र. शासन, वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 3-05/2001/10-1, दिनांक 25.03.2011 की कंडिका 6 अनुसार कार्य आयोजना वनमण्डल में पदस्थापना सामान्य स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आती है। (ग) स्थानांतरण नीति का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. जल निगम मर्यादित की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 1898 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के अंतर्गत संचालित मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित के चेयरमैन एवं मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितनी बैठकें आयोजित की है? उक्त प्रत्येक बैठक में रखे गये एजेंडे एवं उस पर लिये गये निर्णय की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें तथा उक्त बैठकों में समस्त स्वीकृत नल-जल योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनाक 16.01.2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. से मुख्यमंत्री एवं चेयरमैन की ईमेल आई.डी. पर तीन आवेदन पत्र पृथक-पृथक भेजे गये? यदि हाँ, तो प्रत्येक आवेदन पत्र पर क्या कार्यवाही सदन में उत्तर देने के दिनांक तक की गई? संपूर्ण जानकारी देवें एवं प्रश्नकर्ता विधायक को कब-तक उक्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 16.01.2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. से जिला रतलाम के 221 सैलाना विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित के अंतर्गत संचालित नल-जल योजनाओं की उच्च स्तरीय जांच हेतु मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री को आवेदन पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर क्या जांच कार्यवाही की गई? उक्त जांच हेतु कौन-सी जांच टीम गठित की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन दोषी है? कब तक जांच टीम गठित कर दी जायेंगी? (घ) क्या मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित में संपूर्ण मध्यप्रदेश की नल-जल योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हेतु चेयरमैन जल निगम मर्यादित अथवा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जांच टीम का गठन करेंगी? यदि हाँ, तो निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित के अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 10 बैठकें आयोजित की गई हैं। एजेंडा की प्रति एवं कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है, की गई कार्यवाही से माननीय विधायक जी को शीघ्र अवगत कराया जाएगा। (ग) जी हाँ, मुख्य सचिव कार्यालय को प्रेषित मेल की जानकारी दिनांक 25.01.2024 को मेल द्वारा माननीय विधायक जी को प्रेषित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भ्रष्टाचार से संबंधित कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: जांच समिति गठित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
147. ( क्र. 1899 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में वर्तमान में खाद्य एवं नागरीक आपूर्ति विभाग के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कितनी उचित मूल्य की दुकानें किस-किस नाम से कहां-कहां संचालित हो रही है उक्त दुकानों का नाम संचालकगणों का नाम, पते एवं उक्त दुकानों का प्रत्येक माह में खुलने हेतु निर्धारित दिन एवं समय की जानकारी पृथक-पृथक उचित मूल्य दुकानवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में पिछले तीन वर्षों में जो खाद्यान्न गेहूँ, चावल, नमक, मक्का एवं अन्य सामाग्री जो उपभोक्ताओं को एवं आंगनवाड़ी, स्कूल, अस्पताल, जेल में वितरण हेतु विभाग द्वारा प्रदाय की गई सामाग्री की जानकारी शासकीय उचित मूल्य दुकानवार एवं वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 19.01.2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. से जिला रतलाम के अंतर्गत संचालित विभिन्न शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राशन वितरण में हो रहे भ्रष्टाचार एवं समय पर दुकान न खुलने पर उच्चस्तरीय जांच हेतु कलेक्टर रतलाम, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री को आवेदन पत्र लिखा गया था यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर क्या जांच कार्यवाही सदन में उत्तर देने के दिनांक तक की गई उक्त जांच हेतु कौन-सी जांच टीम गठित की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों नहीं की गई इसके लिये कौन दोषी है। कब तक जांच टीम गठित कर दी जायेंगी निश्चित समयावधि बतावें। (घ) क्या जिला रतलाम में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में हो रहे भ्रष्टाचार एवं हितग्राहियों को राशन वितरण समय पर नहीं किये जाने, दुकान प्रतिदिन नहीं खोले जाने, दुकान खुलने एवं बंद होने के समय का साईन बोर्ड प्रत्येक शासकीय उचित मूल्य दुकान पर अनिवार्य रूप से लगाये जाने के संबंध में आदेश जारी करते हुये प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष समस्त दुकानों की जांच के आदेश देंगे यदि हां तो कब-तक निश्चित समयावधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2021 की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार, वर्ष 2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स एवं वर्ष 2023 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार है। अस्पताल एवं जेल में वितरण हेतु विभाग द्वारा कोई भी सामग्री आवंटित नहीं की गई है। (ग) जी हां। प्रश्नांकित पत्र प्राप्त हुआ है। उक्त पत्र की प्राप्ति के पूर्व ही कलेक्टर रतलाम के द्वारा जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों की जांच हेतु वार्षिक निरीक्षण रोस्टर आदेश क्रमांक 33/खाद्य/2024 रतलाम दिनांक 09.01.2024 जारी किया जा चुका है। पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कलेक्टर कार्यालय के पत्र क्रमांक 96/खाद्य/2024 रतलाम दिनांक 25.01.2024 जारी किया जाकर खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। दिनांक 02.02.2024 की स्थिति में जिले की 521 में से 62 दुकानों की जांच कार्यवाही में राशन वितरण संबंधी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। जिले में माह दिसंबर, 2023 में 96.41 प्रतिशत एवं माह जनवरी, 2024 में अब तक 88.82 प्रतिशत हितग्राहियों को पी.ओ.एस. मशीन के द्वारा बॉयोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन सामग्री का वितरण किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच समय प्रश्नांकित प्रकार की अनियमितता के ऐसे कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आये हैं। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के तहत् सभी दुकानों पर दुकान खुलने एवं बंद होने के समय का बोर्ड प्रदर्शित है। यदि किसी दुकान पर बोर्ड क्षतिग्रस्त हो गया है अथवा किन्हीं कारणों से हट गया हो तो दुकान खोलने के दिवस एवं समय की जानकारी/बोर्ड प्रदर्शित करवाने के लिए कार्यालयीन पत्र क्रमांक 118/खाद्य/2024 रतलाम दिनांक 31.01.2024 से संबंधितों को निर्देशित किया गया है। म.प्र.सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के तहत् अधिकृत अधिकारियों को जिले की समस्त दुकानों की जांच के परिप्रेक्ष्य में समस्त दुकानों को माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के समक्ष जांच करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।
साउण्ड एवं लेजर शो के नाम पर नियमों का उल्लंघन
[पर्यावरण]
148. ( क्र. 1904 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 क्या है? विभाग द्वारा कब से इसका पालन करते हुये उपभोक्ताओं को क्या-क्या अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही विभाग द्वारा ऑफलाईन/ऑनलाईन संपादित की जा रही है? नियम, निर्देश, आदेश की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक बतायें? (ख) उपरोक्त नियम का पालन नहीं होने पर विभाग द्वारा कब और क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त अवधि में वर्षवार पृथक-पृथक गौश्वारा बनाकर बतायें? (ग) उपरोक्त संबंध में विभाग के पास आधुनिक उपकरण एवं वाहनों से सुसज्जित 15 क्षेत्रीय कार्यालय, 01 केन्द्रीय प्रयोगशाला एवं 10 क्षेत्रीय प्रयोगशाला एवं मैन पॉवर के रूप में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक लंबी लॉबी है? यदि हाँ, तो माण्डव, जिला धार में साउण्ड एवं लाईट शो, पुरातत्व विभाग की जगह पर मुक्ताकाश मंच पर रात्रि में संचालित किया जा रहा है उस क्षेत्र को साइलेन्ट जोन/आवासीय जोन में से क्या माना गया है? उस क्षेत्र में साउण्ड रात्रि में किस डी.बी. पर चलाया जा सकता है तथा वहां किस डी.बी. में चलाया जा रहा है? क्या नियमों के उल्लंघन होने पर कार्यवाही कर शो बंद किया जाकर माननीय मुंख्यमंत्री के आदेश के विपरीत कार्य होने पर किस-किस विभाग के किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या र्कावाही की जायेगी? (घ) वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री जी के हेलीकाप्टर से कितनी डी.बी. ध्वनि निकलती है? जहां पर माननीय मुख्यमंत्री जी की सभाएं हो रही है उस स्थान पर किनसे अनुमति लेकर कितने डी.बी. ध्वनि में कार्यक्रम संचालित हुआ है? डी.जे. प्रतिबंध होने के बाद से विभाग ने डी.जे. व्यवसाय को अनुमति देने के लिये कब और क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' पर है। नियमों के अनुक्रम में अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी जाती है। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा जारी आदेश क्र. एफ 44-02/2015/दो/सी - 1 दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' पर है। (ख) उपरोक्त नियम के पालन न होने पर पर्यावरण विभाग द्वारा पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। (ग) जी हां, पर्यावरण विभाग अंतर्गत म. प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास संसाधन उपलब्ध है। जी हां, माण्डव, जिला धार में साउण्ड एवं लाइट शो, पुरातत्व विभाग की जगह पर मुक्ताकाश मंच पर संचालित किया जा रहा है। जी नहीं, इस क्षेत्र का जिला प्रशासन द्वारा साइलेन्ट जोन/आवासीय जोन में प्रवर्गीकरण नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी के हेलीकाप्टर से निकलने वाली ध्वनि के डी.बी. की जानकारी एकत्रित की जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री जी की सभाएं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित की जाती है। जी नहीं, डी.जे. पर कोई प्रतिबंध नहीं है, अपितु परिशिष्ट- 'ब' पर रखे गए गृह विभाग के आदेश अनुसार सक्षम स्तर से अनुमति उपरान्त मध्यम आकार के दो डी.जे. का प्रयोग किया जा सकता है।
मछली विक्रय पर प्रतिबंध से उत्पन्न स्थिति
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
149. ( क्र. 1905 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने गरीब एवं अति पिछड़ा वंशानुगत मछुआरों के फुटकर मछली विक्रय पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है? आदेश की प्रति दें। क्या विभाग इनके लिये वैकल्पिक व्यवस्था करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं कहां-कहां पर? जिलेवार गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में मत्स्य का कितना उत्पादन होता है? इस व्यवसाय से कितने लोग/परिवार जुड़े हैं? मत्स्य उत्पादन हेतु प्रदेश में कितने जलाशय/नदी/तालाब व अन्य स्थान हैं? यह कितने एरिये में है? इनका आवंटन विभाग द्वारा कैसे किया जाता है एवं अद्यतन स्थिति क्या है? कौन-कौन सी योजना में कितनी राशि इस व्यवसाय हेतु ऋण/अनुदान, राज्यांश/केन्द्रांश के रूप में कितनी-कितनी दी जाती है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर नियम/निर्देश/आदेश की प्रति सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में मछली पालन नीति 2008 क्या है? इसका पालन किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारी को करना है? जलाशय आवंटन में वंशानुगत मछुआरों को जलाशय आवंटित करने के स्थान पर कितने आवंटन अन्य आवेदकों को किस आधार पर, किस दर, कितनी अवधि के लिये जारी किये गये हैं? संपूर्ण जानकारी एकल नस्ती की छायाप्रति सहित दें। (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग के कितने प्रकरण न्यायालय में प्रक्रियाधीन है? कितने निराकृत हुये हैं? कितने लंबित हैं? प्रकरणों की जानकारी ओ.आई.सी., व्यय राशि एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित बतायें। कितने प्रकरणों में न्यायालय का आदेश विभाग के विरूद्ध हुआ है? क्या विभाग उनके विरूद्ध अपील करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश अवधि में प्रदेश में अंतर्गत 43959 तालाबों में 34 लाख मे. टन मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2022 तक 341767 मे. टन मत्स्य उत्पादन हुआ है। इस व्यवसाय में 196197 लोग संलग्न है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार। (ग) मछली पालन नीति 2008 एक नवीन नीति है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार। (घ) न्यायालयनीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -स अनुसार।
गौशालाओं का निर्माण एवं संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
150. ( क्र. 1912 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी गौशालाएं स्वीकृत है इनमें से कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितनी अपूर्ण है? अपूर्ण गौशाला का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? कितनी गौशाला वर्तमान में संचालित हो रही है? (ख) कितनी गौशाला वर्तमान में संचालित हो रही है? उक्त गौशालाओं के संचालन के लिए कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है गौशाला वार जानकारी प्रदान करें? ऐसी कितनी गौशाला है जो निर्माण पूर्ण होने के बाद भी संचालित नहीं हो रही है क्यों? (ग) पशुपालन विभाग द्वारा किसानों को दूध की पैदावार बढाने के उद्देश्य से कितनी योजनाएं संचालित हो रही तथा कितने किसानों को किन-किन योजना में लाभ दिया गया जानकारी देवें? प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित गौशालाओं में वर्तमान में कितनी गायें रखी है एवं विभाग द्वारा किन-किन डॉक्टरों द्वारा टीकाकरण एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई, गौशाला वार जानकारी देवें?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) आष्टा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 17 गौशालाएं स्वीकृत हैं, जिनमें से 13 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 4 अपूर्ण गौशालाओं का निर्माण कार्य चल रहा है, पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। गौशालाओं की ग्रामवार जानकारी एवं संचालित गौशालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) संचालित गौशालाएं एवं गौशालावार प्रदाय अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। ऐसी 05 गौशालाएं है जो निर्माण पूर्ण होने के बाद पंजीयन कार्यवाही प्रचलन में होने से वर्तमान में संचालित नहीं हो रही है। (ग) आष्टा विधानसभा क्षेत्र में पशुपालन विभाग द्वारा किसानों की दूध की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से 02 योजनाएं संचालित है:- आचार्य विद्यासागर योजना में 07 किसानों को एवं मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना में 184 किसानों को लाभ दिया गया है। शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
सड़क निर्माण एवं खनन को बढ़ावा दिया जाना
[वन]
151. ( क्र. 1916 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में जिलेवार कितनी वन भूमि वन विभाग के पास सुरक्षित एवं संरक्षित है? वर्तमान में संरक्षित भूमि से कौन-कौन सी वन उपज एवं आय की प्राप्ति हो रही है और कितनी वन भूमि वर्तमान में अनुउपयोगी है? जिलेवार आंकड़ों की सूची सहित पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें। (ख) विगत 5 वर्षों में वन विभाग के पास सुरक्षित एवं संरक्षित वन भूमि का उपयोग परिवर्तन किन-किन उद्देश्यों से किया गया है? खनन और सड़क के लिए कितनी भूमि का वन भूमि से अन्य प्रयोजन में परिवर्तन किया गया है? भूमि परिवर्तन के पूर्व एवं बाद के सभी आंकड़े बतावें। (ग) क्या संपूर्ण भारत वर्ष में वन भूमि का उपयोग परिवर्तन मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा डायवर्सन करते हुए किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि वन विभाग को डायवर्सन कर भूमि उपयोग परिवर्तन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश में जिलेवार वन भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में संरक्षित भूमि से वनोपज के रूप में काष्ठ, बांस एवं लघुवनोपज जैसे तेन्दूपत्ता, अचार, महुआ, हर्रा, कत्था, गोंद आंवला, बहेड़ा, नागरमोथा आदि के विक्रय से आय प्राप्त हो रही है। कोई भी वन भूमि वर्तमान में अनुपयोगी नहीं है। (ख) विगत 5 वर्षों में संरक्षित वन भूमि का उपयोग परिवर्तन सड़क, बिजली, दूरसंचार लाईन, विद्यालय, जलाशय, रेल्वे लाईन, खनिज खनन, आंगनवाड़ी केन्द्र, सामुदायिक केन्द्र एवं अन्य शासन के विकास कार्यों आदि के निर्माण में किया गया है। सड़क एवं खनन् के लिये 3025.204 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तित की गई है। वन भूमि व्यपवर्तन के उपरान्त भी वन भूमि का वैधानिक स्वरूप वन ही रहता है इसलिये परिवर्तन के पूर्व एवं बाद के आकड़ों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। (ग) सम्पूर्ण भारत वर्ष में वन भूमि व्यपवर्तन के प्रकरणों की जानकारी मध्य प्रदेश शासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है, अत: तुलना करने एवं प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वृद्धावस्था पेंशन के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
152. ( क्र. 1919 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 से 2023 में एवं 15 जनवरी, 2024 की जिला मुरैना की विधानसभा क्षेत्र अम्बाह में कितने वृद्धजनों ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया है? आवेदक का नाम, पता सहित बताएं? (ख) उपरोक्त में से किस-किस के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम वृद्धावस्था पेंशन की सूची में जोड़े गये? (ग) किस-किस के आवेदन किन कारणों से लंबित है एवं किस-किस के आवेदन पत्र अस्वीकृत किन कारणों से किये गये?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2022, 2023 से 15 जनवरी, 2024 तक अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में कुल 1335 आवेदन वृद्धावस्था पेंशन हेतु प्राप्त हुए है। आवेदकों की निकायवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) प्राप्त आवेदनों में कुल 1235 आवेदन स्वीकृत किये गये। आवेदकों की निकायवार सूची पुस्कालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) अम्बाह विधान सभा में 1 आवेदन निर्धारित पात्रता पूर्ण न करने के कारण अस्वीकृत किया गया है एवं शेष 99 आवेदकों के ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए। लेकिन सत्यापन हेतु पेपर/दस्तावेज कार्यालय में प्राप्त नहीं होने से लंबित है। निकायवार सूची पुस्कालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार।
गौशाला का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
153. ( क्र. 1922 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कहां-कहां पर गौशाला शासकीय व अशासकीय संचालित है? इन गौशालाओं में वर्तमान में कितनी-कितनी गाय है? (ख) इन गौशालाओं के संचालन का कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह शासन द्वारा दी जाती है? (ग) क्या गौशाला में गायों के लिये जो प्रति गाय खुराक की राशि दी जाती है क्या वह पर्याप्त है? यदि नहीं, तो खुराक की राशि में वृद्धि की जाएगी या नहीं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) शासकीय गौशालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार, अशासकीय गौशालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ख) राशि रू. 20/- प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से चारा दाना हेतु प्रदाय राशि में रू. 15/- चारा हेतु तथा रू. 5/- दाना के लिए है। बजट की उपलब्धता के अनुसार भूसा, दाना हेतु राशि, तीन माह कार्य उपरांत प्रदाय की जाती है। (ग) गौशाला में गायों के लिए जो रू. 20/- प्रति गाय प्रतिदिन के मान से राशि प्रदान की जाती है वह अनुदान के रूप में गौशाला प्रबंधन को दान से प्राप्त एवं स्वयं के आय से प्राप्त राशि अथवा वस्तु के अतिरिक्त है। राशि वृद्धि का वर्तमान में विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
लोक परिसंपत्तियों को बाजार मूल्य से कम दर से बेचा जाना
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
154. ( क्र. 1927 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 881, उत्तर दिनांक 26.07.2022 एवं अतारांकित प्रश्न क्रमांक 405, उत्तर दिनांक 01.03.2023 के संदर्भ में लोक परिसंपत्तियों का विक्रय तद्समय किया गया था? उस समय लोक परिसंपत्तियों का गाईड लाईन के अनुसार बाजार मूल्य क्या था? परिसंपत्तियों वार सूची दें? (ख) क्या विक्रय की गई परिसंपत्तियों का बाजार मूल्य से कम दर पर विक्रय की गई है? यदि हाँ, तो बाजार मूल्य से कम दर पर विक्रय करने से सरकार को कितने राजस्व की हानि हुई है? बताएं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में तत्समय विक्रय की गई परिसंपत्तियों के बाजार मूल्य की सूची एवं विक्रय की गई दर, विक्रय परिसंपत्तियों के नाम एवं क्रेता के नाम एवं पता तथा विक्रय की राशि सहित सूची उपलब्ध कराएं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विक्रय की गई समस्त परिसम्पत्ति विभागीय नीति अनुसार रिजर्व मूल्य से अधिक दर पर निर्वर्तित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लोक परिसंपत्ति विभाग के अंतर्गत संपत्तियां
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
155. ( क्र. 1956 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में लोक परिसंपत्ति विभाग के अधीन कितनी संपत्तियां है का विवरण तहसीलवार, जिलवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लोक परिसंपत्ति विभाग के अधीन जितनी संपत्तियां है उनमें से कितनी संपत्तियां बिक्री/हस्तान्तरित की गई? का विवरण पृथक से देवें उनमें से कितनी संपत्तियां नष्ट हो चुकी है एवं कितनी शेष है उनकी सुरक्षा बावत् क्या कार्यवाही की गई शासन के क्या निर्देश है प्रति देते हुये बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार परिसंपत्तियां जो खण्डहर टूटी फूटी व नष्ट हो चुकी है उनकी जगह पर नवीन व निर्माण बावत् शासन की क्या योजना है? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शहडोल जिले के पुरातात्विक धरोहरों पुरानी संस्कृति से जुड़े हुये ऐतिहासिक भण्डार को SECL कोलमाइन्स के द्वारा खनन कर नष्ट किया जा रहा है जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर शहडोल को पत्र लिखा गया था पत्र पर कार्यवाही आपेक्षित है क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार परिसंपत्तियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार अनियमित ढंग से खुर्द-बुर्द किया गया इनकी सुरक्षा बावत् कार्यवाही नहीं की गई इस पर कार्यवाही के निर्देश देंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के अधीन शहडोल एवं रीवा जिले में कोई भी सम्पत्ति नहीं है। विभागीय पोर्टल पर इन्द्राज विभागों की जिला शहडोल एवं रीवा की सम्पत्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों को लाभ न देने व राशि समय पर व्यय न किया जाना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
156. ( क्र. 1957 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में मछुआ कल्याण एवं मत्सय विभाग द्वारा कितनी हितग्राही मौलक योजनाएं संचालित की जा रही हैं का विवरण देते हुये बतावें कि उपरोक्त जिलों में कितने हितग्राहियों को कब-कब, किन-किन योजनाओं के लाभ से लाभान्वित किया गया, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं, संचालन, प्रचार-प्रसार एवं हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने बावत् कितनी राशि कब-कब राज्य शासन से प्राप्त हुई का विवरण जिलेवार, वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल जिले के विकासखण्ड जैसिंह नगर व ब्यौहारी अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं का कब-कब लाभ दिया गया एवं कितने आवेदन हितग्राहियों के लंबित हैं की जानकारी उपरोक्त विकासखण्डवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं दिया गया। पात्र लाभ से वंचित हुये एवं राशि का उपयोग नहीं किया गया। हितग्राही लाभ से वंचित हुये। इन सब के लिये कौन जिम्मेदार है? इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार) , मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार। (ग) शहडोल जिले के विकासखण्ड जयसिंह नगर एवं ब्यौहारी में कोई आवेदन लंबित नहीं है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -स अनुसार। (घ) संचालित योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को ही दिया गया है। पात्र हितग्राही लाभ से वचिंत नहीं हुये आवंटित राशि शत् प्रतिशत उपयोग किया गया।
लोकायुक्त की टीम द्वारा पकड़े गए अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
157. ( क्र. 1963 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में ऐसे कौन-कौन से खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी/कर्मचारी कहां-कहां पदस्थ हैं, जिन्हें लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों कहां-कहां और कब पकड़ा था और लोकायुक्त में केस लंबित है और वह धड़ल्ले से नौकरी कर रहे हैं? कृपया उनका नाम, पद, पता सहित कहाँ, उपरोक्त केस में, कब पकड़े गए थे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है या उन्हें सम्मानित कर टीकमगढ़ जिले में पदस्थ कर दिया गया है? सम्पूर्ण जानकारी आदेश सहित प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले से उन्हें हटाकर विभागीय कार्यालय में शासन अटैच करेगा तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शासन के निर्देशों के अनुरूप प्रकरण दर्ज होने पर संबंधित को पदस्थी जिले से हटाया जाकर अन्य जिलो में पदस्थ किये जाने की कार्यवाही की गई है, जिन प्रकरणों में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत हो गये है, उन प्रकरणों में शासन के नियमानुसार निलंबित किये जाने की कार्यवाही की गई है। जिला छतरपुर में ट्रैप प्रकरण में आरोपित अधिकारी को नियमानुसार जिला छतरपुर से हटाया जाकर टीकमगढ़ पदस्थ किया गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। एक अन्य कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्री नरेश आर्य को पन्ना से जिला टीकमगढ़ आदेश दिनांक 30.06.2017 द्वारा स्थानान्तरित किया गया था। श्री नरेश आर्य के विरूद्ध ट्रैप की कार्यवाही दिनांक 6.07.2017 को जिला पन्ना में की गई है। चूंकि श्री आर्य को जिला पन्ना से पूर्व में ही स्थानान्तरित किया गया था अतः ट्रैप की कार्यवाही उपरांत नवीन आदेश जारी नहीं किये गये। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। विशेष पुलिस स्थापना द्वारा माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जाने पर श्री नरेश आर्य, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को आदेश दिनांक 07.09.2020 द्वारा तथा श्री धनीराम धुर्वे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को आदेश दिनांक 23.01.2024 द्वारा निलंबित किया गया है। (ग) शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही पूर्व में ही की जा चुकी है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीथमपुर एवं इंदौर में औद्योगिक अनियमितताएं
[पर्यावरण]
158. ( क्र. 2008 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के पीथमपुर में प्रतिभा सिंटेक्स कंपनी में एनवायरनमेंट लॉ की अनदेखी कर जल निकासी हो रही है, उस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है? कब तक कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा सहित बताएं। यदि कार्यवाही नहीं की जाएगी तो क्यों? (ख) अनंत सरिया अनंत स्टील पीथमपुर द्वारा लेबर लॉ की अनदेखी के साथ प्रदूषण नियमों की भी अनदेखी की जा रही है, यहां से डबल इनवॉइस में सामान निकलता है, जिससे जी.एस.टी. की चोरी हो रही है? इसकी जांच कब की गई? क्या कार्यवाही की गई? (ग) इंदौर नगर निगम द्वारा कितनी कमर्शियल बिल्डिंग (स्कूल, हॉस्पिटल, सिनेमा घर, मॉल ऑडिटोरियम) को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किये गए हैं, कितने के पेंडिंग हैं? जिन्होंने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं लिए हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) पीथमपुर में कितने फैक्ट्री कंपनी क़े जी.एस.टी. (स्टेट) या कोई टैक्स देय हैं? (ङ) पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड इंडिया का जो वेस्ट (अपशिष्ट) स्टोर किया गया है, उसके लिए क्या सेफ्टी मेजर लिए गए हैं, उसके कारण पीथमपुर के वातावरण में क्या बदलाव आया हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। श्रम निरीक्षक धार द्वारा जांच किये जाने पर किसी प्रकार का श्रम विधि उल्लंघन होना नहीं पाया गया। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जांच के दौरान एवं पश्चातवर्ती कार्यवाही में कुल राशि रूपये 73.94 लाख जमा कराये गये। (ग) कमर्शियल बिल्डिंग (स्कूल, हॉस्पिटल, सिनेमा घर, मॉल, ऑडिटोरियम) को जारी किये गये फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट ना प्राप्त करने पर संबंधित को सूचना पत्र जारी किये जाकर निर्धारित पेनाल्टी की राशि की वसूली की जाती है। (घ) पीथमपुर में 96 फैक्ट्री कंपनियों के जी.एस.टी. (राज्य) तथा वेट टैक्स देय है। (ड.) जी नहीं, वर्तमान में पीथमपुर में यूनियन कार्बाइट इंडिया लिमिटेड का कोई अपशिष्ट स्टोर्ड नहीं है। जून, 2008 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड का लाईम स्लज (मात्रा 33.31 मी.टन) डिस्पोजल हेतु मध्यप्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड पीथमपुर, धार को भेजा गया था। संस्था द्वारा उक्त अपशिष्ट को स्टेब्लाईजेशन के पश्चात् 20 एम.एम. डबल लेयर लाईनर युक्त इंजीनियर्ड सिक्योर्ड लेण्ड फिल सेल क्र.1 के माध्यम से सुरक्षित रूप से केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप डिस्पोज किया गया है। पीथमपुर में उक्त कार्य से वातावरण में बदलाव की स्थिति नहीं पाई गयी।
वसूली हेतु लोकायुक्त की जांच
[जनजातीय कार्य]
159. ( क्र. 2210 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त संगठन एवं विशेष पुलिस स्थापना-लोकायुक्त कार्यालय शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार, पद का दुरूपयोग, गबन घोटाले, शासकीय धनहानि इत्यादि मामलों पर कार्यवाही करते हैं? (ख) आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 16-2/2015/1/25, दिनांक 23/12/2023 में शासकीय धनहानि छिपाने वाले कर्मचारी-अधिकारी के नाम,पद,वर्तमान पदस्थापना बताएं? मामले में शासकीय धन की कितनी हानि हुई? मुख्य कार्यपालन अधिकारी-जनपद पंचायत धार के पद पर वर्ष 2011-12 और 2012-13 में आदिम जाति कल्याण विभाग का कौन शिक्षक पदस्थ था? (ग) आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं में वर्ष 2023 में खरीदे गए सी.सी.टी.वी. कैमरों की खरीदी के समय भंडार और अकाउंट शाखा में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम,पद बताएं? खरीदी में अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही की स्थिति बताएं? (घ) आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं में मार्च 2023 के बाद 15 वर्ष पुराने वाहन चलवाने का अनियमित प्रस्ताव और अनुमतियां देने वाले भंडार, स्थापना, वाहन शाखा के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम बताएं? अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही की स्थिति बताएं? अनियमित रूप से ईंधन पर खर्च राशि और उसकी वसूली का ब्यौरा देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखानुसार आदेश दिनांक 23/12/2023 विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत धार के पद पर वर्ष 2011-12 और 2012-13 में कोई शिक्षक पदस्थ नहीं रहे। (ग) संचालनालय में 2023 में खरीदे गए सी.सी.टी.वी. कैमरों की खरीदी के समय भण्डार और अकाउंट शाखा में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम,पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सी.सी.टी.वी. कैमरों को मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा निहित प्रक्रिया का पालन करते हुये क्रय किया गया है। संपूर्ण कार्यवाही नियम संगत होने से किसी अधिकारी/कर्मचारी का कोई दोष नहीं है। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाऐं में मार्च 2023 के बाद 15 वर्ष पुराने वाहन चलवाने का प्रस्ताव और अनुमति हेतु तत्समय कार्यालयीन प्रशासकीय अनिवार्यत: एवं विशेष परिस्थिति को ध्यान में रखते हुये कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री जनमन न्याय अभियान
[जनजातीय कार्य]
160. ( क्र. 2229 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री जनमन न्याय अभियान अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया, भारिया एवं बैगा जनजाति के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाने प्रावधान किया गया था। यदि हां तो अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, बालाघाट, मण्डला एवं डिंडौरी जिले के किस तहसील में भारिया एवं बैगा जनजाति के जाति प्रमाण पत्र हेतु कितने कितने आवेदन पंजीकृत किये गये। तहसीलवार आवेदक का नाम, पिता का नाम, पता, जाति सहित विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) क्या प्राप्त आवेदन 1950 के अनुसार भू-अभिलेख, खतौनी, बीवन एवं वंशावली में पात्र पाये गये एवं कितने अपात्र किये गये। पात्रता का मापदण्ड किस आधार पर निर्धारित किया गया। जानकारी प्रदान करें। (ग) शासन द्वारा जाति प्रमाण-पत्र बनाने हेतु क्या दिशा निर्देश जारी किये गये हैं, जाति के सत्यापन हेतु कौन-कौन से अभिलेख प्रस्तुत करना अनिवार्य है। दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।