मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
सोमवार, दिनांक 13 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
कन्यादान
योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
1. ( *क्र. 641 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिये शासन के क्या मापदण्ड हैं? क्या ये खरगोन जिले में लागू हैं? यदि हाँ, तो महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में योजनांतर्गत कितने आवेदन हितग्राहियों द्वारा दिये गये तथा कितने प्रकरण स्वीकृत किये? नामवार, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत प्रकरणों के आधार पर कितने हितग्राहियों को कितनी राशि वितरित की गई तथा क्या-क्या सामग्री वितरित की गई थी? नामवार जानकारी देवें। (ग) क्या सामग्री की गुणवत्ता संबंधी हितग्राहियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत जिला प्रशासन को की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। जी हाँ। जनपद पंचायत महेश्वर अंतर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कोई कन्या विवाह का आयोजन नहीं किया गया है। वर्ष 2022-23 (दिनांक 13.02.2023 तक) तक कुल 313 आवेदन प्राप्त किये गये थे, जिसमें से 127 जोड़े पात्र पाये गये, परंतु 126 जोड़ों को ही विवाह योजना का लाभ दिया गया है। 01 जोडा़ किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो पाया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 126 स्वीकृत प्रकरणों के आधार पर राशि रूपये 11,000/- के मान से राशि रूपये 13,86,000/- वधुओं को अकाउन्ट पेयी चेक के माध्यम से वितरण किये गये थे। वितरित की गई सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) शिकायत की जांच अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) मण्डलेश्वर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत महेश्वर के संयुक्त जांच दल द्वारा की गई, जांच प्रतिवेदन अनुसार सामग्री का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा टेंडर के माध्यम से किया गया था। सभी वर-वधु को पूर्ण सामग्री प्रदाय की गई व वर-वधु द्वारा सामग्री के प्रति संतुष्टि प्रकट की गई थी। (जांच प्रतिवेदन) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार।
हितग्राहियों को पट्टे का वितरण
[जनजातीय कार्य]
2. ( *क्र. 1047 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पट्टों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? विकासखण्डवार, ग्रामवार हितग्राही के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त स्वीकृत पट्टों में से कितने पट्टों का वितरण हो गया है? क्या शत-प्रतिशत पट्टों का वितरण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया है? हाँ तो वितरित पट्टे की संख्या, स्थान एवं मुख्य जनप्रतिनिधि के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें, नहीं तो क्या कारण है कि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पट्टों का वितरण नहीं किया गया है? (ख) क्या वर्तमान में स्वीकृत वन अधिकार के पट्टों का वितरण शेष है? हाँ तो कितनी संख्या में है तथा किस ग्राम के हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) स्वीकृत पट्टों का वितरण न होने का क्या कारण है? यह भी बतायें कि कितने हितग्राहियों के वन अधिकार पट्टे स्वीकृति हेतु लंबित हैं? ग्रामवार लंबित प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करावें। लंबित रहने का क्या कारण है तथा कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल 7698 वन अधिकार पत्र स्वीकृत कर वितरित किये गये हैं। विकासखण्ड भीकनगांव अंतर्गत विभिन्न ग्रामों के 701 एवं विकासखण्ड झिरन्या अंतर्गत विभिन्न ग्रामों के 6997 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत वन अधिकार पत्र वितरण हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत वन अधिकार पत्रों का वितरण शेष नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
3. ( *क्र. 1598 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल जातियों की जानकारी, शासनादेशों की प्रति, राजपत्र की प्रति सहित देवें एवं बतावें कि म.प्र. सरकार पिछड़ा वर्ग को वर्तमान में कितने प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रदान कर रही है? (ख) पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों के कल्याणार्थ वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं? योजनाओं की जानकारी देवें। सतना जिले में पिछड़ा वर्ग के जिला स्तर के कार्यालयों में कौन-कौन अधिकारी कब से पदस्थ हैं? इनका मूल-पद, मूल-विभाग क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पिछड़ा वर्ग हेतु संचालित योजनाओं में विगत 3 वर्षों में किस-किस योजना में कितना-कितना आवंटन प्रदान किया गया, जिसमें से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? क्या राशि व्यय में नियमों का पालन किया गया? लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया, पूर्ण जानकारी सतना जिले के संदर्भ में योजनावार दें। लक्ष्य के अनुरूप कार्यवाही पूर्ण नहीं पाए जाने पर उन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) सतना जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन, सामाग्री खरीदी में अनियमितता आदि के संबंध में विगत 3 वर्ष की अवधि में कब-कब, किन-किन स्तरों पर शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देते हुये बतायें कि दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) म.प्र.राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सूची में शामिल जातियों एवं राजपत्र सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पिछड़ा वर्ग हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सतना जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन, सामग्री खरीदी में अनियमितता आदि के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सकों की पदस्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( *क्र. 1739 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में स्वीकृत पदों के विरुद्ध समस्त विभागों के विशेषज्ञ उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो रिक्त पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को कब तक पदस्थ किया जावेगा? (ख) क्या सागर एवं छिन्दवाड़ा के चिकित्सा महाविद्यालय की अपेक्षा विदिशा चिकित्सा महाविद्यालय में मेडिकल सीटों का कोटा अधिक है, परन्तु विदिशा में सागर एवं छिन्दवाड़ा की अपेक्षा कम पद स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में विदिशा चिकित्सा महाविद्यालय में सागर एवं छिन्दवाड़ा की भाँति पद स्वीकृत कर पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। रिक्त पदों पर भर्ती संबंधी कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एन.एम.सी. के मापदण्डानुसार पर्याप्त संख्या में पद उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच उपकरणों की मानक क्षमता
[चिकित्सा शिक्षा]
5. ( *क्र. 1811 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में मानव शरीर की जांच संबंधी उपकरण प्रदेश में किन-किन चिकित्सा महाविद्यालयों तथा उनसे सम्बद्ध जिला चिकित्सालयों में दिये गये हैं? चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला चिकित्सालय अनुसार उपकरण का नाम, सप्लायर का नाम, उपकरण की कीमत की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सप्लाई किये गये उपकरण मानक क्षमता के अनुसार हैं या नहीं यह कैसे प्रमाणित किया जाता है? विभाग की ओर से समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला चिकित्सालय में विभाग के किन अधिकारियों द्वारा मानक क्षमता की जांच की गयी है तथा उन अधिकारियों के पास क्षमता की जांच करने का क्या तकनीकी ज्ञान है, उसके संबंध में भी जानकारी दें। (ग) सप्लायर एजेंसियों द्वारा मानक क्षमता से कम क्षमता के उपकरण सप्लाई करने की आशंका के निराकरण के लिए क्या शासन उपकरणों, तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर कम मानक क्षमता के उपकरण सप्लाई करके निर्धारित क्षमता के बिल निकाल लिये गये हैं, इसकी जांच करायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपकरणों के तकनीकी मापदण्डों का निर्धारण अधिष्ठाता द्वारा विभाग स्तर पर चयनित विषय विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया जाता है एवं तय मापदण्डों अनुसार प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों में उपकरणों का क्रय मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (M.P.P.H.S.C.L.)/भारत सरकार के उपक्रम हाईट्स (H.I.T.E.S.) चिकित्सा महाविद्यालय स्तर से किया जाता है। M.P.P.H.S.C.L./H.I.T.E.S. संस्थाओं द्वारा ही तकनीकी/गुणवत्ता निर्धारण हेतु एजेन्सी की गठित कमेटी द्वारा निर्धारित मापदण्ड की क्षमता एवं भौतिक प्रदर्शन (Demonstration) द्वारा तथा प्रमाणीकरण कर दर अनुबंधित की जाती है। तदोपरांत चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों द्वारा उपकरण क्रय किये जाते हैं तथा संबंधित विभागों को मानव शरीर की जांच करने के लिए उपकरण स्थापित करने हेतु प्रदान किये जाते हैं। तदोपरांत संबंधित विभाग के विभागाध्यक्षों/विषय विशेषज्ञों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थ बायोमेडिकल इंजीनियर द्वारा उपकरणों का तकनीकी मापदण्डों के अनुसार भौतिक सत्यापन/प्रमाणीकरण किया जाता है। उपकरण क्रय के पश्चात विषय विशेषज्ञों द्वारा तय मापदण्ड अनुसार नहीं पाये जाने पर संबधित संस्था द्वारा M.P.P.H.S.C.L./H.I.T.E.S. को अवगत कराया जाता है। तद्नुसार इनके द्वारा प्रदायकर्ता फर्मों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। विषय विशेषज्ञों/बायोमेडिकल इन्जीनियर्स का चयन चिकित्सा महाविद्यालयों में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (N.M.C.) मापदण्डों अनुसार किया गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय अस्पताल में कुप्रबंधन
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( *क्र. 234 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में दिनांक 10.01.2021 या इसके आसपास श्रीमती अनिता (तिवारी) मिश्रा पति श्री हंसराज मिश्रा, आयु 24 वर्ष पता-ग्राम मझियार, जिला रीवा जो गायनी डिपार्टमेंट से संबंधित थीं, वह क्या भर्ती हुई थीं? यदि हाँ, तो इस मरीज को किस-किस चिकित्सक ने क्या-क्या उपचार एवं परामर्श दिया? तथ्यात्मक बतायें। (ख) क्या मरीज के संबंध में अस्पताल के अधीक्षक तथा डीन के संज्ञान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लाया गया था कि उक्त मरीज का उपचार ठीक ढंग से किया जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधित अधिकारियों ने संबंधित चिकित्सक से एवं मरीज से परिजनों से संपर्क किया था? यदि हाँ, तो उस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार ही उक्त मरीज को देख रहे चिकित्सक द्वारा सलाह दी गई कि आपका उपचार निजी अस्पताल में ही हो सकता है और वहीं पर ही शल्यक्रिया (ऑपरेशन) किया जा सकता है? (ड.) क्या उक्त मरीज को मरीज के परिजन से जबर्दस्ती अभिमत लिखाकर निजी अस्पताल में जाने हेतु रेफर कर दिया गया था? इसके बाद निजी अस्पताल में तुरंत ऑपरेशन कर उपचार उसी चिकित्सक के द्वारा किया गया? (च) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) के संबंध में राज्य शासन को किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्रीमती अनीता (तिवारी) मिश्रा, दिनांक 10.01.2023 को श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध अस्पताल के इमरजेंसी ओ.पी.डी. में दोपहर 02 : 12 बजे पहुंची जहां से उन्हें गायनी डिपार्टमेंट में भेजा गया। गायनी डिपार्टमेंट के ट्राएज एरिया में प्रारंभिक जांच एवं परीक्षण उपरांत न्यू मेटरनिटी विंग के प्रीनेटल वार्ड में सायं 05 : 00 बजे यूनिट क्रमांक 2 में भर्ती हुई थी। यूनिट क्रमांक 2 में चिकित्सक डॉ. बीनू सिंह, डॉ. क्षमा विश्वकर्मा एवं सीनियर रेजिडेंट डॉ. प्रतिभा सिंह की ड्यूटी निर्धारित थी। मरीज को डयूटी पर उपस्थित सीनियर रेसीडेन्ट डॉ. प्रतिभा सिंह द्वारा परीक्षण किया गया। (ख) जी हाँ, अस्पताल अधीक्षक को उक्त मरीज के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा दिनांक 11.01.2023 को प्रात: लगभग 09 : 00 बजे मरीज का उपचार ठीक ढंग से किये जाने का अनुरोध किया गया था। (ग) जी नहीं। (घ) इस संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु शासन द्वारा उच्च स्तरीय जांच समिति दिनांक 07.02.2023 को गठित की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समिति का जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ड.) एवं (च) उत्तरांश "घ" अनुसार।
नगरीय सीमा में शामिल राजस्व ग्राम
[जनजातीय कार्य]
7. ( *क्र. 365 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल, मण्डला एवं अनूपपुर जिले के नगरीय निकायों में आने वाले राजस्व ग्रामों की वन भूमियों पर वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी मोहल्ला समिति नहीं बनाई गई? (ख) नगरीय निकाय की सीमा में आने वाली वन भूमियों पर काबिजों के व्यक्तिगत वन अधिकार एवं सामुदायिक वन अधिकार हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या पत्र परिपत्र जारी किया? (ग) बैतूल, मण्डला एवं अनूपपुर जिले के किस नगरीय निकाय की सीमा में कौन-कौन सा राजस्व ग्राम है, किस नगरीय सीमा में आरक्षित वन भूमि एवं संरक्षित वन भूमि है? उस नगरीय सीमा में मोहल्ला समिति किस आदेश दिनांक से बनाए जाकर किस-किस को सदस्य बनाया गया? (घ) नगरीय सीमा में आने वाले काबिजों से कब तक दावे आमंत्रित कर उन्हें मान्य किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला बैतूल में मोहल्ला समिति गठित नहीं हुई है। जिला मण्डला में नगरीय निकाय में आने वाले राजस्व ग्रामों में वनभूमि न होने से मोहल्ला समिति का गठन नहीं किया गया। जिला अनूपपुर के नगर पालिका परिषद पसान में मोहल्ला समिति का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नगरीय निकाय की सीमा में आने वाली वन भूमियों पर वन अधिकार पत्र दिये जाने हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें भोपाल के पत्र क्रमांक/वन/586/15/293, दिनांक 27.04.2015 के द्वारा समस्त जिला कलेक्टर को नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार के दावे प्राप्त कर निराकरण की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।
अनियमितता बरतने वालों पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( *क्र. 1490 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री नायर, फार्मासिस्ट की नियुक्ति दिनांक से पदस्थापना स्टोर इंचार्ज के रूप में हुई है व आज दिनांक तक किन-किन शाखाओं में पदस्थ रहे? (ख) क्या हमीदिया अस्पताल भोपाल में प्रसूति महिलाओं को पशुओं को लगने वाले इंजेक्शन क्रय कर स्टोर द्वारा वार्डों को वितरित किये गये? (ग) राजधानी के अस्पताल में इस घटना की शिकायत की जांच शासन की किस एजेंसी द्वारा की गई एवं प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? लंबित जांच की अद्यतन कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) लोकायुक्त द्वारा जिम्मेदारी निर्धारित कर दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) हमीदिया अस्पताल में क्रय की जाने वाली मरीजों की दवाओं/इंजेक्शनों की देखरेख चिकित्सक की निगरानी में की जाती है अथवा फार्मासिस्ट के भरोसे पर ही निर्णय लिया जाता है? भविष्य में घटना से सबक लिया जाकर चिकित्सक की कमेटी गठित होगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। श्री राजन नायर की प्रथम नियुक्ति दिनांक 15.02.1993 को फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के पद पर हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में की गई। नियुक्ति उपरांत श्री नायर हमीदिया चिकित्सालय के केन्द्रीय औषधि भण्डार, क्रय शाखा, गोली वितरण केन्द्र, सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय, विविध क्रय शाखा, फार्माकोलॉजी विभाग, रसोई घर, क्रय शाखा, अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय के अधीन, सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय, योजना विकास शाखा एवं वर्तमान में अधिष्ठाता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के अधीन कार्यरत हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जांच लोकायुक्त संगठन द्वारा की गई। उक्त जांच लोकायुक्त संगठन द्वारा समाप्त किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ, चिकित्सकों की समिति संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के आदेश दिनांक 21.12.2022 में 6 सदस्य समिति गठित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम की योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( *क्र. 1944 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत कितने ग्रामों का चयन किया गया है? योजना प्रारंभ से प्रश्नांकित दिनांक तक चयनित ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, अनुसूचित जाति की जनसंख्या का प्रतिशत, विकासखण्ड का नाम, जिले का नाम, सहित जानकारी उपलब्ध करावें। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के चयन के क्या नियम, निर्देश, मापदण्ड हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना प्रारंभ से प्रश्नांकित दिनांक तक भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विभाग को कितनी-कितनी राशि कब-कब जारी की गई है? वित्तीय वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों को कब-कब कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? कितनी शेष है? भारत सरकार द्वारा राशि प्राप्त होने के पश्चात भी विभाग द्वारा चयनित ग्रामों की कार्य एजेन्सी को राशि जारी नहीं की जा रही है, इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में चयनित ग्रामों को कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास म.प्र. भोपाल द्वारा कब-कब राशि जारी की गई है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि राशि जारी नहीं की गई है, तो कब तक की जावेगी? (ड.) विकासखण्ड सिरोंज का ग्राम वीरपुर पंचायत चौड़ाखेड़ी का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत क्यों नहीं किया गया है? वीरपुर ग्राम की वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार जनसंख्या बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) चयनित ग्रामों में अंतर-पाटन के कार्य हेतु जारी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। एस.एन.ए. खाते में राशि रू. 45.16 करोड़ जारी की जाना शेष है। प्रथम किश्त की राशि का व्यय पोर्टल पर दर्ज होने के बाद शेष राशि पी.एफ.एम.एस. से जारी होना है। नियमानुसार राशि जारी की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है। नियमानुसार राशि जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) राज्य सरकार की योजनांतर्गत यह अधिकार नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। वीरपुर ग्राम की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 869 है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 420 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासियों के विकास हेतु जनजातीय कार्य विभाग सिवनी को विगत 04 वर्षों में योजनावार कितनी राशि स्वीकृत की गई है? सिवनी जिले को प्राप्त आवंटन से विधानसभा क्षेत्र बरघाट के विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में योजनावार कितनी राशि का व्यय किया गया एवं कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करावें। (ख) विद्युतीकरण योजना से आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किये जाने हेतु जनजातीय कार्य विभाग सिवनी को विगत 04 वर्षों में कितना आवंटन प्रदाय किया गया है? उक्त प्राप्त आवंटन में से विधानसभा बरघाट के विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में कितनी राशि का व्यय कर कितने आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किया गया है? विगत 04 वर्षों में प्राप्त आवंटन एवं लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, ग्राम का नाम सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासियों के विकास हेतु जनजातीय कार्य विभाग सिवनी को विगत 04 वर्षों में योजनावार स्वीकृत राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्राप्त आवंटन से विधानसभा क्षेत्र बरघाट के विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में योजनावार राशि का व्यय एवं हितग्राहियों को लाभान्वित जानकारी के वर्षवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) विद्युतीकरण योजना से आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किये जाने हेतु जनजातीय कार्य विभाग सिवनी को विगत 4 वर्षों में प्रदाय आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्राप्त आवंटन से विधानसभा बरघाट से विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई में व्यय राशि, आदिवासी लाभान्वित कृषक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है। विगत 4 वर्षों में प्राप्त आवंटन एवं लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, ग्राम के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कृषकों से विसंगतिपूर्ण ब्याज की वसूली
[सहकारिता]
11. ( *क्र. 1678 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत सहकारी समितियों द्वारा वर्ष 2017-18 खरीफ फसल हेतु जिन कृषकों द्वारा ऋण प्राप्त किया गया, उनमें से ऋण अदा नहीं करने वाले कितने कृषकों का शासन के आदेश के पालन में एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा के पत्र क्रमांक 5432, दिनांक 16.03.2018 द्वारा मध्यकालीन कृषि ऋण में परिवर्तित किये गये? समितिवार, कृषकवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में मध्यकालीन ऋण प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऋण जमा नहीं करने वालों से किस-किस समिति द्वारा कितने प्रतिशत ब्याज की वसूली की गई? कृषकवार, समितिवार ब्याज प्रतिशत सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन मध्यकालीन ऋण पर नियम विरूद्ध विसंगति पूर्ण वसूली गई ब्याज की राशि को कृषकों को वापिस किए जाने की कार्यवाही कृषक हित में करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? नियम विरूद्ध राशि वसूले जाने के लिए दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कृषकवार जानकारी आर.बी.आई. के मास्टर सर्कुलर - RBI/2015-16/59 DBR NO-Leg. BC.21/09-07-006/2015-16 July 1, 2015 के Para No. 25 अनुसार ग्राहक से संबंधित कोई भी चाही गई व्यक्तिगत जानकारी ग्राहक की सहमति के बिना नहीं दी जा सकती है। (ख) संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कृषकवार जानकारी आर.बी.आई. के मास्टर सर्कुलर - RBI/2015-16/59 DBR NO-Leg. BC.21/09-07-006/2015-16 July 1, 2015 के Para No. 25 अनुसार ग्राहक से संबंधित कोई भी चाही गई व्यक्तिगत जानकारी ग्राहक की सहमति के बिना नहीं दी जा सकती है। (ग) प्राकृतिक आपदा उपरान्त अल्पकालीन कृषि ऋण को मध्यकालीन कृषि ऋण में परिवर्तित किये जाने के उपरान्त नियमानुसार कृषकों से ब्याज की वसूली की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
अनियमितता पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( *क्र. 1698 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांची दुग्ध संघ के श्यामगढ़ स्थित शीत केंद्र प्रभारी पर शासन द्वारा दो करोड़ रुपये का देसी घी समितियों के नाम से मंगाकर बाजार में बेचने पर कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में ऐसे कितने प्रभारी अधिकारी जांच के घेरे में आये हैं, जिन्होंने फर्जी मांगपत्र सहकारी समितियों के नाम से भेजकर बाजार में घी बेचा है अथवा अन्य सामग्री बेची है? (ख) क्या श्यामगढ़ के शीत केंद्र प्रभारी के घी घोटाले मामले में शासन द्वारा विभागीय जांच शुरू की है? यदि हाँ, तो प्रथम दृष्टया शासन ने किन-किन अधिकारियों को दोषी मानते हुए निलंबित किया है? (ग) क्या दुग्ध संघ की बारीक प्रक्रिया के बावजूद भी घी घोटाले में अधिकारियों की सांठ-गांठ का पता शासन को नहीं चला है? यदि चला है तो अब तक विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही शुरू क्यों नहीं हुई? (घ) क्या वर्ष 2021 में 8 टन, वर्ष 2022 में 15 टन घी गायब हुआ है? उज्जैन दुग्ध संघ के कितने शीत केंद्रों पर इस प्रकार की अनियमितताएं हैं? क्या इस भ्रष्टाचार को लेकर संभाग आयुक्त की संलिप्तता की भी जांच की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों को संरक्षण
[गृह]
13. ( *क्र. 1160 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 240, दिनांक 21.09.2020 के उत्तरांश परिशिष्ट (अ) अनुसार गोलू सिंह उर्फ अनुराग सिंह पर जिला जबलपुर के विभिन्न थानों में अनेक धाराओं के तहत 18 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं? (ख) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1397, दिनांक 29.07.2022 के उत्तरांश परिशिष्ट (स) अनुसार राजेन्द्र सिंह पिता कुन्जीलाल लोधी पर 11 प्रकरण विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत दर्ज हैं एवं विपिन भुर्रक पर 10 प्रकरण विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत दर्ज हैं व नारायण रजक पर 09 प्रकरण विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत दर्ज हैं तथा इन पर जिलाबदर की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित गोलू सिंह पर अनेक धाराओं के तहत 18 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने पर भी जिलाबदर की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1397, दिनांक 29.07.2022 के उत्तरांश (घ) में सदन को बताया है कि अपराधियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है, क्योंकि प्रश्नांश (क) में वर्णित गोलू सिंह पर अनेक धाराओं के तहत 18 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने पर भी जिलाबदर की कार्यवाही नहीं की गई है? व्यक्ति विशेष को ध्यान में रखते हुये शासन अपराधियों को संरक्षण क्यों दे रहा है? (घ) क्या शासन उपरोक्त प्रकरणों की गंभीरता को देखते हुये गोलू सिंह पर जिलाबदर की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। गोलू सिंह उर्फ अनुराग सिंह वर्तमान में सक्रिय नहीं है एवं उसके आचरण से आमजन में कोई भय व्याप्त होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। अतः उस पर जिलाबदर की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1397, दिनांक 29.7.2022 के उत्तरांश 'घ' अनुसार यह कहना सही नहीं है कि गुमराह करने के उद्देश्य से जानकारी दी गई है। अपराधियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। गोलू सिंह उर्फ अनुराग सिंह के विरुद्ध दिनांक 09.7.2020 को इस्तगासा क्रमांक 393/2020, धारा 107, 116 (3) द.प्र.स. एवं दिनांक 08.9.2020 को इस्तगासा क्रमांक 45/2020, धारा 110 द.प्र.स. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। किसी भी प्रकार का संरक्षण किसी भी अपराधी को नहीं दिया जा रहा है। (घ) वर्तमान में गोलू सिंह उर्फ अनुराग सिंह आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय नहीं है एवं आमजन में उसके आचरण से लोक शांति भंग होने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। आमजन में शांति भंग होने की सूचना/संभावना होने पर उसके विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
14. ( *क्र. 381 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने वर-वधु लाभान्वित किए गए एवं उक्त कार्यक्रम के आयोजन में शासन द्वारा किन-किन सामग्री में कितनी-कितनी व्यय राशि निर्धारित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जनपद पंचायत मुरैना व जनपद पंचायत जौरा द्वारा व्यय राशि में वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सुमावली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत वर-वधु को अभी तक सामग्री का वितरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने वर-वधु हैं? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक 44 वधुओं को लाभान्वित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जनपद पंचायत मुरैना व जनपद पंचायत जौरा द्वारा व्यय राशि में वित्तीय नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 03 जोड़ों को नियमानुसार योजना का लाभ दिया जाकर सामग्री वितरण की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनियमितता
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
15. ( *क्र. 1677 ) श्री सुनील उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में सत्ताईस हजार की जगह इक्यावन हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है एवं कन्या के परिवार को यह राशि नगद भुगतान कर कन्या के परिवारजनों ने अपनी पसंद का दहेज खरीदकर विवाह सम्पन्न कराया गया? (ख) क्या वर्तमान में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत कन्या के परिवार को यह राशि सामग्री की जगह नगद भुगतान कर कन्या के परिवारजनों को अपनी पसंद का दहेज खरीदकर विवाह सम्पन्न कराये जाने पर विचार करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विवाह की राशि को महंगाई को ध्यान में रखकर कन्याओं के हित में बढ़ाने पर विचार करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को प्रदेश की प्रत्येक कन्याओं के लिए नियम बनाकर कन्याओं की शादी एक ही समारोह में करने पर विचार करेंगे, जिससे सभी कन्याओं के अभिभावकों में स्वाभिमान जागृत हो तथा बराबरी का भाव पैदा हो?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में रू. 48000/- कन्या के खाते में उपलब्ध कराने एवं रूपये 3000/- संबधित निकाय को सामूहिक कार्यक्रम आयोजन कराने हेतु प्रावधानित थे। (ख) वर्तमान में कन्या के परिवार को दहेज का समान खरीदने हेतु नगद राशि भुगतान की योजना विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही कन्या को राशि रूपये 51,000/- से बढ़ाकर राशि रूपये 55,000/- किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्राय: निकाय स्तर पर आयोजित किये जाते हैं, ताकि हितग्राही सुलभ तरीके से योजनातंर्गत सामूहिक विवाह में सम्मलित हो पाये। इस प्रक्रिया में बदलाव करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं।
गौशालाओं के निर्माण में किया गया व्यय
[पशुपालन एवं डेयरी]
16. ( *क्र. 83 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा, सुमावली, मुरैना विधान सभा की पंचायतों में मनरेगा के अभिसरण से निर्मित कितनी गौशालायें संचालित हैं? विधानसभावार, पंचायतों के नाम सहित फरवरी 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक उक्त विधान सभाओं में मनरेगा के अभिसरण से निर्मित कितनी गौशालाओं का निर्माण किया गया है तथा उन पर कितनी धन राशि खर्च की गई है? विधानसभावार जानकारी दी जावे। (ग) उक्त गौशालाओं में कितनी संख्या में गौपशुओं को रखा गया है तथा उन्हें चारा, पानी की व्यवस्था हेतु कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है? वर्ष 2021-22 की जानकारी दी जावे। (घ) क्या गौशालाओं में गायों की देखभाल हेतु कोई कर्मचारी नहीं होने के कारण उन्हें समय पर चारा भी नहीं मिलता है, उन्हें गौशाला से बाहर छोड़ने के कारण किसानों की फसलें उजड़ रही हैं? शासन कब तक पर्याप्त व्यवस्था करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 8 गौशालाओं में 467 गौ पशुओं को रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश डकैती व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 को समाप्त किया जाना
[गृह]
17. ( *क्र. 1887 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में दस्यु समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई है? यदि हाँ, तो यह समस्या कब से समाप्त हुई है? (ख) प्रदेश में जब दस्यु समस्या ही समाप्त हो चुकी है तो म.प्र. डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 को निरसन/समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रदेश में एंटी डकैती ऑपरेशन के लिए पिछले पांच सालों में कितनी राशि का बजट रखा गया था एवं इस राशि में से कितनी राशि व्यय की गई तथा चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया, जिसमें से अब तक कितनी राशि व्यय हुई? (घ) एंटी डकैती अधिनियम के तहत ग्वालियर-चंबल संभाग में किस-किस जिले में कितने-कितने प्रकरण विगत तीन वर्षों में दर्ज किये गये? (ड.) वर्तमान में कितने सूचीबद्ध एवं कितने असूचीबद्ध डकैत गिरोह सक्रिय हैं? इन सभी की नामजद सूची दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में कोई सूचीबद्ध दस्यु गिरोह सक्रिय नहीं हैं। पुलिस द्वारा दस्यु गिरोहों की गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण कर लिया गया है, परन्तु यदाकदा सीमावर्ती राज्यों से कुछ अन्तर्राज्यीय दस्यु गिरोहों की सक्रियता दस्यु प्रभावित क्षेत्र में दृष्टिगोचर होती है। (ख) प्रदेश के सीमावर्ती भाग की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये एवं क्षेत्र के असूचीबद्ध डकैत गिरोहों पर सतत् नियंत्रण के लिये म.प्र. डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम 1981 काफी प्रभावी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश अन्तर्राज्यीय दस्यु गिरोहों की शरणस्थली न बन सके, इस कारण भी उक्त अधिनियम को समाप्त करना औचित्यपूर्ण नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) वर्तमान में प्रदेश में कोई सूचीबद्ध डकैत गिरोह सक्रिय नहीं है। असूचीबद्ध डकैत गिरोह की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
आवेदन पत्रों का निराकरण न करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
18. ( *क्र. 1366 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन सुनवाई में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक में कितने आवेदन पत्र पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारियों को प्राप्त हुये, का विवरण वर्षवार, माहवार प्रश्न दिनांक तक का शहडोल जिले का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों को वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक में जनसुनवाई के अलावा अन्य शिकायती आवेदन कितने प्राप्त हुये? विभिन्न अधिकारीवार, थानेवार, जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पिछले 6 माह में पुलिस अधीक्षक शहडोल को कितने आवेदन पत्र किन-किन थानों से संबंधित प्राप्त हुये, उन पर क्या कार्यवाही की गई, की जानकारी थानेवार देवें एवं कार्यवाही न करने के लिये कौन जिम्मेदार है, उनके ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने आवेदन पत्रों पर कार्यवाही की गई? कितनों पर कार्यवाही लंबित है? इनमें से कितने आवेदन पत्र झूठी शिकायतों के थे, झूठी शिकायतकर्ताओं पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही न करने, आवेदन पत्रों को लंबित करने, झूठी शिकायतकर्ताओं पर जांच उपरान्त कार्यवाही लंबित रखने के लिये, जिम्मेदारों को पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि जनसुनवाई में वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक पुलिस महानिरीक्षक को 18 पुलिस अधीक्षक शहडोल को 83, उप पुलिस अधीक्षक को 63, थाना प्रभारी कोतवाली को 95, सोहागपुर 14, गोहपारु को 14, सिंहपुर को 60, जयसिंहनगर को 22, ब्यौहारी को 27, सीधी को 63, पपौंध को 24, देवलोंद को 20, बुढार को 58, धनपुरी 77, अमलाई को 60, खैंरहा को 30, जैतपुर को 35, थाना अजाक को 58 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक जनसुनवाई के अलावा अन्य शिकायती आवेदन पत्र पुलिस महानिरीक्षक को 1494, पुलिस अधीक्षक शहडोल को 7737, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) को 94, उप पुलिस अधीक्षक (मा.सु.शा.) को 39, उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) को 16, एस.डी.ओ.पी. धनपुरी को 103, एस.डी.ओ.पी. ब्यौहारी को 76, थाना प्रभारी कोतवाली को 1647, सोहागपुर 929, गौहपारु को 654, सिंहपुर को 343, जयसिंहनगर को 519, ब्यौहारी को 638, सीधी को 172, पपौंध को 155, देवलौंध को 189, बुढार को 799, धनपुरी को 223, अमलई को 314, खैंरहा को 126, जैंतपुर को 448, महिला पुलिस थाना को 276, थाना अजाक को 32 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ग) पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि पिछले 06 माह में पुलिस अधीक्षक शहडोल को 2112 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें थाना प्रभारी कोतवाली के 426, सोहागपुर के 239, गोहपारू के 234, सिंहपुर के 93, जयसिंहनगर के 135, ब्यौहारी के 175, सीधी के 140, पपौंध के 49, देवलौंध के 56, बुढार के 258, धनपुरी के 58, अमलई के 57, खैंरहा के 33, जैतपुर के 195, महिला पुलिस थाना के 57, थाना अजाक के 07 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। कुल 2112 आवेदन पत्रों में से 1920 आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया, शेष 192 आवेदन पत्र जांच में लंबित है। निराकृत आवेदन पत्रों में से 582 आवेदन पत्रों में पूर्व से अपराध पंजीबद्ध 590 आवेदन पत्रों में से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, 416 आवेदन पत्र असंज्ञेय प्रकृति तथा 332 बढ़ा-चढ़ा कर शिकायत करना पाया गया। (घ) पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कुल 12164 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। प्राप्त आवेदन पत्रों में से 11920 आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया, शेष 244 आवेदन पत्र जांच में लंबित है। निराकृत आवेदन पत्रों में से 3115 शिकायतों में पूर्व में अपराध पंजीबद्ध 3644 शिकायतों में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, 2503 आवेदन पत्र असंज्ञेय प्रकृति, 2658 बढ़ा-चढ़ा कर शिकायत करना पाया गया है। कोई भी शिकायत झूठी नहीं पाई गयी है। (ड.) पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि समस्त आवेदन पत्रों पर जांच समय से की जा रही है। यदि किसी शिकायत को अनावश्यक लंबित रखना पाया जाता है तो त्रुटिकर्ता के विरुद्ध समुचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र पर कार्यवाही
[विधि एवं विधायी कार्य]
19. ( *क्र. 1376 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय में पत्र पंजीयन क्रमांक 606/CMS/MLA/162/2023, दिनांक 23.01.2023 के माध्यम से ACS/PS/Secretary से विधि और विधायी कार्य विभाग को प्रेषित किया है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्न दिनांक तक विभाग ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर क्या शासन प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी पत्र के आधार पर कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र पंजीयन क्रमांक 606/CMS/MLA/162/2023, दिनांक 23.01.2023 विधि और विधायी कार्य विभाग को आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिफॉल्टर किसानों की जानकारी
[सहकारिता]
20. ( *क्र. 317 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में जिलेवार उन कृषकों की संख्या बतावें, जो समय पर कर्ज न चुकाने के कारण डिफॉल्टर हुए तथा वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक कुल डिफॉल्टर किसानों की संख्या कितनी है? वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नाधीन खण्ड (क) में उल्लेखित दिनांक 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में जिलेवार डिफॉल्टर कृषकों की (1) मूल राशि, (2) ब्याज राशि, (3) कुल राशि, की जानकारी दें। (ग) प्रश्नाधीन खण्ड (ख) में उल्लेखित कितने कृषक किसान ऋण माफी योजना का लाभ न मिलने से डिफॉल्टर हुए तथा कितने कृषक व्यक्तिगत कारणों से कर्ज नहीं चुकाने के कारण डिफॉल्टर हुए? (घ) वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक डिफॉल्टर किसानों को सहकारी समितियों से ब्याज रहित कृषि ऋण, खाद तथा बीज मिले, इसके लिए शासन ने पिछले 3 वर्ष में क्या-क्या राहत दी? क्या-क्या प्रयास किये? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या शासन डिफॉल्टर किसानों का संपूर्ण ब्याज तथा मूलधन का 50 % माफ करने की योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस कर्मियों को राहत
[गृह]
21. ( *क्र. 1253 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग में आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक के स्तर के कर्मचारियों के लिए पुलिस रेगुलेशन एक्ट के पैरा 226, कंडिका 3 में सजा का क्या प्रावधान है? क्या उन्हें स्थाई आर्थिक नुकसान (संचयी प्रभाव से) की सजा दी जा सकती है? क्या उपरोक्त संबंध में अलग-अलग समय पर अलग-अलग डी.जी.पी. ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं? जारी निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) उक्त आदेश-निर्देश के बाद भी क्या पुलिसकर्मियों को संचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोके जाने की सजा दी जाती है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम विरूद्व नहीं है? यदि है तो जो वेतनवृद्धि रोकने की सजा दी जाती है, उसे रद्द की जाकर राहत दी जायेगी? नर्मदापुरम रेंज में कितने आरक्षकों को वेतनवृद्धि रोके जाने की सजा विगत पंद्रह वर्ष में दी गई? प्रभावित पुलिस कर्मियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में नर्मदापुरम रेंज के पुलिस अधीक्षक, डी.आई.जी., आई.जी. सहित ए.डी.जी. आदि के पास वेतनवृद्धि रोके जाने की सजा में राहत देने के लिए कितने अपील प्रकरण लंबित हैं? क्या इन प्रकरणों में पुलिस कर्मियों को राहत दिये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो राहत कब तक प्रदान कर दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन के पैरा 226, कंडिका-3 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पुलिस रेगुलेशन 226 कंडिका-3 के अनुसार संचयी प्रभाव से सजा दी जा सकती है। पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) पुलिस रेगुलेशन 226, कंडिका-3 के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्तर से कृत्य के अनुपात में दण्ड दिया जाता है। दण्ड पुलिस रेगुलेशन के प्रावधानों के अनुसार दिया जाता है। दण्ड के विरूद्ध प्रस्तुत अपील पर गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया जाता है। नर्मदापुरम रेंज में विगत 15 वर्ष में आरक्षकों को वेतनवृद्धि रोके जाने की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) नर्मदापुरम रेंज में अपील के 2 प्रकरण विचाराधीन हैं। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार गुण-दोष के आधार पर अपीलीय स्तर से निराकरण किया जावेगा।
सहकारी समितियों के निर्वाचन
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 1726 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों के सही समय पर निर्वाचन न होने के कारण कितनी समितियों के संचालक मंडलों को भंग कर प्रशासक नियुक्त किये गए हैं? (ख) सहकारी समितियों के संचालक मण्डल भंग कर प्रशासक नियुक्त होने के उपरांत भी विगत 6 माह से अधिक समय होने पर भी निर्वाचन क्यों नहीं कराया जा रहा है? (ग) प्रदेश में जिन सहकारी समितियों के संचालक मण्डल को भंग किया गया है, उनमें से कितनी संस्थाओं ने नियमानुसार 2 माह पूर्व फीस जमा कर निर्वाचन कराये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर दिये थे? (घ) सहकारी विधान के अनुसार समय अवधि में आवेदन किये जाने के बाद भी संचालक मण्डलों को क्यों भंग किया गया? सहकारी समिति द्वारा समयावधि में आवेदन करने के उपरांत भी निर्वाचन के आदेश जारी क्यों नहीं किये गए? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सा शिक्षकों को डेजिगनेट अवधि का शैक्षणिक अनुभव एवं सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( *क्र. 1119 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय आदेश क्र. एफ (F) 2-01/ 2018/1/55 राज्य शासन द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद के मापदंडानुसार सहायक प्राध्यापक से सह-प्राध्यापक एवं सह-प्राध्यापक से प्राध्यापक के पद पर पदोन्नत हेतु पात्र चिकित्सा शिक्षकों को डेजिगनेट करने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था? क्या उक्त आदेश के तहत निर्देशित कर डेजिगनेट किए गए चिकित्सा शिक्षकों को डेजिगनेट सह-प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक को डेजिगनेट अवधि का शैक्षणिक अनुभव दिया जायेगा? यदि नहीं, तो नियम उपलब्ध कराएं? (ख) कार्यालय आयुक्त चि.शि. पत्र क्र. 987/स्था./राज/2020 भोपाल, दिनांक 01.10.2020 द्वारा स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मध्यप्रदेश सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्चा) नियम 1958 लागू किए गए? उक्त आदेश का पालन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा चुका है? सूची उपलब्ध कराएं, नहीं दिया गया है तो विधिसम्मत कारण बताएं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 2-01/ 2018/1/55, दिनांक 10.01.2018 में डेजिगनेट चिकित्सा शिक्षकों को शैक्षणिक अनुभव दिए जाने अथवा न दिए जाने का स्पष्ट लेख नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त आदेश का पालन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में किया जा रहा है, जिन कर्मचारियों को इसका लाभ प्रदान किया गया है, उसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
24. ( *क्र. 1094 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अन्तर्गत वर्ष 2018 से 2022 तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम के आधार पर पीड़ित को अलग-अलग मामलों में कितनी आर्थिक सहायता राशि, विभिन्न स्तरों से मिली? वर्षवार, जिलेवार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अनुसार अलग-अलग विवरण दें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि एवं स्थान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम के तहत दर्ज कितने मामलों में न्यायालय में फैसले हुये? सजायाबी की दर जिलेवार, वर्षवार, प्रमुख 12 अपराध शीर्ष अनुसार जानकारी दें। (ग) प्रश्नाधीन अवधि एवं स्थान में महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराध में कितने मामले में न्यायालय में फैसले हुये? सजायाबी की दर जिलेवार, वर्षवार, प्रमुख अपराध शीर्ष अनुसार बतावें। (घ) अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 तक प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में कितने व्यक्तियों पर धारा 151 में प्रकरण दर्ज किया गया? इनमें से कितने को जमानत (1) उसी दिन (2) एक दिन बाद (3) दो दिन बाद (4) 3 से 5 दिन बाद (5) 6 या अधिक दिन बाद दी गई? माह अनुसार जिलेवार, जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
पदोन्नति-क्रमोन्नति के नियम-निर्देश
[गृह]
25. ( *क्र. 1867 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.ए.एफ. फोर्स में पदोन्नति-क्रमोन्नति के क्या नियम-निर्देश हैं तथा कार्यवाहक पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ की गई है? कार्यवाहक पदोन्नति की प्रक्रिया की प्रारंभ से प्रति देते हुए जानकारी देवें। पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने की दिनांक से 23, 25, 7वीं बटालियन में एवं ग्वालियर वाहिनी के किस-किस आर./प्र.आर. एवं अधिकारियों की कार्यवाहक पदोन्नति प्रभार देने का दिनांक नवीन पदस्थापना अंकित करते हुए सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अभी कितने आर./प्र.आर./उच्च पद के कितने कर्मचारी, अधिकारी हैं? जो कार्यवाहक पदोन्नति की पात्रता रखते हैं और उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं दिया? उन्हें कब तक कार्यवाहक पदोन्नति दे दी जावेगी तथा किस-किस माह में पदोन्नति दी जाती है? जनवरी माह में किन-किन कर्मचारी/अधिकारी को पदोन्नति दी जानी थी? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यवाहक पदोन्नति की लंबित सूची समय पर न जारी करने में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक शेष कर्मचारी, अधिकारियों की सूची जारी कर देंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल में पदोन्नति हेतु जी.ओ.पी. 141/12 का पालन किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। क्रमोन्नति के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24.01.2008 के द्वारा क्रमोन्नति योजना को संशोधित कर समयमान-वेतनमान योजना प्रभावशील की गई है। जी हाँ। पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कार्यवाहक प्रभार दिये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय की जी.ओ.पी. क्रमांक 148 के अंतर्गत कार्मिक शाखा से जारी निर्देश दिनांक 06.07.2021 के अनुसार अधिकारी/कर्मचारियों की कार्यवाहक प्रभार के संबंध में उपयुक्तता सूची जारी की जाकर रिक्त पदों के विरूद्ध उपयुक्तता सूची के वरिष्ठताक्रम में पात्र अधिकारी/कर्मचारियों को कार्यवाहक प्रभार दिये जाने की कार्यवाही पूर्ण की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खाता
धारकों की
परिपक्वता
राशि का
भुगतान
[गृह]
1. ( क्र. 16 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में तथा विधानसभा क्षेत्र बीना में सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी शाखा बीना के द्वारा खाताधारकों की एफ.डी. की परिपक्वता अवधि निकल जाने के पश्चात भी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है खाताधारकों को राशि न मिलने के कारण उनके बच्चों की शादी और पढ़ाई रुक गई है मध्यप्रदेश शासन उक्त सम्बन्ध में क्या कार्यवाही कर रही है? (ख) दिनांक 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी के विरुद्ध राशि का भुगतान नहीं करने के सम्बन्ध में मध्यप्रदेश में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी है, उन पर क्या कार्यवाही की गई है? सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी द्वारा कितने लोगों से कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार आम लोगों को कम्पनियों की ठगी से बचाने और उन्हें राशि वापिस दिलाने के लिए क्या–क्या प्रयास कर रही है? (ग) राज्य सरकार द्वारा सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी को मध्यप्रदेश में कब तक प्रतिबन्ध कर दिया जायेगा? (घ) सहारा इंडिया लिमिटेड कम्पनी के अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सहारा इंडिया लिमिटेड कंपनी म.प्र. में खाता धारकों को 28,92,63,349/- रू. की राशि का भुगतान किया गया है। सहारा इंडिया लिमिटेड कंपनी द्वारा खाता धारकों को भुगतान करने संबंधी म.प्र. तथा विधानसभा क्षेत्र बीना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। सहारा इंडिया लिमिटेड कंपनी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। शासन द्वारा सहारा इंडिया कंपनी की राशि गबन के संबंध में शिकायत दर्ज करवाने हेतु जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिला पुलिस अधीक्षकों को भी दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। सहारा इंडिया कंपनी की शिकायत के संदर्भ में राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर कैम्प लगाये गये हैं। उक्त प्रक्रिया लगातार जारी है। शासन द्वारा सहारा इंडिया कंपनी के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। सहारा इंडिया लिमिटेड कंपनी द्वारा कितने लोगों से कितनी धनराशि हड़पने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''स'' में समाहित है। सहारा इंडिया कंपनी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की लगातार मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। शिकायत मिलने पर ''मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 एवं दी बैनिंग ऑफ अनरेगूलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019'' के अंतर्गत विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
अतिरिक्त लोक अभियोजन की नियुक्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
2. ( क्र. 18 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.डी.जे. कोर्ट बीना में अतिरिक्त लोक अभियोजन का पद स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान व्यवस्था से अवगत करायें? (ग) यदि रिक्त है तो रिक्त पद भरने की क्या प्रकिया है और कब तक पद भर दिया जायेगा? (घ) यदि नहीं तो कब तक ए.डी.जे. कोर्ट बीना में अतिरिक्त लोक अभियोजन का पद स्वीकृत हो जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के समक्ष विचाराधीन है, कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बालक क्रीड़ा परिसर
[जनजातीय कार्य]
3. ( क्र. 67 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा के साथ खेल प्रतिभा को निखारने, प्रशिक्षण व खेल गतिविधियां संचालित करने हेतु (तिलहरी) जबलपुर में कितने क्षेत्रफल में आदिवासी बालक क्रीड़ा परिसर का निर्माण कब किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया हैं? वर्तमान में इस खेल परिसर का क्या उपयोग हो रहा है। खेल परिसर की क्या स्थिति हैं? (ख) प्रश्नांकित खेल परिसर में कितने स्कूली बच्चों के आवास हेतु कितने कमरों का सर्व सुविधायुक्त हॉस्टल का निर्माण कराया गया है। इसमें इन्डोर और आउटडोर खेलों की गतिविधियां संचालित करने, खेलों का प्रशिक्षण, अभ्यास करने, खेलों का आयोजन करने की क्या-क्या सुविधाएं, व्यवस्था व संसाधन हैं। इसके लिये कितना स्टॉफ स्वीकृत व पदस्थ है। कौन-कौन से कितने-कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? कोच और कितने पी.टी.आई. के लिये कितने-कितने आवास कार्यालय, हॉस्टल अधीक्षक की व्यवस्था हैं। हॉस्टल में कितने बच्चों को प्रवेश दिया गया है? (ग) क्या यह सत्य है कि वर्तमान में प्रश्नांकित क्रीड़ा परिसर वीरान पड़ा हुआ है। जंगली झाड़ियां उग आई है जंगल की तरह नजर आता है साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है? यदि हां, तो क्यों? शासन इस क्रीड़ा परिसर को कब तक शुरू करवाना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिवासी बालक क्रीड़ा परिसर का निर्माण 4.00 हेक्टेयर भूमि पर वर्ष 2020 में परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (पी.आई.यू.) जबलपुर द्वारा 974.29 लाख में कराया गया। वर्तमान में खेल अधोसंरचना का कार्य अपूर्ण होने से छात्रों का प्रवेश नहीं हुआ है। खेल परिसर की स्थिति अच्छी है। (ख) क्रीड़ा परिसर में 100 छात्रों हेतु 42 कमरों का निर्माण कराया गया। विभाग द्वारा निर्धारित खेल विधानुसार आवश्यक खेल अधोसंरचना निर्माणाधीन है। खेल परिसर हेतु स्वीकृत एवं पदस्थ स्टॉफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्रीड़ा परिसर के संचालन न होने से पद रिक्त हैं। क्रीड़ा परिसर में कोच हेतु 02, अधीक्षक हेतु 01 एवं पी.टी.आई. हेतु 08 आवास तथा कार्यालय व्यवस्था है। खेल अधोसंरचना का कार्य अपूर्ण होने से छात्रों का प्रवेश नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में क्रीड़ा परिसर संचालन की योजना है।
जिला जबलपुर में आपराधिक घटनाएं
[गृह]
4. ( क्र. 68 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पुलिस प्रशासन जबलपुर के पास आपराधिक घटनाओं को रोकने, अपराधियों पर नियंत्रण रखने, उनकी खोज व पकड़ने हेतु कौन-कौन से संसाधन, उपकरण वाहन व अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? कौन-कौन से संसाधन, सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? इसके लिये जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या प्रयास किये हैं। पुलिस थानों में स्वीकृत एवं पदस्थ स्टॉफ की क्या स्थिति है। स्वीकृत कौन-कौन से कितने-कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? (ख) जिले में हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, अपहरण व हत्या, लूट, चोरी, डकैती, बलवा, गैंगवार, आगजनी, वाहन चोरी, दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, सामूहिक दुष्कृत्य, शादी का झांसा देकर यौन शोषण, देह व्यापार, मानव तस्करी, राहजनी, छेड़छाड़, आत्महत्या, गुमशुदा लापता, धोखाधड़ी ठगी, सायबर अपराध, ठगी आदि से सम्बंधित कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं। कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं कितने अपराधी फरार लापता हैं। इन्हें पकड़ने हेतु ईनाम की कितनी राशि घोषित की गई हैं? बतलावें। वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की थाना व माहवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित कितने अनसुलझे संगीन मामले हैं। लूट, चोरी, डकैती व वाहन चोरी आदि से सम्बंधित कितने मामलों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके पास से कितनी नगद राशि व चल अचल संपत्ति बरामद की है। कितने मामलों में कितने अपराधियों को सजा सुनाई गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जबलपुर में आपराधिक घटनाओं को रोकने, अपराधियों पर नियत्रंण रखने, उनकी खोज व पकड़ने हेतु आर्म्स एम्यूनेशन, टीयर गैस, जाली बाडी गार्ड हेलमेट, केन, एफएसएल यूनिट, फिंगर प्रिन्ट, पुलिस डॉग, सायबर सेल, विवेचना किट, वायरलैस सेट, सीयूजी सिम, 100 डायल, चीता मोबाईल, थाना पेट्रोलिंग, मोबाईल, वज्र वाहन, कम्प्यूटर, सीसीटीएनएस, की सुविधाएं हैं। जिले में पर्याप्त संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध है, कोई कमी नहीं है। पुलिस थानों में बल संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में समाहित है।
कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण की जांच
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 199 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत करोड़ों की लागत से कन्या शिक्षा परिसर भवन का निर्माण किया गया तथा वर्ष 2021 में जनजातीय कार्य विभाग को सौंपा गया? भवन निर्माण की गुणवत्ता तथा स्टीमेट अनुसार निर्माण पूर्ण हुआ है या नहीं? इसकी जांच की जायेगी? (ख) कन्या शिक्षा परिसर भवन में लापरवाही बरतने वाली एजेंसी तथा दोषी विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या सेंधवा कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण एवं अधूरे निर्माण कार्य की जांच हेतु राज्य स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत शासकीय कन्या शिक्षा परिसर सेंधवा के भवन निर्माण कार्य राशि रूपये 2697.66 लाख की लागत का कार्य पूर्ण किया जाकर दिनांक 13.08.2021 को सशर्त जनजातीय कार्य विभाग को हस्तांतरित किया गया। भवन निर्माण कार्य प्राक्कलन अनुसार एवं गुणवत्तायुक्त होने से जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासकीय कन्या शिक्षा परिसर सेंधवा के भवन निर्माण कार्य प्रशासकीय स्वीकृति की सीमा में पूर्ण किया जाकर हस्तांतरित किया गया। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के शेष कार्य प्रगतिरत है। कार्य गुणवत्तायुक्त होने से जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
ग्रेन बैंक योजना
[जनजातीय कार्य]
6. ( क्र. 200 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में स्वीकृत ग्रेन बैंक योजना के संदर्भ में भारत के नियंत्रक महालेखाकर द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत प्रतिवेदन वर्ष 2017 प्रतिवेदन संख्या-3 का प्रथम पृष्ठ एवं उसमें उल्लेखित ग्रामीण ग्रेन बैंक योजना की कंडिका 320 से संबंधित पृष्ठ संख्या 221 से 223 एवं परिशिष्ट पृष्ठ क्रमांक 355 में कितनी हानि शासन को होना बताया है? (ख) इस प्रतिवेदन में हानि के लिए किस-किस को जिम्मेदार ठहराया गया है? (ग) इस योजना अंतर्गत अनुश्रवण (मॉनिटरींग) हेतु जिला बड़वानी में कितनी-कितनी राशि वर्षवार स्वीकृत हुई थी? क्या उक्त राशि का उपयोग हुआ?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) ग्रेन बैंक योजना में खाद्यान्न वितरण पर राशि रूपये 15.75 करोड़ हानि शासन को होना बताया गया है। (ख) जी नहीं। किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। (ग) बड़वानी जिले में वर्ष 2007-08 में राशि रू.8,26,000.00 एवं 2008-09 में राशि रू. 17,78,000.00 कुल राशि रू. 26,04,000.00 स्वीकृत हुई थी, इस राशि में से राशि रू.23,76,000.00 का उपयोग कर लिया गया है।
मुआवजा राशि का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 329 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एन.एच. 69 के लिए बैतूल जिले के ग्राम बरेठा एवं ग्राम धार के आदिवासियों की भूमि, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन करवाया जाकर उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति शाहपुर एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समित बैतूल ने प्रस्ताव पारित कर मुआवजा राशि का भी भुगतान करवा दिया है? (ख) यदि हाँ, तो उपखण्ड स्तरीय समिति शाहपुर एवं जिला स्तरीय समिति बैतूल ने किस दिनांक की बैठक में किस-किस किसान की भूमि मकान एवं दुकान का कितना मुआवजा भुगतान किए जाने के संबंध में क्या-क्या निर्णय लिया? उसके अनुसार किस-किस दिनांक को किस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) वन अधिकार कानून 2006 में सड़क निर्माण हेतु भूमि मकान एवं दुकान का मुआवजा निर्धारित करवाने, बैठक में निर्णय लेने एवं भुगतान करवाए जाने का क्या-क्या प्रावधान है? यदि यह प्रावधान नहीं है तो विधि विरूद्ध कार्यवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (घ) राशि भुगतान के बाद भूमि अर्जन का किस किस दिनांक को प्रकरण दर्ज कर किस दिनांक को अवार्ड पारित किया? इस अवार्ड में मकान एवं दुकान का मूल्यांकन किस वर्ष की गाइड-लाइन से ही स्वीकार किया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं, बैतूल जिले में दिनांक 09.04.20215 को जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा हितग्राहियों की मुआवजा राशि की सहमति एवं ड्राफ्ट प्राप्त होने के आधार पर भूमि के अधिग्रहण के लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। भूमि, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन संबंधित विभागों द्वारा किया जाकर मुआवजा राशि का भुगतान किया गया हैं। उपखण्ड स्तर समिति शाहपुर की बैठक दिनांक 08.04.2015 का कार्यवाही विवरण एवं जिला स्तरीय वन अधिकार समिति बैतूल की बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत जिला स्तरीय वन अधिकार समिति को भू-अर्जन, मूल्यांकन एवं भुगतान के संबंध में कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है। जिला स्तरीय वन अधिकार समिति बैतूल द्वारा अधिनियम की धारा 4 (5) के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अधिग्रहित की जाने वाली भूमि पर वन अधिकारों की मान्यता की कार्यवाही की पूर्णता सुनिश्चित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भूमि अर्जन का 29.12.2016 को प्रकरण दर्ज कर अवार्ड दिनांक 20.01.2020 को पारित किया गया। इस अवार्ड में मकान एवं दुकान का मूल्यांकन 2018-19 वर्ष की गाइड-लाइन के अनुसार अवार्ड में वर्णित है, किंतु इस संबंध में मध्यस्था प्राधिकारी न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है।
वन अधिकार के दावों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 330 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक 621/वनअधि/15/136, दिनांक 16 अप्रैल, 2015 में दिए निर्देश के बाद भी जिला बैतूल में भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) याने अध्यक्ष उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष लम्बित वनखण्डों में शामिल भूमियों पर बाजिबुल अर्ज, निस्तार पत्रक, खसरा पंजी में दर्ज अधिकारों के अधिकार पत्र से संबंधित कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई? (ख) दिनांक 16/4/2015 में किन-किन अभिलेखों, दस्तावेजों में दर्ज किन-किन प्रयोजनों एवं अधिकारों के संबंध में क्या-क्या आदेश, निर्देश दिए जाकर जानकारी संकलन हेतु क्या-क्या प्रारूप दिया गया? (ग) जिला बैतूल में धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों की जानकारी दिनांक 16/4/2015 के प्रारूप में संकलित कर संबंधित ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को उपलब्ध करवाई गई? कितनी भूमि के कितने अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक वितरित किए गये? (घ) जिला बैतूल में दिनांक 16/4/2015 के पत्र में दिए गए निर्देशों का कब तक पालन किया जाकर धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमियों पर अधिकार पत्र कब तक दिए जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी बैतूल, भैंसदेही एवं मुल्ताई अनुभागों में कार्यवाही प्रचलन में है। अनुविभाग शाहपुर हेतु भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही हेतु वन व्यवस्थापन अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैतूल है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। वन अधिकार के दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन निवासियों को वन अधिकार पत्र का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 369 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत मण्डला, अनूपपुर बैतूल एवं धार जिले के वीरान ग्रामों तथा नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों की वन भूमियों पर काबिजों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रदान नहीं किए गए? (ख) यदि हाँ, तो मण्डला, अनूपपुर, बैतूल एवं धार जिले में कौन-कौन सा वीरान ग्राम है, कौन-कौन सा ग्राम किस नगरीय सीमा में शामिल है, इनमें से कौन-कौन सा ग्राम अधिसूचित क्षेत्र में है? किस-किस ग्राम की वनभूमि के लिए ग्राम वनाधिकार समिति या मोहल्ला समिति किस दिनांक को गठित की गई? (ग) वीरान ग्राम एवं नगरीय सीमा में शामिल ग्राम की कितनी-कितनी वनभूमि पर काबिज कितने-कितने आवेदकों ने कितनी भूमि के दावे प्रस्तुत किए? यदि प्रश्नांकित दिनांक तक भी वनभूमि पर काबिजों के दावे ही आमंत्रित नहीं किए गए हो तो उसका कारण बतावें। (घ) वीरान ग्राम एवं नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों की वन भूमियों पर काबिजों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र दिए जाने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वनभूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार पत्र दिये जाने हेतु समय-समय पर निर्देश दिये गये है। नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार के दावे प्राप्त कर निराकरण की कार्यवाही करने के दिये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
10. ( क्र. 370 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य मंत्रालय से दिनांक 26/05/2022 को जारी आदेश के अनुसार मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट एवं बैतूल जिले के किस-किस वनग्राम को राजस्व ग्राम बनाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई? इसमें से किस ग्राम की वर्ष 1980 के आदेश से बनाई खसरा पंजी एवं 31/12/1976 तक के अतिक्रमणकारियों की जानकारी संबंधित वनमण्डल में उपलब्ध हैं? (ख) मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट एवं बैतूल जिले के किस वनग्राम की खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र, बी-1, निस्तार पत्रक एवं 31/12/1976 तक अतिक्रमणकारियों की जानकारी किस-किस राजस्व पटवारी को किस दिनांक को दी गई? किस-किस ग्राम पंचायत के सचिव को किस-किस दिनांक को दी गई? (ग) खसरा पंजी में कितनी-कितनी भूमि कितने-कितने पट्टेधारियों एवं अतिक्रमणकारियों के नाम पर दर्ज बताई गई हैं? उनमें से कितने पट्टेधारी एवं कितने अतिक्रमणकारियों को वनग्राम नियम 1977 के तहत कितनी-कितनी भूमि के पट्टे दिए गए थे? उन पट्टों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी राजस्व पटवारी तथा ग्राम पंचायत को नहीं दिए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) किस ग्राम के संबंध में गत एक वर्ष में किस दिनांक के राजपत्र में किस कानून/नियम के अनुसार अधिसूचना का प्रकाशन किया गया? प्रति सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जिला बालाघाट के अंतर्गत कान्हा टाईगर रिजर्व बफर जाने वनमण्डल अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 के प्रावधानों के तहत 06 वनग्रामों की निर्वनीकरण की संबंधी अधिसूचना जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
11. ( क्र. 382 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अम्बाह बायपास मुरैना में देव राठौर 17 वर्षीय लड़के को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी? प्रश्न दिनांक तक अपराधियों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? जबकि लोंगट ग्राम में संगीन अपराध न होने पर भी अपराधियों के मकानों को तोड़कर कार्यवाही हुई? क्या यह कानून केवल लोंगट ग्रामवासियों के लिए बना है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार देव राठौर के हत्या के आरोपियों के प्रति जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा मकान तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08.01.2023 को अम्बाह वायपास मुरैना में देव राठौर 17 वर्षीय लड़के का गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जी नहीं, उक्त घटना के आरोपी गौरव उर्फ बच्चा सिकरवार, आरोपी देवेन्द्र सिकरवार को दिनांक 12.01.2023, मुख्य आरोपी भूरा गुर्जर को दिनांक 17.01.2023 एवं आरोपी मयंक आदिवासी (पटेल) को दिनांक 18.01.2023 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया है, जबकि शेष आरोपी विजय पुत्र सुरेश की गिरफ्तारी हेतु 5000/-रूपये का ईनाम घोषित कर, गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। यह कहना सही नहीं है कि पुलिस द्वारा ग्राम लोंगट के अपराधियों के मकान तोड़े गए है। यह सही है कि राजस्व अधिकारियों के द्वारा अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण होने से जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है, जिसमें पुलिस बल सुरक्षार्थ उपलब्ध कराया गया था। (ख) अनाधिकृत मकान एवं अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जाती है। प्रशासन की मांग पर ही सुरक्षा बल उपलब्ध कराया जाता है। जिला प्रशासन देव राठौर के हत्या के आरोपियों के अनाधिकृत मकान अथवा अतिक्रमण तोड़ने हेतु कार्यवाही के लिए सुरक्षा बल की मांग नहीं की गई है।
वन मार्गों को राजस्व मार्ग का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 443 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) रायसेन जिले में कितने वन ग्राम हैं? उनकी सूची दें उनमें से किन-किन वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित हैं? कब तक वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किय जायेगा? (ग) रायसेन जिले के किन-किन वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है? क्यों कारण बतायें तथा कब तक कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी? (घ) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के उपरांत उक्त ग्राम के निवासियों को क्या-क्या सुविधायें मिलेगी? पूर्ण विवरण दें। वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के उपरांत उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण हेतु प्रचलित वन मार्गों को भी राजस्व मार्ग का दर्जा दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। वन अधिकार की प्रक्रिया अर्द्यन्यायिक की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने तथा वनग्राम की भूमि निर्वनीकृत करने पर ग्रामवासियों को राजस्व ग्राम की भांति सुविधायें मिलेंगी। वनग्राम की निर्वनीकृत भूमि पर निर्मित वनमार्ग का उपयोग राजस्व भूमि के रूप में किया जा सकेगा।
नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
13. ( क्र. 451 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 08.03.2021 के परि. अता.प्र.सं. 68 (क्र. 3486) के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि पूर्व में की गई दो जांच विरोधाभासी होने के कारण गृह विभाग द्वारा पुन: जांच के निर्देश दिये गये हैं एवं जांच उपरांत कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो जांच उपरांत की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ख) क्या अतिरिक्त महानिदेशक भोपाल द्वारा प्रकरण में तीसरी जांच की गई थी? तीसरी जांच के क्या परिणाम रहे? जांच प्रतिवेदन की प्रति दें? (ग) क्या विधान सभा सदन में जांच किये जाने की जानकारी दिये जाने के बाद भी गांधी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा नियम विरूद्ध जांच की रिपोर्ट का इंतजार किये बिना एवं जांच को गायब कर डॉ. अनुज भार्गव को पदोन्नति दे दी गई, जबकि तीसरी जांच में डॉ. अनुज भार्गव को फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति दिया जाना सत्यापित किया गया था? (घ) प्रश्नांकित पुलिस महानिदेशक भोपाल द्वारा की गई तीसरी जांच की रिपोर्ट किस स्तर से गायब की गई? क्या इसमें गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय स्थित अधिकारी अथवा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली भगत है? क्या शासन इसकी जांच लोकायुक्त से करायेगा? साथ ही गांधी चिकित्सा महाविद्यालय स्थित तत्कालीन अधिष्ठाता जिनके द्वारा श्री भार्गव को दोषमुक्त किया गया तथा पदोन्नति की गई? इसकी भी जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी हाँ उक्त रिपोर्ट गृह विभाग से दिनांक 22.02.2023 को प्राप्त हुई है जिसके अनुसार डेंटल काउंसिल ऑफ इण्डिया अथवा एम.सी.आई. (एन.एम.सी.) द्वारा परीक्षण कराने का अभिमत दिया गया है। (ग) डॉ. अनुज भार्गव को दिनांक 28.09.2021 को पदोन्नति दी गई। शेष उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) तीसरी जांच की रिपोर्ट गृह विभाग से दिनांक 22.02.2023 को प्राप्त हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। डॉ. अनुज भार्गव को अधिष्ठाता द्वारा दोष मुक्त किये जाने एवं प्रदान की गई पदोन्नति के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय जाँच संस्थित की गई है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कराये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
14. ( क्र. 668 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2018 से वर्तमान तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा क्या कार्य किये गये? विधानसभावार, वर्षवार व्यय राशि की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में किये गये कार्यों की स्थानवार, कार्यवार व्यय राशि सहित जानकारी प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
15. ( क्र. 733 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. हेल्पलाइन (181) में दर्ज शिकायत क्रमांक 15640428, 15691268, 15722079, 15871536, 15882522, 15986842, 15994750, 16066806, 16175722, 16229574, 16247334, 17582591, 18356441, 1914899 में शिकायतकर्ता का नाम एवं शिकायत किनके विरूद्ध की गई थी तथा किस विभाग से संबंधित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शिकायतों की जांच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या संबंधित शिकायतें भू-माफियाओं के विरूद्ध की गई थी तथा विभाग ने शिकायतों को माफियाओं के दबाव में आकर Force Close कर दिया है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लाइसेन्स की स्वीकृति
[गृह]
16. ( क्र. 794 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन कलेक्टर मुरैना को वर्ष 2021-22 में नवीन शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत कराने की अनुशंसा के लिए प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कितने आवेदन पत्र दिए गए? उनमें से कितने व्यक्तियों के शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृत किए गए? पत्रों की प्रतियों सहित विवरण देवें। प्रश्नकर्ता की अनुशंसा पर कोई भी शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृत क्यों नहीं किया गया? कारण सहित विवरण देवें। (ख) क्या नवीन शस्त्र लाइसेन्स पुलिस अधीक्षक कार्या. से समस्त नियमों एवं कार्यवाही का पालन करते हुए कलेक्टर कार्यालय भेजे जाते हैं? यदि हाँ, तो मुरैना कलेक्टर कार्यालय में प्रश्नांश (क) अनुसार दिए गए आवेदन वाले शस्त्र लाइसेन्स स्वीकृति के लिए क्यों लंबित हैं? (ग) वर्तमान में मुरैना कलेक्टर कार्यालय में कितने शस्त्र लाइसेन्स आवेदन प्रकरण लंबित हैं तथा प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिए गए पत्रों अनुसार नवीन शस्त्र लाइसेन्स कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) तत्कालीन कलेक्टर मुरैना को वर्ष 2021-22 में नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत कराने की अनुशंसा के लिए प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा 33 व्यक्तियों के नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत करने की अनुशंसा अपने पत्रों से की गयी है, जिनकी प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जो कि प्रक्रियाधीन है। नवीन शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति के लिए, निर्धारित प्रक्रिया की पूर्ति होने के उपरान्त ही नवीन शस्त्र लायसेंस को स्वीकृति हेतु विचार में लिया जाता है। (ख) हाँ, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से नवीन शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति के लिए समस्त नियमों एवं कार्यवाही का पालन कर प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को भेजे जाते है। उक्त प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (ग) इस कार्यालय में विभिन्न आर्म्स लायसेंस विषयक 1226 जिसमें से 836 आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक मुरैना को पुनः सत्यापन हेतु भेजे गये है शेष 390 आवेदन विहित प्रकियाओं की पूर्ति हेतु विचाराधीन है।
पेंशन आपके द्वार व्यवस्था
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
17. ( क्र. 809 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन सहित विभिन्न पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान राज्य स्तर से पेंशन पोर्टल के माध्यम से प्रतिमाह सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में किया जाता है संबंधित हितग्राहियों को पेंशन राशि जमा होने की सूचना किस माध्यम से कौन देता है? (ख) बैंकों से 5 किलोमीटर की परिधि से दूर ग्राम पंचायतों में बी.सी./पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पेंशन राशि के वितरण हेतु पेंशन आपके द्वार व्यवस्था लागू की गई है रायसेन जिले में कितनी ग्राम पंचायतों बैंकों से 5 किमी की परिधि से दूर हैं? जनपद पंचायतवार सूची दें। (ग) रायसेन जिले में बैंकों से 5 किमी की परिधि से दूर किन-किन ग्राम पंचायतों, किस-किस माध्यम से पेंशन राशि का भुगतान पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम के तहत होता है? दिनांक 1 जनवरी, 2022 से फरवरी, 2023 की अवधि में किन-किन दिनांकों में किस-किस पंचायतों में किस-किस के द्वारा पेंशन राशि का भुगतान किया गया? (घ) पेंशन प्राप्त कर रहे व्यक्तियों को प्रतिमाह पेंशन का भुगतान हो रहा है अथवा किन-किन की पेंशन बिना किसी कारण के बंद हो गई? इसके सत्यापन की क्या-क्या व्यवस्था है तथा रायसेन जिले में सत्यापन प्रतिमाह क्यों नहीं करवाया जाता? कारण बतायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन सहित विभिन्न, पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों को पेंशन राशि भुगतान की सूचना बैंक खाता से लिंक मोबाईल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। (ख) जी हाँ, पेंशन आपके द्वार व्यवस्था के अंतर्गत जनपद पंचायतों द्वारा 301 ग्राम पंचायतों को चिन्हांकित किया गया है। चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में से 135 ग्राम पंचायतों में बी.सी. नियुक्त किया जाकर पेंशन वितरण की कार्यवाही की जा रही है। रायसेन जिले में 5 किलोमीटर की परिधि से दूरी की जानकारी जनपद पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में बैंकों से 5 किलोमीटर की परिधि से दूरी की ग्राम पंचायतों में बी.सी./पोस्टमेन के माध्यम से पेंशन राशि वितरण की जा रही है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। पेंशन राशि का भुगतान बी.सी. के माध्यम से किया जाता है, साथ ही साथ शासन की अन्य योजनाओं के अतिरिक्त सामान्य नागरिकों को भी आवश्यकतानुसार राशि निकालने की सुविधा बी.सी. के माध्यम से प्राप्त होती है, मात्र पेंशन हितग्राहियों को डेटा पृथक से बैंक/बी.सी. द्वारा संकलित नहीं किया जाता है, जिस कारण से पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों की जानकारी बैंक स्तर से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। लीड बैंक मेनेजर सेंट्रल बैंक आफ इण्डिया जिला रायसेन का पत्र क्रमांक/एलबीओ/2022-23 दिनांक 17.2.2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को पेंशन दिये जाने का प्रावधान है जो एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत आती है, जिसमें हितग्राहियों की मृत्यु होने के उपरांत सूचना प्राप्त होने पर पेंशन बंद की जाती है तथा जो हितग्राही पेंशन योजना की पात्रता की श्रेणी में आते हैं उन्हें शासन नियमानुसार पेंशन स्वीकृत की जाती है। समय-समय पर पेंशन हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक एवं वार्ड प्रभारी द्वारा सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत निरंतर किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ-शाला में सैकड़ों गायों की मृत्यु
[पशुपालन एवं डेयरी]
18. ( क्र. 848 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को भोपाल के बैरसिया स्थित गौ-शाला में सैंकड़ों गायों के शव मिलने की जानकारी है? (ख) उपरोक्त गौ-शाला किस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है? इस संस्था को पिछले 10 वित्तीय वर्ष में कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) गौ-शाला में सैंकड़ों गायों के शव मिलने की घटना के बाद संबंधित संस्था और उनके संचालकों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) इस घटना को ध्यान में रखते हुए क्या सरकार प्रदेश में गौ-शाला हेतु अनुदान लेने वाली संस्थाओं का ऑडिट कराकर अनुदान राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। विभागीय निरीक्षण के दौरान गौशाला परिसर एवं परिसर के समीप 96 गायों के शव/कंकाल पाये गये थे। (ख) गौसेवा भारती गौशाला ग्राम बसई विकासखण्ड बैरसिया जिला भोपाल की संचालिका श्रीमती निर्मला शांडिल्य के द्वारा संचालित थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ग) उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में भोपाल जिला प्रशासन द्वारा गोशाला प्रबंधन पर पुलिस थाना बैरसिया में अपराध क्र; 66/22 धारा 279, 270 भा.दं.वि. एवं 11 (1) ज पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 अंतर्गत दिनांक 30.01.2022 को पंजीबद्ध कराया गया है एवं मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड भोपाल के आदेश क्र. 339-41, दिनांक 17.02.2022 द्वारा 09.02.2022 से पंजीयन निरस्त किया गया है। (घ) गौशालाओं के संचालकों द्वारा समिति पंजीयन नियमों अनुसार ऑडिट कराया जाता है एवं गौशाला संचालकों से राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है।
सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
19. ( क्र. 869 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में सेन समाज द्वारा समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने की मांग की है? यदि हां, तो कब? यदि नहीं तो क्या सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने का कोई प्रस्ताव है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या 23 मार्च 2007 में भी विधानसभा में बहुमत के साथ सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने हेतु अशासकीय संकल्प पारित किया गया था? यदि हां, तो अभी तक इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? (ग) क्या शासन की मंशा सेन समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने की है? यदि हाँ, तो इतना विलंब क्यों किया जा रहा है? सेन समाज को कब तक अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। दि. 04.09.1977। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अशासकीय संकल्प के पालन में आवश्यक प्रस्ताव विभाग के पत्र क्र. 21-103/2006/4/25 दिनांक 16.05.2007 द्वारा भारत सरकार को भेजा गया है। उक्त प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही की जानकारी हेतु विभाग द्वारा स्मरण भी कराया गया है किंतु भारत सरकार द्वारा प्रकरण में लिये गये निर्णय की जानकारी अप्राप्त है। (ग) किसी जाति समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल करने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार को होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कर्मचारी शिक्षकों की पदोन्नति
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 939 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिसम्बर 2022 सत्र में विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1563 में विभाग द्वारा प्रस्तुत उत्तर में अपूर्ण एवं असत्य जानकारी दी गई है? क्योंकि आज तक कई प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता होने के उपरांत भी क्रमोन्नति के लाभ से वंछित हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा अपने आदेश क्रमांक 523 दिनांक 17/01/2020 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? इनके लिये कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (ग) वर्ष 2022-23 में विभाग को छात्रावासों की मरम्मत एवं सुविधाओं के विस्तार के लिये शासन से कितनी राशि का बजट आवंटन प्राप्त हुआ? खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन छात्रावासों में किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) विभाग में लाखों करोड़ों के कार्य किस तकनीकी विभाग/अधिकारी के मार्गदर्शन में कराये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? क्या कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाएंगा? (ड.) क्या विभाग द्वारा कराये गये इन समस्त निर्माण विकास/मरम्मत कार्य की जांच शासन के अन्य निर्माण विभागों, जैसे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/लोक निर्माण विभाग से कराई जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। तत्समय नियमित शिक्षक/कर्मचारियों को क्रमोन्नति दिये जाने संबंधी जानकारी प्रदाय की गई है पात्र प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों को क्रमोन्नति दिये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। कार्यालयीन आदेश क्रमांक/अ.आ.क्र./स्था./2020/523 दिनांक 27.01.2020 के पश्चात आदेश क्रमांक/अ.जा.क./स्था. 2021/105 दिनांक 14.01.2021 तथा आदेश क्रमांक/अ.जा.क./स्था./न.क्र. 298/2020/1777 दिनांक 26/04/2022 के द्वारा पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। क्रमोन्नति दिया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग के छात्रावासों की मरम्मत एवं सुविधाओं के विस्तार के लिये शासन से प्राप्त बजट आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है एवं खण्डवा विधानसभा में छात्रावासों में कराये गये कार्यों पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) विभाग में कराये जाने वाले कार्य विभागीय तकनीकी अमला एवं शासकीय निर्माण विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में कराये जाते है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाता है। (ड.) जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जातियों हेतु संचालित योजनाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
21. ( क्र. 970 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगाँव अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवार निवासरत हैं? ऐसे परिवारों की संख्या कितनी है? ग्रामवार एवं परिवार वाईज संस्था सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभाग के द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड भितरवार एवं घाटीगांव में ऐसे कुल कितने परिवारों को विभाग के द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है? विगत 3 वर्षों का योजना का नाम, ग्राम सहित एवं लाभान्वित हित ग्राहियों का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु ग्वालियर जिले को दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? प्राप्त बजट का किस-किस निर्माण या अन्य कार्यों में किस-किस पंचायत में कितना-कितना उपयोग किया गया है? पूर्ण विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु संचालित याजनाओं का विवरण उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) बेस लाईन सर्वे के अभाव में ग्रामवार, परिवारों की संख्यात्मक जानकारी संभव नहीं है। सामान्य जानकारी के अनुसार विकासखंड भितरवार में मूलबाबा का पुरा, देवरी टाका, मोहरसिंह का पुरा में बंजारा जाति के परिवार, चमेली का चक में कंजर जाति के परिवार निवासरत है। विकासखंड घाटीगांव के हुकुमगढ़, करई, आरोन, बन्हेरी, में बंजारा एवं बघेल जाति के परिवार निवासरत है। (ख) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंड भितरवार एवं घाटीगांव के कुल 179 परिवार, सैनिक/निजी स्कूल, छात्रावास एवं मुख्यमंत्री आवास भाड़ा योजनांतर्गत लाभान्वित हुए है। विगत 3 वर्षों का योजनावार, ग्रामवार एवं हितगाहीवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में किसी भी पंचायत में निर्माण या अन्य कार्य नहीं हुए है, अतः जानकारी निरंक। संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किये गये कार्य की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 972 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भितरवार विधानसभा अन्तर्गत दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग अन्तर्गत कुल कितने विकास कार्य/विद्युतीकरण/हितग्राही मूलक कार्य कराये गये हैं? कार्य का नाम, स्वीकृत लागत, स्वीकृत दिनांक वर्ष, व्यय राशि, कार्य की भौतिक तथा वित्तीय स्थिती एवं कार्य एजेन्सी के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में कुल कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा अपूर्ण रहे का क्या कारण हैं तथा कब तक अपूर्ण कार्य पूर्ण किये जायेंगे? (ग) जनजातीय कार्य विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
नवीन शस्त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण
[गृह]
23. ( क्र. 1026 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत (क) नवीन शस्त्र लायसेंस के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर मुरैना को दिनांक जनवरी 21 से नवम्बर 22 तक प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये है? (ख) एरिया वृद्धि, वृद्धहस्तांतरण एवं फोती शस्त्र लायसेंसों के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर को प्राप्त हुये है? इनमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं? कितने स्वीकृत होना शेष हैं? शेष प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में नवीन शस्त्र बनवाने हेतु आवेदकों के चरित्र उत्तम हैं, जिसका सत्यापन पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा किये जाने के बावजूद नवीन शस्त्र लायसेंस क्यों नहीं बनाये गये? (घ) क्या इस संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर कलेक्टर जिला मुरैना का ध्यान भी आकर्षित कराया गया है? यदि हाँ, तो अधोहस्ताक्षरकर्ता के द्वारा वस्तुस्थिति संज्ञान में लाने के बाद में जिला कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कुल 86 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 21 से नवम्बर 22 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये है, इनमें से 20 नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत अन्य राज्यों हेतु एरिया वृद्धि के 18 प्रस्ताव, वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंसों के कुल 36 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी 21 से नवम्बर 22 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये है, इनमें से 22 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये है। शेष 14 वृद्धहस्तांतरण एवं फौती शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव तथा एरिया वृद्धि के 15 प्रस्ताव विचाराधीन है, परीक्षण उपरांत विधिवत निराकरण किया जावेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के 66 प्रस्ताव लंबित है, इन पर परीक्षण उपरांत विधिवत कार्यवाही की जावेगी। (घ) हाँ माननीय विधायक द्वारा शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर ध्यान आकर्षित कराया गया है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत 20 नवीन शस्त्र लायसेंस एवं 22 वृद्धहस्तांतरण व फौती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जा चुके है शेष प्रकरणों का परीक्षण उपरांत विधिवत निराकरण किया जावेगा।
चिकित्सा शिक्षा हेतु मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
24. ( क्र. 1027 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? इनमें कितनी-कितनी सीटें किस-किस श्रेणी की हैं? सूची प्रदान करें। (ख) जिला मुरैना में चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षाग्रहण करने जाना पड़ता है? चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की मांग जन प्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निरंतर की जा रही है। जिला मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में सरकार कोई विचार कर रही है? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु शासन द्वारा समय-समय पर लिए गये नीतिगत निर्णय अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेतन निर्धारण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र. 1041 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत श्री रतनसिंह टेगौर, सेवानिवृत्त सहायक शिक्षक विकासखण्ड अलीराजपुर के पक्ष में न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय के आधार पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाने से खण्ड शिक्षा अधिकारी कट्टीवाड़ा द्वारा वेतन निर्धारण किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी अलीराजपुर द्वारा किया गया वेतन निर्धारण को संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा संभाग इन्दौर द्वारा सक्षम प्रशासकीय स्वीकृति, जिसमें वित्त विभाग की सहमति की अनिवार्यता दर्शाते हुए वेतन निर्धारण अनुमोदित न कर वापस कर दिया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कब-कब विभाग एवं जनप्रतिनिधि द्वारा वेतन निर्धारण प्रकरण में प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु पत्र कार्यालय प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल को पत्र प्रेषित किये गये दिनांक सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में भेजे गये पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं तो क्यों। कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों पर विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वित्त विभाग की सहमति सहित प्रशासकीय स्वीकृति चाही गयी है। (ग) सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य जिला अलीराजपुर से आयुक्त जनजातीय कार्य म.प्र. भोपाल को दिनांक 21.02.2022 को पत्र प्राप्त हुआ एवं श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल माननीय विधायक विधान सभा क्षेत्र कुक्षी जिला धार का अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 10.11.2022 प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग को प्राप्त हुआ। (घ) कोष एवं लेखा द्वारा लगाई गई आपत्ति के निराकरण हेतु जिले से प्राप्त पत्र के संदर्भ में श्री रतनसिंह टेगौर, सेवानिवृत्त सहायक शिक्षक की मूल सेवापुस्तिका परीक्षण हेतु मंगाये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित राशि का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 1048 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि क्या खरगोन जिले अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली राशि विगत वर्षों की लंबित है? हाँ, तो वह राशि क्या है? लंबित राशि की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार एवं कार्यवार प्रदाय करें। वर्तमान तक राशि लंबित होने का क्या कारण है तथा उक्त राशि कब तक प्रदाय की जायेगी? क्या उक्त राशि राज्य को केन्द्र से प्राप्त नहीं हुई है? हाँ तो राशि प्राप्त करने हेतु राज्य शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? केन्द्र सरकार से राशि की मांग हेतु जारी किये गये पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यह भी बताये कि खरगोन जिले में विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) से वर्ष 2020 -21, 2021-22 एवं 2022-23 में कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय या अनुमोदन किया गया है? विकास खण्डवार, स्वीकृत कार्य का नाम एवं राशि के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा ऐसे कार्य भी हैं जिनकी राशि परियोजना में प्राप्त होकर कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करना शेष है? हाँ तो जानकारी कार्यवार, वर्षवार प्रदाय करें तथा इसका लंबित रहने का क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में खरगोन परियोजना अंतर्गत भारत सरकार से कार्य स्वीकृत नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपराधिक घटनाओं की जानकारी
[गृह]
27. ( क्र. 1066 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र कसरावद में चोरी, लूटपाट, राहजनी, बलात्कार और किसानों के कृषि उत्पाद एवं कृषि यंत्रों की चोरी की कितनी-कितनी घटनाएं हुई हैं? थानेवार विवरण देवें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र कसरावद में, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ मारपीट करने, डराने धमकाने एवं उनका उत्पीड़न करने की कितनी घटनाएं हुई? थानेवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) और ख) में किन-किन शिकायतों में मामला दर्ज किया, जांच की गई, दोषियों को न्यायालय में पेश किया गया? न्यायालय से क्या सजा हुई? विवरण देवें। (घ) उपरोक्तानुसार थाना क्षेत्रों में ऐसे लोगों को क्या चिन्हित किया गया है जो आदतन मामला दर्ज कराकर समझौता करते हैं? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' में समाहित है। (घ) जानकारी उपलब्ध अभिलेख के आधार पर निरंक है।
अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण बस्तियों का विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
28. ( क्र. 1067 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों के विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? कार्य स्थान की जानकारी दें? (ख) मार्च 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा उपरोक्तानुसार किन-किन विकास कार्यों को कराये जाने हेतु कब-कब पत्र भेजे गये और उन पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त में से किन-किन विकास कार्यों की स्वीकृति मिली है? कितने शेष हैं? शेष हैं तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जांच गठित कमेटी
[चिकित्सा शिक्षा]
29. ( क्र. 1070 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक 2214 दिनांक 18.10.2022 को अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा को जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक्सपायर्ड केमिकल एवं डिस्टिल्ड वॉटर के उपयोग के संबंध में शिकायत पत्र प्रेषित किया गया था? क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही करते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के उक्त मामले में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर कार्यवाही की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो वर्णित (क) के संबंध में जांच कमेटी के द्वारा विभाग के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या यह भी सही है कि उक्त मामले में जिस महिला नर्सिंग अधिकारी को दोषी करार दिया गया है ने अपने लिखित बयान में सुपर स्पेशलिटी प्रबंधन पर शासकीय दस्तावेजों में कूटरचित परिवर्तित तैयार कर विभाग द्वारा गठित समिति के समक्ष गुमराह एवं दिग्भ्रमित करने की शिकायत की गई है? (घ) यदि हाँ तो तत्संबंध में विभाग द्वारा महिला नर्सिंग अधिकारी के शिकायत पर शासन में अब तक क्या कार्यवाही की है और कमेटी द्वारा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में उपयोग किए गए एक्सपायर्ड केमिकल एवं डिस्टिल्ड वॉटर में संलिप्त कितने अधिकारी/कर्मचारियों को दोषी पाया गया है और विभाग द्वारा उनपर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) क्या विभाग तत्कालिन महिला नर्सिंग अधिकारी को पुन: उनके मूल पद पर पदस्थापना का विचार करेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। (घ) संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा स्तर से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। (ड.) जांच पूर्ण होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा।
जे.ए.एच. अस्पताल में रिक्त पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
30. ( क्र. 1095 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर चम्बल सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल जे.ए.एच. समूह में फरवरी 2023 की स्थिति में स्पेशलिस्ट, सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सा के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो पदों को भरने में न भरने के क्या कारण हैं, इन्हें कब तक भरा जा सकेगा? (ख) क्या एम.बी.बी.एस, एमडी, एमएस व एसीएच की सीटें बढ़ाने में प्रशासन को उच्च स्तर के चिकित्सकों की कमी के कारण कठिनाई व विलम्ब हो रहा है? तथ्यों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या इन्दौर, भोपाल के मेडिकल कॉलेजों में काफी समय पूर्व एम.बी.बी.एस की सीटें बढ़ाई गई, लेकिन ग्वालियर के ही पिछड़ने के क्या कारण हैं? (घ) क्या चिकित्सकों के आरक्षण रोस्टर एवं नियमों के लिये समिति का गठन किया गया है? उनके नामों की जानकारी दी जावे। यह कार्य समिति द्वारा कब तक समाप्त कर दिया जाकर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सकेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय एवं सम्बद्ध जयारोग्य चिकित्सालय, ग्वालियर में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्पेशलिस्ट, सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के स्वीकृत पदों हेतु 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। तत्पश्चात राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मापदण्डों के अनुसार शैक्षणिक पदों के युक्ति युक्तकरण की कार्यवाही की गई, जिसकी अनुसूची अप्रैल 2022 में जारी की गई थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अनुसूची जारी होने के उपरांत आरक्षण रोस्टर का संधारण किया गया है, पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर पदों को भरने की कार्यवाही प्रचलन में है एवं यह एक सतत् प्रक्रिया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ख) गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में एम.बी.बी.एस. की सीटों में सत्र 2021-22 में 20 सीटों की वृद्धि हुई थी जिससे कुल सीटें 180 से 200 सीट्स हुई थी। विगत वर्षों में गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर के विभिन्न विभागों में एम.डी/एम.एस एवं एम.सी.एच (न्यूरोसर्जरी) में भी पी.जी. सीटों में वृद्धि हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर में एम.बी.बी.एस सत्र 2021-22 में उत्तरांश ''ख'' अनुसार सीटों की वृद्धि हुई है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश के उत्तर में आरक्षण रोस्टर एवं नियमों के लिए गठित समिति के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
मुख्यमंत्री डेरी प्लस योजना अंतर्गत भैंसों की खरीदी
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 1113 ) श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री डेरी प्लस योजना अंतर्गत प्रदेश के किन-किन जिलों का चयन किया गया है? योजना में जिलों के चयन का आधार क्या है? (ख) उपरोक्त योजना अंतर्गत भैंसे प्रदाय करने वाली कौन-कौन सी एजेंसी का चयन किया गया? निविदाओं में किन-किन एजेंसी द्वारा भाग लिया गया है? किसानों को कितनी कीमत की भैंसे प्रदाय की जा रही हैं? (ग) क्या योजना में जो भैंसे प्रदान की गई हैं, उसकी कीमत बाजार भाव से डेढ़ गुना अधिक की हैं? यदि हाँ, तो बाजार भाव से अधिक कीमत की भैंसे खरीदी जाकर किसानों को दिए जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम हेतु पायलट के रूप में सीहोर, विदिशा एवं रायसेन जिलों का चयन किया गया है। (ख) नरूसन्स लॉईवस्टॉक एजेंसी करनाल, सचदेवा डेयरी फार्म रोहतक एवं यादव डेयरी फार्म देवास का चयन किया गया। अभिरूचि की अभिव्यक्ति (EOI) जारी की गई थी, जिसमें नरूसन्स लॉईवस्टॉक एजेंसी, सचदेवा डेयरी फार्म, जे.डी. फार्म एवं यादव डेयरी फार्म द्वारा भाग लिया गया था। योजना के प्रावधान के अनुसार एक मुर्रा दुधारू भैंस 1,20,000.00 रूपये की तथा दूसरी मुर्रा भैंस 90,000.00 रूपये की (05 माह से अधिक की गर्भित) प्रदाय की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराध पंजीबद्ध किया जाना
[गृह]
32. ( क्र. 1120 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् मनावर धार ने अपने पत्र दिनांक 13 दिसम्बर 2022 को थाना प्रभारी मनावर जिला धार को पत्र लिखकर कौन-कौन सी जानकारी संलग्न कर प्राथमिकी दर्ज किए जाने का अनुरोध किया है? (ख) दिनांक 13/12/2022 से प्रश्नांकित दिनांक तक थाना मनावर ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? किस दिनांक को किस-किस धारा में किस-किस के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया? यदि प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया हो तो उसका कारण बताएं। (ग) नगर पालिका परिषद् मनावर के द्वारा थाना मनावर प्रेषित पत्र में दिए गए तथ्यों के अलावा कौन-कौन से साक्ष्य के संकलन किए जाने तथा किस-किस तरह की जांच किए जाने के कारण प्रश्नांकित दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया? थाना मनावर ने नगरपालिका परिषद मनावर को क्या-क्या निर्देश दिए हैं? इसकी प्रति सहित जानकारी देवें। (घ) नगरपालिका की भूमि का अवैध हस्तांतरण करने वालों को क्या पुलिस एवं विभाग द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं तो थाना मनावर कब तक अपराध पंजीबद्ध करेगा? यदि प्राथमिकी दर्ज की है तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नगरपालिका परिषद मनावर से दिनांक 13 दिसम्बर 2022 को किसी प्रकार का कोई आवेदन पत्र थाना प्रभारी मनावर जिला धार को प्राप्त होना नहीं पाया गया है। नगर पालिका मनावर द्वारा प्रदत्त कोई आवेदन पत्र थाने पर जांच हेतु प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर पालिका की भूमि पर अवैध हस्तानांतरण करने वालो को पुलिस एवं विभाग द्वारा संरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
33. ( क्र. 1161 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग के पत्र क्रंमाक/निर्माण/2/2022-23/17636 भोपाल दिनांक 29.08.2022 के द्वारा बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत घाटपिपरिया में कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण के संबध में पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराते हुये उक्त पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत राशि निर्माण एजेंसी को कब तक आवंटित की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठेकेदार/एजेंसी से अधिरोपित जुर्माना राशि की वसूली
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 1197 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में क्या गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय जयारोग्य चिकित्सालय परिसर एवं एक हजार बिस्तर अस्पताल परिसर में निर्माण ठेकेदार, पार्किंग ठेकेदार, सफाई सुरक्षा ठेकेदार अथवा एजेंसी द्वारा अनियमितता किये जाने से उसके विरूद्ध दिनांक 01 जनवरी 2019 से उत्तर दिनांक तक कोई मौखिक अथवा लिखित नोटिस/जुर्माना आदेश जारी किया अथवा अन्य किसी भी प्रकार की दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो किस ठेकेदार/एजेंसी के विरूद्ध किस कारण, कब-कब, क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? किस-किस पर कितना-कितना जुर्माना किस सक्षम अधिकारी के आदेश से लगाया गया? (ख) क्या उत्तर दिनांक तक किसी ठेकेदार/एजेंसी से जुर्माना के रूप में तथा किसी भी प्रकार की कोई राशि की वसूली की गई है? यदि हां, तो किससे, कितनी और कब-कब? यदि नहीं, तो शासन को क्या कोई राजस्व की हानि हुई है? यदि हां, तो कितनी राशि? इसके लिए दोषी कौन है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सफाई सुरक्षा एजेन्सी तथा पार्किंग ठेकेदार पर संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक जयारोग्य चिकित्सालय, ग्वालियर द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जेल में कैदियों को प्रदत्त सामग्री
[जेल]
35. ( क्र. 1225 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में किस-किस स्थान पर किस-किस स्तर की जेले हैं? इन जेलों में कितने कैदियों को रखने की क्षमता है? दिनांक 1 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में इन जेलों में कितने-कितने कैदी रखे गये हैं? पूर्ण विवरण देवें। वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची उपलब्ध करायें। इसमें उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जबलपुर संभाग की जेलों में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना-कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया? प्रत्येक जेलवार अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) जबलपुर संभाग की जेलों में प्रश्नांश (क) अवधि में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं तथा कितने-कितने पद किस-किस जेल में किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के रिक्त हैं? पदस्थ कर्मचारियों का नाम, पद, वर्तमान पद पर पदस्थापना दिनांक अलग-अलग जेलवार स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत केन्द्रीय जेल, जबलपुर, नरसिंहपुर, जिला जेल, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, बालाघाट, डिण्डौरी, सब जेल, सिहोरा, पाटन, अमरवाड़ा, लखनादौन, बैहर एवं वारासिवनी है। दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में इन जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता एवं कैदियों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है।
गौशालाओं में गाय की सुरक्षा
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 1240 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 350 करोड़ देवी देवता वास करने वाली गाय की हड्डी व चमड़ी के व्यवसाय पर प्रश्नकर्ता के अशासकीय संकल्प क्रमांक 03 दिनांक 11/07/2014 को चर्चा के दौरान सदन के समक्ष यह आश्वासन आया था कि धर्मगुरूओं से चर्चा करेंगे? यदि हाँ, तो 8 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन धर्मगुरूओं से चर्चा हुई तथा आश्वासन के अनुरूप क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2094 दिनांक 07 मार्च 2018 के उत्तर में भोपाल जिले की विभिन्न गौशालाओं में हजारों तथा प्रश्न के 7 वर्ष बाद माह जनवरी 2022 में पुनः श्रीमती निर्मला शांडिल्य की गौसेवा भारती गौशाला बैरसिया में सैकड़ों गौ-माताओं के मरने का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि मात्र जीवदया गौशाला में वर्ष 2022 में 2236 गौमाताओं के मरने का मामला प्रकाश में आया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सत्तापक्ष ने समस्त (गौ-माताओं) गायों को इस धरती से समाप्त करने का जिम्मा लिया है? यदि नहीं तो विभाग व गौ-शालाओं के जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने तथा धर्मगुरूओं से चर्चा कर गायों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं करने के क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। अशासकीय संकल्प क्र. 03 दिनांक 04.07.2022 में गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाने का उल्लेख था जिसके क्रम में विभाग की टीप समय-सीमा में विधानसभा को प्रेषित की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। माननीय सदस्य के प्रश्न क्र. 2094 दिनांक 07.03.2018 के उत्तर में हजारों गायों की मृत्यु के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। यद्यपि बैरसिया की गौशाला का मामला मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड के संज्ञान में आने पर गौसेवा भारती गौशाला, ग्राम बसई, विकासखण्ड बैरसिया, जिला भोपाल के संबंध में राज्य स्तरीय जांच प्रतिवेदन के आधार पर मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा कार्यवाही करते हुए गौसेवा भारती गौशाला, ग्राम बसई, विकासखण्ड बैरसिया, जिला भोपाल का पंजीयन निरस्त किया गया। जीवदया गौशाला समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रस्तुत अभिलेख अनुसार, 1105 गाय मृत होना, 925 गाय किसानों को वितरित किया जाना तथा 178 गायों का जंगल से वापस नहीं आना बताया गया। (ग) जी नहीं। गौवंश के संरक्षण के लिए शासन प्रतिबद्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोतमा वि.स. क्षेत्र में अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
37. ( क्र. 1262 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के थाना भालूमाड़ा में दर्ज अपराध क्रमांक 221/07, 121/14 जो कि (J.M.F.C. कोर्ट कोतमा में विचाराधीन है, में विभाग की ओर से नियुक्त अधिवक्ता कौन-कौन हैं? प्रकरण न्यायालय में प्रारम्भ होने की दिनांक से क्या कारण है कि क्रमश: 16 एवं 9 वर्ष होने के बाद भी प्रकरण अभी तक विचाराधीन है? इसमें विलंब कर आरोपी को संरक्षण देने वाले गृह विभाग के स्थानीय व जिले के अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) क्या कारण है कि विभाग के उपरोक्त अधिकारियों ने प्रकरण को निर्णायक स्थिति में आज दिनांक तक पहुँचने ही नहीं देकर आरोपी राजकुमार शुक्ला को खुला संरक्षण दिया जा रहा है? प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों प्रकरणों में कब-कब तारीख लगी? उसमें विभाग की ओर से नियुक्त अधिवक्ता कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी तारीखवार देवें? (ग) प्रकरण क्रमांक 393/19 थाना भालूमाड़ा ने उच्च न्यायालय जबलपुर से गिरफ्तारी पर स्टे को वेकेंट कराने के विभाग के अधिकारियों ने कोई प्रयास नहीं किये? (घ) प्रश्नांश (क) व (ग) अनुसार न्यायालीन प्रकरण को नियमित रूप से फॉलो न करके आरोपी राजकुमार शुक्ला को संरक्षण देने वाले स्थानीय व जिले के गृह विभाग के संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना भालूमाड़ा में दर्ज अपराध क्रमांक 221/07, 121/14 में आरोपी राजकुमार शुक्ला को माननीय न्यायालय द्वारा क्रमश: दिनांक 14.03.2013, 30.09.2022 को दोषमुक्त किया गया है। आरोपी को संरक्षण देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उपरोक्त दोनों प्रकरण माननीय J.M.F.C. कोर्ट कोतमा में विचाराधीन नहीं है बल्कि माननीय न्यायालय द्वारा अपराध क्रमांक 221/07,121/14 में निर्णय दिया जाकर आरोपी राजकुमार शुक्ला को माननीय न्यायालय द्वारा क्रमश: दिनांक 14.03.2013, 30.09.2022 को दोषमुक्त किया गया है। आरोपी को संरक्षण देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर आदेश क्र. W.P. No. 21071/2019 में पारित आदेश दिनांक 04.10.2019 में राजकुमार शुक्ला के विरूद्ध Till next date of hearing no coercive action be taken against the petitioner pursuant to impugned order date 24.09.2019 लेख किया गया है। उक्त आदेश के संबंध में जवाबदावा प्रभारी अधिकारी एसडीओपी कोतमा द्वारा दिनांक 26.02.2022 को स्टे वेकेंट कराने हेतु आवेदन उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत किया गया है एवं उक्त प्रकरण में ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा भी दिनांक 03.03.2022 को स्टे वेकेंट कराने हेतु उच्च न्यायालय जबलपुर में आवेदन प्रस्तुत किया गया है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उक्त दोनों प्रकरणों में आरोपी को माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया है एवं प्रश्नांश ''ग'' के प्रकरण क्रमांक 393/19 को नियमित रूप से फॉलों किया जा रहा है। आरोपी को संरक्षण देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजनों को निराश्रित एवं दिव्यांग पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण]
38. ( क्र. 1315 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा दिव्यांगजनों को निराश्रित एवं दिव्यांग पेंशन की किन-किन स्थितियों में पात्रता है? शासन के आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विधानसभा विजयराघवगढ़ में किन-किन दिव्यांगजनों को निराश्रित एवं दिव्यांग पेंशन पात्रता अनुसार दी जा रही है? दिव्यांगजनवार एवं पेंशनवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि पात्रता के बाद पेंशन दिव्यांगजनों को उपलब्ध नहीं करायी जा रही है तो उसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? संबंधित दिव्यांगजनों को कब तक शेष पेंशन क्या उपलब्ध करायी जायेगी? यदि हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) शासन के द्वारा दिव्यांगजनों को निराश्रित एवं पेंशन हेतु पात्रता मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा विजयराघवगढ़ अंतर्गत किसी भी निकाय में दिव्यांग पेंशन स्वीकृति हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जिले से प्राप्त संज्ञान अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित ढंग से राशि व्यय करने व कैदियों को सुविधा न देने वालों पर कार्यवाही
[जेल]
39. ( क्र. 1367 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में कुल कितनी जेले संचालित है? इनमें कितने कैदी वर्तमान में रखे गये हैं? इनके ऊपर कौन-कौन से अपराध पंजीबद्ध है, नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में रह रहे कैदियों के भोजन, नास्ते एवं कपड़ों के साथ अन्य कौन-कौन सी सुविधायें दिये जाने के प्रावधान है की प्रति देते हुये बताये कि इस बाबत कितनी-कितनी राशि वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में किन-किन जेलों में भेजी गई का विवरण जिलेवार व जेलवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जेलों में रह रहे कैदियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन द्वारा मिलने वाली राशि अनुसार सुविधायें भोजन व नास्ते के साथ अन्य सुविधाओं में प्रति कैदी, प्रतिदिन कितने रूपये व्यय करने का प्रावधान है? क्या प्रावधान अनुसार कैदियों को सुविधायें मिल रही है? इसका सत्यापन कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया? जानकारी तिथिवार, वर्षवार, माहवार देवे। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जेलों में कैदियों को क्षमता से अधिक मात्रा में रखा गया है। शासन द्वारा मिलने वाली सुविधायें व राशि का प्रति कैदी के मान से व्यय कर सुविधायें नहीं दी जा रही है? फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर भोजन, नास्ते व अन्य सुविधाओं के नाम से राशि व्यक्तिगत हित पूर्ति में की जा रही हैं? इसमें कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जा रही हैं? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले के अंतर्गत कुल 06 जेले संचालित है। वर्तमान में परिरूद्ध बंदियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। बंदियों के नाम, अपराध एवं पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) कैदियों के भोजन, नाश्ते एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक बंदियों के भोजन, नाश्ते एवं कपड़ों आदि पर उपलब्ध करायी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। (ग) जेल में बंदियों को भोजन, वस्त्र, चिकित्सा एवं अन्य खर्च, बंदियों को प्रदाय की जाने वाली सुविधाएँ हेतु कोई निश्चित धनराशि का प्रावधान नहीं है, अपितु इनका स्केल/मात्रा निर्धारित है। भोजन एवं अन्य सुविधाओं पर प्रति कैदी, प्रतिदिन व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड अनुसार है। जी हाँ, जेल नियमावली अनुसार बंदियों को भोजन/सुविधाएँ प्रदाय की जा रही है। समय-समय पर जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं अन्य शासकीय अधिकारियों द्वारा जेलों का निरीक्षण किया जाता है, जिसमें बंदियों को प्रदाय किये जा रहे भोजन एवं सुविधाओं की जाँच/निरीक्षण किया जाता है। अधिकारियों द्वारा जेलों पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। (घ) जी हाँ, जेलों में बंदी, आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध है। जी नहीं, शासन प्रावधानानुसार बंदियों को सुविधाएँ प्रदाय की जा रही है। जेलों को बजट आवंटन जेल में परिरूद्ध बंदी संख्या के आधार पर किया जाता है। बंदियों को प्रदाय किये जाने वाली क्रय सामग्री की ऑडिट समय-समय पर विभागीय अंकेक्षण दल द्वारा की जाकर बिल व्हाउचर का सत्यापन किया जाता है। व्यक्तिगत हित की पूर्ति संबंधी कोई भी प्रकरण जेलों पर प्रकाश में नहीं आया है।
अनुसूचित जाति छात्रावासों में सुविधाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 1383 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति वर्ग के बालक/बालिकाओं को शिक्षण हेतु शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रावधान है? शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग छात्रों के लिए कितने होस्टल बालक/बालिकाओं के हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी अनुसार शिक्षण सत्र 2018-19 से शिक्षण सत्र 2022-23 तक बालक/बालिका छात्रावास में कितने विद्यार्थी रहे? संख्या उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध कराई गई जानकारी क्या? प्रश्नांश (ग) अनुसार छात्र/छात्राओं को उपलब्ध करा दी गई? यदि हाँ, तो जानकारी दें, यदि नहीं तो क्यों? यदि सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई गई है तो शासन कब तक उपलब्ध करा देगा? यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) अनुसार समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है तो क्या कोई दोषी है? क्या दोषी व्यक्ति के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? कब तक एवं क्या?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के बालक/बालिकाओं को शिक्षण हेतु अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा पात्रतानुसार राज्य छात्रवृत्ति, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन राशि, कक्षा 11वीं बालिकाओं को साईकिल प्रदाय, आवास सहायता योजना, छात्रावास में नि: शुल्क आवास, पुस्तकालय, प्रसाधन किट, उत्कृष्ट छात्रावास के विद्यार्थियों को पुस्तक एवं स्टेशनरी, नि:शुल्क कोचिंग, कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल के परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति, विद्यार्थी कल्याण योजना के तहत सहायता, डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार, नेतृत्व विकास एवं शैक्षणिक भ्रमण योजना, महर्षि बाल्मिकी प्रोत्साहन योजना, खिलाड़ी पुरस्कार एवं खेल उपकरण क्रय हेतु सहायता योजनाओं का लाभ प्रदाय किया जाता है। (ख) राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत अनुसूचित जाति बालक एवं बालिकाओं के लिये 13 छात्रावास संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजगढ़ विधानसभा में अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र/छात्राओं के लिये संचालित छात्रावासों में वर्ष 2022-23 में प्रसाधन किट को छोड़कर शेष सुविधायें पात्रतानुसार प्रदान की गई है।
यातायात नियमों के विरूद्ध अवैध वसूली
[गृह]
41. ( क्र. 1437 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में एस.एस.पी. सिस्टम लागू होने के पूर्व एवं उसके उपरांत यातायात पुलिस के अमले में प्रश्न दिनांक तक कितना स्टॉफ है? उनके नाम, पदनाम, कार्य आवंटन, कब से भोपाल में पदस्थ हैं? समस्त जानकारी गौशवारा बनाकर दें। (ख) उपरोक्त के तारतम्य में विभाग के पास यातायात को कंट्रोल करने के लिये कौन-कौन से उपकरण और वाहन हैं? आधुनिक उपकरणों के नाम, दाम, संख्या, कार्यवार उपयोग, उपकरणों को संचालित करने के लिये दक्ष स्टॉफ, तकनीकी स्टॉफ, वाहन (दुपहिया/तीन पहिया/चार पहिया/क्रेन/भारी एवं आधुनिक तकनीकी से लैंस वाहन) सहित समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। (ग) उपरोक्त के तारतम्य में कौन से कार्य यातायात नियमों के उल्लंघन के अंतर्गत आते है? कौनसी धाराओं में क्या सजा का प्रावधान है? किन प्रकरणों में फील्ड पर सजा और किन प्रकरणों में मा.न्यायालय से सजा का प्रावधान है? दिनांक 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल अंतर्गत कितना अर्थदण्ड किसके विरूद्ध, किन धाराओं में, किनके विरूद्ध, कहाँ-कहाँ पर, ऑनलाईन, ऑफलाईन, मॉडीफाईड सायलेन्सर, वायु-ध्वनि प्रदूषण, लालबत्ती पर लगे सीसीटीव्ही फूटेज, सड़कों में स्थापित स्पीडों मीटर में हाईस्पीड वाहनों के चालान के आधार वसूला गया है? नाम, पता, वाहन का प्रकार, आरसीबुक, ऑनलाईन/ऑफलाईन रसीदों की छायाप्रति के साथ गौशवारा बनाकर बतायें। नो पार्किंग में Towing service Charges के कितने प्रकरण बनाये गये मय दस्तावेजों के साथ बतायें। सेंटमेरी स्कूल सेकेण्ड स्टॉप, डीव्हीमॉल के पास, कोलार रोड, बंसल चिकित्सालय के सामने, करोंद रोड, होशंगाबाद रोड, 10 एवं 12 नं. स्टॉप पर क्या नो पार्किंग की समस्या से निजात मिल गई है? कारण सहित स्पष्ट करें। (घ) उपरोक्त के संबंध में व्ही.आई.पी. मूवमेंट, शासकीय वाहन, पुलिस के वाहन, भारत सरकार के वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन (टू व्हीलर/थ्री व्हीलर) बिना नंबर प्लेट के संचालित होने पर कभी कोई अपराध पंजीबद्ध हुआ है? यदि हाँ, तो माहवार बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी बैंक एवं जनऔषधि सहकारी संघ में व्याप्त भ्रष्टाचार
[सहकारिता]
42. ( क्र. 1438 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 03 वर्षों में गुना एवं होशंगाबाद शिवपुरी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं जनऔषधि सहकारी संघ में आर्थिक अनियमितताओं के कारण गबन, भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आये हैं? यदि हाँ, तो प्रकरणवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) उपरोक्त के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थी उक्त के संबंध में जांच समितियां गठित की गई? जांच समिति ने कब और क्या निष्कर्ष दिये है? किन-किन के विरूद्ध किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कराया है तथा थानों में दर्ज एफ.आई.आर. के आधार पर क्या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कितने प्रकरणों में कितनी धनराशि की वसूली हो पाई है, कितने प्रकरणों में दोषी पाये जाने पर सजा हुई है कितने प्रकरण में किस कारण से खात्मा लगाया हैं। कि सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) उपरोक्त अवधि में कुल कितनी राशि के कितने गबन धोखाधड़ी के प्रकरण प्रकाश में आये आये हैं? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी का गोशवारा बनाकर दें। गत दो वर्षों में सहकारी अधिनियम की धारा 84क, 78, 64, 53 (2), 84 एवं 80 क, के अन्तर्गत कुल कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये, कितने निराकृत किये गये एवं कितने शेष है वर्ष वार गोशवारा उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों को मानसिक प्रताड़ना
[जेल]
43. ( क्र. 1445 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जेल में अपराध क्रमांक 653/2022 में निरुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. आनन्द राय को रतलाम से सागर जेल किस प्रशासनिक स्थानांतरण आदेश के आधार पर किया गया? इस संदर्भ की नोटशीट एवं समस्त पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) सेंट्रल जेल सागर में विचाराधीन बंदी डॉ. आनन्द राय को बीमार होने के बाबजूद 3 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मानसिक प्रताड़ित करने के लिये नियम विरुद्ध गुनाहखाने में किस नियम से रखा गया? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) विधायक मनोज चावला तथा पूर्व विधायक एवं मंत्री राजा पटेरिया को किस दिनांक से किस जेल में किस स्थिति में रखा गया है? क्या उन्हें गुनाहखाने में रखा गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ग) में उल्लेखित नेताओं को जेल में मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए नियमानुसार सुविधा नहीं दी? आगंतुकों को मिलने नहीं दिया तथा समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई? जिम्मेदारों पर कार्यवाही होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, पुलिस अधीक्षक, जिला रतलाम द्वारा अधीक्षक, सर्किल जेल रतलाम को प्रेषित पत्र दिनांक 01/12/2022 में जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु डॉ. आनन्द राय एवं उनके सह आरोपियों को अन्यत्र जिले की जेल में स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश होने पर, अधीक्षक, सर्किल जेल रतलाम से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर मध्यप्रदेश जेल नियमावली, 1968 के नियम-791 (एफ) के अधीन प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 02/12/2022 द्वारा डॉ. आनन्द राय को सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासनिक आधार पर सर्किल जेल रतलाम से केन्द्रीय जेल सागर स्थानांतरित किया गया था। पुलिस थाना बिलपांक, जिला रतलाम के पत्र दिनांक 01/12/2022 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार, कार्यालय पुलिस अधीक्षक, जिला रतलाम के पत्र दिनांक 01/12/2022 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार, अधीक्षक, सर्किल जेल रतलाम के पत्र दिनांक 02/12/2022 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार, संबंधित नस्ती की नोटशीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार एवं जेल मुख्यालय के आदेश दिनांक 02/12/2022 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''इ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में केन्द्रीय जेल सागर में परिरूद्ध विचाराधीन बंदी डॉ. आनन्द राय का नियमानुसार चिकित्सीय परीक्षण कराकर आवश्यक जांच एवं उपचार किया गया। उसे गुनाहखाने में नहीं रखा गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विचाराधीन बंदी मनोज चावला को दिनांक 03/01/2023 से केन्द्रीय जेल इन्दौर तथा विचाराधीन बंदी राजा पटेरिया को दिनांक 13/12/2022 से सब जेल पवई में परिरूद्ध रखा गया है। जी नहीं, उन्हें गुनाहखाने में नहीं रखा गया है। (घ) उत्तरांश (क) तथा (ग) में उल्लेखित विचाराधीन बंदियों को जेल में नियमानुसार सभी सुविधाएं दी गई। उन्हें नियमानुसार मुलाकात एवं समय पर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों की जानकारी
[गृह]
44. ( क्र. 1446 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सपरिवार बच्चों सहित सामूहिक आत्महत्या के 2018 से 2022 तक कितने-कितने प्रकरण हुए तथा उसमें कितने पुरूष, महिलाएं तथा बच्चे मृत हुए? सामूहिक आत्महत्या के प्रमुख क्या-क्या कारण थे? (ख) वर्ष 2018 से 2022 तक प्रदेश में बलात्कार कर जेल जाने के बाद (1) जमानत पर आने (2) बरी हो कर आने (3) सजा पूरी कर आने (4) जेल से फरार हो जाने के बाद पुन: दुष्कर्म करने की कितनी घटनाएं हुईं? चोरी केटेगरी में अलग-अलग बतावें। (ग) 31 जनवरी 2023 की स्थिति में प्रदेश में फरार अपराधी, गुमशुदा बालिकाएं, न्यायालय में विभाग द्वारा पेश किए गए लंबित प्रकरण, पुलिस थाने में विवेचना में प्रकरण की संख्या बताएं। (घ) प्रदेश में 2012 से 2022 तक कुल कितनी महिलाओं से बलात्कार हुआ, उसमें कितनी-कितनी महिलाएं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग की हैं? (ड.) महिलाओं पर घटित अपराध में वर्ष 2018 से 2022 तक न्यायालय के फैसले में सजायाबी की दर क्या है? वर्षवार, प्रमुख अपराध शीर्ष अनुसार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''द'' अनुसार। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''इ'' अनुसार।
अपराधों की बढ़ती संख्या
[गृह]
45. ( क्र. 1451 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से 2021 तक एन.सी.आर.बी. द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार (1) नाबालिग बच्चियों का यौन उत्पीड़न (2) महिलाओं से बलात्कार (3) कुल अपराध (4) आदिवासियों पर अत्याचार (5) दलितों के खिलाफ अपराध (6) दहेज के लिये हत्या (7) सीनियर सिटीजन के साथ हिंसा (8) बुजुर्ग महिलाओं से दुष्कर्म (9) हत्या (10) हत्या का प्रयास (11) गंभीर मारपीट (12) अपहरण (13) लूट (14) आत्महत्या में वर्षवार बतावें कि मध्यप्रदेश का स्थान कौन सा है तथा किस वर्ष में स्थान में कितना परिवर्तन हुआ है? (ख) वर्ष 2022 की मध्यप्रदेश में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराधों की संख्या बताएं तथा बतावें कि उनमें वर्ष 2021 की तुलना में कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई। (ग) क्या मध्यप्रदेश में बलात्कार की होने वाली घटना में निरंतर वृद्धि का कारण महंगाई, बेरोजगारी तथा नशाखोरी है? यदि हाँ, तो बताएं कि महंगाई, बेरोजगारी और नशाखोरी को कम करने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (घ) क्या प्रदेश की सबसे वयोवृद्ध 86 वर्षीय सरपंच पिस्ताबाई चत्तर जैन के बड़े बेटे भवरलाल 65 वर्ष को मनासा में मुस्लिम होने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला? यदि हाँ, तो बतावें कि इस अपराध को एन.सी.आर.बी. को भेजी गई रिपोर्ट में किस केटेगरी में रखा गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2015 से 2021 तक की एन.सी.आर.बी. द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एन.सी.आर.बी. नई दिल्ली द्वारा अपराधों में राज्यों के स्थानों की जानकारी पृथक से प्रकाशित नहीं की जाती है। (ख) एन.सी.आर.बी. नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2022 की जानकारी अभी तक प्रकाशित नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
निर्दोष किसानों की हत्या करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
46. ( क्र. 1452 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 6 जून, 2017 को पिपलिया मंडी में आंदोलनकारी किसानों पर नियम विपरीत गोली चालन कर पुलिस द्वारा 5 किसानों की हत्या कर दी गई थी? क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा 12 जून 2017 को सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधीश जै.के. जैन साहब की अध्यक्षता में जैन आयोग का गठन इसलिये किया गया था कि हत्याकांड के जिम्मेदार अफसर को सजा मिले? (ख) क्या जैन आयोग की रिपोर्ट शासन को 14 जून 2018 को प्राप्त हो गई थी? क्या जांच आयोग अधिनियम की धारा 3 के अनुसार रिपोर्ट प्राप्त होने के 6 महीने के अंदर आयोग की अनुशंसा पर कार्यवाही कर उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाना चाहिए? क्या 56 माह बाद भी रिपोर्ट की अनुशंसा पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की गई? (ग) क्या किसान आंदोलन के दौरान 8 जून, 2017 को दलोदा के कृषक घनश्याम धाकड़ को दलोदा पुलिस थाने में पीट-पीट कर मार डाला गया तथा घटना की मजिस्ट्रेट जांच 45 माह में पूरी होकर 3/3/2021 को रिपोर्ट प्राप्त हुई? मजिस्ट्रेट जांच में प्रमुख अनुशंसा क्या की गई थी तथा उस अनुसार अभी तक कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) मंदसौर गोलीकांड पर बने जैन आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने 4 वर्ष 8 माह बाद भी विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला बल एवं सशस्त्र बल के प्रमोशन की अवधि
[गृह]
47. ( क्र. 1459 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस जिला बल एवं सशस्त्र बल दोनों बलों के प्रमोशन का क्या प्रावधान है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र. पुलिस जिला बल को कितने वर्षों में प्रमोशन दिया जाता है तथा सशस्त्र बल को कितने वर्षों में प्रमोशन दिया जाना है? पुलिस जिला बल की अपेक्षा सशस्त्र बल के प्रमोशन की अवधि अधिक क्यों है? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार दोनों बल एकसमान हैं, तो दोनों बलों की प्रमोशन अवधि एकसमान क्यों नहीं है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस विभाग अंतर्गत पदोन्नति हेतु जिला पुलिस बल के लिये जी.ओ.पी. 138/12, मध्यप्रदेश पुलिस कार्यपालिक (राजपत्रित) सेवा में भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2000 एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 तथा सशस्त्र बल हेतु जी.ओ.पी. 141/12 एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित आदेश दिनांक 05.03.2016 में प्रावधान है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जिला बल एवं सशस्त्र बल के प्रमोशन की अवधि समान होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रेत का अवैध उत्खनन
[गृह]
48. ( क्र. 1460 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या चंबल सेन्चुरी से हो रहे रेत के अवैध उत्खनन से एक और जहां पर्यावरण को प्रदूषित किया जा रहा है तो दूसरी ओर रेतों के वाहनों की टक्कर से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी हैं। प्रश्न दिनांक तक इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : चंबल सेन्चुरी में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन करने वाले वाहनों की टक्कर से सैकड़ों लोगों की जान नहीं गई है अपितु विगत लगभग तीन वर्ष की अवधि में रेत परिवहन के वाहन से 07 व्यक्तियों की मृत्य&