मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018
सत्र
मंगलवार, दिनांक 13 मार्च, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
छात्रावासों
में कम्प्यूटर
की व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
1. ( *क्र. 1852 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के छिन्दवाड़ा के छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो, कितने छात्रावासों में की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने कम्प्यूटर सेट किस कम्पनी के क्रय किये गये हैं? कम्प्यूटर सेट किसके द्वारा क्रय किये गये हैं? (ग) क्या शासन द्वारा कम्प्यूटर क्रय हेतु निर्धारित मापदण्ड तय किया गया है? यदि हाँ, तो प्रति सेट का मूल्य बतायें तथा विज्ञापन का दिनांक व समाचार पत्र का नाम बतावें? (घ) कितने छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है? वंचित छात्रावासों में कब तक कम्प्यूटर की व्यवस्था की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। छिन्दवाड़ा में 16 छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई है। (ख) कम्प्यूटर सेट ''ACER'' कम्पनी के हैं, वर्ष 2015-16 में कुल 42 कम्प्यूटर सेट क्रय किये गये हैं। कम्प्यूटर सेट सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा द्वारा क्रय किये गये हैं। (ग) जी हाँ। रूपये 40,000/-, DGS &D से क्रय करने के कारण। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 71 छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है। कम्प्यूटर हेतु 28.40 लाख राशि का आवंटन प्राप्त हो गया है, वर्तमान में क्रय पर प्रतिबंध है, क्रय पर प्रतिबंध से छूट मिलने पर शीघ्र ही क्रय की कार्यवाही पूर्ण हो सकेगी।
तहसील मुख्यालय नागदा में उत्कृष्ट छात्रावास का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( *क्र. 1115 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में लगभग सभी तहसील मुख्यालयों पर अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा उत्कृष्ट छात्रावास संचालित हैं? नागदा नगर तहसील मुख्यालय होते हुए भी यहां उत्कृष्ट छात्रावास नहीं होने से यहां पर रहने वाले बालक-बालिकाओं को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। (ख) यहां के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के द्वारा संचालित बालक/बालिका छात्रावासों को कब तक उत्कृष्ट छात्रावास घोषित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। उत्कृष्ट छात्रावास योजनान्तर्गत विकासखण्ड मुख्यालय पर उत्कृष्ट छात्रावास संचालित किये जाने का प्रावधान है। नागदा तहसील मुख्यालय होने से उत्कृष्ट छात्रावास का संचालन नहीं किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी परियोजना की दायीं तट मुख्य नहर से पेयजल व्यवस्था
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( *क्र. 3276 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दायीं तट मुख्य नहर से बहोरीबंद एवं रीठी पठार क्षेत्र में पेयजल हेतु पानी उपलब्ध कराया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद की किन-किन पंचायतों में किस-किस माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु पी.एच.ई. विभाग के समन्वय से सर्वे/योजना बनाई गई है? (ग) क्या रीठी विकासखण्ड में पेयजल स्त्रोतों की कमी को देखते हुये नर्मदा नहर के पानी को रीठी क्षेत्र तक पहुंचाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र के तारतम्य में जिला भू-अर्जन अधिकारी, जिला कटनी के पृ.पत्र क्रमांक 2745, दिनांक 09.03.2016 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार, पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार पठार क्षेत्र में पेयजल संकट के निदान हेतु कब तक पेयजल की व्यवस्था की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। बरगी व्यपवर्तन योजना की डी.पी.आर. में वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग, कटनी के ज्ञाप क्रमांक 244/तक/57/2016, दिनांक 22.03.2016 के द्वारा कलेक्टर (भू-अर्जन शाखा) कटनी एवं ज्ञाप क्रमांक 222/कार्य/2018, कटनी दिनांक 22.02.2018 द्वारा माननीय विधायक को अवगत कराया गया है कि रीठी के भू-स्तर मुख्य नहर के पूर्ण प्रवाह जलस्तर से ऊँचे होने के कारण मुख्य नहर से रीठी विकासखण्ड को बहाव द्वारा जोड़ना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत समस्या के निराकरण हेतु शिविरों का आयोजन
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 259 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 04 वर्षों में कहाँ-कहाँ विद्युत समस्या निवारण शिविर आयोजित किये गये? (ख) क्या शिविर में सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं रहते हैं? क्या यही कारण है कि मौके पर शिकायतों का निराकरण नहीं होता है एवं हितग्राही को विद्युत कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं? (ग) इन शिविरों में कितनी समस्यायें प्राप्त हुईं? मौके पर कितनी समस्याओं का निराकरण किया गया? शिविर समाप्ति उपरांत बाद में कार्यालय से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत मौके पर शिकायतों के निराकरण न होने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत विगत 4 वर्षों यथा-वर्ष 2014-15 से 2017-18 (जनवरी-18 तक) में आयोजित विद्युत समस्या निवारण शिविरों का स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिविर सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में ही आयोजित किये जाते हैं तथा अधिकांश शिकायतों का निराकरण मौके पर ही किया जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन अवधि में आयोजित विद्युत समस्या निवारण शिविरों में प्राप्त कुल 1635 शिकायतों में से 1198 शिकायतों का निराकरण शिविर दिनांक को मौके पर ही किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में आयोजित विद्युत समस्या निवारण शिविरों में कुल 1635 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से शिविर स्थल पर 1198 शिकायतों का निराकरण किया गया तथा शिविर उपरांत 436 शिकायतों का निराकरण किया गया। अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने से संबंधित एक शिकायत का कार्य प्रगति पर है। (घ) कुछ शिकायतों यथा-मीटर बदले जाने, ट्रांसफार्मर बदले जाने, विद्युत लाइनों संबंधी कार्य आदि में मैदानी जाँच आवश्यक होती है, अत: शिविर स्थल पर ही शिकायत की जाँच/निराकरण संभव नहीं हो पाता। ऐसे प्रकरणों में वितरण कंपनी द्वारा जाँच कराकर शिकायत का यथाशीघ्र निराकरण किया जाता है।
स्व-रोजगार योजनाओं का संचालन
[जनजातीय कार्य]
5. ( *क्र. 3543 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजाति के स्व-रोजगार के लिये कौन-कौन सी योजनायें केन्द्र और राज्य शासन द्वारा संचालित हैं? इनका इन वर्गों के लिये वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में वार्षिक लक्ष्य क्या था? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिले की मानपुर विधान सभा क्षेत्र में जनजाति वर्गों के कितने लोगों को प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित योजनाओं से स्व-रोजगार के लिये लाभान्वित किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उमरिया जिले की मानपुर विधान सभा क्षेत्र में जनजाति के कितने परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं तथा 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीबी की रेखा के ऊपर आ गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित है। इनके वार्षिक लक्ष्य की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिले की मानपुर विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभांवित हितग्राहियों की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र.
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योजनाओं का नाम
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वित्तीय वर्ष 2013-14 |
वित्तीय वर्ष 2014-15 |
वित्तीय वर्ष 2015-16 |
वित्तीय वर्ष 2016-17 |
वित्तीय वर्ष 2017-18 |
1 |
टंट्या भील स्वरोजगार योजना, |
07 |
16 |
- |
- |
- |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, |
- |
05 |
26 |
16 |
57 |
3 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
- |
- |
- |
0 |
0 |
4 |
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, |
- |
- |
- |
18 |
34 |
(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
देशी शराब दुकान का अन्यत्र स्थानांतरण
[वाणिज्यिक कर]
6. ( *क्र. 3064 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में देशी शराब दुकान स्थापित करने के क्या दिशा-निर्देश हैं? निर्देशों की छाया प्रति देवें। देशी शराब दुकान उड़ना (सड़क) तहसील पाटन जिला जबलपुर वर्तमान समय में कब से किस स्थल पर संचालित है? (ख) क्या शासकीय माध्यमिक शाला उड़ना (सड़क) के मुख्य द्वार से 50 मीटर दूर स्कूल पहुँच मार्ग के बाजू में एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र उड़ना (सड़क) से 80 मीटर दूर तथा सेवा सहकारी समिति उड़ना सड़क से 30 मीटर दूर स्थित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक उक्त शराब दुकान को अन्यत्र स्थानांतरण करने हेतु ग्रामीणजनों द्वारा धरना प्रदर्शन कब-कब किये गये तथा कब-कब, किस-किस को मांग पत्र प्रेषित किये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणजनों पर प्रकरण दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया गया? यदि हाँ, तो क्या शासन ग्रामीणजनों की न्यायोचित मांग को स्वीकार करते हुये देशी शराब दुकान उड़ना सड़क को अन्यत्र स्थानांतरित कर ग्रामीणजनों पर लगाये गये मुकदमों को वापिस लेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में देशी शराब दुकान स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 में दिशा निर्देश प्रावधानित हैं, नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। देशी शराब दुकान उड़ना दिनांक 23.04.2017 से श्री राघवेन्द्र सिंह ठाकुर के भवन उड़ना में संचालित है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) वर्तमान स्थिति में देशी शराब दुकान उड़ना से माध्यमिक शाला की दूरी 318 मीटर, उप स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी 228 मीटर तथा देशी शराब दुकान से सहकारी समिति की उड़ना से दूरी 125 मीटर है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) थाना प्रभारी थाना पाटन जिला जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2017-18 में ग्राम उड़ना सड़क में स्थिति देशी शराब दुकान को अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु ग्रामीणजनों द्वारा ग्राम उड़ना (सड़क) में कोई धरना प्रदर्शन आयोजित नहीं किया। कार्यालय थाना प्रभारी थाना पाटन, जिला जबलपुर के पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है, वर्ष 2017-18 में देशी शराब दुकान उड़ना को अन्यत्र स्थानांतरण करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पाटन को समक्ष में ज्ञापन, दिनांक 13.04.2017 को दिया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (घ) जी नहीं। देशी शराब दुकान उड़ना सड़क मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत बनाए गए सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 में दिए गए दिशा निर्देशों के अंतर्गत स्थापित होने से मदिरा दुकान को स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 1262 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम दगल्या व ग्राम बाजरोन के मध्य तथा ग्राम रामगढ़ में 33/11 के.व्ही. विद्युत ग्रिड नहीं होने से क्रमश: ग्राम दगल्या-बाजरोन के मध्य 40 ग्रामों के कृषकों एवं ग्राम रामगढ़ अंतर्गत 25 ग्रामों के कृषकों को निरंतर अल्प वोल्टेज एवं लाईन के तार टूटने से विद्युत कटोत्री का दंश झेलना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो उक्त समस्या के निराकरण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या ग्रामों के किसानों की पुरजोर मांग पर प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त वर्णित स्थानों पर 33/11 के व्ही. विद्युत ग्रिड स्थापित कराने हेतु निरंतर शासन से मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त वर्णित स्थानों पर 33/11 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्थापना करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम बाजरोन व दगल्या एवं आस-पास के ग्रामों को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र रनारा से नियमानुसार सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, तथापि उक्त क्षेत्र में प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु ग्राम बाजरोन व दगल्या के मध्य 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य वित्तीय उपलब्धतानुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में अगामी योजनाओं में सम्मिलित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम रामगढ़ एवं आस-पास के क्षेत्र में स्थित ग्रामों को लगभग 4 कि.मी. की दूरी पर स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र लखोनी से नियमानुसार सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, वर्तमान में ग्राम रामगढ़ में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जायेगी, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धोबी/रजक जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा
[अनुसूचित जाति कल्याण]
8. ( *क्र. 1758 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संपूर्ण जिलों में धोबी/रजक जाति को अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित किये जाने हेतु पारित अशासकीय संकल्प पर प्रदेश के आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान द्वारा संकल्प के पक्ष में/विभागीय टीप में क्या-क्या उल्लेख किया गया था? पृथक-पृथक दिनांकवार भेजी गई टीप की प्रति संलग्न करें। (ख) क्या संस्थान से शासन को प्राप्त अभिमत/टीप के आधार पर ही शासन द्वारा अशासकीय संकल्प पारित करने की सहमति प्रदान की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो विभाग के पत्र दिनांक 14 जुलाई, 2006 के साथ प्रदेश के आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान द्वारा धोबी जाति के संबंध में 45 जिलों की सर्वेक्षण रिपोर्ट निष्कर्ष के साथ विभाग के पत्र दिनांक 07 जुलाई, 2006 संलग्न कर भारत सरकार को भेजी गई थी? इस रिपोर्ट में संस्थान द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में धोबी जाति की सामाजिक स्थिति एक समान तथा संदर्भित साहित्यों में दिये गये विवरणों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तावित किया गया था कि धोबी जाति के क्षेत्रीय बंधन को समाप्त करते हुए, इन्हें संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति में मान्य किये जाने की अनुशंसा की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो आदिम जाति अनुसंधान के प्रतिवेदन दिनांक 24 जुलाई, 2007 में प्रदेश में धोबी जाति की सामाजिक स्थिति भिन्न-भिन्न क्यों एवं किस आधार पर बतलायी जाकर म.प्र. शासन के विभागीय अधिकारियों द्वारा विभागीय मंत्री जी के अनुमोदन लिये बिना ही विधान सभा से पारित प्रस्ताव के मामले/नीतिगत निर्णय में सदन की भावना के विरूद्ध भारत सरकार को यह प्रस्तावित किया गया कि प्रदेश में धोबी समुदाय की स्थिति भिन्न-भिन्न है, इसलिए अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने का पर्याप्त आधार नहीं है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या संस्थान द्वारा वर्ष 2006 तक की स्थिति में धोबी जाति की सामाजिक स्थिति एक समान बतायी गई थी एवं वर्ष 2007 में उनकी स्थिति भिन्न-भिन्न लेख किया जाकर प्रकरण को समाप्त करने की अनुशंसा भारत सरकार से कर विधान सभा की अवमानना की गई है? (च) यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराकर संबंधित दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए धोबी जाति के समर्थन में भारत सरकार द्वारा चाही गई अपेक्षित सर्वे रिपोर्ट भेजी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत खंभों की नीलामी
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 2502 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत खंभों को बदला गया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान कितने-कितने विद्युत खंभे किन कारणों से बदले गए? खंभों की संख्या का ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पुराने खंभों को नीलाम किया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो विगत 3 वर्ष के दौरान निकाले गए विद्युत खंभे और तार केबल आदि कहाँ पर रखे गए हैं, वहां संधारित पंजी की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या सीहोर शहर में पदस्थ जूनियर इंजीनियर की निगरानी में शहर के विभिन्न स्थानों और कॉलोनियों में विद्युत खंभे लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो किस-किस इंजीनियर की निगरानी में किस-किस कंपनी ठेकेदार द्वारा किन-किन स्थानों पर विद्युत खंभे लगाए गए हैं? प्रश्नांकित दिनांक से 03 वर्ष का ब्यौरा वर्षवार, स्थानवार, कंपनीवार ठेकेदारवार उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। सीहोर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विगत तीन वर्षों यथा-वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में बदले गये विद्युत खम्बों की संख्या सहित प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाये गये पुराने खंभों/तारों आदि को स्थानीय स्तर पर नीलाम नहीं किया जाता है, अपितु कार्यों के विरूद्ध निकाली गई पुरानी सामग्री को क्षेत्रीय भण्डार भोपाल में वापिस कर नीलामी आदि की कार्यवाही की जाती है, जिसका शहरवार विवरण संधारित नहीं किया जाता। सीहोर शहर में विगत 03 वर्षों के दौरान निकाले गये खंभों, तार, केबल आदि की क्षेत्रीय भण्डार, भोपाल में वापसी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1', प्रपत्र 'ब-2' एवं प्रपत्र 'ब-3' अनुसार है। उक्त सामग्री की क्षेत्रीय भण्डार, भोपाल में प्राप्ति से संबंधित संधारित किये गये रिकार्ड/मटेरियल रिसिप्ट एडवाइस की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) सीहोर शहर में विभिन्न स्थानों और कॉलोनियों में विद्युत खंभे एस.टी.सी. संभाग सीहोर में पदस्थ इंजीनियरों एवं प्रोजेक्ट नोडल अधिकारी (सहायक यंत्री) की निगरानी (पर्यवेक्षण) में लगाये गये हैं। प्रश्नांकित दिनांक से विगत तीन वर्ष का वर्षवार, स्थानवार, कंपनीवार/ठेकेदार-वार एवं निगरानी (पर्यवेक्षण) अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1', प्रपत्र 'ब-2' एवं प्रपत्र 'ब-3' अनुसार है।
कर्मचारियों/अधिकारियों का स्थायीकरण
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 1232 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के वन, स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास आदि विभागों में 10 वर्षों अथवा इससे अधिक समय से कार्यरत कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल अधिकारियों व कर्मचारियों को स्थाई होने की पात्रता है, या नहीं? (ख) उक्त संबंध में जी.ए.डी. का (निर्णय 2016) क्या निर्णय है? उक्त निर्णयों के पालन में प्रश्नांश (क) कर्मचारियों, अधिकारियों को कब तक स्थाई करेगें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या लगभग कितनी है? इन्हें स्थाई करने पर शासन पर क्या भार पड़ेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 को जारी निर्देश दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी घोषित करने से संबंधित है। स्थाई के नहीं। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लगभग 48000। शेषांश उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
11. ( *क्र. 2929 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के पंपों को चलाने के लिये सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने की योजना संचालित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले में कितने कृषकों द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है? प्रश्नांकित जिले की विभिन्न तहसीलों में तहसीलवार आवेदन प्रस्तुतकर्ता एवं किसानवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) सौर ऊर्जा स्थापना हेतु आवेदनकर्ता किसानों में से कितने कृषकों के जल स्त्रोत स्थल पर सौर ऊर्जा स्थापित कर दी गई है तथा कितने कृषकों को उपलब्ध नहीं करायी गयी है? विलंब का कारण क्या है और कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले से प्रश्न दिनांक तक 181 किसानों से सोलर पम्प की स्थापना के आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसकी तहसीलवार एवं किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहडोल जिले के प्रथम चरण में 60 एवं द्वितीय चरण में 121 (कुल 181) किसानों से सोलर पम्पों की स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं। जहां द्वितीय चरण के आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, प्रथम चरण के 60 आवेदकों द्वारा निर्धारित राशि जमा की गई है और तदोपरान्त सभी प्रकरणों में सोलर पंपों की स्थापना हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। उक्त में से 16 नग सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। शेष 44 सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है और निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जाँच
[जनजातीय कार्य]
12. ( *क्र. 1623 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 की स्थिति में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत पदस्थ पी.एच.डी. उपाधि धारक अपर संचालक के सेवाकाल की संपूर्ण पदस्थापनाओं का विवरण दें? (ख) वर्ष 2009 से अद्यतन स्थिति तक में, आदिम जाति कल्याण और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग एवं अधीनस्थ कार्यालयों में पदस्थापना के दौरान उक्त अधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का ब्यौरा दें? शिकायतों पर शासन स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों की फाइलवार अद्यतन स्थिति बतावें? (ग) उक्त अधिकारी द्वारा आदिम जाति कल्याण और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के विरूद्ध कितनी कौन सी न्यायालयीन याचिकाएं प्रस्तुत की गई हैं? प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। प्रकरणवार ओ.आई.सी. द्वारा शीघ्र निराकरण हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) उक्त अधिकारी के खिलाफ कब-कब आपराधिक चालान पेश हुए हैं? चालानों पर कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) अपराध क्रमांक 889/13 में चालान क्रमांक 206/14, दिनांक 10.04.2014 को पेश किया गया है। श्री भण्डारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में एम.सी.आर.सी. 3667/2014 दायर की गई है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है।
बिजारिया/बिजौरिया जाति को जाति प्रमाण-पत्र का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 3271 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना, राजगढ़, अशोकनगर, शाजापुर आदि जिलों में बिजारिया/बिजौरिया जाति के व्यक्तियों को कंजर जाति अंतर्गत अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं? (ख) क्या बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में निवासरत् बिजारिया/बिजौरिया जाति के व्यक्तियों को कंजर जाति अंतर्गत अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में निवासरत् इन जाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने के संबंध में कोई कार्ययोजना बनायी जा रही है? यदि नहीं, तो विभाग इस पर कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य के लिए अधिसूचित अनुसूचित जाति की सूची में अनुक्रमांक 28 पर अंकित ''कंजर'' जाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जाति के अंतर्गत जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस सूची में बिजारिया/बिजौरिया जाति अंकित नहीं होने के कारण बिजारिया/बिजौरिया जाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत लाभांवित हितग्राही
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 1076 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत 11 वीं, 12 वी पंचवर्षीय एवं ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कितने ग्रामों के मजरे, टोले, मोहल्ले विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत थे एवं कितने ग्रामों के शेष हैं, जिनमें विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत कितने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. विद्युत कनेक्शन दिये हैं? वितरण केन्द्रवार हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करायें। (ग) उक्त प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि 188 ग्रामों को विद्युतीकरण योजना से जोड़ा गया, परन्तु वस्तुस्थिति यह है कि दऊवन का पुरा (भानपुरा) में ठेकेदार द्वारा लाईन खड़ी करके आज दिनांक तक ट्रांसफार्मर नहीं रखा गया, बिल दिये जा रहे हैं एवं राजनगर अमुसया में लाईन खड़ी कर दी है, तार नहीं हैं, बिल दिये जा रहे हैं एवं चौधरन खेरा, जंगलन खेरा में वुदौरा में मात्र खम्बे जमीन में पड़े हैं, बिल दिये जा रहे हैं। इसी तरह भरवा खेरा, बुयरा खेरा भानपुरा में अभी तक खम्बे भी नहीं लगाये गये, ऐसे इतने ग्रामीण क्षेत्र हैं, जो 100 से अधिक की आबादी वाले हैं, परन्तु उन स्थानों पर प्रश्न दिनांक तक बिजली नहीं लगाई गई है, क्या शीघ्र ही जाँच कराकर उक्त शेष ग्रामों में विद्युतीकरण करा दिया जावेगा? (घ) क्या वर्णित प्रश्न क्र. 1301 में 188 ग्रामों को विद्युतीकरण से जोड़ा गया बताया गया था, परन्तु प्रश्नकर्ता को जानकारी 175 ग्रामों की दी गई सदन में इस प्रकार की असत्य जानकारी देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खरगापुर में 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित कार्य योग्य सभी 119 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित कार्य योग्य एक अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 69 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण कर योजनान्तर्गत समस्त कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त योजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु स्वीकृत किसी भी कार्य योग्य ग्राम के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य किये जाने हेतु शेष नहीं है। (ख) 11 वीं एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत वितरण केन्द्र खरगापुर में क्रमश: 3212 एवं 438 तथा वितरण केन्द्र बल्देवगढ़ में क्रमश: 2987 एवं 398 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) जी हाँ, ग्राम भानपुरा के दऊवन कापुरा टोले का विद्युतीकरण 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत माह फरवरी-17 में पूर्ण किया जा चुका है एवं वर्तमान में उक्त टोले में 17 घरेलू विद्युत कनेक्शन हैं, वर्तमान में ग्राम राजनगर के अमुसया टोला में 6 घरेलू विद्युत कनेक्शन, ग्राम बुदौरा के चौधरन खेरा में 12 एवं जंगलन खेरा में 10 घरेलू विद्युत कनेक्शन हैं। ग्राम बुदौरा के भरवा खेरा टोला की आबादी 100 से कम होने के कारण उक्त योजनांतर्गत इसके विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है। सौभाग्य योजनांतर्गत उक्त टोले के अविद्युतीकृत घरों को विद्युत कनेक्शन दिया जाना प्रस्तावित है। ग्राम भानपुरा के बुयराखेरा नहीं अपितु बोपरा खेरा में 25 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है, जिस पर 2 घरेलू कनेक्शन हैं, जो वर्तमान में चालू हैं। उक्त सभी मजरों/टोलों में उपभोक्ताओं को नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं, वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र खरगापुर के अंतर्गत स्वीकृत कार्य योग्य 100 या 100 से अधिक आबादी वाला कोई मजरा/टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1301, दिनांक 28.11.2017 के उत्तर में 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 119 ग्रामों एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 69 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों इस प्रकार कुल 188 ग्रामों के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किये जाने की जानकारी दी गई थी, जो पूर्णत: सत्य है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
बी.एल.ओ. के रूप में शिक्षकों का संलग्नीकरण
[सामान्य प्रशासन]
15. ( *क्र. 2531 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचन के कार्य में किन शासकीय सेवकों को बी.एल.ओ. का कार्य दिया जा सकता हैं? क्या निर्वाचन कार्यालय में एवं बी.एल.ओ. के कार्य में शिक्षकों को कार्य करने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कार्य आवंटित किया गया है? (ख) कुल कितने शिक्षक बी.एल.ओ. का कार्य एवं कितने शिक्षक निर्वाचन कार्यालय में संलग्न होकर कार्य कर रहे हैं? (ग) निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के पश्चात् ही निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होती है, तो क्या निर्वाचन कार्यालय में शिक्षकों के संलग्नीकरण एवं बी.एल.ओ. के कार्य में संलग्न शिक्षकों को इस कार्य से पृथक रहने के लिये क्या निर्देश जारी किए गए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन जिलों में कितने-कितने शिक्षक निर्वाचन संबंधी कार्य हेतु संलग्न किये गये हैं? क्या निर्वाचन कार्य में लगे शिक्षकों के स्थान पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बूथ लेवल अधिकारी, सरकार या स्थानीय निकायों के सेवारत अधिकारी होते हैं, उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13ख (2) के आधीन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा नियुक्त किया जाता है। निम्नलिखित श्रेणी के कर्मचारियों को बूथ लेवल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है :- 1. शिक्षक, 2 .आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 3 .पटवारी/अमीन/लेखपाल, 4. पंचायत सचिव, 5. ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता, 6. बिजली बिल रीडर, 7. डाकिया, 8. सहायक नर्स एवं मिड वाईफ, 9. स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 10. दोपहर का भोजन कार्यकर्ता 11. संविदा शिक्षक, 12. निगम कर संग्रह, 13. शहरी क्षेत्र में लिपकीय स्टॉफ (अपर श्रेणी लिपिक/अवर श्रेणी लिपिक आदि) आयोग के निर्देशों के अंतर्गत उपरोक्तानुसार जिलों में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को बी.एल.ओ. नियुक्त किया जाता है। बी.एल.ओ. अपनी ड्यूटी के समय को छोड़कर अतिरिक्त समय में सुबह, शाम या अवकाश के दिन बी.एल.ओ. का कार्य करते हैं। इसके लिये इन्हें रूपये 6000/- अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। बी.एल.ओ. की ड्यूटी से विभाग का कार्य प्रभावित नहीं होता है। (ख) राज्य में 65200 मतदान केन्द्रों में 41340 शिक्षक फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य हेतु बी.एल.ओ. नियुक्त हैं एवं जिला निर्वाचन कार्यालयों में 86 शिक्षक की ड्यूटी अस्थायी रूप से निर्वाचन कार्य हेतु लगायी गयी है। यह स्थायी स्वरूप की नहीं है। बी.एल.ओ. भी स्थायी स्थापना के नहीं है। ड्यूटी बदलती रहती है। प्राय: बी.एल.ओ. की ड्यूटी हेतु शिक्षक को छोड़कर अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को बी.एल.ओ. नियुक्त किया जाता है। जब अन्य कर्मचारी नहीं मिलते तो शिक्षकों को लगाया जाता है। बी.एल.ओ. की ड्यूटी स्थायी स्वरूप की नहीं है। यह बदलती रहती है। अधिकतर मतदान केन्द्रों में वर्षभर में 2-3 बी.एल.ओ. बदल जाते हैं। (ग) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के नियम 13गग मुख्य निर्वाचन ऑफिसरों, जिला निर्वाचन ऑफिसरों आदि का निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्त समझा जाना - इस भाग में निर्दिष्ट और सभी निर्वाचनों के लिये निर्वाचक नामावली की तैयारी, पुनरीक्षण और शुद्धि करने और ऐसे निर्वाचनों का संचालन करने के संबंध में नियोजित कोई अन्य ऑफिसर या कर्मचारीवृन्द, उस अवधि में जिसके दौरान उन्हें इस प्रकार नियोजित किया जाता है, निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्त पर समझे जायेंगे और ऐसे ऑफिसर और कर्मचारीवृन्द उस अवधि के दौरान, निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अध्यधीन होंगे, फोटो निर्वाचक नामावली का कार्य सतत् अद्यतन के तहत लगातार चलता है, जिसमें बी.एल.ओ. में कार्यरत संलग्न शिक्षक इस कार्य को अवकाश दिनों और गैर शिक्षण समय तथा गैर शिक्षण दिवसों के दौरान बूथ लेवल अधिकारी के कार्य को सम्पन्न करते हैं। (घ) अन्य कर्मचारी उपलब्ध नहीं होने से 86 शिक्षक निर्वाचन संबंधी कार्य के लिये जिला निर्वाचन कार्यालयों में आफिस कार्य के लिये लगाये हैं। चुनाव के लिये अन्य कर्मचारी उपलब्ध होने पर इन्हें मुक्त कर दिया जाता है। प्राय: शिक्षकों को तब ही लगाया जाता है, जब अन्य कर्मचारी उपलब्ध न हो।
पवन/सौर ऊर्जा उत्पादन एवं नीति
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
16. ( *क्र. 2975 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में केन्द्र राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहें हैं? यदि हाँ, तो बताएं कि उपरोक्त संबंधी कार्य प्रदेश के किन-किन जिलों में प्रारंभ किये गये? (ख) पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु किन जिलों में किन स्थानों पर संयंत्र उत्पादन इकाइयां स्थापित की गईं, उनकी स्थापित क्षमता कितनी है? (ग) प्रदेश में सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन कब से प्रारंभ हुआ? (घ) अवगत कराएं कि जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौर एवं पवन ऊर्जा के माध्यम से वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कुल कितनी-कितनी ऊर्जा एम.पी. मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय की गई? वर्षवार जानकारी से अवगत कराएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जिला रीवा एवं मंदसौर में केन्द्र राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से सौर परियोजना उत्पादन के क्षेत्र में कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना निजी विकासकों द्वारा की जा रही है। (ख) प्रदेश में निजी विकासकों द्वारा स्थापित की गई पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन वर्ष 1995 एवं सौर ऊर्जा परियोजना से विद्युत उत्पादन वर्ष 2011 से प्रारंभ हुआ है। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में एम.पी. मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा क्रय की गई पवन ऊर्जा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जावरा विधानसभा क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं है।
छात्रावास/विद्यालयों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 3203 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2015 के पश्चात् उज्जैन संभाग के अनुसूचित जाति, जन जाति के किन-किन छात्रावास एवं विद्यालयों में किस-किस के खिलाफ कैसी-कैसी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) उक्त अवधि में, उक्त संभाग में, उक्त विभाग के किन-किन अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ किन-किन वित्तीय अनियमितता की शिकायत किस-किस ने की? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? क्या झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में छात्रावास अधीक्षकों एवं विद्यालय प्राचार्य द्वारा भारी अनियमितता कर विद्यार्थियों को विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है? (ग) क्या विभाग प्रदेश के समस्त छात्रावास में थम्ब मशीन से विद्यार्थियों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या छात्रावास में अध्यनरत विद्यार्थियों की उपस्थिति छात्रावास अधीक्षक एवं अध्ययनरत विद्यालय प्राभारी की सहमति 100% बताकर अनुपस्थित विद्यार्थियों की राशि में अनियमितता की जा रही है? ऐसी कितनी शिकायतों पर जाँच, विभाग के उच्च अधिकारियों ने कब-कब की, उसकी रिपोर्ट से अवगत करायें। (घ) उक्त संभाग में उक्त अवधि में छात्रावास एवं विद्यालयों द्वारा कौन-कौन सी पुस्तक व अन्य सामग्री खरीदी गयी, विभाग द्वारा समस्त छात्रावास, विद्यालयों का ऑडिट कब-कब कराया गया, उसकी रिपोर्ट ऑडिटर के नाम सहित देवें। उक्त जिलों में, उक्त अवधि में, विभाग द्वारा उक्त छात्रावासों, विद्यालयों को कितना-कितना बजट दिया गया? उसे कहाँ-कहाँ खर्च किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में विद्यार्थियों को विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से वंचित नहीं रखा जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, राशि में अनियमितता नहीं की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) पुस्तक व अन्य सामग्री क्रय एवं ऑडिट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है तथा प्रदत्त बजट और व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( *क्र. 2519 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा महिला उत्थान एवं रोजगार देने हेतु स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार वितरण से जोड़ा गया है, किन्तु विदिशा विधानसभा क्षेत्र में छोटे-छोटे समूहों के स्थान पर एक बड़े समूह को पोषण आहार वितरण दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इससे छोटे समूह लाभ से वंचित नहीं होंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में छोटे समूहों को बन्द कर उन स्व-सहायता समूहों में संलग्न महिलाओं के लिये शासन क्या योजना बना रहा है? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। विदिशा विधानसभा क्षेत्र में छोटे-छोटे समूहों के स्थान पर एक बड़े समूह को पोषण आहार वितरण नहीं दिया गया है। विदिशा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में संचालित 220 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 215 स्व-सहायता समूहों द्वारा एवं नगरीय क्षेत्र विदिशा अंतर्गत 167 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 03 स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल द्वारा पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( *क्र. 3539 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री जी द्वारा पूरक पोषण आहार का प्रदाय स्व-सहायता समूहों से कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं और निर्देशों के पालन में अब तक क्या कार्यवाही की गई तथा स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार का प्रदाय कब से प्रारंभ होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की गईं एवं किन-किन अनुशंसाओं को विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने कुपोषित बच्चे, कहाँ-कहाँ आंगनवाड़ी केन्द्रवार, वर्षवार पाये गये? कुपोषित बच्चों को खोजने के लिए प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा कौन से कार्यक्रम, शिविर का आयोजन कब-कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अतिकम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार हेतु क्या कार्य योजना है एवं स्नेह सरोकार अभियान के तहत क्या कार्य हुये? आंगनवाड़ीवार बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय स्व-सहायता समूह के माध्यम से किए जाने की घोषणा की गई थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदाय होने वाले टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) व्यवस्था के परीक्षण एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-52/1/4/16, दिनांक 23.09.2016 के तहत गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के आधार पर, मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14.11.2017 में प्रदेश में टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) का प्रदाय भोपाल संभाग के 05 जिलों को छोड़कर शेष समस्त जिलों में स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूह के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया है, मंत्रिपरिषद आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मंत्रि-परिषद् के निर्णय अनुसार प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन व्यवस्था के संबंध में महिला स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के संघों को टेण्डर में भाग लेने एवं इस कार्य हेतु प्रेरित करने, प्रशिक्षित एवं फेसिलिटेड करने संबंधी अनुशंसाएं प्रस्तुत करने के लिये म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र.एफ 19-70/2017/1/4, दिनांक 05.12.2017 द्वारा अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अनुशंसाओं के आधार पर टेकहोम राशन व्यवस्था के लिये नवीन नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। समिति की अनुशंसा अनुसार टेकहोम राशन का प्रदाय स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय मंत्रि परिषद द्वारा लिया गया है। (ग) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़, विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में पाये गये कम वजन अति कम वजन के बच्चों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र.
|
विधानसभा क्षेत्र
|
परियोजना का नाम
|
आंगनवाड़ी केन्द्र की संख्या
|
विगत 03 वर्षों में पाये गये कम वजन एवं अति कम वजन कुपोषित बच्चे |
रिमार्क
|
||
14-15 |
15-16 |
16-17 |
|||||
1. |
पुष्पराजगढ़ |
पुष्पराजगढ़ |
431 |
5822 |
4949 |
4433 |
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। |
2. |
जैतहरी |
75 |
1256 |
1103 |
2585 |
2/-कुपोषित बच्चों के लिए प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा निम्नानुसार गतिविधियों का आयोजन कराये गये :- प्रत्येक माह में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिमाह 01 तरीख से 04 तारीख तक 0 से 5 वर्ष के समस्त बच्चों का वजन लिया जाकर ग्रेड निकालकर पंजी संधारित की जाती है। विशेष वजन अभियान दिनांक 01 नवम्बर, 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 तक एवं 01 दिसम्बर, 2017 से 31.01.2018 तक आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्येक पर्यवेक्षक द्वारा सेक्टर अंतर्गत समस्त आंगनवाड़ियों में 0 से 5 वर्ष के समस्त बच्चों का वजन, परियोजना अधिकारियों द्वारा 30 आंगनवाड़ी केन्द्रों का एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर बच्चों का वजन किया जाकर पंजी संधारित की गई है। इस प्रकार कम वजन एवं अतिकम वजन के कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है। इस प्रकार अभियान के दौरान विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत कुल 28185 बच्चों का वजन कराया गया, जिसमें कम वजन के बच्चे 5282 एवं अतिकम वजन 804 बच्चे कुपोषित पाये गये, जिसमें कुल 35 बच्चों को एन.आर.सी. केन्द्रों में भर्ती कराया जाकर लाभांवित किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत पुष्पराजगढ़, विधान सभा क्षेत्र में अतिकम वजन के बच्चों के ''स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार हेतु'' पोषण वाटिका निर्माण, स्वास्थ्य किट का प्रदाय, स्वास्थ्य जाँच, परामर्श सेवा, स्नेह शिविर, गोद दिलाना, लालिमा अभियान अंतर्गत आई.एफ.ए. का प्रदाय आदि कार्ययोजना में शामिल किया गया है।
क्र.
|
आयोजित गतिविधियां
|
विधानसभा का नाम
|
आयोजित शिविर
|
आंगन वाडी केन्द्र की संख्या |
वर्ष 14-15
|
वर्ष 15-16
|
वर्ष 16-17
|
1. |
स्नेह शिविर |
|
15 से 27 जून
2017 तक |
431+75 |
13 |
13 |
13 |
2. |
स्वास्थ्य परीक्षण |
155+75 |
500+75 |
495+75 |
311+75 |
||
3. |
पोषण पुनर्वास केन्द्रों भर्ती |
बेड संख्या 2+1 |
30+5 |
30+5 |
30+5 |
2. स्नेह सरोकार अभियान के तहत पुष्पराजगढ़ में कुल 667 बच्चों को स्नेह सरोकार अंतर्गत लाभान्वित किया गया, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
क्र.
|
कार्ययोजना में शामिल
|
जिम्मेदारी लिये गये
|
श्रेणी परिवर्तन हुए बच्चों की जानकारी |
|||
अतिकम से कम |
कम से सामान्य |
कुल श्रेणी परिवर्तन |
प्रतिशत कुल परिवर्तन |
|||
1.
|
स्नेह सरोकार अंतर्गत |
667 |
05 |
84 |
303 |
58.77 |
विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत पोल शिफ्टिंग कार्य
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 3395 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया में शोभापुर-खैरी-तरौनकलां एवं सांडिया-बनखेड़ी-उमरधा रोड के पोलों की शिफ्टिंग कार्य के संबंध में जारी प्राक्कलन एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार नवीन विद्युत लाईन खड़ी किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या प्राक्कलन एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार कार्य एजेंसी द्वारा कार्य न किया जाकर नवीन लाईन के स्थान पर एल.टी. एवं 33 के.व्ही.ए. लाईन की पुरानी सामग्री का उपयोग नवीन लाईन के कार्य में किया जा रहा है? (ग) क्या पुरानी लाईन का जो मटेरियल है, वह विभाग में जमा किया जाना था, जो नहीं किया गया है? (घ) उत्तर यदि हाँ में है तो कार्य एजेंसी एवं विभाग के उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या मान. ऊर्जा मंत्री जी को पत्र क्रमांक 846, दिनांक 29.01.2018 के द्वारा शिकायत की गयी थी? इस शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2017-18 में विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत शोभापुर-खैरी-तरौनकलां एवं सांडिया-बनखेड़ी-उमरधा रोड के पोलों की शिफ्टिंग के कार्य के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, होशंगाबाद से वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त आवेदन पर 5 प्रतिशत सुपरविजन योजनांतर्गत प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं तथा उक्त निर्माण कार्य विभाग द्वारा अधिकृत ठेकेदारों के माध्यम से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सुपरविजन में कराया जा रहा है। (ख) स्वीकृत प्राक्कलन एवं प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा शोभापुर-खैरी-तरौनकलां के कार्य हेतु कार्य एजेंसी मेसर्स एस.आर.के. इलेक्ट्रिकल भोपाल एवं सांडिया बनखेड़ी-उमरधा के कार्य हेतु कार्य एजेंसी मेसर्स ए.के. गुप्ता भोपाल को कार्यदेश जारी किया गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित प्रबंधक द्वारा पर्यवेक्षण करने पर कुछ स्थानों पर ठेकेदारों द्वारा पुरानी लाईनों की सामग्री का उपयोग नवीन लाईनों में किया जाना पाया गया है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार ठेकेदारों को पुरानी लाईन की सामग्री जमा करनी है। सांडिया-बनखेड़ी-उमरधा के लाईन शिफ्टिंग के कार्य में निकाली गई सामग्री में से कुछ सामग्री कार्य एजेंसी मेसर्स ए.के. गुप्ता, भोपाल द्वारा सहायक प्रबंधक चांदोन वितरण केन्द्र कार्यालय में जमा की गई है। शोभापुर-खैरी-तरौनकलां के लाईन के शिफ्टिंग के कार्य में निकाली गई सामग्री ठेकेदार द्वारा जमा नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्य एजेंसियों द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में उप महाप्रबंधक संचा./संधा., पिपरिया द्वारा अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, होशंगाबाद को अवगत कराया गया है। अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदारों को नियमानुसार कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पर्यवेक्षण अधिकारी श्री जलज वायकर, प्रबंधक उपसंभाग बनखेड़ी एवं श्री विदुर दुबे, प्रबंधक, उपसंभाग पिपरिया (ग्रामीण) को पर्यवेक्षण कार्य से पृथक कर उनके विरूद्ध मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.), भोपाल द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। (ड.) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र के माध्यम से प्रेषित शिकायत की जाँच महाप्रबंधक (सर्तकता), कार्या. मुख्य महाप्रबंधक, भोपाल द्वारा की जा चुकी है एवं अन्य जाँच निष्कर्ष के आधार पर पर्यवेक्षण कार्य में लापरवाही पाये जाने पर उत्तरांश (घ) में दर्शाए अनुसार प्रबंधक उपसंभाग बनखेड़ी एवं प्रबंधक उपसंभाग पिपरिया (ग्रामीण) को पर्यवेक्षण कार्य से पृथक कर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.), होशंगाबाद को उपरोक्त दोनो कार्यों हेतु पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त कर प्रश्नाधीन कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार संपादित कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सौर/पवन ऊर्जा का उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
21. ( *क्र. 3598 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा उत्पादन का कार्य कौन-कौन सी कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है? कम्पनियों का नाम, कार्य के स्थान की जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा उत्पादन का कार्य करने वाली कम्पनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नि:शक्तजनों के पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
22. ( *क्र. 2197 ) श्री रमेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार ने अधिसूचना क्र. एफ.बी.-1/85/2006/211, दिनांक 29.05.2009 द्वारा प्रदेश में नि:शक्तजनों की सीधी भर्ती में डिप्टी कलेक्टर का पद केवल अस्थि विकलांगों के लिए आरक्षित कर दिया गया है तथा श्रवण व दृष्टि बाधित नि:शक्तों को वंचित कर दिया गया है? (ख) क्या यू.पी.एस.सी. के माध्यम से आई.ए.एस. की भर्ती में अस्थि, श्रवण एवं दृष्टि बाधित नि:शक्तजनों को समान अवसर दिया गया है, तो फिर म.प्र. में डिप्टी कलेक्टर के पद पर श्रवण व दृष्टि बाधित नि:शक्तजनों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या सरकार द्वारा आगामी वर्ष 2018 की राज्य सिविल सेवा परीक्षा की भर्ती में डिप्टी कलेक्टर के पद की सीधी भर्ती में श्रवण व दृष्टि बाधित नि:शक्तजनों को समान अवसर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ बी-1/85/2006/2/1, दिनांक 29.05.2009 द्वारा राज्य सेवा परीक्षा के माध्यम से उप जिलाध्यक्षों के पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में दृष्टिबाधित/श्रवणबाधित नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण में छूट प्रदान की गई है, दृष्टिबाधित/श्रवणबाधित नि:शक्तजनों के लिए निर्धारित 2-2 प्रतिशत पद अस्थिबाधित प्रवर्ग में आरक्षित किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में प्रचलित अधिसूचना के क्रम में राज्य सेवा परीक्षा 2018 के माध्यम से उप जिलाध्यक्ष के पद पर सीधी भर्ती का प्रस्ताव लोक सेवा आयोग, इन्दौर को प्रेषित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिलांतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 3494 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कार्यरत उप पंजीयक कार्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? संपूर्ण स्टॉफ की जानकारी उप पंजीयक कार्यालयवार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्वीकृत पदों में से कितने पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की उप पंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें? रिक्त पदों पर कब तक उप पंजीयक एवं स्टॉफ की पूर्ति कर दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों के पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 3481 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत विहीन फलियों में विद्युतीकरण हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी फलियों को सम्मिलित किया गया है तथा कार्य करने हेतु संबंधित ठेकेदार को किस दिनांक को कार्यादेश दिया गया है? कार्यादेश की प्रतिलिपि एवं फलियों की सूची प्रदान करें। (ख) वर्तमान में कितने फलियों में विद्युतीकरण कार्य कर दिया गया है तथा कितने फलियों में कार्य अप्रारंभ हैं? जो कार्य वर्तमान तक अप्रारंभ है, उन्हें शीघ्र पूर्ण करने हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत विहीन फलियों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले 213 राजस्व ग्रामों के सभी चिन्हित 678 फलियों को विद्युतीकरण हेतु उक्त योजना में शामिल कर लिया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त कार्य सहित खरगोन जिले हेतु स्वीकृत उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु मेसर्स वोल्टॉस प्रा.लि., मुंबई को दिनांक 14.12.2016 को कार्यादेश जारी किया गया था। कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत सम्मिलित 678 विद्युतविहीन फलियों में से 27 फलियों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 20 फलियों में कार्य प्रगति पर है एवं शेष 631 फलियों में कार्य प्रारंभ किया जाना है। उक्त कार्य ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार माह दिसम्बर 2018 तक पूर्ण किया जाना है तथा उक्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
त्रुटिपूर्ण विद्युत बिल का प्रदाय
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 3244 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक एवं दिमनी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत हितग्राहियों द्वारा गलत विद्युतकर को लेकर कितने आवेदन जिला प्रशासन/ऊर्जा विभाग को प्रस्तुत किये गये? जनवरी 2015 व फरवरी 2018 के मध्य प्रस्तुत आवेदनों की संख्या दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने विद्युत बिलिंग के आवेदन निराकृत कर दिए गए हैं एवं शेष आवेदनों के लंबित रहने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक एवं दिमनी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत हितग्राहियों द्वारा गलत विद्युतकर से संबंधित कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विद्युतीकरण
से वंचित
ग्राम
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 88 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें एवं इन ग्रामों में विद्युतीकरण कब तक किया जावेगा? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा पथरिया क्षेत्रान्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत स्वीकृत ऐसे कितने ग्रामों के मजरे/टोले हैं जिनमें विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष हैं? सूची उपलब्ध करावें (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शेष विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में जलना, मुठिया, सोरई, हरदू, हरदूटोला, अमराटोला, छपराटोला एवं अनगौरी ग्राम में विद्युत की क्या व्यवस्था है? यदि इन ग्रामों/टोलों में विद्युत व्यवस्था नहीं है तो कब तक हो जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के अंतर्गत सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथापि वन बाधित ग्राम चूना सगौनी के कालांतर में डी-इलेक्ट्रिफाईड होने के कारण वर्तमान में इस ग्राम में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है। उक्त ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है, जिसे मई, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित डी-इलेक्ट्रिफाइड ग्राम एवं विद्युतीकृत ग्रामों के अविद्युतीकृत मजरों/टोलों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित विद्युतीकरण के कार्य मई-2018 पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। (घ) विधान सभा क्षेत्र पथरिया के अन्तर्गत ग्राम जलना, मुठिया एवं सोरई पूर्व से विद्युतीकृत हैं, इन ग्रामों को विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र घुघवारा से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों से किया जा रहा है तथा उक्त ग्राम वितरण केन्द्र बक्स्वाहा जिला छतरपुर के अंतर्गत आते हैं। ग्राम सोरई के हरदू टोला (हरदू नहीं), ग्राम कनोरां कलां का उमरा टोला (अमराटोला नहीं), ग्राम कनोरां कलां का छपरा टोला एवं ग्राम अनगौरी के अनगौरी टोला के विद्युतीकरण का कार्य मई-2018 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 93 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा एवं कुण्डम विकासखण्ड अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन के निर्माण की क्या कार्य योजना है वर्ष 2018-19 में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? ये भवन कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिहोरा एवं कुण्डम विकासखण्ड अंतर्गत 102 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) भवन विहीन आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण से एवं राज्य आयोजना अंतर्गत आँगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बुधुआ माईनर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 96 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1151 दिनांक 28.11.17 में अवगत कराया गया था, कि बरगी नहर के 67.042 कि.मी. के आसपास से बुधुआ माईनर स्वीकृति के संबंध में पुन: परीक्षण कर यथाशीघ्र जोड़ा जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बरगी परियोजना से अभी तक नहीं जोड़ा गया? कब तक जोड़ दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) बुधुआ माईनर नहर निर्माण के प्रस्ताव का विभाग द्वारा परीक्षण किया गया। परीक्षण में पाया गया, कि जल संसाधन विभाग के मढ़ई जलाशय एवं प्रस्तावित बुधुआ माईनर नहर का सिंचित क्षेत्र एक ही होने के कारण बुधुआ माईनर नहर का निर्माण करना आवश्यक नहीं है वर्तमान में अस्थाई रूप से जल संसाधन विभाग के द्वारा मढ़ई जलाशय की नहर को बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दायीं तट मुख्य नहर से जोड़ लिया गया है। स्थायी व्यवस्था हेतु दायीं तट मुख्य नहर पर हेड रेग्यूलेटर बनाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
देशी एवं विदेशी शराब दुकानों से प्राप्त आय
[वाणिज्यिक कर]
4. ( क्र. 123 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2017-2018 में शासन को इंदौर संभाग में देशी एवं विदेशी शराब दुकान में कितनी-कितनी राशि आय के रूप में प्राप्त हुई है? उसकी सूची दी जावे। (ख) क्या संभाग में कुछ ठेकेदारों ने नकली प्रतिभूति जमा कर ठेका हासिल कर लिया है, ऐसे ठेकेदारों के नाम बताये जावें? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है. क्या प्रतिभूत की तस्दीक नहीं की जाती है? यदि जान बूझकर अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गयी है तो ऐसे अधिकारी का नाम बताया जावे. उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मात्र निलंबित कर खानापूर्ति की गई है? उन्हे समय-सीमा में आरोप आधार पत्र नहीं देकर उन्हें दूसरी जगह पदस्थापना की गई है? उनकी जिम्मेदारी क्यों नहीं फिक्स की गई है? उन्हे निलंबित, बहाल एवं पदस्थापना के आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। जिम्मेदारी तय न करने के उचित कारण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 (माह जनवरी 2018 अंत तक) में शासन को इंदौर संभाग से देशी एवं विदेशी शराब दुकान से प्राप्त आय का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इन्दौर संभाग में नकली प्रतिभूति जमा कर ठेका हासिल करने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
फीडर सेपरेशन के संबंध में
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 269 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की तीनों विधान सभा, ग्वालियर ग्रामीण 14, भितरवार एवं डबरा में विद्युत विहीन ग्रामों को फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत किस कंपनी को किस दिनांक से किस दिनांक तक कितनी राशि का तथा कितने सब स्टेशनों का कार्य करने का जिम्मा सौंपा गया था? (ख) विभाग द्वारा फीडर सेपरेशन योजना में विद्युतीकरण में क्या-क्या मापदण्ड एवं कार्य रखे गये? क्या कंपनी उन मापदंडों के तहत कार्य संपादित कर रही है? कितने प्रतिशत कार्य वर्तमान में पूर्ण हो चुके हैं? (ग) 14 ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा के कितने ग्रामों को फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है? कितने ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है? उन ग्रामों के नाम सहित बतायें एवं शेष ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत विद्युत विहीन ग्रामों में नहीं अपितु विद्युतीकृत ग्रामों में कृषि एवं गैर कृषि फीडरों को पृथक किये जाने के लिये पूर्व में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुंबई को रू. 67.77 करोड़ राशि का अवार्ड दिनांक 09.08.2011 को जारी किया गया था। उक्त अवार्ड अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा संपूर्ण कार्य दिनांक 19.02.2013 तक किये जाने थे, किन्तु ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य अत्यन्त धीमी गति से करने के कारण मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 15.04.2015 से कान्ट्रेक्ट टर्मिनेट कर दिया गया। तदुपरांत योजना के शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिये ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुंबई को रू. 60.66 करोड़ राशि का अवार्ड दिनांक 01.08.2016 को जारी किया गया था। उक्त अवार्ड अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा संपूर्ण कार्य दिनांक 28.02.2018 तक किये जाने थे। उल्लेखनीय है कि फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत सबस्टेशनों के कार्य किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना में कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने के उद्देश्य से 11 के.व्ही. फीडरों को कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों में विभक्त करने का कार्य कराया जा रहा है तथा साथ ही ग्रामों में केबलीकरण सहित विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के कार्य भी उक्त योजना में सम्मिलित हैं। योजनान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग कर निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुरूप उचित गुणवत्ता का कार्य संपादित कराये जाने के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं एवं ठेकेदार एजेन्सी द्वारा उक्त मापदण्डों के अनुरूप कार्य कराया जा रहा है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. के फीडरों को इलेक्ट्रिकली सेपरेट करने का लगभग 73 प्रतिशत कार्यपूर्ण कर लिया गया है। (ग) ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में 173 ग्रामों को फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है एवं आज दिनांक तक इस योजना में 127 ग्रामों में 11 के.व्ही.फीडरों को इलेक्ट्रिकली सेपरेट करने का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष फीडरों पर कार्य प्रगति पर है। इन कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा 28.02.2018 थी। ठेकेदार एजेन्सी से इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं, किन्तु कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। उक्त फीडरों की ग्रामों के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 37 ग्राम, जो फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित नहीं थे, में फीडर विभक्तिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत कराया जा रहा है तथा वर्तमान में इन 37 ग्रामों में से 26 ग्रामों में 11 के.व्ही. फीडरों की इलेक्ट्रिकली सेपरेट करने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं 11 ग्रामों के कार्य प्रगति पर है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत ग्वालियर जिले हेतु ठेकेदार एजेन्सी को जारी अवार्ड दिनांक 28.12.2016 के अनुसार कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिये निर्धारित अवधि 27 दिसम्बर, 2018 है। उक्त फीडरों की ग्रामों के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत ऐसे ग्राम जिनमें 11 के.व्ही. फीडरों को इलेक्ट्रिकली सेपरेट कर दिया गया है, उनमें एल.टी. लाईन संबंधी कार्य भी कराये जा रहे हैं जो वर्तमान में प्रगति पर हैं।
लेखापाल को द्वितीय समयमान दिये जाने हेतु विसंगतिपूर्ण स्थिति का निराकरण
[वित्त]
6. ( क्र. 358 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस कारण से संचालनालय कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा सचिव, वित्त विभाग वल्लभ भवन भोपाल को प्रेषित किये गये पत्र क्रमांक/मा.द./जबलपुर संभाग/2013/393,दिनांक-03.12.2013 की अंतिम कंडिकाओं में लेखापाल पद पर 20 वर्ष की सेवा पर समयमान वेतनमान दिये जाने के संबंध में विसंगतिपूर्ण स्थिति का अविलम्ब निराकरण किये जाने का अनुरोध किया गया था? (ख) उक्तानुसार लेखापाल को 20 वर्ष की सेवा पर समयमान वेतनमान दिये जाने में आ रही विसंगति का निराकरण किया गया है या नहीं? हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें, यदि नहीं, लेखापाल को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं देने से आर्थिक हानि के लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के क्रम में कब तक विसंगतिपूर्ण स्थिति का निराकरण के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया जावेगा? हाँ तो बतावें नहीं तो क्यों? (घ) शिक्षा विभाग अन्तर्गत जबलपुर/इंदौर/भोपाल/विदिशा जिले के किस-किस लेखापाल द्वारा द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिलने एवं लाभान्वित लेखापाल की संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा वसूली अधिरोपित करने पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ग्वालियर में वाद प्रस्तुत किये गये हैं, माननीय न्यायालय द्वारा क्या निर्णय दिया? विभाग द्वारा क्या पालन किया गया है? पालन प्रतिवेदन, निर्णय की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सहायक ग्रेड-3 एवं सहायक ग्रेड-2 के पद लेखापाल के पद से कनिष्ठ होते हुये भी इन पदों पर कार्यरत कर्मचारी उच्चतर समयमान वेतनमान प्राप्त कर रहे है, जबकि लेखापाल के पद पर पदोन्नत कर्मचारी उच्चतर समयमान से वंचित है, के आधार पर मार्गदर्शन की अपेक्षा की गई थी। (ख) वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8-6/2015/नियम/चार दिनांक 16.5.2017 के द्वारा लेखापाल पद के ग्रेड वेतन 2400/- का उन्नयन कर ग्रेड वेतन रूपये 2800/- किया गया है। परिपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "ख" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग द्वारा इस आशय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय करना
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 359 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने हेतु प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने ग्रामों के कितने परिवारों का चयन किया गया है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) उक्त योजना के तहत विदिशा जिले के लिए कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त चयनित लोगों/परिवारों को कब तक योजना का लाभ दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र के 330 ग्रामों में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर-घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के डाटा के अनुसार सर्वे चल रहा है। उक्त क्षेत्र में प्रारंभिक तौर पर 24851 परिवारों/हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित करने हेतु चयनित किया गया है। उल्लेखनीय है कि ''सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011'' के अनुसार चिन्हित आर्थिक रूप से कमजोर हितग्राहियों को उक्त योजना के अंतर्गत नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। (ख) सौभाग्य योजना के अन्तर्गत विदिशा जिले में प्रारंभिक तौर पर 1.46 लाख हितग्राहियों को सम्मिलित किया गया है। (ग) प्रदेश में सभी हितग्राहियों को दिसम्बर, 2018 तक योजना अंतर्गत विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
विद्युत बिलों के संबंध में
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 372 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग न कर आंकलित (अधिक) खपत के बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? इसके लिये कौन दोषी है? (ख) सागर नगर में विगत 1 वर्ष में विद्युत बिलों संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विगत एक वर्ष में विद्युत बिलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है? इसका क्या कारण है? इन बढ़े हुए बिलों के निराकरण संबंधी विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, सागर नगर में मीटरयुक्त उपभोक्ताओं को मीटर चालू होने की स्थिति में मीटर रीडिंग ली जाकर मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं मीटर बंद/खराब होने पर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 में निहित प्रावधानों के अनुसार विगत 3 माह की औसत खपत के आधार पर आंकलित खपत के बिल प्रदान किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) सागर नगर में विगत एक वर्ष (फरवरी-17 से जनवरी-18 तक) में विद्युत बिल संबंधी 2450 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2394 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 56 शिकायतें मीटर तेज चलने से संबंधित हैं, जिनमें नये मीटर लगाकर विद्युत प्रदाय चालू किया गया है। प्राथमिक परीक्षण में मीटर तेज चलते हुए नहीं पाये गये हैं, किन्तु उपभोक्ताओं द्वारा चुनौती दिये जाने के कारण इन मीटरों को परीक्षण हेतु परीक्षण लैब में भेजा गया है। परीक्षण के परिणामों के अनुसार इन प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं, विगत एक वर्ष में प्रति उपभोक्ता विद्युत बिलों में औसतन 11.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो सामान्य है। यह वृद्धि विद्युत दरों में वृद्धि तथा उपभोक्ताओं के विद्युत उपभोग में वृद्धि के कारण हुई है। बिजली के बिलों से संबंधित शिकायतों का वितरण कंपनियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर पंजीयन कर तथा समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर निराकरण किया गया है।
विद्युत देयकों में फ्लेट रेट लागू करने के निर्देश
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 443 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 02.01.2018 को मा. मंत्रीयों व अधिकारियों की बैठक में कृषि उपभोक्ताओं पर विद्युत बिलों में फ्लेट रेट लागू करने का निर्णय लिया था इसके पालन हेतु निर्देश भी दिये थे इस संबंध में जारी आदेश की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निर्णय/निर्देशों/उक्त जारी आदेश को अनदेखा कर श्योपुर जिले में विद्युत कंपनी के अमले द्वारा जिले की नगरीय सीमा व इसके ठीक आस-पास के कृषि भूमि के मालिक कृषकों से प्रतिमाह घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं की भांति मनमानी राशि के बिल वसूल कर उन्हें आर्थिक बोझ से लादा जा रहा है? (ग) उक्त निर्णय/निर्देश/जारी आदेश की अवहेलना हेतु कौन उत्तरदायी है एवं दोषी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) दिनांक 02.01.2018 के पश्चात उक्त निर्णय/निर्देश/जारी आदेश की अवहेलना कर जिले के जिन कृषकों से फ्लेट रेट से अधिक राशि प्रतिमाह विद्युत कंपनी द्वारा वसूली गई है क्या उसका समायोजन आगामी महिनों के बिलों में करने के सख्त निर्देश क्या शासन विद्युत कंपनी को जारी करेगा तथा अब उक्त कृषकों से फ्लेट रेट अनुसार ही बिल लिये जाने की व्यवस्था करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 2.1.2018 को ली गई समीक्षा बैठक में कृषि उपभोक्ताओं पर विद्युत बिलों में फ्लेट रेट लागू करने के बारे में उल्लेखित निर्देश नहीं दिये गये थे, क्योंकि म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश (वर्ष 2017-18) की श्रेणी एल.वी. 5.4 में पूर्व से ही कृषि उपभोक्ताओं के लिये फ्लेट रेट का प्रावधान है। अत: तत्संबंधी कोई आदेश जारी करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मानपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 444 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 589 दिनांक 28.11.2017 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में जानकारी दी थी कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम मानपुर में वर्तमान में विद्युत भार के आधार पर नवीन 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाई गई? (ख) उक्त तथ्य विद्युत कंपनी के अभिलेखों में सच हो सकता है लेकिन धरातलीय स्थिति उक्त तथ्यों के ठीक विपरीत है, वास्तविकता ये है कि प्रतिवर्ष कृषि सीजन में मानपुर व आसपास के दर्जनों ग्रामों में वास्तव में नियमित रूप से सुचारू विद्युत सप्लाई पर्याप्त वोल्टेज के साथ नहीं मिल पाती है? (ग) क्या उक्त कारण से कृषकों को बहुत ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है कृषि कार्य प्रभावित रहता है इस कारण क्षेत्रीय कृषक मानपुर में यथाशीघ्र 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत करने की निरंतर मांग कर रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो कृषकों के हित में कार्यरत विद्युत कंपनी क्या मानपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत कर इसे स्थापित करवाएगी अथवा शासन इस हेतु विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के मानपुर एवं आस-पास के ग्रामों में कृषि सीजन में यदा-कदा अवसरों को छोड़कर पर्याप्त वोल्टेज के साथ सुचारू विद्युत सप्लाई प्रदाय की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कृषकों को यदा-कदा अवसरों पर विद्युत प्रदाय में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कृषि कार्य प्रभावित नहीं होता है। कस्बे मानपुर व इसके आस-पास विद्यमान तीन दर्जन से अधिक ग्रामों की विद्युत समस्या को अधिक सुदृढ करने हेतु ग्राम मानपुर के नजदीक 6 कि.मी. की दूरी पर ग्राम धीरोली में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत शामिल किया गया है। योजनान्तर्गत कार्य हेतु दिनांक 18.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया है वर्तमान में कार्य प्रगति पर है एवं जुलाई, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्त 33 के.व्ही. उपकेन्द्र के अलावा श्योपुर के ग्राम गोपालपुरा में नवीन 220/132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है जिससे क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था और बेहतर होगी। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में मानपुर में पृथक से 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 513 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 से 2012 तक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पश्चिम निमाड़ खरगोन में कितनी घोषणाएं की गई? (ख) उक्त में से कितनी घोषणाएं पूर्ण की गई? कितनी शेष है? शेष के क्या कारण है? इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) उक्त घोषणाओं को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? क्या तत्संबंध में संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है? यदि हाँ, तो बतायें। नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत 33 के. व्ही. लाईन छोटे खम्भों पर लगाना
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 578 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 33 के. व्ही. लाईन छोटे खम्भों पर लगाई जा सकती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इससे दुर्घटना संभावित नहीं है? (ग) क्या रिछाई पहुँच मार्ग में छोटे खम्भे पर लाईन अटैच कर आगे बढ़ाई गई है, जो जमीन से मात्र 12 फीट ऊंचाई से झूल रही है? (घ) क्या बरेला उपयंत्री के संज्ञान में यह जानकारी है? यदि हाँ, तो यह खम्भा क्यों नहीं बदला गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 के अन्तर्गत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय, विनियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से ओवरहेड लाईनों की जमीन से निर्धारित की गई ऊँचाई के अनुसार ही 33 के.व्ही. लाईनों सहित सभी विद्युत लाईनों की जमीन से ऊँचाई सुनिश्चित कर विद्युत लाईन डाली जाती है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) जी नहीं, ग्राम रिछाई के पहुंच मार्ग पर 33 के.व्ही. लाईन के निर्माण का कार्य निर्धारित तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप ही किया गया था। किन्तु संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा कुछ समय पूर्व विद्यमान लाईन के नीचे रोड के निर्माण का कार्य करवाया गया है, जिसके कारण उक्त लाईन की जमीन से ऊँचाई निर्धारित मानकों से कम हो गई है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कनिष्ठ अभियंता, बरेला वितरण केन्द्र की जानकारी में आने पर उक्त लाईन को निर्धारित ऊँचाई पर स्थापित करने हेतु प्राक्कलन तैयार करवाकर कार्य आदेश जारी कर उक्त लाईन को निर्धारित मानकों के अनुरूप व्यवस्थित कर कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथापि उक्त प्रकरण में नियमों के अनुरूप लाईन में फेरबदल हेतु किये जाने वाले व्यय की लागत की रकम जमा कराने का नोटिस संबंधित एजेंसी को देने की कार्यवाही नहीं करने के कारण संबंधित कनिष्ठ यंत्री से स्पष्टीकरण माँगा गया है।
कर्मचारियों को पद से पृथक करना
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 846 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2017-18 में विभाग द्वारा तमाम महिलाकर्मियों को उनके पद से पृथक किया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें पद से पृथक करने के कारणों सहित महिलाकर्मियों की सूची जनपद पंचायतवार, ग्रामपंचायत वार, पदवार उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही में क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का महिला बाल विकास विभाग द्वारा समुचित रूप से पालन किया गया है? यदि नहीं, तो जल्दबाजी में यह कदम क्यों उठाया गया है? क्या आरोपी महिलाकर्मियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये क्या समुचित समय एवं अवसर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नगत महिलाकर्मियों की सूची में बहुत से ऐसे हैं जिन्हें अकारण, निराधार पद से पृथक कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग द्वारा इस कठोर कार्यवाही की उच्च स्तरीय जाँच कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ वर्ष 2017-18 में मुख्यालय पर निवास नहीं करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन नियमानुसार नहीं करने एवं कर्तव्यों, दायित्वों में लापरवाही बरतने के कारण 60 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 20 सहायिका तथा 02 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पद से पृथक किया गया। महिला सशक्तिकरण संचालनालय के अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2017-18 में किसी भी महिलाकर्मी को पद से पृथक नहीं किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकायें मुख्यालय पर निवास नहीं करती थी उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही विभाग के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। समस्त कार्यवाही नियमानुसार की गई है अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में मूलभूत सुविधाओं पर राशि अवंटन
[वित्त]
14. ( क्र. 929 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक पूरे प्रदेश में 5 मूलभूत सुविधाओं रोड, बिजली, पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार बतायें। (ख) वर्ष 2014 से 2017 तक प्रत्येक वर्ष के बजट की कितने प्रतिशत राशि रोड, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा पर खर्च की गयी? (ग) वर्ष 2014 से 2017 तक 14 ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा में रोड, बिजली, पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला हेतु योजनावार आवंटित राशि एवं उक्त योजनाओं से लाभांवित हितग्राहियों की संख्या सहित बतायें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की मांग संख्यावार जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी संबंधित वर्ष के विनियोग लेखे में दृष्टव्य है, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है वर्ष 2016-17 के संबंध में मांग संख्यावार बजट पुस्तिका के रूप में जानकारी दिनांक 28.02.2018 को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत की गई है, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी विनियोग लेखे तथा बजट पुस्तिकाओं में संधारित नहीं की जाती है। अत: उक्त जानकारी पृथक से संधारित नहीं होने से दी जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 1067 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यामंत्री जी की विदेश यात्रा को लेकर पिछले पाँच वर्षों में इंवेन्ट मेनेजमेन्ट कार्य के लिये किस किस संस्था/व्यक्ति को कितना कितना भुगतान किया गया? इंवेन्ट मेनेजमेन्ट का कार्य आवंटन करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? जिस संस्था/व्यक्ति को कार्य दिया गया उसका चयन किस आधार पर किया गया? चयनित संस्था का नाम, भागीदार/मालिक का नाम, पिता का नाम निवास का पता सहित जानकारी देवें। (ख) पिछले पाँच वर्षों में मुख्यमंत्री ने किस दिनांक से किस दिनांक तक विदेश यात्रा की? देश का नाम, यात्रा का मकसद, साथ में गये प्रतिनिधि मण्डल के समस्त सदस्यों का नाम, अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) पिछले 05 वर्षों में मुख्यमंत्री ने कुल मिलाकर कितने दिन विदेश यात्रा की तथा उक्त सारी यात्रा में कुल कितने व्यक्ति साथ गये? उक्त यात्राओं पर कुल मिलाकर कितनी राशि खर्च हुई। (घ) प्रश्नांश (ग) की विदेश यात्रा में से किस किस यात्रा में परिवार के कौन-कौन सदस्य साथ गये? उनका खर्च शासन ने वहन किया या निजी खर्च हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय सेवकों को आनंद की अनुमति दिलाया जाना
[आनन्द]
16. ( क्र. 1091 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा आनंद मंत्रालय का गठन किन उद्देश्यों को लेकर किया गया था तथा आनंद मंत्रालय किस दिनांक से अस्तित्व में आया हैं? (ख) आनंद विभाग को अभी तक कुल कितना बजट किस-किस प्रयोजन हेतु राज्य विधान सभा द्वारा पारित किया गया है? वित्तीय वर्षवार बजट की राशि पृथक-पृथक बतायें। (ग) क्या राज्य आनंद संस्थान म.प्र. शासन आनंद विभाग की पंजीकृत संस्था है? यदि हाँ, तो संस्था के पंजीयन क्रमांक, दिनांक एवं उद्देश्य बतायें? (घ) क्या माह जनवरी 2018 में राज्य आनंद संस्थान के माध्यम से शासकीय विभागों में अधिकारी/कर्मचारियों को आनंद की अनुभूति कराने के लिए ऑर्ट ऑफ लिविंग संस्था, ईशा फाउंडेशन और आई.ओ.एफ.सी. संस्था को अधिकृत किया जाकर आनंद प्रशिक्षण लिये जाने हेतु सभी विभागों प्रमुखों, संभागायुक्तों व कलेक्टरों के नाम पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आनंद प्रशिक्षण में किस-किस विभाग के कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारियों ने भाग लिया एवं इस पर कुल कितनी राशि व्यय की गई तथा संबंधित किन संस्थानों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. शासन द्वारा स्वीकृत बजट से कितनी राशि का अतिरिक्त व्यय किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग, दिनांक 6 अगस्त, 2016 को गठित किया गया। विभाग के गठन के उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। संस्थान का पंजीयन क्र. 01/01/01/31335/16 एवं दिनांक 12 अगस्त, 2016 है। उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रतिभागी कर्मचारी/अधिकारियों की संख्या एवं विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्रशिक्षण हेतु माह जनवरी, 2018 में आर्ट ऑफ लिविंग, बैंगलोर को कुल राशि रूपये 12,54,500/- का भुगतान किया गया है एवं अन्य संस्थानों को इस अवधि में कोई भुगतान नहीं किया गया। संबंधित संस्थानों का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है कोई देयक भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ड.) स्वीकृत बजट से अतिरिक्त व्यय नहीं किया गया।
विभागीय छात्रावासों में सुदृढ़ीकरण तथा वार्षिक रख-रखाव हेतु निर्देश
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( क्र. 1111 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सभी जिलों में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों का संचालन किया जाता है इनमें मूलभूत सुविधाओं को निरंतर रखने के लिये विभाग के क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) क्या छात्रावासों के भवनों में मूलभूत सुविधायें जारी रखने हेतु शैक्षणिक सत्र के दौरान कभी भी पेयजल, लेट बाथ मरम्मत, विद्युत मरम्मत, छत मरम्मत, आदि कार्यों की आवश्यकता कभी भी उत्पन्न हो सकती है, यदि हाँ, तो इन मूलभूत सुविधाओं को निरंतर रखने के लिये विभाग की क्या नीति/निर्देश तथा क्या बजट व्यवस्था रहती है? (ग) क्या विभाग से इन मदों का आवंटन जिलों को प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो यह बतायें कि जब जिलों में निर्माण एजेंसियों को कोषालय से आवंटन अंतरण की व्यवस्था नहीं है तो बजट जिलों को प्रदान कर समय क्यों व्यर्थ किया जाता है? जिलों को आवंटन जारी करने के साथ निर्माण एजेंसियों को जिला स्तर पर आवंटन किस प्रकार दिया जावेगा? इस संबंध में कोई निर्देश हों तो बतायें? (घ) प्रश्नांश 'ग' पर विभाग के क्या दिशा निर्देश हैं? यदि हाँ, तो बतायें, यदि नहीं, तो विभाग कब तक दिशा-निर्देश/नीति तैयार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। छात्रावासों में मूलभूत सुविधाओं को निरंतर रखने के लिए विभाग के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मूलभूत सुविधाओं हेतु निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावास/आश्रम सुदृढ़ीकरण योजना में बजट प्रावधान रखा जाता है। जिलों में संचालित संस्थाओं के मान से प्रति भवन राशि रूपये 50,000/- (रूपये पचास हजार) का आवंटन जिलों को प्रदाय किया जाता है। (ग) जी हाँ। वित्त विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2017 से कोषालयीन आहरण की नयी आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली के तहत वित्तीय नियमानुसार विभागीय बी.सी.ओ. द्वारा निर्माण एजेन्सी के बी.सी.ओ. में बजट अंतरित किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश 'ग' अनुसार विभाग वित्त विभाग द्वारा जारी आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली के अनुरूप कार्यवाही कर रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रभारी प्राचार्य आवासीय विद्यालय ढेंगदा जिला श्योपुर के विरूद्ध विभागीय जाँच
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 1112 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट सत्र फरवरी-मार्च 2017 में प्रश्न क्रमांक 4808 के उत्तर दिनांक 08.03.2017 अनुसार माननीय मंत्री जी द्वारा अपचारी कर्मचारी श्री पी.आर. दोहरे प्रभारी प्राचार्य आवासीय विद्यालय ढेंगदा के विरूद्ध विभागीय जाँच में प्रतिवाद उत्तर पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा से आश्वस्त कराया गया था, क्या विभाग द्वारा आज दिनांक तक अपचारी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बताये? (ख) क्या उक्त प्राचार्य को प्रभारी सहायक आयुक्त का भी प्रभार वर्तमान में सौंपा गया है। यदि हाँ, तो क्या गंभीर अनियमितता करने वाले प्राचार्य को सहायक आयुक्त का प्रभार दिया जाना उचित है, बतायें? (ग) श्री दोहरे के विरूद्ध वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत की जाँच पर निर्णय कब तक लिया जावेगा? अवधि बतावें। (घ) क्या प्रभारी प्राचार्य को सहायक आयुक्त का प्रभार दिये जाने की शासन नीति है? यदि नहीं, तो सहायक आयुक्त के अनाधिकृत प्रभार से श्री दोहरे को पृथक क्यों नहीं किया गया है? कारण बतायें तथा इन्हें प्रभार से पृथक करने हेतु क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। श्री दोहरे के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच का प्रतिवेदन आयुक्त, जनजातीय कार्य विकास, म.प्र. से शासन को प्राप्त हो चुका है, जिस पर निर्णय लेने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। विभाग में प्रशासनिक अधिकारी की कमी एवं स्थानीय व्यवस्था के तहत श्री दोहरे को अस्थायी रूप से सहायक आयुक्त, श्योपुर का प्रभार सौंपा गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (घ) जी नहीं। विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों की कमी एवं स्थानीय व्यवस्था के तहत श्री दोहरे को अस्थायी रूप से सहायक आयुक्त, श्योपुर का प्रभार सौंपा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
19. ( क्र. 1116 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद भौगोलिक दृष्टि से काफी बड़ा क्षेत्र होने के नाते नवीन पवन ऊर्जा के क्षेत्र में काफी संभावना है? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग के द्वारा क्या योजनाएं बनायी जा रही है? (ख) यहां कब तक नवीन पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना कर दी जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। परन्तु स्थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरान्त ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शासन की प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है। विभाग द्वारा नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गयी है। (ख) जैसा कि उत्तर 'क' में उल्लेख किया गया है, प्रदेश में शासन की प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है। निजी इकाइयां स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की अनुकूलता/साध्यता जानने हेतु आवश्यक सर्वेक्षण करती है एवं साध्यता सुनिश्चित होने पर ही परियोजना स्थापना करती हैं।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों के संबंध में जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 1121 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर धार को जारी किये गये पत्रों को लेकर जिला कलेक्टर धार द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार जारी किये गये पत्रों को लेकर की गई कार्यवाही से संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि अवगत कराया गया तो उक्त पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाएं? यदि अवगत नहीं कराया गया तो क्यों? (ग) जनप्रतिनिधि के पत्रों पर कार्यवाही न करने और उनके जवाब नहीं देने के लिये जिम्मेदार कौन है? इसके लिये शासन के क्या दिशा निर्देश है और क्या शासन द्वारा इन दिशा निर्देश का पालन किया जा रहा है एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जारी किये गये पत्रों के संबंध में शासन द्वारा समीक्षा की गई है, यदि नहीं, तो जनप्रतिनिधियों द्वारा जारी किये गये पत्रों के संबंध में जिलेवार शासन द्वारा समीक्षा की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत सुविधा विहीन ग्रामों में विद्युत लाईन विस्तार कार्य में ठेकेदारों द्वारा मनमानी
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 1172 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना अंतर्गत चिन्हांकित अनेकों ग्रामों में विद्युत लाईन विस्तार का कार्य युबिटेक कम्पनी को सौंप दिया गया है तथा यूबीटेक कम्पनी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी अंतर्गत जनपद पंचायत नालछा के विद्युत विहिन ग्रामों में विद्युत लाईन विस्तार कार्य हेतु कम्पनी के ठेकेदारों द्वारा मनमानी कर ग्रामीणों से विद्युत पोल गाड़ने हेतु गड्ढे खुदवाकर देने पर ही विद्युत लाईन डालने का डर बताकर योजना का दुरूपयोग व ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है? क्या विभाग ठेकेदारों के उक्त कृत्य की जाँच करवाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, धार जिले में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत चिन्हांकित विभिन्न ग्रामों में विद्युत लाईन विस्तार सहित आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत निविदा प्रक्रिया उपरान्त ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स यूबीटेक कंपनी प्रा.लि. फरीदाबाद (हरियाणा) को दिया गया है। जी हाँ, उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन उल्लेखित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सुविधा विहीन ग्रामों तक विद्युत सुविधा उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1173 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युत सुविधा विहीन प्रत्येक ग्राम, मजरे, टोले, फलिये, घरों व खेत तक विद्युत लाईन विस्तार का कार्य किस अवधि तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अब तक किन-किन विद्युत सुविधा विहीन ग्राम, मजरे, टोले, फलिये आदि का सर्वे पूर्ण कर चिन्हांकन कर लिया गया है तथा उक्त चिन्हांकित ग्रामों में से किन-किन ग्राम, मजरे, टोले में विद्युत लाईन विस्तार का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत प्रदेश के सभी विद्युत विहीन घरों को दिसम्बर 2018 तक विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत पूर्व से संचालित विद्युतीकरण की योजनाओं में निर्मित अधोसंरचना का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवश्यक अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि कृषकों द्वारा खेतों में बनाए गए दूर-दूर स्थित घरों की उक्त योजना के अंतर्गत विद्युत लाईन विस्तार कर कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में कनेक्शन प्रदान करने हेतु 144 राजस्व ग्रामों के 412 मजरों/टालों के सर्वे का कार्य पूर्ण कर चिन्हांकन कर लिया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है वर्तमान में उक्त में से 45 राजस्व ग्रामों के 95 चिन्हित मजरों/टोलों में विद्युत लाईन विस्तार का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
विभाग द्वारा कार्यों हेतु आवंटित राशि की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
23. ( क्र. 1210 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१६-१७ एवं २०१७-१८ में नरसिंहपुर जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को कितना बजट शासन द्वारा प्रदान किया गया? (ख) विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा के अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष २०१६-१७ एवं २०१७-१८ में कितनी-कितनी राशि, कौन-कौन से कार्य हेतु कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई? ग्राम पंचायतवार कार्यों एवं राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा संयोजक अनुसूचित जाति कल्याण नरसिंहपुर को पत्र क्रमाँक-आर/८५५, दिनांक ३१/०७/२०१६, दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्र में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में से कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार, पत्र में उल्लेखित ग्राम पंचायतों में से शेष पंचायतों को राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) योजनान्तर्गत बजट सीमा के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 1211 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति के कितने-कितने प्रकरण कौन-कौन से विभागों में लम्बित हैं और क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? विभागवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डला जिले में सचालित दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1218 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के माध्यम से ११वां विद्युतीकरण प्लान कब प्रारंभ किया गया था, योजना प्रारंभ के समय में अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु क्या मापदंड तय किये गये थे? जिले के कितने ग्रामों में मजरे टोलों में और कितने बी.पी.एल. परिवारों में विद्युतीकरण एवं विद्युत कनेक्शन देने की योजना थी? (ख) किस एजेंसी ने मण्डला जिले में विद्युतीकरण करने का अनुबंध किया था? अनुबंध अनुसार कौन-कौन से कार्य करने थे और पूर्ण करने की समयावधि कब तक थी? (ग) यदि समयावधि में विद्युतीकरण का काम नहीं हो सका है तो उसके क्या कारण हैं? क्या इससे इस्टीमेट कास्ट प्रभावित क्यों नहीं होगा और प्रभावित होगा, तो कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी इसके लिए किसकी जवाबदारी होगी? (घ) समायावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले एजेंसी के खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त कार्य को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 11वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) अन्तर्गत मण्डला जिले की परियोजना की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से दिनांक 18.03.2008 को प्राप्त हुई थी। उक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार योजनान्तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने थे। मण्डला जिले हेतु स्वीकृत उक्त योजनांतर्गत कार्य योग्य 15 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 1152 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य कर 42250 बी.पी.एल. परिवारों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने के कार्य सम्मिलित थे। (ख) जिला मण्डला में उक्त योजनांतर्गत विद्युतीकरण के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स जी.व्ही.पी.आर., हैदराबाद से अनुबंध किया गया था। अनुबंध के अनुसार कार्य योग्य 15 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 1152 विद्युतीकृत ग्रामों के योजना के प्रावधानों के अनुसार सघन विद्युतीकरण तथा 42,258 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि: शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने के कार्य किये जाने थे, जिसकी कार्य पूर्णता अवधि अनुबंध की प्रभावी दिनांक 17.04.2009 से 18 माह थी। (ग) ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य धीमी गति से संपादित करने, कार्य हेतु आवश्यकतानुसार कुशल श्रमिकों की अनुपलब्धता एवं पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण उक्त कार्य ठेकेदार एजेंसी द्वारा समयावधि में पूर्ण नहीं किया जा सका। अनुबंध के अनुसार जारी कार्यादेश में निहित निर्धारित दरें कार्य पूर्ण करने की अवधि तक समान रहने के प्रावधान है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण इस्टीमेट कास्ट प्रभावित होने तथा ठेके के प्रावधान अनुसार गुणवत्ता प्रभावित होने का प्रश्न नहीं उठता (घ) समयावधि में कार्यपूर्ण नहीं करने के कारण उक्त ठेकेदार एजेन्सी से पेनल्टी स्वरूप लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में रू 150.90 लाख की राशि वसूली की गई है। ठेकेदार द्वारा कार्य संपादित नहीं करने के कारण शेष कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर किया जा रहा है। कार्य विभागीय तौर पर करने के कारण दरों की अंतर राशि रू 49.44 लाख की वसूली ठेकेदार से की गई है। शेष सभी कार्य माह जून, 18 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
मण्डला जिले के विकासखण्ड निवास नारयणगंज एवं बीजाडांडी क्षेत्र में नर्मदा नदी से सिंचाई
[नर्मदा घाटी विकास]
26. ( क्र. 1219 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के अंतर्गत विकासखण्ड निवास, नारायणगंज, बीजाडांडी के ग्रामों के किसानों की खेती में सिंचाई सुविधा हेतु नर्मदा नदी से सिंचाई हेतु तीनों विकासखण्ड के हजारों एकड़ जमीन सिंचाई के अभाव में बंजर पड़ी हुई है, उक्त विकासखण्डों में नर्मदा नदी तीन तरफ से घिरी हुई है फिर भी सिंचाई की कहीं कोई सुविधा नहीं होने के कारण किसान अपने खेतों से परिश्रम के अनुपात में कृषि उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं? (ख) क्या सरकार तीनों विकासखंड के हजारों एकड़ जमीन नर्मदा नदी से सिंचाई की कोई योजना बनाएगी, ताकि उक्त क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बन सके? (ग) डिण्डौरी जिले के ग्राम कुटरई में पूर्व से प्रस्तावित सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन हेतु डेम प्रस्तावित था लेकिन आज तक इस कार्य में कितनी प्रगति हुई, बताने का कष्ट करेंगे तथा उक्त कार्य को कराने के लिये सरकार प्राथमिकता देते हुये मूर्त रूप देने का काम करेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग की वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) डिण्डौरी जिले के ग्राम कुटरई के पास 24 मेगावाट विद्युत उत्पादन हेतु रोसरा जल विद्युत परियोजना प्रस्तावित थी। इसमें कुल डूब भूमि 3067 हेक्टेयर में 1233 हेक्टेयर वन भूमि आ रही थी तथा 17 ग्राम (1 पूर्ण +16 आंशिक) डूब में आ रहे थे। योजना से लाभ हेतु केवल 24 मेगावाट विद्युत उत्पादन था तथा सिंचाई नहीं थी। समीक्षा के दौरान परीक्षण करने पर योजना साध्य नहीं पाई जाने से इसके क्रियान्वयन का औचित्य नहीं है।
ग्रामों की कुल खपत अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित करना
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 1229 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बडवारा वि.स.क्षे. के वि.खं. बडवारा, कटनी व ढीमरखेडा के किन ग्रामों में दिनांक 31-1-2018 की स्थिति में विद्युत के स्थायी कनेक्शन और अस्थायी कनेक्शन कितने हैं तथा कुल ऊर्जा खपत की तुलना में कितनी क्षमता के कितने-कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं और किन ग्रामों में 1 जनवरी 2017 से 31-1-2018 की अवधि में किन-किन दिनांकों को ट्रांसफार्मर बिगड़े हैं और उन्हें किन-किन दिनांकों को पुर्नस्थापित किया गया है और इससे किन-किन फसलों की हानि हुई है? (ख) क्या आवश्यकता के विरूद्ध कम क्षमता के ट्रांसफार्मर होने व उन पर किन्हीं कारणों से अत्यधिक दबाव से जलने वाले ट्रांसफार्मरों के बदलने पर प्रश्नांश (क) अवधि में विभागीय धन कितना व्यय हुआ है? (ग) क्या ग्राम के स्थायी कनेक्शन और प्राय: लिये जानेवाले अस्थायी कनेक्शन तथा तात्कालिक रूप से किये जाने वाले अवैध कनेक्शनों के क्षमता के विरूद्ध ऊर्जा भार बढ़ने पर एक के बाद एक सभी ट्रांसफार्मरों के जलने से विभाग को होने वाली धनहानि को रोकने की क्या सार्थक योजना बनायी गयी हैं? (घ) क्या विभाग प्रत्येक ग्रामों के कुल सिंचित व असिंचित रकबे, निरन्तर सिंचित होने की स्थिति वर्तमान में कुल आवश्यकता का सर्वेक्षण कराकर ट्रांसफार्मर स्थापित कर विभागीय राजस्व और कृषकों को हानि से बचाये जाने की योजना क्रियान्वित करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बडवारा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बडवारा, कटनी व ढीमरखेडा में दिनांक 31.01.2018 की स्थिति में ग्रामवार स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शनों की संख्या एवं विद्युत भार के अनुसार ग्रामवार स्थापित ट्रांसफार्मरों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। दिनांक 1 जनवरी 2017 से 31.01.2018 की अवधि में फेल हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की फेल होने एवं उनके बदलने की तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरान्त निर्धारित समयावधि में ट्रांसफार्मर बदले गए हैं, अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत भार के अनुरूप उपयुक्त क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए है अत: विद्युत भार के कारण ट्रांसफार्मर जलने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं का भार पृथक करने एवं उन्हें निर्धारित की गई पृथक-पृथक समयावधि हेतु विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में फीडर विभक्तिकरण योजना का क्रियान्वयन किया गया है। साथ ही अवैध कनेक्शन वाले संभावित क्षेत्रों में निम्नदाब लाईनों का केबलीकरण भी किया जा रहा है। सौभाग्य योजनांतर्गत अवैध घरेलू कनेक्शनों का नियमितीकरण कर स्थाई कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। आवश्यकतानुसार पर्याप्त क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गए है। प्रति वर्ष भविष्य में भार वृद्धि का अनुमान लगाकर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना तथा क्षमता वृद्धि के कार्य किये जाते है। उक्तानुसार कार्यवाही कर योजनाबद्ध तरीके से वितरण ट्रांसफार्मरों पर संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप रखा जाता है। (घ) प्रति वर्ष संभावित विद्युत भार की वृद्धि का आंकलन कर आवश्यकतानुसार अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा स्थापित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किये जाते हैं जो कि एक सतत् प्रक्रिया है वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक कटनी जिले में इसी प्रक्रिया के तहत 886 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए है तथा 89 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है।
132 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1271 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर की वर्तमान जनसंख्या 15 हजार से अधिक है? यदि हाँ, तो क्या नगर माचलपुर में वर्तमान में स्थापित 33/11 के. व्ही. विद्युत ग्रिड से पर्याप्त एवं सुलभ आपूर्ति नहीं होने से आमजन एवं कृषकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा निरंतर शासन-प्रशासन से नगर माचलपुर में 132 के.व्ही्. विद्युत ग्रिड स्थापना कराने हेतु अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक नगर माचलपुर में 132 के.व्ही. विद्युत ग्रिड स्थापना हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन नगर माचलपुर में पर्याप्त, सुगम एवं निर्बाद विद्युत आपूर्ति हेतु 132 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2011 की जनगणना पुस्तिका के अनुसार विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर की जनसंख्या 9476 है वर्तमान में नगर माचलपुर में स्थापित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से कृषि एवं गैर कृषि कार्य हेतु सुचारू रूप से पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। माचलपुर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र को 14 कि.मी. दूरी पर स्थित 132 के.व्ही. जीरापुर उपकेन्द्र से निर्गमित 33 के.व्ही. माचलपुर फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अनुरोध पर माचलपुर में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के प्रस्ताव का परीक्षण करवाने पर, 132 के.व्ही. माचलपुर उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। उल्लेखनीय है कि ए.डी.बी. योजनान्तर्गत जीरापुर 132 के.व्ही. उपकेन्द्र से माचलपुर तक एक नये 33 के.व्ही. फीडर का कार्य पूर्ण किया गया है, जिससे माचलपुर 33 के.व्ही. फीडर का भार इस नये फीडर पर शिफ्ट होने से प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में और अधिक सुधार परिलक्षित होगा।
शासकीय आवासों की दयनीय स्थिति
[नर्मदा घाटी विकास]
29. ( क्र. 1279 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में नर्मदा घाटी विकास विभाग के कितने शासकीय आवासगृह हैं? श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी दी जाए। खंडवा नगर की पृथक से जानकारी दी जाए। (ख) क्या शास. आवास गृह जिसे आवंटित हैं उसी के द्वारा निवास किया जा रहा है? श्रेणीवार शासकीय आवास गृह किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को आवंटित किये गये? (ग) क्या कर्मचारियों द्वारा अपने नाम आवंटित शासकीय मकानों को भी किसी अन्य अशासकीय व्यक्तियों को किराये पर दे रखे हैं? यदि हाँ, तो क्या शास. भवनों की वार्षिक भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) क्या शास. आवास गृहों को आवंटन के लिए कोई वरिष्ठता पंजी संधारित नहीं है एवं शास. आवास गृहों का आवंटन पूर्णत: मनमाने ढंग से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? इसमें कौन-कौन दोषी है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय आवास, गृहों का आवंटन आवास समिति द्वारा नियमानुसार किया जाता है एवं पंजी संधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.जा./अ.ज.जा. छात्रावास की आवश्यकता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
30. ( क्र. 1282 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितनी-कितनी क्षमता के छात्रावास एवं आश्रम संचालित हैं? क्या अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग में शिक्षा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह पर्याप्त हैं? (ख) क्या पूर्व एवं पश्चिम निमाड़ में खंडवा जिला मुख्यालय शिक्षा के क्षेत्र में हब बन जाने से आस-पास के जिलों से भी अ.जा. वर्ग के छात्र-छात्राएं यहां अधिक संख्या में अध्ययन के लिए आ रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उपलब्ध छात्रावास/आश्रम समय की मांग अनुसार पर्याप्त हैं? विगत तीन वर्षों में खंडवा जिला मुख्यालय पर रिक्त सीटों के विरूद्ध कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? (घ) क्या रिक्त सीटों के अभाव के कारण अ.जा. वर्ग के अनेक छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पाया? यदि हाँ, तो क्या जिला मुख्यालय पर 100-100 सीटर अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के छात्रावास की नवीन स्वीकृति दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। नवीन छात्रावासों की स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्रता आने पर नवीन छात्रावास स्वीकृत होने पर प्राथमिकता क्रम में छात्रावास खोलने की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति तथा जनजाति बस्ती में विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
31. ( क्र. 1308 ) श्री सुदेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति तथा जनजाति बस्ती में नाली, खरंजा, सी.सी.रोड एवं विद्युतीकरण का कार्य कराये जाने हेतु शासन के क्या मापदण्ड हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत वर्ष 2014-15 से लेकर आज दिनांक ग्रामीण क्षेत्र की अनुसूचित जाति तथा जनजाति बस्ती में नाली, खरंजा, सी.सी.रोड एवं विद्युतीकरण के कितने प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये तथा उसके विरूद्ध कितने प्रस्ताव स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिये गये तथा कितने प्रस्ताव विभाग के पास लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? सम्पूर्ण विवरण कार्य एवं स्थान सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र सीहोर जनजाति बाहुल्य क्षेत्र/ग्राम नहीं होने से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए जिससे अनुसूचित जनजाति बस्तियों में नाली, खरंजा, सी.सी.रोड एवं विद्युतीकरण के कार्य नहीं कराये गये हैं। ग्राम खामलिया में सी.सी.रोड का एक प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 1309 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर अन्तर्गत ग्रामीण अंचलों के विद्युत विहीन किन-किन ग्राम, मोहल्ले/मजरा, टोले में वर्ष 2013-14 से किस योजना के अन्तर्गत कितनी राशि से विद्युतीकरण के कार्य कराये गये हैं? स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य पूर्ण हो चुके तथा कितने शेष हैं तथा जो शेष है वह कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? स्थान सहित पूर्ण एवं अपूर्ण कार्य की जानकारी देवें। (ग) अगामी वर्षों में दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत विद्युत विहीन किन-किन ग्रामों के मजरे-टोले में विद्युतीकरण के कार्य प्रस्तावित है तथा कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत सभी ग्राम वर्ष 2013-14 से पूर्व से ही विद्युतीकृत हैं तथा उक्त क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से विद्युतीकृत किये गये मजरों/टोलों की योजनावार, स्थानवार, व्यय की गई राशि सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में पूर्ण कार्यों एवं शेष कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन शेष कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये अनुबंध अनुसार मई, 2019 तक पूर्ण किये जाने हैं तथापि इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) सीहोर जिले में विकासखण्ड सीहोर के अंतर्गत आगामी वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाए गए विद्युत विहीन मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित है, जिसे उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध के अनुरूप मई, 2019 तक पूर्ण किया जाना है।
जिम्मेवारों की पहचान कर कार्यवाही
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 1318 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 432 दिनांक 18.07.2017 में पुस्तकालय परिशिष्ट फीडर विभक्तिकरण दिनांक 1.4.2014 से 31.03.2017 तक कोई भी नवीन एवं सुधार के कार्य न कराये जाने की जानकारी दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, फीडर विभक्तिकरण योजना एवं स्थायी पम्प कनेक्शन के कार्य वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 के दौरान नहीं कराये गये, तो क्यों? शासन द्वारा इन कार्यों हेतु किनती-कितनी राशि वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक में प्रदान की गई? प्राप्त राशि का प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उपयोग क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राजीव गांधी विद्युतीकरण, फीडर विभक्तिकरण योजना एवं स्थायी पम्प कनेक्शन के कितने कार्य 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक में लंबित हैं? समय पर कार्य पूर्ण न किये जाने पर कब-कब किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गयी, की प्रति देते हुए बतावें? लंबित कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में प्राप्त उपकर की राशि ठेकेदारों/संविदाकारों से कितनी काटी गई व कितनी जमा की गयी वर्षवार बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार नवीन एवं सुधार के कार्य न कराये जाने एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य समय पर पूर्ण न करने व शासन से प्राप्त राशि का प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उपयोग न करने के जिम्मेवारों पर प्रश्नांश (ग) अनुसार जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार उपकर की राशि न काटने के जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 432 दिनांक 18.7.2017 के पुस्तकालय परिशिष्ट में 1.4.2014 से 31.3.2017 की चाही गई जानकारी से मात्र 1.4.2014 से 31.3.2016 तक फीडर विभक्तिकरण योजना में हुए नवीन व सुधार के कार्य की जानकारी निरंक थी, न कि वर्ष 2016-17 की। (ख) जी नहीं, गुढ़ विधान सभा अन्तर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, फीडर विभक्तिकरण योजना एवं स्थायी पम्प कनेक्शन के कार्य वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक कराये गए हैं, कराये गए कार्यों का योजनावार वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ए-1, ए-2, ए-3, बी-1, बी-2, बी-3, डी-1, डी-2 एवं डी-3 अनुसार है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फीडर विभक्तिकरण योजना में जिलेवार राशि स्वीकृत होती है। इसके अतिरिक्त पम्प कनेक्शन हेतु वितरण कंपनी को शासन द्वारा राशि प्रदान की जाती है। विधानसभा क्षेत्र वार राशि स्वीकृत नहीं की जाती है। रीवा जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना हेतु रु. 149.05 करोड़ एवं फीडर विभक्तिकरण योजना हेतु रु. 127.44 करोड़ अवार्ड स्वीकृत हुए हैं। उक्त तीनों योजनाओं में जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका समायोजन कम्पनी स्तर पर किया जाता है। योजनावार वर्षवार उपयोग की गई राशि का विवरण भी उक्तानुसार पुस्तकालय में रखे प्रपत्रों में दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राजीव गांधी विद्युतीकरण, फीडर विभक्तिकरण योजना के कोई भी कार्य प्रश्न दिनांक पर लम्बित नहीं है। स्थायी पम्प कनेक्शन के वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक के कोई भी कार्य लंबित नहीं है वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक गुढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 95 पम्पों के कार्य लंबित हैं सभी लंबित कार्य संसाधनों की उपलब्धता अनुसार एवं राइट आफ वे मिलने पर निर्धारित अधिकतम समय-सीमा 06 माह के अंदर पूर्ण करने का प्रयास किया जावेगा। कार्य समय पर पूर्ण न करने के कारण रीवा जिले में संबंधित फीडर विभक्तिकरण योजना के ठेकेदारों के बिलों से रु. 10.67 लाख तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में रु. 745 लाख की राशि तरलता क्षतिपूर्ति के रुप में कटौती की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक उपकर की काटी गई राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ए-1, ए-2, ए-3, बी-1, बी-2, बी-3, डी-1, डी-2 एवं डी-3 में समाहित है। (ड.) उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
कोयला की कमी से ताप विद्युत गृह बन्द होने एवं कम भार पर चलाना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 1335 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप गृहों में कोयला की बहुत अधिक कमी होने के कारण ताप विद्युत गृह बन्द होने की स्थिति में आ गये है? (ख) वर्तमान में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में औसतन प्रतिदिन किन-किन ताप विद्युत केन्द्रों पर कितने-कितने मैट्रिक टन कोयला की आवश्यकता है व औसतन प्रतिदिन कितना मैट्रिक टन कोयला कोल इंडिया द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) वर्तमान में कोल इंडिया को म.प्र. पांवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (घ) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक कितनी-कितनी मांग अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को कितना-कितना मैट्रिक टन कोयला उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं वर्तमान में कोई ताप विद्युत गृह कोयले की कमी से बंद नहीं है तथापि कोयले का प्रदाय अनुबंध की मात्रा से कम हुआ है। (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों हेतु कोयला कंपनियों द्वारा कोयले की आपूर्ति कोल प्रदाय अनुबंध के अनुसार की जाती है। दिनांक 09.10.2017 को कोल इंडिया से तय कोल मैट्रिक्स के अनुसार वर्तमान में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त ताप विद्युत गृहों को कुल 55000 मी.टन प्रतिदिन कोयले की आपूर्ति किया जाना है। तय कोल मैट्रिक्स के विरूद्ध वर्तमान में दिनांक 10.10.2017 से दिनांक 20.02.2018 तक प्रतिदिन औसतन 40338 मी. टन कोयला प्राप्त हुआ है जिसका विद्युत गृहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) दिनांक 26.02.2018 की स्थिति में कोल इंडिया लिमिटेड को म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा रू. 569.64 करोड़ राशि का भुगतान किया जाना शेष है। (घ) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों की वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक आवश्यक कोयले की मात्रा, जो कि अनुबंधित मात्रा के अनुसार है एवं उक्त अवधि में कोल इंडिया द्वारा उपलब्ध कराये गये कोयले की मात्रा की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 1433 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिलान्तर्गत विकास कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है। प्राप्त राशि में से कुल कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु किन नियमों के तहत किस एजेन्सी के माध्यम से खर्च की गई हैं? (ख) विकासखण्ड जैतहरी एवं अनूपपुर अंतर्गत व्यय की गई राशि का विवरण पृथक से प्रदान करें। स्वीकृत कार्यों में से किन-किन जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा के आधार पर कार्य स्वीकृत हुए हैं? उल्लेख करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनूपपुर जिले को अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना मद में राशि रूपये 292.61 लाख एवं अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना में राशि रूपये 189.61 लाख इस प्रकार कुल राशि रूपये 482.22 लाख का आवंटन विकास कार्य हेतु प्राप्त हुआ। व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सिंगरौली जिले में एयरपोर्ट का निर्माण
[विमानन]
36. ( क्र. 1459 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में एयरपोर्ट का कब तक निर्माण किया जायेगा? डी.पी.आर. की अद्यतन स्थिति बताए? (ख) क्या और भूमि की आवश्यकता है तो क्या अर्जन किया जा रहा है? कितनी भूमि की जरूरत है? उसकी क्या कीमत लागत होगी? (ग) क्या भूमि अर्जन व निर्माण राशि की शासन स्वीकृति किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं हैं। डी.पी.आर. तैयार करने का कार्य प्रगति पर हैं। (ख) जी हाँ। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में हैं। 19.30 हेक्टेयर। कीमत का आंकलन किया जा रहा हैं। (ग) डी.पी.आर. अपूर्ण होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं।
सीधी भर्ती के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 1479 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत पातालकोट में निवासरत भरिया समाज के लोगों को शासकीय सेवा में सीधी भर्ती की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा जिले में निवासरत अन्य गांवों के भरिया समाज एवं नरसिंहपुर, सिवनी, होशंगाबाद में रहने वाले भरिया समाज के लोगों को भी सम्मिलित कर सीधी भर्ती का प्रावधान किया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप चिन्हित क्षेत्र में जो भारिया जनजाति के लोग निवासरत है, उन्हें ही भारत सरकार की विशेष पिछड़ी जनजाति के लिये योजनाओं हेतु विशेष पिछड़ी जनजाति की मान्यता प्राप्त है।
आदिम जाति/अनु.जाति/पिछड़ा वर्ग छात्रवासों में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
38. ( क्र. 1503 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के आदिम जाति/अनु.जाति/पिछड़ा वर्ग छात्रवासों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि छात्रावास भवनों की मरम्मत/विद्युतीकरण/रगांई पुताई/पेयजल व्यवस्था हेतु कितनी राशि प्रदान की गई? छात्रावास और वर्षवार ब्यौरा देवें? (ख) क्या कारण है कि उक्त छात्रावासों में देख-रेख/साफ-सफाई/मरम्मत का अभाव है? छात्र-छात्राएं शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं से वंचित हैं? (ग) उक्त छात्रावासों की रंगाई पुताई/विद्युतीकरण/पेयजल व्यवस्था/मरम्मत कब करा दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। छात्र छात्राओं को शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) अनुसूचित जाति के समस्त छात्रावासों में रंगाई पुताई/विद्युतिकरण, पेयजल व्यवस्था,मरम्मत कार्य आवंटन सीमा अंतर्गत माह जून 2018 तक करा लिये जायेंगे। जनजातीय कार्य विभाग के समस्त छात्रावासों की रंगाई पुताई, पेयजल, विद्युतीकरण, मरम्मत कार्य प्राप्त आवंटन की सीमा में पूर्ण कराये गये हैं वर्ष 2017-18 में पिछड़ा वर्ग विभागान्तर्गत पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में रंगाई, पुताई, शौचालय मरम्मत, ब्लॉक पेवलिंग के लिए राशि रू. 20.33 लाख निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के बी.सी.ओ. में अंतरित की गई है। रंगाई पुताई का कार्य पूर्ण हो गया है तथा शेष कार्य प्रगति पर है।
जनजातीय क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 1524 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत भोपाल जिले में वर्ष 2010 से 2015 तक अग्रवाल एसोसिएट भोपाल के द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए विद्युतीकरण के कितने कार्य किये है? कार्यवार, भुगतान की गई राशि का विवरण दें। (ख) ग्रामीण विद्युतीकरण के कंडिका के अनुसार कराये गये कार्यों की क्या कोई शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो कराई गई जाँच का प्रतिवेदन देवें। (ग) कंडिका (क) के किन्हीं कार्यों का स्थल सत्यापन यदि आ.जा. कल्याण विभाग के किसी अधिकारी ने किया है, तो उसके प्रतिवेदन उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी से कार्यों का स्थल सत्यापन कराया जायेगा? (घ) कंडिका (क) अनुसार कराये गये गांवों/मोहल्लों में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति की ग्रामवार संख्या देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना मद अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) विद्युतीकरण कार्यों हेतु म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कम्पनी लिमिटेड को कार्यों के पर्यवेक्षण शुल्क के रूप में कार्यवार 5 प्रतिशत की राशि भुगतान की जाती है। पूर्व वर्षों के कार्य तत्समय ही चार्जिंग परमीशन उपरान्त म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कम्पनी लिमिटेड को सीधे अन्तरित किये जा चुके हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय जाँच
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 1525 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कितने विभागीय अपर आयुक्त पदस्थ है? (ख) क्या उक्त अधिकारी के विरूद्ध बैतूल पदस्थापना के दौरान बिना टेण्डर, बिना बजट के निर्माण कार्य कराये जाने के संबंध में कार्यवाही लंबित है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) क्या उक्त अधिकारी ने तामिया एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में कराये गये व्यावसायिक प्रशिक्षण की जाँच की है? यदि हाँ, तो क्या उसने दो जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये है? यदि हाँ, तो पहले प्रतिवेदन में अनियमितता होने तथा दूसरे प्रतिवेदन में प्रशिक्षण सही पाये जाने का उल्लेख कैसे किया गया है? (घ) क्या कंडिका (ग) के द्वितीय जाँच प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के, जो कि जाँच समिति में थी, के हस्ताक्षर हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 1540 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत स्वीकृत कितने ग्रामों के टोले-मजरे विद्युतविहीन है, उसकी पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्या इनके लिये बजट उपलब्ध है? यदि हाँ, तो कब तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण के लिए राशि उपलब्ध होगी और कब तक शेष ग्रामों के टोले-मजरे योजना से लाभांवित होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला सिंगरौली हेतु स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में 730 विद्युतीकृत ग्रामों के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित इन ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है। उक्त कार्य सहित योजनान्तर्गत समस्त कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध के अनुसार मई-2019 तक पूर्ण किये जाने हैं। (ख) जी हाँ। सिंगरौली जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण के कार्यों के लिए रू. 56.74 करोड़ की राशि स्वीकृत है तथा योजना के प्रावधानों के अनुसार, कार्य की प्रगति के अनुरूप उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाने पर आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा योजनान्तर्गत क्रमश: राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त कार्य मई-2019 तक पूर्ण किये जाने संभावित है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी बनाना
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 1548 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा झाबुआ जिले में दैनिक वैतन भोगी को स्थाईकर्मी बनाने हेतु आदेश प्रसारित किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो झाबुआ जिले में आज तक कितने दैनिक वेतन भोगी को स्थाईकर्मी बनाया गया है कि वि.ख.वार संस्थावार सूची उपलब्ध करावें। (ग) यदि दैनिक वेतन भोगीयों को स्थाईकर्मी नहीं बनाया गया है तो कब तक स्थाई बनाया जावेगा और जिले में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कार्यरत है? संस्थावार वि.ख.वार सूची उपलब्ध करावे। (घ) यदि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी बनाया गया है यदि नहीं, तो विलंब के लिये उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) 333 दैनिक वेतन भोगी को स्थायीकर्मी बनाया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) 333 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी बनाया गया है। जिले में 523 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास/आश्रमों में सामग्री क्रय हेतु दी गई राशि
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 1549 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आ.जा.क. विभाग द्वारा प्रत्येक छात्रावास/आश्रमों में निवासरत बच्चों को उपयोग सामग्री क्रय हेतु राशि कितनी-कितनी प्रदान किये जाने का प्रावधान है? (ख) झाबुआ जिले में वर्ष 2016-17 में किन-किन छात्रावास में कितनी-कितनी राशि दी गई? जिसका उपयोग किस रूप में कहाँ-कहाँ किया गया? छात्रावास/आश्रमवार, वि.ख.वार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या छात्रावास पालक समिति के खातों में जमा राशि की निकासी पर वर्ष 2016-17 में ही कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगा दिया है? यदि हाँ, तो छात्रावासों में उपयोग सामग्री के अभाव में कौन जिम्मेदार होगा? प्रतिबंध लगाना ही था, तो खातों में राशि क्यों जमा किस नियम के तहत की गई है? वि.ख.वार संस्थावार सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नांश में वर्णित अनुसार प्रतिबंध लगाया गया था, जो अब हटा लिया गया है, अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विद्युत विभाग द्वारा नियमित उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेद
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 1582 ) श्री राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत विभाग इंदौर संभाग अन्तर्गत जिला इंदौर में ट्रांसफार्मरों पर एक से अधिक व्यक्तिगत कनेक्शन होने पर अधिकांश उपभोक्ताओं द्वारा नियमित बिल भुगतान के पश्चात भी कुछ उपभोक्ताओं के बिल बकाया होने से नियमित बिल भरने वाले उपभोक्ताओं के भी सामूहिक रूप से ट्रांसफार्मरों को काटे जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो नियमित बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के लिये विद्युत प्रदाय की क्या व्यवस्था की जा रही है, स्पष्ट करें? इंदौर जिले के अन्तर्गत दिनांक 31 जनवरी-2018 की स्थिति में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं एवं कितने विद्युत संयोजन है संचालन-संधारण संभाग/शहर संभागवार संख्या बतावें? कितने विद्युत वितरण ट्रांसफाम्रर के अतिभारित होने के बाबत् कितनी शिकायतें वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिनांक 31 जनवरी-2018 तक संचालन-संधारण संभाग/शहर संभागवार प्राप्त हुई है संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इंदौर जिला अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा कई स्थानों पर किसानों के कनेक्शनों को सामूहिक रूप से काटे जाने की शिकायत प्राप्त हुई? जिस कारण विवादों की स्थिति निर्मित हो रही है? (घ) विजिलेंस टीम द्वारा किसानों के विद्युत संयोजक के कागजों की जाँच पड़ताल किये बिना कृषकों के विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये जाकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं? क्या कृषकों के पास पर्याप्त दस्तावेज होने पर भी पुन: कनेक्शन जुड़वाने में छ: माह तक भटकना पड़ रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता तथापि यदि फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण फेल ट्रांसफार्मर बदला जाना संभव नहीं होता तो ऐसी स्थिति में विद्युत बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को यथासंभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है। उल्लेखनीय है कि इन्दौर जिले के अन्तर्गत 31 जनवरी, 2018 की स्थिति में कुल 24002 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं तथा कुल 8,93,128 विद्युत कनेक्शन हैं, जिनकी वितरण कंपनी के संभागवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) इन्दौर जिले के अन्तर्गत सामूहिक रूप से कनेक्शनों के काटने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं, विद्युत का अवैधानिक उपयोग पाए जाने पर ही विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार प्रकरण बनाए गए हैं। जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
ई.ओ.डब्लू. द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 61/12 की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
45. ( क्र. 1624 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई.ओ.डब्लू. में दर्ज एफ.आई.आर. 61/2012 की जाँच से संबंधित रूपये 7 करोड़ के बिल क्रमांक 350, दिनांक 15 दिसम्बर 2009 पर अपर संचालक, अनुसूचित जाति विकास के ओरीजनल काउन्टर साइन थे? (ख) वित्त विभाग द्वारा दिनांक 31 दिसम्बर 2009 को रूपये 7 करोड़ का आहरण करने की अनुमति देने से पहले ही कोषालय के अधिकारियों-कर्मचारियों और अपर संचालक की आपसी मिली भगत से अधिकारिता न होते हुए भी राशि का आहरण किया गया है? (ग) क्या रूपये 7 करोड़ में से रूपये 72 लाख का गबन कर अन्य लोगों/संस्थानों/फर्मों को दे दिये गये? यदि हाँ, तो गबन किये गये 72 लाख की पूर्ति किस मद की राशि से की गई? (घ) क्या अपर संचालक अनुसूचित जाति विकास के द्वारा रूपये 7 करोड़ के आहरण तथा उसकी कैशबुक में फर्जी प्रविष्टि सहित मासिक प्रविष्टियों को दिसम्बर 2009 में सत्यापित किया है? यदि हाँ, तो अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर लेखा शाखा से मिली भगत कर राशि आहरण करने वाले दोषी अपर संचालक के विरूद्ध वर्तमान तक चालान प्रस्तुत क्यों नहीं हुआ? उक्त आरोपी का नाम चालान में कब तक शामिल कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अस्पतालों एवं पुलिस थानों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
46. ( क्र. 1676 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के किन किन जिला अस्पतालों एवं पुलिस थानों में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 12 एवं 20 कि.वा. क्षमता के संयंत्र में 2 वोल्ट, 1200 एम्पियर पावर क्षमता की बैट्रियां लगाये जाने हेतु ऊर्जा विकास निगम एवं अन्य किस कंपनी को कब आदेश जारी किये गये? जारी आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या संयंत्र एवं बैट्रियों की खरीदी में गंभीर अनियमितताएं की गई एवं शासन को अार्थिक क्षति पहुँचाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन नागरिकों द्वारा विषयांकित अवधि में खरीदी किये गये संयंत्रों एवं बैट्रियों में किये गये भ्रष्टाचार की शिकायत ऊर्जा विभाग एवं लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू. को कब-कब की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के खरीदे गये संयंत्र वर्तमान में कितने चालू हालत में कितने बन्द हैं? यदि बन्द हैं तो बन्द होने के क्या कारण हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा म.प्र. के जिला अस्पतालों एवं पुलिस थानों में वर्ष 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 12 कि.वा. क्षमता एवं 2 वोल्ट 1200 एम्पियर ऑवर क्षमता की बैटरियों के संयंत्र के आदेश किसी भी कम्पनी को जारी नहीं किये गये। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा म.प्र. के जिला अस्पतालों में वर्ष 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 20 कि.वा. क्षमता एवं 2 वोल्ट 1200 एम्पियर ऑवर क्षमता की बैट्रियों के संयंत्रों के आदेश जनवरी 2013 में मेसर्स इंडो सोलर लि. को जारी किये गये थे। जारी किये गये आदेशों का विवरण एवं जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। इन आदेशों के विरूद्ध कम्पनी द्वारा संयंत्र स्थापना नहीं की गई। अत: अगली निविदा, जो अगस्त 2013 में भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के वर्ष 2013-14 के तकनीकी मापदण्डों के अनुसार आमंत्रित एवं निर्धारित की गई, के आधार पर इन संयंत्रों की स्थापना पूर्ण करायी गई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश- (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य के विषयांकित अवधि में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को की गई शिकायत का कार्यवाहीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। इस संबंध में लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. को की गई शिकायतों की सूचना विभाग को नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कुल स्थापित 21 संयंत्रों में से वर्तमान में 19 संयंत्र चालू हालत में हैं व 2 संयंत्र बन्द हैं। संयंत्रों के अकार्यशील होने के कारणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।
रिक्त पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 1736 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. के किन-किन जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी (उप संचालक संवर्ग प्रथम श्रेणी) के पद रिक्त हैं तथा किन-किन रिक्त पदों पर सहायक संचालकों को प्रभार दिया गया है? नाम वरिष्ठता क्रम एवं प्रभार के दिनांक की सूची भी दी जाये। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी के रिक्त पदों पर जो सहायक संचालक पदस्थ किये गये हैं क्या उनमें सहायक संचालकों की वरिष्ठता का ध्यान रखा गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) संभाग स्तरीय जिला मुख्यालयों में कार्यरत उप संचालक संवर्ग के अधिकारियों के नाम दें। इन स्थानों पर उप संचालक संवर्ग के अधिकारी उपलब्ध होने के बावजूद किन कारणों से जूनियर सहायक संचालक को जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार दिया गया तथा ऐसे जूनियर सहायक संचालकों को कब तक हटाकर वहां उप संचालक की पदस्थापना की जायेगी। (घ) क्या जबलपुर कलेक्टर द्वारा प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को हटाकर उनके स्थान पर अन्य जिला कार्यक्रम अधिकारी की पोस्टिंग का पत्र विभाग को लिखा था, यदि हाँ, तो अभी तक पूर्णकालिक जिला कार्यक्रम अधिकारी की पदस्थापना क्यों नहीं की गई। इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक पूर्णकालिक जिला कार्यक्रम अधिकारी की पदस्थापना की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मध्यप्रदेश के 19 जिलों में जिला कार्यक्रय अधिकारी (उप संचालक संवर्ग, प्रथम श्रेणी) के पद रिक्त है। जिन रिक्त पदों पर सहायक संचालकों को प्रभार दिया गया है, उनके नाम वरिष्ठता एवं प्रभार के दिनांक की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) वरिष्ठता नहीं दक्षता के आधार पर प्रभार दिया गया है। (ग) संभागीय स्तरीय जिला मुख्यालयों में कार्यरत उप संचालक संवर्ग के अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। उप संचालक संवर्ग के उपलब्ध अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। उप संचालक संवर्ग में अधिकारियों के पद रिक्त होने पर ही जिला कार्यक्रम अधिकारी पद पर सहायक संचालक को प्रभार दिया गया है। अधिकारी उपलब्ध होने पर ही पदस्थापनाएं की जावेंगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। उप संचालक संवर्ग में अधिकारी उपलब्ध होने पर पदस्थापना की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 1760 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका डब्ल्यू.पी. 6995/2016 में माननीय न्यायालय द्वारा किये गये आदेश दिनांक 13.09.2017 के पालन में राज्य मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14/11/2017 में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की नवीन नीति निर्धारित कर आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की व्यवस्था शीघ्र लागू किये जाने का निर्णय लिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मंत्रि-परिषद् के निर्णय लिये जाने के पश्चात भी राज्य सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश में संशोधन कराने के लिए रिव्यू पिटीशन (पुनरीक्षण याचिका) लगायी हैं? यदि हाँ, तो यह याचिका कब एवं किन कारणों को लेकर लगाई गई? (ग) मंत्रि-परिषद् के निर्णय के पश्चात् पुनरीक्षण याचिका माननीय न्यायालय में लगाने के लिए क्या राज्य शासन के कार्य नियमों (रूल्स ऑफ बिजनेस) के तहत क्या विभागीय मा.मंत्री जी/ मा.मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को? यदि नहीं, तो रूल्स ऑफ बिजनेस का उल्लंघन करने के लिए संबंधित दोषी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में मंत्रि-परिषद् द्वारा लिये गये निर्णयानुसार निर्धारित नवीन नीति अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था लागू न किये जाने के क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदाय होने वाले टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) व्यवस्था के परीक्षण एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-52/1/4/16, दिनांक 23.09.2016 के माध्यम से गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के आधार पर, प्रदेश में टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) प्रदाय के लिये नवीन नीति निर्धारण हेतु मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14.11.2017 में प्रस्तुत संक्षेपिका पर मंत्रि-परिषद् द्वारा निर्णय लिया गया। (ख) मान.उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा दिनांक 13.09.17 को पारित आदेश में फ्रेश टेण्डर करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। इन निर्देशों के अनुक्रम में शासन द्वारा नवीन नीति निर्धारित करने एवं टेण्डर प्रक्रिया में लगने वाले समय को देखते हुए मान. उच्च न्यायालय इन्दौर से अतिरिक्त समय प्राप्त करने हेतु दिनांक 31.10.17 को आर.पी.1145/17 दायर की गई थी। (ग) जी हाँ। मान. मंत्रीजी महिला बाल विकास विभाग का अनुमोदन प्राप्त किया गया था। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मंत्रि-परिषद् के निर्णय अनुसार प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन व्यवस्था के संबंध में महिला स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के संघों को टेण्डर में भाग लेने एवं इस कार्य हेतु प्रेरित करने, प्रशिक्षित एवं फेसिलिटेड करने संबंधी अनुशंसाएं प्रस्तुत करने के लिये म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 19-70/2017/1/4,दिनांक 5.12.2017 द्वारा अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अनुशंसाओं के आधार पर टेकहोम राशन व्यवस्था के लिये नवीन नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं।
धोबी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
49. ( क्र. 1763 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की धोबी/रजक जाति को संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित किये जाने हेतु पारित अशासकीय संकल्पों के प्रस्ताव एवं वर्ष 2004 में राज्य मंत्रि-परिषद् की उपसमिति द्वारा लिये गये निर्णयानुसार म.प्र. आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान की सर्वेक्षण रिपोर्ट के साथ विभाग द्वारा भारत सरकार सामाजिक न्याय मंत्रालय नई दिल्ली को पत्र/प्रस्ताव कब-कब क्या-क्या भेजे गये थे? (ख) वर्ष 2004 में राज्य मंत्रि-परिषद् की उपसमिति ने उक्त संबंध में क्या निर्णय लिया था एवं इस संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई थी? (ग) क्या प्रदेश की आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2006 तक की स्थिति में प्रदेश के सभी जिलों में धोबी जाति को एक समान बतायी जाकर संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति में मान्य किये जाने की अनुशंसा, भारत सरकार से की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो वर्ष 2006 में भारत सरकार को भेजी गई उक्त रिपोर्ट का भारत के महारजिस्टार द्वारा परीक्षण किये जाने के पश्चात् म.प्र. की धोबी जाति के समर्थन में भारत सरकार, सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा निधारित प्रपत्र में जानकारी राज्य सरकार से चाही गई थी? (ड.) यदि हाँ, तो कब और क्या जानकारी चाही गई? क्या चाही गई अपेक्षित जानकारी भारत सरकार को भेजी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (च) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत सरकार द्वारा धोबी जाति के संबंध में अपेक्षित जानकारी न भेजकर आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के प्रतिवेदन के आधार पर से पारित संकल्प एवं मंत्री परिषद् के निर्णय के विरूद्ध विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने स्तर से विभागीय माननीय मंत्री जी/मा.मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त किये बिना ही सीधे भारत सरकार को वर्ष 2007 में प्रस्तावित किया गया कि प्रदेश में धोबी समुदाय की स्थिति भिन्न-भिन्न है इसलिए अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने का पर्याप्त आधार नहीं हैं? (छ) यदि हाँ, तो राज्य शासन के कार्य नियमों (रूल्स ऑफ बिजनेस) का उल्लंघन करने वाले संबंधित अधिकारियों को दंडित किया जाकर भारत सरकार द्वारा धोबी जाति के संबंध में चाही गई अपेक्षित जानकारी कब तक भेजी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 14.7.2006 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा टिप्पणी अंकित कर जानकारी चाही गई थी। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) एवं (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर की शालाओं में युक्तियुक्तकरण
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 1776 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर जिला धार की शालाओं में प्राचार्य, संविदा वर्ग 1, 2 एवं 3 तथा अध्यापकों के कितने पद कब से रिक्त हैं? (ख) उक्त पदों को भरने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? (ग) क्या अनुसूचित जनजाति विकास विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि युक्तियुक्तकरण के अनुसार शिक्षकों को शालाओं में पदस्थ किया जायेगा, जिससे छात्रों के अध्यापन के कार्य में व्यवधान न हो?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत प्राचार्य उ.मा.वि. के 03, प्राचार्य हाईस्कूल के 15, व्याख्याता/संविदा शिक्षक वर्ग-1 के 42, हाईस्कूल में संविदा वर्ग 1 के 30, उ.मा.वि./हाईस्कूल में उ.श्रे. शिक्षक/संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के 53, मा. विद्यालय में उच्च श्रेणी शिक्षक/संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के 120 एवं प्रा. विद्यायलय में संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के 119 पद वर्ष 2014 पश्चात से रिक्त है। (ख) प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति द्वारा की जा सकेगी वर्तमान में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन है। संविदा वर्ग-1, 2 एवं 3 के पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ।
धार जिले में संचालित देशी विदेशी शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
51. ( क्र. 1778 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कितनी देशी एवं विदेशी मदिराओं की दुकान कहाँ-कहाँ स्वीकृत है एवं इसके विरूद्ध कितनी दुकानें संचालित हैं? (ख) क्या धार जिले की 750 ग्राम पंचायतों में ठेकेदारों द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर लगभग दो हजार अवैध शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं? (ग) शासन द्वारा इन अवैध दुकानों को कब तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) धार जिले में वर्तमान वर्ष 2017-18 में 64 देशी मदिरा एवं 25 विदेशी मदिरा की कुल 89 मदिरा दुकानें स्वीकृत/संचालित की गयी हैं। मदिरा दुकानों के संचालन स्थल का दुकानवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1854 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा में विगत 02 वर्षों में अधिनियम के अंतर्गत पंप कनेक्शन, घरेलू कनेक्शन, आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया है और कितने आवेदन लंबित हैं? यदि आवेदन पत्र लंबित है तो क्या कारण है? लंबित आवेदन पत्रों पर कब तक निराकरण की कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत विगत 2 वर्षों यथा वर्ष 2016 (1.1.16 से 31.12.16) तथा वर्ष 2017 (1.1.17 से 31.12.17) में लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम 2010 के अधीन पम्प कनेक्शन एवं घरेलू कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदनों की विधानसभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त घरेलू कनेक्शन एवं पंप कनेक्शन के क्रमश: 28144 एवं 10378 आवेदनों में से घरेलू कनेक्शन एवं पंप कनेक्शन के क्रमशः 28015 एवं 10271 औपचारिकतापूर्ण आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है तथा घरेलू कनेक्शन के 129 एवं पंप कनेक्शन के 107 आवेदनों में संबंधित आवेदकों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में औपचारिकता पूर्ण नहीं किये जाने के कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिये गये हैं वर्तमान में प्रश्नाधीन प्राप्त कोई भी आवेदन कार्यवाही हेतु लंबित नहीं है।
कूटरचित चालानों के माध्यम से अनियमितता
[वाणिज्यिक कर]
53. ( क्र. 1911 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में आबकारी विभाग में कौन-कौन से शराब ठेकेदारों द्वारा कूटरचित चालानों के माध्यम से अनियमितता की जाकर शासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि पहुँचाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो देशी व विदेशी शराब दुकान पर अनियमिताओं के समय कौन-कौन सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं आबकारी उपनिरीक्षक पदस्थ थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अनियमितता के समय पदस्थ सहायक जिला अधिकारी व सहायक उपनिरीक्षक का क्या कर्तव्य था? इनके द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या इनके द्वारा चालानों का सत्यापन कराया गया था? क्या चालान सत्यापन के पश्चात रिपोर्ट सहायक आबकारी आयुक्त जिला इन्दौर को प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी? क्या उस रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि हुई थी? नहीं तो रिपोर्ट प्रस्तुत क्यों नहीं की? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अनियमितता के समय पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को बहाल कर दिया गया? दुकानों पर अनियमितता के समय ठेका शाखा प्रभारी अधिकारी कौन-कौन थे? इनकी क्या जवाबदारी थी? इनके स्थानांतरण के बाद पुन: इन्दौर में पदस्थ कर दिया गया है? क्या शासन को हानि पहुँचाने वाले अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? विभाग/शासन स्तर पर अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही होगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। देशी मद्य भाण्डागार इन्दौर एवं महू के प्रभार में पदस्थ अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला परियोजना अधिकारी की सेवा समाप्ति
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 2032 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न क्र. 477 दिनांक 28-11-2017 के संबंध में क्रमश: पत्र 1324, 1325 दिनांक 29.11.2017 को महिला बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी छतरपुर को निलंबित कर जाँच उपरांत सेवा समाप्ति की कार्यवाही किये जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव को संबोधित पत्र विभाग को प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच हेतु कार्यालय मुख्य सचिव/मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी किसे नियुक्त किया? आदि जानकारी सहित जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (ग) क्या जाँच प्रतिवेदन में नियुक्त आदेश में गंभीर अनियमितता किये जाने से संबंधित प्रमाणित होने पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र क्र.1325/एम.एल.ए./17 दिनांक 29.11.2017 प्राप्त हुआ है। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है) (ख) जी नहीं। मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त पत्र पर विभागीय स्तर से निर्णय लेकर संभागीय संयुक्त संचालक, एकीकृत बाल विकास सेवा, सागर संभाग को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है) संयुक्त संचालक, एकीकृत बाल विकास सेवा, सागर संभाग से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है) (ग) जी नहीं। जाँच के निष्कर्षों के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों, मजरों, टोलों एवं फाल्यों में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 2050 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना क्या है? इसके क्या नियम एवं प्रावधान है? इसके अंतर्गत किन क्षेत्रों में किस-किस प्रकार का कार्य किया जाता है एवं यह योजना कब से लागू की गई है? (ख) खरगोन जिले में पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन कब से किया गया है? इसमें किस-किस विकासखण्ड के कौन-कौन सी ग्रामों, मजरे टोले एवं फाल्यों का चयन किया गया है तथा इसमें किस-किस प्रकार का कौन-कौन सा कार्य, कितनी-कितनी लागत का कार्य किया जावेगा? (ग) पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड महेश्वर एवं बड़वाह के कौन-कौन से ग्राम, मजरे टोले एवं फाल्यों का चयन किया गया है? चयन उपरांत उन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि एवं किसके द्वारा कार्य किया जावेगा एवं कब तक कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने ग्रामों, मजरों, टोलों एवं फाल्यों में विद्युत व्यवस्था हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है? कितने में पूर्ण किया गया एवं कितने ग्रामों में किया जाना शेष हैं? सूची उपलब्ध कराई जावें। शेष ग्रामों को कब तक विद्युतीकृत किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्रामीण क्षेत्रों में अविद्युतीकृत ग्रामों, चिन्हित मजरों/टोलों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना संचालित की गई है। उक्त योजना के नियम एवं प्रावधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। योजनान्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण/क्षमतावृद्धि, वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, फीडर विभक्तिकरण, नवीन निम्नदाब/उच्चदाब विद्युत लाईनों का निर्माण एवं मीटरीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। उक्त योजना दिसम्बर, 2014 से लागू है। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत प्रदेश के सभी विद्युत विहीन घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय करना है। उक्त योजना के नियम एवं प्रावधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। उक्त योजनान्तर्गत पूर्व से संचालित विद्युतीकरण योजनाओं में निर्मित अधोसंरचना का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवश्यक अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य किया जाएगा। उक्त योजना दिनांक 25 सितम्बर, 2017 से लागू है। (ख) खरगोन जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्यों के क्रियान्वयन हेतु अवार्ड दिनांक 14.12.2016 को जारी किया। उक्त योजनान्तर्गत खरगोन जिले के 9 विकासखण्डों के 1113 ग्राम के 1832 चिन्हित मजरों/टोलो/फाल्यों का चयन किया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त योजनान्तर्गत संपूर्ण खरगोन जिले हेतु टर्न-की आधार पर रू. 127.79 करोड़ की राशि का अवार्ड मेसर्स वोल्टाज लि., मुंबई को जारी किया गया है। अत: ग्रामवार, कार्यवार लागत राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। खरगोन जिले हेतु योजनान्तर्गत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। खरगोन जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में सौभाग्य योजना दिनांक 25.09.2017 से प्रारंभ की गई है। उक्त योजनान्तर्गत खरगोन जिले के 9 विकासखण्डों के 311 राजस्व ग्रामों के 1017 चिन्हित मजरों/टोलो/फाल्यों का चयन किया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कार्य विभागीय तौर पर किये जा रहे हैं। उक्त योजनान्तर्गत पूर्व से संचालित विद्युतीकरण योजनाओं में निर्मित अधोसंरचना का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवश्यक अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना विस्तार कार्य किया जाएगा। उक्त योजनान्तर्गत कार्यों के लिये खरगोन जिले हेतु रू. 43.23 करोड़ की राशि की डी.पी.आर. आर.ई.सी. लिमिटेड को प्रेषित की गई है। (ग) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड महेश्वर के 186 ग्रामों एवं चिन्हित 69 मजरों/टोलो/फाल्यों तथा बड़वाह विकासखण्ड के 67 ग्रामों एवं चिन्हित 107 मजरे/टोलो/फाल्यों का चयन किया गया है। उक्त चिन्हित मजरे/टोलो/फाल्यों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड महेश्वर के 17 ग्रामों एवं चिन्हित 05 मजरे/टोलो/फाल्यों तथा बड़वाह विकासखण्ड के 05 ग्रामों एवं चिन्हित 09 मजरों/टोलो/फाल्यों का चयन किया गया है। उक्त चिन्हित मजरों/टोलो/फाल्यों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। संपूर्ण खरगोन जिले हेतु दोनों योजनाओं के लिये लागत एवं कार्य का विवरण उत्तरांश (ख) में समाहित है। ग्रामवार कार्यवार लागत राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का कार्य निविदा अनुबंध की शर्त अनुसार 24 माह में माह दिसम्बर-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। सौभाग्य योजना के तहत कार्य दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण किये जाने हैं। (घ) खरगोन जिले के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों का विद्युतीकरण पूर्व में ही किया जा चुका है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के विकासखण्ड महेश्वर में 186 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण एवं 69 मजरे/टोलो/फाल्यों में विद्युतीकरण एवं सघन विद्युतीकरण तथा बड़वाह विकासखण्ड के 67 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण एवं 107 मजरे/टोलो/फाल्यों में विद्युतीकरण एवं सघन विद्युतीकरण किया जाना प्रस्तावित है। इनमें से महेश्वर तथा बड़वाह विकासखंड में क्रमश: 13 मजरों/टोलो/फाल्यों में एवं 07 मजरों/टोलो/फाल्यों में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया था, जिसमें से क्रमशः 08 मजरे/टोलो/फाल्यों में एवं 06 मजरे/टोलो/फाल्यों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रकार महेश्वर तथा बड़वाह विकासखंड में क्रमश: 61 मजरों/टोलो/फाल्यों में एवं 101 मजरों/टोलो/फाल्यों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। प्रश्नाधीन चाही गई सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज-1' अनुसार है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के विकासखण्ड महेश्वर में 05 मजरों/टोलो/फाल्यों और बड़वाह विकासखण्ड के 09 मजरों/टोलो/फाल्यों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इनमें से किसी भी मजरों/टोलो/फाल्यों में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज-2' अनुसार है।
विधायक क्षेत्र विकास निधि से विद्युत ट्रान्सफार्मर स्थापित करना
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 2085 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक क्षेत्र विकास निधि से ग्राम पन्नी जुमुहरा टोला में ट्रान्सफार्मर लगाने हेतु कार्यालय कलेक्टर (संभागीय योजना एवं सांख्यिकी) रीवा द्वारा प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृत आदेश क्रमांक/172/सं.यो.सां.का./प्रशा.स्वी./विनियो/2015-16 दिनांक 28.1.16 द्वारा राशि 348701.00 रू. निर्गमित की गयी थी तथा कार्य एजेन्सी अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. रीवा को निर्धारित किया गया था? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या निर्धारित एजेन्सी द्वारा कार्य को पूर्ण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य को पूर्ण न किये जाने के कारण प्रश्नकर्ता द्वारा उसका स्थान परिवर्तन हेतु जिला योजना समिति को पत्र क्रमांक 927 दिनांक 2.11.17 दिया गया, जिसके आधार पर संभागीय योजना एवं सांख्यिकी रीवा पत्र क्रमांक 2195 दिनांक 3.11.17 द्वारा निर्माण एजेन्सी अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. रीवा को कार्य पूर्ण या अपूर्ण की अद्यतन स्थिति मांगी गयी? क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा संभागीय योजना एवं सांख्यिकी रीवा को इस बात से अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेवार है? कार्य की वस्तुस्थिति की जानकारी कब तक उपलब्ध करायी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन आदेश द्वारा विधायक निधि से प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य हेतु रु. 348701/- की प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति प्रदाय की गई थी तथा उक्त कार्य हेतु क्रियान्वयन एजेन्सी अधीक्षण यंत्री (संचालन एवं सधारण) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रीवा, जो कि जिला समिति के सदस्य सचिव भी है, को बनाया गया था। आदेश की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जी नहीं, प्रश्नाधीन कार्य हेतु चयनित स्थल विवादित होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की पूर्णता/अपूर्णता के संबंध में संभागीय योजना एवं सांख्यिकी, कार्यालय रीवा का पत्र क्रमांक 2195, दिनांक 03.11.17 नहीं अपितु पत्र क्रमांक 79, दिनांक 16.1.18 अधीक्षण यंत्री (संचा./संधा.), रीवा कार्यालय में प्राप्त हुआ है, जिसके संदर्भ में संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय रीवा को अधीक्षण यंत्री (संचालन/संधारण) के पत्र दिनांक 20.02.18 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है। उक्त दोनों पत्रों की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय द्वारा परिवर्तित स्थल की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही की जा सकेगी।
प्रारंभिक जाँच 09/2011 में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 2089 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 1246 दिनांक 23.02.2017 के अनुसार प्रारंभिक जाँच 09/2011 में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही न करने के क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? (ख) कार्यालय आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ सचिन तेन्दूलकर मार्ग ग्वालियर के पत्र क्र. 3509 दिनांक 18.10.2016 में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अंतर्गत अपराध (क) (ब) पंजीबद्ध होगा? अपराध पंजीबद्ध न करने के क्या कारण हैं? (घ) जिला कलेक्टर भिण्ड के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्र. 754 दिनांक 04.11.99 क्र. 835 दिनांक 16.11.99 क्र. 71 दिनांक 29.01.2000 क्र. 1605 दिनांक 22.12.2000 में अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रारंभिक जाँच क्रमांक 09/2011 में जाँच पूर्ण हो चुकी है। प्रकरण में श्री मुक्तेश वार्ष्णेय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 21476/2017 के निराकरण एवं माननीय न्यायालय से प्राप्त होने वाले अंतिम आदेश के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) कलेक्टर भिण्ड से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रारंभिक जाँच क्रमांक 09/11 की जाँच पूर्ण हो चुकी है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रारंभिक जाँच क्र. 09/11 दर्ज कर जाँच की कार्यवाही की गई है। प्रकरण में श्री मुक्तेश वार्ष्णेय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 21476/2017 के निराकरण एवं माननीय न्यायालय से प्राप्त होने वाले अंतिम आदेश के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
किसानों को हो रहे नुकसान का आंकलन
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2116 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि कार्य हेतु स्थायी एवं अस्थायी विद्युत कनेक्शन लेने वाले किसानों से विद्युत विभाग द्वारा एक निश्चित समय के लिये विद्युत कनेक्शन दिये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो अन्य उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल न भरे जाने के कारण विद्युत विभाग द्वारा संपूर्ण ट्रांसफारमरों से बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है? तो क्या ऐसी स्थिति में नियमित रूप से बिल भरने वाले वे किसान जिन्होंने कृषि कार्य हेतु स्थायी एवं अस्थायी कनेक्शन लिये थे? प्रभावित होते हैं? जिसका असर उनकी फसलों पर पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार बिजली बंद रहने के कारण जिन किसानों की फसलें सिंचाई न होने के कारण सूख जाती हैं और उन्हें नुकसान होता है, उन्हें हो रहे या हुये नुकसान की भरपाई क्या विद्युत विभाग करेगा? (घ) यदि नहीं, तो, उन किसानों की क्या गलती है, जिन्होंने विद्युत विभाग को पैसे देकर कनेक्शन लिये और विद्युत विभाग द्वारा उन्हें बिजली ही उपलब्ध नहीं करायी? इसके लिये कौन दोषी माना जाकर किसानों को हुये नुकसान की भरपाई करवायी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कृषि कार्य हेतु कृषकों को उनके द्वारा आवेदित अवधि के लिये अस्थाई कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं। कृषि कार्य के लिये प्रदान किये गये स्थाई कनेक्शन हेतु निश्चित समयावधि निर्धारित नहीं है तथापि प्रारंभ में दो वर्ष की अवधि हेतु अनुबंध किया जाता है। (ख) जी नहीं, कुछ उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं किये जाने के कारण ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय बन्द नहीं किया जाता तथापि ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर उससे संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने की स्थिति में, 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। यदि ट्रांसफार्मर बदले जाने के पश्चात् 3 माह की अवधि में पुन: फेल हो जाता है तो बकाया राशि की शर्त/पात्रता शिथिल करते हुए ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले जाने के निर्देश है। जले/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध विद्युत बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय प्रभावित होने की स्थिति में तकनीकी रूप से साध्य होने पर उन्हें यथा संभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है। ट्रांसफार्मर फेल होने से बदलने की अवधि में प्रभावित उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 11.3 में निहित प्रावधानुसार रियायत दी जाती है। उल्लेखनीय है कि जले/खराब या शत्-प्रतिशत राशि बकाया होने के कारण विद्युत प्रदाय बन्द रहने की अवधि 10 दिन या उससे अधिक होने की दशा में राज्य शासन के आदेश दिनांक 06.09.2017 एवं विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 11.3 के अनुसार मीटर युक्त उपभोक्ता जिन्होंने भुगतान में चूक नहीं की है को ऊर्जा प्रभार का बिल मीटर में दर्ज खपत के आधार पर तथा अन्य प्रभारों (विद्युत शुल्क एवं उपकर को छोड़कर) की वसूली उपभोक्ता की विद्युत प्रदाय दिवस की संख्या के आधार पर अनुपातिक दर से करने तथा भुगतान में चूक नहीं करने वाले अमीटरीकृत उपभोक्तओं को ऊर्जा प्रभार की बिलिंग निर्धारित मासिक खपत के अनुसार प्रयोज्य मासिक ऊर्जा प्रभार के विद्युत प्रदाय दिवस संख्या के आधार पर अनुपातिक राशि अनुसार एवं अन्य प्रभारो (विद्युत शुक्ल एवं विद्युत उपकर को छोड़कर) विद्युत प्रदाय दिवसों की संख्या के आधार पर अनुपातिक रूप से करने का प्रावधान है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सहायक संचालक की पदस्थापना व जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 2251 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में परिवीक्षा प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय जैन को जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार कितने वरिष्ठ सहायक संचालकों को नजर अंदाज करते हुये दिया गया है? इनके स्थान पर कब तक वरिष्ठ अधिकारी की पदस्थापना की जावेगी? (ख) क्या छतरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा प्र.क्र. 1608, दिनांक 04/02/18 को छतरपुर के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय जैन के विरूद्ध आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल को शिकायत की गयी है? क्या शिकायत की जाँच की गयी तथा श्री जैन के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शासन आदेश क्रमांक एफ-1 (ए) 16/2017/50-1, दिनांक 10.07.2017 द्वारा श्री संजय जैन, परिवीक्षाधीन सहायक संचालक को जिला कार्यक्रम अधिकारी, छतरपुर का प्रभार दिया गया है। सहायक संचालकों की वरिष्ठता सूची में इनका नाम क्रमांक-126 पर अंकित है। सहायक संचालक से उप संचालक पद पर पदोन्नति होने पर पदस्थापना की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। संचालनालय, एकीकृत बाल विकास सेवा, भोपाल के पत्र क्रमांक 931, दिनांक 24.02.2018 द्वारा शिकायत के संबंध में कलेक्टर जिला छतरपुर से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति एवं आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्वन
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 2335 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामों/मजरे टोलों में विद्युत उपलब्धता हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं शहरी क्षेत्र में आई.पी.डी.एस. योजना संचालित की जा रही हैं? उक्तानुसार योजना के उद्देश्य, मापदण्ड एवं क्रियान्वन हेतु क्या दिशा निर्देश तय हैं? (ख) आगर एवं शाजापुर जिले के अन्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना में विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से कार्यों हेतु कार्यादेश किन-किन फर्मों को जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आगर एवं शाजापुर जिला अन्तर्गत उक्त दोनों योजनाओं हेतु प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? अनुबंध पत्रक एवं जारी किये गये कार्यादेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? उक्त योजनाओं के अन्तर्गत दिनांक 31.01.2018 तक टर्न-की ठेकेदारों को किये गये भुगतान की राशि की जानकारी फर्मवार देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की पूर्णता कब तक होना था? क्या सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हुए? यदि नहीं, तो विलंब हेतु जवाबदारों पर क्या कार्यवाही की गई? लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? भुगतान से पूर्व कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो कब कब किसके द्वारा किया गया हैं पूर्ण जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, ग्रामीण क्षेत्र में अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण सहित विद्युतीकरण के अन्य कार्यों हेतु दीनदयालय उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये आई.पी.डी.एस. योजना संचालित की जा रही है। उक्त योजनाओं के उद्देश्य, मापदण्ड एवं क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ख) आगर एवं शाजापुर जिलों के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु टर्न-की ठेकेदार मेसर्स हरपाल सिंह भाटिया, इंदौर को क्रमश: दिनांक 04.11.2016 एवं दिनांक 14.06.2017 को अवार्ड जारी किये गये है। उक्त अवार्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1 एवं ब-2 अनुसार है, जिनमें सम्पादित किये जाने वाले प्रस्तावित कार्यों का सम्पूर्ण विवरण उल्लेखित हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना के लिये नोडल एजेंसी क्रमश: आर.ई.सी. लिमिटेड तथा पी.एफ.सी. नई दिल्ली से प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति की सत्यापित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-1 एवं स-2 अनुसार है। योजनावार अनुबंध पत्रक की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द-1 एवं द-2 अनुसार है। योजनावार जारी कार्यादेश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत दिनांक 31.01.2018 तक टर्न-की ठेकेदार को जिला शाजापुर एवं आगर के अंतर्गत किये गये कार्यों के विरूद्ध क्रमश: रूपये 4.58 करोड़ एवं रूपये 3.53 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत दिनांक 31.01.2018 तक टर्न-की ठेकेदार को कोई भुगतान नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्य कार्यादेश की शर्तों के अनुसार 03.11.2018 तक पूर्ण किये जाने है। कार्यादेशित कार्य का कियान्वयन निर्धारित समय-सीमा के अनुसार विलंब से चल रहा है। विलंब के लिये कार्यादेशित फर्म मेसर्स हरपाल सिंह भाटिया, इंदौर पर उनसे प्राप्त देयकों से 10.5 लाख रू. का कटौत्रा किया गया है। लंबित कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराने के लिये समय-समय पर कार्यादेशित फर्म को दिशा निर्देश जारी किये जा रहे हैं। आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की पूर्णता, कार्यादेश जारी होने के 24 महीने बाद अर्थात 13.06.2019 तक निर्धारित है तथापि कार्यादेश के शर्तों के प्रथम चरण में कार्यादेश की लागत के 25 प्रतिशत के मूल्य के बराबर कार्यों का निष्पादन होना था। इसमें कमी को दृष्टिगत टर्न-की फर्म मेसर्स हरपाल सिंह भाटिया, इंदौर को कार्यादेश समापन का सूचना-पत्र जारी किया गया है। उपरोक्त दोनों योजनान्तर्गत पूर्ण किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं योजना के कार्यों की गुणवत्ता के लिये नियुक्त प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी मेसर्स फीडबैक इंफ्रा. प्रा.लि. गुडगाँव एवं विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा किये जा रहे है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
गैर आदिवासी जिलों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 2336 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैर आदिवासी जिलो में विभाग के छात्रावास संचालित हैं? जिनमें अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी अधीक्षक के पद के विरूद्ध कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो कुल कितने अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी कार्यरत हैं, गैर आदिवासी जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग के लिये जारी ऑनलाईन संविलियन/स्थानान्तरण नीति प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों पर लागू नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या आदिवासी जिलों में स्कूलों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को ऑनलाईन संविलियन/स्थानान्तरण की पात्रता हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या विभाग द्वारा गैर आदिवासी जिले के विभागीय अध्यापक को आदिवासी जिलों के समान ऑनलाईन स्थानान्तरण/संविलियन विचार कर निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ऑनलाईन आवेदन के माध्यम से स्थानान्तरण करने की प्रक्रिया जब तक शुरू नहीं की जाती तब तक क्या विभाग ऑफलाईन स्थानान्तरण आवेदन आमंत्रित कर गैर आदिवासी जिले के विभागीय अध्यापकों को नवीन शिक्षण सत्र वर्ष 2018-19 के प्रारंभ होने से पहले स्थानान्तरण सुविधा का लाभ प्रदान करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। अध्यापक संवर्ग के कुल 269 कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अध्यापक संवर्ग के लिए भी शासन नीति दिनांक 10.07.2017 की कण्डिका 1.10 में प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गांव में बिजली खराब होना
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 2370 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2016-17 प्रदेश में गांव-गांव, घर-घर में बिजली पहुँचाने के लिए शासन ने कोई योजना लागू की है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के आदेश एवं नियम एवं क्या-क्या सुविधायें दी जानी हैं कि प्रति उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की योजना के तहत दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में कब बिजली पहुँचाई गई थी? उक्त ग्रामों की सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र के तेदूंखेड़ा विकासखंड के तिपनी, जामुन, जरूआ, हाथीडोल ग्राम में उक्त योजना के तहत विद्युत विस्तारीकरण के लिए ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन (घटिया) केबिल का उपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित ग्रामों में विद्युत केबिल जली हुई है? यदि हाँ, तो कब तक सुधारी जायेंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2016-17 नहीं, अपितु वर्ष 2014-15 में ग्रामों का सघन विद्युतीकरण कर घरों के विद्युतीकरण कार्य सहित अन्य कार्यों हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना लागू थी तथा वर्ष 2017-18 में सभी विद्युत विहीन घरों को विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर-घर योजना (सौभाग्य) केन्द्र शासन द्वारा लागू की गई है। उक्त योजनाओं के आदेश/नियम की योजनाओं के प्रावधानों के विवरण सहित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत जिला दमोह में जबेरा विधानसभा क्षेत्र में 8 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया, जिनकी कार्य पूर्णता की दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ग्राम तिपनी, जामुन, जरूआ एवं हाथी डोल के विद्युतीकरण के कार्य उचित गुणवत्ता के केबिल का उपयोग कर पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर पूर्ण किये गये हैं। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित ग्राम दूरस्थ वन क्षेत्र में स्थित है तथा इन ग्रामों में प्राकृतिक आपदा जैस-आंधी-तूफान इत्यादि के कारण केबिल क्षतिग्रस्त होने से टूट/जल जाती है। केबिल क्षतिग्रस्त होने पर समय-समय पर सुधार कार्य कर विद्युत व्यवस्था को सुचारू किया जाता है वर्तमान में उक्त ग्रामों में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है।
अधोसंरचना राशि के नियम
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 2376 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधोसंरचना राशि लेने का नियम कब बना व यह राशि किन-किन क्षेत्रों में ली जानी थी? क्या अधोसंरचना के लिए बनाये गये नियमों का पालन प्रदेश में किया जा रहा है? (ख) बालाघाट जिले में अधोसंरचना राशि के रूप में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2017-18 में जनवरी, 18 तक कितनी राशि ली गई व कितना कार्य करवाया गया? (ग) बालाघाट में किन-किन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन क्षेत्रों की कॉलोनी किस-किस क्षेत्रों को अविकसित व किन-किन क्षेत्रों को स्लम बस्ती क्षेत्र घोषित किया गया है और कितनी राशि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में अधोसंरचना के रूप में उपभोक्ताओं से ली गई है? नाम पता सहित जानकारी देवें? (घ) क्या स्वयं बालाघाट जिले को स्लम बस्ती घोषित नहीं किया गया हैं? (ड.) क्या अधोसंरचना के रूप में ली गई राशि विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को वापस की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत अधिनियम 2003 जारी होने के उपरांत प्रथम बार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) विनियम 2006 (आर.जी. 31 वर्ष 2006) दिनांक 20.11.2006 को अधिसूचित किया गया था। उक्त विनियम की कण्डिका 6.1 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी.-31 (1), 2009) की कण्डिका 4.4.1 के अनुसार राज्य शासन विनियमों के अंतर्गत विकसित कालोनियों/अभिन्यासों को विद्युत प्रदाय हेतु जिन्हें अभी तक विद्युतीकरण की लागत जमा न किये जाने के कारण विद्युतीकृत नहीं किया जा सका है (केवल इस विनियम की अधिसूचना दिनांक को विद्यमान कालोनियों हेतु लागू तथा नवीन कालोनियों हेतु लागू नहीं) के लिये अधोसंरचना शुल्क लेने का प्रावधान है एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी.-31 (1), 2009) की कण्डिका 4.5.1 के अनुसार (1) अधिसूचित गंदी बस्ती क्षेत्र (2) अधिसूचित गंदी बस्ती क्षेत्रों के अतिरिक्त अधिसूचित क्षेत्र (3) घोषित की गई अवैध कालोनियाँ (4) असंगठित बस्तियों के लिये अधोसंरचना शुल्क लेने का प्रावधान है। उक्त नियमों का पूरे प्रदेश में पालन किया जा रहा है। (ख) बालाघाट जिले के क्षेत्रान्तर्गत अधोसंरचना राशि के रुप में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक राशि रु. 507000/- ली गई है। जनवरी, 2018 तक कोई कार्य नहीं किया गया है। (ग) बालाघाट जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं अपितु शहरी क्षेत्र हेतु घोषित स्लम बस्ती एवं अविकसित कालोनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। उपभोक्ताओं से ली गई अधोसंरचना राशि के रूप में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक ली गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अधोसंरचना राशि को वापस करने का प्रश्न नहीं उठता।
हाईस्कूल का उ.मा.वि. में उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 2464 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत शालाओं के उन्नयन के क्या मापदण्ड हैं वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक झाबुआ जिले में कितनी शालाओं का उन्नयन किया गया है? कितनी शालाओं का उन्नयन होना प्रस्तावित है? विधानसभा क्षेत्रवार विवरण देवें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र झाबुआ के अंतर्गत हाई स्कूल हुडा व बुनियादी हाईस्कूल झाबुआ का उन्नयन करने का प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक हाईस्कूल का उन्नयन किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उन्नयन के वर्तमान मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक झाबुआ जिले में 08 हाईस्कूल का उ.मा.वि. में एवं 14 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन किया गया है। विधानसभा क्षेत्र थांदला अंतर्गत हाईस्कूल कुकडीपाडा एवं विधानसभा क्षेत्र पेटलावद अंतर्गत रामा वि.ख. का कलमोडा हाईस्कूल को उ.मा.वि. में उन्नयन प्रस्तावित है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
क्रमोन्नति वेतनमान
[वित्त]
65. ( क्र. 2483 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वे कौन-कौन से पद हैं जिन पर प्रथम नियुक्ति रूपये 169-300 (तत्स्थानी) वेतनमान, पुनरीक्षण नियम 1998 (3050-4590) पर होती है और तत्पश्चात उनकी पदोन्नति वेतनमान (पुनरीक्षित वेतनमान 1998) 4000-6000 (तत्स्थानी) पर होती है? पद नाम बतायें? (ख) प्रथम नियुक्ति (3050-4590) या तत्स्थानी पर होने पर उस कर्मचारी की प्रथम पदोन्नति वेतनमान रूपये 4000-6000 (तत्स्थानी) में होने के पश्चात 24 वर्ष की सेवा प्रथम नियुक्ति दिनांक से पूर्ण होने पर उसे द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान 4500-7000 कौन-कौन से पद का दिया गया है? पदनाम बतायें और कौन-कौन से पद को नहीं दिया गया है? कारण सहित बतायें। (ग) क्या क्रमोन्नति योजना वेतनमान के आधार पर लागू की गई थी न कि पदनाम के आधार? यदि हाँ, तो वित्त विभाग के पत्र क्रमांक /1347/2017/नियम 04 दिनांक 23/08/2017 द्वारा प्रश्नकर्ता को यह किस आधार पर सूचित कर उत्तर दिया गया है कि, ''सहायक मानचित्रकार एवं सहायक वर्ग-2 की पारस्परिक स्थितियां भिन्न-भिन्न हैं''? दोनों पदों के वेतनमान में किस आधार पर अंतर है? जबकि सहायक मानचित्रकार भी पदोन्नति से भरा जाने वाला पद है? (घ) क्या वित्त विभाग के पत्र दिनांक 23/08/2017 के संदर्भ में प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक एम.एल.ए 2617/17 दिनांक 04/10/2017 विभाग में प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो उसमें उल्लेखित तथ्यों जो कि बिन्दु क्रमांक 01 से 08 तक हैं, उनके प्रकाश में, संविधान के अनुच्छेद 14 का पालन करते हुए, सहायक मानचित्रकार को सहायक वर्ग 02 की भांति द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान 4500-7000 दिये जाने के आदेश/परिपत्र कब तक जारी किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) निम्न श्रेणी लिपिक, निम्न श्रेणी शिक्षक एवं ग्राम सहायक आदि की प्रथम नियुक्ति वेतनमान 169-300 (तत्स्थानी वेतनमान पुनरीक्षण नियम 1988 के अंतर्गत वेतनमान 3050-4590) पर होती है। पदोन्नति का पद तथा वेतनमान संबंधित विभागों के भर्ती नियमों पर आधारित है। (ख) प्रथम नियुक्ति 3050-4590 के वेतनमान में होने पर 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात 4000-6000 वेतनमान में क्रमोन्नति का प्रावधान है। सिंहदेव समिति के द्वारा सहायक ग्रेड-2 के पद का वेतनमान उन्नयन किये जाने के परिणामस्वरूप सहायक वर्ग-3 को 24 वर्ष की सेवा उपरांत 4500 -7000 का क्रमोन्नत दिया गया है। (ग) क्रमोन्नति योजना वेतनमान के आधार पर भी परन्तु उत्तरांश (ख) में वर्णित स्थिति के अनुसार वर्णित पदों की स्थितियां भिन्न है। (घ) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में उत्तरांश ''ग'' में स्थिति स्पष्ट की गई है। अतः पृथक से निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं रही है।
पेट्रोल, डीजल पर टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
66. ( क्र. 2535 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल में प्रति लीटर कितने रूपये किस-किस प्रकार का टैक्स/सेस प्रदेश एवं केन्द्र सरकार द्वारा वसूला जा रहा है? (ख) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल टैक्स के रूप में प्रत्येक वर्ष कितनी-कितनी आय होती है? (ग) क्या प्रदेश शासन द्वारा पेट्रोल एवं डीजल में वसूले जा रहे टैक्स/सेस को घटाने की योजना बनाई गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 28 प्रतिशत की दर से वेट, 4 रूपये लीटर की दर से अतिरिक्त कर एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जाता है। दिनांक 14-10-2017 तक पेट्रोल पर 31 प्रतिशत की दर से वेट एवं 4 रूपये प्रतिलीटर की दर से अतिरिक्त कर लिया जाता था। डीजल पर 27 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1.50 रूपये प्रतिलीटर की दर से अतिरिक्त कर लिया जाता था। अत: वर्तमान में पेट्रोल तथा डीजल पर कर दर पूर्व में प्रचलित कर दर से कम है। केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जा रहे कर की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) प्रदेश शासन को पेट्रोल एवं डीजल से टैक्स के रूप में प्रत्येक वर्ष प्राप्त आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश हित में राजस्व की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए, टैक्स लगाये जाते हैं। पेट्रोल एवं डीजल पर दिनांक 15-10-2017 से कर की दरों में कमी की गई है जैसा कि प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित है। पेट्रोल एवं डीजल पर 1 प्रतिशत की दर से सेस दिनांक 29-01-2018 से लगाया गया है। जिसका उद्देश्य क्रमश: नगरीय परिवहन एवं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश राज्य में परिवहन अधोसंचना के उन्नयन एवं ऋणों के पुनर्भुगतान हेतु है। पेट्रोल एवं डीजल पर कर एवं सेस की दर में कमी की कोई योजना विभाग में विचाराधीन नहीं है।
मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप योजना के हितग्राहियों से अधिक राशि की वसूली
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 2625 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना के नियम/निर्देश संलग्न करते हुए यह बतावें कि इस योजना के तहत कितने एच.पी. के मोटर पंप कनेक्शन पर कितना अनुदान है? कितने हार्स पावर के विद्युत ट्रांसफार्मर से कुल कितने कनेक्शन दिये जा सकते हैं? किसानों को प्रति कनेक्शन/विद्युत ट्रांसफार्मर कितनी राशि विद्युत कपनियों को भुगतान करना है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में उक्त योजना के तहत विगत एक वर्ष यथा वर्ष 2017-18 में जनवरी-18 तक किन-किन किसानों के द्वारा कितने एच.पी.के स्थायी पंप कनेक्शन/विद्युत ट्रासफार्मर हेतु कब-कब आवेदन किया गया? इन किसानों से कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई और उन्हे रसीद कब दी गयी? इनमें से कहाँ-कहाँ पर विद्युत ट्रासफार्मर स्थापित कर कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है? किन-किन का शेष है? शेष रहने का तर्कसंगत कारण स्पष्ट करते हुये विद्यत वितरण केन्द्रवार जानकारी दें? (ग) क्या उक्त योजना के तहत स्थाई पंप कनेक्शन हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि किसानों से प्राप्त करने, प्राप्त करते समय रसीद न देने, रसीद के बार-बार मांग करने पर प्राप्त राशि से कम राशि की रसीद कई दिनों बाद देने की विगत एक वर्षों में शिकायतें जिले में पदस्थ अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा) छिंदवाड़ा के प्रकाश में आयी है? यदि हाँ, तो शिकायतों का ब्यौरा दें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को भी शपथ पत्र पर उक्त प्रकार की शिकायतें प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता द्वारा अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा) छिंदवाड़ा से दूरभाष पर आपत्ति दर्ज करायी गयी और पत्र के माध्यम से अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा) छिंदवाडा को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। किसानों को प्रति कनेक्शन/विद्युत ट्रांसफार्मर के अनुसार नहीं अपितु वर्तमान में योजना के प्रावधानुसार प्रति हार्स पॉवर के अनुसार प्राक्कलन की अंश राशि का भुगतान निर्धारित श्रेणी अनुसार निम्नानुसार किया जाना हैः-
क्रमांक |
लागू वर्ष |
लघु एवं सीमांत कृषक हेतु (2 हेक्टेयर से कम के भूमि धारक) |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक कृषक हेतु |
|
अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु |
अन्य कृषकों हेतु |
|||
1 |
2017-18 |
रु. 5500.00 प्रति हार्स पॉवर |
रु. 7500.00 प्रति हार्स पॉवर |
रु. 12000.00 प्रति हार्स पॉवर |
इस योजना अंतर्गत एक 25 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर से 3 पम्प कनेक्शन अथवा क्षमता का 80 प्रतिशत तक 20 एच.पी. भार तक के कनेक्शन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। कृषकों के आवेदन पत्र प्राप्त होने के बाद सर्वे उपरान्त स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु तैयार प्राक्कलन की राशि में से उपभोक्ताओं को मात्र उपरोक्त वर्णित अंश राशि एवं पंप कनेक्शन हेतु मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित कनेक्शन चार्ज जमा करना होता है। (ख) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2017-18 में यथा 1 अप्रैल 2017 से जनवरी-2018 तक प्राप्त आवेदन, प्राप्त राशि, रसीद का विवरण तथा प्रदान किये गये एवं शेष कनेक्शनों का वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है वर्तमान में कार्य पूर्ण करने की समयावधि कार्य आदेश प्रदान करने से 6 माह है एवं सामग्री की उपलब्धता के अनुसार, राइट आफ वे प्राप्त होने एवं खडी फसल के कटने पर उक्त कार्य वरीयता क्रम से पूर्ण किये जा रहे हैं। (ग) उक्त योजना के तहत स्थायी पंप कनेक्शन हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि किसानों से प्राप्त करने, प्राप्त करते समय रसीद न देने, रसीद की बार-बार मांग करने पर प्राप्त राशि से कम राशि की रसीद कई दिनों बाद देने की विगत एक वर्ष में 3 शिकायतें मान. विधायक महोदय के पत्रों के माध्यम से एवं 2 शिकायतें अन्य स्त्रोतों से प्रकाश में आई, जिसका ब्यौरा निम्नानुसार है:- (1) मान. विधायक महोदय, चौरई का पत्र क्रमांक 1471 दिनांक 08.12.2017 अधीक्षण अभियंता को संबोधित - श्री धरमसिंह पिता कल्लू निवासी ग्राम साजपानी के शपथपत्र पर कार्यवाही विषयक। (2) मान. विधायक महोदय, चौरई का पत्र क्रमांक 1495 दिनांक 11.12.2017 अधीक्षण अभियंता को संबोधित श्री लीलाधर पिता तुलाराम निवासी ग्राम डुंगरिया के शपथ पत्र पर कार्यवाही विषयक। (3) मान. विधायक महोदय, चौरई के पत्र क्रमांक 169 दिनांक 09.02.2018 अधीक्षण अभियंता को संबोधित- श्री नान्हों पिता देवचंद वर्मा निवासी ग्राम मेंहगोरा के स्थायी विद्युत संयोजन की राशि प्राप्त कर रसीद न दिये जाने व अस्थायी विद्युत संयोजन विच्छेदित किये जाने के संबंध में। (4) विगत विधानसभा सत्र नवम्बर-2017 में ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 338 में संज्ञान में लायी गई एस.टी.सी. संभाग छिन्दवाड़ा में पदस्थ ए.ई. द्वारा निजी ट्रांसफार्मर स्थापित कराने हेतु राशि लिये जाने के संबंध में श्री प्रीतम पिता नेवाजी वर्मा निवासी ग्राम डुंगरिया की शिकायत। (5) श्री तीरथ प्रसाद शर्मा एवं श्री जीतसिंह कुर्मी निवासी ग्राम सुरजना की शिकायत ट्रांसफार्मर लगवाने के नाम से राशि जमा करवा लेने के उपरान्त न ट्रांसफार्मर लगवाया न ही आवेदकगणों की राशि वापस किया, धोखाधड़ी किये जाने बाबत्। (घ) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय द्वारा दूरभाष पर उक्त प्रकार की शिकायतों के संबंध में अवगत कराया गया है एवं प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित क्रमांक 1 से 5 तक शिकायतें प्राप्त होने पर कार्यपालन अभियंता संचा.-संधा., अमरवाड़ा को जाँच एवं समुचित कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
सेवा से हटाये गये भाषाई शिक्षकों का समायोजन
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 2669 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2283 दिनांक 25 जुलाई 2017 के प्रश्न (क) भाग के उत्तर एवं दिनांक 28 नवम्बर 2017 के पृष्ठ क्र. 60 के तारांकित प्रश्न क्र. 63 (क्र.843) के तारतम्य में सेवा से हटाये गये भाषाई शिक्षकों को क्या सेवा में लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक सेवा में लेकर समायोजन कर लिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा बतावें? (ख) ग्वालियर जिले को वर्ष 2017-18 वित्तीय वर्ष में अनु.जनजाति बस्तियों में विकास कार्य हेतु कुल कितनी राशि प्राप्त हुई थी? क्या जो राशि इस वित्तीय वर्ष 2017-18 के विकास कार्यों के लिये मिली थी, उस राशि में से पिछले वर्षों के कार्यों का भुगतान किया? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्यों के भुगतान में किस आदेश के तहत उपयोग की गई है? (ग) क्या पिछले बकाया भुगतानों की राशि के लिये पूरक बजट में माँग की गई थी? यदि हाँ,? तो क्या माँगपत्र अनुसार पूरक बजट प्राप्त नहीं हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पुनःपत्र लिखा? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोंषी हैं? उनके नाम,पद बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेंगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद अन्तर्गत ग्वालियर जिले को रूपये 58.87 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। जी हाँ। भुगतान का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
कार्य का नाम |
भुगतान राशि |
1 |
सी.सी. रोड जनजातीय बालक छात्रावास गुढ़ा |
5.94 लाख |
2 |
बाउण्ड्रीवाल बालक छात्रावास उटीला |
3.69 लाख |
आयुक्त जनजाति कार्य विभाग म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/निर्माण/3/41/2017-18/24748 भोपाल दिनांक 29/09/2017 द्वारा प्रदत्त स्वीकृति के आधार पर उक्त भुगतान किया गया। (ग) जिले में अनुसूचित जनजाति बस्ती योजना 4722 में राशि उपलब्ध होने से पूरक बजट की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए पूरक बजट के प्रावधान के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को नहीं भेजा गया। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन जूनियर कन्या छात्रावास पार में निवासरत कन्याओं को शासकीय सुविधाओं से वंचित
[अनुसूचित जाति कल्याण]
69. ( क्र. 2670 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जूनियर कन्या छात्रावास पार के अधीक्षक पद पर श्रीमती धनवन्ती जाटव अध्यापक शा.हाईस्कूल सिमरियाटॉका को अस्थाई रूप से कार्य करने हेतु ओदश क्र./आ.जा.क/शि.स्था./2017-18/255 दिनांक 22.04.2017 की प्रति उपलब्ध करावे? क्या उक्त आदेश का पालन श्रीमती धनवन्ती जाटव द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नवीन जूनियर कन्या छात्रावास पार को विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधायें कब-कब प्रदाय कराई गई हैं? पत्रों की प्रति दें। अध्ययनरत बालिकाओं को भोजन, रहने इत्यादि जो अन्य छात्रावासों में सुविधायें प्रदाय कराई जाती हैं? क्या वह प्रदाय कराई गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) छात्रावास में बालिकाओं के प्रवेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक शासकीय राशि दिये बिना कैसे छात्रावास का संचालन किया जा रहा है? अभी तक आवश्यक सामग्री इत्यादि प्रदाय न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के नाम दें? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त छात्रावास में इस शैक्षणिक सत्र में भर्ती हुई? जूनियर कन्याओं का भर्ती दिनांक, नाम, पिता का नाम, पता बतावें? (ग) दिनांक 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ग्वालियर को कितना-कितना वित्तीय आंवटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आंवटन का कहाँ-कहाँ किस-किस कार्य में किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर उपयोग किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। श्रीमती धनवन्ती जाटव उक्त आदेश के पालन में अधीक्षिका कार्यालय में उपस्थित हुई थी परन्तु छात्रावास संचालन एवं छात्राओं के प्रवेश की स्वीकृति जारी नहीं किये जाने से छात्रावास प्रारंभ नहीं हुआ। छात्रावास प्रारंभ नहीं होने से सुविधाएं दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जूनियर कन्या छात्रावास पार में प्रवेश स्वीकृति नहीं होने से छात्रावास संचालित नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जूनियर कन्या छात्रावास पार में आज दिनांक तक बालिकाओं की भर्ती नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्वालियर जिले को प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्राप्त आवंटन का उपयोग जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर व्यय किये जाने का प्रावधान नहीं है।
म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कंपनी (शहरी) में कार्यरत ठेकेदार/कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 2718 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर शहर में म.प्र.पू.क्षे.विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2017-18 में दिनांक 31.1.18 तक विद्युत संबंधी मेन्टेनेंस के कार्य कराने के लिए ठेके दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य संपादित कराने के लिए किस-किस कंपनी को ठेके दिये गये हैं? कार्यवार बतायें (ख) लाईन मेंटीनेन्स एवं विद्युत प्रवाह सुधार हेतु कितने कर्मचारी ठेकेदार द्वारा रखे गये हैं? इन्हें कितनी मजदूरी का भुगतान किस तरह किया जा रहा है? सप्रमाण ठेकेदार का नाम सहित बतायें? (ग) क्या खतरनाक कार्यों में नियोजित कर्मचारियों को सुरक्षा हेतु, सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कैसे? क्या खतरनाक कार्य संपादित करने वाले कर्मचारियों का ठेकेदार द्वारा अथवा कंपनी द्वारा व्यक्तिगत बीमा किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सागर शहर में विद्यमान समस्त विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस का कार्य ठेकेदार श्री मोहन कुशवाहा को दिया गया है। उक्त मेन्टेनेंस कार्य के अन्तर्गत मुख्यत: टेढ़े पोल/क्रास आर्म सीधे करना, टूटे/खराब इन्सुलेटर बदलना, लाईन से पेड़ों की क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर दूरी सुनिश्चित करने हेतु छंटाई, पोल के इन्सुलेटर पर फंसे पतंग आदि अलग करना, अर्थिंग/गार्डिंग दुरुस्त करना, टूटे/खराब स्टे सुधारना, ट्रांसफार्मर में तेल पपिंग करना, ब्रीदर री- कंडीशनिंग करना, लूज कनेक्शन सही करना, जले जम्फर, ए.बी. स्विच, डी.ओ. फ्यूज के कान्टेक्ट बदलना, खराब लाइटनिंग अरेस्टर बदलना, अर्थ रेजिस्टेंस, ट्रांसफार्मर व अन्य उपकरण के इन्सुलेशन टेस्ट कर आवश्यकतानुसार सुधार करना आदि कार्य सम्मिलित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में ठेकेदार श्री मोहन कुशवाहा द्वारा प्रश्नाधीन कार्य हेतु 44 अर्द्धकुशल श्रमिक रखे गये हैं जिन्हें ठेकेदार द्वारा निर्धारित कलेक्टर रेट के आधार पर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा 44 अर्धकुशल श्रमिकों में से 43 के बैंक खाते में आर.टी.जी.एस. द्वारा मजदूरी की राशि जमा कराई गई है एवं एक अर्धकुशल श्रमिक को चेक के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया गया है। उक्त 43 कार्मिकों की प्रमाणित सूची एवं 1 कार्मिक, जिसे चेक के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया गया है उसे दिये गये चेक की छाया प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ग) जी हाँ, उत्तरांश (ख) में उल्लेखित समस्त कार्मिकों को निर्धारित सुरक्षा उपकरण ठेकेदार द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं, जिसकी समय-समय पर सागर शहर में पदस्थ पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारियों द्वारा जाँच की जाती है तथा समस्त कार्मिकों का ठेकेदार द्वारा व्यक्तिगत बीमा (ई.एस.आई.सी.) करवाया गया है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 2736 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की महिला बाल विकास परियोजना-1 एवं परियोजना-2 के अन्तर्गत माह अगस्त, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण लाड़ली लक्ष्मी योजना के पंजीबद्ध हुए, उनमें से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए एवं कितने अस्वीकृत हुए? आंगनवाड़ी केन्द्र का नाम, बालिका का नाम, माता का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, परियोजना में जमा करने की तिथि, प्रमाण पत्र ई, क्रमांक, जारी दिनांक व अस्वीकृत होने का कारण सहित प्रत्येक परियोजनावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त दोनों परियोजनाओं में यदि लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रकरण अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही के कारण अस्वीकृत हुए हैं तो क्या ऐसे अस्वीकृत लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रकरण को पुन: विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर स्वीकृत किये जायेगें और लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? (ग) लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत बालिका को लाभ प्रदान किये जाने की क्या नियमावली है? नियमावली की प्रति उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की बाल विकास परियोजना परासिया -1 एवं परियोजना परासिया -2 के अंतर्गत माह अगस्त, 2017 से प्रश्न दिनांक तक क्रमशः 417 एवं 300 प्रकरण लाड़ली लक्ष्मी योजना के स्वीकृत हुएI कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं हुआ I स्वीकृत प्रकरणों की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होताI (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
पात्र महिला हितग्राहियों को इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 2737 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की महिला बाल विकास परियोजना-1 एवं परियोजना-2 के अंतर्गत आज भी विभिन्न पात्र महिला हितग्राहियों को इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया गया है जबकि सभी पात्र महिला हितग्राहियों द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ प्रदान करने हेतु संबंधित परियोजनाओं की आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा संपूर्ण औपचारिकतापूर्ण करवाकर संबंधित परियोजनाओं में आवश्यक दस्तावेजों के साथ जानकारी जमा कराई जा चुकी है परन्तु विभाग द्वारा अभी तक इंदिरा गांधी मातृत्व योजना की राशि महिला हितग्राहियों के खाते में जमा क्यों नहीं कराई गई है? परासिया परियोजना 01 एवं परियोजना 02 के अंतर्गत ऐसे महिला हितग्राहियों की सूची नाम व पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र महिला हितग्राहियों के खातों में इंदिरा गांधी मातृत्व योजना की राशि विभाग द्वारा कब तक जमा करा दी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी पात्र महिला हितग्राहियों को शासन के नियमानुसार निर्धारित समय-सीमा अनुसार विभाग द्वारा अभी तक योजना का लाभ प्रदान कर दिया जाना था परन्तु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ऐसी विभिन्न पात्र महिला हितग्राहियों को अभी तक इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ प्रदान नहीं किया गया? जिसके कारण विभिन्न पात्र महिला हितग्राहियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या उपरोक्त संबंध में विभाग द्वारा जाँच कराते हुए, उपरोक्त मामले में लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना वर्ष 2011 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की गयी थी। योजनान्तर्गत परासिया-1 के 1764 तथा परासिया-2 के 1905 कुल 3669 प्रकरण PFMS पोर्टल की अनिवार्य शर्तें पूर्ण न होने के कारण लाभांवित नहीं किया जा सका है। परासिया-1 एवं परासिया-2 महिला हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनवरी 2017 से इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का स्वरूप परिवर्तित होकर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नाम से लागू है, जिसमें इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के पूर्व स्वीकृत हितग्राहियों को संशोधित पात्रता अनुसार लाभांवित करने का प्रावधान है। विभाग द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व स्वीकृत एवं लंबित 3669 प्रकरणों का नवीन योजना की शर्तों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कराया जा रहा है। लंबित प्रकरणों के भुगतान की समयावधि देना संभव नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं होता है।
किसानों द्वारा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 2770 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देपालपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी, 2018 अंत तक कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल (जले) हुए? उनमें से कितने बदल दिये गये एवं जनवरी-2018 अंत की स्थिति में कितने बदलना शेष हैं? (ख) देपालपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी, 2018 अंत तक किसानों द्वारा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना हेतु कितने आवेदन विद्युत कंपनी के स्थानीय कार्यालयों में प्रस्तुत किये गये? दिनांकवार वितरण केन्द्रवार सूची देवें एवं इनमें से कितने ट्रांसफार्मर कब-कब स्थापित किये गये की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त आवेदनों में से कितने ट्रांसफार्मर किसानों को उपलब्ध कराये जाना शेष हैं? कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे। (घ) क्या ट्रांसफार्मर स्थापित करने में विलंब से फसलों की सिंचाई प्रभावित होकर कृषि उत्पादन प्रभावित होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) देपालपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में जनवरी 18 अंत तक कुल 2493 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए तथा उक्त सभी ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 31 जनवरी-2018 की स्थिति में कोई भी फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। उक्त फेल ट्रांसफार्मरों का प्रश्नाधीन अवधि हेतु वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) देपालपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी 2018 अंत तक स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में मात्र एक कृषक श्री लाखन, पिता श्यामलाल, ग्राम बडौलीहोज, वितरण केन्द्र देपालपुर से दिनांक 16.12.2016 को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के स्थानीय कार्यालय में आवेदन प्राप्त हुआ था। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही उपरान्त आवेदक द्वारा दिनांक 20.02.2017 को ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अ.ज.जा. के लोगों को वन भूमि से बेदखल किया जाना
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 2793 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू होने के बाद प्रदेश के कितने अनुसूचित जनजाति के आवेदकों के वन भूमि पर काबिज होने से वन भूमि अधिकार पत्र दिए जाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए? कितनों को वन अधिकार पत्र दिए गए? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आवेदनों में से कितने आवेदन किस कारण से निरस्त किये गए वन अधिकार अधिनियम लागू होने के दिनांक से प्रदेश में अ.ज.जा. के कितने लोगों के विरुद्ध वन अपराध दर्ज कर उन्हें वन भूमि से बेदखल किया गया? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) क्या अ.ज.जा. के ऐसे लोगों को वन भूमि से बेदखल किया गया है, जो वन अधिकार अधिनियम लागू होने के दिनांक से पूर्व के काबिज थे? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या ऐसे समस्त अ.ज.जा. के व्यक्तियों के हटाये गए अतिक्रमणों की जाँच सरकार उच्च स्तरीय समिति बनाकर करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वन अधिकार के दावे - दावा की गई भूमि वन भूमि न होने के कारण, दिनांक 13.12.2005 के पूर्व से काबिज न होने से, दावा की गई भूमि पर काबिज न होना, एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा दावा प्रस्तुत होने के कारण जीविका के लिए वन भूमि पर आश्रित न होने के कारण तथा साक्ष्य आदि के अभाव में निरस्त किये गये है। (ग) वन विभाग से संबंधित है। जानकारी एंकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ
[नर्मदा घाटी विकास]
75. ( क्र. 2797 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 123 (क्र. 1295) दि. 28 नवम्बर 2017 के अन्तर्गत मा. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में N.V.D.A. के 94 कर्मचारियों (टाइम कीपर) को वेतनमान लाभ देते हुए पुन: वेतन निर्धारण करने तथा ऐरियर सहित भुगतान के आदेश दिए गए है? यदि हाँ, तो छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) क्या राज्य मंत्री परिषद् द्वारा दिनांक 23/5/2017 को प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृति दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बुन्देखण्ड पैकेज की राशि के व्यय में अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
76. ( क्र. 2818 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) पत्र क्रमांक 2556/मु.त.प. (स)/बु जाँच/2018 दिनांक 23/09/2016 द्वारा जब प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को जाँच प्रतिवेदन मय अभिलेखों के साथ प्राप्त हो चुका है तो उन जाँच प्रतिवेदनों पर आज दिनांक तक आरोप पत्र जारी क्यों नहीं किये गये? (ख) क्या जाँच प्रतिवेदन और शिकायतें तकनीकी प्रकृति की हैं, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय में लिपिक से लेकर प्रमुख सचिव तक कोई भी तकनीकी पद नाम से नहीं है और न ही उन्हें इंजीनियरिंग के बारे में ज्ञान और अनुभव हैं? यदि यह सही नहीं है तो वर्ष 2016 से 2018 प्रारंभ हो चुका है, इतनी अधिक समयावधि में दोषियों को दण्डित न कर पाना क्या अप्रत्यक्ष रूप से यह क्यों न माना जायें कि उनको संरक्षण दिया गया है? (ग) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी अनियमितताओं से संबंधित पाये गये हैं? उनके नाम पद और पदस्थापना कार्यालय का नाम बतायें? (घ) क्या मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा जो जाँच प्रतिवेदन भेजे गये थे उनमें भी पक्षपात और बहुत से तथ्यों को अनदेखा किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन के पत्र द्वारा प्राप्त जाँच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग में प्राप्त होने के पश्चात् उसे जल संसाधन विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा प्रतिवेदन का परीक्षण कर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किए गए हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाकर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।
प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 2865 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर म.प्र. शासन भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 24,25,26 दिनांक 10/01/2018 के द्वारा विभाग से जानकारी चाही गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त पत्रों द्वारा उल्लेखित प्रकरणों की जाँच विभाग द्वारा करा ली गई है? यदि हाँ, तो किन-किन बिन्दुओं की जाँच करा ली गई है? (ग) क्या उपरोक्त प्रकरणों में दोषी पाये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें? यदि नहीं, की गई तो क्यों? कारण स्पष्ट करते हुए बतावें कि कब तक दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य की ओर से प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर को संबोधित पत्र क्रमांक 24,25 एवं 26 दिनांक 10.01.2018 प्रेषित किये गये थे जिनमें से पत्र क्रमांक 25 दिनांक 10.01.2018 अहस्ताक्षरित होने से मूल पत्र विभागीय ज्ञाप क्रमांक 425/267/2018/1/पाँच दिनांक 20.02.2018 द्वारा प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य को प्रेषित कर हस्ताक्षरयुक्त पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है, जो विभाग में कार्यवाही हेतु पुन: प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 24 एवं 26 में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में संभागीय उपायुक्त वाणिज्यिक कर, इंदौर संभाग-2 एवं संभागीय उपायुक्त वाणिज्यिक कर, इंदौर संभाग-3 से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 24 एवं 26 में निहित बिन्दुओं के संबंध में प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार मेसर्स एशियन पेन्ट्स इंदौर तथा मेसर्स ए.एम.डब्लू मोटर्स लिमिटेड के प्रकरणों में महालेखाकार द्वारा ली गई आपत्ति के अनुक्रम में कर निर्धारण अधिकारी द्वारा पुन: परीक्षण किया गया तथा मूलत: पारित कर निर्धारण आदेश का विधिक प्रावधानों के अनुक्रम में होना निर्धारित किया गया। जाँच प्रतिवेदन में इसकी पुष्टि की गई है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की कोई स्थिति नहीं है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 2892 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वर्तमान में कुल कितने हैं? उक्त में से ऐसे कितने अधिकारी हैं जो विगत तीन वर्ष से एक स्थान पर पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के ऐसे कितने अधिकारी हैं जिन्हें विगत पाँच वर्षों में पाँच से अधिक बार स्थानान्तरण किये गये हैं। (ग) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के अधिकारियों को बार-बार स्थानान्तरण कर प्रताडि़त किया जाता है? (घ) क्या जिन राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों का भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किया गया है, उनके पदस्थापना करने में विभाग भेदभाव करता है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं जबकि वे सीधे भारतीय प्रशासनिक सेवा वाले अधिकारी से अधिक अनुभवी होते हैं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्तमान में 362 अधिकारी एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के 558 अधिकारी कार्यरत हैं, जिसमें से भारतीय प्रशासनिक सेवा के 17 अधिकारी एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के 41 अधिकारी, तीन वर्ष से एक स्थान पर पदस्थ हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 11 अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नये विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 2910 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा वोल्टेज की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये कहाँ-कहाँ नए विद्युत उपकेन्द्र खोलने की मांग की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिए क्या ग्राम शिवगढ़ व कुण्डा में नए उपकेन्द्र खोले जाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अब तक इस पर क्या कार्यवाही की गई है? कब तक यहां नए उपकेन्द्र खोले जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीया प्रश्नकर्ता विधायक महोदया द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु ग्राम कुण्डा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने का अनुरोध किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु ग्राम कुण्डा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की मांग की गयी है। ग्राम शिवगढ़ में पूर्व से ही एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित है तथा इस ग्राम में विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने संबंधी अन्य कोई मांग/अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। ग्राम कुण्डा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण के उपरांत प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुये ग्राम कुण्डा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में ग्राम कुण्डा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास में सीट वृद्धि
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 2911 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने छात्रावास हैं? निर्धारित सीट एवं दर्ज बच्चों की संख्या सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) आदिवासी विकासखण्ड में नवीन छात्रावास खोले जाने के संबंध में क्या नियम हैं? छात्रावास में सीट भरने के बाद वंचित रहे विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इन्हें छात्रावास में प्रवेश प्रदान करने संबंधित कोई तत्कालीन व्यवस्था है? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन कोई नियम बनाएगा? (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जिन ग्रामों में नवीन हाई स्कूल तथा हायर सेकण्डरी स्कूल वर्ष 2018-19 में प्रारंभ होने जा रहे हैं जिनकी स्वीकृति शासन स्तर से प्राप्त हो गई है? क्या यहां नवीन बालक/बालिका छात्रावास खोला जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नवीन छात्रावास शासन निर्देश दिनांक 24.03.2017 के अनुसार ऐसे जिले में खोले जाने के निर्देश हैं जिनका हॉस्टल ओपनिंग प्रायरिटी इंडेक्स HOPE INDEX राज्य के HOPE INDEX से कम हो। निर्देश की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। छात्रावास में सीट भरने के बाद वंचित रहे महाविद्यालयीन छात्र आवास सहायता योजना का लाभ ले सकते हैं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्व-सहायता समूहों के विरुद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 2941 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना शहरी क्रमांक 01 एवं 02 में 6 स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं जिनमें 4 समूहों के कार्य अप्रत्यक्ष रूप से इंद्रकुमार गुजराल पिता करन गुजराल द्वारा विगत कई वर्षों से संचालित कराया जा रहा हैं? क्या उक्त समूहों की जाँच खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीतल सिंह द्वारा दिनांक 24/05/2017 को की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी ने मात्र एक समूह पर कार्यवाही करते हुए दिलीप रजक निवासी कामता टोला को अभियुक्त बना दिया, जबकि उक्त व्यक्ति समूह में पदाधिकारी एवं सदस्य भी नहीं है? कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो मान्य उपयोग के लिए विक्रयार्थ भोजन तैयार करने हेतु असुरक्षित चना/दाल का संग्रह करना पाया गया है, सेम्पलिंग रिपोर्ट में 72.15 प्रतिशत पाया गया है, बच्चों के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करने के बावजूद चारों समूहों से आज दिनांक तक क्यों खाना बनवाया जा रहा है? विवरण सहित जनकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि सही है तो दिनांक 24/05/2017 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा जाँच के दौरान चारों समूहों के खिलाफ लापरवाही व असुरक्षित ढंग से पोषण पकाने तथा वितरण किये जाने का तथ्य पाये जाने के बावजूद भी अधिनियम 2006 के तहत असुरक्षित घोषित होने के बावजूद भी समूहों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर जाँच कराई जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। बाल विकास परियोजना सतना शहरी-1 एवं सतना शहरी-2 में 06 स्व-सहायता समूह द्वारा स्वयं कार्य कर रहे है। उक्त 06 स्व-सहायता समूहों का कार्य अप्रत्यक्ष रूप से इन्द्र कुमार गुजराल पिता करन गुजराल के द्वारा कई वर्षों से संचालित नहीं किया जा रहा है। समूहों का संचालन उपरोक्त 06 समूहों के द्वारा ही किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शीतल सिंह द्वारा दिनांक 24.5.17 को बाल विकास परियोजना सतना शहरी के अन्तर्गत पूजा महिला स्व-सहायता समूह की जाँच की जाकर सैम्पलिंग की गयी। मौके पर समूह के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित नहीं थे एवं दिलीप रजक निवासी कामता टोला द्वारा समूह में कर्मचारी के रूप में कार्य करना बतलाया गया था तथा मौके पर उनसे नमूना लेने की कार्यवाही की गयी, जिस आधार पर प्रकरण में दिलीप रजक को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में विदित प्रावधान अनुसार अभियुक्त बनाया गया है। (ख) अभिहित अधिकारी एवं उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन सतना से सूचना प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सतना द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3006 दिनांक 28.12.17 अनुसार स्व-सहायता समूहों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसके संबंध में समूह अध्यक्ष पूजा सिंह द्वारा दिनांक 04.01.18 को अवगत कराया गया कि श्री शीतल सिंह द्वारा समूह की कोई भी नमूना जाँच नहीं ली गयी जो दिलीप रजक के नाम से जप्ती दिखाई गयी है, दिलीप रजक न तो समूह का सदस्य है और न ही कोई कर्मचारी। उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला सतना के पत्र की प्रति एवं विश्लेषण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। समूह द्वारा जानकारी दी गयी है कि समूह द्वारा इस कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक MCRC no. 3880/2018 दायर की गई है जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.01.18 अपने आदेश दिनांक 29.01.18 अनुसार समूह के विरूद्ध कार्यवाही स्थगित की गयी है, पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में पूजा महिला स्व-सहायता समूह कामता टोला के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी। चूंकि शेष समूहों के संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुयी है। अतः शेष समूहों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा केवल 01 ही समूह पूजा स्व-सहायता समूह के खिलाफ कार्यवाही की गई थी, जिसके विरूद्ध स्व-सहायता समूह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक MCRC No. 3880/2018 दायर की गई है जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29.01.18 को स्थगन आदेश जारी किया गया है। अतः माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में समूह के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध कराना
[नर्मदा घाटी विकास]
82. ( क्र. 2944 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन अधिकारी लोक निर्माण नर्मदा घाटी धरमपुरी अंतर्गत वर्तमान में क्या-क्या कार्य करवाए जा रहे हैं? क्या उप संभाग सनावाद अंतर्गत भी कोई निर्माण कार्य करवाएं जा रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उनके कार्यालय के पत्र क्रमांक 1366 दिनांक 04/01/2018 से 5 बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या जानकारी उपलब्ध कराई गई है? उसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रश्नकर्ता द्वारा जानकारी यदि उपलब्ध नहीं कराई तो क्या कारण रहे हैं? क्या शासन के नियम हैं कि जनप्रतिनिधियों को समय-सीमा में जानकारी उपलब्ध कराई जावे? यदि हाँ, तो क्या संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। नियमानुसार जानकारी न देने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संदर्भ अनुसार जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? दोषियों के विरूद्ध अनुशात्मक कार्यवाही से भी आवगत करावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) कार्यपालन यंत्री (लोक निर्माण विभाग) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, इंदिरा सागर परियोजना, संभाग क्रमांक 02 धरमपुरी अंतर्गत धरमपुरी एवं उप संभाग सनावद में वर्तमान में कराये जा रहे कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग सनावद के पत्र क्रमांक 56/अ.वि.लि./2018 सनावद दिनांक 09/02/2018 द्वारा उपलब्ध कराई गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भवन निर्माण
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 2962 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के खकनार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को कब उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घोषित किया गया? (ख) क्या खकनार उत्कृष्ट विद्यालय के लिए भवन स्वीकृत हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) कब तक उत्कृष्ट विद्यालय खकनार को उसका स्वयं का भवन उपलब्ध होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2005 में। (ख) एवं (ग) जी नहीं। उ.मा.वि. खकनार का भवन पूर्व से निर्मित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 2976 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा बेटियों के संरक्षण, संवर्धन एवं सुरक्षा हेतु लाड़ली लक्ष्मी बेटी जैसी महती व महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश भर में सफलता पूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो योजना किस दिनांक को प्रारंभ होकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी बेटियां, लाड़ली लक्ष्मी योजना अन्तर्गत प्रदेश भर में सम्मिलित हुई? बेटियों की संख्या सहित एवं बेटियों को सुरक्षित भविष्य प्राप्त हो सके, तो योजना से मिलने वाले सपूंर्ण हितलाभ सहित जानकारी दें। (ग) योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कितने बजट की स्वीकृति होकर कितना व्यय हुआ? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि जावरा नगर पिलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अन्तर्गत योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी बेटियों का पंजीयन किया जाकर उनके हित संरक्षण हेतु कितना बजट स्वीकृत होकर व्यय हुआ? क्षेत्रीय आँगनवाड़ीवार, वार्डवार एवं ग्रामवार, नगरीय एवं गामीण क्षेत्रों की जावरा विधानसभा क्षेत्र की संख्यात्मक जानकारी से अवगत कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँI (ख) योजना दिनांक 1 अप्रैल 2007 से लागू है I प्रश्न दिनांक तक 27.79 लाख बालिकाओं को पंजीकृत किया जा चुका हैI योजना के तहत मिलने वाले हितलाभ निम्नानुसार हैं- 1. पात्र बालिका के कक्षा 6वीं में प्रवेश पर रूपये 2000/-, कक्षा 9वीं में प्रवेश पर रू. 4000/-, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर रूपये 6000/- एवं कक्षा 12वीं में प्रवेश पर रू. 6000/- का भुगतान किया जायेगा। 2. बलिका को उसकी आयु 21 वर्ष पूर्ण होने पर 1 लाख की राशि, बालिका का विवाह, 18 वर्ष की आयु पूर्व न होने व कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने की शर्त पर भुगतान किया जायेगा। (ग) योजना के तहत 6702.53 करोड़ बजट स्वीकृत किया गया जिसके विरुद्ध 6172.74 करोड़ बजट व्यय किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराना
[नर्मदा घाटी विकास]
85. ( क्र. 3043 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा संचालित सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से कसरावद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्रामों में पीने का पानी एवं किसानों को कृषि भूमि सिंचित करने के लिये समयानुसार निर्धारित मात्रा में पानी वितरण कर उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रीष्म ऋतु में सूखे से निपटने के लिये किसानों को फसल की सिंचाई के लिये पानी दिए जाने एवं पानी के वितरण के संबंध में विभाग एवं संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किस-किस प्रकार की कार्ययोजनाएं तैयार की है और इस संबंध में क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कितने पत्र दिए गये एवं विगत 4 वर्षों में दिए पत्रों के संदर्भ में किन-किन कार्यों को पूर्ण किया गया है? कितने शेष हैं और क्यों? पत्रवार की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित इंदिरा सागर परियोजना, कठोरा उद्वहन सिंचाई योजना से 116 ग्रामों की 17236 हेक्टेयर कृषि भूमि एवं ओंकारेश्वर परियोजना से 26 ग्रामों की 4400.85 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए निर्धारित मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना से कसरावद विधानसभा क्षेत्र के 47 ग्रामों को अपरिष्कृत पीने का पानी उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में पाईप लाईन टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है, पूर्ण होने पर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) परियोजनाओं के जलाशय में पर्याप्त पानी की उपलब्धता की स्थिति अनुसार ग्रीष्म ऋतु की फसलों की सिंचाई हेतु पानी दिया जाना संभव हो सकेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्वहन सिंचाई योजनांतर्गत कार्यों की अद्यतन स्थिति
[नर्मदा घाटी विकास]
86. ( क्र. 3044 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 3517 दिनांक 03 मार्च, 2017 के विभागीय उत्तर (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार स्वीकृत/प्रस्तावित परियोजनाओं के प्रकरण में की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) चौंडी जामनिया उद्वहन सिंचाई योजना, बलकवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना एवं अम्बा-रोडिया उद्वहन योजना इन सभी योजनाओं की अद्यतन स्थिति प्रश्नांकित दिनांक तक में क्या है और कब तक इन योजनाओं का कार्य प्रारंभ किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित योजनाओं का कार्य कब पूर्ण कर लिया जायेगा एवं उक्त योजनाओं का लक्ष्य क्या निर्धारित किया गया है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चौंड़ी जामनिया, बलकवाड़ा एवं अम्बा-रोडिया उद्वहन सिंचाई योजनाओं के निर्माण हेतु ठेकेदार से दिनांक 09/01/2018 को अनुबंध किया जा चुका है। (ग) अनुबंध दिनांक से 24 माह।
जीरो टालरेंस नीति अंतर्गत कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
87. ( क्र. 3065 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग में माननीय मुख्यमंत्री की जीरो टालरेन्स नीति के पालन में अब तक कितने अधिकारियों के विरूद्ध आबकारी विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कलेक्टर जबलपुर के द्वारा दिनांक 26.09.2017 को प्रमुख सचिव वाणिज्यक कर को जबलपुर जिले में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी को जिले से अन्यत्र स्थानांतरण करने हेतु एक अर्द्धशासकीय पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो उल्लेखित पत्र पर प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही न कर भ्रष्ट अधिकारियों को प्रोत्साहित किये जाने के क्या कारण हैं? क्या वर्तमान समय में जबलपुर में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी दोनों की पदस्थापना हमेशा साथ में ही होती है? यदि हाँ, तो पूर्व में किस-किस जिले में कब-कब साथ में पदस्थ रहे हैं? क्या साथ में पदस्थापना उचित है तथा यह भी बतलावें कि कलेक्टर जबलपुर द्वारा शासन को पत्र लिखने के बाद भी आबकारी विभाग द्वारा जबलपुर जिले में पदस्थ दोनों अधिकारियों के जिले से बाहर स्थानांतरण न किये जाने के क्या कारण हैं? शासन द्वारा इनका कब तक जिले से बाहर स्थानांतरण कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आबकारी विभाग में माननीय मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति के पालन में, आबकारी विभाग के 14 अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (ख) कलेक्टर जबलपुर द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 26.09.2017 के माध्यम से जिला जबलपुर में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी श्री सत्यनारायण दुबे को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने की अनुशंसा की गई है। उक्त पत्र में अन्य किसी सहायक जिला आबकारी अधिकारी को अन्यत्र स्थानांतरित करने का उल्लेख नहीं किया गया है। (ग) प्रशासकीय दृष्टिकोण से सहायक आबकारी आयुक्त के स्थानांतरण प्रस्ताव को नस्तीबद्ध किये जाने का निर्णय लिया गया। जबलपुर में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी दोनों की पदस्थापना हमेशा साथ नहीं रही है। उक्त दोनों अधिकारी जिला छिंदवाडा में दिनांक 17.07.2006 से दिनांक 29.06.2009 तक एवं दिनांक 28.05.2015 से 09.07.2017 तक एवं जिला जबलपुर में दिनांक 10.07.2017 से अद्यतन तक पदस्थ है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
भूमि एवं भवन का हस्तांतरण
[नर्मदा घाटी विकास]
88. ( क्र. 3110 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी अवंती बाई सागर परियोजना स्थल बरगी नगर स्थित शास. हा.से. स्कूल बरगी नगर की स्थापना विभाग द्वारा परियोजना स्थल के छात्र-छात्राओं की शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने 1979 में की थी? उक्त स्कूल का संपूर्ण स्टॉफ स्कूल शिक्षा विभाग का है परंतु भूमि एवं भवन नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का है? (ख) क्या वर्तमान भवन जर्जर होने से छात्रों को असुविधा होती है? क्या शासकीय हा.से. स्कूल बरगी नगर (जबलपुर) जिसके साथ प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय भी हैं, की भूमि शीघ्र स्कूल शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करेगा ताकि स्कूल शिक्षा विभाग मानकों के अनुसार अपना भवन बना सके? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। भवन लगभग 35 वर्ष पुराना है। शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल बरगी नगर (जबलपुर) जिसके साथ प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय भी संचालित है, की भूमि स्कूल शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किये जाने का प्रस्ताव शाला प्राचार्य द्वारा राजस्व विभाग को प्रस्तुत किया गया है। भूमि एवं भवन हस्तांतरण का प्रस्ताव शिक्षा विभाग के माध्यम से प्राप्त होने पर भूमि एवं भवन के हस्तातंरण हेतु विचार किया जा सकता है।
संविलियन/प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत सेवायुक्तों का वेतनमान/वेतन निर्धारण
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 3135 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्त/संविलियन सेवायुक्तों को वेतन संरक्षण का लाभ देने/वेतन निर्धारण प्रचलन में है, संबंधी जवाब विधान सभा की कार्यवाही प्रश्न क्र. 1050 दिसम्बर 2014, प्रश्न क्र. 563 फरवरी, 2015, प्रश्न क्र. 2535 जुलाई, 2015, प्रश्न क्र. 2226 दिसम्बर, 2015 एवं ध्यानाकर्षण क्र. 106 नवम्बर, 2016, क्र. 366 बजट 2016 आदि में आया है क्या? यदि हाँ, तो वेतन निर्धारण प्रक्रिया/आदेश को लगभग 3-4 वर्षों से लंबित रखने के क्या कारण है? कब तक आदेश जारी करेंगे? स्पष्ट करें। (ख) क्या म.प्र. राज्य तिलहन संघ में संविलियन/प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत लगभग 700 सेवायुक्तों के वेतनमान/वेतन निर्धारण संबंधी प्रकरण वित्त विभाग/सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में हैं? क्या प्रकरण में एक समान वेतन निर्धारण की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? (ग) क्या म.प्र. राज्य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति/संविलियन सेवायुक्तों को न्यायालयीन आदेश के परिपालन में वेतनमानों का लाभ स्वीकृति का अनुमोदन वित्त/सामान्य प्रशासन विभाग ने दिया है? । (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा तिलहन संघ के 15-20 वर्षों से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति/संविलियन सेवायुक्तों में कुछ को जो न्यायालय की शरण में गये उन्हीं को वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो शेष को क्यों नहीं? कृपया स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तिलहन संघ के सेवायुक्तों के संविलियन संबंधी जारी नीति दिनांक 12 अगस्त, 2013 अनुसार छटवें वेतनमान में विभिन्न विभागों में तिलहन संघ के कर्मचारियों का संविलियन किया गया है। इसी नीति की कण्डिका 2.6 अनुसार वेतन निर्धारण की प्रक्रिया निर्धारित है। (ख) केवल संविलियन किए गए कर्मचारियों के वेतन निर्धारण हेतु दिनांक 23 अगस्त, 2016 द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार वेतन निर्धारण किया जा रहा है। (ग) न्यायालयीन निर्णय के क्रम में संबंधित विभागों से प्राप्त प्रस्ताव पर आवश्यकता अनुसार अभिमत दिया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा क्रय सामग्री
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 3197 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में शासन द्वारा किस-किस मद में वर्ष 2016-17, 2017-18 में कितना बजट आवंटित हुआ? (ख) क्या सामग्री क्रय करने हेतु विज्ञापन या ऑन-लाईन निविदा आमंत्रित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी निविदाएं प्राप्त हुई? उनमें से किस फर्म की निविदा स्वीकृत की गई? स्वीकृत फर्म से कितनी राशि की सामग्री का क्रय किया गया वस्तुवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत फर्म से क्रय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण कब-कब किया गया है? समिति द्वारा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण न करने का क्या कारण हैं? (घ) क्या छात्रावासों में स्वीकृत फर्म द्वारा उपलब्ध कराई गई? सामग्री यथा गद्दा, रजाई, बर्तन, पलंग आदि शासन से निर्धारित गुणवत्ता के न होकर घटिया स्तर के हैं? क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में समिति बनाकर छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पन्ना जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में मदवार आवंटित बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विज्ञापन या निविदा आमंत्रित कर सामग्री क्रय नहीं की गई है। म.प्र. भण्डार क्रय नियम अनुसार निर्धारित उपक्रमों से सामग्री क्रय की गई है। सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिनांक 28.09.2016 एवं दिनांक 26.12.2016 तथा वर्ष 2017-18 में दिनांक 29.09.2017, दिनांक 15.11.2017 एवं दिनांक 30.12.2017 को निर्धारित समिति द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 3198 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की गुनौर विधान सभा अन्तर्गत वर्तमान में कितने वितरण ट्रांसफार्मर लगे हैं और उनमें से कितने सही है एवं कितने खराब या जले हैं? संख्या बतावें। (ख) क्या जिन किसानों के द्वारा खेती की सिंचाई हेतु स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शनधारी हैं, उनके भी ट्रांसर्फामर खराब या जल जाने के बाद महीनों नहीं बदले जाते, जिससे उनका समय खराब होता है? उनकी फसलों को भारी नुकसान होता है और ट्रांसर्फामर जलने से ट्रांसर्फामर रखे जाने के बीच के समय का समायोजन नहीं किया जाता एवं न ही उनकी राशि वापिस की जाती है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या समय का समायोजन करने की विभाग में शासन की कोई नीति है? (ग) गुनौर विधान क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक में कब-कब ट्रांसफार्मर जले या खराब हुये एवं कितने समय बाद उनको बदलो गया? ग्रामवार बतावें? यदि ट्रांसफार्मर समय पर नहीं बदले गये तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? ट्रांसफार्मर समय पर न बदले जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पन्ना जिले के गुनौर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में 2652 वितरण ट्रांसफार्मर लगे हैं जिनमें से 2598 ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय चालू है तथा 54 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है। (ख) जी नहीं, वितरण कंपनी द्वारा कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्यमान समस्त वितरण ट्रांसफार्मरों को फेल होने पर नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष की सामान्य अवधि में 3 दिवस के अन्दर तथा वर्षाकाल (जुलाई से सितम्बर) के दौरान 7 दिवस के अन्दर बदला जाता है तथापि फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिलों की बकाया राशि होने पर ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं में से 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने पर फेल ट्रांसफार्मर बदल दिया जाता है। यदि फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण फेल ट्रांसफार्मर बदला जाना संभव नहीं होता तो ऐसी स्थिति में विद्युत बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को यथासंभव वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है। विद्युत प्रदाय नहीं होने की स्थिति में अगर विद्युत प्रदाय लगातार 10 दिन या उससे अधिक की अवधि के लिये बन्द रहता है, तो उक्त अवधि के लिये विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका-11.3 एवं राज्य शासन आदेश दिनांक 06.09.2017 में निर्धारित नीति के अनुसार बिलिंग की जाती है, जिसमें कुछ शर्तों के साथ विद्युत प्रदाय के दिवसों की संख्या के अनुरूप अनुपातिक रूप से विद्युत बिल की राशि कम किये जाने संबंधी प्रावधान है। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान में राशि वापिस करने/समय का समायोजन करने संबंधी अन्य कोई नियम लागू नहीं है। उक्त कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है, अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक फेल/जले वितरण ट्रांसफामरों की फेल होने की दिनांक, बदलने की दिनांक सहित ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मर सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है। अत: इस हेतु किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
समयमान वेतनमान का लाभ
[वित्त]
92. ( क्र. 3229 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा अपने कर्मचारियों के लिये समयमान वेतनमान योजना 2008 जारी की गई है? (ख) क्या विभिन्न विभागों द्वारा इन नियमों के संदर्भ में आदेश जारी किये जाकर अपने कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम एवं 20 वर्ष की सेवा पर द्वितीय समयमान का लाभ दिया गया है? (ग) समयमान वेतनमान के नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि जिन कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति से लेकर इन नियमों के प्रभावशील होने तक दो उच्चतर वेतनमानों का लाभ नहीं मिला हो, उनको इन नियमों के अन्तर्गत प्रथम एवं द्वितीय उच्चतर वेतनमानों की पात्रता होगी? (घ) क्या प्रदेश के लेखापालों को भी इन नियमों के अन्तर्गत द्वितीय समयमान वेतनमान की पात्रता आती है? क्यों कि निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर वेतनमान 3050-4590 में नियुक्ति होने के बाद लेखापाल के पद पर पदोन्नति होने तक इन कर्मचारियों को एक ही उच्चतर वेतनमान 4000-6000 का लाभ प्राप्त होता है, ऐसी स्थिति में ये कर्मचारी द्वितीय समयमान वेतनमान 4500-7000 की स्पष्टत: पात्रता रखते हैं किन्तु वित्त विभाग द्वारा इन नियमों को तोड़ मरोड़कर पदोन्नति से जोड़ते हुये आदेश जारी करने से इन कर्मचारियों को आज दिनांक तक द्वितीय समयमान का लाभ नहीं मिल पाया है। जबकि इनसे कनिष्ठ कई निम्न श्रेणी लिपिक तृतीय समयमान का भी लाभ लेकर इनसे अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं। (ड.) इन कर्मचारियों को द्वितीय समयमान का लाभ देने से क्यों वंचित किया जा रहा है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं शासन उस पर क्या कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) निम्न श्रेणी लिपिक पर नियुक्त व्यक्ति को दो पदोन्नतियां होने पर लेखापाल के पद पर पहुंचने पर दो उच्चतर वेतनमान क्रमश: ग्रेड वेतन रूपये 2400/- एवं 2800/- प्राप्त हो जाते है। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेखापालों को विशेष वेतन का लाभ
[वित्त]
93. ( क्र. 3230 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा गठित पाँचते वेतन आयोग की अनुशंसाओं एवं प्रदेश के मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन के उपरांत दिनांक 01.01.1996 से लागू वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 के अंतर्गत पदोन्नति के पूर्व एवं पश्चात के जिन विद्यमान (केन्द्रीय) वेतनमानों को 1.1.1996 से लागू पाँचवे वेतनमान में एक ही वेतनमान में समाहित (मर्ज) किया गया है? ऐसे प्रकरणों में पदोन्नति के पश्चात के विद्यमान वेतनमानों में कार्यरत कर्मचारियों को इन नियमों के नियम 10 (2) के अनुसार दिनांक 1.1.1996 रू.250/- विशेष वेतन दिये जाने के प्रावधान किये गये हैं? (ख) क्या इन नियमों के लागू होने के पूर्व (केंद्रीय वेतनमान 1990 में) प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत उच्च श्रेणी लिपिकों के विद्यमान वेतनमान 1200-2040 एवं इनके पदोन्नति के पश्चात के लेखापाल पदों के विद्यमान वेतनमान 1320-2040 (पृथक-पृथक) थे एवं दिनांक 1.1.1996 से इनको एक ही वेतनमान 4000-100-6000 में समाहित (मर्ज) कर दिया गया है? इस कारण से केन्द्रीय वेतनमानों में पदोन्नति के पश्चात के (लेखापाल) पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को इन नियमों के नियम 10 (2) के अनुसार स्पष्टत: 250/- प्रतिमाह विशेष वेतन की पात्रता आती है। (ग) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि इन नियमों के प्रावधानों के लागू होने के 20 वर्षों के बाद भी प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत लेखापालों को दिनांक 1.1.1996 से 250 रू. विशेष वेतन का लाभ नहीं मिल पाया है? (घ) क्या यह भी सही है कि संचालनालय कोष एवं लेखा के पत्र क्रमांक दिनांक एवं अन्य कई बार मनमाने तरीके से आदेश जारी किया जाकर प्रदेश के लेखापालों को वे.पु.नि. 1998 के नियम 10 (2) का लाभ लेने से वंचित किया गया है एवं क्या वित्त विभाग वेतन आयोग प्रकोष्ठ एवं म.प्र. मंत्रिमंडल के आदेशों को तोड़ मरोड़ कर निरस्त कर किसी कर्मचारी को नियमानुसार देय लाभ से वंचित करने हेतु सक्षम रूप से अधिकृत है? (ड.) इन (लेखापालों के) पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को नियम विरूद्ध हानि पहुंचाने के लिये कौन जिम्मेदार है और शासन उस पर क्या कार्यवाही करेगा एवं इनको इस नियम का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) से (ड.) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम मजरों-टोलों में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 3245 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा व विभाग की नीति अनुसार प्रदेश के किसी भी गांव मजरे-टोले को विद्युत विहीन नहीं रखा जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र दिमनी, जिला मुरैना के सभी ग्रामों में विद्युत सप्लाई का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं? उनके नाम की सूची दी जावे व इन स्थानों पर विद्युत सप्लाई कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भारत सरकार द्वारा दिनांक 11.10.2017 से लागू की गई ''प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना'' (सौभाग्य) के अन्तर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के सभी विद्युत विहीन घरों में विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना के सभी ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। उक्त कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित किये गये थे तथा इन कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड एवं मेसर्स के.ई.सी. इंटरनेशनल कंपनी द्वारा कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण उक्त सघन विद्युतीकरण का कार्य लंबित रहा। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के 37 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना शेष है जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन ग्रामों में सघन विद्युतीकरण कराए जाने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है तथा उक्त कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराया जाना है। उक्त कार्य को प्रारंभ करने हेतु सर्वे एवं प्राक्कलन स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है वर्तमान में उक्त कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
95. ( क्र. 3256 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकम्पा नियुक्तियों के वर्तमान में क्या नीति निर्देश प्रचलन में है, की प्रति दी जावे? (ख) जिला शिवपुरी में प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक कितने प्रकरण अनुकम्पा नियुक्ति के शेष हैं, की जानकारी विभाग का नाम, लंबित आवेदनकर्ता का नाम पता, दिनांक आदि सहित दी जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनों में से कितने प्रकरणों में नियुक्ति कर दी गई है? यदि नहीं, तो कितने आवेदक शेष हैं, की जानकारी भी विभाग का नाम, आवेदनकर्ता का नाम पता, दिनांक आदि सहित दी जावे। (घ) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी की इस घोषणा व मंशानुसार कि किसी भी अनुकम्पा नियुक्ति में देरी नहीं की? इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) दिनांक 29/09/2014 अनुसार निर्धारित शर्तों की पूर्ति होने पर अनुकंपा नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है।
ई.सी.सी.ई. योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 3257 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ई.सी.सी.ई. योजना के तहत क्या क्या कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है व इस हेतु क्या मार्गदर्शिका/नियम निर्मित हैं? (ख) उपरोक्त (क) के अनुसार योजना में कितनी राशि बजट में प्रावधानित होकर जिला शिवपुरी को आवंटित की गई, की जानकारी (जनवरी 2014 से जनवरी, 2018 तक) दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? व्यय से संबंधित जानकारी मय कार्य विवरण, व्यय दिनांक, एजेन्सी का नाम पता, आदि की जानकारी (जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक) दी जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ई.सी.सी.ई. योजना में आरम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा का प्रावधान है। इस हेतु भारत सरकार की ई.सी.सी.ई. की पॉलिसी 2013 में मार्गदर्शिका/नियम निर्मित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (भारत का राजपत्र, भाग 1-खण्ड 1, दिनांक 12 अक्टूबर 2013) (ख) जिला शिवपुरी को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि से जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक रूपये 14,59,604/- का व्यय किया गया है, व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के अधिक भुगतान की वसूली
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 3325 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला शिवपुरी में ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं जिसमें मार्च 2016 के बाद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों से सेवानिवृत्ति के 1 वर्ष पूर्व अथवा सेवानिवृत्ति के पश्चात त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण की अधिक भुगतान राशि की वसूली की गई है? जानकारी कर्मचारी के नामवार, पदवार उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग में ऐसे कितने व कौन-कौन से प्रकरण हैं जिसमें त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के 5 वर्ष से अधिक समय बाद सेवानिवृत्ति के समय या पश्चात अधिक भुगतान राशि की ब्याज सहित वसूली की गयी? जानकारी नामवार, पदवार व राशि का पूर्ण विवरण सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील क्रमांक 11527/2014 स्टेट ऑफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह के प्रकरण में पारित निर्णय दिनांक 18.12.2014 एवं इस संबंध में म.प्र. वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश क्र. एफ 11-2/2016/नियम/चार भोपाल दिनांक 31.03.2016 के द्वारा सेवानिवृत्ति के 01 वर्ष पूर्व या सेवानिवृत्ति के पश्चात वसूली निषेधित एवं अमान्य की गई है? उक्त आदेशानुसार त्रुटिपूर्ण किए गये वेतन निर्धारण के परिणाम स्वरूप किए गये अधिक भुगतान की वसूली 05 वर्ष के भीतर ही मान्य है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के 05 वर्ष से अधिक समय पश्चात त्रुटिपूर्ण भुगतान पाने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों से वसूली अमान्य एवं निषेधित है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत शासकीय सेवकों से नियम विरूद्ध उक्त कटौती की राशि कब तक संबंधितों को वापिस कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) त्रुटिपूर्ण भुगतान पाने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों से वसूली संयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा ली गई आपत्ति के कारण हुई है। प्रकरण में वित्त विभाग के परामर्श से आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
संभागीय आवासीय विद्यालय में अधीक्षक की पदस्थापना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 3331 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय आवासीय विद्यालय में छात्रावास अधीक्षक के पदस्थापना नियमित अधीक्षक के रूप में किया जाना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिलान्तर्गत संभागीय ज्ञानोदय आवासीय कन्या/बालक छात्रावासों में क्या नियमित अधीक्षक पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो वर्तमान में पदस्थ छात्रावास अधीक्षक की पदस्थापना किस नियम के तहत की गई है? (ग) क्या संविदा ग्रामीण छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना शहरी छात्रावासों में की जा सकती है? यदि नहीं, तो उपरोक्त आवासीय विद्यालयों में संविदा अधीक्षकों की पदस्थापना किस नियम के तहत की गई है? (घ) शासन नियमित छात्रावास अधीक्षक की पदस्थापना कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं। कार्य व्यवस्था के तहत आगामी आदेश पर्यन्त निकटस्थ छात्रावास/आश्रम शाला में पदस्थ अधीक्षकों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संभागीय आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति के माध्यम से आवेदन पत्र बुलाए गए हैं। आवेदन पत्र प्राप्त होने की स्थिति में पदस्थापना की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी वर्ग के कर्मचारियों का संलग्नीकरण
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 3332 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने कर्मचारी अपनी मूल पदस्थापना से हटकर अन्य कहाँ कार्य कर रहे हैं या वर्तमान में पदस्थ हैं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) यदि उपरोक्त कर्मचारी अपनी मूल पदस्थापना छात्रावास से अन्य जगह कार्य कर रहे हैं, तो उनकी मूल पदस्थापना पर किस से काम लिया जा रहा है? (ग) मूल पदस्थापना से अलग कर कर्मचारी से अन्य जगह कार्य लिया जा रहा है तो मूल पदस्थापना में हो रहे कार्य प्रभावित के लिए क्या व्यवस्था है एवं कार्य प्रभावित हो रहा है तो कौन जिम्मेदार हैं? (घ) क्या कर्मचारियों को मूल पदस्थापना पर ही कार्य करने के लिए विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 6 में उल्लेख अनुसार। (ग) कार्य प्रभावित न हो इस कारण से उत्तरांश (ख) अनुसार व्यवस्था की गई है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। (घ) जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति होने पर।
असत्य जानकारी पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
100. ( क्र. 3362 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक ५३२ दिनांक २८-११-२०१७ के उत्तर में यह जानकारी दी गई है कि शहडोल जिले में आबकारी विभाग का संचालन दिनांक १८-०७-१९५५ से किया जा रहा है। (ख) क्या जिला आबकारी अधिकारी शहडोल द्वारा कलेक्टर शहडोल को पत्र क्र./आब./मु.लि./११/०९ दिनांक ०४-०१-२०११ के माध्यम से यह जानकारी दी गई है कि शहडोल जिले में आबकारी विभाग का वेयर हाउस सन् १९१५ के पूर्व से संचालित था? (ग) प्रश्नांश (क) व प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी में कौन सी जानकारी सही और कौन सी गलत है। क्या उपरोक्त तथ्य की जाँच कराकर भ्रामक जानकारी देने वाले जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शहडोल जिले में कलेक्टर की प्रथम पदस्थापना को आधार मानकर (पदस्थापना सूची के अनुसार) शहडोल जिले में आबकारी विभाग का संचालन दिनांक 18.07.1955 से किया जा रहा है, विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 532 दिनांक 28.11.2017 के उत्तर में जानकारी दी गई है। (ख) वर्ष 1915 से कस्टम आबकारी विभाग जिला शहडोल में संचालित रहा था। मध्यप्रदेश सरकार के गठन के समय से कस्टम आबकारी विभाग राज्य आबकारी विभाग में मर्ज हो गया था। अत: आबकारी विभाग का वेयर हाउस शहडोल जिले में 1915 के पूर्व से कस्टम आबकारी विभाग के अंतर्गत संचालित रहा था। (ग) प्रश्नांश (क) व प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी सही है।
भवन एवं कर्मचारियों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
101. ( क्र. 3363 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आबकारी अधिकारी शहडोल द्वारा कलेक्टर शहडोल को पत्र क्र./आब./मु.लि./११/०९ शहडोल, दिनांक ०४-०१-२०११ के माध्यम से यह जानकारी दी गई है कि शहडोल नगर के आराजी खसरा नंबर २१५/५४७ रकवा ०-१२ एकड़ भूमि पर आबकारी विभाग का वेयर हाउस सन १९१५ के पूर्व से संचालित था, जिस पर शासकीय भवन बना हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो भवन की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, लागत राशि, निर्माण एजेंसी, नक्शा प्लाट सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार तत्समय उपरोक्त शासकीय भवन में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों के नाम पदवार पदस्थापना दिनांक एवं वेतन निर्धारण की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (घ) यदि प्रश्नांश (क) की जानकारी असत्य पायी जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 3369 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम संवासी (नरसिंहगढ़) जनसंख्या 2500, ग्राम आगर जनसंख्या 2800 एवं ग्राम नापानेरा जनसंख्या 2000 में काफी लम्बी दूरी के विद्युत उपकेन्द्रों से विद्युत आपूर्ति किये जाने से किसानों को सिंचाई हेतु मोटर पंप संचालन में अल्प वोल्टेज एवं तार टूटने की निरंतर समस्या के कारण उक्त ग्रामों में 33/11 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्थापना की मांग प्रश्नकर्ता एवं किसानों द्वारा लम्बे समय से माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय विभागीय मंत्री जी सहित वरिष्ठ अधिकारियों से की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्रामों में नवीन विद्युत ग्रिड स्थापना हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग के जिला कार्यालय द्वारा वरिष्ठालय को बार-बार पर्याप्त वोल्टेज प्रदाय किये जाने, भ्रामक जानकारी दिये जाने से उक्त संबंध में शासन स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन किसानों की पुरजोर मांग एवं उक्त समस्या के स्थाई निदान हेतु उक्त ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत ग्रिड़ की स्थापना की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भारत सरकार द्वारा प्रकाशित जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम संवासी की जनसंख्या 1407, ग्राम आगर की जनसंख्या 3687 एवं ग्राम नापानेरा की जनसंख्या 1671 हैं। जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित उपकेन्द्रों की स्थापना की माँग विभिन्न संदर्भों से प्राप्त हुई है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एस.एस.टी.डी. योजना वर्ष 2018-19 के अंतर्गत ग्राम आगर एवं ग्राम नापानेरा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का (प्रत्येक उपकेन्द्र की क्षमता 5 एम.व्ही.ए.) कार्य प्रस्तावित किया गया है वर्तमान में ग्राम संवासी को 33/11 के.व्ही. गादिया उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडर द्वारा विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विगत वर्ष ग्राम संवासी का फीडर विभक्तिकरण का कार्य एवं 33/11 के.व्ही. गादिया उपकेन्द्र में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता 3.15 एम.व्ही.ए. से बढ़ाकर 5 एम.व्ही.ए. किये जाने का कार्य पूर्ण किया गया है, जिससे उक्त ग्राम एवं आस-पास के क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित हुआ है तथा उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में ग्राम संवासी में नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। की गई कार्यवाही के दृष्टिगत भ्रामक जानकारी देने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार एस.एस.टी.डी. योजना वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित 2 उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में स्वीकृत कर पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावासों की क्षमता वृद्धि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
103. ( क्र. 3370 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति वर्ग छात्रावासों में छात्र संख्या के मान से क्षमता (सीट) नहीं होने से प्रतिवर्ष अनुसूचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को शासन की महती योजना के लाभ से वंचित होना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी निरंतर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से उक्त संचालित छात्रावासों की क्षमता बढ़ाये जाने हेतु मांग की जाती रही है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त अनुसूचित जाति छात्रावासों की क्षमता बढाये जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) यह सही है कि वर्ष 2016-17 में छात्रावास में प्रवेश क्षमता से अधिक आवेदन आए थे परन्तु क्षमता अनुसार पात्र विद्यार्थियों को शासन की महती योजना का लाभ दिया जा रहा है। स्वीकृत सीट, प्रवेश हेतु प्राप्त आवेदन, प्रवेशित विद्यार्थी संख्या, प्रवेश से वंचित विद्यार्थी संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्ष 2016-17 में राजगढ़ जिले के 20 सीटर छात्रावास/आश्रमों को 50 सीटर में परिवर्तित करने हेतु 120 सीट की वृद्धि की गई है। (ग) 50 सीटर छात्रावासों में सीट वृद्धि की शासन की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परीक्षण सहायक की भर्ती में अनियमितता
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 3434 ) श्री कमल मर्सकोले, श्री के.डी. देशमुख, श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा वर्ष 2013 में परीक्षण सहायक (संविदा) की भर्ती की गयी थी? भर्ती किये गये पद कंपनी के संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत थे अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि पद स्वीकृत नहीं थे तो किन स्वीकृत पदों के विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया की गई? नियम विरूद्ध की गई भर्ती प्रक्रिया के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भर्ती उपरांत चयनित उम्मीदवारों के वेतन का वित्तीय भार प्रतिवर्ष कितना है? (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में पदस्थ श्री दीपक सूद, उप महाप्रबंधक (वित्त) के विरूद्ध इनकी पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अनियमितता, पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा विभाग द्वारा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इनके द्वारा की गई अनियमितताओं की जाँच कर कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वर्ष 2013 में परीक्षण सहायकों की संविदा पर भर्ती की गई थी। राज्य शासन के पत्र दिनांक 09.06.2011 से स्वीकृत कम्पनी की संगठनात्मक संरचना में परीक्षण सहायक के 500 पद नियमित एवं 2522 पद आउट सोर्स/कांट्रेक्ट के माध्यम से भरे जाने हेतु स्वीकृत थे, जिनमें से राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ-2-34/2011/तेरह दिनांक 21.01.2013 द्वारा 747 आउट सोर्स के पद समर्पित करते हुए नियमित परीक्षण सहायकों के 385 पद स्वीकृत किये गये। तदोपरांत राज्य शासन द्वारा प्रदत्त स्वीकृति के उपरान्त मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उक्तानुसार स्वीकृत 1775 पदों को संविदा आधार पर भरने की अनुमति चाही गई थी जिस पर राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ 2-2/2013/तेरह, दिनांक 31.01.2013 द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई एवं तदानुसार ही भर्ती की कार्यवाही की गई। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्तमान में कार्यरत परीक्षण सहायक, जो कि वर्ष 2013 में संविदा पर भर्ती किये गये थे, के वेतन का वित्तीय भार रूपये 21.65 करोड़ प्रतिवर्ष है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ श्री दीपक सूद, उप महाप्रबंधक (वित्त) के विरूद्ध इनकी पदस्थापना दिनांक 22.05.2012 से प्रश्न दिनांक तक अनियमितता, पद के दुरूपयोग, भ्रष्टाचार की एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में वर्णित बिन्दुओं में भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग संबंधी कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं दी गई थी और न ही शिकायतकर्ता द्वारा अपना दूरभाष अथवा मोबाईल नंबर अंकित किया गया था, जिससे तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके उपरांत भी शिकायत की जाँच उप मुख्य महाप्रबंधक (फीडर विभक्तिकरण), कार्यालय प्रबंध संचालक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से करवाई की गई, जो तथ्यहीन पाई गई। अतः प्रश्न नहीं उठता।
अनुदान योजना अंतर्गत अनुदान राशि का दुरूपयोग
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 3446 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुदान योजना अंतगर्त किसानों के पम्पों हेतु विद्युत प्रदाय करने के लिये जो प्राक्कलन बनाये जाते हैं, क्या प्राक्कलनों की राशि अनुसार ही शासन से विभाग को अनुदान प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो मुरैना में विगत 3 वर्षों, में किये गये कार्यों में कितनी राशि मुरैना जिले में विभाग को प्राप्त हुई? वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों के प्राक्कलन की संख्या उपलब्ध करवायें। (ख) क्या बनाये गये प्राक्कलन अनुसार ही किसानो से कार्य की अंश राशि एवं शेष राशि राज्य शासन से विभाग को प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो क्या प्राक्कलन अनुसार प्राप्त अनुदान किसान को वापिस की जाती है? (ग) यदि नहीं, तो क्या अनुदान योजनांतर्गत किये गये कार्यों की जाँच कराकर प्राक्कलनों से लगाये गये कम सामान की जाँच शासन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, कृषक अनुदान योजना अंतर्गत किसानों को विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिये जो प्राक्कलन बनाये जाते हैं उन प्राक्कलनों की राशि किसानों के अंश को छोड़कर राज्य शासन के आदेश दिनांक 06.05.2011 एवं उक्त आदेश के तारतम्य में आगामी वर्षों हेतु जारी दिशा-निर्देशों के तहत् अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। राज्य शासन द्वारा कृषक अनुदान योजनान्तर्गत जिलेवार राशि का आवंटन नहीं किया जाता, अपितु वितरण कंपनी को आवंटित की गई राशि, प्राप्त आवेदनों के अनुसार जिलों को आवंटित कर प्राक्कलन स्वीकृत किए जाते हैं। मुरैना जिले में वर्ष 2015-16 में पूर्ण किए गए 188 पंपों के कार्यों हेतु कृषकों द्वारा रू. 98,23,768/- की अंश राशि जमा की गई एवं राज्य शासन द्वारा रू. 2,53,16,365/- की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई गई है। वर्ष 2016-17 में पूर्ण किए गए 177 पंपों के कार्यों हेतु कृषकों द्वारा रू. 77,57,670/- की अंश राशि जमा कराई गई एवं राज्य शासन द्वारा रू. 1,85,10,950/- की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी गयी है। वर्ष 2017-18 में पूर्ण किए गए 53 पंपों के कार्यों हेतु कृषकों द्वारा रू. 27,61,337/- की अंश राशि जमा कराई गई एवं राज्य शासन द्वारा रू. 58,36,449/- की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई वर्ष। 2017-18 में कृषक अनुदान योजना अंतर्गत कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। क्योंकि राज्य शासन द्वारा अक्टूबर-2016 से तत्समय लागू कृषक अनुदान योजना को समाहित कर मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना लागू कर दी गई थी। (ख) जी हाँ, प्राक्कलन अनुसार ही किसानों से कार्य की अंश राशि एवं राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में शेष राशि वितरण कंपनियों को उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। किसानों की अंश राशि की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा नहीं की जाती है, अत: वितरण कंपनियों द्वारा किसानों को राशि वापिस नहीं की जाती। (ग) कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत किये जाने वाले कार्य प्राक्कलनों में दिये गये प्रावधानों के अनुसार ही किये गए है। प्राक्कलन में दिये गये प्रावधान से कम सामान लगाये जाने की शिकायत मुरैना जिले में प्राप्त नहीं हुई है, यदि इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उसकी जाँच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
अनियमितताओं की जाँच
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 3447 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना अंतर्गत टैकनोफैब कम्पनी द्वारा स्टोर एवं साइट पर से सामग्री बेचने पर FIR दर्ज कार्यवाही गई है? यदि हाँ, तो सामग्री की कीमत क्या थी और कौन-कौन अधिकारी और कर्मचारी सामान विक्रय में आरोपित हैं? क्या उक्त चोरी में विक्रय किये गये सामान का विभाग द्वारा कार्य से पहले भुगतान किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कम्पनी पर क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या टैकनोफैब कम्पनी बी.ओ.क्यू. अनुबंध अनुसार कार्य कर रही है? यदि नहीं, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) विद्युत सलाहकार समिति की गत बैठक में एवं अन्य शिकायतों पर टैकनोफैब कम्पनी द्वारा किये गये कार्यों का क्रॉस मेजरमेंट (पोल टू पोल) विभाग जाँच दल बनाके करवायेंगे? जाँच के दौरान भुगतान रोका जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला मुरैना के अंतर्गत मेसर्स टैकनोफैब इंजीनियरिंग कंपनी नई दिल्ली को फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य हेतु दिनांक 11.04.2016 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उनके साइट स्टोर से सामग्री की चोरी के प्रकरण में मेसर्स टैकनोफैब इंजीनियरिंग कंपनी में कार्यरत तीन पूर्व कर्मचारियों के विरूद्ध मुरैना सिविल लाईन थाना में एफ.आई.आर. क्रमांक 0071 दिनांक 05.02.2017 दर्ज करवाई गई थी, जिसकी जाँच प्रक्रियाधीन है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा उनके तीन अधिकारियों/कर्मचारियों यथा श्री घनश्याम शर्मा (उपमहाप्रबंधक मेसर्स टैकनोफैब कंपनी), श्री दुर्गेश शर्मा (प्रोजेक्ट प्रबंधक मेसर्स टैकनोफैब कंपनी) एवं श्री संतोष पाण्डे (स्टोर इंचार्ज मेसर्स टैकनोफैब कंपनी) की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उक्त चोरी हुए सामान की कीमत लगभग रु. 39,58,964 है। चोरी हुई सामग्री में से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ट्रांसफॉर्मर, कन्डक्टर, ए.बी. केबल एवं इनर्जी मीटर की राशि का 75 प्रतिशत अग्रिम भुगतान किया गया है। सामग्री की चोरी मेसर्स टैकनोफैब इंजीनियरिंग कंपनी के स्टोर से हुई है, अतः प्रकरण में कार्यवाही उनके द्वारा ही की जा रही है। अवार्ड अनुसार कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। नियमानुसार मेसर्स टैकनोफैब कंपनी को सामग्री के विरुद्ध किये गये अग्रिम भुगतान की राशि, कार्य पूर्ण होने के उपरांत उक्त ठेकेदार एजेन्सी के देयकों में से समायोजित कर ली जायेगी। इसके अतिरिक्त उक्त ठेकेदार कंपनी को जारी अवार्ड की शर्तों के अनुसार 10 प्रतिशत सुरक्षा निधि के रुप में रुपये 6.54 करोड़ की राशि बैंक गारंटी के रूप में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास उपलब्ध है। (ख) मेसर्स टैकनोफैब इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा अवार्ड एवं स्वीकृत बी.ओ.क्यू. अनुसार कार्य किया जा रहा है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) दिनांक 12.12.2017 को आयोजित जिला विद्युत सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक के दौरान माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा ठेकेदार कंपनी द्वारा किये गये कार्यों की गुणवत्ता एवं सुपरविजन ठीक करने हेतु सलाह दी गई थी। इस संबंध में क्षेत्र के सभी उप महाप्रबंधकों, मेसर्स टैकनोफैब इंजीनियरिंग कंपनी एवं थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेन्सी को सूचित करते हुये संयुक्त निरीक्षण कराया गया है। जाँच दल द्वारा जो कमियां पायी गयी उन्हें ठेकेदार एजेन्सी से ठीक करा लिया गया है, अतः भुगतान रोकने की आवश्यकता नहीं है।
पेनाल्टी स्वरूप काटी गई राशि का उपयोग
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 3453 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28/11/201 के प्रश्न क्र. 1028 के अंश भाग (ग) के उत्तर में मेसर्स बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड मुम्बई के देयक भुगतान निविदा शर्तों के अनुसार पेनाल्टी स्वरूप काटी गई राशि रूपये 7.36 करोड़ का उपयोग कहाँ किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी दी गई है कि रीवा जिले के प्रत्येक विधानसभा में कुल 16 गांवों के विद्युतीकरण के कार्य अपूर्ण हैं, क्या उसे पेनाल्टी की काटी गई राशि से पूर्ण करा दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त राशि उपयोग न कर समायोजित न करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा कार्य के लिए उपरोक्त कम्पनी को क्या मध्यप्रदेश में डिफाल्टर की श्रेणी में रख कर दण्डित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में समुचित कार्यवाही न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्न क्र. 1028 दिनांक 28.11.2017 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दर्शाए अनुसार मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई के देयकों से निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डेमेज के रूप में काटी गई रू. 7.36 करोड़ की राशि का समायोजन आर.ई.सी. लिमिटेड के निर्देशानुसार परियोजना के क्लोजर के समय परियोजना हेतु स्वीकृत राशि से कर लिया जायेगा। अत: उक्त राशि का उपयोग योजना के अन्य कार्यों में किया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्न क्र.- 1028 दिनांक 28.11.2017 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिला रीवा के कार्य योग्य कुल 16 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य शेष था। उक्त कार्य लिक्विडेटेड डेमेज की राशि से नहीं अपितु योजना अंतर्गत प्रावधानित राशि से पूर्ण करा दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज की राशि का उपयोग परियोजना के अन्य कार्यों में किया जाना संभव नहीं है। अत: उक्त राशि का उपयोग नहीं किये जाने हेतु किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। परियोजना के सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके है अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध अन्य कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
वाणिज्यिक कर वसूली की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
108. ( क्र. 3454 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग रीवा संभाग में अप्रैल 2014 से जनवरी 2018 तक जी.एस.टी. लगने से विभाग द्वारा कितने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में छापे डाले गये तथा कितने पर कर अपवंचन के प्रकरण बनाये गये हैं? जिलावार प्रतिष्ठानवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आर्थिक अपराध से संबंधित इन समस्त प्रतिष्ठानों पर कितने रूपयों का कर अपवंचन प्रस्तावित किया गया है? प्रस्तावित कर अपवंचन के विरूद्ध् विभाग द्वारा कितने रूपये वसूल लिए गये हैं। राशिवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कर अपवंचन पाये जाने पर क्या आर्थिक दण्ड का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आर्थिक दण्ड से संबंधित समस्त प्रतिष्ठानों पर आर्थिक दण्ड के प्रकरण बनाये गये हैं तथा क्या इन मामलों का निराकरण कर लिया गया है। आर्थिक दण्ड स्वरूप कितने रूपयों का दण्ड निर्धारित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में निर्धारित कर एवं दण्ड की राशि क्या पूर्ण रूपेण वसूल कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक वसूल ली जावेगी? लंबित राजस्व के वसूल न होने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अप्रैल 2014 से जून 2017 तक म.प्र. वेट अधिनियम, 2002 के तहत 125 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में छापे डाले गए तथा अपवंचन के 125 प्रकरण संस्थापित किये गये। जिलेवार, प्रतिष्ठानवार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। 01 जुलाई 2017 से जी.एस.टी. विधान लागू होने के बाद 01 जुलाई 2017 से जनवरी 2018 तक की अवधि में छापे की कार्यवाही नहीं की गई है, अत: जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त प्रतिष्ठानों पर राशि रूपये 3968.33 लाख का कर अपवंचन प्रस्तावित किया गया तथा प्रस्तावित कर अपवंचन के विरूद्ध छापे के समय मौके पर 2886.08 लाख रूपये वसूल किए गए। राशिवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) हाँ। कर अपवंचन पाए जाने पर आर्थिक दण्ड के प्रावधान है। म.प्र. वेट अधिनियम, 2002 में शास्ति का प्रावधान है जिसके तहत शास्ति वसूल की जाती है।
(लाख में)
निर्धारित दण्ड की राशि |
वसूल दण्ड की राशि |
154.73 |
138.71 |
जिलेवार
एवं प्रतिष्ठानवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट पर
है। (घ) कुल 125
प्रकरणों में
से 82
प्रकरणों में
कर निर्धारण
की कार्यवाही
पूर्ण कर ली
गई है एवं 43
प्रकरणों में
कर निर्धारण
प्रक्रियाधीन
है। कर
निर्धारण
पूर्ण 82 प्रकरणों
में से 41 प्रकरणों
में शास्ति
वसूली की
कार्यवाही
पूर्ण कर ली
गई है,
शेष
प्रकरणों में
कार्यवाही
जारी है। 43
प्रकरणों में
कर निर्धारण
हेतु
विधानानुसार
समय-सीमा शेष
है। प्रकरणों
में विधान के
प्रावधानों
के अनुसार
कार्यवाही की
गई है। अत:
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करने की
स्थिति नहीं
है।
जाति प्रमाण पत्रों का निर्माण एवं सत्यापन
[सामान्य प्रशासन]
109. ( क्र. 3457 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4544 दिनांक 10/03/2017 के प्रश्नांश (ख) उत्तरानुसार पंजी में दर्ज जाति प्रमाण पत्रों का समग्र पोर्टल पर सत्यापन अब तक क्यों शेष है? सत्यापन शेष रहने पर आरक्षित वर्ग के नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ कैसे प्राप्त होगा? क्या शासनादेशों के बाद भी लापरवाही के जिम्मेदार सक्षम प्राधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रश्न क्रमांक 4544 के प्रश्नांश (घ) अनुसार क्या जाति प्रमाण पत्र अभियान में जिन विद्यालयों द्वारा छात्रों के आवेदन जमा नहीं किये गये थे? उन विद्यालयों के छात्रों के आवेदन प्राप्त/जमाकर जाति प्रमाण पत्र बनाकर वितरित किये गये? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जाति प्रमाण पत्र अभियान हेतु कटनी अनुविभाग स्तरीय क्या कार्य योजना है और क्या इसका अक्षरश: पालन कर क्रियान्वयन किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय दायित्वों एवं कार्यों में लापरवाही का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इस पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) समग्र पोर्टल पर जाति प्रमाण पत्रों की सत्यापन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समग्र पोर्टल में जाति सत्यापन के आधार पर खाद्य सुरक्षा का लाभ देने का प्रश्न है तो इस संबंध में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति परिवारों को पात्रता पर्ची जनरेट कर खाद्यान्न से लाभान्वित करने हेतु एन.आई.सी. द्वारा एक ऑफ-लाईन प्रणाली विकसित की गई थी जिससे निर्धारित समय-सीमा में पात्रता पर्ची का निर्माण हो सके एवं इस पात्रता पर्ची के निर्माण में समग्र पोर्टल पर जाति प्रमाण पत्रों की अनिवार्यत: समाप्त कर दी गई। कोई भी पात्र हितग्राही लाभ से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश 4544 के (घ) अनुसार केन्द्रीय विद्यालय आर्डिनेंस फैक्टरी, कटनी के द्वारा संस्था में अध्ययनरत् छात्रों के जाति प्रमाण पत्र संबंधी कुल 106 आवेदन वर्ष 2016-17 जमा कराये गये हैं, जिनका निराकरण किया जा चुका है। (ग) कटनी अनुभाग के अन्तर्गत विद्यालयों में अध्ययनरत् छात्रों के अभियान के तहत आवेदन पत्र प्राप्त कर ऑन-लाईन निराकरण किये जा रहे हैं जो निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत |
1 |
2014-15 |
242442 |
241708 |
2 |
2015-16 |
2863 |
2852 |
3 |
2016-17 |
32050 |
31799 |
4 |
2017-18 |
7461 |
5773 |
कुल |
284816 |
282132 |
उपरोक्तानुसार आवेदन प्राप्त कर निराकृत किये गये है तथा जिला कटनी के अनुभाग कटनी एवं अन्य अनुभाग में इनके अतिरिक्त शिक्षा पोर्टल एवं जाति प्रमाण पत्र के डाटाबेस का आपस में सत्यापित कर मिलान किया गया है। ऐसे छात्र/छात्राओं के परिवार के भाई/बहनों का जाति प्रमाण पत्र हिन्दी एवं अंग्रेजी के तैयार कर कटनी अनुभाग में 35,842 एवं अन्य अनुभाग के हिन्दी एवं अंग्रेजी प्रमाण पत्र प्रिंट कर 85,712 तैयार कर वितरित कराये गये है। जिला कटनी में ऐसे पात्र परिवार के सदस्यों के आवेदनों में हिन्दी एवं अंग्रेजी प्रमाण पत्र के प्रिंट कुल 1,21,554 वितरित किये गये हैं। कार्ययोजना अनुसार ही आवेदक को जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने हेतु कार्य संपादित किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा प्रश्नों की एकत्रित जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 3458 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5235 दिनांक 11/03/2016 एवं प्रश्न क्रमांक 1397 दिनांक 06/12/2016 की एकत्रित जानकारी क्या है और एकत्रित जानकारी के तथ्यों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें, (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 195 दिनांक 21/07/2015 के प्रश्नांश (क) का उत्तर आयोग से संबंधित जानकारी वेबसाइट पर प्रदर्शित होने एवं नवीन जानकारियों को एक अंतराल पश्चात अपलोड किया जाता है, दिया गया था? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में आयोग से संबंधित कौन-कौन नवीनतम जानकारी बेवसाइट पर कब-कब अपलोड की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्रश्न क्रमांक 195 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर ''जी हाँ कराया जायेगा'' दिया गया था? हाँ तो क्या वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक आयोग द्वारा पारित समस्त आदेशों को बेवसाइट पर दर्ज किया गया? यदि नहीं, तो कारण बतायें और क्या आयोग की नवीनतम वेबसाइट को नियत सर्वर पर होस्ट किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) राज्य सूचना आयोग द्वारा पारित महत्वपूर्ण आदेश आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किये गए हैं। आयोग की नवीन वेबसाइट नवम्बर 2015 से MPSEDC सर्वर पर पोस्ट कर दी गई है।
इकाइयों को पुन: प्रारंभ करना
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 3465 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित 4 यूनिट को पुन: प्रारंभ करने हेतु क्या डूसन पॉवर सिस्टम्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड गुड़गांव हरियाणा से एल.आर.ओ.टी. के तहत कोई प्रस्ताव म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड़ जबलपुर को प्राप्त हुआ हैं? प्रदूषण को पूर्णत: नियंत्रित करते हुए नये पॉवर प्लांट के बराबर लाईफ तथा नये पॉवर प्लांट के लगभग 50% लागत में डूसन पॉवर के यूनिट प्रारंभ करने के प्रस्ताव में शासन को क्या परेशानी है? (ख) क्या म.प्र. विद्युत जनरेटिंग कंपनी एक थर्मल पॉवर प्लांट को चालू करने हेतु चीन से 5 करोड़ रूपये की लागत से नया पार्ट मंगवा लिया किन्तु बाद में थर्मल पॉवर प्लांट को बिना चालू किये पूरे प्लांट को 5 करोड़ रूपये के नये प्लांट को पार्ट सहित कबाड़ के भाव बेच दिया गया? (ग) क्या शासन डूसन पॉवर जैसे प्रस्ताव समान अवसर तथा बिजली कंपनी के ज्यादा से ज्यादा लाभ वाली खुली निविदा से विश्व व्यापी एल.आर.ओ.टी. के तहत प्रस्ताव मंगवाकर विषयांकित चारों यूनिटों को पुन: प्रारंभ करायेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मेसर्स डूसन पॉवर सिस्टम इंडिया प्राईवेट लिमिटेड गुड़गांव से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की इकाई क्रमांक-6 से 9 का एल.आर.ओ.टी. (एल.आर.ओ.टी.) के तहत् रू. 3.83 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से नवीनीकरण का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित कारणों से प्रस्ताव युक्तियुक्त नहीं पाया गया। (ख) जी नहीं, इन इकाइयों को चालू करने हेतु चीन से 5 करोड़ रू. की लागत का कोई भी सामान क्रय नहीं किया गया था तथापि म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की सेवानिवृत्त की गई इकाइयों को इ-ऑक्शन द्वारा ''जैसा है जहां है'' (एज इज वेयर इज) के आधार पर विक्रय किया गया है। (ग) जी नहीं। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक-6 से 9 जो कि विगत 33 से 37 वर्षों से संचालन में है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा 25 वर्ष से अधिक से संचालित इन इकाइयों को वर्तमान परिदृश्य में दक्ष नहीं होने से रिटायर करने की अनुशंसा की गई है। इन इकाइयों द्वारा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में लागू पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में कठिनाई है। साथ ही इकाइयों द्वारा नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों का पालन न कर पाने से कंपनी को वित्तीय हानि हो रही है। अत: इन इकाइयों को रिटायर/डी-कमिशन कर इनके स्थान पर 660 मेगावाट क्षमता की उच्च दक्षता वाली दो नवीन इकाइयों की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश में एकीकृत बाल विकास योजनाओं को मिलने वाला बजट
[महिला एवं बाल विकास]
112. ( क्र. 3466 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत बाल विकास योजना के तहत विगत पाँच वर्षों में विभाग को कितना बजट मिला है? वर्ष अनुसार जानकारी दें। (ख) क्या यह सही है कि लगातार कुपोषण पर नियंत्रण न हो पाने तथा 0 से 05 वर्ष आयु वर्ग के देश में सर्वाधिक बाल मृत्यु दर होने से बजट का उपयोग अंतिम छोर तक न होने के कारण कोई सुधार नहीं हो पा रहा है? (ग) हाई कोर्ट द्वारा पोषण आहार का वितरण स्व-सहायता समूहों द्वारा कराए जाने के सख्त निर्देश के बावजूद अब तक इस पर अमल क्यों नहीं किया गया? क्या हाई कोर्ट ने विभाग के प्रमुख सचिव को स्वयं इस मामले में कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश जारी किये हैं? (घ) पोषण आहार सहित केन्द्र सरकार द्वारा पोषित विभाग की अन्य योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने पर राज्य शासन द्वारा अतिरिक्त खर्च की गयी राशि की जानकारी बढ़ाए गए वर्ष से वर्षानुसार दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) मान. उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा पारित आदेश दिनांक 13.09.17 में फ्रेश टेण्डर किए जाने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के उक्त निर्देशों के तहत् नवीन नीति निर्धारण हेतु शासन द्वारा प्रस्ताव मंत्रि-परिषद् के समक्ष रखा गया था। मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14.11.2017 में लिए निर्णयानुसार स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से टेकहोम राशन प्रदाय व्यवस्था की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। जी हाँ। शासन द्वारा नवीन नीति निर्धारित करने एवं टेण्डर प्रक्रिया में लगने वाले समय को देखते हुए मान. उच्च न्यायालय इन्दौर से अतिरिक्त समय प्राप्त करने हेतु दिनांक 31.10.2017 को आर.पी.1145/17 दायर की गई थी, जिस पर मान. उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा दिनांक 02.02.18 को पारित आदेश के तहत् प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास को स्वयं उपस्थित होने के निर्देश दिए है। पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
घरेलू विद्युत बिलों में अनियमितता
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 3471 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2017 के पश्चात सिवनी जिले में बढ़े हुये विद्युत बिलों की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों में बिल की राशि में अनियमितता पाई गई? उक्त जिले में ऐसे कितने बिल हैं जिनमें गत 02 वर्षों में एक से अधिकवार सुधार किया गया? बिलों में बार-बार संशोधन के क्या कारण हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को विद्युत बिल 3-4 माह बाद की रीडिंग का दिया जा रहा है? खपत को बराबर माह में न बांटकर एक माह के हिसाब से बिलिंग की जा रही है, जिससे उपभोक्ता ज्यादा स्लेब के हिसाब से भुगतान करने के लिये मजबूर हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या विभाग प्रत्येक बिल पर नियत प्रभार राशि वसूल कर रहा है, जबकि उपभोक्ता खपत के अनुसार बिल भुगतान कर रहा है? यदि हाँ, तो नियत प्रभार राशि वसूलने का औचित्य क्या है? (घ) जबलपुर संभाग में विभाग की बिजीलेंस टीमों द्वारा 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने छापे मारे गये, इसमें कितनी राशि की वसूली की गई, कितने मामले लंबित हैं और कितने मामले अदालत में प्रचलित हैं? जानकारी जिलेवार उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत 1 जनवरी 2017 से दिनांक 24.2.18 तक विद्युत बिलों में त्रुटि की 1517 शिकायतें प्राप्त हुई। उक्त सभी शिकायतों की जाँच की गई एवं जाँचोपरांत 554 विद्युत बिलों की राशि में आवश्यक पाये जाने पर संशोधन किया गया। सिवनी जिले के अंतर्गत विगत 02 वर्षों में एक से अधिक बार बिलों में सुधार की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। (ख) सिवनी जिले के अंतर्गत मीटरयुक्त उपभोक्ताओं को विद्युत बिल प्रतिमाह की रीडिंग के आधार पर दिये जा रहे हैं तथापि रीडिंग नियमित रुप से नहीं होने के प्रकरण संबंधी समस्या संज्ञान में आने पर जाँच कर जितनी समयावधि की मीटर रीडिंग पायी जाती है, उसके अनुसार उतने माह में विद्युत खपत बांटकर बिल संशोधित कर दी जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा स्लेब के कारण आर्थिक हानि न हो। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार ही बिल जारी किये जा रहे हैं, जिसमें घरेलू उपभोक्ता जिसका स्वीकृत भार 100 वाट व खपत 30 यूनिट प्रतिमाह तक है को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में नियत प्रभार शामिल है एवं तद्नुसार ही बिल जारी किये जा रहे हैं। (घ) जबलपुर संभाग में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विजिलेंस टीमों द्वारा 01 जनवरी 2016 से दिनांक 24.2.18 तक 27118 छापे मारे गये, जिनमें रू. 2286.57 लाख की राशि वसूल की गई है वर्तमान में उक्त में से 9005 प्रकरणों में वसूली शेष हैं एवं 4936 प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं जिनका जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 3473 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश है कि निर्वाचित विधायक को उसकी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले शासकीय कार्यक्रम/भूमि पूजन/उद्घाटन/लोकापर्ण में आंमत्रित करना व आंमत्रण पत्र में स्थानीय विधायक का नाम होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी क्या अनुसार कोई अधिकारी/कर्मचारी सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत बोडा द्वारा दिनांक 23/12/2017 को आयोजित कराये गये कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) की जानकारी अनुसार क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत बोडा द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन किया गया है, तो क्या शासन मुख्य नगर पलिका अधिकारी नगर पंचायत बोडा के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा क्या? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय सांसदों एवं विधायकों को सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) कार्यालय नगर परिषद् बोडा के द्वारा शासकीय स्तर पर दिनांक 23/12/2017 को भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश विद्युत कंपनियों के संविदा कमिर्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 3474 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किस दिनांक से संविदा आधार पर कर्मचारियों की भर्ती प्रारम्भ की गई थी? प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने कर्मचारी पदवार संविदा आधार पर कार्यरत है एवं कितने कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया है? हटाये गये कर्मचारी किस कारण से हटाये गये हैं? (ख) क्या जनसंकल्प 2013 तथा म.प्र. दृष्टि पत्र 2018 के अंतर्गत बिन्दु क्रमांक 9.6 में इंगित ''विद्युत कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जावेंगे'' तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। अगर कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण बतावें। (ग) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में लागू संविदा सेवा नियम 2016 को किस दिनांक से प्रभावशील मानते हुये किन-किन पदों के कितने कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया? पदवार संख्या बतावें एवं कितने कर्मचारियों को उक्त नियम से वंचित रखा गया है? कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पूर्व से कार्यरत कुछ संविदा कर्मचारियों को बिना कारण से हटा दिया गया है? हटाये गये कर्मचारियों को कब तक सेवा में वापिस लिया जावेगा? इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संविदा आधार पर कार्मिकों की भर्ती दिनांक 04.03.2004 से प्रारंभ की गई थी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रश्न दिनांक तक संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिकों की पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कंपनी में संविदा आधार पर कार्यरत कार्मिकों में से प्रश्न दिनांक तक 22 कार्मिकों की सेवाएं विभिन्न कारणों से समाप्त की गई है। उक्त कार्मिकों की सेवाएं समाप्त किये जाने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा अनुमोदित संविदा नीति, 2016 लागू की गई है, जिसके अनुसार ही संविदा कर्मियों की सेवाएं विद्युत वितरण कंपनियों में ली जा रही हैं। इन नियमों के अनुसार, कतिपय शर्तों एवं निबंधनों के साथ योग्यता एवं आवश्यकता के आधार पर संविदा कार्मिक अब 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकते हैं। संविदा कर्मियों की अन्य समस्याओं का विभिन्न स्तरों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर विधिसम्मत माँगों का नियमानुसार निराकरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के आदेश दिनांक 09.05.2017 द्वारा विद्युत कंपनियों में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवा-शर्तों में सुधार की आवश्यकता पर विचार करने तथा अनुशंसाएं विभाग को प्रस्तुत करने के लिये समिति का गठन किया गया है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ''संविदा सेवा (अनुबंध एवं सेवा की शर्तें) नियम-2016 (संशोधित)'' को दिनांक 30.07.2015 से प्रभावशील मानते हुए पदवार सम्मिलित कार्मिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त नियम से किसी भी संविदा कार्मिकों को वंचित नहीं रखा गया है। अपितु अनुबंध समाप्ति के उपरान्त 'संविदा सेवा नियम-2016' की कंडिका 4.4 अनुसार 1857 कार्मिकों की उपयुक्तता का परीक्षण विद्युत वितरण कंपनी की वृत्त/क्षेत्रीय/कार्पोरेट स्तरीय चयन समिति द्वारा किया गया। इनमें से 1795 संविदा कर्मियों को नवीन संविदा अवधि हेतु अनुबंध किये जाने के लिए उपयुक्त पाकर उनसे नवीन संविदा अवधि हेतु अनुबंध किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में संविदा कार्मिकों की सेवा बिना कारण के समाप्त नहीं की गई है। अपितु संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2016 (संशोधित) के अनुसार विद्युत वितरण कंपनी की वृत्त/क्षेत्रीय/कार्पोरेट स्तरीय चयन समिति द्वारा 62 संविदा कार्मिकों को उपयुक्तता परीक्षण के उपरान्त उपयुक्त नहीं पाये जाने के कारण नवीन संविदा अनुबंध नहीं किया गया। राज्य शासन द्वारा दिनांक 09.10.2017 को ऐसे संविदा कार्मिकों के मामलों का पुनर्परीक्षण कर सेवाओं की निरंतरता के बारे में अनुशंसा प्रस्तुत करने की समिति बनाई है, जिनकी सेवा अवधि नहीं बढ़ाये जाने के बारे में अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
नवीन नहरों एवं वॉटर कोर्स निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
116. ( क्र. 3477 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नवीन नहरों एवं वॉटर कोर्स के निर्माण की स्वीकृति कब-कब, कहाँ-कहाँ प्रदान की गई? स्थानवार, राशिवार वर्षवार सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो स्वीकृति प्रदान की गई उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? पूर्ण, अपूर्ण, स्थान वर्ष, ठेकेदार का नाम सहित सूची प्रदान करें। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) वर्ष 2018 में नवीन नहरों एवं वॉटर कोर्स निर्माण के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये? साथ ही बतावें कि प्राप्त प्रस्तावों में से कितने नवीन कार्य स्वीकृति किये जा रहे हैं? सूची प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जो कार्य अपूर्ण हैं उनके अपूर्ण होने का क्या कारण है? जिन अधिकारियों/ठेकेदारों के कारण कार्य अपूर्ण हैं क्या शासन जाँच कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 में नवीन नहरों व वॉटर कोर्स निर्माण के कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यों एवं कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष से मूल्यांकन
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 3478 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-11-03/2016/1/9 भोपाल, दिनांक 04.02.2016 के द्वारा निर्देश दिया गया था कि सभी विभाग में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों का मूल्यांकन तृतीय पक्ष करेगा? यदि हाँ, तो ओदश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ है, तो 04 फरवरी 2016 के बाद विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पंचायत, लोक निर्माण विभाग, आर.ई.एस., पी.एच.ई., नर्मदाघाटी विकास, जनसंसाधन, नगरीय विकास, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सड़क अंतर्गत 01 लाख मूल्य से अधिक के किन-किन कार्यों एवं कार्यक्रमों का मूल्यांकन तृतीय पक्ष से करवाया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन कार्यों का मूल्यांकन नहीं कराया गया उनका मूल्यांकन तृतीय पक्ष द्वारा कब तक कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में विभाग द्वारा उपरोक्त कार्यों का मूल्यांकन तृतीय पक्ष से क्यों नहीं करवाया गया? क्या यह कृत्य शासन के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा आदेश की अवहेलना करने वालों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई/करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) दिनांक 04 फरवरी, 2016 के बाद विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, पी.एच.ई., नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन, नगरीय विकास विभाग में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सड़क अंतर्गत कार्यों एवं कार्यक्रमों के तृतीय पक्ष से कराये गये मूल्यांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। सामान्य प्रशासन विभाग से जारी निर्देश में कितनी राशि के कार्यों का मूल्याकंन तृतीय पक्ष से कराया जाएगा, इसके निर्देश नहीं दिए गए है।विभागों द्वारा इसके लिए पृथक-पृथक व्यवस्थाएं/प्रावधान किए गए है। (ग) कार्यों का मूल्याकंन कराया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता।
नवीन आँगनवाड़ी भवन एवं मरम्मत कार्य की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 3482 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आँगनवाड़ी भवन नवीन कार्य एवं मरम्मत कार्य की स्वीकृति प्रदाय की गई है? कार्य का नाम, लागत, स्थान एवं स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी प्रदाय करें। क्या वर्तमान में स्वीकृत कार्य अधूरे पड़े हैं या स्वीकृति के उपरान्त कार्य अप्रारंभ है? (ख) यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से कार्य हैं? उनकी लागत राशि एवं स्थान क्या है तथा वर्तमान तक अपूर्ण होने का क्या कारण है? अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण होंगे तथा अतिशीघ्र पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक 25 नवीन आँगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य स्वीकृत हुए एवं 133 मरम्मत कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्य का नाम, लागत, स्थान एवं स्वीकृति दिनांक से सबंधित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ वर्तमान में स्वीकृत 25 नवीन आँगनवाड़ी भवन निर्माण कार्यों में से 12 कार्य अपूर्ण व 03 कार्य अप्रारंभ है। (ख) स्वीकृत कार्य का नाम, लागत राशि, स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 03 आँगनवाड़ी भवनों के अप्रारंभ रहने का कारण स्थल विवाद है। शेष आँगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है। अपूर्ण एवं अप्रारंभ आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य स्थानीय परिस्थितियों जैसे- निर्माण स्थल, बालू, पानी इत्यादी का उपलब्ध न होने पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आई.सी.डी.एस. मिशन हेतु आवंटित बजट
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 3489 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सारकार की आई.सी.डी.एस. मिशन के अन्तर्गत म.प्र. में ई.सी.सी.ई. पॉलिसी कब से प्रारंभ की गयी? क्या आई.सी.डी.एस. मिशन के अन्तर्गत ई.सी.सी.ई. पॉलिसी के लिए अलग से बजट का आवंटन किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2010-11 से वर्षवार बजट आवंटन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मिशन के तहत अलग से ई.सी.सी.ई. पॉलिसी हेतु बजट नहीं दिया जाता है। तो आई.सी.डी.एस. मिशन के आवंटन में से कितने प्रतिशत ई.सी.सी.ई. पॉलिसी पर व्यय होता है? उसमें से संविदा कर्मचारियों पर कितना व्यय होता है? वर्ष 2010-11 से वर्षवार कर्मचारियों के पदनाम अनुसार व्यय बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ई.सी.सी.ई. पॉलिसी में कार्यरत संविदा ई.सी.सी.ई. समन्वयकों को क्यों हटाया गया? जबकि बजट का आवंटन प्राप्त हो रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार ने ई.सी.सी.ई. पालिसी 27 सितम्बर 2013 से लागू की है तथा मध्यप्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में 24.07.2013 को आई.सी.डी.एस. मिशन की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें ई.सी.सी.ई. गतिविधियां सम्मिलित हैं। आई.सी.डी.एस. मिशन के अंतर्गत ई.सी.सी.ई. पॉलिसी के लिए अलग से बजट आवंटन नहीं किया जाता है। (ख) आई.सी.डी.एस. मिशन अंतर्गत ई.सी.सी.ई. गतिविधियों के लिये बजट आंवटन किया जाता है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2010-11 से संविदा कर्मचारियों यथा ई.सी.सी.ई. समन्वयक, संविदा पर्यवेक्षक तथा तकनीकी सलाहकार पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ/क्र/सीडी-2-14/2/2017-सीडी-2 दिनांक 17-07- 2017 से प्रेषित आई.सी.डी.एस. मिशन की एम्पॉवर्ड प्रोग्राम कमेटी की बैठकों के कार्यवाही विवरण के बिन्दु क्रमांक 3.3 एवं 25.3 में दिए गए निर्देशानुसार संविदा पर पदस्थ अमले की सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की गई है एवं भारत सरकार द्वारा बजट आवंटन भी नहीं किया जा रहा है।
ई.सी.सी.ई. समन्वयकों की सेवा समाप्ति
[महिला एवं बाल विकास]
120. ( क्र. 3490 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार के पत्र क्र. F.No.CD-11-14/2/2017-CD-11 वर्ष 2016-17 में आई.सी.डी.एस. मिशन के संविदा पदों को समाप्त करने का उल्लेख किया गया है? क्या संविदा पर केवल ई.सी.सी.ई. समन्वयक ही है? यदि नहीं, तो संविदा नियुक्ति के कौन-कौन से पदनाम हैं? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में पत्र के पालन में क्या सभी संविदा नियुक्ति पर रखे गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गयी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायायल ने ई.सी.सी.ई. समन्वयकों को अंतिम निर्णय तक यथावत रखने का आदेश दिया है? यदि हाँ, तो फिर माननीय न्यायालय के यथास्थिति आदेश को मानते हुए इनकी सेवाएं निरन्तर क्यों नहीं रखी गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। आई.सी.डी.एस. मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय तकनीकी सलाहकार के 04 पद एवं विकास खण्ड/परियोजना स्तरीय ई.सी.सी.ई. समन्वयक के 453 पद हैं। विकास खण्ड/परियोजना स्तरीय ई.सी.सी.ई. समन्वयकों की जिलावार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आई.सी.डी.एस. मिशन के अंतर्गत संविदा पर नियुक्त अमले की सेवाएं समाप्त की गई है। (ग) जी हाँ। माननीय न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहा है।
पंजीयन कार्य हेतु आधार कार्ड
[वाणिज्यिक कर]
121. ( क्र. 3495 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पंजीयन कार्य हेतु आधार कार्ड मान्य है या नहीं? यदि है तो संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? किस नियम के तहत? नियमों की जानकारी मय दस्तावेज के उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार आधार कार्ड को ई-पंजीयन में मान्य किये जाने हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है? कब तक आधार कार्ड से जोड़ा जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के नियम 26 में संशोधन उपरांत अंत:स्थापित किए गए नियम 26 (2) अनुसार पंजीयन कार्य हेतु ''निष्पादक की पहचान के लिए साक्षियों के साक्ष्य तब आवश्यक नहीं होगी, यदि वह व्यक्ति भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया आधार क्रमांक प्रस्तुत कर देता है एवं महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा इस संबंध में प्राधिकृत प्रणाली द्वारा उसकी पहचान का सत्यापन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ऑन-लाईन प्रमाणीकरण प्रणाली से हो जाता है। ''उक्त संशोधन विषयक संगत अधिसूचना दिनांक 27/10/2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदों एवं कर्मचारियों के नियमितीकरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
122. ( क्र. 3512 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा राजगढ़ जिले में जिला, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में क्या कोई पद स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं? पदनाम एवं संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या इन पदों की पूर्ति आउट-सोर्सिंग से की गई है? यदि हाँ, तो चयनित एजेन्सी का नाम, उनकी स्वीकृत दरें, अवधि कब से कब तक के लिये अनुबंध किया गया है तथा उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कर्मचारियों के नाम, पदनाम शैक्षणिक योग्यता एवं मानदेय सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन द्वारा राजगढ़ जिले के जिला निर्वाचन कार्यालय में वर्ष 1998 में नियुक्त किये गये कर्मचारियों को अन्य जिलों की भॉति नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जिला स्थानीय निर्वाचन कार्यालय राजगढ़ में आउट सोर्स से पदों की पूर्ति नहीं की गई है। सामान्य निर्वाचन कार्यालय राजगढ़ में आउट सोर्स वाले पदों पर मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स लिमिटेड भोपाल से सेवाएं ली जा रही है। जिसका अनुबंध - दिसम्बर 2016 से 30.11.2017 एवं 1.12.2017 से निरन्तर है। इनकी मानदेय स्वीकृत कलेक्टर दर तथा कर्मचारियों के नाम पद नाम शैक्षणिक योग्यता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' पर है। (ग) कोई प्रावधान नहीं।
जनजाति वर्ग हेतु संचालित स्वरोजगार योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 3540 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजाति के स्वरोजगार के लिये केन्द्र और राज्य शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? इनका इन वर्गों के लिये वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में वार्षिक लक्ष्य क्या था? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनजाति वर्गों के कितने लोगों को प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित योजनाओं से स्वरोजगार के लिये लाभान्वित किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा में जनजाति के कितने परिवार गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं तथा 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीबी की रेखा के ऊपर आ गये हैं, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के स्वरोजगार के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित की जा रही है। इनका वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लक्ष्य की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए निगम द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वितों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अन्य विभाग से संबंधित होने के कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोषण आहार का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
124. ( क्र. 3544 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री जी द्वारा पूरक पोषण आहार का प्रदाय स्व-सहायता समूहों से कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं और निर्देशों के पालन में अब तक क्या कार्यवाही की गई तथा स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार का प्रदाय कब से प्रारंभ हो गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की गई एवं किन-किन अनुशंसाओं को विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) उमरिया जिले की मानपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने कुपोषित बच्चे, कहाँ-कहाँ, आँगनवाड़ी केन्द्रवार वर्षवार पाये गये? कुपोषित बच्चों को खोजने के लिये प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा कौन से कार्यक्रम, शिविर का आयोजन कब-कब किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय स्व-सहायता समूह के माध्यम से किए जाने की घोषणा की गई थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदाय होने वाले टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) व्यवस्था के परीक्षण एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-52/1/4/16, दिनांक 23.09.2016 के तहत गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के आधार पर मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 14.11.2017 में प्रदेश में टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) का प्रदाय भोपाल संभाग के 05 जिलों को छोड़कर शेष समस्त जिलों में स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूह के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय लिया गया है, मंत्रि-परिषद् आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। मंत्रि-परिषद् के निर्णय अनुसार प्रदेश के आँगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन व्यवस्था के संबंध में महिला स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के संघों को टेण्डर में भाग लेने एवं इस कार्य हेतु प्रेरित करने, प्रशिक्षित एवं फेसिलिटेड करने संबंधी अनुशंसाएं प्रस्तुत करने के लिये मप्र शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र.एफ 19-70/2017/1/4, दिनांक 5.12.2017 द्वारा अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अनुशंसाओं के आधार पर टेकहोम राशन व्यवस्था के लिये नवीन नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (ख) उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समिति की अनुशंसा अनुसार टेकहोम राशन का प्रदाय स्व-सहायता समूह/स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन से किए जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद् द्वारा लिया गया है। (ग) वर्षवार केन्द्रों में पाये गये कुपोषित बच्चों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में वर्ष 2015-16 में 01 नवम्बर से 28 फरवरी तक, वर्ष 2016-17 में माह दिसम्बर 2017, वर्ष 2017-18 में विशेष वजन अभियान का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया एवं प्रतिमाह आँगनवाड़ी केन्द्रों पर वजन लिया जाकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाता है।
ग्रामों में विद्युत प्रवाह की जानकारी
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 3548 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन अभियंता, म.प्र. पूर्व विदयुत वितरण कम्पनी लिमिटेड, बैहर को प.क्र./965ए/2017-18 दि. 11.10.2007 एवं मौखिक रूप से जिन ग्रामों एवं टोले/पारों में विद्युतीकरण दिनांक के बाद से ही विदयुत प्रवाह लगातार बन्द होने की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र के जवाब में ग्रा.पं. अडोरी के ग्राम बोंदारी में 17.10.2017 को विद्युत प्रवाह चालू कर देने एवं कुण्डेकसा एवं उसरीटोला तथा ग्रा.पं. मछुरदा के ग्राम कोरका रंजना एवं कोमो में केबल खराब होने एवं वर्तमान में स्टॉप/सामग्री की अनुपलब्धता की वजह से उक्त ग्रामों में विद्युत प्रवाह अवरोध है, उसको शीघ्र प्रारंभ कर दिया जायेगा, तो क्या विद्युत प्रदाय हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? विद्युत प्रदाय कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र के जवाब में ग्राम बोंदारी में विद्युत प्रदाय दिनांक 17.10.2017 को प्रारंभ कर देने की बात लिखा गया है जबकि ग्राम कुण्डेकसा से होकर विद्युत लाईन बोंदारी गई है, ऐसी स्थिति में ग्राम बोंदारी में विद्युत प्रदाय कैसे प्रारंभ हो सकती है? जनप्रतिनिधि के पत्रों पर इस तरह गलत जवाब के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? इसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, (ख) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र के प्रति उत्तर में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का प्रश्नाधीन पत्र प्राप्त होने के पश्चात ग्राम रंजना की 4.5 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन एवं ग्राम बोंदारी की 2.50 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन में केबिल को तार से बदला गया है तथा शेष केबिल लाईनों में 147 ज्वाईटिंग किट लगाकर विद्युत प्रवाह शीघ्र चालू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में उक्त शेष कार्य प्रगति पर है। ग्राम कुण्डेकसा एवं उसरीटोला तथा ग्राम पंचायत मछुरदा के ग्राम कोरका एवं कोमो में केबिल/सामग्री की व्यवस्था कर शीघ्र कार्य प्रारंभ किया जायेगा। उक्त सभी ग्रामों में शेष कार्य 15 मार्च 18 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र के प्रति उत्तर में ग्राम बोंदारी में दिनांक 17.10.17 को विद्युत प्रवाह चालू होने तथा ग्राम कुण्डेकसा एवं उसरी टोला में विद्युत प्रवाह बन्द होने की जानकारी दी गई थी। यह सत्य है कि ग्राम कुण्डेकसा से होकर 11 के.व्ही. लाईन ग्राम बोंदारी पहुंचती है। उल्लेखनीय है कि ग्राम कुण्डेकसा में 3 ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिसमें से मेन लाईन में लगा 1 ट्रांसफार्मर खराब था एवं 2 अन्य ट्रांसफार्मर टेपिंग लाईन के केबिल की खराबी के कारण बन्द थे। इस प्रकार दिनांक 17.10.17 को ग्राम बोंदारी में विद्युत प्रदाय चालू था, किन्तु ग्राम कुण्डेकसा में विद्युत प्रदाय बन्द था। अत: गलत जानकारी देने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अपराधी लिपिकों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 3549 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधकों ने मण्डल/कंपनी के नियमानुसार वर्ष 2016-17 से वर्ष 2017-18 में दिनांक 31.1.18 तक कंपनी राजस्व का गबन करने वाले कितने अपराधी लिपिकों के विरूद्ध आज तक प्रकरण बनाए हैं एवं कितने प्रकरण में थाने में धारा 467, 468, 471, 120 बी एवं 420 के अन्तर्गत एफ.आई.आर. दर्ज करवाई? संख्या बतावें। (ख) क्या कंपनी प्रबंधक की लापरवाही का लाभ उठाने की दृष्टि से प्रणय श्रीवास्तव लिपिक वारासिवनी संभाग ने जालसाजी के तहत स्वयं को विभागीय जाँच का फैसला स्वयं आदेश प्रसारित करके कर लिया? उसकी जाँच में भी यह अपराधी साबित हुआ, फिर भी उसके विरूद्ध आज तक थाने में धारा 467, 468, 471, 120 बी एवं 420 के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई न ही उसके विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई? क्यों? (ग) क्या अपराधी लिपिक ने कंपनी प्रबंधन के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में प्र.क्र. 21426/2013 वाद प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो अपराधी लिपिक के विरूद्ध गबन/जालसाजी के पुख्ता प्रमाण होने के बावजूद अपराधी का वाद निरस्त करने की अपील आज तक क्यों नहीं दर्ज कराई? क्या शासन जाँच करायेगा? समय-सीमा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2017-18 में दिनांक 31.1.2018 तक की अवधि में राजस्व का गबन करने के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 3 कार्यालय सहायकों (लिपिकों) के विरूद्ध विभागीय जाँच के प्रकरण बनाए गए हैं तथा धारा 467, 468, 471, 120 बी एवं 420 के अंतर्गत किसी भी कार्यालय सहायक (लिपिक) के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। (ख) श्री प्रणय कुमार श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक श्रेणी-3 द्वारा जालसाजी पूर्वक स्वयं की विभागीय जाँच में स्वयं के पक्ष में आदेश तैयार कर तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, वारासिवनी से धोखाधड़ी पूर्ण तरीके से दिनांक 8.5.2013 को हस्ताक्षर प्राप्त किये गये। श्री प्रणय कुमार श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक श्रेणी-3 द्वारा उक्त धोखाधड़ी पूर्ण कृत्य किये जाने पर उन्हें दिनांक 19.12.2013 को आरोप पत्र जारी किया गया, एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई। (ग) श्री प्रणय कुमार श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक श्रेणी-3 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 21426/2013 प्रस्तुत किया गया, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 20.12.2013 को स्थगन प्रदान किया गया है। स्थगन समाप्त करने के लिये वितरण कंपनी द्वारा प्रस्तुत आवेदन माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 17.10.2014 से निरस्त किया गया। तत्पश्चात अर्जेंट सुनवाई के लिए कंपनी द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 8.9.2017 द्वारा निराकृत किया गया। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है, अत: अन्य कोई कार्यवाही वर्तमान में किया जाना अपेक्षित नहीं है। श्री प्रणय कुमार श्रीवास्तव, कार्यालय सहायक श्रेणी-3 के आवेदन पर उन्हें दिनांक 31.08.2017 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की जा चुकी है तथा उन्हें 90 प्रतिशत एंटीसिपेटरी पेंशन स्वीकृत की गई है तथा उनका ग्रेच्युटी का भुगतान रोका गया है।
औद्योगिक कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
127. ( क्र. 3583 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक एम.ए.एम.सी. (SAMC) चार्ज लेकर औद्योगिक कनेक्शन हेतु किस-किस उपभोक्ताओं के आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्राप्त आवेदन किस दिनांक को प्राप्त हुए? कब स्वीकृति प्राप्त हुई? कब वर्क आर्डर जारी हुआ? राशि कब जमा की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2016-17 से दिनांक 24.02.2018 तक औद्योगिक कनेक्शन हेतु कुल 25 आवेदन प्राप्त हुए, जिनका उपभोक्तावार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राप्त आवेदनों की प्राप्त होने की दिनांक, स्वीकृति दिनांक, आवेदक द्वारा राशि जमा करने की दिनांक एवं कार्य-आदेश जारी करने की दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामाजिक निगमीय दायित्व के कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
128. ( क्र. 3589 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं एन.एच.डी.सी. के संयुक्त उपक्रम के अंतर्गत सामाजिक निगमीय दायित्व के अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना ओंकारेश्वर परियोजना पुनर्वासन एवं पुनर्बसाहट के अंतर्गत कितनी राशि वर्ष 2015 -16,2016 -17 एवं 2017 -18 में स्वीकृत हुई है। (ख) क्या खंडवा जिले के मांधता विधान सभा क्षेत्र एवं हरसूद विधान सभा क्षेत्र के गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए एवं बसाहट भी सबसे अधिक इन्हीं विधान सभा क्षेत्रों में है? यहां कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) क्या मेरे द्वारा एन.एच.डी.सी. को सामाजिक निगमीय दायित्व मद में मांधता विधान सभा क्षेत्र में कार्य हेतु सूची दी थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या डूब प्रभावित क्षेत्र मांधता विधान सभा क्षेत्र में सामाजिक निगमीय दायित्व मद से उन कार्यों पर राशि दी जाएगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एन.एच.डी.सी. के निगमीय सामाजिक दायित्व (सी.एस.आर.) के अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना एवं पुनर्वासन एवं पुनर्बसाहट हेतु वर्ष 2015-16 में कुल राशि रूपये 20.30 करोड़ वर्ष 2016-17 में कुल राशि रूपये 20.81 करोड़ एवं वर्ष 2017-18 में कुल राशि रूपये 27.078 करोड़ स्वीकृत हुई है। (ख) मांधता विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में (दिनांक 31/01/2018 तक) कुल राशि रूपये 839.16 लाख एवं हरसूद विधानसभा क्षेत्र (अन्य समीपस्थ क्षेत्रों सहित) में विगत तीन वर्षों में (दिनांक 31/01/2018 तक) कुल राशि रूपये 838.02 लाख व्यय की गई है। (ग) जी हाँ। (घ) सूची में इंगित कार्यों में से यथोचित आवश्यकता का आंकलन कर इंदिरा सागर परियोजना के कुल 20 कार्यों में से 07 कार्य एवं ओंकारेश्वर परियोजना के कुल 25 कार्यों में से 17 कार्यों के प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2018-19 के सी.एस.आर. बजट स्वीकृत होने के पश्चात् सी.एस.आर. कमेटी की आगामी बैठक में विचारार्थ अनुशंसा सहित प्रस्तुत किया जाना लक्षित है।
विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
129. ( क्र. 3599 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति विभाग द्वारा कौन-कौन सी विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) विगत चार वर्षों में मंदसौर जिले में विभाग द्वारा किये गये विकास एवं उपरोक्त योजनाओं से दिये गये कार्यों की जानकारी विधान सभावार एवं वर्षवार देवें। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य की जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं स्वीकृत कार्यों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) वर्तमान में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन अनुसार कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डीजल शराब से प्राप्त राजस्व आय की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
130. ( क्र. 3608 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में शराब (देशी, विदेशी) का कितना उत्पादन एवं विक्रय लीटर में हुआ ? वित्तीय वर्षवार प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें व बतायें कि वर्षवार विक्रय में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई? (ख) पेट्रोल पर सेस क्यों लगाया गया? जानकारी देवें कि इससे वित्तीय वर्ष में अनुमानित कितना राजस्व प्राप्त होगा तथा इस राशि का किस-किस प्रयोजन में खर्च किया जायेगा। (ग) पेट्रोल, डीजल, देशी मदिरा, विदेशी मदिरा पर विभिन्न टैक्स तथा प्रोफेशनल टैक्स से पिछले तीन वर्ष में प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण देवें तथा बतावें कि पेट्रोल डीजल में प्राप्त राशि कुल राजस्व प्राप्ति का कितना प्रतिशत हैं? (घ) प्रश्न दिनांक को प्रति लीटर देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, डीजल व पेट्रोल पर सरकार कितना कुल टैक्स सेस सहित ले रही हैं? (ड.) जी.एस.टी. के लागू होने के बाद पिछले वित्तीय वर्ष व इस वित्तीय वर्ष की समान अवधि में शासन को कितना टैक्स ज्यादा या कम प्राप्त हो रहा है व होने वाले नुकसान की भरपाई शासन कैसे करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पिछले तीन वर्षों (वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17) में देशी मदिरा का उत्पादन 550965737 बल्क लीटर एवं विदेशी मदिरा का उत्पादन 528140596 बल्क लीटर हुआ। पिछले तीन वर्षों (वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17) में देशी मदिरा का विक्रय 636793599 बल्क लीटर एवं विदेशी मदिरा का विक्रय 401998270 बल्क लीटर हुआ। वित्तीय वर्षवार उत्पादन/विक्रय तथा विक्रय में वृद्धि के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) दिनांक 29.01.2018 से पेट्रोल पर 1 प्रतिशत की दर से उपकर राज्य में नगरीय परिवहन अद्योसरंचना के विकास के लिए निधि उपलब्ध कराने के प्रयोजन अथवा उसके लिए प्राप्त किये गये ऋण के पुर्नभुगतान के लिए लगाया गया है। पेट्रोल पर लगाये गये उपकर से लगभग 135 करोड़ रूपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। (ग) पेट्रोल, डीजल, देशी मदिरा, विदेशी मदिरा पर विभिन्न टैक्स तथा प्रोफेशनल टैक्स पिछले तीन वर्ष में प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–दो अनुसार है। पिछले तीन वर्षों में कुल प्राप्त राजस्व में पेट्रोल एवं डीजल से प्राप्त राजस्व का प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–तीन अनुसार है। (घ) राज्य में देशी मदिरा एवं विदेशी मदिरा पर प्रति लीटर टैक्स सेस नहीं लगाया जाता है एवं न ही मदिरा पर टैक्स सेस वसूल जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 28 प्रतिशत की दर से वेट, 4 रूपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त कर एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जा रहा है। डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से वेट एवं 1 प्रतिशत की दर से उपकर लिया जा रहा है। देशी, विदेशी मदिरा पर वेट की दर 5 प्रतिशत है किन्तु रेस्टोरेंट में विक्रय किये जाने वाले विदेशी मदिरा पर दिनांक 12.07.2017 से वेट की दर 18 प्रतिशत की गई है। (ड.) प्रदेश में मदिरा को जी.एस.टी से पृथक रखा गया है। अत: जी.एस.टी का मदिरा से प्राप्त होने वाले राजस्व पर कोई प्रभाव अंतर्निहित नहीं होने से नुकसान से भरपाई का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। जी.एस.टी. के लागू होने के बाद पिछले वित्तीय वर्ष व इस वित्तीय वर्ष की समान अवधि में (लोस कम्पेन्सेशन सहित) शासन को रूपये 1145.64 करोड़ का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–चार अनुसार है। वर्ष 2015-16 में प्राप्त राजस्व के आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर से जी.एस.टी. लागू होने के 5 वर्ष तक केन्द्र शासन द्वारा नुकसान की भरपाई की जावेगी।
एम.पी.वी.एफ.एल. स्टार्ट-अप उद्यमियों के प्राप्त प्रस्ताव
[वित्त]
131. ( क्र. 3612 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वेंचर फाइनेंस लि. (एम.पी.वी.एफ.एल.) के गठन के बाद दि. 31.01.18 तक कितने स्टार्ट-अप या अन्य उद्यमियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए? उनमें से कितने स्वीकृत हुए? स्वीकृत, अस्वीकृत, लंबित प्रस्तावों की जानकारी फर्म/व्यक्ति नाम, कार्य नाम, स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि सहित वर्षवार देवें। (ख) प्रत्येक प्रस्ताव से संबंधित समस्त पत्राचार/टीप की छायाप्रति देवें। (ग) इसके ऑफिस सेट-अप पर कितनी राशि व्यय की गई? इसके समस्त बिलों की छाया प्रति देवें। गठन के बाद इनके अधिकारियों, कर्मचारियों को कितना वेतन, भत्ता दिया गया? नाम, पदनाम, माहवार राशि दि. 31.01.18 तक देवें। (घ) इस फंड को आवंटित न करके युवाओं के भविष्य व वर्तमान के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कुल 06 प्रस्ताव प्राप्त हुए। 01 प्रस्ताव में लेटर ऑफ इन्टेंट (आशय पत्र) जारी किया गया। प्रस्ताववार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्ताव से संबंधित समस्त पत्राचार/टीप की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) ऑफिस सेट-अप व्यय राशि रूपये 2,85,710/- के देयकों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार एवं वेतन भत्तों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. फण्ड ट्रस्ट में निवेशकों द्वारा अभी धनराशि निवेशित नहीं की गई है। फण्ड में धनराशि उपलब्ध होने पर राशि का निवेश/आवंटन पात्र उद्यमियों को नियमानुसार किया जा सकेगा। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुआवजा वितरण की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
132. ( क्र. 3613 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्र में चैनपुरा सर्कल का इंदिरा सागर की नहरों का कितना मुआवजा कितने लोगों को प्रदाय करना शेष है? नाम, मुआवजा राशि सहित देवें। (ख) बड़वानी कार्यालय/सक्षम अधिकारी को उपरोक्तानुसार मुआवजा वितरण हेतु दिनांक 01.01.17 से 10.02.18 तक कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? दिनांकवार, राशि सहित जानकारी देवें। इसका वितरण कब-कब किया, की जानकारी भी दिनांकवार देवें? (ग) क्या कारण है कि राशि आवंटन के बाद भी प्रभावितों को मुआवजा प्रदान करने में विलंब किया जा रहा है? यह भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (घ) राशि आवंटन के बाद भी मुआवजा वितरण न कर प्रभावितों को प्रताडि़त करने वाले अधिकारियों के नाम पदनाम सहित देवें। विभाग द्वारा इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) चैनपुरा ग्राम, तहसील ठीकरी में इंदिरा सागर नहर का निर्माण प्रस्तावित है। इस हेतु 64 भूमि स्वामियों ने ''आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति'' के तहत अपनी भूमि विक्रय करने की सहमति दी है, जिसके अनुसार उभय पक्षों द्वारा भूमि क्रय करने की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। दिनांक 17/02/2018 की स्थिति में संपूर्ण भुगतान किया जा चुका है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के प्रावधानों के अनुसार भूमि विक्रय के अभिलेख के पंजीयन के पश्चात राशि भुगतान की जाती है तथापि भूमि स्वामियों के हित में एवं उनके द्वारा की जा रही मांग को ध्यान में रखते हुये पंजीयन की प्रत्याशा में सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित राशि संबंधित भूमि स्वामी के बैंक खातों में इस शर्त के साथ जमा करा दी गई है कि पंजीकृत विलेख प्रस्तुत होने पर भूमि स्वामी आवश्यक राशि अंतरित कर सकेंगे। इस प्रकार राशि भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं किया गया है और न ही कोई राशि भुगतान हेतु शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 3619 ) श्री कमलेश शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत कंपनियों में 10.4.2012 के बाद नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति प्रश्न दिनांक तक की गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसका कारण बतावें (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि से विद्युत कंपनियों में कार्यरत पूर्व से उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति हेतु कोई नीति है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के बाद पूर्व से उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति की गई है या नहीं? यदि की गई है तो पदोन्नत किए गए कनष्ठि अभियंताओं की जानकारी उनकी नियुक्ति दिनांक एवं उनके द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त करने की जानकारी नाम व वर्तमान पदस्थापना सहित देवें? (घ) क्या छ: विद्युत कंपनियों में छठवें वेतनमान संबंधी विसंगतियां हैं अथवा नहीं? यदि हैं तो यह कब तक दूर की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऊर्जा विभाग के अधीनस्थ कार्यरत विद्युत कंपनियों में दिनांक 10.04.2012 के बाद नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि विद्युत कंपनियों में दिनांक 10.04.2012 के बाद नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति की पात्रता (न्यूनतम 5 वर्ष) आने के पूर्व ही पदोन्नति के संबंध में याचिका क्रमांक 10296/2012 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 30.04.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 में यथा स्थिति बनाये रखने हेतु जारी निर्देश के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। (ख) विद्युत कंपनियों में यथासंशोधित लागू ''म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002'' के अनुसार कनिष्ठ अभियंता की पदोन्नति वरिष्ठता-सह- उपयुक्तता आधार पर की जाती है, न की पूर्व से प्राप्त उच्च शिक्षा के आधार पर तथापि पूववर्ती म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल के आदेश दिनांक 29.04.1982, 07.06.1989 एवं 15.11.1990 द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं जिन्होंने सेवाकाल में इंजीनियरिंग में अंशकालीन डिग्री/ए.एम.आई.ई. अर्जित की है, तो उन्हें रिक्तियों के अनुसार एवं नियमानुसार सहायक अभियंता के पद पर नियुक्ति दी जाती है। उक्त आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) विद्युत कंपनियों में यथा संशोधित लागू ''म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002'' के अनुसार कनिष्ठ अभियंता की पदोन्नति वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता आधार पर की जाती है, न की पूर्व से प्राप्त उच्च शिक्षा के आधार पर। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) विद्युत कंपनियों में छठवें वेतनमान में सैद्धान्तिक रूप से विसंगतियां नहीं है तथापि विशिष्ट रूप से कोई विसंगति के संज्ञान में आने पर नियमानुसार निराकरण किया जा सकेगा। अत: समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
राजस्व ग्रामों में घरेलू उपयोग एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 3623 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के राजस्व ग्रामों में घरेलू उपयोग एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु कितने घण्टे विद्युत प्रदाय की जा रही है? प्रश्नांकित क्षेत्र में माह दिसम्बर-2017 में औसत कितने घण्टे विद्युत प्रदाय किया गया था? उक्त विधान सभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया संख्या बतावें? कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजनान्तर्गत कितने नवीन संयोजन दिये गये? उनकी ग्रामवार संख्या देवें। (ख) मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बाद भी राजस्व ग्रामों में 24 घंटे बिजली सप्लाई क्यों नहीं की जा रही है? (ग) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया? ग्रामों की सूची देवें एवं कितने विद्युत संयोजन प्रदान किये गये ग्रामवार संख्या बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्रामों में तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक अवरोधों एवं मेन्टेनेंस कार्य हेतु शट-डाउन लेना आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर घरेलू उपयोग हेतु 24 घण्टे एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह दिसम्बर-2017 में घरेलू उपयोग हेतु औसतन 23 घण्टे 48 मिनट एवं सिंचाई उपयोग हेतु औसतन 09 घण्टे 54 मिनट विद्युत प्रदाय किया गया था। प्रश्नाधीन क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 27 ग्रामों के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना के तहत 84 ग्रामों में 3467 नवीन विद्युत संयोजन प्रदान किये गये हैं, जिसकी ग्रामवार संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक अवरोधों तथा मेन्टेनेंस कार्य हेतु शट-डाउन लेना आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर घरेलू उपयोग हेतु 24 घण्टे एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के तहत 25 राजस्व ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया है एवं इन ग्रामों में कुल 1184 विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है। उक्त ग्रामों की सूची एवं ग्रामवार प्रदान किये गये विद्युत कनेक्शनों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मुख्यमंत्री कृषि स्थाई पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 3627 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कृषि स्थायी पंप कनेक्शन योजनांतर्गत कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए? (ख) इनमें से कितने ट्रांसफार्मर योजना के नियमानुसार स्थापित कर दिए गए हैं? कितने शेष हैं? इसमें विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर ट्रांसफार्मर स्थापित करवाएगा? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 09.11.17 को निर्माण कार्यों के लिए उप संभाग महिदपुर बनाने की घोषणा की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो अभी तक उपसंभाग महिदपुर क्यों नहीं बनाया गया? इसके विलंब के दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में प्रश्न दिनांक तक 679 स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदाय करने के कार्यों हेतु कुल 659 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कुल 659 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 368 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये हैं तथा 291 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना शेष है। वर्षाकाल होने से अथवा खेतों में फसल खड़ी होने से पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण कुछ प्रकरणों में योजना की निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। अतः विलंब के लिए किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। विलंब के प्रकरणों सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 29.11.2017 को प्रश्नांश में उल्लेखित घोषणा की गई थी। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के तारतम्य में महिदपुर निर्माण उपसंभाग का गठन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक प्रनि/पक्षे/01/मा.सं./84 दिनांक 21.02.2018 से किया जा चुका है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
सौर-पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा अनियमितता
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
136. ( क्र. 3628 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 1289 दिनांक 28.11.17 के (क) उत्तर में दर्शाया ईस्टमेन इंटरनेशनल द्वारा कर्मचारियों को पी.एफ. रिकार्ड न देने से स्पष्ट है कि इनके पी.एफ. जमा नहीं कराया जा रहा है तो इस पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) यदि कार्यवाही नहीं की है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त (क) अनुसार प्रश्न क्र. 1289 दिनांक 28.11.17 में वर्णित कंपनियां किस दिनांक से प्रारंभ हुई? किस दिनांक को इनके शासन को अनुबंध हुए? इन कंपनियों को कितनी शासकीय भूमि लीज पर किस दर कितने रकबे की प्राप्त हुई? (घ) इनके द्वारा कितनी निजी भूमि क्रय की गई? कंपनी नाम निजी/शासकीय भूमि की स्थिति पृथक-पृथक देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रश्न क्रमांक-1289 दिनांक 28.11.17 के उत्तर (क) में उल्लेखित परियोजना, जिसमें निवेशक मेसर्स ईस्टमेन इंटरनेशनल का उल्लेख है, की स्थापना, संचालन एवं संधारण विकासक मेसर्स विवान सोलर प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है। प्रश्न क्रमांक-1289 के उत्तर हेतु मेसर्स विवान सोलर प्रा.लि. द्वारा प्रस्तुत सूची में वर्णित कर्मचारियों का नियमानुसार पी.एफ. जमा किया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तर (क) के सन्दर्भ में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ग) से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजनाएं निजी भूमि पर स्थापित की गई है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (घ) से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
137. ( क्र. 3642 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गई? नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य का नाम, स्वीकृति दिनांक, पूर्ण/अपूर्ण स्वीकृत राशि, आहरित राशि, योजना के नाम की पूरी जानकारी योजनावार एवं कार्यवार उपलबध करावें। (ग) विभाग द्वारा वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी हितग्राही मुलक योजनायें मुलताई विधानसभा क्षेत्र में चलाई गई तथा वर्षवार किन-किन गांव में कितने हितग्राहियों को योजनावार लाभ मिला? संख्यात्मक जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना मुलताई एवं प्रभात पट्टन के माध्यम से जनवरी 2014 से एकीकृत बाल विकास सेवा की आई.सी.डी.एस. योजना, मंगल दिवस, सबला योजना, लालिमा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व सहायता योजना तथा प्रोजेक्ट उदिता का क्रियान्वयन किया जा रहा है एवं महिला सशक्तिकरण संचालनालय अंतर्गत संचालित योजनाएं लाड़ली लक्ष्मी योजना, उषा किरण योजना, स्वागतम लक्ष्मी योजना, फोस्टर केयर, बेटी बचाओ, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम, लाडो अभियान, सशक्त वाहिनी, शौर्य दल, समैकित बाल संरक्षण योजना, स्वाधार योजना संचालित हैं। (ख) योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
वित्त विभाग की त्रुटि के कारण हजारों कर्मचारियों के साथ अन्याय
[वित्त]
138. ( क्र. 3650 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन का पत्र क्रमांक 657/वि.क.अ./2018, दिनांक 06/02/2018 अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि इसमें उल्लेखित विधायक के पत्र दिनांक 17/01/2018 में संदर्भित किये गये पत्रों के आधार पर संशोधित आदेश कब तक जारी किये जावेंगे? यदि नहीं, तो संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन क्यों किया जावेगा? (ख) प्रश्न क्रमांक 6671 दिनांक 18/03/2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि संचालनालय के पत्र दिनांक 08/01/2016 को विचार में लिया गया है, यदि हाँ, तो 24 माह से ज्यादा अवधि होने के बाद भी उक्त पत्र के संदर्भ में संशोधित आदेश जारी क्यों किये गये? कब तक किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? तथ्यों के साथ उत्तर बतावें। (ग) क्या प्रकरण आर. नवम्बर 1017/2014 के समान, सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त अभिमत दिनांक 22/10/2014 की भावना के प्रकाश में सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत मांग कर आदेश जारी करेगा या परिपत्र दिनांक 21/05/1015 के क्रम में संशोधन आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या योजना लागू होने की तिथि 17/03/99, 19/04/99 में सहायक मान चित्रकार/सहायक वर्ग-2 के वेतन तथा निचले पद अनुरेखक/सहायक ग्रेड-3 के वेतनमान एवं समान थे? यदि हाँ, तो क्रमोन्नति द्वितीय वेतनाम एवं समान क्यों नहीं है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। संदर्भित पत्र में प्रस्तुत बिन्दुओं का परीक्षण किया जा रहा है। (ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 6671 के प्रश्नांश (ख) में दिए गए उत्तर अनुसार परीक्षण करने पर आयुक्त कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 08-01-2016 पर पृथक से कोई निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं रही है। (ग) परीक्षण उपरांत आवश्यकतानुसार सामान्य प्रशासन विभाग से परामर्श किया जाएगा। (घ) जी हाँ। सहायक ग्रेड-2 के पद का वित्त विभाग के पत्र दिनांक 04-03-1997 से तत्समय वेतनमान का पुनरीक्षण किये जाने से देय क्रमोन्नति में विसंगति का निराकरण वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21-05-2015 से किया गया है। अतः आदेश दिनांक 21-05-2015 सहायक वर्ग-2 तक ही सीमित है।
बिजली से वंचित परिवारों की जानकारी
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 3668 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) में 1 जनवरी 2018 की स्थिति में गुना जिले में कितने परिवार बिजली की सुविधा से वंचित है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) गुना जिले में सौभाग्य योजना के तहत कितने परिवारों को बिजली के कनेक्शन दिये गये हैं? उनसे कितनी राशि ली जा रही है? (ग) गुना जिले के राघौगढ़ और आरौन विकासखण्ड के कौन-कौन से गांव में कितने परिवार बिजली विहीन हैं। ग्रामवार संख्या बतायें। (घ) गुना जिले में बिजली से वंचित सभी परिवारों को कब तक बिजली कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2018 की स्थिति में गुना जिले में अभिलेखों के अनुसार 89245 परिवार बिजली की सुविधा से वंचित हैं। (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत दिनांक 01 जनवरी 2018 तक गुना जिले में 17069 कनेक्शन दिए गए हैं। सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशानुसार सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना, 2011 अनुसार चिन्हित आर्थित रूप से कमजोर परिवारों को नि:शुल्क कनेक्शन दिया जा रहा है तथा अन्य सभी परिवारों से कनेक्शन देते समय कोई राशि नहीं ली जा रही तथापि उनसे 500 रूपये की राशि 10 किश्तों में मासिक विद्युत बिलों के जमा कराए जाने का प्रावधान है। (ग) गुना जिले में राघोगढ़ विकासखण्ड के 19 ग्रामों/बस्तियों में 711 परिवारों तथा आरोन विकासखण्ड के 7 ग्रामों में 294 परिवारों को वर्तमान में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सौभाग्य योजनान्तर्गत गुना जिले सहित प्रदेश में सभी कार्य दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण किये जाने हैं।
बिजली खरीदने पर भुगतान
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 3669 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2016-17 और 2017-18 में दिसम्बर 2017 तक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने किस-किस कंपनी को (गैर परम्परागत स्त्रोतों को छोड़कर) बिजली खरीदी में कितनी राशि का भुगतान किया है? (ख) प्रश्नांश (क) की समयावधि में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने किस औसत दर से कितनी बिजली किस-किस कंपनी (गैर परम्परागत स्त्रोतों को छोड़कर) से क्रय की है? (ग) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में कितनी बिजली किन-किन राज्यों को अथवा पॉवर एक्सचेंज में माध्यम से किस औसत दर पर विक्रय की है? (घ) बिजली की खरीदी और बिक्री में अनियमितताओं के कितने मामलों में जाँच चल रही है? प्रकरणवार बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 (दिसम्बर 2017 तक) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न कंपनियों को (गैर परम्परागत स्त्रोतों को छोड़कर) किये गये भुगतान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अवधि में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न कंपनियों से (गैर परम्परागत स्त्रोतों को छोड़कर) विद्युत क्रय एवं औसत दर संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अवधि में विभिन्न कंपनियों एवं पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रित विद्युत एवं औसत दर का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उपलब्ध जानकारी के अनुसार, लोकायुक्त, मध्य प्रदेश द्वारा प्रकरण क्रमांक जा.प्र. 114/16 तथा क्रमांक वि-8-35/2016-17 दर्ज कर जाँच की जा रही है। उक्त प्रकरण मेसर्स लैंको, अमरकंटक तथा मेसर्स पी.टी.सी. इंडिया के साथ 300 मेगावाट विद्युत क्रय हेतु दिनांक 16.10.2012 को हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय अनुबंध से संबंधित है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मुद्रांक
शुल्क की
वसूली
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 25 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल ने मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम भोपाल द्वारा 100-100 रूपयों के स्टाम्प पेपर पर रेत खदानों के अनुबंध कर मुद्रांक शुल्क के किए गए अपवंचन की वसूली प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ, तो पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल से की गई जाँच में प्रश्नांकित दिनांक तक किस जिले की किस रेत खदान का किस दिनांक को 100-100 रूपयों के स्टाम्प पर किए गए अनुबंध की जाँच कर मुद्रांक शुल्क की कितनी-कितनी राशि की वसूली किया जाना प्रस्तावित किया है? (ग) पंजीयक मुद्रांक शुल्क भोपाल ने प्रश्नांकित दिनांक तक कितने मुद्रांक शुल्क की वसूली का सूचना पत्र किस-किस को किस पते पर किस दिनांक को प्रेषित किया है? इसमें से कौन सा सूचना पत्र पता सही नहीं होने के कारण या अन्य कारण से तामील नहीं हो पाया? (घ) मुद्रांक शुल्क के लिए मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम भोपाल के किस अधिकारी के विरूद्ध विभाग ने किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रेत खदानों के अनुबंध के प्रकरणों में कमी मुद्रांक शुल्क की वसूली हेतु प्रकरण दर्ज कर आदेश पारित किये गये हैं वसूली की प्रक्रिया प्रचलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) संबंधित अधिकारियों के विषय में कार्यवाही के लिये प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल को दिनांक 01/03/2018 को पत्र लिखा गया है।
कर्मचारी महासंघ को मान्यता प्रदान करना
[सामान्य प्रशासन]
2. ( क्र. 117 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी-कर्मचारी महासंघ को मान्यता प्रदान किये जाने के आदेश कब जारी किये गये? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक जारी कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 148 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014 से आज दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किस अस्पताल हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई? (ख) साथ ही यह बताने की कृपा करें कि क्या अस्पतालों के द्वारा प्रदाय राशि का उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि का उपयोग किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 69 हितग्राहियों को बीमारी के इलाज हेतु अस्पतालों को प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नियुक्तियों की जानकारी उपलब्ध कराना
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 151 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 वर्षों में पटेरा विकासखण्ड अंतर्गत किन-किन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की कौन-कौन सी जगह नियुक्तियां की गई? नियुक्ति के क्या मापदण्ड थे? नियुक्त कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की जानकारी नाम, पतावार देवें। (ख) पटेरा विकासखण्ड में भ्रमण उपरांत नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। क्या प्रदेश स्तरीय समिति बनाकर जाँच कराई जाकर एवं दोषियों पर कार्यवाही की समय-सीमा तय की जावेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विकासखण्ड पटेरा अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में कुल 20 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका वर्ष 2016-17 में कुल 43 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा वर्ष 2017-18 में कुल 14 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की नियुक्ति की गई। नियुक्ति के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में पटेरा विकास में मा.विधायक के भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अपितु मा. विधायक का, जिला कलेक्टर दमोह को संबोधित पत्र क्र. 2832 दिनांक 23.02.2018 प्राप्त हुआ है जिसमें आंगनवाड़ी केन्द्र कंजरा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर की गई नियुक्ति पर रोक लगाये जाने हेतु लेख किया गया है। उक्त ग्राम में नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु ऋण
[वित्त]
5. ( क्र. 265 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 1 जुलाई 2016 से कितने विद्यार्थियों को शासन की "उच्च शिक्षा-ऋण योजना" अंतर्गत कुल कितने ऋण प्रदान किये गये? इसमें कितने छात्र-छात्राओं ने किस-किस डिग्री के लिए कितना-कितना ऋण लिया? (ख) क्या अधिकारियों की अनियमितता के चलते बैंक वाले कम आय वाले अभिभावकों के विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण नहीं दे रहे हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत उक्त अवधि में विद्यार्थियों को ऋण नहीं मिलने की कितनी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? उच्च शिक्षा के लिए शासन द्वारा शिक्षा-ऋण हेतु क्या योजना है? कितने लाख तक शिक्षा-ऋण प्राप्ति हेतु कितनी ग्यारंटी की आवश्यकता होती है? (ग) क्या उच्च शिक्षा ऋण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की ऋण अवधि समय में मृत्यु हो जाने पर ऋण परिवारजनों से वसूला जाता है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में मंदसौर जिले में कितने ऋण प्राप्त विद्यार्थियों का बीमा विभाग द्वारा कराया गया तथा गत 5 वर्षों में कितने शिक्षा ऋण प्राप्त विद्यार्थियों की मृत्यु उपरांत शेष ऋण अभिभावकों से कितना-कितना वसूला? क्या विद्यार्थियों की मृत्यु उपरांत ऐसे शेष ऋण का भुगतान प्रदेश सरकार वहन करने पर विचार कर रही है? गत 1 जुलाई 2012 के पश्चात मंदसौर में कितना ऋण विद्यार्थी नहीं दे पाए?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपचार के दौरान व्यय की गई राशि
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 295 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. कैडर के जबलपुर जिले अन्तर्गत आई.ए.एस. अधिकारियों एवं उनके आश्रितों पर उपचार हेतु राज्य शासन कितनी राशि व्यय कर चुका है? अधिकारियों एवं उनके आश्रितों के नामवार, पदस्थापना स्थानवार एवं व्यय की गई राशिवार पृथक-पृथक रूप से बताई जावें। (ख) राज्य शासन के स्थाई कर्मचारियों एवं मंत्रालयीन कर्मचारियों के गंभीर उपचार हेतु शासन द्वारा अधिकतम कितनी राशि व्यय करने का प्रावधान है? क्या कर्मचारी की स्थिति गंभीर होने पर शासन के माध्यम से एयर एम्बुलेंस की सेवायें ली जा सकती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी ''निरंक'' है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राज्य शासन के स्थाई कर्मचारियों एवं मंत्रालयीन कर्मचारियों के गंभीर उपचार हेतु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियमानुसार राशि की स्वीकृति दी जाती है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
कर्मचारियों को सातवां वेतनमान प्रदाय करना
[वित्त]
7. ( क्र. 299 ) श्री तरूण भनोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने अपने कर्मचारियों को सातवां वेतनमान प्रदाय कर दिया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान से वंचित किया गया है? (ख) राज्य शासन इस तरह की दोहरी नीति क्यों अपना रहा है? कब तक प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ प्रदान कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। नगरीय निकायों के कर्मचारियों की पृथक सेवायें है, जिनके लिए पृथक से निर्णय लिया जाता है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार।
जाति प्रमाण पत्र के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 321 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति अथवा पिछड़ा वर्ग के लिए स्थाई या अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र हेतु आवेदनकर्ता को भू-अभिलेख प्रस्तुत करना अनिवार्य हैं? यदि नहीं, तो राजगढ़ जिले में स्थाई एवं अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र के कितने आवेदन पत्र भू-अभिलेख संलग्न नहीं करने के कारण निरस्त किये गये हैं? तहसीलवार निरस्त किये गये आवेदनों के विस्तृत विवरण से अवगत करावें? (ख) यदि किसी आवेदक के पास 1950 (अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 1984) या उससे पहले से म.प्र. निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं है तो क्या उसे यह लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने हेतु विवश न किया जाकर स्वयं राजस्व अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर आवेदन में वर्णित जानकारी की पुष्टि कर प्रमाण-पत्र दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो, क्या शासन के स्पष्ट निर्देशों के पश्चात् भी केवल भू-अभिलेख संलग्न नहीं होने के कारण स्थाई या अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र के आवेदन बिना आवेदनकर्ता को सूचित किये निरस्त करने वाले जिम्मेदार अधिकारीयों/कर्मचारीयों के विरुद्ध शासन स्तर से कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक यात्राओं पर व्यय राशि
[सामान्य प्रशासन]
9. ( क्र. 517 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्ष में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अब तक कितनी धार्मिक यात्राएं की गई हैं? (ख) प्रति धार्मिक यात्राओं पर कितनी शासकीय राशि खर्च की गई? यात्रावार, राशि की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितनी राशि खर्च हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवीक्षा पर कार्यरत कर्मचारी की सेवा का नवीनीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 658 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में महिला सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत आने वाले ICPS में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी किस-किस दिनांक से कौन से पद पर कार्य कर रहे हैं? कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कर्मचारी कितनी अवधि के लिये कितने-कितने वेतन/पारिश्रमिक पर रखे गये हैं? किन-किन कर्मचारियों की सेवाओं का किस-किस दिनांक को रिन्यूवल हो चुका है तथा किन-किन का कब-कब होना है? (ग) क्या परिवीक्षा अधिकारी की लेन-देन के संबंध में कई बार शिकायतें भी हुई है? उसके बावजूद इनकी सेवाओं को बार-बार विभाग द्वारा रिन्यूवल क्यों किया जा रहा है? क्या इनके द्वारा किये गये कार्यों की जाँच कराई जावेगी? उसके उपरांत ही इनकी सेवाओं का रिन्यूबल संबंधी प्रस्ताव भेजा जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" पर हैl (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" पर हैl (ग) जी नहीं l शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैl
विदेश भ्रमण एवं उस पर हुये खर्चों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 756 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विदेशी निवेश लाने एवं अन्य उद्देश्यों के लिए दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2017 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री/माननीय मंत्रीगण/शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों/अशासकीय व्यक्तियों/एवं अन्य के द्वारा राज्य शासन के खर्च पर कहाँ-कहाँ की, कितनी दिनों की, विदेश यात्राएं की? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय में हुये विदेश यात्राओं एवं निवेश यात्राओं पर कुल कितनी राशि का निवेश उक्त समय में आया? कहाँ-कहाँ कौन-कौन से प्रोजेक्ट कितनी-कितनी राशि के लगे? कितनी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हुआ? रोजगार की संख्यावार/माहवार/वर्षवार/जिलेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित यात्रा में किस-किस डेलीगेशन में किस-किस नाम के व्यक्ति की पात्रता के आधार पर गए? डेलीगेशनवार/नामवार/पात्रतावार/ माहवार/वर्षवार जानकारी दें। प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार हुई विदेश यात्राओं में प्रति व्यक्ति कितनी राशि व्यय हुई? राशिवार/व्यक्तिवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार/डेलीगेशनवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार सभी यात्राओं का सम्पूर्ण खर्च की राशि भोपाल से जाने एवं वापस आने तक डेलीगेशनवार कितना व्यय हुआ? डेलीगेशनवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के काटे गये बिजली कनेक्शन
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 774 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में कितने-कितने किसानों के बिजली कनेक्शन दिनांक 01/01/2016 से प्रश्नतिथि तक किन-किन कारणों से काट दिये गये है वर्षवार/माहवार/जिलेवार/तहसीलवार/कटे कनेक्शनों की संख्यावार दें? (ख) प्रदेश में किसानों को बिजली उपलब्ध कराये जाने के क्या नियम एवं मापदण्ड हैं? उक्त नियमों के आधार पर कितने घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है? जिलेवार जानकारी दें? (ग) क्या प्रदेश में किसानों से बिजली के बिल का भुगतान ना करने पर उन्हें जेल भेजा जा रहा है? जिलेवार जानकारी दें कि किस-किस जिलों से किस-किस नाम एवं पते वाले किसानों पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें जेल भेजा गया? (घ) क्या प्रदेश भर में कृषि कार्य के कनेक्शनों पर ओवर बिलिंग के प्रकरण सामने आये हैं? ओवर बिलिंग के कारण बिजली का बिल नहीं भर पाने के कारण किसानों के पंप एवं अन्य सामग्री विद्युत मंडल जब्त कर रहा हैं? साथ ही उनके ऊपर रिकवरी के प्रकरण बनाये जा रहे हैं? जिलेवार जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्रांतर्गत दिनांक 1 जनवरी 16 से जनवरी-18 तक मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत किसानों के काटे गये विद्युत कनेक्शनों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' से 'अ-16', 'ब-1' से 'ब-9' एवं प्रपत्र-'स-1' से प्रपत्र-'स-15' अनुसार है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत डिण्डौरी, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, रीवा, दमोह, छतरपुर, पन्ना एवं टीकमगढ़ जिलों में काटे गये कनेक्शनों की संख्या निरंक है। (ख) मध्यप्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्रान्तर्गत किसानों को प्रतिदिन 10 घण्टे सुचारू विद्युत प्रदाय किये जाने के प्रावधान हैं। आकस्मिक अवरोधों एवं विद्युत प्रणाली के रख-रखाव की अवधि को छोड़कर प्रावधान अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। माह जनवरी-2018 में प्रदाय की गई विद्युत की औसत अवधि का जिलेवार विवरण क्रमश: म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-1', 'द-2' एवं 'द-3' अनुसार है। (ग) कृषकों द्वारा बिजली का बिल का भुगतान न करने की स्थिति में किसानों को जेल नहीं भेजा जा रहा है और न ही आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जा रहें हैं। प्रश्नाधीन जानकारी का प्रश्न नहीं उठता। (घ) कम्पनी क्षेत्रांतर्गत कृषि कार्य के कनेक्शनों पर ओवर बिलिंग के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। ओवर बिलिंग के कारण बिजली का बिल नहीं भर पाने के कारण किसानों के पंप एवं अन्य सामग्री जब्त नहीं की जा रही है अतः शेष प्रश्नांश का उत्तर दिया जाना अपेक्षित नहीं है।
यात्राओं को वित्त विभाग द्वारा की गई मंजूरी की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 776 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विदेशी निवेश लाने एवं अन्य उद्येश्यों के लिये दिनांक 01/01/2009 से 31/12/2011 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री/मा. मंत्रीगण/शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों/अशासकीय व्यक्तियों/एवं अन्य के द्वारा राज्य शासन के खर्च पर कहाँ कहाँ की कितने दिनों की, विदेश यात्रायें की? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय में हुई विदेश यात्राओं एवं निवेश यात्राओं पर कुल कितनी राशि का निवेश उक्त समय में आया? कहाँ कहाँ कौन-कौन से प्रोजेक्ट कितनी-कितनी राशि के लगे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित यात्रा में किस-किस डेलीगेशन में किस-किस नाम के व्यक्ति किस पात्रता के आधार पर गये? डेलीगेशन/नामवार/पात्रतावार/माहवार/वर्षवार दें? प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार हुई विदेश यात्राओं में प्रति व्यक्ति कितनी राशि व्यय हुई? राशिवार/व्यक्तिवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार/डेलीगेशनवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार सभी यात्राओं का संपूर्ण खर्च की राशि भोपाल से जाने एवं वापस आने तक डेलीगेशनवार कितना व्यय हुआ? डेलीगेशनवार/यात्रावार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद के अध्यक्ष विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 836 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद के अध्यक्ष श्री संतोष पाटिल के खिलाफ थाना प्रभारी, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन द्वारा आत्माराम यादव की शिकायत पर दिनांक 21 जुलाई 2017 को अपराध क्रमांक- 137/17 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-13 (1) डी, 13 (2) सहित भादवि की धारा- 420, 467, 468, 471 एवं 409 दर्ज करने के बाद साक्षियों को साक्ष्य हेतु नोटिस देकर बुलाने के बाद साक्ष्य क्यों नहीं लिये गये और प्रकरण में अब तक चालान क्यों पेश नहीं किया गया? (ख) उक्त प्रकरण में साक्ष्य लेने एवं प्रकरण के न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? जिन अधिकारियों ने प्रकरण को लंबित रखकर कार्यवाही नहीं की गई? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष संतोष पाटिल पर लोकायुक्त में अपराध दर्ज होने के बाद नये प्रभारी अध्यक्ष बनाने की तारीख तक वाहन के दुरूपयोग किये जाने तथा डीजल-पेट्रोल खर्च के बिलों की वसूली निवृत्तमान अध्यक्ष श्री पाटिल से कब तक की जावेगी और इस बाबत् क्या कार्यवही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण दर्ज करने के बाद विवेचना के दौरान सभी 11 साक्षियों के कथन लिपिबद्ध किए गए हैं। किसी भी साक्षी को बुलाने के बाद कथन लिए बिना वापस नहीं किया गया है। प्रकरण अभी विवेचनाधीन होने से चालान पेश नहीं किया गया है। (ख) प्रकरण में साक्ष्य लिए जा चुके हैं। प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में विवेचना के दौरान आए साक्ष्यों के आधार पर अध्यक्ष श्री संतोष पाटिल द्वारा वाहन के दुरूपयोग किए जाने तथा डीजल/पेट्रोल खर्च के बिलों की वसूली के आरोपों के संबंध में गुण-दोष का निर्धारण किया जाकर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
जनजातियों का आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 1144 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में निवासरत गोंड, भील, कोल, वैगा, सहरिया, भारिया जनजातियों की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना के आधार पर आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का प्रतिशत क्या है? म.प्र. के किन-किन जिलों में कौन कौन से जनजाति वर्ग के लोग निवासरत् हैं, जिलावार जानकारी प्रदान करें। (ख) म.प्र. के किन-किन जिलों में कोल जनजाति वर्ग के लोग निवास करते हैं? जिलावार जनसंख्या तथा उस जिले में निवासरत उक्त जनजाति की आर्थिक सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति क्या है? (ग) वैगा, भारिया, सहरिया, जनजाति के आर्थिक एवं शैक्षणिक तुलना में कोल जनजाति की स्थिति क्या है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 1146 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में जनवरी 2014 से दिसम्बर 2017 तक लाडली लक्ष्मी योजनान्तर्गत लाभान्वित बच्चियों की ग्रामवार, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत वर्षवार, संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शालाओं का उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 1254 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लखनादौन जिला सिवनी के अंतर्गत विकासखण्ड लखनादौन घंसौर एवं घनौरा में कौन-कौन से प्राथमिक, माध्यमिक तथा हाई स्कूल को वर्ष 2017-18 में उन्नयन हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा भेजे गये हैं। विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) क्या शासन की गाइड लाइन अनुसार जिन शालाओं के उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन के पास पूर्व से लंबित हैं, उन प्रस्तावों पर प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त प्रस्तावों को अतिशीघ्र उन्नयन हेतु स्वीकृति प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्न्यन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा कार्यवाही की जाती है वर्ष 2017-18 में हाईस्कूल से उ.मा.वि. में उन्नयन के प्रेषित प्रस्तावों में से विकासखण्ड लखनादौन के हाईस्कूल दरगडा एवं धनककड़ी शामिल है। (ख) एवं (ग) उपलब्ध बजट आवंटन के अनुरूप उन्नयन की कार्यवाही की जाती है। प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित प्रस्तावित हाईस्कूलों का उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना सभव नहीं है।
आश्रमों/छात्रावासों में कर्मचारियों का नियमितीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
18. ( क्र. 1257 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के विकासखण्ड लखनादौन में संचालित छात्रावासों/आश्रमों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने पर अभी तक स्थाई/नियमित नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इन्हें कब तक में स्थाई किया जावेगा? (ख) उक्त कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान क्यों नहीं किया जाता हैं? इन्हें 5-6 माह के अन्तराल में वेतन भुगतान करने के क्या कारण है? (ग) वर्ष 1989 में राजीव गांधी मिशन योजना के अन्तर्गत विकासखण्डों में आश्रमों को संचालित किये गये हैं? उक्त आश्रमों में संविदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखे गये हैं? उक्त कर्मचारियों को स्थाई/ नियमित करने की कब तक में कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। विकासखण्ड लखनादौन में संचालित विभागीय छात्रावास/आश्रमों में कार्यरत पात्र दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर सा.प्र.वि. के परिपत्र क्र. एफ 1/2013/1/3 दि. 7.10.2016 एवं आयुक्त, आदिवासी विकास के पत्र क्रमांक स्थापना/3-2/2016/27050 दि. 24.12.2016 से स्थायीकर्मी कर दिया गया है। (ख) उक्त कर्मचारियों का वेतन आवंटन अनुसार आहरण किया जाता है। आवंटन कम होने पर अंतराल से भुगतान किया जाता है। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित राजीव गांधी मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 1989 में जिले में कोई आश्रम शाला नहीं खोली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्डवा में अव्यवहारिक विद्युत वितरण व्यवस्था
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1284 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के जावर विद्युत वितरण केन्द्र का कार्यालय पूर्व में कहाँ स्थित था? इस कार्यालय को पुनासा कब एवं किसके आदेश से स्थानांतरित किया गया है? क्या निर्णय व्यवहारिक रूप से सही था? (ख) क्या जावर क्षेत्र के ग्रामीण कृषकों को 15 कि.मी. खण्डवा आना सुलभ था तथा अब कार्यालय पुनासा लगभग 40-45 कि.दूर होने के कारण अनावश्यक समय एवं धन की बर्बादी हो रही है? (ग) ऐसे कितने ग्राम एवं कुल ग्रामीण उपभोक्ता है जो इस कार्यालय के पुनासा स्थानांतरित होने से प्रभावित है? क्या इस संबंध में खण्डवा विधायक का कोई पत्र उक्त कार्यालय को खण्डवा करने का प्रस्ताव लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए जावर फीडर को पुनासा से हटाकर खण्डवा कब तक किया जायेगा? समय-सीमा बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र का जावर वितरण केन्द्र कार्यालय (विद्युत वितरण केन्द्र नहीं) पूर्व से एवं वर्तमान में भी जावर में ही स्थित है। इस कार्यालय को पुनासा स्थानान्तरित नहीं किया गया है तथापि खण्डवा जिले के माननीय विधायक, मान्धाता विधान सभा क्षेत्र श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर की मांग पर उक्त वितरण केन्द्र के प्रशासनिक नियंत्रणकर्ता संचालन-संधारण संभाग खण्डवा-प्रथम का मुख्यालय मुख्य अभियंता (इ.क्षे.) इंदौर के आदेश क्रमांक मुअ/इक्षे/स्था-1/126/3180 दिनांक 10/04/2015 से खण्डवा से पुनासा किया गया था। जी हाँ। (ख) यह सही है कि जावर वितरण केन्द्र के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को संचालन-संधारण संभाग खण्डवा-प्रथम (पूर्व मुख्यालय खण्डवा) आना सुगम था, किन्तु संचालन-संधारण संभाग खण्डवा-प्रथम का संभागीय कार्यालय पुनासा स्थानान्तरित करने से 4 अन्य वितरण केन्द्र कार्यालयों के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए संभागीय कार्यालय मुख्यालय पुनासा आने के लिए उनकी दूरी घटी है। (ग) संचालन-संधारण संभाग खण्डवा-प्रथम का संभागीय कार्यालय पुनासा स्थानान्तरित होने से जावर वितरण केन्द्र के 65 ग्रामों के लगभग 13900 विद्युत उपभोक्ता प्रभावित हुए है किन्तु इस परिवर्तन से उक्त संभाग के अन्य 171 ग्रामों के लगभग 48933 विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित हुए है। जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र दिनांक 25/10/2017 प्राप्त हुआ था। जिसमें जावर वितरण केन्द्र कार्यालय का कार्य क्षेत्र (भौगोलिक क्षेत्र) संचालन-संधारण संभाग संभागीय मुख्यालय पुनासा (खण्डवा-प्रथम) से हटाकर जिला मुख्यालय खण्डवा पर संचालित संचालन-संधारण संभाग खण्डवा-द्वितीय में सम्मिलित करने हेतु अनुरोध किया गया था। उक्त प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का जावर वितरण केन्द्र (फीडर नहीं) से संबंधित प्रस्ताव विचाराधीन है, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुपोषण - कारण और समाधान
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 1290 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास द्वारा जिला खंडवा में वर्ष 2013 से अब तक, कुपोषण मिटाने के लिए क्या प्रयास किये गये? कुल कितनी राशि का पोषण आहार वितरित किया गया वर्षवार जानकारी देवें। (ख) विगत तीन वर्षों में पोषण आहार का प्रदाय किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? पोषण आहार की क्वालिटी की जाँच कब-कब किससे कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके वितरण की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की है? क्या इन अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही तरीके से किया गया है? (ग) पिछले दिनों जिले में कुपोषण से हुई बच्चों की मौतों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार समय पर नहीं मिलने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) कुपोषण से होने वाली मौतों के समय वर्षों से जमे ऐसे जिला अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का कब-कब निरीक्षण किया? क्या निर्देश दिये तथा इनकी रोकथाम के उपाय किये गये थे? यदि हाँ, तो तत्पश्चात ऐसी परिस्थितियां क्यों उत्पन्न हुईं? (ड.) क्या जिला अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण जिले में कुपोषण से हुई मौतों के कारण देशभर में प्रदेश की छवि खराब हुई है? (च) यदि हाँ, तो महिला एवं बाल विकास विभाग के ऐसे अकर्मण्य जिला अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा खण्डवा जिले में वर्ष 2013 से अब तक कुपोषण मिटाने के लिये निम्नानुसार प्रयास किये गये है- (1) अति कम वजन श्रेणी के कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रतिदिन दिये जाने वाले नाश्ते व भोजन के साथ ही साथ अतिरिक्त पौष्टिक आहार के रूप में थर्ड मील का प्रदाय किया गया। (2) समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर न्यूट्री कार्नर की स्थापना (3) आदिवासी विकासखण्ड खालवा तथा पन्धाना अन्तर्गत चलित कुपोषण रथ का संचालन। (4) कुपोषित बच्चों को सोया आटा युक्त बिस्किट का प्रदाय। (वर्ष 2013-14) (5) कुपोषित बच्चों के लिये सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन। (6) चिन्हित कुपोषित बच्चो को समुचित उपचार हेतु निकटस्थ बाल शक्ति केन्द्रों में भर्ती कराना। (7) सर्वाधिक कुपोषण ग्रस्त आंगनवाड़ियों में डे-केयर सेन्टर का संचालन करना। (परियोजना खालवा) (8) स्नेह सरोकार अन्तर्गत कुपोषित बच्चों को गोद देते हुए उन्हें कुपोषण की श्रेणी से मुक्त कराना। (9) मंगल दिवस कार्यक्रम अन्तर्गत गोद भराई, अन्नप्राशन, जन्म दिवस एवं किशोरी बालिका दिवस का आयोजन करना। (10) आयुष विभाग के सहयोग से 57 अतिकम वजन के बच्चो की आयुर्वेदिक तेल से नियमित मालिश एवं पालको को प्रशिक्षित किया गया। (11) कुपोषण की जंग कार्यक्रम के अन्तर्गत अतिकुषोषित बच्चों वाले ग्रामों को 35 जिला विभाग प्रमुखों/स्वयं सेवा संस्थाओं को ग्राम गोद दिये गये। (12) आदिवासी क्षेत्र खालवा में स्थानीय कोरकू भाषा में वन्या रेडियों के माध्यम से कुपोषण निवारण कार्यक्रम प्रसारण कराया जा रहा है। (13) स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन। खण्डवा जिले में प्रश्नांश अवधि में पूरक पोषण आहार वितरण पर व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र |
वित्तीय वर्ष |
नाश्ता/भोजन पर व्यय (रू.लाखों में) |
टी.एच.आर.पर व्यय (रू.लाखों में) |
योग (रू.लाखों में) |
1 |
2013-14 |
881.73 |
1251.21 |
2132.94 |
2 |
2014-15 |
1207.24 |
1206.81 |
2414.05 |
3 |
2015-16 |
1227.37 |
1275.46 |
2502.83 |
4 |
2016-17 |
1133.46 |
1426.53 |
2559.99 |
|
योग- |
4449.80 |
5160.01 |
9609.81 |
(ख) विगत तीन वर्षों से अद्यतन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से किया जा रहा हैं। एम.पी. एग्रों इण्डस्ट्रीज के द्वारा प्रतिमाह प्रदायित विभिन्न रैसिपी के 100-100 मे.टन के प्रत्येक बैच से सेम्पल प्राप्त कर गुणवत्ता की जाँच भारत सरकार महिला एवं बाल विकास खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से नियमित रूप से कराई जाती है तथा स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय ताजा पका नाश्ता एवं भोजन की गुणवत्ता की जांच प्रतिदिन स्थानीय ग्राम स्तर पर गठित ग्राम तदर्थ समिति, हितग्राही के अभिभावक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा वितरण के पूर्व भोजन चखकर पंचनामा बनाया जाता है, क्वालिटी की संतुष्टि होने पर पोषण आहार वितरण हितग्राहियों को किया जाता है। इसके वितरण की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की है। इन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन किया गया है। (ग) पिछले दिनो खण्डवा जिले में कुपोषण से बच्चो की कोई भी मौत नहीं हुई है। गर्भवती महिलाओं को एम.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज के माध्यम से विभिन्न रैसिपी अनुसार टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार नियमित रूप से दिया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में वर्षों से जमे कोई जिला अधिकारी पदस्थ नहीं है। पदस्थ जिला अधिकारी द्वारा नियमित आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे बच्चे चिन्हित कर उनका पूर्व से ही उपचार एवं विशेष देखरेख के निर्देश दिये जाकर बच्चो को कुपोषित श्रेणी से उपर सामान्य श्रेणी में लाने के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करने के निर्देश दिये गए है वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई है। (ड.) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (च) प्रश्नांश ''ड'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 1319 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में महिला बाल विकास द्वारा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? संचालित केन्द्रों में से कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? भवन विहीन केन्द्र किन-किन जगहों पर संचालित हों रहे हैं, किराये पर संचालित केन्द्रों पर शासन के संचालित सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सही प्रकार से हो रहा है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में कितने ऐसे आंगनवाड़ी भवन हैं, जो अधूरे एवं निमार्णाधीन है, इनके कार्यादेश कब जारी किए गये थे? इनके पूर्ण किए जाने की अवधि के साथ व्यय राशि की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण बाबत शासन की क्या कार्य योजना है, इनके भवन कब तक निर्माण करा दिए जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में आंगनवाड़ी भवनों के न होने से शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ बच्चों एवं गर्भवती माताओं को नहीं मिल पाता, महिला शक्तिकरण जैसे कार्यक्रम प्रभावित हो रहे है, इस कारण क्या भवनों के निर्माण बाबत् स्वीकृत प्रदान करेंगे, जिससे योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो सके?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा जिले में 3434 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं संचालित केन्द्रों में से 1308 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। भवन विहीन संचालित केन्द्रों की स्थानवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। किराये पर संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में समस्त योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में 97 आंगनवाड़ी भवन अधूरे एवं निर्माणाधीन है, इनके कार्यादेश, पूर्ण किए जाने की अवधि के साथ व्यय राशि की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये राज्य आयोजना एवं मनरेगा के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्मित होने वाले भवनों के प्रस्ताव में सम्मिलित किया जावेगा। (घ) जी नहीं। सभी हितग्राहियों को सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
योजना के क्रियान्वय न करने वालों पर कार्यवाही
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( क्र. 1322 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.एन.आर.आई. के दिशा निर्देशों के अनुसार बिना ग्रिड संबंधित एवं विकेन्द्रीकृत सौर प्रयोग की क्रियान्वयन बावत् योजना 2010 में प्रारंभ की गयी थी, जिसका उद्देश्य कार्यालयों एवं अन्य हितग्राहियों के छतों पर अक्षय ऊर्जा स्थापित कर ऊर्जा प्रदान करने का था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना के संचालन हेतु एम.एन.आर.आई. को 23 प्रतिशत अनुदान म.प्र. शासन को 20 प्रतिशत अनुदान व हितग्राही को 50 प्रतिशत राशि के वहन करने के नियम थे? (ग) प्रश्नांश (क) की योजना को प्रश्नांश (ख) अनुसार रीवा संभाव अंतर्गत क्रियान्वित कर कहाँ-कहाँ स्थापित कराया गया। लाभार्थियों द्वारा कितनी राशि जमा की गयी एवं इसका लाभ कितने लोगों को प्राप्त हुआ का विवरण जिलावार संभाग का देवें? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना के क्रियान्वयन के बावत् कितने सौर फोटो बोल्टीन प्लांट की स्थापना का कार्यादेश किन-किन कंपनी को किन शर्तों पर दिया गया विवरण देवें? अगर कार्यादेश बदले गए एवं योजना प्रभावित हुई, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) की योजना प्रश्नांश (घ) की कंपनियों के संचालन न करने के बाद भी कितनी राशि बची रही, जिसका उपयोग नहीं हुआ एवं योजना प्रभावित हुई, इसके लिए जिम्मेवारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेगे? अगर नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बिना ग्रिड (ऑफ ग्रिड) संबंधित एवं विकेन्द्रीयकृत सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट योजना के संचालन हेतु विभिन्न हितग्राहियों को पात्रता अनुसार एम.एन.आर.ई. से 30 प्रतिशत अनुदान, म.प्र. शासन का 20 प्रतिशत अनुदान व हितग्राही द्वारा 50 प्रतिशत राशि वहन करने के प्रावधान थे वर्तमान में बिना ग्रिड (ऑफ ग्रिड) पॉवर प्लांट की स्थापना हेतु भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एम.एन.आर.ई.) नई दिल्ली द्वारा किसी भी श्रेणी के हितग्राही को अनुदान नहीं दिया जा रहा है। तदापि ग्रिड-संयोजित श्रेणी में घेरलू व सेवार्थ (गैर-मुनाफे की संस्थाओं) संस्थाओं बिना ग्रिड (ऑफ ग्रिड) संबंधित एवं विकेन्द्रीकृत सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना हेतु म.प्र. शासन का 20 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) योजना को प्रश्नांश- (ख) अनुसार रीवा संभाग अन्तर्गत स्थापित कराये गये ऑफ ग्रिड सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट एवं लाभार्थियों द्वारा जमा करायी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संयंत्रों से हितग्राही संस्थान एवं संबंधित लाभांवित हुये है। (घ) योजना के क्रियान्वयन बाबत कम्पनियों को दिये गये सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की कुल संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कार्यादेश की शर्ते पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। कार्यादेश बदले जाने एवं योजना प्रभावित होने के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ड.) कम्पनियों के संचालन न करने के बाद बची हुई राशि जिसका उपयोग नहीं हुआ है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। इसके लिए संबंधित प्रदायकर्ता इकाई जिम्मेदार है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 1337 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग में किस-किस श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पद कब से रिक्त हैं? पदों की पूर्ती अभी तक नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) हरदा जिले में रिक्त पदों की पूर्ती हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) हरदा जिले में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति विकास योजना अन्तर्गत कराए गये हैण्डपम्प खनन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
24. ( क्र. 1342 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्नांकित तिथि तक प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत अनुसूचित जाति विकास योजना अन्तर्गत अनुसूचित जाति बस्ती व मोहल्लों में पेय जल की समस्या के निदान हेतु किस-किस बस्ती व मोहल्लों में हैण्डपम्पों का खनन किया गया है? ग्रामवार, जहां खनन किया गया है, उस एरिया का नाम, हैण्डपम्प खनन का दिनांक, हैण्डपम्प सफल या असफल रहा वर्तमान में खनन किया गया हैण्डपम्प चालू अवस्था में है या नहीं? की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित असफल एवं बंद पड़े हुये हैण्डपम्पों के स्थान पर नवीन हैण्डपम्प खनन हेतु विशेष अनुमति जारी की जावेगी या नहीं? यदि नहीं, तो पेयजल की समस्या के निदान हेतु क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में पेयजल/हैण्डपम्प खनन अंतर्गत कोई व्यय नहीं किया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम/बसाहटों में किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा हैण्डपम्प का कोई भी खनन कार्य नहीं किया गया है। पेयजल की समस्या के निदान हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में जहां नलकूप असफल हैं विभागीय कार्यक्रम के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य एवं उपलब्ध आवंटन के अनुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य कराया जाता है।
अनुसूचित जाति विकास योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( क्र. 1343 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्नांकित तिथि तक प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत अनुसूचित जाति विकास योजना अन्तर्गत अनुसूचित जाति बस्ती व मोहल्लों में विद्युतीकरण कार्य कराये गये हैं, की जानकारी ग्रामवार, कार्य का विवरण, जहां कार्य कराया गया है, उस एरिया का नाम, कार्य पूर्ण करने का दिनांक वर्तमान में विद्युतीकरण होने पर विद्युत उपलब्ध है अर्थात विद्युत बंद पड़ी है, की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित बस्तियों में जहां विद्युत उपलब्ध नहीं है या विद्युत बन्द पड़ी है, बंद विद्युत होने से विद्युतीकरण चालू कराये जाने की विभाग की क्या योजना है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किस-किस ग्रामों व बस्तियों मोहल्लों में विद्युतीकरण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है? इन ग्रामों, बस्तियों व मोहल्लों के नामवर जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित बस्तियों में विद्युत व्यवस्था चालू रहने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 में विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। योजनान्तर्गत उपलब्ध आवंटन की सीमा एवं नियमों में प्रावधान अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। योजना निरंतर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 1349 ) श्री मोती कश्यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स.क्षे. बडवारा के वि.खं. बडवारा, कटनी तथा ढीमरखेड़ा में कितने आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों के आंगनवाड़ी केन्द्र के अपने स्वयं के भवन हैं और कौन से ग्रामों के केन्द्र भवन विहीन हैं और कहाँ के किराये के भवनों में संचालित होते हैं तथा कहाँ कितना किराये का भुगतान किया जाता है? (ग) क्या वि.खं. ढीमरखेड़ा के लगभग 48 ग्रामों के आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी और निर्माण करा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बडवारा के विकासखंड बडवारा, कटनी तथा ढीमरखेड़ा में 431 आँगनवाड़ी केन्द्र व 68 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र हैं। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों के स्वयं के भवन, भवन विहीन केन्द्रों तथा किराये के भवनों की ग्रामवार जानकारी तथा किराये के भवनों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, विकासखंड ढ़ीमरखेड़ा के 106 आँगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। (घ) आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
सातवें वेतनमान के संबध में
[वित्त]
27. ( क्र. 1416 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय सेवकों को 1 जनवरी 2016 से सांतवा वेतनमान, जुलाई 2017 में स्वीकृत किया गया है, यदि हाँ, तो अधिसूचना प्रकाशित किये गये राजपत्र की प्रति प्रदाय करें? (ख) क्या यह सही है कि छठवें वेतनमान में जारी पी.पी.ओ. के स्थान पर कार्यालय, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन, संभाग दमोह, कार्यपालन यंत्री, पंचम नगर, परियोजना सर्वेक्षण संभाग हटा, मुख्यालय दमोह एवं कार्यपालन यंत्री, लाइट मिशनरी वि/यां संभाग सागर के सेवानिवृत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देकर पुनरीक्षित पी.पी.ओ. जारी कर, उद्भुत पेंशन का ऐरियर्स, मृत्यु सह-सेवा निवृत्ति उपादान एरियर्स एवं अवकाश नगदीकरण एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्या विलम्बित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जावेगी? विलम्बित भुगतान की राशि कब तक संबंधितों को भुगतान कर दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) पेंशन कार्यालय को प्राप्त प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
छात्रावासों में प्रदाय की जाने वाली शिष्यवृत्ति
[जनजातीय कार्य]
28. ( क्र. 1428 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों के छात्रों को प्रतिमाह शिष्यवृत्ति देने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले के छात्रावासों में वर्ष 2017-18 में माहवार कब-कब शिष्यवृत्ति की राशि दी गई? (ग) क्या समय पर राशि न देने के कारण छात्रों की भोजन व्यवस्था नहीं हो पाती है? (घ) प्रश्न दिनांक तक कितनी शिष्यवृत्ति की राशि का भुगतान होना शेष है? इसके लिये कौन जिम्मेवार है? क्या त्रुटिकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2017-18 की माह जुलाई-अगस्त की शिष्यवृत्ति की राशि छात्रावास में कार्यालयीन आदेश क्रमांक 869 दिनांक 20.07.2017 राशि रू.3414050/-एवं आश्रमों में कार्यालयीन आदेश क्रमांक 870 दिनांक 20.07.2017 राशि रू. 1136300/- तथा माह सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर में छात्रावास में राशि कार्यालयीन आदेश क्रमांक 81 दिनांक 23.10.2017 रू. 4810725/- एवं आश्रमों की राशि कार्यालयीन आदेश क्रमांक 80 दिनांक 23.10.2017 राशि रू. 1737750/- तथा आश्रमों में माह दिसम्बर, जनवरी, फरवरी की शिष्यवृत्ति राशि कार्यालयीन आदेश क्रमांक 2365 दिनांक 30.01.2018 से छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षक एवं मेस नायक के संयुक्त खाते में भुगतान किया गया है। (ग) छात्रावास में प्रवेशित छात्र/छात्राओं को नियमित भोजन व्यवस्था समय पर की जा रही है। भोजन व्यवस्था नियमित रूप से संचालित रहती है। (घ) वर्ष 2017-18 में माह दिसम्बर, जनवरी, फरवरी की शिष्यवृत्ति राशि 4243747/- का भुगतान नहीं हो पाया है। सर्वर में बजट प्रावधान है परन्तु अंतिम त्रैमास में 30 प्रतिशत से अधिक राशि के आहरण पर प्रतिबंध होने से देयक लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
”चमार“ के स्थान पर जाति ”मेघवाल“ अंकित किये जाने?
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 1442 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट द्वारा ”चमार“ एवं “हरिजन” शब्द का प्रयोग अंसवैधानिक बताया गया है? यदि हाँ, तो क्या उसके पश्चात् भी मध्यप्रदेश में अंसवैधानिक ”चमार“ शब्द के जाति प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो, किन-किन जिलों में, अवगत करावे? (ख) मध्यप्रदेश में अनुसूचित जातियों की सूची में स.क्र. 38 पर मेघवाल जाति कब अंकित की गई एवं मेघवाल जाति मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों में निवासरत् है? विवरण देवें? (ग) क्या मेघवंश महासभा द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को अंसवैधानिक एवं अपमानजनक “चमार” शब्द को विलोपित कर उसके स्थान पर मेघवाल जाति प्रतिस्थापित किये जाने हेतु ज्ञापन सौंपे गये है? यदि हाँ, तो, तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या मध्यप्रदेश में अपमानित एवं असंवैधानिक शब्द चमार के स्थान पर उचित प्रक्रिया अपनाकर मेघवाल जाति प्रतिस्थापित किए जाने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जातियों के संबंध में निम्नानुसार प्रावधान है :- ''341. अनुसूचित जातियां - (1) राष्ट्रपति, किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में और जहां वह राज्य है वहां उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात् लोक अधिसूचना द्वारा, उन जातियों, मूलवंशों या जनजातियों, अथवा जातियों, मूलवंशों या जनजातियों के भागों या उनमें के यूथों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए, यथास्थिति उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में अनुसूचित जातियां समझा जाएगा। (2) संसद, विधि द्वारा, किसी जाति, मूलवंश या जनजाति को अथवा जाति, मूलवंश या जनजाति के भाग या उसमें के यूथ को खंड (1) के अधीन निकाली गई अधिसूचना में विनिर्दिष्ट अनुसूचित जातियों की सूची में सम्मिलित कर सकेगी या उसमें से अपवर्जित कर सकेगी, किन्तु जैसा ऊपर कहा गया है उसके सिवाय उक्त खंड के अधीन काली गई अधिसूचना में किसी पश्चातवर्ती अधिसूचना द्वारा परिवर्तन नहीं किया जाएगा। '' उक्त प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य के लिए अधिसूचित अनुसूचित जातियों की सूची जो की भारत सरकार के राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 29 नवम्बर 1979 को प्रकाशित हुई है, संलग्न परिशिष्ट पर प्रस्तुत है। उक्त संवैधानिक प्रावधान से स्पष्ट है कि अनुसूचित जातियों की सूची में किसी भी प्रकार का परिवर्तन/परिवर्धन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जाँच
[जनजातीय कार्य]
30. ( क्र. 1448 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1999, 2000, 2001, 2002 से, किस-किस व्यक्ति के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के प्रकरण जाँच में लंबित हैं। (ख) छानबीन समिति का प्रभारी अधिकारी कौन हैं? (ग) पुराने प्रकरणों को छोड़कर नये प्रकरण क्यों निराकृत किये जा रहे हैं? (घ) माधुरी पाटिल के न्यायकि प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस की फोरी या गलत जाँच पर, छानबीन समिति ने किस प्रकार से कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आयुक्त जनजाति विकास मध्यप्रदेश भोपाल। (ग) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित है। (घ) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रथम श्रेणी अधिकारियों की सेवा पुस्तिका संधारित की जाना
[जनजातीय कार्य]
31. ( क्र. 1449 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के प्रथम श्रेणी अधिकारियों की सेवा पुस्तिका कहाँ संधारित होती है। (ख) क्या किसी अधिकारी के शैक्षणिक अभिलेख आयुक्त आदिवासी विकास के कार्यालय में तथा किसी अधिकारी के शैक्षणिक अभिलेख शासन में संधारित किये जाने की स्थिति है? (ग) यदि नहीं, तो विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3167 दिनांक 1 मार्च 2017 में इस प्रकार का उत्तर देने का आधार क्या था?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमित तरीके से विद्युत देयक जारी कर राशि वसूलने
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 1497 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत उपभोक्ता मीटरीकृत एवं कितने उपभोक्ता अमीटरीकृत हैं? श्रेणीवार उपभोक्तों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मीटरीकृत उपभोक्तओं के देयक वास्तविक खपत के आधार पर नहीं दिये जाकर अनुमानित (एवरेज) खपत के आधार पर दिये जा कर अधिक राशि वसूल की जा रही है? अनुमानित खपत के विद्युत देयक भी 100 या अधिक यूनिट के दिये जाते हैं? क्यों? मीटरीकृत उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के आधार पर विद्युत देयक कब से दिये जावेगे? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित अमीटरीकृत उपभोक्ताओं को कब तक मीटरयुक्त किया जावेगा? अवगत करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक 33568 मीटरीकृत एवं 19863 अमीटरीकृत विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनकी श्रेणीवार जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
श्रेणी |
कुल उपभोक्ता संख्या |
मीटरीकृत उपभोक्ता |
अमीटरीकृत उपभोक्ता |
1 |
घरेलू |
36969 |
29946 |
7023 |
2 |
गैर घरेलू |
2602 |
2602 |
0 |
3 |
औद्योगिक |
524 |
524 |
0 |
4 |
कृषि |
12840 |
0 |
12840 |
5 |
अन्य |
496 |
496 |
0 |
कुल |
53431 |
33568 |
19863 |
(ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित मीटरीकृत उपभोक्ताओं के देयक मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर ही दिये जा रहे हैं। मीटरीकृत उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में जिस अवधि में मीटर बंद/खराब रहा है उस अवधि हेतु म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कण्डिका 8.35 में निहित प्रावधानों के अनुसार पिछले तीन माह की खपत के औसत अनुसार बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 19863 अमीटरीकृत विद्युत कनेक्शनों में से 12840 कनेक्शन फ्लेट रेट कृषि एवं 7023 कनेक्शन घरेलू श्रेणी के हैं, जिन्हें म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए जारी निम्न-दाब टैरिफ आदेश की क्रमश: कंडिका एल.वी. 5.4 एवं एल.वी. 1.2 (ii) के अनुसार बिलिंग की जा रही है, जो कि नियमानुसार सही है। घरेलू श्रेणी में उक्त अमीटरीकृत कनेक्शनों में वर्ष 2018-19 के अंत तक मीटर लगा दिये जायेंगे।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 1498 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने वितरण केन्दों में ट्रांसफार्मर ओवर लोड हैं? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि प्रस्तावित है एवं मांग अनुसार कितने अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाना आवश्यक हैं? (ग) क्या सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों की मांग अनुसार वितरण केन्द्र पाडल्यामाता के अंतर्गत एक अतिरिक्त सब स्टेशन की भी आवश्यकता है? उक्त सब स्टेशन की स्थापना कब तक कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सारंगपुर, मऊ, पाडल्यामाता, पचौर (ग्रामीण), तलेन, खुजनेर एवं छापीखेड़ा वितरण केन्द्र हैं, जिनमें कोई भी वितरण एवं पॉवर ट्रांसफार्मर वर्तमान में अतिभारित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है तथापि आगामी रबी सीजन के संभावित भार के दृष्टिगत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मऊ में 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित किया गया है। (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के पाडल्यामाता वितरण केन्द्र के अंतर्गत भविष्य में भार वृद्धि के दृष्टिगत ग्राम बिगनोदीपुरा में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना आवश्यक होगी, जिसका कार्य आगामी योजनाओं में वित्तीय उपलब्धता अनुसार सम्मिलित करने के प्रयास किये जाएंगे। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मारिका का प्रकाशन
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 1526 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नेतृत्व विकास शिविर की स्मारिका वर्ष 2009, 2011, 2012, 2013, 2014 में किस-किस दर पर किस-किस संस्था से छपवाई हैं? (ख) क्या स्मारिका छपवाने के संबंध में फर्जी देयक की कोई शिकायत लंबित हैं? यदि हाँ, तो शिकायत कब से लंबित है? शिकायत शाखा प्रभारियों के नाम बतायें। (ग) क्या स्मारिका मुद्रण्के देयकों का सत्यापन भुगतान के पूर्व शासकीय प्रेस से कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या अब करायेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) नेतृत्व विकास शिविर की स्मारिका संबंधी नस्ती कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। नस्ती गुम होने के संबंध में संबंधित अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। नस्ती गुम होने की प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज करने हेतु दिनांक 04.05.2016 को पुलिस थाना जहांगीराबाद, भोपाल को लिखा गया है।
जनश्री बीमा योजना की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 1529 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जनश्री बीमा के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ष में एल.आई.सी. में जमा कराई? (ख) क्या ग्वालियर जिले से करोड़ों की राशि जनश्री बीमा योजना के तहत जमा कराई गई? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) ग्वालियर जिले में कितने सहरिया परिवार निवासरत हैं तथा जनश्री बीमा योजना के लिए कितनी राशि आवश्यक थी? (घ) क्या विभाग करोड़ों की इस भुगतान की गई अतिरिक्त राशि को एलआईसी और संबंधित अधिकारी से वापस लेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जनजाति के टोला-मजरों में विकास कार्य
[जनजातीय कार्य]
36. ( क्र. 1543 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत अनुसूचित जन जाति के टोला-मजरों में विकास कार्य करने का क्या प्रावधान है? क्या अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में किसी भी प्रकार का कार्य अभी तक नहीं हुआ है, आदिवासी बाहुल्य ग्राम-झांझी, सरईझर, मकरोहर, ढूंटीटोला, मुड़वनिया, अमहरा, गोभा, चरगौड़ा इत्यादि में कब तक विभाग द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कराया जायेगा? नहीं तो क्यों? (ख) क्या उक्त मांगों के प्रस्ताव विद्युतीकरण व सड़क हेतु भेजा गया है? फिर भी आज तक कार्य नहीं हुआ है? कब तक कार्य कराये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 में निहित प्रावधान अनुसार अनुसूचित जनजाति के टोला-मजरों में विकास कार्य कराने के प्रावधान हैं। नियमानुसार 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या की जनजाति बाहुल्य ग्राम झांडी, मकरोहर, अमहरा में विभिन्न विकास कार्य राये गये हैं। स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (ख) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 नियमानुसार जिले की जनजाति बाहुल्य ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरे/टोलों/पारों (नगरीय एवं ग्रामीण) जिनमें अंतिम जनगणना अनुसार अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या उसी ग्राम ग्रामों/बस्ती/वार्डों/मजरे/टोलों/पारों (नगरीय एवं ग्रामीण) की कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो, में आबादी के घटते क्रम में जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा हितग्राहियों के चयन एवं कार्यों का अनुमोदन उपरांत कार्य कराये जाते हैं। प्राप्त मांगों को प्राथमिकता क्रम एवं नियमानुसार स्वीकृत किया जाता है।
आनंद मंत्रालय एवम एकात्म यात्रा
[आनन्द]
37. ( क्र. 1559 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद मंत्रालय का गठन होने के बाद आनंद उत्सव अन्तर्गत जिलेवार कितनी राशि आवंटन की गई है एवं किस-किस प्रयोजन में व्ययय की गई है? जिलेवार प्रथक प्रथक जानकारी दें। (ख) एकात्म यात्रा में शासन के द्वारा कितने रूपये खर्च किये गये है? यात्रा किन-किन जिलों से गुजरी? (ग) एकात्म यात्रा का उद्देश्य व शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के शामिल होने का औचित्य व व्यय राशि का विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग द्वारा आनंद उत्सव अंतर्गत जिलों को कोई राशि आवंटित नहीं की गई। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार एकात्म यात्रा पर कुल राशि रूपये 973.93 लाख का व्यय म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा किया गया है। एकात्म यात्रा मध्यप्रदेश के समस्त जिलों (51 जिलों) से गुजरी है। (ग) योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार एकात्म यात्रा का उद्देश्य निम्नानुसार है - 1. भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक एकता में आदिगुरू शंकराचार्य के अप्रतिम योगदान के संबंध में जनजागरण। 2. अद्वैत वेदांत दर्शन में प्रतिपादित जीव, जगत एवं जगदीश के एकात्म बोध के प्रति जनजागरण। 3. ओंकारेश्वर में 108 फीट उंची आदि शंकराचार्य की अष्टधातु की विशाल प्रतिमा के निर्माण हेतु समाज के सभी वर्गों से सांकेतिक धातु संग्रहण। 4. ओंकारेश्वर को विश्व स्तरीय वेदांत दर्शन केन्द्र के रूप में विकसित करना। व्यय की राशि उत्तरांश (ख) अनुसार है।
विभाग की कार्ययोजनाओं के जनहित के कार्य
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 1560 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विकासखण्ड अन्तर्गत कितने ग्राम ऐसे हैं जहां आदिवासियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है? ऐसे ग्रामों में जनहित के क्या-क्या कार्य विभाग के द्वारा कराये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) विभाग के द्वारा इन ग्रामों में जनहित के कौन-कौन से कार्य विगत वर्षों में स्वीकृत किये गये है? सूची सहित विवरण देवें। यदि नहीं, किये गये हैं, तो कब तक किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सीधी जिले के सिंहावल विकासखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के कुल 27 ग्राम हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में जनजजातीय कार्य विभाग सीधी द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलाग एवं समस्त आरक्षित/अनारक्षित पदों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
39. ( क्र. 1586 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अन्तर्गत म.प्र.शासन के समस्त शासकीय विभागों के साथ निगम मंडल/ प्राधिकरण में बैकलाग एवं समस्त आरक्षित/अनारक्षित वर्ग के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पद भरे हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बैकलॉक पदों के विरूद्ध कितने अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारो के पद भरे गये हैं? रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पदों को भरने के लिए प्रक्रिया क्या होगी एवं कब तक भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर पूर्ण की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भ्रष्ट अफसरों के विरूद्ध की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 1609 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय लोकायुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्र. 3132/जा.प्र.227/2017 भोपाल दिनांक 12/07/2017, 2839/जा.प्र./217/2016 दिनांक 03/07/2017, 2840/जा.प्र./532/2016 दिनांक 3/7/2017, 5884/जा.प्र./532/2016 दिनांक 19/9/2017, 6054/जा.प्र./217/2016 दिनांक 22/09/2017 में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उक्त प्रकरणों में प्राप्त शिकायत पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच में संबंधित भ्रष्ट अफसरों से भी अभिमत चाहा गया? यदि हाँ, तो क्या अभिमत प्राप्त हुआ? (ग) क्या शासन द्वारा मंत्रालय/विभाग से जाँच अधिकारी नियुक्त किये? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या जिले में पद अधिकारी की की गई जाँच में बिन्दुवार शिकायत में संलग्न दस्तावेजों के आधार पर तथ्यपरक जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन संलग्न करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी पत्र प्रकरण की जाँच की प्रगति से संबंधित है। सभी प्रकरण परीक्षणाधीन हैं। (ख) एवं (ग) सभी प्रकरण परीक्षणाधीन हैं। अत: गोपनीयता की दृष्टि से विवरण नहीं दिया जा सकता है। (घ) जाँच प्रकरण क्रमांक 227/17 में कलेक्टर दतिया से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। जाँच प्रकरण क्रमांक 217/16 एवं 532/16 में संभागीय सतर्कता समिति ग्वालियर से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। गोपनीयता की दृष्टि से शेष विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 1633 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छानबीन समितियों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर पारित निर्णयों पर की गई कार्यवाही की समीक्षा हेतु प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग की अध्यक्षता में सचिवों की कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ख) यदि हाँ, तो समिति के गठन के पश्चात उक्त समिति की कब-कब बैठकें आयोजित की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों नहीं? मुख्यमंत्री या मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर पर इसकी कब-कब समीक्षा की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षिप्रा नर्मदा कालीसिंध परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
42. ( क्र. 1667 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा क्षिप्रा कालीसिंध लिंक परियोजना का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही चल रही है? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में कभी उक्त योजना लागू होगी? (ख) उक्त परियोजना में कितना खर्च होने का अनुमान है? परियोजना में कालीसिंध नदी को कहाँ से नर्मदा व क्षिप्रा से जोड़ा जावेगा? उक्त योजना से सोनकच्छ क्षेत्र के कितनी जमीन को सिंचाई का लाभ मिल पावेगा? (ग) भविष्य में कब तक उक्त योजना का कार्य शुरू हो सकेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) नर्मदा कालीसिंध लिंक परियोजना का कार्य दो चरणों में स्वीकृत है। प्रथम चरण की निविदा माह जनवरी 2018 में आमंत्रित की जाकर प्रक्रियाधीन है। प्रथम चरण की लागत रूपये 3489.82 करोड़ तथा द्वितीय चरण की लागत रूपये 4407.52 करोड़ अनुमानित है। परियोजना में कालीसिंध नदी को क्षिप्रा नदी से नहीं जोड़ा जावेगा। परियोजना अंतर्गत कालीसिंध नदी के कमाण्ड क्षेत्र की असिंचित भूमि को नर्मदा नदी से जल उद्वहन कर सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना से सोनकच्छ तहसील में 47100 हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना लक्षित है।
बिजली चोरी के संबंध में
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 1679 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 में टी.सी. कनेक्शन होने के बावजूद किन-किन कृषकों के विरूद्ध बिजली चोरी के प्रकरण बनाये गये थे? कृषकवार, प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बनाये गये बिजली चोरी के प्रकरणों में से कितने प्रकरणों को न्यायालय में दिया गया एवं कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा समझौता किया गया? न्यायालय द्वारा किन-किन कृषकों के पक्ष में निर्णय पारित किया गया? जिन कृषकों के पक्ष में निर्णय पारित किया गया, वे प्रकरण विद्युत मण्डल में किस अधिकारी द्वारा अवैधानिक रूप से किसान को प्रताडि़त करने के उद्देश्य से बनाये गये थे? उसके विरूद्ध शासन ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही करते हुए कृषक को आर्थिक क्षतिपूर्ति दी गई? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन को और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 17-18 (जनवरी-18 तक) में कृषि कार्य हेतु क्रमश: 1189 एवं 850 अस्थाई कनेक्शन प्रदाय किये गये किन्तु अस्थाई कनेक्शन वाले किसी भी कृषक उपभोक्ता के विरूद्ध विद्युत चोरी का प्रकरण नहीं बनाया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
स्टोर की सुरक्षा
[नर्मदा घाटी विकास]
44. ( क्र.
1695 ) श्री
अशोक रोहाणी :
क्या राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रानी
अवंतीबाई
लोधी सागर
परियोजना
बरगी बांध
जबलपुर बायां
मेसनरी बांध
संभाग बरगी
नगर के स्टोर
का रखरखाव
देखभाल व इसकी
सुरक्षा की क्या
व्यवस्था
हैं? इसके
लिये कितना स्टाफ
स्वीकृत व
पदस्थ है? इसकी
देखरेख, रखरखाव व
सुरक्षा की
जावाब दारी कब
से किस अधिकारी
के पास हैं? स्टोर
में रखी
सामग्री का
भौतिक सत्यापन
कब-कब किसने
किया है वर्ष 2014-15 से 2016- 17 तक
की वर्षवार
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश
(क) में स्टोर
सामग्री की
चोरी की कब-कब
घटनाएं घटित
हुई हैं? इसमें
कितनी-कितनी
राशि की
कौन-कौन सी
सामग्री चोरी
हुई? इसकी
रिपोर्ट
पुलिस थाना
बरगी नगर में
कब किसने
लिखाई है? यदि
नहीं, तो
क्यों? (ग) प्रश्नांकित
स्टोर में
घटित चोरी की
घटना की
शिकायत की जाँच
कब किस स्तर
के अधिकारी से
कराई गई? जाँच में क्या-क्या
तथ्य पाये
गये है? यदि जाँच
नहीं की गई है
तो क्यों? जाँच
अधिकारी का
मूल पद क्या
है तथा
प्रतिनियुक्ति
पर कब से किस
पद पर पदस्थ
हैं। क्या
शासन दोषी जाँच
अधिकारी पर
कार्यवाही कर
इनकी
प्रतिनियुक्ति
सेवाएं कब तक
मूल विभाग को
वापिस करना
सुनिश्चित करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास (
श्री लालसिंह
आर्य ) : (क) स्टोर
के रखरखाव, देखभाल
व सुरक्षा
कार्यपालन
यंत्री, रानी अवंती
बाई लोधी सागर, बांया
मेसनरी बांध
संभाग बरगी
नगर के अंतर्गत
प्रभारी
सहायक यंत्री
प्रकोष्ठ
क्रमांक 2 के
अधीनस्थ
उपयंत्री एवं
पदस्थ
चौकीदारों
द्वारा की
जाती है। स्टोर
के
रखरखाव/सुरक्षा
के लिये पृथक
से कोई स्टाफ
स्वीकृत एवं
पदस्थ नहीं
है। इसकी देखरेख, रखरखाव
व सुरक्षा की
जबावदारी
जुलाई 2017 से श्री
एस.के.नामदेव
प्रभारी
सहायक यंत्री
प्रकोष्ठ
क्रमांक 2 बरगी
नगर के पास है।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) स्टोर
सामग्री की
चोरी की घटना
वर्ष 2016
में घटित हुई
थी। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एफ.आई.आर. बरगी
नगर पुलिस
चौकी में
दिनांक 21/01/2016 को
संबंधित
उपयंत्री
द्वारा दर्ज
कराई गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) स्टोर
में चोरी की
घटना की
शिकायत
एफ.आई.आर. के माध्यम
से पुलिस को
की गई है। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
आवासों की मरम्मत
[नर्मदा घाटी विकास]
45. ( क्र. 1697 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध जबलपुर बायी तट नहर संभाग क्र. 2 बरगी हिल्स जबलपुर के तहत कौन-कौन सी आवासीय कॉलोनियां हैं? इन कॉलोनियों में किस-किस टाईप के कितने कितने आवास निर्मित हैं? कॉलोनियों के रखरखाव मरम्मत व पेंट्स आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन कॉलोनियों के किस-किस टाइप के कौन-कौन से आवास जबलपुर जिले के बाहर कब से कहाँ कहाँ पर किस पद पर पदस्थ किन-किन कर्मचारियों, अधिकारियों को कब से आवंटित है एवं क्यों? किन-किन आवासों पर कब से किस-किस का अवैध कब्जा अतिक्रमण है व अनाधिकृत रूप से निवासरत हैं एवं क्यों? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में आवंटित किस-किस टाइप के किन-किन आवासों के किराये की कितनी-कितनी राशि किस-किस से कब से वसूली करना बकाया है? किराये की बकाया राशि की वसूली हेतु कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? किस-किस को कब-कब नोटिस दिये गये हैं? जबलपुर जिले से बाहर पदस्थ किन-किन अधिकारियों को आवंटित आवासों के किराये की कितनी-कितनी राशि की वसूली करना बकाया है? इनसे अभी तक आवासों को खाली न कराने का क्या कारण हैं? इनसे बकाया किराये की राशि की वसूली कब तक की जावेगी? सूची दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले के बाहर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के आवास आवंटन होने के पश्चात् उनका जबलपुर जिले से बाहर स्थानांतरण हो जाने के उपरांत आवास न रिक्त किये जाने के कारण वे इनमें निवासरत हैं। कर्मचारीवार, पद, आवास का टाईप तथा कब से निवासरत हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अवैध कब्जा, अतिक्रमण व अनाधिकृत रूप से निवासरत व्यक्तियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
ओव्हर टाइम एवं नाईट एलाउन्स दिया जाना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 1765 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप वि़द्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के संयंत्र में कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों को निर्धारित मजदूरी के अलावा ओव्हर टाइम, नाईट ड्यूटी एलाउन्स, रिस्क एलाउन्स एवं मेडिकल आदि की सुविधा दी जाती हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अंतर्गत प्राप्त लेबर लायसेंस में सभी सुविधा दिये जाने के स्पष्ट निर्देश/शर्त हैं? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम 1961 व नियम 1963 के अंतर्गत श्रमिकों को नियुक्ति पत्र नहीं दिये जाने पर धारा 4 (क) दण्डनीय धारा 17 (3) के अंतर्गत कारावास का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में कार्यरत कितने श्रमिकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं? नाम एवं वर्षवार बतायें? यदि नहीं, तो क्या ठेकेदारों के विरूद्ध उपरोक्त प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक सी.एच.पी. 2010 मेगावाट में कार्य कर रहे किन ठेका श्रमिकों को अर्जित अवकाश का लाभ दिया है? लाभांवित के नाम वर्ष एवं राशिवार बतायें? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री सेवायें सी.एच.पी. 2010 मेगावाट को दिनांक 06.11.2017 एवं जिला कलेक्टर अनूपपुर को दिनांक 17.11.2017 को ठेकेदार द्वारा पैसा मांगने, कार्य से भगा देने की शिकायत प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवही की जावेगी? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक कितने कार्यपालन यंत्रियों के स्थानांतरण दूसरे संयंत्र में किया गया तथा किन-किन को कार्यमुक्त किन कारणों से नहीं किया गया तथा कब तक कार्यमुक्त किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, जिला-अनूपपुर में म.प्र.पा.जन.कं.लि. के संयंत्र में कार्य कर रहे सभी ठेका श्रमिकों को श्रमायुक्त म.प्र.शासन द्वारा निर्धारित दरों पर मजदूरी एवं अतिरिक्त कार्य हेतु ओवर टाईम का भुगतान संबंधित ठेकेदार के माध्यम से किया जाता है। श्रमायुक्त म.प्र.शासन द्वारा निर्धारित दरों एवं ठेका श्रमिक अधिनियम 1970 के तहत लेबर लाईसेन्स के नियम एवं शर्तों में नाइट ड्यूटी एलाउंस एवं रिस्क एलाउंस का उल्लेख नहीं है। अत: नाइट ड्यूटी एलाउंस एवं रिस्क एलाउंस संबंधी भुगतान ठेकेदार द्वारा नहीं दिया जाता है। कार्य के दौरान आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा विद्युत गृह चिकित्सालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जी हाँ, परन्तु ठेका श्रमिकों की सेवायें ठेका श्रम अधिनियमों के अनुसार संचालित है, अतः ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को ठेका श्रम अधिनियम 1970 एवं म.प्र. नियम-1973 के अनुसार गेट पास जारी किए गये हैं न कि, म.प्र. औद्यौगिक नियोजन (स्थाई आदेश) अधिनियम 1961 व नियम 1963 के अनुसार नियुक्ति पत्र। अतः ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ग) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में संचालित 210 मे.वा. (2010 मे.वा. नहीं) के सी.एच.पी. में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 के दौरान ठेका श्रमिकों को अर्जित अवकाश का लाभ दिया है। भुगतान के संबंध में ठेका श्रमिकों के नाम वर्ष एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दिनांक 06/11/2017 को श्रमिकों द्वारा की गई शिकायत कार्यपालन यंत्री सी.एच.पी. 210 मे.वा. को प्राप्त हुई थी। उक्त पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर अनूपपुर को भी पृष्ठांकित की गई थी परन्तु दिनांक 17.11.2017 को जिला कलेक्टर अनूपपुर को की गई शिकायत के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। उक्त शिकायत के संबंध में ठेका श्रमिकों द्वारा हस्ताक्षर कर आरोप निराधार होने की पुष्टी की गई है। साथ ही संबंधित ठेकेदार द्वारा पत्र दिनांक 29/11/2017 के माध्यम से सूचित किया गया कि पैसा वापस लेने अथवा श्रमिकों को कार्य से हटाने का आरोप निराधार है। अत: शिकायत पर आगे कार्यवाही नहीं की गई। (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक किसी भी कार्यपालन यंत्री का स्थानांतरण नहीं किया गया है, क्योंकि वैधानिक प्रावधानों का पालन किया गया है।
कृषकों को पम्पों के उर्जीकरण योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
47. ( क्र. 1771 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र में, बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में सत्र 2009 से अभी तक कितने ग्रामों में कितने कृषकों को पम्पों की उर्जीकरण योजना से सिंचाई हेतु विद्युत व्यवस्था की है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितनी राशि पम्पों के उर्जीकरण में कौन-कौन से ग्रामों में व्यय की गई है? वि़द्युत ट्रांसफार्मर लाईन विस्तार पर कितना व्यय किया गया है? ग्रामवार, कार्यवार, पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति मद अंतर्गत 19 ग्राम के 80 कृषकों एवं अनुसूचित जनजाति मद अंतर्गत 165 ग्रामों 876 कृषकों के उर्जीकरण योजना से सिंचाई हेतु व्यवस्था की गई है। (ख) अनुसूचित जाति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सामुदायिक अधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 1793 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अंतारांकित प्रश्न क्रमांक 768 दिनांक 28 नवम्बर 2017 के प्रतिउत्तर में मा. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है का लेख किया गया था, तो अब बतायें कि क्या जनवरी, 2008 में लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) ख के अनुसार शा. अभिलेखों में दर्ज एवं प्रचलित अधिकारों के संबंध में आयुक्त आदिवासी विभाग म.प्र. शासन भोपाल के 16 अप्रैल, 2015 को जारी आदेश के बाद भी हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले में सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है? (ख) दिनांक 16 अप्रैल 2015 के पत्र अनुविभाग अधिकारी की किस-किस कानून के अनुसार निर्धारित जिम्मेदारी का उल्लेख कर किस प्रारूप, किन भूमियों से संबंधित जानकारियां संकलित कर क्या-क्या निर्देश दिये गये है? (ग) 16 अप्रैल 2015 में प्रश्न दिनांक तक हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले के किस अनुभागीय अधिकारी ने निर्धारित प्रारूप में जानकारियों का संकलन कर संबंधित ग्राम पंचायत को प्रपत्र एवं जानकारी उपलब्ध कराई है एवं किस अनुविभागीय अधिकारी के पास कितने ग्रामों की कितनी भूमि को वन बनाये जाने की जाँच लंबित है? (घ) दिनांक 16 अप्रैल 2015 के आदेश का कब तक पालन किया जाकर आरक्षित वन बनाये जाने के लिये प्रस्तावित भूमि पर सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिये जावेंगे। समय-सीमा बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाही अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत विभाग द्वारा किये गये कार्य
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 1819 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत 11वीं, 12वीं पंचवर्षीय एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण के कितने कार्य स्वीकृत थे एवं कितने पूर्ण हो गये कितने लम्बित हैं योजनावार बतायें? (ख) उक्त कार्य किस ठेकेदार द्वारा किया गया एवं कितनी राशि का बिल पास किया गया? (ग) उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पवई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों, पूर्ण किये गये कार्यों एवं लंबित कार्यों की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के अन्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत अनुबंधित ठेकेदार एजेन्सियों की जानकारी एवं उक्त योजनाओं के अंतर्गत पन्ना जिले में किये गये कार्यों के विरूद्ध भुगतान के लिये पास किये गये बिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखनीय है कि भुगतान हेतु पास किये गये बिलों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संधारित नहीं की जाती। (ग) 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कार्य योग्य ग्रामों के स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु स्वीकृत कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं।
मंत्री स्थापना निज स्थापना के एलाउन्स
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 1835 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रियों के निजी स्थापना में कार्यरत सेवायुक्तों को प्राप्त हो रहे एलाउन्स में वृद्धि का निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया है? यदि लिया है तो कब/दिनांक और पदवार वृद्धि दर बतायें? (ख) क्या (क) अन्तर्गत शासकीय आदेश प्रसारित किये है कि नहीं, तो क्यों? कब तक आदेश प्रसारित करेंगे? इतने दिनों से लंबित रखने का कारण स्पष्ट करें? (ग) मंत्रियों के निजी स्थापना में कार्यरत कितने सेवायुक्तों की शिकायत विगत पाँच वर्षों में प्राप्त हुई है? सेवायुक्तवार विवरण दें? क्या कार्यवाही हुई? (घ) मंत्रियों के निजी स्थापना में कार्यरत कितने सेवायुक्तों को गत पाँच वर्ष की कार्यकाल अवधि में हटाया गया? नाम, पद विभाग व कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
संचालित छात्रावास/आश्रम की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 1880 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में आश्रम एवं छात्रावास की कितनी संख्या है तथा भवन विहीन छात्रावास/ आश्रमों की संख्या बताईये। (ख) शासन द्वारा प्रश्नांश (क) भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के लिए क्या व्यवस्था की गई है? कितने भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन स्वीकृत किये गए तथा कितनों के लिये नहीं एवं कितने भवनों को किराये पर लिया गया है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त भवन विहीन छात्रावास की व्यवस्था कब तक पूरा किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) छिन्दवाड़ा जिले में जनजातीय कार्य विभाग के 56 आश्रम एवं 92 छात्रावास संचालित हैं, इनमें से 04 आश्रम एवं 09 छात्रावास भवन विहीन हैं। भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के संचालन की व्यवस्था किराये के भवन, अन्य शासकीय भवन एवं अनुसूचित जाति के छात्रावासों में संयुक्त रूप से की गई है। भवन विहीन 04 आश्रम शाला में से 02 आश्रमों के भवन स्वीकृत किये गये, जो निर्माणाधीन है। 02 आश्रम शालाऐं एवं 01 छात्रावास कुल 03 के लिये भवन किराये पर लिये गये हैं। (ग) विभाग अंतर्गत संचालित प्रदेश के समस्त भवन विहीन छात्रावास, आश्रम शालाओं के भवनों के निर्माण आगामी 03 वर्षों में कराये जाने का लक्ष्य है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजनान्तर्गत प्रत्येक परिवार घर-खण्डों को विद्युतीकरण करना
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1994 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ने वि.स.क्षे. बडवारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेडा में किन दिनांक को सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया है और कहाँ कितने विद्युतीकृत और अविद्युतीकृत घर पाये गये हैं? (ख) क्या घर/मकान और उसमें निवासरत परिवारों में कोई भेद है तथा एक अविद्युतीकृत घर, जिसमें अनेक विभाजित परिवार पृथक-पृथक निवासरत हैं, उनको कनेक्शन देने से सभी परिवार लाभान्वित हो सकेंगे और किन्हीं के द्वारा कम व अधिक ऊर्जा उपभोग और देयक जमा करने अथवा न करने का कोई विवाद उत्पन्न होने की अवस्था में हर घर के विद्युतीकरण किये जाने के उद्देश्य की पूर्ति हो जावेगी? (ग) क्या विद्युतीकृत और अविद्युतीकृत घरों का चिन्हांकन जनगणना 2011, जो कि 2009 व 2010 में निष्पादित हुई है, उसके आधार पर किया गया है, जिसके उपरान्त आज दिनांक तक बीते 9 से 10 वर्ष की अवधि में शासन की विभिन्न योजनाओं एवं स्वयं के द्वारा बनाये और प्रचलित प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने व बन रहे घरों/परिवारों की बढी संख्या को भी समाहित किये जाने से अविद्युतीकृत घरों एवं परिवारों की संख्या कितनी हो गई है? (घ) क्या विभाग आज दिनांक की स्थिति में प्रत्येक ग्रामों के प्रत्येक घरों व परिवारों का सर्वेक्षण कराकर उन्हें विद्युतीकृत करावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला कटनी के विधानसभा क्षेत्र बडवारा अंतर्गत सौभाग्य योजना का शुभारम्भ विकासखण्ड बडवारा में दिनांक 01.02.2018, विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में दिनांक 02.02.2018 एवं विकासखण्ड कटनी में जिला स्तरीय शुभारंभ दिनांक 10.01.2018 को किया गया है। उक्त विकासखण्डों में सर्वे उपरांत विद्युतीकृत एवं अविद्युतीकृत पाये गये घरों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक अविद्युतीकृत घर में अनेक विभाजित परिवार पृथक-पृथक निवासरत हो सकते है तथा ऐसे सभी परिवारों को सौभाग्य योजनान्तर्गत ''आर्थिक-सामाजिक एवं कास्ट जनगणना 2011'' में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कनेक्शन दिये जाने है। अत: घर में निवासरत् सभी परिवार योजनान्तर्गत लाभान्वित हो सकेंगे तथा ऐसे घरों में विद्युत कनेक्शन उपरांत पृथक-पृथक विद्युत देयक जारी किये जावेंगे। (ग) उक्त योजनांतर्गत जनगणना 2011 के आधार पर नहीं अपितु वास्तविक स्थल सर्वे के अनुसार विद्युतीकृत अथवा अविद्युतीकृत घरों का चिन्हांकन किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सौभाग्य योजना प्रारंभ होने की दिनांक 11.10.2017 की स्थिति में अविद्युतीकृत घरों/परिवारों की अनुमानित संख्या लगभग 17.18 लाख थी। (घ) जी हाँ, योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य किया जायेगा।
षडयंत्रपूर्वक शासकीय सेवा में प्रवेश पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 2010 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि लोक सेवा आयोग द्वारा चयन हेतु की गई अनुशंसा में उम्मीदवार के विरूद्ध धारा-324 का प्रकरण न्यायालय में प्रचलित होने तथा उम्मीदवार के जमानत/मुचलके पर रिहा होने की जानकारी भी अनुशंसा के साथ भेजी गई है? तब उपरोक्त स्थिति में क्या नियुक्ति आदेश बिना किसी बाधा/शर्तों के जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और नहीं तो किस प्रकार? (ख) यदि उम्मीदवार द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित न्यायालय में प्रकरण प्रचलित होने तथा जमानत/ मुचलका पर रिहा होने की जानकारी प्रथम नियुक्ति के समय छुपाकर शासकीय सेवा प्राप्ति की जाती है और यह तथ्य बाद में प्रकाश में आता है तब उसे क्या दण्ड दिया जावेगा और किस प्रकार?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आवेदक द्वारा साक्षात्कार के पूर्व न्यायालय प्रकरण से संबंधित जानकारी अनुप्रमाणन फार्म की कंडिका 12 क एवं ख में दी जाती है। प्रकरण न्यायालय में लंबित होने पर विभाग को प्रावधिक रूप से चयन हेतु अनुशंसित किया जाता है। तत्पश्चात न्यायालय के निर्णयानुसार संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ख) उम्मीदवार द्वारा अनुप्रमाणन फार्म की कंडिका 12 क एवं ख में जानकारी छुपाई जाती है तो अनुप्रमाणन फार्म की ''चेतावनी'' 1,2 एवं 3 अनुसार उम्मीद्वार की सेवा समाप्त की जा सकती है, यदि उम्मीद्वार का यह तथ्य बाद में प्रकाश में आता है, तो सेवा से पृथक करने की कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की जाती है।
छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी हेतु
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 2103 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बाग श्री प्रतापसिंह रावत एवं श्रीमती सुनिता रावत द्वारा बालक/कन्या शासकीय आदिवासी छात्रावासों से छात्रावास अधीक्षक के पद पर पदस्थ होकर सेवा प्रदान की गई है अथवा की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधीक्षकों द्वारा किन-किन छात्रावासों में कब-कब पदस्थ रहकर सेवाएं प्रदान की गई हैं अथवा पदस्थ हैं वर्षवार बतावें एवं नियुक्ति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावे। क्या उक्त अधीक्षक उक्त पद हेतु योग्य है? यदि हाँ, तो शैक्षणिक योग्यता की छायाप्रति उपलब्ध करावे और यदि नहीं, तो उक्त पद हेतु किस आधार से नियुक्त आदेश प्रदान किया गया? (ग) क्या आदिवासी विकास विभाग द्वारा छात्रावासों में सामग्री क्रय करने हेतु राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो उस क्रम में प्रश्नांश (क) अधीक्षकों के कार्यकाल में किन-किन छात्रावासों हेतु किस-किस मद से कितनी राशि का आवंटन हुआ है वर्ष 2009 से 2013 तक की जानकारी वर्षवार एवं राशिवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांकित (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त अधीक्षकों द्वारा छात्रावासों हेतु किन-किन सामग्रियों को किस-किस दर से किन-किन एजेन्सियों से क्रय किया गया है? विवरण उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री प्रताप सिंह रावत बालक छात्रावास बाग में दिनांक 17.10.1994 से 31.12.2003 तक अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे तथा श्रीमती सुनीता रावत कन्या उत्कृष्ट छात्रावास बाग में दिनांक 01.07.2017 से अधीक्षक का कार्य कर रही हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। शैक्षणिक योग्यता की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। अद्यतन प्रावधानों के अनुसार प्रश्नांकित अवधि में छात्रावासों को आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता था। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की नीति का पालन
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 2115 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषित जीरों टॉलरेंस नीति का पालन किया जा रहा हैं? विगत 2 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक आबकारी विभाग में कितने अधिकारियों के विरूद्ध कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई? (ख) क्या जबलपुर कलेक्टर ने प्रमुख सचिव वाणिज्यकर मध्यप्रदेश शासन को जबलपुर में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त श्री सत्यनारायण दुबे को अवैध वसूली की शिकायतों के कारण जबलपुर जिले से अन्यत्र पदस्थ करने के लिये अर्द्धशासकीय पत्र लिखा है? (ग) यदि हाँ, तो कलेक्टर जबलपुर द्वारा लिखे गए अर्द्धशासकीय पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। विगत 2 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक आबकारी विभाग में अधिकारियों के विरूद्ध 36 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 11 शिकायतों का निराकरण किया गया। शेष शिकायतें प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) उक्त प्रस्ताव को फिलहाल नस्तीबद्ध किये जाने का निर्णय लिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति में जिले वार असमानता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
56. ( क्र. 2127 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्ष 1998, 2006 एवं वर्ष 2016 में रजक/धोबी जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने हेतु अशासकीय संकल्प पारित किये गये हैं? (ख) क्या संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल के द्वारा प्रमुख सचिव आ.जा. एवं अनु.जा. कल्याण विभाग को धोबी/रजक जाति को संपूर्ण मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति में मान्य किये जाने हेत अनुशंसा पत्र भेजा था? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर से प्रकरण को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली के लिये सकारात्मक अनुशंसा सहित प्रतिवेदन भेजा जा चुका है? यदि हाँ, तो कब? पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृपया बतावें कि मध्यप्रदेश में रजक/धोबी जाति को अनुसूचित जाति में अलग-अलग जिले में घोषित असमानता को समाप्त करते हुये प्रदेश स्तर पर सम्मिलित करने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर उक्त जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित कर मान्यता दे दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। दि. 14.7.2006 को भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अधिकार भारत सरकार को है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुनरीक्षित पेंशन
[वित्त]
57. ( क्र. 2129 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के द्वारा दिनांक 1 जनवरी, 2016 के पूर्व सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने के आदेश जारी कर दिये हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाकर पेंशन पुनरीक्षित हो गयी है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) दिनांक 1 जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने के सम्बन्ध में सरकार द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि दिनांक 1.1.2016 के बाद सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को कब तक सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाकर पेंशन पुनरीक्षित के आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। राज्य के वित्तीय संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में यथा समय निर्णय लिया जाता है। (ख) एवं (ग) दिनांक 01 जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए वित्त विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 8-1/2016/नियम/चार, दिनांक 20 जुलाई 2017 से निर्देश जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम्पनी द्वारा मुआवजा प्रदाय करने के संबंध में
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2150 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर चौथापुल के समीप निवासरत नागरिकों के 19 घरों में हाई वोल्टेज के कारण उनके घरों के टी.वी. फ्रिज से लेकर पानी की मोटर तक जल गई है? क्या उक्त घटना पॉवर केबल के गलत जोड़ने के फलस्वरूप हुई थी? (ख) क्या विगत छ: माह पूर्व गढ़ा क्षेत्र में भी हाई वोल्टेज के कारण पाँच घरों के उपकरण जल गये थे, जिसकी शिकायत पीडि़तों ने संबंधित बिजली कार्यालय में की थी? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही है तो क्या उक्त दोनों स्थानों पर स्टेपअप कम्पनी ने कार्य किया था एवं गलती से लाईनमेनों ने घरों के कनेक्शन वाले बाक्स में न्यूट्रल में फेज जोड़ दिया था जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा था? (घ) यदि वर्णित (क), (ख), (ग) सही है तो क्या कम्पनी पीडितों को हर्जाना प्रदाय करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दिनांक 3.2.18 को सचिव, कांग्रेस कमेटी मध्यप्रदेश द्वारा दिये गये ज्ञापन में ज्ञात हुआ है कि हाई वोल्टेज के कारण 19 घरों में विद्यमान उपकरण जल गये हैं। जी नहीं, जाँच करने पर पाया गया कि उक्त घटना दिनांक 31.1.18 को लगभग सायं 5.00 बजे विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आने से हाई वोल्टेज होने के कारण हुई है। (ख) संबंधित कार्यालय में प्रश्नांकित घटना जानकारी संज्ञान में नहीं आई है, किसी भी उपभोक्ता द्वारा पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय के शिकायत कक्ष में इस संबंध में शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युत अधोसंरचना के कार्य मेसर्स स्टेपअप इण्डस्ट्रीज कंपनी लिमिटेड द्वारा किया गया है। जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटना विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आने के कारण हुई है एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित घटना की जानकारी संज्ञान में नहीं आयी है। (घ) जी नहीं, (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में हर्जाना देने का प्रश्न नहीं उठता।
अतिक्रमण से संबंधित ब्यौरों का संकलन किया जाना
[जनजातीय कार्य]
59. ( क्र. 2191 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत बनाए गए प्रकरणों से संबंधित जिला अभिलेखागार में उपलब्ध मौजावार पंजी, तहसील, टप्पा तहसील की प्रकरण पंजी में दर्ज (मद अ/68) के प्रकरणों की जानकारी जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक भी संकलित की जाकर वनाधिकार समिति, ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) जिला अभिलेखागार में उपलब्ध मौजावार पंजी एवं टप्पा तहसील, तहसील कार्यालय में उपलब्ध प्रकरण पंजी में धारा 248 के अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों से संबंधित मद अ/68 के प्रकरणों को किस-किस प्रारूप में दर्ज किया गया है? उनकी जानकारी संकलित कर उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में जिला वनाधिकार समिति बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद ने किस-किस दिनांक को क्या निर्णय लिया? विभाग ने किस दिनांक को आदेश जारी किया? निर्णय एवं आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर धारा 248 के तहत वर्ष 1959 से 2005 तक बनाए गए प्रकरणों की जानकारी संकलित कर प्रश्नांकित दिनांक तक भी संबंधित वनाधिकार समिति, ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है। (घ) कब तक मौजावार पंजी एवं प्रकरण पंजी से जानकारी संकलित कर उपलब्ध करवा दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला बैतूल-तहसील कार्यालयों में उपलब्ध पंजी में धारा 248 के अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों से संबंधित मद अ/68 के प्रकरणों को प्रारूप में दर्ज किया गया। प्रारूप संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिला होशंगाबाद एवं हरदा में कार्यवाही प्रचलित है। मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 2-4/ 2014/सात -6 दिनांक 5.8.2014 की प्रति प्रारूप संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) वन अधिकार समिति, ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत द्वारा जानकारी चाहे जाने पर उपलब्ध करायी जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
1100 के.व्ही. विद्युत लाईन हटवाने बाबत्
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 2262 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के वार्ड क्रमांक 34 से 35 तक शान्ति नगर कालोनी, लोकनाथपुरम के मकानों में रहने वाले वार्डवासियों के मकानों के उपर से विद्युत लाईन 1100 के.व्ही. के तार मोहल्ला के बीचो बीच मकानों की छतों के उपर से लगे हुये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त विद्युत लाईन के तार बरसात व आधी में व मकान निर्माण व अन्य कार्य में विद्युत लाईन टूटकर मकान पर गिर जाते हैं जिसके कारण मकानों में विद्युत करंट प्रवाहित होने से दुर्घटनायें होती हैं? (ग) उक्त संबंध में विगत 2 वर्षों में विद्युत विभाग कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री जिला छतरपुर को जनहानि को देखते हुये जनप्रतिनिधियों व जनता द्वारा उक्त विद्युत लाईन रिहायसी क्षेत्र से अलग कर अन्य स्थान पर करने हेतु कितने आवेदन दिये गये है, उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? दिनांकवार, आवेदन पर की गयी कार्यवाही का विवरण प्रदाय करें? (घ) यदि उक्त आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें एवं समय-सीमा में कार्यवाही ना करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
निर्धारित
सुरक्षा मानकों
के अनुरूप 11 के.व्ही.
लाईन (1100
के.व्ही.
नहीं) पूर्व
से स्थापित
थी, किन्तु
कालांतर में
उक्त लाईन के
नीचे/आस-पास
घरों/कालोनी
का निर्माण
किया गया है। (ख)
जी नहीं, प्रश्नांश
में उल्लेखित
दुर्घटनाओं
संबंधी कोई
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है। (ग)
विगत दो
वर्षों में जन
प्रतिनिधियों
एवं जनता
द्वारा उक्त विद्युत
लाईन आबाद
क्षेत्र से
अन्यत्र स्थानान्तरित
करने हेतु
दिये गये
आवेदनों एवं
उन पर की गई
कार्यवाही की
प्रश्नाधीन
चाही गई जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(घ) उत्तरांश
(ग) में
दर्शाए
अनुसार प्रश्नाधीन
अवधि में
प्राप्त 3 आवेदनों
में से 2 आवेदनों
में कार्य
पूर्ण हो चुका
है जिसका विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। एक
आवेदन में
नियमानुसार
संबंधितों
द्वारा लाईन
शिफ्टिंग के
कार्य हेतु
आवश्यक राशि
जमा करने की
सहमति देने पर
प्राक्कलन
स्वीकृत
किया जा सकेगा
एवं तदुपरान्त
संबंधितों
द्वारा राशि
जमा करने एवं
लाईन
शिफ्टिंग हेतु
भूमि उपलब्ध
कराए जाने पर
लाईन
शिफ्टिंग का
कार्य किया जा
सकेगा। उक्त
परिप्रेक्ष्य
में समय-सीमा
बताए जाने
अथवा किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न नहीं
उठता।
परिशिष्ट
- ''पचपन''
संभागीय एकलव्य आवासीय विद्यालय गुना की मैस व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 2310 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय गुना में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय में अमले का सेटअप क्या है? (ख) उक्त आवासीय विद्यालय में अधीक्षक किस श्रेणी का रखने का प्रावधान है? (ग) क्या इस आवासीय विद्यालय में अधीक्षक का प्रभार पात्रता अनुसार न दिया जाकर सहायक शिक्षक को प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) विभाग द्वारा उचित अर्हता के अधीक्षक की व्यवस्था कब तक की जावेगी? अवधि बतायें तथा प्रदेश के अन्य एकलव्य आवासीय विद्यालयों की मैंस व्यवस्था अनुसार गुना के एकलव्य आवासीय विद्यालय की मैस व्यवस्था हेतु प्रभावी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) एवं
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ग) जी नहीं, स्वीकृत
पद के अनुसार
वेतनमान 9300-34800
ग्रेड पे 3600 के
शिक्षक को
प्रभार
प्रदान किया
गया है। (घ) संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
स्वीकृत
सैटअप के
अनुरूप ही
अधीक्षक पदस्थ
है। मैस व्यवस्था
को प्रभावी
बनाने हेतु
शिकायत के
आधार पर श्री
अरूण कुमार
गुप्ता के स्थान
पर श्री नारायण
सिंह अहिरवार
को अधीक्षक
पदस्थ किया
गया है। शेष
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''छप्पन''
छात्रावासी छात्राओं द्वारा सड़क पर चक्का जाम
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 2311 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24 जनवरी 2018 को कराहल जिला श्योपुर की छात्रावासी छात्राओं ने चक्का जाम किया था? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) की स्थिति क्यों निर्मित हुई? (ग) सरकार छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधाओं हेतु संवेदनशील हैं फिर इस घटना के लिये कौन जवाबदेह हैं? उसका नाम, पदनाम बताया जावे? (घ) शासन/विभाग ने इस प्रकरण में दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक जिले के प्रभारी सहायक आयुक्त के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तों अवधि बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस घटना के लिये छात्रावास अधीक्षिका जवाबदेह हैं। (घ) प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी अधीक्षिका को निलम्बित किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामो की हाईटेंशन लाईनो से संबद्धता
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 2337 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी तहसील नलखेड़ा को हाईटेंशन लाईन के माध्यम से ग्राम मोयाखेड़ा से जोड़ने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इस हाईटेंशन लाईन की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या हाईटेंशन लाईन द्वारा संबंधित स्वीकृत ग्रामों को इस लाईन के माध्यम से विद्युत उपलब्ध कराई जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों व कब से? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाईटेंशन लाईन स्तरहीन होने के कारण विद्युत उपलब्धता हेतु उपयोग नहीं आ रही हैं? यदि हाँ, तो इस प्रकार की स्तरहीन विद्युत लाईन का कार्य किस एजेन्सी के माध्यम से कराया गया था, इसका सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? ऐसे दोषी अधिकारी, कर्मचारी एवं कार्य एजेन्सी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या जांच कर उचित कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांकित स्वीकृत हाईटेंशन लाईन को पुनः चालू करने में शासन को कोई परेशानी हैं तो ऐसी स्थिति में उक्त दोनों गांव खेलागांव, टोलक्याखेड़ी को अन्य स्वतंत्र हाई टेंशन लाईन से जोड़ने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, आगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी, तहसील नलखेड़ा को ग्राम मोयाखेडा स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. लाईन से संबद्ध करने हेतु कुल लागत राशि रू. 49.60 लाख के कार्य की स्वीकृति दिनांक 4.6.2008 को प्रदान की गई थी वर्ष 2010-11 में अत्याधिक वर्षा एवं आँधी-तूफान के कारण उक्त 11 के.व्ही. लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी तथा ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण इस लाईन को पुन: स्थापित नहीं किया जा सका। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार उक्त लाईन के क्षतिग्रस्त होने एवं ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण लाईन पुन: स्थापित नहीं किये जा सकने के कारण वर्ष 2010-11 से इस लाईन से विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है तथापि वर्तमान में प्रश्नाधीन दोनों ग्रामों को ग्राम पचलाना में निर्मित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, जो कि दिनांक 16.09.2017 को ऊर्जीकृत किया गया था, से निर्गमित 11 के.व्ही. गैर-कृषि पिलवास फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 11 के.व्ही. लाईन निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही स्थापित की गई थी, किन्तु वर्ष 2010-11 में प्राकृतिक आपदा के कारण उक्त लाईन का लगभग 2 कि.मी. का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यह विद्युत लाईन उपयोग में नहीं आ रही है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण प्रश्नाधीन 11 के.व्ही. लाईन को पुन: स्थापित नहीं किया जा सका किन्तु प्रश्नाधीन दोनों ग्रामों को दिनांक 16.09.2017 को ऊर्जीकृत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पचलाना से निर्गमित 11 के.व्ही. पिलवास घरेलू फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के व्यवस्थापन
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 2338 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? संभागवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों पर पोषण आहार, शैक्षणिक गतिविधियां, मंगल दिवस, आंगनवाड़ी भवन आदि के वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितना बजट आवंटित हुआ था? औसत एक आंगनवाड़ी केन्द्र पर कितनी राशि व्यय हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितनी-कितनी राशि विगत 03 वित्तीय वर्षों में प्राप्त हुई हैं? केन्द्रवार विवरण देवे? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया? पूर्ण विवरण देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में 84465 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) पोषण आहर, शैक्षणिक गतिविधियॉ, मंगल दिवस, आंगनवाड़ी भवन आदि हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल राशि रुपये 295799.73 लाख का बजट आवंटित हुआ था एवं राशि रुपये 279840.40 लाख का व्यय हुआ। आंगनवाड़ी केन्द्र पर औसत व्यय सम्बन्धी आंकड़ों का संधारण नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत 03 वर्षों में प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राशि का उपयोग आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मंगल दिवस आयोजन हेतु किया गया।
शिक्षा ऋण के संबंध में
[वित्त]
65. ( क्र. 2362 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा अध्ययन हेतु राज्य सरकार द्धारा शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में विधानसभावार कितने आवेदकों द्वारा शिक्षा ऋण हेतु आवेदन किया, कितने आवेदकों के शिक्षा ऋण स्वीकृत हुये एवं कितने आवेदकों के शिक्षा ऋण अस्वीकृत हुये? (ग) स्वीकृत शिक्षा ऋण में आवेदकों की ग्यारंटी क्या शासन द्वारा ली गई या स्वयं आवेदकों द्वारा? जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बैंकों द्वारा स्वीकृत उच्च शिक्षा ऋणों पर प्रशासकीय विभाग की अनुशंसा पर वित्त विभाग द्वारा जारी की गई गारंटी का वर्ष 2013-14 से दिनांक 31.12.2017 तक विवरण संबंधित वर्ष के बजट साहित्य खण्ड-5 में विधानसभा के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
वन भूमि के पट्टे
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 2484 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 18 की स्थिति में रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी तथा बेगमगंज में कितने वन अधिकार (वन भूमि के पट्टे) के आवेदन पत्र कब से एवं क्यों लंबित है? (ख) क्या आवेदन पत्र कई माह से वन विभाग के पास पी.डी.ए. सर्वे हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो वन विभाग पी.डी.ए. सर्वे क्यों नहीं कर रहे हैं वन विभाग कितने दिनों से आवेदन पत्र लंबित रखे हैं? कब तक निराकरण होगा? (ग) विगत 2 वर्षों में उक्त विकासखण्डों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक कितने दावों को क्यों निरस्त किया? संबंधित व्यक्ति, ग्रामसभा को कब-कब सूचित किया? (घ) प्रश्नांश (क) स्थान अंतर्गत वन भूमि के पट्टों के संबंध में मान.मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद, विधायकों के पत्र विगत 2 वर्षों में प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की तथा कितने प्रकरणों का निराकरण हुआ और कितने प्रकरणों का क्यों नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रायसेन जिले के सिलवानी विकास खण्ड के 403 आवेदन पत्र जून 2016 से पी.डी.ए. सर्वे हेतु लंबित है। लंबित होने का कारण उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा मान्य बताया जाना एवं उप वन मण्डल अधिकारी सिलवानी द्वारा अमान्य माना जाना है। विकासखण्ड बेगमगंज में कोई दावा लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार लंबित आवेदनों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर पुन: पी.डी.ए. सर्वे करने हेतु वन मण्डल अधिकारी रायसेन के द्वारा उप वनमंडल अधिकारी सिलवानी को दिनांक 22/02/2018 को आवेदन भेजे गये। प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिलवानी एवं बेगमगंज विकासखंडों के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक कुल 6658 दावे 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व का कब्जा न होने, मौके पर कब्जा नहीं पाये जाने, एक ही परिवार के कई सदस्यों द्वारा प्रस्तुत करने तथा अन्य परम्परागत वर्ग के दावे 75 वर्ष (तीन पीढी का कब्जा) का साक्ष्य न होने आदि कारणों से निरस्त किये गये हैं। संबंधितों को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 5703 दिनांक 31/12/2016, 2384 दिनांक 22/06/2017, 4288 दिनांक 27/10/2017, 4494 दिनांक 15/11/2017, 4903 दिनांक 20/12/2017, 152 दिनांक 18/01/2018 एवं पत्र क्रमांक 423 दिनांक 19/02/2018 द्वारा सूचना दी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 2485 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 18 की स्थिति में विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों में उनके विद्युतीकरण की क्या-क्या योजना है? (ख) उक्त जिलों के किन-किन ग्रामों, को विद्युतीकरण की योजना में सम्मिलित नहीं किया गया? ग्रामवार जानकारी दें? उनको उक्त योजना में सम्मिलित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) फरवरी 15 से फरवरी 18 की अवधि में उक्त जिलों के किन-किन सांसद-विधायकों के पत्र कब-कब मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? पत्रों के जवाब अधिकारियों ने क्यों नहीं दिये? समस्याओं का निराकरण कब तक होगा तथा पत्रों के जवाब कब तक देंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों सहित संपूर्ण प्रदेश में अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा संचालित योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किये गये/किये जा रहे हैं। उक्त योजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र के सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिलों के सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में संचालित विद्युतीकरण की योजनाओं में पूर्ण किया जा चुका है, अत: विद्युतीकरण हेतु छूटे अविद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) फरवरी-15 से फरवरी-18 की अवधि में नरसिंहपुर एवं रायसेन जिलों के माननीय सांसदों एवं माननीय विधायकों के प्रश्नाधीन विषय में प्राप्त पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) माननीय सांसदों/विधायकों के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं पर कार्यवाही कर समय-समय पर संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही से माननीय सांसदों/विधायकों को अवगत करवाया गया है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। उक्त पत्रों के संबंध में शेष समस्याओं के निराकरण की समयावधि नरसिंहपुर जिले हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' में दर्शाये अनुसार है तथा तद्संबंध में माननीय सांसद एवं माननीय विधायकों को अवगत कराया जा चुका है। रायसेन जिले हेतु कतिपय समस्याओं पर निराकरण कार्यवाही हेतु कार्य विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित कर लिया गया है अथवा कार्य प्रगति पर है जिसे दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
68. ( क्र. 2511 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सीहोर जिले में नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना प्रारंभ करने की योजना बनाई है? यदि हाँ, तो कब तथा वर्तमान में परियोजना की क्या प्रगति है? (ख) नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना के लिए कितना बजट प्रस्तावित किया गया है तथा कितने समय अवधि में परियोजना का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना के तहत किस स्थान से नर्मदा नदी को किस स्थान पर पार्वती नदी से लिंक किया जाएगा तथा इस योजना से लाभान्वित होने वाले जिले के ग्रामों का ब्लाकवार ब्यौरा दें। परियोजना से सिंचित होने वाले रकबे का ब्लाकवार ग्रामवार ब्यौरा दें। (घ) नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना से किसानों को खेतों में सिंचाई के पानी किस तरह से उपलब्ध कराया जाएगा? पानी वितरण की प्रणाली का पूर्ण ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। परियोजना चार चरणों में पूर्ण की जावेगी वर्तमान में प्रथम एवं द्वितीय चरण की निविदा माह जनवरी में आमंत्रित की जा चुकी है। तृतीय एवं चतुर्थ चरण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) अगले वित्तीय वर्ष के बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण को 04 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित है। तृतीय एवं चतुर्थ चरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना के तहत इंदिरा सागर जलाशय से ग्राम धरमपुरी (तहसील सतवास) के निकट से जल उद्वहित कर ग्राम सिंगारचोरी (तहसील आष्टा) के निकट जंक्शन स्ट्रक्चर में डाला जावेगा वहां से पानी पाईप लाईन वितरण प्रणाली के द्वारा सिंचाई हेतु प्रदाय किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। टर्न की परियोजना होने से निर्माण एजेन्सी के निर्धारण के बाद विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत ग्रामों में परिवर्तन संभव है एवं उसके पश्चात् ही ग्रामवार सैंच्य क्षेत्र की जानकारी दिया जाना संभव होगा। (घ) नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना के अंतर्गत पाईप वितरण प्रणाली के माध्यम से किसानों को दबाव पर सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जावेगा। प्रस्तावित योजना के अंतर्गत प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर के चक के लिये 01 आउटलेट का निर्माण किया जावेगा। जिसके द्वारा कृषक सीधे अपने खेत में स्प्रिंकलर/ड्रिप सिंचाई हेतु पानी ले सकेंगे।
केन्द्र शासन से प्राप्त राशि
[वित्त]
69. ( क्र. 2512 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों को प्रति वर्ष राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक तक विगत 3 वर्ष के दौरान किस-किस विभाग को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है वर्षवार, विभागवार, मदवार ब्यौरा दें। (ख) क्या केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का उपयोग विकास कार्यों में किया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस विभाग द्वारा केन्द्र से प्राप्त राशि का किन-किन विकास कार्यों में उपयोग किया है वर्षवार, विभागवार, मदवार ब्यौरा दें। (ग) क्या केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अभी और राशि मिलना बाकी है? यदि हाँ, तो किस-किस विभाग को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि मिलना अभी बाकी है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वांछित जानकारी प्रश्नांश "क" के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 के वित्त लेखे को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम रूप दिया जाना शेष है, अत: जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
कुपोषण की रोकथाम
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 2536 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के किन-किन जिलों में वर्ष 2014, 2015, 2016, 2017 एवं वर्ष 2018 में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने बच्चे कुपोषित पाये गये हैं एवं कितने-कितने बच्चों की कुपोषण के कारण मौते हुई हैं? जिलेवार संख्या बताई जाए? (ख) शासन द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही हैं? (ग) कुपोषण से प्रभावित क्षेत्रों में आंगनवाड़ी द्वारा प्रतिदिन प्रति बच्चा कितना-कितना पौष्टिक खाद्य पदार्थ दिया जाता है एवं प्रतिदिन के मान से प्रति बच्चा कितनी राशि व्यय की जाती है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिलों में वर्ष 2014, 2015, 2016, 2017 एवं वर्ष 2018 में चिन्हित कुपोषित बच्चों की जिलेवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिलों में बच्चों की कुपोषण के कारण मौतों की संख्या निरंक है। (ख) विभाग द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभिन्न कार्यक्रम/योजना संचालित किये जा रहे है। वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वज़न एवं अतिकम वज़न वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाता है। बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत नियमित पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं नियमानुसार थर्डमील उपलब्ध कराया जाता है। कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु दिनांक 1 दिसंबर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक विशेष वजन अभियान चलाया गया। कुपोषण निवारण हेतु अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत जिले की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसकी संभाग अंतर्गत जिलों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुध्द नागरिकों द्वारा अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर, उनके माता-पिता को नियमित पोषण परामर्श दिया जाता है। इसके साथ ही चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान का आयोजन एवं चिन्हित जिलों में डे-केयर सेन्टर का प्रारंभ, जिला श्योपुर में पुरूष ग्रोथ मॉनीटर की नियुक्ति एवं स्वच्छता किट का प्रदाय किया गया है। स्वास्थ विभाग द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिये चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) प्रदेश में वर्तमान में प्रचलित मापदंडो के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को 12-15 ग्राम प्रोटीन एवं 500 कैलोरीयुक्त पूरक पोषण आहार राशि रू. 6/- प्रतिदिवस के मान से दिए जाने का प्रावधान है। अतिकम वजन के बच्चों को 20-25 ग्राम प्रोटीन एवं 800 कैलोरीयुक्त पूरक पोषण आहार राशि रू. 9/- प्रतिदिवस के मान से दिए जाने का प्रावधान है।
आयुक्त कार्यालय खरगोन पर सामग्री का क्रय
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 2653 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2017-18 में विभाग द्वारा सहायक आयुक्त कार्यालय, जिला खरगोन स्तर पर समस्त क्रय सामग्री को कब-कब किस स्कूल/होस्टल/आश्रम/अन्य स्थान किस माध्यम से प्रदान किया गया। क्या प्राप्त समस्त सामग्रियों को संबंधित स्थान पर स्टॉक पंजी में इंट्री कर ली गई है। (ख) उक्त क्रय सामग्री हेतु प्राप्त मद एवं व्यय राशि की जानकारी देवें। इस क्रय सामग्री की मांग या क्रय संबंधी दिशा निर्देश कब किस माध्यम से जिला स्तर पर प्राप्त हुई? उक्त सामग्री का मूल्यांकन/सत्यापन कार्य किस अधिकारी द्वारा किया गया? पद सहित सूची देवें। (ग) उक्त सामग्री में से वारंटी वाली सामग्रियों का पूर्ण भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो कितनी राशि किन कारणों से, किन शर्तों पर, कब तक के लिए रोकी गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। क्रय सामग्री की मांग संस्थाओं द्वारा प्राप्त हुई। सामग्री का मूल्यांकन/सत्यापन कार्य जिला स्तर पर गठित क्रय समिति द्वारा किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 2672 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती विष्णु जाटव पत्नी स्व. श्री नरेश जाटव निवासी ग्राम चरखा तहसील भितरवार जिनके पति जो साईकल, दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की पंचर जोड़ने का काम करता था, उसकी डबरा में कम्प्रेसर फटने के कारण मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, तो क्या इनकी पत्नी को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि से कलेक्टर ग्वालियर के पत्र क्र0/क्यू/एस0सी0-2/आ0सहा0/2017/ 11635 दिनांक 18/9/2017 एवं पुनः पत्र क्र0/क्यू/एस0सी0-2/आ0सहा0/30/2017/16249 ग्वालियर दिनांक 28/2/2017 जो उप-सचिव, म.प्र.शासन, माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय मंत्रालय वल्लव भवन भोपाल को लिखा था क्या संबंधित को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कितनी और कब, यदि नहीं, तो क्यों? कब तक आर्थिक सहायता प्रदाय करा दी जावेंगी? (ख) दिनांक 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में माननीय मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से किस-किस व्यक्ति को कितना-कितना आर्थिक लाभ दिया है? व्यक्ति का नाम, पिता/पति का नाम, पता कितनी आर्थिक सहायता राशि, किस प्रायोजन हेतु, किस दिनांक को प्रदाय कराई गयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विचारोपरांत नस्तीबद्ध किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लेखापाल को द्वितीय समयमान का लाभ
[वित्त]
73. ( क्र. 2683 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के द्वारा लिपिक संवर्ग को 20 वर्ष की सेवा उपरांत द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिनांक 01/04/2006 से दिये जाने के आदेश प्रसारित किये गये थे? (ख) क्या उच्च श्रेणी लिपिक एवं लेखापाल/गणक का वेतनमान रूपये 4000-6000 (5200-20200+2400) है? (ग) यदि हाँ, तो क्या लेखापाल/गणक को समान वेतनमान होने के उपरान्त भी पदोन्नति मानी जाकर द्वितीय समयमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है अथवा दिये गये लाभ की मय ब्याज के वसूली की जा रही है? (घ) क्या किसी प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा लेखापाल के द्वितीय समयमान वेतनमान के संबध में की गई वसूली को निरस्त किया गया है? (ङ) यदि हाँ, तो क्या माननीय न्यायालय के आदेश के परिपेक्ष्य में शासन समस्त उच्च श्रेणी लिपिक से लेखापाल के पद पर पदोन्नति होने के उपरांत भी 20 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिनांक 01/04/2006 से द्वितीय समयमान का लाभ लेखापाल/गणक को प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) उच्च श्रेणी लिपिक एवं लेखापाल का वेतन बैण्ड रूपये 5200-20200 है परन्तु उच्च श्रेणी लिपिक का ग्रेड वेतन रूपये 2400/- एवं लेखापाल का ग्रेड वेतन रूपये 2800/- है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण का संदर्भ स्पष्ट नहीं होने से उत्तर देने में असमर्थता हे। (ड.) उत्तरांश"घ"के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पत्र पर की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
74. ( क्र. 2744 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत नगर परिषद् बिछुआ में की गई अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में नगर परिषद बिछुआ के नेता प्रतिपक्ष श्री रघ्घू मांडेकर द्वारा आवेदन/शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया था, इस आवेदन/शिकायत पत्र पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नगर परिषद बिछुआ में की गई अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को जाँच में दोषी पाया गया है? (ग) जाँच में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया है, क्या ऐसे दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करते हुए एफ.आई.आर. दर्ज कराकर वसूली की कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्राप्त शिकायत पर लोकायुक्त संगठन में प्रकरण क्रमांक जा.प्र. 505/16 पंजीबद्ध किया गया है। (ख) प्रकरण में अभी जाँच परीक्षणाधीन है। जाँच उपरांत दोषी अधिकारी/कर्मचारियों का निर्धारण किया जाएगा। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रोत्साहन राशि के भुगतान की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 2745 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की विभिन्न परियोजनाओं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा महिला हितग्राहियों को इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ दिलाये जाने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि अभी तक विभाग द्वारा उन्हें प्रदान नहीं की गई है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत कार्यरत किन-किन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को महिला हितग्राही को इंदिरा गांधी मातृत्व योजना का लाभ दिलाये जाने के बाद प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाना बाकी है? केन्द्रवार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के नाम व राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत कार्यरत ऐसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान विभाग द्वारा कब तक करा दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना सशर्त लाभ स्कीम है। योजना के हितग्राहियों को अंतिम किश्त का पूर्ण भुगतान होने के उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। अतः शर्त पूर्णतः पालन करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा चुकी है। PFMS पोर्टल की अनिवार्य शर्ते पूर्ण न होने के कारण हितग्राहियों को लाभांवित नहीं किया जा सका है। जिस कारण कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की प्रोत्साहन राशि के भुगतान हेतु प्रकरण लंबित है। (ख) छिंदवाड़ा जिले की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना अन्तर्गत संपूर्ण भुगतान किये जाने के पश्चात शेष आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को प्रोत्साहन राशि लंबित भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छिंदवाड़ा जिले की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि के लंबित प्रकरणों का योजना की शर्तों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण किया जा रहा है। भुगतान की समयावधि देना संभव नहीं है।
क्षतिपूर्ति दिलाये जाना
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2756 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील मऊगंज के ग्राम बरयांकला के किसान गणेश प्रसाद यादव तथा महेश प्रसाद यादव पिता श्री त्रिवेणी प्रसाद यादव के भैस एवं गाय घर के द्वार पर बंधी हुई थी जिनके ऊपर 11 के.व्ही. लाईन का तार दिनांक 11/10/2017 को टूटकर ऊपर गिर जाने से उपरोक्त मवेशियों की मौत हो गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. के अंतर्गत मृतक मवेशियों के मालिक को मुआवजा देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो संबंधितजनों द्वारा थाना मऊगंज में रिपोर्ट पुश चिकित्सालय मऊगंज में पी.एम. कराकर सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर बिजली कम्पनी को आवेदन दिया गया था? फिर भी मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा मौखिक रूप से भुगतान हेतु कहने पर भी आर्थिक सहायता क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराकर जिम्मेदार के ऊपर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? मवेशी मालिकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के अन्तर्गतग्राम बरयांकला में दिनांक 11.10.2017 को तीव्र आंधी-तूफान की वजह से 11 के.व्ही. लाईन के फेस का तार टूट कर गिर जाने के कारण उसके सम्पर्क में आने से प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत दुर्घटना घटित हुई, जिसमें 2 मवेशियों की मृत्यु हो गयी थी। (ख) जी नहीं। अत: मुआवजा दिये जाने संबंधी कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) विद्युत दुर्घटना में मवेशियों के मृत होने पर आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं होने के कारण तत्संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) विद्युत लाईन के नीचे मवेशियों के बांधे जाने के कारण प्राकृतिक आपदा यथा-आंधी-तूफान की वजह से अचानक विद्युत लाईन के टूट जाने एवं उसके सम्पर्क में आने के कारण प्रश्नाधीन दुर्घटना घटित हुई है, जिसमें वितरण कंपनी का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन प्रकरण में मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं होने से भुगतान किया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न समस्याओं के आवेदन का निराकरण
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 2757 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज 71 के मुख्यालय मऊगंज में विभिन्न समस्याओं को लेकर दिनांक 04/01/2018 को जेल भरो अंदोलन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अनुविभागीय दण्डाधिकारी तहसील मऊगंज को आवक क्रमांक 244 दिनांक 29/01/2018 को अधीक्षक यंत्री पू.क्षे.वि.वि.क.लिमि. रीवा को विद्युत समस्याओं का निराकरण हेतु क्रमांक 1 से 454 तक का आवेदन एवं संबंधित समस्या का विवरण उल्लेखित कर निराकरण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिया प्रस्ताव गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रत्येक आवेदनों के निराकरण की स्थिति का उल्लेख कर की गई कार्यवाही से अवगत करावें? अगर निराकरण नहीं किया गया है तो निराकरण की समय-सीमा से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में क्या कनेक्शन विच्छेद कर बिल बन्द करने के आवेदनों पर निराकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ तथापि प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र से प्राप्त सूची में सरल क्रमांक 206,207 एवं 208 दर्ज नहीं है। सरल क्रमांक 205 के बाद 209 दर्ज है, इस प्रकार प्रश्नांश में उल्लेखित 454 आवेदनों में से वस्तुत: 451 आवेदन प्राप्त हुये हैं। उक्त सूची के अतिरिक्त 90 अन्य आवेदन भी उपरोक्त पत्र के साथ प्राप्त हुये हैं। इस प्रकार प्रश्नाधीन उल्लेखित सन्दर्भ से कुल 541 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित 451 एवं 90 आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण एवं लंबित आवेदनों के निराकरण हेतु समयावधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन प्राप्त आवेदनों में से कनेक्शन विच्छेदित कर बिल बंद करने के आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
केंद्र सरकार से अनुबंध अनुसार कोयला प्रदाय नहीं किया जाना
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 2794 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों की इकाईवार क्षमता बतावें? साथ ही इन ईकाइयों के लिए केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय में कब-कब कोयला प्रदाय अनुबंध (F.S.A.) फ्यूल सप्लाई ऐग्रीमेंट किया गया? छायाप्रति उपलब्ध करावें? अनुबंध के अनुसार वर्ष 2017-18 में प्रति माह कितने मीट्रिक टन कोयला ताप विद्युत गृहों को प्रदान करना था? ताप विद्युत गृहवार जानकारी दें? (ख) वर्तमान में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सभी ताप विद्युत गृहों में औसतन प्रतिदिन एवं माह में कुल कितना मीट्रिक टन कोयला खपत होना हैं? क्या वर्तमान में उतना कोयला प्रदाय किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं क्या सितम्बर 2017 से जनवरी, 2018 तक काफी कम कोयला प्रदाय किया गया है? इस कारण बहुत सी ईकाइयां बंद है या चलित ईकाइयों को कम भार पर चलाया जा रहा है? (ग) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों की माह अगस्त 2017 से जनवरी, 2018 तक की माहवार जानकारी बतावें कि प्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा कितने मैट्रिग टन प्रतिमाह कोयला उपलब्ध कराना था एवं वास्तविक रूप से कितना कोयला उपलब्ध कराया गया? केन्द्र सरकार से अनुबंध अनुसार पूरी मात्रा में कोयला प्राप्त करने के लिए म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड क्या कार्यवाही कर रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त ताप विद्युत गृहों की इकाईवार क्षमता की जानकारी एवं केन्द्र सरकार की कोयला कंपनियों से म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों हेतु किये गये कोयला प्रदाय अनुबंध (एफ.एस.ए.) की तिथि से संबंधित चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। उक्त सभी ताप विद्युत गृहों के कोयला प्रदाय अनुबंधों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-एक', 'अ-दो', 'अ-तीन', 'अ-चार' एवं 'अ-पाँच' अनुसार है। उक्त अनुबंधों के अनुसार कोयला कंपनियों के द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को वर्ष 2017-18 में माह जनवरी 2018 तक प्रदाय किये जाने वाले कोयले की ताप विद्युत गृहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ख) वर्तमान में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों में कोल इंडिया द्वारा तय किये गये कोल मैट्रिक्स के अनुसार औसतन प्रतिदिन 55,000 मी.टन एवं माह में कुल 16,50,000 मी. टन कोयला खपत का आंकलन किया गया है वर्तमान में कोयला कंपनियों द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को उपरोक्त तय मैट्रिक्स के अनुसार पूर्ण कोयला प्रदाय नहीं किया जा रहा है, जिसका मुख्य कारण मांग के अनुसार कोयले का उत्पादन एवं प्रदाय न होना है वर्तमान में कोयले की कमी से म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कोई ताप विद्युत ईकाई बंद नहीं है तथापि माह सितम्बर 2017 से जनवरी 2018 तक म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में कुछ इकाइयों को कोयले की कमी के कारण कभी-कभी बंद रखा गया एवं कुछ इकाइयों को आंशिक भार पर चलाया गया। (ग) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों को फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के अनुसार माह अगस्त 2017 से जनवरी 2018 तक माहवार अनुबंधानुसार प्रदाय किये जाने वाले कोयले की मात्रा एवं वास्तविक रूप से प्राप्त कोयले की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। कोयला कंपनियों से अनुबंध अनुसार पूर्ण मात्रा में कोयला प्राप्त न होने पर म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं शासन स्तर से केन्द्र सरकार से समय-समय पर पत्राचार कर कोयले की कमी के बारे में अवगत कराते हुये आपूर्ति बढ़ाने हेतु अनुरोध किया गया एवं आपूर्ति बढ़वाई गई। इसके अतिरिक्त म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं ऊर्जा विभाग द्वारा संबंधित कोल कंपनियों एवं रेल अधिकारियों से पत्राचार, विभिन्न स्तर पर वार्तालाप एवं बैठक की जा रही है एवं आवश्यकतानुसार जनरेशन किया जा रहा है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायक की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
79. ( क्र. 2807 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 348 दिनांक 28-11-2017 के अनुसार ग्राम पुलावली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ख) भिण्ड जिले के अंतर्गत दिनांक 01.07.2017 से प्रश्नांश दिनांक तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति प्रश्न दिनांक तक किन-किन की लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण हैं? कब तक नियुक्ति हो जायेगी? नियत समयावधि में कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्न दिनांक को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पद रिक्त हैं, कब तक पद पूर्ति हो जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जानी चाहिये? क्या समयावधि में कार्यवाही हो रही है? यदि नहीं, तो कौन अधिकारी दोषी है? क्या उसको निलंबित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 348 दिनांक 28.11.2017 के अनुसार ग्राम पुलावली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिये की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले के अन्तर्गत दिनांक 01.07.2017 से प्रश्नांश दिनांक तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति के लिये लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पुलावली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
छात्रावासों में दी जा रही सुविधाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
80. ( क्र. 2828 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कितने अनुसूचित जाति, जनजाति, बालक/बालिका छात्रावास हैं? उन छात्रावासों में कौन-कौन अधीक्षक पदस्थ हैं तथा छात्रावासों में कितनी सीट (स्थान) स्वीकृत है, उनमें से कितने बालक-बालिका दर्ज हैं तथा उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं? (ख) क्या छात्रावासों में अधीक्षक निवासरत नहीं हैं, जिन छात्रावासों में छात्र/छात्राओं द्वारा स्वयं के लिये तथा अन्य छात्र/छात्राओं के लिये खाना बनाया जाता है, तो क्या उन छात्रावासों में रसोइया नहीं है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या छात्र-छात्राओं द्वारा ही खाना बनाया जायेगा? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) पन्ना जिले में छात्रावास में बालक/बालिकाओं को कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ था? उसमें से कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध करायी गयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। छात्रावासों की बुनियादी सुविधाओं से युक्त नि:शुल्क आवासीय सुविधा छात्रावासों में मैस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में आगमन भत्ता, इसके अतिरिक्त बिस्तर सामग्री, पुस्तकालय, समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार, स्टेशनरी एवं कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। (ख) जिन छात्रावासों में अधीक्षक निवास हैं उन छात्रावासों में अधीक्षक निवास करते हैं। छात्रावासों में छात्र-छात्राओं द्वारा खाना नहीं बनाया जाता है एवं छात्रावासों में छात्र-छात्राओं के खाना बनाने हेतु रसोईया पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राप्त आवंटन से छात्रावासों में मैस संचालन, बिस्तर सामग्री, उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी एवं कोचिंग की सुविधा प्रदान की गई है।
पवन ऊर्जा सयंत्रों की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
81. ( क्र. 2854 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१३ से अब तक उज्जैन संभाग में पवन ऊर्जा प्राप्ति हेतु कितने एवं कहाँ-कहाँ पवन ऊर्जा संयत्र स्थापित किये गये? प्रत्येक संयत्र के स्थापना व्यय एवं स्थापित करने वाली कंपनी अथवा ठेकेदार के नाम सहित ब्यौरा दें. (ख) प्रश्नांश (क) संयंत्रों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का उक्त अवधि में सयंत्रवार ब्यौरा क्या है? (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कम क्यों है? क्या शासन इस क्षेत्र में उक्त सयंत्र बढ़ाने का इरादा रखता है? यदि हाँ, तो कब तक एवं कितनी मात्रा में?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2013 से अब तक उज्जैन संभाग में स्थापित पवन ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन न सिर्फ आलोट विधानसभा क्षेत्र वरन सम्पूर्ण प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिये अग्रसर है। इस हेतु शासन द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियांवयन नीति-2012 लागू की गयी है। आलोट विधानसभा क्षेत्र में प्रचलित नीति के प्रावधानों के अनुसार ईकाईयों द्वारा परियोजना स्थापना के प्रस्ताव प्राप्त होने पर, लागू नवकरणीय ऊर्जा क्रय आबंधन लक्ष्य के अनुरूप राज्य को विद्युत विक्रय, किसी तृतीय पक्ष को विद्युत विक्रय अथवा स्वयं के लिये आवश्यक विद्युत की आपूर्ति के लिये आवश्यक क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना संभव हो सकेगी।
मदिरा दुकानों की नीति संबंधी
[वाणिज्यिक कर]
82. ( क्र. 2855 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नई आबकारी नीति अंतर्गत मदिरा दुकानों एवं अहातों के संबंध में क्या-क्या संशोधन किये गये हैं? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या शहरी क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों के निकट, स्कूल, धनी आबादी एवं नागरिकों व महिलाओं के विरोध स्थानों से शराब विक्रय दुकानें व अहाते हटाने संबंधी शासन ने कोई निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो जनहित में क्यों नहीं? (ग) देशी शराब एवं अंग्रेजी शराब विक्रय की शहरी सीमा में नियम व शर्तें क्या हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में नई आबकारी नीति वर्ष 2018-19 अंतर्गत देशी/ विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों/एकल समूहों के निष्पादन की व्यवस्था का प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में कराया गया है, जिसकी प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उक्त राजपत्र की उपकण्डिका क्रमांक 4.5 (5) अनुसार वर्ष 2017-18 के लिए मदिरा की दुकानों पर स्वीकृत अहाता/शॉप बार लायसेंस दिनांक 01.04.2018 से बंद किये जायेंगे। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में प्रकाशित विज्ञप्ति की उपकण्डिका क्रमांक 6.1 अनुसार, दिनांक 01.04.2018 से गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, वैध गर्ल्स हॉस्टल/छात्रावास एवं वैध धार्मिक स्थलों से 50 मीटर दूरी तक अवस्थित मदिरा दुकानों को बंद किया जायेगा। (ग) देशी शराब एवं अंग्रेजी शराब का विक्रय मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 13 एवं सामान्य अनुज्ञप्ति की शर्तें तथा सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के तहत किया जाता है, जिसकी प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष शराब दुकानों के निष्पादन एवं विक्रय के संबंध में आबकारी नीति का प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में किया जाता है।
आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के माडा पाकेट/क्लस्टर बाबत्
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 2860 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग जिला नीमच द्वारा पत्र क्रमांक 2015, दिनांक 22 जून 2015 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा को मनासा के आदिवासी के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों को माडा पाकेट/लघु अंचल के गठन के प्रस्ताव तैयार करने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के क्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनासा द्वारा आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के माडा पाकेट/क्लस्टर तैयार कर प्रस्ताव कब प्रेषित किए गए? (ग) यदि उक्त प्रस्ताव प्रेषित नहीं किए गए हैं तो इसके क्या कारण हैं? कब तक प्रस्ताव तैयार कर माडा पाकेट क्लस्टर तैयार कर लिया जावेगा? (घ) शासन के निर्देशों के बाबजूद प्रस्ताव न भेजने के जिम्मेदार कौन हैं। इनके विरुद् क्या कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मनासा से प्रस्ताव प्राप्त न होने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मनासा से प्रस्ताव प्राप्त कर कलेक्टर नीमच के पत्र दिनांक 28.10.2016 के द्वारा संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं को प्रेषित किया गया। (ग) एवं (घ) भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित मापदण्ड एवं दिशा निर्देशों के अनुरूप न होने से सूक्ष्म परीक्षण कर प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु पुन: संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं के पत्र क्रमांक/सां/नक्र-151/2017/5162 दिनांक 23/01/2018 द्वारा कलेक्टर नीमच को लिखा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, शिक्षण एवं अन्य शुल्क की प्रतिपूर्ति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
84. ( क्र. 2866 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण/जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के छात्रों हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, शिक्षण एवं अन्य शुल्क की प्रतिपूर्ति के क्या मापदंड हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश के विभिन्न जिलों में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, शिक्षण एवं अन्य शुल्क के प्रतिपूर्ति की राशि पृथक-पृथक निर्धारित है या एक समान, विवरण सहित रीवा जिले की जानकारी देवें। (ग) क्या रीवा जिले में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अ.जा. एवं अ.ज.जा वर्ग के बी.एस.सी. में अध्ययनरत छात्रों की शिक्षण एवं अन्य शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि अशासकीय महाविद्यालयों के लिए 108 रूपये वार्षिक निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्या इतनी कम राशि में अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षा देना संभव है? यदि नहीं, तो क्या विभाग द्वारा किसी तरह का अनुदान इन अशासकीय महाविद्यालयों को उपलब्ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या रीवा जिले के अशासकीय महाविद्यालयों में अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के छात्रों को शिक्षण एवं अन्य शुल्क की प्रतिपूर्ति कम होने के कारण उनकी अंकसूची शिक्षण सत्र 2014-15 की महाविद्यालयों द्वारा रोकी गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इन छात्रों की अंकसूची दिलाने हेतु शासन स्तर से निर्देश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। रीवा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2014-15 में रीवा जिला अंतर्गत अशासकीय महाविद्यालयों द्वारा कम फीस भुगतान के कारण किसी भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की अंकसूची नहीं रोकी गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की सेवा समाप्ति
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 2916 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को कितने वर्ष की आयु पूर्ण होने पर विभाग द्वारा अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर उनकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं? इनकी उम्र की गणना किस आधार पर की जाती है? (ख) सैलाना विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण करने पर किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों की कितनी कार्यकर्ता एवं सहायिका की सेवा समाप्त की गई? क्या इसमें किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा आयु विवाद को लेकर आपत्ति दर्ज की गई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के पत्र क्र./एफ-3-2/06/50-2/दिनांक 10.07.2007 के निर्देशों के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्त किये जाने का प्रावधान है। इनकी उम्र/आयु की गणना संबधितों द्वारा नियुक्ति के समय उपलब्ध कराये गये आयु संबंधी दस्तावेज के आधार पर आयु का निर्धारण किया जाता है। आयु संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी आयु निर्धारण प्रमाण-पत्र के आधार पर संबंधित की आयु की गणना की जाती है। (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक निर्धारित आयु सीमा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी हाँ। विभाग द्वारा दिनांक 30.11.2017 को सेवानिवृत्त की गई श्रीमती कुवरी देवजी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नेगडापाडा परियोजना सैलाना द्वारा सेवानिवृत्त किये जाने के विरूद्ध दिनांक 18.01.2018 को आयु संबंधी मेडिकल बोर्ड का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर आपत्ति दर्ज कराई गई थी जिसके आधार पर श्रीमती कुवरी देवजी की आयु में संशोधन की कार्यवाही कर दी गई है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी केन्द्र कोठारिया की सहायिका श्रीमती चोकलीबाई द्वारा भी आयु के संबंध में आपत्ति दर्ज कराई गई थी। परन्तु श्रीमती चोकली बाई मेडिकल बोर्ड का आयु निर्धारण संबंधी प्रमात्र पत्र नियत समयावधि में प्रस्तुत नहीं करने के कारण उन्हें दिनांक 28.02.2018 को सेवानिवृत्त कर दिया गया है।
सौभाग्य योजना
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 2917 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युत विहीन ग्रामों एवं मजरे टोलों को विद्युतीकृत किए जाने के लिए शासन द्वारा क्या नियम बनाए गए हैं? योजनांतर्गत क्या विद्युत लाईन विस्तारीकरण का भी प्रावधान है? (ख) आदिवासी विधानसभा क्षेत्र सैलाना के ग्रामों एवं मजरों में सामूहिक बस्ती न होकर चार-पाँच मकान की बस्ती है, जिनकी आपस में दूरी भी अधिक है। ऐसी बस्तियों को विद्युतीकृत किए जाने हेतु सौभाग्य योजना में कोई विशेष प्रावधान है? यदि नहीं, तो इसके लिए शासन क्या कार्ययोजना बनायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्व से संचालित विद्युतीकरण योजनाओं में निर्मित विद्युत अधोसंरचना का उपयोग करते हुए, आवश्यक विद्युत अधोसंरचना का विस्तार करके सभी विद्युत विहीन घरों को विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिये दिनांक 25.09.2017 से सौभाग्य योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत ''सामाजिक आर्थिक कास्ट सर्वे 2011'' के आधार पर चिन्हित सभी आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति वाले परिवारों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान किये जाने तथा अन्य श्रेणी के परिवारों से 500 रूपये की राशि 10 किश्तों में मासिक विद्युत बिलों के साथ लिये जाने का प्रावधान है, किन्तु इन परिवारों से भी विद्युत कनेक्शन देते समय कोई राशि नहीं ली जाएगी। विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी उक्त योजना के विस्तृत दिशा निर्देश/नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित बस्तियों को विद्युतीकृत किए जाने हेतु सौभाग्य योजना के अंतर्गत निम्नदाब लाईन विस्तार कर विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
जनजाति कार्य विभाग जिला कार्यालय अशोकनगर को प्राप्त राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
87. ( क्र. 2933 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में जिला कार्यालय अशोकनगर से किस-किस मद में अनुसूचित जाति छात्रावास में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) विगत 5 वर्षों में जिला कार्यालय अशोकनगर को सुदृढ़ीकरण मद अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कौन-कौन से कार्य कराए गए? (ग) विगत 5 वर्षों में जिला कार्यालय अशोकनगर द्वारा अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक एवं बालिका छात्रावास में कितने बच्चों को अंग्रेजी कोचिंग दी गई। सूची प्रदाय करें तथा कोचिंग व्यवस्था में कितनी राशि व्यय की गई? (घ) विगत 5 वर्षों में जिला कार्यालय अशोकनगर द्वारा माहवार कितने छात्र-छात्राओं की शिष्या वृत्ति राशि का आहरण किया गया? राशि आहरण करने से पूर्व क्या छात्र/छात्रा की उपस्थिति की जानकारी संबंधित संस्था से ली गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में अशोकनगर जिला कार्यालय द्वारा 376 बालक एवं 119 बालिकाओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अंग्रेजी कोचिंग दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। जी हाँ। माहवार छात्र-छात्राओं की शिष्यवृत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। छात्र-छात्राओं की शिष्यवृत्ति की राशि का आहरण संस्था की उपस्थिति अनुसार ही किया गया है।
म.प्र. विद्युत कंपनी में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 2934 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत कंपनी में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति संबंधी कोई नीति है अथवा नहीं? यदि है तो विवरण दें। (ख) विद्युत कंपनी में वर्ष 2006 से कितने कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति सहायक अभियंता के पद पर कब-कब की गई? कंपनीवार एवं वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ग) विद्युत मंडल द्वारा जारी आदेश क्र. 01-05/01/wc/3 दिनांक 10/01/1990 जिसमें सहायक अभियंता के पद 40% कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नित कर भरने संविधित था, जिसका पालन विद्युत कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विद्युत कंपनियों में यथासंशोधित लागू ''म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002'' के अनुसार कनिष्ठ अभियंता की पदोन्नति वरिष्ठता सह उपयुक्तता आधार पर की जाती रही है। (ख) तत्कालीन मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मण्डल के कार्मिको का उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों में अंतिम रुप से अंतरण एवं आमेलन अप्रैल 2012 में किया गया था वर्ष 2006 से दिनांक 10.04.2012 तक कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति सहायक यंत्री के पद पर पूर्ववर्ती म.प्र. राज्य विद्युत मंडल द्वारा की गई, जिसकी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। दिनांक 10.04.2012 के पश्चात् विद्युत कंपनियों द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं की पदोन्नति सहायक अभियंताओं के पद पर किये जाने संबंधी कंपनीवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, विद्युत मंडल द्वारा जारी आदेश क्र. 01-05/I/wc/3 दिनांक 10.01.1990 के अनुसार सहायक अभियंता के स्वीकृत पदों में से 40 प्रतिशत पद कनिष्ठ अभियंताओं की सहायक अभियंताओं के पद पर पदोन्नति के लिए आरक्षित किए गये है, का पालन म.प्र. राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती सभी विद्युत कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 2942 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 324, 329, 330, 336 दिनांक 29/12/2017, पत्र क्रमांक 10, 12, 15 दिनांक 07/01/2018, क्रमांक 42 दिनांक 11/01/2018, पत्र क्रमांक 31 दिनांक 22/01/2018 तथा पत्र क्रमांक 62 दिनांक 25/01/2018 द्वारा पत्र सौंप कर विभिन्न विभागों में हुए भ्रष्टाचार एवं दुरूपयोग के संबंध में जाँच कराने हेतु लिखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्रों पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पत्र क्रमांक 15 द्वारा जबलपुर के भू-माफिया बिल्डर मुस्कान ग्रुप, समदड़िया ग्रुप द्वारा किये गए विभिन्न अवैध निर्माण कार्यों की उच्चस्तरीय जाँच कराये जाने एवं दोषी अधिकारियों को दण्डित करने तथा पत्र क्रमांक 324 द्वारा जबलपुर जिले के तत्कालीन कलेक्टर, ए.डी.एम. द्वारा भू-माफियाओं एवं दलाल आदिवासियों के साथ मिलकर वर्ष 2003 से 2015 की अवधि के बीच में आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति देकर लगभग 500 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले की उच्चस्तरीय लोकायुक्त जाँच कराये जाने हेतु लेख किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) की की गई कार्यवाही विवरण देते हुए शेष अन्य पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण स्पष्ट किया जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) पत्र क्रमांक 15 एवं 324 मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा क्रमश: प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास तथा सामान्य प्रशासन (कार्मिक) विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गए है। शेष अन्य पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है।
विभागीय आदेश में संशोधन
[जनजातीय कार्य]
90. ( क्र. 2950 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत सहायक यंत्री के 7 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 6 सहायक यंत्री के पदों को विभाग के आदेश क्र./स्थापना-2/न. क्र.-36/2016/10782 दिनांक 18/05/2016 द्वारा संभाग स्तर पर अंतरित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या बैतूल जिले के पद को उक्त आदेश में शामिल नहीं किया गया एवं भोपाल संभाग से सहायक यंत्री के पद के कार्यक्षेत्र में बैतूल जिले को शामिल किया गया जिसमें बैतूल जिले के पद का कोई कार्यक्षेत्र नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित अंतरिम आदेश त्रुटिपूर्ण है? यदि हाँ, तो संशोधित अंतरिम आदेश विभाग द्वारा जारी किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। परीक्षणाधीन है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के विरूद्ध शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 3024 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त भोपाल को इरफान जाफरी किसान जागृति संगठन फतेहगढ़ भोपाल द्वारा दिनांक 6 मार्च 2017 को एवं दिनांक 1 मई, 2017 को प्रस्तुत आवेदन पर सहकारिता विभाग भोपाल एवं मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के विरूद्ध ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि से संबंधित प्रकरण जाँच के लिए पंजीबद्ध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो राज्य शासन ने शुद्ध लाभ के संबंध में दिनांक 15 मई, 1998 को क्या आदेश जारी किया? उस आदेश के अनुसार कितनी राशि ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को वर्ष 2014 तक प्रदाय किये जाने एवं कितनी राशि जिला वनोपज सहकारी समितियों को प्रदाय की जानी थी एवं कितनी राशि प्रदाय की गई? (ग) संगठन के द्वारा जाँच के लिए पंजीबद्ध शिकायत दिनांक से प्रश्न तिथि दिनांक तक मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं आयुक्त/ पंजीयक सहकारिता विभाग विंध्याचल भवन भोपाल से किस-किस दिनांक को क्या-क्या जानकारी प्राप्त की? किस-किसके किस दिनांक को बयान दर्ज किए गए? (घ) लोकायुक्त संगठन कब तक जाँच पूरी कर प्रकरण पंजीबद्ध करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन होने के कारण गोपनीयता की दृष्टि से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का पुन: ऑडिट कराया जाना
[वित्त]
92. ( क्र. 3025 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा श्री अनिरूद्ध मुखर्जी सचिव मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा पद के प्रभाव का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार के चलते कूटरचना के तहत नियम विरूद्ध मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री शौकत मो. खान के चाहे अनुसार कनिष्ठ अंकेक्षण दल से पुन: ऑडिट कराने के संबंध में दिए गए अवैधानिक आदेश की जाँच कराकर संबंधितों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही किए जाने के संबंध में दिनांक 07 दिसम्बर, 2017 को मध्यप्रदेश शासन के माननीय मुख्यमंत्री जी, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया जी, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह जी, अपर मुख्य सचिव श्री ए.पी. श्रीवास्तव जी और सचिव श्री रमेश थेटे जी को पत्र प्रेषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही प्रचलन में है तो कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) संदर्भित पत्र विभाग को प्राप्त है। (ख) पत्र दिनांक 07.12.2017 में उठाये गये बिन्दुओं पर संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा से परीक्षण टीप प्राप्त है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शराब घोटाले पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
93. ( क्र. 3052 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में वर्ष 2017 में जिला इंदौर में उजागर शराब घोटाले से राज्य शासन को कितनी राशि का राजकोषीय नुकसान हुआ है और क्यों? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने ठेकेदारों एवं संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? तत्संबंध में जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ग) जाँच प्रतिवेदनों में प्राप्त तथ्यों के आधार पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी दें। क्या सभी संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है? नहीं तो कारण दें। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित नुकसान की राशि की वसूली हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की और कितनी राशि वसूली गई एवं कितनी शेष है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में शासन एवं प्रशासन द्वारा किस-किस प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किए गये और तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नानुसार राज्य शासन को कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी कर जमा राशि को बढ़ाकर रूपये 41,65,21,890/- कम जमा होना परिगणित की गई है। (ख) प्रश्न दिनांक तक जिन आबकारी ठेकेदारों/व्यक्तियों के सबंध में पुलिस थाना रावजी बाजार, इन्दौर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है उनके नाम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रश्नांतर्गत सक्षम स्तर से उक्त प्रकरण में जिन विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबित किया गया एवं कालांतर पश्चात बहाल किया गया है। उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–दो अनुसार है। आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के उपरांत प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों का दायित्व निर्धारित होगा एवं तदनुसार उनके विरूद्ध शासन स्तर से कार्यवाही की जाना आशयित है। (ग) पुलिस विभाग इन्दौर से प्राप्त पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शित नुकसान की राशि की वसूली हेतु आबकारी विभाग जिला इन्दौर द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गई :- 1. कलेक्टर जिला इन्दौर के द्वारा बकायादारों के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी की गई। 2. बकायादारों के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत अतिरिक्त तहसीलदार (आबकारी) आंतरिक क्षेत्र क्रमांक-1 सांवेर, काछीमोहल्ला, महू, ''अ'' के न्यायालयों में प्रकरण पंजीबद्ध कर उनके विरूद्ध बकाया राशि के मांग पत्र जारी किये गये। प्रक्रियानुसार मांग पत्र तामील कराये गये तथा प्रकाश में आये तथ्यों के आधार पर नियमानुसार राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है। उपरोक्तानुसार तत्परतापूर्ण कार्यवाही करते हुये प्रश्न दिनांक तक रूपये 21,48,40,156/- की वसूली की जा चूकी है तथा वसूली हेतु रूपये 20,16,81,734/- की राशि अवशेष है। जिसकी नियमानुसार वसूली हेतु प्रयास किये जा रहे है। (ड.) उपलब्ध अभिलेखानुसार निम्नानुसार दिशा-निर्देश मुख्यत: जारी किये गये तथा कार्यवाही की गई है :- 1. प्रकरण में संबंधित शराब ठेकेदारों/व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाना रावजी बाजार, इन्दौर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। संबंधित आबकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी कर कार्यवाही की गयी। 2. आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा आंकलन के लिए जाँच समिति गठित की गई। उक्त समिति की प्रारंभिक जाँच में कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी कर जमा राशि को बढ़कर रूपये 41,65,21,890/- कम जमा होना परिगणित की गई है। 3. शासन स्तर से संबंधित आबकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया एवं कालांतर पश्चात बहाल किया गया है। आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के उपरांत प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा एवं तदनुसार उनके विरूद्ध शासन स्तर से कार्यवाही की जाना आशयित है। 4. भविष्य में ए.जी.एम.पी. की ऑडिट रिपोटर्स के परीक्षण के आधार पर प्रस्तुत तथ्यों में परिमार्जन/परिवर्द्धन संभावित है। अंतिम रिपोर्ट अपेक्षित है। 5. संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, भोपाल एवं स्थानीय कोष एवं लेखा अधिकारियों द्वारा जाँच की गई। अंतिम रिपोर्ट अपेक्षित है। 6. संबंधित शराब अनुज्ञप्तिधारियों को अनियमितताओं के लिए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया, उनके विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करते हुये उनकों प्रदत्त अनुज्ञप्तियों के संदर्भ में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के अंतर्गत लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही एवं अन्य प्रक्रियागत वैधानिक कार्यवाही की गयी।
पाटन तहसील अंतर्गत निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
94. ( क्र. 3072 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवन्ती बाई सागर परियोजना अंतर्गत संभाग क्रमांक-2 के अंतर्गत पाटन तहसील में कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? निर्माण कार्य की लागत, निर्माण एजेंसी का नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णत: दिनांक सहित संपूर्ण सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की निविदायें किस दर पर किन शर्तों के अधीन कब आमंत्रित की गई तथा इन निर्माण कार्यों का ठेका कब, किन निर्माण एजेंसियों को किन नियम एवं शर्तों के तहत प्रदान किया गया? उल्लेखित निर्माण कार्यों में किस गुणवत्ता की कौन-कौन सी निर्माण सामग्री किस रेशों (मात्रा) में प्रयोग की अनुमति निविदाओं की शर्तों के अधीन प्रदान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन निर्माण सामग्री का प्रयोग कर ठेकेदारों द्वारा मनमाने तरीके से गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं जिससे अमानक स्तर के निर्माण कार्य हो रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की जाँच एवं गुणवत्ता परीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं निरीक्षण रिपोर्ट क्या थी? निर्माण कार्यवार सूची देवें एवं क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच उच्च स्तरीय जाँच समिति से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। निविदायें नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा निर्धारित प्रतिशत दर निविदा फार्म-ए की शर्तों के तहत आमंत्रित की गई हैं। निर्माण सामग्री जल संसाधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी स्पेशिफिकेशन एवं एकीकृत दर सूची के नियमों के अनुरूप गुणवत्ता एवं रेशो अनुसार प्रयोग की जा रही है। (ग) जी नहीं। निर्माण सामग्री एवं निर्माण कार्य की जाँच गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा की जा रही है। निर्माण सामग्री के उपयुक्त परिणाम प्राप्त होने के पश्चात ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक दावों को मान्यता
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 3102 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के अंतर्गत सामुदायिक अधिकारों के दावों को मान्यता 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं मिल पाई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले के जिला राजस्व अभिलेखागार में आजादी से पहले एवं बाद में राजस्व विभाग द्वारा बनाये गये ग्रामवार राजस्व अभिलेख हैं? जिसमें समस्त भूमि को ग्रामीण समुदाय, सार्वजनिक एवं निस्तारी अधिकारों एवं प्रयोजना के लिये राजस्व विभाग ने दर्ज किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार मण्डला जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने भू-अधिकार पत्र वनवासियों को प्रदान किये गये हैं? कितने अमान्य किए गए विधानसभा क्षेत्रवार एवं संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर वितरण किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मण्डला जिले में भू-अधिकार के अधिकार पत्रक अभी तक कितनों को नहीं दिया गया है? लंबित रहने का कारण बतावें। इसके लिए कौन दोषी है। दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के अंतर्गत 27469 सामुदायिक अधिकारों के दावों को मान्यता दिये जाकर 27276 सामुदायिक अधिकार पत्र वितरित किये गये है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिले में आयोजित होने वाले अन्त्योदय मेला, शिविरों के माध्यम से वन अधिकार पत्रों का वितरण की कार्यवाही की जाती है। (घ) मण्डला जिले में कोई दावा लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास कार्यक्रम के तहत लघुमूल निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
96. ( क्र. 3103 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जिले में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास कार्यक्रम के तहत मरम्मत, लघुमूल निर्माण, अनुरक्षण तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? कार्य हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई है? किस कार्य एजेन्सी के द्वारा कार्य किया गया? उक्त कार्यों हेतु वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्ण किये गये कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र कब जारी किये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास, आश्रम, स्कूल भवनों का रख-रखाव
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 3106 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्नांश दिनांक तक मांग संख्या 33 एवं 41 में छात्रावास, आश्रम, स्कूल, उच्चतर माध्य. शालाओं के भवनों में मरम्मत, लघुमूल निर्माण कार्यों (सुदृढ़ीकरण/अनुरक्षण) हेतु विकासखण्ड अधिकारी एवं प्राचार्यों की आवंटन प्रदान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया है तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्यों द्वारा कब-कब निविदा आमंत्रित की गई है? (ग) प्रश्नांकित (क) के अनुसार क्या निर्माण/लघुमूल निर्माण कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई है? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जनजातीय कार्य विभाग में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री की कितनी पदस्थापना है? क्या प्राचार्य एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को प्रदाय राशि के प्राक्कलन, मूल्यांकन, सत्यापन किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जनजातीय कार्य विभाग में कार्यपालन यंत्री का पद स्वीकृत नहीं है। जबलपुर संभाग में 01 सहायक यंत्री का पद स्वीकृत है तथा मण्डला जिले में 02 उपयंत्री के पद स्वीकृत हैं। कलेक्टर मण्डला द्वारा जिले में विभागीय संस्थाओं के कार्यों के तकनीकि प्राक्कलन, मूल्यांकन, सत्यापन हेतु जिले में पदस्थ तकनीकी विभाग के कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/उपयंत्री को समय-समय पर आदेशित किया गया है। आदेशानुसार विभागीय एवं अन्य तकनीकी विभागों के तकनीकी अधिकारियों द्वारा संस्थाओं एवं छात्र हित में कार्यों के प्राक्कलन, मूल्यांकन, सत्यापन का कार्य तकनीकि रूप से किया गया है।
बेलखेड़ी माईनर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
98. ( क्र. 3115 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन बांयी तट नहर की बेलखेड़ी माईनर, सब माइनर, टेल माइनर का कितना निर्माण कार्य अब तक पूर्ण हो चुका है? कितना शेष है? (ख) उक्त माइनर सब माईनर का मिट्टी एवं लाइनिंग का निर्माण कार्य तथा स्ट्रक्चर्स का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बेलखेडी माईनर के अंतर्गत आर.डी. 1575 मी. से 1730 मी. तक ओपन डक्ट एवं आर.डी. 1690 मी. पर पुलिया का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। इस कार्य के लिये निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) मिट्टी एवं लाइनिंग निर्माण कार्य तथा स्ट्रक्चर का कार्य (ओपन डक्ट एवं पुलिया को छोड़कर) दिनांक 31/12/2018 तक पूर्ण किया जाना तथा ओपन डक्ट एवं आर.डी. 1690 मी. पर प्रस्तावित पुलिया का निर्माण कार्य मार्च 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
सिंचाई हेतु खेतों तक नर्मदा जल पहुँचाने बाबत
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 3116 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्त्ता के प्रश्न क्र. 608 दि. 23.2.2017 के उत्तर (क) एवं (ख) में बताया था कि बरगी वि.स. क्षेत्र के जबलपुर वि.ख. के ग्राम पारा चौरई, खमरिया, रीवा, नयागाँव, सिलुआ, बम्हनी आदि ग्राम रा.अ.बाई. सागर बांध की बांई तट नहर की पूर्ण जल स्तर (FSL) से 32 मी ऊंचाई पर होने के कारण इन ग्रामों के किसानों को पानी देना संभव नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन की किसानों को पानी देने की मंशा के अनुरूप उक्त ग्रामों के किसानों को उद्वहन सिंचाई योजना (LIS) के द्वारा पानी दिया जा सकता है? (ख) क्या शासन विशेषज्ञों से सर्वे करा कर LIS के द्वारा उक्त ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। परन्तु रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना में बाई तट नहर के लिये बरगी बांध से कुल 1008 मि.घ.मी. पानी सिंचाई के लिये रखा गया है जिससे 1,57,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना है। अत: अतिरिक्त पानी उपलब्ध नहीं होने से इन ग्रामों को पानी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतविहीन आदिवासी ग्राम कठौतियां का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 3117 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबलपुर वि.ख. के आदिवासी बाहुल्य ग्राम कठौतिया के विद्युतीकरण की शासन की क्या योजना है? उक्त ग्राम कठौतिया में विद्युत कब तक पहुँचाई जा सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : जबलपुर विकासखण्ड का ग्राम कठौतिया दिसंबर-2012 से विद्युतीकृत ग्राम है। दूरस्थ एवं वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण वन विभाग की शर्तों के अनुसार उक्त ग्राम के विद्युतीकरण हेतु वन क्षेत्रान्तर्गत लगभग 4 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन हेतु ए.बी. केबिल लगाई गई थी वर्तमान में उक्त 11 के.व्ही., ए.बी. केबिल जल जाने से उक्त ग्राम को विद्युत प्रदाय बंद है। उक्त केबिल को बदले जाने तथा लाईन के मेंटेनेंस कार्य हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राशि रू. 2231624/- का प्राक्कलन स्वीकृत किया गया है। स्वीकृत कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वेतन भत्ते का लाभ दिये जाना
[वित्त]
101. ( क्र. 3146 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ क्यों नहीं प्रदान किया गया? (ख) यदि नियमित कर्मचारी व अस्थाई कर्मचारी में कार्य की समानता है तो वेतन में चार गुनी असमानता क्यों है? प्रदेश में शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों का ई.पी.एफ. क्यों नहीं काटा जा रहा है? (ग) प्रदेश में न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत केन्द्र के समान श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 24000/- निर्धारित क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) छतरपुर जिले के विभिन्न विभागों में एवं विभिन्न बोर्डों जैसे मण्डीबोर्ड में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कब तक सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को श्रम विभाग के सूचकांक के आधार पर पारिश्रमिक देय होता हे, जो कि समय-समय श्रम विभाग तथा जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए जाते है। (ख) राज्य शासन के अस्थायी शासकीय सेवकों को समान वेतन प्राप्त रहता है। दिनांक 01.01.2005 एवं उसके पश्चात् नियुक्त अस्थायी शासकीय सेवक राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्य है, अत: ई.पी.एफ. की पृथक से कटौत्रा की आवश्यकता नहीं रहती है। (ग) राज्य शासन केन्द्र शासन के सभी नियमों का पालन करने हेतु बाध्य नहीं है। राज्य की आर्थिक नीतियों के आधार पर निर्णय लिये जाते है। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 3220 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ऊर्जा विभाग तथा विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में लिपिक, परीक्षण सहायक, लाइन परिचारक एवं भृत्यों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? उक्त पदों के विरूद्ध कुल कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने रिक्त हैं? पदवार जानकारी देवें। (ख) क्या विद्युत कंपनियाँ सेवानिवृत्ति 63 से 65 वर्ष के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कार्य पर रख रही है? यदि हाँ, तो आई.टी.आई. पास उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग 37 वर्ष एस.सी., एस.टी. एवं ओ.बी.सी. एवं महिला वर्ग 42 वर्ष से अधिक उम्र होने पर बेरोजगार हैं, को रोजगार के अवसर से वंचित क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या विभाग एवं कंपनियाँ उक्त स्थिति को देखते हुए नई भर्ती करने हेतु शीघ्र विज्ञापन निकालेगी? यदि हाँ, तो क्या उक्त पदों को आई.टी.आई., डी.सी.ए. मुद्रलेखन स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों से उक्त पदों को भरा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में कार्यालय सहायक (लिपिक) परीक्षण सहायक, लाईन परिचारक एवं भृत्यों के स्वीकृत पद एवं उक्त पदों के विरूद्ध कुल भरे हुए पदों एवं रिक्त पदों की पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स'अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन हेतु अनुभवी सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री/लाईनमेन/परीक्षण सहायक की आवश्यकता होने के कारण 65 वर्ष से कम आयु के सेवानिवृत्त सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री/लाईनमेन/परीक्षण सहायक को निश्चित मानदेय पर राज्य शासन के पत्र क्रमांक 7750/2017/तेरह, दिनांक 01.12.2017 द्वारा प्रदत्त अनुमति के अनुसार एक वर्ष अथवा प्रोजेक्ट पूर्ण होने तक, जो भी पहले हो, नियोजित कर रही है। यह नियुक्ति पूर्णत: अस्थाई एवं संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत पद के अतिरिक्त की गई हैं अत: इसमें किसी भी बेरोजगार को रोजगार के अवसर से वंचित किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'ख' में दर्शाये गये नियोजन को छोड़कर प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियाँ रिक्त पदों के विरूद्ध राज्य शासन से अनुमति प्राप्त कर चरणबद्ध सीधी भर्ती करती है, जिसमें पद की निर्धारित शैक्षणिक योग्यतानुसार आई.टी.आई. एवं डी.सी.ए., मुद्रलेखन, स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। यह भर्तियाँ रिक्ति अनुसार समय-समय पर की जाती हैं।
अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 3252 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकम्पा नियुक्तियों हेतु शासन के क्या नियम वर्तमान में प्रचलन में हैं, की प्रति दी जावे। (ख) जिला मुरैना में 18 फरवरी, 2018 तक अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं। विभाग का नाम आवेदक का नाम पता दिनांक आदि सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित प्रकरणों की नियुक्ति क्यों नहीं हो सकी व शेष आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार।
सांझा चूल्हा योजना
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 3262 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांझा चूल्हा योजना के तहत क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है व इस हेतु क्या मार्गदर्शिका/नियम निर्मित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना में कितनी राशि बजट में प्रावधान होकर जिला शिवपुर को आवंटित की गई, की जानकारी जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? व्यय से संबंधित जानकारी मय कार्य विवरण, व्यय दिनांक, एजेंसी का नाम, पता आदि की जानकारी जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक दी जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज 03 से 06 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को मंगल दिवस के दिन ताजा गर्म नाश्ता एवं भोजन एवं अतिकम वजन के बच्चों को प्रतिदिन थर्ड मील मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय किये जाने का प्रावधान हैं। शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अन्तर्गत पूरक पोषण आहार मद में शिवपुरी जिले को जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक निम्नानुसार राशि आवंटित की गई हैं:-
क्र. |
अवधि |
आंवटित राशि (रू.) |
1 |
01.01.14 से 31.03.14 |
3,72,00,000/- |
2 |
01.04.14 से 31.03.15 |
11,76,70,000/- |
3 |
01.04.15 से 31.03.16 |
14,19,03,000/- |
4 |
01.04.16 से 31.03.17 |
13,17,10,032/- |
5 |
01.04.17 से 31.01.18 |
10,49,80,876/- |
|
कुल योगः- |
53,34,63,908/- |
(ग) माह जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि का व्यय आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय कर रहे स्व-सहायता समूहों को किया गया हैं, जो वर्षवार निम्नानुसार हैः-
क्र. |
अवधि |
आंवटित राशि (रू.) |
1 |
01.01.14 से 31.03.14 |
3,52,68,968/- |
2 |
01.04.14 से 31.03.15 |
11,50,72,385/- |
3 |
01.04.15 से 31.03.16 |
14,10,47,209/- |
4 |
01.04.16 से 31.03.17 |
12,81,75,820/- |
5 |
01.04.17 से 31.01.18 |
9,15,24,821/- |
|
कुल योगः- |
51,10,89,203/- |
संबंधित स्व-सहायता समूहों की नामवार पता/नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार हैं।
बाल संरक्षण समिति एवं ट्रेनिंग सेंटर
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 3263 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बाल संरक्षण समिति एवं ट्रेनिंग सेंटर के तहत क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है व इस हेतु क्या मार्गदर्शिका/नियम निर्मित हैं, की फोटो प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना में कितनी राशि बजट में प्रावधान होकर जिला शिवपुरी को आवंटित की गई, की जानकारी (जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक) दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? व्यय से संबंधित जानकारी मय कार्य विवरण, व्यय दिनांक, एजेंसी का नाम, पता आदि की जानकारी (जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक) दी जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 110 के तहत निर्मित किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियम 2016 के नियम 84 में राज्य बाल संरक्षण समिति एवं नियम 85 में जिला बाल संरक्षण समिति के कार्य परिभाषित किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले को समेकित बाल संरक्षण योजनांतर्गत जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक कुल राशि रूपये 1,37,31,907/- का आवंटन प्राप्त हुआ। (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि के वर्षवार व्यय किये जाने संबंधित जानकारी मय कार्य विवरण, व्यय दिनांक एजेंसी का नाम पता आदि की जानकारी ( जनवरी2014 से जनवरी 2018 तक) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
G.S.T. Tax के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
106. ( क्र. 3282 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, वेट टैक्स को खत्म कर 01 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. लागू हुआ? यदि हाँ, तो 01 जुलाई, 2017 से प्रश्न दिनांक तक इन 08 माह में आर्थिक दर में कितनी बढ़त आई? इस अवधि में कटनी जिले में विभिन्न फर्म संस्थाओं से कितना जी.एस.टी प्राप्त हुआ। (ख) प्रश्नांश (क) की फर्मों/संस्थाओं से सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, वेट टैक्स की तुलना में जी.एस.टी. में कितनी राशि का अंतर आया? विवरण दें। (ग) क्या यह भी सही है कि जी.एस.टी. के चलते कर प्रणाली में पारदर्शिता के कारण, प्रदेश में कर चोरी के प्रकरण सामने आये? यदि हाँ, तो कटनी जिले की किस-किस संस्था/फर्म के कितनी-कितनी राशि के प्रकरण दर्ज हुये? दर्ज प्रकरणों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में जी.एस.टी. के लागू होने के बाद 01 जुलाई, 2017 से प्रश्न दिनांक तक इन 08 माहों में राजस्व में 9.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि में कटनी जिले की पंजीयत विभिन्न फर्म संस्थाओं से राशि 1428.74 लाख का राजस्व एस.जी.एस.टी. के रूप में प्राप्त हुआ है। (ख) कटनी जिले की फर्म/संस्थाओं से पिछले वित्तीय वर्ष में अगस्त 2016 से जनवरी 2017 तक कुल वेट 3114.74 लाख प्राप्त हुआ था। जी.एस.टी. के लागू होने के पश्चात् वित्तीय वर्ष 2017-18 में अगस्त 2017 से जनवरी 2018 तक 1428.74 लाख का राजस्व एस.जी.एस.टी. के रूप में प्राप्त हुआ है। अन्तर की राशि रूपये 1686 लाख है। कटनी जिले की फर्मों/संस्थाओं द्वारा आई.जी.एस.टी. चुकाकर क्रय किये गये मालों के संबंध में सेटलमेंट ऑफ आई.जी.एस.टी. के रूप में राज्य को प्राप्त होने वाली कर राशि उक्त राशि में सम्मिलित नहीं है। जी.एस.टी. के अंतर्गत प्राप्त उक्त राशि केवल एस.जी.एस.टी. से संबंधित है। उक्त राशि में केन्द्र सरकार को प्राप्त होने वाली सी.जी.एस.टी., आई.जी.एस.टी. एवं सेस की राशि सम्मिलित नहीं है। (ग) जी.एस.टी. विधान की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता है। वाणिज्यिक कर विभाग में अभी तक किसी भी करदाता के विरूद्ध कर चोरी का कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
विभागीय योजनाओं में व्यय
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 3283 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 23/02/2017 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 1167 के प्रश्नांश (ख) के उत्तरांश में संलग्न प्रपत्र ''ब'' अनुसार उत्तर दिया हैं क्या वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत उपयोग नहीं हुआ? कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन योजनाओं की राशि का व्यय किन-किन कारणों से नहीं हो सका? क्या लाड़ली लक्ष्मी, ऊषा किरण, फॉस्टकेयर, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजनाओं की राशि कितने हितग्राहियों को कब-कब, किस-किस माध्यम से उपलब्ध कराई गई वर्ष 2013-14 से योजनावार, हितग्राही की संख्यावार, तिथिवार विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले या जिले की किन-किन परियोजनाओं द्वारा आवंटित/प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत उपयोग/व्यय समयावधि के अंदर नहीं किया गया वर्ष 2013-14 से योजनावार, परियोजनावार, राशिवार विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार विभिन्न योजनाओं की राशि अवरूद्ध होने के लिये कौन दोषी है? विभाग दोषी पर क्या कार्यवाही करेगा और कब?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। योजनाओं में शत-प्रतिशत राशि व्यय न होने का कारण विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) व्यय न होने के कारणों की स्थिति विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) संचालनालय महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत आवंटित राशि का समयावधि में आवश्यकतानुसार उपयोग/व्यय किया गया शेष राशि आवश्यकता न होने के कारण समर्पित की गई। कोई भी राशि व्ययगत नहीं हुई शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) संचालनालय एकीकृत बाल विकास की विभिन्न योजनाओं में व्यय की राशि शत-प्रतिशत है। रीठी परियोजना में किशोरी शक्ति योजना वर्ष 2013-14 में व्यय 91 प्रतिशत है क्योकि वर्ष के अंतिम त्रैमास में कोषालय से भुगतान पर रोक लगने के कारण व्यय शत-प्रतिशत नहीं हो सका। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपभोक्ता द्वारा विद्युत कनेक्शन के लिए जमा जमानत राशि पर ब्याज
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 3324 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत कनेक्शन के लिए जमा की जाने वाली अमानत राशि पर ब्याज दिये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो उज्जैन राजस्व संभाग के अन्तर्गत 01 अप्रैल-2017 से दिसम्बर-2017 तक उपभोक्ताओं को अमानत राशि क ऊपर देय ब्याज की कुल कितनी राशि का समायोजन उपभोक्ताओं के देयकों में किया गया? यदि समायोजन नहीं दिया गया है तो उक्त राशि पर विद्युत कपंनी को कितना ब्याज उक्त अवधि में प्राप्त हुआ हैं? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग (उज्जैन क्षेत्र) में दिनांक 31.01.2018 की स्थिति में गैर-घरेलू एवं औद्यौगिक श्रेणी के राशि अनुसार 10-10 बड़े बकायादारों के नाम, पता एवं बकायाराशि की जानकारी देवें? राशि कब से बकाया है? इन बकायादारों के विरूद्ध बकाया वसूली हेतु विद्युत कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि प्रकरण न्यायालय में लंबित है तो क्या कंपनी द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा जा रहा है क्या इन बकायादारों ने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से पूर्व राशि जमा कराये बगैर उसी परिसर में पुन: विद्युत कनेक्शन प्राप्त कर लिये है? इसकी जाँच विद्युत कंपनी द्वारा कब-कब की गई है? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग (उज्जैन क्षेत्र) में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में 31.01.2018 तक विद्युत दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई? इनमें से कितने विद्युत कंपनी के कर्मचारी थे जिलेवार वर्षवार संख्या देवें क्या प्रतिवर्ष विद्युत कर्मचारियों की घातक विद्युत दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है? विद्युत कंपनी द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा के बाबत क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उज्जैन राजस्व संभाग के अंतर्गत 01 अप्रैल-2017 से दिसम्बर-2017 तक विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई उनकी अमानत राशि पर कुल राशि रु. 1338.19 लाख का समायोजन उपभोक्ताओं के विद्युत देयको में किया गया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष भाग का उत्तर अपेक्षित नहीं। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग (उज्जैन क्षेत्र) में दिनांक 31 जनवरी-2018 की स्थिति में गैर-घरेलू एवं औद्योगिक श्रेणी के राशि अनुसार 10-10 बड़े विद्युत देयक बकायादारो के नाम, पता एवं बकाया राशि कब से बकाया है एवं इनके विरुद्ध विद्युत कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है, की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में विद्युत कंपनी द्वारा अपने वकील के माध्यम से विद्युत कंपनी का पक्ष मजबूती से रखा जाता है। विद्युत बकायादारो के परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से पूर्व राशि जमा कराये बगैर उसी परिसर में पुन: विद्युत कनेक्शन प्राप्त कर लेने से संबंधित कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अत: जाँच करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग (उज्जैन क्षेत्र) में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में दिनांक 31/01/2018 तक विद्युत दुर्घटनाओं में क्रमश: 131 व्यक्तियों एवं 114 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। इन मृतक व्यक्तियों में से क्रमश: 02 एवं 03 व्यक्ति, विद्युत कंपनी के कर्मचारी थे। इनकी जिलेवार वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिनांक 31/01/2018 तक विद्युत दुर्घटनाओं में कमी दर्ज हुई है, किन्तु इन दुर्घटनाओं में मृतक विद्युत कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई है। विद्युत कंपनी द्वारा विद्युत कर्मचारियों की सुरक्षा के बाबत समय-समय पर इस बाबत कार्यशाला का आयोजन कर सुरक्षा संबंधी उपायो के बाबत जाग्रत किया जाता है साथ ही उन्हें कार्य करते समय पूर्णत: विद्युत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग कर ही कार्य करने हेतु निर्देशित किया जाता है ताकि असावधानी के कारण होने वाली विद्युत दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
विकासखण्ड अधिकारी की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 3337 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कितने विकासखण्ड अधिकारियों की पदस्थापना की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) जनजातीय कार्य विभाग में (क) में वर्णित अधिकारियों की पदस्थापना किन नियमों के तहत की गई? क्या परीवीक्षा अवधि में इन्हें आहरण व वितरण के अधिकार भी दिये गये हैं? (ग) क्या जनजातीय कार्य विभाग में 1990 से पदस्थ अनेक मंडल संयोजकों को पदोन्नति प्राप्त नहीं हुई है? प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों की पदस्थापना से अनुसूचित जाति, जनजाति संवर्ग के अधिकारियों के पदोन्नति के अवसर समाप्त हो रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारियों को मूल विभाग में वापस कर (ग) में वर्णित अधिकारियों को पदोन्नति प्रत्याशा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं अन्य रिक्त पदों का प्रभार सौंपेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पदस्थापना नहीं की जाती अपितु जनजातीय विकासखण्डों में ग्रामीण विकास विभाग के 27 विकासखण्ड अधिकारियों की पदस्थापना की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69 (2) में दिये गये नियम अनुसार पदस्थापना की गयी। जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पदोन्नति प्राप्त नहीं हुई है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी भर्ती के पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
110. ( क्र. 3340 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग में कौन-कौन से पदों को सीधी भर्ती में भरा गया है? आरक्षित/अनारक्षित विभाग, संवर्गवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों पर विभाग में कार्यरत अधिकारी विभागीय अनुमति से एवं शासकीय सेवा को छोड़कर अन्य विभागों में चले गये? नाम पद विभाग सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित पदों के परीवीक्षाधीन अधिकारियों को विभाग द्वारा प्रशिक्षण, वेतन भत्ते, यात्रा भत्ते एवं अन्य सुविधाएं दी गई जिसमें विभाग की कितनी राशि व्यय हुई? (घ) यदि हाँ, तो विभाग प्रश्नांश (ग) में वर्णित राशि (ख) में वर्णित परीवीक्षाधीन अधिकारियों से वसूल करेगा एवं इस प्रकार के नियम बनायेगा कि अधिकारी से परीवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर विभाग में कम से कम दो वर्ष की सेवा करनी होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कुल राशि रू. 12,29,100/- (बारह लाख उन्तीस हजार एक सौ मात्र) व्यय हुई। (घ) राशि वसूली के कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा कोई प्रस्ताव जनजातीय कार्य विभाग में विचाराधीन नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
111. ( क्र. 3350 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग की गरोठ, भानपुरा में कितनी परियोजनाएं स्वीकृत है? यहां परियोजना अधिकारी का पद कब से रिक्त है? मैदानी अमले के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन नहीं हैं भवन निर्माण हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो पिछले तीन वर्षों में कितने केन्द्रों का निर्माण किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में कहाँ-कहाँ संचालित किये जा रहे है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विभाग की कुल 3 परियोजनाए-गरोठ क्रं 1, गरोठ क्रं 2 एवं भानपुरा स्वीकृत है। परियोजना गरोठ क्रमांक 01 में दिनांक 17.7.2017 से परियोजना अधिकारी का 01 पद एवं भानपुरा परियोजना में परियोजना अधिकारी का 01 पद जुलाई 2015 से रिक्त है। मैदानी अमले में निम्नानुसार पद स्वीकृत एवं रिक्त है:-
क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
1 |
पर्यवेक्षक |
18 |
11 |
7 |
2 |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
365 |
359 |
6 |
3 |
आंगनवाड़ी सहायिका |
365 |
361 |
4 |
4 |
उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
58 |
57 |
1 |
पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 327 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन नहीं है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण एवं राज्य आयोजना से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की योजना है। पिछले 3 वर्षों में 18 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में 75 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित किये जा रहे है। किराये के भवनों की नामवार विस्तृत सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है।
सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 3351 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षैत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत कितने विद्युत संयोजन देना लक्षित है एवं दिनांक 31 जनवरी, 2018 तक कितने विद्युत संयोजन इस योजना के तहत जारी कर दिये गये हे की ग्रामवार संख्या बतावें? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में भानपुरा कस्बा के पान कृषकों द्वारा सिंचाई फीडर के विद्युत प्रदाय के समय में परिवर्तन करने हेतु विद्युत कंपनी को ज्ञापन सौंपा था जिसमें रात्रि के समय के बजाय दिन में पनवाड़ी हेतु विद्युत प्रदाय का अनुरोध किया गया था? उक्त ज्ञापन पर विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है क्या इनकी मांग अनुसार दोपहर में विद्युत प्रदाय किया जावेगा? (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन से ग्राम है जहां पर अभी भी लो वोल्टेज की समस्या है? इन ग्रामों में पर्याप्त वोल्टेज मिल सके इस हेतु कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या-क्या कार्य प्रस्तावित है ताकि सिंचाई पम्पों को पर्याप्त वोल्टेज मिल सकें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत 6315 विद्युत कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य था तथा दिनांक 31 जनवरी, 2018 तक उक्त समस्त 6315 विद्युत कनेक्शन इस योजना के तहत जारी कर दिये गये है, जिनकी ग्रामवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तत्समय पान कृषकों की मांग के अनुसार प्रात: 11:15 बजे से सांय 5:15 बजे तक दिन में विद्युत प्रदाय की सुविधा प्रदान कर दी गई थी तथा वर्तमान में भी पान कृषकों की मांग के अनुसार प्रतिदिन 6 घंटे दिन में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसका समय माह में 15 दिन सुबह 5:15 बजे से 11:15 बजे तक एवं अगले 15 दिन दोपहर 11:15 बजे से सायं 5:15 बजे तक निर्धारित है। (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है जहाँ पर वर्तमान में लो वोल्टेज की समस्या है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत लाइन विस्तार
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 3364 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील के ग्राम खड़गड़ी, कुठली तथा ब्यौहारी तहसील के शहरगढ़ ग्राम के बैरिहाई टोला में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्य किस योजना के तहत किया गया है, उक्त कार्य को संपादित कराने की एजेंसी तथा कार्य उपरांत कार्य की गुणवत्ता को प्रमाणित करने के अधिकारी/कर्मचारी कौन थे? कार्य की लागत राशि क्या थी? कार्य क्षमता अवधि क्या है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) हां तो उक्त कार्य पूर्ण कर बिजली सप्लाई करते ही केबल वायर पूर्णतया जल गया है और प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त स्थलों में बिजली आपूर्ति बंद है? क्या उपरोक्त कार्य को संपादित करने वाली एजेंसी, प्रमाणीकरण अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला शहडोल में तहसील जयसिंहनगर के ग्राम खड़गड़ी एवं कुठली में विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत पूर्ण किया गया है, परंतु ब्यौहारी तहसील के ग्राम शहरगढ़ के बैरिहाई टोला में विद्युतीकरण का कार्य, जो कि उक्त योजना में सम्मिलित है वर्तमान में पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) जिला शहडोल में तहसील जयसिंहनगर के ग्राम खड़गड़ी एवं कुठली में विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर एस.टी.सी. उपसंभाग, शहडोल के माध्यम से संपादित कराया गया है। वितरण कंपनी द्वारा योजना में प्रयुक्त होने वाली मुख्य सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, केबिल, कन्डक्टर, पोल आदि का निर्माण कार्य में उपयोग करने से पूर्व राष्ट्रीय स्तर की एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया तथा सामग्री निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये जाने पर ही उसे उपयोग में लाया जाता है। कार्य की गुणवत्ता को प्रमाणित करने का कार्य तत्कालीन पदस्थ श्री अमित कुमार, कार्यपालन अभियंता (एस.टी.सी.), सतना एवं श्री वसंत कुमार गुप्ता, सहायक अभियंता, उप संभाग, एस.टी.सी., शहडोल द्वारा किया गया है। उक्त कार्य हेतु गुणवत्ता पूर्ण सामग्री का क्रय पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया गया है। उक्त कार्य रु. 1,30,82,678/- की लागत राशि से पूर्ण किया गया है। (ग) कार्य पूर्णता के तुरन्त बाद से ही ग्राम खड़गड़ी एवं कुठली में विद्युत प्रदाय बाधित नहीं हुआ है वर्तमान में ग्राम कुठली में विद्युत प्रदाय चालू है तथा ग्राम खड़गड़ी में 11 के.व्ही. लाईन में प्रयुक्त केबिल में अत्यधिक सुधार कार्य की आवश्यकता होने के कारण केबिल उपयोग योग्य नहीं है, अतः केबिल को बदल कर विद्युत प्रदाय शीघ्र चालू किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त कार्य एक सप्ताह में पूर्ण होना अनुमानित है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन ग्राम दूरस्थ वन क्षेत्र में स्थित हैं तथा कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा यथा-आँधी तूफान, आकाशीय बिजली आदि के कारण 11 के.व्ही. लाईन में प्रयुक्त केबिल के क्षतिग्रस्त होने से जलने के कारण विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे यथाशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर चालू कर दिया जाता है। किन्तु दूरस्थ वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण सुधार कार्य में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
कुपोषण की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
114. ( क्र. 3371 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1033 दिनांक 28 नवम्बर, 2017 के उत्तर में राजगढ़ जिले के अंतर्गत 29226 बच्चें कुपोषित होना बताया गया था तथा विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 1 नवम्बर, 2016 से 28 फरवरी, 2017 तक किया गया जिसमें चिन्हित कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सतत सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कुपोषित बच्चों की संख्या बतावें तथा उक्त विशेष पोषण अभियान अवधि में कितने बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया गया? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन राजगढ़ जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिये कोई ठोस कार्यवाही एवं उसकी सतत मॉनीटरिंग करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा निरंतर कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि होने के क्या कारण हैं तथा इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जिले में जनवरी 2018 की स्थिति में 25259 बच्चें सामान्य से कम वजन (कम वजन एवं अतिकम वजन) के चिन्ह्ति हुए है। जिले में विशेष पोषण अभियान एवं मिशन संजीवनी के अंतर्गत कुपोषण निवारण के निरंतर प्रयास किये जा रहे है। प्रश्नाधीन अवधि में 140 बच्चें अतिकम वजन की श्रेणी से कम वजन की श्रेणी में अपग्रेड हुए एवं 3827 बच्चें कम वजन की श्रेणी से बाहर आये है। (ख) राजगढ़ जिला भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा कुपोषणमुक्त भारत-मिशन 2022 में चयनित किया गया है, जिसके तहत जिले को कुपोषणमुक्त बनाने के लिए विभिन्न विभागों के कार्यक्रमों/योजनाओं से अभिसरण कर क्रमबद्ध गतिविधियों के क्रियान्वयन की रणनीति है। जिले द्वारा अपनाई गई रणनीति की भारत सरकार/राज्य सरकार स्तर पर त्रैमासिक समीक्षा की व्यवस्था है वर्तमान में जिले में कुपोषण निवारण हेतु थर्डमील प्रदाय, चिन्ह्ति ग्रामों में सुपोषण अभियान अंतर्गत स्नेह शिविर का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन, अतिकम वजन के बच्चों में से मानक अनुसार पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाना एवं मिशन संजीवनी अंतर्गत अतिरिक्त मील प्रदाय का कार्य किया जा रहा है। जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है अतः शेष का प्रश्न नहीं है।
अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों को योजना में सम्मिलित करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
115. ( क्र. 3372 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों एवं बस्तियों में विकास कार्य कराये जाने हेतु कुल जनसंख्या की 40 प्रतिशत तथा उसके अधिक अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो जनसंख्या निर्धारण हेतु विभाग द्वारा किन आंकड़ों को आधार मानकर ग्रामों का चयन किया जाता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कई ऐसे अनुसूचित जाति वर्ग के ग्राम/ बस्तियां हैं जिनमें निर्धारित मापदण्ड होने के बावजूद विभाग की सूची में दर्ज नहीं होने से विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा जनगणना 2011 के आंकड़ों को आधार बनाने के बजाय प्रतिवर्ष औसत जनसंख्या वृद्धि को मानकर योजनाओं का लाभ दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जनसंख्या निर्धारण हेतु जनगणना 2011 के आंकड़ों को आधार मानकर ग्रामों का चयन किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को शिक्षण कार्य से हटाकर कार्यालय में पदस्थ करना
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 3437 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षाकार्य से हटाकर किस नियम के तहत आयुक्त, आदिवासी विकास एवं अनुसूचित जाति विकास तथा संचालक, आदिम जाति एवं अनुसंधान संस्थान और संभागीय उपायुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास भोपाल में पदस्थ किया गया है? उक्त विभागों में कितने वर्षों से कितने शिक्षक पदस्थ हैं? शिक्षक का नाम, पद, पदस्थापना सूची सहित जानकारी दें। (ख) अनुसूचित जनजाति स्कूल के शिक्षकों को कार्यालय में पदस्थ करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि अनुसूचित जनजाति स्कूल के शिक्षक स्कूल में कार्य नहीं कर रहे हैं तो उनका वेतन किस नियम के तहत आहरण किया जा रहा है? क्या इस कार्य के लिये आहरण संवितरण अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित होगी? (घ) क्या शासन आदिवासी विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल से हटाये गये शिक्षकों को शिक्षण कार्य हेतु वापस उनके मूल विद्यालय में पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पद रिक्ति एवं कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रशासकीय व्यवस्था/आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए पदस्थापना की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वेतन आहरण शासन द्वारा की गई पदस्थापना अनुसार स्वीकृत पद के विरूद्ध किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित कार्यालयों में शिक्षा एवं शिक्षा प्रशासन से संबंधित कार्य भी होते हैं, अत: यह व्यवस्था की गई है।
विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
117. ( क्र. 3445 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला मुरैना में वर्ष 2016 -17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि निर्माण कार्यों के लिये प्रप्त हुई एवं कितनी राशि का व्यय किस-किस कार्य के लिए किया गया है? (ख) अनुसूचित जाति के कृषकों को सिंचाई हेतु उर्जीकरण के लिये विद्युत लाईन विधानसभा जौरा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ स्थापित की गई है? उर्जीकरण हेतु कितनी-कितनी मद प्राप्त हुई है, कितने कृषकों लाभांवित किया गया है? (ग) विद्युतीकरण हेतु विधानसभा क्षेत्र जौरा में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन लंबित हैं? ग्रामवार कृषकों की संख्या सहित जानकारी दी जावे। निलम्बित आवेदनों का निराकरण कब तक किया जाकर उन्हे लाभान्वित किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग के अधीन संचालित संस्थाओं/कार्यालयों हेतु भवन निर्माण के लिए राशि परियोजना क्रियान्वयन इकाई को प्रदाय की जाती है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कार्यों के लिए प्रश्नांश अवधि में मुरैना जिले को वर्ष 2016-17 में रू. 270.98 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें से रू. 199.78 लाख की राशि व्यय तथा रू. 71.20 लाख की राशि समर्पित की गई वर्ष 2017-18 में रू. 354.82 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें से रू. 173.91 लाख की राशि व्यय की गई है। कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा में प्रश्न दिनांक तक 21 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जिले हेतु प्रावधानित बजट आवंटन की सीमा के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच पूर्ण कर संबंधितों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 3448 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाप्रबंधक (संचा/संस्था ) मुरैना के पत्र क्रमांक 3278, दिनांक 7/7/2017 के द्वारा सेमी टर्न की कार्यों में अनुमोदित वेंडरों से सामग्री क्रय नहीं करने पर सम्बंधितों के विरुद्ध जाँच के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो जाँच पूर्ण कर ली गई है तो जाँच प्रतिवेदन एवं समस्त नोटिस उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न क्रमांक 2773 दिनांक 25/07/17 में यह अवगत करवाया गया है कि उक्त कार्यों में सुपर विजन में कमी मानते हुए विभाग के अधिकारियो के विरूद्ध एवं सामग्री की वजह से ठेकेदारों के विरूद्ध जाँच उपरांत कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) क्या उक्त प्रकरण में विधानसभा प्रश्न विभाग को प्राप्त होने के बाद औपचारिकता वश सम्बंधितों को नोटिस जारी कर दिये जाते है और कार्यवाही में उदासीनता बरती जाती है? यदि नहीं, तो प्रश्न क्रमांक 2773 दिनाक 25/7/17 एवम 935 दिनाक 18/7/17 प्राप्त होने के पूर्व विभाग द्वारा प्रकरण क्यों संज्ञान में क्यों नहीं लिया गया? (घ) वेंडरों के अलावा क्रय की गई सामग्री को विभाग द्वारा मानक स्तर की बताया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो उसका मानक स्तर किस प्रकार जाँच किया गया? अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। सेमी टर्न की के कार्यों में अनुमोदित वेन्डरों से सामाग्री क्रय नहीं करने पर संबंधितों के विरूद्ध जाँच करने हेतु प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा श्री पी.के. हजेला, तत्कालीन उप-महाप्रबंधक (कार्य) कार्या. महाप्रबंधक (संचा/संधा), मुरैना को निर्देशित किया गया था। श्री हजेला का स्थानांतरण होने के पश्चात् उक्त जाँच श्री मनोहरलाल मिश्रा, उप-महाप्रबंधक सर्तकता मुरैना को सौंपी गई जिसे श्री मिश्रा द्वारा पूर्ण किया गया। जाँच प्रतिवेदन एवं नोटिसों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। केन्द्रीयकृत अनुमोदित वेन्डर सूची से सामान क्रय कर नहीं लगाये जाने के लिये समान प्रकार के प्रकरण (प्रश्न क्रमांक 4395 दिनांक.10.03.2017 प्रश्नकर्ता माननीय सत्यपाल सिंह सिकरवार) में श्री फोरन सिंह तोमर, उप-महाप्रबंधक (एस.टी.सी), मुरैना एवं श्री प्रद्युमन गजबे, प्रबंधक (एस.टी.सी), मुरैना की एक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से रोक दी गई है तथा श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत संपादित किये गये कार्यों में वितरण कंपनी के दिशा-निर्देशों की सतत निगरानी नहीं रखे जाने के कारण परिनिंदा की शास्ति अधिरोपित की गई। ठेकेदारों को भविष्य में वितरण कंपनी द्वारा अधिकृत वेण्डरों से ही सामान खरीदने के सख्त निर्देश उपमहाप्रबंधक (एस.टी.सी.) संभाग मुरैना द्वारा जारी किये जा चुके है। (ग) जी नहीं। मुख्य-महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.), ग्वालियर के पत्र क्रमांक 6305 दिनांक 28.11.2016 के माध्यम से समस्त उप-महाप्रबंधक (एस.टी.सी) एवं (संचा/संधा) को वितरण कंपनी से अनुमोदित वेण्डरों की सूची से ही सामग्री खरीदकर कार्यों में लगाया जाना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था। (घ) जी हाँ। अनुमोदित वेण्डरों के अलावा माइनर मटेरियल की जाँच विभाग के इंजीनियरों द्वारा की गई है, जो कि तकनीकी दृष्टि से निपुण हैं।
महिला बाल विकास विभाग रीवा की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 3455 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एकीकृत बाल विकास परियोजना क्र.-1 गंगेव जिला रीवा से जनपद सदस्य श्री दद्दी कोल द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत साझा चूल्हा, राष्ट्रीय बाल संरक्षण की ट्रेनिग, बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं व अन्य योजनाओं की जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन अधिकारी दोषी है? उपरोक्तानुसार जिले की अन्य परियोजनाओं के सभी विकासखण्डवार, उक्त जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्रवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन समूहों द्वारा उपरोक्त कार्यों हेतु अनुबंध किया गया है, किन्तु कार्य के न होने की तथा फर्जी भुगतान व अन्य लाभ प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हैं व जाँच लंबित है, परियोजनावार, केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कौन अधिकारी दोषी है और उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ एकीकृत बाल विकास परियोजना क्र. 1 गंगेव जिला रीवा को मान. जनपद सदस्य श्री दद्दी प्रसाद रावत जनपद सदस्य वार्ड क्र.14 सभापति सहकारिता ग्राम-पुर्वा 310 द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 धारा 6 (1) के अंतर्गत दिनांक 18.10.2017 को आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। प्राप्त आवेदन पत्र के तहत् जानकारी देने हेतु परियोजना अधिकारी गंगेव-1 के पत्र क्र./बा.वि.यो/447,गंगेव, दिनांक 07.11.2017 एवं पत्र क्रमांक 482, दिनांक 27.12.2017 द्वारा रिकार्डों की प्रमाणित प्रति देने हेतु राशि रू.20,678/- जमा करने हेतु लेख किया गया था किन्तु राशि जमा न करने के कारण अभिलेखों की प्रमाणित प्रति नहीं दी जा सकी। (ख) कोई भी अधिकारी दोषी नहीं हैं। प्रश्नांश (क) में संदर्भित आवेदन पत्र में मात्र एकीकृत बाल विकास परियोजना गंगेव क्र. 1 एवं 2 से संबंधित जानकारी चाही गई थी, अन्य परियोजना से संबंधित जानकारी नहीं चाही गई थी। प्रश्न ''क'' के अनुक्रम में अन्य परियोजना के सभी विकासखण्डवार/आंगनवाड़ी केन्द्रवार एवं महिला सशक्तिकरण संचालनालय के अंतर्गत बेटी बचाओ बेटी पढाओं एवं समेकित बाल संरक्षण योजना एवं अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'', ''द'', ''द-1'', ''द-2'' एवं ''द-3'' पर हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्व-सहायता समूहों से सांझा चूल्हा योजना अंतर्गत नाश्ता एवं भोजन प्रदाय हेतु अनुबंध किया गया हैं। फर्जी भुगतान किये जाने से संबंधित न तो कोई शिकायत प्राप्त है न ही कोई भी जाँच लंबित हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुरूप प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
कर वसूली
[वाणिज्यिक कर]
120. ( क्र. 3456 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में वाणिज्यिक कर विभाग में 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने रूपयों की राजस्व वसूली शेष है। जिलावार, जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लंबित राशि की वसूली हेतु कौन से प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या भू-राजस्व संहिता के तहत अधिकार प्राप्त हैं, यदि हाँ, तो वसूली क्यों लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में संपूर्ण राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी वसूली न करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? उसके विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग की संरचना में सतना संभाग गठित है। जिसके अंतर्गत सतना वृत्त-1, सतना वृत्त-2, रीवा वृत्त एवं बैढ़न वृत्त कार्यरत है। इस प्रकार राजस्व संभाग रीवा के अंतर्गत आने वाले जिले उक्त वृत्तों में सन्निहित हैं। सतना संभाग (सतना वृत्त-1, सतना वृत्त-2, रीवा वृत्त, बैढ़न वृत्त शामिल है) के अंतर्गत वर्ष 2014 से जनवरी 2018 तक की बकाया वसूली एवं बकाया शेष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट में दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 01-04-2014 से 31-01-2018 की अवधि में कुल बकाया राशि 2941.62 करोड़ में से 1614.91 करोड़ की वसूली की गई है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम एवं भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत बकायादारों से वसूली की कार्यवाही की जाती है। (ग) भू-राजस्व संहिता के तहत वसूली के अधिकार प्राप्त हैं। विभिन्न अधिनियमों के तहत निकाली गई अतिरिक्त मांग के विरूद्ध अपील किये जाने के प्रावधान हैं। माननीय न्यायालयों एवं अपील प्राधिकारी द्वारा दिये गये स्थगन से ऐसे प्रकरणों में निर्णय उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जाती है वसूली एक निरंतर प्रक्रिया है। सतना संभाग के अंतर्गत बकायादारों से की गई वसूली की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट में है। (घ) वसूली एक निरंतर प्रक्रिया है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित अनुसार अनेक प्रकरणों में निकाली गई अतिरिक्त मांग के विरूद्ध अपील अथवा माननीय न्यायालयों से बकाया वसूली पर स्थगन प्राप्त हो जाता है, ऐसे प्रकरणों में अंतिम निर्णय उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जाती है। अत: लम्बित बकाया राशि की वसूली के लिये निश्चित समय-सीमा तय करना कठिन है वसूली एक निरंतर प्रक्रिया है। सतना संभाग में की गई वसूली की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट में है। विभागीय अधिकारियों द्वारा निरंतर वसूली की कार्यवाही की जाती है। अत: किसी अधिकारी का दोष नहीं होने से कार्यवाही किये जाने की कोई स्थिति नहीं है।
शासकीय सेवकों की नियुक्ति एवं कार्य
[सामान्य प्रशासन]
121. ( क्र. 3459 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत शासकीय सेवकों में से किन-किन श्रेणियों के शासकीय-सेवकों पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम लागू होता है? क्या मध्यप्रदेश शासन में कार्यरत संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम लागू होता है? यदि हाँ, तो किन-किन वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन के आदेश को उचित मानकर इसका समर्थन करता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा की गई कार्यवाही का ब्यौरा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या शासन के नियमित शासकीय अधिकारियों के वेतन में विगत-05 वर्षों में हुई वृद्धि के अनुक्रम में क्या संविदा अधिकारियों के वेतन में वृद्धि हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के प्रकाश में वेतन वृद्धि कर निर्णय का सम्मान किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सभी श्रेणी के शासकीय सेवकों के साथ ही संविदा के सभी अधिकारी/कर्मचारियों पर लागू होते हैं। (ख) एवं (ग) नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मियों के नियम/सेवा शर्तें पृथक-पृथक होने से भर्ती प्रक्रिया, वेतन व अन्य सुविधाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। संविदाकर्मी आवश्यकतानुसार अल्प अवधि के लिए नियुक्त किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संस्थाओं एवं समितियों को अनुदान
[महिला एवं बाल विकास]
122. ( क्र. 3460 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में विभागीय योजनाओं, गतिविधियों के संचालन हेतु कौन-कौन अशासकीय संस्थाओं को, कब से मान्यता प्रदान की गई? स्वीकृति दी गई, इन संस्थाओं द्वारा क्या कार्य किये जा रहे हैं एवं किन विभागीय गतिविधियों, योजनाओं का संचालन कब से किया जा रहा है? संस्थावार बतायें। (ख) कटनी जिले में ग्राम स्वास्थ्य एवं तदर्थ समितियों का गठन, किन विभागीय आदेशों से कब-कब किया गया वर्तमान में इन समितियों के कौन-कौन पदाधिकारी हैं? समितियों द्वारा क्या कार्य, किस प्रकार किये जाते हैं? समितिवार, परियोजनावार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत संस्थाओं एवं समितियों को किस कार्य एवं गतिविधि हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि, विगत-03 वर्षों में शासन द्वारा कब-कब प्रदाय की गई? संस्थावार, समितिवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत प्रदत्त अनुदान राशि का, किन-किन कार्यों एवं गतिविधियों हेतु कब-कब एवं कितना-कितना उपयोग किया गया? कितनी राशि शेष रही? संस्थावार, समितिवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में संस्थाओं एवं समितियों के कार्यों एवं गतिविधियों के मूल्यांकन के क्या शासनादेश हैं? विगत तीन वर्षों में इनके कार्यों एवं गतिविधियों का किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब मूल्यांकन, निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किया गया और क्या प्रतिवेदन दिये गये? क्या इनका तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराया गया? यदि हाँ, तो क्या परिणाम रहे? यदि नहीं, तो? कारण बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा संचालनालय द्वारा कटनी जिलें में किसी अशासकीय संस्था को मान्यता प्रदान नहीं की गई है। संचालनालय महिला सशक्तिकरण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ग्राम एवं तदर्थ समितियों का गठन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एकीकृत बाल विकास सेवा संचालनालय द्वारा प्रश्नांकित अवधि में ग्राम एवं तदर्थ समितियों को कोई अनुदान नहीं दिया गया है। संचालनालय महिला सशक्तिकरण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) संचालनालय महिला सशक्तिकरण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 55 एवं किशोर न्याय नियम 2016 के नियम 42 में संस्थाओं के कार्यों एवं गतिविधियों के मूल्यांकन का प्रावधान किया गया है। विगत 03 वर्षों में विभिन्न शासकीय सेवकों द्वारा इनके कार्यों एवं गतिविधियों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किया गया है, संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जी हाँ। प्रतिवेदन गये हैं। जी नहीं। प्रावधान अनुसार मूल्यांकन करवाया जावेगा।
ट्रान्सफार्मर को फील्ड से स्टोर तक लाने में हुए खर्च की जानकारी
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 3468 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गारंटी पीरियड में खराब हुए ट्रान्सफार्मर को स्टोर से ले जाने तथा सुधारने के बाद स्टोर तक वापिस पहुँचाने का खर्च ट्रान्सफार्मर बनाने वाली कम्पनियां वहन करती हैं? (ख) क्या फील्ड से (जहां ट्रान्सफार्मर लगे है) गारंटी पीरियड में खराब ट्रान्सफार्मर को स्टोर तक कम्पनी को अपने खर्चे पर पहुँचाना पड़ता है? (ग) जिला बालाघाट क्षेत्रान्तर्गत गारंटी पीरियेंड में खराब ट्रांसफार्मर को फील्ड से स्टोर तक पहुँचाने में ट्रान्सपोटिंग तथा अन्य खर्चों की जानकारी 01 अप्रैल, 2017 से 31 जनवरी-2018 तक की उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित खर्चों को भी प्रश्नांश (क) के साथ ट्रान्सफार्मर बनाने वाली कम्पनियों द्वारा भी वहन करने की बात क्या अनुबंध में शामिल की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, गारंटी पीरियड में खराब ट्रांसफार्मर का फील्ड से स्टोर तक परिवहन का व्यय वितरण कंपनी द्वारा वहन किया जाता है। (ग) खराब ट्रांसफार्मरों का फील्ड से स्टोर तक वितरण कंपनी के वाहनों से परिवहन किया जाता है। उक्त वाहनों से स्टोर से कार्य योग्य ट्रांसफार्मरों तथा संचालन-संधारण कार्यों हेतु अन्य सामग्री का भी विभिन्न स्थानों तक परिवहन किया जाता है। विशिष्ट तौर पर खराब ट्रांसफार्मर को फील्ड से स्टोर तक पहुंचाने हेतु किए गए व्यय का पृथक से लेखा-जोखा नहीं रखा जाता, अत: उक्त जानकारी दिया जाना संभव नहीं है तथापि प्रश्नाधीन अवधि में गारंटी पीरियड में फेल हुए ट्रांसफार्मरों के साथ अन्य सामग्री के परिवहन में बालाघाट जिले में कुल रू. 1.54 लाख की राशि व्यय हुई है। (घ) फील्ड से स्टोर तक गारंटी पीरियड में फेल ट्रांसफार्मरों को लाने में होने वाला परिवहन व्यय ट्रांसफार्मर रिपेयर करने वाली कंपनी से किये गये अनुबंध में शामिल नहीं होता। ट्रांसफार्मर सुधारने के बाद स्टोर से अन्य क्षेत्रों को भी प्रदाय किया जा सकता है, अतः ट्रांसफार्मर अन्य किसी क्षेत्र में गारंटी पीरियड में फेल होने पर कान्ट्रेक्टर द्वारा उक्त ट्रांसफार्मर को परिवहन करने का व्यय अनिश्चित होगा, जिसे अनुबंधों में शामिल करने पर कान्ट्रेक्टर द्वारा ट्रांसफार्मर सुधारने का रेट बढ़ाया जाना संभावित है। अतः वर्तमान में फील्ड से खराब ट्रांसफार्मर स्टोर तक लाने की दरों को ट्रांसफार्मर रिपेयर करने वाली कम्पनी के साथ किये गये अनुबंध में शामिल करना विचाराधीन नहीं है।
बघेल समाज को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
124. ( क्र. 3470 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बघेल (बागरी) समाज को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है तथा किन-किन जिलों में यह जाति पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आती है? क्या यह समाज उत्तप्रदेश, दिल्ली, उत्तरांचल, बिहार, झांरखंड, असम, त्रिपुरा, हिमाचल, उडीसा, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ आदि प्रदेशों के सम्पूर्ण जिलों में अनुसूचित जाति के रूप में नोटिफाईड हैं? (ख) यदि हाँ, तो एक ही समाज के लोगों के साथ भिन्न-भिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार का आरक्षण प्रदान करने का क्या कारण है? (ग) बघेल (बागरी) समाज को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्रदान करने के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रहा है? तत्संबंध में केन्द्र सरकार से किये गये पत्राचार की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि बघेल (बागरी) समाज को सम्पूर्ण प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत किस प्रकार से कब तक मान्यता प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बघेल समाज मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित नहीं है और न ही पिछड़ा वर्ग की सूची में दर्ज है। बागरी मध्यप्रदेश के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। देश के अन्य प्रांतों की जानकारी का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) नृजातीय अध्ययन के अनुसार भिन्न-भिन्न स्थानों/क्षेत्रों में सामाजिक/जाति की स्थिति भिन्न-भिन्न होने के कारण। (ग) बघेल समाज को अनुसूचित जाति के अंतर्गत मान्यता प्रदान किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। बागरी जाति संपूर्ण मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नवीन ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 3475 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर नवीन 132 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. क्षमता के ग्रिड लगाये जाना प्रस्तावित है? स्थान का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार उक्त ग्रिड कब तक स्थापित कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पीलूखेड़ी में नवीन 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ग्राम सीका एवं पनिया सालूड़ीया में प्रस्तावित किये गये हैं। (ख) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र पीलूखेड़ी के निर्माण हेतु कार्यादेश दिनांक 16.02.2018 को जारी किया गया है। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार पीलूखेड़ी में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण मार्च, 2019 तक पूर्ण होना संभावित है। ग्राम सीका में प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत वर्ष 2019 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। ग्राम पनिया सालूड़ीया जागीर में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना 2017-18 में स्वीकृत है एवं निर्माण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा उपकेन्द्र का निर्माण अगस्त, 2018 तक पूर्ण होना संभावित है।
अनु. जाति एवं जनजातियों की बस्तियों के विकास हेतु राशि आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
126. ( क्र. 3476 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की बस्तियों के विकास हेतु शासन द्वारा जो राशि जिले में आवंटित की जाती है उस राशि को किन बस्तियों के विकास हेतु पहले दिया जाये क्या इसके लिये राजगढ़ जिले में कोई समिति बनाई गई है? यदि हाँ, तो समिति में कौन-कौन सदस्य हैं तथा वर्ष में समिति की कितनी बैठके हुई? यदि नहीं, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की बस्तियों के विकास हेतु नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस की अनुसंशा से किन-किन बस्तियों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि का हुआ व उन कार्यों का किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब सत्यापन किया गया? अधिकारी का नाम, पदनाम, सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। समिति प्रभारी मंत्री जी के अध्यक्षता में गठित है जिसमें कलेक्टर, जिला राजगढ़, विधायक, विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, राजगढ़, कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, जिला राजगढ़, महाप्रबंधक, म.प्र.क्षे.वि.वि.क.लि. जिला राजगढ़ तथा जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, राजगढ़ सदस्य हैं। जिला स्तरीय समिति की बैठक दि. 29.07.2017 को आयोजित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिम जाति कल्याण विभाग के संचालित छात्रावासों में कार्यरत अमला
[अनुसूचित जाति कल्याण]
127. ( क्र. 3479 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र में गोटेगांव किस वर्ग के लिए कितने छात्रावास एवं कितने आश्रम का वर्तमान में विभाग संचालन कर रहा है? इन छात्रावास/आश्रम में कितने छात्र/छात्राओं के रहने की क्षमता है तथा वर्तमान में कितने छात्र/छात्रा निवास कर रहे हैं? छात्रावासवार जानकारी देवें। (ख) आश्रम/ छात्रावास में कितने स्थाई कर्मचारी, कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं कितने पार्ट टाईम कर्मचारी हैं तथा ये वर्तमान में कौन सा कार्य निष्पादित कर रहे हैं? इनको प्रतिमाह किस दर से भुगतान किया जा रहा है? कितने संविदा कर्मी अधीक्षक/अधीक्षिका उपरोक्त आश्रम/छात्रावास में कार्यरत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? आश्रम/छात्रावासवार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं पार्ट टाइम कर्मचारियों के वेतन भुगतान का निर्धारण किस प्रक्रिया के तहत किसके द्वारा किया जा रहा है? क्या कलेक्टर दर पर इन्हें भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? इन्हें निर्धारित दर से मजदूरी का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा। (घ) पार्टटाइम कार्य के भुगतान की पुष्टि या अनुमोदन श्रम विभाग से किस दिनांक को प्राप्त किया गया? यदि श्रम विभाग से अनुमोदन नहीं लिया गया तो स्पष्ट कारण बतायें तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रावासों/ आश्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों के कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रावासों/आश्रमों के कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की वेतन दर का निर्धारण श्रम आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन, इंदौर की अधिसूचना क्र. 1/11अन्वेषण/पाँच/2015/39274-39445, इंदौर दिनांक 28.09.2017 पत्र क्रमांक 1762/1928/2014/ए-16 भोपाल, दिनांक 19 नवम्बर, 2014 के परिपालन में कलेक्टर, नरसिंहपुर के आदेश क्रमांक 14453 दिनांक 2.11.2017 के द्वारा किया गया है एवं पार्ट टाईम (सफाई कर्मचारी) कर्मचारी के वेतन का निर्धारण मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 12-40/2013/25-2 दिनांक 2.1.2015 के अनुसार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। निर्धारित कलेक्टर दर पर भुगतान किया जा रहा है। (घ) छात्रावास/आश्रम में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पार्ट टाईम कर्मचारी कार्यरत नहीं होने से पार्ट टाईम कार्य के भुगतान की पुष्टि या अनुमोदन श्रम विभाग से प्राप्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रत्येक छात्रावास/आश्रम में एक अंशकालीन सफाई कर्मी कार्य करता है जिसे आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्र. एफ 12-40/2013/25-2 दिनांक 02/01/2015 द्वारा निर्धारित दर रूपये 2000/- (रूपये दो हजार) प्रतिमाह से भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा
[सामान्य प्रशासन]
128. ( क्र. 3480 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में विकास कार्यों के लिए कोई घोषणा विगत 10 वर्षों में की गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या एवं कब-कब की गई? सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं में से कितनी घोषणाओं की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन घोषणाओं की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक प्रदान नहीं की गई, उसका क्या कारण है? क्या की गई घोषणाओं की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई 11 घोषणाओं में से सभी घोषणाओं की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत हितग्राहियों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 3483 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना सतपुड़ा भवन भोपाल का आदेश क्र/2261/भोपाल दिनांक 28.07.2012 के निर्देश में हितग्राही मूलक योजना के तहत पात्रतानुसार हितग्राही के खाते में राशि जमा करने के निर्देश थे, परन्तु खरगोन, बड़वानी, झाबुआ एवं धार में जनपद पंचायत के संचालित खाते में जमा की गई है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों की राशि जमा की गई हैं जनपदवार हितग्राहियों कि सूची देवें। (ख) खरगोन जिले अन्तर्गत वर्ष 2011 से 2015 तक जनपदवार कितने कलस्टर बनाये गये थे और एक कलस्टर में कितने हितग्राहियों का चयन किया जाकर कितनों को लाभांवित किया गया है तथा कितनों को लाभ नहीं मिला है? सूची उपलब्ध करावें तथा शेष रहे हितग्राहियों को कब तक लाभ दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार तथा हितग्राहियों की नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने की प्रक्रिया सतत् है। अतः शेष रहे हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आनंद विभाग की गतिविधियाँ
[आनन्द]
130. ( क्र. 3491 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में आनंद विभाग द्वारा कौन-कौन सी गतिविधियाँ 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक की गयी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गतिविधियाँ में कहाँ-कहाँ, कितना-कितना व्यय किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गतिविधियों में समाज के कौन-कौन से वर्गों की सहभागीता रही है? क्या स्थानीय कलाकारों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गतिविधियाँ कि गई हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शाजापुर जिले में आनंद विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक अल्पविराम, आनंदम, आनंद उत्सव गतिविधियां आयोजित की गई। (ख) अल्पविराम तथा आनंदम कार्यक्रम के अंतर्गत गतिविधियों में कोई व्यय नहीं किया गया। दिनांक 14 जनवरी से 28 जनवरी के बीच आयोजित आनंद उत्सव कार्यक्रम के दौरान 109 ग्राम पंचायत क्लस्टरों में राशि रूपये 15000/- प्रति क्लस्टर एवं प्रति विकासखण्ड में राशि रूपये 50000/- मान से गतिविधियों के संचालन हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा राशि प्रावधानित की गई वर्तमान में देयक प्राप्त नहीं होने से व्यय की जानकारी प्रदान करना संभव नहीं। नगरीय क्षेत्रों में 6 स्थानों पर आयोजन नगरीय निकायों द्वारा किये गये। इस हेतु शासन से कोई पृथक से राशि प्रावधानित नहीं की गई। आयोजन स्थलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समाज के सभी वर्गों की सहभागिता रही। आनंद उत्सव कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियां स्थानीय लोगों की सहभागिता से सम्पन्न की गई।
33/11 सबस्टोशनों का निर्माण कार्य
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 3492 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के ग्राम रामड़ी, ढाबलीधीर, रनायल, तिलावद (मैना) एवं भूरिया खजूरिया में स्वीकृत सबस्टेशनों (33/11 K.V.) के निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है वर्क आर्डर कब दिया है? क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सबस्टेशनों का कार्य पूर्ण नहीं करने पर ठेकेदार (एजेन्सी) के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? कार्यवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए ठेकेदार (एजेन्सी) के साथ हुए अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शाजापुर जिले के ग्राम रामड़ी, ढाबलीधीर, रनायल, तिलावद एवं भूरिया खजूरिया में स्वीकृत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 03.11.2018 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त कार्य हेतु कार्यादेश दिनांक 04.11.2016 को जारी किया गया था। जी नहीं वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध के अनुसार दिनांक 03.11.2018 तक पूर्ण किया जाना है। किन्तु कार्यादेश में प्रथम चरण की समयावधि में निर्धारित कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध रू. 9 लाख की राशि की शास्ति अधिरोपित कर उसकी कटौती ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत देयकों से की गई है तथा ठेकेदार को उक्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। उल्लेखनीय है कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवार नहीं अपितु संपूर्ण कार्य में हुए विलंब के लिये कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य हेतु ठेकेदार एजेन्सी के साथ सम्पादित अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंजीयन शुल्क
[वाणिज्यिक कर]
132. ( क्र. 3493 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप पंजीयक कार्यालयों में कृषि भूमि पर १० लाख रूपये से अधिक या १० हेक्टेयर भूमि से अधिक पर ऋण के पंजीयन शुल्क के संबंध में क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या उप पंजीयक कार्यालयों द्वारा नियमों के विपरीत मनमाने रूप से पंजीयन शुल्क लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश कृषि उधार प्रवर्तन एवं प्रकीर्ण उपबंध (बैंक) अधिनियम के अंतर्गत प्ररूप 5 में कृषि ऋण के घोषणा पत्र फाइल करने के लिए राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 12/12/2014 के प्रावधान अनुसार पंजीयन शुल्क से छूट दी गई है। यदि घोषणा पत्र का दस्तावेज फाइल करने के बजाए पंजीयन हेतु प्रस्तुत होता है तो 10 लाख रूपये से अधिक के ऋण की स्थिति में राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 08/08/2014 द्वारा पुनरीक्षित पंजीयन शुल्क सारिणी के प्रावधान अनुसार पंजीयन शुल्क की प्रभार्यता होती है। संगत अधिसूचनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) नियम विपरीत मनमाने रूप से पंजीयन शुल्क लेने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों की भूमि बंधक मुक्त करने
[वाणिज्यिक कर]
133. ( क्र. 3496 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण की प्रविष्टि बैंक द्वारा सूचना दिये जाने पर उप पंजीयक कार्यालय की सूची क्रमाक २ में की जाती है? यदि हाँ, तो कृषक द्वारा संबंधित बैंक से प्राप्त ऋण को चुकाने के बाद उक्त बंधक भूमि को ऋण भार से मुक्त किये जाने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति जानकारी करावें? (ख) कृषकों की भूमि बंधक मुक्त किये जाने हेतु १००० रूपये स्टॉम्प एवं पंजीयन शुल्क लिया जाना क्या नियमानुसार है अथवा नहीं? संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। कृषक द्वारा संबंधित बैंक से प्राप्त ऋण को चुकाने के बाद उक्त भूमि को ऋण को चुकाने के बाद उक्त भूमि को ऋण भार से मुक्त किए जाने से संबंधित नियम पंजीयन विभाग से प्रशासित नहीं होने से नियमों की जानकारी पंजीयन विभाग से संबंधित नहीं है। बंधक भूमि के प्रतिहस्तांतरण की लिखत पंजीयन हेतु प्रस्तुत होने पर स्टाम्प अनुसूची 1 (क) के अनुच्छेद 53 के अंतर्गत 1000 रूपये स्टाम्प शुल्क प्रभार्य है। पंजीयन फीस सारिणी के अनुच्छेद- तीन (ध) अनुसार 1000 रूपये पंजीयन शुल्क प्रभार्य है। मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 12/12/2014 अनुसार कृषि ऋण के बंधक विलेख के प्रतिहस्तांतरण पर पंजीयन शुल्क से छूट है। स्टाम्प शुल्क की अनुसूची एवं पंजीयन फीस सारिणी एवं पंजीयन शुल्क से छूट संबंधी अधिसूचनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के वर्णित तथ्यानुसार 1000 रूपये स्टाम्प शुल्क किया जाना तथा गैर कृषि ऋण के मामले में बंधक विलेख के प्रतिहस्तांतरण पर 1000 रूपये पंजीयन शुल्क लिया जाना नियमानुसार है।
विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम
[आनन्द]
134. ( क्र. 3497 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद विभाग के अंतर्गत बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यक्रमों का आयोजन किया गया? (ख) किस-किस विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और कार्यक्रम का नाम, आयोजन की दिनांक, आयोजन का स्थान आयोजित करने वाला विभाग की जानकारी प्रदान करें? (ग) विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कितने लोगों ने प्रतिभागिता की?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में माह जनवरी 2017 एवं माह जनवरी 2018 में आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आनंद विभाग द्वारा आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आनंद उत्सव कार्यक्रम में लगभग 20000 लोगो ने प्रतिभागिता की।
नर्मदा चम्बल लिंक योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
135. ( क्र. 3498 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नर्मदा और चम्बल को लिंक करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो वह योजना क्या है? जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या इस संदर्भ में विभाग द्वारा कोई पत्र व्यवहार किया गया है? यदि हाँ, तो उन पत्र व्यवहारों की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ग) यदि विभाग द्वारा इस संदर्भ में कोई योजना नहीं है तो यह योजना कब तक लागू होगी? क्या शासन की नदियों को जोड़ने के संदर्भ में कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो वह क्या है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। नर्मदा नदी से सीधे चंबल नदी को जोड़ने की योजना नहीं है तथापि चंबल की सहायक नदी गंभीर से नर्मदा-गंभीर लिंक के अंतर्गत गंभीर नदी के कछार में 1,50,000 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। प्रथम चरण में नर्मदा-गंभीर लिंक का कार्य हो रहा है जिससे 50,000 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। द्वितीय चरण में भी नर्मदा-गंभीर लिंक से ही 1,00000 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
40 प्रतिशत से अधिक अ.जा. बाहुल्य ग्रामों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
136. ( क्र. 3499 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पंजीकृत ग्राम हैं जिनकी अ.जा. वर्ग की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है? (ख) ऐसे कितने ग्राम हैं जो विभाग की पंजीकृत सूची में दर्ज हैं तथा ऐसे कितने ग्राम है जिनकी अ.जा. वर्ग की आबादी तो 40 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है किन्तु अभी तक उनको सूची में दर्ज नहीं किया गया है (ग) यदि ऐसे ग्राम हैं तो उनको कब तक सूची में जोड़ा जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 33 ग्राम हैं जिनकी अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 40 प्रतिशत से अधिक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 33 ग्रामों को सूचीबद्ध किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
40 प्रतिशत से अधिक अ.ज.जा. बाहुल्य ग्रामों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
137. ( क्र. 3500 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने पंजीकृत ग्राम हैं जिनकी अ.ज.जा. वर्ग की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है? (ख) ऐसे कितने ग्राम हैं जो विभाग की पंजीकृत सूची में दर्ज हैं तथा ऐसे कितने ग्राम है जिनकी अ.ज.जा. वर्ग की आबादी तो 40 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है किन्तु अभी तक उनको सूची में दर्ज नहीं किया गया है? (ग) यदि ऐसे ग्राम हैं तो उनको कब तक सूची में जोड़ा जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 04 ग्राम हैं। (ख) जनगणना वर्ष 2011 अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले ग्रामों की कुल संख्या 04 है। इसके पश्चात जनगणना के कोई नये आंकड़े प्राप्त नहीं होने से किसी ग्राम को सूची में शामिल नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोई, कहार, केवट, नाविक, मल्लाह, ढीमर जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[जनजातीय कार्य]
138. ( क्र. 3516 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में भोई, कहार, केवट, नाविक, मल्लाह, ढीमर आदि नामों से जाने जानेवाली जाति मांझी अनुसूचित जनजाति में शामिल है? जिलों के नाम बतावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले में भोई, कहार, केवट, नाविक, मल्लाह, ढीमर आदि नामों से जाने जानेवाली जाति अत्यधिक संख्या में निवास करती है जो कि अति पिछड़ी जाति को, क्या मांझी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जा रहा है? (ग) प्रदेश शासन द्वारा उक्त जनजाति को मांझी मझवार अनुसूचित जनजाति के समान आरक्षण का लाभ दिलाये जाने हेतु क्या केन्द्र सरकार को अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो कब की गई है? अनुशंसा की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उक्त अनुशंसा के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही इस संबंध में की गई है तथा शासन इस संबंध में क्या कदम उठा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ जिले में पोषण आहार का परिवहन
[महिला एवं बाल विकास]
139. ( क्र. 3518 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनवाड़ी तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार परिवहन की क्या व्यवस्था निर्धारित की गई हैं? (ख) राजगढ़ जिले में वर्ष 2016-17 में किन-किन फर्मों द्वारा कितनी-कितनी दरों पर पोषण आहार का परिवहन किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) वर्ष 2018 में आंगनवाड़ी तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार परिवहन हेतु क्या कोई नवीन व्यवस्था शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं? (घ) यदि हाँ, तो नवीन नियम, निर्देश तथा दरों की प्रति उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परियोजना स्तर से आंगनवाड़ी केन्द्र तक पोषण आहार (टेकहोम राशन) परिवहन निविदा के माध्यम से चयनित परिवहनकर्ता से कराए जाने की व्यवस्था निर्धारित हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्रवार पोषण आहार परिवहन दर का विवरण पत्र संलग्न परिशिष्ट पर हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं।
आनंद विभाग को आवंटित बजट
[आनन्द]
140. ( क्र. 3541 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर को नवगठित आनंद विभाग द्वारा योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उस राशि का कितना-कितना उपयोग किसके द्वारा कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य हेतु किया गया। (ख) क्या विभाग द्वारा राशि व्यय के प्रयोजन हेतु कोई गाइड लाइन निश्चित की गई हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) योजना प्रारंभ से उक्त जिले में उक्त अवधि में किसी तरह के आनंद उत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था? दिनांकवार कार्यक्रम का विवरण दें? क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन कागजों में ही करने तथा राशि व्यय करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की गई। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आयोजन अथवा राशि व्यय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
141. ( क्र. 3545 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र मानपुर में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनका स्वयं का भवन नहीं है, जो किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी पर स्वयं के भवन बनाने की शासन की क्या योजना हैं? इन स्थानों पर कब तक स्वयं के भवन बनाये जा सकेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र मानपुर में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करायें? आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिये शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मानपुर में 25 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनका स्वयं का भवन नहीं है, जो किराये के भवनों में संचालित हैं। (ख) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अभिसरण से एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से किये जाने की योजना है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र मानपुर में कुल 376 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 53 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। आंगनवाड़ी केन्द्र/ मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थानवार जानकारी एवं आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आनंद विभाग द्वारा प्रदत्त राशि
[आनन्द]
142. ( क्र. 3546 ) सुश्री मीना सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया को नवगठित आनंद विभाग द्वारा योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उस राशि का कितना-कितना उपयोग किसके द्वारा कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य हेतु किया गया? (ख) क्या विभाग द्वारा राशि व्यय के प्रयोजन हेतु कोई गाइड लाइन निश्चित की गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) योजना प्रारंभ से उक्त जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में किसी तरह के आनंद उत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था? दिनांकवार आयोजित कार्यक्रम का विवरण दें? क्या स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आनंद उत्सव कार्यक्रम का आयोजन कागजों में ही करने तथा राशि व्यय करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला उमरिया को आनंद विभाग द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं की गई। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। आनंद उत्सव कार्यक्रम अंतर्गत खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आयोजन अथवा राशि व्यय के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
दै.वे.भो. का सफाई कर्मी विनियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
143. ( क्र. 3550 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा दै.वे.भो. से स्थाई कर्मी विनियमित करने की योजना हेतु निर्देश जारी किए गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे दै.वे.भो. जो 16 मई 2007 से 1 सितंबर 2016 तक लगातार कार्यरत हैं एवं 16 मई 2007 के बाद शासन की अनुमति से दै.वे.भो. के पद पर नियुक्त किये गये हैं, केवल उन्हें ही स्थाई कर्मी में विनियमितीकरण योजना का लाभ मिलेगा या अन्य को भी? (ग) क्या म.प्र. दै.वे.भो. कर्मचारी (सेवा की शर्ते) नियम 2013, जिस नियम को 2017 में निरसित किया गया, ऐसे दै.वे.भो. कर्मचारी पर लागू था जो 31 दिसंबर 1988 के पूर्व से नियोजित हैं, 1 सितंबर 2016 तक जिन दै.वे.भो. की शासन या सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई है, उन सबको शासन की इस योजना का लाभ किन कारणों से नहीं दिया जा रहा है? केवल 16 मई 2007 तक के ही दै.वे.भो. को लाभ दिया जा रहा हैं? क्या कारण है? (घ) ऐसे दै.वे.भो. जिनको शासन और सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य पर रखने की अनुमति दी गई है, जिसकी कोई समय-सीमा न हो, उन सबको इस योजना का लाभ दिये जाने पर शासन कोई विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 07.10.2016 को जारी निर्देशों के मापदण्डों की पूर्ति होने पर लाभ के पात्र हैं। (ग) एवं (घ) जी हाँ। शेषांश उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषण मिटाने हेतु संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
144. ( क्र. 3551 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में कुपोषण को मिटाने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक इनमें कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य एवं सामग्री क्रय पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने डे-केयर सेन्टर कहाँ-कहाँ खोले गये? इन सेन्टरों में कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गई? उक्त सामग्री किस दर पर किस-किस एजेन्सी/व्यक्ति से क्रय की गई? (ग) क्या वर्ष 2017 में कुपोषण मिटाने के लिये जिले में स्वच्छता किट वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितनी किट खरीदी गई? प्रति किट की कीमत क्या है? किटों का वितरण किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कितनी-कितनी संख्या में किन-किन ग्रामों में किया गया है? उक्त सामग्री क्रय हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? सामग्री का भौतिक सत्यापन किस-किस के द्वारा किया गया? (घ) जून 2017 की स्थिति में जिला बालाघाट में कितने बच्चे कुपोषित एवं कितने अतिकुपोषित हैं? तहसीलवार जानकारी दें, करोड़ों रूपये व्यय करने के बाद भी बालाघाट में कुपोषण की स्थिति में सुधार नहीं होने के क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बालाघाट जिलें में कुपोषण को मिटाने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत पूरक पोषण आहार एवं अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की योजनाएं संचालित है। प्रश्नांकित अवधि में उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में बालाघाट जिले अंतर्गत डे-केयर सेंटर की स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। अतः शेष का प्रश्न नहीं है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांकित अवधि में जिला बालाघाट की स्वीकृत कार्ययोजना में स्वच्छता किट क्रय करने की स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। अतः शेष का प्रश्न नहीं है। (घ) माह जून-2017 की स्थिति में बालाघाट जिले में कुपोषित बच्चों की परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। बालाघाट जिले में कुपोषण की स्थिति में कमी आई है। अतः शेष का प्रश्न नहीं है।
आर्थिक अपराध एवं लोकायुक्त में पंजीकृत मामलों में अभियोजन स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
145. ( क्र. 3552 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किन-किन शासकीय सेवकों के विरुद्ध वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध एवं लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के मामले पंजीकृत किये गये हैं? विभागवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत मामलों में किन-किन शासकीय सेवकों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी की जा चुकी है और कितनी शेष है? विभागवार ब्यौरा दें। (ग) क्या शासन भ्रष्टाचार के मामलों में पंजीकृत किये गये प्रकरणों में पृथक से विभागीय जाँच की कार्यवाही करके उन्हें सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोकायुक्त संगठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) लोकायुक्त संगठन के अभियोजन स्वीकृत जारी किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं अभियोजन स्वीकृत के लंबित प्ररकणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के अभियोजन स्वीकृति जारी किये गये प्ररकणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'च' अनुसार है एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ग) जाँच एजेन्सी की विवेचना उपरान्त जाँच एजेन्सी के प्रस्ताव अनुसार प्रकरण में कार्यवाही की जाती है।
आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति एवं नवीन आंगनवाड़ी केंद्र खोलने
[महिला एवं बाल विकास]
146. ( क्र. 3591 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 4 वर्षों में मांधाता विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु कब-कब, किस-किस दिनांक को पत्र दिए हैं? उन पत्रों में किन-किन स्थानों में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु लिखा गया है? उनमें से कितने ग्रामों में भवनों की स्वीकृति दे दी गई है और शेष ग्रामों में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति कब तक दी जायेगी? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 4 वर्षों में मांधाता विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केंद्र खोलने हेतु किस-किस दिनांक को पत्र दिए गए हैं? उन पत्रों में किन-किन ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केंद्र खोलने हेतु लिखा गया है? उन पत्रों के अनुसार किन ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत किए हैं तथा शेष ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केंद्र कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नकर्ता महोदय द्वारा विगत 4 वर्षों में मंधाता विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु अपने पत्र दिनांक 24.06.2016 एवं पत्र दिनांक 26.07.2017 द्वारा कुल 39 ग्रामों में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु लिखा गया है। जिसमें से कुल 03 ग्रामों में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दे दी गई है तथा शेष 36 आंगनवाड़ी केन्द्रों को मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव में सम्मिलित किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ख) विगत 4 वर्षों में मंधाता विधानसभा क्षेत्र में माननीय विधायक महोदय द्वारा 46 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुऐ थे जिसमें से 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृत दी गई है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। शेष 45 ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति अप्राप्त है।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित ग्रिड
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 3600 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत सप्लाय हेतु कितने ग्रिड संचालित हैं? इनकी क्षमता, स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) विगत चार वर्षों में कितने नवीन ग्रिड प्रारम्भ किये गये? क्षमता, लागत, स्थान बतावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन स्थानों पर नवीन ग्रिड की आवश्यकता है एवं कितने प्रस्तावित हैं? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बाजखेड़ी में नवीन ग्रिड की स्वीकृति कब प्रदान की जावेगी? जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु 132/33 के.व्ही. के 2 उपकेन्द्र एवं 33/11 के.व्ही. के 24 उपकेन्द्र संचालित हैं, जिनकी क्षमता सहित स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 4 वर्षों यथा-वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक 33/11 के.व्ही. के कुल 6 उपकेन्द्रों के कार्य पूर्ण कर उपकेन्द्र ऊर्जीकृत/प्रारंभ किये गये हैं, जिनकी क्षमता एवं लागत राशि की स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में पारेषण प्रणाली की आवश्यकतानुसार शामगढ में 132/33 के.व्ही., सुवासरा में 220/132 के.व्ही. एवं सीतामऊ में 400/220 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य प्रस्तावित है तथा वितरण प्रणाली की आवश्यकतानुसार ग्राम सेमली कांकड में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र निर्माणाधीन है। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य किसी भी स्थान पर नवीन उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य आवश्यक/प्रस्तावित नहीं है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बाजखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना हेतु तकनीकी साध्यता का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत तकनीकी रूप से साध्य पाए जाने पर वित्तीय उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में उक्त उपकेन्द्र की स्थापना हेतु आगामी कार्यवाही की जा सकेगी जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोकायुक्त में दर्ज प्रकरणों की स्थिति
[सामान्य प्रशासन]
148. ( क्र. 3610 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त में उत्तर दिनांक तक कुल ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनकी विवेचना पूर्ण होकर विभागीय/प्रशासकीय स्वीकृति के कारण चालान पेश नहीं हो पाये हैं वर्ष 2000 से पूर्व के कितने प्रकरण लंबित हैं उनकी विस्तृत जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में अभी तक प्रशासकीय स्वीकृति या अन्य अनुमति न दिये जाने का क्या कारण है। 2010 से पहले के सारे प्रकरणों में प्रकरण अनुसार जानकारी दें कि किन कारणों से लंबित है? (ग) ई.ओ.डब्ल्यू. में ऐसे कुल कितने प्रकरण हैं जिनकी विवेचना पूर्ण हो गई है लेकिन किसी कारण वश अभी तक चालान पेश नहीं किया गया है? इसमें सबसे पुराना प्रकरण किसका है तथा किस वर्ष का है तथा कितने प्रकरण विवेचना में हैं? (घ) लोकायुक्त में कुल कितने प्रकरण उत्तर दिनांक तक विवेचना में हैं सबसे पुराना प्रकरण किसका है तथा किस वर्ष का? प्रश्नांश (क) तथा (ग) में उल्लेखित प्रकरणों की सूची आरोपियों का नाम, पद विभाग का नाम प्रकरण की दिनांक सहित पेश करें तथा बतावें कि वर्ष 2004 से लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में स्वीकृति हेतु कितने प्रकरण लंबित थे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राशन दुकानों के संचालन की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
149. ( क्र. 3611 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में इन्दौर जिले में देशी, विदेशी शराब व भांग बिक्री की कितनी दुकानें स्वीकृत की गई तथा वे कहाँ-कहाँ संचालित हैं? स्थान सहित संचालक फर्म/कम्पनी का नाम पता रजिस्ट्रेशन नम्बर व ठेका की वैधता संबंधी जानकारी देवें। (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक इन्दौर जिले में विभाग द्वारा अवैध (देशी व विदेशी) मदिरा की बिक्री के कितने प्रकरण किस-किस धारा में पंजीकृत किये व उन केसों की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी का नाम व पद व वर्तमान पदस्थापना की जानकारी भी उपलब्ध करायें। (ग) जिले में स्कूल व धार्मिक स्थलों से 100 मीटर की दूरी पर कितनी दुकानें संचालित हैं? जिले में सामाजिक संगठनों व अन्य माध्यमों से दुकानों को अन्यत्र जगह स्थानांतरित करने हेतु कितनी मांगें आयी व शासन ने उन पर क्या कार्यवाही की? जानकारी दुकानवार देवें। (घ) इन्दौर जिले में कितने टी.वी. केवल संचालक पंजीकृत हैं नाम, पता, लायसेंस जारी होने की तारीख व कब तक वैद्य है की जानकारी देवें व जिले से 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक शराब (देशी-विदेशी) मांग व केवल संचालकों से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा में अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
150. ( क्र. 3614 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह शासन के संज्ञान में है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा से चयनित उम्मीदवारों की परीवीक्षा अवधि काल में विभागीय परीक्षा में नकल व्यापक रूप से की जाती है तथा उसी संवर्ग के अधिकारी पर्यवेक्षणीय अधिकारी होने के कारण उनका संरक्षण रहता है? (ख) क्या विभागीय परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता नहीं होने के कारण शासन इस विषय को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी एवं वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर विचार कर सकता है? (ग) संभागीय आयुक्तों के स्थान पर किसी अन्य विभाग से पर्यवेक्षण कराये जाने तथा सी.सी.टी.व्ही. कैमरा एवं वीडियो रिकार्डिंग का उपयोग सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। पर्यवेक्षण कार्य उसी संवर्ग के अधिकारियों से नहीं कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में यह परीक्षा प्रशिक्षण उपरांत प्रशासन अकादमी में ही आयोजित की जाती है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिजली बिल में गड़बड़ी के संबंध में
[ऊर्जा]
151. ( क्र. 3615 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत रतलाम शहर संभाग में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में दिनांक 31.01.2018 तक विद्युत बिलों में त्रुटि से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से कितने बिलों में सुधार कर मांग राशि कम की गई तथा इनमें कितनी राशि कम की गई जानकारी देवें? (ख) क्या 360W का अधिकृत वाट का स्वीकृत लोड वाला घरेलू मीटर जिसकी रेटिंग 5-30A है माह में दस हजार यूनिट खपत दे सकता है? (ग) क्या रतलाम में सर्विस क्रमांक 3524200-14-6-3623382000 का मार्च 2015 तथा सर्विस क्रमांक 3524200-RT 14-17-3316092000 का फरवरी 2015 की मीटर खपत क्रमश: 1141 तथा 7224 यूनिट आयी? यदि हाँ, तो क्या यह मीटर जंप का प्रकरण नहीं है? क्या मीटर तेज चलने की जाँच कराई गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार माह जनवरी, 2018 में रतलाम शहर संभाग के अन्तर्गत विद्युत बिलों में त्रुटि के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई विवरण देवें? बिल में संशोधन करने एवं न करने के कारण भी दर्शावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत रतलाम शहर संभाग में वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिल त्रुटि से संबंधित 10301 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 2715 शिकायतों का रू.112.65 लाख की मांग राशि कम करते हुए निराकरण किया गया एवं वर्ष 2017-18 में दिनांक 31.01.2018 तक बिल त्रुटि से संबंधित 15297 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 1516 शिकायतों का रू. 81.67 लाख की मांग राशि कम करते हुए निराकरण किया गया। (ख) जी नहीं तथापि पूर्व के माहों में मीटर रीडिंग सही/नियमित रूप से नहीं लेने पर खपत के एकत्र होने से मीटर 10,000 यूनिट की खपत दर्शा सकता है। (ग) जी हाँ, रतलाम शहर में स्थित घरेलू संयोजन सर्विस क्रमांक 3524202-14-6-3623382000 (3524200-14-6-3623382000 नहीं) का अप्रैल-2015 के बिल में मीटर खपत 11141 यूनिट अंकित है, (1114 नहीं) एवं घरेलू संयोजन सर्विस क्रमांक 3524204-4-17-3316092000 (3524200-RT 14-17-3316092000 नहीं) के मार्च-2015 के बिल में मीटर खपत 7224 यूनिट अंकित है। सर्विस क्रमांक 3524202-14-6-3623382000 के मीटर में जंप का प्रकरण नहीं है, क्योंकि मीटर को पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विभागीय एल.टी. एम.टी. प्रयोगशाला, मीटर निर्माता कंपनी ऐलीमर इलेक्ट्रिक्स प्रा.लि.,नई दिल्ली एवं सेन्ट्रल पॉवर रिसर्च इंस्टीट्यूट, भोपाल में जाँच करने पर तीनों संस्थानों की प्रयोगशालाओं की जाँच रिपोर्ट में मीटर प्रमाणिक/सही पाया गया है। इस प्रकरण में परिसर का निरीक्षण करने पर यह पाया गया था कि परिसर में 3 कमरे हैं तथा संयोजित भार 1.30 किलोवॉट है। माह मार्च-2015 के पूर्व इस परिसर में 16 माह की औसत खपत 66 यूनिट अंकित होना पाया गया जबकि उक्त मीटर को बदलने के उपरांत आगामी माहों में अधिकतम खपत 240 यूनिट तक अंकित हुई एवं बाद के 16 माह की औसत खपत 132 यूनिट पाई गई। अतः मीटर खपत जंप न होकर खपत एकत्रीकरण का प्रकरण था। इसी प्रकार सर्विस क्रमांक 3524204-4-17-3316092000 के मीटर की जाँच पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विभागीय एल.टी./एम.टी. प्रयोगशाला एवं मीटर निर्माता कंपनी से जाँच कराने पर दोनों जाँच रिपोर्टों में मीटर प्रमाणिक एवं सही पाया गया है तथापि सर्विस क्रमांक 3524204-4-17-3316092000 के परिसर का भौतिक सत्यापन करने पर परिसर पर संयोजित भार 560 वॉट एवं परिसर कच्चा पाया गया। उपभोक्ता के परिसर पर संयोजित भार के अनुरूप एक माह में 7224 यूनिट खपत की संभावना नहीं है, उक्त सर्विस क्रमांक 3524204-4-17-3316092000 के मीटर में दर्ज 7224 यूनिट के पूर्ववती माहों में मीटर द्वारा औसत खपत लगभग 50 यूनिट दर्ज की गई है, उसके उपरांत मीटर बदलने पर आगामी माहों में पूर्ववर्ती माहों के अनुरूप ही प्रत्येक माह खपत दर्ज हुई है। अतः उक्त प्रकरण खपत एकत्रीकरण का न होकर मीटर जंप होना सभावित है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जनवरी-2018 में रतलाम शहर संभाग के अंतर्गत विद्युत बिलों में त्रुटि के संबंध में 299 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 178 शिकायतों में देयक सही पाये गये, शेष 121 शिकायतों का निराकरण कर राशि रू.12.77 लाख का समायोजन संबंधित उपभोक्ताओं के मासिक देयक/खातों में किया गया। बिलों में त्रुटि संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर परिसर का मौका-मुआयना करवाया गया तथा जिन प्रकरणों में मीटर रीडिंग अथवा पंचिंग की त्रुटि के कारण अधिक खपत गणना में लिया जाना पाया गया, उनमें वास्तविक मीटर रीडिंग के अनुसार बिल में सुधार किया गया तथा जिन प्रकरणों में अंकित खपत एवं मीटर सही चलना पाया गया उनमें सुधार करने का प्रश्न नहीं उठता।
एक ही संपत्ति की एकाधिक पंजीयन होने पर F.I.R.
[वाणिज्यिक कर]
152. ( क्र. 3617 ) श्री रमेश पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक इंदौर द्वारा दि. 24-04-17 को रावजी बाजार थाना प्रभारी इंदौर को भेजे पत्र क्रमांक 27/उ.पं.-2/2015 की छायाप्रति देवें। क्या इस प्रकरण में F.I.R. रावजी बाजार थाना इंदौर में हो चुकी है? (ख) यदि नहीं, तो विभाग ने इस संबंध में संबंधित पुलिस थाना को कब-कब स्मरण पत्र लिखे? समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? F.I.R. कब तक होगी? (ग) क्या कारण है कि उपरोक्त (क) अनुसार वर्णित एक ही संपत्ति का एक से अधिक बार पंजीयन हो गया? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन ने इस पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो कब तक करेगा? (घ) प्रकरण में कार्यवाही अत्याधिक धीमी गति से करके इसके दोषियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उप पंजीयक इंदौर के पत्र दिनांक 24/04/2017 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। संपत्ति द्वारकापुरी थाना क्षेत्रान्तर्गत होने से थाना द्वारकापुरी इंदौर में अपराध क्रमांक 445/2017/धारा 420 I.P.C के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। F.I.R. के की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ग) एक ही संपत्ति के समान विक्रेता द्वारा एक से अधिक बार विक्रय की रोकथाम हेतु उप पंजीयक द्वारा नियमानुसार विक्रेता द्वारा इस आशय का शपथ पत्र देने के उपरांत पंजीयन किया गया है। अत: कोई भी विभागीय अधिकारी दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण उप पंजीयक इंदौर के संज्ञान में आते ही तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पत्र लिखा गया है। आगामी कार्यवाही पुलिस विभाग से संबंधित है।
कन्या आश्रम पाढ़र के लंबित देयकों का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
153. ( क्र. 3618 ) श्री रमेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विभाग के अंतर्गत कन्या आश्रम पाढ़र के भवन निर्माण की स्वीकृति दिनांक, लागत, प्रश्न दिनांक तक आहरित राशि की दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) प्रश्न (क) अनुसार कार्य के देयक कब-कब बनाये गये एवं कब-कब उक्त देयकों का भुगतान किया गया? तिथिवार, राशि सहित बतावें। (घ) यदि देयक का भुगतान नहीं हुआ है तो कारण बतावें? ये भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश दिनांक 23.10.2007 के द्वारा कन्या आश्रम, रतनपुर का स्थान परिवर्तन कर कन्या आश्रम पाढ़र स्वीकृत किया गया है जिसकी लागत 57.41 लाख दिनांक 02.07.2013 को पुनरीक्षित की गई। प्रश्न दिनांक तक आहरित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखानुसार है। (ख) दिनांक 04.12.2017 को कार्य पूर्ण किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखानुसार है। (घ) कार्य के देयक का भुगतान शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी के जनजाति सम्मेलन में अनियमितता
[जनजातीय कार्य]
154. ( क्र. 3620 ) श्री कमलेश शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 979 दि. 18.07.17 के उत्तर (क) व (ख) के परिशिष्ट प्रपत्र-अ में वर्णित प्राइवेट बस आनर्स कल्याण समिति बड़वानी (पृष्ठ क्र. 3, क्रमांक -53) को दिए रू. 5,59,438 एवं इसी को पृष्ठ क्र.-10, क्रमांक -100 पर दिए रू. 31,156=00 के प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति एवं भुगतान वाउचर/बैंक खाता नंबर की जानकारी सहित देवें। (ख) पृष्ठ क्र.-10 के क्रमांक-67 एवं 92 में वर्णित श्री अजय कुमार वर्मा के खाते में दो बार 1,69,428=00 रू. का भुगतान क्यों किया गया? भुगतान वाउचर/बैंक खाता नंबर प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति सहित देवें? (ग) पृष्ठ क्र.-11 क्रमांक 130 से 136 तक की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के T.D.S. कटौत्रे की जानकारी भी भुगतानवार देवें? यदि T.D.S. नहीं काटा गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। दो बार भुगतान नहीं हुआ है। टंकण त्रुटिवश एक ही फर्म का दो बार नाम अंकित हुआ है। पुष्टि हेतु व्हाउचर्स एवं ट्रेजरी शीट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) 1. कटौत्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। 2. कार्यक्रम आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से उपलब्ध कराये गये फर्मों के देयकों में जिन देयकों में टी.डी.एस./वैट टैक्स का उल्लेख किया गया है, तदनुसार टी.डी.एस./वैट टैक्स काटा गया है। म.प्र. वैट टैक्स अधिनियम के अध्याय 6 की धारा 18 (क) (ख) अनुसार प्रत्येक फर्म को विवरणी प्रस्तुत कर देयकर की रकम भुगतान करने का प्रावधान है। जिसके लिये भुगतान प्राप्तकर्ता फर्म उत्तरदायी है।
वेतन निर्धारित प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर कार्यवाही
[वित्त]
155. ( क्र. 3621 ) श्री कमलेश शाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा इंदौर के पद पर श्रीमती बीना जैन कब से कब तक पदस्थ रहीं? (ख) श्रीमती जैन के कार्यकाल में कुल कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन निर्धारण प्रकरण अन्य कारणों से संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा इंदौर को भेजे गए? (ग) कुल कितने प्रकरणों को निराकृत किया गया? कितनों में एक से अधिक बार आपत्ति लगाई गयी तथा कितने वर्तमान में लंबित हैं? स्पष्ट संख्या दें। (घ) क्या लंबित प्रकरणों के निराकृत न किये जाने पर श्रीमती जैन तत्कालीन संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा इंदौर के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 17 जून, 2017 से 19 दिसम्बर, 2017 तक संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा इन्दौर का अतिरिक्त प्रभार रहा। (ख) कुल 931 प्रकरण। (ग) समस्त प्रकरणों का निराकरण किया गया। किसी भी प्रकरण में एक से अधिक बार आपत्ति नहीं लगाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के स्वीकृत कार्य व योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
156. ( क्र. 3624 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.14 से 31.12.17 तक कितने भवन व अन्य कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए? स्थान का नाम, कार्य का नाम, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति सहित वर्षवार देवें। (ख) यह भी बतावें कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? योजना का नाम, हितग्राही संख्या सहित प्रश्नांश (क) अवधि के संबंध में देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.14 से 31.12.17 तक विभाग द्वारा 06 आंगनवाड़ी भवन निर्माण व 306 अन्य कार्य स्वीकृत किये गये। स्वीकृत एवं अन्य कार्य के स्थान का नाम, कार्य का नाम, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) हितग्राहीमूलक योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों की योजना अंतर्गत एवं आयुक्त महिला सशक्तिकरण संचालनालय की जानकारी संख्या सहित दिनांक 01.04.14 से 31.12.17 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
हितग्राही मूलक कार्य व निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
157. ( क्र. 3625 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.14 से 31.01.18 तक विभागान्तर्गत कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, स्थान, लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राही, किस-किस योजना में लाभान्वित हुए? हितग्राही संख्या, योजना नाम सहित वर्षवार देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ओव्हर लोड ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
158. ( क्र. 3629 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में रबी फसल 2017-18 के समय 25 KV, 63 KV, 100 KV के ऐसे कितने ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ थे, जो ओव्हर लोड थे? सूची वितरण केन्द्रवार देवें। (ख) इन्हें कब तक अंडर लोड कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 के रबी सीजन के दौरान 25, 63 एवं 100 के.व्ही.ए. के कुल 141 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित चिन्हित किये गये थे। इन अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार संख्या की जानकारी एवं स्थानवार वितरण केन्द्रवार क्षमतावार जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 141 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से 119 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों हेतु कार्य तकनीकी साध्यता के परीक्षण उपरांत अनुमोदित कर दिए गए हैं। इनमें से 48 स्थानों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं 71 स्थानों पर क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत हैं वर्तमान में इनमें से 02 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण कर दिया गया हैं। शेष 117 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य विभागीय तौर पर संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार माह अक्टूबर-2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित हैं। अन्य 22 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की तकनीकी साध्यता का परीक्षण किया जा रहा है, तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने पर उक्त ट्रांसफार्मरों को भी अनुमोदन प्रदान कर दिया जावेगा, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
159. ( क्र. 3643 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं एवं उनके कार्य पूर्ण/अपूर्ण, लागत, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य समाप्त दिनांक, ठेकेदार द्वारा आहरित राशि, कार्य का नाम, योजना का नाम सहित संपूर्ण जानकारी बैतूल जिले की देवें। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऊर्जा विभाग द्वारा बैतूल जिले में वर्तमान में संचालित योजनाएं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, फीडर सेपरेशन, आई.पी.डी.एस., मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी.) एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल जिले की योजनावार एवं उनके कार्य पूर्ण/अपूर्ण, लागत, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य समाप्त दिनांक, ठेकेदार द्वारा आहरित राशि, कार्य का नाम, योजना का नाम सहित प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप, कनेक्शन योजना एवं सौभाग्य योजनान्तर्गत कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराए गए है तथा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के कार्य आवेदक द्वारा स्वयं लायसेंसी ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए हैं। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत हितग्राहियो को दिये गये लाभ का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मांगों का निराकरण
[महिला एवं बाल विकास]
160. ( क्र. 3651 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की लंबे समय तक चली हड़ताल में प्रशासन द्वारा कौन-कौन सी मांगे स्वीकार की गई तथा कौन-कौन सी मांगे अस्वीकार की गई? (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायकों को पूर्णकालिक समय सेवक के रूप में लेने के लिए शासन प्रशासन द्वारा क्या कोई नई नीति निर्धारित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) हड़ताल के दौरान कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को क्या शासन प्रशासन द्वारा उनका वेतनमान काटने या अन्य किसी प्रकार से की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार क्षमा कर दिया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में विगत अवधि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों द्वारा की गई पृथक-पृथक हड़तालों में की गई मांगों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में मांगों को स्वीकार नहीं किया गया है। संगठन की मांगों में से एक मांग आंगनवाड़ी दीदी के चयन को निरस्त करने के संबंध में थी। जिसे राज्य शासन द्वारा आदेश दिनांक 23.02.2018 के द्वारा निरस्त कर दिया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद भारत सरकार द्वारा मानसेवी निर्धारित किया गया है अतः इन्हें पूर्णकालिक समय सेवक के रूप में लेने की सरकार की कोई नीति विचाराधीन नहीं है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस संबंध में कोई घोषणा न किये जाने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरण संबंधी जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
161. ( क्र. 3656 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की वर्तमान समय में तबादला नीति क्या है? क्या विभिन्न विभागों के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण हेतु अलग-अलग नीतियां हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अत्यावश्यक सेवाओं के लिए तबादला नीति को शिथिल करते हुए स्थानीय स्तर पर क्या कलेक्टर को विशेष अधिकार प्राप्त हैं? पूर्ण विवरण प्रदाय करें। (ग) तबादला नीति के अंतर्गत नीतिगत सिद्धांत के अंतर्गत पति-पत्नी को अलग-अलग स्थानों से एक ही स्थान पर 8 किलोमीटर के दायरे में पदस्थ किए जाने का क्या प्रावधान है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में प्रभावशील वर्ष 2017-18 की स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नीति की कंडिका 3 अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग की पृथक स्थानांतरण नीति निर्धारित है। प्रशासकीय व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये (ख) स्थानांतरण नीति की कंडिका 9.3 में प्रावधान अनुसार प्रतिबंध की अवधि के दौरान तहसील स्तर के संवर्गों के कर्मचारियों का तहसील के अंदर तथा जिला स्तर के संवर्गों के कर्मचारियों का जिले के अंदर प्रशासकीय दृष्टि से अत्यंत आवश्यक होने पर स्थानांतरण आदेश जिला कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त कर जारी किये जा सकेंगे। (ग) स्थानांतरण नीति की कंडिका 11 में प्रावधान अनुसार पति-पत्नी के स्वयं के व्यय पर एक ही साथ पदस्थापना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा, परन्तु पदस्थापना का स्थान प्रशासकीय आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित होगा। इसका आशय यह नहीं है कि पति/पत्नि एक ही जिले/मुख्यालय में कार्यरत हों तो उनका स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है।
निलंबित कर्मचारी को गुजारा भत्ता देने बाबत्
[महिला एवं बाल विकास]
162. ( क्र. 3663 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले के कैलारस ब्लॉक के सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी का निलंबन कब किया गया तथा आरोप पत्र कब दिया गया? उसका नाम, आरोपों की जानकारी सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या निलंबित कर्मचारी को जीवन निर्वाह भत्ता देने का प्रावधान है? जुलाई 2017 से अभी तक जीवन निर्वाह भत्ता क्यों नहीं दिया गया है? (ग) वर्तमान में कर्मचारी को आरोप पत्र कब दिया गया? क्या समय-सीमा में आरोप पत्र दिया गया? आरोप पत्रों का जवाब कब प्राप्त हुआ पूर्ण जानकारी दी जावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुरैना जिले के कैलारस ब्लॉक के सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी श्री रामअवतार दिनकर को संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल के आदेश क्रमांक 2975 दिनांक 06.07.2017 से निलंबित किया जाकर ज्ञाप क्रमांक 3247 दिनांक 11.08.2017 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये। श्री रामअवतार दिनकर निलंबित सहायक ग्रेड-2 परियोजना कैलारस को जारी आरोप पत्र, आधार पत्र, अभिलेख सूची एवं शासकीय साक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जुलाई 2017 से माह जनवरी 2018 तक का संबंधित कर्मचारी को जीवन निर्वाह भत्ता की राशि रू.1,34,731/- का भुगतान कर दिया गया है। (ग) संचालनालय के ज्ञाप क्रमांक 3247 दिनांक 11.08.2017 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये, जो समय-सीमा में दिए गए। श्री रामअवतार दिनकर द्वारा दिनांक 23.08.17 को आरोप पत्र का उत्तर दिया गया।
अनुसूचित बाहुल्य बस्तियों में विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
163. ( क्र. 3665 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु वर्ष 2016-17 से फरवरी 2018 तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) उक्त आवंटन से जिले के कितने मजरे/टोलों में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा कितने प्रस्ताव तैयार कराये? प्रस्तावों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जावें। (ग) उक्त आवंटित राशि विद्युत विभाग को कब जमा कराई तथा कितने प्रस्तावों पर कार्य प्रारंभ किये गये? कार्यों की वस्तुस्थिति की वर्तमान स्थिति में पूर्ण जानकारी मुरैना जिले की समस्त विधानसभा क्षेत्रवार दी जावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले की अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में विद्युतिकरण हेतु वर्ष 2016-17 में रू. 51.41 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ, निरंक राशि व्यय हुई, राशि रू. 51.41 लाख समर्पित की गई, शेष राशि निरंक एवं 2017-18 में राशि रू. 11.11 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ, राशि रू. 8.93 लाख व्यय हुई, निरंक राशि समर्पित की गई तथा शेष राशि 2.18 लाख है। (ख) जिला स्तर पर माननीय सांसद, विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधीक्षकों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 22 कार्यों हेतु योजनान्तर्गत प्रावधान अनुसार म.प्र. विद्युत मण्डल से प्राक्कलन तैयार कराए गए। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल मुरैना से प्राप्त प्राक्कलन अनुसार योजनान्तर्गत नियम 2017 में प्रावधानों के तहत मजरा शिलासैयापुर, ग्राम पंचायत कटघर विधानसभा सबलगढ़ में कार्य की स्वीकृति दी जाकर दि. 05.01.2018 को राशि रू. 8,93,714 जमा कराई गई। म.प्र. विद्युत मण्डल मुरैना द्वारा उक्त कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया की जा रही है।
मुरैना के परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र के स्थान परिवर्तित
[अनुसूचित जाति कल्याण]
164. ( क्र. 3666 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति छात्र-छात्राओं का परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जो संभागीय केन्द्र चम्बल कालोनी में संचालित था, उसे कुछ समय पूर्व चम्बल संभाग मुख्यालय से हटाने का क्या कारण था? (ख) क्या उक्त स्थान परिवर्तन से मुरैना, भिण्ड, श्योपुर के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण लेने में भारी परेशानी हो रही है एवं छात्र-छात्राओं की संख्या में भारी कमी होती जा रही है? (ग) क्या उक्त प्रशिक्षण केन्द्र को ग्वालियर से हटाकर पुन: चम्बल संभाग मुख्यालय मुरैना में कब तक परिवर्तित किया जावेगा वर्तमान स्थिति के अनुसार पूर्ण जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र, मुरैना में स्वीकृत संख्या के विरूद्ध प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों की संख्या में निरंतर कमी एवं निकटस्थ शहर ग्वालियर में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र संचालित होने से विभाग द्वारा परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र, मुरैना का संविलियन ग्वालियर में किया गया है। (ख) जी नहीं। संविलियन के पूर्व एवं पश्चात प्रशिक्षणरत छात्र छात्राओं की तुलनात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राजपत्रित पदों की भर्ती प्रक्रिया
[जनजातीय कार्य]
165. ( क्र. 3670 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग में कितने प्रथम और द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद स्वीकृत हैं? इन पदों की भर्ती प्रक्रिया क्या है? भर्ती नियम क्या हैं और उन्हें कब-कब संशोधित किया गया है? (ख) विभाग में अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त (सी.ई.ओ. जनपद) के कितने पद हैं? इन पदों की भर्ती प्रक्रिया क्या है? इन अधिकारियों की किन पदों पर अब तक पदोन्नति की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्य कारण है? (ग) अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदों की वित्त विभाग ने और राज्य मंत्रिमण्डल ने कब स्वीकृति दी थी और किस विभाग ने ये पद कब स्वीकृत कराये थे? (घ) अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त के पदों पर कार्यरत कितने अधिकारी पद सहित ग्रामीण विकास विभाग को सौंप दिये है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आबकारी मद में प्राप्त आय
[वाणिज्यिक कर]
166. ( क्र. 3671 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के आबकारी विभाग को कितने राजस्व की प्राप्ति किस-किस स्त्रोत से हुई वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी शराब की नई दुकानें खोली गई और कितनी बंद की गई? क्या प्रदेश में नशाबंदी या शराबबंदी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) आबकारी मद में प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आय की जानकारी जिलावार बतायें। अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण इन वर्षों में दर्ज किये गये? जिलावार बतायें। (घ) वर्ष 2002-2003 में प्रदेश को आबकारी मद में कितना राजस्व प्राप्त हुआ था? स्त्रोतवार बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 में माह जनवरी 2018 तक प्रदेश के आबकारी विभाग को स्त्रोतवार प्राप्त राजस्व की वर्षवार जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक कोई भी नवीन मदिरा दुकान नहीं खोली गई है वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कोई भी मदिरा दुकान बंद नहीं की गयी है तथा वर्ष 2016-17 में 01 मदिरा दुकान तथा वर्ष 2017-18 में 66 मदिरा दुकानें बंद की गई है। नशा बंदी अथवा शराब बंदी का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) आबकारी मद में प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आय की जिलावार जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त अवधि में अवैध शराब बिक्री दर्ज प्रकरणों की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) प्रचलित स्त्रोतवार वर्ष 2002-03 में देशी व विदेशी मदिरा निष्पादन से 774.71 करोड़ रूपये, भांग के निष्पादन से 4.36 करोड़ व पॉपीस्ट्रा के निष्पादन से 5.06 करोड़ रूपये तथा अन्य मद से 112.10 करोड़ रूपये, इस प्रकार कुल 896.23 करोड़ की आबकारी आय प्राप्त हुई है।