मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
अगस्त, 2021
सत्र
गुरुवार, दिनांक 12 अगस्त, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगर
निगम सतना
अन्तर्गत
पेयजल
व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1095 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत विगत 3 वर्ष से नल-जल योजना/अमृत योजना के तहत पेयजल हेतु पाईप-लाईन बिछाई जा रही है? (ख) यदि हां, तो कितने प्रतिशत क्षेत्रों में नल-जल योजना/अमृत योजना के तहत पाईप-लाईन व्यवस्था पूर्ण हो चुकी है एवं कितने प्रतिशत क्षेत्रों में अभी तक कार्य पूर्ण नही हुआ है? यदि नहीं, हुआ है तो कब तक होगा। क्योंकि इस योजना के तहत स्वीकृत क्षेत्र में कार्य न होने से सड़क निर्माण कार्य भी काफी ज्यादा प्रभावित है? (ग) जिन क्षेत्रों में इस योजना के तहत पाईप-लाईन व्यवस्था नहीं है तो क्यों? यदि जोड़े जाएंगे तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। (ख) नगर निगम अंतर्गत नल जल/अमृत योजना में स्वीकृत सभी क्षेत्रों में पाईप लाईन का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 89 प्रतिशत रोड रेस्टोरेशन का कार्य कर, केवल 11 प्रतिशत रोड रेस्टोरेशन का कार्य शेष है, जिसे सितम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) नये विकसित क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने का प्रावधान इन योजनाओं में नहीं होने से आगामी योजना में प्रस्तावित किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर में डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( *क्र. 714 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 के बजट में जबलपुर में डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव शामिल किया गया था? यदि हां, तो इस स्थापना के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्य प्रारंभ की भौतिक स्थिति क्या है एवं कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हां। मंत्री परिषद से नीतिगत/सैद्धांतिक सहमति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर जिलांतर्गत कोरोना से मृत व्यक्तियों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 18 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 मार्च, 2021 से 30 जून 2021 की अवधि में छतरपुर जिले में कितने लोगों की मृत्यु हुई? सभी के नाम, पते सहित जानकारी प्रदाय करें। इनकी मृत्यु के कारण क्या थे? इनमें से कितने व्यक्ति उक्त अवधि में कोरोना संक्रमित हुए? जिले की अलग-अलग तहसीलों/ब्लॉक/गांव में स्थित शमशानों और कब्रिस्तानों में कितने कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकोल के तहत किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में जिले में कोविड 19 से कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड 19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
निजी आयुष महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों के चयन की जांच
[आयुष]
4. ( *क्र. 318 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 12, दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 के प्रतिप्रश्न क्रमांक 2721, दिनांक 05.03.2021 के उत्तरांश (क), (ख), (घ) के प्रतिउत्तर में जांच प्रक्रियाधीन बताई गई है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक को 6 माह से अधिक हो जाने पर भी जांच प्रक्रियाधीन है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न के उत्तर हेतु समय-सीमा बताई जाये?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 21.06.2021 द्वारा प्रस्तुत कर दिया गया है। (ग) प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। समय सीमा बताने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पोरसा से सेवढ़ा तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1082 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोरसा जिला मुरैना से सेवढ़ा जिला दतिया तक सड़क के चौड़ीकरण कार्य में एस्टीमेट के अनुसार कंस्ट्रक्शन मटेरियल का परीक्षण कराया गया है? यदि हां, तो परीक्षण प्रतिवेदन की बिन्दुवार जानकारी दें। (ख) क्या सड़क से निकाले गये वेस्ट मटेरियल को पुन: उसी जगह सड़क के निर्माण में लगाए जाने का प्राक्कलन में प्रावधान है? यदि हां, तो उसकी तकनीकी स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई है? यदि नहीं, तो निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या निर्माण कार्य में रोलर बायव्रेटर एवं कम्प्रेशर एवं पीली मिट्टी का उपयोग होना प्राक्कलन में प्रस्तावित नहीं है? यदि हां, तो एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य में उपयोग क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या सड़क निर्माण एजेन्सी एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्राक्कलन अनुसार सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया गया है? यदि हां, तो क्या इसकी जांच कराई जाकर जांच निष्कर्षों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉं। परीक्षण प्रतिवेदन की बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, अनुबंधानुसार सड़क के क्रस्ट से प्राप्त मटेरियल को पुनर्चक्रण (Recycle) उपरांत उपयोग की मात्रा इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों में निहित प्रावधानों अनुसार निर्धारित है। स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) जी नहीं, बल्कि निर्माण कार्य में इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों के अनुसार वायब्रेटरी रोलर, कम्प्रेशन एवं निर्धारित सी.बी.आर. की मिट्टी का प्रयोग प्राक्कलन में प्रस्तावित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन, इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में निहित मापदण्डों व मानकों के अनुसार ही किया जा रहा है एवं मार्ग का निर्माण कार्य स्वतंत्र इंजीनियर के तकनीकी पर्यवेक्षण में पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। अत: जॉंच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैराज निर्माण कार्य की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 948 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ की जल प्रदाय योजनांतर्गत निर्मित बैराज निर्माण कार्य में दोषी पाये जाने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी संतोष पाराशर एवं उपयंत्री मिथलेश दीक्षित को निलंबित कर दिनांक 19.12.2020 को जांच दल गठित कर 15 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था? यदि हां, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है? यदि हां, तो प्रतिवेदन की प्रति सहित प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो लगभग 9 माह उपरांत भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के क्या कारण हैं तथा विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक बिना आरोप पत्र जारी किये एवं विभागीय जांच अपूर्ण रहने के बावजूद विभाग द्वारा मुख्य रूप से दोषी उपयंत्री को दिनांक 07.07.2021 को निलंबन से बहाल कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भी बहाल करने की पूर्ण तैयारी है? यदि हां, तो किस आधार पर बहाली की गई? निलंबन से बहाली सहित जांच संबंधी संपूर्ण दस्तावेजों के विवरण सहित बतावें। (ग) क्या शासन विभागीय जांच पूर्ण होने तक संबंधितों को निलंबित रखते हुये जांच पूर्ण कराएगा? यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। जी नहीं। स्थल पर जल भराव होने के कारण संपूर्ण माप नहीं लिये जाने से जांच में विलम्ब हुआ है। जांच दल द्वारा जांच के दौरान कराये गये टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्य का मूल्यांकन एवं परीक्षण किया जा रहा है। टेस्ट रिपोर्ट एवं गणनाओं के आधार पर अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है। (ख) जांच संस्थित करते हुये निलंबन से बहाल किया गया है। इसी प्रकार श्री संतोष पाराशर को आदेश दिनांक 02.08.2021 को विभागीय जांच संस्थित करते हुये निलंबन से बहाल किया गया। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के अनुसार निलंबन से बहाली की गई है। दस्तावेज संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क मार्गों का उन्नयन
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 444 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र में कितने मार्ग उन्नयन योग्य हैं? मार्ग के नाम सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1. अमिलिया से पटपरा मार्ग, 2. कोदौरा से बिठौली मार्ग, 3. बिठौली से कमर्जी मार्ग, 4. कुचवाही से तरका मार्ग 5. बहरी से पोड़ी मार्ग अत्यन्त जर्जर है, कब तक इनका उन्नयन कार्य किया जावेगा? जिले के विभागीय अधिकारियों ने अब तक क्या-कया कार्यवाही की, विवरण देवें। (ग) क्या चुरहट से अमिलिया व अमिलिया सेबीछी मार्ग चुरहट एवं सिहावल विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को रीवा जाने का मुख्य मार्ग है तथा उक्त मार्ग को टू-लेन बनाये जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जाती रही है, यदि हां, तो उक्त मार्ग को टू-लेन बनाये जाने हेतु कब तक निरीक्षण कराया जाकर स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) क्या बहरी से हनुमना मार्ग में कैमोरपहाड़ पर मार्ग सकरा होने के कारण उक्त मार्ग पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं? क्या उक्त स्थल का निरीक्षण कराया जाकर चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक मार्ग का चौड़ीकरण, प्रकाश व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी अन्य कार्य कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, केवल मार्ग सकरा होने के कारण दुर्घटनाएं नहीं होती हैं, अपितु घाट पोर्शन में असावधानीवश वाहन चलाने एवं अन्य अनेक कारणों से दुर्घटना होना संभावित है। जी नहीं, आवश्यकता प्रतिपादित नहीं की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 767 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/1896, भोपाल दिनांक 10/02/2020 के द्वारा राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन ग्रिड स्वीकृत किये थे? यदि हां, तो जानकारी दें? (ख) यदि हां, तो क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन ग्रिड का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हां, तो जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार यदि राजगढ़ विधान सभा के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी नवीन ग्रिड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो, वहां कब तक नवीन ग्रिड का कार्य पूर्ण कर देंगे? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक-1896, दिनांक 06.02.2020 (दिनांक 10.02.2020 नहीं) द्वारा राजगढ़ विधानसभा के ग्राम डालूपुरा एवं ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये थे, जिनकी स्वीकृति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) सीमित वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक-प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/39, भोपाल दिनांक 16.05.2020 के माध्यम से ग्राम-डालूपुरा एवं ग्राम हिरनखेड़ी के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य को निरस्त किया गया है। उक्त दोनों विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में वित्तीय उपलब्धता अनुसार स्वीकृत करने का निर्णय लिया जावेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दतिया नगर में सी.सी. रोड कार्य के भुगतान की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 361 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् दतिया को वार्ड क्र.-3 निवासी रविन्द्र वाल्मीक पिता रमेश चन्द्र वाल्मीक ने दिनांक 06.07.2021 को लिखित शिकायत कर वार्ड क्र.-3 में काली माता मंदिर से हनुमान मंदिर तक स्वीकृत सी.सी. रोड़ बिना किसी कार्य किये फर्जी भुगतान कराये जाने के प्रयास करने तथा स्वयं निरीक्षण करने के उपरांत ही भुगतान की कार्यवाही करने का अनुरोध किया था? क्या इसके बावजूद बिना मौके पर कोई भी कार्य किये इस सी.सी. रोड का भुगतान कर दिया गया है? यदि हां, तो क्या इस संबंध में कोई जॉंच उपरांत कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्या उच्च स्तरीय जॉच करा कर संबंधित उपयंत्री सहित दोषियों को दंडित किया जाएगा? (ख) वार्ड क्र. 1 झिर का बाग, दतिया में वर्क ऑर्डर क्र. 1007-2 दिनांक 09.03.2021 द्वारा मुल्लु कुशवाह के मकान से ज्वाला कुशवाह, सीताराम कुशवाहा के मकान को लेते हुए पप्पू कुशवाह के मकान तक सी.सी. रोड़ लागत लगभग 6,05,671/- का कार्य शासकीय भूमि पर न करते हुए निजी भूमि पर निजी लाभ पहुंचाने हेतु कराया गया है तथा जितना नाप चढ़ाकर भुगतान किया गया है, उतना नाप मौके पर न होकर शासकीय धन राशि का बंदरबांट किया गया है। क्या संबंधित सी.एम.ओ., उपयंत्री आदि जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जॉंच कराकर दंडित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, शिकायत के क्रम में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण किया गया। स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं पाया गया और न ही कार्य का भुगतान किया गया, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका परिषद दतिया द्वारा सड़क निर्माण कार्य किसी भी निजी भूमि पर नहीं किया गया है, शासकीय भूमि/आम रास्ता पर जनता के मांग पत्र अनुसार स्थल का निरीक्षण किया जाकर कार्य की सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई, स्थल पर कराये गये कार्य की वास्तविक माप अनुसार ही प्रथम चल देयक का भुगतान किया गया है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन शहर अंतर्गत नाले का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 1001 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2909 दिनांक 05.03.2021 के उत्तर के अनुक्रम में परिशिष्ट 'ब' के बिन्दु 7 में वार्ड क्र.5 सिसोदिया नर्सिंग होम के सामने से प्रश्नकर्ता के घर तक नाला निर्माण का कार्य दिनांक 29.03.2020 तक पूर्ण होने की तिथि निर्धारित की गई थी? क्या कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में दिनांक 30.04.2021 तक अपूर्ण कार्य के पूर्ण होने की संभावित तिथि का निर्धारण किया गया? यदि हां, तो उक्त नाले का निर्माण समय सीमा में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? नाले का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार जिस नाले का निर्माण किया जा रहा है वह नाला महाकाल की नगरी उज्जैन के अनेकों प्रमुख दर्शनीय स्थलों को जाने वाले मुख्य मार्ग पर है। यहां से अनेकों पर्यटकों का आवागमन है। खुले नाले के कारण एक तो शहर की सफाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा है, साथ ही मुख्य मार्ग होने से कभी भी गंभीर बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसी स्थिति में इसका जिम्मेदार कौन होगा? (ग) क्या माननीय मंत्री जी इस निर्माण कार्य पर विशेष रूप से ध्यान देकर अतिशीघ्र नाले का निर्माण कराने के लिए उज्जैन जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी करके निर्माण कार्य पूर्ण करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। जी हॉं। रहवासियों द्वारा निर्माण कार्य रोके जाने संबंधी आवेदन प्रस्तुत करने, कोरोना महामारी की द्वितीय लहर में लॉकडाउन लगने एवं वर्षा ऋतु के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुआ। नाला निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं, अपितु उत्तरांश 'क' अनुसार नाला कॉलोनी के आंतरिक मार्ग पर है जो आगे जाकर मुख्य मार्ग में मिलता है। यह सही है, कि उज्जैन धार्मिक नगरी होने से नगर के अनेक मार्गों पर श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है। प्रश्नगत नाले की साफ-सफाई का कार्य समय-समय पर, पोकलेन मशीन से कराया जाता है, जिससे कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) जी हॉ, संचालनालय के पत्र क्र. 8031, दिनांक 31.07.2021 से निर्देश जारी किये गये हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 968 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में आउटसोर्स के तहत कुशल/अकुशल श्रमिक पदों पर भर्ती किये जाने के क्या नियम हैं? अवगत करायें। श्योपुर में उक्त नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दिये गये नियम निर्देशानुसार आउटसोर्स पदों पर भर्ती किये जाने के पूर्व मा. ऊर्जा मंत्री जी की अनुशंसा या मोबाईल पर सहमति लिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो श्योपुर जिले के शिक्षित योग्य बेरोजगारों को विद्युत विभाग श्योपुर में पदस्थ महाप्रबंधक एवं प्रबंधक (मानव संसाधन) द्वारा इन पदों पर भर्ती के पूर्व मा. ऊर्जा मंत्री की सहमति के नाम पर अपनी मनमर्जी के मुताबिक निजी स्वार्थ पूर्ति करने के लिये क्या शासन ऐसे नियम विरूद्ध एवं मनमाने तरीके से कार्य करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो समय सीमा बतावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्या श्री गौरव पटौदिया विगत 09 वर्षों से म.प्र. श्योपुर में पदस्थ होकर कार्यरत हैं? यदि हां, तो उक्त अवधि में पटौदिया के कृत्यों की जांच उच्चस्तरीय समिति बनाकर दोषी के विरूद्ध शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्तमान महाप्रबंधक श्योपुर एवं तत्कालीन महाप्रबंधक जिला शिवपुरी में पदस्थी के दौरान विवादित एवं नियम विरूद्ध आउटसोर्स भर्ती करने के कारण आवेदकों द्वारा पुलिस प्रकरण दर्ज कराया गया था? यदि हां, तो एफआईआर की कॉपी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अपितु कंपनी अतंर्गत क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वृत्त कार्यालयों द्वारा ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी को संबंधित क्षेत्रीय/वृत्त कार्यालय की मांग अनुसार निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियम व शर्तों के तहत् वांछित योग्यताधारी आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराना होता है। वर्तमान में मैसर्स ईजीसोर्स एच.आर. सोल्युशन प्रा.लि. नई दिल्ली को श्योपुर वृत्तांतर्गत बाह्यस्त्रोत कार्मिक उपलब्ध कराने का कार्य दिया गया है। श्योपुर संचा./संधा. वृत्त अन्तर्गत उक्तानुसार कार्यादेश की शर्तों एवं नियमों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। (ख) जी, नहीं। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है, अपितु बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म/एजेन्सी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, श्री गौरव पटौदिया, प्रबंधक (मा. संसा.), श्योपुर वृत्त में लगभग 09 वर्षों से पदस्थ हैं। उक्त कार्मिक के विरूद्ध एक शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांचोपरान्त प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर संबंधित कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई जॉंच कराया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) जी हाँ। एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बागड़ा से नसीराबाद मार्ग निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 1039 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में बागड़ा से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है? उनके नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हां, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या बागड़ा से नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हां, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये हैं? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हां, तो कब और नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निविदा विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य प्रगतिरत है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हॉं। जी हॉं, एप्रोच एवं शोल्डर का कार्य प्रगतिरत है। जी हॉं। जांच दिनांक 06.07.2021 तथा दिनांक 13.07.2021 को की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जांच में कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मकरोनिया से बहेरिया सड़क मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 920 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया से बहेरिया सड़क मार्ग का चौड़ीकरण कार्य तथा रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य गेट नं. 30 विभाग द्वारा कब स्वीकृत किया गया था? दोनों कार्यों का कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया था? कार्यपूर्णता की तिथि क्या थी? विभाग एवं कार्य एजेंसी का क्या वर्क प्लान था? समयसीमा में कार्य पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा क्या कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कार्य समय पर पूर्ण न होने पर कार्य एजेंसी पर कार्यवाही या आर्थिक दंड का क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना निर्माण कार्य किया गया? कितना निर्माण कार्य शेष है? निर्माण कार्य के पश्चात कितना भुगतान शेष है? (ग) उपरोक्त कार्यों की किन-किन लेबों से कब-कब जांच कराई गई? (घ) क्या सड़क चौड़ीकरण एवं रेल्वे ओवर ब्रिज कार्य निर्माण में धीमी गति के चलते एवं कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के समय यातायात की सुविधा हेतु परिवर्तित मार्ग बनाये गये? यदि नहीं, तो दुर्घटनाओं एवं यातायात में आ रही परेशानियों के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अतिक्रमण/अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 765 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल मार्केट लघु व्यापारी संघ पी.एण्ड.टी. चौराहा नेहरू नगर चौराहा भोपाल एवं महानगर विकास समिति भोपाल द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक आयुक्त नगर निगम भोपाल के साथ-साथ आयुक्त भोपाल संभाग तथा कलेक्टर भोपाल को ''अतिक्रमणकारी कबाड़ी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु'' एवं ''कबाड़ दुकान के विरूद्ध कार्यवाही नियम के दायरे लिये जाने विषय'' विषयांतर्गत शिकायतों से बिंदुवार अवगत कराते हुए दोषी अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? विगत तीन वर्षों से उक्ताशय से संबंधित और कितनीं शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) प्राप्त शिकायतों का पृथक-पृथक बिन्दुवार उल्लेख करते हुए बतावें कि उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण दोषी अतिक्रमणकारी को जानबूझकर संरक्षण प्रदान किया जाकर अतिक्रमण नहीं हटाते हुये बचाया जा रहा है? दोषी अतिक्रमणकारी को बचाये जाने के क्या नियमयुक्त/विधियुक्त कारण हैं? (घ) क्या शासन/विभाग शिकायत की गंभीरता व प्राप्त निर्देशों की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषी अतिक्रमणकारी एवं उसे संरक्षण प्रदान कर बचाने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण को तत्काल हटाते हुए प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर आयुक्त नगरीय प्रशसन एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019 में नगर निगम, भोपाल को प्रश्नाधीन स्थल पर स्थित कबाड़ी द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायत के निराकरण हेतु नगर निगम भोपाल द्वारा कार्यवाही की जाकर कबाड़ी द्वारा किये गये अतिक्रमण एवं उसके आसपास स्थित सभी अस्थाई प्रवृत्ति के अतिक्रमणों को हटाये जाने की कार्यवाही की गई थी। विगत 03 वर्षों के दौरान अतिक्रमण शाखा को सी.एम. हेल्पलाईन, निगम कॉल सेंटर, जन सुनवाई एवं विभिन्न शासकीय कार्यालयों से तथा आम नागरिकों द्वारा अतिक्रमणों के विरूद्ध अतिक्रमण शाखा को प्राप्त कुल 8468 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख की गई शिकायतों के निराकरण एवं नगर निगम सीमा में स्थित अतिक्रमणों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु शाखा के कार्यों को 02 भागों में विभाजित किया गया है। उक्त कार्यों को 02 क्षेत्रीय अतिक्रमण प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में स्थित अतिक्रमणों के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिये जाने वाले निर्देशों के परिपालन में शिकायतों के निराकरण एवं क्षेत्र में पाये अतिक्रमणों के विरूद्ध कार्यवाही करते हैं। यह एक सतत एवं निरंतर प्रक्रिया है। प्राप्त शिकायतों के संबंध में पृथक-पृथक अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी आदेश/स्वीकृति प्राप्त नहीं की जाती है। अत: इस प्रकार के अस्थाई अतिक्रमण हटाने का रिकॉर्ड संधारित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत व प्राप्त शिकायत का स्थल निरीक्षण किया जाकर सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत अतिक्रमण अमले द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। कार्यवाही के दौरान आवश्यकता अनुसार पुलिस बल भी उपयोग किया जाता है। अत: अतिक्रमण शाखा के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं के संरक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
नगरपालिका मनावर के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 952 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नगरपालिक मनावर जिला धार मध्यप्रदेश के पत्र क्र. 2071/2021 दिनांक 17/06/2021 को मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर को उपरोक्त पत्र के माध्यम से मार्गदर्शन चाहा गया था और क्या मार्गदर्शन दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पत्र की कंडिका क्र. 4 में उल्लेखित किस-किस मुख्य नगरपालिका अधिकारियों एवं अध्यक्षों के विरुद्ध किस-किस धारा में किस-किस अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि पंजीबद्ध नहीं किया तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदंर्भ में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किए जाने का क्या कारण है? क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी वर्तमान में उपरोक्त प्रकरण में लिप्त वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्षों तथा पूर्व-मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को बचा रहे हैं? वर्तमान मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरुद्ध किस-किस अधिनियम में कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग द्वारा वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है जो वर्तमान में परीक्षणाधीन है। निष्कर्ष उपरांत गुण-दोष के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिले में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 641 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले से होकर कहाँ से कहाँ तक के कौन-कौन से राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग कहाँ-कहाँ से गुजरते हैं तथा क्या कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की आवश्यकता है और अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना का जिला प्रशासन कटनी द्वारा प्रेषित प्रस्ताव विभाग/शासन के स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) प्रश्नांश (ख) कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना हेतु क्या प्रस्ताव कब तैयार किया गया? उपरोक्त प्रस्ताव किस स्तर पर स्वीकृति हेतु कब से लंबित है और क्या अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना हेतु भूमि भी आरक्षित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो भूमि आरक्षण की जानकारी और दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं? (ग) कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना के प्रस्ताव पर विभाग/शासन अथवा अन्य शासकीय विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक किया जाना शेष है और इसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या भौगोलिक स्थिति एवं भूमि/संसाधनों की उपलब्धता और क्षेत्र के जिलों को समुचित परिवहन सुविधा उपलब्ध होने को दृष्टिगत कर कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना की स्वीकृति शीघ्रता से प्रदाय की जाएगी? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत निम्न राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं :- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 30 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 7) :- उत्तराखण्ड राज्य में सितारागंज के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-9 के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होकर उत्तर प्रदेश में पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली और इलाहाबाद को मध्यप्रदेश में मनगंवा, रीवा, कटनी जबलपुर, मंडला, को छत्तीसगढ़ में चिल्पी, सिमगा, रायपुर, धमतरी, केशकाल, जगदलपुर और कोता को, आंध्रप्रदेश में नेल्लीपाक, भद्राचलम, पालीचा, कोट्टागोइम, तिरावुरू, मैलावरम को जोड़ते हुए कोडापल्ली के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-65 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है। 2. राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 43 विस्तारित (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 78) :- मध्यप्रदेश राज्य में गुलगंज के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-34 के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ अमानगंज, पवई, कटनी, उमरिया, शहडोल, छत्तीसगढ़ राज्य में अंबिकापुर, पाथलगांव, जशपुर नगर को जोड़ने वाला और झारखण्ड राज्य में छबीसा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-20 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है। 3. राज्य राजमार्ग क्र. 10:- कटनी, पन्ना। 4. राज्य राजमार्ग क्र. 11:- मैहर, बरही, उमरिया। 5. राज्य राजमार्ग क्र. 14:- कटनी, दमोह, सागर, भोपाल। कटनी में अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पुरैनी तहसील कटनी स्थित भूमि खसरा नंबर 146/1 में से 6.00 हेक्टेयर शासकीय भूमि अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड के संचालन हेतु मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग को राजस्व प्रकरण क्रमांक/114/अ-19/2016-17, दिनांक 24.05.2017 को आवंटित की गई। उक्त प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग में विचाराधीन है। (ख) अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जिला कटनी के द्वारा दिनांक 17.03.2017 को अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड का प्रस्ताव तैयार कर भूमि आवंटन की मांग की गई। कटनी में अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड की स्थापना को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पुरैनी तहसील कटनी स्थित भूमि खसरा नंबर 146/1 में से 6.00 हेक्टेयर शासकीय भूमि अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड हेतु मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग को राजस्व प्रकरण क्रमांक/114/अ-19/2016-17 दिनांक 24.05.2017 को आवंटित की गई। प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग में विचाराधीन है। भूमि आवंटन संबंधी दस्तावेज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन भूमि पर सड़क निर्माण/विद्युतीकरण कार्य की अनुमति
[वन]
17. ( *क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग से स्वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग की अनुमति के कौन-कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं, उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? पत्रवार कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा? पूर्ण विवरण दें। (घ) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं से निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में 01 हेक्टेयर तक वन भूमि के प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ संबंधित क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त हैं। वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में दिए गए अधिकारों के जनोपयोगी कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में राष्ट्रीय परिवार सहायता अंतर्गत राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( *क्र. 1068 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? उनमें से किन-किन को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्राप्त हुई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस लापरवाही के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 18 से 59 वर्ष की आयु के कुल 314 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जिसमें से 285 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता का लाभ दिया गया है तथा शेष 29 आवेदक योजनान्तर्गत अपात्र पाये गये हैं। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विश्व बैंक परियोजना में चयनित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 720 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में विश्व बैंक परियोजना में APD के पद पर किस संवर्ग के राज्य प्रशानिक स्तर के अधिकारी की पद स्थापना होती है वर्तमान में APD के पद पर कौन पदस्थ है और क्या उनकी पदस्थापना शासन के द्वारा हुई है या नहीं? यदि नहीं, तो इन्हें कब तक इस पद से विमुक्त किया जायेगा? (ख) विभाग द्वारा प्रयोगशाला उपकरण की निविदा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रकाशित निविदा क्र. 20015-। एवं 20016-। में दर्शित शर्तों में कुल आईटम/सामग्री में 25 आईटम की दरें प्रस्तुत करना अनिवार्य है? म.प्र. भंडार क्रय नियम 2015 एवं संशोधित नियम 2018 के किस नियम के तहत बनाई गई है? संपूर्ण जानकारी मय प्रक्रिया सहित उपलब्ध करायें। भंडार क्रय नियमों के तहत कार्यवाही नहीं होने की दशा में, निविदा को कब तक निरस्त किया जायेगा? (ग) विश्व बैंक परियोजना में चयनित 200 महाविद्यालयों के अतिरिक्त बिना चयनित महाविद्यालयों को किस नियम के तहत सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) नियम विरूद्ध कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्व बैंक परियोजना में APD का पद सृजित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रयोगशाला उपकरण हेतु जारी निविदा की शर्तें इस कार्यालय द्वारा तय नहीं की गई हैं। निविदा की प्रक्रिया म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा म.प्र. भंडार क्रय नियम के प्रावधान अनुसार की गई है। (ग) विश्व बैंक पोषित परियोजना में कुल 247 महाविद्यालय चयनित हैं, जिसमें 200 महाविद्यालय इंस्टिट्यूशनल डेवलेपमेंट प्रोग्राम (IDP) के अंतर्गत हैं तथा 47 भवन विहीन महाविद्यालयों के नवीन भवन निर्माण वाले महाविद्यालयों को सामग्री प्रदाय किया जाना है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का समय-सीमा में निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 2 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) यदि निर्माण की समयावधि का समय पूर्ण हो गया है तो अभी तक निर्माण पूरा क्यों नही किया गया? विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया जायेगा? यदि हां, तो कब तक? (घ) झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 21.06.2018 तक। (ख) ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने एवं कुछ भाग में अतिक्रमण के कारण विलम्ब हुआ। विभाग द्वारा ठेकेदार का ठेका निरस्त किया जा चुका है। (ग) जी हॉं। पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। (घ) समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सप्लाई व कटौती हेतु प्रचलित नियम
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 298 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत सप्लाई व कटौती हेतु कोई मार्गदर्शिका/नियम आदि प्रचलन में है तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में सम्मिलित 11 के.व्ही. फीडर में अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 तक कितनी बार घोषित/अघोषित कटौती हुई, फीडर का नाम/दिनांक/कटौती का समय आदि कारणों सहित जानकारी बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा लिये गए निर्णय अनुसार प्रदेश में गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में विद्युत कटौती हेतु कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत कृषि फीडरों पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने का प्लान लागू है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लाईन मेन्टेनेंस हेतु पूर्व निर्धारित शटडाउन लेने तथा आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर लागू विनियमनों के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विद्युत की कोई घोषित/अघोषित कटौती नहीं की गई है। तथापि पूर्व निर्धारित शटडाउन एवं आकस्मिक अवरोधों के कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह अप्रैल, 2021 से जुलाई 2021 तक की अवधि में हुए विद्युत व्यवधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माह अप्रैल 2021 से माह जुलाई 2021 तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 22 घंटे 52 मिनट एवं कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 09 घंटे 31 मिनट विद्युत प्रदाय किया गया है।
अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 965 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राजीव जैन अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल की मूल पद स्थापना किस विभाग, किस पद एवं किस स्थान पर हुयी थी? (ख) उनके अधीक्षण यंत्री भोपाल विकास प्राधिकरण बनने तक वह किस किस पद पर और कहाँ-कहाँ कितने समय तक पदस्थ रहे? (ग) उनके द्वारा भोपाल विकास प्राधिकरण में रहते हुए कौन-कौन से कार्य कराए गए एवं उन कार्यों में से किन-किन निर्माण कार्यों की ईओडब्ल्यू/लोकायुक्त/सीटीई को कितनी शिकायत हुई एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? शेष सभी शिकायतों की सूची उपलब्ध कराए एवं उनका निराकरण कब तक हो पाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री राजीव जैन, अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण की मूल पदस्थापना तत्कालीन आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा सीधी भरती के तहत् सहायक यंत्री के पद पर तत्कालीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, सिंगरौली में पदस्थ करते हुए की गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ग) भोपाल विकास प्राधिकरण की समस्त योजनाओं पर तकनीकी एवं प्रशासनिक नियंत्रण व पर्यवेक्षण के कार्य संपादित किये गये हैं, कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर है। प्राप्त शिकायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट ''स'' पर है, जिसमें नियमानुसार कार्यवाही की जाकर गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मैहर नगरपालिका में विकास कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1164 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर नगरपालिका क्षेत्र के विकास से संबंधित विभाग में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से अब तक की माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई कौन-कौन सी घोषणायें दर्ज हैं? इनका ब्यौरा देवें व बतावें कि किस घोषणा पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? घोषणा से संबंधित निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दर्ज घोषणाओं में से किस-किस पर कार्य आरंभ नहीं हुआ है अथवा स्वीकृतियां नहीं मिली हैं? विवरण दें। इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? इनकी स्वीकृतियां कब से किस स्तर पर लंबित हैं? (ग) गत दो वर्षों में नगर पालिका परिषद मैहर द्वार प्रस्तावित कौन-कौन से कार्य स्वीकृति हेतु विभाग/संचालनालय में किस स्तर पर किस कारण से लंबित हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
मुरैना जिले में कोविड 19 से मृत व्यक्तियों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 81 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में अलग-अलग तहसीलों में स्थित शमशान एवं कब्रिस्तान में कितने-कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाल के तहत किया गया? तहसीलवार शमशानवार, कब्रिस्तानवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जिला में कोविड-19 से कितने व्यक्तियों की मृत्यु होने की जानकारी शासकीय रिकार्ड में दर्ज है? तहसीलवार, मृतकवार जानकारी देवें। (ग) क्या सरकार कोविड-19 के कारण मृत हुये लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिये किसी स्वंत्रता एजेंसी से जांच करायेगी? यदि हां, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
रीवा एवं शहडोल जिले में विद्युतीकरण के किये गये कार्य
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 264 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युतीकरण के कार्य कराये गये? यदि हां, तो दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के अन्तर्गत रीवा एवं शहडोल जिले का वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) की संचालित योजनाओं मे से सौभाग्य योजना के तहत प्रश्नांश (क) के जिलों में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य कराये गये? वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक संख्या बतावें। कितने ग्रामों में पूर्ण किये जा चुके हैं एवं कितने ग्राम अभी शेष हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में जहां विद्युतीकरण के कार्य कराये गये, वहां आज भी खम्भे गाड़ दिये गये, लेकिन तार व ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये आज भी आम लोग बिजली की सुविधा से वंचित हैं। क्या इसका सत्यापन कराकर जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेंगे? यदि हां, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जहां पर विद्युतीकरण के कार्य कराये गये हैं वहां के ट्रांसफार्मर को बिजली का भार बढ़ने के कारण बदलने की कार्यवाही नहीं की जा रही है तो क्या उनको चिन्हांकित कर बदलने हेतु निर्देश जारी करेंगे? इन्हीं में से कुछ ट्रांसफार्मर जले हुये हैं, उनके बदलने बावत् क्या निर्देश देंगे? साथ ही बतावें के ट्रांसफार्मर कब जले और कब-कब बदले गये नहीं बदले गये तो क्यों? एक ट्रान्सफार्मर के सुधार/मेंन्टीनेन्स में कितनी राशि व्यय होती है इनके सुधारने के बाद इनकी गारंटी की अवधि कितने समय की होती है? अगर सुधार का कार्य सही ढंग से नहीं किया जाता, ट्रांसफार्मर सुधारने के बाद जल्द जल गये तो इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार जिम्मेदारों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया आम उपभोक्ता/आम जनता बिजली से वंचित हुई, इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत रीवा एवं शहडोल जिलों में प्रश्नाधीन अवधि में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत क्रमश: 332 एवं 93 ग्रामों तथा सौभाग्य योजना अंतर्गत क्रमश: 920 एवं 827 ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गए हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सौभाग्य योजनान्तर्गत रीवा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 920 ग्रामों एवं शहडोल जिले में 827 ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गए हैं। उक्त योजनांतर्गत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (ग) प्रश्नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजनान्तर्गत सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। प्रश्नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि रीवा जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत नवीन कनेक्शन प्रदान किये जाने में अनियमितताओं संबंधी प्राप्त शिकायतों के संबंध में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांचोपरांत निष्कर्ष के आधार पर दोषी कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर जिलों में सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्त शिकायत के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच समिति गठित कर सैंपल स्वरूप 20 प्रोजेक्ट के तहत 20 क्रय आदेशों की जांच करवाई गई। जांचोपरांत बिल की गई राशि एवं भौतिक सत्यापन के अनुसार संपादित कार्य की लागत राशि में रूपये 9.33 लाख का अंतर पाया गया। उक्त राशि की वसूली संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों से की जा चुकी है। शहडोल जिला अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर जॉंचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में प्रत्येक वर्ष विद्यमान विद्युत अधोसंरचना में आगामी वर्ष में होने वाली भार वृद्धि को देखते हुए विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु मैदानी कार्यालय द्वारा चिन्हित किए गए कार्यों पर प्रस्ताव प्राप्त कर तकनीकी रूप से साध्य कार्यो को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्य योजना में शामिल किया जाता है। उक्त कार्य योजना में ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य भी शामिल किए जाते हैं। कार्य योजना में शामिल किए गए कार्यों के प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्य आदेश जारी कर कार्य कराये जाते है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। रीवा जिला क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना के तहत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 107 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये एवं उक्त सभी फेल वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मर में से 45 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं एवं उक्त सभी फेल वितरण ट्रासंफार्मर बदल दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शहडोल जिला क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना के तहत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 95 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं जिनमें से 72 वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है तथा 23 फेल वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से 16 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं, जिनमें से 12 वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है एवं 04 फेल वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। एक ट्रांसफार्मर के सुधार में अनुमानित व्यय राशि की ट्रांसफार्मर की क्षमतानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के मेंटेनेंस का कार्य एक सतत् प्रक्रिया है एवं उक्त कार्य विभागीय तौर पर किया जाता है। अत: एक ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस हेतु व्यय की गई राशि की पृथक से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। सुधारे गए वितरण ट्रांसफार्मर की गारंटी अवधि सुधारकर्ता फर्म द्वारा कंपनी के भण्डार कार्यालय में प्रदाय दिनांक से 18 माह की होती है। सुधार कार्य के उपरांत यदि गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मर पुन: खराब होते हैं तो सुधारकर्ता फर्म बिना किसी व्यय के पुन: सुधार कार्य कर ट्रांसफार्मर प्रदाय करती है जिसकी गारंटी अवधि 6 माह की अथवा 18 माह से बची हुई गारंटी अवधि जो भी ज्यादा हो उस अवधि की होती है। (ड.) उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में जिन प्रकरणों में जांच की जा रही है, उनमें संबंधितों के विरूद्ध जॉंच निष्कर्ष के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वाहनों
से खराब हुई
सड़कों का
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 1 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से निकलने वाले 8 लेन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में चल रहे डंपरों/वाहनों द्वारा विभाग की कितनी और कौन-कौन सी सड़के जीर्ण-शीर्ण हो गई है? सूची देवें। (ख) विभाग द्वारा निर्मित रोड़ पर कितनी क्षमता/टन के वाहन चलाने की अनुमति है? उक्त 8 लेन निर्माण कार्य में क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहे हैं, इस संबंध में कभी कोई नोटिस/कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपियां उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) उक्त निर्माण कार्य से होने वाले सड़कों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार हैं? प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित सड़कों की मरम्मत/सही करवाने का कार्य किसका है और यह कार्य कब तक करा दिया जाएगा? (घ) क्या 8 लेन निर्माण कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में विभाग की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए अनुमति ली गई थी? यदि हाँ तो उसकी प्रतिलिपि देवें और यदि अनुमति नहीं ली गई तो किसके आदेश से क्षमता से अधिक भार वाले वाहन सड़कों पर चल रहे है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) परिवहन एक्ट के अनुसार 8.16 मे.टन प्रत्येक एक्सल वजन के वाहन। जी हाँ, जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- (पृष्ठ1 से 9) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सम्बंधित ठेकेदार जिम्मेदार है। सम्बंधित ठेकेदार का। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण रतलाम के पत्र क्रमांक 354 दिनांक 26.02.2021 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार) से अवगत कराया गया है कि मिट्टी का कार्य पूर्ण होने के पश्चात क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस प्रकार की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है।
जर्जर सड़कों के मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 7 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना खिमलासा मालथौन सड़क की हालत जर्जर है जगह जगह गड्ढें हो गये हैं। उक्त सड़क पर MPRDC द्वारा टोल टैक्स भी वसूल क़िया जा रहा हैं। लेकिन मरम्मत नहीं कराई जा रही हैं जिससे आवागमन में वाहनों को चलाने में परेशानी हो रही है और दुर्घटना हो रही हैं? (ख) क्या उक्त सड़क की मरम्मत कराने का प्रवधान है? यदि हाँ तो सड़क निर्माण अथवा मरम्मत कब तक हो जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, मार्ग पर कुछ पेंच हुए है। मरम्मत एक सतत् प्रक्रिया है। समय-समय पर आवश्यकता अनुसार मरम्मत कार्य किया जाता है। मार्ग की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वाहनों को असुविधा से इन्कार नहीं किया जा सकता। मरम्मत नहीं होने के कारण दुर्घटना की कोई सूचना नहीं है। (ख) बारिश बंद होने पर आवश्यकता अनुसार डब्ल्यू.एम.एम. से पेंच रिपेयर तथा वर्षाकाल के उपरान्त डामरीकृत मटेरियल से मार्ग की मरम्मत की योजना है।
खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 39 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की होशंगाबाद तहसील अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में कितनी क्षमता के, कितने ट्रांसफार्मर डी.पी स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों डी.पी में कितनों पर उनकी क्षमता के कनेक्शन दिए गए है। तथा इसके क्या कारण हैं? (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण जनवरी 2020 से जून 2021 तक होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की होशंगाबाद तहसील के किन ग्रामों के कितने-कितने ट्रांसफार्मर, कब-कब खराब हो गए? (घ) खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने के लिए मण्डल द्वारा कितनी समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या खराब/जले ट्रांसफार्मरों को नियत समय-सीमा में बदला गया। यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत होशंगाबाद तहसील में 43 ग्रामों में कुल 1814 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी ग्रामवार, क्षमतावार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 1791 वितरण ट्रांसफार्मरों से, उनकी क्षमता के अनुरूप ही कनेक्शन दिये गये हैं, जो कि नियमानुकूल है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत होशंगाबाद तहसील में वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता से अधिक कनेक्शन दिये जाने के कारण जले/खराब हुए ट्रांसफार्मरों की संख्या निरंक है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। होशंगाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 21 वितरण ट्रांसफार्मरों को भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण पहुंच मार्ग सुगम नहीं होने (माह अगस्त, 2020 के अंत में) एवं कोरोना माहमारी (माह अप्रैल, 2021 से माह मई 2021) के कारण ग्रामों में प्रवेश वर्जित होने के कारण निर्धारित समय-सीमा में नहीं बदला जा सका है।
प्रधानमंत्री आवास के क्रियान्वयन में दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 40 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका होशंगाबाद एवं इटारसी में प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्षवार स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देते हुये बतावें कि कितनों को कितनी-कितनी किश्त प्रदाय की जा चुकी है? (ख) होशंगाबाद/इटारसी में अभी तक कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ग) स्वीकृत प्रकरणों में कितने नगर पालिका सीमा से बाहर हैं एवं कितने प्रकरणों में निर्धारित से अधिक कितनी राशि का भुगतान किया गया? नाम सहित जानकारी बतावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनियमितता के लिये जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी? यदि हाँ तो किसकी? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या नगर पालिका होशंगाबाद में प्रश्नकर्ता के पत्र के संबंध में कलेक्टर द्वारा 09.09.2020 को जांच दल गठित किया गया है? (च) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 42 (3448) दिनांक 16.03.2021 के प्रश्नांश (च) अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, होशंगाबाद के यहां जांच प्रचलित हैं? यदि हाँ तो प्रश्नांश (घ) एवं (ड.) में उल्लेखित जांच का प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो इसमें विलम्ब के क्या कारण है? कब तक दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका होशंगाबाद एवं ईटारसी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के स्वीकृत प्रकरण एवं किश्त प्रदाय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ’’अ’’ अनुसार है। (ख) नगर पालिका होशंगाबाद में स्वीकृति हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। नगर पालिका ईटारसी द्वारा 1,927 हितग्राहियों के आवास की योजना दिनांक 07.06.2021 को प्रस्तुत की है। नियमानुसार प्रक्रिया प्रचलित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में अनियमितता की जांच दल गठित किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) जी, हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ’’ब’’ अनुसार है। (च) जी, हाँ। वर्तमान में जांच प्रचलन में है कोविड-19 महामारी के कारण मार्च-2020 से समय-समय पर लॉक डॉउन होने से तथा जांच की विषयवस्तु विस्तृत स्वरूप की होने से जांच पूर्ण होने में विलंब हुआ है। अपर कलेक्टर, होशंगाबाद को कार्यालयीन पत्र दिनांक 02.08.2021 के द्वारा शीघ्र जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ में व्याप्त अनियमितताएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
5. ( क्र. 46 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन ज़िले में बोर्ड की बिना सहमति के डेरी कॉलोनी में लाखों का नवीनीकरण करवा दिया गया है? यदि हाँ तो किन नियमों के अंतर्गत और यदि नहीं तो विगत 02 वर्षों में बोर्ड की सहमति कौन कौन से कार्यों में ली गयी है? उन कार्यों की प्रमाणित सूची देवें। (ख) क्या इंदौर की फर्म को एक करोड़ रुपए का घी उधार दे दिया गया है जबकि शासन के नियमों में उधार देने का प्रावधान नहीं है? विस्तृत रिपोर्ट देवें। (ग) क्या विगत 02 वर्षों में लगभग 15 लाख रुपए मूल्य के सांची उत्पादों को सीईओ द्वारा निजी लाभ के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट करवाकर बाज़ार में बिकवा दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका सीधा लाभ किसे दिया गया है? (घ) उज्जैन ज़िले में ऐसे कितने कृषक और दुग्ध समितियाँ हैं जिन्हें वर्तमान में 60 दिवस उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया है? जबकि नियमानुसार 15 से 20 दिन में हो जाना चाहिए। (ङ) किसानों द्वारा दुग्ध समितियों के माध्यम से दूध इकट्ठा करके BMC को भेजा जाता है? किसान फैट और SNF राशि का आंकलन मात्रा से कम पाया जाता है? इसका कारण क्या है? किसानों के इस नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) से (ग) प्रश्नांकित विषयों की जांच आदेशित की गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही का निर्णय लिया जावेगा। (घ) वर्तमान में दुग्ध संघ द्वारा समस्त दुग्ध सककारी समितियों को दिनांक 10 जुलाई 2021 तक की अवधि के दूध बिलों का भुगतान किया जा चुका है। किसी भी दुग्ध उत्पादक या दुग्ध समिति का 60 दिवस से अधिक का भुगतान लंबित नहीं है। (ड) जी हाँ। दुग्ध समिति स्तर पर किसानों द्वारा प्रदायित दूध के फैट एवं किसान को गुणवत्ता के परिणाम से असहमति की स्थिति में दूध के सेम्पल के पुन: परीक्षण की सुविधा समिति स्तर पर उपलब्ध रहती है। इसके पश्चात संकलित समस्त दूध के सेम्पल का समिति स्तर एवं बीएमसी स्तर पर भी परीक्षण किया जाता है। सेम्पल को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया के तहत किसानों को नुकसान होने की संभावना नहीं है। अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अपूर्ण आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 65 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में जुलाई 2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कितने आवास स्वीकृत किये गये उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण है तथा किन-किन के आवास का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों निकायवार जानकारी दें। (ख) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने पात्र हितग्राही है जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए तथा क्यों कारण बतायें। (ग) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने आवासहीन एवं कच्चे मकान वाले है जिनके पास भूमि की दस्तावेज न होने के कारण आवास स्वीकृत नहीं किये गये उनके कब तक आवास स्वीकृत किये जायेंगे। (घ) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में सभी आवासहीन एवं कच्चे मकान वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कब तक आवास उपलब्ध करा दिये जायेगें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों में जुलाई-2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत, पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ आवासों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। निकायवार अप्रारंभ आवासों की हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है। (ख) जुलाई-2021 की स्थिति में रायसेन जिले नगर पालिका एवं नगर परिषदों में नवीन चिन्हित पात्र हितग्राही जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं की कारण सहित निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’स’’ अनुसार है। इन हितग्राहियों का भूमिस्वत्व न होने के कारण निकाय के द्वारा डी.पी.आर.तैयार नहीं जा सकी है। (ग) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’द’’ अनुसार है। भारत सरकार से डी.पी.आर. स्वीकृत होने पर आवास स्वीकृत हो सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) समस्त पात्रता रखने वाले परिवार जो आवास हेतु आवेदन देंगे उनके परीक्षण उपरांत डीपीआर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को विचारार्थ प्रेषित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 91 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद सेंधवा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को आवास बनाये जाने की स्वीकृति दी गई है? (ख) उपरोक्त स्वीकृत हितग्राहियों को आवास बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कब-कब स्वीकृत राशि उनके खातों में भेजी गई है? (ग) कितने स्वीकृत हितग्राहियों को स्वीकृत राशि पूर्ण प्रदान कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को प्रथम किस्त जारी कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को द्वितीय किस्त जारी कर दी गई है एवं कितने हितग्राहियों की राशि शेष रह गई हैं? (घ) उपरोक्त स्वीकृत आवास निर्माण के हितग्राहियों को नगर पालिका परिषद सेंधवा द्वारा कब तक राशि उनके खातों में प्रदाय की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत 06 परियोजनाओं में 2,879 आवास बनायें जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) उपरोक्त स्वीकृत आवास के हितग्राहियों को पुस्तकालय में रखे परिशष्ट ''अ'' अनुसार राशि उनके खातों में प्रदाय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) आवासों की भौतिक प्रगति के आधार पर निरंतर किश्तों की राशि प्रदान की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों में नवीन संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 92 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में इंदौर संभाग के अंतर्गत कौन-कौन से नवीन महाविद्यालय एवं पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में भवन स्वीकृति एवं पदपूर्ति की क्या स्थिति है? महाविद्यालयवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सेंधवा के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय सेंधवा में भवन स्वीकृति की क्या स्थिति है? स्वीकृत पदों पर पदपूर्ति हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही स्वप्रेरणा से की जाएगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? (घ) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में स्थायी प्राचार्य को पदस्थ किया जाएगा? तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पांच वर्षों में इन्दौर संभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों की संख्या 09 है। पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालयों में 04 नवीन संकाय प्रारंभ किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'दो', 'तीन' एवं 'चार' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय सेंधवा स्वयं के भवन में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'पांच' अनुसार है। पदपूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फ्लाई ओव्हर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 113 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर की रद्दी चैकी से लेकर भानतलैया घमापुर चौक से तहसीली चौक व हाईकोर्ट चैराहा तक वर्तमान में यातायात की क्या स्थिति है। यहां पर हर पल लगने वाले जाम की समस्या का हल हेतु नगर निगम जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने क्या व्यवस्था की हैं तथा क्या योजना बनाई हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु तत्कालीन मुख्य मंत्री मा. श्री कमलनाथ के शासन काल में फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? यदि हाँ तो मूल योजना क्या है एवं इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की हैं? (ग) क्या शहर के विकास एवं जाम की समस्या के निदान हेतु प्रस्तावित फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराना अति आवश्यक हैं? यदि हाँ तो क्या शासन नगर निगम व जिला प्रशासन स्मार्ट सिटी योजना के तहत फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ तो इसे शासन कब तक प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) क्या स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 8 करोड़ 42 लाख की लागत से बनने वाले दो मिनी स्टेडियम की प्रशासकीय स्वीकृति, टेंडर, वर्कआर्डर, भूमि पूजन एवं कार्य प्रारंभ होने के पश्चात् रद्द कर दिया गया हैं यादि हाँ तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रद्दी चौकी से लेकर भान तलैया, घमापुर चौक से तहसीली चौक व हाईकोर्ट चौराहा तक यातायात चालू अवस्था में हैं एवं यातायात के सुचारू संचालन हेतु बल यातायात विभाग द्वारा लगाया जाता है। जाम की समस्या के हल हेतु उपरोक्त स्थानों पर नगर निगम, जिला प्रशासन एवं यातायात विभाग द्वारा की गयी व्यवस्था एवं योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं।शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जलप्लावन की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 114 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जलप्लावन की समस्या वाले कौन-कौन से क्षेत्र हैं इसके निदान हेतु क्या योजना बनाई है और क्या उपाय किये गये हैं? (ख) जलप्लावन की समस्या के निदान हेतु छोटे बड़े नालों व नालियों को पक्का कर जोड़ने की योजना पर कुल किनती राशि व्यय हुई तथा कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणधीन हैं एवं क्यों? किन-किन बड़े नालों की कितनी-कितनी फीट की चौड़ाई को कितनी - कितनी फीट का कर पक्का किया गया हैं एवं क्यों? इससे पानी की निकासी व जलभराव की समस्या में कितना सुधार हुआ हैं तथा किन-किन क्षेत्रों की जलप्लावान की समस्या हल हुई हैं? (ग) नगर निगम जबलपुर ने वर्षा पूर्व कब-कब कौन - कौन से बड़े नालों व कितनी नालियों की साफ-सफाई कराई हैं एवं कितनी-कितनी मात्रा में शिल्ट निकाली गई हैं/इस कार्य में कितने - कितने मजदूरों को लगाया गया हैं एवं उनकी मजदूरी पर कितनी राशि व्यय हुई/इसका सत्यापन कब किसने किया हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। क्या शासन इसमें किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (घ) शासन ने प्रश्नांकित योजना में हुये घोटाला/भ्रष्टाचार की जांच में दोषी पाये गये किन-किन अधिकारियों व निर्माण एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जलप्लावन की समस्या वाले क्षेत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। जलप्लावन की समस्या निदान हेतु जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजनांतर्गत नालों के पक्कीकरण की कार्य योजना क्रियान्वित की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार। इसके अतिरिक्त बाढ़ आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार। (ख) जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजनांतर्गत वर्षाजल निकासी योजना हेतु नालों के पक्कीकरण के कार्य हेतु राशि रू. 364.07 करोड़ का व्यय हुआ। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत स्वीकृत सेक्शन अनुसार ही नालों का निर्माण कार्य कराया गया है। नालों की चौड़ाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जहां नाला निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है वहां जल भराव की समस्या को काफी नियंत्रित किया जा सका है एवं इन क्षेत्रों में जल प्लावन की समस्या काफी हद तक हल हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार। (ग) नगर निगम जबलपुर में वर्षा पूर्व माह मार्च 2021 से 15 जून 2021 तक बड़े नालों एवं नालियों की सफाई करायी गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’इ’ अनुसार। निकाली गई शिल्ट की मात्रा का तौल/मापन नहीं किया जाता है। इस कार्य में लगाये गये श्रमिकों की संख्या एवं उनकी मजदूरी पर व्यय राशि रू. वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘फ’ अनुसार है। इस कार्य में किसी भी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार प्रतिवेदित नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड 19 से होने वाली मृत्यु की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 134 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 मार्च, 21 से 30 जून, 21 की अवधि में जिला अलीराजपुर में अलग अलग तहसीलों में स्थित श्मशानों और कब्रिस्तानों में कितने-कितने मृतकों का किस-किस तारीख को अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकोल के तहत किया गया? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में अलीराजपुर जिले में कोविड 19 से कितनी-कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड 19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
करोनाकाल के दौरान मृतकों की संख्या की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 176 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले अन्तर्गत दिनांक 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 की अवधि मे शांतिधाम एवं कब्रिस्तान में कितनी संख्या में मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया है? (ख) उपरोक्त अवधि में खरगोन जिले में कोविड -19 से कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या शांतिधाम,कब्रिस्तान में किये गये अंतिम संस्कार एवं कोविड-19 से होने वाले मृतकों का सरकारी रेकार्ड में दर्ज संख्या में अन्तर है? (घ) यदि हाँ तो क्या उपरोक्त अवधि के दौरान कोविड से मृतकों की सही जानकारी के आकलन हेतु स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर पालिक निगम द्वारा कराये गये विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 201 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक इन्दौर द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अंतर्गत विगत् वर्ष 2018 से पूर्व 05 वर्षों (2013 से 2018) में क्या -क्या विकास कार्य कराये गये? वार्डवार जानकारी देवें? प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 02 वर्षों में प्रेषित पत्रो पर विभागो द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यो कि क्या स्थिति है? वार्डवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 में कितनी पानी की टंकीयों कि मंजूरी कब-कब दी गई, कितनी टंकीयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, कितनो का निर्माण कार्य अधूरा है? अधूरे कार्य का क्या् कारण है? अधूरे कार्य कब तक पूर्ण किये जायेगें? पानी की टंकीयों की मेन लाईन, सप्लाय लाईन आदि के कार्यो कि क्या स्थिति है, पेयजल लाईन कितने वार्डो में डाली जाना शेष है? कब तक सम्पूर्ण कार्य पूर्ण कर किया जायेगा? (घ) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अमृत प्रोजेक्टक में पिछले 05 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये? किन-किन कार्यो पर कितनी राशि व्यय की गई? नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा पिछले 05 वर्षों में कितने गार्डनों का सौन्दर्यीकरण, आकर्षक विद्युतीकरण किया गया? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विकास कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ में समाहित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अंतर्गत 03 पानी की टंकियों (ईंट भट्टा, जयहिन्द नगर एवं बाणगंगा) के निर्माण कार्य, उसकी फीडरमेन एवं डिस्ट्रीब्यूशन लाईन बिछाने के कार्य दिनांक 15.11.2017 को स्वीकृत किये गये। उक्त तीनों टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। तीनों टंकियों की 1.9 कि.मी. फीडर लाईन बिछायी जाना थी, जिसमें से 1.83 कि.मी. लाईन बिछा दी गई है। इसके अलावा तीनों टंकियों अंतर्गत 92.5 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछायी जानी थी, जिसमें से 55.5 कि.मी. पाइपलाइन बिछा दी गयी है। वार्ड क्रमांक 05, 09, 10 एवं 12 में पाइपलाइन डाले जाने का आंशिक कार्य शेष है। समस्त कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण करना लक्षित है। (घ) घटकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’, ‘ब’-1, ‘ब’-2, ‘ब’-3, एवं ‘ब’-4, पर है।
कोविड-19 प्रोटोकाल में मृत रिकार्ड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 209 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2021 से 30 जून 2021 की अवधि में भोपाल अंतर्गत अलग-अलग तहसीलों में स्थित शमशानों और कब्रिस्तानों में कितने-कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में कोविड-19 अंतर्गत जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई क्या उन सभी मृतकों की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड-19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 219 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को विनियमित कर स्थाईकर्मी किये जाने हेतु सामान्य प्रशासन के पत्र क्रमांक एफ./5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07.10.2016 के द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम जबलपुर एवं कटनी के कितने दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को विनियमित कर स्थाई कर्मी के आदेश जारी किये गये है आदेश की प्रति दें एवं शेष कितने दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं मिला, कारण सहित निकायवार जानकारी दें। (ख) नगर पालिक निगम कटनी में ऐसे कितने दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) जो 16 मई 2007 को एवं 1 सितम्बर 2016 को भी कार्यरत है उनकी संख्या एवं नाम एवं नियुक्ति दिनांक सहित बताएं। उक्त दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) नियमानुसार होने के बाद भी उन्हें विनियमित नहीं करने के क्या कारण है एवं क्या शासन नगर पालिक निगम कटनी को आदेशित करेगा कि जो भी दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश अनुसार निकाय में कार्यरत है उन्हें उक्त योजना का लाभ तत्काल प्रभाव से दिया जायें। यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बताएं। (ग) नगर पालिक निगम कटनी में वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक निकाय में कार्यरत दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को कार्य पर रखे जाने हेतु शासन से अनुमति/अनुमोदन प्राप्त किया गया है, यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं एवं शासन से बिना अनुमति/अनुमोदन प्राप्त किये दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को कार्य पर रखने हेतु कौन दोषी है? उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही करेगा? क्या शासन वर्ष 2007 से 2016 के बीच रखे गये दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को अनुमोदन प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों, कारण बतायें। कटनी नगर पालिक निगम कटनी में कौन-कौन से किस-किस वर्ग के कितने पद कब से रिक्त है? शैक्षणिक योग्यता सहित बताएं। रिक्त पदों की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दैनिक वेतन श्रमिक को रिक्त पदों पर नियमित किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या दैनिक वेतन (मस्टर पर कार्यरत) श्रमिकों को 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमश: 1500 एवं 2500 रू. का विशेष भत्ता प्रदान किये जाने संबंधी आदेश शासन द्वारा जारी किये गये है? यदि हाँ तो नगर पालिक निगम कटनी में दैनिक वेतन (मस्टर पर कार्यरत) श्रमिकों को 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत उक्त भत्ते प्रदान किये जा रहे है? यदि नहीं तो क्यों, कारण बताएं एवं क्या शासन नगर पालिक निगम कटनी में दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को उक्त विशेष भत्ता प्रदान करने हेतु पुन: आदेशित करेगा, यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र दैनिक वेतनभोगियों को स्थायीकर्मी घोषित किया गया है। नगरपालिक निगम कटनी में 136 एवं जबलपुर में 37 कर्मियों को परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों अंतर्गत पात्र नहीं पाये जाने पर लाभ नहीं मिला है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है। नगरपालिक निगम कटनी में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र दैनिक वेतनभोगियों को स्थायीकर्मी घोषित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। आवश्यकता नहीं है। नगरपालिक निगम कटनी द्वारा मेयर-इन-कॉउंसिल/प्रशासन से स्वीकृति उपरांत कार्य पर रखा जाता रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। जी नहीं क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के अंतर्गत घोषित स्थायीकर्मियों को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग के परिपत्र दिनांक 05 अप्रैल 2016 की कंडिका 2 अनुसार म.प्र. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम 2013 की कंडिका 5 (2) के अनुसार नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 10 एवं 20 वर्ष की सेवा अवधि पर क्रमश: 1500/- रूपये, 2500/-रूपये प्रतिमाह विशेष भत्ता प्राप्त करने के निर्देश दिये गये थे। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03 मई 2017 अनुसार विभागीय अधिसूचना दिनांक 02 फरवरी 2017 द्वारा म.प्र. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम 2013 को राजपत्र में प्रकाशित कर निरस्त किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 223 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 16 मार्च 2021 में मुद्रित प्रश्न संख्या 54 (क्रमांक 4007) के प्रश्नांश (घ) का उत्तर जी हाँ, भूमि स्वामियों से अधिग्रहित की गई भूमि में विवाद की स्थिति होने से सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है? तथा विवादित भूमि में से भूमि स्वामी श्री जेठानंद आत्मज गुनामल डोडानी द्वारा बिना नगर निगम की अनुमति से भूमि विक्रय किया गया है? जिसके संबंध में थाना प्रभारी माधव नगर कटनी को निकाय के पत्र क्रमांक 4302 दिनांक 08.01.2021 द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। तथा प्रश्नांश (ड.) का उत्तर जी हाँ अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सूचना पत्र जारी किया गया है, दिया गया है, यदि हाँ, तो भूमि के सीमांकन हेतु कब-कब पत्र लिखे गए पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावे तथा सीमांकन न करने वाले अधिकारी का नाम बताएं। (ख) नगर पालिक निगम के प्रशासक कलेक्टर होने के बाद भी सीमांकन न होना दुर्भाग्यपूर्ण है तथा प्राथमिकी अभी तक क्यों नहीं दर्ज हुई? कारण बताएं? अवैध निर्माण तोड़ने के लिए जारी नोटिस के बाद प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नगर निगम द्वारा सम्राट होटल के लीज नवीनीकरण का प्रकरण शासन को कब भेजा गया भेजे गये पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। लीज नवीनीकरण के प्रकरण में अभी तक क्यों अंतिम निर्णय नहीं लिया गया कब लिया गया? कब लिया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन भूमियों के खसरा नम्बरों एवं उससे लगी हुई भूमियों के खसरा नम्बरों की भूमियों का सीमांकन कराने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी के द्वारा पत्र क्रमांक 4816 दिनांक 01.02.2021 से योजना क्रमांक 06 की भूमि खसरा नम्बर 307 एवं 308 एवं पत्र क्रमांक 4817 दिनांक 01.02.2021 से योजना क्रमांक 14 की भूमि खसरा 319,320,321,328 एवं 330 का सीमांकन कराने हेतु तहसीलदार कटनी को पत्र प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। प्रश्नाधीन भूमियों का सीमांकन तहसीलदार कटनी के द्वारा किया जाना है। (ख) प्रश्नाधीन भूमियों का सीमांकन कोविड के दौरान पूर्व में नहीं हो पाया है। सीमांकन के पश्चात् वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा सम्राट होटल की लीज नवीनीकरण के संबंध में पत्र क्रमांक 474 ए दिनांक 08.07.2016 एवं पत्र क्रमांक 676 ए दिनांक 23.08.2016 एवं पत्र क्रमांक 756 ए दिनांक 09.09.2016 के द्वारा विभाग की ओर पत्र प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। लीज नवीनीकरण के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 224 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिना नगर पालिक निगम कटनी की अनापत्ति प्रमाण पत्र के लार्सन एवं टर्बो लिमिटेड पी.बी. 979 माउन्ट पूनामल रोड मानाउक्कन चेन्नई स्थल रामनिवास सिंह वार्ड में बैचिंग प्लांट की स्थापना की है, जिससे प्रदूषण एवं सुरक्षा मानको से वार्डवासियों को खतरा है जिसकी नगर निगम ने संज्ञान लेते हुये अपने पत्र क्रमांक 1494/अनु/2021 दिनांक 29.06.2021 से संबंधित कंपनी को कार्य बंद करने हेतु लिखा है? यदि हाँ तो क्या कार्य बंद हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो निगम के उक्त वार्ड के प्रभारी उपयंत्री, स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा समय रहते कार्यवाही क्यों नहीं की बताएं और उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की बताएं। (ग) क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी कटनी ने नगर निगम क्षेत्र में बिना नगर निगम की एन.ओ.सी. प्राप्त किए उक्त कंपनी को प्लांट स्थापना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों जारी किया गया कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की जावेगी बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) नगर निगम के वार्ड प्रभारी उपयंत्री द्वारा समय पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा, इकाई प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था करने एवं नगर निगम कटनी से अनापत्ति पत्र प्रस्तुत करने की शर्त पर सम्मति जारी की गई थी। कंपनी द्वारा समयावधि में अनापत्ति प्रस्तुत नहीं करने पर बैंचिंग प्लांट का संचालन बंद है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम भोपाल द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 255 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किये गए मृतकों के नाम, पिता/पति, निवास के पते सहित वार्ड वार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि मृत्यु प्रमाणपत्र वार्ड कार्यालय से जारी किया गया हो या मृत्यु प्रमाणपत्र, नगर निगम भोपाल जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र शाखा से जारी किया गया हो तो पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 257 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा बजट 2019-2020 में प्रत्येक विधान सभा में विधान सभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु 300 लाख रूपये का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विधान सभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल द्वारा बजट 2020-2021 में विधान सभा क्षेत्रों के विकास हेतु किस विधान सभा को कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? आवंटित राशि में से किस विधान सभा द्वारा कितनी राशि का प्रश्न दिनांक तक उपयोग किया गया एवं शेष बची राशि की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु कोई भी राशि का बजट प्रावधान नहीं रखा गया था परंतु भोपाल के समग्र विकास हेतु प्रतिवर्ष अनुसार प्रावधान किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार है।
राजमार्गों के सुधार एवं निर्माण पर व्यय राशि
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 265 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल से रीवा राजमार्ग के सुधार व निर्माण बाबत् राशि जारी की गई? यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी-कितनी, कब-कब, किन-किन किलोमीटर पर व्यय की गई? इनके कार्य बाबत् कार्यादेश कब जारी किये गये कार्यादेश की प्रति संविदाकारों का नाम व शर्तों सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान रीवा व शहडोल जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग, जिला मार्ग, व ग्रामीण पहुंच मार्गों के सुधार बाबत् कितनी राशि वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान राज्य शासन द्वारा किन किलोमीटरों पर व्यय बाबत् प्रदान की गई। प्राप्त राशि का वर्षवार, रोड़वार, माहवार, व्यय का विवरण देवें कार्यादेश की प्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रीवा जिले के वदवार से सीतापुर मार्ग में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक में कितनी राशि कितने वर्षों में किन-किन मदों से निर्माण में व्यय की गई? वर्षवार विवरण देते हुये कार्यादेश की प्रति भी देवें। क्या मयंकधर द्विवेदी एडवोकेट द्वारा इस रोड़ से संबंधित जानकार सूचना के अधिकार के तहत चाही गई थी जो अपेक्षित है? क्यों वर्तमान में इस रोड़ की किन-किन किलोमीटरों में क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (ग) की रोड के नियमितता व निर्माण न कराये जाने की शिकायत माननीय लोक निर्माण मंत्री जी से की गई जिसकी जांच हेतु मंत्री महोदय द्वारा लिखा गया जांच की प्रति देते हुये बतावें कि दोषियों पर कार्यवाही की स्थिति क्या है इसके पूर्व भी इस रोड़ की शिकायत आयुक्त रीवा संभाग रीवा को की गई थी जिनके द्वारा कमिश्नर कार्यालय के पत्र क्रमांक 361 दिनांक 20.01.2016 व पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2016 द्वारा कार्यवाही बावत् संबंधितों को लिखा गया जांच की प्रति के साथ कार्यवाही का विवरण देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने फर्जी बिल बाउचर तैयार कर राशि आहरित करने वालों पर कार्यवाही न कर व्यक्तिगत हित पूर्ति कर बचाया जा रहा है। जबकि मौके पर कार्यादेश अनुसार कार्य नहीं कराये गये। राशि का गबन किया गया इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। समस्त कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं ''अ-1'' अनुसार है। समस्त कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। श्री मयंकधर द्विवेदी एडवोकेट द्वारा सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी विभाग द्वारा दिनांक 02.08.2021 को प्रदाय कर दी गई है पावती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। मार्ग की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग के पत्र क्रमांक 1456 रीवा दिनांक 04.08.2021 द्वारा अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग, रीवा मण्डल रीवा को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करनें हेतु निर्देशित किया गया है। जी हाँ। आयुक्त रीवा संभाग रीवा के पत्र क्रमांक 361 दिनांक 20.01.2016 का पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2019 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर रीवा के निर्देशानुसार प्रश्नांकित मार्गों के निर्माण में की गई अनियमितता की जांच, अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा रीवा को दी गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ठेका देने के मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 299 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका निगम/नगरपालिका एवं नगर पंचायत में ठेका वसूली हेतु कितने प्रकार के ठेका देने का प्रावधान है एवं इसके क्रियान्वयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में नगरपालिका सबलगढ़ व नगर पंचायत झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक कितने ठेके किस-किस प्रकार के स्वीकृत हुए क्या इस हेतु टेंडर (निविदा) आमंत्रित की गई हो तो प्रति उपलब्ध करावें? व कौन-कौन ठेका कितनी-कितनी राशि के स्वीकार हुए की जानकारी ठेकेदार का नाम/पता सहित दें? (ग) क्या यह भी सच है कि ठेका हुए ही नहीं हैं? यदि हाँ तो इस हेतु कौन-कौन जवाबदेह हैं? तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 189-क. एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 160 के तहत कर एवं वसूली को ठेके पर दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद, सबलगढ़ एवं नगर परिषद्, झुण्डपुरा, जिला-मुरैना में प्रश्नाधीन अवधि में कोई ठेका स्वीकार नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद्, सबलगढ़, जिला-मुरैना में ठेके दिये जाने हेतु चतुर्थ ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई है तथा नगर परिषद्, झुण्डपुरा, जिला-मुरैना द्वारा करों की विभागीय वसूली किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डीनोटीफाईड भूमि की प्रविष्टि
[वन]
22. ( क्र. 324 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उत्तर वनमण्डल बैतूल के ग्राम टिकारी, झगडि़या, डुल्हारा, सालीवाड़ा के किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा, संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किया गया, संरक्षित वन सर्वे में शामिल कितना रकबा राजपत्र में दिनांक 15 सितम्बर, 1972 को भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड किया गया। (ख) संरक्षित वन सर्वे मे शामिल समस्त भूमि 1972 में डीनोटीफाईड करने के बाद डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि वन विभाग ने किस विभागीय अभिलेख के किस प्रारूप के किस कॉलम में कब दर्ज की यदि प्रविष्टि दर्ज नहीं की हो तो उसका कारण बतावें। (ग) सरंक्षित वन सर्वे में शामिल किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का किस दावेदार का वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार दावा मान्य किया गया किसका दावा किन-किन कारणों से अमान्य किया अमान्य किए जाने के प्रस्ताव पर किस-किस वन अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। (घ) संरक्षित वन सर्वे में शामिल डीनोटीफाईड समस्त भूमि के दावे मान्य एवं अमान्य किए जाने की कार्यवाही किए जाने का क्या कारण रहा है, शासन इसके लिए किस-किस को जिम्मेदार एवं दोषी मानता है।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 सितम्बर, 1972 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक/4073-दस-2-72 दिनांक 10 जुलाई, 1972 के रूप में संधारित है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित ग्रामों में संरक्षित वन सर्वे में शामिल खसरों में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत दावेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। वनमंडल उत्तर बैतूल के दावेदारों के दावे मान्य/अमान्य किये जाने के प्रकरण पर उपखण्ड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (वन) सारणी एवं जिला स्तर पर उत्तर वनमंडलाधिकारी के हस्ताक्षर है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) में दी गई वनभूमि की परिभाषा के अन्तर्गत आने वाली वनभूमियों पर दावें मान्य/अमान्य किये गये हैं। अतः इसके लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार एवं दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच दल की रिपोर्ट एवं कार्यवाही
[वन]
23. ( क्र. 325 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय वनवृत बैतूल में पदस्थ ए.पी.सी.सी.एफ. श्री मोहन मीणा के विरूद्ध की गई शिकयतों की जांच करने हेतु श्री विभाष ठाकुर एवं श्री शुभरंजन सेन और श्रीमती बिन्दु शर्मा एवं श्रीमती रचना शुक्ला ए.पी.सी.सी.एफ. का जांच दल मई एवं जून, 2021 में बैतूल गया था। (ख) यदि हाँ तो जांच दल ने बैतूल में किस-किस के किस दिनांक को बयान दर्ज किए, किस-किस वनकर्मी से जांच दल ने किस दिनांक को पूछताछ की, जांच दल ने किस दिनांक को अपनी रिपोर्ट या प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत किया। (ग) श्री मोहन मीणा द्वारा कार्य आवंटन या प्रभार दिलवाने के नाम पर किस-किस कर्मचारी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किस आदेश क्रमांक दिनांक से भेजा उन आदेशों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी निरस्त नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है श्री मोहन मीणा द्वारा दिए गए आदेशों को कब तक निरस्त किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। बैतूल में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मोहन मीणा के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच करने हेतु प्रश्नांश अनुसार जांच दल बैतूल गया था। (ख) श्री विभाष ठाकुर एवं श्री शुभरंजन सेन समिति द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1872 दिनांक 15.06.2021 द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, म.प्र. को प्रस्तुत किया गया। श्रीमती बिन्दु शर्मा एवं श्रीमती अर्चना शुक्ला समिति द्वारा अपना जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/क्यू-01/2021 दिनांक 21.06.2021 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को प्रस्तुत किया गया। जांच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जाकर विभागीय कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। जांच प्रतिवेदन की विषयवस्तु, पीड़ित एवं साक्ष्य का सार्वजनिक करना जांच प्रक्रिया के साथ-साथ संबंधित कर्मचारियों की सुरक्षा में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है। अतः महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध तथा प्रतितोष) अधिनियम, 2013 एवं सहपठित नियमों के अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने तक जानकारी प्रदाय करना नियमानुसार सही नहीं होगा। (ग) श्री मोहन मीणा द्वारा कार्य आवंटन या प्रभार दिलवाने के नाम पर किये गये स्थानांतरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के पत्र क्रमांक/क्षे.स्था-2/210 दिनांक 30.07.2021 द्वारा श्री मोहन मीणा, तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बैतूल द्वारा दिनांक 01.10.2020 से फरवरी, 2021 के मध्य परिक्षेत्रों/बीटों में की गई युक्तियुक्तकरण/पदस्थिति स्थानांतरण नीति/सक्षमता अनुरूप नहीं होने के कारण तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
वनोपज सहकारी समिति को बोनस वितरण
[वन]
24. ( क्र. 326 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास कार्यों बाबत् बैतूल जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सल्लैया द्वारा पिछले 05 वर्षों में लिए गए प्रस्तावों में पारित कार्यों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ख) सल्लैया समिति को 2017 से 2021 तक किस वर्ष में नगद बोनस वितरण हेतु शुद्ध लाभ की कितनी राशि दी गई, ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में कितनी राशि निर्धारित की गई उसमें से कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए किसे उपलब्ध करवाई गई। (ग) समिति द्वारा किस दिनांक को कितनी लागत के किस कार्य का प्रस्ताव लिया उस प्रस्ताव को किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, किस प्रस्ताव पर किस दिनांक को किसने क्या-क्या आपत्तियां दर्ज करवाई? (घ) समिति द्वारा ग्रामीण विकास कार्यों बाबत् पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य हेतु समिति को कब तक स्वीकृति प्रदान कर राशि उपलब्ध करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। पिछले 05 वर्षों में प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सलैया से प्राप्त प्रस्तावों में पारित कार्यों में से एक कार्य स्वीकृत किया गया है, 5 कार्य तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण होने के कारण स्वीकृत नहीं किये गये। (ख) प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सलैया को वर्ष 2017 से 2021 तक बोनस वितरण हेतु दी गई राशि तथा ग्रामीण विकास एवं वन विकास में निर्धारित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में उक्त समिति हेतु जिला यूनियन उत्तर बैतूल को स्वीकृत की गई राशि एवं कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) प्रस्ताव नियमानुसार प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा स्वीकृत किया जाता है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टास्कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट की कार्यवाही
[वन]
25. ( क्र. 329 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 29 मई 2019 को ए.सी.एस. वन श्री ए.पी.श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनाई गई टास्कफोर्स कमेटी की 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट पर राज्य मंत्रालय ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ख) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में किस-किस विषय पर क्या-क्या सुझाव दिया गया है एवं किस-किस विषय पर क्या-क्या सिफारिश की गई है? उस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में दिए गए सुझावों एवं की गई सिफारिश पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी राज्य मंत्रालय से आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं होने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) राज्य मंत्रालय कब तक किस-किस विषय पर आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, टास्क फोर्स के प्रतिवेदन को मंत्रि परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने बावत् कार्यवाही की जा रही है। (ख) टास्क फोर्स की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है। (ग) टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई आदेश/निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किये गये है। (घ) टास्क फोर्स की रिपोर्ट में गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय तथा विधि के पहलू संलिप्त होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जले एवं खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाना
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 346 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संभाग में कहां-कहां के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुए, इनमें से किस-किस ट्रांसफार्मर को कब-कब बदला गया स्थानवार दिनांकवार जानकारी दें? (ख) प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों के ट्रांसफार्मर बदले जाना शेष हैं उनको कब तक बदल दिया जायेगा? ट्रांसफार्मर परिवहन का व्यय किसके द्वारा किया जाता है? 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर बदलने में कितनी राशि किस मद से किस-किस व्यक्ति, एजेन्सी को दी गई? (ग) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान.मंत्री जी तथा रायसेन जिले के विद्युत विभाग के महाप्रबंधक/उपमहाप्रबंधक को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई संबंधित अधिकारियों द्वारा पत्रों के जवाब कब-कब दिये गये पूर्ण विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में प्राप्त विधायकों के पत्रों पर मान.मंत्री जी ने विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिये इसके उपरांत भी अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तथा विधायकों को अवगत भी नहीं कराया यदि हाँ तो क्यों इसके लिये कौन दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक की अवधि में संचालन/संधारण संभाग रायसेन एवं संचालन/संधारण संभाग बरेली में क्रमश: 296 एवं 741 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए तथा इनमें से क्रमश: 276 एवं 741 जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदल दिया गया। संचालन/संधारण संभाग रायसेन अंतर्गत 20 वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है तथा बरेली संचालन/संधारण संभाग में प्रश्नाधीन अवधि में जले/खराब सभी वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा चुके है। उक्त जले/खराब हुए, बदले गए एवं बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार, दिनांकवार एवं संचालन/संधारण संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार संचालन/संधारण संभाग रायसेन में 20 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष है जिनका स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में सरल क्रमांक 277 से 296 अनुसार है। नियमानुसार जले एवं खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत उक्त ट्रांसफार्मरों को बदला जाना संभव है। अत: इन्हें बदले जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में उसको स्थापित स्थान से ले जाना और नवीन वितरण ट्रांसफार्मर के लाने की जवाबदारी विद्युत वितरण कंपनियों की है। विद्युत वितरण कंपनियों में इस कार्य हेतु वाहन उपलब्ध रहता है, जिसके माध्यम से उक्त कार्य सम्पादित कराया जाता है। विशेष परिस्थितियों में जब विद्युत वितरण कंपनी का वाहन उपलब्ध नहीं होता है, ऐसी दशा में फेल ट्रांसफार्मर के परिवहन हेतु संबंधित उपभोक्ता/ग्रामवासी द्वारा वाहन उपलब्ध कराने पर, उसे परिवहन कार्य हेतु परिवहन व्यय का भुगतान एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के परिपत्र क्रमांक 158 दिनांक 05.03.2018 के प्रावधान के अनुसार किया जाना है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक ट्रांसफार्मर बदलने में कोई भी राशि किसी भी योजना मद से किसी भी व्यक्ति/ऐजेन्सी को प्रदाय नहीं की गई। (ग) दिनांक 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक की अवधि में रायसेन जिले के माननीय विधायकों से महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड रायसेन कार्यालय में 02 पत्र प्राप्त हुए एवं उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) रायसेन कार्यालय में 17 पत्र प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार कुल 19 पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त 19 पत्रों में उल्लेखित समस्याओं/मांगो के निराकरण हेतु की गई कार्यवाही एवं माननीय विधायक महोदयों को किये गये कार्य से अवगत कराये जाने की जानकारी सहित प्रश्नाधीन चाही गई समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन जिले के माननीय विधायकों से प्राप्त ऊर्जा मंत्री को संबोधित पत्रों का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द' अनुसार है। (घ) प्रशनांश (ग) में प्राप्त माननीय विधायको के पत्रों पर ऊर्जा मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही हेतु प्रेषित पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार कार्यवाही की गई है/की जा रही है, अत: विभाग का कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 347 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? (ख) रायसेन जिले की किन-किन सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान, विद्युत तार एवं पोल हटवाने की कार्यवाही अथवा भू-अर्जन की आवश्यकता है तथा भू-अर्जन किये गये किन-किन प्रकरणों में भुगतान किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है इनके निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा शाला भवनों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित नहीं हुई तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (घ) रायसेन जिले में सड़क/पुल स्वीकृति तथा अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान.मुख्यमंत्री जी मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''ब-1'' एवं प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब-2'' एवं प्रपत्र-द अनुसार है।
टोल वसूली के नियम
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 358 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)प्रदेश में प्रमुख सड़क मार्गों पर टोल वसूली के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की क्या गाइडलाइन\नियम हैं प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश में एमपीआरडीसी की कुल कितनी सड़कें हैं इनका निर्माण कब-कब, कितनी-कितनी लागत से किस कंपनी\ठेकेदार द्वारा किया गया है सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्न (ख) उल्लेखित सड़कों पर टोल वसूली की अवधि कब से कब तक है क्या डीपीआर अनुसार और वास्तव में टोल से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में अंतर है यदि हाँ तो कितना? (घ) प्रश्नांश (ख) में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिन पर लागत मूल्य से कई गुना अधिक का टोल वसूला जा चुका है सभी मार्गों पर स्थित टोल पर अभी तक वसूले गए टोल की कुल राशि की सूची उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मार्गों पर टोल वसूली के संबंध में किसी भी प्रकार के मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा इस प्रकार के दिशा निर्देश प्राप्त नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सभी मार्गों से टोल नहीं वसूला जाता है। जिन मार्गों पर टोल वसूला जाता है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार।
दुग्ध संघ ग्वालियर के CEO को हटाया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
29. ( क्र. 421 ) श्री राकेश मावई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दुग्ध संघ ग्वालियर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग सिंह सेंगर ने विपणन शाखा प्रभारी रहते हुए 4 करोड़ रूपये का गबन किया था जिसकी जांच करने पर आरोप सिद्ध पाये गये और इनके वेतन से दण्ड स्वरूप प्रतिमाह 25 हजार रूपये कटौती की जा रही है? यदि हाँ तो ऐसे दण्डित एवं भ्रष्ट व्यक्ति को दुग्ध संघ ग्वालियर का मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्यों बनाया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या दुग्ध संघ ग्वालियर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के सरंक्षण में श्री राजीव तोमर डाटा ओर्गेनाईजर (नॉन टेकनिकल) को क्रय शाखा का प्रभारी बनाकर इनके द्वारा भी भ्रष्टाचार कराया जा रहा है। जबकि यह पद तकनीकी प्रबंधक स्तर का है। यदि हाँ तो नॉन टेकनिकल व्यक्ति को क्रय शाखा का प्रभारी क्यों बनाया गया? (ग) दुग्ध संघ ग्वालियर की विपणन शाखा द्वारा गोले के मंदिर स्थित फूड प्लाजा पर 40 लाख रूपये का गवन भी श्री सेंगर के कार्यकाल में किया गया जिसके प्रभारी वरिष्ठ सहायक गुड नियंत्रक श्री संजय गुप्ता है? जबकि विपणन शाखा में प्रबंधक शाखा में प्रबंधक कार्यरत है, तो श्री संजय गुप्ता को प्रभारी क्यों बनाया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) दुग्ध संघ ग्वालियर के भ्रष्ट एवं दण्डित मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग सिंह सेंगर को कब तक पद से हटाया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर दुग्ध संघ में प्रभारी विपणन की पदस्थी अवधि में वितरकों से वसूली योग्य लंबित राशि की वसूली श्री अनुराग सिंह सेंगर के वेतन से रू. 25,000/- प्रतिमाह की जा रही हैं। कार्य की आवश्यकता तथा ग्वालियर दुग्ध संघ में अन्य वरिष्ठ अधिकारी न होने से श्री सेंगर को ग्वालियर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार दिया गया है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) ग्वालियर दुग्ध संघ में अद्यतन स्थिति में क्रय शाखा का प्रभार श्री के.पी.विजय, प्रबंधक (गुनि) को सौंपा गया है। पूर्व में अधिकारियों की कमी के कारण तात्कालिक व्यवस्था की गई थी। (ग) श्री संजय गुप्ता वरिष्ठ सहायक (गुण नियंत्रण) वर्ष 2005 से विपणन शाखा मुख्यालय में पदस्थ हैं तथा उन्हें पूर्व अनुभव के आधार पर विपणन शाखा के कार्यालयीन कार्यों के अतिरिक्त ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा संचालित गोला का मंदिर स्थित सॉची फूड प्लाजा के पर्यवेक्षण का कार्य सौंपा गया है। विपणन शाखा मुख्यालय पर वर्तमान में कोई भी प्रबंधक (विपणन) पदस्थ नहीं है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जन कार्यों हेतु भूमि का अधिग्रहण
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 474 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में स्थित चौपाटी क्षेत्र पर आगामी जन कार्यों को किये जाने हेतु रिक्त भूमि की आवश्यकताऍ महसूस की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो क्या सर्वे नं. 224 की रिक्त पड़ी भूमि का अधिग्रहण जन-आवश्यकताओं के कारण जन कार्यों हेतु किया जाना अत्यावश्यक है? (ग) सर्वे न. 225 एवं 226 भूमि का संपूर्ण विधिवत नियमानुसार निर्धारण कर इस भूमि पर स्थापित (काबिज) स्थिति का संधारण भी किया जाना अत्यावश्यक है? (घ) यदि हाँ तो शासन/विभाग सर्वे नं. 225 एवं 226 का संपूर्ण संधारण विधिवत कब तक कर सकेगा, साथ ही सर्वे न. 224 की भूमि का जन कार्यों हेतु अधिग्रहण कब तक कर नगर पालिका परिषद जावरा को जन कार्यों हेतु सौंपेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी, हाँ। (घ) भूमि सर्वे क्र. 225/1 रकबा 0.025 एवं 225/2 रकबा 0.013 जिसमें कुआ स्थित था, जो वर्तमान में निजी व्यक्ति के स्वामित्व में है एवं सर्वे क्रमांक. 226/1 रकबा 2.036 हेक्टेयर में से 0.400 हेक्टेयर की भूमि रिक्त है तथा 1.636 हेक्टेयर पर कार्यालय गोदाम एवं दुकानें आदि निर्मित है भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकबा 0.50 हेक्टेयर जो प्रिमीयर आईल मील इंडस्ट्रीज जावरा प्रो. विशाल एक्सपोर्ट प्रा.लि. कलकत्ता के नाम से दर्ज है, भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकबा 1.050 हेक्टेयर एवं 226/1 रकबा 2.036 हेक्टेयर परिषद संकल्प क्रमांक 442 दिनांक 29.05.2013 से अधिग्रहण किये जाने का प्रस्ताव पारित है, परन्तु न्यायालयीन वाद के कारण उक्त भूमि का अधिग्रहण किया जाना वर्तमान में संभव नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 477 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर परिषद पिपलौदा के प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2019 तक किये गये कार्यों एवं लिये गये निर्णयों में हुई अनेक विसंगतियों, अनियमितताओं एवं गबन की सम्पूर्ण जांच के संबंध में निवेदन किया है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों से शासन/विभाग का उपरोक्त उल्लेखित दस वर्षों के कार्यकाल की सम्पूर्ण सूक्ष्म जांच एवं कार्यवाही के साथ ही अन्य पत्रों के माध्यम से भी अन्य विषयों पर ध्यान आकृष्ट किया गया? (ग) यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनेक पत्रों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय एवं माननीय आयुक्त महोदय के साथ अन्य संबंधित विभागीय उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया? (घ) यदि हाँ तो विगत वर्षों से प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये पत्राचार विधान सभा सदन में उठाये गये संबंधित उक्ताशय के प्रश्नों एवं स्वयं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रत्यक्ष उपरोक्त उल्लेखित माननीयों के समक्ष उपस्थित होकर पत्रों को दिये जाने के साथ ही वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो शासन/विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार उल्लेखित विगत वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की? सम्पूर्ण कार्यवाही से अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) पत्रों पर प्रश्नांश (क) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
रिंगरोड पर फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 478 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बरगढ फंटे से लेकर भैसाना फंटे तक रिंग रोड (बाय-पास) निर्माण कार्य स्वीकृत किया है? (ख) यदि हाँ तो उक्त कार्य की स्वीकृति किस वर्ष में किस दिनांक को कितनी राशि लागत की दी गई एवं कार्य प्रारंभ किस वर्ष में किस दिनांक को हुआ? (ग) कार्य प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ, कितना अपूर्ण रहा, कितनी राशि का व्यय हाेकर कितना भुगतान शेष रहा? (घ) प्रांरभिक कार्ययोजना में उक्त सड़क मार्ग के मध्य आने वाले रेल्वे लाईन की फाटक पर फ्ई ओवर ब्रिज को बनाए जाने हेतु क्या किया जा रहा है, चूंकि उक्त सड़क मार्ग पर उक्त स्थल पर बना रेल्वे अंडर ब्रिज काफी सकरा व छोटा होने से बड़े वाहन निकल ही नहीं पाएंगे तत्संबंधी कठिनाई निराकरण हेतु फलाई ओवर ब्रिज बनाए जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है, वर्तमान में वित्तीय संसाधन को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं होने के कारण स्वीकृति की कार्यवाही संभव नहीं।
विद्युत करंट से हुई मृत्यु पर आर्थिक सहायता
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 496 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सिया तहसील नलखेडा जिला आगर मालवा में स्थित 11 के .व्ही.सिया फिडर में दिनांक 09/03/2019 को विद्युत लाइन के सम्पर्क में आने से कितने लोग प्रभावित हुए उनकी क्या स्थिति है? (ख) विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ऐसे प्रभावित व्यक्तियों के संबंध में क्या-क्या उपचार/आर्थिक सहायता प्रभावित को प्रदान की गई अथवा नहीं। यदि उपचार/आर्थिक सहायता प्रभावितों को नहीं दी गई तो क्यों नहीं दी गई। कारण बताएं? (ग) क्या घटना से प्रभावित मृत व्यक्ति को आर्थिक सहायता इसलिए नहीं दी गई कि प्रभावित मृतक का शव परिक्षण नहीं कराया गया जबकि मृतक व्यक्ति विद्युत लाईन से करंट लगने के कारण ही उसकी मृत्यु हुई। जिसकी पुष्टि उपचारकर्ता चिकित्सालय में कराई जा सकती है। क्या शासन ऐसे अशिक्षित आदिवासी परिवार को विशेष प्रकरण मानते हुए आर्थिक सहायता स्वीकृत करेगा यदि हाँ तो कब तक दिनांक सहित पूर्ण विवरण देवें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित, दिनांक
09.03.2019 को घटित
विद्युत
दुर्घटना से
एक बाहरी व्यक्ति
प्रभावित हुआ
था, जिसकी
अस्पताल से
डिस्चार्ज
होने के बाद
दिनांक 29.03.2019
को मृत्यु हो
चुकी है। (ख) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी में
लागू नियमों
के अनुसार
विद्युत
दुर्घटनाओं
में बाहरी
व्यक्तियों
की मृत्यु
होने पर परिजनों
को आर्थिक
सहायता राशि
रु. 4 लाख
प्रदान करने
हेतु मृतक की
शव परीक्षण
रिपोर्ट
आवश्यक है
जिसके अभाव
में उक्त
प्रकरण में
प्रभावित
व्यक्ति के
परिजन आर्थिक
सहायता हेतु
पात्र नहीं
हैं। तथापि
प्रश्नाधीन
प्रकरण में
पीड़ित
व्यक्ति की
पत्नी श्रीमती
बबीता पति
स्व. श्री
भगवान सिंह को
सामान्य
मृत्यु का
आवेदन प्रस्तुत
करने पर
मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल)
योजना के
प्रावधानों
के अनुसार
सामान्य मृत्यु
के प्रकरण में
निर्धारित
अनुग्रह राशि
रु. 2 लाख का
भुगतान जनपद
पंचायत
नलखेड़ा
द्वारा किया
जा चुका है। (ग) उत्तरांश (ख) में
दर्शाए
अनुसार लागू
नियमों के
अनुरूप कार्यवाही
करते हुए मृतक
के परिजनों को
मुख्यमंत्री
जनकल्याण
(संबल) योजना
के
प्रावधानों
के अंतर्गत सामान्य
मृत्यु के
प्रकरण में
देय रू. 2 लाख की
राशि का
भुगतान जनपद
पंचायत
नलखेड़ा द्वारा
किया गया है।
अत: प्रकरण
में अन्य कोई
कार्यवाही
किया जाना शेष
नहीं है।
सौलर ऊर्जा सिंचाई योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
34. ( क्र. 497 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में किसानों को सौलर ऊर्जा सिंचाई पम्प प्रदान करने के क्या नियम है? इसके लिए किसानों को किस प्रकार से आवेदन करना होता है? एवं आवंटन की क्या प्रक्रिया पूर्ण विवरण देंवे? (ख) वर्ष 2019-20 में आगर मालवा जिले की तहसील नलखेडा, सुसनेर के अंतर्गत कितने किसानों द्वारा सौलर सिंचाई पम्प हेतु पंजीयन करवाया गया था? क्या ऊर्जा विभाग द्वारा उन्हें सौलर पम्प सुविधा उपलब्ध करवाई गई है? यदि नहीं तो कब तक उन्हें सौलर ऊर्जा सिचाई की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) सोलर पंप स्थापना की योजना (मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना) अंतर्गत किसानों के लिये सौर पम्प संयंत्रों की स्थापना हेतु अनुदान है। इच्छुक किसानों द्वारा सोलर पम्प संयत्र स्थापना हेतु www.cmsolarpump.mp.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण करा सकते है। सोलर पम्प प्रदान करने के नियम/दिशा-निर्देश जिसमें आवेदन प्रक्रिया, आवंटन प्रक्रिया संबंधी विवरण है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' अतंर्गत सोलर पम्प लगाने हेतु आवेदन)। शासन से स्वीकृति तथा तदनुसार राशि प्राप्त होने पर पंजीकृत किसानों के खेत पर क्रमानुसार, पूर्ण हितग्राही अंश राशि जमा होने पर, सोलर पम्प की स्थापना की कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्ष 2019-20 में आगर मालवा जिले की तहसील नलखेडा के 04 तथा तहसील सुसनेर के 02 किसानों द्वारा सोलर सिंचाई पम्प हेतु पंजीयन करवाया गया था। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा तहसील सुसनेर के 01 आवेदक किसान के खेत पर सोलर पम्प संयंत्र की स्थापना की गई। तहसील सुसनेर के शेष 01 तथा तहसील नलखेड़ा के उक्त 04 आवेदक किसानों द्वारा हितग्राही अंश की पूर्ण राशि जमा नहीं कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ठेका श्रमिक के वेतन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 648 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4534, दिनांक 16 मार्च, 2021 के प्रश्न का गुमराह (भ्रमित) उत्तर किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा दिया गया है उनका नाम,पद,पदस्थापना स्पष्ट करें।क्या इन कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध जिन्होनें उत्तर देने में हेरा-फेरी की है तथा मुख्य तथ्य छिपाये हैं कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?यदि हाँ ? तो क्या? और कब तक? यदि नहीं? तो क्यों? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त नगर-निगम ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1927 दिनांक 18 जुलाई 2019 के द्वारा श्री रामेश्वर सिंह राजपूत कम्प्यूटर -आपरेटर को जनमित्र केन्द्र क्रमांक 20 पर लिपिकीय कार्य करने हेतु पत्र (आदेश) जारी किया था यदि हाँ ? तो पत्र को छायाप्रति दें। पत्र के आदेशानुसार श्री रामेश्वर सिंह राजपूत जनमित्र केन्द्र क्रमांक 20 पर ही लगातार लिपिकीय कार्य कर रहा है श्री रामेश्वर सिंह राजपूत का वेतन किस माह से रोका गया है? रोका गया वेतन कितने माह का शेष है। कब तक वेतन प्रदान करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा नहीं दिया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम ग्वालियर में फर्म राज सिक्योरिटी फोर्स द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त कम्प्यूटर आपरेटर श्री रामेश्वर सिंह राजपूत की योग्यता अनुबंध के अनुसार न होने के कारण उक्त एजेंसी द्वारा श्री राजपूत से दिनांक 14.12.2020 तक कार्य लिया जाकर इन्हें हटाया गया है। दिनांक 14.12.2020 तक का वेतन भुगतान श्री राजपूत को किया गया है। श्री राजपूत द्वारा श्रम न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया है, जो न्यायालय में प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर-निगम द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 649 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 4532, दिनांक 16 मार्च, 2021 में सदन में मौखिक चर्चा में माननीय मंत्री महोदय द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में न्यूनतम तथा उच्चतम दरों के अन्तर में कार्यों का होना जिसमें 45 से 50 प्रतिशत और उससें भी न्यूनतम दरों पर कार्य किये गये हैं। क्या इनकी जांच कराई जावेगी माननीय मंत्री महोदय द्वारा सीरियल क्रमांक 31 पर किशन बाग की गलियों में सी.सी. निर्माण कार्य जो 53.43 प्रतिशत निम्न दर पर सीरियल क्रमांक 8233 हनुमान नगर सेक्टर ई-1 सी.सी. रोड निर्माण जो 49.15 प्रतिशत निम्न दर पर तथा सीरियल क्रमांक 824 सिद्वेश्वर नगर एवं सुरेश नगर में सी.सी. रोड निर्माण कार्य जो 48.58 प्रतिशत निम्न दर पर था इनकी जांच कराने हेतु कहा था। (ख) यदि हाँ तो इन तीनों कार्यों की प्रश्न दिनांक से आज दिनांक तक जांच कराई गई है।यदि हाँ तो किस स्तर के किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किस-किस दिनांक को जांच की गई? क्या प्रश्नकर्ता विधायक को सूचित किया या की गई जांच से अवगत कराया गया है? (ग) यदि नहीं तो इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं उनके नाम,पद बतावें।क्या ऐसे दोषी लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों केविरूद्ध कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? अब कब तक उक्त निर्माण कार्यों की जांच कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण समिति द्वारा जांच नहीं की जा सकी है। जांच के लिए गठित जांच समिति के अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जांच न होने से माननीय विधायक जी को अवगत नहीं कराया गया है। (ग) कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण जांच समिति द्वारा जांच नहीं की जा सकी है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच समिति को शीघ्र जांच कर, जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 8040 दिनांक 02/08/2021 से निर्देशित किया गया है।
कोविड - 19 से मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 667 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 कोरोना संक्रमण के कारण घर/अस्पताल में हुई मृत्यु के मामलों में जारी किये जा रहे मृत्यु प्रमाण पत्र में कॉज ऑफ डेथ का उल्लेख न करने का क्या कारण हैं? (ख) मृत्यु प्रमाण पत्र में कारण का उल्लेख न होने से कोरोना से मृत व्यक्ति के परिजन विभिन्न शासकीय योजनाओं व अन्य सुविधाओं का लाभ किस प्रकार प्राप्त करेंगे? शासन ने इस बारे में क्या नीति बनाई है? (ग) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मृत्यु प्रमाण पत्र में कारण उल्लेख करने संबंधी कोई निर्देश दिए हैं? यदि हाँ, तो उसका परिपालन कब किया जायेगा? (घ) क्या सरकार इस असाधारण स्थिति में नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना से मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र में कॉज ऑफ डेथ उल्लेखित करने के निर्देश देगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
गुणवत्ताहीन निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 668 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में निर्मित/निर्माणाधीन जबलपुर-दमोह, जबलपुर-मंडला तथा जबलपुर-भोपाल मार्गों का निर्माण का ठेका कब और किस-किस कंपनी को दिया गया? टेंडर के अभिलेख, कार्यादेश तथा ठेकेदारों से हुए अनुबंध की प्रति सदन के पटल पर रखें। (ख) उक्त सड़कों के निर्माण के दौरान किस-किस अधिकारी व कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या-क्या कमियां पायी गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक निरीक्षण रिपोर्ट में पायी गयी कमियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? (घ) उक्त सड़कों के गुणवत्ताहीन निर्माण/सड़क में हुई दरार , गड्ढे , अनुमोदित प्रावधान अनुसार विकास कार्य न करने , इलेक्ट्रिकल वर्क में अनियमितता करने इत्यादि जैसे कारणों से ठेकेदार को कब-कब नोटिस दिए गये तथा तत्सम्बंध में उसके विरुद्ध आगामी क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) उक्त सड़कों के ठेकेदारों को आज दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी राशि भुगतान की गयी? कितनी-कितनी कटौती की गयी? कितना-कितना भुगतान शेष है? शेष भुगतान की क्या वस्तुस्थिति है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द एवं ''द-1'' अनुसार है।
गुणवत्ताविहीन निर्माण करने वाली एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 682 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 862 दिनांक 26.02.2021 के प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर हाँ में देकर नगर पालिक निगम मुरैना के नाला नं. 1 पर गणेशपुरा-इर्दगाह से अम्बाह बाईपास तक भूमिगत नाला निर्माण एवं सी.सी.रोड का घटिया निर्माण कार्य करना स्वीकार किया गया एवं भूमिगत नाला निर्माण और सी.सी. रोड कार्य की गुणवत्ता की जांच हेतु समिति गठित की गई है? जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही करना बताया गया? इस समिति में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित है। उनके नाम, पद नाम सहित जानकारी देंवें। (ख) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रं. 4681 दिनांक 23.02.2021 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में यह बताया गया कि नगर पालिक निगम मुरैना में नाला नं. 1 पर भूमिगत नाला निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई जिसकी जांच के लिये संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के आदेश क्र. 1341 दिनांक 11.2.2021 द्वारा जांच समिति गठित की गई। इस जांच समिति में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित किये गये है। उनके नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार गठित की गई जांच समितियों द्वारा अपने-अपने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदनों के आधार पर क्या कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदनों की प्रतियों सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये। (घ) गुणवत्ताविहीन एवं घटिया नाला निर्माण तथा सी.सी.रोड निर्माण करने वाली एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु विषयांकित कार्यों की जांच कराना स्वीकार किया था। जी हाँ, जाँच समिति में सम्मिलित अधिकारी के नाम एवं पदनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच समिति में सम्मिलित अधिकारी के नाम एवं पदनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण जाँच पूर्ण नहीं की जा सकी। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जाँच प्रतिवेदन के उपरांत संबंधित एजेंसी के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
अवैध मॉनिटरिंग से करोड़ों का भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 685 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. जल आवर्धन योजना हरदौली बांध निर्माण नगर पालिका मुलताई जिला बैतूल में जल संसाधन विभाग मुलताई के श्री जी.पी. सिलावट कार्यपालन यंत्री एवं श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग करने हेतु क्या शासन स्तर से नियुक्ति पत्र दिया गया था? यदि हाँ तो नियुक्ति पत्र की प्रति दें। यदि नहीं तो क्या स्वयं द्वारा मॉनिटरिंग पद निर्मित करके भ्रष्टाचार नियत से शासन को भ्रमित किया? जल संसाधन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र बताएं। (ख) श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. ने कूट रचना से मुख्य अभियंता बोधी जल संसाधन विभाग से हरदौली बांध की पत्र 82 दिनांक 22/02/2014 से अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन, वेस्ट वियर को बांयी तट से दांयी तट, हाइड्रोलॉजी 639.19 क्यूमेक्स से 289.71 क्यूमेक्स, दो संख्या कांक्रीट फाल 150 मीटर चौड़ा, 4 मीटर गहराई एवं 90 मीटर चौड़ा, 2.5 मीटर गहरा को हटाकर, क्या परिवर्तित कर दिया? यदि हाँ तो परिवर्तन करने हेतु ई.ई. एवं एस.डी.ओ. सक्षम अधिकारी थे? क्या बोधी से सक्षम अनुमतियां ली गईं? यदि हाँ तो स्वीकृति बताएं। यदि नहीं तो क्यों नहीं? स्पष्टीकरण दें। ड्राइंग डिजाइन बोधी एवं परिवर्तित दोनों की प्रति दें। (ग) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग हेतु क्या प्रतिनियुक्ति पत्र, विभागीय अनापत्ती से जारी किया था? यदि हाँ तो एक प्रति दें। क्या माप पुस्तिका एवं चलित देयक पर हस्ताक्षर करने हेतु शासन स्तर से सक्षम अधिकार दिए थे? यदि हाँ तो प्रति दें। (घ) श्री सी.एल. मरकाम मॉनिटरिंग एस.डी.ओ. द्वारा हरदौली बांध निर्माण के कितने चलित देयक राशि करोड़ का भुगतान एस.सी. नागपाल ठेकेदार को हस्ताक्षर से करवाया? यदि हाँ तो माप पुस्तिका एवं बिलों की क्रमानुसार प्रति दें। प्रश्नांश (क) से (घ) तक बिन्दुवार विवरण से उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? दोषियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जांच की कार्रवाई करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर बैतूल द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को हरदौली बांध कार्य की मानिटरिंग (Monitring) हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के पालन में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग मुलताई द्वारा पत्र क्र. 4806/कार्य/मुलताई दिनांक 15.11.2017 से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अवगत कराया गया था। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘'अ'‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं, शासकीय राजीव गॉधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के परीक्षण उपरांत ड्राइंग डिजाईन अनुमोदित की गई थी। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई। अनुबंध में बोधी से सक्षम स्वीकृति लेने का कोई प्रावधान न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ड्राइंग-डिजाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. को प्रतिनियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर पालिका मुलताई द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज देयक परीक्षण हेतु अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उप संभाग-1, मुलताई को भेजे जाने पर उनके द्वारा देयक का परीक्षण कर हस्ताक्षर किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हरदौली बांध में अवार्ड पारित होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 686 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री एन.पी. मालवीय प्रमुख अभियंता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. द्वारा हरदौली बांध निर्माण में मेसर्स एस. के. लोखन्डे ठेकेदार को अवार्ड क्रमांक 144