मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
अगस्त, 2021
सत्र
गुरुवार, दिनांक 12 अगस्त, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगर
निगम सतना
अन्तर्गत
पेयजल
व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1095 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत विगत 3 वर्ष से नल-जल योजना/अमृत योजना के तहत पेयजल हेतु पाईप-लाईन बिछाई जा रही है? (ख) यदि हां, तो कितने प्रतिशत क्षेत्रों में नल-जल योजना/अमृत योजना के तहत पाईप-लाईन व्यवस्था पूर्ण हो चुकी है एवं कितने प्रतिशत क्षेत्रों में अभी तक कार्य पूर्ण नही हुआ है? यदि नहीं, हुआ है तो कब तक होगा। क्योंकि इस योजना के तहत स्वीकृत क्षेत्र में कार्य न होने से सड़क निर्माण कार्य भी काफी ज्यादा प्रभावित है? (ग) जिन क्षेत्रों में इस योजना के तहत पाईप-लाईन व्यवस्था नहीं है तो क्यों? यदि जोड़े जाएंगे तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। (ख) नगर निगम अंतर्गत नल जल/अमृत योजना में स्वीकृत सभी क्षेत्रों में पाईप लाईन का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 89 प्रतिशत रोड रेस्टोरेशन का कार्य कर, केवल 11 प्रतिशत रोड रेस्टोरेशन का कार्य शेष है, जिसे सितम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) नये विकसित क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने का प्रावधान इन योजनाओं में नहीं होने से आगामी योजना में प्रस्तावित किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर में डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( *क्र. 714 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 के बजट में जबलपुर में डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव शामिल किया गया था? यदि हां, तो इस स्थापना के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्य प्रारंभ की भौतिक स्थिति क्या है एवं कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हां। मंत्री परिषद से नीतिगत/सैद्धांतिक सहमति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर जिलांतर्गत कोरोना से मृत व्यक्तियों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 18 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 मार्च, 2021 से 30 जून 2021 की अवधि में छतरपुर जिले में कितने लोगों की मृत्यु हुई? सभी के नाम, पते सहित जानकारी प्रदाय करें। इनकी मृत्यु के कारण क्या थे? इनमें से कितने व्यक्ति उक्त अवधि में कोरोना संक्रमित हुए? जिले की अलग-अलग तहसीलों/ब्लॉक/गांव में स्थित शमशानों और कब्रिस्तानों में कितने कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकोल के तहत किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में जिले में कोविड 19 से कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड 19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
निजी आयुष महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों के चयन की जांच
[आयुष]
4. ( *क्र. 318 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 12, दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 के प्रतिप्रश्न क्रमांक 2721, दिनांक 05.03.2021 के उत्तरांश (क), (ख), (घ) के प्रतिउत्तर में जांच प्रक्रियाधीन बताई गई है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक को 6 माह से अधिक हो जाने पर भी जांच प्रक्रियाधीन है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न के उत्तर हेतु समय-सीमा बताई जाये?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 21.06.2021 द्वारा प्रस्तुत कर दिया गया है। (ग) प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। समय सीमा बताने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पोरसा से सेवढ़ा तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1082 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोरसा जिला मुरैना से सेवढ़ा जिला दतिया तक सड़क के चौड़ीकरण कार्य में एस्टीमेट के अनुसार कंस्ट्रक्शन मटेरियल का परीक्षण कराया गया है? यदि हां, तो परीक्षण प्रतिवेदन की बिन्दुवार जानकारी दें। (ख) क्या सड़क से निकाले गये वेस्ट मटेरियल को पुन: उसी जगह सड़क के निर्माण में लगाए जाने का प्राक्कलन में प्रावधान है? यदि हां, तो उसकी तकनीकी स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई है? यदि नहीं, तो निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या निर्माण कार्य में रोलर बायव्रेटर एवं कम्प्रेशर एवं पीली मिट्टी का उपयोग होना प्राक्कलन में प्रस्तावित नहीं है? यदि हां, तो एजेन्सी द्वारा निर्माण कार्य में उपयोग क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या सड़क निर्माण एजेन्सी एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्राक्कलन अनुसार सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया गया है? यदि हां, तो क्या इसकी जांच कराई जाकर जांच निष्कर्षों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉं। परीक्षण प्रतिवेदन की बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, अनुबंधानुसार सड़क के क्रस्ट से प्राप्त मटेरियल को पुनर्चक्रण (Recycle) उपरांत उपयोग की मात्रा इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों में निहित प्रावधानों अनुसार निर्धारित है। स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) जी नहीं, बल्कि निर्माण कार्य में इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों के अनुसार वायब्रेटरी रोलर, कम्प्रेशन एवं निर्धारित सी.बी.आर. की मिट्टी का प्रयोग प्राक्कलन में प्रस्तावित है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन, इन्डियन रोड कांग्रेस एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में निहित मापदण्डों व मानकों के अनुसार ही किया जा रहा है एवं मार्ग का निर्माण कार्य स्वतंत्र इंजीनियर के तकनीकी पर्यवेक्षण में पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। अत: जॉंच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैराज निर्माण कार्य की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 948 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ की जल प्रदाय योजनांतर्गत निर्मित बैराज निर्माण कार्य में दोषी पाये जाने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी संतोष पाराशर एवं उपयंत्री मिथलेश दीक्षित को निलंबित कर दिनांक 19.12.2020 को जांच दल गठित कर 15 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था? यदि हां, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है? यदि हां, तो प्रतिवेदन की प्रति सहित प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि नहीं, तो लगभग 9 माह उपरांत भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के क्या कारण हैं तथा विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक बिना आरोप पत्र जारी किये एवं विभागीय जांच अपूर्ण रहने के बावजूद विभाग द्वारा मुख्य रूप से दोषी उपयंत्री को दिनांक 07.07.2021 को निलंबन से बहाल कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भी बहाल करने की पूर्ण तैयारी है? यदि हां, तो किस आधार पर बहाली की गई? निलंबन से बहाली सहित जांच संबंधी संपूर्ण दस्तावेजों के विवरण सहित बतावें। (ग) क्या शासन विभागीय जांच पूर्ण होने तक संबंधितों को निलंबित रखते हुये जांच पूर्ण कराएगा? यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। जी नहीं। स्थल पर जल भराव होने के कारण संपूर्ण माप नहीं लिये जाने से जांच में विलम्ब हुआ है। जांच दल द्वारा जांच के दौरान कराये गये टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्य का मूल्यांकन एवं परीक्षण किया जा रहा है। टेस्ट रिपोर्ट एवं गणनाओं के आधार पर अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है। (ख) जांच संस्थित करते हुये निलंबन से बहाल किया गया है। इसी प्रकार श्री संतोष पाराशर को आदेश दिनांक 02.08.2021 को विभागीय जांच संस्थित करते हुये निलंबन से बहाल किया गया। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के अनुसार निलंबन से बहाली की गई है। दस्तावेज संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क मार्गों का उन्नयन
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 444 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र में कितने मार्ग उन्नयन योग्य हैं? मार्ग के नाम सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1. अमिलिया से पटपरा मार्ग, 2. कोदौरा से बिठौली मार्ग, 3. बिठौली से कमर्जी मार्ग, 4. कुचवाही से तरका मार्ग 5. बहरी से पोड़ी मार्ग अत्यन्त जर्जर है, कब तक इनका उन्नयन कार्य किया जावेगा? जिले के विभागीय अधिकारियों ने अब तक क्या-कया कार्यवाही की, विवरण देवें। (ग) क्या चुरहट से अमिलिया व अमिलिया सेबीछी मार्ग चुरहट एवं सिहावल विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को रीवा जाने का मुख्य मार्ग है तथा उक्त मार्ग को टू-लेन बनाये जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जाती रही है, यदि हां, तो उक्त मार्ग को टू-लेन बनाये जाने हेतु कब तक निरीक्षण कराया जाकर स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) क्या बहरी से हनुमना मार्ग में कैमोरपहाड़ पर मार्ग सकरा होने के कारण उक्त मार्ग पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं? क्या उक्त स्थल का निरीक्षण कराया जाकर चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक मार्ग का चौड़ीकरण, प्रकाश व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी अन्य कार्य कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, केवल मार्ग सकरा होने के कारण दुर्घटनाएं नहीं होती हैं, अपितु घाट पोर्शन में असावधानीवश वाहन चलाने एवं अन्य अनेक कारणों से दुर्घटना होना संभावित है। जी नहीं, आवश्यकता प्रतिपादित नहीं की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 767 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/1896, भोपाल दिनांक 10/02/2020 के द्वारा राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन ग्रिड स्वीकृत किये थे? यदि हां, तो जानकारी दें? (ख) यदि हां, तो क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन ग्रिड का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हां, तो जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार यदि राजगढ़ विधान सभा के ग्राम डालूपुरा/ग्राम हिरनखेड़ी नवीन ग्रिड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो, वहां कब तक नवीन ग्रिड का कार्य पूर्ण कर देंगे? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक-1896, दिनांक 06.02.2020 (दिनांक 10.02.2020 नहीं) द्वारा राजगढ़ विधानसभा के ग्राम डालूपुरा एवं ग्राम हिरनखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये थे, जिनकी स्वीकृति संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) सीमित वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक-प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/39, भोपाल दिनांक 16.05.2020 के माध्यम से ग्राम-डालूपुरा एवं ग्राम हिरनखेड़ी के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य को निरस्त किया गया है। उक्त दोनों विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में वित्तीय उपलब्धता अनुसार स्वीकृत करने का निर्णय लिया जावेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दतिया नगर में सी.सी. रोड कार्य के भुगतान की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 361 ) श्री घनश्याम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् दतिया को वार्ड क्र.-3 निवासी रविन्द्र वाल्मीक पिता रमेश चन्द्र वाल्मीक ने दिनांक 06.07.2021 को लिखित शिकायत कर वार्ड क्र.-3 में काली माता मंदिर से हनुमान मंदिर तक स्वीकृत सी.सी. रोड़ बिना किसी कार्य किये फर्जी भुगतान कराये जाने के प्रयास करने तथा स्वयं निरीक्षण करने के उपरांत ही भुगतान की कार्यवाही करने का अनुरोध किया था? क्या इसके बावजूद बिना मौके पर कोई भी कार्य किये इस सी.सी. रोड का भुगतान कर दिया गया है? यदि हां, तो क्या इस संबंध में कोई जॉंच उपरांत कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्या उच्च स्तरीय जॉच करा कर संबंधित उपयंत्री सहित दोषियों को दंडित किया जाएगा? (ख) वार्ड क्र. 1 झिर का बाग, दतिया में वर्क ऑर्डर क्र. 1007-2 दिनांक 09.03.2021 द्वारा मुल्लु कुशवाह के मकान से ज्वाला कुशवाह, सीताराम कुशवाहा के मकान को लेते हुए पप्पू कुशवाह के मकान तक सी.सी. रोड़ लागत लगभग 6,05,671/- का कार्य शासकीय भूमि पर न करते हुए निजी भूमि पर निजी लाभ पहुंचाने हेतु कराया गया है तथा जितना नाप चढ़ाकर भुगतान किया गया है, उतना नाप मौके पर न होकर शासकीय धन राशि का बंदरबांट किया गया है। क्या संबंधित सी.एम.ओ., उपयंत्री आदि जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जॉंच कराकर दंडित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, शिकायत के क्रम में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण किया गया। स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं पाया गया और न ही कार्य का भुगतान किया गया, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका परिषद दतिया द्वारा सड़क निर्माण कार्य किसी भी निजी भूमि पर नहीं किया गया है, शासकीय भूमि/आम रास्ता पर जनता के मांग पत्र अनुसार स्थल का निरीक्षण किया जाकर कार्य की सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई, स्थल पर कराये गये कार्य की वास्तविक माप अनुसार ही प्रथम चल देयक का भुगतान किया गया है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन शहर अंतर्गत नाले का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 1001 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2909 दिनांक 05.03.2021 के उत्तर के अनुक्रम में परिशिष्ट 'ब' के बिन्दु 7 में वार्ड क्र.5 सिसोदिया नर्सिंग होम के सामने से प्रश्नकर्ता के घर तक नाला निर्माण का कार्य दिनांक 29.03.2020 तक पूर्ण होने की तिथि निर्धारित की गई थी? क्या कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में दिनांक 30.04.2021 तक अपूर्ण कार्य के पूर्ण होने की संभावित तिथि का निर्धारण किया गया? यदि हां, तो उक्त नाले का निर्माण समय सीमा में पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? नाले का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार जिस नाले का निर्माण किया जा रहा है वह नाला महाकाल की नगरी उज्जैन के अनेकों प्रमुख दर्शनीय स्थलों को जाने वाले मुख्य मार्ग पर है। यहां से अनेकों पर्यटकों का आवागमन है। खुले नाले के कारण एक तो शहर की सफाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा है, साथ ही मुख्य मार्ग होने से कभी भी गंभीर बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसी स्थिति में इसका जिम्मेदार कौन होगा? (ग) क्या माननीय मंत्री जी इस निर्माण कार्य पर विशेष रूप से ध्यान देकर अतिशीघ्र नाले का निर्माण कराने के लिए उज्जैन जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी करके निर्माण कार्य पूर्ण करायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। जी हॉं। रहवासियों द्वारा निर्माण कार्य रोके जाने संबंधी आवेदन प्रस्तुत करने, कोरोना महामारी की द्वितीय लहर में लॉकडाउन लगने एवं वर्षा ऋतु के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुआ। नाला निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं, अपितु उत्तरांश 'क' अनुसार नाला कॉलोनी के आंतरिक मार्ग पर है जो आगे जाकर मुख्य मार्ग में मिलता है। यह सही है, कि उज्जैन धार्मिक नगरी होने से नगर के अनेक मार्गों पर श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है। प्रश्नगत नाले की साफ-सफाई का कार्य समय-समय पर, पोकलेन मशीन से कराया जाता है, जिससे कोई उत्तरदायी नहीं है। (ग) जी हॉ, संचालनालय के पत्र क्र. 8031, दिनांक 31.07.2021 से निर्देश जारी किये गये हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 968 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में आउटसोर्स के तहत कुशल/अकुशल श्रमिक पदों पर भर्ती किये जाने के क्या नियम हैं? अवगत करायें। श्योपुर में उक्त नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दिये गये नियम निर्देशानुसार आउटसोर्स पदों पर भर्ती किये जाने के पूर्व मा. ऊर्जा मंत्री जी की अनुशंसा या मोबाईल पर सहमति लिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो श्योपुर जिले के शिक्षित योग्य बेरोजगारों को विद्युत विभाग श्योपुर में पदस्थ महाप्रबंधक एवं प्रबंधक (मानव संसाधन) द्वारा इन पदों पर भर्ती के पूर्व मा. ऊर्जा मंत्री की सहमति के नाम पर अपनी मनमर्जी के मुताबिक निजी स्वार्थ पूर्ति करने के लिये क्या शासन ऐसे नियम विरूद्ध एवं मनमाने तरीके से कार्य करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो समय सीमा बतावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्या श्री गौरव पटौदिया विगत 09 वर्षों से म.प्र. श्योपुर में पदस्थ होकर कार्यरत हैं? यदि हां, तो उक्त अवधि में पटौदिया के कृत्यों की जांच उच्चस्तरीय समिति बनाकर दोषी के विरूद्ध शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्तमान महाप्रबंधक श्योपुर एवं तत्कालीन महाप्रबंधक जिला शिवपुरी में पदस्थी के दौरान विवादित एवं नियम विरूद्ध आउटसोर्स भर्ती करने के कारण आवेदकों द्वारा पुलिस प्रकरण दर्ज कराया गया था? यदि हां, तो एफआईआर की कॉपी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अपितु कंपनी अतंर्गत क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वृत्त कार्यालयों द्वारा ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी को संबंधित क्षेत्रीय/वृत्त कार्यालय की मांग अनुसार निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियम व शर्तों के तहत् वांछित योग्यताधारी आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराना होता है। वर्तमान में मैसर्स ईजीसोर्स एच.आर. सोल्युशन प्रा.लि. नई दिल्ली को श्योपुर वृत्तांतर्गत बाह्यस्त्रोत कार्मिक उपलब्ध कराने का कार्य दिया गया है। श्योपुर संचा./संधा. वृत्त अन्तर्गत उक्तानुसार कार्यादेश की शर्तों एवं नियमों के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। (ख) जी, नहीं। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है, अपितु बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म/एजेन्सी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, श्री गौरव पटौदिया, प्रबंधक (मा. संसा.), श्योपुर वृत्त में लगभग 09 वर्षों से पदस्थ हैं। उक्त कार्मिक के विरूद्ध एक शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांचोपरान्त प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर संबंधित कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई जॉंच कराया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) जी हाँ। एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बागड़ा से नसीराबाद मार्ग निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 1039 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में बागड़ा से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है? उनके नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हां, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या बागड़ा से नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हां, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये हैं? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हां, तो कब और नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निविदा विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य प्रगतिरत है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हॉं। जी हॉं, एप्रोच एवं शोल्डर का कार्य प्रगतिरत है। जी हॉं। जांच दिनांक 06.07.2021 तथा दिनांक 13.07.2021 को की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जांच में कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मकरोनिया से बहेरिया सड़क मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 920 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया से बहेरिया सड़क मार्ग का चौड़ीकरण कार्य तथा रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य गेट नं. 30 विभाग द्वारा कब स्वीकृत किया गया था? दोनों कार्यों का कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया था? कार्यपूर्णता की तिथि क्या थी? विभाग एवं कार्य एजेंसी का क्या वर्क प्लान था? समयसीमा में कार्य पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा क्या कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? कार्य समय पर पूर्ण न होने पर कार्य एजेंसी पर कार्यवाही या आर्थिक दंड का क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना निर्माण कार्य किया गया? कितना निर्माण कार्य शेष है? निर्माण कार्य के पश्चात कितना भुगतान शेष है? (ग) उपरोक्त कार्यों की किन-किन लेबों से कब-कब जांच कराई गई? (घ) क्या सड़क चौड़ीकरण एवं रेल्वे ओवर ब्रिज कार्य निर्माण में धीमी गति के चलते एवं कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के समय यातायात की सुविधा हेतु परिवर्तित मार्ग बनाये गये? यदि नहीं, तो दुर्घटनाओं एवं यातायात में आ रही परेशानियों के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अतिक्रमण/अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 765 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल मार्केट लघु व्यापारी संघ पी.एण्ड.टी. चौराहा नेहरू नगर चौराहा भोपाल एवं महानगर विकास समिति भोपाल द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक आयुक्त नगर निगम भोपाल के साथ-साथ आयुक्त भोपाल संभाग तथा कलेक्टर भोपाल को ''अतिक्रमणकारी कबाड़ी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु'' एवं ''कबाड़ दुकान के विरूद्ध कार्यवाही नियम के दायरे लिये जाने विषय'' विषयांतर्गत शिकायतों से बिंदुवार अवगत कराते हुए दोषी अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? विगत तीन वर्षों से उक्ताशय से संबंधित और कितनीं शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) प्राप्त शिकायतों का पृथक-पृथक बिन्दुवार उल्लेख करते हुए बतावें कि उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण दोषी अतिक्रमणकारी को जानबूझकर संरक्षण प्रदान किया जाकर अतिक्रमण नहीं हटाते हुये बचाया जा रहा है? दोषी अतिक्रमणकारी को बचाये जाने के क्या नियमयुक्त/विधियुक्त कारण हैं? (घ) क्या शासन/विभाग शिकायत की गंभीरता व प्राप्त निर्देशों की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए दोषी अतिक्रमणकारी एवं उसे संरक्षण प्रदान कर बचाने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण को तत्काल हटाते हुए प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर आयुक्त नगरीय प्रशसन एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019 में नगर निगम, भोपाल को प्रश्नाधीन स्थल पर स्थित कबाड़ी द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायत के निराकरण हेतु नगर निगम भोपाल द्वारा कार्यवाही की जाकर कबाड़ी द्वारा किये गये अतिक्रमण एवं उसके आसपास स्थित सभी अस्थाई प्रवृत्ति के अतिक्रमणों को हटाये जाने की कार्यवाही की गई थी। विगत 03 वर्षों के दौरान अतिक्रमण शाखा को सी.एम. हेल्पलाईन, निगम कॉल सेंटर, जन सुनवाई एवं विभिन्न शासकीय कार्यालयों से तथा आम नागरिकों द्वारा अतिक्रमणों के विरूद्ध अतिक्रमण शाखा को प्राप्त कुल 8468 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख की गई शिकायतों के निराकरण एवं नगर निगम सीमा में स्थित अतिक्रमणों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु शाखा के कार्यों को 02 भागों में विभाजित किया गया है। उक्त कार्यों को 02 क्षेत्रीय अतिक्रमण प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में स्थित अतिक्रमणों के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं उच्च अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिये जाने वाले निर्देशों के परिपालन में शिकायतों के निराकरण एवं क्षेत्र में पाये अतिक्रमणों के विरूद्ध कार्यवाही करते हैं। यह एक सतत एवं निरंतर प्रक्रिया है। प्राप्त शिकायतों के संबंध में पृथक-पृथक अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी आदेश/स्वीकृति प्राप्त नहीं की जाती है। अत: इस प्रकार के अस्थाई अतिक्रमण हटाने का रिकॉर्ड संधारित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत व प्राप्त शिकायत का स्थल निरीक्षण किया जाकर सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत अतिक्रमण अमले द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। कार्यवाही के दौरान आवश्यकता अनुसार पुलिस बल भी उपयोग किया जाता है। अत: अतिक्रमण शाखा के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं के संरक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
नगरपालिका मनावर के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 952 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नगरपालिक मनावर जिला धार मध्यप्रदेश के पत्र क्र. 2071/2021 दिनांक 17/06/2021 को मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर को उपरोक्त पत्र के माध्यम से मार्गदर्शन चाहा गया था और क्या मार्गदर्शन दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पत्र की कंडिका क्र. 4 में उल्लेखित किस-किस मुख्य नगरपालिका अधिकारियों एवं अध्यक्षों के विरुद्ध किस-किस धारा में किस-किस अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि पंजीबद्ध नहीं किया तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदंर्भ में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किए जाने का क्या कारण है? क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी वर्तमान में उपरोक्त प्रकरण में लिप्त वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्षों तथा पूर्व-मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को बचा रहे हैं? वर्तमान मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरुद्ध किस-किस अधिनियम में कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग द्वारा वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है जो वर्तमान में परीक्षणाधीन है। निष्कर्ष उपरांत गुण-दोष के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिले में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 641 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले से होकर कहाँ से कहाँ तक के कौन-कौन से राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग कहाँ-कहाँ से गुजरते हैं तथा क्या कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की आवश्यकता है और अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना का जिला प्रशासन कटनी द्वारा प्रेषित प्रस्ताव विभाग/शासन के स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) प्रश्नांश (ख) कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना हेतु क्या प्रस्ताव कब तैयार किया गया? उपरोक्त प्रस्ताव किस स्तर पर स्वीकृति हेतु कब से लंबित है और क्या अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना हेतु भूमि भी आरक्षित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो भूमि आरक्षण की जानकारी और दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं? (ग) कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना के प्रस्ताव पर विभाग/शासन अथवा अन्य शासकीय विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक किया जाना शेष है और इसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या भौगोलिक स्थिति एवं भूमि/संसाधनों की उपलब्धता और क्षेत्र के जिलों को समुचित परिवहन सुविधा उपलब्ध होने को दृष्टिगत कर कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड की स्थापना की स्वीकृति शीघ्रता से प्रदाय की जाएगी? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत निम्न राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं :- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 30 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 7) :- उत्तराखण्ड राज्य में सितारागंज के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-9 के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होकर उत्तर प्रदेश में पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली और इलाहाबाद को मध्यप्रदेश में मनगंवा, रीवा, कटनी जबलपुर, मंडला, को छत्तीसगढ़ में चिल्पी, सिमगा, रायपुर, धमतरी, केशकाल, जगदलपुर और कोता को, आंध्रप्रदेश में नेल्लीपाक, भद्राचलम, पालीचा, कोट्टागोइम, तिरावुरू, मैलावरम को जोड़ते हुए कोडापल्ली के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-65 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है। 2. राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 43 विस्तारित (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 78) :- मध्यप्रदेश राज्य में गुलगंज के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-34 के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ अमानगंज, पवई, कटनी, उमरिया, शहडोल, छत्तीसगढ़ राज्य में अंबिकापुर, पाथलगांव, जशपुर नगर को जोड़ने वाला और झारखण्ड राज्य में छबीसा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-20 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है। 3. राज्य राजमार्ग क्र. 10:- कटनी, पन्ना। 4. राज्य राजमार्ग क्र. 11:- मैहर, बरही, उमरिया। 5. राज्य राजमार्ग क्र. 14:- कटनी, दमोह, सागर, भोपाल। कटनी में अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पुरैनी तहसील कटनी स्थित भूमि खसरा नंबर 146/1 में से 6.00 हेक्टेयर शासकीय भूमि अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड के संचालन हेतु मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग को राजस्व प्रकरण क्रमांक/114/अ-19/2016-17, दिनांक 24.05.2017 को आवंटित की गई। उक्त प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग में विचाराधीन है। (ख) अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जिला कटनी के द्वारा दिनांक 17.03.2017 को अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड का प्रस्ताव तैयार कर भूमि आवंटन की मांग की गई। कटनी में अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड की स्थापना को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पुरैनी तहसील कटनी स्थित भूमि खसरा नंबर 146/1 में से 6.00 हेक्टेयर शासकीय भूमि अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड हेतु मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग को राजस्व प्रकरण क्रमांक/114/अ-19/2016-17 दिनांक 24.05.2017 को आवंटित की गई। प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग में विचाराधीन है। भूमि आवंटन संबंधी दस्तावेज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन भूमि पर सड़क निर्माण/विद्युतीकरण कार्य की अनुमति
[वन]
17. ( *क्र. 66 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोक निर्माण विभाग से स्वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग की अनुमति के कौन-कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं, उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? पत्रवार कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा? पूर्ण विवरण दें। (घ) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं से निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में 01 हेक्टेयर तक वन भूमि के प्रत्यावर्तन के अधिकार कुछ शर्तों के साथ संबंधित क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदत्त हैं। वनाधिकार अधिनियम, 2006 में धारा 3 (2) में दिए गए अधिकारों के जनोपयोगी कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में राष्ट्रीय परिवार सहायता अंतर्गत राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( *क्र. 1068 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के कितने सदस्यों की मृत्यु हुई? उनमें से किन-किन को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत राशि प्राप्त हुई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस लापरवाही के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 18 से 59 वर्ष की आयु के कुल 314 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जिसमें से 285 हितग्राहियों को राष्ट्रीय परिवार सहायता का लाभ दिया गया है तथा शेष 29 आवेदक योजनान्तर्गत अपात्र पाये गये हैं। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विश्व बैंक परियोजना में चयनित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 720 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में विश्व बैंक परियोजना में APD के पद पर किस संवर्ग के राज्य प्रशानिक स्तर के अधिकारी की पद स्थापना होती है वर्तमान में APD के पद पर कौन पदस्थ है और क्या उनकी पदस्थापना शासन के द्वारा हुई है या नहीं? यदि नहीं, तो इन्हें कब तक इस पद से विमुक्त किया जायेगा? (ख) विभाग द्वारा प्रयोगशाला उपकरण की निविदा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से प्रकाशित निविदा क्र. 20015-। एवं 20016-। में दर्शित शर्तों में कुल आईटम/सामग्री में 25 आईटम की दरें प्रस्तुत करना अनिवार्य है? म.प्र. भंडार क्रय नियम 2015 एवं संशोधित नियम 2018 के किस नियम के तहत बनाई गई है? संपूर्ण जानकारी मय प्रक्रिया सहित उपलब्ध करायें। भंडार क्रय नियमों के तहत कार्यवाही नहीं होने की दशा में, निविदा को कब तक निरस्त किया जायेगा? (ग) विश्व बैंक परियोजना में चयनित 200 महाविद्यालयों के अतिरिक्त बिना चयनित महाविद्यालयों को किस नियम के तहत सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) नियम विरूद्ध कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्व बैंक परियोजना में APD का पद सृजित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रयोगशाला उपकरण हेतु जारी निविदा की शर्तें इस कार्यालय द्वारा तय नहीं की गई हैं। निविदा की प्रक्रिया म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा म.प्र. भंडार क्रय नियम के प्रावधान अनुसार की गई है। (ग) विश्व बैंक पोषित परियोजना में कुल 247 महाविद्यालय चयनित हैं, जिसमें 200 महाविद्यालय इंस्टिट्यूशनल डेवलेपमेंट प्रोग्राम (IDP) के अंतर्गत हैं तथा 47 भवन विहीन महाविद्यालयों के नवीन भवन निर्माण वाले महाविद्यालयों को सामग्री प्रदाय किया जाना है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का समय-सीमा में निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 2 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) यदि निर्माण की समयावधि का समय पूर्ण हो गया है तो अभी तक निर्माण पूरा क्यों नही किया गया? विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया जायेगा? यदि हां, तो कब तक? (घ) झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 21.06.2018 तक। (ख) ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने एवं कुछ भाग में अतिक्रमण के कारण विलम्ब हुआ। विभाग द्वारा ठेकेदार का ठेका निरस्त किया जा चुका है। (ग) जी हॉं। पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा रही है। (घ) समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सप्लाई व कटौती हेतु प्रचलित नियम
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 298 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत सप्लाई व कटौती हेतु कोई मार्गदर्शिका/नियम आदि प्रचलन में है तो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में सम्मिलित 11 के.व्ही. फीडर में अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 तक कितनी बार घोषित/अघोषित कटौती हुई, फीडर का नाम/दिनांक/कटौती का समय आदि कारणों सहित जानकारी बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा लिये गए निर्णय अनुसार प्रदेश में गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में विद्युत कटौती हेतु कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत कृषि फीडरों पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने का प्लान लागू है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लाईन मेन्टेनेंस हेतु पूर्व निर्धारित शटडाउन लेने तथा आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर लागू विनियमनों के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विद्युत की कोई घोषित/अघोषित कटौती नहीं की गई है। तथापि पूर्व निर्धारित शटडाउन एवं आकस्मिक अवरोधों के कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह अप्रैल, 2021 से जुलाई 2021 तक की अवधि में हुए विद्युत व्यवधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माह अप्रैल 2021 से माह जुलाई 2021 तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 22 घंटे 52 मिनट एवं कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 09 घंटे 31 मिनट विद्युत प्रदाय किया गया है।
अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 965 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राजीव जैन अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल की मूल पद स्थापना किस विभाग, किस पद एवं किस स्थान पर हुयी थी? (ख) उनके अधीक्षण यंत्री भोपाल विकास प्राधिकरण बनने तक वह किस किस पद पर और कहाँ-कहाँ कितने समय तक पदस्थ रहे? (ग) उनके द्वारा भोपाल विकास प्राधिकरण में रहते हुए कौन-कौन से कार्य कराए गए एवं उन कार्यों में से किन-किन निर्माण कार्यों की ईओडब्ल्यू/लोकायुक्त/सीटीई को कितनी शिकायत हुई एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? शेष सभी शिकायतों की सूची उपलब्ध कराए एवं उनका निराकरण कब तक हो पाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री राजीव जैन, अधीक्षण यंत्री, भोपाल विकास प्राधिकरण की मूल पदस्थापना तत्कालीन आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा सीधी भरती के तहत् सहायक यंत्री के पद पर तत्कालीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, सिंगरौली में पदस्थ करते हुए की गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ग) भोपाल विकास प्राधिकरण की समस्त योजनाओं पर तकनीकी एवं प्रशासनिक नियंत्रण व पर्यवेक्षण के कार्य संपादित किये गये हैं, कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर है। प्राप्त शिकायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट ''स'' पर है, जिसमें नियमानुसार कार्यवाही की जाकर गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मैहर नगरपालिका में विकास कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1164 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर नगरपालिका क्षेत्र के विकास से संबंधित विभाग में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से अब तक की माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई कौन-कौन सी घोषणायें दर्ज हैं? इनका ब्यौरा देवें व बतावें कि किस घोषणा पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? घोषणा से संबंधित निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दर्ज घोषणाओं में से किस-किस पर कार्य आरंभ नहीं हुआ है अथवा स्वीकृतियां नहीं मिली हैं? विवरण दें। इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? इनकी स्वीकृतियां कब से किस स्तर पर लंबित हैं? (ग) गत दो वर्षों में नगर पालिका परिषद मैहर द्वार प्रस्तावित कौन-कौन से कार्य स्वीकृति हेतु विभाग/संचालनालय में किस स्तर पर किस कारण से लंबित हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
मुरैना जिले में कोविड 19 से मृत व्यक्तियों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 81 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में अलग-अलग तहसीलों में स्थित शमशान एवं कब्रिस्तान में कितने-कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाल के तहत किया गया? तहसीलवार शमशानवार, कब्रिस्तानवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जिला में कोविड-19 से कितने व्यक्तियों की मृत्यु होने की जानकारी शासकीय रिकार्ड में दर्ज है? तहसीलवार, मृतकवार जानकारी देवें। (ग) क्या सरकार कोविड-19 के कारण मृत हुये लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिये किसी स्वंत्रता एजेंसी से जांच करायेगी? यदि हां, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
रीवा एवं शहडोल जिले में विद्युतीकरण के किये गये कार्य
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 264 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युतीकरण के कार्य कराये गये? यदि हां, तो दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के अन्तर्गत रीवा एवं शहडोल जिले का वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) की संचालित योजनाओं मे से सौभाग्य योजना के तहत प्रश्नांश (क) के जिलों में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य कराये गये? वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक संख्या बतावें। कितने ग्रामों में पूर्ण किये जा चुके हैं एवं कितने ग्राम अभी शेष हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में जहां विद्युतीकरण के कार्य कराये गये, वहां आज भी खम्भे गाड़ दिये गये, लेकिन तार व ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये आज भी आम लोग बिजली की सुविधा से वंचित हैं। क्या इसका सत्यापन कराकर जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेंगे? यदि हां, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जहां पर विद्युतीकरण के कार्य कराये गये हैं वहां के ट्रांसफार्मर को बिजली का भार बढ़ने के कारण बदलने की कार्यवाही नहीं की जा रही है तो क्या उनको चिन्हांकित कर बदलने हेतु निर्देश जारी करेंगे? इन्हीं में से कुछ ट्रांसफार्मर जले हुये हैं, उनके बदलने बावत् क्या निर्देश देंगे? साथ ही बतावें के ट्रांसफार्मर कब जले और कब-कब बदले गये नहीं बदले गये तो क्यों? एक ट्रान्सफार्मर के सुधार/मेंन्टीनेन्स में कितनी राशि व्यय होती है इनके सुधारने के बाद इनकी गारंटी की अवधि कितने समय की होती है? अगर सुधार का कार्य सही ढंग से नहीं किया जाता, ट्रांसफार्मर सुधारने के बाद जल्द जल गये तो इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार जिम्मेदारों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया आम उपभोक्ता/आम जनता बिजली से वंचित हुई, इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत रीवा एवं शहडोल जिलों में प्रश्नाधीन अवधि में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत क्रमश: 332 एवं 93 ग्रामों तथा सौभाग्य योजना अंतर्गत क्रमश: 920 एवं 827 ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गए हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सौभाग्य योजनान्तर्गत रीवा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 920 ग्रामों एवं शहडोल जिले में 827 ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गए हैं। उक्त योजनांतर्गत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (ग) प्रश्नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजनान्तर्गत सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। प्रश्नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि रीवा जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत नवीन कनेक्शन प्रदान किये जाने में अनियमितताओं संबंधी प्राप्त शिकायतों के संबंध में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांचोपरांत निष्कर्ष के आधार पर दोषी कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर जिलों में सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्त शिकायत के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच समिति गठित कर सैंपल स्वरूप 20 प्रोजेक्ट के तहत 20 क्रय आदेशों की जांच करवाई गई। जांचोपरांत बिल की गई राशि एवं भौतिक सत्यापन के अनुसार संपादित कार्य की लागत राशि में रूपये 9.33 लाख का अंतर पाया गया। उक्त राशि की वसूली संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों से की जा चुकी है। शहडोल जिला अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर जॉंचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में प्रत्येक वर्ष विद्यमान विद्युत अधोसंरचना में आगामी वर्ष में होने वाली भार वृद्धि को देखते हुए विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु मैदानी कार्यालय द्वारा चिन्हित किए गए कार्यों पर प्रस्ताव प्राप्त कर तकनीकी रूप से साध्य कार्यो को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्य योजना में शामिल किया जाता है। उक्त कार्य योजना में ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य भी शामिल किए जाते हैं। कार्य योजना में शामिल किए गए कार्यों के प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्य आदेश जारी कर कार्य कराये जाते है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। रीवा जिला क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना के तहत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 107 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये एवं उक्त सभी फेल वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मर में से 45 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं एवं उक्त सभी फेल वितरण ट्रासंफार्मर बदल दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शहडोल जिला क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना के तहत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 95 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं जिनमें से 72 वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है तथा 23 फेल वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से 16 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये हैं, जिनमें से 12 वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है एवं 04 फेल वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। एक ट्रांसफार्मर के सुधार में अनुमानित व्यय राशि की ट्रांसफार्मर की क्षमतानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के मेंटेनेंस का कार्य एक सतत् प्रक्रिया है एवं उक्त कार्य विभागीय तौर पर किया जाता है। अत: एक ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस हेतु व्यय की गई राशि की पृथक से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। सुधारे गए वितरण ट्रांसफार्मर की गारंटी अवधि सुधारकर्ता फर्म द्वारा कंपनी के भण्डार कार्यालय में प्रदाय दिनांक से 18 माह की होती है। सुधार कार्य के उपरांत यदि गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मर पुन: खराब होते हैं तो सुधारकर्ता फर्म बिना किसी व्यय के पुन: सुधार कार्य कर ट्रांसफार्मर प्रदाय करती है जिसकी गारंटी अवधि 6 माह की अथवा 18 माह से बची हुई गारंटी अवधि जो भी ज्यादा हो उस अवधि की होती है। (ड.) उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में जिन प्रकरणों में जांच की जा रही है, उनमें संबंधितों के विरूद्ध जॉंच निष्कर्ष के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वाहनों
से खराब हुई
सड़कों का
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 1 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से निकलने वाले 8 लेन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में चल रहे डंपरों/वाहनों द्वारा विभाग की कितनी और कौन-कौन सी सड़के जीर्ण-शीर्ण हो गई है? सूची देवें। (ख) विभाग द्वारा निर्मित रोड़ पर कितनी क्षमता/टन के वाहन चलाने की अनुमति है? उक्त 8 लेन निर्माण कार्य में क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहे हैं, इस संबंध में कभी कोई नोटिस/कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपियां उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) उक्त निर्माण कार्य से होने वाले सड़कों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार हैं? प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित सड़कों की मरम्मत/सही करवाने का कार्य किसका है और यह कार्य कब तक करा दिया जाएगा? (घ) क्या 8 लेन निर्माण कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में विभाग की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए अनुमति ली गई थी? यदि हाँ तो उसकी प्रतिलिपि देवें और यदि अनुमति नहीं ली गई तो किसके आदेश से क्षमता से अधिक भार वाले वाहन सड़कों पर चल रहे है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) परिवहन एक्ट के अनुसार 8.16 मे.टन प्रत्येक एक्सल वजन के वाहन। जी हाँ, जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- (पृष्ठ1 से 9) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सम्बंधित ठेकेदार जिम्मेदार है। सम्बंधित ठेकेदार का। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण रतलाम के पत्र क्रमांक 354 दिनांक 26.02.2021 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार) से अवगत कराया गया है कि मिट्टी का कार्य पूर्ण होने के पश्चात क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इस प्रकार की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है।
जर्जर सड़कों के मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 7 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना खिमलासा मालथौन सड़क की हालत जर्जर है जगह जगह गड्ढें हो गये हैं। उक्त सड़क पर MPRDC द्वारा टोल टैक्स भी वसूल क़िया जा रहा हैं। लेकिन मरम्मत नहीं कराई जा रही हैं जिससे आवागमन में वाहनों को चलाने में परेशानी हो रही है और दुर्घटना हो रही हैं? (ख) क्या उक्त सड़क की मरम्मत कराने का प्रवधान है? यदि हाँ तो सड़क निर्माण अथवा मरम्मत कब तक हो जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, मार्ग पर कुछ पेंच हुए है। मरम्मत एक सतत् प्रक्रिया है। समय-समय पर आवश्यकता अनुसार मरम्मत कार्य किया जाता है। मार्ग की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वाहनों को असुविधा से इन्कार नहीं किया जा सकता। मरम्मत नहीं होने के कारण दुर्घटना की कोई सूचना नहीं है। (ख) बारिश बंद होने पर आवश्यकता अनुसार डब्ल्यू.एम.एम. से पेंच रिपेयर तथा वर्षाकाल के उपरान्त डामरीकृत मटेरियल से मार्ग की मरम्मत की योजना है।
खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 39 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की होशंगाबाद तहसील अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में कितनी क्षमता के, कितने ट्रांसफार्मर डी.पी स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों डी.पी में कितनों पर उनकी क्षमता के कनेक्शन दिए गए है। तथा इसके क्या कारण हैं? (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण जनवरी 2020 से जून 2021 तक होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की होशंगाबाद तहसील के किन ग्रामों के कितने-कितने ट्रांसफार्मर, कब-कब खराब हो गए? (घ) खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने के लिए मण्डल द्वारा कितनी समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या खराब/जले ट्रांसफार्मरों को नियत समय-सीमा में बदला गया। यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत होशंगाबाद तहसील में 43 ग्रामों में कुल 1814 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी ग्रामवार, क्षमतावार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 1791 वितरण ट्रांसफार्मरों से, उनकी क्षमता के अनुरूप ही कनेक्शन दिये गये हैं, जो कि नियमानुकूल है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत होशंगाबाद तहसील में वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता से अधिक कनेक्शन दिये जाने के कारण जले/खराब हुए ट्रांसफार्मरों की संख्या निरंक है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। होशंगाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 21 वितरण ट्रांसफार्मरों को भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण पहुंच मार्ग सुगम नहीं होने (माह अगस्त, 2020 के अंत में) एवं कोरोना माहमारी (माह अप्रैल, 2021 से माह मई 2021) के कारण ग्रामों में प्रवेश वर्जित होने के कारण निर्धारित समय-सीमा में नहीं बदला जा सका है।
प्रधानमंत्री आवास के क्रियान्वयन में दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 40 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका होशंगाबाद एवं इटारसी में प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्षवार स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी देते हुये बतावें कि कितनों को कितनी-कितनी किश्त प्रदाय की जा चुकी है? (ख) होशंगाबाद/इटारसी में अभी तक कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ग) स्वीकृत प्रकरणों में कितने नगर पालिका सीमा से बाहर हैं एवं कितने प्रकरणों में निर्धारित से अधिक कितनी राशि का भुगतान किया गया? नाम सहित जानकारी बतावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनियमितता के लिये जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी? यदि हाँ तो किसकी? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या नगर पालिका होशंगाबाद में प्रश्नकर्ता के पत्र के संबंध में कलेक्टर द्वारा 09.09.2020 को जांच दल गठित किया गया है? (च) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 42 (3448) दिनांक 16.03.2021 के प्रश्नांश (च) अनुसार अनुविभागीय अधिकारी, होशंगाबाद के यहां जांच प्रचलित हैं? यदि हाँ तो प्रश्नांश (घ) एवं (ड.) में उल्लेखित जांच का प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो इसमें विलम्ब के क्या कारण है? कब तक दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका होशंगाबाद एवं ईटारसी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के स्वीकृत प्रकरण एवं किश्त प्रदाय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ’’अ’’ अनुसार है। (ख) नगर पालिका होशंगाबाद में स्वीकृति हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। नगर पालिका ईटारसी द्वारा 1,927 हितग्राहियों के आवास की योजना दिनांक 07.06.2021 को प्रस्तुत की है। नियमानुसार प्रक्रिया प्रचलित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में अनियमितता की जांच दल गठित किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) जी, हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ’’ब’’ अनुसार है। (च) जी, हाँ। वर्तमान में जांच प्रचलन में है कोविड-19 महामारी के कारण मार्च-2020 से समय-समय पर लॉक डॉउन होने से तथा जांच की विषयवस्तु विस्तृत स्वरूप की होने से जांच पूर्ण होने में विलंब हुआ है। अपर कलेक्टर, होशंगाबाद को कार्यालयीन पत्र दिनांक 02.08.2021 के द्वारा शीघ्र जांच पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ में व्याप्त अनियमितताएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
5. ( क्र. 46 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन ज़िले में बोर्ड की बिना सहमति के डेरी कॉलोनी में लाखों का नवीनीकरण करवा दिया गया है? यदि हाँ तो किन नियमों के अंतर्गत और यदि नहीं तो विगत 02 वर्षों में बोर्ड की सहमति कौन कौन से कार्यों में ली गयी है? उन कार्यों की प्रमाणित सूची देवें। (ख) क्या इंदौर की फर्म को एक करोड़ रुपए का घी उधार दे दिया गया है जबकि शासन के नियमों में उधार देने का प्रावधान नहीं है? विस्तृत रिपोर्ट देवें। (ग) क्या विगत 02 वर्षों में लगभग 15 लाख रुपए मूल्य के सांची उत्पादों को सीईओ द्वारा निजी लाभ के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट करवाकर बाज़ार में बिकवा दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका सीधा लाभ किसे दिया गया है? (घ) उज्जैन ज़िले में ऐसे कितने कृषक और दुग्ध समितियाँ हैं जिन्हें वर्तमान में 60 दिवस उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया है? जबकि नियमानुसार 15 से 20 दिन में हो जाना चाहिए। (ङ) किसानों द्वारा दुग्ध समितियों के माध्यम से दूध इकट्ठा करके BMC को भेजा जाता है? किसान फैट और SNF राशि का आंकलन मात्रा से कम पाया जाता है? इसका कारण क्या है? किसानों के इस नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) से (ग) प्रश्नांकित विषयों की जांच आदेशित की गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही का निर्णय लिया जावेगा। (घ) वर्तमान में दुग्ध संघ द्वारा समस्त दुग्ध सककारी समितियों को दिनांक 10 जुलाई 2021 तक की अवधि के दूध बिलों का भुगतान किया जा चुका है। किसी भी दुग्ध उत्पादक या दुग्ध समिति का 60 दिवस से अधिक का भुगतान लंबित नहीं है। (ड) जी हाँ। दुग्ध समिति स्तर पर किसानों द्वारा प्रदायित दूध के फैट एवं किसान को गुणवत्ता के परिणाम से असहमति की स्थिति में दूध के सेम्पल के पुन: परीक्षण की सुविधा समिति स्तर पर उपलब्ध रहती है। इसके पश्चात संकलित समस्त दूध के सेम्पल का समिति स्तर एवं बीएमसी स्तर पर भी परीक्षण किया जाता है। सेम्पल को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया के तहत किसानों को नुकसान होने की संभावना नहीं है। अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अपूर्ण आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 65 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में जुलाई 2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कितने आवास स्वीकृत किये गये उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण है तथा किन-किन के आवास का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों निकायवार जानकारी दें। (ख) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने पात्र हितग्राही है जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए तथा क्यों कारण बतायें। (ग) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में कितने आवासहीन एवं कच्चे मकान वाले है जिनके पास भूमि की दस्तावेज न होने के कारण आवास स्वीकृत नहीं किये गये उनके कब तक आवास स्वीकृत किये जायेंगे। (घ) रायसेन जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों में सभी आवासहीन एवं कच्चे मकान वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कब तक आवास उपलब्ध करा दिये जायेगें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों में जुलाई-2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत, पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ आवासों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। निकायवार अप्रारंभ आवासों की हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है। (ख) जुलाई-2021 की स्थिति में रायसेन जिले नगर पालिका एवं नगर परिषदों में नवीन चिन्हित पात्र हितग्राही जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं की कारण सहित निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’स’’ अनुसार है। इन हितग्राहियों का भूमिस्वत्व न होने के कारण निकाय के द्वारा डी.पी.आर.तैयार नहीं जा सकी है। (ग) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’द’’ अनुसार है। भारत सरकार से डी.पी.आर. स्वीकृत होने पर आवास स्वीकृत हो सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) समस्त पात्रता रखने वाले परिवार जो आवास हेतु आवेदन देंगे उनके परीक्षण उपरांत डीपीआर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को विचारार्थ प्रेषित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 91 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद सेंधवा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को आवास बनाये जाने की स्वीकृति दी गई है? (ख) उपरोक्त स्वीकृत हितग्राहियों को आवास बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को कब-कब स्वीकृत राशि उनके खातों में भेजी गई है? (ग) कितने स्वीकृत हितग्राहियों को स्वीकृत राशि पूर्ण प्रदान कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को प्रथम किस्त जारी कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को द्वितीय किस्त जारी कर दी गई है एवं कितने हितग्राहियों की राशि शेष रह गई हैं? (घ) उपरोक्त स्वीकृत आवास निर्माण के हितग्राहियों को नगर पालिका परिषद सेंधवा द्वारा कब तक राशि उनके खातों में प्रदाय की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत 06 परियोजनाओं में 2,879 आवास बनायें जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) उपरोक्त स्वीकृत आवास के हितग्राहियों को पुस्तकालय में रखे परिशष्ट ''अ'' अनुसार राशि उनके खातों में प्रदाय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) आवासों की भौतिक प्रगति के आधार पर निरंतर किश्तों की राशि प्रदान की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों में नवीन संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 92 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में इंदौर संभाग के अंतर्गत कौन-कौन से नवीन महाविद्यालय एवं पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में भवन स्वीकृति एवं पदपूर्ति की क्या स्थिति है? महाविद्यालयवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सेंधवा के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय सेंधवा में भवन स्वीकृति की क्या स्थिति है? स्वीकृत पदों पर पदपूर्ति हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही स्वप्रेरणा से की जाएगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? (घ) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में स्थायी प्राचार्य को पदस्थ किया जाएगा? तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पांच वर्षों में इन्दौर संभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों की संख्या 09 है। पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालयों में 04 नवीन संकाय प्रारंभ किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'दो', 'तीन' एवं 'चार' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय सेंधवा स्वयं के भवन में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'पांच' अनुसार है। पदपूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फ्लाई ओव्हर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 113 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर की रद्दी चैकी से लेकर भानतलैया घमापुर चौक से तहसीली चौक व हाईकोर्ट चैराहा तक वर्तमान में यातायात की क्या स्थिति है। यहां पर हर पल लगने वाले जाम की समस्या का हल हेतु नगर निगम जिला प्रशासन व पुलिस विभाग ने क्या व्यवस्था की हैं तथा क्या योजना बनाई हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु तत्कालीन मुख्य मंत्री मा. श्री कमलनाथ के शासन काल में फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? यदि हाँ तो मूल योजना क्या है एवं इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की हैं? (ग) क्या शहर के विकास एवं जाम की समस्या के निदान हेतु प्रस्तावित फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराना अति आवश्यक हैं? यदि हाँ तो क्या शासन नगर निगम व जिला प्रशासन स्मार्ट सिटी योजना के तहत फ्लाई ओव्हर का निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ तो इसे शासन कब तक प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) क्या स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 8 करोड़ 42 लाख की लागत से बनने वाले दो मिनी स्टेडियम की प्रशासकीय स्वीकृति, टेंडर, वर्कआर्डर, भूमि पूजन एवं कार्य प्रारंभ होने के पश्चात् रद्द कर दिया गया हैं यादि हाँ तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रद्दी चौकी से लेकर भान तलैया, घमापुर चौक से तहसीली चौक व हाईकोर्ट चौराहा तक यातायात चालू अवस्था में हैं एवं यातायात के सुचारू संचालन हेतु बल यातायात विभाग द्वारा लगाया जाता है। जाम की समस्या के हल हेतु उपरोक्त स्थानों पर नगर निगम, जिला प्रशासन एवं यातायात विभाग द्वारा की गयी व्यवस्था एवं योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं।शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जलप्लावन की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 114 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जलप्लावन की समस्या वाले कौन-कौन से क्षेत्र हैं इसके निदान हेतु क्या योजना बनाई है और क्या उपाय किये गये हैं? (ख) जलप्लावन की समस्या के निदान हेतु छोटे बड़े नालों व नालियों को पक्का कर जोड़ने की योजना पर कुल किनती राशि व्यय हुई तथा कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणधीन हैं एवं क्यों? किन-किन बड़े नालों की कितनी-कितनी फीट की चौड़ाई को कितनी - कितनी फीट का कर पक्का किया गया हैं एवं क्यों? इससे पानी की निकासी व जलभराव की समस्या में कितना सुधार हुआ हैं तथा किन-किन क्षेत्रों की जलप्लावान की समस्या हल हुई हैं? (ग) नगर निगम जबलपुर ने वर्षा पूर्व कब-कब कौन - कौन से बड़े नालों व कितनी नालियों की साफ-सफाई कराई हैं एवं कितनी-कितनी मात्रा में शिल्ट निकाली गई हैं/इस कार्य में कितने - कितने मजदूरों को लगाया गया हैं एवं उनकी मजदूरी पर कितनी राशि व्यय हुई/इसका सत्यापन कब किसने किया हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। क्या शासन इसमें किये गये भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? (घ) शासन ने प्रश्नांकित योजना में हुये घोटाला/भ्रष्टाचार की जांच में दोषी पाये गये किन-किन अधिकारियों व निर्माण एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जलप्लावन की समस्या वाले क्षेत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। जलप्लावन की समस्या निदान हेतु जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजनांतर्गत नालों के पक्कीकरण की कार्य योजना क्रियान्वित की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार। इसके अतिरिक्त बाढ़ आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार। (ख) जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन योजनांतर्गत वर्षाजल निकासी योजना हेतु नालों के पक्कीकरण के कार्य हेतु राशि रू. 364.07 करोड़ का व्यय हुआ। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत स्वीकृत सेक्शन अनुसार ही नालों का निर्माण कार्य कराया गया है। नालों की चौड़ाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जहां नाला निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है वहां जल भराव की समस्या को काफी नियंत्रित किया जा सका है एवं इन क्षेत्रों में जल प्लावन की समस्या काफी हद तक हल हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार। (ग) नगर निगम जबलपुर में वर्षा पूर्व माह मार्च 2021 से 15 जून 2021 तक बड़े नालों एवं नालियों की सफाई करायी गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’इ’ अनुसार। निकाली गई शिल्ट की मात्रा का तौल/मापन नहीं किया जाता है। इस कार्य में लगाये गये श्रमिकों की संख्या एवं उनकी मजदूरी पर व्यय राशि रू. वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘फ’ अनुसार है। इस कार्य में किसी भी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार प्रतिवेदित नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड 19 से होने वाली मृत्यु की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 134 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 मार्च, 21 से 30 जून, 21 की अवधि में जिला अलीराजपुर में अलग अलग तहसीलों में स्थित श्मशानों और कब्रिस्तानों में कितने-कितने मृतकों का किस-किस तारीख को अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकोल के तहत किया गया? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में अलीराजपुर जिले में कोविड 19 से कितनी-कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड 19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
करोनाकाल के दौरान मृतकों की संख्या की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 176 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले अन्तर्गत दिनांक 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 की अवधि मे शांतिधाम एवं कब्रिस्तान में कितनी संख्या में मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया है? (ख) उपरोक्त अवधि में खरगोन जिले में कोविड -19 से कितनी मृत्यु होने की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या शांतिधाम,कब्रिस्तान में किये गये अंतिम संस्कार एवं कोविड-19 से होने वाले मृतकों का सरकारी रेकार्ड में दर्ज संख्या में अन्तर है? (घ) यदि हाँ तो क्या उपरोक्त अवधि के दौरान कोविड से मृतकों की सही जानकारी के आकलन हेतु स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर पालिक निगम द्वारा कराये गये विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 201 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक इन्दौर द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अंतर्गत विगत् वर्ष 2018 से पूर्व 05 वर्षों (2013 से 2018) में क्या -क्या विकास कार्य कराये गये? वार्डवार जानकारी देवें? प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 02 वर्षों में प्रेषित पत्रो पर विभागो द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यो कि क्या स्थिति है? वार्डवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 में कितनी पानी की टंकीयों कि मंजूरी कब-कब दी गई, कितनी टंकीयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, कितनो का निर्माण कार्य अधूरा है? अधूरे कार्य का क्या् कारण है? अधूरे कार्य कब तक पूर्ण किये जायेगें? पानी की टंकीयों की मेन लाईन, सप्लाय लाईन आदि के कार्यो कि क्या स्थिति है, पेयजल लाईन कितने वार्डो में डाली जाना शेष है? कब तक सम्पूर्ण कार्य पूर्ण कर किया जायेगा? (घ) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अमृत प्रोजेक्टक में पिछले 05 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये? किन-किन कार्यो पर कितनी राशि व्यय की गई? नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा पिछले 05 वर्षों में कितने गार्डनों का सौन्दर्यीकरण, आकर्षक विद्युतीकरण किया गया? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विकास कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ में समाहित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अंतर्गत 03 पानी की टंकियों (ईंट भट्टा, जयहिन्द नगर एवं बाणगंगा) के निर्माण कार्य, उसकी फीडरमेन एवं डिस्ट्रीब्यूशन लाईन बिछाने के कार्य दिनांक 15.11.2017 को स्वीकृत किये गये। उक्त तीनों टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। तीनों टंकियों की 1.9 कि.मी. फीडर लाईन बिछायी जाना थी, जिसमें से 1.83 कि.मी. लाईन बिछा दी गई है। इसके अलावा तीनों टंकियों अंतर्गत 92.5 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछायी जानी थी, जिसमें से 55.5 कि.मी. पाइपलाइन बिछा दी गयी है। वार्ड क्रमांक 05, 09, 10 एवं 12 में पाइपलाइन डाले जाने का आंशिक कार्य शेष है। समस्त कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण करना लक्षित है। (घ) घटकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’, ‘ब’-1, ‘ब’-2, ‘ब’-3, एवं ‘ब’-4, पर है।
कोविड-19 प्रोटोकाल में मृत रिकार्ड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 209 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2021 से 30 जून 2021 की अवधि में भोपाल अंतर्गत अलग-अलग तहसीलों में स्थित शमशानों और कब्रिस्तानों में कितने-कितने मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में कोविड-19 अंतर्गत जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई क्या उन सभी मृतकों की जानकारी सरकारी रिकार्ड में दर्ज है? (ग) क्या सरकार कोविड-19 के कारण मृत हुए लोगों की वास्तविक संख्या की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 219 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को विनियमित कर स्थाईकर्मी किये जाने हेतु सामान्य प्रशासन के पत्र क्रमांक एफ./5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07.10.2016 के द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम जबलपुर एवं कटनी के कितने दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को विनियमित कर स्थाई कर्मी के आदेश जारी किये गये है आदेश की प्रति दें एवं शेष कितने दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं मिला, कारण सहित निकायवार जानकारी दें। (ख) नगर पालिक निगम कटनी में ऐसे कितने दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) जो 16 मई 2007 को एवं 1 सितम्बर 2016 को भी कार्यरत है उनकी संख्या एवं नाम एवं नियुक्ति दिनांक सहित बताएं। उक्त दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) नियमानुसार होने के बाद भी उन्हें विनियमित नहीं करने के क्या कारण है एवं क्या शासन नगर पालिक निगम कटनी को आदेशित करेगा कि जो भी दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश अनुसार निकाय में कार्यरत है उन्हें उक्त योजना का लाभ तत्काल प्रभाव से दिया जायें। यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बताएं। (ग) नगर पालिक निगम कटनी में वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक निकाय में कार्यरत दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को कार्य पर रखे जाने हेतु शासन से अनुमति/अनुमोदन प्राप्त किया गया है, यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं एवं शासन से बिना अनुमति/अनुमोदन प्राप्त किये दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को कार्य पर रखने हेतु कौन दोषी है? उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही करेगा? क्या शासन वर्ष 2007 से 2016 के बीच रखे गये दैनिक वेतन श्रमिक (मस्टर पर कार्यरत) को अनुमोदन प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों, कारण बतायें। कटनी नगर पालिक निगम कटनी में कौन-कौन से किस-किस वर्ग के कितने पद कब से रिक्त है? शैक्षणिक योग्यता सहित बताएं। रिक्त पदों की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके दैनिक वेतन श्रमिक को रिक्त पदों पर नियमित किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या दैनिक वेतन (मस्टर पर कार्यरत) श्रमिकों को 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमश: 1500 एवं 2500 रू. का विशेष भत्ता प्रदान किये जाने संबंधी आदेश शासन द्वारा जारी किये गये है? यदि हाँ तो नगर पालिक निगम कटनी में दैनिक वेतन (मस्टर पर कार्यरत) श्रमिकों को 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत उक्त भत्ते प्रदान किये जा रहे है? यदि नहीं तो क्यों, कारण बताएं एवं क्या शासन नगर पालिक निगम कटनी में दैनिक वेतन श्रमिकों (मस्टर पर कार्यरत) को उक्त विशेष भत्ता प्रदान करने हेतु पुन: आदेशित करेगा, यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र दैनिक वेतनभोगियों को स्थायीकर्मी घोषित किया गया है। नगरपालिक निगम कटनी में 136 एवं जबलपुर में 37 कर्मियों को परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों अंतर्गत पात्र नहीं पाये जाने पर लाभ नहीं मिला है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है। नगरपालिक निगम कटनी में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र दैनिक वेतनभोगियों को स्थायीकर्मी घोषित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। आवश्यकता नहीं है। नगरपालिक निगम कटनी द्वारा मेयर-इन-कॉउंसिल/प्रशासन से स्वीकृति उपरांत कार्य पर रखा जाता रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। जी नहीं क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के अंतर्गत घोषित स्थायीकर्मियों को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग के परिपत्र दिनांक 05 अप्रैल 2016 की कंडिका 2 अनुसार म.प्र. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम 2013 की कंडिका 5 (2) के अनुसार नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 10 एवं 20 वर्ष की सेवा अवधि पर क्रमश: 1500/- रूपये, 2500/-रूपये प्रतिमाह विशेष भत्ता प्राप्त करने के निर्देश दिये गये थे। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03 मई 2017 अनुसार विभागीय अधिसूचना दिनांक 02 फरवरी 2017 द्वारा म.प्र. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम 2013 को राजपत्र में प्रकाशित कर निरस्त किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमांकन की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 223 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 16 मार्च 2021 में मुद्रित प्रश्न संख्या 54 (क्रमांक 4007) के प्रश्नांश (घ) का उत्तर जी हाँ, भूमि स्वामियों से अधिग्रहित की गई भूमि में विवाद की स्थिति होने से सीमांकन की कार्यवाही की जा रही है? तथा विवादित भूमि में से भूमि स्वामी श्री जेठानंद आत्मज गुनामल डोडानी द्वारा बिना नगर निगम की अनुमति से भूमि विक्रय किया गया है? जिसके संबंध में थाना प्रभारी माधव नगर कटनी को निकाय के पत्र क्रमांक 4302 दिनांक 08.01.2021 द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। तथा प्रश्नांश (ड.) का उत्तर जी हाँ अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत सूचना पत्र जारी किया गया है, दिया गया है, यदि हाँ, तो भूमि के सीमांकन हेतु कब-कब पत्र लिखे गए पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावे तथा सीमांकन न करने वाले अधिकारी का नाम बताएं। (ख) नगर पालिक निगम के प्रशासक कलेक्टर होने के बाद भी सीमांकन न होना दुर्भाग्यपूर्ण है तथा प्राथमिकी अभी तक क्यों नहीं दर्ज हुई? कारण बताएं? अवैध निर्माण तोड़ने के लिए जारी नोटिस के बाद प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नगर निगम द्वारा सम्राट होटल के लीज नवीनीकरण का प्रकरण शासन को कब भेजा गया भेजे गये पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। लीज नवीनीकरण के प्रकरण में अभी तक क्यों अंतिम निर्णय नहीं लिया गया कब लिया गया? कब लिया जायेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन भूमियों के खसरा नम्बरों एवं उससे लगी हुई भूमियों के खसरा नम्बरों की भूमियों का सीमांकन कराने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी के द्वारा पत्र क्रमांक 4816 दिनांक 01.02.2021 से योजना क्रमांक 06 की भूमि खसरा नम्बर 307 एवं 308 एवं पत्र क्रमांक 4817 दिनांक 01.02.2021 से योजना क्रमांक 14 की भूमि खसरा 319,320,321,328 एवं 330 का सीमांकन कराने हेतु तहसीलदार कटनी को पत्र प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। प्रश्नाधीन भूमियों का सीमांकन तहसीलदार कटनी के द्वारा किया जाना है। (ख) प्रश्नाधीन भूमियों का सीमांकन कोविड के दौरान पूर्व में नहीं हो पाया है। सीमांकन के पश्चात् वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा सम्राट होटल की लीज नवीनीकरण के संबंध में पत्र क्रमांक 474 ए दिनांक 08.07.2016 एवं पत्र क्रमांक 676 ए दिनांक 23.08.2016 एवं पत्र क्रमांक 756 ए दिनांक 09.09.2016 के द्वारा विभाग की ओर पत्र प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। लीज नवीनीकरण के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।
अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 224 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिना नगर पालिक निगम कटनी की अनापत्ति प्रमाण पत्र के लार्सन एवं टर्बो लिमिटेड पी.बी. 979 माउन्ट पूनामल रोड मानाउक्कन चेन्नई स्थल रामनिवास सिंह वार्ड में बैचिंग प्लांट की स्थापना की है, जिससे प्रदूषण एवं सुरक्षा मानको से वार्डवासियों को खतरा है जिसकी नगर निगम ने संज्ञान लेते हुये अपने पत्र क्रमांक 1494/अनु/2021 दिनांक 29.06.2021 से संबंधित कंपनी को कार्य बंद करने हेतु लिखा है? यदि हाँ तो क्या कार्य बंद हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो निगम के उक्त वार्ड के प्रभारी उपयंत्री, स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा समय रहते कार्यवाही क्यों नहीं की बताएं और उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की बताएं। (ग) क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी कटनी ने नगर निगम क्षेत्र में बिना नगर निगम की एन.ओ.सी. प्राप्त किए उक्त कंपनी को प्लांट स्थापना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों जारी किया गया कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की जावेगी बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) नगर निगम के वार्ड प्रभारी उपयंत्री द्वारा समय पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा, इकाई प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था करने एवं नगर निगम कटनी से अनापत्ति पत्र प्रस्तुत करने की शर्त पर सम्मति जारी की गई थी। कंपनी द्वारा समयावधि में अनापत्ति प्रस्तुत नहीं करने पर बैंचिंग प्लांट का संचालन बंद है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम भोपाल द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 255 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2021 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किये गए मृतकों के नाम, पिता/पति, निवास के पते सहित वार्ड वार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि मृत्यु प्रमाणपत्र वार्ड कार्यालय से जारी किया गया हो या मृत्यु प्रमाणपत्र, नगर निगम भोपाल जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र शाखा से जारी किया गया हो तो पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 257 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा बजट 2019-2020 में प्रत्येक विधान सभा में विधान सभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु 300 लाख रूपये का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विधान सभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल द्वारा बजट 2020-2021 में विधान सभा क्षेत्रों के विकास हेतु किस विधान सभा को कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? आवंटित राशि में से किस विधान सभा द्वारा कितनी राशि का प्रश्न दिनांक तक उपयोग किया गया एवं शेष बची राशि की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्य हेतु कोई भी राशि का बजट प्रावधान नहीं रखा गया था परंतु भोपाल के समग्र विकास हेतु प्रतिवर्ष अनुसार प्रावधान किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार है।
राजमार्गों के सुधार एवं निर्माण पर व्यय राशि
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 265 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल से रीवा राजमार्ग के सुधार व निर्माण बाबत् राशि जारी की गई? यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी-कितनी, कब-कब, किन-किन किलोमीटर पर व्यय की गई? इनके कार्य बाबत् कार्यादेश कब जारी किये गये कार्यादेश की प्रति संविदाकारों का नाम व शर्तों सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान रीवा व शहडोल जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग, जिला मार्ग, व ग्रामीण पहुंच मार्गों के सुधार बाबत् कितनी राशि वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान राज्य शासन द्वारा किन किलोमीटरों पर व्यय बाबत् प्रदान की गई। प्राप्त राशि का वर्षवार, रोड़वार, माहवार, व्यय का विवरण देवें कार्यादेश की प्रति भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में रीवा जिले के वदवार से सीतापुर मार्ग में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक में कितनी राशि कितने वर्षों में किन-किन मदों से निर्माण में व्यय की गई? वर्षवार विवरण देते हुये कार्यादेश की प्रति भी देवें। क्या मयंकधर द्विवेदी एडवोकेट द्वारा इस रोड़ से संबंधित जानकार सूचना के अधिकार के तहत चाही गई थी जो अपेक्षित है? क्यों वर्तमान में इस रोड़ की किन-किन किलोमीटरों में क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (ग) की रोड के नियमितता व निर्माण न कराये जाने की शिकायत माननीय लोक निर्माण मंत्री जी से की गई जिसकी जांच हेतु मंत्री महोदय द्वारा लिखा गया जांच की प्रति देते हुये बतावें कि दोषियों पर कार्यवाही की स्थिति क्या है इसके पूर्व भी इस रोड़ की शिकायत आयुक्त रीवा संभाग रीवा को की गई थी जिनके द्वारा कमिश्नर कार्यालय के पत्र क्रमांक 361 दिनांक 20.01.2016 व पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2016 द्वारा कार्यवाही बावत् संबंधितों को लिखा गया जांच की प्रति के साथ कार्यवाही का विवरण देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने फर्जी बिल बाउचर तैयार कर राशि आहरित करने वालों पर कार्यवाही न कर व्यक्तिगत हित पूर्ति कर बचाया जा रहा है। जबकि मौके पर कार्यादेश अनुसार कार्य नहीं कराये गये। राशि का गबन किया गया इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। समस्त कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं ''अ-1'' अनुसार है। समस्त कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है। कार्यादेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। श्री मयंकधर द्विवेदी एडवोकेट द्वारा सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी विभाग द्वारा दिनांक 02.08.2021 को प्रदाय कर दी गई है पावती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। मार्ग की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग के पत्र क्रमांक 1456 रीवा दिनांक 04.08.2021 द्वारा अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग, रीवा मण्डल रीवा को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करनें हेतु निर्देशित किया गया है। जी हाँ। आयुक्त रीवा संभाग रीवा के पत्र क्रमांक 361 दिनांक 20.01.2016 का पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2019 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर रीवा के निर्देशानुसार प्रश्नांकित मार्गों के निर्माण में की गई अनियमितता की जांच, अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा रीवा को दी गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ठेका देने के मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 299 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका निगम/नगरपालिका एवं नगर पंचायत में ठेका वसूली हेतु कितने प्रकार के ठेका देने का प्रावधान है एवं इसके क्रियान्वयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में नगरपालिका सबलगढ़ व नगर पंचायत झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक कितने ठेके किस-किस प्रकार के स्वीकृत हुए क्या इस हेतु टेंडर (निविदा) आमंत्रित की गई हो तो प्रति उपलब्ध करावें? व कौन-कौन ठेका कितनी-कितनी राशि के स्वीकार हुए की जानकारी ठेकेदार का नाम/पता सहित दें? (ग) क्या यह भी सच है कि ठेका हुए ही नहीं हैं? यदि हाँ तो इस हेतु कौन-कौन जवाबदेह हैं? तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 189-क. एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 160 के तहत कर एवं वसूली को ठेके पर दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद, सबलगढ़ एवं नगर परिषद्, झुण्डपुरा, जिला-मुरैना में प्रश्नाधीन अवधि में कोई ठेका स्वीकार नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद्, सबलगढ़, जिला-मुरैना में ठेके दिये जाने हेतु चतुर्थ ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई है तथा नगर परिषद्, झुण्डपुरा, जिला-मुरैना द्वारा करों की विभागीय वसूली किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डीनोटीफाईड भूमि की प्रविष्टि
[वन]
22. ( क्र. 324 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उत्तर वनमण्डल बैतूल के ग्राम टिकारी, झगडि़या, डुल्हारा, सालीवाड़ा के किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा, संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल किया गया, संरक्षित वन सर्वे में शामिल कितना रकबा राजपत्र में दिनांक 15 सितम्बर, 1972 को भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड किया गया। (ख) संरक्षित वन सर्वे मे शामिल समस्त भूमि 1972 में डीनोटीफाईड करने के बाद डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि वन विभाग ने किस विभागीय अभिलेख के किस प्रारूप के किस कॉलम में कब दर्ज की यदि प्रविष्टि दर्ज नहीं की हो तो उसका कारण बतावें। (ग) सरंक्षित वन सर्वे में शामिल किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का किस दावेदार का वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार दावा मान्य किया गया किसका दावा किन-किन कारणों से अमान्य किया अमान्य किए जाने के प्रस्ताव पर किस-किस वन अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। (घ) संरक्षित वन सर्वे में शामिल डीनोटीफाईड समस्त भूमि के दावे मान्य एवं अमान्य किए जाने की कार्यवाही किए जाने का क्या कारण रहा है, शासन इसके लिए किस-किस को जिम्मेदार एवं दोषी मानता है।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 सितम्बर, 1972 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक/4073-दस-2-72 दिनांक 10 जुलाई, 1972 के रूप में संधारित है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित ग्रामों में संरक्षित वन सर्वे में शामिल खसरों में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत दावेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। वनमंडल उत्तर बैतूल के दावेदारों के दावे मान्य/अमान्य किये जाने के प्रकरण पर उपखण्ड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (वन) सारणी एवं जिला स्तर पर उत्तर वनमंडलाधिकारी के हस्ताक्षर है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) में दी गई वनभूमि की परिभाषा के अन्तर्गत आने वाली वनभूमियों पर दावें मान्य/अमान्य किये गये हैं। अतः इसके लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार एवं दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच दल की रिपोर्ट एवं कार्यवाही
[वन]
23. ( क्र. 325 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय वनवृत बैतूल में पदस्थ ए.पी.सी.सी.एफ. श्री मोहन मीणा के विरूद्ध की गई शिकयतों की जांच करने हेतु श्री विभाष ठाकुर एवं श्री शुभरंजन सेन और श्रीमती बिन्दु शर्मा एवं श्रीमती रचना शुक्ला ए.पी.सी.सी.एफ. का जांच दल मई एवं जून, 2021 में बैतूल गया था। (ख) यदि हाँ तो जांच दल ने बैतूल में किस-किस के किस दिनांक को बयान दर्ज किए, किस-किस वनकर्मी से जांच दल ने किस दिनांक को पूछताछ की, जांच दल ने किस दिनांक को अपनी रिपोर्ट या प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत किया। (ग) श्री मोहन मीणा द्वारा कार्य आवंटन या प्रभार दिलवाने के नाम पर किस-किस कर्मचारी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किस आदेश क्रमांक दिनांक से भेजा उन आदेशों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी निरस्त नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है श्री मोहन मीणा द्वारा दिए गए आदेशों को कब तक निरस्त किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। बैतूल में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मोहन मीणा के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच करने हेतु प्रश्नांश अनुसार जांच दल बैतूल गया था। (ख) श्री विभाष ठाकुर एवं श्री शुभरंजन सेन समिति द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1872 दिनांक 15.06.2021 द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, म.प्र. को प्रस्तुत किया गया। श्रीमती बिन्दु शर्मा एवं श्रीमती अर्चना शुक्ला समिति द्वारा अपना जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/क्यू-01/2021 दिनांक 21.06.2021 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को प्रस्तुत किया गया। जांच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जाकर विभागीय कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। जांच प्रतिवेदन की विषयवस्तु, पीड़ित एवं साक्ष्य का सार्वजनिक करना जांच प्रक्रिया के साथ-साथ संबंधित कर्मचारियों की सुरक्षा में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है। अतः महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध तथा प्रतितोष) अधिनियम, 2013 एवं सहपठित नियमों के अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने तक जानकारी प्रदाय करना नियमानुसार सही नहीं होगा। (ग) श्री मोहन मीणा द्वारा कार्य आवंटन या प्रभार दिलवाने के नाम पर किये गये स्थानांतरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के पत्र क्रमांक/क्षे.स्था-2/210 दिनांक 30.07.2021 द्वारा श्री मोहन मीणा, तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बैतूल द्वारा दिनांक 01.10.2020 से फरवरी, 2021 के मध्य परिक्षेत्रों/बीटों में की गई युक्तियुक्तकरण/पदस्थिति स्थानांतरण नीति/सक्षमता अनुरूप नहीं होने के कारण तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
वनोपज सहकारी समिति को बोनस वितरण
[वन]
24. ( क्र. 326 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास कार्यों बाबत् बैतूल जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सल्लैया द्वारा पिछले 05 वर्षों में लिए गए प्रस्तावों में पारित कार्यों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ख) सल्लैया समिति को 2017 से 2021 तक किस वर्ष में नगद बोनस वितरण हेतु शुद्ध लाभ की कितनी राशि दी गई, ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में कितनी राशि निर्धारित की गई उसमें से कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए किसे उपलब्ध करवाई गई। (ग) समिति द्वारा किस दिनांक को कितनी लागत के किस कार्य का प्रस्ताव लिया उस प्रस्ताव को किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, किस प्रस्ताव पर किस दिनांक को किसने क्या-क्या आपत्तियां दर्ज करवाई? (घ) समिति द्वारा ग्रामीण विकास कार्यों बाबत् पारित प्रस्ताव के अनुसार कार्य हेतु समिति को कब तक स्वीकृति प्रदान कर राशि उपलब्ध करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। पिछले 05 वर्षों में प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सलैया से प्राप्त प्रस्तावों में पारित कार्यों में से एक कार्य स्वीकृत किया गया है, 5 कार्य तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण होने के कारण स्वीकृत नहीं किये गये। (ख) प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति सलैया को वर्ष 2017 से 2021 तक बोनस वितरण हेतु दी गई राशि तथा ग्रामीण विकास एवं वन विकास में निर्धारित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में उक्त समिति हेतु जिला यूनियन उत्तर बैतूल को स्वीकृत की गई राशि एवं कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) प्रस्ताव नियमानुसार प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा स्वीकृत किया जाता है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टास्कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट की कार्यवाही
[वन]
25. ( क्र. 329 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 29 मई 2019 को ए.सी.एस. वन श्री ए.पी.श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनाई गई टास्कफोर्स कमेटी की 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट पर राज्य मंत्रालय ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? (ख) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में किस-किस विषय पर क्या-क्या सुझाव दिया गया है एवं किस-किस विषय पर क्या-क्या सिफारिश की गई है? उस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) 6 फरवरी 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में दिए गए सुझावों एवं की गई सिफारिश पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी राज्य मंत्रालय से आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं होने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) राज्य मंत्रालय कब तक किस-किस विषय पर आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, टास्क फोर्स के प्रतिवेदन को मंत्रि परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने बावत् कार्यवाही की जा रही है। (ख) टास्क फोर्स की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है। (ग) टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी कोई आदेश/निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किये गये है। (घ) टास्क फोर्स की रिपोर्ट में गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय तथा विधि के पहलू संलिप्त होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जले एवं खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाना
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 346 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संभाग में कहां-कहां के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुए, इनमें से किस-किस ट्रांसफार्मर को कब-कब बदला गया स्थानवार दिनांकवार जानकारी दें? (ख) प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों के ट्रांसफार्मर बदले जाना शेष हैं उनको कब तक बदल दिया जायेगा? ट्रांसफार्मर परिवहन का व्यय किसके द्वारा किया जाता है? 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर बदलने में कितनी राशि किस मद से किस-किस व्यक्ति, एजेन्सी को दी गई? (ग) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान.मंत्री जी तथा रायसेन जिले के विद्युत विभाग के महाप्रबंधक/उपमहाप्रबंधक को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई संबंधित अधिकारियों द्वारा पत्रों के जवाब कब-कब दिये गये पूर्ण विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में प्राप्त विधायकों के पत्रों पर मान.मंत्री जी ने विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिये इसके उपरांत भी अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तथा विधायकों को अवगत भी नहीं कराया यदि हाँ तो क्यों इसके लिये कौन दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक की अवधि में संचालन/संधारण संभाग रायसेन एवं संचालन/संधारण संभाग बरेली में क्रमश: 296 एवं 741 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए तथा इनमें से क्रमश: 276 एवं 741 जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदल दिया गया। संचालन/संधारण संभाग रायसेन अंतर्गत 20 वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है तथा बरेली संचालन/संधारण संभाग में प्रश्नाधीन अवधि में जले/खराब सभी वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा चुके है। उक्त जले/खराब हुए, बदले गए एवं बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार, दिनांकवार एवं संचालन/संधारण संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार संचालन/संधारण संभाग रायसेन में 20 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष है जिनका स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में सरल क्रमांक 277 से 296 अनुसार है। नियमानुसार जले एवं खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत उक्त ट्रांसफार्मरों को बदला जाना संभव है। अत: इन्हें बदले जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में उसको स्थापित स्थान से ले जाना और नवीन वितरण ट्रांसफार्मर के लाने की जवाबदारी विद्युत वितरण कंपनियों की है। विद्युत वितरण कंपनियों में इस कार्य हेतु वाहन उपलब्ध रहता है, जिसके माध्यम से उक्त कार्य सम्पादित कराया जाता है। विशेष परिस्थितियों में जब विद्युत वितरण कंपनी का वाहन उपलब्ध नहीं होता है, ऐसी दशा में फेल ट्रांसफार्मर के परिवहन हेतु संबंधित उपभोक्ता/ग्रामवासी द्वारा वाहन उपलब्ध कराने पर, उसे परिवहन कार्य हेतु परिवहन व्यय का भुगतान एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के परिपत्र क्रमांक 158 दिनांक 05.03.2018 के प्रावधान के अनुसार किया जाना है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक ट्रांसफार्मर बदलने में कोई भी राशि किसी भी योजना मद से किसी भी व्यक्ति/ऐजेन्सी को प्रदाय नहीं की गई। (ग) दिनांक 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक 22.07.2021 तक की अवधि में रायसेन जिले के माननीय विधायकों से महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड रायसेन कार्यालय में 02 पत्र प्राप्त हुए एवं उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) रायसेन कार्यालय में 17 पत्र प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार कुल 19 पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त 19 पत्रों में उल्लेखित समस्याओं/मांगो के निराकरण हेतु की गई कार्यवाही एवं माननीय विधायक महोदयों को किये गये कार्य से अवगत कराये जाने की जानकारी सहित प्रश्नाधीन चाही गई समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन जिले के माननीय विधायकों से प्राप्त ऊर्जा मंत्री को संबोधित पत्रों का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द' अनुसार है। (घ) प्रशनांश (ग) में प्राप्त माननीय विधायको के पत्रों पर ऊर्जा मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही हेतु प्रेषित पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार कार्यवाही की गई है/की जा रही है, अत: विभाग का कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 347 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? (ख) रायसेन जिले की किन-किन सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान, विद्युत तार एवं पोल हटवाने की कार्यवाही अथवा भू-अर्जन की आवश्यकता है तथा भू-अर्जन किये गये किन-किन प्रकरणों में भुगतान किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है इनके निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा शाला भवनों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित नहीं हुई तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (घ) रायसेन जिले में सड़क/पुल स्वीकृति तथा अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान.मुख्यमंत्री जी मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''ब-1'' एवं प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब-2'' एवं प्रपत्र-द अनुसार है।
टोल वसूली के नियम
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 358 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)प्रदेश में प्रमुख सड़क मार्गों पर टोल वसूली के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की क्या गाइडलाइन\नियम हैं प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश में एमपीआरडीसी की कुल कितनी सड़कें हैं इनका निर्माण कब-कब, कितनी-कितनी लागत से किस कंपनी\ठेकेदार द्वारा किया गया है सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्न (ख) उल्लेखित सड़कों पर टोल वसूली की अवधि कब से कब तक है क्या डीपीआर अनुसार और वास्तव में टोल से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में अंतर है यदि हाँ तो कितना? (घ) प्रश्नांश (ख) में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिन पर लागत मूल्य से कई गुना अधिक का टोल वसूला जा चुका है सभी मार्गों पर स्थित टोल पर अभी तक वसूले गए टोल की कुल राशि की सूची उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मार्गों पर टोल वसूली के संबंध में किसी भी प्रकार के मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा इस प्रकार के दिशा निर्देश प्राप्त नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सभी मार्गों से टोल नहीं वसूला जाता है। जिन मार्गों पर टोल वसूला जाता है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार।
दुग्ध संघ ग्वालियर के CEO को हटाया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
29. ( क्र. 421 ) श्री राकेश मावई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दुग्ध संघ ग्वालियर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग सिंह सेंगर ने विपणन शाखा प्रभारी रहते हुए 4 करोड़ रूपये का गबन किया था जिसकी जांच करने पर आरोप सिद्ध पाये गये और इनके वेतन से दण्ड स्वरूप प्रतिमाह 25 हजार रूपये कटौती की जा रही है? यदि हाँ तो ऐसे दण्डित एवं भ्रष्ट व्यक्ति को दुग्ध संघ ग्वालियर का मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्यों बनाया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या दुग्ध संघ ग्वालियर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के सरंक्षण में श्री राजीव तोमर डाटा ओर्गेनाईजर (नॉन टेकनिकल) को क्रय शाखा का प्रभारी बनाकर इनके द्वारा भी भ्रष्टाचार कराया जा रहा है। जबकि यह पद तकनीकी प्रबंधक स्तर का है। यदि हाँ तो नॉन टेकनिकल व्यक्ति को क्रय शाखा का प्रभारी क्यों बनाया गया? (ग) दुग्ध संघ ग्वालियर की विपणन शाखा द्वारा गोले के मंदिर स्थित फूड प्लाजा पर 40 लाख रूपये का गवन भी श्री सेंगर के कार्यकाल में किया गया जिसके प्रभारी वरिष्ठ सहायक गुड नियंत्रक श्री संजय गुप्ता है? जबकि विपणन शाखा में प्रबंधक शाखा में प्रबंधक कार्यरत है, तो श्री संजय गुप्ता को प्रभारी क्यों बनाया गया? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) दुग्ध संघ ग्वालियर के भ्रष्ट एवं दण्डित मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनुराग सिंह सेंगर को कब तक पद से हटाया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर दुग्ध संघ में प्रभारी विपणन की पदस्थी अवधि में वितरकों से वसूली योग्य लंबित राशि की वसूली श्री अनुराग सिंह सेंगर के वेतन से रू. 25,000/- प्रतिमाह की जा रही हैं। कार्य की आवश्यकता तथा ग्वालियर दुग्ध संघ में अन्य वरिष्ठ अधिकारी न होने से श्री सेंगर को ग्वालियर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार दिया गया है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) ग्वालियर दुग्ध संघ में अद्यतन स्थिति में क्रय शाखा का प्रभार श्री के.पी.विजय, प्रबंधक (गुनि) को सौंपा गया है। पूर्व में अधिकारियों की कमी के कारण तात्कालिक व्यवस्था की गई थी। (ग) श्री संजय गुप्ता वरिष्ठ सहायक (गुण नियंत्रण) वर्ष 2005 से विपणन शाखा मुख्यालय में पदस्थ हैं तथा उन्हें पूर्व अनुभव के आधार पर विपणन शाखा के कार्यालयीन कार्यों के अतिरिक्त ग्वालियर दुग्ध संघ द्वारा संचालित गोला का मंदिर स्थित सॉची फूड प्लाजा के पर्यवेक्षण का कार्य सौंपा गया है। विपणन शाखा मुख्यालय पर वर्तमान में कोई भी प्रबंधक (विपणन) पदस्थ नहीं है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जन कार्यों हेतु भूमि का अधिग्रहण
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 474 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर में स्थित चौपाटी क्षेत्र पर आगामी जन कार्यों को किये जाने हेतु रिक्त भूमि की आवश्यकताऍ महसूस की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो क्या सर्वे नं. 224 की रिक्त पड़ी भूमि का अधिग्रहण जन-आवश्यकताओं के कारण जन कार्यों हेतु किया जाना अत्यावश्यक है? (ग) सर्वे न. 225 एवं 226 भूमि का संपूर्ण विधिवत नियमानुसार निर्धारण कर इस भूमि पर स्थापित (काबिज) स्थिति का संधारण भी किया जाना अत्यावश्यक है? (घ) यदि हाँ तो शासन/विभाग सर्वे नं. 225 एवं 226 का संपूर्ण संधारण विधिवत कब तक कर सकेगा, साथ ही सर्वे न. 224 की भूमि का जन कार्यों हेतु अधिग्रहण कब तक कर नगर पालिका परिषद जावरा को जन कार्यों हेतु सौंपेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी, हाँ। (घ) भूमि सर्वे क्र. 225/1 रकबा 0.025 एवं 225/2 रकबा 0.013 जिसमें कुआ स्थित था, जो वर्तमान में निजी व्यक्ति के स्वामित्व में है एवं सर्वे क्रमांक. 226/1 रकबा 2.036 हेक्टेयर में से 0.400 हेक्टेयर की भूमि रिक्त है तथा 1.636 हेक्टेयर पर कार्यालय गोदाम एवं दुकानें आदि निर्मित है भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकबा 0.50 हेक्टेयर जो प्रिमीयर आईल मील इंडस्ट्रीज जावरा प्रो. विशाल एक्सपोर्ट प्रा.लि. कलकत्ता के नाम से दर्ज है, भूमि सर्वे क्रमांक 224 रकबा 1.050 हेक्टेयर एवं 226/1 रकबा 2.036 हेक्टेयर परिषद संकल्प क्रमांक 442 दिनांक 29.05.2013 से अधिग्रहण किये जाने का प्रस्ताव पारित है, परन्तु न्यायालयीन वाद के कारण उक्त भूमि का अधिग्रहण किया जाना वर्तमान में संभव नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 477 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर परिषद पिपलौदा के प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2019 तक किये गये कार्यों एवं लिये गये निर्णयों में हुई अनेक विसंगतियों, अनियमितताओं एवं गबन की सम्पूर्ण जांच के संबंध में निवेदन किया है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों से शासन/विभाग का उपरोक्त उल्लेखित दस वर्षों के कार्यकाल की सम्पूर्ण सूक्ष्म जांच एवं कार्यवाही के साथ ही अन्य पत्रों के माध्यम से भी अन्य विषयों पर ध्यान आकृष्ट किया गया? (ग) यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनेक पत्रों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय एवं माननीय आयुक्त महोदय के साथ अन्य संबंधित विभागीय उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया? (घ) यदि हाँ तो विगत वर्षों से प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये पत्राचार विधान सभा सदन में उठाये गये संबंधित उक्ताशय के प्रश्नों एवं स्वयं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रत्यक्ष उपरोक्त उल्लेखित माननीयों के समक्ष उपस्थित होकर पत्रों को दिये जाने के साथ ही वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो शासन/विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार उल्लेखित विगत वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की? सम्पूर्ण कार्यवाही से अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) पत्रों पर प्रश्नांश (क) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
रिंगरोड पर फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 478 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बरगढ फंटे से लेकर भैसाना फंटे तक रिंग रोड (बाय-पास) निर्माण कार्य स्वीकृत किया है? (ख) यदि हाँ तो उक्त कार्य की स्वीकृति किस वर्ष में किस दिनांक को कितनी राशि लागत की दी गई एवं कार्य प्रारंभ किस वर्ष में किस दिनांक को हुआ? (ग) कार्य प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ, कितना अपूर्ण रहा, कितनी राशि का व्यय हाेकर कितना भुगतान शेष रहा? (घ) प्रांरभिक कार्ययोजना में उक्त सड़क मार्ग के मध्य आने वाले रेल्वे लाईन की फाटक पर फ्ई ओवर ब्रिज को बनाए जाने हेतु क्या किया जा रहा है, चूंकि उक्त सड़क मार्ग पर उक्त स्थल पर बना रेल्वे अंडर ब्रिज काफी सकरा व छोटा होने से बड़े वाहन निकल ही नहीं पाएंगे तत्संबंधी कठिनाई निराकरण हेतु फलाई ओवर ब्रिज बनाए जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है, वर्तमान में वित्तीय संसाधन को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं होने के कारण स्वीकृति की कार्यवाही संभव नहीं।
विद्युत करंट से हुई मृत्यु पर आर्थिक सहायता
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 496 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सिया तहसील नलखेडा जिला आगर मालवा में स्थित 11 के .व्ही.सिया फिडर में दिनांक 09/03/2019 को विद्युत लाइन के सम्पर्क में आने से कितने लोग प्रभावित हुए उनकी क्या स्थिति है? (ख) विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ऐसे प्रभावित व्यक्तियों के संबंध में क्या-क्या उपचार/आर्थिक सहायता प्रभावित को प्रदान की गई अथवा नहीं। यदि उपचार/आर्थिक सहायता प्रभावितों को नहीं दी गई तो क्यों नहीं दी गई। कारण बताएं? (ग) क्या घटना से प्रभावित मृत व्यक्ति को आर्थिक सहायता इसलिए नहीं दी गई कि प्रभावित मृतक का शव परिक्षण नहीं कराया गया जबकि मृतक व्यक्ति विद्युत लाईन से करंट लगने के कारण ही उसकी मृत्यु हुई। जिसकी पुष्टि उपचारकर्ता चिकित्सालय में कराई जा सकती है। क्या शासन ऐसे अशिक्षित आदिवासी परिवार को विशेष प्रकरण मानते हुए आर्थिक सहायता स्वीकृत करेगा यदि हाँ तो कब तक दिनांक सहित पूर्ण विवरण देवें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित, दिनांक
09.03.2019 को घटित
विद्युत
दुर्घटना से
एक बाहरी व्यक्ति
प्रभावित हुआ
था, जिसकी
अस्पताल से
डिस्चार्ज
होने के बाद
दिनांक 29.03.2019
को मृत्यु हो
चुकी है। (ख) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी में
लागू नियमों
के अनुसार
विद्युत
दुर्घटनाओं
में बाहरी
व्यक्तियों
की मृत्यु
होने पर परिजनों
को आर्थिक
सहायता राशि
रु. 4 लाख
प्रदान करने
हेतु मृतक की
शव परीक्षण
रिपोर्ट
आवश्यक है
जिसके अभाव
में उक्त
प्रकरण में
प्रभावित
व्यक्ति के
परिजन आर्थिक
सहायता हेतु
पात्र नहीं
हैं। तथापि
प्रश्नाधीन
प्रकरण में
पीड़ित
व्यक्ति की
पत्नी श्रीमती
बबीता पति
स्व. श्री
भगवान सिंह को
सामान्य
मृत्यु का
आवेदन प्रस्तुत
करने पर
मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल)
योजना के
प्रावधानों
के अनुसार
सामान्य मृत्यु
के प्रकरण में
निर्धारित
अनुग्रह राशि
रु. 2 लाख का
भुगतान जनपद
पंचायत
नलखेड़ा
द्वारा किया
जा चुका है। (ग) उत्तरांश (ख) में
दर्शाए
अनुसार लागू
नियमों के
अनुरूप कार्यवाही
करते हुए मृतक
के परिजनों को
मुख्यमंत्री
जनकल्याण
(संबल) योजना
के
प्रावधानों
के अंतर्गत सामान्य
मृत्यु के
प्रकरण में
देय रू. 2 लाख की
राशि का
भुगतान जनपद
पंचायत
नलखेड़ा द्वारा
किया गया है।
अत: प्रकरण
में अन्य कोई
कार्यवाही
किया जाना शेष
नहीं है।
सौलर ऊर्जा सिंचाई योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
34. ( क्र. 497 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में किसानों को सौलर ऊर्जा सिंचाई पम्प प्रदान करने के क्या नियम है? इसके लिए किसानों को किस प्रकार से आवेदन करना होता है? एवं आवंटन की क्या प्रक्रिया पूर्ण विवरण देंवे? (ख) वर्ष 2019-20 में आगर मालवा जिले की तहसील नलखेडा, सुसनेर के अंतर्गत कितने किसानों द्वारा सौलर सिंचाई पम्प हेतु पंजीयन करवाया गया था? क्या ऊर्जा विभाग द्वारा उन्हें सौलर पम्प सुविधा उपलब्ध करवाई गई है? यदि नहीं तो कब तक उन्हें सौलर ऊर्जा सिचाई की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) सोलर पंप स्थापना की योजना (मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना) अंतर्गत किसानों के लिये सौर पम्प संयंत्रों की स्थापना हेतु अनुदान है। इच्छुक किसानों द्वारा सोलर पम्प संयत्र स्थापना हेतु www.cmsolarpump.mp.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण करा सकते है। सोलर पम्प प्रदान करने के नियम/दिशा-निर्देश जिसमें आवेदन प्रक्रिया, आवंटन प्रक्रिया संबंधी विवरण है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है (''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' अतंर्गत सोलर पम्प लगाने हेतु आवेदन)। शासन से स्वीकृति तथा तदनुसार राशि प्राप्त होने पर पंजीकृत किसानों के खेत पर क्रमानुसार, पूर्ण हितग्राही अंश राशि जमा होने पर, सोलर पम्प की स्थापना की कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्ष 2019-20 में आगर मालवा जिले की तहसील नलखेडा के 04 तथा तहसील सुसनेर के 02 किसानों द्वारा सोलर सिंचाई पम्प हेतु पंजीयन करवाया गया था। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा तहसील सुसनेर के 01 आवेदक किसान के खेत पर सोलर पम्प संयंत्र की स्थापना की गई। तहसील सुसनेर के शेष 01 तथा तहसील नलखेड़ा के उक्त 04 आवेदक किसानों द्वारा हितग्राही अंश की पूर्ण राशि जमा नहीं कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ठेका श्रमिक के वेतन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 648 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4534, दिनांक 16 मार्च, 2021 के प्रश्न का गुमराह (भ्रमित) उत्तर किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा दिया गया है उनका नाम,पद,पदस्थापना स्पष्ट करें।क्या इन कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध जिन्होनें उत्तर देने में हेरा-फेरी की है तथा मुख्य तथ्य छिपाये हैं कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?यदि हाँ ? तो क्या? और कब तक? यदि नहीं? तो क्यों? (ख) क्या कार्यालय आयुक्त नगर-निगम ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1927 दिनांक 18 जुलाई 2019 के द्वारा श्री रामेश्वर सिंह राजपूत कम्प्यूटर -आपरेटर को जनमित्र केन्द्र क्रमांक 20 पर लिपिकीय कार्य करने हेतु पत्र (आदेश) जारी किया था यदि हाँ ? तो पत्र को छायाप्रति दें। पत्र के आदेशानुसार श्री रामेश्वर सिंह राजपूत जनमित्र केन्द्र क्रमांक 20 पर ही लगातार लिपिकीय कार्य कर रहा है श्री रामेश्वर सिंह राजपूत का वेतन किस माह से रोका गया है? रोका गया वेतन कितने माह का शेष है। कब तक वेतन प्रदान करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा नहीं दिया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम ग्वालियर में फर्म राज सिक्योरिटी फोर्स द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त कम्प्यूटर आपरेटर श्री रामेश्वर सिंह राजपूत की योग्यता अनुबंध के अनुसार न होने के कारण उक्त एजेंसी द्वारा श्री राजपूत से दिनांक 14.12.2020 तक कार्य लिया जाकर इन्हें हटाया गया है। दिनांक 14.12.2020 तक का वेतन भुगतान श्री राजपूत को किया गया है। श्री राजपूत द्वारा श्रम न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया है, जो न्यायालय में प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर-निगम द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 649 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 4532, दिनांक 16 मार्च, 2021 में सदन में मौखिक चर्चा में माननीय मंत्री महोदय द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में न्यूनतम तथा उच्चतम दरों के अन्तर में कार्यों का होना जिसमें 45 से 50 प्रतिशत और उससें भी न्यूनतम दरों पर कार्य किये गये हैं। क्या इनकी जांच कराई जावेगी माननीय मंत्री महोदय द्वारा सीरियल क्रमांक 31 पर किशन बाग की गलियों में सी.सी. निर्माण कार्य जो 53.43 प्रतिशत निम्न दर पर सीरियल क्रमांक 8233 हनुमान नगर सेक्टर ई-1 सी.सी. रोड निर्माण जो 49.15 प्रतिशत निम्न दर पर तथा सीरियल क्रमांक 824 सिद्वेश्वर नगर एवं सुरेश नगर में सी.सी. रोड निर्माण कार्य जो 48.58 प्रतिशत निम्न दर पर था इनकी जांच कराने हेतु कहा था। (ख) यदि हाँ तो इन तीनों कार्यों की प्रश्न दिनांक से आज दिनांक तक जांच कराई गई है।यदि हाँ तो किस स्तर के किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किस-किस दिनांक को जांच की गई? क्या प्रश्नकर्ता विधायक को सूचित किया या की गई जांच से अवगत कराया गया है? (ग) यदि नहीं तो इस लापरवाही के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं उनके नाम,पद बतावें।क्या ऐसे दोषी लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों केविरूद्ध कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? अब कब तक उक्त निर्माण कार्यों की जांच कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण समिति द्वारा जांच नहीं की जा सकी है। जांच के लिए गठित जांच समिति के अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जांच न होने से माननीय विधायक जी को अवगत नहीं कराया गया है। (ग) कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण जांच समिति द्वारा जांच नहीं की जा सकी है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच समिति को शीघ्र जांच कर, जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 8040 दिनांक 02/08/2021 से निर्देशित किया गया है।
कोविड - 19 से मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 667 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 कोरोना संक्रमण के कारण घर/अस्पताल में हुई मृत्यु के मामलों में जारी किये जा रहे मृत्यु प्रमाण पत्र में कॉज ऑफ डेथ का उल्लेख न करने का क्या कारण हैं? (ख) मृत्यु प्रमाण पत्र में कारण का उल्लेख न होने से कोरोना से मृत व्यक्ति के परिजन विभिन्न शासकीय योजनाओं व अन्य सुविधाओं का लाभ किस प्रकार प्राप्त करेंगे? शासन ने इस बारे में क्या नीति बनाई है? (ग) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मृत्यु प्रमाण पत्र में कारण उल्लेख करने संबंधी कोई निर्देश दिए हैं? यदि हाँ, तो उसका परिपालन कब किया जायेगा? (घ) क्या सरकार इस असाधारण स्थिति में नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना से मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र में कॉज ऑफ डेथ उल्लेखित करने के निर्देश देगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
गुणवत्ताहीन निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 668 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में निर्मित/निर्माणाधीन जबलपुर-दमोह, जबलपुर-मंडला तथा जबलपुर-भोपाल मार्गों का निर्माण का ठेका कब और किस-किस कंपनी को दिया गया? टेंडर के अभिलेख, कार्यादेश तथा ठेकेदारों से हुए अनुबंध की प्रति सदन के पटल पर रखें। (ख) उक्त सड़कों के निर्माण के दौरान किस-किस अधिकारी व कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या-क्या कमियां पायी गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक निरीक्षण रिपोर्ट में पायी गयी कमियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? (घ) उक्त सड़कों के गुणवत्ताहीन निर्माण/सड़क में हुई दरार , गड्ढे , अनुमोदित प्रावधान अनुसार विकास कार्य न करने , इलेक्ट्रिकल वर्क में अनियमितता करने इत्यादि जैसे कारणों से ठेकेदार को कब-कब नोटिस दिए गये तथा तत्सम्बंध में उसके विरुद्ध आगामी क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) उक्त सड़कों के ठेकेदारों को आज दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी राशि भुगतान की गयी? कितनी-कितनी कटौती की गयी? कितना-कितना भुगतान शेष है? शेष भुगतान की क्या वस्तुस्थिति है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द एवं ''द-1'' अनुसार है।
गुणवत्ताविहीन निर्माण करने वाली एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 682 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 862 दिनांक 26.02.2021 के प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर हाँ में देकर नगर पालिक निगम मुरैना के नाला नं. 1 पर गणेशपुरा-इर्दगाह से अम्बाह बाईपास तक भूमिगत नाला निर्माण एवं सी.सी.रोड का घटिया निर्माण कार्य करना स्वीकार किया गया एवं भूमिगत नाला निर्माण और सी.सी. रोड कार्य की गुणवत्ता की जांच हेतु समिति गठित की गई है? जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही करना बताया गया? इस समिति में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित है। उनके नाम, पद नाम सहित जानकारी देंवें। (ख) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रं. 4681 दिनांक 23.02.2021 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में यह बताया गया कि नगर पालिक निगम मुरैना में नाला नं. 1 पर भूमिगत नाला निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई जिसकी जांच के लिये संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के आदेश क्र. 1341 दिनांक 11.2.2021 द्वारा जांच समिति गठित की गई। इस जांच समिति में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित किये गये है। उनके नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार गठित की गई जांच समितियों द्वारा अपने-अपने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदनों के आधार पर क्या कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदनों की प्रतियों सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये। (घ) गुणवत्ताविहीन एवं घटिया नाला निर्माण तथा सी.सी.रोड निर्माण करने वाली एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु विषयांकित कार्यों की जांच कराना स्वीकार किया था। जी हाँ, जाँच समिति में सम्मिलित अधिकारी के नाम एवं पदनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच समिति में सम्मिलित अधिकारी के नाम एवं पदनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, कोविड 19 की द्वितीय लहर के कारण जाँच पूर्ण नहीं की जा सकी। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जाँच प्रतिवेदन के उपरांत संबंधित एजेंसी के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
अवैध मॉनिटरिंग से करोड़ों का भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 685 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. जल आवर्धन योजना हरदौली बांध निर्माण नगर पालिका मुलताई जिला बैतूल में जल संसाधन विभाग मुलताई के श्री जी.पी. सिलावट कार्यपालन यंत्री एवं श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग करने हेतु क्या शासन स्तर से नियुक्ति पत्र दिया गया था? यदि हाँ तो नियुक्ति पत्र की प्रति दें। यदि नहीं तो क्या स्वयं द्वारा मॉनिटरिंग पद निर्मित करके भ्रष्टाचार नियत से शासन को भ्रमित किया? जल संसाधन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र बताएं। (ख) श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. ने कूट रचना से मुख्य अभियंता बोधी जल संसाधन विभाग से हरदौली बांध की पत्र 82 दिनांक 22/02/2014 से अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन, वेस्ट वियर को बांयी तट से दांयी तट, हाइड्रोलॉजी 639.19 क्यूमेक्स से 289.71 क्यूमेक्स, दो संख्या कांक्रीट फाल 150 मीटर चौड़ा, 4 मीटर गहराई एवं 90 मीटर चौड़ा, 2.5 मीटर गहरा को हटाकर, क्या परिवर्तित कर दिया? यदि हाँ तो परिवर्तन करने हेतु ई.ई. एवं एस.डी.ओ. सक्षम अधिकारी थे? क्या बोधी से सक्षम अनुमतियां ली गईं? यदि हाँ तो स्वीकृति बताएं। यदि नहीं तो क्यों नहीं? स्पष्टीकरण दें। ड्राइंग डिजाइन बोधी एवं परिवर्तित दोनों की प्रति दें। (ग) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग हेतु क्या प्रतिनियुक्ति पत्र, विभागीय अनापत्ती से जारी किया था? यदि हाँ तो एक प्रति दें। क्या माप पुस्तिका एवं चलित देयक पर हस्ताक्षर करने हेतु शासन स्तर से सक्षम अधिकार दिए थे? यदि हाँ तो प्रति दें। (घ) श्री सी.एल. मरकाम मॉनिटरिंग एस.डी.ओ. द्वारा हरदौली बांध निर्माण के कितने चलित देयक राशि करोड़ का भुगतान एस.सी. नागपाल ठेकेदार को हस्ताक्षर से करवाया? यदि हाँ तो माप पुस्तिका एवं बिलों की क्रमानुसार प्रति दें। प्रश्नांश (क) से (घ) तक बिन्दुवार विवरण से उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? दोषियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जांच की कार्रवाई करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर बैतूल द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को हरदौली बांध कार्य की मानिटरिंग (Monitring) हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के पालन में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग मुलताई द्वारा पत्र क्र. 4806/कार्य/मुलताई दिनांक 15.11.2017 से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अवगत कराया गया था। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘'अ'‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं, शासकीय राजीव गॉधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के परीक्षण उपरांत ड्राइंग डिजाईन अनुमोदित की गई थी। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई। अनुबंध में बोधी से सक्षम स्वीकृति लेने का कोई प्रावधान न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ड्राइंग-डिजाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. को प्रतिनियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर पालिका मुलताई द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज देयक परीक्षण हेतु अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उप संभाग-1, मुलताई को भेजे जाने पर उनके द्वारा देयक का परीक्षण कर हस्ताक्षर किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हरदौली बांध में अवार्ड पारित होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 686 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री एन.पी. मालवीय प्रमुख अभियंता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. द्वारा हरदौली बांध निर्माण में मेसर्स एस. के. लोखन्डे ठेकेदार को अवार्ड क्रमांक 14429 दिनांक 27.12.2019 को राशि रू.1.3079153 करोड़ (शब्दों में एक करोड़ तीस लाख उननासी हजार एक सौ तिरेपन रूपये) का भुगतान क्या नगर पालिका मुलताई जिला बैतूल के द्वारा प्रश्न तिथि तक किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? नियमों का उल्लेख करें? क्या उक्त अवार्ड जारी होने के बाद सी.एम.ओ. नगर पालिका मुलताई भुगतान करने के लिये बाध्य है? अवार्ड राशि प्रश्न तिथि तक भुगतान नहीं देने वाले किस नाम, पदनाम पर राज्य शासन कब एवं क्या कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पारीत अवार्ड राशि का भुगतान का एस.के.लोखन्डे ठेकेदार द्वारा किये गये बांध निर्माण कार्य के माप को, क्या एस.सी.नागपाल ठेकेदार के ठेके की मापपुस्तिका में बगैर बांध निर्माण कार्य किये, फर्जी माप दर्ज करके दिनांक 30.06.2019 को राशि रूपये 1.5546208 करोड़ का फर्जीवाड़ा से भुगतान किया गया? यदि हाँ तो क्या हरदौली बांध की ड्राईंग, डिजाइन को एस.सी.नागपाल ठेकेदार द्वारा तैयार कराके आजीपीवी इंजीनियरिंग कालेज से परीक्षण करके लाई? यदि हाँ तो परीक्षण शुल्क मांग पत्र एवं जमा राशि का विवरण दें। यदि नहीं तो निविदा के नियम शर्त बताएं? क्या संचालनालय के पत्र क्रमांक 7614 दिनांक 26.07.2019 से फर्जी ड्राइंग डिजाइन स्वीकृति के उपरांत ठेकेदार ने बांध निर्माण कार्य किया? यदि हाँ तो साइट लेआउट की तिथि दें। एस.के.लोखण्डे ठेकेदार के निर्माण कार्य के अंतिम माप एवं एस.सी.नागपाल ठेकेदार के निर्माण कार्य की शुरूआत माप की निकाय के इंजीनियरों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर की माप पुस्तिका का विवरण दें। (ग) सुखदेव लोखण्डे एस.के.लोखण्डे द्वारा यूआईडीएसएसएमटी हरदौली बांध निविदा में एस.सी.नागपाल ठेकेदार को बिना अनुबंध फर्जी, ड्राइंग, डिजाइन से सी.एम.ओ. नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल मध्यप्रदेश में अवैध करोड़ों राशि भुगतान की भ्रष्टाचार शिकायत की गयी? यदि हाँ तो विभाग में प्राप्त शिकायत एवं शिकायत क्रमांक तिथि एवं निराकरण की विवरण दें। (घ) पी.एच.ई. घटक कार्य आदेश क्रमांक 425 दिनांक 17.04.2013 एस.के.लोखण्डे ठेकेदार द्वारा दिनांक 12.09.2019 को अधीक्षण यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के समक्ष आर्बिट्रेशन कंडिका जी.सी.सी. 17 क्लेम राशि रूपये 6.0228509 करोड़ का भुगतान का निर्णय क्या सुनवाई में दिया गया? यदि हाँ तो निर्णय की एक प्रति दें। यदि नहीं तो क्यों? निविदा नियम का उल्लेख करें। शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? दोषियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जांच की कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अपीलीय अधिकारी प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 14429 भोपाल, दिनांक 27.12.2019 के द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.12.2019 से ''Claim for payment of work executed but not paid/incomplete final bill Amount of claim on the count Rs. 1,30,79,153.00'' के संबंध में निर्देशित किया गया है कि ''कार्य के वास्तविक माप अनुसार कटौत्रा उपरान्त भुगतान किये जाने का निर्णय दिया जाकर शेष क्लेम्स निरस्त किए गए है'' निकाय द्वारा अनुबंध निरस्ती के समय संयुक्त माप दिनांक 21.08.2018 को रिकार्ड किये गये थे, जिसके अनुसार इनकम्पलीट फाइनल बिल राशि रू. 4,13,453/- का तैयार किया गया। जिससे यह स्पष्ट है कि ठेकेदार मेसर्स एस.के.लोखण्डे के हित में उक्त दर्शित राशि रू. 1,30,79,153.00 का कोई अवार्ड पारित नहीं किया गया है, इसलिए नगर पालिका मुलताई इस राशि का भुगतान करने हेतु बाध्य नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, ठेका निरस्ती उपरांत बांध निर्माण कार्य में पूर्व संविदाकार मेसर्स एस.के. लोखण्डे द्वारा किये गये कार्य के माप को घटाकर निविदा आमंत्रित की गई है। ठेकेदार एस.सी. नागपाल द्वारा किये गये कार्य को ही माप पुस्तिका में दर्ज कर भुगतान किया गया है। अत: फर्जीवाड़े का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। पूर्व अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा ही बांध की संशोधित ड्राइंग डिजाईन तैयार कर आरजीपीवी इंजीनियरिंग कॉलेज से परीक्षण कराई जाकर प्रस्तुत की गई थी। निविदा की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्र. 7614 दिनांक 26.07.2019 से नियमानुसार बांध की संशोधित ड्राइंग डिजाईन अनुमोदित की गई है। अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन अनुसार बांध निर्माण कराया गया है। कार्यादेश दिनांक 08.03.2019 को ही ले आउट दिया गया है। साइट आर्डर बुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। मेसर्स एस.के. लोखण्डे ठेकेदार के द्वारा किय गये निर्माण कार्य के अंतिम माप एवं एस.सी. नागपाल ठेकेदार के निर्माण कार्य के माप क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' एवं 'द' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सुखदेव लोखण्डे एस.के. लोखण्डे द्वारा की गई शिकायत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ई' अनुसार है एवं शिकायत का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'फ' अनुसार है। (घ) जी नहीं, सुनवाई में भुगतान का निर्णय नहीं दिया गया है। निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'च' अनुसार है। प्रकरण में कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध पदोन्नति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 688 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आनंद सिंह उपयंत्री साड़ा विकास प्राधिकरण साड़ा जिला सीधी की पदोन्नति नियम विरूद्ध एवं अवैध रूप से दो वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के बाद ही सहायक यंत्री के पद पर की गई है? यदि हाँ तो मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल ने अपने आदेश क्र./एफ-4-129/2004/18-1 भोपाल दिनांक 26.10.2004 द्वारा श्री आनंद सिंह उपयंत्री को सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति संबंधी साड़ा विकास प्राधिकरण साड़ा जिला सीधी के आदेश क्र. 1068 दिनांक 22.10.1992 को किस नियम के तहत सही माना गया है एवं 22.10.1992 से सहायक यंत्री पद की वरिष्ठता प्रदान की गई है? आधार संबंधी नियम/अधिनियम की प्रति देवें। (ख) क्या साड़ा विकास प्राधिकरण साड़ा जिला सीधी के विघटन पश्चात उक्त विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का संविलियन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में किया जाकर वर्ष 1995 से उक्त कर्मचारियों/अधिकारियों को नगरीय प्रशासन विभाग में वरिष्ठता दी गई है, यदि हाँ तो श्री आनंद सिंह को 22.10.1992 से नगरीय प्रशासन में वरिष्ठता किस आधार पर एवं क्यों दी गई है? यदि नियम में है तो नियम की प्रति देवें। यदि नियमानुसार नहीं है अवैध है तो क्या श्री आनंद सिंह की पदोन्नति को पदावनत (रिवर्ट) किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्या अन्य उपयंत्रियों को भी श्री आनंद सिंह की तरह अन्य उपयंत्रियों को भी पदोन्नति का लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या श्री आनंद सिंह उपयंत्री की पदोन्नति अवैध रूप से नियमों की अनदेखी करते हुए की गई यदि हाँ तो क्या उक्त पदोन्नति निरस्त की जायेगी यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांक प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। श्री आनंद सिंह को दिनांक 22.10.1992 से वरिष्ठता नहीं दी गई है। श्री आनंद सिंह को सहायक यंत्री पद पर वरिष्ठता दिनांक 22.06.1995 से दी गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शासन आदेश क्रमांक एफ 4-129/2004/18-1 दिनांक 26.10.2004 द्वारा श्री आनंद सिंह की उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर आदेश दिनांक 22.10.1992 द्वारा की गई पदोन्नति विधि अनुकूल होने से मान्य की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण संबंध में
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 732 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में निर्मित/निर्माणाधीन जबलपुर-मंडला मार्ग का निर्माण का ठेका कब और किस-किस कंपनी को दिया गया? टेंडर के अभिलेख, कार्यादेश तथा ठेकेदारों से हुए अनुबंध का विवरण देवें। (ख) उक्त सड़क के निर्माण के दौरान किस-किस अधिकारी व कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या-क्या कमियां पायी गयी? सभी निरीक्षण रिपोर्ट का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक निरीक्षण रिपोर्ट में पायी गयी कमियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? सुसंगत अभिलेख पटल पर रखे। (घ) उक्त सड़क के गुणवत्ताहीन निर्माण/सड़क में हुई दरार, गड्ढे, अनुमोदित प्रावधान अनुसार विकास ना करने इत्यादि कारणों हेतु ठेकेदार को कब-कब नोटिस दिए गये तथा तत्संबंध में उनके विरूद्ध आगामी क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ङ) उक्त सड़क के ठेकेदारों को आज दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी राशि भुगतान की गयी? कितनी-कितनी कटौती की गयी? कितना-कितना भुगतान शेष है? उनकी क्या वस्तुस्थिति हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने बाबत्
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 757 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले के नगर परिषद निवास में पिछले (एक) 1 वर्ष से वार्ड क्रमांक (01) में बाऊली निर्माण (2) में आदिवासी रैन बसेरा (3) में चौपाटी एवं दुकान निर्माण (4) में पुरानी जनपद ऑफिस के पीछे दुकान निर्माण एवं वार्ड क्रमांक (11) में मुख्य मंत्री अधोसंरचना-2 के निर्माण कार्य स्वीकृत है। (ख) यदि हाँ तो क्या क्रमश: कितनी-कितनी राशि स्वीकृत है? क्या निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा? किन-किन निर्माण एजेंसी से अनुबंध हुआ है? निविदा की शर्तें एवं अनुबंध का विवरण उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार स्वीकृत कार्यों की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
विकास कार्यों की जानकारी का प्रदाय
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 760 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों में SC/ST की इकाइयों/कांट्रेक्टर को कार्य में प्राथमिकता दी जाती है? (ख) विभाग में SC/ST की कितनी इकाईयां/कांट्रेक्टर पंजीकृत है? (ग) पिछले तीन वित्तीय वर्षों में इन्हें किस श्रेणी के और कुल कितनी राशि के कार्यादेश दिये गये है? (घ) कितने SC/ST कांट्रेक्टर/इकाइयों के कितने के भुगतान लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में निर्माण कार्य खुली ऑनलाईन निविदा के आधार पर आवंटित किये जाते है। (ख) दिनांक 09.11.2020 से साफ्टवेयर में संशोधन उपरान्त SC वर्ग के 168 एवं ST वर्ग के 51 ठेकेदार दिनांक 30.07.2021 तक पंजीकृत हुऐ है। इसके पूर्व श्रेणीकरण की व्यवस्था नहीं थी। (ग) निविदा स्वीकृत होने और कार्यादेश दिये जाते समय अलग से SC/ST के ठेकेदार को चिन्हित नहीं किया जाने के कारण राशि के संबंध में अलग से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के अनुसार। इस वर्ग के ठेकेदारों के लंबित भुगतान की जानकारी पृथक से दिया जाना संभव नहीं है।
नवीन बायपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 768
) श्री
बापूसिंह
तंवर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ नगर से
निकलने वाले
नवीन बायपास
के निर्माण का
प्रस्ताव
शासन स्तर पर
लंबित है? (ख) यदि हाँ
तो नवीन
बायपास स्वीकृत
हेतु प्रस्ताव
किस दिनांक को
भारत सरकार को
प्रेषित किया? प्रश्न
दिनांक तक क्या-क्या
पत्राचार मध्यप्रदेश
शासन/भारत
सरकार के मध्य
हुआ? (ग) प्रश्न
की कंडिका (क) एवं (ख) के
आधार पर नवीन
बायपास का
कार्य कब
प्रारम्भ हो
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) भारत सरकार
से स्वीकृति
अपेक्षित। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) स्वीकृति
प्राप्त न
होने की दशा
में समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं।
गौशाला का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
47. ( क्र. 835 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितनी गौ-शालाएं संचालित हैं और कितनी गौ-शालाओं का निर्माण किया जा रहा है कितनी गौ-शालाएं भविष्य में निर्माण हेतु स्वीकृत है? (ख) प्रदेश में कितनी गौ-शालाएं संचालित होकर उनमें क्या व्यवस्थाएं की गई है? ये गौ-शालाएं सुव्यवस्थित हैं तो गायें खेतों, सड़कों पर भूखी प्यासी क्यों घूम रही हैं एवं किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है और गाय सड़क दुर्घटनाओं में कालकव्लित हो रही हैं? (ग) क्या जिनको गौ-शाला संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है उनकी जांच निरीक्षण की जाती है एवं वह अपनी जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा से निभा रहे है? यदि हाँ तो निर्मित बहुत सी गौ-शालाएं खाली क्यों पड़ी हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा गौ-शालाओं के लिए स्वीकृत बजट का शत्-प्रतिशत राशि समय पर दी जा रही है? यदि हाँ तो गौ-शाला संचालक उसका उपयोग गायों की सुरक्षा के लिए क्यों नहीं कर रहे है? क्या विभाग गौ-रक्षा के लिए ठोस कदम उठायेगी? इस संबंध में क्या कार्ययोजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 891 गौशालाऐं संचालित हैं। मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 3396 गौशालाऐं निर्माण हेतु स्वीकृत हैं, जिनमें से 1141 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण होकर 891 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो चुका है तथा 2255 गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं। भविष्य हेतु इन्हीं स्वीकृत गौशालाओं में से शेष 2255गौशालाओं का निर्माण किया जाना है। (ख) प्रदेश में मुख्य मंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 891 गौशालाऐं संचालित हैं। मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालाओं में गौशाला शेड (पैडोक एवं बाउंड्री वाल सहित), बछड़ा शेड, हौज, चौकीदार कक्ष, भूसा गोदाम, ग्राउंड समतलीकरण एवं फेंसिंग, कम्पोस्ट यूनिट/नाडेप, ट्यूबवैल, मोटर, पानी की टंकी, विद्युत व्यवस्था, चैफ कटर, ओवर हेड टेंक, कार्यालय, बीमार गाय शेड, गौ काश्त शेड की व्यवस्था की गई है। गौशाला का संचालन सुव्यवस्थित है। गौशालाओं में निराश्रित गौवंश का व्यवस्थापन निरंतर चलने वाली काष्ट प्रक्रिया है। गौशाला की क्षमता अनुसार, निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में भेजने हेतु स्थानीय निकायों को निर्देश जारी किए जा चुके है। (ग) जी हाँ। गौशालाओं के अनुश्रवण, प्रबंधन व निर्माण की गतिविधियों के समन्वय हेतु जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में ''जिला स्तरीय गौशाला परियोजना समन्वय समिति'' एवं प्रत्येक अनुभाग स्तर पर ''अनुविभागीय गौशाला परियोजना क्रियान्वयन समिति'' क्रियाशील है। गौशाला के निकट की पशु चिकित्सा संस्था द्वारा गौशाला के गौवंश हेतु टीकाकरण एवं उपचार सेवाऐं प्रदान की जाती हैं। नवनिर्मित खाली गौशालाओं में गौवंश का व्यवस्थापन सतत प्रक्रिया है। नवनिर्मित खाली गौशालाओं के क्षमता अनुसार निराश्रित गौवंश का गौशालाओं में भेजने हेतु स्थानीय निकायों काे निर्देश जारी किए गए है। पूर्ण हुई गौशालाओं का संचालन प्रारंभ कराया जाना सतत् प्रक्रिया है। (घ) जी हाँ। म.प्र.गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा, प्राप्त बजट अनुसार राशि गौशलाओं को प्रदाय करने हेतु जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से प्रदाय की जा रही है। गौशाला संचालकों द्वारा गायों की सुरक्षा की जाती है। गौ रक्षा हेतु प्रदेश में ''मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004'' (संशोधन) अधिनियम 2010 प्रभावशील है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत अनुदान
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 854 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर को वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत कोई अनुदान प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो कितना अनुदान किस मद में प्राप्त हुआ है? उक्त अनुदान राशि को व्यय करने की उक्त योजना अनुसार कोई दिशा निर्देश भी यदि थे तो वह दिशा निर्देश क्या हैं तथा योजना से संबंधित नियम क्या हैं? (ख) क्या उक्त योजना की अनुदान राशि की संपूर्ण राशि का उपयोग विश्वविद्यालय द्वारा किया जा चुका है? यदि हाँ तो कितनी राशि और किस मद में व किस प्रयोजन से व्यय की गई है, उसकी जानकारी दें। यदि संपूर्ण अनुदान राशि का उपयोग नहीं किया जा सका है तो कितनी राशि बची है तथा उसे खर्च करने की आगे की क्या कार्य योजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। नवीन निर्माण मद में 7.00 करोड़ रु., उन्नयन मद में 7.00 करोड़ रु. एवं उपकरण मद में 6.00 करोड़ रु., इस प्रकार कुल 20.00 करोड़ रु. का अनुदान प्राप्त हुआ है। अनुदान राशि के व्यय हेतु भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय द्वारा मदवार एवं प्रयोजनवार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। अनुदान की सम्पूर्ण राशि का उपयोग किया जा चुका है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[आयुष]
49. ( क्र. 864 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष संचालनालय के आदेश क्रमांक एफ-254/2020/03/शिका/274-76, दिनांक 03/06/2020 द्वारा गठित 03 सदस्यीय जांच कमेठी गठित की गई? (ख) यदि हाँ तो कमेटी द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में अधिकारी को दोषी पाया गया? (ग) यदि हाँ तो किस अधिकारी को किन-किन जांच के बिन्दुओं में दोषी पाया गया? (घ) क्या जांच में दोषी पाए अधिकारी पर शासन ने कार्यवाही की? यदि नहीं तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जिस अधिकारी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है, समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन में 06 बिन्दुओं में से 05 बिन्दु में सही परिलक्षित पाए गए हैं। (घ) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही की जावेंगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उप कुल सचिव के पद के लिये निर्धारित योजना
[आयुष]
50. ( क्र. 865 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में प्रतिनियुक्ति पद पर पदस्थ उप-कुलसचिव एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. जे.के. गुप्ता का मूल विभाग, मूल पद एवं वेतनमान क्या है? (ख) म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में कुलसचिव एवं उपकुलसचिव के पद के लिये निर्धारित योग्यता एवं वेतनमान क्या है? (ग) क्या डॉ. जे. के. गुप्ता म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में उपकुलसचिव के पद हेतु निर्धारित वेतनमान धारित करते है? (घ) यदि हाँ तो बतलाएं कि राज्य स्तरीय म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव के पद पर पदस्थ करने के लिए कौन दोषी है? (ड.) विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव के पद का निर्धारित वेतनमान धारित नहीं करने पर भी उपकुलसचिव के पद पर पदस्थ किये गये तथा वर्तमान में विश्वविद्यालय के उच्चतम पद पर कुलसचिव पद के प्रभारी डॉ. जे.के. गुप्ता की सेवायें शासन द्वारा वापिस आयुष विभाग को सौंपकर निर्धारित वेतनमान आदि करने वाले अधिकारियों को विश्वविद्यालय में पदस्थ किया जायेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) डॉ. जे.के. गुप्ता का मूल विभाग आयुष विभाग है। मूल पद होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी है। वेतनमान 15600-39100+5400 ग्रेड पे । (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार। (ग) नहीं। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ।
हाइराइज भवन बनाने की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 918 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा के डी.डी नगर के ए और बी सेक्टर में 8 मंजिला की दो हाइराइज का प्रस्ताव कब किया गया? वर्ष माह सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या हाइराइज भवन बनाने की स्वीकृति एयरफोर्स द्वारा जनवरी 2017 में दी जा चुकी हैं लेकिन टाउन कन्ट्री प्लानिंग से स्वीकृति अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं, इसका क्या कारण हैं? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी जुलाई 2021 की स्थिति में दी जावे। (ग) क्या टाउन कन्ट्री प्लानिंग की स्वीकृति के विलम्ब के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है जबकि एयरफोर्स की स्वीकृति को 4 वर्ष बीत चुके हैं? अनुमति 5 वर्ष तक वैध हैं तथा समयवार होने से पुनः अनुमति लेनी होगी, यदि हाँ तो इस विलम्ब के लिये कौन जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) कार्य प्रारंभ होने में कितना समय और लगेगा स्थानीय स्तर की सभी प्रक्रियायें कब तक पूर्ण की जा सकेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-29 के अधीन मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मण्डल द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय ग्वालियर में विकास अनुज्ञा हेतु दिनांक 29/05/2021 को सेक्टर-ए तथा दिनांक 05/05/2021 को सेक्टर- बी के आवेदन दिये गये थे। (ख) एयरफोर्स द्वारा दिनांक 13/01/2017 को भवन बनाने हेतु अनापत्ति जारी की गई थी। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय ग्वालियर द्वारा सेक्टर-ए की अनुज्ञा दिनांक 28/06/2021 का तथा सेक्टर बी की अनुज्ञा दिनांक 05/07/2021 को दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय ग्वालियर द्वारा स्वीकृतियों में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं किया गया है, अतः विलम्ब, जिम्मेदारी एवं कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। एयरफोर्स की अनुमति दिनांक 22/01/2022 तक वैद्य है। (घ) कार्य प्रारंभ होने एवं स्थानीय स्तर की सभी प्रक्रियायें की समय सीमा बताए जाना संभव नहीं है।
अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 919 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर की प्रश्न दिनांक को कितनी चिन्हित अवैध कॉलोनियों में विद्युत कार्य किया जा रहा हैं। इस हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2021 को कितनी राशि स्वीकृत की गयी है? (ख) ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व,एवं ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितनी अवैध कॉलोनी हैं? उनके विद्युतीकरण हेतु कितनी राशि आवंटित की गयी हैं? विधानसभावार जानकारी दी जावे। (ग) क्या ग्वालियर विधानसभा के 22 अवैध कॉलोनियों में भी 9 माह से विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया हैं, मीटर भी लग चुके बाकी ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा की अवैध कॉलोनियों में आंशिक कार्य ही प्रारंभ किये गये है? यह दोहरा मापदण्ड क्यों अपनाया जा रहा हैं? (घ) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा की आदित्यपुरम 40 से 30 कॉलोनियों में बहुत कम कार्य किया गया हैं? डी.डी नगर आदित्यपुरम, पिण्टों पार्क, की 10 अवैध कॉलोनियों में केवल विद्युत पोल खड़े किये गये हैं? ग्वालियर पूर्व की कॉलोनियों में कब तक पूर्ण कार्य किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर शहर की चिन्हित 77 अविद्युतीकृत अवैध कॉलोनियों में से 68 अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्ण किये जा चुके हैं, 5 अविद्युतीकृत अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के कार्य लंबित/प्रक्रियाधीन हैं, एक अवैध कालोनी का कार्य निरस्त कर दिया गया है तथा 3 अवैध कालोनियों के कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार किये जायेंगे। ग्वालियर शहर की उक्तानुसार शेष चिन्हित अविद्युतीकृत अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के लिये वर्ष 2021-22 में कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर, ग्वालियर (पूर्व) एवं ग्वालियर (दक्षिण) में क्रमश: 111, 270 एवं 160 अवैध कॉलोनियॉं है। विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर, विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर (पूर्व) एवं विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर (ग्रामीण) की अवैध अविद्युतीकृत कॉलोनियों के विद्युतीकरण हेतु वर्ष 2020-21 में रू 995.59 लाख की राशि आवंटित की गई थी, जिसकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र की सभी स्वीकृत 23 अवैध कॉलानियों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा विद्युत मीटर लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है। ग्वालियर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र की स्वीकृत 53 अवैध कॉलोनियों में से 45 अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 4 अवैध कॉलोनियों का कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण लंबित/प्रक्रियाधीन है, 01 कॉलोनी (केदारपुर विनोद श्रीवास्तव) के मकान खेतों में बने होने के कारण यह कार्य असाध्य होने से निरस्त कर दिया गया है तथा शेष 3 अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा। ग्वालियर (ग्रामीण) विधानसभा क्षेत्र की स्वीकृत एक अवैध कॉलोनी का कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण लंबित/प्रक्रियाधीन है। विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर (दक्षिण) में कोई भी अवैध कॉलोनी के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत नहीं है। (घ) जी नहीं, अपितु उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ग्वालियर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र की संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई स्वीकृत 53 अवैध कॉलोनियों के कार्यों में से 45 अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं 04 अवैध कॉलोनियों के कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण लंबित/प्रक्रियाधीन हैं एवं 01 अवैध कालोनी का कार्य निरस्त कर दिया गया है। ग्वालियर (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र की शेष रही 04 अवैध कॉलोनियों के कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या का निराकरण होने एवं 3 अवैध कॉलोनियों के कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार पूर्ण कर दिये जावेंगे।
उपभोक्ताओं के खर्च पर स्थापित ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 921 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत कृषि उपभोक्ता को पम्प कनेक्शन प्रदाय किये गये/जाने हेतु मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल एवं लाईन स्थापित करने हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ तो जानकारी देवें।क्या पूर्व में इस प्रकार की कोई योजना विभाग में संचालित थी? (ख) यदि विभाग में इस प्रकार की योजना नहीं है तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना विभाग ने किन कारणों से बंद कर दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित योजनाओं के तहत नरयावली विधानसभा अंतर्गत कितने वितरण केन्द्रों में कितने उपभोक्ता हैं जिन्होनें इस योजना के तहत अपने आवेदन प्रस्तुत किये? वितरण केन्द्रवार उपभोक्ता के नाम सहित कितनी राशि जमा की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कितने विद्युत वितरण केन्द्रों पर उपभोक्ताओं द्वारा योजनाओं के तहत आवेदन एवं राशि जमा कर दी गई है, इन्हें ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल स्थापित किये जायेगें? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। कृषकों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि के पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। तथापि इस योजना के बंद होने के उपरान्त राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरम्भ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन द्वारा किया जा रहा है। (ग) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 09 वितरण केन्द्रों के 229 आवेदकों द्वारा आवेदन देकर स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु अंश राशि जमा की गई है जिनकी वितरण केन्द्रवार, उपभोक्तावार, जमा की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार 9 वितरण केन्द्रों पर 229 आवेदकों द्वारा अंश राशि जमा की गई, जिनमें से 226 आवेदकों के कार्य लाईन विस्तार कर एवं आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर पूर्ण किये जा चुके हैं। शेष 03 आवेदकों द्वारा अंश राशि, योजना की अवधि समाप्त होने के बाद जमा की गई। उक्त 03 आवेदकों में से 1 आवेदक की जमा राशि वापिस की जा चुकी है एवं 2 आवेदकों की राशि वापस करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आवेदनों पर कार्रवाई
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 924 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के लोक निर्माण विभाग को प्रश्रकर्ता द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्र दिनांक तक कब-कब किस-किस कार्य हेतु आवेदन दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या आवेदनों पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्रवाई की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ तो कार्रवाई से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन विधि सम्मत एवं समय सीमा पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) सम्बंधित दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच दल का गठन
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 925 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2460 दिनांक 2/3/2021 को उत्तर दिया था कि निविदाकार द्वारा कार्य पूर्ण करने पर उपयंत्री/अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा सत्यापन करने पर कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, तो क्या शासकीय आवास गृहो में कराये गये कार्य को किसी विभागीय आधिकारी व्दारा निरीक्षण अथवा निगरानी की गई थी। यदि हाँ तो उक्त अधिकारी का मूलपद एवं नाम बताएं। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या कार्य पूर्ण आवास गृहों में निवासरत् अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संतुष्टि जनक प्रमाण पत्र या कथन लिए गए थे, यदि हाँ तो कथनों या प्रमाण पत्र का विवरण उपलब्ध कराएं? यदि नहीं लिए गए तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या आवास गृहों में निवासरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास गृहों के कार्यस्थल में किए गए कार्य की जांच दल गठित कर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। मरम्मत कार्यो के पूर्ण होने पर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) आवास गृहों में मरम्मत कार्य होना एक नियमित प्रक्रिया है, जिसकी जांच कराया जाना संभव नहीं है। कार्य विशेष के सम्बंध में विशिष्टयों सहित प्राप्त शिकायत की जांच कराई जाती है।
डबरा में पूर्व से घोषित कन्या महाविद्यालय शीघ्र प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 928 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपचुनाव 2020 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन मंत्री महोदय द्वारा डबरा नगर में कन्या महाविद्यालय खुलवाने हेतु घोषणा की गयी थी? (ख) सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को धरातल पर लागू करने के लिए डबरा नगर में कन्या महाविद्यालय की अति आवश्यकता है, जिसके अभाव में उच्च शिक्षा में छात्राओं का नामांकन प्रतिशत नगन्य है l उक्त उस घोषणा की वर्तमान वित्तीय व प्रशासनिक स्थिति क्या है? यदि स्वीकृत है तो जानकारी उपलब्ध कराएंl यदि नहीं तो कारण बताएंl
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमृत योजना के तहत सीवर एवं सड़क का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 930 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा नगरपालिका अमृत मिशन कार्य योजना में शामिल है, जिसके तहत डबरा में सीवर कार्य कराया जाना सुनिश्चित था जो अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं कराया जा रहा है? (ख) सीवर प्रोजेक्ट को प्रारंभ नहीं कराये जाने के कारण बतावें। (ग) इस कार्य योजना में कितनी राशि का प्रावधान है? इस राशि का उपयोग क्या वित्तीय वर्ष 2021-22 में किया जायेगा? यदि नहीं तो कब तक? (घ) डबरा नगर पालिका अंतर्गत दीदार कॉलोनी से बल्ला का डेरा, सूर्या नगर, विवेक विहार कॉलोनी होते हुए ठाकुर बाबा रोड तक सड़क निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा? क्या यह निर्माण कार्य पूर्व से स्वीकृत हैं? यदि हाँ तो अभी तक कार्य नहीं कराये जाने के लिए जिम्मेदार/लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, किन्तु अमृत मिशन की भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्ययोजना में डबरा शहर की सीवरेज परियोजना सम्मिलित नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (तृतीय चरण) अंतर्गत डबरा नगरपालिका अंतर्गत दीदार कॉलोनी से बल्ला का डेरा, सूर्या नगर, विवेक विहार कॉलोनी होते हुये ठाकुर बाबा रोड तक सडक निर्माण कार्य हेतु निविदा दर राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के द्वारा दिनांक 30.06.2021 को अनुशंसित की गई है। अनुबंध संपादन की प्रक्रिया प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका छतरपुर की अनियमित्ताओं की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 932 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक नगरपालिका परिषद् छतरपुर की कुल कितनी अनियमितताओं, शिकायतों की जाँच हुई? सभी की बिंदुवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में सभी जांचों की प्रश्न दिनांक तक क्या स्थिति है? क्या जाँच पूरी हो चुकी है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक पूरी होगी? जाँच में विलंब होने के क्या कारण है? सभी जांचों की प्रगति से भी अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् छतरपुर के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सभी शिकायतों में जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है। जांच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही की प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
सिवनी जिले अंतर्गत निर्मित अवैध कालोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 937 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत 01 जनवरी 2015 के पश्चात कितनी नगर पालिका, नगर परिषद में अवैध कालोनियों को किस-किस नियम के तहत वैध किया गया? (ख) जिले की नगर पालिका, नगर परिषद् में उक्त अवधि के पश्चात कुल कितनी अवैध कालोनियां किस-किस व्यक्ति, फर्म ने कहां-कहां बनाई, न.पा. अधिकारियों की जांच के दौरान इनकी विभिन्न आवश्यक अनुमतियां किस-किस कार्यालय में किस-किस नियमों के अंतर्गत दी गई? उक्त अवधि में जिले में कितनी नगर पालिका, नगर परिषदों में कितने आवेदन किस-किस कालोनियों के वैधता हेतु लंबित है? लंबित प्रकरणों की कारण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त अवधि में अवैध कालोनियों को वैध करने के लिये शासन स्तर पर कोई नवीन नीति तैयार की गई है? यदि हाँ , तो अवगत करावें। (घ) उक्त जिले में अवैध कालोनियों के निर्माण करने वाले कितने कॉलोनाईजर के खिलाफ कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? कितनों की सम्पत्ति जब्त या नीलाम कर कालोनी में निवासरत नागरिकों को सुविधाएं प्रदान की गयी? क्या सक्षम अधिकारियों द्वारा कॉलोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही सिर्फ दिखावे के लिये की गयी? कार्यवाही उपरांत भी किसी भी कॉलोनाईजर ने रहवासियों को कोई सुविधाएं नहीं दी? यदि नहीं तो कार्यवाही उपरांत कॉलोनियों में नागरिकों को कौन-कौन सी सुविधाएं दी गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला सिवनी के अंतर्गत किसी भी नगरपालिका, नगर परिषद् में प्रश्नांकित दिनांक के पश्चात अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांकित अवधि के पश्चात अवैध कॉलोनियों का निर्माण जिले के किसी भी नगरीय निकाय में चिन्हित नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांकित अवधि में जिले की किसी भी नगरपालिका, नगर परिषद् में अवैध कॉलोनी की वैधता हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नगरीय क्षेत्र में अनाधिकृत कॉलोनियों के निर्माण पर अंकुश लगाए जाने एवं अनाधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित किए जाने के पश्चात उनमें नागरिक अधोसंरचना के समुचित विकास को सुनिश्चित करने तथा चिन्हित अनाधिकृत कॉलोनियों के अभिन्यास तथा भवन अनुज्ञा के नियमितीकरण के प्रावधानों को शामिल करते हुए म.प्र. नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2021 जारी किया गया है। (घ) सिवनी जिले की नगर पालिका सिवनी क्षेत्रान्तर्गत 99 अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों को जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 21.07.2016 को सूचना पत्र जारी किए गए हैं एवं इनमें से 01 व्यक्ति के विरूद्ध दिनांक 26.03.2021 को एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है, नगर परिषद् बरघाट क्षेत्रांतर्गत अवैध कॉलोनी बनाने वाले 01 व्यक्ति को जिला कलेक्टर द्वारा दिनांक 21.06.2016 को तथा नगर परिषद् लखनादौन क्षेत्रांतर्गत 49 अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों को दिनांक 09.06.2016 को सूचना पत्र जारी किए गए हैं। अवैध कॉलोनी बनाने वाले किसी भी व्यक्ति की सम्पत्ति जप्त या नीलाम नहीं करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही हेतु सूचना पत्र जारी किए गए हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत वितरण हेतु व्यवस्था
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 938 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कहाँ-कहाँ पर विद्युत वितरण केन्द्र स्थापित हैं तथा उन केन्द्रों द्वारा किन-किन ग्रामों में विद्युत वितरण का कार्य किया जा रहा है? केन्द्रवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत वितरण केन्द्रों अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ पर ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना किस दिनांक को प्राप्त हुई एवं उन्हें किस दिनांक को बदला गया? केन्द्रवार ग्राम के नाम सहित प्रत्येक ट्रांसफार्मर का भार एवं क्षमता सूची देवें। (ग) प्रश्न दिनांक तक कहाँ -कहाँ के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर किन कारणों से नहीं बदले गये? ट्रांसफार्मरों को बदलने में हो रहे विलंब के क्या कारण हैं? शेष ट्रांसफार्मरों को कब तक बदल दिया जावेगा? वितरण केन्द्रवार सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिवनी मुख्यालय अंतर्गत बिठली रेल्वे क्रसिंग के पास से ग्राम राघादेही तक विद्युत लाईन चोरी चली गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त लाईन को जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्यमान विदयुत वितरण केन्द्रों एवं उनसे संबद्ध ग्रामों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने एवं उन्हें बदले जाने की दिनांक, स्थान, वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता एवं भार सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक 05 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है, जिनके नहीं बदले जाने की कारण सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। पहुंच मार्ग सुलभ होने पर उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सिवनी क्षेत्रान्तर्गत बिठली रेलवे क्रासिंग के पास से ग्राम राघादेही तक 1.5 कि.मी. 11 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन के तार दिनांक 07-08/05/2021 की मध्यरात्रि में चोरी चले गये थे। उक्त घटना के संबंध में कनिष्ठ अभियंता सिवनी ग्रामीण द्वारा संबंधित पुलिस थाना डूंडा सिवनी को पत्र क्रमांक 55 दिनांक 11.05.21 द्वारा विधिसम्मत वैधानिक कार्यवाही करने हेतु अनुरोध किया गया, किन्तु प्रकरण में आज दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गयी है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लेते हुये उक्त 11 के.व्ही. उच्च दाब विद्युत लाईन के क्षतिग्रस्त हिस्से के सुधार कार्य हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर, कार्यादेश जारी कर दिनांक 25.07.21 को उक्त कार्य पूर्ण कर दिया गया हैं तथा वर्तमान में उक्त क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
फ्री-होल्ड का प्रावधान समाप्त हो जाने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 940 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 फरवरी 2021 को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्रमांक 884, दिनांक 26/02/21 में पूछा गया था कि क्या राज्य सरकार ने नजूल निर्वतन नियम 2020 लागू कर नजूल भूमि के लीज धारियों के भू-भाटक की दरें एवं फ्री-होल्ड की राशि घटा दी है? इसके उत्तर में बताया गया था कि म.प्र. नजूल भूमि निर्वतन निर्देश 2020 के अंतर्गत पट्टे पर भूमि आंवटित करने के मामले में भू-भाटक की दर पूर्व की तुलना में सामान्यतः कम हो गई है। (ख) विभाग ने उत्तर में यह भी लिखा है कि "मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में 1959 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता (संशोधन-अधिनियम) 2018 के पश्चात फ्री-होल्ड का प्रावधान समाप्त हो गया है। अब केवल 02 प्रकार से भूमि धारण की जा सकती है। भूमि स्वामी अथवा पट्टेदार के रुप में। (ग) यदि हाँ तो बतावें कि किस आदेश व दिनांक से फ्री-होल्ड का प्रावधान समाप्त हो गया है? यदि नहीं तो पटल पर गलत जानकारी देने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, (ख) जी हाँ , (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018 से पूर्व मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 181-क निम्नानुसार थी :- ''181-क पट्टाधृति अधिकार का फ्री-होल्ड अधिकार में संपरिवर्तन-संहिता के अध्याय 6 और इस अध्याय में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत कोई अधिकारी नगरीय क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक प्रयोजन के लिए प्रदान किए गए विभिन्न पट्टों को, ऐसी रीति में, जैसे कि विहित की जाय, फ्री-होल्ड में संपरिवर्तन कर सकेगा'' जो संशोधन अधिनियम 2018 (क्रमांक 23, सन 2018) द्वारा निम्नानुसार प्रतिस्थापित की गई है :- ''181-क फ्री-होल्ड अधिकार रखने वाला व्यक्ति भूमि स्वामी होगा:- प्रत्येक व्यक्ति जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018 के प्रवृत्त होने के अव्यवहित पूर्व भूमि में फ्री-होल्ड अधिकार रखता है, ऐसी भूमि का स्वामी होगा।'' अत: उपरोक्तानुसार संशोधन उपरांत, जो मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक 25.09.2018 से लागू हुआ हैं फ्री-होल्ड धारी अब भूमि स्वामी हो गए है।
सुदुर सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 941 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में लोधीढाना से ग्राम पंचायत कोहनिया तक 1 कि.मी, डोरली (ग्रापं रिछेडा) से डोरली तक 1 कि.मी, जीयनढाना (कोहनिया) से उमरेठ तक 2 कि.मी, बदनूर से नवेगांव स्टेशन तक 1 कि.मी, नवेगावं से खैरी तक 1.5 किमी, कच्चीखानी हनोतिया से हनोतिया खैरमंडल मुख्य मार्ग तक, गोप से जामुनडोंगा तक 3 किमी, तामिया के मुत्तौतर झापूढाना से बीरपठार सड़क, गोनावाडी प्रा.शा. से मोटाढाना तक सड़क, मुत्तौतर गणेश के मकान से तिलक मकान तक सुदूर सड़क, इटावा मेनरोड धोबीवाडा धगडिया तक सड़क, कूकरपानी मेन रोड से जामुनढाना तक 2 कि.मी., टेमरू बाजार से धांधना तक सड़क, आदि सड़कों का सर्वे करवाकर एवं इनको स्वीकृत कराने के लिये आदिवासी विधानसभा क्षेत्र में जनहित में आवागमन एवं रोजगार हेतु स्वीकृत करेंगे? अगर हाँ तो कब तक? (ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत विगत 3 वर्षों में पूर्ण, निर्मित एवं निर्माणाधीन बी.टी. सड़कों की मरम्मत, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार हेतु क्या बजट में इसका प्रावधान करेंगे? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग में निर्मित निर्माणाधीन भवन, पुल, पुलिया एवं सड़कों में ठेकेदार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता एवं निर्धारित कलेक्टर दर से मजदूरी का भुगतान न कर भ्रष्टाचार एवं मजदूरों को शोषण किया जा रहा है? इसकी जांच करवाकर कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित समस्त मार्ग नवीन मार्ग है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण विभाग की किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं है। अत: स्वीकृति की कार्यवाही संभव नहीं। वर्तमान में समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) कार्यवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार बजट में प्रावधान नहीं किया जाता अपितु मदवार प्रावधान किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। भवन, पुल-पुलिया एवं सड़क के निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक कराया जाता है। मजदूरों को निर्धारित मजदूरी न देने की कोई शिकायत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
63. ( क्र. 944 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत लटेरी तहसील के ग्राम मुरवास में वन भूमि पर काबिज गरीबों के घर तोड़े जाने एवं उक्त सम्पूर्ण घटना क्रम की जांच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27.03.2021 को पत्र क्र. 5520 के माध्यम से मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं प्रमुख सचिव वन, राजस्व को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही एवं अनियमितताओं के संबंध में कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) क्या वन भूमि पर वर्षों से काबिज वर्ग के संबंध में मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश क्रे क्रम में बेदखल नहीं किये जाने के निर्देश आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/वन/याचिका-50-2008/2019/352 भोपाल दिनांक 01/05/2020 के द्वारा म.प्र. के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो ग्राम मुरवास में घटना घटित होने के कारण सहित जानकारी दें कि उक्त घटना में मा. सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा देय दिशा-निर्देशों का पालन हुआ? यदि नहीं तो इसके लिये दोषी कौन है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विदिशा जिला अंतर्गत लटेरी तहसील के ग्राम मुरवास में अवैध रूप से वन भूमि पर एवं वृक्षारोपण को नष्ट कर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रामकों के विरूद्ध दिनांक 19-03-2021 से 03-04-2021 तक कार्यवाही कर वनभूमि से नियमानुसार पृथक किया गया है, अतः दोषी अधिकारियों के विरूद्ध लापरवाही एवं अनियमितताओं के संबंध में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चूंकि सभी अतिक्रमण वर्ष 2007 के बाद के ही थे, अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय के देय निर्देशों के उल्लंघन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका परिषद विदिशा के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 947 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद विदिशा अतंर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26.06.2019 पत्र क्रमांक 1700 एवं पत्र क्रमाक 4592 दिनांक 20.05.2020 के द्वारा हरिपुरा से सौंठिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक सड़क निर्माण कार्य की जांच हेतु आयुक्त नगरीय विकास विभाग भोपाल को एवं पत्र क्रमांक 2793 दिनांक 01.10.2019 एवं पत्र क्रमाक 4590 दिनांक 20.05.2020 के माध्यम से कलेक्टर विदिशा को पुराने वेयर हाउस को तोड़े जाने के संबंध में जांच की मांग की थी? क्या उक्त संबंध में पत्रों के क्रम में जांच कराई गई? यदि हाँ तो जांच रिर्पोट उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो कारण सहित जवाब दें। (ख) विदिशा नगर में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु सम्राट अशोक सागर हलाली डेम से 30 कि.मी. पाईप लाईन बिछाकर पेयजल उपलब्धता के संबंध में नगर पालिका परिषद् विदिशा द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो उक्त कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ग) नगर पालिका परिषद द्वारा यातायात की समस्या के निराकरण हेतु सौठिया फाटक रेल्वे ब्रिज से एक लेग माधव उद्यान विदिशा के लिये एवं एक लेग गांधी प्रतिमा विदिशा के लिए प्रस्तावित है? यदि हाँ तो उक्त कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। हरिपुरा से सौंठिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड तक सड़क निर्माण कार्य के जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार तथा पुराने वेयर हाउस को तोड़े जाने के संबंध में जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका विदिशा द्वारा सम्राट अशोक नगर हलाली डेम से 30 कि.मी. पाईप लाईन बिछाकर पानी लाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनवाये जाने के लिए आर.एफ.पी. हेतु ऑनलाईन निविदा जारी की गई थी, जिनकी प्राप्त दरों में विरोधाभास होने के कारण दिनांक 05-05-2021 को निविदा निरस्त की गई। आर.एफ.पी. हेतु पुनः निविदा आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। दरें स्वीकृति उपरांत डी.पी.आर बनाई जायेगी। निकाय की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। जल जीवन मिशन से राशि प्राप्त होने पर कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिटीपोर्शन मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 949 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ के भोपाल बायपास से छत्री चौराहा,बाराद्वारी होते हुये ब्यावरा बायपास तक लंबाई 4.00 कि.मी. (सिटीपोर्शन नरसिंहगढ़) सी.सी.करण, पोल शिफ्टिंग, डिवाईडर सहित सड़क निर्माण कार्य बजट वर्ष 2021-22 के अपरीक्षित मद में प्रस्तावित किया गया था एवं बजट में अंकित होने उपरांत प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी किया जाना ही शेष था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त कार्य की स्वीकृति मुख्य बजट 2021-22 में प्राप्त नहीं होने से माननीय विभागीय मंत्री जी से सड़क निर्माण स्वीकृति हेतु विधान सभा विगत बजट सत्र में अनुरोध किया गया था, जिस पर उनके द्वारा प्रथम अनुपूरक बजट से स्वीकृति प्रदान करने की सैद्धांतिक सहमति दी गई थी? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन माननीय विभागीय मंत्री जी की सहमति/स्वीकृति अनुसार उक्त महत्वपूर्ण सिटीपोर्शन सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट 2021-22 में प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, किन्तु मुख्य बजट वर्ष 2021-22 में अंकित नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रथम अनुपूरक बजट वर्ष 2021-22 में प्रस्तावित।
24 घंटे विद्युत की उपलब्धता
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 954 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग मनावर के कितने राजस्व गांवों को अटल ज्योति अभियान के तहत 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है एवं कितने राजस्व ग्राम 24 घंटे विद्युत आपूर्ति से वंचित हैं, वंचित राजस्व गांवों के नाम सहित ब्यौरा देवें। वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग मनावर के कितने (जनगणना 2011 के अनुसार) कितने चिन्हित मजरे/टोलों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है? संख्यात्मक जानकारी देवें एवं वंचित मजरे टोलों की संख्यात्मक जानकारी देवें एवं उक्त चिन्हित मजरे/टोलों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति नहीं किये जाने का कारण बतावें एवं इन्हें कब तक 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जावेगी? बतावें। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में माह जून 2021 तक संचालन-संधारण वृत्त धार हेतु रख-रखाव मद (ओ. एण्ड एम. मद ) में कितनी राशि आवंटित की गई, की जानकारी बतावें। उक्त आवंटित राशि में से कितनी राशि खर्च की गई? वित्तीय वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन कार्यों के लिए जनजातीय कार्य विभाग से MPPKVVCL को कितनी राशि वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 में आवंटित की गई? आवंटित राशि किन-किन कार्यों में कहां-कहां खर्च की गई? कितनी राशि शेष बची? खर्च राशि और शेष राशि का वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) की कितनी राशि किसके द्वारा किन-किन कार्यों के लिए खर्च करने का क्या प्रावधान है? प्रति सहित बताएं। (ङ) उमरबन विकासखंड अंतर्गत लुन्हेरा बुजुर्ग में 132KV S/S स्थापित करने बाबत् माननीय मंत्री महोदय, ऊर्जा विभाग को पत्र सं. 1164/एमपी-एमएलए/2019, दिसंबर 2019 पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रांतर्गत संचालन-संधारण संभाग मनावर के सभी 309 राजस्व ग्रामों को अटल ज्योति अभियान के तहत, तकनीकी कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों एवं रख-रखाव हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर, 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी राजस्व ग्राम 24 घंटे विद्युत आपूर्ति से वंचित नहीं है। वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग मनावर में जनगणना 2011 के अनुसार 867 चिन्हित मजरे/टोले हैं। जिनमें से 779 मजरों/टोलों को तकनीकी कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों एवं रख-रखाव हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर, 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है तथा शेष 88 मजरों/टोलों को सिंचाई फीडरों के माध्यम से तकनीकी कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों एवं रख-रखाव हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में कोई भी विद्युतीकरण योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में कोई योजना क्रियान्वित होने पर उक्त शेष 88 मजरों/टोलों में विद्युत अधोसंरचना विकास का कार्य कर इन्हें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में माह जून 2021 तक संचालन-संधारण वृत्त धार अंतर्गत रख-रखाव मद (ओ. एण्ड एम. मद) में वित्तीय वर्षवार आवंटित राशि एवं खर्च की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग से म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर को कोई भी राशि आवंटित नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ड.) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। तथापि उमरबन विकासखंड के अंतर्गत ग्राम लुन्हेरा बुजुर्ग में 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के लिये प्रस्ताव तैयार करने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 9494 दिनांक 14.07.2021 द्वारा कार्यपालक निदेशक (इ.क्षे.) इंदौर को निर्देशित किया गया है।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट में अनियमितता
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 956 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 308 दिनांक 23.02.2021 खण्ड ''ग'' के सन्दर्भ में बतावें कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट में प्रारम्भ से ही कई गुना अन्तर पाये जाने पर भी इसके पुनर्मूल्यांकन का प्रयास क्यों नहीं किया गया यातायात की गणना में कन्सलटेंट ने कंसेशनर से मिल कर काफी गोलमाल किया जाना स्पष्ट दृष्टि गोचर हो रहा है। ऐसे में वित्तीय व्यवहारता का आंकलन सही कैसे हो सकता है तथा उसके आधार पर बनाए गए इन्टरनल रेट ऑफ रिटर्न द्वारा तय की गई टोल अवधि सही कैसे हो सकती है? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक ने यातायात की वास्तविक संख्या के आधार पर वित्तीय व्यहवारता का आंकलन कर इन्टरनल रेट ऑफ रिटर्न तैयार करवाया तो टोल अवधि 13 अप्रैल 2018 को समाप्त हो जाना चाहिये। क्या शासन फिर से फिजिबिलिटी रिपोर्ट करवाकर कंसलटेंट पर झूठी टोल रिपोर्ट बनाने को लेकर राज्यधन की लूट को लेकर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करेगा? (ग) खण्ड ‘‘क‘‘ और ‘‘ख‘‘ के सन्दर्भ में दोनों टोल लेने पर टोलबुथ बन्द कर षणयंत्रपूर्वक वसूली गई अतिरिक्त राशि ठेकेदार से वसूलने की कार्यवाही कर ठेकेदार पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करेगा। (घ) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन के फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने वाले कंसलटेंट का नाम क्या है तथा इस कंसलटेंट ने और किस-किस बी.ओ.टी. रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की है तथा प्रश्नाधीन दोनों 04 लेन के लिये उसे कितना-कितना भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पुनर्मूल्यांकन अनुबंधानुसार किया जाता है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट हेतु यातायात की गणना के समय कंसेशनायर का अस्तित्व ही नहीं होता। अत: शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' स्पष्ट किया जा चुका है कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट हेतु यातायात गणना के समय कंसेशनायर का अस्तित्व ही नहीं होता। फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाये जाने के उपरांत शासन से स्वीकृति प्राप्त कर निविदा प्रक्रिया आमंत्रण की जाकर उच्चतम प्रीमियम/न्यूनतम ग्रांट के आधार पर कंसेशनायर का चयन किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) टोल वसूली अनुबंधानुसार की जा रही है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
विंड पॉवर कंपनियों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
68. ( क्र. 960
) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र में 1
जनवरी 2010 से
प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन सी
कपनियों की
पवन चक्कियां
कहां-कहां पर
किस-किस ग्राम
पंचायत में
कार्य कर रही
हैं? (ख) इन
कंपनियों ने
कितने मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र के स्थानीय
व्यक्तियों
को रोजगार
उपलब्ध
कराया और
वर्तमान में
वह कंपनी में
कार्य कर रहे
हैं? सभी
कंपनियों में
कार्य कर रहे
व्यक्तियों
की नामजद एवं
पते के साथ
जानकारी देवें। (ग) उक्त
कंपनियों ने
उक्त अवधि
में कितना
सी.एस.आर. फंड
कहां-कहां पर
किस-किस ग्राम
में खर्च किया? क्या
पवन चक्कियों
की रखवाली
हेतु नियुक्त
चौकीदारों को
कलेक्टर रेट
से भी कम वेतन
भुगतान किया
जा रहा है तथा
उनका पी.एफ. भी
नहीं काटा जा
रहा है? यदि
नहीं तो कारण
बतायें। (घ) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र में
पवन चक्की से
अन्यत्र
बिजली ले जाने
के लिये कुल
कितने खंभे किस-किस
किसान के खेत
में लगाये? इसके
ऐवज में
किसानों को
कुल कितना
मुआवजा कंपनी
द्वारा दिया
गया? इनमें
ऐसे कितने
किसान हैं
जिनको प्रश्न
दिनांक तक
मुआवजा नहीे
मिला? मुआवजा
नहीं मिलने का
कारण सहित
जानकारी देवें।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री हरदीपसिंह
डंग ) : (क) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र में 1
जनवरी 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक 05
कंपनियों
(विकासकों) की
कार्य कर रही
पवन
चक्कियां/विंड
टर्बाइन
परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार
है। (ख) उत्तरांश
'क' में उल्लेखित
विकासकों से
मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र के स्थानीय
व्यक्तियों
को रोजगार
उपलब्ध
कराये जाने और
वर्तमान में कार्य
कर रहे स्थानीय
व्यक्तियों
की प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। (ग) उक्त
विकासकों/कंपनियों
से सी.एस.आर. के
अतंर्गत किये
गये कार्यों
की विकासकों
से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार
है। जी नहीं, विकासकों
से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
नियुक्त
चौकीदारों को
नियमानुसार
भुगतान दिया
जा रहा है एवं
पी.एफ. काटा जा
रहा है। इस
संबंध में कोई
शिकायत विभाग
के संज्ञान
में नहीं है। (घ) मंदसौर
विधानसभा
क्षेत्र में
पवन चक्की से
अन्यत्र
बिजली ले जाने
के लिये
कंपनियों
द्वारा लगाये
गये खंबे एवं
दिये गये
मुआवजे के
संबंधित
विकासक कंपनियों
से प्राप्त जानकारी
पुस्कालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार
है। मुआवजा
प्राप्त न
होने के संबंध
में कोई
शिकायत विभाग
के संज्ञान
में नहीं है।
मुआवजा न मिलने
वाले किसानों
की जानकारी
निरंक है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 961 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम, मंदसौर जिलों में कितनी अवैध कॉलोनियों को वेैध किया गया? सूची उपलब्ध करायें। क्या की गई समस्त वैध कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ तो इसकी जांच कब-कब किस-किस अधिकारी ने की? (ख) उक्त दोनों जिलों में वर्तमान में कितनी अवैध कॉलोनिया हैं तथा किस-किस वैध एवं अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री उपरांत उनके नामांतरण नगरपालिका के माध्यम से वर्तमान में नहीं किये जा रहे हैं? 1 जनवरी 2018 के पश्चात कितनी कॉलोनियों को अवैध से वैध करने के लिये आवेदन नगरपालिका एवं नगर निगमों के पास आये? इनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त जिलों में कितनी कॉलोनियों में बगीचे एवं आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिये आरक्षित वाले प्लाट अन्य व्यक्तियों को बेच दिये गये? ऐसी कितनी शिकायतें नगर पालिकाओं के पास प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि तक रतलाम, मंदसौर जिले के अंतर्गत किसी भी नगरीय निकाय में कोई भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं किया गया है। शेषांशों का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
डी.टी.आर. स्टोर में अनियमितता
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 969 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंधक उपसंभाग द्वितीय श्योपुर द्वारा बकायादार उपभोक्तओं के उठाये गये डी.टी.आर. को सहायक प्रबंधक द्वारा स्वार्थ पूर्ति कर बेच दिया जाता है तथा उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा करने पर दूसरा डी.टी.आर. दे दिया जाता है? उठाया गया डी.टी.आर. क्यों नहीं? (ख) क्या वर्ष 2020 में विद्युत मण्डल ग्रामीण के स्टोर में आग लगी थी? यदि हाँ तो उस समय स्टोर में स्टॉक अनुसार कितने डी.टी.आर. रखे थे? जबकि सत्यता यह है कि स्टोर के जिम्मेदार अधिकारी विलास कुमार उइके प्रबंधक उपसंभाग ग्रामीण द्वारा स्टोर में रखे सही हालत के डी.टी.आर. स्वार्थ पूर्ति कर निजी लोगों को बेच दिये गये एवं खराब डिस्मेंटल डी.टी.आर. रखवाकर षड़यंत्रपूर्वक अपने कारनामे छिपाने के लिये स्टोर में जानबूझकर आग लगवा दी गई और विभागीय अधिकारियों द्वारा उक्त अग्निकांड की जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर रफा-दफा कर दिया गया है? (ग) क्या उक्त प्रकरण की विस्तृत जांच किसी निष्पक्ष प्रदेश स्तरीय जांच समिति गठित कर करायी जावेंगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर उसी वितरण ट्रांसफार्मर को स्थापित किया जाता है, जो बकाया राशि पर निकाला गया था। (ख) जी हाँ। वर्ष 2020 में दिनांक 16.09.2020 को उत्तर संभाग श्योपुर के परिसर अंतर्गत स्थापित स्टोर में सर्विस लाईन से शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी। तत्समय स्टोर में 22 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर, गुना में विद्यमान स्टोर को वापिस करने हेतु रखे हुये थे। जी नहीं, अपितु आगजनी की घटना की दिनांक को उप संभाग श्योपुर के रिकार्ड अनुसार, उत्तर संभाग श्योपुर के परिसर में विद्यमान स्टोर में अच्छी हालत का कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर नहीं रखा हुआ था एवं जांच में यह पाया गया कि आग लगने की घटना सर्विस लाईन में शॉर्ट सर्किट के कारण घटित हुई है। (ग) उक्त घटना की जांच म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वृत्त स्तर पर की जा चुकी है, अत: अलग से जांच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
शा. महाविद्यालय में स्वीकृत पद
[उच्च शिक्षा]
71. ( क्र. 973 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना अंतर्गत जौरा विधान सभा क्षेत्र में कैलारस शा. महाविद्यालय द्वारा किस-किस संकायों का संचालन किया जा रहा है और कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या स्वीकृत पद के विरूद्ध पदस्थापना नहीं की गई है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या शा० महाविद्यलय का निजी भवन नहीं है? यदि हाँ तो भवन निर्मित करने की विभाग की कोई कार्ययोजना है? अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तारतम्य में रिक्त पद की पूर्ति एवं शा. महाविद्यालय का भवन निर्माण कब तक करवा दिया जावेगा? क्या विभाग प्राथमिकता से युक्त समस्याओं को अपनी कार्य योजना में बजट में प्रस्तावित करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो शा. महाविद्यालय उन्नयन का छात्र छात्राओं को लाभ होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, कैलारस (जिला मुरैना) में विज्ञान संकाय का संचालन किया जा रहा है एवं महाविद्यालय में 17 पद स्वीकृत हैं। (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक कार्य संपादित किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्तमान में शासकीय माध्यमिक विद्यालय, कैलारस के भवन में संचालित है। शासकीय महाविद्यालय कैलारस के भवन निर्माण हेतु 04 हेक्टेयर भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) महाविद्यालय में 17 पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक कार्य संपादित किया जा रहा है। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालय के निजी भवन निर्माण हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वन सेवा अधिकारियों की पदोन्नति
[वन]
72. ( क्र. 975 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय वनसेवा एवं राज्य वनसेवा के अधिकारियों को पदोन्नति देने के क्या नियम हैं? क्या पदोन्नति देने के पूर्व आर्थिक अपराध शाखा एवं लोकायुक्त से संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की जानकारी ली जाती है? (ख) भारतीय वनसेवा के अधिकारी श्री आर.डी. महला (वर्ष 2015-16 में वनमंडल अधिकारी कटनी),राज्य वन सेवा के अधिकारी श्री सी.एस. पांडे (वर्ष 2015-16 में उप वनमण्डल अधिकारी कटनी),श्री एस.के. सिन्हा (वर्ष 2015-16 में वनपरिक्षेत्र अधिकारी बड़वारा जिला कटनी) श्री के.के. शर्मा (वर्ष 2015-16 में वनपरिक्षेत्र अधिकारी विजयराघवगढ़, जिला कटनी) को वर्ष 2015-16 के पश्चात कब-कब एवं किस-किस पद में पदोन्नति दी गई? क्या उपरोक्त सभी की पदोन्नति के पूर्व आर्थिक अपराध शाखा/लोकायुक्त से मामलों/प्रकरणों की जानकारी/एन.ओ.सी. ली गई थी? यदि हाँ तो प्रत्येक के विरुद्ध कौन-कौन से प्रकरण दर्ज होने की जानकारी प्राप्त हुई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारियों के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में दिनांक 04.09.2015 को एफ.आई.आर. क्रमांक 30/2015 एवं एफ.आई.आर. क्रमांक 29/2015 के माध्यम से विभागीय कार्यों में भ्रष्टाचार/अनियमितता को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ तो भ्रष्टाचार संबंधी प्रकरण लंबित होने के बाद भी उपरोक्त अधिकारियों को पदोन्नति किन नियमों के तहत प्रदाय की गई? क्या इस मामले की विस्तृत जांच करवाकर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन सेवा एवं राज्य वन सेवा अधिकारियों को पदोन्नति देने संबंधी नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के ज्ञाप दिनांक 22.12.2000, 18.11.2002 एवं 25.02.2019 द्वारा भारतीय वन सेवा अधिकारियों की पदोन्नति के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। उक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पदोन्नति के समय विचारधीन अधिकारियों के विरूद्ध प्रचलित विभागीय जांच, लोकायुक्त प्रकरण एवं राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के प्रकरणों की जानकारी संकलित की जाकर समिति के समक्ष रखी जाती है। (ख) वर्ष 2015-16 के पश्चात श्री आर.डी. महला को विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-31/2012/10-4 दिनांक 07.12.2020 द्वारा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर वेतनमान लेवल-15 में दिनांक 18.07.2017 से पदोन्नति प्रदान की गई है। श्री सी.एम. पाण्डे, उप वनमण्डलाधिकारी कटनी, श्री एस.के. सिन्हा एवं श्री के.के. शर्मा, सहायक वन संरक्षक को वर्ष 2015-16 के पश्चात् पदोन्नति प्रदान नहीं की गई है। प्रश्नांश ''क'' अनुसार, पदोन्नति प्रदान करने के पूर्व लोकायुक्त/आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से एन.ओ.सी. प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। विभागीय स्तर पर उपलब्ध जानकारी विभागीय पदोन्नति समिति के समक्ष रखी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण दर्ज होने संबंधी पत्र विभाग में आना नहीं पाया गया है तथापि केवल प्रकरण दर्ज होने मात्र से किसी की पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती जब तक सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल न किया गया हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
73. ( क्र. 977 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना प्रदेश के 06 जिलों में स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक योजनानुसार बालाघाट जिले के अन्तर्गत आदिवासी महिला दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा कितना दुग्ध उत्पादन किया गया? दुग्ध विक्रय से प्राप्त राशि/लाभांश का वितरण, कौन – कौन सी सहकारी समितियों के किन – किन सदस्यो को बैंक द्वारा/नगद कितनी – कितनी राशि का भुगतान कब – कब किया गया? समिति के सदस्यों का पूर्ण नाम, पूर्ण पता सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या तृतीय किस्त की राशि जारी की गई है? यदि हाँ तो कितनी–कितनी राशि जारी की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में बालाघाट जिले अंतर्गत आदिवासी महिला दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा संकलित दूध का विवरण एवं समितिवार संकलित मात्रा के विरूद्ध भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी विस्तृत होने से संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[वन]
74. ( क्र. 979 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्र मे अवैध रेत उत्खनन एवं इमारती लकड़ी के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कहां – कहां एवं किन – किन के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ग) अवैध रेत उत्खनन एवं इमारती लकड़ी के प्रकरणों के समस्त दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ग) अवैध रेत उत्खनन एवं इमारती लकड़ी के प्रकरणों के दस्तावेजों में मुख्यत: पी.ओ.आर. की प्रति, कार्यवाही का तख्ता, जप्तीनामा, पंचनामा, प्रकरण जांच में समस्त बयान, राजीनामा एवं अन्य सुसंगत अभिलेख प्रकरण की यथा स्थिति संबंधित नस्तियों में उपलब्ध रहते हैं।
एम.पी.आर.डी.सी. की बिना अनुमति के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 980 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् भीकनगांव द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत खण्डवा-खरगोन स्टेट हाईवे -23 के दोनों ओर नगरीय सीमा में पेवर ब्लॉक ,रोड साईड फुटपाथ एवं नाली निर्माण की अनुमति एम.पी.आर.डी.सी. विभाग से ली गई है? (ख) नहीं तो क्या कारण है? क्या नियमानुसार कार्य प्रारंभ करने से पहले अनुमति आवश्यक है? यदि हाँ तो क्या नगर परिषद द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया है? हाँ तो क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या उपरोक्त विवरण में कोई शिकायत कलेक्टर जिला खरगोन को की गई है? हाँ तो उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, यद्यपि निकाय के अनापत्ति आवेदन के क्रम में, एम.पी.आर.डी.सी. के मांग पत्र अनुसार, राशि रू. 10,000/- जमा करायी गई। (ख) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा पत्र क्रमांक 3502/ओ.एफ.सी./एमपीआरडीसी/इंदौर दिनांक 18.10.2020 से अवगत कराया गया कि प्रश्नांकित मार्ग, राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक NH347-B घोषित हो गया है। जी हाँ, उक्त संबंध में जांच प्रचलित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जांच कार्यवाही प्रचलन में है।
अवैध कॉलोनियों में निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 981 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् भीकनगांव में अवैध कॉलोनियों में विगत वर्षों से निर्माण कार्य कराने के संबंध में कोई शिकायत कलेक्टर कार्यालय, खरगोन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या जांच में नियमों के विरूद्ध कार्य नगर परिषद् भीकनगांव द्वारा कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो उसमें कृत्य के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं तथा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि हाँ तो वह क्या तथा कब तक की जावेगी? नहीं तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर, जिला खरगोन के आदेशानुसार परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण खरगोन के द्वारा जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है। जांच दल द्वारा जांच प्रचलन में है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद बताया जाना संभव होगा। (ख) जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जिम्मेदारी तय की जा सकेगी तथा गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण अंचलों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 986 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला के सरदारपुर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों मे कौन-कौन से गांव, मोहल्ला, मजरे, टोले विद्युतीकरण से शेष हैं? इन गांवों में विद्युतीकरण क्यों नहीं किया गया? विद्युतीकरण के शेष गांवों की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 690/29/12/2020 के द्वारा मुख्य अभियंता म.प्र.प.क्षे.वि. वितरण कंपनी इन्दौर को विद्युतीकरण हेतु पत्र दिया गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अधीक्षण यंत्री धार को कब-कब पत्र प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ? निराकरण नहीं होने का कारण बताएं। निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले के सरदारपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में किसी भी राजस्व ग्राम एवं विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार चिन्हित किसी भी मजरे/टोले/मोहल्ले के विद्युतीकरण का कार्य शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का प्रश्नाधीन पत्र म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय अभिलेखों में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) वृत्त धार को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक लेख किये गये कुल 05 पत्र यथा-पत्र क्रमांक 686/19 दिनांक 28.06.2019 (प्राप्ति दिनांक 01.07.2019), पत्र क्रमांक 681/2019 दिनांक 28.06.2019 (प्राप्ति दिनांक 01.07.2019), पत्र क्रमांक 422/2020 दिनांक 08.07.2020 (प्राप्ति दिनांक 10.07.2020), पत्र क्रमांक 494/2020 दिनांक 02.09.2020 (प्राप्ति दिनांक 02.09.2020) एवं पत्र क्रमांक 498/2020 दिनांक 03.09.2020 (प्राप्ति दिनांक 04.09.2020) प्राप्त हुए है। उपरोक्त पत्रों में कुल 97 शिकायतों/समस्याओं का उल्लेख किया गया था, जिसमें 21 शिकायतों/समस्याओं का निराकरण कर दिया गया है तथा 76 शिकायतों/समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 76 लंबित शिकायतों/समस्याओं में से 42 नग शिकायतों/समस्याओं का निराकरण हेतु लगभग 68.00 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन, 6.63 किलोमीटर निम्नदाब लाईन एवं 49 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर सहित विद्युत अधोसंरचना विकास की आवश्यकता होगी, जिस हेतु राशि रू. 3.09 करोड़ की आवश्यकता होगी। अन्य 34 लंबित शिकायतें/समस्याएं नवीन कार्य संबंधी मॉंग आधारित है। अत: निराकरण हेतु शेष 76 शिकायतों/समस्याओं में से 75 शिकायतों/समस्याओं के निराकरण हेतु वर्तमान में कोई शासकीय योजना प्रचलित नहीं है, अत: इन्हें निराकृत नहीं करने के लिये किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। केवल 01 शिकायत/समस्या जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 70 पर दर्शाए अनुसार है, के कार्य हेतु मांग पत्र राशि जमा होने पर कार्यादेश जारी कर दिया जावेगा। उक्त शिकायत के निराकरण हेतु संबंधित अधिकारी द्वारा विलंब से प्राक्कलन तैयार करने के कारण प्रक्रिया अनुसार मांग पत्र देरी से जारी हुआ। इस हेतु कार्यपालन यंत्री संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ द्वारा उनके पत्र क्रमांक 742 दिनांक 23.07.2021 से संबंधित सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री वितरण केंद्र अमझेरा को समय पर कार्य न करने हेतु कारण स्पष्ट करने के लिए पत्र जारी किया गया है।
सड़क मार्गों पर नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 989 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्मित मार्गों पर सुगम जल निकासी हेतु नाली निर्माण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस - किस श्रेणी का है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अलग-अलग सघन आबादी क्षेत्र में नाली निर्माण की श्रेणी भिन्न-भिन्न प्रकार की है तो उसके प्रकारों से अवगत कराएं l (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र देपालपुर अंतर्गत निर्मित मार्ग 1. सांवेर से गौतमपुरा 2. देपालपुर से सांवेर (व्हाया अटाहेडा, कछालिया) 3. आगरा से गिरोता मार्ग पर मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा नाली निर्माण का प्रावधान है तो नाली निर्माण किस श्रेणी का है एवं कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, डी.पी.आर. में आवश्यकतानुसार नाली निर्माण का प्रावधान रखा जाता है। स्थल की आवश्यकता अनुरूप यू-शेप अथवा हाफ राउन्ड नाली का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नाली निर्माण के प्रावधान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
डूब क्षेत्र में आने वाली फसलों के मुआवजे का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 990 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम इंदौर द्वारा यशवंत सागर तालाब की जल क्षमता बढ़ाए जाने से ग्राम उषापुरा, गुर्दाखेड़ी, खजुरिया, अंबाखेड़ी, सिकंदरी, फुलकराड़िया, हातौद, गुलावट, सिंगावदा जिला इंदौर के कृषकों को फसल के नुकसान के फलस्वरुप वर्ष 2011-12 से 2014 तक नुकसानी का मुआवजा वितरण किया गया है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) अनुसार डूब प्रभावित कृषकों को वर्ष 2014 के पश्चात का मुआवजा नहीं दिया जाने का क्या कारण है एवं मुआवजा कब तक दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कृषकों को फसल नुकसानी के एवज में तहसीलदार हातौद जिला इंदौर द्वारा, वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक के प्रस्तुत गणना पत्रक के आधार पर, 227 कृषकों को मुआवजा वितरण करने हेतु नगर निगम इंदौर द्वारा, राशि रू. 2,01,72,136/- भू-अर्जन अधिकारी को उपलब्ध करायी गई। भू-अर्जन अधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार, 223 कृषकों को रू. 1,99,02,328/- मुआवजा वितरित किया गया है तथा शेष 04 व्यक्तियों में से 03 व्यक्ति ग्राम में निवासरत नहीं होने तथा 01 व्यक्ति की मृत्यु हो जाने से, राशि का भुगतान नहीं हुआ है। वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमितता की जांच
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 993 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर में दक्षिण एवं उत्तर शहर संभाग में आई.पी.डी.एस. योजना में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? जांच अधिकारियों को कितनी शिकायतें जांच करने हेतु दी गई? किस स्तर के अधिकारी को क्या-क्या जांचें करने हेतु दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जांच अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? स्पष्ट करें। जांच अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये? क्या जांच अधिकारियों द्वारा जांचें नहीं की गई? यदि नहीं तो जांच अधिकारियों द्वारा जांचें क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जांच अधिकारियों द्वारा अनियमितता की जांच नहीं करने का क्या कारण है? क्या जांच नहीं करने वाले अधिकारियों पर भी कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर शहर वृत्त के अंतर्गत दक्षिण शहर संभाग एवं उत्तर शहर संभाग में आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत अनियमितता संबंधी कुल 07 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एक ही प्रकार की शिकायतें होने के कारण समस्त 7 शिकायतों की जांच सामूहिक रूप से करवाई जा रही है। शिकायतों की जाँच के लिये अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल बनाये गये हैं, जिनमें कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारी शामिल है। शिकायतों में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच का कार्य जांच दलों को दिया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांच अधिकारियों द्वारा आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत किये गये कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया गया है तथा निविदाकार के देयकों से इसका सत्यापन कर प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त जांच मे पाई गई अनियमितताओं पर कार्यादेश की शर्तानुसार एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। नियमानुसार जांच जारी है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा के तृतीय चरण बाबत्
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 995 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नर्मदा के तृतीय चरण में कुल कितनी राशि व्यय हुई? अब तक कितनी पाइप-लाइन बिछाई गई? नर्मदा तृतीय चरण से लगभग कितनी जनसंख्या को लाभ मिल रहा हैं? (ख) इन्दौर में लगभग 28 वर्ष पूर्व दोनों समय पेयजल का वितरण होता था? क्या इन्दौर के कुछ क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ तो नर्मदा के प्रथम/द्वितीय एवं तृतीय चरण में करोड़ों व्यय किए जाने के बावजूद प्रतिदिन पेयजल वितरण की स्थिति क्यों नहीं बन पा रही है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सभी को प्रतिदिन पेयजल वितरण हो, इसके लिए क्या व्यवस्था की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर शहर में नर्मदा तृतीय चरण में कुल राशि रूपये 637.76 करोड व्यय हुई है। इस परियोजना अंतर्गत शहर में लगभग 700 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन पाइप-लाइन बिछाने का कार्य किया गया है। नर्मदा तृतीय चरण से लगभग 19 लाख जनसंख्या लाभान्वित हो रही है। (ख) इंदौर शहर में विभिन्न क्षेत्रों को पृथक-पृथक एक दिन छोड़कर संपूर्ण जलापूर्ति की जाती है अर्थात शहर में प्राप्त होने वाले संपूर्ण जल की मात्रा का वितरण चिन्हित क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर किया जाता है। (ग) इंदौर शहर में नर्मदा से जलापूर्ति प्रारंभ होने के पश्चात शहर का तेजी से विकास विस्तार हुआ है। नर्मदा के प्रथम व द्वितीय चरण में आकलित जनसंख्या परियोजना की डिजाइन पीरियड के पहले ही उतनी हो जाने से नर्मदा तृतीय चरण का क्रियान्वयन किया गया है। शहर का लगातार विस्तार होने से उन नवीन क्षेत्रों को नर्मदा पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के कारण शहर को प्रतिदिन पेयजल उपलब्धता की स्थिति नहीं बन पायी है। इसके लिए कोई व्यक्ति विशेष जिम्मेदार नहीं है। प्रतिदिन जलप्रदाय की स्थिति प्राप्त किये जाने के प्रयासों के क्रम में अमृत योजना अंतर्गत शहर में अतिरिक्त टंकियों का निर्माण करके फीडर लाइन से सीधे सप्लाय को कम किया जा रहा है तथा शेष बचने वाले सीधे सप्लाय पर फ्लो कन्ट्रोल वाल्व स्थापित किये जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी में पूर्वी क्षेत्र के समग्र विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 996 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नगर-निगम द्वारा स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कार्य किया गया है? यदि हाँ तो स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इन्दौर शहर की प्रति विधानसभावार कितनी राशि व्यय की गई? क्या सभी विधानसभा में समदृष्टि से व्यय किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या वर्तमान में इन्दौर शहर तेजी से रिंगरोड व बायपास की ओर बढ़ रहा है? इसके लिए नगर निगम द्वारा क्या योजना तैयार की जा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत इंदौर शहर की प्रति विधान सभावार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ‘ अनुसार है। भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत अनुमोदित स्मार्ट सिटी प्रस्ताव अनुसार प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन स्मार्ट सिटी इंदौर द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के मानदंडानुसार किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में स्मार्ट सिटी मिशन मानदंड अनुसार विधान सभावार समदृष्टि से राशि व्यय करने का कोई प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। रिंग रोड बायपास की और इंदौर नगर निगम द्वारा किये जा रहे कार्य एवं तैयार की गई कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है।
रोड निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 998 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 मार्च 2020 से 18/07/2021 तक कितने पत्र नागदा - गिदगढ - निनावटखेडा - किलोडिया - झिरमिरा - दिवेल - चंदोडिया - तारोद - मोकडी मार्ग लम्बाई 24 कि.मी. मार्ग निर्माण हेतु मुख्यमंत्री, लोक निर्माण मंत्री को रोड निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने हेतु लिखे हैं? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा नरेडी हनुमान से खाचरौद मार्ग 5 कि.मी., खुरमुण्डी से झिरमिरा, दिवेल होते हुए तारोद मार्ग 6 कि.मी., भैसोंला से घिनोदा मार्ग 4 कि.मी., बागेडी से बिलवानिया मार्ग 3 कि.मी. की स्वीकृति हेतु अनुपुरक बजट में सम्मिलित करने हेतु मुख्यमंत्री से मांग की थी? यदि हाँ तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) वर्ष 2019-20 के बजट में निनावटखेडा से किलोडिया लम्बाई 3 कि.मी. हेतु 180 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसके मध्य चम्बल नदी पर पुल निर्माण हेतु विभाग द्वारा डीपीआर बनाकर अनुपुरक बजट में सम्मिलित करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री से मांग करने पर नागदा की औद्योगिक रिंग रोड पर रेल्वे समापार क्रं. 02 पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज बनाने की स्वीकृति प्रदान करने हेतु डीपीआर बनाकर स्वीकृति हेतु अनुपुरक बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) तीन। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। विभाग के वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
शासकीय विद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
84. ( क्र. 1002 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालय उन्हैल के लिए भवन की स्वीकृति कब और कितनी लागत की राशि का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? विज्ञप्ति कब और किस-किस समाचार पत्रों में जारी की गई? विवरण उपलब्ध करावें। निर्माण कार्य किस निर्माण ऐजेंसी से कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महाविद्यालय का भवन के निर्माण की अवधि (समय-सीमा) क्या है? भवन का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा और भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, उन्हेल के भवन निर्माण हेतु स्वीकृति अभी नहीं दी गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1004 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संगम चैराहा से खोबदरवाजा तक मार्ग डिवाईडर मय सेंटर लाईट एवं कांक्रीट शोल्डर के साथ चौड़ीकरण के लिए राशि स्वीकृत होकर प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत लोक निर्माण द्वारा एजेन्सी अनु. क्र. 82 एस.ए.सी. दिनांक 10.02.2020 मेसर्स एन.एन.वी कंस्ट्रक्शन भोपाल को निर्धारित की थी तथा कार्य प्रारंभ हो चुका था? वर्तमान में निर्माण कार्य 15 माह से क्यों बंद है? विभाग द्वारा ऐजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? मार्ग का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) कोर्ट चौराहा से नायापुरा सी.टी. पोर्शन मार्ग आर.सी.सी. रोड नुरीयाखाल पुल सहित बजट में स्वीकृत होकर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है परन्तु अभी तक ऐजेन्सी निर्धारण नहीं किया गया है, ऐजेन्सी निर्धारण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) कोर्ट चौराहा से संगम चौराहा मार्ग मध्यप्रदेश शासन अनुदान मांगें 2019-2020 मांग संख्या 24 लोक निर्माण कार्य सड़क निर्माण 5054 मद क्र. 03 सरल क्र. 312 उज्जैन बड़नगर शहरी क्षेत्र कोर्ट चौराहा बड़नगर से संगम चौराहा नयापुरा तक स्वीकृत है, उक्त मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग निर्माण हेतु आवश्यक चौड़ाई में भूमि उपलब्ध न होने के कारण। कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। भूमि उपलब्ध होने के बाद। (ख) जी हाँ, निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, समय सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
86. ( क्र. 1005 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोलने के संबध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र क्र. 697 दिनांक 11.10.2019 लिखकर महाविद्यालय खोलने की मांग की गई थी व विधानसभा में भी प्रश्न के माध्यम से शासन का ध्यान आकर्षित कराया गया था? बड़नगर छात्राओं की संख्या को देखते हुए बड़नगर में कॉलेज कब तक प्रांरभ कर दिया जावेगा? (ख) कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन भोपाल के पत्र क्र. 475-189/मंत्री/अ.उषि/योजना/2020 भोपाल, दिनांक 11.06.2020 के द्वारा अतिरिक्त संचालक से महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव चाहा गया था, इस संबंध में पुनः स्मरण पत्र 1176 दिनांक 05.08.2020 को माननीय उच्च शिक्षा मंत्री को दिया गया था जिस पर क्या माननीय मंत्री महोदय के पत्र क्र. 268 दिनांक 11.08.2020 के द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को कार्यवाही हेतु भेजा गया है? उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (ग) बड़नगर में कन्या महाविद्यालय कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। बड़नगर के कैचमेन्ट एरिया में 18 हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं, जिसमें कक्षा 12वीं में 461 छात्राएं अध्ययनरत हैं। बड़नगर में एक शासकीय महाविद्यालय संचालित है, जहॉं पर छात्राएं भी अध्ययन करती हैं। विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी हाँ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 192/208/आउशि/यो/21 दिनांक 11.03.2021 द्वारा संबंधित को अवगत कराया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण करना
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1007 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितने पुल (सेतु) के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन जिलों के लिये स्वीकृत की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पुल (सेतु) में से कितनों का कार्य पूर्ण होकर आमजन के उपयोग में आ रहे हैं तथा कितने पुल (सेतु) के निर्माण कार्य अभी भी प्रारंभ नहीं हुए हैं। जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ग) में दर्शाये गये अप्रारंभ कार्यों के क्या कारण रहे हैं तथा इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? क्या दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत महू नसीराबाद मार्ग पर स्पेन्टा पेट्रोल पम्प के समीप स्थित पुल (सेतु) के अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन कार्य एन.डी.बी. पैकेज 7 अंतर्गत है। पैकेज में कुल 10 कार्य है जिनमें से 6 कार्य प्रगति पर है। शेष 4 कार्य को शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। कार्य की धीमी गति के सम्बंध में संविदाकार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
चोरी/हानि/गबन के मामलों में कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
88. ( क्र. 1008 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विभागान्तर्गत विगत 10 वर्षों में चोरी/हानि/गबन के कितने मामले किन-किन महाविद्यालयों के शासन के संज्ञान में आये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में पाये गये ऐसे मामलों में शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही करते हुए दोषी पाये गये शासकीय सेवकों से गबन की राशि वसूली की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो महाविद्यालयवार वसूल की गई राशि शासकीय सेवकों के नाम एवं पदनाम सहित उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में दोषी पाये गये शासकीय सेवकों से अब तक गबन की राशि वसूल नहीं करने वाले दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कोई वैधानिक कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत विगत 10 वर्षों में चोरी/गबन/हानि के 02 मामले संज्ञानित है:-1. श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन (पदच्युत), स्वामी विवेकानन्द शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, नीमच, वर्ष 2015 में गबन, 2. श्री ए.आर. खान, मुख्य लिपिक, शासकीय महाविद्यालय, तराना के जनभागीदारी समिति से वर्ष 2014 में गबन। (ख) जी हाँ , दोषी श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन (पदच्युत), शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, नीमच से गबन की राशि रू 40,79,651/- की वसूली मय चक्रवृद्धि ब्याज 12 प्रतिशत की दर से भू-राजस्व की भांति वसूल करने हेतु अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा उज्जैन को अधिकृत किया गया है। शासकीय महाविद्यालय, तराना के मुख्य लिपिक श्री ए.आर. खान द्वारा वर्ष 2014 में जनभागीदारी मद से रू. 88,000/का गबन किया गया है। तत्कालीन प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, झाबुआ के पत्र दि. 29.12.2017 अनुसार महाविद्यालय के खाते में उक्त गबन की राशि रू 43,000/एवं रू 45,000/कुल राशि रू 88,000/एस.बी.आई. की पावती दिनांक 04.08.2016 द्वारा जमा की गई है। (ग) कर्मचारी श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन (पदच्युत) से वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पुल निर्माण में विलंब
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1012 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील बरही जिला कटनी के नदावन से चंदिया रोड में उमराड़ नदी के करचुल्हा घाट में नवीन पुल की स्वीकृति विगत सात वर्षों पूर्व दी गयी थी? यदि हाँ तो संबंधित ठेकेदार एवं अधिकारियों द्वारा उक्त पुल का निर्माण अभी तक किन कारणों से नहीं हुआ? क्या पुल का निर्माण नहीं होने से क्षेत्र का आवागमन बाधित हो रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार के द्वारा मनमानी करते हुये अभी तक पुल का निर्माण पूर्ण न करने के लिए अधिकारी एवं ठेकेदार क्या दोषी है? दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त पुल का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1013 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम कटनी में वर्तमान में कितनी अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया गया है? उन कॉलोनियों में से किस कॉलोनी में कौन-कौन सी मूलभूत सुविधांए उपलब्ध करायी गयी हैं? जानकारी अवैध कॉलोनीवार देवें। ऐसी कितनी अवैध कॉलोनियां है जिनमें पानी, विद्युत, रोड, नाली की सुविधांए उपलब्ध नहीं करायी गयी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शिवाजी नगर एवं बाला जी नगर में रोड, नाली एवं विद्युतीकरण की सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? क्या विद्युत एवं जल प्रदाय हेतु अवैध कालोनियों में भी इसकी सुविधा देने का प्रावधान नगर निगम अधिनियमों में है? यदि हाँ तो आदेश की कॉपी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिवाजी नगर एवं बाला जी नगर में विद्युत लाइन के टेंडर पूर्ण होने के बाद अधिकारियों द्वारा जानबूझकर आपत्ति लगायी गयी है और वहां के निवासियों को उक्त लाभ से वंचित किया गया है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, कटनी क्षेत्रान्तर्गत 92 अवैध कॉलोनियों का निर्माण चिन्हित किया गया है। कॉलोनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अनाधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए म.प्र. नगरपालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2021 में उपबंध रखे गए हैं, जिन्हें विहित करने हेतु नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नियम लागू होने के पश्चात नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेगी। जी हाँ, नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 292-घ में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराए जाने के प्रावधान हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 में अवैध कॉलोनी के नियमितीकरण संबंधी नियम 15-क माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 03.06.2019 से अधिकारातीत (Ultra Vires) घोषित कर दिए जाने के कारण नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों में प्रश्नांकित विकास कार्य नहीं कराए जा सके। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नये बायपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 1014 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर शहर में बढ़ते हुये यातायात दवाब के कारण एक नये बायपास की मांग काफी लम्बे समय से की जा रही है? यदि हाँ तो शासन स्तर पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा नये बायपास निर्माण कराये जाने हेतु सर्वे कराकर प्राक्कलन तैयार कर शासन के समक्ष विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ तो इस बायपास रोड की लम्बाई, चौड़ाई कितनी है तथा यह प्राक्कलन कितनी राशि का है तथा यह कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं अपितु बायपास निर्माण का कार्य भारत सरकार के उपक्रम एन.एच.ए.आई. द्वारा किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
नई जल प्रदाय पाईप लाईन संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1015 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में अमृत योजनांतर्गत नई जल प्रदाय पाईप लाईन डाले जाने का कार्य किस ऐजेन्सी द्वारा कराया जा रहा है एवं इस हेतु शासन कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई? इस कार्य में कौन-कौन से घटक शामिल हैं? उक्त कार्य पूर्ण करने की समय सीमा क्या थी? कार्य समय सीमा में पूर्ण न हो पाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनांतर्गत वर्तमान तक क्या-क्या तथा कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? (ग) क्या उक्त कार्य समय सीमा में पूर्ण न हो पाने के कारण अवधि वृद्धि की गई है तथा कब-कब और कितनी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर नगर में मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत एशियाई विकास बैंक (A.D.B) सहायतित जल प्रदाय योजना का कार्य मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, सिकंदराबाद द्वारा किया जा रहा है। परियोजना हेतु दस वर्षों के संचालन एवं संधारण की लागत सहित कुल स्वीकृत राशि रू. 311.50 करोड़ है। परियोजना के घटकों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। कार्य पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा दिनांक 20.12.2020 थी। संविदाकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कार्य न करने के कारण एवं संबंधित विभागों से अनापत्ति प्राप्ति में विलंब, जमीन हस्तांतरण में विलंब, कोरोना महामारी एवं अन्य परिस्थितिजन्य कारणों के कारण समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब' अनुसार है। संविदाकार की वर्तमान प्रगति को दृष्टिगत रखते हुए शेष कार्य दिनांक 30.06.2022 तक पूर्ण होना संभावित है। (ग) जी हाँ। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार अर्थदण्ड का अधिकार सुरक्षित रखते हुए अंतरिम समय वृद्धि दिनांक 30.09.2021 तक दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “स' अनुसार है।
नगर निगम उज्जैन के अंतर्गत ग्राम एवं निवेश द्वारा अभिन्यास स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1018 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने सर्वे नंबर पर अभिन्यास स्वीकृति प्रदान की गयी है? अभिन्यास स्वीकृति का स्थान, भूमि सर्वे नंबर, प्लॉट का नाम, सहित स्वीकृति संख्या एवं आवक जावक की संख्या के साथ प्रतिवर्ष का विवरण पृथक पृथक प्रदान करें। (ख) क्या ग्राम निवेश द्वारा नगर निगम परिक्षेत्र में शासकीय सर्वे भूमि पर भी अभिन्यास स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो शासन के किस प्रावधान, शर्त और नियम के अंतर्गत स्वीकृत किए गए? सभी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) उपरोक्त अवधि में प्रतिवर्ष कितने प्रकरण अभिन्यास स्वीकृति के लिए प्राप्त हुए? कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? कितने प्रकरण निरस्त किए गए? (घ) नगरीय निकाय के क्षेत्र में जहां जहां अभिन्यास की स्वीकृति दी गयी है? वहाँ प्लॉट किनके नाम हैं? सर्वे भूमि निजी है अथवा शासकीय अथवा अर्ध शासकीय है तथा अभिन्यास स्वीकृति के आधार पर जिनके आधार स्वीकृति प्रदान की गयी है, वर्ष सहित पूर्ण ब्योरा देवें। (ङ) क्या उक्त अवधि में अभिन्यास स्वीकृति के बाद अभिन्यास परिवर्तन के लिए भी आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो सर्वे नंबर, प्लॉट के नाम सहित पूर्ण ब्यौरा देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय उज्जैन के द्वारा जारी अभिन्यास स्वीकृति की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय उज्जैन के द्वारा जारी अभिन्यास स्वीकृति की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’अनुसार है। (घ) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय उज्जैन के द्वारा अभिन्यास स्वीकृति तथा कॉलोनी विकास की अनुमति के पश्चात ही कॉलोनाईजर द्वारा भूखण्ड विक्रय किये जाते है। प्लाट किसके नाम पर है यह जानकारी संधारित नहीं की जाती है। उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता। (ड.) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय उज्जैन के द्वारा अभिन्यास स्वीकृति के बाद अभिन्यास परिवर्तन के लिए प्राप्त आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है।
कोरोना काल में बिजली बिल से राहत देने संबंधी
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 1019 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले के नागरिकों को कोरोना काल के प्रथम और द्वितीय चरण में बिजली के भारी भरकम बिलों से राहत पहुंचाई है? यदि नहीं, तो क्या आम नागरिकों के साथ न्याय करने के लिए विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी के दौर मे भी विभाग द्वारा औसतन भारी भरकम बिल पहले की दरों के अपेक्षा ज्यादा दरों पर देकर राहत के स्थान पर मानसिक, आर्थिक दबाव बनाने का कारण क्या है? (ग) क्या वर्तमान सरकार ने पूर्व की काँग्रेस सरकार द्वारा राहत पहुंचाने के लिए प्रत्येक परिवार को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी जाने वाली योजना को बंद कर दिया है? यदि हाँ, तो वर्तमान सरकार द्वारा किसान, छोटे व्यापारी और आम आदमी को भारी भरकम बिजली के बिलों से राहत पहुंचाने के लिए कोई योजना वर्तमान में प्रचलित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें और यदि नहीं तो भारी भरकम बिलों से राहत देने के लिए सरकार प्रावधान करेगी? (घ) कोरोना के द्वितीय चरण के लॉकडाउन के चलते सारे व्यवसाय, उद्योग, मजदूरी बंद होने की दशा में सरकार द्वारा क्या 02 महीने के बिजली बिलों को माफ करने की कोई प्रावधान ला रही है? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस जनित महामारी के दृष्टिगत, संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार, माह अप्रैल 2020 से जून 2020 तक की अवधि के विद्युत बिलों में उज्जैन जिले सहित प्रदेश के सभी घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाई गई है। इसके अतिरिक्त निम्नदाब गैर घरेलू एवं निम्नदाब औद्योगिक उपभोक्ताओं तथा उच्चदाब टैरिफ एच.व्ही. 3 उपभोक्ताओं के माह अप्रैल, मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को अस्थगित करते हुए इसे माह अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक की अवधि मे छ: समान किश्तों में बिना ब्याज के विद्युत देयकों के नियमित भुगतान के साथ जमा करने की सुविधा प्रदान की गई। (ख) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत दरों एवं उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर मासिक विद्युत देयक उपभोक्ताओं को दिये जा रहे हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, वर्तमान में लागू इंदिरा गृह ज्योति योजना में 150 यूनिट प्रतिमाह तक की खपत वाले समस्त घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 100 रूपये एवं 100 यूनिट से अधिक की खपत पर लागू टैरिफ आदेश के अनुसार राशि देय है। राज्य शासन द्वारा कृषि उपभोक्ताओं तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग में पंजीकृत पॉवर लूम उपभोक्ताओं को भी मासिक विद्युत देयकों में राहत (सब्सिडी) प्रदान की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कृषि कार्यों हेतु जारी विद्युत बिलों की 92 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जा रही है। उपरोक्त के अतिरिक्त विद्युत बिलों को माफ करने अथवा राहत प्रदान करने संबंधी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) कोरोना महामारी के कारण माह अप्रैल 2021 (द्वितीय चरण) से संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया गया था अपितु कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया था जिसके अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयों, औद्योगिक मजदूरों, उद्योगों हेतु कच्चा/तैयार माल आदि के आवागमन सहित अन्य व्यवसायिक इकाईयों को भी कुछ प्रतिबंधों के साथ छूट प्रदान की गई थी। अत: उक्त अवधि के विद्युत बिलों में किसी प्रकार की छूट दिये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
दिव्यांग शिविरों का आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
95. ( क्र. 1020 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के उप संचालक का पद कब से रिक्त है? (ख) क्या शासन के इस महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व बार-बार अन्य विभागीय अधिकारियों के पास होने से विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या विभागीय अधिकारी के अभाव में दिव्यांग शिविरों का आयोजन विगत 4-5 वर्षों से नहीं किया गया है? यदि हाँ तो क्या खण्डवा जिले में उपसंचालक के पद पर शासन स्तर से पदस्थापना कब तक की जाएगी? (घ) दिव्यांगजनों के लिये जिला स्तर पर उपकरणों की उपलब्धता कब तक हो पाएगी तथा इनके वितरण के शिविरों का आयोजन कब आरंभ किया जाएगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) खण्डवा जिले में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में उप संचालक का पद मार्च 2017 से रिक्त है। (ख) जी नहीं, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग जिला खण्डवा की समस्त जनकल्याणी योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर हो रहा है। (ग) जी नहीं, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग जिला खण्डवा में शिविरों का आयोजन समय–समय पर नियमानुसार किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिव्यांगजनों के लिये जिला खण्डवा स्तर पर उपकरणों की उपलब्धता है, दिव्यांगजनों से आवेदन प्राप्त होने पर पात्रतानुसार उपकरण वितरण की कार्यवाही की जाती है। उपकरणों के वितरण शिविरों का आयोजन आवश्यकतानुसार किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
औंकारेश्वर में तीर्थ यात्रियों से अवैध वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1021 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् औंकारेश्वर द्वारा औंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शनार्थियों से यात्री कर लिया जाता था? क्या उक्त यात्री कर को मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा से प्रतिबंधित किया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या वर्तमान में औंकारेश्वर में प्रवेश के दौरान किसी प्रकार का शुल्क या यात्री कर की वसूली की जा रही है? यदि हाँ तो प्रत्येक यात्री एवं वाहन पर कितनी राशि वसूल की जा रही है? (ग) क्या नगर परिषद् अथवा उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों से प्रवेश के दौरान उनके वाहन पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है? (घ) दर्शनार्थियों से प्रवेश एवं पार्किंग स्थल दोनों पर पार्किंग शुल्क के नाम पर दो-दो बार राशि वसूल की जा रही है, जो कि मुख्यमंत्री जी के आदेशों का खुला उल्लंघन है? क्या शासन स्तर से औंकारेश्वर तीर्थस्थल पर श्रद्धालुओं के साथ हो रही अवैध वसूली को शासन स्तर से प्रतिबंधित किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा तीर्थ कर को घोषणा द्वारा प्रतिबंधित किया गया था। (ख) जी नहीं। अपितु छोटे वाहनों पर रू. 30/- प्रति वाहन, बड़े वाहनों पर रू. 50/- प्रति वाहन, टूरिस्ट वाहन टेम्पो ट्रेक्टर पर रू. 200/- प्रति वाहन, नियमित लाइन की बसों से अस्थाई दखल शुल्क रू. 30/- प्रति वाहन के मान से पार्किंग शुल्क अधिकृत ठेकेदार के माध्यम से वसूला जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, नगर परिषद्, औंकारेश्वर द्वारा अधिकृत ठेकेदार के माध्यम से दर्शनार्थियों से मात्र चार पहिया वाहनों से पार्किंग शुल्क की वसूली एक ही बार की जाती है। जिसकी रसीद श्रद्धालुओं को दी जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पन्ना टाइगर रिज़र्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव
[वन]
97. ( क्र. 1022 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कौन-कौन से गांव, मजरा, टोला आदि पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंदर एवं कितने उसकी सीमा में आते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि मूलभूत सुविधाओं की क्या भौतिक स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त गांव में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के निर्माण हेतु क्या नियम है? मूलभूत सुविधाओं के निर्माण हेतु किस-किस विभाग के किस-किस सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है? उक्त सहमति किस शर्तों के साथ दी जा सकती है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या उक्त गांव में विभिन्न विकास कार्यों को करने में आने वाली परेशानियों एवं ग्रामीणजनों की सुविधा को देखते क्या गांव का विस्थापन करने पर शासन स्तर पर कोई विचार किया गया या किया जा रहा है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में 04 गांव एवं बफर जोन के अंतर्गत 42 गांव स्थित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 में है। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 में है। (ग) टाईगर रिजर्व के कोर/बफर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्य यथा 4 इंच व्यास पेयजल, भूमिगत पाइप लाइन, 11 के.व्ही. विद्युत लाइन, ओ.एफ.सी. लाइन, कुआं, हैण्डपम्प, छोटे तालाब, आंगनवाड़ी, शासकीय पाठशाला, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि गैरवानिकी निर्माण कार्य के लिये कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं है। विकास कार्य के अंतर्गत यदि वनक्षेत्र प्रभावित होता है तो वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। इसी प्रकार नवीन निर्माण परियोजना यदि कोर एवं बफर क्षेत्र के वन/राजस्व क्षेत्र में प्रस्तावित है तो राज्य वन्यप्राणी बोर्ड एवं राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड से प्रकरण अनुसार अधिरोपित शर्तों के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त कर कार्य कराया जा सकता है। वनभूमि प्रभावित होने पर एन.पी.व्ही. एवं वैकल्पिक वृक्षारोपण की राशि आवेदक संस्था/विभाग से देय होती है तथा इसके अतिरिक्त संरक्षित क्षेत्र की सीमा में परियोजना के अंतर्गत व्यय की जाने वाली राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत क्षेत्र में वन्यप्राणी प्रबंधन/संरक्षण के लिए देय होता है। (घ) ग्रामों का विस्थापन ग्रामवासियों की स्वेच्छा से किये जाने की शासन की योजना प्रभावशील है।
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1024 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल द्वारा प्रदेश के ग्राम एवं शहरों में प्रदाय की जाने वाली बिजली का नियत समय कितना है? ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों का अलग अलग समय बतायें। (ख) विभाग द्वारा बण्डा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में वर्तमान में मण्डल द्वारा जो विद्युत प्रदाय की जा रही है, क्या वह विभाग के नियत समयानुसार की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का समय नियत किया गया है। प्रदेश में कृषि उपभोक्ताओं को उक्त विद्युत प्रदाय 11 के.व्ही. फीडरों को तीन समूहों यथा- ‘अ’, ‘ब’, एवं ‘स’ में विभक्त कर किया जा रहा है, जिसकी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जी हाँ, कतिपय अवसरों पर तकनीकी व्यवधानों एवं रख-रखाव हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर बण्डा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि एवं गैर कृषि फीडरों के माध्यम से उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ही विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा मिश्रित फीडरों, जिन पर घरेलू एवं कृषि दोनों श्रेणी के उपभोक्ता संबद्ध हैं, के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 10 घंटे थ्री फेज पर एवं औसतन 14 घंटे सिंगल फेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विगत 3 माह की अवधि में बण्डा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन किये गए विद्युत प्रदाय की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
टोल मार्गों पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1026 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर, उज्जैन संभागों में राज्य शासन क्षेत्रांतर्गत किन-किन मार्गों पर टोल लगाकर वाहनों से टोल वसूली की जाती है? उक्त मार्गाें की तत्कालीन समय में निर्माण लागत कितनी थी तथा प्रश्न पूछे जाने की दिनांक तक निर्माण लागत के विरूद्ध कितनी धनराशि की वसूली की जा चुकी है तथा आगामी कितनी अवधी तक इन मार्गों पर और टोल वसूली की जावेगी? क्या इन मार्गों पर शासन की लेनदारी शेष है? यदि हाँ तो कितनी? कृपया मार्गवार संभागवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) क्या मार्गों पर टोल वसूली व टोल की पुनर्गणना के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिशा निर्देश दिये गये? यह निर्देश क्या हैं? (ग) समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार क्या कुछ मार्गों पर निर्माण लागत से बहुत अधिक राशि की वसूली की जा चुकी है तथा आगे भी और वसूली की जाना शेष है? (घ) यदि हाँ तो क्या इन मार्गों पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के परिपालन में व आम जनता के हित को दृष्टिगत रखते हुए टोल पुनर्गणना कर पात्रतानुसार कुछ मार्गों पर टोल समाप्ति/टोल की अवधि को कम करने हेतु विभाग कवायद करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मार्गों पर टोल वसूली के संबंध में मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा इस प्रकार के दिशा निर्देश प्राप्त नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र- 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (घ) मान. उच्चतम न्यायालय के उक्त संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। अनुबंधानुसार रियायत अवधि बढ़ाने एवं कम करने के प्रावधानअनुसार कार्यवाही की जाती है एवं आवश्यकता अनुसार समय-समय पर विभागीय समीक्षा की जाती है।
घाटा खेड़ी मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1028 ) श्री राम दांगोरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंधाना से घाटा खेड़ी मार्ग 11 वर्ष पूर्व पी.एम.जी.एस.वाय. विभाग द्वारा 18 किलोमीटर का बनवाया गया था, वर्तमान में यहां रोड किस विभाग के पास है? क्या यहां रोड लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत है? (ख) यदि हाँ तो उस जर्जर रोड का मेंटेनेंस क्यों नहीं हो रहा है? क्या उसके पुनः निर्माण की डी.पी.आर. बनाई गई है? (ग) यदि नहीं तो वर्तमान में इस रोड की स्थिति क्या है? वर्तमान में इस सड़क की जिम्मेदारी किस विभाग की है? पी.एम.जी.एस.वाय. विभाग द्वारा बताया जाता है कि लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दिया है एवं लोक निर्माण विभाग का कथन है कि उनके पास नहीं है? क्या शासन के पास इसका कोई समाधान है या वह जर्जर रोड ऐसे ही पड़ा रहेगा? स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्ग विभाग के आधिपत्य में नहीं होने से स्थिति की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश 'क' के उत्तर में उल्लेखित है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग खण्डवा के पत्र दिनांक 06.07.2021 प्रमाण स्वरूप संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। संलग्न परिशिष्ट-1 में उल्लेखित कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
सफाई हेतु स्वीपिंग मशीनें किराये पर लेने संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1030 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा भोपाल शहर में सफाई के लिए स्वीपिंग मशीनें किराये पर ली गई हैं? यदि हाँ तो कितनी स्वीपिंग मशीनें किस कंपनी से किराए से ली गई थीं? (ख) दिनांक 31 जुलाई 2021 तक इन मशीनों को कितना-कितना किराया चुकाया गया तथा वर्तमान में कितना किराया बकाया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में इन मशीनों की कीमत क्या है तथा मशीनें किराये से लेने के कारण मशीनों की कीमत की तुलना में कितनी अधिक राशि व्यय की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, भोपाल की स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा भोपाल शहर में सफाई के लिये स्वीपिंग मशीनें किराये पर नहीं ली गयी हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
बल्क में नल कनेक्शन का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1031 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की विभिन्न झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र एवं निजी कॉलोनी के रहवासी क्षेत्र में बल्क में नल कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है, जबकि आम रहवासी अपनी आवश्यकतानुसार व्यक्तिगत नल कनेक्शन चाहते हैं, जो कि नगर निगम द्वारा प्रदाय नहीं किये जाते हैं? (ख) जिन कॉलोनियों में पहले से ही डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछी हुई है उन कॉलोनियों में नगर निगम प्रशासन को सर्वे करके सिंगल कनेक्शन देने में क्या कठिनाई हैं? (ग) क्या शासन द्वारा कॉलोनी हस्तांतरण के नाम पर निगम प्रशासन को नागरिकों से भेदभाव कर पेयजल से वंचित करने की अनुमति दी है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन दोषी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल के विभिन्न झुग्गी झोपड़ी क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। नगर निगम की नीति के तहत निजी कॉलोनी के रहवासी क्षेत्रों में बल्क कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है, इसलिये इन कॉलोनियों में व्यक्तिगत कनेक्शन नहीं दिये जाते हैं। (ख) जो कालोनियां नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित हैं, इन कालोनियों में डिस्ट्रीब्यूशन लाईन बिछाकर व्यक्तिगत नल कलेक्शन प्रदान किये गये हैं। किन्तु जो कालोनियां नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हैं, इन कालोनियों में नगर निगम की नीति अनुसार बल्क कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं। (ग) नागरिकों से कोई भेदभाव न कर पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। नगर निगम द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार कार्य किया जा रहा है, अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
त्रुटिपूर्ण जारी आदेश
[उच्च शिक्षा]
103. ( क्र. 1034 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 3-4/08/3/एक, दिनांक 31.05.2008 (जो सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की संविलियन की सेवा-शर्तों के संबंध में है) उच्च शिक्षा विभाग में प्रभार दिये जाने के संबंध में लागू होता है? (ख) यदि नहीं तो उपरोक्त पत्र का हवाला देकर आयुक्त, उच्च शिक्षा का पृ.क्र. 383/79/न्याया/अनुब/16, दिनांक 22/02/2017 जारी क्यों किया गया? (ग) यदि उक्त आदेश त्रुटिपूर्ण है तो क्या उसे संशोधित अथवा निरस्त किया जाएगा? (घ) यदि हाँ तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अवैध/अनाधिकृत विकास एवं निर्माण संबंधी जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1035 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला भोपाल (म.प्र.) द्वारा क्र. 2121 से 2127 तक के विषय- अवैध/अनाधिकृत विकास एवं निर्माण संबंधी नोटिस अध्यक्ष पारिका सोसायटी, डॉ. अर्गल भवन क्रमांक-1 एवं श्री आर.आर. गंगारेकर भवन क्रमांक-2 पारिका गृह निर्माण सह.समिति फेस-2 ग्राम चूना भट्टी, भोपाल को दिनांक 15/10/2008 को विधान सभा प्रश्न की पृच्छा के अनुक्रम में जारी किये गये हैं। (ख) यदि हाँ, तो तद्विषयक संबंधित के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब हुई है तथा उनके परिणाम क्या रहे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय, भोपाल द्वारा संबधित व्यक्तियों का दिनांक 15/10/2008 को नोटिस जारी किया गया था। प्रकरण में श्री आर.आर. गंगारेकर द्वारा प्रेषित उत्तर के आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।
पी.आई.यू. द्वारा धीमी गति से कार्य किया जाना
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1040 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत बाबई विकासखण्ड में आंचलखेड़ा शाला निर्माण एवं सोहागपुर नगर में कन्या शाला निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। इस कार्य की निविदा शर्तों में समयावधि क्या तय की गई थी? (ख) उक्त निर्माण हेतु निश्चित समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने के कारण ठेकेदार/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुये हैं? उनकी सूची, कार्य पूर्णता दिनांक एवं लागत की जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना में स्वीकृत सड़कें
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1044 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्ट विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री अधोसंरचना में कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं? क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) इन सड़कों के निर्माण कार्य कब प्रारंभ होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (तृतीय चरण) अंतर्गत दिनांक 10.03.2021 को, केन्ट विधानसभा क्षेत्र की चार सड़कों के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना की तकनीकी स्वीकृति हेतु नगर निगम जबलपुर का पत्र क्रमांक/17/2021 दिनांक 30.07.2021, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में प्राप्त हुआ है। प्रकरण परीक्षणाधीन है। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रित की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत अनुदान
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1045 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में नगर निगम के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय पूर्ण राशि प्राप्त हुई? विधान सभावार जानकारी दें। (ख) इस विभाग में पदस्थ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या अनियमितता की गई? क्या इन पर कार्यवाही हुई? (ग) केन्ट विधान सभा में प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने हितग्राहियों को राशि अप्राप्त है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 4,861 हितग्राहियों को प्रथम किश्त तथा द्वितीय किश्त दोनों प्रदान की गई है। विधान सभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनियमितता की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) केन्ट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 274 हितग्राहियों को राशि अप्राप्त है।
स्वीकृत कार्य आरंभ कराने संबंधी
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1048 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विकासखण्ड में मांदो-चंदेना मार्ग एवं रेस्ट हाउस हटा के सामने पुल निर्माण कार्य को कब स्वीकृति मिली थी? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। साथ ही यह बतावें कि उक्त मार्ग एवं पुल निर्माण एक वर्ष पूर्व स्वीकृत किया गया था तो निर्माण कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? (ख) हटा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम स्नेह से कौशलपुर से महुआखेड़ा मार्ग एवं खमरियाकलांर से भटदेवा, कुम्हारी से चीलघाट एवं अन्य 20 सड़क विहीन ग्रामों के प्राक्कलन तैयार कर विभाग में प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित है। कब तक स्वीकृति प्रदाय की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दोनों कार्यों की स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। समस्त नवीन मार्ग है एवं विभाग की किसी भी योजना में शामिल नहीं होने के कारण स्वीकृति की कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों में लापरवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1049 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना कब स्वीकृत की गई थी? प्रशासकीय स्वीकृति सहित राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावें। साथ ही कार्य एजेंसी के नाम सहित कार्य की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) हटा नगर में पाईप-लाईन विस्तार कार्य किस एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा हैं एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं खोदी गई नगर की सड़कें क्या चलने योग्य हैं? भ्रमण उपरांत शिकायतों के आधार पर सड़कों को खोद कर रख दिया गया है एवं सिर्फ मिट्टी डाली गयी है, जिससे सड़कें नगर की क्षतिग्रस्त एवं चलने योग्य नहीं बची हैं। एजेंसी से ही उक्त कार्य कराये जाने एवं कार्यवाही करने के निर्देश प्रदाय कब तक किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला दमोह हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजान्तर्गत दिनांक 17.08.2016 को स्वीकृत की गई थी। प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 38.28 करोड़ है। कार्य एजेंसी एवं कार्य की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) हटा नगर में पाईप-लाईन विस्तार का कार्य भी मेसर्स जयवरूढी कंस्ट्रक्शन कंपनी एण्ड रंजीत बिल्डकॉन लि. (जे.व्ही.) द्वारा किया जा रहा है। पाईप-लाईन विस्तार हेतु योजना में राशि रू. 27.27 करोड़ स्वीकृत है। निर्माण एजेंसी द्वारा पाईप-लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों को यथासमय अस्थायी रूप से सड़क बहाली कर आवागमन योग्य बनाया जाता है। एजेंसी को समय-समय पर पाईप-लाईन बिछाने के पश्चात रोड रेस्टोरेशन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
सड़क निर्माण में विलम्ब
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1051 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री गोपाल भार्गव जी द्वारा प्रदेश की 20 सड़कों को जिला मार्ग घोषित किया था उसमें प्रश्नकर्ता के क्षेत्र की सड़कों के निर्माण हेतु शासन की क्या योजना है? अनूपुरक बजट में सम्मिलित करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? विवरण दें। (ख) क्या विधान सभा प्रश्न 5166 दिनांक 18/03/2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में कार्य प्रगतिरत बताया था तथा ठेकेदार को नोटिस जारी किए गए थे? यदि हाँ तो कितने प्रगतिरत कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा कितने कार्यों हेतु दिए गए? नोटिस का जवाब आने पर विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही गई है? पृथक-पृथक सभी कार्यों का विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में बन रहे ओव्हर ब्रिज रेल्वे समापार क्र. 98, 102, 103 का कितना निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? निर्माण में हो रहे विलंब का क्या कारण है? विवरण दें। (घ) सुरेल, संडावदा, मदगनी, पिपलोदा बागला मार्ग के कि.मी. 16/6 में चम्बल नदी पर उच्च स्तरीय पुल की निविदा कब आमंत्रित की गई? क्या वर्क ऑर्डर जारी किया गया है? क्या ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? संपूर्ण विवरण दें। (ड.) बडा चिरोला, लुहारी से लसुड़िया, नागदा मार्ग का कार्य अनुबंध अनुसार 01/02/2020 को पूर्ण होना था? यदि हाँ तो कितना कार्य अभी अधूरा है? ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (च) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय से 01 मार्च 2020 से 18/07/2021 तक कितने पत्र किन-किन रोडों की स्वीकृति हेतु प्रेषित किए हैं? उन पर क्या कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान की गई है? रोडों के नाम सहित दिए गए पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (ड़) जी हाँ। 80 प्रतिशत कार्य अधूरा है। कार्य की गति बढ़ाने हेतु ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 20.07.2021 को जारी किया गया है। (च) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है।
दोषी अधिकारी पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 1052 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 47 (क्र. 3944) दिनांक - 16.03.2021 के बिंदु (ग) के संदर्भ में मान. न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत करने हेतु किस-किस दिनांक को किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार पृथक-पृथक बताया जाये? (ख) प्रश्न क्रमांक 48 (क्र. 3945) दिनांक - 16.03.2021 के बिंदु (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? पृथक - पृथक तिथिवार बताया जाये? (ग) उक्त बिंदु (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही में विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेवार है तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जाऐगी? बिन्दुवार निश्चित समय-सीमा बताई जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम देवास द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा श्री एस.पी. श्रीवास्तव स्वास्थ्य अधिकारी (प्रतिनियुक्ति पर) को सौंपे गये दायित्वों से हटकर बिना सक्षम स्वीकृति के कार्य करने, शासकीय कार्य में व्यवधान डालने स्वेच्छाचारिता तथा निगम हित में कार्य नहीं करने पर निलंबित किये जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मनमर्जी कार्य किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1053 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के गत विधानसभा सत्र में परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रमांक 48 (क्र. 3945) दिनांक 16 मार्च 2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि नगर पालिक निगम भोपाल में प्रतिनियुक्ति पद पर पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारी श्री एस.पी. श्रीवास्तव को सौंपे गये दायित्वों से हटकर बिना सक्षम स्वीकृति के कार्य कराने, शासकीय कार्य में बाधा डालने, स्वच्छावारिता तथा निगम हित में कार्य नहीं करने पर निलंबित किये जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? निलंबन की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दोषी अधिकारी को सांठ-गांठ कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध अभी तक विभाग/नगर पालिक निगम द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) आयुक्त, नगर पालिक निगम, भोपाल के पत्र क्रमांक 25 दिनांक 08.02.2021 का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार निर्णय लिया जायेगा।
नियम विरूद्ध मनोनयन संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1056 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अंजड़ नगर परिषद् जिला बड़वानी की अध्यक्ष का दिनांक 26/04/2021 को निधन के पश्चात् अध्यक्ष पद पर मनोनयन किस नियम के तहत किया गया? नियम की प्रमाणित प्रति देवें। पूरी प्रक्रिया के समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) चूँकि अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला का था, इसलिए नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 37, की धारा 29-B के अनुसार पार्षदों में से अनारक्षित महिला वार्ड से अध्यक्ष का मनोनयन किया जाना था लेकिन इस अधिनियम का उल्लंघन कर आरक्षित वार्ड से अध्यक्ष पद पर मनोनयन क्यों किया गया? इसे कब तक निरस्त किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार नियम का पालन करते हुए कब तक अनारक्षित महिला वार्ड से अध्यक्ष पद पर मनोनयन कर दिया जाएगा? (घ) नियमों का उल्लंघन करके मनमाने तरीके से मनोनयन करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अध्यक्ष का पद मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 21.10.2014 अनुसार महिला प्रवर्ग के लिए आरक्षित है। प्रकरण में मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 37 (2) के प्रावधानों के तहत कार्यवाहक अध्यक्ष को मनोनीत किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुकंपा नियुक्ति का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1057 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर नगर निगमों द्वारा दिनांक 01.04.2021 से 15.07.2021 तक कितने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये? पृथक-पृथक माहवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन नगर निगम सीमा क्षेत्रों के श्मशानों, कब्रिस्तानों में प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार कितने अंतिम संस्कार हुये? इस अवधि के श्मशानों, कब्रिस्तानों के मृतक एंट्री रजिस्टर की छायाप्रति नगर निगमवार देवें। (ग) इन नगर निगमों में कितने कर्मचारियों/अधिकारियों की कोरोना से मृत्यु हुई है? उनके नाम, पता सहित पृथक-पृथक देवें। क्या शासन की ओर से घोषित सहायता एवं अनुकम्पा नियुक्ति उनके परिजनों को दी जा चुकी है? प्रकरणवार नाम सहित देवें। (घ) यदि नहीं दी गई है तो कब तक दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वागत समारोह में व्यय धनराशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1060 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 से वर्ष 2017 से 2021 तक वर्षवार स्वागत समारोह हेतु कितनी राशि का प्रावधान था? अनूपपुर जिले की नगर पालिका परिषद् कोतमा एवं बिजुरी द्वारा वर्ष 2017 से 2021 तक वर्षवार स्वागत समारोह में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) अनुसार सीमा से अधिक व्यय करने हेतु पदाधिकारी/अधिकारी दोषी हैं? दोषी पाए गए अधिकारी/पदाधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 को म.प्र. लेखा नियम 2018 में बीस हजार से अधिक तथा एक लाख रू. से कम कोटेशन के आधार पर कितनी बार सामग्री क्रय की जा सकती है? अनूपपुर जिले की नगर पालिका परिषद् कोतमा एवं बिजुरी द्वारा बीस हजार रू. से अधिक एवं एक लाख से कम रू. की कितनी सामग्री क्रय की? दिनांक 01-04-2020 से प्रश्न दिनांक तक माहवार बतावें। सामग्री का नाम, फर्म का नाम, मात्रा, आदेश क्रमांक, दिनांक, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक तथा भुगतानकर्ता एवं प्राप्तकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के म.प्र. लेखा नियम 2018 के प्रावधानुसार पालन न करने के दोषी अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पदनाम देवें तथा बतावें कि उन पर कब तक कार्यवाही होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जांच करायी जाकर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। (ग) कोटेशन के आधार पर एक माह में अधिकतम दो बार सामग्री क्रय की जा सकती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जांच करायी जाकर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
भर्ती में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 1061 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कितनी नवगठित नगर परिषद् हैं? नगर परिषदों के नाम क्या हैं? गठन कब किया गया? (ख) नवगठित नगर परिषद् में कितने कर्मचारियों की संविदा/दैनिक वेतन भोगी पदों पर भर्ती की गई? नवगठित नगर परिषदों में दैनिक वेतन भोगी/संविदा भर्ती के क्या मापदण्ड हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या नवगठित नगर परिषदों में संविदा/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितता की गई है? यदि हाँ तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? (घ) नवगठित नगर परिषदों में बिना विज्ञापन के कितने मस्टर श्रमिक कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? बिना विज्ञापन कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। नवगठित नगर परिषद् में किसी भी कर्मचारी की संविदा/दैनिक वेतन पद पर भर्ती नहीं की गई है। नगरीय निकायों में संविदा आधार पर भर्ती हेतु मध्यप्रदेश नगर पालिका संविदा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) सेवा नियम 2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर परिषद् डोला में 113, नगर परिषद् बनगवां में 140 तथा नगर परिषद् डूमरकछार में 118 साप्ताहिक मस्टर कर्मियों से कार्य कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स अनुसार है। साप्ताहिक मस्टर कर्मियों के संबंध में जांच करवाकर जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
कॉलोनाईजर द्वारा दिये गए उत्तर की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1064 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3040 दिनांक 05.03.2021 के (घ) उत्तर अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा कॉलोनाईजर को जो सूचना पत्र जारी किया गया है, उसका कॉलोनाईजर द्वारा क्या प्रति उत्तर दिया है? (ख) इस प्रति उत्तर का विवरण देते हुए बतावें कि अर्द्धविकसित पार्क कब तक पूर्ण होगा? (ग) इस कालोनी में प्रश्न दिनांक तक जितने लोगों ने प्लाट लिए है एवं मकान बनाए हैं उनकी पृथक-पृथक सूची देवें। गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित प्लाट में से कितने प्लाट इस वर्ग के लोगों को किस-किस मूल्य पर दिए हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं दिए हैं तो कब तक दिए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कॉलोनाईजर द्वारा दिया गया प्रति उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रति उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, जिसके अनुसार लगभग 03 माह में पार्क विकसित कर दिया जाएगा। (ग) कॉलोनाईजर द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार प्लाट क्रेताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं निर्मित एवं निर्माणाधीन मकान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। कॉलोनाईजर द्वारा लिए गए विकल्प के अनुसार स्वीकृत अभिन्यास में गरीब एवं कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित भूमि पर 20.40 वर्गमीटर आकार के 39 आवासीय इकाईयां निर्मित कर पात्र हितग्राहियों को दिए जावेंगे, वर्तमान में इन भवनों का निर्माण न होने के कारण हितग्राहियों को नहीं दिए गए है। (घ) भवन निर्माण होने पर दिए जा सकेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घटिया निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1065 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1867 दि. 02.03.2021 के (ख) उत्तर में बताया गया कि कुछ स्थानों पर पॉट होल्स निर्मित हुए थे जिसका संधारण ठेकेदार द्वारा किया गया लेकिन बहुत से स्थानों का संधारण कार्य अभी तक शेष है, विभाग कब तक इसका सर्वे कराएगा? (ख) कब तक इसका संधारण पूर्ण कर दिया जाएगा? (ग) क्या कारण है कि एक वर्षाकाल में काफी अधिक मात्रा में पॉट होल्स निर्मित हो गए? इस पर ठेकेदार पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) इस और ध्यान न देकर ठेकेदार को लाभ पहुँचाने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, संधारण कार्य एक निरन्तर प्रक्रिया है। इसके लिए पृथक से सर्वे की अवश्यकता नहीं है। (ख) संधारण कार्य निरंतर प्रक्रिया है। (ग) मार्ग का निर्माण 09.12.2017 को पूर्ण हुआ तथा मार्ग निर्माण को लगभग 3.5 वर्ष पूर्ण होने को है मार्ग पर कुछ स्थान पर जल निकासी न हो पाने के कारण पॉट होल्स हो गए थे जिसका संधारण ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार किया गया। मार्ग वर्तमान में सामान्य स्थिति में है। ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार मार्ग मरम्मत कार्य किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार मार्ग मरम्मत कार्य किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोक नगर जिले की मार्ग कनेक्टिविटी
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1069 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिला अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम राजमार्ग/मुख्य डामर मार्ग से एकल संबद्धता से छूटे हुए हैं? कौन से मार्ग मुख्य जिला मार्ग के रूप में प्रस्तावित होकर प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दोहरी संबद्धता हेतु कौन-कौन से मार्ग निर्माण के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामों को एकल सम्बद्धता से जोड़ने का कार्य मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। उनसे प्राप्त सूची संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) दोहरी सम्बद्धता हेतु विभाग में मार्ग के कोई भी योजना या नीति नहीं है। आवश्यकतानुसार वार्षिक बजट में नवीन मार्गों की स्वीकृति निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्राप्त की जाती है।
अनुज्ञा उल्लंघन पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1072 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से प्राप्त विकास अनुज्ञा एवं नगर निगम से प्राप्त भवन अनुज्ञा में नहर एवं नदी के माध्यम से दोनों तरफ 30 मीटर तथा नाला के दोनों और 3-3 मीटर दूरी रिक्त रखी जाती है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) की कार्यवाही किस विधि/प्रावधान एवं नियम के तहत होती है तथा इसके उल्लंघन के क्या-क्या परिणाम अनुज्ञादाता एवं अनुज्ञाग्रहिता को भुगतने होते हैं? (ग) क्या दानिश ग्रह निर्माण सह. समिति चूनाभट्टी भोपाल की अमलताश फेस-2 खसरा क्र. 115/69/2 एरिया 5.56, 96.91/1, एरिया 0.26 एवं 96-91/7/3/1/4 एरिया 0.08 एकड़ तथा पारिका हाउसिंग सोसायटी फेस-2 का खसरा क्र. 96.91/2 स्थित कॉलोनी की विकास अनुज्ञा एवं भवन अनुज्ञा प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रावधानों का पालन उनमें से प्रवाहित खसरा क्र. 70 के नाला/ड्रेन के अनुक्रम में हुआ है? यदि नहीं तो प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुज्ञाग्रहिता एवं अनुज्ञादाता पर तदविषयक क्या प्रभाव एवं परिणाम होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं,। भोपाल विकास योजना, 2005 में नदी के दोनों और 33-33 मीटर तथा नाला एवं शाखा नहर के दोनों और वर्तमान में 3-3 मीटर दूरी खुले रखे जाने का प्रावधान था जिसे आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय भोपाल की सूचना क्रमांक एफ-3-233/2012/बत्तीस भोपाल दिनांक 09/01/2013 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 25/01/2013 के द्वारा संशोधित कर नाले के दोनों और 9-9 मीटर खुले रखे जाने का प्रावधान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (ख) अनुज्ञा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-30 सहपठित भूमि विकास नियम, 2012 के अंतर्गत दी जाती है, तथा उसके उल्लंघन होने पर अनुज्ञादाता के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1985 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है तथा अनुज्ञाग्रहिता द्वारा उल्लंघन किये जाने पर उसके द्वारा किये गये अवैध निर्माण के विरूद्व निर्माण हटाये जाने अथवा प्रशमन की कार्यवाही की जा सकती है। (ग) तत्समय प्रचलित प्रावधानों के अनुसार नाले से 3-3 मीटर दूरी खुली रखने के प्रावधान के साथ ही नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल के द्वारा अनुज्ञा प्रदान की गई है। अनुज्ञा प्रदान करने वाले अधिकारी द्वारा नियमानुसार अनुज्ञा दिए जाने के कारण कार्यवाही का कोई प्रभाव नहीं होगा। अनुज्ञाग्रहिता द्वारा नियमों के विपरीत कार्य करने पर नगरपालिक द्वारा अवैधानिक निर्माण पाए जाने पर मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है। निर्माणों की जांच कर अवैध निर्माण हटाने हेतु नगर पालिक निगम भोपाल को नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक-1702 दिनांक 30/07/2021 को सूचित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’अनुसार है।
संत सिंगाजी थर्मल प्लांट से बिजली उत्पादन
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 1073 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.), श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संत सिंगाजी थर्मल प्लांट खण्डवा की नवीनतम 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल विस्तार इकाई क्रमांक तीन एवं चार फुल लोड ओर चलने पर एक दिन में एक इकाई से कितनी यूनिट बिजली का उत्पादन होना चाहिए? तीन नम्बर यूनिट 05 अगस्त 2020 से एच पी टरबाईन की ब्लेड टूटने से तथा चार नम्बर यूनिट 22 सितम्बर 2020 खराबी के कारण कितने कितने दिनों ठप्प रही है और किस-किस दिनांक को पुन: बिजली उत्पादन शुरू हुआ? प्लांट में सुधार किया गया या कहीं बाहर भेजा गया? यदि हाँ तो कहां और किस कंपनी को? उत्पादन बन्द रहने से कुल कितनी यूनिट बिजली नहीं बनी? इस कारण कितने रूपयों की हानि हुई? इसके सुधार में कितनी राशि खर्च हुई? (ख) सिंगाजी थर्मल प्लांट की इन खराब हुई दोनों यूनिटों के सुधार करने वाली निर्माता कंपनी L&T को दोनों यूनिट बिगड़ने के बाद 31 दिसम्बर 2021 तक MPPGCL ने कितने आर्डर दिये गए सभी आदेश के नम्बर दिनांक राशि और आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद नाम, प्रमाणित प्रति दी जाये। (ग) यह भी बताया जाय कि इन दोनों इकाइयों के पी.जी.टी. (परफॉरमेंस गारंटी टेस्ट) 15 जुलाई 2021 तक हुआ या नहीं? यदि नहीं तो क्यों?और इसके लिए जिम्मेदार कौन-कौन अधिकारी हैं? HP टरबाईन ब्लेड टूटने की जांच कराने के लिए क्या कोई वरिष्ठ विशेषज्ञों की कमेटी बनाई गई? यदि हाँ तो किस दिनांक को? उसमें कौन-कौन विशेषज्ञ रहे? उनके नामों की अधिकृत प्रमाणित प्रति के साथ उनकी फाइनल रिपोर्ट प्राप्त हुई या नहीं? इसका दोषी किसे माना गया? उस पर क्या कार्यवाही की गई? रिपोर्ट की प्रति दी जाये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा की नवीनतम (660 मेगावॉट) (द्वितीय चरण) इकाई क्र.-3 एवं इकाई क्रमांक-4 से पूर्ण भार पर चलने पर एक दिन में एक इकाई से 14.93 मिलियन यूनिट उपलब्ध उत्पादन (15.84 मि.यू. के सकल उत्पादन में से संयंत्र के लिए आवश्यक आक्जलरी खपत 0.91 मि.यू. घटाने के बाद) होना चाहिए। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा की इकाई क्रमांक-3 दिनांक 05 अगस्त 2020 से बंद है। अत: इस इकाई से 29 जुलाई 2021 की स्थिति में लगभग 359 दिन तक विद्युत उत्पादन नहीं हो सका। इकाई क्रमांक-4 दिनांक 22 सितंबर 2020 से दिनांक 31.03.2021 तक अर्थात् लगभग 190 दिन तक विद्युत उत्पादन नहीं हो सका। इकाई क्रमांक-3 अभी बंद है तथा इकाई क्रमांक-4 से दिनांक 31.03.2021 से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। विशेष सुधार कार्य हेतु टरबाइन के रोटर्स एवं अन्य क्रिटिकल पार्ट्स/असेम्बली को मूल निर्माता कंपनी मेसर्स एल.एम.टी.जी. के वर्क्स हजीरा, गुजरात भेजे गये थे, शेष सुधार कार्य विद्युत गृह में ही किए जा रहे हैं। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा की इकाई क्रमांक-3 (5 अगस्त 2020 से 30 जून 2021 तक) एवं 4 (22 सिंतबर 2020 से दिनांक 31.03.2021) के उक्त अवधि में बंद रहने से क्रमश: 4175 मिलियन यूनिट एवं 2416 मिलियन यूनिट उपलब्ध उत्पादन (85% निर्धारित मानक के आधार पर) प्रभावित हुआ। इन इकाईयों के नहीं चलने के कारण म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को वर्ष 2020-21 में रू. 757 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2021-22 (जून 2021 तक रू. 194 करोड़) के स्थाई प्रभार की संभावित प्राप्ति नहीं हुयी। सुधार कार्य का पूरा व्यय वहन ई.पी.सी. कान्ट्रेटर मेसर्स एल. एंड टी. द्वारा किया जा रहा है। अत: इनके सुधार कार्य पर म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा कोई भी राशि व्यय नहीं की जा रही है। (ख) श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा (द्वितीय चरण) की इन दोनों इकाईयों के सुधार कार्य हेतु निर्माण कम्पनी एल एंड टी को दोनों यूनिट खराब होने के बाद 15 जुलाई 2021 तक सुधार कार्य हेतु 06 कार्यादेश दिये गये थे। दिनांक 07.01.2021 को मेसर्स एल. एन्ड टी. द्वारा इकाइयों के सुधार का कार्य स्वयं के व्यय पर किया जाना स्वीकार कर लिया गया। अत: मेसर्स एल. एन्ड टी. को इकाइयों के सुधार कार्य हेतु दिए गए सभी आदेश निरस्त कर दिए गए। अत: आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद नाम, प्रमाणित प्रति दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) दोनों इकाइयों के पी.जी.टी. (परफॉरमेंस गारेन्टी टेस्ट्स) 15 जुलाई 2021 तक नहीं हुये हैं। इकाईयों के कुछ कार्य शेष रहने के कारण पूर्व में पी.जी. टेस्ट्स नहीं हो सके। तत्पश्चात् माह मार्च 2020 से कोरोना काल में देश व्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में विद्युत मांग में कमी होने पर दोनों इकाईयों को रिजर्व शटडाउन में बंद रखा गया। जुलाई 2020 में ईकाईयों के पुन: प्रारंभ होने पर ईकाई क्र. 3 के पी.जी. टेस्ट की तैयारी के दौरान आयी खराबी के कारण पी.जी. टेस्ट्स नहीं हो सके, ईकाई क्रमांक 3 में पायी गई खराबी के दृष्टिगत ईकाई क्र. 4 को संभावित नुकसान से बचाने के लिए बंद करना पड़ा, जिससे इस ईकाई में भी पी.जी. टेस्ट्स नहीं हो सके। इकाई क्रमांक 4 को 31 मार्च 2021 को क्रियाशील कर लिया गया। वर्तमान में इकाई क्र. 4 के टरबाइन-जनरेटर ( टी.जी.) और बायलर (एस.जी.) के पीजी टेस्ट्स के कार्य प्रगति पर हैं, जिनका अगस्त 2021 के प्रथम सप्ताह में पूर्ण होना संभावित हैं। इकाई क्र. 3 के रेस्टोरेशन का कार्य प्रगति पर है जिसे अगस्त 2021 के प्रथम सप्ताह तक पुन: क्रियाशील किया जाना अनुमानित है। तत्श्चात इस इकाई के भी पीजी टेस्ट्स किये जाने हैं। पी.जी. टेस्ट्स टरबाईन में आई खराबी के कारण स्थगित किये गये थे, अत: इसमें किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। जी हाँ। श्री सिंगाजी थर्मल प्लांट, खण्डवा की नवीनतम 660 मेगावाट की सुपर क्रिटीकल इकाई क्र. 3 की दिनांक 5 अगस्त 2020 को एच.पी.टरबाईन की ब्लेड टूटने की जांच हेतु दिनांक 30.09.2020 को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था। उक्त उच्च स्तरीय जांच समिति गठन में आदेश की प्रमाणित प्रति जिसमें समिति के समस्त सदस्यों के नाम दर्शाए गए हैं, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी हाँ, जांच समिति द्वारा दिनांक 28.11.2020 द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जांच प्रतिवेदन के अनुसार श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्र. 3 की उपरोक्त घटना के लिए किसी भी कार्मिक विशेष को उत्तरदायी नहीं ठहराया गया है। अत: इस प्रतिवेदन के अनुसार किसी के भी विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
कम्प्यूटर खरीदी में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
122. ( क्र. 1074 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रूसा व वर्ल्ड बैंक पोषित परियोजनाओं के अंतर्गत कम्प्यूटर व स्मार्ट क्लास की खरीदी हेतु क्रमश: दिनांक 18/04/2019 व 13/07/2020 को 5 सदस्य कमेटी ने स्पेसिफिकेशन फाईनल किए थे? यदि हाँ तो कमेटी के सदस्यों का नाम, पद व किस संस्थान में कार्यरत हैं के साथ फाईनल स्पेसिफिकेशन की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या कमेटी द्वारा फाईनल किए गए स्पेसिफिकेशन के आधार पर ऑल इन वन कम्प्यूटर का विभाग द्वारा केन्द्रीकृत टेंडर जेम पोर्टल के माध्यम से दिनांक 18 मई 2020 को जारी किया गया था? यदि हाँ तो जारी टेंडर क्यों रद्द किया गया? (ग) क्या विभाग ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने हेतु पूर्व कमेटी द्वारा निर्धारित स्पेसिफिकेशन को रद्द कर दिया? साथ ही कमेटी को भी भंग करके नई कमेटी बनाई गई? यदि हाँ, तो बनाई गई नई कमेटी के सदस्यों का पूर्ण परिचय बताएं व कमेटी द्वारा पूर्व निर्धारित किस-किस स्पेसिफिकेशन में बदलाव किए, उससे प्राप्त लाभ-हानि का टेबल फॉरमेट में ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (घ) क्या पूर्व में विभाग द्वारा मेक, मॉडल व कम कीमत में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु केन्द्रीकृत खरीदी तय की गई थी, जिसे विभाग द्वारा बदलकर कॉलेज स्तर पर विकेंद्रित कर दिया गया? यदि हाँ तो बताएं कि विभाग कैसे समान गुणवत्ता व कम से कम रेट कैसे कॉलेजों से सुनिश्चित करवाएगा? यदि ऐसा नहीं हुआ तो लिए गए ऋण के दुरूपयोग व हानि का जिम्मेदार कौन होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। कमेटी के सदस्यों के नाम, पद एवं किस संस्थान में कार्यरत हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-2 अनुसार है। जारी टेंडर रद्द किये जाने का कारण – तत्समय स्पेसिफिकेशन समिति द्वारा कंप्यूटर के स्पेसिफिकेशन में संशोधन किये जाने के कारण टेंडर की समय-सीमा बढाया जाना आवश्यक था, चूँकि GeM पर टेंडर की समय-सीमा बढ़ाये जाने की अधिकतम अवधि समाप्त हो गई थी, इस कारणवश टेंडर को निरस्त किया गया। (ग) जी नहीं। जी हाँ। नई कमेटी बनाई गई। आदेश की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-3 एवं 4 अनुसार है। कमेटी द्वारा पूर्व निर्धारित स्पेसिफिकेशन में बदलाव एवं लाभ-हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) पूर्व में निर्धारित क्रय प्रक्रिया आज दिनांक तक यथावत है। शेष प्रशनांश उपस्थित नहीं होता है।
जांच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही
[वन]
123. ( क्र. 1075 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बैतूल के विरूद्ध अपने बेटे के बैंक खाते में रिश्वत लेने तथा महिला उत्पीड़न की जांच करने हेतु क्रमश: सेन समिति एवं श्रीमती बिंदू शर्मा समिति का गठन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि हाँ, तो दोनों जांच समितियों द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में उपरोक्त अधिकारी को दोषी पाकर महिला उत्पीड़न में नैतिक पतन का दोषी माना है? दोनों जांच रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन उपरोक्त अधिकारी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की विशाखा गाईड-लाईन अनुसार निलम्बित कर पुलिस थाना बैतूल में आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेगा व कब तक? (घ) क्या उक्त अधिकारी द्वारा कूनो पालपुर की पदस्थिती के दौरान भी चौहान समिति द्वारा जांच की गई थी तथा दोषी पाया गया था? यदि हाँ तो जांच रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे। उक्त प्रकरण में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री ठाकुर एवं श्री सेन समिति की रिपोर्ट एवं श्रीमती बिन्दु शर्मा एवं श्रीमती अर्चना शुक्ला समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन विभाग को प्रस्तुत किया है। विभाग द्वारा नियमानुसार परीक्षण कर कार्यवाही की जा रही है। अतः इस स्थिति में किसी को दोषी मानना या नहीं मानना नियमों के विरूद्ध है। जांच रिपोर्ट/प्रतिवेदन अभी परीक्षणाधीन है। नियमानुसार किसी प्रकरण में अंतिम निर्णय होने तक जांच प्रतिवेदन को सार्वजनिक करना न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। अतः जांच प्रतिवेदन प्रतियां उपलब्ध कराना उचित नहीं होगा। (ग) जांच प्रकरण पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ। तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जे.एस. चौहान (भावसे) द्वारा जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री मोहन मीना (भावसे) अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को स्पष्टीकरण जारी कर उनका स्पष्टीकरण उत्तर चाहा गया था। श्री मोहन मीणा (भावसे) द्वारा प्रस्तुत जवाब के पश्चात् प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा आचरण को परिमार्जित करने की सलाह देते हुये प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।
सामाजिक वानिकी वन बैतूल में शिकायतों की जांच
[वन]
124. ( क्र. 1076 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल एवं वर्तमान में पदस्थ आहरण एवं संवित्तरण अधिकारी व सहायक वन संरक्षक के विरूद्ध अनेकों शिकायतें जांच हेतु लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि हाँ तो शिकायतों कि सूची तथा शिकायतें कब से लंबित हैं। क्या उपरोक्त सहायक वन संरक्षक वर्तमान में पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित कर रहें है तथा जांचों को लंबित रखे हुए हैं? क्या शासन सहायक वन संरक्षक के पद से हटा कर शिकायतों की जांच करायेगा? (ग) क्या सामाजिक वानकी वृत्त बैतूल में रोपणी धार में 4 लाख पोलीथीन बैग खराब गुणवत्ता का मिश्रण भरे होने के कारण अनुपयोगी हो गई हैं, परंतु शासन द्वारा तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई जब कि प्रकरण समस्त अधिकारियों कि जानकारी में हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संबंध में तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा मिट्टी एवं गोबर खाद तथा वृत्त की समस्त रोपणियों में वर्ष 2017-18 तथा वर्ष 2020-21 में कोई निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई, तथा मनमाने दरों पर भुगतान किया गया? (ड.) शासन इन समस्त शिकायतों की जांच कब तक पूर्ण करायेगा तथा संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल एवं वर्तमान में आहरण एवं संवितरण अधिकारी व सहायक वन संरक्षक के विरूद्ध कुल 9 शिकायतें लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 03 शिकायतें माह फरवरी 2021 एवं 06 शिकायतें माह अप्रैल 2021 से लंबित है। शिकायतों की सूची संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। जांच प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी भोपाल के स्तर पर प्रचलित है। अतः सहायक वन संरक्षक द्वारा वर्तमान में पद पर रहते हुये जांच को प्रभावित करने तथा जांचों को लंबित रखने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (ग) सामाजिक वानिकी वृत्त बैतूल में इस संबंध में प्रकरण प्रकाश में आया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। जांच पूर्ण होने के उपरांत संबंधितों के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) इस संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी भोपाल द्वारा की जा रही है। (ड.) शिकायतों की जांच एक माह में पूरी की जाएगी। जांच पूर्ण होने के उपरांत संबंधितों के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आवास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1078 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका वारासिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिनांक 01 जुलाई 2021 की स्थिति में कितने एवं किन-किन हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया है? (ख) नगर पालिका वारासिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन हितग्राहियों के आवास पूर्ण कर लिये गये हैं एवं किन-किन हितग्राहियों के आवास अपूर्ण हैं? अपूर्ण होने का क्या कारण है? (ग) अपूर्ण आवास वाले एवं बेघर व्यक्तियों को वर्षाकाल को देखते हुये आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिये क्या योजना है? अपूर्ण एवं अधूरे आवास वर्षाकाल में क्षतिग्रस्त होने पर क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) अपूर्ण आवास वाले हितग्राहियों को पात्रता अनुसार आगामी किश्ते जारी की जाती है। बेघर व्यक्तियों को भी योजनांतर्गत चिहिन्त कर पात्रता अनुसार लाभ प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में प्रश्न के द्वितीय भाग के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन विषयों की कक्षायें खोलने के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
126. ( क्र. 1079 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एस.एस.पी. कॉलेज, वारासिवनी कब से संचालित हो रहा है एवं इस कॉलेज में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की कौन-कौन सी कक्षायें संचालित हो रही है एवं किन-किन विषयों का अध्यापन किया जा रहा है? (ख) क्या एस.एस.पी कॉलेज वारासिवनी में वर्तमान में संचालित कक्षाओं/विषयों के अतिरिक्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की नवीन कक्षाओं/विषयों को खोले जाने के लिये मांग की गई है? यदि हाँ तो किन-किन कक्षाओं/विषयों को खोलने हेतु मांग की गई है? (ग) उक्त बिन्दु (ख) के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या उक्त मांग के अनुरूप शिक्षण सत्र 2021-22 में नवीन कक्षाओं/विषयों में प्रवेश के लिये छात्र-छात्राओं को अवसर प्रदान किया जा सकेगा? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय, वारासिवनी वर्ष 1966 से संचालित है एवं इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं विधि तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.कॉम (वाणिज्य), एम.ए. हिन्दी, राजनीति शास्त्र, एम.एससी.-जुलॉजी, बॉटनी, केमेस्ट्री तथा गणित की कक्षाएं संचालित हैं एवं अध्यापन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर समाजशास्त्र तथा संस्कृत विषय ओर स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एससी. भौतिकशास्त्र, एम.ए, अंग्रेजी, इतिहास एवं अर्थशास्त्र विषय की कक्षाएं खोलने की मांग की गई है। (ग) शासकीय एस.एस.पी. कॉलेज, वारासिवनी से 16 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय बालाघाट संचालित है, जहॉं स्नातक स्तर पर समाजशास्त्र एवं संस्कृत विषय तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एससी. भौतिकशास्त्र, एम.ए. अंग्रेजी, इतिहास, अर्थशास्त्र विषय संचालित हैं। वारासिवनी के कैचमेन्ट एरिया के विद्यार्थी वहॉं अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पर नवीन संकाय एवं विषय खोले जाने में कठिनाई है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1083 ) श्री
मेवाराम जाटव
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2007
से प्रश्न
दिनांक तक नगर
परिषद मौ जिला
भिण्ड में
कब-कब, कितने-कितने
दैनिक वेतन
भोगी श्रमिक
रखे गए? दैनिक
वेतन भोगी
श्रमिकों के
नाम, पता
सहित बताएं। (ख) उक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में दैनिक
वेतन भोगी
श्रमिकों को
शासन के पत्र
क्रमांक एफ-4-134/2017/2018-1 के तहत
दिए गए निर्देशानुसार
नगर परिषद मौ
में रखे गए
कितने-कितने
दैनिक वेतन
भोगी
कर्मचारियों
को पात्रतानुसार
कब-कब, नियमितीकरण
किया गया? वर्षवार
बताएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) :
(क) नगरपरिषद
मौ जिला भिंड
द्वारा वर्ष 2007
से प्रश्न
दिनांक तक कोई
दैनिक वेतन
भोगी श्रमिक
नहीं रखे गये
है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
पर्याप्त वोल्टेज न मिलना
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1084 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन ऊर्जा मंत्री द्वारा दिनांक 13.01.2020 को लहार में प्रवास के समय ग्राम जगदीशपुरा के समीप 132 के.व्ही. का विद्युत केन्द्र स्थापित करने की सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी? यदि हाँ तो उक्त संबंध में माह अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक माननीय ऊर्जा मंत्री को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) 132 के.व्ही. विद्युत केन्द्र की स्थापना हेतु कलेक्टर भिण्ड द्वारा मौजा भवथरा में सर्वे क्र.6 रकबा 7.17 आरक्षित करने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ न करने का कारण बताएं। (ग) लहार छतारेपुरा मार्ग के समीप लहार नगर में स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का भवन बनाने तथा आयरन पोल खड़े करने के बाद कार्य पूर्ण न कराने का कारण बताएं एवं उपकेन्द्र कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (घ) लहार विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों से कहां-कहां 33/11 के.व्ही. के विद्युत उपकेन्द्र के प्रस्ताव विचाराधीन है? प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? (ड.) क्या आलमपुर स्थित विद्युत उपकेन्द्र के तहत ग्राम अरूसी, फरदुआ एवं रूरई आदि ग्रामों हेतु सिंचाई पंपों एवं घरेलू उपभोक्ताओं को एक ही लाईन से विद्युत प्रदाय किये जाने से पर्याप्त वोल्टेज न मिलने से किसानों की धान की पौध सूख रही है एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को अंधकार में जीवनयापन करना पड़ रहा है? यदि हाँ तो उक्त समस्या का निदान कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) लहार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम जगदीशपुरा के समीप 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की प्रश्नाधीन उल्लेखित घोषणा के संबंध में कोई कार्यालयीन अभिलेख उपलब्ध नहीं है। तथापि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से उक्त 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु पत्र दिनांक 21.01.2021 को प्राप्त हुआ था। परीक्षणोंपरान्त विद्युत अधोसंरचना पर वर्तमान भार की स्थिति को देखते हुए माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा सुझाया गया नवीन 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र ग्राम जगदीशपुरा में स्थापित किये जाने का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जगदीशपुरा का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) लहार छतारेपुरा मार्ग के समीप लहार नगर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत प्रावधानित था, जिसके क्रियान्वयन हेतु टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर मैसर्स डी कन्ट्रोल को कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड दिनांक 11.02.2017 को जारी किया गया था। टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर मैसर्स डी कन्ट्रोल द्वारा कार्य प्रारंभ करने के कुछ समय में ही उसके स्वयं की परिस्थितियों के कारण कार्य बंद कर दिया गया। कॉन्ट्रेक्टर द्वारा पुन: कार्य प्रारंभ न किये जाने एवं जारी अवार्ड की शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 29.07.2019 से टर्न की कॉन्ट्रेक्ट समाप्त कर दिया गया है। क्षेत्र में उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय की समुचित व्यवस्था हेतु विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जमुहा पर 5 एम.व्ही.ए. क्षमता का एक अतिरिक्त पावर ट्रासंफार्मर स्थापित कर क्षेत्र को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आई.पी.डी.एस. योजना बंद हो चुकी है। भविष्य में कोई योजना उपलब्ध होने पर इस कार्य को उस योजना में सम्मिलित किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) लहार विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों से माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्राम अरूसी, ग्राम बोहारा एवं ग्राम बरौआ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है, इन प्रस्तावों पर तकनीकी साध्यता पाये जाने पर वित्तीय उपलब्धता के आधार पर इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में स्वीकृत करने हेतु निर्णय लिया जायेगा। (ड.) जी नहीं, अपितु आलमपुर वितरण केन्द्र के अन्तर्गत ग्राम अरूसी एवं ग्राम रूरई के घरेलू उपभोक्ताओं को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र आलमपुर से निर्गमित 11 के.व्ही. सायपुरा आबादी फीडर से एवं इन दोनों गॉंवों के सिंचाई पम्प उपभोक्ताओं को आलमपुर विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. अरूसी कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम फरदुआ के घरेलू एवं सिंचाई पम्प उपभोक्ताओं को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र दबोह से निर्गमित 11 के.व्ही. मुरावली मिश्रित फीडर से नियमानुसार विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में भार वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2020-21 में विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र आलमपुर में एक अतिरिक्त 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर एवं 4.5 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का कार्य पूर्ण कर भार प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है।
मार्ग/पुल निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 1085 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल,2019 से भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के 1. वारेट जगनपुरा से मढैला मार्ग 2. लहार अमायन से भटपुरा मार्ग 3. छोटी रहावली से ग्राम डुबका मार्ग 4. लहार बायपास मार्ग का चौड़ीकरण 5. ग्राम ईगुई से लहार अमायन मार्ग एवं अजनार मड़ोरी व्हाया नारददेव से मंगरौल मार्ग पर सिंध नदी पर पुल हेतु कब-कब, कौन-कौन से बजट में कितनी लागत की स्वीकृति दी गई? (ख) उपरोक्त निर्माण कार्यों की कब-कब निविदाएँ आमंत्रित की गई एवं किस-किस एजेंसी की निविदाएँ स्वीकृत की गई? यदि नहीं तो उपरोक्त सड़कों तथा पुल का निर्माण कब तक प्रारंभ किया जाकर कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा? (ग) क्या लहार बाय पास मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन होने से जाम की स्थिति तथा ऐतिहासिक नारदेश्वर शिव मंदिर के टूटे हुए पुल का शीघ्र निर्माण न होने से धर्मावलंबियों एवं पर्यटकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्या प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है।
कोविड-19 से मृत लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1087 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 मार्च 2021 से 15 जुलाई 2021 तक की अवधि में धार, जिले के अन्तर्गत कोविड-19 कोरोना वायरस से मृत लोगों के कितने-कितने शवों का अंतिम संस्कार किस-किस नगर के मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया? मृतकों की संख्या माहवार दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कोरोना से मृत शवों को किस-किस शासकीय एवं निजी चिकित्सालय/अस्पताल से कोविड प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार हेतु मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में लाया गया? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार उपरांत कितनी-कितनी संख्या में प्रमाण पत्र मुक्तिधाम/कब्रिस्तान के ट्रस्ट/संस्था द्वारा जारी किये गये जिसमें कोरोना से मृत्यु का उल्लेख किया गया है? जारी किये गए प्रमाण पत्र की जानकारी मुक्तिधाम/कब्रिस्तानवार एवं नगरवार दें। (घ) क्या कोविड-19 कोरोना वायरस से मृत लोगों के निकटतम परिजनों को शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है? यदि हाँ तो कितने मृतकों के निकटतम परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 1088 ) श्री
सज्जन सिंह
वर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
इंदौर
एवं देवास
जिले में 01
मार्च 2021 से 15
जुलाई 2021 तक की
अवधि में
कोविड-19 कोरोना
वायरस से मृत
लोगों के
कितने-कितने
शवों का अंतिम
संस्कार
किस-किस नगर
के
मुक्तिधाम/कब्रिस्तान
में कोविड
प्रोटोकॉल के
अनुसार किया
गया? मृतकों
की संख्या
माहवार दें। (ख) उक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में कोरोना से
मृत शवों को
किस-किस
शासकीय एवं
निजी चिकित्सालय/अस्पताल
से कोविड
प्रोटोकाल के
तहत अंतिम
संस्कार
हेतु
मुक्तिधाम/कब्रिस्तान
में लाया गया? (ग) प्रश्नांकित
अवधि में
कोरोना से मृत
लोगों के अंतिम
संस्कार
उपरांत
कितनी-कितनी
संख्या में
प्रमाण-पत्र
मुक्तिधाम/कब्रिस्तान
के ट्रस्ट/संस्था
द्वारा जारी
किए गए जिसमें
कोरोना से
मृत्यु का
उल्लेख किया
गया है? (घ) क्या
कोविड-19 कोरोना
वायरस से मृत
लोगों के
निकटतम
परिजनों को
शासन द्वारा
आर्थिक
सहायता दी गई
है? यदि हाँ
तो कितने
मृतकों के
निकटतम
परिजनों को
कितनी-कितनी
राशि की
आर्थिक
सहायता दी गई? यदि
नहीं तो क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) :
(क) से (घ) की जानकारी
संकलित की जा
रही है।
बांस उत्पादन विषयक
[वन]
132. ( क्र. 1091 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में पिछले पांच वर्षों में हुए बांस उत्पादन की जानकारी वन परिक्षेत्र अनुसार दें। बांस से होने वाली कुल आय तथा बांटे गये बोनस की जानकारी दें। (ख) बालाघाट जिले में उत्पादन में कुल कितने अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ हैं? स्वीकृत पद तथा रिक्त पदों की जानकारी भी दें। (ग) बालाघाट जिले में उत्पादन में वर्तमान में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन भत्ते सहित प्रतिवर्ष होने वाले खर्च तथा जंगल से होने वाली आय वित्तीय वर्ष 2020-21 की जानकारी दें। (घ) विगत पांच वर्षों से जिले में निस्तार हेतु दिये गये बांस की जानकारी डिपो अनुसार दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में उत्पादन में वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन भत्ते सहित प्रतिवर्ष औसतन रूपये 40 करोड़ व्यय की गई है तथा 2020-21 में प्राप्त आय रूपये 75,51,95,148/- है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है।
जबलपुर संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों के बकाया टैक्स की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1092 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले नगर निगम, नगर पालिका परिषद् तथा नगर पंचायतों में सम्पत्ति कर, जल कर तथा अन्य करों की बकाया राशि की जानकारी प्रश्न दिनांक तक वर्षवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित करों की वसूली के लिए नगरीय निकायों द्वारा किये गये प्रयासों की जानकारी दें। (ग) करों की बकाया वसूली के कारण नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्यों में पड़ रहे प्रतिकूल असर को देखते हुए क्या राज्य शासन नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिए राशि उपलब्ध करायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’क’’ अनुसार है। (ख) बकाया राशि की वसूली हेतु नगरीय निकायों द्वारा सभी बकायादारों को बिल वितरित किये जाकर समय-समय पर पृथक-पृथक वार्डों में बकाया राशि वसूली हेतु शिविरों का आयोजन किया जाता है। साथ ही शासन द्वारा अधिभार में दी जा रही छूट का लाभ आम नागरिकों को दिये जाने एवं बकाया वसूली हेतु अनाउन्समेंट आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किए जाकर आम नागरिकों को बकाया राशि जमा करने हेतु प्रेरित किया जाता है। (ग) विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिये राशि उपलब्ध कराई जाती है। अत: शेषांश का प्रश्न का उपस्थित नहीं होता है।
सड़क एवं फ्लाई ओव्हर निर्माण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 1096 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में ट्रांसपोर्ट नगर से गहरवार पेट्रोल पम्प तक बाया नई बस्ती सड़क निर्माण का टेंडर विगत एक वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण कार्य की प्रगति/स्थिति क्या है एवं कब तक निर्माण कार्य पूर्ण होगा? यदि नहीं, तो सड़क निर्माण कार्य में विलंब का क्या कारण है? क्योंकि इस मार्ग पर कई शासकीय/अशासकीय विद्यालय भी है जिस कारण यातायात बाधित होता है एवं कई बार दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है। (ख) सतना जिले में वि.स. सतना अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कितने मूल निर्माण कार्य एवं मरम्मत कार्य प्रगति पर हैं। (ग) सतना जिला अन्तर्गत सेमरिया चौराहा स्थित फ्लाईओव्हर निर्माण कार्य विगत 5 वर्षों से निर्माणाधीन है, अभी तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ? यदि होगा तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। माह दिसम्बर 2020 में निविदा स्वीकृत हुई थी। संविदाकार द्वारा निर्धारित समयावधि में अनुबंध संपादित नहीं किया गया। पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निर्माण पूर्ण होने की संभावित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। मार्ग पर यातायात बाधित नहीं है। दुर्धटना की कोई सूचना नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ-1'' अनुसार है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों का निर्माण
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1098 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत राजगढ़ सर्किल में वर्ष 2019-20 में कितने 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये थे? क्या इनकी निविदायें जारी की गई थी? संख्या एवं जारी निविदाओं की दिनांक, निविदा में उल्लेखित स्थान स्पष्ट करें एवं निविदाओं पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या इनमें से कोई 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्र निरस्त किये गये हैं? यदि हाँ तो कब एवं क्यों? यदि निरस्त किये गये हैं तो पुन: कब बनाये जायेंगे? यदि निरस्त नहीं किये गये हैं तो उपकेन्द्र कब तक प्रारंभ हो जायेंगे? (ग) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राजगढ़ जिले हेतु SSTD में कितना बजट प्राप्त हुआ? उक्त बजट किन कार्यों में खर्च किया? सूची उपलब्ध कराएँ। क्या इसमें से राशि अन्य स्थानों पर 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्र निर्माण हेतु खर्च की गई? यदि हाँ तो किन उपकेन्द्रों हेतु खर्च की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2019-20 में राजगढ़ वृत्त के अंतर्गत 33/11 के.व्ही.के 13 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य स्वीकृत किये गये थे। जी हाँ, निविदायें जारी की गई थी। उक्त कार्यों हेतु जारी की गई 13 निविदाओं के निविदा क्रमांक, दिनांक एवं उपकेन्द्र के नाम/स्थान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त निविदाओं को सीमित वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 16.05.2020 को निरस्त किया गया था। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार राजगढ़ वृत्त के अतंर्गत 33/11 के.व्ही. के प्रश्नाधीन सभी 13 नवीन विद्युत उपकेंद्रों के कार्य की निविदाओं को वित्तीय कठिनाई के कारण म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 16.05.2020 को निरस्त किया गया था। तत्पश्चात अत्यावश्यक होने के कारण 33/11 के.व्ही. के 3 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों यथा-बामलाबे, अलोनी एवं सवांसी के कार्य स्वीकृत किये गये, जिनका कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 33/11 के.व्ही. के शेष 10 विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य, इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में स्वीकृत करने पर वित्तीय उपलब्धता अनुसार निर्णय लिया जायेगा। अत: कार्य प्रांरभ होने की समय सीमा बताना वर्तमान में संभव नहीं है। (ग) राज्य शासन द्वारा एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य हेतु जिलेवार राशि आवंटित नहीं की जाती आपितु संपूर्ण वितरण कंपनी हेतु राशि का आवंटन किया जाता है। उक्त योजना में प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु वर्ष 2019-20 में स्वीकृत राशि रू. 119 करोड़ के विरूद्ध रू. 25 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में स्वीकृत राशि रू. 73 करोड़ के विरूद्ध रू. 30 करोड़ की राशि म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को निर्गमित की गई है। उक्त प्राप्त राशि में से राजगढ़ जिले के अंतर्गत वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में क्रमश: 11.21 करोड़ तथा रू. 9.39 करोड़ के कार्य किये गये, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं प्रपत्र-'स' अनुसार है। चूंकि प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत राजगढ़ जिले हेतु पृथक से राशि आवंटित नहीं की गई थी, अत: प्रश्न नहीं उठता।
छापीहेड़ा-नलखेड़ा मार्ग की जर्जर हालत के संबंध में
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 1099 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत छापीहेड़ा-नलखेड़ा मार्ग की जर्जर हालत के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 164 दिनांक 05.03.21 के माध्यम से विधान सभा में मुद्दा उठाया गया था, जिस पर मंत्रीजी द्वारा कथन किया गया था कि उक्त मार्ग को दुरूस्त करने हेतु छापीहेड़ा से कालीसिंध नदी तक 12 कि.मी. का मार्ग ए.डी.बी.-7 परियोजना में सम्मिलित किया गया है? मार्ग के उन्नयन 2 लेन, 07 मीटर चौड़ाई में करने हेतु 65.10 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है? फीजिबिलिटी रिपोर्ट का कार्य पूर्ण होने के पश्चात 3 माह में, निविदा आमंत्रण पश्चात निवेशकर्ता का चयन कर, मार्ग का निर्माण की कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ख) वर्तमान में मार्ग को यातायात योग्य बनाये रखने हेतु तत्काल मरम्मत कार्य प्रारंभ करवाये जाने के निर्देश मंत्री जी द्वारा विधान सभा में दिए गये थे परंतु उक्त मार्ग पर अभी तक मरम्मत कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने के क्या कारण है? कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा? (ग) तीन माह से अधिक समय बीत जाने के पश्चात भी निविदा आमंत्रण संबंधी कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की गई है, इसका क्या कारण है? निविदा जारी होने की समयावधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। फीजिबिलिटी रिपोर्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है, वर्तमान में एडीबी-7 परियोजना हेतु एडीबी से ऋण लेने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं हुई है, अत: निविदा अथवा निर्माण की कार्यवाही की तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, मार्ग का मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, एशियन विकास बैंक से एडीबी-7 परियोजना हेतु ऋण की कार्यवाही न होने के कारण निविदा आमंत्रित नहीं की गई। समयावधि बताना संभव नहीं है।
C.M.O. के अतिरिक्त प्रभार की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1102 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की नगर पंचायत नरवर में माह अक्टूबर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना मद (फण्ड) आया एवं किस-किस योजना पर खर्च किया गया? (ख) क्या यह भी सही है कि पोहरी नगर पंचायत में पदस्थ C.M.O. को नरवर नगर पंचायत का प्रभार दिया गया है जिसकी दूरी लगभग 90 कि.मी. है? पास वाले C.M.O. मटोरा जिसकी दूरी मात्र 35 कि.मी. है प्रभार क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या नियम प्रक्रिया को ताक पर रखकर ज्यादा दूरी वाले C.M.O. को प्रभार दिया गया है जिसमें नगर पंचायत का कार्य ठीक ढंग से नहीं चल पा रहा है जबकि पास की दूरी वाले C.M.O.को प्रभार मिलना चाहिये था? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संदर्भ में C.M.O.पोहरी का प्रभार हटा कर पास की दूरी वाले C.M.O. को प्रभार दिया जायेगा, जिससे नगर पंचायत का कार्य सुचारू रूप से चल सके?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मटोरा नाम की निकाय नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ व ‘‘ख‘‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत मगरौनी का प्रभार
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1103 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की नव निर्मित नगर पंचायत में वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी किस सक्षम अधिकारी के आदेश से पदस्थ हैं? (ख) नगर पंचायत मगरौनी की तीनों ग्राम पंचायतों को क्या-क्या सामग्री चार्ज में दी गई? रिकार्ड सहित जानकारी दें। (ग) क्या नव निर्मित नगर पंचायत मगरौनी में करैरा में पदस्थ अकाउंटेंट रमेश भार्गव को प्रभार दिया गया है जबकि मगरौनी से करैरा 50 कि.मी. दूर है एवं मगरौनी से नरवर की दूरी मात्र 5 कि.मी. दूर है? क्या नगर पंचायत नरवर के अकाउंटेंट को मगरौनी का प्रभार देना चाहिये था, जिससे नगर पंचायत का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या नव निर्मित नगर पंचायत मगरौनी में ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं नगर पंचायत के कर्मचारियों ने मिलकर रिकार्ड में काफी हेराफेरी की है, जिससे नगर पंचायत का संचालन ठीक नहीं हो पा रहा है, रमेश भार्गव लोकल निवासी हैं, जिसने अपने बेटे का नाम ग्राम पंचायत निजामपुर में हेराफेरी कर कर्मचारी के रूप में जोड़ा है, तो क्या इसकी जांच उच्च स्तर से या लोकायुक्त द्वारा कराई जायेगी, यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शिवपुरी जिला की नवगठित नगर परिषद मगरौनी में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत मगरौनी की तीनों ग्राम पंचायतों द्वारा नगर परिषद् मगरौनी को समस्त दस्तावेज तथा कार्यालयीन सामग्री चार्ज में नहीं दी गई है। इस संबंध में राज्य शासन के स्तर से तथ्यों की जांच के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) जी हाँ। नगर परिषद् नरवर में लेखापाल का पद रिक्त होने के कारण नगर परिषद करैरा में पदस्थ लेखापाल को प्रभार दिया गया है। (घ) जी नहीं। श्री रमेश भार्गव के पुत्र श्री नितिन भार्गव का नाम ग्राम पंचायत निजामपुर के कर्मचारियों में पूर्व से ही सम्मिलित था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुज्ञा रिवोक किए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 1107 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला भोपाल, सिहोर, रायसेन द्वारा अपने पत्र एवं पृष्ठांकन दिनांक 17/02/2016 द्वारा मेसर्स श्रीराम कन्सट्रक्शन श्री अजीत रघुवंशी पुत्र स्व. श्री ओ.एस. रघुवंशी खजूरी कला भोपाल को सूचित किया गया कि उनके द्वारा ग्राम खजूरी कलां तहसील हुजूर जिला भोपाल स्थिति जमीन के खसरा क्रमांक 112, 113/1, 114/1, 116/1 रकबा 13.395 के संबंध में जारी अनुज्ञा मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 25 के तहत उनके कार्यालय में पत्र क्रमांक वी.पी.एल.एल.पी. 634 दिनांक 01/01/2015 जारी की गई थी उसे रिवोक कर दिया गया? यदि हाँ तो नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई विवरण दिया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुज्ञा रिवोक हो जाने के बाद संबंधित डेवलपर्स ने कौन-कौन से विकास कार्य एवं निर्माण कार्य किये? (ग) प्रश्नांश (क) में अनुज्ञा रिवोक किये जाने की सूचना मेसर्स श्री राम कन्सट्रक्शन को दी गई थी, तो नगर पालिका निगम भोपाल (कालोनी प्रकोष्ठ) ने इस संबंध में मेसर्स अजय कुमार जैन, अयोध्या बायपास रोड भोपाल से अपने पत्र क्रमांक 691/का.प्रको./2016 दिनांक 30/03/2016 से स्पष्टीकरण किस आधार पर मांगा गया? तथ्यों सहित कारण बताया जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त पत्र दिनांक के तारतम्य में नगर पालिक निगम, भोपाल के पत्र क्रमांक 691 दिनांक 30/03/2016 द्वारा कालोनाईजर मेसर्स अजय कुमार जैन से तथ्यात्मक प्रतिवेदन चाहा गया था क्योंकि संशोधित अभिन्यास क्रमांक बी पी एल एल पी 634 दिनांक 01/01/2015 के आधार पर नगर निगम में, विकास अनुमति में कोई संशोधन नहीं कराया गया था, अतः प्रकरण में आगामी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संशोधित अभिन्यास रिवोक होने तक, कालोनाईजर के द्वारा कालोनी में नालियों का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से नहीं किये गये थे एवं शेष विकास कार्यो का निर्माण पूर्ण कर लिया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुज्ञा रिवोक किये जाने की सूचना नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा मेसर्स श्रीराम कन्स्ट्रक्शन को दी गई थी, परन्तु भूमि स्वामी श्री रामसिंह आत्मज श्री देवीसिंह एवं कालोनाईजर मेसर्स श्रीराम कन्स्ट्रक्शन के मध्य निष्पादित अनुबंध पत्र दिनांक 09/02/2012 को आपसी सहमति से निरस्त किये जाने के पश्चात भूमि स्वामी द्वारा नवीन अनुबंध पत्र मेसर्स अजय कुमार जैन के साथ दिनांक 05/02/2013 को निष्पादित किये जाने के कारण अनुमोदित अभिन्यास अनुसार विकास/निर्माण करने का दायित्व मेसर्स अजय कुमार जैन का होने के आधार पर नगर निगम द्वारा पत्र क्रमांक 691/का प्रको/2016 दिनांक 30/03/2016 के द्वारा सूचना पत्र जारी किया गया।
न्यू श्रीराम परिसर में अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1108 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम भोपाल की कालोनी प्रकोष्ठ में अपने अपने पत्र दिनांक 30/06/2020 को मेसर्स अजय कुमार जैन, श्री राम कन्सट्रक्शन एवं मेसर्स श्रीराम बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स को न्यू श्री राम परिसर फेस-1, फेस-2 एवं फेस-3 खजूरी कला भोपाल को अवैध निर्माण एवं विकास कार्य न करने संबंधी पत्र जारी किये गये थे और प्रश्नकर्ता को भी इस बावत् पृष्ठांकन क्रमांक 483/का प्रको/2020 दिनांक 30/06/2020 द्वारा अवगत कराया गया था? यदि हाँ तो पत्र जारी करने के बाद क्या कार्यवाही की गई? विवरण दिया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन से विकास कार्य नहीं हुये और उनमें कौन-कौन से अवैध निर्माण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में जो अवैध निर्माण पाया गया है उसे कब तक हटा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ , नगर पालिक निगम, भोपाल की कॉलोनी प्रकोष्ठ द्वारा मेसर्स अजय कुमार जैन, श्रीराम कन्स्ट्रक्शन एवं मेसर्स श्री राम बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स को पत्र क्रमांक 480 से 482 दिनांक 30/06/2020 के द्वारा जारी किया गया था, जिसमें न्यू श्री राम परिसर फेस-1, फेस-2 एवं फेस -3 में नगर तथा ग्राम निवेश से स्वीकृत अभिन्यास में चिन्हित ओपन एरिया में किये गये अवैध निर्माण को तत्काल हटाने तथा फेस-3 में स्थाई रूप से पानी की व्यवस्था एवं नाली का निर्माण न किये जाने के संबंध में अपना प्रतिवेदन 03 दिवस में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। दिनांक 14-07-2020 को कालोनाईजर द्वारा नगर निगम में प्रति उत्तर प्रस्तुत कर लेख किया कि उनके द्वारा कालोनी के ओपन एरिया में कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया है, जो भी निर्माण किया गया है वह विधिवत नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा संशोधित अभिन्यास अनुसार ही किया गया है उक्त कालोनाईजर द्वारा प्रस्तुत जवाब/दस्तावेज के परिप्रेक्ष्य में निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा पूर्व में अनुमोदित अभिन्यास में संशोधन कर ओपन एरिया में भूखण्ड की प्लानिंग की गई है। अत: संशोधित अनुमोदित अभिन्यास अनुसार ओपन एरिया में कोई अवैध निर्माण होना नहीं पाया गया, इस कारण अग्रिम कार्यवाही की आवश्यकता नहीं हुई। (ख) कॉलोनी में नाली का निर्माण/विकास कार्य पूर्ण रूप से नहीं किया गया है, शेष विकास कार्य जैसे सड़क, पेयजल व्यवस्था, विद्युतीकरण, सीवेज प्रणाली आदि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जहां तक अवैध विकास/निर्माण का प्रश्न है इसकी स्थिति प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्पष्ट की गई है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार कालोनी में अवैध विकास/निर्माण के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषक अनुदान योजनान्तर्गत रीवा जिले में लाभान्वित कृषक
[ऊर्जा]
141. ( क्र. 1111 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजनान्तर्गत रीवा जिले के अंतर्गत कितने किसानों ने अपने हिस्से की राशि जमा कराई? (ख) उनमें से कितने कृषकों के खेतों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर लगाए गए? (ग) ऐसे कृषकों की संख्या बतावें जिनके द्वारा आवेदन एवं राशि जमा कराने के बाद उन्हें योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल सका है? (घ) क्या माननीय मंत्री जी रीवा जिले में ऐसी कुछ व्यवस्था करेंगे, जिसके द्वारा योजना के अंतर्गत पात्र एवं आवेदित ऐसे कृषकों को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर योजना का लाभ प्राप्त हो सके, ताकि उनके फसल सिंचाई के अभाव में नुकसान से बच सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत रीवा जिले में कुल 2512 कृषकों द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु अपने अंशदान की राशि जमा कराई गई। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कृषकों में से 2493 कृषकों को तकनीकी आवश्यकतानुसार विद्युत लाईन विस्तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना कर स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये। (ग) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत रीवा जिले के 19 कृषक अंशदान की राशि जमा करने के बाद भी विभिन्न कारणों से योजना से लाभान्वित नहीं हो सके। उक्त 19 कृषकों में से 10 कृषकों द्वारा योजना समाप्ति के पश्चात अपने अंशदान की राशि जमा कराई गई है जिसके कारण योजनान्तर्गत कार्यादेश जारी नहीं हो सका एवं उक्त कृषकों की जमा की हुई राशि वापस कर दी गई है तथा शेष 09 कृषकों का कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या होने के कारण पूर्ण नहीं हो सका, जिनमें से 5 कृषकों की राशि वापस कर दी गई है तथा 4 कृषकों की राशि वापस करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। अत: वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
विधान सभा वार आवंटन निधि के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1112 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक भोपाल नगर निगम में विधानसभा वार मुख्यालय निधि एवं अन्य निधियों से विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने ठेकेदारों के कितनी राशि के भुगतान किये जा चुके हैं?तथा कितने ठेकेदारों को कितनी राशि के भुगतान नहीं किये गये हैं? (ग) नगर निगम द्वारा वार्ड 32 जोन क्र. 7 में 36 चबूतरा एवं 45 चबूतरा पर दुकानों का निर्माण किया है तथा इनकी बिक्री भी की जा चुकी है। दुकानों के निर्माण में क्रमश: कितना खर्च हुआ एवं निर्माण का मापदण्ड क्या था? दुकानों की ऊंचाई मापदण्ड के तहत है अथवा नहीं? (घ) नगर निगम द्वारा वार्ड 32 जोन क्र. 7 में 36 चबूतरा एवं 45 चबूतरा पर दुकानों का विक्रय किस आधार पर किया गया एवं कितनी-कितनी राशि में किया गया विक्रय मापदण्ड क्या था? सूची उपलब्ध करावें। तथा इसमें आरक्षण का मापदण्ड रखा गया अथवा नहीं। (ड.) भोपाल नगर निगम अंतर्गत वार्ड क्र. 46 जोन क्र. 7 चार इमली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, क्या यहां शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के तहत कार्य कराया जा रहा है? उक्त निर्माण में अभी तक कितनी राशि खर्च की गई है एवं कितनी खर्च किया जाना शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल के यांत्रिक विभाग, जलकार्य विभाग, सीवेज प्रकोष्ट, उद्यान विभाग एवं विद्युत शाखा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक नगर निगम, भोपाल द्वारा लगभग 1594 ठेकेदारों को राशि रूपये 7,66,24,56,044/- (सात अरब छियासठ करोड़ चौबीस लाख, छप्पन हजार चवालीस) भुगतान किया जा चुका है तथा लगभग 870 ठेकेदारों को राशि रूपये 1,38,75,46,062/- (एक अरब, अड़तीस करोड़, पिछहत्तर लाख, छियालीस हजार बासठ) का भुगतान किया जाना शेष है, जिसका भुगतान भी समय-समय पर फण्ड की उपलब्धता पर किया जा रहा है। (ग) 45 चबूतरे व्यवसायिक भवन निर्माण में वर्तमान तक राशि रूपये 79.29 लाख का व्यय हुआ है एवं कार्य प्रगति पर है। 36 चबूतरे व्यवसायिक भवन निर्माण में वर्तमान तक राशि रूपये 34.00 लाख का व्यय हुआ है एवं कार्य प्रगति पर है। दुकानों का निर्माण कार्य यू.ए.डी.डी. एस.ओ.आर. 2012 एवं ऊचाई म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है। (घ) नगर निगम, भोपाल द्वारा वार्ड 32 जोन क्रमांक 7 में 36 चबूतरा एवं 45 चबूतरा पर दुकानों का विक्रय अचल सम्पत्ति अंतरण नियम 2016 के अनुसार आरक्षण के मापदण्डों का पालन करते हुए किया गया है। राशि का विवरण एवं मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (ड.) जी हाँ। उक्त निर्माण कार्य में अभी तक राशि रूपये 8,12,68,880/- (आठ करोड़, बारह लाख, अड़सठ हजार आठ सौ अस्सी) का भुगतान किया जा चुका है तथा राशि रूपये 40,63,444/- (चालीस लाख, तिरेसठ हजार चार सौ चवालीस) का भुगतान किया जाना शेष है।
गौशाला हेतु भूमि आवंटन
[पशुपालन एवं डेयरी]
143. ( क्र. 1113 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में गौशाला के लिये भूमि का आवंटन किया गया है, यदि हाँ तो कहां-कहां पर किस-किस को आवंटन किया गया है? सूची प्रदान करें। (ख) भोपाल जिले में अब तक कितनी गौशाला संचालित है एवं कितनी गौशालाएं और प्रारंभ की जानी है, अर्थात कितने आवेदन प्रतिक्षारत है? (ग) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा के कलियासोत रोड़ पर वन भूमि में किस-किस को गौशाला के लिये भूमि आवंटन की गई है? क्या इस सड़क पर खुली हुई गौशाला वैध है अथवा अवैध? सूची सहित बतावें। (घ) भोपाल में कितनी गौशाला शासकीय भूमि पर है एवं कितनी अशासकीय भूमि पर तथा कितनी गौशाला वैध है एवं कितनी गौशालाएं अवैध संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा भूमि का आवंटन नहीं किया जाता। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।। (ख) भोपाल जिले में संचालित गौशालाओं की जानकारी परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जिले में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 21 गौशालाऐं संचालित है। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 12 गौशालाऐं पूर्ण होकर संचालित हैं एवं वर्ष 2020-21 में 30 गौशालाऐं निर्माण हेतु स्वीकृत हैं। गौशाला प्रारंभ किए जाने हेतु कोई आवेदन प्रतिक्षारत नहीं है। (ग) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा कलियासोत रोड पर वन भूमि में किसी भी पंजीकृत गौशाला के लिए भूमि आवंटित नहीं की गई है। कलियासोत रोड पर म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत नंदिनी गौशाला (शारदा विहार ट्रस्ट) संचालित है। (घ) भोपाल में शासकीय भूमि एवं अशासकीय भूमि पर संचालित गौशालाओं की सूची परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत गौशालाऐं वैध हैं।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत सप्लाई
[ऊर्जा]
144. ( क्र. 1116 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक को किन-किन फीडरों के कौन-कौन से वितरण ट्रांसफार्मर कब से बंद या जले हुये है जो बदलने हेतु शेष हैं? इन्हें अब तक न बदलने का क्या कारण हैं,इन्हें कब तक बदला जावेगा सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत विगत छ: माह (6 month) में कब-कब कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर खराब हुए, उन्हें कब-कब बदला गया तथा कब-कब कहाँ-कहाँ की केबल खराब हुई तथा उन्हें कब बदला गया? यदि नहीं बदला गया तो क्यों नहीं? (ग) क्या पूर्व में तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में 132/33 के.व्ही. का पॉवर हाऊस एवं ग्राम कुऑं के पास 33/11 के.व्ही. विद्युत सब-स्टेशन स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर यदि हाँ, तो उन पर हुई प्रगति से अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर, संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत विगत छ: माह की अवधि में ट्रांसफार्मरों एवं निम्नदाब केबल के खराब होने तथा बदले जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गयी दिनांकवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'ब' एवं प्रपत्र-'स' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर, संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। खराब केबल के सभी प्रकरणों में सुधार कार्य कर अथवा केबल बदल कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया है। (ग) मध्यप्रदेश के राजपत्र में दिनांक 08.06.2020 को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत नवीन 132/33 केव्ही विद्युत उपकेन्द्र एवं 132 के.व्ही. डीसीएसएस स्लीमनाबाद-बहोरीबंद-कटंगी लाईन के कार्य कराये जाने हैं। वर्तमान में ग्राम कुऑ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में नवीन 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने के संबंध में दिनांक 22.02.2021 को बोली प्रक्रिया समन्वयक (बिड प्रोसेस कोर्डीनेटर) आरईसी टीपीसीएल द्वारा टेंडर बिड खोला जा चुका है एवं सफल निविदाकर्ता चुनने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती बिजली उपलब्ध करायी जाना
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 1118 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में बिजली बिल विभिन्न प्रयोजनों में किस-किस दर से लगाई जा रही है? शहरी एवं ग्रामीण की पृथक-पृथक विस्तृत विवरण देवें। (ख) कमलनाथ सरकार के दौरान बिजली बिलों में काफी राहत देते हुये 100 यूनिट 100 रूपये बिजली बिल निर्धारित की गई थी इसे क्यों बंद कर दिया गया है? कब तक बिजली बिलों में राहत देते हुये बिजली सस्ते दर पर उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) किसानों के मोटर पम्प हेतु मुफ्त बिजली दिये जाने एवं पूर्व के बकाया बिलों को माफ किये जाने की सरकार की क्या योजना है? कब तक आदेश जारी किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश दिनांक 30.06.2021 के तहत् विभिन्न प्रयोजनों हेतु निर्धारित दरों के अनुसार बिलिंग की जा रही है। दर अनुसूची की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन के आदेशानुसार पूर्व से लागू इंदिरा गृह ज्योति योजना बंद नहीं की गई है एवं वर्तमान में भी इस योजना में निहित प्रावधानों के अनुसार संचालित की जा रही है तथा पात्र उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना में घरेलू उपभोक्ताओं के 100 यूनिट तक की खपत के लिये अधिकतम राशि रू. 100/- का विद्युत देयक जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 21.06.2021 के पालनार्थ 01 हेक्टेयर तक की भूमि वाले पांच हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के स्थाई कृषि पम्प उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष उपभोक्ताओं को भी शासन द्वारा जारी आदेशानुसार विद्युत देयकों में सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इन शेष कृषि उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दिये जाने एवं पूर्व में बकाया बिलों को माफ करने संबंधी कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं।
तेन्दू वृक्षों के संरक्षण के संबंध में
[वन]
146. ( क्र. 1121 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तेंदूपत्ता
के वृक्ष
एफ.आर.एल.
(गिर्थ)
वृद्धि की दर
क्या है? वैज्ञानिक
शोध आधारित
विस्तृत
जानकारी
प्रदान करें। (ख) मध्यप्रदेश
में तेंदूपत्ता
संग्रहण के
कार्य से शासन
को गत 03 वर्षों
में कितनी आय
प्राप्त हुई
है? प्रति
जिला
यूनियनवार
जानकारी
प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में तेंदूपत्ता
संग्रहण
कार्य में
कितने श्रमिक
कार्यरत हैं व
गत 03 वर्षों
में उन्हें
किस दर से एवं
कितना भुगतान
किया गया है? जिला
यूनियनवार
भुगतान की गई
राशि की
जानकारी
प्रदान करें। (घ) 0-30
से.मी. गिर्थ
वाले 20,251
वृक्षों: 31-60
से.मी. गिर्थ
वाले 14,256
वृक्षों: 91-120
से.मी. गिर्थ
वाले 1,749
वृक्षों से
शासन
अनुमानित रूप
से कितना राजस्व
अर्जित कर
सकता है और
संग्राहकों
को इससे कितनी
आय हो सकती है? शोध
आधारित
अनुमानित
प्राक्कलन प्रदान
करें।
वन मंत्री
( श्री कुंवर
विजय शाह ) : (क) तेन्दूपत्ता
वृक्ष
एफ.आर.एल.
(गिर्थ)
वृद्धि की दर
के संबंध में
कोई
वैज्ञानिक
शोध की जानकारी
उपलब्ध नहीं
है। तदापि
श्री व्ही. के
मेटलेण्ड (1926) द्वारा
मध्य प्रांत
के लिए लिखित
फॉरेस्ट पॉकेट
बुक में दिये
गये आंकड़ों के
आधार पर 10
वर्ष, 20 वर्ष
एवं 30 वर्ष की
आयु में
तेन्दू वृक्ष
की औसत गोलाई
तथा औसत ऊँचाई
का उल्लेख
विभिन्न
कार्य आयोजनाओं
में किया जाता
रहा है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) तेन्दूपत्ता
संग्रहण के
कार्य से शासन
को कोई आय
प्राप्त नहीं
होती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार
है। (घ) इस
प्रकार के शोध
बाबत्
जानकारी नहीं
है, अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय मेडिकल, कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
147. ( क्र. 1122 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग के वेबसाइट के अनुसार विगत 15 वर्षों में शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है और महाविद्यालयों का विस्तार सुदूर आदिवासी अंचलों तक हो गया है? यदि हाँ, तो कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी शासकीय महाविद्यालयों की नामवार जानकारी के साथ-साथ महाविद्यालयवार पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय महाविद्यालय में व्यवसायिक पाठ्यक्रम जैसे, पत्रकारिता, प्रबंधन, चिकित्सा एवं औषधि, विधि, इंजीनियरिंग आदि पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं हैं, तो क्या शासन विद्यार्थियों के हित में इन पाठ्यक्रमों को भविष्य में उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है? यदि उत्तर हाँ, है तो योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में, क्या शासन भविष्य में इस आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र में शासकीय मेडिकल कॉलेज, प्रबंधन संस्थान अथवा इंजीनियरिंग महाविद्यालय स्थापित या प्रारंभ करने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। कुक्षी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत एक शासकीय महाविद्यालय तथा 04 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। व्यवसायिक पाठ्यक्रम के अन्तर्गत पत्रकारिता प्रबंधन, चिकित्सा एवं औषधि, विधि, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पृथक-पृथक विभागों द्वारा संचालित किये जाते हैं। विधि पाठ्यक्रम के लिये बार काउंसिल ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली की अनुमति आवश्यक है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नवगठित निकायों में नियम विरूद्ध संविलियन
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1124 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने नगरीय निकाय अधिसूचित हैं? इनमें से कितने नगरीय निकाय दिनांक 01 जनवरी 2018 के पश्चात गठित किये गये हैं? सूची अधिसूचित होने की तिथि सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में नवीन गठित नगरीय निकायों में ग्राम पंचायत के कर्मचारियों को नगरीय निकाय में संविलियन के क्या प्रावधान हैं? नियम, आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। क्या निकायों द्वारा नियमों का अनुपालन कर सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई है? यदि नहीं तो किस कारण से? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में नवीन गठित नगरीय निकायों में ग्राम पंचायत के विघटन के समय कितने कर्मचारी नियमित/संविदा के पद पर कार्यरत थे? (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग को हुई आर्थिक क्षति के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय अधिसूचित है एवं 01 जनवरी 2018 के पश्चात 27 नगरीय निकाय गठित हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जहां तक संविलियन हेतु सक्षम स्वीकृति का प्रश्न है। म.प्र. नगर पालिका (वेतनमान एवं भत्ता) नियम 1967 के नियम 8 (3) के पदो हेतु नियम 11 के अनुसार संविलियन हेतु जिला चयन समिति द्वारा निकाय के प्रस्ताव पर संविलियन की कार्यवाही की अनुशंसा के आधार पर निकाय द्वारा ही संविलियन आदेश जारी किये जाने का प्रावधान है। पृथक से शासन स्तर पर सक्षम स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' के तारतम्य में नवीन गठित नगरीय निकायों में ग्राम पंचायत के विघटन के समय 20 नियमित एवं 48 संविदा के पद पर कर्मचारी कार्यरत थे। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में नियमों की अनदेखी
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1125 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम भोपाल अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, हाँ ऊस फॉर ऑल में निर्माणाधीन आवासों की बुकिंग कितनी, किस दर पर कहाँ-कहाँ के लिये की गई है? बुकिंग राशि किस-किस बैंक के किस-किस प्रकार के खातों में कुल बुकिंग की कितनी प्राप्त हुई है? उसमें से कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन से किस-किस को कब-कब कितनी जारी की गई है? पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राहुल नगर फेज-1 (रिवेरा टाऊन) में भी आवासों का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ तो उस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या लक्ष्य, कितनी अवधि में पूर्ण करने हेतु निर्धारित किये गये हैं? उसमें से कितना लक्ष्य कब-कब पूर्ण कर लिया गया है? शेष लक्ष्य प्राप्ति हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई है? लक्ष्य पूर्ति नहीं होने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में राहुल नगर फेस-1 में कितनी भूमि है? उक्त भूमि का उपयोग किस-किस निर्माण हेतु कितना-कितना किया जा रहा है? 100 प्रतिशत उपयोग पृथक-पृथक बतायें। क्या निर्माणाधीन आवासों को रहवासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये बनाया जा रहा है, जिसमें समस्त अनुमतियों का पालन सुनिश्चित किया जाना है? यदि हाँ तो क्या-क्या नियमों एवं आदेशों का पालन कर कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के पालन में बुकिंगकर्ताओं को धनराशि बचत खाते में जमा की गई है? यदि हाँ तो किस-किस खाते में कितनी-कितनी, किस नियम/निर्देश के तहत प्रति संलग्न करें। यदि नियम विरूद्ध कार्य किया गया है तो कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जिस ठेकेदार से कार्य लिया जा रहा है? वह समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं कर पाया है तो उसका ठेका निरस्त क्यों नहीं किया जा रहा है? पूर्ण राशि जमा होने पर भी आवासों का पजेशन नहीं होने के कारण कितने आवेदन पत्र पृथक-पृथक कारणों से प्राप्त हुए है? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) योजनान्तर्गत बुकिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’अ’’, बैंक तथा खातों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार तथा कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन से किस-किस को कब-कब जारी की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’स’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेषांश प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’द’’ अनुसार है। (ग) राहुल नगर फेस-1 अंतर्गत (रिवेरा टॉउन) में 11276 वर्गमीटर भूमि है। भूमि उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’इ’’ अनुसार है। जी हाँ। निर्माणाधीन आवासों को रहवासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये बनाया जा रहा है, जिसमें समस्त अनुमतियों का पालन सुनिश्चित किया गया है। नियमों एवं आदेशों का पालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’फ’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। बुकिंग कर्ताओं की धन राशि बचत खातें में जमा की गई है। खातों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ज’’ अनुसार है। भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के नियमों के प्रावधानों के अनुसार पृथक-पृथक परियोजनाओं हेतु पृथक-पृथक खाता खोला गया है (भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के राजपत्र नियम 2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ह’’ अनुसार है)। नियमानुसार कार्य किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ह-1’’ अनुसार है।
पी.आई.यू. जिला जबलपुर के संबंध में
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 1128 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) के द्वारा प्रश्न दिनांक से गत तीन वर्ष में कितने विकास कार्य प्रस्तावित हुये हैं तथा कितने विकास कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई है? स्वीकृत विकास कार्यों में से कितने के निर्माण पूर्ण हुए तथा कितने निर्माणाधीन हैं एवं कितने विकास कार्यों को रोका गया है? जनपदवार सूची उपलब्ध कराते हुए प्रत्येक की शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा भी बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने की एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य की जिम्मेदारी किसकी है? उपरोक्त कार्यों की गुणवत्ता की जांच कब-कब किस अधिकारी द्वारा की गई एवं निर्माण कार्य यदि समय-सीमा में नहीं पूर्ण होते है तो क्या-क्या नियम एवं शर्तें हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी निर्माण कार्य अपनी समय-सीमा में पूर्ण किये गए हैं? यदि नहीं तो प्रत्येक निर्माण कार्यों में हुये विलंब का क्या कारण है? विलंब के लिए कौन-कौन उत्तरादायी है? प्रत्येक निर्माण कार्यों में हो रही देरी के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या पी.आई.यू. जिला जबलपुर द्वारा चल रहे विकास कार्यों हेतु जनप्रतिनिधियों से निरीक्षण कराकर प्रगति के बारे में जानकारी देगा एवं उनकी राय लेगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फ्लाई-ओवर निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 1129 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा दमोह नाका से मदनमहल तक बन रहे फ्लाई-ओवर निर्माण कार्य में 1. कन्सट्रक्शन एवं डिमोलिशन एक्ट का पालन नहीं किया जाना, 2. निर्माता कंपनी द्वारा प्रदूषण का फैलाना, 3. यातायात की समस्या निराकरण नहीं किया जाना, 4. निर्माण स्थलों के नीचे से निकल रही पाइप लाइनों एवं सीवर लाइन को हटाये बिना ही निर्माण कार्य करना, 5. परियोजना की समुचित मॉनीटरिंग न होने की अनियमितताएं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं है तो प्रत्येक अनियमितता से संबंधित पृथक-पृथक जांच रिपोर्ट की सत्यापित प्रति मय स्थल पंचनामा के उपलब्ध करावें। उक्त पंचनामा में कम से कम एक क्षेत्रीय शासकीय अधिकारी एवं कोई दो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि शामिल हो। (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो उक्त अनियमितताएं के लिये कौन-कौन जिम्मेवार है? विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं क्या-क्या किया जाना शेष है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं? कार्यवाही नहीं किये जाने के स्पष्ट कारण बताएं। (घ) उक्त फ्लाई-ओवर निर्माण की समय-सीमा क्या है एवं कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं (1) कन्सट्रक्शन एवं डिमोलिशन एक्ट का पालन किया जा रहा है। (2) निर्माता कंपनी द्वारा कोई भी प्रदूषण नहीं फैलाया जा रहा है। (3) आवश्यकतानुसार यातायात की समस्या का निराकरण किया जा रहा है। (4) निर्माण स्थलों के नीचे से निकल रही पाईप लाईन एवं सीवर लाईन को आवश्यकतानुसार हटाने के पश्चात् ही निर्माण कार्य किया जा रहा है। (5) परियोजना की समुचित मॉनिटरिंग अनुबंधित कंसल्टेंट एजेंसी-मेसर्स एकॉम एशिया कंपनी लिमिटेड इन ज्वाईट वेंचर विथ लॉयन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट लिमिटेड एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा निरंतर की जा रही है। (ख) प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 3 वर्ष अर्थात दिनांक 04.05.2023 तक है।
रेरा में नए प्रोजेक्टों का समय सीमा में पंजीयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 1133 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर एवं भोपाल नगर में बिल्डरों के रेरा में पंजीयन नहीं होने से करोड़ों रूपयों की लागत के प्रोजेक्ट के कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं? यदि हाँ तो विगत एक वर्ष में कितने बिल्डरों के आवेदन रेरा में पंजीयन हेतु लंबित हैं एवं पंजीयन हेतु आवेदन के दिनांक से कितने समय में पंजीयन किए जाने का नियम/प्रावधान है? रेरा में उक्त पंजीयन किन कारणों से नहीं किये जा सके हैं? (ख) क्या क्रेडाई के पदाधिकारियों द्वारा रेरा के चेयरमेन दिनांक 18 जून 2021 को वर्चुअल मीटिंग में रेरा पंजीयन नंबर जारी करने एवं प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ाने आदि मांग की गई है? यदि हाँ तो क्रेडाई की मांगों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या बिल्डरों के रेरा में पंजीयन नहीं होने से जहां एक ओर बिल्डरों के करोड़ों रूपये के प्रोजेक्ट का कार्य ठप्प है, जिससे शासन को रजिस्ट्री, खनिज रायल्टी, जी.एस.टी. का नुकसान हो रहा है? यदि हाँ तो क्या समय पर रेरा पंजीयन नंबर जारी होने से रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े कारोबार सीमेंट, सरिया, सेनेटरी एवं फर्नीचर जैसे अनेक कारोबारों में भी तेजी आएगी? (घ) यदि हाँ तो रेरा में लंबित आवेदनों का पंजीयन कब तक निराकरण कर दिए जाएगे? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में रेरा में पंजीयन हेतु लंबित प्रोजेक्ट का कब तक पंजीयन किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उनके द्वारा नियमानुसार अस्थाई पंजीयन जारी करने की मांग की गई थी परंतु यह विधि सम्मत नहीं है। समय सीमा वृद्धि की मांग के परिप्रेक्ष्य में आदेश दिनांक 30/06/2021 के द्वारा तीन माह की अतिरिक्त समय वृद्धि प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पंजीयन यथाशीघ्र कर दिये जायेंगे। (ड.) प्रश्नांश ’’घ’’ अनुसार।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1135 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किप्रश्नकर्ता द्वारा नगर निगम आयुक्त ग्वालियर को 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के निराकरण एवं नगर निगम ग्वालियर सीमा क्षेत्र की अन्य जानकारी हेतु लिखे गए विभिन्न पत्रों-पत्र क्रमांक -164 दिनांक 16/04/2021, पत्र क्रमांक-207 (स्मरण पत्र) दिनांक 05-06-2021 पत्र क्रमांक- 139 दिनांक 06/03/2021, पत्र क्रमांक- 204 (स्मरण पत्र) दिनांक 05/06/2021, पत्र क्रमांक- 183 दिनांक 12/05/2021, पत्र क्रमांक- 206 (स्मरण पत्र) दिनांक- 05/06/2021, पत्र क्रमांक- 198 दिनांक 05/06/2021 पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है? विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जानकारी परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है।
कोरोना वायरस से मृत शवों का अंतिक संस्कार हेतु आर्थिक सहायता
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 1136 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के अंतर्गत 01 मार्च, 2021 से 15 जुलाई 2021 तक की अवधि में कोविड-19 कोरोना वायरस से मृत लोगों के कितने-कितने शवों का अंतिम संस्कार किस-किस जिले एवं नगर के मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया? मृतकों की संख्या माहवार दें? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कोरोना से मृत शवों को किस-किस शासकीय एवं निजी चिकित्सालय/अस्पताल से कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हेतु मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में लाया गया? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार उपरांत कितनी-कितनी संख्या में प्रमाण पत्र मुक्तिधाम/कब्रिस्तान के ट्रस्ट/संस्था द्वारा जारी किए गए जिसमें कोरोना से मृत्यु का उल्लेख किया गया है? जारी किए गए प्रमाण पत्र की विवरण मुक्तिधाम/कब्रिस्तानवार,जिलेवार/नगरवार दें। (घ) क्या कोविड-19 कोरोना वायरस मृत लोगों के निकटतम परिजनों को शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है?यदि हाँ तो कितने मृतकों के निकटतम परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
बिजली खरीदी के अनुबंध
[ऊर्जा]
155. ( क्र. 1137 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्थान, तमिलनाडु में बिजली खरीदी शार्ट टर्म और लांग टर्म खरीदी अनुबंधों को समय से पहले निरस्त कर दिया है और उच्च न्यायालयों ने शासन के कदम को सही ठहराया है? क्या शासन इनके मद्दे नजर राज्य धन की बरबादी रोकने के लिये अधिकारियों की मिलीभगत से किये गये अनुबंधों को निरस्त करेगी? (ख) प्रदेश में 1 अप्रैल 2021 के अनुसार बिजली खरीदी के किस-किस कंपनी के (गैर-पंरपरागत को छोडकर ) अनुबंध कितनी बिजली की मात्रा के लिये किस दर से प्रभावशील है तथा वर्ष 2016-2017 से वर्ष 2020-2021 तक किस-किस कंपनी से कितनी मात्रा में बिजली किस औसत दर से कुल कितनी खरीदी गई? (ग) बिजली खरीदी की अनुबंध की शर्तों के कारण प्रदेश के वर्ष 2016-17 से 2020-2021 तक कुल मिलाकर कितने करोड़ रूपये का भुगतान बिना बिजली खरीदे करना पड़ा? क्या शासन ऐसे अनुबंधों की परख के लिये कोई कमेटी बनाई है? यदि हाँ तो उस कमेटी की पिछले 5 सालों की रिपोर्ट देवें। (घ) वर्ष 2014-15 से 2020-2021 तक प्रदेश में घरेलू उपभोक्ता के लिये बिजली के कुल कितने मीटर किस-किस कंपनी से किस दर से कितनी मात्रा में कितनी राशि के खरीदे गये? तथा बतायें कि इस अवधि में घरेलू उपभोक्ताओं के कुल कितने मीटर बदले गये? वितरण कंपनी अनुसार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजस्थान, तमिलनाडु में बिजली खरीदी के शार्ट टर्म और लॉंग टर्म खरीदी अनुबंधों को समय से पहले निरस्त करने और माननीय उच्च न्यायालयों द्वारा शासन के इस कदम को सही ठहराने संबंधी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। समस्त दीर्घकालिक विद्युत क्रय अनुबंध भविष्य की विद्युत आवश्यकता को देखते हुए किये जाते हैं। अत: अनुबंधों को निरस्त करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रदेश में 01 अप्रैल 2021 की स्थिति में विद्युत क्रय अनुबंधों की, विद्युत क्रय की अनुबंधित मात्रा एवं दर सहित कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 तक कंपनीवार विद्युत क्रय की मात्रा एवं औसत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रदेश में बिजली खरीदी के अनुबंधों की शर्तों के अनुसार वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक बिना बिजली खरीदे किेये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा ऐसे अनुबंधों की परख हेतु कोई कमेटी नहीं बनाई गई है। तथापि एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा आंतरिक स्तर पर समय-समय पर अनुबंधों की समीक्षा की जाती रही है। तत्संबंध में समीक्षा उपरान्त निरस्त किये गये विद्युत क्रय अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) म.प्र.पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक उपभोक्ताओं के लिए खरीदे गये बिजली के मीटरों की संख्या, प्रदायकर्ता कंपनी का नाम, दर एवं राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर क्रय करने का कोई पृथक से प्रावधान नहीं है। विद्युत मीटर उपभोक्ताओं के स्वीकृत भार के अनुसार उनके परिसर में लगाये जाते हैं। अत: म.प्र.पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक खरीदे गये कुल मीटरों में से कितने विद्युत मीटरों का उपयोग घरेलू प्रयोजन हेतु हुआ है यह बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांकित अवधि में उपभोक्ताओं हेतु कुल 7239986 मीटर वितरण कंपनियों द्वारा क्रय किये गये जिसमें म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत 3468844, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत 1987799 एवं म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत 1783343 मीटर क्रय किये गये। प्रश्नांकित अवधि में उपभोक्ताओं के कुल 4555218 मीटर वितरण कंपनियों द्वारा बदले गये जिसमें म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के 2580139 , म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के 969975 एवं म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के 1005104 मीटर बदले गये।
नगर निगम द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 1141 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से जून 2021 तक इन्दौर संभाग अन्तर्गत की नगर निगमों द्वारा कोविड के विरूद्ध खर्च की गई राशि की माह अनुसार मद अनुसार जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा शासन को कोविड खर्च की जो भी जानकारी भेजी गई है उसकी प्रति देवें। (ख) प्रदेश की नगर निगमों में कोविड के दौरान मार्च 2020 से जून 2021 तक माह अनुसार जन्म एवं मृत्यु की जानकारी दें तथा प्रति माह होने वाली वृद्धि तथा कमी का कारण बताएं। क्या वर्ष 2021 में अप्रैल से जून माह में पिछलें वर्षों की तुलना में 5 से 10 गुना वृद्धि कोरोना के कारण हुई है? (ग) कोरोना अवधि में चल रहे इंदौर, भोपाल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तथा मेट्रो रेल के प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य किस तरह से कितना प्रभावित हुआ? इंदौर, भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट व स्मार्ट सिटी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तथा डीपीआर की प्रति देवें तथा प्रश्न दिनांक तक इन दोनों शहर के स्मार्ट सिटी व मेट्रो प्रोजेक्ट में किस-किस सेवा के लिए कौन-कौन से कंसलटेंट व ठेकेदार तय किए गए और उन्हें कितना-कितना भुगतान दिया गया है और कितना बचा है, की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) इंदौर, नगर निगम में कोरोना के दौरान मार्च 2020 से मई 2021 तक काफी तादात में कोरोना मरीज के पाये जाने के कारण क्या रहे? क्या इसका अध्ययन करने के लिये कोई कमेटी बनाई गई या नहीं? यदि नहीं तो क्यों तथा तीसरी लहर के मद्देनजर ऐतीहात के तौर पर क्या कदम उठाए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
बिल्डरों के प्रोजेक्टों का रैरा के द्वारा पंजीयन न किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1145 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के द्वारा प्रदेश के शहरों में तकनीकी सहायक एवं रेगुलेशन नहीं बनाये जाने के अभाव में लगभग 300 से अधिक नये प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, जिससे मध्यप्रदेश शासन को राजस्व की हानि हुई है? लंबित प्रोजेक्ट की स्थिति, बेरोजगारी की स्थिति, शासन की हानि, बिल्डर्स की हानि और बैंकों की हानि की चार्टवार स्थिति बतायें। (ख) क्या सितम्बर 2020 के बाद रेरा में एक भी प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी है, जिसके कारण डेवलपर्स प्रोजेक्ट का विज्ञापन भी नहीं कर पा रहे हैं और न ही वैध चैनल से बुकिंग हो रही है और न ही इनकी रजिस्ट्री हो पा रही है? (ग) क्या प्रश्नांकित प्रोजेक्टस की रजिस्ट्री न होने के कारण शासन को लगभग 2 हजार करोड़ के राजस्व की आर्थिक क्षति वित्तीय वर्ष 2020-2021 में हुई है और आगे भी वित्तीय वर्ष 2021-2022 में क्षति होने की संभावना है? (घ) क्या शासन द्वारा उपर्युक्त आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु रेरा को नये प्रोजेक्ट जारी करने हेतु निर्देशित किया जायेगा एवं आर्थिक नुकसान की जिम्मेदारियां तय कर दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। सितम्बर 2020 को अध्यक्ष पद एवं अक्टूबर, 2020 में सदस्य (तकनीकी) का पद रिक्त हुआ। भू-संपदा (विनियमन और विकास) नियम 2017 के नियम 23 (2) के अंतर्गत प्राधिकरण की बैठक हेतु कोरम पूरा न होने से प्रोजेक्ट पंजीयन की कार्यवाही नहीं हुई। इस कारण प्रमोटर विधि अनुसार कार्यवाही नहीं कर पायें। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों का समयमान वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
158. ( क्र. 1147 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.03.2021 के परि.अता.प्र.सं. 37 (क्र. 3462) के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया था कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के मुद्रणालय विभाग के सेवानिवृत्त शेष 12 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु समिति का गठन किया गया है तो मार्च 2021 से प्रश्न दिवस तक समिति के द्वारा प्रश्नांकित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिलाये जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांकित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिलाये जाने में विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व से ही विलंब किया गया है, अब शासन द्वारा कब तक समयमान वेतनमान का लाभ दिला दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के मुद्रणालय विभाग के सेवानिवृत्त शेष 12 कर्मचारियों के समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने के अनुक्रम में मुद्रणालय विभाग के 11 कर्मचारियों के आदेश दिनांक 13.07.2021 को जारी किये गये। एक कर्मचारी को पूर्व से ही उन्नत वेतनमान प्राप्त होने से समयमान वेतनमान की पात्रता नहीं है। (ख) विश्वविद्यालय द्वारा किसी प्रकार का विलम्ब नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुपयोगी जमा कराई गई राशि
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
159. ( क्र. 1156 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हथकरघा संचालनालय एवं रेशम संचालनालय द्वारा विगत वर्ष 2015/16 से वर्ष 2021 तक शासन के पक्ष में कोई अनुपयोगी राशि जमा कराई गई है? यदि हाँ तो जमा कराई राशि का विवरण जैसे, कुल राशि, जमा करने का कारण, राशि जमा कराने की दिनांक का विवरण उपलब्ध कराया जावें। (ख) क्या प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कोषालय/शासन के पक्ष में जमा कराई गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र, राशि जमा कराने के पूर्व महालेखा कार्यालय एवं अन्य आवश्यक कार्यालयों में भेजा जा चुका था? इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ग) राशि जमा कराने के पूर्व उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध गलत उपयोगिता प्रमाण पत्र दिये जाने के लिये क्या कार्यवाही की गई है? (घ) जमा कराई गई राशि कितने वर्षों तक किस संस्था के किस खाते में जमा रही तथा उस पर कितना ब्याज मिला? यदि राशि जमा कराई गई है तो उस पर प्राप्त होने वाले ब्याज को भी जमा कराया गया कि नहीं? यदि नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है एवं ब्याज की राशि का क्या उपयोग किया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। रेशम संचालनालय द्वारा राशि रूपये 163.15 करोड अनुपयोग राशि जमा की गई, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ तथा हाथकरघा संचालनालय द्वारा राशि रूपये 4.00 करोड अनुपयोगी राशि जमा की गई, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। रेशम संचालनालय अंतर्गत केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत उत्प्रेरण विकास कार्यक्रम योजना में प्राप्त केन्द्रांश राशि रूपये 65.88 करोड के उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि जमा कराने के पूर्व आयुक्त रेशम ने तत्समय केन्द्रीय रेशम बोर्ड को प्रेषित किये गये थे। हाथकरघा संचालनालय की योजनाओं में सीहोर एवं सीधी जिले के सहायक संचालक द्वारा मार्जिनमनी राशि बैंक को रिलीज करने के पश्चात राशि रूपये 17.94 लाख के उपयोगिता प्रमाण पत्र संचालनालय को भेजे गये थे। प्रबंध संचालक, म0प्र0 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा एकीकृत क्लस्टर विकास योजना में वर्ष 2013-14 में स्वीकृत परन्तु अव्ययतित राशि रूपये 73.00 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा गया। (ग) रेशम संचालनालय एवं म0प्र0 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम अंतर्गत राशि जमा कराने के पूर्व उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई। सहायक संचालक हाथकरघा सीहोर एवं सीधी राशि मार्जिनमनी बैंकों को रिलीज के पश्चात उपयोगिता प्रमाण पत्र संचालनालय को भेजे गये थे, बैंकों द्वारा हितग्राहियों के स्वीकृत प्रकरण की राशि हितग्राहियों को रिलीज नहीं करने के कारण राशि शासन में जमा कराई गई है, अत: किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रेशम संचालनालय अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2020-21 तक हितग्राही मूलक योजनाओं की राशि कृषकों एवं प्रक्षेत्र अधिकारियों के संयुक्त बैंक खातों एवं म.प्र. सिल्क फेडरेशन के विभिन्न बैंक खातों में जमा रही। बैकों के संयुक्त खातों की वृहद संख्या होने से ब्याज की राशि का पृथक से आंकलन नहीं है किन्तु जमा कराई गई राशि में ब्याज सम्मिलित है। हाथकरघा योजनाओं की राशि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, ये राशियॉं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के खाते में जमा रहती है, इन खातों में जिला पंचायत की अन्य राशियॉं भी जमा रहती है, अत: पृथक से ब्याज की गणना नहीं होने से 33 जिलों द्वारा ब्याज राशि जमा नहीं कराई गयी तथा 8 जिलों द्वारा ब्याज गणना ज्ञात कर ब्याज राशि जमा कराई गयी है। वर्ष 2013-14 में म0प्र0 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम को स्वीकृत रूपये 73.00 लाख हैण्डीक्राफ्ट क्लस्टर क्लब इन्दौर के खाते में लगभग 7 वर्ष से जमा थी जिसे मूल राशि रूपये 73.00 लाख एवं प्राप्त ब्याज राशि 11.068 लाख जून 2020 में चालान से शासन पत्र में जमा कराया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सागर झील सफाई एवं नाला ट्रेपिंग का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 1157 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर झील सफाई एवं नाला ट्रेपिंग कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? क्या तालाब खाली करने एवं नालों से तालाब में पानी भरने का कार्य साथ-साथ चला। क्यों? (ख) तालाब से मिट्टी/गाद निकालने के कार्य का सत्यापन निगम/स्मार्ट सिटी कम्पनी के कौन-कौन अधिकारियों के द्वारा किया गया? निगम कमिश्नर एवं स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. के इस कार्य में क्या दायित्व थे? (ग) क्या माननीय परिवहन व राजस्व मंत्री ने कार्यस्थल को देखकर कार्य की मंद गति पर नाराजगी व्यक्त की थी? जब तय समय में कार्य होना था? तब अपर्याप्त संसाधन कार्य करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की देख-रेख में क्यों लगाये गये? 15 जुलाई तक कितना कार्य शेष है, कितना व्यय किया गया? कितना व्यय होना था? (घ) क्या कार्य से अधिक व्यय हुआ है? अधूरे कार्य से किया गया खर्च व्यर्थ हुआ? निगम आयुक्त/स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. की उपेक्षा, लापरवाही, संलिप्तता से जनधन की हानि हुई है? क्या जांच सी.टी.ई. मु. तक. परीक्षक से होगी? दोषियों को दण्डित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर झील (लाखा बंजारा झील) के जीर्णोद्धार व पुनर्विकास कार्य हेतु 18 माह की समयावधि अनुबंध अनुसार निर्धारित है। इसमें झील सफाई एवं नाला ट्रेपिंग का कार्य सम्मिलित है, जो कि झील खाली करने के उपरांत प्रारंभ किया गया है। (ख) तालाब से मिट्टी/गाद निकालने के कार्य का सत्यापन स्मार्ट सिटी के अभियंताओं एवं सम्बद्ध प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टैंट के एक्सपर्ट द्वारा किया गया है। निगम कमिश्नर एवं स्मार्ट सिटी सी.ई.ओं. के द्वारा आवश्यक दिशा–निर्देश एवं निरंतर कार्य की मॉनिटरिंग की जाती है। (ग) माननीय परिवहन व राजस्व मंत्री द्वारा 25 मई 2021 को स्थल निरीक्षण कर कार्य की गति बढ़ाये जाने हेतु निर्देश दिये थे। यह कहना सही नहीं है की अपर्याप्त संसाधन कार्य करने के लिये प्रशासनिक अधिकारीयों की देख-रेख में लगाये गये है। तय समय में कार्य के पिछड़ने से कार्य संपादित कर रही फर्म को नोटिस दिया गया है, जिसके उत्तर में फर्म द्वारा कोविड-19 महामारी एवं बारिश के कारण कार्य बाधित होना बताया है।15 जुलाई 2021 तक 31% कार्य पूर्ण किये गये एवं 69% शेष है एवं उक्त दिनांक तक राशि रू.23 करोड़ का व्यय हुआ है। (घ) जी नहीं। कार्य गतिशील है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के आदेश क्रमांक/330/एस.टी./2021 सागर, दिनांक 21/05/2021 के द्वारा लाखा बंजारा झील के पुनरूद्धार कार्यों की शिकायत के परिप्रेक्ष्य में गठित समिति द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में जितना कार्य किया गया उतना भुगतान होने से किसी प्रकार की जन धन की हानि नहीं होने से आयुक्त/स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. की उपेक्षा, लापरवाही, संलिप्तता का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। सागर स्मार्ट सिटी के द्वारा मुख्य अभियंता, तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) भोपाल को स्थल निरीक्षण करने हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक/SSCL/2021/873 सागर, दिनांक 12/03/2021 के माध्यम से अनुरोध किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
निकायों में स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 1160 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका परिषद नौगांव एवं महाराजपुर तथा नगर परिषद हरपालपुर व गढ़ीमलहरा में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के कार्य 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्यों पर अब तक कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित निकायों में उक्त अवधि में स्वीकृत निर्माण कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? घटिया निर्माण हेतु कौन जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बायपास मार्ग व रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
162. ( क्र. 1161 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत हरपालपुर बायपास मार्ग व हरपालपुर में रेल्वे ओवर ब्रिज की मांग लम्बे समय से की जा रही है, क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त कार्यों की स्वीकृति हेतु शासन/विभाग से आग्रह किया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा कार्यवाही कर प्रस्ताव बनाकर शसन को भेजा है? यदि हाँ तो कब? (ग) कब तक हरपालपुर बायपास मार्ग व हरपालपुर में रेल्वे ओवरब्रिज के निर्माण की स्वीकृतियां जारी की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत हरपालपुर बायपास मार्ग व हरपालपुर में आर.ओ.बी. निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र द्वारा भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक योजना 2021-22 में भू-अर्जन कार्य हेतु सम्मिलित किया जाकर भू-अर्जन की कार्यवाही प्रगति पर है। भू-अर्जन पूर्ण होने पर भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से विस्तृत प्राक्कलन पर आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त ही निर्माण कार्य किया जाना संभव होगा।
श्रम व पर्यावरण मापदण्डों का पालन
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 1165 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा व शहडोल संभाग अंतर्गत कहां-कहाँ, कौन-कौन सी म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की विद्युत उत्पादन इकाईयां हैं? इनमें प्रत्येक में कितने-कितने कर्मचारी व श्रमिक कार्यरत हैं? इनमें कितने प्रतिशत स्थानीय एवं कितने बाहर के हैं? (ख) क्या उक्त विद्युत उत्पादन इकाईयों द्वारा श्रम विभाग व पर्यावरण विभाग के मार्गदर्शी नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित इकाईयों की स्थापना के लिये परम्परागत रूप से निवासरत् व्यक्तियों व वनवासियों की भूमियों का भी अधिग्रहण किया गया था? यदि हाँ तो इनके पुनर्वास व रोजगार की अब तक क्या व्यवस्था की गई है? विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रीवा व शहडोल संभाग अंतर्गत म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की विद्युत उत्पादन इकाईयों की जानकारी, कार्यरत कर्मचारी व श्रमिकों की संख्या तथा स्थानीय एवं बाहरी कर्मचारी एवं श्रमिकों के प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उक्त विद्युत उत्पादन इकाईयों द्वारा श्रम विभाग व पर्यावरण विभाग के मार्गदर्शी नियमों का पालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं (ग) उत्तरांश “क” में वर्णित इकाईयों की स्थापना के लिये किये गये भूमि अधिग्रहण की तथा पुनर्वास व रोजगार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1168 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में किस-किस योजनान्तर्गत कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? निर्माण कार्यों की योजना व निकायवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ रहने के क्या कारण हैं कार्य का नाम, लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेगें? गुणवत्ताविहीन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है तो क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत द्वितीय चरण में कितने विकास कार्य स्वीकृत किये गये थे? कौन-कौन से कार्य निरस्त किये गये हैं? निरस्ती का क्या कारण हैं? इसके लिए दोषी कौन हैं? निरस्त किये गये कार्यों को पुर्नजीवित कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या नगर परिषद लटेरी के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती मीरादेवी सक्सेना व तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की कब-कब जांचें की गई? यदि जांचें नहीं की गई है तो कब तक कर ली जावेगी? क्या लोकायुक्त में एफआईआर. दर्ज करने के आदेश जारी किये थे? यदि हाँ तो फिर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई है? इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? एफआईआर दर्ज कब तक कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजना तृतीय चरण की स्वीकृति हेतु, वित्त विभाग के परामर्श पर, द्वितीय चरण की अप्रारंभ/नगण्य प्रगति की परियोजनाओं को निरस्त किया गया है। निरस्त परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया जाना विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। तत्कालीन अध्यक्ष नगर परिषद लटेरी श्रीमती मीरादेवी सक्सेना एवं तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद लटेरी के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन द्वारा प्र. क्र. 11/2016 में जांच की गयी है, जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर विदिशा के पत्र क्र. 3081 दिनॉंक 20.08.2018 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आपराधिक प्रकरण संस्थित करने निर्देश दिये गये थे। तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती मीरादेवी सक्सेना द्वारा मान. उच्च न्यायालय ग्वालियर बैंच में दायर याचिका क्र. 21614/18 में मान. न्यायालय के आदेश दिनॉंक 19.09.2018 से, आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगायी गयी है। कोई उत्तरदायी नहीं है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री शैलेन्द्र सिन्हा, श्री रामप्रकाश साहू, श्री सुधीर उपाध्याय, श्री भैयालाल सिंह, श्री आत्माराम सावरे एवं तत्कालीन उपयंत्री श्री सईद उद्दीन के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमांक 13384 दिनॉंक 29.07.2019 से, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा विभागीय जांच प्रचलित है। मान. उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से एफ.आई.आर. किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
योजनाओं का सही क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
165. ( क्र. 1169 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में सौभाग्य योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं अन्य योजनाओं में 01 जनवरी, 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये हैं। कार्य का नाम कार्य एजेन्सी का नाम कार्य की भौतिक स्थिति,कार्यादेश दिनांक पूर्णता दिनांक सहित वृत्तवार जानकारी उपलब्ध करावें।। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में विद्युत लाइन के मरम्मत कार्य, सब स्टेशनों के मरम्मत कार्य हेतु कितनी सामग्री एवं राशि उपलब्ध कराई गई है? वर्षवार एवं तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। प्रतिदिन तार टूटने, पोल टूटने की घटनाएं क्यों हो रही हैं? तो इसके लिए दोषी कौन है? (ग) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखण्ड सिंरोज एवं लटेरी में कितने ग्रामों के कहां-कहां ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? उनमें से कितने ट्रांसफार्मर खराब/जले हैं एवं कब-कब बदले गये हैं? क्या गारंटी अवधि के ट्रांसफार्मर भी एक दो माह में खराब हो रहे हैं? इसकी जांच विभाग द्वारा किन अधिकारियों से करवाई गई? जांचकर्ता अधिकारी के नाम, दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई है तो जांच कब तक करवाई जावेगी? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 326, 327, 328, 329/बीपीएल/2020 दिनांक 25/11/2020 श्रीमान प्रमुख सचिव को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को पत्रों की पावती से कब अवगत कराया गया? तथा पत्रों का उत्तर कब दिया गया है? दिनांक सहित बतावें तथा छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी। (ड.) विदिशा जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विद्युत दुर्घटनाओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं व कितने व्यक्तियों एवं पशुओं की मृत्यु हुई है या घायल हुए हैं? उनको कितना मुआवजा दिया गया है? कितने प्रकरण निरस्त/अपात्र किये गये हैं? निरस्ती/अपात्रता का कारण सहित बतलावें। प्रश्नकर्ता के पत्र अधीक्षण यंत्री विदिशा, सहायक यंत्री सिरोंज को कब-कब प्राप्त हुए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विदिशा वृत्त में सौभाग्य योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं अन्य योजनाओं में 01 जनवरी 2017 से प्रश्नांकित दिनांक तक किये गये कार्यों के नाम, कार्य एजेंसी का नाम, कार्य की भौतिक स्थिति एवं कार्यादेश क्रमांक/संख्या की कार्य पूर्णता दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि रख रखाव कार्य हेतु योजनावार/विकासखंडवार/तहसीलवार सामग्री एवं फंड का आवंटन नहीं किया जाता, अपितु वृत्तवार आवंटन किया जाता है। अत: सिंरोज एवं लटेरी क्षेत्र में रखरखाव कार्य हेतु फंड की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि विदिशा वृत्त के लिये रखरखाव हेतु वर्षवार आवंटित फंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। प्रतिदिन तार टूटने की घटनाएं नहीं होती है। अपितु प्राकृतिक आपदा यथा अत्याधिक वर्षा, आंधी तूफान, इंसुलेटर बर्स्ट होने, पेड़ों की डाली लाईन पर गिरने, इत्यादि कारणों से पोल एवं तार टूटने की घटनाएं घटित होती है, जिन्हें निर्धारित समय-सीमा में दुरुस्त कर विद्युत प्रदाय चालू करने की कार्यवाही की जाती है। अत: इसके लिए कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखंड सिरोंज एवं लटेरी के अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाए अनुसार ग्राम अमाघाना, बमोरीशाला, वामनखेड़ी, करोसिया, बेरखेड़ी, महमूदपुर, पथरिया, धनोदा एवं सिरोंज में कुल 12 वितरण ट्रासंफार्मर स्थापित किये गए है। उक्त में से कोई भी वितरण ट्रासंफार्मर फेल नहीं हुआ है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा को प्रेषित पत्रों यथा पत्र क्रमांक 326,327,328 एवं 329/बी.पी.एल/2020 दिनांक 25.11.2020 की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित की गई। तदुपरांत उक्त पत्र मुख्य महाप्रबंधक (एम.एण्ड बी.एम.) कार्यालय प्रबंध संचालक (म.क्षे.) भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 489 दिनांक 04.12.2020 से मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल को प्रेषित किये गये। उक्त पत्रों के माध्यम से विधायक महोदय द्वारा की गई विभिन्न मांगो पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी द्वारा की गई कार्यवाही का पूर्ण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। समय-समय पर आयोजित विभिन्न समीक्षा बैठकों के माध्यम से माननीय विधायक महोदय को कार्य की प्रगति से अवगत कराया गया है। (ड.) विदिशा जिले में 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 259 विद्ययुत दुर्घटनाओं की शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसमें 102 व्यक्ति एवं 129 पशुओं की मृत्यु हुई है एवं 28 व्यक्ति घायल हुये हैं। 41 मृतकों के वारिसों/पशु स्वामियों को कुल राशि रू. 52,93,100 का मुआवजा दिया गया है। 89 प्रकरणों को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्युत दुर्घटना से संबंधित लागू परिपत्र के प्रावधानों के तारतम्य में अपात्र पाया गया है। शेष 129 प्रकरण प्रक्रियाधीन/विचाराधीन है। अधीक्षण यंत्री वृत्त विदिशा, कार्यालय को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 233 दिनांक 03.02.2021 प्राप्त हुआ था, जिसमें 4 व्यक्तियों की विद्युत दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिजनों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने हेतु लेख किया गया है। उक्त सभी प्रकरण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्युत दुर्घटना से संबंधित लागू परिपत्र के प्रावधानों के तारतम्य में आर्थिक सहायता राशि हेतु अपात्र पाये गये। सहायक यंत्री सिरोंज को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कुल 4 पत्र यथा पत्र क्रमांक 737 दिनांक 28.08.2020, पत्र क्रमांक 1122 दिनांक 08.12.2020, पत्र क्रमांक 541 दिनांक 14.04.2021 एवं पत्र क्रमांक 596 दिनांक 14.04.2021 विभिन्न कार्य दिवसों में प्राप्त हुऐ हैं। पत्र क्रमांक 596 एवं 1122 पर कार्यवाही की गई। इन पत्रों में उल्लेखित प्रकरण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में दुर्घटना से संबंधित लागू परिपत्र के प्रावधान अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में नहीं आते है। पत्र क्रमांक 541 एवं 737 के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
166. ( क्र. 1172 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत विगत पांच वर्षों में कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस वर्ष में स्वीकृत हुए? उनकी लागत एवं पूर्णता अवधि सहित जानकारी दें। (ख) उक्त निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा कराये जा रहे हैं? उन एजेंसियों का पूर्ण नाम पता सहित जानकारी दें। (ग) उक्त निर्माण कार्यों की लागत में कब-कब, कितने-कितने प्रतिशत की किन-किन कारणों से वृद्धि की गई? कार्यवार जानकारी दें। (घ) उक्त कार्यों की गुणवत्ता की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई एवं क्या-क्या प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये? निर्माण कार्यवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-2'' एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ''अ-2'' एवं प्रपत्र-ब अनुसार है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
167. ( क्र. 1173 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग/प्रदूषण निवारण मण्डल के पास विगत तीन वर्षों में किस-किस उद्योग के संबंध में किस-किस प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई है? उद्योगवार जानकारी दें। (ख) किस-किस उद्योग के संबंध में क्या-क्या शिकायत किस-किस के द्वारा दी गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्त शिकायतों की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई एवं जांच में क्या तथ्य पाये गये एवं उनके संबंध में क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार है ।
नियुक्तियों में अनियमितता
[आयुष]
168. ( क्र. 1178 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 6-1/2002/अ.प्र./एक दिनांक 18.01.2018 एवं एफ 7-22/2019/अ.प्र./एक दिनांक 30.05.2019 द्वारा प्रदेश के बैगा/शहरिया/सहरिया एवं भारिया जनजाति वर्ग के लोगों को मात्र आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर भर्ती प्रक्रिया अपनाये बिना नियुक्ति प्रदान करने हेतु राजपत्र का प्रकाशन किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) के पालन में आयुष विभाग में इस जनजाति वर्ग के अभ्यार्थियों द्वारा प्रदेश के आयुष महाविद्यालयों/चिकित्सालयों/औषद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पालन में उम्मीदवारों की नियुक्ति हेतु माननीय विधायकों द्वारा समय-समय पर पत्र लिखा गया? विधायकों के पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या आयुष विभाग में इस जनजाति संवर्ग के अभ्यार्थियों के आवेदन एवं प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित माननीय विधायकों के निर्देशों के उपरांत भी पात्रताधारी उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई? संचानालय पत्र क्रमांक/एफ-69/2018/2/स्था./1939 दिनांक 10.08.2018, 26.02.2020 एवं 29.06.2021 द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को भ्रमित कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभ्यार्थियों को लाभ से वंचित कर नियुक्ति प्रदान नहीं की जावेगी? (ड.) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्पष्ट निर्देशों के पश्चात भी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभ्यार्थियों के आवेदको को नियुक्ति प्रदान कर, इन लुप्त हो रही जनजातियों को बचाया जा सकता है? यदि हाँ तो तीन वर्ष तक नियुक्ति प्रदान न कर सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देशों के पश्चात भी सामान्य प्रशासन विभाग से नियुक्तियों में आरक्षण पर अभिमत प्रदान किये जाने वाले आयुष अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला कार्यालयो को मूलतः आवेदन भेज दिये गये है। (ग)जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त अभिमत के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) उत्तरांश ‘‘घ’’ के अनुसार।
पेंच रिपेयरिंग एवं रिनुअल कार्यों की जांच
[लोक निर्माण]
169. ( क्र. 1182 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लागत की बनवाई जा चुकी हैं? यह सड़कें कितने वर्षों तक परफारमेंस गारंटी की समय सीमा में थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक जतारा विधानसभा की सड़कों पर एवं उसके पेंच रिपेयर पर एवं रिनुअल पर कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से ठेकेदार को प्रदाय कर यह कार्य कब-कब, किस दर पर कराये गये हैं? क्या यह कार्य गुणवत्ताहीन थे यदि हाँ तो क्या, इनकी जांच करायी जावेगी यदि हाँ, तो कब तक और किस स्तर के अधिकारियों द्वारा? तथा जॉंचोपरांत दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त समयावधि से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्यों पर कितनी-कितनी राशि जिले में स्वीकृत होकर भेजी गई थी एवं उपरोक्त कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है? यह भी बतायें कि जिन कार्यों पर पेंच रिपेयर एवं रिनुअल के कार्य नहीं होने थे फिर क्यों कराये गये हैं? इसमें कौन-कौन दोषी हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण कराये गये है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) संभागों को विधान सभावार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। पूंजीगत कार्यों के संबंध में राशि आवंटन नहीं की जाती, अपितु केन्द्रीय सर्वर (आई.एफ.एम.एस.) द्वारा ग्लोबल अंतर्गत रहती है। प्रश्नांश ’ख’ के कार्यों हेतु संभाग को संविदाकार अनुसार राशि प्रदान नहीं की जाती है। इस हेतु संभाग को एकजाई राशि प्रदान की जाती है। मार्गों पर पेंच एवं समयावधि अनुसार रिन्युवल कार्य की आवश्यकता थी उन्ही मार्गों पर कार्य कराया गया है, अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ऐरन
से सनाई मार्ग
का निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 8 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि ऐरन से सनाई मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे आवागमन में वाहनों को चलाने में परेशानी हो रही है और दुर्घटना हो रही हैं। (ख) सड़क की स्थिति खराब है, यदि हां तो विभाग उक्त सड़क निर्माण कार्य कब तक कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ऐरन से सनाई मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधिपत्य में नहीं है। अपितु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इकाई-1 सागर के अंतर्गत है। महाप्रबंधक म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-2 सागर का पत्र दिनांक 21.06.2021 प्रमाण स्वरूप संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
बीना कंजिया मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 9 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना कंजिया मार्ग क्षतिग्रस्त हो गयी हैं? बीना से बम्होरी तक की सड़क की देखरेख का अनुबंध रिफायनरी बीना से हैं या समाप्त हो गया हैं? (ख) यदि अनुबन्ध समाप्त हो गया हैं तो सड़क निर्माण कार्य कौन करेगा? (ग) क्या सड़क की स्थिति अत्यधिक खराब हैं, यदि हां तो विभाग सड़क निर्माण कार्य कब तक कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं आंशिक रूप से। मार्ग की वास्तविक लंबाई 26.80 कि.मी. में से कि.मी. 17 से 27/8 तक (कुल लंबाई 10.80 कि.मी.) का भाग प्लान के अन्तर्गत स्वीकृत है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। शेष भाग लंबाई 16.00 कि.मी. के भाग का अनुबंध बीना रिफायनरी से नहीं अपितु जे.पी. पावर बीना से है। अनुबंध अगस्त 2021 तक का है। (ख) अनुबंधानुसार अगस्त 2021 तक मार्ग का रख-रखाव जे.पी. पावर प्लांट द्वारा किया जाना है। (ग) जी नहीं, शेष उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
आदमगढ़ में पानी जमाव से आवागमन में असुविधा
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 41 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 26.06.2021 से कलेक्टर, होशंगाबाद को पत्र लिखकर नर्मदा विहार कालोनी, होशंगाबाद से लगे आदमगढ़ अंडरब्रिज में पानी की निकासी न होने से नागरिकों के आवागमन संबंधी समस्या का निराकरण करने हेतु अनुरोध किया गया था। (ख) उक्त समस्या का स्थायी निराकरण कर दिया गया है। यदि हां तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? समस्या का निराकरण कब तक किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) अंडर ब्रिज का निर्माण रेल्वे विभाग द्वारा उनके अधिपत्य की जमीन पर किया गया है। विभाग द्वारा कोई कार्यवाही संभव/शेष नहीं।
सीवरेज एवं अमृत योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 42 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद में सीवरेज योजना एवं अमृत योजना कब से स्वीकृत की गई। (ख) सीवरेज योजना में विलंब के एवं अमृत योजना में असफलता के क्या कारण है? क्या इस हेतु सभी (मुख्य पंपिंग स्टेशन/पहुँच मार्ग सहित अन्य) आवश्यक वित्तीय स्वीकृति दी जा चुकी है यदि नहीं तो कब तक दी जा सकेगी? (ग) सीवरेज योजना कब तक प्रारंभ हो सकेगी? (घ) अमृत योजना के अंतर्गत कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य, किन कारणों से अप्रारंभ है? (ड.) क्या अमृत योजना में जहाँ पाईपलाइन डाली गई वहां दो समय पानी दिया जा रहा है? यदि नहीं तो इसके क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) होशंगाबाद में सीवरेज योजना दिनांक 12.05.2017 को स्वीकृत की गई। अमृत योजना 25 जून 2015 से प्रारंभ की गई है। (ख) सीवरेज योजना में विलंब का प्रमुख कारण भूमि की अनुपलब्धता रही है। अमृत जलप्रदाय योजना असफल नहीं हुई है अपितु ठेकेदार द्वारा निर्धारित लक्ष्य अनुसार कार्य नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित सीवरेज परियोजना हेतु सभी (मुख्य पंपिंग स्टेशन/ पहुंच मार्ग अन्य) आवश्यक वित्तीय स्वीकृति दी जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सीवरेज योजना का कार्य प्रगतिरत है। (घ) अमृत योजनांतर्गत हरित क्षेत्र विकास योजना के घटक ऑफीसर क्लब पार्क व हाउसिंग बोर्ड कालोनी में प्ले इक्यूपमेंट्स/ बेसिक एमिनिटीस कार्य लागत रू. 7.85 लाख एवं लैंड स्केपिंग कार्य लागत रू. 12.64 लाख के दो कार्य अप्रारंभ हैं, उक्त दोनों कार्यों में निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) जी नही, पूरे नगर में अमृत योजना के पूर्व से कार्यरत इंटेकवेल एवं फिल्टर प्लांट की क्षमता के दृष्टिगत प्रतिदिन एक समय पर्याप्त मात्रा में जल प्रदाय किया जा रहा है।
आवास उपलब्ध कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 73 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका बेगमगंज तथा नगर परिषद् सिलवानी में मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को आवासीय कॉलोनी निर्माण हेतु कब-कब कितनी भूमि आवंटित की गई? (ख) उक्त शहरों में निर्धन वर्ग एवं आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा भूमि आवंटन की दिनांक से जुलाई 2021 तक की अवधि में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगर पालिका बेगमगंज तथा नगर परिषद् सिलवानी में मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा कब तक आवास का निर्माण किया जायेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बेगमगंज में 8 एकड़ भूमि न्यायालय कलेक्टर जिला रायसेन के आदेश क्र. 78/रीडर/2013, दिनांक 08.02.2013 द्वारा अटल आश्रय योजना (कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग) के भवनों हेतु आरक्षित की गई है तथा सिलवानी नगर परिषद अंतर्गत अभिलेख अनुसार मण्डल को कोई भी भूमि आवंटन/आरक्षित होना नहीं पाया गया है। (ख) बेगमगंज में भूमि आरक्षण दिनांक 08.02.2013 के पश्चात मण्डल द्वारा उक्त भूमि पर अटल आश्रय योजना तैयार कर दिनांक 28.10.2014 को मंत्रि-परिषद समिति से 117 ई.डब्ल्यू.एस. एवं 117 एल.आई.जी. भवनों की योजना की स्वीकृति प्राप्त की गई। भवनों के पंजीयन हेतु समाचार पत्र में विज्ञापन जारी किया गया था किन्तु पंजीयन प्राप्त नहीं हुए। वर्तमान में एम.पी.पी.डब्ल्यू.डी. एस.ओ.आर. की दरों में परिवर्तन हो जाने के कारण उक्त योजना को पुनः पुनरीक्षित किया जा रहा है। तत्पश्चात पंजीयन आमंत्रित किये जायेगें एवं पंजीयन प्राप्त होने के उपरान्त भवनों का निर्माण किया जावेगा। सिलवानी में उचित भूमि/मांग प्राप्त होने पर योजना तैयार की जावेगी। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दूध खरीदी की व्यवस्था
[पशुपालन एवं डेयरी]
6. ( क्र. 74 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में दुग्ध संघ द्वारा किन-किन स्थानों पर दूध खरीदी की क्या-क्या व्यवस्थायें की गई है ग्राम स्तर की समिति में कौन-कौन पदाधिकारी है तथा किसानों से किस भाव पर दूध क्रय किया जाता है। (ख) किसानों को दूध का भुगतान करने की क्या प्रक्रिया है तथा इसमें ग्राम स्तर की समिति की क्या-क्या भूमिका है जुलाई 2021 की स्थिति में किसानों का कितनी राशि का भुगतान बकाया है तथा बकाया राशि का भुगतान कब तक होगा। (ग) रायसेन जिले में दूध के परिवहन में कितने वाहन लगे हुए है तथा उनका मिल्करूट क्या है? (घ) रायसेन जिले में कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी कब से पदस्थ है तथा उनके नाम, पद सहित पूर्ण विवरण दें तथा उनकी क्या-क्या जवाबदारी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) रायसेन जिले में दिनांक 30.06.2021 की स्थिति में 268 ग्रामों में दुग्ध सहकारी समितियों एवं दुग्ध संकलन केन्द्रों के माध्यम से दूध क्रय किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार। ग्राम स्तर पर समिति सदस्यों द्वारा समिति सचिव एवं समिति के संचालक मण्डल (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं 7 संचालक सदस्य) का चयन किया जाता है। वर्तमान में किसानों से भैंस का दूध लगभग रूपये 38.00 प्रति लिटर एवं गाय का दूध रूपये 29.10 प्रति लिटर की दर से क्रय किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
नगर पालिका एवं नगर परिषदों में पट्टा वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 98 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में 30 जून, 2021 की स्थिति में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें, उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) 30 जून, 2021 की स्थिति में उक्त निकायों के पास किस-किस मद योजना की कितनी राशि है? उक्त राशि व्यय करने की क्या योजना हैं? उक्त राशि कब तक व्यय होगी। (ग) उक्त निकायों में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन व्यक्ति कब से झुग्गी बनाकर रह रहे हैं? उनको भूमि का पट्टा एवं आवास क्यों नहीं दिया? कब तक पट्टा देंगे। (घ) उक्त निकायों में विगत 3 वर्षों में किन-किन व्यक्तियों को कहां-कहां, किस आधार पर पट्टे दिये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘द’ अनुसार है।
विस्थापितों की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 115 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत घंटाघर के पास कन्वेशन सेंटर का निर्माण कराने हेतु घंटाघर के दो मंजिला मार्केट एवं लाल स्कूल बड़ी ओमती के कितने परिवारों, दुकानदारों को विस्थापित करने के पूर्व दिनांक 10/04/2018 को आयोजित मेयर इन काउंसिल की बैठक में क्या निर्णय लिया गया था एवं उन्हें क्या आश्वासन दिया गया था? पारित निर्णय की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में नगर निगम जबलपुर एवं जिला प्रशासन ने विस्थापितों के पुनर्वास हेतु तिलहरी में बसाहट के सम्बंध में क्या योजना बनाई। यहां पर कौन-कौन सी सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं की गई/कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कब किस स्तर पर कितनी-कितनी राशि के कराये गये/निर्मित आवासों व सड़क की क्या स्थिति हैं/शिक्षा चिकित्सा मनोरंजन रोजगार आदि की क्या व्यवस्था की गई है/कितने परिवारों को भूमि के पट्टे दिये गये हैं एवं कितने परिवारों को पट्टे नहीं दिये गये एवं क्यों? (ग) विस्थापित कितने दुकानदारों को रोजगार हेतु कहां पर दुकानें आवंटित की गई हैं एवं यहां पर रोजगार की क्या सुविधाएं एवं व्यवस्था हैं। इनकी मांगे क्या हैं तथा इस पर क्या निर्णय लिया गया हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जलबपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत घंटाघर के पास कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराने हेतु घंटाघर के दो मंजिला मार्केट एवं लाल स्कूल बड़ी ओमती के परिवारों स्थित नगर निगम स्वामित्व की दुकानों के 6 व्यक्तियों तथा 5 परिवारों को विस्थापित हेतु मेयर इन काउंसिल की बैठक दिनांक 10.05.2018 में संकल्प क्रमांक 769 से गोहलपुर अमखेरा मार्ग स्थित दुकान काम्पलेक्स में दुकान देने का निर्णय पारित किया गया है। संकल्प की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में घंटाघर के दो मंजिला मार्केट एवं लाल स्कूल बड़ी ओमती के दुकानदारों को तिलहरी में विस्थापन किये जाने के संबंध में कोई योजना नहीं बनाई गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) घंटाघर के विस्थापित 6 व्यक्तियों तथा 5 परिवारों को गोहलपुर अमखेरा मार्ग स्थित दुकान काम्पलेक्स के प्रथम तल में दुकानें देना प्रस्तावित है। वर्तमान में उक्त स्थल के भूतल पर निर्मित दुकानों पर व्यवसाय हो रहा है। उक्त काम्पलेक्स में मूलभूत सुविधायें पानी, प्रकाश, शौचालय उपलब्ध है। विस्थापित दुकानदारों द्वारा दुकान के बदले दुकान की मांग की गयी जिस पर संकल्प क्रमांक 769 अनुसार दुकानें दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
निर्माणाधीन स्मार्ट सड़कें
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 116 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर की कौन-कौन सी सड़कों को चिंहित कर इन्हें स्मार्ट सड़क बनाने की कब क्या योजना बनाई हैं? इनकी निर्धारित लम्बाई एवं चौड़ाई कितनी-कितनी हैं इनके लिए किनती राशि स्वीकृत की गई हैं और इनका नोटिफिकेशन कब कराया गया हैं? निर्माण कब किस एजेन्सी से किन शर्तों पर कितनी-कितनी राशि में कब कराया गया हैं/इनकी गुणवत्ता की जांच किसने की हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रथम फेस की स्वीकृत कहां-कहां की कौन-कौन सी स्मार्ट सड़कों का निर्माण अभी तक नहीं कराया गया हैं एवं क्यों? (ग) विधानसभा पूर्व क्षेत्र जबलपुर के तहत आने वाली चिंहित व स्वीकृत कौन-कौन सी. स्मार्ट सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया हैं एवं क्यों? कहां-कहां की निर्मित सड़कों की निर्धारित कितनी-कितनी चौड़ाई को कम कर निर्माण कराया गया हैं एवं क्यों? कौन-कौन सी सड़के निर्माणधीन, अपूर्ण व अनिर्मित हैं एंव क्यों? इनकी निर्धारित निर्माणधीन अवधि व लागत कितनी-कितनी हैं एंव कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं? (घ) गोहलपुर थाना से अमखेरा तक की कितने कि.मी. लम्बाई एवं चौड़ाई की स्वीकृत स्मार्ट सड़क का निर्माण नहीं कराया गया हैं एवं क्यों? वर्तमान में सड़क की क्या स्थिति है तथा कब तक निर्माण कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में स्मार्ट रोड फेज-1, फेज-2, फेज-3 एवं घमापुर चौक से चुंगीचौकी एवं गोकलपुर से रांझी तक स्मार्ट रोड के निर्माण की योजना बनायी गयी है। स्मार्ट सिटी रोड के लम्बाई एवं चौड़ाई, निर्माण एजेंसी, स्वीकृति दिनांक/नोटिफिकेशन, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य की गुणवत्ता की जाँच एजेंसी एवं अद्यतन स्थिति के संबंध में सूचिबध्द जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) स्मार्ट रोड फेज-1 अंतर्गत प्रस्तावित सड़कों के कुछ भागों में जिनमें निर्माण कार्य नहीं कराया गया है के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उपरोक्त सड़कों पर लोक निर्माण विभाग म.प्र.के द्वारा निर्माणाधीन दमोह नाका से मदन महल तक बनने वाले फ्लाईओवर के कारण कार्य नहीं किया जा सका है। (ग) विधानसभा पूर्व क्षेत्र जबलपुर के तहत आने वाली चिन्हित सभी सड़कों का निर्माण कार्य जारी है। निर्माणाधीन, अपूर्ण व अनिर्मित सड़कों के संबंध में अद्यतन जानकारी तथा निर्माणाधीन अवधि, लागत एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) गोहलपुर थाना से अमखेरा होते हुए खजरी बाईपास तक 4.7 कि.मी. की प्रस्तावित सड़क की निर्माण हेतु निविदा प्रचलन में है। वर्तमान में निविदा का तकनीकी परीक्षण प्रगति पर है, प्रस्तावित चौड़ाई 24 मी. है। वर्तमान में सड़क अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त है। इसका निर्माण एजेंसी चयनित होनें के पश्चात कराया जा सकेगा।
वन भूमि में निर्मित भवन
[वन]
10. ( क्र. 117 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह नगर पालिका क्षेत्र में निर्मित कितने प्रधानमंत्री आवास भवन वन विभाग की भूमि पर निर्मित किए हैं। (ख) खसरा नंबर, हितग्राही का नाम सहित सूची देवें। (ग) जब आवास निर्मित हो रहे थे उस समय पदस्थ वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पद नाम सहित सूची देकर बताएं कि इसके लिए शासन ने उन पर क्या कार्यवाही की है। यदि नहीं की है तो कब तक की जाएगी? (घ) कब तक वन विभाग की भूमि पर निर्मित निर्माण हटा दिए जाएंगे।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनभूमि बीट मरहा कक्ष क्रमांक आर.एफ.105 में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 14 व्यक्तियों के आवास निर्मित किये गये है। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी से पत्र क्रमांक नपा/PMAY/2021/948 दिनांक 19.07.2021 द्वारा प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ग) जब आवास निर्मित हो रहे थे, उस समय श्री अजय तिवारी, वनरक्षक बीट मरहा में पदस्थ थे। बीट मरहा में श्री तिवारी की पदस्थी दिनांक 20.09.2011 से 08.12.2019 तक रही। दिनांक 09.12.2019 को श्री अजय तिवारी, वनरक्षक बीट प्रभारी, मरहा को कक्ष क्रमांक आर.एफ. 105 में अतिक्रमण की रोकथाम में विफल रहने, अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही के कारण निलंबित किया गया एवं इनके विरूद्ध वर्तमान में विभागीय जांच प्रचलित है। बीट मरहा कक्ष क्रमांक आर.एफ. 105 में कई वर्षों पुराना अतिक्रमण है, जिसके संबंध में वर्ष 2012 में 04, वर्ष 2014 में 385 एवं वर्ष 2016 में 07 वन अपराध प्रकरण दर्ज किये गये। दमोह शहर एवं नगर पालिका अंतर्गत इस अतिक्रमित वनक्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत कुटीर स्वीकृत नहीं करने अथवा स्वीकृत आवासों को निरस्त करने तथा बजरिया वार्ड नं. 06, सिविल वार्ड नं.03 एवं सिविल वार्ड नं. 02 में कुटीर स्वीकृत करने के पूर्व वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने कि उक्त कुटीर वनभूमि में तो नहीं है, के संबंध में वनमंडलाधिकारी, दमोह के पत्र पृष्ठांकन क्रमांक/माचि/2018/956 दिनांक 19.02.2018 से जिला कलेक्टर दमोह वन परिक्षेत्राधिकारी, दमोह के पत्र क्रमांक/1506 दिनांक 01.08.2018 एवं पत्र क्रमांक 142 दिनांक 31.01.2020 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी, दमोह को तथा वनंडलाधिकारी, दमोह के पत्र क्रमांक/माचि/2021/2029 दिनांक 22.07.2021 से पुनः जिला कलेक्टर दमोह को लेख किया गया। प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत कुटीर स्वीकृत करने की कोई जानकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, दमोह द्वारा प्रेषित नहीं की गई तथा बजरिया वार्ड नं. 06 में कुटीर स्वीकृत करने के पूर्व वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने संबंधी भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। वन विभाग द्वारा नवीन अतिक्रमण एवं नवीन निर्माण को रोधित करने तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं जिला कलेक्टर दमोह को आवश्यक कार्यवाही बावत् लेख किया गया है। अतिक्रमित वनक्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने में वन विभाग के किसी भी अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारण नहीं होता। (घ) जिला टास्क फोर्स तथा जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जावेगी।
एलिम्को कंपनी शिविर
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
11. ( क्र. 125 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में ऐलिम्फो कंपनी द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने हितग्राहियों को, कितनी राशि की सामग्री वितरित की गई है? (ख) हितग्राहियों के नाम, पता एवं उनकी पूरी चयन प्रक्रिया का विवरण, दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति सहित देवे। (ग) स्थानीय विधायक की अनुशंसा पर सामग्री का वितरण क्यों नहीं किया गया इसका कारण बताएं? (घ) विगत 3 वर्षों की कंपनी की बैलेंस शीट एवं ऑडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियां वर्षवार देवें। यह भी बता दें कि इन्हें किन-किन संस्थाओं से इस अवधि में कितनी राशि प्राप्त हुई, वर्षवार बताएं। संस्था द्वारा विगत 3 वर्षों में समस्त क्रय की गई सामग्री के बिलों का विवरण भी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दमोह जिले में ऐलिम्को द्वारा विगत 3 वर्षों में 246 दिव्यांगजन हितग्राहियों को राशि रूपये 91, 02, 000/- (इक्यान्बे लाख दो हज़ार) की सामग्री वितरित की गई है। (ख) हितग्राहियों के नाम, पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। संबंधित दिव्यांगताओं के विषय विशेषज्ञ/चिकित्सक की अनुशंसा/परामर्श पर पात्रतानुसार सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते है। (ग) जानकारी उतरांश ''ख'' अनुसार है। (घ) भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO) भारत सरकार का उपक्रम है। उक्त संस्था की बैलेंस शीट एवं ऑडिट रिपोर्ट राज्य शासन के कार्यालय में उपलब्ध नहीं होती है।
कोरोना काल में मृत व्यक्तियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 126 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की समस्त नगरपालिका क्षेत्रों में कोविड से एवं कोविड प्रोटोकॉल से कितने अंतिम संस्कार किए गए हैं। प्रत्येक नगर पालिका क्षेत्र के शमशानों, मुस्लिम एवं ईसाई कब्रिस्तान की जानकारी नगर पालिका क्षेत्रवार देवें। शमशानों एवं कब्रिस्तान के मृतक एवं अंतिम संस्कार पंजीकरण रजिस्टरों की दिनांक 1-3-21 से प्रश्न दिनांक तक विवरण देवें। (ख) दमोह जिले के समस्त नगरपालिका क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में कितने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए, नगर पालिका क्षेत्रवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी संकलित की जा रही है।
उपयंत्रियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 230 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 406) के दिनांक 26/02/2021 में मुद्रित प्रश्नांश (घ) का उत्तर प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्र क्र. 851, 853 दिनांक 30.01.2021 एवं 27.01.2021 प्राप्त हुए हैं जिसमें उल्लेखित बिन्दुओं का भौतिक सत्यापन करने हेतु क्षेत्रीय उपयंत्रियों को निर्देशित किया गया है दिया गया है? तो किन-किन क्षेत्रीय उपयंत्रियों ने भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन दिया किन-किन ने नहीं दिया, भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन न देने के लिए क्षेत्रीय उपयंत्रियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी बताएं क्योंकि उनके क्षेत्र में उनकी मिली भगत से अवैध मैरिज गार्डन संचालित हैं? (ख) शासन द्वारा मैरिज गार्डनों के लिए नवीन निर्देश पंजीयन हेतु दिए है उस अनुसार पंजीयन कराए बिना कटनी जिले में मैरिज गार्डन संचालित है। कुछ तो विगत 10 वर्षों से पंजीयन नहीं कराया और न ही जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 25/26 एवं वायु जल अधिनियम 1981 की धारा 21 के अंतर्गत सम्मति प्राप्त किए बिना भी संचालित है। क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पत्र क्रमांक 977/क्षेका/प्रनियो/2021 दिनांक 29.01.2021 मात्र कुछ को सम्मति लेने का औपचारिक पत्र लिखा है किन्तु न तो नगर निगम कटनी और नहीं प्रदूषण विभाग द्वारा कोई ठोस निर्णायक कार्यवाही नहीं की गई कब की जावेगी बताएं और अब तक क्यों नहीं की गई वह भी बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। भौतिक सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं सत्यापन प्रतिवेदन न दिये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) कोविड-19 के संक्रमण के कारण अधिकांश मेरिज गार्डन्स बंद हैं। नवीन नियमों के तहत आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्धारित प्रारूप में ले-आउट सहित आवेदन प्रस्तुत करने हेतु स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशन एवं मेरिज गार्डन संचालकों को सूचना पत्र जारी किया गया है आदर्श उपविधि 2020 के प्रावधानों के तहत 04 मेरिज गार्डन संचालकों द्वारा पंजीयन कराया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति बिना संचालित बारात घरों को नोटिस जारी किया गया है, सर्वेक्षण में नियमों के बिना मेरिज गार्डन संचालित होना पाये जाने की दशा में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पुल निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 231 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के अन्तर्गत ग्राम झिन्ना-पिपरिया से कटरा-वेलकुण्डा नदी पर पुल निर्माण भमका से रोझन-वेलकुण्डा नदी पर पुल निर्माण, मझगंवा से विजौरी मार्ग से होते हुये खिरहनी कटनी नदी के बीच महानदी पर पुल निर्माण न होने से इस क्षेत्र के गांवों का आवागमन प्रभावित होता है? (ख) यदि हां तो प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रस्ताव पर विभाग द्वारा उक्त मार्गों में पुलों के निर्माण पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) कटनी जिले के लोक निर्माण विभाग में विगत दो वर्षों से कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से कितनी राशि के कहां-कहां स्वीकृत हुये? उनमें से कितने पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण हैं? उनके पूर्ण होने की क्या अवधि है? पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) लोक निर्माण विभाग कटनी एवं जबलपुर की विगत 05 वर्षों में किसी-किस की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब, ''अ-1'' एवं प्रपत्र-''अ-2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स एवं प्रपत्र-''ब-1'' अनुसार है।
अमृत परियोजना के अंतर्गत हिनोतिया आलम पेयजल पाईप लाईन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 260 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत हिनोतिया आलम में स्थित निजी भूमि स्वामियों की भूमि में पेय जल पाईप लाईन डाली गयी जिसकी सहमति भूमि स्वामियों से प्राप्त नहीं की गई ऐसे में शासन इन भूमि स्वामियों को क्या लाभ देगा जिससे भूमि स्वामियों का सूखा अधिकार प्राप्त हो सके? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोलार रोड भोपाल/कलेक्टर भोपाल/नगर निगम भोपाल द्वारा ग्राम एवं निवेश संचालनालय/विभाग को निजी भूमि स्वामियों को विकास अधिकार प्रमाण पत्र ‘’टीडीआर’’ जारी करने के लिये कोई प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? यदि हां तो किस दिनांक को तथा यह प्रमाण पत्र निजी भूमि स्वामियों के पक्ष में कब तक जारी कर दिया जायेगा इस प्रमाण पत्र से भूमि स्वामियों को क्या-क्या लाभ प्राप्त होगें? (ग) पाईप लाईन का कार्य निजी भूमि से पूर्ण होने के बाद भी आज दिनांक तक निजी भूमि स्वामियों को राजस्व विभाग/नगर निगम द्वारा भूमि अधिग्रहण के नियमानुसार कोई मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? क्या शासन मुआवजा देने की कार्यवाही के आदेश जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत ग्राम हिनोतिया आलम में स्थित निजी भूमि स्वामियों की भूमि में भूमिगत पेयजल पाइप लाइन डाली गयी है, जिसके बदले में शासन इन भूमि स्वामियों को ‘‘म.प्र. हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018‘‘के प्रावधानों के अनुसार लाभ देगा, जिससे भूमि स्वामियों को हस्तांतरणीय विकास अधिकार प्राप्त हो सके। (ख) जी हां, नगर निगम भोपाल द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय को निजी भूमि स्वामियों को विकास अधिकार प्रमाण पत्र ‘‘टी.डी.आर‘‘ प्रदाय करने के लिये दिनांक 08.02.2021 को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। प्रमाण पत्र जारी होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इस प्रमाण पत्र से भूमि स्वामियों को म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्रमांक 503, दिनांक 19.09.2018 द्वारा जारी म.प्र. हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018 के प्रावधानों के अनुसार अधिकार लाभ प्राप्त होगें। (ग) पाईप लाईन का कार्य निजी भूमि से पूर्ण होने के बाद भी आज दिनांक तक संबंधित निजी भूमि अधिग्रहण के नियमानुसार कोई मुआवजा इसलिये नहीं दिया गया, क्योंकि डाली गयी भूमिगत पेयजल पाईप लाईन हेतु उपयोग की गई भूमि स्वामियों की सहमति अनुसार आवागमन हेतु सीमेंट कांक्रीट रोड लागत लगभग राशि रू. 18.00 लाख का अतिरिक्त व्यय कर नगर निगम द्वारा बनाई गई है। साथ ही म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के आदेश क्रमांक 503, दिनांक 19.09.2018 द्वारा जारी ‘‘म.प्र. हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018’’ में दिये अधिनियमों के प्रावधानों अनुसार हस्तांतरणीय विकास अधिकार ‘‘टी.डी.आर’’ के लाभ भी निजी भूस्वामियों को प्रदान करने की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण पृथक से आदेश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 275 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? इनके जनभागीदारी समितियों का गठन कब किया गया? समिति के अध्यक्ष व सदस्यों की जानकारी वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक की महाविद्यालयवार देवें। (ख) प्रश्नांश क के महाविद्यालयों में प्रश्नांश क की अवधि में किन-किन महाविद्यालयों में कितनी-कितनी राशि जनभागीदारी से प्राप्त हुई? विवरण पृथक-पृथक महाविद्यालयवार वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक देवें। (ग) प्रश्नांश ख अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग कब-कब, कहां-कहां, किन-किन कार्यों में किया गया? वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक का विवरण देवें। निर्माण कार्यों के प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति की प्रति भी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश क के महाविद्यालयों में प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त राशियों का प्रश्नांश (ग) अनुसार कराये गये कार्यों में व्यय न कर मनमानी तरीके से गुणवत्ताविहीन कार्य कराकर राशि व्यय की गई। इसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर सामग्री क्रय में राशि व्यय की गई तो क्या क्रय नियमों के पालनकर सामग्रियों का क्रय किया गया? अगर नहीं किया गया तो इसके लिए जिम्मेदारों पर जाचं कराकर क्या कार्यवाही करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में एक शासकीय महाविद्यालय ब्यौहारी संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है। (घ) महाविद्यालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उक्त राशि का व्यय नियमानुसार किया गया है। शासकीय महाविद्यालय ब्यौहारी के प्राचार्य द्वारा इस संबंध में जारी प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 276 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत ब्यौहारी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तो कितने हितग्राहियों को वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक का विवरण दें। इनमें से कितने हितग्राहियों के आवास पूर्ण हो चुके एवं कितने अधूरे हैं का विवरण पृथक-पृथक देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने ऐसे हितग्राही हैं, जिनको प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त जारी की जा चुकी है एवं कितने ऐसे हितग्राही हैं, जिनको द्वितीय एवं तृतीय किस्त जारी नहीं की गई जिससे मकान का कार्य पूर्ण नहीं किया गया इसके लिए कौन जवाबदार है, पद नाम सहित जानकारी देवें। इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) की योजना के कितने हितग्राहियों का आवास आवासीय पट्टा न मिलने के कारण निर्माण नहीं कराया गया वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक का विवरण दें। इनको कब तक भूमि/आवासीय पट्टा उपलब्ध करा दिया जावेगा? (घ) क्या नगर पालिक निगम रीवा प्रधानमंत्री आवास एएचपी के तहत निर्मित EWS आवासों का निर्माण कर हितग्राहियों को आवंटित किये गये जिनकी कीमत 475000/- निर्धारित की गई थी बाद में शासन द्वारा 325000/- की गई जिन हितग्राहियों द्वारा 475000/- नगद जमा किये गये थे उनकी राशि वापस नहीं की जा रही यदि हां, तो क्यों? इसी तरह जिन हितग्राहियों के आवास फाइनेंस या एचडीएफसी बैंक द्वारा 475000/- मान से फाइनेंस से कार्यवाही की गई थी जबकि मद 325000/- हो गई तब फाइनेंसरों द्वारा किस्त कम नहीं की जा रही न ही नगर निगम द्वारा 150000/- ही बैंकों को अनुदान नहीं दिये गये क्यों इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार कार्यवाही न करने, हितग्राहियों को योजना के लाभ वंचित रखने, किस्त का समय पर भुगतान न करने व आवासीय पट्टा न देने की जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे। अगर नहीं तो क्यों? एवं प्रश्नांश घ अनुसार हितग्राहियों की राशि वापस न करने बैंकों द्वारा किस्त कम न किये जाने के लिये किनकों जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे। व राशि कब तक वापस करा देवेंगे बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किश्ते कार्य प्रगति के मापदण्ड अनुसार जारी की जाती है। उक्त प्रकाश में शेषांश निरंक है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम रीवा के एम.आई.सी. के प्रस्ताव क्रमांक 03 बैठक दिनांक 20.02.2019 द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. आवास का मूल्य रूपयें राशि रू. 4.75 लाख निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-47-2015/18-02 भोपाल दिनांक 05.04.2021 द्वारा मध्यप्रदेश शासन ने गैर मलिन बस्ती के हितग्राहियों को भी राशि रू. 1.50 लाख का अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। योजना के वित्तीय प्रावधान अनुसार अनुदान राशि व हितग्राही अंशदान के अतिरिक्त शेष आवश्यक राशि क्रॉस सब्सिडी राशि से व्यवस्था की जाना है। उक्तानुसार व्यवस्था हो जाने के उपरांत पात्र गैर मलिन बस्ती के हितग्राहियों को राशि रू. 1.50 लाख वापस की जा सकेगी। (ड.) उत्तरांश "क", "ख" एवं "ग" के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। उत्तरांश "घ' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
18. ( क्र. 300 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.सरकार व माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किसानों की आय में वृद्धि हेतु पशुपालन विभाग का अत्यधिक महत्व है? (ख) यदि हां तो इस हेतु पशुपालन विभाग द्वारा कृषकों के हित में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? उनके क्रियान्वयन हेतु यदि कोई मार्गदर्शिका का प्रचलन हो तो प्रति दी जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में कृषकों के हितार्थ कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं तथा वर्ष 2017 अप्रैल से जुलाई 2021 तक किन-किन योजनाओं में कितने कृषकों को लाभांवित किया गया। वर्षवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
पौधे एवं वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
19. ( क्र. 301 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से जुलाई 2021 तक वन मण्डल मुरैना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में वन संवर्धन हेतु कितने पौधे एवं वृक्षारोपण किये गये? क्या इस हेतु कोई शासन की नियम प्रक्रिया हो तो उसकी प्रति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वन मंडल मुरैना में पौधे/वृक्षारोपण की जानकारी वन परिक्षेत्र वार दी जावे व इस कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई? व वर्तमान में कितने पेड़ पौधे जीवित हैं उनकी भी जानकारी दी जावे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में वनमण्डल, मुरैना अंतर्गत वन संवर्धन हेतु किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश 'क' के परिशिष्ट-1 अनुसार है।
वन मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के पत्र पर कार्यवाही
[वन]
20. ( क्र. 332 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंत्रालय भारत सरकार ने फाईल क्रमांक 8-86/2020 में दिनांक 17/11/2020 को रीवा राज दरबार के 1937 में जारी आदेश से आदेशित संरक्षित वन भूमियों की भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की लम्बित जांच बाबत् पी.सी.सी.एफ. वन मुख्यालय भोपाल से चाहा गया प्रतिवेदन/रिपोर्ट प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रेषित नहीं की गई। (ख) रीवा राज दरबार ने 1937 में किन-किन भूमियों को संरक्षित वन आदेशित किया, यह भूमि राजस्व अभिलेखों में किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि है। (ग) कितने ग्रामों की कितनी संरक्षित वन भूमि सर्वे में शामिल की गई कितनी भूमि धारा 4 एवं धारा 34अ में अधिसूचित की गई कितनी भूमियों की धारा 5 से 19 तक की जांच वर्तमान में लम्बित है, इनमें से कितनी भूमि वर्किंग प्लान में भी शामिल है, वनमण्डलवार बतावें। (घ) वन मंत्रालय के 17/11/2020 के पत्र में वन मुख्यालय कब तक अपना प्रतिवेदन, रिपोर्ट प्रेषित करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रधान मुख्य वन सरंक्षक कार्यालय से पत्र दिनांक 07.07.2021 से प्रेषित प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) रीवा राज दरबार द्वारा वर्ष 1937 में जारी आदेश से नदी, नाला, सीर, आबादी, मुनिस्पल एरिया, हाटबाजार, कुआ, तालाब को छोड़कर शेष समस्त भूमि को संरक्षित वन घोषित किया गया था। उक्त संरक्षित वनभूमि राजस्व अभिलेखों में मुख्य रूप से छोटे झाड़ के जंगल, बडे़ झाड़ के जंगल, पहाड़-चट्टान, चरनोई, घास, जंगल, जंगलखुर्द, जंगलात आदि मद एवं प्रयोजन हेतु दर्ज रही हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं है।
निजी भूमियों के लिये वन विभाग को अधिकार
[वन]
21. ( क्र. 333 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-स्वामी हक में दर्ज निजी भूमि को भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित करने, धारा 5 से 19 तक की लम्बित जांच के बाद भी वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र में शामिल करने संरक्षित वन प्रतिवेदित करने, निजी भूमि पर कब्जा करने का अधिकार वन विभाग को भा.व.अ. 1927, भू्-राजस्व संहिता 1959, भू-अर्जन अधिनियम 1894 एवं भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की किस-किस धारा में दिया जाकर धारा में क्या-क्या उल्लेख किया गया है। (ख) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने पत्र क्रमांक अधि./719 दिनांक 20 जुलाई, 2009 में निजी भूमि बाबत् क्या-क्या आदेश, निर्देश दिए इसके तहत कितने वनमण्डलों के कितने वनखण्डों एवं वर्किंग प्लान में कितनी निजी भूमि शामिल किए जाने की जानकारी संकलित की गई इनमें से कितनी निजी भूमि पर वन विभाग का वर्तमान में कब्जा है, कितनी निजी भूमि किसानों के कब्जे में है। (ग) वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमियों को पृथक करने बाबत् मुख्य सचिव ने आदेश क्रमांक 774/एफ 25-08/ 2015/10-3 दिनांक 1 जून, 2015 में क्या निर्देश दिए इसके अनुसार कितनी निजी भूमि प्रश्नांकित दिनांक तक पृथक की गई वनमण्डलवार बतावें। (घ) वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान से निजी भूमि कब तक पृथक की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में आरक्षित वन घोषित करने के आशय से बनाये गये वनखण्डों की सीमा के भीतर स्थित होने के कारण निजी भूमि विभागीय अभिलेखों, कार्य आयोजना एवं मानचित्र में दर्ज है। वनखण्ड की सीमा में शामिल निजी भूमियों पर अधिकारों का विनिश्चयन करने तथा आवश्यकतानुसार वनखण्ड से बाहर करने अथवा शासन पक्ष में अधिग्रहण करने की विधिक व्यवस्था भारतीय वन अधिनियम, 1927 में दी गई है। निजी भूमि पर वन विभाग द्वारा अनाधिकृत कब्जा नहीं किया गया है, अपितु वनखण्ड निर्माण के समय ऐसी भूमियॉ वनखण्ड की सीमा में शामिल हो गई हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वन मुख्यालय भोपाल के प्रश्नाधीन पत्र से दिये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। प्रश्नांश की शेष संधारित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। वनखण्ड की सीमा में शामिल निजी भूमि अधिकारों के विनिश्चयन तक भूमि-स्वामी के स्वत: स्वामित्व में है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन मुख्य सचिव के पत्र में दिये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। निर्देशों के अनुपालन में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत पृथक की गई निजी भूमि की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही संभव है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 353 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किस-किस योजना में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगे। (ख) जुलाई, 2021 की स्थिति में उक्त निकायों के पास किस-किस मद एवं योजना की कितनी-कितनी राशि किन-किन खातों में जमा है उक्त राशि व्यय करने की क्या योजना है उक्त राशि कब तक व्यय होगी। (ग) जुलाई, 2021 की स्थिति में कौन-कौन से पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्यांकन नहीं हुआ तथा क्यों कारण बताये तथा इसके लिए कौन दोषी है तथा कब तक अंतिम मूल्यांकन होगा। (घ) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत किन-किन योजनाओं का रायसेन जिले में कार्य अपूर्ण है तथा क्यों तथा उक्त कार्यों में अनियमितताओं की 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स’’अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘द’’अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 354 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम आयु के स्त्री/पुरूष की मृत्यु कब-कब हुई, मृत्यु होने के कितने दिन बाद उनकों राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान किया गया शासन के निर्देशों के अनुरूप कितने दिन के भीतर राशि का भुगतान होना चाहिए। (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन के परिजनों/आश्रितों को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन-कौन दोषी है। (ग) क्या राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में शत- प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा दी जाती है यदि हाँ तो विभाग के अधिकारियों द्वारा संबल योजना में पंजीकृत परिवार को राशि भुगतान पर रोक क्यों लगाई गई? (घ) सामाजिक न्याय विभाग की योजना पर श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन देने के पूर्व क्या विभाग की सहमति ली गई यदि नहीं तो क्यों तथा इसके लिए कौन-कौन दोषी है पूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार। योजना के प्रावधान अनुसार आवेदन प्राप्त होने के 30 दिवस के भीतर राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की राशि स्वीकृत की जाकर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। (ख) राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनान्तर्गत सभी पात्र 76 प्रकरणों के आश्रितों को सहायता राशि का भुगतान शासन निर्देशानुसार 30 दिवस की अवधि में किया गया है। कोई प्रकरण भुगतान हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुख्य कमाउ सदस्य की मृत्यु होने पर राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है किन्तु श्रम विभाग द्वारा संचालित संबल योजना अंतर्गत मृतक श्रमिक के परिवार को उप श्रमायुक्त भोपाल के पृ. क्रमांक/ अ.श.यो./2019/2257 दिनांक 09-04-2019 द्वारा किसी एक योजना में मृत्यु सहायता लाभ दिया जाना संभव हो सकेगा, निर्देश दिये गये है। जिसके आधार पर निर्णय लिया जाकर संचा0 के पत्र क्रमांक/ सा.सहा.2/2020/1359 दिनांक 09-09-2020 के अनुसार यदि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो तो राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के लाभ दिये जाने का प्रावधान किया जाकर शासन की दोहरी योजना का लाभ प्राप्त न हो सके, पात्रता के आधार पर लाभ दिये जाने का मार्गदर्शन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत श्योपुर के पत्र क्रमांक/पंचा./2020/12211, दिनांक 22-08-2020 के संदर्भ में पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार। (घ) उत्तरांश ‘ग’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध पदोन्नति पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 384 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आनंद सिंह कार्यपालन यंत्री (वर्तमान पद) नगरीय प्रशासन एवं विकास की नियमित नियुक्ति साड़ा विकास प्राधिकरण जिला सीधी के आदेश क्रमांक 145 दिनांक 01.11.1990 द्वारा उपयंत्री पद पर की गई थी। (ख) क्या साड़ा विकास प्राधिकरण सीधी में सहायक यंत्री का पद राज्य संवर्ग (केडर) का था जिसमें नियुक्ति पदोन्नति का अधिकार आवास एवं पर्यावरण विभाग को था। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को अथवा साड़ा विकास प्राधिकरण सीधी को नहीं था। यदि हाँ तो श्री आनंद सिंह की पदोन्नति उपयंत्री पद से सहायक यंत्री के पद पर किस नियम के तहत की गई, नियम की प्रति दें। (ग) क्या सहायक यंत्री पद पर पदोन्नति हेतु उपयंत्री के पद पर 8 वर्ष की नियमित सेवा निरंतर होना अनिवार्य थी। यदि हाँ तो श्री आनंद सिंह उपयंत्री को 2 वर्ष की सेवा उपरांत ही उपयंत्री पद से सहायक यंत्री के पद पर अवैध पदोन्नति क्यों की गई। क्या उक्त के संबंध में शासन के नियम निर्देश है यदि हाँ तो नियम निर्देश की प्रति दें। (घ) क्या श्री आनंद सिंह, कार्यपालन यंत्री की पदोन्नति अवैध है यदि हाँ तो क्या पदोन्नति को शून्य कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री आनंद सिंह को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, सीधी (म.प्र.) के आदेश क्रमांक 143 दिनांक 01-11-1990 द्वारा उपयंत्री पद पर नियमित नियुक्त्त किया गया था। (ख) जी हाँ। परन्तु म.प्र. शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश दिनांक 21 मार्च 1997 एवं 11 जुलाई 1997 अनुसार दिनांक 16 जुलाई 1991 के पूर्व की स्थिति में की जाने वाली किसी भी पदोन्नति की कार्यवाही में राज्य शासन को किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। ऐसी स्थिति में राज्य शासन से कोई अनुमोदन अथवा कोई अनुमति अपेक्षित नहीं है। श्री आनंद सिंह की सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति म.प्र. विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकारी (अध्यक्ष तथा अधिकारी और सेवक भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम 1976 के अंतर्गत की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन आदेश क्रमांक एफ 4-129/ 2004/18-1 दिनांक 26.10.2004 द्वारा श्री आनंद सिंह की उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर आदेश दिनांक 22.10.1992 द्वारा की गई पदोन्नति विधि अनुकूल होने से मान्य की गई है। इस प्रकार शासन द्वारा दिनांक 22.10.1992 को दी गई पदोन्नति का अनुमोदन किया जा चुका है। (ग) मध्यप्रदेश विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकारी (अध्यक्ष तथा अधिकारी और सेवक भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम 1976 में पदोन्नति हेतु सेवा अवधि संबंधी प्रावधान नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ से निकलने वाले बायपास से टोल वसूली
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 452 ) श्री
बापूसिंह
तंवर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राजगढ़
जिला मुख्यालय
से निकलने
वाला राष्ट्रीय
राजमार्ग किस
दिनांक को
पूर्ण हुआ तथा
किस दिनांक से
टोल टैक्स की
वसूली
प्रारंभ हो गई? दिनांक
सहित जानकारी
दें। (ख) प्रश्न
की कंडिका (क) अनुसार क्या
बायपास
निर्माण में
शासकीय
मापदण्डों
के अनुरूप तथा
डी.पी.आर. के
अनुसार जैसे
सर्विस रोड? रोड के
मध्य में प्लानटेशन? सुरक्षा
के संकेत? तथा
अन्य
अर्हतायें
पूर्ण की गई
है? (ग) प्रश्न
की कंडिका (ख) अनुसार
यदि संपूर्ण
अर्हतायें
पूर्ण नहीं हैं
तो क्या शासन
दोषी
अधिकारी/निर्माण
एजेंसी के विरूद्ध
कोई
कार्यवाही
करेगा यदि हां
तो क्या, कब तक? नहीं
तो क्यों
नहीं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) राष्ट्रीय
राजमार्ग
(पुराना राष्ट्रीय
राजमार्ग 12) ब्यावरा
से राजस्थान
बार्डर तक का
निर्माण
दिनांक 08.05.2017 को पूर्ण
हुआ। टोल टैक्स
की वसूली
दिनांक 24.05.2016 से प्रारंभ
की गयी।
भारतीय राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त जानकारी संलग्न
परिशिष्ट- 1
अनुसार। (ख) अनुबंध एवं
डी.पी.आर
अनुसार
बायपास
निर्माण में
सर्विस रोड का
प्रावधान
नहीं है। रोड
के मध्य में
प्रावधानों
अनुसार प्लानटेशन
का कार्य किया
गया। सुरक्षा
के संकेत
अनुबंधानुसार
लगाये गये है।
जी हां।भारतीय
राष्ट्रीय राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त जानकारी संलग्न
परिशिष्ट- 1
अनुसार। (ग) संपूर्ण
अर्हताएं
अनुबंधानुसार
पूर्ण की गयी।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त जानकारी संलग्न
परिशिष्ट- 1
अनुसार।
नवीन मॉडल कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
26. ( क्र. 456 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ में शासन द्वारा नवीन मॉडल कॉलेज का प्रारम्भ कर दिया गया है? हां तो कब किया? (ख) यदि नहीं तो नवीन मॉडल कॉलेज किस दिनांक को प्रारम्भ हो जायेगा? (ग) क्या शासन ने नवीन मॉडल कॉलेज में प्राचार्य, व्याख्याता तथा अन्य कार्यालयीन स्टॉफ तथा अन्य कितने पद स्वीकृत किये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार स्वीकृत पदों की जानकारी शासन कब तक देगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) भवन निर्माण एवं पद निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। महाविद्यालय प्रारंभ होने का दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पद निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही जानकारी देना संभव है।
मोटोराईज्ड ट्राईसिकल का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
27. ( क्र. 479 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा दिव्यांग कल्याणार्थ विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनेक कार्य किये जा रहे? (ख) यदि हां, तो वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नकर्ता द्वारा अग्रेषित दिव्यांगों हेतु मोटोराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान किये जाने हेतु कितने आवेदकों के आवेदन विभाग को प्राप्त हुए? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में सीधे आवेदकों द्वारा भेजे गये कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा विभागीय परीक्षण में कुल कितने चिन्हित हुए? (घ) उपरोक्त वर्षों में प्राप्त आवेदन अनुसार किन-किन आवेदकों को मोटोराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान की गई? कितने आवेदक शेष रहे? शेष आवेदकों हेतु विभागीय आगामी कार्यवाही क्या की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हां। (ख) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नकर्ता के माध्यम से दिव्यांगों हेतु मोटराईज्ड ट्राईसिकल प्रदान किये जाने बाबत कुल 04 आवेदन विभाग को प्राप्त हुये। (ग) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला रतलाम में एलिम्को द्वारा आयोजित परीक्षण केम्प के माध्यम से कुल 129 आवेदन प्राप्त हुये है तथा विभागीय/एलिम्को द्वारा परीक्षण में कुल 129 आवेदन चिन्हित किये गये। (घ) वर्ष 2018-19 में प्राप्त आवेदनों में एलिम्को द्वारा वितरण केम्प आयोजित कर 68 हितग्राहियों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल प्रदान की गई तथा शेष 65 आवेदकों हेतु विभाग द्वारा ऐलिम्को उज्जैन की ओर कार्यालय उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण जिला रतलाम द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है।हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– ‘’अ‘’ अनुसार।
विभागीय कार्यों के संबंध में
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 480 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्षों में शासन/विभाग द्वारा अनेक जन उपयोगी विभिन्न सड़क मार्ग बनाए जाने की स्वीकृतियां प्रदान की है? (ख) यदि हां तो क्या (1) मावता-बडावदा मार्ग (2) रिंगनोद-कलालिया मार्ग (3) सेमलिया-रीवाचांदा मार्ग (4) पंचेवा-सुबेडा मार्ग एवं (5) जावरा नगर पॉलेटेक्निक पहुँच मार्ग के कार्य सम्मिलित कर स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) यदि हां तो किन-किन वर्षों में उपरोक्त उल्लेखित सड़क मार्गों को कार्य प्रारंभ करने के कार्यादेश किस वर्ष, किस दिनांक में जारी किये गये एवं इन कार्यों को पूर्ण करने की कार्यावधि क्या रखी गई? (घ) उपरोक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, साथ ही उक्त उल्लेखित मार्गों की गुणवत्ता को लेकर प्राप्त शिकायतों व उनके निराकरण हेतु क्या कार्यवाहियॉ हुई? उक्त मार्गों के मध्य अनेक विसंगतियों का निराकरण किये जाने हेतु किस-किस सक्षम अधिकारी ने स्थल निरीक्षण कर सुधार के निर्देश दिये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है।
आयुष मेडिकल ऑफिसर के रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
29. ( क्र. 506 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित समस्त आयुष डिस्पेंसरी में मेडिकल ऑफिसर पदस्थ है अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं तो वर्तमान में कितनी आयुष डिस्पेंसरी मेडिकल ऑफिसर विहीन है? (ग) क्या प्रदेश में जितनी आयुष डिस्पेंसरी संचालित है उतने ही आयुष मेडिकल ऑफिसर पदस्थ है। यदि नहीं तो कितने मेडिकल ऑफिसर के पद रिक्त हैं व कब तक रिक्त पदों की पद पूर्ति की जावेगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) 930 चिकित्सक विहीन आयुष डिस्पेंसरी संचालित है। (ग) जी नहीं। 790 आयुष चिकित्सकों के पद रिक्त है।रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांगपत्र लोकसेवा आयोग को प्रेषित किया जा रहा है।
अजनार नदी के पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 541 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के नगर ब्यावरा में अजनार नदी पर पुल का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) उक्त कार्य पूर्ण होने में क्या समस्या आ रही है? पुल पूर्ण होने की समय सीमा क्या है? (ग) उक्त पुल की लागत क्या है व कार्य किसके द्वारा पूर्ण किया जाएगा? (घ) क्या समय सीमा में कार्य पूर्ण ना होने की स्थिति में संबंधित पर कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हां तो क्या? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 650 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1776, दिनांक 2 मार्च, 2021 में उल्लेखित सड़क मार्ग निर्माण के संबंध में वर्ष 2008 से लगभग अधिकांश विधान सभा सत्रों में इस रोड की जर्जर हालत को देखते हुए शीघ्र स्वीकृत कराकर निर्माण कराये जाने हेतु प्रश्न लगाये गये हैं जिसमें हर बार यही उत्तर दिया जाता है कि इस रोड को शीघ्र स्वीकृत कराकर निर्माण करा लिया जावेगा। यह रोड चीनौर से भितरवार व्हाया करईया बहुत जर्जर हालत में है रोड पर गहरे-गहरे गड्ढ़े हैं? रोड आवागमन के लायक नहीं है? तो इस रोड के निर्माण स्वीकृति में क्यों बार-बार विलम्ब किया जा रहा है स्पष्ट करें। (ख) चीनौर से भितरवार व्हाया करईया रोड जो भितरवार मुख्यालय के लिये आवागमन का मुख्य रोड है वह आवागमन के लायक नहीं बचा है क्या भोपाल से या ग्वालियर से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के साथ उक्त जर्जर रोड की हालत का निरीक्षण कराया जा सकता है यदि हाँ? तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्या इस रोड का निर्माण नहीं कराया जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा दिनांक 03.10.2018 को प्रश्नांकित मार्ग को ए.डी.बी.-6 परियोजना में सम्मिलित करने की अनुमति प्रदान की गई थी, किन्तु ए.डी.बी. की सहमति प्राप्त न होने के कारण एजेंसी चयन की कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी हाँ, माननीय विधायक जी की सुविधानुसार। शेष का प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की स्थिति
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 651 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र भितरवार के ऐसे कौन-कौन से नवीन रोड हैं जिनके निर्माण के लिए स्वीकृति हेतु दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रस्ताव तैयार कर भेजे गए हैं उनके नाम बतावें। प्रस्ताव किस स्तर पर रुके पड़े हैं किस-किस रोड की कितनी लंबाई है तथा कितनी राशि निर्माण कार्य में व्यय किया जाना है? क्या (1) अमरोल से राजौआ मार्ग, (2) सिमरियाटाँका से ठाठी व्हाया ऊधोकाचक (3) रावतबनवारी से गुनाहा जो की अति महत्वपूर्ण मार्ग है क्या इन रोड़ों के प्रस्ताव तैयार कराकर स्वीकृत उपरांत शीघ्र निर्माण कराया जावेगा? यदि हां? तो कब तक? (ख) क्या साँखनी-केरुआ तिराहा से बसई मार्ग का स्वीकृत प्राक्कलन की गुणवत्ता के अनुसार निर्माण कार्य कराया जा रहा है यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक इस मार्ग की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? इस रोड का कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है उनकी निरीक्षण टीप क्या है? (ग) बालिका छात्रावास करईया, मोहना, शासकीय महाविद्यालय चीनौर, शासकीय हायरसेकेंडरी स्कूल चीनौर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय घाटीगांव इन सभी भवनों की कितनी-कितनी राशि निर्माण हेतु स्वीकृत है किस-किस ठेकेदार/एजेंसी द्वारा किन-किन अधिकारियों के सुपरविजन में इनका निर्माण कराया जा रहा है प्रश्न दिनांक की स्थिति में इनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या निर्माण कार्यों की गुणवत्ता स्वीकृति प्राक्कलन अनुसार की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मार्ग का कार्य गुणवत्ता अनुसार दिनांक 31.03.2021 को पूर्ण एवं व्यय राशि रूपये 757.86 लाख है मार्ग पर अभी कुछ भुगतान शेष है। मार्ग का समय-समय पर कार्यपालन यंत्री द्वारा निरीक्षण किये गये है, परन्तु निरीक्षण प्रतिवेदन जारी नहीं किये गये है। (ग) जानकारी संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ, निर्माण कार्यो की गुणवत्ता प्राक्कलन अनुसार की जा रही है।
रेरा में पंजीयन हेतु लंबित, निलंबित तथा बहाल प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 669 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण म.प्र. में कौन-कौन से पद रिक्त हैं? कौन-कौन भरे हैं? सूची देवें। (ख) प्राधिकरण में नवीन प्रोजेक्ट के पंजीयन कितने दिन से स्थगित हैं? (ग) वर्तमान में कितने प्रोजेक्ट के आवेदन पंजीयन हेतु लंबित हैं? लंबित रहने के क्या-क्या कारण हैं? (घ) दिसम्बर 2020 से फरवरी 2021 तक निलंबन से बहाल किये गये समस्त प्रोजक्ट के बहाली आदेश उपलब्ध करावें एवं उक्त प्रोजेक्ट के तत्समय हुए निलंबन के कारणों का भी विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्राधिकरण में सभी पद भरे है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ अ’’ अनुसार है। (ख) पंजीयन स्थगित नहीं है। (ग) वर्तमान तक कुल आवेदन 502 पंजीयन हेतु प्रक्रियाधिन है। रेरा प्राधिकरण में अध्यक्ष पद एवं एक सदस्य का पद रिक्त था। भू-संपदा (विनियमन और विकास) नियम 2017 के नियम 23 (2) के अंतर्गत प्राधिकरण की बैठक का कोरम कम से कम दो सदस्यों का होना आवश्यक है। अतः कोरम पूरा न होने से पंजीयन कार्यवाही नहीं हो सकी। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ ब’’ अनुसार है। (घ) दिसंबर 2020 से फरवरी 2020 तक निलंबन से बहाल किये गये आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है एवं उक्त प्रोजेक्टों के तत्संबंध में निलंबनों के कारणों सहित आदेश की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’द’’ अनुसार है।
स्मार्ट सिटी अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 670 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी अंतर्गत ABD एरिया में नगर के कौन-कौन से क्षेत्र, स्थान, शामिल है? विस्तृत विवरण देवें। (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापना दिनांक से आज दिनांक तक कौन-कौन से, कितनी-कितनी लागत राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? (ग) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए? कौन-कौन से अपूर्ण हैं? विवरण देवें। (घ) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ABD क्षेत्र की परिधि के बाहर कौन-कौन से कार्य, कब-कब स्वीकृत किये गये? सूची देवें तथा जिन बैठकों में उक्त कार्यों को मंजूरी दी गयी उनके कार्यवृत्त उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत ए.बी.डी. एरिया में नगर के मुख्यतः राइट टाउन क्षेत्र, नेपियर टाउन क्षेत्र, रानीताल क्षेत्र, गोलबाजार क्षेत्र, सिविक सेंटर क्षेत्र शामिल है। ए.बी.डी. एरिया का मानचित्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापना दिनांक से 27.07.2021 तक स्वीकृत कार्यों की लागत सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) उक्त कार्यों में से पूर्ण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3a अनुसार है। अपूर्ण (प्रगतिरत्) कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3b अनुसार है। (घ) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ABD क्षेत्र परिधि के बाहर स्वीकृत किये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। उक्त कार्यों को संचालक मंडल की जिन बैठकों में स्वीकृति दी गयी, उनके कार्यवृत्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
मुख्यालय निधि से कराए गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 674 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम भोपाल
द्वारा वित्तीय
वर्ष 2020-2021 एवं वित्तीय
वर्ष 2021-2022 में प्रश्न
दिनांक तक
विधान सभावार
मुख्यालयवार
निधि से
कौन-कौन से
किन-किन
कार्यों की स्वीकृति
दी गई? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में विधान
सभावार कार्य
का नाम, राशि, मद का
नाम, कार्यादेश
क्र./दिनांक, ठेकेदार
का नाम एवं
कार्य की
वर्तमान
स्थिति सहित
जानकारी
उपलब्ध
कराएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) एवं (ख) नगर
निगम, भोपाल
के यांत्रिक
विभाग, जलकार्य
विभाग, सीवेज
प्रकोष्ट, उद्यान
विभाग एवं
विद्युत शाखा
से प्राप्त जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
अन्यत्र हटाते हुए उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्यवाही
[वन]
36. ( क्र. 681 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा रेन्जर में कार्यरत रेन्जर श्री विनोद अवस्थी द्वारा अपने आदेश क्र. 242 दिनांक 8-1-2020 द्वारा सीमेन्ट पोल व जाली त्रिदण्डी, मठ वैष्णव को दिया गया तो क्यों? यह सामग्री कार्टिग चालान क्र. 175/47 दिनांक 8-10-2020 के द्वारा शासकीय वाहन क्रमांक एम.पी. 02/6084 द्वारा सामग्री लोड कर भेजी गई थी? यदि हां तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) की सामग्री को क्रय कर देने का अधिकार क्या रेन्जर को है, बगैर सक्षम अधिकारी डी.एफ.ओ. के अनुमति लिए सामग्री बगैर स्टीमेट व क्रय नियमों का पालन न करते हुए क्रय कर सप्लाई व्यक्तिगत लोगों को की गई तो क्यों? कैसे क्रय कर सप्लाई की गयी इस पर क्या कार्यवाही करेंगे। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में मई 2020 में आये तूफान से रीवा जिले के सिविल लाइन में विभिन्न प्रजातियों के पेड गिरे थे जिनको रेन्जर श्री अवस्थी द्वारा विनय कुमार दुबे को काटने हेतु निर्देशित किया था जिनके द्वारा कटर मशीन से पेड़ों की कटाई की गयी थी, जिसका उल्लेख टूर डायरी माह जून 2020 में उल्लेखित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के कटे हुये पेड़ों की लकड़ी को डीपो में नहीं भेजा गया न ही नगर निगम को सौंपा गया। बल्कि रेंजर श्री अवस्थी व श्री विनय कुमार द्वारा बाजार में बेच दी गयी। क्या संबंधितों को रीवा रेंज से हटाते हुये उच्च स्तरीय जांच करावेंगे? जबकि श्री अवस्थी के विरूद्ध छतरपुर में पदस्थी के दौरान की गई अनियमितताओं की जांच लोकायुक्त संगठन द्वारा की जा रही है। इस स्थिति में रेंजर का प्रभार क्यों दिया गया? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों की जांच उच्च स्तरीय समिति बनाकर श्री अवस्थी को रीवा रेंज से हटाकर करावेंगे साथ ही करोड़ों रूपयों की बेची गयी लकड़ी की वसूली भी प्रस्तावित करेंगे। तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। जयन्ती कुंज रोड रीवा के चौड़ीकरण होने से निकलवाई गई पुरानी चैनलिंक जाली 80 मीटर एवं सीमेंट पोल 50 नग कार्टिंग चालान क्रमांक 175/47 दिनांक 08.10.2020 से गोविन्दगढ़ किला परिसर जो शासन मध्यप्रदेश पुलिस विभाग के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज है, में ट्रस्ट एवं जन सहभागिता से हुए वृक्षारोपण की सुरक्षा हेतु प्रदाय की गई थी। (ख) जी नहीं। शासकीय भूमि पर किये गये रोपण की सुरक्षा हेतु उक्त सामग्री का उपयोग किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। माह मई 2020 में आये तूफान से सिविल लाईन रीवा में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों की शाखायें (टहनियां) गिरी थी। तत्समय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लेते हुये उन गिरी हुई शाखाओं (टहनियों) को काटकर सिविल लाईन रीवा से जरियें कार्टिंग चालान क्रमांक 110/24 दिनांक 30.05.2020 एवं 110/25 दिनांक 01.06.2020 द्वारा डिपो पहडि़या रीवा भेजा गया था। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पम्प चालकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरना
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 683 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम मुरैना में पम्प चालकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने कुशल एवं अकुशल पम्प चालक पदस्थ हैं तथा पम्प चालकों के कितने पद रिक्त हैं? कुशल एवं अकुशल पम्प चालकों के नाम, पता एवं मोबाइल नं. सहित जानकारी देवें। (ख) क्या नगर पालिक निगम मुरैना को पम्प चालक के लिये कोई आवेदन प्राप्त हुये हैं? यदि हां तो कितने आवेदन प्राप्त हुये? उनके नाम सहित जानकारी देवें। (ग) नगर पालिक निगम मुरैना में पम्प चालकों के रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) कुल 09 आवेदन प्राप्त हुये है। जानकारी परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) पंप चालकों के पद रिक्त न होने के कारण उपरोक्त पदों पर भर्ती किया जाना संभव नहीं है।
दोषी प्राचार्य को पद से हटाना
[उच्च शिक्षा]
38. ( क्र. 684 ) श्री राकेश मावई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय मुरैना से छात्रवृत्ति के नाम पर दो दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों में हुये करोड़ों रूपये के फर्जीवाडे को लेकर भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में प्राध्यापक रहते हुये डॉ. कमलेश श्रीवास्तव पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? यदि हां तो ऐसे दोषी प्राध्यापक को कन्या महाविद्यालय का प्राचार्य क्यों और कैसे बनाया गया? (ख) क्या अभी तक डॉ. कमलेश श्रीवास्तव के विरूद्ध लोकायुक्त पुलिस द्वारा संबंधित न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें? यदि चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है तो कब तक लोकायुक्त पुलिस द्वारा चालान प्रस्तुत किया जावेगा? (ग) क्या डॉ. कमलेश श्रीवास्तव को प्राचार्य के पद से हटाकर विभागीय कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) शासकीय कन्या महाविद्यालय मुरैना की प्राचार्य डॉ. कमलेश श्रीवास्तव को कब तक प्राचार्य पद से हटा दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिकायत के अभिलेखों के अनुसार शासकीय कन्या महाविद्यालय, मुरैना से छात्रवृति के नाम पर दो दर्जन से अधिक निजी कॉलेजों में हुये करोड़ों रूपये के फ़र्जीवाडे़ को लेकर भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में प्राध्यापक रहते हुये डॉ. कमलेश श्रीवास्तव पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा एफ़.आई.आर. दर्ज किया जाना इस कार्यालय के संज्ञान में नहीं है। महाविद्यालय में डॉ. कमलेश श्रीवास्तव को वरिष्ठता सूची में प्रथम होने के कारण प्रभारी प्राचार्य का प्रभार दिया गया है। (ख) संज्ञान में नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड का कार्यादेश जारी किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 687 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदौली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक, नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल की निविदा आमंत्रण एवं प्राप्त करने के लिए संविदाकार के लिए नियम व शर्ते, समान कार्य अनुभव, वित्तीय राशि, ऑडिट 5 वर्ष बैलेंस शीट एवं पात्रता हेतु क्या अर्हता है? क्या मेसर्स आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड को उक्त योजना का ठेका दिया गया है? यदि हां तो क्या उक्त निविदाकार आमंत्रित निविदा में पात्र है? क्या प्रत्यक्ष फर्म के नामे समान प्रकार का पूर्णत: कार्य अनुभव प्रमाण पत्र अर्हता पूर्ण करता है? क्या उक्त फर्म अर्हता पूर्ण करता है? किस आधार पर उक्त निविदाकार को पात्र घोषित करके निविदा अर्हता में कार्यादेश जारी किया? विवरण देवें। (ख) क्या पी.एच.ई. में सब कॉन्ट्रेक्टर को अंडरटेकिंग प्रमाण पत्र के आधार की अर्हता निविदा नियम में रखी गई थी? यदि हां तो निविदा नियम बताएं। यदि नहीं तो नियम विरूद्ध निविदाकार को पात्र कैसे पाया गया? यदि हां तो क्यों? (ग) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदौली जल आवर्धन योजना क पी.एच.ई. घटक, नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल के पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखण्डे कार्यादेश क्र. 425 दिनांक 17.04.2013 निविदा घटक के अंतर्गत निलंबित ठेके में विभिन्न घटक (1) डी.आई. पाईप नाली खुदाई (2) एच.डी.पी.ई. डिस्ट्रीब्यूशनल नाली खुदाई (3) इन्टेकवेल पंप हाऊस खुदाई एवं विद्युत विभाग की सब स्टेशन की ड्रॉईंग डिजाईन माप (4) वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं विद्युत विभाग की ड्रॉईंग-डिजाईन माप क्या क्र. 1 से 4 तक क्रमश: शुरूआत व अंतिम माप बुक में दर्ज है? यदि हां तो प्रति दें। यदि नहीं तो क्यों? यह क्या नियमानुसार अति आवश्यक नहीं था? नियम की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक निविदा शर्तों का विस्तृत उल्लेख करें। बिन्दुवार विवरण उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध अनियमितताओं पर कब तक दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना अंतर्गत हरदौली जलावर्धन योजना के पीएचई घटक की निविदा आमंत्रण में संविदाकार के लिए पात्रता हेतु अर्हता संबंधी शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी हाँ। मेसर्स आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड आमंत्रित निविदा में पात्र है, निविदाकार प्रत्यक्ष फर्म के नामे समान प्रकार के कार्य अनुभव अर्हता पूर्ण करता है। जिसकी निविदा का तकनीकी मूल्यांकन पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, कार्य की निविदा शर्तों के अनुरूप ही निविदाकार को पात्र माना गया है। निविदाकार के द्वारा सब कान्ट्रेक्टर के रूप में किये गये कार्यों के अनुभव प्रमाण पत्र शासकीय संस्थानों द्वारा प्रमाणित कर जारी किये गये है जोकि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, क्रमांक 01 एवं 02 के कार्य माप-पुस्तिका में दर्ज है किन्तु क्र. 03 में उल्लेखित इंटेकवेल पंप खुदाई बिलिंग ब्रेकअप अनुसार न होने एवं विद्युतीकरण कार्य की अनुमोदित ड्राइंग-डिजाइन संविदाकार द्वारा प्रस्तुत न करने से मापदर्ज नहीं किया गया एवं क्र. 04 में उल्लेखित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य के माप दर्ज है एवं डब्ल्यूटीपी में विद्युतीकरण कार्य की अनुमोदित ड्राइंग-डिजाइन संविदाकार द्वारा प्रस्तुत न करने से माप दर्ज नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक निविदा शर्तों का विस्तृत उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मकानों को तोड़कर अन्यत्र विस्थापित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 694 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमीदिया अस्पताल के निकट लगभग 50 वर्ष पुराने मकानों को जिला प्रशासन द्वारा अवैध बताकर बारिश के मौसम में तोड़कर उन्हें विस्थापित कर दिया गया? (ख) यदि हां तो क्या उक्त स्थान के रहवासी अपने आवास के निकट ही वेल्डिंग, मैकेनिक व अन्य छोटी दुकानों से अपना रोजगार चलाते थे? यदि हां तो बारिश के मौसम में शासन द्वारा इस प्रकार कार्यवाही उचित है? (ग) यदि नहीं तो उक्त मकानों में निवासरत् परिवारों को प्रश्न दिनांक तक किसी अन्यत्र स्थान पर जगह आवंटित की गई अथवा शासन द्वारा कोई मुआवजा दिया गया? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) हमीदिया अस्पताल के निकट रॉयल मार्केट नर्मदा स्वीट्स के पीछे शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 134/2 पर 20 अतिक्रमण थे, जिनमें 04 आवासीय मकान थे तथा शेष गोदाम वेल्डिंग मैकेनिक आदि की दुकान थी उक्त अतिक्रमणों के विरूद्ध विधिवत धारा 248 म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर समुचित सुनवाई के अवसर दिया जाकर बेदखली आदेश पारित किये गये थे तथा दिनांक 22.06.2021 को दुकान आदि को हटा दी गई है। आवासीय अतिक्रमणो को अभी नहीं हटाया गया है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित 20 अतिक्रामकों में से 02 अतिक्रमण जिनके आवासीय मकान के साथ-साथ दुकाने आदि थी उनकी केवल दुकानें हटायी गयी है। (ग) सभी व्यक्ति अतिक्रामक थे जिनके अतिक्रमण हटाये गये। अतिक्रामक को मुआवजा या अन्य जगह पर भूमि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फ्लाई ओवर एवं नर्मदा रिवर फ्रन्ट निर्माण हेतु बजट
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 715 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित नगर निगम चौराहे से महानद्दा तक शास्त्री ब्रिज के ऊपर से फ्लाईओवर निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2019-20 के बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हां तो इस कार्य का प्रारंभ कब तक किया जावेगा? (ख) क्या जबलपुर स्थित नर्मदा रिवर फ्रंट के निर्माण हेतु राशि का प्रावधान वर्ष 2019-20 में किया था? यदि हां तो इसका कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय भाण्डेर में प्राध्यापकों की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
42. ( क्र. 725 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर शासकीय महाविद्यालय में कितने प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या सभी स्वीकृत पद भरे हुये हैं? (ग) स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना की गई है? (घ) यदि प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय भांडेर में प्राध्यापक के 02 एवं सहायक प्राध्यापक के 12 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं। (ग) स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों द्वारा अध्यापन कार्य किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में स्वीकृत पद विरूद्ध कार्यरत नियमित शिक्षकों की कमी के कारण रिक्त हैं।
भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में रिपटा निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 726 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक 845/सी.एम.एस./एस.एम.एस./2020 (02/06/2020), 844/सी.एम.एस./एस.एम.एस./2020 (02/06/2020) के संदर्भ में क्या कोई क्रियान्वयन किया गया? यदि हां तो विवरण देवें? (ख) यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित 132/33 के.व्ही उपकेन्द्र विस्थापित कर पडोखर में स्थापना
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 727 ) श्रीमती
रक्षा संतराम
सरोनिया : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) माननीय
मुख्यमंत्री
कार्यालय के
पत्र क्रमांक 2667/CMS/MLA/021/2021, दिनांक
01/06/2021 के
संदर्भ में क्या
कोई क्रियान्वयन
किया गया? (ख) यदि
हां तो विवरण
देवें। (ग) यदि नहीं तो
क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क), (ख) एवं (ग) माननीय
मुख्यमंत्रीजी
के कार्यालय
के संदर्भ
क्रमांक 2667/CMS/MLA/021/2021
दिनांक 01.06.2021 द्वारा
माननीया
प्रश्नकर्ता
विधायक
महोदया के
पत्र दिनांक 12.04.2021 के
तारतम्य में, दतिया
जिले के
सेवड़ा
क्षेत्रांतर्गत
ग्राम
भगुआपुरा में
प्रस्तावित 132 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
को विधानसभा
क्षेत्र भाण्डेर
के पण्डोखर
में स्थापित
करने हेतु
कार्यवाही
किये जाने
हेतु निर्देशित
किया गया था।
परीक्षणोपरांत
यह पाया जाता
है कि ग्राम
भगुआपुरा में 132 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
निर्माण का
कार्य ही
तकनीकी रूप से
असाध्य है।
अत: प्रकरण
में कोई
कार्यवाही
किया जाना
अपेक्षित
नहीं है।
बिल्डर द्वारा की गई अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 738 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम मिसरोड तहसील कोलार जिला भोपाल स्थित भूमि खसरा क्रमांक 86, 87, 90/1, 84, 361/87/1/2, 360/84/1/2/2, 84 361/87/1/1, 360-84/1/1/3 रकबा 2.53 हेक्टेयर भूमि पर ओदश क्रमांक 1255/एल.पी.255/29/जिका/नग्रानि/2010 भोपाल दिनांक 20/10/2010 एवं आदेश क्रमांक 378 दिनांक 15/02/2011 द्वारा कालोनी विकास अनुमति प्रदान की गयी है। (ख) क्या बिल्डर द्वारा उक्त विकास अनुमति की सभी शर्तों का पालन किया गया है। यदि नहीं तो कौन-कौन सी शर्तों का पालन नहीं किया गया है एवं उक्त शर्तों का कब तक पालन करवाया जायेगा। (ग) बिल्डर द्वारा कॉलोनी में कितने रेन वाटर हार्वेस्टिग/ रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है संख्या बतावें। (घ) क्या बिल्डर द्वारा कॉलोनी में नियमानुसार वृक्षारोपण, कमजोर आय वर्ग/ निम्न आय वर्ग हेतु आरक्षित आवासीय इकाईयों का निर्माण, सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, कालोनी के बरसात के पानी एवं अन्य पानी की निकासी हेतु नाली का निर्माण किया गया है। (ड.) उक्त कॉलोनी के कौन-कौन से भूखण्ड विभाग के पास बंधक है। क्या बिल्डर द्वारा कॉलोनी का विकास कार्य किये बिना ही अधिकारियों की मिलीभगत से बिना विकास कार्य किये ही बंधक रखे भूखण्ड मुक्त करा लिये गये हैं। उसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है, नाम बतावें। (च) उक्त कोरल कॉटेज कॉलोनी मिसरोद में कौन से बिल्डर द्वारा वर्तमान में भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है, क्या उक्त बिल्डर के पास कॉलोनाईजर्स लायसेंस हैं? (छ) क्या कार्यालय नगर पालिक निगम भोपाल कॉलोनी प्रकोष्ठ शाहपुरा के पत्र क्रमांक 105/का./प्रको./2020 भोपाल दिनांक 30/01/2020 द्वारा बिल्डर के विरूद्ध मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही प्रारंभ की गयी है। यदि हां तो आज दिनांक तक बिल्डर के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है एवं कब तक उक्त कार्यवाही पूर्ण की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दी गई अनुमति में नगर निगम से संबंधित शर्तो का बिल्डर द्वारा अक्षरश: पालन न करते हुए कॉलोनी में किये जाने वाले विकास कार्यो में से नाली का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है, कॉलोनी में रेनवाटर हार्वेस्टिंग/रूफवाटर हार्वेस्टिंग नहीं की गई है, कमजोर आय वर्ग/निम्न आय वर्ग हेतु भूमि आरक्षित की है जिस पर निर्माण होना है। अपूर्ण कार्यो को पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शर्तो का पालन कराया जाने के संबंध में नगर पालिक निगम, भोपाल के कॉलोनी प्रकोष्ठ, शाहपुरा द्वारा पत्र क्रमांक-105/का.प्र.को./2020 भोपाल दिनांक 30.01.2020, सूचना पत्र बिल्डर को जारी किया गया था एवं इस सूचना पत्र के उपरांत बिल्डर को पुन: दिनांक 16/03/2020 एवं 18/08/2020 को सूचना पत्र जारी किये गये थे एवं बिल्डर के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभंव नहीं है। (ग) कॉलोनी में बिल्डर द्वारा रेनवाटर हार्वेस्टिंग/ रूफवाटर हार्वेस्टिंग का कार्य नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं अपितु बिल्डर द्वारा कॉलोनी में वृक्षारोपण किया गया है, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है, बरसात के पानी एवं अन्य पानी की निकासी हेतु नाली का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कमजोर आय वर्ग व निम्न आय वर्ग हेतु भूमि आरक्षित है जिस पर निर्माण होना है। (ड़) जी नहीं। कॉलोनी के विकास कार्यो में बिल्डर द्वारा सड़को का निर्माण, विद्युतीकरण, पेयजल हेतु सम्पवेल एवं पाईप लाईन का निर्माण, सीवेज हेतु एस.टी.पी. एवं सीवेज पाईप लाईन का निर्माण, पार्को का विकास, वृक्षारोपण किये जाने पर सक्षम स्वीकृति उपरांत बंधक भूखण्ड मुक्त किये गये है एवं शेष विकास कार्य न किये जाने के कारण वर्तमान में भी एक भूखण्ड (भूखण्ड क्रमांक 34) नगर निगम के पास बंधक है अधिकारियों का दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) वर्तमान में कोरल काटेज कॉलोनी में मेसर्स ग्लोबस होम्स प्रायवेट लिमिटेड (भूमि स्वामी) द्वारा भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। कार्यालयीन रिकार्ड अनुसार ग्लोबस होम्स प्रायवेट लिमिटेड का कालोनाईजर लायसेंस जारी होना नहीं पाया गया। विकासकर्ता मेसर्स असनानी बिल्डर्स प्रायवेट लिमिटेड का कॉलोनाईजर लायसेंस क्रमांक 40 दिनांक 31/07/2024 तक वैध है। (छ) जी हां, कार्यालय नगर पालिक निगम, भोपाल कॉलोनी प्रकोष्ठ, शाहपुरा द्वारा पत्र क्रमांक-105/का.प्र.को./2020 भोपाल दिनांक 30.01.2020 सूचना पत्र बिल्डर को जारी किया गया था एवं इस सूचना पत्र के उपरांत बिल्डर को पुन: दिनांक 16/03/2020 एवं 18/08/2020 को सूचना पत्र जारी किये गये थे एवं बिल्डर के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। पूर्ण कार्यवाही की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्या महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 752 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो कन्या महाविद्यालय संचालित है जिनमें वाणिज्य संकाय का अध्यापन कार्य का संचालन नहीं हो रहा है क्यों? (ख) क्या अभी हाल ही में प्रदेश के अन्य कई महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय का पद सृजन कर अध्यापन कार्य संचालित किया गया है तो सिंगरौली विधानसभा के अंतर्गत संचालित कन्या महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय का पद सृजन कर के और अध्यापन कार्य शुरू किया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण शासकीय कन्या महाविद्यालय, बैढन एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिगरौंली में वाणिज्य संकाय प्रारंभ किए जाने में कठिनाई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति/प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 761 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी बनाने के क्या नियम है? क्या बगैर पदोन्नति के राजस्व उप निरीक्षकों को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिक्षक बनाया जा सकता है। यदि नहीं तो कितने रा.उ.नि. जो कनिष्ठ है जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रदेश में मुख्य नगर अधिक्षक को संवर्ग बनाया गया है, यदि हां तो क्या संवर्ग के अनुरूप स्थानांतरण से पदस्थापना की जाती है। यदि नहीं तो क्यों, क्या (ग) श्रेणी के मु.न. अधि. (ब) तथा (अ) श्रेणी की नगर पालिकाओं में पदस्थ किये गये हैं यदि हां तो कहां-कहां पदस्थ किये गये हैं जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रदेश में कितने प्रभारी मुख्य न.पा. अधि. है जो रा.उ.नि. है तथा उनकी शैक्षणिक योग्यता सेवा पुस्तिका के अनुसार 8वीं है। क्या इन्हें हटाया जावेगा। यदि नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्य नगरपालिका अधिकारी के संवर्ग में पर्याप्त अधिकारी नहीं होने से मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पर पदोन्नति चेनल में आने वाले फीडर केडर के अधिकारी/कर्मचारियों जिसमें राजस्व उपनिरीक्षक का पद सम्मलित है, को मुख्य नगरपालिका अधिकारी का प्रभार दिया जाता है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। नगरीय निकायों को ‘अ‘ तथा ‘ब‘ श्रेणी में वर्गीकरण का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार 02 प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी है। जी नहीं। दोनो प्रभारी अधिकारी राजस्व उप निरीक्षक के पद पर धारण करते है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रिक्त पदों पर प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत फीडर केडर से प्रभार दिया जा रहा है।
वन खण्डों की भूमि के संबंध में
[वन]
48. ( क्र. 763 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में 6520 वन खण्डों में प्रस्तावित लगभग 30 लाख 4 हजार 624 हेक्टेयर वन भूमि के प्रावधानों के तहत वन व्यवस्थापन अधिकारी को आरक्षित वन बनाने के लिए अधिसूचना मय प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की कार्यवाही किया जाना है। इस संबंध में की गयी कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) क्या इस समस्या के हल के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश में भारतीय वन अधिनियम 1927 के धारा 20 के तहत पिछले 05 वर्षों में अधिसूचित रकबे एवं अन्तिम नोटिफीकेशन की दिनांक के साथ जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के अंतर्गत वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्ति की गई है। वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्य सम्पादित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-25/83/2004/06/10-3 दिनांक 06.11.2006 से जारी निर्देशानुसार 16 माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है।
कालोनियों के विकास की दी गई अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 844 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2013 से2018 तक कितनी कॉलोनियों के विकास की अनुमति दी गई कॉलोनी नाम, स्थान, भूखण्ड रकवा, रकबा नंबर सहित विधान सभावार देवें। (ख) इन कॉलोनियों में मरीज व कमजोर वर्ग के लिए जो भूखण्ड आरक्षित किया जाता है या आश्रय शुल्क जमा किया जाता है? उसकी जानकारी कॉलोनीवार देवें। कॉलोनाइजर द्वारा भूखण्ड रिक्त करा है या आश्रय शुल्क जमा किया है? (ग) जिन कॉलोनाइजरों द्वारा भूखण्ड रिक्त रखा गया है उनके भूखण्ड रकवा नंबर देवें, जिनके द्वारा गरीब कमजोर आय वर्ग को भूखण्ड विक्रय किए गए है उन क्रय कर्ताओं के नाम, पता रजिस्ट्री की छायाप्रति सहित कॉलोनीवार, विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (घ) जिन कॉलोनाइजरों द्वारा गरीब, कमजोर आय वर्ग के लिए भूखण्ड आरक्षित नहीं किया या उसे अन्य को विक्रय कर दिया उनके नाम, पता सहित देकर बतायें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित अभिन्यास में नियमानुसार कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लिए भूखण्ड आरक्षित करने एवं भूखण्ड आरक्षित न करने की स्थिति में कॉलोनाईजर द्वारा लिए गए विकल्प के अनुसार आश्रय शुल्क जमा कराने का प्रावधान रखा जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जिन कॉलोनाईजर द्वारा कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लिए भूखण्ड आरक्षित किए गए हैं उनकी संख्या एवं क्रेताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, रजिस्ट्री की प्रति संबंधित नगरीय निकाय को उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में संसूचित किए अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
50. ( क्र. 916 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की 2018 से 2020 तक सामूहिक सम्मेलनों की राशि कितने जिलों में दी गयी हैं? (ख) क्या कांग्रेस शासन काल में विवाह सम्मेलनों की राशि को बढ़ाकर 51, 000 कर दी लेकिन दो साल बाद भी दुल्हनों के खाते में नहीं पहुंची हैं? शासन उक्त राशि को कब तक पहुंचायेगा? (ग) क्या कोरोना काल में सामूहिक विवाह सम्मेलनों पर भी रोक लगाई गई थी? यदि हां तो उसे पुनः कब से प्रारंभ किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना वर्ष 2018-2020 तक सामूहिक विवाह कार्यक्रमों की राशि प्रदेश के समस्त जिलों को उनकी मांग अनुसार प्रदाय की जाकर समस्त पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। कांग्रेस शासन काल में विवाह सम्मेलनों की राशि बढाकर 51,000/- कर दी गई थी। राशि वृद्धि उपरान्त सम्पन्न हुए विवाहों के समस्त पात्र हितग्राहियों की राशि उनके खातों तक पहुंचा दी गई है। वर्तमान में भुगतान हेतु कोई शेष नहीं है। (ग) कोविड 19 के कारण भारत सरकार एवं राज्य द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में समस्त सामूहिक कार्यक्रमों के आयोजन किये जाने पर रोक लगाई गई है जिस कारण सामूहिक कार्यक्रम प्रतिबंधित है। कोविड 19 पूर्णत: नियंत्रित होने के पश्चात सामूहिक कार्यक्रमों के आयोजन पर निर्णय लिया जावेगा।
चम्बल संभाग के घाटों की स्थिति
[वन]
51. ( क्र. 917 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग की चम्बल नदी के राष्ट्रीय अभ्यारण में वर्ष 2016 से जुलाई 2021 तक कितने घड़ियाल किन-किन घाटों में बड़े हो गये? घाटवार, वर्षवार संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) अभ्यारण की सीमा किन-किन घाटों पर चिन्हित की गयी हैं? चिन्हित का प्रकार क्या बनाया गया? प्रकार एवं घाटों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) जिला श्योपुर से अटेर भिण्ड की सीमा तक कितने कर्मचारी, अधिकारी तैनात किये गये हैं पदनाम, संख्या एवं तैनाती का स्थान सहित जानाकरी दी जावे। जुलाई 2021 की स्थिति अनुसार। (घ) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण की पूर्व सीमा में वर्ष 2020 से जुलाई 2021 तक किस-किस घाट क्षेत्र में कितने घड़ियाल के अण्डे एकत्रित किये गये? स्थान के नाम अण्डों की संख्या सहित जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य की सीमा चिन्हित घाटों के आधार पर निर्धारित नहीं की गई है। राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य में घाटों का निर्धारण जलीय जीवों के प्रबंधन एवं संरक्षण की दृष्टि से किया गया है। घाटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य की पूर्व सीमा में वर्ष 2020 में बरौली घाट से 151 अण्डे एवं महूखेड़ा (ऐसाह) घाट से 49 अण्डे एकत्रित किये गये थे। वर्ष 2021 में बरौली घाट से 200 अण्डे एकत्रित किये गये हैं।
नगर पंचायत का दर्जा देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 922 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नरयावली एवं ग्राम पंचायत जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किये जाने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा देने की घोषणा के क्रियान्वन में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) नरयावली एवं जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने में कौन-कौन से ग्रामों को सम्मिलित किया जायेगा? (ग) शासन स्तर से ग्राम पंचायत कर्रापुर, नरयावली एवं जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने हेतु समस्त औपचारिकताएं कब तक पूर्ण कर नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। ग्राम पंचायत नरयावली, ग्राम पंचायत जरूआखेड़ा एवं ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने हेतु कलेक्टर सागर से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है जो परीक्षणाधीन है। (ख) प्राप्त प्रस्तावानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। (ग) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों के इलाज के बिलों का भुगतान
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 923 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत सागर जिले में पदस्थ तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को गंभीर बीमारियों के इलाज के दौरान खर्च हुई दवायें एवं अन्य बिलों के भुगतान का प्रावधान है? (ख) यदि हां तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र के ऐसे कितने प्रकरण/ बिल लंबित हैं जिनका भुगतान किया जाना शेष हैं? (ग) क्या सागर जिले अतंर्गत केंसर रोग पीड़ित लाइन परिचारक का भी बिल/प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है? यदि हां तो उक्त प्रकरण का भुगतान बिल किस दिनांक से लंबित है? (घ) यदि भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी एवं बिल का भुगतान कब तक किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत सागर जिले में पदस्थ तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमानुसार गंभीर बीमारियों के इलाज के दौरान क्रय की गई दवाओं एवं अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों के भुगतान का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल 8 चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों पर स्वीकृति/भुगतान हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हां, सागर जिला अंतर्गत संचालन एवं संधारण संभाग, सागर में पदस्थ केंसर पीडि़त श्री मुन्ना लाल चौधरी, लाईन परिचारक का चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक दिनांक 29.9.2020 से लंबित है। (घ) चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक प्रपत्र में श्री मुन्ना लाल चौधरी, लाईन परिचारक के हस्ताक्षर नहीं है, जिस हेतु संबंधित कार्यालयों द्वारा उन्हें पत्राचार के माध्यम से सूचित किया गया है। आवेदक के हस्ताक्षर होने के उपरान्त देयक की स्वीकृति/भुगतान हेतु कार्यवाही की जा सकेगी, अत: किसी के उत्तरदायी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
कॉलोनीवासियों को मूलभूत सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 926 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नगर पालिका छतरपुर के अंतर्गत ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी आती है? यदि हां तो उक्त कॉलोनी में नगर पालिका छतरपुर द्वारा शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या मूलभूत सुविधा दी गई थी? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त कॉलोनी निवासियों को नगर पालिका छतरपुर द्वारा शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार मूलभूत सुविधा पानी, स्टेट रोडलाइट एवं रोडो की साफ सफाई की सुविधा दी जा रही है? यदि नहीं तो क्यों कॉलोनी निवासियों को लोक अदालत के सूचना पत्र जारी किए जाते हैं? उक्त कॉलोनी निवासियों को किस विभाग एवं किसके आदेश से मूलभूत सुविधा दी जानी थी? मूल पद एवं नाम बताएं। (ग) क्या उक्त कॉलोनी निवासियों को सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार मूलभूत सुविधा ना देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी किया जाएगा? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो, कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। किन्तु ग्रीन एवेन्यू कालोनी का हस्तांतरण न होने के कारण मूलभूत सुविधायें प्रदान नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। कालोनी निवासियों की संपत्ति पर नगर पालिका द्वारा संपत्तिकर की वसूली की जाती है। कालोनी के नगरपालिका को हस्तांतरित न होने के कारण मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। कालोनी के विधिवत हस्तांतरण उपरान्त ही कालोनी वासियों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व अभिलेख में वन विभाग की भूमि को दर्ज कराना
[वन]
55. ( क्र. 927 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में किस तहसील के हल्का मौजा के कौन से खसरा नंबर वन विभाग के तहत में आते हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त खसरा नंबरों को राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा वन विभाग दर्ज कराने के लिए कार्यवाही की थी? यदि हां तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (ग) जिला छतरपुर के वन विभाग के तहत आने वाली भूमि के किन खसरा नंबरों में राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग के खसरा नंबरों में निजी स्वामित्व है? सूची उपलब्ध कराएं। यदि निजी स्वामित्व भू-स्वामी विक्रय पत्र निष्पादन कर देता है तो कौन जवाबदेह होगा? उल्लेख करें! (घ) क्या शासन वन विभाग की परिधि में आने वाली भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग दर्ज कराने के लिए कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) जिला छतरपुर के वन विभाग की भूमि में कौन कहां पर अतिक्रमण किए हुए हैं? सूची उपलब्ध कराएं। क्या उक्त अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हां तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराएं! यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिलौआ एवं पिछोर नगर परिषद् में महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 929 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपचुनाव 2020 के समय माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बिलौआ एवं पिछोर नगर परिषद् में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी थी? (ख) वर्तमान जानकारी के अनुसार अभी इन पर कोई कार्य नहीं हुआ है, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इन स्थानों पर महाविद्यालय कक्षाएं कब प्रारंभ की जायेंगी? (ग) इन घोषणाओं की वर्तमान में वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति की क्या स्थिति है? (घ) यदि स्वीकृति नहीं हुई है तो कारण बतावेंl (ड.) क्या जनहित में शीघ्र अति शीघ्र कक्षाएं प्रारंभ करायी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र.सी-0202 दिनांक 24/09/2020, पिछोर में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ करने से संबंधित है। बिलौआ में महाविद्यालय खोलने की घोषणा प्राप्त नहीं हुई है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक सी-0202 अनुसार पिछोर में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किए जाने हेतु मंत्रि-परिषद संक्षेपिका पर सहमति हेतु वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। कक्षाएँ कब प्रारंभ होंगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 931 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिमिरिया टेकरी से हरिपुर, पिछोरे तिराहा डबरा से पिछोर तक गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण एवं दोनों और नाला निर्माण कार्य की जांच जिला स्तर के अन्य विभाग के अधिकारी से क्या करायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ख) सीमिरिय टेकरी से हरिपुर तक सड़क के बीच स्ट्रीट लाइट का गुणवत्ताहीन एवं अधुरा निर्माण कार्य कब तक पूरा किया जावेगा? कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट के पोल टेड़े-मेढ़े हो गए हैं जो कि दुर्घटना का कारण बन सकते हैं? इसकी जाँच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) डबरा के पिछोर तिराहे से जेल रोड होकर चीनोर रोड तक कराये गए सड़क निर्माण कार्य में कितनी राशी व्यय हुई एवं किस दिनांक को कार्य पूर्ण हुआ तथा सड़क के दोनों ओर नाला निर्माण कार्य कितनी राशि से प्रस्तावित है तथा कितनी राशी व्यय की गयी एवं कितना मीटर नाला निर्माण कार्य कराया जाना शेष है? कब तक पूरा किया जावेगा? (घ) पिछोर से गिजोर्रा तक सड़क निर्माण कार्य किस दिनांक को व कुल कितनी राशि व्यय कर पूर्ण कराया गया? इस मार्ग का गुणवत्ताहीन कार्य होने से कई स्थान पर क्षतिग्रस्त हो चूका है जिसका मेंटेनेंस कार्य क्यों नहीं कराया गया? दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही कर मरम्मत कार्य कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिमिरिया टेकरी से हरिपुर सड़क निर्माण कार्य एन.एच.ए.आई. द्वारा गुणवत्ता अनुसार किया गया है, पिछोर तिराहा डबरा से पिछोर मार्ग गुणवत्ता अनुसार बनाया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। स्ट्रीट लाईट के पोल एक सीध में कराये जा रहे है। दुर्घटना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चूंकि कार्य गुणवत्ता पूर्वक एवं प्रगति पर है, इसलिए जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है। मार्ग पर कार्य गुणवत्तानुसार कराया गया है। क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। समय-समय पर मरम्मत कराया गया है। अतः कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आवंटित भूमि पर वन विभाग की आपत्ति
[उच्च शिक्षा]
58. ( क्र. 934 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन आदर्श महाविद्यालय छतरपुर के भवन निर्माण हेतु आवंटित भूमि में वन विभाग ने क्या आपत्ति लगाई है? उक्त के निराकरण हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या आवंटित भूमि के विवाद/आपत्ति निराकरण हेतु वन विभाग, राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और आवश्यक अन्य विभाग की विशेष टीम बना कर शीघ्र विवाद/आपत्ति का निराकरण करने हेतु प्रयास किया जा सकता है. ताकि शीघ्र भवन निर्माण हो कर शैक्षणिक कार्य प्रारंभ किया जा सके?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन आदर्श महाविद्यालय छतरपुर के भवन निर्माण हेतु आवंटित भूमि पर वन विभाग द्वारा लगाई गई आपत्ति इस प्रकार है:-‘‘ग्राम हमा स्थित भूमि खसरा नं. 890 बंदोबस्त पूर्व खसरा नं. 625/2/1/4 आवंटित रकवा 2.400 हे. का कुछ हिस्सा कक्ष क्रं. पी-628 के अंतर्गत आता है जो वन भूमि है”। जानकारी संलग्न परिशिष्ट –अ अनुसार है। उपरोक्त के निराकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), छतरपुर द्वारा पत्र क्रं. 116/प्रका-1/ 2021, दिनांक 26.02.2021 द्वारा वन मंडल अधिकारी, सामान्य वन मंडल, छतरपुर को प्रश्नाधीन भूमि से संबंधित गजट नोटिफिकेशन उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट–ब अनुसार है। (ख) आवंटित भूमि पर आपत्ति के निराकरण हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वन विभाग एवं राजस्व विभाग के साथ मिलकर प्रयास किया जा रहा है।
विभागीय अनुदान मांग में स्वीकृत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 935 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की विभागीय अनुदान मांग में छतरपुर विधानसभा की कितनी सड़कों को शामिल किया गया था? प्रत्येक सड़क के निर्माण की भौतिक स्तिथि क्या है? (ख) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत विभाग की कितनी परियोजना, कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, DPR निर्माण, साध्यता आदि लंबित है? सभी की विस्तृत जानकारी प्रदाय करे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत विभाग की 6 परियोजनायें शामिल है जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अतिरिक्त जिला छतरपुर में नवीन मेडिकल कॉलेज का पुन: प्राक्कलन तैयार कर परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भोपाल के पत्र दिनांक 19.07.2021 के द्वारा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा म.प्र. भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
वन अपराधों की जानकारी
[वन]
60. ( क्र. 936 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत दिनांक 01 जुलाई 2020 प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा विभिन्न अपराधों में पकड़े गये वाहनों की जानकारी की गई कार्यवाही के विवरण सहित दी जावें। इनमें से राजसात किये गये एवं छोड़ दिये गये वाहनों की जानकारी परिक्षेत्रवार कारण सहित पृथक से दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत अवैध उत्खन्न अवैध कटाई के दर्ज प्रकरणों की जानकारी सहित बतावें कि आंधी तूफान से गिरे वृक्षों की संख्या एवं लकड़ी की गोलाई एवं मोटाई एवं लम्बाई की जानकारी तथा डिपो में भण्डारित की गई लकड़ी की सामान्य जानकारी विवरण सहित परिक्षेत्रवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान तक वन भूमि पर अतिक्रमण के कितने अपराध किन-किन पर कायम किये गये? सूची एवं प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) जिले अंतर्गत विभाग की वन भूमि से होकर किन-किन टेलीकॉम कम्पनी की लाईनें किन अधिकारियों की अनुमति से बिछवाई गई? अनुमति के पत्र क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी दी जावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अवैध कटाई के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। आंधी तूफान से गिरे वृक्षों की जानकारी तथा डिपो में भण्डारित की गई लकड़ी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु लंबित पात्र सूची
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 939 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की प्रत्येक नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किस-किस के आवेदन पत्र निकायों द्वारा आवासहीनों के प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने हेतु बुलाये गये थे? उनकी सूची प्रदाय कर यह भी बतायें की उसे कब-कब, किस-किस के आवेदन पत्र पात्र न होने के कारण निरस्त कर दिये गये थे? उसकी भी सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जो पात्र पाये गये थे उसमें किस-किस को, कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक उनके स्वयं के आवास बनाने हेतु उनके खातों में कब-कब भेजी जा चुकी है और उनके खातों में कितनी-कितनी राशि भेजी जाना शेष है? वर्तमान की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के आधार पर बतायें की जो प्रधानमंत्री आवास योजना के अधूरे मकान बने है उनको कब तक पूर्ण कराया जावेगा? जिनके खातों में राशि नहीं भेजी गयी है उक्त राशि कब तक भेजी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के आधार पर बतायें कि परिवार के सदस्य संख्या के एवं कच्चे घर गरीब परिवार के आधार पर प्रधानमंत्री आवास दिये जाने हेतु लंबित सूची को कब तक स्वीकृत किया जावेगा और कब तक इनके खातों में आवास बनाने हेतु राशि भेजी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिवनी जिले की प्रत्येक नगरीय निकाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है। आवासों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’स’’ अनुसार है। (ग) कार्य की भौतिक प्रगति के मापदण्ड के आधार पर किश्तों की राशि मुक्त की जाती है। हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण किया जाता है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में सिवनी जिले की नगरीय निकायों की कोई डी.पी.आर. लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जनसहभागिता से वृहद वृक्षारोपण अभियान
[पर्यावरण]
62. ( क्र. 942 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने 5 जून से 15 जुलाई तक जनसहभागिता से वृहद वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू किया था? जुन्नारदेव विधानसभा, जिला छिन्दवाडा एवं म.प्र. में जनपदवार, पंचायतवार लगाये गये पौधों की संख्या एवं वायुदूत एप के माध्यम से पंजीकृत पौधो की संख्या बतावें। (ख) क्या म.प्र. सरकार ने एक नई घोषणा जनसहभागिता से वृहद वृक्षारोपण अभियान मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई जो जिले एवं प्रदेश में शैशव अवस्था में ही असफल हो गई? (ग) इस अभियान की जिले में, विधानसभा क्षेत्र, जनपद स्तर, पंचायत स्तर पर किसी तरह की कोई बैठक आयोजित नहीं की गई और न ही जनप्रतिनिधियों को इसमें भागीदार बनाया गया? (घ) इस योजना में ब्लाक एवं जिला स्तर पर कितना-कितना बजट आवंटित किया गया एवं इस योजना के प्रचार-प्रसार पर कितना व्यय किया गया? वृक्षारोपण जैसी महत्वाकांक्षी योजना को घोषणा के बाद अमल में क्यों नहीं लाया गया, जबकि वृक्षारोपण बरसात में होता है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। जुन्नारदेव विधानसभा जिला छिन्दवाड़ा में लगाये गये एवं वायुदूत एप पर पंजीकृत पौधों की संख्या दिनांक 02.08.2021 की स्थिति में 1518 है। दिनांक 02.08.2021 की स्थिति में म.प्र. में जिलेवार पंजीकृत प्रतिभागियों एवं रोपित पौधों की संख्या संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है, जो निरंतर परिवर्तनशील है। (ख) जी नहीं। (ग) राज्य के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर प्रदेश के पर्यावरण को स्वच्छ रखने एवं प्रकृति की प्राणवायु को समृद्ध करने के उद्देश्य से जन सहभागिता के माध्यम से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरूआत विश्व पर्यावरण दिवस दिनांक 05.06.2021 को माननीय मुख्यमंत्रीजी के द्वारा अंकुर कार्यक्रम का शुभारंभ वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया। (घ) योजना में जिला व ब्लाक स्तर पर कोई बजट आवंटन नहीं हुआ है तथा योजना के प्रचार-प्रसार पर व्यय निरंक है। अंकुर कार्यक्रम अपने शुभारंभ से सतत् रूप से जारी है।
वनक्षेत्रपालों को स्वर्ण पदक से अलंकृत की जानकारी एवं वेतनमान
[वन]
63. ( क्र. 943 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के वन विभाग के वनक्षेत्रपालों को पिछले 05 वर्षों में कब- कब स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया है? नामवार एवं वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रदेश की कुल शासकीय संस्थाओं के नाम एवं प्राप्तकर्ता के नाम व पद बतावें जिन्हें पिछले 05 वर्षों में भारत सरकार के इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया गया है, की जानकारी प्रदाय करें। (ग) मध्यप्रदेश के वनक्षेत्रपालों को क्या 7 जुलाई, 1997 से द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी घोषित किया गया है? (घ) क्या प्रदेश के वनक्षेत्रपालों को चौथे एवं पॉंचवें वेतनमान में तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक के समकक्ष वेतन मिला है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग के वनक्षेत्रपालों को पिछले 05 वर्षों से स्वर्ण पदक से अलंकृत नहीं किया गया है। (ख) भारत सरकार के इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरूस्कार से विगत 05 वर्षों में प्रदेश के किसी शासकीय संस्थान को पुरूस्कृत नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 945 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र विदिशा अंतर्गत योजना समिति विदिशा के माध्यम से कितने सड़क निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पारित किये जाकर, मुख्य अभियंता एवं प्रमुख अभियंता कार्यालय स्वीकृति के लिये भेजे गये? (ख) क्या माननीय लोक निर्माण विभाग मंत्री द्वारा पत्र क्रमांक 1439 दिनांक 23.06.2021 के द्वारा प्रधानमंत्री सड़क से ग्राम वहलोट व सुमेर वाली दरगाह तक सड़क निर्माण कार्य एवं पत्र क्रमांक 1440 दिनांक 22.06.2021 के द्वारा ग्राम ढोलखेड़ी करारिया चौराहे की बीच से ग्राम नागपिपरिया तक पुलिया एवं सड़क निर्माण कार्यों के संबंध में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण कार्य स्वीकृति की कार्यवाही के संबंध में अवगत कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) यदि हां तो उक्त सड़क निर्माण कार्यों के संबंध में स्वीकृति आदेश जारी किये गये? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृति आदेश जारी किये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रस्तावित मार्ग वर्तमान में किसी भी योजना में शामिल नहीं होने से विभाग की कोई कार्यवाही शेष नहीं।
नवीन सब-स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 946 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. विदिशा अंतर्गत विदिशा विधानसभा क्षेत्र में धान की फसल अधिक बोने के कारण किसानों के लिये सिंचाई हेतु बिजली की सुविधा पर्याप्त विद्युत भार से उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विभाग अंतर्गत नवीन सब स्टेशन अथवा पूर्व से स्थापित सब स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि किये जाने के प्रस्ताव हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में शासन क्षेत्र के किसानों की विद्युत सुविधा को ध्यान में रखते हुये ग्राम मनपुर तहसील गुलाबगंज में नवीन सब स्टेशन की स्थापना हेतु एवं ग्राम लश्करपुर में पूर्व से स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. के सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि कर 5 एम.व्ही.ए. की क्षमता तक की वृद्धि किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसानों को सिंचाई हेतु मानकों के अनुरूप निर्धारित वोल्टेज पर प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना अथवा पूर्व से स्थापित विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमतावृद्धि प्रस्तावित नहीं है। (ख) ग्राम मानपुर एवं आस-पास के क्षेत्र को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र गुलाबगंज से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों का समूहवार संचालन कर सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा उक्त सभी फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों के अनुरूप है। अत: ग्राम मानपुर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। ग्राम लश्करपुर एवं आसपास के क्षेत्र को लश्करपुर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों का समूहवार संचालन कर सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा उक्त विद्युत उपकेन्द्र पर स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर पर संबद्ध भार उसकी क्षमता के अनुरूप होने से इसकी क्षमता वृद्धि का कार्य आवश्यक नहीं है।
विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 950 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 6168 दिनांक 23.03.2021 के उत्तर अनुसार मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड वृत्त राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा परीक्षण किया जा रहा हैं? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से कब से लंबित हैं, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अल्प वोल्टज, तार टूटना, अनियमित विद्युत आपूर्ति आदि समस्या से स्थाई निजात दिलाने हेतु उक्त परीक्षणाधीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र ग्राम नाहली के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि हां तो कब तक बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्न कमांक 6168 दिनांक 23.03.2021 के उत्तर में विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के प्रस्ताव का परीक्षण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किये जाने की जानकारी दी गई थी। परीक्षण के उपरांत पाई गई कमियों की पूर्ति तथा पुन: प्रस्तुतीकरण हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 09.07.2021 द्वारा प्रकरण मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) को प्रेषित किया गया। मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) द्वारा पत्र दिनांक 28.07.2021 से प्रकरण आवश्यक आगामी कार्यवाही हेतु पुन: म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय को प्रेषित किया गया है, जो कि परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत यदि ग्राम नाहली में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य साध्य पाया जायेगा तो म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संपूर्ण प्रस्ताव मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को आगामी कार्यवाही हेतु भेजा जाएगा। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत साध्य पाए जाने पर ही मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु निर्णय लिया जायेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उपसंभाग कुरावर का सृजन
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 951 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2922 दिनांक 05.03.2021 के अनुसार महाप्रबंधक (संचालक/संधारण) वृत्त राजगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव को मुख्य महाप्रबंधक (भोपाल क्षेत्र) द्वारा आगामी कार्यवाही हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुख्यालय स्तर पर प्रेषित किया गया हैं। वर्तमान में उपसंभाग कुरावर के सृजन का प्रस्ताव म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय स्तर पर परीक्षणाधीन है? यदि हां तो उक्त संबंध में उपसंभाग कुरावर सृजन की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उपसंभाग कुरावर सृजित कर सुगम विद्युत आपूर्ति प्रारंभ करेगा? यदि हां तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, उपसंभाग कुरावर के सृजन के लिये प्रस्ताव निर्णय/स्वीकृति हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालक मण्डल की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रैय्यतवारी ग्राम भोगईखापा की संरक्षित वन भूमि
[वन]
68. ( क्र. 955 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उत्तर
वनमण्डल
बैतूल के
अन्तर्गत
रैय्यतवारी
ग्राम
भोगईखापा के
किस खसरा
नम्बर का कितना
रकबा
संरक्षित वन
सर्वे, नारंगी
भूमि सर्वे, वनखण्ड, वर्किंग
प्लान, पी.एफ.
एरिया
रजिस्टर, पी.एफ.
वनकक्ष
मानचित्र में
शामिल किया
गया, कितने
रकबे पर वन
विभाग का कब
से कब्जा हैं? (ख) रैय्यतवारी
ग्राम की
किस-किस मद और
किस-किस प्रयोजन
के लिए दर्ज
जमीनों को
भा.व.अ. 1927
की धारा 29 के तहत किस
दिनांक को
राजपत्र में
संरक्षित वन
अधिसूचित
किया,
दिनांक
1 अगस्त 1958 को
प्रकाशित
अधिसूचना में
किस कानून के
तहत अर्जित
किस मद की
जमीनों को
संरक्षित वन
अधिसूचित
किया गया है? पृथक-पृथक
बताएं। (ग) भोगईखापा
की कितनी भूमि
कलेक्टर ने
किस आदेश क्रमांक
से वन विभाग
को आवंटित की? कितनी
भूमि का किस
दिनांक को
कब्जा वन
विभाग को
सौंपा? कितनी
भूमि को
वर्किंग
प्लान, एरिया
रजिस्टर एवं
वनकक्ष
मानचित्र में
शामिल करने की
कलेक्टर ने
अनुमति
प्रदान की
पृथक-पृथक
बताएं। (घ) दिनांक 21 जून 2021 को
महेश आत्मज
नन्दा को किस
खसरा नम्बर के
कितने रकबे से
किसके आदेश से
किन कारणों से
बेदखल किया
गया?
वन
मंत्री ( श्री
कुंवर विजय
शाह ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित
ग्राम की
सर्वे डिमारकेशन
स्कीम एवं
वनखण्ड में
शामिल भूमि की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-एक
पर है।
नारंगी वन
सर्वे उपरांत
ग्राम
भोगईखापा की
वनभूमि वनखण्ड
में
प्रस्तावित
नहीं किया गया
है। उक्त भूमि
भारतीय वन
अधिनियम, 1927 की धारा-29 (3) के तहत
अधिसूचना
क्रमांक 9-x-58
दिनांक 10.07.1958 से
संरक्षित वन
अधिसूचित
होने से
वर्किंग प्लान
पी.एफ. एरिया
रजिस्टर, पी.एफ.
वनकक्ष
मानचित्र में
शामिल किया
जाकर वन विभाग
द्वारा
प्रबंधन एवं
नियंत्रण
किया जा रहा
है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
(क) में
उल्लेखित
अधिसूचना
क्रमांक 9-x-58
दिनांक 10.07.1958 में
रैय्यतवारी
प्रश्नांकित
ग्राम की भूमि
का मद एवं
प्रयोजन का
उल्लेख नहीं
है। दिनांक 01.08.1958 को
प्रकाशित
अधिसूचना में-
‘‘ऐसी
सभी वनभूमि जो
मध्यप्रदेश
स्वत्व समाप्ति
(सम्पदा, मुद्रा, संक्रात
भूमि) अधिनियम, 1950 में
निहित
प्रावधानों
के आधार पर
राज्य के निहित
है और वन
विभाग को
प्रबंधन के
लिये हस्तांतरित
की गई है, लेकिन अभी
तक आरक्षित या
संरक्षित वन
घोषित नहीं
किया गया है,‘‘ का लेख
है। (ग) रैय्यतवारी
ग्राम
भोगईखापा की 172.9 एकड़ (69.991हे.)
भूमि वन
प्रबंधन की
दृष्टि से
तत्समय राजस्व
विभाग द्वारा
सौपे जाने पर
उत्तरांश ‘क‘
के
अनुसार
संरक्षित वन
अधिसूचित
किया जाकर विभागीय
अभिलेखों में
दर्ज की गयी। (घ) दिनांक
21 जून, 2021 को
महेश आत्मज
नन्दा को
वनकक्ष
क्रमांक -पी-481 के
खसरा क्रमांक
-1 में
अतिक्रमित
रकबा 2.023
हेक्टेयर से
भारतीय वन
अधिनियम, 1927 की धारा-80 (अ) में
निहित
प्रावधानों
एवं जिला
स्तरीय टास्क
फोर्स समिति
बैतूल की बैठक
दिनांक 30.07.2020 में लिये
गये निर्णय के
तहत विधिवत
संयुक्त रूप
से अतिक्रमण
बेदखली की
कार्यवाही की
गई।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सड़कों पर टोल वसूल
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 957 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सड़क विकास निगम का वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक शुद्व लाभ, कुल राजस्व, विनीयोग हेतु उपलब्ध राशि, बैंक में कुल जमा राशि, जमा पर प्रतिवर्ष मिलने वाला ब्याज, प्रति शेयर व्हेल्यु बतावे। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम का गठन किस उद्देश्य से किया गया था तथा बतावें कि कम्पनी के प्रबन्ध संचालक क्या शासन के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने का स्वतंत्र है? कम्पनी के मुख्य उद्देश्य बताएं तथा इसके बायलाज की प्रति देवें। (ग) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा हाल ही में किन-किन सड़कों को टोल वसूल करने के लिये कितनी अवधि के लिये किस ठेकेदार को कितनी राशि में स्वीकृति प्रदान की गई? इन सड़कों का निर्माण किस श्रेणी की परियोजना में कितने कि.मी. का कितनी लगात से किस दिनांक को हुआ था? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़कों पर टोल वसूल करने हेतु एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बनाई गई नोटशीट में दिये गये आदेश ठेकेदार से किये गये अनुबंध की प्रतिया देवें तथा बतावें कि राज्यपाल द्वारा अधिसूचना किस दिनांक को जारी की गई? (ड.) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सड़कों पर टोल वसूल करने की आवश्यकता यूजर जार्च के नाम पर क्यों हुई? इस सन्दर्भ में एम.पी.आर.डी.सी. एवं शासन के मध्य हुए पत्र व्यवहार तथा कैबिनेट में स्वीकृत प्रस्ताव की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) नोटशीट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (ड.) यूजर फी के नाम पर टोल वसूल करने की आवश्यकता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार।
नगर निगम में लीज पट्टे की अवधि बढ़ाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 958 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5527 दिनांक 23.03.2021 क खण्ड (क) के सन्दर्भ में बताएं की सम्बन्धित दस्तावेज प्राप्त हुए या नहीं यदि नहीं तो इसके लिए जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही की गई तथा खण्ड (ग) के सन्दर्भ में बतावें कि कालोनाईजर द्वारा किस-किस खसरा रकबा पर क्या अतिक्रमण किया था अतिक्रमण हटाने के लिये उसे दिये गये नोटिस कि प्रति देवें तथा अतिक्रमण किये जाने पर कानूनी रूप से प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5566 दिनांक 23.03.2021 के सन्दर्भ में बतावें कि नगर निगम परिषद् द्वारा पारित प्रस्ताव की अनुमति राज्य शासन से प्राप्त की गई थी या नहीं? (ग) खण्ड (ख) में उल्लेखित भाग (ग) के सन्दर्भ में बताएं की नगर निगम रतलाम में भंग होने के बाद अभी तक लीज पट्टे की अवधि बढ़ाए जाने का आवेदन मिले उनके आवेदक के नाम, आवेदन की दिनांक, अनुमति दिये जाने या निरस्त किये जाने की दिनांक भवन/जमीन का क्रमांक कालोनी का नाम तथा अभी तक अनुमति नहीं दिये जाने का कारण सहित सूची देवें। (घ) खण्ड (ख) में उल्लेखित प्रश्न के सम्बन्ध में बताएं कि शेष नगर निगम में राशि वसूल नहीं कि गई तो रतलाम में क्यों की गई। 24.02.2016 से अंचल सम्पती अन्तरण नियम प्रभावशील होने के पूर्व किस-किस व्यक्ति से किस-किस मद में कितनी राशि वसूल की गई राशि जमा करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ड.) क्या यह सही है कि नगर निगम परिषद् द्वारा कर या शास्त्री लगाने का प्रस्ताव राज्य शासन से अनुमोदित होना जरूरी है या यदि हां तो बिना राज्य शासन कि अनुमोदना के खण्ड (घ) अनुसार वसूली गई राशि क्या वापस की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सैलाना द्वारा शोध का कार्य जारी होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कॉलोनाईजर द्वारा शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1653 के आंशिक भाग पर गेट का निर्माण किया जा रहा था, जिसे पटवारी द्वारा स्थल सीमांकन के उपरान्त हटाने के लिए निर्देशित किया गया पृथक से कोई सूचना पत्र जारी नहीं किया गया था, कॉलोनाईजर द्वारा स्वयं गेट को हटा लेने के कारण कानूनी प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। (ख) प्रश्न क्रमांक 5566 दिनांक 23.03.2021 के उत्तर में उल्लेखित परिषद द्वारा पारित प्रस्तावों की अनुमति आवश्यक नहीं होने से राज्य शासन से अनुमति प्राप्त नहीं की गई। (ग) नगर पालिक निगम का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात वर्तमान तक लीज पट्टे की अवधि बढ़ाए जाने हेतु कुल 377 आवेदन प्राप्त हुए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2016 के पूर्व नगर सुधार न्यास रतलाम के अस्तित्व के दौरान न्यास द्वारा जारी आवंटन, अनुबंध तथा लीज पट्टे की शर्तों के अधीन निर्धारित राशि एवं न्यास के ठहराव, नगर निगम परिषद् के ठहराव एवं मेयर इन काउंसिल के ठहराव अनुसार निर्धारित राशि समय-समय पर वसूल की गई है। म.प्र. अचल सम्पत्ति अंतरण नियम 2016 के प्रभावशील होने के पूर्व वर्ष 1994 तक की जानकारी काफी विस्तृत है जो रिकार्ड के आधार पर नगर निगम द्वारा तैयार कराई जा रही है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड 19 में किये गये कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 959 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत नगर निगम, नगर पालिका तथा नगर परिषदों में वर्ष 2014 से 2021 तक प्रत्येक वर्ष के मार्च महीने से जून महीने तक जन्म और मृत्यु के आंकडे नगरीय निकाय अनुसार वर्षवार बतावें। (ख) उज्जैन संभाग के सभी नगर निगम अनुसार बतावें की वर्ष 2017 से 2021 तक वर्ष अनुसार अप्रैल एवं मई महीने में मृतकों की संख्या क्या-क्या है रतलाम नगर निगम में 2018 से 2021 तक अप्रैल और मई माह में मृतकों की संख्या शमशान, कब्रस्तान अनुसार बताए। (ग) रतलाम जिलान्तर्गत नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2020-21 में शासकीय विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक की नामांकन की संख्या प्राईमरी तथा मिडिल स्कूलों की संख्या तथा प्राईमरी तथा मिडिल स्कूल में प्रतिदिन वितरित किये गये मध्यान्ह भोजन की संख्या तथा वितरण के कुल दिवस, भुगतान की राशि सहित जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा कोरोना मद में अभी तक कुल कितनी राशि खर्च की गई तथा तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए क्या तैयारी की गई? (ड.) रतलाम नगर निगम में कोविड 19 के तहत जून 2021 तक खर्च की गई राशि की मद अनुसार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
टोल सड़कों पर फास्टैग
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 962 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कितनी टोल सड़कों पर 100 प्रतिशत फास्टैग के तहत टोल वूसला जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रदेश में फास्टैग प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक टोल कंपनियों के खिलाफ उज्जैन एवं इन्दौर संभाग अन्तर्गत कितनी-कितनी शिकायतें कहां-कहां पर किस-किस प्रकार की दर्ज की गई एवं किस-किस व्यक्ति ने दर्ज कराई? क्या फास्टैग लगाने वाली कंपनियां 250 रूपये के प्रथम रिजार्च पर मात्र 150 रूपये का बैलेंस देती है? यदि हां तो इसके क्या नियम एवं शर्ते हैं? (ग) प्रदेश में 100 प्रतिशत फास्टैग प्रारंभ करने का अधिकार टोल कंपनी को है, या प्रदेश सरकार को? (घ) क्या विभाग मानता है कि 100 प्रतिशत फस्टैग नागरिकों के अधिकार का हनन है? क्या एक विंडो केश काउंटर के रूप में प्रत्येक टोल पर रखना प्रदेश शासन अनिवार्य करेगा? यदि हां तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत 04 राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार 100 प्रतिशत फास्टैग के तहत टोल वसूल किया जा रहा है। मार्गों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) प्राप्त शिकायतें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। विभिन्न वित्तीय संस्थाओं/कंपनियों द्वारा फास्टैग जारी किये जाते है जो कि निगम के आधिपत्य में नहीं है अत: निगम का उनकी ओर से लागू की गई दरें अथवा शर्त निर्धारण में कोई दखल नहीं होता है भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ग) प्रदेश में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से स्वीकृत टोल मार्गों पर भारत सरकार एवं म.प्र. सरकार के अधीन राजमार्ग एवं मुख्य जिला टोल मार्गों पर म.प्र. सरकार को है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) जी नहीं। म.प्र. सरकार अंतर्गत राजमार्ग एवं मुख्य जिला टोल मार्गों पर फास्टैग के साथ-साथ प्रत्येक टोल मार्ग पर नगद लेन-देन की सुविधा भी उपलब्ध है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार।
मंदसौर जिले में बिजली बिलों की शिकायतें
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 963 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से माह जून 2021 तक संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर में घरेलू प्रयोजन के विद्युत बिलों को लेकर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई कि जानकारी संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक रूप में बतावें? मंदसौर शहर वितरण केन्द्र में कितने घरेलू प्रयोजनों के विद्युत बिलों में कितनी राशि का संशोधन किया गया की जानकारी देवें? (ख) क्या कोरोना काल के दौरान औसत खपत के आधार पर विद्युत बिलों की राशि में भारी वृद्धि की गई? जो गैर घरेलू विद्युत श्रेणी वाली उपभोक्ता संस्थान कोरोनाकाल में बंद थे उनसे भी 5 से 10 गुना राशि वसूल की गई? यदि हां तो क्या इसकी पुन: जाँच कराई जायेगी? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर में विगत २ वर्षों में विभिन्न निम्नदाब उद्योगों एवं घरेलू उपभोक्ताओं के कितने विद्युत चोरी प्रकरण प्रकाश में आये? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या जिले में कार्य कर रहे मीटर वाचकों को ठेकेदार द्वारा कलेक्टर रेट से भी कम वेतन दिया जा रहा है और ना ही इनका पी.एफ. काटा जा रहा है? वेतन एवं सुविधाओं को लेकर ठेकेदार के खिलाफ कितनी-कितनी शिकायतें कहां-कहां पर प्राप्त हुई? मंदसौर जिले की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर के क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण संभाग मंदसौर में 12959, संचालन-संधारण संभाग मल्हारगढ़ में 1375, संचालन-संधारण संभाग गरोठ में 2606 एवं संचालन-संधारण संभाग सीतामऊ में 2140 इस प्रकार कुल 19080 घरेलू प्रयोजन के विद्युत बिलों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई। मंदसौर शहर वितरण केंद्र में प्रश्नाधीन अवधि में घरेलू प्रयोजन के कुल 5665 विद्युत बिलों में राशि रु. 183.23 लाख का संशोधन किया गया है। (ख) जी नहीं, वर्तमान वर्ष में घरेलू प्रयोजन के उपभोक्ताओं से कोरोनाकाल के दौरान औसत खपत के आधार पर नहीं अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार विद्युत दरों एवं उपभोक्ता के मीटर में दर्ज विद्युत खपत के आधार पर विद्युत देयक जारी किये गये थे। वर्तमान वर्ष में कोरोनाकाल के दौरान गैर घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के जो संस्थान बंद थे, उन्हें भी म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार न्यूनतम राशि के अथवा वास्तविक खपत के आधार पर विद्युत देयक जारी किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर में विगत 02 वर्षों में विभिन्न निम्नदाब उद्योगों से संबंधित कुल 11 एवं घरेलू उपभोक्ताओं से संबंधित कुल 226 विद्युत चोरी के प्रकरण संज्ञान में आये। निम्नदाब उद्योगों के 11 विद्युत चोरी के प्रकरणों में से 07 प्रकरणों में संबंधित उपभोक्ताओं से नियमानुसार राशि रु. 0.55 लाख जमा करवाई गई, 02 प्रकरणों में राशि जमा कराने हेतु नियमानुसार सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं शेष 02 प्रकरणों में से 01 प्रकरण में विशेष न्यायालय मंदसौर एवं 01 प्रकरण में विशेष न्यायालय गरोठ में वाद दायर किये गये हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के 226 विद्युत चोरी के प्रकरणों में से 64 उपभोक्ताओं से नियमानुसार राशि रु. 5.68 लाख जमा करवायी गई, 136 प्रकरणों में राशि जमा कराने हेतु नियमानुसार सूचना पत्र जारी किये गये एवं शेष 26 प्रकरणों में से 21 प्रकरणों में विशेष न्यायालय मंदसौर तथा 05 प्रकरणों में विशेष न्यायालय गरोठ में वाद दायर किये गये हैं। (घ) जी नहीं। मंदसौर जिले में ऑऊटसोर्स कार्मिकों के रुप में कार्य कर रहे मीटर वाचकों (अर्द्धकुशल श्रमिक) को संबंधित ठेकेदार फर्म द्वारा कलेक्टर रेट पर भुगतान किया जा रहा है एवं नियमानुसार निर्धारित ई.पी.एफ. काटा जा रहा है। उक्त कार्मिकों के वेतन एवं सुविधाओं को लेकर कुल 09 शिकायतें संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर एवं संचालन-संधारण संभाग, मंदसौर कार्यालयों में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई थी एवं प्राप्त समस्त 09 शिकायतों का समुचित सकारात्मक निराकरण किया जा चुका है।
आकृति इको सिटी हाउसिंग प्रोजेक्ट भोपाल की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 966 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में स्थित आकृति इको सिटी हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण करने हेतु प्रोजेक्ट को बनाने हेतु क्या-क्या प्रावधान किये गए थे? प्रारंभिक प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) बाद में प्रस्तुत प्रोजेक्ट में और क्या-क्या बदलाव किए गए? (ग) क्या इस प्रोजेक्ट के लिए नहर की जमीन के लिए निर्धारित निश्चित दूरी जो विभाग द्वारा तय की गयी है का पालन किया गया है? (घ) आज दिनांक तक किये गये बदलाव पश्चात प्रस्तुत प्रस्ताव एवं स्वीकृति जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़कों पर ब्लैक स्पॉट
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 967 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर कितने ब्लैक स्पॉट हैं और उन पर कितनी दुर्घटनाएं घटित हुई है और इन दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुयी है? (ख) विभाग द्वारा इन ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं से बचाने के लिए क्या-क्या प्रावधान किये जा रहे हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं के निवारण के लिए बजट में क्या प्रावधान किये गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ''अ-1'' एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त ब्लैक स्पॉटों पर दुर्घटनाओं से बचाने के लिये लघुकालीन परिशोधन हेतु थर्मोप्लास्टिक पेंट बार मार्किंग, केट आइस, साइन बोर्डस के प्रावधान किये जा रहे है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं स अनुसार है।
लाईन शिफ्टिंग में अनियमितता
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 970 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर में स्टेडियम के सामने निर्माणाधीन कालोनी में 33 के.व्ही. लाईन शिफ्टिंग के प्राक्कलन में खम्बों की संख्या कम दर्शायी गयी है? क्या तकनीकी स्वीकृति कम राशि की ली गयी एवं धरातल पर ज्यादा राशि का काम किया गया है एवं कॉलोनाईजर से अधिक राशि वसूली गयी तथा विभाग को उक्त कार्य की कम राशि जमा की गयी जिससे विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचायी गयी है? (ख) क्या लोकेन्द्र जाट सहायक प्रबंधक विगत 08-09 वर्षों से विद्युत विभाग श्योपुर के विद्युत वितरण केन्द्र बड़ौदा जिला श्योपुर में पदस्थ होकर कार्यरत है जो कि अनियमितता में संलिप्त है तथा अपने कार्यक्षेत्र में लाईन सुधार के नाम पर लाखों रूपये की अनियमितता की गयी है? उक्त अधिकारी के खिलाफ जांच करायी जाकर शासन स्तर से कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें? (ग) लम्बे समय से पदस्थ होकर कार्यरत श्री जाट का स्थानान्तरण शासन कब तक करेंगा? यदि नहीं तो कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, श्योपुर में स्टेडियम के सामने निर्माणाधीन कॉलोनी में 33 के.व्ही. लाईन शिफ्टिंग के प्राक्कलन में खम्भों की संख्या कम नहीं दर्शाई गई है। आवेदक श्री योगेश कुमार पुत्र श्री माँगीलाल मित्तल के भू खण्ड के ऊपर से होकर गुजर रही 33 के.व्ही. लाईन की शिफ्टिंग के कार्य हेतु दिनांक 22.03.2021 को जमा योजना अंतर्गत राशि रू. 839979/- का प्राक्कलन स्वीकृत किया गया, जिसमें 12 नं. 13 मीटर लम्बे एच.बीम का प्रावधान था। आवेदक द्वारा नियमानुसार 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि जमा कराई जाने के उपरांत कार्य के क्रियान्वयन के दौरान मौका स्थल पर विवाद की स्थिति होने से प्रस्तावित 33 के.व्ही. लाईन का मार्ग परिवर्तन होने के कारण पुन: सर्वे करवाकर दिनांक 16.06.2021 को राशि रू. 1029735/- का पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृत किया गया, जिसमें 12 नं. के स्थान पर 15 नं. एच बीम का प्रावधान किया गया। स्वीकृत पुनरीक्षित प्राक्कलन अनुसार 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की अंतर की राशि आवेदक से जमा करवाकर पुनरीक्षित प्राक्कलन में प्रावधानित 15 नं. खम्बों (एच बीम) का ही कार्य किया गया है। अत: कार्य के क्रियान्वयन में कम राशि जमा कराकर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को आर्थिक क्षति पहुँचाने संबंधी आरोप तथ्यात्मक नहीं है। (ख) जी नहीं, श्री लोकेन्द्र सिंह जाट सहायक प्रबंधक दिनांक 01.07.2017 से वितरण केन्द्र बडौदा में पदस्थ है। इनके कार्य क्षेत्र में वित्तीय अनियमितता संबंधी कोई प्रकरण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि उक्त अधिकारी के खिलाफ कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर जाँच करवाकर जाँच तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रशासनिक आधार पर आवश्यक होने की स्थिति में नियमानुसार स्थानांतरण किये जाने के प्रावधान है। अत: तत्संबंध में कोई निश्चित समय-सीमा बताया जाना अपेक्षित नहीं है।
भुगतान में विलम्ब होना
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 971 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक यंत्री मुरैना द्वारा विभाग के स्टोर में या स्टोर से बाहर विभाग प्रयुक्त सामग्री का लोडिंग/अनलोडिंग एवं परिवहन कार्य किस प्रक्रिया के तहत करवाया जाता है और इसके लिए प्रयुक्त मशीनों को क्रेन, ट्रेक्टर, हाईड्रा, लोडिंग वाहन को किस प्रकार से भुगतान किया जाता है? आइटम दर सहित बतायें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन फर्मों व वाहन मालिकों को कब-कब और कितना-कितना एवं किस दर से भुगतान किया गया है और कितना-कितना भुगतान शेष है? भुगतान विलम्ब के क्या कारण हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या विभाग द्वारा मनमाने तरीके से अपने चहेतों को भुगतान कर दिया जाता है और अन्य लोगों को फण्ड न होने का बहाना बनाकर कार्यालय के चक्कर लगवाये जा रहे हैं? यदि हां तो क्यों? यदि नहीं तो भुगतान राशि में अनुपातिक विसंगति क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में क्या विभाग एवं संबंधित अधिकारियों की साख पर वाहन मालिकों से विभाग द्वारा वांछित कार्य करवा लिये जाते हैं? किन्तु भुगतान न होने से विभाग एवं अधिकारियों की साख पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है? भुगतान के अभाव में कार्य अवरूद्ध होने की संभावना का कौन जिम्मेदार होगा? लम्बित भुगतान कब तक करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सहायक यंत्री उप संभाग मुरैना द्वारा वितरण कंपनी के स्टोर में अथवा स्टोर से बाहर प्रयुक्त सामग्री के लोडिंग/अनलोडिंग का कार्य अधिकृत फर्मों, जिनके पास क्रैन/हाइड्रा/टैक्टर आदि वाहन उपलब्ध हैं से कराया जाता है। उक्त मटेरियल लोडिंग/अनलोडिंग के कार्य का भुगतान बिल प्राप्त होने पर किया जाता है। उक्त लोडिंग/अनलोडिंग कार्य के साथ परिवहन का कार्य नहीं करवाया जाता। मुख्य सामग्री की लोडिंग/अनलोडिंग की दर निम्नानुसार है:-
क्र.सं. |
मटेरियल का नाम |
दर |
रिमार्क |
01 |
140 केजी 8 मीटर पीसीसी पोल |
50/- रूपये प्रति पोल |
|
02 |
63/25/100 केव्हीए डीटीआर |
50/- रूपये प्रति नग |
|
03 |
कन्डक्टर ड्रम/केबिल ड्रम |
50/- रूपये प्रति ड्रम |
|
04 |
एम.ई. |
50/ रूपये प्रति नग |
|
05 |
आर.एस. जॉइस्ट |
50/ रूपये प्रति पोल |
|
06 |
रेल पोल/ एच.बीम. |
100/- रूपये प्रति पोल |
|
07 |
पीटीआर रेडियेअटर |
100/- रूपये प्रति नग |
|
08 |
280 केजी 9.1 मीटर पीसीसी पोल |
100/- रूपये प्रति पोल |
|
09 |
व्ही.सी.बी. |
200/- रूपये प्रति नग |
|
10 |
पॉवर ट्रांसफार्मर लोडिंग |
4000/- रूपये प्रति नग |
दूरी अनुसार दर परिवर्तनशील |
11 |
पॉवर ट्रांसफार्मर अनलोडिंग |
4500/- रूपये प्रति नग |
|
12 |
पॉवर ट्रांसफार्मर इस्टालेशन |
4500/- रूपये प्रति नग |
(ख) वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक राशि रू. 14.20 लाख का भुगतान किया गया है, जिसकी मात्रा, दर एवं राशि की दिनांकवार तथा फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अद्यतन स्थिति में राशि रू. 6.35 लाख का भुगतान शेष है, जिसकी मात्रा, दर एवं राशि की फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। देयक लंबित रहने का कारण देयक एकाउन्ट में पाई गई विसंगतियों के निराकरण में समय लगना है। लंबित बिलों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। अपितु वस्तुस्थिति यह है कि अस्थायी अग्रिम राशि प्राप्त होने पर फर्मो के देयकों की वरीयता अनुसार भुगतान किया जाता है। (घ) जी नहीं। कार्य की आवश्यकता को देखते हुए लोडिंग/अनलोडिंग का कार्य विभागीय अधिकारियों द्वारा करवाया जाता है। वरीयता अनुसार फर्मों/वाहन मालिकों को भुगतान किया जाता है। इससे कार्य में अवरोध की संभावना नहीं है। लंबित देयकों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात यथाशीघ्र भुगतान किया जा सकेगा।
भवन निर्माण एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
78. ( क्र. 972 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के जौरा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय, आयुर्वेद, होम्पोपैथिक औषधालय किस स्थान पर स्वीकृत हैं? स्वीकृत औषधालयों में कौन-कौन से औषधालय भवन विहीन हैं? भवन विहीन औषधालय के नवीन भवन क्या वर्ष 2021-22 में बना दिये जावेगें? (ख) उपरोक्तानुसार किस-किस औषधालय में कितने-कितने, कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? उनमें कहां-कहां के पद कब-कब से रिक्त हैं? सभी औषधालयों में पदस्थ चिकित्सकों सहित सभी कर्मचारियों के नाम पद सहित बतायें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) मुरैना जिले के जौरा विधानसभा के अंतर्गत शासकीय होम्योपैथिक औषधालय में कौन-कौन से होम्योपैथिक चिकित्सक पदस्थ हैं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) होम्योपैथी औषधालय संचालित नहीं।
वनखण्डों में शामिल निजी भूमि की जानकारी
[वन]
79. ( क्र. 974 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत अधिसूचित वन खंडो में शामिल निजी भूमियों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन द्वारा 31-08-2010 एक समिति का गठन किया गया था, जिसकी बैठक दिनांक 04-10-2010 को आयोजित हुआ था, उक्त बैठक में लिए गए निर्णयों या अनुशंसा की प्रगति क्या है? (ख) मंडला जिले की कितनी निजी भूमि वनखंडों में शामिल किया गया है? इसकी गांववार जानकारी देवें। (ग) क्या वनखंडों में शामिल निजी भूमि के काश्तकारों को मुआवजा दिया गया है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन तिथि तक बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश के 20 जिलों में 29 वनमडलों के अतंर्गत 31707.452 हेक्टेयर निजी भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 के अंतर्गत अधिसूचित वनखण्डों में शामिल है की जानकारी संकलित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं दो अनुसार है। (ख) मण्डला जिले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 में अधिसूचित वनखण्डों में निजी भूमि शामिल नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बजट में शामिल सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 976 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा के माह जुलाई 2020 में आयोजित सत्र में प्रस्तुत बजट में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत प्रदेश में कितनी सड़कों के लिए कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? इन सड़कों में से जबलपुर संभाग अन्तर्गत वर्तमान में किन-किन सड़कों का निर्माण प्रारम्भ करवा दिया गया है एवं ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जिनका निर्माण प्रारम्भ नहीं करवाया गया है? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या मण्डला जिला अंतर्गत बिछिया-सरही सड़क कुल लंबाई 10 कि.मी. को बजट में शामिल कर राशि का प्रावधान किया गया था? यदि हां तो इस सड़क का निर्माण आज तक प्रारम्भ न हो पाने के क्या कारण हैं? कब तक सड़क का निर्माण प्रारम्भ करवा दिया जाएगा? (ग) मण्डला जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न सड़कों के निर्माण हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र/प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं? प्रत्येक जनप्रतिनिधि द्वारा प्रेषित पत्र/ प्रस्ताव में किन-किन सड़कों के निर्माण की मांग की गई है? इनमें से कौन-कौन सी सड़कों की स्वीकृति हो चुकी है कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण प्रारम्भ हो चुके हैं एवं किन सड़कों की स्वीकृति की कार्यवाही जारी है व कौन-कौन सी सड़कें निरस्त की गई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जुलाई 2020 में आयोजित विधानसभा के सत्र में प्रस्तुत बजट में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत प्रदेश में कुल 141 सड़क कार्यों, जिनकी लागत रूपये 492 करोड़ हेतु आवश्यक अनुदान राशि रुपये में 1, 41, 000/- का प्रावधान प्राप्त हुआ है, शेष जबलपुर संभाग अंतर्गत सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के सरल क्रं. 7 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पपत्र-''अ-1'' एवं ब अनुसार है।
आयुर्वेदिक औषधालयों/चिकित्सालयों की जानकारी
[आयुष]
81. ( क्र. 978 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में आयुर्वेदिक औषधालय/चिकित्सालय कहां-कहां एवं कब-कब से संचालित किये जा रहे हैं? विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से आयुर्वेदिक औषधालयों/चिकित्सालयों को कहां-कहां एवं कब-कब स्थानांतरित किया गया? स्थानांतरित करने के आदेश किस-किस अधिकारी द्वारा जारी किये गये? आदेश की प्रतिलिपि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिले में संचालित आयुर्वेदिक औषधालयों/चिकित्सालयों में वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने मरीजों का उपचार किया गया? माहवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय, डोरा का स्थान परिवर्तन ग्राम धनसुआ किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार।
स्टेट हाईवे 26 नगरीय सीमा भीकनगांव में निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 982 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव नगर परिषद की सीमा क्षेत्र में एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा खण्डवा-खरगोन स्टेट हाईवे-26 के दोनों और निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु एम.पी.आर.डी.सी. विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य है? हां तो क्या कारण है तथा क्यों आवश्यक है? (ख) क्या यह प्रावधान नगर परिषद भीकनगांव पर भी लागू होता है? नहीं तो क्या कारण है? बिना अनुमति निर्माण कार्य कराये जाने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? नियमावली से अवगत करायें। (ग) क्या नगर परिष्द भीकनगांव द्वारा खण्डवा—खरगोन रोड- 26 नगर सीमा में पेवर ब्लॉक, नाली एवं फुटपाथ बनाने हेतु अनुमति ली गई है? यदि हां तो प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा नहीं तो उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि हां तो समय सीमा बतायें। नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांकित क्षेत्र घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 347 बी का भाग होने के कारण हाईवे अथोरिटी क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुमति आवश्यक है। मार्ग की भूमि (Right of way) में किसी भी प्रकार के कार्य करने हेतु जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से अनुमति आवश्यक है। (ख) जी हाँ। संबंधित हाईवे अथोरिटी से मार्ग की भूमि पर किसी भी प्रकार के निर्माण किये जाने पर नियमानुसार संबंधित अधिनियम/नियम/परिपत्र के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं, म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कोई अनुमति प्रदान नहीं की जाना है। नगर परिषद भीकनगांव के पत्र क्र. 573/2017 भीकनगांव दिनांक 07.03.2018 के द्वारा भीकनगांव नगरीय क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान अतंर्गत सौंदर्यीकरण हेतु फुटपाथ हेतु पेवर ब्लॉक लगाना एवं पानी निकासी हेतु नाली निर्माण कार्य करने की अनुमति चाही गई थी। चुंकि उक्त मार्ग को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के राजपत्र अधिसूचना दिनांक 14 जून 2016 के द्वारा नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 347बी घोषित, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, होने से मार्ग पर किसी भी प्रकार की अनुमति एम.पी.आर.डी.सी. के द्वारा जारी न करते हुए R.O. MORTH क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के द्वारा जारी की जाती है। तदानुसार संबंधित विभाग को इस कार्यालय के पत्र क्र. 2019 इन्दौर दिनांक 01.09.2018 से उक्त प्रकरण R.O. MORTH क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को भेजा गया एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद भीकनगांव को उक्त वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार उक्त प्रकरण में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाना है। इसलिए म.प्र. सड़क विकास निगम के स्तर से नियम विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थ्ति नहीं होता।
संचालित जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 983 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजना अंतर्गत सीवरेज कार्य जो हो रहा है उस कार्य की डी.पी.आर. की छायाप्रति एवं एग्रीमेंट की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खरगोन नगर पालिका में प्रगति रथ दोनों योजनाओं में आज दिनांक तक जो कार्य किए जा चुके हैं उनकी विस्तृत जानकारी देवें। कार्य का प्रकार, मूल्यांकनकर्ता द्वारा किए गए मूल्यांकन संबंधित दस्तावेजों की प्रमाणित छायाप्रति, कार्य के एस्टीमेट की छायाप्रति, भुगतान संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति देवें। (ग) सीवरेज कार्य जो किया जा रहा है उसमें कितने परिवारों के मकानों के वेस्ट वाटर, का कनेक्शन सिवरेज लाइन से किया जा चुका है और कितना बाकी है? (घ) जल आवर्धन योजना अंतर्गत कितने घरों तक 24 घंटे पीने के पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है और कितने मकानों का बाकी है? (च) प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों कार्य अंतर्गत कितनी सड़क बनाई गई और कितनी सड़क का रेस्टोरेशन किया गया, उनकी वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? सड़कवार विस्तृत जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में विश्व बैंक वित्त पोषित जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजनांतर्गत सीवरेज कार्य के डी.पी.आर. एवं एग्रीमेंट की छायाप्रति क्रमशः जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजनांतर्गत सीवरेज कार्य संबंधी जानकारी क्रमशः जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) सीवरेज योजना अंतर्गत शहर में 7600 हाउस कनेक्शन किये जा चुके हैं तथा 3749 हाउस कनेक्शन किया जाना शेष है। (घ) जल आवर्धन योजना अंतर्गत शहर में कुल 17954 नल कनेक्शन किये जा चुके हैं तथा 7069 हाउस कनेक्शन किया जाना शेष है। (च) जल आवर्धन योजना अंतर्गत कुल 3 कि.मी. लंबाई में 19891.50 वर्ग मीटर सड़क निर्मित की गई हैं एवं 85.50 कि.मी. सडकों/मार्गों का रेस्टोरेशन किया गया है। अमृत योजनांतर्गत कुल 4728.47 मीटर सड़क बनाई गई तथा कुल 111.4 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन के कार्य में से वर्तमान तक 108.1 कि.मी. कार्य किया जा चुका है तथा 3.3 कि.मी. रेस्टोरेशन कार्य शेष होकर प्रगतिरत है। सड़कों की वर्तमान भौतिक स्थिति ठीक है। सड़कवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ’ अनुसार है।
सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 984 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें हैं सड़कों का नाम, कितने किलोमीटर हैं? किस वर्ष में बनी थी ब्लॉकवार सूची देवें। (ख) खरगोन जिले में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनका पुनः निर्माण कार्य किया जाना नियमानुसार लंबित है? सड़कों के नाम, किलोमीटर, किस वर्ष में निर्मित हुई थी की सूची देवें। (ग) खरगोन जिले में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनकी मरम्मत की जानी अति आवश्यक है परंतु अभी तक मरम्मत नहीं की गई हो? क्या कारण है कि सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही हैं? क्या मरम्मत हेतु विभाग द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हां तो पत्राचारों की छायाप्रति देवें। (घ) क्या गोगावा ब्लॉक की बड़गांव से मगरिया फाटा, खरगोन ब्लॉक की सोनीपूरा से खरगोन सनावद रोड की सड़क का पुनः निर्माण या मरम्मत की आवश्यकता है? यदि हां तो कब तक की जावेगी और नहीं तो क्यों? (ड.) किन सड़कों की मरम्मत की जाएगी और किन सड़कों का पुनः निर्माण किया जाएगा? इस संबंध में विभाग के क्या कोई दिशा-निर्देश हैं? छायाप्रति देवें और नहीं तो किस आधार पर सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण किया जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) सड़कों की मरम्मत निरन्तर की जाती है एवं आवश्यकता अनुसार मार्गों का पुन: निर्माण किया जाता है। कोई नहीं। मार्गों की स्थिति एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है।
वन सेवा अधिकारियों का केडर/वेतनमान
[वन]
85. ( क्र. 985 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय वन सेवा अधिकारी केडर में प्रदेश के 16 सर्किलों में मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों का प्रावधान है? (ख) यदि हां तो बैतूल, जबलपुर और ग्वालियर सर्किल में कैडर पद के विरुद्ध अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पदस्थापना की गई है? यदि हां तो इसके क्या कारण है? मुख्य वन संरक्षक और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के वेतनमान में अंतर है? यदि हां तो कितना है? (ग) क्या सर्किल में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की पदस्थापना करने से पहले पद को कब अपग्रेड किया गया था? यदि हां तो आदेश की छाया प्रति देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत विभागीय संरचना अनुसार क्षेत्रीय वृत्तों में मुख्य वन संरक्षक के पद स्वीकृत किये गये हैं। (ख) जी हां। विभाग द्वारा मुख्य वन संरक्षक एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के राज्य स्तर पर स्वीकृत पदों और अधिकारियों की उक्त स्तर पर उपलब्धता को देखते हुए बेहतर प्रशासन हेतु कुछ वृत्तों में समय-समय पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना की गई है। मुख्य वन संरक्षक का वेतनमान का वेतनमान 144200-218200 एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक का वेतनमान 182200-224100 है। प्रदेश में मुख्य वन संरक्षक और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के कुल स्वीकृत पदों में से ही पदस्थापना करने से शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 987 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की सरदारपुर विधानसभा के ग्राम जौलाना में विद्युत ग्रिड स्थापित करने हेतु कोई स्वीकृति प्रदान की गई एवं गंधवानी विधानसभा के बाग ब्लाक अंतर्गत ग्राम अखाड़ा में नवीन 132 के.व्ही. एवं 33/11 विद्युत ग्रिड स्थापित किये जाने हेतु क्षेत्रिय विधायक उमंग सिंघार द्वारा पत्र क्रमांक 777/दिनांक 02.03.2021 को प्रमुख सचिव उर्जा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल को जारी किया था? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ तो उक्त ग्रिड की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई? इसका जिम्मेदार कौन है एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सरदारपुर विकासखण्ड एवं बाग विकासखंड में विगत वित्तीय 05 वर्षों (2017-18 से 2020-21) एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जून 2021 तक किस योजना के अन्तर्गत 63 के.व्ही. एवं 100 के.व्हीए के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये वर्षवार, विकासखंडवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, धार जिले की सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जौलाना में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेंद्र स्थापित करने हेतु कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है अपितु उक्त विद्युत उपकेन्द्र का कार्य परीक्षण उपरांत तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है। जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र विभाग में प्राप्त हुआ था, जिस पर नियमानुसार समुचित कार्यवाही किये जाने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया था। गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के बाग विकासखंड के अंतर्गत ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना का कार्य भी परीक्षण उपरांत तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है। उपरोक्त दोनो नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य वार्षिक योजना के अंतर्गत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृत करने पर निर्णय लिया जायेगा। ग्राम आगर (ग्राम अखाडा नहीं) में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण प्रक्रियाधीन है। तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने पर तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सरदारपुर विकासखंड एवं बाग विकासखंड में विगत 05 वित्तीय वर्षों यथा-2016-17 से 2020-21 तक एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जून 2021 तक स्थापित किये गये 63 के.व्ही.ए. एवं 100 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार वर्षवार एवं विकासखंडवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
विशेष निधि प्रदान किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 988 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विशेष निधि के अंतर्गत प्रतिवर्ष नगर परिषद् को 1 करोड़ रूपये देने का प्रावधान है? (ख) इन्दौर सम्भाग में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नगर परिषद् को विशेष निधि के तहत राशि प्रदाय की गई? किस परिषद् को विशेष निधि से वंचित रखा गया? कारण सहित बतावें। (ग) संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्दौर द्वारा पत्र क्रमांक या.प्र./तक.स्वी./2020/182 इन्दौर दिनांक 24.02.2020 से तकनीकी स्वीकृति विशेष निधि अनुदान वर्ष 2020-21 के लिये प्रदान की थी, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को कार्यालय नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार के पत्र क्रमांक/301/न.प./2020 राजगढ़ दिनांक 24.02.2021 को जो विकास कार्य स्वीकृति हेतु भेजे गये थे, स्वीकृत हुए या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु विशेष निधि के नियमों के प्रावधान अनुसार आकस्मिक एवं विशेष आवश्यकताओं के लिए नगर परिषद को अधिकतम राशि रू. 1.00 करोड़ तक की पात्रता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निकाय से प्राप्त प्रस्ताव, कार्य की आवश्यकता एवं बजट में राशि की उपलब्धता के आधार पर नगरीय निकायों को राशि प्रदान की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद राजगढ़ जिला धार द्वारा संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्दौर संभाग के पत्र क्रमांक/ यां.प्र/न.प्र./ तक.स्वी./2020/182 इन्दौर दिनांक 24.02.2020 से तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। बजट की उपलब्धता के आलोक में प्रकरण परीक्षणाधीन है। (घ) नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार का पत्र क्र. 301/न.प. 2020 राजगढ़ दिनांक 24.02.2021 न होकर अपितु दिनांक 24.02.2020 है, जी नहीं।
नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा डीजल क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 991 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा उत्तर प्रदेश से डीजल क्रय किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर हाँ तो उत्तर प्रदेश से क्रय डीजल के एवज में म.प्र. सरकार को लाखों रुपये टैक्स की हानि हो रही है इसके लिए किसका उत्तरदायित्व है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लाखों रुपये टैक्स की हानि की भरपाई हेतु विभाग की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 992 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 की कंडिकाओं अनुसार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी की श्रेणी प्रदान की गई है? शासन द्वारा उक्त परिपत्र अनुसार अस्थाई कर्मचारियों को अनुकम्पा नियुक्ति का क्या प्रावधान है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। म.प्र. शासन के अधीन कार्यरत् स्थाई एवं अस्थाई कर्मचारियों की सेवा शर्तें क्या हैं? (ख) प्रशनांश (क) के संदर्भ में शासन परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 की कंडिकाओं में संशोधन कर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी की श्रेणी प्रदान की जाकर सभी विनियमितीकरण से स्थाई किये गये कर्मियों को स्थाई कर्मचारियों के समान अनुकम्पा नियुक्तियां, क्रमोन्नति, पदोन्नति आदि लाभ देंगे? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगरीय प्रशासन विभाग दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी मानकर उनकी सेवाएं ले रहा है? यदि हां तो उन्हें स्थाईकर्मी सेवा शर्तों का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या वर्षों से कार्यरत् कर्मचारियों जिनकी मृत्यु हो गई है के परिजनों को सेवा शर्तों में संशोधन/सुधार करते हुए मृत कर्मचारियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति व विनियमित कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों की तरह सभी सुविधायें रिक्त पदों पर पदोन्नति वेतनवृद्धि, क्रमोन्नति का लाभ देने हेतु शासन कोई़ कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शासन के परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 की कंडिका 1.8 अनुसार पात्र पाये गये दैनिक वेतन भोगियों को विनियमितीकरण उपरांत स्थायीकर्मी की श्रेणी दी गई है। जी नहीं। परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03 मई 2017 द्वारा कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को विनियमित करने की योजना के तहत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में जारी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। क्योंकि परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है। (ग) शासन परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के प्रावधान अंतर्गत पात्र दैनिक वेतनभोगियों को विनियमितीकरण उपरांत स्थायीकर्मियों पर म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03 मई 2017 अंतर्गत सेवाशर्तों को लागू करने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। स्थायीकर्मियों को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के शासन परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के प्रावधान नगरीय निकायों में लागू किये गये है। उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.पी.डी.सी. योजना की जांच
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 994 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर में उत्तर संभाग, दक्षिण संभाग एवं देवास जिला अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना की शिकायत प्राप्त होने पर जांच कराई गई थी? क्या जांच में पाया गया है कि एक ही कार्य के अधिक बिलों में पुनरावृत्ति कर मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड को अधिक क्षति पहुंचाई गई? सभी बिलों की जांच एक ही दल द्वारा क्यों नहीं कराई गई? क्या एक से अधिक दल गठित कर जांच कराने से पुनरावृत्ति का पता लगाया जाना संभव है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हां तो क्या जांच में अनियमितता के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं अन्य को नोटिस आदि जारी किये गये हैं? यदि हां तो किन-किन को नोटिस दिये गये? इनमें से जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस दिये गये हैं वे सभी अधिकारियों/कर्मचारियों उसी शहर में कार्यरत् हैं? क्या इससे जांच प्रभावित नहीं होगी? यदि हां तो क्या उन्हें तत्काल अन्य जिले में पदस्थ कर स्पष्ट जांच कराई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां तो क्या जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी व अनियमितता करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन शिकायत की जाँच कराई गई/कराई जा रही है। प्रारंभिक जाँच अनुसार कार्यों में कमी पाए जाने पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को क्षति होना परिलक्षित हुआ है तथापि एक ही कार्य की अधिक बिलों में पुनरावृत्ति किये जाने सहित जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शिकायत में उल्लेखित बिन्दु वृहद स्वरूप के होने से एवं कार्य अलग-अलग स्थलों पर होने से एक ही दल द्वारा जाँच नहीं कराई गई है। जी हाँ। (ख) जी हाँ, आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही आरंभ कर दी गई है जिनकी नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। साथ ही अवार्ड की शर्तों के अनुसार कार्यवाही करते हुए संबंधित निविदाकार को नोटिस जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यो के निष्पादन हेतु अनुबंधित थर्डपार्टी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी) को भी नोटिस दिया गया है। जिन अधिकारियों को नोटिस दिये गये है उनमें से 12 अधिकारी उसी शहर में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत स्थानांतरण किये जाते है। जी नहीं, चूँकि जाँच नियमानुसार स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से कराई जा रही है, अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही आरंभ कर दी गई है तथा जाँच पूर्ण होने पर जाँच निष्कर्ष के आधार पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों सहित समस्त दोषियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
इन्दौर शहर के मध्य सिटी में फारेस्ट विकसित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 997 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नगर-निगम द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं? क्या नगर-निगम द्वारा सिटी फारेस्ट शहर के बाहर बनाए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो शहर में नजूल या निगम की भूमि पर सिटी फारेस्ट या बगीचों का निर्माण न कर बिल्डिंग क्यों बनाई जा रही है? शहर में पर्यावरण हित को देखते हुए सिटी फारेस्ट का निर्माण कब किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-’अ’ अनुसार है। (ख) इंदौर विकास योजना-2021 में प्रावधानित भू-उपयोग के मान से सिटी फॉरेस्ट, बगीचों एवं बिल्डिंगों का निर्माण किया जाता है। पर्यावरण हित में सिटी फॉरेस्ट का निर्माण करना नीतिगत होने से समयावधि की जानकारी वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
पर्यावरण को बचाने हेतु कठोर कानून बनाये जाना
[पर्यावरण]
92. ( क्र. 999 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के पर्यावरण को बचाने हेतु मध्यप्रदेश शासन हेजरडस एवं एसिड माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु कठोर कानून जिनमें 10 साल/अजीवन कारावास की सजा व वाहन को राजसात करने, जैसे आदि कठोर नियम बनाने हेतु कार्यवाही करेगा? विवरण दें। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिसंकटमय रसायनों एवं अपशिष्टों के उपयोग, भण्डारण, परिवहन, आयात आदि से संबंधित वर्तमान केन्द्रीय नियमों के संशोधन हेतु संयुक्त सचिव भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली को विभागीय पत्र क्रं.67/ 475/ 2019/32-3, दिनांक 01/02/2020 द्वारा अनुरोध किया गया है? यदि हां तो पत्र के जवाब में केन्द्र सरकार द्वारा क्या जवाब दिया गया विवरण दें। (ग) मध्यप्रदेश में प्रदूषण विभाग के शिथिल कानून के कारण मध्यप्रदेश सहित गुजरात, उत्तरप्रदेश व अन्य प्रदेशों से वेस्ट हेजरडस व एसिड लाकर मध्यप्रदेश की धरती, जलाशयों, नदियों में ढोलकर बंजर व पीने के पानी को जहरीला किया जा रहा है? 01 जनवरी 2019 से 18/07/2021 के मध्य प्रदेश के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) परिसंकटमय अपशिष्टों एवं रसायनों के प्रबंधन हेतु भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम, 2016 और परिसंकटमय रसायन उत्पादन, भण्डारण, आयत नियम, 1989 मध्यप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत में लागू है। (ख) जी हाँ। केन्द्र शासन से प्राप्त पत्र दिनांक 16/3/2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
नगर पालिका द्वारा की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1000 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से 18/07/2021 के मध्य नगर पालिका नागदा की विकास कार्यों की समीक्षा मिटिंग के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा क्या-क्या कार्य करने के निर्देश प्रदान किए थे? मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण विवरण पृथक-पृथक मिटिंगवार दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा नगर पालिका नागदा प्रशासक व सीएमओ को पत्र द्वारा दिनांक 05/08/2019, 04/03/2021, 18/06/2021 को नए रोडों के निर्माण हेतु दिए थे, उन पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की पत्राचार की छायाप्रति सहित विवरण दें। (ग) नगर पालिका द्वारा भूमिपूजन, उद्घाटन में प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया जा रहा है? कितने कार्यक्रम हैं जिनमें प्रश्नकर्ता को आमंत्रित नहीं किया गया है? विवरण दें। (घ) नगर पालिका नागदा व खाचरौद के कौन-कौन से प्रस्ताव कितनी राशि के स्वीकृति हेतु भोपाल शासन के पास लम्बित हैं? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण दें। इनकी स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ड.) 01 मार्च से 30 जून 2021 तक नगर पालिका नागदा-खाचरौद को कोरोना की रोकथाम व संसाधन खरीदने हेतु शासन द्वारा कितनी राशि प्रदान की? उनको कहां-कहां, किन-किन कार्यों हेतु खर्च किया गया? कितनी राशि शेष है? विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) नगर पालिका द्वारा भूमि पूजन, उद्घाटन में प्रोटोकॉल का पालन करते हुये प्रत्येक कार्यक्रम में माननीय विधायक को आमंत्रित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिका नागदा का स्टेट डिजास्टर रिस्पॉस फंड (SDRF) अंतर्गत स्टार्म वाटर ड्रेन निर्माण कार्य हेतु रू. 16.54 करोड़ का प्रस्ताव परिक्षणाधीन है। नगर पालिका खाचरौद के प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है।
शासकीय भवन की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण व पेयजल व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 1003 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के घट्टिया तहसील मुख्यालय के स्व.नागूलाल मालवीय शासकीय महाविद्यालय के भवन की सुरक्षा के लिए भवन के चारों ओर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण व महाविद्यालय के स्टॉफ व छात्र-छात्राओं के लिए पेयजल की गंभीर समस्या है? (ख) यदि हां तो पेयजल और महाविद्यालय के भवन की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कब तक कर दी जावेगी जिससे सुरक्षा हो सके?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्व.नागूलाल मालवीय शासकीय महाविद्यालय घटि्टया के भवन के चारों ओर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण नहीं हुआ है एवं पेयजल के प्राकृतिक स्त्रोतों की क्षमता सीमित होने के कारण पेयजल की समस्या है। (ख) वर्तमान में ट्यूबवेल या बोरिंग में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण टैंकर एवं आर.ओ. केन के माध्यम से पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साथ ही जिला कलेक्टर को समस्या का स्थाई हल निकालने हेतु लिखा गया है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण बाउण्ड्रीवॉल निर्माण अभी प्राथमिकता में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
निजी बिल्डरों/कालोनाईजरों द्वारा निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1006 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर में कितने निजी बिल्डरों/कालोनाईजरों द्वारा कॉलोनियां विकसित की गई हैं एवं कितने बिल्डरों द्वारा मल्टी बनाई गई है? नाम सहित स्थानवार, कॉलोनीवार सम्पूर्ण जनाकरी उपलब्ध करावें। (ख) विगत 5 वर्षों में किन-किन कॉलोनाईजरों को खेती की जमीन पर कॉलोनी काटने की अनुमति दी गई है एवं कितनी कॉलोनी वैध हैं व कितनी अवैध हैं? अवैध कॉलोनी पर क्या कार्यवाही की गई है? नाम सहित सम्पूर्ण जनाकरी उपलब्ध करावें। (ग) क्या इन कॉलोनाईजर द्वारा शासन की शर्तों के अनुसार कितनी जमीन खेल मैदान स्कूल, एवं पार्क के लिए छोड़ी गई है? क्या नगर पालिका द्वारा इन पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है? यदि हाँ तो नाम सहित नक्शावार कॉलोनीवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) नवीन निर्माणाधीन कॉलोनी में कॉलोनाईजर द्वारा कितने प्लाट अनुसूचित जाति एवं कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित किये गए हैं? कॉलोनीवार नक्शावार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका बडनगर क्षेत्रान्तर्गत 11 निजी बिल्डर/कॉलोनाईजर द्वारा 13 कॉलोनियां विकसित की गई है। म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत मल्टी परिभाषित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विगत 05 वर्षों में 02 कॉलोनाईजर्स को खेती की जमीन में डायवर्सन उपरान्त 03 कॉलोनियां बनाने हेतु विकास अनुमति जारी की गई है एवं प्रश्नांकित अवधि में 02 अवैध कॉलोनियां पाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं कॉलोनीवार अभिन्यास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्ते) नियम 1998 में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए प्लाट आरक्षित करने का प्रावधान नहीं है एवं इस नियम के तहत नवीन निमार्णाधीन 03 कॉलोनी में से 01 कॉलोनी में नियमानुसार कमजोर आय वर्ग के लिए 08 एवं निम्न आय वर्ग के लिए 06 भूखण्ड आरक्षित किए गए है शेष 02 कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा आश्रय शुल्क जमा कराने का विकल्प लेने के कारण भूखण्ड आरक्षित नहीं किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं कॉलोनीवार अभिन्यास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा परियोजना की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
96. ( क्र. 1009 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 05 वर्षों में किन-किन जिलों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई परियोजनाओं में से कितनी परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो होकर योजना क्रियान्वित हो चुकी है तथा कितनी परियोजनाओं का कार्य वर्तमान में चल रहा है? जिलेवार एवं परियोजनावार लागत राशि का ब्यौरा दें। (ग) क्या नीमच विधान सभा क्षेत्र में भी ऐसी कोई परियोजना लाने के संबंध में शासन विचार करेगा? यदि हाँ हो विस्तृत ब्यौरा दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रदेश में विगत 05 वर्षों में विभिन्न जिलों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/योजनाओं की स्थापना की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) स्थापित/क्रियान्वित नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं/योजनाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्थापनाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। भारत शासन के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (SECI) व म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के संयुक्त उपक्रम रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लि. द्वारा जिला नीमच में 500 मेगावॉट क्षमता की सौर पार्क परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह परियोजना ग्राम-बड़ई, कवई एवं बड़ावदा, तहसील-सिंगोली, जिला-नीमच में प्रस्तावित है। नीमच जिले के अतिरिक्त अन्य जिलों में भी नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की नीतियों के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाईयों द्वारा परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर परियोजनाएं स्थापित किये जाने की कार्यवाही सतत प्रचलन में है।
आयुष कार्यालयों में लेखापाल के रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
97. ( क्र. 1010 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभागान्तर्गत आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा व जिला आयुष कार्यालयों में कितने लेखापाल पद विरूद्ध पदस्थ हैं? किस पद के विरूद्ध कब से पदस्थ हैं? नाम व पदस्थापना दिनांक सहित व इनके स्थानान्तरण कब-कब हुये व निरस्त हुये? आदेश सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। रीवा संभागान्तर्गत कितने जिला आयुष कार्यालयों में लेखापाल के पद रिक्त हैं एवं रिक्त लेखापाल के स्थान पर कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? (ख) शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय एवं महाविद्यालय निपनिया रीवा में भर्ती किये जाने वाले मरीजों हेतु नाश्ता व भोजन सामग्री प्रदाय करने के क्या प्रावधान हैं? क्रय संबंधी शासनादेश सहित जानकारी दें एवं इस हेतु खरीदी किस माध्यम से की जाती है? क्या इस संबंध में समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है? यदि हाँ तो किस समाचार पत्र में कब-कब प्रकाशन कराया गया? प्रकाशित समाचार पत्र की प्रति विगत 05 वर्षों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) यदि निविदा प्रकाशित की जाती है तो निविदा में भाग लेने वाले निविदाकारों का नाम, पता व स्वीकृत दर के तुलनात्मक पत्रक व क्रय आदेश सहित जानकारी उपलब्ध करायें। स्वीकृत करने वाली समिति में सम्मिलित अधिकारियों के नाम व पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार। लेखापाल पद पदोन्नति पद है एवं वर्तमान में कोर्ट आदेश से पदोन्नति पर स्थगन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) वित्त विभाग के यू.ओ. क्र. 570आर-856ब-6/13 दिनांक 26.09.2013 के अनुक्रम में शासन आदेशानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स’’ अनुसार। म.प्र. भण्डार क्रय नियम अनुसार। जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘द’’ अनुसार। वर्ष 2019-20 में किसी फर्म द्वारा निविदा नहीं डाली गई, वर्ष 2020-21 एवं 2021-2022 में कोविड आपदा के कारण से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘इ’’ अनुसार।
अटल ज्योति योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1016 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल ज्योति योजनांतर्गत खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु नवीन लाइनें स्वीकृत की गई हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी पूर्ण हुई एवं कितनी अपूर्ण हैं? ग्रामवार सूची देवें। (ग) क्या उपरोक्त अपूर्ण योजनायें पूर्ण की जायेगी? यदि हां तो कब तक? (घ) क्या ग्राम सूरजपुर तहसील बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ में अटल ज्योति योजना का कार्य अपूर्ण है? यदि हां तो कब तक पूरा किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु ''अटल ज्योति योजना'' नाम की कोई योजना प्रचलित नहीं है। अपितु गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य किये गये थे। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है। (घ) जिला टीकमगढ़ के तहसील बल्देवगढ़ क्षेत्रांतर्गत ग्राम सूरजपुर में अटल ज्योति योजना नहीं अपितु अटल ज्योति अभियान के तहत् गैर कृषि एवं कृषि प्रयोजन हेतु 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर गैर कृषि फीडरों पर औसतन 24 घंटे तथा कृषि फीडरों पर औसतन 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है, अतः प्रश्न नहीं उठता।
टीकमगढ शहर के सी.सी.मार्गों पर डामरीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1017 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2020-21 में टीकमगढ़ शहर की नगर पालिका द्वारा बनाए गऐ सी.सी. मार्गों पर पी.डब्लू.डी. से डामरीकरण कराया गया है? (ख) यदि हां तो किन-किन सी.सी. मार्गों पर डामरीकरण कराया गया? सूची देवें। (ग) क्या उक्त सभी सी.सी. मार्गों की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी थी? यदि हां तो छायाप्रति देवें। (घ) क्या उपरोक्त मार्गों की गारंटी अवधि की समाप्ति के पूर्व पी.डब्लू.डी. को कार्य करने हेतु NOC जारी की गई? यदि हां तो नगर पालिका के किस नियम के अंतर्गत? छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
टीकमगढ़ नगर की सड़कों की स्थिति
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1025 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ नगर की वर्ष 2003 में विभाग के अधीन जो सड़कें थी? उनमें से वर्ष 2003 के उपरान्त लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ द्वारा कुछ सड़कों को नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ को स्थानांतरित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुरूप, क्या नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ को स्थानांतरित की गई सड़कें लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ को पुनः वापस की गई? यदि हाँ तो वापस की गई सड़कों के नाम व किलोमीटर सहित सड़कों की वर्तमान स्थिति बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, क्या टीकमगढ़ नगर की उक्त स्थानांतरित की गई सड़कों की वर्तमान समय में स्थिति ठीक है? यदि नहीं तो उक्त सड़कों का मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। मार्गो के मरम्मत कार्य हेतु निविदा कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1029 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले के आलोट नगर परिषद में मुख्यमंत्री अधोसंरचना के द्वितीय फेस अंतर्गत कारगिल चौराहे से नगर पालिका तक नाला निर्माण कार्य प्रस्तावित है? (ख) यदि हां तो क्या उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी होकर राशि स्वीकृत की जा चुकी हैं और कार्य प्रारंभ हो गया है? (ग) यदि नहीं तो उक्त कार्य कब तक प्रारंभ हो जाएगा एवं बताएं कि शासन निकाय को कब तक राशि उपलब्ध करा देगी? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य के प्रारंभ नहीं होने से वहां के और आसपास के निवासियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) कार्य प्रारंभ हो चुका है। योजना का 20 % अनुदान रू. 20.00 लाख निकाय को प्राप्त हो चुका है। 80 % ऋण राशि का अनुबंध संपादित हो चुका है। प्रगति अनुरूप ऋण राशि उपलब्ध कराई जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में, जी नही।
उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमांक के लिये एमपी. ऑनलाईन से प्रवेश
[उच्च शिक्षा]
102. ( क्र. 1033 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि उच्च शिक्षा अंतर्गत लगभग सभी पाठ्यक्रमों के लिये वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से संचालित हो रही है? (ख) यदि हां तो क्या यह भी सही है कि जबकि मध्यप्रदेश शासन का अपना स्वयं का आई.टी. है तथा प्रत्येक विश्वविद्यालय, शासकीय चिन्हित महाविद्यालय के अपने आई.टी. सेल होने के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से की जा रही है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है? (ग) क्या यह भी सही है कि एक छात्र को अपनी प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये जैसे रजिस्ट्रेशन, च्वाईस फिलिंग, इलिजबिलिटी फार्म, इनरोलमेन्ट फार्म प्रत्येक कार्य के लिए एमपी ऑनलाईन को शुल्क और जिस कियोस्क से करते हैं उसको शुल्क कुल प्रवेश से परीक्षा तक लगभग 1000-1100 अतिरिक्त देना पड़ता है यह छात्रों के साथ लूट और शासन के साथ धोखा नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कृत्य करके एमपी. ऑनलाईन को 300-400 करोड़ प्रतिवर्ष का अनैतिक लाभ नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा एवं विश्वविद्यालयों का अपना आई.टी.सेल है परंतु प्रवेश प्रक्रिया के लिये संबंधित आई.टी.सेल के पास व्यापक तकनीकी संसाधन एवं विशेषज्ञ दल उपलब्ध नहीं है। समस्त शासकीय चिन्हित महाविद्यालयों के पास आई.टी.सेल उपलब्ध नहीं है। प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने एवं विभिन्न/व्यापक तकनीकी संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये प्रवेश प्रक्रिया में विशेषज्ञ संस्था एम.पी.ऑनलाइन लिमिटेड को संपूर्ण प्रवेश प्रक्रिया का कार्य दिया गया है। (ग) जी नहीं। एम.पी. ऑनलाइन द्वारा केवल रजिस्ट्रेशन शुल्क रूपये 50/-, इंरोलमेन्ट फार्म शुल्क रूपये 40/-, परीक्षा फार्म शुल्क रूपये 40/- लिया जाता है। इस प्रकार एम.पी.ऑनलाइन द्वारा छात्र से परीक्षा तक कुल शुल्क रूपये 130/-मात्र लिया जाता है, जिसमें कियोस्क का शुल्क भी शामिल है। प्रवेश के लिये छात्राओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। एम.पी. ऑनलाइन द्वारा विद्यार्थियों को 50 से अधिक निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ’अ’, ’ब’, ’स’ एवं ’द’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पत्रों पर की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1036 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल से आयुक्त नगर निगम भोपाल को पत्र क्रमांक शि./6/भोपाल/ 17-21217 दिनांक 15/09/2017 विषय- नगर निगम भोपाल में भवन अनुज्ञा के संबंध में शिकायत संबंधी आवश्यक कार्यवाही उपरांत 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से भेजने हेतु जारी हुआ है? (ख) यदि हां तो संचालनालय एवं नगर निगम भोपाल स्तर से तदविषयक क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब हुई है तथा उनके परिणाम क्या रहें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच प्रतिवेदन में यह पाया गया कि प्रश्नाधीन भूखंड पर 32.71 वर्गमीटर स्वीकृत से अधिक निर्माण हुआ है। इस संबंध में भूखंड/ भवन स्वामी को अपना पक्ष नगर निगम में समक्ष में प्रस्तुत करने हेतु नगर निगम के पत्र क्र. 961 दिनांक 28.05.2019 द्वारा सूचित किया गया था, जिसके प्रति उत्तर में भवन स्वामी द्वारा 14.06.2019 को आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल को संबोधित जबाव में न्यायालयीन प्रकरण क्र. आर.सी.एस 800179ए/2002 का हवाला देते हुये माननीय न्यायालय के निर्णय उपरांत अग्रिम कार्यवाही करने का लेख किया गया था। न्यायालयीन प्रकरण क्र. आर.सी.एस 800179ए/2002 में पारित निर्णय दिनांक 13.03.2018 के विरूद्ध वादी श्री देवीशरण शर्मा आत्मज श्री संपत सिंह शर्मा द्वारा सिविल अपील क्रमांक 104ए/2018 माननीय न्यायालय में दायर की गई है, जिसमें आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल प्रतिवादी क्र. 02 है। न्यायालय पंचम अपर जिला न्यायाधीश भोपाल के निर्णय दिनांक 13.08.2018 में प्रकरण में पुन: गुणदोष के आधार पर निराकरण करने के आदेश पारित किये गये है। जिसके तारतम्य में वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है माननीय न्यायालय के निर्णय उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी।
तवा पुल की मरम्मत
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1042 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा जिस तवा पुल का निर्माण किया गया है, उक्त पुल की हालत खराब हो चुकी है जगह-जगह गड्ढें हो गये हैं, उक्त पुल की मरम्मत हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) उक्त पुल मरम्मत हेतु पूर्व में विगत 05 वित्तीय वर्षों में कितनी राशि स्वीकृत हुई है और कितनी राशि शेष बची है? (ग) तवा पुल की मरम्मत का कार्य कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्षा के कारण पुल पर हुए गड्ढो का मरम्मत कार्य जोनल ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है तवापुल के स्थायी मरम्मत हेतु निविदा स्वीकृत कर स्वीकृति पत्र (LAO) दिनांक 02.08.2021 को जारी किया गया है। (ख) पूर्व वर्ष 2019-20 में तवापुल की मरम्मत हेतु राशि रु. 39.93 लाख स्वीकृत की गई, आवश्यकता अनुसार रू. 16.98 लाख का व्यय किया गया, इस प्रकार प्रशासकीय स्वीकृति से रू. 22.95 लाख शेष है। (ग) तवा पुल की मरम्मत हेतु अनुबंध निष्पादन उपरांत उक्त पुल का स्थायी मरम्मत का कार्य किया जावेगा, वर्षाकाल में परिलिक्षित हुए गड्ढे को जोनल ठेकेदार द्वारा मरम्मत किया जावेगा।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1046 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में केन्ट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत हुई हैं? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य
[उच्च शिक्षा]
106. ( क्र. 1047 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी दें। (ख) निर्माण कार्यों में कितनी राशि स्वीकृत हुई है? कितने कार्य पूर्ण हुये हैं तथा कितने अपूर्ण हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रानी दु्र्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. म्यूजियम भवन 2. सेमीनार भवन 3. महिला प्रसाधन कक्ष 4. ओवर हैड टेंक। (ख) निर्माण कार्यों हेतु कुल रूपये 498.25 लाख की राशि स्वीकृत हुई है। समस्त कार्य प्रगतिरत हैं।
हटा नगर में अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1050 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान स्थिति में जिला दमोह की नगर पालिका हटा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों के द्वारा कहां-कहां अतिक्रमण किया गया है? नाम, पतावार, स्थलवार जानकारी बताने की कृपा करेंगे। (ख) क्या हटा नगर को अतिक्रमण मुक्त किये जाने की कोई योजना है? यदि हां तो योजना बताये एवं हटा नगर को कब तक अतिक्रमण मुक्त किया जावेगा एवं अतिक्रमणकारियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) चिन्हित अतिक्रमण जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं न.पा. प्रशासन के सहयोग से हटाने की कार्यवाही की जाती है। हटा नगर को अतिक्रमण मुक्त करने की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विस्थापित परिवारों को भूखण्ड का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1054 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा पश्चिम विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मेडिकल, मदन महल स्थित शासकीय भूमि से विस्थापित कर कितने गरीब पीड़ितों को तिलहरी एवं तेवर स्थित भड़पुरा ग्राम में पिछले पांच वर्षों में बसाया गया है? (ख) क्या वर्तमान में तिलहरी एवं भड़पुरा क्षेत्र में अभी भी भू-खण्ड रिक्त है एवं विस्थापितों को पर्ची तो दी जा चुकी है लेकिन बसाया नहीं गया है अर्थात् बसाने की प्रक्रिया शेष है? कब तक उक्त क्षेत्रों को सर्वसुविधायुक्त कर पीड़ितों का पुर्नवास किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मेडिकल, मदन महल पहाडी स्थित शासकीय भूमि से माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 11270/2012 में पारित आदेशानुसार, 1092 अतिक्रमणकर्ताओ को रांझी तहसील अंतर्गत ग्राम तिलहरी में विस्थापन बिलेख प्रदाय कर बसाया गया है। ग्राम भडपुरा में जमीन रिक्त न होने के कारण किसी को नहीं बसाया गया है। (ख) वर्तमान में ग्राम तिलहरी, तहसील रांझी एवं ग्राम भडपुरा, तहसील गोरखपुर में भू-खण्ड रिक्त नहीं है। ग्राम भडपुरा में विस्थापितों को बसाया जाना प्रस्तावित नहीं है। तहसील गोरखपुर अंतर्गत ग्राम भडपुरा से लगे हुए ग्राम तेवर में भूमि सुरक्षित कर दी गई है। जिसमें अधोसंरचना के विकास का कार्य नगर निगम जबलपुर द्वारा कराया जा रहा है तथा लोगों को बसाने की प्रक्रिया प्रगतिशील है। शेष का पुर्नवास शीघ्र किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा समृद्धि कोरिडोर निर्माण में आपत्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1055 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला प्रशासन, जबलपुर द्वारा नर्मदा समृद्धि कोरिडोर निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया गया है? यदि हां तो आज दिनांक तक कितनी आपत्तियॉं दर्ज की गई हैं एवं क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ग्वारीघाट ललपुर के समीप पूर्व की अधिग्रहित भूमि खसरा नं. 76 को वर्तमान में छोड़कर नवीन नक्शे में खसरा नंबर 15, 90, 87/2 को अधिग्रहित करने का प्रयास व प्रस्ताव जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया गया है, जिसके फलस्वरूप 50-60 मकान के निवासी बेघर हो जावेंगे? इसी तरह पी.एच.ई. गेट से खसरा नं. 17 तक पूर्व में अर्जित भूमि से निर्माण कार्य का प्रस्ताव है, किंतु खसरा नं. 14 से शासन द्वारा अर्जित भूमि को छोड़कर नवीन भूमि को अधिग्रहित किया जा रहा है, क्या यह न्याय संगत है? (ग) क्या वर्णित (क) के निर्माण में ग्वारीघाट स्थित खसरा नं. 131, 181, 182 एवं जिलहरी गांव स्थित खसरा नं. 107 को भी प्रस्तावित किया गया है? क्या उक्त खसरा नम्बरों पर गरीब पीड़ित नागरिक विगत कई वर्षों से निवासरत हैं? यदि इन्हें उक्त स्थानों से विस्थापित किया जाता है तो ग्वारीघाट क्षेत्र में किसी भी तरह की दुकानें नहीं रहेंगी व नागरिकों एवं पर्यटकों को असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा? क्या इस हेतु एक समिति बनाकर वास्तविकता की जांच कर निवासियों को राहत प्रदान की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में अधोहस्ताक्षरी द्वारा पत्र कमिश्नर जबलपुर संभाग, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश एवं कलेक्टर जबलपुर को पत्र क्रमांक 689, 691, 692 दिनांक 29.06.2021 को लेख किया था, किंतु आज दिनांक तक जवाब अपेक्षित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, तत्समय प्रारम्भिक प्रकाशन के पश्चात कुल 156 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुये थे। उक्त आपत्ति/सुझाव पर मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के अन्तर्गत समय सीमा में कार्यवाही की जाना अपेक्षित था, किन्तु कोविड महामारी के कारण शासन द्वारा लगाये गये प्रतिबंध के कारण आगामी कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। उक्त बाबत् शासन द्वारा यह अपेक्षा की गई थी कि उपांतरण संबधी अधिसूचना पूर्व परम्परा अनुसार खसरा क्रमांक के आधार पर प्रकाशित की जावे। उक्त परिप्रेक्ष्य में संचालनालय द्वारा पूर्व में प्रकाशित प्रारम्भिक सूचना के संबंध में आगामी कार्यवाही समाप्त किये जाने हेतु अनुरोध किया गया जिस पर शासन द्वारा सहमति दी गई। पूर्व में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर के आवेदन के परिप्रेक्ष्य में प्रारम्भिक सूचना प्रकाशित की गई थी तथा उनके द्वारा पत्र क्रमांक- GSCL/2020/969 दिनांक 26/12/2020 के द्वारा यह सूचित किया गया कि दिनांक 14/08/2020 को आयोजित संचालक मण्डल की बैठक में निर्णय लिया गया कि उनके द्वारा मार्ग का निर्माण नहीं किया जावेगा। जबलपुर विकास प्राधिकरण जबलपुर द्वारा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23 (क) (1) (क) के अन्तर्गत प्रश्नाधीन मार्ग के विकास हेतु उपांतरण बाबत् आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जो कि प्रचलित परम्परा अनुसार खसरा आधारित होने से पुनः प्रारम्भिक सूचना के प्रकाशन संबधी कार्यवाही की गई। उक्त सूचना के परिप्रेक्ष्य में कुल 146 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुये। उक्त पर सुनवाई उपंरात पत्र क्रमांक 3209 दिनांक 22/07/2021को शासन को प्रस्ताव प्रेषित किये गये है। प्रकरण में प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर शीघ्र ही जारी किया जावेगा। (ख) उपांतरण संबधी प्रक्रिया में भूमि अधिग्रहण संबधी प्रावधान नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रस्तावित उपांतरण में किसी भी प्रकार के विस्थापन संबंधी कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अंशतः हॉ, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय जबलपुर को प्रेषित पत्र क्रमांक-691 दिनांक 29/06/2021 के उत्तर में संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय जबलपुर के द्वारा उनके अर्ध शासकीय पत्र क्रमांक-01/नग्रानि/2021 जबलपुर दिनांक 28/07/2021 के द्वारा उत्तर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है।
बिजुरी नगर पालिका व जैतहरी नगर परिषद द्वारा सामग्री क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1058 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनूपपुर
जिले की कोतमा
एवं बिजुरी
नगर पालिका
एवं जैतहरी
नगर परिषद
द्वारा 01 अप्रैल 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक क्या-क्या
कोविड सामग्री
क्रय की गई? सामग्री
का नाम, दर
एवं लागत, फर्म
का नाम, आदेश
क्रमांक
दिनांक सहित
की जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कोविड
सामग्री
पहुँचाने
हेतु क्या
प्रदायकर्ता
द्वारा
प्रदाय स्थल
से F.O.R. की
कोविड पास
लिया गया था? यदि
हाँ तो किस
वाहन से किस
दिनांक को
सामग्री
पहुंचाई गई? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार क्या
चालन की कापी
उपलब्ध है
यदि चालान की
कापी उपलब्ध
नहीं है तो यह
संदिग्धता
की श्रेणी में
आता है या
नहीं?
बिना
सामग्री क्रय
किए अनियमित
भुगतान किया गया
है? इसकी
उच्च स्तरीय
जॉच कब तक
कराई जाएगी? (घ) अधिक
मात्रा में
सामग्री क्रय
की गई इस
अनियमितता के
लिए कौन-कौन
अधिकारी /
कर्मचारी
दोषी हैं? इनके
विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की
जाएगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) एवं (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
हाँ, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
परीक्षण कर
गुण दोष के
आधार पर
कार्यवाही की
जायेगी। उत्तरांश
के आधार पर
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) परीक्षण
उपरांत
प्राप्त
निष्कर्षों
के आधार पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी। समय
नियत करना
संभव नहीं है।
बजट में हुए व्यय और प्रस्तावित व्यय की जानकारी
[वन]
111. ( क्र. 1059 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन योजना जिसकी बजट में मद संख्या 5399 क्या हैं? इसका पूरा विवरण देवें। (ख) क्या वर्ष 2020-21 में उपरोक्तानुसार 100 करोड़ रू. व्यय किए गए? यह किन-किन कार्यों में व्यय किए गए? कार्य नाम, एवं भुगतान राशि, का विवरण दें। (ग) क्या वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में मद संख्या 7824 प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि में 550 करोड़ रू. प्रस्तावित है। यह कौन से ब्याज की अदायगी और किस ऋण सेवा पर व्यय होंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार वर्ष 2019-20, 2020-21 में इस मद में शून्य प्रावधान था तो वर्ष 2021-22 में 550 करोड़ रू. का प्रावधान जिन आकलन पर किया गया उसकी पूरी जानकरी देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कोषालय के माध्यम से क्रियान्वयन हेतु बजट मद 5399 प्रारंभ किया गया था जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100.00 करोड़ की राशि लेखा अनुदान के रूप में बजट अंतर्गत प्राप्त हुई थी। उक्त राशि से वृक्षारोपण एवं वनों तथा वन्यप्राणियों के संरक्षण से संबंधित कार्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत वार्षिक कार्य योजना अनुसार किया गया। (ख) प्रश्नाधीन वर्ष में रूपये 76.67 करोड़ व्यय किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित ब्याज दरों पर निधि में जमा राशि पर ब्याज की अदायगी की राशि है, जो नियमानुसार कैम्पा निधि में जमा होगी। (घ) वर्ष 2021-22 में प्रथम बार राशि प्रावधानित की गई है क्योंकि इसके पूर्व कैम्पा की राशि भारत सरकार के खाते में जमा रहती थी। राज्य के लोक लेखा में अब कैम्पा की राशि जमा हाेने से नियमानुसार ब्याज राज्य सरकार द्वारा दिया जाना है।
मंडीदीप से खसरोद-सलकनी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 1062 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडीदीप से खसरोद-सलकनी मार्ग मुख्य बजट 2021-22 में अंकित है? क्या इसकी प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) यदि हां तो इस स्वीकृति में विलंब का कारण बताएं। (ग) कब तक मार्ग निर्माण कार्य प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्य बजट वर्ष 2021-22 में सरल क्रमांक 150 पर अंकित है। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत डी.पी.आर. की कार्यवाही अपूर्ण होने से। (ग) आवश्यक स्वीकृति हेतु डी.पी.आर. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भोजपुर से भीमबेटका मार्ग की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 1063 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औबेदुल्लागंज से मागरपूंछ-आशापुरी-भोजपुर मार्ग जो भोजपुर को भीमबेटका से जोड़ता है एवं ADB 6 के अंडर पैकेज 35 के अंतर्गत है, की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या कारण है कि इसके Revised Sanction की अनुमति कैबिनेट अप्रूवल के लिए लंबित है व कब से है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यह अप्रूवल कब तक कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निविदा स्तर पर। (ख) मापदण्डों में बदलाव एवं लागत परिवर्तन के कारण मंत्रिपरिषद् संक्षेपिका विचाराधीन है। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र की विभागीय समस्याएं
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 1066 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के ग्राम गेलाखेड़ी एवं ग्राम सगवाली (महिदपुर विधानसभा क्षेत्र) में नवीन 33/11 के.वी.ए. ग्रिड की स्थापना को कब तक स्वीकृति मिलेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में सिंचाई व घरेलू कनेक्शन के लिए कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं इनकी जानकारी ग्रामवार देवें। (ग) इन्हें कब तक अंडरलोड कर दिया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग महिदपुर के झारडा वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम-गेलाखेडी एवं आस-पास के क्षेत्र को सिंचाई एवं घरेलू प्रयोजन हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र झारडा एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कुंडीखेडा से निर्गमित 3 सिंचाई एवं एक घरेलू फीडर के माध्यम से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. पाडलिया सिंचाई फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित मानकों से अधिक है। अत: वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिए 11 11 के.व्ही. पाडलिया सिंचाई फीडर के विभक्तिकरण हेतु 8 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइन का निर्माण एवं झारडा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र पर स्थापित 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफ़ॉर्मर से 8 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि के कार्य प्रस्तावित हैं, जिनके पूर्ण होने पर वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित सीमा में आ जावेगा। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में ग्राम गेलाखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र के निर्माण का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। ग्राम सगवाली में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है। उक्त उपकेन्द्र के कार्य को वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है। वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता/वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त फीडर विभक्तिकरण, पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि एवं नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण के कार्यों को स्वीकृति प्रदान किये जाने पर विचार किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में कृषि प्रयोजन के 12 एवं गैर कृषि प्रयोजन के 45 इस प्रकार कुल 57 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित 57 वितरण ट्रांसफार्मरों को अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर से बदलने अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित कर इनके भार को कम करने के कार्य को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
उद्योगों का निरीक्षण
[पर्यावरण]
115. ( क्र. 1067 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नागदा
जं. जिला उज्जैन
स्थित ग्रसीम
उद्योग समूह
का दिनांक 01/01/2020 से 15/07/2021 तक
विभाग के
अधिकारियों
द्वारा कितनी
बार दौरा किया
गया?
(ख)
उज्जैन
जिले स्थित
अन्य
उद्योगों के
दौरे की
जानकारी भी
प्रश्नांश (क) अवधि
अनुसार
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) प्रत्येक
निरीक्षण
दौरे की
निरीक्षण टीप
का विवरण उद्योगवार
देवें। (घ) इन
निरीक्षण के
फलस्वरूप
जिन उद्योगों
पर कार्यवाही
की गई उनकी जानकारी
उद्योगवार
देवें।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री हरदीपसिंह
डंग ) : (क) मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के अधिकारियों
द्वारा 11 बार दौरा किया
गया। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के अधिकारियों
द्वारा 90 बार दौरा
किया गया। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) एवं (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
116. ( क्र. 1070 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? हितग्राही का नाम, पता, कार्य विवरण, देय राशि आदि सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में क्या देय राशि का सदुपयोग हो चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ।
बिजली की व्यवस्था
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 1071 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ऐसे कितने मजरे, टोले, चक्क एवं बसाहटें हैं जिनमें बिजली नहीं है? नाम सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में इन बिजलीविहीन मजरों, टोलों, बसाहटों में बिजली पहुँचाने की शासन की क्या योजना प्रचलन में है? कब तक इनमें बिजली की व्यवस्था कर दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रातंर्गत मुख्य ग्राम एवं उनके मजरों/टोलों से दूर बसी ऐसी कुल 72 नवीन बसाहटें है जो विद्युतीकृत नहीं है। इन नवीन अविद्युतीकृत बसाहटों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण की कोई भी योजना प्रचलन में नहीं हैं। तथापि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के तारतम्य में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 20 एवं 20 से अधिक घरों की बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु प्रस्ताव आर.ई.सी. लिमिटेड को प्रेषित किया गया है। उक्त प्रस्ताव पर स्वीकृति एवं वित्तीय उपलब्धता उपरांत उक्त बसाहटों में से पात्र/स्वीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टोल वसूली के संबंध में
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1077 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में किन-किन मार्गों को यूजर चार्जेस के नाम पर ट्रांसफर ऑपरेटिव टोल (TOT) के तहत टोल वसूल करने की अनुमति दी गई? मार्ग का नाम, लंबाई, लागत राशि, निर्माण कार्य पूर्ण होने की दिनांक तथा किस निधि से राशि का वित्त घोषित किया गया, सूची देवें। (ख) खण्ड (क) में उल्लेखित सड़क पर टोल वसूल करने का ठेका प्राप्त करने वाले फर्म का नाम, टोल वसूल करने की अवधि, ठेका राशि, टोल प्रारंभ करने की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावे कि टोल बूथ कितने कितने किलोमीटर पर लगाए गए हैं तथा कितने-कितने किलोमीटर का टोल लेंगे। (ग) खण्ड (क) में उल्लेखित सड़क पर गजट नोटिफिकेशन किस दिनांक को किया गया, उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि राज्यपाल के आदेश के बिना राष्ट्र की संपत्ति का उपयोग कर क्या कोई जनता से शुल्क वसूल कर सकता है? मात्र कैबिनेट की स्वीकृति किस नियम के तहत मान्य है? (घ) केंद्र एवं राज्य शासन के मापदंड के अनुसार टोल बूथ जितनी लंबाई का टोल वसूल करना है उसके मद में होना चाहिए यह पालन क्यों नहीं किया गया तथा यूजर चार्जेस के नाम पर उन सड़कों पर जो राज्य धन की वित्त पोषित हों और करोड़ों का लाभ अर्जित कर रही हों तो टोल वसूल करने का अधिकार किस नियम से हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) टोल दर का निर्धारण सजातीय भाग (होमाजीनियश सेक्शन) की लंबाई के अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका वारासिवनी में मूलभूत सुविधा मद से अनुदान
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1080 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका वारासिवनी में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित विकास कार्य सड़क, नाली एवं पेयजल हेतु वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में मूलभूत सुविधा मद के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) वारासिवनी नगर पालिका में मूलभूत सुविधा मद से अनुदान स्वीकृत करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब मांग की गई है? यदि हां तो उक्त मांग के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) नगर पालिका वारासिवनी में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित विकास कार्यों के लिये मूलभूत सुविधा मद से अनुदान कब तक स्वीकृत कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, वारासिवनी में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित विकास कार्य सड़क, नाली एवं पेयजल हेतु वर्षवार मूलभूत सुविधा मद के अतंर्गत निम्नानुसार शासन से राशि प्राप्त हुई-
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
शासन से प्राप्त राशि |
1. |
2019-20 |
2775000/- |
2. |
2020-21 |
5945000/- |
3. |
2021-22 |
2595000/- |
(ख) नगर पालिका परिषद, वारासिवनी में मूलभूत सुविधा मद से अनुदान स्वीकृत करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया है। शेष के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम दो त्रैमास का मूलभूत सुविधा मद का आवंटन जारी किया जा चुका है।
पेयजल योजनाओं का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1086 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की नगरपालिका लहार तथा नगर परिषद् मिहोना, दबोह एवं आलमपुर के नगरवासियों को किस-किस नदी से पानी प्रदाय किए जाने हेतु कितनी-कितनी राशि की पेयजल योजनाएं कब-कब स्वीकृत की गई? (ख) उपरोक्त नगरों में पेयजल प्रदान किए जाने हेतु किस-किस एजेंन्सी को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई? प्रत्येक नगर का अलग-अलग विवरण दें। (ग) नगर लहार, मिहोना, दबोह एवं आलमपुर में पेयजल योजनाओं में कितने प्रतिशत कार्य अभी तक हुआ है एवं कितना कार्य शेष है तथा कब तक घरों में टोंटी लगाकर नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध करा दिया जाएगा? (घ) क्या निर्माण एजेन्सियों ने उपरोक्त नगरों में पाईप-लाईन बिछाने हेतु लगभग एक वर्ष पूर्व सड़कें खोदने के बाद ठीक न कराने से नगरवासियों को आवागमन में कठिनाई एवं गड्ढ़ों में पानी भरा रहने से गंदगी के कारण बीमारियाँ हो रही हैं? यदि हां, तो उपरोक्त नगरों की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कब तक करा दी जाएगी? (ड.) उपरोक्त नगरों में पेयजल योजनाओं का कार्य कब पूर्ण किया जाएगा? तथा अनुबंधानुसार निर्धारित समयावधि में योजनाओं का कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेन्सियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट -'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। निर्माण एजेन्सियों द्वारा उपरोक्त नगरों में पाईपलाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों को यथासमय अस्थायी रूप से सड़क बहाली कर आवागमन योग्य बनाया रहा है। वर्तमान में नगरवासियों को आवागमन में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आ रही है और न ही किसी प्रकार की बीमारियां हो रही है। पाईप लाईन टेस्टिंग व उपभोक्ता जल कनेक्शन उपरांत स्थायी सड़क बहाली कर मार्ग को यथास्थिति में किया जा रहा है। (ड़) जी नहीं। प्रश्नाधीन नगरों में पेयजल योजनाओं के कार्यों को पूर्ण करने की संभावित दिनांक संलग्न परिशिष्ट -'स' अनुसार है। अनुबंधानुसार निर्धारित समयावधि में योजनाओं का कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेन्सियों के विरूद्ध अनुबंधानुसार गुण-दोष के आधार पर अर्थदण्ड (लिक्विडिटि डैमेज) अधिरोपित किया जावेगा। वर्तमान में निर्माण कार्यों में हुए विलंब के कारण रोकी कई राशि विवरण संलग्न परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1089 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हां तो अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं एवं वैध करने की समय-सीमा क्या रखी गई है? (ग) राजधानी भोपाल में कितनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु चिन्हित किया गया है? वार्डवार कॉलोनी के नाम सहित सूची दें। (घ) भोपाल जिले की हुजूर तहसील के अंतर्गत कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं, ये कॉलोनियां कितने-कितने एकड़ में बनी हुई हैं? भूमि का सर्वे क्रमांक एवं खसरा नंबर सहित जानकारी दें। (ड) क्या हुजूर तहसील में सर्वाधिक लगभग 390 अवैध कॉलोनियां बनी हुई हैं, जिसमें लाखों परिवार निवासरत हैं तथा उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन की पूंजी लगाकर मकान बनाए हैं? क्या इन कॉलोनियों को वैध करते हुए नगर निगम अपने आधिपत्य में लेकर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में अनाधिकृत कॉलोनियों के निर्माण पर अंकुश लगाए जाने एवं अनाधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित किए जाने के पश्चात उनमें नागरिक अधोसंरचना के समुचित विकास को सुनिश्चित करने तथा चिन्हित अनाधिकृत कॉलोनियों के अभिन्यास तथा भवन अनुज्ञा के नियमितीकरण के प्रावधानों को शामिल करते हुए अध्यादेश पारित किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. नगरपालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2021 म.प्र. राजपत्र में दिनांक 20 जुलाई 2021 को प्रकाशित किया जा चुका है एवं अध्यादेश के उपबन्धों के अनुसार मापदण्ड निर्धारित करने हेतु नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के अनुसार नियम लागू होने के पश्चात नगर निगम द्वारा नियमानुसार अनाधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ड.) उत्तरांश ''ख'' के अनुसार नियम लागू होने के बाद नगर निगम द्वारा सुनिश्चित किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेरा एक्ट का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 1090 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रेरा-2016 लागू होने के बाद 15 जुलाई 2021 तक कितने मामलों में बिल्डरों से कितनी-कितनी राशि वसूली करके ग्राहकों को बकाया देने के लिए किस-किस दिनांक को आर.आर.सी. जारी की गई एवं बिल्डरों से कितनी राशि वसूल कर ग्राहकों की बकाया राशि जमा कराई गई? बिल्डरों एवं ग्राहकों के नाम पता सहित विवरण दें? (ख) क्या प्रदेश रियल स्टेट रेगुलेशन एण्ड डेवलपमेंट एक्ट 2016 के लागू होने के बाद उसके संचालन और कानून को अमल करने के लिए जरूरी कानून और कायदे (रूल्स एंड रेग्युलेशन) अभी तक नहीं बनाए गए है? (ग) यदि हां, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या रेरा एक्ट के लागू होने के बाद भी अभी तक कानून और कायदे (रूल्स एंड रेग्युलेशन) नहीं बनाए जाने से रेरा एक्ट का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है? (घ) यदि हां, तो अभी तक रेरा के कानून और कायदे (रूल्स एंड रेग्युलेशन) नहीं बनाए जाने के क्या कारण हैं तथा कब तक बनाए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एण्ड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 की धारा 84 के अंतर्गत मध्यप्रदेश रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एण्ड डेवलपमेंट) रूल्स 2017 दिनांक 24/05/2017 से लागू है। रियल एस्टेट (रेग्यूलेशन एण्ड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 की धारा-85 के अंतर्गत (रेग्यूलेशन) शीघ्र बनाए जा रहे है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रेग्युलेशन न बनाये जाने का कारण स्पष्ट नहीं है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, (रेग्यूलेशन) शीघ्र बनाए जा रहे है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 1093 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के नवीन 33/11 पावर सब स्टेशन नवीन ट्रांसफार्मर तथा ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कुल कितने प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? तथा इन्हें कब तक बजट प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) क्या बालाघाट जिले को इस वर्ष एक भी नवीन ट्रांसफार्मर तथा क्षमता वृद्धि की स्वीकृति नहीं मिली? (ग) क्या यह देखते हुए कि बालाघाट प्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादन जिला होने के साथ-साथ प्रदेश का एक मात्र नक्सल प्रभावित जिला है तथा धान की खेती में सर्वाधिक पानी की जरूरत पड़ती है प्रश्नांश (क) में वर्णित प्राथमिकता पर स्वीकृत कर दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बालाघाट जिले में तकनीकी रूप से साध्य पाये गये 33/11 के.व्ही. के 2 विद्युत उपकेन्द्रों यथा-रजगांव एवं बईयार के पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता 3.15 से 5 एम.व्ही.ए. किये जाने के कार्य को वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में स्वीकृति प्रदान कर बजट आवंटन किया गया है। वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तथा पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि का कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु कंपनी स्तर पर लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर 42 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 02 नग 63 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा 01 नग 25 से 63 के.व्ही.ए. एवं 01 नग 63 से 100 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य को वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) बालाघाट जिले में वर्तमान में 47 नग 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र विद्यमान है जिनसे निर्धारित अवधि हेतु गुणवत्ता पूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र/ पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि हेतु स्वीकृति की कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
एन.जी.टी. (नेशनल ग्रीन ट्यूबनल) में लंबित प्रकरण
[पर्यावरण]
124. ( क्र. 1094 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.जी.टी. में ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं जिनमें शासन वादी या प्रतिवादी है? साथ ही साथ ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वादी अथवा प्रतिवादी है? ये प्रकरण कब से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरण कब से लंबित हैं? शासन तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इनके निराकरण, जल्द निपटाने हेतु क्या प्रयास किये गये?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘‘अ‘‘ अनुसार है। शासन स्तर की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ‘‘अ‘ अनुसार है। शासन स्तर की जानकारी एकत्रित की जा रही है। लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु माननीय एनजीटी में समय-सीमा में जवाब/पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जा रहे है।
आवास योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1097 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर निगम अन्तर्गत आई.एच.एस.डी.पी. (इंदिरा आवास) स्कीम के तहत 50 से अधिक घर गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वालों के लिए बनाए गए है जो कि आज तक किसी भी जरुरतमंद परिवार को आवंटित नहीं किए गए हैं। क्या ये आवास गरीबी एवं अति गरीबी में जीवन यापन करने वालों को आवंटित किए जाएंगे? यदि हां, तो समय सुनिश्चित करें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो निर्माण कार्य एबीडी एरिया के तहत हो रहा है। इसका कितना प्रतिशत अनुदान शासन के द्वारा है एवं कितने प्रतिशत अनुदान एम.आई.जी. एवं एल.आई.जी. फ्लैटों की बिक्री से है? (ग) प्रधानमंत्री आवास के तहत जो भी कार्य प्रगति पर है उन्हें कब तक पूर्ण किया जाएगा? (घ) सतना नगर निगम अन्तर्गत जिन लोगों के पास छोटे रकबे की निजी जमीन है और वो आवास योजना का लाभ लेना चाहते है तो इसके लिए क्या मापदण्ड हैं और ऐसे लोगों को आवास आवंटन के क्या प्रावधान है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आई.एच.एस.डी.पी. योजनांतर्गत पात्र 08 हितग्राहियों ने ही पंजीयन कराया था। जिसमें से 01 हितग्राही के द्वारा पंजीयन राशि वापस ले ली है व शेष 07 हितग्राहियों को भी पंजीयन राशि वापस प्राप्त करने हेतु सूचित किया गया है। अतः पात्र हितग्राहियों की अरूचि व अभाव के कारण आवासों का आवंटन नहीं किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत जो आवास निर्माण हो रहे है उनमें होने वाला व्यय 1.50 लाख केन्द्र अनुदान, 1.50 लाख रू. राज्य अनुदान, 2.00 लाख रू. हितग्राही अंशदान तथा शेष राशि एम.आई.जी एवं एल.आई.जी. फ्लैटों की बिक्री से होगा। एबीडी एरिया उतैली में सड़क, नाली, पुलिया एवं सीवरेज का कार्य स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा रहा है तथा उतैली साइट में पेयजल एवं कृपालपुर साइट पर अधोसंरचना का कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) द्वारा प्राप्त विशेष निधि से कराया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत (ए.एच.पी. घटक) के प्रगतिरत कार्य समस्त हितग्राहियों के द्वारा उनके अंशदान जमा कराने तथा क्रॉस सब्सिडी राशि की व्यवस्था होने पर पूर्ण हो सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिन आवासहीन परिवारों के पास निगम सीमा अंतर्गत स्वयं का भूखण्ड है वो परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक का लाभ ले सकते है।
वर्ष 2018-19 एवं 2021 में ओपन जिम
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1100 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद खिलचीपुर, जीरापुर, माचलपुर एवं छापीहेड़ा में वर्ष 2018-19 एवं 2021 में ओपन जिम खुलवाने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हां तो कौन-सी योजना के अंतर्गत कितनी लागत राशि प्राप्त हुई? इनमें से किन-किन नगर परिषदों को ओपन जिम की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) अगर उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है तो कहॉ-कहॉ पर ओपन जिम के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं? यदि पूर्ण नहीं हो पाए हैं तो कब तक पूर्ण किए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/ बी.पी.एल/2020/1581, दिनांक 04-02-2020 से वित्त वर्ष 2019-20 के चतुर्थ त्रैमास में 14 वें वित्त आयोग में प्राप्त राशि से ओपन जिम निर्माण कार्य हेतु नगर परिषद खिलचीपुर को राशि रूपये 59.73 लाख, नगर परिषद जीरापुर को राशि रूपये 70.00 लाख, नगर परिषद माचलपुर को राशि रूपये 28.06 लाख एवं नगर परिषद छापीहेड़ा को राशि रूपये 28.74 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मार्गों का चौड़ीकरण व उन्नयनीकरण
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1101 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खिलचीपुर टाउन पोर्शन मार्ग का चौड़ीकरण व उन्नयनीकरण कार्य एवं विद्युत पोल शिफ्टिंग कार्य प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हां, तो क्या उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने हेतु एस.एफ.सी. की बैठक आयोजित की गई? यदि नहीं, तो इस हेतु एस.एफ.सी. की बैठक कब तक आयोजित की जाएगी? (ग) उक्त मार्ग को शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ करने की क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। यह मार्ग वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में शामिल है। सक्षम वित्तीय समिति में प्रस्ताव अनुमोदन अप्राप्त है। उपलब्ध आवंटन एवं प्रावधानों के अंतर्गत समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। यह मार्ग वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में शामिल है। सक्षम वित्तीय समिति में प्रस्ताव अनुमोदन अप्राप्त है। उपलब्ध आवंटन एवं प्रावधानों के अंतर्गत समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की पूरी सूची जोड़ना
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 1104 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला की नव-निर्मित नगर पंचायत मगरौनी में पदस्थ कर्मचारियों जो कि ग्राम पंचायतों के कर्मचारी, अधिकारी थे, उनकी पद स्थापना दिनांक वर्ष एवं जन्म दिनांक सहित जानकारी दें। (ख) यह भी बतायें कि जो पंचायत के कर्मचारी थे उनको पंचायतों द्वारा किस मद से वेतन दिया जाता था। (ग) यह भी बतायें कि ग्राम पंचायतों ने जिन कर्मचारियों की सूची चार्ज में नगर पंचायत के CMO को दी है वह प्रभारी CMO ने अधूरी सूची ली है? क्या ग्राम पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों की जो सूची अभी नगर पंचायत ने नहीं ली है उन कर्मचारियों के नाम कब तक लिये जायेंगे एवं नगर पंचायत में उनके नाम कब तक जोड़ा जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत मगरौनी, निजामपुर एवं किश्नपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत में नियोजित कर्मचारियों को जलकर, भवनकर एवं अन्य करों की वसूली से प्राप्त राशि से वेतन भुगतान किया जाता था। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गिट्टी क्रेसर से पर्यावरण प्रदूषण होना
[पर्यावरण]
129. ( क्र. 1105 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा के ग्राम सलैया में शिवशक्ति गिट्टी क्रेसर द्वारा पूरे ग्राम में काफी प्रदूषण फैल रहा है जिससे काफी लोग बीमार हो रहे हैं, इसकी जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 294, दिनांक 04/06/2021 को पर्यावरण अधिकारी गुना को दी थी उस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या गिट्टी क्रेसर पर्यावरण विभाग अधिकारियों द्वारा मोटी रकम लेकर चलवाया जा रहा है जिससे उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है? क्या यह जांच का विषय नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में गिट्टी क्रेसर जिससे सलैया ग्राम पूरी तरह प्रदूषित होकर लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त है। इस क्रेसर को कब तक हटाकर इससे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी तो कब तक नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 294, दिनांक 4/6/2021 के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्रीय कार्यालय, गुना द्वारा परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन कार्य कराया गया, परिणाम निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति शर्तों के पालनार्थ स्टोन क्रेशर से वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के अंतर्गत चारों ओर 12 फीट से अधिक ऊंचाई की बाउंड्रीवाल का निर्माण, स्क्रीन को चारों और से जीआई सीट से कवर्ड करना, जॉ क्रेशर, कनवेयर वेल्ट, परिसर एवं एप्रोच रोड़ पर वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु जल छिड़काव की व्यवस्थायें करवाई गई है तथा परिसर में वृक्षारोपण किया गया है। स्टोन क्रेशर इकाई ग्राम सलैया से 500-750 मीटर से अधिक दूरी पर है। स्टोन क्रेशर से किसी भी तरह की बीमारी फैलने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवरेज की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1109 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका निगम भोपाल को सीवरेज व्यवस्था ठीक करने के लिये किस-किस योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कितनी राशि प्रावधानित की गई है और कितनी राशि अभी तक प्रदान की गई है? योजनावार जानकारी दी जावे। (ख) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन वार्डों में सीवरेज व्यवस्था ठीक करने हेतु किस योजना के तहत तैयार की गई है अथवा तैयार की जा रही है? उसका विवरण लागत सहित बताई जाये। (ग) माननीय मंत्री नगरीय विकास एवं आवास महोदय के ध्यानाकर्षण 16/03/2021 के संबंध में आई कॉलोनियों के सीवरेज समस्या निराकरण हेतु प्रश्नांश (क) एवं (ख) की योजना में सम्मिलित कर लिया गया है? यदि हां तो इसे कब तक पूरा कर लिया जायेगा? पूर्ण करने की तिथि बताई जाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल की सीवरेज व्यवस्था ठीक करने के लिये अमृत योजनांतर्गत राशि रू. 442.00 करोड़ की सीवरेज योजनायें वर्ष 2016-17 में स्वीकृत की गई हैं। अमृत योजनाओं (जलप्रदाय, सीवरेज, स्ट्राम वॉटर ड्रेन एवं हरित क्षेत्र) के क्रियान्वयन हेतु मार्च 2020 तक इन योजनाओं की प्रगति के आधार पर राशि रू. 792.77 करोड़ जारी की गई है एवं वर्ष 2021-22 में प्रगति के आधार पर राशि रू. 46.08 करोड़ जारी की गई है। (ख) वर्तमान में गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्र. 52 एवं 53 में अमृत योजना के सीवरेज घटक अंतर्गत राशि रू. 45.85 करोड़ का कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न कॉलोनियों में सीवरेज नेटवर्क लगभग 28 कि.मी., 02 सीवेज पम्प हाउस तथा 20.5 एम.एल.डी शोधन क्षमता का एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माणाधीन है। इन क्षेत्रों के लिए गैप एसेसमेंट कर योजना बनाने का कार्य भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित जल जीवन मिशन (शहरी) के अधिसूचित हो जाने के बाद सम्मिलित किये जाने पर विचार किया जायेगा। (ग) माननीय मंत्री नगरीय विकास एवं आवास विभाग के ध्यानाकर्षण दिनांक 16.03.2021 के संबंध में कॉलोनियों की सीवरेज समस्या के निराकरण हेतु भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित जल जीवन मिशन (शहरी) के अधिसूचित हो जाने के बाद सम्मिलित किये जाने पर विचार किया जायेगा। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
बिजली के बिलों के संबंध में
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 1114 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में 100 यूनिट 100 रूपये का नियम लागू है? यदि हां तो दस से पन्द्रह हजार तक के घरेलू बिजली के बिल लोगों के क्यों आ रहे है? (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी किस-किस तरह के विद्युत टैक्स का समायोजन बिजली के बिल में किया जा रहा है? सूची सहित बतावें। (ग) क्या भोपाल जिले में झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र में बिजली के बिल वसूलने हेतु ठेकेदारी प्रथा प्रचलन में है? (घ) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत व्यय से अतिरिक्त करीब 20 अतिरिक्त कर बिजली के बिलों में जोड़े जाते हैं जिसके कारण बिल की राशि हजारों में पहुँचती है, ऐसा क्यों? 20 अतिरिक्त करों का समायोजन क्यों किया जाता है? (ड.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कनेक्शन देते समय कनेक्शन चार्ज वसूल किया जाता है तथा प्रत्येक मासिक बिल में भी कनेक्शन चार्ज वसूल किया जाता है? क्यों? (च) क्या झुग्गी झोपड़ी बस्ती में एक बत्ती कनेक्शन देने का कोई प्रावधान है? यदि हां तो कब तक दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, वर्तमान में लागू इंदिरा गृह ज्योति योजना में 150 यूनिट प्रतिमाह तक की खपत वाले समस्त घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 100 रूपये एवं 100 यूनिट से अधिक की खपत पर लागू टैरिफ आदेश के अनुसार राशि देय है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत दरों एवं उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर मासिक विद्युत देयक उपभोक्ताओं को दिये जा रहे हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सहित संपूर्ण प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार, फ्यूल कॉस्ट समायोजन एवं सुरक्षा निधि तथा म.प्र. विद्युत शुल्क अधिनियम, 2012 के अंतर्गत लागू विद्युत शुल्क के अनुरूप गणना कर उपभोक्ताओं को मासिक विद्युत देयक दिये जाते है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ड.) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत सामान्यत: विद्युत कनेक्शन देते समय ही विद्युत उपभोक्ता से कनेक्शन चार्ज वसूल किया जाता है। तथापि किसी योजना विशेष के प्रावधानों के तहत यदि विद्युत कनेक्शन देते समय कनेक्शन चार्ज नहीं लिया गया है, तो ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं से नियमानुसार मासिक बिल के साथ निर्धारित किश्तों में कनेक्शन चार्ज की राशि वसूल की जाती है। (च) झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में पृथक से एक बत्ती कनेक्शन देने का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु सभी उपभोक्ताओं को नियमानुसार एक समान कनेक्शन प्रदान किये जाते है।
पेड़ कटने से प्रतिकूल असर
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 1115 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में बनने वाली स्मार्ट सिटी के लिये कितने पेड़ काटे गये हैं? (ख) पेड़ काटने से पर्यावरण पर कितना प्रतिकूल असर पड़ा है एवं इससे आस-पास रहने वाले रहवासियों के स्वास्थ्य पर कितना प्रतिकूल असर पड़ा है? (ग) पेड़ कटने से क्या आक्सीजन की कमी हुई अथवा नहीं? (घ) स्मार्ट सिटी बनाने के लिये कितने लोगों के घरों को तोड़ा गया है तथा उन्हें कहां विस्थापित किया गया है? (ड.) भोपाल दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में वन भूमि को उजाड़कर कलियासोत क्षेत्र में पक्के निर्माण कराये जा रहे हैं? क्या इसका असर पर्यावरण को प्रभावित करेगा? (च) भोपाल के बड़े तालाब के किनारे बसे गांव जैसे गोरा गांव, सेवनिया गौड़ के कैचमेन्ट क्षेत्र में नवीन कॉलोनियों का निर्माण कार्य किया जा रहा है? जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पडेगा? क्या यह निर्माण शासन की अनुमति से हो रहा है? यदि नहीं तो शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कुल 1990 पेड़ काटे गये हैं। (ख) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा पेड़ काटने हेतु सक्षम अनुमति प्राप्त की गई हैं एवं वृक्ष कटाई के एवज में चार गुना वृक्षों के रोपण की कार्यवाही की गयी है। पर्यावरण एवं रहवासियों के स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ा हैं, इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया हैं। (ग) इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया हैं। (घ) स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में निर्माण हेतु लगभग 836 शासकीय आवासों को लोक निर्माण विभाग के द्वारा तोड़ा गया है। शासकीय आवासों में निवासरत कर्मचारियों को संपदा संचालनालय द्वारा वैकल्पिक शासकीय आवास आवंटित किये गये है। स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में निर्माण के लिये कुल 182 झुग्गियों को विस्थापित किया गया है। झुग्गीवासियों का अस्थायी विस्थापन एबीडी क्षेत्र टी.टी. नगर की सीमा पर ट्रांजिट हाउस में किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोकता एवं भानपुर में आवास का विकल्प दिया गया है। (ड.) भोपाल दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में वन विभाग के नियंत्रित वन भूमि को उजाड़ कर कलियासोत क्षेत्र में पक्के निर्माण कार्य नहीं कराये गए। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं। (च) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा बड़े तालाब के किनारे बसे गौरा गांव, सेवानिया गौड़ गांव में नगर निगम की अनुज्ञा के बिना नवीन कॉलोनियों का निर्माण किये जाने से निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा रातीबड़ थाने में 43 शिकायत/एफ.आई.आर दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है। ग्राम सेवनिया गौड़ में कुछ भूमि भोपाल विकास योजना 2005 के अंतर्गत अल्प घनत्व आवासीय भूमि उपयोग अंतर्गत हैं। अल्प घनत्व आवासीय भूमि उपयोग अंतर्गत 10 आवासीय/हेक्टेयर से स्वीकृति दी जा सकती हैं जिसमे पर्यावरण को कोई क्षति नहीं होती हैं।
विद्युत कटौती बंद एवं बढ़ी हुये दरें
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1120 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत विभाग द्वारा की जा रही विद्युत कटौती किस नियम के तहत की जा रही है? विद्युत कटौती संबंधी विभागीय आदेशों की प्रति बतायें। यदि विभाग द्वारा विद्युत कटौती संबंधी आदेश जारी नहीं किया गया है तो क्षेत्रीय अधिकारी कर्मचारी किस नियम के तहत विद्युत की कटौती कर रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले में विद्युत कटौती हेतु जिले के अधिकारियों को शासन द्वारा विशेष शक्तियां प्रदत्त की गई हैं? आदेश निर्देश की प्रति बतायें। सीधी जिले में माह जून एवं जुलाई 2021 में औसतन कितने घंटे घरेलू फीडरों पर विद्युत प्रदाय किया गया हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जुलाई माह में धान रोपाई का कार्य किसानों द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है, विद्युत कटौती होने के कारण धान रोपाई का कार्य प्रभावित हुआ है एवं किसानों को नुकसान हुआ है, क्या सरकार विद्युत विभाग पर जुर्माना लगाया जाकर किसानों को क्षतिपूर्ति देगी? यदि हां तो कितना और कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। विभाग द्वारा विद्युत कटौती संबंधी कोई भी आदेश जारी नहीं किये गये हैं। क्षेत्रीय अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा विद्युत कटौती नहीं की जा रही है अपितु निर्धारित सप्लाई प्लान के अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। अत: आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न नहीं उठता। सीधी जिले में माह जून 2021 एवं माह जुलाई 2021 में घरेलू (गैर-कृषि) फीडरों पर औसतन क्रमश: 23:09 घंटे एवं 23:20 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। (ग) माह जुलाई 2021 में कोई भी विद्युत कटौती नहीं की गई है। किसानों को कृषि कार्य हेतु नियमानुसार थ्री फेस पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
औषधीय ज्ञान आधारित व्यवसाय
[आयुष]
134. ( क्र. 1123 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
राज्यमंत्री, आयुष
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या निमाड़
क्षेत्र के
आदिवासी
समुदाय
द्वारा कीकर, हाथीझाड़ा, गिरधन, ईश्वरी, अमरबेल, काली
मुसली, दुर्बा, धतुरा, छोटी-बड़ी
दुधी,
गुलर, पत्थर
चट्टा, गोखरू, लौहगल
आदि जड़ी
बूटियों का
उपयोग
प्राचीन काल
से चिकित्सा
हेतु किया जा
रहा है? (ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर
हां है तो, विभाग
द्वारा इस
प्राचीन
दुर्लभ
चिकित्सीय
पद्धति के
संरक्षण हेतु
विगत 15
वर्षों में
कौन-कौन से
शोध करवायें
गये हैं? शोध पत्रों की
जानकारी
उपलब्ध
करवाने के
साथ-साथ इन
कार्य में हुए
व्यय की
शीर्षवार
जानकारी
प्रदान करें।
यदि उत्तर, ना है
तो, विभाग
द्वारा शोध
कार्य नहीं
करवाये जाने
का कारण स्पष्ट
करें। (ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में, क्या
विभाग द्वारा
विगत 15
वर्षों में निमाड़ाचल
के
आदिवासियों
के मध्य इस
औषधीय ज्ञान
का
प्रचार-प्रसार
करने के लिए
कोई
कार्यक्रम
चलाया गया था? यदि
हां तो, कार्यक्रमों
की व्यय सहित
विस्तारपूर्वक
जानकारी
प्रदान करें।
यदि नहीं तो
क्यों? (घ) क्या इस परम्परागत
ज्ञान में
शिक्षा हासिल
करने के इच्छुक
विद्यार्थियों
के लिए शासन
कुक्षी विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
शासकीय
आयुर्वेदिक महाविद्यालय
स्थापित
करने की कोई
योजना बना रहा
है? यदि
हाँ, तो
कार्य योजना
की विस्तृत
जानकारी
प्रदान करें।
यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, आयुष (
श्री
रामकिशोर
(नानो) कावरे ) : (क)
जानकारी
संकलित नहीं। (ख) उत्तरांश
‘‘क’’ के संदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
‘‘क’’ के संदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं,
वर्तमान
में कोई योजना
नहीं है।
बकाया एवं अधिक बिलों का प्रकरण
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1126 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना, राजगढ़, अशोकनगर जिलों में ऊर्जा विभाग के विद्युत अधिनियम के तहत बनायें गये प्रकरणों (धारा 126, 135 एवं 138) के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया गया हैं? यदि हां तो मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार किस-किस स्थान पर एवं किस-किस दिनांक को लोक अदालतें आहूत की गई? जिलेवार तहसीलवार पृथक-पृथक बतावें। इन अदालतों में कितने केस रजिस्टर्ड किये गये। संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अधिक बिलों के प्रकरण भी लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत किये गये है? यदि हां तो कितने प्रकरण प्रस्तुत किये गये तथा कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया यदि नहीं तो क्यों? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त के संबंध में क्या अधिक बिलों के प्रकरण भी लोक अदालत में प्रस्तुत किये गये हैं। यदि हां तो कब-कब कितने-कितने प्रकरण? कितने प्रकरणों में निराकरण किया गया। यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यह भी स्पष्ट करें कि अधिक बिल प्रस्तुत होने पर जिम्मेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) उपरोक्त के संबंध में कितने प्रकरणों में किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नाम, पता सहित पूर्ण विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, गुना, राजगढ़ एवं अशोकनगर जिलों में विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत धारा 126, 135 एवं 138 में बनाये गये प्रकरणों के लिये लोक अदालतों का आयोजन किया गया है। मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक लोक अदालत दो बार तथा दिनांक 12.12.20 एवं दिनांक 10.07.21 को आयोजित हुई है। राजगढ़ जिले में लोक अदालतों का आयोजन न्यायालयीन परिसर जिला न्यायालय राजगढ़, तहसील नरसिंहगढ़, ब्यावरा एवं सारंगपुर में किया गया है। गुना जिले के गुना एवं चाचोडा न्यायालय में तथा अशोकनगर जिले के अशोकनगर एवं मुंगावली न्यायालयों में लोक अदालतें आयोजित की गई। दिनांक 12.12.20 एवं 10.07.21 को आयोजित इन लोक अदालतों में कुल 19219 प्रकरण दर्ज हुये है, जिनकी जिलावार एवं तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में, गुना, राजगढ़ एवं अशोकनगर जिलों में उपरोक्तानुसार दिनांक 12.12.20 एवं दिनांक 10.07.21 को आयोजित लोक अदालतों में अधिक बिलों के प्रकरण लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किये गयें हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, अधिक बिलों के प्रकरण लोक अदालत में ग्राह्य नहीं किये जाते। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
तेन्दूपत्ता संग्रहकों को बोनस जारी
[वन]
136. ( क्र. 1127 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में तेन्दूपत्ता संग्रहण, क्रय, विक्रय का कार्य किया जा रहा है? यदि हां तो मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस सोसायटी/अन्य माध्यम से उक्त कार्य संपादित किया गया है? तहसीलवार, सोसायटीवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बोनस राशि सहित संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हां तो कब-कब, कितना-कितना? पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विगत पांच वर्ष पूर्व के कितने संग्राहकों का भुगतान किया जाना शेष है? (घ) उपरोक्त के संबंध में क्या कोई शिकायत भुगतान हेतु प्राप्त हुई हैं? यदि हां तो कब-कब किस-किस के द्वारा? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) हां। जिला यूनियन गुना के अंतर्गत 18 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से तेन्दूपत्ता संग्रहण कर क्रय का कार्य किया जाता है, जिन समितियों में संग्रहण एवं विक्रय किया गया की सूची संलग्न परिशिष्ट-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट -‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) तेन्दूपत्ता संग्रहण से संबंधित विगत पांच वर्ष पूर्व के किसी भी संग्राहक को अद्यतन स्थिति की देय राशि का भुगतान किया जाना शेष नहीं है। (घ) उपरोक्त संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत प्रकाश में नहीं आई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाईन प्रवेश प्रक्रिया
[उच्च शिक्षा]
137. ( क्र. 1130 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2020-21 में बी.पी.एड एवं एम.पी.एड ऑनलाईन प्रवेश के लिए के संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त प्रवेश प्रक्रिया की काउंसलिंग के प्रत्येक चरण में कुछ अभ्यर्थियों द्वारा अलग-अलग आवेदन किये गए हैं एवं इन अभ्यर्थियों को हर काउंसलिंग में अलग-अलग अहर्ता अंक दिए गए हैं? यदि हां, तो उचित कारण देवें कि किस नियम के तहत दिए गए हैं। इस अनियमितता एवं अनैतिक कृत्य में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (ग) उक्त अलग-अलग आवेदन क्रमांक वाले अभ्यार्थियों द्वारा प्रत्येक आवेदन में दिए गए प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। क्या हर बार अलग-अलग प्रमाण पत्र दिये हैं? क्या खेलकूद संबंधित प्रमाण पत्र 3 वर्ष से अधिक पुराने होने पर भी मान्य होते हैं? यदि नहीं तो ऐसे कितने आवेदन हैं जिनमें 3 वर्ष पुराने खेलकूद प्रमाण पत्र है? (घ) क्या प्रत्येक काउंसलिंग में फिजिकल टेस्ट किया जाना अनिवार्य है? यदि हां, तो नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या इन अभ्यर्थियों का काउंसलिंग में फिजिकल टेस्ट किया गया है? यदि हां, तो किस अधिकारी द्वारा? प्रमाण दिया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर संबंधितों के प्रवेश निरस्त कर बी.पी.एड तथा एम.पी.एड. पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रवेश हेतु दस्तावेजों का सत्यापन, फिटनेस, प्रोफिसिएन्सी टेस्ट आदि के लिये बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल का हेल्प सेंटर परिवर्तित किया गया। (ख) जी हाँ। नियमों में प्रत्येक चरण में फिजिकल टेस्ट का प्रावधान है। अतः फिजिकल टेस्ट में अभ्यर्थी के प्रदर्शन के आधार पर अंक प्रदान किये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) खेलकूद संबंधित प्रमाण-पत्र 03 वर्ष से अधिक पुराने होने पर भी मान्य किये जाते हैं। विस्तृत जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हां। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रवेश नियम/मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार प्रवेश के पूर्व प्रत्येक आवेदक का फिटनेस, प्रोफिसिएन्सी टेस्ट निर्दिष्ट संबंधित हेल्प सेंटर द्वारा किया गया है। हेल्प सेंटर की सूची नियमावली में संग्रहित है।
सीवर प्रोजेक्ट परियोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1131 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भेड़ाघाट में सीवर प्रोजेक्ट का कार्य प्रगतिशील है? क्रियान्वित की जा रही परियोजना की लागत राशि, एजेंसी का नाम एवं किस विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) उक्त परियोजना का क्रियान्वयन निर्धारित मापदंड के अनुरूप किया जा रहा है? किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त परियोजना में क्षेत्रवासियों द्वारा लगातार भ्रष्टाचार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं तो क्या माननीय मंत्री जी उक्त की जांच के आदेश देते हुए दोषियों पर तत्काल कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर हां है तो जांच आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। परियोजना की लागत राशि रू.11.95 करोड़ है, संविदाकार का नाम मेसर्स दर्शिल बिल्डकॉन, अहमदाबाद है तथा योजना का कार्य नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। कार्य का नियमित निरीक्षण म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की परियोजना क्रियान्वयन इकाई के परियोजना प्रबंधक, उप परियोजना प्रबंधक, प्रोक्योरमेंट ऑफीसर तथा सहायक परियोजना प्रबंधक द्वारा संलग्न परिशिष्ट "अ" में उल्लेखित तिथियों में किया गया। नियमित निरीक्षण का प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाता, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 1132 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत 01 मार्च 2021 से 15 जुलाई 2021 तक की अवधि में कोविड-19 कोरोना वायरस से मृत लोगों के कितने-कितने शवों का अंतिम संस्कार किस-किस जिले एवं नगर के मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया? मृतकों की संख्या माहवार दें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कोरोना से मृत शवों को किस-किस शासकीय एवं निजी चिकित्सालय/अस्पताल से कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हेतु मुक्तिधाम/कब्रिस्तान में लाया गया? (ग) प्रश्नांकित अवधि में कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार उपरांत कितनी-कितनी संख्या में प्रमाण पत्र मुक्तिधाम/कब्रिस्तान के ट्रस्ट/संस्था द्वारा जारी किए गए जिसमें कोरोना से मृत्यु का उल्लेख किया गया है? (घ) क्या कोविड-19 कोरोना वायरस मृत लोगों के निकटतम परिजनों को शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है? यदि हां तो कितने मृतकों के निकटतम परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।
भूमि में धोखाधड़ी कर शासन से मुआवजा प्राप्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1134 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बावड़ियाकलां तहसील कोलार जिला भोपाल में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 398/1 में से 1.157 हेक्टेअर भूमि का भू-अर्जन प्रकरण 12/अ-82/6-07 स्वीकृत किया जाकर मुआवजा राशि रू.82, 78, 457/- का भुगतान अजय नारंग को किया जाकर भूमि का अाधिपत्य शासन ने प्राप्त कर लिया है? (ख) यदि हां तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त भूखण्ड का विक्रय वर्ष 2000 से पूर्व में ही क्या किया जा चुका था? जिसकी जानकारी होने पर भी शासन की मुआवजा राशि धोखाधड़ी कर अन्य पात्र लोगों की जमीन को अपनी जमीन बताकर कब्जा देते हुये लगभग राशि रू.82.00 लाख की राशि वर्ष 2010 में प्राप्त कर ली गई? (ग) क्या शासन को हुई हानि के संबंध में प्रकरण संज्ञान में लिया जाकर विधिवत कार्यवाही शासन द्वारा की जाएगी? यदि हां तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्राम बावडि़याकलां तहसील कोलार जिला भोपाल में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 398/1 में से 1.157 हेक्टेयर भूमि का भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 12/अ-82/06-07 स्वीकृत किया जाकर मुआवजा राशि 91, 98, 279/- भू-धारक अशोक नारंग आ. सरदारी लाल नारंग निवासी ईदगाह हिल्स को किया जाकर भूमि का आधिपत्य शासन ने प्राप्त कर लिया है। (ख) भू-अर्जन अधिनियम 1894 में निहित प्रावधान अनुसार संबंधित भूमि के भू-अर्जन हेतु धारा 4 के प्रारंभिक प्रकाशन के समय तथा अवार्ड पारित करते समय श्री अशोक नारंग आ. सरदारी लाल नारंग का नाम भू-अभिलेखों में अंकित होने से तथा भू-अर्जन की प्रकिया के दौरान राजपत्र एवं स्थानीय समाचार पत्र में सूचना प्रकाशन पर इस संबंध में कोई आपत्ति प्राप्त न होने से राजस्व भू-अभिलेख अनुसार भू-धारक को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। (ग) भू-अर्जन अधिनियम 1894 में निहित प्रावधान अनुसार भू-अर्जन की कार्यवाही किए जाने से अन्य कोई कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित सड़कें
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 1138 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-2020, 2020-2021 के बजट में कौन-कौन सी सड़कें कितनी किलोमीटर, कितनी प्रस्तावित राशि स्वीकृत की गई थी? उनकी सूची देवें तथा बतायें कि उनमें से कौन-कौन सी सड़के का कार्य प्रारंभ हो गया है और किस-किस सड़क का कार्य पाईपलाईन में है तथा कौन-कौन सी सड़क के कार्य में प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई? (ख) जनवरी 2019 से जून 2021 तक कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये कौन-कौन से कार्य चल रहे हैं कार्य का नाम ठेकेदार का नाम कार्य के लागत की सूची देवें। (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-2017 से वर्ष 2020-2021 तक मेन्टेनेन्स का क्या-क्या कार्य किस ठेकेदार द्वारा कितनी राशि का किया गया? इनमें से कौन-कौन सा कार्य टेण्डर द्वारा आवंटित किया गया था कौन सा कार्य निर्धारत दर पर दिया गया? (घ) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी सड़क गारंटी की अवधि में हैं? इनके ठेकेदार कौन है तथा सड़कों का निरीक्षण किस दिनांक को किया गया था? उनकी रिपोर्ट देवें तथा बतायें कि उन सारी सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द, ''अ-2'' एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है।
डी.पी.आर. में दिये गये आकड़ों का परीक्षण
[लोक निर्माण]
142. ( क्र. 1139 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ( क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2403 दिनांक 02/03/2021 के खण्ड (क) के संदर्भ में बतायें कि डी.पी.आर. में यातायात गणना तथा भविष्य में यातायात की तुलना में वास्तविक यातायात 5 से 15 गुना अधिक है ऐसी स्थिति में क्या किया जायेगा तथा बतावें की 58 बी.ओ.टी. सड़क की डी.पी.आर. किस-किस कंसल्टेंट फर्म द्वारा तैयार कि गई है तथा उन्हें इसके लिये कितना-कितना भुगतान किया गया बतावें। (ख) उपरोक्त संदर्भित प्रश्न के खण्ड (घ) के संदर्भ में बतावें कि डी.पी.आर. में दिये गये आकड़ों का परीक्षण एवं मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी शासन की क्यों नहीं है? करोड़ों की फीस लेने वाले कंसल्टेंट की जवाबदेही क्यों नहीं है? क्या कंसल्टेंट और कंशेसनर की मिलीभगत कर राष्ट्रीय सम्पत्ति का उपयोग कर लाखों जनता से वर्षों तक लूट करते रहेंगे और क्या शासन मूक दर्शक बना रहेगा। (ग) 57 बी.ओ.टी. सड़क पर टोल प्रारंभ होने से 15 जुलाई 2021 तक वसूले गये कुल टोल राशि की सूची प्रस्तुत करें तथा कंसल्टेंट की फिजीकली रिपोर्ट में संलग्न इंकम स्टेटमेंट, आप्रेशन केश फ्लो प्रोजेक्शन तथा बेलेन्शीट स्टेटमेंट यातायात की गणना तथा भविष्य में यातायात (Projected Traffic Volume and Toll Teerates) का चार्ट प्रस्तुत करें। (घ) बी.ओ.टी. सड़क के लिये डी.पी.आर. बनाने वाले कंसल्टेंट की रिपोर्ट में दिये गये अनुमानित आंकड़ों के प्रति जवाबदेही के लिये कोई नियम तथा बाध्यता है या नहीं है? यदि है तो उसकी प्रति देवें यदि नहीं है तो राज्य धन की सुरक्षा कैसे होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) बीओटी अंतर्गत फिजिबिलिटी रिपोर्ट कंसल्टेंट के द्वारा बनाई जाती है। अनुबंधानुसार फिजिबिलिटी कंसल्टेंट आंकड़ों की परी शुद्धता के लिए उत्तर दाई है। फिजिबिलिटी कंसल्टेंट मार्ग पर वास्तविक आंकड़े तैयार कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाता है तदोपरांत शासन से मार्ग की स्वीकृति प्राप्त कर न्यूनतम ग्रांट/अधिकतम प्रीमियम के आधार पर निविदा आमंत्रण कर कंसेशनायर चयन किया जाता है। अत: मिली भगत का प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है। (ग) वृह्द स्वरूप की जानकारी है, संकलित की जा रही है। (घ) बीओटी सड़कों में डीपीआर नहीं बनाई जाती है।
भवन/भूखण्ड/चतुर्सीमा की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1140 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की नगर पालिका प्रशासन सारंगपुर का पत्र क्र./4630/2020/राजस्व, सारंगपुर, दिनांक 7.10.2020 के अनुसार प्रमाणीकरण दिया गया है कि भवन भूमि रजिस्टर वर्ष 1987-88 के पृष्ठ क्र. 124 अनुक्रमांक 893 पर भवन क्र. 173 श्री बसन्ती लाल एवं श्री पुरूषोत्तम पिता श्री हजारी लाल सुनार के नाम मोहल्ला फकीरवाड़ा में दर्ज है। उक्त भूखण्ड किस वर्ष में इनके द्वारा क्रय किया गया था? नामांतरण का वर्ष, भूखण्ड का क्षेत्रफल एवं चतुर्सीमा की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त भूखण्ड क्र. 173 का पारिवारिक बंटवारा किस वर्ष किया जाकर दोनों परिवारों को पैत्रिक भूखण्ड का कितना-कितना हिस्सा प्राप्त हुआ? बंटवारा के समस्त दस्तावेज की प्रमाणित प्रति भवन भूमि पंजी में दर्ज प्रकरण की सत्यापित छायाप्रति तथा कितना-कितना हिस्सा इनको प्राप्त हुआ? भूखण्ड का क्षेत्रफल, नामांतरण की प्रति एवं नक्शा की प्रति प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या नगर पालिका सारंगपुर द्वारा पैत्रिक सम्पत्ति होने से मृत्यु प्रमाण-पत्र के आधार पर भवन क्र. 173, 1/2 भाग श्रीमती रामप्यारी बाई पति स्व. श्री बसन्तीलाल, ओम प्रकाश, दीपक तथा भूखण्ड क्र. 173 1/2 भाग श्रीमती कमला बाई, महेश एवं श्याम कुमारी सोनी पिता स्व. श्री पुरूषोत्तम सोनी के नाम वंशानुक्रमांक से दर्ज किया गया है? कृपया फौत आदेश की प्रति नामांतरण नक्शा, चतुर्सीमा तथा भूखण्ड के क्षेत्रफल की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार भूखण्ड क्र. 173 1/2 भाग श्रीमती कमला बाई, महेश एवं श्याम कुमार सोनी पिता स्व. श्री पुरूषोत्तम सोनी के नाम वंशानुक्रमांक से दर्ज किया गया है, में से 1/2 भाग कूटरचित दस्तावेज के द्वारा 25 बाई 25 कुल 625 वर्गफीट भूखण्ड विक्रय किया गया है? शेष भूखण्ड/भवन कितना इनके नामे भवन/भूखण्ड रजिस्टर में दर्ज होकर वर्तमान में भवन/व्यवसायिक दुकान निर्माण हेतु अनुमति प्रदान की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, अपितु उप पंजीयक कार्यालय सारंगपुर के रजिस्टर्ड विक्रय पत्र दिनांक 28.05.2014 अनुसार 25X25 कुल 625 वर्गफुट भूखण्ड का विक्रय किया गया है। निकाय द्वारा आवासीय प्रयोजन हेतु भवन निर्माण के लिए अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
विद्युत बिलों की शिकायतें
[ऊर्जा]
144. ( क्र. 1143 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक बिलिंग माह अनुसार बताएं कि मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा निम्नदाब उपभोक्ता श्रेणी के अन्तर्गत किस-किस प्रयोजन श्रेणी के कितने उपभोक्ताओं को कितने यूनिट के कुल कितनी राशि के बिल दिये गये तथा माह मार्च 2020 से माह जनवरी 2021 तक निम्नदाब श्रेणी में कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि शेष हैं? (ख) प्रश्नांकित अवधि में समस्त प्रयोजन वाले निम्नदाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को अधिक बिल आने की मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उनमें से कुल कितनी शिकायतों को निराकृत किया गया? बताएं कि क्या इनकी मात्रा में शिकायतें यह नहीं दर्शाती की कंपनी द्वारा योजनाबद्ध तरीके से बिल बढ़ा कर दिये जा रहें है? यदि नहीं तो अधिक बिल आने की शिकायतों में निरंतर वृद्धि क्यों हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बताएं कि निम्नदाब के समस्त प्रयोजन के उपभोक्ताओं के यहां अधिक बिल आने के कारण क्या-क्या है तथा उसे दूर करने के क्या-क्या कदम उठाये गये? मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत बताएं। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में बिलिंग माह अनुसार बताएं कि कितने-कितने घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर बदले गये? ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिनके मीटर को एक से अधिक बार बदला गया? बार-बार मीटर बदलने के कारण बताएं? क्या प्रश्नांश (ख) के उल्लेख अनुसार अधिक बिल आने का एक कारण मीटर का तेज चलना भी है? (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में किस-किस कम्पनी से किस-किस प्रकार के कुल कितने मीटर किस दर से कितनी राशि के खरीदे गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंतर्गत माह मार्च 2020 से माह जनवरी 2021 तक की अवधि में बिलिंग माह अनुसार निम्नदाब उपभोक्ता श्रेणी के श्रेणीवार उपभोक्ताओं की संख्या, विक्रित यूनिट एवं बिल की गयी कुल राशि की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंतर्गत मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक की अवधि में निम्नदाब उपभोक्ता श्रेणी के उपभोक्ताओं से, राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी राशि सहित राशि रु. 9990.29 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ है एवं माह जनवरी 2021 की स्थिति में निम्नदाब उपभोक्ताओं की बकाया राशि रु. 556.65 करोड़ है। (ख) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांकित अवधि में निम्नदाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को अधिक बिल आने की कुल 325525 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनका निराकरण कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में निम्नदाब उपभोक्ताओं से प्राप्त शिकायतें इस श्रेणी के कुल जारी किये गये विद्युत बिलों का मात्र 0.65 प्रतिशत है। उपभोक्ताओं को म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश एवं उपभोक्ता की खपत के आधार पर ही बिल दिये जा रहे हैं। उपभोक्ताओं के अधिक बिल आने के मुख्य कारणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रांतर्गत सामान्यत: उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत का अधिक उपयोग करने, मीटर में तकनीकी त्रुटि होने, मीटर रीडर/कर्मचारी द्वारा भूलवश मीटर की गलत रीडिंग लेने, बिलिंग सिस्टम में त्रुटिपूर्ण रीडिंग दर्ज होने, अतिरिक्त विद्युत प्रतिभूति राशि का निर्धारित माह में समायोजन इत्यादि कारणों से औसत से अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हुए है। तथापि उपभोक्ता के मासिक विद्युत देयक की राशि पिछले वर्ष के समान माह के मासिक विद्युत देयक की राशि से 125% से अधिक होने पर संबंधित वितरण केंद्र के प्रभारी द्वारा पुनः जाँच करने एवं कार्यपालन अभियंता की संतुष्टि के उपरांत ही देयक जारी करने के निर्देश है। अधिक बिल आने की शिकायतों को दूर करने हेतु उठाये गये कदमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रांतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के प्रश्नाधीन अवधि में बदले गये मीटरों का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में ऐसे 1022 उपभोक्ता है, जिनके परिसर में स्थापित मीटर एक से अधिक बार बदले गये है। कंपनी क्षेत्र में स्थापित मीटर के मापदंडों के अनुरूप कार्य नहीं करने अथवा मीटर के द्वारा दर्ज विद्युत खपत से असंतुष्ट होने से उपभोक्ता के आवेदन पर आवश्यक परीक्षण शुल्क के भुगतान पश्चात विद्युत मीटर एक से अधिक बार बदले गये है। जी हाँ, उपभोक्ता के मीटर में तकनीकी त्रुटि आने पर, मीटर तेज चलने की स्थिति में बिजली का बिल अधिक आ सकता है, जिसके निराकरण के लिये परीक्षण शुल्क लेकर जांचोपरांत मीटर बदलने की व्यवस्था है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा क्रय किये गये विद्युत मीटरों की संख्या, दर एवं प्रदायकर्ता फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
परिवहन की जानकारी
[ऊर्जा]
145. ( क्र. 1144 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संजय गांधी थर्मल प्लांट बीरसिंहपुर से क्या सीमेंट प्लांटों को फ्लाई ऐश तथा गीली ऐश विक्रय की जाती है? यदि हां तो प्लांट से फ्लाई ऐश (सूखी राख) की लोडिंग मात्र सायलों से कवर्ड बलकरों, टैंकरों में होती है या अन्य स्थान से भी होती है तथा गीली राख (वेट ऐश) की लोडिंग मात्र ऐश डैम (राखड़ बांध) के अलावा अन्य स्थान से भी क्या होती है या नहीं? (ख) खुले डाला बॉडी के ट्रकों में ही गीली राख परिवहन होती है या कवर्ड बलकरों, टैंकरों में भी गीली राख परिवहन की जाती है? (ग) संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर से दिनांक 01 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक फ्लाई ऐश एवं वेट ऐश किस कंपनी द्वारा कुल कितने वाहन कितनी मात्रा की राख का परिवहन किया गया, की माहवार जानकारी यथा माह, कंपनी का नाम, वाहनों की संख्या एवं कुल राख की मात्रा का विवरण प्रोफार्मा में उपलब्ध कराई जाये।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर से निकलने वाली फ्लाई ऐश विक्रय के आधार पर तथा गीली राख नि:शुल्क सीमेंट कंपनियों को प्रदान की जाती है। विद्युत गृह से निकलने वाली फ्लाई ऐश (सूखी राख) की लोडिंग केवल साइलो से बलकरों एवं कवर्ड टैंकरों में होती है तथा गीली राख की लोडिंग केवल राखड बांध (ऐश डेम) से की जाती है, अन्य स्थान से नहीं होती है। (ख) गीली राख की लोडिंग खुले डाला (हाइवा) ट्रक में करने के पश्चात पूर्णत: तारपोलीन से कवर्ड करने के बाद ही परिवहन किया जाता है। गीली राख का परिवहन कवर्ड बलकरों एवं टैंकरों से नहीं किया जाता है। (ग) संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर से प्रश्नाधीन अवधि में फ्लाई ऐश एवं वेट ऐश की क्रय कर्ता कंपनी, परिवहन की गई राख की मात्रा एवं वाहनों की संख्या से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पाठ्यक्रमों का संचालन
[उच्च शिक्षा]
146. ( क्र. 1146 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल के द्वारा कौन-कौन से पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? स्टेनोग्राफर संकाय के लिये कौन-कौन शिक्षक/व्याख्याता कब से कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांकित विश्वविद्यालय में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में स्टेनोग्राफर पाठ्यक्रम के लिये कितने अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया था? नामवार जानकारी दें तथा उनकी कब-कब परीक्षाएं हुई एवं कितने छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए? (ग) क्या विगत वर्षों में कोरोनाकाल के कारण प्रश्नांकित छात्र-छात्राओं की परिक्षाएं आयोजित नहीं किये जाने से उन्हें किस माध्यम से उत्तीर्ण किया गया? यदि उन्हें उत्तीर्ण नहीं किया गया तो क्या उनकी परीक्षाएं ली जायेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -‘अ’ अनुसार है। विश्वविद्यालय में स्टेनोग्राफर संकाय के लिए अध्यापन कार्य हेतु नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) सत्र 2018-19 में स्टेनोग्राफर पाठ्यक्रम में 22 छात्र प्रवेशित हुए, जिनमें से 16 छात्र अप्रैल, 2019 की आयोजित परीक्षा में सम्मिलित हुए। सम्मिलित छात्रों में से 12 छात्र उर्त्तीण एवं 04 छात्र अनुर्त्तीण हुए। सत्र 2019-20 में 07 छात्र प्रवेशित हुए, जिनमें से 05 छात्र सितम्बर, 2020 की आयोजित परीक्षा में सम्मिलित हुए। जिनमें से 03 छात्र उर्त्तीण एवं 02 छात्र अनुर्त्तीण हुए। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘ब’ अनुसार है। (ग) कोरोना काल में छात्रों की परीक्षाऐं ‘’खुली किताब पद्धति‘’ माध्यम द्वारा आयोजित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकलांग कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 1148 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की नगर परिषद कन्नौद में कितने दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मचारी कब-कब से कार्यरत हैं? नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांकित परिषद में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का विनियमितीकरण/नियमितीकरण किया गया है? यदि हां, तो कब-कब किन-किन कर्मचारियों का विनियमितीकरण/नियमितीकरण किया गया है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार नियुक्ति/नियमितीकरण में विकलांग कर्मचारियों का एक निर्धारित कोटा निश्चित किया गया है? (घ) यदि हां, तो परिषद में कौन-कौन विकलांग दैनिक वेतनभोगी/संविदा कर्मचारी कब से कार्यरत है? उनको नियमित कर्मचारियों के प्रतिशत अनुसार विकलांग कोटे से नियमित क्यों नहीं किया गया? उनके नियमितीकरण नहीं किये जाने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? विकलांग कर्मचारियों का कब तक नियमितीकरण किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकाल में रखे संलग्न परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ एवं ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) निकाय में 01 विकलांग श्री मनीष कुमार कचौले, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी दिनांक 01.02.2017 से कार्यरत है। इनके द्वारा विकलांगता संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये एवं श्री कचौले नियमितीकरण की पात्रता नहीं रखते है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों के रिक्त पद
[वन]
148. ( क्र. 1149 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल देवास के अंतर्गत कितनी रेंज आती हैं? उन रेंजों के नाम एवं इनमें कार्यरत लिपिक कर्मचारी, ऑपरेटर, चौकीदार एवं सुरक्षा श्रमिक पदस्थ हैं? उन कर्मचारियों की नामवार जानकारी देवें। (ख) खिवनी अधीक्षक कार्यालय एवं हरसपुर रेंज में कितने लिपिक एवं कितने ऑपरेटर पदस्थ हैं? यदि नहीं तो इन मुख्यालय का कार्य किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) खिवनी अधीक्षक कार्यालय एवं हरसपुर का मुख्यालय कहां-कहां है एवं इन कार्यालयों में कितने पद रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों के विरूद्ध विगत 5 वर्षों में कब-कब किन-किन लोगों के आवेदन प्राप्त हुए हैं? उन आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी परिशिष्ट-1 में संलग्न है। (ख) निरंक। खिवनी अधीक्षक कार्यालय तथा हरसपुर रेंज का कार्य खिवनी रेंज के लिपिक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा किया जा रहा है। (ग) खिवनी अधीक्षक कार्यालय का मुख्यालय कन्नौद एवं हरसपुर का मुख्यालय इच्छावर है। इन कार्यालयों में कोई भी पद आवंटित नहीं होने से कोई भी पद रिक्त नहीं है। वनमण्डल अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी से कार्य लिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की पदस्थगी
[वन]
149. ( क्र. 1150 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 22.09.2020 के अतारांकित प्रश्न क्र. 619 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्ष 2013 से 2019 तक में कोई कम्प्यूटर ऑपरेटर संविदा में कार्यरत नहीं होने तथा प्रश्नांश (ख) में 9 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी के रूप में कार्यरत होना बताया गया है? (ख) यदि हां, तो कार्यालय वन मण्डल देवास के अधीनस्थ रैंज बिजवाड़ में सी.एम. हेल्पलाईन क्र. 13091379 दिनांक 14.01.2021 में की गई शिकायत पर बजट के अभाव में वन मण्डल अधिकारी के आदेशानुसार कम्प्यूटर ऑपरेटर के भुगतान में कठिनाई आने के कारण मुख्यालय स्थित ऑपरेटर से कार्य कराया जा रहा है, बताया था? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की पूरक जानकारी में वन मण्डलाधिकारी, वन मण्डल क्षेत्रीय देवास के द्वारा जॉबदर पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों में क्रमांक 02 पर दर्ज श्री हरीश दुबे के संबंध में बताया गया कि अप्रैल 2019 से स्वैच्छा से कार्य छोड़ा गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) कर्मचारी सितम्बर 2013 से मई 2019 तक दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत रहा है? इसके उपरांत भी पूर्व प्रश्न में उक्त व्यक्ति का नाम न जोड़कर त्रुटिपूर्ण उत्तर क्यों दिया गया है? क्या वह कर्मचारी अभी सेवा में है या सेवा से पृथक किया जा चुका है? यदि हां, तो क्यों तथा कब तक उसे पुन: सेवा में लिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। (ग) शासन द्वारा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 619 की कोई पूरक जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी थी। (घ) श्री हरीश दुबे जॉबदर दर पर थे, न कि संविदा पर। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत अभिन्यास में संशोधन कर निर्माण किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 1151 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बावड़ियाकला, तहसील कोलार जिला भोपाल में स्थित गणेश नगर कॉलोनी का ले-आउट टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा वर्ष 1963 में अनुमोदित किया गया? (ख) क्या उक्त ले-आउट में व्यवसायिक लगभग 13 दुकानों के भू-खण्ड दर्शाये गये हैं? (ग) क्या आवास एवं पर्यावरण विभाग के निर्देश क्रमांक एफ-3/15/32/97, दिनांक 05 अक्टूबर, 2000 में निर्देशित किया गया है कि अभिन्यास स्वीकृत करने के पश्चात उसमें किसी भी प्रकार का संशोधन/परिवर्तन नहीं किया जायेगा? क्या इसका पालन किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में दर्शित व्यावसायिक भूखण्डों पर उपयोग के विपरीत होटल एवं बार का निर्माण कर दिया गया है तथा इसके पीछे नक्शे में दर्शित खुली सरकारी भूमि पर मेरिज गार्डन का निर्माण कर दिया गया है? (ड.) क्या शासन नियम विरूद्ध की गई कार्यवाही को संज्ञान में लेकर प्रकरण की जांच कर यथोचित जांच शासन हित में करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल की संबंधित नस्ती एल0पी042/सीपी/61 को दिनांक 19/01/2016 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा जब्त किया गया है। अतः नस्ती उपलब्ध न होने की दशा में जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) से (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
वित्तीय स्वीकृतियों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
151. ( क्र. 1158 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेशम संचालनालय के सीहोर/ होशंगाबाद/ बालाघाट/ मंडला/ बैतूल/ सारंगपुर/ विदिशा एवं गुना जिलों में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021 तक आवंटित बजट के विरूद्ध जारी की गई स्वीकृतियों एवं व्यय की जानकारी निम्न प्रारूप में जानकारी उपलब्ध कराई जावे। क्र. वर्ष जिले का नाम योजना का नाम आवंटित बजट में उपलब्ध करायी गई राशि कॉलम क्र. 5 एवं 6 के अनुसार बजट में आवंटित राशि के व्यय हेतु जारी स्वीकृति आदेश क्र./दिनांक एवं कुल राशि कॉलम क्र. 7 के अनुक्रम में स्वीकृति आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम/पद तथा कुल राशि कोषालय से राशि आहरित करने की दिनांक कॉलम क्र. 5 एवं 6 में आवंटित राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने का दिनांक कॉलम क्र. 5 एवं 6 में उपलब्ध कराई गई बिना व्यय के कारण वापस शासन के खाते में जमा कराई गई राशि राज्य शासन केन्द्र शासन 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जारी की गई सभी स्वीकृतियां सक्षम अधिकारी (वित्त संहिता एवं विभागीय वित्तीय शक्तियों के अनुसार) द्वारा जारी की गई हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं है तो गलत स्वीकृतियां जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करा कर क्या वसूली की कार्यवाही एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? कार्यवाही की समयावधि बताई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021 में आवंटित बजट के विरूद्ध जारी स्वीकृतियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी स्वीकृतियां सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं की गई है। म.प्र. वित्तीय शक्ति पुस्तिका भाग-2 में संयुक्त संचालक, उप संचालक एवं सहायक संचालक को अधिकार प्रत्यायोजित है। (ग) गलत स्वीकृतियां जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
वृक्षारोपण में भ्रष्टाचार एवं वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
152. ( क्र. 1159 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला दक्षिण वन मंडल, देवरी तहसील के खतौला ग्राम के समीप वन भूमि किसे कितने हेक्टेयर, कब पट्टा पर दी गई? यदि नहीं तो इस भूमि पर कब्जा एवं निर्मित मकान अवैध हैं? कब्जा हटाकर वनभूमि मुक्त क्यों नहीं कराई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) भूमि पर अवैध कब्जा बनाये रखने के लिए दोषी डी.एफ.ओ. सहित अन्य शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही होगी? (ग) देवरी तहसील के मुडेरी गांव में करोडों रूपये से हुए वृक्षारोपण संबंधी कार्य में घोटाले की जांच में कौन दोषी है? जांच किसने की? (घ) जब जांच डी. एफ.ओ. से उच्च अधिकारी ने की है, तब डी.एफ.ओ. किस नियम से दोषी नहीं हैं? डी.एफ.ओ. सहित किन-किन से धन हानि की वसूली होगी? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) सागर जिला दक्षिण वनमंडल अंतर्गत देवरी तहसील के खतौला ग्राम की भूमि में अधिसूचित खतौला दक्षिण वनखण्ड अंतर्गत वन कक्ष क्रमांक पी. 989 में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत प्रदाय किये गये वनाधिकार हक पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन कक्ष क्रमांक पी.989 के अंतर्गत पटवारी हल्का नं 40 खसरा न. 153 रकबा 6.02 हेक्टेयर में भूमि स्वामी श्री घनश्याम आत्मज श्री भगवत पाण्डें, ग्राम खतौला राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय पट्टा से काबिज है। वन कक्ष क्रमांक पी. 989 अंतर्गत अवैध कब्जे एवं मकान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। वन भूमि से कब्जा हटाने के संबंध में वैधानिक कार्यवाही परिशिष्ट-2 में दर्शित विवरण अनुसार प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश (क) में अवैध कब्जे से संबंधित प्रकरणों में विधि अनुकूल कार्यवाहियां प्रचलित है। अतः डी.एफ.ओ. सहित अन्य शासकीय सेवकों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) देवरी तहसील के ग्राम मुडेरी खसरा नं. 54 एवं कक्ष क्रमांक 1142 सिंगपुर में बीना बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के अतंर्गत कराये गये वृक्षारोपण में पाई गई अनियमितता के संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उक्त जांच श्री असीम श्रीवास्तव (भा.व.से.) अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (सरंक्षण), मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा की गई है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/25/63/92/10/2 दिनांक 16 जून, 1994 से जारी निर्देशानुसार वृक्षारोपण क्षेंत्रों में शासन को हुई हानि के संबंध में उप वन मंडलाधिकारी स्तर से वनरक्षक स्तर तक के अधिकारी/कर्मचारियों का ही उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने के निर्देश हैं। अतः डी.एफ.ओ. के विरूद्ध धन राशि वसूली प्रस्तावित न होकर शासकीय कार्यों में अपने कर्तव्यों के प्रति बरती गई लापरवाही एवं उदासीनता हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित है। धन हानि की वसूली हेतु अधिकारी/कर्मचारियों की नामवार/पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-4 अनुसार है।
नगर तथा ग्राम निवेश के उपबंधों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1162 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन के ज्ञाप क्रमांक 99/डाय/14नग्रनि/2016 खरगोन दि. 24.01.17 को देखकर बताइयें कि, क्या शैक्षणिक प्रयोजन हेतु दिए गए अभिमत में क्रमांक 1 से लेकर 10 तक बिन्दुवार शर्तों के आधार पर अभिमत दिया गया था? यदि हां तो अभिमत की प्रति देवें एवं इस अभिमत को जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम एवं वर्तमान पदस्थापना की जानकारी देवें एवं क्या बिन्दुवार अभिमत में शर्तें लगाने का अधिकार उक्त अधिकारी को था? यदि हां तो किस नियम के तहत शर्तें लगाई गई और क्यों लगाई गई? विस्तृत प्रतिवेदन देवें। यदि शर्त नहीं लगाई गई थी तो बिना शर्त वाला अभिमत कौन सा है? उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अभिमत के अंतिम पैरा में क्या यह लेख है कि शर्तों के उल्लंघन की दशा में यह विकास नियम 2012 के नियम 25 के तहत अनुज्ञा रिव्होक कर दी जावेगी? यदि हां तो अभिमत जारी करने वाले अधिकारी ने ऐसा गैर कानूनी प्रावधान क्यों किया जबकि ग्राम निवेश क्षेत्र से बाहर स्थित होने से उस पर म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधान आकर्षित नहीं होते, इस संबंध में शासन के नीति, नियम निर्देशों के अनुसार विस्तृत प्रतिवेदन देवें। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन में संत सिंगाजी शिक्षा समिति द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र के शपथग्रहीता, के द्वारा क्या यह शपथ ली गई है, कि आपके कार्यालय से जारी होने वाली अभिमत की शर्तों के पालन में स्थल मानचित्र स्वीकृत करवाने के पश्चात ही स्थल विकास कार्य करूंगा? यदि हां तो उक्त शपथ पत्र की प्रति देवें एवं क्या झूठी शपथ लेकर बिना मानचित्र स्वीकृत कराए निर्माण कार्य किया गया है? यदि हां तो झूठी शपथ लेकर अभिमत प्राप्त करने वाले के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करवा दिया गया है या नहीं? यदि हां तो एफआईआर की प्रति देवें, यदि नहीं तो क्यों नहीं करवाया जा रहा है? (घ) क्या नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन के पत्र क्रमांक 240, दिनांक 13.3.2018 एवं 696 दिनांक 23.07.2018 के माध्यम से मानचित्र स्वीकृत नहीं करवाने के कारण निर्मित भवन को तोड़ने के संबंध में कार्यवाही के लिए सरपंच/सचिव को लिखा गया था, परंतु आज दिनांक तक भी संबंधित के द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हां तो इस संबंध में विभाग अब क्या कार्यवाही करेगा? अनुज्ञा रिव्होक करेगा या भवन को तोड़ेगा? (ड.) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3112 दिनांक 16.03.2021 में असत्य तथ्य प्रस्तुत करने वाले अधिकारी को क्या तत्काल निलंबित किया जाएगा या नियम विरूद्ध अभिमत देने पर तत्कालीन अधिकारी को निलंबित किया जाएगा या झूठी शपथ देकर बिना मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध निर्माण करवाने वाले के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अभिमत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट’’अ’’ अनुसार है। नाम- श्रीमती कविता नागर, पदनाम-सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश। वर्तमान पदस्थापना- नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खण्डवा। जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अभिमत चाहे जाने पर सहायक संचालक द्वारा शर्तों सहित अभिमत जारी किया गया जो इस प्रकार के प्रकरणों में शासकीय पत्राचार संबधी प्रचलित प्रक्रिया है। अतः शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खरगोन के पत्र क्रमांक 99/डाय/14/नग्रानि/2016 खरगोन दिनांक 24/01/2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर जिला बड़वानी मध्यप्रदेश को उनके द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अन्तर्गत भू-व्यपवर्तन हेतु अभिमत चाहे जाने पर अभिमत दिया गया था, जिसमें अधिरोपित शर्तें अभिमत के रूप में थी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट’’अ’’ अनुसार है। कार्यालय द्वारा जारी अभिमत की शर्तें को तकनीकी मार्गदर्शन के रूप में ही मान्यता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट’’ब अनुसार है। संस्था के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खरगोन के पत्र क्रमांक-237 दिनांक 13/03/2018 के द्वारा सरपंच ग्राम पंचायत ओझर जनपद राजपुर जिला बड़वानी को नियमानुसार उचित कार्यवाही करने हेतु सूचित किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश ’’ग’’ के अनुसार। कार्यालय द्वारा जारी अभिमत केवल तकनीकी मार्गदर्शन के रूप में दिया गया है। प्रश्नाधीन स्थल निवेश क्षेत्र में स्थित नहीं होने से विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अतः उक्त के परिप्रेक्ष्य में संबधित स्थानीय निकाय के स्तर से आगामी कार्यवाही की जाना होगा। (ड.) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3112, दिनांक 16/03/2021 का उत्तर असत्य न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राचार्यों द्वारा अनियमितता पर कार्यवाही न होना
[उच्च शिक्षा]
154. ( क्र. 1163 ) श्री
नीरज विनोद
दीक्षित : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
19.03.2021 को
प्राचार्य
शासकीय
अग्रणी
महाविद्यालय
सागर द्वारा
शासकीय स्नातकोत्तर
महाविद्यालय
बीना में
कैशबुक व अन्य
दस्तावेजों
के निरीक्षण
के समय
अतिरिक्त
संचालक सागर
के पद मु्द्रा
का उपयोग किया
गया हैं तो प्राचार्य
अग्रणी
महाविद्यालय
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गयी? (ख) मध्यप्रदेश
में
महाविद्यालयों
में प्रभारी
प्राचार्य
पदस्थ करने
की क्या नीति
हैं? (ग) क्या
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
विदिशा में
प्रभारी
प्राचार्य
किसी कनिष्ठ
सहायक प्राध्यापक
को बनाया हैं? क्या
उक्त
प्राचार्य
द्वारा
पी.एच.डी. में
सभी मापदंड का
पालन किया गया? दस्तावेज
उपलब्ध
करायें। (घ) प्रभारी
प्राचार्य
कन्या
महाविद्यालय
विदिशा का
महूगंज
ट्रांसफर माननीय
हाईकोर्ट के
किस आदेश से
रोका गया? उपरोक्त
प्राचार्यों
द्वारा की गयी
नियम विरूद्ध
कार्यों के
लिए क्या
इनके खिलाफ
कोई
कार्यवाही की
जाएगी। यदि हाँ
तो कब तक?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
मोहन यादव ) : (क) जांच
की कार्यवाही
प्रचलन में
है। (ख) विभागीय
परिपत्र
दिनांक 05.05.2011 में उल्लेखित
नीति अनुसार
प्रभारी
प्राचार्य
नियुक्ति
किये जाते
हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 01
अनुसार है। (ग) जी
नहीं। जी हाँ।
पी.एच.डी. के
दस्तावेज की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 02
अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय
लोक अदालत के
प्रकरण क्रं.
डब्ल्यू.पी. 6598/2014 में
पारित निर्णय
दिनांक 08.04.2017 के पालन में
म.प्र. शासन, उच्च
शिक्षा विभाग
के आदेश
क्रमांक 122/3700/2019/38/1
दिनांक 24.01.2020 के अनुसार
स्थानांतरण
निरस्त किया
गया है। शेष
प्रश्नांश का
उत्तर ‘‘क’’ के
संदर्भ में
उपस्थित नहीं
होने से
निश्चित समयावधि
बताना संभव
नहीं है।
अनियमित भुगतान
[लोक निर्माण]
155. ( क्र. 1166 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 11/06/21 को पत्र क्रमांक 1345 के तहत सतना कार्यपालन यंत्री एच.एल.वर्मा की शिकायत के संबंध में शीघ्र समुचित कार्यवाही के निर्देश विभाग के प्रमुख सचिव को दिए थे एवं विभाग के प्रमुख अभियंता ने दिनांक 30/06/21 को कार्यपालन यंत्री सतना को नोटिस जारी कर कहा था कि आपके द्वारा निर्देश की अवहेलना कर दिनांक 29/06/21 को राशि 44, 25, 750 रूपये के चेक काटे गये है? (ख) कार्यपालन यंत्री सतना द्वारा पत्र क्रमांक 1063, 1065, 1067 दिनांक 13/07/21 को पूर्व कार्यपालन यंत्री, संभागीय लेखा अधिकारी, वरिष्ठ लेखा लिपिक, सहायक वरिष्ठ लेखा लिपिक को दिनांक 29/06/21 एवं 30/06/2021 को नोटिस जारी किया गया है कि आपके द्वारा रूपये 87.07 लाख का भुगतान कर कैश बुक में दर्ज कराया गया है किंतु उक्त प्रमाणक में आपके द्वारा ना तो नोटशीट में भुगतान हेतु आदेशित है ना ही देयक पारित किए गए है इस प्रकार यह कृत्य वित्तीय अनियमितता की परिधि में आता है? (ग) कार्यपालन यंत्री एच.एल.वर्मा द्वारा 15/10/20 को झूठा शपथ पत्र देकर उच्च न्यायालय शासन एवं जिला प्रशासन को यह कहकर गुमराह किया कि मैं सतना में पदस्थ हूं जबकि उक्त कार्यपालन यंत्री रीवा में पदस्थ थे तथा आज भी रीवा में पदस्थ हैं? मुख्य अभियंता रीवा द्वारा प्रश्न दिनांक तक रीलिव नहीं किया गया तो रीवा में पदस्थ अधिकारी को कलेक्टर सतना से सतना कार्यपालन यंत्री के पद पर किस नियम के तहत पदस्थ किया? उस नियम की प्रति उपलब्ध कराएं अगर नियम नहीं है तो गुमराह कर प्रभार लेने वाले कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध 420 का प्रकरण तत्काल दर्ज कराएं, नहीं कराएंगे तो कारण सहित बताएं। प्रमुख अभियंता एवं मुख्य अभियंता ने उक्त कार्यपालन यंत्री श्री वर्मा को यहां से हटाने एवं गलत शपथ पत्र देने की सूचना विभाग के प्रमुख सचिव को कार्यवाही हेतु लिखा था? एक प्रति विभाग को उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अगर सही है तो माननीय मंत्री एवं प्रमुख सचिव उल्लेखित सभी नोटिसों का अध्ययन कर कार्यपालन यंत्री लेखा अधिकारी, लेखा लिपिक, सहायक लिपिक को कब तक निलंबित कर दिया जाएगा एवं 87 लाख रूपये का भुगतान फर्जी कार्यों में किया गया है तथा मार्च से 30 जून 21 तक में काटे गए लगभग 30 करोड़ के चेक की जांच कब तक राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करा ली जाएगी? फर्जी भुगतान की राशि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारी कर्मचारी से कब तक वूसल कर ली जाएगी? वसूली नहीं की जाएगी तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। (ग) जी हां। याचिका क्रं –16388/2020 में माननीयउच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 20/11/2020 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर, सतना ने आदेश दिनांक 02/02/2021 द्वारा श्री एच.एल.वर्मा, कार्यपालन यंत्री का अभ्यावेदन निराकरण होने तक कार्यपालन यंत्री, सतना संभाग के दायित्वों का निर्वहन करने हेतु आदेशित किया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परफॉर्मेंस ग्यारंटी के उपबंधों का पालन न होना
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 1167 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में नवनिर्मित/नवीनीकरण किये गये मार्गों के अनुबंधों में संविदाकार को मार्गों का संधारण एवं मरम्मत कार्य कराने का प्रावधान है? यदि है तो कितनी अवधि का प्रावधान है? इसके लिये कितनी-कितनी राशि कितनी-कितनी अवधि तक रोक कर रखने का नियम है एवं यह राशि कब-कब संविदाकारों को वापस की जाती है? परफॉर्मेंस गारंटी अवधि में मार्गों का संधारण मरम्मत नहीं करने पर संविदाकार के विरूद्ध क्या -क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लोक निर्माण विभाग सतना संभाग अंतर्गत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन संविदाकारों के किन-किन मार्गों की परफॉर्मेंस गारंटी समाप्त होने पर यह राशि वापस की गई है? (ग) क्या सतना साइडिंग डगडीहा मार्ग सहित अन्य कई मार्गों के नवीनीकरण हेतु अनुबंधित अनुबंध व जैतवारा डगडीहा मार्ग सहित कई अन्य मार्गों के नवीनीकरण हेतु अनुबंधित अनुबंध एवं रगला पहुंच मार्ग सहित अन्य मार्गों के नवीनीकरण हेतु अनुबंधित अनुबंध में मार्गों का संधारण एवं मरम्मत कार्य निर्धारित अवधि में संविदाकारों द्वारा नहीं करने पर उन्हें नोटिस दी गई थी एवं मार्गों का संधारण एवं मरम्मत कार्य उनके द्वारा नहीं किए जाने के उपरांत बाद में पैसा देकर परफाॅर्मेंस गारंटी की राशि संविदाकारों को वापस कर दी गई है? यदि हां तो किन-किन संविदाकारों को कितनी-कितनी राशि वापस की गई एवं उसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या सतना साइडिंग डगडीहा मार्ग जो परफॉर्मेंस गारंटी में है, में पैच वर्क हेतु सामग्रियों का प्रदान कर शासन की राशि का गबन किया जाकर संविदाकार को लाभ दिया गया है एवं कि.मी. 1-2 में बिना पेंच वर्क मरम्मत कार्य किये अन्य संविदाकार को लाभ पहुंचाने हेतु 10.42 लाख रूपये का देयक सतना एस.डी.ओ. एवं उपयंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है? यदि हां तो इस कृत्य के दोषी एस.डी.ओ. उपयंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जाएगा? (घ) क्या शासन इन संविदाकारों दोषी उपयंत्री/एस.डी.ओ./तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवासों की किश्तों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1170 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विदिशा
जिले में
प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
के प्रारंभ
होने से प्रश्नांकित
अवधि तक कितने
हितग्राहियों
के प्रधानमंत्री
आवास स्वीकृत
किये गये हैं? हितग्राहीवार, वार्डवार
एवं नगरीय
निकायवार, वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
प्रधानमंत्री
आवास योजना से
स्वीकृत
आवासों में
किन-किन
हितग्राहियों
को प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ
किश्त का
भुगतान कर
दिया गया है? कितने
के शेष है? हितग्राहीवार, वार्डवार
एवं नगरीय
निकायवार
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
नगरपालिका
परिषद सिरोंज, नगर
परिषद लटेरी
में कितने हितग्राहियों
की प्रथम, द्वितीय
एवं तृतीय
किश्त
भुगतान हेतु
निकायों
द्वारा
भुगतान नहीं किया
गया है? सूची
उपलब्ध
करावें। किश्तों
का भुगतान
करने हेतु
निकाय द्वारा
किये गये
प्रयासों के
पत्राचारों
का विवरण
उपलब्ध
करावें। शेष
द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ
किश्त का
हितग्राहियों
को भुगतान कब
तक कर दिया
जावेगा और
इसके लिए दोषी
कौन है? (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
भारत सरकार
द्वारा
प्रधानमंत्री
आवासों की शेष
किश्तों की
राशि उपलब्ध
नहीं करवाई जा
रही हैं? यदि हां तो
विभाग द्वारा
क्या-क्या
प्रयास किये
गये हैं? पत्राचारों
का विवरण
उपलब्ध
करावें। (ड.)
नगर पालिका
परिषद सिरोंज
एवं नगर परिषद
लटेरी में
प्रधानमंत्री
आवास से शेष
रहे हितग्राहियों
को कब तक आवास
स्वीकृत कर
दिये जावेगें
एवं डी.पी.आर.
कब तक बना ली
जावेगी? शहरी
गरीब आवासहीन, भूमिहीन
पात्र
परिवारों को
भूखण्ड मध्यप्रदेश
पट्टारत नियम 1984 के तहत
कितने
हितग्राहियों
को पट्टा
वितरित किये
गये हैं? सूची उपलब्ध
करावें एवं
शेष रह गये
हितग्राहियों
की वार्डश:
जानकारी
उपलब्ध
करावें तथा कब
तक उनको पट्टे
का वितरण कर
दिया जावेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) विदिशा
जिले में
प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी)
के अंतर्गत
प्रश्नाधीन
अवधि में
स्वीकृत
आवासों की
निकायवार, वर्षवार, वार्डवार, हितग्राहीवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में स्वीकृत
आवासों में
हितग्राहियों
को वितरित
किश्तों की जानकारी
एवं वितरण
हेतु शेष
हितग्राहियों
की निकायवार, वर्षवार, वार्डवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-’’अ’’अनुसार
है।
योजना में
चतुर्थ किश्त
का प्रावधान
नहीं है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार
है।
निकाय के
पत्राचार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है।
किश्तों का
भुगतान
प्रगति के
मापदण्ड अनुसार
भारत सरकार से
राशि प्राप्त
होने पर किया
जाता है। उक्त
प्रकाश में
शेषांश
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है। (घ) जी
नहीं। शेषांश
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
(ड.) नगर
पालिका
सिंरोज तथा
नगर परिषद्
लटेरी द्वारा
प्रस्तुत
समस्त
परियोजना
प्रतिवेदन स्वीकृत
हो चुके है।
निकाय से
पात्र
हितग्राहियों
की डी.पी.आर.
प्राप्त होने
तथा भारत
सरकार से
स्वीकृत होने
पर
हितग्राहियों
को आवास स्वीकृत
हो सकेंगे।
शहरी गरीब, आवासहीन
भूमिहीन
पात्र
परिवारों को
नगरीय निकायों
के क्षेत्र
में
मध्यप्रदेश
पट्टाधृति
नियम-1984
के अंतर्गत
नगर परिषद
लटेरी की
वितरित तथा प्रक्रियाधीन
पट्टे की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-’’स’’ अनुसार है।
नगर पालिका
सिरोंज में
योजनांतर्गत
किसी भी
हितग्राही को
पट्टे
स्वीकृत नहीं
किये गये है।
आवासहीन
पात्र
भूमिहीन
हितग्राहियों
के चिन्हांकन
हेतु
सर्वेक्षण का
कार्य प्रारंभ
किया गया है।
नियम अनुसार
पात्र
हितग्राहियों
को पट्टा
आवंटन निरंतर
प्रक्रिया
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सोलर पॉवर प्लांटों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
158. ( क्र. 1171 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में शासकीय एवं निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में कहॉ-कहॉ सोलर पार्कों/प्लांट की स्थापना की गई है या सोलर पार्कों की स्थापना की जा रही है या प्रस्तावित है? जिलेवार एवं तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विदिशा जिले में सोलर पार्कों की स्थापना के लिए कहॉ-कहॉ कितनी-कितनी भूमि चिन्हित की गई है? तहसील हल्का, खसरा, भूमिस्वामी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) तहसील सिरोंज में सोलर पार्क एवं सोलर लाइट की परियोजना कहॉ-कहॉ स्थापित हैं? एवं किन-किन किसानों से भूमि क्रय की गई है? सिमकोन पॉवर एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कहां-कहां सोलर पार्कों की स्थापना की गई है एवं कितनी भूमि क्रय की गई है? विक्रयपत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा भूमि का डायवर्सन कब-कब किया गया है? (घ) विकासखण्ड सिरोंज में सोलर पार्क स्थापना हेतु किन-किन विभागों से अनुमति ली गई है? अनुमतियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। ऊर्जा विभाग को कितनी मेगावाट विद्युत किस दर पर विक्रय की जा रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अतंर्गत शासकीय एवं निजी निवेशकों के माध्यम से स्थापित एवं प्रस्तावित नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ऊर्जा विभाग अतंर्गत म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लि. के ताप विद्युत गृहों की छतों एवं उपलब्ध भूमि पर शासकीय निवेश पर प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वर्तमान में विदिशा जिले में सोलर पार्क की स्थापना हेतु भूमि चिन्हित नहीं की गई है। (ग) तहसील सिरोंज में मेसर्स सिमकॉन पावर एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड (डेव्लपर) द्वारा 04 परियोजनाएं स्थापित की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। परियोजनाओं में कुल 60.632 हेक्टेयर निजी भूमि का क्रय किया गया है विक्रय पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। सौर परियोजना हेतु राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-1/2013/सात/शा-6 दिनांक 11.03.2013 अनुसार भूमि डायवर्सन की आवश्यकता नहीं होती है। तहसील सिरोंज में सोलर लाइट स्थापना की जानकारी निरंक है। (घ) ईकाई द्वारा परियोजना स्थापना हेतु ली गई अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। परियोजना से उत्पादित विद्युत का विक्रय ऊर्जा विभाग को नहीं किया जा रहा है। उत्पादित विद्युत का विक्रय शार्ट टर्म ओपन एक्सेस के माध्यम से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आई.ई.एक्स.) पर विक्रय किया जा रहा है।
आयुष ग्राम बनाये जाने हेतु नियम प्रक्रिया
[आयुष]
159. ( क्र. 1174 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष ग्राम बनाने की क्या नियम प्रक्रिया है? विस्तार से जानकारी देवें। (ख) जबलपुर संभाग में किस-किस जिले में कहां-कहां पर आयुष ग्राम बने हैं? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) नरसिंहपुर जिले के लिए कितने आयुष ग्राम प्रस्तावित हैं?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) राष्ट्रीय आयुष मिशन अंतर्गत आयुष ग्राम के चयन एवं रणनीति बनाये जाने के निर्देश प्राप्त हुये है, जिसके तहत म.प्र. में आयुष ग्रामों का चयन किया गया हैं। (ख) जबलपुर संभाग में निम्न आयुष ग्राम बने हैः- (1) जिला नरसिंहपुर आयुष ग्राम झामर एवं कठौतिया (2) जिला जबलपुर आयुष ग्राम सिगौंद, इन्द्राना, बोरिया, सुकरी मंगेली (3) जिला कटनी आयुष ग्राम रैपुरा (4) जिला बालाघाट आयुष ग्राम कारंजा (लांजी), लिंगा, मोहझरी एवं चिल्लैद (5) जिला सिवनी आयुष ग्राम बुखारी एवं बर्रा (ग) कोई नहीं।
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में पदोन्नति
[ऊर्जा]
160. ( क्र. 1175 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में असिस्टेंट मैनेजर (J.E.) के मैनेजर (A.E.) के पद पर पदोन्नति हेतु कौन-कौन से नियम लागू हैं? मैनेजर (A.E.) के पद पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के कितने-कितने पद हैं आरक्षित पदों के विवरण नियमों की प्रतियों सहित बतावें। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में अप्रैल 2015 में पदोन्नति समिति की बैठक में असिस्टेंट मैनेजर से मैनेजरों के पदों पर पदोन्नति की बैठक में रिक्त पदों की गणना, चयन सूची, विचार सूची, पदोन्नति सूची की जानकारी कार्यवाही विवरण सहित बतावें। (ग) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजरों के वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं? सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की रिक्तियों का आरक्षित पदों सहित विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत असिस्टेन्ट मैनेजर से मैनेजर के पद पर पदोन्नति हेतु ''मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002'' जिसे कंपनी के परिपत्र क्रमांक- 351 दिनांक 19.05.2012 द्वारा ग्राह्य किया गया है, लागू है। उक्त नियम एवं तदुपरान्त उक्त संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों/नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत मैनेजर पद के सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के स्वीकृत पदों की आरक्षित पदों के विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। सीधी भर्ती में आरक्षण दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 लागू है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 में संशोधन कर अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण को 27 प्रतिशत किया गया है। साथ ही राज्य शासन के परिपत्र दिनांक 02.07.2019 द्वारा राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उक्त अधिनियम एवं संशोधन की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत असिस्टेन्ट मैनेजर के पदों पर पदोन्नति हेतु समिति की बैठक माह अप्रैल, 2015 में आयोजित नहीं की गई। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत मैनेजर पद के कुल रिक्त पदों की सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की रिक्तियों की आरक्षित पदों सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
बैगा सहरिया जाति के अभ्यार्थियों की नियुक्ति
[आयुष]
161. ( क्र. 1176 ) श्री
ग्यारसी लाल
रावत : क्या
राज्यमंत्री, आयुष महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक 6-1/2002/अ.प्र./एक, दिनांक
18/01/2018 एवं
एफ 7-22/2019/अ.प्र./एक, दिनांक
30/05/2019
द्वारा
प्रदेश के
बैगा/सहरिया/
साहरिया एवं भारिया
जनजाति वर्ग
के लोगों को
मात्र आवेदन पत्र
प्रस्तुत
करने पर भर्ती
प्रक्रिया
अपनाये बिना
नियुक्ति
प्रदान करने
हेतु राजपत्र
का प्रकाशन
किया गया है? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) के
पालन में आयुष
विभाग में इस
जनजाति वर्ग
के अभ्यार्थियों
द्वारा
प्रदेश के
आयुष
महाविद्यालयों/
चिकित्सालयों/
औषद्यालयों
में चतुर्थ
श्रेणी के
सैकड़ों रिक्त
पदों पर
नियुक्ति
हेतु आवेदन
पत्र प्रस्तुत
किए गए हैं? (ग) क्या
विधान सभा
प्रश्न
क्रमांक 5196 ( सत्र
फरवरी-मार्च 2021) एवं 6302 (सत्र
फरवरी-मार्च 2021) में स्वीकार
किया गया है
कि नियुक्ति
की कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है? क्या
नियुक्ति
संबंधी
कार्यवाही
पूर्ण कर ली गई
है? नियुक्ति
प्रदान की
जावेगी क्या
आगामी 2
माहों में
नियुक्ति
संबंधी
कार्यवाही
पूर्ण कर ली
जावेगी? (घ) क्या
विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 5196 (सत्र
फरवरी-मार्च 2021) एवं 6302 (सत्र
फरवरी-मार्च 2021) द्वारा
सदन को गुमराह
किया गया है? प्रदेश
में लुप्त हो
रही इस जनजाति
संवर्ग को
शासन
निर्देशों के
पालन में
नियुक्ति
प्रदान कर
बचाया जावेगी? यदि
हां तो कब तक? यदि
नहीं तो इन
जनजातियों को
रोजगार न दिया
जाकर इस जाति
वर्ग को लुप्त
किया जावेगा? (ड.) क्या
प्रश्नांश (क), (ख), (ग), एवं (घ) में
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही से
माननीय मुख्यमंत्री
जी द्वारा की
गई घोषणा का
पालन विभाग द्वारा
जान बूझकर
नहीं किया जा
रहा है? यदि
हां तो क्यों? यदि
नहीं तो अगामी
2 माह
में उक्त
आवेदकों को
नियुक्ति
प्रदान की
जावेगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री
रामकिशोर
(नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) जी
हाँ। (ग) जी
हाँ।
नियुक्ति एक
सतत्
प्रक्रिया
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
(घ) सामान्य
प्रशासन
विभाग से
स्पष्ट अभिमत
प्राप्त होने
पर
नियमानुसार आगामी
कार्यवाही की
जावेगी। (ड.)
उत्तरांश ‘‘घ’’ अनुसार।
चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की भर्ती
[आयुष]
162. ( क्र. 1177 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. 6-1/2002/अ.प्र./एक, दिनांक 18.01.18 एवं एफ 7-22/2019/अ.प्र./एक, दिनांक 30.05.19 द्वारा प्रदेश के बैगा/सहरिया/साहरिया एवं भारिया जनजाति वर्ग के लोगों को मात्र आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर भर्ती प्रक्रिया अपनाये बिना नियुक्ति प्रदान करने हेतु राजपत्र का प्रकाशन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में आयुष विभाग में इस जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा प्रदेश के आयुष महाविद्यालयों/चिकित्सालयों/ औषधालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के पालन में उम्मीदवारों की नियुक्ति हेतु माननीय विधायकों द्वारा समय-समय पर पत्र लिखा गया? विधायकों के पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हां तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या आयुष विभाग में इस जनजाति संवर्ग के अभ्यर्थियों के आवेदन एवं प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित माननीय विधायकों के निर्देशों के उपरांत भी पात्रताधारी उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान नहीं की गई? संचालनालय पत्र क्र./एफ-69/2018/2/स्था./1939, दिनांक 10.08.18, 26.02.20 एवं 29.06.21 द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को भ्रमित कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभ्यर्थियों को लाभ से वंचित कर नियुक्ति प्रदान नहीं की जावेगी? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्पष्ट निर्देशों के पश्चात भी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अभ्यार्थियों के आवेदकों को नियुक्ति प्रदान कर, इन लुप्त हो रही जनजातियों को बचाया जा सकता है? यदि हां तो 3 वर्ष तक नियुक्ति प्रदान न कर सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देशों के पश्चात भी सामान्य प्रशासन विभाग से नियुक्तियों में आरक्षण पर अभिमत प्रदान किए जाने वाले आयुष अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला कार्यालयों को मूलतः आवेदन भेज दिये गये है। (ग) जी हां। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) उत्तरांश ‘‘घ’’ के अनुसार।
भोपाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 1179 ) श्री
सज्जन सिंह
वर्मा : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजधानी
भोपाल में स्मार्ट
सिटी के
प्रोजेक्ट
कहां-कहां पर
अनुमानित
कितनी-कितनी
राशि के कितने-कितने
हेक्टेयर
भूमि पर चल
रहे हैं, प्रोजेक्ट
पूर्ण होने की
समयावधि क्या
है? (ख) प्रश्नांकित
प्रोजेक्टों
के लिये
किन-किन
प्रोजेक्टों
में किस-किस
प्रजाति के
वृक्षों को
कितनी-कितनी
संख्या में
काटा गया है
तथा कितने
वृक्षों को
शिफ्ट कर कहॉं पर
लगाया गया है, उनमें
से कितनी संख्या
में कौन-कौन
से वृक्ष
जीवित है? इन
वृक्षों को
काटने की अनुमति
एन.जी.टी. से
प्राप्त की
गई है? यदि
हां तो कब? अनुमति
की प्रति
देवें। (ग) प्रश्नांकित
प्रोजेक्ट
में किन-किन
निजी व्यक्तियों
संस्थाओं
आदि को भूखण्ड
विक्रय किये
गये हैं? क्रेताओं
के नाम, पता, भूखण्ड
क्रमांक, क्षेत्रफल
विक्रित राशि, कलेक्टर
दर बाजार मूल्य
सहित पूर्ण
विवरण देंवे।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) राजधानी
भोपाल में स्मार्ट
सिटी के
प्रोजेक्ट, लागत
राशि,
स्थान, प्रोजेक्ट
की भूमि
क्षेत्र, पूर्ण होने
की समयावधि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित
प्रोजेक्टों
के नाम, वृक्षों
की प्रजाति, काटे
गये वक्षों की
संख्या तथा
वृक्षों की
शिफ्टिंग के
संबंध में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट -'ब' अनुसार है।
वृक्ष काटने
हेतु राष्ट्रीय
हरित अभिकरण
एनजीटी से
अनुमति
प्राप्त
करने का
प्रावधान
नहीं है।
प्रश्नांकित
प्रोजेक्ट
में वृक्ष
काटने की
अनुमति नगर
पालिक निगम भोपाल
से विभिन्न
पत्रों के
माध्यम से
प्राप्त की
गयी है।
अनुमति
पत्रों की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट - 'स' अनुसार
है। (ग) प्रश्नांकित
प्रोजेक्ट
अंतर्गत निजी
व्यक्तियों, संस्थाओं को
भूखण्ड
विक्रय नहीं
किये जाने से
जानकारी
निरंक है।
नगर जतारा की नल जल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1183 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में प्रश्न दिनांक तक शासन की योजनाओं का एवं निकायों की आय से कितनी-कितनी राशि मदवार उपलब्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि अभी कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य चल रहे हैं? निर्माणाधीन कार्यों पर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय हो चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नगरों की नल जल योजना प्रश्न दिनांक तक संचालित हो चुकी है और कौन-कौन सी नलजल योजना किस मद से, कितनी-कितनी राशि के साथ स्वीकृत हो चुकी है? नगर लिघौरा खास का कार्य प्रारंभ होगा तो कब से एवं जतारा नगर की नल जल योजना कब स्वीकृत होगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि स्वीकृत कार्य कब से प्रारंभ हो जावेंगे एवं यह भी बतायें कि जिन नगरों की नल जल योजना प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं हुई है और योजना बना ली गई है तो कितनी-कितनी लागत की और यह कब तक किस मद से स्वीकृत कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘'अ'‘अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) टीकमगढ़, बल्देवगढ़ एवं पलेरा की नल जल योजनायें प्रश्न दिनांक तक संचालित हो चुकी है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत जलप्रदाय योजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार है। नगर परिषद लिधोराखास की नल जल योजना की निविदा प्रक्रियाधीन है, कार्य प्रारंभ की तिथि बताया जाना संभव नहीं है एवं जतारा नगर की नल जल योजना का कार्य स्वीकृत हो चुका है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' एवं 'स' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
165. ( क्र. 1184 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में विद्युत उप संभाग एवं जेवर-उपरारा के मध्य एवं ग्राम खर्रों (लिंघौरा खास) में नवीन विद्युत वितरण केन्द्र (सब स्टेशन) खोले जाने हेतु विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कितने-कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रश्न दिनांक तक पद रिक्त हैं? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें की कब तक यह रिक्त पद भर दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि नवीन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय होगी और कब तक यह राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कब तक नवीन कार्यों की स्वीकृति एवं रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ जिला अंतर्गत जतारा नगर में विद्युत उप संभाग नहीं, अपितु संचालन एवं संधारण संभाग, जतारा के सृजन के प्रस्ताव का परीक्षण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया गया एवं परीक्षोंपरांत संचालन एवं संधारण संभाग, जतारा के सृजन का प्रस्ताव आर्थिक एवं व्यवहारिक दृष्टि से साध्य नहीं पाया गया है। ग्राम जेवर एवं आसपास के क्षेत्र को विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र वीरपुरा से निर्गमित 11 के.व्ही. जेवर घरेलू एवं 11 के.व्ही. जेवर कृषि फीडर द्वारा विदयुत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त दोनों फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित मानको से अधिक है। उक्त समस्या के निराकरण हेतु उक्त फीडरों पर भार कम करने के उद्देश्य से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र वीरपुरा से नवीन 8.0 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाईन का कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा तथा उक्त प्रस्तावित कार्य के परिप्रेक्ष्य में ग्राम जेवर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की आवश्यकता नहीं है। ग्राम खरों में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है जिसे तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में आगामी वर्ष की कार्ययोजना में शामिल किये जाने पर विचार किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) टीकमगढ़ जिले में संचालन-संधारण वृत्त अन्तर्गत अधिकारियों/ कर्मचारियों के श्रेणीवार रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से की जाती है। वर्तमान में पदोन्नति के संबंध में याचिका क्रमांक 10296/2012 एवं अन्य में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 30.04.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 12.05.2016 में यथा स्थिति बनाये रखने हेतु जारी निर्देश के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु भर्ती एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। वर्तमान में 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग एवं 10 प्रतिशत ई.डब्ल्यू.एस. आरक्षण संबंधी नवीन रोस्टर के क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। न्यायालयीन प्रकरण एवं भर्ती हेतु जारी सतत् प्रक्रिया के तारतम्य में वर्तमान में रिक्त पदों पर पदस्थापना किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित ग्राम जेवर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विदयुत प्रदाय करने हेतु नवीन स्वीकृत 8.0 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के कार्य की लागत राशि रू. 27.70 लाख आएगी, जिसे वित्तीय वर्ष 2021-22 की स्वीकृत कार्य योजना में शामिल किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।