मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 12 जुलाई, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
रसायन
युक्त दूषित द्रव
का विसर्जन
[पर्यावरण]
1. ( *क्र. 2365 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दिनों नागदा शहर में स्थित मल्टीनेशनल कंपनी लैंक्सेस के द्वारा वार्ड क्रमांक 35 मेहतवास की आवासीय बस्ती की एक नाली में सीधे पाइप द्वारा रसायन युक्त द्रव लगातार छोड़ने का मामला सार्वजनिक हुआ? स्थानीय समाचार पत्र के एक पत्रकार पवन जाट एवं अन्य पत्रकारों द्वारा यह मामला समाचार पत्रों में प्रकाशित किया। सोशल मिडीया पर भी यह खूब वायरल हुआ, पाइप द्वारा द्रव विसर्जित किये जाने के चित्र तत्काल समय में श्रीमान कलेक्टर महोदय उज्जैन, एस.डी.एम. महोदय नागदा एवं पर्यावरण अधिकारियों को वीडियो भेजकर संज्ञान में लाने का प्रयास तत्काल कार्यवाही हेतु किया गया, लेकिन जन सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी क्यों? (ख) क्या अनेक समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर अत्यधिक प्रचार होने के उपरांत लैंक्सेस उद्योग द्वारा रसायन युक्त द्रव बहाना बंद कर नाली तक लगे पाइप को हटा लिया गया एवं नाली की सफाई करवा दी गयी। सफाई उपरांत पर्यावरण विभाग के अधिकारी द्वारा मौका निरीक्षण किया गया? क्या यह विभागीय कार्यवाही उचित है? यदि नहीं, तो संबंधित उद्योग और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शासन क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा के माध्यम से प्रश्नांकित सूचना मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्राप्त हुई। बोर्ड में सीधे कोई शिकायत/वीडियो प्राप्त नहीं हुआ। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा की उक्त सूचना पर शिकायत की जांच बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दिनांक 01.06.2024 को की गई। (ख) शिकायत की जांच में, मेसर्स लैंक्सेस इंडिया प्रा.लि. में शून्य निस्त्राव पद्धति पर आधारित स्थापित संयंत्र उपयुक्त रूप से कार्यरत पाया गया व शिकायत स्थलों पर किसी भी प्रकार के पाइप का होना व इसके माध्यम से दूषित जल का निस्त्राव किया जाना नहीं पाया गया। इस प्रकार प्रकरण पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 2817 ) श्री मोहन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना अंतर्गत ग्रामों में कार्य किये जा रहे हैं? उसमें ठेकेदार द्वारा पाइप-लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदा गया है, जिससे सी.सी. रोड जीर्ण-शीर्ण होकर नष्ट हो गई है? क्या ठेकेदार द्वारा जीर्ण-शीर्ण सड़कों को ठीक किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। (ख) उक्त योजना अंतर्गत किन-किन ग्रामों में योजना से पानी की टंकी का निर्माण किया गया है और किन-किन ग्रामों में टंकी से जल प्रदाय किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त योजना अंतर्गत किये गये निर्माण में कई ग्रामों में पाइप-लाइन और टंकी लीकेज होने के कारण योजना चालू नहीं हो पाई है, उन पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, पाइप-लाइन कार्य के लिए आवश्यकतानुसार ग्रामों में सी.सी. रोड को काटा जा रहा है, परन्तु पाइप-लाइन कार्य के कारण सी.सी. रोड जीर्ण-शीर्ण होकर नष्ट होने की स्थिति नहीं है। पाइप-लाइन कार्य के लिए काटी गई सी.सी. रोड को पाइप-लाइन बिछाने के पश्चात ट्रेंच को भरकर मार्ग को समतल कर आवागमन योग्य बनाया जाता है तथा पाइप-लाइन की टेस्टिंग के पश्चात अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित ठेकेदार द्वारा काटी गई सी.सी. रोड का पुनर्निर्माण/मरम्मत करके यथावत किया जाता है। ग्राम में योजनांतर्गत बिछाई गई पाइप-लाइन की टेस्टिंग-कमिशनिंग किये जाने के उपरांत काटी गई सी.सी. रोड का पुनर्निर्माण/मरम्मत कराया जाता है, प्रगतिरत योजनाओं के संदर्भ में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) पूर्ण की गई योजनाओं के अंतर्गत बिछाई गई नवीन पाइप-लाइन एवं नव निर्मित टंकियों में कोई लीकेज नहीं है, तथापि 06 ग्रामों में संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा सड़क एवं नाली निर्माण के दौरान पाइप-लाइन क्षतिग्रस्त हुई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, इन ग्रामों की क्षतिग्रस्त पाइप-लाइन के सुधार कार्य के लिए संबंधित ग्राम पंचायत से समन्वय कर कार्यवाही की जा रही है।
सौसर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित गौशालाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( *क्र. 802 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौसर विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा संचालित कितनी गौशालाएं हैं? (ख) उपरोक्त में अलग-अलग कितने-कितने पशु रखने की क्षमता है? (ग) प्रश्न दिनांक तक सौसर विधानसभा में कुल कितने आवारा पशु हैं? (घ) क्या सौसर विधानसभा की गौशालाओं में इन आवारा पशुओं को रखने की क्षमता है? (ड.) यदि नहीं, तो सरकार किसानों को आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने और उसकी भरपाई करने के लिए क्या कर रही है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) सौसर विधानसभा में शासन द्वारा 08 गौशालाएं संचालित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 20वीं पशु संगणना के अनुसार विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं है। जिला छिंदवाड़ा में 20वीं पशु संगणना अनुसार 2438 आवारा पशु हैं। (घ) जी हाँ। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य की दुकानों में कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 3247 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) मध्य प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन की क्या प्रक्रिया है? कितनी जनसंख्या पर एक उचित मूल्य की दुकान होना आवश्यक है? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक जौरा विधानसभा के अन्तर्गत कुल कितनी नवीन उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गईं एवं आवंटन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक खाद्यान्न वितरण के संबंध में कितनी शिकायत प्राप्त हुई है एवं प्राप्त शिकायतों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? (ग) क्या पूर्व से आवंटित उचित मूल्य की दुकानों को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित या विक्रय किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा निर्धारित करें। (घ) प्रशासन द्वारा वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक खाद्यान्न की कालाबाज़ारी के कुल कितने प्रकरण दर्ज किये? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा प्रचलन में है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में उचित मूल्य दुकानों के आवंटन के संबंध में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में प्रावधान किये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम एक दुकान आवंटित होने का प्रावधान है। 800 से अधिक परिवार होने की स्थिति में नवीन उचित मूल्य दुकान आवंटित करने का प्रावधान है। नगरीय क्षेत्रों में किसी नगरीय निकाय में अधिकतम दुकानों की संख्या की गणना हेतु वहां के पात्र परिवारों की संख्या को 800 से भाग देकर अधिकतम दुकान संख्या ज्ञात करने का प्रावधान है। प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत 35 नवीन उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। नवीन उचित मूल्य की दुकानें आवंटित करने का प्रावधान/नियम मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में विहित है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में खाद्यान्न वितरण के संबंध में 37 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जांच में जिन दुकानों में गंभीर अनियमितता पायी गई है, उनमें प्राधिकार पत्र निरस्ती/वसूली/थाने में एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई है। निरस्ती/वसूली/थाने में एफ.आई.आर. की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कोई भी व्यक्ति द्वारा उचित मूल्य दुकान किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित जिले में प्रश्नांकित अवधि में खाद्यान्न कालाबाजारी के दर्ज प्रकरण एवं कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
एन.जी.टी. के आदेश पर स्थल निरीक्षण
[पर्यावरण]
5. ( *क्र. 753 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) क्या एन.जी.टी. भोपाल बेंच के प्रकरण क्रमांक 42/2023 (सी.जे.) के आदेशानुसार क्षेत्रीय कार्यालय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिन्दवाड़ा के अधिकारियों ने बैतूल जिले में दिनांक 30.06.2023 की मध्य रात्रि से रेत खनन पर कलेक्टर बैतूल द्वारा लगाये गये प्रतिबन्ध के बाद दिनांक 01.7.2023 एवं दिनांक 04.7.2023 को अवैध रेत खनन की स्थल जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर बैतूल ने दिनांक 30.06.2023 की मध्य रात्रि से किस दिनांक तक रेत खनन पर प्रतिबन्ध लगाया, किस रेत खदान का किस-किस दिनांक को किस-किस के द्वारा स्थल निरीक्षण कर किस दिनांक को पंचनामा, बयान, प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? प्रति सहित बतावें। (ग) एन.जी.टी. के द्वारा किस दिनांक को स्थल निरीक्षण किये जाने के संबंध में क्या-क्या आदेश दिया था? स्थल निरीक्षण रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने के बाद किये जाने का क्या कारण रहा? स्थल निरीक्षण कलेक्टर के प्रतिबन्ध लगाने के पूर्व नहीं किये जाने का क्या कारण रहा? /span>
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) आदेश दिनांक 30.05.2023 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्षाकाल में प्रतिवर्ष प्रतिबंध लगाया जाता है, जिसका समिति द्वारा किये गये निरीक्षण से संबंध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घोड़ारोज की समस्या से निदान के उपाय
[वन]
6. ( *क्र. 1961 ) श्री विपीन जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ारोज/रोजड़ा द्वारा प्रतिदिन फसलहानि/जनहानि की शिकायतो की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है? (ख) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 1611, दिनांक 14.2.2024 के बिंदु (ग) द्वारा प्रेषित उत्तर में बताया गया कि विगत 10 वर्षों में मंदसौर जिले में मात्र 20 प्रकरणों में 2525101 लाख रुपए की मुआवजा राशि विभिन्न प्रकरणों में वितरित की गई है, जबकि प्रकरणों की संख्या कई गुना अधिक है, नुकसान और घटनाओं की संख्या अधिक होने के कारण भी पंजीकृत प्रकरणों की संख्या में कमी के क्या कारण हैं? (ग) क्या इन्हें किसानों द्वारा अनुमति उपरांत खेत में ही मारने की प्रक्रिया संबंधी नियम विभाग द्वारा दिए गये हैं? (घ) अनुमति की जटिल प्रक्रिया होने, किसानों के पास पर्याप्त हथियार न होने, उक्त जानवर का अत्यधिक तेज गति से दौड़ने, इन जानवरों के द्वारा हमले के डर के कारण किसान इस समस्या से निजात नहीं निकाल पा रहा है? विभाग इन सब वाजिब कारणों के निदान के लिए कब, कैसे और क्या प्रयास करेगा? (ड.) इनकी संख्या को रोकने के लिए नसबंदी और राज्य सरकार द्वारा अभियान चलाकर कठोर कार्यवाहियां कब तक की जायेगी? (च) आखिर क्यों राज्य के किसानों और जनता की इतनी बड़ी गंभीर समस्या होने के बावजूद भी इतना समय बीत जाने के बाद कोई स्पष्ट आदेश/समिति सरकार द्वारा क्यों नहीं बनाई गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। घोड़ारोज/रोजड़ा द्वारा (नीलगाय) प्रतिदिन फसल हानि/जनहानि की शिकायतों की संख्या में लगातार वृद्धि होने संबंधी स्थिति निर्मित नहीं है। (ख) अनुदान सहायता हेतु आवेदन करने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधान अनुसार 25 प्रतिशत से अधिक फसलहानि होने पर अनुदान सहायता की पात्रता है तथा इससे कम फसल क्षति पर सहायता देने का प्रावधान नहीं होना कारण है। (ग) राज्य सरकार द्वारा फसल हानि करने वाली नीलगाय को खेत में ही मारने की अनुमति हेतु समस्त जिलों के उपखण्ड अधिकारी राजस्व को अधिकृत कर प्रक्रिया निर्धारित है। (घ) पायलट आधार पर प्रायोगिक तौर पर शाजापुर जिले में 100 नीलगाय को पकड़कर अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु अनुमति जारी हुई है। कार्यवाही आगामी शीतऋतु में प्रस्तावित है। उक्त प्रयोग से परिणाम के गुण-दोष के आधार पर ही कार्यवाही संभव होगी। (ड.) नीलगायों की संख्या रोकने के लिए नसबंदी करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (च) नीलगायों द्वारा क्षति करने पर सहायता अनुदान का भुगतान 30 दिवस में करने का प्रावधान है। शेष उत्तरांश ''घ'' अनुसार। इस संबंध में कोई समिति का गठन नहीं किया गया है।
जल-जीवन मिशन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 2493 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने फरवरी 2024, दिनांक 14.02.2024 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 709 किया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित प्रश्न के पद (ख) में उल्लेख किया था कि निगरानी विभागीय अधिकारी एक तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं द्वारा की जाती है? (ग) टीकमगढ़ जिले के ग्रामवार योजना की निगरानी करने वाले कर्मचारी का नाम पद सहित ग्रामवार बतावें? ">(घ) फरवरी 2024 में प्रश्नांश (क) में वर्णित उत्तर देने के लिए कौन उत्तरदायी है, उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (घ) फरवरी, 2024 में उत्तर देने के लिए विभाग उत्तरदायी है, उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 2489 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले में घर-घर नल-जल योजना का निर्माण कार्य हो रहा है? यह योजना किस दिनांक को मंजूर हुई एवं किस निर्माण कंपनी को, किस स्थान का, कितनी राशि का वर्क आर्डर क्या-क्या कार्य करने किन-किन शर्तों व नियमों के तहत जारी किये गये? जारी सभी वर्क आर्डरों की एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना किन-किन स्थानों पर किन-किन दिनांकों से शुरू हुई? किस दिनांकों को पूर्ण हो जानी थी? कितनी बार उक्त परियोजना का समय किन नियमों के तहत बढ़ाया गया? जारी समय बढ़ाने के आदेशों की एक प्रति दें। कितने प्रतिशत कार्य किन-किन स्थानों का प्रश्न तिथि तक बचा है? कार्य समाप्त होने की अंतिम तिथि विभाग ने किस स्थान की क्या व कब तय की है? समय पर कार्य पूरा न कर पाने पर शासन द्वारा क्या-क्या दण्डात्मक कार्यवाही कब-कब किन जारी आदेशों के तहत की है? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) रामनगर विकास खण्ड जिला मैहर में किन-किन ग्रामों में टेस्टिंग के लिये आंशिक रूप से जल प्रदान किया जा रहा है? सूची दें। किन-किन ग्रामों में ओवर हेड टैंकों तथा सम्पवेलों में पानी का लीकेज हो रहा है? स्थानों का जहां लीकेज है, को चिन्हित कर सूची दें? घटिया स्तर का कार्य करने पर शासन ठेकेदारों के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही जनहित में करेगी? सूची दें। /span>
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी तथा उनके वर्क ऑर्डर की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी एवं वर्क ऑर्डर की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 एवं 04 अनुसार है। एजेंसियों का चयन खुली निविदा के माध्यम से शासन के प्रचलित निविदा प्रक्रिया के नियमों एवं शर्तों के तहत् किया गया है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 05 एवं 06 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 07 एवं 08 अनुसार है। समय वृद्धि की कार्यवाही अनुबंध में निहित प्रावधानों के अंतर्गत की गई है। ">(ग) विकासखण्ड रामनगर में एकल ग्राम नल-जल योजना का कोई कार्य नहीं है, तथापि समूह जल प्रदाय योजना के कार्यों की टेस्टिंग एवं कमिशनिंग का कार्य प्रगतिरत् है, आंशिक जल प्रदाय वाले ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 09 अनुसार है। वर्तमान में समूह योजना में उच्च स्तरीय टंकियों एवं सम्पवेलों के कार्य प्रगतिरत हैं, अतः लीकेज का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य गुणवत्ता पूर्वक किये जा रहे हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना
[जनजातीय कार्य]
9. ( *क्र. 3532 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना के तहत कटनी जिले में विकासखंडवार किन-किन ग्रामों को चयनित किया गया है? ग्रामों का चयन किन मार्गदर्शी निर्देशों से किया गया और क्या योजना का क्रियान्वयन नियत अवधि में प्रचलित है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) योजना के तहत नवीन अधोसंरचना विकास के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से किस प्रकार एवं कब तक कराये जाने हैं? इन कार्यों को किन शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में कराया जाना है, कार्यों का नोडल विभाग कौन होना नियत है? (ग) प्रश्नांश (क) क्या चयनित ग्रामों की ग्राम विकास योजना (V.D.P.) तैयार की जा चुकी है? यदि हाँ, तो ग्रामवार V.D.P. क्या है एवं ग्रामवार किन-किन मूलभूत सुविधाओं का अभाव पाया गया? यदि नहीं, तो क्यों? शेष रहे किन-किन ग्रामों की V.D.P. किस प्रकार और कब तक तैयार की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत किन मार्गदर्शी निर्देशों के अधीन योजना कब प्रारम्भ की गयी थी एवं कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक चयनित ग्रामों में ग्रामवार क्या-क्या कार्य कराये गये और क्या-क्या कार्य कराया जाना शेष है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। जी हाँ, नियत समयावधि अनुसार ग्राम विकास योजना भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार तैयार की जा रही है। (ख) योजना के तहत नवीन अधोसंरचना विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। योजना के तहत ग्राम विकास योजना तैयार कर कार्य के प्रकार व स्वीकृत राशि अनुसार कार्य करवाए जाने हैं। £2360;मय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कार्यों हेतु निर्धारित एजेन्सी के शासकीय सेवकों व विभागीय अधिकारियों के पर्यवेक्षण में कराया जाना है। कार्यों के नोडल विभाग आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी नियत है। (ग) जी हाँ। ग्रामवार (V.D.P.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। ग्रामवार विकास योजना अनंतरिम है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों से प्राप्त ग्रामवार ग्राम विकास योजना V.D.P. में मूलभूत सुविधाओं के अभाव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्तमान में सभी चयनित 76 ग्रामों की अनंतरिम ग्राम विकास योजना (V.D.P.) बनाई जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना के तहत मध्यप्रदेश शासन भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ/520/क्यू/2023/25-3 भोपाल, दिनांक 06.07.2023 मार्गदर्शी के आधीन कटनी जिले में योजना वर्ष 2023-24 में प्रारंभ की गई। कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक ग्राम विकास योजना भारत सरकार से स्वीकृत न होने व राशि प्राप्त न होने के कारण कार्य नहीं कराये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि सुधार एवं विकास कार्य
[वन]
10. ( *क्र. 3177 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश वन विभाग की भूमि पर वन विभाग के अतिरिक्त ऐसे कौन-कौन से विभाग हैं जो वन विभाग की भूमि पर पौधारोपण, भूमि सुधार इत्यादि कार्यों में हस्तक्षेप कर सकते हैं? उन विभागों की जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से विकास या सुधार के कार्य किये गये हैं? कार्य का नाम, वर्ष, राशि एवं दिनांक सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 5 वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि सुधार एवं विकास हेतु किये गये कार्यों की ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी दें। यदि किये गये कार्यों की जांच रिपोर्ट मूल्यांकन ऑडिट नहीं कराया गया है, तो क्यों नहीं किया गया? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर कितने स्टॉप डेम, चेक डेम पानी रोकने हेतु वन विभाग की भूमि पर बनाए गये हैं? नाम, स्थान, राशि सहित जानकारी देवें। /span>
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में वन विभाग की भूमि पर किसी अन्य विभाग द्वारा प्रश्नाधीन कार्य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर स्टॉप डेम, चेक डेम, पानी रोकने हेतु डेम नहीं बनाए गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनोपज सहकारी संघ द्वारा संचालित तेंदूपत्ता क्रय-विक्रय समितियां
[वन]
11. ( *क्र. 2060 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनोपज (वनोपद) सहकारी संघ द्वारा संचालित तेंदू पत्ता क्रय-विक्रय हेतु कितनी समितियां गठित हैं? (ख) तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए फडमुन्सी की नियुक्ति करने के क्या नियम हैं? (ग) जिला सीधी में समितिवार फड का नाम एवं नियुक्त अभिकर्ता का नाम उपलब्ध कराएं। (घ) क्या जिला सीधी में समितियों के बिना प्रस्ताव के ही सत्र 2022-23 एवं 2023-24 के लिए अभिकर्ता की नियुक्ति की गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) 1071. (ख) फडमुंशी की नियुक्ति के संबंध में निर्देश, नियम-प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' एवं 'तीन' अनुसार है। (घ) अभिकर्ता की नियुक्ति के लिए समितियों के प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं होती है। संग्रहण के उपरांत क्रेता को संग्रहित तेन्दूपत्ता का संग्रहण के 48 घण्टे के भीतर परिदान लेना होता है। इस हेतु क्रेता द्वारा फडों में अभिकर्ता (प्रतिनिधि) की नियुक्ति की जाती है।
जल-जीवन मिशन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( *क्र. 3105 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2020-21 से वर्तमान तक जल-जीवन योजना अन्तर्गत कितनी टंकी कितनी लागत की स्वीकृत की गई और कितना व्यय हो चुका है? ग्रामवार लागत व व्यय की सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में उक्त योजन में कितने-कितने ग्रामीण जन परिवार को लाभ मिल रहा है? ग्रामवार सूची देवें। (ख) जिला अलीराजपुर में 80 प्रतिशत से अधिक नल-जल योजना अन्तर्गत ग्रामीणों को जल उपलब्ध नहीं हो रहा है, कारण टंकी बंद, पाइप क्षतिग्रस्त है? क्या उसकी जांच करवाई गई है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें। कार्यवाही नहीं की तो क्या कारण है? (ग) कितनी टंकी में टयूबवेल में बंद के कारण तथा कितनी लाइन क्षति ग्रस्त होने के कारण बंद हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। बंद योजना को चालू करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? (घ) अलीराजपुर जिले में टंकी निर्माण कार्य अपूर्ण है, किन्तु कार्य का भुगतान किया गया है, क्या कारण है? जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परीशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। जिले में क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजना में टंकीवार/ग्रामवार लागत स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) पूर्ण की गई नल-जल योजनाओं से पेयजल उपलब्ध हो रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परीशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परीशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (घ) वर्तमान में स्वीकृत 86 टंकियों में से 79 टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हैं तथा 7 टंकियों का निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से अपूर्ण हैं। अनुबंध अनुसार निर्माणाधीन टंकी के चरणबद्ध निर्माण का भुगतान किया जाना प्रावधानित है, तद्नुसार भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु औषधालय एवं आवासीय भवनों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
13. ( *क्र. 3149 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पशु चिकित्सालय जावरा एवं पशु चिकित्सालय पिपलौदा का भवन अत्यंत पुराना एवं जीर्ण-शीर्ण होने के साथ ही उल्लेखित दोनों स्थानों के आवासीय भवन भी काफी पुराने व जीर्ण-शीर्ण है? तो क्या उस परिप्रेक्ष्य में नवीन पशु चिकित्सालय भवन एवं आवासीय भवन की स्वीकृति बजट में सम्मिलित कर दी जायेगी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम असावती, ग्राम रानीगांव एवं ग्राम हतनारा पशु औषधालय भवन विहीन होने से नवीन भवन निर्माण किये जाने की स्वीकृति बजट में सम्मिलित कर दी जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो साथ ही नवीन पशु औषधालय 1-मुंडलाराम 2-ढोढर 3-मीनाखेड़ा 4-मांडवी 5-रिछाचांदा 6-उणी 7-बडायला माताजी 8-माऊखेड़ी 9-बड़ीनाल 10-अयाना 11-रीछादेवड़ा में प्रारंभ किये जाने की ग्रामीणजनों द्वारा लगातार मांग की जा रही है, तो क्या इन्हें भी बजट स्वीकृति प्रदान कर कब तक अनुमति दी जा सकेगी? (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित प्रश्न (क), (ख) (ग) अंतर्गत क्षेत्रीय अत्यावश्यक कार्यों को बजट में कब तक सम्मिलित कर बजट स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ किया जा सकेंगे?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) पशु चिकित्सालय पिपलोदा में नवीन चिकित्सालय भवन निर्माण वर्ष 2017-18 में पूर्ण होकर संचालित है। वर्तमान में जावरा पशु चिकित्सालय तथा जावरा एवं पिपलोदा के आवासीय भवन निर्माण हेतु कोई विभागीय प्रस्ताव नहीं है। (ख) एवं (ग) बजट उपलब्धता, प्राथमिकता एवं मापदण्ड के आधार पशु औषधालय भवन निर्माण किया जाता है। (घ) वर्तमान में कोई विभागीय प्रस्ताव नहीं है।
मंडला जिले में शिक्षकों की भर्ती एवं संलग्नीकरण
[जनजातीय कार्य]
14. ( *क्र. 3115 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने भरे हुए हैं? अलग-अलग बतायें। शिक्षकों की कमी की पूर्ति हेतु गत 5 वर्षों में क्या प्रयास किये गये हैं? कितने नये शिक्षकों की भर्ती की गई है? (ख) जिले में गणित और विज्ञान के शिक्षकों/व्याख्याता के स्वीकृत व भरे पदों की जानकारी देवें। इनमें से कितने शिक्षक/व्याख्याता अध्यापन कार्य छोड़कर अन्य प्रशासनिक कार्यों में संलग्न हैं? उनके नाम व वर्तमान में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी देवें। इनके संबंध में विभाग के क्या निर्देश हैं? क्या आयुक्त आदिवासी विकास मप्र द्वारा आदेश क्रमांक/शि.स्था./13/2011/946, दिनांक 06.01.2012 के माध्यम से गणित व विज्ञान के शिक्षकों/व्याख्याता की सेवाएं अन्य कार्यों से वापस करने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में जो गणित, विज्ञान के शिक्षक/व्याख्याता अध्यापन कार्य के अलावा कार्य में संलग्न हैं, क्या उन्हें विभाग द्वारा एन.ओ.सी. दी गई है? यदि हाँ, तो सभी एन.ओ.सी. की प्रति उपलब्ध कराएं। उनकी सेवाएं कब तक वापस कर मूल कार्य में भेजा जायेगा? (ग) वर्ष 2023-24 के मंडला जिले का गणित व विज्ञान के परीक्षा परिणाम की जानकारी देवें? क्या गत वर्षों की तुलना में परिणाम में गिरावट आई है? यदि हाँ, तो गणित व विज्ञान के शिक्षकों/व्याख्याता को अन्य कार्यों से वापस कर मूल अध्यापन कार्य में कब तक भेजा जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शिक्षकों की कमी की पूर्ति नवीन नियुक्तियों एवं अतिथि शिक्षकों से की गई है। भर्ती किये गये शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ">(ख) गणित और विज्ञान विषय के शिक्षकों/व्याख्याताओं के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है। जिले में गणित और विज्ञान विषय के 4 उच्च माध्यमिक शिक्षक सहायक परियोजना समन्वयक एवं विकास खंड स्त्रोत समन्वयक के पद पर पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''य'' अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में सहायक परियोजना समन्वयक एवं विकास खंड स्त्रोत समन्वयक के पद हेतु ली गई लिखित परीक्षा में मेरिट के क्रम में जिला नियुक्ति समिति की बैठक के निर्णयानुसार संबंधित उच्च माध्यमिक शिक्षकों को कलेक्टर सह मिशन संचालक, जिला शिक्षा केन्द्र मंडला के आदेशानुसार पदस्थापना दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिलें में शिक्षा की गुणवत्ता एवं विकास आदि के कार्यों का संचालन किया जाता है। संबंधित शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता एवं विकास आदि के कार्यों में ही संलग्न होने के कारण, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2023-24 में मंडला जिला अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं में गणित व विज्ञान विषय का परीक्षा परिणाम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिलांतर्गत धान का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( *क्र. 3195 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 4,57,860 MT धान का उपार्जन किया गया था? (ख) क्या सतना जिले में 2023-24 में उपार्जित धान का आरक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो आरक्षण ऑनलाइन पंजीबद्ध किया गया था या ऑफलाइन? (ग) जिन मिलर्स के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान का आरक्षण किया गया था, उन मिलर्स के द्वारा किये गये धान के आरक्षण का दिनांक एवं जमा की गई अमानत राशि (बैंक गारंटी, F.D.R.) का ऑनलाइन दर्ज किये (F.D.R. व बैंक गारंटी) का मिलर्सवार व दिनांकवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। ">(घ) महाप्रबंधक मिलिंग M.P.S.C.S.C. के द्वारा जारी पत्र क्रमांक 224122/2024/909 में उल्लेख है कि जिन जिलों में धान का उपार्जन कम हुआ है तो मिलिंग नीति के अनुसार धान का आरक्षण सतना जिले में लागू नहीं होता है, क्योंकि सतना जिले की मिलिंग क्षमता 600 MT प्रति घंटा जो कि 2,30,000 MT प्रतिमाह होती है, जिस हिसाब से सतना जिले में उपार्जित धान की मात्रा जिले की मिलिंग क्षमता अनुसार 2.5 माह से कम है। आंकड़ों के हिसाब से सतना जिला विपणन वर्ष 2023-24 में धान आरक्षण के दायरे में आता ही नहीं है। (ड.) क्या सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जन होने वाली धान को आरक्षणमुक्त करके मीलों को उपलब्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर 457086 मे.टन धान का उपार्जन किया गया। (ख) जी हाँ। सतना जिले में वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का मिलर्स द्वारा ऑनलाईन धान आरक्षण हेतु पंजीयन कराया गया था। मिलर्सवार आरक्षित धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान में से आरक्षित धान की मात्रा, जमा अमानत राशि की मिलर्सवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान मिलिंग हेतु जारी नीति अनुसार धान उपार्जन प्रारम्भ होने से ही अधिकतम 5 माह की मिलिंग क्षमतानुसार मिलर्स की धान आरक्षण का प्रावधान था। उपार्जन के प्रारंभिक समय तक ज्ञात नहीं था कि अनुमान से कम धान का उपार्जन होगा। सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर 584021 मे.टन उपार्जन अनुमान के विरूद्ध 457086 मे.टन धान का उपार्जन हुआ। उपार्जन होने के पश्चात् वास्तविक धान उपार्जित मात्रा ज्ञात होने पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के पत्र क्र. 224122/2024/909, दिनांक 09.02.2024 से 5 माह के स्थान पर अधिकतम 3 माह की मिलिंग क्षमता तक धान आरक्षण हेतु निर्देश जारी किये गये। निर्देश जारी करने के उपरांत 3 माह की मिलिंग क्षमता से अधिक धान का प्रदाय मिलर्स को नहीं किया गया। मिलर्स द्वारा जो धान आरक्षित कराया गया है, वह मिलर्स की औसत 2 माह धान का आरक्षण किया गया है। आरक्षण किये जाने गोदाम से धान उठाने पर होने वाला परिवहन व्यय मिलर्स द्वारा वहन किये जाने से शासन को परिवहन व्यय की बचत हुई है। आरक्षण नहीं कराने पर भी मिलर्स को धान प्रदाय का प्रावधान है। (ड.) सतना जिले में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित होने वाली धान को तत्समय जारी मिलिंग नीति-निर्देशों एवं उपार्जन अनुसार मिलर्स को धान उपलब्ध कराया जायेगा।
हितग्राहियों को आवंटित खाद्यान्न का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( *क्र. 2949 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में खाद्य विभाग द्वारा राशन दुकानदारों को 5 किलो खाद्यान्न जिसमें 4 किलो चावल और 1 किलो गेंहू प्रति व्यक्ति उपलब्ध कराया जा रहा है और राशन दुकानदारों द्वारा भी हितग्राहियों को इसी प्रकार से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है, जिसके कारण हितग्राहियों एवं उनके परिवारों को बहुत अधिक असुविधा होती है, क्योंकि परिवारों में चावल की अपेक्षा गेंहू का अधिक उपयोग किया जाता है, जबकि पिछले डेढ़ वर्ष पूर्व प्रति व्यक्ति पर 4 किलो गेंहू एवं 1 किलो चांवल प्रदान किया जाता था, जिससे परिवारों को कोई परेशानी नहीं होती थी? वर्तमान समय में पूर्व की भांति हितग्राहियों को 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) पूर्व की भांति हितग्राहियों को 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल प्रदान किये जाने के संबंध में क्या विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि कार्यवाही की जायेगी तो हितग्राहियों को पूर्व की भांति राशन दुकानों द्वारा कब से 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल प्रदान करना प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा आवंटित खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) एवं जिलों में पात्र परिवारों की भोजन अभिरूचि के अनुसार जिलेवार गेहूं एवं चावल आवंटन एवं वितरण मात्रा के अनुपात की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान्न भण्डारण के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, फोर्टिफाईड चावल के वितरण के लिए चावल के भण्डार को व्यवस्थित करने और रसद पर दबाव कम करने के लिए माह जून 2022 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत आवंटित खाद्यान्न में गेहूं के आवंटन को कम कर चावल के आवंटन में वृद्धि करने से पात्र परिवारों को चावल अधिक मात्रा में आवंटन एवं वितरण कराया जा रहा है। (ख) प्रदेश को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत पूर्वानुसार कुल खाद्यान्न आवंटन का 75% गेहूं का आवंटन जारी करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। (ग) भारत सरकार से गेहूं के आवंटन में वृद्धि पश्चात् पात्र परिवारों को पूर्व की भांति गेहूं एवं चावल का आवंटन एवं वितरण कराया जा सकेगा।
शासकीय एवं निजी गोदामों को किराया भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( *क्र. 2512 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागरिक आपूर्ति निगम एवं मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा गोदामों में भंडारित धान स्कंद के सूखद को मापने का क्या मापदंड निर्धारित है? यदि है तो विवरण दें? यदि नहीं, तो शासकीय एवं निजी गोदामों में पिछले पांच वर्षों से भण्डारित धान स्कंद की सूखद किस आधार पर निर्धारित की जा रही है? (ख) विगत 03 वर्षों से शासकीय एवं निजी गोदामों की किराया राशि का भुगतान किस आधार पर लंबित रखा गया है और निजी गोदाम संचालकों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही किस आधार पर की जा रही है? (ग) क्या बिना सूखद मापदंड के किसी अनुबंध के तहत 2% सूखद का निर्धारण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) शासन की योजना के अंतर्गत लोन प्राप्त कर बनाये गये निजी गोदाम संचालकों को विगत लगभग 03 वर्षों से किराया भुगतान न होने के कारण अधिकतर गोदाम संचालकों के बैंक खाते एन.पी.ए. हो चुके हैं तथा संपत्ति कुर्की की कार्यवाही हो चुकी है या होने की कगार पर है, इस संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क चौडीकरण की अनुमति
[वन]
18. ( *क्र. 1824 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) क्या शिवपुरी विधानसभा के सड़क मार्ग शिवपुरी से झांसीरोड फोरलेन तक का चौड़ीकरण कर निर्माण करने हेतु माधव नेशनल पार्क के भाग में कार्य करने हेतु लोक निर्माण विभाग शिवपुरी द्वारा अनुमति चाही गई है? यदि हाँ, तो अनुमति हेतु आवेदन कब प्राप्त हुआ? अनुमति हेतु किन अधिकारियों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुमति प्रदाय करने में विलंब होने के क्या-क्या कारण हैं? वर्तमान में प्रकरण किस अधिकारी के यहां किस कारण से कब से लंबित हैं? इस विलंब हेतु कौन-कौन दोषी है? अनुमति किस स्तर के अधिकारी द्वारा प्रदाय की जाना है व अनुमति कब तक प्रदाय कर दी जावेगी? जानकारी सहित निश्चित समयावधि बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि पार्क की सीमा में पूर्व से ही सड़क निर्मित है? तब क्या पूर्व में सड़क निर्माण की अनुमति प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करावें? पूर्व में कितनी चौडाई की सड़क निर्माण की अनुमति प्रदाय की गई थी तथा वर्तमान में कितनी चौड़ाई में निर्माण कार्य की अनुमति चाही गई है? (घ) विभाग की अनुमति उपरांत बनी सड़क का उसी क्षेत्रफल में चौड़ीकरण, डामरीकरण आदि कार्य करने पर पुनः वन विभाग की अनुमति की आवश्यकता क्यों होती है? कितनी-कितनी वन भूमि में निर्माण कार्य की अनुमति प्रदाय करने हेतु कौन-कौन से अधिकारी को अधिकृत किया गया है? वन विभाग के इस हेतु क्या नियम, निर्देश हैं? उनकी अद्यतन व स्पष्ट छायाप्रतियां उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग, शिवपुरी द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से गुजरने वाले शिवपुरी-झांसी राजमार्ग के चौड़ीकरण एवं उन्नयन हेतु दिनांक 10.01.2024 को ऑन लाइन प्रेषित प्रस्ताव संरक्षित क्षेत्र प्रभारी, माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी की अनुशंसा सहित प्राप्त हुआ था। भारत सरकार एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा "Eco-Friendly Measures to Mitigate Impacts of Linear Infrastructure on Wildlife" वन्यप्राणियों के संबंध में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार प्रस्ताव में मिटिगेशन मेजर्स (अण्डरपासेस/ओव्हरपासेस इत्यादि) का प्रावधान न होने से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), म.प्र. द्वारा प्रस्ताव दिनांक 12.06.2024 को संरक्षित क्षेत्र प्रभारी को ऑन लाइन वापिस किया गया, जिसकी पूर्ति हेतु संरक्षित क्षेत्र प्रभारी द्वारा आवेदक संस्था को पत्र दिनांक 19.06.2024 से लेख किया गया है। माधव राष्ट्रीय उद्यान को उक्त जानकारी आवेदक संस्था/विभाग से आज दिनांक तक अप्राप्त है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार आवेदक संस्था से उक्त जानकारी सहित संशोधित पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही संभव होगी। आवेदक संस्था द्वारा संशाधित पूर्ण प्रस्ताव प्रेषित करने पर माधव राष्ट्रीय उद्यान की अनुशंसा सहित प्राप्त होने पर, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, म.प्र. एवं राज्य शासन की अनुशंसा उपरांत, प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड एवं राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा प्राप्त होने पर प्रकरण में नियमानुसार मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) म.प्र. द्वारा वन्यप्राणी अनुमति जारी करने की कार्यवाही की जावेगी। प्रकरण में अनुमति हेतु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माधव राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से गुजरने वाला शिवपुरी-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पुराना एन.एच. 25 वर्ष 1980 से पूर्व का राजमार्ग है। पूर्व में कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा उपरोक्त मार्ग के निर्माण की कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। लोक निर्माण विभाग शिवपुरी द्वारा उपरोक्त मार्ग की विद्यमान चौड़ाई 12 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर किया जाना प्रस्तावित है। (घ) भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत नवीन मार्ग निर्माण किये जाने, चौड़ीकरण अथवा वर्तमान में स्थित मार्ग की सतह परिवर्तन हेतु राज्य वन्यप्राणी बोर्ड एवं राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा आवश्यक है। संरक्षित क्षेत्रों के भीतर पूर्व से स्थित मार्गों की विद्यमान चौड़ाई में ही मार्ग मरम्मत हेतु आवश्यक अभिलेखों सहित पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), म.प्र. स्तर से वन्यप्राणी अनुमति प्रदाय की जाती है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( *क्र. 2836 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 में सागर कमिश्नर द्वारा कलेक्टर छतरपुर के माध्यम से तत्कालीन जिला प्रबंधक छतरपुर द्वारा की जा रही अनियमितताओं की जांच के आधार पर उन्हें निलंबित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में छतरपुर कलेक्टर द्वारा की गई जांच में पाई गई अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) तत्कालीन जिला प्रबंधक, श्रीमती रिंकी साहू को कमिश्नर सागर द्वारा निलंबित करने के बाद भी चंद दिनों में ही पन्ना जिला प्रबंधक पद पर पदस्थ किया गया है, अगर हाँ तो ऐसा क्यों किया गया? (घ) तत्कालीन जिला प्रबंधक छतरपुर जिले के नौगांव निवासी होने बाद भी उनको गृह जिले में किसके आदेश और किस नियम के तहत पदस्थ किया गया था? क्या पदस्थापना नियम संगत थी, अगर नहीं तो इसके लिये कौन जवाबदार है और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कमिश्नर सागर द्वारा आदेश क्रमांक 2669, दिनांक 27.09.2023 से निलंबित किया गया था। कॉर्पोरेशन मुख्यालय के आदेश क्रमांक/3293, दिनांक 29.09.2023 द्वारा निलंबित आदेश की पुष्टि की गयी। (ख) कॉर्पोरेशन मुख्यालय के आदेश क्रमांक/332, दिनांक 21.05.2024 द्वारा विभागीय जांच संस्थित की गयी है। (ग) श्रीमती रिंकी साहू द्वारा कमिश्नर सागर द्वारा जारी निलंबन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक/25474/2023 दायर की गयी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर आदेश दिनांक 09.10.2023 द्वारा स्थगन दिया गया। जिला प्रबंधक स्तरीय अधिकारियों की कमी के दृष्टिगत कार्य आवश्यकता के आधार पर उन्हें मुख्यालय के आदेश क्रमांक/3912, दिनांक 22.01.2024 से जिला प्रबंधक पन्ना के पद पर पदस्थ किया गया। (घ) कार्य आवश्यकता के दृष्टिगत कॉर्पोरेशन द्वारा वर्ष 2021 में श्रीमती रिंकी साहू, जिला प्रबंधक टीकमगढ़ को जिला प्रबंधक छतरपुर के पद पर पदस्थ किया गया था। पदस्थापना कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति के विकास एवं शिक्षा बजट में कमी
[जनजातीय कार्य]
20. ( *क्र. 2856 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मद संख्या 7881 अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में विविध विकास कार्य अनुच्छेद 275 (1) में वर्ष 2022-23 में लगभग 311 करोड़ रूपये राशि पुनरीक्षित अनुमान में दर्शायी गई तो वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में इसे लगभग आधा करके 150 करोड़ रूपये क्यों तय किये गये? आदिवासी क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करने वाला यह निर्णय लेने वाले अधिकारी के नाम, पदनाम देवें। ">(ख) इसी तरह मद संख्या 7826 कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परिवहन योजना में वर्ष 2022-23 में 7.50 करोड़ रूपये पुनरीक्षित अनुमान के समक्ष वर्ष 2023-24 में केवल 1 करोड़ रूपये का प्रावधान किस आधार पर किया गया? (ग) इसी प्रकार मद संख्या 7763 में अनु.जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता जो वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुपात में 307 करोड़ रूपये थी, उसे वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में 200 करोड़ रूपये कर दिया गया, क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार अनुसूचित जनजाति के विकास एवं शिक्षा में अवरोधक बजट कम करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? आगे ऐसा न हो इसके लिए विभाग कब तक कदम उठायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) मद संख्या 7881 केन्द्रीय योजना है, जिसमें राशि भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा संबंधित वर्ष की स्वीकृति के आधार पर प्राप्त होती है, जिसके लिये राज्य के बजट में अनुमान के आधार पर बजट प्रावधान किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस मद में राज्य के बजट में राशि रूपये 311.00 करोड़ के प्रावधान के विरूद्ध राशि रूपये 153.61 करोड़ केन्द्रीय राशि के विरूद्ध आहरित हुये थे। उक्त वित्तीय वर्ष के व्यय को दृष्टिगत रखते हुये वित्त विभाग द्वारा 2023-24 के बजट में राशि रूपये 150.00 करोड़ का प्रावधान किया गया। केन्द्र शासन से इस मद में राशि प्राप्त होने पर अन्य पूंजीगत मद से राशि रूपये 82.00 करोड़ को पुनर्विनियोजित करते हुये राशि रूपये 191.00 करोड़ आहरित किये गये हैं। इस मद में आवश्यकता होने पर पूरक बजट/पुनर्विनियोजन से भी पूर्ति की जाती है। अत: उक्त बजट प्रावधान से किसी तरह का आदिवासी क्षेत्रों का विकास प्रभावित नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सी.एम. राईज योजना में विद्यार्थियों के लिये परिवहन हेतु पृथक से बजट प्रावधान किया गया है। अत: प्रश्नांकित योजना में कम बजट प्रावधान है। (ग) सत्र 2022-23 में म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग, के आदेश क्रमांक F12-25-2017-5-पच्चीस भोपाल, दिनांक 10 मई, 2022 के तहत आवास योजना की दरें पुनरीक्षित किये जाने से बजट अनुमान बढ़ाकर 307.00 करोड़ किया गया था। म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्र. F12-25-2017-25-2 भोपाल, दिनांक 16 अगस्त, 2022 द्वारा उक्त पुनरीक्षित दरें पुन: संशोधित कर यथावत की गई। अत: वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान में राशि रू. 200.00 करोड़ का प्रावधान किया गया। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनाजों के लिए एम.एस.पी. निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( *क्र. 2722 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष गेहूं का शासकीय न्यूनतम समर्थन मूल्य बाजार मूल्य की अपेक्षा अत्यंत कम होने के कारण किसानों द्वारा सरकारी मण्डियों की अपेक्षा व्यापारियों को बेचा गया है? यदि हाँ, तो इससे शासकीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के साथ-साथ गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं अन्नपूर्णा योजना आदि योजनाओं को प्रभावित करने से कैसे रोका जा सकेगा? (ख) क्या शासन मोटे अनाजों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये जाने पर विचार कर रही है? (ग) सीधी जिले में मोटे अनाजों के उत्पादन के लिए किसानों हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? (घ) क्या इनके उत्पादन हेतु किसानों को प्रशिक्षण, उन्नत खाद, बीज एवं कीटनाशकों की व्यवस्था शासन द्वारा कराये जाने की योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 80 लाख मे.टन गेहूं उपार्जन का अनुमान निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध 48.38 लाख मे.टन गेहूं उपार्जन हुआ है। राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य गेहूं विक्रय करने वाले किसानों को रू. 125 प्रति क्विंटल की दर से बोनस भुगतान कर समर्थन मूल्य सहित रू. 2,400 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत किसानों द्वारा उत्पादित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। गेहूं के समर्थन मूल्य बोनस सहित राशि से बाजार भाव अधिक होने पर किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय न कर स्वयं के लाभ हेतु बाजार में गेहूं का विक्रय करते हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याणकारी अन्न योजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए गेहूं की वार्षिक आवश्यकता 16 लाख मे.टन है, जिसके विरूद्ध 48.38 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन हुआ है। इस प्रकार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वार्षिक आवश्यकता से अधिक गेहूं प्रदेश में उपलब्ध है। (ख) भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में ज्वार रू. 3371, बाजरा रू. 2625, मक्का रू. 2225 एवं जौ रू. 1850 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। (ग) सीधी जिले में मोटा अनाज (जौ) के उत्पादन के लिए फसल प्रदर्शन, बीज वितरण, समन्वित पोषक प्रबंधन, समन्वित कीट प्रबंधन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। (घ) खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजनांतर्गत मोटा अनाज (जौ) के उत्पादन के लिए बीज वितरण, समन्वित कीट प्रबंधन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
जल-जीवन मिशन के अंतर्गत किये जाने वाले कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( *क्र. 3275 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जल-जीवन मिशन अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? विधान सभा क्षेत्रवार प्रत्येक स्वीकृत कार्य की सूची सहित सभी कार्यों की डी.पी.आर. की प्रतियां उपलब्ध करायी जाये। (ख) क्या उक्त मिशन की कार्ययोजना में दिये प्रावधान अनुसार कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी हेतु अंतिम उपभोक्ता ग्रामीणों/ग्राम पंचायत कर्मचारियों अथवा जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मिशन की कार्ययोजना गाइड-लाइन अनुसार प्रत्येक कार्य का मेजरमेंट व भुगतान देयक तैयार कर उसे संबंधित ग्राम पंचायत को दिखाते हुये/अनुमोदन प्राप्त किया जा रहा है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी साक्ष्य उपलब्ध कराये जाएं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या मिशन से संबंधित कार्य की पूर्णतः उपरान्त मेजरमेंट बुक व देयकों (बिल) की एक प्रति संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करायी जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जल-जीवन मिशन अंतर्गत 439 ग्राम पंचायतों के 869 ग्रामों में रुपये 74029.3 लाख की एकल ग्राम नल-जल योजना के कार्य, 1352 शालाओं में रुपये 2439.32 लाख के पेयजल व्यवस्था के कार्य एवं 620 आंगनवाड़ियों में रुपये 886.56 लाख के पेयजल व्यवस्था के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार एवं डी.पी.आर. में स्वीकृत कार्यों के प्राक्कलन की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ख) कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी हेतु अंतिम उपभोक्ता ग्रामीणों/ग्राम पंचायत कर्मचारियों अथवा जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने का प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल-जीवन मिशन की गाइड लाइन में कार्य का मेजरमेंट व भुगतान देयक तैयार कर उसे ग्राम पंचायत को दिखाते हुये अनुमोदन प्राप्त करने के संबंध में प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मेजरमेंट बुक तथा देयक विभागीय अभिलेख हैं, कार्य पूर्णता उपरांत मेजरमेंट बुक व देयक की प्रति संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने के संबंध में जल-जीवन मिशन की गाइड लाइन में प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम खामदा का विस्थापन
[वन]
23. ( *क्र. 2662 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम द्वारा ग्राम खामदा का विस्थापन 2 वर्ष पूर्व किया गया है, क्या उन्हें भूमि आवंटित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) ग्राम खामदा के विस्थापन करने के पूर्व क्या शर्तें थी? क्या इन्हें मूलभूत सुविधायें जैसे बिजली, पानी, सड़क सहित शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्यों इन्हें सुविधाओं से वंचित रखा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में ग्राम खामदा के ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें भूमि आवंटित नहीं की गई है? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। इन्हें कब तक भूमि आवंटित कर दी जायेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। ग्राम खामदा भाग-1 के 23 हितग्राहियों को 2-2 हेक्टेयर वनभूमि आवंटित की जा चुकी है। ग्राम खामदा भाग-4 के 30 हितग्राहियों को आवास एवं कृषि कार्य हेतु सामूहिक रूप से 46 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। 17 हेक्टेयर भूमि में अतिक्रमण होने के कारण भूमि आवंटित नहीं की जा सकी है। (ख) विस्थापित ग्रामों की तैयार की गई ग्राम विकास योजना का क्रियान्वयन पुनर्वास प्रारंभ होने के 02 वर्ष के अंदर पूर्ण किये जाने के निर्देश हैं। प्रश्नाधीन ग्राम के हितग्राहियों को मूलभूत सुविधायें जैसे बिजली, पानी, सड़क सहित शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ग्राम खामदा भाग-04 के सभी 30 हितग्राहियों को 46 हेक्टेयर आवासीय एवं कृषि भूमि प्रदाय की गयी है, जिसमें उनकी सहमति अनुसार सामूहिक कृषि कार्य किया जा रहा है। अत: ऐसा कोई भी हितग्राही नहीं है, जिसे कृषि कार्य हेतु भूमि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। नाम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश ''क'' में अतिक्रमित भूमि की बेदखली की वैधानिक कार्यवाही उपरांत 17 हेक्टेयर भूमि आवंटित करना संभव है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मत्स्य व्यापार हेतु दुकानें एवं व्यवस्था
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
24. ( *क्र. 2728 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के निर्देशानुसार मत्स्य वितरण का व्यापार खुले में नहीं करने हेतु निर्देश हैं? यदि हाँ, तो नगर निगम, नगर परिषद् एवं कटनी जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में व्यापार किया जा रहा है? नगर निगम, नगर परिषद् जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें कि कितना व्यवसाय खुले में एवं कितनी दुकानों में किया जा रहा है? क्या दुकानें निर्मित करायी गयी है? यदि हाँ, तो नगर निगम, नगर परिषद् जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो विभाग द्वारा किन-किन नगर निगम, नगर परिषद् जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतवार में दुकान निर्मित करने हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कितनी दुकानों का निर्माण पूर्ण हुआ? कितनी अभी भी निर्माणाधीन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में खुले में व्यापार रोकने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गयी? क्या अभी भी खुले में व्यापार हो रहा है? यदि हाँ, तो संबंधित दोषी अधिकारी के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : /span>(क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिले अंतर्गत खुले में मत्स्य विक्रय का कार्य नहीं किया जा रहा है।
ब्रांडिंग और बीज अंकुरण हेतु योजना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
25. ( *क्र. 2938 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सबसे बड़े मिर्ची उत्पादक जिले में शुमार खरगोन जिले के मिर्ची उत्पादक किसानों के लिए सरकार ब्रांडिंग और बीज अंकुरण पर कोई योजना बना रही है? अगर हाँ तो विवरण देवें। (ख) क्या सरकार मिर्ची उत्पादक किसानों के लिए स्थानीय स्तर तहसील कसरावद में बीज अंकुरण परीक्षण और मिर्ची केमिकल रिड्यूज लैब प्रारंभ करने पर विचार कर रही है? अगर हाँ तो कब तक लैब प्रारंभ होगी? (ग) खरगोन जिले से उत्पादन होने वाली मिर्ची की क्वालिटी परीक्षण के लिए कितने सैम्पल प्रतिवर्ष अन्य राज्यों में भेजे /span>जाते हैं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनांतर्गत FPO/SHG/सहकारिताओं के समूहों अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एस.पी.वी. को ब्रांडिंग सहायता हेतु पूर्व से ही योजना बनी हुई है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। /span>(ख) प्रश्न के संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा निरंक जानकारी दी गई है। उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा मिर्ची उत्पादक किसानों के लिए स्थानीय स्तर तहसील कसरावद में बीज अंकुरण परीक्षण और मिर्ची केमिकल रिड्यूज लैब प्रारंभ करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
गौशालाओं
का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
1. ( क्र. 109 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा अम्बाह की जनपद पंचायत अम्बाह एवं पोरसा की ग्राम पंचायतों में कितनी गौशालाएं संचालित है? (ख) यदि हाँ तो उनके नाम पते और पशुओं की संख्या, उन्हें संचालित करने हेतु खर्च की जाने वाली राशि और उनकी वर्तमान स्थिति की पूर्ण जानकारी सहित सूची उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा अम्बाह की जनपद पंचायत अम्बाह में कोई गौशाला संचालित नहीं है। पोरसा की ग्राम पंचायतों में 03 गौशालाएं संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
चम्बल नदी अभयारण्य से रेत का खनन
[वन]
2. ( क्र. 111 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में घड़ियाल अभयारण्य चम्बल नदी से रेत उत्खनन करना प्रतिबंधित/कानूनन अपराध है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चंबल नदी से अवैध रेत का उत्खनन/परिवहन करने से चम्बल नदी एवं संरक्षित घड़ियालों के जीवन पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा? क्या घड़ियाल अभयारण्य चंबल नदी के संरक्षण/सुरक्षा हेतु मैदानी अमले की तैनाती की गई है? (ग) जिला मुरैना की विधानसभा अम्बाह में चंबल नदी से अवैध रेत का उत्खनन/परिवहन करने वालों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कितने लोगों पर की गई सूची उपलब्ध करावें। (घ) इसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के अंतर्गत रेत उत्खनन/परिवहन वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। (ख) जी हाँ। घडि़यालों के अण्डे नष्ट होने एवं उनके शावक के विचलित होकर विस्थापित होने से नेस्टिंग साइट नष्ट होने की संभावना है। अवैध उत्खनन से नदी के जल की गुणवत्ता/पारिस्थितिकी संतुलन व घड़ियाल के हैबिटेट पर प्रतिकूल प्रभाव पडे़गा। संरक्षण हेतु मैदानी अमले की तैनाती की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) चंबल नदी से अवैध रेत उत्खनन/परिवहन में अधिकारियों/कर्मचारियों की संलिप्तता लापरवाही वर्तमान में संज्ञान में नहीं आई है। अत: शेष उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( क्र. 333 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र.97 जबलपुर स्थित सिद्धबाबा वार्ड लालमाटी में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। इसके लिये कब कितनी राशि आवंटित की हैं? (ख) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन हेतु जिला प्रशासन जबलपुर ने कब कितनी भूमि आवंटित की हैं एवं भू-स्वामित्व सम्बंधी अधिकार पत्र कब जारी किया हैं। (ग) संचालनालय नगर एवं ग्राम निवेश विभाग म.प्र. शासन भोपाल ने पत्र क्र.4559/न.ग्रा.नि./टी. सी./जबलपुर/107/2022 भोपाल दिनांक 09/11/2022 को कलेक्टर जबलपुर को प्रश्नांकित भूमि के सम्बंध में क्या जानकारी दी है। तत्सम्बंध में कलेक्टर जबलपुर ने कब क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांकित सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु अभी तक भूमि का उपांतरण न करने का क्या कारण है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर आवंटित भूमि का उपांतरण कराना सुनिश्िचत करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वनों की अवैध कटाई
[वन]
4. ( क्र. 431 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बल्देवगढ़ रेंज के अंतर्गत सब रेंज कुड़ीला आता है जिसकी बीट क्र. 03 से सैंकड़ों बेशकीमती सागौन के पेड़ कटवाये जा रहे हैं? जिसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा वन संरक्षक छतरपुर एवं वनमण्डल अधिकारी टीकमगढ़ को पत्र के माध्यम से शिकायत की परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) क्या कुड़ीला सब रेंज की बीट क्र.-03 एवं बल्देवगढ़ में विध्यवासिनी के पास जब पेड़ों की कटाई की तब इसके संबंध में छोटे-छोटे दुकानदार जो लकड़ी का काम करते हैं उन्होंने प्रश्नकर्ता को लिखित शिकायत की? (ग) क्या ऐसे भ्रष्ट आचरण वाले की जांच कराकर कटे हुये पेड़ों का मौका मुआयना कराकर इनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बल्देवगढ़ रेंज के अंतर्गत सबरेंज कुड़ीला में बीट नं. 03 नहीं है अपितु सबरेंज हीरापुर के अंतर्गत बीट कुड़ीला नं. 03 आता है। प्रश्नकर्ता के द्वारा की गई शिकायत की जांच उप वनमंडलाधिकारी, टीकमगढ़ से कराई गई, जिसमें पाया गया कि बीट कुड़ीला नं. 03 में किसी अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत से सागौन के पेड़ों की कटाई नहीं हुई है बल्कि चोरी छिपे वन अपराधियों द्वारा कटाई की गई है, जिसके संबंध में नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की गई है। (ख) दुकानदारों द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को की गई लिखित शिकायत अभिलेख विभाग को उपलब्ध नहीं है। (ग) माननीय सदस्य द्वारा की गई शिकायत की जांच में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत से अवैध कटाई होना नहीं पाया गया, अत: उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 439 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा में पेयजल का भारी संकट होने से हर ग्राम पंचायत, ग्रामों में महिलायें सिरपर रखकर 02 कि.मी. दूर से पीने के पानी की व्यवस्थायें कर रही हैं और कई स्थानों पर गंदा पानी पीने को मजबूर हैं शासन द्वारा जहाँ-जहाँ टंकियों का निर्माण कराया है उनमें से पानी सप्लाई नहीं हो रहा है? क्या धरातल पर आम जनता को पानी पीने हेतु मिल रहा है उसकी वस्तु स्थिति की मौके पर इ.पी.एच.ई. को भेजकर जांच करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या घरों में नल-लाइन डाल दी गई गांव के सी.सी. रोडों को खोद डाला, कहीं पर अधूरी टंकिया बनाकर ठेकेदारों द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच पर दबाव बनाकर हैण्डोवर करा रहे हैं और भेलसी, कुड़ीला, पियरा मड़ोरी, गनेशपुरा, सुजानपुरा चन्दपुरा, कितने ग्रामों के नाम लिखित दिये जाये, लगभग हर गांव में जल संकट है? आम जनता को कब तक पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) क्या जिन ग्रामों में पानी की टंकिया बनाकर नल-लाइन डालकर ठेकेदारों द्वारा अन्य कमियां छोड़कर कार्य बंद कर दिया और कागजों में योजना पूर्ण दर्शा दी गई, क्या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किये जाने हेतु जांच कब तक करायेंगे एवं क्षेत्रीय विधायक को शामिल करते हुये जांच करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में निर्मित की गई 10 टंकियों के माध्यम से जल प्रदाय प्रारंभ किया गया है, आम जनता को पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो रही है। बानसुजारा समूह जल प्रदाय योजना से खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के 36 ग्रामों में कार्य किया जा रहा है, इस समूह योजना से पेयजल प्रदाय प्रारंभ नहीं है। विभाग के मैदानी अमले द्वारा पेयजल कार्यों की निगरानी तथा हैण्डपंप संधारण कार्य सतत रूप से कराया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में अब तक एकल ग्राम योजनाओं में 24614 घरेलू नल कनेक्शन दिये गये हैं, ग्रामों में पाइप लाइन कार्य के लिये आवश्यकतानुसार सी.सी. रोड की कटिंग की जाती है, जिसे पाइप-लाइन कार्य पूर्ण करने के उपरांत पाइप-लाइन ट्रेंच को समतल कर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाता है तथा पाइप-लाइन टेस्टिंग होने के उपरांत अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत योजना में ठेकेदार द्वारा काटी गई सी.सी. रोड को पुनर्निर्माण/मरम्मत कर यथावत किया जाता है, एकल ग्राम समूह योजनाओं में निर्मित की जा रही टंकियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। योजनाओं का हस्तांतरण ग्राम पंचायत/सरपंच की सहमति होने पर ही ग्राम पंचायत द्वारा प्राप्त किया जा रहा है। वर्तमान में किसी भी ग्राम में पेयजल का संकट नहीं है। प्रश्नांकित क्षेत्र के ग्रामों में वर्तमान में कुल 1631 हैण्डपंप कार्यरत हैं एवं 36 एकल ग्राम योजनाओं से पेयजल उपलब्ध हो रहा है। प्रश्नांश में दर्शाए गए 06 ग्रामों की वर्तमान पेयजल व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) ऐसी कोई नलजल योजना नहीं है जहाँ ठेकेदार ने टंकी बनाकर पाइप लाइन डालकर अन्य अवयवों के कार्य अधूरे छोड़कर कार्य बंद कर दिया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंतर्जातीय शादियों हेतु प्रोत्साहन राशि का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
6. ( क्र. 531 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1811 दिनांक 14-02-2024 के उत्तर में बताया गया था कि जबलपुर जिले के अंतर्गत आयुष बक्सी एवं अन्य 85 प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) क्या प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? (ग) यदि हाँ तो हितग्राहियों को कब तक भुगतान होगा? (घ) यदि नहीं तो क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''एवं /span>''ब'' अनुसार। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों का डीनोटीफिकेशन
[वन]
7. ( क्र. 754 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्न क्रमांक 1729 दिनांक 14/03/2002 में 1980 तक 520 वनग्रामों में से 279 वनग्रामों की भूमि राजपत्र में डीनोटिफाईडJकरना एवं 241 वनग्रामों की जानकारी संकलित करना पटल पर प्रतिवेदित किया वही प्रश्न क्रमांक 6299 दिनांक 15/3/2016 को 1980 के पूर्व 533 वन ग्रामों की 67087 हेक्टेयर आरक्षित वन एवं 2798 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि का डीनोटीफिकेशन नहीं करना सदन के पटल पर प्रतिवेदित किया है। (ख) यदि हाँ तो 1980 तक कितने वन ग्राम किस-किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचित किए, राज्य शासन के किस दिनांक को आदेशित किए, कितने ग्राम राजस्व विभाग को सौंपे, कितने ग्राम डीनोटिफाईडJकिए वन मंडलवार बतावें। (ग) प्रश्न क्रमांक 1729 एवं प्रश्न क्रमांक 6299 में वन ग्रामों के डीनोटिफिकेशन की गलत जानकारी सदन के पटल पर दिए जाने का क्या-क्या कारण रहा है शासन इसके लिए किसे जिम्मेदार एवं दोषी मानता है।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 1980 के पूर्व के वन ग्रामों को मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की विभिन्न अधिसूचनाओं/ज्ञाप से राजस्व विभाग को हस्तांतरण के संबंध में जारी आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। वनग्रामों को राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। राजस्व विभाग को हस्तांतरित ग्रामों के डिनोटिफिकेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा प्रश्नों के उत्तर क्षेत्रीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रश्न की भाषा एवं भावार्थ तथा तत्समय की स्थिति के अनुरूप दिये गये है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश सांची दुग्ध संघ को अमूल कंपनी को सौंपना
[पशुपालन एवं डेयरी]
8. ( क्र. 804 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार मध्यप्रदेश के दुग्ध ब्रांड साँची का विस्तार करने के स्थान उसे गुजरात की डेयरी कम्पनी अमूल को देने जा रही है? (ख) यदि हाँ तो प्रदेश की जनता में साँची दुग्ध के विश्वास और लोकप्रियता के बावजूद इसे बंद करने का क्या कारण है? (ग) साँची दुग्ध को अमूल कम्पनी को सौंपने का प्रस्ताव/परामर्श मूलतः किस अधिकारी द्वारा कब सरकार के विचारार्थ रखा गया था? (घ) क्या इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी की अमूल डेयरी के अधिकारियों से मीटिंग हुई है? यदि हाँ तो कब और किस स्थान पर मीटिंग हुई तथा उसके क्या निष्कर्ष हैं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग द्वारा कराये जा रहे वृक्षारोपण कार्य
[वन]
9. ( क्र. 1285 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु पूरे प्रदेश के साथ ही पन्ना जिले में अनेकों स्थानों पर वृक्षारोपण के कार्य किये जा रहे है? यदि हाँ तो वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर कितने-कितने पौधे लगाये एवं उन पर कितना व्यय हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने पौधे किस कारण से नष्ट हुये? (ग) क्षेत्रीय वृक्षारोपण कक्षवार, वर्षवार यदि किये गये हैं तो तदानुसार जानकारी प्रदान करें, साथ ही वर्ष 2024-25 वर्षाकाल के पूर्व किन-किन स्थानों पर वृक्षारोपण हेतु कार्यालय वन मण्डल द्वारा कार्य योजना बनाई गई है और कितनी लागत की और कार्ययोजना कब तक प्रांरभ होगी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जीवित एवं मृत पौधों की जानकारी उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पौधों की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से है। (ग) वृक्षारोपण की कक्षवार वर्षवार जानकारी उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
सुरक्षा राशि की वापसी
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
10. ( क्र. 1325 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करैरा विधान सभा क्षेत्र के हरसी जलाशय मत्स्य महासंघ भोपाल द्वारा का मत्स्य विक्रय का टेण्डर कप्तानसिंह बाथम द्वारा वर्ष 2012-2013 में 5 वर्ष के लिया गया था? (ख) क्या उक्त टेण्डर कप्तान सिंह बाथम द्वारा लगातार 05 वर्ष संचालित किया गया था? (ग) क्या अनुबंध ग्रहिता की सुरक्षा राशि 758980/- शेष है क्या? (घ) यदि शेष है तो कप्तान सिंह बाथम अनुबंध ग्रहिता की सुरक्षा राशि कब तक वापिस कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। श्री कप्तान सिंह बाथम जिला शिवपुरी के साथ निष्पादित अनुबंध की अवधि 15.06.2017 को समाप्त होने के पश्चात अनुबंध ग्रहिता द्वारा जमा कुल राशि रूपये 7,58,250/- में से अनुबंध अनुसार निर्धारित मत्स्य बीज संचय लक्ष्य पूर्ण नहीं करने के कारण असंचित मत्स्य बीज की राशि जमा सुरक्षा राशि में से कटौती कर शेष राशि रूपये 1,07,971/- अनुबंध ग्रहिता को वापस की गई। अत: कोई शेष राशि देय नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन विभाग की आरक्षित भूमि पर कब्जा
[पशुपालन एवं डेयरी]
11. ( क्र. 1327 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र क्र.23 की नगर परिषद मगरोनी के वार्ड क्र. 10 में भेड़ ऊन केन्द्र विस्तार की आरक्षित भूमि कुल रकबा 2.83 हेक्टेयर का प्रकरण क्रमांक/69/अ-12/23-24 को सीमांकन कर विभाग को कब्जा दिया जा चुका था। (ख) उक्त रकबा में से 1.00 हेक्टर भूमि पर दबंगों ने अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिया है क्या दबंगों द्वारा विभाग की आरक्षित भूमि पर किये गये निर्माण कार्य हटाकर भूमि को सुरक्षित किया जावेगा तो कब तक? (ग) यदि 1.00 हेक्टर भूमि शेष जो भेड़ ऊन केन्द्र विस्तार के लिए आरक्षित है उस पर विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य कराया जावेगा?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। विभाग की आरक्षित भूमि पर निर्माण कार्य हटाकर भूमि को सुरक्षित रखने हेतु विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी करेरा जिला शिवपुरी एवं तहसीलदार नरवर को लेख किया गया है। Jसमय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 1330 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील नरवर, करैरा एवं दतिया जिले की बड़ोनी, तहसील में शासकीय उचित मूल्य की दुकान तथा कौन-कौन सी संस्था व सेल्समैन द्वारा संचालित है प्रमाणित सूची दें। (ख) यदि संचालित दुकानों पर वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया। क्या आंवटित खाद्यान्न सेल्समैनों द्वारा कितना वितरित किया गया व कितना शेष है। (ग) यदि शेष खाद्यान्न है तो कब तक उक्त संस्था एवं सेल्समैनों से वसूली की जावेगी। यदि वसूली नहीं होने पर उन पर क्या कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील नरवर में 56, करैरा में 77 एवं दतिया जिले की बड़ौनी तहसील अंतर्गत 10 कुल 143 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आवंटित खाद्यान्न, वितरण एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) वितरण से शेष बचे खाद्यान्न का आगामी माहों में समायोजन होता है। भौतिक सत्यापन में स्टॉक में कमी पाये जाने पर ई.सी. एक्ट के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।
अपात्र एवं गरीबी रेखा से बाहर आने वाले परिवारों के आंकड़ों की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 1596 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कितने परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया है? (ख) वर्ष 2020 से 21 मार्च 2022 उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में 21218 कार्ड धारक अपात्र पाए गए थे? वर्ष 2020 से वर्तमान प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कितने अपात्र परिवार पाए गए हैं? (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि तक अपात्र परिवार और गरीबी रेखा से बाहर परिवार के उज्जैन जिले के आंकड़ों में कितना अंतर है? (घ) इस प्रकार मध्य प्रदेश में गरीबी से बाहर एवं अपात्र पाए गए गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवारों में कितना अंतर पाया गया है? (ड.) विभाग द्वारा क्या अपात्र गरीबी रेखा के परिवार वालों को अपनी नाकामी छुपाने के लिए गरीबी रेखा से बाहर बताकर अपनी गंभीर गलती को छुपाने का प्रयास किया गया है? (च) राज्य शासन द्वारा सभी जिले के अपात्र परिवारों एवं गरीबी से बाहर के परिवारों के आंकड़ों का जांच प्रतिवेदन एवं प्रशासनिक रिपोर्ट किन मापदंडों के आधार पर किया गया है? पूर्ण अभिलेख सहित विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क)से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शुद्ध लाभ की राशि का वितरण
[वन]
14. ( क्र. 1697 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा एवं बैतूल जिले की प्राथमिक सहकारी वनोपज समितियों को संग्रहित लघु वनोपज के शुद्ध लाभ की राशि में से शासन के आदेशानुसार वर्ष 1998 से प्रश्नांकित दिनांक तक ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की राशि का वर्षवार पूरा-पूरा भुगतान नहीं करवाया गया। (ख) यदि हाँ तो वर्ष 1998-99 से प्रश्नांकित दिनांक तक हरदा एवं बैतूल जिले की किस समिति द्वारा संग्रहित लघु वनोपज का कितना शुद्ध लाभ घोषित किया उसमें से कितना लाभ बोनस के रूप में वितरित किया, कितने लाभ की राशि ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में खर्च करने हेतु समिति को उपलब्ध करवाई या जिला वनोपज सहकारी यूनियन को उपलब्ध करवाई गई? (ग) ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की कितनी-कितनी राशि का समितियों को किन-किन कारणों से भुगतान नहीं किया यह राशि वर्तमान में किसके नाम से किस बैंक में जमा है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) हरदा एवं बैतूल जिले की वर्ष 1998-99 से प्रश्नांकित दिनांक तक समितिवार शुद्ध लाभ एवं वितरित बोनस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में प्राप्त राशि, स्वीकृत राशि एवं शेष राशि की जिला यूनियनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद राशि का उपयोग म.प्र. शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 11 मार्च, 2022 में दिये गये निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद में शेष राशि की जिला यूनियनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि समितिवार संधारित नहीं की जाती है। वर्तमान में शेष राशि म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित एवं भोपाल को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के नाम से जमा है।
संविदा पर नियुक्त समन्वयकों का मानदेय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 1778 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में संविदा पर जिला/ब्लॉक समन्वयक की नियुक्ति की गयी है? यदि हाँ तो वर्तमान में उन्हें कितना मानदेय किस ग्रेड पे के आधार पर दिया जा रहा है? जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यरत जिला/ब्लॉक समन्वयकों के ग्रेड पे बढ़ाये जाने पर विभाग द्वारा क्या विचार किया जा रहा है? यदि हां, तो कब तक इन्हें भुगतान किया जावेगा, यहि नहीं तो कारण सहित जानकारी स्पष्टतः दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में आये कर्मचारियों को क्या उनकी मूल/प्रथम पदस्थापना वाले जिले से अन्य जिलों में संलग्न किया गया है? यदि हाँ तो इस संबंध में शासन द्वारा जारी मार्गदर्शिका बतायी जाये। यदि नहीं तो नियम विरुद्ध संलग्नीकरण किये ऐसे जिला समन्वयकों को कब तक मूल पद स्थापना वाले जिले में भेजा जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में क्या यह सत्य है कि प्रदेश के कई जिलों में स्वीकृत पद के विरूद्ध आवश्यकता से अधिक जिला समन्वयक कार्यरत है एवं कई जिलों में पद रिक्त है? यदि हाँ तो क्या रिक्त पदों के विरूद्ध निकट भविष्य में भर्ती की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित संविदा कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार समकक्षता का निर्धारण मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में गठित सक्षम समिति द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य की आवश्यकतानुसार कुछ जिला/ब्लॉक समन्वयकों को अन्य जिले/ब्लॉक में कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्य की आवश्यकतानुसार कुछ जिला/ब्लॉक समन्वयकों को अन्य जिले/ब्लॉक में कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। वर्तमान में जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका के अनुसार परियोजना प्रबंधन इकाई के मानव संसाधनों द्वारा जिला स्तर पर कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों में घटिया अनाज का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( क्र. 1864 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना, राजगढ़ जिले में शा. उचित मूल्य की कितनी दुकानें संचालित हो रही हैं? जिलेवार, समिति का नाम/स्व. सहायता समूह का नाम (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सदस्य), पता, मोबाईल नं., दुकानवार उपभोक्ताओं की संख्या सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्नांश अवधि में कितनी समितियों/दुकानों के विरूद्ध किस माध्यम से कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों की प्रति सहित बतायें। शिकायतों पर क्या कार्यवाही किसके विरूद्ध की गई? कितनी दुकानें किन कारणों से बंद की गई? बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कब-कब, कितना-कितना, कौन-कौन सा अनाज इन दुकानों से वितरित किया गया? यह अनाज विभाग को किस भण्डारण गोदामों से कितना-कितना, किस दर पर किन-किन अधिकारियों/ कर्मचारियों की निगरानी में जारी किया गया? कितना अनाज भण्डारण गोदामों को किन कारणों से वापस किया गया? दुकानों में खराब खाद्यान्न पहुँचने की कितनी शिकायतों पर किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाकर किन-किन की जिम्मेदारी तय की गई? खाद्यन्न गोदामों एवं भण्डारण गोदामों से संबंधितों को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किस दर पर किया गया? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा जिलेवार वर्षवार बतायें। (घ) गुना जिले में कितनी दुकानें स्व-सहायता समूह के बगैर संचालित हो रही हैं? इसके संचालन के अधिकार किसे किस आधार पर किस दर पर दिये गये हैं? नियमों की प्रति सहित ब्लॉक पंचायतवार, गौशवारा बनाकर बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) जिला गुना एवं राजगढ़ में 20 मार्च, 2020 की स्थिति में संचालित उचित मूल्य दुकानें, उनके अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सचिव/सदस्य आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक खोली गई उचित मूल्य दुकानें एवं उनके अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सचिव/सदस्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त शिकायतों से संबंधित समस्त जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) वेयर हाउस का नाम, जारी की गई मात्रा, अनाज की दर, निगरानी करने वाले अधिकारियों का नाम एवं पद तथा गोदामों में अनाज वापसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। खाद्यान्न खराब होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं न ही किसी दुकान से खाद्यान्न वापस प्राप्त हुआ है। वेयर हाउस का नाम एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। (घ) ऐसी दुकानें जिन्हें स्व-सहायता समूह संचालित नहीं कर रहे हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है।
दिव्यांगों को उपकरणों का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
17. ( क्र. 1925 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले अंतर्गत सामाजिक एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग में विगत 5 वर्षों में विकलांगों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि का उपयोग किस-किस कार्य हेतु लिया गया? (ख) जिले में विकलांगों हेतु किस-किस को विगत 5 वर्षों में ट्राईसायकल/इलेक्ट्रॉनिक एवं अन्य उपकरण वितरित किये गये? यदि हाँ तो अभी तक कितने आवेदन पेन्डिंग है? (ग) शेष विकलांगों को विकलांगता के आधार पर कब तक उपकरण प्राप्त हो जायेंगे, समय-सीमा बतायें? जिले में कितने उपकरण शेष है? (घ) जिले अंतर्गत कितने पद स्वीकृत हैं? रिक्त कितने कितने अधिकारी अतिरिक्त प्रभार में है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जिले छतरपुर अंतर्गत विगत 5 वर्षों में वितरित कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण एवं शेष आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे £2346;रिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) भारत सरकार के उपक्रम एल्मिको संस्थान द्वारा परीक्षण शिविर का आयोजन कर 459 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकित किया गया है, चिन्हांकन एवं कृत्रिम अंग/सहायक उपकरणों का वितरण एलिम्को संस्थान की एक सतत प्रक्रिया है। चिन्हांकित दिव्यांगजनों को वितरण शिविर के माध्यम से कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरण किये जाने हेतु कार्यालय सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 481, दिनांक 15.03.2023, क्रमांक 1150, दिनांक 26.06.2023 एवं क्रमांक 1390, दिनांक 20.07.2023 द्वारा एलिम्को संस्थान को अनुरोध किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। शिविरों का आयोजन एलिम्को संस्थान का क्षेत्राधिकार होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
वितरीत वनाधिकार पत्रों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 1935 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में 31 मार्च 2024 तक व्यक्तिगत वनाधिकार के लिए गुना जिले की बमोरी विधानसभा अंतर्गत गुना एवं बमोरी विकासखंड के किन-किन गावों में कितने अनुसूचित जनजाति के परिवारों द्वारा कितनी हेक्टेयर वनभूमि पर ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दावे दाखिल किये गये, दावेदारों की सूची गांववार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने अधिकार पत्र कितनी हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किये गये और वितरित किये गये और कितने दावों को खारिज किया गया है? दावेदारों की स्वीकृत सूची, निरस्त सूची और अपील दावों की सूची ग्रामवार प्रदान करें। (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद गांववार अभी कितने दावें लम्बित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? ब्लॉकवार तथा गांववार दावेदारों की लम्बित सूची प्रदान करें। (घ) वन मित्र पोर्टल पर दावे प्रस्तुत करने के लिए पंचायत स्तर पर क्या व्यवस्था है। (ड.) वन मान्यता अधिनियम के अनुसार गुना जिले के बमोरी विकासखंड एवं गुना विकासखण्ड की कितनी पंचायतों में वनाधिकार समितियों का गठन किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) पंचायत स्तर पर दावा प्रस्तुत करने के लिये पृथक से कोई व्यवस्था नहीं है, अपितु वन मित्र पोर्टल में दावेदारों द्वारा कियोस्क के माध्यम से ऑनलाईन दर्ज की जाने वाली एन्ट्रियों एवं दस्तावेजों को अपलोड किये जाने हेतु जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
हक प्रमाण पत्र वालों के खेतों पर कुंआ खुदवाने की कार्यवाही
[वन]
19. ( क्र. 1953 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासन द्वारा जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि, किस कार्यों के प्रयोजनार्थ किस-किस मद में वर्षवार भेजी गई है और वर्षवार कितनी-कितनी राशि किस पर व्यय की गई है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताए कि उपरोक्त राशि से कौन-कौन से कार्य पूर्ण कराए जा चुके हैं और कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य पूर्ण न होने के क्या-क्या कारण है? निश्िचत समय-सीमा सहित बताए। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि उपरोक्त राशि को किस अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा किस-किस कार्य प्रयोजनार्थ, किस-किस वर्ष में व्यय की गई है? कृपया ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद सहित वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताए कि प्रश्न दिनांक तक जो राशि आयी है. क्या वह गरीबों पर व्यय की गई है? तो कितनी-कितनी और किस-किस कार्यों पर? क्या यह सही है कि जिले में वन अधिकारी हक प्रमाण पत्र जिले में दिए गए हैं तो उनके नाम, पिता/पति का नाम, जाति, वन खसरा नं. एवं रकबा, ग्राम एवं ग्राम पंचायत, वन क्षेत्र सहित वन परिक्षेत्रवार सम्पूर्ण जानकारी दें एवं यह भी बताए कि इन वन अधिकार हक प्रमाण पत्रों वालों की भूमि पर नवीन कुँआ खुदवाने एवं उन कुँओं तक विद्युत भेजने विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। ऐसे कृषकों के खेतों पर विद्युत लाईन भिजवाई जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। ">(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग के प्रायोजनार्थ प्राप्त राशि को गरीबों पर व्यय करने हेतु वर्तमान में कोई भी योजना प्रचलित नहीं है। अत: जानकारी बताया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला व वनमंडल टीकमगढ़ अंतर्गत प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अवधि के दौरान अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत किसी भी हितग्राही को कोई वनाधिकार पत्र प्रदान नहीं किया गया है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लाख खेती के प्रशिक्षण में भ्रष्टाचार की जाँच
[वन]
20. ( क्र. 1958 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में दमुआ, परासिया एवं तामिया परिक्षेत्र में 1 करोड़ की लागत से लाख की खेती का प्रशिक्षण जिला ट्राईवल परियोजना के माध्यम से दिया गया था, जिसमें प्रत्येक हितग्राही पर 10000 रूपये खर्चा जाना था। (ख) क्या लाख प्रशिक्षण की एक किताब का प्रत्येक हितग्राही पर एक हजार रूपये खर्च दर्शाया गया। हितग्राही को प्रशिक्षण में क्या-क्या सामग्री प्रदान की गई है। परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) इन परिक्षेत्रों में विगत वर्ष 2018 से 2024 तक हितग्राहियों पर जो 1 करोड़ रूपये व्यय किया गया था, उस पर आज तक हितग्राहियों को क्या क्या लाभ हुआ एवं कितने लाख का उत्पादन हुआ परिक्षेत्रवार एवं हितग्राहीवार जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (घ) क्या 14 जून 2018, 18 जून 2018 के बीच में यह प्रशिक्षण भोपाल की अशासकीय संस्था द्वारा दिया गया था। लेकिन आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभ मिला। क्या शासन इस एक करोड़ रूपये की लाख गमन कांड की जांच करायेंगे। यदि हाँ तो कब तक।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु प्रशिक्षण पाठ्य सामग्री पर प्रति हितग्राही 1000/- रूपये व्यय किया गया है। प्रशिक्षण हेतु प्रदाय सामग्री का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लाख अराष्ट्रीयकृत वनोपज होने के कारण हितग्राहियों द्वारा खुले बाजार में इसका विक्रय किया जाता है। विभाग द्वारा यह जानकारी संधारित नहीं की गई है। (घ) दिनांक 14 जून, 2018 से 19 जून, 2018 तक यह प्रशिक्षण भोपाल की अशासकीय संस्था दिव्य सागर सोसायटी के द्वारा दिया गया था। विभाग द्वारा प्रशिक्षण देने के बाद हितग्राहियों से यह अपेक्षा थी कि वे स्वयं लाख पालन व्यवसाय के रूप में करें। अतः लाख उत्पादन व हितग्राहियों को हुए लाभ की जानकारी संधारित नहीं की गई है। उक्त प्रशिक्षण सह सामग्री वितरण कार्य में हुई अनियमितता के संबंध में म.प्र. शासन वन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक F/1/1/19/0015/2023-Sec-4-10 भोपाल दिनांक 21.02.2024 के द्वारा तत्कालीन वनमंडलाधिकारी पश्िचम छिन्दवाड़ा (सा.) वनमण्डल के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। कार्यवाही अर्द्ध न्यायिक प्रवृत्ति की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 1972 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल-जीवन मिशन के तहत किन-किन पंचायतों के पाइप-लाइनों को पंचायतों को हैंडओवर कर दिया गया है? किन-किन पंचायतों में प्रश्न दिनांक तक भी किन कारणों से हैंडओवर नहीं किया गया? कब तक हैंडओवर किया जाएगा? (ख) कई पंचायतों में पाइप-लाइनें £2335;ूट-फूट गई हैं, कई पाइप-लाइने जमीन के सतह पर हैं, पानी की टंकियां नहीं भर पा रही, कार्य सिस्टमेटिक ढंग से नहीं हुआ है, पाइप-लाइनों की जांच के परिणाम बतावें। जांच करने वाले अधिकारी के नाम-पदनाम देवें। पाइप-लाइनों की जांच पुनः की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) पानी में फ्लोराइड टेस्ट की क्या व्यवस्था है? कुंए खोदने और पानी टेस्टिंग की क्या व्यवस्था है? (घ) वाटर फिल्टर प्लांट लगाने के क्या प्रावधान है, किन-किन पंचायतों-गांवों में फिल्टर लगे हैं, किन-किन में नहीं लगे हैं? क्यों, कारण बतावें किन-किन पंचायतों में फिल्टर लगाने का कार्य किस दिनांक से हो रहा है, कार्यपूर्ति की अवधि क्या है। किन-किन पंचायतों में फिल्टर हैंडओवर होने के बाद खराब होने की शिकायत मिली है, फिल्टर को कब ठीक किया गया? (ङ) कितने नए कुंए एवं नई पाइप-लाइनें स्वीकृत की हैं? नए निर्माण कार्यों का ब्यौरा देवें। कितने पर कार्य हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनांतर्गत सम्मिलित कार्य अवयवों की पूर्णता उपरांत पूर्ण योजनाओं का हस्तांतरण किया गया है। माननीय सदस्य के विधानसभा क्षेत्र से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ब) योजना के समस्त कार्य अवयवों का क्रियान्वयन निर्धारित मापदण्डों अनुसार एवं गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कर ग्राम पंचायत के संतुष्ट होने के उपरांत हस्तांतरण की कार्यवाही की गई है। है। हस्तांतरण पश्चात संचालन संधारण का दायित्व संबंधित पंचायतों का होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) खण्ड/उपखण्ड स्तर पर स्थापित विभागीय प्रयोगशालाओं एवं फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से जल नमूनों का फ्लोराईड टेस्ट किया जाता है। स्वीकृत योजनाओं में जल स्रोत के रूप में कुएँ प्रावधानित होने पर ग्रामों की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत निर्धारित ठेकेदार के माध्यम से ही कुएँ खनित किये जाते हैं। (घ) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में वॉटर फिल्टर प्लांट लगाने का प्रावधान नहीं है, डिसइन्फेक्शन यूनिट लगाये जाने का प्रावधान है। सतही जल स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं अंतर्गत एक समूह जल प्रदाय योजना में एक फिल्टर प्लांट का निर्माण प्रावधानित हैं, ग्राम पंचायतों, ग्रामों में ग्राम पंचायतवार/ग्रामवार फिल्टर प्लांट नहीं लगाए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) योजनांतर्गत कुएँ एवं पाइप-लाइन स्वीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है।
प्रदूषण बोर्ड द्वारा प्रदान की गई एनओसी
[पर्यावरण]
22. ( क्र. 2018 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत कितने उद्योग संचालित है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर द्वारा एनओसी/अनापत्ति प्रमाण पत्र/स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ऐसे कितने उद्योग है जिनमें अपशिष्ट पदार्थ/द्रव्य की निकासी उद्योग/लिमिटेड से होती है और उन्हें विभाग द्वारा एनओसी किन शर्तों पर प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित उद्योग/लिमिटेड/इण्डस्ट्रीज का अपशिष्ट/द्रव्य पदार्थ समीपस्थ स्थित नाला/नदी में बहाव किया जा रहा है? यदि हाँ तो विभाग ने इस विषय में क्या कोई कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित अपशिष्ट द्रव्य के निकासी के संबंध में क्षेत्रवासियों द्वारा उद्योग या लिमिटेड के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई हैं यदि हाँ तो विभाग द्वारा उद्योग/लिमिटेड/इण्डस्ट्रीज के विरूद्ध कार्यवाही की है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) 256 उद्योग संचालित हैं। जी हाँ। (ख) 54 उद्योगों की उत्पादन प्रक्रिया से दूषित जल (अपशिष्ट द्रव्य) का निस्त्राव होता है। उद्योगों को दूषित जल के उपचार हेतु संयंत्र स्थापित करने एवं परिसर के बाहर शून्य निस्त्राव की शर्त के साथ सहमति जारी की गयी है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उपजाति खेरवा को अनुसूचित जनजातियों में शामिल किया जाना
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 2054 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के खेरवार समाज अनुसूचित जनजाति के अतंर्गत आता है जिस कारण से खेरवा समाज को खेरवार की उपजाति मानते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग की सूची के सरल क्रमांक 58 से विलोपित कर दिया गया जिसकी अधिसूचना पत्र क्रमांक एफ 06-05/2013/54-1 दिनांक 09/08/2018 में जारी हो चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर गुना के पत्र क्रमांक एस.सी/9-20/2020 दिनांक 29/06/2020 एवं पत्र क्रमांक 510/एस.सी./9-20/2020 दिनांक 24/08/2020 के पत्रानुसार खेरवा को खेरवार की उपजाति मानते हुए खेरवा समाज को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं तो इन्हें कब तक शामिल कर लिया जायेगा ताकि इन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जल-जीवन मिशन योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 2079 ) श्री विश्वनाथ सिंह मुलाम भैया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा तेन्दूखेड़ा क्षेत्र 120 के अंतर्गत भारत सरकार की आमजन से संबंधित अति महत्वपूर्ण योजना जल-जीवन मिशन योजना अंतर्गत नल-जल योजना का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? योजना की लागत कितनी है एवं कितने समय में पूर्ण किया जाना है? क्षेत्र में योजना कहाँ-कहाँ पूर्ण हो चुकी है एवं कहाँ-कहाँ पर अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है एवं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) क्या नल-जल योजना कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया गया है? मापदण्डों की जानकारी देवें। यदि नहीं तो क्या इसके लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध सक्षम एंजेसी द्वारा जांच कराकर कार्यवाही करेंगे? (ग) उक्त क्षेत्र की नल-जल योजना किन पंचायतों में चालू की गई है कहां-कहां कार्य पूर्ण हो चुका है जहां कार्य पूर्ण हो चुका है? उन पंचायतों को हैंडओवर नहीं करने का क्या कारण है? (घ) उक्त योजना के तहत पाइप-लाइन डालने हेतु खोदे गये गड्ढों को भरा नहीं गया है, ऐसी कितनी ग्राम पंचायतों में पाइप-लाइन डालने के बाद गड्ढों को भर दिया गया है एवं कितनी पंचायतों में गड्ढे भरने शेष हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नल-जल योजनाओं के कार्य जल-जीवन मिशन की गाइड-लाइन एवं विभाग में प्रचलित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है, पाइप, उपकरणों, पंप आदि के लिये विभाग द्वारा प्रतिष्ठित निर्माता/ब्रांड/मेक को सूचीबद्ध किया गया है, सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिये तृतीय पक्ष संस्थाएं- सीपेट, आई.आर. क्लास, आई.आर.एस., एस.जी.एस. आदि से सामग्री की गुणवत्ता जांच का प्रावधान किया गया है, आर.सी.सी. टंकियों की निर्माण सामग्री तथा कांक्रीट क्यूब का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित परीक्षण प्रयोगशालाओं, तकनीकी महाविद्यालयों आदि के माध्यम से कराने का प्रावधान है, तद्नुसार सूचीबद्ध मेक/ब्रांड की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, सामग्री की गुणवत्ता जांच की जाती है एवं संबंधित संस्था से प्रमाण पत्र लिये जाते है। मैदानी उपयंत्रियों द्वारा कार्य का सुपरविजन एवं संबंधित सहायक यंत्री द्वारा कार्य का सत्यापन किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्रामों में पाइप-लाइन कार्य के लिये तकनीकी व्यवहारिकता अनुसार हॉरिजॉन्टल डायरेक्शन ड्रिलिंग पद्धति एवं सी.सी. रोड कटिंग करके पाइप-लाइन बिछाई गई है, 120 ग्रामों में सी.सी. रोड को काटा गया था जिनमें से 84 ग्रामों में सी.सी. रोड की मरम्मत/सुधार किया गया है एवं 36 ग्रामों में मरम्मत/सुधार का कार्य पूरा किया जाना शेष है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासन के प्रावधानों के तहत समूहों को दिया गया काम
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
25. ( क्र. 2092 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से बांधों में शासन के प्रावधानों के तहत ठेके/समूहों को काम दिया गया, शासन की कितनी राशि राजस्व खजाने में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक जमा कराई गई, गाइड-लाइन सहित विवरण दें? (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में लेखा शीर्षवार राशि का व्यय किया गया विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन अधिकारियों ने निरीक्षण किया, निरीक्षण रिपोर्ट में कोई अनियमितताएं पाई गई, वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ख) के तहत क्रय सामग्री में अनियमितताओं के संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) विभाग अंतर्गत जलाशयों को लीज पर तथा मत्स्य महासंघ के अधीन (कटनी जलाशय) को आउटसोर्स पद्धति पर ई-निविदा के माध्यम से मत्स्य विक्रय अनुबंध ग्रहिता नियुक्त किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2022 से अद्यतन मत्स्य महासंघ द्वारा 12.90 लाख विभाग द्वारा रूपये 11.00 लाख इस प्रकार कुल 23.90 लाख राजस्व जमा किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 93.09 लाख व्यय किया गया मद तथा लेखा शीर्ष, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जिलों में पदस्थ क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा भ्रमण किया जाता है। (घ) अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
निर्माण कार्यों में की गई आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
26. ( क्र. 2093 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में, कितनी-कितनी राशि निर्माण कार्यों तथा सामग्री क्रय में आंवटित की गई जानकारी दें? (ख) क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है उनकी गुणवत्ता की जांच की गई यदि हाँ तो क्या निर्माण संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थी, कारण सहित बतायें? (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कितनी शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों की जांच हेतु कौन-कौन अधिकारी नियुक्त किये जांच अभिमत सहित संपूर्ण विवरण दें? (घ) छात्रावासों में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री व्यय की गई, भौतिक सत्यापनकर्ता के नाम सहित जानकारी दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य तथा सामग्री क्रय हेतु प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) एवं (ब) अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य गुणवत्ता की जांच सहायक यंत्री जनजद पंचायत द्वारा कराई जाती है। निर्माण सम्बन्धी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। (घ) छात्रावासों में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई सामग्री/व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) अनुसार है। आदिवासी छात्रावासों हेतु क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन पालक शिक्षक समिति द्वारा किया जाता है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर कोई कार्यवाही न होना
[जनजातीय कार्य]
27. ( क्र. 2155 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के समक्ष खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में कार्यरत सुषमा कुमरे वर्तमान में सुषमा पथरोल पत्नी अरविंद पथरोल के जाति प्रमाण पत्र की फर्जी होने की शिकायतें कर प्रश्नकर्ता द्वारा पन्द्रहवीं विधानसभा में प्रश्न भी पूछे थे? (ख) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित के नौकरी पाने के समय का जाति प्रमाण पत्र की जांच की? अगर हाँ तो नौकरी प्राप्त करते समय (आवेदन के समय) जो जाति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाया गया था उसकी एक प्रति उपलब्ध करायें? बतायें कि ज्वाईन करने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में जो स्थायी जाति प्रमाण पत्र दिया उसकी भी क्या जनजाति कार्य विभाग ने कब व किस आदेश क्रमांकों से जांच के आदेश जारी कर जांच करवाई? जारी आदेशों की एक प्रति दें? (ग) उक्त अभ्यर्थी के फर्जी जाति प्रमाण होने पर, किन-किन शिकायतकर्ताओं ने विभाग में, कब व क्या शिकायतें, क्या-क्या दस्तावेज लगाकर दिये उन सभी दस्तावेजों एवं शिकायतों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालय आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक राज्य औषधि प्रशासन भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 1.3.2023 द्वारा अवगत कराया गया था कि कार्यालय में 5-6 नवम्बर 2015 की दरम्यान रात्री में आगजनी की घटना होने से स्थापना शाखा के अभिलेख जल गये थे। अभिलेख नष्ट हो जाने से यह बताया जाना संभव नहीं है कि सुषमा कुमरे द्वारा प्रथम नियुक्ति के समय अस्थाई/स्थायी जाति प्रमाण पत्र विभाग में कब जमा किया। उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला सागर से प्राप्त जाति प्रमाण पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>अ' अनुसार है। जांच संबंधित कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट'ब' अनुसार है। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत एवं संलग्न अभिलेखों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ü/span>स' अनुसार है।
विकास एवं निर्माण कार्य हेतु बजट आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
28. ( क्र. 2202 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तथा जिला पन्ना को राज्य एवं केंद्रीय शासन की किन-किन योजना अन्तर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन योजना अन्तर्गत स्वीकृत विकास एवं निर्माण कार्यों की कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई एवं क्यों? किन-किन योजना अन्तर्गत कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है एवं कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया है और क्यों? (ख) म.प्र.शासन द्वारा अनु.जाति बस्ती विकास योजना अन्तर्गत पवई विधान सभा क्षेत्र के लिये किन-किन कार्यों के लिये कब-कब कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई एवं किन-किन कार्यों से संबंधित कब-कब किस मद से कितनी-कितनी राशि जारी की गई एवं कितनी राशि जारी नहीं की गई है और क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) कें संदर्भ में स्वीकृत किन-किन विकास कार्यों हेतु निर्माण एजेन्सी के निर्धारण कब किस स्तर पर किया गया और कौन-कौन से, कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्यों का निर्माण कब और किसके द्वारा कराया गया। जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिला प्रशासन पन्ना ने किन-किन कार्यों से संबंधित भूमि अधिपत्य कब जारी किये है और किन-किन कार्यों की भूमि अधिपत्य जारी नहीं किये गये है एवं क्यों? सूची दें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखेपरिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेहूँ की कम खरीदी किये जाने से उत्पन्न स्थिति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 2209 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में गेहूं की खरीदी करने के लिए कितने उपार्जन केन्द्र खोले गए थे? इन उपार्जन केन्द्रों पर कुल कितने किसानों ने पंजीयन कराया था? प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों ने उपार्जन केन्द्रों पर एमएसपी एवं बोनस के साथ अपना गेहूं कुल कितने मैट्रिक टन बेचा है शेष पंजीकृत किसानों ने गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर क्यों नहीं बेचा? स्पष्ट करें? (ख) राज्य सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए कितने लाख मैट्रिक टन का टारगेट रखा था 31 मई 2024 तक की अवधि में कुल कितने मैट्रिक टन गेहूं राज्य सरकार के द्वारा खरीदा गया? (ग) क्या यह सही है कि इस वर्ष किसानों द्वारा 2700/- रूपये प्रति क्विंटल सरकार द्वारा नहीं खरीदे जाने से किसानों से सीधा व्यापारियों को अधिक दामों पर गेहूं बेचा है अथवा स्टॉक करके रखा है? यदि हाँ तो किसानों को 2700/- रूपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदी न करने के क्या कारण है? स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 3,694 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए थे। गेहूं उपार्जन हेतु किसान पंजीयन के लिए सहकारी समितियों के 3,188 पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं, इसके अतिरिक्त लोक सेवा केन्द्र, कॉमन सर्विस सेन्टर, एमपी ऑनलाईन कियोस्क, एमपी किसान एप एवं सुविधा केन्द्रों के माध्यम से भी किसान पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय हेतु 15,48,800 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य एवं राज्य सरकार द्वारा देय बोनस राशि पर 6,13,949 किसानों द्वारा 48.38 लाख मे.टन गेहूं का विक्रय किया गया है। शेष 9,34,851 पंजीकृत किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय नहीं किया गया है। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत किसानों द्वारा उत्पादित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। गेहूं के समर्थन मूल्य बोनस सहित राशि से बाजार भाव अधिक होने पर किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय न कर स्वयं के लाभ हेतु बाजार में गेहूं का विक्रय करते है। (ख) भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 80 लाख मे.टन गेहूं उपार्जन का अनुमान निर्धारित किया गया था जिसके विरूद्ध 48.38 लाख मे.टन गेहूं उपार्जन हुआ है। (ग) राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य गेहूं विक्रय करने वाले किसानों को रू. 125 प्रति क्विंटल की दर से बोनस भुगतान कर समर्थन मूल्य सहित रू. 2,400 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्य योजनांतर्गत किसानों द्वारा उत्पादित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। गेहूं के समर्थन मूल्य बोनस सहित राशि से बाजार भाव अधिक होने पर किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय न कर स्वयं के लाभ हेतु बाजार में गेहूं का विक्रय करते हैं।
जनजातीय कार्यालय के क्षेत्र संयोजक की जांच
[जनजातीय कार्य]
30. ( क्र. 2215 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्यालय अनूपपुर में क्षेत्र संयोजक श्री संतोष कुमार वाजपेयी कब से पदस्थ है तथा इन्हें जिले के किन-किन पदों का प्रभार कब-कब किसकी अनुशंसा पर किस आधार पर दिया गया था? (ख) क्या श्री संतोष कुमार वाजपेयी को दिनांक 02/11/2018 को 30,000 (तीस हजार रूपये) का रिश्वत लेते हुए विशेष पुलिस लोक आयुक्त रीवा संभाग रीवा के द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया था। जिसका प्रकरण विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त रीवा संभाग रीवा में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण का चालान अभी तक न्यायालय में पेश क्यों नहीं किया गया? क्या प्रकरण का चालान शीघ्र ही पेश कर दी जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या विगत वर्ष 2023-24 में जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रिक्त पद पर प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रभार दिया गया था? यदि हाँ तो कब से कब तक और किसकी अनुशंसा पर? जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) क्या श्री संतोष कुमार वाजपेयी, क्षेत्र संयोजन जिला अनूपपुर में विगत कई वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ रह कर जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों, आश्रम शालाओं के सामग्री खरीदी के कार्यों में अधीक्षकों को दबाव देकर सामग्री सप्लायर से मोटी रकम वसूली का कार्य किया तथा जिले के अनुसूचित जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत समस्त विद्यालयों, छत्रावासों के निर्माण कार्यों एवं बस्ती विकास मद के राशियों के आवंटन में मनमानी करते हुए अपने चहेतों को राशि आवंटित की जिससे जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये अनुशंसा के कार्य योजना में नहीं जुड़ पाये हैं, क्या इन्हें उक्त अनियमितता के परिप्रेक्ष्य में जिले से बाहर हटाते हुए इनके द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच कराई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (घ) अनुसार लोकायुक्त के प्रकरण में लिप्त £2358;्री संतोष कुमार वाजपेयी को जिला अनूपपुर से स्थानांतरण किया जाएगा, तो समय-सीमा बतावे।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) शासन आदेश दिनांक 14.02.2013 से पदस्थ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री संतोष कुमार बाजपेयी के विरूद्ध विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त रीवा में प्रकरण क्र. 231/2018 दर्ज है, जो विवेचनाधीन है। सहायक आयुक्त अनूपपुर के पत्र क्र./2909 दिनांक 03.07.2024 द्वारा अद्यतन स्थिति की जानकारी पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) रीवा संभाग रीवा से चाही गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। किसी भी छात्रावास/आश्रम से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों आश्रम शालाओं में पालक समिति द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिले के जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत छात्रावासों/विद्यालयों में निर्माण कार्य कलेक्टर महोदय के अनुमोदन से ई-टेण्डर व एस.एम.डी.सी. के माध्यम से कराये जा रहे है एवं बस्ती विकास के कार्य माननीय प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति के अनुमोदन उपरांत स्वीकृत किये गये है। शेष निरंक। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हाथियों के द्वारा किये जाने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति
[वन]
31. ( क्र. 2223 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जिला अनूपपुर में लंबे समय से हाथियों के दल छत्तीसगढ़ से आते हैं और आने के बाद यहां के कृषकों के फसलों, घरों को नष्ट कर देते है? उनके द्वारा कितने लोगों का फसल, घर एवं अन्य कई प्रकार के नुकसान किया गया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे?(ख) क्या यह सही है कि हाथियों के द्वारा कृषकों का फसल, घर इत्यादि को नष्ट कर दिया जाता है जिसके बदले वन विभाग के द्वारा आंशिक क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान की जाती है तथा मूल्यांकन वस्तु स्थिति के अनुसार विभाग द्वारा नहीं किया जाता है? यदि हाँ तो कृषकों का क्षतिपूर्ति यथा स्थिति मूल्यांकन करा कर पूरा दिया जाएगा? (ग) क्या यह सही है कि अनूपपुर में हाथियों के द्वारा 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है? फिर भी वन विभाग के द्वारा उनके परिजनों को मुआवजा की राशि प्रदान की गई है? शासन स्तर पर वन विभाग के प्राणियों द्वारा क्षतिपूर्ति किये जाने पर कितनी-कितनी राशि दिये जाने का प्रावधान है? वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितना नुकसान किया गया है तथा कितने का मुआवजा की राशि वन विभाग द्वारा पीड़ितों को भुगतान किया गया है और कितने का शेष है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार शासन द्वारा वन भूमि के प्राणियों के द्वारा किये गये नुकसानों जन-हानि पर नौकरी दिये जाने का नियम बनाए जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि वर्ष 2011 से अनूपपुर में जंगली हाथियों का अनियमित रूप से आवागमन बना रहता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से फसल एवं घर की नुकसानी का मूल्यांकन कर राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के निहित प्रावधानों के तहत अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाती है। प्रावधान अनुसार ही राशि भुगतान की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, अनूपपुर वन मंडल अंतर्गत वर्ष 2011 से अब तक 12 लोगों की मृत्यु हाथियों द्वारा की गई है, जिन्हें प्रावधानित नियमों के अनुसार अभी तक कुल रूपये 54.50 लाख का भुगतान उनके आश्रित को किया गया है। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि/जन घायल एवं पशुहानि पर दिये जाने वाले मुआवजा राशि के प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। प्राप्त समस्त प्रकरणों का भुगतान किया जा चुका है, भुगतान हेतु कोई भी प्रकरण शेष नहीं है। क्षतिपूर्ति के संबंध में शासन के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (घ) जी नहीं, वर्तमान में जनहानि पर नौकरी दिये जाने के नियम नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं में लंबित आवेदन पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
32. ( क्र. 2326 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बेरोजगार युवकों एवं किसानों को दुधारू जानवरों के प्रदाय कर रोजगार देने बाबत् योजना तैयार की गई है यदि हाँ तो रीवा जिले में कितने हितग्राही को डेयरी संचालन बाबत् लाभान्वित किया गया का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में रीवा जिले में भैंस पालन, बकरी पालन एवं गाय पालन बाबत् कितने आवेदन प्राप्त हुये, इनमें से कितने आवेदनों का निराकरण कर लाभान्वित किया जा चुका है एवं कितने आवेदन लंबित है तो क्यों, इनमें अनुदान एवं स्वीकृति बाबत् क्या विधि प्रक्रिया है, शासन के निर्देशों की प्रति देते हुये बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में श्री बुद्धसेन पाल निवासी ग्राम गेरूई तहसील गुढ़ जिला रीवा का आवेदन बकरी पालन बाबत विगत 8-9 माह से लंबित है जबकि हितग्राही द्वारा बकरी पालन हेतु प्रशिक्षण भी प्राप्त किया जा चुका है, इनके आवेदन के निराकरण बाबत् क्या निर्देश देंगे, इनके द्वारा बकरी सेट निर्माण हेतु भूमि का स्टाम्प पेपर में दान पत्र पिता के द्वारा लेकर प्रस्तुत किया गया है फिर भी आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित योजनाओं के संचालन एवं हितग्राही को लाभान्वित किये जाने में बैंकों द्वारा सहयोग प्रदान नहीं किये जाने, हितग्राहियों को बार-बार परेशान करने की शिकायतें प्राप्त हो रही है इस बाबत् शासन एवं प्रशासन स्तर पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही जिला एवं प्रदेश स्तर पर की गई की जानकारी देवें एवं प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित तथ्यों के निराकरण बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले के लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) श्री बुद्धसेन पाल निवासी ग्राम गेरूई तहसील गुड़ जिला रीवा का आवेदन राज्य कार्यकारी एजेंसी द्वारा आवेदक को वापस किया गया है। वापस करने का कारण 1. हितग्राही द्वारा 200+10 की बकरी इकाई हेतु 10.00 लाख रूपये अनुदान राशि की मांग की गई थी जबकि पात्रता अधिकतम 20 लाख की है। 2. हितग्राही द्वारा पोर्टल पर कैंसिल चैक स्थान पर बैंक पासबुक का प्रथम पृष्ठ अपलोड किया गया है। 3. हितग्राही द्वारा विगत 6 माह का बैंक स्टेटमेंट अपलोड नहीं किया गया है जो ऑनलाईन आवेदन के दौरान दर्शाई लिस्ट ऑफ डॉक्यूमेंट्स के बिन्दु क्रमांक-13 अनुसार मान्य नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। 4. हितग्राही द्वारा परियोजना स्थल का फोटो जी.आई.एस लोकेशन के साथ अपलोड नहीं किया गया है, जो राष्ट्रीय पशुधन मिशन की मार्गदर्शिका के बिन्दु क्रमांक-5.4 अनुसार मान्य नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। 5. हितग्राही द्वारा स्वयं के नाम की जमीन के दस्तावेज अथवा लीज डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं किए गए हैं जो कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन की मार्गदर्शिका के बिन्दु क्रमांक 5.3 अनुसार मान्य नहीं है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। हितग्राही द्वारा पिता की भूमि का नोटराइज्ड शपथ पत्र अपलोड किया गया है जो मान्य नहीं है। उक्त त्रुटि/कमियों के कारण हितग्राही को उनका आवेदन ऑनलाईन वापस किया गया था जिसकी पूर्ति उनके द्वारा आज दिनांक तक नहीं किये जाने के कारण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''फ'' अनुसार है। (घ) रीवा जिले में संचालित योजनाओं में बैंकों द्वारा सहयोग नहीं दिये जाने के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हैं। हितग्राही द्वारा कमियों की पूर्ति करने पर एवं योजना के निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करने पर पात्रतानुसार कार्यवाही की जाती है।
जिम्मेदारों के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 2327 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले में मुख्य सचिव खाद्य विभाग के निर्देश पर रीवा जिले में धान के आवंटन और परिवहन के नाम पर किये गये गोलमाल को लेकर गठित जांच समिति द्वारा माह अप्रैल 2024 में संबंधितों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? क्या तत्कालीन जिला प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी तथा मिलिंग प्रभारी प्रयांश पाठक तथा मातृछाया इन्टरप्राइजेज की संलिप्तता एवं इनके ऊपर फर्जी एफ.डी.आर. बनाने के प्रकरण दर्ज हैं? क्या इन्हें इसका दोषी मानकर इनके ऊपर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं राशि वसूली हेतु क्या निर्देश दिये गये है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में परिवहन आदेश पर रेल हेड के निकटतम गोदाम चोरहटा, पी.टी.एस. जेपी गोदाम में बनाये गये थे लेकिन परिवहन जिला मुख्यालय से 60 से 80 कि.मी. दूर मनगवां, गंगेव, भेड़रहा, सिरमौर को गोदामों से परिवहन कराया जाता रहा, आदेश परिवहन बाबत् ऑफलाईन जारी किये गये जबकि ऑनलाईन जारी किये जाने के निर्देश थे इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिन मिलर्स को धान प्रदाय की जाती है उनकी एफ.डी.आर. व बैंक गारंटी का भी सत्यापन जांच दल द्वारा किया गया किन्तु एफ.डी.आर. कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे तो इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, इनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने के साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही के क्या निर्देश दिये गये, अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के परिवहन, मिलिंग एवं चावल प्रदाय के संबंध में प्राप्त विभिन्न शिकायतों की जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार पाई गई अनियमितताओं के आधार पर श्री देवेन्द्र तिवारी, तत्कालीन जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, रीवा को आरोप-पत्र जारी किया गया है एवं £2358;्री प्रयांश पाठक, कनिष्ठ सहायक (मिलिंग प्रभारी) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जिला कार्यालय, रीवा एवं श्री टी.पी. डेहरिया, प्रबंधक (वित्त), मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जिला कार्यालय, रीवा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रीवा जिले में फर्जी एफडीआर जमा करने वाले मिलर्स के विरूद्ध विधि अनुसार कठोर कार्यवाही की अनुशंसा के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, रीवा को निर्देशित किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
अपात्र व्यक्ति को नियम विरूद्ध संविदा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 2384 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निलम्बित व्यक्ति के निलम्बन काल की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) उत्कृष्ट श्रेणी की लिखी जा सकती है? यदि नहीं तो जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत टीएडीपी से माह मई 2014 में रिटायर हुए हाईस्कूल प्राचार्य (प्रभारी सहायक आयुक्त) की निलंबन अवधि दिनांक 10/03/2014 से दिनांक 18/04/2016 के बीच में वर्ष 2015-16 की गोपनीय चरित्रावली ''क'' श्रेणी की किस नियम के तहत किस अधिकारी ने लिखी? इस अवैध सीआर को लिखने वाले और सरकारी रिकॉर्ड में धारित करने वालों के नाम और पद बतावें और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाईस्कूल प्राचार्य की पिछले 10 वर्ष में इस सरकारी कर्मचारी की 04 वेतन वृद्धियां रोकी गई हैं? क्या इस रिटायर प्राचार्य को संविदा नियुक्ति देने की तैयारी/कार्यवाही जनजातीय कार्य विभाग कर रहा है? इस मामले में जनजातीय विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त और संचालक टीएडीपी को गलत जानकारी किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों ने दी? नाम एवं पद बतावें। (ग) क्या उक्त व्यक्ति को संविदा नियुक्ति दी जाना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकाशित राजपत्र दिनांक 28 सितम्बर 2017 के बिन्दु 9 (4) के विपरीत है? यदि हाँ तो संविदा नियुक्ति देने संबंधी कार्यवाही पर रोक कब तक लगा दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 09/03/1999 में निहित निर्देशों के तहत निलम्बित शासकीय सेवक की गोपनीय चरित्रावली लिखी जाती है। टी.ए.डी.पी. से मई 2014 नहीं अपितु मई 2024 में सेवानिवृत्त हाईस्कूल प्राचार्य (प्रभारी सहायक आयुक्त) के निलम्बन काल की गोपनीय चरित्रावली में ''क'' श्रेणी लिखने वाले प्रथम मतांकनकर्ता तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, जिला-इंदौर (वर्तमान में सेवानिवृत) एवं द्वितीय मतांकनकर्ता संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास, इंदौर संभाग, इंदौर है। गोपनीय चरित्रावली वर्ष 2015-16 की कार्यालय में अक्टूबर 2020 में प्राप्त हुई, तत्समय शाखा में उग्रसेन नापित, सहायक ग्रेड-3 (वर्तमान में सेवानिवृत्त) एवं श्रीमती मंजुला शर्मा, सहायक संचालक पदस्थ थी। प्रकरण का परीक्षण कर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी हाँ। प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। शेष के संबंध में प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) उतरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजातीय विभाग में अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार
[जनजातीय कार्य]
35. ( क्र. 2397 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय विभाग द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति एवं खाद्यान्न सामग्री के करोड़ों रूपये की राशि गबन किया गया क्या विभाग द्वारा इसकी जांच की गई? नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई कार्यवाही नहीं की गई तों क्यों स्पष्ट विवरण देवें? (ग) अनुसूचित विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर में निर्माण कार्यों में भारी अनिमित्ताएं एवं भ्रष्टाचार की जांच विभाग द्वारा कराई गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) केवलानी विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति एवं खाद्यान्न सामग्री में किसी प्रकार का गबन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सिवनी जिले में जनजातीय कार्य विभाग में ग्रामीण स्तर में निर्माण कार्यों के संबंध में किसी भी प्रकार की जांच विभाग द्वारा नहीं कराई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरीदी केन्द्रों पर व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 2399 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीदी केन्द्रों में टीन शेड की व्यवस्था क्यों नहीं है,विभाग को खरीदी केन्द्रों में बारिश से अनाज बरबाद होने के कारण लाखों रूपये का नुकसान होता है क्यों न खरीदी केन्द्र में टीन शेड की व्यवस्था की जाए। क्या विभाग में यह मामला विचाराधीन है नहीं तो क्यों नहीं? (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खरीदी केन्द्रों में किसानों से एक बोरी में 1.250 कि.ग्रा. अनाज लेने के बाद भी 25-30 रूपये नगद प्रति क्विंटल लिया गया क्या यह राशि विभाग द्वारा ली जाती है? यदि हाँ तो क्यों ली जाती है नहीं तो क्यों ली गई क्या इसकी जॉच की गई, क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी स्पष्ट विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लगभग 35-40 गांवों का एक खरीदी केन्द्र होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्यों न एक खरीदी केन्द्र के स्थान पर एक अन्य खरीदी केन्द्र बढ़ा दिया जाए? क्या यह मामला विभाग में विचाराधीन है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन का कार्य सहकारी समितियों एवं महिला स्व/span>सहायता समूहों के माध्यम से किया जाता है। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु प्राथमिकता के आधार पर गोदाम स्तरीय केन्द्र बनाए जाने का प्रावधान है। गैर गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों पर स्कन्ध के अस्थाई भंडारण हेतु समुचित व्यवस्था यथा-शेड, पक्का फर्श, तिरपाल, कवर की व्यवस्था उपार्जन करने वाली समिति/संस्था द्वारा करने का प्रावधान उपार्जन नीति में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन में किसानों से निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में उपज की तौल करने एवं राशि लेने का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। उपार्जन नीति प्रावधान अनुसार उपज की मानक तौल करने का प्रावधान है। किसानों से कोई राशि लेने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 24161 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया था। गेहूं उपार्जन हेतु 34 केन्द्र निर्धारित किए गए, जिन पर 10191 किसानों द्वारा 114857 मे.टन गेहूं विक्रय किया गया है। जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण किया जाता है। वर्तमान में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन का कार्य समाप्त हो चुका है। आगामी उपार्जन मौसम में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु पंजीकृत किसान संख्यानुसार उपार्जन केन्द्र निर्धारित होंगे।
घोटाला करने वालों पर FIR
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 2483 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के राजस्व आयुक्त ने दिनांक 3-11-2020 को कलेक्टर सतना को पत्र लिखकर प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी पद का दुरूपयोग करने एवं मैहर नगर पालिका क्षेत्र में 6 दुकानों के नियम विरूद्ध आवंटन पर जो जांच के आदेश दिये थे, उन पर प्रश्नतिथि तक किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों को क्या कार्यवाही की गई? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें? सतना में 93 लाख रूपयों के गेहूँ घोटाले में प्रश्नतिथि तक नागेन्द्र सिंह पर FIR क्यों नहीं करवाई गई है? किसानों को लूटने वाले नागेन्द्र सिंह के निज सहायक संजय तिवारी पर भी FIR क्यों नहीं करवाई है जबकि ये प्रथम दृष्टया दोषी है? (ख) क्या खरीदी केन्द्र आवंटन की प्रक्रिया में नागेन्द्र सिंह ने संजय तिवारी को आगे करके कूट रचना कर उक्त घोटाला नहीं किया? अगर नहीं तो समग्र आई.डी. 120000208 से फर्जी पंजीयन सेवा सह. समिति नयागांव खुटहा का हुआ? संजय कुमार पिता धर्मराज ब्राह्मण निवासी कारीगोही की अराजी क्रमांक 198/1/2 रकबा 2.9730 हेक्टेयर को स्वयं की जमीन बताकर संजय तिवारी ने अपने नाम पंजीयन कराया? राज्य शासन इस तरह के गंभीर प्रकरणों में लीपापोती करने वाले SDM, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों, पटवारियों को कब तक निलंबित कर उन्हें घोटाले में 120 बी का अरोपी क्यों नहीं बना रही है? (ग) कलेक्टर सतना/राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक नागेन्द्र सिंह, अमित गौड बिचौलिये संजय तिवारी, फर्जी गिरदावरी के आरोपी पटवारियों सहित राजस्व विभाग के वे अधिकारी जो इस कूटरचित दस्तावेजी घोटाले में आरोपियों को बचाने में लगे है के विरूद्ध धारा 420, 419, 467, 468, 471, 120बी सहित अन्य धाराओं में अपराध कब तक कायम करवाया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) /span>से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 2494 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितने शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? उनके आवंटन का क्या नियम है? प्रत्येक दुकान के विक्रेता का नाम सहित समिति एवं समिति प्रबंधक का नाम बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित दुकानों के आवंटन में अनियमितता कर एक ही समिति को अनेकों दुकानें आवंटित की गई है? जो नियम विरूद्ध है, क्योंकि कुछ समितियों को एक भी दुकान आवंटन नहीं है ऐसा क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित दुकानों को अवैध तरीके से आवंटन जिला प्रशासन द्वारा किया गया है? इसकी जांच कर कब तक दोषियों पर कार्यवाही होगी? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) में वर्णित अनियमितताओं की गहन जांच करवायी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) प्रश्नांकित जिले में कुल 375 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। उचित मूल्य दुकानों का आवंटन मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिला टीकमगढ़ में आवंटन के प्रावधान एवं राज्य शासन के पत्र क्रमांक 7-19/2014/29-1 दिनांक 25.09.2017 में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार नियमानुसार दुकानों का आवंटन किया गया है। दुकानविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन दुकान स्थापित किये जाने हेतु ऑनलाईन आवेदन मंगाये गये एवं आवेदनों की पात्रता/अपात्रता का परीक्षण कर उचित मूल्य दुकानों का आवंटन किया गया है। जिन शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं द्वारा राशन वितरण में अनियमितता की गई है, उन्हें निलंबित करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में संलग्नीकरण किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य जांच की आवश्यकता नहीं है।
नल-जल योजना पूर्ण की जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 2514 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत ग्राम सावंगी, आलेझरी, रामपायली, लड़सड़ा, रमरमा एवं बुदबुदा में नल-जल योजनाओं के प्रारम्भ न होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो उक्त नल-जल योजनाएं किस कारण प्रारंभ नहीं हो पाई है? कारण बतावें। (ख) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में नल जल योजनाओं का कार्य प्रारम्भ है? कार्य की प्रगति से अवगत करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में नल जल योजनाएं स्वीकृत हैं पर टेण्डर की प्रक्रिया नहीं हो पाई है? टेण्डर की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत ग्राम सावंगी, आलेझरी, रामपायली, लड़सड़ा, रमरमा एवं बुदबुदा में से ग्राम आलोरी, रामपायली, लड़सड़ा, रमरेमा एवं बुदबुदा की नल-जल योजनाओं से ग्रामीणों को जल प्रदाय किय जा रहा है। ग्राम सावंगी की नल-जल योजना का विद्यमान स्रोत अनुपयोगी हो जाने के कारण वर्तमान में नल-जल योजना से जल प्रदाय उपलब्ध नहीं है, सफल स्रोत निर्माण के लिए कार्यवाही की जा रही है। उक्त ग्राम में स्थापित हैंडपंपों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध हो रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत स्वीकृत सभी नल-जल योजनाओं के टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनाधिकार कानून के अंतर्गत दावों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 2564 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में 31 मार्च 2024 तक व्यक्तिगत वनाधिकार के लिए झाबुआ जिले के बुआ, राणापुर, रामा ब्लॉक के किन-किन गावों में कितने अनुसूचित जनजाति के परिवारों द्वारा कितनी हेक्टेयर वनभूमि पर ऑफलाइन और ऑनलाइन दावे दाखिल किये गये दावेदारों की सूची ग्रामवार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने अधिकार पत्र कितनी हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किये गये और वितरित किये गये और कितने दावों का खारिज किया गया है दावेदारों की स्वीकृत सूची निरस्त सूची और अपील दावों की सूची गावंवार प्रदान करें। (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद गांववार अभी कितने दावें लम्बित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी ब्लॉकवार तथा गांववार दावेदारों की लम्बित सूची प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) झाबुआ जिले के झाबुआ, राणापुर, रामा विकासखण्ड में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तिगत प्राप्त दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तिगत स्वीकृत, वितरित, निरस्त तथा अपील दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
औद्योगिक शहर नागदा में कारखानों द्वारा प्रदूषण
[पर्यावरण]
41. ( क्र. 2623 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक शहर नहर नागदा में रासायनिक और औद्योगिक कारखानों द्वारा प्रतिवर्ष कितना अपशिष्ट उत्पन्न किया जाता है और जहरीले अपशिष्ट की मात्रा कितनी है? उद्योगवार विवरण दें। क्या उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट को जल निकायों में आज भी बहाया जा रहा है? यदि हाँ तो ऐसे उद्योगों के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है? जानकारी दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्राप्त करने की शर्त पर उपचार के बाद औद्योगिक अपशिष्ट छोड़ने की अनुमति दी है? यदि हाँ तो किन-किन उद्योगों को यह अनुमति दी गई है तथा किस समय-सीमा तक की दी गई है? क्या समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी अपशिष्ट निरंतर बहाया जा रहा है? (ग) क्या नागदा एवं आसपास के क्षेत्रों में बरसात के समय में पीली बारिश होती है तथा ठंड के समय पीली ओस की बूंदें जम जाती है तथा पानी में मर्करी और सल्फर की अत्यधिक मात्रा भी उपलब्ध होती है? जानकारी दें। (घ) पीली बारिश एवं पीली ओस की बूंदें जमने तथा क्षेत्र के जल स्त्रोतों में मर्करी और सल्फर की मात्रा की जांच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2020 से 10 जून 2024 तक कब-कब की गई? जांच प्रतिवेदन सहित विवरण दें। (ड.) जल अधिनियम की धारा 18 (1) डिस्चार्ज मानदंडों का पालन ग्रेसिम उद्योग द्वारा नहीं किए जाने पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाने की कार्रवाई की गई है? विवरण दें। (च) नागदा स्थित उद्योगों में कितनी मात्रा में सल्फर एवं मर्करी का उत्पादन किया जाता है? उद्योगवार विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी नहीं। ऐसी किसी स्थिति की जानकारी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) नागदा स्थित उद्योगों में मर्करी एवं सल्फर का उत्पादन नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फैक्ट्री द्वारा फैलाएं जा रहे प्रदूषण पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
42. ( क्र. 2646 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना स्थित बम्होर अंबा शक्ति सरिया फैक्ट्री द्वारा फैलाएं जा रहे प्रदूषण पर कब-कब विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच की गई? जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि जांच नहीं की गई तो कब तक जांच कराई जाएगी एवं उक्त प्रदूषण से हो रहे नुकसान की भरपाई क्षेत्र वासियों को किस प्रकार कराई जाएगी? (ख) क्या जिला मुरैना के जेरुआ फैक्ट्री द्वारा फैलाएं जा रहे प्रदूषण से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? (ग) क्या विभाग उक्त दोनों फैक्ट्री की उच्च स्तरीय जांच कराकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं एवं बताएं कि इन्हें फैक्ट्री संचालक के समय पर्यावरणीय अनुमति किस आधार पर दी गई थी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र बामौर, जिला मुरैना स्थित मेसर्स अम्बा शक्ति उद्योग लिमिटेड की जाँच मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दिनांक 30.05.2023, 15.07.2023, 11.12.2023 एवं 12.04.2024 को की गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट /span>अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जेरूआ फैक्ट्री के नाम से कोई उद्योग मुरैना जिले में नहीं है वरन औद्योगिक क्षेत्र जडेरूआ है। किसानों की फसलों को भारी नुकसान होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उद्योगों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आवश्यक संयंत्रों/व्यवस्थाओं की स्थापना कर लिये जाने पर ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालन हेतु सम्मति जारी की जाती है।
छात्रावास के अधीक्षक को हटाया जाना
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 2705 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 2 वर्षों में कितने छात्रावास अधीक्षक को हटाया गया और उनको हटाने का क्या कारण रहा? (ख) उत्कृष्ट बालक छात्रावास मनावर में पिछले 10 साल से छात्रावास अधीक्षक को किन कारणों से दूसरे छात्रावास में नहीं भेजा गया? कब तक अन्यत्र भेजा जाएगा, समय-सीमा सहित बताएं। (ग) पिछले 5 वर्षों में कितना मेंटेनेंस की राशि आई और कितनी खर्च की गई? वर्षवार प्रति सहित बताएं। (घ) विधानसभा मनावर में कितनी स्कूलों का प्रभार विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पास है? उनमें से किन-किन स्कूलों के लिए विगत 05 वर्ष में कितनी-कितनी राशि आई और कहां-कहां खर्च किया गया? प्रति सहित वर्षवार बताएं। (ङ) विधानसभा मनावर के जनपद शिक्षा केंद्र में तुकाराम पाटीदार एवं जगदीश मुकाती लगातार 15 वर्ष से बीएससी पद पर बने हुए हैं, यह कौन-से नियम के अनुसार बनाए गए हैं? (च) मनावर सी.एम. राइज स्कूल चालू हुए दो सत्र होने के बावजूद प्रश्न-दिनांक तक भी बसों की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? बच्चे तीन-चार किमी से पैदल आने को मजबूर हैं। (छ) सी.एम. राइज स्कूल में अध्यापन कार्य करवाने वाले शिक्षक अंग्रेजी माध्यम के और सी.एम. राइज परीक्षा उतीर्ण होना चाहिए, तो वहां के प्राचार्य का चार्ज बिना परीक्षा दिए व्याख्याता सालिग्राम केवट को क्यों दिया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2022-23 में 02 अधीक्षकों के स्थानांतरण किये गए। पहले अधीक्षक 10 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत होने एवं दूसरे अधीक्षक को प्राप्त शिकायत अनुसार हटाया गया है। वर्ष 2023-24 में 02 अधीक्षकों के स्थानांतरण किये गये। पहले अधीक्षक स्वैच्छिक स्थानांतरण लेने एवं दूसरे अधीक्षक द्वारा स्वैच्छा से अधीक्षक पद छोड़ने के कारण हटाया गया। (ख) कलेक्टर, आदिवासी विकास धार के आदेश क्रमांक 11705 दिनांक 07.10.2019 के द्वारा बालक उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्र मनावर में पदस्थ अधीक्षक को वि.ख. शिक्षा अधिकारी मनावर के विकल्प पर रिक्त पद वाली संस्था में पदांकन हेतु मुक्त किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर डब्लू.पी.क्र. 23468/2019 द्वारा स्थगन प्राप्त किया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) मनावर विधानसभा में 05 स्कूलों का प्रभार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पास है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। ड.) कार्यालय कलेक्टर जिला शिक्षा केन्द्र धार के आदेश क्रमांक 1045 दिनांक 24.06.2021 के द्वारा श्री तुकाराम पाटीदार को रिक्त बीएससी के पद के विरूद्ध अस्थाई बीएससी के रूप में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया। श्री जगदीश मुकाती बीएससी के पद पर कार्यरत न होकर कार्यालय कलेक्टर जिला शिक्षा केन्द्र धार के आदेश क्रमांक 3627 दिनांक 14.11.2022 के द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम हेतु विकासखण्ड सह-समन्वयक के रूप में आदेशित किया गया तथा इस पद पर वर्तमान में कार्यरत है। (च) सी.एम.राईज विद्यालयों में परिवहन व्यवस्था की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (छ) सी.एम.राईज योजना में ऐसा कोई नियम नहीं है। वर्ष 2022-23 में शिक्षा गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुए विभागीय शिक्षकों/प्राचार्यों का चयन कर कार्यवाही की गई थी।
सामुदायिक वन अधिकार पत्र सौंपा जाना
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 2711 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि 10 जून 2008 को बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 को भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड में शामिल जमीनों से संबंधित सामुदायिक वन अधिकारों बाबत् जारी आदेशों का बैतूल जिले में प्रश्न दिनांक तक भी पालन नहीं हो पाया है? (ख) 10 जून 2008 को बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर किन-किन अभिलेखों में दर्ज किन अधिकारों तथा 16 अप्रैल 2015 के आदेश में किन जमीनों पर किन अभिलेखों में दर्ज किन अधिकारों को लेकर क्या-क्या आदेश-निर्देश दिए गए? उनके अनुसार कितने राजस्व ग्रामों की बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की कितनी जमीनों में से कितनी जमीनों पर सामुदायिक वन अधिकार सौंप दिये गये हैं? (ग) 16 अप्रैल 2015 के आदेशानुसार बैतूल जिले के 482 वनखण्डों में से किस वनखण्ड में शामिल कितनी भूमियों पर सामुदायिक वन अधिकार पत्र सौंपे जा चुके हैं, कितने वनखण्डों की कितनी भूमि बाबत् कार्यवाही लंबित है? (घ) दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के आदेशानुसार कब तक सामुदायिक वन अधिकार पत्र सौंप दिए जावेंगे? समय-सीमा सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। बैतूल जिले में निर्देशों का पालन किया गया है। (ख) 10 जून 2008 में जारी किये गये आदेश/निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। राजस्व ग्रामों के छोटे-बडे़ झाड़ के जंगल मद में मान्य किये गये सामुदायिक वन अधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं स अनुसार सामुदायिक वन अधिकार पत्र सौंपे गये है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौ-वंश एवं आवारा पशुओं का संरक्षण
[पशुपालन एवं डेयरी]
45. ( क्र. 2725 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी में विभाग द्वारा गौ-वंश संरक्षण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं कहां-कहां संचालित हैं? विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आवारा पशुओं से किसानों की कृषि के नुकसान अथवा आवारा पशुओं के डर से कृषि न बोये जाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में शासन द्वारा क्या कदम उठाये जायेंगे? (ग) क्या निर्वाचन क्षेत्र सीधी के अंतर्गत आवारा पशुओं के डर से इस वर्ष किसानों द्वारा रबी एवं खरीफ की बुआई अत्यंत कम किए जाने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत प्रभावित हुई है? क्या शासन ऐसे किसानों के लिए कोई विशेष योजना प्रारंभ करेगी?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जिला सीधी में निराश्रित गौ-वंश के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री गौसेवा योजना संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला सीधी में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 19 ग्राम पंचायतों में 100 गौवंश क्षमता की नवीन गौशालाएं स्थापित कर संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जिला सीधी में अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी 03 गौशालाएं संचालित हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 को गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें गौवंश को खुला ना छोड़ने की समझाईश भी दी जा रही है। साथ ही शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष उपस्थित नहीं होते है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत तालाब निर्माण
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
46. ( क्र. 2729 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री मत्स्य योजनांतर्गत तालाब निर्माण हेतु कटनी जिले को आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक विगत पाँच वर्षों में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? जानकारी वर्षवार देवें? प्राप्त आवंटन से कटनी जिले के किस विकासखण्ड में किस ग्राम में किन-किन मत्स्य उत्पादक का चयन किया गया? कितने तालाब पूर्ण हुये? कितने निर्माणाधीन है? जानकारी देवें एवं यह भी बताएं कि संबंधित हितग्राहियों को £2325;ितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो पूर्ण तालाब में मत्स्य उत्पादक द्वारा तालाब पूर्ण होने के पश्चात कितना मत्स्य उत्पादन कर विक्रय किया गया? क्या अपूर्ण तालाब का भी भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? जानकारी दें। दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) किसी भी अपूर्ण तालाब का भुगतान नहीं किया गया।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 2734 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित वर्तमान योजनाओं की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल संभाग अंतर्गत जिला उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि किस/span>किस मद से दी गयी है? मदवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या अन्य विभागों को राशि दी गई? यदि हाँ तो किन-किन विभागों को £2325;ितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु दी गयी? मदवार जानकारी देवें? विभागों को प्रदान राशि का उपयोग किया जा चुका या नहीं? यदि नहीं किया गया हो तो कारण सहित जानकारी देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
पर्यावरण संतुलन हेतु किये जा रहे उपाय
[पर्यावरण]
48. ( क्र. 2736 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) मध्य प्रदेश में पर्यावरण संतुलन के लिए किये जा रहे उपाय/रोकथाम के लिए क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश की छायाप्रति देवें। (ख) क्या मध्यप्रदेश में पॉलिथीन बैग एवं अन्य प्रकार के उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ तो इस दिशा में शासन द्वारा क्या प्रयास किया जा रहा है? (ग) क्या घरेलू सामान के लिए पॉलिथीन का उपयोग किया जा रहा है तथा उपयोग उपरांत बाहर फेंक दिया जाता है जिसे गाय/जानवर खाकर बीमार हो रहे हैं तथा मृत्यु के काल में समा रहे हैं एवं पर्यावरण को भी दूषित कर रहे हैं? (घ) क्या पर्यावरण संतुलन व रोकथाम करने में मध्य प्रदेश सरकार असफल है? यदि नहीं तोJनदी-नालों, खेत-खलिहानों में फैले पॉलिथीन देखने को मिल रहे है? सरकार का भय न होने के कारण नियमों का उल्लंघन करने से लोग नहीं डरते हैं। क्या कार्यवाही की जाएगी? विस्तृत जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) पशुओं को बीमारी एवं मृत्यु से बचाने हेतु घरों से निकलने वाले कचरे में कुछ मात्रा में सम्मिलित पॉलीथीन को घर-घर कचरा संग्रहण के माध्यम से प्रसंस्करण केन्द्रों में पहुँचाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नागरिकों द्वारा न किया जाये इस हेतु नगरीय निकायों द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है। (घ) जी नहीं। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन करने वाले 29 उद्योगों को बंद कराया जा चुका है।
ग्राम सूखा में मंगल भवन निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
49. ( क्र. 2808 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में आदिवासी विकास विभाग द्वारा ग्राम सूखा में मंगल भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे? (ख) क्या उक्त भवन का केवल स्ट्रक्चर निर्मित कर शेष कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है? (ग) यदि हाँ तो फर्श, दीवारों का प्लास्टर, दरवाजे, खिड़की, बिजली फिटिंग आदि कार्य क्यों नहीं किये गये हैं? (घ) क्या शासन द्वारा खर्च की गई 50 लाख रूपये की राशि व्यर्थ जायेगी या भवन पूर्णत: निर्मित किया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला विपणन में भ्रष्टाचार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र.
2834 ) श्री
अजय विश्नोई
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सच है कि प्रश्नकर्ता
विधायक ने
माननीय मुख्यमंत्री
जी को दिनांक 09 जून
को पत्र लिख
कर, जिला
विपणन
अधिकारी श्री
अर्पित
तिवारी द्वारा
धान एवं गेहूं
खरीदी और धान
मिलिंग में की
जा रही अवैधानिक
कार्यवाही
की जानकारी दी
है? (ख) यदि
हाँ तो शासन
ने उक्त
शिकायत पर प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
है और भविष्य
में इस भ्रष्टाचार
को रोकने हेतु
क्या
कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या
विभाग यह सुनिश्िचत
करेगा कि वेयर
हाउस के
मालिकों का
भुगतान नियम
से, क्रम
से, पूरी
पारदर्शिता के
साथ करने के
लिये उपयुक्त
डिजिटल व्यवस्था
करेगा? यदि हाँ तो
कब तक?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :(क) जी
हाँ, मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
लिमिटेड
भोपाल के पत्र
के माध्यम से
म.प्र. राज्य
सहकारी विपणन
संघ मुख्यालय
भोपाल को
शिकायत
प्राप्त हुई
है। (ख) मध्यप्रदेश
शासन खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
विभाग
मंत्रालय
भोपाल के आदेश
क्रमांक/1612/2132239/2024/29-1
भोपाल दिनांक 1
जुलाई, 2024 से
शिकायत की
जांच हेतु
अधिकारियों
का दल गठित किया
गया है। (ग) म.प्र.
वेयर हाउसिंग
एवं
लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन
द्वारा पूर्व
से सिविल सप्लाईज
कार्पोरेशन
से पोर्टल पर
ऑनलाईन स्टोरेज
चार्जेज
प्राप्त
होने के पश्चात
गोदाम
संचालकों को
ऑनलाईन
भुगतान किया जा
रहा है। म.प्र.
वेयर हाउसिंग
एवं
लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन WHMS पोर्टल
पर अन्य संस्थागत
जमाकर्ताओं
की भांति
मार्कफेड के
ऑनलाईन बिल
जनरेट किये
जाने की
सुविधा पहले
से ही उपलब्ध
है, परन्तु
मार्कफेड के
पोर्टल पर
ऑनलाईन देयक
भुगतान की
डिजिटल व्यवस्था
न होने के
कारण
मार्कफेड
द्वारा
ऑनलाईन भुगतान
न कर, ऑफलाईन
भुगतान किया
जा रहा है। अत:
मार्कफेड
द्वारा
देयकों के
ऑनलाईन भुगतान
की डिजिटल व्यवस्था
किये जाने पर
मध्यप्रदेश
वेयर हाउसिंग
एवं लॉजिस्टिक्स
कार्पोरेशन
द्वारा गोदाम
संचालकों को
ऑनलाईन
किराये का
भुगतान तत्काल
सुनिश्िचत
किया जावेगा।
पम्प ऊर्जाकरण की राशि का उपयोग
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 2877 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी के लिये जनजाति कार्य विभाग द्वारा पिछले वर्षों में 2020 से आज तक विद्युतीकरण मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) क्या पिछले वर्षों में ऊर्जा विभाग को जनजाति कार्य विभाग से पम्प ऊर्जाकरण हेतु कभी राशि आवंटित किया गया, यदि हाँ तो किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि दी गई? (ग) अ.ज.जा. के कितने कृषकों को मुफ्त सिंचाई कनेक्शन डिण्डोरी जिले के किन-किन किसानों को दी गई? विकासखण्ड एवं ग्रामवार बतावें। (घ) फ्री सिंचाई कनेक्शन हेतु अ.ज.जा. के किसान को कितनी राशि विभाग को जमा करना होता है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
द्वार प्रदाय योजना के तहत अनाज वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 2880 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी में द्वार प्रदाय योजना के तहत कितने वाहनों से राशन प्रदाय की जा रही है, वाहनों की क्षमता एवं कार्य क्षेत्र के दुकानों की सूची, नाम सहित देवें। (ख) क्या ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि उक्त वाहनों से संबंधित ग्राम पंचायतों के अंतर्गत पोषक ग्रामों में राशन वितरण (कुछ ग्रामों में) नहीं किया जा रहा हैं? हाँ तो दोषियों के ऊपर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या लाभार्थियों की संख्या अधिक है एवं वाहन की क्षमता कम होने से कुछ पोषक ग्रामों में राशन परिवहन नहीं कर पा रहे है? (घ) द्वार प्रदाय दाता परिवहनकर्ता को समय-समय पर विभाग से राशि न मिलने के कारण भी परिवहन नहीं हो पाता यदि हाँ तो जिम्मेदार कौन है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजनांतर्गत डिण्डोरी जिले में 2 टन क्षमता के 11 एवं 1 टन क्षमता के 30 वाहनों के द्वारा राशन सामग्री का परिवहन कर संलग्न आश्रित ग्रामों में उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। सेक्टरवार वाहनों की क्षमता एवं संलग्न उचित मूल्य दुकानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उचित मूल्य दुकानों से संलग्न आश्रित ग्रामों में प्रतिमाह राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के तहत हितग्राहियों को प्रदत्त वाहन क्षमता एवं आश्रित ग्रामों में निवासरत पात्र परिवारों की राशन सामग्री की पात्रता अनुसार आश्रित ग्राम संलग्न किए गए हैं। लाभार्थियों की संख्या अधिक एवं वाहन क्षमता सीमित होने के कारण आश्रित ग्रामों में राशन सामग्री के परिवहन न हो पाने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। (घ) मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजनांतर्गत परिवहनकर्ताओं को माह अप्रैल, 2024 तक का किराया भुगतान किया जा चुका है। परिवहनकर्ताओं द्वारा राशन सामग्री के परिवहन न करने जैसी स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला डिण्डोरी में जल-जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 2881 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला डिण्डोरी के अंतर्गत अगस्त-2019 से कितनी नल-जल योजना जल-जीवन के अंतर्गत संचालित है विकासखण्ड एवं ग्रामवार बतावें। इनमें से कितने बंद हैं और कार्यों इसके लिये दोषी कौन है? (ख) जल स्त्रोत विहीन कितने ग्रामों में जल-जीवन मिशन का कार्य हो रहा है या पूर्ण हो चुका, इसके लिए दोषी कौन है, वि.ख. एवं ग्रामवार बतायें? (ग) पाइप-लाइन बिछाने के दौरान किन-किन ग्रामों के सी.सी. रोड को खोदा गया एवं मरम्मत युक्त तथा मरम्मत विहीन ग्रामों को बतावें। (घ) क्या समय-सीमा में काम नहीं करने वाले कितने ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया एवं उनसे अर्थदण्ड, किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि वसूली गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। जल-जीवन मिशन अंतर्गत पूर्ण एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से 05 योजनाओं के स्रोतों की जल आवक क्षमता में कमी हो जाने के कारण इन योजनाओं से जल प्रदाय वर्तमान में बंद है, इनमें सफल स्रोत निर्माण के लिए कार्यवाही की जा रही है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत जल स्त्रोतों की उपलब्धता सुनिश्िचत होने के उपरांत ही योजनाओं के कार्य कराए जा रहे हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) समय-सीमा में काम न करने वाले 04 ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान
[वन]
54. ( क्र. 2896 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया गिर्द सहित दतिया जिला में वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते है? यदिहाँ तो कृपया वन संरक्षण अधिनियम 1927 एवं 1980 को गजट (राजपत्र) प्रकाशित हुआ है। यदि हाँ तो वर्तमान में प्रकाशित एवं लागू गजट की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराये। क्या वर्ष 1943-44 में दतिया गिर्द के सभी सर्वे नम्बरों 5 से 1593, 12 से 1264, 3199 से 11, 2736 से 2895, 2869 से 3178, 2180 से 2436, 2438 से 2730, 1679 से 2179, 1434 से 2865, 2219 से 2747, 1802 से 2212, 2213 से 2509, 258 से 705, 1171 से 1373, 1666 से 1855, 1383 से 1657, 2459 से 3150, 2182 से 2443, 1 से 766, 793 से 1239, 1523 से 1758, 1244 से 1521, 1794 से 2265, 2172 से 2477, 3140 से 3212, 2490 से 3138, 48 से 1083, 1127 से 1293, 1509 से 1591, 1301 से 1407, 1779 से 2000, 1594 से 1778, 2313 से 2531, 3130 से 2255, 3126 से 3179, 2284 से 3123, 46 से 1405, 3181 से 3200, 1683 से 2656, 1802 से 2212, 1265 से 1801 में जंगल दर्ज है? यदि हाँ तो वर्तमान में प्रकाशित एवं लागू गजट की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराये। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 46 (क्र. 1048) दिनांक 14.02.2024 के सभी बिन्दुओं के अंतर्गत जानबूझकर जानकारी छुपाई गई है? यदि हाँ तो क्या यह सच है कि दतिया गिर्द स्थित भूमि सर्वे नं. 2467, 2468, 2469 (ग) के प्रश्न में कार्यवाही की गई थी। यदि हाँ तो कृपया जनहित में जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या वर्ष 1943-44 के खसरा के आधार पर भूमि सर्वे नम्बर तहसील सेवढ़ा, भाण्डेर, इन्दरगढ़ तथा जिले में कहां-कहां उपलब्ध है। कृपया खसरा की प्रति एवं वर्तमान प्रकाशित एवं लागू गजट प्रतिलिपियां उपलब्ध कराये। क्या दतिया गिर्द के अतिरिक्त भाण्डेर, सेवढ़ा, इन्दरगढ़ तहसील में 1943-44 के खतौनी में दर्ज नम्बरों की राजस्व विभाग द्वारा शासकीय दर्ज नम्बरों का दतिया गिर्द स्थित सर्वे नम्बर 2467, 2468, 2469 एवं 257 की भांति प्राइवेट जमीनों को शासकीय घोषित कर जंगल किया जायेगा यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों। कृपया कारण सहित बतायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 का गजट (राजपत्र) प्रकाशित हुआ है, राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। वन संरक्षण अधिनियम, 1927 जैसा कोई अधिनियम नहीं है। वर्ष 1943-44 में दतिया गिर्द के सर्वे नम्बरों में दर्ज नोईयत के संबंध में कलेक्टर भू-अभिलेख जिला दतिया कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 376/भू-प्रबंधन/2024 दिनांक 19.06.2024 से अवगत कराया गया है कि ग्राम दतिया गिर्द का राजस्व रिकार्ड गायब है, जिसकी थाना कोतवाली, दतिया में एफ.आई.आर. क्रमांक 0319 दिनांक 03.10.2018 दर्ज कराई गई है, अतः प्रश्नाधीन सर्वे नंबर किस मद में दर्ज है बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1048 दिनांक 14.02.2024 का संशोधित पूर्ण उत्तर विभाग को प्राप्त हुआ है। जिसको विधान सभा सचिवालय को प्रेषित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान प्राप्त संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
55. ( क्र. 2908 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक अनुदान प्राप्त संस्थाओं में कितने कर्मचारी कार्यरत है? कर्मचारियों की कब से कब तक वेतन लंबित हैं वर्तमान में कितना बजट उपलब्ध हैं? कार्यरत कर्मचारियों को कब तक वेतन भुगतान किया जायेगा? (ख) क्या मार्च में 9.5 करोड़ रूपये का बजट समर्पित किया गया यदि हाँ तो क्यों? क्या कर्मचारियों का वेतन लम्बित था? यदि हाँ, तो वेतन भुगतान क्यों नहीं किया गया? क्या दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के प्रति कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नलजल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 2941 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत कितनी योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है? कितनी पूर्ण हुई, कितनी अपूर्ण है? (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत किन-किन ग्रामों में पानी की टंकियों, ओवरहेड टैंक निर्माण किया गया है? क्या इन टंकियों का परीक्षण कर लिया गया है? अगर हाँ तो ग्रामवार परीक्षण दिनांक उपलब्ध कराए। क्या ग्राम पंचायत खड़वानी मगरखेड़ी, जरोली, भोईन्दा, सत्राटी, अहीर धामनोद के साथ ही अन्य स्थानों पर भी ठेकेदारों की लापरवाही के कारण ये टैंक शो-पीस बने हैं? अगर हाँ, तो जिम्मेदारों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? (ग) योजना की डी.पी.आर. में विद्युतीकरण की कोई राशि प्रावधानित है? अगर हाँ तो ग्रामवार स्वीकृत राशि, कार्य एजेन्सी को प्रदाय की गई राशि का विवरण। क्या राशि प्रदाय करने के पूर्व म.प्र.प.वि.वि. कं.लि. से कार्यों का सत्यापन कराया है? अगर हाँ तो सत्यापन और कार्य की पूर्णता की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या योजना में चल रहे निर्माण कार्यों का समय-समय पर गुणवत्ता परीक्षण किया गया है? पाइप-लाइनों के निर्माण के दौरान खोदी गई सड़कों को पुनः सीमेन्टीकृत किया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 136 एकल ग्राम नलजल योजनाएं एवं 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनके अंतर्गत 115 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण हैं तथा 21 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं एवं 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं अपूर्ण (प्रगतिरत) है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 02 अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विद्युतिकरण की ग्रामवार स्वीकृत राशि एवं कार्य एजेंसी को प्रदाय की गई राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जी हाँ। पाइप लाइन टेस्टिंग के उपरांत खोदी गई सड़कों का पुनर्निर्माण/सुधार कर यथास्थिति में लाया जाता है।
डूब क्षेत्र की भूमि में पौधारोपण
[वन]
57. ( क्र. 2945 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा बिजावर विधानसभा में किये गये पौधा रोपण में किस रेंज के, किस बीट में, कितनी भूमि मे, कितने संख्या में पौधे रोपित किए गए? इन पौधों को किन-किन स्थानों से क्रय किया गया? विक्रेता का नाम, पता, क्रय संख्या, दर, भुगतान राशि की जानकारी प्रदाय करें? प्रश्न दिनांक तक बीट अनुसार कितने पौधे जीवित है। (ख) उक्त रोपण में गड्ढा खोदने में, पौधा लगाने तथा अन्य सामग्री (जैसे ट्रिगार्ड, खाद आदि) पर व्यय राशि का विवरण देवें। इन पौधों को लगाने के पश्चात देखभाल पानी देने आदि पर कुल व्यय की जानकारी राशि बीटवार प्रदाय करें। (ग) उक्त कार्यों के विभागीय मूल्यांकनकर्ता/सत्यापनकर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। (घ) क्या उक्त अवधि में केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र की भूमि पर भी पौधारोपण किया गया? हाँ तो किस स्थान पर, किस नियम तथा किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से? (ड.) डूब क्षेत्र में नए पौधारोपण, कोई प्रोजेक्ट या निर्माण कार्य किए जाने के संबंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश है।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा बिजावर विधान सभा में किये गये पौधारोपण से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वृक्षारोपण हेतु पौधों का क्रय नहीं किया गया है। विभाग द्वारा संस्थापित सामाजिक वानिकी वृत्त सागर अंतर्गत स्थापित रोपणियों से पौधे प्राप्त कर रोपण किये गये। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्तरांश ''क'' में है। (घ) प्रश्नांश अवधि में केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र की भूमि पर पौधारोपण नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पान की खेती का घटता रकबा
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
58. ( क्र. 2946 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार को इस बात का संज्ञान है की छतरपुर जिले के महाराजपुर ओर बिजावर क्षेत्रों में पान की खेती का रकबा तुलनात्मक रूप से लगातार घटता जा रहा है? (ख) सरकार ने इनके कारणों का विश्लेषण किया गया? हाँ तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है? (ग) पान के फसल के रकबे को बढ़ाने के लिए क्या कार्ययोजना है। पान किसानों की मांग क्या है? इनके निराकरण हेतु क्या योजना है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर और बिजावर क्षेत्रों में विगत वर्षों में पान की खेती के रकबे में कोई कमी नहीं हुई है। तुलनात्मक रकवे की जानकारी निम्नानुसार है:-
विवरण |
वर्ष 2020-21 |
वर्ष 2021-22 |
वर्ष 2022-23 |
वर्ष 2023-24 |
रकवा (हेक्टेयर) |
198 |
198 |
200 |
200 |
ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय क्षेत्रीय अमले द्वारा पान की फसल का क्षेत्रफल एवं उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषकों को तकनीकी जानकारी दी जाती है। जिले के नौगांव में पान अनुसंधान केन्द्र पुन: क्रियाशील किये जाने की पान किसानों की मांग है। पान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। निराकरण हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण की एनओसी प्रदान की जाना
[वन]
59. ( क्र. 2960 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में किन विभागों द्वारा कब-कब सड़क निर्माण की एनओसी हेतु आवेदन किया है। उन आवेदनों में से कितने आवेदनों पर एनओसी प्रदान की गई है और कितने आवेदन एनओसी हेतु लंबित है? विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित आवेदनों में कब तक एनओसी प्रदान की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विगत 05 वर्षों में सड़क निर्माण की अनुमति हेतु प्राप्त आवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लंबित आवेदनों पर आवेदक संस्थान द्वारा कमियों की पूर्ति करने पर तथा अनुमोदन प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही नियमानुसार सम्भव है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दुग्ध संघ द्वारा क्षेत्र के व्यापारियों से दूध नहीं लिया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
60. ( क्र. 2961 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दुग्ध संघ द्वारा अजयगढ़ क्षेत्र के कुछ दोषी तत्वों के द्वारा दूध में मिलावट किये जाने को लेकर सभी दूध व्यापारियों से दूध लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो क्या इस हेतु दूध लेने के मापदंड में विशेष जांच करते हुये पुनः अजयगढ़ क्षेत्र के दुग्ध व्यापारियों से दूध लेने की कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनजातीय कार्य की संचालित योजना
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 2965 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं का नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक कार्य, कितनी-कितनी राशि के, कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? विकासखण्डवार एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित/संचालित योजनाओं का लाभ जिले में सक्षम अधिकारी, सहायक आयुक्त पदस्थ नहीं होने से जिले की जनजातियों को नहीं मिल पा रहा है? विगत 05 वर्षों से जिले में छात्रवृत्ति स्वीकृत, वितरण निर्माण कार्यों, छात्रावासों के रख-रखाव के संबंध में गम्भीर अनियमितताएं की जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईतथा क्या कार्यवाही की गई? जाँचों का कोई निष्कर्ष/दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में संचालित योजनाओं की सूची, पात्रता नियम एवं ग्वालियर जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2017-2020 तक के महालेखाकार कार्यालय द्वारा छात्रवृत्ति के ऑडिट में अनियमित छात्रवृत्ति का भुगतान प्रतिवेदित किया था। विभागीय निर्माण छात्रावास रख-रखाव के संबंध में कोई गंभीर शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है। (घ) लोकायुक्त, कार्यालय से पंजी क्रमांक/4248/सी/2023 से एक शिकायत प्राप्त हुई हैं, जो कलेक्टर, जिला ग्वालियर को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 8928 दिनांक 03.06.2024 द्वारा जांच हेतु प्रेषित की गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण की योजनाओं का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
62. ( क्र. 2967 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग में कौन-कौन से योजनाएं संचालित की जा रही है? योजनाओं के नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचलित है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? संख्यात्मक जानकारी ग्राम पंचायतवार/ग्राम वार/नगर पालिका एवं नगर परिषदवार बताएं। (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगजनों की पहचान/चिन्हित कर लिया गया है? यदि हाँ तो दिव्यांगता की श्रेणीवार, ग्राम वार जानकारी दें। यदि पहचान/चिन्हित नहीं की गई है तो कब तक किया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (घ) क्या चिन्हित/पहचान किये गये श्रेणीवार दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक यंत्र यथा ट्रायसायकल, वैशाखी, चश्में, श्रवण यंत्र इत्यादि उपलब्ध नहीं कराये गये है? तो क्यों? भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने दिव्यांग है? इन्हें कब तक सहायक यंत्र/सामग्री उपलब्ध करा दी जायेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांयगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की नियम एवं पात्रता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। ग्वालियर जिले में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार समस्त योजनाएं संचालित की जा रही है। (ख) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18/span>भितरवार में लाभान्वित हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार/ग्रामवार/नगर पालिका एवं नगर परिषदवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ, 18- भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2253 दिव्यांगजनों को चिन्हांकित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, ग्वालियर जिले की विधानसभा 18/span>भितरवार के चिन्हित दिव्यांगजनों को आवश्यकतानुसार कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदाय किये गये है। प्रदाय किये गये उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार। वर्तमान में कोई भी पात्र दिव्यांगजन कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु लंबित नहीं है।
वन क्षेत्र में अवैध रूप से खनिज का उत्खनन
[वन]
63. ( क्र. 2989 ) श्री सुरेश राजे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा डबरा के अंतर्गत ग्राम जिगनिया-बारकरी का वन क्षेत्र किस वन परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) के कार्यक्षेत्र में आता है? इनके कार्यालय का पूर्ण पता तथा उक्त वन क्षेत्र में कार्यरत रेंजर एवं फारेस्ट गार्ड का नाम/पद/पदस्थ दिनांक/मुख्यालय का पूर्ण पता/संपर्क सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या ग्राम जिगनिया-बारकरी के पास सिंध नदी स्थित वन क्षेत्र की वन भूमि से माफियाओं द्वारा गौण खनिज विशेष कर रेत का भारी मात्रा में अवैध उत्खनन कर ट्रक, डम्फर, ट्रैक्टर-ट्राली द्वारा उक्त ग्रामों के किसानों की निजी कृषि भूमि में से बल पूर्वक रास्ता बनाकर अवैध खनिज का ओवरलोड परिवहन करने के वर्ष 2021-22 से31 मई 2024 तक किस-किस व्यक्ति का कौन सा वाहन किस दिनांक को जप्त किया? कितने मामले पंजीकृत किये तथाJकितनी-कितनी राशि की खनिज जप्त की गई? विस्तृत जानकारी देवें तथा इस अवैध कारोबार में लिप्त दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा डबरा के अंतर्गत ग्राम-जिगनियां-बारकरी का वनक्षेत्र वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंजर) बेहट के कार्यक्षेत्र में आता है इनके कार्यालय का पूर्ण पताJग्राम-बेहट, तहसील तानसेन हस्तिनापुर, जिला-ग्वालियर है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में रेत उत्खनन के 3 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिनमें कुल रूपये 35541/- राशि की रेत वाहन सहित जप्त की गई। दो प्रकरणों में अपराध प्रमाणित नहीं होने से वाहन मुक्त किया गया तथा एक प्रकरण में जप्त रेत व वाहन राजसात किया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। वन कर्मियों ने नियमानुसार कार्यवाही की है अत: उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न निहित नहीं है।
जल-जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
64. ( क्र. 2995 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कुरवाई जिला विदिशा अंतर्गत जल-जीवन मिशन में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनाएं कब-कब स्वीकृत की गई है? उक्त योजनाओं को पूर्ण करने का कार्य कौन-कौन सी कंपनियां कर रही है उनके द्वारा कार्य पूर्ण करने का अनुबंध कब तक का था अनुबंध की प्रति तथा ठेकेदार का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या ठेकेदारों द्वारा अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण कर दिया है यदि हाँ तो जानकारी देवें कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर दिये है यदि कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया है तो उक्त कंपनी एवं ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की अद्यतन स्थति से अवगत करावें। (ग) क्या जिन गांवों में टंकियां बनाई गई है, पाईप लाईन बिछाई गई है वहाँ सी.सी.रोड खोदा गया है उक्त सी.सी. रोड को पुन: उसी गुण्वत्ता के साथ बनाया गया है? जिन ग्रामों में कार्य पूर्ण होकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है वहाँ की पंचायत की सहमति, हैंडओवर करने संबंधी जानकारी देवें और संचालित योजनाओं के मेंटेनेंस का कार्य कब तक किसके द्वारा किया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित कार्यों का निरीक्षण कब-कब स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया है निरीक्षण अभिलेख एवं प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु किए गए अनुबंध की संदर्भ हेतु अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल जल योजनाओं के अंतर्गत सभी ठेकेदारों द्वारा अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण नहीं किए गए हैं, पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, अनुबंधित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जाती है, कार्यों के पूर्ण एवं अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, जिन्हें दिनांक 25.09.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, समूह योजनाओं की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हॉं, बिछाई गई पाइप-लाइन की टेस्टिंग पूर्ण होने के उपरांत खोदे गए सी.सी. रोड को पूर्ववत किया जा रहा है। पूर्ण एकल ग्राम नल जल योजनाओं को पंचायतों की सहमति होने पर ही हैंडओवर किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। योजनाओं के हैंडओवर के उपरांत मेंटेनेंस का कार्य संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा ही किया जाएगा। (घ) एकल ग्राम नल जल योजनाओं तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 05 अनुसार है। निरीक्षण के दौरान स्थल पर ही पाई गई कमियों को दूर करने हेतु मौखिक रूप से निर्देशित कर पालन कराया गया।
जल जीवन मिशन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
65. ( क्र. 3010 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में कितने ग्रामों में जल जीवन मिशन अन्तर्गत योजना स्वीकृति प्रदान की गई है तथा कितनी योजनाएं पूर्ण तथा अपूर्ण है? पूर्ण-अपूर्ण की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त पूर्ण योजना वर्तमान में चालू है तथा उनसे ग्रामीण क्षेत्रों में जल वितरण घर घर नल द्वारा किया जा रहा है। सम्पूर्ण योजनाओं में पानी की टंकी भरने के स्त्रोत्र है,उसकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह नियम है कि जहां नल-जल योजना स्वीकृत है, उन ग्रामों में हैण्डपंप खनन पर रोक लगाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी 780 ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 716 एकल ग्राम एवं 05 सतही पेयजल स्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट £2325;े प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जी नहीं।
फर्जी लेबर भुगतान की जांच एवं राशि वसूली
[वन]
66. ( क्र. 3013 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी वनमंडल में जनवरी 2023 से मई 2024 तक बीज बुआई, गड्ढ़े खुदाई वृक्षारोपण, पत्थर/खण्डा की बाउंड्री निर्माण कार्य कहां-कहां पर कितने-कितने, कार्य, कितनी-कितनी, राशि से कराये गये? कराये गये कार्यों हेतु श्रमिकों को कुल कितना भुगतान किया गया। कार्यवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों का भौतिक सत्यापन किन-किन के द्वारा किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य नहीं कराये गये, शिवपुरी वनमंडल में उक्त कार्य स्थानीय लेबर से कराया और जिले से बाहर की लेबर के नाम पर किया गया, यदि हाँ तो क्यों? (घ) शिवपुरी वनमंडल में प्रश्नांश (क) की अवधि में किए गए वृक्षारोपण का भौतिक सत्यापन जनवरी 2023 से मई 2024 तक किन-किन के द्वारा कब-कब पर किया? (ङ) क्या? यह सही है कि शिवपुरी जिले में कई प्लांटेशन 2023-24 में मौके पर नहीं है और उन पर कार्यों का फर्जी भुगतान दर्शाकर राशि हड़प ली गई है? यदि हाँ तो किसके द्वारा कितनी राशि हड़प ली गई जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में वर्णित कार्य कराये गये है। शिवपुरी वनमंडल में उक्त कार्य स्थानीय लेबर से कराया जाकर जिले से बाहर की लेबर के नाम पर किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शिवपुरी वनमंडल में प्रश्नाधीन अवधि में किये गये वृक्षारोपण का सत्यापन श्री आर.सी. डामोर, उप वनमंडलाधिकारी एवं श्री राजेश कन्ना टी, उप वनमंडलाधिकारी द्वारा अक्टूबर, 2023 में किये गये थे। (ड.) यह सही नहीं है कि शिवपुरी जिले में कई प्लांटेशन 2023-24 में मौके पर नहीं है। कार्यों का फर्जी भुगतान दर्शाकर राशि हड़पने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में संचालित गौ-अभ्यारण
[पशुपालन एवं डेयरी]
67. ( क्र. 3018 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने गौ अभ्यारण संचालित हैं, वर्तमान में संचालित अभ्यारण में कितना पशुधन है, उनकी क्या संख्या है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या शासन सागर जिले में गौ अभ्यारण प्रारंभ करने पर विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (ग) वर्तमान में यह देखने में आ रहा है कि अनुपयोगी पशुधन होने पर उनके मालिक उन्हें (पशुओं को) सड़कों पर विचरण करने के लिए छोड़ देते हैं, जिसकी वजह से यातायात तो प्रभावित होता ही है साथ ही पशुधन को भी नुकसान होता है। क्या शासन द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही की जा रही है? (घ) सागर जिले के अंतर्गत भोपाल रोड रतौना प्रजनन केन्द्र में कितने पशु हैं? प्रजनन केन्द्र की कितनी जमीन है? इसका वर्तमान में क्या-क्या उपयोग हो रहा है? विस्तृत जानकारी देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश में 01 £2327;ौ अभयारण्य संचालित है। जिसमें 4365 गौवंश है। गौ अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, 472.63 हेक्टेयर भूमि में ग्राम सालरिया, जिला आगर मालवा में स्थित है। (ख) वर्तमान में विभाग के पास सागर जिले में गौ अभयारण्य का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थानीय निकायों द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु निर्देश जारी किये गये है तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा लोक मार्गों एवं स्थानों पर आवारा पशुओं के समुचित नियंत्रण के लिए राजपत्र दिनांक 23 फरवरी 2023 से नियमावली जारी की गई है। इसके साथ ही निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में रतौना प्रजनन केंन्द्र में थारपारकर नस्ल के 376 गौवंशीय एवं मुर्रा नस्ल के 102 भैंसवंशी (कुल 478 पशु) हैं। प्रजनन केंद्र के पास 450 एकड़ जमीन है। दिनांक 1 सितंबर 2019 को मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम को हस्तांतरित, पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, रतौना को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत गोकुल ग्राम विकास केंद्र के रूप में स्थापित कर संचालित किया जा रहा है। गोकुल ग्राम के अंतर्गत निहित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वैज्ञानिक रूप से पशुपालन को बढ़ावा देने तथा स्वदेशी नस्ल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्वदेशी उच्च अनुवांशिक क्षमता वाले सांडों के उपयोग हेतु किसानों, पशुपालकों एवं पशु प्रजनन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ-साथ आधुनिक कृषि प्रबंधन तकनीक का उपयोग करते हुए चारा उत्पादन एवं पशुओं के उत्तम स्वास्थ्य हेतु मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहयोग किसानों एवं पशुपालकों को दिया जाता है। ग्राम पंचायत स्तर पर उत्पादक पशुओं हेतु तकनीकी सहायता हेतु मैत्री प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा रहा है।
वन विभाग अंतर्गत पौधा रोपण
[वन]
68. ( क्र. 3019 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वन विभाग अंतर्गत सामाजिक वानिकी को विगत 3 वर्षों में पौधा रोपण के लिये शासन ने कितने बजट का आंवटन किया है? आंवटित बजट अनुसार कहाँ-कहाँ और कितने पौधों का रोपण किया गया है? (ख) सागर जिले में विभाग अंतर्गत वर्षवार कितने पौधे कहां लगाये गये है? उनके संरक्षण को लेकर क्या कार्य किये गये है? लगाये गये पौधों में कितने पौधे जीवित अवस्था में है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में वन विभाग अंतर्गत सामाजिक वानिकी वृत्त को विगत 3 वर्षों में पौधारोपण के लिये कोई बजट आवंटन नहीं किया गया है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सागर जिले में विभाग द्वारा कुल 202 स्थानों पर 6,873 हेक्टेयर क्षेत्र में 42,49,880 पौधे लगाये गये हैं, जिनमें से 38,54,658 पौधे वर्तमान में जीवित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 3020 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल प्रदाय सुनिश्िचत करने हेतु पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है? हाँ तो कौन-कौन से केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) विभाग द्वारा बालाघाट जिले में पेयजल योजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नलजल योजनाएं कितनी-कितनी लागत की, कब-कब निविदा आंमत्रित की गई? सफल निविदाकार का नाम एवं दर सहित कार्य कब पूर्ण किया गया एवं कौन-कौन से कार्य ग्राम पंचायतों को सौंप दिये गये? जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित अवधि में किन-किन एवं कितनी-कितनी लागत की पेयजल हेतु नलजल योजनाओं की बिना निविदा बुलाये किन-किन ठेकेदारो से कार्य कराया गया? कार्यादेश की प्रति सहित जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। केन्द्र प्रवर्तित जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिसके अंतर्गत भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषण किया जाता है। हैंडपंप योजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना प्रचलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में स्वीकृत पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के माध्यम से एजेंसी/ठेकेदार का चयन करके कराया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि पर सड़क निर्माण की अनुमति
[वन]
70. ( क्र. 3021 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं एल.डब्ल्यू.ई. योजना की सड़कों के वन भूमि में निर्माण हेतु अनापत्ति/अनुमति बाबत् प्रकरण विभाग में लंबित है? (ख) यदि हाँ तो कौन-कौन सी सड़कें, कब-कब से, किन-किन कारणों से लंबित हैं? लंबित सड़कों की कब तक अनुमति/अनापत्ति दे दी जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अधिकांश प्रकरणों में स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दिया जाना है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजनाओं की अद्यतन स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 3043 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले में जल जीवन मिशन के तहत कुल कितनी नल-जल योजनाएं कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत हैं? कितनी योजनाओं की निविदाओं के साथ-साथ ठेकेदार द्वारा अनुबंध कर कार्य पूर्ण हो चुके है? कार्य पूर्ण हुई योजनाओं में कितनी योजनाएं ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की गई हैं? हस्तांतरित की गई योजनाओं में कितनी वर्तमान में कार्यरत हैं? क्या प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध हो रहा है? (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत कुल स्वीकृत योजनाओं में से कितनी योजनाएं प्रगतिरत हैं और कब तक पूर्ण होंगी? क्या नल-जल योजनाएं अनुबंध में दिए गए समय में पूर्ण हुई हैं या नहीं? यदि नहीं तो क्या ठेकेदार पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? कुल स्वीकृत योजनाओं में से जिनकी निविदा आमंत्रित नहीं हुई है उनके लिए जिम्मेदार कौन है? कुल स्वीकृत योजनाओं में कितनी योजनाओं में किस व्यास के कितने नलकूप खनन किए गए? कितने सफल एवं कितने असफल पाए गए? सफल नलकूप में से वर्तमान में कितने नलकूप कार्यरत हैं? कृपया जानकारी से अवगत कराने का कष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के तहत कुल लागत रु. 57532.33 लाख की 1263 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, स्वीकृत समस्त योजनाओं की निविदायें आमंत्रित कर ठेकेदारों द्वारा अनुबंध किए जा चुके हैं, वर्तमान में 217 योजनाओं के कार्य पूर्ण कर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया गया है, उक्त ग्राम पंचायतों द्वारा नल-जल योजनाओं का संचालन-संधारण किया जा रहा है एवं योजनांतर्गत लगाए गए घरेलू नल कनेक्शनों के द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत 01 समूह जल प्रदाय योजना (माचागोरा) लागत रू. 937.22 करोड की स्वीकृत की गई है। माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना के क्रियान्वयन हेतु नियुक्त ठेकेदार मेसर्स एल.सी. इंफ्रा. प्रायवेट लिमिटेड अहमदाबाद द्वारा अनुबंध सम्पादित कर कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं में से वर्तमान में 1046 प्रगतिरत हैं, जिन्हें यथाशीघ्र पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अनुबंधित अवधि में जिन ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये गये, ऐसे ठेकेदारों को विभाग द्वारा नोटिस देकर तथा अर्थदण्ड स्वरूप राशि की कटौती भी की गई है। सभी स्वीकृत योजनाओं की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, उक्त स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में कुल खनित, सफल असफल नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य वर्तमान में प्रगतरत है एवं कार्य पूर्ण करने की संभावित दिनांक 15 मार्च 2025 है।
अधिकारियों की पदस्थापना एवं संलग्नीकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 3045 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत किन-किन जिलों में जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रक की पदस्थापना न होने के कारण अन्य कनिष्ठ अधिकारियों से कार्य करवाया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या खाद्य मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत किन-किन जिलों के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रकों को संचालनालय में संलग्न कर कार्य कराया जा रहा है? ऐसे अधिकारी संचालनालय में कब से संलग्न होकर कार्य कर रहे हैं? (ग) संचालनालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में संलग्न प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रकों को शासन द्वारा कब तक उनकी मूल पदस्थापना वाले जिले के लिये भारमुक्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड, दतिया, इन्दौर, धार, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, उज्जैन, नीमच, रतलाम, भोपाल, बैतूल, रायसेन, नर्मदापुरम, छतरपुर, पन्ना, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, सिंगरौली, शहडोल और उमरिया जिले में जिला आपूर्ति अधिकारी/जिला आपूर्ति नियंत्रक का प्रभार कनिष्ठों को दिया गया है। (ख) संचालनालय अंतर्गत जिला नरसिंहपुर के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को दिनांक 09.05.2023 से संलग्न किया गया है एवं जिला बड़वानी के प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी को दिनांक 20.07.2022 से संलग्न किया गया है। (ग) संबंधित अधिकारियों को प्रशासनिक कार्य व्यवस्था की दृष्टि से संचालनालय में संलग्न किया गया है। जहाँ तक मूल पदस्थापना वाले जिलों के लिए भारमुक्ति का प्रश्न है, विभाग में पदोन्नति से जिला आपूर्ति अधिकारियों/जिला आपूर्ति नियंत्रकों के अधिकारी उपलब्ध होने पर उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में पदोन्नति में आरक्षण का बिन्दु माननीय उच्चतम न्यायालय में लबित होने से निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
कोलार वनखण्ड में अधिसूचित भूमि की धारा 5 से 19 की जांच
[वन]
73. ( क्र. 3054 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) क्या सीहोर वन मंडल के कोलार वनखण्ड में 6900 हेक्टयर से अधिक भूमि वर्ष 1962 में भा.व.अ. 1927 के तहत अधिसूचित करने, 1988 में संशोधित अधिसूचना जारी करने के बाद भी प्रश्नांकित दिनांक तक धारा 5 से 19 तक की जांच, प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुविभागीय अधिकारी बुदनी नहीं कर पाए? (ख) यदि हाँ तो कोलार वनखण्ड में किस ग्राम के किस-किस किसान के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा शामिल किया? किस ग्राम की गैरखाते की किस मद में दर्ज किस खसरा नम्बर का कितना रकबा शामिल किया गया? (ग) कोलार वनखण्ड में शामिल किस खसरा नम्बर का कितना रकबा कोलार बांध की डूब में किस अवधि में आया है? उस रकबे के डूबने बाबत् वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर एवं पी.एफ. वनकक्ष इतिहास में क्या-क्या ब्यौरा या प्रविष्टी वर्तमान में दर्ज है? (घ) कोलार वनखण्ड में शामिल संरक्षित वन भूमि, गैर संरक्षित वन भूमि एवं निजी भूमि को किस प्रावधान के तहत वर्किंग प्लान में शामिल कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कोलार वनखण्ड की अधिसूचना में ग्रामवार खसरावार एवं मदवार भूमि का विवरण शामिल नहीं होने से जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्र क्रमांक/8/643/84-FRA (Cons) दिनांक 31.05.1985 एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/5/3/82/10/3 दिनांक 06.08.1985 से 2870.25 हेक्टेयर वन भूमि कोलार बांध निर्माण परियोजना हेतु सिंचाई विभाग को उपयोग पर देने की स्वीकृति प्रदान की गई है। सिंचाई विभाग को व्यपवर्तन कर वन कक्षवार वन भूमि उपयोग हेतु दी गई है, जिसकी खसरावार जानकारी संधारित नहीं है। डूब में प्रभावित वन भूमि को लेकर एरिया रजिस्टर एवं वर्किंग प्लान में कोलार जलाशय निर्माणार्थ प्रभावित वन भूमि होने का उल्लेख है। (घ) कोलार वनखण्ड में शामिल वन भूमियों को उनके वैधानिक स्थिति अनुसार प्रतिवेदित किया जाता है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
74. ( क्र. 3069 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि का आवंटन किया गया है? ">(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने स्थानों पर सामुदायिक भवन, सड़कें एवं पेयजल हेतु बोरिंग/हैण्डपंप का स्थापन हुआ, की सूची भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्य सरकार के अलावा क्या केंद्र सरकार से भी कोई आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उसकी भी जानकारी प्रदान करने का आग्रह है। आवंटन की जानकारी वर्षवार एवं ग्रामवार सूची के साथ प्रदान करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 3081 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा विभाग अन्तर्गत जल जीवन मिशन योजनांतर्गत नल-जल योजना स्वीकृत की जा रही है? जानकारी दें। (ख) यदि हाँ तो राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में किन-किन स्थानों में नल-जल योजना स्वीकृत है? नाम व स्थान बतावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में उक्त स्वीकृत नल-जल योजनाओं में कौन-कौन सी चालू हैं? नाम व स्थान सहित बतावें। (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में उक्त स्वीकृत नल-जल योजनाओं में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं बन्द हैं? नाम व स्थान सहित बतावें। क्या उन्हें चालू किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ प्रत्येक ग्राम में नल-जल योजना का क्रियान्वयन किया जाना लक्षित है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत कोई भी एकल ग्राम नल-जल योजना स्वीकृत नहीं है। स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं अंतर्गत कोई भी योजना बंद नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
76. ( क्र. 3082 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में कौन कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? जानकारी दें। (ख) उक्त योजनाओं में से राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कौन कौन सी योजना स्वीकृत हैं? नामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित योजनाओं में से राजगढ़ जिले में वर्ष 2023-24 में किन-किन योजनाओं का किन-किन हितग्राही को लाभान्वित किया गया है? योजनावार हितग्राही का नाम व स्थान सहित सूची दें। (घ) उक्त योजनाओं में से राजगढ़ जिले में वर्ष 2024-25 में किन-किन योजनाओं में कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। J(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
संशोधित सीमा अधिसूचना जारी करने में विलम्ब
[वन]
77. ( क्र. 3089 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 1683 दिनांक 14.02.2024 के प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि संशोधित सीमा अधिसूचना जारी करने में विलम्ब किन कारणों से हो रहा है? उसकी जानकारी दें। (ख) प्रश्न क्र. 1683 के प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि भारत सरकार की अधिरोपित शर्तें क्या हैं? उनकी पूर्ति क्यों नहीं हो पा रही है? क्या उनकी पूर्ति होने के बाद भी अधिसूचना जारी की जाएगी या अधिसूचना की आवश्यकता उनकी शर्त हैं? (ग) अधिसूचना जारी करने से भारत शासन की अधिरोपित शर्तें पूरी करने में विलम्ब के मद्देनजर क्या धार जिले के खरमौर अभयारण्य में आरक्षित जमीन के क्रय-विक्रय की अनुमति दी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन खरमौर अभयारण्य की वर्तमान में आरक्षित भूमि पर आदिवासी उपयोजना की राशि से इस शर्त के साथ विकास योजना जैसे सड़क, तालाब, शासकीय भवन, स्कूल आंगनवाड़ी, अस्पताल, खेल मैदान इत्यादी बना सकता है कि भारत शासन से अनुमति के बाद कार्य प्रारम्भ किया जायेगा? (ड.) चेन्नई और हैदराबाद इको पार्क में माण्डव एवं सरदारपुर से खुरसानी इमली ले जाने की अनुमति किसने दी और क्यों? कितने पेड़ दोनों स्थानों से उखाड़े गए? कितने वहाँ पहुँचे? कितने नहीं पहुँचे? नहीं पहुँचने का कारण और उस पर क्या कार्यवाही की गई की जानकादी देवें। कितने पेड़ अब शेष हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अभयारण्य के डिनोटिफाई किये जाने वाले क्षेत्र के बदले अन्य क्षेत्र को अभयारण्य अधिसूचित न करना कारण रहा है। (ख) अधिरोपित शर्तों की जानकारी भारत सरकार के पत्र दिनांक 11.08.2023 की कण्डिका 3 एवं 4 अनुसार है जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डिनोटिफिकेशन के बदले अन्य क्षेत्र को अभयारण्य गठित करने का प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित करने की कार्यवाही में है। शर्तों की पूर्ति के बाद अधिसूचना जारी करना संभव होगा। भारत सरकार के उक्त पत्र के पालन में 55.9285 वर्ग कि.मी. क्षेत्र कूनो राष्ट्रीय उद्यान तथा 14.1042 वर्ग कि.मी. क्षेत्र कर्माझिरी अभयारण्य के गठन में समाहित किया जा चुका है। शेष 145.25 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को अन्य संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित करने के उपरांत ही खरमोर अभयारण्य सरदारपुर का पुनर्गठन किया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। खरमोर अभयारण्य सरदारपुर के अधिसूचित क्षेत्र में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के लागू प्रावधानों के कारण भूमि का क्रय-विक्रय नहीं हो सकता। (घ) अभयारण्य के भीतर विकास कार्य जैसे सड़क, तालाब, शासकीय भवन, स्कूल, आंगनवाड़ी, अस्पताल, खेल मैदान इत्यादि के निर्माण हेतु नियमानुसार भारत सरकार/सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत किये जा सकते हैं। (ड.) जिला धार अंतर्गत क्षेत्र माण्डव एवं सरदारपुर में खुरसानी इमली के वृक्षों की लताओं को काटने एवं वृक्ष स्थानांतरण करने की एन.ओ.सी. तहसीलदार धरमपुरी, नालछा एवं सरदारपुर द्वारा दी गई। खुरसानी इमली के वृक्षों को ग्रीन किंगडम बॉटनिकल गार्डन ग्राम प्रोयोतुर, शंकरपल्ली मंडल, हैदराबाद ले जाने हेतु आवेदन पर वन परिक्षेत्र अधिकारी, धमनौद, माण्डव एवं सरदारपुर द्वारा परिवहन अनुज्ञा पत्र जारी किया गया। तहसील धरमपुरी से 09 वृक्ष, तहसील पीथमपुर से 08 वृक्ष एवं तहसील सरदारपुर से 04 वृक्ष स्थानांतरण हेतु उखाड़े गये। 19 वृक्ष परिवहन किये गये। शेष 02 वृक्ष ग्रामीणों द्वारा परिवहनकर्ता को रोके जाने से एवं पुनर्स्थापित करने के कारण परिवहन नहीं हुये, जिन्हें जी.ओ. टैगिंग कराया गया एवं पुनर्स्थापित किए गये। चेन्नई पार्क हेतु कोई अनुमति नहीं दी गई है।
जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 3090 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल की वर्ष 2015-16 से 2023-24 तक की संख्या बतावें। इन वर्षों में इन स्कूलों के लिये कितना-कितना बजट था तथा व्यय कितना किया गया? (ख) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक तथा 9 से 12 तक विद्यार्थियों की संख्या कक्षावार वर्ष 2015-16 तथा 2022-23 की बतावें तथा किस अवधि में किस-किस कक्षा के कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, गणवेश (नगद राशि) पुस्तकें, सायकल एवं मध्यान्ह भोजन दिया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जल जीवन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 3101 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल निगम द्वारा जल जीवन मिशन अन्तर्गत क्या-क्या कार्य किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना के किस-किस के द्वारा किये जा रहे हैं? ग्रामवार, विभागवार सूची देवें। बताएं कि कितने कार्य दिवस में कार्य पूर्ण किया जाना था एवं वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? कितने दिवस में कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा? (ख) क्या जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रत्येक घर तक नल पहुँचाने का लक्ष्य दिया गया था? यदि दिया गया था तो क्या मजरे-टोले एवं कम आबादी वाले छोटे ग्रामों में नल-जल योजना अंतर्गत पाइप-लाइन डाली गई है? यदि नहीं डाली गई तो क्या कारण है कि ग्रामीणों को शासन की योजनाओं से वंचित किया जा रहा है? (ग) शासन के नियमानुसार कितनी गहराई में पाइप डाले जाने का प्रावधान है? क्या ठेकेदारों द्वारा शासन के नियमानुसार उचित गहराई में पाइप डाले जा रहे हैं? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप-लाइन डालने के लिए जिन सड़कों को क्षतिग्रस्त किया गया है, क्या कारण है कि उन्हें आज दिनांक तक दुरुस्त्त नहीं किया गया है? यदि दुरुस्त नहीं किया गया तो कब तक दुरुस्त कर दिया जायेगा? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका के प्रावधान के अनुसार खेतों में दूर-दूर स्थित घरों एवं ग्रामीण क्षेत्र में दूर-दूर बसे 20 घरों से कम संख्या वाली (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्ती को छोड़कर) बसाहटों को पाइप-लाइन से जोड़ना अनिवार्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 0.90 मीटर गहराई में पाइप-लाइन डाले जाने का प्रावधान है। अपवाद स्वरूप कुछ कार्य स्थलों की प्रतिकूल परिस्थिति अनुसार जैसे कि पूर्व से डाली हुई पाइप-लाइन के ऊपर से पाइप डालने, गैस पाइप-लाइन या चट्टानी स्ट्रैटा होने जैसे अपरिहार्य कारणों/स्थिति में कुछ कम गहराई पर भी ठेकेदार/एजेंसी द्वारा पाइप-लाइन डाले जाने की स्थिति निर्मित होती है, जिसका उन्हें तद्नुसार ही भुगतान किया जाता है। (घ) पाइप-लाइन बिछाने हेतु सीमेन्ट काँक्रीट की सड़कों को आवश्यकतानुसार तोड़ कर पाइप-लाइन बिछाने के पश्चात फिलिंग कर यथा समय समतल करवा दिया जाता है एवं पाइप-लाइन परीक्षण कार्य के उपरांत तोड़ी गई सीमेन्ट काँक्रीट की सड़कों को पुनः दुरूस्त (रेस्टोरेशन) करवा दिया जाता है, यह कार्ययोजना के अन्य घटकों के कार्य पूर्ण किए जाने के साथ-साथ सतत् रूप से किया जाता है, प्रगतिरत योजनाओं के संदर्भ में पाइप-लाइन के लिए काटी गई काँक्रीट की सड़कों को दुरूस्त किए जाने की कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
राशन की दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
80. ( क्र. 3103 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकान हैं? (ख) उपरोक्त में से 1 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त में से किस-किस राशन की दुकान जांच किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को की गई? (ग) उपरोक्त जांच में किस-किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई? (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 138 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रानी लक्ष्मीबाई स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान रानी पिपलिया (दुकान कोड 1806140) में अनियमितता पायी गई। (घ) अनियमितता पाये जाने के कारण रानी लक्ष्मीबाई स्व/span>सहायता समूह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान रानी पिपलिया के विक्रेता के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा उचित मूल्य दुकान आवंटन का प्राधिकार पत्र निलंबित किया गया।
अनुसूचित जाति योजनांतर्गत विकास कार्य हेतु राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
81. ( क्र. 3107 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अलीराजपुर में अनुसूचित जाति योजना अन्तर्गत वर्ष 2018 से वर्तमान तक विकास कार्य हेतु कितना आवंटन उपलब्ध करवाया गया है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) जिले में प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्य, विकासखण्ड, ग्रामवार कार्य का नाम एवं लागत व्यय राशि की जानकारी देवें। क्या योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य राज्य शासन से ही ग्रामवार स्वीकृति प्राप्त होती है? यदि हाँ तो शासन स्वीकृति की प्रति देवें। (ग) वर्ष 2023-24 में लोकसभा निर्वाचन के पूर्व अलीराजपुर विधानसभा के अन्तर्गत कई ग्रामों में सामुदायिक भवन की राशि स्वीकृत की गई किन्तु जोबट विधानसभा में राशि स्वीकृत नहीं की गई, कारण बतावें कब तक राशि स्वीकृत की जाएगी? अवधि बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षारोपण क्षेत्रों में रोपित पौधों का संरक्षण
[वन]
82. ( क्र. 3110 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) प्रदेश में विभाग द्वारा गत पांच वर्षों में कितने वृक्षारोपण किये? उनमें से कितने पेड़ जीवित हैं? इन पेड़ों के संरक्षण हेतु विभाग की क्या योजना है? (ख) वृक्षों की कटाई की रोकथाम के लिए विभाग की योजना है? (ग) इस वर्ष विश्व के साथ-साथ प्रदेश में भी भीषण गर्मी का प्रकोप रहा है। विशेषकर मध्यप्रदेश के उत्तरी आंचल जो ग्वालियर और चंबल संभाग है, वहां पर गर्मियों में तापमान सर्वाधिक रहा है, तो क्या इस संबंध में सरकार द्वारा भीषण गर्मी का प्रकोप कम करने के लिए विशेषकर ग्वालियर चंबल संभाग हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जानकारी दें। साथ ही यह भी बताएं कि विगत तीन वित्तीय वर्षों में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में विभाग द्वारा कितना वृक्षारोपण किया गया है? (घ) चंबल नदी के किनारे श्योपुर, मुरैना जिले के बीहड़ में वृक्ष/वनस्पति बिल्कुल नहीं होने पर बरसात से महत्वपूर्ण मृदा का स्ट्रक्चर का क्षरण हो रहा है, जिससे चंबल नदी भी उथली होती जा रही है और वह भी खराब हो रहा है, तो क्या सरकार इन बीहड़ को £2361;रा-भरा बनाने की दिशा में वृक्षारोपण की कार्ययोजना तैयार की है? यदि यहां तो जानकारी दें। यदि नहीं है तो क्या सरकार द्वारा इस दिशा में कोई प्रयास किए जाएंगे? समय-सीमा सुनिश्चित करें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में 14, 46, 31, 738 पौधे रोपित किये, उसमें से 12, 76, 13, 937 पौधे जीवित हैं। वृक्षारोपण क्षेत्रों में रोपित पौधों का संरक्षण फेंसिंग से घेराव कर एवं सुरक्षा श्रमिक द्वारा किया जाता है। (ख) वन क्षेत्रों में वृक्षों की कटाई की रोकथाम के लिये उड़नदस्ता/दल गठित कर पैदल एवं वाहनों से वन क्षेत्रों की सतत् गश्ती कर निगरानी की जाती है एवं वन अपराधियों के विरूद्ध वन अधिनियमों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ग) भीषण गर्मी का प्रकोप प्राकृतिक कारणों से है। अत: कम करने की योजना का प्रश्न निहित नहीं है। विगत तीन वित्तीय वर्षों में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में विभाग द्वारा 36, 71, 977 पौधे रोपित किये गये। (घ) संपूर्ण बीहड़ में वृक्षारोपण करने की कोई विशेष कार्ययोजना नहीं है। अत: समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जलवायु परिवर्तन से मानवीय जीवन पर पढ़ने वाला प्रभाव
[पर्यावरण]
83. ( क्र. 3111 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान जलवायु परिवर्तन से मानवीय जीवन पर पढ़ने वाले संभावित प्रभाव के संबंध में शासन द्वारा इसके प्रभाव का आकलन कराया गया है? यदि हाँ तो प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ख) यदि नहीं तो क्या शासन मानवीय स्वास्थ्य, जल संसाधन, वन्य जीव, आर्थिक प्रभाव, मानव विस्थापन एवं खाद्यान्न सुरक्षा पर जलवायु परिवर्तन के कारण पढ़ने वाले दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल पहल करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश की जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता आकलन अध्ययन प्रतिवेदन तैयार करने के संदर्भ में मानवीय स्वास्थ्य पर द्वितीयक आकड़ों (Secondary Data) पर आधारित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आरंभिक अध्ययन (Preliminary Study) किया गया है। अध्ययन प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता आकलन अध्ययन द्वितीयक आकड़ों पर आधारित है, जिसमें मानवीय स्वास्थ्य के अतिरिक्त वन, कृषि, पशुपालन एवं जल संसाधन विषयों को अध्ययन में शामिल किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संभागीय उपायुक्त के कार्य एवं अधिकार
[जनजातीय कार्य]
84. ( क्र. 3116 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत संभागीय उपायुक्त के कार्य व अधिकारों की जानकारी देवें। क्या संभागीय उपायुक्त को संभाग अंतर्गत एक जिले से दूसरे जिले में शिक्षकों के स्थानांतरण करने व संलग्न करने के अधिकार हैं? यदि हाँ तो संबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो ऐसा करने वाले संभागीय उपायुक्त के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या यह सही है कि संभागीय उपायुक्त जबलपुर द्वारा वर्ष 2022-23 व 2023-24 में मंडला जिले में पदस्थ अनेक शिक्षकों को जबलपुर जिले में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ तो उनके द्वारा किये गए ऐसे समस्त आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। क्या ये सभी आदेश नियमानुसार सही हैं? यदि हाँ तो नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या मंडला जिले में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद मंडला जिले के शिक्षकों को जबलपुर जिले में संलग्न किया जाना नियम संगत है? यदि नहीं तो क्या इसमें कोई भ्रष्टाचार किया गया है? क्या इसकी जाँच की जाएगी? (ग) संभागीय उपायुक्त कार्यालय जबलपुर में मंडला जिले के कितने शिक्षकों के क्रमोन्नति के प्रकरण कब से और क्यों लंबित हैं? यह प्रकरण मंडला जिले से कब-कब उक्त कार्यालय भेजे गए? इनके लंबित रहने के क्या कारण हैं? प्रकरणवार जानकारी देवें। इनका कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) संभागीय उपायुक्त के कार्य व अधिकारों के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न नहीं उठता है। संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। उत्तर प्राप्त होने पर गुण-दोषों के आधार पर नियमानुकूल कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जबलपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग का अमला उपलब्ध नहीं होने से जबलपुर जिले में संचालित विभागीय विशिष्ट विद्यालयों में छात्र हितों एवं प्राचार्य के प्रस्ताव के आधार पर प्रकरणों में कमिश्नर जबलपुर संभाग के अनुमोदन से शैक्षणिक सत्र समाप्ति/अन्य आदेश पर्यन्त कार्य किये जाने हेतु आदेशित किया गया था। सत्र समाप्ति उपरांत माध्यमिक शिक्षकों को मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त/भारमुक्त किया जा चुका है। प्रकरण का परीक्षण गुण-दोषों के आधार पर किया जाकर नियमानुकूल कार्यवाही की जावेगी। (ग) मंडला जिले के 18 शिक्षकों के प्रथम क्रमोन्नति एवं 30 शिक्षकों के द्वितीय क्रमोन्नति के प्रकरण लंबित है। मंडला जिले से भेजे गए प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। संबंधित शिक्षकों के अभिलेख अप्राप्त होने से। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सी.एम. राइज स्कूल एवं एकलव्य स्कूल का संचालन
[जनजातीय कार्य]
85. ( क्र. 3131 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त प्रदेश में कुल कितने जनजातीय कार्य विभाग में सी.एम. राइज स्कूल संचालित हैं तथा कितने सी.एम. राइज स्कूल प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करावें। साथ ही सी.एम. राइज स्कूल प्रारंभ किए जाने के राजपत्र की प्रति एवं नियम, नीति, निर्धारण, बजट आदि के दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) समस्त बालाघाट जिले में विभाग में तय कि.मी. दूरी पर किन-किन स्थानों पर सी.एम. राइज स्कूल प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है तथा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या बालाघाट जिले में कन्या शिक्षा परिसर शालाओं को एकलव्य विद्यालय में परिवर्तित किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) परसवाड़ा विधानसभा अंतर्गत एक भी एकलव्य विद्यालय संचालित क्यों नहीं है? साथ ही मॉडल स्कूल भी संचालित नहीं क्यों? कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग में कुल 94 सी.एम. राइज स्कूल संचालित है तथा 205 सी.एम. राइज स्कूल प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। संचालित सी.एम. राइज स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। सी.एम. राइज स्कूल संचालित किये जाने के नियम एवं नीति निर्धारण का दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक F.No 11011/01/2020-EMRS दिनांक 14.07.2020 द्वारा कन्या शिक्षा परिसर बैहर को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में उन्नयित किया गया है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लिए जारी मार्गदर्शिका दिनांक 13 नवम्बर 2020 की कंडिका 5.1 के बिन्दु क्रमांक B अनुसार ऐसे विकासखण्ड जिनमें आदिवासी जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक एवं कम से कम 20 हजार आदिवासी निवासरत हैं, उन्ही में नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ई.एम.आर.एम. बैहर में स्वीकृत हुआ है। (घ) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उकवा में पूर्व से संचालित है। विभाग अंतर्गत मॉडल स्कूल स्वीकृति की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालाघाट जिले में विभागीय लोक सेवकों की पदस्थी
[वन]
86. ( क्र. 3132 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्ष में किस-किस विधानसभा में क्या-क्या पक्के निर्माण कार्य कराए गए? जनप्रतिनिधियों से कितने प्रस्ताव लिए गए? कितनी राशि के कार्य के एवज में किसे कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) बालाघाट जिले में कितने विभागीय लोक सेवक किस पद पर कहाँ पदस्थ है तथा कहाँ कार्यरत है? कई लोक सेवक को अन्यत्र स्थान पर संलग्न किया गया है? यदि हाँ तो नियम बताएं। (ग) विगत 3 वर्षों में विभाग में समस्त जिले में किस-किस लोक सेवक पर सस्पेंड करने की कार्यवाही कब-कब और क्यों की गई तथा किस आधार पर उन्हें बहाल किया गया? स्पष्ट ब्यौरा देवें। (घ) रिक्त पदों की सूची (लोक सेवक) उपलब्ध करावें। कब तक भर्ती की जायेगी? समस्त आउटसोर्स से लिए गए कर्मचारियों के विगत एक वर्ष के मानदेय का ब्यौरा देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जनप्रतिनिधियों से कोई प्रस्ताव नहीं लिया गया है। (ख) बालाघाट वन वृत अंतर्गत समस्त लोक सेवकों की पदवार एवं कार्यरत स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कुछ कर्मचारियों को कार्य की आवश्यकतानुसार अन्यत्र स्थान पर कार्य आवंटन के तहत विभागीय कार्य लिए जा रहे है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) रिक्त पदों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। वनक्षेत्रपाल, वनरक्षक, मानचित्रकार, स्टेनो टायपिस्ट, सहायक ग्रेड-3 एवं भृत्य के पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वन वृत बालाघाट अंतर्गत आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अत: मानदेय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च पद का प्रभार एवं क्रमोन्नत वेतनमान की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 3134 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित शासकीय विद्यालयों/आश्रम शालाओं में पदस्थ नवीन शैक्षिक संवर्ग को उच्च पद का प्रभार दिये जाने एवं 12/24 एवं 30 वर्ष की सेवा उपरांत क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किये जाने के संबंध में जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से आदेश/निर्देश जारी किये गये है? प्रति उपलब्ध करावें। उक्त आदेशों के क्रम में अभी तक किन-किन जिलों में शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार एवं क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृति के आदेश जारी किये गये हैं? किन-किन में नहीं एवं किस कारण से? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या यह सही है कि विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के उदासीनता के कारण जिले में अभी तक न तो उच्च पद के आदेश जारी किये गये हैं और न क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया गया है? क्या शासन समय-सीमा निर्धारित कर समय-सीमा में आदेश जारी करने की कार्यवाही करेगा? कब तक शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार एवं क्रमोन्नति आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) शैक्षणिक संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान एवं उच्च पद का प्रभार दिये जाने के संबंध में जारी आदेश/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जिलों में क्रमोन्नति वेतनमान एवं उच्च पदभार दिये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिला अंतर्गत 426 शिक्षकों को उच्च पद का पदभार दिया गया है एवं 12, 24 एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पात्रतानुसार 1536 शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
88. ( क्र. 3136 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की दुकानें वर्तमान में संचालित होकर गरीबों को राशन वितरण का कार्य कर रही है? विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या संचालित उचित मूल्य की दुकानों में से कई पर अनियमितता की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो जिन उचित मूल्य की दुकानों के विरूद्ध शासन को अनियमितता की शिकायतें मिली हैं उन दुकानों पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई? उचित मूल्य दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) किन-किन स्थानों पर कब से किस सेल्समैन के द्वारा संचालित की जा रही है। विधानसभावार जानकारी दें। उक्त शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर प्रतिमाह क्या-क्या खाद्य सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में उपभोक्ताओं के वितरण के लिये शासन से प्राप्त होती है, जानकारी दें। (घ) उक्त प्राप्त सामग्री में से प्रति दुकान पर कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी खाद्य सामग्री वितरित की जाती है? विधानसभावार विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिवनी जिले में कुल 696 उचित मूल्य दुकानों से पात्र परिवारों को राशन का वितरण कराया जा रहा है। विधानसभावार उचित मूल्य दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>अ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले की उचित मूल्य दुकानों से राशन वितरण में अनियमितता की शिकायत राज्य स्तर पर प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला स्तर पर प्राप्त शिकायत एवं क्षेत्रवार/वार्डवार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>ब अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकानों पर कार्यरत विक्रेता, पदस्थ अवधि एवं स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>अ अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों से पात्र परिवारों को वितरण हेतु आवंटित सामग्री एवं मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>स अनुसार है। (घ) विधानसभावार उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने वाले परिवार एवं वितरित सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>द अनुसार है।
गौ-शालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
89. ( क्र. 3137 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों में तथा कितनी-कितनी संख्या में गौ-शालाएं किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों के द्वारा संचालित की जा रही हैं? जिलेवार/ संस्थावर पृथक-पृथक जानकारी देवें (ख) क्या उक्त संचालित गौ-शालाओं में पशुओं को रखने का समुचित स्थान उपलब्ध है? यदि हाँ तो क्या गौशाला में पृथक से आवारा पशुओं को रखने की शासन द्वारा कोई व्यवस्था की गई है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ तथा क्या-क्या व्यवस्था की गई है? बतावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) आवारा पशुओं द्वारा किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान के लिये कौन जिम्मेदार है? बतावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। गौ-शालाएं निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन के लिए ही संचालित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं के कार्यों में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
90. ( क्र. 3141 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति क्या है? प्रगतिरत योजनाओं की पूर्णता दिनांक क्या है? योजनावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त परियोजनाओं में ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा कार्य में विलम्ब किये जाने के क्या कारण है? क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? ठेकेदार एवं एजेन्सी के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त योजनाओं के निरीक्षण/भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (घ) जल जीवन मिशन अंतर्गत स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में किस एजेन्सी एवं ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया? क्या वर्तमान में योजना चालू है? यदि बंद है तो कारण बतायें। (ड.) विधानसभा क्षेत्र आगर में कितने हैंडपंप स्थापित हैं, उसमें से कितने हैंडपंप चालू है, चालू हैंडपंपो की संख्या कितनी है तथा बंद हैंडपंप कितनी संख्या में है? बंद होने का कारण सहित जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हैं, समूह जल प्रदाय योजानाओं के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर अनुबंधानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। विभाग द्वारा स्कूल/आंगनवाड़ी के पेयजल कार्य पूर्ण कराये जाकर संबंधित स्कूल/आंगनवाड़ी संस्था को संचालन एवं रख-रखाव के लिए हस्तांतरित किए गए हैं, उक्त पेयजल व्यवस्था के संचालन तथा रख-रखाव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जाना प्रावधानित नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (ड.) कुल 1911 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिसमें से वर्तमान में 1802 हैण्डपंप चालू एवं 109 हैण्डपंप बंद है, बंद हैण्डपंपों में से 76 हैण्डपंप ग्रीष्मकाल में अस्थाई रूप से नलकूप की जल आवक क्षमता कम होने/जल स्तर गिरने के कारण तथा 33 हैण्डपंप असुधार योग्य होने के कारण बंद हैं।
उपभोक्ता आयोग का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 3153 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राज्य उपभोक्ता आयोग की एक स्थाई बेंच इंदौर में स्थापित करने को लेकर बजट 2022 में प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो कब तक स्थाई बेंच इंदौर में स्थापित कर दी जाएगी? 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) संदर्भित स्थाई बेंच इंदौर में स्थापित करने को लेकर अब तक विभाग की कितनी बैठकें कब-कब हुईं? (ख) क्या उपभोक्ता एक्ट में प्रकरण निस्तारण हेतु 90 दिनों की समय-सीमा का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो जिला उपभोक्ता विवाद आयोग में वर्ष 2015 से अब तक के मामले अभी तक लम्बित क्यों हैं? (ग) क्या सरकार आयोग के कामकाज में गति लाने के लिये 50 प्रतिशत वकील कोटे से अध्यक्ष नियुक्त करने के प्रावधान को पूरी तरह से लागू करने का विचार कर रही है? प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष व जूरी के सदस्यों के कितने पद रिक्त हैं? क्या यह सही है कि उपरोक्त पद हेतु परीक्षा हुए दो माह हो चुके हैं? यदि हाँ तो साक्षात्कार व नियुक्तियां कब तक कर दी जाएंगी? (घ) क्या प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोग को जिले के अलावा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार प्रदेश शासन में नोटिफिकेशन कर जिले की सबसे बड़ी तहसील में माह में 10 दिन उपभोक्ता आयोग संचालित करने के निर्देश हैं? इसके लिए विभाग में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। स्थाई बेंच इंदौर में स्थापित करने के लिए बैठकों की संख्या निरंक है। (ख) जी हाँ, उपभोक्ता एक्ट में प्रकरण निस्तारण हेतु 90 दिनों की समय-सीमा का प्रावधान किया गया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोगों में प्रकरणों की अधिक संख्या में दर्ज होने एवं विभिन्न जिले इंदौर-2, धार, सतना, शिवपुरी में अध्यक्ष का पद एवं उज्जैन, गुना, बुरहानपुर, डिण्डौरी, दतिया आदि जिलों में दोनों सदस्यों का पद रिक्त होने से भी मामले लंबित है। (ग) प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में 04 पद अध्यक्ष एवं 31 पद सदस्य के रिक्त हैं। अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के रिक्त पदों लिये विज्ञप्ति दिनांक 14.09.2023 को जारी की गई है। सदस्य, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के रिक्त पदों के लिये विज्ञाप्ति दिनांक 04 जुलाई, 2023 को जारी की गई है एवं आवेदकों की वस्तुनिष्ठ परीक्षा दिनांक 04 नवंबर, 2023 को आयोजित की गयी तथा वर्णात्मक परीक्षा 13 जनवरी, 2024 को आयोजित की गई। बॉम्बे उच्च न्यायालय, खण्डपीठ नागपुर रिट याचिका क्र. 3680/2023 आदेश दिनांक 20.10.2023 के परिप्रेक्ष्य में चयन समिति का प्रावधान समाप्त हो जाने से विभाग द्वारा लिखित परीक्षा उपरांत उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए अर्हता, भर्ती की पद्धति, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्याग-पत्र और हटाना) नियम 2020 के प्रावधान अनुसार वर्तमान में मौखिक परीक्षा आयोजित किया जाना संभव नहीं है। इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में SLP विचाराधीन होने से साक्षात्कार एवं नियुक्ति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग में बढ़ता औद्योगिक प्रदूषण
[पर्यावरण]
92. ( क्र. 3156 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम, नीमच विधानसभा में किन-किन उद्योगों के खिलाफ किस-किस प्रकार के प्रदूषण को लेकर किस-किस व्यक्ति/संस्थान ने कब-कब शिकायतें की? (ख) क्या रतलाम स्थित इफ्का लेबोरेटरी के खिलाफ उक्त अवधि में प्रदूषित जल एवं दुर्गंध को लेकर ग्रामवासियों, सामाजिक संस्थाओं एवं अन्य से लगभग 25 से अधिक शिकायतें दर्ज की हैं, जिस पर प्रदूषण विभाग की जांच उपरांत दी गई अंतरिम रिपोर्ट की जानकारी दें। क्या समस्त शिकायतों का निराकरण हो गया है? (ग) क्या उक्त जिलों में उक्त अवधि में प्रदूषित जल के डिस्पोज को लेकर नलकूप के माध्यम से जल को जमीन में उतारा जा रहा है जिससे उद्योग के आस-पास के नागरिक केमिकल युक्त जल पीने को मजबूर है? यदि नहीं तो आसपास के नलकूप के जल की जांच प्रदूषण विभाग ने कब-कब की? दिनांकवार प्रकरण की जानकारी दें। (घ) क्या नीमच विधानसभा के धानुका सोया प्रा.लि. की इथेनॉल फैक्ट्री व धानुका बायोटेक प्रा.लि. से वायु एवं जल प्रदूषण को लेकर लगभग 10,000 नागरिक परेशान हैं? इसकी शिकायत नागरिकों द्वारा किये जाने के पश्चात विभाग ने कब-कब कार्यवाही की? उक्त कंपनी के खिलाफ कब-कब, किस-किस व्यक्ति ने क्या-क्या शिकायत की व उसका क्या निराकरण किया गया?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) दस शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
मत्स्य बीज हेतु राशि का भुगतान
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
93. ( क्र. 3160 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में मत्स्य विभाग अंतर्गत समस्त तालाबों में वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक में मत्स्य बीज हेतु कितनी राशि का भुगतान संबंधितों को किया गया है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में विभिन्न योजनाओं में कितनी राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है? योजनावार जानकारी देवें। साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु योजनावार बजट की जानकारी देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना में कितने आवेदन सम्मिलित किये गये हैं? समस्त आवेदनों की छायाप्रति देवें एवं साथ ही मत्स्य विभाग के पोर्टल पर आवेदन स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? विभिन्न योजनाओं में पोर्टल की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या मत्स्य विभाग आवेदन स्वीकृत करने में पारदर्शिता रखता है? क्या मत्स्य विभाग में आवेदन स्वीकृत या कार्ययोजना स्वीकृत करने हेतु कोई समिति गठित है अथवा नहीं? यदि हाँ तो क्या उक्त समिति में संबंधित विधानसभा का विधायक सम्मलित है अथवा नहीं? जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) मत्स्य पालन नीति 2008 अनुसार जलाशय/तालाब त्रिस्तरीय पंचायती राज के अधीन होने से नीति अनुसार जलाशय/तालाब को पट्टा आवंटन किया जाता है। मत्स्य बीज क्रय करना संबंधित पट्टा धारक द्वारा किया गया, विभाग द्वारा कोई भुगतान नहीं किया। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 में हितग्राहियों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत 18.48 लाख का भुगतान किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना में अनंतिम रूप से सम्मिलित नहीं होने से जानकारी निरंक। आवेदन स्वीकृति प्रक्रिया ऑफलाइन है। (घ) जी हाँ। आवेदन स्वीकृत करने में पारदर्शिता रखी जाती है। विभाग में कार्ययोजना स्वीकृत करने हेतु जिला स्तरीय समिति गठित है एवं राज्य स्तरीय अनुमोदन एवं अनुश्रवण समिति गठित है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
कटनी जिलांतर्गत जल संरक्षण एवं पर्यावरण की स्थिति
[पर्यावरण]
94. ( क्र. 3165 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांकr36, दिनांक²/12/2022 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर क्या था? उत्तरानुसार उल्लेखित किन-किन कार्यालयों/उद्योगों द्वारा क्या-क्या कार्यों का निष्पादन £2325;ब-कब किया गया? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक112, दिनांकµ/07/2019 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर क्या था? उत्तरानुसार कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी द्वारा पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्या-क्या कार्य विगत 03 वर्षों में कब-कब किस नाम/पदनाम के किन-किन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से कहाँ-कहाँ किए गए? (ग) कटनी-नगर में कौन-कौन सी नदियां कहाँ से कहाँ तक प्रवाहित होती हैं? नगर में कौन-कौन से तालाब निर्मित और जलयुक्त पुरानी बंद पड़ी खदाने हैं? नदियों पर कहाँ-कहाँ बैराज एवं स्टॉप डेम कब-कब निर्मित किए गए? इन नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं? विगत 03 वर्षों में इन नदियों में जल संरक्षण के क्या-क्या कार्य किस प्रकार और कब-कब किए गए? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार नदियों/तालाबों का गहरीकरण किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्नाधीन अवधि में किन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से क्या-क्या कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी और कितनी-कितनी राशि का किस-किस को किस कार्य हेतु कब-कब भुगतान किया गया? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत कटनी में संचालित उद्योगों द्वारा सी.एस.आर. के तहत क्या-क्या गतिविधियां की गयी? क्या इन उद्योगों से सी.एस.आर. के तहत प्राप्त राशि एवं अन्य मद की राशि से कटनी नगर में जल/पर्यावरण संरक्षण के कार्य किए जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) तत्समय प्रश्न क्रमांक 1236 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर निम्नानुसार था :- पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण हेतु विभिन्न कार्यों का निष्पादन नगर पालिक निगम, कटनी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, परिवहन विभाग एवं क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा उनके लिए निर्धारित दायित्वों के तहत किये गये हैं। पर्यावरण सुधार एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) तत्समय प्रश्न क्रमांक 4112 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर निम्नानुसार था :- नगरीय सीमा में पर्यावरण एवं जल संरक्षण में प्रमुख भूमिका संबंधित नगरीय निकाय की है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा विगत 03 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण/विकास और जल संरक्षण हेतु निम्नानुसार कार्य किये गये हैं :- (1) अमृत योजनांतर्गत नगर निगम सीमांतर्गत 03 पार्को का विकास कार्य किया गया है :- (1) कटाये घाट स्थित सुरम्य पार्क (2) मंगल नगर छपरवाह में पार्क निर्माण कार्य (3) कलेक्ट्रेट स्थित पार्क का निर्माण कार्य। वृक्षारोपण का कार्य :- (1) वर्ष 2016-17 में 4974 वृक्ष, (2) वर्ष 2017-18 में 5349 वृक्ष, (3) वर्ष 2018-19 में 4100 वृक्ष (4) वर्ष 2019-20 में वृक्षारोपण का कार्य प्रगति पर है। नगर निगम सीमांतर्गत विभिन्न घाटों एवं कटनी नदी पर स्थित बैराज के अपस्ट्रीम, घिनौची स्थित स्टाप डेम, कटनी बायपास एवं स्टाप डेम के गहरीकरण का कार्य नगर निगम, कटनी द्वारा विभागीय आदेशानुसार प्रतिवर्ष किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स', 'द', 'इ' एवं 'ई' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' के कॉलम-4 से लगायत कॉलम-12 अनुसार है। (घ) नदियों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' के कॉलम-6 से लगायत कॉलम-11 अनुसार है। तालाबों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ' के कॉलम-3 से लगायत कॉलम-8 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ए' अनुसार है। सी.एस.आर. के अंतर्गत आने वाले उद्योगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय प्राथमिकताओं के लिए कार्ययोजना बनाई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि आधारित उद्योग को राज्य सहायता
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
95. ( क्र. 3186 ) श्री महेश परमार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की प्रतिपादित नीति, नियम, निर्देश क्या हैं? उनकी प्रति देवें। (ख) कृषि आधारित उद्योग एवं राज्य सहायता के प्रावधान क्या हैं? उनकी प्रति देवें। (ग) विभाग द्वारा कृषि आधारित उद्योग की स्थापना विकास और राज्य सहायता हेतु कितनी योजनाएं प्रचलित हैं? आवंटित बजट योजनावार देवें। (घ) उज्जैन जिले में कितने कृषि आधारित उद्योग क्रियाशील हैं? राज्य सहायता प्राप्त उद्योग कितने हैं? ग्राम शहरवार सूची देवें। (ड.) उज्जैन जिले में गुणवत्ता नियंत्रण, अनुसंधान एवं विकास, वाणिज्यिक उत्पादन के क्षेत्र में विभाग ने क्या प्रयास किए? उपलब्धि की रिपोर्ट देवें। (च) उज्जैन जिले में कृषि निर्यात क्षेत्र एवं फूड पार्क की क्या व्यवस्था है? प्रदेश में कुल कितने कृषि निर्यात क्षेत्र एवं फूड पार्क हैं? सूची देवें। (छ) वर्तमान में कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा संचालित कार्यक्रम क्या-क्या है? योजनावार विस्तृत रिपोर्ट दें। (ज) उज्जैन जिले में उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विगत पांच वर्षों में क्या उपलब्धि हासिल की? प्रशासनिक एवं तकनीकी वित्तीय रिपोर्ट दें। (झ) वर्तमान में खाद्य भंडार एवं कृषि उत्पादों का विपणन हेतु क्या योजना प्रचलित हैं? रिकॉर्ड देवें। (ञ) उज्जैन जिले में कृषि खाद्य पदार्थ मिलिंग उद्योग कितने हैं? विभाग द्वारा सहयता प्राप्त उद्योग कितने हैं? रिकॉर्ड देवें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य खाद्य प्रसंस्करण योजना दिनांक 06.08.2016 से शुरू की गई। योजनान्तर्गत फल, सब्जी, दुग्ध, मत्स्य, मास, अण्डा, दाल, चावल, आयल मिलिंग उपभोक्ता उत्पाद एवं कृषि/उद्यानिकी के क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को पूंजी लागत अनुदान का 25 प्रतिशत या अधिकतम 02.50 करोड की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती हे। योजना के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) अंतर्गत कृषि आधारित उद्योग हेतु 35% अधिकतम राशि रूपये 10 लाख एवं उक्त राशि का राज्य सहायता में 40% अनुदान का प्रावधान है। योजना के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ग'' अनुसार है। (ग) दो योजना प्रचलित है। योजनावार आवंटित बजट की जानकारी निम्नानुसार है :- 1. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य खाद्य प्रसंस्करण योजना जिसके बजट में प्रावधानित राशि रू. 10.00 करोड है। 2. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) वित्तीय वर्ष 2024-25 में 04 माह (अप्रैल-जुलाई) हेतु राशि रूपये 40.00 करोड आवंटित की गई एवं आगामी विधानसभा जुलाई सत्र में पूर्ण वर्ष के लिए योजनान्तर्गत बजट पारित होगा। (घ) उज्जैन जिले में कृषि आधारित 235 उद्योग क्रियाशील है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''घ'' अनुसार है। राज्य सहायता प्राप्त उद्योग 88 है। ग्राम, शहरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''घ'' एवं ''ड.'' अनुसार है। (ड.) विभाग में प्रचलित योजनाओं/नीतियों के अनुसार कार्य किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) उज्जैन जिले में कोई भी फूड पार्क स्थापित नहीं है। प्रदेश में कुल 02 फूड पार्क स्थापित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टçच'' अनुसार है। (छ) कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा केन्द्र शासन की बायो-एनर्जी योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों के पारिवारिक बायो गैस संयंत्रों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''छ'' अनुसार है। (ज) उज्जैन जिले में उत्तरांश (च) के अनुसार विगत 05 वर्षों में 301 बायो संयंत्र निर्माण की उपलब्धि हुई एवं हितग्राहियों को DBT मोड द्वारा केन्द्रीय सहायता राशि रूपये 41, 98, 600/-का भुगतान किया गया वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ज'' अनुसार है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) योजनान्तर्गत विगत 04 वर्षों में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु 72 हितग्राहियों को अनुदान सहायता राशि 244.37 लाख दी गई। (झ) उप संचालक/सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति, उज्जैन के पत्र क्रमांक/मण्डी/स्थापना/विधानसभा/2024-25/2006, उज्जैन दिनांक 03.07.2024 के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 अन्तर्गत कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन में अनाज मण्डी, सब्जी एवं फल मण्डी प्रांगण अधिसूचित होकर इन प्रांगणों में पृथक-पृथक विपणन व्यवस्था प्रचलित है। जहां कृषकों की कृषि उपज मण्डी समिति के कर्मचारियों द्वारा नीलामी की जाती है एवं अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा उपज क्रय की जाती है। जिससे विक्रय हेतु प्रांगण के बाहर स्थानीय खपत, राज्य के अन्दर, राज्य के बाहर भेजने तक की अवधि के लिये व्यापारियों के स्वयं के गोदाम/दुकान में उपज भण्डारित की जाती है। (ञ) जिले में कृषि खाद्य पदार्थ मिलिंग उद्योग 219 है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''झ'' अनुसार है। विभाग द्वारा सहायता प्राप्त उद्योग 72 है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ञ'' अनुसार है।
जल गुणवत्ता एवं निगरानी प्रयोगशालाओं में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 3187 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले एवं उसके समस्त ब्लॉक में कितनी और कब से रासायनिक प्रयोग शालायें स्थापित की गई हैं? सूची देवें। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों एवं उनके अंतर्गत सभी गांवों के जल स्रोतों की गुणवत्ता की जांच, निगरानी, जल शुद्धीकरण का प्रबंध हेतु कितने कार्य किए? ग्राम पंचायतवार प्रमाणीकरण रिपोर्ट देवें। J(ग) प्रदेश की 154 प्रयोगशालाओं में कितनी भारतीय गुणवत्ता परिषद् से प्रमाणित हैं? प्रमाणीकरण देवें। (घ) क्या वास्तविक जल स्रोतों से जल नमूने लिए जाते हैं? यदि हाँ तो, उज्जैन जिले की प्रयोगशालाओं के साथ प्रदेश की प्रयोगशालाओं के रिकॉर्ड जप्त कर कब तक सत्यापन करवाएगा? (ड.) क्या शासन प्रयोगशालाओं के सत्यापन आदेश जारी कर फर्जी दस्तावेज, फर्जी नमूनों की जांच का आदेश भ्रष्टाचार तक पहुंचने के लिए देगा? यदि हाँ तो कब तक? (च) क्या गुणवत्ता रिपोर्ट की वास्तविक परिदृश्य से मिलान परीक्षण करने की व्यवस्था विभाग के पास हैं? यदि हाँ तो उज्जैन जिले में सत्यापन कब शुरू किया जावेगा? (छ) क्या शासन के राजस्व के नुकसान को आर्थिक भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए सत्यापन की कार्यवाही की रिपोर्ट माननीय सदन में कब तक प्रस्तुत होगी? समय-सीमा निर्धारित करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) उज्जैन जिले में विभाग द्वारा स्थापित जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले की जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षण की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। प्रमाणीकरण रिपोर्ट पंचायतवार नहीं दी जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश में विभाग की सभी जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के प्रमाणीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जिलों की जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं में परीक्षित पेयजल नमूनों की क्रॉस चेकिंग नियमित रूप से किए जाने की व्यवस्था विभाग की राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल के अंतर्गत पूर्व से ही प्रचलित है, जिसके अंतर्गत उज्जैन जिले सहित अन्य सभी जिलों से प्राप्त जल नमूनों का प्रतिपरीक्षण किया जाता है। (छ) विभाग के अंतर्गत सभी जिलों में जिला/उपखंड स्तरीय प्रयोगशालाओं की व्यवस्था उपलब्ध है, उक्त सभी प्रयोगशालाएं एन.ए.बी.एल. प्रमाणीकृत हैं, इनमें नियमित रूप से जल गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 3192 ) श्री राजकुमार कर्राहे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा.प्रा.शा. पिपरटोला, वि.ख. बिरसा जिला बालाघाट में पदस्थ सहायक अध्यापक का आकस्मिक निधन दि. 23-09-2017 को हुआ है? यदि हाँ तो संबंधित के पुत्र के द्वारा पिता की अनुकम्पा नियुक्ति के लिए जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट को किस-किस दिनांक को किस-किस पद के लिए अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है? प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (ख) जबलपुर संभाग अन्तर्गत जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितने सहायक अध्यापक संवर्ग के मृतक कर्मचारियों के आश्रित परिवार के सदस्यों को प्राथमिक शिक्षक/प्रयोगशाला शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति शासन के किस नियम, निर्देश तथा मापदण्ड के तहत दिनांक 01-01-2017 से प्रश्न दिनांक तक दी गयी? जारी आदेश की प्रति, शैक्षणिक योग्यता सहित तथा लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों की सूची योग्यता सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट में मृतक कर्मचारी के आश्रित सदस्य द्वारा समस्त शैक्षणिक अर्हता रखने के बाद भी आश्रित परिवार के सदस्य को प्रा.शि./प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति नहीं देने के कारण सहित तथा किस शासनादेश के तहत अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है? जानकारी दें। क्या विभाग शासनादेश का पुनः परीक्षण कर अनुकम्पा नियुक्ति देगा? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। दिवंगत के पुत्र द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिये निम्नांकित तिथियों में उल्लेखित पद के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया है :-
क्र. |
तिथि |
अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदित पद का नाम |
1 |
2 |
3 |
1 |
1/5/2018 |
पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु |
2 |
5/1/2021 |
प्राथमिक शिक्षक |
3 |
5/2/2021 |
प्रयोगशाला शिक्षक |
4 |
14/9/2021 |
माध्यमिक शिक्षक |
5 |
9/9/2022 |
प्राथमिक शिक्षक |
6 |
16/1/2024 |
किसी भी पद पर |
7 |
31/5/2024 |
प्रयोगशाला शिक्षक या प्राथमिक शिक्षक |
अध्यापक संवर्ग की अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ज्ञापन क्रमांक 2-11/05/22/पं. दिनांक 1/4/2010 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें प्रावधान है कि शिक्षा कर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में जारी किया गया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ 2-11/2005/22/प-2 दिनांक 28/12/2005 अध्यापक संवर्ग के लिये भी यथावत लागू रहेगा। जिसमें संविदा शाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान किया गया है। आवेदक के द्वारा दिनांक 22/11/2019 को माध्यमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने की अंकसूची संलग्न कर माध्यमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने की मांग की गई। उससे पूर्व दिनांक 01 जुलाई 2018 से अध्यापक संवर्ग एवं संविदा शिक्षक संवर्ग समाप्त कर शिक्षक संवर्ग में संविलियन किया गया। 1 जुलाई 2018 से लागू ''म.प्र. जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग (सेवा एवं भर्ती) नियम 2018 ''अनुसार संविदा शिक्षक पद समाप्त हो जाने से संबंधित को अन्य किसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता वर्तमान प्रचलित नियमों में नहीं है। (ख) जबलपुर संभाग से प्रश्नांकित जानकारी जिले वार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दिये विवरण अनुसार संविदा शिक्षक के पद समाप्त हो जाने से वर्तमान में प्रचलित नियमों के तहत अध्यापक संवर्ग के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री क्रय में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 3218 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भिण्ड को मध्यप्रदेश शासन द्वारा छात्रावासों के उपयोग हेतु किन-किन सामग्रियों का क्रय किया गया है एवं कार्यालय व्यय में कितनी राशि आवंटित की गई है तथा किसके आदेश अनुसार उक्त आवंटन किया गया, किन-किन एजेंसियों द्वारा आवंटित राशि से विभिन्न सामग्री की सप्लाई की गई है? एजेंसियों के नाम व आवंटित राशि एवं सप्लायर एजेंसियों का व्यय टर्न-ओवर प्रमाण-पत्र के साथ प्रथम से अंतिम कार्यवाही छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) अनुसूचित जाति विभाग भिण्ड में विगत 5 वर्षों या उससे अधिक समय से कितने कर्मचारी पदस्थ हैं, उनकी पदस्थापना की तिथि, वर्तमान में उक्त कर्मचारियों किन-किन पदों पर कार्यरत हैं, उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा नियमानुसार सप्लाई एजेंसियों को कार्य दिया गया है? यदि नहीं तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच की जावेगी? यदि हाँ तो समयावधि बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध जारी निलंबन आदेश
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 3226 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदर्श आचार संहिता लोक सभा आम निर्वाचन 2024 प्रभावशील होने की अवधि में निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना विभाग द्वारा त्रिस्तरीय जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने का उल्लेख कर कार्यालय कमिश्नर शहडोल के आदेश क्रमांक 1527 दिनांक 18.04.2024 के द्वारा प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर कोतमा जिला अनूपपुर को निलंबित किया गया है? यदि हाँ तो उक्त निलंबन आदेश से संबंधित जांच प्रतिवेदन, सभी के कथन, साक्ष्य सहित शिकायत एवं शिकायत से सबंधित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ-साथ त्रिस्तरीय समिति के सदस्यों के नाम, जांच में उपस्थित सदस्यों के नाम, जांच में अनुपस्थित सदस्यों के नाम व कारण, समिति के द्वारा क्या-क्या अभिमत दिया गया, समिति द्वारा प्रथम दृष्टया क्या दोषी पाया गया, सम्पूर्ण जानकारी छायाप्रति सप्रमाण उपलब्ध करावें। (ख) क्या कार्यालय सहायक रिटर्निंग ऑफिसर लोक सभा निर्वाचन 2024, संसदीय-12, शहडोल 86, कोतमा, जिला अनूपपुर, आदेश दिनांक 13.04.2024 के द्वारा निलंबित प्राचार्य का निलंबन कार्य नियमानुसार आवश्यक था। यदि हाँ तो जांच समिति गठित करने एवं निलंबन आदेश जारी करने के पूर्व निर्वाचन आयोग से ली गई अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो निर्वाचन आयोग के बिना अनुमति तथा बिना अधिकारिता के जारी किया गया अनधिकृत एवं नियम विरूद्ध निलंबन आदेश क्र. 1527 दिनांक 18.04.2024 क्या निरस्त किया गया? यदि हाँ तो निलंबन निरस्तगी आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के संबंध में कमिश्नर कार्यालय शहडोल द्वारा उक्त निलंबन आदेश दिनांक 18.04.2024 को कितने बजे जारी हुआ? सर्वप्रथम किस माध्यम से किसे-किसे भेजा गया, कितने बजे भेजा गया? निलंबन कर्मचारी निर्वाचन कार्य से दिनांक 18.04.2024 को निर्वाचन ड्यूटी से कब एवं कितने बजे मुक्त हुआ? मुक्त होने की सूचना कमिश्नर कार्यालय को कब एवं किस माध्यम से कितने बजे प्राप्त हुई? सप्रमाण सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश "क", "ख" एवं "ग" के संबंध में क्या यह सत्य है कि त्रिस्तरीय जांच समिति के सभी सदस्य न तो जांच में उपस्थित रहे न ही समिति ने कोई अभिमत दिया और न ही समिति के प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने का उल्लेख किया गया है और न ही निलंबित प्राचार्य के कथन लिये गये और न ही कथन और साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया है? साथ ही म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय पत्र क्र. एफ-7-35/97/आ.प्र./एफ भोपाल दिनांक 12.11.1997 के द्वारा जारी आदेशों का पूर्ण संज्ञान होने पर भी उल्लंघन किया गया? यदि हाँ तो आज दिनांक तक उक्त निलंबन आदेश निरस्त न करने के क्या कारण हैं? कब तक आदेश निरस्त किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) गंभीर प्रवृत्ति की शिकायत की जांच हेतु निर्वाचन आयोग की अनुमति आवश्यक नहीं है। कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल के आदेश क्र./फा./विकास-06/वि.जांच (अनु. कार्य.)/2024/1527 दिनांक 18.04.2024 द्वारा श्री सुभाष चन्द्र वर्मा, (मूल पद उच्च माध्यमिक शिक्षक) प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर कोतमा, जिला अनूपपुर को निलंबित किया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सहायक रिटर्निंग ऑफिसर कोतमा, जिला अनूपपुर के आदेश क्रमांक/107/लो.स./निर्वा./2024 कोतमा दिनांक 18.04.2024 द्वारा श्री वर्मा को निर्वाचन कार्य से मुक्त किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। जांच में दोषी पाए जाने के फलस्वरूप कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल के आदेश क्र./फा./विकास-06/वि.जांच (अनु.कार्य.)/2024/1527 दिनांक 18.04.2024 द्वारा निलंबित किया गया। निलंबन आदेश निरस्त किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यालयीन प्रक्रिया में आदेश जारी करते समय जावक नम्बर एवं दिनांक लिखा जाता है। आदेश जारी होने के समय का उल्लेख नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों की नियम विरूद्ध पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
100. ( क्र. 3228 ) श्रीमती मनीषा सिंह [श्री फुन्देलाल सिंह मार्को] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के द्वारा व्यवस्था अनुसार म.प्र. राज्य के अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण हेतु महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा जनजातीय कार्य मंत्री पृथक से नियुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत म.प्र. के 89 जनजातीय विकासखण्डों की जनपद पंचायतों में अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त/सी.ई.ओ. जनपद पंचायत एवं विकासखण्ड अधिकारियों के पद स्वीकृत किये गये हैं। यदि हाँ तो उक्त दोनों पद के स्वीकृत आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत 89 जनजातीय विकासखण्डों के सी.ई.ओ. एवं बी.डी.ओ. के पदों पर वर्ष 2018 के पूर्व तक पदस्थापना एवं स्थानान्तरण आदेश जनजातीय विभाग द्वारा ही जारी किये जा रहे हैं तथा वर्ष 2018 के पश्चात उक्त्त दोनों पदों पर अन्य विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नियम विरूद्ध तरीके से पदस्थापना की जा रही है, क्यों? जनजातीय कार्य विभाग द्वारा नियम विरूद्ध विभागीय पदों पर अन्य विभाग द्वारा अभी तक की गई पदस्थापना के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? अन्य विभाग द्वारा दोनों पद पर पदस्थ किये गये अधिकारियों को विभागीय पदों पर क्यों उपस्थित कराया गया है? उन्हें अभी तक कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया? कब तक मुक्त किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में 89 विकासखण्डों में जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा स्वीकृत सी.ई.ओ.ए वं बी.डी.ओ. के पदों पर क्या ग्रामीण विकास विभाग को पदस्थापना करने संबंधी म.प्र. आदिवासी मंत्रणा परिषद् का निर्णय तथा महामहिम राज्यपाल महोदय का अनुमति/आदेश जारी हुआ है? यदि हाँ तो निर्णय/अनुमति के आदेश पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो विभागीय स्वीकृत पदों पर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है? क्या विभागीय पदों पर पदस्थापना किये जाने हेतु विभाग सक्षम नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ तो क्या 89 विकासखण्डों के सी.ई.ओ. एवं बी.डी.ओ. के पदस्थ अन्य विभाग के अधिकारियों को उनके मूल विभाग से कार्यमुक्त कर जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों को सी.ई.ओ. और बी.डी.ओ. के पदों पर पदस्थ किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>अ' अनुसार है। अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2018 तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सी.ई.ओ. एवं बी.डी.ओ. के पदों पर पदस्थापना एवं स्थानांतरण की कार्यवाही की जाती थी। जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्र. एफ 4-27/2017/ 25/1 भोपाल दि. 03.02.18 द्वारा दी गई सहमति के आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों की पदस्थापना की जा रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा रही पदस्थापना के संबंध में प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 07.07.2022 को बैठक आयोजित हुई। अपर सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र क्रमांक 1451/1000/2022/25/1 दिनांक 01.09.2022 द्वारा बैठक का कार्यावाही विवरण प्रेषित किया गया है तथा आयुक्त जनजातीय कार्य भोपाल के पत्र क्रमांक स्था.5 (2)/181/2022/20497 भोपाल दिनांक 07.10.2022 द्वारा अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य 89 विकासखण्डों की जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की पदस्थापना कार्यवाही विवरण के बिन्दु क्रमांक 3 अनुसार कार्यवाही हेतु लिखा गया है। शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बैठक का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के क्रम में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कारखानों से फैल रहे प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
101. ( क्र. 3248 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) क्या पर्यावरण विभाग ने प्रदेश में संचालित होने वाले कारखानों के लिए प्रदूषण की कोई सीमा निर्धारित की है? जानकारी प्रदान करें। (ख) ग्वालियर के रायरू क्षेत्र में संचालित होने वाले शराब कारखाने के कारण चारों और दुर्गंध फैली रहती है जिसके कारण वायु प्रदूषण हो रहा है एवं कारखाने से निकलने वाले अपशिष्ट से भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होने के साथ-साथ जल प्रदूषण भी हो रहा है। जिसके कारण क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चों में गंभीर बीमारियां फैल रही हैं एवं वृद्धों को श्वास संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उक्त कारखाना प्रदूषण के मानकों के अनुरूप संचालित हो रहा है या नहीं? क्या इसकी जांच की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा निर्धारित करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) कारखाना प्रदूषण के मानकों के अनुरुप संचालित न पाए जाने की स्थिति में क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? प्रदूषण नियंत्रण संबंधी सभी दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पर्यावरण (संरक्षण) नियम 1986 में निहित प्रावधान अनुसार। (ख) दुर्गंध फैलने से वायु प्रदूषण की स्थिति नहीं पाई गई है। भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होने तथा क्षेत्र की महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धों में आकस्मिक बीमारी फैलने जैसी स्थिति नहीं है। मानकों के अनुरूप संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदूषण नियंत्रण हेतु निर्धारित मानकों के अनुरूप उद्योग संचालित न पाये जाने पर, उद्योग के विरूद्ध जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। जल प्रदूषण नियंत्रण हेतु शून्य निस्त्राव पद्धति (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) पर आधारित संयंत्र की स्थापना की गई है जिसमें उपचारोपरांत समस्त जल का पुर्नउपयोग किया जाता है। उद्योग में किये गये प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में बायलर स्टैक मॉनिटरिंग एवं परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जल-जीवन मिशन योजनांतर्गत आर्थिक अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
102. ( क्र. 3253 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में जल जीवन मिशन योजना के प्रारंभ से अभी तक कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) क्या प्रदेश में अधिकांश नल-जल योजनाएं आधी-अधूरी हैं एवं अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी द्वारा भी कार्यों का पर्यवेक्षण नहीं किया गया है? (ग) यदि नहीं तो इंदौर संभाग में गुणवत्ताविहीन कार्य किये जाने से संबंधित कितनी शिकायतें विगत 5 वर्षों में प्राप्त हुईं और किस-किस जिले में उक्त घटिया कार्य की जांच हेतु समिति बनाई गई और जांच समितियों ने जांच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि जांच समय-सीमा में पूर्ण नहीं की गई तो क्यों? स्पष्ट करें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि नल-जल योजना के अंतर्गत ग्रामीणों के घरों के बाहर तक ही पाइप-लाइन डाली गई जिनमें टोटियां भी नहीं लगाई गई है? यदि हाँ तो क्या इसकी जांच करायी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रदेश में जल जीवन मिशन पर जून, 2024 तक कुल राशि रु. 29015.77 करोड का व्यय किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, प्रदेश में जल जीवन मिशन की योजनाओं के कार्य निर्धारित मापदंड एवं गुणवत्ता के साथ कराया जा रहे हैं, तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसियों द्वारा कार्यों का पर्यवेक्षण किया जा रहा है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं, नल-जल योजनाओं से घरों के परिसर तक पाइप-लाइन बिछाकर स्टैंड पोस्ट लगाकर अथवा पाइप में वाल्व/टोटी लगाकर योजनाएं हस्तांतरित की जाती हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का प्रदाय
[अनुसूचित जाति कल्याण]
103. ( क्र. 3262 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक एवं मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को कितनी-कितनी राशि दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने छात्र/छात्राओं को प्रतिवर्ष दी जाने वाली छात्रवृत्ति प्रश्न दिनांक तक नहीं दी गई है? कारण सहित जिलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन छात्रों को छात्रवृत्ति जिलावार नहीं दी गई है, उनको छात्रवृत्ति कब तक दी जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार मुख्यता सभी जिलों के निम्न कारण हैं :-1. संस्थाओं द्वारा पोर्टल पर विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज न करना। 2. कार्यालय में छात्रवृत्ति प्रस्ताव विलम्ब से प्रेषित करना। 3. प्रेषित प्रस्तावों में दस्तावेज की कमी। 4. विद्यार्थियों के आवेदनों को अस्थाई निरस्त होने पर विद्यार्थी द्वारा समय-सीमा में पुन: आवेदन प्रस्तुत न करना। 5. वित्त विभाग के निर्देशानुसार आवंटित राशि का केवल 10 प्रतिशत राशि प्रतिमाह आहरित कर पूल खाते में जमा कर वितरित की जाती है। (ग) छात्रवृत्ति प्रकरणों का सतत् निराकरण किया जा रहा है। तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
मछली पालन हेतु हितग्राहियों को अनुदान का प्रदाय
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
104. ( क्र. 3264 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में मछुआ एवं मत्स्य कल्याण विभाग द्वारा मछली पालन हेतु कितने-कितने हितग्राहियों को अनुदान उपलब्ध कराया गया? हितग्राहीवार जानकारी देवें। (ख) विभाग में आज दिनांक तक कितने आवेदन लंबित है? यदि हाँ तो लंबित आवेदनों सहित जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा आगामी वित्तीय वर्षों में मछली पालन हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है? तहसीलवार जानकारी देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) विभाग द्वारा रायसेन जिले में मछली पालन हेतु हितग्राहियों को दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) आगामी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।
वन विकास निगम द्वारा किए गए पौधरोपण की जानकारी
[वन]
105. ( क्र. 3268 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से विदिशा जिला अंतर्गत वन परिक्षेत्र शमशाबाद, वन परिक्षेत्र उत्तर लटेरी एवं वन परिक्षेत्र दक्षिण लटेरी, जिला विदिशा में वन विभाग द्वारा वन विकास निगम को कब-कब, कितनी-कितनी भूमि, किस प्रयोजन हेतु हस्तांतरित की गई? बीटवार, वर्षवार, हस्तांतरित की गई भूमि का सर्वे नंबर, कम्पार्टमेंट नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वन विकास निगम द्वारा कितनी-कितनी वन भूमि पर कब-कब, कितने-कितने पौधारोपण किये गये? पौधों की संख्या, पौधरोपण का स्थल सहित प्रभारी अधिकारियों के नाम, बीटवार, परिक्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पौधारोपण हेतु वन विकास निगम को विभाग द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार, मदवार जानकारी देवें। पौधरोपण हेतु भूमि सुधार, गड्ढे खोदने हेतु खाद, उर्वरक, मजदूरी एवं अन्य किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? व्यय राशि की जानकारी बीटवार, परिक्षेत्रवार, वर्षवार, भुगतानकर्ता अधिकारी के नाम सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पौधरोपण की गणना कब-कब, किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा की गई? अधिकारी/कर्मचारी के नाम सहित बतावें। उनमें से कितने पौधे जीवित हैं? बीटवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वन विकास निगम की भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर खेती होती है? यदि हाँ तो अतिक्रमण की गई भूमि का सर्वे नंबर, कम्पार्टमेंट नंबर, बीट, वन परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। ">(च) प्रश्नांश (ङ) के संदर्भ में कम्पार्टमेंट नंबर पी-358, 359, 360, 361, 362 की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर खेती की जा रही है? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वन विभाग से कैम्पा मद अंतर्गत प्राप्त राशि तथा निगम की स्वयं की राशि से वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विदिशा जिले के परिक्षेत्र शमशाबाद एवं उत्तर/दक्षिण लटेरी में किये गये रोपण पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) प्रश्नाधीन अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौ-शालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 3269 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी गौ-शालाएं, गौ-अभयारण्य, गौवंश एवं पशुधन संरक्षण/संवर्धन करने वाले संस्थाएं किस स्तर की तथा कब से शासकीय/अर्द्धशासकीय/अशासकीय संचालित हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा उक्त संस्थाओं में कितना गौवंश है? गौशाला एवं संस्थावार गौवंश संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड एवं अन्य प्रशासनिक इकाइयों, शासकीय संस्थाओं द्वारा कौन-कौन सी गौ-शालाओं को राशि आवंटित की जाती है? राशि आवंटित करने के क्या नियम, निर्देश, आदेश हैं? नियम, निर्देश, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग, विभाग के बोर्ड एवं अन्य इकाइयों द्वारा कौन-कौन सी गौशाला, गौवंश, पशुधन संरक्षण करने वाली संस्थाओं हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितनी राशि गौवंश हेतु व्यय की गई? गौशालावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में गौ-शालाओं को राशि आवंटित करने संबंध में गौशाला एवं अन्य संस्थाओं में गुणवत्ताविहीन कार्य करने संबंधी नियमों और मापदण्डों का पालन न करने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों की जांच में कौन-कौन दोषी पाये गये? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें एवं शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? जानकारी दें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश गौ-संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत गौ-शालाओं को अनुदान स्वरूप राशि प्रदाय की जाती है। इसके अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक इकाइयों शासकीय संस्थाओं द्वारा गौ-शालाओं को राशि आवंटन के संबंध में जानकारी संधारित नहीं की जाती है। नियम, निर्देश, आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
माली प्रशिक्षण केन्द्र में आवंटित बजट
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
107. ( क्र. 3274 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड रहली जिला सागर में माली प्रशिक्षण केन्द्र कड़ता को आवंटित एवं विकसित भूमि, कुल उपलब्ध मानव संसाधन, विगत तीन वर्ष में प्रशिक्षित माली एवं विगत तीन वर्ष में आवंटित बजट एवं व्यय का पूर्ण विवरण दिया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित केन्द्र में विगत तीन वर्षों में तैयार फल-फूल इत्यादि के पौधों का वितरण एवं प्राप्ति राशि का पूर्ण विवरण दिया जाये। (ग) क्या केन्द्र का भवन, प्रशिक्षण केन्द्र अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है तथा इसे व्यवस्थित किये जाने के लिये अभी तक क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) क्या केन्द्र के भवन, प्रशिक्षण केन्द्र इत्यादि को इस वर्ष अपेक्षानुरूप व्यवस्थित कर लिया जावेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विकासखण्ड रहली के ग्राम-कड़ता में शासकीय संजय निकुंज कड़ता का कुल रकवा 4.15 हेक्टेयर है जिसमें माली प्रशिक्षण केन्द्र क्रियान्वित है। माली प्रशिक्षण केन्द्र कड़ता को पृथक से कोई भूमि आवंटित नहीं है। मानव संसाधन के अंतर्गत शा. रोपणी में कुल 01 ग्रा.उ.वि. अधि., 03 माली, 04 स्थायी कर्मी, 03 मस्टर श्रमिक कार्यरत हैं। विगत 03 वर्षों में प्रशिक्षित माली, आवंटित बजट एवं व्यय का विवरण निम्नानुसार है:-
वर्ष |
कुल प्रशि प्राप्त मालियों की संख्या |
प्राप्त आवंटन राशि लाख रू. में |
व्यय राशि लाख रू. में |
2021-22 |
0 |
0 |
0 |
2022-23 |
60 |
4.95 |
4.95 |
2023-24 |
206 |
14.04 |
14.04 |
योग |
266 |
21.97 |
18.99 |
(ख) विगत 03 वर्षों में तैयार फल, फूल इत्यादि के पौधे तथा वितरण एवं प्राप्त राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
वर्ष |
फल, फूल इत्यादि कुल उत्पादित पौधों की संख्या |
वितरण |
प्राप्त राशि (लाख में) |
2021-22 |
42571 |
7714 |
1.59 |
2022-23 |
37102 |
4528 |
1.24 |
2023-24 |
36323 |
6868 |
1.63 |
योग |
115996 |
19110 |
4.46 |
(ग) जी हाँ। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से विभागीय प्रशिक्षण केन्द्रों की सुदृढ़ीकरण की परियोजना के तहत राशि रूपये 20.00 लाख स्वीकृत कर सुदृढ़ीकरण का कार्य विभागीय क्रियान्वयन एजेंसी एम.पी. एग्रो के माध्यम से किया जा रहा है। (घ) जी हाँ।
सफल स्त्रोत निर्माण के पश्चात अन्य कार्य कराने का प्रावधान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
108. ( क्र. 3276 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल जीवन मिशन के अंतर्गत सफल स्त्रोत निर्माण होने के पश्चात ही अन्य कार्य जैसे टंकी, संपवेल, पाइप-लाइन बिछाने संबंधी आदि कार्य कराये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि प्रश्नांश का उत्तर हाँ है तो क्या प्रदेश में सफल स्त्रोत निर्माण किये बगैर योजनाओं में किस आधार अन्य कार्य जैसे टंकी, संपवेल, पाइप-लाइन बिछाने आदि कराये गये? इस प्रकार के नियम विरूद्ध किये गये शासकीय व्यय हेतु कौन दोषी है? क्या दोषी/जिम्मेदार अभियंताओं से राशि वसूल की जायेगी? (ग) भिण्ड जिले में ऐसी कितनी योजनाएं हैं जो कि स्त्रोत के अभाव में चालू नहीं की जा सकी एवं उन पर अब तक कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई? ग्रामवार जानकारी दी जाये।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं में प्रस्तावित विभिन्न कार्य जैसे - स्रोत, टंकी, संपवेल, पाइप-लाइन इत्यादि कार्य स्वीकृति के आधार पर कराए जा रहे हैं, अतः नियम विरुद्ध कोई शासकीय व्यय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भिण्ड जिले में ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन के कार्यों में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
109. ( क्र. 3285 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ ब्लॉक में 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन अन्तर्गत कुल कितने कार्यों की किस-किस लागत की कितने ग्राम पंचायतों के कितने ग्रामों में स्वीकृति प्रदान की गई है? ग्राम पंचायत, ग्राम के नाम, कार्य का प्रकार, लागत, लंबाई, उपयोग में आने वाले यंत्र, कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य, कितना लक्ष्य पूर्ण, कितना अपूर्ण, कितना प्रारंभ भी नहीं हुआ, कितना बजट प्राप्त हुआ, कितना व्यय हुआ, कितना शेष है सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर नियम, निर्देश एवं आदेश की प्रति सहित बतायें। संपूर्ण कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश अवधि में जिस फर्म/ठेकेदार को कार्य सौंपा गया है उस फर्म का नाम, पता, लिये गये कार्यों का अनुबंध, फर्म का वार्षिक टर्न-ओवर, कितनी धरोहर राशि जमा की, किस लागत के कितनी अवधि में किस दर पर कार्य किया जाना है, संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर ब्लॉकवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने पर कब और क्यों तथा किस की अनुमति से कार्य पूर्णता में कितनी अवधि की वृद्धि कितनी बार की गई, कारण सहित कार्यवार बतायें। कितने कार्य पूर्ण होकर योजना में पेयजल प्रदाय करना प्रारंभ हो गया है? कितने घरों को इनसे लाभ प्राप्त हो रहा है? (घ) उपरोक्त के संबंध में फर्म/ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर अनुबंध के मुताबिक क्या कार्यवाही की जा सकती है? क्या कार्य पूर्ण नहीं होने पर विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षण/परीक्षण के उपरांत अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी है? कब तक फर्म/ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही कर विभाग संपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा लेगा? निश्चित समय-सीमा कार्यवार बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ ब्लॉक में 20 मार्च 2020 से जल जीवन मिशन अंतर्गत 95 ग्राम पंचायतों के 298 ग्रामों के लिए लागत राशि रूपये 133.59 करोड की एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृति प्रदान की गई है, स्वीकृत कार्यों की ग्राम पंचायत, ग्राम के नामवार, कार्य पूर्ण/अपूर्ण, व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, सभी कार्य प्रारंभ/प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त प्रश्नांकित क्षेत्र में स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में प्रश्नांश अवधि में फर्म/ठेकेदार को सौंपे गये कार्यों की फर्मवार वार्षिक टर्न-ओवर, धरोहर राशि लागत एवं स्वीकृत दर की, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में प्रश्नांश अवधि में पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत, समय वृद्धि करने के कारण सहित अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। 71 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण होकर योजनाओं से 13055 घरों में पेयजल प्रदाय करना प्रारंभ हो गया है एवं 13055 घरों को इनसे लाभ प्राप्त हो रहा है। (घ) फर्म/ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किए जाने पर अनुबंध में निहित प्रावधानों के अंतर्गत गुण-दोष के आधार पर फर्म/ठेकेदार के विरुद्ध अर्थदंड/अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है। जी हाँ। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग में निविदा नियमों को अनदेखा कर कार्य किया जाना
[वन]
110. ( क्र. 3286 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग, म.प्र.शासन, भोपाल के पत्र क्र./एफ 2544/2019/10-2 दिनांक 29/5/23, 17/08/23, 29/10/23, 29/12/23, 27/3/24, 04/06/24 एवं 06/06/2024 में किन कार्यों के लिये समय-समय पर पत्र जारी किये गये? इन पत्रों में जावक क्रमांक एक समान होने के क्या नियम है? यह नस्ती कब से प्रारंभ हुई है? कृत कार्यवाही से अवगत कराते हुये गौशवारा बनाकर नस्ती प्रारंभ करने से प्रश्न दिनांक तक कारण सहित बतायें। (ख) क्या पत्र में उल्लेखित समान प्रकृति का कार्य निश्चित समय-सीमा में प्रत्येक वर्ष संपन्न होता है? विभाग इस कार्य को कितने वर्षों से संपादित कर रहा है? क्या प्रत्येक बार इसमें कुछ नया जोड़ा जाता है? यदि नहीं तो विभाग को लक्ष्य में प्राप्ति में क्या कठिनाई उत्पन्न हो रही है? यदि नहीं तो 04/06/24 में जारी निर्देशों के अतिरिक्त विदोहन के लिये पिछले वर्ष काटे गये कूपों में पुनरुत्पादन के कार्य कराये जाने की आवश्यकता को देखते हुये एस.सी.आई. तथा आई.डब्ल्यू.सी. कार्य वृत्तों से संबंधित कार्य विभागीय रूप से प्रचलित प्रथा अनुसार संपादित किये जाए में मनमाने तरीके से कार्य करने के लिये किसके आदेश पर जारी किये गये? विभागीय प्रचलित प्रथा के आधार पर वर्ष 2020 से किस प्रकार किया गया? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बजट की स्थिति सहित बतायें। (ग) दिनांक 27/03/24 में जिस प्रक्रिया का पालन करते हुये कार्य किये जाने थे उसी अनुक्रम में वर्ष 2020 से क्या-क्या कार्य किस-किस के द्वारा कितने व्यय पर संपादित किये गये? वर्क-ऑर्डर, क्रियान्वयन एजेन्सी का नाम, पता, एजेन्सी संचालक का नाम, प्रस्तुत देयक, भुगतान राशि का चैक नं., ऑडिट, राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं विभाग के कौन अधिकारी, कर्मचारी उक्त कार्य में संलग्न हैं का नाम, पदनाम, कार्यालय का नाम, पता, एक ही स्थान पर कब से पदस्थ हैं सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लघु वन उपज केन्द्रों की जानकारी
[वन]
111. ( क्र. 3296 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के वनों में कितनी तरह के लघु वन उपज पाए जाते हैं? जानकारी दें। (ख) इनका न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा क्या सरकार ने की है? यदि की है तो वन उपजवार समर्थन मूल्य क्या है? (ग) समर्थन मूल्य पर वन उपजवार पिछले वर्ष कितनी उपज की एवं संग्रहकों को कितनी राशि प्रदान की गई? (घ) क्या म.प्र. शासन वन विभाग ने उपरोक्त वर्णित लघु वन उपज के प्रशिक्षण केन्द्रों को खोले जाने की व्यवस्था की है? यदि प्रक्रिया की है तो जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ड.) वन प्रक्रिया केन्द्रों में पिछले वर्ष में किन-किन वन उपज में कितनी-कितनी मात्रा में प्रक्रिया किया गया है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. के वनों में प्रमुख रूप से लगभग 156 प्रकार की लघु वन उपज पाई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रदेश में म.प्र. शासन द्वारा 32 प्रकार की लघु वन उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2023-24 में लघु वनोपज के क्रय एवं संग्राहकों को भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) लघु वन उपज के प्रशिक्षण केन्द्र नहीं खोले गए है। (ड.) वन प्रक्रिया केन्द्रों में 2023-24 में वन उपजवार की गई प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
हर घर नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 3307 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग एवं मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित की जानकारी में जिला-रतलाम में जल जीवन मिशन, हर घर जल योजना के अंतर्गत शत्-प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन दिए जाकर सफलता पूर्वक उक्त योजना का क्रियान्वयन किया गया है। उक्त ग्राम पंचायत का नाम, उसमें उपलब्ध नल कनेक्शनों की कुल संख्या सहित संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। जिला रतलाम में कुल कितनी ग्राम पंचायतों में हर घर जल योजना पहुंचाने हेतु शेष है? बतायें। कब तक उक्त ग्राम पंचायतों में भी शत्-प्रतिशत हर घर जल योजना का लाभ दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है? (ख) विभाग एवं मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित की जानकारी में जिला रतलाम में जल जीवन मिशन हर घर जल योजना में हुए घोटाले एवं भ्रष्टाचार की विगत पांच वर्षों में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्रत्येक शिकायत का विवरण सहित उक्त शिकायत पर विभाग एवं सक्षम अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2024 में चेयरमैन मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित एवं मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को जल जीवन मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की लिखित शिकायत ई-मेल के माध्यम से विभाग में उनके विभागीय ई-मेल आई.डी. पर की गई है। यदि हाँ तो प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या जिला रतलाम में जल जीवन मिशन हर घर जल योजना में हुए घोटाले एवं भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच मुख्यालय वल्लभ भवन भोपाल स्तर पर जांच कमेटी गठित कर जांच कराएंगे? यदि हाँ तो कब तक? निश्चित समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? बतायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, शिकायत के बिंदु पर तथ्यों से शिकायतकर्ता को तद्नुसार अवगत कराया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेसा अधिनियम की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
113. ( क्र. 3308 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी में मध्यप्रदेश में पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में पेसा अधिनियम किस दिनांक में किस आदेश से लागू किया गया? उक्त अधिनियम एवं उक्त संबंध में बनाए गए नियम एवं इस संबंध में जारी समस्त आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें एवं मध्यप्रदेश के किस जिले, ब्लॉक एवं विकासखंड में उक्त पेसा अधिनियम वर्तमान में शत्-प्रतिशत लागू है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पेसा अधिनियम को शत्-प्रतिशत लागू करने हेतु संपूर्ण मध्यप्रदेश में कुल कितने पेसा मोबिलाइजर एवं अन्य जिला एवं ब्लॉक समन्वयकों की नियुक्तियां की गई हैं? उनके नाम, पदनाम, उन्हें दिए जा रहे वेतन भत्तों की जानकारी सहित संपूर्ण सूची £2346;ृथक-पृथक जिलेवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला एवं ब्लॉक समन्वयकों एवं पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति किए जाने हेतु क्या चयन प्रक्रिया अपनाई गई? बतायें एवं उक्त नियुक्तियां किए जाने हेतु कब-कब विज्ञापन जारी किए गए एवं क्या शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई? पृथक-पृथक बतायें। (घ) क्या संपूर्ण मध्यप्रदेश में पेसा अधिनियम का अक्षरशः पालन कराते हुए जिला एवं ब्लॉक समन्वयकों यथा पेसा मोबिलाइजर्स की राजनीतिक आधार पर बिना चयन प्रक्रिया के की गई सभी नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? निश्चित समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश में पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा अधिनियम दिनांक 15 नवम्बर 2022 को लागू किया गया है। उक्त अधिनियम म.प्र. राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 589 दिनांक 15.09.2022 आदेश के द्वारा लागू किया गया। उक्त अधिनियम एवं उक्त संबंध में बनाए गए नियम तथा समस्त आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रदेश के कुल 20 जिलों में 88 विकासखण्डों के ग्रामीण क्षेत्रों में पेसा अधिनियम वर्तमान में शत्-प्रतिशत लागू है। (ख) प्रदेश के पेसा जिलों में पेसा अधिनियम के तहत कुल 4824 पेसा मोबलाइजर्स चयनित किए गए एवं 17 जिला समन्वयक एवं 87 ब्लॉक समन्वयकों की सेवाएं आउटसोर्स की गई। पेसा मोबलाइजर एवं अन्य जिला एवं ब्लॉक समन्वयक के नाम, पदनाम, मानदेय/पारिश्रमिक संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश के पेसा जिलों में जिला समन्वयक एवं ब्लॉक समन्वयक की चयन प्रक्रिया आउटसोर्सिंग एजेंसी एम.पी.कान लिमिटेड के माध्यम से संपन्न की गई है। पेसा मोबलाइजर्स का चयन शासन के निर्देशों के अनुक्रम में ग्राम पंचायतों द्वारा किया गया है। शैक्षणिक योग्यता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) प्रदेश में जिला, ब्लॉक समन्वयकों को आउटसोर्स किया गया है एवं पेसा मोबलाइजरों की चयन प्रक्रिया ग्राम पंचायतों द्वारा पारदर्शी ढंग से की गई है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
114. ( क्र. 3312 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा में मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े कितने पात्र हितग्राहियों के मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाये गये हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बैरसिया विधानसभा में कितने पात्र हितग्राही आज दिनांक तक मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना से वंचित है? जानकारी उपलब्ध करायें एवं वंचित पात्र हितग्राहियों को मछुआ क्रेडिट कार्ड प्रदान कराने की विभाग की क्या कार्ययोजना हैं?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार।
सेवानिवृत्त कर्मचारी के स्वत्वों का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
115. ( क्र. 3313 ) श्री विष्णु खत्री : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा सेवानिवृत्त सहायक ग्रेड-01 कार्यालय आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास को उपदान के अतिरिक्त शेष अन्य राशि (बीमा राशि, जी.पी.एफ. एवं अवकाश नकदीकरण) का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? (ख) विभाग उपरोक्त कर्मचारी के समस्त देयकों का भुगतान कब तक करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) श्री राजेन्द्र कुमार शर्मा सेवानिवृत्त सहायक ग्रेड-01 के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा अपराध क्रमांक-61/12 में चालान प्रस्तुत किया गया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 संशोधित दिनांक 19 मई, 2023 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) न्यायालयीन प्रकरण होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शहडोल जिलांतर्गत जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
116. ( क्र. 3332 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक शहडोल जिले में जल जीवन मिशन के कार्य £2325;ितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ हुए का विवरण जनपदवार, पंचायतवार जिले का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में राशि व्यय की जानकारी के साथ कार्यादेश किन-किन संविदाकारों/फर्म को किन-किन शर्तों पर दिये गये? शर्तों का पालन करते हुये क्या निर्धारित समय व तिथि पर कार्य कराये गये अथवा नहीं तो क्यों? इनकी कार्य अवधि कब-कब, किन-किन शर्तों पर बढ़ाई गई तो क्यों? बतावें। कार्यवार, पंचायतवार जनपदवार, जिलावार, कार्यों की भौतिक स्थितियां क्या है? बतावें। अगर अनुबंध अनुसार कार्य नहीं कराये गये तो इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों/संविदाकारों पर कब-कब, कौन सी कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों? इन कार्यों के पूरा करने बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्या कार्य हेतु उपयोग की जाने वाली पाइपों की गुणवत्ता की जांच कब-कब, किन-किन के द्वारा की गई? बतावें। नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों हेतु कितनी राशि विभाग को एवं कितनी मिशन के कार्य बाबत् प्राप्त हुई का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। प्राप्त राशि का मदवार व्यय की स्थिति क्या है? बतावें। अगर बगैर कार्य के संविदाकारों की राशि अधिक व्यय की गई तो इसके जांच व कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के विभागों द्वारा कराये गये कार्यों के पूर्व पंचायत विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभाग द्वारा पूर्व से निर्मित की गई संबंधित विभाग से NOC (अनापत्ति) प्रमाण-पत्र प्राप्त कर कार्य कराये गये या कराये जा रहे हैं? अगर अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लेने व रोडों को क्षतिग्रस्त व तोड़ने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? बतावें एवं इन क्षतिग्रस्त रोडों के निर्माण बाबत् क्या निर्देश देंगे एवं बिना अनापत्ति प्राप्त किये कार्य कराने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/संविदाकारों पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्य में से मिशन व विभाग दोनों द्वारा कार्य दिखाकर राशि आहरित की गई? क्या इसकी जांच बाबत् क्या निर्देश देंगे एवं प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों पर कार्यवाही हेतु क्या निर्देश जारी करेंगे? बतावें। नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) प्रचलित निविदा प्रकिया की शर्तों एवं निविदा की शर्तों के अनुसार संविदाकारों/फमाँ को कार्यादेश दिये गये, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। क्रियान्वित की जा रही योजनाओं में संविदाकारों द्वारा किए गए कार्य के मूल्यांकन अनुसार योजना पर व्यय किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) क्रियान्वित की जा रही एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य के दौरान ग्राम पंचायत की सहमति के साथ पाइप-लाइन कार्य के लिए ग्राम की सी.सी. रोड काटकर पाइप-लाइन कार्य किए जा रहे हैं, इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग, एम.पी.आर.आर.डी.ए. आदि से आवश्यक होने पर अनुमति प्राप्त की जाती है एवं नल-जल योजना के संविदाकार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार पाइप-लाइन कार्य के लिए काटी गई सड़क को कार्य उपरांत मरम्मत कर ठीक किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के भुगतान जल जीवन मिशन मद से किए जाते हैं। विभाग के अन्य मदों के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के भुगतान संबंधित अन्य मदों से किए जाते हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है
अनियमितताओं की जांच
[वन]
117. ( क्र. 3333 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल वा रीवा संभाग के वन मंडल कार्यालयों में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि, कब-कब, किन-किन मदों में व्यय बाबत् प्रदान की गई का विवरण वर्षवार देते हुये इन प्राप्त राशियों के व्यय की स्थिति की जानकारी के साथ इससे संबंधित आर्डर-शीट की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों से निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों हेतु कहाँ-कहाँ कब-कब खर्च की गई? निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति के साथ कार्य किन संविदाकारों अथवा माध्यमों से कराये गये, कार्यादेश किन शर्तों पर दिये गये, शर्तों का पालन कर कार्य कराये गये अथवा नहीं, इसका सत्यापन कब-कब, किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? बतावें। अगर नहीं किया गया तो राशियों का मनमाने तरीके से व्यय कर गबन किया गया, मौके पर कार्य नहीं कराये गये, इस बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में तेंदूपत्तों एवं वन उत्पादों से कितने राजस्व की प्राप्ति हुई का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देते हुये इनके व्यय बाबत् क्या निर्देश शासन के हैं? निर्देश के पालन में राशियां व्यय कहाँ-कहाँ की गई? कार्यवार, मदवार जानकारी वर्षवार, जिलेवार देवें। व्यय हेतु तैयार नोटशीट की प्रति भी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्राप्त राशियों का उपयोग शासन के निर्देशों से हटकर किया गया निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन शर्तों से हटकर कराये गये? तेदूपत्ता एवं अन्य प्राप्त राशियों का मनमानी व्यय कर गबन किया गया? इन सब अनियमितताओं की जांच बनाकर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है, जिसमें कार्य आदेश का क्रमांक एवं दिनांक उल्लेखित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। संविदाकार के माध्यम से कार्य नहीं कराया गया है, अत: शर्तें एवं उनके पालन की स्थिति निर्मित नहीं है। राशियों को मनमाने तरीके से व्यय कर गबन करने का कोई मामला प्रकाश में नहीं है। मौके पर कार्य कराये गये हैं, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) प्राप्त राशियों का उपयोग शासन के निर्देशों के अनुरूप ही किया गया है तथा कार्य गुणवत्तायुक्त कराये गये हैं। राशि का गबन करने या किसी प्रकार की अनियमितता संबंधी कोई मामले प्रकाश में नहीं आए हैं। इसलिए कार्यवाही किये जाने प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिलांतर्गत विभिन्न योजनाओं से प्राप्त राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 3339 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में रायसेन जिले को विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि को किन-किन कार्यों में व्यय किया गया है? वर्षवार, कार्यवार व्यय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में प्राप्त राशि से वर्षवार कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये और इनमें से कितने व कौन से कार्यों का निर्माण पूर्ण, अपूर्ण (प्रगतिरत) व अप्रारंभ है? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के व्यय व स्वीकृतियों के संबंध में बतावें कि क्या सक्षम अनुमतियां लेकर ही कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ तो कार्यों की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति किसके द्वारा जारी की गई है? कार्यों के चयन का आधार क्या रहा है? (घ) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में उक्त अवधि में खरीदी गई सामग्री का विवरण दें व बतावें कि क्रय सामग्री का सत्यापन किन के द्वारा किया गया? खरीदी संबंधी प्राप्त शिकायतों का निराकरण किस प्रकार किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) रायसेन जिले को विगत 3 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्राप्त राशि से वर्षवार कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राप्त राशि से वर्षवार स्वीकृत निर्माण कार्य एवं पूर्ण, अपूर्ण व अप्रारम्भ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति वित्तीय अधिकार पुस्तिका में प्रदत्त अधिकार अन्तर्गत सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदाय की गई। कार्य का चयन विभाग के नियमों के अन्तर्गत किया गया। (घ) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्रश्नाधीन अवधि में खरीदी गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। सामग्री का सत्यापन गठित समिति द्वारा किया गया। खरीदी सम्बन्धी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री का वितरण कार्य
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
119. ( क्र. 3345 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) टीकमगढ़ जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में वर्तमान में कितनी-कितनी खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री किस सेवा सहकारी समिति मर्यादित के पास एवं किस उपरोक्त भण्डार के पास किस-किस को प्रदाय हेतु प्रतिमाह भेजी जा रही है? कृपया संख्यावार जानकारी दें। यह भी जानकारी दें कि जिले की इन दुकानों से कौन-कौन यह खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री बांटने का कार्य कब से कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इनके विक्रेता कौन-कौन हैं? अगर उपरोक्त भंडार है तो इन उपभोक्ता भंडारों में कौन-कौन अध्यक्ष है एवं कौन-कौन इन उपभोक्ता भंडारों में अन्य हैं? सभी के नाम, पिता/पति, जाति एवं पता सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। यह कब से खाद्यान्न वितरण का कार्य देख रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्या इन वितरण कर्ताओं के अलावा भी और ऐसे उपभोक्ता भंडार बने हैं, जो अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पास अपने आवेदन लगाए हैं कि मुझे भी यही कार्य दिया जावे लेकिन उन्हें कार्य प्रदाय नहीं किया जा रहा है, क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि क्या जो खाद्यान्न सामग्री जिले में बांटने हेतु भेजी जा रही है, क्या वह जनसंख्या मापदण्ड के आधार पर कम नहीं है? अगर कम है तो कब तक कौन डिमाण्ड बनाकर कलेक्टर के समक्ष भेजेगा और कब तक शेष उपभोक्ता भंडारों का कार्य हो जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुल 324 में से 320 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं, जिसमें से 167 दुकानें सेवा सहकारी संस्थाओं, 10 दुकानें उपभोक्ता भंडारों एवं 143 दुकानें अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही हैं। उचित मूल्य दुकानों में माह मई, 2024 में प्रदाय राशन सामग्री, राशन सामग्री वितरण करने वाले विक्रेता का नाम, पदस्थ अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) उचित मूल्य दुकानों पर कार्यरत विक्रेता का नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाले उपभोक्ता भंडारों एवं अन्य संस्थाओं के अध्यक्ष का नाम, पिता/पति का नाम, जाति एवं पते एवं दुकान संचालन करने की अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकान आवंटन प्राधिकारी के समक्ष दुकान आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न वितरण होने के पश्चात् पीओएस मशीन में शेष बचत मात्रा का समायोजन कर मासिक आवंटन जारी किया जाता है किन्तु, पीओएस मशीन एवं दुकान पर उपलब्ध खाद्यान्न स्टॉक में भिन्नता होने की दशा में उचित मूल्य दुकान से संलग्न पात्र परिवारों की खाद्यान्न मासिक हकदारी अनुसार उपलब्ध कराने हेतु डीएसओ/जेएसओ लॉगिन से पोर्टल पर अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन दर्ज करने की व्यवस्था की गई है ताकि पात्र परिवारों को उनकी हकदारी अनुसार खाद्यान्न मात्रा का वितरण किया जा सके। पात्र परिवारों की हकदारी अनुसार खाद्यान्न आवंटन जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धावस्था पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
120. ( क्र. 3389 ) श्री राजकुमार मेव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि शासन द्वारा मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति के वृद्धों को जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है, इसी योजना के अनुसार क्या पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग के वृद्धों को भी वृद्धावस्था पेंशन की राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा केंद्रीय एवं राज्य शासन अंतर्गत समस्त वर्ग के 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों यथा सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति इत्यादि के लिये इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना एवं समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना संचालित की जा रही है। उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत योजनाओं के मापदंड अनुसार क्रमश: आयु (60 वर्ष से अधिक), आय (निराश्रित अथवा बीपीएल श्रेणी), निवास (मध्यप्रदेश का मूल निवासी) इत्यादि के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के वृद्धजनों को राशि रूपये 600/- प्रतिमाह से लाभान्वित किया जा रहा है।
नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 3391 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर क्षेत्रांतर्गत शासन द्वारा अब तक कितनी नल-जल योजनाओं की स्वीकृति की गई, जो वर्तमान में प्रगतिरत है, उनकी सूचि देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना के कार्य की अवधि क्या थी, योजना कितनी अवधि में पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या नल-जल योजना की टंकियों में फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट देने का प्रावधान है? क्या आगामी योजना देने की है? (घ) विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना पूर्ण होने पर ग्रामीणजनों को घरेलू नल कनेक्शन कब तक दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत अब तक 159 नल-जल योजनाएं स्वीकृत होकर वर्तमान में उनमें से 52 योजनाएं पूर्ण तथा 107 योजनाएं प्रगतिरत् हैं। प्रगतिरत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंध अनुसार योजनाओं को पूर्ण करने की अवधि सामान्यतः 06 माह प्रावधानित है, प्रगतिरत् योजनाओं को पूर्ण करने की कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रगतिरत् नल-जल योजनाओं में घरेलू नल कनेक्शन देने का कार्य भी प्रगतिरत् है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, सभी प्रावधानित नल कनेक्शन देने का कार्य पूर्ण करने की कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
122. ( क्र. 3394 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला से 2600 मीट्रिक टन चावल दिनांक 24-7-2022 को छतरपुर जिले के हरपालपुर रेल्वे रैक प्वाइंट पर अथवा जिसमें 2061 मी. टन चावल वेयर हाउस में जमा किया गया था, शेष चावल पानी में भीग जाने तथा बोरियों में फफूंद लग जाने से खाने योग्य न होने के कारण वेयर हाउस ने स्वीकार नहीं किया था? (ख) शेष 538 मी. टन चावल खराब हो जाने के कारण इसकी जांच कलेक्टर छतरपुर द्वारा कराई गई थी? यदि हाँ तो क्या तथ्य प्रकाश में आये? उक्त चावल खराब होने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार पाये गये? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए क्या कार्यवाही की गई? कृपया पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या उक्त नुकसान के लिए एफ.आई.आर. कराई गई? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मण्डला जिले से दिनांक 24.07.2022 को छतरपुर जिले के हरपालपुर रेल्वे रैक के लिए 2590.634 मे. टन चावल भेजा गया था। मण्डला से छतरपुर जिले में प्राप्त रैक में 2539.642 मे. टन चावल प्राप्त हुआ तथा 50.992 मे. टन चावल की कमी परिलक्षित होने पर राशि रू. 18, 03, 286 का कटौत्रा परिवहनकर्ता के देयक से किया गया है। खराब हुए 37.995 मे. टन चावल को वेयर हाउस में जमा नहीं कराया गया है, जिसकी राशि रू. 13,76,784 का कटौत्रा परिवहनकर्ता के देयक से किया गया है। (ख) जी हाँ। जांच में पाए गए तथ्यों के प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चावल की शार्टेज एवं खराब मात्रा राशि की वसूली की जा चुकी है, इस कारण कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
पंचायतों में हैंडपम्प खनन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
123. ( क्र. 3444 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम विजपुरी में विगत वर्ष 2019 से 2023 तक विधायक निधि व अन्य पद से कितने हैंडपम्पों का खनन किया गया है, उक्त वित्तीय वर्षों में कुल 13 हैंडपम्प स्वीकृत किये जिसमें मात्र 6 हैं। 3 पम्पों का खनन किया गया है, जिसमें कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री व निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा कूटरचित बिल तैयार कर भुगतान किया गया है? (ख) क्या जिला कलेक्टर भिण्ड द्वारा उक्त मामले का संज्ञान में लेकर उपयंत्रियों के निलम्बन की कार्यवाही की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से आर्थिक अनियमितता हुई है? (ग) क्या वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत भिन्ड द्वारा किये गये समस्त कार्यों का उच्च स्तरीय जाँच दल बनाकर जाँच की जावेगी? (घ) यदि हाँ तो जाँच की समयावधि व उन पर हुई कार्यवाही से अवगत कराया जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (घ) विभाग द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में विधायक निधि व अन्य मद से नलकूप खनन नहीं किया गया। सभी प्रश्नांश जिला पंचायत भिण्ड से संबंधित हैं, जिला पंचायत भिण्ड के उत्तर की प्रतिलिपि प्राप्त की गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल जिलांतर्गत मत्स्य पालन की जानकारी
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
124. ( क्र. 3514 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिलांतर्गत मत्स्य पालन हेतु जलाशय/तालाब आवंटन की क्या नीति/नियम/शर्तें निर्धारित हैं? (ख) भोपाल जिलांतर्गत कुल कितने जलाशय/तालाब मत्स्य पालन हेतु आवंटित किए जाते हैं? विधान सभा क्षेत्रवार, नामवार जानकारी दें। (ग) उक्त में से कौन-कौन सा जलाशय/तालाब वर्तमान में किस-किस व्यक्ति/संस्था को कितनी-कितनी अवधि के लिए आवंटित है? संस्था के सदस्यों सहित पूर्ण विवरण दें। (घ) क्या वर्तमान आवंटियों का प्रश्नांश (क) में निर्धारित सभी मापदंडों का पालन करने के उपरांत आवंटित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) जी हाँ, मत्स्य पालन नीति 2008 का पालन किया गया है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य योजना की जानकारी
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
125. ( क्र. 3515 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रायसेन अंतर्गत दाहोद जलाशय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा अंतर्गत राशि रूपये 158.40 लाख का अनुदान वितरित कर 84 केजों की स्थापना की गई है? (ख) क्या उक्त केजों की स्थापना में किये गये भ्रष्टाचार संबंधी कोई जांच मंत्रालय स्तर से संधारित की गई थी? यदि हाँ, तो जांच का परिणाम क्या हुआ? प्रश्न दिनांक तक जांच की स्थिति क्या है? पूर्ण उल्लेख करें। (ग) जिन हितग्राहियों के नाम पर केज स्थापित किये गए हैं उन सभी हितग्राहियों के द्वारा मेचिंग शेयर (40 प्रतिशत) राशि 63.36 लाख हेतु बैंक ऋण लिया गया अथवा स्वयं के वित्तीय स्रोत से व्यय किया गया? स्पष्ट करें। क्या सभी हितग्राहियों के आवेदन में मेचिंग शेयर (40 प्रतिशत) राशि 63.36 लाख का निरीक्षण किये बिना (60 प्रतिशत) 158.40 लाख का अनुदान कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही वितरित कर दिया गया था? (घ) क्या उक्त महिला/पुरूषों के नाम पर (एक ही व्यक्ति) को 158.40 लाख का अनुदान प्रदाय कर केज स्थापित किये गए हैं? क्या जांच संधारित रहते हुए उक्त पुरूष/महिला हितग्राहियों को और अतिरिक्त केज आवंटित कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है? यदि हाँ तो बताएं। (ड.) प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत राज्य एवं केन्द्र के द्वारा (60 प्रतिशत) 158.40 लाख के दुरूपयोग संबंधी किये गए भ्रष्टाचार की जांच सी.बी.आई. से कराकर राज्य शासन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ताकि केन्द्र की राशि के दुरूपयोग पर अंकुश लगाया जा सके?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) सभी हितग्राहियों द्वारा केज का निर्माण स्वयं के व्यय से किया गया। हितग्राहियों द्वारा केज निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात ही अनुदान राशि का भुगतान किया गया। (घ) जी नही। कुल 07 (महिला एवं पुरूष) हितग्राहियों को पृथक-पृथक वेंडर के माध्यम से उनके खाते में कार्य पूर्ण हो जाने उपरांत राशि प्रदाय की गई। निर्धारित मापदण्ड के अलावा किसी भी हितग्राही को अतिरिक्त केज आवंटित नहीं किये गये। (ड.) विभागीय कार्यवाही प्रचलन में है गुण दोष के आधार पर जांच पश्चात कार्यवाही की जावेगी।
अनियमितता की जाँच
[वन]
126. ( क्र. 3547 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत रायसेन जिले के वन विभाग को विगत पाँच वर्षों में किस-किस योजना में किस-किस कार्य हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? विवरण दें व बतावें कि उक्त प्राप्त राशि से कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कराये गये? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? क्या कराये गये कार्य गुणवत्तापूर्ण कराये गये? नहीं तो क्यों? क्या योजना के मापदण्डों का पालन कर राशि का व्यय जिले में किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजनाओं के कार्यों में वृहद स्तर पर की गई अनियमितता की जाँच क्या विभाग करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य गुणवत्तापूर्ण कराए गए हैं। योजना के मापदंडों का पालन कर राशि का व्यय जिले में ही किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के कार्यों में कोई भी अनियमितता किसी भी स्तर पर प्रकाश में नहीं आने से जांच किए जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भारत सरकार से प्राप्त राशि से कराये गये कार्य
[वन]
127. ( क्र. 3554 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के वन विभाग को भारत सरकार से किस-किस योजनांतर्गत किस-किस कार्य हेतु विगत पांच वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? योजनावार, कार्यवार प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राप्त राशि का उपयोग वर्षवार किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ किया गया? इस राशि से क्या-क्या कार्य कब-कब कराये गये? विस्तृत विवरण दें व बतावें कि इन कार्यों का मूल्यांकन व भौतिक सत्यापन कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया है? (ग) क्या विभाग द्वारा पन्ना जिले में प्राप्त राशि का योजनावार एवं योजना के मापदण्डों के अनुसार ही उपयोग किया है? यदि नहीं तो क्यों? कराये गये कार्यों में क्या-क्या अनियमिततायें सामने आयी है? कार्य गुणवत्तापूर्ण व योजनानुसार हो इस हेतु विभाग क्या कार्यवाही करता है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) पन्ना जिले के वन विभाग को भारत सरकार से विगत 5 वर्षों में योजनावार, कार्यवार प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) विभाग को भारत सरकार से प्राप्त राशि के उपयोग की वर्षवार, कार्यवार, स्थलवार कराए गए कार्य का विवरण एवं कार्यों के अधिकारियों से कराए गए मूल्यांकन व भौतिक सत्यापन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) पन्ना जिले में प्राप्त राशि का योजनावार एवं योजना के मापदंडों के अनुसार ही उपयोग किया गया है। कराए गए कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है। कार्य गुणवत्ता व योजना अनुसार हो इस हेतु विभाग द्वारा प्राक्कलन/प्लान तैयार कर अधीनस्थ अधिकारियों से समय-समय पर सतत् स्थल निरीक्षण एवं मॉनीटरिंग, मूल्यांकन, कार्य सत्यापन कराया जाता है।
समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज का भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
128. ( क्र. 3770 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-105, दिनांक 22/12/2021 के प्रश्नांश (ड.) का उत्तर मझगंवा फाटक के ओपन-केप में वर्ष 2019-20 का 279348.90 क्विंटल धान क्षतिग्रस्त/खराब हुआ, जिसकी राशि रू. 50, 70, 18, 253/- संभावित है, तो भविष्य में भंडारित स्कंध खराब न हो इसके लिए क्या कार्यवाही की गयी और क्या वर्ष 2019-20 के बाद भी स्कंध खराब हुआ? यदि हाँ, तो क्यों एवं कैसे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) विधानसभा प्रश्न के प्रश्नांश (च) का उत्तर /span> गोदामों में, कैपों में स्कंधों का लंबे समय तक भंडारण करना पड़ रहा है, जिसके कारण अल्प मात्रा में कहीं-कहीं स्कंध क्षतिग्रस्त/खराब हुआ हैं, जिसके लिए पृथक से जांच कराने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। हाँ, तो उत्तरानुसार जब एक केप में करोड़ों रुपये के लाखों क्विंटल धान की जानकारी सामने आई, तो दिया गया यह उत्तर किस प्रकार सही है? स्पष्ट कीजिये। (ग) म.प्र. में जिलावार विगत5 वर्षों में कितने मूल्य का कहाँ-कहाँ भंडारित स्कंध किन-किन कारणों से कब-कब क्षतिग्रस्त/खराब होना पाया गया? क्या स्कंध के क्षतिग्रस्त/खराब होने की जांच की गयी? हाँ, तो जांच के क्या परिणाम रहे और क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) क्या ओपन केपों में भंडारित स्कंध खराब हुआ और चोरी हुआ? यदि हाँ, तो कैपों में स्कंधों को अधिक समय तक भंडारित रखने का कारण और औचित्य बताइये, जबकि इसी अवधि में अनुबंधित भंडार गृहों में स्कंध भंडारण की उपलब्धता थी? क्या प्रश्नांश (क) से (ग) अनियमितताओं पर कोई कार्यवाही होगी? हाँ, तो क्या एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019-20 के पश्चात् समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कंध में से भंडारण के दौरान खराब हुए स्कंध की मात्रा एवं खराब होने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपार्जित एवं भण्डारित स्कंध खराब होने से बचाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर गोदाम स्तर पर उपार्जन केन्द्रों की स्थापना, ओपन केप के स्थान पर उपलब्ध रिक्त गोदामों में स्कंध का भण्डारण, उपार्जन केन्द्र से मिलर्स को सीधे धान का प्रदाय, केप में भण्डारित स्कंध का प्राथमिकता से निष्पादन की कार्यवाही की गई है। कटनी जिले में वर्ष 2019-20 के पश्चात किसी प्रकार का स्कंध क्षतिग्रस्त/खराब नहीं हुआ है। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-105, प्रश्नांश के (ड.) भाग में मझगंवा फाटक केप में खराब हुई धान की जानकारी का उल्लेख किया गया है। मझगवां फाटक केप कटनी में केप में भण्डारित धान की निर्धारित समय-सीमा में मिलिंग न होने के कारण अत्यधिक समय तक भण्डारित रहने कारण धान क्षतिग्रस्त हुई है। (ग) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में जिलेवार, वर्षवार खराब स्कंध की मात्रा, राशि एवं खराब होने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्कंध के क्षतिग्रस्त/खराब होने की प्राप्त शिकायतों पर समय-समय पर जांच कराई गई एवं जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। खराब एवं क्षतिग्रस्त स्कंध की राशि गोदामों संचालकों एवं संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों से वसूल की जाती है। (घ) ओपन केप में भण्डारित स्कंध में से खराब हुई स्कंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। केप में भण्डारित स्कंध के चोरी होने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कंध के भण्डारण हेतु रिक्त गोदाम क्षमता उपलब्ध न होने पर केप में स्कंध का भण्डारण कराया गया है। वर्तमान में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं का भण्डारण गोदामों में कराया गया है। विगत वर्षों में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान मात्रा की तुलना में धान मिलिंग क्षमता सीमित होने के कारण केप में धान का भण्डारण अधिक समय तक करना पड़ा है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के भण्डारण में लापरवाही/अनियमितता करने वाले कर्मचारी/संस्था पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को समयमान वेतनमान का लाभ
[जनजातीय कार्य]
129. ( क्र. 3909 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2006 से सभी विभागों को चार श्रेणी में समयमान वेतनमान देने का आदेश जारी किया है। यदी हाँ तो जनजातीय एवं शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य सभी शिक्षकों को समयमान वेतनमान से आज तक क्यों वंचित रखा गया है। (ख) क्या मध्यप्रदेश सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दे रही है तो क्या मध्यप्रदेश जनजातीय एवं शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य सभी शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं है, यदि है तो मध्यप्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग में जिसमें प्रदेश के बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है उन गुरूओं के साथ प्रदेश सरकार दोहरा व्यवहार क्यों कर रही है, जिससे प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षकों में घोर असंतोष व्याप्त है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या जनजातीय एवं शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक एवं सभी वर्ग के शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने हेतु बजट में प्रावधान करेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग तथा अन्य विभागों में कार्यरत शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान के स्थान पर विशिष्ट योजना तहत सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 03 सितम्बर, 2005 संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार प्रथम/द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान योजना लागू है एवं सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29 जून, 2018 संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा त्रिस्तरीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। म.प्र. सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दे रही है। म.प्र. जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत शिक्षक एवं अन्य सभी शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गुरूओं के साथ प्रदेश सरकार दोहरा व्यवहार तथा शिक्षकों में असंतोष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
दुग्ध
डेयरियों पर
कार्रवाई
[पशुपालन एवं डेयरी]
1. ( क्र.
125 ) श्री
देवेन्द्र
रामनारायन
सखवार : क्या
राज्य
मंत्री
(स्वत्रंत
प्रभार), पशुपालन
एवं डेयरी
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा अम्बाह
के विकासखण्ड
अम्बाह एवं
पोरसा में
कितनी दुग्ध
डेरिया
संचालित है? यदि
हाँ तो उनकी
सूची उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में खाद्य
विभाग द्वारा
उन संचालित डेरियों
पर कार्यवाही
कर दुग्ध, दही, पनीर, मावा
आदि के जांच
हेतु नमूने
लिये गये? यदि
हाँ तो कितनी
डेरियों पर
विभाग द्वारा
कार्यवाही की
गई? यदि
हाँ तो सूची
उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं तो इनके
लिये दोषी
कर्मचारियों
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
कार्यवाही
नहीं की गई तो
क्यों एवं
कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
राज्य
मंत्री
(स्वत्रंत
प्रभार), पशुपालन
एवं डेयरी (
श्री लखन पटैल
) : (क) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे ''ब'' अनुसार
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 374 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चाचौड़ा विधानसभा में कितनी पानी की टंकी का निर्माण हुआ है ग्राम अनुसार विवरण देवें। (ख) कितने ग्राम पंचायतों के गांवों में नल-जल योजना के तहत हर घर जल पहुंचाने का काम पूरा हुआ है और कितनी पंचायत के गांव शेष है? (ग) क्या जिन गांवों में योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है उन सभी को इस योजना के अंतर्गत जल मिल पा रहा है? यदि हाँ तो उन गांवों का सूची सहित विवरण देवें और यदि नहीं तो क्यों? (घ) शेष पंचायतों में योजना का कार्य कब तक पूर्ण हो पाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में निर्मित पानी की टंकी की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। J(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जिन ग्रामों में नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है, उनमें योजनांतर्गत जल उपलब्ध हो रहा है, ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिन शेष पंचायतों में योजना का कार्य प्रगतिरत है, उनके कार्य पूर्ण किए जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी की जांच
[वन]
3. ( क्र. 393 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी बीनागंज सामान्य वन मण्डल गुना के संबंध में पत्र क्रमांक 137/2024 दिनांक 02/02/2024 के माध्यम से जांच करवाने हेतु पत्र लिखा गया थाI इस पत्र पर शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही हुई? यदि हाँ तो क्या और यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : जी हाँ। राज्य शासन ने विभागाध्यक्ष को उक्त पत्र भेजकर जांच प्रतिवेदन चाहा है जिसके अनुक्रम में शिकायत की जांच हेतु उप वन मण्डलाधिकारी गुना एवं बीनागंज की समिति गठित की गई है। जांच पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
खरीदी की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र.
445 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
किसानों के
लिये टीकमगढ़
जिले सहित
खरगापुर
विधान सभा में
गेहूं खरीदी
केन्द्र एवं सरसों
खरीदी
केन्द्र जिला
समिति द्वारा
बनाये गये है
उन केन्द्रों
पर कितनी
खरीदी इस वर्ष
की गई
सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत करायें। (ख)
क्या सरकार
द्वारा
किसानों को
समर्थन मूल्य बाजार
के ही भाव का
दिया गया है
कोई भी बोनस
आदि खरीदी के
समय किसानों
को नहीं दिया
गया जिससे
प्रदेश में कम
भण्डारण होने
की स्थिति
उत्पन्न हो
रही है सरकार
द्वारा
प्रदेश में
कितना गेहूं
खरीद कर
भण्डारण किया
गया है? (ग) क्या
प्रदेश के किसानों
को यदि बाजार
मूल्य से अधिक
समर्थन मूल्य
दिया जाता तो
किसानों की
आमदनी भी बढ़
जाती। प्रदेश
में विशेष कोई
आपदा आने पर
सरकार आमजन
मानस को भोजन
के लिये गेहूं
आवंटित कर
पायेगी? सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत करायें। (घ)
क्या
टीकमगढ़ जिले
में जिला
प्रशासन की
समिति ने जो
गेहूं खरीदी
सरसों खरीदी
केन्द्र बनाये
है उसकी जांच
करायेंगे तथा
दोषी
अधिकारियों
के विरुद्ध
वैधानिक
कार्यवाही
करेंगे?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) खरगापुर
विधानसभा
क्षेत्र सहित
टीकमगढ़ जिले
में रबी विपणन
वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर गेहूं एवं
सरसों
उपार्जन हेतु
निर्धारित
केन्द्र एवं
उपार्जित
मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) रबी
विपणन वर्ष 2024-25 में
गेहूं
उपार्जन हेतु
भारत सरकार
द्वारा राशि
रू. 2275
प्रति
क्विंटल
समर्थन मूल्य
घोषित किया
गया था एवं
राज्य सरकार
द्वारा राशि
रू. 125
प्रति
क्विंटल बोनस
दिया गया है।
इस प्रकार, किसानों
से राशि रू. 2400
प्रति
क्विंटल की दर
से गेहूं का
उपार्जन किया
गया है। भारत
सरकार द्वारा
रबी विपणन
वर्ष 2024-25 में समर्थन
मूल्य पर 80 लाख
मे.टन गेहूं
उपार्जन का
अनुमान
निर्धारित
किया गया था, जिसके
विरूद्ध 48.38 लाख
मे.टन गेहूं
उपार्जन कर
भंडारण कराया
गया। समर्थन
मूल्य
योजनांतर्गत
किसानों
द्वारा उत्पादित
गेहूं का न्यूनतम
समर्थन मूल्य
उपलब्ध कराए
जाने का
प्रावधान है।
गेहूं के
समर्थन मूल्य
बोनस सहित
राशि से बाजार
भाव अधिक होने
पर किसान
समर्थन मूल्य
पर गेहूं
विक्रय न कर
स्वयं के लाभ
हेतु बाजार
में गेहूं का
विक्रय करते
हैं। सरसों का
समर्थन मूल्य
राशि रू. 5650 प्रति
क्विंटल
निर्धारित था
जो कि उपार्जन
अवधि में
बाजार भाव से
अधिक था। (ग) राज्य
सरकार द्वारा
गेहूं के
समर्थन मूल्य
के अतिरिक्त
गेहूं
उपार्जन पर
रू. 125
प्रति
क्विंटल बोनस
दिया गया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री
गरीब कल्याणकारी
अन्न
योजनाओं के
लिए गेहूं की
आवश्यकता 16 लाख
मे.टन है, जिसके
विरूद्ध 48.38 लाख
मे.टन गेहूं
का उपार्जन
हुआ है साथ ही
विगत वर्षों
के उपार्जित
गेहूं में से 14 लाख
मे.टन गेहूं
गोदामों में
भण्डारित
है। इस प्रकार, सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
अंतर्गत
वार्षिक आवश्यकता
से अधिक गेहूं
प्रदेश में
उपलब्ध है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) टीकमगढ़
जिले में
समर्थन मूल्य
पर गेहूं एवं
सरसों
उपार्जन में
अनियमितता परिलक्षित
न होने से
जांच का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 532 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं? (ख) क्या इनमें से 12 स्कूलों में एक-एक शिक्षक, 11 स्कूलों में दो-दो, तीन-तीन और 4 स्कूलों में चार-चार नियमित शिक्षक पदस्थ हैं? (ग) क्या प्रदेश में पी.एम. श्री सी.एम. राईज सहित नये स्कूल खोले जा रहे हैं परन्तु शिक्षकों के पद रिक्त हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत शिक्षकों की कमी के कारण क्या शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में जनजातीय कार्य विभाग के नियमित शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा था। वर्तमान में राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (NESTS) नई दिल्ली द्वारा इन विद्यालयों में कुल 1927 नियमित पदों (प्राचार्य-63, पीजीटी-545, टीजीटी-683, टीजीटी (Misc.) -197, अकाउंटेंट -63, हॉस्टल वार्डन-126, लैब अटेंडेंट-62, लाइब्रेरियन-63, जूनियर सेक्रेट्रेएट असिस्टेंट-125) पर नियुक्ति की गई है, जिनमें से 1542 अभ्यर्थियों द्वारा दस्तावेज सत्यापन कराया गया है एवं 1018 अभ्यर्थियों ने उनके पदस्थ विद्यालयों में Joining दे दी है, शेष Joining की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी नहीं। इन विद्यालयों में रिक्त पदों के विरूध्द अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जल जीवन मिशन के कार्यों की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( क्र. 616 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल जीवन मिशन के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत हैं, स्वीकृत कार्यों की निर्माण कार्यों की एजेन्सियों सहित जानकारी ग्राम पंचायतवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से किन-किन ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना कार्य किया जा चुका है एवं कितना कार्य किया जाना शेष है? (ग) क्या जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जाने वाली पाइपें गुणवत्ता युक्त नहीं हैं मानक अनुरूप कार्य नहीं है पाइपें जल्द ही खराब होने की आशंका है साथ ही पाइप लाइनें भी सड़क के साइड सोल्डर के बाहर न कर सड़क के किनारे से ही डाली जा रही हैं जिससे वह वाहनों के आवागमन में बार-बार टूटेंगी, पानी भी नहीं मिलेगा सड़क भी बन्द होगी, जिससे आम जनता को परेशानी होगी एवं शासन राजस्व की भी क्षति होगी? इस संबंध में क्या उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र के ग्रामों में स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सतना बाणसागर-02 समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। सतना बाणसागर-02 समूह जल प्रदाय योजना की वर्तमान भौतिक प्रगति 30.23 प्रतिशत एवं 69.77 प्रतिशत कार्य शेष है। समूह जल प्रदाय योजनाओं में पंचायतवार कार्य स्वीकृत नहीं होते हैं। (ग) जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाईप निर्धारित मानक गुणवत्ता की होती है, प्रदाय पूर्व पाईपों का थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन के माध्यम से गुणवत्ता की जांच कराई जाती है, पाईपों को सड़क के किनारे अथवा आवश्यकतानुसार ग्राम की सी.सी. रोड को काटकर उपयुक्त गहराई पर डाला जाता है तथा पाईप लाइन की ट्रेंच को भरकर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाता है एवं पाईप लाईन की टेस्टिंग के उपरांत तथा योजना पूर्ण किये जाने की समयावधि में काटी गई कांक्रीट रोड का पुनर्निर्माण/मरम्मत योजना का कार्य करने वाले ठेकेदार से अनुबंध की शर्तों के अन्तर्गत कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि पर समाज के अधिकार
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 763 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षित वन भूमि, संरक्षित वन भूमि एवं आरक्षित वन बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि पर कौन-कौन से अधिकारों को लेकर वन अधिकार कानून 2006, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 में क्या-क्या प्रावधान दिए गए है? (ख) विभाग ने भा.व.अ. 1927 की धारा 4 एवं धारा 29 में अधिसूचित भूमियों पर समाज के प्रचलित अधिकार, शासकीय अभिलेख में दर्ज अधिकार का ब्यौरा आर.एफ. एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर और आर.एफ. एवं पी.एफ. वनकक्ष इतिहास में दर्ज करवाए जाने के संबंध में जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक कोई पत्राचार नहीं करने का क्या कारण है? (ग) एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में समाज के अधिकारों का ब्यौरा किस-किस प्रारूप में दर्ज किए जाने बाबत् क्या-क्या फॉरेस्ट मैनुअल एवं वर्किंग प्लान कोड में प्रचलित है। (घ) विभाग एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में कब तक समाज के अधिकारों का ब्यौरा दर्ज करवाए जाने बाबत् पत्राचार करेगा समय-सीमा सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में वन भूमि को परिभाषित किया गया है। जिसमें आरक्षित वन एवं सरंक्षित वन भी सम्मिलित है। वन अधिकार अधिनियम 2006, संविधान की 11 वीं अनुसूची एवं पेसा अधिनियम 1996 की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 25-36/2005/10-3 दिनांक 10.04.2015 से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 (1) में अधिसूचित वन भूमियों को, अधिकारों पर अभिलेखित किये जाने के संबंध में प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को जारी किये गये निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राष्ट्रीय कार्य आयोजना संहिता 2014 एवं कार्य आयोजना निर्देशिका 2015 में निर्धारित वन कक्ष इतिहास प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई एवं एरिया रजिस्टर का मानक प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'उ' अनुसार है। (घ) एरिया रजिस्टर एवं वन कक्ष इतिहास में मानक प्रारूप अनुसार प्रविष्टि की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर सीमा में शामिल ग्रामों में मोहल्ला समिति
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र.
764 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनवरी 2008 से लागू
वन अधिकार
कानून 2006 के तहत
जिला हरदा के
नगरीय सीमाओं
में शामिल राजस्व
ग्रामों में
वन भूमि से
संबंधित
मोहल्ला
समितियों का
प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
गठन नहीं किया
जा सका है? (ख) नगरीय
सीमाओं में
किन-किन
जमीनों से
संबंधित
किन-किन
अधिकारों के लिए
मोहल्ला
समितियों के
गठन बाबत्
भारत सरकार
एवं राज्य
शासन ने
किस-किस
दिनांक को
पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश
जारी किए है? (ग) प्रश्नांकित
दिनांक तक
जिला हरदा के
कितनी नगरीय निकायों
में से कितने
निकायों ने
कितनी मोहल्ला
समितियों का
गठन किया है
कितने
निकायों में
कितने राजस्व
ग्राम शामिल
है? (घ) जिला
हरदा के नगरीय
निकायों में
शामिल राजस्व
ग्रामों में
मोहल्ला
समिति का गठन
कब तक किया
जाकर दावे
आमंत्रित किए
जावेंगे?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) हरदा
जिले में
नगरीय सीमा
में शामिल कुल
18
राजस्व
ग्रामों में
वन भूमि न
होने से मोहल्ला
समितियों का
गठन नहीं किया
गया है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) हरदा
जिले के 04 नगरीय
निकायों में
शामिल कुल 18
राजस्व
ग्रामों में
वन भूमि न
होने से मोहल्ला
समितियों का
गठन नहीं किया
गया है। (घ) उत्तरांश
(क) एवं (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग पर अत्याचार के प्रकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 1124 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग पर हुये अत्याचार संबंधी कितने-कितने प्रकरण अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 की किन-किन धाराओं में पंजीकृत किये गये? कितने-कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितने प्रकरण लम्बित/विवेचना में हैं। कितने प्रकरणों में कितने पीड़ितों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितने प्रकरणों में कितनी राशि वितरित नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में हत्या, आगजनी, जातिगत अपमान, दुष्कर्म सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में कितने-कितने पीड़ित परिवारों, पीड़ितों, पीड़ितों के आश्रितों को किस मान से स्वीकृत कितनी-कितनी राशि वितरित की गई? कितनी राशि वितरित नहीं की गई एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या से सम्बंधित पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी महिलाओं, लड़कियों व नाबालिग कन्याओं को कितनी-कितनी राशि की सहायता दी गई? कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
10. ( क्र. 1125 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चाचौड़ा विधानसभा में जल जीवन मिशन अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र, शालाओं में बच्चों को पेयजल हेतु क्या कोई व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक की इकाई की लागत क्या थी? विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में कितनी इकाई स्वीकृत की गई, पूर्ण की गई इकाई पर कितना व्यय किया गया? (ख) क्या स्वीकृत इकाई में कोई अपूर्ण है तो उस पर कितना व्यय किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या वर्तमान में पेजयल पूर्ति हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि पेयजल व्यवस्था क्षतिग्रस्त है तो क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा गुणवत्ताविहिन कार्य करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। प्रत्येक की इकाई की लागत, स्वीकृत इकाइयां, पूर्ण की गई इकाइयां एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत इकाइयों का कार्य पूर्ण किया गया, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करके विभाग द्वारा उक्त पेयजल व्यवस्था संबंधित स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालन एवं रख-रखाव हेतु हस्तांतरित कर दी गई है। उक्त पेयजल व्यवस्था का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालन एवं रख-रखाव किए जाने का प्रावधान नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासियों के रोजगार से संबंधित योजना
[जनजातीय कार्य]
11. ( क्र. 1126 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास एवं आदिवासियों के रोजगार से संबंधित कौन-कौन से मद की कौन-कौन सी योजना वर्तमान में लागू हैं, उस योजना के तहत कार्यों के चयन एवं राशि आवंटन की क्या प्रक्रिया है? (ख) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में आदिवासी बाहुल्य कौन-कौन सा ग्राम है, उस ग्राम में गत पांच वर्षों में किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य लंबित है? (ग) किस-किस आदिवासी बाहुल्य ग्राम में आवागमन के लिए सड़क एवं पेयजल की समस्या है, किस ग्राम में नलकूप खनन में पानी नहीं निकला? (घ) मार्ग निर्माण, पेयजल की व्यवस्था एवं अन्य स्थानों पर बोर खनन कर पानी की व्यवस्था हेतु शासन क्या कदम उठा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास के लिये म.प्र. अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 लागू है एवं जनजाति वर्ग के लिये स्वरोजगार एवं विकास की योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जिसके नियमों के तहत कार्यों का चयन एवं राशि आवंटित की जाती है। (ख) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में आदिवासी बाहुल्य ग्राम एवं गत 05 वर्षों में कार्य पर व्यय तथा लम्बित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में आवागमन के लिये सड़क एवं पेयजल का कार्य का सर्वे जनजातीय कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जाता, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग निर्माण, पेयजल की व्यवस्था एवं अन्य स्थानों पर बोर खनन कर पानी की व्यवस्था की योजना जनजातीय कार्य विभाग में संचालित नहीं है।
दिव्यांगजन पेंशन की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
12. ( क्र. 1238 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिव्यांगजन पेंशन योजना में कितने दिव्यांगजनों को किस मान से कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितने दिव्यांगजनों को कब से कितनी राशि नहीं दी गई एवं क्यों? दिव्यांगजन पेंशन की राशि में कब से वृद्धि नहीं की गई हैं एवं क्यों? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की माहवार वर्षवार व जिलावार जानकारी दें। (ख) क्या दिव्यांगजन पेंशन योजना के लाड़ली बहना योजना में पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को दिव्यांगजन पेंशन योजना की राशि को काटकर शेष राशि ही प्रदाय की जा रही है? यदि हाँ तो क्यों? इस संबंध में शासन ने कब क्या निर्देश जारी किये हैं? (ग) माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्ड पीठ इन्दौर में प्रस्तुत जनहित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा माह सितम्बर 2023 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के संबंध में शासन को क्या निर्देश/आदेश पारित किया है? तत्संबंध में शासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं? यदि नहीं तो क्यों? पारित आदेश की छायाप्रति दें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रदेश में भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना, राज्य शासन की समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना एवं राज्य शासन की मानसिक/बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता योजनाओं के तहत समस्त श्रेणी के दिव्यांगजनों को राशि रूपये 600/- प्रतिमाह के मान से नियमित रूप से प्रदाय की जा रही है इस प्रकार प्रदेश के समस्त दिव्यांगजनों को दिव्यांगजन पेंशन से लाभांवित किया जा रहा है। संपूर्ण प्रदेश के दिव्यांगजनों की जिलेवार, वर्षवार, माहवार बजट सहित जानकारी वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक समग्र पेंशन पोर्टल मध्यप्रदेश (http://socialsecurity.mp.gov.in./ home.aspx) पर उपलब्ध है। विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-3-1/2019/26-2 दिनांक 13/02/2019 द्वारा सभी पेंशन योजनाओं में वृद्धि की गई तदानुसार वर्तमान में वृद्धि सहित राशि रूपये 600/- प्रदान की जा रही है। (ख) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत दिव्यांगजनों को प्रतिमाह रूपये 600/- के मान से प्रदाय की जा रही है। पेंशन राशि काट कर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष कार्यवाही महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर, मध्यप्रदेश के रिट याचिका क्रमांक/WP No 23923/ 2023 में पारित निर्णय/निर्देश दिनांक 26/08/2023 द्वारा प्रत्यर्थी क्रमांक- 3 (आयुक्त सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, म.प्र. भोपाल) को याचिकाकर्ता के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के संदर्भ में दिये गये प्रतिवेदन के संबंध में समयावधि में स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने के निर्देश दिये गये। माननीय न्यायालय के निर्णय के सापेक्ष में प्रत्यर्थी क्रमांक- 3 द्वारा समयावधि में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के तहत स्पीकिंग ऑर्डर जारी किया गया। माननीय न्यायालय का सितंबर 2023 का निर्णय एवं प्रत्यर्थी क्रमांक-3 द्वारा निर्णय के परिपालन में जारी स्पीकिंग ऑर्डर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार।
विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की विश्लेषण रिपोर्ट
[अनुसूचित जाति कल्याण]
13. ( क्र. 1253 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राज्य सरकार की अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना, मंजरी टोलो का विद्युतीकरण, अनुसूचित जाति के वर्गों की कुपों तक विद्युत लाइन के विस्तार हेतु योजनाओं के वर्ष 2020 से 2023 तक कितनी राशि उज्जैन जिलों को दी गई है वर्षवार विधानसभावार संख्यात्मक विवरण दें। (ख) जिला मुख्यालय से प्रश्नांश (क) की योजनाओं की मार्गदर्शिका देते हुए बताएं कि प्रतिवर्ष सभी योजनाओं में भुगतान से पूर्व अनुमोदन हेतु कौन-कौन सी समितियों का गठन किया जाता है? वर्षवार उन सभी समिति के कार्यकारी सदस्यों की सूची एवं बैठक का कार्रवाई विवरण, अनुमोदन एवं निर्णय की सूची उपलब्ध करावे। (ग) वर्ष 2020 से 2023 तक सभी योजनाओं में कितना-कितना लक्ष्य विभाग को प्राप्त हुआ था? आवंटित लक्ष्य में से कितना लक्ष्य पूर्ण हुआ कितना शेष रहा? (घ) प्रतिवर्ष योजनावार किए गए क्रियान्वयन का प्रशासनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताएं कि वर्षवार कुल कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ कितनी राशि के साथ पहुंचाया गया? योजनावार विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। योजनाओं में आवंटन जिलेवार जारी होता है। अभिलेखीय विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार हैं। (ख) विवरण की कंडिका 4.3 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''घ'' अनुसार एवं कंडिका अनुबंध IX जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''घ-1'' अनुसार है। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ड'' एवं ''च'' अनुसार है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''छ'' अनुसार।
पौधा रोपण की जांच
[वन]
14. ( क्र. 1267 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मंडल अधिकारी उज्जैन कार्यालय रिकॉर्ड के अनुसार उज्जैन नगर निगम द्वारा त्रिवेणी से कालियादेह तक शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर पौधा रोपण के लिए कितनी राशि का ठेका वन विभाग को दिया था? अनुबंध की प्रति, कार्य की सेवा शर्तें निर्धारित समय अवधि एवं समस्त वित्तीय अभिलेख (कैश बुक, लेजर, वाउचर, बैंक स्टेटमेंट आदि) उपलब्ध करावें। (ख) नगर निगम द्वारा पौधा रोपण कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई और वन विभाग द्वारा किन-किन कार्यों पर खर्च की गई? मदवार प्राप्ति भुगतान एवं दायित्व एवं संपत्ति का लेखा-जोखा प्रस्तुत करें। (ग) वन विभाग द्वारा 3 करोड़ 21 लाख 25000 के बिल क्या नगर निगम को दे चुका है? यदि हां, तो शेष राशि के बिल कब तक जमा करेगा? अथवा शेष बची राशि का वन विभाग द्वारा क्या किया गया है? (घ) वन विभाग के पौधा रोपण कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र एवं राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र की प्रति देते हुए इन दोनों दस्तावेजों के आधार पर कार्य का वेरिफिकेशन किस-किस के द्वारा कब-कब किया गया? विवरण के साथ भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ड.) वन विभाग द्वारा वर्तमान स्थिति में उपरोक्त ठेके के अंतर्गत कितने पौधे जीवित रखे हुए हैं? कितने पौधे जीवित नहीं रह सके? वर्तमान में उनके संरक्षण का कार्य किसके पास है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन पौधा रोपण कार्य हेतु अमृत मिशन योजनान्तर्गत राशि रूपये 3 करोड़ 59 लाख उपलब्ध कराई गई थी। नगर निगम द्वारा वन विभाग को पौधा रोपण कार्य हेतु ठेका नहीं दिया गया था, अत: अनुबंध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) नगर निगम उज्जैन द्वारा पौधा रोपण कार्य हेतु दिनांक 08.08.2018 को राशि रूपये 1.59 करोड़ तथा दिनांक 05.11.2018 को राशि रूपये 2 करोड़ का आवंटन उपलब्ध कराया गया था। शेष जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि रूपये 354.90 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है। शेष राशि का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया है। प्रश्नांश की शेष राशि प्रोजेक्ट में व्यय हो चुकी है। (घ) प्रश्नांश के प्रथम भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। नगर निगम उज्जैन द्वारा फर्म वाप्कोस लिमिटेड से वेरिफिकेशन कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ड.) रोपण के 3 वर्ष पश्चात रोपित किये गये पौधे की जीवितता 80-90 प्रतिशत है। अत: शेष पौधे प्राकृतिक कारणों से नष्ट हुए हैं। वर्तमान में प्रोजेक्ट समाप्त हो चुका है।
संभागीय उपायुक्त पर की गई पदस्थी
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 1357 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर के कार्यालय में संभागीय उपायुक्त के पद पर किसी व्याख्याता को पदस्थ किया गया है। (ख) क्या नियमानुसार व्याख्याता इस पद पर पदस्थ होने हेतु योग्यता रखता है? यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध कराये और उसे किस अधिकारी के आदेश से पदस्थ किया गया है। (ग) क्या संभागीय उपायुक्त पद पर पदस्थ अधिकारी की प्रश्न दिनांक तक कोई व कितनी शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है तथा शासन द्वारा उन शिकायतों पर कोई जांच कराकर उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की। सम्पूर्ण जानकारी देवें। यदि नहीं तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई कारण स्पष्ट करें और कार्यवाही कब तक की जायेगी समय-सीमा सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, पद रिक्त होने से संभागीय आयुक्त ग्वालियर संभाग द्वारा प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत अन्य आदेश पर्यन्त श्री पुरूषोत्तम शर्मा सहायक नियोजन अधिकारी (मूल पद व्याख्याता) को प्रभार दिया गया है। (ख) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष उततरांश (क) अनुसार। (ग) वर्तमान में संभागीय उपायुक्त पद के प्रभारी अधिकारी की शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत में पूर्व से ही आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) मोती महल ग्वालियर में अपराध क्र. 23/2013 दर्ज है। जिस पर शासन आदेश दिनांक 03.08.2022 से अभियोजन संस्थित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रकरण की अद्यतन स्थिति ई.ओ.डब्ल्यू. से ज्ञात की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पौधे विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
16. ( क्र. 1376 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक संचालक कार्यालय उधान सिलारी विकासखण्ड पिपरिया जिला नर्मदापुरम को वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक शासन से एवं नर्सरी द्वारा पौधे विक्रय कर कितनी राशि प्राप्त हुई है, आदि की सम्पूर्ण जानकारी प्रजातिवार दर अनुसार प्रदाय करायी जावे। (ख) कार्यालय सहायक संचालक उधान पिपरिया द्वारा पौधे विक्रय कर अर्जित की गयी राशि एवं शासन से प्राप्त राशि का उपयोग किस-किस कार्य में कहां-कहां किया गया हैं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) पौधे विक्रय से प्राप्त सम्पूर्ण राशि शासन के आय मद में जमा कर दी जाती है। शासन से प्राप्त राशि का उपयोग का वर्षवार विवरण/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
वन विकास निगम के अंतर्गत परियोजना की जानकारी
[वन]
17. ( क्र. 1410 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिंदवाड़ा व जिला पांढुर्णा में वन-विकास निगम के अंतर्गत परियोजना परिक्षेत्रों में वानिकी, वृक्षारोपण, बीजों का संग्रहण, बैडस से प्राप्त रूटसूटो का अनुपातिक मात्रा में प्राप्त न होना, भवनों/मार्गों के मरम्मत/नवीनीकरण व अन्य अनियमितताओं के सम्बंध में शासन/विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो उसकी जांच प्रदेश स्तर के किसी वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी के मार्गदर्शन में की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी? (ख) पांढुर्णा व सिवनी में वन विकास निगम द्वारा वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कराए गए समस्त निर्माण व वानिकी कार्यों की जानकारी लागत, स्थान व वर्तमान स्थिति सहित देवें। (ग) जिला-सिवनी दक्षिण सामान्य वन-मंडल की परिक्षेत्र खवासा, कान्हीवाड़ा व सिवनी में वर्ष 2022 से आज दिनांक तक कराए गए समस्त निर्माण व वानिकी कार्यों की जानकारी स्थान, लागत, वर्तमान स्थिति व कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र सहित देवें। (घ) क्या सिवनी सामान्य वन-मंडल की परिक्षेत्र-खवासा में तेंदूपत्ता लाभांश मद के कार्य, वृक्षारोपण व वन समितियों में वृहद मात्रा में व्यय की गई राशि की जांच हेतु शासन/विभाग को मजदूर संघ द्वारा कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों और कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) शासन/विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) वन वृत्त सिवनी के अंतर्गत दक्षिण सिवनी वनमंडल के खवासा परिक्षेत्र में तेंदूपत्ता लाभांश मद के कार्य, वृक्षारोपण व वन समितियों में वृहद मात्रा में व्यय की गई राशि की जांच हेतु मजदूर संघ पत्र प्राप्त दक्षिण सिवनी वनमंडल को प्राप्त हुआ है। जांच कार्यवाही प्रगतिरत है, जो कि एक माह में पूर्ण कर ली जावेगी।
नवीन बोर खनन एवं सिंगल फेस मोटरों का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 1424 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सेंधवा विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2022-23 में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कितने नवीन बोर खनन की स्वीकृति दी तथा कितने बोर में पानी आया और कितने बोर सूखे निकले तथा बोर खनन के लिए आवेदनों में कितने स्थानों पर बोर खनन किये जाने शेष हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी ग्रामवार, किस दिनांक को किया गया सहित पृथक-पृथक देवें? (ख) शासन से कितनी सिंगल फेस मोटर की स्वीकृति प्रदान हुई तथा उक्त स्वीकृति के विरूद्ध कितनी सिंगल फेस मोटर का प्रदाय विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया तथा कितनी प्रदाय किया जाना शेष हैं? जानकारी स्थान सहित पृथक-पृथक बतावें? (ग) वर्ष 2022-23 में नवीन बोर खनन करने के बाद कितने बोर में हैण्डपंप स्थापित कर दिये गये हैं कितने बोर में सिंगल फेस मोटर स्थापित किए कितने बोर खनन करने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक नहीं डाले गए है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 90 नलकूप स्वीकृत कर खनित किये गये जिनमें से 77 सफल एवं 13 असफल रहे, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। नलकूप (बोर) के लिये प्राप्त पत्रों/आवेदनों के संदर्भ में जहाँ कार्य नहीं किया जा सका है उसके संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 300 सिंगल फेस मोटर पंप की स्वीकृति होकर, प्राप्त हुये जिनमें से आवश्यकतानुसार 300 सिंगल फेस मोटर पंप जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित करने हेतु प्रदाय किये गये हैं, उक्त में से विधानसभा क्षेत्र सेंधवा के ग्रामीण क्षेत्रों के लिये 71 सिंगल फेस मोटर पंप प्रदाय किये गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।
डैम में मत्स्य पालन सस्थाओं की जानकारी
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
19. ( क्र.
1425 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
राज्य
मंत्री
(स्वत्रंत
प्रभार), मछुआ कल्याण
एवं मत्स्य
विकास महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
कितने डैम में
मत्स्य पालन
हेतु कौन सी
संस्था को अधिकृत
किया गया है
तथा इस संस्था
में कुल कितने
सदस्य है? संस्था
के अध्यक्ष, सचिव
एवं सदस्यों
के नाम तथा
निवास स्थान
की जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) मछुआ
कल्याण तथा
मत्स्य तथा
विकास के
अंतर्गत
कौन-कौन सी
कल्याणकारी
योजना सेंधवा
विधानसभा में
संचालित है? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
उक्त योजना
में कितना बजट
योजनाओं के संचालन
एवं क्रियान्वयन
हेतु
प्रस्तावित
किया गया? वर्ष 2016-17 में
कितनी राशि दी
गई?
राज्य
मंत्री
(स्वत्रंत
प्रभार), मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) :
(क) सेंधवा
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत 18 डेम
(तालाब/जलाशय)
मत्स्य
पालन हेतु
पट्टे पर
आवंटित है जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
-अ अनुसार। (ख) विभाग
अंतर्गत
संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
-ब अनुसार। (ग) प्रधानमंत्री
मत्स्य
संपदा
योजनांतर्गत
वर्ष 2024-25 में
सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 57.79 लाख
का बजट प्रस्तावित
है। वर्ष 2016-17 में
प्राप्त
आवंटन 1,60,200/- के
विपक्ष में
राशि 64800/- व्यय की
गई।
खाद्य सामग्री वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 1427 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकान और स्व-सहायता समूह के द्वारा संचालित है? ग्राम पंचायतवार जानकारी पृथक-पृथक देवें? (ख) सेंधवा विधानसभा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से खाद्य सामग्री एवं अन्य सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीनों के माध्यम से कब से किया जा रहा है? (ग) क्या कोरोना काल अवधि में स्टॉक पंजी से वितरण की गई सामग्री पी.ओ.एस. मशीन में स्टॉक अभी भी बताई जा रही है अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन करने पर अंतर पाया जाता है जिस कारण से अधिकांश विक्रेता पर FIR की जाती हैं और रिकवरी हेतु अधिकारी द्वारा प्रताड़ित किया जाता है? अभी तक कितने दुकान संचालन पर रिकवरी निकाली गई है कितने दुकान संचालक पर FIR दर्ज की जा चुकी है और कितनी रिकवरी की गई? रिकवरी अधिकारी का नाम सहित जानकारी देवें? (घ) क्या शासन द्वारा उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से नियमित प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण हो रहा है? क्या उपभोक्ता माह में खाद्यान्न सामग्री नहीं ले पाता है तो उसे आगामी माह में विगत माह की सामग्री लेने की पात्रता है? यदि हाँ, तो इस नियम का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 61 उचित मूल्य दुकानें स्व-सहायता समूहों द्वारा एवं 76 उचित मूल्य दुकानें अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित हैं। स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से जनवरी, 2016 से किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2020-21 में विभागीय पोर्टल पर दी गई लिंक के माध्यम से पंजी से वितरित मात्रा को (कोरोनाकाल में) कम किया जा चुका है। उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। वर्तमान में जांच के दौरान पी.ओ.एस. मशीन में स्टॉक का अंतर कोरोनाकाल के बाद का है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 की कंडिका 16 के प्रावधान अनुसार एफ.आई.आर. की कार्यवाही की जाती है। रिकवरी हेतु किसी भी उचित मूल्य दुकानदार को प्रताड़ित नहीं किया जा रहा है। रिकवरी के पूर्व संबंधित को सक्षम अधिकारी द्वारा स्टॉक में पाये गये अंतर के समतुल्य राशि जमा करने का अवसर दिया जाता है। वसूली आर्थिक लागत से की जा रही है। अभी तक 30 दुकान संचालकों पर 1,25,03,278 रुपये की रिकवरी निकाली गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। 09 दुकान संचालकों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। अभी तक 27,08,599 रुपये की रिकवरी की जा चुकी है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है। उक्त रिकवरी अनुविभागीय अधिकारी सेंधवा के द्वारा जारी आदेशों के पालन में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सेंधवा के द्वारा की गई है। (घ) हां, शासन द्वारा उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से नियमित रूप से प्रतिमाह खाद्यान्न का वितरण हो रहा है, जो उपभोक्ता चालू माह में सामग्री नहीं ले जाता तो उसको आगामी माह की 10 तारीख या शासन स्तर से निर्धारित दिनांकों तक वितरण करवाया जाता है।
समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 1438 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में ग्रामीण क्षेत्रों में समूह नल-जल योजना के अंतर्गत विगत 05 वर्षों से कार्य पूर्ण नहीं किया गया है? क्या विभाग द्वारा इसकी पुष्टि की गई, कार्य पूर्ण कब तक किया जायेगा तथा क्या ठेकेदार की लापरवाही पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में समूह नल-जल योजना का कार्य प्रारम्भ करने एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी और अवधि पूर्ण होने के पश्चात कार्य लंबित होने के कारण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पानी का लेवल सही नहीं है एक टंकी भी नहीं भर पाने तथा पानी की धीमी गति के कारण ग्रामीणजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्या विभाग द्वारा उसकी पुष्टि की गई तथा इसके निवारण के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध में प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश जल निगम की योजनाएं सतही जल स्त्रोत आधारित हैं। योजनाओं की टेस्टिंग एवं कमीश्निंग के दौरान पायी जाने वाली कमियों को शीघ्र दूर किए जाने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
22. ( क्र. 1466 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन में अशोक नगर जिले को योजना प्रारंभ से लेकर आज दिनांक तक कुल कितनी राशि जारी की गई है? जारी की गई राशि में से व्यय की गई राशि, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र देवें। (ख) जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक जारी किए गए समस्त टेंडर, कार्य आदेश, अनुबंध पत्र और प्रत्येक एजेंसी/ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया है और किस कार्य के लिए किया गया है? जानकारी देवें। (ग) जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में किस-किस को थर्ड पार्टी नियुक्त किया गया था? उसके नाम उसे किए गए भुगतान का विवरण देवें। (घ) प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक की अवधि में की गई समस्त समीक्षा बैठकों की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रारंभ से लेकर आज दिनांक तक विभाग को जारी राशि रू. 73.08 करोड़ एवं व्यय राशि रू. 73.08 करोड़ है। मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत गुना एवं अशोकनगर जिले की राजघाट समूह जल प्रदाय योजना हेतु राशि रू. 1942.90 करोड़ स्वीकृत हुई है, जिसके विरूद्ध राशि रू. 967.44 करोड़ का व्यय किया गया है। कार्यपालन यंत्री, खंड अशोकनगर एवं महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश जल निगम, परियोजना क्रियान्वयन इकाई गुना द्वारा जारी उपयोगिता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत टेंडर, कार्यादेश एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 तथा एजेंसी को किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ग) जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में खंड अशोकनगर द्वारा मैसर्स फोरट्रस इन्फ्राकॉन लिमिटेड को थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी नियुक्त किया गया है एवं राशि रु. 38.90 लाख का भुगतान किया गया है। जल निगम गुना एवं अशोकनगर में राजघाट समूह जल प्रदाय योजना के तहत् मैसर्स थीम इंजीनियरिंग सर्विसेस जयपुर को थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी नियुक्त किया गया है एवं राशि रु. 3.26 करोड़ का भुगतान किया गया है। (घ) जल जीवन मिशन द्वारा योजना प्रारम्भ से नियमित रूप से प्रत्येक माह में 02 बार जिलों की समीक्षा बैठक की जाती है।
वन भूमि पर दावों का निराकरण
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 1603 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार मान्यता प्राप्त कानून 2006 के अनुपालन में 31 मार्च 2024 तक व्यक्तिगत वनाधिकार के लिए श्योपुर जिले के किन-किन गावों में कितने अनुसूचित जनजाति के परिवारों द्वारा कितनी हेक्टेयर वन भूमि पर ऑफलाइन और ऑनलाइन दावे दाखिल किये गये? दावेदारों की सूची गांववार प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में व्यक्तिगत वनाधिकार के कितने अधिकार पत्र कितनी हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किया गया और वितरित किया गया और कितने दावों को खारिज किया गया है? दावेदारों की स्वीकृत सूची एवं निरस्त सूची और अपील दावों की सूची गांववार प्रदान करें। (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद गांववार अभी कितने दावे लम्बित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? ब्लॉकवार तथा गांववार दावेदारों की लम्बित सूची प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तिगत प्राप्त दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचितजन जाति वर्ग के व्यक्तिगत स्वीकृत, वितरित, निरस्त तथा अपील दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वनाधिकार के दावे
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 1604 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में श्योपुर जिले में गांववार सामुदायिक वनाधिकार के कितने दावे 31 मार्च 2024 तक दाखिल किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में गांववार कितने हेक्टेयर भूमि पर सामुदायिक वनाधिकार स्वीकृत किया गया और वितरित किया गया और कितने दावों का खारिज किया गया है? (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद अभी कितने दावें लम्बित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत श्योपुर जिले में प्राप्त 662 सामुदायिक दावों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्योपुर जिले में सामुदायिक वन अधिकार के दावे लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक वन अधिकार कानून 2006 के निर्देश
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र. 1616 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार किन-किन भूमियों से संबंधित राज्य मंत्रालय के आदेश क्रमांक अधि/08/1047 दिनांक 10 जून 2008 एवं आदेश क्रमांक 621/वनअधि/15/136 दिनांक 16/4/2015 में क्या-क्या आदेश निर्देश दिए? (ख) आदेश दिनांक 10 जून 2008 के अनुसार धार, बड़वानी एवं बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों की बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीनों पर सामुदायिक वन अधिकार पत्र संबंधित ग्रामसभा को सौंप दिए हैं? (ग) आदेश दिनांक 16/4/2015 के अनुसार धार, बड़वानी एवं बैतूल जिले के कितने वनखण्डों में से कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमि पर प्रश्नांकित दिनांक तक सामुदायिक वन अधिकार सौंप दिए हैं? (घ) दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के अनुसार सामुदायिक वन अधिकार सौंपे जाने बाबत् कब तक जानकारी संकलित कर उपलब्ध करवाई जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के अनुसार सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये गये है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही
[वन]
26. ( क्र. 1617 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2023 से प्रश्नांकित दिनांक तक वन ग्रामों बाबत् लिखे पत्र अपर मुख्य सचिव वन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख एवं वर्किंग प्लान वन भवन भोपाल की प्राप्त हुए है। (ख) यदि हाँ तो किस क्रमांक का किस दिनांक को किस विषय पर लिखा पत्र राज्य मंत्रालय एवं वन मुख्यालय में प्राप्त हुआ उस पर किसे जांच के लिए किस दिनांक को लिखा गया किस पत्र में लिखे तथ्यों की जांच कर किस दिनांक को प्रतिवेदन प्राप्त हुआ प्रति सहित बतावें। (ग) इन्दौर वनमंडल द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 11/2/1961 में दिए गए 247 राजस्व ग्रामों में से कितने ग्राम राजस्व विभाग को सौंपे, कितने ग्राम वन विभाग के नियंत्रण में है कितने ग्रामों के संबंध में वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी नहीं है। (घ) 247 ग्रामों में से राजस्व विभाग को सौंपे जाने के लिए शेष किस ग्राम को कब तक राजस्व विभाग को सौंप दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। (घ) वर्तमान में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 अंतर्गत समस्त वनग्रामों के संपरिवर्तन की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
गेहूं खरीदी में पाई गई शिकायत
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 1647 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा रबी एवं खरीफ फसलों की खरीदी के क्या-क्या नियम वर्तमान में संचालित है? ऐसे नियमों एवं आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के प्रत्येक जिला का गेहूं उपार्जन का ठेका प्रतिवर्ष जिलावार गेहूं क्रय करने का ठेका किस-किस को, किस दर पर, कब-कब दिया गया है? ऐसे ठेकेदारों के नाम एवं फर्म का नाम, जिला, पता, जिस जिले का ठेका दिया गया है, उसका नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिले में कुल गेहूं का उपार्जन जिले में कितना-कितना हुआ एवं कितना कुल ठेकेदार एवं फर्म ने किस दर पर खरीदा और जिले को प्रतिवर्ष विभाग को कितनी आय हुई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक इसी समयावधि में खरीदे गये गेहूं को जिले के ठेकेदार फर्म ने किस दर पर, कहां-कहां विक्रय किया? क्या प्रदेश के किसी जिले में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई थी, तो कहां-कहां की और किस-किस ठेकेदार फर्म की लंबित शिकायतों के आधार पर विभान से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रबी एवं खरीफ मौसम में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु जारी नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु ठेका देने की व्यवस्था नहीं है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को जिलेवार उपार्जन एजेन्सी बनाया जाता है। जिलेवार निर्धारित उपार्जन एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिलेवार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन सहकारी समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जाता है एवं किसानों से गेहूं का उपार्जन भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन पर विभाग को कोई आय प्राप्त नहीं होती है। (घ) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं में से राज्य की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजना अंतर्गत वितरण की वार्षिक आवश्यकता को छोड़कर शेष सरप्लस मात्रा केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किया जाता है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु ठेकेदार नियुक्त न करने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नेहरू स्मृति वन का विकास
[वन]
28. ( क्र. 1677 ) श्री अरूण भीमावद : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर नगर में स्थित नेहरू स्मृति वन लगभग 35 वर्ष पूर्व विकसित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? यदि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है तो इसको विकसित करने की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार विभाग द्वारा क्या प्रस्तावित कार्य योजना है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शाजापुर शहर से लगभग 3 कि.मी. दुपाड़ा रोड पर स्थित नेहरू स्मृति वन की स्थापना 35 वर्ष पूर्व, वर्ष 1989 में की गई थी। (ख) नेहरू स्मृति वन, शाजापुर में समय-समय पर पर्यावरण वानिकी योजना अंतर्गत वृक्षारोपण कार्य किये गये हैं एवं प्राकृतिक रूप से भी उगे पेड़ पौधों से वहां के वनावरण में बढ़ोतरी हुई है। नेहरू स्मृति वन को विकसित करने की वर्तमान में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धारा 5 से 19 तक की जांच के प्रकरण
[वन]
29. ( क्र. 1715 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) क्या विधानसभा के पटल पर प्रश्न क्रमांक 1077 दिनांक 11/12/2014 में बताए गए वनखण्डों की भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच के प्रकरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए जा सके है। (ख) प्रश्न क्रमांक 1077 के पटल पर प्रस्तुत उत्तर में कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमि की किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष धारा 5 से 19 तक की जांच लम्बित बताई है, उसमें से कितने वनखण्डों की जांच के प्रकरण वन विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक प्रस्तुत किए, कितने प्रकरण प्रस्तुत नहीं किए पृथक-पृथक बतावें। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमि राजस्व अभिलेखों में किन-किन सार्वजनिक, निस्तारी प्रयोजनों के लिए किस-किस मद में दर्ज जमीन है उन्हें लेकर भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 की किस धारा में क्या प्रावधान है।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1077 दिनांक 10.12.2014 में बताये गये वनखंडों की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच की कार्यवाही पूर्ण करने के लिये समस्त प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज नोईयत की जानकारी वन प्रबंधन हेतु आवश्यक नहीं होने से इसका संधारण वन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय-18 के प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
30. ( क्र. 1739 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है, इस योजना अंतर्गत किन नियमों शर्तों के अधीन हितग्राहियों को किस प्रकार से कौन-कौन सी सहायता एवं निर्माण कार्य कराये जाते है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किए गये? कटनी जिला अंतर्गत वर्षवार, विधानसभावार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सूची अंतर्गत उल्लेखित हितग्राही मूलक एवं निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं परीक्षण कब-कब किसके द्वारा किया गया? निरीक्षण/परीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (घ) कटनी जिला में सहायक संचालक मत्स्य के पद पर कौन कब से पदस्थ है, पूर्व में ये कहां-कहां पदस्थ थी, पदस्थी के समय इनके विरूद्ध कब-कब, कहां-कहां कौन सी विभागीय जांच की गई? जांच का क्या निष्कर्ष निकला एवं क्या दण्ड दिया गया तथा कौन-कौन सी जांच प्रचलन में लंबित है? छायाप्रति देवें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिला अंतर्गत विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) कटनी जिले में समय-समय पर निरीक्षण/परीक्षण क्षेत्रीय अधिकारी एवं कार्यालयीन सत्यापन कमेटी सहायक संचालक मत्स्योद्योग द्वारा किया जाता है। क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) कटनी जिले में सहायक संचालक मत्स्योद्योग के पद पर श्रीमती अनीता चौधरी दिनांक 19.07.2019 से पदस्थ है। पूर्व में श्रीमती चौधरी की पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।
समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र.
1839 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
प्रदेश में
कितने जिलों
में समर्थन
मूल्य पर मक्के
की खरीदी की
जाती है, उन
जिलों में
मक्का बुआई
एवं उत्पादन
का कुल रकबा
कितना है इस
वर्ष शासकीय
समर्थन मूल्य
पर मक्का की
खरीदी सेवा
सहकारी समिति
के माध्यम से
की जाना है।
इस संबंध में
शासन की क्या
कार्य योजना
है? (ख) जबलपुर
जिले में
मक्का की बुआई
एवं उत्पादन का
रकबा लगातार
बढ़ता जा रहा
है परन्तु
किसानों को
उनकी उपज का
वास्तविक
मूल्य नहीं
मिल रहा है।
क्योंकि
जबलपुर जिले
में मक्के की
खरीद समर्थन
मूल्य पर नहीं
की जा रही है।
क्या इस संबंध
में कोई
प्रस्ताव या
योजना लंबित
हैं।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रदेश में
खरीफ विपणन
वर्ष 2016-17
तक समर्थन
मूल्य पर मक्का
उपार्जन किया
गया है किन्तु भारत सरकार
की नीति
अनुसार
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
मक्का पर
लक्षित सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
अंतर्गत
पात्र परिवारों
को वितरण की
अनिवार्यता, सरप्लस मक्का
को केन्द्रीय
पूल में
प्राप्त न
करना, मक्का
की सेल्फ
लाईफ सीमित
होना तथा मक्का
उपार्जन
अनुमान
अनुसार
लक्षित
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली में
वितरित न होने
से मक्का का
उपार्जन नहीं
किया जा रहा
है। जिलेवार
मक्का का
बोया गया रकबा
एवं उत्पादन
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है।
(ख) जबलपुर
जिले में विगत
3 वर्षों
में मक्का का
बोया गया रकबा
एवं उत्पादन
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है, जिसके अनुसार
जिले में मक्का
का बोया गया
रकबा एवं उत्पादन
में वृद्धि
हुई है।
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
मक्का के
निष्पादन
में प्रश्नांश
(क) के उत्तर
अनुसार आ रही
कठिनाइयों के
कारण समर्थन
मूल्य पर मक्का
उपार्जन नहीं
किया जा रहा
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पेयजल संकट का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 1859 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह विधानसभा क्षेत्र कालापीपल में पेयजल की गंभीर समस्या है? यहाँ का जल स्तर औसत रूप से 700 से 800 फीट तक नीचे चला गया है? अधिकांश ग्रामों में ग्रीष्मकाल के बाद भी पेयजल का संकट बना रहता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन विधानसभा क्षेत्र कालापीपल को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के तालाब एवं नदी के गहरीकरण की कोई योजना है? विभाग उक्त विधानसभा क्षेत्र में नये तालाब एवं डेम निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) शाजापुर जिले को पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत कलेक्टर शाजापुर द्वारा आदेश दिनांक 17 जनवरी, 2024 जारी कर जल अभावग्रस्त घोषित किया गया है, यह आदेश दिनांक 31 जुलाई, 2024 तक प्रभावशील है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की प्रश्नांकित क्षेत्र में तालाब एवं नदी गहरीकरण की कोई योजना नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओपन कैपो में कृषि उपज का भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 1888 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन और भंडारण की वर्तमान में लागू नीति एवं नियम/निर्देश क्या हैं और विगत 03 वर्षों में उपार्जन एवं भंडारण में शासन/विभाग को जिलावार ज्ञात अनियमितताओं पर की गई कार्यवाही से अवगत कराइये? (ख) ओपन कैपो में भंडारित अनाज की सुरक्षा/उपचार एवं भंडारण की समयावधि के वर्तमान में क्या नियम/निर्देश हैं और भंडारित अनाज की सुरक्षा/ उपचार/ देखरेख और अनाज के भंडारण एवं उठाव का दायित्व/कार्य किस-किस कार्यालय/विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों का हैं? (ग) कटनी जिले में कितनी-कितनी क्षमता के कितने ओपनकैप कहाँ-कहाँ कब से स्थापित हैं, विगत 05 वर्षों में कैपवार मरम्मत/संधारण के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये, भंडारित अनाज की सुरक्षा/उपचार के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई? कितनी-कितनी राशि किस हेतु व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) विगत 03 वर्षों में कैंपवार किस-किस कृषि-उपज/अनाज का कितनी-कितनी मात्रा में कब-कब भंडारण किया गया? अनाज को कब से कब तक भंडारित रखना था? कब तक रखा गया? नियत अवधि के पश्चात भी अनाज के भंडारित रहने का कारण बताइये? (ङ) क्या प्रश्नांश (घ) भंडारित अनाज खराब/क्षतिग्रस्त हुआ है तो कितनी मात्रा में कितनी लागत का कौन-कौन सा अनाज और किन-किन कारणों से? अनाजों को सुरक्षित करने के क्या-क्या प्रयास किए गये? कैंपवार बताइये? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में क्या अनाज के खराब/क्षतिग्रस्त होने की प्रश्नकर्ता की सहभागिता में जांच/कार्यवाही के निर्देश दिये जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समर्थन मूल्य पर स्कंध उपार्जन और भंडारण हेतु जारी नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। विगत 03 वर्षा में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के उपार्जन एवं भण्डारण में पाई गई अनियमितता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न के ओपन केप में भण्डारण के दौरान सुरक्षा/उपचार एवं भण्डारण की समायवधि के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। केप में भण्डारित स्कंध की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु सुरक्षा एवं किटमुक्त रखने हेतु कीटों उपचार एवं धूमरीकरण करने एवं देख-रेख का दायित्व सुरक्षा व्यवस्था हेतु तैनात कर्मी, केप प्रभारी एवं शाखा प्रबंधक, मध्यप्रदेश स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन तथा भण्डारित उपज का उठाव का कार्य जिला प्रबंधक एवं प्रदाय केन्द्र प्रभारी मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन का है। (ग) कटनी जिले में मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन के 241050 मे.टन क्षमता के 06 केप स्थित है। केप निर्माण अवधि एवं स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। विगत 05 वर्षों में केप मरम्मत/संधारण पर हुए व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ अनुसार है। (घ) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में केपवार, उपजवार एवं वर्षवार भण्डारण मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ई' अनुसार है। जमाकर्ता द्वारा पूर्ण उठाव न किए जाने के कारण केपों में स्कन्ध भण्डारित रहा है। (ङ) केप में भण्डारित स्कंध खराब/क्षतिग्रस्त होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'फ' अनुसार है। पी.एम.एस. एजेन्सी द्वारा स्कंध के भण्डारण एवं सुरक्षा में की गई लापरवाही के कारण स्कंध खराब/क्षतिग्रस्त हुआ है एजेन्सी को केप भण्डारित स्कंध के रखरखाव के समय में समय-समय पर निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ज अनुसार है। (च) समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कंध के भण्डारण के दौरान खराब एवं क्षतिग्रस्त होने के लिए नियमानुसार कार्यवाही किए जाने के कारण पृथक से जांच की आवश्यकता नहीं है।
स्वीकृत पद अनुसार पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 1924 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय के द्वारा अधीक्षण यंत्री-1, कार्यपालन यंत्री-5, सहायक यंत्री-21 एवं उपयंत्री-81 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो क्या अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री की पदस्थापना के आदेश जारी किये गये है? (ख) यदि पदस्थापना के आदेश जारी नहीं किये गये है तो उल्लेखित पदों के विरूद्ध पदस्थापना के संबंध में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों का एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) पोर्टल में प्रविष्टि की गई है अथवा नहीं अवगत करायें। (घ) यदि नहीं की गई है तो प्रश्नांश (ख) के पदों की (IFMIS) में प्रविष्टि कब तक की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) उपरोक्तानुसार।
छतरपुर जिले के छात्रावासों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
35. ( क्र. 1928 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2018 से वित्तीय वर्ष 2024 तक कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त प्राप्त राशि किस-किस मद में खर्च की गई पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में कुल कितने छात्रावास हैं? छात्रावासों में कितने छात्र/छात्रायें नामांकित हैं। जिले में कितने अधीक्षक कब से किस विभाग के कार्यरत हैं? (ग) विभाग के उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों पर 5 वर्षों में निजी छात्रावासों में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितना खर्च किया गया पूर्ण जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा निजी छात्रावासों को कोई आवंटन नहीं दिया जाता है अत: निरंक।
सामुदायिक वनाधिकार दावों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
36. ( क्र. 1936 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के बमोरी विकासखंड एवं गुना विकासखंड में गांववार सामुदायिक वनाधिकार के कितने दावे 31 मार्च 2024 तक दाखिल किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में गांववार कितने हेक्टेयर भूमि पर सामुदायिक वनाधिकार स्वीकृत किया गया और वितरित किया गया और कितने दावों को खारिज किया गया है? (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद अभी कितने दावें लम्बित है और उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत गुना जिले के विकासखण्ड बमोरी एवं गुना में प्राप्त 66 सामुदायिक दावों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विकासखण्ड बमोरी एवं गुना में सामुदायिक वन अधिकार के दावे लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु एवं मध्यम कृषकों के लिए निजी भण्डार गृहों का प्रावधान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 1938 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में लघु एवं मध्यम कृषकों के लिए निजी भण्डार गृह (वेयरहाऊस) बनाने की योजना संचालित थी? क्या उसमें राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान देने का प्रावधान था? (ख) यदि हाँ तो क्या यह योजना वर्तमान में भी संचालित है? यदि संचालित है, तो इसके क्या-क्या प्रावधान हैं? (ग) यदि नहीं तो क्या लघु एवं मध्यम कृषकों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी योजना पुनः प्रारंभ करेंगे।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग द्वारा पृथक से लघु एवं मध्यम कृषकों के लिए निजी भण्डारण गृह (वेयरहाउस) बनाने की कोई योजना संचालित नहीं थी। (जी नहीं) (ख) एवं (ग) शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
गांधीसागर अभ्यारण अंतर्गत चीता प्रोजेक्ट की जानकारी
[वन]
38. ( क्र. 2006 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर अभ्यारण अंतर्गत चीता प्रोजेक्ट में शासन द्वारा कौन-कौन कार्य स्वीकृत किए गए है, कितने कार्य प्रगति पर है, कितने पूर्ण हो गए है, इन कार्यों की लागत और इन कार्यों को किस एजेंसी के माध्यम से करवाया जा रहा है, कार्य की शर्तें सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) चीता प्रोजेक्ट अंतर्गत सुरक्षा की दृष्टि से क्या-क्या प्रावधान किए गए है, कुल कितनी क्षमता का प्रोजेक्ट है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्वीकृत निविदा की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) चीता प्रोजेक्ट अंतर्गत सुरक्षा की दृष्टि से 28000 मीटर लम्बाई में प्रेडेटर प्रूफ सोलर पावर्ड इलेक्ट्रिक फेंसिंग, चीता क्वारेंटाइन बाड़ा निर्माण तथा क्वारेंटाइन बाड़े में चीतों की निगरानी कार्य हेतु हाइमास्ट कैमरे लगाये गए हैं तथा प्रवेश द्वार पर सुरक्षा चौकी का निर्माण किया गया है। प्रोजेक्ट की क्षमता प्रेवेस पर आधारित है, जिसमें चीतल 1500, चिंकारा 350, कृष्णमृग 1000 होने पर 7-8 चीता रह सकते हैं।
अनु.जाति/जनजाति बस्ती विकास से पंपों के विद्युतीकरण की योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
39. ( क्र. 2019 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग सागर में अनु.जाति/जनजाति बस्ती विकास, पंपों का उर्जीकरण, विद्युतीकरण योजना में वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य हुए वर्षवार, विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के लिए विभागीय नियम बनाये गये हैं। (घ) यदि हाँ तो जिले में प्रश्नांश (ख) में वर्णित जानकारी में प्रश्नांश (ग) के नियमों का पालन विभाग द्वारा किया गया हैं? यदि नहीं तो विभाग में जिम्मेवारों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल योजनाओं एवं हैण्डपंपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 2041 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बंडा विधानसभा क्षेत्र में पी.एच.ई. विभाग द्वारा किन ग्रामों में पेयजल योजना हेतु निर्माण कार्य करवाया जा रहा है? (ख) पेयजल योजना हेतु प्रस्तावित सभी कार्यों की निविदा दिनांक, एल.ओ.ए. दिनांक एवं कार्य का पूर्णता दिनांक तथा वर्तमान भौतिक प्रगति क्या है? (ग) प्रत्येक कार्य में संविदाकार की जमा की गई अमानत राशि कितनी है (घ) बंडा विधानसभा में पेयजल के जिन कार्यों की प्रगति अत्यंत धीमी है या कार्य अब तक प्रारंभ नहीं किये गये है उन पर क्या कार्यवाही की गई है,? अगर नहीं की गई है तो इसका कारण क्या है? (ड.) जिन कार्यों की प्रगति धीमी है या कार्य अप्रारंभ है वह कब तक पूर्ण किया जा सकेगा? (च) विलंब की दशा में लगने वाली पेनाल्टी के मापदंड क्या है? (छ) बंडा विधानसभा क्षेत्र में आने वाले सभी हैण्डपंपों की ग्रामवार कुल संख्या का ब्यौरा एवं हैण्डपंप के उपयोग में होने की भौतिक स्थिति क्या है? (ज) क्षेत्र के कितने हैण्डपंपों में ग्रीष्मकाल में पेयजल की उपलब्धता है? (झ) हैण्डपंपों का रखरखाव एवं खराब होने पर दुरूस्त करवाने हेतु बंडा में कितने कर्मी तैनात है? उनकी सूची प्रदान करें। (ण) विधानसभा अंतर्गत वे कौन-कौन से ग्राम व मजराटौला है जो अभी भी शासन की पेयजल योजना से वंचित है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ड.) कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (छ) एवं (ज) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (झ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ण) विधानसभा बंडा के अंतर्गत कोई भी ग्राम एवं मजरा-टोला पेयजल योजना से वंचित नहीं है।
तेन्दू पत्ता मजदूरों की मजदूरी का भुगतान
[वन]
41. ( क्र. 2061 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनोंपज सहकारी संघ सीधी द्वारा सत्र 2022-23 में कितना तेंदू पत्ता संग्रहण किया गया। उनके विक्रय मूल्य का अधिकतम एवं न्यूनतम दर क्या थी समितिवार जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) क्या तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों को मजदूरी भुगतान किया गया है? (ग) तेंदू पत्ता संग्रहकों को बोनस वितरण किया गया है क्या मजदूरों के बोनस से प्रदेश स्तर से ही सामग्री खरीद कर उन्हें वितरित की जाती है? (घ) यदि हाँ तो इसके क्या नियम हैं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला वनोंपज सहकारी संघ मर्यादित, सीधी अन्तर्गत सत्र 2022-23 में 125631.165 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है। तेन्दूपत्ता विक्रय की अधिकतम दर 7057.00 रूपये प्रति मानक बोरा एवं न्यूनतम 3666.60 रूपये प्रति मानक बोरा थी। समितिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला वनोंपज सहकारी संघ मर्यादित, सीधी अंतर्गत कार्यरत कुल 51 प्राथमिक वनोंपज सहकारी समितियों में से 46 प्राथमिक वनोंपज सहकारी समितियों के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सत्र 2022 का बोनस वितरण किया जा चुका है। 05 प्राथमिक वनोंपज सहकारी समितियों को बोनस वितरण किया जाना शेष है, क्योंकि उक्त समितियों हेतु अग्रिम निविदा में नियुक्त क्रेताओं द्वारा लॉट की संपूर्ण किश्त जमा नहीं की गई थी। मजदूरों के बोनस राशि से सामग्री खरीद कर वितरित नहीं की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रों के साथ षड़यंत्रपूर्वक किया गया दुर्व्यवहार
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 2062 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी के महाविद्यालयीन छात्राओं विशेषकर अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं के साथ छात्रवृत्ति प्रपत्रों की पूर्ति हेतु सुनियोजित षड़यंत्र के साथ निर्जन स्थान में बुलाकर बलात्कार की घटना पंजीबद्ध हुई है? (ख) इस शर्मनाक घटना के पीछे समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जाना है? (ग) क्या सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में समय पर छात्रवृत्ति या शासन द्वारा दिए जाने वाली अन्य सुविधाएं सत्र की समाप्ति मार्च 2024 तक भुगतान नहीं किया गया था? (घ) छात्रवृत्ति समय पर नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। एफ.आई.आर. क्रमांक 422/24 एवं एफ.आई.आर. क्रमांक 471/24 (ख) जी नहीं। अधिकांश महाविद्यालयीन छात्रवृत्ति का भुगतान मार्च, 2024 में कर दिया गया था। (ग) वर्ष 2023-24 में संबंधित छात्रा शासकीय कन्या महाविद्यालय सीधी में नवीन प्रवेशित थी, जिनकी महाविद्यालयीन छात्रवृत्ति का भुगतान माह मार्च, 2024 में किया जा चुका है। छात्राओं के आवास सहायता के आवेदन का सत्यापन उपरांत स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) छात्रवृत्ति का वितरण PFMS के माध्यम से अनिवार्य है, इस हेतु पोर्टल पर नवीन प्रावधान कर शिफ्ट होना, विद्यार्थियों के डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र, समग्र आई.डी. बनाने में विलंब होना, विद्यार्थियों का आधार आधारित बैंक खाते न होने से DBT भुगतान में विलंब होना आदि कारण रहे हैं। छात्रवृत्ति के भुगतान की कार्यवाही निरंतर प्रचलित है।
हैण्डपंपों के राड पाईप एवं रिपेयरिंग सामग्री का नहीं मिलना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 2076 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या झाबुआ जिले के ग्रामीण आदिवासी भाइयों एवं मजरोटोलों बस्तियां जो कि काफी दूर-दूर है वर्तमान में भीषण गर्मी में जलस्तर घटकर काफी नीचे चले जाने से वर्तमान में जानवरों एवं ग्रामवासियों को पीने का पानी की समस्या हो रही है? (ख) क्या शासन द्वारा जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत। झाबुआ जिले के किसी एक गांव की कोई योजना प्रारंभ नहीं की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा ठेकेदार हैण्डपंप रिपेयरिंग का ठेका दिया गया है परंतु वह ठेकेदार कैसे, किससे कार्य करवा रहा है की जानकारी से अवगत कराएं। (घ) क्या ग्रामीणों को खुद राड पाईप एवं रिपेयरिंग का सामान हेतु विभाग के अधिकारियों के पास भटकते रहते हैं। राड पाईप विभाग के पास नहीं होने से काफी परेशानी बनी हुई है। क्या विभाग के पास राड पाईप उपलब्ध नहीं है? यदि नहीं, तो कब तक क्रय किए जायेंगे जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) वर्तमान में झाबुआ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 13004 चालू हैण्डपंपों एवं 263 पूर्ण नल-जल योजनाओं से पेयजल उपलब्ध हो रहा है। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत झाबुआ जिले में 770 ग्रामों के लिए एकल ग्राम नल-जल योजनाएं/समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से वर्तमान में 263 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, शेष ग्रामों के लिए कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। विभाग के पास वर्तमान में हैण्डपंप संधारण के लिये आवश्यक राड, पाईप, स्पेयर पार्टस् इत्यादि सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा आवश्यकतानुसार समय-समय पर उक्त सामग्री का क्रय किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 2103 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्कीम के नियम के तहत कब-कब से चिन्हित परिवार को समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर कब से ऑफलाईन एवं ऑनलाईन पात्रताधारी को खाद्यान्न वितरण किया जाता है? उल्लेख करें? (ख) क्या उक्त नियम के अन्तर्गत शासन समस्त उचित मूल्यों की दुकानों का प्रत्येक दिन का डाटा संधारित किया जाता है? (ग) यदि हाँ तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में अंत्योदय राशन कार्डधारी बी.पी.एल. राशन कार्डधारी एवं अन्य योजना के चिन्हित पात्रताधारियों को किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों द्वारा खाद्यान्न का वितरण दुकानवार किया गया? दुकानवार सूची दें? (घ) क्या उक्त दुकान कोड का खाद्यान्न घटाया गया? यदि हाँ तो नियम दें तथा सक्षम अधिकारी द्वारा रिकवरी की गई कारण/नियम सहित जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईज़ेशन परियोजना के तहत वर्ष 2015-16 से समस्त उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से ऑनलाईन राशन का वितरण प्रारंभ किया गया है। वर्ष 2019 से उपलब्ध नेट कनेक्टिविटी वाली उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों को बायोमेट्रिक सत्यापन/ओटीपी/नामिनी से तथा नेट कनेक्टिविटीविहीन उचित मूल्य दुकानों से संलग्न पात्र परिवारों को पी.ओ.एस. मशीन से समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर राशन का वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 के पूर्व (उचित मूल्य दुकान पर पी.ओ.एस. स्थापित होने से पूर्व) वितरण पंजी के माध्यम से ऑफलाईन राशन वितरण किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) छतरपुर जिले में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित श्रेणी के पात्रता पर्चीधारी परिवारों को उचित मूल्य दुकानवार, माहवार, वितरित खाद्यान्न मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2022 से वर्तमान तक छतरपुर जिले में उचित मूल्य दुकानों का सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न स्टॉक को नहीं घटाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घर-घर राशन वितरण की अनुमति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
45. ( क्र. 2104 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन की महात्मा गांधी योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्कीम के तहत संचालित संस्था द्वारा पात्र परिवारों के सदस्यों को खाद्यान्न का वितरण किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो क्या संचालित संस्था शासन के नियम, निर्देशों व शर्तों पर पात्रताधारी के परिवारों को सुविधा की दृष्टि से, स्वयं के खर्चे से, स्वयं के जी.पी.एस. लगे लोडर वाहन से सक्षम अधिकारी की निगरानी या जानकारी में संचालित संस्था को सक्षम अधिकारी द्वारा घर-घर राशन वितरण करने की अनुमति दे सकता है? (ग) यदि हाँ तो संस्था को कब, कहां पर, किसके समक्ष आवेदन कर सकता है उल्लेख करें? (घ) यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अंतर्गत प्रावधानित सहकारी संस्थाओं, महिला स्व-सहायता-समूह एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से पात्र परिवारों के सदस्यों को खाद्यान्न वितरण का प्रावधान है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य की दुकान स्थापित कर गोदाम निर्माण कराना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
46. ( क्र. 2148 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) मुलताई विधानसभा की सभी 134 ग्राम पंचायत एवं नगर पालिका क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही है यदि हाँ तो संचालित दुकान किस-किस समिति के नियंत्रण में है सोसाइटीवार दुकानों का विवरण उपलब्ध कराया जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी दुकानों का संचालन सेल्समैन द्वारा किया जा रहा है एवं कितनी दुकानें स्व-सहायता समूह को आवंटित की गई है? यदि ग्रामीण क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकान नहीं है तो ऐसी कितनी पंचायत है जहाँ उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं हो रही है? इन पंचायतों में कब तक उचित मूल्य की दुकान स्थापित कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में क्या संचालित सभी उचित मूल्य की दुकानों में स्वयं का गोदाम है? यदि हाँ तो कितनी दुकानें है, जिनका स्वयं का गोदाम नहीं है क्या सरकार इन दुकानों के लिए भी गोदाम निर्माण कराएगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताई जावे? (घ) क्या ऐसे मजरे टोले जिनकी दूरी संबंधित उचित मूल्य दुकान से तीन किलोमीटर से ज्यादा है उनमें एक निश्चित दिवस तय कर चलित दुकान तैयार कर उन परिवारों को उन्हीं के ग्राम में राशन वितरण कराया जा सकता है? यदि हाँ तो समय-सीमा बताई जावे?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की 145 उचित मूल्य दुकानों का संचालन सेल्समैन के द्वारा किया जा रहा है। 11 उचित मूल्य की दुकानें स्व-सहायता समूहों को आवंटित की गई हैं। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान संचालित है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। 103 उचित मूल्य दुकानों में स्वयं के गोदाम नहीं हैं। वर्तमान में विभाग अंतर्गत गोदाम निर्माण की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में केवल आदिवासी ब्लॉक की पंचायतों से संलग्न ग्रामों में 'मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम' योजना अंतर्गत उक्त व्यवस्था लागू है। अन्य ब्लॉक के संबंध में कोई योजना नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी विकास मद से कराये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 2179 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से वर्ष 2024 मार्च तक मैहर विधान सभा क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये है? कार्य के नामवार, ग्रामवार, लागतवार, वर्षवार, वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थितिवार, जानकारी उपलब्ध करायी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या यह सही है कि मैहर विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वर्ष 2020 से आदिवासी/जनजातीय विकास मद से निर्माण कार्यों हेतु राशि का आवंटन प्राथमिकता क्रम में नहीं किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में अधोसंरचना विकास में आवंटित राशि की जानकारी दी जावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2020 से वर्ष 2024 मार्च तक मैहर विधानसभा क्षेत्र के अनसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में ग्रामों में कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य के नाम, ग्राम, लागत, वर्ष एवं भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी-नहीं, मैहर विधानसभा क्षेत्र में अनसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 के नियमों के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति एवं भौतिक प्रगति अनुसार आवंटन प्रदाय किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में अधोसंरचना विकास में आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गौवंश संरक्षण की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
48. ( क्र. 2200 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में अत्यधिक मात्रा में बेसहारा गौवंश है जिनसे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है? यदि हाँ तो शासन द्वारा इनकी रोकथाम हेतु क्या प्रयास किए गए हैं? (ख) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में शासकीय भूमि उपलब्ध है? जहां बेसहारा गौवंश हेतु गौ-शालाओं एवं अभ्यारण्य का निर्माण कर सकते है? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त संबंध में विचार करेगा एवं इस हेतु कोई योजना निर्मित करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नही?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी नहीं। जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन परिक्षेत्रों में किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
49. ( क्र. 2229 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने वन परिक्षेत्र है तथा वन परिक्षेत्रों में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी कितने दिनों से पदस्थ है? जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) जिला अनूपपुर के सभी वन परिक्षेत्रों में विगत वर्ष 2020- 21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये तथा उक्त अवधि में प्रत्येक वन परिक्षेत्रों में कौन-कौन से मद में कितना-कितना राशि प्राप्त हुआ तथा उक्त प्राप्त राशि से वर्षवार किये गये कार्यों की जानकारी मदवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शासन से प्राप्त समस्त राशियों से कराये गये निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन उच्च स्तरीय समिति गठित कर कराएंगे? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बतावें और यदि नहीं तो क्यों? क्या वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा रेत, लकड़ी पत्थर की तस्करी करायी जाती है? यदि हाँ तो कौन-कौन है और यदि हाँ तो कौन-कौन से अधिकारियों के द्वारा उक्त कार्य कराये जाते है? यदि हाँ तो कौन-कौन है? इनके विरूद्ध प्रशासन क्या कार्यवाही करेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उच्च स्तरीय समिति के द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारियों के द्वारा कराये गये कार्यों की जांच एवं वन परिक्षेत्र में काटी गई लकडि़यों का काटे गए ठूठों की जांच कराकर एक ही स्थान पर लंबे अर्से से पदस्थ कर्मचारियों की जांच कराएंगे? (ड.) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत कुछ पंचायतों में जंगली सुअरों के द्वारा फसलों को नष्ट कर दिया जाता है? वन विभाग द्वारा जंगली सुअरों के द्वारा किये गये नुकसान का मुआवजा आंशिक रूप से दिया जाता है? जिससे कृषक दिनों-दिन खेती का कार्य करने से डर रहा है? सुअरों से किसानों की फसलों की सुरक्षा कराये जाने का राज्य शासन की क्या मंशा है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत वन मण्डल अनूपपुर में 07 वन परिक्षेत्र हैं। अधिकारी कर्मचारी की पदस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जिला अनूपपुर अंतर्गत वनमंडल अनूपपुर के परिक्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2020-21 से आज दिनांक तक कराये गये निर्माण कार्य एवं वानिकी कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वनमंडल अनूपपुर अंतर्गत कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित उप वनमंडलाधिकारी द्वारा समय-समय पर किये जाने के पश्चात ही भुगतान की कार्यवाही पूर्ण की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा किसी प्रकार की तस्करी का प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला अनूपपुर के वनमंडल अनूपपुर में वन परिक्षेत्रों में अवैध काटे गये ठूंठों की जांच हेतु रोस्टर के अनुसार प्रतिमाह बीट निरीक्षण किये जाने का प्रावधान है, निरीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार ही संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ड.) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुछ पंचायतों में जंगली सुअरों के द्वारा किसानों के खेतों में लगे फसल को नष्ट कर दिया जाता है। फसल हानि की अनुदान सहायता का भुगतान राजस्व विभाग द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के अनुसार किया जाता है। कृषक द्वारा खेती कार्य करने से डरने का कोई मामला प्रतिवेदित नहीं है। उपरोक्तानुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है। जंगली सुअरों के आखेट की अनुमति जारी करने हेतु समस्त जिलों के उपखण्ड अधिकारी राजस्व को प्राधिकृत अधिकारी अधिसूचना क्रमांक-एफ 22/285/99/10-2, दिनांक 29.10.2003 से घोषित किया गया।
शिकायत की जांच
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 2230 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि श्री सतीश कुमार तिवारी मंडल संयोजक जिला अनूपपुर के ऊपर शासकीय उत्कृष्ट प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास के अधीक्षक श्रीमती पार्वती सिंह के द्वारा सहायक आयुक्त अनूपपुर व आयुक्त संभाग शहडोल के पास अमर्यादित व्यवहार धमकानें जैसे कृत्यों की शिकायत की थी? उक्त प्रकरण की जांच आयुक्त शहडोल द्वारा कलेक्टर अनूपपुर की ओर अग्रेषित की गई थी, जिसे आज तक जिला प्रशासन द्वारा किन कारणों से लंबित किया गया है? कारण बतावें। । (ख) क्या यह सही है कि श्री सतीश कुमार तिवारी के द्वारा किये गये आचरण विहीन कृत्य का समुचित जांच कर उसे बचाने के नियत से कार्यवाही की जा रही है? प्रशासन द्वारा जांच की फाइल को लंबित रखे जाने का दोषी कौन है? लंबे समय से उक्त प्रकरण को छिपा कर रखने वाले अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी और कब तक, समय-सीमा बतायें? ">(ग) उक्त मण्डल संयोजक के भर्ती से लेकर अब तक की सेवाकाल में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितने प्रकरणों में दोषी पाए गए तथा कितने प्रकरणों की जांच लंबित है? जानकारी उपलब्ध करायें? क्या श्री सतीश कुमार तिवारी का दिनांक 30-05-2015 को जिला अनूपपुर से बैतूल स्थानांतरण किया गया था, किन्तु कार्य मुक्त न होने के क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार तत्कालीन समस्त छात्रावास अधीक्षकों द्वारा सामूहिक रूप से आयुक्त शहडोल को दिये ज्ञापन में सहायक आयुक्त अनूपपुर को जांच कराये जाने हेतु निर्देशित किया था किन्तु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के अनुसार जांच करायी जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। एक शिकायत का प्रतिवेदन कलेक्टर, जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक/6833/शिका./आयोग/2016 अनूपपुर दिनांक 26.10.2016 द्वारा सचिव, म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी जा चुकी है। दूसरी शिकायत का विभागीय जांच जिला स्तर में प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। कलेक्टर जिला अनूपपुर के आदेश क्रमांक 442 दिनांक 07.02.2018 द्वारा विभागीय जांच हेतु जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जिला अनूपपुर को जांचकर्ता अधिकारी तथा प्राचार्य, शास. हाईस्कूल मौहरी को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण जांच में विलंब होने से 04.05.2019 को जांच अधिकारी द्वारा समय बढ़ाने हेतु नस्ती तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की गई। जिसका परीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा किया जाकर दिनांक 23.03.2022 को इस आशय की टीप दी गई कि जांच ट्रायबल की आंतरिक समिति से कराई जाये। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा दिनांक 04.10.2023 को कलेक्टर के समक्ष नस्ती प्रस्तुत की गई, जिसमें दिनांक 07.10.2023 को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अनूपपुर को चर्चा हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु प्रकरण में दिनांक 02.07.2024 को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अनूपपुर द्वारा चर्चा की गई। अतः विलंब हेतु दोषी अधिकारियों के विरूद्ध पृथक से कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त मण्डल संयोजक के विरूद्ध कार्यालय अभिलेख अनुसार 02 शिकायत प्राप्त हुई है, एक शिकायत का प्रतिवेदन कलेक्टर, जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक/6833/ शिका./आयोग/2016 अनूपपुर दिनांक 26.10.2016 द्वारा सचिव, म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी जा चुकी है। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा लगाये गये आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकी है तथा 01 शिकायत के विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। म.प्र. शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/1757/1980/2014/1/25 भोपाल दिनांक 27.08.2015 द्वारा श्री सतीश कुमार तिवारी का स्थानांतरण निरस्त हो जाने के कारण इन्हें कार्यमुक्त करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ। विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोषों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जी हाँ। विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।
क्रेशर संचालकों के प्रदूषण बोर्ड एवं लाइसेंसों की जांच
[पर्यावरण]
51. ( क्र. 2231 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के जैतहरी तहसील में गोबरी पंचायत क्षेत्र में क्रेशर संचालन एवं गिट्टी भण्डारण के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किन-किन क्रेशर संचालकों को लाइसेन्स/अनुमति दी गई है? उनकी संपूर्ण जानकारी संचालक का नाम, खसरा नं., रकबा तथा चारों तरफ कितने फीट की बाउण्ड्री (दीवाल) बनाई गयी है। भौतिक सत्यापन उपरांत फोटोग्राफ्स सहित चौहड्डी दर्शाकर जानकारी देवें? (ख) क्या गोबरी में संचालित क्रेशर संचालक में खनिज विभाग से पत्थर खदान का लीज ले रखा है? यदि हाँ तो लीज की प्रति उपलब्ध कराते हुए खसरा, रकबा की जानकारी एवं उत्तर दिनांक तक संयुक्त जांच दल से निर्धारित खदान से बाहर उत्खनन कर कितना अवैध उत्खनन किया है मूल्यांकन कर जानकारी देवें? (ग) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय शहडोल द्वारा अनूपपुर जिले में कितने क्रेशर संचालनकर्ता के आवेदन को निर्धारित नियम अनुसार चारों ओर बाउण्ड्री (दीवाल) न होने के कारण 2018 से 10 जून 2024 तक आवेदन लंबित या अस्वीकृत किया गया है? (घ) क्या गोबरी में संचालित क्रेशर संचालक द्वारा प्रदूषण एवं पर्यावरण नियमों का पालन न करने एवं क्रेशर स्थल में कोई भी बाउण्ड्रीवॉल निर्मित न होने के कारण तत्काल लाइसेन्स/अनुमति निरस्त की जाएगी यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। उत्खनन कार्य स्वीकृत सीमा के बाहर किया जाना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 30 आवेदनों को निरस्त किया गया है। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना के समूचित संचालन न करने वालों पर कार्यवाही
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
52. ( क्र. 2328 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण द्वारा उद्योगों के स्थापना बाबत् निर्देश जारी किये गये है, जारी निर्देशों की प्रति देते हुये बतावें कि रीवा एवं मऊगंज जिले में कितने उद्योग स्थापित कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन बाबत् कितने आवेदन पत्र वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान प्रश्नांश (क) के जिलों में प्राप्त हुये, इन आवेदन पत्र का निराकरण करते हुये किन-किन हितग्राहियों को कब-कब लाभान्वित किया गया का विवरण नाम पता सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का प्रश्नांश (ख) के हितग्राहियों के आवेदन समय पर निराकृत नहीं किये गये, पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हुये इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें एवं योजना के समुचित संचालन कर हितग्राहियों को लाभ देने बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विभाग में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना संबंधी म.प्र. उद्योग संवर्धन नीति 2014 के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायताएं योजना के मार्गदर्शी दिशा-निर्देश की छायाप्रति/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। रीवा जिले में 26 तथा मउगंज में 02 उद्योग स्थापित किये गये हैं। (ख) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनांतर्गत रीवा जिले में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त आवेदनों की स्थिति निम्नानुसार है:-
जिला |
कुल प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत आवेदन |
रीवा |
277 |
75 |
मउगंज |
27 |
5 |
लाभांवित हितग्राहियों की सूची/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा समस्त पात्र आवेदनों का निराकरण समय पर किया गया। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
53. ( क्र. 2471 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रंमाक 1386 सदन में उत्तर देने का दिनांक 24.12.2021 में जो जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रदाय की गई है, उसमें हितग्राही को किस योजना से एवं किस प्रकार से (अनुदान/कर्ज/सामग्री प्रदान कर) लाभान्वित किया गया है। पूर्ण जानकारी, हितग्राही का नाम व पिता/पति का नाम, निवास का पता सहित उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार क्या हितग्राही को प्राप्त लाभान्वित योजना में हितग्राही से अंशदान लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो हितग्राही से कितना अंशदान लिया गया है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार हितग्राही से अंशदान लिया गया है।
जल जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
54. ( क्र. 2480 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों में, कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की जानकारी दें? (ग) अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य कब तक पूरे हो सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्टोन क्रेशरों द्वारा पर्यावरण को खुलेआम नुकसान पहुंचाना
[पर्यावरण]
55. ( क्र. 2484 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले की हनुमना एवं मऊगंज तहसीलों में स्थित स्टोन क्रेशरों में से किस-किस के पास पर्यावरण विभाग की अनुमति है? सूची नाम सहित/स्थानवार अनुमति की एक प्रतिवार दें? किसके-किसके पास नहीं है? सूची नामवार/स्थानवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्टोन क्रशरों के लिये क्या-क्या नियम/मापदण्ड न्यूनतम/अधिकतम रूप से अपनाना नियमानुसार आवश्यक है? सूची दें?। बतावें कि हनुमना एवं मऊगंज में स्थापित उक्त क्रेशरों के द्वारा क्या-क्या नियमों को अपनाया एवं क्या मापदण्डों का पालन कर रहे हैं? क्रेशरों के नाम/स्थानवार जानकारी पृथक-पृथक दें? (ग) क्या हनुमना तथा मऊगंज में खासतौर पर पिपराही एवं अन्य जगहों पर पर्यावरण को ताक पर रखकर अवैध रूप से क्रेशरों द्वारा अपने क्रेशर एवं खदानों में कार्य किया जा रहा है? अगर नहीं तो पूरे क्षेत्र में क्रेशरों के कारण दिन में अंधेरा डस्ट के कारण छाया रहता है? (घ) पर्यावरण विभाग के किस नाम/पदनाम को राज्य शासन पर्यावरण की क्षति पहुंचाने वालों को संरक्षण देने पर तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच कब तक संस्थित करेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेष जानकारी निरंक है। (ख) निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। संचालित क्रेशरों द्वारा सम्मति शर्तों के अनुसार व्यवस्थायें की गयी हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माईक्रो ईरिगेशन में फर्जी बैंक स्टेटमेंट लगाकर घोटाला/गबन होना
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
56. ( क्र. 2492 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 01-04-2012 से 31-03-2018 के दौरान रीवा संभाग में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (माईक्रो ईरिगेशन) में एग्रो लीडर खरगौन, नोबल पॉलिमर सिलवासा, नर्मदा पाईप्स इंदौर, त्यागी इंडस्ट्रीज देवास, किसान ईरिगेशन इंदौर सहित और किस-किस नाम एवं पते वाली कंपनियों को ड्रिप कृषक सहित, किस-किस नाम की योजना के तहत, कितना-कितना भुगतान किया गया? फर्मवार वर्षवार/माहवार/राशिवार/योजनावार/कृषकों के नाम एवं पतेवार/ जिलेवार/तहसीलवार/ग्रामवार/ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में लाभान्वित कृषकों के संतुष्टि प्रमाण पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? जिलेवार/ग्रामवार दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में लाभान्वित कृषकों के जो बैंक स्टेटमेंट कंपनियों के द्वारा विभाग में जमा किये उन सभी की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? जानकारी ड्रिप कृषक योजना सहित अन्य योजना की दें? जानकारी जिलेवार/वर्षवार/माहवार/योजनावार/कृषकवार/राशिवार/ तहसीलवार/ब्लॉकवार/कृषकों के नाम एवं पतेवार/बैंक स्टेटवार उपलब्ध करायें? (घ) किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को शासन इस कूट रचित दस्तावेजी गबन प्रकरण में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवायेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिनांक 01-04-2012 से 31-03-2018 के दौरान रीवा संभाग में माइक्रोइरिगेशन/प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत फर्मवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है तथा फर्मवार/वर्षवार/माहवार/राशिवार/योजनावार/कृषकों के नाम एवं पतेवार/जिलेवार/तहसीलवार/ग्रामवार/ ब्लॉकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में लाभांवित कृषकों के जिलेवार संतुष्टि प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में उक्त अवधि में लाभांवित कृषकों के बैंक स्टेटमेंट कंपनियों द्वारा जिला कार्यालयों में जमा नहीं करायें गये है। (घ) लाभांवित कृषकों के बैंक स्टेटमेंट कंपनियों द्वारा जिला कार्यालयों में जमा नहीं कराये गये है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनमण्डल अधिकारी टीकमगढ़ कार्यालय में अनियमितताएं
[वन]
57. ( क्र. 2501 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ वनमंडल अधिकारी कार्यालय में कोई वरिष्ठ अधिकारी न बैठकर कार्यालय का अनुशासन हेड क्लर्क के हाथों में रहता है? (ख) क्या हेड क्लर्क द्वारा मनचाहे आदेशों पर अधिकारियों के हस्ताक्षर करवाकर जारी किये जाते है? यदि नहीं तो आचार संहिता के चलते कितने आदेश पदस्थापना संबंधी किये गये है और यदि नहीं तो टीकमगढ़ उड़नदस्ता के कर्मचारियों में हेर-फेर करना उदाहरण नहीं है? (ग) क्या एक आरा मशीन खरगापुर में स्थित है उसकी शिकायत दो तीन वर्ष से लगातार की जा रही है यह मशीन बीच बस्ती में है व पर्यावरण की दृष्टि से ठीक नहीं है, कार्यवाही न होने का कारण बतायें? (घ) यह भी जानकारी दें कि वनमण्डल अधिकारी कार्यालय में हेड क्लर्क से वरिष्ठ अन्य कितने वरिष्ठ कर्मचारी है फिर अक्षम आदमी को हेड क्लर्क बताने का औचित्य क्या है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। आदर्श आचार संहिता के चलते पदस्थापना संबंधी कोई भी आदेश जारी नहीं किये गये हैं। जंगल सुरक्षा की दृष्टि से उड़नदस्ता के कर्मचारी (विशेष कर्तव्य) की ड्यूटी लगाई गई है। (ग) जी हाँ। एक आरामशीन खरगापुर में स्थित है, जिसकी शिकायत की जाँच की गई है। जांच प्रतिवेदन अनुसार आरामशीन विगत 8-9 माह से बंद है तथा आरामशीन की जगह परिवर्तन हेतु आवेदन किया गया है। आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के कारण आवेदक से दस्तावेज प्राप्त करने की कार्यवाही में वनमण्डलाधिकारी ने आवेदक को पत्र लिखा है। (घ) वनमण्डलाधिकारी कार्यालय में हेड क्लर्क से एक कर्मचारी वरिष्ठ है, इनके द्वारा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हेड क्लर्क का प्रभार न दिये जाने हेतु आवेदन दिया गया है। अत: उनके कनिष्ठ को मुख्य लिपिक का प्रभार दिया गया है।
हैण्डपंपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 2502 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि जून माह में टीकमगढ़ जिले में पानी के लिये कोहराम मचा है तो क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता ने सत्र फरवरी 2024 में दिनांक 14-02-2024 को प्रश्न क्रमांक 714 द्वारा शासन को सचेत किया था? (ख) यदि हाँ तो सत्र फरवरी 2024 में प्रश्न क्रमांक 714 का गलत उत्तर देने के लिये कौन दोषी है? (ग) कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा यह कहकर कि हैंडपंप का सामान शासन के पास नहीं है, हैंडपंप क्यों नहीं सुधारे जा रहे है? (घ) जिले के सभी हैंडपंपों में नये पाईपों की आवश्यकता है जो विभाग द्वारा नहीं डाले जा रहे है कब तक सभी हैंडपंपो को सुधार कर ठीक कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) टीकमगढ़ जिले में जून माह में पेयजल के लिये कोहराम मचने की कोई स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सत्र फरवरी 2024 के प्रश्न क्रमांक 714 में "टीकमगढ़ जिले में पानी के लिये कोहराम' का कोई प्रश्नांश नहीं था, अपितु जिले में स्थापित हैण्डपंपों के संबंध में विविध जानकारी चाही गई थी, तदनुसार उक्त प्रश्न का उत्तर दिया गया था। (ख) उपरोक्त उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) टीकमगढ़ जिले में वर्तमान में हैण्डपंप संधारण के लिये सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता है तथा हैण्डपंप सुधारने का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले के हैण्डपंपों में आवश्यकतानुसार नये पाइप लगाये जा रहे हैं तथा हैण्डपंपों की मरम्मत का कार्य नियमित रूप से निर्धारित संधारण प्रकिया के अंतर्गत किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कटाई के पी.ओ.आर के संबंध में
[वन]
59. ( क्र. 2515 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2022 से 2024 में दक्षिण (सामा.) वनमंडल बालाघाट में अवैध कटाई के पी.ओ.आर. काटे गये है? (ख) यदि हाँ तो किस-किस परिक्षेत्र के अंतर्गत बॉस नोशनल टन एवं लकड़ी घनमीटर कितनी-कितनी क्षति राशि के काटे गये है? (ग) उपरोक्त जब्त सामग्री किस-किस को, कितनी-कितनी सुपुर्दगी में एवं कितनी-कितनी, कब-कब चालान काटकर डिपो भेजी गयी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[वन]
60. ( क्र. 2516 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण (सा.) वनमंडल बालाघाट के वन परिक्षेत्र लालबर्रा की ग्राम पंचायत कंजई में तेंदूपत्ता लाभांश अधोसरंचना मद से वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 में कौन-कौन से विकास कार्य, किस-किस दिनांक को स्वीकृत किये गये? (ख) वन परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण कर, कब-कब ग्राम पंचायत को हस्तांतरित कर दिये गये है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) वन परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये गये है? सूची उपलब्ध करावें। उक्त निर्माण कार्य कब-कब पूर्ण कर दिये जावेंगे? (घ) स्वीकृत ग्राम विकास कार्यों के निर्माण में अनावश्यक विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला यूनियन दक्षिण बालाघाट हेतु लालबर्रा परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कंजई में तेन्दूपत्ता लाभांश राशि से अधोसंरचना मद में स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक पर है। (ख) जिला यूनियन दक्षिण बालाघाट अंतर्गत परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा द्वारा कंजई ग्राम पंचायत अंतर्गत पूर्ण कराये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो पर है। कार्य पूर्ण उपरांत सम्पूर्ण प्रक्रिया (कागजी कार्यवाही) पूर्ण करने के उपरांत विभागीय निर्देशों के अनुसार ग्राम पंचायत को हस्तांतरण करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जिला यूनियन दक्षिण बालाघाट में परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा द्वारा प्रारंभ नहीं किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-तीन पर है। उक्त कार्य वर्ष 2024-25 में पूर्ण हो जावेंगे। (घ) स्वीकृत अपूर्ण विकास कार्यों के निर्माण में विलंब के लिये उत्तरदायी परिक्षेत्र अधिकारी लालबर्रा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। जवाब प्राप्त कर गुण-दोष पर निर्णय लिया जा सकेगा जिसकी समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
संचालित छात्रावास एवं शालाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
61. ( क्र. 2540 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत कितने छात्रावास किन-किन स्थानों पर संचालित हैं? उनमें कितने-कितने छात्र-छात्रायें रह कर अध्ययन कर रहे हैं? जून 2024 की स्थिति में बतायें। उपरोक्त छात्रावासों के रख-रखाव, छात्र-छात्राओं की सुविधायें, भोजन व्यवस्था एवं अन्य कार्यों हेतु छात्रावासवार विगत 3 वर्षों में मदवार कितना-कितना व्यय किया गया है? (ख) जबलपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जनजातीय ग्रामों में विगत 3 वर्षों में कितने-कितने निर्माण कार्य, विद्युतीकरण के कार्य, कितनी-कितनी राशि से किन-किन निर्माण एजेंसियों से कराये गये? वर्षवार, ग्रामवार जानकारी दें। (ग) जबलपुर जिले में जनजातीय छात्रावासों में से कितने छात्रावास किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं? कितने स्वयं के शासकीय भवनों में? शहपुरा विकासखण्ड के ग्राम झिरी पिपरिया में निर्मित छात्रावास का निर्माण कब हुआ? उनमें कितने छात्र-छात्राएं रह रहे हैं? क्या उक्त छात्रावास का चयन स्कूल से अधिक दूरी पर करने के कारण अनुपयोगी हो गया है? तो उसके लिये कौन दोषी है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) जिले में 05 छात्रावास किराये के भवनों पर संचालित है। 38 छात्रावास शासकीय भवन में संचालित हो रहे है। शहपुरा विकासखंड के ग्राम झिरी पिपरिया में छात्रावास का निर्माण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर वन मंडल उत्तर एवं दक्षिण के अंतर्गत किये गये कार्य
[वन]
62. ( क्र. 2541 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर वन मंडल उत्तर एवं दक्षिण के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में वनों के विकास हेतु, वृक्षारोपण, संरक्षण, सुरक्षा, स्टाप डेम, निर्माण आदि के समस्त कार्य वर्षवार कितनी-कितनी राशि से कराये गये? वनों में कितने-कितने रकवे में नया वृक्षारोपण कराया गया? रेंजवार, वर्षवार जानकारी दें। (ख) वनों के विकास हेतु जबलपुर उत्तर एवं दक्षिण वन मंडलों में विगत 3 वर्षों में खाद, बीज एवं अन्य सामग्री किन-किन फर्मों से क्रय कर कहाँ-कहाँ उपयोग की गई? वर्षवार, फर्मवार, राशि सहित जानकारी दें। क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारी द्वारा किया गया? रेंजवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जबलपुर वन वृत्त अंतर्गत जबलपुर वनमंडल में उत्तर एवं दक्षिण के नाम से वनमंडल नहीं है अपितु जबलपुर सामान्य वनमंडल आता है, जिसमें समस्त रेंज सम्मिलित है। विगत तीन वर्षों की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है।
पशुओं के उपचार, विकास हेतु योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
63. ( क्र. 2542 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुओं के विकास, उन्नयन, संर्वधन एवं उपचार हेतु प्रदेश में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? जबलपुर जिलें में उक्त योजनाओं के क्रियान्वय हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? विकासखण्डवार जानकारी विगत 3 वर्षों की दें। (ख) जबलपुर जिले में कितने पशु चिकित्सालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? उनमे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत, रिक्त एवं कार्यरत हैं? चिकित्सालयवार जानकारी दें। (ग) जबलपुर जिले में पशुओं के उपचार, टीकाकरण, प्रजनन आदि पर कितना-कितना व्यय विगत 3 वर्षों में किया गया? विकासखण्डवार, मदवार जानकारी दें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
छात्रावासों में रिक्त पदों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 2577 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कितने छात्रावास संचालित है एवं इनमें कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत है, छात्रावासवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) इन छात्रावासों में कितने पद भरे हुए है तथा कितने रिक्त है, इन रिक्त पदों के विरूद्ध कौन-कौन रसोईयां, जल वाहक एवं चौकीदार दैनिक दर पर कार्य कर रहे हैं तथा किस दिनांक से कार्यरत है नाम सहित बतायें? (ग) रसोईया, जल वाहक एवं चौकीदार के रिक्त पदों के विरूद्ध 5000 रूपये की मजदूरी पर कौन-कौन मजदूरों को रखा गया है विगत पांच वर्ष की सूची छात्रावासवार संलग्न करावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जाति के 32 छात्रावास संचालित है। जनजातीय कार्य विभाग का कोई भी छात्रावास जिले में संचालित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
विभाग में पदस्थ शिक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 2578 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितने अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रावास संचालित है? जिनमें पदस्थ (शिक्षक) अधीक्षकों के नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इन पदस्थ अधीक्षकों में शिक्षा विभाग के कौन-कौन से (शिक्षक) अधीक्षक नियुक्त हैं? जानकारी देवें। (ग) अक्टूबर, 2023 में विभाग द्वारा (शिक्षकों) की पदस्थापना की गई, उनकों कहां-कहां पदस्थ किया गया? छात्रावासवार सूची दें। (घ) विभाग द्वारा पदस्थ अधीक्षकों में किन-किन अधीक्षकों को प्रभार दिलाया गया तथा किन-किन अधीक्षकों को आज दिनांक तक प्रभार नहीं दिलाया गया? इसका क्या कारण है? क्या इन्हें प्रभार दिलवाया जायेगा या नहीं? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जाति के 32 छात्रावास संचालित है। जनजातीय कार्य विभाग का कोई भी छात्रावास जिले में संचालित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा जिले में अधीक्षक पदस्थ सभी अधीक्षकों को अधीक्षकीय प्रभार दिया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों की स्वीकृति निरस्त किया जाना
[पर्यावरण]
66. ( क्र. 2591 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 5 हेक्टेयर से बड़ी खदान में जहां कलेस्टर होता है वहां संबंधित ग्रामों में व्यक्तियों से रायशुमारी कर सहमति लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो किस नियम में? (ख) क्या यह सही है कि वर्ष 2023-24 में केवलारी विधानसभा क्षेत्र की खुर्शीपार माल, सकरी अरंडिया रेत खदानों की नीलामी में उक्त प्रक्रिया का पालन न किया जाकर अवैध तरीके से ई.सी. जारी कर दी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में ग्राम बागडोंगरी के ग्रामवासियों की जनसुनवाई की कार्यवाही के दौरान ग्रामवासियों ने 24 मई, 2024 को ग्रामवासियों, पंच, सरपंच, जनपद सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों एवं विधायक ने मौके पर आपत्ति दर्ज कराई किन्तु इसके बावजूद भी इसे नजर अंदाज कर अवैध तरीके से खदान की ई.सी. जारी कर दी गई क्यों? (घ) क्या शासन पूरे प्रकरण की जांच कर खदान निरस्त करने की कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। ई.आई.ए. नोटिफिकेशन 2006 के अनुसार। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपभोक्ता संरक्षण आयोग के सदस्यों को सुविधाएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 2647 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आयोगों के माननीय सदस्यों को अधिनियम में प्रदत्त ' क ' श्रेणी अधिकारी की पात्रता है, यदि हाँ तो क्या सभी सुविधाएं मिल रही है यदि नहीं तो क्या-क्या शेष है और कब तक मिलने लगेगी? (ख) माननीय सदस्यों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के नियम 7 में आवास भत्ता क्या 1991 पुराने सर्वे के आधार पर दिया जा रहा है? यदि हाँ तो नवीन जनसंख्या सर्वे अनुसार भत्ता कब तक लागू हो जाएगा? (ग) क्या आयोग के माननीय सदस्यों को उप.संरक्षण अधिनियम के नियम 8 के मुताबिक वाहन भत्ता की पात्रता है, यदि हाँ तो नियम मुताबिक वाहन भत्ता मिल रहा है, यदि नहीं, तो नियमानुसार कब तक स्वीकृति जारी हो जावेगी? (घ) अध्यक्ष/सदस्यों के रिक्त पदों के लिए क्या विज्ञप्ति जारी हुई है, यदि हाँ तो कब हुई? क्या 1 वर्ष पूर्व की है, यदि हाँ तो पुनः विज्ञप्ति जारी होगी? (ड.) प्रदेश एवं जिलों में कितने आयोग हैं? आयोग में कितने पद कहां-कहां रिक्त है? रिक्त पदों पर कब तक नियुक्तियां हो जायेगी एवं क्या अध्यक्ष/सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में कोई संशोधन होना है यदि हाँ तो कब तक हो जाएगा? क्या आयोग में माननीय सदस्यों के प्रति दुर्व्यवहार की शिकायते मिल रही है यदि हाँ तो अभी तक क्या और कहां कहां कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, जिला आयोगों के माननीय सदस्यों को अधिनियम में प्रदत्त 'क' श्रेणी अधिकारी की पात्रता है। जिला आयोग के माननीय सदस्यों को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के राजपत्र दिनांक 17.08.2021 में प्रदत्त समस्त सुविधाएं (परिवहन भत्ता को छोड़कर) दी जा रही है। (ख) जी हां, माननीय सदस्यों को छठवें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित दर पर आवास भत्ता दिया जा रहा है। विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन के निर्णयानुसार प्रावधान आयोग में लागू किए जाने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हां, मध्यप्रदेश उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का वेतन, भत्ते और सेवा की शर्तें) नियम 2021 के नियम 8 के मुताबिक राज्य आयोग एवं जिला आयोग के सदस्य, राज्य सरकार के समूह 'क' के अधिकारी को अनुज्ञेय दर के समान परिवहन भत्ते का प्रावधान है। चूंकि, म.प्र. शासन, वित्त विभाग के मत अनुसार ''वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 05.11.2016 द्वारा राज्य के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों/मंडलो/स्वायत्व संस्थाओं के अध्यक्ष/उपाध्यक्षों/सदस्यों के लिये वाहन किराये पर लिये जाने संबंधी मार्गदर्शी सिदधांत है, जिसमें पृथक से परिवहन भत्ता दिये जाने का प्रावधान नहीं है। ''उक्त पत्र के संदर्भ में किराये के वाहन हेतु इस मद में बजट मांग की गई है। बजट प्राप्त होने पर तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हां, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के रिक्त पदों के लिये विज्ञाप्ति दिनांक 14.09.2023 को जारी की गई है, सदस्य, मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं सदस्य, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के रिक्त पदों के लिये विज्ञाप्ति दिनांक 04 जुलाई, 2023 को जारी की गई। प्रकरण में विषय न्यायालय में विचाराधीन होने से न्यायालय निर्णय के अनुपालन में कार्यवाही की जाएगी। (ड.) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग भोपाल सहित म.प्र. के 48 जिलों में 51 जिला उपभोक्ता आयोग कार्यरत है। आयोग में रिक्त पदों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए अर्हता, भर्ती की पद्धति, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाना) नियम 2020 (नियम 2020) में दिनांक 21 सितंबर, 2023 को संशोधन किया गया है। सदस्य, मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग तथा सदस्य, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के आवेदकों की वस्तुनिष्ठ परीक्षा दिनांक 04 नवंबर, 2023 को आयोजित की गयी तथा वर्णात्मक परीक्षा 13 जनवरी, 2024 को आयोजित की गई। बॉम्बे उच्च न्यायालय, खण्डपीठ नागपुर रिट याचिका क्र. 3680/2023 आदेश दिनांक 20.10.2023 के परिप्रेक्ष्य में चयन समिति का प्रावधान समाप्त हो जाने से विभाग द्वारा लिखित परीक्षा उपरांत नियम 2020 के प्रावधान अनुसार वर्तमान में मौखिक परीक्षा आयोजित किया जाना संभव नहीं है। जी हां, माननीय सदस्यों की शिकायतें प्राप्त हो रही है। इस प्रकार प्राप्त दुर्व्यवहार की शिकायतों पर उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कें लिये अर्हता, भर्ती की पद्धति नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाना) नियम, 2020 के नियम 9 के तहत कार्यवाही की जा रही है।
वाहनों को शासन अधीन कार्यालय में लगाया जाना
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 2648 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग में कितने वाहन कहां-कहां पर किराए पर लगाए गए हैं? सूची देवें। क्या उक्त लगाए गए वाहनों में सभी व्यवसायिक श्रेणी के वाहन है? यदि नहीं तो उन वाहनों की संख्या एवं किराया बताएं जो व्यावसायिक श्रेणी के नहीं है? बिना व्यावसायिक श्रेणी के वहां किस नियम के तहत लगाए गए हैं? नियम की प्रति देवें। (ख) विभाग द्वारा परिवहन अधिनियम के प्रावधानों को ताक पर रखते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से सामान्य श्रेणी के वाहनों को किराए पर क्यों रखा गया है? (ग) किस-किस अधिकारी के द्वारा नियम विरूद्ध वाहन लगाए गए हैं? सूची देवें एवं बताएं कि इन दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक? (घ) बिना व्यावसायिक श्रेणी के वाहनों को क्या व्यावसायिक श्रेणी के वाहनों के समान ही किराया प्रदाय किया जा रहा है अथवा उनके लिए किराए का निर्धारण अलग प्रकार से किया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लगाए गए वाहनों में सभी व्यवसायिक श्रेणी के वाहन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाउसों में खाद्य अनाज का भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 2694 ) श्री मोहन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ 160 के अंतर्गत कितने वेयर हाउस संचालित हो रहे है? जिसमें शासन कि खाद्य अनाज का भण्डारण किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ तो कहां-कहां स्थान सहित बतावें एवं खाद्य अनाज का भण्डारण एवं खाली करने हेतु शासन द्वारा किन-किन मापदण्डों का पालन किया जा रहा है? समय सहित बतायें। (ग) भण्डारण करने और रिक्त करने किस आधार पर प्राथमिकता दी जाती है? बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 48 वेयर हाउस शाखा नरसिंहगढ़ एवं 03 वेयर हाउस शाखा पचोर से संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वेयर हाउसों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, गोदामों में अनाज का भंडारण शासन द्वारा उपार्जन नीति अनुसार एवं गोदमों को खाली फीफो पद्धति (First in First Out) अनुसार किया जाता है। (ग) गोदामों में अनाज का भंडारण शासन द्वारा जारी उपार्जन नीति अनुसार एवं गोदामों को खाली (First in First Out) फीफो पद्धति अनुसार किया जाता है।
लंबित शिकायतों की जांच
[जनजातीय कार्य]
70. ( क्र. 2703 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नतिथि तक फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर शासकीय सेवा प्राप्त करने वाले किन-किन पदों पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रकरण पर जाँचे चल रही है? जिन-जिन पर जांच चल रही हैं उनकी किन-किन शिकायतों पर जांचे लंबित/चल रहीं हैं? प्रकरणवार/प्रत्येक शिकायतों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में लंबित जाँचों की प्रश्नतिथि तक क्या-क्या स्थिति है? प्रकरणवार बतायें कि उक्त जांचों का जाँच अधिकारी किस नाम/पदनाम का है? जो जांच पूर्ण हो गई है उन जाँचों की जांच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति दें। (ग) जिन जांचों में 01.04.2019 से प्रश्नतिथि के दौरान अंतिम निराकरण आदेश पारित हो गये हों उन सभी प्रकरणों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) जो जांचे प्रश्नतिथि से 3 (तीन) वर्ष पूर्व से लंबित चल रही है उन प्रकरणों की जानकारी दें? उन प्रकरणों के जांच अधिकारी एवं उन का पदनाम दें। सुषमा कुमरे खाद्य एवं औषधि प्रशा. विभाग की जांच की क्या स्थिति है? प्रकरण का पूरा विवरण उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति में जाति प्रमाण-पत्र संदेहास्पद पाये जाने पर जांच हेतु प्रकरण प्राप्त होते हैं। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा प्रदान निर्देशानुसार गठित छाबनीन समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रियानुसार जांच पूर्ण की जाकर प्रकरण के संबंध में निर्णय पारित किया जाता है। छानबीन समिति द्वारा पारित निर्णय उपरांत जाति प्रमाण-पत्र फर्जी होना पाये जाने पर ही जाति प्रमाण-पत्र फर्जी मान्य किया जाता है। अत: प्रश्नांश अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्रीमती सुषमा कुमरे का प्रकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति में प्रक्रियाधीन है। सुषमा कुमरे (पथरोल) का प्रकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक दिनांक 4.8.2022 में निर्णय हेतु रखा गया था। अनावेदिका द्वारा अपने कथन में बताया कि दादा यवतमाल से इंदौर आये थे, परन्तु वे यवतमाल से इंदौर कब आये थे यह प्रमाण प्रस्तुत नहीं किये गये। उक्त प्रमाण प्राप्त करने हेतु पुलिस उपायुक्त नगरीय पुलिस भोपाल से उक्त संबंध में प्रतिवेदन चाहा गया था, जो आज दिनांक तक अप्राप्त है। उक्त प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत प्रकरण में उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निर्णय लिया जा सकेगा। उच्च स्तरीय छानबीन समिति की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से जांच पूर्ण करने हेतु साक्ष्य/अभिलेखों की अति आवश्यकता होती है। इन्हें प्राप्त करने में समय लगता है। अत: समय-सीमा से अवगत कराना संभव नहीं है।
राजस्व ग्रामों की भूमि को नारंगी सर्वे में शामिल करना
[वन]
71. ( क्र. 2712 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने-कितने ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे, संरक्षित वनखण्ड, नारंगी वनखण्ड में अधिसूचित की गई? कितने ग्रामों की समस्त भूमि राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई? (ख) राजस्व ग्रामों की वन सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल भूमियां राजस्व विभाग के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस जंगल मद एवं गैर जंगल मद में मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत आरक्षित कर किस-किस प्रयोजन के लिये दर्ज भूमि है? (ग) संरक्षित वनखण्ड एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल भूमियों में से वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र में कितनी भूमि शामिल है, इन वनखण्डों में किस ग्राम की किस भूस्वामी की कितनी निजी भूमि अधिसूचित की गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बैतूल जिले के सर्वे डिमारकेशन स्कीम अनुसार कुल 680 ग्रामों की 369409.76 एकड़ (14949.06 हेक्टेयर) भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई एवं 1269 ग्रामों की 137752.393 हेक्टेयर भूमि नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई द्वारा सर्वे किया गया। सर्वे के अनुसार 680 ग्रामों में से 419 ग्रामों की 482 वनखंडों में 71909.247 हेक्टेयर एवं 1269 ग्रामों में से 133 ग्रामों की 259 वनखंड में 7565.117 हेक्टेयर रकबा तथा 44 ग्रामों की 92 वनखंडों रकबा 2825.713 हेक्टेयर भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई है। 15 सितम्बर, 1972 को 829 ग्रामों की भूमि डिनोटिफाईड की गई जिसमें खसरा एवं रकबे का उल्लेख नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन भूमियां राजस्व अभिलेखों में बड़े झाड़ का जंगल, छोटे झाड़ का जंगल, पहाड़ चट्टान एवं घास मद में दर्ज है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 (3) के तहत अधिसूचना क्रमांक 9-X-58 दिनांक 10.07.1958 से संरक्षित वन अधिसूचित होने से वर्किंग प्लान में दर्ज कर वन विभाग संरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहा है। वनखण्डों में शामिल निजी भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
72. ( क्र. 2735 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वर्ष 2024 में वन विभाग/वन विकास निगम द्वारा किन-किन जिलों में कितने-कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल में वृक्षारोपण किया जाएगा? केंद्र/राज्य अंश से प्राप्त राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किए जाएंगे तथा पौधे कहां से एवं कितनी राशि से क्रय किया जाएगा? प्रजातिवार जानकारी देवें तथा प्रति पौधे क्रय दर की जानकारी देवें? (ग) वन विभाग/वन विकास निगम के कितने रोपडी/उद्यानकी हैं? जहां पौधे तैयार किये जा रहे हैं? प्रश्न दिनांक तक किन-किन रोपनियों से कितने-कितने पौधे वृक्षारोपण के लिए कहां-कहां से लिये जा रहे है? प्रति पौधे की क्रय एवं दर बताएं।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। वन विकास निगम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 ''अ'' अनुसार है। वन विकास निगम को वृक्षारोपण हेतु केन्द्र एवं राज्य से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। (ख) वन विभाग से संबंधित जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। वन विभाग द्वारा पौधे क्रय नहीं किये जाकर वन विभाग की ही सामाजिक वानिकी वृत्त अंतर्गत नर्सरियों से पौधे प्राप्त किये जा रहे हैं। वन विकास निगम से संबंधित जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। (ग) वन विभाग की कुल 171 रोपणियां हैं एवं वन विकास निगम की 15 रोपणियां हैं, जहां पौधे तैयार किये जा रहे हैं। वन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है एवं वन विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 ''अ'' अनुसार है। वन विभाग द्वारा विभागीय नर्सरियों से पौधे प्राप्त किये जा रहे हैं। वन विकास निगम द्वारा क्रय किये जा रहे पौधों की जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है।
वनों की सुरक्षा हेतु तार फैंसिंग
[वन]
73. ( क्र. 2785 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. में कुल कितना वन क्षेत्र है? ऐसे कौन से जिले है, जहां वनक्षेत्र नहीं है एवं विगत 10 वर्षों में प्रदेश में कितना वनक्षेत्र किन-किन जिलों में कम हुआ है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या यह सही है कि वन विभाग का कार्यालय प्रदेश कि उन तहसीलों में भी कार्यरत है जहां वनक्षेत्र नहीं है ऐसी तहसीलों का नाम बतांए। (ग) क्या सरकार वनक्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने के लिये वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिये वनक्षेत्र के आसपास लोहे की जाली अथवा तार फैंसिंग लगाने का काम कर रहा है यदि हाँ तो प्रदेश में कहां-कहां तार फैंसिंग की गई है? (घ) क्या सरकार खातेगांव विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाली शहरी, ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के आस-पास के वन क्षेत्र को तार फैंसिंग से सुरक्षित करेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 94,689 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र है। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में वन क्षेत्र है। विगत 10 वर्षों में निर्वनीकृत होने से जिला रायसेन में 197.93 हेक्टेयर वन भूमि एवं नर्मदापुरम में 3590.004 हेक्टेयर वन भूमि कम हुई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन्यप्राणी की सुरक्षा एवं वृक्षारोपण क्षेत्रों में तार एवं जाली से फेसिंग की जाती है। भोपाल, राजगढ़, नर्मदापुरम, इंदौर, संजय टाईगर रिजर्व सीधी, पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी, रतलाम, मंदसौर एवं देवास वनमंडलों में तार फेंसिंग की गई है। (घ) शासन से संबंधित है।
फलो एवं सब्जियों का प्रंसस्करण
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
74. ( क्र. 2786 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में प्रमुख रूप से पैदा की जाने वाली उद्यानिकी फसलों जैसे फल, सब्जी, कौन-कौन से है एवं इनकी विभागीय स्तर पर प्रतिवर्ष पैदावर की जाने वाली मात्रा अनुमानित कितनी है? (ख) क्या टमाटर, लहसुन, प्याज, नींबु, अमरूद जैसी फसले अत्याधिक पैदावार होने पर किसान को पर्याप्त कीमत नहीं मिलने पर नष्ट हो जाती है या किसान द्वारा व्यर्थ फैक दी जाती है? (ग) क्या टमाटर, लहसुन, प्याज का प्रसंस्करण करके इन्हे लंबे समय तक उपयोग में लाया जा सकता है एवं इससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी प्राप्त किया जा सकता है? (घ) यदि हाँ तो क्या विभाग प्रदेश में इन फलो एवं सब्जियों के प्रसंस्करण के लिये संयंत्र लगाने कि किसी योजना पर काम कर रहा है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) म.प्र. में प्रमुख रूप से पैदा की जाने वाले उद्यानिकी फसलों की सूची/जानकारी तथा प्रतिवर्ष पैदावार की सूची/जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
दिव्यांगजनों को उपकरण उपलब्ध कराये जाना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
75. ( क्र. 2787 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कितने दिव्यांगजन निवासरत हैं? मानसिक, दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, बहुविकलांग, की जानकारी देवें। सरकार द्वारा दिव्यांगजनों कि सहायतार्थ कितनी योजना चलाई जा रही है? नाम बताएं। (ख) क्या सरकार की दिव्यांगजनों को निशुल्क उपचार, शिक्षा प्रदान किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ तो बताएं क्या प्रदेश में दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा नहीं दी जाती है? (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में कितने दिव्यांगजनों को बैटरी चलित ट्राइसिकल बाईक प्रदान की गई है? संख्या बताएं। वर्तमान में कितने दिव्यांगजनों को यह उपकरण नहीं मिल पाया है? (घ) क्या सरकार भविष्य में विशेष कैंप लगाकर दिव्यांगजनों को चिकित्सकीय परीक्षण कराकर पुनः उपकरण प्रदान करेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। दिव्यांगजनों हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार। (ख) जी हां, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा समस्त शासकीय चिकित्सालयों में समस्त रोगियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है, जिसमें दिव्यांगजन भी शामिल है तथा दिव्यांग विद्यार्थियों को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत प्रदेश में संचालित 20 शासकीय संस्थाओं के माध्यम से नि:शुल्क शिक्षण/span>प्रशिक्षण एवं छात्रावास की सुविधा प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में 82 दिव्यांगजनों को बैटरी चलित ट्राइसाईकिल प्रदान की गई है। वर्तमान में बैटरी चलित ट्राइसाईकिल हेतु कोई पात्र दिव्यांग आवेदक का आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित एडिप योजना अंतर्गत भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ऐलिम्को) एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर आवश्यकता अनुसार शिविरों का आयोजन कर दिव्यांगजनों को चिन्हांकित कर कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, यह सतत प्रक्रिया है।
वन विभाग द्वारा निर्माण कार्य
[वन]
76. ( क्र. 2816 ) श्री मोहन शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ 160 में वन विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य के लिये विभाग द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा उक्त वर्षों में स्वीकृत राशि से कहां-कहां निर्माण कार्य किये गये है? वर्षवार बताये एवं निर्माण कार्य कि एजेंसी कौन है? नाम बतायें। (ग) क्या वन विभाग द्वारा वन्य अभ्यारण क्षेत्र में तार फैंसिग एवं रपटा निर्माण किया गया है, यदि हाँ तो कहां-कहां और कितनी कितनी राशि व्यय कि गई वर्षवार बतायें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ 160 में वन विभाग ने प्रश्नाधीन अवधि में निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 2,69,65,000 स्वीकृत की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 पर है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 पर है।
लंबित दावेदारों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
77. ( क्र. 2823 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार मान्यता कानून 2006 के अनुपालन में 31 मार्च, 2024 तक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार के लिए शिवपुरी जिले के पोहरी, खनियाधाना, करेरा, शिवपुरी, नरवर और पिछोर विकासखण्ड के किन-किन गांवों में कितने अनुसूचित जनजाति के परिवारों द्वारा कितनी हेक्टेयर वनभूमि पर ऑफलाइन ओर ऑनलाइन दावे दाखिल किये गये, दावेदारों की सूची ग्रामवार दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दाखिल किये गये दावों के अनुसरण में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार के कितने अधिकार पत्र कितनी हेक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किये गये और वितरित किये गये और कितने दावों को खारिज किया गया है? दावेदारों की स्वीकृत सूची, निरस्त सूची और अपील दावों की सूची ग्रामवार दी जावे। (ग) उपरोक्त कार्यवाही के बाद ग्रामवार अभी कितने दावे लंबित है और उन पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? ब्लॉकवार तथा ग्रामवार दावेदारों की लंबित सूची दी जावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) शिवपुरी जिले के पोहरी, खनियाधाना, करेरा, शिवपुरी, नरवर और पिछोर विकासखण्ड में व्यक्तिगत प्राप्त दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार एवं प्राप्त सामुदायिक दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्वीकृत, वितरित, निरस्त तथा अपील दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। (ग) लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत दावों के निराकरण की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संयोजक पद पर प्रभारी की नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 2852 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में विभाग अंतर्गत जिला संयोजक का पद कब से रिक्त है? विभाग का कार्य संचालन करने के लिये वर्तमान में किसको प्रभारी नियुक्त किया है? आदेश की प्रति संलग्न करें? (ख) क्या प्रभारी का वेतन विभाग से आहरण किया जा रहा है, तो कब से जानकारी उपलब्ध करें? (ग) यदि केवल वेतन आहरण किया जा रहा है तो किसके आदेश से आदेश की प्रति संलग्न करें? (घ) क्या दूसरे विभाग के नियुक्त प्रभारी का वेतन आहरण किया जा सकता है? यदि हाँ तो किसके आदेश से प्रति संलग्न करें? (ड.) क्या जिला संयोजक के पद की पूर्ति की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला संयोजक का पद दिनांक 09/10/2023 से रिक्त है। वर्तमान में श्री गिरिराज दुबे मुख्य कार्यपाल अधिकारी जनपद पंचायत को स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत प्रभारी जिला संयोजक का प्रभार दिया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, दिनांक 01.10.2023 से वेतन आहरित किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, श्री गिरिराज दुबे को अस्थाई रूप से जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग दतिया का कार्य सौंपा गया है एवं जिला संयोजक के पद का कार्य किया जा रहा है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। (ड.) स्थानांतरण से प्रतिबंध हटने पर नियमानुसार पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अनु. जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता
[जनजातीय कार्य]
79. ( क्र. 2857 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में अनु. जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता की कितनी राशि प्रश्न दिनांक की स्थिति में लंबित है? जिलावार, संख्या, राशि सहित देवें। (ख) 03 माह से अधिक समय के कितने प्रकरणों की राशि उपरोक्तानुसार लंबित है? जिलावार, संख्या, राशि सहित देवें। 06 माह से अधिक, 01 वर्ष से अधिक लंबित राशि की जानकारी भी इसी अनुसार देवें। (ग) कब तक इस लंबित राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? (घ) राशि भुगतान के विलंब के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) भुगतान की कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। J(घ) वर्ष 2023-24 में छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता के नोडल संस्थाओं की मैपिंग, आवेदनों के सत्यापन, स्वीकृति एवं भुगतान की प्रकिया में परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित किया गया था। मार्च 2024 में उक्त प्रक्रिया को यथावत किया गया। उक्त कारण से आवास सहायता योजना अंतर्गत आवेदनों के सत्यापन, स्वीकृति एवं भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित रही और छात्रवृत्ति एवं भुगतान में विलंब हुआ। यह विलंब प्रक्रियात्मक कारणों से है, अत: कोई उत्तरदायी नहीं है।
शिक्षक विहीन शालाएं
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 2858 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी एवं झाबुआ जिलों में कितनी शालाएं शिक्षक विहीन है? पृथक-पृथक विधानसभावार, स्थान नाम सहित जिलावार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार इन स्थानों में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? स्थान नाम, विद्यार्थी संख्या सहित देवें। इनमें शैक्षणिक कार्य के लिए कितने अतिथि शिक्षक सेवारत है साथ में बतावें। दोनों जानकारियां विधानसभावार, जिलावार देवें। (ग) शिक्षकों की पद पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वानी एवं झाबुआ जिलें की शिक्षक विहीन शालाओं की विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिक्षक संवर्गो के नियोजन की कार्यवाही सतत् प्रचलन में है। शिक्षक संवर्ग की नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षकों से रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मत्स्य पालन हेतु जलाशयों/तालाबों का आवंटन
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
81. ( क्र. 2882 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत कितने जलाशय एवं तालाबों को किन-किन समितियों को कब से कब तक के लिए आवंटित किया गया है, विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने समितियों के कार्यकाल पूरा होने के उपरांत भी मत्स्य पालन कर रहे हैं? (ग) उक्त जलाशयों एवं तालाबों में मत्स्य पालन हेतु किन-किन समितियों ने कितनी राशि बैंक से लोन लिये हैं? उनमें से कितनी-कितनी राशि जमा कर दी गई हैं? (घ) उक्त जलाशयों के आवंटन में, कार्यक्षेत्र से बाहर एवं जिनकी जमीन डूब में नहीं आ रही है ऐसे कितनी समितियों एवं लोगों को जलाशय आवंटित कर दिये गये हैं? इसके लिए दोषी कौन है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जिला डिण्डौरी अंतर्गत जलाशय/तालाबों की समितियों को आवंटित विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जलाशयों एवं तालाबों में समितियों द्वारा लिये गये एवं वापस किये गये अल्पकालीन ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (घ) त्रिस्तरीय पंचायत स्वामित्व के तालाबों/जलाशयों के आवंटन कार्यक्षेत्र की मछुआ सहकारी समितियों को ही दिये गये है। मत्स्य पालन नीति 2008 अनुसार ही है। सिंचाई परियोजना के साथ ही उससे विस्थापित एवं प्रभावित होने वाले वंशानुगत मछुआ जाति के परिवारों को कार्यक्षेत्र की समिति में सदस्यता का प्रावधान है।
उचित मूल्य दूकानों से खाद्यान्न घोटाला
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 2883 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी, वि.ख. शहपुरा के अंतर्गत किन-किन दुकानों से कितना-कितना राशन उपभोक्ताओं को 2023 से आज तक नहीं दिया गया, इसके लिए दोषी कौन है? (ख) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत कितने उचित मूल्य दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को आवंटित राशन में हेराफेरी की गई, उनमें से किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) वि.ख. शहपुरा के अंतर्गत लेम्स, अमेरा, के अंतर्गत चावल, गेहूँ, शक्कर, आवंटन में कितनी मात्रा में एवं राशि का गबन किया गया? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो दोषी कौन है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला डिण्डौरी के शहपुरा विकासखण्ड में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित पात्र परिवारों को प्रतिमाह राशन का वितरण पीओएस मशीन से पात्र परिवार के बायोमैट्रिक सत्यापन/ ओटीपी/नामिनी तथा नेट कनेक्टिविटी विहीन उचित मूल्य दुकानों से समग्र परिवार आई.डी. के माध्यम से राशन का वितरण किया जा रहा है। पात्र परिवारों की सुविधा की दृष्टि से संबंधित माह में एवं आगामी माह की 10 तारीख तक राशन का वितरण किया जाता है। पात्र परिवारों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से किसी भी उचित मूल्य दुकान प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला डिण्डौरी में जनवरी 2023 से 25 जून, 2024 तक लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों द्वारा पात्र परिवारों को आवंटित राशन में अनियमितता के कारण की कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। J(ग) बहुउद्देशीय कृषि साख सहकारी समिति अमेरा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान राखी एवं अमेरा की जांच में कम पाई गई राशन सामग्री की मात्रा एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। जांच में पाई गई अनियमितताओं के फलस्वरूप उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शाहपुरा द्वारा संबंधित को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
मांझी जनजाति को पिछड़ा वर्ग एवं जनजाति में विभक्त किया जाना
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 2898 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 1950-1951 एवं 1976 में संपूर्ण म.प्र. में मांझी में सम्मिलित केवट, भोई, ढ़ीमर, मल्हार जनजाति में है? यदि हाँ तो गजट एवं घोषित सूची उपलब्ध करायें। क्या यह भी सच है कि केवट, भोई, ढ़ीमर, मल्हार वर्ष 1984 में पिछड़ा वर्ग सूची में दर्ज है? यदि हाँ तो क्या जनजाति में घोषित और पिछड़ा वर्ग में घोषित उक्त एक समान जातियों को अलग-अलग जातियों में विभक्त किया गया? यदि हाँ तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। (ख) क्या यह सच है कि वर्ष 1950-51 में विंध्यप्रदेश के जिले दतिया, टीकमगढ़, सीधी, शहडोल, सीधी, रीवा, छतरपुर, पन्ना में मांझी जनजाति को जनजाति सूची में 29वी जाति क्रमांक पर लिखा गया है। यदि हाँ तो क्या यह भी सच है कि वर्ष 2018-2019 में म.प्र. में जनजाति आयोग ने छानबीन समिति ने भी स्वीकार किया गया? यदि हाँ तो जानकारी देते हुये सूची एवं छानबीन समिति की रिपोर्ट उपलब्ध कराये। (ग) क्या यह भी सच है कि कार्यालय कलेक्टर आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक/1942/अ. जा.ज./स्था./2001 दतिया, दिनांक 26/09/2001 के पत्र में मांझी जाति की संपूर्ण म.प्र. में जनजाति होना स्वीकार किया गया है? यदि हाँ तो प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) क्या यह भी सच है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित सूची 29वीं में जनजाति आयोग की छानबीन समिति तथा म.प्र. शासन वर्ष 1950-51 एवं 1976 के आदेशों के परिपालन में दतिया जिले मांझी जाति के अंतर्गत केवट, भोई, ढ़ीमर, मल्हार के व्यक्तियों एवं विद्यार्थियों की मांझी जाति का प्रमाण पत्र पूर्व में किये गये? यदि हाँ तो क्या विभाग दतिया जिले में पूर्व की भांति केवट, भोई, ढ़ीमर, मल्हार जाति के व्यक्तियों को मांझी जाति के प्रमाण-पत्र जारी करेगा? यदि हाँ तो कब से यदि नहीं तो क्या शासन को उक्त संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार करते हुये समस्या का निराकरण करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
84. ( क्र. 2899 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिला में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने सबमर्सिवल पंप कौन-कौन सी फर्म किन कंपनियों से खरीदे गये? कृपया फर्मों के नाम/पता सहित जानकारी प्रदाय करें। क्या जल स्तर घटने से हैण्डपंपों में सबमर्सिवल पंप डाले गये? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों में डाले गये। कृपया ग्रामवार जानकारी दें और उक्त सबमर्सिवल पंप किस-किस उपयंत्री/सहायक/कार्यपालन यंत्री की स्वीकृति से ग्राम पंचायत सरपंच को मोटर पंप प्रदान की गई ग्राम पंचायत की विस्तृत जानकारी देते हुये बताये की हैण्डपंप निकालकर बोर में किस कर्मचारी द्वारा मोटर डाली गई? कृपया ठेकेदार किस कार्य एजेन्सी का नाम/पता सहित भुगतान की राशि का विवरण वर्षवार, ग्रामवार सहित प्रदान करें? (ख) दतिया जिले में कितने शासकीय कार्यालय एवं अधिकारियों के बंगलों/निवास स्थानों पर सबमर्सिवल मोटर लगाई गई है ट्यूबवेल अधिकारी का नाम/बंगला/मकान नम्बर/पद व विभाग का नाम बताये? (ग) दतिया जिला में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैण्डपंप लगाये गये है? कृपया वर्षवार, ग्रामवार हैण्डपंपों की संख्या बताये तथा उक्त हैण्डपंपों में से कितने हैण्डपंप खराब पड़े हुये है तथा उसमें से कितने हैण्डपंप सुधारे गये है? कृपया वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें। उक्त हैण्डपंपों के सुधार कार्य में व्यय की गई राशि की पृथक-पृथक जानकारी दें तथा उक्त हैण्डपंपों से निकाला गया सामान पाईप छड़ हैडबॉक्स, सिलेण्डर वाटरटैंक आदि सामान विभाग में जमा किये गये है। यदि हाँ तो भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट प्रदाय करें। (घ) दतिया जिले में ऐसे कितने बोर है जो भरे पटे है और जिनमें सबमर्सिवल मोटर पंप फसी हुई है? उन्हें समय रहते क्यों नहीं निकाला गया, पृथक-पृथक जानकारी दें एवं दतिया जिले में मोटर पंप और पाइप लाइन किस पंचायत को कितने मीटर प्रदान की गई है? ग्रामवार अवगत कराये। दतिया जिला में हैण्डपंप संधारण कार्य हेतु लेवर, मजदूरी वाहनों का टेण्डर दिया गया है। कार्य का नाम कितने वाहन ठेकेदार द्वारा प्रदान किये गये? उन वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर वाहन का टेण्डर में किन शर्तों के अधीन टेण्डर दिया गया है? कृपया अवगत कराये।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी हाँ, जल स्तर घटने से हैंडपंपों में आवश्यकतानुसार सबमर्सिवल मोटर पंप डाले गये, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 434 हैंडपंप लगाये गये हैं, उक्त हैंडपंपों के संधारण आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जी हाँ, भौतिक सत्यापन की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। ग्राम पंचायतों को प्रदायित मोटरपंप और पाइप लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। जी हाँ, टेंडर दिया गया है। वाहनों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-07 अनुसार एवं वर्तमान में जारी हैंडपंप संधारण कार्य की निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-08 अनुसार है।
संचालित छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षकों की पदस्थी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
85. ( क्र. 2905 ) श्री केशव देसाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावास और आश्रम में लगातार 03 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ अधीक्षक कौन-कौन से हैं? पदस्थी दिनांक सहित सूची प्रदाय करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोहद अन्तर्गत संचालित छात्रावास और आश्रम में पदस्थ अधीक्षकों की वर्गवार सूची प्रदाय करें। (ग) छात्रावास और आश्रम में अधीक्षकों की पदस्थी के शासन के मापदण्ड/नियम क्या नियम क्या है, नियमों की छायाप्रति प्रदाय करें? (घ) गोहद अंतर्गत छात्रावास और आश्रम में पदस्थ अधीक्षकों के कार्य दायित्व क्या-क्या है? सूची उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' पर है।
बकरी पालन योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
86. ( क्र. 2939 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा गोट्री (बकरी) पालन की कोई योजना चलाई जा रही है? अगर हाँ तो योजना के मापदण्ड बताएं। (ख) खरगोन जिले में गोट्री पालन योजना के लिए कोई आवेदन प्राप्त हुए है? अगर हाँ तो कितने आवेदन स्वीकृत हुए हैं एवं कितने अस्वीकृत? विधानसभावार विवरण दें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
वन विभाग की योजनाएं
[वन]
87. ( क्र. 2940 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत वनों के लिए कितना रकबा आरक्षित किया गया है? वर्तमान में इन रकबों पर कोई वन विद्यमान है क्या? अगर हाँ तो विवरण दें। (ख) विभिन्न विभागीय एवं अन्य योजनाओं से विधानसभा क्षेत्र कसरावद में विभाग द्वारा कोई निर्माण या रोपणी के कार्य किये गये हैं? अगर हाँ तो ग्रामवार राशि सहित कार्य का विवरण देवें। (ग) वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कसरावद विधानसभा में कोई वन रोपणी की गई है? अगर हाँ तो वर्षवार वन परिक्षेत्र के नाम सहित राशि और रोपणी की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) खरगोन जिले के कसरावद वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आरक्षित वन 12400.99 हेक्टेयर एवं संरक्षित वन 463.66 हेक्टेयर कुल 12864.65 हेक्टेयर अधिसूचित वन भूमि है। इसके अंतर्गत विरल वन 210.97 हेक्टेयर रिक्त वन 9330.65 हेक्टेयर अतिक्रमण 3123.56 हेक्टेयर एवं जल क्षेत्र 199.47 हेक्टेयर है। वनमण्डल की प्रचलित कार्य आयोजना अनुसार वनों के प्रबंधन हेतु जलाऊ एवं चारागाह विकास कार्यवृत्त अंतर्गत 11735.23 हेक्टेयर एवं अतिक्रमण क्षेत्र पुर्नस्थापना कार्यवृत्त के अंतर्गत 1129.41 हेक्टेयर वनभूमि है। J(ख) सामान्य वनमण्डल खरगोन के अंतर्गत विधानसभा कसरावद में विभागीय एवं अन्य योजनाओं से वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोई भी निर्णय कार्य नहीं कराया गया है एवं कोई भी रोपणी स्थापित नहीं है। (ग) सामान्य वनमण्डल खरगोन के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा कसरावद में कोई भी वन रोपणी स्थापित नहीं होने से जानकारी निरंक है।
लंबित प्रकरणों की जानकारी
[वन]
88. ( क्र. 2947 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन भूमि पर सड़क निर्माण, ग्रामों के विद्युतीकरण, स्कूल/अस्पताल/सामुदायिक भवन आदि निर्माण, बफर जोन तथा अभयारण्य क्षेत्र में निजी तथा वन अधिकार अधिनियम के पट्टा की भूमि पर नलकूप खनन आदि कार्यों की अनुमति हेतु शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में D.F.O. तथा उनके ऊपर के अधिकारियों, राज्य शासन, भारत सरकार को कितनी भूमि की अनुमति देने का अधिकार है? निर्देश की प्रति दें। (ग) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक वन विभाग के किन-किन कार्यालयों में प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरण कब से क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार कारण बतायें। उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों की विभाग के किस-किस अधिकारी ने कब-कब समीक्षा की? लंबित प्रकरणों के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) प्रश्नांश (क) पर वर्णित कार्यों के लिये वनमण्डलाधिकारियों को वन अधिकार (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत शासन द्वारा व्यवस्थित तेरह विकास कार्यों हेतु एक हेक्टेयर तक के प्रस्तावों पर अनुमति प्रदान करने का अधिकार है। राज्य सरकार वामपंथी उग्रवाद (एल.डब्ल्यू.ई.) प्रभावित जिलों के वन क्षेत्र में बारह श्रेणियों के सार्वजनिक उपयोगिता संबंधी परियोजनाओं हेतु पांच हेक्टेयर तक की वनभूमि से संबंधित प्रस्ताव एवं सड़क और रेल मार्ग के किनारे पर स्थित सुविधाओं और पर्यावासों तक पहुंच प्रदान करने के लिए 0.1 हेक्टेयर तक की वनभूमि के प्रस्तावों पर अनुमति दे सकती है। भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालयों में क्षेत्रीय सशक्त समिति रेखिक परियोजनाओं में आवश्यकतानुसार व अन्य कार्यों हेतु चालीस हेक्टेयर तक वनभूमि के प्रस्तावों का विनिर्दिष्ट रीती से निपटारा कर सकती है। भारत सरकार के पास समस्त शक्तियां हैं। नियमों/निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ग) छतरपुर जिले के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व के आधिपत्य में आने वाले वनक्षेत्र में वर्तमान में प्रश्नांश (क) से संबंधित कोई प्रकरण लंबित नहीं है। छतरपुर जिले में वनमण्डल छतरपुर के आधिपत्य में आने वाले वनक्षेत्र में प्रश्नांश (क) से संबंधित लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वनमण्डल छतरपुर में लंबित प्रकरण विगत एक माह के अंदर आवेदक संस्थाओं से प्राप्त हुये है। प्रकरणों में नियमानुसार स्थल निरीक्षण की कार्यवाही वनमण्डल स्तर पर प्रचलन में है। अत्याधिक लंबे समय से वनमण्डल में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वन राजस्व सीमा विवाद का निपटारा
[वन]
89. ( क्र. 2962 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या यह सही है कि म.प्र. शासन मुख्य सचिव भोपाल के पत्र क्रमांक 230/सीएस/04 दिनांक 24.07.2004 के निर्देशानुसार वन राजस्व सीमा विवाद निपटारे की कोई कार्यवाही पन्ना जिले में प्रचलन में हैं? यदि हां तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरणवार बतावें। यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : जी हां। की गई कार्यवाही का विवरणवार प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट पर है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यय की गई राशि
[वन]
90. ( क्र. 2964 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्थित सोन चिरैया अभयारण्य पिछले कई वर्षों से बन्द है? क्या क्षेत्र में सोन चिरैया प्रजाति विलुप्त हो गई है? यदि हाँ तो अंतिम समय सौन चिरैया क्षेत्र में कब एवं किस वर्ष देखी गई थी? यदि देखी गयी है तो प्रमाण उपलब्ध करावें। (ख) क्या अभयारण्य की देखरेख, निर्माण कार्यों, सामग्री क्रय पर भी राशि व्यय की गई है? यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गई इसकी जानकारी दें? (ग) क्या विगत कई वर्षों से अभयारण्य में सोन चिरैया नहीं होने के बावजूद करोड़ों रूपये विभाग द्वारा अपव्यय/विस्फल व्यय किया गया है? व्यय की गई राशि किस कार्य एवं सामग्री क्रय पर कितनी-कितनी की गई? वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, सामग्रीवार जानकारी दें। (घ) सौन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र की समाप्ति के लिए अब तक क्या कार्यवाही हुई है? सौन चिरैया क्षेत्र हटाने के बाद वन विभाग द्वारा अभयारण्य क्षेत्र में वन सम्पदा के संरक्षण के लिए कार्य कराने हेतु कोई योजना बनाई गई है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। यह कहना उचित नहीं है कि सोन चिड़िया विलुप्त हो चुकी है। पक्षियों का देखा जाना उनके व्यवहार, प्रवास अवधि तथा संख्या पर निर्भर करता है। प्रमाणित अभिलिखित जानकारी अनुसार अभयारण्य क्षेत्र में सोन चिड़िया £2357;र्ष 2011 में आखिरी बार देखी गयी थी। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) घाटीगांव हुकना पक्षी (सोन चिड़िया ) अभयारण्य का गठन सोन चिरैया के अतिरिक्त वन, वन्यप्राणियों एवं पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से किया गया है। अत: इसके समाप्ति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अभयारण्य क्षेत्र के वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए वन्यप्राणी प्रबंधन योजना के अनुसार कार्यों का क्रियान्वयन किया जाता है।
योजनाओं का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 2966 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालन किस प्रकार से किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) योजनाओं में हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाएं हैं? ग्वालियर जिले की विधानसभा 18-भितरवार में किस-किस योजना में कौन-कौन सी कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? संख्यात्मक जानकारी ग्राम पंचायतवार/ग्रामवार/नगर पालिका एवं नगर परिषदवार बताएं। (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सभी पात्र हितग्राहियों की खाद्यान्न पात्रता पर्ची नहीं बनाई गई है? यदि हां तो क्यों? पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? जानकारी ग्रामवार/ग्राम पंचायतवार/नगर परिषद/नगर पालिकावार दें। समय-सीमा बताएं।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्यों का मूल्यांकन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
92. ( क्र. 2977 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक उज्जैन जिले को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त आवंटन से स्वीकृत घट्टिया विधानसभा के कार्यों के नाम, लागत एवं किन कार्य स्थलों पर अनुसूचित जाति के परिवारों की संख्या बतावें। (ग) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके है? कितने कार्य अपूर्ण हैं और कितने कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं तथा पूर्ण कार्यों का मूल्यांकन किस-किस के द्वारा किया गया? पूर्णता प्रमाण-पत्र सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''स'' अनुसार।
छात्रावास का निर्माण एवं मरम्मत कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
93. ( क्र. 2978 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों में परिसम्पत्तियों के संधारण मद में प्राप्त आवंटन से एस.सी.एस.टी. छात्रावास/आवंटन संस्था में बिना टेन्डर के 5 लाख से अधिक राशि के मरम्मत/ निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हां तो उज्जैन संभाग के जिलों की संस्थावार/छात्रा/आश्रमवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि बिना टेन्डर के कार्य कराये गये हैं तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं और विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या शासन ऐसे मामले को संज्ञान में लेकर ऐसे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी? यदि हां तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (ग) परिसंपत्तियों/भवनों के अनुरक्षण कार्य हेतु पर्यवेक्षण समिति संबंधित निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
94. ( क्र. 2997 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं प्रदेश में संचालित की जा रही है? सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें। वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र जिला विदिशा अंतर्गत विभाग की योजनाओं का लाभ किन-किन व्यक्तियों को दिया गया जानकारी व्यक्ति के नाम सहित बतावें? (ख) किसानों को औषधीय पेड़ पौधो तथा फूलों की खेती के प्रोत्साहन बढ़ाने हेतु विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गई है? कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत औषधियों पेड़ पौधो की खेती के प्रोत्साहन को बढ़ाने हेतु विगत 02 वर्षों में कितने किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है? सूची देवें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) MIDH योजनान्तर्गत- पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना विगत 02 वर्षों से संचालित है। कुरवाई विधानसभा अंतर्गत औषधीय पेड़-पौधों की खेती के प्रोत्साहन को बढ़ाने हेतु एवं विगत 02 वर्षों में प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं का संचालन
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 3011 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ, अलीराजपुर जिला आदिवासी बहुल जिले में वर्तमान में क्या म.प्र. आदिवासी वित्त विकास निगम के कार्यालय वर्तमान में संचालित है तथा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में आदिवासी वित्त विकास निगम को विगत तीन वर्षों में किस योजनान्तर्गत कितना-कितना लक्ष्य दिया गया तथा कितने युवाओं को उसका लाभ मिला? नाम, पते सहित अवगत करावें। (ग) उक्त योजनाओं में आदिवासी युवाओं को कितनी राशि का अधिकतम ऋण प्रदान किया जाता है तथा कितना अनुदान दिया जाता है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अमानक स्तर की गैस पाइप लाइन में आगजनी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 3012 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी शहर में पाइप लाइन के द्वारा घरेलू गैस कनेक्शन दिये जाने हेतु थिंक गैस पाइप लाइन डाली जा रही है? यदि हाँ तो पाइप लाइन डालने का समझौता गाइड लाइन/नियम-निर्देश क्या है? इसकी प्रति संलग्न जानकारी दी जाए। (ख) शिवपुरी शहर में किन-किन कॉलोनियों में कुल कितनी लम्बाई की कितने-कितने गहराई पर पाइप लाइन डाली गई है तथा एसआर बॉक्स, चेम्बर, बॉल, कहां-कहां पर लगाये गये हैं? (ग) शिवपुरी शहर में डाली गई गैस पाइप लाइन से गैस लीक से आगजनी होने की स्थिति में इससे बचाव के क्या उपाय किये गये है? जानकारी दें। (घ) क्या नगर पालिका द्वारा सड़क खोदकर गैस पाइप लाइन डालने हेतु अनुमति दी गई है? अगर हाँ तो अनुमति/शर्त की प्रति संलग्न कर जानकारी दें क्या अनुमति का पालन हुआ है? (ङ) क्या शिवपुरी शहर में जून 2023 में गैस पाइप लाइन में लीकेज के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गई? कई झुलस गये इसके लिए थिंक गैस कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (च) शिवपुरी शहर के रहवासी थिंक गैस रिसाव से आगजनी होने की स्थिति को लेकर भयभीत है रहवासियों को अपने जान-माल की सुरक्षा की चिंता है इस समस्या का समाधान कैसे किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) की गाइड लाइन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) शिवपुरी शहर में थिंक गैस द्वारा बालाजीपुरम कॉलोनी, इन्द्रप्रस्थ कालोनी, गणेश कॉलोनी, मास्टर कालोनी, माधव नगर कॉलोनी, सिटी सेंटर कालोनी, विजयपुरम कालोनी, कृष्णपुरम् कालोनी, रघुपुरम कालोनी, वर्मा कॉलोनी एवं फतेहपुर रोड में गैस पाइप लाइन की आपूर्ति की जा रही है। गैस पाइप लाइन 43.75 कि.मी. लंबाई में बिछाई गई है। पाइप लाइन की गहराई PNGRB गाइड लाइन के अनुसार नियत की गई है। कॉलोनीवार पाइप लाइन की लंबाई, गहराई, एस.आर.बॉक्स, वॉल्व चेम्बर के लोकेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) शिवपुरी शहर में डाली गई गैस पाइप लाइन से गैस लीक से आगजनी होने की स्थिति में इससे बचाव के लिए 24 घंटे योग्य व अनुभवी इंजीनियरों एवं तकनीकी विशेषज्ञों की एक इमरजेंसी रिस्पोंस टीम उपलब्ध है, इंजीनियरों और टेकनिशियनों को पेट्रोलियम वाहन और आवश्यक उपकरण के साथ शिवपुरी में तैनात किया गया है, साथ ही हाई-टेक मशीनें (जैसे आपातकालीन प्रतिक्रिया वेन, गैस डिटेक्टर एवं अग्निशामक उपकरण इत्यादि) है, जो कि आपातकालीन स्थिति में गंभीर हालातों को नियंत्रण करते है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका शिवपुरी एवं अन्य प्राधिकरणों से समस्त अनुमतियां प्राप्त की गई है एवं थिंक गैस द्वारा अनुमति अनुसार नियमों एवं शर्तों का पालन किया जा रहा है। नगर पालिका से प्राप्त अनुमति/शर्त की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ङ) शिवपुरी शहर में जून 2023 में घटित घटना के कारणों की जांच हेतु ज्येष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, सीन ऑफ क्राईम यूनिट ग्वालियर द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर जली हुई सामग्री एवं अन्य सामग्री एकत्रित कर परीक्षण हेतु एफएसएल सागर की प्रयोगशाला में भेजी गयी है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है। अत: यह नहीं कहा जा सकता है कि उक्त घटना गैस पाइप लाइन में लीकेज के कारण हुई है। घटना की तत्कालीन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शिवपुरी द्वारा तत्समय ही थिंक गैस प्राईवेट लि. को शहर में पाइप लाइन बिछाने का कार्य एवं पाइप लाइन में गैस प्रवाह तत्काल बंद कराया गया था। (च) म.प्र. में 80 के दशक में गैल द्वारा म.प्र. में HBJ पाइप लाइन बिछायी गयी थी। म.प्र. में न केवल गैल बल्कि कई अन्य कंपनियों के कई गैस आधारित प्रतिष्ठान मौजूद हैं। आमजन की सुरक्षा हेतु थिंक गैस के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा गैस पाइप लाइन की मॉनिटरिंग का कार्य किया जा रहा है साथ ही गैस पाइप लाइन वाले क्षेत्रों की विशेष वाहन से पेट्रोलिंग भी की जा रही है, ताकि गैस रिसाव की स्थिति में घटना घटित होने पर तत्काल हालात नियंत्रित किये जा सकें।
विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
97. ( क्र. 3016 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन कार्यक्रम अन्तर्गत एकल ग्राम, शालाओं एवं आंगनवाड़ी हेतु जल प्रदाय योजना से रीवा जिले के विकासखण्ड रीवा, रायपुर कर्चुलियान,एवं सिरमौर के ग्रामों में योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कराये गये? स्थिति अनुसार पूर्ण प्रगतिरत, अप्रारम्भ का विवरण, किये गये घरेलू कनेक्शनों की संख्या योजना के अनुबंध, निष्पादन दिनांक सहित उपलब्ध करायें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) से संबंधित अधिकांश योजनाएं निष्क्रिय पडी हैं? यदि हाँ तो क्यों यदि नहीं तो योजनाओं के पूर्णता एवं हस्तांतरण की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं हेतु क्रियान्वयन सहायता एजेंसी (ISA) की द्वारा किये गये कार्यों का योजनावार विवरण एवं किये गये भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के निरीक्षण हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्यरत गुणवत्ता नियत्रंण कंसलटेंट एजेन्सी एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थालओं (TPIA) द्वारा ग्रामवार/योजनावार किये गये निरीक्षण कार्यों एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण संस्थाओं (TPIA) को किये गये भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजनाएं निष्क्रिय नहीं हैं, पूर्ण योजना से जल प्रदाय प्रारम्भ है एवं प्रगतिरत् योजनाओं को पूर्ण कराये जाने का कार्य किया जा रहा है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) संबंधित योजनाओं हेतु क्रियान्वयन सहायता एजेंसी का कार्य खंड रीवा अंतर्गत 03 फर्म द्वारा कराया गया है एवं कार्योपरान्त रु. 85.70 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) संबंधित योजनाओं का निरीक्षण हेतु विभाग में कार्यरत गुणवत्ता नियंत्रण कंसल्टेंट एजेंसी ग्रीन डिजाईन एण्ड इंजीनियरिंग सर्विस प्रायवेट लिमिटेड (TPIA) द्वारा किया गया है एवं कार्योपरांत रु. 79.02 लाख का भुगतान किया गया है।
वन विभाग द्वारा कराये गये कार्यों के सत्यापन
[वन]
98. ( क्र. 3017 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य वन सरंक्षक रीवा व़ृत्त रीवा द्वारा पत्र क्र./व्यय/4928रीवा दिनांक 22/05/2019 के माध्य्म से समस्त वनमंडलाधिकारी वन वृत्त रीवा म.प्र. को कराये गये कार्यों के सत्यापन हेतु सत्यापन दलों को समस्त अभिलेख उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ तो सत्यापन दल द्वारा किये गये सत्यापन से संबंधित प्रतिवेदनों की प्रतियां सहपत्रों सहित उपलब्ध करायें। (ख) वन मंडलाधिकारी वन मंडल रीवा अन्तर्गत रीवा रेन्ज में विस्तार वानिकी, कैम्प, कार्य आयोजना, वृक्षारोपण कार्य (रोपण+ क्षेत्र तैयारी) एवं अन्य कार्य वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत राशि एवं खर्च राशि, जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के देखरेख में कार्य किया गया है, उनके नाम, पदनाम, सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी एवं संबंधित अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है।
आवंटित राशि की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
99. ( क्र. 3028 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग जिला छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23, 2023-2024 में कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित कर प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वित्तीय वर्षों में प्रदाय की गई राशि का उपयोग किस-किस कार्य हेतु किया गया है? (ग) पिछले 2 वर्षों में छिंदवाड़ा जिले के अन्तर्गत स्थित विकासखण्डो में कहां-कहां, किस-किस दिनांक को दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया है दिव्यांग शिविरों में किन-किन दिव्यांगजन को दिव्यांग प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है? किन-किन दिव्यांगजनों को कौन-कौन से उपकरण/यंत्र प्रदान किये गये हैं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जिला छिन्दवाड़ा अंतर्गत वर्ष 2022-23 में दिव्यांगजनों हेतु शिविरों का आयोजन नहीं किया गया। वर्ष 2023-24 में दिव्यांगजनों हेतु आयोजित शिविरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टçब'' अनुसार है, उक्त शिविरों के माध्यम से दिव्यांगजनों को प्रदाय दिव्यांग प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है, जिला छिन्दवाड़ा में भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को संस्थान द्वारा 1341 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकित किया गया है, चिन्हांकित दिव्यांगजनों को एलिम्कों संस्थान के माध्यम से कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण वितरित किये जाने हेतु वितरण शिविर लगाये जाने का अनुरोध कलेक्टर जिला छिन्दवाड़ा के पत्र क्रमांक 707 दिनांक 26.06.2024 के माध्यम से किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द'' अनुसार, वितरण शिविर का आयोजन भारत सरकार के उपक्रम ऐलिम्को संस्था के क्षेत्राधिकार का विषय है।
समर्थन मूल्य के धान की मिलिंग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 3029 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की मिलिंग का भुगतान मिलर्स को कर दिया गया है? (ख) यदि नहीं तो कितने मिलर्स को भुगतान नहीं किया गया है? कारण सहित नाम एवं राशि बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कब तक भुगतान किया जायेगा? (घ) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कितनी चावल की मिलिंग की गई एवं कितनी शेष है? शेष मिलिंग कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मिलिंग का कार्य प्रचलन में है। मिलर्स को किए गए आंशिक भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में धान की कस्टम मिलिंग का कार्य प्रचलन में है, जिन मिलर्स को मिलिंग का भुगतान नहीं किया गया है, कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में जबलपुर जिले में धान मिलिंग का कार्य प्रचलन में है। मिलर्स से देयक प्राप्त होने पर भुगतान किया जाएगा। (घ) जबलपुर जिले में 3,13,898.32 मे.टन धान की कस्टम मिलिंग की गई है एवं 2,29,357.16 मे.टन धान की मिलिंग की जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा धान की कस्टम मिलिंग हेतु समयावधि 30 सितम्बर, 2024 निर्धारित है।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
101. ( क्र. 3044 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले में जल जीवन मिशन के तहत नलकूप योजनाओं में प्रस्तावित जीआई पाइप के बदले कितनी योजनाओं में एचडीपीई पाइप लगाए गए हैं? क्या उच्च अधिकारियों से अनुमति प्राप्त की गई है, यदि नहीं तो संबंधित पर सरकार अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगी? कम गहराई पर डाले गए जीआई पाइप के ऊपर कंक्रीट करने का प्रावधान है, यदि हाँ तो कई ग्रामों में जमीन स्तर पर बिछाए गए पाइप पर कंक्रीट क्यों नहीं हुई? (ख) कई ग्रामों में पंचायत की सीमेंट कांक्रीट सड़क काटकर पाइप बिछाए गए हैं, परंतु काटी गई सड़क की रिपेयरिंग कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) छिंदवाड़ा जिले में कितने हायर सेकेंडरी स्कूल, हाई स्कूल, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला, आंगनवाड़ी आदिवासी बालक बालिकाएं आश्रम, छात्रावास में पेयजल व्यवस्था हेतु योजनाएं कितनी-कितनी राशि स्वीकृत है? कितनो में पेयजल उपलब्ध हो रहा है और कितनों में नहीं कारण बताएं? कितने स्कूल एवं ग्राम में पर्याप्त स्रोत होने के बावजूद पाइप लाइन कार्य किया गया है, इसके लिये जिम्मेदार कौन है? हैंडपंप संधारण कार्य ठेका पद्धति से हो रहा है, जिसमें सामग्री (पाइप, राड, स्पेयर आदि) ठेकेदार को अनुबंध अनुसार प्रदाय की जा रही है या संबंधित अधिकारियों को?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में जल जीवन मिशन के तहत् नलकूप योजनाओं में प्रस्तावित जी.आई. पाईप के बदले एच.डी.पी.ई. पाईप नहीं लगाए गए हैं, जी.आई. पाईप के ऊपर कांक्रीट करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल जीवन मिशन कार्य के अंतर्गत पाइप लाइन बिछाने के लिए आवश्यकतानुसार सीमेंट कांक्रीट सड़क काटी जा रही है, इस कार्य हेतु काटी गई सीमेंट कांक्रीट सड़क को नल योजना का कार्य कर रहे ठेकेदार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत पुनर्निर्माण/मरम्म्त कर यथास्थिति में किए जाने का प्रावधान है, पाइप लाइन टेस्टिंग के उपरांत एवं योजना के अन्य घटकों के कार्य पूर्ण किए जाने के साथ-साथ सड़क के पुनर्निर्माण/मरम्म्त का कार्य कराया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) छिंदवाड़ा जिले में 122 हायर सेकेण्डरी स्कूल, 155 हाई स्कूल, 878 माध्यमिक शालाओं, 2263 प्राथमिक शालाओं, 2148 आंगनवाड़ियों एवं 20 आदिवासी बालक/बालिका आश्रम- छात्रावासों में पेयजल व्यवस्था कार्य के लिए कुल रु. 9668.25 लाख लागत राशि की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत कार्यों में से वर्तमान में 2137 शालाओं, 1281 आंगनवाड़ियों एवं 10 आदिवासी बालक/बालिका आश्रम-छात्रावासों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्य कराए जा चुके हैं, शेष 1281 स्कूल, 867 आंगनवाड़ियों एवं 10 आदिवासी बालक/बालिका आश्रम-छात्रावासों में पेयजल व्यवस्था के लिए कार्य प्रगतिरत है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा पेयजल कार्य पूर्ण करने के उपरांत संबंधित स्कूल/आंगनवाड़ी/छात्रावास संस्था को संचालन एवं रख-रखाव के लिए हस्तांतरित किए जाते हैं, उक्त व्यवस्था को संचालित कर पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने का दायित्व संबंधित संस्था का है। हैंडपंप संधारण कार्य आउटसोर्सिंग (ठेका पद्धति) के माध्यम से कराया जा रहा है, आउटसोर्सिंग एजेंसी (ठेकेदार) को अनुबंध अनुसार सामग्री प्रदाय की जाती है।
अधिकारियों के उच्च पद का प्रभार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 3046 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत द्वितीय श्रेणी एवं प्रथम श्रेणी के रिक्त उच्चतर पदों का प्रभार देने के लिये दिनांक 17.08.2023 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री बालमेन्द्र सिंह परिहार, श्री राजीव वर्मा, श्री सीताराम कोठारे एवं श्री मनोज वार्ष्णेय के नामों को गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध न होने के कारण उक्त अधिकारियों के नामों को परिभ्रमण की सूची में रखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार देने हेतु परिभ्रमण सूची में सम्मिलित नामों पर विचार करने हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक किस दिनांक को आयोजित की गई, कार्यवाही का संपूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि परिभ्रमण सूची में सम्मिलित नामों पर विचार करने हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक नहीं की गई है तो उक्त अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार किस आधार पर दिया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-01 (7-1)/2019/29-2 दिनांक 02.07.2019 एवं अन्य आदेशों द्वारा पूर्व से ही वरिष्ठता क्रमानुसार उच्च पद का प्रभार दिए जाने के कारण विभागीय समिति द्वारा चयनित सूची के परिप्रेक्ष्य में जारी किए गए आदेश में श्री बालमेन्द्र सिंह परिहार, श्री राजीव वर्मा, श्री सीताराम कोठारे एवं श्री मनोज वार्ष्णेय का नाम सम्मिलित था। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत पद के विरुद्ध पदपूर्ति
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 3049 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना व छिंदवाडा में वर्तमान में संचालित समस्त शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल एवं छात्रावास/आश्रम भवन तकनीकी व भौतिक रूप से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन प्राप्त करने/रहने के लिए उपयुक्त है? यदि नहीं तो उन्हें व्यवस्थित करने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या जिले में संचालित विद्यालयों में स्वीकृत शैक्षणिक व अन्य स्टाफ के विरुद्ध पद भरे हुए है? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत पद के विरुद्ध पदपूर्ति कर ली जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना व सिवनी में कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा क्रय की सामग्री, जिला कार्यालय के फर्नीचर एवं हायर सेकेंड्री स्कूलो में स्मार्ट क्लास हेतु क्रय की सामग्री की दरों में वृहद मात्रा में अंतर/अनियमितता की सूक्ष्म जांच हेतु शासन/विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी? (ग) क्या कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में, जिलों में संचालित स्कूलों के शिक्षकों (व्याख्याता, वरिष्ठ प्राध्यापक, प्राध्यापक व अन्य शिक्षक) को शैक्षणिक कार्य व अन्य कार्य के लिए एक ही शिक्षक व अन्य शिक्षक को वर्षों से संलग्न किया गया है? यदि हाँ तो क्या यह शासन/विभाग के नियमानुसार है? यदि नहीं तो इन्हें कब तक अपने मूल कार्य एवं पदस्थापना स्थल के लिए संलग्नीकरण से मुक्त किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। पांढुर्ना/छिन्दवाडा जिले में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत संचालित समस्त शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्ड्री स्कूल छात्रावास एवं आश्रम भवन तकनीकी व भौतिक रूप से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन प्राप्त करने/रहने के लिए उपयुक्त है। शिक्षक के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया निरंतर है। (ख) जी नहीं। पांढुर्ना जिले के कार्यालय में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जिला सिवनी अंतर्गत कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर के द्वारा स्मार्ट क्लास की स्थापना के संबंध में क्रय सामग्री की जांच हेतु कलेक्टर सिवनी को पत्र प्राप्त हुआ है। कलेक्टर सिवनी के आदेश क्रमांक 4847 दिनांक 30.06.2023 के द्वारा जांच की गयी। जांच में क्रय में अनियमितता नहीं पाई गई। अत: अन्य कोई कार्यवाही शेष नहीं है। (ग) वर्तमान में पांढुर्णा/छिन्दवाड़ा व सिवनी जिले में वर्तमान में कोई शिक्षक कार्यालय में संलग्न नहीं है।
वानिकी कार्य पूर्ववत विभागीय पद्धति से कराया जाना
[वन]
104. ( क्र. 3050 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के वन विभाग में वन/जंगल क्षेत्रो में होने वाले सम्पूर्ण निर्माण व वानिकी कार्य निविदा/ठेकेदारी पद्धति से कराने हेतु शासन द्वारा कोई आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो क्या जंगलों/वन्य जीव प्राणी की सुरक्षा व वन ग्रामो/जंगल के आसपास रहने वाले गरीब मजदूर-आदिवासी जनों को रोजगार की दृष्टि व इसके कारण वन ग्राम/जंगल के आसपास रहवासियों के पलायन की समस्या को देखते हुए उक्त कार्य पूर्व की भांति विभागीय रूप से कराने हेतु शासन/विभाग को कोई पत्र/ज्ञापन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो? उक्त कार्यों को विभागीय रूप से कराने हेतु शासन द्वारा आदेश कब जारी किया जावेगा? (ख) क्या पेंच टाईगर रिजर्व-सिवनी, जिला सिवनी में वन मार्गों की मरम्मत/उन्नयन, लेंटाना उन्मूलन, तालाब व रपटा निर्माण, वन विश्राम-ग्रहों की मरम्मत, माप पुस्तिका में दर्ज माप, DD व FD के शासकीय आवासों में विभागीय श्रमिकों से कार्य लेना व पेंच वर्कर सोसायटी में की जा रही अनियमितता की जांच प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारी से कराने हेतु पत्र भा.मजदूर संघ-सिवनी द्वारा लिखा गया है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। रूपये 2.00 लाख से ऊपर के निर्माण/मरम्मत कार्य निविदा के माध्यम से तथा राज्य शासन के पत्र क्रमांक-एफ-2544/2019/10-2, दिनांक 27.03.2024 से निविदा के माध्यम से एवं विभागीय स्तर पर कार्य कराये जाने के निर्देश हैं। जी नहीं। वर्तमान में दिनांक 31.07.2024 तक विभागीय प्रचलित प्रक्रिया अनुसार कार्य करना अनुमत किया गया है। (ख) जी हाँ। जनवरी, 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक 7 शिकायतें प्राप्त हैं, जिनमें 6 शिकायतों में जांच के दौरान शिकायतकर्ताओं ने अभिलेख अवलोकन उपरांत लिखित सहमति दी है कि वह कार्यों से संतुष्ट है। शेष 1 शिकायत की जांच पूर्ण होकर प्रतिवेदन परीक्षण में है।
प्रदेश में पर्यावरण सुधार के कार्य
[पर्यावरण]
105. ( क्र. 3061 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) पर्यावरण सुधार के लिए विगत 03 वर्ष में किए गए कार्यों का विवरण देवें, कितनी राशि आवंटित एवं खर्च हुई, वर्षवार बताते हुए, किस प्रकार का कितना सुधार आया बतावें यह भी बतावें जिन सुधारों को लेकर कार्य किए गए उन पर वर्तमान में कितना सुधार/प्रभाव हुआ, किस प्रकार का हुआ है? (ख) पर्यावरण सुधार को लेकर किस प्रकार की कितनी योजनाएं किस अवधि से संचालित की जा रही है? आदेशों की प्रतियां देते हुए बतावें कि किन योजनाओं पर कितनी राशि तीन वर्ष में खर्च की गई? वर्षवार, जिलेवार बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब'अनुसार है।
मुख्यमंत्री कन्या दान योजना की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
106. ( क्र. 3064 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्या दान योजना अंतर्गत कितने जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्या दान योजना का लाभ दिया गया है? विवाह योजना अंतर्गत गरीब वर्ग की कन्याओं को शासन स्तर से मदद दिये जाने के प्रावधान क्या-क्या है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कन्याओं को कितनी-कितनी राशि और अन्य क्या-क्या सामग्री मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत प्रदान की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में योजना अंतर्गत प्रदान की गयी राशि चयनित कन्याओं को किस माध्यम से प्रदान की गयी? क्या प्रदान की राशि संबंधित को प्राप्त हुई या नहीं, यदि नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत 779 जोडों को लाभ दिया गया। योजना के प्रावधान जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'ब' अनुसार। (ख) कन्याओं को प्रदाय की गई राशि एवं सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार। J(ग) वर्ष 2018-2019 से 2022-2023 तक योजनांतर्गत प्रदाय की गई राशि चयनित कन्याओं को नियमानुसार उनके बैंक खाते के माध्यम से जमा की गई एवं सूची संलग्न परिशिष्ट-'स' अनुसार सामग्री आयोजनकर्ता निकाय द्वारा प्रदाय की गई। वर्ष 2023-2024 से प्रश्न दिनांक तक योजनातंर्गत कन्याओं को राशि रूपये 49 हजार की सहायता राशि उनके बैंक खाते में आयोजनकर्ता के माध्यम से वितरित की गई। समस्त कन्याओं को राशि एवं सामग्री प्राप्त हो चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
107. ( क्र. 3065 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों के कर्तव्य एवं दायित्व क्या क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पशुओं का बीमा कराने एवं करने का दायित्व पशु मालिक एवं बीमा कंपनी का है या पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि बीमा करने एवं बीमा कराने का दायित्व पशु मालिक एवं बीमा कंपनी का है तो पशु चिकित्सकों को बीमा कराने का लक्ष्य एवं उत्तरदायित्व क्यों एवं किस नियम के अंतर्गत दिया जाता है? (घ) देवास जिले में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें बीमा राशि नहीं मिल पाने के कारण पशुपालन विभाग के खिलाफ सी.एम. हेल्पलाइन में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक शिकायत कि गयी है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) भारत सरकार पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा नेशनल लाइवस्टॉक मिशन की जारी ऑपरेशनल गाइड लाइन में सबमिशन ऑन इनोवेशन एंड एक्सटेंशन अंतर्गत एक्टीविटी III लाइव स्टॉक इन्सोरैंस के बिन्दु क्रमांक 6 में बीमा के क्रियान्वयन का कार्य राज्य पशु पालन विभाग का है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/पशु चिकित्सा शल्यज्ञ/वरिष्ठ पशु चिकित्सक के कर्तव्य एवं दायित्व के बिन्दु क्रमांक 6 अनुसार पशु चिकित्सालय की 8 कि.मी. परिधि के भीतर विभागीय योजनाओं के प्रकरण तैयार करना, पशु प्रदाय करना, पशुओं के बीमा हेतु पशु स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र जारी करना, शव परीक्षण करना, पुलिस/वन से संबंधित प्रकरण में एम.एल.सी तथा पी.एम करना है। (घ) वर्ष 2020-21 से अब तक बीमा राशि नहीं मिलने के कारण पशुपालन विभाग के तहत 32 सी.एम. हेल्पलाइन शिकायत दर्ज की गई है।
वन विभाग के विश्राम गृह की जानकरी
[वन]
108. ( क्र. 3066 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) जिला देवास, इंदौर और उज्जैन अंतर्गत वर्तमान में वन विभाग के कितने और कहाँ-कहाँ पर विश्राम गृह है व उनकी स्थिति क्या है? पता सहित सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विश्राम गृह के रख-रखाव पर कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गयी है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत राशि से क्या-क्या कार्य कब-कब कराये गये है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह है।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
109. ( क्र. 3083 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही है? जानकारी दें। (ख) उक्त योजनाओं में से राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में कौन-कौन सी योजना स्वीकृत है? नामवार जानकारी दें। (ग) उक्त योजनाओं में से राजगढ़ जिले में वर्ष 2023-24 में किन-किन योजनाओं किन-किन हितग्राही को लाभांवित किया गया है? योजनावार हितग्राही का नाम व स्थान सहित बतावें। (घ) उक्त योजनाओं में से राजगढ़ जिले में वर्ष 2024-25 में किन-किन योजनाओं में कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
स्वीकृत पदों की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
110. ( क्र. 3084 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में दुग्ध शीत केन्द्र संचालित है? यदि हाँ तो कब से और कहॉं पर जानकारी देवें। (ख) उक्त दुग्ध शीत केन्द्र पर प्रतिदिन कितनी डेयरी से कितना दुग्ध संग्रहित किया जाता है? (ग) उक्त दुग्ध शीत केन्द्र से प्रतिदिन कितना दुग्ध संग्रहित कर भेजा जाता है? (घ) उक्त दुग्ध शीत केन्द्रों पर किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से पद स्वीकृत है? उनमें से कितने पद रिक्त है और कितने पद भरे हैं? कार्यरत पदों की जानकारी नाम, पदनाम एवं कब से पदस्थ है? दिनांक सहित बतावें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हां। राजगढ़ जिले में तीन दुग्ध शीतकेन्द्र हैं जिनकी जानकारी निम्नानुसार है :- 1. दुग्ध शीतकेन्द्र राजगढ प्रारंभ वर्ष 1986 2. दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ प्रारंभ वर्ष 1987 3. दुग्ध शीतकेन्द्र पचोर प्रारंभ वर्ष 2013। (ख) वर्तमान में दुग्ध शीतकेन्द्र राजगढ़ में दुग्ध संकलन बन्द है, परन्तु इससे सम्बद्ध 104 दुग्ध सहकारी समितियों का 7800 किलोग्राम दूध बल्क मिल्क कूलर के माध्यम से शीतलीकृत होकर दुग्ध शीतकेन्द्र पचोर को भेजा जा रहा है तथा शेष 50 दुग्ध समितियों से 2800 किलोग्राम दूध कैन के माध्यम से दुग्ध शीतकेन्द्र पचोर पर ही संकलित किया जा रहा है। इस प्रकार दुग्ध शीतकेन्द्र पचोर पर 154 दुग्ध समितियों से 10600 किग्रा दूध प्रतिदिन संकलित किया जा रहा है। दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ में 160 दुग्ध सहकारी समितियों से 14055 किलोग्राम प्रतिदिन दूध संकलित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ एवं पचोर से सम्बद्ध 114 दुग्ध सहकारी समितियों का 17280 किग्रा दूध बल्क मिल्क कूलन के माध्यम से शीतलीकृत होकर भोपाल डेयरी में संकलित किया जाता है। (ग) दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ से 14055 किलोग्राम प्रतिदिन तथा दुग्ध शीतकेन्द्र पचोर से 10600 किग्रा प्रतिदिन दूध संग्रहित कर भेजा जाता है। इसके अतिरिक्त दुग्ध शीतकेन्द्र नरसिंहगढ़ एवं पचोर से सम्बद्ध 114 दुग्ध सहाकरी समितियों का 17280 किग्रा दूध बल्क मिल्क कूलन के माध्यम से शीतलीकृत होकर भोपाल डेयरी में संकलित किया जाता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
खाद्यान्न की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
111. ( क्र. 3091 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से 2023-24 तथा मई 2024 तक केन्द्र और राज्य शासन के दल/संयुक्त दल द्वारा गेंहू/चावल एवं अन्य खाद्यान्न की कब-कब जांच की गई? उसकी जांच रिपोर्ट की प्रति देवें। ">(ख) वर्ष 2019-20 से मई 2024 तक सार्वजनिक वितरण की कितनी दुकानों पर खराब सड़ा हुआ, अधिक मिट्टी वाला, किड़े लगा हुआ आदि खाद्यान्न गेहूं/चावल की कितनी शिकायते दुकान संचालक तथा हितग्राही द्वारा की गई तथा कितनी शिकायतों की जांच हुई कितनी सही पाई गयी जिलेवार/वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) की जांच में कितनी मात्रा में गेहूं/चावल किस-किस शहर में जानवरो के खाने लायक पाया गया उस खराब खाद्यान्न का बाहर की कुल मात्रा कितनी थी और उसमें से कितनी मात्रा हितग्राही को वितरित कर दी गई? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) राज्य के गोदामो में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक खराब खाद्यान्न से कितनी राशि की हानि हुई? क्या यह सही है कि जनवरी 2020 से नवम्बर 2022 तक खराब चावल से 387 करोड़ रूपये की हानि हुई तथा केन्द्र ने 805 करोड़ की सबसिडी रोक दी? (ड.) वर्ष 2019-20 से मई 2024 तक खराब खाद्यान्न गेहूं/चावल का सप्लाई वितरण कर कितने सप्लायर, शासकीय अधिकारी, कर्मचारी पर प्रकरण दर्ज कराया गया उनमे से कितने प्रकरण में न्यायालय से फैसला शासन के पक्ष या विपक्ष में हुए प्रकरण क्रं. सहित जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निजी और राजस्व वृक्षों की संख्या
[वन]
112. ( क्र. 3092 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में जिलेवार बतावें कि वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक कितने निजी और राजस्व वृक्ष कांटे गये जिलेवार वर्षवार वृक्षो की संख्या तथा उनका कुल मुल्यांकन की सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभाग तथा वर्षों में किस-किस जिले कितने घन मीटर लकड़ी हेतु कितने परिवहन पास जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या स्थानीय निकाय अथवा जिला प्रशासन ने वृक्ष काटे जाने की अनुमति की प्रति विभाग को प्रेषित की थी या विभाग से वृक्षो की उम्र, उसका प्रकार आदि की जानकारी हेतु पत्र दिया था यदि हाँ तो बतावें कि आलोच्य वर्ष तथा संभाग में ऐसे कितने प्रकरण विभाग के संज्ञान में आये तथा क्या कार्यवाही की गई इन्दौर, उज्जैन तथा रतलाम नगर निगम द्वारा भेजी गयी अनुमति या पत्राचार की प्रति देवें। (घ) मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 के अनुसार निजी तथा राजस्व वृक्ष को काटने की प्रक्रिया में विभाग की क्या भूमिका तय की गई है तथा प्रश्नांश (क) तथा (ख) के किस-किस प्रकरण में उस अनुसार कार्यवाही नहीं हुई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) इन्दौर संभाग के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक वन वृत्त इन्दौर के इन्दौर, धार, झाबुआ एवं अलीराजपुर वनमण्डल में निजी और राजस्व क्षेत्र में काटे गये वृक्षों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं वन वृत्त खण्डवा के खण्डवा, बुरहानपुर, खरगौन, बड़वाह, बड़वानी एवं सेंधवा जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। इन्दौर वन वृत्त की मूल्यांकन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में एवं खण्डवा वन वृत्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) इन्दौर संभाग के अन्तर्गत आने वाले वन वृत्त इन्दौर के अन्तर्गत आने वाले वनमण्डलों में प्राप्त लकड़ी एवं जारी किये गये परिवहन पास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में एवं वन वृत्त खण्डवा के वनमण्डलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वन वृत्त इन्दौर के अन्तर्गत वनमण्डल इन्दौर, धार एवं अलिराजपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में तथा वन वृत्त खण्डवा के अन्तर्गत खण्डवा, बुरहानपुर, खरगौन एवं बड़वाह वनमण्डलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 की धारा 4 के अधीन प्रबंधन योजना, धारा 3 के अनुरूप अधिसूचित सक्षम प्राधिकारी के पास प्राप्त होने पर प्रबंधन योजना का अनुमोदन किया जाना। अनुमोदित प्रबंधन योजना को भू-अभिलेखों में प्रविष्टि हेतु राजस्व अधिकारी को प्रेषित किया जाना। योजना में वर्णित समय सूची अनुसार वृक्षों के विदोहन एवं मूल्यांकन इत्यादि कार्य विभाग की निगरानी में किया जाता है। मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 के विस्तृत प्रावधानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वन वृत्त इन्दौर के अन्तर्गत आने वाले जिले इन्दौर, धार, झाबुआ एवं अलीराजपुर वनमण्डलों से मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 के अनुसार निजी तथा राजस्व क्षेत्र के वृक्षों को काटने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। वन वृत्त खण्डवा के अन्तर्गत मध्यप्रदेश लोकवानिकी अधिनियम 2001 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है।
छात्रावास आश्रमों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
113. ( क्र. 3104 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले के छात्रावास आश्रमों में तीन वर्ष से अधिक समय होने पर अधीक्षक हटाये जाकर अन्य को प्रभार सौंपे जाने का शासन का प्रावधान है? यदि हाँ तो वर्ष 2017 से वर्तमान तक कितने अधीक्षक बदले गये है उनके नाम व अवधि तथा नवीन पदस्थ अधीक्षक का नाम व प्रभार सौंपे जाने की दिनांक की सूची देवें। (ख) अलीराजपुर जिले में वर्तमान में ऐसे कितने आश्रम/छात्रावास है जिनमें अधीक्षक को तीन वर्ष से अधिक समय हो गया? आश्रम/छात्रावासों का नाम एवं अधीक्षक के नाम सहित सूची देवें। (ग) क्या बदले गये अधीक्षक को अन्य छात्रावास आश्रम का प्रभार पुनः दिया गया है? उन्हें पुनः प्रभार सौंपने का प्रावधान है? यदि हाँ तो आदेश कि प्रति एवं अधीषक के नाम, आश्रम/छात्रावासों की सूची देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) शासन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। हटाये गये अधीक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। नवीन पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। (ग) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि पट्टे का नियम
[जनजातीय कार्य]
114. ( क्र. 3106 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अलीराजपुर में हितग्राही को वनभूमि पट्टा वितरण करने के क्या प्रावधान है? प्रावधान में किसी हितग्राही के पास राजस्व भूमि होने पर पट्टे दिये जाने के नियम है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो जिले में कितने ऐसे हितग्राही है जिनके पास राजस्व भूमि होने पर भी वन पट्टे दिये गये है? वितरण हितग्राहियों के नाम व भूमि का रकबा सहित ग्राम व विकासखण्डवार सूची देवें। (ख) क्या राजस्व भूमि होने के उपरान्त भी नियम के विरूद्व पट्टे दिये गये है? तो क्या पट्टे निरस्त किये जायेगें? यदि हाँ तो कब तक अवधि बतावें। (ग) क्या नियम के विरूद्व पट्टे वितरण करने वालें दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक अवधि बतावें? (घ) अलीराजपुर जिले में ऐसे कितने हितग्राही है जो पात्र होने पर भी वन पट्टे वितरण हेतु प्रकरण लंबित है? क्या कारण है एवं पात्र हितग्राहियों को वन पट्टे कब दिये जाएगे अवधि बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के प्रावधान अंतर्गत वनभूमि पर काबिज पात्र वन निवासियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये जाते है। अधिनियम एवं नियमों में राजस्व भूमि धारित करने या न करने का उल्लेख नहीं है। अधिनियम की धारा 2 (ग) एवं 2 (ण) के प्रावधान अनुसार वनों या वनभूमि पर जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिये निर्भर होना आवश्यक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अलीराजपुर जिले में राजस्व भूमि धारित दावेदारों को वन अधिकार पत्र नहीं दिये गये है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। J(घ) अलीराजपुर जिले में वन अधिकार पत्र वितरण हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूं की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 3112 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान से गेहूं खरीदी हेतु विभाग के क्या-क्या नियम नीति है? स्पष्ट करें। गेहूं में कितनी मात्रा में नमी, मिट्टी एवं अन्य कचरा उपस्थित होने पर गेहूं खरीदी से इनकार कर दिया जाता है? (ख) क्या विभाग के ऐसे नियम है यदि गेहूं में मिट्टी 1 प्रतिशत से अधिक रहा गेहूं खरीदी से इनकार किया जाता है? (ग) प्राय: देखा गया है की, उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के गेहूं में मिट्टी होने पर उन्हें खरीदी से इनकार कर दिया जाता है तो बताएं मिट्टी से उत्पादन होने वाले गेहूं में मिट्टी की थोड़ी सी मात्रा नहीं होना कैसे संभव है? क्या विभाग किसानों के हित में नियमों में शिथिलता लाने पर विचार करेगा? (घ) किसानों से खरीदे गए गेहूं का भुगतान उन्हें कितने दिन में किए जाने का प्रावधान है? इस वर्ष कितने किसानों का भुगतान एक माह के भीतर नहीं हो पाया है? क्या कोई ऐसा प्रावधान भी है जिसमें किसानों के ऋण की राशि उनके द्वारा विक्रय किए गए गेहूं से काटी जाएगी? यदि नहीं तो बताएं सोसाइटी से प्राप्त ऋण की राशि विक्रय भुगतान से क्यों काटी जाती है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु जारी नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित एकसमान विनिर्दिष्टयां (Uniform specifications) अनुसार समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन करने का प्रावधान है। एकसमान विनिर्दिष्टयों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>ब अनुसार है। किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु लाए गए गेहूं में नमी, मिट्टी एवं कचरा एकसमान विनिर्दिष्टयों के अंतर्गत निर्धारित सीमा से अधिक पाए जाने पर किसान को गेहूं को साफ-सफाई एवं सुखाकर लाने का परामर्श दिया जाता है। (ख) भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु निर्धारित एकसमान विनिर्दिष्टयां अनुसार बाह्य पदार्थ (Foreign material) 0.75% तक की सीमा निर्धारित है, इससे अधिक बाह्य पदार्थ होने पर समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन नहीं किया जाता है। (ग) किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के समय गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। गेहूं के गुणवत्ता परीक्षण में भारत सरकार द्वारा निर्धारित एकसमान विनिर्दिष्टयां (0.75%) से अधिक मिट्टी होने पर किसान को गेहूं की साफ सफाई कर विक्रय हेतु लाने का परामर्श दिया जाता है। समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजना के तहत हितग्राहियों को वितरण किए जाने से निर्धारित मापदण्ड से अधिक मिट्टीयुक्त गेहूं खरीदा जाना सम्भव नहीं है। (घ) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार किसान की उपज की तौल होने के लगभग 5 दिवस में भुगतान हेतु ईपीओ जारी किए जाने के उपरांत जेआईटी पोर्टल के माध्यम से तत्काल किसानों को भुगतान की व्यवस्था की गई है। एक माह के भीतर भुगतान न होने वाले किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>स अनुसार है। किसान का बैंक खाता आधार से लिंक न होना, बैंक खाता की भुगतान सीमा सीमित होना, त्रुटिपूर्ण बैंक खाता/IFSC होना एवं किसान का स्कन्ध नॉन एफएक्यू होना एवं अपग्रेडेशन में समय लगना, उपार्जन में शार्टेज होना आदि कारणों से भुगतान में विलंब होता है। सहकारिता विभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की राशि में से ऋणी किसानों से राशि की वसूली की जाती है। जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>द' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 3118 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मण्डला द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु सेवा काल के दौरान मृत शासकीय सेवकों के आश्रितों की वरिष्ठता सूची का विधिवत संधारण किया गया है? यदि हाँ तो उपलब्ध कराने का कष्ट करें। यदि नहीं तो कारण से अवगत कराएं। इसके लिए कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है या कब तक की जाएगी? विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित हैं? प्रकरणवार जानकारी प्रदान करें। (ख) जिला मण्डला में जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत अनुकम्पा हेतु लागू रोस्टर तथा रिक्त पदों की जानकारी से अवगत करावें? क्या यह सही है कि रोस्टर में पद रिक्त होने के बाद भी बाद वाले आवेदक को पहले नियुक्ति दे दी गई और पहले वाले आवेदक को वंचित किया गया? यदि हाँ तो ऐसे प्रकरणों की जानकारी देवें? क्या पहले वाले आवेदक को लिपिक वर्ग की पात्रता रखने के बाद भी श्रेणी 4 के पदों में नियुक्ति लेने के लिए विवश होना पड़ा, यदि हाँ तो ऐसे कितने प्रकरण सामने आये हैं उनमें क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) वर्ष 2010 से वर्तमान तक जिन आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है, उनके नियुक्ति आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (घ) क्या जिन आवेदको ने बीएड/डीएड किया है और पात्रता परीक्षा भी पास की है, उन्हें प्रयोगशाला सहायक पद पर नियुक्ति दी जा सकती है? यदि हाँ तो मंडला जिले में कितने आवेदकों को इस पद पर नियुक्ति दी गई है? क्या ऐसे आवेदकों को प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जा सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) रोस्टर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' अनुसार है। संधारित रोस्टर के अनुसार 02 पद सहायक ग्रेड-3 के एवं 03 पद भृत्य संवर्ग के रिक्त है। जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति की जानकारी निरंक है। निर्धारित न्यूनतम योग्यता रखने पर प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। माध्यमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है।
कान्हा नेशनल पार्क की जानकारी
[वन]
117. ( क्र. 3119 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कान्हा नेशनल पार्क की सभी रेंजो में कौन-कौन से कार्य करवाये गए हैं? प्रत्येक कार्य हेतु किन-किन को कितना-कितना भुगतान किया गया है, कार्यवार विस्तृत जानकारी देवें? (ख) पार्क अंतर्गत सभी रेंजो में विगत 3 वर्षों में क्या-क्या खरीदी की गई है, सामग्री का नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी देवें? क्या इन सामग्रियों का भौतिक सत्यापन किया गया है, यदि हाँ तो किनके द्वारा और कब-कब? (ग) क्या पार्क के सरही गेट हेतु 36 टिकिट प्रारम्भ कर दी गई हैं? क्या ऑनलाइन पोर्टल में सरही गेट का विकल्प दिया गया है? क्या सरही गेट की टिकिट अभी भी खटिया गेट के साथ सम्मिलित हैं? क्या मुक्की गेट में बची हुई टिकिट खटिया गेट से दी जा सकती है? यदि नहीं तो सरही गेट की 36 में से बची टिकिट खटिया गेट से देने के क्या कारण हैं? क्या इसी वजह से सरही गेट में पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है? क्या सरही गेट की सभी 36 टिकिट केवल सरही गेट से ही दिया जाना अनिवार्य किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या कान्हा पार्क के वन कर्मियों को नेक्सलाइट भत्ता देने हेतु प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब से यह भत्ता संबंधित कर्मचारियों को दिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) 36 टिकिट सरही जोन हेतु आरक्षित है, गेट हेतु कोई टिकिट आरक्षित नहीं किया जाता है। जी हाँ। जी नहीं, गेटवार टिकिट का आरक्षण नहीं किया जाता है। पार्क में पर्यटकों द्वारा अपनी सुविधा अनुसार पार्क के 04 जोन कान्हा, किसली, मुक्की एवं सरही जोन में भ्रमण हेतु गेट का चयन किया जा सकता है। अत: मुक्की गेट में बची टिकिट खटिया गेट से देने का प्रश्न निहित नहीं है। यह सही नहीं है कि सरही जोन की बची टिकिट खटिया गेट से देने के कारण सरही गेट से पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ रही। सरही जोन हेतु 36 टिकिट आरक्षित की गई है। पर्यटकों की सुविधा हेतु गेट का चयन का विकल्प है। गेट से टिकिट की अनिवार्यता नहीं की जा सकती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं हो रहा है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र दिनांक 15.03.2024 द्वारा नक्सल प्रभावित मण्डला जिले के वन कर्मियों को नक्सलाईट भत्ता प्रदान करने का प्रस्ताव अमान्य कर नस्तीबद्ध किया गया है।
अनुसूचित क्षेत्रों का विकास
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 3121 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को विगत 05 वर्षों में केन्द्र सरकार से अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता के अन्तर्गत बालाघाट जिले में अनुसूचित क्षेत्रों को विकास हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि से बालाघाट जिले में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि/लागत के किन-किन विभागो एवं आई.टी.डी.पी., माडा एवं लघु परियोजना को स्वीकृत किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) विभागों को स्वीकृत राशि के कार्य कब-कब पूर्ण किया गया? पूर्ण नहीं किये गये तो किन कारणों से नहीं किये गये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? उसकी जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। बालाघाट जिले हेतु प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले की आईटीडीपी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' एवं विभागों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है।
जानकारी उपलब्ध कराये जाना
[वन]
119. ( क्र. 3122 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा संभागीय प्रबंधक म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड लामता परियोजना मंडल को दिनांक 01-03-2024 को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र में उल्लेखित जानकारी प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से नहीं दी गई और जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या यह सही है कि, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधायको के पत्र का समय-सीमा पर जानकारी नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश है? हाँ तो जानकारी नहीं देने वाले कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) पत्र में उल्लेखित जानकारी संभागीय प्रबंधक लामटा परियोजना मंडल के पत्र क्रमांक/व.वि.नि./03/व्यय/2024/1939 दिनांक 02.07.2024 से उपलब्ध करा दी गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन द्वारा संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
120. ( क्र. 3125 ) श्री विपीन जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती है विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं से विगत दो वित्तीय वर्षों में मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने और कौन-कौन से लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। (ग) मंदसौर जिले में जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर विमुक्त जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत पदस्थ किए गए अधीक्षकों/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदस्थ करने का अगर नियम है तो सम्बंधित शासनादेश की प्रति, वरिष्ठ कार्यालयों की अनुमति देवें। मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने अधिकारियों और कर्मचारियों को मूल पद से अन्य पद पर अटैचमेंट किया गया है सूची देवें बताएं कि क्या अटैचमेंट संबंधित शासन के निर्देश हैं क्या इस हेतु वरिष्ठ कार्यालय का मार्गदर्शन/अनुमतियां प्राप्त की गई है (घ) क्या विभाग अंतर्गत विभिन्न संवर्ग के कुल कितने अधिकारियों, कर्मचारियों को मूल पद के अतिरिक्त किस-किस पद पर किसके आदेश से प्रभार दिया गया है सूची देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
121. ( क्र. 3126 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी जनकल्याणकारी, रोजगार मूलक योजनाएं संचालित की जाती है विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं से मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने और किन-किन हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है सूची देवें। (ग) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में विभाग अंतर्गत कुल कितने,किस-किस स्तर के, कहां कहां पद स्वीकृत है इन पदों पर कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं और कितने पद कब से रिक्त हैं रिक्त पदों पर कार्यों के संचालन के लिए किन के द्वारा कार्य किया जा रहा है। (घ) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु कितना लक्ष्य रखा गया है?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
फर्जी नि:शक्तजनों के प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरियां
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
122. ( क्र. 3127 ) श्री विपीन जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा योजनाएं संचालित है समस्त संचालित योजनाओं का संपूर्ण विवरण देवें। (ख) अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश में संचालित योजनाओं से मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के कितने हितग्राही कौन-कौन सी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं सूची देवें। (ग) क्या प्रदेश में शिक्षा विभाग और अन्य विभाग में नि:शक्तजनों के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरियां हासिल करने के प्रकरण प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो बताएं कि मध्य प्रदेश के किन-किन जिलों में किस-किस विभाग के किस-किस पद के कुल कितने कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई और उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कर्मचारी जिन्होंने असत्य नि:शक्तजन दस्तावेजों के आधार पर नौकरियां प्राप्त की गई है उनके नि:शक्तजन प्रमाण पत्र बनवाने वाले कितने अधिकारियों पर विभाग द्वारा कार्यवाहियां की गई है या लंबित हैं या कार्यवाहियां कब तक की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे ''परिशिष्ट/span>अ'' अनुसार है। (ख) संचालित योजनान्तर्गत लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे ''परिशिष्ट/span>ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ)Jजानकारी संकलित की जा रही है।
ब्लैक लिस्ट ठेकेदारों को कार्य दिया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
123. ( क्र. 3133 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग में कितने ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया गया, कारण सहित ठेकेदार, फर्म, दिनांक, समयावधि सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कितने ठेकेदार है ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी कार्य कर रहे है? (ग) ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी किस आधार पर कार्य विभाग ठेकेदारों द्वारा कार्य किया जा रहा है आदेश की प्रति सहित बतायें? (घ) ठेकेदार के ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी कार्य विभाग द्वारा दिए जाने के लिये कौन-कौन जबावदार है उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आदेश क्रमांक/परि./डी.पी.बाय/2022/128247/298 भोपाल, दिनांक 18.08.2022 द्वारा निविदा वर्ष 2021-23 जिला जबलपुर शहरी हेतु नियुक्त मेसर्स त्रिवेणी ट्रांसपोर्ट कम्पनी जबलपुर को 2 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया। द्वार प्रदाय खाद्यान्न परिवहन में विलम्ब/अफरा-तफरी के कारण प्रतिबंधित किया गया। आदेश क्रमांक/परि/एल.आर.टी. सामान्य/23-25/24-25/167 दिनांक 14.05.2024 एवं पत्र क्रमांक/171 जबलपुर दिनांक 15.05.2024 के द्वारा मेसर्स तिरूपति कार्गो बल्देव बाग जबलपुर की एल.आर.टी. सामान्य एवं एच.एल.आर.टी. रैक प्वाइंट कछपुरा की दरे स्वीकृत की गई थी किन्तु सम्बंधित परिवहनकर्ता द्वारा अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही पूर्ण न करने के कारण 02 वित्तीय वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया है। (ख) कोई भी परिवहनकर्ता प्रतिबंधित होने के बाद कार्य नहीं कर रहा है। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं का क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 3138 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में किन-किन जिलों में समर्थन मूल्य पर कब-कब तथा कितना-कितना गेहूं खरीदा गया? क्या किसानों द्वारा सरकारी समिति को बेचे जाने वाले गेहूं की खरीदी में कमी आई है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे गए गेहूं की राशि का भुगतान किसानों को किस किस माध्यम द्वारा किया जाता है? क्या सरकार द्वारा किसानों को एक मुश्त राशि का भुगतान किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कितने किसानों को गेहूं खरीदी की एक मुश्त राशि सरकार द्वारा प्रदान की गई तथा कितने किसान प्रश्न दिनांक तक सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि से वंचित है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में किसानों से खरीदे गए गेहूं का मूल्य और बाजार मूल्य में अंतर होने के कारण किसान समिति को अपना गेहूं न बचकर बाजार में बेच रहे हैं? यदि हाँ तो ऐसे कारण है जिनकी किसानों द्वारा अपेक्षा कर बाजार में अपना गेहूं बेचा जा रहा है? जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 (रबी विपणन वर्ष 2023-24) में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन 25.03.2023 से 20.05.2023 तक कुल 70.97 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन किया गया। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में भारत सरकार द्वारा गेहूं उपार्जन का अनुमान 80 लाख मे.टन निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध प्रदेश में 70.97 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन हुआ। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में गेहूं का समर्थन मूल्य रू. 2125 निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध बाज़ार भाव अधिक होने के कारण भारत सरकार द्वारा निर्धारित उपार्जन अनुमान अनुसार गेहूं की खरीदी संभव नहीं हो पाई है। जिलेवार एवं दिनांकवार गेहूं खरीदी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2023-24 में उपार्जित गेहूं के समर्थन मूल्य राशि में से सहकारी समितियों से किसान द्वारा लिए गए ऋण राशि को छोड़कर शेष राशि किसान के आधार लिंक बैंक खाते में तथा ऋण राशि का भुगतान किसान के सहकारी बैंक के बचत खाते में पीएफएमएस के माध्यम भुगतान किया गया है तथा जिन किसानों के आधार लिंक बैंक खातों में भुगतान विफल होता है, उन किसानों के द्वारा पंजीयन में दिए गए बैंक खाते में भुगतान किया गया है। समर्थन मूल्य पर एफएक्यू के उपार्जित गेहूं एवं जारी स्वीकृति पत्रक के आधार पर किसानों को पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत किसान द्वारा उत्पादित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। गेहूं के समर्थन मूल्य से बाजार भाव अधिक होने पर किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय न कर स्वयं के लाभ हेतु बाजार में गेहूं का विक्रय करते है।
इको पर्यटन की दृष्टि से अधिसूचित किया जाना
[वन]
125. ( क्र. 3140 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा विगत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक वन मंडलों के कई क्षेत्रों को इको पर्यटन की दृष्टि से मनोरंजन क्षेत्र अधिसूचित किया गया है? (ख) यदि हाँ तो कृपया किस-किस वन मंडल के कौन-कौन से क्षेत्र को कब-कब मनोरंजन क्षेत्र घोषित किया गया? प्रश्नांश (क) मनोरंजन क्षेत्रों के प्रत्येक साइट पर कौन-कौन से कार्य कराए गए और उन पर कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस मनोरंजन क्षेत्र से विभाग को कब-कब तथा कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु शासन की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
126. ( क्र. 3143 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आगर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों एवं बस्तियों में सडक, पूल, छात्रावास, स्कूल भवन, हैण्डपम्प एवं अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किन-किन कार्यों में खर्च की गई वर्षवार जानकारी देवें एवं उक्त राशि से हो रहे कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने बालक/बालिका छात्रावास आगर विधानसभा में स्थापित है तथा कितने छात्र उसमें अध्ययनरत है तथा उक्त छात्रावास के भवनों की भौतिक स्थिति क्या है ऐसे कितने छात्रावास है जहां सुविधाओं की कमी है तथा उपरोक्त छात्रावास में भोजन सहित सुविधाएं किसके द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है एजेन्सी का नाम सहित जानकारी देवें? (घ) अनुसूचित जाति बस्ती में कितनी बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं हुआ है इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) आगर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी बस्तियां हैं जहाँ पीने के पानी तथा सामुदायिक भवन की व्यवस्था है एवं कितनी बस्तियों में नहीं जानकारी देवें?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) विभाग द्वारा विद्युतीकरण सर्वे का कार्य नहीं किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार।
विभागीय योजना की जानकारी तथा ट्राय मोटर साईकिल का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
127. ( क्र. 3144 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय तथा नि:शक्तजन कल्याण विभाग दवारा नि:शक्तजनों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? जानकारी देवें। (ख) सामाजिक न्याय तथा नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा नि:शक्तजनों को ट्राय मोटर साईकिल प्रदाय किये जाने के क्या नियम निर्देश हैं? क्या जनभागीदारी/सांसद निधि/विधायक निधि/अन्य योजना से ट्राय मोटर साईकिल नि:शक्तजनों को प्रदाय किये जाने/स्वीकृति का क्या प्रावधान है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने नि:शक्तजनों को ट्राय साईकिल सहित अन्य उपकरण हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने आवेदन स्वीकृत एवं कितने लंबित हैं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने हेतु मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना संचालित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। साथ ही भारत सरकार द्वारा संचालित एडिप योजनांतर्गत पात्रतानुसार दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' एवं ''स'' के अनुक्रम में जनभागीदारी/सांसद निधि/विधायक निधि से मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के संदर्भ में आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु कुल 305 आवेदन प्राप्त हुये, उक्त आवेदनों में से 246 पात्र आवेदन स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द''अनुसार। शेष 59 आवेदनों के चिन्हांकन/परीक्षण के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु कार्यालय, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला आगर मालवा के पत्र क्रमांक 140, दिनांक 28.06.2024 द्वारा एलिम्कों संस्थान को लेख किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''य'' अनुसार, चिन्हांकन/वितरण शिविर का आयोजन भारत सरकार के उपक्रम एलिम्कों संस्था के क्षेत्राधिकार का विषय है।
विभागीय योजनाओं-कार्यों के संबंध में
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
128. ( क्र. 3151 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के द्वारा विभागीय अथवा निजी,फर्म,सोसायटी,संस्थानों के द्वारा किस-किस प्रकार के कार्य स्वीकृत किये? वर्षवार जानकारी देंl (ख) उपरोक्तानुसार उल्लेखित किस-किस प्रकार की कौन-कौन सी योजनाएं जिले में संचालित की जा रही है, उनकी पात्रता, योग्यता सम्बन्धित क्या-क्या नियमावली है? अवगत करेंl (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में किस-किस निजी व्यक्ति, संस्था द्वारा एवं फर्म द्वारा तथा विभागीय टूर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा किन-किन स्थान पर स्वीकृतियां प्रदान की है तो क्या वे प्रारम्भ होकर संचालित हो रही है तो किन-किन कार्यों को लेकर? वर्षवार, विकासखंडवार जानकारी देंl (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत प्रारम्भ कितने कार्य हुए एवं कितने कार्य अप्रारम्भ रहे तो किन कारणों से? प्रारम्भ इकाइयों को किस-किस योजना से कितना अनुदान दिया गया? वर्षवार जानकारी दें। साथ ही बताएं कि रियावन लहसुन को जियो टेग मिलने के पश्चात क्या-क्या उल्लेखनीय किया गया?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ग'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत सभी कार्य प्रारंभ किए गये हैं। प्रारम्भ इकाइयों को किस-किस योजना से कितना अनुदान दिया गया है, की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ग'' अनुसार है। रियावन लहसुन का जियो टेग गत वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में प्राप्त हुआ है एवं उल्लेखित अवधि में लोकसभा चुनाव होने के कारण प्रक्षेत्र अमले द्वारा एवं इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से रियावन लहसुन के जियो टेग के संबंध में प्रचार-प्रसार किया गया है।
वन भूमि एवं विभागीय कार्यों की जानकारी
[वन]
129. ( क्र.
3152 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि क)
रतलाम जिला
अंतर्गत वन
परिक्षेत्रवार
किस-किस
क्षेत्र में
कितने-कितने
क्षेत्रफल का
वन क्षेत्र
शासन/विभाग के
नियंत्रण में
होकर उक्त
भूमियों का
सीमांकन कब-कब
किया गया? वन
परिक्षेत्रवार
जानकारी दें। (ख)
वन क्षेत्र
की भूमियों पर
किस-किस
प्रकार के कार्य
किया जा रहे
हैं, उनसे
कितनी-कितनी
आय प्राप्त हो
रही? साथ ही
कितनी-कितनी
भूमियों पर
अतिक्रमण होकर
अवैध
कब्जाधारी
काबिज है तो
इस हेतु
क्या-क्या
कार्यवाहियां
की जा रही? वर्ष 2020-21 से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि की
जानकारी दें। (ग)
जिले में
किस-किस
प्रकार के
जंगली जानवर
चिन्हित होकर
कितनी
दुर्घटनाएं
हुई, कितने घायल
हुए अथवा
मृत्यु हुई? इसके
नियंत्रण एवं
क्षतिपूर्ति
हेतु क्या-क्या
किया गया? वर्ष 2020-21 से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
अवगत करें। (घ) जानकारी
दें कि जिले
में किन-किन
स्थानों पर किस-किस
प्रकार की आरा
मशीन एवं
लकड़ी विक्रय
के संस्थान
इत्यादि अन्य
भी संचालित हो
रहे हैं? आरा
मशीनों एवं
ऐसे स्थानों
की कब-कब जांच
की गई? कितने लाइसेंस
उपरोक्तानुसार
कार्यों को
किए जाने अथवा
अन्य कार्य
विभाग के
अंतर्गत आते
हैं, उन्हें किए
जाने के कितने
लाइसेंस अथवा
अनुबंध
इत्यादि किए
गए? संपूर्ण
जानकारी से
अवगत कराए।
वन
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट-एक
अनुसार है।
(ख) रतलाम
वनमंडल के अन्तर्गत
कार्य आयोजना
के क्रियान्वयन
अनुसार पौधा
रोपण, भू जल
संरक्षण व अन्य
वानिकी कार्य
किये जाते है।
वनोंपज से आय
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे
परिशिष्ट-दो
अनुसार है। कार्य
आयोजना
अनुसार 4934.570
हेक्टेयर
वनक्षेत्र
में अतिक्रमण
है। उक्त
अतिक्रमणकारियों
को शासन
नियमानुसार
अनुसूचित
जनजाति और अन्य
परम्परागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता)
अधिनियम, 2006
नियम 2007 के तहत
वनक्षेत्र
में दिनांक 13.12.2005 से
पूर्व काबिज
अतिक्रमणकारियों
को पात्र पाये
जाने पर वन
अधिकार पत्र
(नोडल विभाग
आदिम जाति कल्याण
विभाग द्वारा)
जारी किये गये
है तथा अपात्र
पाये जाने पर
वन अवैध कब्जाधारियों
को वनभूमि से
बेदखल करने की
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। वर्ष
2020-21 से
आज दिनांक तक
दावा संख्या 852
रकबा 302.97 हेक्टेयर
क्षेत्र में
जिला स्तरीय
वन अधिकार
समिति द्वारा
मान्य कर व्यक्तिगत
वन अधिकार
पत्र वितरित
किये गये तथा 2292
दावे अमान्य
किये गये। ">(ग)
रतलाम जिले
के अन्तर्गत
वनक्षेत्र
में तेन्दुआ, सियार, हाईना, जंगली
सूअर, नीलगाय आदि
चिन्हित
किये गये। शेष
उत्तरांश की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे
परिशिष्ट-तीन
अनुसार है। इसके
नियंत्रण एवं
क्षतिपूर्ति
के लिये विभागीय
आदेश क्रमांक
एफ/15-13/2007/10-2
दिनांक 20.04.2016 एवं
दिनांक 10.12.2022 के
अनुसार
कार्यवाही की
जाती है। (घ) रतलाम
वनमंडल अन्तर्गत
जिले में निम्नानुसार
स्थानों -
रतलाम शहर-13, बांगरोद-02, नामली-03, बरबोदना-01, सैलाना-02, सुखेड़ा-01, जावरा-11, ढोढर-03, ताल-08, बडावाद-03, आलोट-09, निपानिया-01, कुल 59
खड़ी एवं आड़ी
प्रकार की
आरामशीन स्थापित
होकर संचालित
है। इसके
अतिरिक्त
लकड़ी विक्रय
हेतु 25 अन्य संस्थान
को
विनिर्माता
व्यापारी/उपभोक्ता
के ऑनलाईन
पंजीयन जारी
किये गये।
आरामशीनों की
जांच
प्रतिवर्ष
अनुमोदित
रोस्टर
अनुसार
नियमानुसार
की जाती है
एवं अन्य
संस्थानों
की जांच
समय-सीमा पर
की जाती है। 59
आरामशीन
लाइसेंस
उपरोक्तानुसार
कार्यों को
किये जाने
हेतु जारी
किये गये
जिनका
नवीनीकरण नियमानुसार
समय-समय पर
किया जाता है
एवं अन्य
कार्य के अन्तर्गत
तेन्दूपत्ता
के व्यापार
हेतु 01 लाइसेंस
जारी किया
गया। इस संबंध
में कोई अनुबंध
नहीं किया
गया।
अ.ज.जा. विभाग में खरीदी का सत्यापन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
130. ( क्र. 3154 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नीमच एवं मन्दसौर जिले में अधिकारियों द्वारा कुर्सी खरीदी, गिजर एवं सीसी टीवी कैमरे बिना छात्रावास अधीक्षक पालक समिति के द्वारा खरीदे गए? क्या बिना समिति के निर्णय के सीधे अधिकारियों द्वारा सामग्री खरीदी जा सकती है? यदि हाँ तो नियमों की प्रतिलिपि देवें यदि नहीं तो इसकी जांच कब-कब किस सक्षम अधिकारी ने की। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पिछले 5 वर्षों में खरीदी गई सामग्री अत्यंत घटिया एवं निम्न स्तर की है? यदि हाँ तो इसकी जांच एवं सामग्री का सत्यापन उच्च स्तरीय संभागीय अधिकारी की विशेष समिति से दोनों जिलो का करवाया जावेगा, यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त जिलों में दोनों जिला अधिकारियों का प्रमोशन उच्च पद पर हो गया है? यदि हाँ तो प्रमोशन उपरांत जिले के पद पर कोई भी अधिकारी कितने दिन तक कार्य कर सकता है? नियमों की प्रतिलिपि देवें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, संबंधित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ">(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वन विभाग के पौधारोपण की जानकारी
[वन]
131. ( क्र. 3155 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2018 के पश्चात उज्जैन संभाग में वन विभाग ने वृक्षारोपण पर कितनी राशि खर्च करके, कितने वृक्ष लगाए, किसी भी प्रकार से कितने वृक्ष नष्ट हुए है, कितने वर्तमान में हरे भरे/बड़े हो गए है संख्या बतावें या जो आंकड़े उपलब्ध हो देवें। (ख) उक्त अवधि में पौधों को लगाने, पानी देने आदि कार्यों पर, पौधों आदि की नई किस्म/विकास के लिए रिसर्च पर कितनी राशि खर्च की गई वर्षवार बतावें, क्या परिणाम आए विवरण देवें। (ग) उक्त अवधि में वन विभाग ने किन कार्यों पर कितनी राशि खर्च की, कितनी राशि किस प्रकार की वन संपदा विक्रय/नीलाम करके प्राप्त की वर्षवार बतावें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2018 के पश्चात उज्जैन संभाग में वन विभाग द्वारा रोपित पौधों की संख्या 9435908, हरे-भरे पौधों की संख्या 8230090, किसी प्रकार से नष्ट पौधों की संख्या 1205818 है, कुल व्यय राशि रूपये 1,59,26,95,177/- है। (ख) व्यय राशि की जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार है। उज्जैन संभाग के अंतर्गत पौधा आदि की नई किस्म/विकास के लिये रिसर्च का कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हुए घोटाले
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 3161 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अशोकनगर में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने हैंडपंप उत्खनन हुए है उत्खनन का स्थान सहित गहराई व डाली गई क्रेसिंग की जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उत्खनन में व्यय की गई राशि का ब्यौरा मदवार वित्तीय वर्षवार एवं विकासखण्ड वार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उत्खनन हुए हैंण्डपंपों की वर्तमान स्थिति क्या है क्या सभी हैण्डपंप कार्यशील अवस्था में है अथवा नहीं स्थान अनुसार विवरण देवें। (घ) क्या विकासखण्ड ईसागढ़ में पीएचई विभाग की मोटर एवं पाईप को भंगार की दुकान पर बेचा गया था, यदि हाँ तो दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ङ) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितनी मोटरों का वितरण किया गया है स्थान एवं विकासखण्ड वार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जिला अशोकनगर में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक नए हैंडपंपों के लिए 515 नलकूप खनन किए गए हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) विकासखंड ईसागढ़ में पीएचई विभाग की मोटर एवं पाईप स्थानीय भंगार की दुकान पर अनाधिकृत रूप से रखे पाये जाने पर थाना ईसागढ़ में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है एवं इस संदर्भ में 02 विभागीय कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) प्रश्नांकित अवधि में 1457 मोटर पंपों को स्थापित किया गया है, स्थान एवं विकासखंड वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
सिंगल फेस मोटर पम्प (टूयूबवेल) की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 3172 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सेंधवा विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2022-23 में शासन द्वारा लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सेंधवा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल फेस मोटर पम्प (ट्यूबवेल) का कितना टारगेट दिया गया था? ओर कहां-कहां पर वितरण किया गया? सूची उपलब्ध करावें (ख) लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सेंधवा द्वारा ग्रामीणों को दी गयी है सिंगल फेस मोटर पम्प (ट्यूबवेल) घटिया क्वालिटी की है मोटर पम्प (टूयूब वेल) दी गई है वह पानी भी नहीं निकाल रही है और कुछ ही समय चलने पर सिंगल फेस मोटर पम्प (ट्यूबवेल) बंद होकर जल जाती है और केबल भी जल रही है? क्या यह मोटर पम्प (ट्यूबवेल) चेक करके पास करके ही दिया गया? तो किस आधार पर और किस अधिकारी के संरक्षण में मोटर पम्प (ट्यूबवेल) व केबल को पास किया गया है? चेक करने वाले अधिकारी का नाम चेक कर के पास करने रिपोर्ट की सूची उपलब्ध करावें? (ग) लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग जो मोटर पम्प (ट्यूबवेल) व केबल ग्रामीणों को दी जा रही है इसका टेंडर किस फर्म को दिया है? सूची उपलब्ध करावें? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) सिंगल फेस पावर पम्प की स्थापना के लिए कोई टारगेट जारी नहीं किया जाता है, अपितु ग्रामीण क्षेत्र में सामान्यतः जल स्तर की कमी वाले हैंडपंपों के नलकूपों पर स्थानीय आवश्यकता होने पर सिंगल फेस मोटर पंप लगाने का कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। प्रश्नांकित अवधि में स्थापित सिंगल फेस मोटरपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में अनुबंधित की गई प्रदायकर्ता फर्मों से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के उपरांत खण्ड के केन्द्रीय भण्डार गृह के स्टोर प्रभारी एवं सहायक यंत्री द्वारा सामग्री प्राप्त की जाती है। थर्ड पार्टी क्रमशः SGS एवं IRCLASS द्वारा किये गये इंस्पेक्शन रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में अनुबंधित की गई प्रदायकर्ता फर्मों से सिंगल फेस मोटरपंप व केबल इत्यादि का क्रय किया जाता है, विभाग द्वारा अपने स्तर पर इस हेतु कोई टेंडर आमंत्रित नहीं किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजना एवं वनों की अवैध कटाई
[वन]
134. ( क्र. 3189 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) गुना विधानसभा अंतर्गत अतिक्रमणकारियों द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने हेक्टेयर वन क्षेत्र की अवैध कटाई कर उस पर अतिक्रमण किया गया? (ख) वर्ष 2022 से प्रश्नांश (क) में वर्णित अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण की स्थिति की जानकारी दें। (ग) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक गुना विधानसभा में कितने पौधे लगाये गये पौधों की संख्या, स्थान एवं पौधारोपण में कितनी राशि व्यय की गयी वर्ष वार एजेन्सीवार जानकारी देवें। (घ) वन मंडल गुना अंतर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में विभाग के द्वारा विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल कितनी राशि जारी की गयी? जारी की गई राशि का वन मंडल द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र योजनावार वर्षवार देवें। (ड.) वन मंडल गुना में अधिग्रहित वाहनों के संबंध में प्रचलित नस्ती की प्रति देवें एवं अनुबंध के नियमों को देखकर बताएं कि कितने वाहन नियमानुसार अनुबंधित नहीं है, उन्हें कब तक हटा लिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में अतिक्रमणकारियों द्वारा 8.748 हेक्टेयर वनक्षेत्र की अवैध कटाई कर अतिक्रमण किया है। (ख) उत्तरांश ''क''के अतिक्रमणकारियों पर वर्ष 2022 में प्रकरण दर्ज करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (घ) वनमंडल गुना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कुल राशि रूपये 30,19,06,061/- जारी की गई। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ड.) प्रश्नांश में चाही गई प्रचलित नस्ती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। अनुबंध के अनुसार 05 वाहन अनुबंधित नहीं हैं, किन्तु वाहन टैक्सी परमिट है। अधीनस्थों से नियमानुसार अनुबंध कर अनुबंध पत्र चाहे गये हैं। नियमानुसार अनुबंध पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर वाहनों को हटाया जावेगा।
सामग्री खरीदी की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
135. ( क्र. 3193 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र गुढ़ (जिला रीवा) में विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये कार्यों का विवरण योजनावार, मदवार, व्यंय राशि की जानकारी, कार्यों के जारी कार्यादेशों की प्रति, पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों का विवरण, कार्यों से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी, पूर्ण कार्यों हेतु जारी पूर्णता प्रमाण पत्र, अपूर्ण कार्यों हेतु अपूर्णता का कारण सहित उपलब्ध करायें। (ख) विभाग द्वारा रीवा जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम के नाम, स्थान, बच्चों की संख्या, पदस्थ स्टाफ की जानकारी, पदस्थापना दिनांक सहित उपलब्ध करायें। प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु क्या-क्या सामग्री किस माध्यम से खरीदी गई? सामग्री से संबंधित क्रय आदेशों एवं किये गये भुगतान की जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार।
शासकीय आवास में सेवानिवृत्त कर्मचारी का निवासरत रहना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
136. ( क्र. 3209 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी अंतर्गत शासकीय आवासों में कितने अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी निवासरत है? (ख) यदि सेवानिवृत्त कर्मचारी निवासरत है, उन्हें कब तक शासकीय आवास की सुविधा मिलती रहेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड बैतूल के अंतर्गत प्रश्नांश (क) के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कन्या उत्कृष्ठ उ.मा.वि. के भवन निर्माण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
137. ( क्र. 3210 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा घोड़ाडोंगरी के शाहपुर में शासकीय उत्कृष्ठ कन्या उ.मा.वि. भवन कब और कितनी राशि का स्वीकृत हुआ? (ख) क्या वर्तमान में उक्त भवन निर्माण पूर्ण हुआ है? यदि नहीं तो कब पूर्ण किया जावेगा? विलंब होने के क्या कारण हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी के शाहपुर ब्लॉक में शासकीय उत्कृष्ट कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के निम्न कार्य हेतु मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल से राशि रूपये 143.00 लाख दिनांक 22-07-2016 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। (ख) जी-नहीं। पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कार्य प्रारम्भ नहीं कराया जा सका।
उच्च पद का प्रभार दिया जाना
[जनजातीय कार्य]
138. ( क्र. 3211 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों को पात्रतानुसार उच्च पद का प्रभार दिया जाना है? (ख) यदि हाँ तो क्या शिक्षा विभाग द्वारा 01 वर्ष पूर्व से उच्च पद प्रभार दिये जा रहे है? जनजातीय कार्य विभाग में वर्तमान तक कितने शिक्षक/कर्मचारियों को उच्च प्रभार पद आदेश प्रसारित हुये है? (ग) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया कितने दिनों में पूर्ण कर ली जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश शिक्षा विभाग से संबंधित है। जनजातीय कार्य विभाग में वर्तमान तक 1431 शिक्षक संवर्ग के एवं 230 कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार दिये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये है। (ग) उच्च पदभार देने की प्रक्रिया सतत् है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जिला शहडोल में मत्स्य पालन विभाग की जानकारी
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
139. ( क्र. 3229 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल अंतर्गत जनपद पंचायत बुढ़ार, गोहपारू, सोहागपुर में मत्स्य पालन विभाग के अंतर्गत कहां-कहां मत्स्य पालन केन्द्र विकसित किये गये हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार मत्स्य पालन विभाग अंतर्गत किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाती है तथा उक्त योजना का लाभ किस प्रकार के हितग्राही को दिया जाता है? मत्स्य पालन केन्द्र विकसित किये जाने हेतु नियमावली सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" अनुसार मत्स्य पालन हेतु जिले के किन-किन विकासखण्डों में कितने-कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तथा वर्तमान में कितने हितग्राहियों के द्वारा मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जिन हितग्राहियों को मत्स्य पालन हेतु लाभान्वित किया गया था, तो उनमें से कितने हितग्राहियों के द्वारा मत्स्य पालन किया जा रहा है और यदि नहीं तो क्यों एवं इसके कौन जिम्मेदार हैं? विभाग दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -स अनुसार। (घ) सभी संबंधित हितग्राहियों द्वारा मत्स्य पालन किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।
आश्रमों, छात्रावासों एकलव्य शाला कन्या शिक्षा परिसर और क्रीड़ा परिसर
[जनजातीय कार्य]
140. ( क्र. 3239 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु संचालित आश्रमों, छात्रावासों, एकलव्य शालाओं, कन्या शिक्षा परिसर और क्रीड़ा परिसर के लिए किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? बतलायें। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन आश्रमों, छात्रावासों, एकलव्य विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर और क्रीड़ा परिसर के रखरखाव, मरम्मत व सुधार कार्य, सामग्री की खरीदी आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में निवास एवं अध्ययनरत कितने-कितने छात्र-छात्राओं के खानपान, भोजन व्यवस्था आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। भोजन व्यवस्था आदि की जांच कब-कब किसने की हैं। कहां-कहां पर क्या-क्या कमियां, अव्यवस्था व शिकायतें पाई गई और इसके लिये दोषी किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कहां-कहां पर क्या-क्या सुधार किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पद संरचना के तहत कितने-कितने पद भरे/रिक्त हैं। कौन-कौन से पद रिक्त हैं एवं क्यों? किन-किन पदों के अतिरिक्त प्रभार में कब से कौन-कौन पदस्थ हैं। इनका मूल पद एवं स्थापना कब से कहां पर हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है।
गौ संवर्धन योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
141. ( क्र. 3240 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन विभाग जिला जबलपुर को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित गौसंवर्धन एवं अन्य किन-किन योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी व्यय हुई। कितनी राशि का उपयोग नहीं किया एवं क्यों? बतलायें। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन योजनाओं में सामग्री की खरीदी, मुद्रण योजनाओं के प्रचार प्रसार, शिविरों के आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? हितग्राही मूलक किन-किन योजनाओं में लाभांवित कितने कितने हितग्राहियों को अनुदान की कितनी राशि दी गई एवं कितनी राशि नहीं दी है एवं क्यों? इसका सत्यापन कब किसने किया है? बतलावें। (ग) आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना में कितने हितग्राहियों को कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं अनुदान की किस मान से कितनी राशि दी गई हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं सामान्य वर्ग के कितने कितने हितग्राहियों को परियोजना लागत का किस मान से मार्जिन सहायता राशि, अनुदान एवं ऋण पर ब्याज प्रतिपूर्ति की कितनी-कितनी राशि दी गई? इसका सत्यापन किसने किया? क्या शासन इसमें वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग, भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? बतलायें।
राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के अनुसार है। आवंटित राशि का समुचित उपयोग किया गया है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक योजनाओं में सामग्री की खरीदी मुद्रण योजनाओं के प्रचार प्रसार,शिविरों के आयोजन पर राशि रूपए 1.80 लाख व्यय हुई। हितग्राही मूलक योजनाओं में व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। हितग्राहियों को राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की जाती है एवं सत्यापन समय-समय पर क्षेत्रीय संस्था प्रभारी द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। हितग्राहियों को राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की जाती है एवं सत्यापन की कार्यवाही समय-समय पर क्षेत्रीय संस्था प्रभारी द्वारा की जाती है। वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना के कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
142. ( क्र. 3249 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा के अंतर्गत किस-किस ग्राम में पानी की टंकी बनाया जाना स्वीकृत है? किस-किस गांव में टंकी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं किस-किस गांव में पूर्ण होना है जल आपूर्ति प्रारंभ कब से हो जायेगी जानकारी देवें। (ख) किस-किस गांव में निर्माण कार्य अपूर्ण है एवं किस-किस गांव में टंकी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है कब तक पूर्ण की जायेगी जानकारी देवें। जौरा विधानसभा में प्रश्न दिनांक तक नल से जल कितने घरों में आने लगा है जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश में कौन-कौन से जिले ऐसे जिले हैं जहां पूर्ण रूप से हर घर में नल से जल की सप्लाई चालू हो गई है एवं प्रदेश के और ऐसे कितने जिले हैं जिन्हें सरकार जल्द ही कार्य पूर्ण करेंगी जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है कि निवाड़ी जिले को म.प्र. में दूसरा ऐसा जिला शासन ने घोषित किया है जहां पूरे जिले के हर घर में नल से जल की सप्लाई हैं? (ड.) क्या निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर नगर परिषद के वार्ड क्रं. 13 (नयाखेरा व पारपछीत) में नल-जल की पाइप लाइन ही नहीं डाली गई? जब जिले के कई गांव मोहल्लों में नल-जल की पाइप लाइन ही नहीं डाली गई तो पूरे जिले को 100 प्रतिशत नल से जल करने का जिला कैसे घोषित किया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जल जीवन मिशन के प्रावधानों के अनुसार बुरहानपुर एवं निवाड़ी 'हर घर जल' जिले हो चुके हैं, प्रदेश के शेष जिलों को पूर्ण आच्छादित करने के लिए नल-जल योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। (घ) जी हाँ। (ङ) जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र को नल-जल योजनाओं से हर घर जल उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है, इसके अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में नल-जल योजनाएं प्रावधानित नहीं हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
143. ( क्र. 3257 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय एवं अशासकीय मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को प्रवेश लेने वाले अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश लेकर अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को कितनी-कितनी राशि की छात्रवृत्ति किस-किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की गई? (ग) क्या यह सही है कि उक्त पात्र छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है? यदि नहीं तो किस-किस वित्तीय वर्ष में छात्रवृत्ति दी गई और किस-किस वर्ष में किन-किन कारणों से नहीं दी गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाले की जांच रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी जाना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
144. ( क्र. 3258 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1179 उत्तर दिनांक 08.03.2018 के संदर्भ में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं की जांच हेतु गठित जांच आयोग के प्रतिवेदन पर मंत्रिपरिषद समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 11.07.2013 को क्या सामाजिक न्याय विभाग को भेजा गया था? (ख) यदि हाँ तो विभाग द्वारा उक्त प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई और सामान्य प्रशासन विभाग को उक्त प्रतिवेदन अपनी अनुशंसा के साथ कब भेजा गया? यदि विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन में अनियमितताओं के संबंध में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट मंत्रि परिषद समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 06/07/2013 सामान्य प्रशासन विभाग को दिनांक 11/07/2013 को सौंपा गया है। पुन: सामाजिक न्याय विभाग के पत्र क्रमांक/6160 दिनांक 26/09/2013 द्वारा मंत्रि-परिषद संक्षेपिका क्रमांक/एफ 2-6/2013/26-2 दिनांक 08/08/2013 को सौंपी गई है। पावती पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। शेष कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाना है।
योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
145. ( क्र. 3270 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में नवम्बर 2023 से प्रश्नांकित अवधि तक पीएम जनमन योजनाओं से सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर पोषण, पहुँच मार्ग, दूरसंचार कनेक्टिविटी और पीवीटीजी के घरों और आवासों के लिए स्थायी आजीविका उपलब्ध करवाने हेतु विदिशा जिले के किन-किन ग्रामों में, बस्तियों में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य स्वीकृत किये गये? जिले में विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, की छायाप्रति उपलब्ध करावें। स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण? कितने अपूर्ण? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त निर्माण कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियाँ पाई गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें तथा कमियों के लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? बतावें। (घ) विदिशा जिले के पी.जी.वी.टी. परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ बस्तियों के विकास हेतु किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब ग्रामों का दौरा किया गया? पंचायतवार, विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) विदिशा जिले तथा सिरोंज एवं लटेरी अनुविभाग में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएँ एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य संचालित है? योजनावार, निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>एक अनुसार है। (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>एक पर एवं स्वीकृत निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। निरीक्षण के दौरान कोई कमियां नहीं पाई गई अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>तीन अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट/span>चार अनुसार है।
वन एवं पर्यावरण विभाग के नियमों का पालन सुनिश्चित कराना
[वन]
146. ( क्र. 3281 ) श्री हेमंत कटारे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण के संरक्षण/संवर्धन हेतु अभ्यारण क्षेत्र में जलीय जंतुओं का शिकार आवागमन, परिवहन, वनोंपज औषधीय जड़ी-बूटी के अवैध व्यापार एवं रेत के उत्खनन के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है? ग्वालियर वन वृत्त के अंतर्गत अभ्यारण क्षेत्र के वन क्षेत्रपाल से वन मण्डलाधिकारी की विगत तीन वर्ष की मासिक डायरी की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये। (ग) विगत तीन वर्षों में जिले के अभ्यारण क्षेत्र में अवैध रूप से जलीय जंतुओं का शिकार, आवागमन, परिवहन, वनोंपज औषधीय जड़ी-बूटी के व्यापार एवं रेत के उत्खनन हेतु किन-किन उल्लंघनकर्ता व्यक्त्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई? नाम पता सहित पूर्ण विवरण दें। (घ) ग्वालियर वन वृत्त, सामाजिक वानिकी वृत्त ग्वालियर एवं कार्य आयोजना ग्वालियर में फारेस्टर से लेकर उप वन मण्डलाधिकारी तक के कितने अधिकारी अपने गृह जिले में पदस्थ है? पूर्ण जानकारी दी जाये। (ड.) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण की सुरक्षा के लिये पिछले पांच वर्षों में क्या-क्या कदम उठाये गये जानकारी दें। यदि नहीं उठाये गये तो उसके लिये जिम्मेदार कौन है?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के संरक्षण/संवर्धन हेतु अभयारण्य क्षेत्र में जलीय जंतुओं का शिकार, आवागमन, परिवहन, वनोंपज औषधीय जड़ी-बूटी के अवैध व्यापार एवं रेत के उत्खनन के संबंध में शासन के द्वारा निर्धारित विधि नियम भारतीय वन अधिनियम, 1927 वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 एवं जैवविविधता अधिनियम, 2002 हैं। उक्त अधिनियमों में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत आने वाले नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हां, ग्वालियर वृत के अंतर्गत आने वाले अभयारण्य क्षेत्र के वनमंडल ग्वालियर एवं मुरैना के वन क्षेत्रपाल से वनमंडलाधिकारी की विगत 3 वर्ष, मई 2021 से मई 2024 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) ग्वालियर वृत के अंतर्गत आने वाले अभयारण्य क्षेत्र के वनमंडल ग्वालियर एवं मुरैना के अभयारण्य में विगत 3 वर्षों में जलीय जंतुओं का शिकार, आवागमन, परिवहन, वनोंपज औषधि जड़ी-बूटी के अवैध व्यापार एवं रेत के उत्खनन के पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। ">(घ) ग्वालियर वन वृत्त, सामाजिक वानिकी वृत्त ग्वालियर एवं कार्य आयोजना ग्वालियर में फॉरेस्ट से लेकर उप वनमंडलाधिकारी तक जिले में पदस्थ अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है।
जनजातीय कार्य विभाग भिण्ड द्वारा सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
147. ( क्र. 3282 ) श्री हेमंत कटारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा भिण्ड जिले के अंतर्गत विगत दो वर्ष में विभागीय मद से कौन-कौन से सड़क/भवन निर्माण संबंधी कार्य किये गये? कार्य का नाम, लागत राशि भुगतान दिनांक, निर्माण एजेन्सी का नाम आदि सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाय। (ख) विगत दो वर्षों में जनजातीय कार्य विभाग भिण्ड द्वारा कौन-कौन सी सामग्रियों की खरीदी की गई? वित्त वर्षवार सामग्री व राशि सहित जिस फर्म से सामग्री क्रय की उसके विवरण आदि की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त खरीदी नियमानुसार विज्ञप्ति जारी कर की गई? यदि हां, तो यह विज्ञप्तियां किन-किन समाचार-पत्रों में किस दिनांक को प्रकाशित हुई यदि नहीं तो क्या इसके लिये कौन उत्तरदायी है व उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं। (घ) जिले में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ छात्रावास संचालित किये जा रहे? विगत दो वर्ष में छात्रावासों में निवासरत छात्रों/छात्राओं की वर्षवार संख्या सहित, छात्रावास के संचालन हेतु खरीदी गई सामग्री/राशि का वर्षवार विवरण सहित जानकारी दी जाये? क्या खरीदी प्रक्रिया में भण्डार क्रय नियम का पालन हुआ? छात्रावास संचालन में हुई अनियमितताओं के संबंध में उक्त अवधि में प्राप्त शिकायत व उस पर हुई कार्यवाही का भी विवरण दिया जाये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा भिण्ड जिले के अन्तर्गत विगत 02 वर्षों में बस्ती विकास योजनान्तर्गत सी.सी.रोड संबंधी कार्यों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भवन निर्माण संबंधी कार्य उक्त वर्षों में नहीं कराये गये है। कार्य का नाम, लागत, भुगतान दिनांक एवं विधानसभा क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जैव चिकित्सीय कचरे के निष्पादन हेतु अनुमति प्रदान किया जाना
[पर्यावरण]
148. ( क्र. 3289 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेन्ट प्लान्ट कितने और कहां पर है? फर्म का नाम, संचालक का नाम, पता, मो.नं. प्रोजेक्ट की लागत, कौन से मशीने, जल-थल-वायु के लिये की सुरक्षा के उपाय यहां पर किये गये है, प्रोजेक्ट के लिये क्या नियम शर्तों, अनुमतियों का पालन किया जा रहा हैं ब्यौरा दें। (ख) सीबीएमडब्ल्यूटीएफ जिन-जिन जिलो में है वहां जैव चिकित्सीय कचरे का निष्पादन किस प्रकार हो रहा है? निष्पादन की मॉनीटरिंग विभाग द्वारा कब और किस स्तर के अधिकारी के द्वारा किन-किन मापदण्डों के आधार पर की गई? इन प्लान्टों में क्या कमी पाई और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब और क्या की गई? (ग) जैव चिकित्सीय कचरे के निष्पादन में शा.एवं निजी चिकित्सालयों की जिम्मेदारी किस प्रकार है? क्या प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में जैव चिकित्सीय कचरे के निष्पादन के उपाय स्वंय स्थापित है अथवा इनके द्वारा निष्पादन प्लान्टों को वेस्ट दिया जा रहा है? यह किस दर पर, कितनी मात्रा में कितनी अवधि में कितने स्थानों में कितनी संस्थाओं (शा. निजी चिकित्सालय एवं क्लीनिक) से किस प्रकार के वाहनों से कितनी-कितनी दूरी से एकत्र किये जा रहे है? (घ) प्रदेश में कितने एसटीपी, इटीपी, भष्मक प्लान्ट लगाने की अनुमति विभाग ने कब और किस, प्रक्रिया तथा नियमों के तहत किन-किन को कब-कब कितनी अवधि के लिये दी है? (ड.) उपरोक्त के संबंध में विभाग के कौन से अधिकारी/वैज्ञानिक की क्या भूमिका, कितना शुल्क प्राप्त करके कितनी अनुमति जारी की गई सहित अनुमति प्रमाण की प्रति सहित जिलेवार गौशवारा बनाकर अधिकारी/वैज्ञानिक का नाम, पदनाम, कब से एक ही स्थान पर पदस्थ, किसने कितनी अनुमति कब और किस आधार पर प्रदान की सहित बतायें।
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन्य प्राणियों के प्रभावी नियंत्रण
[वन]
149. ( क्र. 3298 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) बाघ गणना 2022 के आकड़ों के आधार पर सिवनी जिले में कितने बाघ है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में बांधों के संरक्षण सुरक्षा में कार्यरत वन मण्डलों द्वारा क्या उपाय किये जा रहे है? (ग) बाघ या अन्य वन्य प्राणियों द्वारा पशुहानि जनघायल, जनहानि की घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण के लिए क्या उपाय किये जाते है? (घ) क्या मानव वन्यप्राणी की घटनाओं से बचने के लिए विभाग द्वारा कोई उपाय किये गये?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) बाघों की उपस्थिति के जिलेवार आंकड़े जारी नहीं किये गये हैं। बाघ गणना 2022 के आंकड़ों के आधार पर पेंच लैंडस्कैप में 123 बाघ अनुमानित हैं। (ख) विधान सभा क्षेत्र में बाघों के संरक्षण सुरक्षा हेतु वनक्षेत्र के समीप निवासरत ग्रामीणों को समझाईश, पैदल गश्ती, रात्रि गश्ती, जलस्त्रोतों का विकास एवं संरक्षण, वन अपराध प्रकरणों की समीक्षा, गुप्त सूचना एवं मुखबिर तंत्र का विकास, श्वान दस्ता का उपयोग, विभिन्न विभागों जैसे पुलिस, विद्युत, शासकीय अशासकीय विभागों/अंतर्राज्यीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यवाही जैसे उपाये किये जाते हैं। (ग) एवं (घ) बाघ या अन्य वन्यप्राणियों द्वारा पशुहानि, जनघायल, जनहानि की घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण हेतु ग्रामों के समीप बाघों की उपस्थिति ज्ञात होने पर ग्रामीणों को ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से सूचना प्रदान की जाती है इसके साथ ही ग्रामीणों के मध्य वन्यप्राणियों से बचने हेतु ग्रामों में व्यापक प्रचार-प्रसार कर उन्हें सुरक्षात्मक उपाय बताये जाते हैं।
नल-जल योजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
150. ( क्र. 3299 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र केवलारी सहित सिवनी जिले में कितनी नल-जल योजना कितनी स्थल नल-जल योजना सहित स्वीकृत है? विकासखण्ड वार जानकारी बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितनी नल-जल योजना वर्तमान में संचालित है? कितनी बंद है, बंद होने के कारण एवं तिथि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) बंद नल-जल योजनाओं को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? कृपया तिथि बतावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत 752 ग्रामों के लिए नवीन/रैट्रोफिटिंग एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं, विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) वर्तमान में 462 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं संचालित हैं, 27 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं बन्द हैं, स्वीकृत 263 नवीन एकल ग्राम नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं, एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के संदर्भ में शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) बन्द नल-जल योजनाओं को चालू किये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
विकास एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी
[पर्यावरण]
151. ( क्र. 3309 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण विभाग एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड नियंत्रण की जानकारी में रतलाम,उज्जैन जिले में किस नाम से जल प्रदूषणकारी उद्योग स्थापित है? उन उद्योगों के नाम, संचालकगणों के नाम, उद्योगों द्वारा निर्मित सामग्री की जानकारी पृथक-पृथक देवें एवं उक्त उद्योगों से अपशिष्ट के रूप में निकलने वाले जल को किस नदी या नालों में प्रवाहित किया जाता है, जिसकी जानकारी विभाग को है? कुल कितने लीटर जल अपशिष्ट के रूप में प्रवाहित किया जाता है? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उद्योगवार एवं जिलेवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल प्रदूषणकारी उद्योगों में से कितने उद्योगों के विरुद्ध विगत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? बतावें। कितने उद्योगों को सील किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल प्रदूषणकारी उद्योगों में से कितने उद्योगों के द्वारा Zero effluent discharge हेतु जल शोधन संयंत्र कितनी क्षमता के स्थापित किए गए हैं तथा वर्तमान में उक्त उद्योगों में से किन-किन उद्योगों में शून्य जल निस्तारण की स्थिति है? पृथक पृथक बतावें। (घ) क्या रतलाम एवं उज्जैन जिले में स्थापित जल प्रदूषणकारी उद्योगों से होने वाले जल प्रदूषण रोकने हेतु उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर प्रत्येक उद्योग में शून्य जल निस्तारण की व्यवस्था हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-7 एवं 8 अनुसार है। (घ) उद्योगों द्वारा दूषित जल के उपचार हेतु संयंत्र (ई.टी.पी.) स्थापित किये गये हैं तथा उपचारित दूषित जल का पुर्नउपयोग उत्पादन प्रक्रिया, कूलिंग, वृक्षारोपण तथा बागवानी कार्यों में किया जाता है। उद्योगों द्वारा शून्य निस्त्राव (जीरो एफ्ल्युएन्ट डिस्चार्ज) की स्थिति का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदूषणकारी उद्योगों की जानकारी
[पर्यावरण]
152. ( क्र. 3310 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम एवं जिला उज्जैन के संदर्भ में विभाग एवं मध्यपदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जानकारी में वर्तमान में संचालित उद्योगों को जल एवं वायु प्रदूषण की सम्मतियां/अनुमतियां उद्योग संचालन हेतु दी गई हैं। उक्त जल एवं वायु प्रदूषण के संबंध में विभाग द्वारा एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई सभी सम्मति आदेशों की नवीनतम छायाप्रतियां पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों में से किन-किन उद्योगों के विरुद्ध विभाग एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संबंधित उद्योगों के विरुद्ध जल एवं वायु प्रदूषण फैलाने के संबंध में विगत तीन वर्षों में नोटिस दिए गए एवं सक्षम न्यायालय में विभागीय रूप से परिवाद प्रस्तुत किए गए हैं। संपूर्ण पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला उज्जैन के ग्रेसिम एवं बिड़ला ग्रुप के द्वारा संचालित सभी उद्योगों द्वारा फैलाए जा रहे जल एवं वायु प्रदूषण फैलाने की केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एजेंसी से जांच कराकर सभी उद्योगों को सील करेंगे। यदि हाँ तो कब तक निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या उक्त जिलों रतलाम एवं उज्जैन में जल एवं वायु प्रदूषण से होने वाली मानवीय आकस्मिक मौतों की जांच कराएंगे। साथ ही जल एवं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कोई पर्यावरण विशेषज्ञों की जांच कमेटी गठित करेंगे। यदि हाँ तो कब तक निश्चित समयावधि बतावें, यदि नहीं तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब'अनुसार है। (ग) ग्रेसिम एवं बिड़ला ग्रुप के द्वारा जिला-उज्जैन में संचालित सभी उद्योग मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदत्त जल एवं वायु सम्मतियों में वर्णित शर्तों के अनुरूप प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित कर संचालित हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिलाउज्जैन एवं जिला-रतलाम से प्राप्त जानकारी अनुसार जल एवं वायु प्रदूषण से होने वाली मानवीय आकस्मिक मौतों की जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खन्न की उच्चस्तरीय जांच
[वन]
153. ( क्र. 3322 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंडल मुरैना के वन परिक्षेत्र मुरैना के बीट शनीचरा एवं मवई में भारी मात्रा में पत्थर, खण्डा, फर्सी (ग्राम पहाड़ी) का अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) क्या विभाग वन परिक्षेत्र मुरैना में पदस्थ वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा मुरैना रेंज में कराने गये अवैध उत्खनन की विस्तृत जाँच राज्य स्तरीय दल से कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित क्षेत्र में अवैध उत्खननकर्ताओं का सहयोग कर शासन को हानि पहुंचाने वाली वन परिक्षेत्राधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। वनमंडल मुरैना के वन परिक्षेत्र मुरैना की बीट शनीचरा एवं मवई (ग्राम पहाड़ी) में पत्थर, खण्डा, फर्शी के अवैध उत्खनन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु बीट शनीचरा एवं मवई (ग्राम पहाड़ी) के अंतर्गत वन चौकी स्थापित की गई है। चौकी पर पदस्थ कर्मचारियों एवं वन परिक्षेत्र मुरैना के कर्मचारियों द्वारा सामुहिक रूप से सघन गश्ती कर अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी वन चौकी शनीचरा के अंतर्गत बीट शनीचरा एवं मवई में समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण किया गया है। वन कर्मचारियों द्वारा गश्ती के दौरान विगत 03 वर्षों में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध 76 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) वन परिक्षेत्र मुरैना में पदस्थ वन परिक्षेत्राधिकारी की अवैध उत्खनन में संलिप्तता का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलकूपों के संधारण कार्य में लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 3323 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंडों में वर्तमान में कितने हैंडपंप नलकूप स्थापित हैं? इनमें से कितने चालू हैं व कितने बंद हैं? ग्रामवार सूची दें। (ख) बंद या बिगड़े हैंडपंपों के संधारण की क्या व्यवस्था है? क्या इस हेतु विभाग के पास तकनीकी अमला व आवश्यक सामग्री उपलब्ध है? अथवा किसी निजी एजेंसी से ठेके पर संधारण कार्य कराया जाता है। विगत छः महीनों में कहां-कहां के हैंडपंपों का सुधार कार्य किया गया है विवरण दें। (ग) क्या सिलवानी व बेगमगंज में विभाग के 70 प्रतिशत से ज्यादा हैंडपंप छोटी मोटी खराबियों के कारण बंद पड़े है और विभाग इन्हें सुधार नहीं पा रहा है? क्या वृहद अभियान चलाकर विभाग बिगड़े नलकूपों का सुधार कार्य करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) हैंडपंप संधारण का कार्य विभाग के टेक्नीशियन (हैंडपंप) करते हैं, सामग्री की व्यवस्था विभाग द्वारा की जाती है, जिन विकासखंडों में स्थापित हैंडपंपों के अनुपात में पर्याप्त हैंडपंप टेक्नीशियन (हैंडपंप) उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ निविदा प्रक्रिया के माध्यम से आउटसोर्स एजेंसी का चयन कर उसके माध्यम से मानव संसाधन एवं संधारण वाहन इत्यादि का प्रबंध किया जाता है। विभाग के पास पर्याप्त संधारण सामग्री उपलब्ध है, प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में विगत 06 माहों में सुधारे गए हैंडपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी नहीं, विभाग द्वारा नियमित रूप से सुधार कार्य किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजना
[जनजातीय कार्य]
155. ( क्र. 3346 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति लगातार जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जा रही है? अगर प्रश्न का उत्तर हाँ है तो वर्ष 2020, 2021, 2022, 2023 एवं प्रश्न दिनांक वर्ष 2024 तक कौन-कौन से संवर्ग, पदों की कितनी-कितनी नियुक्तियां वर्षवार की जा चुकी हैं? कृपया वर्षवार, पदवार, संख्यावार बताएं। (ख) क्या यह सही है कि जिला टीकमगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के कुछ ऐसे शिक्षक हैं जो जनजातीय कार्य विभाग में छात्रावास अधीक्षकों के पदों पर कार्य कर रहे हैं? कौन-कौन और कब से? कृपया उनके नाम, पिता/पति का नाम, जाति पता सहित जानकारी दें। क्या यह सही है कि जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण टीकमगढ़ ने स्पष्ट विभाग को लिखकर भेजा है कि कार्यों में लापरवाही घोर अनियमितताओं के कारण इनकी विभाग प्रतिनियुक्ति निरस्त कर स्कूल शिक्षा विभाग मूल विभाग में भेजा जावें और विभाग द्वारा पहले दो वर्ष के लिए और अभी दो वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति बढ़ा दी गई है? क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जब प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में नियुक्तियां हो चुकी हैं, फिर भी कार्यों में अनियमितता करने वाले ऐसे छात्रावास अधीक्षकों को जनजातीय कार्य विभाग से पुनः मूल स्कूल शिक्षा विभाग टीकमगढ़ में भेजा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? कृपया स्पष्ट बताएं इन्हें कब तक हटा दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जिले में कुल कितने छात्रावास हैं, वह कब खोले गए थे? उन छात्रावासों में कब से कौन-कौन छात्रावास अधीक्षक कार्यरत है? इसमें किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी एवं अन्य की शिकायत लंबित है? कब तक अनियमितताएं करने वाले अधीक्षकों को हटाकर मूल विभाग में भेजने शासन आदेश कर देगा? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। जिला संयोजक टीकमगढ़ द्वारा 03 शिक्षकों को 02 वर्ष की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के कारण प्रतिनियुक्ति समाप्त करने हेतु लिखा गया, परन्तु लापरवाही एवं घोर अनियमितता का उल्लेख नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। शेष शासन से संबंधित। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। कोई शिकायत लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के खेतों पर विद्युतीकरण कराना
[जनजातीय कार्य]
156. ( क्र. 3349 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कार्य विभाग में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक मद में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि भेजी गई और कौन-कौन से कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई हैं? कृपया वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? क्यों जब प्रारंभ ही नहीं हुए है तो इनकी एजेंसी बदली जावेगी तो कब तक? कब तक अन्य विभाग एजेंसी बदलकर विभाग कार्य प्रारंभ करेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्या किसानों के खेतों पर पंप ऊर्जीकरण हेतु शासन ने जिले के लिए राशि स्वीकृत की थी तो कितनी-कितनी और कौन-कौन से किसानों को इस वर्ग के किसान के किस ग्राम, जनपद के किस पटवारी हल्कों, तहसीलों के कौन-कौन किसानों को खेतों पर विद्युत लाईन खिंचवाकर विभाग ने उन्हें लाभ देने का कार्य किया है? कृपया संपूर्ण जानकारी दें। प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी फाइलें किसानों की स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित रखी है? कब तक राशि जिले में भेजी जावेगी? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक स्वीकृत कार्य प्रारंभ कराए जावेंगे एवं कब तक किसानों के खेतों पर विद्युतीकरण कराने जिले से प्रस्ताव मांगकर राशि भेजी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में जनजातीय कार्य विभाग को प्रश्नाधीन अवधि में आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण एवं प्रारंभ है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ''जी नहीं'' प्रश्नाधीन अवधि में पंप ऊर्जीकरण के कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं हुए है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जिले को योजनांतर्गत राशि प्राप्त होती है, राशि प्राप्त होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर जिले को योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जायेगें समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आरक्षण तथा आरक्षित पदों में संशोधन एवं ब्रिकी खरीदी
[वन]
157. ( क्र. 3468 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में लघुवनोंपज समितियों का गठन 1989-1990 में हुआ था जिसमें इन समितियों में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित था। यदि हाँ तो क्या वर्तमान सरकार द्वारा नियमों में संशोधन कर आरक्षण समाप्त कर दिया गया है? (ख) क्या जुन्नारदेव विधानसभा में 8 लघुवनोंपज समितियां का कार्य क्षेत्र है जिसमें अनुसूचित जनजाति का आरक्षण था। यदि हाँ तो वर्तमान में आरक्षण क्यों समाप्त कर दिया गया है जिससे अनुसूचित जनजातियों के वर्ग के लोगों के हितों को कुठाराघात हुआ है। तो क्या राज्य सरकार पुन: अनुसूचित जनजातियों के वर्ग के लोगों के हितों में कानून में संशोधन कर इसका लाभ आदिवासी वर्ग को दिलायेंगे। यदि हाँ तो कब तक? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा में वर्ष 2022-2023 बम्हनी एवं देलाखारी लघुवनोंपज समिति द्वारा एवं इससे पूर्व 2004 से ऋण निधि से कितना/span>कितना महुआ खरीदा गया एवं उसे विक्रय किया गया जिससे लघुवनोंपज समिति को कितना लाभ एवं कितनी हानी हुई?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, अपितु वर्ष 1988-1989 में जारी समिति की आदर्श उपविधियों में "अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जनजाति का सदस्य ही चुना जावेगा तथा संस्था में अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं होने की स्थिति में पंजीयक की पूर्वानुमति से अन्य वर्ग के व्यक्ति अध्यक्ष चुने जावेंगे" का प्रावधान किया गया था। स्पष्ट है कि पद आरक्षित नहीं है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 में किये गये संशोधन के उपरान्त वर्ष 1996 व 2015 में समिति की आदर्श उपविधियों में उपरोक्त प्रावधान पर संशोधन किये गये हैं। (ख) जी हाँ, आरक्षण के संबंध में "उत्तरांश क अनुसार"। भारत के संविधान में 97वें संशोधन के अनुक्रम में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 व मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम, 1962 में संशोधन किये गये तथा फलस्वरूप वर्ष 2015 में समिति की वर्तमान आदर्श उपविधियों में "प्रबंध समिति द्वारा संस्था के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा संस्थाओं में जिससे कि यह संस्था संबद्व है, प्रतिनिधि भेजने हेतु निर्वाचन का प्रावधान किया गया है।" वर्तमान में कानून में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) जुन्नारदेव विधान सभा में वर्ष 2022-23 या इससे पूर्व में बम्हनी एवं देलाखारी प्राथमिक लघु वनोंपज सहकारी समिति द्वारा ऋण निधि से महुआ नहीं खरीदा गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]
158. ( क्र. 3517 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या राज्य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत आर.ए.एस. के 1, 6 एवं 8 टैंक (90 घन मीटर) के निर्माण किये जाने का प्रावधान है? ">(ख) क्या जिला हरदा में 4 टैंक के आर.ए.एस. बनाए गए हैं? यदि हाँ तो, हितग्राहीवार संख्या बताने का कष्ट करें। (ग) क्या हरदा जिले में आर.ए.एस. निर्माण से पूर्व अनुदान राशि का वितरण किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत नियम विरूद्ध किये गए निर्माण कार्यों एवं अनुदान वितरण संबंधी किये गए भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कोई जांच संधारित की गई है? यदि नहीं तो, कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? उल्लेख करें।
राज्य
मंत्री
(स्वत्रंत
प्रभार), मछुआ
कल्याण एवं
मत्स्य
विकास ( श्री
नारायण सिंह
पंवार ) : क)
जी
हाँ। (ख) जी
हाँ जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार। (ख) जी
नहीं। (घ) एक
शिकायत
प्राप्त हुई
है। परीक्षण
हेतु उप
संचालक मत्स्योद्योग
भोपाल संभाग
भोपाल को
सौंपा गया है।
परिशिष्ट
- "छियालीस"
सोम डिस्टलरीज द्वारा की जा रही पर्यावरणीय क्षति
[पर्यावरण]
159. ( क्र. 3548 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मदिरा के उत्पादन हेतु किसी इकाई या उद्योग समूह को कौन-कौन सी पर्यावरणीय अनुमतियों/ सम्मतियों व दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होता है? रायसेन जिले के सेहतगंज स्थित सोम डिस्टलरीज द्वारा क्या सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर सभी नियम-निर्देशों का पालन किया जा रहा है? विभाग के अधिकारियों ने इस हेतु कब-कब स्थल निरीक्षण कर इनका सत्यापन किया है? (ख) क्या सोम डिस्टलरीज द्वारा शासन द्वारा जारी मापदण्डों का लगातार उल्लंघन किया जाकर निकलने वाले अपशिष्ट से भूमि, समीपी नदी नालों व आसपास के क्षेत्र की हवा को दूषित किया जा रहा है? प्रदूषण नियंत्रण हेतु तय मानकों का पालन न कराये जाने के क्या कारण है? (ग) क्या विभाग उक्त उद्योग द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण के संबंध में विस्तृत समीक्षा कर इनके समाधान के उपायों का पालन सुनिश्चित करायेगा? यदि हां, तो कब तक नहीं तो क्यों?
/span>वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत सम्मति तथा परिसंकटमय अपशिष्ट उत्पन्न होने की दशा में परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट (प्रबंध और सीमापार संचलन) नियम, 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना होता है तथा इनमें दिए गए दिशा-निर्देशों/शर्तों का पालन सुनिश्चित करना होता है। जी हाँ। विगत 3 वर्षों में बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दिनांक 06.06.2022, 09.07.2022, 13.08.2022, 15.10.2022, 11.02.2023, 10.06.2023, 02.10.2023 व 17.06.2024 को उद्योग का निरीक्षण किया जाकर, प्रदत्त सम्मति शर्तों/निर्देंशों के पालनार्थ उद्योग द्वारा की गई कार्यवाही का सत्यापन किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैंडपम्पों का संधारण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
160. ( क्र. 3556 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुन्नौर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्रामों में कितने-कितने शासकीय हैंडपंप स्थापित है? वर्तमान में इनमें से कितने चालू है व कितने खराब हैं? (ख) हैंडपंप संधारण हेतु विभाग किस प्रकार कार्य करता है? क्या इस हेतु विभागीय अमला है अथवा यह कार्य अन्य निजी एजेंसियों से कराया जाता है? क्या इस हेतु पर्याप्त सामग्री व संसाधन विभाग के पास उपलब्ध रहता है? (ग) क्या उल्लेखित क्षेत्र में आधे से ज्यादा हैंडपंप वर्तमान में खराब है अथवा छोटी-मोटी कमियों की वजह से बंद है? क्या विभाग वृहद अभियान चलाकर इन खराब पड़े हैंडपम्पों का संधारण शीघ्र करायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) गुन्नौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों में स्थापित हैंडपंप, वर्तमान में चालू एवं खराब हैंडपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में हैंडपंप संधारण का कार्य विभाग के हैंडपंप तकनीशियनों के माध्यम से कराया जा रहा है एवं आवश्यकतानुसार आउटसोर्सिंग एजेंसियों (निजी संस्थाओं) से मानव संसाधन एवं संधारण वाहन लिए जा रहे हैं। जी हाँ। (ग) जी नहीं। विभाग में हैंडपंप संधारण के लिए सतत् संधारण प्रक्रिया संचालित है, जिसमें निरंतर कार्य किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धार जिले में वृक्षारोपण
[वन]
161. ( क्र. 3833 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) धार जिले में वर्ष 2017 -18 में वन विभाग में किन-किन योजनांतर्गत कार्य कराया गया? किन-किन योजनाओं में कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कितना व्यय हुआ? योजनावार स्वीकृत राशि एवं व्यय की जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2017-18 में जो वृक्षारोपण किया गया उसमें कितने पौधे लगाने का लक्ष्य था? क्या वह पूरा हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? इसमें जितने पौधे लगाये गये थे, उनमें से कितने जीवित और कितने मृत है? यदि मृत हैं तो क्यों? क्या राशि का दुरूपयोग किया गया? इसमें लिप्त जो भी अधिकारी/कर्मचारी है? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 में धार वनमंडल में 1813630 पौधे लगाने का लक्ष्य था। जी हाँ। कुल रोपित पौधे संख्या 1813630 में से कुल 777607 पौधे जीवित हैं तथा 1036023 पौधे मृत हैं। प्राकृतिक कारणों से पौधे मृत हुए हैं। जीवित पौधों का प्रतिशत राज्य सरकार के मापदण्ड अनुसार होने से राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनजातीय विरासत के संरक्षण का कार्य
[जनजातीय कार्य]
162. ( क्र. 4073 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय वर्ग की कौन-कौन सी जाति मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों/स्थानों में सामान्यत: पायी जाती हैं और जनजातीय वर्ग की विरासत और परम्पराओं के संरक्षण के क्या-क्या कार्य शासन/विभाग द्वारा किस प्रकार किए जा रहा हैं? (ख) मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्ग के गौरव महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने और उनकी अक्षुण्य बनाए रखने के लिए शासन/विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ प्रतिमाओं और संग्रहालयों की स्थापना का कार्य किया गया हैं? (ग) सार्वजनिक तौर पर महापुरुषों की प्रतिमा स्थापना के लिए शासन/विभाग के क्या-क्या नियम कब से लागू हैं? क्या इन नियमों को सरल किया जाएंगा? हाँ, तो कैसे और कब तक? नहीं, तो क्यों? सार्वजनिक तौर प्रतिमास्थापना की स्वीकृति के नियमों को जटिल बनाए रखने का क्या औचित्य है? (घ) कटनी-जिले में जनजातीय वर्ग में अपने गौरव की स्मृतियों एवं विरासत और परम्पराओं के संरक्षण के लिए क्या शासन स्तर से कोई कार्य किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य कब-कब किए गए और इस विषय में कार्य करने की शासन/विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण बताइये। यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश /span>क/span> से /span>घ/span> के तहत जनजातीय वर्ग की गौरवशाली परंपरा को जानने और महापुरुषों से प्रेरणा लेने के लिए शासन/विभाग द्वारा सांस्कृतिक, शिक्षा, स्मारक/ संग्रहालय निर्माण किए जाने एवं प्रतिमा स्थापना के नियमों को सरल करने पर विचार करेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।