मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2023
सत्र
बुधवार, दिनांक 12 जुलाई, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सूरजपुरा
वनखंड में शामिल
निजी भूमि.
[वन]
1. ( *क्र. 878 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर के समक्ष सूरजपुरा वनखंड में किस ग्राम की कितनी भूमियों से संबधित भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच का प्रकरण कब से लंबित है? लंबित प्रकरण में बताई गई भूमि में से किस खसरा नं. का कितना रकबा वर्तमान में किस किसान का नाम भू-स्वामी, पट्टाधारी, अहस्तांतरणीय दर्ज है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) भू-स्वामी हक में दर्ज तथा अहस्तांतरणीय दर्ज किस खसरा नं. के कितने रकबे का वनखंड से पृथक किए जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 01 जून, 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? कलेक्टर ने प्रमुख सचिव, वन विभाग के आदेश दिनांक 4 जून, 2015 के तहत क्या कार्यवाही की है? (ग) किस ग्राम की किस किसान के नाम पर दर्ज किस खसरा नं. के कितने रकबे को विधानसभा के प्रश्न क्र. 824, दिनांक 21.12.2022 में अतिक्रमणकारी दर्शाया गया है? भा.व.अ. 1927 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में भू-स्वामी किसानों या पट्टाधारियों को अतिक्रमणकारी दर्शाये जाने, प्रतिवेदित किए जाने का अधिकार दिया है? (घ) प्रश्न क्रमांक 824, दिनांक 21.12.2022 के उत्तर में किसानों को अतिक्रमणकारी दर्शाकर पटल पर जानकारी प्रस्तुत करने वालों के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है अथवा कब तक करेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी, छतरपुर के समक्ष सुरजपुरा वनखण्ड में शामिल 10 ग्रामों की 3631.22 एकड़ भूमि अधिसूचना क्रमांक-5-38-87-10-3 (15), दिनांक 18.12.1987 से वन व्यवस्थापन अधिकारी के पास धारा 5 से 19 की कार्यवाही हेतु लंबित है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 'ज' के तहत अधिकार है। भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान आरक्षित एवं संरक्षित वनों पर लागू नहीं होते हैं। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जमीनों का अधिग्रहण.
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 699 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि छिंदवाड़ा जिले में प्रस्तावित छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स योजना अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 244 (1) पांचवी अनुसूची से अधिसूचित तहसील जुन्नारदेव के आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है? (ख) क्या उक्त पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा अधिनियम के कानून भी लागू होते हैं? (ग) क्या पांचवी अनुसूची से अधिसूचित आदिवासी विकासखंडों में, जहां पेसा अधिनियम भी लागू होता है, किसी भी परियोजना के लिए ग्रामसभा की अनुमति लिया जाना अनिवार्य है? (घ) प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण नहीं करने का ग्रामसभा का प्रस्ताव पास किया है और कलेक्टर छिंदवाड़ा को भी 23.09.2020 को आपत्ति-पत्र देकर जमीन अधिग्रहण नहीं किए जाने का निवेदन किया है? (ड.) क्या शासन पांचवी अनुसूची और पेसा अधिनियम का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित करेगी? (च) यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के आलोक में संविधान और शासन के नियमों अनुसार नियमतः छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स योजना रद्द करने और जुन्नारदेव तहसील के आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण को रद्द करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं? (छ) पुनर्वास की क्या योजना है, विस्तृत ब्यौरा देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में प्रस्तावित छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स परियोजना अन्तर्गत संविधान के अनुच्छेद 244 (1) पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत तहसील जुन्नारदेव के कुछ आदिवासी कृषकों की जमीन जनहित में परियोजना निर्माण हेतु अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। (ग) पांचवी अनुसूची से अधिसूचित आदिवासी विकासखण्डों में जहां पेसा अधिनियम लागू होता है, वहां परियोजना निर्माण के लिए भू-अर्जन एवं पुनर्वास हेतु ग्राम सभा की सहमति/परामर्श लिया जाने का प्रावधान है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि दिनांक 23.09.2020 को ग्राम बेलगांव रैय्यत के कृषकों द्वारा जमीन अधिग्रहण न किये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला छिंदवाड़ा को आपत्ति पत्र दिया जाना प्रतिवेदित है। ग्राम बेलगांव रैययत, छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित किसी भी बांध के डूब क्षेत्र में नहीं है और न ही उक्त ग्राम में किसी भी प्रकार की कोई जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। (ड.) पांचवी अनुसूची एवं पेसा अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए परियोजना निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जावेगी। (च) छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को राशि रूपये 5470.95 करोड़ की प्रदान की गई है, जिससे छिंदवाड़ा जिले की 1,90,500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। जनहित की परियोजना होने के कारण समस्त नियमों एवं अधिनियमों का पालन कर परियोजना निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) परियोजना के निर्माण से विस्थापित होने वाले परिवारों को भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार चयनित स्थल पर सहमति के उपरांत पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही की जाना संभव होगा।
भिण्ड में रेत भण्डारण में अनियमितताएं.
[खनिज साधन]
3. ( *क्र. 834 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में किन-किन कंपनियों/व्यक्तियों को रेत भण्डारण की अनुमति है? रेत भण्डारण किन-किन स्थानों पर किया गया है? उक्त स्थानों पर कितना रेत भण्डारण करने की अनुमति है? कितना मौके पर है? क्या उक्त भण्डारण का भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों ने कब-कब, किस-किस स्थान का? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें। रेत भण्डारण का भौतिक सत्यापन कब तक कर लिया जावेगा? (ख) क्या भिण्ड जिले में रेत भण्डारण के संबंध में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्तियों की प्रश्नांश अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कान्हा टाइगर रिज़र्व के कर्मचारियों को सुविधाएं.
[वन]
4. ( *क्र. 990 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा टाइगर रिज़र्व के कुछ वनक्षेत्र नक्सली गतिविधियों के चलते संवेदनशील हैं? क्या यहां कार्यरत कर्मचारी 24 घण्टे ड्यूटी पर सक्रिय रहते हैं? क्या नक्सल प्रभावित होने के कारण कान्हा पार्क के समस्त कर्मचारियों को पुलिस की तरह विशेष भत्ता मूल वेतन में जोड़कर दिए जाने पर विचार किया जा रहा है? क्या पुलिस के समान इन कर्मचारियों को 1 माह का अतिरिक्त वेतन देने पर विचार किया जा रहा है? क्या इन कर्मचारियों को वरीयता अनुसार पदोन्नति प्रदान की जायेगी? (ख) कान्हा पार्क में कार्यरत सुरक्षा श्रमिक, टी.पी.एफ. कर्मचारी, फायर श्रमिक को स्थायीकर्मी में समाहित किये जाने पर विचार किया जा रहा है? क्या इनके नियमितीकरण पर विचार किया जा रहा है? क्या इन कर्मचारियों की वरीयता सूची प्रकाशित की गई है? यदि नहीं, तो कब तक प्रकाशित की जायेगी? कर्मचारियों की ड्यूटी के लिए कितना समय निर्धारित है? क्या इनके मामले में श्रम कानून का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इनकी स्वाभाविक मृत्यु या जंगली जानवरों द्वारा मारे जाने पर इनके परिवार को आर्थिक सहायता या अनुकंपा नियुक्ति का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या इस बारे में कोई विचार किया जा रहा है? क्या कान्हा पार्क में सीधी भर्ती किये जाने की बजाय उक्त कर्मचारी जो 10 साल या उससे अधिक सेवा दे चुके हैं, को नियुक्त करने पर कोई नीति बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो इसे कब तक लागू किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्या इस बारे में विचार किया जायेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कान्हा टाइगर रिजर्व का आंशिक क्षेत्र संवेदनशील है। मूलभूत नियम 11 सेवा की सामान्य शर्तों के अंतर्गत जब तक किसी भी मामले में इसे अन्यथा स्पष्ट रूप से प्रावधानित न हो शासकीय सेवक का सम्पूर्ण समय शासन के अधीन होता है, जो उसे भुगतान करता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में विशेष भत्ता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वन विभाग के कार्यपालिक कर्मचारियों को पुलिस के समान एक माह का अतिरिक्त वेतन देने के संबंध में प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। कर्मचारियों को वरीयता अनुसार नियमों के तहत पदोन्नति दी जाती है। वर्तमान में पदोन्नति में आरक्षण के विषय पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का स्थगन है। (ख) सुरक्षा श्रमिक, टी.पी.एफ. श्रमिक एवं फायर श्रमिक पूर्णत: आकस्मिक रूप से रखे जाते हैं, अत: इन्हें स्थायीकर्मी के रूप में समाहित अथवा इनके नियमितीकरण पर विचार नहीं किया जा रहा है और न ही इनकी वरीयता सूची तैयार की जाती है। इन श्रमिकों के लिये अधिकतम 8 घंटे कार्य लिया जाता है। सभी श्रमिकों के मामले में श्रम कानून का पालन किया जा रहा है। श्रमिकों की स्वभाविक मृत्यु या जंगली जानवरों से मारे जाने पर अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। जंगली जानवरों द्वारा मारे जाने पर उनके परिवार को शासन के निर्देशानुसार रूपये 8.00 लाख आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। कान्हा पार्क में कार्यरत उपरोक्त श्रेणी के कर्मी जो 10 साल या उससे अधिक सेवा दे चुके हैं, को किसी रिक्त पद के विरूद्ध कार्य पर नहीं लगाया गया है, अपितु पूर्णत: आकस्मिकता के आधार पर श्रमिक के रूप में रखा गया है, अत: नियमित पद पर शासकीय नियुक्ति देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में कोई नीति नहीं बनाई जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गिट्टी एवं मुरम की खदान की स्वीकृति.
[खनिज साधन]
5. ( *क्र. 852 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी में किस तहसील एवं ग्राम पंचायत में जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक गिट्टी-मुरम की खदान स्वीकृत की गई? किस स्थान पर की गई? (ख) क्या यह भी सही है कि तहसील नरवर की ग्राम कालीपहाड़ी से नरवर रोड बनाने के लिए गिट्टी-क्रेशर लगाया था? रोड बनाने के बाद गिट्टी-क्रेशर आज भी संचालित क्यों है? (ग) क्या यह भी सही है कि कुछ समय पहले कलेक्ट्रेट शिवपुरी में किसी व्यक्ति के नाम खदान स्वीकृत की गई है? वर्तमान में सरपंच ने उस पर आपत्ति दर्ज कराई थी कि यहां क्रेशर लगाना उचित नहीं है, यहां पर प्रदूषण फैलता है, लोगों में रोग फैल रहा है, रोगियों को बचाने के लिये क्रेशर बन्द किया जाये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में पुराने रूट पर एन.ओ.सी. पर खदान स्वीकृत की गई, क्या वर्तमान में सरपंच ने आपत्ति जताई थी? क्या जनहित को देखते हुए खदान निरस्त कर लोगों को बीमारी से बचाया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्रेशर कब तक बन्द होगा? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, रोड बनाने के बाद वर्तमान में गिट्टी क्रेशर हटा लेने के कारण संचालित नहीं है। (ग) कलेक्ट्रेट शिवपुरी से खदान स्वीकृत नहीं की गई है। अपितु कलेक्टर कार्यालय (खनिज शाखा) शिवपुरी द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर अंकित विवरण अनुसार उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये गये हैं। वर्तमान में सरपंच ने दिनांक 13.06.2023 को कलेक्टर कार्यालय, शिवपुरी में शिकायत की गई है, जिसका परीक्षण उपरांत नियमानुसार प्रावधानों के अधीन निराकरण किया जायेगा। (घ) जिला शिवपुरी, तहसील नरवर की ग्राम पंचायत काली पहाड़ी द्वारा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में वर्णित स्वीकृत उत्खनिपट्टा ग्राम काली पहाड़ी के सर्वे क्रमांक 929, रकबा 3.990 हेक्टेयर क्षेत्र पर संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्यप्रदेश, भोपाल के आदेश दिनांक 12.06.2023 से सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है, जिसके संबंध में सरपंच, ग्राम पंचायत काली पहाड़ी द्वारा दिनांक 13.06.2023 को आपत्ति की गई है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। पूर्व में ग्राम सभा से प्राप्त अनुशंसा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' के आधार पर पत्थर (क्रेशर आधारित) उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया था। प्राप्त आपत्ति का नियमानुसार परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में खसरा क्रमांक 929, रकबा 3.990 हेक्टेयर पर क्रेशर स्थापित नहीं है। अत: बंद कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों का स्थायीकरण.
[वन]
6. ( *क्र. 461 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल अंतर्गत किस-किस श्रेणी के कितने अथवा किस माध्यम से किस कार्य हेतु कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? उक्त में कितने कर्मचारी कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्य कर रहे हैं? निगम में कार्यरत सभी श्रेणियों के कर्मचारियों की जानकारी नामवार, पदस्थ दिनांक से दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में विगत 15-20 वर्ष से भी अधिक समय से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं अन्य श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या दिनांक 01 फरवरी, 2023 को माननीय मंत्री जी द्वारा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही नियमित किए जाने का आश्वासन दिया है? यदि हाँ, तो क्या विगत 15-20 वर्ष से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को नियमित किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा उक्त क्रम में कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों, जबकि कई कर्मचारी ओवर ऐज हो चुके हैं? ऐसे कर्मचारियों के हित में शासन द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने के कारणों की जानकारी दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल के अंतर्गत संख्या एवं श्रेणी अनुसार नियमित प्रतिनियुक्ति एवं विनियमित योजना के माध्यम से क्षेत्रीय एवं कार्यालयीन कार्यों हेतु कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी निम्नानुसार है :-
श्रेणी |
नियमित |
प्रतिनियुक्ति |
स्थायीकर्मी |
प्रथम |
2 |
11 |
- |
द्वितीय |
8 |
21 |
- |
तृतीय |
259 |
220 |
- |
चतुर्थ |
45 |
0 |
- |
योग |
314 |
252 |
350 |
उक्त में कोई भी कर्मचारी कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्य नहीं कर रहे हैं। निगम में कार्यरत सभी श्रेणियों के कर्मचारियों की जानकारी नामवार पदस्थ दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संबल योजना में 2000 करोड़ के घोटाले की जांच.
[श्रम]
7. ( *क्र. 1137 ) श्री जितु पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक संबल योजना के तहत किस-किस योजना में कितने हितग्राही को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? इन्दौर संभाग के अन्तर्गत जिलेवार, तहसील अनुसार, विभाग अनुसार बतावें? (ख) संबल योजना के प्रारंभ से मई 2023 तक इन्दौर संभाग के अन्तर्गत कुल कितने हितग्राही को कितनी राशि का हित लाभ दिया गया? (ग) इन्दौर संभाग के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक दुर्घटना में मृत्यु होने पर जिन हितग्राहियों को रू. 4 लाख की सहायता राशि दी गई है, उनका नाम, निवास का पता, आधार कार्ड का नंबर, मृत्यु की दिनांक, भुगतान की दिनांक, सहित तहसील अनुसार सूची दें? (घ) क्या हाल ही में बोगस मृत लोगों के नाम पर राशि निकालने का घोटाला पाया गया है? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी आरोपी सहित दें? प्रारंभ से अभी तक संबल योजना में किस-किस तहसील में किस-किस सहायता राशि में किस प्रकार के घोटाले पाये गए, इतने घोटालें में क्या पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया? (ड.) संबल योजना में सहायता राशि के नाम पर प्रारंभ से अभी तक दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी अत्यंत विस्तृत होने के कारण संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं।
तालाबों और नदियों में मत्स्य पालन और मत्स्याखेट.
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
8. ( *क्र. 986 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर के किन-किन तालाबों और नदियों में मत्स्य पालन और मत्स्याखेट किया जाता है? (ख) जबलपुर में कितनी मछुआरा समितियां पंजीकृत हैं? समूह का स्थानवार विवरण देवें। (ग) जबलपुर में स्थित तालाबों और नदियों में प्रतिवर्ष मत्स्याखेट से कितनी-कितनी आय होती है? इस आय से क्या कार्य कराए गए हैं? (घ) जबलपुर के किन-किन तालाबों में बगैर शासन की अनुमति के मछली पालन और मत्स्याखेट किया जा रहा है? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जबलपुर जिले के जिन तालाबों एवं नदियों में मत्स्य पालन एवं मत्स्याखेट होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में 39 पंजीकृत क्रियाशील मछुआ समितियां हैं। समिति एवं समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में स्थित तालाबों और नदियों में मत्स्याखेट से प्राप्त आय का लेखा जोखा मत्स्याखेट करने वाले मछुओं द्वारा ही संधारित किया जाता है। आय का उपयोग स्वयं के लिए किया जाता है। (घ) जबलपुर जिले में किसी भी तालाब में शासन अनुमति के बगैर मछली पालन एवं मत्स्याखेट का कार्य नहीं किया जाता।
क्रेशरों की स्थापना एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति.
[खनिज साधन]
9. ( *क्र. 831 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्तमान में किस फर्म/व्यक्ति का क्रेशर कब से किस स्थान पर संचालित है? प्रत्येक क्रेशर की स्थापना का सक्षम अधिकारी का आदेश क्रमांक एवं दिनांक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र का आदेश क्रमांक एवं दिनांक सहित बतावें? (ख) क्या मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) अनुसार काला पत्थर खदानों में से 06 मीटर गहराई तक उत्खनन करने का प्रावधान है, इससे अधिक गहराई तक उत्खनन करना नियम के विरुद्ध होने से संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बिलौआ, राफदपुर एवं आस-पास के क्षेत्र की काला पत्थर खदानों से लगभग 20 मीटर गहराई तक उत्खनन होने से किस-किस व्यक्ति/फर्म के विरुद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार बिलौआ एवं राफदपुर और आस-पास की क्रेशरों से काली गिट्टी व काली डस्ट की रॉयल्टी से वर्ष 2021-22 से 2023-24 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि राजस्व के रूप में प्राप्त हुई? प्राप्त राशि की कितनी अंश राशि बिलौआ एवं राफदपुर तथा संबंधित ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों हेतु वर्षवार वितरित की गयी? वर्षवार बतावेंl
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) के वर्णित प्रावधानों के अनुसार नियम 30 (24) (ख) अनुसार 06 मीटर से अधिक गहराई होने पर नियमानुसार महानिदेशक, खान सुरक्षा केन्द्रीय शासन, धनबाद तथा महानियंत्रक, भारतीय खान ब्यूरो केन्द्रीय शासन, नागपुर एवं संबंधित जिला दण्डाधिकारी को प्ररूप-तेरह में लिखित सूचना दिया जाना प्रावधानित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गौण खनिज की खदानों से प्राप्त रॉयल्टी राशि खनिज शीर्ष 0853 में जमा होती है, जमा रॉयल्टी वित्त विभाग द्वारा, बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध कराया जाता है तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आवंटित रकम का उपयोग पंचायत राज संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं सचिव ग्राम पंचायत के मानदेय के भुगतान तथा अधोसंरचना विकास में किया जाना प्रावधानित किया गया है।
संबल कार्डधारी हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि नहीं मिलने से उत्पन्न स्थिति.
[श्रम]
10. ( *क्र. 17 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के संबल कार्डधारी हितग्राही की मृत्यु होने पर हितग्राही के परिवारजनों को मिलने वाली अनुग्रह सहायता राशि की कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? (ख) इंदौर संभाग के कितने प्रकरण किन कारणों से लंबित हैं? (ग) उक्त लंबित प्रकरणों का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया एवं भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (घ) क्या यह सही है कि संबल योजना में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से शिवपुरी जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में वर्ष 2019 से लेकर प्रश्न दिनांक की अवधि में बड़ी संख्या में जिंदा लोगों को मृत बताकर राशि निकालने का मामला संज्ञान में आया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शिवपुरी जिले सहित किस-किस जिले में कितने-कितने प्रकरण सामने आये और उनमें क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत संबल कार्डधारी हितग्राही की मृत्यु होने पर हितग्राही के परिवारजनों को निम्नानुसार अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय की जाती है :- 1. अंत्येष्टि सहायता– रूपये 5000/- 2. अनुग्रह सहायता–सामान्य मृत्यु– रूपये 02.00 लाख, दुर्घटना मृत्यु– रूपये 04.00 लाख। (ख) इन्दौर संभाग के लंबित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत पात्र लंबित प्रकरणों में भुगतान बजट उपलब्धता पर किया जाता है। (घ) संबल योजनांतर्गत शिवपुरी जिले के अंतर्गत इस प्रकार की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कृपया इस संबंध में जानकारी निरंक ग्राह्य की जाये।
किसानों की राहत राशि में हेराफेरी.
[राजस्व]
11. ( *क्र. 72 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के किसानों को वर्ष 2018 से 2022 तक की अवधि में ओलावृष्टि, सूखा एवं अतिवृष्टि आदि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई हेतु क्षतिपूर्ति मुआवज़ा पीड़ित कृषकों के बैंक खातों में डाली गई है? (ख) यदि हाँ, तो भिण्ड, श्योपुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, मंदसौर, छतरपुर, खण्डवा, दमोह, सिवनी, आगर-मालवा, रायसेन, रतलाम एवं सतना आदि जिलों में प्रभावित किसानों के बैंक खातों में मुआवज़ा राशि डालने की बजाय राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों ने अपने परिजनों एवं अन्य उनके निकटतम के बैंक खातों में राशि डाली है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले में आपदा पीड़ित किसानों के स्थान पर अन्य के खातों में डाली गई? (ग) क्या प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग ने किसानों के नाम पर राशि हड़पने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने एवं प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को जांच कराने एवं कार्यवाही कराने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो इसी कड़ी में देवास कलेक्टर ने देवास जिले में वर्ष 2018 एवं 2022 के बीच किसानों को प्राकृतिक आपदा हेतु वितरित की जाने वाली राशि में डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि का भ्रष्टाचार उजागर होने पर माह जून, 2023 में 07 पटवारी और 02 लिपिक को निलंबित किया गया है एवं 35 पटवारी और 3 लिपिकों के विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश दिये हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या भिण्ड जिले की गोहद तहसील में वर्ष 2020 में ओलावृष्टि से हुये नुकसान की भरपाई के लिये राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा प्रभावित किसानों की बजाय अन्य के खातों में करोड़ों की राशि डाल दी गई थी? इस मामले में विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना दिनांक 11.03.2022 को चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि इस मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराई जायेगी? क्या जांच करा दी गई है? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट संलग्न करें, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला दमोह एवं रतलाम में प्रश्नानुसार जानकारी निरंक है। शेष जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) समय-समय पर राहत राशि के नियमानुसार वितरण हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। जी हाँ। देवास जिले द्वारा प्रश्न दिनांक तक 20 कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (घ) आयुक्त चंबल संभाग से जांच कराई गई है। आयुक्त चंबल संभाग के प्रतिवेदन दिनांक 16.12.2022 की प्रति पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नदियों से कटाव के कारण बह गयी/रेत में तब्दील भूमि.
[राजस्व]
12. ( *क्र. 28 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2005 से प्रश्न दिनांक तक तक नर्मदापुरम जिले में नर्मदा/तवा नदी में आई बाढ़ के कारण किन-किन ग्रामों के, किन-किन कृषकों की कितनी भूमि या तो कटाव के कारण बह गयी है या रेत में तब्दील होने के कारण कृषि कार्य के अयोग्य हो गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्रामवार, कृषकवार, खसरा क्रमांक सहित भूमि की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) द्वारा सचिव मध्यप्रदेश शासन, खनिज विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल को अपने पत्र क्र. 951/रीडर/2010, होशंगाबाद दिनांक 13.08.2010 से तवा नदी के कटाव से भूमि रेत में तब्दील होने के कारण मुआवज़ा के संबंध में पत्र लिखा गया था? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कोई निर्णय लिया गया? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो अभी तक निर्णय न लेने का क्या कारण है, निर्णय कब तक लिया जा सकेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जनवरी 2005 से प्रश्न दिनांक तक नर्मदापुरम जिले में नर्मदा/तवा नदी में आई बाढ़ के कारण तहसील नर्मदापुरम (नगर), सिवनीमालवा, बनखेड़ी, सोहागपुर एवं डोलरिया की भूमि कटाव या रेत में तब्दील होने की जानकारी निरंक है। तहसील नर्मदापुरम (ग्रामीण), तहसील इटारसी, तहसील माखननगर एवं तहसील पिपरिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुस्तकालय में रखे अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
टाइगर प्रोजेक्ट विस्तार में आने वाले गांवों का विस्थापन.
[वन]
13. ( *क्र. 59 ) श्री राकेश मावई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी के विस्तार हेतु टाईगर प्रोजेक्ट के तहत उद्यान के बीच कोरिडोर में आ रहे पांच गांव-मामोनी, लखनगंवा, चकडोंगर, हरनगर एवं अर्जुनगमा का विस्थापन कब तक किया जायेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पांच गांवों के विस्थापन के पहले ही टाईगर्स का पुन:स्थापन कर दिया गया है, जिससे इन गांव वालों को काफी कठिनाई एवं परेशानी झेलनी पड़ रही है, इन गांवों के लोग चीतों के भय में जीवन जी रहे हैं तथा गांव वालों से सर्वे के नाम पर कई बार कागजात ले लिए गये हैं? यदि हाँ, तो इन गांवों को खाली कराकर यहां के लोगों को कब तक और कहां पर विस्थापित किया जायेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी एवं इसके विस्तारित क्षेत्र के कोरीडोर में आने वाले 05 ग्राम मामोनी, लखनगंवा, चकडोंगर, हरनगर एवं अर्जुनगंवा के परिवारों के विस्थापन हेतु कलेक्टर, जिला-शिवपुरी द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही प्रारंभ की गई है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) दिनांक 10 एवं 13 मार्च, 2023 को तीन टाइगर (01 नर 02 मादा) माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी के विस्तारित क्षेत्र में पुनर्स्थापित किये गये हैं। माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी में उक्त टाइगर्स में सेटेलाइट रेडियो कॉलर लगाये गये हैं, जिनकी सहायता से उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। इन टाइगर के आने से प्रश्नाधीन गांव वालों के लिये कोई कठिनाई एवं परेशानी की स्थिति निर्मित नहीं है। चीता माधव राष्ट्रीय उद्यान में नहीं छोड़े गये हैं। उक्त ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा राज्य शासन की ग्रामों के पुनर्वास नीति के तहत सहमति प्राप्त की गई है। शासन नीति के अनुसार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को केवल मुआवज़ा राशि का भुगतान किया जाना है। नीति के विकल्प-1 के अनुसार मुआवज़ा प्राप्त करने के उपरांत पात्र व्यक्ति स्वेच्छा से कहीं भी पुनर्स्थापित हो सकेगा। विस्थापन हेतु कलेक्टर, जिला शिवपुरी द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अनुबंधित वाहनों की जानकारी.
[राजस्व]
14. ( *क्र. 109 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी [श्री गोपालसिंह चौहान] : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला अशोकनगर एवं जिला पंचायत अशोकनगर एवं अधीनस्थ समस्त कार्यालयों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने वाहन अनुबंधित हैं? समस्त वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर उनके आर.सी. बुक फिटनेस सर्टिफिकेट, टैक्सी परमिट फाईल अनुबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों में से कुल कितने वाहन टैक्सी परमिट हैं, कुल कितने वाहन प्रायवेट पासिंग हैं, वाहन नंबर सहित संख्या बताते हुए यह बताएं कि वर्तमान में वे किस अधिकारी के उपयोग में लाए जा रहे हैं? अधिकारी का नाम एवं पद बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों में से प्रत्येक वाहन पर कुल कितना व्यय किया गया है? व्यय की जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि क्या प्रत्येक वाहन की लॉगबुक भी तैयार की गई है? यदि हाँ, तो लॉगबुक की प्रति दें और यदि तैयार नहीं की गई है तो किस आधार पर वाहनों का भुगतान हुआ है? (घ) टैक्सी परिमिट के स्थान पर प्राइवेट पासिंग वाहन अनुबंधित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा एवं कब तक? यदि विभाग कार्यवाही नहीं करेगा तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
S.D.R.F. में आवंटित राशि.
[राजस्व]
15. ( *क्र. 433 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष S.D.R.F. में शासन ने कितना आवंटन उपलब्ध कराया है? जिलेवार सूची देवें। (ख) वर्ष 2019 में राज्य के बाद अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए कमलनाथ सरकार ने जिलों को प्रथम किश्त 25 % वितरित की थी? क्या कारण है कि शेष 75 % राहत राशि S.D.R.F. फंड में राशि उपलब्ध होने की स्थिति के आधार पर अब तक वितरित नहीं की जा सकी? (ग) गैर केन्द्रीयकृत योजना की मदों में प्रश्नांश (क) की समय अवधि अनुसार मध्यप्रदेश के सभी जिलों को कितना आवंटन किन प्रयोजनों और गतिविधियों के लिए दिया गया है? सम्पूर्ण विवरण के साथ प्राप्त आवंटन का उपयोग व संबधित प्रयोजन सहित उज्जैन जिले की सभी विधानसभाओं में वर्षवार की गतिविधियों एवं भुगतानों से अवगत कराएं? (घ) आर.बी.सी. 6-4 के निर्धारित मापदंड क्या हैं? फसल क्षति के राहत के लिए भुगतान किन-किन परिस्थितियों में किया जा सकता है? इस संबंध में कलेक्टर एवं राहत आयुक्त का वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों का मेन्युअल उपलब्ध करावें? (ड.) उज्जैन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक S.D.R.F. फंड का कितना आवंटन किया गया है? आवंटन के विरुद्ध प्रतिवर्ष कितना खर्च किया गया है? प्रयोजन सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2019 के बाद के वर्षों में प्रदेश में लगातार आयी प्राकृतिक आपदा यथा - बाढ़, कीट प्रकोप, असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि में प्रभावित कृषकों को उपलब्ध बजट के आधार पर राहत राशि के वितरण की कार्यवाही निरंतर किये जाने से शेष 75 % राशि वितरित नहीं की जा सकी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उज्जैन जिले की सभी विधान सभाओं में वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) आर.बी.सी. 6-4 के निर्धारित मापदण्ड एवं भुगतान की परिस्थितियों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में स्पष्ट किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में लेख अनुसार प्राकृतिक आपदाओं की समीक्षा करने तथा राज्य आपदा मोचन निधि (S.D.R.F.) एवं राज्य आपदा शमन निधि (S.D.M.F.) से प्राप्त राशि के प्रबंधन हेतु राज्य कार्यपालिक समिति गठित है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं समिति गठन की अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) उज्जैन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक S.D.R.F. में प्राप्त आवंटन के विरूद्ध प्रतिवर्ष खर्च का प्रयोजन सहित पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
निःशुल्क खाद्यान्न वितरण.
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( *क्र. 1024 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने गरीब परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया है? (ख) निःशुल्क खाद्यान्न वितरण में कितने क्विंटल गेंहू एवं कितने क्विंटल चावल का वितरण किया गया है? (ग) क्या कोरोना काल के दौरान शासन द्वारा ऑफलाईन पद्धति से खाद्यान्न वितरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे? (घ) यदि हाँ, तो शासन के निर्देशानुसार कोरोना काल के दौरान ऑफलाईन पद्धति से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण करने वाले दुकान संचालकों से वसूली क्यों की जा रही है? क्या शासन अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार कर दुकान संचालकों से वसूली की कार्यवाही स्थगित करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत माह अप्रैल, 2020 से दिसम्बर, 2022 तक एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत माह जनवरी, 2023 से जून, 2023 तक नि:शुल्क खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु पात्र परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पात्र परिवारों को नि:शुल्क वितरित खाद्यान्न मात्रा की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत पात्र परिवारों को ऑफलाईन (वितरण पंजी से) खाद्यान्न वितरण के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश भू-संहिता 1958-59 की धारा 158 का उल्लंघन.
[राजस्व]
17. ( *क्र. 974 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 693, दिनांक 02.03.2023 को माननीय मंत्री द्वारा उत्तर में क्या-क्या लेख किया? उल्लेख करें। (ख) क्या उक्त उत्तर में लेख था कि निरस्त आदेशों की प्रति संकलित की जा रही है? यदि हाँ, तो संपूर्ण नस्ती फाइल की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ग) क्या उक्त उत्तर में लेख था कि शासन हित की भूमियों को दृष्टिगत रखते हुए नामांतरण किए जाते हैं? हाँ या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो क्या अपीलीय अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं है कि शासन हित की भूमियों को दृष्टिगत रखते हुए अधीनस्थ न्यायालय के आदेशों को यथावत रखा जाये? (ड.) यदि हाँ, तो क्यों अधीनस्थ न्यायालय के 0174 आदेशों को निरस्त किया गया था? (च) क्या उक्त अपीलीय अधिकारी के अधिकतम आदेशों में धारा 0158 के अंतर्गत सभी वर्ग के भू-धारकों को भू-स्वामी माना गया लेख कर तत्संदर्भ में अधीनस्थ न्यायालय के आदेशों को निरस्त किया गया था? (छ) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम की उक्त धारा का अधीनस्थ न्यायालय द्वारा उल्लंघन (नजरअंदाज़) किया जाना परिलक्षित होता है? (ज) यदि हाँ, तो क्या अधीनस्थ न्यायालय के अधिकारी की भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति न होने के कारण उक्त धारा का उल्लंघन (नजरअंदाज़) किया जाना परिलक्षित होता है? (झ) यदि नहीं, तो क्यों उक्त धारा का उल्लंघन (नजरअंदाज़) किया गया था? (ट) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण जिला अभिलेखागार में जमा हो चुके हैं, जिनके संकलन की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। (घ) न्यायालयीन प्रकरणों का नियमों के परिप्रेक्ष्य में विधिसम्मत निराकरण किया जाता है। (ड.) न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण निर्धारित नियमों के तहत किया जाता है। (च) न्यायालय अपीलीय द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। (छ) अपीलीय अधिकारी द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। (ज) जी नहीं। (झ) न्यायालयीन प्रकरणों का विधिसम्मत निराकरण निर्धारित नियमों के तहत किया जाता है। (ट) उत्तरांश (ज) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
अभ्यर्थियों से कम्प्यूटर तकनीकी कार्य संपादित कराया जाना.
[राजस्व]
18. ( *क्र. 1169 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 के पटवारी चयन परीक्षा में कितने अभ्यर्थियों को चयनित किया गया था? चयनित अभ्यर्थियों की कर्मचारी चयन मण्डल (पी.ई.बी./व्यापम) से प्राप्त सूची एवं विभाग द्वारा जारी की गई अंतिम चयन सूची की प्रति सहित बतायें? (ख) उपरोक्त के संबंध में कितने अभ्यर्थियों ने सी.पी.सी.टी. के स्कोर ज्वाईनिंग के समय जमा कराये? गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कितने अभ्यर्थियों ने ज्वाईनिंग तो कर ली और ज्वाईनिंग के उपरांत सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड पृथक-पृथक समय पर परिवीक्षा अवधि में स्कोर कार्ड जमा कराये? गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त संबंध में कितने अभ्यर्थी अभी तक ऐसे हैं, जिन्होंने सी.पी.सी.टी. उत्तीर्ण नहीं की है, उनकी परिवीक्षा अवधि में कब-कब वृद्धि की गई है? आदेश की प्रति दें। मेरिट होल्डर अभ्यर्थी के सी.पी.सी.टी. उत्तीर्ण नहीं होने पर विभाग उनके चयन सूचियों का पुन: परीक्षण कराकर वैधता की जांच करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में कितने अभ्यर्थियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कर उनकी वेतनवृद्धि लगाई गई एवं उनकी वरिष्ठता सूची भी उपलब्ध करायें? (च) उपरोक्त के अनुक्रम में सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड जमा नहीं कराने पर विभाग ने कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो क्यों? कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2017 में पटवारी चयन परीक्षा में 8446 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। चयनित अभ्यर्थियों की पी.ई.बी. से प्राप्त सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है, विभाग द्वारा पी.ई.बी. से प्राप्त सूची ही जिलों को प्रेषित की गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में उल्लेखित अभ्यर्थियों में से 954 अभ्यर्थियों द्वारा सी.पी.सी.टी. के स्कोर कार्ड ज्वाईनिंग के समय जमा कराए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में उल्लेखित अभ्यर्थियों में से 5749 अभ्यर्थियों ने ज्वाईनिंग करने के उपरांत पृथक-पृथक समय पर परिवीक्षा अवधि में सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड जमा कराए गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में उल्लेखित अभ्यर्थियों में से 729 अभ्यर्थी के द्वारा सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। जिन अभ्यर्थियों ने सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, उनके संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को आयुक्त भू-अभिलेख के पत्र दिनांक 15.03.2023 द्वारा कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) कुल 6357 अभ्यर्थियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कर उनकी वेतनवृद्धि लगाई गई है। पटवारियों की दिनांक 01.04.2023 की स्थिति में अनन्तिम वरिष्ठता सूची आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 663/स्था.1/पटवारी/29061/2023, दिनांक 21.06.2023 द्वारा जारी कर सभी जिलों को प्रेषित की गई है। (च) सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड जमा नहीं कराने पर आयुक्त महोदय भू-अभिलेख म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्रमांक 289/ स्था-एक/पटवारी/30409/2023, ग्वालियर दिनांक 15.03.2023 द्वारा सभी जिलों को कार्यवाही हेतु लेख किया गया है।
बड़वानी जिले के खाद्यान्न सुरक्षा हेतु संचालित वेयर हाउस.
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( *क्र. 89 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्यान्न की सुरक्षा एवं वितरण हेतु बड़वानी जिले में अनेक स्थानों पर शासन/विभाग द्वारा वेयर हाउस निर्मित हैं, साथ ही केन्द्र/राज्य सब्सिडी के माध्यम से निजी वेयर हाउस भी संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो बड़वानी जिले में शासन/विभाग के शासकीय वेयर हाउस कितनी क्षमता के किन-किन स्थानों पर एवं निजी वेयर हाउस किन-किन स्थानों पर संचालित किये जा रहे हैं? संस्थावार, क्षमतावार जानकारी दें। (ग) खाद्यान्न सुरक्षा हेतु वेयर हाउस में नियमानुसार किस-किस प्रकार की व्यवस्थायें/सुविधायें/सावधानियां रखी जाना चाहिये, साथ ही वेयर हाउस में आगम एवं निर्गम के समय नापतौल तथा गुणवत्ता का आकलन किस तरह होता है? (घ) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वेयर हाउस में रबी खाद्यान्न किन कारणों से खराब होकर सड़ गया एवं जमा मात्रा में कम पाया गया, इत्यादि अन्य अनेक अनियमितताओं के कारण वर्षवार शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? साथ ही विगत वर्षों से निरंतर चिन्हित वेयर हाउसों को सांठगांठ कर किसके द्वारा लगातार अनुबंधित किया जाता रहा है? क्या संबंधित लापरवाह एवं नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सब्सिडी वाले गोदामों का निर्माण विभाग के पर्यवेक्षण में नहीं किया जाता है। (ख) बड़वानी जिले में संचालित शासकीय एवं निजी गोदामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) खाद्यान्न सुरक्षा एवं भंडारण व्यवस्थाएं/सुविधाएं/सावधानियों के संबंध में प्रतिवर्ष संयुक्त भागीदारी योजना जारी की जाती है। वर्ष 2023-24 के लिए जारी संयुक्त भागीदारी योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गोदामों में खाद्यान्न सुरक्षा हेतु वेअरहाउस के निर्धारित तकनीकी नियमानुसार खाद्यान्न की गुणवत्ता का विशेष परीक्षण कर सुरक्षित भंडारित रखने हेतु स्कंध को डनेज के ऊपर थप्पी लगाकर स्टेक लगाये जाते हैं एवं गोदामों में भंडारित स्कंध का 15 दिवस के अंतराल में स्कंध पर कीटनाशक दवाइयों का नियमित छिड़काव किया जाता है, साथ ही समय-समय पर स्कंध को धुम्रीकरण (फ्यूमीगेशन) का कार्य भी कराया जाता है। स्कंध के आगम एवं निर्गम के समय इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे से स्कंध को तोलकर जमा करवाने के पश्चात भुगतान का कार्य किया जाता है। (घ) बड़वानी जिला अंतर्गत 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वेअरहाउस में रबी उपार्जन का स्कंध भंडारण किया गया है। उक्त भंडारित स्कंध किसी भी कारण से खराब नहीं हुआ एवं न ही किसी की लापरवाही संज्ञान में आई है। अत: प्रकरण दर्ज करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जमीनों पर कब्जा.
[राजस्व]
20. ( *क्र. 687 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा रामपुरा रोड स्थित नाकोड़ा रेस्टोरेंट के मालिक मनीष पिता उंकारलाल, लोकेश पिता उंकारलाल, उंकारलाल पिता हीरालाल, संतोषबाई पति उंकारलाल द्वारा अपनी खरीदी हुई जमीन के अतिरिक्त ललिता-राधेश्याम कुशवाहा के रास्ते पर एवं अन्य चार व्यक्तियों के प्लाटों पर कब्जा कर रखा है? तत्संबंध में स्थानीय एस.डी.एम. एवं तहसीलदार के यहां अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रकरण प्रचलित है? इन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई, अगर नहीं की गई तो कारण दर्शाएं एवं कार्यवाही कब तक होगी? समय-सीमा बताएं। इस हेतु दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही होगी? (ख) उक्त मनीष, लोकेश, उंकारलाल एवं संतोषबाई के द्वारा खरीदी गई जमीनों की रजिस्ट्री उपलब्ध कराएं एवं मौके पर कितनी जमीन पर इनका कब्जा है, उसका भी नाप का उल्लेख करें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित विषय के न्यायनिर्णयन बाबत न्यायालय तहसीलदार मनासा के प्रकरण क्रमांक 15/अ-13/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 02.05.2022 के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनासा में अपीलार्थी अपील प्रकरण क्रमांक 72/अपील/2022-23 पर दर्ज होकर न्यायाधीन है, जिसका न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत विधिवत सुनवाई उपरांत शीघ्र यथोचित निराकरण किया जायेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
असिंचित रकबा सिंचित कराना.
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 502 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1065, दिनांक 20.03.2020 के प्रस्तुत उत्तर में बैतूल विधानसभा क्षेत्र में क्रियान्वित मध्यम परियोजना क्रमश: घोघरी, गढा, मेंढा, पारसडोह व निरगुड जलाशय से बैतूल विधानसभा क्षेत्र के 74 ग्रामों को सिंचाई सुविधा हेतु शामिल किया गया, जिसका कुल रकबा 33259.547 में से रकबा 27203.861 को सिंचित होना बताया गया? शेष रकबा 19587.42 को सिंचाई सुविधा से वंचित क्यों रखा गया है? क्या शेष असिंचित रकबा को भी उक्त परियोजना से सिंचित किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार असिंचित शेष रकबा 19587.42 को सिंचाई सुविधा की उपलब्धता हेतु शासन की क्या योजना है? उक्त शेष असिंचित रकबा को कब तक सिंचित कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विधानसभा क्षेत्र बैतूल के अंतर्गत निर्माणाधीन घोघरी, गढा, मेंढा पारसडोह एवं निरगुड मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में बैतूल विधानसभा क्षेत्र के 86 ग्रामों को सम्मिलित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजनाओं से उक्त ग्रामों की 30,425 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा। परियोजनाओं की स्वीकृति में जल उपलब्धता के आधार पर ही सैंच्य क्षेत्र निर्धारित किया गया है। शेष रकबा कमाण्ड क्षेत्र से बाहर होने के कारण उन्हें सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पंचम नगर सिंचाई परियोजना का विस्तार.
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 6 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की पंचम नगर सिंचाई परियोजना कब स्वीकृत हुई थी? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायी जावे? साथ ही सिंचित होने वाले रकबा की भी जानकारी दी जावे। (ख) क्या हटा विधानसभा क्षेत्र की जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचम नगर परियोजना का विस्तार कर हटा व पटेरा, विकासखण्ड के किसानों को सिंचाई का लाभ प्रदान करने हेतु ज्ञापन/मांग की गई थी? यदि हाँ, तो किसानों के हितार्थ मांगों की पूर्ति कब तक होगी? समय-सीमा सहित जानकारी दी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दमोह जिले में पंचमनगर सिंचाई परियोजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को राशि रू. 263.10 करोड़ की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को राशि रू. 672.90 करोड़ की प्रदान की गई। प्रशासकीय स्वीकृति एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। परियोजना के पूर्ण होने पर सागर जिले की बण्डा तहसील के 29 ग्राम, दमोह जिले की पथरिया तहसील के 11 ग्राम तथा दमोह जिले की बटियागढ़ तहसील के 57 ग्रामों सहित कुल 97 ग्रामों की 25000 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है। (ख) मैदानी कार्यालयों से प्राप्त जानकारी अनुसार जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही मांग की जानकारी मैदानी कार्यालयों के संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्षा एवं ओलावृष्टि से नष्ट फसल की क्षतिपूर्ति.
[राजस्व]
23. ( *क्र. 1118 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 में प्रदेश के अन्नदाताओं की फसल अधिक बारिश व ओलावृष्टि के कारण नष्ट होने पर शासन द्वारा कितनी राशि प्रति एकड़ क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे? प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी राशि वितरित की जा चुकी है तथा कितनी राशि किन कारणों से शेष है तथा वह कब तक वितरित कर दी जावेगी? (ख) क्या क्षतिपूर्ति राशि किसानों के खातों की अपेक्षा राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों व उनके सगे संबंधियों के खाते में जाने तथा ऑडिट आपत्ति आने पर निलंबन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध जिलेवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसानों के साथ हो रहे बार-बार धोखों से निजात दिलाने हेतु कोई ठोस योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों? भ्रष्टों के चंगुल से किसानों को कब तक निजात मिल सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत 25 % से अधिक फसल क्षति होने पर फसल के प्रकार एवं क्षति के प्रतिशत अनुसार निर्धारित दर पर प्रति हेक्टेयर राहत राशि दिये जाने के प्रावधान है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। राशि वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। (ख) वर्ष 2023 के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालयों की कमी.
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( *क्र. 1010 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 700, दिनांक 02 मार्च, 2023 के उत्तर "ख" में बताया गया है कि राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा 11 अंशकालिक जिला उपभोक्ता आयोग को पूर्णकालिक किये जाने तथा चार नवीन जिलों में उपभोक्ता न्यायालय खोले जाने के प्रस्ताव विचाराधीन है, क्या सभी कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के उपरोक्त प्रश्न के प्रश्नांश (घ) में बताया गया है कि तहसील स्तर पर उपभोक्ता अदालत लगाए जाने के केंद्र शासन के कोई निर्देश नहीं हैं? क्या यह भी सही है कि राज्य शासन चाहे तो गजट नोटिफिकेशन कर 3 दिन की अनुमति तहसील स्तर पर प्रदान कर सकता है, जबकि ऐसे केंद्र शासन के निर्देश भी हैं, राज्य शासन द्वारा 3 दिन तहसील स्तर पर न्यायालय नहीं लगाने के मुख्य कारण क्या है, जबकि हजारों की संख्या में केस पेंडिंग हैं? (ग) क्या विभाग मानता है कि गत 10 वर्षों में ऑनलाईन खरीदी एवं ऑनलाईन सेवाओं के पश्चात उपभोक्ता प्रकरणों में भारी वृद्धि हुई है, उसके अनुपात में न्यायालयों की संख्या नहीं बढ़ पाई है जिससे प्रकरणों को निपटाने में समय लग रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) हाँ, तहसील स्तर पर उपभोक्ता अदालत लगाये जाने संबंधी केन्द्र शासन के कोई निर्देश नहीं है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 34 (3) में उल्लेख है कि "जिला आयोग साधारणतया जिला मुख्यालय में कार्य करेगा और जिले में ऐसे अन्य स्थानों पर कार्य करेगा, जैसा राज्य सरकार, राज्य आयोग के परामर्श से समय-समय पर राजपत्र में अधिसूचित करें।" (ग) ऑनलाईन खरीदी एवं ऑनलाईन सेवाओं के कारण दर्ज उपभोक्ता प्रकरणों का संधारण पृथक से नहीं किया जाता है। प्रकरणों के लंबित रहने के अनेक कारण होते हैं, पूर्णकालिक जिला आयोगों की संख्या बढ़ाये जाने से लंबित प्रकरणों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा.
[राजस्व]
25. ( *क्र. 1246 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की तहसील हुजूर के अंतर्गत ग्राम भौरी में शासकीय भूमि खसरा नंबर 66/2, 66/3, 12/1, 13/1/2, 13/1/3, 13/1/4, 319/1, 319/2, 319/3, 319/4, 319/5, 319/6, 461/1, 462/2, 153/2/2, 146, 156/1, 156/2, 281/1, 280/2, 281/2, 321, 711, 714, 715, 732, 249/3, 346, 347, 348, 505/1 एवं 505/2 पर वर्तमान समय में कौन-कौन व्यक्ति काबिज हैं एवं अभी तक इन पर क्या-क्या निर्माण कार्य किनके द्वारा किये गये हैं? (ख) क्या शासन प्रश्नांकित खसरा नंबरों का रकबावार परीक्षण कराकर अवैध कब्जाधारियों से शासकीय भूमि रिक्त करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नर्मदापुरम
तहसील
अधिसूचित
होने संबधी
[राजस्व]
1. ( क्र. 29 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर, नर्मदापुरम का प्रमुख सचिव, राजस्व को प्रेषित पत्र क्र. 223/रीडर/कले./2022, दिनांक 21-03-2022 म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 6 के प्रयोजन के लिए प्रारूप अधिसूचना के संबंध में लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह भी सच है कि नर्मदापुरम (होशंगाबाद) तहसील अधिसूचित क्षेत्र में होने से अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की भूमि सामान्य नागरिक क्रय नहीं कर सकता? यदि हाँ तो क्यों? (घ) नर्मदापुरम तहसील अधिसूचित क्षेत्र होने से नर्मदापुरम नगर एवं तहसील में कार्यरत कर्मचारियों को ट्रायबल अलाउंस दिया जा रहा है एवं आदिवासी मद से विकास कार्यों को भी स्वीकृति नहीं दी जा रही है। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) में लिखे गये पत्र के संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर नर्मदापुरम द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल के पत्र क्रमांक 223/रीडर कले./2022 दिनांक 21-03-2022 लिखा गया है। (ख) प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ, मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधान अनुसार। (घ) नर्मदापुरम तहसील अधिसूचित क्षेत्र नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है। विभिन्न योजनाओं में नियम अनुसार विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ड.) पत्र के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्राकृतिक आपदा क्षतिपूर्ति राशि का वितरण
[राजस्व]
2. ( क्र. 40 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 में प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई फसल के नुकसानों की भरपाई हेतु सरकार के द्वारा इन दोनों उल्लेखित वर्षों में कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई थी एवं कितने किसानों की फसल को नुकसान होना पाया गया था, संख्या बताएं? (ख) क्या प्रदेश के लगभग 14 जिलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किसानों को वितरित की जाने वाली राशि का गबन अपने व्यक्तिगत हित लाभ में किया गया, जिसके कारण शासन के करोड़ों रूपये वास्तविक पीड़ित किसानों तक नहीं पहुंच पाए? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश के कुल कितने किसानों को क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त नहीं हुई? जिलेवार ग्रामों की संख्या, किसान संख्या एवं राशि बताएं। क्या उक्त गड़बड़ियां नियंत्रक महालेखा परीक्षक की जांच से पहले एस.डी.एम., तहसीलदार की जानकारी में नहीं आई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) सरकार इस पूरे मामले में राशि के गबन में जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जांच उपरांत जिलों द्वारा अनियमित भुगतान की राशि की वसूली कर शासन के पक्ष में जमा कराई जा रही है एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जांच उपरांत दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
सिंधी विस्थापित परिवारों को भूमि का आवंटन
[राजस्व]
3. ( क्र. 73 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टिकुरी कैम्प कटनी के सिंधी विस्थापित परिवारों के लिए भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ रीहेब्लिटेशन, नई दिल्ली द्वारा अपने पत्र क्र. 26 (2)/65-Ge.I नई दिल्ली दिनांक 14/17 फरवरी, 1972 से नीति बनाकर वहां के रहवासियों को भूमि आवंटन के आदेश सचिव, पुनर्वास विभाग को दिये थे? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन के पुनर्वास विभाग ने भी अपने पत्र क्रमांक 22-28/83/1/28 भोपाल, दिनांक 15 जनवरी 1985 द्वारा टिकुरी कैम्प के विस्थापित परिवारों को भूमि आवंटन की नीति बनाकर भूमि आवंटन के आदेश जारी किए थे? (ग) क्या तत्कालीन संयुक्त सचिव पुनर्वास विभाग ने अपने पत्र क्र. 14-24/89/28 दिनांक 26/27 जून 1989 के पैरा 3 में टिकुरी कैम्प कटनी के विस्थापित परिवारों को भूमि आवंटन के संबंध में स्पष्टीकरण दिया था कि टिकुरी कैम्प के विस्थापितों को भूमि आवंटन करने के संबंध में पुनर्वास विभाग द्वारा 15 जनवरी 1985 को जो आदेश प्रसारित किए हैं, कलेक्टर जबलपुर द्वारा इन्हीं आदेशों के पालन में भूमि का आवंटन तथा पट्टों का आवंटन किया जा रहा है? जहां तक राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 09.07.1986 का प्रश्न है, ये आदेश केवल नजूल भूमि पर अतिक्रमित विस्थापितों के लिए ही लागू हैं, इसका संबंध टिकुरी कैम्प के विस्थापितों के लिए नहीं आता है। (घ) यदि हाँ, तो टिकुरी कैम्प कटनी के विस्थापितों परिवारों के भूमि आवंटन के लंबित मामलों का निपटारा उक्त निर्देशों/आदेशों के तहत न करने का क्या कारण है? क्यों जिलाध्यक्ष कटनी द्वारा धारणाधिकार नियमों के तहत वहां के रहवासियों से आवेदन मंगाये जा रहे है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) टिकुरी कैम्प के सभी पात्र विस्थापितों परिवारों के मामले का निपटारा शासन के समय-समय पर जारी निर्देशो/आदेशों के तहत किया गया है एवं सभी पात्र परिवारों को पट्टा वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 22-3/2018/सात/पुनर्वास भोपाल दिनांक 26-12-2022 के दिशा निर्देश अनुसार परिपत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/सा.3 दिनांक 24-09-2020 एवं संशोधित परिपत्र दिनांक 31-03-2023 के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश है। इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सिंधी विस्थापित परिवारों के प्रतिनिधियों के साथ दिनांक 05-06-2023 को बैठक आयोजित की गई जिसमें विचार उपरान्त नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में के धारकों के धारणधिकार के संबंध में जारी निर्देश/परिपत्र अनुसार आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने की सहमति दी गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' तथा 'ब' अनुसार है।
राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
4. ( क्र. 82 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चांचौड़ा विधानसभा के ग्राम जोहरीपुरा को राजस्व ग्राम घोषित करने की क्या योजना है? (ख) जोहरी पूरा एवं इसके जैसे अन्य ग्रामों को राजस्व ग्राम कब घोषित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चांचौड़ा विधानसभा का मजरा जोहरीपुरा तहसील कुंभराज क्षेत्रांतर्गत आता है। मजरा जोहरीपुरा में म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के नियम 43 (3) में विहित प्रावधान अनुसार राजस्व ग्राम बनाये जाने की पात्रता शर्तों की पूर्ति नहीं होती जिसके प्रकाश में इसे राजस्व ग्राम बनाए जाने का प्रस्ताव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार है।
बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाना
[राजस्व]
5. ( क्र. 90 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों ने बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने बाबत् एवं कितने हितग्राहियों ने बी.पी.एल. श्रेणी के राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? अभी तक किस-किस के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये एवं कितने नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) कितने हितग्राहियों के आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने के आवेदन अस्वीकृत किये गये? संख्यात्मक आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विगत 03 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 2604 लोगों द्वारा बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने हेतु आवेदन किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कुल 587 आवेदन स्वीकार कर बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़े गये। (ग) 58 हितग्राहियों के आवेदन पत्र अभी तक लंबित है तथा 1959 आवेदन पत्र अपात्रता होने के कारण अस्वीकृत किये गये।
मजरे, टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
6. ( क्र. 111 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में तहसील कोलारस, बदरवास एवं रन्नौद में पात्रताओं की पूर्ति करने वाले मजरा टोला को राजस्व नवीन ग्राम बनाए जाने हेतु प्रकरण लंबे समय से प्रचलन में है, फिर विभाग द्वारा अब तक उक्त ग्रामों को नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने संबंधी कार्यवाही पूर्ण क्यों नहीं की है? वर्तमान में प्रकरण किस स्तर पर लंबित है तथा नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने में देरी क्यों की जा रही है? इस विलंब हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने में विलंब करने वाले जिम्मेदारों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा व कब तक? पात्रता की पूर्ति करने वाले ग्रामों को कब तक नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने की कार्यवाही पूर्ण कर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया जावेगा? निश्चित समयावधि बताएं? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील कोलारस की ग्राम पंचायत भडौता का मजरा चक्क भडौता भी वर्तमान में राजस्व ग्राम नहीं है? यदि हाँ तो क्या मजरा चक्क भडौता नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने की पात्रताओं की पूर्ति करता है? यदि हाँ चक्क भडौता को नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिले की तहसील कोलारस के ग्राम बेहटा से मजरा धर्मपुरा, तहसील बदरवास के मूल ग्राम मेघोनाबडा से मजरा दादूखेडी व तहसील रन्नोद के मूल ग्राम देहरदा गणेश से मजरा टपरियन, मूल ग्राम ओडेरा से मजरा चकरामपुर, मूल ग्राम राजापुर छावरा से मजरा छावरा, मूल ग्राम अकोदा से मजरा मुढरी, मूल ग्राम ढकरौरा से मजरा खासखेडा, मूलग्राम सुनाज से मजरा करमई चक को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. ग्वालियर को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। तत्पश्चात प्रस्तावित ग्रामों के जी.आई.एस. नक्शों का निर्माण कराये जाने हेतु प्रबंध संचालक एम.पी.एस.ई.डी.सी.लि. भोपाल की ओर दिनांक 06.12.2022 को लेख किया गया। एम.पी.एस.ई.डी.सी.लि. भोपाल द्वारा उक्त ग्रामों के फीचर एक्सट्रेक्शन का कार्य पूर्ण करने की सूचना आयुक्त, भू अभिलेख कार्यालय को दी गई, जिसके आधार पर संबंधित ग्रामों के जी.आई.एस. आधारित प्रारूप नक्शे एम.पी.एस.ई.डी.सी.लि. भोपाल से प्राप्त करने हेतु शेड्यूल दिनांक 24.05.2023 को जारी किया गया। इसके क्रम में उक्त मजरा टोलों से निर्मित राजस्व ग्रामों एवं मूल ग्रामो के प्रारूप जी.आई.एस. नक्शा निर्माण कराये जाने हेतु पटवारियों को MPSEDC भोपाल भेजा गया था। पटवारियों द्वारा उक्त ग्रामों के प्रारूप नक्शे एम.पी.एस.ई.डी.सी. लि. भोपाल से प्राप्त कर ग्राउन्ड ट्रुथिंग की नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। कार्य वृहद एवम तकनीकी स्वरूप का होने से समय-सीमा बतायी जाने में कठिनाई है। (ग) जी हाँ। मजरा चक्क-भडौता को नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने की पात्रता रखता है। मजरा चक्क-भडौता को नवीन राजस्व ग्राम बनाए जाने हेतु तहसील न्यायालय कोलारस अंतर्गत प्रकरण क्रमांक 0008/ब-121/2023-24 पंजीबद्ध किया जाकर प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में समय-सीमा निर्धारण करने में कठिनाई है।
किसानों को अधिग्रहीत भूमि की राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 112 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन बडोखरा सिंचाई परियोजना अंतर्गत जिन किसानों की कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया है? उन सभी की रजिस्ट्रियां हो चुकी है व कितने किसानों की रजिस्ट्री किन कारणों से नहीं हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन किसानों की अधिग्रहीत की गई भूमि की रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं, उन्हें देय राशि का सम्पूर्ण भुगतान किया जा चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या बजट उपलब्ध न होने के चलते किसानों को भुगतान किया जाना लंबित है और यदि बजट उपलब्ध है, तो रजिस्ट्री होने के उपरांत भी किसानों का भुगतान कब से व क्यों लंबित है? इस हेतु उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित किसानों को भूमि अधिग्रहण का सम्पूर्ण भुगतान किया जावेगा? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत बिजरौनी- बरोदिया लघु सिंचाई परियोजना की स्वीकृति हुए लगभग 05 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं? उक्त परियोजना में अब तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है व कितना कार्य शेष है? कार्य पूर्ण होने की क्या समय-सीमा है? क्या समय-सीमा के भीतर काम पूरा कर लिया जावेगा? यदि समय-सीमा में पूर्ण नहीं होगा तो इस हेतु कौन-कौन उत्तरदायी होंगे व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन बडोखरा सिचांई परियोजना में 186 किसानों की 40.154 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जाना प्रतिवेदित है, जिनमें से 82 किसानों की 27.065 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्रियां हो चुकी है, शेष में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि 82 किसानों की रजिस्ट्रियां संपन्न कराकर सभी 82 किसानों को मुआवजा राशि का सम्पूर्ण भुगतान कर दिया जाना प्रतिवेदित है। शेष किसानों की रजिस्ट्रियां संपन्न करवाने की कार्यवाही प्रचलन में है अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। परियोजना के तहत अभी तक 03 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हुआ है तथा 97 प्रतिशत कार्य शेष है। योजना के भू-अर्जन में वृद्धि होने के कारण योजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रकरण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा लिये गये आक्षेपों की पूर्ति कर संशोधित प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री, शिवपुरी द्वारा दिनांक 30.06.2023 को अधीक्षण यंत्री, ग्वालियर को प्रेषित किया गया है जो उनके स्तर पर परिक्षाणाधीन होना प्रतिवेदित है। परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत ही कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। अतः किसी अधिकारी पर कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है।
विभाग की योजनाओं में राशि का भुगतान
[श्रम]
8. ( क्र. 125 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि रायसेन जिले की जनपद पंचायत बेगमगंज तथा सिलवानी में वित्तीय वर्ष 2017-18 में मण्डल द्वारा श्रमिक शेड स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो द्वितीय किश्त का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? कारण बतायें? (ख) रायसेन जिले में कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिक जिनकी पुत्रियों के विवाह 22.04.2022 के पूर्व हुए है उनकों विवाह सहायता राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या यह सत्य है कि रायसेन जिले में संबल योजना तथा कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के लगभग एक हजार प्रकरण लंबित है यदि हाँ तो क्यों? कारण बताये तथा राशि का भुगतान प्राथमिकता क्रम से क्यों नहीं होता है? (घ) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में विगत 02 वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा मान मंत्री जी को अनेक पत्र लिखे तथा मान. मंत्री जी ने प्रमुख सचिव श्रम विभाग एवं अन्य अधिकारियों को कार्यवाही हेतु पत्र भेजे इसके उपरांत भी विभाग के अधिकारियों द्वारा मान. मंत्री जी के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं किया तथा इसके लिए कौन-कौन दोषी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। रायसेन जिले की जनपद पंचायत तथा सिलवानी में वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिला रायसेन से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय शेड स्वीकृत किये गये थे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बेगमगंज तथा सिलवानी से स्वीकृत शेडों हेतु प्रथम किश्त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा द्वितीय किश्त का मांग पत्र/प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से आवंटन नहीं किया गया है। (ख) रायसेन जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना में दिनांक 21.04.2022 के पूर्व के 95 लंबित प्रकरणों में पात्र हितग्राहियों को भुगतान हेतु जिला कलेक्टर से प्राप्त मांगपत्र अनुसार राशि आवंटित की जा चुकी है। मण्डल स्तर पर दिनांक 21.04.2022 के पूर्व के विवाह सहायता योजना के प्रकरणों में भुगतान हेतु कोई भी मांग पत्र लंबित नहीं है। (ग) रायसेन जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की ''मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना'' के अंतर्गत 25 प्रकरण संबंधित स्वीकृतकर्ता अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रायसेन जिले में संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 658 प्रकरण लंबित हैं अनु्ग्रह सहायता प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है योजनांतर्गत भुगतान शासन से प्राप्त बजट द्वारा किया जाता है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (घ) मान. विधायक द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में विगत 02 वर्षों में मान. मंत्री, श्रम विभाग की ओर प्रेषित पत्र, जो कि मान. मंत्री जी, मध्यप्रदेश शासन तथा श्रमायुक्त कार्यालय के माध्यम से इस कार्यालय को 09 पत्र प्राप्त हुये, उन सभी पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है एवं कृत कार्यवाही से मान. विधायक को भी अवगत कराया गया है। विगत दो वर्षों में माननीय विधायक जी के माननीय श्रम मंत्री जी को संबोधित पत्र तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहर निर्माण में विलम्ब
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 126 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न क्र. 2312 दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया था कि वन भूमि प्रभावित होने तथा वन भूमि का हस्तान्तरण न होने के कारण नहर का निर्माण नहीं किया जा सका वन भूमि हस्तान्तरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जून 2023 की स्थिति में ग्राम पिपलियाख़ास में नहर का निर्माण क्यों नहीं हुआ तथा इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (घ) के उत्तर में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दी गई है जिसके क्र. 02 में बताया था कार्यवाही प्रक्रियाधीन है आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी के अंतर्गत नगपुरा नगझिरी जलाशय के डूब प्रभावित रामपुर टोला के 17 परिवारों को मुआवजा राशि भुगतान का प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में मान मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि सालाबर्रू जलाशय के तहत ग्राम पिपलियाखास में नहर निर्माण में आने वाली प्रभावित 0.42 हेक्टेयर वन भूमि की औपचारिक उपयोग करने की अनुमति वन मण्डलाधिकारी सामान्य वन मण्डल रायसेन के कार्यालयीन पत्र दिनाँक 06.06.2023 के द्वारा दी गयी है। पिपलियाखास की शेष 800 मीटर नहर के निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित की गई थी किन्तु एजेंसी को बार-बार स्मरण पत्र लिखने के पश्चात् भी कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया। अतः अनुबंध के विखण्डन की कार्यवाही की गयी। अनुबंध विखण्डन के विरूद्ध एजेन्सी द्वारा मुख्य अभियंता के समक्ष मई माह में अपील की गयी एवं कार्य करने हेतु एजेन्सी द्वारा दिनाँक 20.05.2023 को आश्वासन दिया गया परन्तु, फिर भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल के द्वारा एजेन्सी पर कार्यवाही कर एजेन्सी का पंजीयन काली सूची में डाला गया एवं पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः नहर निर्माण हेतु किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी के अन्तर्गत नगपुरा नगझिरी जलाशय के डूब प्रभावित रामपुर टोला के 17 परिवारों के मकान जलाशय के अधिकतम जलस्तर (एम.डब्ल्यू.एल.) के ऊपर हैं। उक्त मकान तीन ओर से पानी से घिरे होने के कारण उन मकानों का मूल्याकंन लोक निर्माण विभाग से करा लिया जाना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 19/07/2021 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं भू-अर्जन अधिकारी सिलवानी को 17 मकानों के 3180.00 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए राशि रू.70,65,600.00 का गणना पत्रक तैयार कर कलेक्टर जिला रायसेन के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया। कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 23.01.2023 द्वारा कलेक्टर जिला रायसेन को आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के आधार पर दोगुनी राशि रू.1,41,31,200/- का प्रकरण पुनः तैयार कर प्रस्तुत किया गया एवं प्रकरण कलेक्टर जिला रायसेन द्वारा भू-अर्जन अधिकारी, सिलवानी को भेजा गया है। भू-अर्जन अधिकारी सिलवानी द्वारा चाही गयी जानकारी पुन: कार्यपालन यंत्री ने पत्र दिनाँक 10.03.2023 द्वारा प्रेषित की है। कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 150 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोहनपुरा बांयी तट (पम्प हाउस एवं रायजिंग मैन) निर्माण की एजेन्सी एल.एण्ड.टी. का संचालन एवं रख-रखाव अवधि समाप्त हो चुकी है एवं कालीपीठ क्षेत्र को सिंचाई करने वाली दांयी तट परियोजना की रख-रखाव अवधि माह जून 2023 में समाप्त हो रही है? (ख) क्या इन योजनाओं के आगामी रख-रखाव एवं संचालन हेतु नवीन एजेन्सी निर्धारित हो गयी है? यदि नहीं, तो आगामी रबी सत्र में सिंचाई कैसे की जावेगी? इस विलम्ब के लिये कौन जवाबदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आगामी रख-रखाव एवं संचालन हेतु समय-सीमा में नवीन एजेन्सी निर्धारित नहीं होती है? तो इस अनियमितता के लिये कौन दोषी है? क्या दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या एवं कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं। संचालन एवं रख-रखाव हेतु दिनांक 23.06.2023 को निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई से वंचित ग्राम
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 151 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परियोजना संचालक एम.के.पी.एम.यू. राजगढ़ ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक 1163/तक./वी.आई.पी./एम.के.पी.एम.यू./22 राजगढ़ दिनांक 06.05.2022 से प्रमुख अभियंता जल संसाधन को उनके पत्र क्रमांक 3442200/467/वी.आई.पी./सी.एम. मोनिट/22 भोपाल दिनांक 12.04.2022 से मोहनपुरा परियोजना की डाउन स्ट्रीम में 2200 हेक्टेयर सिंचाई की टी. एस. राशि रुपये 43.87 करोड़ की स्वीकृति सम्बंध में पत्र लिखा है? (ख) यदि हाँ है तो मोहनपुरा परियोजना में सिंचाई से वंछित ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा? कब तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मोहनपुरा परियोजना के तहत सिंचाई से वंचित ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मोहनपुरा परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव में उक्त राशि को सम्मिलित कर प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। साधिकार समिति की अनुशंसा के उपरांत पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जाना संभव होगा। निविदा आमंत्रित करने तथा कार्य प्रारंभ करने के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शुद्ध लाभ की राशि से सामग्री क्रय
[वन]
12. ( क्र. 179 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त संगठन श्री इरफान जाफरी पत्रकार, फायर ब्रिगेड रोड भोपाल द्वारा की गई शिकायत के बाद भी शुद्ध लाभ की राशि में से ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि संबंधित प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को नहीं दिए जाने पर भी सहकारिता विभाग एवं म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। (ख) आयुक्त/पंजीयक सहकारिता विभाग विंध्याचल भवन भोपाल से किस-किस दिनांक को किस-किस वर्ष के शुद्ध लाभ की कितनी राशि में से ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की कितनी-कितनी राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को उपलब्ध नहीं करवाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। (ग) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि से गत पांच वर्षों में कितने मूल्य की कौन-कौन सी सामग्री क्रय कर संग्राहकों को वितरित की गई इसकी लोकायुक्त संगठन ने कब-कब जांच की है यदि जांच नहीं की हो तो कारण बतावें। (घ) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि समितियों को प्रदान नहीं किए जाने, एवं यह राशि खर्च कर दिए जाने का कब तक प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सहकारिता विभाग एवं म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन द्वारा प्रकरण पंजीकृत किये जाने की सूचना विभाग को नहीं है। (ख) ऐसी कोई जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) वर्ष 2018 में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वितरित की गयी सामग्री एवं मात्रा तथा राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
सामग्री का नाम |
वितरित सामग्री (लाख में) |
व्यय राशि (रू. करोड़ में) |
जूता |
11.23 |
21.84 |
चप्पल |
11.11 |
14.51 |
साड़ी |
11.11 |
29.77 |
पानी की बोतल |
22.35 |
42.47 |
योग |
|
108.59 |
जी.एस.टी., परिवहन एवं वितरण व्यय |
24.98 |
|
कुल योग |
|
133.57 |
उपरोक्त सामग्री वितरण की लोकायुक्त संगठन द्वारा जांच किये जाने की सूचना विभाग को नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्रामीण विकास मद एवं वन विकास मद की राशि का उपयोग शासन के निर्देशानुसार किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरक्षित वन भूमियों का क्रय विक्रय
[वन]
13. ( क्र. 180 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन ग्रामों की आरक्षित/संरक्षित वन भूमि की रजिस्ट्री होने उसके आधार पर नामांतरण होने, खसरा पंजी बनाकर भूमि को भूस्वामी हक की भूमि दर्ज करने, किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका दिए जाने के क्या-क्या अधिकार वन विभाग ने भारतीय वन अधिनियम 1927 या मध्य भारत वन अधिनियम 1950 की किस-किस धारा में राजस्व अधिकारियों को प्रदान किए है। (ख) इंदौर एवं बड़वाह वन मंडल के अंतर्गत किस-किस वन ग्राम की कितनी-कितनी भूमियों की वर्ष 1929 से 2022 तक कितनी रजिस्ट्रियों उप पंजीयक मुद्रांक शुल्क ने पंजीबद्ध की है, किस-किस वर्ष की खसरा पंजी में कितने किसानों के नाम पर कितनी भूमि को भूस्वामी हक में दर्ज किया है, कितने किसानों को राजस्व विभाग ने भू-अधिकार पुस्तिका दी गई है? (ग) वन ग्रामों की आरक्षित वन प्रवेदित भूमियों की रजिस्ट्री होने उनका नामांतरण करने, खसरा पंजी में भू-स्वामी हक दर्ज करने पर वन विभाग ने किस किस के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाया यदि अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करवाया हो तो कारण बतावें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनग्रामों की आरक्षित/संरक्षित वनभूमि के क्रय-विक्रय का प्रावधान नहीं है। अतः राजस्व अधिकारियों को अधिकार दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) वन मुख्यालय द्वारा समस्त आयुक्त (राजस्व) एवं महानिरीक्षक पंजीयक एवं अधीक्षक मुद्रांक को वनग्रामों की आरक्षित/संरक्षित वन भूमियों के क्रय-विक्रय विधिसंगत नहीं होने एवं वनभूमि के नामांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के संबंध में लेख किया गया है। अतः अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनग्रामों की आरक्षित वनभूमि
[राजस्व]
14. ( क्र. 181 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर वन मंडल द्वारा 05 एवं बड़वाह वनमंडल द्वारा 09 प्रतिवेदित वन ग्रामों की दिनांक 21/10/1954 को आरक्षित वन अधिसूचित भूमियों को खसरा पंजी में भूस्वामी हक की भूमि दर्ज करने, रजिस्ट्री करने और उसके आधार पर नामांतरण करने का क्या-क्या अधिकार राजस्व अधिकारियों को किसके द्वारा दिया गया हैं? (ख) 05 एवं 09 ग्रामों की किस-किस वर्ष की मिसल बंदोबस्त, खसरा पंजी, राजस्व अभिलेखागार, राजस्व पटवारी एवं ऑनलाईन भू-पोर्टल पर उपलब्ध हैं उसमें किस वर्ष में कितनी-कितनी भूमि भू-स्वामी हक पर दर्ज हैं, किस दिनांक से किस दिनांक तक किस ग्राम की कितनी रजिस्ट्री के दस्तावेज अभिलेखागार में उपलब्ध है? (ग) 05 एवं 09 ग्रामों को किस दिनांक को वनग्राम अधिसूचित या आदेशित किया इन ग्रामों की भूमियों को 21/10/1954 को आरक्षित वन अधिसूचित करने के पूर्व किस वन व्यवस्थापन प्रकरण में धारा 11 एवं धारा 12 मध्य भारत वन विधान 1950 के तहत आदेशित किया, आदेश की प्रति सहित बतावें? (घ) कलेक्टर इंदौर एवं कलेक्टर खरगोन किस आधार पर 05 एवं 09 ग्रामों को वन ग्राम एवं निजी भूमियों को आरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इन्दौर वन मण्डल अंतर्गत 05 वन ग्रामों एवं बड़वाह वनमण्डल अंतर्गत 9 वनग्रामों की दिंनांक 21/10/1954 को आरक्षित वन अधिसूचित भूमियों को खसरा पंजी में भूमिस्वामी हक रजिस्ट्री करने और उसके आधार पर नामांतरण करने का अधिकार राजस्व अधिकारियों को नहीं दिये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 'अ एवं 'ब' अनुसार है। रजिस्ट्री के दस्तावेज राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है। (ग) इंदौर में 4 वनग्रामों को आरक्षित वन अधिसूचित करने संबंधी मिसल बंदोबस्त एवं मिसल नक्शा पर दिनांक - 28.7.1953 को इंस्पेक्टर बंदोबस्त फारेस्ट विजिलेंस, इंदौर एवं दि. 26.03.1954 को असिस्टेंट सेटलमेंट आफिसर मध्यभारत, इंदौर के हस्ताक्षर एवं सेटेलमेंट आफिसर मध्यभारत, इंदौर की सील अंकित है। सामान्य वनमंडल बड़वाह के अंतर्गत 09 वन ग्रामों को मध्यभारत फॉरेस्ट एक्ट 1950 की धारा 20 के द्वारा फॉरेस्ट एण्ड ट्रायबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्स-एफ/114 (54) दिनांक 09.10.1954 राजपत्र दिनांक 21.10.1954 के द्वारा आरक्षित वन अधिसूचित किया गया। उक्त ग्रामों की भूमियों को 21.10.1954 को आरक्षित वन अधिसूचित करने के पूर्व वन व्यवस्थापन प्रकरण में धारा 11 एवं धारा 12 की कार्यवाही के संबंध में अभिलेख वन मण्डल में उपलब्ध नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार है।
म.प्र. लघु वनोपज संघ द्वारा स्वीकृति
[वन]
15. ( क्र. 184 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल द्वारा किए जाने वाले व्यापार से हुए शुद्ध लाभ की संपूर्ण राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को दिए जाने एवं समितियों द्वारा नगद वितरण करने, ग्रामीण विकास एवं वन विकास पर खर्च करने के संबंध में शासन ने कब-कब क्या-क्या आदेश जारी किए वर्तमान में क्या-क्या आदेश लागू हैं? (ख) गत तीन वर्षों में लघु वनोपज संघ को कितनी लागत से कितने ग्रामीण विकास कार्य एवं कितनी लागत के कितने वन विकास कार्य के प्रस्ताव प्राप्त हुए? इनमें से कितने लागत के कितने प्रस्ताव मान्य किए, कितनी लागत के कितने प्रस्तावों पर आपत्ति लगा दी गई? कितने प्रस्ताव अमान्य कर दिए गये? यूनियनवार अलग-अलग बतावें। (ग) समिति के प्रस्तावों को अमान्य किए जाने, आपत्ति लगाए जाने की कार्यवाही संघ में किस-किस पद पर पदस्थ किस-किस अधिकारी के द्वारा की गई उसे संघ की उपविधि की किस-किस कंडिका में इस बाबत् क्या-क्या अधिकार दिया गया? (घ) ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की कितनी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक भी समितियों को नहीं दी गई? यह राशि संघ के किस-किस खाते में जमा है? वर्षवार बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल द्वारा किए जाने वाले व्यापार से हुये शुद्ध लाभ की राशि संग्राहकों को नगद वितरण करने, ग्रामीण विकास एवं वन विकास पर खर्च करने के संबंध में शासन के निर्देश वर्ष 1998, 2006, 2012 एवं 2022 में दिये गये है। वर्तमान में म.प्र. शासन के निर्देश दिनांक 11.03.2022 के आदेश लागू है। उक्त आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) राज्य में लघु वनोपजों का व्यापार त्रिस्तरीय सहकारिता की संरचना के तहत किया जाता है, जिसमें प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां, जिला स्तर पर जिला स्तरीय सहकारी यूनियन तथा शीर्ष स्तर पर म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल कार्यरत है। इसी संरचना के तहत वनोपज व्यापार के लाभ से ग्रामीण अधोसंरचना एवं वन विकास मद के कार्यों के संबंध में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्णय लिया जाता है तथा जिला एवं प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों को निर्देश एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में उप नियम 3 में भी तदानुसार प्रावधान दिये गये है प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के वन रक्षकों की भर्ती
[वन]
16. ( क्र. 200 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान वित्तीय वर्ष सहित पिछले 3 वित्तीय वर्षों में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लिए किन-किन पदों के लिए कितने-कितने पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन आहूत किए गए? विज्ञापनवार, वर्षवार, संख्यावार, पदवार विवरण उपलब्ध करावें? (ख) विज्ञापित/प्रकाशित पदों के विरूद्ध किन-किन पदों के लिए कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदन पात्र पाए गए? कितने अपात्र पाए गए? कितनों को साक्षात्कार/दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया? साक्षात्कार के विरूद्ध कितने एवं किन-किन को नियुक्तियां दी गई? (ग) किस-किस भर्ती प्रक्रिया में कितने आवेदनों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पाए गए? यदि नहीं, तो क्या जाति प्रमाण-पत्रों की जांच सूक्ष्मता से कराई जावेगी? कितने आवेदन किन-किन कारणों से अमान्य/अस्वीकृत किया गया? (घ) क्या यह सही है कि पिछले माहों/वर्षों में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लिए वनरक्षकों के 372 पदों के विरूद्ध लगभग 95 पदों पर भर्ती हुई और अन्य पद रिक्त हैं? रिक्त पदों का विवरण दें? क्या रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अक्टूबर 2023 से पहले भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी? नहीं क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग जिसमें विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए भर्ती के संबंध में वन विभाग की जानकारी निरंक है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग जिसमें विशेष पिछड़ी जनजाति (PGT) भी शामिल के लिए विज्ञापित पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-
विभाग |
पदनाम |
विज्ञापित पदों की संख्या |
वन विभाग |
वनरक्षक |
373 |
सहायक ग्रेड-3 |
26 |
|
स्टेनो टायपिस्ट |
9 |
|
म.प्र. राज्य वन विकास निगम |
वरिष्ठ लेखापाल |
2 |
क्षेत्ररक्षक |
28 |
|
लेखापाल |
4 |
(ख) उत्तरांश "क" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। जिन्हें नियुक्ति दी गई है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) उक्त भर्ती में कोई भी जाति प्रमाण पत्र फर्जी नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्धारित अभिलेख/अर्हता न होने के कारण 206 अभ्यार्थियों के आवेदन पत्र अमान्य/अस्वीकृत किये गये। (घ) उत्तरांश "क" विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लिए वनरक्षकों के 372 के विरूद्ध नहीं बल्कि 373 पदों के विरूद्ध 95 पदों पर भर्ती की गई है। शेष रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। जिसकी भर्ती की कार्यवाही कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से प्रारम्भ है।
कार्य योजनाओं एवं ग्रामों के पुनर्वास की जानकारी
[वन]
17. ( क्र. 201 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 तक वनों के प्रबंधन के कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन एवं ग्रामों के पुनर्वास हेतु मुआवजे का आवंटन किया गया है? दिशा-निर्देश सहित जिलेवार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्य में कितना व्यय हुआ, वनमण्डल अनुसार कार्यवार व्यय की गई राशि का विवरण एवं शेष राशि का उपयोग न होने का कारण पृथक-पृथक प्रदान करें? (ग) यदि प्राप्त आवंटन के विरूद्ध शेष राशि का उपयोग किसी अन्य कार्य में किया गया हो तो, जानकारी प्रदान करें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कार्य आयोजना के क्रियान्वयन के अंतर्गत मुआवजे का आवंटन नहीं किया गया है तथा न ही ऐसे कोई निर्देश हैं। ग्रामों के पुनर्वास हेतु मुआवजे के आवंटन की जिलेवार/वनमंडलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। ग्रामों के पुनर्वास हेतु मुआवजा आवंटन के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) शेष राशि का उपयोग किसी अन्य कार्य में नहीं किया गया है।
किसानों को फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान
[राजस्व]
18. ( क्र. 220 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20-03-2020 से दिनांक 30-05-2023 तक विधान सभा क्षेत्र भीकनगांव में कितने किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में कितना भुगतान किया गया? (ख) सरकार द्वारा कितनी राशि दी गई और किसान बीमा कंपनी द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें खाता नम्बर में हेर- फेर करके किसान को दी जाने वाली राशि किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर कर दी गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले के विधानसभा क्षेत्र भीकनगांव अन्तर्गत दिनांक 20.03.2020 से दिनांक 30.05.2023 तक किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में निम्नानुसार राहत राशि का भुगतान किया गया :-
क्र. |
वर्ष |
किसानों की संख्या |
भुगतान राशि |
1. |
2020-21 |
19313 |
164526090 |
2. |
2021-22 |
निरंक |
निरंक |
3. |
2022-23 |
निरंक |
निरंक |
4. |
30.05.2023 तक |
निरंक |
निरंक |
|
योग |
19313 |
164526090 |
(ख) विधानसभा क्षेत्र भीकनगांव अंतर्गत राहत राशि 16,45,26,090/- रूपये का भुगतान किया गया है। बीमा कंपनी द्वारा कुल राशि 19,39,42,137/- रूपये का भुगतान किया गया। (ग) जानकारी निरंक है।
वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज एवं बडे गोदामों का संचालन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( क्र. 227 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना, ग्वालियर, अशोकनगर, गुना, सीहोर, विदिशा में कितने वेयर हाउस, कोल्डस्टोरेज एवं बड़े गोदाम (म.प्र. शासन द्वारा अनुमति प्राप्त) संचालित है? वे कितनी-कितनी क्षमता के है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने वेयर हाउस, कोल्डस्टोरेज, बड़े गोदामों को म.प्र. शासन एवं म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा किराया/लीज पर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार किन-किन खाद्यान्न सामग्री/अन्य वस्तु के लिए लीज/किराये पर लिये गये है? क्या-क्या दरों पर लिये गये है? सम्पूर्ण जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जो दर है वह मात्रा के अनुसार है या सम्पूर्ण वेयर हाउस, कोल्डस्टोरेज, बड़े गोदामों के लिये है? पिछले 5 वर्ष की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) 1. कोल्डस्टोरेज का संचालन या पर्वेक्षण इस विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। 2. जिला मुरैना में 34 वेयर हाउस क्षमता 133379.11 मे. टन, जिला ग्वालियर में 54 वेयर हाउस क्षमता 335555.51 मे. टन, जिला अशोकनगर में 59 वेयर हाउस क्षमता 321102.39 मे. टन, जिला गुना में 72 वेयर हाउस क्षमता 306694.65 मे. टन, जिला सीहोर में 360 वेयर हाउस क्षमता 1742014.24 मे. टन, जिला विदिशा में 295 वेयर हाउस क्षमता 1433881.45 मे. टन के म.प्र. शासन द्वारा अनुमति प्राप्त वेयर हाउस संचालित है। (ख) 1. कोल्डस्टोरेज का संचालन या पर्वेक्षण इस विभाग द्वारा नहीं किया जाता। 2. प्रश्नाधीन जिलों में मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा किराया/लीज पर लिये गये गोदामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) 1. मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा जिन्सवार दर निर्धारण के लिए जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। 2. शासकीय स्कंध के भंडारण हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर के संबंध में जारी परिपत्र क्रमांक-9-14/2022 SG-I दिनांक 10.05.2022 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) 1. कोल्डस्टोरेज का संचालन या पर्वेक्षण इस विभाग द्वारा नहीं किया जाता। 2. प्रश्नांश में बड़े गोदामों का उल्लेख है, गोदामवार जानकारी वृहद स्वरूप की है, अत: 10000 मे. टन या इससे अधिक क्षमता के गोदामों की प्रश्नाधीन जिलों की वर्षवार, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
सब रेंज लवाणी के वन भूमि पर अवैध कब्जा
[वन]
20. ( क्र. 248 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में माण्डव रेंज के सबरेंज लवाणी में कंपारमेंट नंबर 243 एवं 244 में वन अधिकार पत्र वितरण के पश्चात वृक्षों की कटाई कर कितनी वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा हुआ है? यदि हाँ तो दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो वन अधिकार पत्र वितरण के पश्चात शेष वन भूमि के सर्वे नंबर की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सबरेंज लवाणी में अधिकारी एवं वनकर्मियों द्वारा मिलीभगत कर ग्रामीणों से रूपये लेकर वनभूमि पर कब्जा करवाया जा रहा है एवं वन अधिकार पत्र के अतिरिक्त एक-एक व्यक्ति को सौ-सौ बीघा वन भूमि पर अवैध कब्जा करवाया जा रहा है? यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों एवं वनकर्मियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन मंडल धार में वन परिक्षेत्र नांडव की सबरेंज लवाणी में कक्ष क्रमांक आर. एफ. 243 में वृक्षों की कटाई कर वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा नहीं किया गया है, जबकि कक्ष क्रमांक आर. एफ. 244 में 0.78 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर अवैध रूप से कब्जा किया गया है, जिसे हटाने के विभागीय प्रयास किये जा रहे है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय वन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है अत: इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। इन वन कक्ष क्रमांकों में वन अधिकार पत्र वितरण उपरांत शेष वन भूमि को सर्वे नम्बर में विभक्त नहीं किया गया है। अत: सर्वे नंबर की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) यह सत्य नहीं है कि सबरेंज लवाणी अंतर्गत वन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर ग्रामीणों को सौ-सौ बीघा वन भूमि पर कब्जा कराया जा रहा है। अत: किसी भी वन अधिकारी/कर्मचारियों पर किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खनिज की रायल्टी क्लियरेन्स
[खनिज साधन]
21. ( क्र. 275 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज अधिकारी द्वारा सिंगरौली एवं सोनभद्र जिले में किये जा रहे निर्माण कार्यों में लगने वाले खनिज की रायल्टी क्लियरेन्स दिया जा रहा है? यदि हाँ तो टीपी सहित दिये क्लियरेन्स की प्रति उपलब्ध कराये? (ख) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले में हो रहे निर्माण कार्यों में लगने वाले रायल्टी में टीपी सत्यापन की सहमति सीधी एवं सिंगरौली खनिज अधिकारी से प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध कराये? (ग) क्या अन्य जिले की टीपी सत्यापन करने का नियम है? यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध किये जा रहे रायल्टी सत्यापन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक कितनी बार कब कब न्यास मंडल की बैठक की गई। बैठक में किसके-किसके द्वारा कितना-कितना प्रस्ताव प्राप्त हुआ एवं प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर कितने कितने लागत के कार्य स्वीकृत किये गये है वर्षवार जानकारी देवें तथा वर्षवार आडिट की जानकारी उपलब्ध करावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। सिंगरौली जिले में निर्माण कार्यों में उपयोग किये गये खनिज की रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र रॉयल्टी रसीदों के सत्यापन के उपरांत जारी किये गये हैं। वांछित अनुसार वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जारी किये गये रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र की प्रति एवं प्रस्तुत किये गये ट्रांजिट पास का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित जिले के ट्रांजिट पास का सत्यापन उसी जिले के द्वारा किया जाना प्रावधानित है। अन्य जिलों के ट्रांजिट पास का सत्यापन सीधी एवं सिंगरौली जिले में नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश से संबंधित सिंगरौली जिले में आयोजित न्यास मण्डल की वर्षवार बैठक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। न्यास मण्डल को प्राप्त प्रस्ताव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। न्यास मण्डल की बैठक में प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। सिंगरौली जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कराये गये कार्यों का ऑडिट हो चुका है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। वित्तीय वर्ष 2023-24 का ऑडिट वित्तीय वर्ष की समाप्ति उपरांत कराया जाएगा। प्रश्नांश अनुसार सीधी जिले में आयोजित न्यास मण्डल की बैठक, न्यास मण्डल को प्राप्त प्रस्ताव तथा न्यास मण्डल को प्राप्त प्रस्ताव अनुसार स्वीकृत किये गये कार्य एवं कराये गये कार्यों के ऑडिट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ पर दर्शित है।
भू-अधिकार पट्टों का प्रदाय
[राजस्व]
22. ( क्र. 276 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में तहसीलवार भूमिहीन हितग्राहियों को भू-अधिकार पट्टा दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक दी जाये। कब-कब सर्वे कार्य कराया गया, कितने हितग्राहियों को चिन्हांकन किया गया एवं चिन्हांकन उपरांत कितने हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया गया? पृथक-पृथक जानकारी ग्रामवार, ग्रामपंचायतवार, हितग्राहीवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चिन्हांकित हितग्राहियों में से ऐसे कितने हितग्राही है जिन्हें आज दिनांक तक पट्टा वितरण नहीं किया गया है? कारण सहित सूची ग्रामवार, ग्रामपंचायतवार, हितग्राहीवार उपलब्ध कराई जाय। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही है जिन्हें पट्टा प्रदाय किया गया है और उन्हें विभाग द्वारा आज दिनांक तक स्थल नहीं बताया गया है। सीमांकन नहीं कराया गया है जिससे हितग्राही प्राप्त पट्टा भूमि पर आबाद नहीं हो पाये है। ऐसे हितग्राहियों की कारण सहित जानकारी ग्रामवार, ग्रामपंचायतवार, हितग्राहीवार उपलब्ध कराई जाय। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही है जिन्हें पट्टा अप्राप्त है किन्तु उन्होंने विभागीय अधिकारियों के आश्वासन के आधार पर घर बना लिये है ऐसे हितग्रहियों की कारण सहित जानकारी ग्रामवार, ग्रामपंचायतवार, हितग्राहीवार उपलब्ध कराई जाये।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में भूमिहीन हितग्राहियों को भू-अधिकार पट्टा दिये जाने संबंधी जानकारी तहसीलवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी निरंक है।
किसानों की भूमि के नक्शों में विसंगति
[राजस्व]
23. ( क्र. 280 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने कृषक हैं जिनकी भूमि के नक्शे में विसंगति हैं और उन्होंने नक्शे सुधारे जाने हेतु आवेदन दिया है? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं जो छ: माह या उससे अधिक अवधि से लंबित हैं? (ग) सभी लंबित प्रकरणों का किस दिनांक तक निराकरण हो जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उपखण्ड सिहावल अन्तर्गत नक्शे में विसंगति के सुधार किये जाने हेतु कुल 254 कृषकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत न्यायाधीन है। (ख) उपखण्ड अधिकारी सिहावल के न्यायालय में छः माह या उससे अधिक अवधि से लम्बित कुल 254 प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत न्यायाधीन है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 में नक्शा सुधार संबंधी प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा विहित नहीं है, तदापि उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण किया जावेगा।
जमीन अधिग्रहण पर भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
24. ( क्र. 346 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यूपीए सरकार ने भू-अर्जन अधिनियम 1894 के स्थान पर नया अधिनियम व उचित मुआवजा लागू किया, यह एक जनवरी 2014 से प्रभावी भी हुआ, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर मुआवजे को आधा कर दिया, शहरी क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण पर भूमि का दोगुना तथा ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मुआवजा था, लेकिन कम कर दिया गया है? (ख) क्या भारत सरकार ने 9/2/2016 को गजट नोटिफिकेशन के द्वारा अधिसूचित किया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिस गुणक द्वारा बाजार मूल्य को गुणा किया जाना है, वह गुणक 2.00 (दो) होगा? (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) सही है तो भारत सरकार द्वारा 09/02/2016 द्वारा संशोधित दरें मध्यप्रदेश में कब लागू की गई हैं? यदि लागू नहीं की गई हैं तो कब तक लागू कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। नये भू-अर्जन अधिनियम, 2013 में राज्यों को गुणांक निर्धारण का अधिकार दिया गया था जिसके क्रम में राज्य सरकार द्वारा दिनांक 29/09/2014 में इसे एक निर्धारित किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) भारत सरकार से संबंधित है। उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खिवनी अभयारण्य का विकास
[वन]
25. ( क्र. 353 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने अभयारण्य है उनकी संख्या बतावें एवं उनके विकास हेतु शासन की क्या कार्य योजना है एवं वर्ष 2019-20 से उक्त अभयारण्य को विकसित किये जाने हेतु प्रश्नांश दिनांक तक कितनी राशि दी गई है राशि का उल्लेख करें? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खिवनी अभयारण्य है उक्त अभयारण्य को देखने के लिये पर्यटक दूर-दूर से आते है फिर उक्त अभयारण्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है इसका क्या कारण है? (ग) खिवनी अभयारण्य का विकास नहीं किये जाने का क्या कारण है विभाग/शासन उक्त अभयारण्य को विकसित किये जाने हेतु क्या कोई कार्य योजना बना रहा है? (घ) वर्तमान में खिवनी अभयारण्य में कई प्रजातियों के जंगली जानवर है उनकी देखभाल एवं रख-रखाव (सुरक्षा) हेतु शासन की क्या योजना है बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश में 24 अभयारण्य हैं। अभयारण्य के विकास तथा उनके संरक्षण एवं संवर्धन हेतु 10 वर्षीय प्रबंध योजना का अनुमोदन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), मध्यप्रदेश द्वारा किये जाने का प्रावधान है। खिवनी अभयारण्य हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्नांश दिनांक तक राशि रूपये 5.91 करोड़ प्राप्त हुई है। (ख) यह सही नहीं है कि खिवनी अभयारण्य में मूलभूत़ सुविधाएं नहीं हैं। पर्यटकों के ठहरने हेतु कॉटेज, वन भ्रमण हेतु जंगल सफारी एवं पर्यटकों के दर्शन हेतु प्राकृतिक वनक्षेत्र में व्यवस्थायें उपलब्ध है। अभयारण्य में पर्यटकों की सुविधा को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार यह सही नहीं है कि खिवनी अभयारण्य का विकास नहीं किया जा रहा है। अत: कारण बताया जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खिवनी अभयारण्य के विकास हेतु प्रबंध योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2032-33 तक 10 वर्षों की तैयार की गई है। (घ) खिवनी अभयारण्य में वन्यप्राणियों की देखभाल एवं रख-रखाव (सुरक्षा) हेतु प्रबंध योजना एवं वन्यप्राणी रहवास प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा, अतिक्रमण सुरक्षा, वाहन पेट्रोलिंग, नवीन स्थायी एवं अस्थायी कैम्पों के निर्माण एवं चेनलिंक फेंसिंग इत्यादि का प्रावधान किया गया है।
उचित मूल्य दुकान के अंतर्गत ग्रामों में सब सेंटर खोले जाना
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
26. ( क्र. 354 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी कितनी उचित मूल्य की दुकानें है जिससे जुड़े हुये ग्रामों की दूरी 05 कि.मी. तक की है उन दुकानों के नाम बतावें? (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिन उचित मूल्य दुकानों से 05 कि.मी. तक की दूरी से अधिक दूरी के ग्रामों के हितग्राहियों की सुविधा हेतु शासन की क्या योजना है? (ग) उचित मूल्य दुकान के अंतर्गत सब सेंटर खोले जाने संबंधी क्या प्रावधान है? (घ) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ऐसी उचित मूल्य की दुकानें है जिससे जुडे हुये ग्रामों की दूरी लगभग 05 कि.मी. से अधिक है तो क्या निकट के ग्राम में उचित मूल्य सब सेंटर खोले जावेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 15 उचित मूल्य दुकानें से संलग्न 15 ग्राम ऐसे हैं जिनकी दूरी 05 कि.मी. अथवा उससे अधिक है। उक्त दुकानों एवं ग्रामों के नाम तथा दुकान से उनकी दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्येक पंचायत में 01 दुकान खोलने का प्रावधान है। पंचायत में 800 से अधिक पात्र परिवार होने की स्थिति में अतिरिक्त दुकान खोलने का प्रावधान है। (ग) म.प्र.सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 अंतर्गत उचित मूल्य दुकान के अंतर्गत सब सेंटर (उपदुकान) खोलने का वर्तमान में प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
भू-धारणाधिकार प्रमाण पत्र का प्रदाय
[राजस्व]
27. ( क्र. 400 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्र. 72 रैंगवां में लगभग 20 वर्षों से 269 गरीब आदिवासी/अनुसूचित जाति के परिवार निवासरत हैं? (ख) क्या ऐसे भूमिहीनों परिवारों को भू-धारणाधिकार प्रमाण पत्र दिये जायेंगे? ताकि वे प्रधानमंत्री आवास योजना से अपना घर बना सके? (ग) यदि हाँ तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो बांस, बल्ली, तिरपालों के सहारे कब तक गुजर बसर कर पायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्रमांक 72 रैंगवां में जो 269 गरीब आदिवासी/अनुसूचित जाति के व्यक्ति निवासरत है वह खसरा नंबर 220 एवं 221 जो कि लोक स्वास्थ यांत्रिकीय विभाग परियोजना खंड जबलपुर राष्ट्रीय नदी कार्य योजना के नाम पर दर्ज है का मद परिवर्तन हेतु प्रकरण 02/अ-20/2023-24 जिला नजूल निवर्तन समिति से अनुमोदन उपरांत संभागीय नजूल निवर्तन समिति की ओर प्रेषित किया गया है। मद परिवर्तन उपरांत आवेदन प्राप्त होने पर पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के पट्टे वितरित कर दिये जावेंगे इस ग्राम में खसरा नंबर 250, 230 एवं 232 पर 86 पात्र हितग्राहियों के मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के पट्टे स्वीकृत किये जा चुके है। (ग) मद परिवर्तन उपरांत मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) पट्टे नियमानुसार प्रदान किये जावेंगे। (घ) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है
शासकीय मरघट की भूमि खसरे में दर्ज किया जाना
[राजस्व]
28. ( क्र. 422 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जींगनी तहसील जिला मुरैना भूमि सर्वे क्रमांक 580 रकवा 0.8500 आ.ए शासकीय मरघट वर्ष 1958 से 1962 तक राजस्व खसरे में अंकित रहा था? (ख) क्या यह भी सही है उक्त शासकीय सर्वे नम्बर की भूमि को वर्ष 1963 से 1973 तक शासकीय खसरे में कहीं भी अंकित नहीं किया गया था एवं वर्ष 1974 से 2000 तक पुनः सर्वे नम्बर को शासकीय भूमि मरघट में इन्द्राज की गई थी बीच के वर्षों में इस शासकीय भूमि मरघट में क्यों नहीं इन्द्राज की गई पूर्ण तथ्यों सहित जानकारी दी जावे? (ग) क्या उक्त भूमि को वर्ष 2000 से जून 2023 तक निजी लोगों के नाम केसे अंकित की जाकर खसरे उनके नाम अंकित किये गये? (घ) क्या उक्त ग्राम की भूमि सर्वे नम्बर 578, रकवा 0.0200 एवं 0579 वर्ष 1997-98-2000 तक शासकीय भूमि के रूप में पोखर के बजाय निजी लोगों के नाम कैसे अंकित होकर जून 2023 तक अंकित है क्या शासन जांचकर निजी लोगों के नाम काटकर शासकीय पोखर (तालाब) अंकित करायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम जींगनी के सर्वे क्र. 580 रकवा 0.85 हेक्टर जिसका बन्दोबस्त के पूर्व सर्वे क्रमाक 397 रकवा 4 बीघा 1 विस्वा था जो वर्ष 1958 से 1962 यानि (संवत 2015 से 2019) तक राजस्व खसरे में शासकीय मरघट के रुप में दर्ज नहीं था। बल्कि जीवा बल्द जोधा जाति भोई के नाम भूमिस्वामी के नाम से दर्ज था। खसरा संवत 2015 से 2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 1963 से 1973 (संवत 2020 से 2030) एवं वर्ष 1974 से 1980 तक ग्राम जींगनी का भूमि सर्वे क्रमांक 580 जिसका बन्दोबस्त पूर्व सर्वे क्रमांक 397 था, राजस्व अभिलेख खसरा में जीवा वल्द जौधा कौम भोई साकिन देह भूमिस्वामी के नाम से दर्ज है। वर्ष 1980 में नामान्ताण पंजी क्रमांक 58 दिनांक 25.06.1981 से मृतक जीवाराम के बजाय गुल्लों वेवा जीवाराम के नाम नामान्तरण स्वीकार की टीप अंकित है। खसरा वर्ष 1982 पर जर्ये विक्रय पत्र नामान्तरण पंजी क्रमांक 144 दिनांक 24.03.1983 से बजाय विक्रेता गुल्लों के स्थान पर क्रेता बृजनन्दन, महेश, राजीव, मनीश, दिग्विजय पुत्रगण मातादीन के नाम से नामान्तरण स्वीकृत की टीप अंकित है। खसरा सन् 1963 से 1983 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार, खसरासंवत 1984 से 2000 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। ग्राम जींगनी उक्त भूमि वर्ष 1958 से आज तक निजी भूमिस्वामी स्वत्व पर राजस्व अभिलेख में दर्ज है न कि शासकीय मरघट के रुप में। (ग) ग्राम जींगनी के सर्वे क्र. 580 रकवा 0.85 हेक्टर वर्ष 2000 से 2023 तक बृजनन्दन, महेश, राजीव, मनीश पुत्रगण मातादीन ब्रा. भूमिस्वामी स्वत्व पर दर्ज थी। निरंतर खसरों में आज दिनांक तक उक्त भूमि उनके वारिसान के नाम भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है। खसरा संवत 1984 से 2000 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 तथा खसरा संवत 2001 से 2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) ग्राम जींगनी का सर्वे 578 रकवा 0.02 हेक्टर वर्ष 1997 से 2000 यानि (संवत 2053 से 2057) तक राजस्व अभिलेख खसरा में शासकीय पोखर के रुप में अंकित था। बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से उक्त सर्वे नं. वर्ष 2001-2002 से बृजनन्दन, महेश, राजीव, मनीश पुत्रगण मातादीन ब्रा. भूमिस्वामी स्वत्व पर दर्ज होकर निरंतर खसरा में आज दिनांक तक उक्त भूमि उनके वारिसान के नाम भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है। शासकीय पोखर (तालाब) को निजी व्यक्तियों के नाम किये जाने के संबंध में पृथक से जांच कार्यवाही तहसील कार्यालय मुरैना में प्रचलित है। खसरा संवत 1984 से 2000 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। खसरा संवत 2001 से 2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
अटल प्रोग्रेस-वे के लिये भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
29. ( क्र. 423 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि चम्बल सम्भाग में अटल प्रोग्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण पर दिनांक 28 मार्च 2023 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने श्योपुर, मुरैना, भिण्ड के कलेक्टरों को विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रोकने की घोषणा की गई थी, जून 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावें? (ख) क्या यह भी सही है मुरैना, भिण्ड, श्यौपुर जिलों में अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर चम्बल घाटी के किसानों द्वारा उनकी अधिकांश भूमि इस सड़क मार्ग में जाने से आन्दोलन किया था तथा नवम्बर 2022 से अप्रैल 2023 तक कमिश्नर, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारियों के कार्यालय पर कब-कब प्रदर्शन कर ज्ञापन दिये, उन पर क्या कार्यवाही की गई प्रदर्शन, ज्ञापन, दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या अटल प्रोग्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही रोकने के लिखित आदेश अभी तक जिलों के कलेक्टरों द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को क्यों नहीं दिये गये है आदेश कब तक दिये जावेंगे? (घ) अटल प्रोग्रेस-वे का नया सर्वे कब तक कराया जावेगा या पुराने सर्वे जो संबल के किनारे वाली जमीन का ही अधिग्रहण कर सड़क मार्ग का कार्य किया जावेगा जानकारी दी जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, परियोजना इकाई ग्वालियर के पत्र दिनांक 27.06. 2023 अनुसार दिनांक 28.03.2023 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वीडियो कांफ्रेस में अटल प्रोग्रेस वे के संरक्षण पर पुनः विचार करने हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश प्रदान किये गये है। (ख) जिला भिण्ड के अनुभाग अटेर के जिला भिण्ड के ग्राम प्रतापपुरा में 14 फरवरी से 05 मार्च 2023 तक किसानों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। नवम्बर 2022 से अप्रैल 2023 तक की अवधि में कलेक्टर जिला भिण्ड को दिनांक 06 दिसम्बर 2022 एवं दिनांक 30 मार्च 2022 को ज्ञापन दिये गये थे जो अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन को भेजे गये है। मुरैना जिले में अटल प्रोग्रेस-वे निर्माण से संबंधित विभिन्न कृषकगणों द्वारा 10 ज्ञापन प्रस्तुत किए गए, जो कि परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, ग्वालियर एवं सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल की ओर विभिन्न दिनांकों में आगामी कार्यवाही हेतु भेजे गये है। जो कि निम्नानुसार है:-
क्र. |
ज्ञापन प्राप्ति दिनांक |
आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित कार्यालय |
प्रेषित दिनांक |
1 |
08.12.2022 |
परियोजना निदेशक, एनएच, ग्वालियर |
19.12.2022 |
2 |
09.12.2022 |
परियोजना निदेशक, एनएच, ग्वालियर |
19.12.2022 |
3 |
21.12.2022 |
परियोजना निदेशक, एनएच, ग्वालियर |
23.12.2022 |
4 |
17.01.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
19.01.2023 |
5 |
27.12.2022 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
19.01.2023 |
6 |
09.01.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
19.01.2023 |
7 |
27.01.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
01.02.2023 |
8 |
24.01.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
01.02.2023 |
9 |
21.02.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
21.03.2023 |
10 |
16.05.2023 |
सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, भोपाल |
02.06.2023 |
श्योपुर अन्तर्गत दिनांक 02-02-2023 को अटल प्रोग्रेस-वे किसान संघर्ष समिति जिला श्योपुर के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र. शासन भोपाल को संबोधित ''अटल प्रोग्रेस वे'' के अन्तर्गत अधिग्रहीत की जा रही भूमि पर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार बाजार मूल्य से 4 गुना मुआवजा देने विषयक ज्ञापन एवं दिनांक 25 फरवरी 2023 को एक दिवसीय श्योपुर बंद करने का आव्हान किया गया था। ज्ञापन दिनांक 02-02-2023 सचिव, माननीय मुख्यमंत्री, म.प्र. शासन भोपाल की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया। (ग) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में अटल प्रोग्रेस-वे हेतु आवश्यक भूमि के अधिग्रहण हेतु 3 (A) अधिसूचना का प्रकाशन भारत के राजपत्र में किया जा चुका है। तदनुसार नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।
कृषि भूमि के नक्शों में सुधार
[राजस्व]
30. ( क्र. 462 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाबगंज एवं तहसील विदिशा अंतर्गत ऐसे कितने कृषक हैं, जिनके कृषि भूमि संबंधी नक्शे में त्रुटियां अथवा विसंगतियां है एवं उनको सुधारे जाने हेतु आवेदन दिए गये है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों में से ऐसे कितने प्रकरण है? जिनके 6 माह अथवा उससे अधिक अवधि से कार्यवाही लंबित होने के कारण सहित जानकारी दें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्राप्त आवेदनों में लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा? निश्चित दिनांक सहित जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाबगंज के 05 एवं तहसील विदिशा (शहरी/ग्रामीण) के 11 कृषक है, जिनके कृषि भूमि संबंधी नक्शे में त्रुटियां अथवा विसंगतियां है एवं उनको सुधारे जाने हेतु आवेदन दिये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों में से कोई भी प्रकरण 06 माह अथवा उससे अधिक अवधि के लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
सब माइनर नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 529 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत क्योंटी कैनाल नहर परियोजना के अधीन रिमारी माइनर से ग्राम तिलखन से ग्राम रिमारी ग्राम डिहिया तक सब माइनर नहर निर्माण के संबंध में कई बार पत्राचार करने के बाद भी विभाग के द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया? (ख) क्या मुड़ियारी माइनर नहर के अधीन ग्राम चौरा 164 से राजस्व ग्राम खुसखुसा तक सब-माइनर नहर का निर्माण संबंधी कार्य विभाग द्वारा प्रक्रियाधीन है? यदि नहीं, तो लगभग 100 कृषक तथा लगभग 200 एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करने हेतु विभाग के द्वारा कब तक उक्त सब-माइनर नहर का निर्माण करा लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम तिलखन, ग्राम रिमारी, ग्राम डिहिया तक सब माइनर नहर का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित नहरों के निर्माण हेतु मध्यप्रदेश इरीगेशन इम्प्रूवमेन्ट एण्ड मैनेजमेन्ट प्रोग्राम के अंतर्गत प्राक्कलन तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मोहनपुरा विस्तार परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 536 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के मोहनपुरा वृहद परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सिंचित किये जाने हेतु मोहनपुरा विस्तार परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया गया है? यदि हाँ तो उसमें सारंगपुर विधानसभा के कौन-कौन से ग्रामों का कितने-कितने हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाईं किये जाने का प्रावधान किया गया है एवं कितनी राशि का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है? (ख) क्या मोहनपुरा विस्तार परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? उक्त परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा उक्त परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि राजगढ़ जिले के मोहनपुरा वृहद परियोजना से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सिंचित किये जाने हेतु प्रस्तावित मोहनपुरा विस्तार परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राक्कलित राशि रू.328.52 करोड़ अनुमानित है। (ख) मोहनपुरा विस्तार परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुरम एवं मिट्टी का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 558 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर तहसील के कितने राजस्व ग्रामों में शासकीय भूमि पर अवैध मुरम व मिट्टी उत्खनन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार पटवारी हल्कावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा प्रश्न क्र. 530 दिनांक 22.02.2023 के द्वारा बड़नगर तहसील के ग्राम बलेड़ी, खरसोदखुर्द, बरगाड़ी, अवैध उत्खनन के संबंध के संबंध में माननीय मंत्री जी द्वारा जो जानकारी दी गई उसमें अधिकारियों द्वारा असत्य जानकारी दी गई हैं? (ग) अवैध मिट्टी और मुरम उत्खनन के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा जांच प्रतिवेदन खनिज निरिक्षक आलोक अग्रवाल के दल के द्वारा अवैध उत्खनन का सड़क निर्माण के उपयोग कुल उत्खनन मात्रा 18005, 08 घन मीटर मिट्टी या मुरम उत्खनन होना पाया। इस प्रकार का पत्र अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 17.04.2023 कलेक्टर महोदय खनिज को भेजा गया उस पर भी क्या कार्यवाही हुई कितनी राशि दण्ड के रूप में आरोपित की गई जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) ग्राम खरसोद खुर्द व ग्राम बरगाड़ी में भी अवैध उत्खनन की जांच करवाई जायेगी एवं विधानसभा में गलत जानकारी देने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र की शासकीय भूमि ग्राम खरसौदखुर्द के खसरा क्रमांक 1016 के रकबा 3.45 हेक्टेयर एवं खसरा क्रमांक 181/1/1 रकबा 2.24 हेक्टेयर (सी.एम. हेल्पलाईन से प्राप्त) पटवारी हल्का नंबर 76 तथा ग्राम बलेडी के खसरा क्रमांक 113 रकबा 1.67 हेक्टेयर क्षेत्र पटवारी हल्का 49 पर अवैध खनिज मुरम व मिट्टी के उत्खनन की दो शिकायतें क्रमश: दिनांक 20/05/2022 तथा 20/04/2023 को प्राप्त हुई। इसकी जाँच खनिज निरीक्षक द्वारा की गई। ग्राम बलेडी के खसरा क्रमांक 113 रकबा 1.67 हेक्टेयर क्षेत्र पटवारी हल्का 49 में मिट्टी व मुरम का अवैध उत्खनन का प्रकरण तैयार किया गया तथा मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के अंतर्गत कार्यवाही हेतु प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर, उज्जैन में पंजीबद्ध कराया गया। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित विधान सभा प्रश्न क्रमांक 530 में दी गई जानकारी अभिलेखों के आधार पर तैयार की गई। किसी प्रकार की कोई असत्य जानकारी नहीं दी गई है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार खनि निरीक्षक द्वारा मिट्टी, मुरूम के अवैध उत्खनन का प्रकरण तैयार किया जाकर अर्थदण्ड एवं पर्यावरण क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय अपर कलेक्टर, उज्जैन में पंजीबद्ध कराये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार ग्राम खरसोदखुर्द की जाँच की गई तथा ग्राम बरगाड़ी में अवैध उत्खनन के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बड़नगर को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें उनकी सूचना पर जाँच की गई एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के प्रतिवेदन के आधार पर अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
34. ( क्र. 599 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रवि फसल के दौरान प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं आंधी तूफान से रवि फसल (गेहूँ, चना, मसूर) को नुकसान पहुंचा था? (ख) यदि हाँ तो ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं आंधी तूफान से तहसील राहतगढ़ एवं सागर के कितने ग्रामों के किसानों की फसलें एवं निजी सम्पत्ति को क्षति पहुंची थी? ग्रामवार जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समस्त ग्रामों में राजस्व विभाग द्वारा किसानों को मुआवजा राशि वितरण की जा चुकी है? यदि हाँ तो ग्रामवार जानकारी दें? (घ) क्या ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं आंधी तूफान से नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कुछ प्रभावित ग्रामों के किसानों को मुआवजा वितरण नहीं किया गया है? ग्रामवार जानकारी दें एवं उन ग्रामों के किसानों को कब तक मुआवजा राशि स्वीकृत/प्रदाय की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं आंधी तूफान से तहसील राहतगढ़ में किसानों की फसलों को क्षति नहीं पहुँची है। तहसील सागर के 60 ग्रामों के किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निजी सम्पति को क्षति पहुंचने की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित 60 ग्रामों में प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। नरयावली विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों के प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार राहत राशि वितरित की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
ओलावृष्टि से प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरण
[राजस्व]
35. ( क्र. 635 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 में रबी फसल के दौरान सागर जिले में कौन-कौन पटवारी हल्के में कृषि क्षेत्र में कब-कब ओलावृष्टि हुई? (ख) प्रश्नांश (क) ओलावृष्टि में फसलों को हुई क्षति के आंकलन हेतु कलेक्टर द्वारा कराये गये सर्वे में कौन पटवारी हल्के कौन फसल में कितनी-कितनी क्षति का आंकलन किया गया है? पटवारी हल्कावार यह भी बतावें कि कृषकों को हुई क्षति के सन्दर्भ शासन द्वारा कहाँ कितनी राशि वितरित की गई है? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) ओलावृष्टि के विषय में माननीय मुख्यमंत्री म. प्र. शासन द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई थी? क्या उस वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रश्नकर्ता सदस्य ने बण्डा विधान सभा क्षेत्र में ओलावृष्टि से हुई व्यापक क्षति के तथ्य रखे थे? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्नांश (ग) में दर्शित वीडियो कांफ्रेंसिंग में रखे तथ्य के विषय में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या विभाग बण्डा व देवरी क्षेत्र के किसानों में भी राहत राशि का वितरण करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सागर जिले में दिनांक 17/03/2023, 31/03/2023 एवं माह अप्रैल 2023 को ओलावृष्टि हुई थी। पटवारी हल्का की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ओलावृष्टि में गेहूँ, चना, मसूर एवं सब्जी का आंकलन कराया गया। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार 25 प्रतिशत से अधिक की फसल क्षति में प्रभावित कृषकों को राहत राशि 26,41,70, 668/- रूपये का वितरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिंगल क्लिक राहत राशि की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बण्डा विधानसभा में हुई क्षति के तथ्य रखे थे। (घ) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रखे गये तथ्यों पर बण्डा विधानसभा अंतर्गत तहसील स्तर पर संयुक्त दल (राजस्व एवं कृषि विभाग) द्वारा क्षति का सर्वे कर विस्तृत आंकलन के आधार पर 25 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर तहसील शाहगढ़ अंतर्गत ग्राम भीकमपुर रैयतवारी, भीकमपुर आबाद, सादागिर के कुल 38 खातेदारों को राहत राशि 270600/- रूपये का भुगतान किया जा चुका है। (ड.) बण्डा क्षेत्रांतर्गत क्षति 25 प्रतिशत से अधिक क्षति पाये जाने पर ग्राम भीकमपुर रैयतवारी, भीकमपुर आबाद, सादागिर के कुल 38 खातेदारों को 270600/-रूपये का भुगतान किया जा चुका है। देवरी तहसील अंतर्गत 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होना पाई गई थी। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधानुसार 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होने पर राहत राशि देय नहीं होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खनिज प्रतिष्ठान मद से प्राप्त राशि का आवंटन
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 660 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में खनिज प्रतिष्ठान मद से कितनी-कितनी राशि विभिन्न घटकों में व्यय की गई है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या नीमच जिले में वर्ष 2023-24 में खनिज प्रतिष्ठान मद से कराये जाने वाले विकास कार्यों के प्रस्ताव शासन को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो विधान सभावार विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में नीमच विधानसभा के प्राप्त प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ कराये जा सकेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) वर्ष 2023-24 में प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) स्वीकृत किये गये प्रस्ताव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत जानकारी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
37. ( क्र. 662 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धर्मपुरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की दुकानों को महिला समूह के मध्यम से संचालित किया जा रहा है तथा कितनी दुकानों को संस्था के माध्यम से संचालित किया जा रहा है? (ख) उचित मूल्य की दुकानों के संचालनकर्ता एवं समूह का नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) माह अप्रैल 2022 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितना खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित किया गया तथा कितना प्रतिमाह शेष रहा तथा प्रति दुकान कितने लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है? सूची सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 30 उचित मूल्य की दुकानों को महिला समूहों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। 68 उचित मूल्य दुकानें आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां, 08 दुकानें थोक उपभोक्ता भंडार तथा 01 दुकान विपणन सहकारी समिति द्वारा संचालित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त 02 दुकानें वन समिति के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
यात्री वाहनों में अग्निशमन उपकरण
[परिवहन]
38. ( क्र. 673 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन परिवहन विभाग भोपाल ने यात्री वाहनों, बसों आदि में यात्रियों की सुरक्षा, अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम, सुरक्षा एवं उपाय हेतु अग्निशमन उपकरणों/संसाधनों आदि की व्यवस्था हेतु क्या दिशा निर्देश जारी किये है एवं उस पर क्या कार्यवाही की हैं? (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक प्रदेश में घटित कितनी यात्री वाहन/बस दुर्घटनाओं, अग्नि दुर्घटनाओं में कितने यात्रियों की मृत्यु हुई/कितने घायल/अपंग हुये हैं? (ग) जिला जबलपुर में लम्बी दूरी की चलने वाली यात्री वाहनों बसों, टूरिस्ट बसों में यात्रियों की सुरक्षा हेतु आपातकालीन प्रवेश दरवाजे/खिड़की, अग्निशमन उपकरणों आदि की व्यवस्था की जांच कब-कब किन-किन अधिकारियों ने की हैं एवं किन-किन ट्रेवर्ल्स/एजेंसी के यात्री वाहनों/बसों में पर्याप्त सुरक्षा के प्रबंध अग्नि शामक उपकरण व आकस्मिक आपातकालीन प्रवेश द्वारा/खिड़की आदि की व्यवस्था नहीं पायी गई है। तत्सम्बंध में किस-किस के विरूद्ध कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई। किस-किस के परमिट निरस्त किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में कितने खटारा अनफिट वाहनों के संचालकों, ओव्हरलोड चालकों, ओव्हरस्पीड व शराब पीकर वाहन संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 176 में जारी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त नियम के पालन में यात्री बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते समय वाहन में अग्निशमन यंत्र की जाँच की जाती है इसके साथ ही वाहन चैकिंग के दौरान भी यात्री बसों में अग्निशमन यंत्र की जाँच की जाती है। (ख) प्रदेश के विभिन्न जिलों से संबंधित पुलिस विभाग से प्राप्त वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जिला जबलपुर में लम्बी दूरी की चलने वाली यात्री वाहनों बसों, टूरिस्ट बसों में यात्रियों की सुरक्षा हेतु आपातकालीन प्रवेश दरवाजे/खिड़की, अग्निशमन उपकरणों आदि की व्यवस्था की जांच वाहन की फिटनेस के समय क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3, 4 एवं 5 अनुसार है।
सी.एन.जी. वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र
[परिवहन]
39. ( क्र. 674 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में कितने आटो रिक्शा, कार, बस, बैन, सहित कितने वाहन सी.एन.जी. (कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस) से चल रहे हैं? इनके फिटनेस टेस्ट एवं फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की क्या व्यवस्था है? केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने शहर में कितने सी.एन.जी. वाहनों के फिटनेस टेस्ट प्रमाण पत्र जारी करने हेतु सेंटर अधिकृत किये हैं। नियमानुसार सी.एन.जी. सिलेंडर टंकी की कितनी अवधि में टेस्टिंग (बाटला सफाई) करवाना आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक कितने फिटनेस टेस्ट सेंटरों द्वारा कितने-कितने सी.एन.जी. वाहनों के गैस किट की सफाई (बाटला सफाई) ऑनलाइन/आफ लाइन फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किये है? इस सम्बंध में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के क्या निर्देश हैं? (ग) क्या परिवहन विभाग (आर.टी.ओ.) जबलपुर द्वारा आफलाईन में जारी फिटनेस प्रमाण पत्रों को मान्यकर सी.एन.जी. वाहनों के परमिट (लायसेंस) जारी किये गये है? यदि हाँ तो क्यों? क्या शासन इसकी जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? कितने सी.एन.जी. वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुये है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री/नामांतरण
[राजस्व]
40. ( क्र. 702 ) डॉ. हिरालाल अलावा [ श्री मुकेश रावत (पटेल) ] : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि आदिवासी स्वामित्व की भूमि ग्राम पीपरटोला रैयत तहसील नैनपुर जिला मंडला पटवारी हल्का 32/61 कुल रकबा 0.900 खसरा-नंबर 24/1 के अभिलेख एवं नक्शा से तत्कालीन पटवारी के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उक्त जमीन की गैर-आदिवासी यजुर्वेन्द्र सिंह ठाकुर निवासी ग्राम मुगदरा तहसील नैनपुर जिला मंडला के द्वारा फर्जी रजिस्ट्री कराए जाने के प्रकरण में प्रश्न-दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) यदि हां, तो निष्पक्ष जांच न कर कार्यवाही न करने वाले संबंधित अधिकारियों पर निर्धारित समय-सीमा में क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) प्रकरण के नामांतरण 0050/अ 6/23/24 पर तत्काल रोक लगाकर शासकीय नियमानुसार परीक्षण कर आरोपी के विरूद्ध कब तक विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं। (घ) पीड़ित आदिवासी के अभिलेख एवं नक्शा सुधार तथा सीमांकन हेतु लंबित आवेदन क्रमांक RS/454/0737/257/2023 दिनांक-16/05/2023 पर प्रश्न-दिनांक तक भी कार्यवाही न करने वाले जिम्मेवार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं। (ङ) प्रश्नांश (क) प्रकरण में न्यायकर पीड़ित आदिवासी को उसकी भूमि का अभिलेख सुधार कब तक कर दिया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) ग्राम पीपरटोला तहसील नैनपुर जिला मण्डला के ख.न. 24/1 में 0.250 हेक्टे. भूमि, जो क्रेता यजुवेन्द्र पिता राजेन्द्र सिंह जाति लोधी के द्वारा विक्रेता भारती ठाकुर पति संतोष ठाकुर, शुभम, साहिल पिता मनोज ठाकुर जाति लोधी से क्रय की गई के संबंध में न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत नामांतरण की कार्यवाही न्यायाधीन है। (घ) जितेन्द्र दीप सिंह पिता महेश द्वारा खसरा न. 24/1 के सीमांकन हेतु प्रस्तुत आवेदन का निराकरण 16/03/2023 को किया गया। प्रकरण RS/454/737/257/2023 न्यायालय अ.वि.अ. नैनपुर में न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही गतिशील है। (ङ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चम्बल नदी पर रेत की खदान खोलने की योजना
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 703 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सुमावली विधानसभा क्षेत्र में एक खदान चम्बल नदी पर खोलने की पहल हुयी है उसका भी टेन्डर निरस्त कर दिया गया। कार्य कब तक शुरू होगा? (ख) क्या चम्बल नदी में सबलगढ़, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अम्बाह व जिला भिण्ड तक रेत की खदान संचालित करने से शासन को रॉयल्टी भी प्राप्त होगी एवं लोगों को काम भी प्राप्त होगा? रेत की खदान खोलने हेतु शासन द्वारा योजना पर प्रयास किया जा रहा है। अगर हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार चंबल नदी पर रेत खदान के संबंध में समस्त वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त होने पर उत्खनन कार्य प्रारंभ हो सकेगा। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा डिनोटिफाईड क्षेत्र रकबा 207.05 हेक्टेयर क्षेत्र पर समस्त वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त किया जाना प्रक्रियाधीन है। अनुमतियाँ प्राप्त होने पर रेत खदान प्रारंभ होगी। अत: उक्त क्षेत्र में रेत खदान के संचालन हेतु शासन स्तर से निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन सुविधा
[परिवहन]
42. ( क्र. 704 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में शासकीय बसों का संचालन क्यों बंद किया गया एवं इनके कर्मचारियों को उनकी नौकरी के स्वत्वों का भुगतान किया गया तो कितना-कितना अगर नहीं किया गया तो क्यों कारण बतावें। क्या कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान के संबंध में शासन कोई कदम उठाएगा? (ख) चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है? जिससे श्योपुर, पोरसा, ग्वालियर, भिण्ड एवं राजस्थान शहरों आदि शहरों में यात्रा करने वाले यात्रियों से प्रायवेट परिवहन वाले मनमाना किराया वसूल रहे है। शासन चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन सेवा प्रारंभ करने हेतु प्रयास किये जा रहे है? अगर हाँ तो क्या?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन करने का सैद्धांतिक निर्णय दिनांक 18.02.2005 के अनुक्रम में निगम स्वामित्व के वाहनों का संचालन वर्ष 2008 में एवं अनुबंधित वाहनों का संचालन सितम्बर 2010 में पूर्णतः बंद कर दिया गया था। निगम का संचालन पूर्णतः बंद होने के पश्चात् ग्वालियर चंबल संभाग के 3441 निगम कर्मचारियों को डी.ए. एरियर्स अंतर राशि की प्रथम एवं द्वितीय किश्त राशि रूपये 32,26,24,495/- विलंबित वेतन पर 6 प्रतिशत ब्याज 892 कर्मचारियों को राशि रूपये 52,84,278/- स्वैच्छिक सेवानिवृत्त योजना 2010 के अंतर्गत 121 कर्मचारियों को राशि रूपये 5,33,82,869/-, 138 कर्मचारियों को अंतिम देयक,सी.पी.एफ, कर्मचारी जमा निधि मद में रूपये 1,15,08,544/- तथा 73 कर्मचारियों को डी.ए. एरियर्स 17,23,34 पर ब्याज राशि रूपये 11,16,847/- का भुगतान पात्रता अनुसार किया गया है। निगम का संचालन पूर्णतः बंद होने के कारण कर्मचारियों के सेवानिवृत्त देयकों का भुगतान समय से नहीं किया जा सका है। 46 सेवानिवृत्त कर्मचारियों का रूपये 2,73,87,025/- का भुगतान किया जाना है। जिसके लिये ऋण के रूप में राशि प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि, चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे श्योपुर, पोरसा, ग्वालियर, भिण्ड एवं अन्य शहरों के लिये यात्रा करने वाले यात्रियों से प्रायवेट परिवहन वाले मनमाना किराया वसूल रहे है। विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ 22-142/2004/आठ दिनांक 20.04.2021 के अनुसार किराया निर्धारित किया गया हैं, जिसके अनुसार निजी बस संचालकों द्वारा निर्धारित यात्री किराया वसूल किया जाना सुनिश्चित कराया जा रहा है। अधिसूचना की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में चम्बल संभाग में शासकीय परिवहन सेवा प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
नहरों एवं बांधों की मरम्मत, जीर्णोद्धार एवं निर्माण
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 715 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कहां से कहां तक कुल कितनी नहरें है? कितनी नहरें चालू है, कितनी नहरें मरम्मत योग्य है तथा कितनी नहरों का पुन: निर्माण एवं जीर्णोद्धार आवश्यक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने बांध कहां-कहां है? उन बांधों का निर्माण कब कराया गया था? किन-किन बांधों में मरम्मत की आवश्यकता है? किन-किन बांधों के जीर्णद्धार हेतु विगत 2 वर्ष में क्या-क्या कार्य कराये गये है? विभाग द्वारा किन-किन बांधों का निर्माण एवं मरम्मत का कार्य प्रस्तावित है? उनमें अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विधानसभा सिवनी में नहरों एवं बांधों के निर्माण, मरम्मत, जीर्णोद्धार हेतु क्या प्रयास किये जायेंगे? उक्त कार्यों हेतु पृथक से राशि आवंटित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र में पेंच व्यपवर्तन परियोजना की बखारी शाखा नहर एवं सिवनी शाखा नहर एवं उसकी वितरक शाखा नहर, माइनर नहर एवं सबमाइनर नहरों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। चूंकि अभी नहरें निर्माणाधीन है इस कारण विगत 02 वर्षों में मरम्मत कार्य किये जाने की आवश्यकता नहीं है। जल संसाधन संभाग सिवनी अन्तर्गत कुल 19 जलाशय निर्मित है, जिनमें कुल 23 नहरें है। वर्तमान में समस्त नहरें चालू है। जल उपभोक्ता संथाओं को शासन से प्राप्त अनुदान राशि से नहरों के रख-रखाव का कार्य प्रतिवर्ष कराया जाता है। मरम्मत/जीर्णोद्धार हेतु प्रस्तावित बांधों/नहरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 19 जलाशय निर्मित है। बांध स्थल एवं निर्माण का वर्ष संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मरम्मत/जीर्णोद्धार हेतु प्रस्तावित बांधों/नहरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शित है। विगत 02 वर्षों में बम्होड़ी जलाशय में एस.डी.एम.एफ. मद के अन्तर्गत स्पिल चैनल में शूटफाल, 02 नग फ्लशबार का निर्माण कार्य एवं स्पिल चैनल की खुदाई का कार्य रूपये 137.17 लाख की लागत से कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की नहरों एवं बांधों के मरम्मत, जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त होने पर यथा आवश्यक कार्यों के लिए स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
44. ( क्र. 716 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सिवनी विधान सभा क्षेत्र में अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक आपदायें आने के कारण फसलों को हुए नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति सर्वे कराया गया था? (ख) वर्ष 2022 में सिवनी तहसील अंतर्गत हुई रिकार्ड अतिवृष्टि विभाग द्वारा दर्ज हुई जबकि अन्य तहसीलों में सिवनी से कम वर्षा दर्ज हुई थी? अतिवृष्टि होने के बाद भी तहसील सिवनी में फसल क्षतिपूर्ति सर्वे में नुकसान नहीं दर्शाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम व पदनाम सहित विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार अतिवृष्टि से हुए नुकसान के आधार पर सिवनी एवं छपारा के किसानों को हुई फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति किये जाने हेतु विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश ''क'' अनुसार वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधान सभा अंतर्गत कुल कितने किसानों को किन-किन फसलों की क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदाय किया गया है? तहसीलवार विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2022 में सिवनी तहसील में अन्य तहसीलों की अपेक्षा अधिक वर्षा दर्ज हुयी है किंतु अतिवृष्टि से फसल क्षति नहीं हुयी है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधान सभा अंतर्गत फसल क्षति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छिन्दवाड़ा को संभाग बनाया जाना
[राजस्व]
45. ( क्र. 719 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा छिन्दवाड़ा को संभाग बनाये जाने के संबंध में पूर्व में घोषणा की गई थी? परन्तु अभी तक छिन्दवाड़ा जिले को संभाग नहीं बनाया गया है। क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा असत्य है, अगर नहीं है तो अभी तक छिंदवाड़ा को संभाग नहीं बनाये जाने व संभाग बनाने में विलम्ब होने का क्या कारण है? (ख) विभाग द्वारा छिन्दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (ग) सरकार/विभाग द्वारा छिन्दवाड़ा जिला को संभाग का दर्जा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जल संसाधन विभाग के कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 760 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा ब्यावरा जिला राजगढ़ में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किये गए व किस-किस मद में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई जानकारी दें? (ख) जल संसाधन विभाग की कितनी ऐसी योजनाएं स्वीकृत है जो पूर्ण नहीं हुई है जिनसे ब्यावरा विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी? उनकी सूची उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध सूची अनुसार सिंचाई परियोजना किस दिनांक को स्वीकृत हुई? DPR अनुसार कितनी लागत है। किस दिनांक को, निविदा आमंत्रित हुई? किस दिनांक को कार्य प्रारंभ हुआ? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया? यदि कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण हो जायेगा? कार्य पूर्ण होने के बाद कितने रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, अ-1, ब, स अनुसार है। कार्य पूर्ण करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परियोजनाओं का लोकार्पण/भूमि पूजन
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 761 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 13.6.2023 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने मोहनपुरा वृहद्ध सिंचाई परियोजना से संबंधित नहरों अथवा अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण/भूमि पूजन आदि कार्यक्रम में आए थे? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किन-किन योजनाओं का लोकार्पण/भूमि पूजन किया सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध सूची में मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा लोकार्पण की गई परियोजनायें किस दिनांक को स्वीकृत हुई? किस दिनांक को कार्य प्रारंभ हुआ? दिनांक 13/6/23 तक यदि कार्य पूर्ण हो गया तो परियोजना का नाम दर्शाते हुये विभाग द्वारा कार्यपूर्ण होने का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएं? (ग) दिनांक 13/6/23 तक यदि किसी परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो जानकारी दें कि कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार किसी परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो उस शासकीय नियम की प्रति उपलब्ध कराएं जिसके आधार पर अपूर्ण परियोजना का लोकार्पण किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में मोहनपुरा एवं कुण्डालिया परियोजनाओं के 1,25,000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए पूर्ण हुई प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का लोकार्पण किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि किसान कल्याण महाकुंभ के साथ-साथ अन्य परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में माननीय श्री राजनाथ सिंह केन्द्रीय रक्षामंत्री, भारत सरकार के मुख्य आतिथ्य में तथा माननीय मुख्यमंत्री जी की गरिमामयी उपस्थिति में दिनांक 13.06.2023 को कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मोहनपुरा एवं कुण्डालिया वृहद परियोजना अंतर्गत लोकार्पित प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। पूर्णता प्रमाण पत्र अनुबंध अनुसार सम्पूर्ण क्षेत्र का निर्माण पूर्ण होने एवं संचालन एवं संधारण की अनुबंधित समय-सीमा समाप्त होने पर जारी किया जाता है। अतएव शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 1,25,000 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित सिंचाई क्षमता एवं क्षेत्रवासी (कृषकों) को लाभ सुनिश्चितता के आधार पर लोकार्पण किया गया। वृहद परियोजनाओं में किसी क्षेत्र विशेष में सिंचाई के लाभ सुनिश्चितता पश्चात उतने क्षेत्र के लिए प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली के लोकार्पण किए जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
देवरी टैंक सिंचाई परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 773 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है की विधानसभा क्षेत्र जबेरा जिला दमोह में जल संसाधन विभाग उप संभाग तेंदूखेड़ा अंतर्गत देवरी टैंक सिंचाई परियोजना की रूपये 657.72 लाख की शासकीय स्वीकृत हुई है तथा निविदा पश्चात् निर्माण एजेंसी तय होने के बाद भी निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया है। यदि हाँ तो क्यों? कब तक प्रारम्भ किया जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सिंचाई परियोजना वन भूमि में स्वीकृत की गई है यदि हाँ तो विभाग ने स्वीकृति पूर्व राजस्व विभाग से भूमि आवंटन के समय भूमि का सर्वे कराया था यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या राजस्व व वन विभाग का संयुक्त सर्वे कराया गया यदि हाँ तो सर्वे रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक सर्वे कराया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि सिंचाई परियोजना वन भूमि में स्वीकृति की गई है तो भूमि का निराकरण कर देवरी टैंक परियोजना का कार्य कब तक प्रारम्भ किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि देवरी जलाशय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 21.3.2023 को राशि रू.657.72 लाख की 235 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। परियोजना के निर्माण कार्य हेतु वर्तमान में न तो निविदा आमंत्रित हुई है और न ही एजेंसी का निर्धारण किया गया है। अत: कार्य प्रारंभ करने के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि डी.पी.आर. अनुसार परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव में कुल डूब क्षेत्र 36.86 हेक्टेयर में से 5.62 हेक्टेयर वन भूमि प्रावधानित थी। निर्माण कार्य हेतु एजेंसी निर्धारण के उपरांत उनके द्वारा परियोजना का पुन: विस्तृत सर्वेक्षण किए जाने के पश्चात परियोजना के डूब में आने वाली वास्तविक वन भूमि, राजस्व भूमि एवं निजी भूमि की मात्रा की गणना की जाना संभव हो सकेगी। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि परियोजना अंतर्गत डूब में आने वाली वन भूमि के वन प्रकरण तैयार करने हेतु वन विभाग द्वारा दिनांक 15.06.2023 को सर्वेक्षण की अनुमति प्रदान की गई है। अनुमति की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सर्वेक्षण उपरांत ही रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाना संभव होगा। सर्वेक्षण हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। कार्य प्रारंभ कराने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
जल संकट समाप्त करने हेतु योजना
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 805 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील को भू-जल आंकलन में अति दोहित क्षेत्र के रूप में पाया जाकर डार्क जोन जल संकट अभावग्रस्त क्षेत्र पाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2002-03 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उल्लेखित दोनों तहसीलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को समाप्त करने हेतु कब-कब, किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी लागत की स्वीकृतियां दी गई? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कितने कार्य पूर्ण किये, कितने अपूर्ण रहे तो किन कारणों से? साथ ही आगामी कार्यों हेतु किन-किन स्थानों के नवीन प्रस्ताव बनाए गये? (घ) नवीन प्रस्तावों के साथ ही विगत वर्षों में बने रूपनिया डेम, मोरिया डेम, रीधा गुर्जर तालाब एवं मेहंदी तालाब इत्यादि हेतु आगामी क्या कार्ययोजना प्रस्तावित, किस स्थान पर एवं कहाँ पर की गई एवं शासन/विभाग द्वारा बनाए गये प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा जारी भू-जल आंकलन प्रतिवेदन वर्ष 2022 अनुसार पिपलौदा एवं जावरा विकासखण्ड अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। वर्तमान में विकासखण्ड पिपलौदा एवं जावरा में कोई भी निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जावरा तहसील अंतर्गत निर्मित रूपनियाखाल तालाब योजना के सुधार हेतु ड्रिप-II योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। प्रश्नांश में उल्लेखित शेष परियोजनाओं में सुधार कराने की आवश्यकता नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
50. ( क्र. 806 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि तत्कालीन विगत वर्षों में विभिन्न कार्यों, प्रयोजनों हेतु राजा नवाबों के शासनकाल एवं शासन/विभागों द्वारा विभिन्न कार्यों हेतु शासकीय भूमियां लीज पर दी जाकर उक्त स्थलों पर विभिन्न कार्य हुआ करते थे? (ख) यदि हाँ तो, पिपलौदा नगर पुलिस थाने के समीप जीनींग हेतु एवं जावरा नगर चौपाटी स्थित सर्वे नं. 224, 225,226 माईल मिल जीनींग हेतु तथा तिलक नगर, जीनींग हेतु एवं जवाहर नगर व महावीर नगर भी तत्कालीन समय में उल्लेखित प्रयोजन हेतु प्रदान की गई थी? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नाधीन उल्लेखित स्थलों पर विगत तत्कालीन वर्षों में कार्य प्रयोजन समाप्त होकर भूमियां स्वतः शासनाधीन होकर शासकीय भूमियां घोषित हुई तथा सर्वे नं. 225 एवं 226 चौपाटी स्थित की वायर फेंसिंग की जाकर शासनाधीन किया गया? (घ) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि उपरोक्त उल्लेखित समस्त भूमियां शासन की शासकीय भूमियां होकर रिक्त एवं खुली पड़ी होने से कतिपय भूमाफियाओं एवं नियम विरुद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सांठगांठ से षड्यंत्रपूर्वक कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से इन पर कब्जा किये जाने के कार्य किये गये। तो विभिन्न शिकायतों पर क्या-कार्यवाही की गई? जानकारी से अवगत करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) पिपलौदा नगर पुलिस थाने के समीप जीनींग हेतु भूमि प्रदाय करने संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। जावरा नगर चौपाटी स्थित भूमि सर्वे न. 224,225,226 के संबंध में उल्लेख है की वर्ष 1957- 58 मिसल बन्दोबस्त अनुसार भूमि सर्वे न. 224 जीनींग फैक्ट्री दर्ज होकर गोविन्दराम पिता कालुराम महाजन निवासी जावरा पक्का कृषक एवं सर्वे न. 226 जीनींग प्रोसेसिंग आईल फैक्ट्री दर्ज होकर कृषक के कालम में सुजाउद्दीन आदि के नाम दर्ज थी। भूमि सर्वे न. 225 एवं तिलक नगर, जवाहर नगर व महावीर नगर में भी तत्कालीन समय में भूमिया लीज/पट्टे पर आवंटित किये जाने के संबंध में कोई आदेश उपलब्ध नहीं है। (ग) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावरा के प्रकरण क्रमांक 25/अपील/1998-99 के आदेश दिनांक 22.07.2022 से भूमि सर्वे नंबर 226/1, 226/2, 226/3/1, 226/3/2 एवं 226/4 को शासकीय घोषित की गई है। जो रिकार्ड में शासकीय दर्ज है। प्रश्नाधीन भूमि पर कोई वायर फेंसिंग नहीं है। (घ) जी नहीं।
बांध/स्टाप डेमों का निर्माण
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 815 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ जिला मुरैना में वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने बांध/स्टापडेम की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ तो रामपुर घाटी क्षेत्र में बांसुरी नदी पर बेरखेड़ा डेम, मछेड़ नाले पर गोल्हारी डेम, निठारा में स्टापडेम, सुर्मा में स्टापडेम और नेपरी में स्टापडेम की साध्यतता प्रक्रिया पूरी कर शासन से आगामी कार्यवाही के लिये मांग की गई है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सदन में प्रश्न के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि सभी योजनाओं को जल्द स्वीकृत कर कार्य शुरू करा दिया जायेगा। (घ) यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त योजनाओं को स्वीकृत कर कार्य शुरू क्यों नहीं कराया गया? सम्पूर्ण जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मैदानी कार्यालयों से प्राप्त जानकारी अनुसार 06 बांध/स्टॉप डेम की मांग की गई है। जो चिन्हित परियोजना होकर विभागीय वेबसाइट पर दर्ज है। (ख) से (घ) वस्तुस्थिति यह है कि रामपुर घाटी क्षेत्र में बांसुरी नदी पर बेरखेड़ा तालाब, मछेड़ नाले पर गोल्हारी डेम, निठारा स्टॉप डेम की साध्यता प्राप्त की जाकर इन परियोजनाओं के सर्वेक्षण उपरान्त डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। सुजर्मा एवं नेपरी स्टॉप डेम की जीवित जल क्षमता विभागीय मापदण्ड 0.5 मि.घ.मी. से कम क्रमश: 0.35 मि.घ.मी. एवं 0.22 मि.घ.मी. होने से असाध्य है। सिंगारदा खालसा स्टॉप डेम सर्वे उपरांत विभागीय मापदण्ड अनुसार नहीं होने से असाध्य होना प्रतिवेदित है। उपरोक्त पृष्ठभूमि पर वर्तमान में स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
भूमि का आवंटन
[राजस्व]
52. ( क्र. 826 ) श्री पी.सी. शर्मा [श्री आरिफ मसूद, श्री आरिफ अक़ील, श्री बापूसिंह तंवर] : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की हुजूर तहसील की ग्राम पंचायत आदमपुर छावनी एवं पड़रिया सर्किल के ग्राम हरिपुरा, ग्राम कोलुआ खुर्द के किस खसरा नंबर का कितना रकबा नगर निगम भोपाल को किस आदेश क्रमांक दिनांक से आवंटित की है? (ख) आवंटित भूमि ग्राम की मिसल बंदोबस्त हुकूक रजिस्टर निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस मद में दर्ज है उनमें से किस मद की भूमि आवंटित करने का अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में कलेक्टर को दिया है? (ग) नगर निगम को भूमि किस कार्य के लिए आवंटित की है इस संबंध में भूमि आवंटन के पूर्व या बाद में ग्राम पंचायत ने किस दिनांक को क्या प्रस्ताव लिया है, प्रस्ताव के प्रति सहित बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले की तहसील हुजूर के ग्राम अर्जुन नगर हरीपुरा में नगर निगम भोपाल को भूमि पुराना खसरा क्रमांक 195 नया खसरा क्रमांक 74 रकवा 44.98 एकड़ भूमि म.प्र.शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6/142/2006/सात-नजूल/भोपाल दिनांक 27.02.2007 द्वारा टेचिंग ग्राउन्ड हेतु शासन द्वारा सशर्त आवंटित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" अनुसार आवंटित भूमि वर्ष 1959 सहित आवंटन के पूर्व तक राजस्व अभिलेख में पठार मद में अंकित रही है। भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में कलेक्टर को भूमि नोईयत परिवर्तन के अधिकार प्रदाय किये गये है। भूमि आवंटन के अधिकार राज्य शासन को है। (ग) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल टेचिंग ग्राउन्ड हेतु भूमि आवंटित की गई है। आवंटन के पूर्व पंचायत से प्रस्ताव चाहे जाने पर उनके द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत न किया आपत्तियां प्रस्तुत की गई थी जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है, जिनका तत्समय निराकरण किया जाकर प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा आवंटन आदेश जारी किया गया है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
53. ( क्र. 832 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों की खेती की भूमि का सीमांकन/फोती नामान्तरण/बंटवारा/नामान्तरण तथा भू-स्वामी की भूमि को राजस्व विभाग के कर्मचारी की त्रुटि के कारण राजस्व अभिलेख में हेरा-फेर/गबन होने संबंधी प्रकरणों का निराकरण हेतु कितनी-कितनी राशि जमा करने का प्रावधान है? राशि जमा करने के कितने दिनों में प्रकरण का निराकरण करने के आदेश है? नियम/आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत अनुविभागों के अधीन तहसील एवं उप-तहसीलों में किसानों की भूमि का सीमांकन/फोती नामान्तरण/बंटवारा/नामान्तरण के वर्ष 2019-20 से 2023-24 प्रश्न दिनांक तक प्राप्त प्रकरणों में से कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? किस-किस व्यक्ति के प्रकरण किस कारण निराकरण हेतु लंबित है? वर्षवार एवं तहसील/उप-तहसील वार पृथक-पृथक नाम सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार लंबित उक्त राजस्व प्रकरणों का निराकरण हेतु उक्त वर्षों में जिला के वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों द्वारा समीक्षा कर निराकरण हेतु क्या प्रयास किये गए? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) समस्त प्रकार के राजस्व प्रकरणों के आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किये जाने हेतु 100 रूपये प्रक्रिया शुल्क निर्धारित है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) उक्त लम्बित प्रकरणों के निराकरण हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय– समय पर उनकी समीक्षा की गई तथा उनके त्वरित निराकरण हेतु निर्देश दिये गये। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
भूमि अधिग्रहण की जानकारी
[राजस्व]
54. ( क्र. 837 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना में भू-अर्जन के तहत किस-किस जिलों में कितनी ज़मीन अधिग्रहण की जा चुकी है या की जानी है। कितनों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया, कितनों को भुगतान शेष है। ज़िलेवार अधिग्रहण एवं भुगतान का विवरण दें। (ख) क्या ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत सिंगरौली ज़िले में जमीन अधिग्रहण में अनियमितता की शिकायत रेलवे द्वारा की गई है? अगर हां, तो क्या जांच की गई, जांच में क्या बात सामने आई और अब तक क्या कार्यवाही हुई? जांच रिपोर्ट की प्रति देवें? (ग) 2017 से मई 2023 तक सिंगरौली ज़िले में तहसीलवार ज़मीन के विक्रय हस्तांतरण तथा विभाजन की गांव, सर्वे क्रमांक तथा रकबा, दिनांक सहित सूची देवें? (घ) क्या 2017 में सिंगरौली ज़िले में ज़िला प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण कानून 2013 के तहत जमीन के विक्रय पर रोक लगाई थीं। अगर हाँ तो क्यों? (ड.) दिनांक 29/10/2020, 27/12/21 एवं 07/01/2022 को रेलवे प्रमुख अभियंता निर्माण द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को 3 पत्र लिखे गए जिसमें सिंगरौली ज़िले में हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। उसमें अब तक क्या कार्यवाही हुई। कृपया कार्यवाही का प्रतिवेदन दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना में भू-अर्जन की जिलेवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र |
जिले का नाम |
अधिग्रहीत ग्राम एवं भूमि का रक्बा (हे) |
अधिग्रहण से शेष ग्राम एवं रक्बा (हे) |
वितरित मुआवजा राशि |
वितरण से शेष मुआवजा राशि |
मुआवजा राशि वितरित हितग्राहियों की संख्या |
मुआवजा राशि से शेष हितग्राहियों की संख्या |
1 |
सिंगरौली |
22 ग्राम 294.995 |
10 ग्राम, 15.116 |
3067500565 रूपये |
809778079 रूपये |
3943 |
853 |
2 |
रीवा |
17 ग्राम 114.738 |
निरंक |
379841476 रूपये |
निरंक |
|
|
3 |
सीधी |
500.348 |
31.954 |
4338903632 रूपये |
980434525 |
5024 |
1785 |
जिला सागर एवं कटनी से जानकारी निरंक है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सिंगरौली - जी हाँ। शिकायत की जांच कराई गई। शिकायत जांच में निराधार पाई गई। जांच रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जिला सिंगरौली अंतर्गत तहसीलवार वर्ष 2017 से मई 2023 तक की विक्रय, हस्तांतरण तथा विभाजन की गाँववार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उप मुख्य अभियंता (निर्माण) पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के पत्र आधार पर रोक लगाई गई थी। (ड.) दिनांक 29.10.2020 का पत्र अप्राप्त। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब अनुसार है।
भूमि अधिग्रहण संबंधी
[राजस्व]
55. ( क्र.
838 ) श्री
हर्ष विजय
गेहलोत (गुड्डू)
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 2531
दिनांक 16 मार्च 2023 के खंड (घ) के
संदर्भ में
बताएं कि भू
अभिलेख जिला
रतलाम द्वारा
रिकॉर्ड
उपलब्ध करा
दिया गया है
या नहीं? (ख) यदि
हाँ तो उस
रिकॉर्ड की
प्रति देवें।
यदि नहीं, तो
कारण बताएं
तथा भू-अभिलेख
जिला रतलाम को
लिखे गए पत्र
की प्रति
देवें? (ग) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 537
दिनांक 21 दिसंबर 2022 के खंड (ग) के
संदर्भ में
न्यायालय
कलेक्टर जिला
रतलाम के
प्रकरण
क्रमांक 57/अ-20 (3)/2014-15 आदेश
दिनांक 17/5/2015 की
कार्यवाही के
समस्त
दस्तावेज
उपलब्ध कराएं।
क्या आदेश
देते समय उक्त
जमीन का 1956-57 के
रिकॉर्ड का
उल्लेख किया
गया है या
नहीं। यदि
नहीं,
तो
क्यों? (घ) शासन
की
बहुउद्देशीय
गोल्ड
काम्प्लेक्स
योजना को
विवादित जमीन
के लिये
आरक्षित कर
शासन का 150 करोड़
रूपया बर्बाद
होने से रोकने
के लिए क्या
कदम उठाए
जाएंगे? (ङ) क्या
शासन जमीन 106/2 के 1956-57 के
नामांकन को
न्यायालय में
चुनौती देगा
या इस जमीन का
अधिग्रहण की
कार्यवाही
करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) जी
नहीं। (ख) कार्यालय
कलेक्टर जिला
रतलाम म.प्र. द्वारा
पत्र क्रमांक 166/भू.अ./2023 रतलाम
दिनांक 05.04.2023 को आयुक्त
भू-अभिलेख
ग्वालियर से
रिकार्ड उपलब्ध
कराने का
अनुरोध किया
है। प्रश्नगत
रिकार्ड
वर्तमान में
अप्राप्त है। भेजे
गये पत्र की
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ग) वांछित
रिकार्ड एवं
शेष प्रश्नांश
का उत्तर पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। (घ) शासन
की उक्त योजना
से कोई शासकीय
रूपये की बर्बादी
नहीं हुई है।
(ड.) कलेक्टर
जिला रतलाम
म.प्र. द्वारा
आदेश क्रमांक 474/नजूल/70 रतलाम
दिनांक 12.08.1970 से प्रश्नागत
भूमि को
शासकीय घोषित
किया गया है
और तत्समय से
यह भूमि
राजस्व अभिलेखों
में भी निरंतर
शासन
स्वामित्व के
अधिपत्य में
है।
पटवारी हल्का नं. 15 के रिकार्ड में हेरा-फेरी
[राजस्व]
56. ( क्र. 853 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा तहसील के ग्राम सिरसोद पटवारी हल्का 15 में सर्वे क्रमांक 4662 का मीरा पत्नी रघुवर लोधी का पट्टा किस समय हुआ किस सक्षम अधिकारी ने किया? पट्टे करने की दिनांक एवं वर्ष सहित अवगत करायें? (ख) सर्वे क्रमांक 4662 का पट्टा साविद पुत्र रहमत अली खां को फर्जी तरीके से दिया गया जिसे 2018 में अनुविभाग अधिकारी करैरा ने निरस्त किया तो फिर मीरा पत्नी रघुवर लोधी को किस आधार पर भूमि स्वामी बनाया स्पष्ट करें? (ग) क्या यह भी सही है कि अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार करके कम्प्यूटर में हेराफेरी करके फर्जी तरीके से फिट किया गया है शिवपुरी जिले के कम्प्यूटर में कोई रिकार्ड नहीं है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में 4662 सर्वे नं. में फर्जी रिकार्ड किस अधिकारी ने बनाया था उसकी जांच लोकायुक्त से कराई जाएगी? इसी तरह का रिकार्ड करैरा तहसील में भी फर्जीवाड़ा हुआ है तो क्या सभी की जांच कराई जाएगी कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील करैरा के ग्राम सिरसौद पटवारी हल्का नंबर 15 में सर्वे क्रमांक 4662 का मीरा पत्नी रघुवर लोधी को किसी भी प्रकार का पट्टा नहीं किया गया है। (ख) मीरा पत्नी रघुवर लोघी का नाम सर्वे क्रमांक 4662/मिन-61 पर वर्ष 2012-13 से कम्प्यूटर के खसरे में भू-स्वामी स्वत्व की प्रविष्टि बिना किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश से किया जाना प्रमाणित होता है। प्रकरण में विधिक कार्यवाही एवं तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन पश्चात मीरा पत्नी रघुवर का नाम निरस्त कर प्रश्नाधीन भूमि म.प्र. शासन दर्ज की गई है। (ग) राजस्व अभिलेखों के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि मीरा पत्नी रघुवर लोधी का नाम सर्वे क्रमांक 4662/मिन-61 पर वर्ष 2012-13 से कम्प्यूटर खसरे में भू-स्वामी स्वत्व की प्रविष्टि दर्ज करने संबंधी आदेश किसी भी अधिकारी ने नहीं दिया है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्यवाही के प्रकाश में जांचोपरांत विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी।
वन भूमि पर अनियमितता
[वन]
57. ( क्र. 867 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्थित ग्राम डोंगरपुर, पुतलीघर के सर्वे क्र. 17,18,22,30 की भूमि वन भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार न्यूट्रिक कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं जी.एल.आर. रियल स्टेट प्र.लि. के डायरेक्टर आर.डी. गुप्ता द्वारा वन विभाग की बेशकीमती भूमि पर बहुमंजिला इमारत डुप्लेक्स प्लाट काट दिये है साथ ही इनके द्वारा वन विभाग के सर्वे क्र.18 में से अधिकार न होने पर भी तहसीलदार से रास्ता लेकर सर्वे क्र. 23 एवं 29 में नेचुरल पार्क नाम से कॉलोनी टी.एन.सी.पी. व नगर निगम ग्वालियर से पास कराकर करोड़ों के भूखण्ड बेच दिये जबकि वन विभाग से सर्वे क्र. 18 में से रास्ता लेने की कोई स्वीकृति नहीं ली गई जो आवश्यक थी व वन भूमि पर सड़क डाल कर बिल्डर ने नक्शा निजी भूमि का स्वीकृत कराकर वन भूमि को बेच दिया? (ग) बिल्डर द्वारा ग्राम डोंगरपुर पुतलीघर के सर्वे क्र.17 की लगभग 5 बीघा वन भूमि जिसकी कीमत करोड़ों में है, को हड़पने की नियत से ग्राम आरोन में 5 बीघा जमीन कीमत मात्र 30,000 रू. को बदलने की कार्यवाही गुपचुप तरीके से की जा रही है? (घ) इसकी सूचना वन विभाग ग्वालियर को पत्र द्वारा दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जायेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र के तथ्यों की जाँच हेतु वनमण्डलाधिकारी के पत्र क्रमांक/मा.चि./23/4684 दिनांक 22.06.2023 से उप वनमण्डलाधिकारी एवं वन परिक्षेत्राधिकारी, ग्वालियर को लेख किया गया है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। जाँच उपरान्त गुणदोष के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही संभव होगी।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
58. ( क्र. 870 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में ग्राम पुरानी छावनी की भूमि सर्वे नं. 131/1 रकबा 2.022 पर वर्तमान में कॉलोनी बना ली गई है एवं इसी सर्वे नं. का हिस्सा रहे 131/2 रकबा 0.6880 भूमि शासकीय होने पर साडा काउंटर मेग्नेट सिटी को आवंटित की गई और आज भी उसके नाम पर दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सर्वे नं. 131 में मिसिल बंदोबस्त खसरा संवत 1997 वर्ष 1940-41 के खाना नं. 29 के मुताबिक चरनोई गैर मुमकिन दर्ज है। उक्त खसरा नं. के खाना नं. 8 में मौरोसी की प्रविष्टि दर्ज नहीं है और संवत 2007 वर्ष 1950-51 में खाना नं. 23 में चरनोई गैर मुमकिन दर्ज है। जबकि खसरा नं. 5 में भिन्न लिखावट के द्वारा किशन बहादुर बशहर नं. 120 की प्रविष्टि कर दी गई है, जिसकी लिखावट खसरा लिखावट से भिन्न है। वही संवत 2008 वर्ष 2051-52 में भी कांट छांट की गई। इसके बाद दस्तावेजों में उक्त भूमि निजी कर दी गई? (ग) कार्यालय कलेक्टर (नजूल) के प्रकरण क्रं. 0164/अ 20 (4)/2019-20 आदेश दिनांक 30.10.2019 से पदस्थ पटवारी, आर.आई. व एस.डी.एम. द्वारा नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया और मिसिल बन्दोबस्त में दर्ज चरनोई गैर मुमकिन होने की जानकारी को दरकिनार कर दिया गया? इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) संवत 2007, 2008, 2009 अर्थात 1950, 51, 52 में भूमि निजी स्वत्व की है। उक्त भूमि भू-अर्जन अधिकारी ग्वालियर के प्र.क्र. 0032/भू-अर्जन 2/अ- 82/2001- 02 आदेश दिनांक 24-05-2004 से निजी भूमि का साडा के लिए अर्जन किया गया है। (ख) वर्ष 1950, 51, 52 में भूमि निजी स्वत्व की है। (ग) संवत 2007, 2008, 2009 में भूमि निजी स्वत्व की होने से नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
गरीब जनता को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
59. ( क्र.
876 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
परासिया
विधानसभा
क्षेत्र में
चार नगरीय
निकाय परासिया, चांदामेटा, न्यूटनचिखली
व बड़कुही और
लगभग 26
ग्राम
पंचायतें है।
जहाँ पर
अधिकांश लोग
वेस्टर्न कोलफील्ड
लिमिटेड (WCL) की
लीज की भूमि
पर लगभग पिछले
50 से
भी अधिक
वर्षों से
छोटे-छोटे
मकान बनाकर
निवास कर रहे
हैं? (ख) क्या
वर्तमान
स्थिति में
क्षेत्र की
अधिकतर कोयला
खदानें बन्द
हो चुकी है
तथा आज भी
जमीन का बहुत
बड़ा हिस्सा
वेकोलि (WCL) की लीज
भूमि के
अन्तर्गत आता
है और उस भूमि
पर एक बहुत
बड़े वर्ग के
रूप में गरीब
लोगों के परिवार
निवास करते है? (ग) क्या
वहां बहुत
सारी WCL
खसरे
की भूमि खाली
पड़ी है, ऐसी WCL की भूमि की
लीज समाप्त
करते हुए, यदि
राज्य सरकार
वेकोलि की
जमीन को
हस्तांतरण कर, अपने
कब्जे में
लेकर,
क्षेत्र
की गरीब जनता
को पट्टा
प्रदान करेगी
जिससे
निवासरत
परिवार को (हितग्राहियों)
को शासन
द्वारा
सचांलित आवास
संबंधी तथा
अन्य योजनाओं
का लाभ
प्राप्त हो
सकेगा? (घ) क्या
उपरोक्त
संबंध में
राज्य सरकार
द्वारा कार्यवाही
करते हुए, निवासरत
परिवारों को
पट्टा या भूमि
का मालिकाना
हक प्रदान कर
दिया जायेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) जी
हाँ, यह
कहना आंशिक
रूप से सत्य
है। जहाँ पर
अधिकांश लोग
वेस्टर्न
कोलफील्ड (डब्लू.सी.एल.)
की लीज भूमि
पर लगभग पिछले
50 से
अधिक वर्षों से
छोटे-छोटे
मकान बनाकर
निवास कर रहे
है। (ख) यह
कहना पूर्णत:
सही नहीं है। वेस्टर्न
कोल फिल्डस
लिमिटेड की
भूमि पर आज भी
कुछ माईन्स
चालू स्थिति
में है एवं कुछ
माईन्स बंद
हो चुकी है। (ग) कुछ
भूमि वेस्टर्न
कोल फील्डस
लिमिटेड (डब्लू.सी.एल.)
के खसरे की
कुछ भूमि खाली
है। भारत
सरकार द्वारा
अधिनियम Coalmines Nationalization Act 1973 के
तहत निजी कोल
कम्पनियों
द्वारा पूर्व
में अधिग्रहीत/क्रय
की गई भूमि
वेकोलि को हस्तांतरित
की गई है। वे.को.लि.
पेंच क्षेत्र
परासिया की
भूमि 50
वर्ष के लिए
या 31
मार्च 2030 तक इनमें जो
भी पश्चात्वर्ती
हो के लिए लीज
भारत सरकार
द्वारा प्रदत्त
की गई है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) राज्य
शासन द्वारा
नजूल भूमियों
को पट्टे पर
अथवा
मालिकाना हक
में नियमानुसार
दिये जाने के
प्रावधान है।
नहरों का सुदृढ़ीकरण
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 892 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र के जलाशयों हेतु विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी योजनाओं से क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? (ख) विकासखण्ड बरघाट के सुकला जलाशय, बोरी जलाशय, चीचबंद जलाशयों की नहरें पूर्व में मिट्टी की बनी थी जिसके कारण पानी अंतिम छोर (टेल) तक नहीं पहुंच पाता है। इन जलाशयों की नहरें नालियां बन गयी हैं, कृषकों की फसलों की सिंचाई सुविधा हेतु इन नहरों में सीमेन्टीकरण कार्य किया जाना अत्यंत आवश्यक है परन्तु सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास क्यों नहीं किये गये? (ग) बरघाट मुख्यालय के नजदीक कांचना मण्डी जलाशय है, इस जलाशय की नहर गहरी होने के कारण क्षेत्र के कृषकों की कृषि भूमि में सिंचाई संभव नहीं हो पा रही है, नहरों से कृषकों के खेतों में किस प्रकार पानी जायेगा, इस दिशा में सरकार द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं? या नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरघाट विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्मित जलाशयों में विगत 05 वर्षों में अनुरक्षण मद अन्तर्गत कराये गये मरम्मत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य के अतिरिक्त जल उपभोक्ता संथाओं को शासन से प्राप्त अनुदान राशि से नहरों के रख-रखाव का कार्य जल उपभोक्ता संथा के माध्यम से कराया जाना प्रतिवेदित है। (ख) विकासखण्ड बरघाट अन्तर्गत सुकला (अरी) जलाशय की नहरों के लाइनिंग कार्य हेतु मुख्य अभियंता, सिवनी द्वारा रूपये 605.93 लाख का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। जो प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। बोरी एवं चीचबंद जलाशय की नहरों के जीर्णोद्धार हेतु मुख्य अभियंता, सिवनी द्वारा क्रमशः रूपये 411.40 लाख एवं रूपये 340.24 लाख का प्राक्कलन मुख्य अभियंता बोधी भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। मुख्य अभियंता बोधी द्वारा प्राक्कलन में उठाई गई आपत्तियों का निराकरण संभाग स्तर पर प्रक्रियाधीन है। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि काचनामंड़ी जलाशय की नहरों का निर्माण प्राक्कलन में किये गये प्रावधान अनुसार कराया जाना प्रतिवेदित है। जिस स्थान पर नहर गहरी है वहाँ कृषकों द्वारा स्वयं के साधन (मोटर पंप) से सिंचाई हेतु पानी लिया जा रहा है। वर्तमान में गहरी नहर से कृषकों के खेतों में सिंचाई के लिए विभाग स्तर से पानी पहुंचाने हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग द्वारा किए गए कार्य
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 898 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचित विधायक के पत्र का उत्तर देने संबंधी GAD का स्थाई आदेश क्या जल संसाधन विभाग पर भी लागू होता है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो प्रश्नकर्ता द्वारा फरवरी 2023 को कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, जिला धार से समय-सीमा में जानकारी चाही गई थी क्या विभाग द्वारा जानकारी प्रदान की गई? यदि हाँ तो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं यदि नहीं, तो क्या कारण रहा? जानकारी उपलब्ध न कराने पर संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी। (ग) विधानसभा कुक्षी में विगत 05 वर्षों में तक क्या-क्या कार्य विभाग द्वारा किए गए कार्य का नाम, योजना का नाम, मद, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य पूर्ण होने का दिनांक व किसके माध्यम से कार्य करवाया गया सारणीबद्ध कर उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिन कार्यों को स्वीकृति नहीं मिली या लंबित रहे उनका क्या कारण रहा वह कब तक पूरे किए जाएंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय सदस्य द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र फरवरी 2023 के अनुक्रम में चाही गई जानकारी कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 31/03/2023 द्वारा मान. सदस्य को प्रेषित की गई। प्रेषित जानकारी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अप्रारंभ परियोजनाओं को वर्षाकाल के उपरांत प्रारंभ कराया जाकर निर्माण कार्य 04/2024 तक पूर्ण कराना लक्षित है।
सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 923 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग की कितनी ऐसी योजनाएं स्वीकृत है किंतु पूर्ण नहीं हुई है जिनसे कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी? सूची उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध सूची सिंचाई परियोजना किस दिनांक को स्वीकृत हुई? DPR अनुसार कितनी लागत की है? किस दिनांक को निविदा आमंत्रित हुई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस दिनांक को कार्य प्रारंभ हुआ? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया? यदि कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण हो जायेगा? कार्य पूर्ण होने के बाद कितने रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी? (घ) जिन परियोजना का कार्य अपूर्ण है व समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया उसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) से (घ)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। किसी
अधिकारी के
दोषी होने की
स्थिति नहीं
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "तेईस"
सामुदायिक वन अधिकार दावे
[वन]
63. ( क्र. 940 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत विभाग के प्रमुख सचिव ने दिनांक 10 जून 2008 एवं आयुक्त आदिवासी विकास ने दिनांक 16 अप्रैल 2015 को बड़े-छोटे झाड के जंगल तथा वनखंडों में अधिसूचित भूमि से संबधित किन-किन अभिलेखों में दर्ज कौन-कौन सी जानकारी बाबत् क्या-क्या आदेश-निर्देश दिए? (ख) छतरपुर, पन्ना एवं कटनी जिले के राजस्व अभिलेखों में कितने ग्रामों में बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज कितनी भूमि प्रतिवेदित की जा रही है? किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष कितने वनखंडों में शामिल कितनी भूमियों की जांच लंबित है? (ग) इन जिलों में बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की कितनी जमीन एवं वनखंड में अधिसूचित जांच के लिए लंबित कितनी जमीन पर प्रश्नांकित दिनांक तक कितने सामुदायिक वन अधिकार दावे मान्य किए गए हैं? (घ) दिनांक 10 जून 2008 एवं दिनांक 16 अप्रैल 2015 के शासनादेश का पालन नहीं किए जाने का क्या कारण वर्ष 2008 एवं 2015 से रहा है? पृथक-पृथक जानकारी प्रदाय करें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जिला छतरपुर के अंतर्गत 240, जिला पन्ना के अंतर्गत 1027 एवं जिला कटनी के अंतर्गत 344 सामुदायिक दावे मान्य किये गये है। उक्त मान्य दावों में बड़े-छोटे झाड़ जंगल मद का उल्लेख नहीं है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटित दुकान का निरस्तीकरण
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
64. ( क्र. 941 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका क्षेत्र भिण्ड में कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? इनमें किस समिति/दुकान के द्वारा राशन वितरण किया जा रहा है? इनके संचालन मंडल में कौन-कौन हैं? कितनी समिति/दुकान के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के बाहर कार्य किया जा रहा है? किस नियम एवं किसके आदेश से? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी दुकानों में कालाबजारी की या अन्य शिकायत आईं? इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में शिकायत सही पाये जाने के बाद भी समिति/दुकान की कार्यक्षेत्र एवं उसके बाहर आवंटित दुकाने निरस्त की गई? यदि नहीं, तो क्यों? किस नियम से प्रश्न दिनांक तक दुकान आवंटन निरस्तीकरण कार्यवाही लंबित होने के क्या कारण हैं? नियमानुसार तय समय- सीमा में कार्यवाही नहीं करने पर कौन दोषी है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित नगरपालिका क्षेत्र में 30 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। राशन वितरण एवं दुकानों का संचालन करने वाली समितियों तथा उनके संचालक मंडल के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। नगरपालिका क्षेत्र भिंड में कोई भी समिति अपने कार्यक्षेत्र (आवंटन के समय नगरपालिका के सीमांकन अनुसार) के बाहर कार्य नहीं कर रही है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांकित अवधि में नगरपालिका क्षेत्र भिंड की 01 दुकान के विरुद्ध कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें आरोपी विक्रेता से अपयोजित खाद्यान्न की राशि बाजार भाव से वसूल की गई तथा विक्रेता को पद से पृथक किया गया। अन्य अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायत एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही तत्कालीन दुकान आवंटन अधिकारी द्वारा की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। सभी शिकायतों में कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण हो चुकी है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महेश्वरम कॉलोनी का सीमांकन
[राजस्व]
65. ( क्र. 943 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् द्वारा सब्जी मंडी अल्हेड़ रोड बम्बई वाली धर्मशाला मनासा में महेश्वरम कॉलोनी के नपती हेतु आवेदन दिया गया था, जिसे बार-बार अन्य नंबर का सीमांकन के नाम पर लगातार टाला जा रहा है? क्या कारण है अब तक महेश्वरम कॉलोनी की नपती नहीं हुई है? कब तक नपती कर कॉलोनाईजर पर कार्यवाही की जाएगी? (ख) महेश्वरम कॉलोनी के कॉलोनाईजर द्वारा कितनी जगह खरीदी गई और कितनी जगह पर निर्माण किया गया और कितनी जगह रोड व अन्य कार्य के लिए आरक्षित है व कितने फिट के भूखंड खाली हैं? (ग) महेश्वरम कॉलोनी की भूमि रजिस्ट्री, रकबा व नक्शा उपलब्ध कराया जाये व वर्तमान में कितनी जगह पर महेश्वरम कॉलोनी विकसित की गई एवं टाउन एंड कंट्री एवं नगर पंचायत से प्राप्त प्रत्येक चरण की एन.ओ.सी. उपलब्ध कराई जाये। (घ) नगर परिषद् द्वारा क्षेत्रफल के नाप हेतु आवेदन किया गया था, उस बाबत् तहसीलदार द्वारा क्या प्रतिवेदन दिया गया और उसमें अवैध अतिक्रमण पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो इसके लिए कौन दोषी है? उनके विरुद्ध कार्यवाही कर कब तक अतिक्रमण हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला नीमच के नगर परिषद् मनासा के पत्र क्र. 1684 दिनांक 26.7.2019 से नगर परिषद् द्वारा महेश्वरम कॉलोनी के सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय तहसीलदार मनासा के प्रकरण क्रमांक 140/अ-12/2019-20 में पारित आदेशानुसार सीमांकन किया गया। पंचनामा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। अपीलार्थी दवारा सीमांकन के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड मनासा के न्यायालय में अपील की गई। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड मनासा के आदेश दिनांक 25 सितम्बर 2020 से 2020 से अधीक्षक भू-अभिलेख नीमच को नियमानुसार नवीन दल गठन कर सीमांकन करने आदेशित किया गया। जिला स्तरीय भू-अभिलेख टीम द्वारा पत्र क्र. 1699/भू-अभी/रा. नि-3/2020 नीमच दिनांक 18/12/2020 द्वारा दल गठन, सूचना पत्र जारी कर एवं पंचनामा के आधार पर उपलब्ध नक्शा अनुसार व मौका अनुसार मिलान नहीं होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। (ख) महेश्वरम कॉलोनी के कॉलोनाईजर द्वारा पंजीबद्ध दस्तावेज कमाक 974 दिनांक 14.12.07 से कसबा मनासा प.ह.न. 33 स्थित सर्वे नम्बर 161/2, 162, 163 पैकि एवं 164 की कुल 1.155 हेक्टर एवं पंजीबद्ध दस्तावेज कंमाक 1125 दिनांक 15.01.2008 से करबा मनासा प.ह.न., 33 स्थित सर्वे नंबर 163 में से 0.436 हेक्टर भूमि कुल 1591 हेक्टर भूमि क्रय की गई। शहरी विकास कार्यालय जिला नीमच के पत्र कंमाक 1193/डूडा/वि.स./20.23 दिनांक 30/6/23 से प्राप्त जानकारी कॉलोनाईजर द्वारा प्रस्तुत मानचित्र अनुसार कुल 15910 वर्ग मीटर क्षेत्र पर कॉलोनी का निर्माण किया गया, जिसमें उपलब्ध रिकार्ड अनुसार 6267.51 वर्गमीटर क्षेत्र पर गार्डन एवं रोड के लिये आरक्षित किया गया था। (ग) पंजीबद्ध दस्तावेज रजिस्ट्री क्रमांक 1125 दिनांक 15/1/2008 एवं 974 दिनांक 14/12/2007 की प्रमाणित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। निकाय में उपलब्ध महेश्वर कॉलोनी की भूमि संबंधी सर्वे का विवरण उपलब्ध नक्शा एवं निकाय व टाउन एण्ड कन्ट्री से जारी अभिमत एवं एन.ओ.सी. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) नगर परिषद् द्वारा क्षेत्रफल के नाप हेतु प्रस्तुत आवेदन पर न्यायालय तहसीलदार मनासा के प्रकरण कंमाक 140/अ-12/2019-20 में पारित आदेशानुसार सीमांकन किया गया। पंचनामा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। उक्त सीमांकन आदेश के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनासा के द्वारा पुन: सीमांकन का आदेश किया गया, जो कार्यवाही प्रचलित है।
ओवर बर्डन विक्रय की स्वीकृति
[खनिज साधन]
66. ( क्र. 946 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सतना जिला अंतर्गत 4 हेक्टेयर से अधिक किन-किन उत्खनिपट्टा धारियों को ओवर बर्डन उठाने हेतु कब-कब स्वीकृति किस-किस कलेक्टर द्वारा दी गई? क्या 4 हेक्टर से अधिक उत्खनिपट्टा से ओवर बर्डन उठाने की स्वीकृति दिये जाने का अधिकार है? यदि नहीं, तो यह स्वीकृति क्यों दी गई? (ख) मार्बल वेस्टेज की आड़ में अच्छा मार्बल विक्रय कर रायल्टी चोरी कराई जा रही है? (ग) दिनांक 21/10/2022 एवं 25/11/2022 को नियम विरूद्ध ओवर बर्डन विक्रय की जो स्वीकृति दी गई, उसकी शिकायत प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग को की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति देते हुये उक्त पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। जिला सतना द्वारा किसी भी उत्खनिपट्टाधारी को ओवर बर्डन उठाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। स्वीकृति नहीं दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार सतना जिले की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अपितु कटनी जिले से संबंधित दो शिकायतें दिनांक 12/10/2022 एवं 25/11/2022 को प्राप्त हुई थी। जिसकी जाँच की गई थी। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नामांतरण पंजी आदेश का पालन
[राजस्व]
67. ( क्र. 975 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 0619 दिनांक 22/12/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि नामांतरण पंजी क्रमांक 66 में स्वीकृत नाम को ही कम्प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज किया गया, लेख किया था? यदि हाँ तो उल्लेखित प्रत्येक खसरा नंबरों की कम्प्यूटर रिकॉर्ड की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) क्या स्वीकृत नामांतरण पंजी के आधार पर शासकीय कर्मचारी द्वारा अभिलेख रिकॉर्ड (खसरा पंजी में) दर्ज किया जाता है? हाँ या नहीं? (ग) यदि हाँ तो क्या उल्लेखित नामांतरण पंजी के संबंध में प्रकरण क्रमांक 0012/अ-6-अ/2022-23 में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा लेख किया था कि आवेदक द्वारा अन्य साक्ष्य प्रस्तुत न करना एवं राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार के प्रतिवेदन में लेख किया था कि आवेदक का नाम छूटा हुआ है, जिसका रिकॉर्ड सुधार किया जाना उचित है? हाँ या नहीं? (घ) यदि हाँ तो क्या अन्य साक्ष्य प्रस्तुत लेख करना (कोड वर्ड भाषा में) भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति न होना लेख किया जाना परिलक्षित होता है? (ड.) यदि नहीं, तो किन तथ्यों के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा रिकॉर्ड दुरुस्त का आवेदन खारिज किया था? (च) आवेदक का आवेदन खारिज होने से आवेदक मानसिक प्रताड़ित है एवं हर्जा-खर्चा हो रहा है। उसके लिए जवाबदेह कौन है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नामांतरण पंजी क्रमांक 66 से स्वीकृत नामांतरण का पालन तत्समय सभी खसरा नंबरों पर किया गया था। कम्प्यूटर अपडेशन के दौरान कुछ खसरा नंबरों पर आवेदक का नाम छूट जाने से उसके द्वारा रिकार्ड सुधार हेतु प्रस्तुत आवेदन के आधार पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुभाग छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 12/अ-6अ/2022-23 में संलग्न नामांतरण पंजी क्रमांक 66 दिनांक 08/01/2012 से स्वीकृत नामांतरण प्रति के आधार पर उक्त वांछित सुधार 05 वर्ष से अधिक अवधि का होने से नायब तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर की ओर अनुमति हेतु भेजा गया था। प्रतिवेदन/आदेश पत्रिका की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आवेदक द्वारा वांछित सुधार 5 वर्ष से अधिक अवधि का होने से संहिता की धारा-115 के संशोधित प्रावधान अनुसार (कलेक्टर) को प्रतिवेदन प्रेषित किये जाने पर प्रकरण क्रमांक 458/3-6-3/2022-23 में दस्तावेज त्रुटि सुधार किये जाने की पुष्टि आवेदक द्वारा न कर पाने तथा दस्तावेज के आधार पर पुष्टि न होने से ही रिकार्ड सुधार की अनुमति विधि की मंशा के अनुरूप न होने से अमान्य किये जाने के आधार पर दिनांक 06.04.2023 को प्रकरण समाप्त किया गया जिसके विरुद्ध आवेदक मोहम्मद ऐजाज द्वारा माननीय अपर आयुक्त महोदय सागर संभाग कैम्प छतरपुर को अपील प्रस्तुत की गई है जो प्रकरण क्रमांक 244/अपील/2023-24 पंजीबद्ध है। (घ) जी नहीं। (ड.) दस्तावेज त्रुटि सुधार किये जाने की पुष्टि आवेदक द्वारा न कर पाने तथा दस्तावेज के आधार पर पुष्टि न होने से रिकार्ड सुधार की अनुमति विधि की मंशा के अनुरूप न होने से अमान्य की जाकर दिनांक 06.04.2023 को प्रकरण में आदेश पारित किया गया था। (च) न्यायालयीन कार्यवाही एवं आदेश होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि भूमि के पट्टे का विक्रय
[राजस्व]
68. ( क्र. 978 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा अनु.ज.जा. वर्ग के व्यक्तियों को किन—किन योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कृषि भूमि के पट्टे उपलब्ध कराए गए थे? शासन द्वारा जारी नियम-निर्देशों की विस्तृत प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सागर जिले में कितने व्यक्तियों को कृषि भूमि आंवटित की गई है? तहसीलवार विवरण देवें। (ग) क्या यह सही है कि अ.ज.जा. के व्यक्तियों को कृषि भूमि आवंटित की गई है? तहसीलवार विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सागर जिला अन्तर्गत कितने कृषकों की आवंटित भूमि के विक्रय की अनुमति कलेक्टर सागर द्वारा कितनी भूमि रकबा की दी गई है? तहसीलवार बतावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 1342 दिनांक 31.03.2023 एवं पत्र क्र. 189 दिनांक 05.05.2023 एवं पत्र क्र. 190 दिनांक 06.05.2023 के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही गई है? नियम विरुद्ध कृषि भूमि के विक्रय हेतु अनुमति देने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी कृषि भूमि के पट्टे उपलब्ध नहीं कराये गए। इस संबंध में वर्तमान में पृथक से कोई नियम-निर्देश नहीं है। (ख) प्रश्न ''क'' के संदर्भ में जानकारी निरंक है। (ग) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक अ.ज.जा. के व्यक्तियों को कृषि भूमि आवंटित नहीं की गई। (घ) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी अ.ज.जा. के व्यक्ति को कृषि भूमि आवंटित नहीं की गई। अतः विक्रय की जानकारी निरंक है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[वन]
69. ( क्र. 981 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की बहुउद्देशीय बीना-परियोजना के निर्माण में डूब में आई वन भूमि के एवज में प्रतिपूरक वनीकरण कार्यों विभागीय जांच में गड़बड़ी पाये जाने के संबंध में तारांकित प्रश्न क्र. 710 में माननीय मंत्री महोदय द्वारा सहमति जाहिर की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुभाग स्तर के अधिकारियों को दोषी माना जाकर केवल उनके स्थान परिवर्तन को सजा बताया गया है? क्या उनके विरूद्ध व्यय राशि की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ तो उक्त वसूली कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि सदन में उत्तर के समय माननीय मंत्री महोदय द्वारा उक्त गड़बड़ियों की जांच आर्थिक अपराध ब्यूरो के माध्यम से कराये जाने का मौखिक वक्तव्य दिया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त के संबंध में जांच हेतु विभाग को लेख किया गया है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश में वर्णित गड़बड़ी में जिले स्तर के किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं माना गया है? क्या जिला स्तरीय विभाग में जिला प्रभारी की कोई जवाबदेही विभाग द्वारा निर्धारित नहीं की गई है? यदि हाँ तो जिला स्तरीय अधिकारी उक्त जांच में दोषमुक्त किस आधार पर रखे गये हैं? विवरण देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बीना बहुउद्देशीय परियोजना में गैर वन भूमि एवं बिगड़े वन क्षेत्रों में प्रतिपूरक वनीकरण कार्य में हुई जांच में कार्यों में कमी पाई जाने संबंधी उत्तर दिया गया है। (ख) जी नहीं। प्रकरण में अनुभाग स्तर एवं अन्य अधीनस्थ स्तर के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु विभागीय जांचें संस्थित हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) माननीय मंत्री जी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर EOW से जांच का वक्तव्य दिया था। परीक्षण करने पर पाया गया कि प्रथम दृष्टया प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु विभागीय जांच स्थापित होने के कारण EOW को दिये जाने की आवश्यकता नहीं होने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जिला स्तर के अधिकारियों के विरूद्ध प्रस्तावित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
कड़ान सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 982 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्माणाधीन कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना जिला सागर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का विषय विभाग में लंबित/विचाराधीन है? (ख) क्या उक्त प्रशासकीय स्वीकृति मिलने से कड़ान सिंचाई परियोजना से कितने ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा एवं कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी? (ग) क्या वर्तमान में प्रस्तावित गाइड बण्ड के निर्माण के कारण भविष्य में ग्राम बेरखेरी सुवंश, पथरिया हाट में जल ग्रहण क्षेत्र हो जायेगा एवं पथरिया हाट ग्राम की बसाहट में जल मग्न होने की संभावना रहेगी? विभाग द्वारा पम्प मोटर से पानी निकासी की बात कही गई है? क्या इससे जल मग्न होने की घटना को रोका जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर कड़ान सिंचाई परियोजना के सफल क्रियान्वयन की दृष्टि से प्रशासकीय पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति साधिकार समिति से अनुमोदन उपरांत विभाग स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने की दशा में कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना से 48 ग्रामों में सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा एवं 12, 000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्ताव अनुसार गाइड बण्ड के निर्माण होने पर ग्राम बेरखडी सुवंश, पथरिया हाट में जल भण्डारण नहीं होगा और न ही पथरिया हाट की बसाहट में जल मग्न होने की संभावना होगी। विभाग द्वारा मोटर पम्प द्वारा पानी की निकासी का प्रावधान किया गया था, इससे जल मग्न होने की घटना को रोका जा सकता है किन्तु फील्ड में गाइड बण्ड निर्माण प्रारंभ करने के दौरान समय-समय पर स्थानीय निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा आक्रोष व्यक्त किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि गाइड बण्ड के बनने से अपस्ट्रीम में अतिवृष्टि तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में पथरिया हाट की भूमि एवं बसाहट जल मग्न होने की संभावना रहेगी। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि कड़ान सिंचाई परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति द्वारा विचार विमर्श उपरान्त प्रस्तुत पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राक्कलन के पुनः परीक्षण के निर्देश दिये गये। प्रकरण परीक्षणोपरांत साधिकार समिति के समक्ष पुन: प्रस्तुत किया जाना संभव होगा।
मुआवजा राशि की स्वीकृति
[राजस्व]
71. ( क्र. 983 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी फसल के दौरान विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में आंधी तूफान एवं ओलावृष्टि से रबी फसल का नुकसान हुआ था? राजस्व विभाग अमला द्वारा किन-किन ग्रामों में सर्वे कार्य किया गया था? (ख) यदि हाँ तो सर्वे उपरांत क्या प्रभावित सभी ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि स्वीकृति की गई थी? (ग) क्या राजस्व अमले एवं जनप्रतिनिधियों के साथ ग्राम पिपरिया करकट, साईखेड़ा, लिधोराखुर्द, बुधुखेजरा, सिंगपुर, डुंगासरा, चांदवर, घुरेटा, नरवानी, गुड़ा, बम्होरी ढूढर, रिछावर, खेरा, कनेरानीखर, कांचरी, बरोदिया गोसाई ग्रामों का सर्वे किया गया था? (घ) यदि हाँ तो प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित ग्रामों में मुआवजा राशि का वितरण क्यों नहीं किया गया? कारण सहित जानकारी देवें एवं कब तक मुआवजा राशि स्वीकृत की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राजस्व विभाग अमले द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित सभी ग्रामों में सर्वे कार्य किया गया था। (ख) सर्वे उपरांत विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित 63 ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि स्वीकृत की गई थी। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित ग्रामों में फसल हानि 25 प्रतिशत से कम होने से राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मापदण्ड अनुसार राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई।
रसोई गैस, डीजल एवं पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 987 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल की कीमतों में कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में वृद्धि हुई है? (ख) नागरिकों की मूलभूत जरूरतों में से एक रसोई गैस की कीमतों में हुई उत्तरोत्तर वृद्धि को नियंत्रित करने व आमजनों को राहत देने सरकार ने कब-कब, क्या-क्या कदम उठाये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रसोई गैस की कीमतों का निर्धारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। कीमतों का निर्धारण तेल विपणन कंपनियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी उपलब्धता एवं कीमतों के आधार पर किया जाता है।
वन विकास निगम में प्रतिनियुक्ति के नियम
[वन]
73. ( क्र. 992 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विकास निगम में प्रतिनियुक्ति के क्या नियम हैं? क्या तीन वर्ष की अधिकतम प्रतिनियुक्ति अवधि होने के बाद भी संभागीय प्रबंधक पद पर अनेक अधिकारी 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं? यदि हाँ तो उनकी जानकारी दें एवं किस नियम के तहत इन्हें पदस्थ रखा गया है? (ख) क्या खंडवा परियोजना मंडल में पदस्थ रहे श्री चरणसिंह को सेवानिवृत्ति के बाद उसी जगह व पद में एक्सटेंशन दिया गया है? क्या यह सही है कि संविदा पद पर होने के बाद भी उन्हें ड्राइंग डिस्पर्सिंग पावर दिया गया है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत? एक्सटेंशन के बाद इनके हस्ताक्षर से कुल कितनी राशि के कितने भुगतान किए गए हैं? जानकारी देवें। (ग) कुंडम परियोजना में पदस्थ श्रीमती सीमा द्विवेदी कितने वर्षों से पदस्थ हैं? इनके कार्यकाल में गड़बड़ियों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? उनमें क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। क्या इन्हें यहां से हटाकर इनके कार्यकाल की सम्पूर्ण जांच करवाई जाएगी? (घ) क्या म.प्र. शासन के सभी निगम मण्डलों में आई.ए.एस. अधिकारियों को प्रबंध संचालक पद पर पदस्थ किया जाता है? यदि हाँ, तो वन विकास निगम में इस पद पर आई.ए.एस. अधिकारी की जगह आई.एफ.एस. अधिकारियों को पदस्थ करने का क्या कारण है? वन विकास निगम में भर्ती कर्मचारियों को एक जिले में अधिकतम कितने वर्षों तक पदस्थ रखने का नियम है? वर्तमान में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जो 20 वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही जिले में पदस्थ हैं? उनके नाम, पदनाम व जिले के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। क्या इन्हें अन्य जिले में पदस्थ किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विकास निगम में प्रतिनियुक्ति के पृथक से कोई नियम नहीं है। एक्स केडर पदों पर प्रतिनियुक्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग का ज्ञाप दिनांक 29.02.2008 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन अधिकारी को एक्स्टेंशन नहीं दिया गया है, अपितु संविदा नियुक्ति दी गई है। जी हाँ, पद के निर्धारित कर्तव्य एवं अधिकारों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। संविदा नियुक्ति उपरान्त रू. 54.91 करोड़ राशि का संवितरण किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन अधिकारी 02 वर्ष से पदस्थ है। इनके कार्यकाल में कुल 24 शिकायत प्राप्त हुई है जिनमें से 19 शिकायतों पर जांच प्रारम्भ है तथा 05 शिकायतों में से 01 शिकायत वन विकास निगम द्वारा नस्तीबद्ध किया गया। 01 शिकायत लोकायुक्त कार्यालय द्वारा समाप्त किया गया एवं शेष 03 शिकायतों में 02 को शासन स्तर से समाप्त करने की अनुशंसा प्राप्त हुई है। एक शिकायत की जांच वन मुख्यालय पर नस्तीबद्ध करने हेतु प्राप्त हुई है। वर्तमान में इनके हटाने की कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं। वन विकास निगम में भर्ती कर्मचारियों को एक जिले में अधिकतम कितने वर्षों तक पदस्थ रखने सम्बन्धी कोई नियम नहीं है। वर्तमान में 20 वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही जिले में पदस्थ कर्मचारियों की संख्या 59 हैं, उनके नाम, पदनाम व जिले के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। प्रशासनिक आवश्यकतानुसार पदस्थिति की कार्यवाही की जाती है, अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लंबित जांच की अद्यतन स्थिति
[राजस्व]
74. ( क्र. 994 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 609 दिनांक 02.03.2023 के उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है तथा उत्तरांश (ख) अनुसार निर्धारित प्रक्रिया अनुसार समिति के स्तर से प्रकरण जांच हेतु पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को प्रेषित किया गया है। समिति के स्तर पर जांच की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समिति द्वारा पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को जांच हेतु प्रेषित प्रकरण में क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए? जांच प्रतिवेदन व निष्कर्ष सहित बतावें। यदि जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है तो समिति द्वारा जांच हेतु क्या समयावधि निर्धारित की गई थी? तय समयावधि में उक्त प्रकरण में जांच पूर्ण न करने के लिए कौन दोषी है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिंहगढ़ द्वारा कलेक्टर जिला राजगढ़ को प्रेषित पत्र दिनांक 04.05.2022 में स्पष्ट है कि गलत आधारों पर जाति प्रमाण-पत्र हासिल करने का एक सुनियोजित कुचक्र संबंधित द्वारा किया गया है? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक पुलिस अधीक्षक राजगढ़ द्वारा जांच प्रकरण में सम्मिलित उक्त पत्र के आधार पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार प्रकरण दर्ज कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक प्रकरण दर्ज कर आगामी कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस अधीक्षक का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रकरण में राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जांच कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
डूब प्रभावित परिवारों को मुआवजे का प्रदाय
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 995 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2521 दिनांक 16.03.2023 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया है कि पार्वती परियोजना के डूब प्रभावित परिवारों द्वारा रू. 20.00 लाख प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिए जाने की मांग शासन-प्रशासन से की जा रही है? मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल द्वारा दिनांक 09 मार्च, 2021 को प्रमुख अभियंता को पुनरीक्षित पैकेज प्रस्ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। मुख्य अभियंता द्वारा प्रेषित उक्त प्रस्ताव प्रमुख अभियंता द्वारा एकल नस्ती के माध्यम से दिनांक 06.08.2021 को शासन स्तर पर प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक शासन स्तर पर प्राप्त उक्त प्रस्ताव पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई एवं वर्तमान में उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन डूब प्रभावित परिवारों की पुरजोर मांग को दृष्टिगत विशेष प्रकरण मानते हुये रू. 20.00 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा हेतु विशेष पैकेज स्वीकृत करेगा? यदि हाँ तो, कब तक? यदि नहीं, तो, क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मान. सदस्य द्वारा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2521 दिनांक 16.03.2023 में पूछे गए प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में दिए गए उत्तर की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वस्तुस्थिति यह है कि पार्वती परियोजना अंतर्गत ''भू-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013'' के प्रावधानों अनुसार भूमि का अर्जन किया जाना प्रतिवेदित है। पार्वती परियोजना अंतर्गत राजगढ़ जिले के डूब से प्रभावित 21 ग्रामों में कुल 1639 कृषकों की 1110.88 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा चुका है एवं कुल राशि रू. 147.21 करोड़ का अवार्ड पारित किया जाकर 1561 कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। शेष 78 कृषकों को भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। इसी प्रकार सीहोर जिले के डूब से प्रभावित 20 ग्रामों में कुल 1305 कृषकों की 901.537 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा चुका है एवं कुल राशि रू.240.64 करोड़ का अवार्ड पारित किया जाकर 1262 कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। शेष 43 कृषकों को भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। राजगढ़ जिले में लगभग 95 प्रतिशत एवं सीहोर जिले में लगभग 96 प्रतिशत कृषकों को प्रभावित भूमि का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। पृथक से विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों का मरम्मत कार्य
[राजस्व]
76. ( क्र. 999 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने तालाब कितने-कितने हेक्टेयर या एकड़ में सरकारी तालाब है, जो लगभग वर्तमान से 100 वर्ष पुराने है? कितने तालाबों में वर्षभर वर्षा का पानी भरा रहता है एवं कितने तालाब सूख जाते है? जानकारी दें। (ख) कितने तालाबों में मछली पालन एवं सिंगाड़ा या अन्य उपज है, जिससे लोगों को रोजगार प्राप्त होता है? लगभग 50 वर्ष से अधिक कितने पुराने तालाबों से सिल्ट निकालकर गहरीकरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या गहरीकरण किये जाने की योजना है? जानकारी दें। (ग) कितने तालाब के मेड टूट-फूट चुकी है एवं अतिक्रमण के कारण तालाबों में पानी नहीं भर पा रहा है या भरने नहीं दिया जा रहा है? तालाबवार जानकारी दें। (घ) कितने तालाबों में जहां से वर्षा का जल भरता था, उन स्थानों पर अतिक्रमण हो चुका है? क्या विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिये कोई योजना बनाई गई है, जिससे वर्षा का जल अधिक जल राशि के रूप में जमा हो सके? यदि नहीं, तो कब तक बनाई जावेगी? वर्षा जल एकत्रित करने की कोई योजना लागू कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ङ) कितने तालाबों में नालियों का गंदा पानी भरता है? कितने तालाबों का अस्तित्व खतरे में है? तालाबों को गंदे जल, अतिक्रमण से मुक्त, गहरीकरण, मरम्मत की कोई कार्ययोजना बनाई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नरसिंहपुर जिले में तालाबों संबंधी चाही गई जानकारी तहसीलवार निम्नानुसार है-
क्र. |
तहसील |
100 वर्ष पुराने तालाबों की संख्या |
तालाबों का रकबा हे. में |
वर्ष भर पानी भरे रहने वाले तालाबों की संख्या |
सूख जाने वाले तालाबों की संख्या |
1 |
नरसिंहपुर |
1 |
14.25 |
1 |
- |
2 |
करेली |
13 |
37.702 |
3 |
10 |
3 |
गोटेगाँव |
25 |
85.492 |
8 |
17 |
4 |
गाडरवारा एवं सांईखेड़ा |
94 |
240.849 |
24 |
70 |
5 |
तेन्दूखेड़ा |
10 |
19.089 |
- |
10 |
योग |
143 |
397.382 |
36 |
107 |
(ख) नरसिंहपुर जिले अंतर्गत तहसील गोटेगाँव में 10 तालाबों में मछली पालन होता है एवं 1 तालाब में सिंगाड़े की फसल लगाई जाती है। अनुभाग गाडरवारा (तहसील गाडरवारा एवं सांईखेड़ा) में 6 तालाब में मछली पालन एवं सिंगाड़ा आदि की उपज ली जाती है। शेष तहसीलों की जानकारी निरंक है। (ग) तहसील करेली स्थित ग्राम चिनकी में 01 तालाब जिस पर अतिक्रमण है। शेष तहसीलों की जानकारी निरंक है। (घ) अतिक्रमण के संबंध में प्रश्नांश (ग) में उत्तर में उल्लेखित तालाब में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में कार्यवाही प्रचलित है। (ङ) तहसील करेली अंतर्गत ग्राम बासादेही के तालाब में गंदा पानी भरता है। शेष तहसील की जानकारी निरंक है।
कार्यपालन यंत्री का कार्यालय पुन: प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
77. ( क्र. 1001 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले में जल संसाधन विभाग का पूर्व में कार्यपालन यंत्री का कार्यालय था? अगर हाँ, तो क्यों हटाया गया है? क्या पुनः कार्यपालन यंत्री का कार्यालय चालू करने की विभाग की कोई योजना है? अगर है तो कब तक? (ख) नरसिंहपुर जिले की माझा नदी एवं शेर नदी पर करोड़ों रूपये की राशि से जिले में निर्माण होना है, जिनके टेण्डर भी लग चुके हैं। क्या छिंदवाड़ा जिले से संचालित किया जा रहे हैं? जानकारी दें। (ग) क्या नरसिंहपुर जिले में 28 छोटी-बड़ी बांध परियोजनाएं 128 कि.मी. दूर छिंदवाड़ा से संचालित की जा रही हैं एवं क्या विभाग के द्वारा संचालित परियोजनाओं की बांधों की मुख्य मेड एवं केनाले टूट गई हैं? कितने बांधों की नहरें टूटी-फूटी हैं? टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। सुधार की आवश्यकता है। क्या सुधार किया जावेगा? जानकारी दें। (घ) नवीन एवं पुरानी परियोजनाओं के निर्माण एवं मरम्मत के लिये विभाग को मुख्य कार्यपालन कार्यालय की आवश्यकता महसूस हो रही है? क्या 128 कि.मी. दूर छिंदवाड़ा जिले से आने-जाने में लगभग 300 से 350 कि.मी. दूर से संचालन किया जाना उचित है? क्या डीजल-पेट्रोल, श्रम का अपव्यय नहीं हो रहा है? क्या विभाग अपने कार्य शैली, कार्य प्रणाली से सन्तुष्ट हैं? अगर हाँ तो जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। मुख्य अभियंता वैनगंगा कछार, सिवनी संरचनांतर्गत इष्टतम उपयोग हेतु निर्माणाधीन परियोजनाओं, सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों में द्रुतगति लाने की दृष्टि से दिनांक 05 मार्च, 2013 द्वारा कार्यालय कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर (020) में समाहित किया गया है। कार्यपालन यंत्री का कार्यालय नरसिंहपुर में पुन: चालू करने का विचार किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, माझारेवा परियोजना एवं शेर सिंचाई परियोजना कार्यपालन यंत्री, पेंच व्यपवर्तन बांध जल संसाधन संभाग क्रमांक-1, चौरई जिला छिंदवाड़ा (259) में वृहद परियोजना का संभाग होने के कारण संचालित की जा रही है। नरसिंहपुर जिले में निर्मित 28 छोटी (लघु) सिंचाई परियोजनाएं हैं, जो कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर (020) संचालित की जा रही हैं। वर्तमान में बांधों एवं नहरों से क्षतिग्रस्त होने का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश ''क'' अनुसार। वर्तमान में पुरानी सिंचाई परियोजनाओं का संचालन/मरम्मत कार्य कार्यपालन यंत्री हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर (020) द्वारा किया जा रहा है एवं नवीन वृहद परियोजनाओं का कार्य कार्यपालन यंत्री, पेंच व्यपवर्तन बांध जल संसाधन संभाग क्रमांक-1, चौरई जिला छिंदवाड़ा (259) द्वारा किया जा रहा है। दक्षतापूर्ण कार्य संपादन की स्थिति में शासन का कोई अपव्यय संभावित नहीं है। जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
78. ( क्र. 1002 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेचने के लिए धारा 165 (6) में ए.डी.एम. द्वारा अनुमति देने पर किस-किस ए.डी.एम. को नोटिस दिया गया? नोटिस की प्रति दें तथा बतावें कि इस विषय में माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण दर्ज हुए हैं? यदि हाँ तो माननीय उच्च न्यायालय का नाम प्रकरण क्रमांक की जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2018 से 2022-23 तक जिलेवार आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की धारा 165 (6) में अनुमति के कितने प्रकरण हैं तथा कुल कितनी हेक्टेयर जमीन को बेचने की अनुमति दी गई है? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जमीन में से कितनी-कितनी जमीन संभागायुक्त, अतिरिक्त संभागायुक्त, डी.एम., ए.डी.एम., एस.डी.एम., तहसीलदार, के आदेश से बेची गई? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1111 दिनांक 10/3/2022 के प्रश्नांश (क) अनुसार सुविधा का संतुलन दृष्टिगत रखते हुए सामान्य शर्तें अधिकृत की जाती है, वे शर्तें क्या-क्या हैं? क्या पूरे प्रदेश में एक समान शर्तें हैं या भिन्न-भिन्न हैं या जिले अनुसार हैं? (ङ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1008 दिनांक 25/2/21 अनुसार विक्रय की अनुमति दी जाने संबंधी अनियमितता की जांच किसके द्वारा की गई? रिपोर्ट अनुसार क्या कार्रवाई की गई? जांच रिपोर्ट की प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धारा 165 (6) में अनुमति देने एवं अन्य अनियमितता के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा श्री कैलाश बुंदेला, राप्रसे तत्कालीन अपर कलेक्टर जिला रतलाम के विरूद्ध मध्यपद्रेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-14 के अंतर्गत विभागीय जांच संस्थित की जाकर आरोप पत्रादि जारी किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) शर्तें प्रकरण के स्वरूप एवं परिस्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। (ड.) प्रश्नांश में उल्लेखित अनियमितता की जांच आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा की गई थी। जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
बैरियर/चैक-पोस्ट पर वाहन चालकों से अवैध वसूली
[परिवहन]
79. ( क्र. 1004 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक राज्य की सीमा पर बने हुए बैरियर-चैक-पोस्ट पर कितने वाणिज्यिक वाहन की जांच की गई तथा उनमें से कितने वाहन से मोटरयान अधिनियम के तहत तथा जी.एस.टी. अधिनियम के तहत शुल्क वसूला गया? कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ? संपूर्ण जानकारी बैरियर/चैक-पोस्ट अनुसार वर्षवार दें। (ख) क्या शासन को वाहनों से अवैध वसूली को लेकर पत्र मिले? यदि हाँ तो उन पत्रों की प्रति तथा भेजे गए उत्तर की प्रति देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2623 दिनांक 16 मार्च 2023 के उत्तर अनुसार शासन के 1/9/2022 को दिये निर्देश पर, परिवहन आयुक्त द्वारा बैरियर/चैक-पोस्ट पर की गई जांच की रिपोर्ट तथा शासन द्वारा 27/12/22 को बनाई गई 6 सदस्यों की कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट की प्रति देवें एवं कमेटी की अनुशंसा पर लिए गए निर्णय से अवगत कराएं। (घ) क्या यह सही है कि पिटोल बैरियर/चैक-पोस्ट पर वाहन चालकों से जमकर अवैध वसूली की जाती है और इस कारण प्रदेश की ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 17.5% है, जो देश में सर्वाधिक है? क्या केन्द्र ने देश की औसत ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 7.5% लाने का लक्ष्य तय किया है? (ङ) क्या अन्य राज्यों की तरह शासन राज्य की सीमा पर बने बैरियर/चैक-पोस्ट को बंद करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चैक-पोस्टवार वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक मोटरयान अधिनियम के तहत प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वर्ष 2016-17 एवं 01.04.2017 से 30.06.2017 तक राज्य की सीमा पर बने बैरियर चैक पोस्ट पर वाणिज्यिक कर विभाग के द्वारा 5390 वाहनों से राशि रूपये 2743.13 लाख की कर/शास्ति वसूल की गई। जांच चौकियों द्वारा जमा करायी गयी कर/शास्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। दिनांक 01.07.2017 से जी.एस.टी. लागू होने के पश्चात वाणिज्यिक कर चौकियां अधिसूचना क्रमांक एफ ए 3-20/2017/1-पांच (29) दिनांक 24.06.2017 के द्वारा बंद कर दी गई है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) जी हाँ। परिवहन विभाग में प्राप्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। जांच प्रक्रियाधीन हैं। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा प्राप्त अवैध वसूली संबंधी पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है। (ग) परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा दिनांक 27.12.2022 को परिवहन चैक-पोस्टों के संबंध में तीन बिन्दुओं पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिये छः सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। परिवहन आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 3528/निज सचिव/टीसी/2023 दिनांक 26.06.2023 से कमेटी का प्रतिवेदन विभाग में प्राप्त हुआ है, जो परीक्षणाधीन हैं। (घ) यह कहना सही नहीं है कि, परिवहन चैक-पोस्ट पिटोल पर वाहन चालकों से जमकर अवैध वसूली की जाती है। परिवहन चैक-पोस्ट पिटोल पर प्रदेश में प्रचलित केन्द्र एवं राज्य सरकार के मोटरयान अधिनियमों एवं नियमों के अंतर्गत वाहनों की विधिसम्मत चैकिंग की जाती हैं। यहाँ विधिसम्मत कार्यवाही कर शास्ति अधिरोपण से बढ़ी हुई ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट का कोई संबंध परिलक्षित नहीं होता है। वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक परिवहन चैक-पोस्ट से प्राप्त कुल राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-फ अनुसार है। (ङ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
राजस्व ग्राम बनाए जाना
[राजस्व]
80. ( क्र. 1006 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2558 दिनांक 17/3/22 के प्रश्नांश (क) अनुसार आलोट तहसील के ग्राम कराडीया में मजरा सूखाखेड़ा एवं तालोद में मजरा तारागढ़ को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया में मैप बनाने हेतु मैप आई.टी. को निर्देशित किया गया था। उक्त संदर्भ में कार्यवाही कहाँ तक संपन्न हुई है? (ख) क्या इतना समय बीत जाने के बाद भी उक्त मजरे एवं टोले को राजस्व ग्राम नहीं बनाए जाने के कारण वहां निवासरत जनता को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार इन मजरों टोलों को राजस्व ग्राम बनाए जाने की मांग के बावजूद इन्हें अब तक राजस्व ग्राम क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (घ) जिला स्तर से इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मैप आई.टी. भोपाल (अब MPSEDC Ltd. Bhopal ) से दोनों ग्रामों के प्रारूप नक्शे प्राप्त होकर तहसील आलोट के ग्राम कराडीया को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है एवं पुन: रीनम्बरिंग की प्रक्रिया प्रचलित है, जिसमें कुल ग्राम कराडीया में 667 नए सर्वे नंबर बनाए जाकर उपरोक्त में से 163 सर्वे नंबरों की ग्राउंड ट्रुथिंग की जा चुकी है। ग्राम तालोद में मजरा तारागढ़ के राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया में तालोद को दो हिस्सों में विभाजित किया गया व रीनम्बरिंग में 566 नये सर्वे नंबर निर्मित किये गये हैं, जिसमें 367 सर्वे नंबरों की ग्राउण्ड ट्रुथिंग की गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' में वर्णित मजरे-टोले के मूल ग्राम कराडीया एवं तालोद, राजस्व ग्राम होने से उक्त मजरे-टोलों में निवासरत जनता को शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न में वर्णित मजरा-टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की प्रगति उत्तरांश ''क'' अनुसार है l
शुगर मिल हेतु अधिग्रहीत भूमि
[राजस्व]
81. ( क्र. 1007 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र आलोट के कई ग्रामों के निवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आलोट को शुगर मिल द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन के संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुआ है। यदि हाँ तो उस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) राजस्व विभाग से संबंधित माननीय मुख्यमंत्री महोदय को संबोधित पत्र क्रमांक Q/3/आलोट, दिनांक 16/3/2022 के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही शासन स्तर से हुई है? (ग) ग्राम पालनगरा, ताजली, आक्या, धतूरिया, किशनगढ़, लंगर खेड़ी, भोजाखेड़ी, भावगढ़, खजूरी सोलंकी, जोयान, धुधावती, ईसामपुर, विक्रमगढ़, गुराडिया, आलोट के ग्रामों में उन भूमियों के भूमि स्वामियों के नाम, उनकी भूमि के खाता खसरा नंबर की सूची उपलब्ध कराएं जो स्वतंत्रता के पूर्व विक्रम शुगर मिल की स्थापना हेतु शासन द्वारा किसानों से अधिग्रहीत की गई थी? (घ) स्वतंत्रता के पूर्व विक्रम शुगर मिल के स्थापना के लिए अधिग्रहीत की गई भूमियों पर अभी वर्तमान में किसके द्वारा खेती की जा रही है? क्या उन काश्तकारों को भूमि स्वामी होने का मालिकाना हक शासन द्वारा प्रदाय कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। ज्ञापन के जांचोपरांत भूमि 1955-56 के अधिकार अभिलेख में विक्रम शुगर मिल के नाम दर्ज पाई गई। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जावरा के प्रकरण क्रमांक 79/बी-90 (3)/74-75 के आदेश दिनांक 25.06.1993 से यह शासकीय दर्ज है। भूमि के स्वतंत्रता के पूर्व विक्रम शुगर मिल की स्थापना के समय का भूमि अधिग्रहण से संबधित अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक 713/1295/2022/सात-2 दिनांक 17.06.2022 से यथोचित कार्यवाही हेतु कलेक्टर रतलाम को लिखा गया। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार अधिग्रहण से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं होने से जानकारी प्रदान किये जाने में कठिनाई है। (घ) विक्रम शुगर मिल के नाम दर्ज रही भूमियों पर वर्तमान में विभिन्न व्यक्तियों के द्वारा खेती की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। उत्तरांश 'क' के प्रकाश में भूमि शासकीय होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में उपभोक्ता क्लब का गठन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 1011 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सभी जिलों के शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में उपभोक्ता क्लब गठित किए जाने के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ तो नियमों की प्रति देवें। संभाग अनुसार प्रत्येक जिले में कितने विद्यालयों में उपभोक्ता क्लब गठित किए गए हैं? कितने वर्तमान में कार्यरत हैं? (ख) विद्यार्थियों को उपभोक्ता अधिकारों के बारे में अवगत करवाने के लिए उपभोक्ता क्लब प्रारम्भ करने के संबंध में सरकार की नीति व कार्ययोजना क्या है? अवगत करायें। (ग) उपभोक्ता क्लबों को सरकार कितनी वित्तीय सहायता देती है? विगत 4 वर्षों में प्रत्येक संभाग में कितने क्लबों को कितनी वित्तीय सहायता दी गई? उज्जैन एवं इंदौर में इनकी मॉनिटरिंग किस-किस सक्षम अधिकारी ने की?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। इन निर्देशों के अनुसार वर्तमान में संभाग अनुसार जिलों के विद्यालयों में गठित/ कार्यरत उपभोक्ता क्लबों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ता हितों के संरक्षण, संवर्धन एवं जागरूकता हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता कल्याण निधि के मार्गदर्शक सिद्धांत, 2022 जारी किये गये है। उक्त प्रयोजन अंतर्गत शालाओं में उपभोक्ता क्लब संचालित करने का विषय शामिल किया गया है। (ग) पूर्व में प्रदेश में लागू उपभोक्ता जागरूकता संबंधी कार्ययोजना 8 मार्च, 2019 के अंतर्गत स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन को 'उपभोक्ता क्लब योजना' के संचालन हेतु उपभोक्ता कल्याण निधि से स्थायी समिति द्वारा चयनित संस्था/स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन को एक जिले में एक उपभोक्ता क्लब संचालन हेतु एक त्रैमास में राशि रू. 31, 250/- वित्तीय सहायता दिये जाने का निर्धारिण किया गया था, जिसके अंतर्गत विगत 4 वर्षों में स्थायी समिति द्वारा चयनित संभागों के जिले में उपभोक्ता क्लबों के गठन एवं संचालन हेतु स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों को उपभोक्ता क्लब योजना हेतु कुल राशि रू. 3, 12, 500/- (तीन लाख बारह हजार पांच सौ मात्र) की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। उज्जैन में इसकी मॉनिटरिंग जिला आपूर्ति नियंत्रक के माध्यम से करायी गयी है। इंदौर में उक्त वित्तीय सहायता नहीं दी गई है। अत: मॉनिटरिंग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई परियोजनाओं का संचालन एवं संधारण
[जल संसाधन]
83. ( क्र. 1014 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में सिंचाई परियोजनाओं का कार्य संचालन एवं संधारण निर्धारित समय में किया जा रहा है? यदि हाँ तो किस प्रकार? नहीं तो इस संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब किसके द्वारा प्राप्त हुई हैं? (ख) उक्त स्वीकृत योजनाएं अपने तय समय-सीमा पर पूर्ण कर निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति की जा रही है। हाँ तो कृषि सिंचित रकबावार जानकारी दें। नहीं तो क्यों? कारणों का उल्लेख करें। (ग) क्या जल संसाधन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत पदों की आपूर्ति के कारण कसरावद एवं भीकनगाँव में उक्त सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रभावित हो रहा है? हाँ तो बताएं। नहीं तो तत्संबंध में विभाग द्वारा पदों की पूर्ति किए जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? हाँ तो बताएं। नहीं तो क्यों? (घ) उक्त विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई योजनाएं क्या संबंधित विभागीय एवं शासन स्तर पर लम्बित हैं? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद (विकासखण्ड कसरावद+भीकनगाँव) अंतर्गत कुल 51 सिंचाई परियोजनांए संचालित हैं। संचालित परियोजनाओं का संधारण संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण तथा उनके द्वारा दिये गये निर्देशानुसार किया जाना प्रतिवेदित है। मैदानी अधिकारियों के अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना उल्लेखित है। (ख) संचालित परियोजनाओं में उपलब्ध जल भराव अनुसार सिंचाई लक्ष्य निर्धारित करते हुए सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग में अधिकारियों की कमी है। तथापि विभाग में उपलब्ध अमलों के माध्यम से ही परियोजनाओं के संचालन एवं संधारण का कार्य कराया जा रहा है। विभाग द्वारा दिनांक 30.06.2023 को 27 सहायक यंत्रियों एवं 391 उपयंत्रियों की नियुक्ति की गई है। शेष पदों के लिए कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत चिन्हित कन्नडगाँव बैराज योजना की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। शासन स्तर पर डी.पी.आर. प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसानों की भूमि के नक्शों में विसंगति
[राजस्व]
84. ( क्र. 1015 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में कितना भुगतान किया गया? सरकार द्वारा कितनी राशि दी गई? वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ऐसे कितने प्ररकण हैं, जिनमें खाता नंबर में हेर-फेर करके किसानों को दी जाने वाली राशि किसी अन्य खाते में स्थानांतरित कर दी गई? विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले के विधानसभा क्षेत्र कसरावद अन्तर्गत मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रभावित किसानों को फसल क्षति पूर्ति के रूप में प्रदाय की गई राहत राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधान सभा क्षेत्र कसरावद अन्तर्गत जानकारी निरंक है।
स्टील सायलो में सामग्री का भण्डारण
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 1020 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में खाद्य सामग्री के भण्डारण हेतु पी.पी.पी. मॉडल पर स्टील सायलो (गोडाउन) बने हैं? यदि हाँ, तो कितने एवं कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? क्या इस हेतु कोई शासकीय भूमि उन्हें आवंटित की है? यदि हाँ, तो किसे एवं किस दर से? किनके स्वामित्व के हैं? इनका निर्माण किस वर्ष में किया गया? प्रत्येक की भण्डारण क्षमता कितनी है? गोडाउनवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (ख) इन स्टील सायलो (गोडाउन) में भण्डारण किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या कोई अनुबंध किया है? यदि हाँ, तो क्या? भण्डारण हेतु क्या दर निर्धारित है? गोडाउनवार अनुबंध की प्रति एवं जिलेवार जानकारी दें। (ग) इन स्टील सायलो (गोडाउन) में वर्ष 01 अप्रैल 2020 से उत्तर दिनांक तक कितनी मात्रा में भण्डारण हुआ तथा किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया गया? क्या किसी गोडाउन को भण्डारित सामग्री के स्थान पर कुल गोडाउन की क्षमता के आधार पर किराये पर लिया जाकर उसमें पूर्ण क्षमता अनुसार माल न भरते हुये भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किसे एवं क्यों? क्या इससे शासन को राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो कितनी एवं इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) हाँ, स्टील सायलो पी.पी.पी. मोड पर DBFOT आधार पर बनवाए गये हैं। नौ स्थानों पर स्टील सायलो स्थापित है। स्थान (भोपाल, देवास, हरदा, होशंगाबाद, इन्दौर, सतना, सीहोर, उज्जैन एवं विदिशा) प्रत्येक स्थान के लिए रियायतग्राही को शासकीय भूमि नि:शुल्क लॉयसेंस पर दी गई है। भूमि का स्वामित्व मध्यप्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पास है। स्टील सायलो का निर्माण वर्ष 2014-15 में करवाया गया है। प्रत्येक स्थान पर 50000-50000 मे. टन क्षमता के कुल 450000 में. टन के स्टील सायलो बनाये गये हैं। गोडाउनवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, स्टील सायलो (गोडाउन) में भंडारण हेतु निष्पादित किये गये अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। स्टील सायलो (गोडाउन) में भंडारण हेतु निर्धारित दर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स अनुसार है। (ग) (1) स्टील सायलो में वर्ष 01 अप्रैल 2020 से उत्तर दिनांक तक भंडारित स्कंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार है। (2) प्रदेश में स्टील सायलो क्षमता व्यवसायिक गारंटी योजना के तहत निर्मित कराई गई है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर खाद्यान्न स्कंध का भंडारण किया जाना प्रावधानित है। ऐसे में स्टील सायलो क्षमता के उपयोग की तुलना अन्य गोदामों की अपेक्षाकृत हुए अधिक व्यय की तुलना की जाना उचित नहीं है। (3) प्रदेश में स्थापित 09 स्टील सायलो में विपणन वर्ष 2020 से अद्यतन व्यवसाय गारंटी योजना के तहत रिक्त क्षमता के लिए शासन से भुगतान की गई राशि का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–इ अनुसार है। उक्त सायलो व्यवसाय/भंडारण गारंटी योजना के अंतर्गत निर्मित किए गए थे। अत: किसी के दोषी होने तथा दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग द्वारा कराये गये कार्य
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 1022 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा किस-किस योजना में क्या-क्या निर्माण कार्य किये हैं एवं किस-किस मद से कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से किस-किस स्थान पर किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविजन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सियों द्वारा कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) ग्वालियर जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा में जल संसाधन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी का कार्य क्षेत्र में आने वाली पंचायतों का विवरण दें। क्या फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी अपने मुख्यालय पर ही निवास करते हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी हैं, जिनको ग्वालियर जिले में 3 वर्ष या उससे भी ज्यादा समय हो गया है? उनका नाम, पद, वर्तमान पद स्थापना दिनांक तथा जिले एवं वर्तमान पदस्थापना स्थान पर कितना समय हो गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार फील्ड में पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारी अपने मुख्यालय पर ही निवास करते हैं।
नामांतरण एवं बंटवारे के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
87. ( क्र. 1023 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले के भितरवार, चीनौर एवं घाटीगाँव तहसील में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस व्यक्ति के बंटवारा तथा नामान्तरण के प्रकरण किस दिनांक से लंबित है? व्यक्ति का नाम, पता/पति का नाम, पता तथा किस कारण से लंबित हैं? पूर्ण विवरण दें। इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? उनके नाम स्पष्ट करें। क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर कार्यवाही की जावेगी एवं अब कब तक लंबित बंटवारे एवं नामान्तरण के प्रकरणों का निपटारा कर दिया जावेगा? (ख) ग्वालियर जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में राजस्व विभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? उनका नाम, पद, मुख्यालय, पदस्थापना दिनांक तथा ग्वालियर जिले में एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस दिनांक से पदस्थ है? पूर्ण विवरण दें। ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी हैं जिनको प्रश्न दिनांक की स्थिति में ग्वालियर जिले में 3 वर्ष या उससे अधिक समय हो गया है? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक तथा जिले में कितने वर्ष एवं माह हो गये हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ऐसी कोई घोषणा की गई थी कि भूमि विक्रय होने पर एवं भूमि स्वामी की मृत्यु होने पर तुरन्त ही स्वयं नामांतरण एवं बंटवारा हो जाएगा तथा पटवारियों व तहसील में नहीं जाना पड़ेगा? यदि हाँ, तो किस दिनांक को किस स्थान पर मा. मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी? बतावें। ग्वालियर जिले में पटवारियों द्वार बंटवारा एवं नामांतरण भूमि विक्रय के तुरन्त बाद स्वयं क्यों नहीं किए जा रहे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – अ अनुसार। समयावधि पूर्ण न होने एवं साक्ष्य के अभाव में प्रकरण विधिक न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रचलित है! समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – स अनुसार।
राज्य परिवहन निगम की बसों का संचालन
[परिवहन]
88. ( क्र. 1025 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में राज्य परिवहन निगम की बसों का संचालन कब बंद कर दिया गया था? इसके स्थान पर शासन द्वारा राज्य के नागरिकों के लिये क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? (ख) क्या राज्य में यात्री परिवहन पूरी तरह निजी हाथों में होने से प्रदेश का नागरिक/यात्री निजी बस संचालकों के मनमाने किराया वसूली, मनमाने बस स्टॉपेज एवं दुखदायी यात्रा करने पर मजबूर है? (ग) प्रदेश में अन्य राज्यों की खटारा बसों को खरीदकर प्रदेश में चलाने वाले बस मालिकों की कितनी बसें पंजीबद्ध हैं? क्या आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में इन अनफिट बसों के कारण हो रही है? (घ) निजी बस संचालकों की हड़ताल आदि के दौरान प्रदेश के नागरिक परिवहन के लिये मोहताज हो जाते हैं? ऐसे में राज्य शासन के पास निजी यात्री परिवहन सुविधा का क्या विकल्प है? (ङ) यदि नहीं, तो क्या प्रदेश सरकार अऩ्य प्रांतों की भांति प्रदेश के नागरिकों को यात्री परिवहन सुविधा प्रदाय करने के लिये मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों का संचालन पुनः आरंभ करेंगी ताकि निजी बस संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के परिसमापन का सैद्धान्तिक निर्णय दिनांक 28.02.2005 में लिया गया। वर्ष 2005 के सैद्धान्तिक निर्णय के अनुक्रम में निगम स्वामित्व की वाहनों का संचालन जून 2008 से एवं अनुबंधित वाहनों का संचालन 30 सितम्बर 2010 के उपरांत पूर्णतः बंद कर दिया गया। राज्य के नागरिकों की सुविधा हेतु निजी बस संचालकों को प्रदेश में प्रचलित केन्द्रीय एवं राज्य के मोटरयान अधिनियमों/नियमों के तहत विभिन्न मार्गों पर परमिट प्रदाय करके बसों का राज्य के अंदर एवं अंतर्राज्यीय परिवहन सुनिश्चित कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है कि राज्य में यात्री परिवहन पूरी तरह निजी हाथों में होने से प्रदेश का नागरिक/यात्री निजी बस संचालकों के मनमाने किराया वसूली मनमाने बस स्टॉपेज एवं दुखदायी यात्रा करने पर मजबूर है। राज्य में यात्री परिवहन पूरी तरह निजी हाथों में है परंतु यात्री किराया राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया जाता है। वर्तमान में यात्री किराये की दर राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ 22-142-2004-आठ दिनांक 20.04.2021 के अनुसार निर्धारित की गई हैं, अधिसूचना की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसके अनुसार निजी बस संचालकों द्वारा यात्री किराया वसूल किया जाता है। यात्री बसों के परमिट प्राप्त करने हेतु आवेदन में आवेदक द्वारा चाहे गये मार्ग एवं मार्ग के स्टॉपेज का उल्लेख किया जाता है, जिस पर नियमानुसार विचार कर परमिट-प्राधिकार द्वारा परमिट जारी किया जाता है, जिसमें उल्लेखित स्टॉपेज पर ही बस रोकी जाती है। बस संचालक द्वारा मनमाना किराया वसूलने अथवा मनमाने बस स्टॉपेज की शिकायत प्राप्त होने पर परिवहन विभाग द्वारा संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रदेश में अन्य राज्यों की खटारा बसें खरीदकर चलाने वाले मालिकों की बसों की संख्या प्रदेश के कार्यालयों में निरंक है। अन्य राज्यों से खरीदकर लाई जाने वाली बसों को भी अन्य बसों के समान फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होता है। सक्षम अधिकारी द्वारा बस का कार्यालय में फिटनेस चैक करने के उपरांत ही फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) नागरिकों की परिवहन सुविधा को ध्यान में रखते हुये परिवहन विभाग द्वारा निजी बस संचालकों की वैध मांगों पर विचार किया जाता है एवं निजी बस संचालकों की हड़ताल आदि की स्थिति निर्मित नहीं होने दी जाती है। (ड ) वर्तमान में इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ग्रामीण स्वामित्व योजनांतर्गत आबादी भूमि का वितरण
[राजस्व]
89. ( क्र. 1036 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वामित्व योजनांतर्गत आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान किये जाने का प्रावधान म.प्र.शासन का है? यदि हाँ, तो आदेशों एवं निर्देशों तथा प्रपत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आदेश दिनांक से श्योपुर विधानसभा की किन-किन तहसीलों में पात्र हितग्राहियों को स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान किये गये? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में पात्र शेष हितग्राही जिन्हें अभी तक स्वामित्व संबंधी पट्टे प्रदान नहीं किये गये हैं, उन्हें कब तक प्रदाय किये जायेंगे? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) स्वामित्व योजनांतर्गत आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को भू-अधिकार प्रमाण-पत्र दिये जाने का प्रावधान है। नियम एवं निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) कार्यवाही पूर्ण होने पर भू-अधिकार प्रमाण-पत्र प्रदाय किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
90. ( क्र. 1037 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अप्रैल 2020 से माह नवम्बर 2020 तक पी.एम.जी.के.ए.वाई. योजना अंतर्गत खाद्यान्न का ऑनलाइन (पी.ओ.एस) मशीन से व ऑफलाइन रजिस्टर से वितरण किया गया, ऑफलाइन वितरण क्वारेंटाइन क्षेत्रों में शासन व उच्च अधिकारियों के लिखित/मौखिक आदेश के आधार पर विक्रेताओं द्वारा किया गया, जिसके आदेश भी जारी हुए। ऑफलाइन किये गये वितरण का परीक्षण राजस्व विभाग व खाद्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा फरवरी 2021 में किया गया। परीक्षण में रजिस्टर से किये गये मेन्युअल वितरण की ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल में डी.एस.ओ. लॉगइन से घटाया भी जा चुका है परन्तु फिर भी आदेश पत्र क्र./पी.एफ.एम.एस/2022-23/122/भोपाल दिनांक 07.02.2023 के माध्यम से विक्रेताओं/प्रबंधकों के ऊपर रिकवरी निकाली गई है और न ही विक्रेताओं को अभी तक कमीशन प्रदान किया गया है, जिसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विक्रेताओं के ऊपर निकाली गई रिकवरी को शासन द्वारा कब तक समाप्त करते हुए, उन्हें कमीशन की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? समय-सीमा निर्धारित कर जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लि. मुख्यालय भोपाल को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2023/2022 दि. 15.05.2023 प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य प्रतिमाह नि:शुल्क खाद्यान्न का डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से वितरण के निर्देश दिए गए थे। कोरोना काल में हितग्राहियों की सुविधा की दृष्टि से उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के बायोमैट्रिक सत्यापन उपरांत डिजिटल ट्रांजेक्शन से भी खाद्यान्न वितरण कराया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत आवंटित खाद्यान्न को ऑफलाइन (वितरण पंजी से) वितरण के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न की जानकारी का संकलन AePDS पोर्टल पर कराया जाकर वितरण पंजी से वितरित खाद्यान्न मात्रा को मान्य करने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, जिसे भारत सरकार द्वारा अमान्य करते हुए वितरित मात्रा पर राज्य सरकार को अनुदान का भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण जिन उचित मूल्य दुकान से ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण किया गया, उनको भुगतान की जाने वाली कमीशन की राशि से ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि का समायोजन किया गया है एवं जिन उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया उनको PMGKAY अंतर्गत भारत सरकार द्वारा देय कमीशन अनुसार राशि का भुगतान किया गया है एवं ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण करने वाली उचित मूल्य दुकानों को भी आंशिक कमीशन राशि का भुगतान किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत जिन उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाइन खाद्यान्न का वितरण किया गया है उन्हीं दुकानों को भुगतान की जाने वाली कमीशन राशि से समायोजन किया जा रहा है, जिसे समाप्त किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा विभाग को दिनांक 16.05.2023 को प्रेषित पत्र में उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाइन वितरित खाद्यान्न मात्रा की राशि की वसूली न करने एवं कमीशन राशि का भुगतान करने हेतु लिखा गया है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में ऑफलाइन खाद्यान्न वितरण मात्रा की राशि का समायोजन की कार्यवाही रोका जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेहूँ के उपार्जन में कमी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 1040 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गेहूँ के उपार्जन में कमी आयी है? विगत तीन वर्षों से गेहूँ के उपार्जन की जानकारी देते हुए उपार्जन में आयी कमी की जानकारी दें। क्या शासन ने उपार्जन में कमी की समीक्षा की है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी दें। (ख) उपार्जन में कमी का कारण क्या गेहूँ के उत्पादन में कमी है? विगत तीन वर्षों में गेहूँ के उत्पादन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या गेहूँ के उपार्जन में कमी आने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई जिलों में गेहूँ नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है? गेहूँ उपलब्ध नहीं कराये जाने वाले जिलों की जानकारी दें। (घ) क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गेहूँ न मिलने के कारण गेहूँ के उपार्जन में कमी नहीं बल्कि गेहूँ के परिवहन की राशि शासन द्वारा बचाने के लिए गेहूँ पी.डी.एस में नहीं पहुँचाया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य योजना का उद्देश्य किसानों द्वारा एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता के उत्पादित एवं विक्रय गेहूँ का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराना है। बाजार में गेहूँ के भाव एवं उत्पादन के आधार पर समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जित मात्रा परिवर्तनशील होती है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में 128.15, वर्ष 2022-23 में 46.03 एवं वर्ष 2023-24 में 70.97 लाख मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2023-24 में विगत वर्ष की तुलना में 24.94 लाख मे.टन अधिक गेहूँ का उपार्जन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन, उत्पादन मात्रा के साथ-साथ बाजार भाव पर भी निर्भर करता है। वर्ष 2019-20 में 371.98, वर्ष 2020-21 में 356.69 एवं वर्ष 2021-22 में 349.23 लाख मे.टन गेहूँ का उत्पादन हुआ है। (ग) जी नहीं। प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2023-24 में विगत वर्ष की तुलना में समर्थन मूल्य पर अधिक मात्रा में गेहूँ का उपार्जन किया गया है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत माह जून, 2022 से गेहूँ के आवंटन को कम करते हुए चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण पात्र परिवारों को अधिक मात्रा में चावल का वितरण कराया जा रहा है। माह जुलाई, 2023 से प्रदेश के समस्त जिलों में आवंटन अनुसार गेहूँ का वितरण कराया जा रहा है। जिलेवार पात्र परिवारों को गेहूँ एवं चावल वितरण मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। परिवहन राशि बचाने के लिए पी.डी.एस. में गेहूँ वितरण नहीं कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत सरकार द्वारा आवंटित मात्रानुसार ही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है।
छिन्दवाडा जिले को संभाग बनाया जाना
[राजस्व]
92. ( क्र. 1044 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2008 में अपने प्रवास के दौरान छिन्दवाडा जिले को संभाग बनाने की घोषणा की थी। यदि हाँ तो इस घोषणा के पालन में जिला छिन्दवाडा संभाग कब तक बनेगा? (ख) जुन्नारदेव एवं परासिया विधानसभा क्षेत्र के जुन्नारदेव, तामिया ब्लॉक एवं परासिया ब्लॉक को मिलाकर जुन्नारदेव ब्लाक को विकास की दृष्टि से आदिवासी छोटा जिला बनाने पर क्या विचार करेगें? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा का दमुआ एवं देलाखारी को तहसील का दर्जा देकर आमजन को सुविधा देने पर क्या विचार करेगें? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या यह सही है कि जुन्नारदेव, परासिया, तामिया, उमरेठ वर्तमान में चार तहसील एवं दो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय हैं? यदि हाँ तो जुन्नारदेव जिला बनने हेतु पूर्ण पात्रता रखता है, पूर्व में भी अनेकों जिले दो विधानसभा क्षेत्र मिलकर बने हैं, विकासखण्ड जुन्नारदेव को जिला बनाने पर विचार करेगें? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पे-ग्रेड एवं समयमान वेतनमान की स्वीकृति
[वन]
93. ( क्र. 1045 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनक्षेत्रपाल एवं पुलिस निरीक्षकों को 01.01.1986 से 2006 (20 वर्षों) तक एक समान वेतन मिलता रहा है? (ख) क्या 7 जुलाई, 1997 से पुलिस निरीक्षक एवं वन क्षेत्रपालों को 1640-2900 का द्वितीय श्रेणी राजपत्रित दर्जा वेतनमान एक समान मिलता रहा है? (ग) क्या 11 अप्रैल, 2006 से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पुलिस निरीक्षक एवं द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों को पे-ग्रेड 6500-10500 का वेतनमान की स्वीकृति प्रदान की गई, लेकिन वन क्षेत्रपाल द्वितीय श्रेणी होने के बाद भी आज तक पे-ग्रेड से वंचित है? (घ) क्या वर्ग (ब) की क्रमांक 3 पर आरंभिक वेतनमान 9300- 34800-4200 का पे-ग्रेड स्वीकृत है? पुलिस निरीक्षक के समतुल्य 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान 15600- 39100-7600 का पे-ग्रेड 01.07.2014 से स्वीकृत किया जाना है? क्या वन क्षेत्रपालों को यह पे-ग्रेड स्वीकृत करने पर विचार करेंगे?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। वन क्षेत्रपाल संवर्ग को वर्ग 'स' के क्रमांक 4 पर आरंभिक वेतनमान 9300-34800-3600 का पे-ग्रेड होने से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान 15600-3900-6600 पे-ग्रेड देय है। अत: वन क्षेत्रपाल संवर्ग को तृतीय समयमान वेतनमान 15600-39100-7600 का पे-ग्रेड दिनांक 01.07.2014 से स्वीकृत नहीं किया गया है।
लंबित विभागीय जांच का निराकण
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 1050 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग में ऐसे उपयंत्री हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं एवं उनके विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है? यदि हाँ तो उनके नाम बतावें। (ख) क्या शासन का लंबित जांच को शीघ्र पूर्ण कराकर निराकरण करने संबंधी कोई निश्चित अवधि का नियम है? यदि हाँ तो निश्चित अवधि बतावें। ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें उपरोक्त निश्चित अवधि व्यतीत होने के बावजूद अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ जिसके कारण संबंधित उपयंत्रियों को उनकी पेंशन एवं अन्य स्वत्वों का भुगतान नहीं हो पा रहा है? इसका कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, जल संसाधन विभाग में ऐसे उपयंत्री हैं, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं एवं उनके विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है। उनके नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक-सी 6-1-2014-3-एक दिनांक 28 मार्च 2014 में शासकीय सेवकों के विरूद्ध लंबित जांच प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर एक समयबद्ध कार्यक्रम के तहत एवं निश्चित समय-सीमा में अधिकतम एक वर्ष के अंदर निराकृत किए जाने का प्रावधान है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शित उपयंत्रियों के विरूद्ध प्रचलित प्रकरण विभिन्न स्वरूप के होने तथा विभाग के विभिन्न कार्यालयों में जांच प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण विभागीय जांच के प्रकरण लंबित हैं। प्रकरण लंबित होने के उपरांत भी प्रावधान अनुसार पेंशन एवं अन्य स्वत्वों के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है।
सेवानिवृत्त उपयंत्रियों की पेंशन स्वीकृति
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 1051 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2000 से 2022 तक ऐसे कितने उपयंत्री हैं, जिनकी प्रतिनियुक्ति ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में की गई है? वर्षवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित उपयंत्रियों में जो प्रतिनियुक्ति पर थे, उनमें से अभी तक कितने सेवानिवृत्त हो चुके हैं? उनके नाम बतावें। इन सेवानिवृत्त हो चुके उपयंत्रियों में किन-किन को पेंशन एवं अन्य स्वत्वों का भुगतान हो चुका है एवं किन-किन का होना शेष है? (ग) क्या शासन के नियम अनुसार इन सेवानिवृत्त उपयंत्रियों की पेंशन एवं अन्य स्वत्वों को सेवानिवृत्ति दिनांक से कितने दिनों तक रोका जा सकता है? निश्चित अवधि व्यतीत होने उपरान्त भुगतान न होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या शासन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन प्रदाय करने के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य पत्र दि. 19/5/23 के आदेश क्र. 816/नियम/चार के अनुसार सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में किये गये संशोधन अनुसार इन उपयंत्रियों को पेंशन प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि के नक्शों में विसंगति
[राजस्व]
96. ( क्र. 1059 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिला विधानसभा क्षेत्र भीकनगाँव में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने कृषक हैं जिनकी भूमि के नक्शे में विसंगति है और उन्होंने नक्शे सुधारे जाने हेतु आवेदन दिया है? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं जो छ: माह या उससे अधिक अवधि में लंबित है? (ग) सभी लंबित प्रकरणों का किस दिनांक को निराकरण हो जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिला विधानसभा क्षेत्र भीकनगाँव में प्रश्न दिनांक तक कुल 21 कृषक हैं जिनकी भूमि के नक्शे में विसंगति है। उन्होंने नक्शे सुधारे जाने हेतु आवेदन दिया है। (ख) उपरोक्त 21 प्रकरणों में से कुल 10 प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, भीकनगाँव में प्रचलित है l (ग) न्यायालयीन प्रकरण होने से पक्षकारों को सुनवाई का पूर्ण अवसर प्रदाय करते हुए म.प्र. भू-राजस्व संहिता-1959 (संशोधन) 2018 के प्रावधानों के तहत प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।
भूमि निष्पादन में अनियमितता
[राजस्व]
97. ( क्र. 1061 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया, तहसील बांधवगढ़, पटवारी हल्का रवास, ग्राम लालापुर स्थित भूमि खसरा क्रमांक 89/1 जो कि नेशनल हाईवे 43 में प्रभावित हुई, में प्रथम अधिसूचना दिनांक 13/03/2014 व द्वितीय अधिसूचना दिनांक 02/02/2015 तत्कालीन भू-स्वामी शोभा पिता हुस्त्रु के नाम प्रकाशित हुई तो फिर किस आधार पर दिनांक 22/09/15 को चंद्र प्रकाश आहूजा एवं किशोर आहूजा ने भूमि अपने नाम निष्पादन करा ली जबकि अवार्ड पारित होने के बाद यह संभव नहीं? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? (ख) किस आधार पर उपरोक्त दोनों व्यक्तियों ने मुआवजा प्राप्त करके भूमि अन्य को विक्रय कर दी? (ग) इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों एवं इन दोनों व्यक्तियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जिला रीवा के प्रकरण क्रमांक 321/22 में जांच प्रचलित है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रेशर इरिगेशन की स्वीकृति
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 1068 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत छोटी कालीसिंध नदी पर इन्दौख डेम व शामाकोटा डेम तथा क्षिप्रा नदी पर हरबाखेड़ी डेम व डमरिया डेम (इन चारों डेमों) से प्रेशर इरीगेशन के कार्य के लिए विभाग द्वारा कब तक मंजूरी प्रदान कर पाइप-लाइन डाली जाएगी? (ख) कब तक प्रेशर इरीगेशन कार्य के लिए टेंडर लगा दिए जाएंगे? (ग) दिनांक 23-02-2023 को मा. मुख्यमंत्री जी ने महिदपुर आगमन पर गांगी नदी पर डेम बनाने की घोषणा की थी, इसकी अद्यतन स्थिति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कब तक इसका सर्वे कराकर टेंडर कॉल कर लिए जाएंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में इंदौख प्रेशराईज सिंचाई पद्धति राशि रूपये 115.70 करोड़ एवं सिंचाई क्षमता 10, 500 हेक्टेयर की डी.पी.आर. कार्यालय मुख्य अभियंता (बोधी) में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। सामाकोटा परियोजना एवं बनी (हरबाखेड़ी) परियोजना की निविदा स्वीकृत। कार्य प्रगतिरत है। डुगरियां सूक्ष्म सिंचाई परियोजना हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा महिदपुर में दिनांक 23.02.2023 को घोषणा क्रमांक सी 2028 के तहत निम्नानुसार घोषणा की गई :-''गांगी नदी पर ग्राम रानीपुरा में डेम बनाया जाएगा''। रानीपुर जलाशय की लागत रूपये 102.94 करोड़ एवं सिंचाई क्षमता 3, 000 हेक्टेयर की डी.पी.आर. मुख्य अभियंता (बोधी) कार्यालय में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार रानीपुरा जलाशय का प्रारंभिक सर्वे कार्य पश्चात डी.पी.आर. तैयार की जाना प्रतिवेदित है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत निविदा की कार्यवाही की जाना संभव होगा। प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
श्रम विभाग से संबंधित जानकारी
[श्रम]
99. ( क्र. 1090 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य मृत्यु/अपंगता की स्थिति में जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी नगर पालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी में कितने अनुग्रह सहायता के कितने प्रकरण स्वीकृत हैं, कितने प्रकरणों का भुगतान किया गया है एवं कितने प्रकरण शेष है? शेष प्रकरणों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आवेदन प्राप्त हुये, कितने स्वीकृत हुए, कितने निरस्त हुये? निरस्ती के कारण सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। पंजीकृत श्रमिक/पंजीकृत श्रमिक के आश्रित परिजन की मृत्यु होने पर अनुग्रह सहायता का प्रकरण स्वीकृति के समय मजदूरी के सत्यापन के क्या नियम-निर्देश है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में संबल योजना अंतर्गत जनपद पंचायत सिरोंज में 67 एवं जनपद पंचायत लटेरी में 33 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। लंबित भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक-1047/SRJ/2022 दिनांक 26.12.2022 श्रीमान सचिव म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल एवं श्रीमान कलेक्टर जिला विदिशा पत्र क्रमांक - 40/SRJ/2022 दिनांक 22.01.2022, क्रमांक-722/SRJ/2022 दिनांक 01.10.2022 में क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक कर ली जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दिनांक 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित ''अनुग्रह सहायता योजना'' अंतर्गत मण्डल के पंजीकृत श्रमिक/उनके उत्तराधिकारियों को जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी, नगरपालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी में संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत, भुगतान किये गये एवं शेष लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुग्रह सहायता के शेष 05 प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं। भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु/अपंगता की स्थिति में जनपद पंचायत, सिरोंज एवं लटेरी नगर पालिका परिषद्, सिरोंज नगर परिषद्, लटेरी में कुल स्वीकृत प्रकरणों की संख्या 546 भुगतान किये गये प्रकरणों की संख्या 408 व कुल भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की संख्या 138 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त, स्वीकृत एवं निरस्त आवेदनों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मण्डल द्वारा संचालित मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत स्वीकृति हेतु पदाभिहित अधिकारी द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार प्रकरण स्वीकृत किया जाता है। राजपत्र दिनांक 18 जुलाई, 2014 में प्रकाशित योजना की अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत सिरोंज एवं लटेरी नगर पालिका परिषद्, सिरोंज नगर परिषद्, लटेरी में कुल प्राप्त प्रकरणों की संख्या 581 स्वीकृत प्रकरणों की संख्या 546 एवं निरस्त प्रकरणों की संख्या 30 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन श्रम विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिनांक 745/368/2020/ए-16 दिनांक 5-5-2022 के माध्यम से जारी मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल 2.0) योजना 2022 के संबध में दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना पात्र हितग्राहियों के लंबित स्वीकृत प्रकरणों में बजट उपलब्धता के आधार पर भुगतान किया जाता है। (घ) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत पत्र क्रमांक 1047/SRJ/2022 दिनांक 26-12-2022 मंडल कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र क्रमांक 40/SRJ/2022, एवं पत्र क्रमांक 722/SRJ/2022 दिनांक 01-10-2022 कलेक्टर जिला विदिशा को संबोधित हैं जिसके संबंध में कलेक्टर जिला विदिशा द्वारा मंडल कार्यालय को पत्र क्रमांक 2777 दिनांक 02-12-2022 प्रेषित किया गया था। उक्त पत्र के संबंध में मंडल कार्यालय द्वारा श्रम पदाधिकारी, जिला विदिशा को पत्र क्रमांक 7528 दिनांक 30-12-2022 के माध्यम से पंजीकृत श्रमिक श्री कमरलाल प्रजापति (पंजीयन क्र.155826272) का संबल योजना एवं (पोर्टल कोड क्र.KL1369642) म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल दोनों में होने के कारण योजना में पात्रता संबंधी जांच के पदाभिहित अधिकारी स्तर के कराने हेतु निर्देश दिये गये थे, कार्यवाही प्रचलन में है।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
100. ( क्र. 1096 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर की तहसील जीरापुर एवं खिलचीपुर के ऐसे कितने गाँव हैं, जो उपरोक्त सिंचाई योजना से छूट गए हैं? उनका विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में छूटे हुए गाँवों के लिए विभाग द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए अलग से योजना प्रस्तावित की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वयन व भौतिक लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है? समय-सीमा सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। गड़गच लघु सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रेशर पाइप नहर योजनांतर्गत भूमि का मुआवजा
[जल संसाधन]
101. ( क्र. 1097 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रेशर पाइप नहर योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषकों को भूमि का मुआवजा देने का क्या प्रावधान है? (ख) उक्त मुआवजा प्रकरण बनाने एवं उसको अंतिम स्तर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी किस एजेंसी अथवा विभाग की है? (ग) यदि कृषकों को मोहनपुरा व कुण्डालिया दोनों योजना में प्रेशर पाइप नहर योजना के अंतर्गत भूमि का मुआवजा शासन द्वारा दिया गया है, तो निर्माणाधीन एजेंसीवार जानकारी भूमि का क्षेत्र एवं दी गई राशि सहित उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो मुआवजा प्रकरण की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या किसी निर्माणाधीन एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं कृषकों का भू-अर्जन अभी तक नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रेशर पाइप नहर योजना के अंतर्गत शासन द्वारा कृषकों को भूमि का मुआवजा मध्यप्रदेश भूमिगत पाइप लाइन केबल एवं डक्ट (भूमि की उपयोक्ता के अधिकारों का अर्जन) नियम 2013 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। (ख) जल संसाधन आवेदक विभाग है एवं प्रेशर पाइप नहर के लिए अनुबंध अनुसार अस्थाई भूमि का मुआवजा प्रकरण तैयार करने एवं संबंधित कृषकों को भुगतान करने की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी की है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि भूमिगत पाइप लाइन केबल एवं डक्ट (भूमि की उपयोक्ता के अधिकारों का अर्जन) नियम 2013 के अनुसार जल संसाधन विभाग अस्थाई भूमि अर्जन हेतु आवेदक विभाग हैं, जिसकी कार्यवाही की जा चुकी है। निर्माण के दौरान संबंधित एजेन्सियों द्वारा कृषकों को अस्थाई भूमि के लिए समय-समय पर मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। जिन कृषकों द्वारा अस्थाई भूमि का मुआवजा प्राप्त नहीं किया है उसकी राशि भू-अर्जन अधिकारी के पास जमा है। अतः संबंधितों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
102. ( क्र. 1108 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में भूमि जायदाद संबंधी वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा व अविवादित पंजीकृत कितने-कितने प्रकरण प्राप्त हुए? कितने प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण किया? कितने प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण नहीं किया गया? कितने प्रकरण शेष हैं? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। इस संबंध में शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा कब-कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित एवं शेष राजस्व प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण न कर पाने का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं लंबित व शेष प्रकरणों का कब तक निराकरण करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जौरा विधानसभा अन्तर्गत तहसील जौरा एवं तहसील कैलारस में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नामान्तरण, सीमांकन, बंटवारा के पंजीकृत निराकृत एवं शेष प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
पंजीकृत एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी -
तहसील |
नामांतरण |
सीमांकन |
बंटवारा |
|||
|
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
जौरा |
21699 |
20478 |
372 |
299 |
889 |
754 |
कैलारस |
11100 |
10811 |
268 |
238 |
436 |
413 |
कुल योग |
32799 |
31289 |
640 |
537 |
1325 |
1167 |
शेष प्रकरणों की जानकारी -
तहसील |
नामांतरण |
सीमांकन |
बंटवारा |
जौरा |
1221 |
73 |
135 |
कैलारस |
289 |
30 |
23 |
कुल योग |
1510 |
103 |
158 |
निराकरण से शेष समस्त प्रकरण समय-सीमा के है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में निहित प्रावधान तथा उसके अनुसंगिक बनाये गये नियमों एवं लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 के अन्तर्गत नामान्तरण, सीमांकन, बंटवारा के निराकरण हेतु समय-सीमा निश्चित की गई है। (1) अविवादित नामान्तरण-1 माह (2) विवादित नामान्तरण-6 माह (3) अविवादित बंटवारा-3 माह (4) सीमांकन-1 माह (5) विवादित बंटवारा कोई समय-सीमा नहीं। शासन द्वारा प्रसारित दिशा निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शेष प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 2018 के अंतर्गत विधिवत कार्यवाही न्यायाधीन है।
आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची का प्रदाय
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 1109 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं में शासन द्वारा प्रदाय किये जाने वाले अनाज हेतु आदिवासी परिवार पात्र की श्रेणी में आते है? यदि हाँ तो जौरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आदिवासी परिवार है तथा वर्तमान में कितने आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा है एवं कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। यह भी बतावें कि कितने परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्न नहीं मिल रहा है? कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची नहीं है? नहीं मिलने का क्या कारण है? (ख) क्या पात्र आदिवासी परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध न होना गंभीर अनियमितता है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी और नहीं तो क्यों? (ग) कब तक शत्-प्रतिशत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करा दी जावेगी? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, किन्तु ऐसे परिवारों को छोड़कर जिनके मुखिया या सदस्य आयकर दाता हों या भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के किसी कार्यालय/शासकीय/ अर्द्धशासकीय/सार्वजनिक अथवा स्वायत्व उपक्रम, जिसमें राष्ट्रीकृत बैंक एवं सहकारी संस्था शामिल है, में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय श्रेणी का अधिकारी/कर्मचारी हो। जौरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 2243 आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) परिवार है। जिनमें से समस्त 2243 परिवार को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विकासखण्डवार पात्रता पर्ची की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
कुल परिवारों की संख्या |
जारी पात्रता पर्चियों की संख्या |
1. |
जौरा |
25 |
25 |
2. |
पहाड़गढ़ |
1224 |
1224 |
3. |
कैलारस |
994 |
994 |
योग |
2243 |
2243 |
(ख) आवेदन करने वाले समस्त पात्र आदिवासी परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
रसूखदारों द्वारा शासकीय भूमि का विक्रय
[राजस्व]
104. ( क्र. 1119 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ के ग्राम बेहटा, लाउखेड़ी एवं बोरबन की लगभग 634 एकड़ भूमि में से 125 एकड़ से अधिक सार्वजनिक संपत्ति को हस्तांतरित कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि उक्त शासकीय संपत्ति से शासन को लगभग 1360 करोड़ के राजस्व हानि हुई है? (ख) क्या उक्त राजस्व ग्रामों की 589 एकड़ भूमि सरकारी घोषित किये जाने के बाद उनमें से टुकड़ों में भूमाफिया द्वारा गैर कानूनी तरीके से भूमि का विक्रय कर शासन को वित्तीय हानि पहुंचाई गई? (ग) क्या राजस्व ग्राम बेहटा, लाउखेड़ा एवं बोरबन की भूमियों के संबंध में तत्कालीन आयुक्त द्वारा 11 जुलाई 2019 को भोपाल कलेक्टर को जांच के आदेश दिये थे एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु कहा था? शासकीय संपत्ति को खुर्दबुर्द करने में शामिल अधिकारी/कर्मचारी एवं भू-माफियाओं पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है।
हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
105. ( क्र. 1122 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल के उपसंभाग व्यौहारी में हिरवार माइक्रो इरीगेशन का निर्माण कब और कितनी राशि से किया गया था? प्रशासकीय स्वीकृत की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राक्कलन में कितने किसानों का कितने हेक्टेयर भूमि पर रबी/खरीफ से सिंचाई होना प्रस्तावित किया गया था? वर्ष 2022-23 में रबी/खरीफ में कितने हेक्टेयर भूमि पर कृषकों द्वारा सिंचाई की गई तथा कौन-कौन से गाँव को सिंचाई का लाभ प्राप्त हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्तमान में हिरवार माईक्रो इरीगेशन अंतर्गत कितने किसानों ने सिंचाई का लाभ लिये तथा विभाग को किसानों से सिंचाई के एवज में प्राप्त राजस्व की जानकारी देवें। वर्षवार जानकारी दें। (घ) क्या हिरवार माईक्रो इरीगेशन सिंचाई परियोजना में प्रशासकीय स्वीकृति आधार पर राशि व्यय की गई है? यदि शेष हो तो शेष राशि की जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत निर्माण कार्य पर राशि रू. 10641.47 लाख व्यय किया जाकर दिनांक 30.04.2022 को भौतिक रूप से पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–''1'' अनुसार है। (ख) परियोजना के प्राक्कलन में 7000 हेक्टेयर रबी एवं 3100 हेक्टेयर खरीफ सिंचाई प्रावधानित थी (प्राक्कलन सैंच्य क्षेत्र अनुसार तैयार किया गया था, न कि कृषकों की संख्या अनुसार)। वर्ष 2022-23 में खरीफ में 30 हेक्टेयर एवं रबी में 7481 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। लाभान्वित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार वर्तमान में हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना अंतर्गत प्रथम बार वर्ष 2022-23 में 8040 कृषकों द्वारा सिंचाई का लाभ लिया जाना तथा विभाग को किसानों से सिंचाई के एवज में राजस्व राशि रू. 205475.00 (दो लाख पांच हजार चार सौ पचहत्तर रूपये मात्र) प्राप्त होना प्रतिवेदित है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि हिरवार सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत प्रशासकीय स्वीकृति आधार पर राशि व्यय की जाना प्रतिवेदित है। मई 2023 की स्थिति में प्रशासकीय स्वीकृति के विरूद्ध राशि रू.829.91 लाख शेष है।
भूमिहीन गरीबों को पट्टा वितरण
[राजस्व]
106. ( क्र. 1123 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार भूमिहीन गरीबों को विगत 10 वर्षों से कब्जे के आधार पर आवास हेतु भूमि देने के लिये कृत संकल्पित है? (ख) यदि हाँ तो अनूपपुर जिले में राजस्व विभाग द्वारा कितने भूमिहीन गरीबों को आवास हेतु पट्टे का विवरण गत अभियान में किया गया? तहसीलवार/विधानसभावार स्वीकृत पट्टों की जानकारी दी जाये? (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा के कई ग्रामों में सैकड़ों आवासहीन गरीब भूमि के पट्टे से वंचित हैं, जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या इन गरीबों को पट्टा वितरण हेतु नवीन सर्वे कराकर आबादी क्षेत्र से बाहर काबिज भूमि का आवास पट्टा वितरित किये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्रामीण भूमिहीन परिवार को आवास हेतु भूमि देने के उद्देश्य से आवासीय भू-अधिकार योजना लागू की गई है। (ख) जिला अनूपपुर अंतर्गत मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत समय-समय पर सर्वे उपरांत कुल 1868 पात्र हितग्राहियों को आवासीय भू-खण्ड स्वीकृत किया गया है।
क्र. |
तहसीलवार |
स्वीकृत पट्टों की संख्या |
1 |
कोतमा |
112 |
2 |
पुष्पराजगढ़ |
686 |
3 |
अनूपपुर |
758 |
4 |
जैतहरी |
312 |
योग |
1868 |
(ग) जी नहीं। ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेपन ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना
[राजस्व]
107. ( क्र. 1135 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल को म.प्र. शासन द्वारा बटियागढ़ जिला दमोह में 1200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है, जिसमें वेपन ट्रेनिंग स्कूल प्रारंभ किये जाने की क्या योजना है? (ख) म.प्र. शासन द्वारा 2017 में भूमि आवंटन के उपरांत आज दिनांक तक इस पर कोई विशेष कार्य न होने के संबंध में I.T.B.P. से क्या संवाद किया है? (ग) I.T.B.P. एवं म.प्र. शासन के संवाद उपरांत बटियागढ़ जिला दमोह में वेपन ट्रेनिंग स्कूल प्रारंभ कराये जाने की क्या योजना है? (घ) यदि योजना नहीं है तो क्या इसे प्रारंभ कराये जाने के लिये भारत सरकार से पुन: बात की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, तहसील बटियागढ़ में कुल रकवा 654.38 है. अर्थात 1635.95 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है। (ख) I.T.B.P. के द्वारा उपलब्ध भूमि बहुत कम होने से 3 x 4 किलोमीटर क्षेत्र की भी आवश्यकता बताई गई है, पूर्व में आवंटित भूमि के अतिरिक्त चाही गई भूमि उपलब्ध नहीं हैं। (ग) बटियागढ़ में 2 अदद 120 मेन बैरिक के निर्माण और आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राशि एवं स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घोटाले की जांच
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 1138 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 999 दिनांक 21/12/2022 का भ्रामक उत्तर क्यों दिया गया? इस बात का स्पष्ट उत्तर क्यो नहीं दिया कि पी.पी.पी. मॉडल के तहत बनाए गए सायलो को निर्माण अवधि से अभी तक कितनी-कितनी राशि का व्यवसायिक गारंटी के भुगतान किया गया है? क्या भंडारण के नाम पर सैकड़ों करोड़ की लूट कर रहे माफिया को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? उत्तर स्पष्ट दिया जाये कि सायलो मालिक को व्यवसायिक गारंटी के तहत निर्माण वर्ष से मई 2023 तक प्रतिवर्ष कितना-कितना भुगतान किया गया या भुगतान किया जाना है? (ख) मई 2023 की स्थिति में खाद्यान्न भंडारण को शासकीय क्षमता, पी.पी.पी. मॉडल से निर्मित भंडारण क्षमता तथा निजी भंडारण क्षमता कितनी-कितनी है तथा मई 2015 में कितनी-कितनी थी? वर्ष 2020 से मई 2023 तक प्रत्येक वर्ष में मई माह में उपरोक्त तीनों प्रकार के भंडारण में कितना खाद्यान्न का भंडारण किया गया था तथा वह क्षमता का कितना प्रतिशत था एवं उसके लिए निजी भंडारण तथा पी.पी.पी. मॉडल के भंडारण को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) पी.पी.पी. मॉडल पर बनाए गए सायलो बैग की भंडारण क्षमता कितनी है तथा उस पर निर्माण से मई 2023 तक मई माह के अनुसार कितना-कितना भंडारण किया गया तथा व क्षमता का कितना प्रतिशत है तथा उन्हें व्यवसायिक ग्यारंटी के तहत निर्माण से मई 2023 तक कितना भुगतान किया गया? (घ) क्या यह सही है कि प्रदेश में भंडारण के नाम पर प्रति वर्ष 200 से 300 करोड़ का घोटाला हो रहा है? वर्ष 2020 से मई 2023 तक भंडारण में बोगस भुगतान, भंडारित खाद्यान्न की चोरी, भंडारण खाद्यान्न में अपमिश्रण आदि कितने प्रकार के कितने घोटाले पाए गए? उनकी वर्षवार सूची दें तथा इस संदर्भ में पुलिस में कितने प्रकरण दर्ज किए गये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) (1) प्रश्न क्रमांक 999 का उत्तर वांछित अनुसार ही दिया गया था, पूर्व प्रश्न में निर्माण वर्ष से मई 2023 तक के भुगतान की जानकारी अपेक्षित नहीं थी। (2) जी नहीं। (3) इस प्रश्नांशानुसार व्यवसाय गारंटी के लिए भुगतान की गई राशि का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) मई 2015 में खाद्यान्न भंडारण को शासकीय क्षमता, पी.पी.पी. मॉडल से निर्मित स्टील सायलो क्षमता एवं निजी भंडारण क्षमता के संबंध में वर्ष 2020 से मई 2023 तक प्रत्येक वर्ष माह मई में तीनों प्रकार की भंडारण क्षमता, भुगतान मात्रा एवं उसका प्रतिशत की जानकारी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। पी.पी.पी. मॉडल के तहत निर्मित स्टील सायलो को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
घोटाले की सी.बी.आई जांच
[राजस्व]
109. ( क्र. 1141 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाढ़ अतिवृष्टि, सूखा राहत के तहत भुगतान में वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक कितने आर्थिक अनियमितता के प्रकरण पाए गए? वर्षवार, जिलेवार, तहसीलवार, प्रकरण की जानकारी दें तथा कितने प्रकरण पुलिस में दर्ज हुए हैं? कितने जांच में हैं? बतायें। (ख) वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक प्राकृतिक विपत्ति के कारण राहत के अंतर्गत विभिन्न योजना में आवंटित राशि तथा व्यय की गई राशि कितनी है? इस अवधि में आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण किस-किस संस्था द्वारा कहाँ कितने को दिया गया? कितना भुगतान किया गया तथा आपदा प्रबंधन के लिए कितने उपकरण, किस सप्लायर से कितनी मात्रा में किस दर से कुल कितनी राशि के खरीदे? (ग) वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक आपदा प्रबंधन की कौन-कौन सी योजना पर कितनी राशि खर्च की गई? योजना की विस्तृत जानकारी, खर्च की गई राशि, उसका मद सहित विवरण दें तथा बतावें कि क्षमता निर्माण पर कितनी राशि, किस मद में, किस कार्य के लिए खर्च की गई? (घ) सर्पदंश पर आर्थिक सहायता किस प्रकार दी जाती है तथा वर्ष 2015-16 से 2022- 23 तक जिलेवार तहसीलवार बतावें कि सर्पदंश के कितने प्रकरण हुए? (ङ) क्या पिछले 10 वर्षों में राहत के नाम पर ₹3000 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है? क्या इसकी सी.बी.आई. जांच कराई जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ङ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
राजस्व मंडल में विचाराधीन प्रकरण
[राजस्व]
110. ( क्र. 1142 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व मंडल ग्वालियर में 1 जनवरी 2010 को प्रारंभिक विचाराधीन प्रकरणों की संख्या क्या थी तथा उसके बाद प्रति वर्ष दायर प्रकरणों की संख्या, निर्णीत प्रकरणों की संख्या तथा शेष प्रकरणों की संख्या दिसम्बर की स्थिति में वर्षवार बताएं। (ख) लीज पर दी गई शासकीय जमीन निजी नाम पर करने को लेकर वर्ष 2010 से मई 2023 तक कितने प्रकरण दर्ज हुए, कितने में फैसले हुए, कितने फैसले शासन के पक्ष में तथा विपक्ष में हुए? गौशवारा बनाकर जानकारी देवें। (ग) राजस्व मंडल के फैसलों को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाती है। जानकारी दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राजस्व मण्डल में विभिन्न अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों का दायरा एकजाई रूप से किया जाता है। राजस्व मण्डल में लीज प्रकरण का न तो कोई पृथक से दायरा होता है और न तो कोई पृथक से निर्णय पंजी संधारित है। (ग) जी हाँ।
नवीन जिलों का गठन
[राजस्व]
111. ( क्र. 1145 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 18 मार्च 2020 को आयोजित मंत्रि-परिषद् बैठक में लिए गए निर्णय जिसमें नवीन जिलों नागदा, मैहर एवं चांचौडा के गठन बाबत् की समीक्षा मंत्रि-परिषद् उप समिति द्वारा दिनांक 20/08/2020 को की गई? समिति की अनुशंसाओं का समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुमोदन प्राप्त किया गया है? मंत्रि-परिषद् उप समिति द्वारा संलग्न अनुशंसा अनुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु मुख्य सचिव द्वारा नस्ती क्र. 843/प्र.स./स.पु.वि. दिनांक 19/10/2020 द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए थे, जिस पर प्रमुख सचिव राजस्व विभाग द्वारा 21 या 22 अक्टूबर 2020 को यह मत दिया गया था कि चर्चानुसार यह प्रस्ताव पुनः केबिनेट के निर्णय हेतु प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाये, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या निर्णय लिया गया? प्रोसीडिंग की कॉपी सहित विवरण दें। (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को वर्तमान सरकार की मंत्रि-परिषद् की किसी बैठक में निरस्त किया गया है? यदि हाँ तो कब और किस आधार पर? (ग) मंत्रि-परिषद् द्वारा पारित प्रस्ताव के परिपालन में कार्यवाही नहीं किये जाने पर कौन जिम्मेदार होता है तथा इस हेतु क्या वैधानिक प्रावधान है? नियमों की कॉपी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या मंत्रि-परिषद् द्वारा लिए गए निर्णय को मंत्रि-परिषद् की उप समिति द्वारा समीक्षा किए जाने के अधिकार है? यदि है तो नियम, प्रक्रिया, आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, है तो क्या मंत्रि-परिषद् द्वारा लिए गए निर्णय की समीक्षा करने का अधिकार दूसरी सरकार की मंत्रि-परिषद् को या मंत्रि-परिषद् उप समिति को है? (ड.) क्या बगैर किसी आधार के दूरभाष पर हुई बातचीत पर मंत्रि-परिषद् के निर्णय को क्या अपर सचिव राजस्व विभाग को नस्तीबद्ध किए जाने के अधिकार है, शासन द्वारा ऐसे नियम, निर्देश बनाए गए हैं? यदि हाँ तो छायाप्रति उपलब्ध कराएं। क्या इसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रकरण नस्तीबद्ध होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उक्त प्रस्ताव के परीक्षण हेतु मंत्रि-परिषद् उप समिति को समन्वय में प्राप्त आदेशानुसार अधिकृत किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा को जिला बनाने हेतु कार्यवाही
[राजस्व]
112. ( क्र. 1146 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 18 मार्च 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रि-परिषद् की बैठक में नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत अग्रेतर कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ तो 38 महीने बीत जाने के पश्चात भी राजस्व विभाग द्वारा गजट नोटिफिकेशन कर दावे/आपत्ति आमंत्रित क्यों नहीं किए गए है? कारण सहित विवरण दें। (ख) क्या कमलनाथ सरकार की मंत्रि-परिषद् द्वारा 18 मार्च 2020 नागदा को जिला बनाने के प्रस्ताव को वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ तो कब? निरस्त करने की सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रोसिडिंग नकल, नियम, आदेश की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ग) सरकार बदलने के आधार पर दूसरी सरकार द्वारा पूर्व में कार्यरत सरकार के मंत्रि-परिषद् के निर्णय को दूसरी सरकार की मंत्रि-परिषद् की उप समिति को बदलने/निरस्त करने का अधिकार है? यदि हाँ तो नियम, प्रक्रिया तथा आदेश, परिपत्र की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्ष 2013 व वर्ष 2018 में नागदा आगमन पर हुई आमसभा में नागदा को जिला बनाने की घोषणा जो प्रिन्ट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रसारित हुई है? यदि हाँ तो घोषणा के अमल हेतु क्या गजट नोटिफिकेशन कर दावे/आपत्ति आमंत्रित किए गए हैं? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रकरण नस्तीबद्ध होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित जनहितैषी प्रस्ताव
[राजस्व]
113. ( क्र. 1155 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 852, दिनांक 02/03/2023 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया है दिनांक 07/10/2022 को प्राप्त कलेक्टर महोदय का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, तो बताएं कि बीते 9 माह में परीक्षण हो गया अथवा नहीं? अधिकारियों के लापरवाही एवं हट के चलते जनहितैषी कार्य को परीक्षणाधीन बताकर लंबित क्यों रखा है? (ख) मंत्रालय के अधिकारीगण उक्त जनहितैषी प्रस्ताव पर लगभग कितने समय तक और परीक्षण करेंगे? (ग) क्या विभाग प्रमुख के पास उनके कार्य क्षमता से अधिक कार्य सौंप दिये गए हैं, जिसके कारण 4 साल पूर्व दिये गए प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं? (घ) शहपुरा क्षेत्रवासियों को अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय राजस्व की सुविधाएं कब तक मिल सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में समय-सीमा बताई जाने में कठिनाई है।
बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित करना
[राजस्व]
114. ( क्र.
1156 ) श्री
संजय यादव : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बरगी
क्षेत्र की
गरीब जनता के
हित में बरगी
को
पूर्णकालिक
तहसील घोषित
किये जाने का
प्रस्ताव कब
तक कैबिनेट
में ले जाया
जावेगा? समय-सीमा
बताएं। (ख) जिला
जबलपुर के
बरगी को
पूर्णकालिक
तहसील घोषित
किये जाने के
प्रस्ताव को
स्वीकृति प्रदान
क्यों नहीं
की जा रही है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द
सिंह राजपूत ) : (क) बरगी
को पूर्ण
कालिक तहसील
सृजन हेतु
कार्यवाही
परीक्षणाधीन
है। समय-सीमा
का निर्धारण
किये जाने में
कठिनाई है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
प्रकाश में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
राहत राशि वितरण की जांच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
115. ( क्र. 1175 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2022-23 तक की अवधि में प्रदेश बाढ़, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखा कीट प्रकोप जैसी प्राकृतिक आपदा में सरकार द्वारा प्रभावित किसानों आदि को दी जाने वाली राहत राशि के भुगतान में आर्थिक अनियमितताएं करने के किस-किस जिले में कितने-कितने मामले शासन के संज्ञान में आए और कुल कितनी राहत राशि गैर किसानों के बैंक खातों में डाली गई? इन मामलों में कितने-कितने राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों एवं अन्य शासकीय अमले पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृपया पृथक-पृथक विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रदेश के किसानों की राहत राशि में डाका डालना/गबन करना आपराधिक मामला है? यदि हाँ तो कितने के विरूद्ध आई.पी.सी. की किस-किस धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के रायसेन, विदिशा, सीहोर, श्योपुर, भिण्ड, शिवपुरी, खण्डवा, सिवनी, सतना, छतरपुर, आगर-मालवा, देवास, मंदसौर एवं नीमच जिलों में अनियमित भुगतान की जानकारी प्राप्त हुई है। जिला दमोह में कृषकों को डबल पेमेन्ट हो गया है। जिलों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कारम डेम का पुनर्निर्माण
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 1176 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले का कारम डेम अगस्त 2022 में घटिया निर्माण के कारण फूट गया था? (ख) यदि नहीं, तो क्या कारण थे कि डेम का निर्माण कार्य जो कि लगभग 75 प्रतिशत ही पूर्ण हुआ था और फूट गया? (ग) क्या उक्त डेम के फूटने की जांच कराई गई? यदि हाँ तो जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर डेम फूटने के निर्माण एजेंसी के साथ विभागीय किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त डेम कितनी लागत से बनाना प्रस्तावित था? डेम फूटने से कितनी राशि का नुकसान हुआ और निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है और निर्माण कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण किया गया था? (ड.) डेम का पुन: निर्माण कार्य किस निर्माण एजेंसी से कराया जा रहा है? पुन: निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ न किये जाने के कारण क्या है? (च) उक्त डेम फूटा था, उस समय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने पर डेम को भरने की अनुमति किस अधिकारी ने किस आधार पर दी थी? क्या उस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो, क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, तथ्यात्मक स्थिति यह है कि धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध में रिसाव होने के कारण बांध की सुरक्षा की दृष्टि से बांध के बाएं पार्श्व में ''कटाव नियंत्रण तकनीक'' का उपयोग करते हुए बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गई थी। (ख) बांध का निर्माण कार्य प्रगतिरत था। बांध में रिसाव होने से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक का उपयोग करते हुए बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गई थी। डेम फूटा नहीं था। (ग) बांध से रिसाव की जांच कराई गई, जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया गया तथा बांध निर्माण कार्य में संलग्न रहे तत्कालीन मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार जल संसाधन विभाग इंदौर, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मंडल इंदौर, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, क्रमांक-1 धार, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन उप संभाग धामनोद एवं 04 तत्कालीन उपयंत्रियों को शासन के आदेश दिनांक 26/08/2022 द्वारा निलंबित किया जाकर आरोप-पत्रादि जारी किए गए। (घ) कारम बांध का निर्माण राशि रू. 9986.95 लाख से प्रस्तावित था। टर्न-की पद्धति में किए गए अनुबंध की शर्तों के आधार पर बांध के क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण अनुबंधित एजेन्सी द्वारा किया जाना है। अत: शासन को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है। निर्माण एजेन्सी को रू. 8736.71 लाख का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य के पूर्णता प्रतिशत का आंकलन जांच के अंतिम प्रतिवेदन के आधार पर संभव है। (ड.) डेम का पुनर्निर्माण कार्य मूल अनुबंधित एजेन्सी ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन द्वारा किया जावेगा। कारम बांध का पुन: निर्माण कार्य केन्द्रीय जल आयोग के पर्यवेक्षण में किया जाना है। केन्द्रीय जल आयोग के पर्यवेक्षण उपरांत बांध के क्षतिग्रस्त भाग के पुनर्निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाना प्रतिवेदित है। (च) कारम बांध के नाला क्लोजर की अनुमति तत्कालीन मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार, जल संसाधन विभाग इंदौर द्वारा म.प्र. कार्य मैन्युअल में प्रावधानित नियमों के अंतर्गत उल्लेखित शर्तों के आधार पर प्रदान की गई थी। नाला क्लोजर की अनुमति पश्चात निर्माण कार्य कराने वाले तत्कालीन मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारीगण जो निर्माण कार्य में संलग्न थे, उत्तरांश ''ग'' अनुसार निलंबित किए जाकर उनके विरूद्ध आरोप-पत्रादि जारी किए जाकर अनुवर्ती कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पत्थर एवं अन्य खनिजों का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
117. ( क्र. 1179 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले गोहद क्षेत्र के डांग पहाड़ एवं डरमन पॉली में पत्थर एवं अन्य खनिजों का अवैध उत्खनन किया जाकर क्रेशर का संचालन किया जाकर बिना रायल्टी के बेचा रहा है? (ख) क्या खनिज माफिया द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने ढंग से बारूद लगाकर ब्लास्टिंग कर रहे है, जिससे डांग पहाड़, बंजारे का पुरा, बिरखड़ी एवं डरमन पॉली सहित अनेक ग्रामों में घरों पर पत्थर गिर रहे है एवं गोहद के गल्ला मंडी एवं तहसील कार्यालय सहित आस-पास के 10 कि.मी. के क्षेत्र में तेज धमक से मकानों में दरारे आ गई हैं तथा ब्लास्टिंग के कारण 50 से 100 फीट गहरे गड्डे हो गए हैं जिसमें डूबने से कई लोगों की मौत हो गई है? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में खनिज विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतकर्ताओं के नाम, पता सहित बताएं। (घ) उक्त शिकायतों की जांच उपरांत किस-किस के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित प्राप्त शिकायतों के संबंध में जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) खनिज विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को विगत दो वर्षों में प्राप्त शिकायत का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
फसल क्षतिपूर्ति के मुआवजे का भुगतान
[राजस्व]
118. ( क्र. 1180 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 से 2022 की अवधि में प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलें खराब होने पर उन पीड़ित किसानों फसल क्षतिपूर्ति के मुआवजे की राशि के भुगतान गैर किसानों को किये जाने पर ए.जी. को संदेह होने पर उन्होंने जांच कराने के निर्देश प्रमुख सचिव राजस्व को दिये थे? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा जांच कराई है? यदि हाँ तो जांच निष्कर्ष के आधार पर कुल कितनी राशि का प्रश्न दिनांक तक घोटाला होना पाया और संबंधित से क्या राशि की वसूली की गई? यदि हाँ तो कितनी राशि की वसूली हुई? (ग) क्या जिन वास्तविक प्रभावित किसानों को राहत राशि से वंचित किया गया है उन्हें राहत राशि का भुगतान किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त घोटाले से संबंधित राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जिलेवार नाम, पद सहित की गई कार्यवाही का विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में 197 किसानों को राहत वितरण शेष है। जिला छतरपुर में जांच प्रक्रियाधीन है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (घ) जिलेवार प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बण्डा वृहद बांध परियोजना के निवासियों का विस्थापन
[जल संसाधन]
119. ( क्र. 1227 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उल्दन में जो बण्डा वृहद बांध परियोजन बनाई जा रही है उसमें डूब क्षेत्र में प्रभावित दो ग्राम ऐसे हैं जिनमें से ग्राम पिपरिया इल्लाई सलैया तथा कुल्ल, जिनकी 60% आबादी को विस्थापित किया जा रहा है और शेष 40% प्रतिशत आबादी को छोड़ा जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जब बांध पूरा भर जायेगा तब न तो इनके पास इनकी भूमि रहेगी न ही आय का अन्य कोई साधन होगा तब ऐसी स्थिति में दोनों ग्रामों के शेष निवासियों के परिवारों का भरण पोषण कैसे होगा और बांध पूरा भर जाने की स्थिति में बांध के जलीय जीव जंतुओं से इनके परिवार क्या सुरक्षित रह पायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्या ग्राम पिपरिया इल्लाई, सलैया तथा कुल्ल की शेष आबादी को बांध के किनारे छोड़ना उचित है? यदि नहीं, तो क्या शासन ग्राम पिपरिया इल्लाई सलैया एवं कुल्ल की 10 प्रतिशत आबादी को भी विस्थापित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) वस्तुस्थिति यह है कि बण्डा वृहद परियोजना के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित पिपरिया इल्लाई ग्राम 80 प्रतिशत डूब प्रभावित तथा 20 प्रतिशत आबादी अप्रभावित है। इसी प्रकार कुल्ल ग्राम की लगभग 22 प्रतिशत आबादी डूब प्रभावित तथा शेष 78 प्रतिशत आबादी अप्रभावित होना प्रतिवेदित है। परियोजना अंतर्गत ग्राम सलैया खुर्द पूर्ण डूब प्रभावित होने से संपूर्ण ग्राम का विस्थापन नियमानुसार किया जा रहा है। डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामों की जमीन एवं परिसंपत्तियों का अर्जन, भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 के प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार किया जा रहा है। ग्राम पिपरिया इल्लाई व कुल्ल ग्राम की डूब क्षेत्र से अप्रभावित आबादी के आवागमन हेतु आंशिक डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामीण मार्गों का उन्नयन/पुनर्निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है ताकि लोगों का ग्राम में समुचित आवागमन बना रहे। डूब प्रभावित ग्रामों की निजी भूमियों का अर्जन पूर्ण भराव क्षेत्र (FRL) तक एवं प्रभावित परिसंपत्तियों का अर्जन अधिकतम भराव क्षेत्र (MWL) तक करने की व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बण्डा वृहद बांध परियोजना
[जल संसाधन]
120. ( क्र. 1228 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बण्डा ''वृहद'' सिंचाई परियोजना (धसान नदी पर) बनाई जा रही है, उसमें डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को जो मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है, क्या वह नीतिगत है? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार डूब क्षेत्र के किसानों की वह भूमि जो नदी, नहर एवं तालाब के किनारे स्थित हैं, वह सरकारी रिकॉर्ड में सिंचित दर्ज थी लेकिन अब मुआवजा के समय असिंचित कर दिया गया है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये सिंचित-असिंचित का पुनः निर्धारण कर मुआवजा राशि का वितरण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बण्डा वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत भू-अर्जन प्रकरण भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुरूप डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) बण्डा वृहद सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित हो रही सिंचित/असिंचित भूमि का निर्धारण उत्तरांश (क) में उल्लेखित अधिनियम की धारा-11 के प्रकाशन के पूर्ववर्ती वर्षों में राजस्व अभिलेख में दर्ज रिकार्ड के अनुसार वर्गीकरण राजस्व विभाग द्वारा किया जाकर तद्नुसार मुआवजे का प्रकरण तैयार किया जाता है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जतारा तहसील के निकट गांवों को पूर्व की भांति यथावत रखना
[राजस्व]
121. ( क्र. 1361 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नवीन आर.आई. सर्किल एवं नवीन तहसीलें बनाए जाने का प्रावधान है? अगर हाँ, तो शासन के समस्त आदेशों की छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 3615 दिनांक 17.03.2022 को जवारा तहसील के निकट के गांवों को पूर्व की भांति जतारा तहसील में रखे जाने हेतु किया गया था? अगर हाँ तो उत्तर (ग) में बताया गया था कि नवीन तहसील दिगौड़ा के सृजन से पूर्व तहसील जतारा अंतर्गत दो आर.आई. सर्किल क्रमश: जतारा एवं दिगौड़ा थे और आर.आई. सर्किल दिगौड़ा के सम्मिलित समस्त ग्रामों को नवीन तहसील दिगौड़ा में शामिल किया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) परिशिष्ट-अ के आधार पर बताया गया था कि मोहनगढ़ तहसील में 3 आर.आई. सर्किल 51 पटवारी हल्का एवं 103 ग्राम है एवं दिगौड़ा तहसील में एक आर.आई. सर्किल 19 पटवारी हल्का एवं 43 ग्राम है? (घ) तहसील मोहनगढ़ एवं तहसील दिगौड़ा का नाम यथावत रखते हुए आस-पास के ग्रामों के हल्कों को नजदीकी दोनों तहसील में लेते हुए पुनः आर.आई. सर्किल की संरचना करते हुए आर.आई. सर्किल दिगौड़ा की नवीन संरचना करते हुए जतारा तहसील में मेरे विधानसभा क्षेत्र ग्राम कमलनगर, चतुरकारी, चनुपुरा, चंदऊखेड़ा, हरपुरा, शिवपुरा, वैदपुर कुंवरपुरा विक्रमपुरा, मधुपुरा को पुनः जतारा तहसील में जोड़ने का कार्य प्रशासन करेगा तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं।
एक्सटेंशन फीडर कैनाल की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 1362 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में सिंचाई परियोजनाओं को सम्मिलित करने हेतु टीकमगढ़ जिले में हरपुरा बांध की नहर से बम्होरी बराना तालाब भरने हेतु नवीन नहर निर्माण हेतु बजट प्रावधान किया गया है? अगर हाँ तो ऐसे आदेश की छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि टीकमगढ़ जिले की हरपुरा एक्सटेंशन फीडर कैनाल की बोधी संस्था ने पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति बाबत् अनुशंसा करके प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, भोपाल को सौंप दिया है तो कब? कृपया ऐसे आदेश की छायाप्रति प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल, म.प्र. ने मंत्रालय में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है और क्या-क्या शेष है एवं कब तक सम्पूर्ण कार्यवाहियां मंत्रालय द्वारा पूर्ण कर ली जावेंगी? (घ) कब तक शासन द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति विभाग जारी कर निविदा प्रक्रिया पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बजट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हरपुरा एक्सटेंशन फीडर केनाल की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 4977.99 लाख का प्रस्ताव मुख्य अभियंता, बोधी, जल संसाधन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 162/पीईसी/1001/द.ला./बोधी/भोपाल, दिनांक 19.5.2023 द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल की ओर प्रेषित किया गया। (ग) एवं (घ) टीकमगढ़ जिले की हरपुरा नहर से बम्होरी बराना तालाब भरने हेतु नवीन नहर निर्माण का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव वित्तीय व्यय समिति के समक्ष रखे जाने के लिए विभाग द्वारा वित्त विभाग को दिनांक 30.06.2023 को प्रेषित किया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा प्रक्रिया तथा कार्य प्रारंभ कराने के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
केज स्थापना में अनियमितता की जांच
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
123. ( क्र. 1365 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिला स्थित दाहोद जलाशय में केज स्थापना के संबंध में विगत पांच वर्षों में शिकायत की गई थी? यदि हाँ तो जांच में क्या कार्यवाही किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध की गई नाम, पद सहित जानकारी देवें। (ख) क्या रायसेन जिले में सहायक मत्स्य अधिकारियों के होते हुये विगत पांच वर्षों से पदस्थ केवल एक निरीक्षक को पी.एम.एम.एस.वाई/आर.के.वाई एवं अन्य योजनाओं का कार्यवाहक बना रखा है, उनका नाम एवं पद सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 5 वर्षों में पी.एम.एम.एस.वाई/आर.के.वाई. एवं अन्य योजनाओं के लिये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मांगने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई अथवा कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। केज स्थापना से संबंधित श्री राजीव श्रीवास्तव तत्कालीन सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला रायसेन सेवानिवृत्त सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला नर्मदापुरम एवं श्री शिरीष अग्निहोत्री सहायक मत्स्य अधिकारी की जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश अवधि में रायसेन जिले के तकनीकी कार्यों के दायित्वों के निर्वाहन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला रायसेन अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिये अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कमीशन मांगने की कोई शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई।
अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
124. ( क्र. 1587 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने भूमि स्वामियों की भूमि अनुसूचित जनजाति वर्ग से भिन्न व्यक्तियों को विक्रय किये जाने की अनुमति कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ये जानकारी ग्रामवार, तहसीलवार अनुमति जारी की गई भूमि का खसरा नं., रकबा व व्यक्तियों के नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ग) क्या छिन्दवाड़ा जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों की भूमियां अन्य वर्ग के व्यक्तियों को विक्रय की बहुतायत संख्या में नियम विरूद्ध अनुमतियां जारी किये जाने का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ तो क्या शासन इस की जांच कराकर ऐसी भूमियों को वापस दिलाने का आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विगत 3 वर्षों में 22 प्रकरणों की कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा अनुमति प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों की भूमियां अन्य वर्ग के व्यक्तियों को विक्रय किये जाने की अनुमति म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) में वर्णित प्रावधानों के तहत विधि अनुसार प्रदाय की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जारी किये
गये बसों के
परमिट की
जानकारी
[परिवहन]
1. ( क्र. 35 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल से इटारसी, उज्जैन, इंदौर, नर्मदापुरम्, बैतूल, सारणी हेतु कितनी बसों को कितने बजे के परमिट जारी किये गये है? प्रत्येक की समयवार जानकारी दें। (ख) क्या यह सच है कि प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 06.06.2023 को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, नर्मदापुरम् को पत्र लिखकर एक ही मार्ग पर निकलने वाली बसों में 15 मिनिट का अंतराल हो (2) सभी बसें निर्धारित बस स्टॉप पर ही रूके (3) स्पीड गवर्नर लगाने का सुझाव दिया गया था? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के सुझावों पर क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित पत्र प्राप्त होने के उपरांत से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, नर्मदापुरम के परमिट जारी करने के अधिकारों पर रोक लग जाने के कारण उनके द्वारा कोई नवीन अस्थायी परमिट जारी नहीं किये गये हैं जिस कारण प्रथम सुझाव पर कार्यवाही नहीं की जा सकी। उक्त पत्र में दिये गये द्वितीय एवं तृतीय सुझावों के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा समय-समय वाहन चैकिंग की कार्यवाही की जाती है। विगत तीन माह में नर्मदापुरम जिले में बस स्टॉप पर बस न रूकने एवं वाहन में स्पीड गवर्नर न पाये जाने पर 17 वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर उनसे शमन शुल्क रू 53,500/- वसूल किया गया।
नर्मदापुरम जिले के बांधों की सुरक्षा
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 36 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में कितनी-कितनी क्षमता के बांध किन-किन नदियों पर किस वर्ष कहां-कहां बनाए गए हैं? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बांधों की सुरक्षा का दायित्व किसका है? इनकी सुरक्षा किस प्रकार की जाती है? (ग) उपरोक्त में से किन-किन बांधों के केचडेम से विगत दस वर्षों में सफाई की गयी? (घ) क्या एक सर्वेक्षण अनुसार बांधों में 10 से 19 प्रतिशत गाद भरा जाने के कारण बांधों की भराव क्षमता में कमी आ रही है? (ड.) यदि हाँ तो बांधों की भराव क्षमता में कमी को दूर करने के लिए शासन क्या प्रयास कर रहा है? (च) नर्मदापुरम जिले के तवा बांध की सफाई कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बॉंधों की सुरक्षा का दायित्व जल संसाधन विभाग का है। वर्तमान में इनकी सुरक्षा उपलब्ध विभागीय कर्मचारियों की जाती है। (ग) विभागीय प्रावधान नहीं होने के कारण किसी भी बॉंध के कैचमेंट में विगत 10 वर्षों में सफाई नहीं की गई है। (घ) जी नहीं, तथ्यात्मक स्थिति यह है कि सामान्यतया बॉंधों की डिज़ाइन में बॉंध की सर्विस लाइफ के दौरान कैचमेंट एरिया से संभावित सिल्ट के आवक की गणना कर उसे बॉंध की तली में जमा होने के सिद्धांत से डेड स्टोरेज कैपेसिटी का आंकलन किया जाता है। जिससे सिल्ट के कारण जीवित जल भराव क्षमता में कमी नहीं आती है। तथापि केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली से प्राप्त एक आंकलन रिपोर्ट अनुसार तवा बॉंध में वर्ष 2007-09 में उपग्रह दूरस्थ संवेदन तकनीकी से किए गए सर्वेक्षण में वर्ष 1989 से 2009 के बीच 13.05 प्रतिशत जीवित जल भराव क्षमता में कमी आना प्रतिवेदित है। यद्यपि प्रतिवेदन में किए गए उल्लेख अनुसार उक्त तकनीक से फैन शेप्ड रिज़रवायर में सटीक आंकलन प्राप्त होता है, किंतु तवा रिज़रवायर का जल भराव लीनियर शेप्ड (रैखिक स्वरूप) होने से उक्त आंकलन की सटीकता में किन्चित वेरिएशन हो सकता है। (ड.) बॉंधों की जल भराव क्षमता में कमी नहीं होने के कारण शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (च) तवा बॉंध के कैपेसिटी रिस्टोरेशन कार्य हेतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी परिवारों को शत-प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 99 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं में शासन द्वारा प्रदाय किये जाने वाला अनाज हेतु आदिवासी परिवार पात्र की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ, तो सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आदिवासी परिवार हैं तथा वर्तमान में कितने आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा हैं या कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? कितने परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक अनाज नहीं मिल रहा हैं या जिनके पास खाद्यान्न पर्ची नहीं हैं तथा नहीं मिलने का क्या कारण हैं? (ख) क्या पात्र आदिवासी परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध न होना गंभीर अनियमितता है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी हैं तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी और नहीं तो क्यों? (ग) कब तक शत-प्रतिशत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां, किन्तु ऐसे परिवारों को छोड़कर जिनके मुखिया या सदस्य आयकर दाता हों या भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के किसी कार्यालय/ शासकीय/ अर्द्धशासकीय/सार्वजनिक अथवा स्वायत्व उपक्रम, जिसमें राष्ट्रीकृत बैंक एवं सहकारी संस्था शामिल है, में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय श्रेणी का अधिकारी/कर्मचारी हो। सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कुल 63354 आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) परिवार है। जिनमें से 55982 परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी है। विकासखण्डवार पात्रता पर्ची की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
विकासखण्ड का नाम |
कुल परिवारों की संख्या |
जारी पात्रता पर्चियों की संख्या |
1. |
सेंधवा |
63354 |
55982 |
शेष परिवारों को उपरोक्त पात्रता अनुसार पात्र नहीं पाये जाने से पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आवेदन करने वाले समस्त पात्र आदिवासी परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
4. ( क्र. 100 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग के कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई हैं तथा निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरा है अथवा प्रारंभ ही नहीं किया गया हैं तथा उन कार्यों को कितना-कितना मूल्यांकन किस आधार पर अभी तक किया गया हैं? प्रशासकीय स्वीकृतियों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये? यदि नहीं, तो समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न करने का कारण क्या है? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को प्रश्नांश (क) अनुसार किये जाने वाले कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं, तो जानकारी न देने का कारण बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 03 बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त तीनों परियोजनाओं के लिए आमंत्रित संयुक्त निविदा की स्वीकृति पश्चात दिनांक 19.06.2023 को अनुबंध किया जाना प्रतिवेदित है। निर्धारित एजेंसी द्वारा वर्तमान में सर्वे, डिजाइन तथा ड्राइंग का कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण किसी भी कार्य के मूल्यांकन की स्थिति नहीं होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने के लिए 18 माह की समय-सीमा निर्धारित है। एजेंसी के साथ दिनांक 19.06.2023 को निष्पादित अनुबंध पश्चात वास्तविक निर्माण कार्य प्रारंभ न होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक को समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में प्रश्नांश (क) अनुसार किये जाने वाले कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी जाना प्रतिवेदत है।
कूनों नदी पर सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 119 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कूनो नदी पर ग्राम सोनपुरा, पवा कटीला आदि स्थानों पर वृहद सिंचाई परियोजना निर्माण की कार्यवाही वर्तमान में किस स्थिति में प्रचलन में है? उक्त परियोजना में अब तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है व परियोजना की अंतिम स्वीकृति होने में अभी क्या औपचारिकताऐं शेष रही हैं? सम्पूर्ण कार्यों का विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अपने भ्रमण के दौरान शिवपुरी स्थित पोलो ग्राउण्ड में संभागीय हितग्राही सम्मेलन कार्यक्रम में कूनो नदी पर बांध बनाए जाने की घोषणा करने के बाद भी कूनो सिंचाई परियोजना के निर्माण की स्वीकृति में विलंब क्यों हो रहा है? कब तक उक्त परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कोलारस एवं पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कूनों नदी पर प्रस्तावित श्रीमंत माधवराव सिंधिया बहुउद्देश्यीय वृहद परियोजना के अंतर्गत कुल 06 बॉंधों का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना के प्रथम चरण में इनमें से 04 बॉंधों सोनपुरा, धरवारी, पवा एवं नैनागढ़ का डी.पी.आर. साधिकार समिति की 70वीं बैठक दिनांक 16.06.2023 में साधिकार समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया गया। साधिकार समिति द्वारा डी.पी.आर. के पुन: परीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए। डी.पी.आर. के पुनर्परीक्षण उपरांत यथा आवश्यक सुधार पश्चात प्रकरण पुन: साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा। साधिकार समिति द्वारा मंत्रि-परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुशंसा की स्थिति में मंत्रि-परिषद के अनुमोदन उपरांत परियोजना को प्रथम चरण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने का आदेश संभव है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नांश में अंकित घोषणा के परिप्रेक्ष्य में कूनों सिंचाई परियोजना (श्रीमंत माधवराव सिंधिया बहुउद्देश्यीय वृहद परियोजना) के निर्माण हेतु आवश्यक स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रशासकीय स्वीकृति जारी किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 135 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सिंचाई योजनाओं में कितने- कितने किसानों की भूमि डूब में आ रही है तथा उनको मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? कारण बताये तथा इसके लिए कौन दोषी है? (ख) रायसेन जिले में स्वीकृत/निर्माणाधीन किन-किन सिंचाई योजनाओं में कितने किसानों की भूमि डूब में आ रही है इसका सर्वे विभाग द्वारा क्यों नहीं करवाया गया किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान न होने के उपरांत भी उनकी भूमि पर निर्माण कार्य क्यों किया जा रहा है? (ग) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें तथा बैराज स्वीकृति हेतु कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है उनको कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (घ) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित क्यों नहीं की गई? कारण बताये तथा कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत 09 सिंचाई परियोजनाओं तथा उनके डूब क्षेत्र के कृषकों की भूमि की मुआवजा राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। भू-अर्जन एवं मुआवजे के भुगतान की कार्यवाही निरंतर जारी होना प्रतिवेदित है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ख) रायसेन जिले में स्वीकृत/निर्माणाधीन 09 सिंचाई परियोजनाओं एवं उनके डूब क्षेत्र के कृषकों की भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। डूब प्रभावित भूमि का सर्वे विभाग द्वारा कराया जाकर आपसी सहमति अंतर्गत भू-अर्जन की कार्यवाही निरंतर जारी है। डूब प्रभावित भूमि पर निर्माण कार्य कृषकों की सहमति से कराया जा रहा है। जहॉं कृषक सहमत नहीं है वहॉं निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की सर्वेक्षित सिंचाई परियोजनाओं एवं बैराज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। सर्वेक्षित परियोजनाओं के डी.पी.आर. शासन स्तर पर प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत थावरीघाट बैराज एवं तरावली बैराज की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। इन दोनों परियोजनाओं की निविदा के आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न का वितरण
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 136 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15 जून 2023 की स्थिति में रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा क्षेत्र की किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में कितना खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है तथा दुकान पर भौतिक रूप से कितना खाद्यान्न का स्टॉक है दोनों में अंतर का क्या कराण है? (ख) प्रश्नांश (क), वर्णित किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से अप्रैल, मई एवं जून माह के खाद्यान्न का वितरण क्यों नहीं किया गया तथा किन-किन दुकानों को हितग्राही के मान से पर्याप्त आवंटन क्यों नहीं किया? (ग) रायसेन जिले में परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार निर्धारित तिथि तक शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न क्यों नहीं पहुँचाया जा रहा है कारण बतायें तथा विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) रायसेन जिले में सिलवानी विधानसभा क्षेत्र शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के खाद्यान्न तथा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के खाद्यान्न वितरण के कमीशन का भुगतान नियमित रूप से क्यों नहीं किया जा रहा है तथा कब तक राशि का भुगतान किया जायेगा कितनी राशि का भुगतान बकाया है पूर्ण विवरण दे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्य दुकानों की पी.ओ.एस. मशीन में दिनांक 15.06.2023 की स्थिति में उपलब्ध खाद्यान्न स्टॉक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वर्तमान स्थिति में उचित मूल्य दुकान की पी.ओ.एस. मशीन एवं दुकान में भौतिक रूप से उपलब्ध स्टॉक, अंतर मात्रा एवं अंतर के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) माह अप्रैल, मई, जून, 2023 में माहवार एवं दुकानवार राशन प्राप्त करने वाले पात्र परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों पर संलग्न पात्र परिवार अनुसार आनलाईन खाद्यान्न आवंटन जारी किया जाता है एवं पी.ओ.एस. मशीन में अधिक प्रदर्शित खाद्यान्न मात्रा का समायोजन होने के उपरांत कम आवंटन जारी होने पर अतिरिक्त आवंटन जे.एस.ओ. लॉगिन से प्रविष्ट करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उचित मूल्य दुकानों पर संलग्न पात्र परिवारों की पात्रतानुसार खाद्यान्न आवंटन जारी किया गया है। (ग) रायसेन जिले में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा, द्वार प्रदाय योजनांतर्गत नियुक्त परिवहनकर्ता द्वारा खाद्यान्न सामग्री का प्रदाय किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार है। न्यू स्पीड ट्रांसपोर्ट एवं एफ.एस. ट्रेडर्स, परिवहनकर्ता द्वारा विलम्ब से उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न सामग्री प्रदाय करने के कारण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा राशि 6,62,310 की पेनल्टी अधिरोपित की जाकर देयकों से राशि का कटौत्रा किया गया है। (घ) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत माह अप्रैल, 2020 से सितम्बर, 2022 तक के उचित मूल्य दुकानों को कमीशन का भुगतान किया जा चुका है एवं माह अक्टूबर से दिसम्बर, 2022 के कमीशन भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित खाद्यान्न पर उचित मूल्य दुकानों को माह मई, 2023 के कमीशन का भुगतान किया जा चुका है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत खाद्यान्न का वितरण माह दिसम्बर, 2022 तक ही कराया गया है तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वितरित खाद्यान्न का कमीशन नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है।
अधिसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभा
[खनिज साधन]
8. ( क्र. 187 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधिसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभाओं द्वारा रेत से संबंधित किस-किस विषय पर सहमति, अनुमति, अनुशंसा एवं विचार-विमर्श बावत म.प्र. रेत नियम 2019 के नियम 5 (2) एवं म.प्र. पेसा नियम 2022 के नियम 22 में क्या-क्या प्रावधान दिए गए है? (ख) बैतूल जिले में दिनांक 9/2/2023 को अधिसूचित क्षेत्र की किस-किस रेत खदान का अनुबंध किया गया, उस खदान से कितनी मात्रा में रेत निकाले जाने बावत् कितनी राशि में नीलामी की गई? (ग) नियम 5 (2) एवं नियम 22 के अनुसार बैतूल जिले में किस-किस ग्रामसभा से किस-किस दिनांक को सहमति, अनुमति, अनुशंसा प्राप्त की गई एवं उस पर विचार विमर्श किया गया? ग्रामसभा के प्रस्ताव की प्रति सहित बतावें। (घ) नियम 5 (2) एवं नियम 22 के अनुसार ग्रामसभा से सहमति, अनुमति, अनुशंसा नहीं लेने पर, विचार-विमर्श नहीं करने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है उसके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 तथा मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 क्रमश: दिनांक 30 अगस्त, 2019 एवं 15 नवंबर, 2022 को मध्यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचित किये गये हैं। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन दिनांक को अधिसूचित क्षेत्रों की 39 रेत खदानों के अनुबंध का निष्पादन किया गया है वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन जिले की समस्त 47 रेत खदानों से 9,36,852.60 घन मीटर रेत मात्रा की निकासी हेतु राशि रूपये 53,11,95,424.20 में नीलामी की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी को जिम्मेदार मानने, उसके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सीहोर वनमण्डल के 49 वनग्राम की जानकारी
[वन]
9. ( क्र. 190 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित 49 वन ग्रामों की कितनी भूमि को वन विभाग किस अधिसूचना दिनांक से आरक्षित वन भूमि एवं कितनी भूमि को वन विभाग किस अधिसूचना दिनांक से संरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित कर रहा है, ग्रामवार पृथक-पृथक बतावे? (ख) 49 वनग्रामों में से किस ग्राम के हस्तानांतरण की राजपत्र में दिनांक 25/5/1962 को अधिसूचना का प्रकाशन किया? किस ग्राम के हस्तान्तरण का दिनांक 4/12/1975 को राज्य मंत्रालय ने आदेश दिया, अधिसूचित एवं आदेशित किस ग्राम को किन कारणों से वन ग्राम प्रविदित किया जा रहा है? (ग) 49 प्रतिवेदित वन ग्रामों में से किस वनग्राम की खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र में कितने किसानों के नाम पर कितनी भूमि भूस्वामी हक में दर्ज है? पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी किस विभाग के द्वारा किस कानून के तहत बनाए गए है? (घ) 49 ग्रामों में से कौन सा राजस्व ग्राम है उसे किस आधार पर वन ग्राम प्रतिवेदित किया जा रहा है? आदेश या अधिसूचना की प्रति सहित बतावें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) प्रतिवेदित वनग्रामों में से किसी भी वनग्राम की खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र में किसी भी किसान के नाम कोई भी भू-स्वामी हक में दर्ज होने का उल्लेख नहीं है। पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी वर्ष 1980-81 में वन विभाग की भू-प्रबंधन योजना इकाई द्वारा सर्वे-सीमांकन कर तैयार किये गये है। (घ) प्रतिवेदित वन ग्रामों की स्थापना से संबंधित आदेश/अधिसूचना उपलब्ध नहीं है।
आरक्षित एवं संरक्षित वन भूमि की जानकारी
[वन]
10. ( क्र. 191 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपत्र में बिना डीनोटीफिकेशन के कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि, कितने वनग्रामों की कितनी आरक्षित वन एवं कितनी संरक्षित वन भूमि वन विभाग ने 1980 तक हस्तान्तरित की है, इसमें से कितनी-कितनी भूमि को भा.व.अ. 1927 की धारा 20अ के तहत आरक्षित वन तथा संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? जिलेवार बतावें। (ख) धारा 20अ भा.व.अ. 1927 में किस संशोधन दिनांक के द्वारा जोड़ी गई इस धारा के तहत राज्य मंत्रालय वन विभाग भोपाल ने किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी भूमियों से संबंधित अधिसूचना जारी की या आदेश जारी किया उसके तहत कितनी भूमि को धारा 20अ के अनुसार आरक्षित वन या संरक्षित वन माना अधिसूचना एवं आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 25/5/1962 एवं दिनांक 6/10/1964 को हस्तान्तरण के अधिसूचित कितने ग्रामों में से कितने ग्रामों को वन विभाग 1965 में जोड़ी गई धारा 20अ के अनुसार संरक्षित वन भूमि एवं कितनी भूमि को आरक्षित वन भूमि वर्तमान में प्रतिवेदित कर रहे है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजपत्र में बिना डिनोटिफिकेशन के वन विभाग द्वारा वर्ष 1980 तक हस्तांतरित आरक्षित वनभूमि, संरक्षित वनभूमि एवं वनग्रामों की आरक्षित एवं संरक्षित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20 ‘अ’, भारतीय वन (मध्यप्रदेश संशोधन) अधिनियम, 1965 दिनांक 13 मार्च 1965 को राज्यपाल की अनुमति प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 20 मार्च 1965 से जोड़ी गई है। वनवृत्त शिवपुरी के अंतर्गत वनमंडल गुना की 221149.204 हेक्टेयर, वनमंडल अशोकनगर की 88835.362 हेक्टेयर एवं वनमंडल शिवपुरी की 302842.60 हेक्टेयर भूमि को धारा 20 ‘अ’ के अनुसार आरक्षित वन या संरक्षित वन माना गया है। अधिसूचना एवं आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 25.05.1962 को हस्तांतरण के अधिसूचित ग्रामों में से वन वृत्त शिवपुरी के अंतर्गत वनमंडल गुना के 36 वनग्रामों की 2107.475 हेक्टेयर, वनमंडल अशोकनगर के 09 वनग्रामों की 331.221 हेक्टेयर एवं वनमंडल शिवपुरी के 46 वनग्रामों की 2060.040 हेक्टेयर भूमि को वन विभाग वर्ष 1965 में जोड़ी धारा 20 ‘अ’ के अनुसार आरक्षित वनभूमि वर्तमान में प्रतिवेदित कर रहे हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है।
शुद्ध लाभ की राशि से सामग्री क्रय
[वन]
11. ( क्र. 194 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ने मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के द्वारा किए व्यापार से हुए शुद्ध लाभ की पूरी राशि के संबंध में वर्ष 1998 वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 में क्या आदेश दिये वर्तमान में किस दिनांक का आदेश लागू है, इनमें से किस आदेश में शुद्ध लाभ की राशि से संघ कौन-कौन सी सामग्री क्रय कर संग्राहकों को वितरित कर सकता है? (ख) वर्ष 2006 एवं वर्ष 2012 के आदेश जारी होने के बाद मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन सी कितनी सामग्री क्रय कर संग्राहकों को वितरित की है यह कार्यवाही शासन के किस दिनांक के आदेशानुसार की गई? (ग) सामग्री क्रय कर वितरित करने का निर्णय संचालक मंडल की किस दिनांक की बैठक में लिया गया बैठक में सहकारिता विभाग का कौन-कौन अधिकारी उपस्थित था?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन ने मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के द्वारा किये व्यापार से हुए शुद्ध लाभ की राशि के संबंध में वर्ष 1998, 2006 एवं 2012 में दिये गये निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्तमान में म.प्र. शासन के दिनांक 11.03.2022 के आदेश लागू है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्ष 2012 एवं दिनांक 11.03.2022 के जारी उक्त आदेशों में लघु वनोपज संघ द्वारा संग्राहकों हेतु कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय किये जाने का प्रावधान है। (ख) वर्ष 2018 में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वितरित की गयी सामग्री एवं मात्रा तथा राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
सामग्री का नाम |
वितरित सामग्री (लाख में) |
व्यय राशि (रू. करोड़ में) |
जूता |
11.23 |
21.84 |
चप्पल |
11.11 |
14.51 |
साड़ी |
11.11 |
29.77 |
पानी की बोतल |
22.35 |
42.47 |
योग |
|
108.59 |
जी.एस.टी., परिवहन एवं वितरण व्यय |
24.98 |
|
कुल योग |
|
133.57 |
उक्त सामग्री वितरण हेतु म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक एफ 26-5/2010/10-3 दिनांक 14.08.2018 से स्वीकृति प्रदाय की गयी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) सामग्री क्रय कर वितरित करने की कार्यवाही से म.प्र. लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल को 115वीं बैठक दिनांक 21.08.2017 एवं 118वीं दिनांक 28.08.2018 में अवगत कराया गया। उक्त बैठकों में सहकारिता विभाग से संयुक्त आयुक्त सहकारिता उपस्थित थे।
अभिलेखागार में उपलब्ध अभिलेख
[राजस्व]
12. ( क्र. 206 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए निस्तार पत्रक एवं धारा 108 के तहत बनाए गए अधिकार अभिलेख की प्रतियां राजस्व अभिलेखागार में संधारित करने संबंधित पटवारी के पास उपलब्ध होने एवं ग्राम पंचायत को प्रति देने बाबत् क्या-क्या प्रावधान प्रचलित है? (ख) मंडला, डिंडोरी एवं बैतूल जिले में कुल कितने राजस्व ग्राम है इनमें से कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध है उनमें किस-किस जंगल मद एवं गैर जंगल मद में किस-किस सार्वजनिक निस्तारी प्रयोजनों की भूमि दर्ज है? (ग) निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज कितने ग्रामों की कितनी भूमि वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे, नारंगी वन सर्वे, संरक्षित वनखंड, नारंगी वनखंड एवं वर्किंग प्लान में शामिल कर ली है इसकी कलेक्टर ने भू-राजस्व संहिता की किस-किस धारा के तहत वन विभाग को अनुमति प्रदान की है? (घ) कलेक्टर ने यदि वन विभाग को अनुमति प्रदान नहीं की हो तो कलेक्टर ने वन विभाग के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की है? क्या कार्यवाही लंबित है, कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए निस्तार पत्रक एवं धारा 108 के तहत बनाए गए अधिकार अभिलेख की प्रतियॉ हस्तलिखित वाजिबुल अर्ज, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र राजस्व अभिलेखागार में संधारित है, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-2- 2/सात/शा. 8/2001, दिनांक 26 जनवरी 2001 के निर्देशानुसार ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत में पटवारियों द्वारा उपलब्ध कराये गयेl वर्तमान में अभिलेख ऑनलाईन किये जाने के कारण अभिलेख यह कार्यवाही ऑनलाईन अद्यतन किया जाकर सर्वसाधारण को अवलोकन हेतु उपलब्ध है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जारी की गई ई.टी.पी.
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 207 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) में. रामका माइनिंग प्रा.लि. के द्वारा भोपाल रेत भंडारण से माह मार्च से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस दिनांक को शाहपुरा, बैतूल, आमला, मुलताई, अमरावती, बालाघाट, औरंगाबाद की ई.टी.पी. जारी की तथा इसी अवधि में बैतूल जिले से भोपाल के लिए किस-किस दिनांक को ई.टी.पी. जारी की ई.टी.पी. के प्रिंट की प्रतियों सहित बतावें। (ख) भोपाल से बैतूल मुलताई आदि स्थानों एवं बैतूल से भोपाल के लिए ई.टी.पी. जारी करने बाबत् किस-किस के द्वारा की गई लिखित शिकायत राज्य खनिज संचालनालय भोपाल, जिला खनिज कार्यालय भोपाल एवं बैतूल को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? उनकी जांच किसके द्वारा की गई? जांच प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। यदि जांच नहीं की हो तो कारण बतावें। (ग) जारी की गई ई.टी.पी. से संबंधित वाहनों के द्वारा किस-किस टोल नाके पर कितना भुगतान किया इसकी जांच वाहन के फास्ट टैग से नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? यह जांच कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राज्य शासन के आदेशों का पालन
[वन]
14. ( क्र. 214 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-2/सात/शा/8-2001 दिनांक 26 जनवरी 2001 में दिए गए आदेश के बाद भी राज्य के वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित 925 वनग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक की प्रतियां प्रश्नांकित दिनांक तक भी संबंधित ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को नहीं सौंपी गई तथा माननीय सर्वोच्च अदालत की सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 के अनुसार निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन भी ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को नहीं सौंपा? (ख) वन विभाग द्वारा प्रतिवेदित 925 वन ग्रामों में से कितने ग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक वन विभाग के पास उपलब्ध है, कितने वन ग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक राजस्व विभाग के पास उपलब्ध है जिलेवार बतावें। (ग) आदेश दिनांक 26 जनवरी 2001 एवं आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 का पालन सुनिश्चित नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है, आदेशों का पालन तक मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को दिए जाकर जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन भी ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को सौंप दिया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
लघु वनोपज से संबंधित पेसा नियम में प्रावधान
[वन]
15. ( क्र. 215 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज के संबंध में संविधान की 11 वीं अनुसूची पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 एवं दिनांक 15 नवम्बर, 2022 से लागू पेसा नियम 2022 में ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं, किस-किस प्रावधान में म.प्र. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ को क्या-क्या अधिकार दिए है पृथक-पृथक बतावें? (ख) 15 नवम्बर, 2022 को नियम लागू होने के बाद मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल, जिला वनोपज सहकारी यूनियन एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों ने किस अधिसूचित ब्लॉक की कितनी ग्राम सभाओं से लघु वनोपज का संग्रहण, भंडारण एवं विपणन किए जाने की किस प्रस्ताव दिनांक से अनुमति प्राप्त की, यदि विधिवत अनुमतियां प्राप्त नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? (ग) पेसा नियम 2022 के किस नियम में ग्रामसभाओं से संग्रहण, भंडारण एवं विपणन की अनुमति/सहमति प्राप्त किए बिना ही सहकारी संघ को संग्रहण, भंडारण एवं विपणन के क्या-क्या अधिकार नियम में दिए हैं? (घ) उक्त नियम अंतर्गत ग्राम सभाओं की अनुमति/सहमति के क्या-क्या अधिकार दिए गये है। उसका पालन नहीं करने पर विभाग क्या कार्यवाही, किसके विरूद्ध कर रहा है, यदि नहीं, तो कब तक करेगा समय-सीमा बतावें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 243-G में लघु वनोपज का विषय सम्मिलित है। पेसा कानून-1996 की धारा -4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत लघु वनोपज के संग्रहण स्वामित्व के व्यक्तिगत/सामुदायिक अधिकार दिए गए है। म.प्र. पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 के तहत अधिसूचित म.प्र. पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 25 एवं 26 के तहत ग्राम सभा को गौणवनोपज के संग्रहण, स्वामित्व एवं प्रबंधन के अधिकार दिये गये है। नियम 26 (4) में म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ भोपाल को तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन के अधिकार दिये गये है। (ख) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ भोपाल, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों ने इस बाबत् किसी ग्रामसभा से अनुमति नहीं ली गई, क्योंकि उक्त संस्थाओं द्वारा केवल तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन का कार्य किया गया है, जिसके लिये म.प्र. पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 26 (4) में इन्हें तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन के अधिकार दिये गये है। (ग) पेसा नियम 2022 के नियम 26 (4) के तहत म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ को तेन्दूपत्ता के संग्रहण एवं विपणन के अधिकार दिये गये है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त नियम के अन्तर्गत गौण वनोपज को परम्परागत प्रबंधन एवं नियंत्रण नियम 25 एवं 26 में दिये गये है, प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है, जिनका पालन किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
ग्वालियर जिले की दामोदर बाग की भूमि
[राजस्व]
16. ( क्र. 255 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की ग्वालियर तहसील अंतर्गत दामोदर बाग के सर्वे क्रमांक 1 से 7 एवं 9 से 11 तक रकबा 25.898 हे. अर्थात 123 बीघा 13 विसवा भूमि पर प्रश्न दिनांक तक किसका कब्जा हैं? भूमि की वर्तमान स्थिति क्या हैं? यदि किसी का कब्जा है तो किस आदेश के तहत कब्जा दिया गया है? आदेश की प्रति या वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार दामोदर बाग के उक्त समस्त सर्वे क्रमांक की भूमि को ग्वालियर विकास प्राधिकरण या ग्वालियर गृह निर्माण सह समिति ग्वालियर एवं अशोक गृह निर्माण समिति ग्वालियर को आवंटित करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांकित (क) की भूमि के संबंध में कलेक्टर ग्वालियर एवं ग्वालियर विकास प्राधिकरण ग्वालियर के द्वारा समय-समय पर की गई कार्यवाही एवं आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम दामोदर बाग के सर्वे क्रमांक 1 से 7 एवं 9 से 11 रकवा 25.878 हेक्टर अर्थात 123 बीघा 13 बिस्वा भूमि पर प्रश्नांश दिनांक तक ग्वालियर विकास प्राधिकरण का अधिपत्य है तथा आवंटी हितग्राहियों द्वारा भवन निर्माण कर लिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हां। आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन भूमि भू-अर्जन द्वारा ग्वालियर विकास प्राधिकरण के स्वामित्व की है। अतः ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान
[राजस्व]
17. ( क्र. 284 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20.03.2020 से दिनांक 30.05.2023 तक विधान सभा क्षेत्र सिहावल में कितने किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के रूप में कितना भुगतान किया गया? (ख) सरकार द्वारा कितनी राशि दी गई और किसान बीमा कम्पनी द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें खाता नम्बर में हेर-फेर करके किसान को दी जाने वाली राशि किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर कर दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 20.03.2020 से दिनांक 30.05.2023 तक विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत तहसील बहरी क्षेत्रांतर्गत 136 प्रभावित कृषकों को फसलों की क्षतिपूर्ति के रूप में राशि 4,71,378/- रूपये (चार लाख इकहत्तर हजार तीन सौ अठहत्तर) मात्र का भुगतान किया गया है। (ख) सरकार द्वारा राशि 4,71,378/- रूपये प्रदाय की गयी है। एग्रीकल्चर इन्शुरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा 2020 से 2023 तक 844 प्रभावित कृषकों को राशि 1,11,59,601/- रूपये (एक करोड़ ग्यारह लाख उनसठ हजार छ: सौ एक) मात्र भुगतान किया गया है। (ग) जानकारी निरंक है।
शासकीय भूमि पर किये गये अवैध कब्जा को हटाया जाना
[राजस्व]
18. ( क्र. 294 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. शासन गोहा खसरा क्रमांक 141 रकबा 0.8300 चारागाह मध्यप्रदेश भू-राजस्व अभिलेखों में पटवारी हल्का नीलबड़ तहसील हुजुर जिला भोपाल के नाम से अंकित हैं? (ख) यदि हाँ तो उक्त भूमि पर दुकानें, पेट्रोल पंप मार्केट बनाया जाकर, शासन के करोड़ों रूपयों की भूमि पर वार्ड नं 84 के पार्षद उसके परिवार द्वारा लंबे समय से कब्जा कर व्यवसाय कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं? (ग) क्या सरकार उक्त बेशकीमती भूमि को भू-माफियों से मुक्त करायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त अवैध कब्जा किये जाने पर राजस्व अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नाधीन भूमि खसरा क्रमांक 141 रकवा 0.8300 हेक्टर वर्तमान राजस्व अभिलेख में मध्यप्रदेश शासन के रूप में दर्ज है। (ख) उक्त शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' में वर्णित भूमि को शीघ्र मुक्त कराया जावेगा। (घ) उक्त भूमि को समय-समय पर राजस्व अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
आवंटित भूमि का नामांतरण कर कम्प्यूटर में इन्द्राज किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 343 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित तलेनी सारंगपुर, जिला-राजगढ़ को आवंटन भूमि तथा सदस्यों के पक्ष में समिति द्वारा कराई गई रजिस्ट्रियां का नामांतरण अभी तक नहीं करने के लिये कौन-कौन दोषी है? उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) समिति सदस्यों को आवंटित प्लाटों की रजिस्ट्री करने के पश्चात तहसील सारंगपुर जिला-राजगढ़ द्वारा समय-सीमा में अभी तक नामांतरण क्यों नहीं किया गया है कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) समिति सदस्यों को रजिस्ट्री के आधार पर अभी तक कितने सदस्यों की भूखण्डों का नामांतरण किया गया है? जिन सदस्यों का नामांतरण अभी तक नहीं किया गया है उनका कब तक नामांतरण किया जायेगा? (घ) उपरोक्तानुसार समिति सदस्यों के प्लाटों का नामांतरण शासकीय रिकार्ड में नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है क्या उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गृह निर्माण समिति को सर्वे नम्बर 13/2/2 रकबा 0.809 एवं 170/1/1 रकबा 1.214 कुल भूमि 2.023 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी आवंटित भूमि के सदस्यों के पक्ष में पंजीयन विभाग से समिति द्वारा विक्रय पत्र सम्पादित कराये गये थे। तत्पश्चात् जिन सदस्यों/आवेदकों द्वारा विक्रय पत्र सम्पादन उपरान्त नामान्तरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये, उनके म.प्र. भू.रा.सं. 1959 की धारा 109, 110 में प्रावधान अनुसार नामान्तरण किये जा चुके है। वर्तमान में उपरोक्त आवंटित समिति के सदस्यों का नामान्तरण संबंधी कोई प्रकरण तहसील न्यायालय में लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिन सदस्यों/ आवेदकों द्वारा विक्रय पत्र सम्पादन उपरान्त नामान्तरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये उनके अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 में प्रावधान अनुसार नामान्तरण किये जा चुके है। वर्तमान में उपरोक्त आवंटित समिति के सदस्यों का नामान्तरण संबंधी कोई प्रकरण तहसील न्यायालय में लंबित नहीं है। (ग) विक्रय पत्र संपादन के उपरान्त कुल 39 सदस्यों/आवेदकों द्वारा नामान्तरण हेतु आवेदन पेश किये जाने से म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 की धारा 109, 110 में प्रावधान अनुसार नामान्तरण किये गये है। शेष सदस्यों द्वारा नामान्तरण हेतु आवेदन पत्र धारा 109, 110 में प्रस्तुत नहीं किये जाने से नामान्तरण का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) समिति सदस्यों के प्लाटों का नामान्तरण शासकीय रिकार्ड में नहीं होने के संबंध में किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी की संलिप्तता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अग्निकांड, आंधी, तूफान, दुर्घटनाओं से ग्रसितों को मुआवजा सहायता
[राजस्व]
20. ( क्र. 359 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक अग्निकांड, बाढ़, आंधी तुफान इत्यादि दुर्घटनाओं से प्रभावित प्रकरणों की संख्या जैसे हानि, पशु हानि व सम्पत्ति हानि इत्यादि की जानकारी बतावें? (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं जो उक्त दुर्घटनाओं से प्रभावित हुए है जिन्हें मुआवजा या आर्थिक सहायता का लाभ नहीं मिला है आश्रितों के नाम व ग्राम का नाम बतावें? (ग) उक्त घटनाओं से प्रभावित होने पर मुआवजा/आर्थिक सहायता नहीं दिये जाने का क्या कारण है क्या विभाग के पास अभी तक आश्रित व्यक्तियों के प्रकरण प्राप्त नहीं हुए है? (घ) विभाग द्वारा उक्त घटनाओं से प्रभावित हितग्राहियों के लंबित प्रकरणों का निराकण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत अग्निकाण्ड, बाढ़, आंधी, तूफान इत्यादि दुर्घटनाओं से प्रभावित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
वर्ष |
विवरण |
1 |
2018-19 |
82 |
2 |
2019-20 |
311 |
3 |
2020-21 |
44 |
4 |
2021-22 |
38 |
5 |
2022-23 |
493 |
(ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नेशनल चंबल सेंचुरी और पार्वती नदी से रेत खनन
[खनिज साधन]
21. ( क्र.
390 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग द्वारा
नेशनल चंबल
सेंचुरी और पार्वती
नदी से रेत
खनन के संबंध
में प्रस्ताव
केंद्रीय वन
एवं पर्यावरण
मंत्रालय को
स्वीकृति
हेतु भेजा गया
है? (ख) यदि
हाँ तो उक्त
प्रस्ताव के
वर्तमान
स्थिति के
संबंध में
विस्तृत
जानकारी
प्रदान करें और
कुल कितने
हेक्टेयर
भूमि पर रेत
खनन हेतु प्रस्ताव
तैयार किया
गया है और
इससे प्रदेश
सरकार को कुल
कितने राजस्व
का लाभ होगा? (ग) क्या
इस संबंध में
वन एवं
पर्यावरण
मंत्रालय द्वारा
खनन हेतु
स्वीकृति
प्रदान करने
के पूर्व
वन्यजीवों की
सुरक्षा और
पर्यावरण
संबंधी गंभीर
बिंदुओं पर
कोई टिप्पणी
की गई है? (घ) यदि
हाँ तो वन एवं
पर्यावरण
मंत्रालय
भारत सरकार
द्वारा जारी
निर्देशों
एवं अवलोकन की
रिपोर्ट
प्रदान करें?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) स्थानीय
लोगों को
आजीविका
उपलब्ध
कराने एवं रेत
की आपूर्ति
सुनिश्चित
करने के
उद्देश्य से
राज्य वन्य
प्राणी बोर्ड
के अनुमोदन
उपरांत अभ्यारण्य
के आंशिक
क्षेत्र रकबा 207.05
हेक्टेयर को
डिनोटिफाईड
करने हेतु
प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया था। राज्य
के इस प्रस्ताव
पर राष्ट्रीय
वन्य प्राणी
बोर्ड की 79वीं
बैठक दिनांक 29/07/2022 को
समग्र रूप से
विचार करते
हुए रेत उत्खनन
की सशर्त
अनुमति दी गई
है। उक्त
खदानों के
प्रारंभ होने
पर वार्षिक
लगभग 57.71
करोड़ रूपये
का राजस्व
प्राप्त
होना संभावित
है। (ग) पर्यावरण, वन एवं
जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा
सशर्त अनुमति
प्रदान की गई
है। अनुमति की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
(घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार
प्राप्त
अनुमति की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
जंगलों में अवैध कटाई
[वन]
22. ( क्र. 403 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन माफिया द्वारा जंगलों में सागौन एवं उपयोगी पेड़ों की अवैध कटाई निरंतर जारी है? (ख) यदि नहीं, तो बम्हनी बरेला में नदी के किनारे के सागौन के पेड़ों की कटाई किसके द्वारा की गई? (ग) क्या उक्त क्षेत्र में पदस्थ वनकर्मियों की जानकारी के बिना कटाई हुई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के लिये कौन जवाबदार है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) वनमंडल जबलपुर अंतर्गत ग्राम बम्हनी के वनक्षेत्रों में सागौन के पेड़ों की कोई अवैध कटाई होना नहीं पाया गया है अपितु ग्राम बम्हनी में श्री शिवराम राव, श्री सागर राव, श्री अशोक राव द्वारा स्वयं की भूमि में स्थित पेड़ों की कटाई न्यायालय तहसीलदार खम्हरिया (बरेला), जिला जबलपुर की अनुमति से की गई है। (ग) जी नहीं। उक्त पेड़ों की कटाई किये जाने से पूर्व वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा पेड़ों का सत्यापन किया गया है। (घ) निजी भूमि पर वृक्षों की कटाई शासकीय अनुमति प्राप्त कर नियमानुसार की गई है, अत: इस हेतु कोई जवाबदार नहीं है।
चीता प्रोजेक्ट परियोजना पर खर्च की गई राशि
[वन]
23. ( क्र. 420 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के प्रारम्भ से जून 2023 तक कितनी राशि खर्च की गई है? मदवार वर्ष, माह सहित खर्च की राशि सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या यह भी सही है कि चीता प्रोजेक्ट में अनुभवहीन अधिकारियों की अनदेखी के कारण प्रारम्भ में ही चीतों की मृत्यु, मादा चीतों की मृत्यु, उनके बच्चों की मृत्यु हो गई है अभी तक कितने चीतें, बच्चों की मृत्यु हुई है उनकी संख्या बचे चीतो, बच्चों की संख्या सहित जानकारी दी जावे? (ग) अभयारण्य में चीतों की मृत्यु के क्या कारण रहे संक्रमण की जांच किस लैब में कराई उनमें संक्रमण के क्या कारण रहे, संक्रमण में बीमारी के क्या कारण रहे बच्चों को जन्म के बाद ठीक प्रकार से पोषण आहार नहीं देने के कारण बच्चों की मृत्यु हुई है सभी तथ्यों की कारण सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या प्रोजेक्ट के प्रारम्भ से चीता, मादा चीता एवं बच्चों की मृत्यु के समाचारों के कारण पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी होती जा रही है तथा पर्यटन क्षेत्र विकसित होने में लोगों की रूचि भी कम होती जा रही है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के प्रारंभ 2021-22 से जून 2023 तक खर्च की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के प्रबंधन हेतु तैनात अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। चयनित अधिकारियों को नामीबिया तथा दक्षिण अफ्रीका अध्ययन प्रवास पर भेजा गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के दल, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल, चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन, नामीबिया के विशेषज्ञ नियमित रूप से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रहकर, चीता मेटा-पापुलेशन इनिशियेटिव, दक्षिण अफ्रीका के विषय विशेषज्ञ तथा प्रीटोरिया विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका के विषय विशेषज्ञ नियमित रूप से कूनो राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कर परियोजना में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं। अत: चीतों की मृत्यु अधिकारियों की अनुभवहीनता के कारण होने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। आज दिनांक तक 3 वयस्क एवं 3 शावक चीतों की मृत्यु हुई है। वर्तमान में 17 वयस्क एवं 1 शावक चीता जीवित है। (ग) अभयारण्य में अभी तक 3 वयस्क चीते तथा 3 चीता शावकों की मृत्यु हुई है। मादा चीता साशा की मृत्यु Chronic Renal Failure के कारण, नर चीता उदय की मृत्यु Cardio Pulmonary Failure के कारण तथा मादा चीता दक्षा की मृत्यु दो नर चीतों से हुई हिंसक घटना के कारण प्रतिवेदित की गई है। तीन शावकों की मृत्यु Heat Stroke की वजह से हुई है। चीतों को प्राकृतिक पर्यावास में रखा गया है। मादा चीता के द्वारा ही प्राकृतिक पर्यावास में उनको पाला जा रहा था। अत: अलग से पोषण आहार देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मृत चीतों के सैम्पल अलग-अलग जांचों हेतु अलग-अलग प्रयोगशालाओं में भेजे गये हैं। Histopathology जांच हेतु School of Wildlife Forensic and Health, Jabalpur, Toxicology परीक्षण हेतु Regional Forensic Science lab, Gwalior एवं Genetic Profile हेतु Wildlife Institute of India, Dehradun भेजे गये हैं। (घ) जी नहीं। यद्यपि पश्चिम पालपुर परिक्षेत्र, जहां चीते रखे गये हैं, में पर्यटन गतिविधियां प्रारंभ नहीं की गई है तथापित कूनो राष्ट्रीय उद्यान के शेष पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में कोई कमी दृष्टिगत नहीं हुई है। विगत पांच वर्षों में पर्यटकों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पानी भरे जाने एवं मुआवजा देने की जानकारी
[जल संसाधन]
24. ( क्र. 421 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के जौरा तहसील के आसन बैराज में कब से पानी भरा जावेगा बैराज भरने से कितने गांवों की खेती तालाब मिलने वाले नालों में पानी भरने से खेती की जमीन का किसान उपयोग नहीं कर पायेंगे गांवों के नाम रकवा सहित जून 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे? (ख) क्या यह भी सही है कि तालाब से सटे गांवों गदालपुरा के विस्थापित होने वाले परिवारों को अभी तक जमीन क्यों नहीं दी जा सकी, इन्हें कब तक आवास हेतु जमीन दी जावेगी। (ग) क्या यह भी सही है कि डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाने से किसान परेशान होकर राजस्व, जलसंसाधन अधिकारियों के ऑफिस में चक्कर लगाते हुये परेशान हो रहे है इन्हें कब तक मुआवजा मिल जावेगा? (घ) क्या यह भी सही है आसन नदी के किनारे वाली जमीन पर सैंकड़ों किसान बीस वर्षों से भी अधिक समय से खेती कर रहे हैं उन्हें भी बेदखल होना पड़ेगा जबकि शासन में बारह वर्ष तक खेती करने से किसान जमीन के हकदार हो जाते हैं क्या शासन इन्हें भी अनुदान राशि मुआवजा देगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुरैना जिले में निर्मित आसन बैराज में इस वर्ष 2023 में पानी भरने का लक्ष्य है। एफ.टी.एल. स्तर तक पानी भरने पर डूब में आने वाले ग्रामों के रकबे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, डूब से प्रभावित गदालपुरा ग्राम के डूब प्रभावित 43 हितग्राहियों को शासकीय भूमि आवंटित करने की कार्यवाही प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। आवास हेतु जमीन दिए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त डूब से प्रभावित कुल 172 हितग्राहियों द्वारा भू-खण्ड के स्थान पर विशेष पैकेज हेतु सहमति दी गई है। 172 हितग्राहियों में से 130 हितग्राहियों को विशेष पैकेज के तहत रू.05.00 लाख प्रति हितग्राही को भुगतान किया जाना एवं शेष हितग्राहियों के भुगतान की कार्यवाही कलेक्टर जिला मुरैना स्तर पर प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं, डूब क्षेत्र से प्रभावित भूमि की कुल अवार्ड राशि रू.5854.00 लाख में से दिनांक 20.06.2023 तक रू.5503.00 लाख का भुगतान किया जाना तथा शेष भुगतान की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जाना प्रतिवेदित है। (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि परियोजना के डूब से प्रभावित सभी किसानों को शासन नीति अनुसार उचित मुआवजा/भू-खण्ड दिए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन कान्ह डायवर्सन योजना के अंतर्गत कार्य की स्वीकृति
[जल संसाधन]
25. ( क्र.
434 ) श्री
महेश परमार : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नवीन
परियोजना में
शनि मंदिर के
पास ग्राम गोठडा
से कालियादेह
महल तक जल
व्यपवर्तन
हेतु कितने
कार्यों की
स्वीकृति
शासन ने दी है? लक्ष्य
प्राप्ति की
समय-सीमा क्या
है? परियोजना
की लागत कितनी
है? कार्य
किस कंपनी को
दिया गया है? वर्तमान
में कार्य की
प्रगति क्या
है? पृथक-
पृथक विवरण
देवें। (ख) कान्ह
डायवर्सन
पाइप लाइन
परियोजना में
सुचारु रूप से
पानी को
डायवर्ट करते
समय कौन-कौन से
तकनीकी कारण
से व्यवधान
उत्पन्न हुआ? 15/11/2019 को
मरम्मत हेतु
पाइप लाइन को
बंद करना पड़ा? (ग) तकनीकी
निराकरण के
लिए कौन-कौन
से मरम्मत कार्य
कराए गए? कितनी लागत
आयी? कितना
समय कार्य
पूर्ण करने
में लगा? फिर क्या
कारण है कि
वर्ष 2022-23
में पुनः गंदे
नालों का पानी
परियोजना
संचालन के बाद
भी क्षिप्रा
में जाकर मिला? (घ) क्या
कान्ह नदी के
वर्षा पश्चात
नॉन मानसून फ़्लो
को डायवर्ट
करने हेतु
नवीन कान्ह
डायवर्सन
परियोजना की
डिजाइन की गई
है? यदि
हाँ, तो
परियोजना की
तकनीकी
वित्तीय
स्वीकृति की प्रतियां
उपलब्ध
करावें। (ङ)
उक्त
परियोजना के
पूर्ण होने की
अवधि क्या है? वर्तमान
कार्य की
स्थिति क्या
है? मौके
पर कार्य
प्रारंभ
दिनांक से
कितनी बार निरीक्षण
हुआ? निरीक्षण
की प्रतियां
देवें।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) शनि
मंदिर के पास
ग्राम गोठड़ा
से कालियादेह महल
तक कान्ह नदी
के वर्षा पश्चात
(नॉन मानसून
फ्लो) जल को
डायवर्ट करने
हेतु शासन
द्वारा दिनांक
16.12.2022 को
01
नवीन
परियोजना, कान्ह
डायवर्सन क्लोज
डक्ट
परियोजना
लागत राशि रू. 598.66
करोड़ की स्वीकृति
प्रदान की गई
है। परियोजना
का कार्य 42 माह
में पूर्ण
किया जाना
लक्षित है।
परियोजना के
कार्य की
निविदा स्वीकृति
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने के कारण
एजेंसी का
निर्धारण
नहीं होने से
निर्माण
कार्य
अप्रारंभ
होना
प्रतिवेदित
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) कान्ह
डायवर्सन
पाइप लाइन
परियोजना में
सुचारू रूप से
पानी डायवर्ट
करते समय पाइप
के सेटलमेंट
(धंसने) के
कारण व्यवधान
उत्पन्न
होने पर
दिनांक 15 नवम्बर 2019 से
मरम्मत के
लिए पाइप लाइन
को अस्थाई
रूप से बंद
किया गया था
जिसे सुधार
पश्चात पुन:
प्रारंभ कर
दिया गया। (ग) एक
पाइप के
सेटलमेंट
(धंसने) के
कारण वार्षिक मरम्मत
मद के अंतर्गत
राशि रू.2.50 लाख का व्यय
किया जाकर
सुधार कार्य
कराया गया, जिसमें
लगभग 15
दिवस का समय
लगा। वर्ष 2022-23 में
भी कान्ह
डायवर्सन
योजना द्वारा
वर्षा पश्चात
जल को डायवर्ट
किया गया है
किंतु मावठा
आने की स्थिति
में ज्यादा
प्रवाह होने
पर कान्ह का
पानी
क्षिप्रा में
मिलने लगता
है। (घ) जी
हॉं, कान्ह
नदी के वर्षा
पश्चात नॉन
मानसून फ्लो
को डायवर्ट
करने हेतु नवीन
कान्ह क्लोज
डक्ट
परियोजना
तैयार की गई
है। परियोजना
की वित्तीय
एवं तकनीकी स्वीकृति
की प्रति
क्रमश: संलग्न
परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार
है। (ड.) कान्ह
क्लोज डक्ट
के पूर्ण करने
की अवधि 42 माह है
वर्तमान में
निविदा स्वीकृति
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेष जानकारी
निरंक है।
वन संपदा का समुचित उपयोग
[वन]
26. ( क्र. 435 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तराना विधानसभा के वनों में तेंदूपत्ता उत्पादन की संभावना है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी वन सम्पदा विकास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर परियोजनाएं तैयार की गई है? शासन को भेजे गए प्रस्ताव एवं शासन से प्राप्त स्वीकृतियों की प्रतियां देवें? (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र परिक्षेत्र में वन संपदाओं के संरक्षण एकत्रीकरण एवं समुचित उपयोग की क्या व्यवस्था है? वन संपदावार विवरण देते हुए वन संपत्तियों की रखरखाव एवं विक्रय से प्राप्त आय की जानकारी देवें? (ग) तराना विधानसभा के वन क्षेत्रों में वन संपदा के पोषण एवं संवर्धन के लिए कितने व्यक्तियों को प्रशिक्षण देकर वन सम्बधी कार्यों का विभाजन कर सौंपा गया है? (घ) वर्तमान में वन परिक्षेत्र में सेवा देते हुए कितने वन श्रमिक का पालन पोषण हो रहा है और कितने कार्य विभाग द्वारा संचालित हो रहे है और कितने कार्य ठेके पर संचालित हो रहे है? सभी कार्यों का पृथक-पृथक विवरण देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। वन संपदा के विकास हेतु भारत शासन द्वारा अनुमोदित कार्य आयोजना के अनुसार कार्य किया जाता है। पृथक से कोई योजना/प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है। (ख) कार्य आयोजना के अनुसार वन संपदा का संरक्षण, एकत्रीकरण एवं समुचित उपयोग किया जाता है। वर्ष 2022 में राशि रूपये 4109.00 प्रति मानक बोरा की दर से 700.000 मानक बोरा तेन्दूपत्ता के विक्रय से राशि रूपये 2876300.00 की आय प्राप्त हुई थी। (ग) तराना विधानसभा के वनक्षेत्रों में उपलब्ध वन सम्पदा तेन्दूपत्ता संग्रहण हेतु 752 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को शाखकर्तन एवं 70 समिति सदस्यों को घांस की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढ़ाने हेतु प्रति वर्ष प्रशिक्षण दिया जाता है। (घ) वन परिक्षेत्र तराना अंतर्गत 28 श्रमिक सेवा दे रहे है जो ग्राम वन समितियों के माध्यम से रखे गए है। ठेके पर कोई कार्य प्रचलित नहीं है। विभागीय रूप से संचालित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संबल योजनांतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के आश्रितों को अनुग्रह राशि
[श्रम]
27. ( क्र. 463 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संबल योजना अंतर्गत कितने पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुग्रह राशि दिए जाने के प्रकरण लंबित है? निकायवार, जनपदवार लंबित प्रकरणों की नाम सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रकरणों के लंबित रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं, कि प्रभावित परिवारों के आश्रित सदस्यों को योजना के क्रम में कब तक अनुग्रह राशि स्वीकृत की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता के भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की निकायों से प्राप्त जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रं. |
जनपद/निकाय का नाम |
भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी |
1 |
जनपद पंचायत विदिशा |
28 |
2 |
जनपद पंचायत ग्यारसपुर |
62 |
3 |
नगर पालिका विदिशा |
29 |
कुल योग |
119 |
लंबित प्रकरणों की निकायवार/जनपदवार/नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान बजट उपलब्धता सुनिश्चित होने पर किया जाता है।
संबल कार्ड अंतर्गत सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
28. ( क्र. 464 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल भोपाल एवं संबल कार्ड अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिकों को किस योजनांतर्गत कितनी-कितनी सहायता राशि भुगतान किया गया एवं प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें। किस स्तर पर कब से कितने प्रकरण लंबित है एवं क्यों लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पंजीकृत श्रमिकवार जानकारी उपलब्ध कराये एवं लंबित प्रकरणों में पंजीकृत श्रमिकों के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल भोपाल एवं संबल कार्ड अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को किस-किस योजना अंतर्गत कितनी राशि भुगतान किया जाता है? सभी योजनाओं के मापदण्डों सहित आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया की जानकारी बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में पंजीकृत श्रमिकों को भुगतान की गई सहायता राशि तथा लंबित प्रकरणों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विदिशा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में लाभान्वित श्रमिकों की संख्या तथा भुगतान राशि एवं लंबित प्रकरणों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत अनुग्रह राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है योजनान्तर्गत भुगतान बजट उपलब्धता सुनिश्चित होने पर किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। लंबित प्रकरणों में योजनांतर्गत पात्रतानुसार पंजीकृत श्रमिकों के परिजनों को राशि के भुगतान की कार्यवाही निरंतरित है। प्रश्नांश (क) के क्रम में लाभान्वित श्रमिकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। लंबित प्रकरणों में भुगतान प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार किया जाता है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के मापदण्ड, आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया तथा प्रदान की जाने वाली हितलाभ राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
सब माइनर नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 530 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत बाणसागर नहर परियोजना जल संभाग त्योंथर के अधीन माइनर से ग्राम कोनी, ग्राम देवखर, ग्राम गड़ेहरा, तलरी, रुपौली, कठहाई, पैपखरा, पोखरी, मड़वा तक सब माइनर नहर निर्माण कार्य विभाग के द्वारा प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ तो कब तक उक्त कार्य को पूर्ण करा लिया जावेगा? कृपया समय-सीमा बताने का कष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त सब माइनर नहरों का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है? उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराने की विभाग के द्वारा क्या समय-सीमा नियत की गई थी? क्या समय-सीमा में निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य पूर्ण न करने की दशा में जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ तो कब तक इस संबंध में आदेश जारी किये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि त्योंथर बहाव परियोजना अंतर्गत सूक्ष्म दबाव पद्धति द्वारा विकासखण्ड़ जवा के ग्राम कोनी, देवखर एवं गड़ेहरा के लिए सिंचाई हेतु निर्माण कार्य प्रगतिरत होकर जून 2023 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित होना प्रतिवेदित है। ग्राम तलरी, रूपौली, कठहाई, पैपखरा, पोखरी एवं मड़वा का क्षेत्र इस परियोजना के कमाण्ड से बाहर होना प्रतिवेदित है। प्रश्नांकित निर्माण कार्य मेसर्स विजय कुमार मिश्रा, प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। विभाग द्वारा निर्माण कार्य 30 जून, 2023 तक पूर्ण कराने की समय-सीमा नियत किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण एजेंसी द्वारा नियत समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किए जाने की दशा में अनुबंध में जुर्माने का प्रावधान है।
किसानों को फसल बीमा राशि भुगतान
[राजस्व]
30. ( क्र. 557 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20/03/2020 से दिनांक 30/05/2023 तक विधानसभा क्षेत्र बड़नगर जिला उज्जैन में कितने किसानों की फसल क्षतिपूर्ति के रूप में कितना भुगतान किया गया? (ख) सरकार द्वारा कितनी राशि दी गई और किसान बीमा कम्पनी द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें खाता नम्बर में हेर-फेर करके किसान को दी जाने वाली राशि किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर कर दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला उज्जैन की तहसील बड़नगर में दिनांक 20.03.2020 से 30.05.2023 तक 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होने से राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मापदण्ड अनुसार फसल क्षतिपूर्ति भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) एग्रीकल्चर इन्श्योरंस कंपनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बडनगर में खाता नम्बर में हेर-फेर की जानकारी निरंक है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी
[राजस्व]
31. ( क्र. 663 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ तहसील की ग्राम पंचायत बोलिया को आगामी समय में नगर परिषद घोषित करने की योजना संभावित है? (ख) कौन–कौन से सर्वे नम्बर की कितनी–कितनी शासकीय भूमियां है क्या शासन ने इसकी जानकारी प्राप्त की है? बोलिया ग्राम पंचायत में ऐसी कितनी भूमि शासकीय है जिस पर कितनी अतिक्रमण किया गया है एवं अतिक्रमण मुक्त है कि सम्पूर्ण जानकारी नाम, नक्शे सहित विस्तृत उपलब्ध करवायें व किस कारण से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? अतिक्रमण वाली भूमि पर क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो किस कारण से कार्यवाही नहीं की गई व कब तक की जाएगी? (ग) क्या विगत 10 वर्षों के अंदर बोलिया ग्राम पंचायत के राजस्व रिकार्ड में कोई परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ तो क्या–क्या किया गया विस्तृत सूची व मानचित्र वार जानकारी उपलब्ध करवायें? (घ) क्या शासन द्वारा इनकी विस्तृत जानकारी लेकर कोई योजना बनाई है? क्या अतिक्रमण हटाने की कोई कार्यवाही की है? यदि की गई तो, की गई कार्यवाही से अवगत करावें यदि नहीं, की गई तो इसका कारण बाताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत विधिवत निर्णय लिया जायेगा। (ख) ग्राम पंचायत बोलिया सम्मिलित ग्राम हरिपुरा अंतर्गत शासकीय भूमियों की सर्वे नम्बरवार एवं रकबावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। ग्राम पंचायत बोलिया व हरिपुरा में जिन-जिन शासकीय सर्वे नम्बर पर अतिक्रमण है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" एवं "द" अनुसार है एवं अतिक्रमण मुक्त भूमि सर्वे नंबर, नक्शा नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ई" एवं "एफ" अनुसार है। समय-समय पर अतिक्रमणों पर, के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 2018 की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही की जाकर उन्हें शासकीय भूमि से बेदखल किया जाता है। (ग) विगत 10 वर्षों में ग्राम पंचायत बोलिया के राजस्व रिकार्ड में वर्ष 2012-13 अनुसार कुल शासकीय दर्ज रकबा 160.509 हे. भूमि दर्ज रिकार्ड थी। वर्तमान वर्ष 2023-24 में कुल रकबा 160.493 हे. होकर पूर्व दर्ज रकबे की तुलना में रकबा 0.016 हे. कम होकर सर्वे नं. 871/1/3 रकबा 0.008 हे. व 871/1/4 रकबा 0.008 के नवीन निजी नंबर दर्ज है। खसरा कालम 12 अनुसार न्यायालय तहसीलदार गरोठ प्र. क्रं. 07/अ-19/2012-13 आ.दिनांक 26/12/2012 से भूमि स्वामी अधिकार दिए, की टीप दर्ज है। खसरा नकल संलग्न है। (घ) समय समय पर अतिक्रमणों पर के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 2018 की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही की जाकर उन्हें शासकीय भूमि से बेदखल किया जाता है।
नर्मदा नदी के किनारे वृहद पौधा रोपण
[वन]
32. ( क्र. 675 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन की नर्मदा नदी के दोनों ओर कैचमेंट क्षेत्र में वृहद पौधा रोपण कराने की योजना क्या है? इसके लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है एवं कितनी राशि व्यय हुई? कार्यावधि क्या है? इस सम्बंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) वनमण्डल (सामान्य) जिला जबलपुर को कितनी राशि आवंटित की है? पौधों का क्रय, परिवहन, पौधारोपण, पौधों की सुरक्षा, रखरखाव, देखभाल आदि पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक की जानकारी दें? (ग) जबलपुर वनमंडल में नर्मदा नदी के दोनों ओर जलग्रहण क्षेत्र में किन-किन स्थलों पर कितने-कितने क्षेत्रफल में वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक कितने-कितने पौधों का रोपण कराया गया है एवं वृक्षारोपण पर कितना व्यय हुआ? इनकी सुरक्षा, देखभाल, रखरखाव की क्या व्यवस्था की गई? कितने प्रतिशत पौधे जीवित है एवं कितने प्रतिशत पौधे नष्ट, सूख गये हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के दोनों ओर जलग्रहण क्षेत्र में वृहद पौधारोपण कराने की कोई विशेष योजना एवं बजट नहीं है तथा न ही योजना बनाने संबंधी कोई निर्देश हैं। विभागीय योजनाओं से ही नर्मदा नदी के दोनों ओर जलग्रहण क्षेत्र के वनक्षेत्रों में पौधारोपण का कार्य कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2023-24 में वृक्षारोपण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, वृक्षारोपण क्षेत्र तैयारी पर राशि रूपये 6,31,68,624 का व्यय हुआ है। (ग) जबलपुर वनमंडल में नर्मदा नदी के दोनों ओर जलग्रहण क्षेत्र में रोपित पौधों से संबंधित वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्ष 2023-24 में वृक्षारोपण की सुरक्षा फैंसिंग के माध्यम से एवं सुरक्षा श्रमिक लगाकर की गई है।
गौण खनिज का उत्खनन
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 676 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में गौण खनिज रेत, मिट्टी, पत्थर, मुरम, बोल्डर आदि का शासकीय व वन भूमि तथा निजी क्षेत्र की कितनी-कितनी भूमि पर, किन शर्तों पर किस-किस को कहां-कहां पर कितनी-कितनी अवधि के लिए उत्खनन् भण्डारण व परिवहन सम्बंधी स्वीकृतियां लीज पर किस-किस स्तर पर कब दी गई। वर्ष 2020-2021 से 2023-24 तक की ग्राम का नाम व.न.प.ह.न.ख.न. रकवा, लीज पट्टाधारी का नाम, पता सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित/स्वीकृति कहां-कहां के खदान क्षेत्रों का कब-कब किसने स्थल निरीक्षण कर सीमांकन कराया है एवं कहां-कहां की खदानों का सीमांकन किसने नहीं कराया है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित कहां-कहां की खदानों से कब से कब तक कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज का उत्खनन् परिवहन व भण्डारण किया गया हैं। खनिज रायल्टी की कितनी-कितनी राशि का निर्धारण कर किस-किस से कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई? कितनी-कितनी राशि बकाया हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत/आवंटित कहां-कहां की खदान क्षेत्रों से बाहर एवं अवैध रूप से गौण खनिज का उत्खनन, परिवहन व भण्डारण पर कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज जब्त किया गया? रायल्टी चोरी के कितने मामलों में कितनी राशि वसूल की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
वन विभाग द्वारा किए गए कार्य
[वन]
34. ( क्र. 686 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा ब्यावरा जिला राजगढ़ में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में शासन द्वारा प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त राशि अनुसार विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में कौन-कौन से कार्य किए गए कब-कब किए गए ग्रामवार, पंचायतवार कार्य, राशि, दिनांक, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने की दिनांकवार जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2019 से 2023 तक किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का प्रमाणीकरण किस अधिकारी के द्वारा किया गया एवं उक्त वर्षों की आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) वर्ष 2019 से 2023 तक कौन-कौन से कार्य लंबित हैं व क्या कारण रहा? कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) वनमंडल राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक कोई कार्य लंबित नहीं है।
उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को 50 प्रतिशत रोजगार
[श्रम]
35. ( क्र. 705 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में स्थापित उद्योगों में कम से कम 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय बेरोजगार नौजवानों को देने हेतु कानून बनाने पर सरकार विचार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के आदेश दिनांक 19.12.2018 के द्वारा मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को रोजगार देने हेतु निम्नानुसार प्रावधान हैं :- उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा।
बी.पी.एल. राशन कार्ड पर राशन की मात्रा में वृद्धि
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 706 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्तमान में बी.पी.एल. राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को कितना गेँहू, चावल प्रति सदस्य के हिसाब से आवंटित किया जा रहा है? (ख) क्या एक उपभोक्ता के लिए आवंटित किया जा रहा राशन 01 माह के लिये पर्याप्त है? (ग) यदि नहीं, तो उपभोक्ता के हित में गेँहू व चावल की मात्रा बढ़ाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हां, तो उपभोक्ताओं को कितना-कितना राशन एक माह में वितरित किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. सहित अन्य प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 05 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्य नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा हितग्राहियों की मासिक खाद्यान्न की आवश्यकता का आंकलन नहीं किया जाता है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है। (ग) पात्र परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम प्रतिमाह/परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 05 किलोग्राम प्रतिमाह/सदस्य नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़ा जाना
[राजस्व]
37. ( क्र. 717 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों ने बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने बाबत् एवं कितने हितग्राहियों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? अभी तक किस-किस के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये एवं कितने नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराए? (ग) कितनों के आवेदन अभी तक लंबित है तथा कितनों के आवेदन अस्वीकृत किये गये? संख्यात्मक आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा सिवनी अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने बाबत् विगत तीन वर्षों में कुल 2270 हितग्राहियों द्वारा राशन कार्ड के लिए आवेदन किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कुल प्राप्त आवेदनों की जांच उपरांत पात्र 591 हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये। (ग) वर्तमान में विधानसभा सिवनी में 34 आवेदन लंबित है तथा कुल प्राप्त आवेदनों में से 1645 आवेदन निर्धारित मापदण्ड 52 अंक के कटाफ अंक 14 से अधिक प्राप्त होने से अस्वीकृत किये गये हैं।
आदिवासी परिवारों को शत-प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची का प्रदाय
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 718 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं में शासन द्वारा प्रदाय किया जाने वाला अनाज हेतु आदिवासी परिवार पात्र की श्रेणी में आते है? यदि हां, तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आदिवासी परिवार है तथा वर्तमान में कितने आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा हैं या कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावे। यह भी बताये कि कितने परिवारों को अनाज योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक नहीं मिल रहा है या जिनके पास खाद्यान्न पर्ची नहीं है तथा नहीं मिलने का क्या कारण है? (ख) क्या पात्र आदिवासी परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध नहीं होना गंभीर अनियमितता है? यदि हां, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी और नहीं तो क्यों? (ग) कब तक शत-प्रतिशत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां, किन्तु ऐसे परिवारों को छोड़कर जिनके मुखिया या सदस्य आयकर दाता हों या भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के किसी कार्यालय/शासकीय/ अर्द्धशासकीय/सार्वजनिक अथवा स्वायत्व उपक्रम, जिसमें राष्ट्रीकृत बैंक एवं सहकारी संस्था शामिल है, में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय श्रेणी का अधिकारी/कर्मचारी हो। सिवनी विधान सभा क्षेत्र में कुल 25174 आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) परिवार है। जिनमें से 22900 परिवारों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी है। विकासखण्डवार पात्रता पर्ची की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
कुल परिवारों की संख्या |
जारी पात्रता पर्चियों की संख्या |
1. |
सिवनी (शहर+ग्रामीण) |
17734 |
16379 |
2. |
छपारा (ग्रामीण) |
7440 |
6521 |
|
योग- |
25174 |
22900 |
शेष परिवारों को उपरोक्त पात्रता अनुसार पात्र नहीं पाये जाने से पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आवेदन करने वाले समस्त पात्र आदिवासी परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
परासिया को जिला बनाया जाना
[राजस्व]
39. ( क्र. 720 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया को जिला बनाये जाने के संबंध में शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है, उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवश्यकता के आधार पर परासिया को जिले का दर्जा कब तक शासन द्वारा प्रदान कर दिया जायेगा? (ग) परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को अनेको पत्र प्रेषित किए गये हैं, उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परासिया को जिला बनाये जाने के संबंध में कलेक्टर छिन्दवाड़ा से प्राप्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) कलेक्टर से प्राप्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन है जिसकी अंतिम स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा पूर्णता हेतु समय-सीमा का निर्धारण किये जाने में कठिनाई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब' अनुसार है।
कृषकों की भूमि के नक्शे में विसंगति
[राजस्व]
40. ( क्र. 762 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने कृषक हैं जिनकी भूमि के नक्शे में विसंगति है और उन्होंने नक्शे सुधार किये जाने हेतु आवेदन दिया है? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं जो छह माह या उससे अधिक अवधि से लम्बित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित होने का क्या कारण रहा, सभी लम्बित प्रकरणों का निराकरण किस दिनांक तक किया जायेगा? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के ग्राम नेठाठारी में खसरा नक्शा में सर्वे 1 से 194 एवं 1 से 202 तक हस्तलिखित अभिलेख में दर्ज है किन्तु कम्प्यूटरिकृत होने के कारण क्या सर्वे नम्बरों को डबल नहीं लिया जा रहा है यदि हाँ तो अभिलेख खसरा नक्शा पुनः क्रमांकित करवाकर कम्प्यूटर में दर्ज किया जायेगा हाँ या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो कारण?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की तहसील ब्यावरा में 08 प्रकरण एवं तहसील सुठालिया में 06 प्रकरण लंबित है जो वर्तमान में सीमांकन के दौरान संज्ञान में आये है। (ख) 6 माह या उससे अधिक अवधि का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (घ) जी हां। हस्तलिखित अभिलेख में बन्दोबस्त त्रुटि होने से न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्यावरा के प्रकरण क्रमांक 391/अ-6-अ/2023-24 ग्राम नेठाठारी प्रचलित होकर दिनांक 30.06.2023 पर नियत है। प्रकरण में जांच कर शीघ्र नियमानुसार निराकरण किया जायेगा।
वन विभाग के कर्मचारियों की समस्या का निराकरण
[वन]
41. ( क्र. 794 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 12 मई 2023 को वन विभाग की समिति द्वारा वन कर्मचारियों की हड़ताल पर हड़ताल वापस लेने हेतु बैठक का आयोजन किया गया था। यदि हाँ तो वन विभाग को निर्देशित किया गया था कि इनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाये? (ख) क्या इनकी मांगों के प्रस्ताव केबिनेट बैठक में भिजवाया जाना था? यदि हाँ तो इसके प्रस्ताव कब तक भेजे जायेंगे। समय-सीमा बताने का कष्ट करें। (ग) क्या वन कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म करने के लिए 15 मांगों पर सहमति बनी है, यदि हाँ तो इन मांगों को कब तक पूरा किया जायेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमियों की हेराफेरी
[राजस्व]
42. ( क्र. 811 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन विगत वर्षों में कतिपय व्यक्तियों द्वारा सांठगांठ कर शासकीय भूमियों पर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से षड़यंत्रपूर्वक निजी स्वामित्व की करने जैसे हेरफेर की शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो रोजाना तहसील जावरा सर्वे नं. 299, 299/1, 299/2 एवं सर्वे नं. 300 तथा जावरा कस्बा भूमि सर्वे नं. 465 तथा 464 इत्यादि के साथ ही अरनिया पीथा मंडी के सामने ग्राम अरनिया पीथा, हिंगलाज माता मंदिर के सामने तथा औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने से लगी शासकीय भूमियों के सर्वे नं. से भी छेड़छाड़ की गई है? यदि हाँ तो ग्राम रोजाना, जावरा कस्बा एवं फोरलेन स्थित महत्वपूर्ण स्थानों पर शासन की करोड़ों रू. की भूमि का षड़यंत्रपूर्वक दस्तावेज बनाकर उन्हें हड़पने का कार्य किया जा रहा है? (ग) फोरलेन स्थित चुरूवाला दाल मिल समीप पुलिया एवं नाले से लगी ग्राम बन्नखेडा/भीमाखेडी/बोरदा/जावरा क्षेत्र की शासकीय भूमियों को भी हड़पने का कार्य किया जा रहा है, इस हेतु शासन/विभाग को विभाग द्वारा सूक्ष्म जांच किये जाने हेतु निरंतर पत्रों एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से ध्यान आकृष्ट किया जाता रहा तो उस पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ प्रश्न में उल्लेखित सर्वे नं. सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना निजी हुए थे। उक्त शिकायत पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी के प्रकरण क्रमांक 90/बी-121/2022-23 के आदेश दिनांक 01.012.2022 से भूमि सर्वे क्रमांक 300 व 299 को शासकीय घोषित की जाने हेतु प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित है। कस्बा जावरा स्थित भूमि सर्वे नम्बर 465 व 464 को शासकीय किये जाने हेतु शिकायतकर्ता श्री रमेश चन्द्र गायकवाड़ द्वारा प्रस्तुत शिकायत पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जावरा द्वारा प्रकरण क्रमांक 19/ब-121/22-23 पंजीबद्ध किया जाकर विधिवत सुनवाई कर प्रकरण में दिनांक 27/09/2022 को उपरोक्त भूमियों के संबंध में आदेश पारित किया गया। वादित भूमियों के संबंध में व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 जावरा के प्रकरण क्रमांक 134 ए/73 में आदेश दिनांक 23/04/1976 से भूमि सर्वे क्रमांक 464 एवं 465 द्वारा स्वत्व निर्धारण किया जाकर वादिगण रेहमत खां, हमीद खां पिता नाहर खां के पक्ष में जय पत्र पारित किया जाने से न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जावरा के द्वारा प्रस्तुत शिकायत नस्तीबद्ध की गई। वर्तमान में उपलब्ध खसरा अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक 464 (8-लेन) में अधिग्रहित होने से भू-अर्जन उपरान्त भूमि वर्तमान में शासकीय दर्ज है व भूमि सर्वे क्रमांक 465 निजि भूमि दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्तमान हिंगलाज माता मंदिर के सामने एवं औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने से लगी शासकीय भूमियों के सर्वे नं. से छेड़छाड़ नहीं की गई है वर्तमान में अरनियापीथा के सामने की भूमि आबादी भूमि है। हिंगलाज माता के सामने की भूमि निजी भूमि है। ग्राम रोजाना जावरा कस्बा एवं फोरलेन स्थित महत्वपूर्ण स्थानों पर शासन की शासकीय भूमियों का संरक्षण किया गया है भूमि हड़पने संबंधित स्थिति निर्मित नहीं है। (ग) फोरलेन स्थित चुरूवाला दाल मिल समीप पुलिया एवं नाले से लगी ग्राम बोरदा क्षेत्र की शासकीय भूमियों को हड़पने की शिकायत प्राप्त होकर विधिवत जाँच कर उचित कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। भीमाखेडी, बन्नखेडा, जावरा के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत/पत्र प्राप्त नहीं हुये हैं।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
43. ( क्र.
812 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा
पर्यावरण
संरक्षण हेतु
निरंतर पूरे
प्रदेश के साथ
ही जावरा विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
पिपलौदा
तहसील एवं जावरा
तहसील में
अनेक स्थानों
पर
वृक्षारोपण के
कार्य किये जा
रहे हैं? (ख) यदि
हाँ तो वर्ष 2019-20 से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन
स्थानों तक
कितने-कितने पौधे
लगाए एवं उन
पर कितना व्यय
हुआ? (ग) वर्षवार
वर्तमान में
कितने पौधे, जीवित
है? कितने
नष्ट हुए तो
किन कारणों से? (घ) क्षेत्रीय
वृक्षारोपण
कक्षवार, वर्षवार
यदि किये गये
है तो
तदानुसार
जानकारी
प्रदान करें? साथ ही
वर्ष 2023-24
वर्तमान
वर्षाकाल के
पूर्व किन-किन
स्थानों पर
वृक्षारोपण
हेतु
कार्यालय
वनमंडल द्वारा
बनाई गई है तो
कितनी लागत की
होकर कब प्रारंभ
होगी?
वन
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी हां। (ख) एवं (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-1 पर
है। (घ) जावरा
विधान सभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
कक्षवार, वर्षवार
क्षेत्रीय
वृक्षारोपण
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-1 पर
है। शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-2 पर
है।
रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण के लंबित प्रकरण
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 835 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में भिण्ड जिले में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं अवैध भण्डारण के कितने-कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ पकड़े गये हैं? (ख) प्रश्नाधीन पकड़े गये प्रकरणों में किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से वाहन तथा कितनी-कितनी मात्रा में रेत जप्त की गई? विवरण सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) किन-किन प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय पारित कर दण्डित किया गया और किन-किन प्रकरणों को दण्ड देने योग्य नहीं पाया गया तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में भिण्ड जिले में अवैध रेत उत्खनन के कुल 40, अवैध परिवहन के 929 एवं अवैध भंडारण के 49 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। प्रकरण दर्ज करने के स्थान सहित शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, जानकारी अनुसार प्रकरण का निराकरण अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यात्री बसों के रूट एवं वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र की जानकारी
[परिवहन]
45. ( क्र. 836 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा भिण्ड जिले में वर्तमान स्थिति में कौन-कौन सी यात्री बसों को कौन-कौन से रूट पर संचालन की किस-किस दिनांक को स्वीकृति प्रदान की गई है? वाहन क्रमांक एवं मालिक का नाम अनुसार रूट की जानकारी देवें? (ख) क्या विभाग द्वारा वाहन के फिटनेस का प्रमाण-पत्र देने के पूर्व मोटरयान अधिनियम अनुसार शर्तों को जाँचा जाता है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में कौन-कौन सी यात्री बस कब-कब दुर्घटनाग्रस्त हुई है एवं कितने यात्रियों की मृत्यु हुई है? कितने यात्री घायल हुए हैं? यात्रियों का नाम, पता तथा दुर्घटना स्थल एवं दुर्घटना दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्या बस संचालकों द्वारा मोटरयान अधिनियम की शर्तों के अधीन बसों में रूट की जानकारी, अग्निशमन यंत्र, इमरजेन्सी दरवाजा, महिलाओं एवं विकलांगों के लिए सीट आरक्षण संबंधी निर्देश एवं यात्री किराया पर्ची प्रदाय की जाती है? यदि नहीं, तो किन-किन बस संचालकों एवं मालिकों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क','ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जन सुनवाई में आवेदन का निराकरण
[राजस्व]
46. ( क्र. 863 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा एस.डी.ओ. (राजस्व) द्वारा की गई जनसुनवाई में दिनांक 01 जनवरी 2022 से 13/06/2023 तक कितने लोगों द्वारा विभिन्न समस्याओं/मांगों के निराकरण हेतु आवेदन किए गए? आवेदनकर्ताओं के नाम, समस्या सहित विवरण देते हुए कितने आवेदनों का निराकरण कर समस्या को हल किया गया? कितने आवेदनों पर जांच/कार्यवाही लम्बित है? (ख) खाचरौद एस.डी.ओ. (राजस्व) द्वारा की गई जनसुनवाई में दिनांक 01 जनवरी 2022 से 13/06/2023 तक कितने लोगों द्वारा विभिन्न समस्याओं/मांगों के निराकरण हेतु आवेदन किए गए? आवेदनकर्ताओं के नाम, समस्या सहित विवरण देते हुए कितने आवेदनों का निराकरण कर समस्या को हल किया गया? कितने आवेदनों पर जांच/कार्यवाही लम्बित है? (ग) नागदा एस.डी.ओ. (राजस्व) द्वारा की गई जनसुनवाई में दिनांक 01 जनवरी 2022 से 13/06/2023 तक नागरिक अधिकार मंच द्वारा क्या-क्या आवेदन दिए गए? दिए गए आवेदन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कितने आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है? कितने आवेदन जांच/कार्यवाही में लम्बित है? दिए गए आवेदनों का पृथक-पृथक विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा एस.डी.ओ. (राजस्व) के कार्यालय में दिनांक 01 जनवरी 2022 से 13.06.2023 तक कुल 276 आवेदन प्राप्त हुए है जो संबंधित विभागों के अधिकारीगण को निराकरण हेतु मूलत: प्रेषित किए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) खाचरौद एस.डी.ओ. (राजस्व) की जनसुनवाई दिनांक 01 जनवरी 2022 से 13.06.2023 तक कुल 155 आवेदन प्राप्त हुए है, जिसमें 73 आवेदनों का निराकरण किया शेष 82 में कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) नागरिक अधिकार मंच के कुल 20 जनसुनवाई आवेदन दिनांक 01.01.2022 से 13.06.2023 तक प्राप्त हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। प्राप्त आवेदनों में 8 का निराकरण किया गया। शेष 12 आवेदन पत्रों पर जांच/कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग को भेजे गए है।
बिना अधिकार वन भूमि से रास्तों का निर्माण
[राजस्व]
47. ( क्र. 871 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में सिटी सेन्टर स्थित ग्राम डोंगरपुर पुतलीघर में न्यूट्रिक कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं जी.एल.आर. रियल स्टेट प्रा.लि. के डायरेक्टर आर.डी. गुप्ता द्वारा नेचर पार्क नाम की कालोनी विकसित की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार इसमें प्रवेश के लिये ग्राम डोंगरपुर पुतलीघर के सर्वे क्रं. 18, 22 में से तहसीलदार के प्रकरण क्र. 05/2012-13/अ-13 (अ) दिनांक 07-06-2013 का हवाला देकर रास्ते का निर्माण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त सर्वे नं. वन भूमि के होने के कारण तहसीलदार को अधिकार ही नहीं है कि वो वन भूमि में से रास्ता दिये जाने की मंजूरी दें, वही वन भूमि पर सड़क डालकर बिल्डर ने नक्शा निजी भूमि का स्वीकृत कराकर वन भूमि को बेच दिया है। इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) जांच उपरांत विधिवत कार्यवाही की जावेगी।
सिंचाई योजनाओं की भौतिक स्थिति की जानकारी
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 877 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक स्वीकृत की गई, सभी सिंचाई योजनाओं की वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके है और कितने कार्य अपूर्ण है, कार्यों का समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने का क्या कारण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ऐसी कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें हैं जिनके प्रस्ताव विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर पहुंचाये गये है? (ग) शासन स्तर पर परासिया विधानसभा क्षेत्र की किन-किन सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित है, ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को परासिया विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में कई पत्र प्रेषित किए गये है, जिन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में किसी भी सिंचाई परियोजना की स्वीकृति का प्रस्ताव प्राप्त नहीं है। अत: लंबित होने की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।
खनिज साधन से शासन को प्राप्त आय
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 893 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरघाट अंतर्गत कौन-कौन से खनिज क्षेत्र है एवं इन खनिज क्षेत्रों में कौन-कौन सी खनिज सम्पदाएं है? (ख) गत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बरघाट में स्थित खनिज क्षेत्रों से म.प्र. शासन को कितना लाभ प्राप्त हुआ है? इस लाभांश से बरघाट विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु किन-किन कल्याणकारी योजनाओं में कितनी राशि का व्यय किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) गत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बरघाट में स्थित खनि रियायतों से रॉयल्टी राशि रूपये 4,83,18,450/- राजस्व प्राप्त हुआ। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में राशि रूपये 91,42,226/- प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 (2-3) अनुसार उक्त जमा रॉयल्टी राशि को वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आवंटित कराया जाता है। आवंटित राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा व्यय की जाती है। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त राशि का उपयोग उच्च प्राथमिकता एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में न्यास मण्डल के अनुमोदन उपरांत परियोजना/कार्यों को स्वीकृत किये जाते हैं।
वन क्षेत्र से शासन को प्राप्त आय
[वन]
50. ( क्र. 894 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बरघाट में स्थित वन क्षेत्र से म.प्र.शासन को कितना लाभ प्राप्त हुआ है? इस लाभांश से बरघाट विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु किन-किन कल्याणकारी योजनाओं में कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरघाट तेंदूपत्ता संग्रहण क्षेत्र है विगत 05 वर्षों से तेंदूपत्ता संग्रहण से म.प्र. शासन को कितनी आय प्राप्त हुई? (ग) तेंदूपत्ता मद से विधानसभा क्षेत्र बरघाट में जनसुविधा हेतु कितने निर्माण कार्य कराये गये है? विगत 05 वर्षों से वर्तमान तक कराये गये कार्यों की विस्तृत जानकारी ग्रामवार देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य संग्राहकों की सहकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है, जिससे शासन को कोई आय प्राप्त नहीं होती है। विधान सभा क्षेत्र बरघाट में विगत 05 वर्षों में तेन्दूपत्ता संग्रहण से म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ को वर्ष 2018 से 2022 तक कुल रूपये 61.07 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। (ग) लघु वनोपज के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ से विधान सभा क्षेत्र बरघाट में जनसुविधा हेतु विगत 05 वर्षों से वर्तमान तक कराये गये अधोसंरचना विकास कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वनरक्षक/वनपालों को कार्यालयीन कार्यों में संलग्न न करना
[वन]
51. ( क्र. 936 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के वन-वृत्त के वनमण्डलों/पार्कों में पदस्थ वनरक्षक/वनपालों को कार्यालयीन कार्यों में संलग्न न करने बावत् कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक व वन बल प्रमुख भोपाल द्वारा मुख्य वन संरक्षक/जबलपुर को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ तो कब-कब और इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस बाबत् मुख्य वन संरक्षक सिवनी/जबलपुर को किसी अधिवक्ता द्वारा पत्र लिखा गया है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उत्तर सामान्य वन मंडल सिवनी के उप वनमण्डल छपारा में पदस्थ प्रभारी एस.डी.ओ. श्री मनेंद्र सिंह जयंत के विरुद्ध शिकायत/विभागीय जांच/आरोप-पत्र लंबित है? यदि हाँ तो वे क्या है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, क्यों और कब तक की जावेगी? वन परिक्षेत्र पश्चिम बटका खापा,पूर्व वनमण्डल छिंदवाड़ा में वर्ष 2020 से 2022 के मध्य कराए गए समस्त वानिकी कार्यों की जानकारी स्थान, लागत व तिथिवार देवें। (ग) क्या म.प्र. शासन वल्लभ भवन भोपाल के आदेश दिनांक 23.02.2023 के तहत श्री रजनीश कुमार सिंह उप संचालक पे.टा. रिजर्व सिवनी को कुनो वन्यप्राणी वनमण्डल श्योपुर स्थानांतरित कर दिया गया है? यदि हाँ तो श्री रजनीश को कार्यमुक्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यमुक्त कर दिया जावेगा? (घ) क्या सिवनी जिले की रिक्त वन-परिक्षेत्रों में पदस्थ प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी, नियमित वन क्षेत्रपाल है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या रिक्त वन परिक्षेत्रों में उपवन क्षेत्रपालों को विभागीय नियमानुसार वन क्षेत्रपाल का प्रभार दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख भोपाल के पत्र क्रमांक/3772, दिनांक 09.12.2005 पत्र क्रमांक/738, दिनांक 07.02.2023 एवं पत्र क्रमांक/1502, दिनांक 07.03.2023 से वनवृत्त जबलपुर सहित समस्त वनवृत्त एवं समस्त वनमण्डलाधिकारियों को वनरक्षक/वनपालों को कार्यालयीन कार्यों में संलग्न न करने हेतु लेख किया गया है। वनवृत्तों द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देशों का पालन करने हेतु लेख किया गया है। इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक सिवनी/जबलपुर को अधिवक्ता द्वारा पत्र लिखा गया है। अधिवक्ता के पत्र पर कार्यवाही हेतु वनमण्डलाधिकारी उत्तर सिवनी को निर्देशित किया गया है। अधिवक्ता द्वारा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थ वनरक्षकों/वनपालों से कार्यालयीन कार्य नहीं कराये जाने का लेख किया गया है। मुख्य वन संरक्षक जबलपुर द्वारा उनके पत्र क्रमांक 2063 दिनांक 04.04.2023 से क्षेत्र संचालक एवं वनमंडलाधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त निर्देश के पालन में वनवृत्त जबलपुर के अंतर्गत कोई भी वनरक्षक/वनपाल संलग्न नहीं है। (ख) श्री मनेन्द्र सिंह जयंत, प्रभारी उपवनमण्डलाधिकारी, छपारा उत्तर सिवनी के विरुद्ध वर्तमान में कोई शिकायत/विभागीय जांच लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन परिक्षेत्र पश्चिम बटका खापा पूर्व वनमण्डल छिंदवाड़ा में वर्ष 2020 से 2022 के मध्य कराए गए समस्त वानिकी कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हां। श्री रजनीश कुमार सिंह (भावसे) उप संचालक, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी के स्थानांतरण के संबंध में समुचित निर्णय हेतु प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (घ) सिवनी जिले अंतर्गत रिक्त वन परिक्षेत्रों में पदस्थ प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी नियमित वनक्षेत्रपाल नहीं है, बल्कि इन रिक्त वन परिक्षेत्रों में शासन नियमित वनक्षेत्रपाल की पदस्थापना होने तक शासकीय कार्यों के सुचारू सम्पादन के दृष्टिगत स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत कुछ उप वनक्षेत्रपालों को प्रभार दिया गया है।
शासकीय सेवकों का अन्यत्र स्थानान्तरण
[राजस्व]
52. ( क्र. 947 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विगत 5 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ द्वितीय श्रेणी के शासकीय सेवकों एवं तहसील क्षेत्रान्तर्गत पदस्थ तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों की जानकारी नाम, पदनाम सहित देवें? (ख) क्या 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ शासकीय सेवकों को अन्यत्र स्थानान्तरित किये जाने के शासन के आदेश हैं, साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा भी इस संबंध में निर्देश दिये गये हैं? उक्त आदेशों की प्रतियॉं देवें? (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार शासन आदेशों के विपरीत एक ही स्थान पर वर्षों से पदस्थ शासकीय सेवकों को अभी तक स्थानान्तरित न किये जाने का क्या कारण है कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार लंबे समय से पदस्थ शासकीय सेवकों को कब तक अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया जायेगा, यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में राजस्व स्थापना अन्तर्गत प्रश्नांश 'क' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हां। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन किया जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुक्रम में जिला स्तर पर कार्यालयीन व्यवस्था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्यालय/ शाखा परिवर्तन किया जाता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 948 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर विधानसभा अंतर्गत किन-किन विभागीय परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति, डी.पी.आर. निर्माण की स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, विभागीय स्वीकृति, निविदा आमंत्रण कब-कब की गई। सभी की जानकारी सिंचित रकबा, अनुमानित लागत एवं लाभान्वित क्षेत्र सहित प्रदाय करें? (ख) छतरपुर विधानसभा अंतर्गत विभागीय परियोजनाओं से दिसम्बर 2018 तक कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित थी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छतरपुर विधानसभा अंतर्गत विभागीय परियोजनाओं से दिसंबर-2018 तक 4009 हेक्टेयर भूमि सिंचित थी।
डिनोटिफाईड भूमि की जानकारी
[वन]
54. ( क्र. 949 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 308 दिनांक 22 सितम्बर 2022 के उत्तर में छतरपुर जिले से संबंधित राजपत्र में दिनांक 22 जुलाई 1974 को भा.व.अ. 1927 की धारा 34'अ' के अनुसार प्रकाशित अधिसूचना की जानकारी नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है? (ख) वनमंडल छतरपुर में उपलब्ध धारा 34'अ' की किस दिनांक की अधिसूचना में कितने ग्रामों की कितनी भूमि तथा और कितने वनखंडों में शामिल कितनी भूमि डिनोटिफाईड की गई इन भूमियों को राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? (ग) धारा 34'अ' के तहत राजपत्र में डिनोटिफाईड भूमियों से संबधित कौन-कौन सी प्रविष्टि वन विभाग ने अपने किस विभागीय अभिलेख तथा वर्किंग प्लान में दर्ज की है। यदि डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि प्रश्नांकित दिनांक तक दर्ज नहीं की गई तो इसका कारण बताएं? (घ) धारा 34'अ' में डीनोटीफाईड किस ग्राम की कितनी भूमि को वन संरक्षण कानून 1980 लागू होने के बाद राजपत्र में किस दिनांक को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत अधिसूचित किया है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 308 सत्र सितम्बर 2022 का नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 34 'अ' के तहत निर्वनीकृत भूमियों में से राजपत्र दिनांक 20.10.2010 में 883.176 हेक्टेयर एवं राजप़त्र दिनांक 03.09.2011 में 226.15 हेक्टेयर भूमि को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 में संरक्षित वन अधिसूचित किया गया। (ग) वनमंडल छतरपुर के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 34 (अ) के तहत राजपत्र में डिनोटिफाईड भूमियों की प्रविष्टि कार्य-आयोजना एवं अभिलेख, टोपो शीट, एरिया रजिस्टर आदि में की गई है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
लाइसेंस व जारी किए गये परमिट से संबंधित जानकारी
[परिवहन]
55. ( क्र. 950 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में सभी प्रकार लाइसेंसों को बनाने में कितनी-कितनी राशि लगती है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या आर.टी.ओ. कार्यालय छिंदवाड़ा में शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार लाइसेंस बनाने में लगने वाले शुल्क को लिया जा रहा है? जबकि आमजनों द्वारा निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही है कि निर्धारित शुल्क से भी अधिक शुल्क लेकर लाइसेंस बनाये जा रहे है। जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न मार्गों में जो बसे चल रही है, क्या उन सभी बसों के परमिट जारी किए गये हैं? अगर नहीं किए गये है तो उसका क्या कारण है? आर.टी.ओ. विभाग की सहमति से बिना परमिट के ही वाहन चलाये जा रहे है? पिछले 2 वर्षों में छिंदवाड़ा आर.टी.ओ. कार्यालय द्वारा कितनी बसों के परमिट जारी किए गये है? जारी किए गये परमिटों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जी हां। लाइसेंस बनाने हेतु आवेदक को सारथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन करने के दौरान ही निर्धारित शुल्क जमा करना होता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हां। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है।
मछली पालन केन्द्र की जानकारी
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
56. ( क्र. 951 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले को विगत 5 वर्षों में मछली पालन हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि का आवंटन किन-किन जलाशयों/कार्यों हेतु किया गया हैं,जानकारी वर्षवार देवें? (ख) सतना जिले में कहां-कहां पर मछली पालन केन्द्र हैं प्रत्येक केन्द्र में कब-कब, कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु प्रदान की गई है, प्रदान की गई राशि के व्यय में की गई वित्तीय अनियमितताओं के लिये किन-किन के द्वारा कब-कब जांच की गई जांच प्रतिवेदन की प्रति दें? जांच प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि जांच नहीं की गई तो क्यों? (ग) मछली पालन केन्द्रों से शासन को प्रश्नांश (क) अवधियों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि का राजस्व प्राप्त हुआ? निर्धारित शुल्क राशि जमा न करने वालों पर दाण्डिक कार्यवाहियॉं क्यों नहीं की गई, यदि की गई तो किसके-किसके विरूद्ध की गई पूर्ण जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश अवधि में सतना जिले को आवंटित राशि की जलाशयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) सतना जिले में मत्स्यबीज प्रक्षेत्र घवारी सतना, मत्स्यबीज प्रक्षेत्र गढी अमरपाटन एवं मत्स्यबीज प्रक्षेत्र मौहारी नागौद कुल तीन मत्स्यबीज प्रक्षेत्र है। व्यय की गई राशि में अनियमितता नहीं की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) प्राप्त राजस्व एवं जमा की राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार।
नामांतरण, सीमांकन एवं बटांकन की प्रक्रिया एवं मापदण्ड
[राजस्व]
57. ( क्र. 953 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत वर्तमान में नामांतरण, सीमांकन एवं बटांकन की क्या प्रक्रिया एवं मापदण्ड निर्धारित हैं? इस हेतु आवेदन प्रस्तुत करने एवं पंजीयन करने की क्या प्रक्रिया है तथा कितनी फीस एवं समय-सीमा निर्धारित है? क्या आवेदन लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन प्रस्तुत करना अनिवार्य है? यदि हां, तो कब से? वर्ष 2018 से उत्तर दिनांक तक ग्वालियर जिले में नामांतरण, सीमांकन एवं बटांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितनी राशि प्राप्त हुई? कितने आवेदनों का समय-सीमा में तथा समय-सीमा उपरान्त निराकरण किया? कितने आवेदन समय-सीमा में तथा कितनों का समय-सीमा उपरान्त निरस्त किये? कितने आवेदन समय-सीमा के अन्दर तथा समय-सीमा के उपरान्त लंबित हैं? वर्षवार जानकारी दें? (ख) क्या नामांतरण, सीमांकन एवं बटांकन हेतु आवेदन दोहरी प्रक्रिया के तहत ऑफलाईन भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं? यदि हां, तो कारण बतायें? इस प्रक्रिया में कितनी फीस एवं कितनी समय-सीमा निर्धारित है? ग्वालियर जिले अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2020 से उत्तर दिनांक तक नामांतरण, सीमांकन एवं बटांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितनी राशि प्राप्त हुई? इनमें से कितने आवेदनों का समय-सीमा में तथा समय-सीमा उपरान्त निराकरण किया? कितने आवेदन समय-सीमा में तथा समय-सीमा उपरान्त निरस्त किये? कितने आवेदन समय-सीमा के अन्दर तथा समय-सीमा के उपरान्त लंबित हैं? वर्षवार जानकारी दें? (ग) ग्वालियर जिले में दिनांक 01 अप्रैल 2020 से उत्तर दिनांक तक समय-सीमा के बाहर के कितने लंबित प्रकरणों में किन-किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या किन्हीं अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही/अर्थदण्ड अधिरोपित किया? यदि हां, तो कितनों के विरूद्ध तथा कितना अर्थदण्ड अधिरोपित किया? कितनी अर्थदण्ड राशि वसूल की गई? वर्षवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी नहीं। लोक सेवा केन्द्र से ही आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हां। इसका उद्देश्य सुविधा अनुसार नागरिकों को आवेदन हेतु अवसर प्रदान करना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। दिनांक 1/4/2020 से प्राप्त आवेदन पत्र एवं उनके निराकरण एवं प्राप्त राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
सक्षम अधिकारी द्वारा क्रेता के साथ ठगी
[राजस्व]
58. ( क्र. 976 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नगर तहसील छतरपुर के किस-किस वर्ष के हल्का मौजों के किन-किन खसरा नंबरों में पूर्व में शासन दर्ज एवं वर्तमान में निजी भूस्वामी द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के उपरांत नामांतरण नहीं किए जा सकते हैं। सूची उपलब्ध कराएं। (ख) रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के समय क्रेता द्वारा शासकीय मुद्रांक शुल्क एवं विक्रेता को उल्लेखित राशि दिए जाने के उपरांत भी नामांतरण ना करना क्रेता के साथ सक्षम अधिकारियों द्वारा ठगी करने एवं कराने की दृष्टि से कार्य कर रहे है? (ग) यदि नहीं, तो जिला छतरपुर में जिन खसरा नंबरों के नामांतरण नहीं हो सकते हैं उक्त खसरा नंबरों में सक्षम अधिकारी द्वारा क्यों विक्रय पत्र पर प्रतिबंधित नहीं किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें? (घ) हल्का मौजा छतरपुर, बगौता एवं अमानगंज के किस-किस खसरा नंबरों में पूर्व में शासन एवं वर्तमान में निजी भूस्वामी के उपरांत कब-कब भूस्वामी द्वारा विक्रय पत्र के उपरांत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नियम के तहत नामांतरण आवेदन निरस्त एवं स्वीकार किए थे? नियम एवं आदेशों की प्रति उपलब्ध कराई जाए? (ड.) क्या शासन द्वारा जिन खसरा नंबरों में रकवा सुन्न एवं भूस्वामी का नाम रिक्त है रिकॉर्ड सुधारने के आदेश जारी किए थे? (च) यदि हाँ तो क्या जिला छतरपुर में सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त आदेश का पालन किया था? यदि हाँ तो संपूर्ण नस्ती फाइल की प्रति उपलब्ध कराई जाए?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। यदि क्रेता शासकीय भूमि को खुर्द–बुर्द करने के उद्देश्य से रजिस्ट्री कराता है तो इसका नामांतरण नहीं किया जाता। अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की ठगी नहीं की जा रही है शासकीय भूमि को खुर्द– बुर्द करने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। (ग) जिन खसरा नम्बरों के नामांतरण नहीं हो सकते उनकी जांच की जाकर उन खसरा नम्बरों को विक्रय से प्रतिबंधित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) हल्का मौजा छतरपुर, बगौता, अमानगंज के खसरा नम्बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। जो पूर्व में शासकीय दर्ज थी तथा वर्तमान में निजी भूमि स्वामी दर्ज है। भूमि स्वामियों द्वारा विक्रय पत्र के उपरांत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण प्रकरणों का निराकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के तहत किया गया। नियम एवं आदेशों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (ड.) शासन द्वारा रिकार्ड सुधार पखवाड़ा में रकबा शून्य एवं रिक्त भूमि सुधार किए जाने का आदेश जारी किया गया था। (च) जी हां। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
तहसीलदार द्वारा नियम एवं निर्देशों के तहत कार्य न करना
[राजस्व]
59. ( क्र. 977 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2018 की धारा 109 एवं 110 में लेख है कि किसी पक्षकार की अनुपस्थिति में खारिज नहीं किया जाएगा तथा गुणागुण क्रम में निपटाया जाएगा लेख है? (ख) यदि हाँ तो विधेयक दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अनुविभाग छतरपुर की किन-किन तहसीलों में कितने नामांतरण आवेदनों को आवेदक की अनुपस्थिति खारिज किया गया? संपूर्ण नस्ती फाइल की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या आवेदक की अनुपस्थिति में आवेदन ख़ारिज करना सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियमों का उल्लंघन करना एवं भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति ना होने के कारण आवेदनों को खारिज किया जाना परिलक्षित होता है? (घ) यदि नहीं, तो क्या आवेदन को खारिज करने के पूर्व आवेदक को नोटिस दिया था? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन के नियम के विरुद्ध आवेदन खारिज करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाही करने के आदेश जारी करेगा? (च) जिला अनुविभाग छतरपुर के किन-किन तहसीलों के किन-किन हल्का मौजों के नामांतरण पंजी में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन नामांतरण पंजी में नामांतरण स्वीकृत होने के उपरांत अभिलेख रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया? उल्लेख करें। (छ) क्या भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति न होने के कारण कुछ स्वीकृत नामांतरण को अभिलेख एवं कम्प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज ना करना परिलक्षित होता है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ज) क्या स्वीकृत नामांतरण को कम्प्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार है। (ड.) प्रकरण संज्ञान में आने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (च) जानकारी संकलित की जा रही है। (छ) जी नहीं। (ज) स्वीकृत नामांतरण को नियमानुसार कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज कराए जाने की कार्यवाही विधिवत की जाती है।
स्टेट फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स की माँगें
[वन]
60. ( क्र. 979 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स की अन्य राज्यों की फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स के समान समरुपता हेतु भारत सरकार के पत्र क्र.F.No.11011/1/2006/Dir (IFS) को लागू किए जाने हेतु विभाग/सरकार द्वारा कोई प्रावधान किया गया है? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह सही है कि रेंज ऑफिसर का प्रशिक्षण काल उनकी सेवा अवधि में नहीं जोड़ा जाता है। यदि हाँ तो क्या उनके प्रशिक्षण काल की सेवा को नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि में जोड़े जाने हेतु कोई प्रक्रिया लंबित है? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार म.प्र.रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा एवं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्र.191/2022—23 दिनांक 06/05/23 एवं अन्यों के द्वारा पत्र प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ तो कृत कार्यवाही से अवगत करावे? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हॉं। भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही उत्तरांश 'ख' अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र.
984 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत नगर
परिषद् कर्रापुर
में विभाग
द्वारा कितनी
उचित मूल्य
राशन दुकानों
से
उपभोक्ताओं
को खाद्यान्न
वितरण किया जा
रहा है? वार्डवार
उचित मूल्य
दुकान का नाम
सहित जानकारी
देवें। (ख) क्या
नगर परिषद्
कर्रापुर के 15
वार्डों में
शासन के
नियमानुसार
प्रत्येक
वार्ड में
शासकीय उचित
मूल्य राशन
दुकान की
स्थापना हेतु
विभाग द्वारा
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) यदि
हाँ तो
वर्तमान नगर
परिषद्
क्षेत्र कर्रापुर
में राशन
उपभोक्ताओं
की संख्या को
देखते हुये कब
तक प्रत्येक
वार्ड में
पृथक-पृथक शासकीय
उचित मूल्य
दुकान की
स्थापना की
जायेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) प्रश्नांकित
नगर परिषद में
06
उचित मूल्य
दुकानों के
माध्यम से
उपभोक्ताओं
को राशन
सामग्री का
वितरण किया जा
रहा है। शेष
भाग की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण)
आदेश,
2015
के अंतर्गत
नगरीय
क्षेत्र के
प्रत्येक
वार्ड में
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
की स्थापना
करने का
प्रावधान
नहीं है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
म.प्र. सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण)
आदेश,
2015
की कंडिका 7 (1) के
अनुसार
कर्रापुर नगर
परिषद में 4472
परिवारों
हेतु 06
शासकीय उचित
मूल्य
दुकानें
वर्तमान में
संचालित हैं
जिनकी संख्या
प्रचलित
प्रावधानों
के अनुकूल है।
संबल कार्डधारी परिवार को अनुग्रह राशि
[श्रम]
62. ( क्र. 985 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अंतर्गत विगत 02 वित्तीय वर्षों में संबल कार्डधारी व्यक्ति की मृत्यु उपरांत परिवार को अनुग्रह राशि के कितने प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये है? विकासखंडवार जानकारी देवें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में विगत वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में अनुग्रह राशि के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरणों में राशि स्वीकृति उपरांत समायोजित/हितग्राही के खाते में जमा की गई है? वर्षवार/ योजनावार सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्या समस्त स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों के खातों में राशि समायोजित की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? कब तक हितग्राहियों के बैंक खातों में राशि समायोजित की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला सागर अंतर्गत विगत 02 वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में संबल कार्डधारी व्यक्ति की मृत्यु उपरान्त परिवार को अनुग्रह सहायता राशि के 2270 प्रकरण संबंधित निकाय के पदाभिहित अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। विकासखण्डवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
जनपद पंचायत का नाम |
विगत 02 वर्ष में स्वीकृत प्रकरण संख्या |
1 |
जनपद पंचायत, बण्डा |
357 |
2 |
जनपद पंचायत, बीना |
174 |
3 |
जनपद पंचायत, देवरी |
141 |
4 |
जनपद पंचायत, जैसीनगर |
90 |
5 |
जनपद पंचायत, केसली |
143 |
6 |
जनपद पंचयात, खुरई |
151 |
7 |
जनपद पंचायत, मालथौन |
179 |
8 |
जनपद पंचायत, राहतगढ़ |
281 |
9 |
जनपद पंचायत, रहली |
342 |
10 |
जनपद पंचायत, सागर |
270 |
11 |
जनपद पंचायत, शाहगढ़ |
142 |
|
कुल योग |
2270 |
(ख) नगर पालिका परिषद, मकरोनिया द्वारा विगत वर्षों में निम्न प्रकरण स्वीकृत किये गये हैः-
क्र. |
वर्ष |
अनुग्रह सहायता स्वीकृत प्रकरण |
1 |
2020-21 |
34 |
2 |
2021-22 |
33 |
3 |
2022-23 |
25 |
|
कुल योग |
92 |
कुल 92 प्रकरणों में से 68 प्रकरणों में हितग्राहियों के खातें में शासन द्वारा राशि अंतरित की जा चुकी है। (ग) कुल 24 प्रकरणों में हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरित की जाना शेष है। संबल योजनातर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान उपलब्ध बजट अनुसार किया जाता है।
आर.टी.ओ. उड़नदस्ते द्वारा की गयी कार्यवाही
[परिवहन]
63. ( क्र. 988 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में आर.टी.ओ. उड़नदस्ता दल के किन-किन सदस्यों द्वारा विगत एक वर्ष में किन-किन स्थानों पर कब-कब चेकिंग अभियान चलाया गया? दिनांकवार, स्थानवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन स्थानों पर कब-कब, किस-किस प्रकृति की कितनी-कितनी संख्या में कार्यवाहियां की गयी? (ग) जबलपुर में आर.टी.ओ. उड़नदस्ता द्वारा अवैध चेकिंग/वसूली के संबंध में विभाग/शासन को प्राप्त शिकायतें तथा उसमें की गयी कार्यवाही के दस्तावेज देवें। (घ) क्या उड़नदस्ता दल के साथ प्रायवेट व्यक्तियों को चेकिंग कार्यवाही में सहायतार्थ लगाया जाता है? यदि हां, तो इस संबंध में लागू नियम/प्रावधान देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। (ग) जबलपुर में आर.टी.ओ. उड़नदस्ता द्वारा अवैध चेकिंग/वसूली के संबंध में शिकायतकर्ता श्री विदीप सिंह मरकाम, पत्रकार की शिकायत प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है। उक्त शिकायत की जांच संभागीय उप परिवहन आयुक्त, जबलपुर से कराई गई। जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने आवेदन पत्र दिनांक 11.09.2022 में शिकायत वापस ले ली गई। उक्त पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'घ' अनुसार है। संभागीय उप परिवहन आयुक्त जबलपुर का जांच प्रतिवेदन प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ड' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कान्हा टाइगर रिज़र्व के कर्मचारियों को भुगतान की जानकारी
[वन]
64. ( क्र. 991 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अन्य पार्कों में 10 वर्ष या उससे अधिक कार्य कर चुके कुशल श्रमिकों को उच्च कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाकर भुगतान दिया जा रहा है? यदि हाँ तो कान्हा पार्क में कार्यरत कर्मचारियों को इसका लाभ कब तक दिया जाएगा? क्या यह सही है कि कान्हा पार्क में कार्यरत सुरक्षा श्रमिक, टी.पी.एफ. कर्मचारी, फायर वाचर को प्रोजेक्ट अलाउंस नहीं दिया जाता है? क्या इन्हें प्रोजेक्ट अलाउंस देने पर विचार किया जा रहा है? (ख) क्या कान्हा पार्क अंतर्गत वनग्रामों के कोटवारों को 600 से 1000 रुपये मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ तो क्या इस बढ़ती महंगाई में इनका मानदेय बढ़ाये जाने पर विचार किया जा रहा है? क्या यह सही है कि अन्य पार्कों के कोर व बफर जोन के कर्मचारियों एवं कान्हा पार्क के कोरजोन के कर्मचारियों को राशन भत्ता दिया जाता है लेकिन कान्हा पार्क के बफर जोन के कर्मचारियों को राशन भत्ता नहीं दिया जाता है? यदि हाँ तो बफर जोन के कर्मचारियों को कब तक राशन भत्ता दिया जाएगा? (ग) क्या वन क्षेत्रपालों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा प्राप्त है? यदि हाँ तो क्या पुलिस व राजस्व विभाग के इनके समकक्ष अधिकारियों को 4200 रुपये का ग्रेड पे एवं वन क्षेत्रपालों को 3600 रुपये का ग्रेड पे दिया जाता है? समान पद होने के बाद भी ग्रेड पे में इतनी विसंगति का क्या कारण है? क्या इस विसंगति के लिए विभाग स्तर पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हां, तो अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में कार्यरत अकुशल श्रमिकों को कुशल एवं कुशल श्रमिक को उच्च कुशल बनाकर भुगतान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में कार्यरत सुरक्षा श्रमिक, टी.पी.एफ. एवं फायर वाचर को प्रोजेक्ट अलाउंस नहीं दिया जा रहा और न ही देने का कोई प्रस्ताव है। (ख) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक/724/1017/2007/सात-1 भोपाल दिनांक 20.07.2007 के अनुसार कोटवारों को उनको आवंटित सेवा भूमि के रकबे के आधार पर रूपये 400, रूपये 600, रूपये 1000 एवं रूपये 1500 का मानदेय दिया जा रहा है। मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के कोर जोन एवं बफर जोन के स्थायीकर्मी, चतुर्थ श्रेणी, वनरक्षक एवं वनपाल को राशन भत्ता दिया जाता है। (ग) राज्य वेतन आयोग ने 6वें वेतनमान की सिफारिशों में वनक्षेत्रपाल को 3600 ग्रेड-पे किये जाने की अनुशंसा की गई है। इस विसंगति को दूर करने के लिये मंत्रि-परिषद आदेश दिनांक 29.05.2018 एवं वित्त विभाग के निर्देश के अनुक्रम में प्रस्ताव कर्मचारी आयोग के समक्ष रखे जाने हेतु वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।
महिला कर्मचारियों एवं उमरिया परियोजना मंडल की जानकारी
[वन]
65. ( क्र. 993 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि उमरिया परियोजना मंडल में संभागीय प्रबंधक पद पर श्री अनिल चोपड़ा के पदस्थ रहने के दौरान कौन-कौन से कार्य किये गए, वर्ष, कार्य का नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? इनके द्वारा पदस्थापना के दौरान कुल कितना भुगतान किया गया है? क्या जिन कार्यों का भुगतान किया गया है वे सभी कार्य धरातल में हुए हैं? क्या इन सभी कार्यों की जांच कराई जाएगी? उक्त अधिकारी के मण्डला परियोजना मंडल में अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए किन-किन कार्यों का भुगतान किया गया है, कार्य का नाम लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? क्या इन कार्यों की जांच की जाएगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : उमरिया परियोजना मंडल में संभागीय प्रबंधक पद पर श्री अनिल चोपड़ा के पदस्थ रहने के दौरान कराये गये कार्यों की वर्षवार लागत राशि संबंधी जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। इनके द्वारा पदस्थापना के दौरान कुल राशि रूपये 2322 लाख का व्यय किया गया है। जी हॉं। कोई जांच प्रस्तावित नहीं है। उक्त अधिकारी के मण्डला परियोजना मंडल में अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए कराये गये कार्यों की लागत एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। कोई जांच प्रस्तावित नहीं है।
नवीन कार्यालय भवन की स्वीकृति
[राजस्व]
66. ( क्र. 996 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2518 दिनांक 16.03.2023 के उत्तर के प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय भवन को अनुपयोगी तथा तहसील कार्यालय भवन को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया है। कलेक्टर राजगढ़ से प्रस्ताव मांगा गया है? यदि हाँ तो क्या यह सही है कि कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं उप-तहसील कार्यालय कुरावर के भवन निर्माण हेतु विधिवत समुचित प्रस्ताव तैयार कर प्रश्न दिनांक तक शासन को प्रेषित किये जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन 81 वर्ष पुराने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय, 33 वर्ष पुराने तहसील कार्यालय भवन एवं संकीर्ण व असुविधाजनक उप-तहसील कुरावर कार्यालय के नवीन भवन निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जी हां। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचायत स्तर पर शासकीय उचित मूल्य दुकान प्रारंभ करना
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
67. ( क्र. 997 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन मंशानुरूप प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत समस्त पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य दुकान आवंटित कर प्रारंभ कर दी गई है अथवा नही? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त पंचायत स्तर पर शासकीय उचित मूल्य दुकान आवंटित कर प्रारंभ करने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा इस हेतु विलंब के क्या कारण है एवं इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन शेष दुकानविहीन पंचायतों में दुकान आवंटित कर प्रारंभ करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। 05 ग्राम पंचायतों में दुकाने आवंटित कराना शेष है। उक्त 05 ग्राम पंचायतों के आवेदन अपात्र पाये गये थे। उक्त पंचायतों में दुकानें आवंटित करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग नरसिंहगढ़ के विज्ञप्ति क्रमांक 1294/खाद्य/2023 नरसिंहगढ़ दिनांक 08.06.2023 द्वारा पुन: आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। (ख) सक्षम अधिकारी द्वारा नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में दुकान आवंटित करने हेतु विज्ञप्ति क्रमांक 344 दिनांक 24.02.2022 जारी की गई। पुन: विज्ञप्ति क्रमांक 72 दिनांक 08.03.2022 को जारी की गई। तत्पश्चात् विज्ञप्ति क्रमांक 2652 दिनांक 31.12.2022 एवं विज्ञप्ति क्रमांक 18 दिनांक 06.02.2023 जारी की गई। उपरोक्त सभी विज्ञप्तियों में कुल 11 दुकानें आवंटित हुई हैं। शेष 05 दुकानविहीन पंचायतों हेतु विज्ञप्ति क्रमांक 1294/खाद्य/2023 नरसिंहगढ़, दिनांक 08.06.2023 को जारी की गई है। विलंब के लिए कोई दोषी नहीं है। (ग) पात्र आवेदन प्राप्त होने पर शेष 05 दुकानविहीन पंचायतों में नियमानुसार दुकानें आवंटित की जायेंगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संबल कार्डधारियों की संख्या
[श्रम]
68. ( क्र. 998 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर में संबल कार्डधारियों की संख्या कितनी है? जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या वर्ष 2021-22, 2022-23 में कितने संबल कार्डधारियों की मृत्यु हुई है? जानकारी प्रदान करें। (ग) कितने मृत पात्र हितग्राहियों की अन्त्येष्टि सहायक एवं अनुग्रह राशि का भुगतान कर दिया गया है, कितने हितग्राहियों का भुगतान शेष बचा है शेष बचे हितग्राहियों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत 1,46,231 श्रमिक पंजीकृत है। (ख) वर्ष 2021-22 में 1323 एवं वर्ष 2022-23 में कुल 872 संबल कार्ड धारियों की मृत्यु हुयी है। (ग) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर में संबल योजना अंतर्गत प्रारंभ से कुल 7573 हितग्राहियों को अन्त्येष्टि सहायता का भुगतान किया गया है एवं 2745 हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। 719 हितग्राही भुगतान हेतु शेष है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान बजट उपलब्धता सुनिश्चित होने पर किया जाता है।
सड़क का निर्माण
[वन]
69. ( क्र. 1000 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग नरसिंहपुर द्वारा वन विभाग से दिलहेरी ग्वारी बरखवा 3.50 कि.मी. सड़के निर्माण के लिये आवेदन के माध्यम से अनुमति मांगी है यदि हाँ तो जानकारी प्रदान करें? (ख) यदि नहीं, तो कब तक वन विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिये अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या सड़क निर्माण के लिये टेन्डर हो गये है यदि हाँ तो किस ठेकेदार या कंपनी को दिये गये है यदि नहीं, तो कब तक टेन्डर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। लोक निर्माण विभाग द्वारा पत्र दिनांक 09.01.2023 के माध्यम से अनुमति का अनुरोध किया गया है। (ख) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के महम वनभूमि के गैर वानिकी उपयोग के लिये अनुमति हेतु ऑनलाईन आवेदन आवेदक संस्था को करना होता है। आवेदक संस्था ने अभी तक ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत ही नियमानुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खरमोर अभयारण की जमीन की बिक्री के लिए छूट
[वन]
70. ( क्र. 1003 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 557 दिनांक 2 मार्च, 2023 के संदर्भ में बताया कि खरमोर अभयारण के पुनर्गठन कर, 13 गांव को इससे बाहर करने का प्रस्ताव भारत सरकार को कब भेजा गया था, उसका क्या जवाब प्राप्त हुआ? यदि नहीं, हुआ तो उसके लिए रिमाइंडर कब भेजा गया? यदि नहीं, भेजा गया तो क्यों? (ख) पिछले 7 साल में सरदारपुर और सैलाना खरमोर अभयारण में कितने खरमोर पक्षी आए? वर्षवार संख्या बताएं। (ग) प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉक्टर सलीम अली के 40 साल पुराना परामर्श प्रस्ताव का वर्तमान परिवेश में विश्लेषण कर खरमोर अभयारण को पूर्णत: समाप्त किया जाएगा। (घ) खरमोर अभयारण की जमीन को क्या बिक्री के लिए छूट दे दी गई है, यदि हाँ तो उसकी प्रति देवें, यदि नहीं, इसका कारण बताएं।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खरमोर अभयारण सरदारपुर, जिला धार के पुनर्गठन का राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड द्वारा गठित समिति के मार्गदर्शन अनुसार पुनरीक्षित प्रस्ताव, भारत सरकार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक-8692, दिनांक 01.12.2022 से राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की अनुशंसा हेतु भेजा गया था। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (वन्यप्राणी डिविजन), नई दिल्ली के पत्र क्रमांक-एफ. नं. 6-125/2021 WL, दिनांक 19.05.2023 अनुसार विगत राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टेंडिंग कमेटी की 72वीं बैठक दिनांक 25.04.2023 में उक्त प्रस्ताव को पुन: परीक्षण उपरांत आगामी बैठक में रखे जाने बावत् निर्णय की सूचना दी गई है। इसलिए स्मरण पत्र नहीं भेजा गया है। भारत सरकार के पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होने के उपरांत ही नियमानुसार कार्यवाही संभव है।
डायवर्सन आदेश की शर्तों का उल्लंघन
[राजस्व]
71. ( क्र. 1008 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि वर्ष 2017 तक में अस्तित्व में रही म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 159 (6) (डडड) के अनुसार डायवर्सन आदेश में उल्लेखित शर्तों का उल्लंघन प्रमाणित हो जाने से क्या डायवर्सन आदेश स्वतः निरस्त हो जाता है जैसा कि डायवर्सन आदेश में लिखा जाता है? (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 5775 बड़वानी दिनांक 21 जुलाई, 22 के विषय अंतर्गत संदर्भित समस्त पत्र की प्रति देवें एवं पत्र में उल्लेखित तथ्यों को देखकर बतावें कि क्या डायवर्सन आदेश निरस्त हो चुका है या नहीं? (ग) विधानसभा प्र.क्र. 2641 दिनांक 17.3.22 के विषय प्रमुख सचिव राजस्व के निर्देशों का उल्लंघन के उत्तर में प्रतिवेदित है, की शिकायत प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्र. 8667 बड़वानी दिनांक 17 नवंबर, 22 के विषय में संदर्भित समस्त पत्रों के प्रति देवें एवं उक्त पत्रों पर कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम बतावें एवं अब तक की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रमुख सचिव के अभिमत सहित देवें। (घ) विधानसभा प्रश्न क्र. 2935 दिनांक 17.3.22 के विषय रिकॉर्ड दुरस्त करने के संबंध में अवगत कराया गया है कि तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में जिला कलेक्टर का जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2017 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 159 (6) (डडड) नहीं रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी पत्र क्रमांक 6621/स्था/2022 दिनांक 23/08/2022 के अनुसार प्रभारी तहसीलदार राजपुर के खिलाफ विभागीय जांच किया जाना प्रस्तावित किया गया एवं कार्यालय आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर के पत्र क्रमांक 188/2-स्था/2023 इन्दौर दिनांक-20/03/2023 द्वारा विभागीय जांच संस्थित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' में है।
जमीनों की अदला-बदली
[राजस्व]
72. ( क्र. 1009 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में पिछले वर्षों में जिन 10-15 जमीनों की अदला बदली शासन/कलेक्टर के आदेश से की गई उन जमीनों के सर्वे नंबर, रकबा, गांव का नाम, जमीन का प्रकार, कलेक्टर गाईड-लाईन अनुसार मूल्य, व्यक्ति का नाम सहित सूची देवें तथा आज दिनांक को अदला बदली हुई दोनों जमीनों की खाते की नकल की प्रति देवें। (ख) रतलाम जिले में पिछले वर्षों में जिन 10-15 जमीनों को अहस्तांतरणीय से हस्तांतरण किया गया उसके आदेश की प्रति देवें। (ग) रतलाम जिले में पिछले 20 वर्षों में जिन शासकीय जमीनों को निजी नाम पर दर्ज किया गया उस संबंध में न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश जिसके आधार पर नामांतरण किया गया उस आदेश के प्रति देवें। क्या वह जमीन 1956-57 के बंदोबस्त में अहस्तांतरणीय तथा गैर कृषि कार्य के रूप में शासन के नाम दर्ज थी? (घ) वर्ष 1956-57 के बंदोबस्त में उन जमीनों की सूची देवें जो तत्कालीन महाराजा द्वारा 99 वर्ष की लीज पर गैर कृषि कार्य के लिए दी गई थी, उन जमीनों की लीज अवधि किस दिनांक को समाप्त हो गई या होने वाली है तथा 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में शासकीय रिकॉर्ड में वह जमीन किसके नाम पर दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी निरंक है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) 3 आदेशों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश के प्रथम आदेश में उल्लेखित सर्वे न. 43/1131 मिन-1 रकबा 0.760 हे. वर्ष 1956-57 में उक्त भूमि शासकीय ना. काबिल कास्त में दर्ज रही। द्वितीय आदेश में उल्लेखित सर्वे न. 122 एवं सर्वे न0 123 रकबा क्रमशः 0.02 हे. एवं 1.180 हे. वर्ष 1956-57 में उक्त भूमि आर.बी. रामरतन के नाम दर्ज रही। तृतीय आदेश में उल्लेखित सर्वे न. 140 रकबा 0.200 हे. एवं सर्वे न0 141 में से रकबा 17.5 बीघा अर्थात् 3.500 हे. वर्ष 1956-57 में उक्त भूमि मुसम्मात राजबाई बेवा श्रीनिवास महाजन पक्का कृषक के नाम पर दर्ज रही। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों के अभिलेख उपलब्ध नहीं है।
स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों का सशक्तिकरण
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 1012 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा विगत जनवरी 2019 के पश्चात प्रदेश में स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के सशक्तिकरण के लिए क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) उक्त अवधि में सरकार द्वारा कितने स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों को मान्यता प्रदान की गयी है व उक्त को कितनी वित्तीय सहायता दी गई है? संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) उपभोक्ता विवादों के समाधान में स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका व अधिकार क्या है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों को मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की जाती है। उक्त अवधि में 10 स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों को कुल राशि रू. 6,12,500/- की वित्तीय सहायता दी गई। (ग) उपभोक्ता विवादों के समाधान अंतर्गत उपभोक्ताओं को उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करने, आयोगों में शिकायत दर्ज करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करने में स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 अंतर्गत स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के अधिकारों का उल्लेख नहीं है।
प्रदेश से विलुप्त पक्षी
[वन]
74. ( क्र. 1013 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश में भूमि उपयोग तथा जलवायु परिवर्तन के कारण बड़ी संख्या में पाए जाने वाले पक्षियों की संख्या में भारी कमी हुई है व कुछ विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गए है? यदि हां, तो वह कौन-कौन से पक्षी है? विवरण देवें। (ख) क्या यह सही है कि सारस पक्षी प्रदेश में लुप्त होने के कगार पर पहुँच गया है मगर इसके संरक्षण के प्रति वन विभाग गंभीर नहीं है? यदि हां, तो प्रदेश में सारस की कुल संख्या कितनी है तथा इन आंकड़ों का विभाग के पास बतलाने का क्या आधार है? (ग) क्या वन विभाग ने प्रदेश में एक वेटलेण्ड अथॉरिटी का गठन किया है? यदि हाँ, तो उक्त समिति के गठन के बाद कितनी राशि के क्या-क्या कार्य वेटलेण्ड संरक्षण के लिये किये गये?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश में अंकित कारणों से प्रदेश में बड़ी संख्या में पाये जाने वाले पक्षियों की भारी संख्या में कमी होने के प्रमाण नहीं हैं। किंतु यह सही है कि विगत वर्षों में कुछ प्रजातियों के गिद्ध, खरमोर एवं सोन चिरैया की संख्या में कमी देखी गई है। (ख) यह सही नहीं है कि वन विभाग सारस पक्षी के संरक्षण हेतु गंभीर नहीं है। बल्कि सारस पक्षी के संरक्षण के लिये अशासकीय संस्थाओं एवं स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर वन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में ''जन समर्थन से सारस संरक्षण स्मारिका वर्ष 2012 से 2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। प्रदेश स्तर पर सारस पक्षी की गणना नहीं कराई गई है। इसलिये प्रदेश में सारस की कुल संख्या बताया जाना संभव नहीं है। कुछ वनमंडलों में अशासकीय संस्थाओं एवं स्वयं सेवकों के सहयोग से पक्षी गणना कराई गई है। इसी आधार पर स्मारिका में जानकारी दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमियों का सीमांकन
[वन]
75. ( क्र. 1016 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने वन परिक्षेत्र हैं? वन परिक्षेत्र में कितने वर्गमील वनभूमि आरक्षित अधिसूचित की गई किया गया, इन भूमियों से संबंधित धारा 4 की अधिसूचना कब जारी की गई? कब प्रकाशित की गई? (ख) विधानसभा क्षेत्र में किसानों और ग्रामीणों पर वनभूमि को लेकर कोई प्रकरण बनाए गए हैं? यदि हाँ तो कारण सहित विवरण दें। (ग) विभाग को यह वन भूमियां कब आवंटित की गई? क्या राजस्व विभाग से आवंटित की गई है? यदि हाँ तो वर्तमान में इन वन भूमियों का सीमांकन किया गया है? यदि हाँ तो कब और किनके द्वारा विवरण दें? (घ) कसरावद वन परिक्षेत्रान्तर्गत में वन विभाग अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि शासन एवं अन्य मदों में प्राप्त हुई है? मदवार, वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण वर्तमान में शेष बची राशि का मदवार विवरण दें। (ड.) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा, ग्रामीणों द्वारा और किसानों द्वारा शासकीय कार्य और निजी कार्यों को करने के लिए अनुमति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने लंबित हैं? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विवरण दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद के अंतर्गत मात्र एक वन परिक्षेत्र है। वन परिक्षेत्र में कसरावद में 47.880 वर्गमील (12400.99 हेक्टेयर) भूमि अधिसूचना क्रमांक-1623/x-F/114 (54) दिनांक 09.10.1954 प्रकाशन दिनांक 21.10.1954 आरक्षित वन अधिसूचित है। आरक्षित वनभूमियों से संबंधित धारा 4 में कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ख) कसरावद परिक्षेत्र में अवैध अतिक्रमण होने के कारण वन अपराध प्रकरण दर्ज किये गये है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) मध्यभारत वन तथा आदिम जाति कल्याण विभाग की अधिसूचना क्रमांक 1623/x-F/114 (54) दिनांक 09.10.1954 प्रकाशन दिनांक 21.10.1954 द्वारा आरक्षित वन घोषित है। उक्त भूमि राजस्व विभाग से आवंटित नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में स्वीकृत योजनाओं में प्रभावित वनभूमि के एवज् में राजस्व विभाग से वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु विधान सभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत भूमि आवंटित की गई है। आवंटित भूमियों का सीमांकन पूर्व से ही पटवारी, राजस्व निरीक्षण एवं तहसीलदार द्वारा किया गया है, जिनको भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वर्तमान में अनुमति हेतु कोई प्रकरण लम्बित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन सुरक्षा कर्मचारियों के लिए नियम
[वन]
76. ( क्र. 1019 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन सुरक्षा कर्मचारियों की ड्यूटी की अवधि का निर्धारण 24 घंटे किए जाने की उस संवैधानिक नियमावली, अधिसूचना या नियम बताएं, जिसमें लगातार रात-दिन कार्य कराए जाने या कर्तव्य स्थल पर उपस्थित रहने का स्पष्ट आदेश हो? (ख) क्या वन सुरक्षा कर्मचारियों को बल (Force) का दर्जा दिया गया है? यदि हाँ तो उस संवैधानिक नियमावली, अधिसूचना या नियम बताएं। इनका ड्रेस कोड निर्धारण की नियमावली क्या है? (ग) यदि वन सुरक्षा कर्मचारियों को बल (Force) का दर्जा नहीं दिया गया है तो वन सुरक्षा कर्मचारियों को अग्नेय शस्त्र चालन का अधिकार सी.आर.पी.सी. के तहत किस आधार पर दिया गया? प्रधान मुख्य वनसंरक्षक अपने पदनाम में वन बल प्रमुख किस आधार पर लिखते हैं?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मूलभूत नियम 11 सेवा के सामान्य शर्ते के अंतर्गत जब तक किसी भी मामले में इसे अन्यथा स्पष्ट रूप से प्रदान नहीं किया जाता है, एक शासकीय सेवक का सम्पूर्ण समय शासन के अधीन होता है, जो उसे भुगतान करता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग आदेश क्रमांक 25-08/2020/10-2, दिनांक 02/12/2020 से अनुमोदित फारेस्ट मैन्युअल 2018 के भाग-1 की कंडिका 7.14 में ड्रेस कोड का प्रावधान है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) वन सुरक्षा कर्मचारियों को आत्मरक्षार्थ अग्नेय शस्त्र चालन का अधिकार मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग के आदेश क्रमांक एफ-16-266/लाय/96/बी(1)दो , दिनांक 11-06-1996 द्वारा दिये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। भारत सरकार राजपत्र कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 02 जुलाई, 2015 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख का दर्जा दिया गया।
स्कन्ध की भण्डारण व्यवस्था
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1021 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्कन्ध की भण्डारण व्यवस्था के संबंध में प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 627 (अतारांकित) सत्र-फरवरी-मार्च 2023 के प्रश्नांश (क) से (ड.) की जानकारी सदन में नियत दिनांक को उपलब्ध नहीं करायी तथा तीन माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त आज दिनांक तक अप्राप्त है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? वांछित जानकारी कब तक प्राप्त हो जाएगी? उक्त प्रश्नांश अनुसार बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या विधानसभा में किसी सदस्य द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर/जानकारी सदन में नियत दिनांक को न दिये जाने की स्थिति में वांछित जानकारी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करायी जाने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की है? यदि हां, तो क्या? यदि नहीं, तो क्या इस पर सरकार द्वारा कोई नीति बनायी जाएगी तथा कब तक क्रियान्वयन किया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्न क्र. 627 (अतारांकित) सत्र फरवरी-मार्च 2023 का उत्तर दिनांक 22.06.2023 को विधानसभा को प्रेषित कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित अपूर्ण प्रश्न का उत्तर दिए जाने हेतु विधानसभा द्वारा दिनांक 22.06.2023 तक की समय-सीमा नियत की गई थी।
आरक्षित वन भूमि की रजिस्ट्री
[वन]
78. ( क्र. 1027 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षित वन भूमियों की रजिस्ट्री होने, उसके आधार पर नामांतरण किये जाने, किसानों को भूमि अधिकार पुस्तिका दिए जाने, खसरा पंजी बनाकर आरक्षित वन भूमियों भूस्वामी हक़ की भूमि दर्ज करने का क्या-क्या प्रावधान मध्य प्रदेश में प्रचलित रहा है? क्या वर्तमान में भी प्रचलित है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) इन्दौर वनमंडल के 04 वन ग्राम एवं बड़वाह वनमंडल के 09 वनग्राम की किस-किस वर्ष की मिसल बंदोबस्त, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी राजस्व विभाग के पास उपलब्ध है, किस ग्राम की किस दिनांक तक कितनी निजी भूमियों की रजिस्ट्रियां शासकीय मुद्रांक शुल्क अभिलेखागार में उपलब्ध है, कितने किसानो को कितनी भू अधिकार पुस्तिका राजस्व विभाग ने वितरित की है, कितनी भूमि राजस्व विभाग भूस्वामी के हक़ में दर्ज करता है? (ग) आरक्षित वन भूमियों को वर्ष 2022-23 तक भूस्वामी हक़ की भूमि दर्ज करने उनकी रजिस्ट्रीया होने, नामांतरण होने से संबंधित आपराधिक कृत्य की वन विभाग ने किस दिनांक को किस-किस के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई? यदि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई हो तो कारण बतावें? (घ) वर्ष 1928-29 से 2022-23 तक आरक्षित वन भूमियों की निजी भूमि बताकर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों में से वर्तमान में भी कार्यरत अधिकारियों के विरुद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जावेगी समय एवं तिथि बतावें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आरक्षित वनभूमियों के क्रय-विक्रय का कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) वनमण्डल बड़वाह अंतर्गत आरक्षित वनभूमि पर रजिस्ट्री कर, अवैध कब्जेधारियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण दर्ज किया जाकर बदेखली की कार्यवाही की गई है। वनमण्डलाधिकारी इंदौर द्वारा कलेक्टर भू-अभिलेख जिला इंदौर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महू व इंदौर एवं तहसीलदार इंदौर व महू को वनग्रामों के पट्टेधारियों की भूमि का अवैध क्रय-विक्रय रोके जाने एवं संज्ञान में आने पर उसे अमान्य किये जाने का लेख किया गया है। (घ) वन मुख्यालय द्वारा समस्त आयुक्त राजस्व एवं महानिरीक्षक पंजीयक एवं अधीक्षक मुद्रांक को वनग्रामों की आरक्षित/संरक्षित वन भूमियों के क्रय-विक्रय विधिसंगत नहीं होने एवं वनभूमि के नामांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के संबंध में लेख किया गया है। अतः एफ.आई.आर. किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आयोजन में लगे वाहनों की जानकारी
[परिवहन]
79. ( क्र. 1030 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत अप्रैल 2020 से 15 जून, 2023 तक किस सरकारी आयोजन के लिए कलेक्टर या अन्य अधिकारी के निर्देश पर किस-किस प्रकार के कितने-कितने वाहन हितग्राही को लाने के लिये अनुबंधित किए गए? वाहन की संख्या, कार्यक्रम अनुसार बताएं। अधिकारी या कलेक्टर द्वारा वाहन के लिये प्राप्त पत्र की प्रति तथा अनुबंधित वाहन की सूची सहित भेजे गए पत्र की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुबंधित वाहन का भुगतान किस विभाग के बजट के किस योजना मद से किया गया? भुगतान की प्रक्रिया विभाग द्वारा की गयी या कलेक्टर कार्यालय द्वारा की गयी। (ग) उक्त संभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए किस-किस दिनांक के किस जिले के आयोजन के लिये कितने-कितने वाहन अनुबंधित किए गए तथा कुल मिलाकर सभी वाहनों का कितना-कितना भुगतान देय था, कितना दे दिया गया, कितना शेष है? (घ) उक्त संभाग अंतर्गत शासकीय आयोजनों के लिए हितग्राहियों को लाने के लिए अप्रैल 2020 से 15 जून, 2023 तक कुल मिलाकर किस-किस प्रकार के कितने वाहन अनुबंध किए गए और उन्हें कुल मिलाकर कितना भुगतान दिया जाना था? कितना भुगतान कर दिया गया कितना शेष है? (ङ) शासकीय आयोजनों में हितग्राहियों की उपस्थिति के लिए शासकीय स्तर पर वाहनों की व्यवस्था किस नियम से की जाती है? उसकी प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बर्फ कारखाने की जमीन निजी नाम पर की जाना
[राजस्व]
80. ( क्र. 1031 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 691 दिनांक 2/3/2023 के संदर्भ में बतावें कि उच्चतम न्यायालय में अपील हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग को प्रकरण किस दिनांक को भेजा गया था? उसकी प्रति देवें। क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 22/8/2016 के बाद इसे राय हेतु भेजा गया था, या इसके पहले भेजा गया था, यदि पहले भेजा गया था, तो बाद में इसे क्यों नहीं भेजा गया? (ख) 300 करोड़ मूल्य की इस शासकीय जमीन पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा विलंब को लेकर जो आदेश पारित किया तथा ₹50000 की कास्ट लगाई, उसके लिए कौन जिम्मेदार है, यह पैसा किस खाते में से जमा किया गया, जमा की रसीद की प्रति दें तथा यह किस से वसूल किया जाएगा? (ग) क्या शासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर पिटिशन में विलंब का कोई उचित कारण नहीं लिखा था? दायर पिटीशन की प्रति देवें। (घ) ₹300 करोड़ की जमीन पर विलंब पर हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर रिव्यू पिटीशन क्यों नहीं लगाई गई? क्या रिव्यू पिटिशन लगाई जाएगी यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या यह सही है कि प्रकरण में 100 करोड़ के लेनदेन का खेल हुआ है? जानबूझकर उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में शासन का पक्ष कमजोर कर जमीन निजी नाम पर करने के षड्यंत्र की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नागत प्रकरण में माननीय न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग भोपाल में दिनांक 13.04.2015 को प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 22.08.2016 के पूर्व ही उक्त प्रस्ताव विधि विधायी कार्य विभाग भोपाल को भेजा गया। (ख) न्यायालयीन निर्णयों के संदर्भ में गुणदोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाती है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) शासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर पिटीशन में विलंब का उचित कारण दर्शाया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार। (घ) न्यायालयीन निर्णयो के संदर्भ में गुणदोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाती है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि का डायवर्सन
[राजस्व]
81. ( क्र. 1032 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विविद याचिका WP 202/1995 श्री गोधवर्मन विरुद्ध भारत सरकार के आदेश दिनांक 12/12/1996 के एवं राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 16-10-सात/2-ए/90 दिनांक 13 जनवरी, 1997 के पालन में भोपाल जिले में वर्ष 1997 से 2003 के बीच कौन-कौन सी भूमि वन के रूप में चिन्हित की गई थी? ग्रामवार, खसरेवार, रकबा सहित बताएं? (ख) इनमें से कितने भूमि मालिक ने वन अधिनियम 1980 के तहत डायवर्सन कराया है? क्या वर्तमान के राजस्व खसरे में इन चिन्हित भूमि पर जंगल दर्ज है यदि दर्ज है तो उनके खसरे नंबर बताएं और दर्ज नहीं है तो कारण बताएं, कब तक दर्ज किया जाएगा यह भी बताएं? (ग) किन-किन खसरों में बिना वन अधिनियम के अनुमति निर्माण किए जा चुके है? उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विविद याचिका WP-202/1995 श्री गोधवर्मन विरूद्ध भारत सरकार के आदेश दिनांक 12.12.1996 के एवं राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 16-10-सात/2-ए/90 दिनांक 13 जनवरी, 1997 पालन में वर्ष भोपाल वन मण्डल के अंतर्गत भोपाल जिले में वर्ष 1997 से 2003 के बीच किसी भी राजस्व भूमि को वन के रूप में चिन्हित नहीं किया गया। (ख) उत्तरांश "क" के क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वनमण्डलाधिकारी सामान्य वन मंडल से प्राप्त जानकारी अनुरूप जिला भोपाल में किसी भी खसरे में बिना वन अधिनियम के अनुमति निर्माण संबंधी कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
व्यपवर्तन हेतु दस्तावेज
[राजस्व]
82. ( क्र. 1033 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के अनुसार भूमि डायवर्सन धारा 172 विलोपित होने के बाद किन नियमों में किया जाता है? व्यपवर्तन हेतु किन दस्तावेजों की आवश्यकता है? सूची दें। (ख) जहाँ नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा जारी विकास योजना लागू है वहाँ व्यपवर्तन हेतु विकास योजना में चिन्हित भूमि उपयोग के विपरीत/भिन्न उपयोग हेतु व्यपवर्तन किया जा सकता है? अगर हाँ तो भोपाल में किन भूमियों का व्यपवर्तन भोपाल विकास योजना 2005 में निर्धारित भूमि उपयोग से भिन्न उपयोग हेतु किया गया है ग्रामवार, खसरेवार जानकारी दें अगर नहीं तो ऑनलाइन पोर्टल पर भूमि उपयोग प्रमाण पत्र को अनिवार्य क्यों नहीं किया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 (यथा संशोधित वर्ष 2018) की धारा 59 के तहत जारी व्यपवर्तन नियमों के अनुसार किया जाता है। विभाग द्वारा व्यपवर्तन हेतु निर्धारित भूलेख पोर्टल है। पोर्टल से आवेदन हेतु किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है। (ख) जी नहीं। भूमि उपयोग प्रमाण-पत्र को अनिवार्य किये जाने के संबंध में परीक्षण उपरांत विधिवत कार्यवाही की जावेगी।
लिफ्ट द्वारा सिंचाई हेतु प्रोजेक्ट
[जल संसाधन]
83. ( क्र. 1035 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र डबरा जिला ग्वालियर अंतर्गत ग्राम बारकरी स्थित सिंध नदी से पिछोर-बिलौआ क्षेत्र में लिफ्ट द्वारा किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु कुल कितनी राशि का प्रोजेक्ट है? ग्राम बारकरी स्थित सिंध नदी का पानी एकत्रित करने हेतु किस फर्म/कंपनी/ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया जा रहा है? संबंधित फर्म को अभी तक कितना भुगतान किया गया? जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र डबरा जिला ग्वालियर अंतर्गत पिछोर-बिलौआ क्षेत्र में सिंचाई हेतु किस फर्म/कंपनी के कितने फीट के पाइप प्राक्कलन अनुसार कितने किलोमीटर डाले जाना है? वर्ष 2021-22 में किसानों की रबी की फसलें खोदकर खेतों में किस फर्म/कंपनी के किस बेस के पाइप की लाईन कितने किलोमीटर डाली गयी? पूर्व में डाली गयी लाइन को वर्ष 2022-23 में पुनः किसानों की फसल खोदकर छोटे पाइप निकलकर इसी स्थान पर बड़े पाइप किस फर्म/कंपनी के कितने बेस के पाइप अभी तक कितने किलोमीटर डाले गए? वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2021-22 में बिछाई पाइप लाईन एवं 2022-23 में पुनः बिछाई गई पाइप लाईन पर वर्षवार प्रश्न दिनांक तक किस फर्म/ठेकेदार को कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई परियोजनाओं में गुणवत्ताविहीन कार्य
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 1039 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला में स्थित जल संसाधन सम्भाग क्र.-1 में निर्मित/निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं में अधिकतर निर्माण कार्य विभाग द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के न होने, निर्माण कार्य में प्रयोग की जाने वाली सामग्री अमानक स्तर की होने और भी अन्य त्रुटियों एवं निर्माण स्थल में मजदूरों को मिलने वाली सुविधा के अभाव के संबंध में भा.म. संघ सिवनी द्वारा लिखित शिकायत की गईं हैं? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उपरोक्त सिंचाई परियोजना के निर्माण में तकनीकी त्रुटियों के लिए संबंधित कार्यपालन यंत्री जिम्मेदार है? यदि हाँ तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या सिवनी जिले की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के कार्य स्थल में भू-अर्जन प्रकरणों व वन प्रकरणों के निराकरण समयावधि में न होने के कारण परियोजनाएं समय पर प्रारम्भ/पूर्ण नहीं हो रही हैं? क्या इसके लिए संबंधित प्रभारी कार्यपालन यंत्री जिम्मेदार हैं? यदि हाँ तो इनके स्थान पर शासकीय कार्य को समय पर पूर्ण करने वाले अधिकारी की नियुक्ति की जावेगी? (ग) क्या श्री ए.के. भलावी सहायक यंत्री मंडल छिंदवाड़ा की पेंच नहर सम्भाग छिंदवाड़ा-सिवनी में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद में पदस्थापना कार्यकाल में पेंच नहर व अन्य निर्माण कार्यों में की गई वृहद स्तर में अनियमितता के सम्बंध में भा.म. संघ सिवनी द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हॉं, भारतीय मजदूर संघ जिला-सिवनी के अध्यक्ष श्री प्रदीप पटेल द्वारा दिनांक 09.06.2023 को प्रश्नांश में अंकित शिकायत की गई थी। उक्त शिकायत की जाँच शिकायतकर्ता श्री प्रदीप पटेल, अध्यक्ष भा.म. संघ, जिला-सिवनी की उपस्थिति में कराई गई, जिसमें शिकायत सही नहीं पाई गई। शिकायतकर्ता द्वारा जाँच से संतुष्ट होने के संबंध में विभाग को पत्र लिखा जाना प्रतिवेदित है। उक्त शिकायत की जाँच में कार्यपालन यंत्री को दोषी नहीं पाए जाने के कारण उनके विरूद्व कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (ख) सिवनी जिले की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों में भू-अर्जन की कार्यवाही के समय में पूर्ण नहीं होने एवं वन विभाग द्वारा वनभूमि का समय पर हस्तांतरण नहीं होने के कारण परियोजना प्रारंभ/पूर्ण करने में विलंब हुआ है। जो विभिन्न स्तर पर शासकीय विभागों में कार्यवाही लंबित होने के कारण विलंबित हुआ है। कार्यपालन यंत्री द्वारा भू-अर्जन प्रकरण एवं वन प्रकरण समयावधि में संबंधित कार्यालयों को प्रस्तुत करने के कारण विलंब हेतु कार्यपालन यंत्री का जिम्मेदार नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: इनके स्थान पर किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति की स्थिति नहीं है। (ग) जी हॉं, भारतीय मजदूर संघ जिला-सिवनी के अध्यक्ष श्री प्रदीप पटेल द्वारा दिनांक 09.06.2023 को प्रश्नांश में अंकित शिकायत की गई है। शिकायत की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
खराडी की नहरों की लाइनिंग
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 1042 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा 20 मार्च, 2023 को विधानसभा मुख्यालय लांजी में विषयांकित कार्य कराये जाने की घोषणा की गयी है? (ख) माननीय मंत्री जल संसाधन म.प्र. शासन के माननीय उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र शासन को अन्तर्राज्यीय बाघ परियोजना की मुख्य नहरों की लाइनिंग को 75 प्रतिशत राशि महाराष्ट्र शासन द्वारा स्वीकृत करने हेतु पत्र क्रमांक 212//मंत्री/जं.सं./मतस्य/2022 दिनांक 01.02.2023 द्वारा पत्र लिखने के बावजूद आज दिनांक तक दोनों राज्यों के सचिव स्तर की बैठक आयोजित नहीं की गयी? (ग) खराडी जलाशय की आर.बी.सी. की लाइनिंग का कार्य बार-बार कम्प्लायंस के बावजूद स्वीकृत न होने के कारणों को स्पष्ट करते हुए इसे कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हॉं, मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा 20 मार्च, 2023 को विधानसभा मुख्यालय लॉंजी में बाघ परियोजना की मुख्य नहर एवं खराड़ी जलाशय की नहरों की लाइनिंग कराए जाने की घोषणा की गई है। (ख) अंतर्राज्यीय बाघ परियोजना की मुख्य नहर की लाइनिंग का प्रस्ताव वर्तमान में सिंचाई विभाग, महाराष्ट्र शासन के मुख्य अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होना तथा महाराष्ट्र शासन की सहमति के उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही किया जाना प्रतिवेदित है। बाघ परियोजना की मुख्य नहर की लाइनिंग की राशि संबंधी निर्णय महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश अंतर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल की बैठक में लिया जा सकेगा इस हेतु सचिव स्तर की बैठक की आवश्यकता नहीं है। (ग) खराड़ी जलाशय की नहरों की लाइनिंग कार्य के प्राक्कलन में मुख्य अभियंता बोधी द्वारा लगाई गई आपत्तियों के निराकरण पश्चात मुख्य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी द्वारा दिनांक 30.05.2023 को प्राक्कलन पुन: मुख्य अभियंता बोधी को प्रेषित किया जाना एवं प्राक्कलन मुख्य अभियंता बोधी स्तर पर परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। प्रश्नांकित प्राक्कलन शासन स्तर पर प्राप्त नहीं होने के कारण स्वीकृति की स्थिति नहीं है।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
86. ( क्र. 1043 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.बी. 6 (4) के तहत स्वीकृत बालाघाट जिले के ऐसे कितने प्रकरण है जिनको अब तक बजट आवंटित नहीं किया गया है? तहसील अनुसार प्रकरणों सहित जानकारी दें। (ख) बालाघाट जिले में कोविड से मृत्यु पर परिवार को दी जाने वाली सहायता के कुल कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये है तथा स्वीकृत प्रकरणों के लिए बजट कब तक आवंटित कर दिया जायेगा? (ग) क्या सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी में मरने वालो के आश्रितों का बिना कोविड से मरने के सर्टिफिकेट के भी राज्य के राहत कोष से 50-50 हजार रूपये दिये जाने संबंधी कोई आदेश दिया गया था? क्या जिला कमेटी के समक्ष पीड़ितों के आवेदनों की जांच करने के निर्देश दिये गये थे? प्रदेश के विभिन्न जिलो में इस पर की गयी कार्यवाही की जानकारी जिले अनुसार दें? सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में कोविड से मृत्यु पर परिवार को दी जाने वाली सहायता के कुल 877 प्रकरण स्वीकृत हुए है। उक्त राहत राशि केन्द्रीयकृत आहरण व्यवस्था (Global) अंतर्गत है। अत: पृथक से आवंटन देने की आवश्यकता नहीं है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में भारत सरकार गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन) के ज्ञाप क्र. 33-04-2020-NDM-I दिनांक 25.09.2021 तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 03 सितम्बर, 2021 में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु को परिभाषित किया गया है। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग का परिपत्र क्रमांक 943 दिनांक 18/11/2021 द्वारा कोविड मृत्यु पर 50 हजार अनुग्रह सहायता राशि हेतु विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। जिसकी कण्डिका 2 (V) में जिला कमेटी का उल्लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जिलों द्वारा की गई कार्यवाही की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
कन्हान नदी प्रोजेक्ट की स्वीकृत एवं व्यय राशि
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 1046 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कन्हान नदी बजट की स्वीकृति, राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी आज दिनांक तक की देने का कष्ट करेंगें? (ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में इस प्रोजेक्ट में कुल कितनी संरचनाएं पर कितनी लागत पर बनना प्रस्तावित है तथा उन संरचनाओं पर आज दिनांक तक कितना व्यय हो चुका है? (ग) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में इस प्रोजेक्ट से निर्मित होने वाली संरचनाओं से कितने किसानों को लाभ होगा एवं कितना रकबा सिंचित होगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट से निर्मित होने वाली संरचनाएं का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि शासन से दिनांक 02.03.2019 को राशि रू. 5470.95 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त एवं कन्हान नदी पर प्रस्तावित छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना के अंतर्गत निर्मित की जाने वाली 04 संरचनाओं में से विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में प्रस्तावित 01 संरचना (संगम-1 जलाशय) हेतु पृथक से बजट आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है अपितु संपूर्ण छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना हेतु बजट आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना हेतु स्वीकृत बजट, प्राप्त राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना की राशि रू. 2873.00 लाख की कुल 01 संरचना, संगम-1 जलाशय का निर्माण प्रस्तावित है। संगम-1 जलाशय के निर्माण पर आज दिनांक तक कोई राशि व्यय नहीं की गई। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
वनक्षेत्रपालों की वरियता निर्धारण
[वन]
88. ( क्र. 1047 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्ष 1998 में वरियता निर्धारण हेतु लोक सेवा आयोग की चयन सूची से वरियता निर्धारण हेतु आदेश जारी किया गया था? (ख) क्या यह सही है कि इस नियम 1961 के संशोधित नियम 12 के अनुसार आदेश क्रमांक 495 दिनांक 19.04.2002 से वनक्षेत्रपालों की वरियता सूची में सुधार किया गया है? (ग) वर्ष 1979 में चयनित दो वर्षीय प्रशिक्षण में विलंब से बालाघाट भेजे गये सामान्य श्रेणी के क्रमांक 45 से 64 तक के वनक्षेत्रपालों में वर्ष 2007 की वरियता सूची में क्रमांक 184, 185, 186 को वर्ष 2008 की पदोन्नति की बैठक में किस आधार पर बाहर रखा गया। कारण बताने का कष्ट करें? (घ) वनक्षेत्रपालों की वरियता सूची वर्ष 1961 के संशोधित नियम 12 के अनुसार तैयार नहीं करने से वर्ष 1979 के तीन वनक्षेत्रपाल वरिष्ठ वेतनमान से 6 वर्ष की अवधि पूर्ण न होने से प्रथम श्रेणी के पद धारण से वंचित रह गये। क्या नियमों का पालन कर वरियता सूची में सुधार कर पदोन्नति के आदेश जारी करने पर विचार करेगें?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2008 में वनक्षेत्रपाल पद से सहायक वन संरक्षक पद पर पदोन्नति की बैठक वर्ष 2007 की वरीयता सूची के आधार पर सम्पन्न की गई तथा तत्समय रिक्त पद संख्या के दृष्टिगत वरीयता क्रमांक 183 तक दर्शित सामान्य वर्ग के वनक्षेत्रपालों को ही विचार क्षेत्र में लिया गया। वरीयता सूची के अनुक्रमांक 184, 185, 186 में दर्शित वनक्षेत्रपालों को विचार क्षेत्र में नहीं लिया गया। (घ) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम 12 में दिनांक 02.04.98 में किया गया संशोधन जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होने से पुराने प्रकरणों में लागू नहीं किया जा सकता। वर्ष 1979 में चयनित वनक्षेत्रपालों की वरीयता तत्समय प्रचलित नियम/निर्देशों के अनुरूप निर्धारित की गई थी। दिनांक 02.04.98 को किये गये संशोधन के आधार पर इनकी वरीयता सूची में सुधार किया जाना नियमानुसार नहीं होने से वरीयता सूची में सुधार कर पदोन्नति पर विचार किया जाना संभव नहीं है।
राजस्व न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण
[राजस्व]
89. ( क्र. 1048 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में राजस्व न्यायालय में नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कितने प्रकरण विचाराधीन है? प्रकरण क्रमांक सहित विस्तृत सूची उपलब्ध करवायें। (ख) उक्त प्रकरणों में कितने प्रकरण विवादित है एवं कब से है, कारण सहित जानकारी दें एवं कितने प्रकरण अविवादित है उनके निराकरण अभी तक नहीं होने का क्या कारण है? (ग) सीमांकन के कितने प्रकरण है? सीमांकन प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में राजस्व न्यायालय में नामांतरण के 4529, बंटवारा के 793, सीमांकन के 1814 प्रकरण विचाराधीन है, प्रकरण क्रमांक सहित विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवादित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
मद |
लंबित प्रकरणों की संख्या |
अवधि |
योग |
||
|
|
|
03 माह से 06 तक लंबित |
03 महा से 06 तक लंबित |
06 महा से 01 वर्ष तक लंबित |
|
1 |
नामांतरण |
201 |
39 |
152 |
10 |
201 |
2 |
बंटवारा |
57 |
0 |
51 |
6 |
57 |
3 |
सीमांकन |
01 |
0 |
01 |
0 |
01 |
योग- |
|
259 |
39 |
204 |
16 |
259 |
उक्त विवादित प्रकरणों में पक्षकार एवं विपक्षी द्वारा आपत्तियां प्रस्तुत करने के कारण निराकरण लंबित है। अविवादित प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
मद |
लंबित प्रकरणों की संख्या |
1 |
नामांतरण |
4328 |
2 |
बंटवारा |
736 |
3 |
सीमांकन |
1813 |
योग- |
6877 |
उक्त प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से कराया जावेगा। (ग) मंदसौर जिले में सीमांकन के 1814 प्रकरण है जिनका शीघ्र निराकरण किया जावेगा।
राजस्व नक्शा उपलब्ध कराये जाना
[राजस्व]
90. ( क्र. 1052 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा तहसील बसोदा ग्राम गमाखर का राजस्व नक्शा जिला एवं तहसील प्रशासन के पास उपलब्ध है, यदि हाँ तो प्रस्तुत करें? यदि उपरोक्त नक्शा उपलब्ध नहीं है तो शासन उपलब्ध कराने के लिये क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है? नक्शा उपलब्ध नहीं है तो इसका क्या कारण है? (ख) जिला विदिशा अंतर्गत तहसील-बासोदा, त्योंदा एवं ग्यारसपुर में ऐसे कितने मजरा-टोला हैं जो किसी भी राजस्व ग्राम में शामिल नहीं है, उनके नाम तहसीलवार पृथक-पृथक बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित इन मजरा एवं टोलों को राजस्व ग्राम में शामिल किया जावेगा जिससे इन मजरा टोलों में शासन द्वारा संचालित विभिन्न निर्माण एवं विकास योजनाओं के द्वारा कार्य कराये जा सकें यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा तहसील बसोदा ग्राम गमाखर का वर्ष 1947-48 संवत 2004 का संदर्भ नक्शा अति जीर्ण-शीर्ण स्थिति में उपलब्ध है तथा इस ग्राम की वेक्टर (डिजिटल) शीट एवं एरियल सर्वे द्वारा परिष्कृत की हुई 10 शीटें उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर दल गठित किया जाकर ग्राम गमाखर के नक्शे को पुनः निर्माण करने हेतु आदेशित किया गया है। (ख) जिला विदिशा अंतर्गत तहसील-बासोदा, त्योंदा एवं ग्यारसपुर में ऐसा कोई भी मजरा-टोला नहीं है जो कि राजस्व ग्राम में शामिल नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के तारतम्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
हैदरगढ़-ग्यारसपुर में सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 1053 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अर्न्तगत विकासखण्ड ग्यारसपुर में कुल कितने बांध एवं तालाबों से सिंचाई हो रही है ग्राम सहित बतावें एवं विभाग द्वारा हैदरगढ़-ग्यारसपुर क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई हेतु नवीन योजना पर कार्य किया जा रहा है, हाँ तो किस क्षेत्र में नहीं तो क्यों? (ख) क्या विभाग द्वारा इस क्षेत्र में सिंचाई परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है, किया गया है तो किन कारणों से लंबित है? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जिला विदिशा अंतर्गत विकाखण्ड ग्यारसपुर में निर्मित 01 लघु बांध ''पुराघटेरा'' से 05 ग्रामों में सिंचाई की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हैदरगढ़-ग्यारसपुर क्षेत्र में सिंचाई हेतु दरगवां जलाशय परियोजना निर्माणाधीन होना तथा दरगवां जलाशय परियोजना के अतिरिक्त अन्य कोई परियोजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेवेन्यू बोर्ड के निर्णय की अवहेलना पर कार्यवाही
[राजस्व]
92. ( क्र. 1064 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत अनूपपुर पटवारी हल्का आराजी खसरा नं. 1082/1 में कलेक्टर न्यायालय अनूपपुर के निर्णय तथा राजस्व मंडल ग्वालियर में अपील उपरांत कलेक्टर का निर्णय यथावत रखने के बावजूद नक्शा तरमीम न कराने के लिए उत्तर दिनांक तक कौन-कौन दोषी है? उनके नाम, पद तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कलेक्टर के पत्र क्रमांक 3670/ रीडर कले./विविध/22 दिनांक 10-08-2022 अपर कलेक्टर ने पत्र क्र. 3830 दिनांक 25-08-22 तथा डिप्टी कलेक्टर के पृ. क्रमांक/पत्र 70/राज/शिका./अनु./22/4802 दिनांक 23-11-2022 पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में राजस्व विभाग का पटवारी अपनी पत्नी की भूमि का नक्शा तरमीम कराने का दोषी पाया गया है? यदि हां, तो इस पर कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई? (घ) कब तक उपरोक्त कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत ग्राम अनूपपुर पटवारी हल्का अनूपपुर की आराजी खसरा नं. 1082/1 का नक्शा तरमीम राजस्व प्रकरण क्र. 07/अ-3/2013-14 आदेश दिनांक 08/01/2014 के द्वारा किया जा चुका है। शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (ख) अनूपपुर जिला अंतर्गत ग्राम अनूपपुर पटवारी हल्का अनूपपुर की आराजी खसरा नं. 1082/1 में श्रीमती बेलावती का अतिक्रमण पाये जाने पर राजस्व प्रकरण क्र. 10/अ-68/2015-16 आदेश दिनांक 01/01/2016 के द्वारा अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए 29/05/2016 को अतिक्रमण हटा दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है।
लंबित प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
93. ( क्र. 1065 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र के नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक की स्थिति में कहाँ-कहाँ लंबित हैं? संख्यावार बतावें। (ख) उपरोक्त में से किस प्रकृति के कितने प्रकरण 03 माह से अधिक समय से लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार इनका निराकरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नामांतरण, फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों की स्थिति तहसीलवार एवं संख्यावार निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
मद |
लंबित प्रकरण |
1 |
राजपुर |
नामांतरण |
166 |
फौती नामांतरण |
97 |
||
बटवारा |
134 |
||
सीमांकन |
49 |
||
2 |
अंजड |
नामांतरण |
71 |
फौती नामांतरण |
33 |
||
बटवारा |
59 |
||
सीमांकन |
32 |
||
3 |
ठीकरी |
नामांतरण |
144 |
फौती नामांतरण |
46 |
||
बटवारा |
57 |
||
सीमांकन |
08 |
(ख) 03 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
मद |
लंबित प्रकरण |
1 |
राजपुर |
नामांतरण |
01 |
बटवारा |
05 |
||
2 |
अंजड |
निरंक |
निरंक |
3 |
ठीकरी |
बटवारा |
05 |
(ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत राजपुर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में न्यायाधीन उत्तरांश (क) एवं (ख) में वर्णित प्रावधानों का विधिसम्मत प्रक्रिया उपरांत शीघ्र निराकरण किया जावेगा।
गेहूँ का परिवहन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
94. ( क्र. 1069 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दि. 01-07-2022 से 15-06-2023 तक गेहूँ का परिवहन किनके द्वारा करवाया गया? वाहन नंबर, परिवहनकर्ता का नाम सहित वर्षवार, केंद्रवार देवें। (ख) इन परिवहनकर्ताओं ने उपार्जन स्थल से भंडारण स्थल तक जो गेहूँ, पहुँचाया गया उसकी मात्रा, दूरी की जानकारी प्रति वाहनानुसार देवें? (ग) इसके लिए परिवहनकर्ता को कितना भुगतान किया गया है? परिवहनकर्ता नाम, राशि, दर सहित आवागमन की जानकारी के साथ देवें? इनका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक नाम, T.D.S. कटौत्री सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01-07-2022 से 15-06-2023 तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं का परिवहन मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा नियुक्त परिवहनकर्ताओं के माध्यम से कराया गया है। परिवहनकर्ता का नाम, उपार्जन केन्द्र, वर्ष एवं वाहन नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से 40999.375 मे.टन गेहूं उपार्जन केन्द्र से रेल हेड तक परिवहन किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के परिवहनकर्ताओं द्वारा उपार्जन केन्द्र से भंडारण स्थल तक परिवहन की गई गेहूं की मात्रा, दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के परिवहन हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा नियुक्त परिवहनकर्ता श्री महालक्ष्मी रोड लाईंस को राशि रू. 12,84,674 एचडीएफसी बैंक खाता नंबर 50200025962912 में भुगतान तदर्थ रूप से किया गया है। भुगतान की गई राशि पर नियमानुसार टीडीएस का कटौत्रा किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। परिवहन हेतु निर्धारित दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
सोयाबीन प्लांट की जानकारी
[श्रम]
95. ( क्र. 1070 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के तराना स्थित स्काईलार्क प्रोटीन प्रा.लि. में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने कर्मचारी कार्यरत है? कितने कर्मचारी ठेका पद्धति से कार्य करते है? दिनांक 01/01/2022 से दिनांक 01/06/2023 की स्थिति में जानकारी देवें। (ख) ठेका पद्धति के ठेकेदार का ESIC नंबर भी देवें? (ग) नियमित व ठेका कर्मचारियों का पी.एफ. नंबर प्रश्नांश (क) अवधि में कर्मचारी द्वारा जमा पी.एफ., नियोक्ता द्वारा जमा पी.एफ. की जानकारी माहवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) उज्जैन जिले के तराना स्थित स्काईलार्क प्रोटीन प्रा.लि. में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कंपनी के 64 कर्मचारी कार्यरत है। ठेका पद्धति से 60 ठेका श्रमिक कार्यरत है। दिनांक 01.01.2022 की स्थिति में कंपनी के 35 कर्मचारी कार्यरत थे एवं ठेका पद्धति से 45 ठेका श्रमिक कार्यरत थे। दिनांक 01.06.2023 की स्थिति में कंपनी के 64 कर्मचारी कार्यरत है एवं ठेका पद्धति से 60 ठेका श्रमिक कार्यरत थे। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जानकारी केन्द्र शासन से संबंधित होने से विधानसभा नियमावली 36 (7) के अनुसार राज्य शासन का विषय न होने से जानकारी दी जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि नियोजक से प्राप्त जानकारी अनुसार ठेका पद्धति के ठेकेदार का ESIC नंबर 18000450520000999 है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जानकारी केन्द्र शासन से संबंधित होने से विधानसभा नियमावली 36 (7) के अनुसार राज्य शासन का विषय न होने से जानकारी दी जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि नियोजक से प्राप्त जानकारी अनुसार नियमित कर्मचारियों के पी.एफ. नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नियमित कर्मचारियों के जमा पी.एफ. की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ठेका श्रमिकों का पी.एफ. नंबर न होने से ठेका श्रमिकों से संबंधित जानकारी निरंक है।
N.O.C. देने पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 1073 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग उमरिया के पत्र क्रमांक 2248/ तक./ 2020-21 दिनांक 03.11.2020 में मेसर्स कबीर बिल्डकान को N.O.C. किस आधार पर जारी की जबकि कार्यालय अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल शहडोल के पत्र क्रमांक 736/ शिकायत/सूचना का अधिकार/2023 दिनांक 27.05.2023 में यह स्पष्ट है कि विभाग की भूमि पर 40 फीट चौड़ी मार्ग होने का प्रश्न ही नहीं उठता है, आधार कारण सहित देवें कि उन्हें 40 फीट की N.O.C. कैसे दी? (ख) इसके लिये कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग उमरिया पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) इस संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन व कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार एन.ओ.सी. निरस्त कर दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) प्रश्न में उल्लेखित प्रकरण की जाँच के निर्देश प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल को दिए गए हैं। जांचोंपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
श्रमिक कार्डों की जानकारी
[श्रम]
97. ( क्र. 1077 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिक कार्ड बनाये गये हैं, संख्या सहित बतायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित समस्त विभागों में कलेक्टर रेट से श्रमिकों को वेतन उपलब्ध कराया जाता है, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) कलेक्टर रेट पाने वाले मजदूर/श्रमिकों के वेतन का वर्तमान महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए कब से वृद्धि नहीं की गई है और यदि नहीं, की गई है तो कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में 4,87,736 असंगठित श्रमिकों के पंजीयन तथा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत 51,947 भवन निर्माण श्रमिकों के पंजीयन किये गये है। (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित समस्त विभागों में न्यूनतम वेतन दर/कलेक्टर रेट से श्रमिकों को वेतन उपलब्ध कराया जाता है। (ग) कलेक्टर रेट पाने वाले मजदूर/श्रमिकों के वेतन में वर्तमान महंगाई को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष में दो बार प्रत्येक 6 माह 1 अप्रैल एवं 1 अक्टूबर की स्थिति में परितर्वनशील महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती है, जो लेबर ब्यूरों शिमला द्वारा जारी सूचकांक के आधार पर होती है। वर्तमान में 01 अप्रैल, 2023 से परितर्वनशील महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई है।
सिंधु सभा के कार्यक्रम में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[राजस्व]
98. ( क्र. 1081 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 31 मार्च, 2023 को भेल दशहरा मैदान, भोपाल में भारतीय सिंधु सभा द्वारा आयोजित शहीद हेमू कालानी जन्म शताब्दी समारोह में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आर.एस.एस. के सर संघचालक श्री मोहन भागवत की उपस्थिति में सिंधी समाज के हित में कतिपय घोषणाएं की गईं थीं? यदि हाँ तो मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा क्या-क्या घोषणाएं की गईं थीं और इन घोषणाओं के पालन में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही भी बिन्दुवार बतायें। (ख) क्या उक्त घोषणाओं में एक घोषणा प्रदेश में रह रहे पश्चिम पाकिस्तान से आये सिंधी हिन्दू विस्थापित परिवारों को तत्काल पट्टे देने के संबंध में भी थी? (ग) यदि हाँ तो 31 मार्च, 2023 के बाद भोपाल शहर में कितने पट्टे सिंधी विस्थापित परिवारों को दिये गये, संबंधितों के नाम सहित जानकारी दें? भोपाल शहर में कितनें पट्टे किस-किस क्षेत्र में, विशेषतः संतनगर, गांधीनगर, ईसरानी मार्केट में, देना शेष हैं पूरी जानकारी दें? लंबित मामलों के निपटारे की योजना भी बतायें। (घ) भोपाल के संतनगर के वनट्री हिल एरिया में लीज नवीनीकरण के कितनें मामले लंबित हैं और 31 मार्च, 2023 के बाद कितनें मामले निपटाये गये संख्या दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी अन्य विभागों से संबंधित होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व विभाग से संबंधित जानकारी
[राजस्व]
99. ( क्र. 1092 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के तहसील सिरोंज एवं लटेरी में 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्राकृतिक आपदाएं, अतिवृष्टि सूखा राहत के तहत प्रदान की गई राहत राशि कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया हैं? कृषकों का नाम, पता, राहत राशि, बैंक खाता संख्या, पटवारी हल्कावार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि में से कितनी राशि का पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया गया है एवं कितने हितग्राहियों की पात्रता होने के बाद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? कृषकवार, हल्कावार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। कितने कृषकों, हितग्राहियों के लिपिकीय त्रुटि अथवा वेंडर फेल होने के कारण राशि का उनके बैंक खातों में भुगतान नहीं किया गया हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा विदिशा जिले में प्राकृतिक आपदा राशि में राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा शासकीय राशि का गबन एवं आर्थिक अनियमितताएं की गई है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है बतलावें एवं किसके द्वारा जांच की गई थी? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्राकृतिक आपदाओं की राहत राशि शासकीय राशि का गबन एवं आर्थिक अनियमितताओं की जांच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कब तक कराई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले के तहसील सिरोंज एवं लटेरी में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्राकृतिक आपदाएं, अतिवृष्टि सूखा राहत के तहत तहसील सिरोंज में राशि 126,22,85,088/- रूपये एवं तहसील लटेरी में राशि 50,43,40,157/- रूपये की राहत राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुसार परिशिष्ट-अ है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसील सिरोंज अंतर्गत राशि रू 126,22,85,088/- एवं तहसील लटेरी अंतर्गत स्वीकृत राशि रू 50,43,40,157/- का पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया गया है किये गये भुगतानों एवं शेष प्रश्नांश के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हां। विदिशा जिला में प्राकृतिक आपदा अंतर्गत तहसील सिरोंज एवं लटेरी में वर्ष 2017-18 सूखा राहत राशि वितरण में राशि रूपये 11,16,599/-की आर्थिक अनियमितता एवं गबन किया गया, जिसमें 05 अपचारी कर्मचारी/पटवारियों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की गई एवं 02 कर्मचारी के विरूद्ध धारा 420 एवं 408 अंतर्गत एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई है। जांच कार्यवाही समिति के द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में विदिशा जिले अंतर्गत कार्यालयीन आदेश पत्र क्रमांक 5833-34 विदिशा/दिनांक 25.04.2023 के द्वारा जांच समिति का गठन किया जा चुका है।
स्वीकृत सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
100. ( क्र. 1093 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1068 दिनांक 21 दिसम्बर, 2022 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया गया था कि जानकारी एकत्र की जा रही है। यदि विभाग द्वारा जानकारी एकत्रित की गई है तो क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? कार्यवाहियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है इन परियोजनाओं के संधारण एवं परिक्षण हेतु कौन-कौन कार्य एजेन्सी/ठेकेदारों द्वारा कार्य किया गया है एवं उनको कितना-कितना भुगतान किया गया है? किन-किन अधिकारियों द्वारा कार्यों का निरीक्षण किया गया है? (ग) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें स्वीकृत है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं इन सिंचाई योजनाओं का कौन-कौन से ठेकेदारों एवं कार्य एजेन्सी द्वारा निर्माण किया जा रहा है एवं कितना-कितना भुगतान इन कार्य एजेन्सी को किया गया है? परियोजनावार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। टेम सिंचाई परियोजना, सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र परियोजना सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना लटेरी बरखेड़ा, हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज एवं रूसिया सिचांई परियोजना लटेरी का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका एवं कितना कार्य शेष है? कब तक इन सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उपरोक्त सिंचाई परियोजनाओं का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि निरीक्षण नहीं किया गया है तो कब तक इन सिंचाई परियोजनाओं का निरीक्षण किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनाओं की जानकारी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 1094 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जन कल्याण के लिये दिनांक 1 जनवरी, 2022 से क्या-क्या योजनायें चलाई जा रही हैं? इन योजनाओं से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस हितग्राही को क्या-क्या लाभ मिला है? हितग्राही का नाम, पिता/पति का नाम, पता, किस योजना में क्या-क्या लाभ दिया है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) ग्वालियर जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी का कार्य क्षेत्र में आने वाली पंचायतों का विवरण दें। क्या फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी अपने मुख्यालय पर ही निवास करते हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी हैं? जिनको ग्वालियर जिले में 3 वर्ष या उससे भी ज्यादा समय हो गया है उनका नाम, पद, वर्तमान पदस्थापना दिनांक तथा जिले एवं वर्तमान पदस्थापना स्थान पर कितना समय हो गया? सम्पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा कराये गए कार्य
[वन]
102. ( क्र. 1095 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक वन विभाग द्वारा किस-किस योजना में क्या-क्या निर्माण कार्य किये हैं एवं किस-किस मद से कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से किस-किस स्थान पर किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं प्रश्न दिनांक की स्थिति में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) ग्वालियर जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा में वन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी का कार्य क्षेत्र में आने वाली पंचायतों का विवरण दें? क्या फील्ड में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी अपने मुख्यालय पर ही निवास करते हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी हैं जिनको ग्वालियर जिले में 3 वर्ष या उससे भी ज्यादा समय हो गया है उनका नाम, पद, वर्तमान पदस्थापना दिनांक तथा जिले एवं वर्तमान पदस्थापना स्थान पर कितना समय हो गया है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) ग्वालियर जिला मुख्यालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। भितरवार विधान सभा क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। फील्ड में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी अपने मुख्यालय में ही निवास करते हैं। ग्वालियर जिले में 3 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है।
प्रेशर पाइप नहर योजना की जानकारी
[जल संसाधन]
103. ( क्र. 1098 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रेशर पाइप नहर योजना के अंतर्गत कृषकों को फव्वारा पद्धति, डिप पद्धति या अन्य पद्धति से पानी देने की योजना है? यदि हाँ, तो इस बाबत कृषकों को प्रेरित करने हेतु जल संसाधन विभाग, संबंधित एजेंसी एवं कृषि विभाग से प्रेरित करने हेतु किसकी जिम्मेदारी है? इस बाबत् अभी तक क्या प्रयास किए गए हैं? (ख) खिलचीपुर विधानसभा के अंतर्गत खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील में प्रेशर पाइप नहर योजना के अंतर्गत कृषकों के लिए कहाँ-कहाँ डेमो प्लाँट कृषकों को बताने एवं समझाने हेतु बनाए गए हैं? (ग) सीधे खेतों में कृषकों को ड्रिप अथवा फव्वारा पद्धति से कितने क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है? दोनों योजनाओं पर एजेंसीवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराएँ।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रेशराइज्ड पाइप नहर परियोजना से कृषकों को स्प्रिंकलर, ड्रिप अथवा अन्य पद्धति से जल उपलब्ध कराने की विभाग की कोई योजना नहीं है अपितु प्रेशराइज्ड पाइप नहर परियोजना से कृषकों को आउटलेट तक सिंचाई हेतु उचित मात्रा में जल एवं दबाव उपलब्ध कराने की योजना है। आउटलेट के बाद उपलब्ध दबाव से स्प्रिंकलर, ड्रिप अथवा अन्य पद्धति का प्रयोग कृषक द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जाना है। इस हेतु जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी का वहन शासन के विभिन्न संबंधी जवाबदेह विभाग द्वारा किया जा रहा है। परियोजनांतर्गत कई अनुबंध में डेमो फॉर्म कृषक प्रशिक्षण का प्रावधान भी किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) प्रचलित अनुबंधों के अंतर्गत खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील में प्रेशराइज्ड़ पाइप नहर परियोजना के अंतर्गत कृषकों को प्रेरित करने एवं समझाने हेतु बनाए गए एवं प्रस्तावित डेमो प्लॉट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि प्रेशराइज्ड पाइप नहर परियोजना से कृषकों को सीधे खेतों में स्प्रिंकलर, ड्रिप अथवा अन्य पद्धति से विभाग द्वारा जल उपलब्ध नहीं कराया जाता है अपितु प्रेशराइज्ड पाइप नहर परियोजना द्वारा विभाग द्वारा खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में 94,654 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हेतु सक्षम प्रणाली का निर्माण किया गया है। विभाग द्वारा निर्मित प्रणाली से जल प्राप्त किया जाकर स्प्रिंकलर, ड्रिप अथवा अन्य पद्धति से सिंचाई किए जाने का निर्धारण कृषक द्वारा स्वयं किया जाना है। उक्त दायित्व विभाग का न होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल ईदगाह डयोढ़ी की शासकीय भूमि
[राजस्व]
104. ( क्र. 1101 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के तत्कालीन कलेक्टर श्री अनुराग जैन ने वर्ष 2001 में ईदगाह हिल्स डयोढ़ी की कितने एकड़ भूमि को शासकीय भूमि घोषित किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय घोषित भूमि में कौन-कौन से खसरे शामिल थे एवं उन खसरों में भूमि शासकीय घोषित होने से पूर्व किनके नामों पर दर्ज थी? खसरों सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर भोपाल द्वारा राजस्व विभाग से उक्त संबंध में किये गए पत्राचार की समस्त जानकारी उपलब्ध कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ईदगाह हिल्स ड्योडी के निम्न खसरा नंबर को शासकीय किया गया है। खसरा क्रमांक 01, 02, 04, 05, 07, 08, 09, 10, 11, 16, 19, 21, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 44, 60, 86, 94, 96, 97, 99, 100, 101, 102, 103, 105, 1980/43, 1382, 1384, 1386, 1873/1383, 1877/1391, 1977/1383 उन खसरों में शासकीय घोषित होने से पूर्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है।
प्लान्टेशन की जांच
[वन]
105. ( क्र. 1103 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वन विभाग द्वारा धार जिले में प्लान्टेशन का कार्य किया है? यदि हाँ तो कब-कब किया गया है? उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। जिन वन भूमियों पर प्लान्टेशन का कार्य किया गया है उन वन भूमियों की फोटोग्राफी उपलब्ध कराई जावें? (ख) क्या यह सही है कि वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक धार वन मण्डल में सुरक्षा श्रमिकों को मानदेय दिया गया है? यदि हाँ तो सुरक्षा श्रमिकों के नाम सहित, राशिवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) धार वन मण्डल में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक मुनारा निर्माण कार्य पर कितनी राशि खर्च की गई है? रेंजवार जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग द्वारा धार वन मंडल में सतत् वृक्षारोपण विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किया जाता है। प्रश्न में वृक्षारोपण किये जाने की अवधि का उल्लेख नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
ग्रामों में सिंचाई सुविधा
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 1110 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड जौरा कैलारस व पहाडगढ़ के किन-किन ग्रामों में सिंचाई सुविधा जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदाय की जा रही है या प्रस्तावित है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) जौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कौन- कौन सी सिंचाई परियोजनाएं/स्टॉप डेम/जलाशय स्थापित है/निर्माणाधीन है/प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
वृक्षारोपण कार्य और उनका संधारण
[वन]
107. ( क्र. 1111 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कितनी संयुक्त वन प्रबंधन समिति कार्यरत है? उन समितियों में कौन-कौन पदाधिकारी है? संयुक्त वन प्रबंधन समिति के कार्य क्या है? (ख) मुरैना जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने पौधे लगाये गये है और प्रतिवर्ष कितनी राशि उनके संधारण के लिए विभाग में प्राप्त हो रही है? वर्षवार वन परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) पौधारोपण, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग आदि कार्य के लिए कितना खर्च किया गया?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
भोपाल वन भूमि को अतिक्रमणमुक्त
[वन]
108. ( क्र. 1120 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भोपाल वन मण्डल अंतर्गत ग्राम बालमपुर एवं रसूलिया पठार की वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है? (ख) क्या यह भी सही है कि भोपाल वन मण्डल के समरधा और बेरसिया रेंज की 10000 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) की अतिक्रमित भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। भोपाल वनमंडल अंतर्गत ग्राम बालमपुर एवं रसूलिया पठार राजस्व ग्राम है। इन राजस्व ग्रामों की सीमा के अंदर वनभूमि पर अतिक्रमण किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) जी नहीं। भोपाल वनमंडल के अंतर्गत परिक्षेत्र समर्धा एवं बैरसिया में कुल 1971 अतिक्रामकों का 2288.213 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अतिक्रमण में 355 पात्र व्यक्तियों को 459.422 हेक्टेयर भूमि के वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है तथा 284 अतिक्रामकों को 163.054 हेक्टेयर वनभूमि से बेदखल किया गया है। शेष 1332 अतिक्रामकों को रकबा 1605.737 हेक्टेयर वनभूमि से बेदखली की विधिक कार्यवाही प्रारंभ है।
वन ग्राम, मजरा एवं टोला में निर्माण कार्य की स्वीकृति
[वन]
109. ( क्र. 1124 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत कुल कितने वन ग्राम, मजरा, टोला हैं? विकासखण्डवार अलग-अलग नाम एवं जनसंख्या दर्शाकर सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित सूची अनुसार इन वन ग्रामों, मजरों एवं टोलों में समुचित विकास नहीं हो पा रहा हैं? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इन ग्रामों का राजस्व ग्रामों की तरह विकास हो, ऐसी कार्य योजना बनाई जा रही हैं? नहीं तो क्यों? (ग) क्या इन ग्रामों मजरों एवं टोलों में शाला भवन, पंचायत भवन आंगनवाड़ी केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, हैण्डपम्प, सड़क निर्माण जैसे अनेक विकास कार्यों हेतु जनहित में निर्माण की अनुमति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दी जावेगी? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्डल अनूपपुर अंतर्गत कोई भी वनग्राम, मजरा टोला नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लघु वनोपज संबंधित अधिकारों की जानकारी
[वन]
110. ( क्र. 1125 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को किस-किस लघु वनोपज से संबंधित अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबन्धन को लेकर वन अधिकार कानून 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची, भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिया है? किस-किस धारा में अधिकार नियंत्रण एवं प्रबन्धन वन विभाग के क्षेत्र का विषय माना है? (ख) लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं सहकारी समिति द्वारा किया जाने, लघु वनोपज पर डी.एफ.ओ. द्वारा प्रतिबन्ध लगाने, लघु वनोपज के परिवहन पर अपराध पंजीबद्ध कर लघु वनोपज एवं वाहन जब्त करने, राजसात करने का क्या-क्या प्रावधान, अधिकार या छूट वन अधिकार कानून, 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची की किस-किस धारा में दिए गए हैं? (ग) राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों की ग्राम सभाओं तथा राज्य के गैर अधिसूचित क्षेत्र की ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को किस-किस नियम में लघु वनोपज से संबंधित क्या-क्या अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन सौंपा गया है तथा क्या-क्या छूट ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को दी गई है? जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 243-G में लघु वनोपज का विषय सम्मिलित है। पेसा कानून-1996 की धारा 4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा-3 (1) C में वन अधिकार पत्र धारकों को लघु वनोपज संग्रहण तथा उस पर मालिकाना हक देने का प्रावधान है। भारतीय वन अधिनियम-1927 में लघु वनोपज पर पंचायती राज के अधिकार प्रावधानित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) लघु वनोपज का व्यापार सहकारी संस्था एवं सहकारी समिति द्वारा किये जाने बाबत् अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत अधिसूचित नियम 2008 की धारा 2 (i) d तथा म.प्र. पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 के तहत अधिसूचित म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 के नियम 26के तहत दिये गये है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। लघु वनोपज पर वनमण्डलाधिकारी द्वारा प्रतिबंध लगाने, लघु वनोपजो के परिवहन पर अपराध पंजीबद्ध कर लघु वनोपज एवं वाहन जप्त करने, राजसात करने के प्रावधान, अधिकार या छूट वन अधिकार अधिनियम, 2006, पेसा कानून 1996, संविधान की 11वीं अनुसूची में किसी धारा में नहीं है। (ग) राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों हेतु म.प्र. पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 25, 26 व 27 में प्रावधान दिये गये है। राज्य के गैर अधिसूचित क्षेत्रों हेतु अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत अधिसूचित नियम 2008 की धारा 2 (i) d में प्रावधान दिये गये है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
सीमांकन, बटवारा, नामांतरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
111. ( क्र. 1131 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत विभिन्न तहसीलों जैसे करैरा, नरवर, शिवपुरी, पोहरी, पिछोर, खनियाधाना, कोलारस, बदरवास में सीमांकन दुरस्ती द्वारा नामांकन कब्जा हटाने आदि में विशेष प्रकरण वर्ष 2020 मई 2023 तक कितने आये ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आज दिनांक तक प्राप्त प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में दिया गया तथा कौन-कौन प्रकरण लम्बित हैं? उनके लंबित रहने का कारण बतावें। (ग) करैरा तहसील में किसानों तथा गरीब व्यक्तियों द्वारा बताया कि अधिकारी विगत तीन वर्षों से उनके नामांतरण, जमीन के कब्जे (धारा 250) दुरस्त दावों की फाइल मोटी रकम वसूल कर स्टे तथा बाबूओं द्वारा फाइल नकल एवं अन्य कागज गुम कर दिये जाकर परेशान किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत तहसील करैरा, नरवर, शिवपुरी, पोहरी, पिछोर, खनियाधाना, कोलारस, बदरवास में नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, दुरस्ती, अवैध कब्जा हटाने के प्रकरण वर्ष 2020 से मई 2023 तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आज दिनांक तक शिवपुरी जिले के निराकरण एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लंबित प्रकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत न्यायालयीन प्रक्रिया के विभिन्न प्रक्रमों पर न्यायाधीन है। (ग) करैरा तहसील में विगत तीन वर्षों में नामांतरण, जमीन के कब्जे (धारा 250) दुरस्त दावों से संबंधित प्रकरणों में मोटी रकम वसूल कर स्टे तथा बाबूओं द्वारा फाइल नकल एवं अन्य कागज गुम करने का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागवान की अवैध कटाई
[वन]
112. ( क्र. 1132 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेन्ज सलवाडा में हुई ऐरावन में कई दिनों में सागवान पेड़ की कटाई की जा रही है लेकिन विभाग ने आज तक ध्यान नहीं दिया क्यों? (ख) क्या यह भी सही है कि ऐरावन के जंगल में पिछली बार सागवान पेड़ काटने के डन्ढल खड़े इसकी शिकायत डी.एफ.ओ. शिवपुरी में की गयी लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या यह भी सही है कि सागवान की कटाई कर्मचारी/अधिकारियों की मिलीभगत से आसपास शहरों में लगी आरा मशीनों से की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जंगल के सागवान के पेड़ों के अलावा अन्य पेड़ भी काटे जा रहे तो क्या इसकी जांच कराई जावेगी? नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनवृत्त शिवपुरी के वनमंडल शिवपुरी के अंतर्गत सलवाड़ा नाम की कोई रेंज नहीं है किन्तु सतनवाड़ा रेंज में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम ऐरावन से लगे हुये वनक्षेत्र में सागवान के पेड़ों की कटाई के संबंध में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नाधीन जंगल के सागवान के पेड़ों के अलावा अन्य पेड़ों को काटने के संबंध में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज कर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक आपदा में राहत के नाम पर घोटाला
[राजस्व]
113. ( क्र. 1139 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि का वर्ष 2010-11 से 2022-23 तक बजट तथा व्यय की गई राशि बतावें? (ख) वर्ष 2018-19 से 2022 - 23 तक किस-किस आपदा के लिए कितनी राहत राशि कितने पीड़ितों को दी गई? जिलेवार बताएं। (ग) क्या केग ने 2018 से 2021 तक 11 जिलों की जांच में जमकर घोटाले को पाया है? यदि हाँ तो उपरोक्त के मद्देनजर विभिन्न प्रकार की आपदाओं में राहत राशि वितरण की जांच की जावेगी? (घ) जिलेवार किस-किस प्रकार का राहत राशि में घोटाला 2015-16 से 2022-23 तक पाया गया? (ङ) क्या इस घोटाले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी या इसकी जांच सी.बी.आई. से कराई जाएगी। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि का वर्ष 2010-11 से 2022-23 तक का आकार राशि रू.14419.20 करोड़ है। राज्य के स्वयं के संसाधन, राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि से प्राप्त अतिरिक्त राशि, राज्य आपदा शमन निधि तथा राज्य आपदा मोचन निधि को सम्मिलित करते हुए उक्त अवधि में कुल रू.24388.34 करोड़ व्यय हुए है। (ख) जिलेवार प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) एवं (ड.) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निम्न गुणवत्ता के बीज की जांच
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 1143 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से मई 2023 तक उपार्जन केंद्र पर प्रतिवर्ष खरीदे गये गेहूं और खाद्यान्न की मात्रा बताये तथा उनका निस्तारण किस-किस प्रकार से किया गया तथा उपार्जन और निस्तारण की सारी प्रक्रिया में संपूर्ण लागत सहित कितने की लाभ अथवा हानि हुई? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितना-कितना गेहूँ और खाद्यान्न खराब हो कर फेंक दिया गया, कितना निम्न गुणवत्ता का होकर न्यूनतम दर पर बेच दिया गया? (ग) वर्ष 2015 से मई 2023 तक परिवहन, तुलाई, हम्माली आदि विविध पर कितना-कितना खर्च किया गया? वर्षवार जानकारी दें। वर्ष 2015 से मई 2023 तक कितनी गठान पीपी जूट तथा पुराने बारदान की कितनी राशि की खरीदी गई, एक गठान में कितने बैग होते हैं? (घ) वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक गेहूँ और खाद्यान्न खरीदी और विक्रय पर सारे खर्च मिलाकर कुल कितनी राशि का लाभ/हानि हुई? वर्ष 2015-16 से वर्ष 2022-23 तक गेहूं उपार्जन वितरण, परिदान संबंधी जानकारी देवें इस अवधि में वर्षवार परिवहन पर खर्च बतायें? (ड.) प्रतिवर्ष गेहूं खाद्यान्न खरीदी बिक्री भंडारण परिवहन बारदान तथा अन्य खर्च में प्रति वर्ष दो हजार करोड़ का घोटाला हो रहा है क्या इसकी जांच कराई जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 एवं खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 से वर्ष 2022-23 तक समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं खाद्यान्न उपार्जन हेतु स्थापित खरीदी केन्द्रों की संख्या एवं उपार्जित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'अ' अनुसार है। वर्ष 2015 से माह मई, 2023 तक लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनांतर्गत हितग्राहियों को वर्षवार वितरित गेहूं एवं अन्य खाद्यान्न मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित गेहूं की मात्रा में से अतिशेष गेहूं 6.45 में से 6.41 लाख मे.टन गेहूं ई-निविदा के माध्यम से विक्रय कर निस्तारण किया गया, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। इसी प्रकार, वर्ष 2020-21 में उपार्जित चमकविहीन गेहूं 5.80 लाख मे.टन का ई-निविदा के माध्यम से विक्रय कर निस्तारण किया गया, जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक के लेखों का अंतिमीकरण किया जा चुका है, जिसमें कोई हानि परिलक्षित नहीं हुई है। वर्ष 2019-20 से लेखों का अंतिमीकरण कार्य प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) की अवधि में उपार्जित गेहूं एवं खाद्यान्न में से खराब होकर फेंके जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित चमकविहीन गेहूं 5.80 लाख मे.टन का ई-निविदा के माध्यम से विक्रय कर निस्तारण किया गया, जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन, तुलाई, हम्माली आदि पर वर्ष 2015-16 में 17130.95; वर्ष 2016-17 में 12184.82; वर्ष 2017-18 में 13804.27 एवं वर्ष 2018-19 में 16840.60 लाख रू. व्यय हुए। वर्ष 2019-20 से लेखों का अंतिमीकरण किए जाने पर व्यय राशि ज्ञात हो सकेगी। वर्ष 2015 से माह मई, 2023 तक समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु क्रय किए गए बारदानों पर व्यय की वर्षवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ' अनुसार है। एक गठान में 500 नग बारदाना होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक के लेखों का अंतिमीकरण किया जा चुका है, जिसमें कोई अंकेक्षित हानि नहीं हुई है। वर्ष 2019-20 से लेखों के अंतिमीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। लेखों के अंतिमीकरण होने के पश्चात् ही लाभ/हानि की स्थिति ज्ञात हो सकेगी। वर्ष 2015 से माह मई, 2023 तक उपार्जित खाद्यान्न में से वितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'अ' अनुसार है। उपार्जित स्कन्ध में से परिदान मात्रा एवं परिवहन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'ई' अनुसार है। (ड.) समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं खाद्यान्न उपार्जन में प्रतिवर्ष 2000 करोड़ के घोटाले की स्थिति संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन एवं घोटाले की जानकारी
[खनिज साधन]
115. ( क्र. 1144 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 863 दिनांक 02.3.2023 के खंड (क) के संदर्भ में बताएं कि ब्याज की छूट प्रदान करने संबंधी निर्देश से किस-किस व्यक्ति/फर्म को कितनी राशि की ब्याज की छूट मिली? निर्देश की प्रति देवें तथा बतावें कि जिस राशि पर छूट दी गई थी वह बकाया किस वर्ष से थी? (ख) अवैध उत्खनन तथा अवैध परिवहन के 2015 से 2022 तक कुल प्रकरणों की संख्या तथा उस पर लगाया गया कुल जुर्माना राशि कितनी थी तथा उसमें से कितनी वसूल हुई तथा कितनी वसूल होना शेष है? अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) जिलेवार, तहसीलवार वर्ष 2015 से 2022 तक खनन से कितने गड्ढे बने, कितने गड्ढों को तार फेंसिंग किया गया है और कितने गड्ढें पर खनन प्रक्रिया समाप्त होने के पश्चात पुनर्भरण कर दिया गया है और कितने गड्ढे हैं जो अभी बने हुए हैं? (घ) खनन पर रॉयल्टी, अवैध खनन-परिवहन पर पेनल्टी की वर्ष 2015 से 2023 तक प्रत्येक वर्ष की 30 मई की स्थिति में बकाया की जानकारी दें, कितने-कितने व्यक्ति पर कुल कितनी राशि बकाया है तथा वसूली के लिए कितनों के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया है? संपत्ति कुर्क की गई है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बोरदिया बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति व तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 1148 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाडसुत्या बैराज (334.71 लाख) एवं बागेडी बैराज (223.23 लाख) का कितना निर्माण कार्य हो चुका है और कितना निर्माण कार्य शेष है? दोनों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ख) बागेडी नदी पर पाडसुत्या ब्रिज का निर्माण हेतु 109.38 लाख के टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी कर दिए गए है? यदि हाँ तो टेण्डर स्वीकृत कर कार्यादेश किस कम्पनी को कितनी समयावधि पूर्ण करने हेतु जारी किए गए है? (ग) क्या विधानसभा में वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में कुण्डेल नदी पर बोरदिया स्टाप डेम निर्माण हेतु अपरिक्षित मद से 466.55 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर आमंत्रित कर कार्यादेश जारी कर दिए गए है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं, तो कब तक कर दिए जाएंगे? (घ) विधानसभा प्रश्न क्र. 2470 दिनांक 14 जुलाई, 2009 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया कि नागदा बैराज का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 22/01/2009 को किया गया, निविदा स्वीकृति प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ तो विधानसभा प्रश्न क. 2528 दिनांक 16 मार्च, 2023 के प्रश्नांश (ड.) में गलत उत्तर क्यों दिया गया कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नागदा बैराज का भूमिपूजन नहीं किया गया है? ना ही नगर पालिका द्वारा चम्बल नदी पर जल आवर्धन हेतु कोई स्टाप डेम बनाया गया है। क्या अब शासन नागदा चामुण्डामाता बैराज अनुमानित लागत 464.20 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान कर मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किए गए कार्य को पूर्ण करेंगे? (ड.) क्षेत्र की चिन्हित परियोजनाएं दिवेल तालाब, रिंगनिया बैराज, चामुण्डामाता बैराज आदि की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा क्षेत्र में कितनी तालाब व स्टाप डेम के प्रस्ताव जिला व प्रदेश स्तर पर लम्बित है? (च) क्या यह सही है कि विधानसभा प्रश्न क्र. 970 दिनांक 20 मार्च, 2020 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में स्वीकार किया गया है कि ग्राम राजगढ़ में चम्बल नदी पर निर्मित राजगढ़ बैराज की 2 फीट उंचाई बढ़ाने का साध्यता प्रस्ताव जो विभागीय वेबसाईट पर दर्ज है? यदि हाँ तो विभाग बैराज की उंचाई बढ़ाने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि का व्यवस्थापन
[वन]
117. ( क्र. 1151 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत किस-किस दिनांक को अधिसूचित किस-किस वनखण्ड में शामिल कितनी-कितनी भूमियों की धारा 5 से 19 तक जांच एवं कार्यवाही वर्तमान में लम्बित है, इसमें से किस वनखण्ड का जांच प्रकरण वन व्यवस्थापन अधिकारी के कार्यालय में प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रस्तुत ही नहीं किया गया? (ख) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमियों को 1950-51 में बनाए किस कानून के तहत तत्कालीन जमीदार, जागीरदार महल, इलाके से अर्जित किया गया यह अर्जन की कार्यवाही किस विभाग के द्वारा की गई? (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित भूमियों को 1950-51 में जमीदार, जागीरदार महल, इलाके से अर्जित करने के बाद राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत किस दिनांक को अधिसूचित किया यदि अर्जन के बाद अधिसूचित नहीं किया हो तो उसका कारण बतावें? (घ) धारा 5 से 18 तक की जांच कब तक पूरी की जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वनमंडल छतरपुर के अभिलेखों के आधार पर कोई भी जांच प्रकरण वन व्यवस्थापन अधिकारी को भेजे जाने हेतु वनमंडल स्तर पर लम्बित नहीं है। (ख) जागींरदारी एवं जमींदारी उन्नमूल अधिनियम, 1950 लागू किया। इस अधिनियम से शासन के प़क्ष में वेष्ठित जिन जमीनों में वन थे उन्हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 (3) की अधिसूचना क्रमांक 9-x-58 दिनांक 01.08.58 से संरक्षित वन घोषित किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा 5 से 19 की जांच की कार्यवाही अर्द्व न्यायिक प्रक्रिया के तहत है ऐसी स्थिति में समय बताना संभव नहीं है।
शासन द्वारा पट्टे पर आवंटित भूमियां
[वन]
118. ( क्र. 1152 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में वन विभाग द्वारा भा.व.अ. 1927 धारा 4 में अधिसूचित 229 वनखण्डों में शामिल निजी भूमि को वनखण्ड से पृथक करने हेतु राज्य के मुख्य सचिव द्वारा दिनांक 1 जून, 2015 को प्रमुख सचिव वन विभाग द्वारा दिनांक 4 जून, 2015 को दिए गए आदेश का छतरपुर जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किया, यदि हाँ तो क्यों? (ख) दिनांक 1 जून, 2015 एवं दिनांक 4 जून, 2015 को वनखण्ड, वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि के संबंध में किन-किन कानूनों की किन धाराओं का उल्लंघन होना बताया जाकर निजी भूमि को पृथक करने के संबंध में दिए किस आदेश का किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी किस-किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने पालन नहीं किया? (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित छतरपुर, लौडी, नौगांव एवं बिजावर अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष 229 वनखण्डों में से किस वनखण्ड का प्रकरण वन विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किया, किस प्रस्तुत प्रकरण में किस ग्राम के कितने किसानों की कितनी निजी भूमि तथा शासन द्वारा पट्टे पर आवंटित कितनी भूमि का अर्जन प्रस्तावित किया है? (घ) दिनांक 1 जून, 2015 एवं दिनांक 4 जून, 2015 के आदेश का शासन कब तक पालन सुनिश्चित करवाएगा? समय-सीमा बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 229 वनखण्डों में शामिल निजी भूमि को वनखण्ड से पृथक करने की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही अर्द्व-न्यायिक प्रक्रिया के तहत जांच में है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी, छतरपुर लौंडी, नौगांव एवं बीजापुर के समक्ष 229 वनखण्डों के प्रकरणों की मूल नस्तियॉ सौंपी गई। शेष प्रश्नांश भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार अर्द्व-न्यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डिनोटिफाइड भूमि की जानकारी
[वन]
119. ( क्र. 1153 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर वनमंडल में भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत राजपत्र में किस-किस दिनांक को किस वनखण्ड में अधिसूचित कितनी भूमियों की अधिसूचना उपलब्ध है, वनमंडल में धारा 34अ के अनुसार 1965 से 1980 तक किस-किस दिनांक को कितने ग्रामों की कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त भूमि डिनोटिफाइड की अधिसूचना उपलब्ध है? (ख) भा.व.अ. 1927 की धारा 4 एवं धारा 34अ में अधिसूचित की गई भूमियों को राजपत्र में धारा गया यदि राजपत्र में धारा 29 के तहत किस दिनांक को सरक्षित वन अधिसूचित किया गया यदि राजपत्र में 1950 के बाद धारा 29 में अधिसूचित नहीं किया गया हो तो उसका कारण बतावें। (ग) धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड में भूस्वामी हक में दर्ज कितनी भूमि एवं शासन द्वारा पट्टे पर आवंटित कितनी भूमि शामिल है, किस वनखण्ड में धारा 34अ के तहत डिनोटिफाइड भूमि की जानकारी वनमंडल में उपलब्ध नहीं होने का क्या क्या कारण रहा है? (घ) वनखण्ड में शामिल निजी भूमि एवं डिनोटिफाइड भूमि में से कितनी भूमि पर वन विभाग का नियंत्रण एवं प्रबंधन है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में वर्णित धारा 34 'अ' की अधिसूचनाओं के अनुसार धारा 4 के अंतर्गत वनखण्डों के बाहर छूटी भूमि दर्शित है, जिसमें वनखण्डों के भीतर की भूमि शामिल नहीं है। वर्ष 1980 के पूर्व धारा 34 'अ' के तहत निर्वनीकृत भूमियों में से राजपत्र दिनांक 20.10.2010 में 883.176 हेक्टेयर एवं राजपत्र दिनांक 03.09.2011 में 226.15 हेक्टेयर भूमि को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 में संरक्षित वन अधिसूचित किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित वनखण्ड में शामिल भू-स्वामी हक में दर्ज भूमि एवं शासन द्वारा पट्टे पर आवंटित भूमि की जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 'अ' के तहत डिनोटिफाईड भूमि की जानकारी वनमण्डल छतरपुर में उपलब्ध होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी वृह्द स्वरूप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है।
पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव
[जल संसाधन]
120. ( क्र. 1157 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न 2330, दिनांक 16/03/23 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में पटीचरगवां जलाशय निर्माण हेतु 22/12/22 को पुन: निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ तो उक्त जलाशय निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें एवं विधानसभा उत्तर दिनांक 16/03/23 से प्रश्न दिनांक तक की गई समस्त कार्यवाही का विवरण देवें? (ख) विधानसभा प्रश्न 2330, दिनांक 16/03/23 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में टेमर स्टॉप डेम कम रपटा के निर्माण हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है? तो क्या प्रस्ताव तैयार हो गया है? यदि नहीं, तो उक्त प्रस्ताव को अनावश्यक क्यों लंबित रखा गया है एवं कब तक तैयार किया जा सकेगा समय-सीमा बतायें? विधानसभा में उत्तर दिनांक 16/03/23 से प्रश्न दिनांक तक की गई समस्त कार्यवाही का विवरण देवें? (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2019 से आज दिनांक तक स्वीकृत किये गए निर्माण कार्यों की सूची देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हॉं, पटीचरगवॉं जलाशय के निर्माण हेतु दिनांक 22.12.2022 को पुन: निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसमें दोनों निविदाकारों के निविदा पूर्व अर्हता में अनर्हतित होने के कारण निविदा दिनांक 10.03.2023 को निरस्त की जाकर दिनांक 14.03.2023 को पुन: आमंत्रित की गई परंतु 04 बार निविदा की तिथि बढ़ाए जाने के उपरांत भी किसी निविदाकार द्वारा भाग न लिए जाने के कारण निविदा निरस्त की जाकर चतुर्थ बार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। जलाशय का निर्माण कार्य निविदा स्वीकृति के अभाव में वर्तमान में अप्रारंभ है। (ख) जी हॉं, टेमर स्टॉप डैम कम रपटा की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का राशि रू. 272.22 लाख का दिनांक 12.05.2023 को मुख्य अभियंता, वैनगंगा कछार सिवनी से प्राप्त प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय स्तर पर परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 1158 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विभिन्न मदों जैसे जिला खनिज मद, गौण खनिज आदि से वर्ष 2019 से आज दिनांक तक स्वीकृत किये गए निर्माण कार्यों की सूची देवें एवं उनकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ख) विभाग की विभिन्न मदों जैसे खनिज मद आदि से स्वीकृति हेतु बरगी विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने प्रस्ताव विभाग में आज भी लंबित है उनकी सूची देवें एवं लंबित रखे जाने के तार्किक कारण देवें। (ग) जिला खनिज मद जबलपुर में गत 2 वर्षों में प्राप्त राशि एवं व्यय का विवरण देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
जलाशयों का निर्माण/सुधारीकरण
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 1159 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अप्रैल 2018 से जून 2023 की स्थिति में कुकरा, मोगा, ऊंचाखेड़ा जलाशय में कितने निर्माण/नहर सुधारीकरण कार्य स्वीकृत हैं? कार्य योजना की पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन एजेंसी द्वारा उक्त निर्माण कार्य किए गए है? कब तक उक्त कार्य पूर्ण हो जाएंगे? (ग) निश्चित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करवाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? उक्त संबंधित कार्यवाही आदेश उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित सभी कार्य निश्चित समय-सीमा में पूर्ण किए गए हैं अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संबल कार्डधारी एवं संबल मृत्यु सहायता
[श्रम]
123. ( क्र. 1160 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा के अंतर्गत कितने संबल कार्डधारी श्रमिक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिकों को इस योजना का लाभ मिल पाया है एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) संबल मृत्यु सहायता के कितने प्रकरण स्वीकृत हैं और अभी राशि विभाग द्वारा नहीं डाली गई है, क्यों और डाली जाएगी तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा अंतर्गत 1,18,181 संबल कार्डधारी श्रमिक हैं। (ख) अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक 428 श्रमिकों को इस योजना का लाभ मिला है एवं 187 प्रकरण लंबित है। (ग) उदयपुरा विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में अनुग्रह सहायता के कुल 260 प्रकरण स्वीकृत हैं। भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार हितलाभ वितरण किया जाता है।
राजस्व प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
124. ( क्र. 1161 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में अनुभाग स्तर के राजस्व प्रकरणों को जिला कार्यालय से प्राप्त करना होता है, क्या अनुभाग स्तर के राजस्व प्रकरणों को अनुभाग कार्यालय में जमा करने की कोई योजना हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन माननीय सांसद एवं विधायक महोदय के पत्र इस संबंध में शासन को प्राप्त हुए है? (ग) अनुभाग में राजस्व प्रकरण संधारित/जमा करने हेतु शाखा खोले जाने विषयक विभाग द्वारा क्या कोई आदेश जारी किए गए है? उक्त संबंधित कार्यवाही आदेश उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) राजस्व प्रकरणों का जिला अभिलेखागार में जमा करने के संबंध में कोई आदेश/निर्देश जारी नहीं किए गयें है।
तालाब का निर्माण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
125. ( क्र. 1162 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में विभाग द्वारा मत्स्य उत्पादन हेतु किसानों को तालाब निर्माण हेतु कोई योजना संचालित हैं? यदि हां, तो योजना संबंधित पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसानों को योजना का लाभ प्रदान किए जाने हेतु किन-किन माननीय सांसद एवं विधायक महोदय के पत्र इस संबंध में शासन को प्राप्त हुए है? (ग) क्या शासन द्वारा मत्स्य पालन हेतु किसानों को कोई लोन सुविधा प्रदाय की जाती है? यदि हां, तो इस विषयक विभाग द्वारा जिले में किन-किन हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है? नाम, पता सहित जानकारी संबंधित आदेश सहित उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायकों/सांसदों द्वारा तालाब निर्माण हेतु पत्र प्राप्त हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।
समयावधि पूर्ण होने के उपरांत एक ही स्थान पर पदस्थापना
[परिवहन]
126. ( क्र. 1171 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कितने कार्यालय है? इसमें पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी अपने पदीय दायित्वों पर एक ही स्थान पर कितने वर्षों से पदस्थ है? कार्यालय का नाम, पता, अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, पदस्थी, दिनांक, एक ही स्थान पर कितने वर्षों से, पदीय दायित्व की जानकारी कार्यालयवार पृथक-पृथक बनाकर दें। (ख) विभाग अंतर्गत कितने कार्यालयीन स्टॉफ एवं फील्ड स्टॉफ है, जिनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं हुई है? कार्यालयवार नाम, पदनाम, प्रथम नियुक्ति दिनांक सहित जानकारी दें। परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं होने पर कब-कब विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? नियम, आदेश, निर्देश की प्रति सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विभाग अंतर्गत कितने अधिकारी, कर्मचारियों पर विभागीय जांच, लोकायुक्त जांच ई.ओ.डब्ल्यू. सहित अन्य जांचे संस्थित है? उनके नाम, पदनाम, कार्यालय का नाम, प्रकरण का प्रकार, कितने वर्षों से प्रक्रियाधीन है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में 01 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक राज्य की सीमाओं पर कितने चेक पोस्ट/चोकियाँ/जांच प्वाइंट संचालित है? इसमें कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत है? उनके नाम, पदनाम, पदस्थी दिनांक, एक ही स्थान पर कब से पदस्थ है? सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) क्या परिवहन विभाग की लापरवाहियों एवं बिना जांच पड़ताल के वाहनों के संचालन से प्रदेश में 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी दुर्घटनायें घटित हुई है? उनमें कितने लोगों की मृत्यु हुई है? विभाग ने उन हादसों पर विभागीय क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
परिवहन विभाग द्वारा व्यय की गई राशि
[परिवहन]
127. ( क्र. 1172 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि 01 अप्रैल, 2021 से 15 जून, 2023 तक की अवधि में प्रदेश में देश के माननीय प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री जी के प्रदेश में प्रवास के दौरान आयोजित सभाएं/कार्यक्रमों एवं राज्य के मुख्यमंत्री जी के आयोजित सभाएं/कार्यक्रमों के लिए लोगों को लाने ले जाने हेतु परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर कुल कितनी राशि का भुगतान निजी बस ऑपरेटरों को किया गया है? कृपया सभाएं/कार्यक्रमवार व्यय की गई राशि की जानकारी पृथक-पृथक दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जानकारी संकलित की जा रही है।
आदिवासियों की भूमियों को गैर आदिवासियों को बेचा जाना
[राजस्व]
128. ( क्र. 1173 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में ग्वालियर जिला इंदौर जिला एवं भोपाल संभाग के अंतर्गत आदिवासियों की भूमियों को गैर आदिवासियों को बेचा गया? क्रेता-विक्रेता के नाम, पता सहित जिलेवार विवरण दें। (ख) क्या उपरोक्त बेची गई भूमियों का धारा 165 (6) के अंतर्गत अनुमति ली गई थी? यदि हाँ तो किस-किस प्रकरण में कब-कब अनुमति ली गई? जिलेवार विवरण दें। (ग) यदि अनुमति नहीं ली गई तो क्यों तथा उपरोक्त धारा के अंतर्गत बिना अनुमति के आदिवासियों की जमीन बेचे जाने के जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सीहोर जिला राजस्व संभाग भोपाल के अंतर्गत आता है? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न 415 दिनांक 02/03/2023 की कंडिका "क" के उत्तर में भोपाल जिले के सभी जिलों की जानकारी निरंक है और कंडिका "ख" के उत्तर में जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट अनुसार है का उल्लेख किया गया है? (ड.) यदि हाँ तो भोपाल संभाग के अंतर्गत सीहोर जिले की जानकारी देकर पूरे भोपाल संभाग की जानकारी निरंक बताये जाने के क्या कारण हैं और भ्रामक जानकारी देकर विधानसभा को गुमराह करने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आदिवासियों की भूमियों को गैर आदिवासियों को विक्रय की गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हॉं, प्रश्न क्रमांक 415 स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित है। (ड.) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
शासकीय चनरोई भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
129. ( क्र. 1174 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम मेहरा बुजुर्ग जिला भिण्ड की शासकीय चरनोई भूमि सर्वे क्रमांक 334 (S) रकबा 0.3500 हेक्टेयर, सर्वे क्रमांक 335 (S) रकबा 0.3500 हेक्टेयर एवं सर्वे क्रमांक 336 (S) रकबा पर किस-किस का कब-कब से कब्जा है? कब्जेदारों के नाम, पता सहित विवरण दें। (ख) उक्त शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे करने की शिकायत कलेक्टर भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार एवं राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों को किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? (ग) क्या उक्त शिकायतों की जांच कराई जाकर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम मेहरा बुजुर्ग के खसरा सर्वे नम्बर 336 की छायाप्रति पर कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा पृष्ठांकित टीप दिनांक 02.01.2023 से एस.डी.एम लहार को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है जिस पर एस.डी.एम. लहार द्वारा दिनांक 03.01.2023 को पृष्ठांकन टीप अंकित कर तहसीलदार लहार को प्रेषित किया गया है। (ग) ग्राम मेहरा बुजुर्ग की उक्त भूमि पर अतिक्रमण पाए जाने पर न्यायालय तहसीलदार लहार में राजस्व प्रकरण क्रमांक 1/अ 68/23-24 पंजीकृत किया गया। वर्तमान में अतिक्रमण का प्रकरण न्यायाधीन है।
आउटसोर्स श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
130. ( क्र. 1177 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के अनूपपुर जिला मुख्यालय में संचालित संयुक्त जिला कार्यालय में कार्यरत ठेका कंपनी मेसर्स सिग्मा इन्फोटेक भोपाल के द्वारा नियुक्त आउटसोर्स श्रमिकों को क्या संविदा श्रमिक (विनिमय एवं उत्पादन) म.प्र. 1970 की धारा 29 नियम 78 (2) जी के अंतर्गत श्रमिकों को वेतन पर्ची दिए जाने के नियम है? यदि हाँ तो सेवा प्रदाता के द्वारा किस-किस माह के वेतन पर्ची दी गई है? क्या पर्ची नहीं देने पर दंडनीय धारा 23, 24 के अंतर्गत कारावास का प्रावधान है? यदि हाँ तो उक्त प्रावधानों का पालन न किए जाने पर ठेका कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई है तथा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत ठेका दिनांक से आज दिनांक तक किस-किस कुशल/ अर्द्धकुशल श्रमिक को कितने अर्जित अवकाश की राशि दी है? विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या संयुक्त कार्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस अधिनियम 1965 के प्रावधानों के अनुरूप श्रमिकों को 8.33 बोनस नहीं दिया गया? यदि हाँ तो कब तक बोनस दिया जायेगा? (ग) क्या विधानसभा के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1542 दिनांक 23/02/2023 के उत्तर में संगठित श्रमिकों की संख्या 770 एवं असंगठित को निरंक बताया है? क्या श्रम विभाग के द्वारा अलग-अलग ठेका कंपनियों को अलग-अलग दरें उपलब्ध कराई जाती हैं, जब सभी श्रमिक संगठित क्षेत्र के हैं तब प्रश्न में उल्लेखित ठेका कंपनियों के मजदूरी की दरें अलग-अलग क्यों है? (घ) क्या ताप विद्युत गृह चचाई के प्रावधान के मध्यस्थता से सभी ठेकेदारों से सभी श्रमिकों को एक समान वेतन का भुगतान कब तक कराया जाकर कुप्रबंधन के दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। अनूपपुर जिला मुख्यालय में संचालित संयुक्त जिला कार्यालय के जिला निर्वाचन कार्यालय में वर्ष 2016 से कार्यरत ठेका कंपनी मेसर्स सिग्मा इन्फोटेक भोपाल का श्रम विभाग अनूपपुर में पंजीयन न होने के कारण सी.आई.एस. पोर्टल पर निरीक्षण जनरेट नहीं हो सका न ही संयुक्त जिला कार्यालय में कार्यरत ठेका कंपनी के सबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विधानसभा प्रश्न के आधार पर ठेका कंपनी की जांच की गई जिसमे संयुक्त जिला कार्यालय में निर्वाचन कार्यालय अंतर्गत 16 ठेका श्रमिक कार्यरत पाये गये। जिन्हे संविदा श्रमिक अधिनियम, 1970 की धारा 29 नियम 78 (2) जी के अंतर्गत वेतन पर्ची नहीं दी जा रही है। जिसके लिए कार्यालय से दिनांक 26.06.2023 को नोटिस जारी कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत कुशल/अर्द्धकुशल श्रमिक को अर्जित अवकाश प्रदान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) संयुक्त कार्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कंपनी मेसर्स सिग्मा इन्फोटेक भोपाल का बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के अंतर्गत जांच करने पर बोनस भुगतान नहीं किया जाना पाया गया। उक्त संबंध में भी दिनांक 26.06.2023 को नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है। (ग) विधान सभा के अतारांकित प्रश्न क्रमांक – 1542 दिनांक 23.02.2023 का उत्तर म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रेषित किया गया था। जिसके अनुसार संगठित श्रमिकों की संख्या 770 एवं असंगठित श्रमिक संख्या निरंक है। श्रम विभाग द्वारा श्रम आयुक्त म.प्र. शासन इंदौर द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत निर्धारित/पुनरीक्षित दरे ही समस्त ठेका कंपनियों को उपलब्ध कराई जाती है एवं जनरेटिंग निरीक्षण तथा प्राप्त शिकायतों के आधार पर न्यूनतम वेतन दरों का पालन कराया जाता है। (घ) ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत श्रमिकों को पूर्व से ही निरीक्षण संपादित कर श्रम कानूनों के तहत न्यूनतम मजदूरी का भुगतान कराया जा रहा है। जिसके कारण प्रश्नांश की शेष जानकारी निरंक है।
राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण
[राजस्व]
131. ( क्र. 1178 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक की अवधि में राजस्व विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण किन-किन मामलों में पंजीबद्ध है, उनमें किन-किन के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी की जा चुकी एवं कितनों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की है तथा कितनों को निलंबित किया है और कितनों के विरूद्ध विभागीय जांच कब-कब से लंबित की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक की अवधि में राजस्व विभाग के जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्त/ईओडब्ल्यू में प्रकरण पंजीबद्ध है उनके संबंध में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू. के प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत होने पर अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित किया जाता है एवं न्यायालयीन आदेशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
भू-माफिया द्वारा शासकीय भूमियों को विक्रय किया जाना
[राजस्व]
132. ( क्र. 1181 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कितनी तहसील अनूपपुर पटवारी हल्का अनूपपुर (सामतपुर) के खसरा नंबर 405, 406, 416 शासन ने कब से कब तक किस को कितनी भूमि लीज पर कितनी-कितनी अवधि के लिए लीज पर दी गई थी एवं लीज अवधि समाप्त होने के बाद लीज का नवीनीकरण किस-किस का किया गया और उक्त भूमि अवैध रूप से कब्जा किस-किस का है? (ख) दि. 21/12/2022 के प्रश्न क्र. 1094 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर अनूपपुर द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) पटवारी हल्का अनूपपुर (सामतपुर) खसरा नंबर 400 सर्वे बंदोबस्त रिकॉर्ड में शासकीय भूमि कितनी है शासन द्वारा किस विभाग को कितनी भूमि दी गई है? इस भूमि पर अवैध कब्जा किन किन लोगों के द्वारा कब से है? कब्जा मुक्त करा कर शासन अपने आधिपत्य में कब तक लेगा? (घ) अनूपपुर में संचालित बस स्टैण्ड के लिए स्थानीय शासन विभाग को पटवारी हल्का अनूपपुर (सामतपुर) खसरा नंबर 610, 611 आवंटित उक्त भूमि पर किस-किस का कब से अवैध अतिक्रमण है? यह कब तक हटाया जाएगा? (ड.) क्या पटवारी हल्का (ग्राम) अनूपपुर खसरा नंबर 631 की भूमि जो शासन द्वारा (प्रकरण क्रमांक 03/अ -82/16. 17 अवार्ड दिनांक 29-10-2018) के संदर्भ में अधिग्रहण की गई भूमि के स्वामी वर्ष 1958–59 की खतौनी के अनुसार नहीं है, जिसका प्रतिवेदन कार्यालय उपखंड अधिकारी अनूपपुर जिला अनूपपुर म.प्र. पत्र क्रमांक 726/एसडीओ/20 21/दिनांक 10-11-2021 जो जिला कलेक्टर अनूपपुर के पत्र क्रमांक- 113/बी-121/2021-22 दिनांक 28-9-2021 के संदर्भ में लिखित शिकायत एवं प्रतिवेदन में वास्तविक भूमि स्वामी साबित न होने पर शासन से करोड़ों रुपए गैरकानूनी रूप से जिन लोगों द्वारा मुआवजा ले लिया गया है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उक्त प्रश्नांश का संबंध अविभाजित शहडोल जिले से है जिसकी जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) न्यायालय तहसीलदार अनूपपुर में प्र.क्र 0088/अ-74/2022-23 पंजीकृत होकर प्रक्रियाधीन है। कार्यालयीन पत्र दिनांक 20/06/2023 से जांच के अन्य आवश्यक अभिलेख अभिलेखागार से प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है। (ग) ग्राम सामतपुर पटवारी हल्का अनूपपुर स्थित आराजी खसरा नं. 400 सर्वे बंदोबस्त अभिलेख अनुसार शासकीय भूमि निरंक है। उक्त भूमि शासन द्वारा किसी विभाग को आवंटित नहीं की गई। उक्त खसरा नं. 400 में वर्तमान में 07 व्यक्तियों का कब्जा है। शासन का हित-निहित न होने से अधिपत्य में लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) अतिक्रमण नहीं है, बल्कि निजी स्वामित्व की भूमि है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ड.) ग्राम अनूपपुर पटवारी हल्का अनूपपुर तहसील व जिला अनूपपुर स्थित आराजी खसरा नं. 631 का जुजभाग (07 बटांकधारियों से) म.प्र. शासन जरिए अनुविभागीय अधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी अनूपपुर द्वारा प्र.क्र. 03/अ-82/2016-17 अवार्ड दिनांक 29-10-2018 द्वारा रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण हेतु अन्य प्रभावित भूमियों के साथ अधिग्रहित की गई है। आराजी खसरा नं. 631 वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय दर्ज नहीं है, बल्कि निजी स्वामित्व में दर्ज है तथा अधिग्रहण के दौरान उक्त आराजी राजस्व अभिलेख में जिनके नाम दर्ज रही, उन्ही के स्वामित्व से अधिग्रहित किया गया है तथा उक्त अधिग्रहण की कार्यवाही में राजस्व अभिलेख में भू-स्वामियों को नियमानुसार मुआवजा निर्धारण कर भुगतान की कार्यवाही की गई है। ग्राम अनूपपुर की आराजी खसरा नं. 631 के अधिग्रहण के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर के पत्र क्र. 726/एसडीओ/2021 दिनांक 10-11-2021 द्वारा कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा गया था, जो कलेक्टर महोदय के रा.प्र.क्र. 113/बी-121/2021-22 आदेश दिनांक 09-05-2022 द्वारा प्रस्तुत शिकायत हस्तक्षेप योग्य न होने से नस्तीबद्ध किया गया है।
संबल हितग्राहियों की जानकारी
[श्रम]
133. ( क्र. 1250 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन विधानसभा में संबल योजना के कितने पात्र हितग्राही हैं, जिन्हें अभी तक अंत्येष्टि सहायता और मृत्यु उपरांत मिलने वाली सहायता नहीं मिली है? उनकी सूची दें, इन्हें कब तक राशि मिलेगी? नहीं मिलने का क्या कारण है? पूर्ण विवरण ग्रामवार वार्डवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : खरगोन विधानसभा अंतर्गत अंत्येष्टि सहायता राशि हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है एवं अनुग्रह सहायता भुगतान के कुल 190 प्रकरण लंबित है, जिनको स्वीकृत कर पदाभिहित अधिकारी द्वारा ईपीओ जारी किया जा चुका है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, जो बजट उपलब्धता अनुसार किया जाता है। पूर्ण विवरण ग्रामवार, वार्डवार प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राशन दुकानों की जानकारी
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
134. ( क्र. 1251 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन विधानसभा में कितने ग्राम ऐसे है जहाँ राशन दुकानें अभी तक नहीं हैं? सूची देवें। नहीं होने का क्या कारण है? कब तक इन गाँव में दुकानें खोली जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्येक ग्राम में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान नहीं है, अपितु प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकानें स्थापित किया जाना है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 03 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें नहीं है जिनके नाम हैं- (1) मांगरूल बुजुर्ग, (2) सोनीपुरा और (3) दसंगा। उक्त 03 ग्राम पंचायतों में विज्ञप्ति जारी कर दिनांक 30.06.2023 तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। ऐसे ग्राम जहां उचित मूल्य दुकानें नहीं हैं, वहां उचित मूल्य दुकानों द्वारा 'मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम' योजनांतर्गत ग्राम में ही राशन का वितरण किया जा रहा है।
मदनसागर तालाब जतारा में बान सुजारा बांध का पानी भेजा जाना
[जल संसाधन]
135. ( क्र. 1364 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जल संसाधन मेरी सीमा से ऐसी कौन-कौन सी नदियां निकली हैं, जिनका बरसात का पानी उत्तर प्रदेश में चला जाता है और जिले के तालाब चंदेली तालाब खाली रह जाते हैं? यह चंदेली तालाब कौन-कौन से हैं और कितने-कितने रकबा के हैं और इन तालाबों में कौन-कौन से नाले एवं नदियों, नहर के माध्यम से पानी भेजकर भरे जाने का प्रावधान पूर्व में था? कृपया विधानसभावार बताएं। (ख) ऐसे कौन-कौन से तालाब हैं, जिन तालाबों में प्रश्न दिनांक तक पानी भरे जाने हेतु सिर्फ बरसात के पानी के अलावा अब कोई स्रोत नहीं बचा है? इन नदियों के माध्यम से पानी क्या इन चंदेली तालाबों में जिले की जनता की मांग अनुसार दिए जाने की योजना बनाई जा सकती है? यदि हाँ तो कब तक? (ग) जतारा विधानसभा के जो तालाब हैं, उनमें ऐसे कौन-कौन से तालाब हैं जो सिर्फ भरे जाने हेतु बरसात के पानी पर आश्रित हैं? ऐसे तालाबों के नाम भी बताएं कि जो विभाग द्वारा नदी एवं नालों का सहारा लेकर भरे जा सकते हैं? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) नगर जतारा का मदनसागर तालाब प्रतिवर्ष मात्र बरसात पर ही आश्रित रहता है और प्रतिवर्ष खाली रहता है, उसे भरे जाने हेतु कितने एम.सी.एम. पानी की आवश्यकता रहती है? क्या इतना पानी बान सुजारा बांध से दिया जा सकता है, तो विभाग कब तक इसकी सम्पूर्ण कार्यवाही कराकर, राशि स्वीकृत जतारा के तालाब में बान सुजारा बांध के पानी को भेजने का कार्य करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा क्षेत्र की सीमा से धसान नदी, उर नदी, सपरार नदी, सुखनाई नदी, पराई नदी एवं साधनी नदी निकलती हैं जो उत्तरप्रदेश में जाती हैं। वर्ष 2022-23 में टीकमगढ़ जिले के कुल 71 चंदेली तालाब अपनी पूर्ण भराव क्षमतानुसार नहीं भरे। इन 71 चंदेली तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। इन तालाबों में से कुल 10 तालाबों को हरपुरा नहर के माध्यम से भरे जाने का प्रावधान है। विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। एक और तालाब बराना बम्होरी को हरपुरा फेस-II द्वारा भरे जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) जतारा विधानसभा क्षेत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शित 19 चंदेली तालाब भरे जाने हेतु वर्तमान में बरसात के पानी पर आश्रित हैं। बम्होरी तालाब को हरपुरा फेज़-II द्वारा भरा जाना प्रस्तावित है। अन्य तालाबों का तल नदी के तल से अधिक ऊँचाई पर होने के कारण बहाव पद्धति द्वारा भरा जाना तकनीकी दृष्टि से संभव नहीं है। (घ) मदनसागर तालाब की जीवित जल भराव क्षमता 7.10 मिघमी है। बानसुजारा बॉंध की जीवित जल भराव क्षमता 276.04 मिघमी है। जिसमें से 250 मिघमी जल रबी सिंचाई हेतु, 15.77 मिघमी जल जिला छतरपुर एवं टीकमगढ़ के कुल 341 ग्रामों के पेयजल हेतु एवं 10.27 मिघमी जल पर्यावरणीय उपयोग हेतु आरक्षित है अत: मदनसागर तालाब को पूर्ण रूप से भरने/पोषित करने हेतु बानसुजारा बॉंध में अतिरिक्त जल उपलब्ध नहीं होने से वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मछुआ सहकारी समितियों की जांच
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
136. ( क्र. 1367 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार अंतर्गत कितनी मछुआ सहकारी समितियों पंजीकृत हैं एवं इनका संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है? संपूर्ण संचालक मण्डल सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने समूह एवं स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं? तालाब/जलाशय का नाम तथा संचालन कर रहे व्यक्तियों के नाम तथा पिता/पति के नाम सहित संपूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) जिला अंतर्गत मछली पालन विभाग में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपनी पत्नी/बच्चों के नाम से समितियों/समूहों का गठन कर तालाब/जलाशय का पट्टा प्राप्त कर संचालन किया जा रहा है? साथ ही दोहरा लाभ अर्जित कर वास्तविक मछुआरों का शोषण किया जा रहा है यदि हाँ तो अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम पद सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या शासन इस प्रकार के बिचौलियों की निष्पक्ष जांच कराकर फर्जी समितियों का पंजीयन/तालाब पट्टा निरस्त करने संबंधी कार्यवाही करेगा। यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला धार अंतर्गत कुल 76 मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार (ख) जिला धार अंतर्गत वर्तमान में कुल 517 समूह एवं स्वसहायता समूह कार्यरत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) जिला धार अंतर्गत विभाग में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पत्नी/बच्चो के नाम से समिति/समूहों का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताविहीन चावल प्रदाय किये जाने की जांच एवं कार्यवाही
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 1437 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला प्रबंधक एमपीएससीएससी लि. सिवनी और म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ बालाघाट के जिला प्रबंधक कार्यालय से मिलर्स द्वारा समर्थन मूल्य पर धान क्रय करके, अरवा/उष्ण चावल में रूपांतरित करके, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लि. के धार सहित प्रदेश के समस्त जिला प्रबंधक कार्यालयों के माध्यम से वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक में कितनी राशि का, कितना धान क्रय किया? जिलेवार बतावें। क्या धान से चावल में रूपांतरित किया हुआ प्रदाय चावल निर्धारित गुणवत्ता का था? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि म.प्र. सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन द्वारा निम्न गुणवत्ता का चावल शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से वितरित किया गया? (ग) उक्त अवधि में चावल प्रदाय किए जाने हेतु अनुबंध की शर्तों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जांच करायी गई? यदि हाँ तो जांच निष्कर्षों के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदकिनी नदी के किनारे लगे अर्जुन के पेड़ काटे जाना
[वन]
138. ( क्र. 1597 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट के अंतर्गत स्थापित मंदाकिनी नदी के किनारे लगे अर्जुन के पेड़ वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने पेड़ किसके द्वारा काटा गया? स्पष्ट जानकारी दें। (ख) यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) उक्त विधान सभा क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा आंदोलन किया गया है? यदि हाँ तो हितों को देखते हुए क्या-कया कार्यवाही की जा रही है? (घ) मंदाकिनी नदी के निर्मल जल पर प्रदूषण युक्त पानी का मिलान हो रहा है? यदि हाँ तो इसका निराकरण कब तक किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक वनक्षेत्र के अंदर अवैध रूप से किसी भी अर्जुन के पेड़ को नहीं काटा गया है न ही कोई वन अपराध पंजीबद्ध किया गया है। राजस्व क्षेत्र से गुजर रहे मंदाकिनी नदी के किनारे प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले अर्जुन पेड़ कटाई के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वनक्षेत्र के अंदर गुजर रहे मंदाकिनी नदी में प्राकृतिक रूप से बह रहे नदी-नालों का पानी ही मिलता है, प्रदूषणयुक्त पानी वनक्षेत्र में नहीं मिलता है।