मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 12 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
निजी क्षेत्र में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
1. ( *क्र. 1248 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के वचन पत्र में वर्णित विषय क्र. 06 में शिक्षा में उल्लेखित है कि निजी क्षेत्र के स्कूल एवं महाविद्यालय शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर विचार करेंगे तो उक्त के संबंध में क्या कोई कार्ययोजना बनायी गयी है? अगर हाँ तो कब तक लागू कर दी जावेगी? कार्ययोजना की जानकारी प्रदान करें। (ख) शासन के वचन पत्र में अतिथि, विद्वानों, अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की नीति कब तक लागू कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन कंजर्वेशन का निर्माण
[वन]
2. ( *क्र. 682 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन कंजर्वेशन 1972 की धारा 36 (क) के अंतर्गत मध्यप्रदेश में कितने वन कंजर्वेशन का निर्माण किया गया है? (ख) वर्तमान में वन कंजर्वेशन की और क्या योजना विभाग द्वारा बनाई जा रही है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को राघौगढ़ वन कंजर्वेशन निर्माण के दिए गए प्रस्ताव की वर्तमान में क्या स्थिति है? (घ) कलियासोत एवं केरवा फॉरेस्ट बेल्ट में अतिक्रमण और गैर वन गतिविधियों के संचालन जिसके खिलाफ NGT को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई है, उक्त गतिविधियों के खिलाफ, शासन ने क्या कदम उठाए हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश के वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36 (क) के अंतर्गत किसी भी संरक्षण आरक्षित (कंजर्वेशन रिजर्व) का गठन नहीं किया गया है। (ख) वर्तमान में नर्मदा कंजर्वेशन रिजर्व इकाई-1, नर्मदा कंजर्वेशन रिजर्व इकाई-2 एवं राघौगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व के गठन के प्रस्ताव हैं। (ग) प्रश्नाधीन प्रस्ताव की कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) एन.जी.टी. को सौंपी गई रिपोर्ट में वन विभाग के आधिपत्य की कलियासोत एवं केरवा फॉरेस्ट बेल्ट की भूमि में कोई भी अतिक्रमण या गैरवानिकी गतिविधियां होने का उल्लेख नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( *क्र. 1432 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-01/2016/4/25, दिनांक 16 मार्च, 2017 के द्वारा विधान सभा क्षेत्र रहली जिला सागर के गढ़ाकोटा नगर में 27 लाख रू. प्रत्येक की लागत के 3 सामुदायिक भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त तीनों भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसे कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) क्या गत 01 वर्ष से लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) सागर द्वारा विभाग से लगातार मांग किये जाने के बावजूद अभी तक शेष कार्य हेतु राशि आवंटित नहीं की गई है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। 03 सामुदायिक भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु कार्य एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल की मांग अनुसार आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक बजट/5798-99, दिनांक 17.09.2018 द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल के बी.सी.ओ. कोड में राशि रू. 50.00 लाख आवंटित की जाकर हस्तान्तरित की गई थी जिसके विरूद्ध कार्य एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल द्वारा राशि रूपये 17.49 लाख का व्यय किया गया। कार्य पूर्णता की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निर्माण एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल की मांग अनुसार आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक बजट/5798-99 दिनांक 17.09.2018 द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल के बी.सी.ओ. कोड में राशि रूपये 50.00 लाख आवंटित की जाकर हस्तान्तरित की गई थी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1560 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है? उपरोक्त्ा प्रोजेक्ट में म.प्र. के किन-किन शहरों को कितनी-कितनी धनराशि प्राप्त हुई है? (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किन-किन विकास कार्यों पर यह धनराशि खर्च की जायेगी? इसकी प्रक्रिया क्या है? विकास एजेंडे में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की भूमिका क्या है? यदि धनराशि का दुरूपयोग हो रहा है तो इसकी मॉनिटिरिंग कौन करेगा? (ग) क्या जनप्रतिनिधि अपने शहर के सर्वांगीण विकास, स्वास्थ्य, खेल, पार्क, शिक्षा, सड़क के लिये इस योजना में कोई प्रस्ताव दे सकते हैं? (घ) ग्वालियर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से कितनी राशि स्वीकृत हुई है तथा किन-किन विकास कार्यों पर कितनी राशि खर्च हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केंद्र एवं प्रदेश सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शहरों को प्राप्त धनराशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट केंद्र सहायतित योजना है, जिसके संबंध में जारी मिशन गाइड लाइन में निर्धारित प्रक्रिया, केन्द्र/राज्य की भूमिका तथा मॉनिटरिंग आदि के प्रावधान हैं। प्रश्न के अनुक्रम में मिशन गाइड लाइन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। (ग) जी हाँ। स्मार्ट सिटी गाइड लाइन अनुसार ही शहर स्तरीय परामर्श समिति का गठन किया गया है। शहर स्तरीय परामर्श समिति में स्थानीय माननीय सांसद, विधायक, महापौर व अन्य जनप्रतिनिधि सम्मिलित हैं, जो कि अपने शहर के सर्वांगीण विकास हेतु सुझाव/प्रस्ताव दे सकते हैं। (घ) ग्वालियर को स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि एवं विकास कार्यों पर व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' पर है।
खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में शिक्षकों का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 1354 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के बल्देवगढ़ एवं पलेरा ब्लॉक में कई शिक्षक गृहनगर में 5 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो नीति क्या है? (ग) यदि नहीं तो क्या ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु कोई नीति बनाई जायेगी और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानातंरण नीति में 5 वर्ष उपरांत शिक्षकों को स्थानांतरित किये जाने का विशिष्ट प्रावधान नहीं हैं। वर्ष 2019-20 की स्थानातंरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भोपाल मास्टर प्लान हेतु कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 1323 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के आगामी मास्टर प्लान को लेकर विभाग की क्या कार्य योजनाएं हैं? क्या पूर्व में जारी मास्टर प्लान की सभी सड़कें बना ली गयी हैं? पूर्वर्ती मास्टर प्लान की किन सड़कों का निर्माण अभी तक किन कारणों से लंबित है? (ख) लंबित प्रत्येक सड़क की जानकारी उपलब्ध करायें एवं इन सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजना की मार्गदर्शिका के डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड के अनुसार भोपाल विकास योजना-2005 को पुनरीक्षित कर भोपाल विकास योजना 2031 तैयार की जा रही है। जी नहीं। विकास योजना का क्रियान्वयन एक सतत् प्रक्रिया है। नगर विकास की प्रक्रिया के दौरान विकास योजना की सड़कें भी अन्य विकास के साथ-साथ, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर क्रियान्वित होती हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रीवा जिलांतर्गत अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 1321 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा सतना जिले में कितने लायसेंस प्रदाय किये गये हैं? क्या रीवा जिले में व्यापक पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इसे रोकने हेतु क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ख) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान ग्राम पंचायत पहाड़िया में अद्यतन स्थिति में शासन द्वारा कितने क्रेशर को लायसेंस प्रदाय किया है एवं क्या इनको पर्यावरण के द्वारा एन.ओ.सी. दी गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें एवं उनके द्वारा कहाँ-कहाँ लीज ली गई है? प्रति उपलब्ध करावें। क्या पहाड़िया में व्यापक पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है? अगर हाँ तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या रीवा जिले में खनिज पट्टा, उत्खनि पट्टा एवं अस्थाई अनुज्ञा पट्टे बिना निरीक्षण के दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो निरीक्षण अधिकारी का नाम, दिनांक, निरीक्षण उपरान्त दिये गये पट्टों की प्रति उपलब्ध करावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिलों में से रीवा जिले में रेत के 132 एवं सतना जिले में 215 भंडारण के लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। रीवा जिले में अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करते हुए विगत तीन वर्षों में 78 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 37,12,500/- रूपये अर्थदण्ड वसूल किया गया है। अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन जिले की ग्राम पंचायत पहाड़िया में 03 क्रेशरों को भंडार लायसेंस प्रदान किये गये हैं। भंडार लायसेंस में पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त करने के कोई प्रावधान नहीं हैं। भंडारण अनुज्ञप्तिधारी को भंडारण नियम, 2006 के तहत लीज लेने की अनिवार्यता नहीं है। अवैध उत्खनन पर प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा ग्राम पहाड़िया में अवैध उत्खनन के 07 प्रकरण दर्ज किये जाकर राशि रूपये 4,58,000/- की वसूली की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
8. ( *क्र. 371 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद पर वर्तमान में कौन कार्यरत है? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी सागर के आदेश क्रमांक/स्थापना 01/बी.ई.ओ.प्र./ 2018/7878 सागर दिनांक 09.02.2018 के द्वारा श्री दिनेश यादव प्र.अ. शा.मा.शा.क्र. 01 को प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पद पर वर्तमान में कौन कार्यरत है? यदि संबंधित कार्यरत है तो आदेश का पालन आज दिनांक तक क्यों नहीं कराया गया? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? इसके लिये दोषी कौन है? कब तक संबंधित को प्रभारी के पद से हटाया जावेगा? (घ) प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रभार हेतु वरिष्ठ प्र.अ.मा.शा. अथवा कनिष्ठ प्र.अ.मा.शा. में से किसको प्रभार सौंपने का प्रावधान है? नियमावली से अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री आर.के. जाटव, प्राचार्य, शासकीय उ.मा.वि. मण्डी बामोरा बीना, प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद पर कार्यरत है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिला शिक्षा अधिकारी, सागर के पत्र क्रमांक स्था.-1/प्रभार/ 2019/3813 दिनांक 25/06/2019 के परिप्रेक्ष्य में श्री दिनेश यादव प्रधान अध्यापक, शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक-1 बीना में दिनांक 26/06/2019 को पूर्णकालिक रूप से उपस्थित हो गये हैं। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार देने के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन संभाग में जैव विविधता बोर्ड द्वारा किये गये कार्य
[वन]
9. ( *क्र. 1090 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड, भोपाल द्वारा जैव विविधता बोर्ड उज्जैन संभाग में विगत 5 वर्षों में क्या-क्या आयोजन, कार्य स्थानवार, वर्षवार आयोजित किए गए? उक्त आयोजनों पर मदवार कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार, जिलेवार जानकारी दें। (ख) जैव विविधता बोर्ड, उज्जैन संभाग उज्जैन को जैव विविधता संरक्षण हेतु विगत 5 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी है? उक्त राशि को मदवार कहाँ-कहाँ व्यय किया गया?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा उज्जैन संभाग में विगत 5 वर्षों में विभिन्न कार्यक्रम एवं कार्य आयोजित करने हेतु राशि रूपये 9.99 लाख व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को शासन द्वारा 7672-जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी संबंधित परियोजना पोषण व 7856- जैव विविधता बोर्ड संबंधी व्यय मद अंतर्गत कार्यवार अनुदान/बजट प्रदान किया जाता है। संभागवार बजट अनुदान का प्रावधान नहीं है तथा मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड का संभागीय स्तर पर कोई कार्यालय नहीं है। अत: जानकारी निरंक है।
खाचरौद जल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 187 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नगर में मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना के अंतर्गत कब और कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या उक्त योजना का उद्घाटन दिनांक 10 जनवरी, 2016 को किया गया था? यदि हाँ, तो उद्घाटन के बावजूद भी नगर की जनता को एक दिन छोड़कर पानी क्यों उपलब्ध हो रहा है? (ख) क्या उक्त योजना की डी.पी.आर. में मैन हेडर लाइन का प्रावधान नहीं किया गया था? यदि हाँ तो अधिकारियों द्वारा किस आधार पर उक्त योजना की डी.पी.आर. बनाई गई तथा स्वीकृति प्रदान की गई? दोषी अधिकारियों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त योजना में 21 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी खाचरौद की जनता को पानी का पर्याप्त स्त्रोत उपलब्ध होने के बावजूद भी प्रतिदिन पानी सप्लाय नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) खाचरौद नगर की जलप्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत राशि रू. 2175.00 लाख की स्वीकृति दिनांक 17.02.2014 को हुई है। जी हाँ। एक दिन छोड़कर पानी देने की स्थिति क्यों निर्मित हुई है इसकी जाँच के आदेश दिए गए हैं। जाँच रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) डी.पी.आर. में 200 से 250 एम.एम. डायामीटर की पाईप लाइन का प्रावधान किया गया है, जो सामान्यत: हेडर के रूप में डाली जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। निष्कर्षों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
पुलिस अधिकारियों को खनिज निरीक्षण के अधिकार
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 1492 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में खनिज उत्पाद (बालू एवं गिट्टी) के निरीक्षण का अधिकार खनिज विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी प्राप्त है? यदि हाँ, तो पुलिस विभाग के अधिकारियों को किस नियम व आदेश के तहत् अधिकार प्रदान किया गया है? आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि पुलिस विभाग के अधिकारियों को खनिज उत्पाद से भरे हुए वाहनों के निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है तो उनके द्वारा जिले में दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहनों का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण किये गये वाहनों में से कितने वाहन अवैध रूप से गिट्टी एवं बालू का परिवहन करते पाये गये? कितने वाहन वैध रूप से खनिज पदार्थों का परिवहन करते हुए पकड़े गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से परिवहन करते हुए वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी है तो ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 19-23/2005/12/2 भोपाल दिनांक 22.03.2006 से प्रदेश में अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये भारत सरकार द्वारा निर्धारित संरचनानुसार जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के आदेश जारी किये गये हैं, जिसमें पुलिस अधीक्षक सदस्य के रूप में नामांकित हैं। इसके साथ ही विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 19-7/2017/12/1, दिनांक 22.06.2018 से 10.07.2018 तक पुलिस/वन/परिवहन/खनिज/ राजस्व/पंचायत विभाग के अमले से खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के संबंध में प्रतिदिन जाँच कराये जाने के निर्देश जारी किये गये। विभाग द्वारा जारी पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा 918 वाहनों का निरीक्षण किया गया है। उनमें से 724 वाहन पकड़े गये, जिनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है, शेष 194 वाहन वैध खनिज परिवहन करते हुए पाये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
परिशिष्ट - ''दो''
वन ग्रामों का विस्थापना
[वन]
12. ( *क्र. 629 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा जो वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है उनमें अभी तक विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें (बिजली, पानी, सड़क, जमीन समतलीकरण) क्यों प्राप्त नहीं हो पा रहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किन-किन ग्रामों का विस्थापन होना शेष है? इनको अभी तक विस्थापन का लाभ क्यों नहीं दिया गया तथा पूर्व में जो विस्थापन हुआ है? उनके भी कुछ लोग पात्रता सूची में विस्थापन लाभ से वंचित हो गये हैं इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) विस्थापित वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? जिसके कारण इन विस्थापित लोगों को कई मूलभूत सुविधायें प्राप्त नहीं हो पा रही हैं इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग में किये गये पत्राचार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों को मूलभूत सुविधाओं के साथ कब तक विस्थापित कर दिया जायेगा? साथ ही पात्रता सूची में छोड़े गये शेष लोगों को भी कब तक शामिल कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के ग्रामों का विस्थापन राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दो विकल्पों में किया जाता है। विकल्प-1 में सहमत ग्रामीण निर्धारित पूर्ण मुआवजा राशि लेकर स्वत: की व्यवस्था से अन्यत्र बस जाते हैं, ऐसे परिवारों को पुनर्वसित स्थल पर विभिन्न विभागों के सहयोग से मूलभूत सुविधायें प्रदान की गईं हैं। विकल्प-2 में सहमत ग्रामीणों को प्रावधान अनुसार भूमि के बदले भूमि एवं नगद राशि देकर विकास योजना अनुसार विकास कार्य कराकर मूलभूत सुविधायें प्रदान की गईं हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1 वनग्राम सुपलई का विस्थापन तथा वनग्राम खामदा का आंशिक विस्थापन होना शेष है। ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन नहीं करने के कारण विस्थापन नहीं हो सका है। पूर्व में हुये विस्थापन में पात्र में से कोई भी व्यक्ति विस्थापन के लाभों से वंचित नहीं है केवल वनग्राम खामदा के 35 व्यक्ति विचाराधीन श्रेणी में हैं, जिनकी पात्रता का निर्धारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाना है। इस संबंध में क्षेत्र संचालक, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, होशंगाबाद के पत्र दिनांक 04.02.2019 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी को लेख किया गया है। (ग) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एफ.सी. डिविजन) नई दिल्ली के पत्र क्रमांक एफ नं. 8-34/2017-एफ.सी., दिनांक 20.05.2019 के अनुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटिशन (सि.) 202/1995 में आई.ए. क्रमांक 3924/2015 में दिनांक 28.01.2019 के द्वारा वन भूमि पर पुनर्वसित ग्रामों की वन भूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तन करने संबंधी आदेश जारी किया गया है। उक्त संबंध में वन भूमि के डिनोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तत्पश्चात् राजस्व विभाग द्वारा इन ग्रामों को राजस्व ग्राम के रूप में मान्य करने की कार्यवाही की जावेगी। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पूर्व में मुख्यमंत्रीजी को सम्बोधित पत्र के संबंध में पत्राचार किया गया था, जिसका उत्तर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/व.प्रा./ मा.चि./952, दिनांक 08.02.2019 से प्रश्नकर्ता को पृष्ठांकित किया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन करने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही संभव है। ग्राम खामदा के विचाराधीन 35 व्यक्तियों की समिति द्वारा पात्रता निर्धारण उपरांत ही कार्यवाही संभव है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 477 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रदेश की स्कूली शिक्षा में सुधार के संबंध में क्या नीति लागू थी? विवरण दें। सिवनी जिले के बरघाट तथा कुरई विकासखण्ड में वर्ष 2010 से 2018 तक प्रदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता व अधोसंरचना सुधार हेतु कितनी राशि किस मद में स्वीकृत व व्यय की गयी, मदवार विकासखण्डवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शिक्षा स्तर में उपरोक्त कार्यक्रमों से क्या सुधार हुआ? प्रदेश के कितने स्कूलों में वर्ष 2010 से 2018 तक शिक्षा के स्तर के बारे में थर्ड पार्टी असेसमेंट कराया गया तथा उसकी क्या अनुशंसाएं थीं? यदि थर्ड पार्टी असेसमेंट नहीं कराया गया तो किस विधि से प्रदान की जा रही स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का मापन किया गया? मापन के प्राचलों की जानकारी दें। (ग) क्या कारण है कि सरकारी विद्यालयों में बेहतर सुविधा होने के बावजूद और निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली के बावजूद सरकारी स्कूलों में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षार्थियों की संख्या व गुणवत्ता खराब होती जा रही है? सरकार ऐसी दुर्दशा के लिए किसको जिम्मेदार मानती है या मानेगी? (घ) क्या सरकार के पास निजी विद्यालयों के मनमाने फीस वसूलने के तरीकों को विनियमित करने की कोई सर्वमान्य योजना है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि ऐसी व्यवस्था नहीं है तो क्या सरकार इस हेतु कोई मंशा रखती है? क्या प्रदेश के विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम के बहाने सरकार मध्यप्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद और पाठ्य पुस्तक निगम को बंद करना चाहती है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में स्कूली शिक्षा में सुधार के संबंध में निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा नियम 2011 लागू किया गया है। सिवनी जिले के बरघाट तथा कुरई विकासखण्ड में वर्ष 2010 से 2018 तक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा गुणावत्ता व अधोसंरचना सुधार हेतु स्वीकृत व व्यय राशि की मदवार व विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'', ''3'', ''4'', ''5'' व ''6'' पर है। (ख) प्रदेश में थर्ड पार्टी असेसमेंट नहीं कराया जाता है। सत्र 2011-12 से गुणवत्ता मापन के लिए प्रदेश की समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में प्रतिभा पर्व का आयोजन किया जाता है। प्रतिभा पर्व में उपयोग किए जा रहे प्राचलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' पर है। (ग) शासकीय विद्यालयों में गुणवत्ता सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अशासकीय संस्थाओं के फीस नियंत्रण हेतु मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 दिनांक 25 जनवरी, 2018 को प्रकाशित किया जा चुका है। जी नहीं। एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा ही किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का औचित्य नहीं।
आवारा पशुओं का संरक्षण
[पशुपालन]
14. ( *क्र. 1045 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास आवारा पशुओं के संरक्षण हेतु कोई योजना है? (ख) क्या वर्तमान में चुरहट विधान सभा क्षेत्र में लगभग सभी राजस्व ग्राम एवं अन्य ग्रामों में आवारा पशुओं की संख्या अत्यधिक है जिस कारण किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है? (ग) क्या शासन इस क्षेत्र के आवारा पशुओं को चिन्हित कर गौशालाएं अथवा अन्य संस्थाएं, जो सुनिश्चित हैं, वहां पर ले जाने की व्यवस्था करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत दो गौशालाएं पूर्व से संचालित हैं जिसमें एक म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत है तथा एक गौशाला के पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा गौशाला परियोजना अंतर्गत 5 गौशालाएं खोली जा रही हैं। जिनमें पशु पालकों के सहयोग से निराश्रित गौवंश को ले जाने की व्यवस्था की जावेगी।
जबलपुर से बालाघाट ब्रॉडगेज कार्य में उपयोग की गई रेत
[खनिज साधन]
15. ( *क्र. 582 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर से बालाघाट ब्रॉडगेज कार्य प्रारंभ है? यदि हाँ, तो समनापुर से पाद्रीगंज तक बन रहे पुल-पुलिया में रेत किस खदान से लाई गई, कितनी रायल्टी काटी गई? (ख) क्या जबलपुर से बालाघाट ब्राडगेज में निर्माण कार्य में रेत की कोई खदान आवंटित की गई? यदि नहीं, तो क्या निर्माण कार्य में रेत का अवैध खनन करके उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार पर अवैध उत्खनन एवं चोरी का प्रकरण दर्ज करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और इससे कौन-कौन अधिकारी दोषी होंगे? क्या जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या धापेवाडा, रोशना, तुमडीटोला, मगरदर्रा, मानकपुर, कुकडा, मोहगांव, पाद्रीगंज में अवैध खनन के रूप में उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सरकार को मिलने वाली लाखों रूपये रायल्टी चोरी के लिये, जिम्मेदार अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) उप मुख्य अभियंता/निर्माण दक्षिण पूर्व रेलवे से प्राप्त जानकारी अनुसार समनापुर से पादरीगंज तक निर्माण कार्य रेलवे विभाग द्वारा किया जा रहा है। रेलवे विभाग के ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य में रेत खनिज की मात्रा एवं किस खदान से ली गई है, इसकी जानकारी का आंकलन राज्य शासन में नहीं किया जाता है। अंतिम देयक के पूर्व आंकलित कर देय रॉयल्टी भुगतान किए जाने के प्रावधान हैं। (ख) जी नहीं। उपरोक्त उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) बालाघाट जिले में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में से जिन व्यक्तियों के विरूद्ध रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तीन''
अवैध खनन की रिकवरी
[खनिज साधन]
16. ( *क्र. 725 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना (म.प्र.) के पत्र क्रमांक/518/खनिज/2017 सतना दिनांक 15/02/2017 से लीजधारक को खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन दिनांक 15/02/2017 के आधार पर 1,26,62,616=00 रूपयों की रिकवरी बिना भू-प्रवेश अनुमति के कार्य किये जाने के कारण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धार 247 (5) के तहत कार्यवाही किये जाने का पत्र जारी किया था? पत्र के साथ पढ़ी जा सकने वाली लिपि की एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना ने एस.डी.एम. रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26/11/2011 के आधार पर क्षेत्रीय नियंत्रक भारतीय खान ब्यूरो कमला नेहरू नगर जबलपुर को पत्र क्रमांक 2438/खनिज/2011 सतना, दिनांक 08/12/2011 से पत्र लिखकर खनिज संरक्षण विकास नियम 1988 के नियम 13 की शर्तों का उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर खनि पट्टा में खनन संक्रियायें बंद करने का लेख किया था? पत्र की एक प्रतिलिपि दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26/11/2011 के बाद तहसील रघुराजनगर आर.एन. खरे ने उक्त प्रकरण की पुन: जाँच 25/01/2012 को कर एस.डी.एम. रघुराजनगर को दिया एस.डी.एम. रघुराजनगर ने 25.01.2012 को ही प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया? सभी पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (घ) क्या न्यायालय कलेक्टर जिला सतना ने मामला क्रमांक 274/अ/67/2016-17 में दिनांक 03/10/2018 को प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित दोनों प्रकरणों की बिना जाँच कमेटी के स्थल निरीक्षण एवं माप करवाते हुये प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया है? आदेश की एक प्रति देते हुए बतायें कि किन-किन अधिकारियों की कमेटी ने स्थल निरीक्षण कर स्थल की माप कर जो रिपोर्ट कलेक्टर सतना को दी उसके आधार पर रिकवरी समाप्त की गई? राज्य शासन कलेक्टर के आदेश को वैध मानता है या अवैध?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र जारी किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार भारतीय खान ब्यूरो को पत्र प्रेषित किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। प्रश्नानुसार प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। न्यायालयीन प्रकरण में पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार अभिलेखों के आधार पर आदेश पारित करते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। न्यायालयीन प्रकरण में कलेक्टर, सतना द्वारा पारित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आदेश पारित करने हेतु कोई कमेटी गठित नहीं की गई। अत: आदेश की प्रति दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण अनुसार अवैध खनन की पुष्टि नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया, अत: रिकवरी का प्रश्न ही नहीं है। न्यायालयीन प्रकरण की वैधता के संबंध में किसी भी प्रकार की टिप्पणी दिया जाना संभव नहीं है।
सागर जिलांतर्गत विभिन्न श्रेणी के स्वीकृत एवं रिक्त पद
[आदिम जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 1508 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग संभाग सागर में सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, क्षेत्र संयोजक, परियोजना अधिकारी, विकासखण्ड अधिकारी, मंडल संयोजक, कार्यक्रम निरीक्षक, प्राचार्य व्याख्याता के कुल कितने पद स्वीकृत, भरे एवं रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षक संवर्ग एवं अन्य विभागों के अधिकारी किस-किस जिले में किस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं? इनमें वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त प्रकरण किसके विरूद्ध दर्ज है एवं प्रश्न दिनांक तक इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) मंडल संयोजक विभाग की प्रशासकीय सरंचना में किस संवर्ग का पद है? क्या विभाग में प्रशासन एवं शिक्षा संवर्ग पृथक-पृथक है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों का प्रभार प्रश्नांश (ग) में वर्णित एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा करने पर पदोन्नति की प्रत्याशा में सौंपने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2018-19 में सागर जिले में पदस्थ श्री संदीप जैन सहायक आयुक्त एवं श्री के.के. सूर्येश व्याख्याता के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है। प्रश्न दिनांक तक श्री संदीप जैन सहायक आयुक्त एवं श्री के.के. सूर्येश व्याख्याता को निलंबित किया गया है। (ग) तृतीय श्रेणी कार्यपालिक। जी हाँ। (घ) रिक्त पदों का प्रभार पदोन्नति की प्रत्याशा में सौंपने की कार्यवाही नहीं की जाती। अत: प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वीकृत ऋण
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1273 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत बैतूल, बैतूल बाजार एवं आठनेर में पिछले 01 जनवरी, 2015 से 31 मार्च, 2019 तक कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? स्वीकृत करने के प्रावधान के नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त अवधि में उपरोक्त तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में किन-किन को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राहीवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के कितने प्ररकण तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत में लंबित हैं? हितग्राहीवार सूची उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत बैतूल, बैतूल बाजार एवं अठनेर में प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत आवासों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। स्वीकृत करने के प्रावधान के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में आवास स्वीकृत किये गये। हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना में लंबित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द” अनुसार है।
प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 1326 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत गत् शैक्षणिक सत्र 2017-18 में RTE के तहत कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षक अतिशेष हैं तथा कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के पद रिक्त हैं विधान सभा क्षेत्रवार, तहसीलवार, प्राथमिक शालावार, माध्यमिक शालावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में अतिथि शिक्षक नियुक्त किये हैं? यदि हाँ, तो विधानसभावार, तहसीलवार प्राथमिक शाला, माध्यमिक शालावार सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो रिक्त पदों अथवा शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में शैक्षणिक व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इंदौर विधान सभा जिले के क्षेत्रवार, तहसीलवार अतिथि शिक्षक होने पर भी अतिथि शिक्षक रखने एवं इससे शाला को होने वाले दोहरे राजस्व की हानि हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) इन्दौर जिले में रिक्त पद पर ही अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की गई है। राजस्व की हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम जिले में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
20. ( *क्र. 1479 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में 15 जून, 2019 को गिट्टी खदान किस-किस व्यक्ति के नाम है? खदान का खसरा, रकबा, गांव का नाम, आवंटन की अवधि, आवंटन की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में अवैध उत्खनन की कितनी शिकायतें पिछले तीन वर्षों में किस-किस खदान के संदर्भ में प्राप्त हुईं? उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा क्या धोलावाड़ के केचमेंट एरिया में बिबडोद ग्राम की खदानों में अवैध उत्खनन से नदी का जल दूषित होने तथा ग्राम की कृषि भूमि खराब हो रही है? यदि हाँ, तो उनकी रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों की किस दिनांक को अंतिम जाँच की गई उसकी जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। जाँच रिपोर्ट अनुसार किस-किस खदान में किस प्रकार की अनियमितता पाई गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से किस खदान में आवंटित जमीन से ज्यादा तथा नियमों के विपरीत गहराई में उत्खनन, विस्फोटक पदार्थ का उपयोग किया? सूची देवें तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित खदानों में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। धोलवाड़ के केचमेंट एरिया में ग्राम बिबडोद की खदानों में अवैध खनन से नदी का जल प्रदूषित होने तथा ग्राम की कृषि भूमि खराब होने संबंधी कोई तथ्य/रिपोर्ट/शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित खदान सरल क्रमांक 22, 23 एवं 24 में उल्लेखित 03 पट्टाधारियों के विरूद्ध संयुक्त रूप से 01 प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के सरल क्रमांक 22, 23 एवं 24 में उल्लेखित पट्टेदारों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से बाहर उत्खनन करने पर उनके विरूद्ध अवैध खनन का प्रकरण तैयार किया जाकर, सक्षम न्यायालय में पंजीबद्ध कराया गया है। न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है।
टीकमगढ़ विकास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1407 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के असाधारण राजपत्र भाग-1 में दिनांक 08.09.2019 को टीकमगढ़ नगर हेतु वर्ष 2031 तक के लिये विकास योजना अनुमोदित होने एवं विकास योजना की प्रति कमिश्नर सागर, कलेक्टर टीकमगढ़, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग छतरपुर तथा नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में निरीक्षण हेतु उपलब्धता का प्रकाशन हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यालयों में विकास योजना की प्रति सामान्य जनता के निरीक्षण हेतु उपलब्ध है? यदि हाँ, तो भुगतान पर टीकमगढ़ विकास योजना 2031 की प्रति कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यालयों में टीकमगढ़ विकास योजना 2031 की प्रति यदि उपलब्ध नहीं है तो राजपत्र में इस प्रकार का प्रकाशन क्यों कराया गया? लगभग 02 साल के अन्तराल के बाद भी आम नागरिकों को योजना की प्रति उपलब्ध न कराने के लिये कौन दोषी है? (घ) दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी और कितने समय के अन्दर योजना की प्रति उपलब्ध होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अंशत: हाँ, मध्य प्रदेश असाधारण राजपत्र भाग-1 में दिनांक 08/09/2019 को न होकर दिनांक 08/09/2017 को टीकमगढ़ विकास योजना 2031 अनुमोदित होने एवं विकास योजना की प्रति आयुक्त सागर संभाग, सागर, कलेक्टर टीकमगढ़, मुख्य नगर पालिका अधिकारी-नगर पालिका टीकमगढ़, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय-छतरपुर में निरीक्षण हेतु उपलब्ध होने का प्रकाशन हुआ है। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) टीकमगढ़ विकास योजना-2031 राज्य नगर नियोजन विभाग की वेबसाइट http://www.sitop.org.in/pdfs/Teekamgarh_Master_Plan.pdf पर अवलोकन की जा सकती है। टीकमगढ़ विकास योजना-2031 की प्रति भुगतान पर संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल एवं कार्यालय सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय छतरपुर में उपलब्ध है (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''पाँच''
सागर की लाखा बंजारा झील जल क्रीड़ा की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 590 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में स्थित लाखा बंजारा झील (तालाब) मानव निर्मित मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी झील है? (ख) क्या लाखा बंजारा झील (तालाब) में जल क्रीड़ा के क्षेत्र में शासन स्तर पर कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना के तहत कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित किया जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रस्तावित योजना कब तक अमल में आ सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इस विषय पर जानकारी संधारित नहीं है। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम सागर द्वारा लाखा बंजारा झील (तालाब) में जल क्रीड़ा के क्षेत्र में कोई भी योजना तैयार नहीं की गयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 569 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के ग्राम रामस्थान में स्थित 80 एकड़ लीज की आड़ में लीज धारक एवं ट्रांसपोर्टर द्वारा शासन के नियमों के विरूद्ध लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन एवं अवैध ओव्हर लोडिंग विगत दस वर्षों से की जा रही है तथा क्या कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना ने पत्र क्रमांक 436/खनिज/2018 सतना दिनांक 05/02/2018 को कारण बताओ सूचना जारी किया था? हाँ तो पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवैध उत्खनन को क्या 28 फरवरी, 2017 को प्रश्न क्रमांक 2246 में कुल तीन एकड़ साठ डेसीमिल में अवैध उत्खनन तथा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2882 दिनांक 28 फरवरी, 2017 के प्रश्न (ख) में आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा आराजी क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन पाया गया का उत्तर दिया था? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना ने संचालक, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल को पत्र क्रमांक 419/खनिज/2019 सतना दिनांक से जो पत्र भेजा उसके बिन्दु क्रमांक 5 (पाँच) में अवैध उत्खनन 80 डिसिमिल में पाये जाने का उल्लेख किया है? पत्र की एक प्रतिलिपि दें? (घ) अवैध उत्खनन के बार-बार साबित होने के बाद 1,26,62,616/- रूपयों की 15/02/2017 को कलेक्टर द्वारा जारी रिकवरी आदेश को कलेक्टर सतना ने ही अपने आदेश दिनांक 03/10/2018 को रिकवरी आदेश समाप्त कर प्रकरण नस्तीबद्ध करने को राज्य शासन वैध मानता है कि अवैध? राज्य शासन उक्त अवैध आदेश जारी करने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार लीज धारक द्वारा निरंतर अवैध उत्खनन एवं ओव्हर लोडिंग जैसी स्थिति नहीं है। कलेक्टर, सतना द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 05.02.2018 से पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार विधान सभा प्रश्नों के उत्तर में अवैध उत्खनन की जानकारी प्रेषित की गई थी। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक अनुसार दिनांक 10.02.2019 को कलेक्टर, सतना द्वारा संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म को प्रतिवेदित किया गया था कि स्वीकृत खदान क्षेत्र रकबा 80 एकड़ से पृथक क्षेत्र खसरा क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा खसरा क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ में अवैध उत्खनन होना पाया गया। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार अवैध उत्खनन की पुष्टि उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर नहीं होने के कारण न्यायालय कलेक्टर, सतना द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध किये जाने के आदेश दिनांक 03.10.2018 को जारी किये गये। अत: रिकवरी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण की वैधता के संबंध में टिप्पणी दिया जाना संभव नहीं है। अत: प्रश्नांश अनुसार शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''छ:''
बंजारा समाज हेतु शासन की योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 1137 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में बंजारा जाति को विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग में शामिल किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो बंजारा समाज हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बंजारा समाज को आवासीय भूमि का पट्टा एवं रोजगार हेतु ऋण देने का कोई प्रावधान है? (ग) यदि आवासीय भूमि का पट्टा एवं रोजगार हेतु ऋण दिया गया है तो शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र के हितग्राही परिवारों की संख्या बतायें जिनको लाभ दिया गया?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। बंजारा समाज के लिए छात्रावास, आश्रम/मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना/मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित है। (ख) बंजारा समाज को आवासीय भूमि का पट्टा देने का कोई प्रावधान नहीं है, अपितु केवल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत रोजगार हेतु ऋण देने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत किसी भी हितग्राही परिवार को रोजगार हेतु ऋण नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लाभान्वित कन्याएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
25. ( *क्र. 902 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सागर संभाग में वर्ष 2013-14 से दिसम्बर 2018 की अवधि में कितनी कन्याओं के विवाह सम्पन्न हुए हैं? जिलेवार एवं वर्षवार संख्या बतावें। (ख) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत कराये गए विवाहों की जिलेवार संख्या कितनी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत शासन की ओर से प्रति कन्या कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) क्या विगत वर्षों की तुलना में प्रश्नांश (ख) अवधि में संपन्न विवाहों में कमी दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सागर संभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से दिसम्बर 2018 की अवधि में विवाहित कन्याओं का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सागर संभाग में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार कन्याओं के विवाह संपन्न हुए। (ग) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत शासन की ओर से प्रति कन्या 51,000/- की राशि स्वीकृत की गई। (घ) विगत वर्षों की तुलना में प्रश्नांश (ख) अवधि में संपन्न विवाहों में कोई कमी दर्ज नहीं हुई है।
परिशिष्ट - ''सात''
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वॉटर
हार्वेस्टिंग
युक्त आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 9 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिकाओं में नक्शा पास कराने के पूर्व वॉटर हार्वेस्टिंग की राशि जमा करायी जाती है? (ख) होशंगाबाद जिले की नगरपालिकाओं/नगर पंचायतों में विगत तीन वर्षों में कितने नागरिकों द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु राशि जमा करायी गयी? नगरपालिका/नगर पंचायतवार बतावें। (ग) इनमें से कितने नागरिकों द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग करायी गयी? क्या जिन लोगों ने वॉटर हार्वेस्टिंग करायी, उनकी जमा राशि वापस कर दी गयी? यदि नहीं तो कब तक वापस की जावेगी? (घ) होशंगाबाद जिले की नगरपालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में कुल कितने-कितने निजी आवास/शासकीय आवास एवं कार्यालय हैं? इनमें से कितनों में वॉटर हार्वेस्टिंग होना बाकी है? श्रेणीवार तीनों की जानकारी दें। सभी नागरिक वॉटर हार्वेस्टिंग कराये, इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है, जिन नागरिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग कार्य कर लिया है, उनके आवेदन प्राप्त होने पर प्रक्रिया अनुसार उन्हें राशि वापिस की जा सकेगी। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को समय-समय पर वाटर हार्वेस्टिंग कराने के लिए विज्ञापन एवं सूचना माध्यमों के द्वारा प्रचार प्रसार कर प्रोत्साहित किया जाता है। राज्य शासन द्वारा भी रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के संबंध में प्रदेश की समस्त निकायों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 10 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आनंद मंथोरिया निवासी होशंगाबाद द्वारा नगरीय कल्याण मंत्री, म.प्र. शासन को नगर पालिका होशंगाबाद के संबंध में जनवरी 2019 में कोई शिकायती पत्र स्पीड पोस्ट से प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में बिन्दुवार जानकारी देते हुए बतावें कि उल्लेखित बिन्दुवार तथ्य क्या सही है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त बिन्दुवार शिकायतों पर कौन-कौन लोग उत्तरदायी पाये गये? नाम सहित जानकारी देते हुए बतावें कि उत्तरदायी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) श्री आनंद मंथोरिया निवासी होशंगाबाद द्वारा मान. नगरीय कल्याण मंत्री जी को स्पीड पोस्ट से प्रेषित की गई शिकायत प्राप्त नहीं है। अपितु एक शिकायत प्रमुख सचिव म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास को प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत की जांच गठित समिति द्वारा की गई थी जिसमें श्री आनंद मंथोरिया द्वारा पत्र में उल्लेखित बिन्दु जांच प्रतिवेदन में शामिल है। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जांच में उत्तरदायी पाये गये पदाधिकारी/अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभागीय भूमि के संबंध में
[वन]
3. ( क्र. 32 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग की कितनी भूमि है? वन खण्डों का नाम क्षेत्रफल सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त भूमि की वर्तमान में क्या स्थिति है क्या कोई अतिक्रमण या अवैध कब्जा है? यदि हाँ, तो कब से और किसका उक्त कब्जे को हटाने हेतु क्या प्रयास किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विगत 3 वर्षों में उक्त भूमि पर विभाग ने क्या-क्या कार्य किये? वर्षवार किये गये कार्य, व्यय राशि आदि का विवरण प्रदाय करें। (घ) विधानसभा क्षेत्र 51 अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम/खसरे हैं, जिनके संबंध में वन एवं राजस्व विभाग के मध्य विवाद है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वन विभाग के आधिपत्य में 5,162.650 हेक्टेयर वनभूमि है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" में उल्लेखित भूमि में से 1198.320 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) 42 ग्रामों के 705 खसरों पर वन एवं राजस्व विभाग के मध्य विवाद है।
अनुपस्थित पार्षद को अयोग्य घोषित किये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 34 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका अधिनियम में किसी पार्षद के लगातार छः माह से बिना परिषद् की अनुमति के अनुपस्थित रहने पर अयोग्य किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के प्रकरण में पार्षद को अयोग्य किये जाने हेतु किस स्तर के अधिकारी को अधिकार प्रदान किये गये है तथा क्या इस प्रकार के प्रकरण के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है? (ख) क्या धार नगर पालिका परिषद् के पार्षद श्री मजीद अली फरवरी 2018 से परिषद् के किसी विहित अनुमति के बिना अनुपस्थित है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में उपाध्यक्ष सहित 16 अन्य पार्षदों द्वारा शिकायत करते हुए श्री मजीद अली को हटाने हेतु पत्र व्यवहार किया था? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्रवाई हुई है तथा प्रकरण किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (घ) उक्त वार्ड को रिक्त घोषित किया जाकर पुनः निर्वाचन (उप चुनाव) प्रक्रिया कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 38 के तहत कार्यवाही किए जाने के लिए संबंधित निकाय की अधिकारिता का जिला कलेक्टर विहित प्राधिकारी होता है जिसे किसी पार्षद को अयोग्य करार या निरर्हित करने की शक्ति प्रदत्त है। इस प्रकार के कार्य समय सीमा में किए जाने हेतु नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी धार द्वारा संबंधित को पद से हटाने के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। कलेक्टर जिला धार द्वारा संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु अवसर प्रदान किया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों के निर्माण की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 89 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत अनेक कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें जैसे सड़क, पानी, नाली, बिजली नहीं हैं एवं लगातार अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं? (ख) क्या मूलभूत सुविधा विहीन ये अवैध कॉलोनियां नगर निगम के अधिकारियों की छत्र-छाया में निर्मित हो रही हैं? (ग) क्या जबलपुर में शासकीय जमीन का दुरूपयोग कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण के प्रकरण अन्य शहरों की तुलना में अत्यधिक है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत अवैध कॉलोनियों के निर्माण में संलिप्त अधिकारियों की जांच की जावेगी एवं अवैध कॉलोनी रोकने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत अनेक कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, नाली, बिजली नहीं है एवं लगातार अवैध कॉलोनियां बनाई जाने के प्रतिवेदन पर यथायोग्य कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं, अवैध कॉलोनियों के कॉलोनी विकास कर्ताओं को नोटिस जारी किये गए है तथा इसके अवैध होने संबंधी सार्वजनिक सूचनाएं भी प्रकाशित की गई है। (ग) इस प्रकार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) अवैध कॉलोनी निर्माण में अधिकारियों की संलिप्तता प्रतिवेदित नहीं है। जी हाँ, अवैध कॉलोनी निर्माण संज्ञान में आने पर नोटिस जारी कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जाती है। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कठौंदा ट्रीटमेंट प्लांट का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 90 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत वार्ड नं. 72 कठौंदा में मृत पशु एवं जानवरों की चीर फाड़ के कारण क्षेत्र में बदबू के कारण वातावरण प्रदूषित हो गया है? (ख) क्या इस प्लांट के आसपास कॉलोनियां निर्मित हो जाने के कारण निवासियों का जीवन दूभर हो गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या ट्रीटमेंट प्लांट अन्यत्र स्थापित किया जावेगा? या जानवरों की चीरफाड़ रोकी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि नगर निगम, जबलपुर अंतर्गत वार्ड क्रमांक 72 कठौंदा में मृत पशु की चीर फाड़ एवं डिस्पोजल का कार्य निविदाकार द्वारा किया जाता है, इस कार्य के उपरांत बदबू की रोकथाम के लिए आवश्यक कीटनाशक एवं दुर्गन्धनाशक का छिड़काव निविदाकार द्वारा किया जाता है, इस प्रकार इस कार्य से वातावरण दूषित नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि प्लांट से आवासीय कॉलोनियां लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित हैं, मृत पशुओं के डिस्पोजल के कारण आवासीय कॉलोनियों में किसी प्रकार के प्रदूषण की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 157 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता के दौरान भोपाल नगर निगम में नियम विरूद्ध सैप खोलकर भुगतान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? नाम व पदनाम सहित जानकारी दें? (ग) क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या-क्या और कब तक की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिषद् बैठक हाल में नियम विरूद्ध बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 158 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मई 2019 के आखिरी सप्ताह में भोपाल नगर निगम के परिषद् सभागृह में राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं और निगम अधिकारियों की बैठक किस नियम के अंतर्गत की गयी थी? नियम सहित जानकारी दें? (ख) क्या इस प्रकार की बैठकें कर परिषद् सभागृह में स्थित अध्यक्षीय आसंदी, महापौर और नेता प्रतिपक्ष की आसंदी पर राजनैतिक कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को बैठाकर मर्यादाओं का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ग) क्या सरकार में बैठे लोगों द्वारा निगम के कार्यों में हस्तक्षेप कर नियम विरूद्ध बैठकें कर नियम-कानून का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियां रोकने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 32 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 2005 के नियम 29 में परिषद् के सम्मेलन में जनता के लिए प्रवेश के संबंध में प्रावधान दिए गए हैं। इन धाराओं तथा नियमों में परिषद् के सम्मेलन के समय सभागृह में जनता के किसी सदस्य को सम्मेलन के दौरान प्रवेश करने का प्रावधान दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन नियमों में यह स्पष्ट है कि मात्र निगम के सम्मेलन के समय सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले प्राधिकारी/पीठासीन अधिकारी की स्वीकृति/अनुज्ञा के उपरांत किसी व्यक्ति को सभागृह में प्रवेश दिया जाएगा। नियमों में सम्मेलन के अतिरिक्त परिषद् सभागृह में किसी व्यक्ति के प्रवेश पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डाईट हटा में पद पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 170 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिला के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्राचार्य एवं अन्य स्टॉफ के कितने कितने पद रिक्त हैं? पद संरचना संबंधी जानकारी देवें। (ख) डाईट हटा दमोह से प्रभारी प्राचार्य के स्थान पर पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना कब तक की जावेगी, जिससे डाईट हटा का विधिवत संचालन हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दमोह जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हटा (दमोह) में प्राचार्य एवं अन्य स्टफ के रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
पदनाम |
रिक्त पद संख्या |
1 |
प्राचार्य |
01 |
2 |
सहायक प्राध्यापक |
03 |
3 |
वरि. व्याख्याता |
03 |
4 |
व्याख्याता |
03 |
5 |
लायब्रेरियन |
01 |
6 |
कार्यानुभव शिक्षक |
01 |
7 |
निम्न श्रेणी लिपिक |
03 |
कुल |
15 |
पद संरचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) शिक्षक शिक्षा संवर्ग में प्राचार्य डाईट संवर्ग के लोक सेवक उपलब्ध नहीं होने से समकक्ष स्तर के अधिकारी की पदस्थापना की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
निरामय योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
10. ( क्र. 188 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को मंदबुद्धि एवं बहुविकलांगों को राष्ट्रीय न्यास की निरामय योजना अंतर्गत 2 करोड़ 50 लाख रूपये की प्रीमियम राशि जमा कर प्रदेश के 73000 परिवारों को लाभ दिये जाने की कार्यवाही के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 743/सी.एम.एस./ए.बी.आर./2019 दिनांक 05/03/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को क्या निर्देश प्रदान किए गए है? (ख) निर्देश के परिपालन में की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ, मुख्यमंत्री कार्यालय, की टीप क्र.743/सी.एम.एस/ए.बी.आर/19 द्वारा समुचित कार्यवाही करने के निर्देश है। (ख) नेशनल ट्रस्ट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की निरायम बीमा योजनांतर्गत बी.पी.एल हितग्राहियों हेतु राशि रूपये 250/- एवं ए.पी.एल हितग्राहियों हेतु राशि रूपये 500/- प्रीमियम राशि का भुगतान स्वयं हितग्राहियों द्वारा ही किये जाने का प्रावधान है। प्रायोगिक तौर पर म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2017-18 तक निरामय बीमा योजनांतर्गत 66,820 हितग्राहियों हेतु 2.44 करोड़ की प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य निराश्रित निधि से नेशनल ट्रस्ट, भारत सरकार को किया गया। इसमें से 564 दिव्यांग हितग्राहियों का मात्र राशि रूपये 46.72 लाख का क्लेम सेटल हुआ है, जो कि 1 प्रतिशत से भी कम है। वित्तीय दृष्टिकोण से यह व्यवहारिक नहीं पाया गया इसलिये वर्ष 2018-19 हेतु प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा नहीं किये जाने का निर्णय लिया गया है। नेशनल ट्रस्ट की निरामय बीमा योजना सम्पूर्ण देश में संचालित है। अन्य राज्यों में स्वयं हितग्राही द्वारा प्रीमियम राशि का भुगतान किया जा रहा है। यदि प्रदेश के हितग्राही चाहे तो निरामय बीमा योजना के प्रावधान अनुसार प्रीमियम राशि का भुगतान स्वयं कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा (आयुष्मान) योजना आरंभ की गई है। उक्त योजना में दिव्यांगजनों का भी समावेशन है।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 208 ) श्री जसमंत जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी प्रा./मा. शालाएं है जिनमें अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिथि शिक्षकों की भर्ती के पूर्व प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई अथवा नहीं? नहीं की गई तो क्या प्रावधान अनुसार उक्त भर्ती सही हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दिनांक 21 दिसम्बर 18 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य कितने विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या कई विद्यालयों में आनलाईन पोर्टल पर प्रदर्शित पदों के विरूद्ध आवश्यकता नहीं होते हुये भी अपने सगे संबंधी पुत्र पुत्रियों की भर्ती की गई है तथा पात्र व्यक्तियों को भर्ती से वंचित रखा गया है तथा पात्र व्यक्तियों के आवेदन भी नहीं लिये गये है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी नहीं, रिक्तियां पोर्टल पर प्रदर्शित की गयी एवं ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों से मेरिट के आधार पर शाला प्रबन्ध समितियों/शाला प्रबन्ध एवं विकास समितियों द्वारा अतिथि शिक्षक रखे गये। ऑनलाईन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् अस्थायी रिक्तियों एवं जिन स्थानों पर ऑनलाईन प्रक्रिया से अतिथि शिक्षक उपलब्ध नहीं हुए, वहां शाला प्रबन्ध समितियों/शाला प्रबन्ध एवं विकास समितियों द्वारा विभागीय निर्देश के अनुरूप ऑनलाईन स्कोर कार्ड या स्थानीय स्तर पर आवेदन प्राप्त कर रखे गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत द्वारा सफाई एवं विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 209 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 25 में हवाई पट्टी विजय टेक्टर एजेंसी के पीछे स्थित दाउ हनुमंत सिंह की कॉलोनी में स्थित शासकीय गार्डन में फैली गंदगी एवं मिट्टी के ढेरों को नगर पंचायत द्वारा कब-कब सफाई कार्य कराया गया है? क्या वर्तमान में गंदगी एवं मिट्टी के ढेर अभी भी लगे हुए हैं? (ख) उक्त कॉलोनी के गार्डन की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद भी मरम्मत कार्य क्यों नहीं कराया गया है, जबकि उक्त गार्डन के विकास/जीर्णोद्धार हेतु आवंटन पूर्व से नगर पंचायत को उपलब्ध है? (ग) उक्त कॉलोनी में नगर पंचायत के माध्यम से किस ठेकेदार द्वारा नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है? उक्त नाली निर्माण कार्य में निकासी की सुविधा का प्रावधान होते हुए भी गंदगी के पानी एवं रोजमर्रा के पानी के निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? (घ) क्या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध नगर पंचायत द्वारा कालातीत की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दाउ हनुमंत सिंह कॉलोनी के गार्डन में निकाय द्वारा नियमित सफाई कराई जाती है। गार्डन में गन्दगी नहीं अपितु गार्डन में मिट्टी डालने के लिए नगर पालिका परिषद्, शिवपुरी द्वारा मिट्टी का संग्रहण कराया गया है। (ख) दाउ हनुमंत सिंह कॉलोनी के गार्डन की बाउण्ड्रीवॉल के मरम्मत कार्य के लिए राशि रू. 3.25 लाख का प्राक्कलन तैयार कराया गया है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। इस कार्य के लिए निकाय को आवंटन प्राप्त नहीं है। (ग) इस कॉलोनी में नाली निर्माण का कार्य मे. लवकुश कन्स्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है। नाली निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। अत: रोजमर्रा के पानी की निकासी में व्यवधान है। नाली का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् पानी का निकास समुचित रूप से हो सकेगा। (घ) नाली निर्माण कार्य के लिए सम्पादित अनुबंध अनुसार समयावधि दिनांक 31.07.2019 है, वर्तमान में 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण होना संभावित है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 246 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या युवाओं को सार्थक रोजगार के अवसर प्रदान कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना संचालित हैं? (ख) क्या इस योजनान्तर्गत म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा समय-समय पर योजना के क्रियान्वयन हेतु आदेश-निर्देश जारी किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या योजनान्तर्गत युवाओं का चयन विहित प्रक्रिया अनुसार हुआ हैं, यदि हाँ, तो होशंगाबाद जिला अन्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक निकायवार युवाओं की सूची दी जावे। (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर हाँ में है तो क्या निकायों द्वारा शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये आदेश-निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो अभी तक चयनित युवाओं का मानदेय लंबित क्यों हैं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, लंबित मानदेयों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) जी हाँ, निकायवार युवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, युवाओं का आधार कार्ड बैंक से लिंक न होने एवं पोर्टल की तकनीकी खामियों के कारण योजना में चयनित युवाओं का मानदेय लंबित है, पोर्टल की तकनीकी खामियों का मैप-आईटी द्वारा समाधान किया जाता है, भुगतान की प्रक्रिया सतत् है। अत: समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अनुदान प्राप्त शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 252 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले अन्तर्गत वर्ष 2013 से 2018 तक कितनी अनुदान प्राप्त शालायें बंद हो चुकी हैं एवं इनके आहरण संवितरण अधिकार किन-किन अधिकारियों को सौंपे गये थे नाम पद सहित संस्थावार जानकारी देवें। (ख) क्या तहसील पिपरिया अन्तर्गत विद्यामंदिर रामपुर संचालित हैं यदि हाँ, तो संस्था कब तक संचालित रही तथा उसमें कार्यरत शिक्षकों को उनके स्वत्वों के भुगतान की क्या स्थिति हैं? (ग) यदि विद्यामंदिर रामपुर बंद कर दी गयी थी तो उस संस्था के लिये आवंटन की मांग किसके द्वारा की गयी तथा प्राप्त राशि का भुगतान किसके द्वारा किसको, कब-कब किया गया? (घ) क्या विद्यामंदिर रामपुर में कार्यरत कर्मचारियों को शाला बंद होने के उपरांत भुगतान किया गया हैं यदि किया गया हैं तो इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) तहसील पिपरिया अंतर्गत अनुदान प्राप्त विद्यामंदिर रामपुर दिनांक 31.10.2014 तक संचालित रही, अंतिम कार्यरत शिक्षक को दिनांक 31.10.2014 तक वेतन भुगतान किया गया। शेष पाचवें एवं छठवें वेतनमान की एरियर राशि का भुगतान नियमानुसार किया जा रहा है। (ग) शासनादेशों के क्रम में गणना पत्रक के आधार पर पाचवें एवं छठवें वेतन एरियर की किस्तों के माध्यम से वर्ष 2019 तक भुगतान किया जाना है। वर्ष 2015 से आहरण संवितरण अधिकारी वि.खं. शिक्षा अधिकारी पिपरिया एवं प्राचार्य शासकीय उ.मा.वि. खापरखेडा द्वारा भुगतान किया जा रहा है। भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जी नहीं। मात्र एरियर राशि का भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आस्था मूलक योजना के संबंध में
[वन]
15. ( क्र. 291 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में विभाग द्वारा संचालित आस्था मूलक योजना के अंतर्गत विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन वन समितियों को किस-किस कार्य हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? वन परिक्षेत्रवार, वन समितिवार एवं वर्षवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि के आहरण हेतु वन समितियों के कौन-कौन से पदाधिकारी अधिकृत थे? नाम एवं पदनाम सहित वन समितिवार जानकारी दें? (ग) क्या योजना में उल्लेखित कार्यों को जनहित में न कराया जाकर शासन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं की गई? इस अनियमितता हेतु कौन दोषी हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश के कटनी जिले में स्थित विजयराघवगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 5 वर्षों में (वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक) किस भी वन समिति को आस्था मूलक योजनान्तर्गत धन राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि के आहरण हेतु वन समितियों के अधिकृत पदाधिकारियों की समितिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खनिज का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 329 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 76 में ग्राम घूघसी से ग्राम प्रतापपुरा तक कराये जा रहे फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी मुरम का उपयोग किया जा रहा है। (ख) क्या प्रशासन द्वारा संबंधित एजेन्सी को मिट्टी-मुरम निकालने की अनुमति या लीज दी गई है, लीज या अनुमति के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावें? यदि अनुमति या लीज नहीं दी गई है तो क्या उनके द्वारा बिना अनुमति के मिट्टी मुरम निकाली जा रही है। (ग) बिना अनुमति या लीज के मिट्टी मुरम निकालने से शासन को कितनी रूपये की राजस्व हानि हो रही है। (घ) क्या संबंधित एजेन्सी के विरूद्ध मिट्टी मुरम निकालने के संबंध में जिला प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हुई हैं, यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है, यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वैधानिक अनुमति के बिना मिट्टी-मुरम खनिज का अवैध उत्खनन होना जांच में पाया गया। (ग) न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से राजस्व हानि होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शिकायत प्राप्त होने पर दिनांक 14.06.2019 को जांच की गई तथा अवैध खनन में संलग्न वाहन एवं मशीन जप्त कर, पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। अवैध खनिज उत्खनन का प्रकरण सक्षम न्यायालय में पंजीबद्ध कराया जाकर, विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
नगर परिषदों में कराये गये विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 337 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत आने वाली नगर परिषदों में वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं, वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, वस्तु स्थितिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विकास कार्यों में से कितने पूर्ण हालत में हैं और कितने अपूर्ण? जो विकास कार्य पूर्ण हो गए है, वो किन अधिकारियों द्वारा सत्यापित एवं मूल्यांकित किये गये हैं? कार्यवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर परिषदों में कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, कार्यवार, राशिवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हाई स्कूल, हा.से.स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 372 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना में कितने हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल भवनविहीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान में किसके भवन में संचालित हैं और कब तक स्कूलों के भवन स्वीकृत हो जायेंगे? सूची उपलब्ध करायी जावे। (ख) विधान सभा क्षेत्र बीना में कितने शासकीय स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये हैं? वर्तमान स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण हो जायेंगे? विलम्ब के लिये कौन दोषी है? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? यदि बजट की समस्या आ रही है तो शासन भवन के निर्माण हेतु कब तक बजट उपलब्ध करायेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में शासकीय हाई स्कूल बेसराकसोई, करौदा, चमारी विगत 10-12 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था लेकिन आज दिनांक तक भवन स्वीकृत क्यों नहीं किया गया जबकि उसके बाद में स्वीकृत स्कूलों के भवन स्वीकृत हो गये हैं? उक्त स्कूल का भवन कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। स्कूल भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2018-19 तक कुल 355 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये, जिसमें से 341 कार्य पूर्ण कराये जा चुके है एवं शेष 14 कार्य दिसंबर 2019 तक पूर्ण कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत खुरई, बीना को पत्र जारी किए गए है। संबंधित निर्माण एजेन्सी ग्रामपंचायत एवं संबंधित उपयंत्री बीना के 10 कार्य के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। लंबित निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सीमित बजट प्रावधान के कारण सर्वप्रथम स्वभवन विहीन हायर सेकेण्डरी स्कूलों को विद्यार्थियों के अधिक नामांकन के आधार पर भवन निर्माण में प्राथमिकता दी जाती है। स्कूल भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
भूमि का पट्टा
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 390 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत रायसेन जिले की नगर पालिका नगर परिषदों में आवासहीन हितग्राही के खाते में किश्त जमा करने के पूर्व क्या-क्या दस्तावेज जमा करवाये जा रहे है शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में झुग्गी वासी, अतिक्रमणकारी, कच्चे मकान वाले, आवासहीन जिनके पास भूमि की रजिस्ट्री, पट्टा नहीं है उनको लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के हितग्राही उक्त भूमि पर कब से कब्जा कर रहे है उक्त भूमियाँ किस-किस विभाग की है उनकों उक्त भूमि का पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा है उनकों भूमि का पट्टा या अन्य स्थान पर व्यवस्थापन कब तक किया जायेगा? (घ) उक्त योजना प्रारंभ होने से जून 2019 तक की अवधि में किन-किन के आवेदन पत्र प्रधान मंत्री आवास योजना की सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त हुए उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में किश्त जमा करने के पूर्व जिओ टेगिंग कराई जाती है। अपितु हितग्राही के चयन हेतु आवेदन फार्म, भू-स्वामित्व दस्तावेज, आधार कार्ड, बैंक पास-बुक, आय प्रमाण– पत्र, राशन कार्ड, शपथ पत्र, पासपोर्ट साईज के दो फोटो, मोबाईल नं. आदि दस्तावेज जमा करवाये जाते है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शिका सिद्धांत एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनके कच्चे आवास झुग्गी अथवा अतिक्रमणकारी ऐसी भूमि पर रहते है जहां पर आवासीय इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है। उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्य शासकीय भूमि प्राप्त कर उसमें भूखण्ड विकसित कर उन्हे प्लाट आवंटित कर राशि दिये जाने का प्रावधान है जिसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निकायवार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कार्यवाही उत्तरांश (ख) अनुसार की जा रही है। निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) योजना प्रारंभ होने से जून 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोडने हेतु रायसेन जिले की नगरीय निकायों को कुल 22074 आवेदन प्राप्त हुए। नगरीय निकायों द्वारा सर्वे उपरांत पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार कर संबंधित जिला प्रशासन के अनुमोदन पश्चात् डी.पी.आर. तैयार की जाकर सक्षम स्वीकृति हेतु विभाग को प्रेषित की जाती है। निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 391 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के संबंध में शासन की क्या-क्या योजना है? 'वचन पत्र' में क्या-क्या कहा गया था? (ख) अतिथि शिक्षकों को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है? संविदा शाला शिक्षक परीक्षा उर्त्तीण बेरोजगारों की अध्यापक संवर्ग में भर्ती की क्या योजना है? (ग) रायसेन जिले में विभिन्न श्रेणी के विद्यालयों में कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों पर कौन-कौन अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं? शेष रिक्त पदों पर कब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी? (घ) अतिथि शिक्षकों को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? पूर्ण विवरण दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अतिथि शिक्षकों के लिए मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) नियम 2018 के अंतर्गत 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाने का प्रावधान है। वचन पत्र में अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण हेतु नीति बनाने का उल्लेख है। (ख) नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संविदा शाला शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के स्थान पर दिनांक 01 जुलाई 2018 से नवीन शैक्षणिक संवर्ग मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) नियम 2018 का गठन किया गया है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा माध्यमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षक हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परिणाम घोषित होने के बाद रिक्त पदों पर नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। वर्तमान में काई अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। अतिथि शिक्षक रखे जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) अतिथि शिक्षकों को निर्धारित मानदेय प्रदान किया जाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 433 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दमोह-समन्ना बाईपास मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत मकानों का निर्माण किया जा रहा है। यदि हाँ, तो निर्माणकर्ता एजेंसी के नाम एवं दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणकर्ता एजेंसी के द्वारा किस विभाग की कितने हेक्टेयर भूमि पर, कितने मकान के निर्माण के संबंध में संबंधित विभागों से भूमि अनापत्ति प्रमाण प्राप्त किये गये है। अनापत्ति प्रमाणपत्र की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा वर्णित भूमि में से, वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करके भी आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त वन भूमि के संबंध में वन विभाग के द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाये जाने के लिए आपत्ति लगायी गई है? यदि हाँ, तो आपत्ति का विवरण उपलब्ध कराये। (घ) क्या निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा हितग्राहियों से पैसा लिया गया है यदि हाँ, तो हितग्राहियों के नाम, ग्राम व राशि की सूची उपलब्ध कराये? यदि नहीं तो निर्माण कार्य के भुगतान के संबंध में कितनी राशि किस मद से आयी, कितना एवं किस मद से भुगतान किया गया, कितना बकाया, हैं। सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माणकर्ता एजेंसी मे. गुलशन राय जैन-II के दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवासों का निर्माण समन्ना रैयतवारी की भूमि 6.98 हेक्टेयर एवं दमोह खास 17.376 हेक्टेयर भूमि में किया जा रहा है। उक्त भूमि राजस्व प्रकरण क्रमांक 10 अ/19 (2) वर्ष 2016-17 आदेश दिनांक 17/02/2017 एवं राजस्व प्रकरण क्र. 27 बी – 121 वर्ष 17-18 आदेश दिनांक 31.10.2017 के द्वारा निकाय को आवंटित की गई है। जिसके अंतर्गत आवास निर्माण कराये जाने हेतु कार्यालय कलेक्टर (नजूल) दमोह के पत्र क्र./राज.प्र.क्र.14 अ/20 (4) वर्ष 2017-18 दिनांक 13/11/2017 के द्वारा अनापत्ति प्रदान की गई है। भूमि आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। योजनांतर्गत 1356 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, 405 निम्न आय वर्ग एवं 120 मध्य आय वर्ग आवासों का निर्माण किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। संपूर्ण आवासों का निर्माण नगर पालिका को आवंटित भूमि पर ही किया जा रहा है। वनभूमि पर निर्माण न होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजना अंतर्गत निर्माण एजेंसी द्वारा हितग्राहियों से किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली गई है। अपितु नगर पालिका परिषद् दमोह द्वारा प्रावधानित हितग्राही अंश की राशि ली गई है। निर्माण कार्य हेतु निकायों को प्राप्त राशि का विवरण निम्नानुसार है -
क्रमांक |
मद |
राशि (रू. करोड़ में) |
1 |
केंद्रांश |
19.272 |
2 |
राज्यांश |
19.272 |
3 |
निकाय का अंशदान |
8.67 |
4 |
हितग्राहियों का अंशदान |
12.58 |
5 |
शासन से प्राप्त ऋण एवं अनुदान |
66.73 |
6 |
विशेष निधि |
1.00 |
7 |
अधोसंरचना, अमृत |
1.70 |
|
129.204 |
कुल प्राप्त राशि रू. 129.204 करोड़ में से राशि रू. 128.81 करोड़ का भुगतान निर्माणकर्ता एजेंसी को किया जा चुका है। ठेकेदार को बकाया राशि रू. 21.80 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
वन मंडल कटनी क्षेत्र वानिकी अंतर्गत वृक्षारोपाण
[वन]
22. ( क्र. 454 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वनमंडल कटनी के अंतर्गत किन-किन परिक्षेत्रों में वानिकी में वृक्षारोपण के साथ-साथ और कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? वन परिक्षेत्रवार, राशिवार, कक्ष क्रमांकों सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में कराये गये वृक्षारोपण कार्यों में से प्रश्न दिनांक तक कितने वृक्ष जीवित अवस्था में है तथा कितने मृत हो गये? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? मृत हुये वृक्षों के लिए कौन उत्तरदायी है तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किये गये वृक्षारोपण के जीवित पौधे तथा मृत पौधों के संबंध में विस्तृत जांच के निर्देश दिये गये हैं, जांच के पश्चात् कार्यवाही की जाएगी।
वृद्धा पेंशन हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 495 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार के द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए हितग्राहियों की पात्रता हेतु बी.पी.एल. कार्ड को अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में निवासरत् अनेकों वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है और वृद्धजनों को अनेक असुविधाओं का सामान करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वृद्धजनों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वृद्धा पेंशन प्राप्त करने की पात्रता हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ग) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कब तक वृद्धा पेंशन प्राप्त करने की पात्रता हेतु बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जायेगा ताकि अधिकांश वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, प्रदेश के 1917306 बी.पी.एल. कार्ड धारी तथा 328862 निराश्रित वृद्धजनों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार की पेंशन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार (ग) शासन स्तर पर बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज समाप्त करने का प्रस्ताव
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 570 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना ने पत्र क्रमांक/678/खनिज/2019 सतना दिनांक 20/03/2019 से प्रमुख सचिव खनिज को 80 एकड़ भूमि की लीज समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा था? (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को प्रमुख सचिव खनिज, म.प्र. शासन ने पत्र क्रमांक/135/457/2019/12/1 भोपाल दिनांक 15/03/2019 से निरस्त कर दिया है? (ग) क्या उक्त प्रस्ताव जिसे प्रमुख सचिव खनिज ने प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेश के जरिये निरस्त किया है के विरूद्ध श्री छत्रपाल सिंह छत्तू जिला सतना ने नियम 60 (1) के तहत अपील/पुनर्विलोकन/पुनरीक्षण के अवेदन 12/04/2019 को प्रमुख सचिव, खनिज म.प्र. शासन को देते हुए सुनवाई के पश्चात प्रकरण स्वीकार कर लिया गया है? (घ) क्या उक्त अपीलकर्ता ने 12/04/2019 को 12 बिन्दुओं का अभ्यावेदन भी प्रमुख सचिव खनिज म.प्र. शासन को दिया है? प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अपील एवं अभ्यावेदन के आधार पर प्रमुख सचिव खनिज म.प्र. शासन कब तक लीज निरस्त करने का आदेश जारी करेंगे? अगर नहीं करेंगे तो नियमों का उल्लेख करते हुये नियमों की एक प्रति देते हुए बिन्दुवार प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 20.03.2019 को कलेक्टर, सतना द्वारा कोई पत्र/प्रस्ताव नहीं भेजा गया था। प्रश्नांश में उल्लेखित लीज के विषय में पत्र क्रमांक 678/खनिज/2019 दिनांक 02.03.2019 से कलेक्टर, सतना द्वारा श्री श्रवण कुमार पाठक के पक्ष में स्वीकृत चूनापत्थर खनिपट्टा रकबा 80 एकड़ को नियमानुसार निरस्त करने का प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया गया था। (ख) जी नहीं। कलेक्टर, सतना के प्रस्ताव पर राज्य शासन द्वारा दिनांक 15.03.2019 से प्रकरण में अंतरिम आदेश जारी किया था। परंतु राज्य शासन द्वारा प्रकरण में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार निरस्ती संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किये गये। श्री छत्रपाल सिंह छत्तू, जिला सतना द्वारा प्रकरण में जारी अंतरिम आदेश दिनांक 15.03.2019 के विरूद्ध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 60 (1) के तहत पुनर्विलोकन आवेदन पत्र दिनांक 12.04.2019 को विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। (घ) श्री छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा दिनांक 12.04.2019 से विभाग में 16 बिन्दुओं का पुनर्विलोकन आवेदन प्रस्तुत किया गया है। पुनर्विलोकन आवेदन का निराकरण, अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टंकियों का निर्माण किए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 600 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नर्मदा के तृतीय चरण में विभिन्न क्षेत्रों में पानी की टंकियों का निर्माण स्वीकृत है। (ख) यदि हाँ, तो कितनी टंकियां स्वीकृत है? टंकियां कब तक पूर्ण होगी? टंकीवार अद्यतन स्थिति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 27 टंकियां स्वीकृत है सभी पूर्ण हो चुकी हैं। 27 पूर्ण टंकियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 601 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में सरकार द्वारा विभिन्न कॉलोनियों के वैध कराए जाने की कार्यवाही प्रचलित है? अब तक कितनी कॉलोनियां वैध की गई है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वैध की गई कॉलोनियों को पुनः अवैध घोषित कर दिया गया है। क्या उक्त कॉलोनियों में आधारभूत संरचना नगर-निगम द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। (ग) यदि हाँ, तो जनहित में इन कॉलोनियों को वैध कराने की शासन द्वारा क्या रणनीति अपनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम, इन्दौर द्वारा वर्तमान तक 189 अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिका, (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15 (क) को अपास्त किया गया है। निगम द्वारा उक्त नियम अनुसार नियमितीकरण की कार्यवाही की गयी थी। अधिकांश कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं आधारभूत संरचना पूर्व से ही है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बागरी जाति को आरक्षण का लाभ
[अनुसूचित जाति कल्याण]
27. ( क्र. 608 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के बागरी (बघेल) जाति को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति मानकर शासकीय सुविधाएं प्रदान की जा रही है? और किन-किन जिलों में नहीं? ऐसा किस कारण से किया जा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बागरी जाति के व्यक्तियों को जिन जिलों में अनुसूचित जाति का दर्जा दिये जाने की मांग, समय-समय पर शासन स्तर पर की जाती रही हैं, जिसमें प्रश्नकर्ता का सिवनी जिला भी शामिल हैं, तत्संबंध में राज्य सरकार की क्या मंशा हैं एवं बागरी (बघेल) जाति को उन जिलों में अनुसूचित जाति का दर्जा किस प्रकार से एवं कब तक दे दिया जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मध्यप्रदेश के लिए जारी अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 2 में बागरी, बागडी (बागरी, बागडी में राजपूत एवं ठाकुर उपजातियों को छोड़कर) सम्पूर्ण प्रदेश के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। बागरी (बघेल) जाति मध्यप्रदेश के किसी भी जिले के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छानबीन समिति द्वारा पारित अंतिम निर्णय
[आदिमजाति कल्याण]
28. ( क्र. 726 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 03-06-2019 को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति की बैठक आहूत की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या-क्या अंतिम निर्णय पारित किए गए एवं पारित निर्णय के परिपालन में कब-कब एवं क्या-क्या आदेश जारी किए गए? पारित किए गए निर्णयों एवं जारी आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी नहीं (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय में दायर प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 747 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन से संबंधित मान.सर्वोच्च न्यायालय में दायर S.L.P. क्र. 28983/2018 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसमें शासन की ओर से पैरवी क्यों नहीं की जा रही है? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि उन पर कब कार्यवाही होगी? (ग) शासन पैरवी में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभी निर्णित नहीं हुआ है। (ख) राज्य शासन के स्टैंडिंग काउन्सलर द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 770 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी भोपाल एवं इंदौर नगरों में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का निर्णय किस वर्ष में लिया गया? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु किन-किन वित्तीय संस्थाओं द्वारा राशि उपलब्ध कराने हेतु सहमति व्यक्त की गई है? (घ) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा? (ड.) क्या प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इंदौर महानगरों के लिए बनाई गई मेट्रो रेल परियोजना में कोई परिवर्तन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या परिवर्तन किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा Pre-feasibility Study भोपाल एवं इंदौर शहरों के लिए क्रमश: अक्टूबर 2012 तथा दिनांक अप्रैल 2013 को DMRC के द्वारा कराई गई, तदुपरांत उभय शहरों के लिए DPR तैयार कर दिनांक 12.01.2017 को म.प्र. शासन से अनुमोदन प्राप्त किया गया। (ख) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में अद्यतन की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के लिए European Investment Bank (EIB) के द्वारा तथा इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिए Asian Development Bank (ADB) तथा New Development Bank (NDB) से वित्तपोषण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य वर्ष 2019-20 प्रचलन में है। (ड.) प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इन्दौर महानगरों के लिए बनाई गई मेट्रो रेल परियोजना में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
भोपाल जिले में गौशाला
[पशुपालन]
31. ( क्र. 772 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में वर्तमान में कितनी-कितनी पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? नाम सहित संख्या बताई जाए? (ख) प्रदेश शासन द्वारा भोपाल की गौशालाओं को वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 प्रश्न दिनांक तक गायों के भरण-पोषण हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं को अनुदान हेतु प्रति गाय के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (घ) क्या शासन द्वारा गौशालाओं के अनुदान के संबंध में एकरूपता लाने के लिये कोई नीति बनाई जा रही है? (ड.) तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गायों के भरण पोषण हेतु 17/- रूपये प्रति गाय प्रतिदिन के मान से की गई घोषणा अनुरूप गौशालाओं के अनुदान में वृद्धि करने का प्रावधान वर्तमान बजट में शासन द्वारा किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'' अनुसार। (ग) रू. 20/- प्रति गौ-वंश प्रति दिवस दिए जाने पर सहमति दी गई है। (घ) गौशालाओं को आर्थिक सहायता वितरण में एकरूपता लाने के लिए निम्न सूत्र निर्धारित किया गया है जिससे गौशालाओं को वितरित की जाने वाली राशि में एकरूपता रहे। संशोधित सूत्र निम्नानुसार है -
जिले में कुल क्रियाशील गौशालाओं में गौ-वंश संख्या
एलोकेशन फैक्टर =
प्रदेश में कुल क्रियाशील गौशालाओं में गौ-वंश संख्या
जिले
के लिए अनुदान
राशि =
एलोकेशन फैक्टर
X मंडी
बोर्ड से
अनुदान वितरण
हेतु कुल राशि
(ड.) बजट
प्रावधान बजट
प्रस्तुति
एवं बजट पारित
होने पर ही
बताएं जा सकते
है।
स्कूली गणवेश वितरण निर्माण की अनिमितता की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 895 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में शिक्षण सत्र 2018-19 के अंतर्गत स्कूली गणवेश वितरण एवं निर्माण के संबंध में कोई जाँच समित गठित की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच समिति के द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) शिक्षण सत्र वर्ष 18-19 में शिवपुरी जिले में कितने स्कूलों में कितने विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय किया जाना था? शिक्षण सत्र में किन-किन स्कूलों में कितने विद्यार्थियों को गणवेश वितरण किया गया? जिन स्कूलों के विद्यार्थियों को गणवेश वितरण नहीं किया गया उन गणवेश वितरण न करने वाली एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) शिक्षण सत्र 2018-19 में गणवेश निर्माण हेतु शिवपुरी जिले में जिन समूह/संगठनों को राशि जारी की गई थी, क्या उनसे राशि चैक जिला स्तर पर लेकर एक ही संस्थान से अमानक स्तर का कपड़ा खरीदकर समूहों को दे दिया गया तथा बिना माप के (छोटा बड़ा) गणवेश तैयार कराकर खानापूर्ति कर दी? कहीं-कहीं अनुपयोगी गणवेश वितरण दर्शाया गया? क्या इसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रचलन में हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शिक्षण सत्र वर्ष 2018-19 में शिवपुरी जिले में 2254 शा.प्रा.वि एवं 703 मा.वि के कुल 223648 विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय किया जाना था, जिसके क्रम में 223648 विद्यार्थियों को गणवेश वितरण कर दिया गया हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिवपुरी जिले में गणवेश वितरण की जाँच प्रचलन में है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
संचालित आदिवासी छात्रावासों की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
33. ( क्र. 896 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से आदिवासी छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित है? इनमें कितने-कितने छात्र-छात्राओं का प्रवेश दिया गया है? उक्त छात्रावासों के अधीक्षक कौन-कौन कब से है? (ख) आदिवासी छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। क्या उक्त सभी सुविधायें वर्णित छात्रावासों को उपलब्ध करायी गई है? यदि नहीं तो कौन-कौन सी सुविधायें क्यों उपलब्ध नहीं करायी गई? (ग) विगत 3 वित्तीय वर्षों में उक्त छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री, कितनी मात्रा में कब किसके द्वारा कहाँ से कितनी राशि की क्रय की गई? इसका भुगतान किस के द्वारा किस-किस मद की राशि से किया गया? (घ) क्या उक्त छात्रावासों में प्रवेशरत छात्र/छात्रायें छात्रावासों से अनुपस्थित रहते है? यदि हाँ, तो छात्रावासों में लाने की क्या प्रक्रिया है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आदिवासी छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क आवास, बिस्तर सामग्री, भोजन हेतु शिष्यावृति एवं उत्कृष्ट छात्रावासों में कोचिंग, छात्रों को स्टेशनरी हेतु राशि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। उक्त सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखी परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) छात्रावासों में यदि कोई छात्र/छात्रा अनुपस्थित रहता है तो अधीक्षक उसके ग्राम जाकर उनके पालकों से नियमित संपर्क कर शिक्षा का महत्व बताया जाकर उपिस्थित होने हेतु कहा जाता है।
अवैध उत्खनन रोकने हेतु इंतजामों का ब्यौरा
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 904 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन रोकने के लिए तैनात शासकीय अमले की सुरक्षा हेतु इंतजामों का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या 1 जनवरी 2019 से प्रश्न अवधि तक रेत का अवैध उत्खनन/परिवहन रोकने की कार्रवाई के दौरान शासकीय अमले पर हमला/मारपीट की घटनाएं हुई है? यदि हाँ, तो घटनावार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन की जांच हेतु एक टास्कफोर्स यथा खनिज विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों के दल के रूप में गठित किया गया है। जांच के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। खनिज विभाग के उड़नदस्ता दल के साथ भी विभागीय सिपाही, होमगार्ड एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग भी आवश्यकतानुसार लिया जाता है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
मढ़ा तालाब को स्वच्छ बनाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 925 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के अधीन आबादी के बीच में स्थित मढ़ा तालाब की गंदगी एवं दुर्गंध से आम जनता वर्षों से परेशान हैं इसे स्वच्छ बनाये जाने की दशा में अभी तक कोई ठोस काम क्यों नहीं किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) तालाब को स्वच्छ बनाये जाने सौंदर्यीकरण किये जाने, निर्मल जल रहे इसके लिये विभाग द्वारा ठोस प्लान अभी तक क्यों नहीं बनाया गया? कब तक बनाया जावेगा? तालाब निजी संस्था/व्यक्ति का है तो इनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राजस्व अभिलेख अनुसार सिहोरा मठहा तालाब का स्वामित्व नगरपालिका सीहोरा का न होकर अंजूमन स्लामिया प्रेसीडेन्ट अब्दुल सत्तार खसरा नं. 368 के नाम पर दर्ज है, जो वक्फ बोर्ड सम्पत्ति है। नगर पालिका द्वारा मठहा तालाब की गंदगी की सफाई नियमित की जाती है, साथ ही तालाब में नगर का गंदा पानी न जाए जिसको डायवर्ट करने के लिए तालाब के किनारे कच्ची नाली का निर्माण किया जाकर सफाई की व्यवस्था रखी गई है। समय-समय पर कीट नाशक दवाईयां का छिड़काव किया जाता है। पानी के शुद्धिकरण के दृष्टिगत तालाब में 02 नग फव्वारे अस्थाई तौर पर लगाये गये है। (ख) तालाब का आधिपत्य अंजूमन इस्लामिया वक्फ बोर्ड का होने के कारण विकास कार्यों का दायित्व वक्फ बोर्ड का है। समय-समय पर संबंधित संस्था के विरूद्ध नगर पालिका एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा सफाई व्यवस्था नियंत्रित रखने हेतु नोटिस जारी किये गये है।
पार्क एवं नाला निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 926 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत खितौला में नाला निर्माण एवं सिहोरा में पार्क निर्माण की स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त कार्य की निविदा कब आमंत्रित की गई एवं किस एजेंसी को कार्य दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) नाला निर्माण एवं पार्क निर्माण का कार्य अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, उक्त कार्य की निविदा 20.08.18 को जारी की गयी। मेसर्स दिनेश सप्लायर एंड कंस्ट्रक्शन डिण्डौरी की निविदा दर स्वीकृत की गयी है। अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) अनुबंध संपादन नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। सक्षम प्राधिकारी द्वारा दर अनुमोदन उपरांत अनुबंध संपादन की 7 दिवसीय सूचना निविदाता को दिनांक 22.06.19 को जारी की गयी है। अनुबंध संपादन उपरांत निर्धारित समयावधि 12 माह में कार्यपूर्ण किया जाना प्रावधानित है।
जावरा नगर के मूलभूत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 978 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा नगर की विभिन्न मूलभूत आवश्यकताओं के अनेक कार्य किये तो किये गये कार्यों हेतु वर्षवार किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) उक्त वर्षों में किये गये कार्य कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे तथा किन-किन कार्यों में नगर पालिका की स्थानीय निधि अथवा अन्य मदों की निधि (राशि) सम्मिलित की गई? वर्षवार स्पष्ट करें। (ग) बताएं कि प्रस्तावित (1) पीलीया खाल प्रदूषण मुक्त योजना (2) प्रीमियर आईल मिल भूमि पर बस स्टैण्ड विस्तार तथा शापिंग कॉम्पलेक्स योजना (3) स्विमिंग पूल (4) इन्डोर स्टेडियम (5) पुरानी सब्जी मंडी स्थल पर मल्टीलेवल पार्किंग एवं शापिंग कॉम्पलेक्स इत्यादि जनकार्यों के प्रस्ताव तथा प्रोजेक्ट प्लान एवं डी.पी.आर. भी तैयार की गई तो प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों की वस्तुस्थिति से अवगत कराए? (घ) बताएं कि शासन/विभाग से प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों में लगातार विभागीय प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों को पत्रों के माध्यम से एवं सदन में प्रश्नों, ध्यानाकर्षण एवं शून्यकाल में उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु ध्यान आकृष्ट किया तो यह कब प्रारंभ होकर पूर्ण होंगे? प्रश्नांश (क) तथा (ख) में चाही जानकारी भौतिक सत्यापन एवं किये गये ऑडिट सहित वर्षवार, कार्यवार स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। नगर पालिका परिषद् जावरा में सहायक संचालक, आवासीय संपरीक्षा का कार्यालय होने से प्रत्येक देयक का अंकेक्षण (ऑडिट) के उपरांत ही भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार है।
भवन विहीन स्कूलों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 979 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक आज भी अनेक हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वयं के भवन विहीन होकर अन्यत्र स्कूलों के कमरों में संचालित किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्षेत्र में ऐसे कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो कि भवन विहीन होकर अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? स्थान, ग्राम के नामवार एवं प्रकाशित छात्र-छात्राओं की संख्या सहित जानकारी दें? (ग) विगत वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक कितने उपरोक्त उल्लेखित भवन विहीन स्कूलों हेतु स्कूल भवन बिल्डिंग की स्वीकृतियां दी गई, बजट उपलब्ध कराया, उनमें से उक्त वर्षों में स्वीकृत कितने निर्माण कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे कितना व्यय हुआ, कितना शेष रहा? (घ) उपरोक्तानुसार कितने ऐसे स्वीकृत स्कूल भवन हैं जिनका कार्य अपूर्ण हैं तथा कितने ऐसे स्वीकृत भवन हैं जो स्थानाभाव या कतिपय आपत्तियों के कारण अप्रारंभ हैं तो इन अपूर्ण कार्यों एवं अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा अब तक क्या किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो' 'पर है। (घ) अपूर्ण शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। जानकारी निरंक है। स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर समीक्षा कर कार्यवाही की जाती है।
अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1003 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितने अतिथि शिक्षक किन-किन विद्यालय में कब से कौन से विषय के कार्यरत हैं? नामवार, वर्गवार, स्कूलवार जानकारी दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1981-82, दिनांक 05.03.2019 के द्वारा सत्र 2018-2019 में मार्च माह में स्थानीय परीक्षा मूल्यांकन तथा परीक्षाफल तैयार करने एवं सत्र 2019-20 में दिनांक 30.04.2019 तक कक्षाओं के अध्यापन कार्य की दृष्टि से सत्र 2018-19 में कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों की सेवाएं दिनांक 30.04.2019 तक करने के आदेश दिए गये थे? यदि हाँ, तो कितने संकुलों के द्वारा किन-किन अतिथि शिक्षकों की उपस्थित माह मार्च एवं अप्रैल 2019 को पोर्टल पर दर्ज की गई, कितनों की नहीं? दर्ज न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक 1844-45 के द्वारा अतिथि शिक्षकों को मानदेय दीपावली के पूर्व दिनांक 05.11.2018 तक कोषालय में प्रस्तुत करने के निर्देश समस्त जिला शिक्षा अधिकारी बी.ई.ओ. एवं समस्त संकुल प्राचार्य को दिए थे? यदि हाँ, तो क्या संकुल प्राचार्य द्वारा समस्त अतिथि शिक्षकों के देय दीपावली के पूर्व जमा कर उन्हें मानदेय का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कितने संकुल प्राचार्य द्वारा कौन-कौन से अतिथि शिक्षकों को दिनांक 12.06.2018 को देयक कोषालय में जमा कर भुगतान नहीं किया गया? विद्यालयवार सूची दें। सत्र में एक भी माह मानदेय भुगतान न करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं करेगा तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) निरंक, शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। 53 अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई। संस्था प्रधान द्वारा समय पर उपस्थिति न देने के कारण। (ग) जी हाँ। जी नहीं। बंटन के अभाव में शेष अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं हो सका। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला भिण्ड में अतिथि शिक्षकों का दिनांक 12.06.2018 तक मानदेय का भुगतान होने से कोई शेष नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत खनन
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 1004 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर रेत खनन की अनुमति किस-किस फर्म/संस्था/व्यक्ति को कितने-कितने घनमीटर की दी गई? खदानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नावधि में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी रेत खदान का निरीक्षण किया? क्या किसी भी अधिकारी को रेत खदानों पर अनुमति से अधिक रेत खनन करते पाया गया है? यदि हाँ, तो इन अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कमियां पाई गई एवं अवैध खनन कर्ताओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि अधिकारियों द्वारा रेत खदानों का निरीक्षण नहीं किया गया तो क्यों? (ग) क्या अमायन क्षेत्र की सिंध नहीं में रेत माफिया द्वारा अवैध रेत खनन कर गहरे-गहरे गड्ढे कर दिये हैं, जिसके कारण दिनांक 01 मई 2019 को एक ही परिवार के 05 व्यक्तियों की मौत हो गई है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये तात्कालीन कलेक्टर/एस.डी.एम/खनिज अधिकारी/पदाधिकारी (खनिजकर्ता) जिम्मेदार हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में 05 मौतों के लिये दोषी व्यक्ति के विरूद्ध शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में अंकित ग्राम पंचायतों को भिण्ड जिले में रेत खनन की अनुमति दी गई है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में इस विभाग का कोई भी अधिकारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
41. ( क्र. 1014 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत विवाह सम्पन्न हुये हैं? (ख) वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत इछावर विधान सभा क्षेत्र में कितने विवाह सम्पन्न हुये हैं और उन्हें कन्यादान योजना की राशि कितनी प्राप्त हुई।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत इछावर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत 470 विवाह सम्पन्न हुये है। जिसमें 434 कन्याओं को योजनान्तर्गत राशि रूपये 22134000/- का भुगतान किया गया है।
तेन्दूपत्ता संग्रहण
[वन]
42. ( क्र. 1100 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने तेन्दूपत्ता संग्राहक हैं? तेन्दूपत्ता विक्रय करने के क्या क्या नियम है? निविदा कब-कब निकाली गई? निविदा किन-किन शर्तों पर पास की गयी? ठेकेदार के नाम पता सहित प्रत्येक तेन्दूपत्ता समिति की जानकारी देवें। (ख) तेन्दूपत्ता संग्रहक के कितने बीमा दावा प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है? क्या विभागीय अधिकारी की गलती से प्रकरण लंबित हैं, तो क्या कोई उचित कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या वन सुरक्षा समिति के खाते में सुरक्षा हेतु राशि आवंटित की जाती हैं? 2015 से अब तक कितनी राशि आवंटित हुई और कब-कब, क्या-क्या व्यय किया गया? दिनांकवार/माहवार/वर्षवार स्थल, सामग्री विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) तेन्दूपत्ता लांभाश वर्ष 2015 से अब तक बालाघाट जिले का कितना होता है? वर्षवार जानकारी दें एवं किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ व्यय किया जाता है? नियम सहित जानकारी देवें। वर्तमान में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) बालाघाट जिले में 214358 तेन्दूपत्ता संग्राहक है। तेन्दूपत्ता का विक्रय अग्रिम निविदा/ऑफर द्वारा एवं शेष बची समितियों में विभागीय रूप से संग्रहण गोदामीकरण पश्चात् निविदा द्वारा विक्रय किया जाता है। संग्रहण वर्ष 2019 में संग्रहित होने वाले तेन्दूपत्ते के अग्रिम विक्रय हेतु दिनांक 05.01.2019, 01.02.2019 एवं 19.02.2019 तक निविदायें एवं दिनांक 09.04.2019 से 14.04.2019 तक प्रतिदिन ऑफर आमंत्रित किये गये। प्राप्त निविदा/ऑफर मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय अंतर्विभागीय समिति के निर्णय उपरांत स्वीकृत की गई। संग्रहण वर्ष 2019 में बालाघाट जिले की विक्रित तेन्दूपत्ता समितियों (लाट) के क्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले के अंतर्गत जिला यूनियन उत्तर बालाघाट के अंतर्गत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के 16 एवं जिला यूनियन दक्षिण बालाघाट के 01 बीमा दावा प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर स्तर पर निराकरण हेतु लंबित है। लंबित प्रकरण कार्यालय स्तर से समय सीमा पर बीमा निगम जबलपुर को प्रेषित किये गये है। अतः विभागीय अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 03-12/2015/10-2 दिनांक 30 सितम्बर 2015 के द्वारा वन समितियों के माध्यम से किये जाने वाले भुगतान पर रोक लगाई जाकर भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में किये जाने के निर्देश दिये गये है। जिसके परिपालन में बालाघाट वन वृत्त के उत्तर/दक्षिण (सामान्य) वनमण्डल बालाघाट के वन सुरक्षा समितियों को वर्ष 2015 से सुरक्षा राशि आवंटित नहीं हुई है न ही किसी प्रकार का व्यय किया गया है। अतः दिनांक वार/माहवार, वर्षवार, स्थल सामग्री विवरण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) बालाघाट जिले के अंतर्गत जिला यूनियन उत्तर/दक्षिण बालाघाट का तेन्दूपत्ता लाभांश वर्ष 2015 से 2017 तक निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
उत्तर बालाघाट (रूपये) |
दक्षिण बालाघाट (रूपये) |
योग (रूपये) |
2015 |
330540335.45 |
15354865.34 |
48408900.79 |
2016 |
120835499.27 |
64146334.99 |
184981834.26 |
2017 |
293630276.50 |
165170746.12 |
458801022.62 |
योग |
447519811.22 |
244671946.45 |
692191757.67 |
(i) मध्यप्रदेश
शासन, वन
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 10 फरवरी, 2012 में दिये
गये
निर्देशानुसार
लाभांश की
राशि का
70 प्रतिशत
संग्राहकों
को सीधे
पारिश्रमिक
प्रोत्साहन
के रूप में
दिया जाता है।
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ii) लाभांश की 15 प्रतिशत
राशि वन विकास
एवं क्षमता
विकास मद के
लिये
संरक्षित की
जाती है।
जिसका व्यय
शासन के
उपरोक्त आदेश
द्वारा वन
विभाग की देख-रेख में
स्थल विशिष्ट
की
आवश्यकतानुसार
वनों के
पुनरूत्पादन, लघु वनोपज
प्रजातियों
के अन्तः एवं
बाह्य स्थलीय
संरक्षण, अनुसंधान
एवं विकास, संग्राहकों
की क्षमता
विकास हेतु
प्रशिक्षण
कार्यक्रमों के आयोजन, प्रसंस्करण
व भण्डारण
सुविधाओं के
विकास जैसी
गतिविधियों
पर किया जाता
है। (iii) लाभांश
की 15 प्रतिशत
राशि मूलभूत
सुविधाओं के
विकास हेतु संरक्षित
की जाती है, जो संचालक
मण्डल द्वारा
अनुमोदित, मूलभूत
संरचनाओं के
विकास
कार्यों में
व्यय की जाती
है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार
है। लाभांश की 15 प्रतिशत
राशि से
वर्तमान में
कोई कार्य
प्रस्तावित
नहीं है।
पेयजल योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1103 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में मंदसौर शहर को चंबल नदी के कोलवी ग्राम से पेयजल हेतु योजना स्वीकृत हुई थी? यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका द्वारा इंटेकवेल के लिये वर्तमान में जो स्थान चयन किया गया है वह नदी के किनारे है? क्या इस नदी के किनारे इंटेकवेल के आधार पर ही निविदा आंमत्रित की गई थी या इंटेकवेल को निविदा के आधार पर नदी के मध्य बनाया जाना था? (ख) यदि इंटेकवेल को पानी के अंदर बनाना संभव नहीं था तो डी.पी.आर. में इसे प्रस्तावित करने के क्या कारण थे? क्या कंसलटेंट द्वारा इंटेकवेल को नदी के अंदर प्रस्तावित किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कंसलटेंट के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इंटेकवेल निर्माण के स्थल परिवर्तन से जो लागत में कमी आयेगी उसकी प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा कैसे की जायेगी? (घ) क्या नगरीय प्रशासन विभाग नगरपालिका को ऐसी परिस्थिति में तकनीकी रूप से स्वीकारोक्ति देते हुये अनापत्ति पत्र जारी करेगा? उक्त इंटेकवेल की लागत, डी.पी.आर. सहित समस्त अनुबंध की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, मंदसौर शहर को कोल्वी ग्राम से पेयजल हेतु योजना स्वीकृत हुई थी। जी हाँ। इंटेकवेल नदी किनारे पर बनाया गया है। लम्प-सम्प पद्धति पर निविदा आमंत्रित की गई थी जिसके अनुसार निर्धारित मात्रा का जल वर्ष के पूरे समय पेयजल प्राप्त करने के लिए ठेकेदार के सर्वेक्षण एवं डिजाइन के आधार पर इंटेकवेल बनाये जाने का प्रावधान था। (ख) सामान्यत: न्यूनतम बेडलेविल पर इंटेकवेल नदी के अंदर या किनारे पर जहां उचित हो बनाया जाता है, इसी आधार पर डी.पी.आर. में इंटेकवेल को नदी के अंदर बनाया जाना प्रस्तावित किया था। जी हाँ। कंसलटेंट द्वारा न्यूनतम बेडलेविल पर इंटेकवेल को नदी के अंदर प्रस्तावित किया था। डी.पी.आर. ठेकेदार के मार्गदर्शन के लिए निविदा में उल्लेखित की गई थी निविदा के अनुसार ठेकेदार को उत्तरांश ''क'' के अनुसार कार्य करने का प्रावधान था तदानुसार नदी के किनारे इंटेकवेल बनाकर नदी से जल के न्यूनतम बेडलेविल तक का पानी इंटेक में लेने का कार्य किया जा रहा है। अत: कंसलटेंट पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुसार 28.45 एम.एल.डी. जल वर्ष के 12 महीनों में प्राप्त करने के लिए लम्प-सम्प निविदा आमंत्रित की गई थी। अत: स्थल परिवर्तन के कारण किसी लागत के बढ़ने या घटने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निविदा के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक स्वीकृतियां ड्राइंग डिजाईन आदि का अनुमोदन दिया जा चुका है। डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
खनिज उत्खनन से हुए गड्ढों को भरा जाना
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 1129 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खदानों से खनिज निकालने के बाद लीज धारक की जिम्मेदारी रहती है कि खनिज उत्खनन से हुए गड्ढों को तत्काल भरा जाना चाहिए? (ख) यदि हाँ, तो क्या रीवा जिले के अंतर्गत जे.पी. एसोसिएट्स प्रा. लिमि. एवं अल्ट्राटेक सीमेन्ट प्रा. लिमि. कम्पनियों के लिए दी गई लीज क्षेत्र में उत्खनन के बाद उनसे हुए गड्ढों को लीज धारक द्वारा भर दिया गया है? यदि नहीं तो, क्यों? संबंधित लीज धारकों के एग्रीमेन्ट एवं अनुमोदित माइन क्लोजर प्लान की सत्यापित प्रति देवें। (ग) इन गड्ढों से यदि काई दुर्घटना होती है, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त लीज धारकों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं आगे क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन जिले अंतर्गत मेसर्स जे. पी. एसोसिएट्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा माईन क्लोजर प्लान के अनुसार उत्खनित क्षेत्र जलाशय एवं बेक फिलिंग का प्रावधान है। लीज धारकों के एग्रीमेंट/अनुमोदित माईन क्लोजर प्लान की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) अधिनियम, नियम एवं लीजधारकों से अनुबंध के अनुसार स्वीकृत पट्टा क्षेत्र पर सुरक्षा के समुचित उपाय करने की जिम्मेदारी पट्टेदार की है। (घ) निष्पादित अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर लीजधारकों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं। लीजधारकों से उत्तर प्राप्त होने पर विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
गौ एवं गौ-वंशों का जीवन, संरक्षण एवं संवर्धन
[पशुपालन]
45. ( क्र. 1130 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मान. श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मान. श्री राजेन्द्र शुक्ल मंत्री उद्योग एवं खनिज साधन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के तहत बड़ी संख्या में बेसहारा गायों एवं गौ-वंशों के रहने एवं भोजन की व्यवस्था की शुरूआत की गई थी? (ख) उक्त के परिप्रेक्ष्य में क्या 10,000 गायों के रहने हेतु लक्ष्य रखा गया था जिसके प्रथम चरण में रू. 50.00 लाख उद्योग विभाग से एवं रू. 50.00 लाख खनिज साधन विभाग से प्राप्त हुए उक्त धनराशि से 22 एकड़ जमीन में बाउन्ड्रीवॉल एवं 500 गायों के लिए शेड का निर्माण किया गया है? (ग) इसी क्रम में क्या समाज के प्रबुद्ध वर्ग एवं दानदाताओं द्वारा एक करोड़ बीस लाख रूपए एकत्रित कर जमा किया गया तथा उक्त जमा राशि की ब्याज से गौ-शाला में रहने वाले कर्मचारियों का वेतन एवं अन्य व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या सरकार इनकी संख्या 500 बता रही है परंतु इसकी वास्तविक संख्या 1500 से 2000 के लगभग है गायों एवं गौ-वंशों की संख्या में वृद्धि होने एवं उसी के अनुपात में शासकीय धनराशि की व्यवस्था न होने से गायों एवं गौ-वंशों की हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही है? (ड.) क्या सरकार प्रश्नांश (क) से (घ) में त्वरित संज्ञान लेकर गायों एवं गौ-वंशों के जीवन, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु राशि उपलब्ध कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) जी
हाँ। जो म.प्र.
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन बोर्ड
में पंजीकृत
है। (ख) जी
नहीं। बसामन
मामा गौ-वंश
वन्य विहार
में 1000
गौ-वंश को
रखने का लक्ष्य
रखा गया है।
जिसके
निर्माण हेतु
उद्योग विभाग
से सी.एस.आर. मद
से प्रथम चरण
में रू. 50.00 लाख एवं
खनिज संसाधन
विभाग से रू. 50.00 लाख
प्राप्त
हुए। उक्त
धनराशि से
अधोसंरचना
निर्माण का
कार्य वनमण्डलाधिकारी, रीवा
द्वारा कराया
गया। (ग) जी
हाँ।
(घ) जी
नहीं।
वर्तमान में
गौ-वंश वन्य
विहार में 1142 गौ-वंश
आश्रित है।
आश्रित गौ-वंश
के भरण पोषण एवं
अन्य व्यवस्था
हेतु म.प्र.
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन बोर्ड
से जिला
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन
समिति, जिला
रीवा के माध्यम
से निम्नानुसार
राशि उपलब्ध
कराई गई है :-
क्र. |
वर्ष |
उपलब्ध कराई गई राशि (रू. लाख में) |
1 |
|
10.00 |
2 |
2.00 |
|
3 |
19.77750 |
|
|
योग |
31.77750 |
(ड.) जी
हाँ। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वृक्षारोपण की कार्ययोजना
[वन]
46. ( क्र. 1140 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में कुल कितने एकड़ क्षेत्र में जंगलों की कटाई की गई है? इससे कितने घन मीटर वनोपज प्राप्त हुआ है? (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में वन विकास निगम द्वारा कूप कटाई का कार्य किया जा रहा है? निगम द्वारा काटे गये पेड़ों के कूपों का सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है? (ग) क्या प्रदेश में वनविकास निगम द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई एवं क्षतिपूर्ति वनीकरण नहीं करने के कारण प्रदेश के उन जिलों में तापमान असहनीय हो गया है? (घ) क्या वन विभाग जनजीवन से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिन्दु की समीक्षा कर प्रदेश में आगामी 15-20 वर्षों तक अंधाधुंध पेड़ कटाई करने पर रोक लगाकर जंगलों की भूमि पर सघन वृक्षारोपण की नीति लागू करने पर विचार करेगा? (ड.) क्या यह सही है कि जंगलों में जंगली जानवरों के लिये पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से खूंखार जानवर आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं, जिससे कई जनहानि हो रही है? क्या विभाग जनहानि रोकने के लिये जंगलों में जानवरों के लिये प्रत्येक कि.मी. पर तालाब खुदवाने की योजना बनाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल द्वारा प्रदेश के खण्डवा, इन्दौर, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, सिवनी, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, बैतूल, जबलपुर, कटनी, मंडला, डिण्डौरी, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में कूप कटाई का कार्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधान अनुसार किया जा रहा है। काटे गये पेड़ों के कूपों का सत्यापन निगम के परियोजना मंडल में पदस्थ परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी, उप संभागीय प्रबंधक एवं संभागीय प्रबंधकों द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। वन विकास निगम द्वारा भारत सरकार से स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधानों अनुसार विदोहन कार्य किया जाता है। प्रत्येक वर्ष विदोहन से पूर्व भारत सरकार से इसकी अनुमति ली जाती है। कटाई के उपरांत इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्य भी आगामी वर्ष में कर लिया जाता है। (घ) कार्य आयोजना प्रावधानों के अनुसार वनवर्धन के दृष्टिकोण से आवश्यक पेड़ों की कटाई भारत सरकार की स्वीकृति के उपरांत किये जाने से प्रदेश के जंगलों में अंधाधुन्ध कटाई करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य आयोजना में बताये उपचार अनुसार वृक्षारोपण कार्य किया जाता है। (ड.) जी नहीं। वन्यप्राणियों की पेयजल व्यवस्था हेतु शासन से प्रतिवर्ष बजट उपलब्धता अनुसार वनक्षेत्रों में झिरियां सफाई/नई झिरियां खुदाई कृत्रिम सॉसर का निर्माण तालाब तथा स्टापडेम इत्यादि का निर्माण कर पानी उपलब्ध कराया जाता है। अतः इस प्रकार वन्य प्राणियों के वनक्षेत्र में पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाती है। ग्रीष्म ऋतु में वन्यप्राणी यदा-कदा वनक्षेत्र से बाहर आबादी क्षेत्र में आ जाते है, वन्य प्राणियों से किसी प्रकार की जनहानि न हो इसकी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है तथा ग्रामीणों को भी सतर्क रहने हेतु पाबन्द किया जाता है।
नगर में पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1141 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर निगम द्वारा किन-किन पेयजल स्त्रोतों से पानी प्राप्त किया जाता है? क्या शासन के नियमों के विरुद्ध नगर में पेयजल व्यवस्था का निजीकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) नर्मदा जल योजना में मुख्य पाईप-लाइन की गुणवत्ता एवं कितने कि.मी. की डिस्ट्रिब्यूशन लाइन एवं कितने ओवरहेड टैंक का क्या प्रावधान था तथा किस मटेरियल का उपयोग किया गया? (ग) योजना के तहत चारखेड़ा से खण्डवा की पाईप-लाइन कितनी बार फूटी तथा इसके फूटने के प्रमुख कारण क्या रहे? इसकी मरम्मत में कितने मानव श्रम दिवस एवं राशि का उपयोग हुआ? (घ) क्या खण्डवा नगर के कई वार्डों एवं कॉलोनियों के निवासी आज भी नर्मदा जल से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इस योजना के क्रियान्वयन की अंतिम तिथि क्या थी? क्या उसका पालन विश्वा कम्पनी द्वारा समय सीमा में किया गया? यदि नहीं तो यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ड.) योजना की शर्तों का उल्लंघन करने पर विश्वा कम्पनी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी राशि का अर्थदण्ड वसूल किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम खण्डवा द्वारा नर्मदा जल प्रदाय योजना, सुक्ता बांध, नागचून तालाब तथा ट्यूबवेल के माध्यम से जलप्रदाय किया जाता है। योजना का निजीकरण नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नर्मदा जल प्रदाय योजना में मुख्य पाईप-लाइन अनुबंध अनुसार बिछाई गई है। योजना के अंतर्गत 60 किमी. डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की पाईप-लाइन बिछाने का कार्य हुआ है। योजना में 10 ओव्हरहेड टैंक बनाने का प्रावधान था। रॉ-वाटर राइजिंग मेन में एम.एस. पाईप-लाइन 108 मीटर, क्लीयर वॉटर राइजिंग मेन में जी.आर.पी. पाईप-लाइन 49.50 किमी., फीडर पाईप-लाइन में डी.आई. पाईप तथा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में डी.आई. पाईप-लाइन एवं एच.डी.पी.ई. पाईप-लाइन का उपयोग किया गया है। (ग) योजना अंतर्गत चारखेड़ा से खण्डवा की पाईप-लाइन 79 बार फूटी है। पाईप-लाइन फूटने के मुख्य कारण हाइड्रोलिक प्रेशर मार्ग में बाहरी लोगों द्वारा पाईप-लाइन को क्षतिग्रस्त करना, एयर वॉल्व एवं स्कोर वॉल्व को नुकसान पहुंचाना, हरसूद सब स्टेशन से विद्युत प्रदाय में बार-बार अचानक रूकावट होना आदि है। पाईप-लाइन के मरम्मत का कार्य निर्माणकर्ता एजेंसी विश्वा कंपनी द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जाता है। नगर निगम खण्डवा द्वारा इस कार्य पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (घ) खण्डवा शहर के कई वार्डों में नर्मदा जलप्रदाय नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन वार्डों में डाली गई डिस्ट्रीब्यूशन पाईप-लाइन से नल कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है परन्तु नई एवं पुरानी लाईन से इन वार्डों में जलप्रदाय किया जा रहा है। अनुबंध अनुसार योजना का निर्माण दिनांक 05-09-2011 तक पूर्ण किया जाना था परन्तु विश्वा कंपनी द्वारा कार्य समय से पूर्ण नहीं किया। नगर पालिक निगम खण्डवा की सहायता से विश्वा कंपनी ने दिनांक 01 अक्टूबर 2013 से जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया। कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हुआ है एवं 31 दिसंबर 2019 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। (ड.) योजना की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण नगर पालिक निगम द्वारा निरंतर वैधानिक नोटिस आदि देकर शर्तों के अनुसार कार्य करने हेतु लेख किए गए एवं नगर निगम द्वारा विश्वा कंपनी के विरूद्ध रू. 1.03 करोड़ रूपये की राशि का अर्थदण्ड वसूला गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1163 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर नगर परिषद् अंतर्गत पेयजल आवर्धन योजना का कार्य किस वित्तीय सत्र में स्वीकृत किया गया था? क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक पेयजल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो सका? (ख) यह कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह कार्य कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् सिरमौर अन्तर्गत पेयजल आवर्धन योजना वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत की गई थी। कार्यादेश दिनांक 24.01.2017 को जारी किया गया तथा कार्यादेश अनुसार कार्य दिनांक 24.04.2018 तक पूर्ण करना था। योजना के तहत इंटेकवेल टोन्स हायडल प्रोजेक्ट के बीहर बैराज चचाई में प्रस्तावित था जिसकी एन.ओ.सी. दिनांक 09.02.2018 को प्राप्त हुई तथा फिल्टर प्लांट निर्माण हेतु भूमि दिनांक 13.02.2018 को प्राप्त हुई। इस कारण कार्य में विलंब हुआ है। (ख) योजना का कार्य अक्टूबर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
घाट का निर्माण
[वन]
49. ( क्र. 1166 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा अंतर्गत बहुप्रतीक्षित लालगांव से जवा वाया सरई जनकहाई पनियारी घाट के निर्माण हेतु स्वीकृति एवं राशि जारी की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 02 वर्ष पूर्ण हो जाने के पश्चात भी अभी तक उक्त उल्लेखित घाट के निर्माण हेतु वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सका है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मार्ग निर्माण हेतु कब तक वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। (ख) इस मार्ग के निर्माण में चाही गई वन भूमि के प्रत्यावर्तन हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाईन आवेदन दिनांक 27.07.2018 से प्रस्तुत किया गया है। ऑनलाईन आवेदन में कुछ कमियां होने के कारण वनमण्डलाधिकारी रीवा ने दिनांक 04.11.2018 को कमियों की पूर्ति हेतु आवेदक संस्थान को लेख किया है। आवेदक संस्थान द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव में कमियों की पूर्ति आज दिनांक तक नहीं की गई है। प्रस्ताव आवेदक संस्थान स्तर पर लंबित है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव में कमियों की पूर्ति करने पर वन विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आहरण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 1184 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि./मा.वि. सारंगपुर में वर्ष 2016-17 से 19-20 में प्रश्न दिनांक तक स्थानीय निधि में कितनी-कितनी राशि एकत्रित की गई एवं उपरोक्त अवधि के पूर्व स्थानीय निधि के खाते में कितनी राशि जमा थी तथा उपरोक्त अवधि में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत कितनी राशि शासन से संस्था को प्रदाय की गई? वर्षवार, संस्थावर तथा पूर्व में संस्था में जमा राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संस्था में स्थानीय निधि एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत प्रदाय राशि से संस्था में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के करने हेतु पालक शिक्षक संघ की बैठक में प्रस्ताव पारित कर निविदायें आमंत्रित करने के निर्णय पारित किये गये? बैठक में लिये गये निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें। उक्तानुसार अवधि में उक्त खातों से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य हेतु किया गया? संस्था/व्यक्ति का नाम, कार्य का नाम, भुगतान की दिनांक से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संस्था में सामग्री क्रय/अन्य कार्य हेतु शासकीय राशि खर्च करने में शासन नियम का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से? प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्या आहरण अधिकारी के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता की कार्यवाही की जावेगी? अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है (ग) प्रकरण में जांच के आदेश दिये गये है। जांच प्रतिवेदन उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 1188 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 पर फोरलेन उन्नयनीकरण का कार्य ब्यावरा से देवास के बीच ओरियन्टल कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा परियोजना प्रारम्भ से 31 मई 2019 तक निर्माण कार्य हेतु किन-किन जिला खनिज अधिकारी के यहाँ कितनी-कितनी मात्रा खनिज उत्खनन के लिये कितनी कितनी राशि किस-किस दिनाँक को जमा करके अनुमति प्राप्त की गई? (ख) क्या नदी, तालाब, नाले, धार्मिक स्थल, आम रास्ते में किस-किस सर्वे नं. हेतु खनिज उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई? (ग) क्या जितनी मात्रा की अनुमति उत्खनन हेतु दी गई उससे अधिक मात्रा में खनिज उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी अधिक मात्रा में और उसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं तो किन-किन अधिकारीयों के द्वारा अनुमति प्राप्त सर्वे नं. पर जाकर उत्खनन की मात्रा का भौतिक सत्यापन किया गया है? दिनाँकवार अधिकारी के नाम से विस्तृत विवरण से अवगत करावें। (ड़) परियोजनानुसार कुल कितना खनिज परियोजना में उपयोग किया जाना प्रस्तावित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शाजापुर, देवास एवं राजगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी को नदी, तालाब, नाले, धार्मिक स्थल, आम रास्ते में किसी भी सर्वे नंबर पर उत्खनन की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) उक्त जिलों में जितनी मात्रा में उत्खनन की अनुमति दी गई है, उससे अधिक मात्रा में खनिज उत्खनन किया जाना प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी को उनकी जिले में आवश्यकतानुसार किए गए आवेदन अनुसार गौण खनिज के विभिन्न मात्राओं के उत्खनन अनुज्ञा पत्र दिए गए हैं। मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। किसी परियोजना के संबंध में समस्त जिलों की एकजाई जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं रखी जाती है।
सिंचाई पंपों एवं मजरे टोलों में विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
52. ( क्र. 1202 ) श्री संजय शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से खेतों में विद्युतीकरण की योजना हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहपुर जिले में कितना बजट आवंटित किया गया? इसमें से तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त योजना से कितने हितग्राही लाभान्वित हुये? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ग) समय सीमा में कार्यों की स्वीकृति न होने के कारण वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितना पैसा लैप्स हुआ है? उक्त कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मजरा टोलों के विद्युतीकरण हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ङ) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने स्थानों पर विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर लगाये गये? ग्राम एवं स्थानवार जानकारी प्रदान करें। (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार, कितने ग्राम शेष हैं? ग्राम का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आवंटन का समय-सीमा में पूर्ण उपयोग किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ङ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं मजरे टोलों का विद्युतीकरण योजनान्तर्गत विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्त प्राक्कलन अनुसार कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। पृथक से केवल ट्रांसफार्मर लगाने का योजना नियम में प्रावधान नहीं है। योजनान्तर्गत विद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (च) जिला अंतर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम शेष नहीं है।
अशासकीय शाला की