मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 12 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
निजी क्षेत्र में कार्यरत शिक्षक/कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
1. ( *क्र. 1248 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के वचन पत्र में वर्णित विषय क्र. 06 में शिक्षा में उल्लेखित है कि निजी क्षेत्र के स्कूल एवं महाविद्यालय शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर विचार करेंगे तो उक्त के संबंध में क्या कोई कार्ययोजना बनायी गयी है? अगर हाँ तो कब तक लागू कर दी जावेगी? कार्ययोजना की जानकारी प्रदान करें। (ख) शासन के वचन पत्र में अतिथि, विद्वानों, अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की नीति कब तक लागू कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन कंजर्वेशन का निर्माण
[वन]
2. ( *क्र. 682 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन कंजर्वेशन 1972 की धारा 36 (क) के अंतर्गत मध्यप्रदेश में कितने वन कंजर्वेशन का निर्माण किया गया है? (ख) वर्तमान में वन कंजर्वेशन की और क्या योजना विभाग द्वारा बनाई जा रही है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को राघौगढ़ वन कंजर्वेशन निर्माण के दिए गए प्रस्ताव की वर्तमान में क्या स्थिति है? (घ) कलियासोत एवं केरवा फॉरेस्ट बेल्ट में अतिक्रमण और गैर वन गतिविधियों के संचालन जिसके खिलाफ NGT को एक रिपोर्ट भी सौंपी गई है, उक्त गतिविधियों के खिलाफ, शासन ने क्या कदम उठाए हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश के वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36 (क) के अंतर्गत किसी भी संरक्षण आरक्षित (कंजर्वेशन रिजर्व) का गठन नहीं किया गया है। (ख) वर्तमान में नर्मदा कंजर्वेशन रिजर्व इकाई-1, नर्मदा कंजर्वेशन रिजर्व इकाई-2 एवं राघौगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व के गठन के प्रस्ताव हैं। (ग) प्रश्नाधीन प्रस्ताव की कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) एन.जी.टी. को सौंपी गई रिपोर्ट में वन विभाग के आधिपत्य की कलियासोत एवं केरवा फॉरेस्ट बेल्ट की भूमि में कोई भी अतिक्रमण या गैरवानिकी गतिविधियां होने का उल्लेख नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( *क्र. 1432 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-01/2016/4/25, दिनांक 16 मार्च, 2017 के द्वारा विधान सभा क्षेत्र रहली जिला सागर के गढ़ाकोटा नगर में 27 लाख रू. प्रत्येक की लागत के 3 सामुदायिक भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त तीनों भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसे कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) क्या गत 01 वर्ष से लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) सागर द्वारा विभाग से लगातार मांग किये जाने के बावजूद अभी तक शेष कार्य हेतु राशि आवंटित नहीं की गई है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। 03 सामुदायिक भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु कार्य एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल की मांग अनुसार आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक बजट/5798-99, दिनांक 17.09.2018 द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल के बी.सी.ओ. कोड में राशि रू. 50.00 लाख आवंटित की जाकर हस्तान्तरित की गई थी जिसके विरूद्ध कार्य एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल द्वारा राशि रूपये 17.49 लाख का व्यय किया गया। कार्य पूर्णता की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निर्माण एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल की मांग अनुसार आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास के पत्र क्रमांक बजट/5798-99 दिनांक 17.09.2018 द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भोपाल के बी.सी.ओ. कोड में राशि रूपये 50.00 लाख आवंटित की जाकर हस्तान्तरित की गई थी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1560 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है? उपरोक्त्ा प्रोजेक्ट में म.प्र. के किन-किन शहरों को कितनी-कितनी धनराशि प्राप्त हुई है? (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किन-किन विकास कार्यों पर यह धनराशि खर्च की जायेगी? इसकी प्रक्रिया क्या है? विकास एजेंडे में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की भूमिका क्या है? यदि धनराशि का दुरूपयोग हो रहा है तो इसकी मॉनिटिरिंग कौन करेगा? (ग) क्या जनप्रतिनिधि अपने शहर के सर्वांगीण विकास, स्वास्थ्य, खेल, पार्क, शिक्षा, सड़क के लिये इस योजना में कोई प्रस्ताव दे सकते हैं? (घ) ग्वालियर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से कितनी राशि स्वीकृत हुई है तथा किन-किन विकास कार्यों पर कितनी राशि खर्च हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में केंद्र एवं प्रदेश सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शहरों को प्राप्त धनराशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट केंद्र सहायतित योजना है, जिसके संबंध में जारी मिशन गाइड लाइन में निर्धारित प्रक्रिया, केन्द्र/राज्य की भूमिका तथा मॉनिटरिंग आदि के प्रावधान हैं। प्रश्न के अनुक्रम में मिशन गाइड लाइन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है। (ग) जी हाँ। स्मार्ट सिटी गाइड लाइन अनुसार ही शहर स्तरीय परामर्श समिति का गठन किया गया है। शहर स्तरीय परामर्श समिति में स्थानीय माननीय सांसद, विधायक, महापौर व अन्य जनप्रतिनिधि सम्मिलित हैं, जो कि अपने शहर के सर्वांगीण विकास हेतु सुझाव/प्रस्ताव दे सकते हैं। (घ) ग्वालियर को स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि एवं विकास कार्यों पर व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' पर है।
खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में शिक्षकों का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 1354 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के बल्देवगढ़ एवं पलेरा ब्लॉक में कई शिक्षक गृहनगर में 5 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो नीति क्या है? (ग) यदि नहीं तो क्या ऐसे शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु कोई नीति बनाई जायेगी और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानातंरण नीति में 5 वर्ष उपरांत शिक्षकों को स्थानांतरित किये जाने का विशिष्ट प्रावधान नहीं हैं। वर्ष 2019-20 की स्थानातंरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भोपाल मास्टर प्लान हेतु कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 1323 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के आगामी मास्टर प्लान को लेकर विभाग की क्या कार्य योजनाएं हैं? क्या पूर्व में जारी मास्टर प्लान की सभी सड़कें बना ली गयी हैं? पूर्वर्ती मास्टर प्लान की किन सड़कों का निर्माण अभी तक किन कारणों से लंबित है? (ख) लंबित प्रत्येक सड़क की जानकारी उपलब्ध करायें एवं इन सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजना की मार्गदर्शिका के डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड के अनुसार भोपाल विकास योजना-2005 को पुनरीक्षित कर भोपाल विकास योजना 2031 तैयार की जा रही है। जी नहीं। विकास योजना का क्रियान्वयन एक सतत् प्रक्रिया है। नगर विकास की प्रक्रिया के दौरान विकास योजना की सड़कें भी अन्य विकास के साथ-साथ, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर क्रियान्वित होती हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रीवा जिलांतर्गत अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 1321 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा सतना जिले में कितने लायसेंस प्रदाय किये गये हैं? क्या रीवा जिले में व्यापक पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इसे रोकने हेतु क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ख) रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान ग्राम पंचायत पहाड़िया में अद्यतन स्थिति में शासन द्वारा कितने क्रेशर को लायसेंस प्रदाय किया है एवं क्या इनको पर्यावरण के द्वारा एन.ओ.सी. दी गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें एवं उनके द्वारा कहाँ-कहाँ लीज ली गई है? प्रति उपलब्ध करावें। क्या पहाड़िया में व्यापक पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है? अगर हाँ तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या रीवा जिले में खनिज पट्टा, उत्खनि पट्टा एवं अस्थाई अनुज्ञा पट्टे बिना निरीक्षण के दिये जाते हैं? यदि हाँ, तो निरीक्षण अधिकारी का नाम, दिनांक, निरीक्षण उपरान्त दिये गये पट्टों की प्रति उपलब्ध करावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिलों में से रीवा जिले में रेत के 132 एवं सतना जिले में 215 भंडारण के लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। रीवा जिले में अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करते हुए विगत तीन वर्षों में 78 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 37,12,500/- रूपये अर्थदण्ड वसूल किया गया है। अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन जिले की ग्राम पंचायत पहाड़िया में 03 क्रेशरों को भंडार लायसेंस प्रदान किये गये हैं। भंडार लायसेंस में पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त करने के कोई प्रावधान नहीं हैं। भंडारण अनुज्ञप्तिधारी को भंडारण नियम, 2006 के तहत लीज लेने की अनिवार्यता नहीं है। अवैध उत्खनन पर प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा ग्राम पहाड़िया में अवैध उत्खनन के 07 प्रकरण दर्ज किये जाकर राशि रूपये 4,58,000/- की वसूली की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
8. ( *क्र. 371 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद पर वर्तमान में कौन कार्यरत है? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी सागर के आदेश क्रमांक/स्थापना 01/बी.ई.ओ.प्र./ 2018/7878 सागर दिनांक 09.02.2018 के द्वारा श्री दिनेश यादव प्र.अ. शा.मा.शा.क्र. 01 को प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पद पर वर्तमान में कौन कार्यरत है? यदि संबंधित कार्यरत है तो आदेश का पालन आज दिनांक तक क्यों नहीं कराया गया? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? इसके लिये दोषी कौन है? कब तक संबंधित को प्रभारी के पद से हटाया जावेगा? (घ) प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रभार हेतु वरिष्ठ प्र.अ.मा.शा. अथवा कनिष्ठ प्र.अ.मा.शा. में से किसको प्रभार सौंपने का प्रावधान है? नियमावली से अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री आर.के. जाटव, प्राचार्य, शासकीय उ.मा.वि. मण्डी बामोरा बीना, प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बीना के पद पर कार्यरत है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिला शिक्षा अधिकारी, सागर के पत्र क्रमांक स्था.-1/प्रभार/ 2019/3813 दिनांक 25/06/2019 के परिप्रेक्ष्य में श्री दिनेश यादव प्रधान अध्यापक, शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक-1 बीना में दिनांक 26/06/2019 को पूर्णकालिक रूप से उपस्थित हो गये हैं। (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार देने के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन संभाग में जैव विविधता बोर्ड द्वारा किये गये कार्य
[वन]
9. ( *क्र. 1090 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड, भोपाल द्वारा जैव विविधता बोर्ड उज्जैन संभाग में विगत 5 वर्षों में क्या-क्या आयोजन, कार्य स्थानवार, वर्षवार आयोजित किए गए? उक्त आयोजनों पर मदवार कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार, जिलेवार जानकारी दें। (ख) जैव विविधता बोर्ड, उज्जैन संभाग उज्जैन को जैव विविधता संरक्षण हेतु विगत 5 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी है? उक्त राशि को मदवार कहाँ-कहाँ व्यय किया गया?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा उज्जैन संभाग में विगत 5 वर्षों में विभिन्न कार्यक्रम एवं कार्य आयोजित करने हेतु राशि रूपये 9.99 लाख व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को शासन द्वारा 7672-जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगिकी संबंधित परियोजना पोषण व 7856- जैव विविधता बोर्ड संबंधी व्यय मद अंतर्गत कार्यवार अनुदान/बजट प्रदान किया जाता है। संभागवार बजट अनुदान का प्रावधान नहीं है तथा मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड का संभागीय स्तर पर कोई कार्यालय नहीं है। अत: जानकारी निरंक है।
खाचरौद जल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 187 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नगर में मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना के अंतर्गत कब और कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या उक्त योजना का उद्घाटन दिनांक 10 जनवरी, 2016 को किया गया था? यदि हाँ, तो उद्घाटन के बावजूद भी नगर की जनता को एक दिन छोड़कर पानी क्यों उपलब्ध हो रहा है? (ख) क्या उक्त योजना की डी.पी.आर. में मैन हेडर लाइन का प्रावधान नहीं किया गया था? यदि हाँ तो अधिकारियों द्वारा किस आधार पर उक्त योजना की डी.पी.आर. बनाई गई तथा स्वीकृति प्रदान की गई? दोषी अधिकारियों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त योजना में 21 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी खाचरौद की जनता को पानी का पर्याप्त स्त्रोत उपलब्ध होने के बावजूद भी प्रतिदिन पानी सप्लाय नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) खाचरौद नगर की जलप्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत राशि रू. 2175.00 लाख की स्वीकृति दिनांक 17.02.2014 को हुई है। जी हाँ। एक दिन छोड़कर पानी देने की स्थिति क्यों निर्मित हुई है इसकी जाँच के आदेश दिए गए हैं। जाँच रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) डी.पी.आर. में 200 से 250 एम.एम. डायामीटर की पाईप लाइन का प्रावधान किया गया है, जो सामान्यत: हेडर के रूप में डाली जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। निष्कर्षों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
पुलिस अधिकारियों को खनिज निरीक्षण के अधिकार
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 1492 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में खनिज उत्पाद (बालू एवं गिट्टी) के निरीक्षण का अधिकार खनिज विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी प्राप्त है? यदि हाँ, तो पुलिस विभाग के अधिकारियों को किस नियम व आदेश के तहत् अधिकार प्रदान किया गया है? आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि पुलिस विभाग के अधिकारियों को खनिज उत्पाद से भरे हुए वाहनों के निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है तो उनके द्वारा जिले में दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहनों का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण किये गये वाहनों में से कितने वाहन अवैध रूप से गिट्टी एवं बालू का परिवहन करते पाये गये? कितने वाहन वैध रूप से खनिज पदार्थों का परिवहन करते हुए पकड़े गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से परिवहन करते हुए वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गयी है तो ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 19-23/2005/12/2 भोपाल दिनांक 22.03.2006 से प्रदेश में अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये भारत सरकार द्वारा निर्धारित संरचनानुसार जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के आदेश जारी किये गये हैं, जिसमें पुलिस अधीक्षक सदस्य के रूप में नामांकित हैं। इसके साथ ही विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 19-7/2017/12/1, दिनांक 22.06.2018 से 10.07.2018 तक पुलिस/वन/परिवहन/खनिज/ राजस्व/पंचायत विभाग के अमले से खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के संबंध में प्रतिदिन जाँच कराये जाने के निर्देश जारी किये गये। विभाग द्वारा जारी पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा 918 वाहनों का निरीक्षण किया गया है। उनमें से 724 वाहन पकड़े गये, जिनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है, शेष 194 वाहन वैध खनिज परिवहन करते हुए पाये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
परिशिष्ट - ''दो''
वन ग्रामों का विस्थापना
[वन]
12. ( *क्र. 629 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा जो वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है उनमें अभी तक विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें (बिजली, पानी, सड़क, जमीन समतलीकरण) क्यों प्राप्त नहीं हो पा रहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किन-किन ग्रामों का विस्थापन होना शेष है? इनको अभी तक विस्थापन का लाभ क्यों नहीं दिया गया तथा पूर्व में जो विस्थापन हुआ है? उनके भी कुछ लोग पात्रता सूची में विस्थापन लाभ से वंचित हो गये हैं इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) विस्थापित वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? जिसके कारण इन विस्थापित लोगों को कई मूलभूत सुविधायें प्राप्त नहीं हो पा रही हैं इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग में किये गये पत्राचार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों को मूलभूत सुविधाओं के साथ कब तक विस्थापित कर दिया जायेगा? साथ ही पात्रता सूची में छोड़े गये शेष लोगों को भी कब तक शामिल कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के ग्रामों का विस्थापन राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार दो विकल्पों में किया जाता है। विकल्प-1 में सहमत ग्रामीण निर्धारित पूर्ण मुआवजा राशि लेकर स्वत: की व्यवस्था से अन्यत्र बस जाते हैं, ऐसे परिवारों को पुनर्वसित स्थल पर विभिन्न विभागों के सहयोग से मूलभूत सुविधायें प्रदान की गईं हैं। विकल्प-2 में सहमत ग्रामीणों को प्रावधान अनुसार भूमि के बदले भूमि एवं नगद राशि देकर विकास योजना अनुसार विकास कार्य कराकर मूलभूत सुविधायें प्रदान की गईं हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1 वनग्राम सुपलई का विस्थापन तथा वनग्राम खामदा का आंशिक विस्थापन होना शेष है। ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन नहीं करने के कारण विस्थापन नहीं हो सका है। पूर्व में हुये विस्थापन में पात्र में से कोई भी व्यक्ति विस्थापन के लाभों से वंचित नहीं है केवल वनग्राम खामदा के 35 व्यक्ति विचाराधीन श्रेणी में हैं, जिनकी पात्रता का निर्धारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाना है। इस संबंध में क्षेत्र संचालक, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, होशंगाबाद के पत्र दिनांक 04.02.2019 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी को लेख किया गया है। (ग) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एफ.सी. डिविजन) नई दिल्ली के पत्र क्रमांक एफ नं. 8-34/2017-एफ.सी., दिनांक 20.05.2019 के अनुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटिशन (सि.) 202/1995 में आई.ए. क्रमांक 3924/2015 में दिनांक 28.01.2019 के द्वारा वन भूमि पर पुनर्वसित ग्रामों की वन भूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तन करने संबंधी आदेश जारी किया गया है। उक्त संबंध में वन भूमि के डिनोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तत्पश्चात् राजस्व विभाग द्वारा इन ग्रामों को राजस्व ग्राम के रूप में मान्य करने की कार्यवाही की जावेगी। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पूर्व में मुख्यमंत्रीजी को सम्बोधित पत्र के संबंध में पत्राचार किया गया था, जिसका उत्तर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/व.प्रा./ मा.चि./952, दिनांक 08.02.2019 से प्रश्नकर्ता को पृष्ठांकित किया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुसार विस्थापन हेतु शेष रहे ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक भूमि का चयन करने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही संभव है। ग्राम खामदा के विचाराधीन 35 व्यक्तियों की समिति द्वारा पात्रता निर्धारण उपरांत ही कार्यवाही संभव है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 477 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रदेश की स्कूली शिक्षा में सुधार के संबंध में क्या नीति लागू थी? विवरण दें। सिवनी जिले के बरघाट तथा कुरई विकासखण्ड में वर्ष 2010 से 2018 तक प्रदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता व अधोसंरचना सुधार हेतु कितनी राशि किस मद में स्वीकृत व व्यय की गयी, मदवार विकासखण्डवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शिक्षा स्तर में उपरोक्त कार्यक्रमों से क्या सुधार हुआ? प्रदेश के कितने स्कूलों में वर्ष 2010 से 2018 तक शिक्षा के स्तर के बारे में थर्ड पार्टी असेसमेंट कराया गया तथा उसकी क्या अनुशंसाएं थीं? यदि थर्ड पार्टी असेसमेंट नहीं कराया गया तो किस विधि से प्रदान की जा रही स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का मापन किया गया? मापन के प्राचलों की जानकारी दें। (ग) क्या कारण है कि सरकारी विद्यालयों में बेहतर सुविधा होने के बावजूद और निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वसूली के बावजूद सरकारी स्कूलों में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षार्थियों की संख्या व गुणवत्ता खराब होती जा रही है? सरकार ऐसी दुर्दशा के लिए किसको जिम्मेदार मानती है या मानेगी? (घ) क्या सरकार के पास निजी विद्यालयों के मनमाने फीस वसूलने के तरीकों को विनियमित करने की कोई सर्वमान्य योजना है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि ऐसी व्यवस्था नहीं है तो क्या सरकार इस हेतु कोई मंशा रखती है? क्या प्रदेश के विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम के बहाने सरकार मध्यप्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद और पाठ्य पुस्तक निगम को बंद करना चाहती है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में स्कूली शिक्षा में सुधार के संबंध में निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा नियम 2011 लागू किया गया है। सिवनी जिले के बरघाट तथा कुरई विकासखण्ड में वर्ष 2010 से 2018 तक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा गुणावत्ता व अधोसंरचना सुधार हेतु स्वीकृत व व्यय राशि की मदवार व विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'', ''3'', ''4'', ''5'' व ''6'' पर है। (ख) प्रदेश में थर्ड पार्टी असेसमेंट नहीं कराया जाता है। सत्र 2011-12 से गुणवत्ता मापन के लिए प्रदेश की समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में प्रतिभा पर्व का आयोजन किया जाता है। प्रतिभा पर्व में उपयोग किए जा रहे प्राचलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' पर है। (ग) शासकीय विद्यालयों में गुणवत्ता सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अशासकीय संस्थाओं के फीस नियंत्रण हेतु मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 दिनांक 25 जनवरी, 2018 को प्रकाशित किया जा चुका है। जी नहीं। एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा ही किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का औचित्य नहीं।
आवारा पशुओं का संरक्षण
[पशुपालन]
14. ( *क्र. 1045 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास आवारा पशुओं के संरक्षण हेतु कोई योजना है? (ख) क्या वर्तमान में चुरहट विधान सभा क्षेत्र में लगभग सभी राजस्व ग्राम एवं अन्य ग्रामों में आवारा पशुओं की संख्या अत्यधिक है जिस कारण किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है? (ग) क्या शासन इस क्षेत्र के आवारा पशुओं को चिन्हित कर गौशालाएं अथवा अन्य संस्थाएं, जो सुनिश्चित हैं, वहां पर ले जाने की व्यवस्था करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत दो गौशालाएं पूर्व से संचालित हैं जिसमें एक म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत है तथा एक गौशाला के पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा गौशाला परियोजना अंतर्गत 5 गौशालाएं खोली जा रही हैं। जिनमें पशु पालकों के सहयोग से निराश्रित गौवंश को ले जाने की व्यवस्था की जावेगी।
जबलपुर से बालाघाट ब्रॉडगेज कार्य में उपयोग की गई रेत
[खनिज साधन]
15. ( *क्र. 582 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर से बालाघाट ब्रॉडगेज कार्य प्रारंभ है? यदि हाँ, तो समनापुर से पाद्रीगंज तक बन रहे पुल-पुलिया में रेत किस खदान से लाई गई, कितनी रायल्टी काटी गई? (ख) क्या जबलपुर से बालाघाट ब्राडगेज में निर्माण कार्य में रेत की कोई खदान आवंटित की गई? यदि नहीं, तो क्या निर्माण कार्य में रेत का अवैध खनन करके उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार पर अवैध उत्खनन एवं चोरी का प्रकरण दर्ज करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और इससे कौन-कौन अधिकारी दोषी होंगे? क्या जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या धापेवाडा, रोशना, तुमडीटोला, मगरदर्रा, मानकपुर, कुकडा, मोहगांव, पाद्रीगंज में अवैध खनन के रूप में उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सरकार को मिलने वाली लाखों रूपये रायल्टी चोरी के लिये, जिम्मेदार अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) उप मुख्य अभियंता/निर्माण दक्षिण पूर्व रेलवे से प्राप्त जानकारी अनुसार समनापुर से पादरीगंज तक निर्माण कार्य रेलवे विभाग द्वारा किया जा रहा है। रेलवे विभाग के ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य में रेत खनिज की मात्रा एवं किस खदान से ली गई है, इसकी जानकारी का आंकलन राज्य शासन में नहीं किया जाता है। अंतिम देयक के पूर्व आंकलित कर देय रॉयल्टी भुगतान किए जाने के प्रावधान हैं। (ख) जी नहीं। उपरोक्त उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) बालाघाट जिले में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में से जिन व्यक्तियों के विरूद्ध रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उनका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तीन''
अवैध खनन की रिकवरी
[खनिज साधन]
16. ( *क्र. 725 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना (म.प्र.) के पत्र क्रमांक/518/खनिज/2017 सतना दिनांक 15/02/2017 से लीजधारक को खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन दिनांक 15/02/2017 के आधार पर 1,26,62,616=00 रूपयों की रिकवरी बिना भू-प्रवेश अनुमति के कार्य किये जाने के कारण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धार 247 (5) के तहत कार्यवाही किये जाने का पत्र जारी किया था? पत्र के साथ पढ़ी जा सकने वाली लिपि की एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना ने एस.डी.एम. रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26/11/2011 के आधार पर क्षेत्रीय नियंत्रक भारतीय खान ब्यूरो कमला नेहरू नगर जबलपुर को पत्र क्रमांक 2438/खनिज/2011 सतना, दिनांक 08/12/2011 से पत्र लिखकर खनिज संरक्षण विकास नियम 1988 के नियम 13 की शर्तों का उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर खनि पट्टा में खनन संक्रियायें बंद करने का लेख किया था? पत्र की एक प्रतिलिपि दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित एस.डी.एम. के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26/11/2011 के बाद तहसील रघुराजनगर आर.एन. खरे ने उक्त प्रकरण की पुन: जाँच 25/01/2012 को कर एस.डी.एम. रघुराजनगर को दिया एस.डी.एम. रघुराजनगर ने 25.01.2012 को ही प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया? सभी पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (घ) क्या न्यायालय कलेक्टर जिला सतना ने मामला क्रमांक 274/अ/67/2016-17 में दिनांक 03/10/2018 को प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित दोनों प्रकरणों की बिना जाँच कमेटी के स्थल निरीक्षण एवं माप करवाते हुये प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया है? आदेश की एक प्रति देते हुए बतायें कि किन-किन अधिकारियों की कमेटी ने स्थल निरीक्षण कर स्थल की माप कर जो रिपोर्ट कलेक्टर सतना को दी उसके आधार पर रिकवरी समाप्त की गई? राज्य शासन कलेक्टर के आदेश को वैध मानता है या अवैध?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र जारी किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार भारतीय खान ब्यूरो को पत्र प्रेषित किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। प्रश्नानुसार प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। न्यायालयीन प्रकरण में पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार अभिलेखों के आधार पर आदेश पारित करते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। न्यायालयीन प्रकरण में कलेक्टर, सतना द्वारा पारित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आदेश पारित करने हेतु कोई कमेटी गठित नहीं की गई। अत: आदेश की प्रति दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण अनुसार अवैध खनन की पुष्टि नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया, अत: रिकवरी का प्रश्न ही नहीं है। न्यायालयीन प्रकरण की वैधता के संबंध में किसी भी प्रकार की टिप्पणी दिया जाना संभव नहीं है।
सागर जिलांतर्गत विभिन्न श्रेणी के स्वीकृत एवं रिक्त पद
[आदिम जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 1508 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग संभाग सागर में सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, क्षेत्र संयोजक, परियोजना अधिकारी, विकासखण्ड अधिकारी, मंडल संयोजक, कार्यक्रम निरीक्षक, प्राचार्य व्याख्याता के कुल कितने पद स्वीकृत, भरे एवं रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षक संवर्ग एवं अन्य विभागों के अधिकारी किस-किस जिले में किस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं? इनमें वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लोकायुक्त प्रकरण किसके विरूद्ध दर्ज है एवं प्रश्न दिनांक तक इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) मंडल संयोजक विभाग की प्रशासकीय सरंचना में किस संवर्ग का पद है? क्या विभाग में प्रशासन एवं शिक्षा संवर्ग पृथक-पृथक है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों का प्रभार प्रश्नांश (ग) में वर्णित एक ही पद पर 30 वर्ष की सेवा करने पर पदोन्नति की प्रत्याशा में सौंपने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2018-19 में सागर जिले में पदस्थ श्री संदीप जैन सहायक आयुक्त एवं श्री के.के. सूर्येश व्याख्याता के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है। प्रश्न दिनांक तक श्री संदीप जैन सहायक आयुक्त एवं श्री के.के. सूर्येश व्याख्याता को निलंबित किया गया है। (ग) तृतीय श्रेणी कार्यपालिक। जी हाँ। (घ) रिक्त पदों का प्रभार पदोन्नति की प्रत्याशा में सौंपने की कार्यवाही नहीं की जाती। अत: प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वीकृत ऋण
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1273 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत बैतूल, बैतूल बाजार एवं आठनेर में पिछले 01 जनवरी, 2015 से 31 मार्च, 2019 तक कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? स्वीकृत करने के प्रावधान के नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त अवधि में उपरोक्त तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में किन-किन को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राहीवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के कितने प्ररकण तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत में लंबित हैं? हितग्राहीवार सूची उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत बैतूल, बैतूल बाजार एवं अठनेर में प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत आवासों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। स्वीकृत करने के प्रावधान के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में तीनों नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में आवास स्वीकृत किये गये। हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना में लंबित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द” अनुसार है।
प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
19. ( *क्र. 1326 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत गत् शैक्षणिक सत्र 2017-18 में RTE के तहत कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षक अतिशेष हैं तथा कितनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों के पद रिक्त हैं विधान सभा क्षेत्रवार, तहसीलवार, प्राथमिक शालावार, माध्यमिक शालावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में अतिथि शिक्षक नियुक्त किये हैं? यदि हाँ, तो विधानसभावार, तहसीलवार प्राथमिक शाला, माध्यमिक शालावार सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो रिक्त पदों अथवा शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में शैक्षणिक व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इंदौर विधान सभा जिले के क्षेत्रवार, तहसीलवार अतिथि शिक्षक होने पर भी अतिथि शिक्षक रखने एवं इससे शाला को होने वाले दोहरे राजस्व की हानि हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) इन्दौर जिले में रिक्त पद पर ही अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की गई है। राजस्व की हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम जिले में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
20. ( *क्र. 1479 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में 15 जून, 2019 को गिट्टी खदान किस-किस व्यक्ति के नाम है? खदान का खसरा, रकबा, गांव का नाम, आवंटन की अवधि, आवंटन की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में अवैध उत्खनन की कितनी शिकायतें पिछले तीन वर्षों में किस-किस खदान के संदर्भ में प्राप्त हुईं? उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा क्या धोलावाड़ के केचमेंट एरिया में बिबडोद ग्राम की खदानों में अवैध उत्खनन से नदी का जल दूषित होने तथा ग्राम की कृषि भूमि खराब हो रही है? यदि हाँ, तो उनकी रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों की किस दिनांक को अंतिम जाँच की गई उसकी जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। जाँच रिपोर्ट अनुसार किस-किस खदान में किस प्रकार की अनियमितता पाई गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से किस खदान में आवंटित जमीन से ज्यादा तथा नियमों के विपरीत गहराई में उत्खनन, विस्फोटक पदार्थ का उपयोग किया? सूची देवें तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित खदानों में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। धोलवाड़ के केचमेंट एरिया में ग्राम बिबडोद की खदानों में अवैध खनन से नदी का जल प्रदूषित होने तथा ग्राम की कृषि भूमि खराब होने संबंधी कोई तथ्य/रिपोर्ट/शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित खदान सरल क्रमांक 22, 23 एवं 24 में उल्लेखित 03 पट्टाधारियों के विरूद्ध संयुक्त रूप से 01 प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के सरल क्रमांक 22, 23 एवं 24 में उल्लेखित पट्टेदारों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से बाहर उत्खनन करने पर उनके विरूद्ध अवैध खनन का प्रकरण तैयार किया जाकर, सक्षम न्यायालय में पंजीबद्ध कराया गया है। न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है।
टीकमगढ़ विकास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1407 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के असाधारण राजपत्र भाग-1 में दिनांक 08.09.2019 को टीकमगढ़ नगर हेतु वर्ष 2031 तक के लिये विकास योजना अनुमोदित होने एवं विकास योजना की प्रति कमिश्नर सागर, कलेक्टर टीकमगढ़, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग छतरपुर तथा नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में निरीक्षण हेतु उपलब्धता का प्रकाशन हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यालयों में विकास योजना की प्रति सामान्य जनता के निरीक्षण हेतु उपलब्ध है? यदि हाँ, तो भुगतान पर टीकमगढ़ विकास योजना 2031 की प्रति कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यालयों में टीकमगढ़ विकास योजना 2031 की प्रति यदि उपलब्ध नहीं है तो राजपत्र में इस प्रकार का प्रकाशन क्यों कराया गया? लगभग 02 साल के अन्तराल के बाद भी आम नागरिकों को योजना की प्रति उपलब्ध न कराने के लिये कौन दोषी है? (घ) दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी और कितने समय के अन्दर योजना की प्रति उपलब्ध होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अंशत: हाँ, मध्य प्रदेश असाधारण राजपत्र भाग-1 में दिनांक 08/09/2019 को न होकर दिनांक 08/09/2017 को टीकमगढ़ विकास योजना 2031 अनुमोदित होने एवं विकास योजना की प्रति आयुक्त सागर संभाग, सागर, कलेक्टर टीकमगढ़, मुख्य नगर पालिका अधिकारी-नगर पालिका टीकमगढ़, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय-छतरपुर में निरीक्षण हेतु उपलब्ध होने का प्रकाशन हुआ है। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) टीकमगढ़ विकास योजना-2031 राज्य नगर नियोजन विभाग की वेबसाइट http://www.sitop.org.in/pdfs/Teekamgarh_Master_Plan.pdf पर अवलोकन की जा सकती है। टीकमगढ़ विकास योजना-2031 की प्रति भुगतान पर संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल एवं कार्यालय सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय छतरपुर में उपलब्ध है (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''पाँच''
सागर की लाखा बंजारा झील जल क्रीड़ा की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 590 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में स्थित लाखा बंजारा झील (तालाब) मानव निर्मित मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी झील है? (ख) क्या लाखा बंजारा झील (तालाब) में जल क्रीड़ा के क्षेत्र में शासन स्तर पर कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना के तहत कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित किया जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रस्तावित योजना कब तक अमल में आ सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) इस विषय पर जानकारी संधारित नहीं है। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम सागर द्वारा लाखा बंजारा झील (तालाब) में जल क्रीड़ा के क्षेत्र में कोई भी योजना तैयार नहीं की गयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 569 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के ग्राम रामस्थान में स्थित 80 एकड़ लीज की आड़ में लीज धारक एवं ट्रांसपोर्टर द्वारा शासन के नियमों के विरूद्ध लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन एवं अवैध ओव्हर लोडिंग विगत दस वर्षों से की जा रही है तथा क्या कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना ने पत्र क्रमांक 436/खनिज/2018 सतना दिनांक 05/02/2018 को कारण बताओ सूचना जारी किया था? हाँ तो पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवैध उत्खनन को क्या 28 फरवरी, 2017 को प्रश्न क्रमांक 2246 में कुल तीन एकड़ साठ डेसीमिल में अवैध उत्खनन तथा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2882 दिनांक 28 फरवरी, 2017 के प्रश्न (ख) में आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा आराजी क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन पाया गया का उत्तर दिया था? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना ने संचालक, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल को पत्र क्रमांक 419/खनिज/2019 सतना दिनांक से जो पत्र भेजा उसके बिन्दु क्रमांक 5 (पाँच) में अवैध उत्खनन 80 डिसिमिल में पाये जाने का उल्लेख किया है? पत्र की एक प्रतिलिपि दें? (घ) अवैध उत्खनन के बार-बार साबित होने के बाद 1,26,62,616/- रूपयों की 15/02/2017 को कलेक्टर द्वारा जारी रिकवरी आदेश को कलेक्टर सतना ने ही अपने आदेश दिनांक 03/10/2018 को रिकवरी आदेश समाप्त कर प्रकरण नस्तीबद्ध करने को राज्य शासन वैध मानता है कि अवैध? राज्य शासन उक्त अवैध आदेश जारी करने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार लीज धारक द्वारा निरंतर अवैध उत्खनन एवं ओव्हर लोडिंग जैसी स्थिति नहीं है। कलेक्टर, सतना द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 05.02.2018 से पट्टेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार विधान सभा प्रश्नों के उत्तर में अवैध उत्खनन की जानकारी प्रेषित की गई थी। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्रमांक अनुसार दिनांक 10.02.2019 को कलेक्टर, सतना द्वारा संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म को प्रतिवेदित किया गया था कि स्वीकृत खदान क्षेत्र रकबा 80 एकड़ से पृथक क्षेत्र खसरा क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा खसरा क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ में अवैध उत्खनन होना पाया गया। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार अवैध उत्खनन की पुष्टि उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर नहीं होने के कारण न्यायालय कलेक्टर, सतना द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध किये जाने के आदेश दिनांक 03.10.2018 को जारी किये गये। अत: रिकवरी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। न्यायालयीन प्रकरण की वैधता के संबंध में टिप्पणी दिया जाना संभव नहीं है। अत: प्रश्नांश अनुसार शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''छ:''
बंजारा समाज हेतु शासन की योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 1137 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में बंजारा जाति को विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग में शामिल किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो बंजारा समाज हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बंजारा समाज को आवासीय भूमि का पट्टा एवं रोजगार हेतु ऋण देने का कोई प्रावधान है? (ग) यदि आवासीय भूमि का पट्टा एवं रोजगार हेतु ऋण दिया गया है तो शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र के हितग्राही परिवारों की संख्या बतायें जिनको लाभ दिया गया?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। बंजारा समाज के लिए छात्रावास, आश्रम/मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना/मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित है। (ख) बंजारा समाज को आवासीय भूमि का पट्टा देने का कोई प्रावधान नहीं है, अपितु केवल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत रोजगार हेतु ऋण देने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत किसी भी हितग्राही परिवार को रोजगार हेतु ऋण नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लाभान्वित कन्याएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
25. ( *क्र. 902 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सागर संभाग में वर्ष 2013-14 से दिसम्बर 2018 की अवधि में कितनी कन्याओं के विवाह सम्पन्न हुए हैं? जिलेवार एवं वर्षवार संख्या बतावें। (ख) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत कराये गए विवाहों की जिलेवार संख्या कितनी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत शासन की ओर से प्रति कन्या कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) क्या विगत वर्षों की तुलना में प्रश्नांश (ख) अवधि में संपन्न विवाहों में कमी दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सागर संभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से दिसम्बर 2018 की अवधि में विवाहित कन्याओं का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सागर संभाग में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार कन्याओं के विवाह संपन्न हुए। (ग) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत शासन की ओर से प्रति कन्या 51,000/- की राशि स्वीकृत की गई। (घ) विगत वर्षों की तुलना में प्रश्नांश (ख) अवधि में संपन्न विवाहों में कोई कमी दर्ज नहीं हुई है।
परिशिष्ट - ''सात''
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वॉटर
हार्वेस्टिंग
युक्त आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 9 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिकाओं में नक्शा पास कराने के पूर्व वॉटर हार्वेस्टिंग की राशि जमा करायी जाती है? (ख) होशंगाबाद जिले की नगरपालिकाओं/नगर पंचायतों में विगत तीन वर्षों में कितने नागरिकों द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु राशि जमा करायी गयी? नगरपालिका/नगर पंचायतवार बतावें। (ग) इनमें से कितने नागरिकों द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग करायी गयी? क्या जिन लोगों ने वॉटर हार्वेस्टिंग करायी, उनकी जमा राशि वापस कर दी गयी? यदि नहीं तो कब तक वापस की जावेगी? (घ) होशंगाबाद जिले की नगरपालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में कुल कितने-कितने निजी आवास/शासकीय आवास एवं कार्यालय हैं? इनमें से कितनों में वॉटर हार्वेस्टिंग होना बाकी है? श्रेणीवार तीनों की जानकारी दें। सभी नागरिक वॉटर हार्वेस्टिंग कराये, इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है, जिन नागरिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग कार्य कर लिया है, उनके आवेदन प्राप्त होने पर प्रक्रिया अनुसार उन्हें राशि वापिस की जा सकेगी। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को समय-समय पर वाटर हार्वेस्टिंग कराने के लिए विज्ञापन एवं सूचना माध्यमों के द्वारा प्रचार प्रसार कर प्रोत्साहित किया जाता है। राज्य शासन द्वारा भी रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के संबंध में प्रदेश की समस्त निकायों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 10 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आनंद मंथोरिया निवासी होशंगाबाद द्वारा नगरीय कल्याण मंत्री, म.प्र. शासन को नगर पालिका होशंगाबाद के संबंध में जनवरी 2019 में कोई शिकायती पत्र स्पीड पोस्ट से प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में बिन्दुवार जानकारी देते हुए बतावें कि उल्लेखित बिन्दुवार तथ्य क्या सही है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त बिन्दुवार शिकायतों पर कौन-कौन लोग उत्तरदायी पाये गये? नाम सहित जानकारी देते हुए बतावें कि उत्तरदायी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) श्री आनंद मंथोरिया निवासी होशंगाबाद द्वारा मान. नगरीय कल्याण मंत्री जी को स्पीड पोस्ट से प्रेषित की गई शिकायत प्राप्त नहीं है। अपितु एक शिकायत प्रमुख सचिव म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास को प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत की जांच गठित समिति द्वारा की गई थी जिसमें श्री आनंद मंथोरिया द्वारा पत्र में उल्लेखित बिन्दु जांच प्रतिवेदन में शामिल है। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जांच में उत्तरदायी पाये गये पदाधिकारी/अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विभागीय भूमि के संबंध में
[वन]
3. ( क्र. 32 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग की कितनी भूमि है? वन खण्डों का नाम क्षेत्रफल सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त भूमि की वर्तमान में क्या स्थिति है क्या कोई अतिक्रमण या अवैध कब्जा है? यदि हाँ, तो कब से और किसका उक्त कब्जे को हटाने हेतु क्या प्रयास किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विगत 3 वर्षों में उक्त भूमि पर विभाग ने क्या-क्या कार्य किये? वर्षवार किये गये कार्य, व्यय राशि आदि का विवरण प्रदाय करें। (घ) विधानसभा क्षेत्र 51 अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम/खसरे हैं, जिनके संबंध में वन एवं राजस्व विभाग के मध्य विवाद है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वन विभाग के आधिपत्य में 5,162.650 हेक्टेयर वनभूमि है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" में उल्लेखित भूमि में से 1198.320 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) 42 ग्रामों के 705 खसरों पर वन एवं राजस्व विभाग के मध्य विवाद है।
अनुपस्थित पार्षद को अयोग्य घोषित किये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 34 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका अधिनियम में किसी पार्षद के लगातार छः माह से बिना परिषद् की अनुमति के अनुपस्थित रहने पर अयोग्य किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस प्रकार के प्रकरण में पार्षद को अयोग्य किये जाने हेतु किस स्तर के अधिकारी को अधिकार प्रदान किये गये है तथा क्या इस प्रकार के प्रकरण के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है? (ख) क्या धार नगर पालिका परिषद् के पार्षद श्री मजीद अली फरवरी 2018 से परिषद् के किसी विहित अनुमति के बिना अनुपस्थित है? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में उपाध्यक्ष सहित 16 अन्य पार्षदों द्वारा शिकायत करते हुए श्री मजीद अली को हटाने हेतु पत्र व्यवहार किया था? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्रवाई हुई है तथा प्रकरण किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (घ) उक्त वार्ड को रिक्त घोषित किया जाकर पुनः निर्वाचन (उप चुनाव) प्रक्रिया कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 38 के तहत कार्यवाही किए जाने के लिए संबंधित निकाय की अधिकारिता का जिला कलेक्टर विहित प्राधिकारी होता है जिसे किसी पार्षद को अयोग्य करार या निरर्हित करने की शक्ति प्रदत्त है। इस प्रकार के कार्य समय सीमा में किए जाने हेतु नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी धार द्वारा संबंधित को पद से हटाने के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। कलेक्टर जिला धार द्वारा संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु अवसर प्रदान किया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों के निर्माण की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 89 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत अनेक कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें जैसे सड़क, पानी, नाली, बिजली नहीं हैं एवं लगातार अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं? (ख) क्या मूलभूत सुविधा विहीन ये अवैध कॉलोनियां नगर निगम के अधिकारियों की छत्र-छाया में निर्मित हो रही हैं? (ग) क्या जबलपुर में शासकीय जमीन का दुरूपयोग कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण के प्रकरण अन्य शहरों की तुलना में अत्यधिक है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत अवैध कॉलोनियों के निर्माण में संलिप्त अधिकारियों की जांच की जावेगी एवं अवैध कॉलोनी रोकने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत अनेक कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, नाली, बिजली नहीं है एवं लगातार अवैध कॉलोनियां बनाई जाने के प्रतिवेदन पर यथायोग्य कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं, अवैध कॉलोनियों के कॉलोनी विकास कर्ताओं को नोटिस जारी किये गए है तथा इसके अवैध होने संबंधी सार्वजनिक सूचनाएं भी प्रकाशित की गई है। (ग) इस प्रकार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) अवैध कॉलोनी निर्माण में अधिकारियों की संलिप्तता प्रतिवेदित नहीं है। जी हाँ, अवैध कॉलोनी निर्माण संज्ञान में आने पर नोटिस जारी कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जाती है। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कठौंदा ट्रीटमेंट प्लांट का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 90 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत वार्ड नं. 72 कठौंदा में मृत पशु एवं जानवरों की चीर फाड़ के कारण क्षेत्र में बदबू के कारण वातावरण प्रदूषित हो गया है? (ख) क्या इस प्लांट के आसपास कॉलोनियां निर्मित हो जाने के कारण निवासियों का जीवन दूभर हो गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या ट्रीटमेंट प्लांट अन्यत्र स्थापित किया जावेगा? या जानवरों की चीरफाड़ रोकी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि नगर निगम, जबलपुर अंतर्गत वार्ड क्रमांक 72 कठौंदा में मृत पशु की चीर फाड़ एवं डिस्पोजल का कार्य निविदाकार द्वारा किया जाता है, इस कार्य के उपरांत बदबू की रोकथाम के लिए आवश्यक कीटनाशक एवं दुर्गन्धनाशक का छिड़काव निविदाकार द्वारा किया जाता है, इस प्रकार इस कार्य से वातावरण दूषित नहीं हो रहा है। (ख) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि प्लांट से आवासीय कॉलोनियां लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित हैं, मृत पशुओं के डिस्पोजल के कारण आवासीय कॉलोनियों में किसी प्रकार के प्रदूषण की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 157 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता के दौरान भोपाल नगर निगम में नियम विरूद्ध सैप खोलकर भुगतान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? नाम व पदनाम सहित जानकारी दें? (ग) क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या-क्या और कब तक की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिषद् बैठक हाल में नियम विरूद्ध बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 158 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मई 2019 के आखिरी सप्ताह में भोपाल नगर निगम के परिषद् सभागृह में राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं और निगम अधिकारियों की बैठक किस नियम के अंतर्गत की गयी थी? नियम सहित जानकारी दें? (ख) क्या इस प्रकार की बैठकें कर परिषद् सभागृह में स्थित अध्यक्षीय आसंदी, महापौर और नेता प्रतिपक्ष की आसंदी पर राजनैतिक कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को बैठाकर मर्यादाओं का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ग) क्या सरकार में बैठे लोगों द्वारा निगम के कार्यों में हस्तक्षेप कर नियम विरूद्ध बैठकें कर नियम-कानून का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियां रोकने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 32 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 2005 के नियम 29 में परिषद् के सम्मेलन में जनता के लिए प्रवेश के संबंध में प्रावधान दिए गए हैं। इन धाराओं तथा नियमों में परिषद् के सम्मेलन के समय सभागृह में जनता के किसी सदस्य को सम्मेलन के दौरान प्रवेश करने का प्रावधान दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन नियमों में यह स्पष्ट है कि मात्र निगम के सम्मेलन के समय सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले प्राधिकारी/पीठासीन अधिकारी की स्वीकृति/अनुज्ञा के उपरांत किसी व्यक्ति को सभागृह में प्रवेश दिया जाएगा। नियमों में सम्मेलन के अतिरिक्त परिषद् सभागृह में किसी व्यक्ति के प्रवेश पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डाईट हटा में पद पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 170 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिला के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्राचार्य एवं अन्य स्टॉफ के कितने कितने पद रिक्त हैं? पद संरचना संबंधी जानकारी देवें। (ख) डाईट हटा दमोह से प्रभारी प्राचार्य के स्थान पर पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना कब तक की जावेगी, जिससे डाईट हटा का विधिवत संचालन हो सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दमोह जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हटा (दमोह) में प्राचार्य एवं अन्य स्टफ के रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
पदनाम |
रिक्त पद संख्या |
1 |
प्राचार्य |
01 |
2 |
सहायक प्राध्यापक |
03 |
3 |
वरि. व्याख्याता |
03 |
4 |
व्याख्याता |
03 |
5 |
लायब्रेरियन |
01 |
6 |
कार्यानुभव शिक्षक |
01 |
7 |
निम्न श्रेणी लिपिक |
03 |
कुल |
15 |
पद संरचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) शिक्षक शिक्षा संवर्ग में प्राचार्य डाईट संवर्ग के लोक सेवक उपलब्ध नहीं होने से समकक्ष स्तर के अधिकारी की पदस्थापना की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
निरामय योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
10. ( क्र. 188 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को मंदबुद्धि एवं बहुविकलांगों को राष्ट्रीय न्यास की निरामय योजना अंतर्गत 2 करोड़ 50 लाख रूपये की प्रीमियम राशि जमा कर प्रदेश के 73000 परिवारों को लाभ दिये जाने की कार्यवाही के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 743/सी.एम.एस./ए.बी.आर./2019 दिनांक 05/03/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग को क्या निर्देश प्रदान किए गए है? (ख) निर्देश के परिपालन में की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ, मुख्यमंत्री कार्यालय, की टीप क्र.743/सी.एम.एस/ए.बी.आर/19 द्वारा समुचित कार्यवाही करने के निर्देश है। (ख) नेशनल ट्रस्ट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की निरायम बीमा योजनांतर्गत बी.पी.एल हितग्राहियों हेतु राशि रूपये 250/- एवं ए.पी.एल हितग्राहियों हेतु राशि रूपये 500/- प्रीमियम राशि का भुगतान स्वयं हितग्राहियों द्वारा ही किये जाने का प्रावधान है। प्रायोगिक तौर पर म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2017-18 तक निरामय बीमा योजनांतर्गत 66,820 हितग्राहियों हेतु 2.44 करोड़ की प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य निराश्रित निधि से नेशनल ट्रस्ट, भारत सरकार को किया गया। इसमें से 564 दिव्यांग हितग्राहियों का मात्र राशि रूपये 46.72 लाख का क्लेम सेटल हुआ है, जो कि 1 प्रतिशत से भी कम है। वित्तीय दृष्टिकोण से यह व्यवहारिक नहीं पाया गया इसलिये वर्ष 2018-19 हेतु प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा नहीं किये जाने का निर्णय लिया गया है। नेशनल ट्रस्ट की निरामय बीमा योजना सम्पूर्ण देश में संचालित है। अन्य राज्यों में स्वयं हितग्राही द्वारा प्रीमियम राशि का भुगतान किया जा रहा है। यदि प्रदेश के हितग्राही चाहे तो निरामय बीमा योजना के प्रावधान अनुसार प्रीमियम राशि का भुगतान स्वयं कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा (आयुष्मान) योजना आरंभ की गई है। उक्त योजना में दिव्यांगजनों का भी समावेशन है।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 208 ) श्री जसमंत जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी प्रा./मा. शालाएं है जिनमें अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिथि शिक्षकों की भर्ती के पूर्व प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई अथवा नहीं? नहीं की गई तो क्या प्रावधान अनुसार उक्त भर्ती सही हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दिनांक 21 दिसम्बर 18 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य कितने विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या कई विद्यालयों में आनलाईन पोर्टल पर प्रदर्शित पदों के विरूद्ध आवश्यकता नहीं होते हुये भी अपने सगे संबंधी पुत्र पुत्रियों की भर्ती की गई है तथा पात्र व्यक्तियों को भर्ती से वंचित रखा गया है तथा पात्र व्यक्तियों के आवेदन भी नहीं लिये गये है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जी नहीं, रिक्तियां पोर्टल पर प्रदर्शित की गयी एवं ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों से मेरिट के आधार पर शाला प्रबन्ध समितियों/शाला प्रबन्ध एवं विकास समितियों द्वारा अतिथि शिक्षक रखे गये। ऑनलाईन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् अस्थायी रिक्तियों एवं जिन स्थानों पर ऑनलाईन प्रक्रिया से अतिथि शिक्षक उपलब्ध नहीं हुए, वहां शाला प्रबन्ध समितियों/शाला प्रबन्ध एवं विकास समितियों द्वारा विभागीय निर्देश के अनुरूप ऑनलाईन स्कोर कार्ड या स्थानीय स्तर पर आवेदन प्राप्त कर रखे गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत द्वारा सफाई एवं विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 209 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 25 में हवाई पट्टी विजय टेक्टर एजेंसी के पीछे स्थित दाउ हनुमंत सिंह की कॉलोनी में स्थित शासकीय गार्डन में फैली गंदगी एवं मिट्टी के ढेरों को नगर पंचायत द्वारा कब-कब सफाई कार्य कराया गया है? क्या वर्तमान में गंदगी एवं मिट्टी के ढेर अभी भी लगे हुए हैं? (ख) उक्त कॉलोनी के गार्डन की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद भी मरम्मत कार्य क्यों नहीं कराया गया है, जबकि उक्त गार्डन के विकास/जीर्णोद्धार हेतु आवंटन पूर्व से नगर पंचायत को उपलब्ध है? (ग) उक्त कॉलोनी में नगर पंचायत के माध्यम से किस ठेकेदार द्वारा नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है? उक्त नाली निर्माण कार्य में निकासी की सुविधा का प्रावधान होते हुए भी गंदगी के पानी एवं रोजमर्रा के पानी के निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? (घ) क्या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध नगर पंचायत द्वारा कालातीत की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दाउ हनुमंत सिंह कॉलोनी के गार्डन में निकाय द्वारा नियमित सफाई कराई जाती है। गार्डन में गन्दगी नहीं अपितु गार्डन में मिट्टी डालने के लिए नगर पालिका परिषद्, शिवपुरी द्वारा मिट्टी का संग्रहण कराया गया है। (ख) दाउ हनुमंत सिंह कॉलोनी के गार्डन की बाउण्ड्रीवॉल के मरम्मत कार्य के लिए राशि रू. 3.25 लाख का प्राक्कलन तैयार कराया गया है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। इस कार्य के लिए निकाय को आवंटन प्राप्त नहीं है। (ग) इस कॉलोनी में नाली निर्माण का कार्य मे. लवकुश कन्स्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है। नाली निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। अत: रोजमर्रा के पानी की निकासी में व्यवधान है। नाली का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् पानी का निकास समुचित रूप से हो सकेगा। (घ) नाली निर्माण कार्य के लिए सम्पादित अनुबंध अनुसार समयावधि दिनांक 31.07.2019 है, वर्तमान में 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण होना संभावित है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 246 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या युवाओं को सार्थक रोजगार के अवसर प्रदान कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना संचालित हैं? (ख) क्या इस योजनान्तर्गत म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा समय-समय पर योजना के क्रियान्वयन हेतु आदेश-निर्देश जारी किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या योजनान्तर्गत युवाओं का चयन विहित प्रक्रिया अनुसार हुआ हैं, यदि हाँ, तो होशंगाबाद जिला अन्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक निकायवार युवाओं की सूची दी जावे। (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर हाँ में है तो क्या निकायों द्वारा शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये आदेश-निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो अभी तक चयनित युवाओं का मानदेय लंबित क्यों हैं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, लंबित मानदेयों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) जी हाँ, निकायवार युवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, युवाओं का आधार कार्ड बैंक से लिंक न होने एवं पोर्टल की तकनीकी खामियों के कारण योजना में चयनित युवाओं का मानदेय लंबित है, पोर्टल की तकनीकी खामियों का मैप-आईटी द्वारा समाधान किया जाता है, भुगतान की प्रक्रिया सतत् है। अत: समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अनुदान प्राप्त शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 252 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले अन्तर्गत वर्ष 2013 से 2018 तक कितनी अनुदान प्राप्त शालायें बंद हो चुकी हैं एवं इनके आहरण संवितरण अधिकार किन-किन अधिकारियों को सौंपे गये थे नाम पद सहित संस्थावार जानकारी देवें। (ख) क्या तहसील पिपरिया अन्तर्गत विद्यामंदिर रामपुर संचालित हैं यदि हाँ, तो संस्था कब तक संचालित रही तथा उसमें कार्यरत शिक्षकों को उनके स्वत्वों के भुगतान की क्या स्थिति हैं? (ग) यदि विद्यामंदिर रामपुर बंद कर दी गयी थी तो उस संस्था के लिये आवंटन की मांग किसके द्वारा की गयी तथा प्राप्त राशि का भुगतान किसके द्वारा किसको, कब-कब किया गया? (घ) क्या विद्यामंदिर रामपुर में कार्यरत कर्मचारियों को शाला बंद होने के उपरांत भुगतान किया गया हैं यदि किया गया हैं तो इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) तहसील पिपरिया अंतर्गत अनुदान प्राप्त विद्यामंदिर रामपुर दिनांक 31.10.2014 तक संचालित रही, अंतिम कार्यरत शिक्षक को दिनांक 31.10.2014 तक वेतन भुगतान किया गया। शेष पाचवें एवं छठवें वेतनमान की एरियर राशि का भुगतान नियमानुसार किया जा रहा है। (ग) शासनादेशों के क्रम में गणना पत्रक के आधार पर पाचवें एवं छठवें वेतन एरियर की किस्तों के माध्यम से वर्ष 2019 तक भुगतान किया जाना है। वर्ष 2015 से आहरण संवितरण अधिकारी वि.खं. शिक्षा अधिकारी पिपरिया एवं प्राचार्य शासकीय उ.मा.वि. खापरखेडा द्वारा भुगतान किया जा रहा है। भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जी नहीं। मात्र एरियर राशि का भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आस्था मूलक योजना के संबंध में
[वन]
15. ( क्र. 291 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में विभाग द्वारा संचालित आस्था मूलक योजना के अंतर्गत विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन वन समितियों को किस-किस कार्य हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? वन परिक्षेत्रवार, वन समितिवार एवं वर्षवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि के आहरण हेतु वन समितियों के कौन-कौन से पदाधिकारी अधिकृत थे? नाम एवं पदनाम सहित वन समितिवार जानकारी दें? (ग) क्या योजना में उल्लेखित कार्यों को जनहित में न कराया जाकर शासन के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं की गई? इस अनियमितता हेतु कौन दोषी हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) मध्यप्रदेश के कटनी जिले में स्थित विजयराघवगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 5 वर्षों में (वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक) किस भी वन समिति को आस्था मूलक योजनान्तर्गत धन राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि के आहरण हेतु वन समितियों के अधिकृत पदाधिकारियों की समितिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खनिज का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 329 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 76 में ग्राम घूघसी से ग्राम प्रतापपुरा तक कराये जा रहे फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी मुरम का उपयोग किया जा रहा है। (ख) क्या प्रशासन द्वारा संबंधित एजेन्सी को मिट्टी-मुरम निकालने की अनुमति या लीज दी गई है, लीज या अनुमति के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जावें? यदि अनुमति या लीज नहीं दी गई है तो क्या उनके द्वारा बिना अनुमति के मिट्टी मुरम निकाली जा रही है। (ग) बिना अनुमति या लीज के मिट्टी मुरम निकालने से शासन को कितनी रूपये की राजस्व हानि हो रही है। (घ) क्या संबंधित एजेन्सी के विरूद्ध मिट्टी मुरम निकालने के संबंध में जिला प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हुई हैं, यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है, यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्या संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वैधानिक अनुमति के बिना मिट्टी-मुरम खनिज का अवैध उत्खनन होना जांच में पाया गया। (ग) न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने से राजस्व हानि होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शिकायत प्राप्त होने पर दिनांक 14.06.2019 को जांच की गई तथा अवैध खनन में संलग्न वाहन एवं मशीन जप्त कर, पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। अवैध खनिज उत्खनन का प्रकरण सक्षम न्यायालय में पंजीबद्ध कराया जाकर, विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
नगर परिषदों में कराये गये विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 337 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी अंतर्गत आने वाली नगर परिषदों में वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं, वर्षवार, कार्यवार, राशिवार, वस्तु स्थितिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विकास कार्यों में से कितने पूर्ण हालत में हैं और कितने अपूर्ण? जो विकास कार्य पूर्ण हो गए है, वो किन अधिकारियों द्वारा सत्यापित एवं मूल्यांकित किये गये हैं? कार्यवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर परिषदों में कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, कार्यवार, राशिवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हाई स्कूल, हा.से.स्कूल भवनों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 372 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना में कितने हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी स्कूल भवनविहीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान में किसके भवन में संचालित हैं और कब तक स्कूलों के भवन स्वीकृत हो जायेंगे? सूची उपलब्ध करायी जावे। (ख) विधान सभा क्षेत्र बीना में कितने शासकीय स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये हैं? वर्तमान स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण हो जायेंगे? विलम्ब के लिये कौन दोषी है? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? यदि बजट की समस्या आ रही है तो शासन भवन के निर्माण हेतु कब तक बजट उपलब्ध करायेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में शासकीय हाई स्कूल बेसराकसोई, करौदा, चमारी विगत 10-12 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था लेकिन आज दिनांक तक भवन स्वीकृत क्यों नहीं किया गया जबकि उसके बाद में स्वीकृत स्कूलों के भवन स्वीकृत हो गये हैं? उक्त स्कूल का भवन कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। स्कूल भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2018-19 तक कुल 355 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये, जिसमें से 341 कार्य पूर्ण कराये जा चुके है एवं शेष 14 कार्य दिसंबर 2019 तक पूर्ण कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत खुरई, बीना को पत्र जारी किए गए है। संबंधित निर्माण एजेन्सी ग्रामपंचायत एवं संबंधित उपयंत्री बीना के 10 कार्य के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। लंबित निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सीमित बजट प्रावधान के कारण सर्वप्रथम स्वभवन विहीन हायर सेकेण्डरी स्कूलों को विद्यार्थियों के अधिक नामांकन के आधार पर भवन निर्माण में प्राथमिकता दी जाती है। स्कूल भवनों का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
भूमि का पट्टा
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 390 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत रायसेन जिले की नगर पालिका नगर परिषदों में आवासहीन हितग्राही के खाते में किश्त जमा करने के पूर्व क्या-क्या दस्तावेज जमा करवाये जा रहे है शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में झुग्गी वासी, अतिक्रमणकारी, कच्चे मकान वाले, आवासहीन जिनके पास भूमि की रजिस्ट्री, पट्टा नहीं है उनको लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के हितग्राही उक्त भूमि पर कब से कब्जा कर रहे है उक्त भूमियाँ किस-किस विभाग की है उनकों उक्त भूमि का पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा है उनकों भूमि का पट्टा या अन्य स्थान पर व्यवस्थापन कब तक किया जायेगा? (घ) उक्त योजना प्रारंभ होने से जून 2019 तक की अवधि में किन-किन के आवेदन पत्र प्रधान मंत्री आवास योजना की सूची में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त हुए उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में किश्त जमा करने के पूर्व जिओ टेगिंग कराई जाती है। अपितु हितग्राही के चयन हेतु आवेदन फार्म, भू-स्वामित्व दस्तावेज, आधार कार्ड, बैंक पास-बुक, आय प्रमाण– पत्र, राशन कार्ड, शपथ पत्र, पासपोर्ट साईज के दो फोटो, मोबाईल नं. आदि दस्तावेज जमा करवाये जाते है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शिका सिद्धांत एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत ऐसे हितग्राही जिनके कच्चे आवास झुग्गी अथवा अतिक्रमणकारी ऐसी भूमि पर रहते है जहां पर आवासीय इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है। उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्य शासकीय भूमि प्राप्त कर उसमें भूखण्ड विकसित कर उन्हे प्लाट आवंटित कर राशि दिये जाने का प्रावधान है जिसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निकायवार की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कार्यवाही उत्तरांश (ख) अनुसार की जा रही है। निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) योजना प्रारंभ होने से जून 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोडने हेतु रायसेन जिले की नगरीय निकायों को कुल 22074 आवेदन प्राप्त हुए। नगरीय निकायों द्वारा सर्वे उपरांत पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार कर संबंधित जिला प्रशासन के अनुमोदन पश्चात् डी.पी.आर. तैयार की जाकर सक्षम स्वीकृति हेतु विभाग को प्रेषित की जाती है। निकायवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 391 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के संबंध में शासन की क्या-क्या योजना है? 'वचन पत्र' में क्या-क्या कहा गया था? (ख) अतिथि शिक्षकों को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है? संविदा शाला शिक्षक परीक्षा उर्त्तीण बेरोजगारों की अध्यापक संवर्ग में भर्ती की क्या योजना है? (ग) रायसेन जिले में विभिन्न श्रेणी के विद्यालयों में कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों पर कौन-कौन अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं? शेष रिक्त पदों पर कब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी? (घ) अतिथि शिक्षकों को क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? पूर्ण विवरण दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अतिथि शिक्षकों के लिए मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) नियम 2018 के अंतर्गत 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाने का प्रावधान है। वचन पत्र में अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण हेतु नीति बनाने का उल्लेख है। (ख) नीति निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संविदा शाला शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के स्थान पर दिनांक 01 जुलाई 2018 से नवीन शैक्षणिक संवर्ग मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) नियम 2018 का गठन किया गया है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा माध्यमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षक हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परिणाम घोषित होने के बाद रिक्त पदों पर नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। वर्तमान में काई अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। अतिथि शिक्षक रखे जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) अतिथि शिक्षकों को निर्धारित मानदेय प्रदान किया जाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 433 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दमोह-समन्ना बाईपास मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत मकानों का निर्माण किया जा रहा है। यदि हाँ, तो निर्माणकर्ता एजेंसी के नाम एवं दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणकर्ता एजेंसी के द्वारा किस विभाग की कितने हेक्टेयर भूमि पर, कितने मकान के निर्माण के संबंध में संबंधित विभागों से भूमि अनापत्ति प्रमाण प्राप्त किये गये है। अनापत्ति प्रमाणपत्र की प्रति उपलब्ध कराये। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा वर्णित भूमि में से, वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करके भी आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त वन भूमि के संबंध में वन विभाग के द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाये जाने के लिए आपत्ति लगायी गई है? यदि हाँ, तो आपत्ति का विवरण उपलब्ध कराये। (घ) क्या निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा हितग्राहियों से पैसा लिया गया है यदि हाँ, तो हितग्राहियों के नाम, ग्राम व राशि की सूची उपलब्ध कराये? यदि नहीं तो निर्माण कार्य के भुगतान के संबंध में कितनी राशि किस मद से आयी, कितना एवं किस मद से भुगतान किया गया, कितना बकाया, हैं। सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माणकर्ता एजेंसी मे. गुलशन राय जैन-II के दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवासों का निर्माण समन्ना रैयतवारी की भूमि 6.98 हेक्टेयर एवं दमोह खास 17.376 हेक्टेयर भूमि में किया जा रहा है। उक्त भूमि राजस्व प्रकरण क्रमांक 10 अ/19 (2) वर्ष 2016-17 आदेश दिनांक 17/02/2017 एवं राजस्व प्रकरण क्र. 27 बी – 121 वर्ष 17-18 आदेश दिनांक 31.10.2017 के द्वारा निकाय को आवंटित की गई है। जिसके अंतर्गत आवास निर्माण कराये जाने हेतु कार्यालय कलेक्टर (नजूल) दमोह के पत्र क्र./राज.प्र.क्र.14 अ/20 (4) वर्ष 2017-18 दिनांक 13/11/2017 के द्वारा अनापत्ति प्रदान की गई है। भूमि आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। योजनांतर्गत 1356 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, 405 निम्न आय वर्ग एवं 120 मध्य आय वर्ग आवासों का निर्माण किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। संपूर्ण आवासों का निर्माण नगर पालिका को आवंटित भूमि पर ही किया जा रहा है। वनभूमि पर निर्माण न होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजना अंतर्गत निर्माण एजेंसी द्वारा हितग्राहियों से किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली गई है। अपितु नगर पालिका परिषद् दमोह द्वारा प्रावधानित हितग्राही अंश की राशि ली गई है। निर्माण कार्य हेतु निकायों को प्राप्त राशि का विवरण निम्नानुसार है -
क्रमांक |
मद |
राशि (रू. करोड़ में) |
1 |
केंद्रांश |
19.272 |
2 |
राज्यांश |
19.272 |
3 |
निकाय का अंशदान |
8.67 |
4 |
हितग्राहियों का अंशदान |
12.58 |
5 |
शासन से प्राप्त ऋण एवं अनुदान |
66.73 |
6 |
विशेष निधि |
1.00 |
7 |
अधोसंरचना, अमृत |
1.70 |
|
129.204 |
कुल प्राप्त राशि रू. 129.204 करोड़ में से राशि रू. 128.81 करोड़ का भुगतान निर्माणकर्ता एजेंसी को किया जा चुका है। ठेकेदार को बकाया राशि रू. 21.80 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
वन मंडल कटनी क्षेत्र वानिकी अंतर्गत वृक्षारोपाण
[वन]
22. ( क्र. 454 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वनमंडल कटनी के अंतर्गत किन-किन परिक्षेत्रों में वानिकी में वृक्षारोपण के साथ-साथ और कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? वन परिक्षेत्रवार, राशिवार, कक्ष क्रमांकों सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में कराये गये वृक्षारोपण कार्यों में से प्रश्न दिनांक तक कितने वृक्ष जीवित अवस्था में है तथा कितने मृत हो गये? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? मृत हुये वृक्षों के लिए कौन उत्तरदायी है तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किये गये वृक्षारोपण के जीवित पौधे तथा मृत पौधों के संबंध में विस्तृत जांच के निर्देश दिये गये हैं, जांच के पश्चात् कार्यवाही की जाएगी।
वृद्धा पेंशन हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 495 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार के द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए हितग्राहियों की पात्रता हेतु बी.पी.एल. कार्ड को अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में निवासरत् अनेकों वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है और वृद्धजनों को अनेक असुविधाओं का सामान करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वृद्धजनों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वृद्धा पेंशन प्राप्त करने की पात्रता हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ग) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कब तक वृद्धा पेंशन प्राप्त करने की पात्रता हेतु बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जायेगा ताकि अधिकांश वृद्धजनों एवं असहाय बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, प्रदेश के 1917306 बी.पी.एल. कार्ड धारी तथा 328862 निराश्रित वृद्धजनों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार की पेंशन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार (ग) शासन स्तर पर बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज समाप्त करने का प्रस्ताव
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 570 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना ने पत्र क्रमांक/678/खनिज/2019 सतना दिनांक 20/03/2019 से प्रमुख सचिव खनिज को 80 एकड़ भूमि की लीज समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा था? (ख) क्या उक्त प्रस्ताव को प्रमुख सचिव खनिज, म.प्र. शासन ने पत्र क्रमांक/135/457/2019/12/1 भोपाल दिनांक 15/03/2019 से निरस्त कर दिया है? (ग) क्या उक्त प्रस्ताव जिसे प्रमुख सचिव खनिज ने प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेश के जरिये निरस्त किया है के विरूद्ध श्री छत्रपाल सिंह छत्तू जिला सतना ने नियम 60 (1) के तहत अपील/पुनर्विलोकन/पुनरीक्षण के अवेदन 12/04/2019 को प्रमुख सचिव, खनिज म.प्र. शासन को देते हुए सुनवाई के पश्चात प्रकरण स्वीकार कर लिया गया है? (घ) क्या उक्त अपीलकर्ता ने 12/04/2019 को 12 बिन्दुओं का अभ्यावेदन भी प्रमुख सचिव खनिज म.प्र. शासन को दिया है? प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अपील एवं अभ्यावेदन के आधार पर प्रमुख सचिव खनिज म.प्र. शासन कब तक लीज निरस्त करने का आदेश जारी करेंगे? अगर नहीं करेंगे तो नियमों का उल्लेख करते हुये नियमों की एक प्रति देते हुए बिन्दुवार प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 20.03.2019 को कलेक्टर, सतना द्वारा कोई पत्र/प्रस्ताव नहीं भेजा गया था। प्रश्नांश में उल्लेखित लीज के विषय में पत्र क्रमांक 678/खनिज/2019 दिनांक 02.03.2019 से कलेक्टर, सतना द्वारा श्री श्रवण कुमार पाठक के पक्ष में स्वीकृत चूनापत्थर खनिपट्टा रकबा 80 एकड़ को नियमानुसार निरस्त करने का प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया गया था। (ख) जी नहीं। कलेक्टर, सतना के प्रस्ताव पर राज्य शासन द्वारा दिनांक 15.03.2019 से प्रकरण में अंतरिम आदेश जारी किया था। परंतु राज्य शासन द्वारा प्रकरण में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार निरस्ती संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किये गये। श्री छत्रपाल सिंह छत्तू, जिला सतना द्वारा प्रकरण में जारी अंतरिम आदेश दिनांक 15.03.2019 के विरूद्ध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 60 (1) के तहत पुनर्विलोकन आवेदन पत्र दिनांक 12.04.2019 को विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। (घ) श्री छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा दिनांक 12.04.2019 से विभाग में 16 बिन्दुओं का पुनर्विलोकन आवेदन प्रस्तुत किया गया है। पुनर्विलोकन आवेदन का निराकरण, अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टंकियों का निर्माण किए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 600 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में नर्मदा के तृतीय चरण में विभिन्न क्षेत्रों में पानी की टंकियों का निर्माण स्वीकृत है। (ख) यदि हाँ, तो कितनी टंकियां स्वीकृत है? टंकियां कब तक पूर्ण होगी? टंकीवार अद्यतन स्थिति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 27 टंकियां स्वीकृत है सभी पूर्ण हो चुकी हैं। 27 पूर्ण टंकियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न कॉलोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 601 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में सरकार द्वारा विभिन्न कॉलोनियों के वैध कराए जाने की कार्यवाही प्रचलित है? अब तक कितनी कॉलोनियां वैध की गई है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा वैध की गई कॉलोनियों को पुनः अवैध घोषित कर दिया गया है। क्या उक्त कॉलोनियों में आधारभूत संरचना नगर-निगम द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। (ग) यदि हाँ, तो जनहित में इन कॉलोनियों को वैध कराने की शासन द्वारा क्या रणनीति अपनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम, इन्दौर द्वारा वर्तमान तक 189 अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिका, (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15 (क) को अपास्त किया गया है। निगम द्वारा उक्त नियम अनुसार नियमितीकरण की कार्यवाही की गयी थी। अधिकांश कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं आधारभूत संरचना पूर्व से ही है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बागरी जाति को आरक्षण का लाभ
[अनुसूचित जाति कल्याण]
27. ( क्र. 608 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के बागरी (बघेल) जाति को किन-किन जिलों में अनुसूचित जाति मानकर शासकीय सुविधाएं प्रदान की जा रही है? और किन-किन जिलों में नहीं? ऐसा किस कारण से किया जा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बागरी जाति के व्यक्तियों को जिन जिलों में अनुसूचित जाति का दर्जा दिये जाने की मांग, समय-समय पर शासन स्तर पर की जाती रही हैं, जिसमें प्रश्नकर्ता का सिवनी जिला भी शामिल हैं, तत्संबंध में राज्य सरकार की क्या मंशा हैं एवं बागरी (बघेल) जाति को उन जिलों में अनुसूचित जाति का दर्जा किस प्रकार से एवं कब तक दे दिया जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मध्यप्रदेश के लिए जारी अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 2 में बागरी, बागडी (बागरी, बागडी में राजपूत एवं ठाकुर उपजातियों को छोड़कर) सम्पूर्ण प्रदेश के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। बागरी (बघेल) जाति मध्यप्रदेश के किसी भी जिले के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छानबीन समिति द्वारा पारित अंतिम निर्णय
[आदिमजाति कल्याण]
28. ( क्र. 726 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 03-06-2019 को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति की बैठक आहूत की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या-क्या अंतिम निर्णय पारित किए गए एवं पारित निर्णय के परिपालन में कब-कब एवं क्या-क्या आदेश जारी किए गए? पारित किए गए निर्णयों एवं जारी आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी नहीं (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय में दायर प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 747 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन से संबंधित मान.सर्वोच्च न्यायालय में दायर S.L.P. क्र. 28983/2018 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसमें शासन की ओर से पैरवी क्यों नहीं की जा रही है? इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि उन पर कब कार्यवाही होगी? (ग) शासन पैरवी में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभी निर्णित नहीं हुआ है। (ख) राज्य शासन के स्टैंडिंग काउन्सलर द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 770 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी भोपाल एवं इंदौर नगरों में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का निर्णय किस वर्ष में लिया गया? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु किन-किन वित्तीय संस्थाओं द्वारा राशि उपलब्ध कराने हेतु सहमति व्यक्त की गई है? (घ) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा? (ड.) क्या प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इंदौर महानगरों के लिए बनाई गई मेट्रो रेल परियोजना में कोई परिवर्तन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या परिवर्तन किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा Pre-feasibility Study भोपाल एवं इंदौर शहरों के लिए क्रमश: अक्टूबर 2012 तथा दिनांक अप्रैल 2013 को DMRC के द्वारा कराई गई, तदुपरांत उभय शहरों के लिए DPR तैयार कर दिनांक 12.01.2017 को म.प्र. शासन से अनुमोदन प्राप्त किया गया। (ख) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में अद्यतन की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के लिए European Investment Bank (EIB) के द्वारा तथा इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिए Asian Development Bank (ADB) तथा New Development Bank (NDB) से वित्तपोषण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य वर्ष 2019-20 प्रचलन में है। (ड.) प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल एवं इन्दौर महानगरों के लिए बनाई गई मेट्रो रेल परियोजना में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
भोपाल जिले में गौशाला
[पशुपालन]
31. ( क्र. 772 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में वर्तमान में कितनी-कितनी पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं? नाम सहित संख्या बताई जाए? (ख) प्रदेश शासन द्वारा भोपाल की गौशालाओं को वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 प्रश्न दिनांक तक गायों के भरण-पोषण हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं को अनुदान हेतु प्रति गाय के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (घ) क्या शासन द्वारा गौशालाओं के अनुदान के संबंध में एकरूपता लाने के लिये कोई नीति बनाई जा रही है? (ड.) तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गायों के भरण पोषण हेतु 17/- रूपये प्रति गाय प्रतिदिन के मान से की गई घोषणा अनुरूप गौशालाओं के अनुदान में वृद्धि करने का प्रावधान वर्तमान बजट में शासन द्वारा किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'' अनुसार। (ग) रू. 20/- प्रति गौ-वंश प्रति दिवस दिए जाने पर सहमति दी गई है। (घ) गौशालाओं को आर्थिक सहायता वितरण में एकरूपता लाने के लिए निम्न सूत्र निर्धारित किया गया है जिससे गौशालाओं को वितरित की जाने वाली राशि में एकरूपता रहे। संशोधित सूत्र निम्नानुसार है -
जिले में कुल क्रियाशील गौशालाओं में गौ-वंश संख्या
एलोकेशन फैक्टर =
प्रदेश में कुल क्रियाशील गौशालाओं में गौ-वंश संख्या
जिले
के लिए अनुदान
राशि =
एलोकेशन फैक्टर
X मंडी
बोर्ड से
अनुदान वितरण
हेतु कुल राशि
(ड.) बजट
प्रावधान बजट
प्रस्तुति
एवं बजट पारित
होने पर ही
बताएं जा सकते
है।
स्कूली गणवेश वितरण निर्माण की अनिमितता की जाँच
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 895 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में शिक्षण सत्र 2018-19 के अंतर्गत स्कूली गणवेश वितरण एवं निर्माण के संबंध में कोई जाँच समित गठित की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच समिति के द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) शिक्षण सत्र वर्ष 18-19 में शिवपुरी जिले में कितने स्कूलों में कितने विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय किया जाना था? शिक्षण सत्र में किन-किन स्कूलों में कितने विद्यार्थियों को गणवेश वितरण किया गया? जिन स्कूलों के विद्यार्थियों को गणवेश वितरण नहीं किया गया उन गणवेश वितरण न करने वाली एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) शिक्षण सत्र 2018-19 में गणवेश निर्माण हेतु शिवपुरी जिले में जिन समूह/संगठनों को राशि जारी की गई थी, क्या उनसे राशि चैक जिला स्तर पर लेकर एक ही संस्थान से अमानक स्तर का कपड़ा खरीदकर समूहों को दे दिया गया तथा बिना माप के (छोटा बड़ा) गणवेश तैयार कराकर खानापूर्ति कर दी? कहीं-कहीं अनुपयोगी गणवेश वितरण दर्शाया गया? क्या इसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रचलन में हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शिक्षण सत्र वर्ष 2018-19 में शिवपुरी जिले में 2254 शा.प्रा.वि एवं 703 मा.वि के कुल 223648 विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय किया जाना था, जिसके क्रम में 223648 विद्यार्थियों को गणवेश वितरण कर दिया गया हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिवपुरी जिले में गणवेश वितरण की जाँच प्रचलन में है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
संचालित आदिवासी छात्रावासों की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
33. ( क्र. 896 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से आदिवासी छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित है? इनमें कितने-कितने छात्र-छात्राओं का प्रवेश दिया गया है? उक्त छात्रावासों के अधीक्षक कौन-कौन कब से है? (ख) आदिवासी छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। क्या उक्त सभी सुविधायें वर्णित छात्रावासों को उपलब्ध करायी गई है? यदि नहीं तो कौन-कौन सी सुविधायें क्यों उपलब्ध नहीं करायी गई? (ग) विगत 3 वित्तीय वर्षों में उक्त छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री, कितनी मात्रा में कब किसके द्वारा कहाँ से कितनी राशि की क्रय की गई? इसका भुगतान किस के द्वारा किस-किस मद की राशि से किया गया? (घ) क्या उक्त छात्रावासों में प्रवेशरत छात्र/छात्रायें छात्रावासों से अनुपस्थित रहते है? यदि हाँ, तो छात्रावासों में लाने की क्या प्रक्रिया है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आदिवासी छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क आवास, बिस्तर सामग्री, भोजन हेतु शिष्यावृति एवं उत्कृष्ट छात्रावासों में कोचिंग, छात्रों को स्टेशनरी हेतु राशि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। उक्त सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखी परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) छात्रावासों में यदि कोई छात्र/छात्रा अनुपस्थित रहता है तो अधीक्षक उसके ग्राम जाकर उनके पालकों से नियमित संपर्क कर शिक्षा का महत्व बताया जाकर उपिस्थित होने हेतु कहा जाता है।
अवैध उत्खनन रोकने हेतु इंतजामों का ब्यौरा
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 904 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन रोकने के लिए तैनात शासकीय अमले की सुरक्षा हेतु इंतजामों का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या 1 जनवरी 2019 से प्रश्न अवधि तक रेत का अवैध उत्खनन/परिवहन रोकने की कार्रवाई के दौरान शासकीय अमले पर हमला/मारपीट की घटनाएं हुई है? यदि हाँ, तो घटनावार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन की जांच हेतु एक टास्कफोर्स यथा खनिज विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों के दल के रूप में गठित किया गया है। जांच के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। खनिज विभाग के उड़नदस्ता दल के साथ भी विभागीय सिपाही, होमगार्ड एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग भी आवश्यकतानुसार लिया जाता है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
मढ़ा तालाब को स्वच्छ बनाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 925 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के अधीन आबादी के बीच में स्थित मढ़ा तालाब की गंदगी एवं दुर्गंध से आम जनता वर्षों से परेशान हैं इसे स्वच्छ बनाये जाने की दशा में अभी तक कोई ठोस काम क्यों नहीं किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) तालाब को स्वच्छ बनाये जाने सौंदर्यीकरण किये जाने, निर्मल जल रहे इसके लिये विभाग द्वारा ठोस प्लान अभी तक क्यों नहीं बनाया गया? कब तक बनाया जावेगा? तालाब निजी संस्था/व्यक्ति का है तो इनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राजस्व अभिलेख अनुसार सिहोरा मठहा तालाब का स्वामित्व नगरपालिका सीहोरा का न होकर अंजूमन स्लामिया प्रेसीडेन्ट अब्दुल सत्तार खसरा नं. 368 के नाम पर दर्ज है, जो वक्फ बोर्ड सम्पत्ति है। नगर पालिका द्वारा मठहा तालाब की गंदगी की सफाई नियमित की जाती है, साथ ही तालाब में नगर का गंदा पानी न जाए जिसको डायवर्ट करने के लिए तालाब के किनारे कच्ची नाली का निर्माण किया जाकर सफाई की व्यवस्था रखी गई है। समय-समय पर कीट नाशक दवाईयां का छिड़काव किया जाता है। पानी के शुद्धिकरण के दृष्टिगत तालाब में 02 नग फव्वारे अस्थाई तौर पर लगाये गये है। (ख) तालाब का आधिपत्य अंजूमन इस्लामिया वक्फ बोर्ड का होने के कारण विकास कार्यों का दायित्व वक्फ बोर्ड का है। समय-समय पर संबंधित संस्था के विरूद्ध नगर पालिका एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा सफाई व्यवस्था नियंत्रित रखने हेतु नोटिस जारी किये गये है।
पार्क एवं नाला निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 926 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत खितौला में नाला निर्माण एवं सिहोरा में पार्क निर्माण की स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त कार्य की निविदा कब आमंत्रित की गई एवं किस एजेंसी को कार्य दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) नाला निर्माण एवं पार्क निर्माण का कार्य अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, उक्त कार्य की निविदा 20.08.18 को जारी की गयी। मेसर्स दिनेश सप्लायर एंड कंस्ट्रक्शन डिण्डौरी की निविदा दर स्वीकृत की गयी है। अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) अनुबंध संपादन नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। सक्षम प्राधिकारी द्वारा दर अनुमोदन उपरांत अनुबंध संपादन की 7 दिवसीय सूचना निविदाता को दिनांक 22.06.19 को जारी की गयी है। अनुबंध संपादन उपरांत निर्धारित समयावधि 12 माह में कार्यपूर्ण किया जाना प्रावधानित है।
जावरा नगर के मूलभूत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 978 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 तक जावरा नगर की विभिन्न मूलभूत आवश्यकताओं के अनेक कार्य किये तो किये गये कार्यों हेतु वर्षवार किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? (ख) उक्त वर्षों में किये गये कार्य कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे तथा किन-किन कार्यों में नगर पालिका की स्थानीय निधि अथवा अन्य मदों की निधि (राशि) सम्मिलित की गई? वर्षवार स्पष्ट करें। (ग) बताएं कि प्रस्तावित (1) पीलीया खाल प्रदूषण मुक्त योजना (2) प्रीमियर आईल मिल भूमि पर बस स्टैण्ड विस्तार तथा शापिंग कॉम्पलेक्स योजना (3) स्विमिंग पूल (4) इन्डोर स्टेडियम (5) पुरानी सब्जी मंडी स्थल पर मल्टीलेवल पार्किंग एवं शापिंग कॉम्पलेक्स इत्यादि जनकार्यों के प्रस्ताव तथा प्रोजेक्ट प्लान एवं डी.पी.आर. भी तैयार की गई तो प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों की वस्तुस्थिति से अवगत कराए? (घ) बताएं कि शासन/विभाग से प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों में लगातार विभागीय प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों को पत्रों के माध्यम से एवं सदन में प्रश्नों, ध्यानाकर्षण एवं शून्यकाल में उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु ध्यान आकृष्ट किया तो यह कब प्रारंभ होकर पूर्ण होंगे? प्रश्नांश (क) तथा (ख) में चाही जानकारी भौतिक सत्यापन एवं किये गये ऑडिट सहित वर्षवार, कार्यवार स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। नगर पालिका परिषद् जावरा में सहायक संचालक, आवासीय संपरीक्षा का कार्यालय होने से प्रत्येक देयक का अंकेक्षण (ऑडिट) के उपरांत ही भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार है।
भवन विहीन स्कूलों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 979 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक आज भी अनेक हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वयं के भवन विहीन होकर अन्यत्र स्कूलों के कमरों में संचालित किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्षेत्र में ऐसे कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो कि भवन विहीन होकर अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? स्थान, ग्राम के नामवार एवं प्रकाशित छात्र-छात्राओं की संख्या सहित जानकारी दें? (ग) विगत वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक कितने उपरोक्त उल्लेखित भवन विहीन स्कूलों हेतु स्कूल भवन बिल्डिंग की स्वीकृतियां दी गई, बजट उपलब्ध कराया, उनमें से उक्त वर्षों में स्वीकृत कितने निर्माण कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे कितना व्यय हुआ, कितना शेष रहा? (घ) उपरोक्तानुसार कितने ऐसे स्वीकृत स्कूल भवन हैं जिनका कार्य अपूर्ण हैं तथा कितने ऐसे स्वीकृत भवन हैं जो स्थानाभाव या कतिपय आपत्तियों के कारण अप्रारंभ हैं तो इन अपूर्ण कार्यों एवं अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा अब तक क्या किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो' 'पर है। (घ) अपूर्ण शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। जानकारी निरंक है। स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर समीक्षा कर कार्यवाही की जाती है।
अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1003 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितने अतिथि शिक्षक किन-किन विद्यालय में कब से कौन से विषय के कार्यरत हैं? नामवार, वर्गवार, स्कूलवार जानकारी दें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1981-82, दिनांक 05.03.2019 के द्वारा सत्र 2018-2019 में मार्च माह में स्थानीय परीक्षा मूल्यांकन तथा परीक्षाफल तैयार करने एवं सत्र 2019-20 में दिनांक 30.04.2019 तक कक्षाओं के अध्यापन कार्य की दृष्टि से सत्र 2018-19 में कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों की सेवाएं दिनांक 30.04.2019 तक करने के आदेश दिए गये थे? यदि हाँ, तो कितने संकुलों के द्वारा किन-किन अतिथि शिक्षकों की उपस्थित माह मार्च एवं अप्रैल 2019 को पोर्टल पर दर्ज की गई, कितनों की नहीं? दर्ज न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक 1844-45 के द्वारा अतिथि शिक्षकों को मानदेय दीपावली के पूर्व दिनांक 05.11.2018 तक कोषालय में प्रस्तुत करने के निर्देश समस्त जिला शिक्षा अधिकारी बी.ई.ओ. एवं समस्त संकुल प्राचार्य को दिए थे? यदि हाँ, तो क्या संकुल प्राचार्य द्वारा समस्त अतिथि शिक्षकों के देय दीपावली के पूर्व जमा कर उन्हें मानदेय का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) कितने संकुल प्राचार्य द्वारा कौन-कौन से अतिथि शिक्षकों को दिनांक 12.06.2018 को देयक कोषालय में जमा कर भुगतान नहीं किया गया? विद्यालयवार सूची दें। सत्र में एक भी माह मानदेय भुगतान न करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं करेगा तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) निरंक, शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। 53 अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई। संस्था प्रधान द्वारा समय पर उपस्थिति न देने के कारण। (ग) जी हाँ। जी नहीं। बंटन के अभाव में शेष अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं हो सका। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला भिण्ड में अतिथि शिक्षकों का दिनांक 12.06.2018 तक मानदेय का भुगतान होने से कोई शेष नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत खनन
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 1004 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर रेत खनन की अनुमति किस-किस फर्म/संस्था/व्यक्ति को कितने-कितने घनमीटर की दी गई? खदानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नावधि में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी रेत खदान का निरीक्षण किया? क्या किसी भी अधिकारी को रेत खदानों पर अनुमति से अधिक रेत खनन करते पाया गया है? यदि हाँ, तो इन अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कमियां पाई गई एवं अवैध खनन कर्ताओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि अधिकारियों द्वारा रेत खदानों का निरीक्षण नहीं किया गया तो क्यों? (ग) क्या अमायन क्षेत्र की सिंध नहीं में रेत माफिया द्वारा अवैध रेत खनन कर गहरे-गहरे गड्ढे कर दिये हैं, जिसके कारण दिनांक 01 मई 2019 को एक ही परिवार के 05 व्यक्तियों की मौत हो गई है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिये तात्कालीन कलेक्टर/एस.डी.एम/खनिज अधिकारी/पदाधिकारी (खनिजकर्ता) जिम्मेदार हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में 05 मौतों के लिये दोषी व्यक्ति के विरूद्ध शासन कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में अंकित ग्राम पंचायतों को भिण्ड जिले में रेत खनन की अनुमति दी गई है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में इस विभाग का कोई भी अधिकारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
41. ( क्र. 1014 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत विवाह सम्पन्न हुये हैं? (ख) वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत इछावर विधान सभा क्षेत्र में कितने विवाह सम्पन्न हुये हैं और उन्हें कन्यादान योजना की राशि कितनी प्राप्त हुई।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत इछावर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत 470 विवाह सम्पन्न हुये है। जिसमें 434 कन्याओं को योजनान्तर्गत राशि रूपये 22134000/- का भुगतान किया गया है।
तेन्दूपत्ता संग्रहण
[वन]
42. ( क्र. 1100 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने तेन्दूपत्ता संग्राहक हैं? तेन्दूपत्ता विक्रय करने के क्या क्या नियम है? निविदा कब-कब निकाली गई? निविदा किन-किन शर्तों पर पास की गयी? ठेकेदार के नाम पता सहित प्रत्येक तेन्दूपत्ता समिति की जानकारी देवें। (ख) तेन्दूपत्ता संग्रहक के कितने बीमा दावा प्रकरण किन-किन कारणों से लंबित है? क्या विभागीय अधिकारी की गलती से प्रकरण लंबित हैं, तो क्या कोई उचित कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या वन सुरक्षा समिति के खाते में सुरक्षा हेतु राशि आवंटित की जाती हैं? 2015 से अब तक कितनी राशि आवंटित हुई और कब-कब, क्या-क्या व्यय किया गया? दिनांकवार/माहवार/वर्षवार स्थल, सामग्री विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) तेन्दूपत्ता लांभाश वर्ष 2015 से अब तक बालाघाट जिले का कितना होता है? वर्षवार जानकारी दें एवं किन-किन कार्यों में कहाँ-कहाँ व्यय किया जाता है? नियम सहित जानकारी देवें। वर्तमान में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) बालाघाट जिले में 214358 तेन्दूपत्ता संग्राहक है। तेन्दूपत्ता का विक्रय अग्रिम निविदा/ऑफर द्वारा एवं शेष बची समितियों में विभागीय रूप से संग्रहण गोदामीकरण पश्चात् निविदा द्वारा विक्रय किया जाता है। संग्रहण वर्ष 2019 में संग्रहित होने वाले तेन्दूपत्ते के अग्रिम विक्रय हेतु दिनांक 05.01.2019, 01.02.2019 एवं 19.02.2019 तक निविदायें एवं दिनांक 09.04.2019 से 14.04.2019 तक प्रतिदिन ऑफर आमंत्रित किये गये। प्राप्त निविदा/ऑफर मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय अंतर्विभागीय समिति के निर्णय उपरांत स्वीकृत की गई। संग्रहण वर्ष 2019 में बालाघाट जिले की विक्रित तेन्दूपत्ता समितियों (लाट) के क्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले के अंतर्गत जिला यूनियन उत्तर बालाघाट के अंतर्गत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के 16 एवं जिला यूनियन दक्षिण बालाघाट के 01 बीमा दावा प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर स्तर पर निराकरण हेतु लंबित है। लंबित प्रकरण कार्यालय स्तर से समय सीमा पर बीमा निगम जबलपुर को प्रेषित किये गये है। अतः विभागीय अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 03-12/2015/10-2 दिनांक 30 सितम्बर 2015 के द्वारा वन समितियों के माध्यम से किये जाने वाले भुगतान पर रोक लगाई जाकर भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में किये जाने के निर्देश दिये गये है। जिसके परिपालन में बालाघाट वन वृत्त के उत्तर/दक्षिण (सामान्य) वनमण्डल बालाघाट के वन सुरक्षा समितियों को वर्ष 2015 से सुरक्षा राशि आवंटित नहीं हुई है न ही किसी प्रकार का व्यय किया गया है। अतः दिनांक वार/माहवार, वर्षवार, स्थल सामग्री विवरण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) बालाघाट जिले के अंतर्गत जिला यूनियन उत्तर/दक्षिण बालाघाट का तेन्दूपत्ता लाभांश वर्ष 2015 से 2017 तक निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
उत्तर बालाघाट (रूपये) |
दक्षिण बालाघाट (रूपये) |
योग (रूपये) |
2015 |
330540335.45 |
15354865.34 |
48408900.79 |
2016 |
120835499.27 |
64146334.99 |
184981834.26 |
2017 |
293630276.50 |
165170746.12 |
458801022.62 |
योग |
447519811.22 |
244671946.45 |
692191757.67 |
(i) मध्यप्रदेश
शासन, वन
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3 दिनांक 10 फरवरी, 2012 में दिये
गये
निर्देशानुसार
लाभांश की
राशि का
70 प्रतिशत
संग्राहकों
को सीधे
पारिश्रमिक
प्रोत्साहन
के रूप में
दिया जाता है।
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ii) लाभांश की 15 प्रतिशत
राशि वन विकास
एवं क्षमता
विकास मद के
लिये
संरक्षित की
जाती है।
जिसका व्यय
शासन के
उपरोक्त आदेश
द्वारा वन
विभाग की देख-रेख में
स्थल विशिष्ट
की
आवश्यकतानुसार
वनों के
पुनरूत्पादन, लघु वनोपज
प्रजातियों
के अन्तः एवं
बाह्य स्थलीय
संरक्षण, अनुसंधान
एवं विकास, संग्राहकों
की क्षमता
विकास हेतु
प्रशिक्षण
कार्यक्रमों के आयोजन, प्रसंस्करण
व भण्डारण
सुविधाओं के
विकास जैसी
गतिविधियों
पर किया जाता
है। (iii) लाभांश
की 15 प्रतिशत
राशि मूलभूत
सुविधाओं के
विकास हेतु संरक्षित
की जाती है, जो संचालक
मण्डल द्वारा
अनुमोदित, मूलभूत
संरचनाओं के
विकास
कार्यों में
व्यय की जाती
है। जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार
है। लाभांश की 15 प्रतिशत
राशि से
वर्तमान में
कोई कार्य
प्रस्तावित
नहीं है।
पेयजल योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1103 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में मंदसौर शहर को चंबल नदी के कोलवी ग्राम से पेयजल हेतु योजना स्वीकृत हुई थी? यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका द्वारा इंटेकवेल के लिये वर्तमान में जो स्थान चयन किया गया है वह नदी के किनारे है? क्या इस नदी के किनारे इंटेकवेल के आधार पर ही निविदा आंमत्रित की गई थी या इंटेकवेल को निविदा के आधार पर नदी के मध्य बनाया जाना था? (ख) यदि इंटेकवेल को पानी के अंदर बनाना संभव नहीं था तो डी.पी.आर. में इसे प्रस्तावित करने के क्या कारण थे? क्या कंसलटेंट द्वारा इंटेकवेल को नदी के अंदर प्रस्तावित किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कंसलटेंट के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इंटेकवेल निर्माण के स्थल परिवर्तन से जो लागत में कमी आयेगी उसकी प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा कैसे की जायेगी? (घ) क्या नगरीय प्रशासन विभाग नगरपालिका को ऐसी परिस्थिति में तकनीकी रूप से स्वीकारोक्ति देते हुये अनापत्ति पत्र जारी करेगा? उक्त इंटेकवेल की लागत, डी.पी.आर. सहित समस्त अनुबंध की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, मंदसौर शहर को कोल्वी ग्राम से पेयजल हेतु योजना स्वीकृत हुई थी। जी हाँ। इंटेकवेल नदी किनारे पर बनाया गया है। लम्प-सम्प पद्धति पर निविदा आमंत्रित की गई थी जिसके अनुसार निर्धारित मात्रा का जल वर्ष के पूरे समय पेयजल प्राप्त करने के लिए ठेकेदार के सर्वेक्षण एवं डिजाइन के आधार पर इंटेकवेल बनाये जाने का प्रावधान था। (ख) सामान्यत: न्यूनतम बेडलेविल पर इंटेकवेल नदी के अंदर या किनारे पर जहां उचित हो बनाया जाता है, इसी आधार पर डी.पी.आर. में इंटेकवेल को नदी के अंदर बनाया जाना प्रस्तावित किया था। जी हाँ। कंसलटेंट द्वारा न्यूनतम बेडलेविल पर इंटेकवेल को नदी के अंदर प्रस्तावित किया था। डी.पी.आर. ठेकेदार के मार्गदर्शन के लिए निविदा में उल्लेखित की गई थी निविदा के अनुसार ठेकेदार को उत्तरांश ''क'' के अनुसार कार्य करने का प्रावधान था तदानुसार नदी के किनारे इंटेकवेल बनाकर नदी से जल के न्यूनतम बेडलेविल तक का पानी इंटेक में लेने का कार्य किया जा रहा है। अत: कंसलटेंट पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुसार 28.45 एम.एल.डी. जल वर्ष के 12 महीनों में प्राप्त करने के लिए लम्प-सम्प निविदा आमंत्रित की गई थी। अत: स्थल परिवर्तन के कारण किसी लागत के बढ़ने या घटने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निविदा के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक स्वीकृतियां ड्राइंग डिजाईन आदि का अनुमोदन दिया जा चुका है। डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
खनिज उत्खनन से हुए गड्ढों को भरा जाना
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 1129 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खदानों से खनिज निकालने के बाद लीज धारक की जिम्मेदारी रहती है कि खनिज उत्खनन से हुए गड्ढों को तत्काल भरा जाना चाहिए? (ख) यदि हाँ, तो क्या रीवा जिले के अंतर्गत जे.पी. एसोसिएट्स प्रा. लिमि. एवं अल्ट्राटेक सीमेन्ट प्रा. लिमि. कम्पनियों के लिए दी गई लीज क्षेत्र में उत्खनन के बाद उनसे हुए गड्ढों को लीज धारक द्वारा भर दिया गया है? यदि नहीं तो, क्यों? संबंधित लीज धारकों के एग्रीमेन्ट एवं अनुमोदित माइन क्लोजर प्लान की सत्यापित प्रति देवें। (ग) इन गड्ढों से यदि काई दुर्घटना होती है, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त लीज धारकों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं आगे क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन जिले अंतर्गत मेसर्स जे. पी. एसोसिएट्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा माईन क्लोजर प्लान के अनुसार उत्खनित क्षेत्र जलाशय एवं बेक फिलिंग का प्रावधान है। लीज धारकों के एग्रीमेंट/अनुमोदित माईन क्लोजर प्लान की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) अधिनियम, नियम एवं लीजधारकों से अनुबंध के अनुसार स्वीकृत पट्टा क्षेत्र पर सुरक्षा के समुचित उपाय करने की जिम्मेदारी पट्टेदार की है। (घ) निष्पादित अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर लीजधारकों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं। लीजधारकों से उत्तर प्राप्त होने पर विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
गौ एवं गौ-वंशों का जीवन, संरक्षण एवं संवर्धन
[पशुपालन]
45. ( क्र. 1130 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत बसामन मामा गौ-वंश वन्य विहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मान. श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मान. श्री राजेन्द्र शुक्ल मंत्री उद्योग एवं खनिज साधन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के तहत बड़ी संख्या में बेसहारा गायों एवं गौ-वंशों के रहने एवं भोजन की व्यवस्था की शुरूआत की गई थी? (ख) उक्त के परिप्रेक्ष्य में क्या 10,000 गायों के रहने हेतु लक्ष्य रखा गया था जिसके प्रथम चरण में रू. 50.00 लाख उद्योग विभाग से एवं रू. 50.00 लाख खनिज साधन विभाग से प्राप्त हुए उक्त धनराशि से 22 एकड़ जमीन में बाउन्ड्रीवॉल एवं 500 गायों के लिए शेड का निर्माण किया गया है? (ग) इसी क्रम में क्या समाज के प्रबुद्ध वर्ग एवं दानदाताओं द्वारा एक करोड़ बीस लाख रूपए एकत्रित कर जमा किया गया तथा उक्त जमा राशि की ब्याज से गौ-शाला में रहने वाले कर्मचारियों का वेतन एवं अन्य व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या सरकार इनकी संख्या 500 बता रही है परंतु इसकी वास्तविक संख्या 1500 से 2000 के लगभग है गायों एवं गौ-वंशों की संख्या में वृद्धि होने एवं उसी के अनुपात में शासकीय धनराशि की व्यवस्था न होने से गायों एवं गौ-वंशों की हालत दिनों दिन दयनीय होती जा रही है? (ड.) क्या सरकार प्रश्नांश (क) से (घ) में त्वरित संज्ञान लेकर गायों एवं गौ-वंशों के जीवन, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु राशि उपलब्ध कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) जी
हाँ। जो म.प्र.
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन बोर्ड
में पंजीकृत
है। (ख) जी
नहीं। बसामन
मामा गौ-वंश
वन्य विहार
में 1000
गौ-वंश को
रखने का लक्ष्य
रखा गया है।
जिसके
निर्माण हेतु
उद्योग विभाग
से सी.एस.आर. मद
से प्रथम चरण
में रू. 50.00 लाख एवं
खनिज संसाधन
विभाग से रू. 50.00 लाख
प्राप्त
हुए। उक्त
धनराशि से
अधोसंरचना
निर्माण का
कार्य वनमण्डलाधिकारी, रीवा
द्वारा कराया
गया। (ग) जी
हाँ।
(घ) जी
नहीं।
वर्तमान में
गौ-वंश वन्य
विहार में 1142 गौ-वंश
आश्रित है।
आश्रित गौ-वंश
के भरण पोषण एवं
अन्य व्यवस्था
हेतु म.प्र.
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन बोर्ड
से जिला
गौपालन एवं
पशुधन
संवर्धन
समिति, जिला
रीवा के माध्यम
से निम्नानुसार
राशि उपलब्ध
कराई गई है :-
क्र. |
वर्ष |
उपलब्ध कराई गई राशि (रू. लाख में) |
1 |
|
10.00 |
2 |
2.00 |
|
3 |
19.77750 |
|
|
योग |
31.77750 |
(ड.) जी
हाँ। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वृक्षारोपण की कार्ययोजना
[वन]
46. ( क्र. 1140 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में कुल कितने एकड़ क्षेत्र में जंगलों की कटाई की गई है? इससे कितने घन मीटर वनोपज प्राप्त हुआ है? (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में वन विकास निगम द्वारा कूप कटाई का कार्य किया जा रहा है? निगम द्वारा काटे गये पेड़ों के कूपों का सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है? (ग) क्या प्रदेश में वनविकास निगम द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई एवं क्षतिपूर्ति वनीकरण नहीं करने के कारण प्रदेश के उन जिलों में तापमान असहनीय हो गया है? (घ) क्या वन विभाग जनजीवन से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिन्दु की समीक्षा कर प्रदेश में आगामी 15-20 वर्षों तक अंधाधुंध पेड़ कटाई करने पर रोक लगाकर जंगलों की भूमि पर सघन वृक्षारोपण की नीति लागू करने पर विचार करेगा? (ड.) क्या यह सही है कि जंगलों में जंगली जानवरों के लिये पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से खूंखार जानवर आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं, जिससे कई जनहानि हो रही है? क्या विभाग जनहानि रोकने के लिये जंगलों में जानवरों के लिये प्रत्येक कि.मी. पर तालाब खुदवाने की योजना बनाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल द्वारा प्रदेश के खण्डवा, इन्दौर, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, सिवनी, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, बैतूल, जबलपुर, कटनी, मंडला, डिण्डौरी, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया एवं अनूपपुर जिलों में कूप कटाई का कार्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधान अनुसार किया जा रहा है। काटे गये पेड़ों के कूपों का सत्यापन निगम के परियोजना मंडल में पदस्थ परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी, उप संभागीय प्रबंधक एवं संभागीय प्रबंधकों द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। वन विकास निगम द्वारा भारत सरकार से स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधानों अनुसार विदोहन कार्य किया जाता है। प्रत्येक वर्ष विदोहन से पूर्व भारत सरकार से इसकी अनुमति ली जाती है। कटाई के उपरांत इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्य भी आगामी वर्ष में कर लिया जाता है। (घ) कार्य आयोजना प्रावधानों के अनुसार वनवर्धन के दृष्टिकोण से आवश्यक पेड़ों की कटाई भारत सरकार की स्वीकृति के उपरांत किये जाने से प्रदेश के जंगलों में अंधाधुन्ध कटाई करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य आयोजना में बताये उपचार अनुसार वृक्षारोपण कार्य किया जाता है। (ड.) जी नहीं। वन्यप्राणियों की पेयजल व्यवस्था हेतु शासन से प्रतिवर्ष बजट उपलब्धता अनुसार वनक्षेत्रों में झिरियां सफाई/नई झिरियां खुदाई कृत्रिम सॉसर का निर्माण तालाब तथा स्टापडेम इत्यादि का निर्माण कर पानी उपलब्ध कराया जाता है। अतः इस प्रकार वन्य प्राणियों के वनक्षेत्र में पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाती है। ग्रीष्म ऋतु में वन्यप्राणी यदा-कदा वनक्षेत्र से बाहर आबादी क्षेत्र में आ जाते है, वन्य प्राणियों से किसी प्रकार की जनहानि न हो इसकी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है तथा ग्रामीणों को भी सतर्क रहने हेतु पाबन्द किया जाता है।
नगर में पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1141 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर निगम द्वारा किन-किन पेयजल स्त्रोतों से पानी प्राप्त किया जाता है? क्या शासन के नियमों के विरुद्ध नगर में पेयजल व्यवस्था का निजीकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) नर्मदा जल योजना में मुख्य पाईप-लाइन की गुणवत्ता एवं कितने कि.मी. की डिस्ट्रिब्यूशन लाइन एवं कितने ओवरहेड टैंक का क्या प्रावधान था तथा किस मटेरियल का उपयोग किया गया? (ग) योजना के तहत चारखेड़ा से खण्डवा की पाईप-लाइन कितनी बार फूटी तथा इसके फूटने के प्रमुख कारण क्या रहे? इसकी मरम्मत में कितने मानव श्रम दिवस एवं राशि का उपयोग हुआ? (घ) क्या खण्डवा नगर के कई वार्डों एवं कॉलोनियों के निवासी आज भी नर्मदा जल से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? इस योजना के क्रियान्वयन की अंतिम तिथि क्या थी? क्या उसका पालन विश्वा कम्पनी द्वारा समय सीमा में किया गया? यदि नहीं तो यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ड.) योजना की शर्तों का उल्लंघन करने पर विश्वा कम्पनी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी राशि का अर्थदण्ड वसूल किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम खण्डवा द्वारा नर्मदा जल प्रदाय योजना, सुक्ता बांध, नागचून तालाब तथा ट्यूबवेल के माध्यम से जलप्रदाय किया जाता है। योजना का निजीकरण नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नर्मदा जल प्रदाय योजना में मुख्य पाईप-लाइन अनुबंध अनुसार बिछाई गई है। योजना के अंतर्गत 60 किमी. डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की पाईप-लाइन बिछाने का कार्य हुआ है। योजना में 10 ओव्हरहेड टैंक बनाने का प्रावधान था। रॉ-वाटर राइजिंग मेन में एम.एस. पाईप-लाइन 108 मीटर, क्लीयर वॉटर राइजिंग मेन में जी.आर.पी. पाईप-लाइन 49.50 किमी., फीडर पाईप-लाइन में डी.आई. पाईप तथा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में डी.आई. पाईप-लाइन एवं एच.डी.पी.ई. पाईप-लाइन का उपयोग किया गया है। (ग) योजना अंतर्गत चारखेड़ा से खण्डवा की पाईप-लाइन 79 बार फूटी है। पाईप-लाइन फूटने के मुख्य कारण हाइड्रोलिक प्रेशर मार्ग में बाहरी लोगों द्वारा पाईप-लाइन को क्षतिग्रस्त करना, एयर वॉल्व एवं स्कोर वॉल्व को नुकसान पहुंचाना, हरसूद सब स्टेशन से विद्युत प्रदाय में बार-बार अचानक रूकावट होना आदि है। पाईप-लाइन के मरम्मत का कार्य निर्माणकर्ता एजेंसी विश्वा कंपनी द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जाता है। नगर निगम खण्डवा द्वारा इस कार्य पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। (घ) खण्डवा शहर के कई वार्डों में नर्मदा जलप्रदाय नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन वार्डों में डाली गई डिस्ट्रीब्यूशन पाईप-लाइन से नल कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है परन्तु नई एवं पुरानी लाईन से इन वार्डों में जलप्रदाय किया जा रहा है। अनुबंध अनुसार योजना का निर्माण दिनांक 05-09-2011 तक पूर्ण किया जाना था परन्तु विश्वा कंपनी द्वारा कार्य समय से पूर्ण नहीं किया। नगर पालिक निगम खण्डवा की सहायता से विश्वा कंपनी ने दिनांक 01 अक्टूबर 2013 से जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया। कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हुआ है एवं 31 दिसंबर 2019 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। (ड.) योजना की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण नगर पालिक निगम द्वारा निरंतर वैधानिक नोटिस आदि देकर शर्तों के अनुसार कार्य करने हेतु लेख किए गए एवं नगर निगम द्वारा विश्वा कंपनी के विरूद्ध रू. 1.03 करोड़ रूपये की राशि का अर्थदण्ड वसूला गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1163 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर नगर परिषद् अंतर्गत पेयजल आवर्धन योजना का कार्य किस वित्तीय सत्र में स्वीकृत किया गया था? क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक पेयजल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो सका? (ख) यह कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यह कार्य कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् सिरमौर अन्तर्गत पेयजल आवर्धन योजना वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत की गई थी। कार्यादेश दिनांक 24.01.2017 को जारी किया गया तथा कार्यादेश अनुसार कार्य दिनांक 24.04.2018 तक पूर्ण करना था। योजना के तहत इंटेकवेल टोन्स हायडल प्रोजेक्ट के बीहर बैराज चचाई में प्रस्तावित था जिसकी एन.ओ.सी. दिनांक 09.02.2018 को प्राप्त हुई तथा फिल्टर प्लांट निर्माण हेतु भूमि दिनांक 13.02.2018 को प्राप्त हुई। इस कारण कार्य में विलंब हुआ है। (ख) योजना का कार्य अक्टूबर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
घाट का निर्माण
[वन]
49. ( क्र. 1166 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा अंतर्गत बहुप्रतीक्षित लालगांव से जवा वाया सरई जनकहाई पनियारी घाट के निर्माण हेतु स्वीकृति एवं राशि जारी की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 02 वर्ष पूर्ण हो जाने के पश्चात भी अभी तक उक्त उल्लेखित घाट के निर्माण हेतु वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सका है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मार्ग निर्माण हेतु कब तक वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। (ख) इस मार्ग के निर्माण में चाही गई वन भूमि के प्रत्यावर्तन हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाईन आवेदन दिनांक 27.07.2018 से प्रस्तुत किया गया है। ऑनलाईन आवेदन में कुछ कमियां होने के कारण वनमण्डलाधिकारी रीवा ने दिनांक 04.11.2018 को कमियों की पूर्ति हेतु आवेदक संस्थान को लेख किया है। आवेदक संस्थान द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव में कमियों की पूर्ति आज दिनांक तक नहीं की गई है। प्रस्ताव आवेदक संस्थान स्तर पर लंबित है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव में कमियों की पूर्ति करने पर वन विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आहरण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 1184 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि./मा.वि. सारंगपुर में वर्ष 2016-17 से 19-20 में प्रश्न दिनांक तक स्थानीय निधि में कितनी-कितनी राशि एकत्रित की गई एवं उपरोक्त अवधि के पूर्व स्थानीय निधि के खाते में कितनी राशि जमा थी तथा उपरोक्त अवधि में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत कितनी राशि शासन से संस्था को प्रदाय की गई? वर्षवार, संस्थावर तथा पूर्व में संस्था में जमा राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संस्था में स्थानीय निधि एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत प्रदाय राशि से संस्था में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के करने हेतु पालक शिक्षक संघ की बैठक में प्रस्ताव पारित कर निविदायें आमंत्रित करने के निर्णय पारित किये गये? बैठक में लिये गये निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें। उक्तानुसार अवधि में उक्त खातों से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य हेतु किया गया? संस्था/व्यक्ति का नाम, कार्य का नाम, भुगतान की दिनांक से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संस्था में सामग्री क्रय/अन्य कार्य हेतु शासकीय राशि खर्च करने में शासन नियम का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से? प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्या आहरण अधिकारी के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता की कार्यवाही की जावेगी? अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है (ग) प्रकरण में जांच के आदेश दिये गये है। जांच प्रतिवेदन उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 1188 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03 पर फोरलेन उन्नयनीकरण का कार्य ब्यावरा से देवास के बीच ओरियन्टल कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा परियोजना प्रारम्भ से 31 मई 2019 तक निर्माण कार्य हेतु किन-किन जिला खनिज अधिकारी के यहाँ कितनी-कितनी मात्रा खनिज उत्खनन के लिये कितनी कितनी राशि किस-किस दिनाँक को जमा करके अनुमति प्राप्त की गई? (ख) क्या नदी, तालाब, नाले, धार्मिक स्थल, आम रास्ते में किस-किस सर्वे नं. हेतु खनिज उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई? (ग) क्या जितनी मात्रा की अनुमति उत्खनन हेतु दी गई उससे अधिक मात्रा में खनिज उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी अधिक मात्रा में और उसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं तो किन-किन अधिकारीयों के द्वारा अनुमति प्राप्त सर्वे नं. पर जाकर उत्खनन की मात्रा का भौतिक सत्यापन किया गया है? दिनाँकवार अधिकारी के नाम से विस्तृत विवरण से अवगत करावें। (ड़) परियोजनानुसार कुल कितना खनिज परियोजना में उपयोग किया जाना प्रस्तावित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शाजापुर, देवास एवं राजगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी को नदी, तालाब, नाले, धार्मिक स्थल, आम रास्ते में किसी भी सर्वे नंबर पर उत्खनन की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) उक्त जिलों में जितनी मात्रा में उत्खनन की अनुमति दी गई है, उससे अधिक मात्रा में खनिज उत्खनन किया जाना प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी को उनकी जिले में आवश्यकतानुसार किए गए आवेदन अनुसार गौण खनिज के विभिन्न मात्राओं के उत्खनन अनुज्ञा पत्र दिए गए हैं। मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। किसी परियोजना के संबंध में समस्त जिलों की एकजाई जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं रखी जाती है।
सिंचाई पंपों एवं मजरे टोलों में विद्युतीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
52. ( क्र. 1202 ) श्री संजय शर्मा : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से खेतों में विद्युतीकरण की योजना हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहपुर जिले में कितना बजट आवंटित किया गया? इसमें से तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त योजना से कितने हितग्राही लाभान्वित हुये? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ग) समय सीमा में कार्यों की स्वीकृति न होने के कारण वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितना पैसा लैप्स हुआ है? उक्त कार्य में लापरवाही करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में मजरा टोलों के विद्युतीकरण हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ङ) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने स्थानों पर विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर लगाये गये? ग्राम एवं स्थानवार जानकारी प्रदान करें। (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार, कितने ग्राम शेष हैं? ग्राम का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आवंटन का समय-सीमा में पूर्ण उपयोग किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ङ) अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं मजरे टोलों का विद्युतीकरण योजनान्तर्गत विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्त प्राक्कलन अनुसार कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। पृथक से केवल ट्रांसफार्मर लगाने का योजना नियम में प्रावधान नहीं है। योजनान्तर्गत विद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। (च) जिला अंतर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम शेष नहीं है।
अशासकीय शाला की जांच
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 1204 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. एम/003, दिनांक 29/12/2018 को जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर को आदर्श ज्ञान ज्योति हायर सेकेण्ड्री स्कूल, लोलरी की आर.टी.आई के मापदंडों के अनुरूप चिन्हित बिंदुओं पर जांच कर एवं प्रश्नकर्ता को समय-सीमा में की गई कार्यवाही से अवगत कराने हेतु पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या कार्यवाही की गई एवं आज दिनांक तक प्रश्नकर्ता को की गई कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया गया? (ग) क्या जिम्मेदार अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण में बरती गई उदासीनता के लिये अधिकारी पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी चांवरपाठा एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र चांवरपाठा से संयुक्त रूप से आदर्श ज्ञान ज्योति हायर सेकेण्डरी स्कूल लोलरी की जांच कराई गई एवं संबंधित संस्था को पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर दिया गया। संस्था के द्वारा आर.टी.ई. के मापदण्डों की पूर्ति नहीं करने के कारण आदर्श ज्ञान ज्योति हायर सेकेण्डरी स्कूल लोलरी की शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं 2011 के संनियमों के तहत कक्षा 01 से कक्षा 08 वीं तक की दी गई मान्यता वापिस लिये जाने की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही की सूचना माननीय विधायक जी के निज सहायक, को ई-मेल पर दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों का वेतन निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 1213 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में अध्यापक संवर्ग से शिक्षक संवर्ग में सम्मिलित शिक्षकों का वेतन निर्धारण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो निर्धारित वेतनमान के अनुसार वेतन कब से प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं तो कब तक किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिक्षकों के वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं क्या होगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिक्षकों की स्थानांतरण नीति कब से लागू की गई है? क्या नीति लागू होने के पूर्व ही स्थानांतरण कर दिए गए हैं? यदि नहीं तो जनवरी, फरवरी 2019 में जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा कैसे स्थानांतरण किए गए हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अध्यापक संवर्ग को दिये गये छठवें वेतनमान के वेतन निर्धारण के अनुमोदन की प्रक्रिया प्रचलित है, इसके पश्चात् नवीन शैक्षणिक संवर्ग में सम्मिलित शिक्षकों के वेतन निर्धारण की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधायें निर्धारित सेवा शर्तों के अनुसार देय होंगी। (ग) म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें भर्ती नियम-2018 के तहत अध्यापक संवर्ग को नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्त किया गया है। उक्त शिक्षकों के संबंधित निकायों से स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति दिनांक से उक्त शिक्षक सामान्य प्रशासन विभाग तथा उक्त विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के तहत विभागीय स्थानांतरण नीति की परिधि में आ गये हैं एवं उन पर तत्समय से अद्यतन प्रचलित नीतियां लागू हैं। शेषांश के संबंध में प्रकरण परीक्षणाधीन है, यदि नियमों की व्याख्या में कोई विसंगति पाई जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 1215 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की नगर परिषद् अकोदिया, पानखेडी एवं पोलाय कलां में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृतियां कब हुई? योजनाओं में क्या-क्या कार्य होना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में निर्माण एजेंसी से अनुबंध एवं कार्यादेश कब हुआ? कार्य पूर्ण करने की तिथि क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगरों की योजनाओं में जल स्त्रोत कौन-कौन से चिन्हित किए गए हैं? जनसंख्या के मान से कितने पानी की आवश्यकता रहेगी? क्या सर्वे एजेंसी एवं DPR एजेंसी द्वारा इसे उपयुक्त माना गया है? क्या चिन्हित जल स्त्रोत से अकोदिया नगर परिषद् की व्यवस्था हो पायेगी? यदि नहीं तो इसकी जवाबदारी किसकी रहेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से अकोदिया पेयजल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति एवं DPR की विस्तृत जाँच कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् अकोदिया में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना प्रचलित है, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26.7.2016 को दी गई। पानखेड़ी एवं पोलायकलां में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना स्वीकृत नहीं है। योजना में किए जाने वाले कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) नगर परिषद् अकोदिया कालीसिंध नदी को जल स्त्रोत के रूप में चिन्हित किया गया है। निकायों की जनसंख्या की मान से पानी की आवश्यकता का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। चिन्हित जल स्त्रोत से अकोदिया नगर की पेयजल व्यवस्था पूर्ण होगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी स्कूलों के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 1232 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2016 के पश्चात सिवनी जिले के कितने निजी स्कूलों की किस-किस तरह की जाँच किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? जाँच में किन-किन स्कूलों की किस-किस तरह की कमियां पाई गई? कितने निजी स्कूलों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच अधिकारी ने जाँच में कमी के बाद कितनों को किन-किन शर्तों पर स्कूल संचालन की छूट दी? क्या सभी स्कूलों में कमी की पूर्ति कर ली है? (ख) उक्त अवधि में जिले में कितने निजी स्कूलों की मान्यता किन-किन कारणों से समाप्त की गई? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी जिले में निजी स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिये भारी अनियमितता बरती जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस-किस तरह की शिकायत की? विभाग द्वारा उस अधिकारी के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) 01 अप्रैल 2016 के पश्चात सिवनी जिले में कितने स्कूलों को विभाग द्वारा किस-किस नियम के तहत मान्यता प्रदान की गई? मान्यता प्रदान करने वाले अधिकारी के नाम सहित जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिवनी जिले के 114 प्राथमिक, 313 माध्यमिक एवं 56 हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी निजी शालाओं की जाँच आर.टी.ई एवं मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर मा.शालाओं की मान्यता नियम 2017 के मापदण्ड अनुसार विभागीय जनशिक्षक/बी.ए.सी/बी.आर.सी. एवं प्राचार्यों द्वारा की गई। जाँच के दौरान निजी शालाओं में मुख्यतः मूलभूत अधोसंरचना एवं प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी पाई गई विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ अनुसार है। जाँच में कमी के उपरांत भी मान. उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण यथास्थिति बनाये रखने के आधार पर जिले में संस्कार विद्या निकेतन बंडोल तथा एंजिल मांटेसरी पब्लिक स्कूल लखनादौन द्वारा स्कूल संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो’ अनुसार है। राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश क्रमांक 2164 दिनांक 29.8.2017 के अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण अर्हता अर्जित करने हेतु शालाओं में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को मार्च 2019 तक की छूट प्रदान करते हुये शासन द्वारा संचालित एन.आई.ओ.एल. नई दिल्ली से व्यवसायिक योग्यता पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। अतः उक्त आदेश के तहत अप्रशिक्षित शिक्षक वाले स्कूलों की मान्यता नवीनीकृत की गई। जी हाँ, शेष सभी स्कूलों में आवश्यक मूलभूत कमियों की पूर्ति कराई गई है। (ख) दिनांक 01 अप्रैल 2016 से वर्तमान तक कुल 75 शालाओं की मान्यता मुख्यतः मूलभूत अधोसंरचना की कमी, प्रशिक्षित शिक्षकों का न होना जैसी कमियों के कारण अमान्य की गई है। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जी नहीं। सिवनी जिले में निजी स्कूलों को मान्यता प्रदान करने में अनियमितता नहीं बरती गई है तथा किसी अधिकारी के विरूद्ध इस संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 01 अप्रैल 2016 के पश्चात 114 प्राथमिक, 313 माध्यमिक कुल 427 एवं 56 हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों को निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 एवं मध्यप्रदेश उच्चतर एवं उच्च माध्यमिक मान्यता अधिनियम 2017 के तहत मान्यता प्रदान की गई है। मान्यता प्रदान करने वाले अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
अवैध खनिज उत्खनन
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 1233 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी खदानें अनुज्ञा प्राप्त कर संचालित की जा रही है? नाम पता, स्थान बतायें। क्या खनिपट्टा, उत्खनन, अनुज्ञा बिना स्थल निरीक्षण के दिये गये है? क्या खनिज अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन कराया जाकर शासन को लाखों रूपये की क्षति पहुँचाई जा रही है? उन पर अब तक क्या कार्यवाही हुई? नहीं तो क्यों? (ख) अवैध खनिज एवं अवैध खनन परिवहन से संबधित प्रकरण में क्या कार्यवाही हुई? कितने प्रकरण दर्ज किये गये? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी विधानसभा क्षेत्र में पदस्थ खनिज अधिकारी की पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इनके द्वारा किये गये कार्यों के एवं भ्रमण के दौरान किस-किस स्थान पर निरीक्षण किये गये एवं कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान में सिवनी जिले में कितने खनिज निरीक्षक पदस्थ हैं? उनके नाम, कार्य व उनका हेडक्वार्टर एवं संबंधित निरीक्षकों के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों का विवरण देवें। क्या कोहका (मानेगांव) रघादेही, अलोनिया आदि अन्य स्थानों में लीज के अतिरिक्त खनिज का दोहन किया जा रहा है? क्या अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? यदि की जावेगी तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में कोई भी खदान, अनुज्ञा (परमिट) प्राप्त कर संचालित नहीं है। खनिपट्टा, उत्खनिपट्टा, अनुज्ञा बिना स्थल निरीक्षण के नहीं दिये गये हैं। अवैध उत्खनन के 142 प्रकरण एवं अवैध परिवहन के कुल 838 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नानुसार अवैध खनिज एवं अवैध खनन परिवहन से संबंधित प्रकरणों में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 के तहत कार्यवाही की जाती है। यह नियम अधिसूचित नियम है। प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन के 142 प्रकरण एवं अवैध परिवहन के कुल 838 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कार्यालयीन कार्यों के संपादन के अलावा समय-समय पर भ्रमण/निरीक्षण किया जाता है। प्रश्न में उल्लेखित अवधि की एकजाई जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्राप्त 07 शिकायतों में बंडोल, बेलखेड़ी, बलारपुर, कुकलाह एवं बांकी की जांच खनिज निरीक्षक के साथ की गई है। जिसमें से 02 पट्टेदारों से नियमानुसार अर्थदण्ड जमा कराया गया है (ग) प्रश्नानुसार वर्तमान में सिवनी जिले में 01 खनिज निरीक्षक श्री शिवपाल चौधरी पदस्थ है। इनका हेडक्वार्टर सिवनी है। खनि निरीक्षक द्वारा प्रमुखत: खनि रियायतों के निरीक्षण कार्य, अवैध उत्खनन/परिवहन/भंडारण की जांच की जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाते हैं। प्रश्न में उल्लेखित अन्य स्थानों पर लीज के अतिरिक्त खनिज का दोहन नहीं किया जा रहा है, अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवास निर्माण एवं कॉलोनी विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1236 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में नगरीय एवं शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी कॉलोनी निर्माण एवं कॉलोनी विकास के लिए अनुमति किन एजेंसियों को दी गयी है? पृथक-पृथक जानकारी क्रमवार प्रस्तुत करें। (ख) कॉलोनी निर्माण के लिए अनुमति दिए जाने के मापदंड क्या हैं? उक्त मापदंडों की पूर्ति के लिए मॉनिटरिंग कौन करता है? निर्माण कार्यों का सत्यापन कौन करता है? किनके द्वारा NOC जारी की जाती है? मानदंड पूर्ण नहीं होने पर एजेंसी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कौन करता है? (ग) उज्जैन जिले के अंतर्गत नगरीय एवं शहरी कॉलोनी विकास करने वाली कितनी एजेंसियां हैं जिनके द्वारा मापदंडों की पूर्ति के उपरांत NOC प्राप्त कर ली गयी है? (घ) उज्जैन जिले के अंतर्गत ऐसी कितनी एजेंसियां है जिनके द्वारा मापदंड एवं शर्तों की पूर्ति नहीं करने के कारण ब्लैक लिस्टेड किया गया है? सूची सहित विवरण प्रस्तुत करें। (ङ) जिले के अंतर्गत कॉलोनी विकास एवं निर्माण का उत्कृष्ट कार्य करने वाली एवं शासनादेश के अनुसार मापदंड पूर्ण करने वाली कुल कितनी एजेंसियां है और उनके द्वारा कौन सी मान मानक वाली कॉलोनियों का विकास किया गया है? तालिका सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) गत 05 वर्षों में उज्जैन जिले अंतर्गत, नगर निगम उज्जैन सीमा में कुल 47 कॉलोनियों की विकास अनुमति एवं अन्य नगरीय निकायों में कुल 11 कॉलोनियों को विकास अनुमति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) कॉलोनी निर्माण के लिए, म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 में विकास अनुमति दिये जाने के मापदण्ड निहित हैं। विकास कार्यों में मापदण्डों की पूर्ति की मॉनिटरिंग, निकाय के उपयंत्री/सहायक यंत्री एवं नगर निगम के मामले में संबंधित जोन के कार्यपालन यंत्री द्वारा अधीनस्थ यंत्रियों से कराई जाती है। विकास कार्य का सत्यापन, नगर निगम के संबंधित विभागों यथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, शिल्पज्ञ, स्वास्थ्य, उद्यान एवं प्रकाश विभाग द्वारा तथा अन्य निकायों में, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, निकाय के तकनीकी अधिकारी तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से कराये जाने की व्यवस्था है। नगर निगम में सक्षम प्राधिकारी अर्थात् आयुक्त के आदेश से प्रभारी अधिकारी द्वारा एवं अन्य निकायों में, सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर द्वारा एन.ओ.सी. (पूर्णता प्रमाण पत्र) जारी किया जाता है। मापदण्ड पूर्ण नहीं होने पर, नगर निगम में सक्षम प्राधिकारी अर्थात आयुक्त एवं अन्य निकायों में सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक, नगर निगम उज्जैन सीमा में 24 एजेंसियों को एवं जिले की अन्य निकायों में कुल 05 एजेंसियों को एन.ओ.सी. (पूर्णता प्रमाण पत्र) जारी की गई है। (घ) जानकारी निरंक होने से सूची का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ड.) प्रावधान नहीं है। मापदण्ड अनुसार विकास कार्य पूर्ण करने वाली एजेंसियों को, समान रुप से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास संचालन के नियम एवं नियुक्ति प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 1240 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में दिनांक 10/05/2018 को प.क्र.- 2865 के द्वारा 66 नवीन आवासीय बालक आवासीय छात्रावास संचालन के नियम एवं नियुक्ति प्रक्रिया बनाई गयी थी? यदि हाँ, मूल शासनादेश की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करें। (ख) क्या नैसर्गिक न्याय के सर्व मान्य सिद्धांत के विपरीत इन छात्रावासों में कार्यरत अमले को हटाकर आउटसोर्सिंग तथा सेवानिवृत्त शिक्षकों से पदपूर्ति हेतु निर्देश दिए गए है और रोजगार समाप्त कर दिया है? उक्त निर्देश मध्यप्रदेश शासन शा.प्र.वि. मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/1 भोपाल दिनांक 03/09/2011 में निर्धारित सेवकों की संविदा नियुक्ति की शर्तों के विपरीत क्यों है? (ग) क्या पूर्व में भी राज्य शिक्षा केंद्र की दोषपूर्ण नीति के कारण 24 घंटे सेवा देने वाले स्वयं सेवी शिक्षक बेरोजगार कर दिए गए है और स्वयं सेवी शिक्षिकाओं को KGBV एवं बालिका छात्रावास में रख लिया गया है? यह भेदभाव क्यों किया गया? (घ) क्या शिक्षा गारंटी शाला स्कीम में काम करने वाले गुरूजी 4 घंटे सेवाएं देकर अध्यापक बन गये उसी स्कीम में आवासीय ब्रिज कोर्स/आर.एस.टी. 24 घंटे चलाकर अपने जीवन के 7-8 वर्ष देने के बाद ओवरऐज होकर बेरोजगार बना दिए गये हैं? क्या यह भेदभाव नहीं है? और क्या ऐसी दोषपूर्ण नीति समाप्त नहीं की जानी चाहिए?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। विभागीय आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है (ख) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' अनुसार निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी-3-12/2011/3/1 दिनांक 03.09.2011 में उल्लेखित संविदा नियुक्ति प्रक्रिया के विपरीत नहीं है। (ग) जी नहीं। के.जी.बी.व्ही. एवं बालिका छात्रावास में नियुक्तियां निर्धारित प्रावधान अनुसार की गई है, कोई भेदभाव नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय निर्णय अनुसार शिक्षा गांरटी शाला में कार्यरत गुरूजी को संविदा शिक्षक वर्ग-3 बनाया गया है। आवासीय ब्रिजकोर्स एक निश्चित समय के लिए संचालित होते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 1243 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी कन्या प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं? प्रत्येक के नाम एवं सत्र 2018-19 में कक्षाओं में दर्ज छात्राओं की संख्या सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त शालाओं की पोषक शालाएं कौन-कौन सी हैं? उपरोक्त पोषक शालाओं में किन-किन गांव/क्षेत्र से छात्राएं अध्ययन हेतु आती हैं? पोषक शालाओं की अंतिम कक्षा में दर्ज छात्राओं की संख्या बतायें। (ग) सत्र 2018-19 में छतरपुर शहर एवं उसकी पोषक शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों की कितनी छात्राएँ कक्षा 8 पास हुई हैं? उक्त में से कितनी छात्राओं ने कक्षा 9 में शासकीय विद्यालयों में प्रवेश लिया? (घ) छतरपुर शहर में कितने शासकीय कन्या हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं? इनमे कितनी छात्राएं कक्षा 9 में प्रवेश लेती हैं? क्या शहर की पोषक शालाओं से उत्तीर्ण समस्त छात्राएं शासकीय विद्यालय में प्रवेश ले कर अध्ययन करती हैं? यदि नहीं तो क्या छात्र संख्या के मान से एक नवीन कन्या हायर सेकेण्डरी विद्यालय खोला जाना आवश्यक है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत पोषक शालायें परिभाषित नहीं है। अत: प्रथामिक माध्यिक शालाओं में कोई पोषक नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 में छतरपुर शहर से कक्षा 8वीं पास होने वाली छात्राओं की संख्या 1075 है, जिसमें से 629 छात्रों ने कक्षा 9वीं में प्रवेश लिया। (घ) छतरपुर शहर में मात्र एक शासकीय कन्या उ.मा.वि. छतरपुर है, इसमें 400 छात्राएं प्रवेश लेती हैं। अन्य छात्राएं शहर की सहशिक्षा संचालित उ.मा.वि. में प्रवेश लेती है। कन्या शाला खोलने का पृथक से प्रावधान नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दूध उत्पादकों को बोनस का प्रदाय
[पशुपालन]
61. ( क्र. 1249 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर में प्रतिदिन कितना दूध, दूध उत्पादकों द्वारा दुग्धसंघों एवं बाजार में बेचा जाता है? (ख) शासकीय डेयरियों एवं दुग्ध संघों द्वारा जो दूध खरीदी की जा रही है प्रति लीटर 5 रूपये के मान से बोनस दिया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) जो दुग्ध उत्पादक बाजारों में खुले में फुटकर दूध बेचते हैं उन्हे भी 5 रूपयें के मान से बोनस दिया जा रहा है या नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) दूध उत्पादकों द्वारा नरसिंहपुर में 1300 लीटर, सागर में 5148 लीटर, छतरपुर में 2804 लीटर, दमोह में 692 लीटर दूध बेचा जाता है। बाजार में दूध विक्रय की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं।
प्रधानमंत्री (शहरी) आवास योजना में हितग्राहियों का चयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1252 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन एवं प्रधानमंत्री (शहरी) आवास योजना में कार्यालयों में प्रस्तुत आवेदनों की पावती एवं आवक रजिस्टर संधारित करने की प्रक्रिया बाबत् आदेश/निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या नगरपालिक निगम कटनी में प्रधानमंत्री (शहरी) आवास योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की पावती एवं आवक रजिस्टर संधारण किया गया है? यदि हाँ, तो आवेदन, पावती एवं आवक रजिस्टर की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो कारण बताएं एवं संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या बी.एल.सी. योजनांतर्गत बाद की दिनांकों में प्राप्त आवेदनों पर अनुदान राशि पहले स्वीकृत कर दी गई और पहले की दिनांकों में प्राप्त आवेदनों को स्वीकृत/राशि प्रदान नहीं हुयी? यदि हाँ, तो क्यों? आवेदनवार कारण बतायें। यदि नहीं तो क्या ऐसा न होना सत्यापित किया जायेंगा? (ग) नगरपालिक निगम कटनी में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने भवन कहाँ-कहाँ निर्माणाधीन हैं? भवनों का निर्माण कब-कब प्रारम्भ किया गया और इनके कार्य कब तक पूर्ण होने थे? क्या निर्माण नियत कार्यक्रमानुसार हो रहा हैं? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। यदि नहीं तो क्यों और विलंब पर क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। ऐसे कोई आवक रजिस्टर संधारित करने संबंधी निर्देश न होने से पावती एवं आवक रजिस्टर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिक निगम कटनी में प्राप्त आवेदनों के आधार पर नहीं, अपितु नियमानुसार स्थल पर सर्वेक्षण कर सूची बनाई गई है, जिससे किसी संबन्धित पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बी.एल.सी. योजना अंतर्गत आवेदनों के आधार पर नहीं अपितु सर्वेक्षण के आधार पर योजना की स्वीकृति प्राप्त की गई है। तदानुसार ई-राशि का आवंटन किया गया है। प्राप्त आवेदन स्वीकृत का आधार न होने के कारण आवेदन वार सत्यापन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्रेणीवार स्थानवार प्रारंभ दिनांक तथा पूर्ण करने की दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खिरहानी-प्रेमनगर बस्ती में योजना का कार्य समय-अनुसार चल रहा है। बिलहरी मोड़ झिंझारी में योजना के क्रियान्वयन हेतु आवंटित भूमि, शमशान भूमि के पास होने से भूमि परिवर्तन की मांग की गई, परन्तु भूमि का परिवर्तन नहीं होने के कारण आवास निर्माण कार्य विलंब से प्रारंभ हुआ तथा स्थल पर कठोर चट्टान है एवं निकट ही घनी आबादी है। अतः निविदाकार द्वारा कंट्रोल ब्लास्टिंग करते हुए उस पर बुनियाद की खुदाई कार्य किया गया। इससे नियत कार्यक्रम से अधिक समय लगा। कार्यक्रम अनुसार प्रगति प्राप्त नहीं हो पाई। मेयर इन काउंसिल के प्रस्ताव क्र.06, दिनांक 10.06.2019 द्वारा 8 माह (वर्षा-कॉल छोड़कर) तक की समयावधि बढ़ाई गई है।
लंबित आवासीय/व्यावसायिक योजनायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1253 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिक निगम कटनी ने पिछले 4 सालों में तत्कालीन नगर सुधार न्यास की प्रस्तावित किन-किन आवासीय एवं व्यावसायिक योजना हेतु चिन्हित भूमियों के अधिग्रहण और मुआवजे की राशि का भूमिस्वामियों को भुगतान किया गया था अथवा भूमि चिन्हित कर अधिसूचना मात्र जारी की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन-किन आवासीय/व्यावसायिक योजनाओं में नगर सुधारन्यास/नगरपालिक निगम कटनी द्वारा भूखंडों का कब-कब, किन-किन व्यक्तियों को विक्रय किया। और वर्तमान में इन भू-खंडों में कौन-कौन काबिजदार हैं और क्रेता को अब तक कब्जा प्राप्त न होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) क्या योजना के तहत चिन्हित/अधिग्रहित किन्हीं भूमियों को विगत 04 वर्षों में मुक्त किये जाने की कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो किस प्रक्रिया और किस सक्षम प्राधिकारी के कौन-कौन आदेश से? वर्तमान में कार्यवाही किस स्तर पर हैं? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन्हीं भूमियों के भूखंडों के विगत 04 वर्षों में मानचित्र स्वीकृत कर भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदान की गई हैं? यदि हाँ, तो किस योजना की, किन भूमियों पर किस-किस को निर्माण अनुज्ञा किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विगत 4 वर्षों में आवासीय योजना क्रमांक 14 में शेष मुआवजा राशि रू. 7,80,086/- का भुगतान भूमि स्वामियों को किया गया है। विगत 4 वर्षों में किसी भी योजना की भूमि की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ख) विगत 4 वर्षों में आवासीय/व्यवसायिक योजनाओं में नगर सुधार न्यास/नगर निगम कटनी द्वारा पूर्व नगर सुधार न्यास की योजनाओं में भूखण्डों का किसी भी व्यक्ति को विक्रय नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पूर्व नगर सुधार न्यास की योजना क्रमांक 03 की अधिग्रहित भूमि ग्राम बरगवां के खसरा क्रमांक 209/5 रकबा 0.081 हेक्टर भूमि में अनापत्ति जारी की गई। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। जारी की गई अनापत्ति के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। जिस पर जांच समिति गठित की जाकर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है।
नियम विरूद्ध दुकान आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1256 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर के बस स्टैण्ड एवं स्टेडियम परिसर में कितनी दुकानें निर्मित हैं? प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानें किन-किन लोगों को आवंटित हैं। नाम व पते सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित दुकानों की नीलामी कब-कब की गई तथा नीलामी के समय किस-किस वर्ग का क्या-क्या आरक्षण रखा गया तथा किन-किन दुकानों के लिये किस-किस बोलीदार द्वारा नीलामी में भाग लिया गया? नीलामी बोली के अंतिम (फाइनल) पत्रक की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा उक्त प्रकिया में आरक्षण नियमों के विपरीत आरक्षित वर्ग की दुकान अन्य वर्ग को आवंटित तथा उच्चतम बोलीदार के स्थान पर आपसी सांठ-गांठ करके द्वितीय व तृतीय बोलीदार को दुकानें आवंटित कर नियम विरूद्ध कार्य किया गया है, जिसके संबंध में वरिष्ठ कार्यालय में भी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या शासन नियम विरूद्ध दुकान आवंटित करने वाले अधिकारियों को निलंबित कर समूचे प्रकरण की जाँच करायेगा, यदि हाँ, तो कब तक तथा नियम विरूद्ध दुकान आवंटन निरस्त कर पात्र लोगों को कब तक दुकान आवंटन की कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर के बस स्टैण्ड पर निर्मित एवं आवंटित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ तथा स्टेडियम परिसर में निर्मित एवं आवंटित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि वर्ष 2013-14 में 08 दुकानों की नीलामी की गई थी जिसमें सात प्रथम बोलीदाता द्वारा राशि जमा न करने के कारण जमा अमानत राशि राजसात की गई तत्पश्चात द्वितीय बोलीदाताओं की बोली परिषद् संकल्प क्रमांक 486 दिनांक 20.08.2014 द्वारा स्वीकृत की गई जिसके संबंध में तत्कालीन विधायक श्री गिरीश भण्डारी द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी। उक्त शिकायत की विभागीय जाँच उपरांत श्री पवन कुमार मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दुकानों की नीलामी की निविदा प्रक्रिया में अनियमितता करने पर अपने पदीय कर्तव्यों के पालन में लापरवाही के लिए आदेश क्रमांक शि/6/2019/1219 दिनांक 21.01.2019 से तीन वेतन वृद्धियां संचयी प्रभाव से रोकी जाने की शास्ति अधिरोपित की गई। राजस्व हानि का आरोप प्रमाणित नहीं हो पाया। शेष दुकानों के आवंटन की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाला उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 1258 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय कन्या हाई स्कूल कुरावर किस वर्ष में प्रारम्भ किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त कन्या हाई स्कूल के आस-पास 25-30 कि.मी. की परिधि में कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं होने से नगर कुरावर एवं आस-पास के ग्रामों की लगभग 1000-1200 छात्राओं को अत्याधिक दूरी स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूलों पर निर्भर होना पड़ता है, जिससें निर्धन परिवार की छात्राओं को अपना अध्ययन कार्य मध्य में ही छोड़ने पर विवश होना पड़ रहा हैं? यदि हाँ, तो कन्या हाई स्कूल कुरावर को हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्राओं को उनके ही नगर में हायर सेकेण्डरी शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत शासकीय कन्या हाई स्कूल कुरावर को हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करेग? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजगढ़ जिले विकासखण्ड नरसिंहगढ़ शासकीय कन्या हाईस्कूल कुरावर संचालित नहीं है। वर्तमान में शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय संचालित है। (ख) जी नहीं। समीपस्थ शाला (सहशिक्षा) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला कुरावर 01 किमी. की दूरी पर संचालित है, जिसमें शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय की छात्राएं अध्यापक हेतु जाती है। कन्या शाला के लिए पृथक से प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित होता है। (ग) उतरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग की भूमि की जानकारी
[वन]
66. ( क्र. 1260 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वनखण्डों का नाम एवं रकबेवार जानकारी देवें? (ख) विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं। (ग) मंदसौर जिले में विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये हैं कार्य का नाम एवं राशि की जानकारी देवें। (घ) सुवासरा गरोठ विधानसभा क्षेत्र में वर्षा ऋतु में कौन-कौन से कार्य हेतु राशि प्राप्त हुई है या प्रस्तावित है? कार्य का नाम, स्थान राशि की जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वनखण्डवार, रकबेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) विभाग द्वारा वनक्षेत्रों में वनों को हराभरा करने एवं विकास हेतु संचालित योजनाओं के अनुसार विभिन्न कार्य कराये जाते है, जैसे कार्य आयोजना का क्रियान्वयन के अंतर्गत बिगडे वनों का सुधार, जलाऊ एवं चरागाह विकास, सुधार प्रबंधन वृत्त, अग्नि सुरक्षा, मुनारा मरम्मत, मिश्रीत वृक्षारोपण, ऊर्जा वन आदि, पर्यावरण वानिकी के अंतर्गत गैर वनक्षेत्रों में वृक्षारोपण, केन्द्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत वन्यजीव पर्यावास का समन्वित विकास हेतु कार्य कराये जाते है। (ग) मंदसौर वनमंडल के अंतर्गत वन विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्य एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है।
अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
67. ( क्र. 1261 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में विकास हेतु शासन द्वारा क्या-क्या योजनाएं बनाई गई है?। (ख) विगत 5 वर्षों में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की कितनी अ.जा. बाहुल्य ग्रामों में कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई थी? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने अ.जा. बाहुल्य ग्राम हैं जहां पर विकास नहीं हो पाया है? (घ) किन-किन अ.जा. बाहुल्य ग्रामों में सी.सी. रोड निर्माण कार्य होना शेष है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विभाग द्वारा विधानसभावार योजनाएं नहीं बनाई जाती हैं। प्रदेश के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
बैतूल जिले में संचालित गौशालाएं
[पशुपालन]
68. ( क्र. 1276 ) श्री निलय डागा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितनी गौशालाएं (शासकीय/गैर शासकीय) किस-किस शहर/गांव में संचालित हैं एवं किस-किस गौशाला में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को संचालन हेतु नियुक्त किया गया हैं? (ख) शासन द्वारा किन-किन गौशालाओं को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये 01 जनवरी 2015 से आवंटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार गौशालावार बताएं। (ग) क्या शासन द्वारा गैर शासकीय गौशालाओं को अनुदान दिया जाता है, यदि हाँ, तो 01 जनवरी 2015 से कितनी-कितनी राशि अनुदान स्वरूप दी गई है? वर्षवार गौशालावार बताएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) बैतूल जिले में वर्तमान में 11 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) पंजीकृत, गैर शासकीय क्रियाशील गौशालाओं को अनुदान दिया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
69. ( क्र. 1299 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2008 से 2015 के बीच हुए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कितने अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं एवं घोटाले की कुल कितनी राशि वसूल कर ली गयी है? संस्थावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गयी हैं? जिलेवार, प्रकरणवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा कुल कितनी संस्थाओं की जांच की गयी? जांच में क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए? कितनी संस्थाओं की जांच लंबित है? कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिए गये हैं? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्ष 2008 से 2015 के बीच हुई पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति अनियमितता में कुल 126 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए है, जिनमें लोकायुक्त में 100 प्रकरण, ई.ओ.डब्ल्यू में 22 प्रकरण एवं पुलिस थानों में 04 प्रकरण दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। कुल वसूल की गई राशि 60,30,000/- है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) सभी आपराधिक प्रकरणों में प्रकरण विवेचनाधीन हैं। प्रकरण लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू एवं पुलिस थानों में विवेचनाधीन होने से विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) लोकायुक्त द्वारा कुल 100 प्रकरणों की जांच की जा रही है, ई.ओ.डब्ल्यू द्वारा कुल 22 प्रकरणों की जांच की जा रही है। उक्त सभी प्रकरण विवेचनाधीन हैं। प्रकरण की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। जांच में लगने वाली समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। न्यायालय में चालान एवं अभियोजन की स्वीकृति की स्थिति निरंक है।
तिलहरी में विस्थापित किये गये लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1300 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कुल कितने लोगों को विभिन्न स्थानों से हटाकर तिलहरी में विस्थापित किया गया है? विस्थापन के पूर्व लोगों की मूलभूत आवश्यक्ताओं की पूर्ती हेतु तिलहरी में क्या-क्या इन्तजाम किये गये थे? उक्त स्थल पर आज दिनांक तक कुल कितने विस्थापितों की मौत हुई है? (ख) कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्षाकाल में उक्त विस्थापित स्थल पर लोग पन्नी की छत के सहारे, कीचड़ युक्त स्थान पर सांप, बिच्छुओं व अन्य नुकसानदेय जीवों के बीच कैसे रह पाएंगे? क्या इसके लिए शासन ने कोई उचित कदम उठाये हैं? (ग) कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्य में बिना पूर्व चिन्तन व मूलभूत तैयारियों के लोगों को उक्त स्थल पर विस्थापित करने के दोषी अधिकारियों के नाम, पद-नाम उपलब्ध करावें? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम सीमा में 1034 परिवारों को मदनमहल पहाड़ी से हटाकर ग्राम तिलहरी की शासकीय भूमि में पुनर्वासित किया गया है। पुनर्वास के तौर पर जिला प्रशासन द्वारा 15x30 का भूखण्ड उपलब्ध कराया गया है, जिनमें अभी तक 933 हितग्राहियों को मध्यप्रदेश पट्टाधृति अधिनियम के तहत आवासीय पट्टे वितरित किये गये है। पुनर्वास के समय प्रत्येक परिवार को 6 बल्ली एवं त्रिपाल वितरण किया गया था। आवश्यकतानुसार यह सामग्री पुन: दी गई है, पुनर्वासित बस्ती विधिवत तरीके से चिन्हित तैयार की गई है। जिसमें मुख्य एवं आतंरित मार्ग, नालियां आदि का प्रावधान रखा गया है। 10-10 सीटर शौचालय बनाये गये। स्थल पर आवश्यकतानुसार 07 ट्रांसफार्मर एवं स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था की गई, साथ ही 07 बोर किया जाकर उनमें 4 मोटर पंप लगाकर पब्लिक टेप के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हितग्राहियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के स्व-लाभार्थी द्वारा निर्माण बी.एल.सी. योजना के तहत 2.50-2.50 लाख रूपये की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। अभी तक कुल 667 हितग्राहियों को एक-एक लाख रूपये प्रथम किस्त जारी की जा चुकी है। तिलहरी में दो लोग मृत हुए है। एक वृद्ध एवं एक 4 माह का बच्चा थे। (ख) वर्षाकाल को देखते हुए प्रत्येक परिवार को पालिस्टर पेरासूट (त्रिपाल) वाटरप्रुफ उपलब्ध कराये गये है। जिससे वर्षाकाल के दौरान उनके घरों में पानी नहीं आवेगा। कीचड़ आदि की संभावना को देखते हुये मार्गों को डी.बी.एम. के रूप में विकसित कर दिया गया है। साथ ही प्रकाश की उचित व्यवस्था की गई है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय के जनहित याचिका क्रमांक 11270/12 के आदेश के परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा विस्थापन एवं शासकीय भूमि में कराया गया है। विस्थापन के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
BRTS कॉरिडोर हटाए जाने विषयक
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1324 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भोपाल के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में BRTS कॉरिडोर को हटाए जाने की दिशा में कोई निर्णय लिया गया है? यदि लिया गया है तो संत हिरदाराम नगर का BRTS कब तक हटा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : बैरागढ़ स्थित बी.आर.टी.एस. एवं सम्पूर्ण बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर के संबंध में केन्द्र शासन की सेन्ट्रल रोड एण्ड रिचर्स इन्स्टीट्यूट (सी.आर.आर.आई.) के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा सर्वे एवं परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। सेन्ट्रल रोड एण्ड रिसर्च इन्स्टीट्यूट से प्रतिवेदन एवं अभिमत प्राप्त होने के उपरांत इस विषय पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।
बी.ओ.टी मार्ग पर निर्मित मेरिज गार्डन
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1327 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात् नागदा महिदपुर बी.ओ.टी सड़क मार्ग पर स्थित किस-किस मैरिज गार्डन की सड़क से गार्डन की दूरी को लेकर या अन्य तरह की शिकायत किस-किस व्यक्ति ने कब-कब की? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या यहाँ निर्मित मैरिज गार्डन संचालक ने बी.ओ.टी सड़क दूरी के नियमों का पालन किया है? यदि हाँ, तो बी.ओ.टी सड़क से निजी निर्माण कार्य कितनी दूरी पर होना चाहिए? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। (ग) क्या उक्त सड़क किनारे निर्मित गीता श्री मैरिज गार्डन संचालक ने भवन निर्माण से पूर्व नक्शा एवं भवन निर्माण की अनुमति ली थी? यदि हाँ, तो अनुमति की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त गार्डन के निर्माण में समस्त शासकीय नियमों का पालन किया गया था? क्या निर्मित भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल की रजिस्ट्री गार्डन संचालक के पास उपलब्ध है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में कोई शिकायत नगरपालिका नागदा में प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मैरिज गार्डन बी.ओ.टी. सड़क पर निर्मित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अनुमति की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। गार्डन के निर्माण में शासकीय नियमों का पालन नहीं किये जाने के कारण, म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 के अंतर्गत प्रीमियम राशि रूपये 241576/- पुनर्निधारण रूपये 48315/- एवं आवेदित भूमि 5050 वर्ग मीटर पर दुकानें एवं गार्डन पूर्व अनुज्ञा के बिना व्यपवर्तन कर लिये जाने के कारण, अर्थ दण्ड रूपये 89769/- आरोपित किया गया है। पुश्तैनी जमीन होने से रजिस्ट्री उपलब्ध नहीं है। निकाय के अभिलेख अनुसार ऋण पुस्तिका की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ब पर है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1334 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1992 में सीहोर नगर सुधार न्यास में कुल कितने स्थायी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत थे? उनकी नियुक्ति दिनांक सहित नामवार सूची दें। (ख) सीहोर नगर सुधार न्यास का नगर पालिका में संविलियन कब किया गया था? तत्समय नगर सुधार न्यास में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत थे? इनमें से कितने कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया एवं कितने वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण शेष रह गया था? (ग) नगर पालिका सीहोर में शासन के आदेशानुसार वर्ष 2007 की स्थिति में स्थायी किये गये कुल कर्मचारियों की संख्या बतायें? (घ) प्रश्नांकित सीहोर नगर सुधार न्यास के ऐसे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी जिनका नियमितीकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है, उनका शासन द्वारा कब तक स्थायी/नियमितीकरण किया जायेगा? यदि नहीं किया जायेगा तो कारण दर्शायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ पर है। (ख) सीहोर, नगर सुधार न्यास का नगर पालिका, सीहोर में दिनांक 01.08.1994 को संविलियन किया गया। तत्समय नगर सुधार न्यास, सीहोर में 13 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत थे। इनमें 05 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वर्ष 2010 में नियमित एवं 02 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वर्ष 2018 में विनियमित किया गया है। 04 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। 02 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्य छोड़कर चले गये हैं। 02 विनियमित कर्मचारी नियमितीकरण हेतु शेष है। (ग) नगर पालिका परिषद्, सीहोर में वर्ष 2007 की स्थिति में 197 कर्मचारियों को विनियमित किया गया है। (घ) नगर पालिका परिषद् द्वारा सीहोर नगर सुधार न्यास के 02 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी जिनको वर्ष 2010 में चतुर्थ श्रेणी का पद रिक्त न होने के कारण नियमित नहीं किया जा सका। परन्तु वर्ष 2018 में शासन के निर्देशानुसार इन 02 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमित किया गया है। इन 02 विनियमित कर्मचारियों को भविष्य में चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त होने पर नियमानुसार नियमित किया जायेगा।
अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 1347 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के प्रदेश के शहरों एवं नगरों में स्थित अवैध कॉलोनियों को वैध करने वर्तमान में क्या-क्या नियम हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। क्या शासन अवैध कॉलोनियों को वैध कराने कृत संकल्पित है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले की कौन-कौन सी नगरीय निकायों में कहाँ-कहाँ की कौन-कौन से वार्ड की कौन-कौन से मुहल्ले में अवैध कॉलोनी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक अवैध कॉलोनियों को वैध करने उस निकाय द्वारा एवं जिला प्रशासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है और प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कार्यवाही लंबित रखी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि अवैध कॉलोनी वैध हो जायेंगी, तो कब तक और नहीं तो, क्यों? इसमें अब लापरवाही करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी पर अगर कॉलोनी को वैध कराने में लापरवाही हुई, तो इनके विरूद्ध क्या-क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अवैध कॉलोनी को वैध करने हेतु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, सागर संभाग सागर से अभिमत प्राप्त होने पर तद्नुसार कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसी भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही किया जाना प्रतिवेदित नहीं है। अत: कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रतियां एवं पुनर्गणना का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 1348 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा वर्ष 2019 में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में कितने-कितने परीक्षार्थियों (छात्र-छात्राओं) ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रतियां एवं पुनर्गणना के लिये आवेदन किये? जिलेवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि विभाग द्वारा इसके लिये क्या-क्या समयावधि निर्धारित की गई थी? प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिन परीक्षार्थी द्वारा आवेदन दिये गये हैं, क्या उन सभी के आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि कितने परीक्षार्थियों के पुनर्गणना के आवेदन में से कितने चेन्ज एवं कितने नो-चेन्ज हो गये हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा वर्ष 2019 में हाई स्कूल के 8620 परीक्षार्थियों ने तथा हायर सेकेण्डरी के 26702 परीक्षार्थियों ने पुनर्गणना के लिए ऑन-लाइन आवेदन किये। उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति के लिए हाई स्कूल के 4535 एवं हायर सेकेण्डरी के 19000 ऑन-लाइन आवेदन प्राप्त हुए। पुनर्गणना एवं उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त करने संबंधी प्रकरणों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" पर है। (ख) मण्डल द्वारा पुनर्गणना एवं उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति के आवेदन हेतु परीक्षा परिणाम घोषणा दिनांक 15.05.2019 से 29.5.2019 तक पुनर्गणना के प्रकरणों के निराकरण के लिये दिनांक 03.06.2019 से 12.06.2019 तक तथा उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति प्रेषित करने के लिये दिनांक 13.06.2019 से 27.06.2019 तक तिथि निर्धारित थी। मण्डल द्वारा पुनर्गणना के प्रकरणों का निराकरण कराकर जानकारी ऑन-लाइन उपलब्ध करा दी गई है, परिणाम संशोधन की स्थिति में संशोधन परीक्षाफल घोषित कर दिया गया है। (ग) दिनांक 29.05.2019 तक प्राप्त प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, उक्त तिथि के प्रश्चात आर.डब्ल्यू.एल.से घोषित छात्रों से प्राप्त पुनर्गणना के प्रकरणों में से आज दिनांक 02.07.2019 की स्थिति में हाई स्कूल के 04 एवं हायर सेकेण्डरी के 30 प्रकरण जिला स्तर पर लंबित है। (घ) हाई स्कूल में दिनांक 29.05.2019 तक कुल प्राप्त 15600 प्रकरणों में से 15437 नो-चेन्ज व 163 चेन्ज एवं हायर सेकेण्डरी में दिनांक 29.05.2019 तक कुल प्राप्त 47507 प्रकरणों में से 47079 नो-चेन्ज व 428 चेन्ज हुये हैं।
नगरीय निकायों का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1364 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नगर निगम बनाये जाने के संबंध में क्या दिशा-निर्देश व नियमावली है? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित न.पा. परासिया एवं नगर पंचायत, न्यूटन चिखली, बड़कुही, चांदामेटा व अन्य आस-पास के 10 कि.मी. रेंज तक मिलाकर नगरपालिका परासिया को नगर निगम का दर्जा दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उपरोक्त संबंध में कार्यवाही कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय निकायों के गठन से संबंधित म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अधिसूचना क्रमांक 64 एफ 1-19/ 2009/18-3 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। न.पा. परासिया एवं नगर पंचायत न्यूटन चिखली बड़कुही, चांदामेटा एवं आस-पास के 10 कि.मी की परिधि के ग्रामों को मिलाने के बाद कुल जनसंख्या 99,124 है जो कि उत्तराशं (क) में उल्लेखित अधिसूचना में निर्धारित जनसंख्या का मापदण्ड पूर्ण नहीं किये जाने से नगर निगम का दर्जा दिया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
कोयला खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 1365 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्य राज्यों की तरह राज्य सरकार कोयले के भण्डार का उत्खनन कर, खदानों को संचालित कर सकती है? क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में कोयले के भण्डार का उत्खनन कर खदानों का संचालन नहीं किया जा सकता? क्या भविष्य में राज्य सरकार विचार कर उपरोक्त संबंध में फैसला करेगी ताकि मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसर अधिक प्राप्त हो सके? अगर किया जायेगा तो कब से? अवगत करायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पेंच कन्हान क्षेत्र में कोयले के अनेक भण्डार हैं, जिसे राज्य सरकार के द्वारा इन कोयले भण्डारों का उत्खनन कर कोयला खदानें खोली जा सकती हैं, जिससे सीधे तौर पर मध्यप्रदेश सरकार को आर्थिक मजबूती मिलेगी तथा रोजगार बढ़ेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) कोयले की खदानों के आवंटन का विषयवस्तु मुख्य खनिज होने से खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2015 के अंतर्गत कोयला खनिज अनुसूची-एक के भाग-एक का खनिज होने से भारत सरकार से संबंधित है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिले में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) द्वारा खनिज कोयले की खदानें संचालित हैं एवं निजी कंपनियों को कोयले के खनिपट्टे आवंटित हैं, जिनसे शासन को राजस्व प्राप्त हो रहा है एवं इन खदानों में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। राज्य शासन सीधे इन कोयला भंडारों का उत्खनन नहीं कर सकती है।
नगरपालिका एवं नगर पंचायतों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1388 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा 1 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक नगरपालिका राधोगढ़, नगरपालिका अरोन, नगरपालिका बीनागंज, नगरपालिका ब्यावरा, नगरपालिका सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी को किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि किन-किन विकास कार्यों हेतु आवंटित की गई है? नगरपालिका/नगर परिषद् के अनुसार मदवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त नगरपालिका/परिषदों में भेदभाव पूर्ण तरीके से राशि आवंटित करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? क्या सिरोंज नगरपालिका एवं लटेरी नगर पंचायत में भी भेदभाव को दूर करते हुए राधोगढ़ एवं आरोन नगर पंचायत के समान राशि आवंटित की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या लटेरी नगर पंचायत के अध्यक्ष एवं उनके प्रतिनिधि/तत्कालीन विधायक के प्रतिनिधि के विरूद्ध लोकायुक्त/विभागीय एवं कलेक्टर कार्यालय में अनियमितताओं की विभिन्न जांचें लंबित हैं? लोकायुक्त द्वारा कार्यवाही करने के निर्देश भी कलेक्टर विदिशा को दिए गये हैं, किंतु विभागीय अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अनियमितताओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या किसी अधिकारी द्वारा कार्यवाही न करने का दबाव बनाया जा रहा है?कितने दिन के अंदर कठोर कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में आरोपित तत्कालीन विधायक प्रतिनिधि को शासन से कब-कब और कहाँ-कहाँ संरक्षण मिला है और घोर अपराधी को संरक्षण देने के पीछे कौन-कौन से कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) बजट उपलब्धता एवं योजनाओं के दिशा-निर्देशानुसार नगरीय निकायों को राशि आवंटित की जाती है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। अध्यक्ष के प्रकरण में माननीय ग्वालियर खण्डपीठ द्वारा स्थगन प्राप्त होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी, निकाय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर तामील कराये जा चुके है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 1389 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितने हायर सेकेण्डरी (+2) एवं हाई स्कूल स्वीकृत है? विकासखण्डवार शाला के नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवन वर्तमान मापदण्डों के अनुसार स्वीकृत नहीं है? जिनके भवन स्वीकृत नहीं हैं उनके भवन बनाये जाने की शासन की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या लटेरी विकासखण्ड के ग्राम रूसल्ली साहू में हायर सेकेण्डरी भवन बनाया जाना है? यदि हाँ, तो क्या शाला भवन के लिए आरक्षित थान खसरा नम्बर 861, रकबा 1.682 हेक्टेयर जो भवन और खेल मैदान के रूप में राजस्व अभिलेख में दर्ज है? यह स्थान आबादी के समीप एवं मार्ग पर स्थित है जो कि भवन निर्माण के उपयुक्त एवं अनुकूल है, ग्राम पंचायत ने भी यहीं शाला भवन बनाये जाने की अनुशंसा की है, लेकिन उस अनुशंसा को क्यों नहीं माना जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कलेक्टर विदिशा द्वारा गलत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर खसरा नम्बर 632 रकबा 2.112 हेक्टेयर में भवन बनाने का निर्णय दिया है। क्या उक्त संपूर्ण प्रकरण की जाँच प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से कराकर पूर्व में आरक्षित भूमि पर ही भवन निर्माण कराया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। नवीन भवन स्वीकृति निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) जी हाँ। सामान्यतः स्कूल भवन का निर्माण पूर्व से स्थित शाला परिसर में ही बनाए जाने की नीति है। स्थानाभाव की स्थिति में निकटतम उपलब्ध स्थान पर बनाए जाने के निर्देश है। ग्राम पंचायत द्वारा 1 किलोमीटर दूर बनाए जाने की अनुशंसा की गई थी जबकि 150 मीटर दूरी पर भूमि उपलब्ध होने से निकटस्थ स्थान को प्राथमिकता दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक स्थानांतरण नीति
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 1392 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी जिला उज्जैन द्वारा जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक शिक्षा विभाग के कितने कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं? पदवार, सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जो आदेश जारी किये गए हैं उसमें स्थानांतरण नीति 2017-18 एवं परिपत्र क्र. एफ 6.1/2019/एफ-9 दिनांक 22 फरवरी, 2019 का जबाव दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त स्थानांतरण नीति के बिन्दु क्र. 6 (3) में स्पष्ट उल्लेख है कि यह नीति शिक्षा विभाग पर लागू नहीं होगी? तो उक्त स्थानांतरण नीति का हवाला क्यों दिया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उज्जैन जिला शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 157 कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये हैं, पदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति वर्ष 2017-18 की कण्डिका 9.3 में संशोधित कर दिनांक 22.02.2019 को जारी हुई है। तद्नुसार जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा जारी अपने स्थानांतरण आदेश में उक्त दोनों आदेशों का उल्लेख किया गया है। शेषांश के संबंध में प्रकरण परीक्षणाधीन है, यदि नियमों की व्याख्या में कोई विसंगति पाई जाती है तो नियम अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
अंध-मूक विद्यालय भवन का निर्माण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
81. ( क्र. 1401 ) श्री अजय विश्नोई : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को यह ज्ञात है कि जबलपुर नगर में भेड़ाघाट बायपास चौराहे के पास स्थित अंध-मूक विद्यालय परिसर में एक भूकंप से क्षतिग्रस्त भवन स्थित है? यदि हाँ, तो शासन इस खतरनाक और जीर्ण-शीर्ण भवन को तुड़वाने की क्या व्यवस्था कर रहा है? (ख) इस जर्जर भवन को हटाकर इस स्थान पर विद्यालय की आवश्यकता पूर्ति के लिये कोई नये भवन का प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? (ग) यदि हाँ, तो इसके निर्माण को कब तक स्वीकृत किया जायेगा और इसकी संभावित लागत क्या होगी? (घ) क्या विभाग विद्यालय के वर्तमान भवन एवं हॉस्टल के सुधार के लिये कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक सुधार किया जा सकेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। भूकंप में क्षतिग्रस्त भवन को तोड़ने का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 29.4.2018 को पूर्ण कर जमींदोज कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। भूकंप में क्षतिग्रस्त ऑडिटोरियम पर नये भवन के निर्माण का प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, शासकीय श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर के वर्तमान विद्यालय एवं हॉस्टल के भवन में रिनोवेशन एवं विद्युतीकरण हेतु शासनादेश क्र. 671/238/2019/26-2 दिनांक 20.6.2019 द्वारा राज्य निराश्रित निधि से राशि रूपये 51.35 लाख के भुगतान की स्वीकृति प्रदाय की गई है एवं चैक क्र. 030356 दिनांक 24.6.2019 द्वारा राशि रूपये 20.54 लाख उपलब्ध कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
प्रदेश में पशु चिकित्सकों की भर्ती
[पशुपालन]
82. ( क्र. 1402 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पशु चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रदेश में किस-किस पशु औषधालयों पर पशु चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की जा सकी है और क्यों? (ग) रिक्त पदों की पूर्ति के लिये नये पशु चिकित्सकों की भर्ती की शासन की क्या योजना है? रिक्त पद कब तक भर लिये जायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 473 पद रिक्त है। (ख) पशु औषधालय में पशु चिकित्सक के पद स्वीकृत नहीं है। (ग) रिक्त पदों को समय-समय पर पूर्ति की जाती है। वर्ष 2018 में 304 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की नियुक्ति की गई है। रिक्त पदों की पूर्ति नियमित रूप से की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय क्षेत्रों में भवन निर्माण अनुज्ञा
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1408 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में भवन निर्माण अनुज्ञा हेतु मध्य प्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 293 और मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 में प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भवन निर्माण अनुज्ञा के लिये उक्त धाराओं में किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑन-लाइन आवेदन करने की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो इन धाराओं के पालन में शासन द्वारा जारी किये गये आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें और इसके मापदण्ड व आवश्यक दस्तावेजों का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, है तो ऑन-लाइन आवेदन का प्रावधान कब से है तथा प्रदेश की नगरीय निकायों में दिनांक 01.04.2018 से 31.03.2019 तक निकायवार ऑन-लाइन कितनी भवन अनुज्ञायें जारी की गई और दिनांक 01.04.2018 से 31.03.2019 तक भवन निर्माण अनुज्ञा जारी करने के संबंध में प्राप्त राजस्व/फीस का निकायवार व वर्षवार ब्यौरा बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, है तो प्रदेश में कितनी नगरीय निकायों द्वारा कौन-कौन सी भवन अनुज्ञाएं ऑन-लाइन एवं ऑफ-लाइन जारी की जा रही है? यदि ऑफ-लाइन भवन अनुज्ञाएं जारी की जा रही हैं, तो इसका क्या कारण है? प्रश्नांश (क) में दर्शित धाराओं अनुसार ऑन-लाइन भवन अनुज्ञा जारी करने का यदि प्रावधान नहीं है, तो इस संबंध में शासन कब तक आदेश जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए अनुज्ञात म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 14 (म.प्र. राजपत्र असाधारण नोटिफिकेशन नम्बर 3-26-2015-XVIII-5 दिनांक 27.11.2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।) में ऑन-लाइन आवेदन की व्यवस्था अनुमत है। (ग) ऑन-लाइन आवेदन का प्रावधान राजपत्र प्रकाशन दिनांक 27 नवम्बर 2015 से है, शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) 1 अप्रैल 2018 से समस्त निकायों में केवल ऑन-लाइन भवन अनुज्ञा ही जारी की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवर लाईन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1427 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में सीवर पाईप-लाईन डाले जाने की योजना शासन से कब और कितनी राशि की स्वीकृत की गई थी? इसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराया जाना सम्मिलित है? (ख) इस कार्य को कब और किस निर्माण एजेंसी द्वारा शुरू कराया गया तथा इसके निर्धारित मापदण्ड क्या-क्या हैं? कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित योजना में प्रश्न दिनांक तक कितने तथा क्या कार्य किये जा चुके हैं? अब तक इन पर कितना व्यय किया गया है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) क्या किया गया कार्य निर्धारित शर्तों के अनुसार नहीं कराया जा रहा है, जिससे नगर की जनता को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या शासन जिम्मेदारी तय करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में नगरपालिक निगम सागर के क्षेत्रांतर्गत अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रॉन्सफार्मेशन (अमृत मिशन) अंतर्गत सीवर परियोजना राशि रू. 302.74 करोड़ की दिनांक 15/02/2016 को स्वीकृत की गई है। योजनांतर्गत 43 एम.एल.डी. का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, चार स्थानों पर पम्पिंग स्टेशन एवं सीवर नेटवर्क (पाईप डाला जाना सम्मिलित है) । (ख) दिनांक 08/07/2016 से कार्य प्रारंभ है। निर्माण एजेंसी मेसर्स लक्ष्मी सिविल एण्ड खिलाडी इंफ्रा स्ट्रक्चर जे.व्ही. कोल्हापुर, महाराष्ट्र द्वारा कराया जा रहा है। योजनांतर्गत निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा तीन वर्ष है। (ग) अब तक किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अब तक राशि रू. 96.00 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं। शेष कार्य मार्च, 2020 तक पूर्ण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। कार्य निर्धारित गुणवत्ता की शर्तों के अनुसार किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मछुआरों को फिशरमैन कार्ड का वितरण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
85. ( क्र. 1428 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग द्वारा मछुआरों के कल्याण हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं तथा इन्हें विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधायें प्रदाय की जा रही हैं? (ख) क्या मछुआ कल्याण विभाग द्वारा मछुआरों को फिशरमैन कार्ड वितरित किये जाने की कोई योजना बनाई गई थी? इसके अंतर्गत मछुआरों को कौन-कौन से लाभ दिये जाना प्रस्तावित था? (ग) योजनांर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र के मछुआरों को क्या कार्ड वितरित कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो अब तक कितने कार्ड वितरित किये गये हैं? विवरण सहित बताएं। (घ) यदि नहीं तो क्या विभाग समुचित कार्यवाही कर शीघ्र ही मछुआरों को फिशरमैन कार्डों का वितरण करायेगा और कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार। (ख) जी हाँ, बैक ऋण आवर्ती व्यय पर नि:शुल्क ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। (ग) जी हाँ। 80 मछुआ क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। चालू वित्तीय वर्ष में।
नगरीय निकायों द्वारा जारी की गई विशेष निधि
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1433 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से 01 जुलाई 2019 तक किस अवधि में प्रदेश के नगरीय निकायों को विभाग द्वारा कितनी विशेष निधि जारी की गई? निकायवार ब्यौरा देवें। (ख) क्या राज्य शासन की विभिन्न विकास कार्यों हेतु नगरीय निकायों को राशि स्वीकृत करने की कोई स्पष्ट नीति है? (ग) क्या प्रदेश के अधिकांश नगरीय निकायों को अभी तक उनकी पात्रतानुसार मूलभूत, चौदहवें वित्त आयोग की राशि एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना की पूर्ण राशि अभी तक जारी नहीं की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, बजट उपलब्धता अनुसार नगरीय निकायों को निर्धारित पात्रतानुसार राशि जारी की गई है।
भुगतान की जानकारी
[वन]
87. ( क्र. 1436 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 2599 दिनांक 08/03/2018 के प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिशिष्ट-1 में वर्णित समस्त फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) उपरोक्तानुसार उत्तर (ख) के परिशिष्ट-2 में वर्णित खरगोन, बड़वाह वनमण्डल की समस्त फर्मों के टिन नम्बर एवं प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति भी देवें। (ग) उपरोक्त फार्मों को भुगतान (चेक, R.T.G.S. या अन्य) जिस माध्यम से हुआ उसकी जानकारी फर्मवार देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है।
नगरपालिका के वाहनों पर व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1437 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की कोतमा व बिजरी नगरपालिका में दि. 01-01-16 से 31-12-18 तक कितने वाहन किराए पर लगाए गए? इन्हें डीजल व अन्य मेंटेनेन्स के लिए कितनी राशि प्रदान की गई? वाहन नंबर, प्रकार, वाहन स्वामी नाम, बिल की छायाप्रति सहित वर्षवार कोतमा, बिजरी के संबंध में पृथक-पृथक देवें। (ख) कचरा गाड़ी एवं अन्य वाहन के व्यय की भी जानकारी उपरोक्तानुसार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लॉग बुक एन्ट्री की प्रमाणित प्रति भी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में समस्त क्रय की जानकारी प्रदायकर्ता फर्म द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति सहित वर्षवार पृथक-पृथक देवें। क्रय में टेंडर प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देवें। वर्षवार पृथक-पृथक बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' एवं ''फ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है।
गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1441 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद एवं महिदपुर वि.स. क्षेत्र में विगत 4 वर्षों में कॉलोनाईजरों द्वारा गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि के विक्रय संबंधी कार्य सूची कलेक्टर कार्यालय नहीं भेजने पर विभाग ने कॉलोनाईजरों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है? कारण प्रत्येक कॉलोनी के संबंध में देवें। (ख) अंतिम बार किस समय गरीब वर्ग के लिए आरक्षित भूमि किन-किन कॉलोनाईजर द्वारा प्रक्रिया पूर्ण कर इस वर्ग को विक्रय की गई? सूची नाम, रकबा, कॉलोनी नाम सहित देवें। खाचरौद व महिदपुर वि.स. क्षेत्र के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में पदस्थ रहे अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि उन्होंने कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही इस संबंध में की है? यदि नहीं तो इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) - विगत 04 वर्षों में खाचरौद एवं महिदपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 05 कॉलोनियों में कॉलोनाईजरों द्वारा गरीब वर्ग के लिये भूमि आरक्षित की गई है। म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 की धारा 13 अनुसार, कॉलोनी की विकास अनुमति जारी होने की तिथि से अधिकतम 03 वर्ष के भीतर आंतरिक विकास कार्य पूर्ण करना आवश्यक होता है, जिसे 01 वर्ष के लिये और बढाया जा सकता है। चूंकि कॉलोनी विकास की अवधि शेष है अत: कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। कॉलोनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 04 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक, विधान सभा क्षेत्र खाचरौद एवं महिदपुर अंतर्गत किसी भी कॉलोनाईजर द्वारा गरीब वर्ग के लिये आरक्षित भूमि/भवन, इस वर्ग को विक्रय कर रजिस्ट्री संबंधी जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 तथा म.प्र. ग्राम पंचायत कॉलोनी विकास नियम 2014 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी जिला कलेक्टर नाम निर्दिष्ट हैं। प्रश्नावधि में 1. श्री बी.एम. शर्मा 2. श्री कविन्द्र कियावत 3. श्री संकेत भोडवे 4. श्री मनीष सिंह पदस्थ रहे हैं। गरीब वर्ग हेतु आरक्षित भूमि को पात्र हितग्राहियों को विक्रय की रजिस्ट्री प्रस्तुत करने के पश्चात ही किसी भी कॉलोनी के बंधक भू-खण्डों को मुक्त करने की कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत की ऑन-लाइन ई.टी.पी.
[खनिज साधन]
90. ( क्र. 1444 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक खनि कर्म एवं भौमिकी, खनिज भवन अरेरा हिल्स भोपाल के कार्यालय में, इन्दौर संभाग की किस रेत की अनुबंधकर्ता द्वारा संचालित रेत खदान, किस ग्राम पंचायत द्वारा संचालित रेत खदान एवं किस भंडारणकर्ता के भंडार से ई.टी.पी. प्रश्नांकित दिनांक तक जारी किए जाने की जानकारी उपलब्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत पंचायतों को कितनी रेत खदानों का आवंटन किया, पंचायतों के लिए इसके अलावा कितनी रेत खदानों का चिन्हांकन मार्च 2019 के पूर्व किया गया? इनमें से कितनी रेत खदानों का संचालन प्रश्नांकित दिनांक तक किन कारणों से प्रारंभ नहीं हो पाया? (ग) भंडारकर्ता द्वारा भंडारित रेत की मात्रा की ई.टी.पी. जारी करने का क्या प्रावधान है? प्रश्नांश (क) अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में ई.टी.पी. जारी करने के पूर्व भंडारित रेत की रॉयल्टी जमा करवाए जाने की पुष्टि विभाग के किस-किस अधिकारी से करवाई गई? किस भंडारणकर्ता को रॉयल्टी जमा किए जाने की पुष्टि करवाए बिना ही ई.टी.पी. जारी की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश द्वारा ई-खनिज प्रोजेक्ट का विकास कर अक्टूबर 2016 से प्रदेश के समस्त जिलों में ई.टी.पी. की व्यवस्था प्रारंभ की गई थी। अत: अक्टूबर 2016 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नानुसार चाही गई जानकारी उपलब्ध है। (ख) प्रश्नानुसार पंचायतों को 78 रेत खदानों का आवंटन किया गया। उपरोक्त कार्य मार्च 2019 के पूर्व किया गया है। उपरोक्त में से 68 खदानों में वैधानिक अनुमतियां प्राप्त न होने के कारण संचालन प्रारंभ नहीं हो पाया है। (ग) पंजीकृत भंडारणकर्ता द्वारा ठेकेदारों/पंचायतों की रेत खदानों से ऑन-लाइन ई-खनिज पोर्टल के माध्यम से रॉयल्टी का भुगतान कर रेत क्रय कर स्टॉक की जा सकती है। भंडारणकर्ता द्वारा जितनी मात्रा की रॉयल्टी का भुगतान किया जाता है उतनी ही मात्रा की बुकिंग भंडारणकर्ता को अपने लॉग-इन में प्राप्त होती है, जिसके उपरांत भंडारणकर्ता द्वारा अपने क्रेता के लिये उतनी ही मात्रा की ई.टी.पी. जारी की जा सकती है। चूंकि अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किये जाने पर अनुपातिक रूप से रेत खनिज की ई.टी.पी. ऑन-लाइन जारी होती है। अत: रेत की रॉयल्टी जमा करवाए जाने की पुष्टि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। किसी भंडारणकर्ता को रॉयल्टी जमा करवाए बिना ई.टी.पी. जारी नहीं की गई।
जंगल की दर्ज जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित करना
[वन]
91. ( क्र. 1445 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 366 उत्तर दिनांक 7 नवम्बर 2006 में 1980 के पूर्व बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, जंगलात, पहाड़ चट्टान, घास मद में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन घोषित किया जाना एवं 1980 के बाद बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, पठार, चरोखर, निस्तार, बंजर, पड़त भूमि को संरक्षित वन अधिसूचित किया जाना बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल में उपलब्ध जानकारी एवं अधिसूचना के अनुसार 1980 तक किस दिनांक को संरक्षित वन की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया? किस अधिसूचना में जंगल मद की जमीनों एवं किस अधिसूचना में गैर जंगल मद की जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? (ग) 1980 के बाद राजपत्र में किस दिनांक को संरक्षित वन अधिसूचित किए जाने की अधिसूचना प्रकाशित कर किस जिले के जंगल मद एवं गैर जंगल मद में दर्ज कितनी-कितनी जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? (घ) 1980 के पूर्व एवं 1980 के बाद संरक्षित वन अधिसूचित भूमि ग्रामीणों के किन-किन सार्वजनिक प्रयोजनों, किन-किन निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमि रही है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 में अधिसूचित संरक्षित वन की अधिसूचनाओं में व्यक्ति/समुदाय के सार्वजनिक प्रयोजनों एवं निस्तारी प्रयोजनों का उल्लेख नहीं रहता है, अपितु उक्त जानकारी राजस्व अभिलेखों में संधारित रहती हैं।
रिलायंस जियो टॉवर की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1450 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में नरसिंहपुर जिले के अन्तर्गत किन-किन तह., विकासखण्डों में रिलायंस जियो कंपनी के कितने-कितने टावर कब-कब से स्थापित है? (ख) क्या कंपनी द्वारा टॉवर स्थापित करने के पूर्व अनुमति ली गई थी? (ग) क्या टॉवर स्थापित करने हेतु शासन द्वारा कोई शुल्क निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितना? (घ) शुल्क वसूली का क्या प्रावधान है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में संचालित छात्रावास
[आदिमजाति कल्याण]
93. ( क्र. 1451 ) श्री संजीव सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में नरसिंहपुर जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी छात्रावास संचालित हैं? (ख) कितने छात्रावास, शासकीय भवन एवं कितने निजी भवन किराये पर संचालित हैं? (ग) विगत तीन वित्तीय वर्ष में इन छात्रावासों के छात्र-छात्राओं के अध्ययन रख-रखाव एवं अन्य सुविधाओं हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बताएं।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पौधे एवं रूट-शूट की खरीदी
[वन]
94. ( क्र. 1466 ) श्री कमल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा हरदा जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान वृक्षारोपण हेतु पौधों एवं रूट-शूट की खरीदी की गई थी? यदि हाँ, तो खरीदी हेतु निविदा कब निकाली एवं किस-किस अखबार में निकाली गई? छायाप्रति प्रदान करें। यदि निविदा नहीं निकाली तो क्यों? (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त पौधों एवं रूट-शूट की खरीदी किस-किस दर पर किस-किस नर्सरी/कंपनी से कब-कब की गई? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) विभाग द्वारा उपरोक्त पौधों एवं रूट-शूट की खरीदी में किस-किस नर्सरी/कंपनी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? विवरण देवें। (घ) क्या उपरोक्त खरीदी में भुगतान शेष है? यदि हाँ, तो किस-किस नर्सरी/कंपनी का कितना-कितना भुगतान शेष है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग द्वारा हरदा जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान केवल पौधों की खरीदी की गई है। सागौन रूट-शूट की खरीदी नहीं की गई है। वनमंडल द्वारा निविदा न की जाकर पौधों का क्रय विभागीय क्रय समिति की अनुशंसा के आधार पर किया गया। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उपरोक्त पौधों की खरीदी में कोई भुगतान शेष नहीं है।
संचालित शासकीय स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 1469 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत कितने शासकीय हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? स्कूलवार बतायें। (ख) इन स्कूलों में कितने-कितने, किस-किस संकाय के शिक्षकों एवं प्राचार्य के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध भरे एवं रिक्त पद कितने हैं? स्कूलवार, संकायवार बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शिक्षकों की भर्ती की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन हैं? क्या भवन विहीन शालाओं के भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’एक’’ पर है। (ख) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’दो’’ पर है। (ग) जी हाँ। व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्चात रिक्त पदों पर नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। (घ) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’तीन’’ पर है। स्कूलों के भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
शिक्षण संस्थाओं को स्वैच्छिक अनुदान मद में प्राप्त राशि
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 1470 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक की अवधि में शिक्षण संस्थाओं को स्वैच्छिक अनुदान मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) उक्त अवधि में किस-किस शिक्षण संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई? शिक्षण संस्थाओं को अनुदान/राशि स्वीकृत करने हेतु कौन-कौन सी अहर्ताएं निर्धारित हैं? (ग) जिन शिक्षण संस्थाओं को राशि स्वीकृत की गई, उनमें किस-किस संस्था का स्वयं का स्कूल भवन है? किस-किस का किराये पर संचालित है तथा कौन-कौन सी कक्षा संचालित हैं एवं उनमें कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत् हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शिक्षण संस्थाओं को किसी भी तरह का स्वैच्छिक अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) एवं (ग) शेषांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 1473 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त किन-किन अशासकीय स्कूलों में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के 25 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश दिया है? वर्ष 2015-16 से 2018-19 में उक्त प्रावधान के तहत प्रवेशित बच्चों की जानकारी स्कूल का नाम एवं प्रवेशित बच्चों की जानकारी स्कूल का नाम एवं प्रवेशित बच्चों की संख्या सहित दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन स्कूलों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं का भौतिक सत्यापन कब-कब किसने किया है? किन-किन स्कूलों में प्रवेशित कितने-कितने छात्र-छात्राओं की संख्या में अंतर पाया गया है? कौन-कौन से स्कूल कब से बंद पाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में फर्जी तरीके से प्रवेश देने व फीस प्रतिपूर्ति की राशि वसूल करने के संबंध में गठित उच्च स्तरीय जाँच समिति की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन ने कब-कब, किन-किन निजी स्कूल संचालकों/प्रबंधकों, शिक्षण संस्थाओं के अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर है।
नगर निगम 2014 के चुनाव में आरक्षण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1480 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 के नगर निगम रतलाम के चुनाव के दौरान वार्ड की जनसंख्या के अवरोही क्रम में 5 वार्ड का अनु. जाति हेतु आरक्षण किया जाना था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से वार्ड का आरक्षण किया गया तथा उनकी अनु. जाति की जनसंख्या कितनी-कितनी थी? नगर निगम की वार्ड की अनु. जाति की जनसंख्या का अवरोही क्रम में सम्पूर्ण वार्ड की सूची देवें। (ख) क्या 2014 के नगर निगम, रतलाम के चुनाव में वार्ड का विभाजन 2011 की जनसंख्या के अनुपात में क्रमश: प्रत्येक वार्ड में 5406 होना था तथा भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर 15 प्रतिशत का अंतर यानी सबसे कम अथवा सबसे ज्यादा जनसंख्या में होना था? यदि हाँ, तो उक्त चुनाव में बनाये गये सारे वार्ड की जनसंख्या 5000 से 5800 के मध्य हैं? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ग) क्या उपरोक्त चुनाव के संदर्भ में आरक्षण, वार्ड की जनसंख्या का विभाजन, बूथ पर मतदाता की संख्या आदि को लेकर शहर कांग्रेस रतलाम ने संभागायुक्त उज्जैन के नाम ज्ञापन कलेक्टर (रतलाम) को 12.06.2019 को दिया? यदि हाँ, तो उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 तथा इसके अन्तर्गत बनाये गये म.प्र. नगरपालिका (अ.जा., अ.ज.जा., पि.व. एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के नियम 3 (1) अनुसार नगर निगम रतलाम के निम्न 05 वार्डों में अ.जा. की जनसंख्या सर्वाधिक संकेन्द्रित होने के कारण अवरोही क्रम में अ.जा. वर्ग हेतु आरक्षण किया गया।
वार्ड क्र. |
वार्ड का नाम |
कुल जनसंख्या |
अ.जा. की संख्या |
अ.जा. की जनसंख्या का अनुपात |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1 |
गांधी नगर वार्ड |
5708 |
1964 |
34.41 |
2 |
लक्ष्मणपुरा वार्ड |
5316 |
1445 |
27.18 |
31 |
बाबू जगजीवनराम वार्ड |
4602 |
1215 |
26.40 |
32 |
पं. मोतीलाल नेहरू वार्ड |
4625 |
1210 |
26.16 |
21 |
सिलावट वास वार्ड |
4081 |
1062 |
26.02 |
नगर निगम रतलाम के 49 वार्डों में अनु. जाति की जनसंख्या को अवरोही क्रम में दर्शाने वाला जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 10 (3) के प्रावधान अनुसार निगम क्षेत्र रतलाम के लिए वार्डों की रचना इस प्रकार की गई है कि प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या पूरे निगम क्षेत्र में यथासाध्य एक जैसी है तथा वार्ड में सम्मिलित क्षेत्र संहृत क्षेत्र है। म.प्र. नगरपालिका (वार्डों का विस्तार) नियम 1994 के नियम 3 (2) के प्रावधान अनुसार निगम क्षेत्र के लिए अवधारित वार्डों की औसत जनसंख्या के अधीन यथासाध्य-संहृत क्षेत्र मुताबिक लगभग 15 प्रतिशत आधिक्य-कम के अंतर्गत में ही है। अधिनियम तथा नियम के प्रावधान मुताबिक निगम क्षेत्र में यथासाध्य संहृत क्षेत्र के कारण नगर के वार्डों में औसत जनसंख्या 5406 के 15 प्रतिशत अधिक के मान से जनसंख्या 6217 से अधिक नहीं है तथा 09 वार्ड ऐसे हैं जिनकी औसत जनसंख्या 5406 के 15 प्रतिशत से कम अर्थात 4595 से कुछ कम है। नगर निगम क्षेत्र रतलाम के 49 वार्डों की जनसंख्या को दर्शाने वाली जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर रतलाम के पत्र क्रमांक 169/वलि./19 दिनांक 14.06.2019 के संलग्न प्रश्नांश में वर्णित ज्ञापन संभागायुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन की ओर प्रेषित किया गया है तथा ज्ञापन के संदर्भ में आयुक्त नगरपालिक निगम रतलाम के पत्र क्र.874/2019 दिनांक 27.06.2019 से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है जो कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' एवं ''4'' अनुसार है।
बिना सूचना के खनिज विभाग का पोर्टल बंद किया जाना
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 1483 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 26.04.2019 को बिना किसी पूर्व सूचना के खनिज पट्टा धारियों की आई.डी. जिसके माध्यम से टी.पी. जारी होती हैं, को अचानक बंद कर दी गई थी? क्या यह जबलपुर कटनी जिले सहित प्रदेश के सभी जिलों में बंद कर दी गई थी? यदि हाँ, तो यह बतलावें की इसे कब-किन कारणों से बंद किया गया एवं कितने समय पश्चात् पुन: किन-किन कारणों से कहाँ-कहाँ पर चालू किया गया? जिलेवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सभी जिलों के खनिज पट्टाधारी प्रदूषण विभाग की अनुमति बिना कार्य कर रहे थे? अगर नहीं तो जिनके पास अनुमति थी, उनकी टी.पी. जारी करने से क्यों रोका गया? खनिज विभाग का पोर्टल वित्त वर्ष 2019-20 में कब-कब कितने समय पर किन कारणों से बंद किया गया एवं उसे पुन: कितने-कितने समय या दिनों बाद किन-किन प्रश्नों का समाधान होने के पश्चात् पुन: चालू किया गया? सम्पूर्ण बिन्दुओं की जानकारी जिलेवार सूची सहित देवें। (ग) प्रदेश में खनिज विभाग को वित्त वर्ष 2019-20 में प्रति दिन औसतन कितना-कितना राजस्व टी.पी. एवं मिनरल बुक से प्राप्त हो रहा है? बिना किसी पूर्व सूचना के दिनांक 26.04.2019 को अचानक खनिज विभाग का पोर्टल बंद होने एवं पुन: चालू होने के मध्य प्रदेश शासन को कुल कितने राजस्व का नुकसान हुआ एवं इसका जिम्मेदार कौन था? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रदेश के खनिज पट्टाधारियों की आई.डी. में सुधार या वांछित जानकारी बिना पोर्टल बंद किये एक-एक कर अपलोड नहीं की जा सकती थी? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों नहीं किया गया? क्या शासन जानबूझकर प्रदेश में हो रहे अंधोसंरचना में एक दिन या उससे अधिक समय का व्यवधान उत्पन्न कर प्रदेश को प्राप्त होने वाले राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा श्री हिमंत सिंह शेखावत एवं अन्य विरूद्ध राजस्थान राज्य एवं अन्य के प्रकरण क्रमांक ओ.ए. 171/2013 अनुसार सभी ठेकेदारों द्वारा समस्त वैधानिक स्वीकृतियां (खनन योजना/पर्यावरण स्वीकृति/जल एवं वायु सम्मति) प्राप्त करने के उपरांत ही खदानों का संचालन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। स्वीकृत मात्रा से अधिक उत्खनन न किया जा सके, इस हेतु ई-खनिज पोर्टल पर सभी खदानों की अनुमोदित मात्रा की प्रविष्टि जिला स्तर से की जाती है, जिसके बाद सॉफ्टवेयर द्वारा स्वत: ही अनुमोदित मात्रा से ज्यादा का उत्खनन न हो सके, इसकी निगरानी की जाती है। माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) के आदेश के अनुपालन में जिन खदानों की अनुमोदित मात्रा की प्रविष्टियां ई-खनिज पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई थी, उन खदानों से दिनांक 26.04.2019 को पोर्टल द्वारा स्वत: ही बंद कर दी गई थी। यह कार्यवाही प्रदेश की सभी खदानों के लिये की गई थी। जिन-जिन खदानों की प्रविष्टि जिला स्तर से की गई वह खदानें स्वत: ही चालू हो गई। (ख) प्रदेश के सभी खनिज पट्टेदारों द्वारा वैधानिक स्वीकृतियां (खनन योजना/पर्यावरण स्वीकृति/जल एवं वायु सम्मति) प्राप्त कर एवं अनुमोदित मात्रा का ही उत्खनन किया जावे, इसी उद्देश्य से सभी खदानों की जानकारी की प्रविष्टि ई-खनिज पोर्टल पर कराये जाने की कार्यवाही की गई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में ई-खनिज पोर्टल, विभाग द्वारा कभी भी बंद नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खनिज निकासी की मात्रा एवं इस हेतु जारी किये जाने वाले अभिवहन पास की संख्या निश्चित नहीं होने से प्रतिदिन राजस्व प्राप्ति का आंकलन संभव नहीं है। विभाग द्वारा ऐसी जानकारी संधारित नहीं की जाती है। मिनरल बुक संबंधी प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। प्रश्नांश दिनांक को विभाग के पोर्टल बंद होने जैसी स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग द्वारा ई-खनिज पोर्टल को कभी बंद नहीं किया गया है। खनिज पट्टाधारियों के आई.डी. में एक-एक कर प्रविष्टि करने में बहुत अधिक समय लग जाता है, बिना प्रविष्टि के यदि खदान संचालित रहती हैं तो ठेकेदारों द्वारा भूलवश अनुमोदित मात्रा से ज्यादा का उत्पादन करने पर माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) के आदेश का उल्लंघन न हो जाये। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग की न्यू पेंशन स्कीम
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 1484 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में अध्यापक संवर्ग (वर्तमान राज्य शिक्षा संवर्ग सहित) के कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? इनमें से कितने अध्यापकों की N.P.S. (न्यू पेंशन स्कीम) का अंशदान काटा जा रहा है? कितनों का किन कारणों से नहीं काटा जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित न्यू पेंशन स्कीम योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत माह अप्रैल 2018 से अप्रैल 2019 तक कटनी जिला अन्तर्गत कुल कितने अध्यापक एन.पी.एस. के दायरे में आते हैं? क्या इन सभी अध्यापकों का अंशदान उनके खातों में नियमित जमा हो रहा है? यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं? (ग) कटनी जिले में अध्यापक संवर्ग के कुल कितने अध्यापक हैं, जिनके प्रान खातों में राशि गुमशुदा है? क्या उल्लेखित गुमशुदा राशि अध्यापकों के प्रान खातों में जमा कराये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक गुमशुदा राशि अध्यापकों के प्रान खातों में जमा होगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने अध्यापकों का गुमशुदा अंशदान जमा कराया गया है एवं कितने कौन-कौन से अध्यापकों को गुमशुदा अंशदान एवं शासन का अंशदान जमा कराया जाना शेष है एवं इसे किस प्रकार से कब तक जमा करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 4437 अध्यापक संवर्ग के व्यक्ति कार्यरत हैं। 4414 का अंशदान काटा जा रहा है। 23 अध्यापकों को प्रान नम्बर आवंटित न होने से अंशदान कटौती नहीं हो रही है। (ख) योजना निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में 4437 अध्यापक इस योजना अंतर्गत आते हैं। 23 अध्यापकों का अंशदान, प्रान नम्बर आवंटित न होने के कारण जमा नहीं हो रहा हैं। (ग) 3598 अध्यापकों के प्रान खातों में अशंदान की राशि गुमशुदा है। जी हाँ। परीक्षणोपरांत नियमित अशंदान जमा करने की भांति गुमशुदा राशि भी जमा कराने की कार्यवाही की जायेगी। यह सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 12 अध्यापकों का जमा कराया गया है। 3598 अध्यापकों का शेष है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। परीक्षणोपरांत यथाशीघ्र जमा कराया जायेगा।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 1487 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्कूलों का उन्नयन किया गया? (1) प्राथमिक के माध्यमिक (2) माध्यमिक से हाई स्कूल (3) हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलवार, वर्षवार एवं ग्रामों के नामवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। क्या जिला प्रशासन से शासन को इन स्कूलों के उन्नयन हेतु प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) शासन की गाइड-लाइन अनुसार जिन शालाओं के उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन के पास पूर्व से लंबित हैं, उन प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? सहायक आयुक्त, अनूपपुर के पत्र क्रमांक 2174 दिनांक 24.04.2014 के तहत् आयुक्त आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश को उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव के अनुसार किन-किन का उन्नयन किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त प्रस्तावों को अतिशीघ्र उन्नयन हेतु स्वीकृति प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी शासकीय प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं किया गया है। माध्यमिक से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्ष 2019-20 में प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शालाओं के मापदण्ड कि स्थिति प्रतिवर्ष परिवर्तनशील होने से शालाओं के प्रस्ताव प्रतिवर्ष जिलों से मंगवाए जाते हैं। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्थर उत्खनन
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 1488 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग की कितनी स्टोन क्रेशर हेतु पत्थर उत्खनन करने की खदानें अनुज्ञा प्राप्त कर संचालित हैं? किस दर से खदानें उत्खनन हेतु आवंटित की गई हैं? लीज स्वीकृति आदेश की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्टोन क्रेशर हेतु पत्थर उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों के नाम व पता सहित खनिज उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों से विभाग को प्राप्त रॉयल्टी की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में कितनी खदानें चालू हैं तथा कितनी बंद हैं? जो खदानें बंद हैं उनके बंद होने के क्या कारण हैं? क्या स्वीकृत खदान के अलावा भी कहीं पर क्रेशर खनन होना पाया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ पाया गया और विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 42 स्टोन क्रेशर उत्खनिपट्टा प्राप्त कर संचालित है, खदानें किसी दर से आवंटित किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। लीज स्वीकृति आदेश की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार वर्तमान में चालू खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है एवं बंद खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। उक्त स्वीकृत खदानों के अलावा भी अन्य स्थलों पर क्रेशर के लिये उत्खनन पाये जाने पर विभाग द्वारा अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।
विधानसभा क्षेत्र चन्दला अंतर्गत गौ-शालाओं को खोलना
[पशुपालन]
103. ( क्र. 1491 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन पत्र में लेख किया है कि हर ग्राम पंचायत में एक गौ-शाला खोली जावेगी? (ख) यदि हां तो चन्दला विधानसभा में प्रत्येक पंचायत में कब तक गौ-शालायें खोली जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ग) क्या जिस ग्राम पंचायत में चरनोई की भूमि नहीं है तो वहां जमीन खरीद कर गौ-शालायें खोली जावेगी? (घ) यदि हां, तो कितनी भूमि में गौ-शाला निर्माण किया जावेगा एवं एक गौ-शाला में कितनी गायों को रखा जावेगा तथा गायों के खाने एवं रख-रखाव की व्यवस्था कहां से की जावेगी।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा कोई वचन पत्र जारी नहीं किया गया है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवासों के लिये आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1507 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर की 39 बस्तियों के 3442 कच्चे मकानों के अनुदान की स्वीकृति प्राधनमंत्री आवास योजना (बी.एल.सी. घटक) के तहत केन्द्र सरकार की बैठक अनुसार दिनांक 26 अक्टूबर 2018 को प्राप्त हो चुकी है। क्या इसकी राशि केन्द्र से प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कब प्राप्त हुई है? (ख) नगर निगम रतलाम को कितनी राशि आवंटित हुई है? (ग) अब तक कुल कितने हितग्राहियों को राशि प्रदान की गई तथा योजना कब पूर्ण होगी? (घ) पूर्व में तीन बस्तियों के 1483 मकानों कि हितग्राहियों को अभी तक कितनी-कितनी किश्तें जारी हो चुकी हैं? उन्हें पूर्ण कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। 3442 हितग्राहियों की योजना की स्वीकृत सी.एस.एम.सी. की बैठक दिनांक 24 सितम्बर 2018 में प्राप्त हुई है। 3331 हितग्राहियों की प्रथम किश्त केंद्रांश राशि दिनांक 15.03.2019 को प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के तृतीय डी.पी.आर में जिओ टेगिंग का कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण न होने के कारण नगरपालिक निगम रतलाम को राशि आवंटित नहीं की गई है। (ग) अभी तक प्रथम डी.पी.आर के 1351 हितग्राहियों की प्रथम द्वितीय एवं तृतीय किश्त की कुल राशि रू 3377.5 लाख तथा द्वितीय डी.पी.आर के 120 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि रू 120 लाख प्रदान की गई है। योजनांतर्गत आवास का निर्माण एक वर्ष में पूर्ण किये जाने का प्रावधान है अपितु निर्माण स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे निश्चित अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रथम डी.पी.आर 1483 हितग्राही में से 132 समर्पण उपरांत शेष 1351 आवासों की राशि रू. 2.50 लाख प्रति हितग्राही के मान से संपूर्ण राशि (तीनों किश्त) निकायों को आवंटित की गई है। उत्तरांश (ग) अनुसार निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है अपितु यथाशीघ्र निर्माण पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों की किश्त राशि जारी करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1509 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 1965 स्वीकृत हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को स्वीकृत राशि पूर्ण प्रदान कर दी गई है? कितने हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी कर दी गई है? कितनों को द्वितीय किश्त/कितनों को तृतीय किश्त जारी कर दी गई है? (ख) उपरोक्त हितग्राहियों को किस दिनांक को यह राशि जारी की गई थी? किस दिनांक के बाद हितग्राहियों को राशि जारी नहीं की गई है? (ग) क्या शासन स्तर से नगरपालिका परिषद् मकरोनिया को राशि जारी करने हेतु डी.पी.आर./डिमांड राशि शासन स्तर पर लंबित है? राशि सहित बतावें। (घ) क्या आधे अधूरे निर्मित आवासों के हितग्राहियों को शासन द्वारा आवास की द्वितीय एवं तृतीय किश्त कब तक जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) योजनान्तर्गत 1965 हितग्राही नहीं अपितु दिनांक 30.10.2017 को प्रथम डी.पी.आर. 53 हितग्राहियों तथा दिनांक 27.12.2017 को द्वितीय डी.पी.आर. 2469 हितग्राहियों की स्वीकृत की गई है। नगरपालिका परिषद्, मकरोनिया द्वारा प्रथम किश्त 1865 हितग्राहियों को, द्वितीय किश्त 402 हितग्राहियों को तथा तृतीय किश्त 60 हितग्राहियों को वितरित की गई है। (ख) उपरोक्त हितग्राहियों को संलग्न परिशिष्ट अनुसार दिनांकों में उपलब्ध कराई गई है। दिनांक 27.04.2019 के बाद हितग्राहियों को राशि जारी नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। प्रथम किश्त के अनुसार लिंटल स्तर की भौतिक प्रगति 70 प्रतिश्त से अधिक की जियो टैगिंग दिनांक 01.07.2019 का पूर्ण होने के उपरांत राशि रू. 1912 लाख जारी की गई है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन हेतु जारी मार्गदर्शित सिद्धान्त अनुसार आगामी किश्त निर्माणाधीन आवासों को नियत स्तर पर निर्माण करने के बाद ही क्रमश: दूसरी व तीसरी किश्त जारी की जाती है। दिनांक 01.07.2019 को नियत स्तर की जियो टैगिंग होने के कारण राशि रू. 1912 लाख जारी की गई है।
स्कूल शिक्षा में नामांकन पर भ्रष्टाचार
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 1512 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय शालाओं में कक्षा 01 से 08 तक वर्ष 2010-11 के 105.29 लाख नामंकन से वर्ष 2016-17 में संख्या घटकर मात्र 71.86 लाख यानी मात्र 6 साल में 33 लाख नामंकन कैसे कम हो गये? वर्ष 2010-11 तथा 2016-17 में बजट कितना था तथा कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 2016-17 में कुल कितने प्रवेश हुये? (ख) क्या वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक प्रदेश की आबादी 7 करोड़ से बढ़कर 08 करोड़ हुई माने 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई? कम जनसंख्या में वृद्धि दर के अनुसार शासकीय शालाओं में कक्षा 01 से 08 तक का नामांकन 105.29 लाख से 15 प्रतिशत बढ़कर 2016-17 में 122 लाख होना चाहिए, इसकी जगह मात्र 72 लाख होना माने 50 लाख की कमी होने का कारण बतावें। (ग) क्या 2018-19 में 2010-11 के मान से जनसंख्या वृद्धि के मान से 130 लाख होना चाहिए? यदि नहीं तो 2010-11 के संख्या तथा जनसंख्या वृद्धि से गणना करें तो कितना होना चाहिए तथा वास्तविक नामांकन 2018-19 में कितना है? यह 130 लाख से कितना कम है? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था खराब होने से संख्या में कमी की जाँच करवायेगा? यदि नहीं तो क्यों है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय शालाओं में कक्षा 1 से 8 तक नामांकन में कमी का मुख्य कारण 2011 की जनगणना अनुसार 0 से 6 आयु समूह के बच्चों की संख्या में कमी होना, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (सी) के अंतर्गत निजी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश तथा चाइल्ड ट्रेकिंग के द्वारा डेटा शुद्धिकरण है। स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत राज्य शिक्षा केन्द्र बी.सी.ओ. कोड 2004 में वर्ष 2010-11 का बजट राशि रू. 1469.2575 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 का बजट राशि रू. 4650.0548 करोड़ था जिसमें 216.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सत्र 2016-17 में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत कुल 111506 विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है। (ख) 2010-11 से 2016-17 में प्रोजेक्टेड लक्ष्य समूह 128.04 लाख के विरूद्ध शासकीय विद्यालयों में 74.30 लाख एवं अशासकीय विद्यालयों में 49.23 लाख बच्चे नामांकित थे। यह अनुमानित लक्ष्य से 4.41 लाख कम है। विद्यार्थियों की संख्या में कमी होने के कारण उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) 2010-11 के मान से 2018-19 में लक्ष्य समूह की प्रोजेक्टेड संख्या 122.20 लाख है। सत्र 2018-19 वास्तविक नामांकन 118.22 लाख है जो 122.20 लाख से 3.98 लाख कम है। (घ) शिक्षा पोर्टल के माध्यम से शालावार, ग्रामवार, जिलेवार नामांकन की समीक्षा के निर्देश जारी किये गये हैं। प्रतिवर्ष स्कूल चले हम अभियान का आयोजन कर समुदाय के माध्यम से बच्चों को शाला में नामांकन करने के लिये प्रेरित किया जाता है। शिक्षा पोर्टल के माध्यम से आयु समूह के लक्ष्य अनुसार ट्रेकिंग की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर-भोपाल बी.आर.टी.एस. यात्री की जानकारी एवं खर्च
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1513 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी, भोपाल-इन्दौर, जबलपुर एवं उज्जैन की आर्गनाइज्ड सिटी बस सेवा हेतु गठित कंपनी/सोसायटी/संस्था इन्दौर में संचालित AICTSL (चार्टर्ड बस) में शासन की ओर से प्रतिनियुक्ति से आये शासकीय कर्मचारियों को छोड़कर शेष नियुक्त किये गये अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति दिनांक, पद तथा कुल मासिक वेतन सहित सूची देवें। (ख) इन्दौर-भोपाल मेट्रो डी.पी.आर. की प्रति देवें। इस हेतु किस फर्म को कितना भुगतान किया गया था या किया जाना है? प्रथम चरण में लगने वाली 80 प्रतिशत राशि (60 प्रतिशत मेट्रो रेल कंपनी तथा 20 प्रतिशत राज्यांश) की मल्टी नेचरल बायनेटरक एंजेसी की संपूर्ण जानकारी दें। (ग) इन्दौर-भोपाल मेट्रो के प्रथम चरण क्या वर्तमान बी.आर.टी.एस. के समानांतर बनेंगे? क्या बी.आर.टी.एस. की उपयोगिता कम होकर वह लाभप्रद नहीं होगा? बी.आर.टी.एस. पर लगाये गये 1200 करोड़ के राष्ट्रीय धन की हानि का कौन जिम्मेदार होगा? (घ) बी.आर.टी.एस. इन्दौर-भोपाल के औसत प्रतिदिन यात्री, औसत प्रतिदिन किराये से प्राप्त राशि प्रतिदिन के यात्रियों की संख्या सहित जानकारी दें। डी.पी.आर. के अनुसार यात्री की संख्या कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है। यह वर्तमान में लाभ में है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. मेट्रो रेल कॉ. लिमिटेड से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्य प्रदेश में आर्गनाइज्ड सिटी बस सेवा हेतु गठित कंपनी/सोसायटी/संस्था इन्दौर में संचालित AICTSL (चार्टर्ड बस), भोपाल, जबलपुर एवं उज्जैन में शासन की ओर से प्रतिनियुक्ति से आये शासकीय कर्मचारियों को छोड़कर शेष नियुक्त किये गये अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति दिनांक, पद तथा कुल मासिक वेतन सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) इन्दौर, भोपाल मेट्रो डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं शेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'', ''द'', ''इ'' तथा ''ए'' अनुसार है। (ग) अटल इन्दौर सिटी ट्रासपोर्ट सविर्सेस लिमिटेड (ए.आई.सी.टी.एस.एल) इन्दौर-इन्दौर मेट्रो परियोजना बी.आर.टी.एस. के समानांतर नहीं है। वर्तमान संचालित बी.आर.टी.एस. मार्ग भविष्य में मेट्रो सेवा के लिए फीडर कनेक्टिविटी के रूप में यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.) भोपाल-इन्दौर-भोपाल मेट्रो परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में मार्ग क्रं.-2 (करोंद से एम्स) में भोपाल बी.आर.टी.एस. भाग बोर्ड ऑफिस चौराहा से हबीबगंज नाका तक मात्र 1.9 किलोमीटर मार्ग समानांतर है, जो कि भविष्य में मेट्रो सेवा के लिए फीडर कनेक्टिविटी के रूप में यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा। अतः उक्त मार्ग भाग से बी.आर.टी.एस. की उपयोगिता कम नहीं होती है। मेट्रो तथा बी.आर.टी.एस. एक दूसरे की सहायक होगी। हानि होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सविर्सेस लिमिटेड (ए.आई.सी.टी.एस.एल.) इन्दौर - डी.पी.आर. में बी.आर.टी.एस. इन्दौर के औसत प्रतिदिन यात्री, औसत प्रतिदिन किराये से प्राप्त राशि प्रतिदिन के यात्रियों की संख्या समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''उ'' अनुसार है। वर्ष-2006 में तैयार कि गई प्रारंभिक डी.पी.आर. में यात्रियों कि संख्या उल्लेखित नहीं है। डी.पी.आर. में यात्रियों की संख्या का उल्लेख न होने के कारण डी.पी.आर. के अनुसार यात्रियों की संख्या कितने प्रतिशत कम है या ज्यादा के संबंध में जानकारी निरंक है। बी.आर.टी.एस. बस को बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर पर विज्ञापन से अर्जित आय के माध्यम से Cross Subsidies किया जा रहा है। इस प्रकार बी.आर.टी.एस. वर्तमान में बिना किसी नुकसान से संचालित हो रहा है। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.) भोपाल-बी.आर.टी.एस. भोपाल के औसत प्रतिदिन यात्री, औसत प्रतिदिन किराये से प्राप्त राशि, प्रतिदिन के यात्रियों की संख्या समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''उ'' अनुसार है। वर्ष 2006 में तैयार की गई प्रारंभिक डी.पी.आर. में यात्रियों की संख्या उल्लेखित नहीं है। डी.पी.आर. में यात्रियों की संख्या का उल्लेख न होने के कारण डी.पी.आर. के अनुसार यात्रियों की संख्या कितने प्रतिशत कम है या ज्यादा के संबंध में जानकारी निरंक है। बी.आर.टी.एस. बस संचालन को बस स्टॉप तथा बसों पर विज्ञापन से अर्जित आय के माध्यम से Cross Subsidies किया जा रहा है। इस प्रकार बी.आर.टी.एस. वर्तमान में बिना किसी नुकसान से संचालित हो रहा है।
स्मार्ट सिटी योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1528 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत ग्वालियर जिले की कार्ययोजना बनाने हेतु पात्र समिति गठन का आदेश सहित कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। यदि कार्ययोजना में संशोधन हुए हैं तो संशोधित करने हेतु समिति का कार्यवाही विवरण एवं संशोधित कार्ययोजना उपलब्ध करावें। (ख) स्मार्ट सिटी योजना हेतु वित्तीय प्रावधान प्राप्त आवंटन एवं उपयोग समयावधि संबंधी शासन निर्देश की प्रति तथा ग्वालियर जिले को प्राप्त आवंटन एवं कार्यवार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी योजना हेतु शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यों के क्रियान्वयन के लिए कौन दोषी है? नाम बतावें। क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। (घ) स्मार्ट सिटी योजना में कौन-कौन से कार्य प्राथमिकता में लिये गये हैं? उनकी अद्यतन स्थिति बतावें। (ड.) क्या ग्वालियर-14 विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बीरपुर, रमौआ, जडेरूआ बांध स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत सम्मिलित है? क्या उन्हें पर्यटन की दृष्टी से शामिल किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत ग्वालियर जिले की कार्य योजना बनाने हेतु पात्र समिति गठन के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्य योजना में आंशिक संशोधन किये जाने हेतु केन्द्र शासन द्वारा एडवाइजरी नंबर 13, दिनांक 08.09.2018 जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार उक्त जारी एडवाइजरी के अनुक्रम में किये गये आंशिक संशोधन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी योजना हेतु वित्तीय प्रावधान/प्राप्त आवंटन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार एवं ग्वालियर जिले को प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कार्यवार व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) परियोजना क्रियान्वयन हेतु निर्धारित समय-सीमा 05 वर्ष है। शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है। समय-सीमा में क्रियान्वयन होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) परियोजनान्तर्गत चयनित पार्कों का पुनर्विकास, चयनित विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना, चयनित शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, बस संचालन इत्यादि कार्य प्राथमिकता के आधार पर लिये गये हैं। उनका कार्य पूर्ण हो गया हैं। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनी निर्माण के मापदण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1529 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिल्डरों/संस्थानों द्वारा नगर निगम की कॉलोनी बनाये जाने हेतु स्वीकृति के क्या-क्या मापदण्ड हैं? (ख) नगर निगम ग्वालियर में 2014-15 एवं 2018-19 की अवधि में कितने बिल्डरों द्वारा कॉलोनी की अनुमति हेतु आवेदन किया गया? कब-कब कितने बिल्डरों/संस्थानों की अनुमति दी गई? संस्थान/बिल्डर का नाम एवं रकबा, क्षेत्रफल सहित पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) फोरम फोर कॉलोनियों में शासन द्वारा निर्धारित कार्य कॉलोनाईजर द्वारा पूर्ण कराये गये? क्या नगर निगम को निर्धारत सुपरविजन चार्ज उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो फोरम फोर कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा कराये गये विकास कार्य की लागत एवं सुपरविजन चार्ज राशि की कॉलोनी एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) फोरम फोर कॉलोनियों में निर्धारित समय-सीमा में आवश्यक विकास कार्य नहीं कराने के कारण कितनी कॉलोनियों को अवैध घोषित किया गया? अवैध घोषित करने के कारण एवं दिनांक सक्षम प्राधिकारी के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार। (ख) कुल 16 आवेदन प्राप्त हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) फोरम फोर कॉलोनी का तात्पर्य स्पष्ट नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
केन्द्र
सरकार के
निर्देश पर
कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
1. ( क्र. 21 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों को विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने हेतु निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो कब? (ख) निर्देशों की जानकारी देते हुए बतावें कि इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (ग) किस-किस कक्षा के विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कितने किलोग्राम नियत किया गया है? (घ) यदि नहीं तो कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 05 अक्टूबर 2018 द्वारा। (ख) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। विभागीय आदेश दिनांक 03-07-2019 द्वारा सर्व संबंधितों को निर्देश प्रसारित किए जा चुके है। (ग) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वत्वों का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
2. ( क्र. 22 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी, होशंगाबाद द्वारा अपने पत्र क्रमांक 6576/मुलि/2015 होशंगाबाद दिनांक 27.11.2015 द्वारा श्री प्रकाश नारायण दुबे सेवानिवृत्त सहा.जिला निरीक्षक को क्रमोन्नति/ वरिष्ठ वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से मार्गदर्शन चाहा गया था। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संबंध में तत्कालीन अध्यक्ष, म.प्र.विधान सभा के निज सचिव द्वारा भी आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल को पत्र 269 दिनांक 07.03.2018 से लिखा गया था। (ग) जानकारी दें कि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर संचालनालय द्वारा लिखित में कोई निर्देश नहीं दिए गए अपितु संबंधित कक्ष के प्रभारी अधिकारी द्वारा दूरभाष पर प्रदत्त निर्देश के क्रम में जिला शिक्षा अधिकारी होशंगाबाद के पत्र दिनांक 17.06.2016 एवं प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित पत्र पर संचालनालय के पत्र दिनांक 26.06.2019 द्वारा कार्यवाही की गई है।
नि:शक्त छात्र-छात्राओं एवं व्यक्तियों को शासन की सुविधायें देना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( क्र. 91 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 40 प्रतिशत से कम नि:शक्त छात्र-छात्रायें एवं व्यक्ति शासन की सुविधाओं से वंचित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसे बच्चों/व्यक्तियों को उचित सुविधायें देने हेतु नियमों में संशोधन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) दिव्यांगजन को शासन की विभिन्न योजनाओं की सुविधाओं के लिये दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा -2 (आर) के तहत न्यूनतम 40 प्रतिशत (बेंचमार्क) दिव्यांगता का होना अनिवार्य है। (ग) जी नहीं।
निजी स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं की कमी
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 92 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत निजी क्षेत्र के स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं यथा पंखे, पेयजल, खेल मैदान, लाईब्रेरी आदि का अभाव है? (ख) यदि हाँ, तो स्कूल प्रशासन कब तक सुविधायें उपलब्ध करायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि नहीं तो क्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निजी क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किया है? (घ) यदि हाँ, तो शैक्षणिक सत्र 2017-18 एवं 2018-19 में किस अधिकारी ने निरीक्षण किया है? स्कूलों के नाम निरीक्षण दिनांक बताएं तथा क्या-क्या कमियां पाई गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) निजी विद्यालयों के नियंत्रण एवं संचालन में शासन का सीधा हस्तक्षेप नहीं है। निजी क्षेत्र के स्कूलों का संचालन केन्द्रीय या मध्यप्रदेश फर्म एवं सोसायटी अधिनियम अथवा केन्द्रीय या मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियम के अधीन राजिस्ट्रीकृत सोसायटी/ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एफिलिएशन बॉयलाज द्वारा भवन, पेयजल, खेल के मैदान इत्यादि व्यवस्थाओं के लिए निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने पर निजी विद्यालयों के संचालन हेतु मान्यता प्रदान की जाती है, जिसका निश्चित समयावधि के पश्चात नवीनीकरण किया जाता है। (ख) उत्तारांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) कक्षा 1 से 8 तक तथा कक्षा 9 से 12 तक की संस्थाओं के निरीक्षण संबधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है।
हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों हेतु भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र.
131 ) श्री
बीरेन्द्र
रघुवंशी : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
प्रश्न दिनांक
की स्थिति में
कुल कितने
शासकीय हाई स्कूल
तथा हायर
सेकेण्डरी
स्कूल
स्वीकृत होकर
संचालित हैं? पृथक-पृथक
सूची उपलब्ध
करावें? (ख) उक्त
हाईस्कूल तथा
हायर
सेकेण्डरी
स्कूलों में
से कौन-कौन से
स्कूल भवन
विहीन हैं? भवन
विहीन स्कूल
वर्तमान में
किन भवनों में
संचालित हो
रहे हैं? ऐसे
स्कूलों में
कितने
विद्यार्थी
अध्ययनरत हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार भवन
विहीन
स्कूलों हेतु भवन
निर्माण की
स्वीकृति कब
तक कर दी
जावेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन
31
शासकीय हाईस्कूल
तथा 14
हायर सेकेन्डरी
स्कूल
संचालित है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''एक'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''दो'' अनुसार
है।
(ग) नवीन
भवन निर्माण
बजट की उपलब्धता
पर निर्भर
करता है, अत: निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 176 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर में विगत 5 वर्षों में विभागीय मंत्री विकास निधि से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि, के किये गये कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) हटा नगर में नगर पालिका परिषद द्वारा हरिशंकर के मकान से खकरी व मुख्य मार्ग से कलुआ मार्ग तक के सी.सी. रोड की क्या स्थिति है? उक्त मार्ग कब तक बनकर तैयार हो जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विभागीय मंत्री विकास निधि का कोई प्रावधान नहीं है। अत: हटा नगर में विगत 05 वर्षों में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) हटा नगर में हरिशंकर के मकान से खकरी तक सी़.सी. रोड निकाय द्वारा विशेष निधि में प्राप्त राशि रू.10.59 लाख से दिनांक 09/03/2017 को स्वीकृत किया गया। कार्य हेतु द्वितीय निविदा दिनांक 04/06/2019 को ऑनलाईन जारी कर 09/07/2019 तक दरें आमंत्रित की गई है। निविदाएं प्राप्त होने पर प्रावधान अनुसार रोड निर्माण के संबंध में आगे कार्यवाही की जा सकेगी। मुख्य मार्ग से कलुआ मार्ग तक सी.सी.रोड का कार्य दिनांक 13/11/2017 को पूर्ण हो चुका है।
नामांतरण की प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 191 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में नगरीय निकाय एवं नगर निगम के अंतर्गत भवन व नामांतरण की प्रक्रिया ऑनलाईन कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या ऑनलाईन में उन्हीं भवनों की स्वीकृति दी जा रही है जिनकी चौड़ाई 10 फिट से अधिक है यदि हाँ, तो 10 फिट या उससे कम चौड़ाई वाले भवनों के निर्माण हेतु शासन द्वारा क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए है? (ग) क्या ऑनलाईन में भवनों की दी जाने वाली स्वीकृति में आमजन के हित में नियमों में शिथिलता देने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, नामांतरण प्रक्रिया दिनांक 01 अप्रैल 2017 से ई-नगर पालिका के माध्यम से ऑनलाईन कर दी गई है। (ख) जी हाँ, म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 53 एवं परिशिष्ट ''त्र'' अनुसार न्यूनतम भूखण्ड की चौड़ाई 4.5 मीटर (10 फीट से ज्यादा) से कम एवं कमजोर वर्ग/अल्प आय समूह के लिए न्यूनतम भूखण्ड की चौड़ाई 3.6 मीटर (10 फीट से ज्यादा) निर्धारित है। (ग) आमजन के हित में संशोधन व सरलीकरण निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खाचरौद नगर पालिका का राजस्व रिकार्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 192 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाचरौद नगर पालिका अंतर्गत रामातलाई वार्ड क्र. 11 नगर पालिका सीमा अंतर्गत आता है? यदि हाँ, तो क्या रामातलाई वार्ड क्र. 11 की बस्ती राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या रामातलाई वार्ड 11 की बस्ती राजस्व रिकार्ड में दर्ज किये बिना ही नगर पालिका खाचरौद द्वारा नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त बस्तीवासियों को मकानों के आवासीय पट्टे कब तक प्रदान कर दिए जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। रामातलाई वार्ड क्रमांक 11 बस्ती नगर पालिका खाचरौद के राजस्व अभिलेख में नहीं है क्योंकि रहवासियों के पास स्वामित्व का दस्तावेज नहीं है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि सर्व प्रथम क्षेत्र को नगर पालिका सीमा में शामिल किया जाता है फिर स्वामित्व के दस्तावेजों के आधार पर नगर पालिका राजस्व अभिलेख बनाए जाते है। पट्टा वितरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाना
[आदिमजाति कल्याण]
9. ( क्र. 212 ) श्री जसमंत जाटव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी एवं विधान सभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण योजना के तहत वर्ष 2015 से किन ग्राम पंचायतों में कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य किस की अनुशंसा से एवं किस सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार विधानसभा क्षेत्रवार कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा जिला कार्यालय द्वारा कितना-कितना जारी किया गया है? जारी किये गये आवंटन में से कितनी राशि का उपयोग कर लिया गया है। (ग) उक्त कार्यों में से कितने पूर्ण हो चुके हैं कितने किन कारणों से अपूर्ण हैं? पूर्ण कार्यों में किस सक्षम अधिकारी द्वारा उपयोगिता/पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है तथा कितने ऐसे कार्य हैं जिनका प्रश्न दिनांक तक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है? सूची उपलब्ध करावे। (घ) निर्माण कार्य किस एजेंसी एवं अधिकारी, कर्मचारी की लापरवाही के कारण अपूर्ण रहे हैं? कारण सहित एवं वर्षवार सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जिला शिवपुरी अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2015 से ग्राम पंचायतो में अनुशंसित एवं एकीकृत आदिवासी विकास लघु परियोजना माडा पाकेट शिवपुरी, पोहरी एवं लघु अंचल कोटला में स्वीकृत कार्यों की जानकारी एवं विधानसभा क्षेत्र करैरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। एकीकृत आदिवासी विकास लघु परियोजना माडा पाकेट शिवपुरी, पोहरी एवं लघु अंचल कोटला में करैरा विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्रवार राशि का आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। जिले को वर्ष 2015 से आवंटित एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है।
डामर, गिट्टी, क्रेशर, प्लान्टों का क्रियान्वयन
[खनिज साधन]
10. ( क्र.
213 ) श्री
जसमंत जाटव : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शिवपुरी
जिले के करैरा
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
कितने डामर
गिटटी/क्रेशर
के प्लान्ट
विधिवत स्वीकृत
होकर कार्य कर
रहे हैं? सूची उपलब्ध
कराई जावे। (ख) आबादी
क्षेत्र से
कितनी दूरी पर
उक्त प्लान्ट
की स्वीकृति
का प्रावधान
शासन स्तर से
किया गया है
तथा ऐसे कितने
प्लांट हैं
जो
नियमानुसार
स्वीकृत
नहीं हुये हैं
अवैध तरीके से
स्वीकृत
किये गये हैं? (ग) क्या
नया अमोला
करैरा में स्थापित
डामर गिट्टी
प्लांट माध्यमिक
विद्यालय
अमोला जिसमें
बच्चे अध्ययनरत
हैं तथा 100 मीटर की
दूरी पर हरिजन
एवं आदिवासी
बस्ती स्थित
है, वहां
प्लांट स्वीकृत
होकर कार्य कर
रहा है? (घ) क्या
अभी कुछ समय
पूर्ण इसी प्लांट
के नजदीक बस्ती
के दो जाटव
परिवार के व्यक्तियों, एक
बंशकार
परिवार के व्यक्ति
तथा तीन
आदिवासी
परिवार के व्यक्तियों
की धूल एवं
धूएं से
संक्रमित
होकर मृत्यु
हो चुकी है और
आऐ दिन लोग
बीमारी का
शिकार हो रहे
हैं। (ड.)
प्रश्नांश (घ) अनुसार
क्या उक्त प्लांट
विभाग द्वारा
बंद कराया
जावेगा? नहीं तो क्यों? जिन व्यक्तियों
की प्लांट से
उड़ने वाले
धूल एवं धुएं
से संक्रमित
होकर मृत्यु
हुई है, उनका कौन
अधिकारी
जवाबदार है?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री प्रदीप
अमृतलाल जायसवाल
) : (क) विभाग
द्वारा प्रश्नांश
में उल्लेखित
डामर गिट्टी
प्लान्ट स्थापित
करने हेतु स्वीकृत
नहीं किये
जाते हैं। अत:
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के प्रकाश में
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के प्रकाश में
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) प्रश्नानुसार
शिवपुरी जिले
में नया अमोला
करैरा में स्थापित
डामर गिट्टी
प्लांट के
नजदीक धूल एवं
धूएं से
संक्रमित
होकर मृत्यु
होने एवं
बीमारी के
शिकार होने के
संबंध में
पुलिस
अधीक्षक, शिवपुरी
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार थाना
अमोला में इस
संबंध में कोई
सूचना/रिपोर्ट
नहीं की गई
है। (ड.) जी
नहीं।
प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में
दिये उत्तर
के प्रकाश में
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
पाईप लाइन कार्य में हुये परिसम्पत्ति के नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 247 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहरी क्षेत्र में नलजल योजनान्तर्गत नवीन स्वीकृत या पाईप लाइन विस्तार का कार्य स्वीकृति उपरांत नगरीय निकायों द्वारा कराया जाता हैं? (ख) क्या नवीन पाईप लाइन डालने व विस्तार करने में शहरी क्षेत्र में आवश्यकता पड़ने पर निर्मित परिसम्पत्तियों (पक्की नाली व सड़क आदि) को तोड़कर पाईप डाले जाते हैं यदि हाँ, तो होशंगाबाद जिला अन्तर्गत विगत 02 वर्षों में पाईप लाइन डालने में कितनी परिसम्पत्तियों का नुकसान हुआ जिनमें से कितनी परिसम्पत्तियों की भरपाई (सुधार कार्य) संबंधित ठेकेदार/विभाग द्वारा किया गया तथा इसकी समय-सीमा क्या थी एवं कितनी परिसम्पत्तियों का सुधार कार्य किया जाना शेष हैं? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? इस संबंध में शासन द्वारा जारी आदेश/परिपत्रों की सत्यप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। होशंगाबाद जिले की नगरीय निकायों में नवीन पाईप लाइन/पाईप लाइन विस्तार के दौरान सड़क नाली आदि तोड़कर पाईप लाइन डाली जाती है। पाईप लाइन विस्तार कार्य के दौरान तोड़ी गई परिसम्पत्तियों में से लगभग 6.45 कि.मी. लम्बाई में रेस्टोरेशन का कार्य शेष होकर प्रगति पर है। पाईप लाइन डालने के कारण क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों का सुधार कार्य (रेस्टोरेशन का कार्य)/पुनर्निर्माण योजना के संबंधित निविदाकार से पाईप लाइन डालने के साथ-साथ योजना के अनुबंध अनुसार निर्धारित समयावधि में पूर्ण करा लिया जाता है। परिसम्पत्तियों की मरम्मत/पुनर्निर्माण निविदाकार द्वारा किया जाता है, जिससे परिसम्पत्तियों का नुकसान नहीं होता है। अत: इसमें किसी के उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पेयजल योजना/पाईप लाइन विस्तार के कार्यों के डी.पी.आर. विस्तृत प्राक्कलन में परिसम्पत्तियों के रेस्टोरेशन का प्रावधान रखा जाता है। पृथक से कोई परिपत्रादि नहीं है।
अवैध रेत उत्खनन के संबंध में
[खनिज साधन]
12. ( क्र. 253 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत तहसील बनखेड़ी की दुधी नदी में निरंतर हो रहे अवैध रेत उत्खनन की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 151 दिनांक 23/05/2019 के माध्यम से कलेक्टर महोदय होशंगाबाद को अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के संदर्भ में जांच हेतु अधिकारी नियुक्त किया गया था, यदि हाँ, तो जांच अधिकारी द्वारा क्या प्रतिवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति प्रदान की जावे? (ग) विगत दो वर्षों में दुधी नदी में अवैध रूप से कितनी रेत का उत्खनन हो चुका हैं? अवैध रेत के उत्खनन के कितने प्रकरण अज्ञात व कितने प्रकरण नामदर्ज बनाये गये हैं, राजस्व विभाग बार, पुलिस विभागवार एवं खनिज विभाग बार जानकारी बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र के संबंध में एक शिकायत जिला कार्यालय में प्राप्त हुई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 151 दिनांक 27.05.2019 से कलेक्टर, होशंगाबाद को पत्र प्रेषित किया गया है। जिसके संबंध में जांच पूर्ण नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
वृद्धा पेंशन में अनियमितता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
13. ( क्र. 281 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट के प्रमोद वन वृद्धा आश्रम में रूघनाथ नाम के वृद्ध की मई 2019 में मृत्यु हुई? मृत्यु के क्या कारण रहे? (ख) उक्त मृत को मृत्यु के समय कितने माह से वृद्धा पेंशन नहीं मिली थी, क्या वृद्धा पेंशन के अभाव में रूघनाथ की मृत्यु हुई है? (ग) उक्त मृतक को वृद्धा पेंशन नहीं मिलने के क्या कारण रहे हैं? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, जानकारी देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31 मई 2019 को श्री रघुनाथ प्रसाद सोनी की मृत्यु हुई। श्री रघुनाथ प्रसाद सोनी की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है। (ख) मृतक श्री रघुनाथ प्रसाद सोनी ओरम तहसील अतर्रा जिला बांदा उ.प्र. का निवासी होने के कारण वृद्धा पेंशन स्वीकृत नहीं थी। उक्त वृद्ध काफी समय से बीमार चल रहा था, जिसका संस्था द्वारा इलाज भी कराया जा रहा था। वृद्ध की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है। (ग) श्री रघुनाथ दास ऊर्फ गया प्रसाद, ओरम तहसील अतर्रा जिला बांदा उ.प्र. के निवासी थे। इस कारण से वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा था। कार्यालय सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संस्था को वृद्धों के भरण-पोषण की राशि प्रति वृद्ध रूपये - 1000/- के मान से उपलब्ध कराई जाती है। उक्त वृद्ध की मृत्यु बीमारी के कारण हुई है। मृतक वृद्ध 85 वर्ष के थे। इसमें संस्था के कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है।
विद्यालयों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 290 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में कितने स्कूलों को प्राथमिक से माध्यमिक, माध्यमिक से हाई स्कूल और हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किया जा चुका है? विद्यालयों के नाम बतायें? साथ ही इनमें से कितनों में वर्तमान में शिक्षण सत्र संचालित हैं एवं कितनों में नहीं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उन्नयन किये गये स्कूलों में उन्नयन अनुसार शिक्षण सत्र संचालित नहीं है? यदि हाँ, तो शिक्षण सत्र कब तक प्रारंभ कराये जायेंगे? (ग) क्या वर्ष 2019-20 में भी प्रश्नांश (क) क्षेत्र के स्कूलों के उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन के समक्ष भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ के, प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी देवें? कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में कोई भी प्राथमिक से माध्यमिक शाला में उन्नयन नहीं हुआ है। हाई स्कूल/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी उन्नत शालाएं संचालित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2019-20 में प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु प्रस्ताव नहीं है एवं हाईस्कूल/हायरसेकेण्डरी शाला उन्नयन के प्रस्ताव जिलों से प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 342 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने स्कूलों का उन्नयन कर हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी बनाये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नगत उन्नयित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय के भवनों के निर्माण कार्य हेतु प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है? यदि हाँ, तो कब तक इन भवनों को संबंधित विद्यालयों को सौंप दिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नगत उन्नयित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में सुचारू रूप से कक्षाएं लगायी जा रही हैं एवं क्या प्रश्नगत विद्यालयों में वांछित स्टॉफ की कमी पूरी कर दी गई? यदि नहीं, तो कब तक पूरी की जा सकेगी? स्कूलवार बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’एक’’ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’दो’’ पर है। (ग) जी हाँ। माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु पी.ई.बी. द्वारा पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद रिक्त पदों पर नियोजन की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि क्षेत्रों में संचालित कार्य
[वन]
16. ( क्र. 345 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग के द्वारा निवाड़ी जिले के वन भूमि क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्य कराये जाते हैं? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं में किन-किन कार्यों के क्या लक्ष्य थे? कार्यवार स्वीकृत राशि, उपयोग राशि और कितनी राशि लैप्स हुई है? योजनावार एवं क्षेत्रवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्राप्त लक्ष्य अनुसार विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में किये गये कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके, कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के कारणों सहित ग्रामवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रश्नगत विकास कार्यों का किन-किन जनप्रतिनिधियों से भूमि पूजन, लोकार्पण कराया गया? उनके नाम एवं पद सहित जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 से दिनांक 22.06.2019 तक कराये गये वानिकी वन वर्धन कार्यों में किसी भी जनप्रतिनिधियों से भूमि पूजन एवं लोकार्पण नहीं कराया गया है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल खोला जाना
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 346 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के नगर परिषद क्षेत्र तरीचरकलां में एक भी कन्या हाई स्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं है? यदि हाँ, तो क्या इस नगर में बालिकाओं की संख्या को देखते हुए कोई कन्या हाई स्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक जारी हो सकेगी? (ख) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के ही नगर परिषद ओरछा में भी बालिकाओं को कन्या हाई स्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी स्कूल न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या वहां पर भी शासन द्वारा हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी नहीं। नगर परिषद क्षेत्र तरीचकला में कन्या हाईस्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं हैं, परन्तु को-एजूकेशन (सह-शिक्षा) अंतर्गत शा.उ.मा.वि. तरीचकलां में संचालित है। जिसमें छात्रायें भी अध्ययन के लिए जाती है। इसी प्रकार नगर परिषद क्षेत्र ओरछा में कन्या हाईस्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं होने के कारण छात्रायें शा.उ.मा.वि. ओरछा में अध्ययन हेतु जाती है। पृथक से कन्या शाला खोलने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 375 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में नगर पालिका बीना के द्वारा चन्द्रशेखर वार्ड, वीरसावरकर वार्ड, गांधी वार्ड, प्रताप वार्ड में कितने निर्माण कार्य कराये गये है? सूची उपलब्ध करावे। (ख) नगर पालिका के उक्त वार्डों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच हेतु प्रमुख अभियंता भोपाल एवं कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन सागर को जांच कराने हेतु पत्र जारी किया गया था? (ग) उक्त पत्र के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? यदि जांच करायी गयी तो किस एजेन्सी के द्वारा जांच की प्रति उपलब्ध करावे? (घ) यदि आज दिनांक तक जांच नहीं करायी गयी तो क्यों एवं उक्त संबंध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विगत 03 वर्षों में नगर पालिका, बीना के द्वारा चंद्रशेखर वार्ड, वीरसावरकर वार्ड, गांधी वार्ड, प्रताप वार्ड में कराए गए निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रमुख अभियंता को प्रेषित पत्र के अनुक्रम में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सागर संभाग सागर को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु पत्र क्रमांक 5468 दिनांक 04.06.2019 के द्वारा लिखा गया है। कार्यपालन यंत्री को प्रेषित पत्र के अनुक्रम में उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को रिकार्ड प्रस्तुत करने हेतु लेख किया है। (घ) उपरोक्त जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रतलाम/सैलाना में लगाये गये पौधे
[वन]
19. ( क्र. 380 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कितने क्षेत्र में वन है, यह कुल भूमि का कितना प्रतिशत है? पिछले पन्द्रह वर्षों में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कितनी भूमि पर वन है तथा पिछले 5 वर्षों में इस क्षेत्र में कितने पौधे वन विभाग द्वारा लगाये गये? (ख) रतालम जिले में पिछले दस वर्षों में कुल कितने पौधे लगाये गये तथा उन पर कुल खर्च कितना हुआ? लगाये गये पौधों की क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी दे उक्त पौधों में से कितने जीवित है। (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों में वन विभाग द्वारा कितने किलोमीटर क्षेत्र में तार फेन्सिंग कहाँ-कहाँ की गई। उस पर कुल कितना खर्च हुआ उक्त क्षेत्र में फेन्सिंग की वर्तमान स्थिति क्या है। (घ) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में वन विभाग के वर्तमान में कौन-कौन से प्रोजेक्ट कितनी राशि के चल रहे है। अद्यतन स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) रतलाम जिले में कुल 49462.636 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं जो जिले के भौगोलिक क्षेत्र का 10.16 प्रतिशत है। पिछले पन्द्रह वर्षों में 0.905 प्रतिशत वनक्षेत्र में वृद्धि हुई। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में 27620.169 हेक्टेयर वनभूमि है तथा पिछले 5 वर्षों में वन विभाग द्वारा 445720 पौधे लगाये गये। (ख) रतलाम जिले में वन विभाग द्वारा पिछले दस वर्षों में 1606840 पौधे लगाये गये तथा उन पर रूपये 1489.13 लाख कुल खर्च हुआ। लगाये गये पौधों की क्षेत्रवार वर्षवार तथा जीवितता संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पौधों की जीवितता के संबंध में पुन: जांच की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अवैध रूप से मास विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 411 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान खोलकर मास विक्रय करने की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें? (ख) क्या रायसेन जिले में बिना अनुमति के शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र में दुकान खोलकर मांस विक्रय किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों? इसको रोकने हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक विभाग तथा जिला प्रशासन को सड़क किनारे तथा बाजार में अवैध रूप से मांस विक्रय की किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (घ) उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) शहरी
क्षेत्रों
में दुकान
खोलकर मांस
विक्रय करने
की अनुमति के
संबंध में
मध्यप्रदेश
नगरपालिका
अधिनियम 1961 की
धारा 260 के
तहत अनुज्ञा
दी जाती है
तथा ग्रामीण
क्षेत्रों
में दुकान
खोलकर मांस
विक्रय करने
की अनुमति
मध्यप्रदेश
ग्राम पंचायत
(मांस का विक्रय
एवं परिरक्षण
विनियमन) नियम
1998 के
तहत अनुज्ञा
ग्राम पंचायत
द्वारा दिए
जाने का
प्रावधान है
कि जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ख) वस्तुस्थिति
यह है कि में
कहीं-कहीं रोड
किनारे एवं
ग्राम के
आस-पास मांस
विक्रय की
दुकानें
खोलकर बिना
अनुज्ञा के
मास विक्रय
किया गया था।
शहरी
क्षेत्रों में
नगरपालिका
अधिनियम, 1961 की धारा 262 (2) के
अन्तर्गत
नगरीय निकाय
द्वारा
दण्डात्मक कार्यवाही
अमल में लायी
जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों
में
मध्यप्रदेश
ग्राम पंचायत
(मांस का विक्रय
एवं परिलक्षण
विनियमन) नियम
1998 के
नियम 11 के
तहत जुर्माने
की कार्यवाही
ग्राम पंचायत द्वारा
की जाती है। (ग) जिले
की नगरीय
निकायों में
प्रश्न
दिनांक तक नागरिकों, सीएम
हेल्पलाईन के
माध्यम से कुल
11
शिकायतें
प्राप्त हुई
है एवं
ग्रामीण
क्षेत्रों
में इस संबंध
में कोई
शिकायतें
प्राप्त नहीं
हुई है। (घ) नगरीय
निकाय
उदयपुरा, औबेदुल्लागंज, बैगमगंज, सिलवानी
द्वारा
नगरपालिका
अधिनियम, 1961 की धारा 263 के तहत
बिना अनुमति
मांस विक्रय
करने वाले दुकानदारों
को नोटिस जारी
किये गये।
तत्पश्चात नोटिस
की समय अवधि
में मांस
विक्रय करने
वाले दुकानदारों
द्वारा स्वयं
ही अपनी
दुकाने हटाली
गयी। ग्रामीण
क्षेत्रों
में कोई
शिकायतें प्राप्त
नहीं होने से
कोई
कार्यवाही
नहीं की गयी
है।
शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 418 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों द्वारा किन-किन हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर कितनी राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की गई? हितग्राही का नाम, पता, वार्ड सहित सूची दें, कितनी राशि का भुगतान बकाया है। (ख) जून 19 की स्थिति में उक्त निकायों में कितने पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास दिया जाना शेष है, उनके नाम, पिता का नाम, वार्ड, पता सहित वरीयता क्रमानुसार सूची दें। (ग) उक्त योजना प्रारंभ होने से जून 19 तक उक्त योजना में नाम जोड़ने हेतु किन-किनके आवेदन पत्र प्राप्त हुए उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) कितने आवास अपूर्ण है तथा क्यों उनको पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों ने क्या-क्या प्रयास/ कार्यवाही की।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत रायसेन जिले की नगरीय निकायों की जानकारी निकायवार हितग्राहीवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत रायसेन जिले की नगरीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) योजना प्रारंभ होने में जून 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना से नाम जोड़ने हेतु नगरीय निकायों को कुल 22074 आवेदन प्राप्त हुए। नगरीय निकायों द्वारा सर्वे उपरांत पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन के अनुमोदन पश्चात् डी.पी.आर. तैयार की जाकर सक्षम स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित की जाती है। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) रायसेन जिले की नगरीय निकायों में कुल 4711 आवासों का निर्माण कार्य अपूर्ण है। बी.एल.सी. योजनांतर्गत हितग्राहियों द्वारा स्वयं अपने आवास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निकाय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा मौके पर जाकर हितग्राहियों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर आवास पूर्ण कराने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है, साथ ही जिन हितग्राहियों द्वारा जानबूझकर आवास पूर्ण करने में विलम्ब करने पर निकाय स्तर से सूचना पत्र भी जारी किए जाते हैं।
भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 419 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन नगरीय निकायों द्वारा किन-किन कार्यों/योजनाओं हेतु शासन एवं कलेक्टर से विगत 5 वर्षों में कब-कब भूमि आवंटन की मांग की? (ख) जून 19 की स्थिति में उक्त नगरीय निकायों को कितनी भूमि की किन-किन कार्यों योजनाओं हेतु आवश्यकता है? उक्त कार्यों हेतु भूमि आवंटन के लिए संबंधित निकाय द्वारा तथा भूमि आवंटित हो इस हेतु जिला प्रशासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) उक्त निकायों में कचरा निष्पादन की क्या-क्या व्यवस्था है? क्या उक्त नगरीय निकाय जगह-जगह कचरा फैंक रहे हैं यदि हाँ, तो क्यों। (घ) उक्त निकायों को स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत विगत 5 वर्षों में कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई तथा उक्त राशि किन-किन कार्यों मदों में व्यय की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नगरीय निकायों द्वारा विविध कार्यों एवं योजनाओं हेतु की गई भूमि मांग एवं प्रकरण के अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) निकाय स्तर पर यथासंभव गीले कचरे की कम्पोस्टिंग एवं सूखे कचरे को पुनर्चक्रण का प्रयास किये जाते है। जी नहीं निकाय द्वारा घर-घर कचरा एकत्र कर जगह-जगह न फेकते हुये टचिंग ग्राउण्ड तक ले जाया जाता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रोजेक्ट में किया गया कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 435 ) श्री राहुल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह में वर्ष 2015 से 2017 के बीच मिशन ग्रीन अभियान चलाया गया था? यदि हाँ, तो अभियान किसके सहयोग/समिति के द्वारा चलाया गया? क्या अभियान सफल बनाने के लिए क्या शासकीय विभागों के द्वारा अनुदान या स्वेच्छानुदान लिया गया है? यदि हाँ, तो उसकी सूची, नाम, राशि एवं विभागों के नाम उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अभियान के तहत कहाँ से एवं कितने पौधे क्रय किये गये? पौधों की संख्या, क्रय लागत से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुससार सूची में प्राप्त अनुदान की राशि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराये। यदि नहीं तो उक्त अभियान के संचालन के लिए किस मद से भुगतान किया गया? देखरेख एवं मेंटेनेंस का कार्य किस संस्था के द्वारा किया जा रहा है? किस मद से भुगतान किये जा रहे है? भुगतान किये गये देयकों का विवरण उपलब्ध करायें। क्या नगर पालिका दमोह के द्वारा, मिशन ग्रीन प्रोजेक्ट के तहत लगाये गये पौधों का रखरखाव किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय, किस मद से किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) में क्रय किये गये पौधें कब, कितने और कहाँ पर लगाये गये है? उक्त स्थानों के नाम, पौधों की सूची उपलब्ध कराये वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं, संख्या बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्राप्त राशि की जानकारी
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 439 ) श्री राहुल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक गौण खनिज मद से कितनी राशि प्राप्त हुई हैं, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग किस कार्य में किन स्थानों के लिए किया गया। स्थान, कार्य का नाम, राशि एवं कार्य की पूर्णता की स्थिति, से संबंधित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) की वर्षवार सूची अनुसार क्या प्राप्त राशि का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त वर्ष वार प्राप्त राशि, कार्य के लिए स्वीकृत राशि एवं प्रश्न दिनांक तक शेष राशि कितनी हैं? सूची उपलब्ध करावे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार गौण खनिज मद में प्राप्त राशि का उपयोग मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 के प्रावधान के तहत राज्य शासन के अंतर्गत निर्धारित मद में कोषालय में जमा की जाती है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नगर पालिका छतरपुर द्वारा किये गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 459 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका छतरपुर को शासन एवं अन्य स्त्रोत से कितनी राशि किस मद/योजना हेतु प्रदाय की गई? वर्षवार योजना/मदानुसार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त राशि से कितने कार्य कितनी लागत से करवाए गए? कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ग) नगर पालिका छतरपुर में प्रश्न दिनांक को कितनी राशि किस मद में शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
उद्योग स्थापित किये जाने के संबंध में
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 500 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व में अधिकांश कोयला खदानें संचालित थी तथा वर्तमान में अधिकांश कोयला खदानें बंद हो चुकी हैं, जिसके कारण क्षेत्र में निरंतर बेरोजगारी काफी बढ़ रही है और लोगों का पलायन हो रहा है। (ख) यदि हाँ, तो परासिया विधान सभा क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी एवं पलायन को देखते हुए क्या मध्यप्रदेश सरकार उद्योग नीति के तहत निवेश करेगी या क्षेत्र में कोई उद्योग स्थापित करने की कोई योजना बनायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत भारत शासन के उपक्रम वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड को पेंच क्षेत्र में कुल 39 कोयला खदानें स्वीकृत हैं। वर्तमान में 15 कोयला खदानें संचालित है तथा शेष 24 कोयला खदानें शिथिल हैं। शिथिल खदानों के कारण ही बेरोजगारी व पलायन की स्थिति नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश उद्योग नीति अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
राज्य शिक्षा केन्द्र से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 553 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र जनपद अम्बाह जिला मुरैना में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेण्डरी तक शालावार कितना शैक्षणिक स्टॉफ व अन्य पद स्वीकृत है? संख्या दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या स्वीकृत सभी पद भरे हुए है? या कुछ रिक्त भी है, यदि हाँ, तो रिक्त पद कब से रिक्त होकर उनकी पूर्ति हेतु प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? पदों की पूर्ति हेतु की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति अतिथि शिक्षकों द्वारा की गई है एवं पी.ई.बी. के माध्यम से माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के उपरान्त नियोजन की कार्यवाही की जावेगी।
स्मार्ट सिटी योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 554 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्र.38 में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर तथा सतना में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण, जीन के लिये उच्च स्तरीय गुणवत्ता तथा समाधान प्राप्त होगा, स्मार्ट सिटी योजना हेतु वर्ष 2018-19 के लिए रूपये 700 करोड़ का प्रावधान है का उल्लेख है। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त बिन्दु में उल्लेखित शहरों के अतिरिक्त अन्य शहर जैसे मुरैना को शामिल नहीं करने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना गाईडलाइन अनुसार मध्यप्रदेश के सात शहरों का चयन किये जाने का प्रावधान था। योजना की गाईडलाइन के प्रावधानों अनुसार प्रथम चरण में राज्य के 16 नगर निगमों (जिसमें मुरैना शहर भी शामिल था) के मध्य प्रतियोगिता कराई जाकर प्रतियोगिता के मानदंड अनुसार मध्यप्रदेश के सात शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना का चयन किया गया।
लीज की आड़ में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 571 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में 80 एकड़ की लीज की आड़ में लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन कई वर्षों से किया जा रहा है? 6 भूमि स्वामियों की भूमि में उत्खनन कार्य किया गया है। जबकि नियमों में भूमि क्रय की जाकर खनि रियायत प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। 28 फरवरी 2017 के प्र.क्र.2246, तारांकित प्रश्न क्र.2882, दिनाँक 28.02.2017 के उत्तर में बताया गया है कि उक्त लीज धार द्वारा आराजी क्र.1238 के अंश भाग रकवा 0.60 एकड़ तथा आराजी क्र.991 के अंश भाग रकवा 0.20 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन पाया गया है? इसी प्रकार दिनांक 28 फरवरी 2017 के प्र.क्र. 2246 में कहा है कि 1.50, 1.50, 0.6 एकड़ कुल 3.60 एकड़ में अवैध उत्खनन पाया गया है? तारांकित प्रश्न क्रमांक 695, दिनाँक 21.02.2019 के उत्तर में जिला खनिज अधिकारी सतना ने पत्र क्रमांक 419 दिनांक 10.02.2019 को संचालक संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल भेजे जवाब में बिंदु क्रमांक 5 में अवैध उत्खनन स्वीकार किया है? (ख) कलेक्टर सतना ने पत्र क्रमांक 518 दिनांक 15.02.2017 के तहत उक्त अवैध उत्खनन के संबंध में लीज धारक को नोटिस जारी कर खनि निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर 1,26,62,616.00 (एक करोड़ छब्बीस लाख बासठ हजार छ: सौ सोलह रूपये मात्र) की राशि वसूली जाये इसी तरह तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्रमांक 2438 दिनांक 08.12.2011 के तहत 26.11.2011 के जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त खदान की संक्रियाएं बंद करने का पत्र जारी किया। एस.डी.एम. की जांच को पुन: तहसील से कराकर 25.01.2012 को नस्तीबद्ध कर दिया है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि सही है तो तत्कालीन कलेक्टर ने मामला क्र.274/अ67/2016-17 दिनांक 03.10.2018 को दोनों प्रकरणों को नस्तीबद्ध कर शासन को करोड़ों रूपये की क्षति पहुंचायी है। कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 3265, दिनांक 08.11.2017 तथा इसी तरह उक्त मामले में कमिश्नर रीवा द्वारा दिनांक 02.02.2019 को 6 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच करने को कहा, लेकिन उक्त दोनों जांचों का प्रतिवेदन आज दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया है। उक्त जांच कमेटी द्वारा नस्तीबद्ध किये गये प्रकरण को पुन: बहाल कर लीजधारी से दोनों प्रकरणों में वसूली की जायेगी? नहीं की जायेगी तो क्यों? कारण बिन्दुवार जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी, नहीं। भूमि स्वामियों से भूमि क्रय कर नियमानुसार खनि रियायत स्वीकृत करने उपरांत खनन कार्य पर कोई रोक नहीं है। प्रश्नांश में उल्लेखित विधान सभा प्रश्नों के क्रम में संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा दिनांक 10/02/2019 से ग्राम रामस्थान के खसरा क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा खसरा क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ में अवैध उत्खनन स्वीकार किया गया। (ख) जी हाँ, किन्तु यह सही नहीं है कि एस.डी.एम. द्वारा की गई जांच को तहसील रघुराजनगर द्वारा पुन: जांच कराकर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का अंश भाग सही है कि कलेक्टर द्वारा शिकायत की जांच हेतु समिति गठित की गई है, किन्तु आयुक्त, रीवा संभाग द्वारा दिनांक 02.02.2019 से एक छ: सदस्यी समिति गठित की गई है, जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है।
लीज की आड़ में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
30. ( क्र. 572 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले तहसील रघुराज नगर के अंतर्गत ग्राम रामस्थान में 80 एकड़ लीज की आड़ में लीज एरिया के बाहर अवैध उत्खनन कार्य शासन के नियमों के विरूद्ध लगातार ट्रांसपोर्टर एवं लीज धारक द्वारा किया जा रहा है? क्या वर्ष 2011 से कलेक्टर, खनिज अधिकारी, एस.डी.एम., आर.टी.ओ. द्वारा नोटिस जारी कर नियम के तहत कार्य करने को कहा है तथा तत्कालीन कलेक्टर के पत्र 2438 दिनांक 8.12.2011 उक्त खदान की संक्रियाएं बंद करने को कहा था इसी तरह कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 678 दिनांक 2.3.2019 के तहत प्रमुख सचिव खनिज को उक्त लीज को निरस्त करने के संबंध में पत्र जारी किया था। क्या कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना में पत्र क्रमांक 436/खनिज/2018 सतना दिनांक 5.2.2018 को कारण बताओ सूचना जारी किया था। (ख) क्या जिला खनिज अधिकारी के कलेक्टर द्वारा अनुमोदित पत्र क्रमांक 630 दिनांक 26.2.2019 जारी कर खनन गतिविधियों में रोक लगाई थी यह भी सत्य है कि रोक लगाने के बाद प्रमुख सचिव खनिज के अपने पत्र क्रमांक 135/457/2019/12/1 दिनांक 15.3.2019 को कलेक्टर सतना को निर्देश दिये कि खनन कार्य तत्काल प्रारंभ कराया जाये। (ग) प्रमुख सचिव खनिज के आदेश के विरूद्ध शिकायतकर्ता समाज सेवी छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा दिनांक 12.4.2019 को अपील/ पुनर्विलोकन/पुनरीक्षण नियम 60 के तहत तीन प्रतियों में प्रस्तुत किया गया है सुनवाई पूरी होने के बावजूद आज दिनांक तक कलेक्टर सतना को पत्र जारी नहीं किया गया है उक्त शिकायतकर्ता द्वारा उक्त दिनांक को ही 12 बिंदुओं का अभ्यावेदन प्रमुख सचिव के कार्यालय में दिया गया है उसमें भी आज दिनांक तक कोई पत्र कमिश्नर रीवा एवं कलेक्टर सतना को जांच के लिये नहीं दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो खनिज मंत्री एवं प्रमुख सचिव स्वयं अभ्यावेदन के 12 बिंदुओं का अवलोकन कर उक्त लीज धारक के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये खदान की संक्रियाएं बंद कराते हुये लीज निरस्त करेंगे नहीं करेंगे तो क्यों बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश अनुसार स्वीकृत पट्टे की आड़ में निरंतर अवैध उत्खनन जैसी स्थिति नहीं है। जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार वर्ष 2011 में नियम के तहत कार्य करने हेतु कोई पत्र जारी किया जाना नहीं पाया गया। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्य दिनांक 08.12.2011 से क्षेत्रीय नियंत्रक भारतीय खान ब्यूरो, जबलपुर को खनन संक्रियाएं बन्द करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। कलेक्टर द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 02.03.2019 से प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग को पट्टा निरस्त करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही बावत् पत्र प्रेषित किया गया था। जी हाँ। कलेक्टर, सतना द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 05.02.2018 से पट्टेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार कलेक्टर द्वारा पत्र दिनांक 26.02.2019 से खनन गतिविधियों पर रोक लगाये जाने बावत् आदेश जारी किये गये थे। प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग द्वारा प्रकरण में अंतरिम आदेश के रूप में दिनांक 15.03.2019 से कलेक्टर, सतना को वर्तमान प्रचलित खनिज अधिनियम एवं नियमों में खनिपट्टा क्षेत्र में शामिल क्षेत्र के स्वामित्व के परिवर्तन होने पर खनन कार्य में रोक लगाये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शासन को प्राप्त होने वाले खनिज राजस्व हित में स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र पर खनन कार्य तत्काल प्रारंभ कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। (ग) श्री छत्रपाल सिंह छत्तू, जिला सतना द्वारा प्रकरण में जारी अंतरिम आदेश दिनांक 15.03.2019 के विरूद्ध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 60 (1) के तहत 16 बिन्दुओं का पुनर्विलोकन आवेदन पत्र दिनांक 12.04.2019 को विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। पुनर्विलोकन आवेदन का निराकरण, अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शुद्ध पेयजल आपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 709 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन प्रदेश के जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर नगरों एवं ग्राम पंचायत स्तर पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु किसी योजना का विचार किया जा रहा हैं? यदि हाँ तो यह कार्य योजना क्या हैं? (ख) प्रदेश के नगर जो नर्मदा नदी के आस पास बसे हैं उनको जलपूर्ति नर्मदा नदी से ली जाने की प्रस्तावना हैं? यदि हाँ तो कितने नगरों को नर्मदा नदी से जलपूर्ति करने की योजना है? (ग) यह जल पूर्ति करने की योजना कब से शुरू होगी एवं कब तक पूर्ण हो जावेगी? कितने नल एवं नल-जल योजनायें बंद हैं? जिलेवार जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर, दमोह, छतरपुर एवं नरसिंहपुर जिले के नगरीय निकायों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित योजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्राम पंचायत स्तर पर पूर्ण/प्रगतिरत/प्रस्तावित समूह जलप्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। ग्रामीण नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 729 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण, म.प्र. भोपाल के द्वारा सतना जिले के शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ योजना अधिकारी/अन्य पद पर पदस्थ व्यक्ति के विरूद्ध कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सतना के स्पष्ट अभिमत के बाद राज्य शासन को धनराशि को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर क्षति पहुंचाने पर धोखाधड़ी/फर्जी दस्तावेज बनाये जाने/शासकीय धनराशि को खुर्द-बुर्द किये जाने पर आपराधिक प्रकरण भारतीय दंड संहिता तथा सी.आर.पी.सी. के तहत कायम किये जाने के आदेश/ अनुशंसा/एन.ओ.सी./अन्य दिये गये हैं? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ख) क्या उक्त प्रकरण में कलेक्टर सतना ने स्पष्ट अभिमत दिया है? उक्त अभिमत की एक प्रति दें। क्या उक्त योजना अधिकारी के विरूद्ध रीवा लोकायुक्त ने भी जाँच कर उसे धोखाधड़ी का मुख्य सरगना माना था? क्या विभागीय जाँच में भी उक्त आरोपी फर्जी दस्तावेज बनाने, शासकीय राशि को खुर्द-बुर्द करने एवं शासन को वित्तीय नुकसान पहुंचाने/अपना फायदा करने के आरोप भी प्रमाणित पाये गये थे? उक्त रिपोर्ट की एक प्रति दें? (ग) क्या प्रश्नतिथि तक उक्त आदेशों के पालन करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रश्नतिथि तक किस थाना क्षेत्र में गबन के आरोपी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है अगर नहीं दर्ज करवाई है तो क्या डी.ई.ओ.. ने आयुक्त के आदेश को प्रश्नतिथि तक नहीं माना है? अगर माना है तो एफ.आई.आर. की प्रति दें। अगर एफ.आई.आर. प्रश्नतिथि तक नहीं हुई है तो आयुक्त लोक शिक्षण ने डी.ई.ओ. को निलंबित क्यों नहीं किया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। श्री श्रीकांत पाण्डेय, योजना अधिकारी, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना के विरूद्ध प्रश्नांश में अंकित आरोपों के अनुक्रम में कलेक्टर जिला सतना के प्रतिवेदन दिनांक 30.10.2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के आधार पर आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 25.01.2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु कलेक्टर जिला सतना को लिखा जाकर जिला शिक्षा अधिकारी सतना को पत्र पृष्ठांकित किया गया था। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। जी हाँ। जी हाँ। विभागीय जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.01.2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। (ग) जी हाँ। श्री श्रीकांत पाण्डेय, योजना अधिकारी, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना के विरूद्ध एफ.आई.आर.दर्ज करने हेतु आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के पत्र दिनांक 25.01.2018 द्वारा कलेक्टर सतना को और जिला शिक्षा अधिकारी सतना को निर्देशित किया गया था। उक्त पत्र के अनुक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा पुलिस अधीक्षक जिला सतना को आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु अनुरोध किया गया। श्री श्रीकांत पाण्डेय योजना अधिकारी द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 25.01.2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका डब्ल्यू.पी.क्रमांक- 2484/2018 दायर की गई। जिसमें पारित निर्णय दिनांक 05.02.2018 को स्थगनादेश पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार। न्यायालयीन स्थगनादेश के आलोक में एफ.आई.आर.दर्ज नहीं कराई जा सकी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी के विरूद्ध एफ.आई.आर. न कराया जाना
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र.
730 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या स्कूल
शिक्षा विभाग
से जिला शहरी
विकास अभिरण
में
प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ
कर्मचारी
द्वारा लाखों
रूपयों की शासकीय
धनराशि को कूट
रचित दस्तावेजों
के आधार पर
खुर्द-बुर्द
किया गया जिस पर
विभागीय जाँच, लोकायुक्त
जाँच कलेक्टर
सतना के स्पष्ट
अभिमत के बाद
आयुक्त लोक
शिक्षण ने
उसके विरूद्ध
धोखाधड़ी का
प्रकरण दर्ज
करवाने जिला
शिक्षा
अधिकारी जिला सतना
को आदेशित
किया हैं फिर
भी प्रश्नतिथि
तक एफ.आई.आर.
कायम क्यों
नहीं करवायी
गयी है? (ख) आयुक्त
लोक शिक्षण
अपने आदेश को
वैध
मानते
हैं या अवैध? अगर
अवैध मानते
हैं तो उक्त
आदेश कैसे
जारी किया? अगर
वैध मानते है
तो जिला
शिक्षा
अधिकारी उनके
आदेश की
दिनांक से, प्रश्नतिथि
तक एफ.आई.आर.
कायम क्यों
नहीं करवा रहा
है तथा प्रश्नतिथि
तक एफ.आई.आर.
कायम नहीं
करवाने वाले
डी.ई.ओ. के
विरूद्ध
प्रमुख सचिव
स्कूल
शिक्षा/आयुक्त
लोक शिक्षण ने
किस पत्र
क्रमांक/दिनांक
से कब व क्या
कार्यवाही की
है? विवरण
देवें। (ग) गबन के
दोषी को क्या
राज्य शासन
संरक्षण दे
रहा है? अगर नहीं तो
एफ.आई.आर. कायम
नहीं करवाने
के सक्षम
अधिकारी को
राज्य शासन
ने प्रश्नतिथि
तक सस्पेंड
(निलंबित) क्यों
नहीं किया है? नियम
बतायें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी
हाँ। श्री
श्रीकांत
पाण्डेय, योजना
अधिकारी, कार्यालय
जिला शिक्षा
अधिकारी जिला
सतना के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
कराने हेतु
आयुक्त लोक
शिक्षण भोपाल
के पत्र
दिनांक 25.01.2018 द्वारा
कलेक्टर, जिला
सतना को लिखा
गया था।
तद्नुक्रम
में जिला
शिक्षा
अधिकारी सतना
के पत्र
क्रमांक 1423
दिनांक 01.02.2018 द्वारा
पुलिस
अधीक्षक, सतना को
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
किये जाने
हेतु लिखा
गया। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक अनुसार
है। श्री
श्रीकांत
पाण्डेय, योजना
अधिकारी
द्वारा आयुक्त
लोक शिक्षण के
पत्र दिनांक 25.01.2018 संलग्न
परिशिष्ट
के प्रपत्र-दो के
विरूद्ध मान. उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
डब्ल्यू.पी.
क्रमांक 2484/2018
दायर की गई
जिसमें
माननीय न्यायालय
द्वारा
दिनांक 05.02.2018 को स्थगनादेश
पारित किया
गया, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-तीन अनुसार
है। स्थगनादेश
के आलोक में
एफ.आई.आर.दर्ज
नहीं कराई जा
सकी है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) एवं (ग) आयुक्त
लोक शिक्षण के
आदेश पर
माननीय उच्च
न्यायालय
द्वारा स्थगनादेश
जारी करने के
आलोक में
एफ.आई.आर.दर्ज नहीं
कराई जा सकी
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अमृत योजना के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 775 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल को वर्ष जून 2014 से प्रश्न दिनांक तक अमृत योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार/प्रदेश सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्रदान की गई? (ख) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के सभी 18 वार्डों में अमृत योजना, मुख्यमंत्री अद्योसंरचना एवं विशेष निधि के जून 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विकास कार्य स्वीकृत किये गए? पृथक-पृथक जानकारी दी जाए? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विकास कार्यों में स्वीकृति का दिनांक कार्य प्रारंभ करने का दिनांक एवं कार्य पूर्ण करने का दिनांक सहित वार्डवार विवरण दिया जाए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
गौशालाओं के लिये भूमि आवंटन
[पशुपालन]
35. ( क्र. 779 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन द्वारा क्या नीति बनाई गई है एवं गौशालाओं को भूमि आवंटन संबंधी प्रकरणों के निराकरण की क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) जून 2019 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में किन-किन गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण लंबित हैं? (ग) उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा? (घ) गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) म.प्र.गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत गौशालाओं को भूमि आवंटन के निर्देश शासन द्वारा जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार जारी किए गए है। समय-सीमा का उल्लेख नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल गौशालाओं के भूमि आवंटन संबंधी नीति समस्त जिला कलेक्टरों को जारी की गई है। चूंकि भूमि आवंटन के प्रकरणों में जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है। विभाग द्वारा गौशालाओं के भूमि आवंटन प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रेषित किए जाते हैं।
धार जिले में वैध/अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 877 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में वर्तमान में कितनी वैध/अवैध कॉलोनियां स्थित हैं? उक्त वैध/ अवैध कॉलोनियों के खसरा क्रमांकों, कुल रकबे की जानकारी पृथक-पृथक वैध/अवैध कॉलोनी की उपलब्ध कराएं। (ख) जिला धार, के अवैध कॉलोनियों को दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला कलेक्टर, संबंधित एस.डी.एम. एवं संबंधित नगरीय निकाय के प्रमुख द्वारा कब-कब चिन्हित किया गया? प्रश्न-दिनांक तक कितने अवैध कॉलोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई। (ग) क्या मध्यप्रदेश उच्च-न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ द्वारा अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध वर्ष 2019 में आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिले में स्थित अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या जिला धार के मनावर विधानसभा क्षेत्र की सभी अवैध कॉलोनियों की जांच कराते हुए दोषी भू-माफिया बिल्डर पर एफ.आई.आर. दर्ज कराएंगे एवं अवैध कॉलोनियां वैध कराकर उनमें मूलभूत सुविधा, सीवेज, सड़क, पानी की व्यवस्था कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जिला धार में वर्तमान में 48 वैध तथा 176 अवैध कॉलोनियां स्थित है। वैध एवं अवैध कॉलोनियों के खसरा क्रमांकों, कुल रकबे की पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला धार के अवैध कॉलोनियों को दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक शासन आदेशानुसार अवैध कालोनी के नियमितिकरण की कार्यवाही अन्तर्गत वर्ष 2018 में कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अवैध कॉलोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पोहरी को नगर पंचायत बनाये जाने में की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 897 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा शिवपुरी जिले के विकासखण्ड मुख्यालय पोहरी को नगर पंचायत की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो घोषणा के अमल पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) पोहरी में नगर पंचायत कब तक बनायी जायेगी तथा उसमें कौन से ग्राम शामिल किये जायेंगे? इस संबंध में कौन से आदेश जारी किये गये? विवरण देवें। (ग) पोहरी नगर पंचायत के गठन का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? पोहरी नगर पंचायत का गठन अभी तक क्यों नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा शिवपुरी जिले के विकासखण्ड मुख्यालय पोहरी को ग्राम पंचायत से नगर परिषद बनाने की घोषणा क्रमांक बी 4721 दिनांक 20.05.2018 पोहरी, श्रमिक सम्मेलन पोहरी में घोषणा की गई थी, जिसके संबंध में विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही उपरांत नगर परिषद पोहरी के गठन की विभागीय अधिसूचना क्रमांक 23 एफ 1-5/2018/18-3 दिनांक 31.07.2018 जारी कर म.प्र. राजपत्र में प्रकाशित की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद पोहरी का गठन दिनांक 31.07.2018 को किया गया तथा इसमें ग्राम पोहरी, कृष्णगंज, जाखनोद, वरईपुरा, आमई, अमरपुर, ग्वालीपुरा, तिघराखोड, बगादिया, माधौपुर, सोनीपुरा, वेहटा, वेहटी, बूराखेडा, मुबारिकपुर, चकराना, सोसा, नानौरा, जरियाखेडा, रंधीर एवं धामौरा शामिल किये गये है। अधिसूचना की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभिन्न कार्य एवं व्यय राशि
[वन]
38. ( क्र. 909 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उत्तर वन मंडल सागर द्वारा किन-किन ग्रामों में अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण/विकास कार्य, कितनी-कितनी राशि व्यय कर किए गए? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार कराये गए कार्यों हेतु सक्षम स्वीकृति किस अधिकारी से प्राप्त कर किस अधिकारी द्वारा कार्य कराये गए? क्या कार्यों की जानकारी से वन विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया हैं? यदि नहीं तो क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में उत्तर वन मण्डल सागर द्वारा प्रश्नांकित अवधि में कोई निर्माण/विकास कार्य नहीं कराये गये और न ही कोई व्यय किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लिपिकों को समयमान वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 933 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लिपिक संवर्ग को तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने के आदेश हैं? क्या भोपाल संभाग द्वारा तृतीय समयमान वेतनमान की सूची जारी कर दी गई है? (ख) जबलपुर संभाग के लिपिकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने की सूची प्रश्नांश दिनांक तक जारी क्यों नहीं की गई इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्यों कार्यवाही नहीं की गई? (ग) जबलपुर संभाग में कौन-कौन कर्मचारी तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता रखते हैं सूची उपलब्ध करायें। कब तक तृतीय समयमान वेतनमान की सूची जारी कर दी जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जबलपुर संभागान्तर्गत नरसिंहपुर जिले के 07 पात्र लिपिकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 42 लोक सेवकों के तृतीय समयमान वेतनमान के प्रस्ताव तैयार करने का कार्य जिला कार्यालयों में प्रचलन में है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। 17 लोक सेवकों को तृतीय समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर कार्यालय में प्रचलन में है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिनकी पात्रता परीक्षण कार्यवाही प्रचलन में है। समयमान दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 से 03 अनुसार है। समयमान वेतनमान स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदान आवंटन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
40. ( क्र. 934 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालयीन व्यय हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदेश स्तर से किस-किस मद के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाती है? (ख) जिला जबलपुर अंतर्गत कार्यरत विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय हेतु शासकीय खर्चे के लिये 1 जनवरी 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब उपलब्ध कराई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला जबलपुर अंतर्गत कार्यालयों में कार्य संचालन के लिये कितने कम्प्यूटर, प्रिन्टर एवं ऑपरेटर उपलब्ध कराये गये कार्यालयवार सूची उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित कार्यालयीन व्यय मदों में प्रश्नांकित अवधि तक जिला जबलपुर अंतर्गत विकासखंड कार्यालयों हेतु कोई भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों के संबंध में
[वन]
41. ( क्र. 992 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम वनमंडल के अंतर्गत वन विभाग की क्षेत्राधिकार की भूमि का परिक्षेत्रवार कितना क्षेत्रफल है? इन भूमियों पर विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? स्थानों की नामवार जानकारी देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन/विभाग से वर्षवार कितना-कितना बजट किन-किन कार्यों हेतु वनमंडल को प्राप्त हुआ है वर्षवार किन कार्यों पर क्या-क्या व्यय हुआ है? (ग) विगत 3 वर्षों में शासन/विभाग के माध्यम से तथा विभागीय सामाजिक वानिकी एवं सामान्य वन मंडल के माध्यम से अथवा अन्य माध्यमों से यदि कार्य किये गये तो वर्षवार स्पष्ट जानकारी दें। (घ) वर्षवार कितना बजट रतलाम वनमंडल को प्राप्त हुआ प्राप्त बजट के माध्यम से वर्षवार कितने कार्य पूर्ण हुए कितने अपूर्ण रहे? उल्लेखित वर्षों में किये गये कार्यों का क्या परिणाम आये स्थलवार जानकारी दें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) रतलाम वनमंडल के अंतर्गत वन विभाग की क्षेत्राधिकार की भूमि का परिक्षेत्रवार निम्नानुसार क्षेत्रफल है :-
क्र. |
परिक्षेत्र का नाम |
आरक्षित वन क्षेत्र का रकबा हे.में |
संरक्षित वन क्षेत्र का रकबा हे.में |
कुल वन क्षेत्र का रकबा हे.में |
1 |
रतलाम |
520.699 |
11612.594 |
12133.293 |
2 |
शिवगढ़ |
1740.090 |
10150.033 |
11890.123 |
3 |
सैलाना |
152.381 |
11123.790 |
11276.171 |
4 |
बाजना |
- |
14163.049 |
14163.049 |
|
योग |
2413.170 |
47049.466 |
49462.636 |
उपरोक्त क्षेत्राधिकार की भूमि पर वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 तक बिगड़े वनों का सुधार, चारा एवं चारागाह तथा ऊर्जा वन स्थापना कार्य वृत में क्षेत्र उपचार कार्य के अंर्तगत भू-जल संरक्षण कार्य, वृक्षारोपण कार्य एवं बीज बुवाई आदि कार्य सम्पादित किये गये है स्थानों की कक्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन/विभाग से वर्षवार प्राप्त बजट एवं किये गये व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विगत 3 वर्षों में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उपरोक्तानुसार वर्षों में वनमंडल रतलाम को प्राप्त बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राप्त बजट से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शाये स्थलों पर ईको पर्यटन विकास के कार्यां को छोड़कर शेष सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं। संपादित कार्यों के सकारात्मक परिणाम आये।
क्षेत्रीय नगरीय कालोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 993 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर पालिका एवं पिपलौदा नगर परिषद में अनेक वैध-अवैध कालोनियां, विकसित-अविकसित कालोनियां विगत वर्षों में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं दिये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा चिन्हित की गई? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उपरोक्तानुसार दोनों निकायों की शासन/विभाग द्वारा चिन्हित की गई उक्ताशय की कालोनियों के संबंध में कालोनाईजर के नाम सहित स्पष्ट जानकारी दें? (ग) साथ ही बताएं की वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2018-19 तक शासन/विभाग द्वारा दोनों निकायों में किन-किन कॉलोनियों के रहवासियों के मूलभूत कार्यों की पूर्ति हेतु क्या-क्या किया गया तथा उनके परिणाम क्या रहे। मूलभूत सुवधाएं नहीं देने वाले कालोनाईजरों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अपितु नगर परिषद पिपलौदा में कोई वैध-अवैध, विकसित-अविकसित कालोनी चिंहित नहीं है। नगर पालिका परिषद जावरा में कालोनियां चिन्हित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार नगर परिषद पिपलौदा की जानकारी निरंक है। नगर पालिका जावरा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
लोकायुक्त एवं राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1005 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में किन-किन नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषद् में लोकायुक्त एवं राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो के कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरणवार नगर पलिका परिषद्/नगर परिषद्वार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में किन-किन प्रकरणों में लोकायुक्त एवं राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा जांच पूर्ण कर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत कर दी है? कितने प्रकरणों में शासन से अनुमति पश्चात् F.I.R. दर्ज कर प्रकरण दर्ज किया गया एवं किन-किन प्रकरणों में जांच लंबित हैं? जांच लंबित रहने के क्या कारण है? प्रकरणवार जानकरी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में बतायें कि नगर परिषद् फूप के द्वारा वर्ष 2015 में 1.25 करोड़ के फर्जी निविदा आमंत्रण की जाँच लोकायुक्त द्वारा की गई है तथा लोकायुक्त द्वारा जांच पूर्ण कर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत कर दी गई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में लोकायुक्त द्वारा जांच रिपोर्ट में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों एवं अन्य को दोषी पाया गया है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में नगर पालिका परिषद एवं नगर परिषद में लोकायुक्त एवं राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरों के प्रचलित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 424/13 में विशेष पुलिस स्थापना द्वारा जांच पूर्ण कर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग से अभियोजन स्वीकृति चाही गई है। अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्रकरणों में विभागीय कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद् फूप में क्रय की गई सामग्री एवं उपकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1006 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में नगर परिषद् फूप द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री क्रय एवं वाहनों की मरम्मत पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि वर्ष में क्रय की गई सामग्री को क्रय करने से पूर्व क्या PIC/वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति/अनुमोदन लिया गया था। यदि हाँ, तो किस-किस फर्म से कितनी राशि की कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मरम्मत कराये गये वाहन उपकरण (मशीनरी) कब क्रय किये गये थे? कम्पनी की कितनी गारण्टी थी? किस-किस फर्म से उपकरण (मशीनरी) एवं वाहन की मरम्मत कराई गई एवं कुल कितनी राशि व्यय की गई। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य के क्रय की गई सामग्री एवं मरम्मत का भौतिक सत्यापन किस-किस के द्वारा किया गया? वर्तमान में कितने वाहन मशीनरी चालू हालत में हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) राशि रू. 64.11 लाख व्यय की गई। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में 04 वाहन चालू हालत में है।
रेत खदानों की नीलामी
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 1047 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में ऐसी कितनी रेत की खदानें हैं जो घोषित हैं? उन खदानों को पिछले 5 वर्षों में कब-कब नीलाम किया गया? वर्षवार, ठेकेदारवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि खदानें नीलाम नहीं की गई तो उनके कारण क्या हैं? घोषित एवं अघोषित खदानों में कितने अवैध रेत खनन् के प्रकरण विभाग ने बनाये एवं कार्यवाही की? पृथक नामवार सूची देवें। (ग) कितनी रेत खदानें जिलों में घोषित की जाना है? वर्तमान में अवैध रेत उत्खनन की क्या स्थिति है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्तमान में रेत की कुल 18 खदानें घोषित हैं। वर्षवार, ठेकेदार वार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर संलग्न है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 05 खदानों के अलावा शेष 13 रेत खदानें मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के अस्तित्व में आने के पश्चात घोषित की गई हैं। अत: उक्त 13 खदानों को नीलाम करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अवैध उत्खनन के प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रश्नानुसार रेत खदानों को जिलों में घोषित किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। वर्तमान में अवैध रेत उत्खनन की स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
भूमि का मुआवजा दिलाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1086 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन स्थित पुरूषोत्तम (सोलह) सागर पर नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा सौंदर्यीकरण कराया जा रहा हैं? उक्त निर्माण में जिन किसानों की भूमि/मालिकाना हक की भूमि शासन द्वारा अधिग्रहण की है, क्या उन किसानों को मुआवजा दिया गया हैं? (ख) क्या पुरूषोत्तम (सोलह) सागर भूमि स्वामी मृतक भूरा, पिता श्री मोतीलाल भोई के (वसीयत नामांकित वारिसों को) भूमि सर्वे खसरा क्र. 1031, कुल रकबा 7.963 है, जो पटवारी हल्का कस्बा उज्जैन, तहसील व जिला उज्जैन में है? उक्त कृषक की भूमि में आश्रितों को मुआवजा न देकर शासन द्वारा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, क्या जिला कलेक्टर को शासन के नियमानुसार भूमि तल-बदल किये जाने एवं मुआवजा राशि देने का अधिकार है? यदि हाँ, तो उक्त किसान को भूमि के बदले भूमि या मुआवजा राशि प्रदाय किये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम द्वारा किसी भी किसान की भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अपितु पुरूषोत्तम (सोलह) सागर भूमि सर्वें क्रमांक 1031 रकबा 7.963 आरे की भूमि न्यायालय तहसीलदार उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 961/बी-121/14-15 आदेश दिनांक 31.01.2015 अनुसार पुरूषोत्तम (सोलह) सागर भूमि सर्वें क्रमांक 1031 शासकीय घोषित है। निगम द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर ही सौन्दर्यीकरण कार्य किया गया है। शासकीय भूमि होने से मुआवजे का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1093 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी के अंतर्गत मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अंतर्गत नलजल योजना के किये जा रहे समस्त कार्य की जानकारी दी जावें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 तक किये गये भुगतान के उपरांत शेष राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) धरमपुरी नगर परिषद के लिये राशि रू. 911.35 लाख की लागत से पेयजल योजना का कार्य दिनांक 06.09.2014 को स्वीकृत हुआ। इस कार्य हेतु राशि रू. 765.73 लाख की वित्तीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2016 को दी गई। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत होकर, 90 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। कार्य का घटकवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 तक किये गये भुगतान के उपरान्त शेष राशि रू. 243.10 लाख है।
वेतन सुविधाओं में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 1102 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से माननीय न्यायालय के स्थगन आदेश के आधार पर कितने स्कूल शिक्षा विभाग के उपसंचालक व इससे उच्च पदों (संयुक्त संचालक, अपर संचालक, संचालक, प्राचार्य डाईट एवं शिक्षा महाविद्यालय) कार्यरत रहे? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्ति सम्बन्धी स्वत्व यथा पेंशन, ग्रेच्युटी आदि उपादान का पूरा भुगतान, किस-किस अधिकारी को किया गया है और किस-किस को नहीं, भुगतान न करने के कारण क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) समरूप प्रकरणों में अनेक अधिकारियों को 60 वर्ष के आधार पर पेंशन, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान करने एवं शेष को लम्बे समय तक ना देने की विभेदकारी स्थिति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या उनसे नियमानुसार विलम्ब हेतु दंड आरोपित किया जाएगा? (घ) उक्त संदर्भित विभेदकारी स्थिति के कारण वंचित शेष अधिकारियों को भुगतान कब तक किया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार जिन अधिकारियों के स्वत्वों का भुगतान लंबित है, उनके प्रकरण परीक्षणाधीन होकर कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है, परीक्षणोंपरांत कार्यवाही संभंव हो सकेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1104 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर नगर पालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रश्न दिनांक तक कितने आवास चिन्हित किए गए? जाँच उपरांत कितने आवास निर्माण हेतु स्वीकृत हुए? हितग्राहियों के नाम, पता सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त आवास की वर्तमान में क्या स्थिति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद छतरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 11806 आवास स्वीकृत/चिन्हित किए गए हैं। अभी तक जाँच उपरांत 5860 आवास निर्माण हेतु हितग्राही पात्र पाये गये हैं। हितग्राहियों के नाम, पता सहित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त आवास की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” के कॉलम 5 अनुसार है।
उद्योगों को खनिज लीज का आवंटन
[खनिज साधन]
50. ( क्र. 1132 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने उद्योगों को खनिज लीज आवंटित की गई है? सभी श्रेणी की आवंटित लीज उद्योगवार एवं वर्षवार बताएं। (ख) रीवा जिले के सेमरिया में ऐसे कौन-कौन से लीजधारक हैं, जिन्होंने आज दिनांक तक उद्योग नहीं लगाये हैं? कारण बतायें। (ग) क्या लीजधारकों की अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सीमेंट उद्योग हेतु मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड एवं मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड कुल 02 उद्योगों को खनिज लीज आवंटित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नाधीन जिले की तहसील सेमरिया में 08 लीज धारक हैं। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। लीजधारकों को स्वीकृति आदेश एवं अनुबंध की शर्तों में उद्योग स्थापित किये जाने की शर्त न होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं।
माइनिंग लीज
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 1133 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधानसभा क्षेत्र सेमरिया की तहसील सेमरिया में बनकुइयां क्षेत्र में किस नाम की फर्म में क्रेशर किस-किस दिनांकों से, किन-किन विभागों की अनुमति लेकर कब से स्थापित किये गयें हैं? इन क्रेशरों के द्वारा कितनें मीट्रिक टन किस प्रकार की (कितनें एम.एम.) गिट्टी प्रतिदिन उत्पादन करने का लायसेंस लिया गया हैं? जारी सभी विभागों की अनुमति (एन.ओ.सी.) एवं उत्पादन करने के लायसेंस की एक-एक प्रति प्रत्येक क्रेशरवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त क्रेशरों के द्वारा गिट्टी के उत्पादन को उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा हैं? अगर नहीं तो उक्तों के द्वारा 01 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2018 तक कितनी-कितनी रॉयल्टी विभाग को जमा की गई हैं? क्रेशरवार/क्रेशर के नामवार उपलब्ध करायें। अगर उ.प्र. गिट्टी भेजी जा रही है, तो क्या राज्य शासन द्वारा इसकी अनुमति दी गई है? (ग) क्या उक्त क्रेशर आदिवासियों के क्षेत्रों में लगाये गये हैं? इनके द्वारा किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी हेक्टेयर की माइनिंग लीज कब से ली गई हैं? माइनिंग लीजों की प्रत्येक क्रेशरवार एक प्रति उपलब्ध करायें? किन-किन क्रेशरों के पास स्वयं की माइनिंग लीज नहीं हैं? क्रेशरवार जानकारी दें। (घ) क्या इस क्षेत्र में स्थापित क्रेशरों के द्वारा गिट्टी उ.प्र. भेजी जा रही है? इनकी माइनिंग लीजों में डायनामाइट लगाकर ब्लास्टिंग से आदिवासियों के घर टूट-फूट रहे हैं? शासन इनके विरूद्ध कब एवं क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित विधानसभा क्षेत्र सेमरिया की तहसील सेमरिया में बनकुइंया क्षेत्र में किसी फर्म को क्रेशर स्थापित करने की अनुमति विभाग द्वारा नहीं दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
खण्डवा मत्स्य विभाग में अवैध व्यापार
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
52. ( क्र. 1142 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले के भगवंत सागर तालाब में मत्स्य पालन का ठेका प्रतिवर्ष दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में किस व्यक्ति अथवा संस्था को कितनी-कितनी राशि पर दिया गया? (ख) क्या इस जलाशय में कागजों पर साधारण मछली पालन दिखाया जाकर वास्तव में समुद्री मछली (बड़े झींगे) का उत्पादन अवैध रूप से कराया जाकर अन्य प्रदेश के मछली ठेकेदारों से लाखों रूपयों की अवैध कमाई की जा रही है? (ग) क्या जिला मत्स्य पालन अधिकारी का पद रिक्त होने से प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी के सरंक्षण में होने वाले मछली के अवैध पालन एवं व्यवसाय से विभाग को लाखों रूपयों के राजस्व की हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी की विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण स्थानीय मछुआरों में उत्पन्न रोष को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को निलंबित कर उनसे शासन को हुई लाखों रु. की राजस्व हानि की वसूली की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) जिला अधिकारी का पद रिक्त होने से वरिष्ठ सहायक मत्स्य अधिकारी के संरक्षण में किसी प्रकार की राजस्व हानि नहीं हो रही है। (घ) जी नहीं। विवादास्पद कार्यप्रणाली की शिकायत प्राप्त न होने से उच्च स्तरीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार।
राशि व्यय न करने पर कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
53. ( क्र.
1196 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
सामाजिक
न्याय मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला राजगढ़
अंतर्गत वर्ष 2017-18 से
दिनांक 15.06.2019 तक किस-किस
मद में
किन-किन विभाग
को अनुसूचित जाति
मद से कितन-कितनी
राशि प्राप्त
हुई है? विभागवार, मदवार, राशि
के विवरण से
अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
दर्शित
प्राप्त राशि
के विरूद्ध
कितन-कितनी
राशि व्यय की
गई है?
विभागवार, मदवार, व्यय
राशि एवं शेष
राशि विवरणों
से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
शेष राशि रहने
के विवरणों से
अवगत करावें
एवं प्राप्त
राशि को खर्च
न करने वाले
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी? यदि नहीं तो
क्यों नहीं?
सामाजिक
न्याय मंत्री
( श्री लखन
घनघोरिया ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘अ’ अनुसार
है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब’ अनुसार
है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘स’ अनुसार
है।
अनियमितता
की जांच
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 1201 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निर्धन बच्चों के लिये निःशुल्क ओर अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो जिला राजगढ़ अन्तर्गत किन-किन गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कितने-कितने बच्चों को प्रवेश दिया है? वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक की जानकारी वर्षवार, संस्थावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार फीस प्रतिपूर्ति के लिये राज्य शासन से जो भी प्रायवेट संस्थाएं शासन की मान्यता की पूर्ति करता है शासन स्तर फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान करता है? किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि फीस प्रतिपूर्ति के रूप में शासन से भुगतान की जाती है? संस्थावार वर्षवार छात्र/छात्राओं के मान से प्रदाय की जाने वाली फीस प्रतिपूर्ति की राशि की जानकरी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत निःशुल्क पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं से प्रायवेट स्कूलों में अन्य प्रायोजन के माध्यम से बच्चों के पालकों से फीस वसूली जाती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ऐसी संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावगी? यदि नहीं तो किन-किन जिला अधिकारी /विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों के द्वारा प्रायवेट स्कूलों में जांच कर प्रतिवेदन दिया गया? संस्थावार अधिकारी के नाम की जानकारी से अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2017-18 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, विकासखण्ड सारंगपुर में सत्र 2018-19 में 14.06.2019 को सत्य सांई कॉन्वेट स्कूल सारंगपुर द्वारा अन्य प्रयोजन के माध्यम से बच्चों के पालकों से फीस वसूली की शिकायत प्राप्त हुई है। जिसके संबंध में बी.ई.ओ. एवं बी.आर.सी. के द्वारा जांच कर संस्था को आर.टी.ई. के नियमों का पालन करने हेतु निर्देश दिये गये है।
पशु औषधालय के संबंध में
[पशुपालन]
55. ( क्र. 1212 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के विकासखण्ड शुजालपुर, कालापीपल, मो.बडोदिया में कुल कितने विभिन्न श्रेणी के पशु औषधालय हैं? विकासखण्डवार सूची देवें तथा इनमें पदस्थ डॉक्टरों की सूची देवें। (ख) नवीन पशु औषधालय खोलने के लिए क्या क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ग) क्या कालापीपल विकासखण्ड के ग्राम पोचानेर में पशु औषधालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विद्यालयों में बिजली कनेक्शन
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 1214 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में ऐसे कितने विद्यालय हैं जहाँ बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ है? संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने विद्यालय हैं जहाँ पर बिजली नहीं है फिर भी बिल आ रहा है एवं भुगतान भी किया जा रहा है? सूची देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या शून्य है। शाजापुर जिले में 226 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नाधीन हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी निरंक है। जिले की 73 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बिजली कनेक्शन नहीं होने पर भी बिजली का बिल आ रहा है किन्तु शालाओं द्वारा बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बी.आर.सी. पद हेतु प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 1234 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत रा.शि. केन्द्र द्वारा बी.आर.सी. की प्रतिनियुक्ति नियमानुसार 03 वर्ष एवं योग्यता व्याख्याता/वरिष्ठ अध्यापक हैं किंतु सिवनी रा.शि.केन्द्र में बी.आर.सी.पद पर 03 वर्ष से अधिक के अध्यापक को नियुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत 03 वर्ष से अधिक कार्यकाल पूर्ण कर चुके ए.पी.सी., विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक तथा जिला शिक्षा केन्द्र में पदस्थ है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या जिले में पात्रता परीक्षा पास की सूची से अलग विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक नियुक्ति किये गये है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र के प्रतिनियुक्ति नियम के अनुसार प्रतिनियुक्ति में एक बार यदि कर्मचारी की वेतनवृद्धि अथवा निलंबन होता है तो उसको प्रतिनियुक्ति नहीं दी जाती लेकिन सिवनी जिले में बनाये गये विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक के लिये इस नियम का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, बी.आर.सी/ए.पी.सी. के पद पर व्याख्याता/वरिष्ठ अध्यापक/प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला की सेवायें निर्धारित प्रक्रियान्तर्गत प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने का प्रावधान है। जिसके तहत तत्समय 08 बी.आर.सी. की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर ली गई थी, किन्तु वर्तमान में 05 बी.आर.सी. का पद रिक्त होने से वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत 05 वरिष्ठ अध्यापकों को बी.आर.सी.सी. का प्रभार अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक के अनुमोदन उपरांत सौंपा गया है। (ख) जी हाँ। प्रशासकीय आवश्यकता होने से पदस्थ हैं। (ग) जी नहीं। वर्तमान में 05 जनपद शिक्षा केन्द्र में बी.आर.सी. का पद रिक्त होने से वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत 05 वरिष्ठ अध्यापकों को बी.आर.सी.सी. का प्रभार अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक के अनुमोदन उपरांत सौंपा गया है। (घ) सिवनी जिले में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी की वेतनवृद्धि अथवा निलम्बन नहीं किया गया था। अत:शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशाला एवं पशुपालन की जानकारी
[पशुपालन]
58. ( क्र. 1237 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में पंजीकृत क्रियाशील कितनी गौशालाएं हैं? उन गौशालाओं का पंजीयन कब हुआ था? पंजीयन दिनांक से कितना अनुदान प्रति गाय दिया गया है? अनुदान राशि में वृद्धि कब-कब हुई है? वर्तमान में गायों के संरक्षण हेतु व्यवस्थाओं की क्या स्थिति है? (ख) उज्जैन जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला का निर्माण एवं रखरखाव हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गयी है? कार्य संरचना और जिम्मेदारी किस विभाग की होगी? (ग) उज्जैन जिले में उपलब्ध गौशालाओं में अधोसंरचना की दृष्टि से कितनी गौवंश रखने की क्षमता है तथा गौशाला परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति क्या है? सम्बंधित दिशा-निर्देश एवं गौशालाओं की कार्यविधियां तथा न्यूनतम मानक संहिता उपलब्ध करावें। (घ) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास म.प्र० शासन के पत्र क्रमांक 06/02/2019 प्रदेश में 1000 गौशाला खोले जाने हेतु प्रत्येक जिले को संभावित लक्ष्य दिए गए हैं? लक्ष्य के संबंध में प्रगतिरत कार्यों की स्थिति का विवरण प्रदान करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 29 पंजीकृत एवं क्रियाशील गौशलाऐं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) राज्य शासन द्वारा निराश्रित गौवंश की देखरेख हेतु गौशाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में जिला उज्जैन में 24 अतिरिक्त गौशालाओं का निर्माण ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जावेगा। जिसमें प्रति विकासखण्ड 4-4 गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति प्रदाय कर दी गई है, जिनका भूमि चिन्हांकन किया जा चुका है। गौशालाओं का निर्माण एवं संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी। (ग) उज्जैन जिले में उपलब्ध गौशालाओं में अधोसंरचना की दृष्टि से 7725 गौवंश रखने की क्षमता है। राज्य शासन द्वारा निराश्रित गौवंश की देखरेख हेतु गौशाला परियोजना अंतर्गत प्रथम चरण में जिला उज्जैन में 24 अतिरिक्त गौशालाओं का निर्माण ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जावेगा। जिले के 6 विकासखण्डों में प्रत्येक विकासखण्ड में 4-4 गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति प्रदाय कर दी गई है जिनका भूमि चिन्हांकन किया जा चुका है। गौशाला परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन संबंधित दिशा-निर्देश एवं गौशालाओं की कार्यविधियां तथा न्यूनतम मानक संहिता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है।
चीता को विकसित करने के संबंध में
[वन]
59. ( क्र. 1250 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नौरादेही वन्य अभयारण्य जो जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह तक विस्तारित है में चीता के लिए विकसित करने की कोई योजना बनायी गयी हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) अभयारण्य में चीता कहाँ से लाये जा रहे हैं एवं चीता को किस प्रकार की जलवायु एवं जंगल की आवश्यकता होती हैं? (ग) अभयारण्य में बसने वाले ग्रामों को कब तक विस्थापित करने की योजना है? विस्थापित होने वाले परिवारों की मुआवजा राशि बढ़ाने की कोई योजना वन विभाग एवं सरकार की हैं? अगर हाँ तो जानकारी प्रदान करें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार के तत्वाधान में भारत में चीता के पुनर्स्थापना के संबंध में केन्द्र सरकार के द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति की बैठक दिनांक 23.05.2013 में मध्यप्रदेश के नौरादेही अभ्यारण को चीता पुनर्स्थापना हेतु उपयुक्त मानकर वैज्ञानिक अध्ययन कराये जाने का निर्णय के पालन में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा नौरादेही अभ्यारण में चीता पुनर्स्थापन के लिये एक वर्कप्लान तैयार किया गया है। वर्क प्लान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा नौरादेही अभ्यारण में अफ्रीकी चीता लाया जाना प्रस्तावित है। चीता के लिये गर्म व शुष्क जलवायु तथा Dry Grassland and Dry Deciduous Scrub Forest उपयुक्त होता है। (ग) ग्राम विस्थापन स्वैच्छिक है। जैसे-जैसे ग्राम सभा की सहमति प्राप्त हो रही है, ग्राम विस्थापन का कार्य प्रचलित है। नौरादेही अभ्यारण से समस्त 69 ग्रामों को ग्रामसभा से सहमति प्राप्त होने पर विस्थापित करने की योजना है। ग्रामसभा से सहमति प्राप्त कर आज दिनांक तक 12 ग्राम पूर्ण रूप से विस्थापित किये जा चुके हैं तथा 19 ग्रामों के विस्थापन की कार्यवाही प्रगति पर है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश द्वारा भारत सरकार को विस्थापन हेतु मुआवजा राशि बढ़ाने के लिये लेख किया गया है। इस संबंध में भारत सरकार से स्वीकृति अपेक्षित है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अनियमितताओं पर वैधानिक कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
60. ( क्र. 1254 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर कटनी द्वारा प्रबंध संचालक अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को विधानसभा प्रश्न क्रमांक-358,दिनांक-18/02/2019 का क्या उत्तर प्रेषित किया गया था एवं प्रश्नांश (ख) एवं (ड़) का किस सक्षम अधिकारी के आदेशानुसार माननीय-सदन में भिन्न उत्तर क्यों प्रस्तुत किया गया? (ख) क्या प्रश्न क्रमांक-358, दिनांक-18/02/2019 का कार्यालय कलेक्टर कटनी द्वारा पत्र क्रमांक-1777, दिनांक-12/02/2019 से उत्तर और पत्र क्रमांक-1778,दिनांक-12/02/2019 से जांच का बिदुवार जांच प्रतिवेदन भी प्रबंध संचालक महोदय को भेजा गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ड़) का माननीय-सदन में उत्तर “जांच कलेक्टर द्वारा कराई जा रही हैं” देने का कारण बतायें? (ग) कार्यालय कलेक्टर कटनी के जांच प्रतिवेदन दिनांक-12/02/2019 पर प्रश्न दिनांक तक अनियमितताओं के दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस स्तर से कब-कब की गयी और कलेक्टर कटनी द्वारा प्रश्न क्रमांक-358 के प्रश्नांश (ड़) के उत्तरानुसार अनियमितताओं की वर्ष 2015-16 से जांच के प्रस्ताव के संबंध में क्या-क्या आदेश और कार्यवाही अब तक की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने एवं करोड़ों रुपये की लगातार आर्थिक अनियमितता ज्ञात होने और कलेक्टर कटनी से प्राप्त उत्तर में बदलाव कर माननीय सदन में भिन्न/अलग उत्तर प्रस्तुत कर दोषियों को बचाने पर क्या शासन स्तर से समग्र जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो? कारण बतायें?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) कार्यालय कलेक्टर, कटनी द्वारा विधानसभा प्रश्न क्रमांक 358 दिनांक 18.2.19 का उत्तर दो बार क्रमश: पत्र क्रमांक 1471 दिनांक 09.02.2019 एवं पत्र क्रमांक 1777 दिनांक 12.09.2019 द्वारा प्रेषित किया गया है। विधानसभा प्रश्न की महत्ता एवं समय-सीमा के मद्देनजर कार्यालय कलेक्टर से प्राप्त उत्तर दिनांक 09.02.2019 के अनुसार जानकारी तैयार कर निगम द्वारा दिनांक 11.2.2019 को प्रेषित किया गया है क्योंकि निगम द्वारा शासन को कार्यालय कलेक्टर, कटनी से प्राप्त जानकारी के आधार पर उत्तर प्रस्तुत किया गया है। अत: भिन्नता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्यालय कलेक्टर, कटनी द्वारा बाद में पत्र क्रमांक 1777, दिनांक 12.2.19 द्वारा पुन: उत्तर प्रेषित किया गया है जिसमें पूर्व में प्रेषित उत्तर दिनांक 09.02.19 को संशोधित अथवा अमान्य करने के संबंध में कोई भी उल्लेख नहीं किया गया था। कार्यालय कलेक्टर, कटनी द्वारा प्रेषित दोनों उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर, कटनी के पत्र क्रमांक 1778 दिनांक 12.02.19 से जांच प्रतिवेदन दिनांक 15.02.19 को निगम में प्राप्त हुआ। जबकि निगम के पत्र क्रमांक 3385 दिनांक 11.02.19 के द्वारा शासन को उत्तर भेज दिया गया इसलिए प्रश्नांश (ड.) के उत्तर में ‘जांच कलेक्टर द्वारा कराई जा रही’ बताया गया। (ग) कलेक्टर, कटनी के जांच प्रतिवेदन दिनांक 12.02.19 के आधार पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों श्री पी.के.वर्मा, प्रभारी कार्यपालन अधिकारी को आदेश क्रमांक 3450 दिनांक 18.02.19, श्रीमती श्यामाबाई पासी, लेखापाल को आदेश क्रमांक 3451 दिनांक 18.02.19 एवं श्री तुलाराम झारिया, भृत्य को आदेश क्रमांक 3608 दिनांक 12.03.19 द्वारा तत्काल प्रभाव से निगम स्तर से निलंबित किया गया। कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर आरोप पत्र भी जारी किये गये। वर्ष 2015-16 से अद्यतन वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम आदेश क्रमांक 3454 दिनांक 18.02.19 द्वारा गठित की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) तक सदन में कलेक्टर से भिन्न उत्तर नहीं दिया गया है। निगम से शासन को उत्तर पहले भेज दिये जाने एवं कलेक्टर का जांच प्रतिवेदन एवं विधानसभा प्रश्न का उत्तर बाद में प्राप्त होने के कारण उत्तर की भाषा में भिन्नता है परन्तु कोई तथ्य नहीं छिपाये गये हैं एवं किसी भी दोषी को बचाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी को अनियमितता के आरोप में निलंबित किया जाकर आरोप पत्र भी जारी किये जा चुके हैं। अत: उच्च स्तर से जांच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण कार्य की जांच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
61. ( क्र. 1255 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किन-किन विभागीय योजनाओं के तहत वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 की अवधि में कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्थान पर विद्युतीकरण हेतु कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं क्या-क्या कार्य किस ठेकेदार कंपनी द्वारा कब-कब कराये गए हैं? इन कार्यों के प्रस्ताव/ स्वीकृति एवं कार्यादेश किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदान किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत राशि के व्यय एवं उपयोग के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश थे? विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में कटनी जिले में विद्युतीकरण कार्य हेतु शासन/ विभाग द्वारा आवंटन प्राप्त न होने अथवा प्राप्त आवंटन से अधिक कार्य बताकर राशि की मांग की गयी थी, जबकि तत्कालीन प्रमुख सचिव ने सितंबर 2016 में इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो तत्कालीन प्रमुख सचिव के आदेश क्या थे एवं आवंटन अथवा अधिक आवंटन की मांग किस वजह से किस नाम-पदनाम के शासकीय सेवक द्वारा कब-कब की गयी? (ङ) प्रश्नांश (ख) से (ग) विभाग प्रमुख के रोक के बाद भी राशि आवंटित होने और संदिग्ध विद्युतीकरण कार्य की जांच क्या शासन स्तर पर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक यदि नहीं तो क्यों?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) योजना क्रमांक 5084 पम्पों का उर्जीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं योजना क्रमांक 5230 मजरे टोलों का विद्युतिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अवधि में आवंटन से अधिक कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं और न ही अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फेंसिंग/जाली की ऊंचाई बढ़ाना
[वन]
62. ( क्र. 1257 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत तीजबडली श्री हनुमान मंदिर से कोटरा तक विभाग द्वारा वन भूमि की तार फेंसिंग/जाली लगाई हुई है, जिसकी ऊँचाई 5 फीट के लगभग है? यदि हाँ, तो क्या उक्त फेंसिंग/जाली की ऊँचाई कम होने से वन्य प्राणी उसको कूद कर आस-पास स्थित किसानों की भूमि में प्रवेश कर जाते हैं एवं फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त संबंध में अनेकों बार प्रभावित किसानों द्वारा विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रसाशन को आवेदन-निवेदन कर उक्त फेंसिंग/जाली की ऊँचाई बढ़ाने की मांग की जाती रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों की फसलों की सुरक्षा की दृष्टि तथा वन्यप्राणी के कारण अन्य कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके, इस हेतु उक्त फेंसिंग/जाली की ऊँचाई बढ़ाकर 11 फीट करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के तीजबडली श्री हनुमान मंदिर से कोटरा के मध्य वन्यप्राणी अभयारण्य नरसिंहगढ़ का वनकक्ष क्रमांक पी-86, पी-84, पी-85 स्थित है। इन कक्षों में वर्ष 2007-08 से 2009-10 के मध्य किये गये वृक्षारोपणों की सुरक्षा के लिये 05 फीट ऊँची चैनलिंक फेंसिंग कराई गई थी। वृक्षारोपण की सुरक्षा की दृष्टि से की गई फेंसिंग मवेशियों से वृक्षारोपण को नष्ट होने से बचाने के लिये किया गया है। प्रश्नांश में वर्णित फेंसिंग वन्यप्राणी से फसल सुरक्षा के लिये नहीं की गयी है। ऐसी कम ऊंचाई की फेंसिंग को कूदकर वन्यप्राणी बाहर निकलकर फसल नुकसानी कर सकते हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित क्षेत्र में वन्यप्राणी से फसल हानि रोकने के लिये नरसिंहगढ़ अभयारण्य की सीमा पर तीजबडली श्री हनुमान मंदिर से कोटरा तक 10 कि.मी. 9 फीट ऊंचाई की चैनलिंक फेंसिंग का प्लॉन स्टीमेट एवं प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही वनमण्डल राजगढ़ स्तर से प्रचलित है। अभी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के लम्बित कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
63. ( क्र. 1259 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016-2017 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजनाओं में सम्मिलित ग्रामों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये, जिसमें कौन-कौन से कार्य पूर्ण तथा कौन-कौन से कार्य किन कारणों से वर्तमान तक अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यों की लागत सहित बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में उक्त योजनाओं में कितनी राशि का वंटन प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुआ अथवा होना प्रस्तावित है तथा क्या प्रश्न दिनांक तक ऐसे भी कोई कार्य स्वीकृत हैं जिनमें सक्षम अनुमोदन लिया जाना अथवा वंटन प्राप्त होना शेष है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) वर्तमान वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत राशि रू. 53.65 लाख का आवंटन दिया गया है। उक्त योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक ऐसा कोई कार्य स्वीकृत नहीं है जिसमें सक्षम अनुमोदन लिया जाना अथवा आवंटन देना शेष है।
निःशक्तजनों को मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
64. ( क्र. 1262 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 29 मई 2016 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री थॉवरचंद गेहलोत जी द्वारा निःशक्तजन कल्याण आयोजन में मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल व अन्य उपकरण वितरण करने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में कितने व्यक्तियों को मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल प्रदान कि गई? व्यक्ति का नाम, ग्राम, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) 29 मई 2016 के बाद से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले के कितने व्यक्तियों द्वारा उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण जिला मंदसौर को मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल हेतु आवेदन दिये गये? आवेदक का नाम, पता सहित जानकारी देवें। (ग) क्या 29 मई 2016 के बाद से प्रश्न दिनांक तक उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण जिला मंदसौर द्वारा सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग भारत सरकार को आवेदन या प्रस्ताव प्रेषित किये गये? आवेदकों के नाम, पता, आवेदन संख्या, दिनांक सहित जानकारी देवें। (घ) मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल प्रदान करने हेतु शासन द्वारा ऑनलाईन आवेदन भी लिये जाते है। यदि हाँ, तो उसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करावें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) 29 मई 2016 के उपरांत मंदसौर जिले में किसी भी व्यक्ति को मोटोराईज्ड ट्रायसाईकिल प्रदाय नहीं की गई। प्रश्नांश की शेष जानकारी निरंक है। (ख) मंदसौर जिले में 29 मई 2016 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक कुल 35 दिव्यांग व्यक्तियों के मोटोराईज्ड ट्रायसाईकिल हेतु आवेदन प्राप्त हुये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’एक’’ अनुसार है। (ग) मोटोराईज्ड ट्रायसाईकिल के 26 आवेदन कलेक्टर मंदसौर द्वारा भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’दो’’ अनुसार है। (घ) भारत सरकार का उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) की वेबसाईट www.alimco.in पर कोई भी दिव्यांग व्यक्ति उपकरणों के लिये ऑनलाईन आवेदन कर सकता है। पंजीयन उपरांत आवेदक/दिव्यांग को समीपस्थ के एलिम्कों केन्द्र में प्रोफेशनल द्वारा परीक्षण/मूल्यांकन के लिये बुलाया जाता है। परीक्षण करने पर यदि आवेदक पात्र पाया जाता है, तो नियमानुसार मोटोराईज्ड ट्रायसाईकिल प्रदान करने की कार्यवाही उनके द्वारा की जाती है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 1263 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा शिक्षको के स्थानांतरण करने हेतु क्या नीति बनाई गई है? (ख) जो शिक्षक अपने गृह जिले से दूर अन्यत्र जिले में सेवाएं दे रहे हैं उनको उनके गृह जिले में स्थानांतरण करने हेतु क्या योजना या नीति सरकार द्वारा बनाई गई है? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र से शिक्षा विभाग में शिक्षकों के स्थानांतरण करने हेतु प्रश्नकर्ता से कितने पत्र प्राप्त हुवे एवं प्राप्त पत्रों में आवेदकों की संख्या कितनी थी तथा उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कितने शिक्षकों के स्थानांतरण कर दिये गये? नाम सहित जानकारी देवें तथा शेष शिक्षकों के स्थानांतरण कब तक कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, स्वैच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र से जिला शिक्षा अधिकारी मन्दसौर कार्यालय में शिक्षकों के स्थानान्तरण हेतु प्रश्नकर्ता से 02 पत्र प्राप्त हुये है, इनसे संलग्न सूची अनुसार आवेदनों की संख्या 192 है। इनमें से नामों की पुनरावृत्ति होने से कुल 183 प्रकरणों के आवेदन प्राप्त है। स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया प्रचलित है। (घ) शिक्षकों के स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया शिक्षा पोर्टल पर प्रचलित है। स्थानांतरण हेतु इच्छुक शिक्षक द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने पर तथा प्रशासकीय एवं अन्य आधारों पर स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण हो सकेंगे।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
66. ( क्र. 1284 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा किन-किन नियमों के तहत क्या-क्या निर्माण कार्य किया जाता है? वर्ष 2015 से अब तक बालाघाट जिले में क्या-क्या निर्माण कार्य कराया गया? सूचीवार जानकारी एवं किये गये निर्माण की मूल्यांकन एवं सत्यापन की जानकारी देवें। (ख) जबलपुर संभाग में कितने छात्रावास हैं एवं वर्तमान में छात्रावास में क्या-क्या सामग्री प्रदाय की जाती है? 2015 से अब तक बालाघाट जिले में क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गयी? (ग) जबलपुर संभाग में 2015 से अब तक कितने स्कूलों में फर्नीचर डेक्स प्रदाय किया गया? किस-किस ने सप्लाई किया? निविदा की शर्तों का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के प्रवास के दौरान कुछ स्कूलों में निम्न स्तर का फर्नीचर टेबल, बैंच देखने में मिला छात्रावासों में पलंग निम्न स्तर का देखा गया? क्या भोपाल स्तर की समिति बनाकर जबलपुर संभाग के जिलेवार जाँच कराकर उचित कार्यवाही करेंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास, आश्रम, स्कूल, कन्या शिक्षा परिसर, क्रीड़ा परिसर एवं मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 के तहत निर्माण कार्य किया जाता है। वर्ष 2015 से अब तक बालाघाट जिले में कराये गये निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जबलपुर संभाग में अनुसूचित जनजाति विभाग के कुल 465 छात्रावास संचालित हैं। छात्रावासों में निवासरत छात्रों हेतु बिस्तर सामग्री, बर्तन सामग्री, फर्नीचर सामग्री, अलमारी एवं टी.व्ही. आदि प्रदाय की जाती है। वर्ष 2015 से अब तक बालाघाट जिले में प्रदाय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 1. जबलपुर, कटनी एवं नरसिंहपुर जिले में विभागीय स्कूल संचालित नहीं हैं। 2. बालाघाट, छिन्दवाड़ा, सिवनी, डिण्डौरी एवं मण्डला द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार स्कूलों में फर्नीचर डेस्क प्रदाय किया गया है। फर्नीचर डेस्क का क्रय शासन के नियमानुसार किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों के शौचालयों में पानी की अव्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 1303 ) श्री विनय सक्सेना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के 2255 स्कूलों में से करीब 5500 शौचालयों का निर्माण किया गया है लेकिन 1500 स्कूलों के शौचालयों में पानी की समुचित व्यवस्था ही नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं समस्त स्कूलों में कब तक पानी की समुचित व्यवस्था कर दी जावेगी? (ख) जिन स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं थी वहां पानी की व्यवस्था करने से पहले शौचालय निर्माण कर शासकीय धन का व्यय क्यों किया? इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) ऐसे कितने स्कूल हैं जिनमें निर्मित शौचालयों की टंकियों में पानी चढ़ाने हेतु बिजली कनेक्शन नहीं है? (घ) क्या जबलपुर जिले के 1200 स्कूलों में सफाई कर्मी नहीं हैं? यदि हाँ, तो उक्त स्कूलों के शौचालयों की सफाई किस प्रकार होती है? उक्त स्कूलों में सफाई कर्मियों की तैनाती कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिले के 2255 शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं में 4701 शौचालयों का निर्माण किया गया है। समस्त शौचालयों में पानी की व्यवस्था टंकी/हैण्डपम्प/अन्य वैकल्पिक रूप से है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) समस्त शौचालयों में पानी की समुचित/वैकल्पिक व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जबलपुर जिले की 559 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बिजली कनेक्शन नहीं है। (घ) जबलपुर जिले की शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में सफाई कर्मी नियुक्त नहीं है। नगरीय क्षेत्र की शालाओं के शौचालयों की सफाई नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में शौचालयों की सफाई ग्राम पंचायत/शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से सफाई कर्मी द्वारा शौचालय की साफ सफाई की जाती है। स्कूलों में सफाई कर्मी का पद स्वीकृत नहीं है।
जिला शिक्षा केंद्र जबलपुर में संलग्न वाहन
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 1305 ) श्री विनय सक्सेना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केंद्र जबलपुर में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से अशासकीय वाहन किराये पर संलग्न किये गये हैं? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दीजिये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त संलग्न वाहनों का क्रमांक/वाहन मालिकों की सम्पूर्ण जानकारी देवें? (ग) समस्त संलग्न वाहनों का रजिस्ट्रेशन किस रूप में था? टैक्सी या प्राइवेट? (घ) संलग्न वाहनों का कब-कब किस कार्य में उपयोग किया गया? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन]
69. ( क्र. 1318 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला प्रारंभ किए जाने की घोषणा की गई है? क्या इस हेतु विभाग द्वारा आदेश जारी किए जा चुके हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए योजना से संबंधित समस्त दिशा-निर्देशों की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। घोषणा अनुसार प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितनी गौशाला, किस-किस दिनांक से प्रारंभ की जा चुकी हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक की स्थिति में गौशालाएं संचालित किए जाने हेतु प्रदेश की कितनी ग्राम पंचायतों में स्थान चिन्हित किए जा चुके हैं? जिलेवार संख्या बताएं। गौशाला संचालन हेतु कितनी-कितनी राशि जिलेवार स्वीकृत की गई है? यदि नहीं तो कब तक प्रदेश की सभी पंचायतों में गौशालाएं प्रारंभ कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय माध्यमिक स्कूलों का हाईस्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र.
1319 ) श्री
बीरेन्द्र
रघुवंशी : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
कुल कितने
शासकीय माध्यमिक
विद्यालय
स्वीकृत होकर
संचालित हैं? सूची
उपलब्ध
करावें तथा
किन-किन
शासकीय माध्यमिक
स्कूलों को
हाईस्कूल के
रूप में
उन्नयन किए
जाने का
प्रस्ताव
प्रचलन में है? सूची
उपलब्ध
करावें तथा
उन्नयन हेतु
वर्तमान में
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है? (ख) क्या
कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम व ग्राम
पंचायत
मकरारा में
स्कूल भवन के
लोकार्पण के
दौरान वर्ष 2015 में
तत्कालीन
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
द्वारा
शासकीय
माध्यमिक
विद्यालय
मकरारा को हाईस्कूल
में उन्नयन
किए जाने की
घोषणा की गई थी? यदि
हाँ, तो
क्या उक्त
घोषणा पर अमल
करते हुए
विभाग द्वारा
किए गए सर्वेक्षण
में उक्त
शासकीय
माध्यमिक
विद्यालय को
हाईस्कूल के
रूप में उन्नयन
किए जाने हेतु
पात्र पाया
गया? यदि
हाँ, तो
सर्वेक्षण के
तीन वर्ष
उपरांत भी
हाईस्कूल
उन्नयन क्यों
नहीं हो सका
तथा कब तक
उक्त माध्यमिक
शाला को
उन्नयन कर
हाईस्कूल की
स्वीकृति कर
दी जावेगी?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
संचालित शासकीय
माध्यमिक
विद्यालयों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
वर्ष 2019-20
में शासकीय
माध्यमिक
शाला से
हाईस्कूल में
उन्नयन हेतु
चिन्हांकन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। शालाओं
का उन्नयन
निर्धारित
मापदण्डों की
पूर्ति एवं
बजट की
उपलब्धता पर
निर्भर करता
है। सीमित
वित्तीय
संसाधनों के
कारण समस्त
पात्र शालाओं
का उन्नयन
संभव नहीं हो
पाता है।
उत्तरांश (क)
के प्रकाश में
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
करैरा अभयारण्य का डि-नोटिफिकेशन
[वन]
71. ( क्र. 1320 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा जिला शिवपुरी अंतर्गत करैरा अभयारण्य को डि-नोटिफिकेशन किए जाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में स्वीकृत किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है? यदि हाँ, तो गजट की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? करैरा अभयारण्य को डि-नोटिफिकेशन किए जाने में क्या-क्या समस्या है तथा कब तक करैरा अभयारण्य को डि-नोटिफाईड कर दिया जावेगा? (ख) क्या करैरा अभयारण्य, करैरा के क्षेत्रफल के समान क्षेत्रफल कूनो अभयारण्य में जोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो कितना क्षेत्रफल जोड़ा गया है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। मंत्रिमण्डल द्वारा दिये गये अनुमोदन के अनुक्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय से करैरा अभयारण्य को डिनोटिफाई करने की अनुमति प्राप्त करने हेतु याचिका दायर की गई है, जिस पर निर्णय अपेक्षित है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। कूनो अभयारण्य में 404.0758 वर्ग कि.मी. क्षेत्र जोड़ा जाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान अधिसूचित किया गया है।
अनियमितता की जांच
[वन]
72. ( क्र. 1322 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता श्री अखिलेश कुमार निवासी ग्राम मौहार एवं श्री मुकेश कुमार शर्मा ग्राम डढ़िया जिला सीधी के द्वारा वन मण्डल सीधी के वन परिक्षेत्र बहरी में पदस्थ श्री रामस्वरूप पटेल के द्वारा किये गये अनैतिक कार्यों की जाँच हेतु रूपये 43,1160.00 का घोटाला करने की शिकायत अक्टूबर 2015 में आयुक्त रीवा सभाग रीवा को की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत की जाँच हेतु आयुक्त रीवा संभाग रीवा के आदेश दिनांक-16 अक्टूबर 2015 द्वारा जाँच दल गठित किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी कार्य पालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकीय सीधी, उप वन मण्डल सीधी, उप संचालक पंचायत कार्यालय रीवा संभाग रीवा, परियोजना मनरेगा जिला पंचायत सीधी द्वारा जाँच कार्य पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि की अनियमितता पाई गई? (ग) क्या प्रतिवदेन के आधार पर कार्यवाही की गई? प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि जाँच नहीं हुई तो दोषी जाँच अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि की जायेगी तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जांच समिति द्वारा अभी तक शिकायत के जांच की कार्यवाही पूर्ण नहीं की है। जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1329 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका परिषद् खुरई द्वारा पिछले वर्ष तालाब सौंदर्यीकरण, पार्कों के सौंदर्यीकरण एवं नवीन ऑडिटोरियम के विस्तार हेतु करीब 10 करोड़ के प्रस्ताव आयुक्त नगरीय प्रशासन, भोपाल को स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में की गई कार्रवाई का ब्यौरा क्या है? कब तक स्वीकृति दी जायेगी? (ग) उक्त नगरीय क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों सहित सड़क एवं नालियों के निर्माण हेतु इस वर्ष कितना आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगरपालिका खुरई से किला संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण हेतु 500.33 लाख खेल स्टेडियम निर्माण 503.97 लाख तथा निकाय क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न वार्डों में सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण हेतु 1017.00 लाख के प्रस्ताव प्राप्त हुए है। (ख) नगरपालिका खुरई को खेल स्टेडियम, किला संरक्षण व सौंदर्यीकरण एवं विभिन्न विकास कार्य हेतु विशेष अनुदान राशि रू 50.00 लाख दिनांक 31/08/2018 एवं सर्वागीण विकास कार्य हेतु राशि रू. 50.00 लाख दिनांक 11/08/2017, राशि रू 100.00 लाख दिनांक 15/12/2017, राशि रू. 50.00 लाख दिनांक 22/09/2018 को प्रदान की गई है। (ग) नगरपालिका की पात्रता अनुसार स्वीकृत प्रावधान के अंतर्गत इस वर्ष राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी।
मछुआरों के कल्याण हेतु शिविरों का आयोजन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
74. ( क्र. 1349 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक, कब-कब केन्द्र एवं राज्य शासन से, कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों के प्रायोजनार्थ, किस-किस मद से मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास जिला कार्यालय भेजी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्राप्त राशि में से जिले में कितनी-कितनी राशि इसी समयावधि में कहाँ-कहाँ, किस प्रयोजनार्थ व्यय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? किस प्रकार इस वर्ग के कल्याण हेतु गरीब वर्ग को लाभ दिये जाने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि गरीब वर्ग के कल्याण हेतु, मछुआरे के कल्याण हेतु उनके बच्चों के उद्धार हेतु विभाग योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने का कार्य करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? क्या इस वर्ग में जाकर विभाग शिविरों का आयोजन करेगा तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में टीकमगढ जिले को दी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार व्यय राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) जिले में विभाग की संचालित योजनायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) योजनाओं का प्रचार-प्रसार ग्राम/ जनपद/जिला स्तरीय शिविरों के माध्यम से किया जाता है।
अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना
[वन]
75. ( क्र. 1350 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में केन्द्र एवं राज्य शासन की कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के प्रयोजनार्थ जिला वनमंडलाधिकारी कार्यालय में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक, किस-किस मद में भेजी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्राप्त राशि में से कितनी-कितनी राशि, प्रश्न दिनांक तक इसी समयावधि में कौन-कौन सी रेंजो में कब-कब भेजी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इसी समयावधि के कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो गये हैं और कौन-कौन से प्रश्न दिनांक तक क्यों अपूर्ण हैं? कार्य का नाम, लागत क्या रही है? मूल्यांकनकर्ता का नाम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं 1 (ब) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ) एवं 2 (ब) अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं 1 (ब) अनुसार है।
हॉस्टल में स्थायी वार्डन के संबंध में
[आदिमजाति कल्याण]
76. ( क्र. 1355 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कितने हॉस्टल संचालित हैं एवं क्या सभी हॉस्टल में स्थायी वार्डन और सहायक वार्डन हैं? हॉस्टल वाईज वार्डनों/सहायक वार्डन की सूची उपलब्ध करायें। (ख) वार्डन/सहायक वार्डन के पद हेतु क्या योग्यता निर्धारित है एवं क्या सभी वार्डन/सहायक वार्डन निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं? (ग) चालू वित्तीय वर्ष में हॉस्टलों के संचालन हेतु मदवार कितना-कितना बजट आवंटित किया गया हैं? (घ) क्या किसी वार्डन को एक से अधिक हॉस्टलों का प्रभार दिया गया है? क्या किसी सहायक वार्डन को वार्डन का प्रभार दिया गया हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) टीकमगढ़ जिले में 51 छात्रावास संचालित हैं। छात्रावासों में स्थायी वार्डन/सहायक वार्डन के पद नहीं हैं, अपितु अधीक्षक के पद होते हैं, जिस पर शिक्षा संवर्ग से पदस्थापना की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभागीय छात्रावासों में स्वीकृत अधीक्षक के पद पर उच्च श्रेणी शिक्षक, सहायक शिक्षक, अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को पदस्थ किया जाता है। पृथक से कोई योग्यता का निर्धारण नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) 03 अधीक्षकों को 2-2 हॉस्टलों का प्रभार दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
विद्यालय अग्नि सुरक्षा प्रणाली
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 1356 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला मुख्यालय और खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के बल्देवगढ़ एवं पलेरा ब्लॉक में कितने अशासकीय पूर्व माध्यमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी (10+12) विद्यालय संचालित है? (ख) क्या सभी मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालय मान्यता की सभी शर्तों को पूर्ण करते हैं? यदि नहीं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली आवश्यक हैं? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो कितने विद्यालयों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली का उपयोग नहीं किया जा रहा और उन पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जिले के सभी विद्यालयों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नति का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
78. ( क्र. 1361 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में 24 एवं 30 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नति का लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो उमरिया जिले में 31.12.18 तक कितने शिक्षकों को लाभ प्रदान किया गया है? (ख) जिला उमरिया में कार्यरत ऐसे कितने शिक्षक हैं जिन्हें 24 तथा 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का लाभ प्रदान नहीं किया गया? (ग) यदि शिक्षकों को प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार क्रमोन्नति का लाभ प्रदान नहीं किया गया है तो क्यों? ऐसे शिक्षकों को द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नति का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला उमरिया अंतर्गत 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 02 शिक्षक, 14 सहायक शिक्षक एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 05 सहायक शिक्षकों को अभी लाभ प्रदान नहीं किया जा सका है। (ग) गोपनीय चरित्रावली समय-सीमा में प्राप्त न होने के कारण उतरांश (ख) में अंकित शिक्षकों को अभी क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया जा सका है। शीघ्र ही प्रक्रिया पूर्ण कराकर लाभान्वित किया जाएगा।
छात्र-छात्राओं को ऑन-लाइन प्रवेश दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 1366 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) के अनुसार 25 प्रतिशत छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा योजना में लाभ देने हेतु ऑन-लाइन आवेदन जमा कराया जाता है जिससे निर्धारित समय में तकनीकी कारणों के कारण पूरे 25 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के दाखिले नहीं हो पाते हैं एवं ऑन-लाइन आवेदन की तिथि समाप्त होने के कारण अनेकों जरूरतमंद छात्र इस योजना के लाभ से वंचित रहे जाते हैं और विभिन्न शालाओं में सीट खाली रह जाती है, जिसके कारण गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या योजना से वंचित ऐसे छात्र/छात्राओं को ऑफ-लाइन दाखले की सुविधा विभाग द्वारा प्रदान की जायेगी और जिन स्कूलों में सीट खाली रह जाती है, क्या ऐसे स्कूलों में ऐसे छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा? (ग) नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) के अनुसार 25 प्रतिशत छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा की योजना में लाभ प्रदान किये जाने के क्या दिशा-निर्देश नियमावली है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत समस्त गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में ऑन-लाइन प्रक्रिया के तहत प्रदेश के समस्त वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को ऑन-लाइन आवेदन करने के साथ प्रवेश के अवसर प्रदान किये गये हैं। जी नहीं, प्रवेश की ऑन-लाइन पारदर्शी व्यवस्था के कारण प्रदेश के समस्त हितग्राही बच्चों को उनकी पसंद के बेहतर स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश लेने के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। प्रत्येक वर्ष प्रवेश प्रक्रिया के प्रारंभ होने की जानकारी के साथ-साथ इस प्रावधान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसमें समस्त गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों के चयन करने के विकल्प पालकों को उपलब्ध कराये जाते हैं। ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया में बेहतर स्कूल के चयन का विकल्प होने के कारण जिन स्कूलों के लिये च्वाइस फिलिंग नहीं होती है अथवा पालक अपने बच्चे को प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं, उन स्कूलों की सीटें रिक्त रहती हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी, नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 1367 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी प्राथमिक शालायें है, जिनका उन्नयन माध्यमिक शालाओं में एवं कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया जाना विभाग द्वारा प्रस्तावित है? शालावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन स्कूलों का विभाग द्वारा उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे स्कूलों की उन्नयन की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिन स्कूलों के उन्नयन हेतु पत्र/प्रस्ताव विभाग प्रेषित किये गये, उन स्कूलों के उन्नयन के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) स्कूलों के उन्नयन किये जाने के क्या दिशा-निर्देश एवं नियमावली है? उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) परासिया विकासखण्ड अंतर्गत वर्ष 2019-20 में किसी भी शासकीय प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन प्रस्तावित नहीं है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं में उन्नयन हेतु स्कूलों के चिन्हांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। (घ) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन के संबंध में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस के तहत- (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी, यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल उन्नयन संबंधी निर्धारित मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट पर है।
गौ-शालाओं की जानकारी
[पशुपालन]
81. ( क्र. 1390 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के वचन पत्र में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में गौ-शाला खोलने का वचन दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त वचन पत्र पशुपालन विभाग को प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो (क) के संदर्भ में दिनांक 01 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक मध्यप्रदेश की कितनी ग्राम पंचायतों में गौ-शालायें स्थापित कर दी गई हैं? उन पर कितना विभागीय मद से व्यय हुआ हैं? क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं और उन गौ-शालाओं में कितना पशुधन घोषित किया जा रहा है? जिलावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में प्रत्येक विकासखण्ड में कितनी-कितनी शासकीय एवं नवीन गौ-शालायें संचालित करने का निर्णय लिया गया एवं जिले को गौ-शाला अनुसार कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्डों में विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों/नगरों का चयन गौ-शाला स्थापित करने हेतु किया गया है? ग्राम का नाम, संरक्षित रकबा, प्राप्त बजट, गायों की संख्या, अधोसरंचना विकास के कार्यों सहित गौ-शाला के अनुसार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा वचन पत्र जारी नहीं किया गया है। (ख) से (घ) शेष प्रश्न हीं उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ वर्ग की योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
82. ( क्र. 1391 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ वर्ग की कौन-कौन सी जातियां रहती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त जातियों के कल्याण के लिए विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं? ग्रामवार स्वीकृत राशि और निर्माण की अद्यतन स्थिति सहित विकासखण्डवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इन समाजों के सामाजिक उत्थान हेतु शासकीय ऋण समूहों के कल्याण के लिये योजनायें, रोजगार के क्या-क्या अवसर उपलब्ध कराये गये हैं? सिरोंज, लटेरी विकासखण्डों के ग्राम पंचायत अनुसार हितग्राही के नाम सहित विस्तृत जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज-लटेरी, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जातियों के व्यक्ति किन-किन ग्रामों, मजरा-टोलों, नवीन बसाहटों में निवास करते हैं? ग्रामवार जानकारी देवें तथा इनकी ग्रामवार जनसंख्या कितनी-कितनी हैं? बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) बंजारा, बेलदार, लोहा पीट, जोग, सपेरा, कालबेलिया, बागरी, बैरागी, नायक भील बेड़िया आदि जातियां निवास करती हैं। (ख) वर्ष 2018-19 में केवल विकासखण्ड लटेरी की ग्राम पंचायत टोकरा में सी.सी. रोड निर्माण हेतु रूपये 4,20,000/- स्वीकृत किये गये हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। जनसंख्या की जानकारी सर्वे उपरांत ही दी जाना संभव होगी।
स्थायी कर्मियों को नियमित सेवा का अधिकार
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1393 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में उज्जैन विकास प्राधिकरण में अ.पि.व. के सहायक ग्रेड 03 एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने पद (डाइंग केडर को छोड़कर) रिक्त हैं? मय रोस्टर के जानकारी प्रदान करें। साथ ही कार्यालय में कितने ऐसे स्थायीकर्मी कार्यरत हैं जो रिक्त अ.पि.व. के सहायक ग्रेड 03 व चतुर्थ श्रेणी के पदों हेतु म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित समस्त वांछित योग्यताएं रखते हैं? नाम, संख्या सहित विस्तृत विवरण देवें। (ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 07-10-2016 के परिपालन में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं तो क्यों? उचित कारण स्पष्ट करें। शासन के स्पष्ट आदेश के उपरांत भी यदि कार्यालय द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो इस हेतु दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 07-10-2016 द्वारा संभागायुक्त की अध्यक्षता वाली गठित समिति द्वारा उज्जैन संभाग के कितने कार्यालयों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थायी कर्मियों को नियुक्ति प्रदान की गई है? विवरण प्रदान करें तथा शेष रहे स्थायीकर्मियों की नियमित नियुक्ति हेतु आगामी कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्तमान में उज्जैन विकास प्राधिकरण में अ.पि.व. के सहायक ग्रेड-3 के 02 पद रिक्त हैं। चतुर्थ श्रेणी (डाइंग केडर को छोड़कर) कोई पद रिक्त नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) सभी पात्र 46 दैनिक वेतन भोगियों को विनियमित कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है।
शिप्रा नदी के किनाने वृक्षारोपण
[वन]
84. ( क्र. 1394 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्षाकाल में उज्जैन जिले में शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण किये जाने की कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त बाबत् कितना पौधा रोपण कर लिया गया है तथा कितना बाकी है एवं इस कार्य में सहयोग के लिये कौन-कौन सी अशासकीय संस्थाओं को सम्मिलित किया गया है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नांश के संदर्भ में वर्षाकाल 2019 वृक्षारोपण योजना संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अभी रोपण कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। भूमि में पर्याप्त नमी होते ही पौधों का रोपण किया जायेगा। विभिन्न अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी एवं क्षिप्रा शुद्धिकरण न्यास, रूपान्तर संस्था, एकलव्य पर्यावरण संरक्षण समिति आदि अशासकीय संगठनों का सहयोग लिया जायेगा।
भू-मालिकों को भूमि स्वामित्व का अधिकार
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1403 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर नगर में कठोंदा प्लांट के चारों ओर 500 मीटर की परिधि की भूमि को नो-डेव्हलपमेंट एरिया (बफर जोन) घोषित किया गया है जिससे इस क्षेत्र के भूमि मालिकों को बिना कोई मुआवजा मिले भूमि पर निर्माण से वंचित हो जाना पड़ा है? (ख) क्या नगर निगम जबलपुर ने पत्र क्रमांक कॉलोनी सेल/2014-15/101 दिनांक 21.07.2014 के द्वारा MSW Rules 2000 के नियमों का संदर्भ देते हुये संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जबलपुर से उक्त बफर जोन को संशोधित करने का अनुरोध किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का जवाब हाँ, है तो बतलायें कि वर्तमान में उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही हो रही है और बफर जोन को संशोधित कर कठोंदा प्लांट के चारों ओर के भू-मालिकों को कब तक न्याय दिला दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) जी हाँ (ग) संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा नगर निगम जबलपुर से उक्त पत्र के संबंध में जानकारी चाही गई है। जानकारी प्राप्त होने पर गुण-दोषों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जायेगी। भू-मालिकों को भूमि स्वामित्व अधिकारों से वंचित नहीं रखा गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में चलित पशु चिकित्सा इकाईयां
[पशुपालन]
86. ( क्र. 1404 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी चलित पशु चिकित्सा इकाईयां स्वीकृत हैं और उनमें से कितनी आज दिनांक तक क्रियाशील हैं? विकासखंडवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या विभाग चलित पशु चिकित्सा इकाईयों में वृद्धि करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन विकासखंडों में यह विस्तार प्रस्तावित है और कब तक क्रियान्वित किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) प्रदेश में कुल 38 चलित पशु चिकित्सा इकाईयां जिला स्तर पर स्वीकृत हैं जिनमें से 37 चलित पशु चिकित्सा इकाईयां क्रियाशील हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
मान्यता प्राप्त संचालित विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 1409 ) श्री राकेश गिरि : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासन से मान्यता प्राप्त कुल कितने निजी प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? उनकी विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) विकासखण्ड टीकमगढ़ अंतर्गत ग्राम कुण्डेश्वर में संचालित बालाजी पब्लिक स्कूल को शासन से मान्यता प्राप्त है? यदि हाँ, तो स्कूल भवन शासकीय भूमि पर निर्मित है या निजी भूमि पर? क्या स्कूल का भवन और खेल मैदान निर्धारित मापदण्ड एवं नक्शा से बना है? उक्त भूमि के डायवर्सन/नक्शा/निर्माण की स्वीकृति/भूमि का खसरा नंबर मय रकवा सहित उपलब्ध करायें। (ग) विद्यालय में छात्र संख्यानुसार बैठने की समुचित व्यवस्था/पेयजल व्यवस्था/शौचालय/वाहन/ प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था है? प्रशिक्षित शिक्षकों की योग्यतानुसार सूची उपलब्ध करायें। (घ) विद्यालय को प्राप्त होने वाली आय को किन-किन मदों में व्यय किया जाता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) . टीकमगढ़ जिला में मान्यता प्राप्त निजी प्राथमिक एवं माध्यमिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के निम्नानुसार विद्यालय संचालित है। विकासखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। बालाजी पब्लिक स्कूल कुण्डेश्वर कक्षा के.जी. 1 से 10 तक मान्यता प्राप्त है। संस्था का भवन किराये का है, जो निजी भूमि पर निर्मित है। स्कूल का भवन और खेल का मैदान निर्धारित मापदण्ड से बना है। ग्रामीण क्षेत्र में डायवर्सन नहीं होता, अपितु ग्राम पंचायत की स्वीकृति लेना होती है। अतः निजि भूमि मालिक द्वारा ग्राम पंचायत शिवपुरी से नक्शा निर्माण की स्वीकृति ली है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। भूमि का खसरा नम्बर 66/मिन-4 है, रकवा 362 आर.ए. है (खसरा एवं रकवा की प्रति संलग्न है)। (ग) जी हाँ। विद्यालय में से छात्र संख्या के.जी. 1 10वीं तक 550 है जो दो पालियों में संचालित होता है। छात्रों को बैठने हेतु 200 बैंच एवं 200 टेबल है। पेयजल हेतु विद्यालय परिसर में ट्यूबवेल लगा है, जिससे टंकियों द्वारा पानी की सप्लाई की जाती है। विद्यालय परिसर में बालिकाओं के लिए 10 एवं बालकों के लिए 16 शौचालय निर्मित है। विद्यालय के पास निजी वाहन नहीं है। विद्यालय में 17 शिक्षक प्रशिक्षित है, जिनकी योग्यतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (घ) विद्यालय को प्राप्त होने वाली आय को शिक्षकों की वेतन भत्तों, किराया, स्टेशनरी आदि व्यवस्थाओं में व्यय की जाती है।
शासकीय स्कूलों में खेल गतिविधियां
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 1410 ) श्री राकेश गिरि : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के शासकीय पाँच स्कूलों को विगत वर्षों में खेलों के लिए कुल कितना अंशदान प्राप्त हुआ है? बतावें विगत पाँच वर्षों में टीकमगढ़ जिले के सरकारी स्कूलों से कितने बच्चे कौन-कौन से खेलों में राज्य स्तर एवं नेशनल इन्टरनेशनल स्तर पर खेलने गये और स्कूलों को प्राप्त अंशदान का कितना उपयोग हुआ? बतायें। (ख) टीकमगढ़ जिले में विगत पाँच वर्षों में विभाग के द्वारा कौन-कौन सी खेल सामग्री खरीदी गई? वर्षवार बतायें एवं विगत पाँच वर्षों में सामग्री का नष्टीकरण किया गया हो तो किस आधार पर? पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या शासन के नियमानुसार स्कूलों में शारीरिक शिक्षा आवश्यक है? यदि हाँ, तो विभाग शारीरिक शिक्षा हेतु कब तक खेल प्रशिक्षक (पी.टी.आई.) पदस्थ करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शालाओं में खेल सामग्री स्थानीय क्रीड़ा निधि से क्रय की जाती है। विभाग द्वारा खेल सामग्री नहीं खरीदी जाती। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्कूलों में खेलकूद हेतु एक कालखण्ड निर्धारित है। निश्चित समय -सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 1434 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम द्वारा प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हेतु माह फरवरी 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। यदि हाँ, तो क्या उक्त परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही सफल परीक्षार्थियों को कब तक नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे? यदि परीक्षा परिणाम ही घोषित नहीं किए गए, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, पी.ई.बी. द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 का आयोजन दिनांक 01 से 11 फरवरी 2019 तक तथा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 का आयोजन दिनांक 16 फरवरी से 10 मार्च 2019 तक किया गया है। उक्त दोनों परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए गए है। (ख) पी.ई.बी. द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं माध्यमिक शिक्षक परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद नियोजन की कार्रवाई की जावेगी। पी.ई.बी. द्वारा परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है।
अवैध रेत का उत्खनन
[खनिज साधन]
90. ( क्र. 1435 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 से 01 जुलाई, 2019 तक कि अवधि में प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? (ख) अवैध रेत उत्खनन के दर्ज प्रकरणों में कितने जब्त कर राजसात किये गए एवं कितने वाहनों पर रायल्टी या जुर्माना आरोपित कर उन्हें मुक्त किया गया? (ग) अवैध उत्खनन के प्रकरणों से विभाग को कितनी राशि जुर्माने के रूप में प्राप्त हुई? (घ) इस अवधि में अवैध रेत उत्खनन करने एवं अवैध भण्डारण के कितने प्रकरण पुलिस थानों में दर्ज किए गए तथा पुलिस/प्रशासन/खनिज/राजस्व/वन अधिकारियों पर खनन माफियाओं द्वारा हमले किये जाने की कितनी घटनाओं की रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) प्रदेश में दर्ज की गई? जिलेवार ब्यौरा दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर 04 एवं 05 पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर 06 पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
गौ-अभयारण्य में सप्लाई सामग्री में अनियमितता की जाँच
[पशुपालन]
91. ( क्र. 1438 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 2212 दि. 07-03-18 के (ख) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट (ब) में श्री संस्कार एजेंसी सुसनेर द्वारा सप्लाई भूसा कितनी मात्रा में विभाग को किस दर से कब-कब प्राप्त हुआ? प्रत्येक सप्लाई बिल की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) उपरोक्तानुसार वर्णित भुगतान राशि रूपये 84,33,905=00 का विवरण दिनांक, भुगतान राशि, भुगतान माध्यम, T.D.S. कटौत्रे के साथ देवें। लंबित राशि 34,73,330=00 रू. का भुगतान संबंधी जानकारी भी इसी अनुसार देवें। (ग) श्री शिंदे भूसा सप्लायर कालापीपल की जानकारी भी प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार देवें। क्या कारण है कि इनके द्वारा सप्लाई सामग्री की जाँच दो बार कराई गई लेकिन श्री संस्कार एजेंसी द्वारा सप्लाई सामग्री की जाँच एक बार भी नहीं की गई? (घ) अनियमित भुगतान व सप्लाई सामग्री की जाँच न करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) श्री संस्कार एजेंसी सुसनेर द्वारा दिनांक 06.03.2016 से 20.12.2017 तक कुल 2198.34 मेट्रिक टन भूसा सप्लाई किया गया। जिसका भूगतान रू. 3.83, रू. 3.84, रू. 4.87 प्रति कि.ग्रा. के मान से किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्न क्र. 2212 दिनांक 07.03.2018 के (ख) परिशिष्ट ''ब'' में उपसंचालक गौ-अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र सालरिया जिला आगर मालवा से अक्षरी त्रुटिवश भूगतान राशि रू. 84,33,905/- अंकित हो गई थी, यद्यपि दिनांक 07.03.2018 तक वास्तविक कुल राशि रू. रू. 54,77,449/- का भुगतान राशि - 139472/- का T.D.S. कटौत्रा किया गया था। लंबित राशि में 33,72,869/- रू. में से 32,26,734 रू. का भुगतान श्री संस्कार एजेंसी सुसनेर को किया गया है एवं 2 % T.D.S. कटौत्रा राशि - 64,535 रू. का किया गया है। उक्त राशि का विवरण दिनांक भुगतान राशि भुगतान माध्यम T.D.S. कटौत्रा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) श्री शिंदे सप्लाई द्वारा कुल 866,43 मेट्रिक टन भूसे की सप्लाई की गई। जिसका भुगतान रू. 4.43 एवं रू. 4.15 प्रति कि.ग्रा. की दर से किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) प्रश्न क्रमांक 2212 दिनांक 07.03.2018 के प्रश्नांश (ख) में वर्णित परिशिष्ट 'ब' के बिन्दु क्रमांक-7 ''सामग्री की जाँच'' - पृथक बिन्दु है। इसमें उल्लेखित सेंपल दिनांक 26.12.2017 (जाँच रिपोर्ट, दिनांक 08.01.2018) तथा सेंपल दिनांक 28.12.2017 (जाँच रिपोर्ट, दिनांक 02.01.2018) वास्तव में श्री संस्कार एजेंसी, सुसनेर, जिला आगर मालवा द्वारा प्रदाय भूसे के सेंपल की है। उक्त अवधि में श्री शिंदे भूसा सप्लायर द्वारा भूसा प्रदाय नहीं किया गया है। श्री शिंदे भूसा सप्लायर द्वारा दिनांक 31.12.2017 उपरांत भूसा सप्लाय किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण में अनियमितता
[वन]
92. ( क्र. 1439 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रमांक 2599 दिनांक 08/03/2018 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के पुस्तकालय परिशिष्ट-2 में वर्णित लालसिंह लक्ष्मण को रूपये 1,48,183=00, कवरसिंह छोगालाल को रूपये 73,320=00, दयाराम छित्तर को रूपये 62,760=00, कैलाश सुभाष को रूपये 1,61,325=00, शिवकुमार चिरोंजीलाल को रूपये 1,50,000=00 एवं रूपये 14,000=00 किन-किन कार्यों के लिए दिए गए? ये भुगतान किस दिनांक को किस माध्यम से (R.T.G.S. या अन्य ) बैंकों में किए गये? (ख) केवल 1 दिन (दिनांक 2.07.2017) के वृक्षारोपण कार्य के लिए इन्हें ये भुगतान कैसे हो गए? यदि ये फर्म हैं तो इनका टिन नम्बर भी देवें। (ग) भुगतान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाया गया भुगतान वृक्षारोपण वर्ष 2016 का था, किंतु त्रुटिवश उसे वृक्षारोपण वर्ष 2017 में सम्मिलित किया गया। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दी गई जानकारी अनुसार जिन्हें भुगतान किया गया है उनकी कोई फर्म नहीं है, अत: टिन नंबर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भुगतान श्री एम.आर. बघेल तत्कालीन वनमंडलाधिकारी खरगोन द्वारा किया गया है।
हाई स्कूल की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 1442 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ग्राम सगवाली में हाई स्कूल स्वीकृति के लिए अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) इस हाई स्कूल की स्वीकृति कब तक की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2019-20 में उन्नयन हेतु प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1443 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगरपालिका क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना की अद्यतन स्थिति बतावें। प्रारंभ से अब तक स्वीकृत आवास संख्या पूर्ण/अपूर्ण बतावें। (ख) कितने हितग्राहियों के आवेदन प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? आगामी स्वीकृति में कितने आवेदन स्वीकृत होंगे और कब? (ग) विलंब के कारण बतावें तथा इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रथम परियोजना प्रतिवेदन 197 हितग्राहियों का दिनांक 30 अक्टूबर, 2017 को, द्वितीय परियोजना प्रतिवेदन 180 हितग्राहियों का दिनांक 27 दिसम्बर, 2017 को, तृतीय परियोजना प्रतिवेदन 252 हितग्राहियों का दिनांक 23 अगस्त, 2018 को तथा चतुर्थ परियोजना प्रतिवेदन 23 हितग्राहियों का दिनांक 30 जनवरी, 2019 को कुल 652 हितग्राहियों का परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत किया गया है। अभी तक 400 हितग्राहियों को राशि आवंटित कर दी गई है। 351 हितग्राहियों द्वारा आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। 49 हितग्राहियों के आवास निर्माणाधीन हैं। (ख) आज दिनांक तक 135 आवेदन लंबित हैं। परीक्षण उपरांत जितने भी आवेदन योजना के मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार पात्र पाये जाने पर स्वीकृति की कार्यवाही होगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना क्रियान्वयन में कोई विलम्ब नहीं है। शेशांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निस्तार पत्रक में दर्ज ब्यौरे
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 1446 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्रक में गौण खनिज के लिए स्थान चिन्हित कर दर्ज किए जाने के लिए विभाग द्वारा बनाये गये प्रारूप में मिट्टी, मुरम, कंकड़, रेत, पत्थर की खदानों के ब्यौरे दर्ज कर ग्रामीणों के लिए खदान आरक्षित करने के संबंध में किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए हैं? प्रति सहित बताएं। (ख) खनिज विभाग कब तक ग्रामीणों के लिए, ग्रामीण विकास कार्यों के लिए ग्रामों की खदानों का चिन्हांकन कर निस्तार पत्रक में आरक्षित किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में अनुवांशिक कुम्हार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति के सदस्यों को परम्परागत तरीके से ईंट, कवेलू, बर्तन आदि निर्माण के संबंध में खनिज मिट्टी एवं रेत के उत्खनन हेतु क्षेत्र चिन्हित कर खसरा पंचशाला के कालम नंबर 12 में तथा निस्तार पत्रक में दर्ज करने संबंधी निर्देश विभाग द्वारा दिनांक 10.04.2013 को जारी किये गये हैं। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) उपरोक्त उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीणों के लिये पृथक से खदान का चिन्हांकन का प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है।
वनग्रामों की आरक्षित वनभूमि का विक्रय
[वन]
96. ( क्र. 1447 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाह वनमंडल के 9 वन ग्रामों की आरक्षित वन भूमि के विक्रय से संबंधित जानकारी उप-पंजीयक मुद्राक शुल्क बड़वाह के कार्यालय एवं क्रेता का नाम संशोधित करने के नामांतरण पंजी में दिए आदेशों की जानकारी राजस्व अभिलेखागार से प्राप्त कर इस विक्रय में शामिल एवं जिम्मेदार वन अधिकारियों के विरूद्ध वनमंडल बड़वाह एवं क्षेत्रीय वनवृत खंडवा ने कोई कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक नहीं की है? (ख) यदि हाँ, तो उप पंजीयक मुद्राक शुल्क बड़वाह के कार्यालय में 9 वनग्रामों की कितनी आरक्षित वन भूमि विक्रय से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध हैं? राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध नामांतरण पंजी में कितने क्रेताओं का नाम संशोधित करने के ब्यौरे उपलब्ध हैं? वनग्रामवार पृथक-पृथक बताएं। (ग) नामांतरण पंजी में आरक्षित वन भूमि पर क्रेता का नाम संशोधित किए जाने का आदेश किस वन अधिकारी ने दिया? उस वन अधिकारी के विरूद्ध वनमंडल बड़वाह एवं वनवृत खंडवा ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? यदि कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बताएं। कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) वनग्राम की आरक्षित वन भूमि क्रय करने वाले किस-किस व्यक्ति के विरूद्ध किस दिनांक को वन अपराध पंजीबद्ध कर उसे किस दिनांक को बेदखल किया? उसकी अपील वनवृत खंडवा ने किस दिनांक को अमान्य या निरस्त की? आदेशों की प्रति सहित बताएं।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग के संज्ञान में एक वनग्राम का प्रकरण में आने पर ग्राम मोयदा की वनभूमि क्रय पर वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संकलित की जा रही है। (ग) पट्टे से पृथक आरक्षित वनभूमि पर क्रेता का नाम दर्ज किये जाने के आदेश विभाग के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वनभूमि क्रय करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध, बेदखली एवं अपील की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। अपीलों के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
माता महामारी जन जागरण शिविरों का आयोजन
[पशुपालन]
97. ( क्र. 1453 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में कहाँ-कहाँ कितने-कितने 'माता महामारी' जन जागरण शिविर का आयोजन किया गया है? वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्न अवधि में आयोजित शिविरों पर कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु व्यय की गई? शिविरवार बताएं। (ग) प्रश्न अवधि में कितने-कितने पशु मालिकों का शिविरों में पंजीयन हुआ एवं इन्हें क्या-क्या सामग्री वितरित की गई? शिविरवार बताएं।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार।
अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
98. ( क्र. 1455 ) श्री संजीव सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण हेतु विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) उक्त योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में प्रदान की जाती है? ग्वालियर एवं चम्बल संभाग की विगत तीन वित्तीय वर्ष की जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2019-20 हेतु इन योजनाओं के लिए कितनी-कितनी राशि भिण्ड जिले हेतु किस-किस योजना में आवंटित की गई? योजनावार बताएं।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
अवैध उत्खनन की शिकायत की जाँच
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 1460 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-कटनी के ग्राम टिकरिया में फर्म शंकरलाल विश्वकर्मा जालपा वार्ड कटनी को 27 एकड़ में खनिपट्टा स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त स्वीकृत खनिपट्टा में 27 एकड़ से अधिक पर अवैध उत्खन्न की शिकायत की जाँच हेतु दो सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया था? क्या कार्यालय संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/क्यू/जाँच कटनी नं.क्र.1/2012-13 भोपाल दिनांक 22.06.2016 से कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कटनी से जानकारी चाही थी? यदि हाँ, तो जो जानकारी प्राप्त हुई हैं, उसकी प्रति सहपत्रों सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच पूर्ण हो गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति सहपत्रों सहित उपलब्ध करावें। (घ) जाँच प्रतिवेदन में जो तथ्य प्रमाणित पाए गए उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के प्रश्नाधीन ग्राम में श्री शंकरलाल विश्वकर्मा, जालपा वार्ड, कटनी के पक्ष में खनिपट्टा रकबा 27.02 हेक्टेयर पर स्वीकृत है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार अवैध खनन की जाँच हेतु जाँच दल गठित किया गया था। प्रश्नांश अनुसार कलेक्टर (खनिज शाखा) कटनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। वांछित जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जाँच प्रतिवेदन अनुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 1464 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा शाला शिक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो उसकी नियमावली क्या है? उपलब्ध करावें। (ख) प्रदेश में संविदा शाला शिक्षकों की अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) संविदा शाला शिक्षकों को कब तक नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। संविदा शाला शिक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संविदा शाला शिक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान न होने के कारण प्रदेश में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध निर्माण की शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1465 ) श्री कमल पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में मध्यप्रदेश मुख्य सचिव, विभागीय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल के समक्ष एवं कार्यालय में अवैध निर्माण की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्यवाही का विवरण, शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत का संक्षिप्त विषय सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) निर्धन, नि:शुल्क कानूनी सहायता समिति, जनसमस्या समाधान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नगर निगम भोपाल में आयुक्त नगर निगम भोपाल की जनसुनवाई, विभागीय प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव एवं विभागीय मंत्री के समक्ष दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण के संबंध में की गई प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्यवाही की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) क्या जनहित में नगर निगम भोपाल सीमा में सभी अवैध निर्माणों को चिन्हित करने हेतु उच्च स्तरीय जाँच टीम गठित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? जनसमस्या समाधान समिति एवं निर्धन, नि:शुल्क कानूनी सहायता समिति या अन्य के द्वारा की गई प्रत्येक शिकायत पर कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समयावधि बतावें। (घ) क्या नगर निगम भोपाल में भोपाल विकास योजना 2005 के मस्टर प्लान के विपरीत किये गये आवासीय क्षेत्रों में अवैध निर्माणों को चिन्हित करने एवं अवैध निर्माण के प्रकरणों की समीक्षा करने हेतु म.प्र. शासन स्तर पर कमेटी गठित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फ्लैक्स प्रिंटिंग
[वन]
102. ( क्र. 1467 ) श्री कमल पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा हरदा जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान फ्लैक्स प्रिंटिंग हेतु निविदा कब एवं किस किस अखबार में प्रकाशित की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त फ्लैक्स प्रिंटिंग किस दर पर किस एजेन्सी से कब, कुल कितने की कराई गई तथा किस एजेन्सी को कब-कितना भुगतान किया गया? बिल व्हाउचरों की विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या उपरोक्त फ्लैक्स प्रिंटिंग का भुगतान शेष है? यदि हाँ, तो किस किस एजेन्सी का कितना भुगतान शेष है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग द्वारा हरदा जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान फ्लैक्स प्रिंटिंग हेतु निविदा आमंत्रित नहीं की गई एवं न ही अखबार में प्रकाशित की गई, क्योंकि क्रय की जाने वाली सामग्री का मूल्य राशि रूपये 20,000 से कम था। (ख) विभाग द्वारा कुल 07 फ्लैक्स प्रिंटिंग का कार्य रूपये 15 प्रति वर्ग फुट से नियो ग्रॉफिक्स, हरदा से दिनांक 19.01.2017 को कराया गया। जिसका भुगतान नियो ग्रॉफिक्स हरदा को उनके बिल क्रमांक 2353, दिनांक 19.01.2017 राशि रूपये 10000/- (दस हजार रूपये मात्र) का धनादेश क्रमांक-490434, दिनांक 14.04.2017 से ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया। (ग) उपरोक्त फ्लैक्स प्रिंटिंग का भुगतान शेष नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 1468 ) श्री कमल पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व शासनकाल में नर्मदा नदी को जीवित इकाई के रूप में माना गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी आदेश एवं गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मां नर्मदा नदी को जीवित इकाई के रूप में मान्यता दिये जाने के उपरांत से प्रश्न दिनांक तक मां नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन एवं प्रदूषण के चलते जिन व्यक्तियों एवं फर्मों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या वैधानिक कार्यवाही की गई? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विगत तीन वर्षों में म.प्र. के जिला हरदा में अवैध रूप से मां नर्मदा से अवैध रेत उत्खनन विभिन्न खनन माफियाओं द्वारा किया गया, जिससे कि मां नर्मदा नदी का ईको सिस्टम बिगड़ गया? क्या इस संबंध में खनिज साधन विभाग पर्यावरण विभाग के साथ संयुक्त टीम गठित कर मां नर्मदा नदी को प्रदूषित करने एवं अवैध उत्खनन के संबंध में उच्च स्तरीय जाँच हेतु टीम गठित करेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समय अवधि बतावें। (घ) क्या म.प्र. की समस्त नदी एवं अन्य जल स्त्रोतों में तालाबों में हुए अवैध उत्खनन से हो रहे प्रदूषण एवं नदियों के ईको सिस्टम को सुधारने हेतु म.प्र. की नवीन रेत खनन नीति एवं अन्य खनन नीतियों में प्राकृतिक जल स्त्रोत एवं नर्मदा नदी से 500 मीटर दूरी तक जे.सी.बी. मशीन एवं अन्य मशीनी उपकरणों से रेत एवं अन्य खनिज पत्थर उत्खनन पर रोक लगाएंगे। यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) विभाग द्वारा दिनांक 01.04.2018 से 31.03.2019 की अवधि में अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जिला हरदा में विगत तीन वर्षों में अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों पर विभाग द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है। अत: पृथक से टीम गठित कर जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में 500 मीटर दूरी तक जे.सी.बी. मशीन एवं अन्य मशीनों, उपकरणों से रेत एवं अन्य खनिज पत्थर उत्खनन पर रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
104. ( क्र. 1471 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा में रेत की कितनी, कौन-कौन सी खदानें चिन्हांकित है? रकबा सहित बतावें। (ख) कौन-कौन सी खदानें किस-किस ठेकेदार/एजेंसी/ग्राम पंचायतों को आवंटित हैं? कौन-कौन सी नहीं? (ग) आवंटित खदानें कितनी-कितनी अवधि हेतु आवंटित हैं एवं शेष खदानों के आवंटन हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है तथा कब तक आवंटन की कार्यवाही की जावेगी? (घ) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस खदान पर अवैध खनन पकड़ने की कार्यवाही की गई एवं अवैध खनन करने पर किस-किस पर कितनी-कितनी राशि का जुर्माना लगाकर वसूली की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम - 7 में दर्शित है। वर्तमान में विधान सभा सिवनी-मालवा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी रेत खदान आवंटन हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित खदानों में समय-समय पर जाँच की गई है। जाँच के समय अवैध खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1472 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका परिषद् सिवनी मालवा में मुख्यमंत्री पेयजल योजना स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो योजना कितनी राशि की कब स्वीकृत हुई? (ख) क्या इस योजना से नगरपालिका के सभी वार्डों के प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से एवं नहीं तो क्यों? (ग) क्या इस योजना से प्रधानमंत्री आवास योजना में आवंटित आवासों में एवं प्रस्तावित आवासों में भी योजना के माध्यम से पेयजल व्यवस्था की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। निकाय को पेयजल योजना हेतु राशि रू. 2114.81 लाख दिनांक 09.07.2013 को स्वीकृत की गई है। (ख) जी नहीं। नगरपालिका क्षेत्र के 08 वार्डों में पूर्ण रूप से नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। 03 वार्डों में आंशिक रूप से नल कनेक्शन एवं 04 वार्डों में पाईप-लाईन न होने के कारण नल कनेक्शन के माध्यम से जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है। निकाय द्वारा नगर के 100 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय किये जाने के लिये योजना तैयार की गई है। योजना स्वीकृत होने पर कार्य करवाया जा सकेगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों में राशि का आवंटन उपलब्ध होने पर पाईप लाईन विस्तार किया जाकर नर्मदा पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
बी.आर.सी. की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 1477 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बी.आर.सी. नगर-2, रांझी में अतिरिक्त प्रभारी के रूप में पदस्थ श्री सी.एल. बागरी कब से पदस्थ हैं? इनकी पदस्थापना के आदेश कब एवं किसके द्वारा जारी किये गये हैं? अतिरिक्त प्रभार दिये जाने का नियम क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में शासन द्वारा पूर्णकालीन बी.आर.सी. (बी.आर.सी.नगर-2 रांझी) की नियुक्ति के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में बी.आर.सी. नगर-2, रांझी में अतिरिक्त प्रभारी के रूप में पदस्थ श्री सी.एल. बागरी के द्वारा शिक्षण सत्र वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में बी.पी.एल. श्रेणी में कितने एवं किस वर्ग के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रवेश दिया गया है? वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक की सूची देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कलेक्टर पदेन जिला मिशन संचालक के आदेश क्रमांक/जिशिके/स्था./2016/10687 दिनांक 26.8.2016 के माध्यम से श्री सी.एल.बागरी, बी.आर.सी.सी. कुण्डम को रिक्त बी.आर.सी.सी. नगर-2 का अतिरिक्त प्रभार दिया गया, जिसके तहत वे कार्य सम्पादित कर रहे है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) सत्र 2018-19 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के प्रवेश की कार्यवाही ऑन-लाइन आवेदन प्राप्त कर ऑन-लाइन लॉटरी के माध्यम से की गयी। ऑन-लाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूल आवंटन उपरांत दस्तावेजों के सत्यापन में पात्र पाये गये बच्चें को संबंधित स्कूलों में प्रवेशित कराया गया। बी.आर.सी.सी. नगर 2 रांझी में उपरोक्त प्रक्रिया के द्वारा पात्र बच्चों में से बी.पी.एल. श्रेणी के 985, अनुसूचित जाति के 37 एवं अनुसूचित जनजाति के 04 छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रवेश कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। सत्र 2019-20 की प्रवेश प्रक्रिया प्रचलन में है।
छात्रावास से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 1478 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर के तहत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से शासकीय/अशासकीय गैर आवासीय, आवासीय बालिका, कस्तूरबा गांधी बालिका, सी.डब्लू. एस.एन.बालक एवं बालिका छात्रावास संचालित हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कब से कौन-कौन से छात्रावास कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? इसके लिए कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई? किन-किन निविदाकारों ने भाग लिया, किन-किन निविदाकारों को कब-कब, कौन-कौन से छात्रावास किन शर्तों पर संचालित करने हेतु स्वीकृत किये गये? संस्थावार सूची दें। इन्हें वर्ष 2014-15 से 2018-19 जून 2019 तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों में वर्षवार कितने-कितने छात्र-छात्राएं निवास/अध्ययनरत् रहे हैं? इसकी जाँच कब-कब किसने की है? फर्जी छात्रों की उपस्थिति के आधार पर राशि प्राप्त करने की शिकायतों पर कब-कब, किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। फर्जी छात्रों की उपस्थिति की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले के स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 1485 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करने के क्या नियम एवं प्रक्रिया है? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत कटनी जिला अंतर्गत कौन-कौन से मिडिल एवं हाई स्कूल, क्रमश: हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में उन्नयन होने की पात्रता रखते हैं? विकासखण्डवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उन्नयन की पात्रता रखने वाले स्कूलों का उन्नयन किस प्रकार से कब तक होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार । (ख) वर्ष 2019-20 में उन्नयन प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. वन विकास निगम के संदर्भ में
[वन]
109. ( क्र. 1486 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी वेतनमान प्रदान करने के क्या नियम दिशा-निर्देश हैं? क्या इन दिशा-निर्देशों के तहत वन विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश वन विकास निगम में कार्यरत समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, स्थाई कर्मी वेतनमान पाने की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो इन्हें अभी तक उक्त वेतनमान प्रदान न करने के क्या कारण हैं? यदि नहीं रखते तो किन नियमों के तहत? उल्लेखित नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में वन विकास निगम में कार्यरत कितने दैनिक वेतन भोगी श्रमिक प्रभावित होते हैं? क्या शासन इन श्रमिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये मानवीय हित में प्रदेश के अन्य विभागों की तरह इन्हें नियमों को शिथिल कर स्थाई वेतनमान का लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रदेश शासन द्वारा नगद भुगतान पर रोक लगाते हुये समस्त प्रकार के भुगतान को ई-पेमेंट से करने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या यह आदेश वन विकास निगम पर भी लागू होता है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश कब जारी किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आदेश के विपरीत वन विकास निगम के किन-किन परियोजना मंडलों में 8 नवम्बर 2016 से अब तक कितनी-कितनी राशि का नगद भुगतान किसके द्वारा किन-किन कार्यों हेतु किसकी सहमती से किया गया? भुगतान का विवरण देवें एवं यह भी बतलावें की नियम विरूद्ध भुगतान करने वालों पर शासन क्या कार्यवाही किस प्रकार से कब तक करेगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर, 2016 में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी के रूप में विनियमित किये जाने के निर्देश हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सी.ए. सिविल/क्रमांक 771/2015 श्री रामनेरश रावत विरूद्ध श्री अश्विनी राय एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 15.12.2016 के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राज्य वन विकास निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी (Permenent Employee) की पात्रता नहीं है। (ख) कुल 378 दैनिक वेतन भोगी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सी.ए. सिविल/क्रमांक 771/2015 श्री रामनेरश रावत विरूद्ध श्री अश्विनी राय एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 15.12.2016 के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राज्य वन विकास निगम में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को स्थाई कर्मी (Permenent Employee) की पात्रता नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश शासन द्वारा नगद भुगतान पर रोक लगाते हुये समस्त प्रकार के भुगतान को ई-पेमेंट से करने हेतु म.प्र. राज्य वन विकास निगम के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थत नहीं होता।
बालक/बालिका छात्रावास, आश्रम एवं शालाओं की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
110. ( क्र. 1489 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने बालक-बालिका छात्रावास/आश्रम शालायें कब से संचालित हैं? निर्धारित सीट एवं दर्ज बच्चों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) आदिवासी विकासखण्ड में नवीन छात्रावास खोले जाने के संबंध में क्या नियम हैं? छात्रावास में सीट भरने के बाद वंचित रहे विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इन्हें छात्रावास में प्रवेश प्रदान करने संबंधित क्या कोई तात्कालिक व्यवस्था है? यदि नहीं तो क्या विभाग इस संबंध में कोई नियम बनायेगा। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त विधान सभा क्षेत्र जो बालक-बालिका छात्रावास/आश्रम भवन विहीन हैं, क्या यहां नवीन बालक-बालिका छात्रावास/आश्रम खोला जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के आदेश पृ. क्रमांक एफ 12-01/2017/25-2/692 दिनांक 24-03-2017 के तहत नवीन छात्रावासों के खोलने के मापदण्ड निर्धारित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। छात्रावासों में सीट भरने के बाद वंचित विद्यार्थियों को आवास सहायता योजना के अंतर्गत लाभांवित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ग) भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन मेरिट क्रम में स्वीकृत किये जाकर निर्माण का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण के आदेश दिनांक 24-03-2017 अनुसार मानदण्ड पूर्ण होने पर। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 1490 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र जिला अनूपपुर के अंतर्गत कितने शासकीय हायर सेकेण्डरी व हाई स्कूल हैं जिनके स्वयं के भवन नहीं हैं? स्कूलों के नाम सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने शासकीय माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय हैं जिनके स्वयं के भवन नहीं हैं, ऐसे कितने शाला भवन हैं जिनका निर्माण कार्य अभी तक अपूर्ण हैं तथा कब तक पूर्ण किया जायेगा? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं शालावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितने स्थानों पर नये शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की आवश्यकता है तथा कितने प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु विचाराधीन हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शसकीय माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय जिनके स्वयं के भवन नहीं है कि संख्या निरंक है, पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में प्राथमिक शाला करपा स्वीकृत वर्ष 2004-05 ऐजेंसी की लापरवाही के कारण अपूर्ण है, जिसके विरूद्ध आर.आर.सी. की कार्यवाही प्रचलन में है। न्यायालीन प्रकरण होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ पर है। पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जर्जर शाला भवनों के स्थान पर स्वीकृत 12 शाला भवन का निर्माण कार्य प्रगतिरत् है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ पर है। (ग) माध्यमिक से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन हेतु प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक वन उपज समिति में प्रबंधकों की नियुक्ति
[वन]
112. ( क्र. 1500 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वर्ष 1988 में प्राथमिक वन उपज समिति में प्रबंधक के पद नियुक्तियां की गयी थीं? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले में कितने प्रबंधक नियुक्त हैं तथा नियुक्त प्रबंधकों की वर्तमान पदस्थापना कहाँ-कहाँ एवं वेतन व्यवस्था किस विभाग द्वारा की जा रही है? जानकारी सूचीवार उपलब्ध करायें। (ग) क्या नियुक्त प्रबंधकों के नियमित किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 1988 से प्रश्न दिनांक कितने प्रबंधकों को नियमित किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। यदि नियमित नहीं किया गया है तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। वेतन व्यवस्था समिति को संघ मुख्यालय, भोपाल से प्राप्त होने वाले समिति कमीशन (सेवा शुल्क) से। (ग) जी हाँ। सेवा-नियमों के दिनांक 16.09.2013 से प्रभावशील होने के कारण वर्ष 1988 से प्रबंधकों को नियमित किये जाने का प्रश्न नहीं उठता, दिनांक 16.09.2013 से आज दिनांक तक 25 प्रबंधकों को नियमित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल के ज्ञापन क्रमांक-5105, दिनांक 24.10.1988 से जारी निर्देशों के अन्तर्गत जिला यूनियनों में प्रबंधकों की अंशकालिक नियुक्ति की गई थी। उक्त निर्देशों के तहत अंशकालिक नियुक्तियों के प्रबंधकों को नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं था, इस कारण से उन्हें नियमित नहीं किया गया है। दिनांक 16.09.2013 से प्रभावशील सेवा नियम के नियम-7 (4) के अनुसार प्रबंधकों को एक वर्ष की सेवा पूर्ण किये जाने के पश्चात् नियमित किये जाने का प्रावधान है, परन्तु इन नियमों में पूर्व के अंशकालिक पदों पर नियुक्त प्रबंधकों को नियमित करने हेतु ये नियम प्रभावी होंगे, इसका उल्लेख नहीं होने के कारण भी प्रबंधकों को नियमित नहीं किया जा सका है।
ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1510 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला सागर द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत कर्रापुर को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के लिये विभाग द्वारा कब अधिसूचना जारी की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विभाग द्वारा वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायतों को नगर परिषद् का दर्जा प्रदान किए जाने की अधिसूचना जारी की गई है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि कलेक्टर (शहरी विकास) जिला सागर ने विधिवत् प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं कर उक्त विषय में संचालनालय को केवल जानकारी प्रेषित की थी। कलेक्टर सागर को नियमानुसार प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु संचालनालय का पत्र क्रमांक 11246 दिनांक 28.06.2016 लिखा गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय कन्या माध्यमिक शाला एवं कन्या हाई स्कूल का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
114. ( क्र. 1511 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत शासकीय कन्या माध्यमिक शाला एवं कन्या हाई स्कूलों को उन्नयन करने हेतु कितने प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजे गये है एवं स्वीकृति हेतु विचाराधीन/लंबित है? (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्र के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत वर्तमान में कितने शासकीय कन्या माध्यमिक एवं कन्या हाई स्कूल संचालित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाई शालाओं में कक्षावार छात्राओं की दर्ज संख्या बतावें। (घ) क्या दर्ज संख्या को दृष्टिगत एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुये शासकीय कन्या माध्यमिक शाला नरयावली एवं शासकीय कन्या हाई स्कूल कर्रापुर का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन किया जाना बालिकाओं के हित में होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सागर जिला अंतर्गत वर्ष 2019-20 में शासकीय कन्या माध्यमिक शाला के उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन/लंबित नहीं है। माध्यमिक शाला से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से उच्चतर माध्यमिक शाला उन्नयन हेतु चिन्हांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) शासकीय कन्या माध्यमिक शाला नरयावली पूर्व से ही हाई स्कूल के रूप में संचालित है। कन्या शाला उन्नयन हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
नर्मदा यात्रा के दौरान किया गया वृक्षारोपण
[वन]
115. ( क्र. 1515 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से दिसम्बर 2018 तक रोपित पौधों की प्रश्न दिनांक तक वनमंडलवार जानकारी दें। इन वृक्षारोपण पर कितना व्यय किया गया? दिनांक 31.07.2014 को लगाये गये 1.43 करोड़ पौधों को लगाने का गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने संबंधी भेजे गए आवेदन की प्रति दें? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा 2016-17 के दौरान किस-किस स्थान पर कितने पौधे लगाए गए हैं? उक्त पौधे लगाने में कुल कितनी राशि खर्च हुई? उक्त पौधों को लगाने के बाद किस-किस दिनांक को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया। पौधों की अद्यतन जीवितता प्रतिशत से अवगत कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) में लगाये गए पौधों के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितना खर्च किया गया? लगाये गए पौधों की जीवितता प्रतिशत बतावें। (घ) वर्ष 2014 से दिसम्बर 2018 तक विभाग के किस-किस अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अनियमितता के प्रकरण विभागीय जाँच में आये तथा बतावें कि प्रकरण में जाँच पूरी हो गई? कितने में लंबित है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वर्ष 2014 से दिसंबर 2018 तक रोपित किये गये पौधे एवं वृक्षारोपण पर हुए व्यय की वनमंडलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दिनांक 31.07.2014 को लगाये गये 1.43 करोड़ पौधों को लगाने का गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने संबंधी भेजे गए, आवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) नर्मदा कछार में वन विभाग द्वारा 3.34 करोड़ पौधे रोपित किये गये थे, वन मंत्री की टीप क्रमांक 76 दिनांक 17/01/2019 द्वारा विभागीय अधिकारियों की टीम गठित कर, पुन: जाँच के निर्देश दिये गये थे, दिनांक 27, 28 जून 2019 को बैतूल वनमंडल के शाहपुर परिक्षेत्र अंतर्गत कक्ष क्रमांक 227 का औचक निरीक्षण वन मंत्री द्वारा किया गया, तदोपरांत वन मंत्री की टीप क्रमांक 947, 946 दिनांक 29/06/2019 द्वारा पुन: जाँच के निर्देश दिये गये है। (ग) रोपित किये गये पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, जीवितिता की पुन: जाँच की जा रही है। जाँच रिर्पोट आने पर तद्नुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। पौधों पर प्रतिवर्ष रखरखाव पर व्यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
तिघरा जलाशय में मत्स्याखेट
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
116. ( क्र. 1530 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के तिघरा जलाशय मत्स्य आखेट पट्टा हेतु मत्स्य उद्योग के अधीन आता है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2004 से पूर्व जिला पंचायत ग्वालियर द्वारा तिघरा जलाशय मत्स्य पट्टा पर आवंटित किया गया था? (ख) क्या वर्तमान में पर्यटन विभाग द्वारा वोट क्लब संचालित है? यदि हाँ, तो सैलानियों के लिए कैफेटैरिया कैंटीन सुविधा भी दी गई है? (ग) क्या कारण है कि तिघरा जलाशय में प्रश्नांग (ग) गतिविधियां संचालित होने के बाद भी वन विभाग द्वारा मत्स्य आखेट पट्टा की अनुमति सोन चिरैया अभ्यारण्य के कारण अनापत्ति नहीं दी जा रही है? कारण स्पष्ट करें? (घ) तिघरा जलाशय मत्स्य आखेट पट्टा पर नहीं देने से शासन को प्रतिवर्ष कितने राजस्व की हानि होती है? शासन मत्स्य आखेट पट्टा कब तक जारी करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) तिघरा जलाशय विभाग के अधीन नहीं है, अपितु जिला पंचायत ग्वालियर के अधीन है, जी हाँ। (ख) जी हाँ। सैलानियों के लिये कैफेटेरिया की सुविधा नहीं है। (ग) सोन चिरैया अभ्यारण्य के कारण मत्स्याखेट प्रतिबंधित है। (घ) मत्स्याखेट पट्टा पर नहीं होने से शासन को राजस्व हानि नहीं हो रही है। मत्स्याखेट पट्टा जारी होने की समय सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
राज्य स्तरीय छानबीन समिति
[आदिमजाति कल्याण]
117. ( क्र. 1538 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 03/05/2019 को अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र छानबीन समिति की बैठक आहूत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बैठक में किन-किन प्रकरणों में क्या-क्या अंतिम निर्णय पारित किए गए एवं निर्णय के परिपालन में कब-कब एवं क्या-क्या आदेश जारी किए गए? जारी आदेशों का विवरण देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ (ख) उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक दिनांक 03-05-2019 में कुल 11 प्रकरण समिति के समक्ष निर्णय हेतु रखे गये थे, जिसमें 1. श्रीमती अनिता विल्सन पिता स्व: श्री एल. विल्सन। 2. श्री शोभित कोष्टा आत्मज श्री खूबचंद, 3. कुमारी हेमलता एक्का आत्मजा श्री मारकुश एक्का 4. श्री संजय कुमार पिता श्री चैतराम रायकवार 5. श्री रमेश कुंभरे आत्मज श्री कृष्णा कुंभरे के प्रकरणों को समिति द्वारा वैध मान्य किया एवं 6. श्रीमती कौशल्या बाथम के प्रकरण को समिति द्वारा नस्तिबद्ध किया गया है। कुल 05 प्रकरण 1. श्री विलास भूगांवकर 2. श्री एल.आर. मीणा 3. श्रीमती ममता बावने 4. कमलेश वाशिंगटन एवं 5. श्री पूरनसिंह के प्रकरणों में समिति द्वारा अतिरिक्त जानकारी चाही गई। जारी आदेशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।