मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2025 सत्र
बुधवार, दिनांक 12 मार्च, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मैन्यू
अनुसार बच्चों
को पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 1176 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? ऐसी सभी योजनाओं की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में कहां-कहां के कौन-कौन से समूहों को वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिला स्तर से कौन-कौन सी सामग्री किससे क्रय की गई एवं इस पर व्यय की गई राशि की सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। जिले में मैन्यू अनुसार बच्चों को खाने-पीने की चीजें दी जाती हैं या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिले में कब से कौन-कौन अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी एवं अन्य कब से पदस्थ हैं? क्या इनकी कभी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है, जिनके विरूद्ध शिकायत है, उन्हें कब तक हटा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला स्तर पर क्रय की गई सामग्री से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
2. ( *क्र. 449 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत लोक सेवकों द्वारा कार्य की अवहेलना करने, अनुशासनहीनता करने, भ्रष्टाचार के आरोप होने, जांच में वित्तीय अनियमिततायें, गंभीर आरोप प्रमाणित पाये जाने पर उनके विरूद्ध मुकदमा कायम किया जाता है? क्या सामान्य व्यक्ति की तरह उन पर भी प्राथमिकी दर्ज की जाती है? क्या सामान्य व्यक्ति और लोकसेवकों के लिये अलग-अलग व्यवस्था न्यायोचित है? (ख) क्या लोक सेवकों की अनियमिततायें, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप पर उनकी जाँच विभागीय स्तर पर की जाकर विभागीय दण्ड दिये जाते हैं और सामान्य व्यक्ति की जाँच पुलिस द्वारा की जाकर उसे जेल भेजा जाता है, जो वर्षों-वर्षों तक जेल में रहता है? इनके प्रति रियायत क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त दोहरी नीति के कारण विभागों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं मिल रहा है? भ्रष्टाचार की जाँच कार्यवाही के लिये निष्पक्ष फास्ट ट्रैक जाँच समिति क्यों नहीं बनाई जाती है एवं जाँच की समयावधि निर्धारित क्यों नहीं की जाती है? क्या ऐसी व्यवस्था की जायेगी? (घ) क्या अनियमिततायें, भ्रष्टाचार के आरोपों पर लोक सेवकों का निलंबन, पदस्थापना परिवर्तन दण्ड की श्रेणी में आता है? क्या लोक सेवकों एवं सामान्य नागरिकों के लिये समान कार्यवाही, दण्ड नीति बनाई जाकर उसको लागू किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। उल्लेखित सभी कृत्य दाण्डिक विधि के अंतर्गत दण्डनीय नहीं होने के कारण सभी कृत्यों में अपराधिक प्रकरण कायम नहीं किये जाते हैं। यदि कृत्य दाण्डिक विधि की परिधि में आता है तो ही अपराधिक मुकदमा कायम किया जा सकता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। जांच की प्रकृति के दृष्टिगत जांच समिति का स्वरूप एवं समयावधि निर्धारित की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। दाण्डिक विधि सभी नागरिकों के लिये समान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
करोड़ों की अवैध धन संपत्ति की जांच
[सामान्य प्रशासन]
3. ( *क्र. 1064 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2024 के दौरान लोकायुक्त पुलिस की छापेमारी के समय भोपाल के समीप मेंडोरी में लगभग 54 किलो सोना तथा करोड़ों की नगदी फार्म हाउस के अंदर खड़ी लावारिस कार से बरामद की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किन-किन के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा किसे आरोपी बनाया गया है? नाम, पता सहित जानकारी दें। (ग) क्या छापे के दौरान डायरी जप्त की गई है, जिसमें परिवहन विभाग की अवैध वसूली का विशेष हिसाब दर्ज है? यदि हाँ, तो इस डायरी में कितनी राशि के लेन-देन का विवरण किस-किस के नाम का उल्लेख है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में किस-किस एजेंसी से जांच करायी जा रही है? (ड.) क्या इस प्रकरण में आरोपी सौरभ शर्मा के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा से जांच करायी गई तो कब एवं जांच परिणाम की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। विशेष पुलिस, स्थापना लोकायुक्त संगठन, भोपाल द्वारा माह दिसम्बर, 2024 के दौरान भोपाल के समीप मेंडोरी में जप्ती की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन, भोपाल द्वारा दिनांक 19.12.2024 एवं 20.12.2024 को आरोपी श्री सौरभ शर्मा, सेवानिवृत्त आरक्षक, परिवहन विभाग, भोपाल के निज निवास ई-7/78 एवं कार्यालयीन आवास ई-7/657, अरेरा कॉलोनी, भोपाल में विधिवत तलाशी की कार्यवाही संपन्न की गई है। (ख) विशेष पुलिस, स्थापना लोकायुक्त संगठन, भोपाल में आरोपी श्री सौरभ शर्मा, सेवानिवृत्त आरक्षक, परिवहन विभाग, भोपाल के विरूद्ध अपराध क्रमांक 195/24, दिनांक 19.12.2024 धारा-13 (1) बी सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। विवचेना के दौरान उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में श्री सौरभ शर्मा, सेवानिवृत्त आरक्षक, परिवहन विभाग, भोपाल के अतिरिक्त 1. श्रीमती दिव्या तिवारी, पत्नी श्री सौरभ शर्मा, निवासी ई-7/78, अरेरा कॉलोनी, भोपाल, 2. श्री शरद जायसवाल पिता श्री कैलाश प्रसाद जायसवाल, निवासी ई-8/99, शिवाकुंज, 12 नंबर बस स्टाप के पास, भोपाल एवं 3. श्री चेतन सिंह गौड़, पिता श्री प्रताप सिंह गौड़, निवासी ई-7/657, अरेरा कॉलोनी, भोपाल को भी आरोपी बनाया गया है, जिसके अनुक्रम में संबंधित धाराएं बढ़ायी जाकर, धारा-12, 13 (1) बी सहपठित 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 तथा धारा-61 (2) भारतीय न्याय संहिता 2023/120-बी भारतीय दंड विधान के अंतर्गत उक्त अपराध क्रमांक-195/24 की विवेचना जारी है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन, भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा जांच की जा रही है। (ड.) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत क्रमांक 295/24 पंजीबद्ध होकर वर्तमान में जांचाधीन है।
डी.पी.सी. की जानकारी का प्रदाय
[वाणिज्यिक कर]
4. ( *क्र. 1107 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आबकारी उपनिरीक्षक से सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदनाम देने हेतु किस दिनांक को डी.पी.सी. हुई है? (ख) डी.पी.सी. होने के पश्चात आज दिनांक तक पदनाम के आदेश जारी नहीं होने पर दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी उपनिरीक्षक से सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदनाम हेतु डी.पी.सी. नहीं हुयी है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
5. ( *क्र. 232 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गत 5 वर्षों में वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल निर्माण के कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अधिकांश खेतों तक विशेष रूप से अंतिम छोर के खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कार्य नहीं किये गये हैं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) अंतिम छोर तक पानी पहुँच रहा है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संभागीय कार्यालयों की स्थापना
[सामान्य प्रशासन]
6. ( *क्र. 1013 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग किस दिनांक व वर्ष में बनाया गया? चम्बल संभाग बनाने के बाद किस-किस विभाग के संभागीय कार्यालय मुरैना में खोले जाने थे एवं मुरैना में वर्तमान में कौन-कौन से संचालित हैं? उनके आदेशों की कॉपी उपलब्ध करायी जाये एवं वर्तमान में संभागीय कार्यालय में कौन-कौन अधिकारी पदस्थ हैं, उनके भी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या चम्बल संभाग मुख्यालय मुरैना में सभी विभागों के कार्यालय खुल गये हैं? यदि हाँ, तो कब से संचालित हैं और यदि नहीं खुले हैं तो अब तक क्यों नहीं खोले गये? (ग) चम्बल संभाग का संभागीय कार्यालय स्कूल शिक्षा, आई.टी.आई. स्वास्थ्य विभाग, कोष लेखा आदि जो आज दिनांक तक नहीं खोले गये हैं, उनको खोलने के आदेश कब तक जारी होंगे? यदि कार्यालय खोले गए हैं तो उनके आदेश उपलब्ध करायें एवं किन-किन अधिकारी को कब-कब पदस्थ किया गया है? उनके आदेश भी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध शराब विक्रय/परिवहन की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
7. ( *क्र. 560 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सैलाना में अवैध शराब विक्रय, परिवहन तथा अवैध बिक्री के कितने प्रकरण अथवा सूचनाएं प्राप्त हुईं? तिथिवार ब्यौरा पृथक-पृथक देवें। (ख) दिनांक 03.06.2024 को पत्र क्रमांक 469/VIP/2024 द्वारा आबकारी आयुक्त, मुख्य कार्यालय ग्वालियर को लिखे गये पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त शिकायतों पर अंकुश और नियंत्रण लगाने हेतु कितना अमला कहां-कहां पदस्थ है तथा उनके दायित्व क्या हैं? इस संबंध में आदेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुए यह भी बतायें कि उक्त अधिकारी/कर्मचारियों ने वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के दौरे किये? दौरे की तिथि, स्थान तथा उद्देश्य बताएं। (ग) वर्ष 2018 से सैलाना विधानसभा की जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो उसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? जानकारी पृथक-पृथक बतायें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र सैलाना में कुल 1539 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त प्रकरणों में अवैध शराब विक्रय परिवहन के 06 प्रकरण एवं अवैध बिक्री के 1533 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वर्ष 2023-24 में 22 सूचनाएं तथा वर्ष 2024-25 में माह जनवरी 2025 तक 18 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। कुल 1539 प्रकरण में 40 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, शेष 1499 प्रकरण क्षेत्र में भ्रमण एवं गश्त के दौरान पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) माननीय विधायक, श्री कमलेश्वर डोडियार के पत्र क्रमांक 469/VIP/2024, दिनांक 03.06.2024 प्राप्त होने पर उक्त पत्र के अनुक्रम में कार्यालयीन पत्र क्रमांक/6-ब/अप/2024/ई-319898, दिनांक 07.06.2024 एवं पत्र क्रमांक/6-ब/अप/2024/ई-341857, दिनांक 08.08.2024 से लिखा गया था। उक्त अनुक्रम में सहायक आबकारी आयुक्त जिला रतलाम के पृष्ठांकन पत्र क्रमांक/आब/शिका./2024/3518, दिनांक 29.08.2024 से प्रतिवेदन माननीय विधायक को प्रेषित किया गया था। तत्पश्चात भी उक्त शिकायत पर निरंतर कार्यवाही करते हुए एवं अन्य सूचनाओं के आधार पर आबकारी वृत्त सैलाना के स्टाफ द्वारा सूचनाओं के आधार पर वर्तमान समय तक कुल 279 स्थानों पर दबिश दी गई, जिसमें 218 स्थानों पर अवैध मदिरा बरामद होने पर विधिवत प्रकरण कायम किये गये एवं 61 स्थानों पर कोई अवैध मदिरा बरामद नहीं होने से उक्त स्थानों पर खाली तलाशी पंचनामें बनाये गये हैं। उक्त कायम प्रकरणों में कुल 82 स्थानों पर संदर्भित शिकायत के आधार पर तलाशी ली गई तथा 46 स्थानों पर स्टाफ द्वारा संकलित मुखबिर सूचनाओं के आधार पर भी दबिश कार्य किया गया। उक्त प्रकरणों में कुल 356 बल्क लीटर देशी मदिरा, 140 बल्क लीटर विदेशी मदिरा, 625 लीटर हाथ भट्टी मदिरा, 1725 किलो महुआ लाहन एवं मदिरा परिवहन में प्रयुक्त 02 दोपहिया वाहन जप्त किये गये। कुल जप्त मदिरा एवं वाहन का अनुमानित मूल्य राशि रूपये 6,79,131/- है। सहायक आबकारी आयुक्त जिला रतलाम के पृष्ठांकन पत्र क्रमांक 510, दिनांक 24.02.2025 से प्रतिवेदन माननीय विधायक को प्रेषित किया गया है। आबकारी अपराधों पर अंकुश और नियंत्रण किये जाने हेतु आबकारी वृत्त सैलाना में 01 आबकारी उपनिरीक्षक एवं 01 आबकारी आरक्षक पदस्थ है। वृत्त में पदस्थ आबकारी अमले द्वारा नियमित क्षेत्र में भ्रमण किया जाकर मदिरा दुकान निरीक्षण उपलंभन कार्य एवं गश्त की जाती है। माननीय विधायक, श्री कमलेश्वर डोडियार के पत्र क्रमांक 469/VIP/2024, दिनांक 03.06.2024 एवं सहायक आबकारी आयुक्त जिला रतलाम के प्रतिवेदन तथा अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018 से सैलाना विधानसभा में सी.एम. हेल्पलाईन, जनसुनवाई एवं सामान्य शिकायतें आदि मिलाकर कुल 124 शिकायतें कार्यालय में प्राप्त हुईं, जिसमें से 63 शिकायतें सत्य पाई जाने पर विधिवत प्रकरण कायम किये गये हैं। सभी शिकायतों का विधिवत निराकरण किया जा चुका है। चूंकि 63 शिकायतों में विधिवत प्रकरण कायम किये गये हैं एवं कार्यवाही निरन्तर जारी है, अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
नाबालिग का अपहरण
[गृह]
8. ( *क्र. 670 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज जिले के लौर थाना क्षेत्र के सीतापुर से एक नाबालिग का अपहरण किया गया था? अगर हाँ तो अपहरणकर्ता कौन थे? (ख) पुलिस ने नाबालिग को कहां से बरामद किया और आरोपियों की गिरफ्तारी कहां से की गई? आरोपियों के खिलाफ किन-किन थानों में पहले से कितने अपराध दर्ज हैं? (ग) क्या दोबारा इन्हीं आरोपियों के द्वारा नाबालिग के अपहरण की कोशिश की गई और परिजनों की शिकायत पर थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी जाने पर 15 और 17 जनवरी को एस.पी. को आवेदन दिया? (घ) प्रश्नांश (ग) सही है तो किन पुलिस आधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाई की गई? क्या दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध जांच कराई गई? अगर हाँ तो जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। क्या पुलिस अधिकारी बहाल कर दिए गए? यदि हाँ, तो क्यों? कारण और नियम बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मउगंज जिले के थाना नौर क्षेत्र के सीतापुर गांव से एक नाबालिग का अपहरण अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किया गया था। अनुसंधान के उपरांत अपहरणकर्ता मोमिना बागों, ईमान अली उर्फ मांझिल अन्सारी, इन्फारुल हसन तथा शलमाबानो द्वारा अपहरण किया जाना पाया गया था। मामले में सभी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (ख) पुलिस के द्वारा नाबालिग की बरामदगी थाना लौर से की गई है, आरोपियों की गिरफ्तारी 1. ईमान अली उर्फ मांझिल की गिरफ्तारी रीवा बस स्टेण्ड से की गई। 2. मोमिन बानो को नोटिस (धारा 35 बी.एन.एस.एस.) ग्राम सीतापुर में दिया गया। 3. इन्फारूल हसन को नोटिस (धारा 35 बी.एन.एस.एस.) ग्राम पिपरा में दिया गया। 4. सलमा बानो को नोटिस (धारा 35 बी.एन.एस.एस.) ग्राम पिपरा में दिया गया। आरोपी इंसान अली उर्फ मांझिल के विरूद्ध थाना लौर में 11 अपराध पंजीबद्ध हैं एवं मोमिना बानो के विरुद्ध थाना लौर में 04 अपराध पंजीबद्ध हैं। अन्य आरोपियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। (ग) दोबारा आरोपियों द्वारा नाबालिग के अपहरण की कोशिश नहीं की गई। पीड़िता के परिजनों द्वारा दो आवेदन पत्र पृथक-पृथक दिनांक 15.01.2025 एवं 17.01.2025 को थाने में प्रस्तुत किये गये। दिनांक 15.01.2025 के शिकायत आवेदन पत्र की जांच के दौरान पीड़िता का धर्मपरिवर्तन/शारीरिक शोषण तथा जान से मारने की धमकी देकर कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आये हैं। दिनांक 17.01.2025 के आवेदन पत्र के आधार पर पीड़िता प्रीति गुप्ता को वन स्टॉप सेन्टर रीवा भेजा गया। दिनांक 15.01.2025 एवं 17.01.2025 को पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय मउगंज में आवेदन नहीं दिया गया। (घ) उ.नि. जगदीश ठाकुर, थाना प्रभारी लौर, स.उ.नि. फत्तेलाल प्रजापति के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये दिनांक 17.01.2025 को निलंबित कर पुलिस लाईन मउगंज में संबद्ध किया गया। पुलिस अधीक्षक मउगंज द्वारा प्राथमिक जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मउगंज के द्वारा संपादित की गई, जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दिनाक 11.02.2025 को उ.नि. जगदीश ठाकुर, स.उ.नि. फत्तेलाल प्रजापति को बहालकर पुलिस लाईन मउगंज में पदस्थ किया गया। बहाली के संबंध में मूल नियम 53, 54 एवं सिविल सेवा नियम 9 (5) (घ) में वर्णित है।
शासकीय सेवकों को निलंबन करने के प्रावधान
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 508 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) अंतर्गत शासकीय सेवकों के निलंबन करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो निलंबन उपरांत कितने दिवस की कालावधि में संबंधित शासकीय सेवक को आरोप पत्रादि जारी किये जाने के निर्देश हैं तथा नियत कालावधि में आरोप पत्र जारी न किये जाने की दशा में क्या निलंबन आदेश प्रति सहित (रिवोक्ड) हो जाता है? (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सिवनी जिले में ऐसे कितने निलंबन मामले हैं, जिनमें निलंबन की कार्यवाही की गई, किन्तु निलंबनकर्ता प्राधिकारी ने आरोप पत्र जारी नहीं किये हैं? कारण सहित विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में दर्शाये गये मामलों में क्या निलंबित शासकीय सेवक को अपनी पूर्व पदस्थापना स्थल पर पदस्थ कराया गया है? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं राजस्व विभाग के ऐसे कितने निलंबन मामले हैं, जिनमें निलंबन की कार्यवाही की गई है? विभागवार, वर्षवार, शासकीय सेवक के नामवार आदेश की प्रतियां सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अनुसार निलंबन आदेश के दिनांक से 45 दिन की कालावधि के भीतर आरोप पत्रादि जारी किये जाने के निर्देश/नियम हैं, परन्तु जहां अनुशासनिक प्राधिकारी राज्य सरकार या उच्च न्यायालय हो, वहां निलंबन आदेश के दिनांक से 90 दिन की कालावधि के भीतर आरोप पत्रादि जारी किये जाने के निर्देश/नियम हैं। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित विभागों के अंतर्गत निलंबन के मामलों एवं निलंबन आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पत्रों पर कार्यवाही
[वित्त]
10. ( *क्र. 611 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख जिला उज्जैन के पत्र क्र. 1445/भू.अ./स्था./2023, दिनांक 01.06.2023 एवं कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्र. 899, स्था.एक/सर्वे तक/229739/2023, दिनांक 31.7.2023 पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल (म.प्र.) द्वारा की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही कर कब तक तहसील महिदपुर के डी.डी.ओ. कोड 4340709006 से डाटा इंट्री ऑपरेटर का एक पद भू-अभिलेख शाखा जिला उज्जैन के डी.डी.ओ. कोड 4300704004 में अंतरित कर उत्पन्न हो रही तकनीकी समस्या का निराकरण कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला उज्जैन से ऐसा कोई पत्र विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। कार्यालय भू-अभिलेख ग्वालियर द्वारा भेजा गया पत्र दिनांक 08.08.2023 को प्राप्त हुआ है, जिसके परिप्रेक्ष्य में संबंधित को अवगत कराया जा चुका है। पदों के स्थानांतरण हेतु बिना सक्षम स्वीकृति के कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। उक्त संदर्भ में पत्र क्रमांक 116, दिनांक 16.11.2023 द्वारा जानकारी प्रेषित की जा चुकी है। (ख) दिनांक 16.11.2023 के अनुरूप विभागाध्यक्ष से वांछित जानकारी/नियमानुसार अनुमोदन उपरांत ही यह कार्यवाही किया जाना संभव है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डिजिटल गिरफ्तारी के प्रकरण
[गृह]
11. ( *क्र. 862 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2020 के पश्चात प्रदेश में कितने डिजिटल अरेस्ट और सायबर क्राइम के मामले सामने आए तथा कितनी-कितनी राशि सायबर अपराधियों ने किस-किस स्थान पर किस-किस व्यक्ति से ठगी? जिलेवार और स्थलवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मध्य प्रदेश के हर जिले में एक सायबर थाना में सायबर डेस्क की स्थापना की गई है? क्या इन थानों में आई.टी. एक्सपर्ट इंजीनियरों की नियुक्ति की गई है या विभाग के ही अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में प्रतिवर्ष डिजिटल अरेस्ट और सायबर क्राइम के मामलों में कितने-कितने प्रतिशत की वर्षवार वृद्धि हुई? केन्द्र शासन द्वारा कब-कब विभाग को डिजिटल अरेस्ट एवं सायबर क्राइम को रोकने के लिए किस-किस तरह के सुझाव एवं पत्र व्यवहार किये गये? पत्रों की छायाप्रति दें। (घ) क्या आई.टी. एक्ट के तहत सायबर अपराध होने पर निरीक्षक से नीचे के पुलिसकर्मी अनुसंधान नहीं कर सकते हैं? जबकि प्रदेश के अधिकांश सायबर थानों में छोटे कर्मचारी ऐसे प्रकरणों की जांच कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में समस्त जिलों के थानों में सायबर डेस्क की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल/सायबर उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल/जोनल कार्यालय इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं म.प्र. आई.जी. रेंज/पुलिस आयुक्त (भोपाल एवं इंदौर) हेतु कुल 27 कंसल्टेंट की नियुक्ति हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय द्वारा अभी तक 314 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर 32384 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। समय-समय पर जिला स्तर पर भी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाता है। (ग) डिजिटल अरेस्ट के प्रकरण वर्ष वृद्धि/कमी-2020, 2021, 2022-निरंक, वर्ष 2023-0.01% वृद्धि, वर्ष-2024-49.25% वृद्धि, वर्ष-2025-5 प्रकरण दर्ज। सायबर क्राइम के प्रकरण वर्ष 2021-27.02% वृद्धि, वर्ष 2022-22.87% कमी, वर्ष 2023-15.52% वृद्धि, वर्ष 2024-49.25%, वृद्धि वर्ष-2025-37 प्रकरण दर्ज। केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में भारतीय सायबर अपराध समन्वय केन्द्र (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-14C) की स्थापना की गई है। यह देश में सायबर अपराध में अंकुश लगाने हेतु नोडल बिन्दु के रूप में कार्य कर रहा है। यह सायबर अपराध के लिए कानून प्रवर्तन एजेन्सियों के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्यरत है। इसके मूल रूप में 07 घटक हैं। (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-14C) द्वारा अब तक 389 एडवायजरी जारी की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश में स्थापित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय द्वारा भी समय-समय पर सायबर अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु अपने स्तर पर एडवायजरी जारी की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 78 के अंतर्गत निरीक्षक स्तर से निम्न पद का अधिकारी अनुसंधान नहीं कर सकता, इस संबंध में समय-समय पर विवेचकों को अवगत कराया गया है।
समनापुर माईनर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( *क्र. 838 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि गोटेगांव विधानसभा के अतंर्गत समनापुर माईनर का निर्माण कई वर्षों से अधूरा है? टेंडर के बाद भी कार्य कब होगा? समनापुर माईनर का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ। अनुबंध उपरांत, अनुबंध दिनांक से 12 माह तक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 1017 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के जिला अनूपपुर प्रवास के दौरान जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी घोषणायें कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। घोषणा के क्रियान्वयन नहीं होने पर भी कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुष्पराजगढ़ विधानसभा जिला अनूपपुर के संबंध में की गई घोषणाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-4 में वर्णित है। (ग) कुल 18 घोषणाओं में से 15 पर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है, शेष 3 प्रचलन में है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
बुनकरों को धागे की उपलब्धता
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
14. ( *क्र. 779 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधान सभा के अंतर्गत कपड़ा तथा साड़ियां बनाने वाले बुनकरों को लगभग चार माह से शासन द्वारा धागा प्रदाय नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो धागे से कपड़ा बनाकर अपना जीवन यापन करने वाले बुनकरों को इतने लंबे समय से धागा प्रदाय न किये जाने का क्या कारण है? (ग) इन बुनकरों को कब तक धागा उपलब्ध कराया जायेगा?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी नहीं। निगम की विपरीत व्यवसायिक परिस्थितियों के कारण व्यवसायिक उत्पादन में कमी अवश्य हुई है। रॉ सिल्क धागा सीमित मात्रा में उपलब्ध होने के कारण प्रदाय नहीं किया जा सका है, इसके अतिरिक्त टसर एवं कॉटन धागों का प्रदाय निरन्तर किया जाता रहा है। विगत चार माह में सौंसर क्षेत्र के बुनकरों को प्रदाय धागा एवं बुनकरों द्वारा जमा किये गये उत्पादित वस्त्रों के बुनाई मजदूरी भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) निगम एक व्यवसायिक संस्थान हैं, निगम की वित्तीय स्थिति एवं मांग अनुसार उत्पादन कार्यक्रम जारी कर बुनकरों से उत्पादन कराया जाता है। इसके अतिरिक्त सौंसर क्षेत्र के बुनकर अपने स्वयं के एवं निजी व्यापारियों के उत्पादन में भी संलग्न हैं। निगम की विपरीत आर्थिक स्थिति के कारण व्यवसायिक उत्पादन को कम करते हुए, बुनकरों को शासकीय वस्त्र प्रदाय के उत्पादन में परिवर्तित होने के लिए बुनकरों से चर्चा कर प्रयास किये गये हैं, किन्तु बुनकरों द्वारा इस हेतु सहमति प्रदान नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) निगम की विपरीत व्यवसायिक/वित्तीय स्थिति के बावजूद बुनकरों के हितार्थ आगामी चार माह के लिए 1600 किलोग्राम धागा क्रय के आदेश दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
जिला बदर अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( *क्र. 1074 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर अंतर्गत विगत अगस्त 2024 से जनवरी 2025 तक पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा प्रस्तावित जिला बदर अपराधियों की सूची कलेक्टर को प्रेषित की गई? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कलेक्टर छतरपुर द्वारा उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितने अपराधियों पर कार्यवाही की गई? शेष पर क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कलेक्टर छतरपुर द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अपराधियों पर किस प्रकार के कितने अपराध दर्ज हैं? पूर्ण जानकारी सहित अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिलाबदर के 58 प्रकरणों में न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही प्रचलन में है। पूर्ण कार्यवाही उपरांत विधि अनुसार निराकरण किया जावेगा। (ग) जी हाँ। प्रकरणों पर कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत लगभग 2 से 3 माह की अवधि में पूर्ण कर ली जावेगी। (घ) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विरोध प्रदर्शनकारियों पर एफ.आई.आर.
[गृह]
16. ( *क्र. 1005 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी संविधान की पांचवीं अनुसूची से अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है, जहां पेसा नियम 2022 लागू होते हैं? (ख) क्या अधिसूचित क्षेत्र में पेसा नियम 2022 के तहत ग्रामसभा के साथ विचार-विमर्श के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज करने का प्रावधान है? (ग) क्या जुलाई 2024 में अल्ट्राटेक कंपनी, मनावर के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गंभीर धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों पर किन अपराधों के लिए किन-किन नियमों-धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज किया गया? किन तथ्यों के आधार पर गंभीर धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज किया गया, उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) कितने निर्दोष लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये गये, कितने दोषी लोगों के विरूद्ध? व्यक्तिवार एफ.आई.आर. में इस्तेमाल तथ्यों की प्रति सहित बताएं। (ड.) क्या अपराध पंजीबद्ध करने से पूर्व ग्रामसभा से विचार-विमर्श किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पेसा नियम 2022 का पुलिस पालन नहीं करती है? (च) रासुका किन परिस्थितियों में लगाया जाता है, प्रश्नांश (ग) में कितने व्यक्तियों पर रासुका लगाया गया, उनपर से रासुका हटाने की सरकार की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) घटनाक्रम में किसी निर्दोष पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र में विकास
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
17. ( *क्र. 952 ) श्री मुरली भँवरा : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उद्योगों के विकास एवं नवीन उद्योग निर्माण हेतु औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित किये गये हैं? उज्जैन व इंदौर संभाग के अधिसूचित क्षेत्रों की विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या विगत 40-50 वर्षों में शासन द्वारा कई औद्योगिक क्षेत्र घोषित किये गये हैं, लेकिन उन स्थानों पर कोई औद्योगिक विकास नहीं हुए हैं? (ग) क्या शासन द्वारा पिछड़े इलाकों के विकास के लिए नवीन औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित किये गये? यदि हाँ, तो नवीन प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों की सूची उपलब्ध करावें एवं उनमें किन-किन उद्यमियों द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं, बतावें? रोजगार नहीं होने से क्षेत्रों में हो रहे पलायनों के लिए कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक? (घ) देवास जिले में घोषित औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन स्थानों पर किन-किन उद्योगों की स्थापना कब-कब हुई? सूची उपलब्ध करावें। (ड.) क्या देवास जिले में बागली विधानसभा अंतर्गत चापड़ा में औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित किया गया था, किन्तु कई वर्षों के पश्चात भी उक्त औद्योगिक क्षेत्र में किसी उद्योग की स्थापना नहीं हो पाई, न ही औद्योगिक क्षेत्र में कोई विकास हो पाया क्यों? (च) बागली विधानसभा अंतर्गत पूर्व में घोषित किये गये औद्योगिक क्षेत्र में कब-कब किस-किस उद्योग कंपनी द्वारा प्रस्ताव लाए गए? सूची उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शासन द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्रों में मांग/बजट उपलब्धता के अनुसार विकास कार्य किये गये हैं। विकास कार्य एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्य पूर्ण होने के पश्चात आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त किये जायेंगे। शासन द्वारा रोजगार सृजन हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) देवास जिले में घोषित 5 औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 लगायत प्रपत्र-7 अनुसार है। (ड.) औद्योगिक क्षेत्र चापड़ा में 2 औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ हो गई है तथा 03 औद्योगिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं। औद्योगिक क्षेत्र चापड़ा में रू. 6.90 करोड़ के कार्य कराये जा चुके हैं तथा राशि रु. 10.51 करोड़ के कार्य प्रगतिरत हैं। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है।
धारा 129, 177, 185 के अंतर्गत कार्यवाही
[गृह]
18. ( *क्र. 263 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में हेलमेट बिना लगाये वाहन चलाने से जुड़ी धारा 129 मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 तथा मादक द्रव्य पीकर वाहन चलाने की धारा 185 के अंतर्गत कितने-कितने लोगों पर चालान बनाकर कार्यवाही की गई? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) उपरोक्त अवधि में बिना हेलमेट लगाये टू व्हीलर चालकों को पेट्रोल देने पर कितने पेट्रोल पम्प संचालकों पर कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त कार्यवाही से कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ तथा इस राजस्व का उपयोग किस-किस मद में किया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जबलपुर जिले में बिना हेलमेट लगाये वाहन चलाने से जुड़ी धारा 129/177 मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत निम्नानुसार चालानी कार्यवाही की गई है :- वर्ष-2021-कुल चालान-33678 वर्ष-2022 कुल चालान-57087 वर्ष-2023 कुल चालान-110474 वर्ष-2024-कुल चालान-80669 वर्ष-2025-कुल चालान-5510 (दिनांक 15 फरवरी 2025 तक) मादक द्रव्य पीकर वाहन चलाने की धारा 185 के अंतर्गत निम्नानुसार चालानी कार्यवाही की गई है :- वर्ष-2021-कुल चालान-507 वर्ष-2022-कुल चालान-953 वर्ष-2023- कुल चालान-1213 वर्ष-2024-कुल चालान 1014 वर्ष-2025-कुल चालान-212 (दिनांक 15 फरवरी, 2025 तक) (ख) उपरोक्त प्रश्नांश से संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही से वर्षवार निम्नानुसार समन शुल्क वसूल किया गया है :- वर्ष-2021-कुल समन शुल्क 86, 95, 450 वर्ष-2022-कुल समन शुल्क 1,44,52,550 वर्ष-2023-कुल समन शुल्क 3, 28, 21, 480 वर्ष-2024- समन शुल्क -2, 44, 83, 650 वर्ष-2025- समन शुल्क 16, 61, 200 (दिनांक 15 फरवरी 2025 तक) बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही की समन शुल्क की राशि को मार्च 2021 तक परिवहन विभाग के मुख्य शीर्ष 0041-800-0555 अन्य प्राप्तियां पुलिस मद से जमा की गई है तथा अप्रैल 2021 से लगातार प्राप्त समन शुल्क राशि को पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार पुलिस विभाग के मुख्य शीर्ष 0055-00-103 योजना क्रमांक 9685 यातायात प्रबंधन में प्राप्तियां में जमा की जा रही है। मादक द्रव्य पीकर वाहन चलाने की धारा 185 मो.व्ही. एक्ट के अंतर्गत किये गये चालान माननीय न्यायालय में पेश किये जाते हैं। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा जुर्माना राशि प्राप्त की जाती है। यह राशि पुलिस द्वारा चालानी कार्यवाही दौरान प्राप्त नहीं की जाती है।
खनन का फर्जी प्रकरण
[खनिज साधन]
19. ( *क्र. 791 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत पांच वर्षों में धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के खिलाफ कितनी-कितनी मात्रा में अवैध खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया है और कितनी-कितनी राशि का अर्थ दंड वसूल किया है? (ख) क्या धरमपुरी विधानसभा में सन्देश पिपलोदिया, खनिज इंस्पेक्टर के द्वारा ग्राम दुधी बाईपास रोड पर नितिन कुमार पिता चतुर्भुज अग्रवाल, निवासी भावानियाबुजुर्ग, तह धरमपुरी की निजी भूमि सर्वे क्रमांक 37/3/1, रकबा 0.99 हे. तथा सर्वे क्रमांक 38/2/2, रकबा 0.223 हे. में खनिज मुरुम का अवैध रूप से खेत पर भरावा किये जाने का प्रकरण दर्ज किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो उसके बाद जिला खनिज अधिकारी द्वारा खनिज इंस्पेक्टर के जांच प्रतिवेदन अनुसार संबंधित को कारण बतावे सूचना पत्र जारी किया गया था? (घ) क्या खनिज विभाग में संबंधित द्वारा उपस्थित होने पर खनिज इंस्पेक्टर द्वारा उक्त प्रकरण को समाप्त करने हेतु 10.00 लाख रूपये राशि की मांग की गई थी, जिसकी शिकायत संबंधित द्वारा कलेक्टर को लिखित रूप से की गई थी? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी पर सरकार द्वारा दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो किस कारण?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, खनिज विभाग धार द्वारा धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खनिज अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, विगत पांच वर्षों में दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं ऐसी कोई भी मांग संबंधितों के उपस्थित होने पर खनिज इंस्पेक्टर द्वारा नहीं की गई तथा न ही उक्त संबंध में कोई लिखित शिकायत कलेक्टर जिला धार को प्राप्त हुई है। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज उत्खनन
[खनिज साधन]
20. ( *क्र. 315 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सत्र जुलाई 2024 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2406 के प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट ''ब'' में तीन पट्टेदारों को लौह अयस्क खनन की अनुमति दी गई है? (ख) क्या परिशिष्ट ''ब'' के क्रमांक 1 पर उल्लेखित पट्टेदार को 19.06.2009 को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में स्वीकृति दिनांक 19.6.2009 के अनुसार स्वीकृति अवधि दिनांक 06.10.2002 से 15.10.2032 तक के लिए है? यदि हाँ, तो स्वीकृति 07 वर्ष पूर्व से दिये जाने का क्या औचित्य है? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित स्वीकृत अवधि से प्रश्न दिनांक तक कितनी रॉयल्टी/आय विभाग को हुई? माहवार, वर्षवार जानकारी देवें। क्या इसमें दिनांक 06.10.2002 से 19.6.2009 तक की राशि शामिल है? यदि हाँ, तो कितनी और नहीं तो क्यों? इससे शासन को कोई हानि हुई है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन-कौन है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 19.06.2009 से खदान के आगामी नवीनीकरण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। शासनादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन खदान पूर्व में दिनांक 06.10.1982 से 05.10.2022 तक के लिये स्वीकृत होकर अनुबंधित थी। मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 19.06.2009 से उक्त खदान का आगामी नवीनीकरण 20 वर्ष के लिये किये जाने से उपरोक्त खदान आगामी अवधि दिनांक 06.10.2002 से 05.10.2022 तक के लिये अनुबंधित की गई। तत्पश्चात् खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधित अधिनियम, 2015 की धारा 8 (अ) अनुसार उक्त खदान मूल स्वीकृति अवधि से 50 वर्ष किये जाने के प्रावधानों के तहत उपरोक्त खदान में विस्तारित अवधि दिनांक 06.10.2022 से 05.10.2032 तक के लिये पूरक अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही की गई है। (घ) प्रश्नाधीन खदान के संबंध में उल्लेखित अवधि में प्राप्त रॉयल्टी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शित है, जिसमें दिनांक 06.10.2002 से 19.06.2009 तक की राशि रूपये 27,55,960/- शामिल है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन विहीन आंगनवाड़ियों में भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 614 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी भवन संचालित हैं? कृपया केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। कुल कितनी आंगनवाड़ियां संचालित करने हेतु भवन उपलब्ध है तथा कुल कितनी आंगनवाड़ियां ऐसी हैं, जिसमें भवन उपलब्ध नहीं है? कृपया भवन विहीन आंगनवाड़ियों की विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करायें तथा उक्त भवन विहीन आंगनवाड़ियों का संचालन किस स्थान पर किया जा रहा है? (ख) उक्त भवन विहीन आंगनवाड़ियों में भवन निर्माण कराने हेतु शासन की क्या योजना है तथा कब तक भवन निर्माण किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) खरगोन जिले के विधानसभा भीकनगांव क्षेत्रांतर्गत 527 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। 258 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभागीय भवन उपलब्ध है, शेष 269 आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभागीय भवन नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
उद्योग हेतु भूमि का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
22. ( *क्र. 1119 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 29 (क्र.425), दिनांक 09 फरवरी, 2024 को विभाग द्वारा प्रश्न के उत्तर में (क) में उल्लेखित कस्बा शामगढ़ में रकबा 50 हेक्टेयर भूमि आवंटित होना बताया गया था? आवंटित भूमि के सर्वे नम्बर सहित स्थान की जानकारी देवें। (ख) अतारांकित प्रश्न संख्या 29 (क्र. 425) के उत्तर (ग) भाग में भूमि विभाग के आधिपत्य होने की जानकारी दी गई थी, भूमि का मौके पर निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। (ग) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व विभाग में भूमि दर्ज होने की छायाप्रति उपलब्ध कराएं, यदि दर्ज नहीं है तो विभाग द्वारा इस हेतु विगत वर्षों में क्या-क्या प्रयास किये जानकारी देवें? विभाग को राजस्व विभाग से प्राप्त जवाब की जानकारी देवें। (घ) शामगढ़ तहसील द्वारा विभाग को 13.03.1991 भूमि का आधिपत्य देने के पश्चात् से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु किये गये प्रयास की जानकारी देवें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) प्रश्नागत भूमि ग्राम शामगढ़ तहसील शामगढ़ जिला मंदसौर के खसरा क्रमांक 1432/1/1/4 की है। (ख) विभाग को आवंटित भूमि का राजस्व विभाग द्वारा स्पष्ट सीमांकन नहीं किया गया, इसलिए भूमि का भौतिक सत्यापन किया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में भूमि विभाग के नाम दर्ज है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्रमांक 0138/ब-121/2023-24, दिनांक 09.07.2023 से राजस्व अभिलेखों में भूमि विभाग के नाम दर्ज हैं, जिसके उपरांत विभाग द्वारा भूमि के सीमांकन हेतु तहसीलदार-शामगढ़, जिला-मंदसौर से पत्राचार किया जा रहा है।
ओ.बी.सी. वर्ग के 13% पदों पर होल्ड रखने की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
23. ( *क्र. 344 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ओ.बी.सी. वर्ग के 13% पदों को होल्ड रखा गया है? यदि हाँ, तो किस-किस विभाग में कितने-कितने और कौन-कौन से पदों को होल्ड पर रखा गया है? विभागवार एवं पदवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश में ओ.बी.सी. वर्ग को 27% आरक्षण देने के लिए माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 28.01.2025 को रिट पिटीशन क्र. 18105/21 के विरूद्ध आदेश पारित किया गया? (ग) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में प्रश्नांश (क) अनुसार ओ.बी.सी. के लिए 13% होल्ड पदों को कब तक भरा जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) संबंधित याचिका क्रमांक WP 3668/2022, Shivam Goutam एवं अन्य याचिकाएं माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटित औद्योगिक प्लॉट पर उद्योग प्रारंभ किया जाना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
24. ( *क्र. 746 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरोद विधानसभा के भगत पुरी औद्योगिक क्षेत्र में कितने प्लॉट धारकों द्वारा उद्योग लगाकर कार्य प्रारंभ किया गया है एवं कितने प्लॉट धारक ऐसे हैं, जिन्होंने उद्योग स्थापित नहीं किये हैं? (ख) क्या आवंटन के पश्चात भी लोग लंबे समय से केवल प्लॉट को बड़े लाभ में बेचने की दृष्टि से रिक्त रखे हुए हैं और आज तक किसी प्रकार का कोई उद्योग प्रारंभ नहीं किया है? क्या उनके आवंटन निरस्त करने व नए लोगों को जो उद्योग लगाना चाहते हैं, उन्हें आवंटित करने की दिशा में क्या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ग) खाचरोद क्षेत्र में भी नया औद्योगिक क्षेत्र फर्नाखेड़ी में भी अब तक प्लॉट लेने वाले व्यक्ति या फर्म द्वारा उद्योग लगाने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिसे लोग ऊंचे दाम पर व्यवसाय करने की दृष्टि में प्लॉट लेकर बैठे हैं, शीघ्र ही औद्योगिक क्षेत्र में इनके प्लॉट निरस्त कर उद्योग लगाने की इच्छा रखने वाले अन्य लोगों को प्लॉट आवंटित करने की दिशा में क्या कार्यवाही की जावेगी?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) प्रश्नागत औद्योगिक क्षेत्र में कुल 76 आवंटियों द्वारा उद्योग स्थापित किये गये हैं तथा 04 आवंटियों द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये हैं। (ख) जी हाँ, सतत् कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नागत औद्योगिक क्षेत्र में 2 आवंटियों द्वारा इकाई स्थापित की जा चुकी है, शेष आवंटियों के प्रकरण उद्योग स्थापना हेतु नियमानुसार समय-सीमा के भीतर है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भारतीय नागरिकता के जिलेवार प्रकरण
[गृह]
25. ( *क्र. 208 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन गृह विभाग स्तर पर भारतीय नागरिकता के जिलेवार कितने-कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं और कब से लंबित हैं? कृपया जिलेवार तिथि सहित नामवार सूची दें। (ख) गृह (पारपत्र) विभाग के पत्र क्रमांक 135/827/2019/ए-12 दो, दिनांक 20.04.2022 द्वारा जारी निर्देशों के संदर्भ में किस-किस जिले के कलेक्टर द्वारा जिले में नागरिकता के लंबित मामलों को निपटाने के लिये विशेष शिविर आयोजित किये गये? इन शिविरों में कितने पुराने प्रकरणों का निपटारा दिनांक 20.04.2022 के बाद किया गया? पुराने निपटाये गये मामलों के नाम, शहर सहित जानकारी दें। कितने प्रकरण दिनांक 20.04.2022 के बाद नए प्राप्त हुए? जिलेवार संख्या दें। (ग) प्रकरणों के शीघ्र निपटारे के लिए दिनांक 20.04.2022 के बाद जो-जो निर्देश विभाग द्वारा जिला कलेक्टर्स को दिए गए हों, उनकी प्रतियां भी दें। (घ) सी.ए.ए. कानून और उसके तहत नियमों के बन जाने के बावजूद प्रकरणों के लंबित रहने या प्रकरण न निपट पाने का क्या कारण है? जिलेवार और प्रकरणवार बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भर्ती
परीक्षाओं
में
पारदर्शिता
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 8 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा किन-किन एजेंसियों को परीक्षा आयोजित करने एवं निगरानी रखने के ठेके दिए गए हैं? (ख) क्या यह सभी एजेंसियां अन्य राज्य में ब्लैक लिस्टेड हैं? यदि हां, तो मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके किन-किन आधारों पर किस-किस प्रकार से दिए गए हैं? विज्ञप्ति से ठेके देने के अनुबंध एवं सभी दस्तावेजों की नस्ती की कॉपी देवें। (ग) क्या ऑनलाइन परीक्षा आयोजित अलग-अलग शिफ्ट में की जा रही हैं? (घ) क्या ऑनलाइन परीक्षा की आड़ में अलग-अलग शिफ्ट में सरल कठिन पेपर का संतुलन बनाने के नाम से, परीक्षार्थियों के प्राप्तांक के अंकों में 10 से लेकर 20 अंकों का उलटफेर नॉर्मलाइजेशन के नाम से किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो, इस प्रक्रिया की आड़ में शासन भ्रष्टाचार को बढ़ावा क्यों दे रहा हैं? नॉर्मलाइजेशन के नियम के प्रावधान की कॉपी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा परीक्षा संचालन कार्य हेतु Aptech Limited को ऑनबोर्ड किया गया है एवं परीक्षा में सिक्योरिटी एवं एन्सीलरी सर्विस कार्य हेतु Imnovatiview india pvt. ltd. ऑनबोर्ड किया गया है। (ख) जी नहीं, Aptech Limited, निविदा दस्तावेज के पृष्ठ क्रमांक 20 में prequalification criteria में उल्लेखित कंडिका क्रमांक 6 के प्री क्वालिफिकेशन "The bidder should not have been blacklisted/debarred to participate in the tender process as per the current guidelines issued by the procurement policy division of department of expenditure, ministry of finance, Government of India as on the last date of submission of bid" को उक्त एजेंसी पूर्ण करती है। इसी प्रकार Imnovatiview india pvt. ltd., निविदा दस्तावेज के पृष्ठ क्रमांक 7 पर उल्लेखित कंडिका क्रमांक 4 के प्री क्वालिफिकेशन "The bidder should not have been debarred/blacklisted by any Govt. Organization/Board/Council/University/Commission an any other Government/PSU/Government undertaking organization. Any director or employee in the bidder company should neither be convicted by any court of law nor any criminal case be pending in any court of law/pending investigation in reference to conduct of examination/recruitment in last 3 years" में उक्त एजेंसी निविदा की शर्तों को पूर्ण करती है। अत: ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विज्ञप्ति से ठेके देने के अनुबंध एवं सभी दस्तावेजों की नस्ती पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। एक से अधिक पालियों में कराई गई परीक्षाओं में कठिनाई का स्तर समान रखा जाता है एवं नियम पुस्तिका में उल्लेखित नियमानुसार नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। नार्मलाईजेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
कूट रचित चालान प्रकरण से राजस्व हानि की वसूली एवं जाँच
[वाणिज्यिक कर]
2. ( क्र. 11 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले के कूट रचित चालान से मदिरा प्राप्त करने के प्रकरण में 71, 58, 52, 047 परिगणित राशि की राजस्व हानि शासन को हुई हैं? यदि हाँ, तो, राजस्व वसूली और दोषियों पर प्रश्न दिनांक तक शासन-प्रशासन ने क्या-क्या दंडात्मक कार्यवाही की है? पूर्ण विवरण देवें। (ख) आपराधिक प्रकरण क्रमांक 0172/2017 को थाना रावजी बाजार इंदौर में दर्ज प्रकरण पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विवेचना हुई? शासकीय विभागीय विधि प्रकोष्ठ के माध्यम से प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? पूर्ण विवरण सहित एफ.आई.आर. की प्रति एवं विभागीय जांच तथा न्यायालय में प्रचलित प्रकरण की समस्त नस्तियों की प्रतियां देवें। (ग) क्या श्री संजीव कुमार दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा शासन को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया हैं? यदि हाँ, तो अभ्यावेदन की प्रति देवें। (घ) क्या श्री संजीव दुबे के अभ्यावेदन पर आबकारी आयुक्त द्वारा परीक्षण उपरांत अपना अभिमत शासन को प्रश्न दिनांक तक प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो, प्रति देवें। यदि नहीं तो, विलंब का क्या कारण हैं? (ड.) क्या दिनांक 26/12/23 का विभागीय जांच अधिकारी का जांच प्रतिवेदन की प्रति शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो, प्रति देवें। यदि नहीं तो विलंब के कारण एवं दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाही में विलंब के कारण क्या हैं? राजस्व वसूली के लिए क्या क्या कार्यवाही हुई हैं? स्पष्ट करें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इंदौर जिले में कतिपय मदिरा अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेरा-फेरी कर शासकीय राजस्व को क्षति पहुँचाने संबंधी प्रकरण में आबकारी आयुक्त कार्यालय आदेश पृ.क्र पीए/आ.आ./2017/53 दिनांक 09.08.2017 से गठित समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से वर्ष 2016-17 की अवधि में कुल राशि रूपये 41,65,21,890/- कम जमा होना आंकलित किया गया। उक्त प्रकरण में बकायादारों से कुल राशि रूपये 22,16,06,432/- की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि की वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शासन द्वारा दिये गये नवीन निर्देशों के परिपालन में आबकारी आयुक्त कार्यालय के आदेश पृ.क्र./7-ठेका/2023/678 दिनांक 27.04.2023 से सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर से पुन: जांच कराई गयी। सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर के द्वारा गठित जांच समिति द्वारा आंकलित कुल कम जमा राशि रूपये 41,65,21,890/- के स्थान पर पुनर्गणना के आधार पर रूपये 71,58,52,047/- परिगणित होना उल्लेखित किया जाकर, राशि अनुमोदन हेतु प्रस्ताव आबकारी कार्यालय को भेजा गया। उक्त परिगणित राशि का परीक्षण आबकारी मुख्यालय स्तर पर वित्त अधिकारियों से कराया गया है। उपरोक्त अनुक्रम में वित्त अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया जाकर, पत्र क्रमांक/10-ऑडिट/2024-25/359 दिनांक 10.08.2024 से जिला स्तर पर गठित समिति के प्रतिवेदन में उल्लेखित परिगणित खिसारा राशि रूपये 71,58,52,047/- से असहमति व्यक्त की जाकर, पुष्टि नहीं किये जाने का उल्लेख किया गया है। साथ ही समिति से पुन: वास्तविक गणना कराई जाना प्रतिवेदित किया गया है, जिसके अनुक्रम में आबकारी आयुक्त कार्यालय के पत्र दिनांक 19.11.2024 से सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर एवं अपर संचालक (वित्त) मुख्यालय को निर्देशित किया गया है। प्रकरण में वास्तविक गणना संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में संबंधित अनुज्ञप्तिधारियों एवं अन्य के विरूद्ध पुलिस थाना रावजी बाजार इंदौर में एफ.आई.आर. क्रमांक 0172/2017 दिनांक 11-08-2017 दर्ज करवाई गयी है। इसके अतिरिक्त जिला इंदौर में तत्समय पदस्थ विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लापरवाही/पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के संबंध में शासन आदेश दिनांक 23 जून 2018 से विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक से छ: अनुसार है। (ख) पुलिस थाना रावजी बाजार, इंदौर में पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण क्रमांक 0172/2017 से संबंधित होने से थाना रावजी बाजार, इंदौर द्वारा पत्र क्रमांक 223/25 दिनांक 21.02.2025 से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-सात अनुसार है। प्रकरण में विभागीय जांच प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री संजीव दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-आठ अनुसार है। (घ) जी हाँ। शासन को प्रेषित अभिमत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- नौ अनुसार है। (ड.) प्रकरण में तत्कालीन विभागीय जांचकर्ता अधिकारी श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, भा.प्र.से. (से.नि.) द्वारा शासन को प्रेषित पत्र क्रमांक दिनांक 26.12.2023 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दस अनुसार है। उक्त प्रकरण में बकायादारों से कुल राशि रूपये- 22,16,06,432/- की वसूली की जा चुकी है शेष राशि की वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
थाने में विभिन्न वर्षों से जब्त वाहनों की व्यवस्था
[गृह]
3. ( क्र. 21 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर के विभिन्न थानों में अपराध में शामिल या अन्य कारणों से दो पहिया एवं चार पहिया वाहन जब्त है। जब्ती के वाहनों की थाना परिसर में रखने की क्या व्यवस्था है। शहर में कितने ऐसे थाने है जहाँ परिसर छोटा होने से जब्त वाहनों को थाने के बाहर रखा जा रहा है। जब्त वाहनों को केंद्रीयकृत रखने की क्या कोई व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। (ख) क्या इन्दौर शहर के एमआईजी थाने में जब्त वाहनों को परिसर छोटा होने के कारण अन्य रहवासी इलाकों में रखा जा रहा है। क्या इस बावत् लगातार एमआईजी थाने के आसपास के रहवासियों द्वारा शिकायत की जा रही है। यदि हाँ तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई। जब्त वाहनों को रहवासी क्षेत्र से कब हटाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) (क) जी हाँ। जिन थाना परिसर में स्थान है उनमें जप्त वाहन थाना परिसर के अंदर रखे हैं, जिन थाना में स्थान की कमी है उनमें थाना परिसर के बाहर रोड के किनारे पार्किंग में जब्त वाहनों को रखा जा रहा है। 05 थानों में जब्त वाहनों को थाना परिसर के बाहर रखा जा रहा है। थाना कनाड़िया में पुलिस यार्ड एवं रक्षित केन्द्र में पुलिस गैस गोडाउन के रिक्त स्थान पर वाहनों को रखने की केन्द्रीयकृत व्यवस्था की गई है। (ख) जी नहीं। थाना एमआईजी परिसर छोटा है, इसलिये जब्त वाहन थाने के परिसर से लगी बाउंड्रीवाल से सटाकर रखे गये है। इस संदर्भ में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये जप्त वाहनों की लिस्टिंग की गई है। लिस्टेड वाहनों को थाना एमआईजी के आस-पास के क्षेत्रों से हटाकर थाना कनाड़िया पुलिस यार्ड भेजा जा रहा है। शेष वाहनों को भी थाना कनाड़िया पुलिस यार्ड भेजा जायेगा कार्यवाही गतिशील है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दौर शहर में यातायात कैमरे के चालान
[गृह]
4. ( क्र. 24 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में कैमरे से यातायात के चालान बनाए जा रहे है? यदि हाँ तो 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने चालान भेजे गए है। संख्या बताएं और उसमें हेलमेट उल्लंघन के कितने चालान भेजें गए और सीट बेल्ट के कितने चालान भेजें गए? (ख) इन्दौर नगर-निगम द्वारा शहर के विभिन्न चौराहे पर कितने कैमरे लगाए गए। इसमें कितनी राशि खर्च की गई। निगम के स्वामित्व में कितने चार पहिया वाहन है। संख्या बतावें। दिनांक 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक निगम के कितने वाहनों द्वारा यातायात का उल्लंघन किया गया। कैमरे की सहायता से कितनों का चालान बनाया गया। चालान की राशि किस दिनांक को जमा की गई। क्या किसी भी नगरीय निकायों द्वारा नगर में लगाए गए कैमरे नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जाते है या चालान वसूलने के लगाए जाते है। (ग) इन्दौर शहर में बढ़ रहे अपराधों पर इन कैमरे की सहायता से अपराध के बाद कितने अपराधियों को पकड़ा गया। क्या कैमरे सिर्फ आम नागरिकों के चालान बनाने में ही उपयोग किए जा रहे है। शहर में बढ़ रहे अपराध को देखते हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए इसका उपयोग कब प्रारंभ किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जी हां। इन्दौर शहर में ITMS सिस्टम के द्वारा स्थापित कैमरों से यातायात नियमों के उल्लंघनों के चालान बनाये जा रहे हैं। उपरोक्त अवधि में 910905 चालान बनाये गये है, जिसमें हेलमेट नहीं लगाने वाले पर 890815 चालान बनाये गये। सीट बेल्ट चालानी कार्यवाही निरंक है। (ख) स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत इन्दौर शहर में कुल 356 नग कैमरें विभिन्न चौराहों पर लगाये गये है। ITMS परियोजना में लगभग राशि 10 करोड़ रूपये खर्च की गई है, जिसमें स्थापित किये गये कैमरों के खर्च की राशि सम्मिलित है। नगर पालिक निगम स्वामित्व के कुल 1907 वाहन है, जिसमें 1603 वाहन चालू है। उपरोक्त अवधि में निगम वाहनों द्वारा यातायात का उल्लंघन नहीं किया गया, जानकारी 'निरंक' है। उल्लेखित अवधि में निगम वाहनों के चालान प्राप्त नहीं होने से निगम द्वारा कोई भी राशि जमा नहीं की गई। शहर में स्थापित ITMS कैमरें नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टि से लगाये गये है। (ग) कैमरों की सहायता से 236 आरोपियों को पकड़ा गया है। कैमरों का उपयोग यातायात चालान के साथ-साथ अपराधों की जांच में भी उपयोग किया जा रहा है। शहर में स्थापित कैमरों का उपयोग 03 नवंबर 2023 से लगातार किया जा रहा है
हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट की जांच
[गृह]
5. ( क्र. 53 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 06 फरवरी 2024 को हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण ब्लास्ट की जाँच हेतु शासन द्वारा जाँच आयोग कमेटी का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो, जाँच आयोग कमेटी द्वारा की गई जाँच की सम्पूर्ण जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावे। यदि नहीं तो, इसका कारण स्पष्ट करे। (ग) पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में कितने लोग मृत, गम्भीर रूप से घायल, सामान्य घायल हुए है एवं पीड़ित लोगों व उनके परिजनों को शासन की और से कौन-कौन सी मद अंतर्गत कितनी-कितनी मुआवजा/सहायता राशि प्रदाय की गई है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 06 फरवरी, 2024 को हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण ब्लास्ट के जांच हेतु शासन द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार।
रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 67 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया
[श्री जयंत
मलैया] : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
मध्यप्रदेश
शासन के
विभिन्न
विभागों एवं शासकीय
उपक्रमों में
प्रथम श्रेणी, द्वितीय
श्रेणी,
(कार्यपालिक)
तृतीय श्रेणी, एवं चतुर्थ
श्रेणी के
कितने पद
स्वीकृत हैं
एवं उनमें से
कितने पद
रिक्त हैं? श्रेणीवार, विभागवार, उपक्रमवार
जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में
उल्लेखित
रिक्त पदों
में कितने पद
सीधी भर्ती से, कितने
पद पदोन्नति
से एवं कितने
पद संविदा से
भरे जाने का
प्रावधान हैं? श्रेणीवार, विभागवार
एवं
उपक्रमवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में
उल्लेखित
रिक्त पदों की
पूर्ति कब तक
कर दी जाएगी? श्रेणीवार, विभागवार
एवं उपक्रमवार
कृपया
समयावधि बताएं।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
विगत दो वर्ष में आत्महत्या की घटनाएं
[गृह]
7. ( क्र. 72 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में नर्मदापुरम जिले में आत्महत्या की कितनी घटनाएँ हुई। नाम, पते सहित दिनांक की जानकारी दें? (ख) उपरोक्त घटनाओं में ऑनलाइन गेम/क्रिकेट सट्टे के कारण कितनी घटनाएं हुई? (ग) क्या नर्मदापुरम जिले में ऑनलाइन गेम/क्रिकेट के सट्टे का संचालन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है और अनेक नागरिक इसके शिकार हो चुके है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा 05 फरवरी 2025 को ऑनलाइन गेम एवं क्रिकेट सट्टा संचालित करने वाले लोगों पर कार्यवाही का पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम से अनुरोध किया गया था। यदि हाँ, तो इस संबध में क्या कार्यवाही की गयी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) नर्मदापुरम जिले में ऑनलाइन गेम/क्रिकेट सट्टे का संचालन व्यापक स्तर पर नहीं किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 05.02.2025 को ऑनलाईन गेम एवं क्रिकेट सट्टा संचालित करने वाले लोगों पर लिखित पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम को कार्यवाही का अनुरोध किया गया था। जिसके संबंध में ऑनलाईन गेम एवं क्रिकेट सट्टा पर पूर्णतः अंकुश लगाने एवं कार्यवाही किये जाने हेतु जिले के समस्त थाना प्रभारियों को निदेशित किया गया है। साथ ही इस संबंध में गांव व शहर के युवाओं को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है कि इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त न हों।
सी.आई.डी. जॉंच में विलंब
[गृह]
8. ( क्र. 73 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी घटनाओं की सी.आई.डी. जाँच प्रचलित है। जिलेवार संख्या बताते हुए जानकारी दें कि इनमें से ऐसी कितनी घटनाएँ है जो विगत पांच वर्ष से अधिक समय से प्रचलित है? नर्मदापुरम जिले के प्रत्येक प्रकरण की जानकारी दें। (ख) क्या लंबे समय से प्रचलित जाँचों का लाभ आरोपियों को मिल रहा है? (ग) क्या रामविलास आ. सुन्दरलाल तिवारी की दि. 11.06.2013 को इटारसी के निकट हुई संदेहास्पद मृत्यु की जांच सीआईडी द्वारा की जा रही है यदि हाँ, तो कब से? (घ) क्या उक्त जांच पूरी हो गयी है। यदि नहीं तो कब तक पूरी होने की संभावना है? (ड.) क्या रामविलास आ. सुन्दरलाल के शव को बिना रिश्तेदारों को दिखाये, उनकी अनुपस्थिति में पोस्टमार्टम किया और रिश्तेदारों के आने के पूर्व ही शव का अंतिम संस्कार के लिए अन्य लोगों को सौंप दिया गया। यदि हाँ, तो क्यों एवं किन प्रावधानों के तहत? (च) क्या यह नियमानुकूल है। यदि नहीं तो इसके उत्तरदायी कौन है नाम, पदनाम की जानकारी देवें? विभाग द्वारा इस संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, दिनांक 03.02.2022 से। (घ) जी नहीं। जांच का सत्यापन किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ङ) मर्ग जांच में उपलब्ध अभिलेख के अनुसार पोस्टमार्टम के पूर्व मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम की सूचना दी गई थी, किन्तु पोस्टमार्टम करने तक परिजन उपस्थित नहीं हुये थे। मृतक के अंतिम संस्कार हेतु उनके परिजनों (भांजों) को शव सौंपा गया था। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्तरांश (ड.) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से विकास/निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 114 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में लगभग 59,49,46,523 रूपये जमा है, परन्तु फिर भी जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्रों में विकास/निर्माण कार्यों की न तो स्वीकृति प्रदान की जा रही है और न ही कोई राशि आवंटित की जा रही है? जबकि छिन्दवाड़ा जिले के समस्त विधायकगणों द्वारा अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान कराये जाने हेतु कई बार श्रीमान जिला कलेक्टर एवं जिला खनिज अधिकारी से मिलकर समक्ष में चर्चा की जा चुकी है और अनेकों बार पत्राचार भी किया जा चुका है। परन्तु फिर भी विकास एवं निर्माण कार्य की स्वीकृति जिला खनिज मद से प्रदान नहीं की जा रही है, जिसका क्या कारण है? (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से विभिन्न कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान कलेक्टर महोदय छिंदवाड़ा एवं जिला खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/697 दिनांक 16.11.2024 एवं पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/698 दिनांक 16.11.2024 को प्रेषित किए गये है जिन पत्रों पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई है तो इसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में वर्तमान में लगभग 55.31 करोड़ रूपये जमा हैं। जमा राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। छिंदवाड़ा जिले के माननीय विधायक गणों द्वारा अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रस्ताव दिये गये है, जिनके संबंध में दिनाँक 26/12/2024 को बैठक आयोजित की गयी थी। तत्संबंध में जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक में विचार करने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश अनुसार प्रस्ताव माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये थे, जिन्हें जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक दिनांक 26/12/2024 को रखा गया था। प्राप्त प्रस्तावों पर जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मण्डल को निर्णय का अधिकार प्रदत्त है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवानिवृत्त पदों की जानकारी
[वित्त]
10. ( क्र. 120 ) श्री जयंत मलैया : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, (कार्यपालिक) तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ष 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं? श्रेणीवार, विभागवार, उपक्रमवार जानकारी दें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डबल मनी प्रकरण
[गृह]
11. ( क्र. 127 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारां. प्रश्न क्रमांक 3874 दिनांक 16.07.2024 में प्रश्नांश (क) के उत्तरांशानुसार मान.मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार थाना लांजी और किरनापुर में बहुचर्चित डबल मनी के प्रलोभन में आकर निवेश करने वाले लोगों द्वारा एफ.आई.आर. या आवेदन कर प्रकरण दर्ज कराये गये जिसमें आरोपियों से कुल राशि 12,24,36,007/- राशि की जब्ती की गई है। इस राशि को जिला बालाघाट के निवेशकों/गरीब जनताओं को कब तक व किस माध्यम से वापस लौटाएगी और क्या कार्यवाही की जाएगी? इतने समय बीत जाने के उपरांत भी शासन द्वारा निवेशकों के पैसे क्यों नहीं लौटाए गये? कारण बताएं। (ख) तारां. प्रश्न क्रमांक 3874 दिनांक 16.07.2024 में प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर अनुसार उक्त प्रकरण सी.बी.आई. जांच कराये जाने के संबंध में राज्य शासन द्वारा दिनांक 26/12/2023 को विवेचना कर केन्द्र शासन को भेजी गई थी? क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरण में केन्द्र शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है। क्या प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में कोई पत्राचार किया गया है? सी.बी.आई. जांच कराने की कार्यवाही कब-तक पूर्ण कर ली जावेगी? समय-सीमा बताये। (ग) बहुचर्चित डबल मनी प्रकरण के संबंध में फरार मुख्य आरोपी श्री सोमेन्द्र पिता योगेन्द्र कंकरायणे ग्राम बोलेगांव एवं उनके अन्य साथियों को कब तक पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर दिया जावेगा? प्रश्नांश दिनांक तक पुलिस प्रशासन द्वारा कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, उक्त प्रकरण वर्तमान में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार जब्त राशि के संदर्भ में आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ख) तारांकित प्रश्न कमांक 3874 दिनांक 16.07.2024 के उत्तर में यह अवगत कराया गया था कि राज्य शासन द्वारा संबंधित प्रकरणों की विवेचना सी.बी.आई. से कराये जाने के लिये अनुशंसा पत्र दिनांक 26.12.2023 के माध्यम से भेजा गया था। (ग) डबल मनी के प्रकरणों में फरार आरोपी सोमेन्द्र पिता योगेन्द्र कंकरायने जाति लोची उम्र 28 साल निवासी ग्राम बोलेगांव थाना लांजी जिला बालाघाट को दिनांक 17.05.2022 को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी के अन्य साथियों के संदर्भ में विवेचना जारी है। आगामी विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
केन्द्र पोषित SFURTI योजना का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
12. ( क्र. 133 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र पोषित योजना SFURTI में विभाग द्वारा खादी बोर्ड के माध्यम से आवेदन प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दिया जाय यदि नहीं तो कारण स्पष्ट किया जाये। (ख) वित्तीय वर्ष 2024-25 में SFURTI योजना के तहत आवेदन प्रेषित नहीं होने तथा इसके लिये भारत शासन को प्रेषित पत्रों की प्रति सुलभ कराई जाये। (ग) SFURTI योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये है, पूर्ण विवरण दिया जाये।
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार की स्फूर्ति योजना अंतर्गत सामान्य वर्ग, अनुसूचित जनजाति उपयोजना, अनुसूचित जाति उपयोजना और सामान्य वर्ग राज्यांश मद में पृथक-पृथक 6 प्रस्ताव राशि रूपये 10.00 करोड़ का बजट प्रावधान उपरांत विभाग के स्फूर्ति पोर्टल पर प्रेषित किया जाना था परन्तु स्फूर्ति पोर्टल के तकनीकी प्रबंधन के कार्य के चलते पोर्टल के ओपन नहीं होने के कारण प्रस्ताव प्रेषित (अपलोड) नहीं हो सके है। ऑफलाईन प्रस्ताव दिनांक 16.12.2024 से नोडल एजेन्सी खादी ग्रामोद्योग आयोग मुम्बई को प्रेषित कर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार को भी प्रेषित किया गया है। पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्फूर्ति योजना अंतर्गत आवेदन ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से ही प्रेषित करने का प्रावधान है। ऑफलाईन प्रेषित प्रस्तावों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार प्रयास किये गये है तथा स्फूर्ति योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु राज्यांश की राशि प्राप्त किये जाने हेतु राज्य शासन बजट अंतर्गत नवीन मद प्रारंभ करवाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राशि रूपये 10.00 करोड़ का प्रावधान करावाया गया है।
क्लस्टर विस्तार व इकाइयों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
13. ( क्र. 214 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने हेतु एम.एस.एम.ई. विभाग विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाईयाँ स्थापित करने हेतु प्रयासरत है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में कहाँ-कहाँ, कितने-कितने निजी क्लस्टरों को स्थापित किये जाने की योजना है? इन इकाईयों के लिये भूमि उपलब्धता की स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एम.एस.एम.ई. विभाग क्या सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र में कृषि उपकरण इकाईयों के क्लस्टर विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ। वर्तमान मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2025 में निजी क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र/बहुमंजिला औद्योगिक परिसर या क्लस्टर के विकासकर्ता को सहायता का प्रावधान है। निजी क्लस्टर विकासकों द्वारा स्वयं की भूमि पर स्वयं के व्यय से क्लस्टर विकसित किए जाते है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। निजी क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो गुण-दोष के आधार पर विचार किया जावेगा।
सागर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्राप्त निवेश प्रस्ताव
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
14. ( क्र. 215 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किसागर संभाग के जिलों में उद्योगों के विस्तार हेतु दिनांक 26 एवं 27 सितम्बर 2024 को सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में कुल कितने व किन-किन उद्योगों के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये? इनमें अभी तक किन-किन के एम.ओ.यू. फायनल हुये? किन-किन उद्योगों हेतु कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ उपलब्ध करायी गयी एवं किन-किन के द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : दिनांक 27 सितम्बर 2024 को सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव सागर संभाग सहित सम्पूर्ण प्रदेश के औद्योगिक विकास हेतु आयोजित की गई, जिसमें कुल 22 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। उक्त प्रस्तावों में सागर संभाग के जिलों में आद्योगिक विनिर्माण के 02 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। समस्त निवेश प्रस्तावों की सूची एवं उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘क’ अनुसार हैं। विभाग द्वारा निवेशकों से एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं किये गये हैं। प्राप्त 22 निवेश प्रस्तावों में से कुल 08 उद्योगों को आवंटित भूमि जिसमें सागर संभाग के 02 उद्योग भी सम्मिलित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ख’ अनुसार है। भूमि आवंटन पश्चात उद्योग स्थापित कर कार्य प्रारंभ करने की समय-सीमा शेष हैं।
आधार पंजीयन केन्द्रों को बंद किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 233 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 31-12-2024 को आधार पंजीयन एवं अपडेशन कार्य बंद कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या आधार पंजीयन एवं अपडेशन कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्णत: बंद है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? (घ) यदि नहीं तो आम जनता छात्र-छात्राओं की असुविधा के लिये कौन जवाबदार है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। सीईएलसी किट पर आधार पंजीयन का कार्य पर्यवेक्षकों द्वारा किया जा रहा है। ईसीएमपी किट पर आधार पंजीयन एवं अपडेशन का कार्य अनुबंध समाप्त होने के कारण वर्तमान में बंद है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रदेश में कार्यरत अन्य रजिस्ट्रारों द्वारा आधार पंजीयन का कार्य जारी है। विभागीय पर्यवेक्षकों द्वारा 0-5 वर्ष के बच्चों का आधार पंजीयन किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराधों पर नियंत्रण
[गृह]
16. ( क्र. 264 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पुलिस बल जबलपुर में अपराधों पर नियंत्रण रखने, अपराधियों की खोज अपराधियों को पकड़ने, कार्यवाही करने हेतु पुलिस थानों में स्वीकृत पद संरचना के तहत कितना-कितना स्टॉफ पदस्थ है, किन-किन थानों में कब से कौन-कौन से कितने-कितने पद रिक्त है। किन-किन थानों में कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन, वाहन आदि नहीं हैं एवं क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में हत्या, अपहरण, लूट, चोरी, डकैती, राहजनी, चाकू बाजी, वाहन चोरी, हत्या का प्रयास, दुष्कृत्य से सम्बंधित कितनी-कितनी घटनाएं हुई है। हत्या व चाकूबाजी की घटनाओं में कितने-कितने पुरूष महिलाओं व लड़के/लड़कियों की मृत्यु हुई हैं। कितने घायल हुये हैं। इन घटनाओं में कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। कितने प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में चोरी, लूट, डकैती व राहजनी की घटित घटनाओं में कितनी नगद राशि व चल सम्पत्ति की बरामद की गई है। कितनी घटनाओं से सम्बंधित कितनी राशि व चल सम्पत्ति जब्त नहीं की गई है। इन घटनाओं में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) में घटित कितने गंभीर अपराधों में कितने आरोपियों को नहीं पकड़ा गया है। कितने आरोपी फरार है। कितने मामले विवेचना में लम्बित हैं। (ड.) प्रश्नांकित किन-किन थानों में कितने-कितने प्रकरण विवेचना में लम्बित है? कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किया गया एवं कितने लम्बित हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है।
शहरी खदानों में भूखण्ड का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
17. ( क्र. 338 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पलकाटोरी में विकसित किये भू-भाग पर कितने भूखण्ड लघु उद्योगों हेतु हितग्राहियों को आवंटित किये गये है? क्या 20-20 फीट शहरी मुरम के अवैध उत्खनन से गहरी खाईयों में आवंटित भूखण्डों में उद्योग सथापित हो पायेंगे? कितने भूखण्ड आवंटित किये एवं कितने बाकी है। (ख) जिन्होंने अवैध मुरम उत्खनन कर पूरे औद्योगिक क्षेत्र को तहस नहस कर 20-20 फुट गहरी खाईयां बना दी है, उन व्यक्तियों पर कोई कार्यवाही की है उनके नाम बताएं। (ग) उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई जिन्होंने इस अवैध उत्खनन में सहयोग करके हजारों बेरोजगार युवाओं को उद्योग स्थापित करने वाले भूखण्डों को बर्बाद कर दिया है। उन अधिकारियों के नाम भी बतायें। (घ) ऐसे अवैध उत्खनन को रोकने सरकार ने कोई प्रयास समय रहते क्यों नहीं कियें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) ग्राम पलकाटोरी, तहसील अशोकनगर में विकसित किये गए औद्योगिक क्षेत्र में 46 भूखण्ड आवंटित किये गये है, इस संबंध में परीक्षण किया जा रहा है, आवंटित भूखण्डों पर गहरे गड्ढे होने का परीक्षण कराया जा रहा है, शेष भूखण्ड 77 है। (ख) अवैध उत्खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही के अधिकार विभाग को नहीं है। अत: जिला अधिकारी द्वारा समय-समय पर जिला खनिज अधिकारी, पुलिस तथा तहसीलदार को आवश्यक कार्यवाही हेतु अनुरोध किये गये है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
रायल्टी की अवैध वसूली
[खनिज साधन]
18. ( क्र. 339 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर एवं जिला गुना की सीमा पर बहने वाली सिंध नदी की रेत उत्खनन का ठेका हो चुका है, ठेकेदार का नाम स्पष्ट करें। बिना रायल्टी रसीद दिये ट्रैक्टर ट्रॉली से 1000 रूपये प्रति ट्रॉली एवं 5000 रू. प्रति डम्पर से अवैधानिक रायल्टी वसूली जा रही है। (ख) पुलिस द्वारा 1000 रू. की अवैध वसूली के बाद चालान बनाकर 10,000 से 20,000 रूपये तक वसूले जा रहे है। प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही बहुत गरीब लोग हैं उनसे भी यह वसूली की जा रही है। (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को रेत की रायल्टी पर छूट है या नहीं स्पष्ट करने की कृपा करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला अशोकनगर एवं जिला गुना की सीमा पर बहने वाली सिंध नदी की घोषित रेत खदानों सहित, जिला रेत समूह अशोकनगर का रेत ठेका नियमानुसार मेसर्स धनलक्ष्मी मर्चेंडाइस प्रायवेट लिमिटेड (अधिकृत प्रतिनिधि) श्री समर सिंह तोमर 501/पी/1, वार्ड नंबर 16, सिविल लाईन, कालिका नगर, बाबई रोड, नर्मदापुरम (म.प्र.) - 461001 को एवं गुना रेत समूह का ठेका मेसर्स रॉयल नेचुरल स्टोन्स प्रायवेट लिमिटेड, (अधिक़ृत प्रतिनिधि) श्री पुष्पेन्द्र सिंह सी-11-16, स्टोन्स पार्क, पुरानी छावनी, ग्वालियर (म.प्र.) - 474010 को स्वीकृत है। बिना अभिवन पास दिये अथवा अवैधानिक अभिवहन पास पाये जाने पर मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में गुना जिले में रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण के कुल 54 प्रकरण दर्ज किये गये हैं तथा अशोक नगर जिले में रेत खनिज के कुल 27 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इस प्रकार दोनो जिलों में कुल 81 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश अनुसार स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। (ग) जी हां। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रेत की रायल्टी की वापसी के प्रावधान मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4(1) के तहत अधिसूचित हैं।
लाड़ली बहना योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 390 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2024 से 1 फरवरी 2024 तक कितनी महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है? सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के जिले एवं विधानसभावार सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) 1 जनवरी 2025 से 1 फरवरी 2025 में कितनी महिलाओं को इस योजना से लाभांवित किया जा रहा है जिलेवार एवं विधानसभावार सम्पूर्ण मध्यप्रदेश की सूची उपलब्ध कराएं। (ग) नवंबर 2023 से जनवरी 2025 में कितनी महिलाओं के नाम जोड़े गए एवं कितनी महिलाओं के नाम काटे गए एवं प्रश्नाकिंत दिनांक तक कितनी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है जिलेवार, विधानसभावार संपूर्ण मध्यप्रदेश की सूची प्राप्त करवाएं, लाड़ली बहना योजना तहत जितने नाम काटे गए उन सभी महिलाओं के नाम किस आधार पर काटा गया कारण बताया जाए? (घ) दिनांक 1/11/2023 से 1/1/2025 तक कितने नाम 60 वर्ष की आयु से अधिक होने के कारण काटे गए एवं क्या उन नामों को वृद्धावस्था पेंशन से लाभान्वित किया जा रहा है या नहीं अगर नहीं तो सरकार के पास उन लाभांशियों के लिए क्या आगामी कार्ययोजना है या इस बजट में क्या प्रावधान प्रस्तावित है? अगर 60 वर्षों से कम आयु वाले नामों को काटा गया है तो इसका भी प्रमाण प्रस्तुत किया जाए एवं बताया जाए के उनका नाम क्यों विलोपित किया गया है? समस्त जानकारियां जिलेवार, विधानसभावार दी जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) नवम्बर 2023 के बाद योजना अंतर्गत किसी महिला का नाम नहीं जोड़ा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 पर है। (घ) 3,19,991 महिलाएं 60 वर्ष की आयु पूर्ण हो जाने से योजना की पात्रता से बाहर हुई हैं, न कि नाम काटे गये हैं। इनमें से कुल 57,075 महिलाएं योजना अंतर्गत पंजीयन के समय सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रही थीं। शेष महिलाएं वृद्धावस्था पेंशन योजना अंतर्गत पंजीयन कराकर पात्रता अनुसार लाभ प्राप्त कर सकती हैं। अत: शेष कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। 60 वर्ष से कम आयु की कुल 28 पंजीकृत पात्र महिलाओं को पात्रता नहीं रखने संबंधी आपत्ति प्राप्त होने एवं स्थानीय आपत्ति निराकरण समिति द्वारा परीक्षण उपरांत उक्त आपत्ति सही पाए जाने के कारण योजना से अपात्र किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 391 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 374 दिनांक 17/12/2024 के उत्तर में प्रश्नकर्ता को तीन माह बाद दिए गए उत्तर के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? तीन माह बाद किस-किस पत्र का उत्तर किन-किन कारणों से दिया गया? (ख) शासकीय कार्यों एवं शासकीय आयोजनों का क्या प्रोटोकाल है? इस संबंध में जारी शासकीय आदेश के अनुसार क्या वर्तमान विधायक एवं पूर्व विधायक के मंच पर उपस्थित रहने और पूर्व विधायक को सम्मान दिया जाकर वर्तमान विधायक को सम्मान नहीं दिए जाने का प्रावधान प्रचलित है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के ग्राम सोडलपुर में दिनांक 7 फरवरी 2025 को आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के कार्यक्रम में वर्तमान विधायक के उपस्थित होने पर भी कितने हितग्राहियों को कितनी राशि का चेक किस प्रोटोकॉल नियम के अनुसार पूर्व विधायक से बटवाये गये? (घ) वर्तमान विधायक के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? उसके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नकर्ता विधायक को विधानसभा प्रश्न क्रमांक 374 में साप्रवि के पत्र क्रमांक एफ 6-40/2024/1/4 दिनांक 13/12/2024 के परिपालन में कलेक्टर हरदा के पत्र क्रमांक 16590 दिनांक 13/12/2024 में उल्लेखित पत्रों में से पांच पत्रों में माननीय विधायक को अंतिम प्रतिवेदन से तीन माह पश्चात अवगत कराया गया है, उक्त पत्रों में सतत् कार्यवाही प्रचलित होने से प्रारम्भिक प्रतिवेदन/पत्र अभिस्वीकृति से अवगत कराया जा चुका है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 22/03/2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के ग्राम सोडलपुर में दिनांक 07 फरवरी 2025 को आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के कार्यक्रम में वर्तमान विधायक की उपस्थिति के दौरान पूर्व विधायक से हितग्राहियों को चेक नहीं बटवाये गये। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्डो न्यूक्लियर एथेनाल प्लॉंट की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
21. ( क्र. 450 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा चित्रकूट अंतर्गत जनपद पंचायत मझगवाँ के ग्राम पंचायत पटना खुर्द के उमरिहाहार में इन्डो न्यूक्लियर एथेनाल प्लांट स्थापित है? प्लांट स्थापना से संबंधित समस्त संबंधित विभागों की अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं स्थापना दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध करायें? क्या संस्थान समस्त निर्धारित मानकों, मापदण्डों के अनुरूप है? (ख) क्या प्लांट को हो रहे मुनाफे और ग्रामीण आम जनता तथा कृषि उत्पादन एवं प्राकृतिक संसाधन को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा रही है, किस तरह से? (ग) क्या उक्त प्लांट से निकले प्रदूषित, रसायन-युक्त पानी से आसपास के गाँवों की खेती नष्ट नहीं हो रही है? क्या ऐसे प्रदूषित पानी का दुष्प्रभाव वहाँ के हैण्डपंपों, जलस्रोतों के पानी पर तथा वायु प्रदूषण के रूप में नहीं है जिसके दुष्प्रभाव से आसपास की ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य पर विशेषकर आँख में बुरा असर पड़ रहा है? इस प्रदूषण को रोकने के लिये प्लांट प्रबंधन द्वारा क्या समुचित उपाय किये गये हैं? (घ) क्या उद्योग स्थापित किये जाने पर शासन द्वारा स्थानीय स्तर पर बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करनें संबंधी कोई नियम या प्रावधान है, उक्त प्लांट में प्रावधान अनुसार स्थानीय स्तर पर कितने बेरोजगारों को रोजगार (कार्यालयीन कार्य, तकनीकी कार्य, प्रंबंधन कार्य, मैकेनिकल कार्य, मैदानी कार्य, सुरक्षा कार्य व अन्य कार्य) दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? ग्रामवार सूची पूर्ण जानकारी सहित दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जी हाँ। पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार मेसर्स इण्डो डिस्टलरी बाय इण्डो न्यूक्लियर एनर्जी प्रा.लि. ग्राम उमरीहा, मझगवां, जिला सतना को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत स्थापना सम्मति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है एवं उत्पादन सम्मति तथा परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट (प्रबंध और सीमापार संचलन) नियम, 2016 के अंतर्गत प्राधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है प्रदान किया गया है। उद्योग को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी पर्यावरणीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है। जी हाँ। उद्योग द्वारा पर्यावरण नियमों के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रदूषणरोधी व्यवस्थायें स्थापित की गयी है। विधानसभा चित्रकूट अंतर्गत जनपद पंचायत मझगवां के ग्राम पंचायत पटना खुर्द के उमरिहा में इंडो न्यूक्लिअर इथेनॉल प्लांट मार्च 2023 में स्थापित हुआ है। इकाई समस्त निर्धारित मानकों एवं मापदंडों के अनुरूप है। संबंधित विभागों की अनापत्ति प्रमाण पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 04 से 09 अनुसार है। (ख) प्लांट से आम जनता, कृषि उत्पादन एवं प्राकृतिक संसाधनों का किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो रहा है। कंपनी अभी वित्तीय लाभ की स्थिति में नहीं है, फिर भी कंपनी द्वारा आम जनता के चिकित्सीय लाभ हेतु स्वास्थ्य केंद्र और डॉक्टर की नियुक्ति की गई है। समय-समय पर हेल्थ कैंप लगाकर ग्रामीणों की निःशुल्क जांच एवं उपचार किया जाता है। ग्राम दाडिन (देवलहा) के प्राथमिक विद्यालय में फर्नीचर एवं कम्प्यूटर उपलब्ध कराया गया है। ग्राम-दाडिन में स्ट्रीट लाइट, पेयजल की व्यवस्था की गई है। समय-समय पर गरीब बच्चों को कपड़े भी उपलब्ध कराये जाते हैं। प्रमुख त्योहारों पर ग्रामीणों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं ग्रामीणों के बीच उपहार वितरित किये जाते हैं। इंडो न्यूक्लिअर अनाज (मक्का, चावल की किनकी) आधारित इथेनॉल प्लांट है। फैक्ट्री द्वारा कच्ची सामग्री (मक्का, चावल की किनकी) किसानों से अप्रत्यक्ष रूप से खरीदा जाता है, फलस्वरूप स्थानीय किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। (ग) जी नहीं। पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार आसपास के गांवों की खेती नष्ट होने की पुष्टि उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'10' अनुसार है से प्राप्त जानकारी से नहीं होती है। जी नहीं। उद्योग के आसपास के हैण्डपंपों के जल प्रदूषित होने की पुष्टि कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड सतना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'11' अनुसार है से प्राप्त जानकारी से नहीं होती है। आसपास की ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य पर विशेषकर आँख में बुरा असर पड़ने की पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'12' अनुसार है से प्राप्त जानकारी से नहीं होती है। जी नहीं। उद्योग द्वारा आवश्यक प्रदूषणरोधी व्यवस्थाएं स्थापित की है जिसका नियमित रूप से संचालन व संधारण किया जाता है। इंडो न्यूक्लिअर इथेनॉल प्लांट आधुनिक तकनीक पर आधारित जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट है। प्रदूषण नियंत्रण हेतु कम्पनी स्थल पर निम्नानुसार प्लांट स्थापित किये गये हैं। (क) वायु प्रदूषण नियंत्रण प्लांट। (1) ई. एस. पी. प्लांट (2) कार्बन डिऑक्सीइड प्लांट (ख) शून्य तरल पदार्थ निर्वाहक प्लांट (जीरो लिक्विड प्लांट) (1) सी. पी. यु. प्लांट (2) बण्डल ट्यूब ड्रायर (3) एम. ई. ई. प्लांट (घ) जी नहीं। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित) तथा प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति-2025 अंतर्गत वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक विनिर्माण इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है। कंपनी द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया गया है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'13' अनुसार है।
पंजीबद्ध एफ.आई.आर. का निराकरण
[गृह]
22. ( क्र. 498 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के थाना जवा में बद्री सेल्स एण्ड मार्केटिंग एजेंसी के संचालक के द्वारा उनके साथ हुए साइबर फ्रॉड की एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो 04 माह व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (ख) फरियादी के खाता क्रमांक से किन-किन बैंकों में साइबर फ्रॉड के माध्यम से कुल राशि 3,82,800/- ट्रांसफर हुई है? क्या थाना प्रभारी जवा के द्वारा उक्त प्रकरण में कोई सकारात्मक कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में एफ.आई.आर. क्रमांक 0299 में अपराधियों का विवरण ट्रांजेक्शन विवरण, खाता क्रमांक का उल्लेख कराने के बाद भी थाना प्रभारी के द्वारा धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? क्या ऐसे उदासीन थाना प्रभारी के विरुद्ध विभाग के द्वारा कार्यवाही संस्थित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कब तक पुलिस द्वारा उक्त अपराध में संलिप्त लोगों को गिरफ्तार कर ठगी की राशि को रिकवर कराया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। फरियादी संतोष कुमार गुप्ता पिता स्व. रामकृष्ण गुप्ता उम्र 57 वर्ष निवासी जवा जिला रीवा की रिपोर्ट पर थाना जवा में अप.क.299/24 धारा 318(4) बीएनएस 66सी.66 डी आई टी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध होकर विवेचना की जा रही है। (ख) प्रकरण की विवेचना में मीडिया ग्रुप REWA NEWS XPRESS सबंधित मोबाईल नम्बरों का SDR प्राप्त कर दिये गये पते पर विवेचना की गई है, ट्रांजेक्शन से संबंधित खातों की बैंक से खाता धारकों की जानकारी प्राप्त की गई है। जिन खातों में ट्रांजेक्शन हुआ उनमें HOLD लगवाया गया है। ट्रांजेक्शन से संबंधित 03 बैंक खाते झारखण्ड राज्य में स्थित है। अतः खाता धारकों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने हेतु ई-मेल भेजे गये है अभी तक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। मीडिया ग्रुप REWA NEWS XPRESS के एडमिन के मोबाईल नंबर एवं जिस व्यक्ति के द्वारा लिंक ग्रुप में शेयर की गई थी दोनों मोबाईल नंबरों की CDR प्राप्त की गई है जिसका अवलोकन कर आरोपियों की पता तलाश की जा रही है। (ग) प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी जवा निरीक्षक गजेन्द्र सिंह धाकड़ द्वारा की जा रही है। प्रकरण की विवेचना के दौरान जिन बैंक खातों में राशि का ट्रांजेक्शन हुआ उन बैंक खाता धारकों की जानकारी प्राप्त की जाकर बैंक खातों में ट्रांजेक्शन पर HOLD लगवाया गया, लेकिन उक्त खातों में से भी राशि का ट्रांजेक्शन से संबधित सभी बैंक खाते दूसरे राज्यों में स्थित है। अतः बैंक खाता धारकों एवं खातों से संबंधित जनकारी ई-मेल के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। जानकारी अभी तक अप्राप्त है। प्रकरण की विवेचना में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के संबंध में विवेचना अधिकारी निरीक्षक गजेन्द्र सिंह धाकड़ का स्पष्टीकरण जारी किया गया है। प्रकरण में संलिप्त व्यक्तियों का पता लगाया जाकर उनके कब्जे से ठगी गई राशि रिकवरी कराने का हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, प्रकरण की विवेचना जारी है
नशे के विरूद्ध प्रभावी कदम
[गृह]
23. ( क्र. 509 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार युवाओं को नशे की लत से बचने के लिये प्रयास कर रही है? यदि हाँ, तो सरकार जबलपुर संभाग में एन.डी.पी.एस. अधिनियम के अंतर्गत कितने मामलों में क्या कार्यवाही की गई है? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) पंजीकृत प्रकरणों में नशे के स्त्रोत और सामग्री के तस्करों/विक्रयकर्ताओं के विरूद्ध क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) क्या सरकार नशे के विरूद्ध कार्यवाही को अधिक प्रभावी बनाने और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिये जागरूकता अभियान चलाने या कोई विशेष योजना शुरू करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, सरकार युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिये प्रयास कर रही है। जबलपुर संभाग में एन.डी.पी.एस. एक्ट अधिनियम के अंतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जबलपुर संभाग में पंजीकृत प्रकरणों में नशे के स्वाँत और सामग्री के तस्करों/विक्रयकर्ताओं के विरुद्ध कुल 657 आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया है। जबलपुर संभाग सहित म.प्र. के समस्त जिलों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के आदतन अपराधियों के विरुद्ध PIT NDPS Act एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अध्याय V-A के तहत वित्तीय अनुसंधान की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) म.प्र. शासन द्वारा नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम एवं बेहतर समन्वय हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पुलिस अधीक्षक एवं विभिन्न विभागों सहित NCORD (Narcotics Coordination) जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति समय-समय पर नशे के विरुद्ध कार्यवाही को अधिक प्रभावी बनाने और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिये जनजागृति अभियान कार्यक्रम संचालित करने की कार्यवाही की जाती है।
विकास यात्रा के आयोजनों पर खर्च
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 550 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2023 में सभी विधान सभा में विकास यात्रा का आयोजन हुआ, सरकार ने किस मद से सभी जिलों में राशि खर्च किया। सभी जिलों में आयोजित सभा, रैली, यात्रा और अन्य सभी प्रचार प्रसार, भोजन आदि का कुल खर्च की जिलेवार जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में झाबुआ विधानसभा में आयोजित विकास यात्रा में किये गए वादे, घोषणा और जनता ने जो आवेदन दिये, उसकी पूरी जानकारी विस्तृत में दी जाए यह भी जानकारी दें कि विकास यात्रा में की गई घोषणा में से कितनी पूर्ण हो चुकी हैं और कितनी अपूर्ण है? (ग) उक्त प्रश्न पूर्व दिसम्बर 2024 में भी जानकारी चाही गई थी किन्तु आज दिनांक तक जानकारी प्रदान नहीं की गई है तत्काल जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकास यात्रा का उद्देश्य विभिन्न विकास गतिविधियों एवं उपलब्धियों को जनता के साथ साझा करना तथा भविष्य में आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण के उद्देश्य से नये विकास कार्यों की आधारशिला रखना था। विकास यात्रा के दौरान कोई वादे, घोषणाएं नहीं की गई है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।
गुनौर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
25. ( क्र. 559 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-1 नागौद जिला सतना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 775 दिनांक 13.06.2024 के माध्यम से मुख्य अभियंता अपर नर्मदा जोन बरगी हिल्स जबलपुर को गुनौर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना स्वीकृत करने हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन भेजा गया था? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त विषय को पत्रों के माध्यम से विषयांकित परियोजना को शीघ्र स्वीकृत कराये जाने का अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-1 नागौद जिला सतना के प्रश्नांश (क) में उल्लिखित पत्र में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) गुनौर विधानसभा की तहसील देवेन्द्रनगर एवं गुनौर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु किसानों के हित में विषयांकित महात्वाकांछी योजना को शीघ्र स्वीकृत न किये जाने का क्या कारण है? किसानों के हित में इसे कब तक स्वीकृत कर कार्यरूप में परिणित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योग प्रारंभ किए जाने हेतु कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
26. ( क्र. 561 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2018 में किरनापुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बगड़मारा (राजेगांव) में 320 एकड़ शासकीय भूमि पर उद्योग प्रारंभ किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में थी? यदि हाँ, तो वर्तमान की भौतिक स्थिति से दस्तावेज सहित अवगत करावें? (ख) औद्योगिक क्षेत्र विकास के आधार पर सड़क, विद्युत पावर स्टेशन तथा अन्य आवश्यक क्या-क्या व्यवस्था की जानी है? (ग) उक्त भूमि पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन कंपनी ने निवेश हेतु अपनी सहमति प्रदान की है तथा कितना निवेश किया है तथा कितनी शेष भूमि आवंटन पर कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) क्या औद्योगिक नीति के तहत क्षेत्रीय बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त औद्योगिक क्षेत्र के करीबी रहवासियों को कब तक रोजगार दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2018 में किरनापुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बगड़मारा (राजेगांव) में 320 एकड़ शासकीय भूमि पर उद्योग प्रारंभ किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में नहीं थी। अपितु किरनापुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बगड़मारा की औद्योगिक प्रयोजन हेतु 20 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को औद्योगिक प्रयोजन हेतु दिनांक 22.10.2022 को हस्तांतरित हुई है, जिसका आधिपत्य विभाग की अधीनस्थ संस्था एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन, क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को दिनांक 01.11.2022 को प्राप्त हुआ। उक्त शासकीय अविकसित भूमि वृहद स्तर की औद्योगिक इकाई मेसर्स श्रीराम एनर्जी प्रायवेट लिमि. को एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु दिनांक 08.12.2022 को आवंटित की गई है। (ख) इकाई को अविकसित भूमि आवंटित की गई है, अत: इकाई को अपने स्तर से सड़क, विद्युत पावर स्टेशन तथा अन्य आधारभूत अधोसरंचनाओं की व्यवस्था की जानी है। (ग) उक्त संपूर्ण 20 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक इकाई मेसर्स श्रीराम एनर्जी प्रायवेट लिमि. द्वारा ग्रेन बेस्ड एथेनॉल प्लांट की स्थापना किये जाने हेतु आवंटित की गई है, जिसमें राशि रू. 125 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। अतएव आवंटन हेतु कोई भूमि शेष नहीं है। (घ) विभाग की प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति अनुसार वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक विनिर्माण इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है। इकाई द्वारा उद्योग स्थापना की अनुमानित तिथि दिसम्बर, 2026 है।
खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
27. ( क्र. 570 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना के कमाण्ड एरिया में आने वाले भीकनगांव तहसील के ग्राम पिपरी, सिरलाय, बलखडिया, भगुर एवं जयसिहपुरा के किसानों की लगभग दो हजार एकड़ कृषि भूमि कमाण्ड एरिया में होने के बाद भी सिंचाई से वंचित है? अगर हाँ तो क्यों कारण? क्या किसी की जवाबदेही तय की गई है? (ख) क्या खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना के अन्तिम आउटलेट के किसानों को इंदिरा सागर परियोजना की जीएम 2 टेमला के माध्यम से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) चौण्डी अंदड़ उद्वहन सिंचाई योजना अन्तर्गत तहसील कसरावद के ग्राम हिरापुर के केरिया फाल्या के 100 से अधिक आदिवासी किसानों को योजना से वंचित किया गया है? अगर हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो उन्हें कब तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम हीरापुर का केरिया फाल्या खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना के स्वीकृत कमाण्ड क्षेत्र से बाहर है। ऐसी कोई योजना वर्तमान में नहीं है।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण हेतु जारी सर्कुलर
[सामान्य प्रशासन]
28. ( क्र. 571 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा व्यापम एवं अन्य परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कोई सर्कुलर जारी किया गया है? अगर हाँ तो क्या उसी फार्मूलें पर 2022 से परीक्षाएं कराई जा रही है? (ख) म.प्र. लोक सेवा आयोग व प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) व अन्य परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग को मिले 27 प्रतिशत आरक्षण के विरूद्ध जाकर, एक गैर संवैधानिक फार्मूला 87:-13: के तहत परीक्षा परिणाम जारी करने तथा 13:, पिछड़ा वर्ग के पदों को को होल्ड करने का कृत्य किस विधिक आधार पर किया जा रहा है? (ग) न्यायालय की ओर से म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों) के लिए आरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 पर किसी प्रकार का अंतरिम आदेश है? अगर हाँ तो स्टे की प्रति उपलब्ध कराएं? नहीं तो सरकार अपनी मंशा बताएं कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण प्रदान करने में लापरवाही क्यों बरती जा रही है? (घ) आरक्षण के संबंध में महाधिवक्ता द्वारा धरातल पर क्या मुआयना किया न्यायालय में क्या अभिमत प्रस्तुत किया? इसकी सरकार से सलाह ली गई या नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। (ख) याचिका क्रमांक WP 3668/2022- Shivam Goutam, में स्थगन आदेश प्राप्त होने से विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने में कठिनाई हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) महाधिवक्ता द्वारा कानून की वैधानिक स्थिति के अनुसार अभिमत एवं सलाह दी जाती है।
पुलिस थाने में पदस्थ स्टाफ
[गृह]
29. ( क्र. 574 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने पुलिस थाने स्वीकृत है? कितने पद पुलिस निरीक्षकों के स्वीकृत है? वर्तमान में कितने पुलिस थानों में निरीक्षक पदस्थ है? कितनों में निरीक्षक से निम्न पद के अधिकारी पदस्थ है? क्यों? (ख) क्या प्रदेश में पदोन्नति के स्थान पर उच्च पद का प्रभार दिये जाने के नियम है? यदि हाँ तो कितने उप निरीक्षकों को उच्च पद का प्रभार दिया जाकर प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र भितरवार, जिला ग्वालियर में कितने पुलिस थानों में उपनिरीक्षक थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ है एवं कब से एवं किस नियम के तहत? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। पुलिस थानावार जानकारी उपलब्ध कराये। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित उप निरीक्षकों को प्रभार से कब तक हटाया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? किस नियम के अधीन?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) प्रदेश में कुल 1173 थाने स्वीकृत है। प्रदेश में निरीक्षकों के कुल 1697 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 850 थानों में निरीक्षक पदस्थ है। प्रशासनीय कारणों और स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये शेष 323 थानों में निरीक्षक से निम्न पद के अधिकारी पदस्थ है। (ख) जी हाँ। विभाग में कुल 1460 उप निरीक्षकों को कार्यवाहक उच्च पद का प्रभार दिया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भितरवार विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 11 थानों में से 06 थाने निरीक्षक स्तर के एवं 05 थाने उप निरीक्षक स्तर के है। उप निरीक्षक स्तर के 05 थानों में नियमानुसार उप निरीक्षक को थाना प्रभारी बनाया गया है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है
खनिज विभाग बालाघाट की जानकारी
[खनिज साधन]
30. ( क्र. 579 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी रेत खदान स्वीकृत है विभाग को कौन-कौन सी रेत खदानों हेतु ई.सी./पर्यावरण अनुमति मिल चुकी है संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) बालाघाट जिले में किन-किन स्वीकृत रेत खदानों में खनन कार्य प्रारंभ है खदानों के नाम सहित, रायल्टी की राशि की जानकारी दें। (ग) ठेकेदार को जिले में किन रेत खदानों की रेत डंप करने की स्वीकृति कहां-कहां पर प्रदान की गई है? स्वीकृत डंप रेत भंडारण की खदान एवं नदी में कितनी दूरी पर दी गई है भंडारण भूमि के भूमिस्वामी का नाम एवं एग्रीमेंट, खनिज निरीक्षक जांच के परिणाम बतायें। (घ) जिले में कितनी रेत खदानों में सीमांकन कर पक्के मुनार लगा दिए गए हैं? ठेकेदारों द्वारा कौन-कौन सी रेत खदानों में कितने-कितने रक्बा हेक्टेयर रेत निकालने का अनुबंध किया गया है? अनुबंध की छायाप्रति प्रदान करें। (ड.) जिले में रेत खदानों का माइनिंग प्लान की छायाप्रति प्रदान करें? कौन-कौन सी रेत खदानों में सीसीटीवी, जीपीएस कैमरे लगाए गए हैं संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (च) 2023 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस रेत खदानों की कितनी ईटीपी जारी की गई एवं किस-किस रेत खदान से कौन-कौन से वाहन को रेत परिवहन करने हेतु जीपीएस कैमरे से जोड़ा गया? वाहन का नाम नंबर सहित ईटीपी की छायाप्रति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिले में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को कुल 65 रेत खदाने उत्खनिपट्टे पर स्वीकृत है। खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' पर दर्शित है, वर्तमान में स्वीकृत रेत खदानों में से 40 रेत खदानों की ई.सी./पर्यावरण अनुमति प्राप्त है। खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' पर दर्शित है। (ख) दि मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कारपोरेशन लिमि. भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में रेत समूह बालाघाट का ठेका समर्पण पश्चात मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 अंतर्गत ई-निविदा सह नीलामी के माध्यम से चयनित सफल निविदाकार मेसर्स नेशनल एनर्जी ट्रेडिंग एण्ड सर्विसेस एवं रमेश प्रसाद दुबे कंसोर्सियम को सुरक्षा राशि एवं प्रथम माह की किश्त राशि जमा करने हेतु सूचना पत्र क्रमांक 356 दिनांक 15.02.2025 जारी किया गया है। राशि जमा करने के उपरांत अनुबंध निष्पादन पश्चात वैधानिक अनुमतियां प्राप्त रेत खदानों से खनन कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। (ग) जिले में पूर्व माइन डेवलपर कम ऑपरेटर को रेत खदानों से खनिज रेत का भण्डारण किये जाने हेतु विधिमान्य रेत खदानों से दूरी/भू-स्वामी का नाम/सहमति तथा खनि निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' पर दर्शित है। (घ) जिले में कुल स्वीकृत 65 रेत खदानों में से 36 रेत खदानों का सीमांकन किया गया था। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' पर दर्शित है। वर्तमान में जिले में स्वीकृत रेत खदानों में एम.डी.ओ. के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अनुबंध के पश्चात शेष सभी खदानों का सीमांकन कर कब्जा देने के पूर्व पक्के मुनारे स्थापित/सुधार किये जायेंगे। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) दि मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कारपोरेशन लिमि. भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार माईनिंग प्लान की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' पर दर्शित है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 3(4) के प्रावधान अनुसार "जीपीएस या समतुल्य तकनीक की यथाविहित मशीन स्थापित किए बिना रेत परिवहन में संलग्न वाहन, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना की तारीख के पश्चात, प्रतिषिद्ध होंगे।" (च) दि मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कारपोरेशन लिमि. भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक खदानवार जारी ई-टी.पी. की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''6'' अनुसार है। चूंकि प्रश्नांश (ड.) अनुसार म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 3(4) के क्रम में जीपीएस आदि तकनीक की यथाविहित मशीन स्थापित किए जाने की तिथि अधिसूचित नहीं की गई है। अतः शेष जानकारी निरंक है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट की जानकारी
[गृह]
31. ( क्र. 593 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना गोविन्दपुरा को थाना हनुमानगंज भोपाल से प्राप्त पत्र दिनांक 11/04/2023 विषय लोक सूचना अधिकारी आर.के. सक्सेना, सहायक लोक सूचना अधिकारी के विरूद्ध उनके द्वारा एन.आई.टी. 78 में की गई धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेज का निर्मित करना तथा भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट दर्ज करने बावत्। श्रीमान थाना प्रभारी महोदय, पुलिस थाना गोविन्दपुरा में दिनांक 01/01/2024 से प्रश्न दिनांक तक इस पत्र पर जो कार्यवाही की गई, का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार आरोपियों के नाम एवं उनके या विभाग द्वारा दिए गए बयान की छायाप्रति प्रदान करें। क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रदान करें। यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध नहीं की गई है तो कब तक होगी, समय अवधि बताए। यदि जांच पूर्ण हो चुकी है तो जांच रिपोर्ट प्रदाय करें। क्या थाना प्रभारी को बी. सी.एल.एल. द्वारा कार्यालय प्रधान महालेखाकार द्वारा आडिट आबजेक्शन्स के बारे में बताया गया? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या इसके बारे में बी.सी.एल.एल. से पूछताछ की जाएगी? (ग) प्रथम सूचना रिपोर्ट नं. 0162 थाना एम.पी. नगर भोपाल के संबंध में गृह विभाग को विधानसभा दिसम्बर सत्र 2024 में प्रश्न किस दिनांक को प्राप्त हुआ? एमपी. नगर थाने को यह प्रश्न किस दिनांक को प्राप्त हुआ? क्या थाना एम.पी. नगर ने यह प्रकरण कोर्ट के समक्ष 26/11/2024 को प्रस्तुत किया, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं तो किस दिनांक को प्रस्तुत किया? (घ) क्या एफ.आई.आर. नं. 0162 के संबंध में 01/01/2024 से 25/11/2024 तक शिकायतकर्ता द्वारा कोई स्पीडपोस्ट/डाक/ईमेल द्वारा पत्राचार किया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति प्रदान करें। क्या इसी समय अवधि में शिकायतकर्ता को थाने में बयान के लिए बुलाया गया हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इसी समय अवधि बयान (शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर सहित) की छायाप्रति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली बहना योजनान्तर्गत राशि 1250 से बढ़ाकर 3000 की जाना
[महिला एवं बाल विकास]
32. ( क्र. 615 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) प्रदेश
में वंचित
लाड़ली बहिनों
को लाभान्वित
करने हेतु नए
पंजीयन कब
शुरू किए
जावेंगे? बहिनों
को 1250
रूपए की राशि
को बढ़ाकर 3000 रूपए की
राशि हेतु बजट
कब बढ़ाया
जावेगा?
लाड़ली
बहिनों को इस
बजट में नई
बहिनों को
जोड़ने एवं 3000 रूपए
राशि
प्रदान
करने की क्या
योजना है? (ख) क्या
लाड़ली बहना
योजना में
ज्यादा से
ज्यादा लाभ बहिनों
को देने के
लिए सरकार
उम्र का दायरा
21 वर्ष
से घटाकर 18 वर्ष
करने का
प्रावधान
लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या
लाड़ली बहना
योजना में
ज्यादा से
ज्यादा लाभ
बहिनों को
देने के लिए
सरकार उम्र का
दायरा 60
वर्ष से बढ़ाकर
आजीवन करने का
प्रावधान
लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला भूरिया
) : (क) एवं (ख) वर्तमान
में कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
नहीं।
विक्रम उद्योगपुरी की भूमि का अधिग्रहण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
33. ( क्र. 618 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला स्थित विक्रम उद्योगपुरी के लिए कितनी भूमि अधिग्रहित दिनांक तक की गई है एवं कितनी भूमि और अधिग्रहण की जाने की योजना है? किस-किस उद्योग को कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन उद्योगों को भूमि आवंटित की गई है, उनके द्वारा आवंटन नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भूमि आवंटन नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? ऐसे कितने उद्योग है जिनके द्वारा आवंटन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है? (ग) विक्रम उद्योगपुरी में संचालित उद्योगों द्वारा स्थानीय कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है? उपलब्ध कराये गए रोजगार की पदवार, व्यक्तिवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विक्रम उद्योगपुरी में संचालित उद्योगों को स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने के संबंध में क्या नियम हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) डी.एम.आई.सी. विक्रम उद्योगपुरी की स्थापना हेतु पूर्व में 458.60 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई थी तथा इसके विस्तार हेतु प्रस्तावित 473.298 हेक्टर भूमि अधिग्रहित की जाने की कार्यवाही प्रकियाधीन है। कुल 55 इकाईयों को आवंटित भूमि की उद्योगवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग अंतर्गत प्रचलित, मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) एवं लैंड डिस्पोजल पॉलिसी विक्रम उद्योगपुरी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। सभी इकाईयों द्वारा भूमि आवंटन नियमों का पालन किया जा रहा हैं। (ग) विक्रम उद्योगपुरी में संचालित कुल 09 औद्योगिक इकाईयों द्वारा 650 स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों अनुसार इकाईयों द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70% रोजगार म.प्र. के स्थायी निवासियों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान है। उक्त के तहत स्थानीय लोगों को पदवार, व्यक्तिवार रोजगार की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित)/उद्योग संवर्धन नीति 2025 अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान दिनांक 19.12.2018 के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाली इकाईयों पर प्रभावी होगा आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ई’ अनुसार है।
बंद पदोन्नति को प्रारंभ किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 632 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग के गठन के वर्ष में पदोन्नति के क्या नियम रहे हैं। (ख) गठन के वर्ष से मार्च 2024 तक पदोन्नति नियम में कब-कब बदलाव किए गए। (ग) शासन के कौन से विभाग में अकाउंटेंट को पीठासीन अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया जाता है। (घ) 1990 के पश्चात पर्यवेक्षकों को परियोजना अधिकारी के पद पर कब-कब पदोन्नत किया गया। पदोन्नत पर्यवेक्षकों की सूची देवें। (ड.) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग में एकाउंटेंट को परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया जाता है। (च) परियोजना अधिकारी के 50 प्रतिशत पदों को विभागीय पदोन्नति से भरने की शासन की क्या योजना है। यदि है तो बताने की कृपा करें यदि नहीं है तो क्या पदोन्नति के लिए योजना में लिया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्ष 1988 में पृथक से महिला एवं बाल विकास विभाग का गठन किया गया। तत्समय विभाग में पदोन्नति सामान्य प्रशासन विभाग के पदोन्नति नियम के अनुसार की जाती थी। (ख) पदोन्नति नियम सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये जाते हैं जिनमें विभागीय स्तर से बदलाव नहीं किये जाते हैं। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग में पीठासीन अधिकारी नाम का कोई पद स्वीकृत नहीं है, अत: पीठासीन अधिकारी के पद पर पदोन्नति का प्रश्न ही नहीं है। शेष विभागों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) 1990 के पश्चात पर्यवेक्षकों को परियोजना अधिकारी के पद पर दिनांक 27/04/2015, दिनांक 09/11/2015 एवं दिनांक 13/04/2016 में पदोन्नत किया गया। पदोन्नत पर्यवेक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। (च) वर्तमान में पदोन्नति संबंधी निर्णय माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने से पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा रही है।
निर्धारित मूल्य से अधिक पर शराब विक्रय
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 633 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रालय और उनके अधिकारियों को ज्ञात है कि रतलाम जिले में शराब निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर अप्रेल 2024 से अब तक बेची गई? (ख) शराब अधिक दर से न बेची जाए इसके लिए विभाग में किस तरह की सतर्कता और दंड व्यवस्था का प्रावधान है? (ग) यदि बेची गई तो संबंधित जिला अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) अप्रैल 2024 से अब तक रतलाम जिले में शराब निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर विक्रय किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) शराब का विक्रय निर्धारित मूल्य पर हो इस हेतु कम्पोजिट मदिरा दुकान लायसेंस FCL-1 की शर्त क्रमांक-14 में प्रावधानित किया गया है। उक्त शर्तों के उल्लघंन हेतु शर्त क्रमांक-23 में संबंधित मदिरा दुकान का लायसेंस निलंबित अथवा निरस्त किये जाने के प्रावधान है। विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किये जाते हैं। वर्ष 2024-25 हेतु जारी आबकारी नीति जिसका प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 8 फरवरी 2024 में कराया गया है, की कण्डिका 20.2 अनुसार निर्धारित न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) से कम मूल्य पर एवं निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य पर मदिरा का विक्रय किया जाना, गंभीर अनियमितता मानकर प्रथम बार में 01 दिन के लिए तथा पश्चातवर्ती उल्लंघन पर 02 दिन तक के लिए संबंधित मदिरा दुकान का स्वीकृत लायसेंस निलंबित किया जाना प्रावधानित किया गया है। परंतु 05 बार से अधिक उल्लघंन होने पर लायसेंस निरस्त किया जाना प्रावधानित किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में वर्णित प्रावधान अनुसार न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) से कम मूल्य पर एवं निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य पर मदिरा का विक्रय मदिरा दुकान से किये जाने पर वर्ष 2024-25 में जिले में 10 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये एवं उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता द्वारा 4 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। कलेक्टर, जिला रतलाम द्वारा 13 प्रकरणों में प्रत्येक प्रकरण में एक दिवस के लिए दुकान निलंबित की जाकर प्रति प्रकरण में रूपये 10000/- शास्ति अधिरोपित की गई है। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
उद्योग स्थापना की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
36. ( क्र. 662 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी गरोठ विधानसभा क्षेत्र में बड़े उद्योग स्थापना की स्वीकृति प्रदान करेंगे? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में पर्याप्त संसाधन, 8 लेन, 4 लेन, रेलवे ब्रांड गेज, जल सुविधा होने के उपरांत भी औद्योगिक स्थापना से वंचित होकर बेरोजगारी चरम पर हैं। क्या इन सभी के रहते गरोठ को उद्योगों की सौगात मिलेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के आधिपत्य की लगभग 200.56 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, वर्तमान में उक्त भूमि पर वृहद उद्योग की स्थापना हेतु प्रस्ताव किसी भी निवेशक/कम्पनी से अप्राप्त हैं। प्रस्ताव प्राप्त होने पर प्रचलित मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) अनुसार भूमि आवंटन हेतु कार्यवाही की जावेगी। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार शासन द्वारा स्वयं उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है, अपितु प्रचलित विभागीय नीतियों के माध्यम से उन्हें सहयोग एवं सुविधाएं पात्रता अनुसार प्रदान की जाती हैं। गरोठ विधानसभा क्षेत्र में विभाग के आधिपत्य का एक औद्योगिक क्षेत्र गरोठ कुल क्षेत्रफल 57.45 हेक्टेयर में स्थापित है जिसमें कुल 255 भूखण्ड है जिनमें से 199 भूखण्ड 113 इकाईयों को आवंटित किये जा चुके है 113 इकाईयों द्वारा कुल 69.37 करोड़ का निवेश एवं 1601 लोगों को रोजगार प्रस्तावित हैं।
भवनविहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 679 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र जिला विदिशा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्वंय के भवन एवं केन्द्रों में खेल सामग्री सहित अन्य संसाधन उपलब्ध है कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है? आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे है जो स्वीकृत होने के बाद भी निर्माणाधीन है एवं कब से जानकारी देवें? (ग) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन की स्वीकृति प्रदान की गई केन्द्रवार जानकारी देवें तथा शेष भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र जिला विदिशा अंतर्गत 594 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 174 केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। वर्ष 2019-2020 में कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के समस्त 594 आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल किट (खेल सामग्री) उपलब्ध कराया गया था। पुनः वर्ष 2023-24 में सांसद निधि एवं नीति आयोग के माध्यम से 56 आंगनवाड़ी केन्द्रों में खेल सामग्री सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराये है। 420 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 पर है। (ख) 20 आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं जो स्वीकृति के बाद निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (ग) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के 14 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
38. ( क्र. 683 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योग विभाग द्वारा जिला विदिशा में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी राशि के प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये कितने प्रकरणों को बैंकों द्वारा स्वीकृत किया जाकर कितने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये गये हैं? (ग) विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों को बैंकों द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया और क्यों? क्या इस संबंध में विभाग द्वारा प्रयास किये गये है? यदि नहीं, तो क्यों? बैंकों द्वारा अपात्र किये गए प्रकरणों की जानकारी कारण सहित बताएं। (घ) विभाग द्वारा बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रशिक्षण दिये जाने की कोई योजना है जिससे की युवा प्रशिक्षण लेकर अपना स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) बैंक द्वारा अस्वीकृत/अपात्र किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी हाँ, इस संबंध में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र विदिशा द्वारा आवेदक से संपर्क कर दस्तावेजों की कमीपूर्ति एवं बैंक की आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कराने में सहयोग किया गया। इसके साथ-साथ विभिन्न डी.एल.सी.सी. एवं बी.एल.बी.सी. बैठकों में भी बिना कोई ठोस कारण के प्रकरणों को अस्वीकृत न करने के संबंध में बैंकों को निर्देश दिये गये। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल जिले में संचालित गौण खनिज एवं पत्थर खदानें
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 689 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में गौण, खनिज, पत्थर, कोपरा की कितनी खदानें वर्तमान में संचालित है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में संचालित एवं पूर्व में संचालित खदानों से पिछले 05 वर्षों में कितनी बकाया राशि है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या खदानों की खुदाई नियमानुसार नहीं की जा रही है तथा इसकी जांच की जा रही है यदि नहीं तो किन-किन खदानों की खुदाई नियमानुसार की जा रही है? उनकी जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
40. ( क्र. 707 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में किस-किस पद पर वर्तमान में कितने कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत हैं? श्रेणीवार, विभागवार एवं उपक्रमवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आउटसोर्स कर्मचारियों को वार्षिक आधार पर कितनी वेतन वृद्धि प्रदान की जाती है? श्रेणीवार, विभागवार एवं उपक्रमवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित आउटसोर्स कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य को लेकर शासन की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या? कार्ययोजना कब तक लागू की जावेगी?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) प्रदेश में मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुसार कतिपय सेवाओं को आउटसोर्स करने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में विभागों की मांग अनुसार आउटसोर्स सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। श्रेणीवार, विभागवार एवं उपक्रमवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाशर्तें, नियमित कर्मचारियों के समतुल्य नहीं हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों को श्रम आयुक्त, मध्यप्रदेश द्वारा श्रमिकों के वर्ग अनुसार घोषित न्यूनतम मूल वेतन एवं परिवर्तनशील मंहगाई भत्ते की मासिक एवं दैनिक वेतन की दरों के अनुसार पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निपटारा
[गृह]
41. ( क्र. 711 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में अपराध पर सही कार्यवाही न होकर प्रकरणों के अधिक अपराधी होने पर भी कम अपराधियों पर कार्यवाही कर असली अपराधियों को छोड़ दिया जाता है? यदि नहीं तो थाना जतारा एफ.आई.आर.-06/21 दिनांक 07.01.21 में अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधियों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई? यदि नहीं तो राशि बरामत न करने का क्या कारण है? यह भी बतायें कि अपराध क्र. 15/12 में 12 वर्ष तक क्यों कार्यवाही नहीं हुई जबकि अपराधी मृत हो गये? (ग) क्या ग्राम रमसगरा तहसील खरगापुर में करोड़ों रूपये की जाल साजी कर सैकड़ों एकड़ जमीन के नकली आदेश बताकर पटवारी को गुमराह कर राजस्व अभिलेख में दर्ज करवा दिये? इसमें क्रेता-विक्रेता और अधिकारियों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुई? (घ) यह भी बतायें कि प्रश्नांश (ग) में वर्णित फर्जी न्यायालयीन आदेश उनका क्रियान्वयन में मात्र 420/467/468/471 की धाराओं में केस दर्ज किया गया फर्जी अधिकारी बनने का प्रकरण व धारा नहीं लगाई गई ऐसा क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। आवेदक आनंद शुक्ला द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के अनुसार आरोपियों के विरूद्ध थाना जतारा में दिनांक 07.01.2021 को अपराध क्रमांक 06/21 पंजीबद्ध किया गया है। कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अपराध क्रमांक 06/21 के अपराधियों से वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा अपराध क्रमांक 15/12 में समस्त कार्यवाही कर आरोपी के विरूद्ध चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसमें आरोपी को माननीय न्यायालय द्वारा दण्डित किया जा चुका है। (ग) घटनाक्रम में तहसीलदार तहसील खरगापुर श्री मंगलेश्वर सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर से अपराध क्रमांक 26/25 धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के अन्तर्गत दिनांक 22.01.2025 को आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (घ) प्रकरण में फर्जी आदेश बनाया गया था जिसकी धारायें पूर्व से प्रकरण में लगी हुई है। प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर धारा 477-ए भादवि 74 आई.टी. एक्ट का इजाफा किया गया विवेचना के दौरान आये तथ्यों के आधार पर प्रकरण में अन्य धाराओं का समावेश किया जायेगा।
पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
42. ( क्र. 712 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में ऐसे कुल कितने स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें विगत 2 वर्ष से लेकर 5 वर्ष से भी अधिक का समय हो जाने पर भी उनसे पोषण आहार वितरण कार्य कराया जा रहा है? समूह का नाम सहित संलग्न आंगनवाड़ी केन्द्रों की विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकांश स्व-सहायता समूह ऐसे हैं जिनसे लंबे समय से पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है? यदि नहीं तो उन स्व-सहायता समूहों का नाम बतायें जिन्हें एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्र पोषण वितरण हेतु दिये गये हैं? (ग) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में पोषण आहार वितरण में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। महज खानापूर्ति कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। यदि नहीं तो बतायें कि कब-कब, किस-किस अधिकारी ने किन-किन केन्द्रों में पोषण आहार वितरण का सत्यापन किया? विस्तृत विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने-कितने पोषित और कुपोषित बच्चे दर्ज हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लगातार विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा निगरानी रखी जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। अतः भ्रष्टाचार एवं शासकीय राशि के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
अतिरिक्त लोक अभियोजन की नियुक्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
43. ( क्र. 737 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग की विभागीय संरचना क्या हैं? किस-किस पद पर कौन-कौन अधिकारी तथा अन्य स्टाफ पदस्थ हैं? अधिकारी का नाम, पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन कार्यों हेतु विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश में कितने न्यायालयों में शासकीय अधिवक्ता, अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता (AGP) नियुक्त हैं तथा कितने न्यायालय में नियुक्त नहीं हैं? न्यायालयवार, शासकीय अधिवक्ता एवं अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति सहित तथा रिक्त पद की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय सिरोंज, जिला विदिशा में अपरलोक अभियोजक एवं अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता के रिक्त पद पूर्ति हेतु पत्र मुख्यमंत्री महोदय, विधि मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग सहित अन्य अधिकारियों को प्राप्त हुआ था? यदि हां, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? शासकीय अधिकारियों द्वारा कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कब-तक कार्यवाही पूर्ण कर अपर लोक अभियोजक के रिक्त पद की पूर्ति की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ङ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अतिरिक्त सत्र न्यायालय सिरोंज, जिला विदिशा में अपर लोक अभियोजक का पद कब से रिक्त है? बतावें। लंबे समय से रिक्त होने के क्या कारण हैं? लगभग 2 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी नियुक्ति न होने के लिए उत्तरदायी कौन है तथा कब-तक नियुक्ति कर दी जावेगी? बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध कराया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
44. ( क्र. 747 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है एवं कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित होती है कितनी भवन विहीन है कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवन में संचालित हो रही है? (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए आगामी सत्र में शासन द्वारा कितने भवन निर्माण की कार्य योजना है एवं क्षेत्र की समस्त आंगनवाड़ी केन्द्र को कब तक शासकीय भवन उपलब्ध करने का लक्ष्य शासन का है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नागदा खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में 313 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 188 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित है। 125 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में संचालित है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की कार्ययोजना वित्तीय संसाधनों एवं शासकीय भूमि की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण हेतु अवैध खुदाई
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 752 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर से कबरई फोरलाइन निर्माण प्रोजेक्ट के प्रथम एवं द्वितीय चरण अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य का कार्य-आदेश कब जारी किया गया? कार्यआदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कार्य के लिये आवश्यक मुरम हेतु किन-किन स्थानों पर, कितनी-कितनी मात्रा हेतु खनन की अनुमति प्रदान की गई है? (ग) निर्माण एजेन्सियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत स्थानों से कितनी-कितनी मात्रा में खनन कार्य किया गया है? (घ) स्वीकृत स्थानों से अबतक निकाली गई मुरम की मात्रा, अब तक माप पुस्तिका पर दर्ज एवं उपयोग की गई मात्रा से कितनी भिन्न है? (ड.) क्या स्वीकृत स्थानों से खनन की मात्रा का प्रश्नकर्ता को भौतिक सत्यापन करवा कर जांच प्रतिवेदन प्रदान किया जायेगा? (च) स्वीकृत स्थानों के अलावा अन्य स्थानों से भी मुरम का खनन किया गया है? उन स्थानों की सूची प्राप्त हो पायेगी जहां से यह अवैध उत्खनन कार्य किया गया है? (छ) क्या अवैध उत्खनन के मामले की जांच करवाकर प्रतिवदेन दिया जायेगा? (ज) क्या मुरम के खनन के परिणामस्वरूप अनेक छोटे-छोटे पहाड़ों को काटकर उनका आकार नष्ट किया गया है? (झ) क्या अनेकों पहाडियों को काटकर मुरम खनन में पर्यावरण संरक्षण के दिशानिर्देशों का पालन किया गया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सागर जिले के अंतर्गत (सागर से कबरई फोरलाईन निर्माण कार्य) निर्माण कार्य हेतु आदेश दिनांक 22/07/2021 को जारी किया गया है। कार्य आदेश की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) सागर जिले के अंतर्गत (सागर से कबरई फोरलाईन) निर्माण कार्य में निकाली गई मुरम की मात्रा का उपयोग ई.पी.सी. अनुबंध अनुसार किलोमीटर लंबाई अनुसार माप पुस्तिका में दर्ज किया जाता है। जिसकी मात्रा स्वीकृत मात्रा के भीतर है एवं मेजरमेंट बुक में दर्ज की गई मात्रा एवं परियोजना में उपयोग की गई मुरम की मात्रा में कोई भिन्नता नहीं है। (ड.) भौतिक सत्यापन किया जा सकता है। (च) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) प्रश्नांश (च) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ज) परियोजना कार्य हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), वन विभाग एवं खनिज शाखा सागर द्वारा जारी अनापत्ति अनुशंसा के आधार पर प्रदान की गई अनुमति के आधार पर उत्खनन कार्य किया जा रहा है। (झ) परियोजना के निर्माण में संबंधित विभागों द्वारा पर्यावरण संरक्षण का पालन करते हुए जारी अनापत्ति के अनुसार ही खनन कार्य किया जा रहा है।
आधार कार्ड सेंटरों पर ऑपरेटर हेतु योग्यताएं
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
46. ( क्र. 769 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितने आधार कार्ड सेवा केंद्र कहां-कहां, कब से संचालित किये जा रहे हैं? (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में जनता को सुविधा प्रदाय किए जाने हेतु कहां-कहां और आधार कार्ड सेंटर खोला जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संचालित आधार कार्ड सेंटरों पर ऑपरेटर हेतु क्या-क्या योग्यताएं होना चाहिए क्या उक्त योग्यताधारी ऑपरेटर ही आधार कार्ड सेंटरों पर कार्यरत हैं? (घ) क्या आधार कार्ड सेंटरों पर कम योग्यताधारी ऑपरेटर रखे गए हैं जिसके कारण आधार कार्ड में नाम संबंधी सामान्यतः गलतियां हो रही हैं इस हेतु कब-कब आधार कार्ड सेंटरों का निरीक्षण किया गया है और क्या संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वह हिंदी और अंग्रेजी टाइपिंग की सही जानकारी, योग्यताधारी ऑपरेटरों, सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण को ही ऑपरेटर कार्य में संलग्न करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में मंदसौर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल 15 आधार केन्द्र समस्त रजिस्ट्रार के माध्यम से संचालित हो रहे है। आधार कार्ड सेवा केन्द्रों की सूची, स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) नए आधार केन्द्र (MPSEDC रजिस्ट्रार के अंतर्गत) खोले जाने का निर्णय जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा लिया जाता है। (ग) संचालित आधार कार्ड सेंटरों पर ऑपरेटर हेतु योग्यतांए UIDAI द्वारा जारी गाइडलाइन के बिन्दु 4 में उल्लेखित है। गाइडलाइन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी, हां योग्यताधारक ऑपरेटर ही आधार सेंटरों पर कार्यरत है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार योग्यता धारक ऑपरेटर ही आधार केन्द्रों पर कार्यरत है। आधार कार्ड सेंटरों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। गलतियां होने की संभावना को कम करने हेतु आधार ऑपरेटर्स को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
लोकहित स्पॉन्सरशिप योजना
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 770 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत संचालित लोकहित स्पॉन्सरशिप अंतर्गत मंदसौर विधानसभा के कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं सूची देवें। (ख) प्रदेश के अन्य जिलों से लाभांवित हितग्राहियों की तुलना में मंदसौर जिले का क्या प्रतिशत है? (ग) योजना से वंचित हितग्राहियों को कब तक योजना का लाभ प्रदाय कर दिया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मंदसौर विधानसभा में स्पॉन्सरशिप अंतर्गत 13 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्पॉन्सरशिप हेतु पात्र देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लक्षित समूह की मानक संख्या के आंकड़े निर्धारित नहीं होते हैं, अतः जिलेवार तुलनात्मक प्रतिशत बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना से वंचित पंजीकृत बच्चों को योजना अंतर्गत लाभ, भारत सरकार से बजट प्राप्त होने पर प्रदान किया जाता है, अतः लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 775 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09/09/2018 को मुख्यमंत्रीजी द्वारा बिछिया जिला मंडला में की गई घोषणा क्रमांक बी 5149, बी 5154, बी 5152 हेतु संबंधित विभागों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं? घोषणाएँ अब तक अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) क्या वर्ष 2023-24 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी ने नवनियुक्त शिक्षकों को प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत वेतन और द्वितीय वर्ष 100 प्रतिशत वेतन देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग द्वारा इस हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है संबंधित आदेश निर्देश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? क्या घोषणा दिनांक के पश्चात नियुक्त शिक्षकों को उक्त वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो शिक्षकों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्यों और कब तक उक्त वेतन दिया जाना प्रारम्भ कर दिया जायेगा? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी ने मंडला जिले के बम्हनी को तहसील बनाने की घोषणा की है, यदि हाँ, तो इस हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें? (घ) दिनांक 25/12/2023 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री जी को कौन-कौन से पत्र भेजे गए हैं, पत्रों की प्रतियाँ सहित उनमें की गई कार्यवाही से अवगत करावें? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्रीजी को पत्र दिए गए हैं यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए हैं एवं कौन-कौन से कार्य स्वीकृति हेतु क्यों लंबित हैं जानकारी प्रदान करें? कार्यों की स्वीकृति कब तक दे दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लिये गए ऋण
[वित्त]
49. ( क्र. 781 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक राज्य सरकार को कुल कितना ऋण चुकाना है? राज्य सरकार द्वारा कितने प्रकार के ऋण लिए गए हैं? प्रत्येक में कितना-कितना ऋण लिया गया है और उस पर कितना-कितना ब्याज दिया जा रहा है इसका विवरण दें? (ख) राज्य सरकार द्वारा लिए गए ऋण पर प्रतिवर्ष कितनी राशि का ब्याज के रूप में भुगतान किया जा रहा है? (ग) राज्य में प्रति व्यक्ति कितना कर्जभार है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश शासन पर कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2023-24 के खण्ड-दो के स्टेटमेंट नं. 17 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। राज्य सरकार द्वारा लिये गये ऋणों पर ब्याज भुगतान का विवरण (वर्ष 2022-23 का लेखा, वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान) वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य की पुस्तिका क्रमांक-06 में उपलब्ध है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से आंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज भार के ब्याज का वर्ष 2022-23 का लेखा, वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी सरल क्रमांक-11.1 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश "क'' अनुसार। (ग) राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है।
उद्योगों की स्थापना हेतु कार्ययोजना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
50. ( क्र. 785 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र के देशगांव, छैगांव माखन, बोरगांव, रुस्तमपुर से गुजर रहे इंदौर ऐदलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और कॉरिडोर बनाकर उद्योग स्थापित करने हेतु कोई कार्य योजना है? (ख) यदि अभी तक कोई कार्य योजना नहीं बनी है तो एम.पी.आई.डी.सी., उद्योग विभाग या संबंधित मंत्रालय द्वारा कब तक कार्य योजना बनकर तैयार होगी? जिससे क्षेत्र से रोजगार हेतु बढ़ते पलायन को रोका जा सके और स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिल सकें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में पंधाना विधानसभा क्षेत्र के देशगांव, छैगांव माखन, बोरगांव, रूस्तमपुर से गुजर रहे इंदौर ऐदलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और कॉरिडोर बनाकर उद्योग स्थापित करने हेतु कोई कार्य योजना विभाग द्वारा प्रस्तावित नहीं है।
झिरनिया नहर सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
51. ( क्र. 786 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के कितने गांवों की कितने हेक्टेयर कृषि भूमि झिरनिया नहर सिंचाई और खण्डवा नहर सिंचाई परियोजना से सिंचित होगी? परियोजना का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है और परियोजना कब तक पूर्ण हो जायेगी? (ख) क्या पन्धाना विधानसभा के छूटे हुए 12 असिंचित आदिवासी बाहुल्य गांव जैसे कालंका, नानखेड़ा, गाड़ाघाट, जामला, खारी, गोडियाबाबा, घाटी खास, गोल इमली, काल्यावाडी, देवनालिया, उदयपुर, सतीहता को झिरनिया नहर परियोजना में शामिल करके सिंचित करने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो कब तक जोड़ा जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुल 99 ग्रामों की 60,576 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। झिरन्या माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का 82 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है एवं परियोजना का कार्य दिनांक 03.01.2029 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। खण्डवा उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना का 23 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है एवं परियोजना का कार्य मार्च 2030 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उर्वरक विक्रेताओं पर दर्ज अपराध
[गृह]
52. ( क्र. 800 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैहर जिला पुलिस बल के थाना मैहर या अन्य किसी थानों में मे. विन्ध्यवासिनी बीज भण्डार सरला नगर रोड मैहर के ऊपर एफ.आई.आर. क्रमांक 543 दिनांक 30/06/2024, मे. मां शारदा बीज भण्डार सरलानगर रोड मैहर के ऊपर एफ.आई.आर. क्रमांक 544 दिनांक 30/06/2024, मे. संजय अमरपाटन एफ.आई.आर. क्रमांक 340 दिनांक 30/06/2024 दर्ज हुई है? (ख) क्या सतना जिले में मे. माही किसान सेवा केन्द्र महापात्र मोहल्ला बिरसिंहपुर विकासखण्ड मझगवां पर एफ.आई.आर. क्रमांक 149 दिनांक 29/06/2024, मे. किसान सेवा केन्द्र बिरसिंहपुर पर अपराध क्रमांक 0151 दिनांक 29/06/2024, मे. गैवीनाथ कृषि खाद बीज भण्डार बिरसिंहपुर पर अपराध क्रमांक 0150 दिनांक 29/06/2024, मे. सीताराम सोनी कोठी सोहावल पर अपराध क्रमांक 0009 दिनांक 12/01/2023 दर्ज की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अपराध क्रमांकों पर किन-किन धाराओं के तहत प्रकरण कायम कर कब किसकी-किसकी गिरफ्तारी प्रश्न तिथि तक की गई है? उर्वरकों की कालाबाजारी करने पर रासुका क्यों कायम नहीं किया गया? कारण दें, कब तक राज्य शासन के स्पष्ट निर्देशों के बाद रासुका लगाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सहित उर्वरक के कालाबाजारी के किन-किन अन्य प्रकरणों में पुलिस ने खात्मा/खारिजी लगा दी है? प्रकरणवार पूरी जानकारी मय आदेशों की एक प्रति सहित दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नया पुलिस सब डिवीजन बनाया जाना
[गृह]
53. ( क्र. 809 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा अंतर्गत शहपुरा तहसील मुख्यालय होने के साथ जनपद पंचायत, नगर परिषद एवं अन्य सभी विभागों का मुख्यालय हैं परंतु अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) का कार्यालय पाटन स्थित हैं जिसके अंतर्गत शहपुरा एवं बेलखेड़ा थाना क्षेत्र आते हैं। भौगोलिक दृष्टि से पाटन की दूरी अधिक हैं? (ख) क्या इस सम्बंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी पत्राचार किया गया हैं? यदि हाँ, तो शहपुरा को पुलिस सब डिवीजन बनाने हेतु कब तक कार्यवाही की जावेगी? जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्तमान अनुभाग पाटन से थाना पाटन, बेलखेड़ा, कटंगी एवं शहपुरा की दूरी निम्नतम है। (ख) जी हाँ। पाटन अनुभाग से वर्तमान में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है, पृथक से नवीन अनुभाग शहपुरा को बनाने की आवश्यकता नहीं है।
अनुकंपा नियुक्ति हेतु लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
54. ( क्र. 814 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में प्रश्न दिनांक तक समस्त विभागों में कितने रिक्त पद है रोस्टरवार, विभागवार जानकारी देवें। (ख) जिला अशोकनगर में कितने अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रकरण लंबित है मृतक कर्मचारी/अधिकारी का नाम, पदनाम सहित विभागवार, संवर्गवार जानकारी देवें। (ग) विगत 10 वर्षों में ऐसे कितने अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण हैं जिन्हें म़ृतक कर्मचारी के विभाग में पद रिक्त न होने की दशा में शासन स्तर पर प्रेषित किया गया है। दिनांक सहित, विभागवार जानकारी देवें। क्या कर्मचारी की म़ृत्यु होने पर कर्मचारी का उक्त पद रिक्त होता है अथवा समाप्त, जानकारी देवें। (घ) जिला अशोकनगर में विगत 10 वर्षों में समस्त विभागों में कितनी अनुकंपा नियुक्ति की गई है। नाम, मूल निवासी जिला विभागवार जानकारी देवें एवं अनुकंपा नियुक्ति किये जाने में समय-सीमा निर्धारित की गई है तो प्रश्नांश (ख) में प्रकरण लंबित होने के क्या कारण है। प्रकरण लंबित रखने वाले अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा अथवा नहीं यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। मृत्यु की दशा में संबंधित पद रिक्त होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। जी हाँ। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शराब बंदी की जाना
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 836 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार म.प्र. की धार्मिक नगरियों में शराब बंदी किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो श्योपुर में भी शराब बंदी किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण दें। (ख) श्योपुर विधानसभा में शासन के निर्धारित मापदण्डों अनुसार कुल कितनी शराब की दुकानें संचालित हैं? इसमें शासन को कितना राजस्व प्राप्त होता है? ठेकेदार के नाम एवं स्थान सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) श्योपुर विधानसभा में ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिक रही अवैध शराब को रोकने के लिए प्रदेश स्तर से विभाग, शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? समय-सीमा बताएं। (घ) आबकारी विभाग श्योपुर द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अवैध शराब बिक्री के कुल कितने प्रकरण बनाए हैं? विस्तृत जानकारी दें और दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? आबकारी विभाग श्योपुर में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब से पदस्थ है? जानकारी उपलब्ध कराएं।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 47 दिनांक 14.02.2025 में प्रकाशित आबकारी नीति वर्ष 2025-26 की कंडिका क्रमांक 1 में उल्लेखित अनुसार- पवित्र क्षेत्रों में संचालित मदिरा दुकानों को बंद किया गया है उक्त पवित्र क्षेत्रों की सूची में श्योपुर जिला सम्मिलित नहीं है। श्योपुर में शराब बंदी संबंधी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित होने संबंधी/राजस्व प्राप्त एवं ठेकेदार के नाम एवं स्थान सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध शराब बिक्री संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। श्योपुर जिले में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये वरिष्ठ कार्यालयों के निर्देशानुक्रम में समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता है। वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय परिवहन, संग्रहण इत्यादि के कुल 232 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वृत्त प्रभारियों द्वारा भ्रमण गश्त कर अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक अवैध शराब विक्रय, परिवहन, संग्रहण एवं दोषियों पर कार्यवाही तथा आबकारी विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध उत्खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
56. ( क्र. 837 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से खनिज साधन के अवैध उत्खनन के संबंध में कब-कब किन-किन लोगों पर क्या-क्या प्रकरण दर्ज किये गये? अवैध उत्खनन करने वाले किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से वाहन जप्त किये गये? जानकारी दिनांकवार, नामवार, प्रकरणवार जप्त वाहनों की समस्त जानकारी सहित उत्खनन किये जाने वाले स्थान की जानकारी भी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवैध उत्खनन के प्रकरणों में कौन-कौन से प्रकरण कब-कब कार्यवाही हेतु खनिज विभाग को प्रेषित किये गये व कौन-कौन से नहीं? कारण सहित स्पष्ट करें? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार खनिज विभाग द्वारा किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई व किन पर नहीं? किन प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की गई। प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवतग कराऐ? (घ) अवैध उत्खनन रोके जाने हेतु शासन एवं प्रशासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है? अवगत करावें? (ड.) दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक खनिज रॉयल्टी की कितनी धनराशि नगर पालिका श्योपुर द्वारा जमा कराई गई एवं कितनी राशि शेष है अवगत कराएं? शेष राशि वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) श्योपुर जिले में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन के 24 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। अवैध उत्खनन करने वाले व्यक्ति का नाम पता, जप्त मशीन/वाहन का प्रकार, अवैध उत्खनन के प्रकरण का दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवैध उत्खनन के प्रकरणों को सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत किये गये हैं, जो ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अवैध उत्खनन रोके जाने हेतु जिले में वन विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग सहित संयुक्त जाँच दल का गठन कर जिला स्तर पर टॉस्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। टॉस्क फोर्स दल द्वारा समय-समय पर संयुक्त कार्यवाही की जाती रही है। (ड.) जिले में दिनांक 01/04/2018 से आज दिनांक तक नगर पालिका श्योपुर द्वारा किसी भी प्रकार की कोई रॉयल्टी राशि जमा नहीं कराई गई है। आज दिनांक तक 24,72,995/- रूपये की राशि शेष है। राशि जमा करने हेतु मांग पत्र जारी किया गया है।
शिवपुरी जिले में आपराधिक प्रकरण
[गृह]
57. ( क्र. 842 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक अ.ज.जा. महिलाओं, बालिकाओं की तस्करी/अपहरण के कितने मामले पंजीबद्ध हुये हैं तथा शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक चोरी, लूट, डकैती, अपहरण, अपहरण कर हत्या, अपहरण कर फिरौती, नकबजनी, सट्टा, शराब, नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार एवं ड्रग्स (स्मैक) के कितने-कितने प्रकरण दर्ज किये गये? अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा उन प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई तथा कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया, कितने प्रकरण शेष है, अवैध शराब की सप्लाई करने वाले, ड्रग्स (स्मैक) को सप्लाई करने वाले बड़े-बड़े आरोपियों को कब तक पकड़ लिया जायेगा? जानकारी दी जावें? (ग) शिवपुरी जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में ड्रग्स के अपराधों में किए गये पंजीबद्ध प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (घ) शिवपुरी जिले के थानों पर एक ही जगह 03 वर्ष से अधिक समय से कितने आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक एवं उपनिरीक्षक पदस्थ है शासन नियमों के तहत उन्हें तीन वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद भी क्यों नहीं हटाया तथा कब-तक हटाया जावेगा? जानकारी दें ।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक अ.ज.जा. महिलाओं, बालिकाओं की तस्करी/अपहरण के कुल 233 प्रकरण पंजीबद्ध हुये है जिनमें से 64 प्रकरणों में चालान, 06 प्रकरणों में खात्मा, 152 प्रकरणों में खारिजी की कार्यवाही की गई है एवं 11 प्रकरण वर्तमान में लंबित होकर विवेचनाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
मेजर और माइनर खनिज की नीलामी
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 847 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि झाबुआ जिले में वर्ष 2020 से 2025 तक खनिज संसाधनों, मेजर और माइनर खनिज की खदानों की नीलामी एवं संचालन के संबंध में जानकारी निम्नांकित बिन्दुओं पर दी जाए:- (1) निजी, सार्वजनिक फर्म का नाम एवं उनके मालिक का नाम। (2) किस प्रकार के खनिज खदान का संचालन हो रहा है भूमि का खाता खसरा ग्राम पंचायत की जानकारी। (3) इस प्रकार की खदानों के संचालन निजी भूमि, सार्वजनिक भूमि पर कितने समय के लिए कब से कब तक की स्वीकृति दी गयी है। (4) खदानों के संचालन एवं खनिजों के दोहन की उच्चतम बोली की जानकारी दी जाए तथा शासन को प्राप्त राजस्व की जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : झाबुआ जिले में वर्ष 2020 से 2025 तक खनिज संसाधनों, मेजर और माईनर खनिज की खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर दर्शित है। खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 यथा संशोधित 2015 के तहत मुख्य खनिज के खनिज ब्लॉक समेकित अनुज्ञप्ति (पूर्वेक्षण कार्य) 03 वर्ष हेतु नीलाम किये गये है। पूर्वेक्षण कार्य के दौरान राजस्व प्राप्त नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" पर दर्शित है। निजी भूमि एवं शासकीय भूमि पर मेजर मिनरल्स की खदान 50 वर्ष हेतु, माईनर मिनरल्स में 30 वर्ष एवं 10 वर्ष हेतु स्वीकृति दी जाती है। सार्वजनिक भूमि पर खदान स्वीकृत किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नही है।
पुलिस थाना/चौकियों के अंतर्गत ग्रामों का सीमा निर्धारण
[गृह]
59. ( क्र. 848 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग मंत्रालय द्वारा थाना एवं पुलिस चौकियों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों की सीमाओं का पुनः निर्धारण करने/संशोधन करने हेतु विभाग द्वारा कोई आदेश वर्ष 2023-24 या अन्य वर्ष में जारी किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में आदेश जारी होने के उपरांत कितने जिलों से इस संबंध में/विषय में प्रस्ताव/सुझाव जिला स्तर से भेजे गए थे? जानकारी देवें तथा आमजनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विभाग ने कोई कार्यवाही की थी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी इस विषय में प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा उन प्रस्तावों पर विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? (घ) क्या आमजनता की सुविधा एवं प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव/सुझाव पर क्या कोई वित्तीय या अन्य व्यय करना पड़ रहा है? यदि नहीं तो आमजनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सुझावों पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन गृह विभाग के आदेश क्रमांक 01/1770880/2023/बी-3/दो, भोपाल दिनांक 02/01/2024 के अनुसार पुलिस थानों/चौकियों की सीमा निर्धारण किये जाने के निर्देश समस्त कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक/पुलिस आयुक्त इंदौर, भोपाल एवं जिला अभियोजन अधिकारी को जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) आदेश जारी होने के उपरांत 57 जिलों में प्रस्ताव/सुझाव जिला स्तर पर जिला योजना समिति को भेजे गए थे। आमजनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिला योजना समिति द्वारा कार्यवाही की गई थी तथा अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कराई गई है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता से प्राप्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में थाना गोपालगंज, राहतगढ़, बांदरी, सानौधा एवं चौकी शाहपुर, चौकी ढाना, थाना सुरखी से ग्रामों की सीमाओं को पुन निर्धारित/संशोधित कर नवीन थाना/चौकियों में सम्मिलित कर दिनांक 02.02.2024 को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गई है। (घ) जी नहीं। प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर आमजनता की सुविधा एवं प्रशासनिक दृष्टिगत रखते हुए जिला योजना समिति द्वारा थाना गोपालगंज, राहतगढ़, बांदरी, सानौधा एवं चौकी शाहपुर, चौकी ढाना, थाना सुरखी से ग्रामों की सीमाओं को पुनः निर्धारित/संशोधित कर नवीन थाना/चौकियों में सम्मिलित कर दिनांक 02.02.2024 को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गई है।
साईबर जोनल कार्यालय की स्थापना
[गृह]
60. ( क्र. 849 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में साईबर अपराध के ऑनलाईन प्रकरण बैंकिंग धोखाधड़ी एवं अन्य प्रकार के साईबर अपराध में कितने प्रकरण वर्ष-2024-25 एवं 2025-26 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए? जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा कितने प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें। (ख) साईबर अपराध को रोकने/निराकरण करने/कार्यवाही करने के लिए क्या सागर जिले में साईबर अपराध शाखा में कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? (ग) क्या सागर जिले में साईबर अपराध नियंत्रण हेतु कोई कार्यालय जिले में स्थापित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा कार्यालय के पता की विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या सागर जिले में साईबर जोनल कार्यालय स्थापित करने हेतु विभाग की कोई योजना/प्रस्ताव शासन स्तर से प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं साईबर अपराधों को रोकने एवं तुरंत कार्यवाही करने को दृष्टिगत रखते हुए कार्यालय स्थापित किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2024-25 में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, साईबर अपराध के कुल 11 प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें कुल 03 का निराकरण किया गया है। वर्ष 2025-26 में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी, साईबर अपराध के कुल 01 प्रकरण दर्ज है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जिला सागर में सायबर अपराध शाखा में कार्य. निरीक्षक 01, कार्य. प्र.आर. 02 एवं म.आर. 01 पदस्थ है। (ग) जी हां। सायबर अपराध नियंत्रण हेतु सागर जिले में सायबर सेल, पुलिस अधीक्षक कार्या, सिविल लाईन जिला सागर में संचालित है। सागर जिले सायबर फोरेंसिक यूनिट संचालित है, जो सायबर अपराधों में जप्तशुदा डिजीटल डिवाईस से डाटा रिकवर कर अन्वेषण में सहायता प्रदान की जा रही है। (घ) म.प्र. शासन गृह (पुलिस) विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्र. एफ 2 (क)-20/2014/बी-3/दो भोपाल दिनांक 18.05.2015 द्वारा सागर जिले में साईबर जोनल कार्यालय स्वीकृत है, जिसकी स्थापना प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए बर्तनों का क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 859 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में स्थित आंगनवाड़ियों के लिये बर्तन क्रय करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है, उक्त संबंध में जानकारी दी जावे। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये खरीदे जाने वाले बर्तनों (जैसे चम्मच, करछी, पानी का जग आदि) की दर निर्धारण हेतु क्या समिति का गठन किया गया। विभागीय आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या जिला सिंगरोली के 1500 आंगनवाड़ी केन्द्रों ने लिये सरकार द्वारा बर्तन खरीदने के लिये टेण्डर निकाला गया था। अगर हाँ तो किस एजेंसी को टेण्डर दिया गया और टेण्डर देने के पूर्व क्या प्रक्रिया का पालन किया गया, जानकारी दी जावे। (घ) क्या सिंगरोली में खरीदे गये एक चम्मच की कीमत 810 रूपये एवं एक करछी 1348 रूपये प्रति के मान से खरीद की गई है, जो बाजार मूल्य से कई गुना अधिक है। इस दर से सामग्री क्रय करने में शासन को करोड़ों रूपये की हानि हुई है, क्या विभाग द्वारा इसकी जांच कराई जावेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भारत सरकार द्वारा इक्यूपमेंट/फर्नीचर हेतु प्राप्त अनुदान के अनुक्रम में जेम पोर्ड के माध्यम से निविदा जारी करते हुए क्रय की समस्त प्रक्रिया मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) का पालन करते हुए कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) जी हाँ। इस निविदा में एल-1 निविदाकार जय माता दी कार्पोरेशन वैंकुण्डपुर जिला कोरिया, छत्तीसगढ को कार्य आदेश दिया गया। जिला स्तर पर भारत सरकार के Gem पोर्टल के माध्यम से निविदा जारी करने हेतु क्रय की प्रक्रिया की गई है।(घ) जी हाँ। जांच समिति गठित की गई एवं जांच उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी सिंगरौली को निलंबित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली राशि
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 861 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के लिये राशि दिये जाने का प्रावधान है? विस्तृत जानकारी समय-सीमा सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में किन-किन योजनाओं में गर्भवती महिलाओं को कब-कब कितनी राशि दिये जाने का प्रावधान है? जानकारी दें। (ग) जिला ग्वालियर में वर्ष 2023 एवं 2024 में गर्भवती महिलाओं के कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने आवेदक महिलाओं को राशि दे दी गई है? संख्यावार जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कितनी गर्भवती महिलाओं के आवेदन लंबित है और इन आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? जानकारी उपलब्ध कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं, अतः शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रथम एवं द्वितीय प्रसव पर क्रमशः 5000/- एवं 6000/- राशि दिये जाने का प्रावधान है। योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला ग्वालियर में वर्ष 2023 एवं 2024 में प्रश्न दिनांक तक 24334 गर्भवती महिलाओं के आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 20391 गर्भवती महिलाओं को पात्रता अनुसार राशि प्रदाय कर दी गई है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संबंध में 3943 गर्भवती महिलाओं के आवेदन लंबित है जिन्हें पात्रता अनुसार निरंतर भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
जिला न्यायालय नवीन भवन में प्रारंभ किया जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
63. ( क्र. 865 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच में नवीन जिला न्यायालय भवन बन कर तैयार हो चुका है? क्या इसे ठेकेदार द्वारा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है? यदि हां, तो किस दिनांक को जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा जिला न्यायालय को नवीन न्यायालय भवन में स्थानांतरित कर प्रारंभ करने के लिए वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) विधि एवं विधायी विभाग द्वारा भवन निर्माण के बाद नवीन भवन में जिला न्यायालय स्थानांतरित न करने के क्या कारण रहे? कब तक न्यायालय को नवीन भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा? समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली बहना योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 869 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजना में अक्टूबर 2023 के बाद से अभी तक राशि बढ़ाकर 1500 या इससे ज्यादा प्रतिमाह क्यों नहीं की गई है? इस योजना में वर्ष 2025 तक कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा ढाई सौ रुपए प्रति माह कब-कब और क्यों अतिरिक्त दिए गए हैं? (ख) लाड़ली बहना योजना में नया पंजीयन प्रारंभ करने संबंधी दिशा निर्देश क्यों नहीं जारी किए गए हैं? माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नया पंजीयन प्रारंभ करने के संबंध में कोई घोषणा की गई है या नहीं? नवीन पंजीयन कब से प्रारंभ किए जाएंगे? (ग) दिनांक 10 फरवरी 2025 को देवास में माननीय मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना के संदर्भ में क्या-क्या घोषणा की? जून 2023 से जून 2025 तक लाभान्वित 21 से 35 वर्ष, 36 से 50 वर्ष तथा 51 से 60 वर्ष की महिलाओं की संख्या बताएं एवं फरवरी 2025 तक कितनी हितग्राहियों के नाम किस कारण से विलोपित किए गए? पृथक-पृथक संख्या बतायें? (घ) लाड़ली बहना योजना के जारी दिशा निर्देश में आवेदन की समय-सीमा क्रमशः 30/04/2023 तथा 20/08/2023 क्यों रखी गई? आवेदन की प्रक्रिया निरंतर चालू क्यों नहीं रखी गई? इस संबंध में क्या मंत्रिमंडल की कोई बैठक की गई है? यदि हाँ, तो क्या निर्णय लिया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्तमान में आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। योजना में फरवरी 2025 तक कुल राशि रूपये 32224.70 करोड़ की आर्थिक सहायता का भुगतान किया गया है। माह अगस्त 2023 एवं अगस्त 2024 में राशि रूपये 250/- विशेष आर्थिक सहायता के रूप में दिये गये हैं। (ख) इस संबंध में विभाग स्तर पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) इस संबंध में विभाग स्तर पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (घ) 05/03/2023 से योजना का प्रारंभ किया गया था। पंजीयन हेतु 30/04/2023 अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। विभाग के आदेश दिनांक 19/07/2023 द्वारा योजना में संशोधन किया गया, जिसके तहत् 20/08/2023 तक पुन: पंजीयन किया गया। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीजनल इन्डस्ट्रियल कान्क्लेव
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
65. ( क्र. 870 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश, देश और विदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु रीजनल इन्डस्ट्रियल कान्क्लेव सहित कितने आयोजन प्रदेश, देश और किन-किन देशों में कहां-कहां किये गये, तिथि सहित बताएं। (ख) प्रादेशिक, अन्य प्रदेशों और विदेशों में किये गये आयोजनों में प्रदेश के किस-किस शहर में किस-किस क्षेत्र में निर्माण या उत्पादन में निवेश के कितने-कितने प्रस्ताव किस-किस कंपनी ने, कितनी-कितनी राशि के निवेश के दिये प्रत्येक आयोजनवार बताएं। जिस-जिस क्षेत्र में कार्य करने के एमओयू हुए हों, कंपनीवार और राशिवार, एमओयू की तिथिवार जानकारी दें। (ग) एमओयू के अनुसार कंपनियों द्वारा कब से निर्माण या उत्पादन शुरू करने का प्रस्ताव है यह भी बताएं और यह भी बताएं कि इन एमओयू से कितने-कितने लोगों को रोजगार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा या कितनी आय प्रदेश को टैक्स आदि के रूप में होने की संभावना है? (घ) पूर्व में हुए एमओयू में से कितनी कंपनियों नें 1 अप्रैल वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के किस किस इलाके में काम शुरू कर दिया है, उसमें प्रदेश के कितनें लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश, देश और विदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु किये गये आयोजन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
66. ( क्र. 888 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07.11.2024 की रात्रि में खमरौली रेत खदान पर हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मृत्यु होने एवं एक गंभीर रूप से घायल होने संबंधी घटना के संबंध में थाना अतरेटा जिला दतिया में चार नामजद व पाँच अज्ञात के विरूद्ध अपराध क्र. 0061/2024 धारा-103, 109, 125, 351 (2), 191 (2) (3) एवं 190 बी.एन.एस. पंजीबद्ध किया गया? घटना में मृतक, घायल एवं आरोपियों की जानकारी दी जाये। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो आज दिनांक की स्थिति में प्रकरण में कितने अज्ञात आरोपियों को ज्ञात कर गिरफ्तारी व शस्त्र बरामदगी की कार्यवाही की गई? किस-किस आरोपी को किस दिनांक को गिरफ्तार किया? आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या सरकार के संरक्षण में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गयी? फरार आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क करने, इनाम घोषित कराने की कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटना में थाना अतरेटा जिला दतिया में अपराध क्रमांक 61/2024 धारा 103, 109.125, 351(2), 191(2), 191(3), 190 बी.एन.एस. 04 नामजद आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध नहीं किया गया था, अपितु 05 नामजद आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। घटना में मृतक, घायल एवं आरोपियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण की विवेचना निष्पक्ष रूप से की जी रही है। प्रकरण की विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर अज्ञात आरोपियों एवं शस्त्र बरामदगी के संदर्भ में आगामी कार्यवाही की जावेगी तथा आरोपियों को गिरफ्तार करने के संदर्भ में निर्णय लिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के अनुसार।
अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान का लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
67. ( क्र. 889 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्री राहुल गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी अटेर, जिला भिण्ड के विरूद्ध टेक होम राशन के भण्डारण एवं वितरण में अनियमितताएं, अभिलेख संधारण एवं मॉनिटरिंग में कमी, पदेन कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही, सक्षम अधिकारी से बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने संबंधी शिकायत में संचालनालय भोपाल द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त जारी कारण बताओ सूचना पत्र के जवाब में कलेक्टर भिण्ड द्वारा दिये अभिमत में श्री गुप्ता को दोषी पाया गया? यदि हां, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? स्पष्ट करते हुये जानकारी दी जाये। (ग) क्या जिला भिण्ड के महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 10, 20 एवं 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर शासन के नियमानुसार देय समयमान वेतनमान जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड के आदेश क्र.म.वा.वि/स्था/5002-5003, दि.21.08.2023 द्वारा स्वीकृति प्रदान करने के उपरान्त लगभग 01 वर्ष की समयावधि व्यतीत होने पर भी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ आज दिनांक तक प्रदान नहीं कर गंभीर लापरवाही बरती गई है? यदि हाँ, तो जिम्मेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की गई? स्वीकृति अनुसार कर्मचारियों को वित्तीय लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा समय-सीमा बताई जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। संचालनालय के ज्ञाप क्रमांक 4612 दिनांक 20/09/2022 द्वारा श्री राहुल गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी को आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। (ग) जी हां, कुल 16 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृति उपरांत 09 कर्मचारियों को 01 वर्ष समयावधि व्यतीत होने पर भी वित्तीय लाभ प्रदान नहीं किया गया है। संचालनालय स्तर पर प्रकरण संज्ञान में आने के उपरांत संचालनालय के ज्ञाप दिनांक 28/02/2025 द्वारा श्री संजय जैन, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला भिण्ड को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। शेष 09 कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कर प्रकरण कोष एवं लेखा ग्वालियर को प्रेषित किया गया है, सत्यापन उपरांत वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा।
जिला अनूपपुर में एयरपोर्ट की स्थापना
[विमानन]
68. ( क्र. 892 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के अनूपपुर प्रवास दिनांक 16/08/2024 को अधोहस्ताक्षरी एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मांग पर जिला मुख्यालय अनूपपुर में हवाई अड्डा (एयरपोर्ट) शुरुआत किये जाने हेतु जिला प्रशासन को भूमि चयन कर स्थल उपलब्ध कराये जाने के निर्देश प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या जिला प्रशासन द्वारा स्थल चयन कराकर स्थल की जानकारी राज्य शासन को प्रेषित किये जाने के उपरांत अभी तक (एयरपोर्ट) हवाई अड्डा बनाये जाने हेतु क्या कार्यवाही शासन स्तर पर की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला प्रशासन अनूपपुर के द्वारा हवाई अड्डा हेतु स्थल चयन का प्रतिवेदन अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन स्तर को भेजे जाने के उपरांत अभी तक शासन स्तर पर हवाई अड्डा बनाए जाने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है तथा क्या उसकी प्रशासकीय स्वीकृति के लिए किन-किन विभाग के कौन-कौन से जिम्मेदार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाकर दल गठित किया गया है? यदि हाँ, तो दल एवं दल में सम्मिलित अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिला प्रशासन द्वारा चयनित स्थल की जानकारी के उपरांत राज्य स्तर से गठित सर्वेक्षण दल के द्वारा स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन एवं कार्य योजना व कार्य का नक्शा, लोकेशन, कनेक्टीविटी सहित अन्य तैयारियां कब तक कर ली जाएगी और एयरपोर्ट के कार्य को कब तक मूर्त रुप देकर स्वीकृत करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा तथा कब से हवाई जहाज का उड़ान प्रारंभ किये जाने की योजना तैयार की जा रही है? जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उपरोक्त हवाई अड्डा के कार्य को गति देने के लिए कार्य योजना तैयार किये जाने के संबंधित जानकारी उपलब्ध कराये?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप कलेक्टर, जिला अनूपपुर को निर्देश दिया गया था। स्थल के परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश-'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोजर वियर हिन्दुस्तान पावर प्लांट
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
69. ( क्र. 893 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिन्दुस्तान पावर प्लान्ट कंपनी (मोजर वियर) जैतहरी में कब से स्थापित है तथा इसकी स्थापना के लिए किन-किन पंचायतों के कितने-कितने भू-स्वामियों की भूमि को किन-किन शर्तों के तहत अधिग्रहित की गई थी? भू-अधिग्रहण के समय भू-स्वामियों एवं कंपनी के मध्य किये गये अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कंपनियों के स्थापना के समय भू-स्वामियों एवं कंपनी के मध्य किये गये शर्तों का पालन कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराये। यदि नहीं तो क्यों तथा कंपनी के द्वारा अभी तक कितने स्थानीय बेरोजगारों को किन-किन पंचायतों से किस-किस जनप्रतिनिधि के अनुशंसा पर रोजगार दिलाया गया है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावें। कंपनी में स्थानीय जनप्रतिनिधियों में सांसद एवं विधायकों को कितनी बार कंपनी के कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया है और कौन-कौन से कार्य कंपनी के द्वारा उनसे अनुशंसा कराकर प्रभावित क्षेत्र में स्वीकृत किया गया है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या कंपनी के द्वारा विधायक, सांसद को कभी भी कंपनी के अंदर आमंत्रित नहीं किया गया है और न ही प्रभावित क्षेत्र में किये गये अनुबंध अनुसार शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क निर्माण, जन जागरुकता, से संबंधित प्रस्ताव मांगा गया है और न ही उनके द्वारा भेजे गये प्रस्ताव अनुसार कोई कार्यवाही की गई है? ऐसा न करने के पीछे कंपनी का क्या उद्देश्य है? स्थानीय विधायक एवं सांसद की उपेक्षा करने एवं उनके प्रस्ताव को नहीं मानने पर शासन द्वारा कंपनी के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगी? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कंपनी के प्रबंधक के द्वारा कुछ स्थानीय दलालों के माध्यम से कंपनी के अंदर किन-किन कार्यों का किन-किन ठेकेदारों को किस आधार पर ठेकेदारी का कार्य दिया गया है और कंपनी में स्थानीय बेरोजगारों, प्रभावित कृषकों के घर से कितने-कितने लोगों को नौकरी दी गई है? यदि दी गई है तो उनकी सूची उपलब्ध करायें। वर्तमान में कितने स्थानीय लोग कार्यरत है, कितनों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है? नौकरी से बाहर करने का कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कम्पनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार एमबी पॉवर मध्यप्रदेश लिमिटेड जैतहरी का वाणिज्यिक संचालन दिनांक 20 मई 2015 है। इसकी स्थापना के लिए जिला अनूपपुर, तहसील-जैतहरी/अनूपपुर अंतर्गत ग्राम-जैतहरी लहरपुर, अमगवां, गुंवारी, बेलिया, क्योटार, कुशुमहाई, रोहिलाकछार, चोलना, कुकुरगौडा, धुरवासिम, पडौर एवं कोटमी के भूमियों का अधिग्रहण मध्यप्रदेश शासन द्वारा भू-अर्जन अधिनियम 1894 के विभिन्न प्रावधानों के तहत नियमानुसार कंपनी के लिए अर्जन किया गया है। (ख) कम्पनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार कंपनियों के स्थापना के समय भू-स्वामियों एवं कंपनी के मध्य किये गये शर्तों का पालन कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। लगभग 1563 स्थानीय व्यक्ति कंपनी में कार्यरत हैं। कंपनी में ग्राम- जैतहरी, लहरपुर, अमगवां, गुंवारी, बेलिया, क्योंटार, कुशुमहाई, रोहिलाकछार, चोलना, कुकुरगोंड़ा, धुरवासिन, पडौर एवं कोटमी, धनगवां, बीड, खूंटाटोला, कल्याणपुर, वेंकटनगर, पुष्पराजगढ़, मेड़ियारास, चचाई, अमलाई, निगवानी, बिजुरी, कोठी के बेरोजगार शामिल हैं। कंपनी के द्वारा जनप्रतिनिधियों में सांसद एवं विधायकों को विशेष अवसरों पर उनकी - सुविधानुसार आमंत्रित किया जाता है तथा उनके द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों को भी संज्ञान में लिया जाता है। (ग) कम्पनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार कंपनी में विधायक एवं सांसद महोदय को समय-समय पर आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है तथा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य चिकित्सा, पेयजल व्यवस्था, सड़क निर्माण, जन जागरूकता से संबंधित प्राप्त निर्देशों के अनुरूप सीएसआर विभाग के माध्यम से भिन्न-भिन्न कार्य कराये जाते हैं। भारत सरकार के कंपनी अधिनियम में वर्णित CSR का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। CSR के अंतर्गत कार्यों को क्रियान्वित करने हेतु राज्य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्यवस्था नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कम्पनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार कंपनी ने हमेशा स्थानीय ठेकेदारों को ठेका कार्य देने हेतु प्रोत्साहित किया है। परंतु समस्त छोटे एवं बड़े ठेका कार्य निविदा पद्धति के अनुसार किये जाते हैं। जिससे कि स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा एवं गुणवत्ता बनी रहे। कंपनी में लगभग 1563 स्थानीय कामगार अनूपपुर जिला एवं आस-पास के ग्रामों के निवासी कंपनी में कार्यरत हैं। कम्पनी द्वारा प्रदाय रोजगार की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गैस सप्लाई हेतु प्रशासकीय अनुमति
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
70. ( क्र. 928 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल में स्थापित रिलायंस कंपनी के द्वारा गैस सप्लाई किस माध्यम से किया जाता है तथा गैस सप्लाई हेतु शासकीय एवं निजी भूमि का भी उपयोग किया जाता है? यदि हाँ, तो शासकीय भूमि के उपयोग हेतु क्या प्रशासन से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा दिये गये अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निजी भूमि को किस शर्त पर भू-स्वामी से सहमति एवं अनुबंध कराया गया है? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए भू-स्वामी को उसके बदले दी गई मुआवजा एवं शर्त के आधार पर सुविधाओं की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार समस्त जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला शहडोल में स्थापित रिलांयस कंपनी को एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कोई भी भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
शहडोल जिले में संचालित रेत खदान
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 929 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल म.प्र. में कुल कितनी रेत खदान संचालित है तथा उन खदानों को किन-किन कांट्रेक्टरों के द्वारा कहां-कहां संचालित किया जाता है तथा उन खदानों की रेत क्षमता क्या है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिला शहडोल में रेत खदान चलाने का कार्य सहकार ग्लोबल कंपनी के द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उसके द्वारा रेत खदान का संचालन किस शर्त पर तथा कितने समयावधि के लिए अनुबंध किया गया है? अनुबंध एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या रेत कंपनी के द्वारा किये गये अनुबंध के अनुसार निर्धारित भूखण्ड आवंटित स्थल पर ही अपने सीमा में ही रेत उत्खनन का कार्य किया जा रहा है तथा रेत कंपनी का मापदण्ड क्या है और उसके द्वारा निर्धारित मापदण्ड का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या रेत कंपनी द्वारा खदानों में रेत उत्खनन कार्य में मशीनों (आई.सी.बी. चैन माउण्टिन मशीन) का प्रयोग किया जाता है? यदि नहीं तो विभाग द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? यदि कोई कार्यवाही किया गया है तो जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रेत खदान से रेत का रॉयल्टी कितना निर्धारित किया गया है? क्या कंपनी द्वारा निर्धारित दर पर रेत विक्रय किया जाता है तथा अधिकांशत: निर्धारित दर पर रेत विक्रय न करते हुए मनमाने ढंग से मंहगे रेत विक्रय की शिकायतें प्राप्त होने पर क्या कार्यवाही की गई तथा पुलिस प्रशासन के द्वारा अवैध रेत उत्खनन व रेत चोर पर पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक कितनी बार कार्यवाही की गई है तथा रेत कंपनी के अधिकृत कर्मचारियों की पहचान व पृष्ठभूमि की जानकारी हेतु अपने पहचान पत्र, आधार कार्ड व फोटोग्राफ थाने में जमा कराया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला शहडोल की संचालित रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर दर्शित है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के तहत जिला समूह शहडोल की रेत खदानों से रेत के खनन एवं विक्रय हेतु मेसर्स सहकार ग्लोबल लिमिटेड, मुम्बई, माईन डेवलपर कम ऑपरेटर नियुक्त किया गया है। (ख) जी हां, जिला शहडोल की रेत खदानों के संचालन का कार्य सहकार ग्लोबल लिमिटेड मुम्बई के द्वारा किया जा रहा है एवं उक्त रेत खदानों के संचालन की समस्त शर्तों का उल्लेख अनुबंध पत्र में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 3(6) के प्रावधान निम्नानुसार हैं - "नर्मदा नदी में स्वीकृत रेत खदानों से मशीनों द्वारा रेत खनन, लदान (लोडिंग) तथा भण्डारण पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। अन्य नदियों में स्वीकृत रेत खदानों में खनन संक्रियाएँ वैधानिक अनुमतियाँ यथा माईनिंग प्लान, पर्यावरण स्वीकृति, जल-वायु सम्मति आदि की शर्तों के अधीन की जा सकेगी।" रेत खदानों के जिला समूह शहडोल में कुल 34 खदानें सम्मिलित हैं। जिनमें से 23 खदानों की समस्त वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त हैं। वैधानिक स्वीकृतियों के अनुसार इनमें 23 खदानों में 02 पोकलेन मशीनों के उपयोग की अनुमति है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर दर्शित है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला समूह की समस्त खदानों में एकजाई रूप से रेत के खनन एवं विक्रय हेतु माइन डेवलपर कम ऑपरेटर की नियुक्ति की जाती है। जिला समूह शहडोल मेसर्स सहकार ग्लोबल लिमिटेड को माइन डेवलपर कम ऑपरेटर नियुक्त किया गया है, जिनकी वार्षिक ठेका राशि रूपये 68,84,25,999/- है। जिला शहडोल की समस्त घोषित रेत खदानें मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 21 के प्रावधानों के पालन में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा रेत खनिज से प्राप्त राशि में से प्रोत्साहन राशि को छोड़कर शेष समस्त राशि शासन को अंतरित की जाती है। उक्त अंतरित राशि में रूपये 125/- प्रति घन मीटर के मान से रॉयल्टी सम्मिलित है।
विभागीय परिसंपत्तियों व कार्यों की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
72. ( क्र. 943 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में बंद हुए जावरा शुगर मिल परिसर एवं परिसर के भीतर निर्मित शुगर मिल की मशीनरी, बेशकीमती विभिन्न संसाधन के साथ ही निर्मित विभिन्न भवनों से निकली सामग्री इत्यादि अन्य सामग्रियों के साथ ही शुगर मिल के संलग्न सैंकड़ों बीघा भूमियां भी शासन/विभाग को हस्तांतरित हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस वर्ष में, उपरोक्तानुसार अथवा अन्य कुछ और भी शासन/विभाग को नियमानुसार शासन द्वारा की गई कार्यवाही के पश्चात क्या-क्या प्राप्त होकर अधिग्रहित होकर शासनाधीन हुआ? (ग) शासनाधीन होकर शासन/विभाग के अधिग्रहित होने के पश्चात प्राप्त चल एवं अचल संपत्तियों के निस्तारण से एवं सैंकड़ों बड़े वृक्षों को काटे जाने से किस-किस प्रकार कितनी-कितनी राशि प्राप्त होकर किस-किस प्रकार के कार्य किए गए एवं वर्तमान में उल्लेखित समस्त चल अचल संपत्तियों की किन-किन स्थानों पर क्या स्थिति है? (घ) जावरा शुगर मिल बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र घोषित होकर विभिन्न कार्यों हेतु कितनी बजट राशि स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? किसके द्वारा भौतिक सत्यापन कर मूल्यांकन कर कब-कब किस प्रकार का भुगतान किया गया? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे साथ ही कितने निवेशकों ने प्रारंभ में निवेश किया, निवेश पश्चात कितने निवेशको ने शेष कार्य पूर्ण किया जाकर उन्हें औद्योगिक कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दी जा सकी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर जिला-रतलाम द्वारा कुल रकबा 35.856 हेक्टेयर भूमि मय मशीनरी के औद्योगिक प्रयोजन हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को हस्तांतरित की गई थी। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को वर्ष 2016 में प्राप्त हुई। जावरा शुगर मिल की 35.856 हेक्टेयर भूमि, जीर्ण-शीर्ण भवन एवं मशीनरी वर्ष 2016 में अधिग्रहित होकर शासनाधीन हुई, जिसके सीमांकन के पश्चात रेल्वे की भूमि छोड़कर (रकबा 2.239 हेक्टेयर) शेष रकबा 33.617 हेक्टेयर पर औद्योगिक गतिविधियों हेतु विकास की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र जावरा का सर्वांगीण विकास हेतु निविदा आमंत्रित कर अचल संपत्ति को हटाना एवं निर्माण के अंतर्गत झाड़ी व वृक्ष कटाई का भी कार्य सम्मिलित होकर निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। जावरा शुगर मिल की परिसंपत्तियों में मशीनरी एवं अन्य सामग्री की राशि रू. 4.15 करोड़ (जी.एस.टी. अतिरिक्त) सफल बोलीकर्ता मेसर्स हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन संस्था एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को प्राप्त हुई। वर्तमान में सफल बोलीकर्ता मेसर्स हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा जीर्ण-शीर्ण भवन एवं मशीनरी हटाया जाकर औद्योगिक गतिविधियों हेतु विकास की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जावरा शुगर मिल बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र घोषित होकर विभिन्न कार्यों हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन संस्था एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय, उज्जैन द्वारा प्रावधानित बजट राशि एवं व्यय राशि आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 221 निवेशकों द्वारा प्रारंभ में निवेश प्रस्ताव प्रेषित किए गए थे। उक्त में कुल 09 इकाईयों द्वारा उद्योग स्थापना हेतु रूचि प्रदर्शित की गई है।
औद्योगिक इकाइयों का संचालन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
73. ( क्र. 944 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले अंतर्गत विभाग की औद्योगिक कार्य हेतु किन-किन स्थानों पर कितने-कितने हेक्टर भूमि सीमांकित की हुई है तथा कितने आवंटित प्लाटधारी है उनमें से कितने उद्योग धंधे चल रहे हैं, कितने बंद पड़े हैं एवं कितनी भूमि रिक्त पड़ी है? (ख) विभिन्न कारणों से वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न कारणों के कारण कितने आवंटियों ने औद्योगिक कार्य प्रयोजन संशोधित/परिवर्तित किया एवं कितनों ने असमर्थ होकर शासन/विभाग को प्लाट समर्पित/वापस किये तथा किस दिनांक से किन-किन कारणों से कितने वर्षों से कहां-कहां पर औद्योगिक कार्य बंद पड़े हैं? (ग) संपूर्ण रतलाम जिला अंतर्गत औद्योगिक कार्य संचालन हेतु शासन/विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारी है तथा उन्हें किन-किन स्थानों पर कार्यभार सौंपा गया है एवं उनके द्वारा किन-किन वर्षों में विभिन्न घटनाओं/शिकायतों/अनियमितताओं तथा नियम विरुद्ध कार्य किए जाने की स्थिति में कब-कब निरीक्षण किया और क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) किन-किन औद्योगिक केंद्र के आस-पास रहवासी इलाके में बढ़ोत्तरी हुई है तथा औद्योगिक केंद्र को रहवासी इलाके से अन्यत्र किए जाने हेतु क्या शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) रतलाम जिले अंतर्गत विभाग के औद्योगिक कार्य हेतु औद्योगिक क्षेत्र, स्थान एवं भूमि का क्षेत्रफल संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। आवंटित प्लाटधारी, कार्यरत एवं बंद एवं रिक्त भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक 05 आवंटियों ने औद्योगिक कार्य प्रयोजन संशोधन/परिवर्तित किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''तीन'' अनुसार है। शासन/विभाग को प्लाट समर्पित/वापस नहीं किये है। जानकारी निरंक है। जिले के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की कुल 40 औद्योगिक इकाईयां विभिन्न कारणों से बंद है जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''चार'' अनुसार है। (ग) जिला अन्तर्गत औद्योगिक कार्य संचालन हेतु विभाग के कुल 14 अधिकारी/ कर्मचारी है। जिन्हें सौंपे गये कार्यभार एवं आवंटित क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''पाँच'' अनुसार है। कार्यालय में विगत वर्षों में कोई घटनाए/शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। अनियमितताओं तथा नियम विरूद्ध कार्य किये जाने के संबंध में स्वप्रेरणा से विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण एवं की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''छ: '' अनुसार है। (घ) आईटीसी औद्योगिक क्षेत्र जावरा के आसपास रहवासी इलाके में बढ़ोतरी हुई है तथा औद्योगिक केन्द्र, को रहवासी इलाके से अन्यत्र किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 948 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी संचालित है? कितने आंगनवाड़ी हेतु भवन है एवं कितने किराये या अन्य भवनों में संचालित हो रही है। किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थान, भवन का किराया, अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण हुआ है और कितने भवनों का निर्माण अधूरा है। (ग) वर्ष 2021-22 से विभिन्न मदों में क्रय की गई सामग्री हेतु विज्ञप्ति, तुलनात्मक पत्र, कार्यादेश तथा किये गये भुगतान के बिल वाऊचर की प्रतियां। और केन्द्रों में शुद्ध/पेयजल/शौचालय खेल व शिक्षण सामग्री की तालिकावार सूची उपलब्ध करायें। (घ) नवजात शिशुओं में कुपोषण स्थिति को समाप्त करने एवं कुपोषित नौनिहालों की समुचित देखभाल जांच,परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि कार्य केन्द्रों/राज्य में प्रवर्तित किन योजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है? वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुपोषण के संबंध में क्या-क्या उपाय किये गए वर्षवार कुपोषित की सूची और किये गए व्यय की जानकारी। (ड.) भविष्य में बड़वानी विधानसभा के दुर्गम आदिवासी पहाड़ी क्षेत्र में नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी स्वीकृत किये जाने और उनमें नवीन पद सृजित किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में कुल 446 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है जिसमें 257 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में, 54 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 135 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में सचालित हो रहे हैं। किराये से संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में कुल 17 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 17 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार सामग्री क्रय की कार्यवाही नहीं किये जाने से शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। शुद्ध पेयजल एवं शौचालय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। उल्लेखित अवधि में खेल एवं शिक्षण सामग्री का क्रय नहीं किये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत संचालित गतिविधियां तथा कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं, जिसमें चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को संस्थागत एवं गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को समुदाय स्तर पर प्रबंधन किया जाता है, जिसमें टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, दवाईयां पोषण आहार आदि प्रदाय किया जाता है। कुपोषित बच्चे हेतु प्रति बच्चा राशि रू. 4/- प्रतिदिन की दर से दिये जाने का प्रावधान है। यह राशि पूरक पोषण आहार हेतु प्रदाय राशि में ही सम्मिलित होती है। पृथक से राशि प्रावधानित नहीं है। वर्षवार कुपोषित बच्चों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएमजनमन) के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। अतः भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति नहीं दिये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
बकाया राशि की वसूली
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
75. ( क्र. 960 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 527 उत्तर दिनांक 17.12.2024 के अनुसार अल्ट्राटेक सीमेन्ट कंपनी रीवा द्वारा सीमेन्ट निर्माण हेतु उपयोग किये गये लाईम स्टोन की मात्रा 1 करोड़ 56 लाख 4 हजार 894 टन बतायी गई है एवं उत्पादित सीमेन्ट 1 करोड़ 26 लाख 7 हजार 24 टन बताया गया है जिसके विरुद्ध जमा रायल्टी राशि 123 करोड़ 54 लाख बताया गया है, यह राशि 80 रूपये टन के मान से 125 करोड़ 12 लाख 71 हजार 520 रूपये के विरूद्ध रूपये 123 करोड़ 54 लाख जमा होना बताया गया है जो रूपये 1 करोड़ 58 लाख 71 हजार 520 रूपये कम है। तत्संबंध में बाजार मूल्य/दस गुना की दर से वसूली हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 527 उत्तर दिनांक 17.12.2024 के उत्तर में बताया गया है कि उत्पादित सीमेन्ट 1 करोड़ 26 लाख 7 हजार 24 टन के विरूद्ध मात्र 12 लाख 62 हजार 635 टन सीमेन्ट विक्रित किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि बतायी गई कुल उत्पादित सीमेन्ट के विरूद्ध दर्शायी गई विक्रित सीमेन्ट के अतिरिक्त 1 करोड़ 13 लाख 44 हजार 389 टन की बिक्री दर्शित नहीं की गई है जिससे स्पष्ट है कि छुपायी गई उत्पादित/दर्शायी गई अविक्रित सीमेन्ट की मात्रा 1 करोड़ 13 लाख 44 हजार टन का बाजार मूल्य 4687 प्रति टन की दर से मूल्य रूपये 5316 करोड़ 93 लाख 28 हजार का जी.एस.टी./ सी.जी.एस.टी. 28 प्रतिशत प्रतिटन के मान से रूपये 1488 करोड़ रूपये का गबन कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी गई है, तत्संबंध में वसूली एवं प्रॉस्युकेशन के तहत क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 527 उत्तर दिनांक 17.12.2024 में दिये गये उत्तर के अनुरूप विद्युत उत्पादन हेतु उपयोगी बिजली की कीमत 9 रूपये प्रति यूनिट की दर से 943 करोड़ 77 लाख के विरूद्ध 103.47 करोड़ मात्र का भुगतान किया गया है अर्थात 840 करोड़ 30 लाख रूपये की देनदारी शासन के पक्ष में देय हेतु लम्बित है। तत्संबंध में विधि सम्मत क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत सी.एस.आर. मद से किये गये खर्च का स्पष्ट विवरण देवें साथ ही वर्गीकृत करते हुये यह बतायें कि उक्त सी.एस.आर. मद का स्थानीय विधानसभा क्षेत्र में क्या उपयोग किया गया एवं फैक्ट्री के अन्दर ही उन्नयन हेतु क्या उपयोग किया गया? सी.एस.आर. मद की गणना एवं उपयोग हेतु शासन के नियम निर्देश क्या है? (ड.) क्या पिछले 4 माह नवम्बर 2024 से प्रश्नांश दिनांक तक सीमेन्ट उत्पादक कंपनियों द्वारा पूंजीवादी गुटबंदी कर सीमेन्ट की दर रूपये 300 से बढ़ाकर 370 रूपये प्रति किलोग्राम कर दी गई, जो 20 प्रतिशत से अधिक मूल्य वृद्धि है जिससे आम उपभोक्ता एवं शासकीय निर्माण में अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा है? शासन द्वारा मूल्य नियंत्रण एवं इन कंपनियों द्वारा आर्थिक अपराध किये जाने के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? कंपनी अधिनियम का पालन न करने एवं शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने के साथ वसूली बाबत् क्या निर्देश दिये जावेंगे? बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 527 में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा सीमेंट निर्माण में उपयोग किये गए पत्थर की मात्रा की जानकारी चाही गई थी। कंपनी को स्वीकृत खनिपट्टों में लाइम स्टोन और शेल की अनुमति है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार लाइम स्टोन और शेल को मिलाकर दोनों पत्थर की जानकारी दी गई है। वर्ष 2018 -19 से 2020-21 तक लाइम स्टोन और शेल का उत्पादन और सीमेंट निर्माण में उपयोग हुआ है, जिसकी पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1A में दी गई है। लाइम स्टोन की रॉयल्टी 80 रूपये प्रति टन है और शेल की रॉयल्टी वर्ष 2018 से मार्च 2021 तक 60 रूपये प्रति टन था, जनवरी 2021 से 90 रूपये प्रति टन है। उपर्युक्त उल्लेखित जानकारी का विवरण इस प्रकार है - (1) 14841204 टन (लाइम स्टोन का उत्पादन) x 80 (रॉयल्टी प्रति टन) = 1187296320 (कुल रॉयल्टी रूपये) (2) शेल का उत्पादन 799690 टन (2A) 794320 (शेल का उत्पादन) x 60 (रॉयल्टी प्रति टन) = 47659200 (कुल रॉयल्टी रूपये) (2B) 5370 (शेल का उत्पादन) x 90 (रॉयल्टी प्रति टन) = 483300 (कुल रॉयल्टी रूपये) कुल लाइम स्टोन और रोल का उत्पादन (1+2) 15640894 टन कुल लाइम स्टोन और शेल की रॉयल्टी (1+2A+2B) 1,23,54,38,820 रूपये। अत: कंपनी द्वारा उत्पादित खनिज की पूरी रॉयल्टी तय समय में जमा कराई गई है और कोई भी देय बकाया नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 और 1A अनुसार है। (ख) कंपनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार प्रश्न क्रमांक 527 के उत्तर में वर्ष 2018-19 से अक्टूबर 2024 तक की जानकारी दी गई थी, परंतु विधानसभा प्रश्न क्रमांक 960 के (ख) में सीमेंट उत्पादन की मात्रा तो वर्ष 2018-19 से अक्टूबर 2024 तक की जानकारी बताई गई है जो कि 1 करोड़ 26 लाख 7 हजार 24 टन है परंतु सीमेंट की विक्रित मात्रा केवल वर्ष 2024-25 को ही लिया गया है जो कि 12 लाख 62 हजार 35 टन है। अत: सीमेंट बिक्री को भी वर्ष 2018-19 से अक्टूबर 2024 तक ही लेना चाहिए, जिसकी मात्रा 1 करोड़ 26 लाख 4 हजार 3 सौ 76 टन है। अगर उत्पादन एवं विक्रय की मात्रा को सही से जोड़ा जाये तो इन दोनों मात्रा में लगभग समानता रहेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है। (ग) कंपनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार तारांकित प्रश्न 527 के उत्तर में जो विवरण दिया गया था, वह सीमेंट उत्पादन की कुल बिजली खपत दी गयी है, जिसमें विद्युत संयंत्र, WHRS सोलर प्लांट तथा विद्युत कंपनी सभी के द्वारा प्राप्त बिजली का विवरण एक साथ दिया गया है। थर्मल पावर प्लांट, WHRS और सोलर प्लांट निजी विद्युत उत्पादन संसाधन है, जिनसे विद्युत उत्पादन में विद्युत कंपनी को भुगतान की आवश्यकता नहीं होती है। विद्युत कंपनी से मात्र 97306001 यूनिट बिजली खरीदी गई है, जिसका भुगतान 1034745642 रूपये किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है। (घ) कंपनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार- 1. सभी सी.एस.आर. गतिविधियां सीमेंट संयंत्र के निकटवर्ती गांवों में की जाती हैं। 2. संयंत्र परिसर के अंदर कोई सी.एस.आर. गतिविधियां नहीं की जाती है। 3. सभी सी.एस.आर. गतिविधियां सी.एस.आर. दिशा निर्देशों (कंपनी अधिनियम, 2013 के धारा 135 की अनुसूची VII) और समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा सलाह दी गई गतिविधियों के अनुसार की जाती है। सी.एस.आर. मद में किये गए कार्य व खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है। (ड.) कंपनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार प्रश्न क्रमांक 960 (ड.) के अनुसार सीमेंट के भाव 300 से बढ़कर 370 रूपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है, यह प्रश्न सही नहीं है जबकि सीमेंट का प्रति बोरी (बैग) औसत मूल्य नवम्बर माह 2024 में 321.57 रूपये थी जो अभी फरवरी 2025 में 337.07 रूपये है। अत: सीमेंट का भाव प्रेषण की दूरी एवं कच्चे माल की लागत पर कम ज्यादा हो सकता है। यह इन दोनों कारणों पर निर्भर करता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों से राशि वसूली के साथ कार्यवाही
[वित्त]
76. ( क्र. 961 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा शासकीय कार्यालयों में संचालित खातों को बन्द करने एवं खातों में पड़ी राशि को 28 फरवरी 2009 तक शासकीय खातों में जमा करने के निर्देश थे? ऐसा न करने में विफल रहने पर बैंक खाता में जमा पर 2 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से जुर्माने का प्रावधान था तो जानकारी देवें। म.प्र. कोषालय संहिता के भाग-1 के नियम-9 के अनुसार सरकार के बिना अनुमति राज्य के संचित निधि और लोक लेखों से आहरित राशि को बैंक में जमा नहीं करने के निर्देश हैं, तो बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासन के निर्देशों के विपरीत कलेक्टर कार्यालय रीवा में मई 2023 में प्रभारी अधिकारी नाजिर के नाम से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित कलेक्टर कार्यालय खाता क्रमांक 684621867311 जो 1997 से संचालित था को बन्द नहीं किया गया, इस अनियमितता के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उनके पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के जारी निर्देशों से हटकर संचालित खाते से वर्ष 2018 से 2023 के दौरान संचित निधि से 6.21 करोड़ आहरित किये गये जिससे 3.08 करोड़ मंत्रियों द्वारा स्वीकृत विवेकाधीन अनुदान से संबंधित थे। इसके खर्च बाबत् शासन के क्या निर्देश हैं? प्रति देते हुये बतावें। इसके अतिरिक्त बैंक विवरण में 59.79 लाख अंतिम शेष दिखाया गया जबकि रोकड़ बही में 36.69 लाख अभिलेखित था अर्थात बैंक विवरण एवं रोकड़ बही के मध्य 23.10 लाख का अंतर है। यह उल्लेख लेखा परीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2024 के प्रतिवेदन संख्या-1 में स्पष्ट उल्लेखित है कि जिलाधीश रीवा द्वारा अपनायी गई प्रथा अत्यधिक अनियमितता की श्रेणी में है, इस पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे देवें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार निर्देशों का पालन न करने पर 2 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से किन-किन पर जुर्माना अधिरोपित किया जावेगा। बतावें एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खाते से प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राशि का नियम विरूद्ध आहरण एवं व्यय करने व रोकड़ बही में राशि के अंतर के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के साथ वसूली किये जाने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें अगर नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा शासन के समस्त विभागों एवं कार्यालयों के लिये जारी दिशा-निर्देश की प्रति (पत्र क्रमांक 11-1/ 2009/नियम/चार, भोपाल दिनांक 10 फरवरी, 2009, 26 अक्टूबर, 2010) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। तत्कालीन समय में लागू मध्यप्रदेश कोषालय संहिता भाग-1 के नियम-9 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) का उल्लेख 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिये भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार राज्य के वित्त पर लेखा परीक्षा प्रतिवेदन (वर्ष 2024 का प्रतिवेदन संख्या 1) की कंडिका क्रमांक - 2.12.3 में किया गया है। यह प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया जा चुका है। विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत प्रतिवेदन के संबंध में विधानसभा की लोक लेखा समिति द्वारा परीक्षण किया जाता है। लोक लेखा समिति को प्रतिवेदन की कंडिका के संबंध में आवश्यक जानकारी संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। प्रतिवेदन की कंडिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत प्रतिवेदन के संबंध में विधानसभा की लोक लेखा समिति द्वारा परीक्षण किया जाता है। लोक लेखा समिति के प्रतिवेदन की कंडिका के संबंध में आवश्यक जानकारी संबंधित प्रशासकीय विभागों द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। (घ) विधानसभा की लोक लेखा समिति द्वारा भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्यों के प्रकाश में यथाआवश्यक परीक्षण उपरांत लोक लेखा समिति का प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया जाता है। लोक लेखा समिति की अनुशंसा के आधार पर संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है।
मानव तस्करी के प्रकरण
[गृह]
77. ( क्र. 990 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या प्रदेश में राज्य व अंतर्राज्यीय स्तर के दलालों के माध्यम से नाबालिग बच्चियों और महिलाओं की तस्करी के मामले उजागर हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में भोपाल, सागर, होशंगाबाद, जबलपुर, इंदौर तथा उज्जैन संभाग में शासन द्वारा कितने-कितने मानव तस्करी के प्रकरण पंजीकृत किए हैं? संभागवार, जिलेवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पंजीबद्ध अपराधों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें तथा यह भी अवगत करावें कि मानव तस्करी पर अंकुश लगाने हेतु शासन द्वारा क्या कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) आपराधिक प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' में समाहित है।
आई.ए.एस, आई.पी.एस व प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 991 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में पदस्थ आई.ए.एस, आई.पी.एस व प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा भ्रष्ट आचरण करने के कारण विगत 5 वर्षों में उनके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई हुई है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन के यहां कब-कब छापामार करवाई हुई और उनके ठिकानों से कितनी-कितनी नगद राशि, अचल संपत्ति के दस्तावेज, आभूषण इत्यादि प्राप्त हुए? वर्षवार अधिकारी के नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत कराएं कि किन-किन अधिकारियों को दोषी माना गया लेकिन शासन द्वारा अभियोजन की स्वीकृति जारी नहीं करने के कारण कार्रवाई लंबित है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में विमान सेवाएं
[विमानन]
79. ( क्र. 997 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विमान सेवाएं उपलब्ध कराने की क्या योजना है? (ख) क्या हर संभाग स्तर पर विमान सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? (घ) संभाग स्तर के अलावा मध्यप्रदेश के किन-किन शहरों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विमान सेवाएं उपलब्ध करवाना मुख्यत: केन्द्रीय अनुसूची का विषय है। मध्यप्रदेश में विमान सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु वैमानिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ''मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी -2025'' जारी की गई है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में उल्लेख है कि यह वैमानिक संस्थाओं की अभिरूचि पर निर्भर होता है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
खनिज रेत परिवहन के नियम
[खनिज साधन]
80. ( क्र. 998 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज रेत परिवहन के क्या नियम है नियम अनुसार कितने क्यूबिक मीटर रेट एक डंपर (ट्रक) में की जा सकती है? (ख) ओवरलोड रेट परिवहन के कारण सड़क खराब हो रही है, उन सड़कों के सुधार हेतु खनिज विभाग से राशि प्रदाय की जाती है, क्या? (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 के अंतर्गत टिगरिया से हथनापुर सड़क का निर्माण कार्य कब तक किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 5 में अग्रिम रायल्टी भुगतान उपरांत अभिवहन पास लेकर खनिज रेत परिवहन के प्रावधान है तथा जारी अभिवहन पास की मात्रा के अनुरूप वाहन में रेत का परिवहन किया जा सकता है। (ख) खनिज विभाग से सडकों के सुधार हेतु राशि प्रदाय संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। (ग) लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
लाड़ली बहना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 1002 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जून 2023 से फरवरी 2025 तक जिलेवार लाड़ली बहना की संख्या तथा उन्हें दिये हितलाभ की जानकारी तथा दिनांक की जानकारी देवें। बतावें कि फरवरी 2025 तक इस योजना में कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया, कितनी लाड़ली बहनों को अपात्र किया गया? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने 10 फरवरी 25 को देवास में लाड़ली बहना की राशि ट्रांसफर करते हुए घोषणा की कि अभी 1250 रू. दे रहे हैं, धीरे-धीरे राशि बढायेंगे, आगे चलकर इसे 3000 रू. प्रतिमाह करेंगे। यदि हाँ। तो बतावें कि इस संदर्भ में शासन स्तर पर क्या प्रक्रिया चल रही है? धीरे-धीरे कितनी राशि प्रतिमाह बढे़गी तथा कब इसे 3000 रू. प्रतिमाह किया जायेगा? (ग) क्या यह सतत प्रकृति की योजना है? क्या लाड़ली बहना योजना का हितलाभ एक मौलिक अधिकार है? क्या इस योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के आदेश क्रं. 581/1134838/2023/50-2 दिनांक 1.3.2023 में नवीन पंजीयन की समय-सीमा का उल्लेख नहीं है? क्या उक्त आदेश में मृतक हितग्राही के नाम विलोपित करने का उल्लेख है? (घ) लाड़ली बहना के आदेश दिनांक 1.3.2023 के पेरा 11 अनुसार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के कार्य की दक्षता के समय-समय पर किये गये मूल्यांकन की प्रति देवें। (ड.) लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन कब से प्रारंभ होंगे? बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 35 महिलाओं को अपात्र किया गया। (ख) वर्तमान में विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड़) वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
डी.पी.ओ./ए.डी.पी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
82. ( क्र. 1010 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान प्रश्न क्रं. 974 दिनांक 17.12.2024 में दी गई जानकारी के अनुसार ग्वालियर जिले में पदस्थ डी.पी.ओ. श्री प्रवीण दीक्षित, ए.डी.पी.ओ. श्री अभिषेक मल्होत्रा सहित अन्य डी.पी.ओ., ए.डी.पी.ओ. पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के बिन्दु क्रमांक 17 लागू होता है? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ, तो इसका पालन क्यों नहीं किया गया? कारण सहित बतायें तथा उक्त कर्मचारियों पर गंभीर शिकायतें, न्यायालयीन निर्णयों के अनुपालन भी लागू होते है? यदि हाँ, तो क्या डी.पी.ओ. श्री प्रवीण दीक्षित एवं श्री अभिषेक मल्होत्रा के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित होते हुये न्यायालयीन कार्यवाही एवं भ्रष्टाचार से संबंधित गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा आदेश क्रमांक 319 दिनांक 30.01.2025 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अभियोजन अधिकारी का पद प्रशासनिक रूप से कार्यालय प्रमुख स्तर का है एवं विभागीय जांच लंबित होने से प्रशासनिक दृष्टिकोण से वर्तमान पद पर नहीं रखा जा सकता है? क्या उक्त उपबंध श्री प्रवीण दीक्षित पर लागू होता है यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध विभाग द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गई? विवरण दें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अभिषेक मल्होत्रा एवं श्री प्रवीण दीक्षित के विरूद्ध पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों के विपरीत विधि एवं विधि प्रक्रिया के उल्लंघन के संबंध में गंभीर शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा जांच की गई है? यदि नहीं तो क्यों और यदि हाँ, तो शिकायत के बिन्दुओं का विवरण देते हुये जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। क्या उक्त डी.पी.ओ. एवं ए.डी.पी.ओ. का सिविल सेवा आचरण नियम एवं भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम के अंतर्गत आता है? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें और यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। स्थानांतरण नीति की कंडिका 18 अनुसार यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। कर्मचारियों पर गंभीर शिकायतें, न्यायालयीन निर्णयों के अनुपालन में डी.पी.ओ. श्री प्रवीण दीक्षित के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित है तथा नवीन शिकायत दिनांक 05.02.2025 में श्री प्रवीण दीक्षित एवं श्री अभिषेक मल्होत्रा के स्पष्टीकरण हेतु पत्र जारी किया गया है। (ख) जी नहीं। उक्त आदेश क्रमांक 319 लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा जारी नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' में उत्तर समाहित है।
स्टेट जी.एस.टी. में भ्रष्टाचार
[वाणिज्यिक कर]
83. ( क्र. 1015 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट जी.एस.टी. में करदाताओं का डाटा लीक किया जा रहा है? यदि नहीं तो फिर जी.एस.टी. में रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद ही आवेदक के पास विभिन्न बैंकों द्वारा जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन उपरांत खाता खुलवाने के संबंध में फोन कहां से आ रहे हैं? क्या इसकी जांच कराकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी एवं दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जाएगी? (ख) क्या वर्तमान में प्रदेश जी.एस.टी. में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है? यदि नहीं तो जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन के समय ही करदाताओं से जी.एस.टी. इंस्पेक्टर द्वारा मोटी रकम की मांग क्यों की जा रही है? यदि नहीं तो फिर जिन प्रकरणों में फील्ड वेरिफिकेशन मार्क होता है उन्हें फील्ड वेरिफिकेशन तुरंत क्यों नहीं किया जाता? जी.एस.टी. इंस्पेक्टर द्वारा अंतिम दिनांक तक होल्ड पर रखा जाता है ताकि आवेदक मजबूरी में पैसे देकर जल्दी काम कराने पर मजबूर हो सके? (ग) स्टेट जी.एस.टी. में जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन के क्या प्रावधान हैं? विस्तृत नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी दें। जी.एस.टी. पंजीयन के समय मकान/भवन मालिक द्वारा व्यवसाय संचालक को व्यवसाय चानाने से संबंधित कनसेंट लेटर कम से कम कितने के स्टांप शुल्क के साथ मान्य होता है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश स्टेट जी.एस.टी. में करदाताओं का डाटा लीक नहीं किया जा रहा है। अत: दोषियों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। जी.एस.टी. में रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद ही आवेदक के पास विभिन्न बैंकों द्वारा जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन उपरांत खाता खुलवाने के संबंध में फोन आने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। विभाग में डाटा सेंटर एवं नेटवर्क फायरवॉल, एन्टी-वायरस सहित सिक्योरिटी फीचर से पूरी तरह सुरक्षित है। जी.एस.टी.एन एवं VATIS सॉफ्टवेयर में डाटा लीकेज को रोकने के पर्याप्त उपाय किये गये हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के निर्देशानुसार विभाग में डाटा सिक्योरिटी हेतु CISO (चीफ कम्प्यूटर सिक्योरिटी ऑफिसर) की नियुक्ति की गई है। (ख) वाणिज्यिक कर विभाग में जी.एस.टी. इंस्पेक्टर द्वारा मोटी रकम की मांग किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पंजीयन प्रदाय किये जाने के दौरान व्यवसायी के व्यवसाय स्थल का भौतिक सत्यापन जी.एस.टी. अधिनियम के नियम-9 (1) के उप नियम (a) (aa) तथा (b) के अंतर्गत आधार ऑथेंटिकेशन नहीं होने, रिस्क पैरामीटर के आधार पर चयनित होने तथा समुचित अधिकारी के स्व-विवेक से कराया जा सकता है। पंजीयन जारी होने के पश्चात व्यवसायी के व्यवसाय स्थल का भौतिक सत्यापन जी.एस.टी. अधिनियम के नियम-25 के अंतर्गत किया जा सकता है। नियम-25 के अंतर्गत सामान्यत: मुख्यालय द्वारा चयनित करदाताओं के व्यवसाय स्थल का भौतिक सत्यापन कराया जाता है। इस प्रकार फील्ड वैरिफिकेशन का कार्य जी.एस.टी. अधिनियम के नियमों एवं प्रावधानों तथा विभाग द्वारा जारी मानक अनुपालन प्रक्रिया (SOP) के अधीन नियमानुसार किया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 22 से धारा 30 तक रजिस्ट्रेशन से संबंधित धारायें हैं। जिनमें समय-समय पर मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2019, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2019, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2020, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2022, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2023, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2024, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (तृतीय संशोधन) अधिनियम 2024 द्वारा संशोधन किये गये हैं। मूल अधिनियम तथा संशोधन अधिनियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मध्यप्रदेश माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 के नियम-8 से नियम-26 तक रजिस्ट्रेशन से संबंधित प्रावधान हैं, जिनमें समय-समय पर अधिसूचनाओं द्वारा नियम-8 से नियम-26 में संशोधन किये गये हैं। मूल नियमों एवं संशोधन नियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी.एस.टी. पंजीयन के समय मकान/भवन मालिक द्वारा व्यवसाय संचालक को व्यवसाय चलाने से संबंधित कनसेंट लेटर में स्टांप शुल्क के साथ मान्य होने के संबंध में मध्यप्रदेश माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 में कोई प्रावधान नहीं है।
खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 1018 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 का गठन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) खनन प्रभावित क्षेत्र के विविध विकासात्मक एवं कल्याण हेतु परियोजना/कार्यक्रम हेतु भारत सरकार की स्कीम के तहत अनूपपुर जिले में भी खनिज प्रतिष्ठान मद का गठन किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ, है तो क्या मंडल की शक्तियां तथा कृत्य के भाग-क प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार प्राथमिकताओं का निर्धारण करना था जिसके तहत खनिज प्रभावी क्षेत्रों को उनके विकास हेतु खनिज प्रतिष्ठान को प्राप्त राशि का आवंटन कर योजना को क्रियान्वित किया जा सके। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2020-21, से 2023-24 में अनूपपुर जिले के अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्ठान की कब-कब बैठकें हुई, बैठक में कौन-कौन उपस्थित थे? बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा उपरोक्त वित्तीय वर्ष में किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई? अनुमोदित सूची की प्रति, प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति, जिन कार्यों की स्वीकृति दी गई है, उसकी वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ङ) जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितनी रायल्टी राशि (डिपोजिट) जमा थी, कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया इसकी जानकारी के साथ-साथ खनिज प्रतिष्ठान मद के प्रस्तावित एवं किये गये कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, इस हेतु प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की मार्गदर्शिका अनुसार, मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम बनाए गए हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (ड.) जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक 525,49,68,537/- रायल्टी राशि डिपोजिट जमा थी। उक्त राशि राज्य के खनिज शीर्ष 0853 में जमा होती है। उक्त राशि का आवंटन जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि की राशि के रूप में नहीं किया जाता है। शेष प्रश्नांश अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान की निधि से प्रस्तावित एवं किये गये कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
85. ( क्र. 1021 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियम एवं निर्देशानुसार जनप्रतिनिधियों सांसदों, विधायकों, द्वारा शासन के विभागों में यदि जनहित या भ्रष्टाचार के मामलों में पत्र आदि दिये जाते हैं तो उस विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा पत्रों का जवाब देना शासन के नियमों निहित है या नहीं? सम्पूर्ण जानकारी सहित आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या सम्पूर्ण प्रदेश सहित टीकमगढ़ जिले के अधिकारियों को जनप्रतिनिधि सांसदों, विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही नहीं किये जाने एवं जबाव नहीं दिये जाने की शासन के नियमों को शिथिल करके छूट प्रदान की गई है क्या? यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें यदि नहीं तो जानकारी स्पष्ट करें। (ग) क्या यह भी सच है कि पंचायत राज संचालनालय भोपाल के पत्र क. पं.रा.शि.का./2024/162772 दिनांक 28/11/2024 एवं पत्र क.पं.रा.शि.क./2025/1622 भोपाल दिनांक 24/1/2025 के पत्रों पर संबंधित अधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें एवं इस प्रकार का कृत्य करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या वरिष्ठ कार्यालयों के द्वारा एक सप्ताह की समयावधि में कृत कार्यवाही से संबंधित विधायक एवं वरिष्ठ कार्यालय को अवगत क्यों नहीं कराया गया? कारण बतायें तथा इस प्रकार से सक्षम अधिकारी द्वारा अपने कार्यों में घोर लापरवाही करना या भ्रष्ट आचरण अपनाना प्रतीत होता है? क्या अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’एक’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पंचायत राज संचालनालय भोपाल को ग्राम पंचायत छिदारी से संबंधित अनियमितताओं के शिकायत पत्र में 58 निर्माण कार्यों की शिकायत की गयी जो विस्तृत प्रक़ृति की होने के कारण जिला स्तर से गठित जांच दल को जांच प्रतिवेदन समयावधि में प्रस्तुत किये जाने में विलम्ब की स्थिति निर्मित हुई है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
86. ( क्र. 1022 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रथम सूचना प्रतिवेदन (रिपोर्ट) क्रमांक 94/02 थाना सिविल लाईन छतरपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री म.प्र. शासन के आदेशानुसार प्रकरण क्रमांक 1269/2010 पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था? प्रश्न दिनांक तक अपराधियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या अपराधियों की गिरफ्तारी किये जाने हेतु शासन द्वारा इनाम भी घोषित किया गया है? क्या वर्तमान में उक्त प्रकरण में कितने आरोपी है तथा किन-किन पर कितना-कितना इनाम घोषित है? समस्त जानकारी उपलब्ध करायें तथा क्या उक्त अपराधी स्थाई वारंटी की श्रेणी में माने गये होंगे यदि हाँ, तो फिर भी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पा रही है? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या वर्ष 2020 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा उक्त अपराधियों को पकड़ने के प्रयास भी किये गये थे मगर आज तक किन कारणों से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है? जानकारी से अवगत करायें तथा पुराने प्रकरणों में निकाल करने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या पहल की गई जानकारी दें? (घ) क्या आरोपी, 420, 467, 468 की धारा आई.पी.सी. के अपराधी है और इनकी गिरफ्तारी नहीं होने से हौसले बुलंद होकर अन्य स्थानों पर फर्जीवाड़ा कर रहे होंगे? क्या अन्य कोई नये अपराध इनके विरूद्ध कहीं अन्य जगहों पर पंजीबद्ध तो नहीं हुये? जानकारी स्पष्ट करें तथा इस प्रकरण के अपराधियों को कब-तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? कृपया समयावधि बतायें। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
दर्ज एफ.आई.आर. पर कार्यवाही
[गृह]
87. ( क्र. 1030 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र दिसम्बर 2024 के प्रश्न क्रमांक 572 दिनांक 17/12/2024 में प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ में पदस्थ तत्कालीन बी.एम.ओ. डॉ. के.पी. राजपूत द्वारा रोगी कल्याण समिति की राशि का गलत तरीके से उपयोग करते हुये आहरित की गई राशि के संबंध में थाना अजयगढ में दर्ज एफ.आई.आर. एवं कार्यवाही के संबंध में प्रश्न पूछा गया था जिसके उत्तर में शासन द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज होने एवं कार्यवाही विचाराधीन होने के संबंध में अवगत कराया था। तो क्या उक्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? बतावें। यदि नहीं तो कब तक जांच पूर्ण कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा सत्र 2024 के प्रश्न कमांक 572 दिनांक 17.12.2024 के उत्तर से संबंधित आपराधिक प्रकरण की विवेचना गतिशील है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित प्रकरण की विवेचना जारी है, अनुसंधान में साक्ष्य के आधार पर दोषियों के संदर्भ में विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
88. ( क्र. 1032 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र दिसम्बर 2024 में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 554 दिनांक 17.12.2024 के उत्तर में शासन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है से अवगत कराया गया था? क्या उक्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ तो घोषणाओं का क्रियान्वयन किस स्तर पर लंबित है? बतावें। यदि नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर कार्य करवाए जावेंगे? बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र दिनांक 02.12.2024 द्वारा माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखी गई मांगों को संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। यह घोषणाओं के रूप में दर्ज न होकर मॉनिट बी प्रकरण के रूप में दर्ज है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 1040 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जा चुके है और किन-किन में बनाया जाना शेष है? इनकी प्रशासकीय स्वीकृति कब हुई थी? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि भूमि उपलब्ध नहीं थी तो प्रशासकीय स्वीकृति किस आधार पर हुई? इसके लिये कौन दोषी है? जानकारी दें। (ख) क्या गुनौर विधानसभा के ऐसे प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम जहां पर आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने के लिये शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है, उन प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं बनाये जायेंगे? स्पष्ट करें। यदि आंगनवाड़ी केन्द्र उक्त विषयांकित ग्रामों में नहीं बनाये जायेगें तो उन ग्रामों के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा किस प्रकार होगी? बतावें। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में लंबित आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक बना दिये जायेंगे? समय-सीमा बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत ग्राम सलेहा ग्राम पंचायत सलेहा में आंगनवाड़ी केन्द्र बनाया जा चुका है एवं ग्राम गोल्हीपाठक में बनाया जाना शेष है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 3109 पन्ना दिनांक 17.01.2022 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण सेवा पन्ना निर्माण एजेन्सी के पत्र क्रमांक 474/का.स/2024/पन्ना दिनांक 19.02.2024 की रिपोर्ट अनुसार ग्राम रानीगंजपुरवा, खपटहा एवं तिदुनहाई में पर्याप्त भूमि उपलब्ध न होने तथा अनुसूचित जाति विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/PMAGY/न.क्र.16/2023-24/9254 भोपाल दिनांक 18.03.2024 द्वारा ग्राम चापा, रानीगंजपुरवा एवं खपटहा की आंगनवाड़ी भवनों को स्वीकृति निरस्त की गई। जिसके लिये कोई दोषी नहीं है। (ख) जी हाँ। गुनौर विधानसभा में ग्राम चापा, ग्राम रानीगंजपुरवा एवं ग्राम खपटहा में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम से आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि एवं पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने से ग्रामो में इस योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण निरस्त किया गया है। ग्राम में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र का स्वयं का भवन या शासकीय भवन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में किराये के भवन में आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन कर बच्चों को अनौपचारिक-शिक्षा एवं अन्य समस्त सेवाएं हितग्राहियों को प्रदान की जाती है। (ग) गुनौर विधानसभा क्षेत्र के प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों में लंबित आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माण एजेन्सी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा पन्ना के प्रतिवेदन अनुसार ग्राम नुनाही गोल्हीपाठक में कार्य स्थल से गांव का नाला बहने के कारण ले-आउट नहीं किया जा सका। कार्य का ले-आउट होने से 06 माह में कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा।
विभागों में प्रतिनियुक्ति पर रोक हटाया जाना
[सामान्य प्रशासन]
90. ( क्र. 1045 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अकादमिक अधिकारियों द्वारा प्रशासनिक कार्य सहित वित्तीय कार्य किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो वित्तीय तथा प्रशासनिक निर्णय लेने संबंधी सामान्य प्रशासन के नियमों सहित जारी आदेशों की छायाप्रतियाँ सहित जानकारी उपलब्ध करायें। जानकारी सुसंगत दस्तावेजों एवं आदेशों सहित उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण विभागों में प्रतिनियुक्तियां कब से नहीं की गयी है एवं क्यों? क्या शासन द्वारा प्रतिनियुक्तियों पर रोक लगाकर रखी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों एवं इससे क्या तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं? प्रतिनियुक्तियों पर रोक कब तक हटाई जाएगी? समय-सीमा बताएं। (ग) सम्पूर्ण प्रदेश में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रथम, द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों एवं तृतीय श्रेणी के प्रभारी अधिकारियों पर लोकायुक्त एवं EOW द्वारा कितने शिकायती प्रकरण पंजीबद्ध किये गए एवं उन पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर शासन/विभाग/जिला प्रशासन द्वारा क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी? जिलेवार नाम एवं पद सहित सम्पूर्ण विवरण मय दस्तावेज सहित प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) में ऐसे कितने अधिकारी हैं जिनके विरुद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्यवाही के नाम पर निलंबन न करते हुए केवल स्थानांतरण अथवा अन्य पद का प्रभार अथवा मूल पद पर वापिस भेज दिया गया? अलग-अलग जिलेवार सूची, नाम, पदनाम सम्पूर्ण विवरण मय दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों द्वारा प्रतिनियुक्ति के पद के दायित्वों के अनुसार कार्य का निष्पादन किया जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति के संबंध में पृथक से कोई भी नियम नहीं बनाए गए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रतिनियुक्ति अनिवार्य प्रक्रिया नहीं होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य शासन के द्वारा प्रथम दृष्टया दोषी के संबंध में कोई परिपत्र जारी नहीं किया गया है। ट्रेप एवं छापे के संबंध में जारी परिपत्र दिनांक 23 फरवरी 2012 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रश्नांश अन्तर्गत तृतीय श्रेणियों के प्रभारी अधिकारियों का तात्पर्य स्पष्ट न होने के कारण शेष जानकारी को तैयार किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर संभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर हुये अत्याचार
[गृह]
91. ( क्र. 1046 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में दिनांक 01.04.2022 से 10.02.2025 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर हुए अत्याचार के अपराधों की जानकारी पंजीबद्ध कुल अपराधों की संख्या, गिरफ्तार आरोपियों की संख्या, गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या, चालान प्रस्तुत/चालान अप्रस्तुत प्रकरणों की संख्या सहित जिलेवार देंवे। (ख) ऐसे प्रकरण जिनमें तीन माह से अधिक समय से चालन प्रस्तुत नहीं किये गये की संख्या जिलेवार देने। एक माह से अधिक गिरफ्तारी के लंबित प्रकरणों की संख्या भी जिलेवार देंवे। (ग) जिन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत नहीं हुए व गिरफ्तारी शेष है उसके लिए विभाग ने जिला स्तर पर एवं संभाग स्तर पर प्रश्न दिनांक की स्थिति तक जो पत्राचार किए उसकी प्रमाणित प्रतियां जिलावार उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्तानुसार प्रकरणों में कब तक चालन प्रस्तुत कर दिए जायेंगे एवं लंबित गिरफ्तारियां कब तक शून्य होगी? समय-सीमा देंवे। इसमें विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा देंवे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इंदौर संभाग के जिलों में दिनांक 01.04.2022 से 10.02.2025 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर घटित हुये अत्याचार के कुल पंजीबद्ध अपराधों की संख्या 3203 है। इन प्रकरणों में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 6274 है। गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या 167 है। विवेचना उपरांत प्रस्तुत चालान की संख्या 3019 है। अप्रस्तुत प्रकरण/चालान हेतु शेष प्रकरणों की संख्या 184 है। उक्त जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) ऐसे प्रकरण जिनमें तीन माह से अधिक समय से चालान प्रस्तुत नहीं किये गये उन प्रकरणों की संख्या 21 है। एक माह से अधिक गिरफ्तारी के लंबित प्रकरणों की सख्या 31 है। उक्त लंबित प्रकरणों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जिन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत नहीं हुए, उन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत करने हेतु तथा प्रकरण में अनुसंधान पूर्ण कर चालानी कार्यवाही हेतु पुलिस मुख्यालय अजाक भोपाल द्वारा सम्भाग स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक इन्दौर (ग्रामीण) इन्दौर जोन को 01 अर्द्ध शा. पत्र लेख किया था, पत्र की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। इसी प्रकार प्रकरणों का निराकरण हेतु सम्बन्धित पुलिस अधीक्षकगण को पत्र लेख किया है, जो इस प्रकार है-1- पुलिस आयुक्त, अति पुलिस आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) नगरीर नगरीय पुलिस इन्दौर को 01-01 (कुल 03पत्र) 2- समस्त पुलिस अधीक्षक, म.प्र. 01 पत्र 3- पुलिस अधीक्षक इंदौर (ग्रामीण) 03 पत्र 4- पुलिस अधीक्षक खण्डवा 03 पत्र 5-पुलिस अधीक्षक खरगोन 03 पत्र 6- पुलिस अधीक्षक बड़वानी- 03 पत्र 7-पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर 02 पत्र 8- पुलिस अधीक्षक धार- 03 पत्र 9- पुलिस अधीक्षक अलीराजपर 01 पत्र 10- पुलिस अधीक्षक झाबुआ- 01 पत्र कुल 23 पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) सम्बन्धित पुलिस अधीक्षकगणों द्वारा विशेष प्रयास करने पर उपरोक्तानुसार लम्बित अनुसंधान पूर्ण होने एवं चालानी प्रकरणों का शीघ्र वैधानिक निराकरण होने से लम्बित गिरफ्तारियाँ शून्य हो जावेगी। यह कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र कर अधिकांश प्रकरणों का निराकरण 01 माह के अन्दर कर दिया जावेगा। चालान न्यायालय में विलम्ब से प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में मुख्यालय स्तर एवं जिला स्तर पर निरन्तर समीक्षा की जाती है। सम्बन्धित विवेचक एवं थाना प्रभारी दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध पुलिस रेग्युलेशन के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। यह कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र एक माह के अन्दर की जावेगी।
लंबित आपराधिक प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
92. ( क्र. 1047 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत करना शेष है की जानकारी थानावार, विधानसभावार संख्या सहित देवें। एक माह से अधिक लंबित प्रकरणों की संख्या एवं वे कितने माह से लंबित है की जानकारी माहवार, थानावार, विधानसभावार देवें। इन्हें कब तक प्रस्तुत कर दिया जावेगा करें? समय-सीमा देवें। इसके विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा करें? समय-सीमा देवें। (ख) बड़वानी जिले में दिनांक 01/07/2024 से 10/02/25 तक चोरी के कितने प्रकरण किन थाने में दर्ज हुए करें? विधानसभावार प्रकरण क्र. दिनांक, फरियादी नाम, थाना नाम सहित थानावार, विधानसभावार देवें। प्रत्येक प्रकरण में की गई कार्यवाही एवं हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति थानावार विधानसभावार देवें। इस समयावधि में इन चोरियों में कितने चोर पकड़े गये की जानकारी थानावार, विधानसभावार देवें। जिन चोरियों में चोर नहीं पकड़े गये उनमें कब तक गिरफ्तारियां होंगी करें? समय-सीमा, प्रकरणवार, थानावार, विधानसभावार देवें। (ग) दिनांक 01/01/2023 से 10/02/2025 तक बड़वानी जिले में वाहन चोरी कृषक पंप चोरी, शराब तस्करी, मादक पदार्थ संबंधित, महिला अत्याचारों, महिला एवं नाबालिग कन्याओं की गुमशुदगी के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? पृथक-पृथक वर्षवार, थानावार, विधानसभावार देवें। इस समयावधि में वाहन जब्ती, महिलाओं, नाबालिग कन्याओं की बरामदगी की संख्या भी थानावार, विधानसभावार देवें। उपरोक्त प्रकरणों में कितनी गिरफ्तारियां हुई एवं कितनी गिरफ्तारियां शेष हैं? थानावार, विधानसभावार देवें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) अनुसार लंबित गिरफ्तारियां कब तक की जाएगी? समय-सीमा देवें। इसमें विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' में समाहित है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्र
[महिला एवं बाल विकास]
93. ( क्र. 1052 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 221-सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों के गांवों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं? विकासखण्डवार ग्राम पंचायतों के गांवों के नाम सहित जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितनी ग्राम पंचायतों के गांवों में आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? आंगवाड़ी केन्द्र स्वीकृति उपरांत भी आज दिनांक तक भवन निर्माण नहीं कराये जाने का क्या कारण है? जिला कार्यक्रम अधिकारी रतलाम द्वारा भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों के कितने प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं? इसकी स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? विकासखण्डवार प्रत्येक ग्राम पंचायतों के गांवों के नाम सहित जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें। (ग) क्या मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए भवन का प्रावधान हैं? यदि हाँ तो बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? विस्तृत जानकारी पृथक-पृथक प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 221 सैलाना विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 714 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों के 253 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला रतलाम द्वारा भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण हेतु पत्र क्रं 3322 दिनांक 20/8/2024 से सैलाना विधानसभा क्षेत्र के 137 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण का प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' पर है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' पर है। (ग) जी नहीं। प्रदेश अन्तर्गत कोई भी मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है।
म.प्र. शासन पर कर्ज
[वित्त]
94. ( क्र. 1065 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2019, 31 मार्च 2020, 31 मार्च 2021, 31 मार्च 2022, 31 मार्च 2023 और 31 मार्च 2024 की स्थिति में शासन पर कितना कर्ज़ था? प्रश्नांकित दिनांक तक शासन पर कितना कर्ज़ है व 31 मार्च 2025 की स्थिति में कितना कर्ज संभावित है? 31 मार्च 2024 में राज्य शासन पर कर्ज़ राज्य की कुल जी.डी.पी. का कितने प्रतिशत था? (ख) 01 अप्रैल 2021 से प्रश्नांकित दिनांक तक राज्य शासन ने कोई कर्ज़ लिया है? यदि हाँ, तो कितना, कब-कब व कहां-कहां से? वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि ऋण किश्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई है? कितनी स्थापना एवं पेंशन पर व्यय की है? इस वर्ष कितनी राशि ऋण किश्त व ऋण ब्याज में अदा की जाना है? यह वर्ष 2024-25 के बजट का कितना प्रतिशत है? (ग) मार्च 2021 की स्थिति में प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन कितना कर्ज़ भार था एवं मार्च 2025 की स्थिति में कितना संभावित है? राज्य पर बढ़ते हुए कर्ज के कारण/वित्त विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं में राशि जारी करने पर रोक लगायी गयी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्या FRBM (म.प्र. राजकीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005) का उल्लंघन हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) 31 मार्च, 2019 से 31 मार्च, 2024 की स्थिति में वर्षवार शासन पर कर्ज की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के वित्त सचिव स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर 31 मार्च, 2025 की स्थिति में कर्ज के बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के साथ प्रकाशित मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत यथा अपेक्षित विवरण के अनुसार 31 मार्च 2024 में राज्य सरकार पर कर्ज, राज्य की कुल जी.डी.पी. का 24.81 प्रतिशत रहने की पुनरीक्षित अनुमान है। (ख) जी हाँ। प्रदेश शासन पर कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2001-02 में वित्तीय वर्ष 2023-24 तक स्टेटमेंट नं. 15/17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से शेष अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2022-23 तक की अंकेक्षित जानकारी तथा वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान में ऋण किस्तों एवं ऋण ब्याज के रूप में अदा की गई राशि की जानकारी वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 के बजट साहित के साथ प्रकाशित वित्त सचिव के स्मृति पत्र में दी गई है जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार में उपलब्ध है। स्थापना एवं पेंशन पर व्यय की अंकेक्षित जानकारी वर्ष 2021-22 से वर्ष 2022-23 तक तथा वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच में उपलब्ध है। (ग) राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। राज्य सरकार द्वारा कर्ज की राशि का उपयोग केवल पूंजीगत कार्यों के लिये ही किया जाता है। अत: ऐसी कोई स्थिति नहीं है। (घ) जी नहीं।
गोहद में खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 1077 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा में शासन से प्राप्त पट्टेधारी को स्वीकृत जगह में सीमा के अंदर खनन हो रहा है अथवा सीमा के बाहर लिखित जानकारी दी जावे। सभी संचालित खदानों पर सीमा चिन्ह एवं बाउंड्री साइन बोर्ड लगा है अथवा नहीं। मौके की जाँच कराई जाए। (ख) गोहद में संचालित सभी खदान पट्टेधारियों द्वारा ब्लास्टिंग की परमिशन खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) एवं पॉल्यूशन विभाग से परमिशन है या नहीं? यदि है तो परमिशन की प्रमाणित प्रतिलिपि दी जावे एवं ब्लास्टिंग करने के लिए अधिकारियों द्वारा दिए गए नियम, निर्देशों व शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं? शर्तें क्या हैं? (ग) गोहद में संचालित सभी खदानों द्वारा राज्य सरकार से सिया (स्टेट इन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट) की अनुमति है या नहीं? सिया कि अनुमति के अनुसार कितनी खदान संचालित हो रही है? लिखित जानकारी दी जावे। संचालित खदानों में नियमानुसार कितने गहरे गड्ढे किये जा सकते हैं? कितने गहरे किये गये हैं? खदानों पर गिट्टी परिवहन करते समय नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं? (घ) ग्राम पाली गोहद के किसानों की फसल को संचालित क्रेशरों द्वारा नुकसान हो रहा है, इस संबंध में संबंधित क्रेशरों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गोहद विधान सभा अंतर्गत स्वीकृत खदानों में पट्टाधारियों द्वारा स्वीकृत/चिन्हांकित क्षेत्र में ही खनन कार्य किया जा रहा है। पट्टाधारियों द्वारा सीमा चिन्ह तथा साइन बोर्ड स्थापित किए गए है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गोहद में संचालित 25 खदानों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सम्मति लेकर नियमानुसार खदानों का संचालन किया जा रहा है एवं 12 पट्टाधारियों द्वारा ब्लास्टिंग की अनुमति प्राप्त की जाकर ब्लास्टिंग द्वारा उत्खनन कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। गोहद में संचालित सभी खदानों में सिया से अनुमति प्राप्त है। सिया की अनुमति प्राप्त कर वर्तमान में 25 खदानें संचालित है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में खदान की गहराई के संबंध में प्रतिबंधात्मक प्रावधान नहीं है, न ही इसकी कोई सीमा निर्धारित है। खदानों से वैध ई-टीपी लेकर ही खनिज का परिवहन किया जाता है। जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में बगैर ई-टीपी के परिवहन करने पर 261 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 2.69 करोड़ राशि वसूल की गई है। अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम पाली, गोहद में संचालित क्रशरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान से संबंधित कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शराब दुकानों पर नियम-विरूद्ध बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
96. ( क्र. 1078 ) श्री केशव देसाई : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोहद अन्तर्गत संचालित शराब दुकानों पर रखी शराब की सैम्पलिंग करने के क्या नियम है? पिछले एक वर्ष से आज दिनांक तक यह कब-कब की गई है? गोहद की सभी शराब की दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पा नहीं की गई है, क्या रेट लिस्ट चस्पा की जावेगी, यदि नहीं की जावेगी, इसका कारण बतायें? (ख) विधानसभा क्षेत्र गोहद में संचालित शराब दुकानों पर शासन द्वारा निर्धारित रेट से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है? प्रश्नकर्ता द्वारा जिला आबकारी अधिकारी से शिकायत के उपरांत भी ठेकेदार के खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं की गई? (ग) मुख्य सचिव महोदय मध्यप्रदेश शासन को संबोधित प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 308 दिनांक 04.02.2025 पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई है? (घ) जिला आबकारी विभाग जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक 339 दिनांक 11.02.2025 द्वारा दी गई सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में शासन के नियमों का पालन न होने पर क्या विभाग द्वारा संबंधित शराब दुकान संचालक एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतायें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोहद अन्तर्गत संचालित शराब दुकानों पर रखी शराब की सैम्पलिंग रेण्डमली की जाती है। वृत्त गोहद में संचालित समस्त मदिरा दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पा कराई गई है। यदि रेट लिस्ट दुकानों पर नहीं पाई जाती है, तो संबंधित लायसेंसी के विरूद्ध विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार कार्यवाही की जाकर शास्ति अधिरोपित की गई। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोहद में संचालित शराब दुकानों पर शासन द्वारा निर्धारित दरों पर मदिरा का विक्रय किया जाता है। गोहद क्षेत्र में अधिक कीमत पर शराब विक्रय की सूचना/शिकायतें प्राप्त होने पर टेस्ट पर्चेज कराकर संबंधित मदिरा लायसेंसियों की कम्पोजिट मदिरा दुकान एण्डोरी, चितौरा, इटायली गेट गोहद पर विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध कर शास्ति अधिरोपित की गई एवं एक-एक दिन के लिये संबंधित दुकानों के लायसेंस निलंबित किये गये। साथ ही माननीय विधायक गोहद द्वार प्रस्तुत शिकायतों पर कार्यवाही की जाकर, की गई कार्यवाही से कलेक्टर जिला भिण्ड एवं माननीय विधायक गोहद को जिला भिण्ड का पत्र क्रमांक 4147 दिनांक 11.11.2024 से अवगत कराया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) मुख्य सचिव महोदय मध्यप्रदेश शासन को संबोधित प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 308 दिनांक 04.02.2025 जो वाणिज्यिक कर विभाग, के पत्र क्रमांक 299/1841635/2024-SEC-2-(CT) दिनांक 18.02.2025 के अनुक्रम में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता को जांच किये जाने हेतु आबकारी आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 7-ठेका/शिका/2024/ ई-349752 दिनांक 21.02.025 से लिखा गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) आवेदक श्री राजेन्द्र सिंह परिहार जिला सचिव कांग्रेस कमेटी वार्ड न. 2 गोहद जिला भिण्ड के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी गई थी, जो जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय भिण्ड द्वारा पत्र क्रमांक. 339 दिनांक 11.02.2025 से उपलब्ध कराई गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विधानसभा क्षेत्र गोहद में स्थित 22 मदिरा दुकानों के वृत्त प्रभारी द्वारा प्रतिमाह निरीक्षण किये जाकर आज दिनांक तक कुल 330 विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर संबंधित लायसेंसियों के विरूद्ध माह जनवरी 2025 तक रूपये 479400/- की शास्ति अधिरोपित की गई। साथ ही उपलंभन एवं प्रवर्तन के दौरान अवैध मदिरा विक्रय, संग्रहण, परिवहन, भण्डारण के कुल 157 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये।
पदोन्नति में आरक्षण नियम लागू किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 1088 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी, पदोन्नति में आरक्षण नियम 2017, जिसे एडवोकेट मनोज गोरकेला द्वारा तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत किया गया था, अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है? क्या कारण है कि यह नीति अभी तक प्रभावी नहीं हुई? (ख) क्या सरकार इस बात को स्वीकार करती है कि इस नियम के अभाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी समय पर पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं? सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है? (ग) पदोन्नति में आरक्षण लागू करने में हो रही देरी के लिए कौन जवाबदेह है? क्या इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है? (घ) सरकार इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए क्या अंतिम समय-सीमा तय कर रही है? इसके क्रियान्वयन में सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित एस.एल.पी. क्रमांक 30621-2011 माननीय जनरेल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता एवं अन्य में पारित अंतरिम आदेशों के कारण। (ख) जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध
खनन के
प्रकरणों पर
कार्यवाही
[खनिज साधन]
98. ( क्र. 1095 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 799 दिनांक 17/12/2024 के उत्तर अनुसार 15 जून 2024 को सहायक खनिज अधिकारी एवं पटवारी द्वारा निरीक्षण किया जाकर कार्यवाही न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 एवं 0041/अ-67/2024-25 में प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है। उक्त प्रकरणों में कितना घन मीटर अवैध खनन किए जाने पर कितनी राशि आरोपित की गई है? उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है। संपूर्ण विवरण देवें। (ख) निर्माणाधीन घोंसला-गोगापुर मार्ग के निर्माण ठेकेदार द्वारा नियम विरुद्ध अवैध खनन की जांच 12 दिसंबर 2024 को खनिज अधिकारी एवं संबंधित पटवारी द्वारा निरीक्षण कर मौका पंचनामा बनाया गया था। उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? विभाग द्वारा अवैध खनन किए जाने पर कितनी राशि आरोपित की गई है? (ग) निर्माण ठेकेदार द्वारा खनन किए गए पत्थरों को अवैध रूप से खनन क्षेत्र से बाहर डाल दिए गए हैं? क्या संबंधितों द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? बताएं कि निर्माण कंपनी द्वारा अवैध रूप से लीज क्षेत्र से बाहर अतिक्रमण कर क्रशर प्लांट को स्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं तो क्यों? कब तक अवैध अतिक्रमण को हटा दिया जाएगा? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 799 दिनांक 17/12/2024 उत्तर अनुसार 15 जून 2024 को सहायक खनिज अधिकारी एवं पटवारी द्वारा निरीक्षण किया जाकर कार्यवाही न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 एवं 0041/अ-67/2024-25 में प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है, जिसमें आगामी सुनवाई दिनांक 28.02.2025 नियत है। उक्त प्रकरण क्रमांक 0040/अ-67/2024-25 में मुरम खनिज का 85486 घनमीटर मात्रा का अवैध खनन किये जाने के फलस्वरूप राशि रूपये 12,82,30,000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया तथा प्रकरण क्रमांक 0041/अ-67/2024-25 में मुरम खनिज का 432370 घनमीटर मात्रा का अवैध खनन किये जाने के फलस्वरूप राशि रूपये 64,85,55,000/- अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में ठेकेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर मुरम खनिज मात्रा 2615.625 घनमीटर का अवैध उत्खनन करने पर राशि रूपये 39,23,430/- का अर्थदण्ड प्रस्तावित कर प्रकरण दर्ज कर अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) जी नहीं। सहायक खनि अधिकारी एवं हल्का पटवारी के प्रतिवेदन अनुसार निर्माणकर्ता ठेकेदार के द्वारा स्वीकृत क्षेत्र पर खनिज पत्थर बोल्डर रख कर क्रशर मशीन स्थापित की गई है। उपरोक्त के परिपेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केंद्रों को मोबाइल का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
99. ( क्र. 1096 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत कई वर्षों पूर्व मोबाइल प्रदाय किए गए थे। वह किस टेंडर से खरीदे गए थे, किस कम्पनी के मोबाइल थे? क्या वह वर्तमान में चालू है या खराब हो चुके हैं? खरीदी का टेंडर एवं दर अनुबंध की जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक में आने जाने हेतु यात्रा भत्ता का भुगतान कब-कब किस-किस को किया गया है? संपूर्ण विवरण देवें। कब से संबंधितों को भुगतान नहीं किया गया है। (ग) आगनवाड़ी केन्द्रों में टेक होम राशन का प्रदाय पोषण ट्रेकर एप पर हितग्राहियों के फोटो खींच कर देने का प्रावधान किया गया है, जबकि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नेटवर्क की समस्या होने के कारण यह कार्य किए जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बताएं कि विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (घ) प्रदेश में संचालित किराया भवन के आंगनवाड़ी केन्द्रों में नई दर से किराया भुगतान किस परियोजना से शुरू किया जा चुका है। यदि नहीं तो क्या कारण है? उज्जैन जिले में भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची प्रदाय की जाये। यदि कोई भवन है परन्तु जर्जर स्थिति में है तो उसकी सूची दी जावे। (ड.) ग्रीष्म कालीन अवकाश के समय समूहों द्वारा नाश्ता भोजन नहीं दिया जाता है तो आंगनवाड़ी केन्द्रों से विभाग द्वारा नाश्ता भोजन के वितरण की क्या व्यवस्था की जावेगी एवं विभाग इसके लिए आगे क्या कार्यवाही करेगा? अवगत कराएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किए गए मोबाइल संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" पर है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वर्ष 2016 से यात्रा भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है, यात्रा भत्ता देयक प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया जाकर नियमानुसार यात्रा भत्ता देयक के भुगतान किये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) पोषण ट्रैकर एप पर वर्तमान में कार्यकर्ताओं द्वारा सभी प्रकार की जानकारी भरी जा रही है। उसी प्रकार यह जानकारी भी भरी जाना है। यह कार्य ऑफलाइन भी हो सकता है व नेटवर्क में आने पर अपलोड किया जा सकता है। अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जानकारी भरने में किसी भी समस्या का सामना करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उज्जैन जिले में महिदपुर-01 बड़नगर-2 एवं उज्जैन शहर क्रमांक 04 में आंगनवाड़ी केन्द्रों का नवीन दर से भवन किराया भुगतान किया जाना प्रारंभ किया गया है। उज्जैन जिले में 863 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ पर है तथा 122 जर्जर भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" पर है। (ड.) आंगनवाड़ी केन्द्रों में ग्रीष्मकालीन अवकाश नहीं होने से स्व-सहायता समूहों द्वारा नाश्ता व भोजन का प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 1108 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने रेत घाटों की स्वीकृति हुई? प्रत्येक रेत घाटों में कुल कितना रकबा खसरा नम्बर सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त अवधि में किस-किस दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का कितना खनिज उत्पादित हुआ तथा उक्त अवधि में कितनी रॉयल्टी किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? तिथिवार, वर्षवार, स्वीकृत रेत घाटवार जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदानों में स्वीकृत रकबे से अलग हटकर रेत उत्खनन एवं रेत के स्टॉक (भण्डारण) अवैध टोकन को लेकर जनता/जनप्रतिनिधि या अन्य के द्वारा कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? ग्रामवार, विकासखण्डवार, तिथिवार जानकारी देंवे। (घ) रायसेन शहर में पत्थर, फर्सी, रेत, गिट्टी के भण्डारण/विक्रय का नियम है? यदि हाँ, तो किन-किन को भण्डारण/विक्रय की अनुमति है? नाम, पता सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम से प्राप्त जानकारी अनुसार उत्पादित खनिज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं प्राप्त रॉयल्टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई पर दर्शित है।
आंगनवाड़ियों में सामान खरीदी में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 1126 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक सिंगरौली जिले में 1500 आंगनवाड़ियों के लिये बर्तन खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो किस दर पर, क्या सामान, किन मापदण्डों के आधार, कितनी संख्या में, किस फर्म/एजेन्सी से कब क्रय किया गया? आंगनवाड़ियों के नाम, पता, सामान का नाम, संख्या, दर, फर्म का नाम, प्राप्त देयक, भुगतान हेतु जारी राशि का विवरण सहित समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में सामान खरीदी हेतु राशि की व्यवस्था किस मद से की गई? सामान खरीदी का मापदण्ड क्या निर्धारित किया गया? खरीदी हेतु कब और किसके द्वारा किस प्रक्रिया का पालन करके खरीदी की अनुमति प्रदान की गई? कार्यालय का नाम, अधिकारी का नाम, पदनाम, कब से एक ही स्थान पर पदस्थ है, सक्षम स्वीकृति के अधिकारी का नाम, पदनाम, एकल नस्ती की छायाप्रति, आदेश, निर्देश, पोर्टल पर दर्ज समस्त जानकारी मय दस्तावेजों के उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में आंगनवाड़ियों में दर्ज स्टॉक रजिस्ट्रर की छायाप्रति सहित बतायें कि समस्त आंगनवाड़ियों को सामग्री उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो कारण सहित बतायें, क्यों? (घ) उपरोक्त के अनुक्रम में आंगनवाड़ियों में सामान खरीदी में अनियमितताओं के संबंध में कोई शिकायत, समाचार पत्र में कोई खबर व अन्य माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कब और कैसे? विभाग ने उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित विस्तृत जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ । मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं उपार्जन नियम- 2015 (यथा संशोधित-2022) एवं भारत सरकार के जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय की प्रक्रिया की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु बर्तन क्रय की प्रक्रिया प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। (ख) सामान खरीदी हेतु राशि की व्यवस्था जिला स्तर से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से की गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति केन्द्र 30 बच्चे औसत के मान से मापदण्ड निर्धारित किया गया है। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं उपार्जन नियम- 2015 (यथा संशोधित-2022) एवं भारत सरकार के जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय की प्रक्रिया जिला स्तर से की गई। कलेक्टर जिला सिंगरौली द्वारा प्रदान की गई अनुमति के उपरांत दिनांक 07.11.2024 को जेम पोर्टल पर निविदा आमंत्रित की जाकर सामग्री क्रय संबंधी कार्यवाही की गई। सामग्री क्रय संबंधी कार्यवाही जिला कलेक्टर की अनुमति के उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला सिंगरौली द्वारा की गई वह जिला सिंगरौली में दिनांक 20.04.2021 से पदस्थ हैं। प्रश्नांश से संबंधित एकल नस्ती सहित अन्य दस्तावेज की छायाप्रति, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03, 04, 05 एवं 06 पर है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु बर्तन क्रय की प्रक्रिया प्रचलन में होने से शेष का प्रश्न नहीं।(घ) जी हाँ। समाचार पत्रों के माध्यम से माह जनवरी 2025 में शिकायत प्राप्त हुई। जांच समिति गठित की गई एवं जांच उपरांत जिला कार्यक्रम अधिकारी सिंगरौली को निलंबित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित किये जाने के मापदण्ड
[वित्त]
102. ( क्र. 1152 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत तहसील मझौली, कुसमी एवं देवसर में कितने राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित किये जाने के क्या मापदण्ड हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, लाड़ली बहना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री आवास योजना, विस्थापन पैकेज आदि का सुगमता से भुगतान कैसे की जाती है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसील मझौली के ग्राम ताला, तहसील कुसमी के ग्राम पोंड़ी, चिन्गवाह, ददरी, भुईमाड़ एवं तहसील देवसर के ग्राम झारा, बंजारी, परसोहर एवं रजनिया में राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित कर दिये जायेंगे। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित नहीं की जाती है? तो कारण बतायें। केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के कल्याणकारी योजनाओं का हितग्राहियों को सरलता से राशि का भुगतान कराये जाने हेतु शासन के द्वारा क्या कदम उठाये जायेंगे? जानकारी उपलब्ध करायें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में मझौली तहसील में राष्ट्रीयकृत बैंक की 4 शाखाएं, तहसील कुसुमी में 1 तथा तहसील देवसर में 1 शाखाएं है। रार्ष्टीयकृत बैंकों द्वारा व्यावसायिक व्यवहार्यता को देखते हुए बैंक शाखा खोली जाती है। (ख) केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की कल्याणकारी योजना अंतर्गत दिये जाने वाले लाभ का भुगतान बैंक शाखाओं तथा बीसी पॉइट के माध्यम से किया जाता है। (ग) वर्तमान में दिये गये ग्रामों में राष्ट्रीयकृत बैंक संचालित किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, भविष्य में कोई प्रस्ताव आता है तो विचार किया जाएगा। (घ) राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा व्यावसायिक व्यवहार्यता को देखते हुए बैंक शाखा खोली जाती है।
आगंनवाड़ी भवन एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 1153 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) सीधी
जिले के तहसील
मझौली कुसमी
एवं सिंगरौली
जिले के तहसील
देवसर में
महिला बाल
विकास विभाग
के द्वारा
कौन-कौन सी
योजनायें
संचालित की
जाती है?
पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कितने
आंगनवाड़ी
भवन संचालित हैं? जानकारी
उपलब्ध
करायें। कितने
में
आंगनवाड़ी
भवन हैं,
कितने
आंगनवाड़ी
भवन विहीन है? जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में भवन विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में भवन का
निर्माण कब तक
करा दिया
जावेगा?
समय-सीमा
बतायें। (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में महिला बाल
विकास कुसमी, मझौली
एवं देवसर में
कितने
परियोजना
अधिकारी, पर्यवेक्षक
एवं
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
के पद स्वीकृत
है? स्वीकृत
पदों के
विरुद्ध
कितने पदों पर
पदस्थ हैं, कितने
पद रिक्त हैं? जानकारी
उपलब्ध
करायें। रिक्त
पदों पर
पदस्थापना कब
तक कर दी
जावेगी?
समय-सीमा
बतायें।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला भूरिया
) : (क) सीधी
जिले के तहसील
मझौली, कुसमी
एवं सिंगरौली
जिले के तहसील
देवसर में महिला
बाल विकास
विभाग में
मिशन सक्षम
आंगनवाड़ी
एवं पोषण 2.0, मिशन
शक्ति, मिशन
वात्सल्य
अन्तर्गत
संचालित
योजनायें एवं
राज्य स्तरीय
मुख्यमंत्री
लाड़ली लक्ष्मी
योजना, मुख्यमंत्री
लाड़ली बहना
योजना आदि
योजनायें
संचालित की
जाती है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में संचालित
आंगनवाड़ी
केन्द्र, विभागीय
आंगनवाड़ी
भवन एवं भवन
विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-'अ'
पर है।
(ग) आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
लिये भवन
निर्माण
शासकीय भूमि एवं
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता पर
निर्भर है।
समय-सीमा दिया
जाना संभव
नहीं है। (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में महिला एवं
बाल विकास
मझौली, कुसमी
एवं सिंगरौली
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-'ब'
पर है।
पदों की रिक्ति
एवं पूर्ति
निरंतर
प्रक्रिया है, समय सीमा
दी जाना संभव
नहीं है।
सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
104. ( क्र. 1166 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना (बरगी) में वर्तमान में जल भराव की क्षमता कितनी है एवं किन-किन परियोजनाओं के लिये जल संचय किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) इस सागर परियोजना से वर्तमान में किन-किन परियोजनाओं को कितना-कितना पानी देने हेतु जल आवंटित किया गया है एवं किन-किन परियोजनाओं को वर्तमान में कितना-कितना पानी दिया जा रहा है? जल आवंटन की आदेश प्रति उपलब्ध करावें। (ग) मण्डला जिले के विधान सभा क्षेत्र निवास में प्रस्तावित उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृति कब तक प्रदान करने की कार्य योजना है? यदि नहीं तो क्यों? स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में उपयोगी जल भराव क्षमता 3180.00 मि.घ.मी. है। मुख्य रूप से बांयी तट एवं दांयी तट नहर परियोजना हेतु। (ख) बांयी तट नहर परियोजना हेतु 1008.00 मि.घ.मी. एवं दांयी तट नहर परियोजना हेतु 1930.00 मि.घ.मी.। वर्ष 2024 में बांयी तट नहर में 371.51 मि.घ.मी. एवं दांयी तट नहर में 325.76 मि.घ.मी. पानी प्रवाहित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रस्तावित परियोजनाओं के साध्य पाये जाने एवं जल की उपलब्धता के आधार पर ही संभव है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रमोन्नति योजना
[वित्त]
105. ( क्र. 1170 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8-1/2015/नियम/चार भोपाल दिनांक 12 जून 2018 द्वारा सहायक ग्रेड-2 से समान वेतनमान में लेखापाल/लेखा परीक्षक पद पर पदोन्नति होने पर इस पदोन्नति को आगामी समयमान वेतनमान की पात्रता के लिए पदोन्नति के अवसर की गणना में नहीं लिए जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) क्या कंडिका (क) अनुसार यह व्यवस्था समयमान वेतनमान योजना लागू होने के दिनांक अर्थात 01 अप्रैल 2006 से प्रभावी की गई है? (ग) क्या 01 अप्रैल 2006 के पूर्व क्रमोन्नत वेतनमान योजना अंतर्गत आगामी क्रमोन्नत वेतनमान से लेखापाल/लेखा परीक्षक पद पर पदोन्नति से वंचित नहीं रहेंगे? क्या स्थितियां समान होते भी दोनों योजनाओं में पदोन्नति के अवसर की गणना के मापदण्ड पृथक-पृथक होगें? (घ) समयमान वेतनमान योजना की तरह ही क्रमोन्नत वेतनमान योजना में भी सहायक ग्रेड-2 से समान वेतनमान में लेखापाल/लेखा परीक्षक पद पर पदोन्नति होने पर इस पदोन्नति को क्रमोन्नत वेतनमान योजना में आगामी क्रमोन्नत वेतनमान की पात्रता के लिए पदोन्नति के अवसर की गणना में नहीं लिए जा रहा जिससे उक्त लोक सेवक क्रमोन्नत वेतनमान के लाभ से वंचित हो रहे हैं? क्या ऐसे क्रमोन्नति से वंचित लोक सेवकों को न्याय देने हेतु कंडिका (क) अनुसार क्रमोन्नत वेतनमान योजना हेतु भी लेखापाल/लेखा परीक्षक के पद पर हुई पदोन्नति को पदोन्नति के अवसर गणना में नहीं लिए जाने हेतु पृथक आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान योजना पृथक-पृथक होने से इसकी पात्रता के मापदण्ड भी पृथक-पृथक है। (घ) उपर्युक्त "ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
106. ( क्र. 1177 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्तमान में किस-किस पुलिस थानों एवं चौकियों में कितने निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों, सहायक उपनिरीक्षकों के एवं अन्य के पद सृजित हैं? कितने कब से, कौन अधिकारी एवं कर्मचारियों से भरे हैं एवं किस-किस के प्रश्न दिनांक तक पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को शासन स्थानान्तरण करके भरेगा तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिला जो तीन दिशाओं में अन्य राज्य से लगा हुआ है। अपराधों पर नियंत्रण हेतु कब तक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु सम्पूर्ण पुलिस बल निरीक्षकों सहित भेज दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि ऐसे कौन-कौन से उपनिरीक्षक जो वर्षों तक जिले में रहे हैं जो जिले से कार्यवाहक निरीक्षक बनकर सागर जिले में स्थानांतरित थे और वह पुन: टीकमगढ़ जिले में स्थानांतरण चाहते हैं? क्या शासन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले को एवं सागर संभाग छोड़कर अन्य जिलों में पदस्थ करने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिले में कब तक 5 निरीक्षक, 5 उपनिरीक्षक एवं सभी कर्मचारियों के रिक्त पद भरे जाने हेतु आदेश जारी कर रिक्त पद भर देगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में थानों एवं चौकियों के स्वीकृत, उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उक्त थानों एवं चौकियों में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी0आर0-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली पक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी0आर0-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग में स्थानांतरण शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार किये जाल है, जो एक सतत प्रक्रिया है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी0आर0-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सूक्ष्म,लघु
एवं मध्यम
उद्योगों की
स्थापना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
1. ( क्र.
28 ) श्रीमती
उमादेवी
लालचंद खटीक : क्या
सूक्ष्म,लघु
एवं मध्यम
उद्यम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दमोह जिले की
विधानसभा
क्षेत्र हटा 057 के
विकासखंड हटा
पटेरा एवं
दमोह में
रोजगार
उपलब्ध कराने
के लिए
कौन-कौन से
सूक्ष्म लघु
एवं मध्यम
उद्योग की
स्थापना
प्रस्तावित
है? (ख)
यदि हाँ, तो
स्थापना की
समय-सीमा
बताएं। (ग) यदि
नहीं तो क्यों
नहीं?
सूक्ष्म,लघु
एवं मध्यम
उद्यम मंत्री
( श्री चेतन्य
कुमार काश्यप
) : (क)
दमोह जिले
की विधानसभा क्षेत्र
हटा 057
के विकासखंड
हटा, पटेरा
एवं दमोह में
उद्यमियों
द्वारा 13 उद्योग स्थापना
के प्रस्ताव
प्रक्रिया
में है। (ख) इकाई
संबंधित
उद्यमी
द्वारा ही स्थापित
की जाती है।
अत: विभाग
द्वारा
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 30 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले की विधानसभा क्षेत्र हटा 057 अंतर्गत विकासखंड हटा, पटेरा एवं दमोह में भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्र कितने है? उनकी सूची उपलब्ध करायें। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवनों की स्वीकृति कब तक होगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) दमोह जिले की विधानसभा क्षेत्र हटा 057 अंतर्गत विकासखंड हटा में 112, पटेरा में 108 एवं दमोह ग्रामीण में 36 भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्र है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
गंभीर अपराधों में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
[गृह]
3. ( क्र. 71 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में गंभीर अपराधों के कितने प्रकरण वर्ष 2020 से दिसम्बर 2024 तक पंजीबद्ध किये गए? थानावार विवरण क्या है? (ख) उक्त गंभीर अपराधों में कितने आरोपी, अपराधी गिरफ्तार किये गए व कितने फरार हैं? (ग) कितने एवं किन-किन आरोपियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गई व कितने फरार आरोपियों पर इनाम घोषित किया गया? पूर्ण विवरण शहरवार थानावार दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
इटारसी में सी.सी.टी.व्ही. योजना
[गृह]
4. ( क्र. 84 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) म.प्र. भोपाल के पत्र क्रं./अमानि/दूसं/निस/डी-34/19 दिनांक 29.08.2019 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था कि सी.सी.टी.व्ही. योजना के तृतीय चरण में इटारसी को सम्मिलित किया गया है? (ख) क्या उक्त तृतीय चरण की डी.पी.आर. स्वीकृत की जा चुकी है। यदि हाँ, तो कब। यदि नहीं तो कब तक होगी। तृतीय चरण की संपूर्ण योजना पर कितनी राशि व्यय होगी? (ग) प्रदेश में सी.सी.टी.व्ही. योजना के कौन से चरण में किस वर्ष में होना। किस चरण में कौन से शहर है, कौन से चरणों के नगरों में सी.सी.टी.व्ही. लगाये गये है। कौन से चरणों में सी.सी.टी.व्ही. लगाये जाना शेष है? (घ) नर्मदापुरम जिले के इटारसी सहित अन्य नगरों में सी.सी.टी.व्ही. लगाने का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ड.) इटारसी में कितने स्थानों पर सी.सी.टी.व्ही. लगाया जाना प्रस्तावित है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। तृतीय चरण हेतु सी.सी.टी.व्ही. योजना की अनुमानित लागत राशि रूपये 808.72 करोड़ थी। (ग) सी.सी.टी.व्ही. योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 11 शहरों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम वर्ष 2016-17 में स्थापित किये गये हैं। द्वितीय चरण में प्रदेश के 50 शहरों में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम वर्ष 2018 में स्थापित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश के 05 जिला मुख्यालयों आगर-मालवा, निवाड़ी, बड़वानी, सीधी एवं अलीराजपुर में सी.सी.टी.व्ही. सिस्टम की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। शेष शहरों में आगामी चरण की योजना स्वीकृति के पश्चात सी.सी.टी.व्ही. स्थापित किये जायेंगे। (घ) सी.सी.टी.व्ही. योजना के आगामी चरण की स्वीकृति उपरांत सी.सी.टी.व्ही. लगाने का कार्य प्रारम्भ हो सकेगा। (ङ) उक्त कार्ययोजना में इटारसी में 20 स्थानों पर सी.सी.टी.व्ही. लगाया जाना प्रस्तावित है।
इंडियन कॉफी हाऊस को भूमि आंवटन
[गृह]
5. ( क्र. 85 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गृह विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर ''इंडियन काफी हाउस'' एवं अन्य को भूमि आवंटन किया गया है? (ख) उक्त आवंटन कब-कब, किस-किस संस्था को, किन-किन शर्तों पर कितनी वार्षिक दर पर, कितने समय हेतु किस भू-भारक पर किन प्रावधानों के अंतर्गत एवं किस प्रकिया के अंतर्गत आवंटित की गयी। (ग) इसमें किन-किन वर्गों को कितनी छूट दी गयी है। क्या शासन यह छूट बढ़ाने पर विचार कर रहा है। (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित भूमि आवंटन हेतु विज्ञापन दिया गया था। यदि हाँ, तो किन समाचार पत्रों में, कब। उक्त भूमि की खुली नीलामी क्यों नहीं की गयी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं गृह विभाग द्वारा इंडियन कॉफी हाउस एवं अन्य को कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है, अपितु मध्यप्रदेश की 14 पुलिस इकाइयों में पुलिसकर्मियों एवं उनके परिजनों के कल्याण हेतु 30 प्रतिशत छूट पर भोजन सामग्री उपलब्ध कराने की शर्त पर सहकारी संस्था इंडियन कॉफी हाउस को फूड केन्टिन संचालन हेतु भवन उपलब्ध कराये गये हैं। इन पुलिस इकाइयों में संचालित इंडियन कॉफी हाउस से लिए जा रहे मेन्टेनेंस शुल्क का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्धारित शर्त अनुसार सभी वर्ग के पुलिसकर्मियों एवं उनके परिजनों को भोजन सामग्री पर 30 प्रतिशत छूट इंडियन कॉफी हाउस द्वारा दी जा रही है। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं राशि आवंटन
[वित्त]
6. ( क्र. 116 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर उन्हें बजट में शामिल कर राशि प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय उप मुख्यमंत्री महोदय/ विभागीय मंत्री महोदय म.प्र.शासन भोपाल को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/53, 54, 55, 57, 58 एवं 59 उक्त सभी पत्र दिनांक 07.02.2024 को प्रेषित किये गये थे। जिन पत्रों पर अभी तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित पत्रों में उल्लेखित विभिन्न विकास/निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक शासन/विभाग द्वारा प्रदान करते हुए कार्यों को बजट में शामिल कर राशि आवंटित कर दी जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उल्लेखित पत्र वित्त विभाग को प्राप्त न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उक्त पत्रों पर सम्पूर्ण कार्यवाही लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाना है। अत: उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 117 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना परासिया-01 एवं 02 के अन्तर्गत विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन स्थानों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है? क्या विभाग द्वारा आवश्यकता की दृष्टि से नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किये जाने हेतु सर्वे कराकर कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण कराते हुये आवश्यकतानुसार नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत परियोजना परासिया-01 एवं 02 के अन्तर्गत विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारम्भ किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मान. विभागीय मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/150 दि.08.02.2024 व पत्र क्र.317 (अनुस्मरण पत्र 01) दिनांक 27.05.2024 एवं पत्र क्र.395 (अनुस्मरण पत्र 02) दिनांक 15.07.2024 को प्रेषित किये गये थे। जिन पत्रों पर अभी तक विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई तो उसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएमजनमन) के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। अतः प्रस्ताव अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं खोले जा सकते। (ग) संचालनालयीन पत्र क्र./1767-1768 दिनांक 14.06.2024 तथा पत्र क्र. 590 दिनांक 21.02.2025 के द्वारा प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को अवगत कराया गया है कि भारत सरकार से नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति नहीं दिये जाने के कारण प्रस्ताव अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकती। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।
आदिवासियों/दलितों का आर्थिक शोषण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
8. ( क्र. 129 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में दिनांक 1.12.2024 से लेकर प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिले के समस्त लोक सेवा केन्द्रों में जन्म प्रमाण पत्र बनवाए जाने हेतु आदिवासी/दलित वर्ग के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? प्राप्त आवेदनों की संख्या एवं छायाप्रति देवें। (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों में आदिवासी/दलित समुदाय से स्टाम्प पेपर पर शपथ लेकर पब्लिक नोटरी से सर्टिफाइड करते हुए आवेदन पत्र स्वीकार किए गए हैं? उन समस्त आवेदन पत्रों की छायाप्रति देवें। (ग) क्या राज्य शासन के द्वारा आदिवासियों/दलितों को स्टाम्प ड्यूटी से मुक्त रखा गया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध तरीके से किसके दबाव में यह शपथ पत्र एवं नोटरी शुदा आवेदन पत्र प्राप्त किये जा रहे हैं? उस अधिकारी का नाम बताएं। (घ) अध्यक्ष जिला पंचायत बालाघाट का पत्र क्रमांक 622 दिनांक 07.02.2025 जिला कलेक्टर बालाघाट को प्रेषित किया गया है उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन देवें। (ड.) क्या जन्म प्रमाण पत्र हेतु लोक सेवा केन्द्रों पर सादे कागज पर आदिवासियों/दलितों से बिना नोटरी से तस्दीक किया हुआ आवेदन पत्र मान्य है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या स्पष्ट आदेश जारी किए जाएंगे? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, स्टाम्प ड्यूटी से छूट प्राप्त है। किंतु नियम विरूद्ध तरीके से किसी भी आवेदक से दबाव बनाकर स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र नहीं लिया जा रहा है। (घ) माननीय अध्यक्ष जिला पंचायत बालाघाट के पत्र के सम्बन्ध में कार्यालय कलेक्टर (जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ) बालाघाट के पत्र क्र 1408, दिनांक 27/02/2025 द्वारा तहसीलदार बिरसा से जवाब चाहा गया जिस पर तहसीलदार बिरसा द्वारा पत्र क्र 251, दिनांक 27/02/2025 के माध्यम से लेख किया गया है कि न्यायालय अंतर्गत जन्म प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आने वाले आवेदनों में किसी भी आवेदक से दबाव बनाकर शपथ पत्र नहीं लिये जाते हैं। शासन के निर्देशानुसार ही आवेदक से जन्म के प्रमाणिकरण संबंधित आवश्यक दस्तावेज ही लिये जाते हैं। इन्हीं दस्तावेजों के आधार न्यायालय द्वारा केवल आदेश जारी किये जाते है। जन्म प्रमाण पत्र संबंधित रजिस्ट्रार जन्म-मुत्यु द्वारा बनाया जाता है। (ड.) निरंक। वर्तमान में लोक सेवा प्रबंधन विभाग के एम.पी.ई. डिस्ट्रिक्ट पोर्टल में जन्म प्रमाण पत्र प्रदान करने की सेवा पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है।
स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना
[सामान्य प्रशासन]
9. ( क्र.
165 ) श्री
अनिरुध्द
(माधव) मारू : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
अक्टूबर 2016 में
जारी की गई ''स्थायी
कर्मियों को
विनियमित
करने की योजना’’ (क्रमांक
एफ 5-1/2023/1/3, भोपाल
दिनांक 07 अक्टूबर 2016) मध्यप्रदेश
शासन के
विभागों पर
लागू है अथवा नहीं? (ख) ''स्थायी
कर्मियों’’ को
नियमित सेवा
के अधिक अवसर
उपलब्ध कराये
जाने बावत्
(चयन
प्रक्रिया)
जिला स्तर पर
गठित चयन
समिति की
संरचना क्या
है? पूर्ण
जानकारी
प्रदान करें। (ग) उक्त
चयन समिति की
बैठक कब-कब
होनी चाहिये? क्या
कोई
समय-सीमा/समयावधि/समय
अंतराल निर्धारित
है और इसकी
जानकारी
देवें। (घ) उज्जैन
एवं रीवा
संभाग में
समिति की
बैठकें आयोजित
करायी जाकर
नियमितीकरण
की कार्यवाही की
गई हैं? यदि हाँ तो
कितनी बैठकें
आयोजित की गई, संख्या
एवं बैठकों का
कार्यवाही
विवरण उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं तो क्यों
और कब तक की
जाएगी? (ङ)
अक्टूबर 2016 से
उज्जैन एवं
रीवा संभाग
में कुल कितने
कर्मचारियों
का
नियमितीकरण
हुआ? संभागवार
सूची उपलब्घ
करायें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक
07
अक्टूबर 2016 को
जारी परिपत्र
की कंडिका 2 को
छोड़कर शेष
प्रावधान
यथावत शासन के
विभागों में
लागू है। (ख) जिला
स्तर के
चतुर्थ
श्रेणी के
रिक्त पदों
की पूर्ति हेत
सा.प्र.वि. के
परिपत्र दिनांक
07.10.2016
के परिशिष्ट-अ
की कंडिका (1) अनुसार
चयन समिति का
गठन किया गया
था, जिसकी
समयावधि एक
वर्ष थी, जो अक्टूबर,2017
में समाप्त
हो चुकी है।
परिपत्र की
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ग)
उत्तरांश “ख” में उल्लेखित
परिपत्र के परिशिष्ट-अ
की कंडिका- (2) के
सरल क्रमांक 12
अनुसार चयन
समिति की बैठक
वर्ष में 2 बार
आयोजित की
जाना
निर्धारित
किया गया था। (घ) उज्जैन
संभाग के
अंतर्गत
जिलों से उत्तरांश
‘’ख’’ में
उल्लेखित
निर्धारित
समय-सीमा में
जिलों से प्रस्ताव
प्राप्त न
होने से चयन
समिति की बैठक
आयोजित नहीं
की गई तथा रीवा
संभाग के
अंतर्गत भी
चयन समिति की
समय-सीमा के अंतर्गत
बैठक आयोजित
नहीं की जा
सकी। उत्तरांश
‘’ख’’ अनुसार
निर्धारित
समयावधि व्यतीत
हो चुकी है अत:
अब चयन समिति
की बैठक आयोजित
की जाना संभव
नहीं है। (ड.) उज्जैन
एवं रीवा
संभाग के
अंतर्गत
प्रश्नाधीन
योजना के अधीन
किसी स्थाई
कर्मचारी का
नियमितीकरण
नहीं किया गया
है।
निवेश सुविधा केन्द्र का लोकार्पण एवं उसका लाभ उठाया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
10. ( क्र. 216 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर में दिनांक 27 सितम्बर 2024 को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान सागर संभाग के सभी जिलों में निवेश सुविधा केन्द्र का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इन सुविधा केन्द्रों से अभी तक किन-किन निवेशकों अथवा उद्यमियों को लाभांवित किया गया? निवेशकों अथवा उद्यमियों द्वारा इन सुविधा केन्द्रों से क्या-क्या अपेक्षायें/माँग की गयी और उनकी पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही संबंधित जिलों के कलेक्टरों द्वारा की गयी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) सुविधा केन्द्रों में निवेशकों को उपलब्ध संसाधनों एवं सुविधाओं की जानकारी प्रदान की गई। इन प्रोत्साहन केन्द्रों में मांग हेतु अभी तक कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। संबंधित जिलों के कलेक्टरों की अध्यक्षता में बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( क्र.
217 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि
खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
नवीन
आंगनवाड़ी
केन्द्र
स्वीकृत न
होने के क्या
कारण हैं? क्या
यह सही है कि
क्षेत्र में
अनेक
ग्रामों/वार्डों
की जनसंख्या
वृद्धि होने
के कारण नवीन
आंगनवाड़ी
केन्द्र
स्वीकृत किया
जाना आवश्यक
है? यदि
हाँ,
तो कब तक नवीन
केन्द्र
स्वीकृत किये
जावेंगे?
महिला एवं
बाल विकास
मंत्री (
सुश्री
निर्मला भूरिया
) : नवीन
आंगनवाड़ी
केन्द्र
खोलने की
स्वीकृति भारत
सरकार द्वारा
दी जाती है।
वर्तमान में
भारत सरकार
द्वारा प्रधानमंत्री
जनजातीय
न्याय
महाअभियान
(पीएमजनमन) के
अतिरिक्त
अन्य
क्षेत्रों
में नवीन आंगनवाड़ी
केन्द्र खोले
जाने की
स्वीकृति नहीं
दी जा रही है।
जी हाँ। भारत
सरकार द्वारा
नवीन
आंगनवाड़ी
केन्द्र
खोलने की
स्वीकृति नहीं
दिये जाने से
शेष का प्रश्न
ही नहीं।
नरसंहार घटना की जानकारी
[गृह]
12. ( क्र. 265 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के पाटन क्षेत्रान्तर्गत ग्राम टिमरी में पुलिस एवं राजनैतिक संरक्षण में चल रहे जुआ (फड़) खिलाने से मना करने के विवाद पर आरोपियों ने घातक हथियारों से लेस होकर दिनांक 27/01/2025 को नरसंहार कांड किया है जिसमें एक ही परिवार के दो सगे भाईयों सहित अन्य दो परिजनों की मृत्यु हो गई तथा दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुये हैं। इस जघन्य हत्याकांड में शामिल कितने आरोपियों के विरूद्ध पुलिस ने पी.सी. एक्ट की किस-किस धारा के तहत कब एफ.आई.आर. दर्ज कर किन-किन अपराधियों को कब-कब गिरफ्तार कर हत्याकांड में उपयोग किये गये किन-किन शस्त्रों को कब बरामद कर क्या कार्यवाही की है? आरोपियों, मृतकों व घायलों की सूची दें। (ख) प्रश्नांकित नरसंहार कांड घटित होने के पूर्व मृतकों ने एवं श्री गणेश प्रसाद पाठक ने आरोपियों के विरूद्ध जुआ खिलवाने एवं उनसे सुरक्षा प्रदान करने हेतु नामजद रिपोर्ट पुलिस थाना पाटन, पुलिस चौकी नुनसर में कब-कब दर्ज कराई हैं? तत्सम्बंध में पुलिस ने आरोपियों पर क्या कार्यावाही की है? यदि नहीं तो क्यों? एफ.आई.आर. की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित नरसंहार आरोपियों को हत्याकांड के पूर्व एवं उसके पश्चात मदद करने में किन-किन व्यक्त्तियों ने मदद की, उन पर क्या कार्यवाही की? उन्हें राशि पहुंचाने में किस को कब किन धाराओं के तहत गिरफ्तार कर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं तो क्यों? उसका एवं अन्य सहयोगियों का जुआ फड़ संचालकों के साथ क्या सम्बंध है? (घ) प्रश्नांकित घटित नरसंहार कांड के लिये दोषी किन-किन पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के विरूद्ध जिला पुलिस प्रशासन एवं शासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं। जिला प्रशासन एवं शासन ने मृतकों के आश्रित परिजनों एवं घायलों को कब कितनी राशि की आर्थिक एवं अन्य क्या-क्या सहायता दी हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटना के संदर्भ में थाना पाटन जिला जबलपुर में पंजीबद्ध अपराध कमांक 34/2025 में पी.सी.एक्ट की धारायें नहीं है अपितु भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103, 190, 191 (2) , 191 (3) , 109 (1) , 351 (3) लगाई गई है। गिरफ्तार आरोपी, शस्त्र एवं घायलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घटना घटित होने के पूर्व मृतकों ने एवं श्री गणेश प्रसाद पाठक ने आरोपियों के विरूद्ध जुआ खिलाने एवं उनसे सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में पुलिस चौकी नुनसर एवं थाना पाटन में कोई रिपोर्ट/शिकायत दर्ज नहीं कराई है। प्रकरण की विवेचना जारी है। प्रकरण संवेदनशील होकर जघन्य अपराध है। प्रकरण में साक्ष्य एकत्रित की जा रही है। ऐसी स्थिति में प्रथम सूचना पत्र की प्रति प्रदान करना उचित नहीं होगा। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित हत्याकांड के पूर्व अथवा उसके पश्चात आरोपियों की मदद कतिपय व्यक्तियों द्वारा किये जाने के साक्ष्य प्रकट नहीं हुये है, ना ही आरोपियों को राशि पहुंचाने के संबंध में साक्ष्य प्रकट हुये है। आरोपियों एवं उनके सहयोगियों के जुआ फड़ संचालकों के साथ संबंध होने के बारे में विवेचना में साक्ष्य प्रकट होने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) घटनाक्रम में चौकी प्रभारी नुनसर एवं पुलिस चौकी पर पदस्थ बल के विरूद्ध प्राथमिक जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर दोष के संदर्भ में निर्णय लिया जावेगा। मुख्यमंत्री सहायता कोष से जिला प्रशासन द्वारा मृतकों के आश्रित परिजनों को दो लाख रूपये एवं घायल व्यक्तियों को पचास हजार रूपये दिये गये है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पंजीकृत प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 266 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना (इकाई) जबलपुर को आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने, रिश्वत की मांग करने से सम्बंधित प्राप्त कितनी पंजीकृत शिकायतों में ट्रेप की कार्यवाही की गई? कितने मामलों में आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा गया और कितने प्रकरणों में आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की गई है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों में जांच (विवेचना) कार्यवाही को पूर्ण कर अभियोजन स्वीकृति हेतु भेजे गये? कितने प्रकरणों विवेचना (जांच) हेतु लम्बित हैं? कितने प्रकरणों में विभाग/ शासन ने अभियोजन की स्वीकृति दी है? कितने प्रकरणों में स्वीकृति नहीं दी है तथा कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु लम्बित हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितने प्रकरण जांच (विवेचना) में दो वर्ष से अधिक अवधि से लम्बित है एवं क्यों? इस सम्बंध में शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? सूची दें। (घ) प्रश्नांकित पंजीकृत कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया एवं क्यों? कितने प्रकरण शासन के विरूद्ध निर्णीत हुये हैं? बतलायें। सूची सहित आदेश की छायाप्रति दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2021 से 2025 तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ट्रेप एवं आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-2 अनुसार है। (ख) जिन प्रकरणों में विवेचना कार्यवाही को पूर्ण कर अभियोजन स्वीकृति हेतु शासन को भेजे गये हैं उनकी संख्या संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-5 अनुसार है। विवेचना हेतु लंबित प्रकरणों की संख्या कॉलम नं.-4 अनुसार जिन प्रकरणों में शासन ने अभियोजन स्वीकृति दी है उनकी संख्या कॉलम नं-.6 अनुसार, जिन प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी गई है, उनकी स्थिति कॉलम नं-7 अनुसार तथा जो प्रकरण स्वीकृति हेतु शासन के पास लंबित हैं उनकी संख्या कॉलम नं.-8 अनुसार वर्षवार है। (ग) वर्ष 2021 के 03 प्रकरण तथा वर्ष 2022 के 20 प्रकरण, दो वर्ष से अधिक अवधि से विवेचनाधीन हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधित 2018 के अंतर्गत प्रकरणों में विवेचना के दौरान आवश्यक साक्ष्य संकलन, कथन आदि कार्यवाही की जाती है। सूची संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-4 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं.-9, 10 एवं 11 अनुसार है।
अवंति मिल वर्कर्स इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटी लिमिटेड
[गृह]
14. ( क्र. 303 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि संस्था अवंति मिल वर्कर्स इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटी लिमिटेड, सनावद जिला खरगोन के संबंध में पुलिस थाना सनावद द्वारा प्रकरण क्रमांक 129/16 दिनांक 20.10.2019 के अंतर्गत माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। (ख) क्या उक्त प्रकरण में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खरगोन के प्रबंधक लेखा व अन्य पदाधिकारी एवं संस्था के पदाधिकारी के विरूद्ध लगभग 5 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी प्रकरण में विवेचना धारा 173 (8) द.स.सं. के अंतर्गत चल रहा है? (ग) क्या उक्त विवेचना 5 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी विवेचना पूर्ण क्यों नहीं की जा सकी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण की विवेचना का स्वरूप काफी विस्तृत होने एवं दस्तावेजी साक्ष्य से संबंधित होने से विवेचना गतिशील है। शेष आरोपीगण के संबंध में साक्ष्य संकलन कर संबंधित की भूमिका एवं गुण-दोष के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
महापरिषद् का सम्मिलन न बुलाया जाना
[जनसंपर्क]
15. ( क्र. 333 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की महापरिषद् का कार्मिक सम्मिलन वर्ष में कम से कम एक बार बुलाया जाना अधिनियमित है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो विगत तीन वर्षों में कब-कब सम्मिलन बुलाया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत तीन वर्षों में दिनांक 24/07/2023 को सम्मिलन बुलाया गया था।
महिला अपराधों की जानकारी
[गृह]
16. ( क्र. 345 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने महिला अपराध घटित हुए है? घटित अपराधों की संख्या सहित थानावार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिले में घटित हो रहे महिला अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस द्वारा कोई विशेष योजना या तैयारी की है यदि हाँ तो उसकी सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या जिला मुरैना पुलिस द्वारा अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम किये जाते हैं? यदि हाँ तो ऐसे कार्यक्रम ना करने वाले ऐसे कितने थाना प्रभारी है जो जागरूकता कार्यक्रमों के प्रति उदासीन है तथा क्या उन पर कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खनिज मद से किये जा रहे विकास कार्यों की जानकारी
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 346 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में खनिज विभाग को वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? वर्षवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या खनिज विभाग द्वारा प्राप्त राजस्व (खनिज मद) से क्षेत्र में विकास कार्य कराता है। (ग) यदि हाँ, तो विधानसभा अम्बाह में कौन-कौन से और कितने विकास कार्य कराये जा रहे है। नाम स्थान सहित उन कार्यों की स्वीकृत राशि की सम्पूर्ण जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना में खनिज विभाग को वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त राजस्व की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
राजस्व प्राप्ति (रूपये में) |
01. |
2021-22 |
20,66,73,345/- |
02. |
2022-23 |
31,68,35,605/- |
03. |
2023-24 |
35,34,64,930/- |
04. |
2024-25 (21 फरवरी 2025 तक) |
18,67,23,202/- |
(ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सर्वेक्षण सहायकों की नियुक्ति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( क्र. 347 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिनांक 28-11-2014 को एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से 6603 सर्वेक्षण सहायक परीक्षा का विज्ञापन निकाला गया था? यदि हाँ, तो इस विज्ञापन के अनुसार कुल कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं, उनके नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त आवेदनों का किस आधार पर कब चयन किया गया था? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) सभी चयनित सर्वेक्षण सहायकों को कब तक नियुक्तियां दी जायेगी? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार चयनित सर्वेक्षण सहायकों की प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां पर नियुक्तियां की गई? यदि नियुक्तियां नहीं की गई तो कारण सहित जानकारी देवें।
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां। यह कार्य एम.पी. ऑनलाइन द्वारा किया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एम.पी.ऑनलाइन द्वारा चयन कार्य किया गया था। (ग) सर्वेक्षण सहायकों की रूल बुक अनुसार सूचीबद्ध करने की यह प्रक्रिया किसी भी प्रकार की नियुक्ति हेतु चयन नहीं है। अतः इसमें किसी भी आवेदक को नियुक्ति पत्र दिया जाना वांछनीय नहीं है। रूल बुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सर्वेक्षण सहायक के कोई पद स्वीकृत नहीं है। अतः किसी को नियुक्ति नहीं दी गई। कार्य होने पर कार्य दिये जाने की शर्त पर ही सर्वेक्षण सहायकों को केवल सूचीबद्ध किया गया था, रूल बुक की कंडिका - 15 की उप-कंडिका 15.8, 15.10 एवं 15.11 में स्पष्ट है।
शिकायत की जांच
[गृह]
19. ( क्र. 370 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना सारंगपुर, जिला राजगढ़ में असत्य शपथ-पत्र के आधार पर मूल निवासी प्रमाण पत्र क्रमांक/आर.एस./442/0101/696/2013 दिनांक 01.03.2013 बनवाने की शिकायत की गई थी किंतु शिकायत के पश्चात भी अभी तक दोषी के विरूद्ध किसी भी प्रकार की जांच तक नहीं की गई है? दोषी के पास जिला अलीगढ़ उ.प्र. के आधार कार्ड, मतदाता कार्ड, मूल निवासी प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड तथा शादी भी उ.प्र. में होने तथा सभी साक्ष्य जिला अलीगढ़ उ.प्र. के होने के पश्चात सारंगपुर, जिला राजगढ़ से मूल निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की जांच कर अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जायेगा? (ख) मूल निवासी प्रमाण-पत्र दिनांक 01.03.2013 की जांच तहसीलदार सारंगपुर, जिला राजगढ़ में प्रचलित होने पर सभी साक्ष्य प्राप्त करके दोषी के विरूद्ध थाना सारंगपुर द्वारा जांच करके अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा तथा शिकायतकर्ता के बयान तथा साक्ष्य लिये जायेंगे? (ग) शिकायतकर्ता द्वारा नाबालिग बच्ची का अपहरण करने तथा अधिवक्ता द्वारा 30 हजार रूपये की धोखाधड़ी करने के संबंध में सूचना भेजने पर थाना सारंगपुर, जिला राजगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा दिनांक 25.11.2024 को अपहरण की शिकायत करने पर तथा थाना सारंगपुर में दिनांक 06.12.2024 को बयान देने के पश्चात भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है? कब तक प्रकरण दर्ज किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अनावेदिका तरू उपाध्याय द्वारा म.प्र. से मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाकर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से बी.एड. की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा प्राथमिक विद्यालय कचना ब्लाक मुरसान जिला हाथरस में शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्राप्त की है। आवेदन पत्र असत्य शपथ पत्र के आधार पर म.प्र. में मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने का होकर राजस्व विभाग से संबंधित है। मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के समय अनावेदिका के निवास से संबंधित संलग्न दस्तावेजों की सत्यता की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा तहसीलदार सारंगपुर से कराई जा रही है। (ख) आवेदक सुभाषचंद शर्मा द्वारा प्रस्तुत शिकायत के आधार पर दिनाक 29.7.2024 को आवेदक सुभाषचंद शर्मा को तलब कर कथन लेखबद्ध किये गये थे। आवेदक द्वारा अपने कथनों में बताया कि तरू उपाध्याय द्वारा दिनांक 1.2.2013 को असत्य शपथ पत्र के आधार पर मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाया है। उक्त मूल निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर म.प्र. के कोटे से 2013 में सेवियर कॉलेज में बी.एड. में एडमिशन लिया गया था तथा 2014 में बी.एड. उत्तीर्ण की गई थी। तरू उपाध्याय के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र मथुरा हाथरस उ.प्र. के बने है। उनका आधार कार्ड, वोटर कार्ड मूल निवासी प्रमाण पत्र उ.प्र. के बने हुए है। तरू उपाध्याय के माता-पिता म.प्र. के शासकीय कर्मचारी नहीं रहे है और न ही म.प्र. को किसी निगम मंडल की कर्मचारी रहे हैं। तरू उपाध्याय की शादी जिला अलीगढ़ में हुई है। तरू उपाध्याय म.प्र. से मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने की किसी भी प्रकार से पात्रता नहीं रखती है। तरू उपाध्याय द्वारा असत्य शपथ पत्र के आधार पर मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाया है। जिसकी जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा की जा रही है। मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के समय अनावेदिका के निवास से संबंधित संलग्न दस्तावेजों की सत्यता की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर द्वारा तहसीलदार सारंगपुर से कराई जा रही है। जो न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्रमांक 0075/ब-121/2024-2025 पर दर्ज किया जाकर जांच प्रचलित है। तहसीलदार सारंगपुर से जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर अनावेदिका के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी एवं की गई कार्यवाही से आवेदक सुभाषचंद शर्मा को अवगत कराया जावेगा। (ग) आवेदक सुभाषचंद शर्मा द्वारा दिनाक 25.11.2024 को थाना सारनपुर में उपस्थित होकर अनावेदक अमरनाथ एवं आवेदक के छोटे भाई सुमित की पत्नि तरू उपाध्याय के विरूद्ध छेड़छाड़ करने एवं हत्या का आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में आवेदन पत्र प्रेषित किया था। उक्त शिकायत आवेदन जांच के क्रम में पीडि़ता नाबालिग बालिका अनन्या से पूछताछ कर कथन लेखबद्ध किए गये जिसने अपने कथनों में घटना दिनांक 24.11.2024 को मोती मोहल्ला में उसके साथ उसकी मॉ तरू उपाध्याय एवं मॉ के दोस्त अमरनाथ के द्वारा किसी भी प्रकार की गलत हरकत व अपहरण करने के संबंध में प्रयास नहीं करना बताया तथा आरोपी अमरनाथ द्वारा पूर्व में मुरसान में की गई छेड़छाड़ की घटना पर थाना मुरसान में एफ.आई.आर. होना बताया। जाँच के क्रम में चश्मदीद साक्षी मनोज जैन एवं स्वतंत्र साक्षी लाला भाई पिता नजीर खॉ, मोहन लाल पिता जेठमल जैन सर्व निवासी सारंगपुर के कथन लेखबद्ध किये जिन्होंने आवेदक द्वारा आवेदन पत्र में उल्लेखित घटना दिनांक 24.11.2024 को मोती मोहल्ला सारंगपुर में किसी भी बालिका के साथ छेड़छाड़ व अश्लील व्यवहार करने व अपहरण करने के संबंध में घटना नहीं होना बताया। जाँच के दौरान आवेदक सुभाष शर्मा के कथन लिये गये जिसने अपने कथनों में दिनांक 24.11.2024 को दिये गये आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं चाहना, बताया है। आवेदिका की भतीजी अनन्या के साथ अनावेदक अमरनाथ द्वारा की गई छेड़छाड़ के संबंध में थाना मुरसान जिला हाथरस उ.प्र. में दिनांक 27.06.2024 को अपराध क्रमाक 157/24 धारा 294,509,354 भा.द.वि. 7/8 पॉक्सो एक्ट का पंजीबद्ध है। प्रकरण में जांच के दौरान किसी भी प्रकार का अपराध घटित होना नहीं पाया गया है।
एम.एम.आर.डी. एक्ट 1975 के अंतर्गत कार्यवाही
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 406 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 एवं 22 में किन-किन प्रकरणों को किन-किन कारणों से न्यायालय में प्रस्तुत करने का क्या प्रावधान है, यह प्रावधान किस संशोधन से समाप्त किया जाकर राज्य में प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए जाने और मात्र अर्थदण्ड किए जाने का प्रावधान किस दिनांक से लागू किया है? प्रति सहित बतावे। (ख) धारा 21 एवं धारा 22 में प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत करने के दिए गए प्रावधानों को समाप्त कर अर्थदण्ड के ही प्रावधान नियमों में किए जाने का क्या-क्या अधिकार एम.एम.आर.एक्ट 1957 की किस धारा में राज्य शासन को दिया है? (ग) धारा 21 एवं धारा 22 के अनुसार हरदा, बैतूल जिले से गत पांच वर्षों में कितने बनाए गए प्रकरणों में से कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किए, कितने प्रकरण न्यायालय में किन-किन कारणों से प्रस्तुत नहीं किए गए? (घ) धारा 21 एवं धारा 22 के अनुसार प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत करने हेतु राज्य मंत्रालय क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा? समय-सीमा सहित बतावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अधिसूचित एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 की उपधारा 4 या उपधारा 1-क के उपबंधनों का उल्लंघन होने पर सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत करने के प्रावधान है। धारा 22 में अपराधों का संज्ञान लिये जाने के संबंध में प्रावधान है। एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 में संशोधन की शक्तियाँ राज्य शासन स्तर पर निहित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला बैतूल में गत पाँच वर्षों में कुल 701 प्रकरण बनाये गये, जिनमें से एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 व 22 के तहत कुल 29 प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। शेष प्रकरणों में एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 23 (ग) से खनिजों के अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण को निवारित करने के लिये तथा उन से संबंधित प्रयोजनों के लिये राज्य सरकार को प्रदत्त की गई शक्तियों के तहत बनाये गये अधिसूचित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53, मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2019 व मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के अंतर्गत निराकृत होने से न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये। इसी प्रकार जिला हरदा में गत पाँच वर्षों में कुल 809 प्रकरण बनाये गये, जिनमें से एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 21 व 22 के तहत कुल 26 प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। शेष प्रकरणों में एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 की धारा 23 (ग) से खनिजों के अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण को निवारित करने के लिये तथा उनसे संबंधित प्रयोजनों के लिये राज्य सरकार को प्रदत्त की गई शक्तियों के तहत बनाये गये अधिसूचित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53, मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2019 व मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के अंतर्गत निराकृत होने से न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये। (घ) नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थाना गौरा बाजार की जानकारी
[गृह]
21. ( क्र. 407 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना प्रभारी गौरा बाजार जबलपुर ने प्रतिवेदन क्रमांक 699/2024 दिनांक 18/10/2024 से किस आवेदन की जांच कर पुलिस अधीक्षक से किस-किस धारा का प्रकरण किसकी शिकायत पर किस-किस के विरूद्ध पंजीबद्ध करने की अनुमति चाही थी उस पर पुलिस अधीक्षक ने क्या-क्या निर्देश दिए। (ख) पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर किस अधिकारी ने किस दिनांक को क्या-क्या जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रेषित किया उस प्रतिवेदन पर नगर पुलिस अधीक्षक कैन्ट एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 ने क्या-क्या टीप दर्ज की पुलिस अधीक्षक ने क्या आदेश, निर्देश दिए। (ग) थाना प्रभारी गौरा बाजार द्वारा दिनांक 18/10/2024 को प्रेषित जांच प्रतिवेदन एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई जांच के प्रतिवेदन में क्या-क्या अन्तर है, दोनों की ही प्रति सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवेदक शिल्पेश शिवहरे द्वारा अनावेदक मंजीत सिंह बेदी तथा हरजीत कौर निवासी हाथीताल के विरूद्ध अतिथि शिक्षक में नौकरी लगाने के नाम पर पांच लाख रूपये लेकर शिक्षा विभाग का फर्जी ज्वाईनिंग लेटर देने एवं हरजीत कौर का दिया गया चौक बैंक में बाउंस होने के संबंध में शिकायत प्रस्तुत की थी। अनावेदक मंजीत सिंह बेदी तथा हरजीत कौर के विरूद्ध अपराध धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. का प्रकरण कायम करने की अनुमति हेतु नगर पुलिस अधीक्षक केंट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर जोन-2 से अग्रेषित कराये जाने के उपरांत पुलिस अधीक्षक जबलपुर की ओर अनुमति हेतु भेजा गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा अनावेदक मंजीत सिंह की भूमिका के संबंध में जानकारी, अनावेदिका हरजीत कौर की पदस्थापना के संबंध में जानकारी तथा आवेदक से मूल दस्तावेज प्राप्त करने के संबंध में निर्देशित किया गया था। (ख) दिनांक 30.10.2024 को पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना गोराबाजार के स.उ.नि. विश्वेश्वर वर्मा द्वारा दिनांक 07.11.2024 को जिला शिक्षा अधिकारी से हरजीत कौर की पदस्थापना की जानकारी प्राप्त की गई दिनांक 10.11.2024 को साक्षी श्याम मनोहर के कथन, दिनांक 11.12.2024 को अनावेदक हरजीत, मनजीत के कथन दिनांक 13.11.2024 को अतिन्दरपाल सिंह के कथन लेख किये। शिकायत जांच में आवेदक द्वारा लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से थाना प्रभारी गोराबाजार द्वारा दिनांक 01.01.2025 को शिकायत को नस्तीबद्ध किया गया जिसका पालन प्रतिवेदन थाना प्रभारी गौराबाजार द्वारा सीधे पुलिस अधीक्षक को दिनांक 04.01.2025 को प्रेषित किया गया था, जिस कारण नगर पुलिस अधीक्षक केंट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 द्वारा कोई टीप नहीं लगाई गई। (ग) थाना प्रभारी गोराबाजार द्वारा दिनांक 18.10.2024 को प्रेषित जांच प्रतिवेदन अनसार आवेदक शिल्पेश शिवहरे द्वारा थाना प्रभारी गोराबाजार को प्रस्तुत शिकायत पत्र की जांच में आवेदक के कथन एवं जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 420,467,468,471 भा.द.वि. का पाया जाने से थाना प्रभारी गोराबाजार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर अराज नम्बर 699/24 दिनांक 18.10.2024 में अनावेदिका हरजीत कौर, मंजीत सिंह बेदी के विरूद्ध नगर पुलिस अधीक्षक केंट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-2 अनुशंसा उपरांत पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई जांच के प्रतिवेदन में पुलिस अधीक्षक से प्राप्त निर्देश उपरांत अनावेदक के कथन पदस्थापना की जानकारी आवेदक शिल्पेश की दिनांक 03.01.2023 से 14.09.2024 तक की कॉल डिटेल में दिनांक 18.06.23 को कोई कालिंग होना नहीं पाया गया एवं कॉल डिटेल में दिनांक 11.03.2023 को आवेदक का लोकेशन जिला बरगढ़ उड़ीसा का होना पाया, आवेदक द्वारा लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से थाना प्रभारी गोराबाजार द्वारा दिनांक 01.01.2025 को, शिकायत को नस्तीबद्ध किया गया। जिसका पालन प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को दिनांक 04.01.2025 को प्रेषित किया गया। दोनों जांच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
22. ( क्र. 451 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार की कितनी जनकल्याणकारी व विकास योजनायें वर्तमान में गतिशील हैं? कौन-कौन सी योजनायें, किन-किन विभागों से संबंधित हैं? योजनाओं के उद्देश्य एवं लक्ष्य की जानकारी योजनावार,विभागवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 10 वर्षों में योजनावार, लाभान्वितों की संख्यात्मक जानकारी जिलावार, विधानसभावार देवें? योजना का वर्षवार लक्ष्य, लक्ष्य की प्राप्ति एवं व्यय सीमा क्या है कब तक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसारविगत 10 वर्षों में योजनाओं हेतु आवंटित राशि, व्यय राशि, शेष राशि की जानकारी विभागवार, योजनावार, जिलावार, विधानसभावार दें?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था सुधार
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 452 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, केन्द्रों की जानकारी, उनमें दर्ज बच्चों की संख्या, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी केन्द्रवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन पर संचालित हैं, कितने किराये या अन्य भवनों पर संचालित हैं, किराये में कितनी राशि का भुगतान प्रतिमाह आंगनवाड़ीवार किया जा रहा है? पूर्ण जानकारी केन्द्रवार दें? भवनविहीन केन्द्रों के भवन कब तक स्वीकृत कर निर्मित कराये जायेंगे एवं रिक्त पदों में स्थानीय स्तर पर भर्ती/व्यवस्था कब तक की जायेगी? (ग) चित्रकूट विधानसभा में संचालित योजनाओं की पूर्ण जानकारी देवें? विगत 5 वर्ष में कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं, मदों में खर्च की गई? केन्द्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में किन-किन केन्द्रों में कितने कुपोषित बच्चों को सुपोषित एवं स्वस्थ किया गया, उक्त कार्य में कितनी राशि व्यय हुई? पूर्ण जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 5 वर्षों में संचालित केन्द्रों में से किन-किन के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई, शिकायतों की जांच अनुसार क्या कार्यवाहियां की गई, शिकायतकर्ता, शिकायत, जांच कार्यवाही की जानकारी केन्द्रवार दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 359 आंगनवाड़ी केन्द्र। आंगनवाड़ी केन्द्र में केन्द्रवार दर्ज बच्चों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिट''अ'' पर है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के कार्यरत एवं रिक्त पदों की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब'' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 156 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है, 83 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है तथा 120 केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। किराये पर संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन किराया भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' पर है। आंगनवा़ड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण निरन्तर चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति एक निरन्तर प्रक्रिया है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' पर है। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत संचालित गतिविधियां तथा कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं, जिसमें चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को संस्थागत एवं गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को समुदाय स्तर पर प्रबंधन किया जाता हैं, जिसमें टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, दवाइयां पोषण आहार आदि प्रदाय किया जाता है। कुपोषित बच्चे हेतु प्रति बच्चा राशि रू. 4/- प्रतिदिन की दर से दिये जाने का प्रावधान है। यह राशि पूरक पोषण आहार हेतु प्रदाय राशि में ही सम्मिलित होती है। पृथक से राशि प्रावधानित नहीं होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' पर है।
दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 457 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण किन-किन विभागों के ट्रेस किए गए? वर्षवार एवं विभागवार प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) ट्रेस प्रकरणों में लोकायुक्त द्वारा किन-किन अधिनियम किन-किन नियम एवं धाराओं में कुल कितने प्रकरण दर्ज किए? उन सभी नियम निर्देशों एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावे। (ग) ट्रेस प्रकरणों में कितने प्रकरणों का निराकरण किन-किन नियमों में हुआ? कितने प्रकरणों का निराकरण शेष हैं? प्रत्येक प्रकरणों पर विभागवार वर्षवार ब्यौरा देवें। (घ) सभी ट्रेस किए कितने प्रकरणों में किस-किस विभाग के किन-किन कर्मचारियों पर कब-कब निलंबन की दंडात्मक कार्यवाही हुई? उनके आदेश एवं दंडात्मक कार्यवाही के अभिलेख दस्तावेजों सहित प्रस्तुत करें। (ड.) ट्रेस किए गए कितने कर्मचारी किस-किस विभाग के दंडित हुए? कितने दंडित होना शेष है? कितने दंड से मुक्त किए गए? सभी अपचारी अधिकारियों की प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावे। (च) सभी दागी अधिकारी वर्तमान में कहां-कहां, किस-किस विभाग में कार्यरत हैं? उनकी गोपनीय चरित्रावली एवं विभागीय जांच में क्या-क्या निर्णय लेकर कौन-कौन सी शासन की सुविधाओं से दंडात्मक प्रयोजन से वंचित किया जा चुका हैं? ब्यौरा एवं अपचारियों के नाम, पदनाम विभागवार सूची उपलब्ध करावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ‘’ट्रेस’’ की कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की जाती है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (च) उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार।
लाड़ली बहना योजना का लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 510 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत लाड़ली बहना योजना में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी लाड़ली बहना के आवेदन स्वीकृत किये गये है? प्रत्येक लाड़ली बहना का नाम, पता, मोबाईल नम्बर, वार्डवार, ग्रामवार, शहरवार पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश ''क'' क्षेत्र अंतर्गत लाड़ली बहना योजना अंतर्गत कितने बहनों के खातों में 1250 रूपये डाले गये? प्रत्येक लाड़ली बहना का नाम, पता, मोबाईल नम्बर, वार्डवार, ग्रामवार, शहरवार पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश ''क'' क्षेत्र अंतर्गत लाड़ली बहना योजना अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी महिलाओं द्वारा लाड़ली बहना योजना के तहत आवेदन किये गये थे? उनमें से कितनी अपात्र पाई गई है? अपात्र महिलाओं के नाम, पता, मोबाईल नम्बर, वार्डवार, ग्रामवार, शहरवार पृथक-पृथक उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 (पेन ड्राईव) अनुसार है। लाभार्थी महिलाओं की निजता के दृष्टिगत उनके मोबाईल नंबर की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (पेन ड्राईव) अनुसार है। लाभार्थी महिलाओं की निजता को दृष्टिगत उनके मोबाईल नंबर की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 अनुसार है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 511 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बालिकाओं के जन्म का रिकार्ड विभाग को प्राप्त हुआ है और उसमें से कितनी बालिकाओं की लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदन भरे गये है? परियोजनावार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितनी बालिकाओं के लाड़ली लक्ष्मी योजनाओं के आवेदन प्रश्न दिनांक तक नहीं भरे गये है? परियोजनावार सूची देवें? (ग) उक्त समयावधि में हितग्राही द्वारा कितने आवेदन अपील हेतु दिये गये है? उनमें से कितने स्वीकृत हुये और कितने शेष है? परियोजनावार सूची देवें? (घ) उक्त अवधि में योजना के प्रचार-प्रसार के लिये विभाग द्वारा कुल कितना आवंटन जिले को प्राप्त हुआ है और यह राशि कब-कब, किस कार्यक्रम के लिये, कहां-कहां व्यय की गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सिवनी जिले में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक 31399 बालिकाओं के जन्म के रिकार्ड प्राप्त हुये है और उसमें से 31264 बालिकाओं के लाड़ली लक्ष्मी योजना में आवेदन भरे गये है। परियोजनावार सूची संलग्न परिशिष्ट-अ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अवधि में 102 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदन प्रश्न दिनांक तक नहीं भरे गये है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ग) उक्त समयावधि में हितग्राहियों द्वारा 2730 आवेदन अपील हेतु दिये गये है, उनमें से 2716 प्रकरण स्वीकृत हुए है, 14 प्रकरण शेष है। परियोजनावार सूची संलग्न परिशिष्ट-ब पर है। (घ) उक्त अवधि में योजना अंतर्गत प्रचार-प्रसार के लिए कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है शेष का प्रश्न नहीं है।
कार्यभारित कर्मचारियों को अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 549 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा कार्यभारित कर्मचारियों हेतु वर्ष 1999 से 2016 के मध्य किसी कार्यभारित कर्मचारी का सेवा में रहते निधन हो जावे तो अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान है अथवा नहीं। (ख) क्या 2016 के पश्चात शासकीय सेवा में रहते हुए निधन हो जाने पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है, यदि हाँ, तो वर्ष 1999 से 2016 के बीच क्यों नहीं? (ग) क्या कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण की पात्रता होती है अथवा नहीं यह सही है कि जो कर्मचारी न्यायालय से आदेश प्राप्त करता है केवल उनका ही व्यक्तिगत आदेश निकाला जाता है, तकनीकी विभाग लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्यभारित कर्मचारियों को अनुकम्पा एवं अवकाश नगदीकरण का लाभ मिलेगा अथवा नहीं (घ) झाबुआ जिले में समस्त विभागों वर्ष 2016 से दिसम्बर 2024 तक कितने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित है और कितने को नियुक्ति प्रदान की गई है लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर कब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। कार्यभारित कर्मचारी का सेवा में रहते निधन होने पर अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्रमांक सी.5-1/2016/1/3, दिनांक 31.08.2016 संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 14.09.1992 एवं सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र दिनांक 31.08.2016 समस्त विभागों में लागू हैं। जो संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाहन चैकिंग अभियान में अर्थदण्ड की वसूली
[गृह]
28. ( क्र. 555 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पुलिस बल कटनी द्वारा समय-समय पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में वाहन चैकिंग अभियान चलाकर अर्थदण्ड वसूल किया जाता है, क्या इसके लिये प्रतिमाह थाना क्षेत्रवार कोई लक्ष्य निर्धारित है। थानावार संपूर्ण जानकारी देवे। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक माहवार की गई चालानी कार्यवाही की सूची व वसूल किए गये जुर्माने सहित थाना क्षेत्रवार जानकारी देवे। संपूर्ण सूची उपलब्ध करावे। (ग) कटनी जिला अंतर्गत बहोरीबंद थाना नवीन भवन में कब स्थानांतरित हुआ, इसके पहले कब से कब तक यह किस स्थान से संचालित था, वर्तमान समय में पुराने थाना परिसर की भूमि किसके नियंत्रण में किस स्थिति में है, संपूर्ण जानकारी देवे? (घ) क्या ऊपर उल्लेखित पुराने थाना परिसर की भूमि का वर्तमान में कोई उपयोग हो रहा है, यदि नहीं तो क्या शासन इस भूमि को किसी अन्य प्रयोजन हेतु संरक्षित करेगा, उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मान. न्यायालय एवं विभागीय निर्देशों के पालन में सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण, नियमन एवं लोगों को जागरूक करने के लिये समय-समय पर वाहन चैकिंग अभियान चलाकर समन शुल्क संग्रहित किया जाता है। पृथक से थानावार संख्यात्मक लक्ष्य नहीं दिया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बहोरीबंद थाना नवीन भवन में दिनांक 31.05.2007 को स्थानांतरित हुआ। 31.05.2007 से पूर्व थाने का संचालन पुराना थाना भवन बहोरीबंद में संचालित था। वर्तमान समय में पुराना बहोरीबंद थाने की भूमि पुलिस के आधिपत्य में है। (घ) कानून व्यवस्था की ड्यूटी हेतु पुराने थाना परिसर की भूमि का उपयोग हो रहा है। चूंकि थाना बहोरीबंद में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों को थाना क्षेत्र में रहना अतिआवश्यक है। थाना परिसर में शासकीय आवास गृह न होने से अधिकारियों/कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुराने थाना भवन की भूमि पर थाना बहोरीबंद के स्टाफ के निवास हेतु भविष्य में शासन इस भूमि पर थाना बहोरीबंद में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये शासकीय पुलिस आवास गृह बनाये जाने की योजना है।
मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद् का गठन
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र.
572 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
कार्य
गुणवत्ता
परिषद् का गठन
कब किया गया
था और इसका
क्या
उद्देश्य है
और इसकी क्या
शक्तियां हैं? (ख) स्थापना
दिनांक से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक इस
संस्थान पर
कुल कितनी
राशि खर्च की
गई है?
सम्पूर्ण
ब्यौरा
देवें। (ग) स्थापना
दिनांक से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
संस्थान के
द्वारा कुल
कितनी शिकायतों
की जांच की गई? जांच
प्रतिवेदन पर
सरकार के किस-
किस विभाग के
द्वारा
कौन-कौन सी
कार्यवाही की
गई है? किस-किस
पर की गई है? की गई
कार्यवाही के
अभिलेख
देवें। (घ) जांच
करने के
उपरांत क्या
कार्यवाही
करने के अधिकार
मध्यप्रदेश
गुणवत्ता
परिषद् को प्रदान
किए गए हैं? यदि
नहीं तो सरकार
इसके संबंध
में क्या
प्रभावी
कार्यवाही करेगी?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन,
सामान्य
प्रशासन
विभाग का आदेश
दिनांक 13.05.2022 द्वारा
मध्यप्रदेश
कार्य गुणवत्ता
परिषद का गठन
किया गया।
गुणवत्ता
परिषद के
उद्देश्य
एवं शक्तियों
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार।
(ख) परिषद को
प्राप्त
अनुदान राशि
में से वित्तीय
वर्ष 2023-24
में राशि 3,13,05,923,70/- (तीन
करोड़ तेरह
लाख पांच हजार
नौ सौ तेईस
एवं सत्तर
पैसे मात्र)
एवं वित्तीय
वर्ष 2024-25
में प्रश्न
दिनांक तक
राशि रूपये 2,18,37,285/- (दो
करोड़ अठारह
लाख सैंतीस
हजार दो सौ
पचासी मात्र)
का व्यय हुआ
है, इस
प्रकार कुल
राशि 5,31,43,208,70
( पांच करोड़
इकतीस लाख
तिरालिस हजार
दो सौ आठ रूपये
सत्तर पैसे
मात्र) का व्यय
हुआ जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार।
(ग) स्थापना
दिनांक से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक मध्यप्रदेश
कार्य गुणवत्ता
परिषद द्वारा
कुल 03
शिकायतों की
जांच की गई
है। शिकायतों
के जांच
प्रतिवेदन पर
लोक निर्माण
विभाग में
कार्यवाही
प्रचलित है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी, नहीं।
जांच पर
कार्यवाही
संबंधित
विभागों द्वारा
की जाती है।
ठेकेदार को निर्माण कार्य के भुगतान के साथ दी गई जी.एस.टी. राशि
[वाणिज्यिक कर]
30. ( क्र. 573 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी मेसर्स प्रकाश कल्याण जी पाटीदार साट्कुर GSTN - 23ANAPP0122H1ZO एवं मेसर्स नारायण दास फूलचंद मिश्रा इन्फ्रा.प्रा.लि. महु GSTN - 23AABCN8534C1ZT द्वारा पैकेजो क्र. MP2205UPG, 22WB05, 22WB04, 22701, 22604 एवं 22MTN136 का निर्माण कार्य किया गया है। (ख) विभाग द्वारा ठेकेदारों को भुगतान की गई GST की राशि के विरूद्ध कार्य में उपयोग की गई सामग्री के GST बिल प्रस्तुत करने के उपरान्त शेष राशि जमा शासन को जमा की गई है? अगर हाँ तो कितनी राशि जमा की गई है? (ग) निर्माण में उपयोग कि गई सामग्री के प्रस्तुत बिलों का सत्यापन किस प्रकार किया गया है? ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बिलों के सत्यापन करने के लिए निर्माण विभाग से कौन सी जानकारी ली जाती है? ठेकेदार द्वारा पैकेज में उपयोग होने वाले के लिए निविदा में प्रस्तावित मात्रा की जानकारी प्रस्तुत की गई है? (घ) GST टैक्स के तहत आम आदमी से पूर्ण रूप से GST टैक्स लिया जाता है अगर हाँ तो ठेकेदारों को मशिनरी खरीदने पर GST टैक्स में किस प्रकार और कितनी छूट का प्रावधान है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, संविदाकार के साथ निष्पादित अनुबंध में कार्य में उपयोग की गयी सामग्री के GST बिल विभाग में प्रस्तुत नहीं किये जाते है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संविदाकार को प्रचलित दर अनुसार पैकेजवार भुगतान की गई GST राशि तथा जी.एस.टी. विभाग को जमा की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी.एस.टी. का उदग्रहण माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। ठेकेदारों को मशीनरी खरीदने पर जी.एस.टी. टैक्स में अतिरिक्त छूट का प्रावधान नहीं है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 575 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से प्रश्न दिनांक तक कितने भवन पूर्ण है, कितने अपूर्ण/अप्रारंभ है। वर्षवार जिलावार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ख) अपूर्ण/ अप्रारंभ भवनों को कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है? समय-सीमा बताएं। (ग) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार क्षेत्र में ऐसे कितने आंगनवाड़ी भवन है जो अपूर्ण/अप्रारंभ है उनकी सूची उपलब्ध कराई जाये? कार्य के विलंब के लिए कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक इन कार्यों को पूर्ण कराया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के समस्त जिलों में विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण किये जाने की कार्यवाही प्रगतिरत है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र भितरवार के 64 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण/अप्रारंभ है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 पर है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
[विधि एवं विधायी कार्य]
32. ( क्र.
576 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) गरीब/असहाय
व्यक्तियों
को कानूनी
सहायता उपलब्ध
कराये जाने की
शासन की क्या
नीति/ योजना है? (ख) क्या
यह सही है कि
प्रश्नांश
(क) योजना
अन्तर्गत
शिविर लगाए
जाकर जरूरतमंदों
को योजना का
लाभ दिलाने
हेतु शासन प्रयास
करता है? यदि हाँ तो
क्या-क्या? (ग) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
हाँ में है तो
क्या
विधानसभा 18
भितरवार, जिला
ग्वालियर
अन्तर्गत
किन-किन
दिनांकों में
कौन-कौन से
ग्रामों में
शिविर लगाये
गये? यदि
शिविरों का
आयोजन नहीं
किया गया है
तो कब तक
शिविर लगाये
जायेंगे?
समय-सीमा
बताएं? (घ) विगत
दो वर्षों में
प्रश्न
दिनांक तक
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में कितने
जरूरतमंदों
को लाभ दिया
गया है, नामवार, ग्रामवार
जानकारी दें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गरीब/असहाय
व्यक्तियों
को कानूनी
सहायता विधिक
सेवा प्राधिकरण
अधिनियम, 1987 की
धारा 12
में उल्लेखित
श्रेणियों के
पात्र
हितग्राहियों
को म.प्र. शासन
की नि:शुल्क
विधिक सहायता
एवं सलाह
योजना के
अंतर्गत विधिक
सेवा संस्थानों
के माध्यम से
उपलब्ध कराई
जा रही है। (ख) यह
आंशिक रूप से
सही है कि
उपरोक्त
योजना
अंतर्गत लाभ
दिलाये जाने
हेतु विधिक जागरूकता
शिविरों का
आयोजन समय-समय
पर किया जाता
है किन्तु
विधिक सहायता
की वांछा करने
वाले आवेदकों को
माननीय
सुप्रीम
कोर्ट स्तर
पर उच्चतम न्यायालय
विधि सेवा
समिति, माननीय उच्च
न्यायालय स्तर
पर उच्च न्यायालय
विधिक सेवा
समिति, जिला स्तर
पर जिला विधिक
सेवा
प्राधिकरण, तहसील
स्तर पर
तहसील विधिक
सेवा समिति के
समक्ष आवेदन करना
होता है, तभी उसे
उसके मामले
में विधिक
सहायता
प्रदान की जाती
है। आवेदक इस
संबंध में
राष्ट्रीय
विधिक सेवा
प्राधिकरण
एवं राज्य
विधिक सेवा
प्राधिकरण के
ऑनलाईन
पोर्टल पर ई-मेल
अथवा स्वयं
उपस्थित होकर
भी विधिक
सहायता की
मांग कर सकता
है। (ग)
विधान सभा-18
भितरवार
अंतर्गत
तहसील विधिक
सेवा समिति भितरवार
के माध्यम से
प्रतिमाह
औसतन 03
विधिक
जागरूकता
शिविरों का
आयोजन किया
जाता है। वर्ष
2024
एवं वर्ष 2025 में
निम्नानुसार
विधिक
जागरूकता
शिविरों का
आयोजन किया
गया है, जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र -''अ'' अनुसार
है। (घ)
तहसील
विधिक सेवा
समिति
भितरवार के
अंतर्गत विगत 02
वर्षों में
प्रकरणों में
चाही गई विधिक
सहायता के
आवेदक/जरूरतमंद
को लाभ दिये
जाने संबंधी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र -''ब'' अनुसार
है।
विधायक निधि के कार्यों की समय-सीमा
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
33. ( क्र. 600 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक के द्वारा विधायक निधि से करवाए जाने वाले कार्य जिसमें कार्य का नाम, कार्य पूर्ण की समय-सीमा निविदा, टेंडर, गुणवत्ता व राशि भुगतान की समय-सीमा आदि की जानकारी के संबंध में कोई गाइडलाइन उपलब्ध है यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में स्वीकृत कार्य के पूर्ण होने के बाद राशि का भुगतान कितने दिनों में किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि लंबे समय में भुगतान किया जा रहा है तो उसका जिम्मेदार कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी और यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या शासन स्तर पर विधायक निधि से स्वीकृत कार्य पूर्ण होने पर राशि विलंब से जारी करने वालों के लिए जिला स्तर पर कोई निगरानी टीम बना रखी है यदि हाँ, तो अभी तक राशि विलंब से जारी करने वालों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य पूर्ण होने के उपरांत क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा कार्य के मूल्यांकन एवं आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने के उपरांत शेष राशि जारी की जाती है। (ग) किसी तरह का विलम्ब नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से स्वीकृत कार्यों की निगरानी के संबंध में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका, 2013 की कंडिका - 4 में प्रावधान है। निगरानी टीम जैसा कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिलाओं एवं नाबालिग कन्याओं की गुमशुदगी के प्रकरण
[गृह]
34. ( क्र. 610 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 10/02/2025 की स्थिति में महिलाओं/नाबालिग कन्याओं की गुमशुदगी के कितने प्रकरण हैं? जिलावार पृथक-पृथक देवें। (ख) दिनांक 01/01/2024 से 31/01/2025 तक महिलाओं/नाबालिग कन्याओं की कितनी बरामदगी दर्ज की गयी? जिलावार, माहवार देवें। (ग) उपरोक्त (ख) अनुसार समयावधि में इन प्रकरणों में कितनी गिरफ्तारियां हुईं एवं कितनी गिरफ्तारियां शेष हैं? जिलावार बतावें। यह भी बतावें कि 3 माह से अधिक गिरफ्तारियों के कितने प्रकरण प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार लंबित हैं? जिलावार देवें। एक वर्ष से अधिक लंबित गिरफ्तारी के प्रकरण भी इसी अनुसार देवें। (घ) गिरफ्तारी के लंबित प्रकरण कब तक निराकृत कर दिए जाएंगे व प्रश्नांश (क) अनुसार गुमशुदगी के प्रकरणों में बरामदगी कब तक सुनिश्चित की जायेगी? समय-सीमा देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार है।
कुपोषण दूर करने हेतु की गई कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 616 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा जिला खरगोन में नवजात शिशुओं में गंभीर कुपोषण स्थिति को समाप्त करने एवं कुपोषित नौनिहालों की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य कौन-कौन से कार्य केन्द्र/राज्यों में प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से किए जा रहे है? यदि हाँ तो जिला खरगोन में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाये गये एवं विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु उक्त वर्षों में किस-किस दिनांक से बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ्य लाभ हेतु क्या-क्या उपाय किये गये? (ख) जिला खरगोन में विकासखंडवार, वर्षवार कितने-कितने बच्चे कुपोषित होकर कुपोषण ग्रस्त पाए गए, उनकी देखभाल हेतु विकासखंडवार क्या-क्या कार्यवाही की गयी? साथ ही विभाग द्वारा किस फर्म, एजेंसी, एन.जी.ओ. संस्था अथवा अन्य किसी दानदाताओं के माध्यम से कोई कार्य किए गए है? उपरोक्तानुसार उल्लेखित समस्त प्रश्नों में सम्मिलित विषयों के कार्य हेतु जिलेवार, विकासखंडवार कितना-कितना बजट स्वीकृत एवं व्यय किया गया? व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किस प्रकार किया गया? केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों से संबधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर उपचार एवं पोषकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा गैर चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों का समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन किया जाता है। कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त आहार के रूप में राशि रू.4/- प्रति बच्चा प्रतिदिन का पूरक पोषण आहार प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। प्रत्येक माह की 11 से 20 तारीख तक सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाकर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। उल्लेखित अवधि में वर्षवार व परियोजनावार कुपोषित बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) कुपोषित बच्चों की वर्षवार व परियोजनावार संख्यात्मक जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार है। कुपोषण निवारण संबंधी कार्यक्रम में किसी फर्म, एजेंसी, एन.जी.ओ., संस्था अथवा अन्य किसी दानदाताओं के माध्यम से किसी कार्य में सहयोग नहीं किया गया है। कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस हेतु विभाग में अलग से कोई बजट प्रावधानित नहीं है। अतिकुपोषित बच्चों को राशि रूपए 4 का अतिरिक्त आहार देने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के बजट में ही समाहित है। शेष का प्रश्न नहीं। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों से संबंधित संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है।
अपराधों पर नियंत्रण हेतु की गई कार्यवाही
[गृह]
36. ( क्र. 617 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 01 वर्ष में प्रदेश के खरगोन जिले में कितने गंभीर एवं संगीन अपराध घटित हुए? घटित अपराधों की किन-किन धाराओं में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? जिले के प्रत्येक अनुविभाग के प्रत्येक थाने एवं चौकी में पंजीबद्ध अपराधों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) विगत 01 वर्ष में खरगोन जिले में महिलाओं बच्चियों से हुए दुष्कर्म एवं महिला संबंधी कितने गंभीर अपराध घटित हुए है? लूट, मर्डर, डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, पास्को एक्ट आदि के अन्तर्गत उपरोक्त अवधि में कुल कितने प्रकरण किन-किन धाराओं में दर्ज हुए? दिनांक अपराध धारा सहित रिकॉर्ड देवें। विगत 01 वर्ष में खरगोन जिले में अवैध वसूली, जमीनों पर अवैध कब्जे के मामलों में कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? दिनांक धारा सहित रिकार्ड देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) विगत 01 वर्ष में जिला खरगोन में महिलाओं, बच्चियों से हुये दुष्कर्म एवं महिला संबंधी गंभीर अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। लूट, मर्डर, डिजिटल अरेस्ट, सायबर क्राईम, पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। विगत 01 वर्ष में खरगोन जिले में अवैध वसूली एवं जमीनों पर अवैध कब्जे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 619 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवनों मे, कुल कितने निजी भवनों में संचालित हो रहे है? केंद्रवार जानकारी देवें। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने आंगनवाड़ी केंद्र है जो भवन विहीन है? वर्तमान में उनका संचालन कहाँ और किस प्रकार किया जा रहा है? ऐसे कितने आंगनवाड़ी केंद्र है जो किराये के भवन में संचालित हो रहे है? उनका किरायानामा अनुबंध, किराये की राशि, भवन मालिक के नाम पते सहित सम्पूर्ण जानकारी पंचायतवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केंद्रों के भवनों की स्वीकृति प्रदान की गयी? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन कब तक स्वीकृत किए जाएंगे? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता विधानसभा के अंतर्गत ऐसे कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र है जिनमें शुद्ध पेयजल/शौचालय/बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है? जानकारी देते हुए बतावें कि इसकी उपलब्धता के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 306 आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवनों में एवं 31 आंगनवाड़ी किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। केंद्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 31 आंगनवाड़ी केंद्र भवन विहीन है। वर्तमान में उनका संचालन किराये के भवनों में किया जा रहा है। 31 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। किराये की राशि, भवन मालिक के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र हेतु वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक 16 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के समस्त 306 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल सुविधा उपलब्ध है। 40 आंगनवाड़ी केंद्रों में बिजली एवं 29 केन्द्रों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों को पेयजल, बिजली एवं शौचालय युक्त भवनों में शिफ्ट किया जा रहा है।
इनवेस्टर्स समिट की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
38. ( क्र. 637 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2023 से अब तक मध्यप्रदेश में अब तक कितने इन्वेस्टर्स मीट हुए हैं। (ख) प्रदेश में इनवेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए देश और विदेश के दौरे में शासकीय धन का कितना व्यय हुआ है? (ग) कितने उद्योग स्थापित हुए? (घ) कितना रोजगार सृजित हुआ है। (ड.) कितने युवकों को रोजगार मिला है? (च) मध्यप्रदेश के कितने लोगों को रोजगार दिया गया है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिसम्बर 2023 से अब तक (प्रश्न दिनांक 17.02.2025 तक) कुल 07 रीजनल इण्डस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन किया गया हैं। (ख) प्रश्नांश '1' में उल्लेखित अवधि के परिप्रेक्ष्य में देश और विदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु आयोजित इंटरेक्टिव सत्र के दौरे में लगभग राशि रू. 24.79 करोड़ (प्रावधिक) का व्यय हुआ है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति 2014 अंतर्गत प्रावधानित सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदनों अनुसार कुल 57 वृहद श्रेणी के उद्योग स्थापित हुए है। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्थापित वृहद श्रेणी के उद्योगों में 21457 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ हैं। (च) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्थापित वृहद श्रेणी के उद्योगों में मध्यप्रदेश के 17743 लोगों को रोजगार दिया गया है।
मस्जिदों पर लाऊडस्पीकर पर प्रतिबंध
[गृह]
39. ( क्र. 641 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पांच वक्त की नमाज़ के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से जिले में प्रतिबंध लागू किया गया है? (ग) मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध के लिए क्या सरकार कोई कानून बनाने जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी.जे./सम्बोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरूद्ध प्रयोग पर नियंत्रण/ कार्यवाही हेतु दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 को दिशा-निर्देश जारी किये गये है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की जानकारी व कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 643 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 726 दिनांक 06.11.2024 कलेक्टर/मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट को पत्र लिखा गया था? पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? आदेश, निर्देश व जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये। संबंधित दोषी अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतायें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर बालाघाट, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट व मुख्य नगर पालिका अधिकारी बालाघाट को विगत 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने पत्र प्रेषित किये गये हैं, (कलेक्टर जिला योजना एवं सांख्यिकी बालाघाट को छोड़कर) पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण जानकारी की प्रति उपलब्ध करायें? पत्र पर कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये दोषी कौन-कौन हैं? संबंधित दोषी अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 726 दिनांक 06.11.2024 प्राप्त होना नहीं पाया गया। अत: उक्त पत्र पर कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कुल 160 पत्र प्रेषित किए गए हैं, जिनमें से कुल 86 पत्रों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 74 पत्रों पर कार्यवाही प्रचलित है तथा कार्यवाही प्रचलित होने से कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निराकृत पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं लंबित पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’’ अनुसार है।
विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 645 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के खनिज अधिकारी की नियुक्ति दिनांक से सभी विकासखंडों में प्रश्न दिनांक तक रेत खदान के अवैध उत्खनन को रोकने रेत माफियाओं पर क्या कार्यवाहीं की गई? यदि कार्यवाहीं की गई है तो कार्यवाहीं के सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) अवैध उत्खनन को लेकर जिला कलेक्टर बालाघाट एवं राजस्व विभाग भोपाल को संबंधित सूचना दी गई? यदि हाँ, तो सूचना के दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) क्या अवैध रेत के भंडारणों पर जप्ती की कार्यवाही की गई? जप्त भंडारणों की सूची एवं पंचनामें सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें? (घ) जिले में स्वीकृत रेत खदानों के किये गये सीमांकन की फोटो जिसमें सीमांकन का प्रतिक चिन्ह जो लकड़ी या फेंसिंग या अन्य वस्तु से किया गया हो एवं साथ ही पंचनामें की प्रति उपलब्ध करावें? (ङ) सम्पूर्ण बालाघाट जिले में स्वीकृत खदान में से ठेकेदार द्वारा कितनी खदानों को चालू कर अनुज्ञा प्राप्त की एवं शासन को कितनी राशि जमा की? (च) रेत ठेकदार द्वारा कब ठेका समर्पण किया गया एवं समर्पण के बाद कितने घाट चालू करने की अनुमति दी गई और कब तक के लिए दी गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिले में खनि अधिकारी की नियुक्ति दिनांक 10.10.2023 से सभी विकासखंडों में प्रश्न दिनांक तक खनिज रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण पर माफियाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही/पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "अ", "ब" एवं "स" पर है। (ख) अवैध उत्खनन के पंजीबद्ध प्रकरणों का निराकरण न्यायालय कलेक्टर बालाघाट द्वारा किया जाता है। राजस्व विभाग को सूचना दिये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। अवैध रेत भंडारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ब" अनुसार है एवं पंचनामें सहित दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "द" पर है। (घ) जिले में स्वीकृत रेत खदानों के राजस्व विभाग द्वारा किये गये सीमांकन प्रतिवेदन पंचनामें की प्रतियों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ई" पर है। (ड.) दि मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कारपोरेशन लिमि. भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना दिनांक 17.02.2023 द्वारा 05 वर्ष की अवधि हेतु 38 खदानों में वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त कर एम.डी.ओ. के द्वारा पूर्व में चालू किया गया था। रेत समूह बालाघाट से निगम को अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक कुल राजस्व रूपये 55,72,21,002/- प्राप्त हुआ। जिसमें से नियमानुसार 90 प्रतिशत राशि रूपये 50,14,98,902/- शासन को प्रदाय की गई। (च) दि मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कारपोरेशन लिमि. भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार रेत समूह बालाघाट के पूर्व एम.डी.ओ. मेसर्स आर.जी. एण्ड एसोसियेट्स द्वारा ठेका समर्पण आवेदन दिनांक 10.11.2024 प्रस्तुत किया गया है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 संशोधित 2023 के नियम 16 अनुसार एम.डी.ओ. निगम को किसी भी समय तीन माह अग्रिम में सूचना देकर समूह का समर्पण कर सकता है। उक्त अवधि के उपरांत खदानों का संचालन बंद है।
पुलिस विभाग में कार्यवाहक पदोन्नति के नियम/प्रक्रिया
[गृह]
42. ( क्र. 651 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग में कार्यवाहक पदोन्नति दिए जाने के नियम प्रक्रिया क्या है? उपरोक्त नियम के अनुसार वर्तमान में कितने आरक्षक, प्रधान आरक्षक, ए.एस.आई. और एस.आई. और टी.आई. को पदोन्नति दी जाना लंबित है? (ख) पुलिस विभाग में जो आरक्षक और प्रधान आरक्षक, ए.एस.आई. आदि कार्यवाहक पदोन्नति नहीं ले रहे हैं उनकी रिक्त जगह पर अन्य कार्यवाहक पदोन्नति लेने वालों को क्या पदोन्नति दी जाएगी? (ग) पूर्व में जो कार्यवाहक के रूप में पदोन्नति ले चुके हैं क्या उन्हें अब आगे भी और उच्च पद पर कार्यवाहक से कार्यवाहक के रूप में पदोन्नति दी जाएगी और इसके लिए क्या आदेश या पॉलिसी सरकार ने बनाई है और कब तक इस तरह से पदोन्नति दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से विभाग स्तर पर पदोन्नति हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कार्यवाहक उच्च पद का प्रभार दिये जाने हेतु जारी जी.ओ.पी. 148/2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी.ओ.पी. में निहित प्रावधान अनुसार रिक्त पदों के आधार पर वरिष्ठता क्रम में पात्रता अनुसार उच्च पद पर कार्यवाहक प्रभार प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न स्तर पर विभागीय छानबीन समिति की कार्यवाही पूर्ण होने के पहले कार्यवाहक उच्च प्रभार हेतु लंबित पदों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जिन कर्मचारियों द्वारा उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार नहीं लिया जा रहा है, उनके स्थान पर जी.ओ.पी. में निहित प्रावधान अनुसार रिक्त पदों के आधार पर वरिष्ठता क्रम में पात्रता अनुसार योग्य पाये गये कर्मचारियों को उच्च पद पर कार्यवाहक प्रभार प्रदान किया जाता है। (ग) उच्च पद पर कार्यवाहक प्रभार पदोन्नति नहीं है। अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शिखा उखाड़े जाने पर कार्यवाही
[गृह]
43. ( क्र. 669 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में 7 सितंबर को नरेंद्र मिश्रा की शिखा उखाड़े जाने का मामला आया है, अगर हाँ तो जिन लोगों ने इस कृत्य को किया उनके विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या इस मामले की जांच रीवा के एडिशनल एसपी श्री विवेक लाल से कराई गई थी? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाये? (ग) घटना को हुए 6 माह बीत जाने के बाद भी किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो क्या पुलिस आरोपियों को बचा रही है? बचाने वालों में कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार हैं? आरोपियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताएं अगर नहीं तो क्यों कारण और नियम बताएं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच कराई जाने पर शिखा उखाडने एवं मारपीट करने संबंधी आरोप अप्रमाणित पाये गये। (ख) जी हाँ। जाँच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जाँच अप्रमाणित होने के कारण किसी भी पुलिस कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही संस्थित नहीं की गई है
गौ तस्करी की जानकारी
[गृह]
44. ( क्र. 671 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज जिले में गौ तस्करी हो रही है, अगर हाँ तो जिला बनने से प्रश्न दिनांक तक कितने गौ तस्कर गिरफ्तार किये गए? (ख) गिरफ्तार किये गए आरोपियों के नाम, पता और जप्त वाहनों के नंबर के साथ गौ वंश की संख्या बताएं? (ग) अगर गौ तस्करों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही तो क्या पुलिस के संरक्षण में गौ तस्करी का अवैध कारोबार चल रहा? (घ) क्या गौ तस्करों का एक वीडियो मिडिया के माध्यम से एसपी मऊगंज को भेजा गया था और वह वीडियो खटखरी चौकी प्रभारी ने गौ तस्कर के मोबाईल में भेजा था? अगर हाँ तो क्या तस्कर पकड़े गए? अगर नहीं तो क्या चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्यों कारण बताएं, नियम दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' में अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस के सरंक्षण में गौ तस्करी का कारोबार नहीं चल रहा है। अपराध की सूचना प्राप्त होने पर गौतस्करों के विरुद्ध तत्काल वैधानिक कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है।
हत्या को आत्महत्या बताकर खात्मा लगाया जाना
[गृह]
45. ( क्र. 672 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज जिले के वार्ड नंबर दस निवासी रोहित गुप्ता का शव 7 अप्रैल को फांसी के फंदे पर लटकता मिला था? यदि हाँ, तो क्या पुलिस ने पीएम रिपोर्ट की अनदेखी कर मामले को आत्महत्या बताकर खात्मा लगाने की कोशिश की? (ख) प्रश्नांश (क) सही है तो क्या एसडीओपी ने पीएम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करना पाया इसके बाद मऊगंज थाना पुलिस ने 6 माह बाद हत्या का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की? (ग) अगर प्रश्नांश (ख) सही है तो प्रश्न दिनांक तक इस गंभीर मामले में लापरवाही करने वाले विवेचक और थाना प्रभारी के खिलाफ क्या कार्यवाई की गई? अगर नहीं की गई तो कारण और नियम बताएं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एसडीओपी द्वारा पीएम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करना पाये जाने के उपरांत थाना मऊगंज पुलिस द्वारा हत्या का प्रकरण 06 माह बाद दर्ज नहीं किया गया था, अपितु लगभग 08 माह 17 दिन बाद दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
सी.एम. हेल्पलाईन 181 का दुरूपयोग
[लोक सेवा प्रबन्धन]
46. ( क्र. 680 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नागरिकों की सुविधा हेतु सरकार द्वारा 181 सी.एम. हेल्पलाईन योजना प्रारंभ की गई है परन्तु सी.एम. हेल्प लाईन में कुछ लोगों द्वारा दुरूपयोग कर झूठी/फर्जी शिकायतें की जाती है ऐसे लोगो पर कोई कार्यवाही की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी झूठी एवं फर्जी शिकायतें 181 पर प्राप्त हुई? (ग) विभाग द्वारा 181 का दुरूपयोग रोकने हेतु क्या कदम उठाये जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। 181 पोर्टल पर प्राप्त शिकायतें संबंधित विभाग के लेवल अधिकारियों को ऑनलाईन प्रेषित की जाती हैं तथा जिसका निराकरण संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा 181 पोर्टल पर ऑनलाईन प्रविष्ट किया जाता है। इस प्रकार से शिकायत के निराकरण संबंधी समस्त दायित्व संबंधित विभाग का होता है। सी.एम. हेल्पलाईन 181 पोर्टल का दुरूपयोग रोकने हेतु विभाग द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गयी है:- (1) सी.एम. हेल्पलाईन कॉल सेंटर 181 ऑनलाईन पोर्टल एवं मोबाइल एप आदि माध्यम से किसी व्यक्ति/नागरिक की प्रतिदिन अधिकतम 05 शिकायत ही दर्ज किया जाना। (2) आदतन/झूठी शिकायतकर्ताओं के संबंध में टिप्पणी दर्ज की जाने की सुविधा समस्त लेवल अधिकारियों की लॉगइन आई.डी. में प्रदान की गयी है। (ख) प्रश्नांश में चाही गयी जानकारी इस कार्यालय में संधारित नहीं की जाती है, क्योंकि 181 पोर्टल पर प्राप्त शिकायतें संबंधित विभाग के लेवल अधिकारियों को ऑनलाईन प्रेषित की जाती हैं तथा जिसके निराकरण/परीक्षण संबंधी समस्त दायित्व विभाग का होता है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसिऐशन ऑडिट की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
47. ( क्र. 691 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसिऐशन रजिस्ट्रेशन नम्बर 4902 के वर्तमान सदस्य एवं सम्पूर्ण कार्यकारिणी की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसिऐशन द्वारा दिनांक 07/05/2012 को असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म एण्ड सोसायटी एम.पी. गवर्नमेंट, भोपाल नर्मदापुरम् डी-ब्लॉक पुराना सचिवालय भोपाल को दिनांक 29/10/2010 की मीटिंग के संबंध में दी गई समस्त पत्र, सदस्य सूची एवं कार्यकारिणी सहित दस्तावेजों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन 4902 के पिछले 5 ऑडिट की जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसियेशन रजिस्ट्रेशन क्रमांक 4902 दिनांक 28/07/1976 के द्वारा अधिनियम की धारा 27 के तहत वर्ष 2024 की जानकारी रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं, कार्यालय में दिनांक 12/09/2024 को प्रस्तुत की गई है, में अंकित कार्यकारिणी में दर्शित पदाधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) भोपाल डिवीजनल क्रिकेट एसोसियेशन का पत्र दिनांक 07/05/2012 कार्यालय में प्राप्त दिनांक 29/05/2012 को प्राप्त हुआ। जिसमें असिस्टेन्ट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड सोसायटी भोपाल नर्मदापुरम् डी ब्लॉक पुराना सचिवालय भोपाल को दिनांक 29/10/2010 की मीटिंग के संबंध में दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) संस्था द्वारा अंतिम रूप से विगत तीन वर्षों के प्रस्तुत आय व्यय पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण-पत्र
[गृह]
48. ( क्र. 702 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 47 खरगापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कछिया खेरा तहसील बल्देवगढ़ निवासी नंदकिशोर कुशवाहा पुत्र धर्मदास कुशवाहा की मृत्यु किस दिनांक को कहां हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नंदकिशोर कुशवाहा की मृत्यु दिनांक 26.04.2024 को जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में उपचाररत हुई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत नैनवारी तहसील टीकमगढ़ से दिनांक 19.07.2024 को जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र किस मृतक का है जिसमें मृत्यु का दिनांक 29.06.2024 दर्शाया गया है बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) मामले में एक ही मृतक है तो धोखाधड़ी में लिप्त लोगों के विरूद्ध कब तक कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 47 खरगापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कछियाखेरा, तहसील बल्देवगढ़ के निवासी नंदकिशोर कुशवाहा पुत्र धर्मदास कुशवाहा नाम के व्यक्ति की मृत्यु के संबंध में जिला टीकमगढ़ के किसी थाने पर कोई सूचना नहीं दी गई, न ही पुलिस द्वारा कोई जांच की गई है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' में समाहित है।
कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 710 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों पर पदोन्नति कार्यवाही करने में क्या किसी न्यायालय ने रोक लगाई है? यदि हॉं तो क्या रोक है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों पर यदि न्यायालय ने कोई रोक लगाई ही नहीं है तो इन पदों की पूर्ति कब तक कर ली जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 30.04.2016 के तहत अपास्त किया गया है, जिसके विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर एस.एल.पी. क्रमांक 13954/2016 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 12.05.2016 द्वारा यथास्थिति बनाये रखने से पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। उक्त संबंध में इस विभाग द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 719 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मुक्तयार कर्ता अपने रक्त संबंधियों को ही मुक्तयार बना सकता है यदि हाँ, तो मुक्तयार नामापंजीकरण संस्था एम.पी. 421162022 एवं 41274502 दिनांक 21.12.2022 कमला शर्मा ने ब्रजेन्द्र पस्तोर को मुक्तयार आम घोषित किया जिनका कोई रक्त संबंध नहीं है यदि है तो संबंध बताये? (ख) चंद्रप्रकाश गिरी निवासी ग्राम श्रीनगर ने करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि क्रय की और गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करते रहे उनके द्वारा विगत 5 वर्ष में कुल कितना आयकर दिया गया? (ग) क्या यह भी सही है कि एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ ने चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्रीनगर के विरुद्ध पत्र प्रेषित किया था। क्या कार्यवाही की गई अवगत करावे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) में वर्णित तथ्यों की क्या जांच कराई जायेगी यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। दस्तावेज क्रमांक MP421162022A41274502 दिनांक 21.12.2022 को कमला शर्मा द्वारा गैर रक्त संबंधी ब्रजेन्द्र पस्तोर को मुखत्यार बनाया गया। (ख) अचल सम्पत्तियों के विक्रय पत्र श्री चन्द्रप्रकाश गिरी निवासी ग्राम श्रीनगर जिला टीकमगढ़ के पक्ष में पंजीबद्ध होने पाये गये हैं, शेष प्रश्नांश की जानकारी विभाग से संबंधित नहीं। (ग) जी नहीं। एस.डी.ओ.पी. टीकमगढ़ ने चंद्रप्रकाश गिरी निवासी श्रीनगर के विरुद्ध कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं की जानकारी
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
51. ( क्र. 738 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन कार्यों हेतु विभिन्न मदों कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभागीय संरचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम एवं मध्य प्रदेश कम्प्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (एमपीसीईआरटी) में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) एवं (ग) विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम के वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 (माह-फरवरी-2025) तक योजनाओं में स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति निविदा, कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम की शेष राशि, भुगतान की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। मध्य प्रदेश कम्प्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (एमपीसीईआरटी) की जानकारी मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम की जानकारी में समाहित है। प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घटित अपराधों पर कार्यवाही
[गृह]
52. ( क्र. 739 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल, 2018 से 2023 तक भोपाल संभाग में हत्या, चोरी, लूट-पाट, डकैती, आत्महत्या, किसान आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार एवं बलात्कार, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, नकबजनी, फिरौती आदि की कुल कितनी घटनाएं एवं अपराध घटित हुए है तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? जिलेवार, विकासखण्डवार, थानावार, वर्षवार प्रकरण अनुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में कितने अपहरित बालिका एवं महिलाओं के बाल अपराध प्रकरणों में चालान पेश किया गया? कितने प्रकरण की जांच लंबित हैं? कितने आरोपी फरार हैं तथा कितने अपराध कायम होने के बाद निरस्त किये गये हैं? बतावें तथा कितने प्रकरण चालान हेतु शेष हैं? शेष प्रकरणों में आरोपियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? थानावार, जिलावार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उपनिरीक्षक, निरीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, पुलिस अधीक्षक आदि के विरूद्ध कब-कब एवं किन-किनके द्वारा शिकायतें की गई? कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों पर क्या कार्यवाहियां की गई? शिकायतवार जानकारी देवें तथा कितनी जांचे लंबित हैं? जांच लंबित होने के क्या कारण हैं तथा शेष शिकायतों का निराकरण कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने आरक्षक, उपनिरीक्षक, निरीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक आदि की अवैध लेन-देन एवं अन्य कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन अधिकारियों द्वारा जांचे की गई? जांच में कौन दोषी पाये गये? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई, तो कब तक की जावेगी? बतावें। (ङ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में 2018 से 2023 तक लोकायुक्त में कौन-कौन से आरक्षक, उपनिरीक्षक, सहा. उपनिरीक्षक, निरीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक आदि अन्य अधिकारी/कर्मचारी की जांचे लंबित हैं? जांच को पूर्ण कर निराकरण कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें तथा कौन-कौन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्त ने कार्यवाही की अनुशंसा की है? वर्षवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
53. ( क्र. 744 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा जंक्शन मंडी क्षेत्र एवं पुलिस थाना नागदा जंक्शन बिरलाग्राम क्षेत्र में कितना पुलिस बल शासन द्वारा निर्धारित है एवं वर्तमान में कितना बल यहां मापदण्ड के अनुरूप कार्यरत है? (ख) नागदा जैसे बड़े एवं संवेदनशील शहर में पुलिस बल की कमी को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी.आर.-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब बिक्री
[गृह]
54. ( क्र. 745 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना नागदा जंक्शन मंडी क्षेत्र, पुलिस थाना नागदा जंक्शन बिरलाग्राम क्षेत्र एवं खाचरौद थाना क्षेत्र में विगत 1 वर्षों कितने अवैध शराब विक्रय करने वालो पर पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? थानोवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) गाँव में एक से अधिक स्थानों पर शहरी क्षेत्र में होटलों, ढाबों एवं झुग्गी बस्तियों (टपरियों) में हो रही अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अवैध शराब बिक्री रोकने के लिये होटल, ढाबों एवं झुग्गी-बस्तियों (टापरियों) की विधिवत चेकिंग कर अवैध शराब विक्रय करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक एवं दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस द्वारा अवैध शराब विक्रय के विरूद्ध अभियान चलाकर अवैध शराब जब्त कर आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
आंगनवाड़ियों के लिये भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
55. ( क्र. 757 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बंडा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? (ख) बंडा-विधानसभा में वे कौन-कौन से स्थान है जहां पर जनसंख्या अनुसार आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जा सकते है? (ग) बण्डा विधानसभा में विगत 10 वर्षों में कब-कब, कितने-कितने आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी केन्द्र एवं आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन स्वीकृत किये गये? (घ) कुल आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वतंत्र शासकीय भवन-विहीन हैं? (ड.) जिन आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन नहीं हैं या भवन जर्जर हैं क्या उनके लिये भवनों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (च) अगर हां तो यह स्वीकृति कितने भवनों के लिये कब तक प्रदान की जावेगी? (छ) विधानसभा में ऐसे कितने आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी भवन है जिनके परिसर में बाउण्ड्रीवॉल नहीं बनी है? (ज) क्या बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण करवाया जायेगा? (झ) अगर हाँ तो कितने भवनों के लिये बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक करवाया जायेगा? (ण) कितने आंगनवाड़ी/उप-आंगनवाड़ी केन्द्र पेयजल व्यवस्था विहीन एवं शौचालय विहीन है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुल 376 आंगनवाड़ी केन्द्र। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ग) बंडा विधानसभा क्षेत्र में विगत 10 वर्षो में कुल 24 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 03 मिनी आंगनवाड़ी वर्ष 2017 में स्वीकृत हुए हैं। वर्षवार स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' पर है। (घ) बंडा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 124 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। (ड.) आंगनवा़ड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण निरन्तर चरणबद्ध रूप से किया जाता है। (च) आंगनवा़ड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण सभी आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (छ) 90 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाउण्ड्रीवाल नहीं बनी है। (ज) आंगनवा़ड़ी केन्द्रों में बाउंड्रीवाल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण बाउण्ड्रीवाल का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाता है। (झ) जानकारी उत्तरांश (ज) अनुसार होने से शेष का प्रश्न ही नहीं। (ण) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पेयजल की उपलब्धता सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में है तथा 59 आंगनवाड़ी केन्द्र शौचालय विहीन हैं।
अवैध शराब का परिवहन एवं विक्रय
[गृह]
56. ( क्र. 760 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा अंतर्गत शराब ठेकेदारों द्वारा खुलेआम अवैध शराब का परिवहन एवं विक्रय के विगत 3 वर्षों में दर्ज प्रकरणों की धाराओं सहित सूची प्रदान करें? (ख) सेंधवा विधानसभा में कितने आदिवासियों पर अवैध शराब विक्रय के प्रकरण दर्ज कराए गए हैं धाराओ सहित सूची प्रदान करें। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में यदि कोई ग्रामीण ठेके से ली गई शराब विक्रय करते पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में ग्रामीण के साथ बैच नंबर के आधार पर संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही होती है अथवा नहीं यदि नहीं तो क्यों? यदि कार्रवाई हुई है तो विगत 3 वर्षों में सेंधवा विधानसभा अंतर्गत उक्त अनुसार सूची प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्र की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 761 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र के गठन हेतु शासन द्वारा क्या नियम निर्धारित किए गए है तथा ग्रामों में कितनी जनसंख्या के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्र का गठन एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाती है? जानकारी देवें। (ख) सेंधवा विधानसभा में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा आंगनवाड़ी केन्द्र में कितने-कितने बच्चे दर्ज है? आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें। सेंधवा विधानसभा में जनसंख्या के आधार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र गठन के प्रस्ताव लंबित है? जानकारी देवें। विभाग द्वारा एक आंगनवाड़ी केन्द्र पर कितना बजट आवंटन अथवा व्यय किया जाता है? आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांकवार सूची प्रदान करें। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे है जो भवन विहीन है तथा उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थान पर बच्चों को कहां अध्ययन करवाया जाता है तथा भवन विहीन केन्द्रों पर कब तक शासन द्वारा आंगनवाड़ी भवन निर्माण करवाया जावेगा? सूची देवें तथा सेंधवा विधानसभा की समस्त आंगनवाड़ी/स्कूलों पर मैन्यू अनुसार भोजन प्रदाय किया जा रहा है अथवा नहीं जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने संबंधी भारत सरकार के नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' पर है। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कुल 374 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रवार दर्ज बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' पर है। आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएमजनमन) के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। अतः भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति नहीं दिये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्र पर बजट आवंटन नहीं किया जाता है, शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 71 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन अन्य शासकीय भवनों में करवाया जा रहा है। आंगनवा़ड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण निरन्तर चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जी हां।
क्रेशर संचालन एवं राशि वसूली
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 762 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत चाचरिया स्थित क्रेशर प्लांट जो वर्तमान में बंद स्थिति में है क्या? विभाग द्वारा उक्त क्रेशर प्लांट पर क्या कार्यवाही की गई है तथा क्रेशर प्लांट संचालक से कितनी राशि की वसूली की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा क्रेशर प्लांट के विरुद्ध प्राप्त शिकायतो में कार्यवाही एवं निरीक्षण किया जाता है यदि नहीं तो क्यों यदि हां तो वर्तमान तक ग्राम पंचायत चाचरिया स्थित क्रेशर प्लांट के विरुद्ध प्राप्त शिकायतें एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाही तथा खनिज अधिकारी के निरीक्षण की प्रति एवं निरीक्षण की फोटो प्रदान करें? (ग) क्या विभाग द्वारा क्रेशर प्लाट पर खोदे गए गड्ढों के आधार पर खनन की मात्र की जांच की जाकर अधिक खनन की स्थिति में खदान संचालक से वसूली की जाती है यदि नहीं तो क्यों यदि हां तो सेंधवा विधान सभा के ग्राम चाचरिया स्थित क्रेशर प्लांट पर कितना घन मीटर अधिक खनन किया गया है एवं उस क्रेशर संचालक से कितनी राशि की वसूली की गई तथा कितनी राशि वसूली की जाना शेष है? जानकारी देवें तथा शेष राशि वसूली कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा उक्त क्रेशर प्लांट पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" पर है तथा क्रेशर संचालक से स्वीकृत अवधि में रायल्टी राशि रुपये 17,37,100/- की वसूली की गई है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" एवं "ब" पर है। मौके पर निरीक्षण के फोटोग्राफ नहीं लिए गए है। (ग) जी हाँ, सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चाचरिया स्थित श्री त्रिलोकचंद मालवीय पिता श्री राधेश्याम मालवीय को पूर्व में स्वीकृत क्रेशर प्लांट पर कार्यालयीन नस्ती अनुसार 7153.38 घन मीटर का अधिक खनन किया गया है जिसकी रॉयल्टी राशि रूपये 8,58,406/- होती है जिसमें से क्रेशर संचालक से राशि रूपये 2,00,000/- की वसूली की गई एवं शेष राशि रुपये 6,58,406/- की वसूली हेतु दिनांक 11.02.2025 से 30 दिवस के भीतर जमा किये जाने हेतु पत्र जारी किया गया है।
सिविल न्यायालय वर्ग 2 की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
59. ( क्र. 768 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा समय-समय पर आवश्यकता अनुसार सिविल न्यायालय वर्ग 2 की स्थापना की जाती है स्थापना हेतु क्या-क्या आवश्यक अर्हताएं होती हैं? (ख) क्या इस हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 167/मंदसौर, दिनांक 4.7.2024 और समस्त अभिभाषक गण दलौदा जिला मंदसौर द्वारा दिनांक 28.6.2024 द्वारा पत्र प्रेषित कर तहसील दलौदा जिला मंदसौर में सिविल न्यायालय वर्ग 2 की स्थापना किए जाने का अनुरोध किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो बताएं कि इस संबंध में दलौदा तहसील जिला मंदसौर में सिविल न्यायालय वर्ग 2 की स्थापना किए जाने की क्या कार्यवाही प्रचलन में है कब तक तहसील दलौदा जिला मंदसौर में सिविल न्यायालय वर्ग 2 की स्थापना कर दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, नवीन न्यायालयों की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2023 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) दलौदा, जिला मंदसौर में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2023 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने से नस्तीबद्ध की गई है।
लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं
[सामान्य प्रशासन]
60. ( क्र. 771 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों की कितनी परीक्षाएं आयोजित की गई हैं, जिनमें परीक्षा का आधार बहुविकल्पीय प्रश्न था वर्षवार विभिन्न विभागों की आयोजित की गई? परीक्षाओं की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऐसी कितनी परीक्षाएं हैं जिनके प्रश्न पत्रों में एक भी त्रुटि नहीं हुई है और बताएं की कितनी परीक्षाएं ऐसी है? जिनके प्रश्न पत्रों में प्रश्नों में त्रुटि रही है। दोनों प्रकार में परीक्षाओं की सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र आधारित विभिन्न विभागों की भर्ती परीक्षाओं की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न पत्रों में त्रुटि रहित परीक्षाओं की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार तथा प्रश्न पत्र की संरचना/प्रश्न में त्रुटि/एक से अधिक उत्तर विकल्प सही होने की स्थिति में जिन परीक्षाओं में प्रश्नों को विलोपित किया गया, की वर्षवार सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
विधायक विकास निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
61. ( क्र. 778 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिला अंतर्गत विधानसभा बिछिया, निवास व मंडला की वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक विधायक विकास निधि की कितनी राशि लेप्स हुईं है? उक्त लेप्स राशि के पुनः आवंटन हेतु जिला कार्यालय मंडला एवं प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब विभाग को पत्र लिखे गए? पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। इन पत्रों में क्या कार्यवाही की गई? उक्त लेप्स राशि के कारण कितने कार्यों के कितनी राशि के भुगतान लंबित हैं? वर्तमान में उन कार्यों की पूर्णता अपूर्णता की स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त लेप्स राशि का पुनः आवंटन किया जायेगा? यदि राशि पुनः आवंटित की जाएगी, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? लेप्स राशि के पुनः आवंटन के नियम क्या हैं? संबंधित नियमावली उपलब्ध करावें? (ग) मंडला जिले में जिला योजना अधिकारी का पद कब से रिक्त है? वर्तमान में इस पद का प्रभार किसे दिया गया है? क्या नियमित जिला योजना अधिकारी के नहीं होने से विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? कब तक मंडला में जिला योजना अधिकारी के पद पर कब तक पदस्थापना की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) मंडला जिले हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी मद की कितनी राशि प्रदाय की गई है एवं इस राशि से कौन-कौन से कार्य किये गए हैं? यह राशि मंडला जिले को कब से अप्राप्त है एवं इसके क्या कारण हैं? कब तक राशि उपलब्ध करा दी जाएगी?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मण्डला जिला अंतर्गत विधानसभा बिछिया, निवास व मण्डला की वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक राशि रु. 1,50,84,718 रुपये (एक करोड़ पचास लाख चौरासी हजार सात सौ अठाराह) लैप्स हुई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) लैप्स राशि के पुर्नआवंटन से संबंधित प्रावधान मध्यप्रदेश विधानसभा क्षेत्र विकास योजना की मागर्दर्शिका में नहीं है। (ग) दिनांक 01/11/2023 से जिला योजना अधिकारी मण्डला का पद रिक्त है। वर्तमान में श्रीमती क्षमा सराफ, डिप्टी कलेक्टर को जिला योजना अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के फलस्वरूप कार्य प्रभावित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मण्डला जिले को विगत पाँच वर्षों में जनभागीदारी मद में राशि रूपये 90.00 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया है। उपरोक्त आवंटन से किये गये कार्यों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। राशि आवंटन हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
62. ( क्र. 783 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पांढुरना सौंसर में पिछले 05 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक किन-किन उद्योगों की स्थापना के लिए कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई? (ख) ऐसे कितने आवंटित प्लाट (भूमियां) हैं जिन पर कोई भी उद्योग स्थापित नहीं किया गया तो क्या शासन ने उनकी लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है? यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जायेगा? (ग) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से ऐसे कितने हैं जिन पर जिन उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी, उनसे लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है, यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जायेगा? (घ) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से ऐसे कितने है, जिन पर जिन उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी, उनसे भिन्न उपयोग कार्य किये जा रहे है? क्या उनकी लीज निरस्त कर शासन ने कब्जा प्राप्त किया है? यदि नहीं, तो कब किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला-पांढुरना सौंसर में पिछले 05 वर्षों में औद्योगिक विकास केन्द्र, बोरगॉंव, औद्योगिक विकास केन्द्र, बोरगॉंव (विस्तार) में प्रश्न दिनांक तक 40 औद्योगिक इकाइयों को उद्योगों की स्थापना हेतु 3,03,920 वर्गमीटर (30.392 हेक्टेयर) भूमि आवंटित की गई है। भूमि आवंटन की उद्योगवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसे 23 आवंटन हैं, जिनपर उद्योग स्थापित नहीं किये गये हैं। उक्त 23 में से 15 आवंटनों में उद्योग स्थापनार्थ समय-सीमा शेष है, 8 आवंटनों में उद्योग स्थापनाधीन हैं। किसी औद्योगिक इकाई का आवंटन निरस्त नहीं है, अत: कब्जा वापिस लिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से 40 इकाइयों को उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है, उनमें से किसी की लीज निरस्त नहीं है, अत: कब्जा वापिस लिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आवंटित प्लाटों में से 40 उद्योगों को उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है। एक इकाई द्वारा आवेदित कार्ययोजना के स्थान पर अन्य औद्योगिक गतिविधि का संचालन किया जा रहा है। चूंकि संचालित गतिविधि औद्योगिक क्षेत्रों हेतु मान्य है, अत: लीज निरस्तीकरण अपेक्षित नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
63. ( क्र. 784 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 24 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहां-कहां पर कब-कब, कौन-कौन सी घोषणाएं की गई है? (ख) उक्त घोषणाओं में कौन-कौन सी घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय में पंजीबद्ध की जाकर किन-किन विभागों को क्रियान्वयन हेतु भेजी गई है? कृपया घोषणाओं के क्रमांकवार सूची दें। (ग) उक्त घोषणाओं में से कौन-कौन सी घोषणाओं का क्रियान्वयन हो चुका है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवनों/केन्द्रों की भौतिक स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 793 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधानसभा में विगत 5 वर्षों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत एवं निर्मित हुए, की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें? (ख) वर्तमान में कितने केन्द्र भवन विहीन, जर्जर स्थिति में हैं और इस स्थिति में केन्द्र संचालित हैं या नहीं? यदि हाँ, तो किन शासकीय, अशासकीय भवनों में संचालित हैं? (ग) सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में खेल व शिक्षण सामग्री प्रदाय की या क्रय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री का केन्द्रवार विवरण उपलब्ध कराया जावें। (घ) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र में बाउंड्रीवॉल नहीं है? यदि नहीं, है तो क्या कारण है एवं इसके निराकरण की क्या योजना व स्थिति है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) धरमपुरी विधानसभा में विगत 5 वर्षों में कोई नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं हुए है, 120 नवीन आगंनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए हैं तथा स्वीकृत भवनों में से 07 भवन निर्मित हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब पर है। (ख) धरमपुरी विधानसभा में 347 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है तथा 69 जर्जर स्थिति में है। हाँ, उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवन, किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स एवं द पर है। (ग) सत्र 2022-23 एवं 2023-24 में आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए कोई खेल व शिक्षण सामग्री क्रय नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (घ) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 51 आंगनवाड़ी केन्द्रो में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। पूर्व में स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए निर्मित भवनों में बाउंड्रीवॉल का प्रावधान नहीं होने के कारण तथा पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं होने से बाउंड्रीवॉल नहीं है। बाउंड्रीवॉल का निर्माण वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 794 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में समस्त विभागों में कौन अधिकारी कर्मचारी किस-किस दिनांक से किस-किस कार्यालय में पदस्थ है? तिथिवार पदस्थापना आदेश सहित प्रश्न दिनांक तक समयावधि बतावें तथा पदस्थापना संबंधित एक ही स्थान पर पदस्थ रहने संबंधित शासन का सर्कुलर उपलब्ध करावें? (ख) क्या किसी भी अधिकारी की एक ही कार्यालय में पदस्थ रहने की एक निश्चित समयावधि है? यदि हाँ, तो बतावे की 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही कार्यालय में पदस्थ लोकसेवक पर अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावे की 3 वर्ष से अधिक अवधि से कौन-कौन से लोक सेवक पदस्थ है? पृथक से सूची पदनाम सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या नियमित जिला विभाग प्रमुख के पद रिक्त होने की स्थिति में वरिष्ठ लोकसेवक को प्रभार दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतावें की जिले में कौन-कौन से विभाग प्रमुख के पद रिक्त है और उनके स्थान पर किसे प्रभार दिया गया है? साथ ही वरिष्ठता का क्रम भी बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धार जिला अंतर्गत समस्त विभाग/कार्यालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थ/कार्यरत होने की तिथिवार/कार्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। चालू प्रभार सौंपे जाने संबंधी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
भर्ती में एक्स आर्मी मैन हेतु कोटा
[गृह]
66. ( क्र. 799 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में किन-किन विभागों की सीधी भर्ती में भारतीय सेना से रिटायर हुये या एक्स आर्मी मैन के लिये कितने-कितने प्रतिशत का कोटा कब से निर्धारित है? विभागवार, पदवार, कोटेवार, जानकारी दें। (ख) म.प्र. शासन के गृह विभाग ने क्या पिछले कुछ वर्षों में एक्स आर्मी मैन के 10 प्रतिशत कोटे में यह शर्त जोड़ दी है कि प्रथम फेज का एक्जाम क्वालिफाई करना होगा? अगर हाँ तो जारी उक्त आदेशों की एक प्रति दें? (ग) क्या राज्य शासन एक्स आर्मी मैन को राज्य शासन द्वारा सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती होने से रोकने की मंशा रखती है? अगर नहीं तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित शर्त जोड़कर एक्स आर्मी मैन को भर्ती होने से रोकने की कोशिश की जा रही है? (घ) कब तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्लाज हटाया जायेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम दें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ओवर लोडिंग की टी.पी. दी जाना
[खनिज साधन]
67. ( क्र. 801 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माइनिंग विभाग के पोर्टल जिस पर से ट्रांसिट पास जारी होता है में वाहन की परिवहन क्षमता न देखते हुये भी टी.पी. दे दी जाती है? अगर नहीं तो जिस वाहन की अधिकतम लोड परिवहन क्षमता 20 टन है, तो उसको 30 से 40 टन के भार को परिवहन करने की टी.पी. जारी हो जाती है? (ख) क्या पूरे म.प्र. में वाहनों की मानक क्षमता से ज्यादा ट्रांसिट पास देने से ओवरलोडिंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है? जिसका एक मात्र सबसे बड़ा कारण माइनिंग के पोर्टल से वाहन के मानक क्षमता से ज्यादा की टी.पी. जारी होना है? (ग) राज्य शासन कब तक वाहन के मानक क्षमता के अनुरूप यानि जितना वजन ढोने की क्षमता है उतने ही भार का ट्रांसिट पास जारी करने माइनिंग विभाग में नियम लागू करवायेगा? अगर नहीं तो क्यों, कारण दें एवं नियम बतायें? क्या ओवरलोडिंग को शासन बढावा दे रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अधिसूचित मध्यप्रदेश (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम 2022 के नियम 5 में अग्रिम रायल्टी जमा कराकर जमा रायल्टी के अनुरूप ई-खनिज पोर्टल से जारी ट्रांजिस्ट पास की समतुल्य खनिज मात्रा परिवहन की अनुमति के प्रावधान है। खनिज नियमों में वाहन की भार क्षमता के आधार पर ट्रांजिस्ट पास जारी करने के प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
68. ( क्र. 815 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिला अंतर्गत स्थापित समस्त विभागों में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित कितने पत्र जिला स्तरीय अधिकारियों को प्राप्त हुए है? विभागवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये पत्रों को विभागो द्वारा पृथक से संधारित पंजी में दर्ज कर जवाब प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पंजी की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता को प्रति उत्तर से अवगत कराया गया है यदि हाँ, तो प्रति उत्तर की छायाप्रति देवें। यदि नहीं तो जनप्रतिनिधि को प्रति उत्तर से अवगत न कराने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं शासन माननीय विधानसभा सदस्यों को उनके पत्रों के संदर्भ में प्रति उत्तर प्राप्त हो सके इस आशय हेतु कोई सकुलर जारी करेगी अथवा नहीं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
69. ( क्र. 819 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक समस्त बालाघाट जिले में कितने कुटीर एवं ग्रामोद्योग की स्थापना की गई? हितग्राही के नाम सहित ग्रामवार, तिथिवार तथा शासन द्वारा प्रदान की गई राशि तथा उद्योग से होने वाले लाभ का विवरण वर्षवार देवें? (ख) क्या जिला उद्योग केंद्र बालाघाट द्वारा कुटीर एवं ग्राम उद्योग लगाने हेतु सहायता दी जाती है? यदि हाँ, तो बताएं कि विगत 3 वर्षों में जिले में किस-किस हितग्राही को किस-किस उद्योग हेतु बैंक ऋण तथा कौन से उद्योग स्थापित किए जाने हेतु स्वीकृति प्रदाय की गई? (ग) क्या उद्योग स्थापित करने पर हितग्राहियों को ऋण में सब्सिडी का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत? क्या भविष्य में ऋण सब्सिडी प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रावधान किया जाएगा? यदि हाँ, तो बताएं कि क्या शासन स्तर पर प्रक्रिया प्रचलन में है? (घ) नए उद्योग लगाए जाने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रक्रिया प्रचलित है? जानकारी दें।
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक स्थापित ग्रामोद्योगों की हितग्राहीवार, तिथिवार शासन द्वारा दी गई आर्थिक सहायता का वर्षवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजना अंतर्गत जिला बालाघाट में भी आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। विगत तीन वर्षों में स्थापित उद्योगों की हितग्राहीवार दी गई आर्थिक सहायता/बैंक ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित पृथक-पृथक योजनाओं में ऋण एवं अनुदान का प्रावधान उल्लेखित है। भविष्य में ऋण-अनुदान का प्रतिशत बढ़ाये जाने की प्रक्रिया वर्तमान में शासन स्तर पर प्रचलन में नहीं है। (घ) विभाग में संचालित योजनाओं अंतर्गत नये उद्योग लगाने हेतु आर्थिक सहायता का प्रावधान है। पृथक से कोई प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है।
लोकसेवकों का स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 821 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में समस्त विभागों में (शिक्षा विभाग, जनजाति कार्य विभाग एवं आर्थिक व सांख्यिकी विभाग को छोड़कर) कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी लोकसेवक किस-किस दिनांक से किस कार्यालय में पदस्थ/कार्यरत है? तिथिवार स्थापना आदेश सहित प्रश्न दिनांक तक समयावधि बताएं तथा लोकसेवकों के पदस्थापना एक ही स्थान पर पदस्थ रहने संबंधी शासन का सर्कुलर उपलब्ध करावें? (ख) क्या किसी भी अधिकारी की एक ही कार्यालय में कार्यरत/पदस्थ रहने की एक निश्चित समयावधि है? यदि हाँ, तो बताएं कि 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही कार्यालय में पदस्थ लोकसेवको को अन्यंत्र स्थान पर स्थानांतरित किए जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो बताएं कि 3 वर्षों से अधिक अवधि से कौन-कौन से लोकसेवक पदस्थ है? पृथक से सूची पद नाम सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या नियमित जिला विभाग प्रमुख के पद रिक्त होने की स्थिति में वरिष्ठ लोकसेवकों को प्रभार दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बताये की जिले में कौन-कौन से विभाग प्रमुख के पद रिक्त है एवं उनके स्थान पर किसे प्रभार दिया गया है, साथ ही उस विभाग के कर्मचारियों का वरिष्ठता का क्रम भी बताये?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बालाघाट जिला अंतर्गत समस्त विभाग/कार्यालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी (लोक सेवक) की विभाग/कार्यालय में पदस्थ/कार्यरत होने की तिथिवार/ कार्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। चालू प्रभार सौंपे जाने संबंधी परिपत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
रायल्टी की जानकारी
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 825 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में जुन्नारदेव विधानसभा में खनिज उत्पादन से कितनी रायल्टी प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त रायल्टी से विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये है एवं इन विकास कार्यों में आज दिनांक तक कितना-कितना व्यय किया जा चुका है? (ख) क्या खनिज उत्पादन से प्राप्त रायल्टी से जुन्नारदेव विधानसभा में बंद कोयला खदानों को शुरू करने हेतु केन्द्र सरकार से स्वीकृत कराने हेतु पहल करेगें जिससे इस क्षेत्र के स्थानीय लोगो को रोजगार मिल सके एवं खनिज संपदा का उत्पादन हो सकें? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा में किस-किस स्थानों पर रेत की खदाने है? उसका क्षेत्रफल बताये एवं उनकी रायल्टी बताने का कष्ट करें। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा में विगत दो वर्षो में खनिज मद से जिला स्तर से कितना आवंटन स्वीकृत हुआ है? इस प्राप्त आवंटन से जो कार्य कराये गये है उसकी विकासखण्ड जुन्नारदेव एवं तामिया में स्थलवार जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पांच वर्षों में जुन्नारदेव विधानसभा में खनिज उत्पादन कर प्रेषण/उपयोग से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 23.55 करोड़, 2021-22 में 19.30 करोड़, 2022-23 में 13.13 करोड़, 2023-24 में 5.65 करोड़ एवं 2024-25 में 5.78 करोड़ की प्राप्ति हुई है। रायल्टी मद में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने संबंधी प्रावधान खनिज नियमों में नहीं होने से रायल्टी राशि से कोई विकास कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रावधान न होने से अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम आवरिया के खसरा क्रमांक 1 एवं 126 पर रकबा 5.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर उत्पादन मात्रा 3000 घनमीटर के लिए 01 रेत खदान स्वीकृत है। (घ) प्रावधान न होने के कारण आवंटन स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदा घाटी विकास योजना का क्रियान्वयन
[नर्मदा घाटी विकास]
72. ( क्र. 826 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में प्रवाहित तवा, देनवा, दॉतफाडू, दूधी, दूधेर, मर्राउन नदियों के उदगम स्थल पर नर्मदा घाटी विकास मद से विकास कार्य कराने एवं बजट में प्रावधान करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में जुन्नारदेव विशाला, मुत्तौर, सतधारा, अनहोनी, सांगाखेडा क्षेत्रों में बह रही नदियों पर बडे स्टाप डेम एवं बीयर बनाने से सिंचाई के साधन विकासित करने पर क्या विभाग बजट में प्रावधान करेगा? (ग) क्या दूधी, तवा, देनवा के उदगम स्थलों पर पर्यटन क्षेत्र ग्रामीणों के रोजगार एवं मनोरंजन हेतु ओंकालेश्वर की तर्ज पर विकसित करने पर क्या विभाग बजट में प्रावधान करने पर विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नाधीन नदियों के उद्गम स्थल पर नर्मदा घाटी विकास विभाग मद से कोई कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। (ख) एवं (ग) वर्तमान में विभाग के अंतर्गत ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आउटसोर्स भर्ती की जाँच
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
73. ( क्र. 834 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के स्वास्थ्य एवं बिजली विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति आउटसोर्स के माध्यम से कंपनियों को ठेके पर दिये जाकर की जा रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022-2023 से प्रश्न दिनांक तक समस्त भर्तियों के विज्ञापन, आवेदित अभ्यर्थी, चयनित एवं प्रतिक्षारत अभ्यर्थियों की सूची मय विवरण सहित उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या श्योपुर के विद्युत विभाग एवं स्वास्थ विभागों में रिक्त पदों पर की जा रही भर्ती में, की जा रही अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की पत्रों के माध्यम एवं मौखिक लिखित रूप से शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इसे संज्ञान में लेकर जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों? (ग) स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारियों को विगत 04 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? वेतन कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुसार आउटसोर्स कम्पनियों द्वारा कर्मियों की पूर्ति की जाती है। मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत श्योपुर जिले में वृह्यस्त्रोत उपलब्ध कराये जाने हेतु ऑनलाईन खुली निविदा जारी कर उनका चयन कर अनुबंधित किया जाता है। अनुबंधित वृह्यस्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी को वृह्यस्त्रोत कार्मिक उपलब्ध कराये जाने हेतु आदेशित किया जाता है। शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) आऊटसोर्स कर्मचारियों को श्रम आयुक्त, मध्यप्रदेश द्वारा श्रमिकों के वर्ग अनुसार घोषित न्यूनतम मूल वेतन एवं परिवर्तनशील मंहगाई भत्ते की मासिक एवं दैनिक वेतन की दरों के अनुसार पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है। तद़नुसार उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
ग्राम उद्योग योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
74. ( क्र. 835 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कुटीर एवं ग्राम उद्योग विभाग शासन द्वारा गामीण क्षेत्रों में ग्राम उद्योग लगाने हेतु कौन-कौन सी योजना है संचालित करता है? अवगत कराएं। विस्तत नियम/निर्देश/आदेश/ जानकारी की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला श्योपुर अंतर्गत ग्राम पंचायतो में ग्राम उद्योग लगाये जाने की क्या प्रक्रिया है एवं शासन द्वारा इसके लिए कितना अनुदान/ऋण उपलब्ध कराया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अभी तक जिला श्योपुर विधानसभा अंतर्गत किस-किस ग्राम पंचायतो में कौन-कौन से ग्राम उद्योग संचालित किये जा रहे है? (घ) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्योपुर को किन स्थानों की कौन सी भूमि सर्वे क्र./रकवा उद्योग लगाये जाने हेतु आरक्षित हुई है तथा उद्योग लगाये जाने हेतु भूमि आवंटित किये जाने के क्या नियम/शर्तें है?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। योजनाओं के नियम निर्देश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी योजनाएं प्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में संचालित है। अनुदान एवं ऋण की जानकारी पृथक-पृथक योजना नियमों में उल्लेखित है। यह योजना श्योपुर जिले में भी लागू है। (ग) श्योपुर विधानसभा अंतर्गत संचालित ग्रामोद्योग की सूची पंचायतवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) विभाग को निम्नानुसार भूमि आवंटित है 1. ग्राम बगवाज की भूमि सर्वे क्र. 184 रकबा 1.451 हेक्टेयर, सर्वे क्र.190/1/2 रकबा 5.351 हेक्टेयर, सर्वे,क्र. 202/3 रकबा 2.007 हेक्टेयर, सर्वे क्र. 235/2/2 रकबा 1.254 हेक्टेयर कुल रकबा 10.063 हेक्टेयर। 2. ग्राम पच्चीपुरा की भूमि सर्वे क्र. 101/1 रकबा 10.00 हेक्टेयर। उद्योग लगाये जाने हेतु भूमि ''मध्यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025'' के प्रावधान अनुसार आवंटित की जाती है।
फर्जी विक्रय पत्र से रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
75. ( क्र. 844 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम मुबारिकपुर तहसील नरवर के भूमि स्वामी श्री कमलकिशोर कुशवाह पुत्र श्री घनश्याम कुशवाह द्वारा उनकी भूमि सर्वे क्रमांक 1306, रकबा 0.024 हेक्टेयर, स्थित ग्राम मुबारिकपुर, तहसील नरवर को बिना जानकारी एवं बिना सहमति के धोखाधड़ीपूर्वक राजा भैया गुर्जर, वाजिद खान, हनीफ खान (उप-पंजीयक) एवं गौरव अग्रवाल (सर्विस प्रोवाइडर) द्वारा फर्जी विक्रय पत्र कूटरचित एवं षड्यंत्रपूर्वक तैयार कर रजिस्ट्री करा ली गई? जानकारी दे। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में फर्जी रजिस्ट्री की जांच के संबंध में आवेदक द्वारा कलेक्टर शिवपुरी, जिला पंजीयक शिवपुरी एवं पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को उक्त प्रकरण की जांच हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गयें, साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा भी पुलिस अधीक्षक शिवपुरी एवं जिला पंजीयक शिवपुरी को पत्र क्र./2024/403-404 दिनांक 31/07/2024 से जांच हेतु लिखा गया था। उक्त फर्जीवाड़ा करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की तो क्यों? जानकारी दें। (ग) क्या उक्त प्रकरण के जांच के क्रम में श्री हनीफ खांन उप पंजीयक नरवर को नरवर से हटाया जाकर जिला कार्यालय में अटैच किया गया तथा पुन: बिना जांच किये उप पंजीयक नरवर पदस्थ कर दिया गया? उप पंजीयक के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) उक्त प्रकरण में दोषियों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गई तो क्यों? कार्यवाही कब तक की जाएंगी, जानकारी दी जावे।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) अपर कलेक्टर शिवपुरी एवं जिला पंजीयक शिवपुरी द्वारा की गयी जांच में उप पंजीयक नरवर के विरूद्ध फर्जी कार्यवाही की जाना प्रमाणित नहीं हुआ। पक्षकार द्वारा माननीय तृतीय जिला न्यायाधीश करैरा जिला शिवपुरी म.प्र. के न्यायाधीश के वाद क्रमांक 113/2024 RCSA दायर किया गया है, जिसमे ऑर्डरशीट दिनांक 05/02/2025 अनुसार उप पंजीयक नरवर एवं श्री हनीफ खान तत्कालीन उप पंजीयक नरवर का नाम वादपत्र से हटाने के आदेश दिए गए है। (ग) अपर कलेक्टर एवं जिला पंजीयक शिवपुरी द्वारा जांच करने के उपरांत प्रथम दृष्टया दोषी प्रमाणित न होने पर जिला पंजीयक शिवपुरी द्वारा कलेक्टर जिला शिवपुरी के अनुमोदन उपरांत पुन: श्री हनीफ खान को उप पंजीयक नरवर का प्रभार दिया गया है। (घ) जांच की कार्यवाही प्रचलित है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुदान सामग्री/इक्यूपमेंट का क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 845 ) श्री कैलाश कुशवाहा [श्री देवेन्द्र कुमार जैन] : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामग्री/इक्यूपमेंट क्रय (प्रोक्योरमेंट) के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कितनी राशि का आवंटन/अनुदान प्राप्त हुआ? योजनावार विवरण एवं आवंटन/अनुदान आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवंटन/अनुदान किस-किस सामग्री/इक्यूपमेंट के क्रय हेतु प्राप्त हुआ तथा संचालनालय एवं जिला स्तर से इसमें कितनी-कितनी राशि अब तक व्यय की जा चुकी है, दोनों स्तर से (पृथक-पृथक) उक्त व्यय राशि का योजनावार सामग्री/इक्यूपमेंट वार विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित आवंटन/अनुदान का वित्तीय वर्ष के चतुर्थ त्रैमास तक भी शत-प्रतिशत व्यय न होने के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जावेगी? यदि, हाँ तो कब तक? जानकारी दी जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 में संचालित आंगनवाड़ी सेवा योजनान्तर्गत सामग्री/इक्यूपमेंट क्रय हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राप्त आवंटन/अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 पर है। योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन/अनुदान आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। सामग्री क्रय संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्न नहीं। (ग) सामग्री क्रय संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष का प्रश्न नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
77. ( क्र. 850 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत क्षेत्र में कितनी जनसंख्या के मानक से वार्डों में आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन किया जाता है? संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित नगर परिषद, कर्रापुर, जिला सागर में शासन की नीति एवं जनसंख्या के मानक से वार्डवार आंगनवाड़ी संचालन किया जा रहा है? विस्तृत जानकारी देवें। (ग) यदि नहीं तो नगर परिषद, कर्रापुर के समस्त वार्डों में जनसंख्या के मान से एवं शासन नियमानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक संचालन करने तथा विभाग द्वारा क्या इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई योजना/प्रस्ताव तैयार कर शासन की ओर भेजा गया है? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या नगर परिषद, कर्रापुर के समस्त वार्डों में जनसंख्या के मानक से एवं शासन के निर्देशानुसार कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन किये जायेंगे? जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने संबंधी भारत सरकार के नियम निर्देश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वार्ड क्रमांक 06 में, 01 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद, कर्रापुर, जिला सागर के वार्ड 06 को छोड़कर शेष सभी वार्डो में आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन नियम अनुसार किया जा रहा है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएमजनमन) के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। जी हां। भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति नहीं दिये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
खनिज संपदा मद राशि से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
78. ( क्र. 851 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत जिला खनिज संपदा राशि से वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितने कार्य स्वीकृत किये गए? विकासखण्डवार/विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि से वर्ष 2024-25 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए? विस्तृत जानकारी देवें तथा विभाग के पास कितनी राशि के प्रस्ताव स्वीकृत किये जाना है? जानकारी देवें। (ग) कार्य स्वीकृति के लिए विभाग के क्या दिशा-निर्देश है तथा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए जानकारी देवें तथा उन प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अवगत करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित प्रस्तावों पर विभाग स्वीकृति की कोई कार्यवाही करेगा? जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सागर जिले में जिला खनिज संपदा राशि जैसा कोई मद नहीं है। इसलिये जिला खनिज संपदा राशि से कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषक हत्या की जांच
[गृह]
79. ( क्र. 855 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर जिला धार में कृषि उपज मण्डी से (धानासुता जिला रतलाम) के किसान का ट्रेक्टर ट्राली (सोयाबीन) सहित अपहरण होना एवं किसान की हत्या होना अत्यन्त दुर्भाग्य पूर्ण है लगभग ढाई माह पश्चात भी हत्यारों का सुराग नहीं लगना आश्चर्यजनक है इस कारण किसानों में वर्तमान तक रोष व्याप्त है उल्लेखित प्रकरण में कृषक वर्ग भविष्य में आंदोलन भी कर सकता है। पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है? कृपया अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उक्त प्रकरण में अपराधी कब तक गिरफ्त में होंगे? कृपया अवगत करावे। यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रकरण में मृत्तक राजेश उर्फ राजू पाचाल निवासी ग्राम वानासुता, बिलपांक की अज्ञात आरोपियों द्वारा हत्या कर दी गई थी, घटना के संबंध में थाना बदनावर जिला धार में गर्ग क्रमांक 115/2024 की जांच पर से अपराध कमांक 739/2024 धारा 103 (1) बी एन एस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटना स्थल, ट्रेक्टर ट्राली मिलने के स्थान एवं रूट का पीएसटीएन डाटा लिया जाकर विश्लेषण किया जाकर संदेहियों से मोबाईल नंबरों की तस्दीक की जा रही है। मृतक के परिजनों से चर्चा कर प्रकरण में संदेही व्यक्तियों से पूछताछ की गई, साथ ही मृतक का कोई पुराना लेनदेन या जमीन संबंधी या अवैध संबंध से संबंधित पुरानी कोई रंजिश के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई एवं मृतक के पड़ोसी 4 दोस्तों से भी पूछताछ की गई लेकिन कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। बैंक खातों की भी जानकारी प्राप्त की गई लेकिन कोई बड़ी राशि का आहरण नहीं होना पाया गया। प्रकरण में अज्ञात आरोपियों की पतारसी हेतु पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। प्रकरण की विवेचना जारी है। (ख) प्रकरण की विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को चिन्हित करने के प्रयास जारी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नर्मदा परियोजना से जल प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
80. ( क्र. 856 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेयजल एवं सिंचाई की दृष्टिगत विधान सभा क्षेत्र बदनावर हेतु दीर्घावधि से स्वीकृत नर्मदा परियोजना का जल कब प्राप्त होगा? कृपया अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है, कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है, कार्य कब पूर्ण होगा? कृपया निर्धारित तिथि/दिनांक से अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बदनावर माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से केवल सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है जिसके माह जून 2026 तक पूर्ण होने का लक्ष्य है। (ख) 41 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। दिनांक 30.06.2026 तक लक्षित है।
सेवानिवृत्ति उपरांत देय-स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
81. ( क्र. 858 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर कौन-कौन से स्वत्वों का भुगतान किया जाता है एवं भुगतान करने के लिये निर्धारित समय-सीमा क्या है? नियमों सहित जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2023 एवं 2024 में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कलेक्टर/कमिश्नर कार्यालय में कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये है। नाम एवं सेवानिवृत्त दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उल्लेखित अवधि में कितने पेंशन के प्रकरण कार्यालय स्तर पर लंबित है और कितने प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है? (घ) प्रश्नांश (ख) की अवधि में सेवानिवृत्त हुये कर्मचारियों को कितने विलम्ब से देय स्वत्वों को भुगतान किया गया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विलम्ब से भुगतान किये जाने के लिये कौन दोषी है, इस संबंध में कार्यालय प्रमुख द्वारा क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर पेंशन/उपादान/ग्रेच्युटी/बीमा योजनाओं से संबंधित समस्त जमा बचत निधि/अवकाश नगदीकरण/ सामान्य भविष्य निधि/विभागीय भविष्य निधि राशि आदि का भुगतान किया जाता है। मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 03 के तहत पेंशनर द्वारा आवेदन प्रपत्र भर कर प्रस्तुत करने की स्थिति में पेंशन स्वीकृति एवं भुगतान हेतु समय-सीमा निर्धारण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि में सेवानिवृत्त कमिश्नर कार्यालय-11 कलेक्टर कार्यालय-34 कुल-45 कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार। (ग) प्रश्नांश अवधि में कार्यालय स्तर पर कुल-8 एवं न्यायालय स्तर पर-2 प्रकरण लंबित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार। (घ) पेंशन कार्यालय से मात्र पेंशन एवं उपादान का भुगतान किया जाता है। संबंधित पेंशन कार्यालयों से जारी पी.पी.ओ. के विरूद्ध कोई भुगतान लंबित नहीं है। अन्य स्वत्वों के भुगतान एवं आवश्यक कार्यवाही का उत्तरदायित्व विभागीय कार्यालय प्रमुख होता है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग योजनाओं का क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
82. ( क्र. 860 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? शासन आदेश सहित जानकारी दें। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही उक्त योजनाओं के लिये पात्रता एवं कितनी-कितनी राशि किस मद में प्रदाय की जाती है, के संबंध में विभागीय आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) उक्त योजना अंतर्गत ग्वालियर-चंबल संभाग में कितने आवेदन तहसीलवार वर्ष 2023 एवं 2024 में प्राप्त हुये? संख्यवार जानकारी दी जावे। (घ) ग्वालियर-चंबल संभाग में कितने हितग्राहियों को सयंत्र, मशीन और उपकरण मुहैया कराये गये? जिला एवं संख्यावार जानकारी दी जावे। (ड.) क्या उक्त योजना के अंतर्गत संपूर्ण हितग्राहियों को उपकरण उपलब्ध करा दिये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। योजनाओं के नियम निर्देश की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार संचालित पृथक-पृथक योजना नियमों में पात्रता एवं आर्थिक सहायता का मदवार उल्लेख किया गया है। (ग) ग्वालियर-चंबल संभाग में तहसीलवार वर्ष 2023-24 में प्राप्त हुये आवेदनों की संख्या 364 एवं 393 है। (घ) ग्वालियर-चंबल संभाग में विभागीय योजनाओं अंतर्गत हितग्राहियों को उपलब्ध कराये गये संयंत्र, मशीन और उपकरण की जिलेवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ड.) पात्र हितग्राहियों को संयंत्र, मशीन और उपकरण उपलब्ध कराने की कार्यवाही बजट एवं उपकरण की उपलब्धता के आधार पर सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मेडिकल बिलों का भुगतान
[गृह]
83. ( क्र. 863 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 134 दिनांक 17.12.2024 के उत्तर के खण्ड (घ) में बताया गया है कि कार्यवाही प्रचलन में है। क्या कार्यवाही पूर्ण कर भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? विस्तृत जानकारी दें। (ख) विभाग अंतर्गत मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए क्या नियम है? क्या भुगतान हेतु कोई समय-सीमा नियमों में तय की गई हैं? यदि हां, तो समय-सीमा से अवगत कराएं। (ग) क्या विभाग के नियमों के विपरीत श्रीमती मधुकान्ता बैंस, सहायक ग्रेड 03, जिला अभियोजन कार्यालय, जिला नीमच के चिकित्सा भत्तो का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ है? इसके लिए कौन दोषी है और क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. चिकित्सा परिचर्या नियम 2022 अनुसार चिकित्सा देयक के संबंध में अभिमत प्राप्त किये जाने हेतु नस्ती वित्त विभाग को अंकित है। (ख) म.प्र. चिकित्सा परिचर्या नियम 2022 में भुगतान हेतु समयावधि का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस कर्मचारियों की पदस्थापना
[गृह]
84. ( क्र. 871 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों को गृह जिले में पदस्थ किये जाने हेतु क्या प्रावधान हैं? वर्तमान में जिला मुरैना में ऐसे कितने पुलिसकर्मी हैं, जो गृह जिले में पदस्थ हैं एवं किन-किन थानों अथवा कार्यालयों में पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) अन्य जिलों में पदस्थ पुलिसकर्मियों को उनके गृह जिले में संलग्न किये जाने हेतु क्या प्रावधान हैं? ऐसे कितने पुलिसकर्मी हैं, जिनका गृह जिला मुरैना है एवं वह अन्य जिलों में पदस्थ होते हुये भी अपने गृह जिले में संलग्न हैं? सूची पदनाम एवं संलग्न किये जाने की दिनांक सहित उपलब्ध कराएं? (ग) जीडी संवर्ग के पुलिसकर्मी अधिकारियों को लिपिकीय कार्य हेतु कार्यालयों में संलग्न किए जाने हेतु क्या प्रावधान हैं एवं वर्तमान में ऐसे कितने कर्मचारी हैं? जो पुलिस अधीक्षक एवं अन्य कार्यालयों में संलग्न होकर लिपिकीय कार्य कर रहे हैं? ऐसे कर्मचारियों की कार्यालयवार सूची पदनाम, संलग्नीकरण दिनांक, किस शाखा में पदस्थ है एवं सौंपे गये दायित्व का उल्लेख, सहित उपलब्ध कराएं। (घ) पुलिस थाना जौरा में दर्ज प्रकरण क्रमांक 719 दिनांक 30/11/23 के संबंध में क्या पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश, पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर एवं पुलिस अधीक्षक मुरैना को प्रश्नकर्ता द्वारा ई-मेल एवं डाक के माध्यम से प्रेषित पत्र क्रमांक 160/24 एवं 185/24 के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
85. ( क्र. 872 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों/विभागों में कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए क्या प्रावधान हैं एवं विभागों में कर्मचारी नियुक्त करने के लिए उक्त कंपनियों को ठेका देने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (ख) जिला मुरैना अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग, नगरीय निकाय एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी नियुक्त किए जाने हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी एजेंसियां कार्यरत हैं एवं उनके द्वारा विगत तीन वर्ष में संबंधित विभागों में कितने कर्मचारियों की सेवाएं कितने-कितने समय के लिए उपलब्ध कराई गई है? इन एजेंसियों के माध्यम से उक्त विभागों में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्त किये गये एवं हटाए गए कर्मचारियों की सूची हटाने के कारण सहित उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधित कंपनी या एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों के चयन हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? चयन प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं उनके संबंध में क्या कार्रवाई की गयी है अथवा प्रचलन में है? जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध करायें।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों के नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। प्रदेश में विभाग द्वारा अपनी मांग अनुसार एजेंसियों के इम्पेलमेंट किये जाने की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में लागू नहीं। (घ) जी नहीं।
सी.पी.सी.टी. परीक्षा की वैधता
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 876 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के लिपिकीय वर्ग की शासकीय नौकरी प्राप्त करने हेतु प्रदेश के युवा अभ्यार्थियों द्वारा सी.पी.सी.टी. की परीक्षा दी जाती यदि हाँ, तो क्या सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड की 07 वर्ष की वैधता की शर्त समाप्त की जायेगी, स्पष्ट करें। (ख) आवेदक द्वारा सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण कर स्कोर कार्ड प्राप्त करता है वह स्कोर कार्ड की वैधता क्या उसके जीवनकाल तक वैध मानी जायेगी? (ग) क्या सी.पी.सी.टी. की 07 वर्ष की वैधता समाप्त कर संपूर्ण जीवन काल तक वैध करके म.प्र. के युवाओं के हितों को संरक्षित किया जायेगा तथा इस संबंध में आदेश जारी किये जायेंगे। जानकारी दें। (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड की 07 वर्ष की वैधता समाप्त किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) सी.पी.सी.टी. स्कोर कार्ड की 07 वर्ष की वैधता समाप्त किए जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मान. लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
87. ( क्र. 890 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री इंद्रवीर सिंह भदौरिया, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अटेर, जिला भिण्ड के विरूद्ध अवैध तरीके से लेन-देन कर रेत का उत्खनन कराने के संबंध मान. लोकायुक्त को शिकायत प्रस्तुत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत कब व किसके द्वारा की गई? क्या प्रकरण में अपराध पंजीबद्व कर जांच करायी गयी थी? शिकायत जांच के संबंध में पंजीबद्ध की एफ.आई.आर. सहित शिकायत जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त शिकायत सिद्ध पायी? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी श्री इन्द्रवीर सिंह भदौरिया के विरूद्ध गृह विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मादक पदार्थों की बिक्री के पंजीबद्ध अपराध
[वाणिज्यिक कर]
88. ( क्र. 891 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2020 से 01.01.2025 तक इन्दौर जिले में अवैध शराब, गांजा, अफीम, चरस बिक्री के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? वर्षवार मदवार पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) आलोच्य अवधि में पंजीबद्ध हुये इन अपराधों में अवैध शराब, गांजा, अफीम, चरस की कितनी-कितनी मात्रा जप्त की गई? वर्षवार मदवार पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) आलोच्य अवधि में पंजीबद्ध हुये इन प्रकरणों में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की वर्षवार एवं प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इन्दौर जिले में दिनांक 01.01.2020 से 01.01.2025 तक अवैध शराब, गांजा, अफीम, चरस बिक्री के पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों संबंधी वर्षवार एवं मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) आलोच्य अवधि में पंजीबद्ध हुये इन अपराधों में अवैध शराब, गांजा, अफीम, चरस संबंधी जप्त मात्रा की वर्षवार एवं मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) आलोच्य अवधि में पंजीबद्ध किये इन प्रकरणों में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी वर्षवार एवं प्रकरणवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-तीन अनुसार है। इंदौर जिले में पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों के निराकरण किये जाने हेतु माननीय न्यायालय में विधिवत कार्यवाही की जाती है। माननीय न्यायालय द्वारा विधिवत रूप से प्रकरणों में अर्थदण्ड एवं सजा आरोपित की जाती है।
रेत खदान की आवंटन एवं रेत दरें
[खनिज साधन]
89. ( क्र. 911 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने रेत खदान किन-किन नदियों में घोषित किये गये है? उनकी रकवा, खसरा नंबर, रेत की मात्रा (घ.मी.) व 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में घोषित रेत खदानों को अब किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी लागत राशि में आवंटित की गई तथा ठेकेदारों द्वारा रेत खदान से रेत परिवहन एवं भण्डारण शुल्क दर क्या रखा गया था तथा शासन द्वारा निर्धारित दर क्या था, वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार वर्ष 2020 से अब तक कौन-कौन से खदाने लगातार संचालित रही है और कौन-कौन से खदानें लगातार संचालित रही है और कौन-कौन खदानों को ठेकेदारों द्वारा कब-कब सरेण्डर किया गया था? सरेण्डर के पूर्व उन रेत खदानों को कितने-कितने में टेण्डर किया गया था तथा सरेण्डर के उपरांत किन-किन ठेकेदारों को कितनी लागत में खदान आवंटित की गई है? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) अनुसार वर्ष 2020 से अब तक रेत ठेकेदारों के द्वारा जी.एस.टी. सहित रेत किस दर पर रेत ग्राहकों को दी जाती थी और वर्तमान में किस दर से रेत बेची जाती है तथा शासन एवं प्रशासन द्वारा निर्धारित दर क्या है? आवास योजना, शासकीय कार्यों व गरीब कृषकों के निजी मकान या निजी कार्यों के लिए रेत उपलब्ध कराये जाने के क्या प्रावधान हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जिले में घोषित रेत खदानों को वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक आवंटन के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के प्रावधानों के तहत रेत परिवहन शुल्क संबंधी प्रावधान निर्धारित नहीं हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त नियम में रेत खनिज भण्डारण अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन शुल्क रूपये 5,000/- प्रावधानित है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार वर्ष 2020 से जिला रेत समूह की निविदा जारी की गई है। जिला रेत समूह में अनूपपुर जिले की सभी घोषित रेत खदानें सम्मिलित हैं। अत: खदानवार रेत खदानों को सरेण्डर किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला रेत समूह के समर्पण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के प्रावधानों के तहत विक्रय मूल्य निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश अनुसार आवास योजना एवं अन्य कार्यों के संबंध में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 4(1), (2) एवं (3) के तहत प्रावधान अधिसूचित हैं।
नेशनल शूटिंग एकेडमी भोपाल में आत्महत्या प्रकरण
[गृह]
90. ( क्र. 918 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-12-2024 को भोपाल स्थित नेशनल शूटिंग एकेडमी में आत्महत्या करने वाले ययार्थ रघुवंशी के सुसाइड नोट में कितने व्यक्तियों के नाम है और सुसाइड नोट में उल्लेखित कितने व्यक्तियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? एफ.आई.आर. की छायाप्रति देवें। (ख) क्या सुसाईड नोट में वर्णित कई व्यक्तियों का नाम एफ.आई.आर. में दर्ज नहीं किया गया है एवं एफ.आई.आर. में दर्ज व्यक्ति की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है। यदि हाँ, तो जिम्मेदार पुलिस अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जायेगी और सुसाईड नोट में वर्णित समस्त व्यक्तियों के नाम एफ.आई.आर में दर्ज कर गिरफ्तारी कब तक की जायेगी? जानकारी दें। (ग) क्या पुलिस किसी दबाव में कार्य कर रही है पुलिस की निष्क्रियता के कारण आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई है जिससे संपूर्ण जांच प्रभावित होगी और समस्त रघुवंशी समाज में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस की ऐसी निष्क्रियता पर क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक? (घ) रघुवंशी समाज के गौरव यथार्थ रघुवंशी को न्याय दिलाने हेतु शासन क्या कदम उठायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
धारा 21 का उल्लंघन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
91. ( क्र. 920 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड सोसायटी भोपाल को जिला पंचायत अध्यक्ष खरगोन एवं विदिशा के द्वारा माह दिसंबर 2024 एवं माह जनवरी 2025 में प्रेषित पत्रों की प्रति देवें एवं पत्र प्राप्ति उपरांत विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्यालय के द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का सम्पूर्ण रिकॉर्ड देवें तथा शाखा प्रभारी का नाम बतावें। (ख) 1 दिसंबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में रजिस्टर फर्म्स एंड सोसायटी भोपाल के कार्यालय की आवक/जावक पंजी की प्रमाणित प्रति देवें l (ग) धारा 21 के उल्लंघन के मामले में अचल संपत्ति के मूल्य का आंकलन केवल भूमि को आधार मानकर वसूला जाएगा या भूमि पर बने भवन का भी मूल्य को जोड़कर कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर गणना की जाएगी? (घ) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला अशोक नगर, बड़वानी, खरगोन, धार, देवास, विदिशा में किन-किन समितियों को अनुज्ञा प्रदान की गई है? समस्त अनुजा की प्रति देवें l (ड.) क्या कारण है कि विभाग के द्वारा मामला संज्ञान में आने के बाद भी केवल नोटिस भेजे गए हैं कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष, खरगोन एवं विदिशा के द्वारा माह दिसम्बर 2024 एवं माह जनवरी 2025 में प्रेषित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की प्रति एवं शाखा प्रभारी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) 1 दिसम्बर 2024 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय के आवक/जावक पंजी की प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 21 में स्थावर सम्पत्ति के क्रय, विक्रय अन्यथा अर्जित अथवा अंतरित किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधानुसार स्थावर सम्पत्ति (भूमि/भवन) के क्रय/विक्रय/ दान/ अर्जन/अंतरण के समय प्रचलित कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर शुल्क का मूल्यांकन किया जाता है। (घ) कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी भोपाल द्वारा अशोक नगर, बड़वानी, खरगोन, धार, देवास, विदिशा में कार्यरत संस्थाओं को प्रदान की गई अनुज्ञा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) कार्यालय के संज्ञान में आने के उपरांत संबंधित संस्थाओं को नियमानुसार नोटिस/पत्र जारी किये गये हैं।
खनिज प्रतिष्ठान निधि की राशि का भुगतान
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 930 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल में खनिज प्रतिष्ठान निधि से स्वीकृत कार्यों के भुगतान की क्या प्रक्रिया है? कार्य प्रारंभ करने से लेकर कार्य की पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने तक किस प्रक्रिया के तहत राशि की भुगतान की जाती है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कार्य पूर्ण होने के बाद पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के लिए क्या अन्य विभाग के मूल्यांकन कर्ता व पूर्णता प्रमाण पत्र के जारी कर्ता के समकक्षीय अधिकारी के द्वारा सत्यापन कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि हाँ, तो समकक्षीय अधिकारी से सत्यापन कराये जाने पर विभागीय अधिकारी जिसके द्वारा कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। उसके विरुद्ध समकक्षीय अधिकारी से सत्यापन कराया जाना उचित है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो वरिष्ठ अधिकारी से सत्यापन क्यों नहीं कराया जाता। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विभाग द्वारा अन्य विभाग के समकक्षीय सत्यापनकर्ता अधिकारी से सत्यापन कराने से यदि वह असहमति या आपत्ति प्रगट करता है तो पूर्णता प्रमाण पत्र रोककर भुगतान रोक दिया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से स्वीकृत कार्यों की पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाने एवं अंतिम भुगतान की प्रदेश के अन्य जिलों में क्या प्रक्रिया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने उपरांत अन्य विभाग के समकक्षीय अधिकारी से मूल्यांकन कराये जाने के पीछे क्या उद्देश्य है? क्या इसमें जिला प्रशासन सुधार लाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश अनुसार प्रावधान म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में, संशोधन दिनांक 25/08/2022, के नियम 14(2)(च) के तहत अधिसूचित हैं। (ख) जी नहीं। कार्य पूर्ण होने अथवा कार्य प्रगतिरत रहने की स्थिति में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा नियमों में दिये गये प्रावधान के अनुसार किश्त की राशि माँग किये जाने पर राशि भुगतान किये जाने के पूर्व क्रॉस वेरिफिकेशन के उद्देश्य से विभागीय एवं ग्राम पंचायत स्तर पर कराये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता का सत्यापन जिला स्तर के अधिकारियों कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, विद्युत विभाग या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त किये जाने के पश्चात् राशि का भुगतान किया जाता है। (ग) जी हाँ। क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा कराये गये कार्यों की गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर राशि के भुगतान किये जाने के पूर्व, निर्माण एजेन्सी से कार्य की गुणवत्ता में सुधार कराया जाकर नियमानुसार राशि भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी प्रक्रिया म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में, संशोधन दिनांक 25/08/2022, के नियम 14(2)(च) के तहत अधिसूचित है। तद्नुरूप कार्यवाही की जाती है। (ड.) जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार है।
निवेश व औद्योगिक कार्य की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
93. ( क्र. 945 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत निवेश प्रोत्साहन हेतु अनेक प्रकार के कार्य किया जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले अंतर्गत वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कार्य हेतु कितने निवेशकों से कितना निवेश प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (ग) शासन/विभाग को विभिन्न औद्योगिक प्रयोजन हेतु निवेशकों द्वारा नियोजित निवेश किए जाने के पश्चात किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के नवीन औद्योगिक कार्य प्रारंभ हुए, कितने कार्य अप्रारम्भ है? वर्षवार जानकारी दें। (घ) जावरा शुगर मिल बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र में शासन/विभाग द्वारा प्रथम बार आवंटन की सूचना दिए जाने पर कितने निवेशकों ने निवेश प्रक्रिया में सम्मिलित होकर पंजीकृत हुए तथा किन कारणों से निवेशकों ने अपना निवेश वापस लिया? कितने शेष रहे तो वह कब तक कार्य प्रारंभ कर सकेंगे? संपूर्ण स्थिति स्पष्ट करें। अवगत कराए कि परिसर में कितने औद्योगिक प्लाट निकाले जा रहे हैं तथा रेल्वे विभाग से लगी औद्योगिक भूमि विवाद का निराकरण क्या किया गया तथा पानी व विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कब तक सुनिश्चित की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले अंतर्गत प्राप्त निवेश प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जावरा शुगर मिल बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र में शासन/विभाग द्वारा प्रथम बार आवंटन की सूचना दिए जाने पर 221 निवेशकों ने औद्योगिक कार्य हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। उक्त प्राप्त प्रस्तावों में से कुल 12 इकाईयों द्वारा ही आशय पत्र में वर्णित राशि का भुगतान समय-सीमा अंतर्गत किया गया था एवं शेष इकाईयों द्वारा समय-सीमा में भुगतान नहीं किये जाने के कारण आवेदन स्वमेव ही निरस्त हो गये है। 12 इकाईयों में से वर्तमान में 9 इकाईयों द्वारा लीज डीड पंजीकरण कराये जाने हेतु रूचि प्रदर्शित की गई है इसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। कुल भूमि रकबा 35.856 हेक्टेयर सीमांकित की गई थी एवं सीमांकन के पश्चात रेल्वे की भूमि छोड़कर (रकबा 2.239 हेक्टेयर) शेष रकबा 33.617 हेक्टेयर पर औद्योगिक गतिविधियों हेतु पुनरीक्षित अभिन्यास तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। आंतरिक एवं बाह्य विद्युतीकरण का कार्य एवं जलापूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
माईक्रो सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
94. ( क्र. 947 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में पाटी उद्धवहन माईक्रो सिंचाई परियोजना का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है और कितना शेष है? कार्य समय-सीमा में नहीं होने के क्या कारण है तथा संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त परियोजना की डी.पी.आर., वित्तीय/प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा की विज्ञप्ति, निविदा की तुलनात्मक पत्रक, कार्यादेश, कराये गये निर्माण कार्य की माप पुस्तिका, किये गए भुगतान के बिल वाऊचर, लाभान्वित क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों के नाम एवं लाभान्वित कृषकों के नाम एवं उनके खाते खसरों की सूची उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त परियोजना की गुणवत्ता एवं निरीक्षण कर जांच की गई हो तो जांच प्रतिवेदन की प्रति प्रदान की जाए। कराये गये कार्य के संबंध में ग्राम पंचायत के ठहराव/प्रस्ताव की प्रति प्रदाय की जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कार्य पूर्ण हो चुका है। कोविड-19 के कारण परियोजना के निर्माण कार्य में देरी हुई जिसकी समयावृद्धि की स्वीकृति में निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट क्रमश: -''अ'', ''ब'', ''स'', ''द'', ''इ'', ''ई'', ''उ'', ''ऊ'' एवं ''ए'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ऐ'' अनुसार है। परियोजना के अनुबंध में ग्राम पंचायत के ठहराव/प्रस्ताव का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि के अपूर्ण कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
95. ( क्र. 949 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2023-24 तक कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से विधायक निधि के स्वीकृत निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक लंबित/अपूर्ण/आप्रारंभ है? स्वीकृत निर्माण कार्य का नाम, स्वीकृत राशि/आहरित राशि एवं कराये गये कार्य का प्रतिशत सहित वित्तीय वर्षवार, जनपदवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित निर्माण कार्यों में से ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य है जो पूर्ण हो गये है, परन्तु उनका शत प्रतिशत भुगतान किया जाना शेष है, सूची देवें एवं यह भी स्पष्ट करें कि भुगतान किन कारणों से लंबित है। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ एवं ‘ख‘ के संदर्भ में लंबित/अपूर्ण/आप्रारंभ निर्माण कार्यों का दोषी कौन है? शासन द्वारा दोषियों पर क्या कोई कार्यवाही कर क्या इन निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा। यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की शेष लंबित राशि का शीघ्र भुगतान करेगा, यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक। यदि नहीं तो क्यों नहीं जानकारी दें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लंबित/अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों के लिये संबंधित एजेंसियों को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में अंकित समयावधि में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश थे, दोषी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन कार्यों की सतत् निगरानी कर कार्य पूर्ण कराये जायेंगे। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका, वर्ष-2013 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोकहित योजनाओं का क्रियान्वयन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
96. ( क्र. 973 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा पिछले 15 वर्षों में प्रशासनिक एवं लोकहित की कितनी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है विभागवार जानकारी देते हुये बतावें कि इन योजनाओं में कितनी राशि प्रत्येक वर्ष व्यय हो रही है, इनमें से कितनी ऐसी योजनाएं है जो 15 वर्ष पूर्व से संचालित है एवं कितनी ऐसी योजनाएं है जो पिछले 02 वर्ष में संचालित की गई, पूर्व में संचालित कितनी योजनाओं को बन्द कर नई योजनाएं संचालित की गई की जानकारी पृथक से देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन बाबत् प्रति वर्ष कितनी राशि किस योजना में व्यय की जा रही है का विवरण विभागवार योजनावार देवें, प्रति वर्ष बजट अनुसार दी गई राशि का किन-किन विभागों के द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया एवं कितने ऐसे विभाग है जो राशि का पूरा उपयोग कर हितग्राहियों को लाभान्वित नहीं किया गया का विवरण प्राप्त राशि एवं व्यय का विभागवार वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक का वर्षवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में से कब-कब किन-किन योजनाओं को किन कारणों से बन्द किया गया बतावें एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित योजनाओं हेतु प्राप्त राशि का उपयोग पर हितग्राहियों को लाभान्वित नहीं किया गया राशि सरेंडर की गई इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उनके विरुद्ध कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे बतावें?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 974 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक भोपाल दिनांक 19 मई, 1995 के द्वारा समस्त कलेक्टर म.प्र. को आदेश जारी कर माननीय सांसदों और विधायकों को लिपिकीय सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो रीवा संभाग सहित प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रवार माननीय विधायकों को लिपिकीय सुविधांए कब प्रदान गई? इनमें से कितने ऐसे हैं जिनको लिपिकीय सुविधा आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई तो क्यों? इस बाबत् शासन के नवीन निर्देश क्या हैं? जिन माननीय विधायकों को लिपिकीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई उसके लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? उन पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देश के पालन में प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध करवाए गये कर्मचारियों में से किस विभाग एवं पदनाम के हैं? इनमें से शिक्षा विभाग एवं अन्य से संबंधित कितने हैं, की जानकारी पृथक-पृथक देवें। लिपिकीय कार्यों हेतु संविदा कर्मचारियों के संलग्नीकरण बाबत् क्या निर्देश नहीं हैं? यदि हैं तो स्पष्ट बतावें। प्रश्नांश (ख) अनुसार लिपिकीय कार्य हेतु दिये गये कर्मचारियों में से कितने संविदा कर्मचारी हैं की जानकारी पृथक से देवें। इसके पूर्व संविदा पर स्वास्थ्य विभाग पर नियुक्त श्री उमाशंकर तिवारी को लिपिकीय कार्य हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य के यहाँ संबद्ध किया गया था। अब यह कह कर कि संविदा कर्मचारी को लिपिकीय कार्य हेतु दिये जाने के निर्देश नहीं है ऐसा कह कर लिपिक उपलब्ध कराया। (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा श्री मो. आशिफ कुरैशी, कम्प्यूटर ऑपरेटर को लिपिकीय कार्य हेतु सम्बद्ध किये जाने बाबत् पत्र क्रमांक 721 दिनांक 09.12.2024 के द्वारा कलेक्टर रीवा को लिखा गया, जिस पर कार्यालय नगर परिषद् सिरमौर द्वारा पत्र क्रमांक 31 दिनांक 08.01.2025 द्वारा अनुशंसा एवं अनापत्ति के साथ सहमति पत्र अपर कलेक्टर रीवा को संबोधित कर भेजा जा चुका है। फिर भी आज दिनांक तक अपर कलेक्टर रीवा द्वारा आदेश जारी नहीं किया गया। नोटशीट की प्रति देते हुये बतावें। आदेश जारी न करने पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्देश का पालन कर माननीय विधायकों को लिपिकीय सुविधा प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध नहीं कराने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है एवं प्रश्नांश (घ) अनुसार प्रश्नकर्ता सदस्य को लिखे गये पत्र पर भी लिपिकीय सुविधा आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई, क्यों? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? उन पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? साथ ही लिपिकीय व्यवस्था बाबत् क्या निर्देश देंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शासन परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक(1) दिनांक 19 मई 1995 में दिशा निर्देश के अनुक्रम में माननीय विधायकों द्वारा की गई मांग पत्र अनुसार लिपिकीय सुविधा प्रदान की गई है। शेष जानकारी प्राप्त की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार रीवा संभाग के उपलब्ध कराये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शेष जानकारी प्राप्त की जा रही है। शेष प्रश्नांश के संबंध में परिपत्र दिनांक 19.05.1995 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 721, दिनांक 19.12.2024 के अनुक्रम में कलेक्टर, रीवा के आदेश क्र. 53 दिनांक 24.02.2025 द्वारा श्री मो.आसिफ कुरैशी,कम्प्यूटर ऑपरेटर(संविदा), नगर परिषद सिरमौर को माननीय सदस्य के लिपिकीय कार्य हेतु आदेशित किया गया है। (ड.) उतरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित बाल देखरेख संस्थाओं को केंद्र सरकार से अनुदान
[महिला एवं बाल विकास]
98. ( क्र. 986 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं को केंद्र सरकार से आगामी वित्तीय वर्ष में अनुदान नहीं मिलने की आधिकारिक सूचना महिला बाल विकास मंत्रालय, नई दिल्ली से मध्यप्रदेश सरकार को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी आदेश सहित विवरण दें? (ख) मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल कितने बाल देखरेख संस्थान केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार के 60:40 वित्तीय अनुदान अनुपात से संचालित हैं? विवरण दें। क्या केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से ऐसे निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिनमें राज्य सरकार से स्वयं की निधि से बाल देखरेख संस्थान संचालन का उल्लेख है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं को केंद्र से 60 फीसद अनुदान नहीं मिलने पर उन्हें बन्द करने पर विचार किया जा रहा है? क्या आगामी वितीय वर्ष में मध्यप्रदेश सरकार इन अशासकीय संस्थानों को यथावत संचालित करने के लिए कोई नीति बनाने जा रही है? क्या आगामी वर्ष में इसके लिए किसी वित्तीय प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2024-2025 के लिये भारत सरकार द्वारा 60:40 के वित्तीय अनुदान अनुपात में अशाकीय संस्थाओं के माध्यम से संचालित 79 बाल देखरेख संस्थाओं को अनुदान स्वीकृत किया गया है। शेष प्रश्नांश के संबंध में दिनांक 21.08.2024 से जारी प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड के कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आगामी वर्ष हेतु भारत सरकार द्वारा वित्तीय प्रस्ताव चाहे गये है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
विधायक को दी जाने वाली सुविधाएं
[गृह]
99. ( क्र. 989 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कितने जिलों में विधायकों को शासकीय आवास एवं जन संपर्क कार्यालय उपलब्ध कराए गए हैं? उनके आदेश की प्रति देवें l (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक को गृह विधानसभा में जनसंपर्क कार्यालय एवं शासकीय आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है? (ग) क्या प्रदेश में विधायकों को सुविधा देने के मामले में भेदभाव किया जाता है जबकि बालाघाट, पन्ना, इत्यादि जिलों में विधायकों को आवास एवं जनसंपर्क कार्यालय उपलब्ध कराए गए हैंl (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता को विधानसभा क्षेत्र गुना में आवास एवं जनसंपर्क की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश जारी करने के लिए जिला कलेक्टर को निर्देशित करेगा या नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली बहना योजना एवं वृद्धावस्था पेंशन योजना
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 992 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल जिले में लाड़ली बहना योजना के तहत किस-किस नगरीय निकाय के किस-किस विकासखंडों में कितनी बहनों का पंजीयन किया गया तथा कितनी पंजीकृत बहनों को वर्तमान में प्रतिमाह कितनी राशि दी जा रही है? कितनी पंजीकृत बहनों का योजना से किन-किन कारणों से नाम काटा गया? अलग अलग जानकारी दें? (ख) किस नगरीय निकाय एवं किस विकास खंड से कितनी महिलाओं को किस-किस दर से विधवा/वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है? बतावें। (ग) लाड़ली बहना योजना का पंजीयन कब से तथा किन कारणों से बंद है? इस योजना के पंजीयन हेतु क्या-क्या अहर्ताएं/शर्तें शासन से निर्धारित की गई है तथा योजना का लाभ न मिलने से वंचित महिलाओं का पंजीयन कब तक किया जाएगा? बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत 20 अगस्त 2023 के उपरांत नवीन पंजीयन नहीं किया जा रहा है, अहर्ताएं/शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं 06 अनुसार है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 1000 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अंतर्गत कितनी बहनों के खातों में प्रति माह कितनी राशि डाली जाती है? (ख) क्या सभी पात्र बहनों को इसका लाभ मिल रहा है? (ग) जो पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित है उनकी संख्या क्या है एवं उनको कब तक इस योजना से जोड़कर लाभ पहुंचाया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीयन कराने वाली पात्र महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है। (ग) जिन महिलाओं द्वारा पंजीयन कराया गया था उनमें सभी पात्र महिलाओं को लाभ मिल रहा है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन द्वारा लिए गए ऋण
[वित्त]
102. ( क्र. 1001 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्ष 2024-25 में किस-किस दिनांक को कितना ऋण लिया गया तथा कितने ऋण का भुगतान किया गया, लिये गये ऋण के उधार का प्रकार क्या है, ब्याज की दर क्या तथा ऋण भुगतान की शर्तें क्या है? (ख) क्या 31 मार्च 2024 में सभी प्रकार के ऋण मिलाकर 4,08,888.11 रू. शेष है यदि हाँ तो शेष ऋण में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋण राशि मिलाकर तथा भुगतान राशि घटाने के बाद कुल ऋण राशि कितनी होती है। (ग) वर्ष 2020-21 से 2024-25 (जनवरी) तक ऋण पर कुल कितने ब्याज का भुगतान किया गया वर्षवार बतावें तथा जानकारी दें कि ब्याज भुगतान 2020 से 2023-24 तक वास्तविक राजस्व प्राप्तियां तथा 2024-25 में प्रावाधिक राजस्व प्राप्ति का कितना-कितना प्रतिशत है? (घ) वर्ष 2024-25 में खण्ड (ख) अनुसार लिया गया ऋण किस कार्य के लिए लिया गया तथा उस कार्य के लिये वर्ष 2024-25 के बजट में आय/व्यय का प्रावधान क्या था एवं ऋण लेने की आवश्यकता क्यों हुई जानकारी दें। (ड.) क्या शासन की वित्तीय स्थिती ठीक है यदि हाँ तो वह लाड़ली बहना के मासिक मानदेय में वृद्धि क्यों नहीं कर रही है। यदि नहीं तो क्या सरकार इस संबंध में श्वेत पत्र जारी करेगी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से आंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कुल ऋण राशि की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2023-24 तक ऋणों पर ब्याज भुगतान का विवरण निम्नानुसार है :- वित्तीय वर्ष 2020-21 ब्याज भुगतान (राशि रूपये करोड़ में) 15917.87, वित्तीय वर्ष 2021-22 ब्याज भुगतान (राशि रूपये करोड़ में) 18445.91, वित्तीय वर्ष 2022-23 ब्याज भुगतान (राशि रूपये करोड़ में) 19453.27, वित्तीय वर्ष 2023-24 ब्याज भुगतान (राशि रूपये करोड़ में) 23098.41 वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने के कारण वर्ष 2024-25 की आंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक वास्तविक राजस्व प्राप्तियाँ तथा ब्याज भुगतान का प्रतिशत का वर्षवार विवरण तथा वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास हेतु कर्ज लिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार बजट में आय/व्यय का प्रावधान वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ड़) जी हाँ। यह राज्य का नीतिगत निर्णय है।
आयोजित परीक्षाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 1003 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल तथा कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2016 से 2024 तथा जनवरी 2025 तक किस-किस परीक्षा के लिये किस दिनांक को विज्ञप्ति जारी की गई कितने आवेदन प्राप्त हुए, परीक्षा किस दिनांक को संपन्न हुई कितने अभ्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए परीक्षा परिणाम किस दिनांक को जारी किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षा के लिये किस-किस एजेन्सी/संस्था को किस दर से कितने अभ्यार्थी के लिये कितना भुगतान किया गया तथा इस परीक्षा में कुल परीक्षा शुल्क कितना प्राप्त हुआ। (ग) वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक व्यावसायिक परीक्षा मंडल तथा कर्मचारी चयन मंडल का आय व्यय पत्रक दिया जाये तथा बतावें कि इस अवधि में 31 मार्च को तथा जनवरी 2025 को किस-किस बैंक में कितनी सावधि जमा तथा अन्य राशि थी। (घ) व्यावसायिक परीक्षा मंडल तथा कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2016-17 से जनवरी 2025 तक बैंकों में सावधि जमा की राशि में वृद्धि तथा कमी का कारण बतावें क्या यह सही है कि किसी वर्ष में 500 करोड़ की सावधि जमा राशि घटकर किसी वर्ष में 300 करोड़ ही हो गयी। (ड.) क्या कर्मचारी चयन मंडल भर्ती परीक्षा निःशुल्क आयोजित करेगा ताकि बेरोजगारों को राहत हो यदि नहीं तो शुल्क लेने का मतलब क्या है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) परीक्षा के लिये एजेंसी/संस्था की दर अभ्यार्थियों की संख्या एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है तथा परीक्षा शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) आय व्यय पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है एवं बैंक में जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) शासन आदेश क्रमांक एफ 13-3/2022/एक(1) दिनांक 30.09.2022 तथा समसमंख्यक आदेश दिनांक 10.10.2022 द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (वर्तमान में कर्मचारी चयन मंडल) को राशि रूपये 137.00 करोड़ लोक शिक्षण संचालनालय एवं शासन आदेश क्रमांक एफ 12/3/2022/एक(1) दिनांक 18.07.2023 द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि रूपये 160.00 करोड़ कुल राशि रूपये 297.00 करोड़ लोक शिक्षण संचालनालय को अंतरित किये जाने के कारण राशि में कमी आयी है। (ड.) जी नहीं, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। बोर्ड एक स्वपोषित संस्था है। परीक्षाओं के आयोजन में होने वाला व्यय बोर्ड द्वारा ही वहन किया जाता है, जिसकी प्रतिपूर्ति का एकमात्र माध्यम आवेदकों से प्राप्त परीक्षा शुल्क ही है।
पुलिस कस्टडी में मौतें
[गृह]
104. ( क्र. 1008 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में प्रदेश के किन-किन पुलिस स्टेशनों में पुलिस कस्टडी में कितनी मौतें हुईं, मृतकों का नाम, पता सहित ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के मृतकों में कितने अनुसूचित जनजाति के थे और कितने अनुसूचित जाति के। (ग) प्रश्नांश (क) के मौतों के लिए किन-किन की जवाबदेही तय की गई, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि किसी की जवाबदेही नहीं तय की गई तो क्यों, विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) के किन-किन मृतकों के परिजनों को क्या मुआवजा या सहायता दिया गया, ब्यौरा देवें। यदि मुआवजा या सहायता नहीं दिया गया तो क्यों, विधिसम्मत कारण बताएं। (ङ) पुलिस कस्टडी में मौतें नहीं हो इसके लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, क्या योजना है, यदि कोई योजना नहीं है तो क्यों। (च) क्या शासन पुलिस कस्टडी में मौतों को उचित मानती है, यदि नहीं तो पुलिस कस्टडी में मौतों को रोकने के लिए शासन के पास क्या योजना है। (छ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27/08/2024 को महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेल विभाग से स्थानांतरण एवं शिकायतों की जांच
[जेल]
105. ( क्र. 1012 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के जेल विभाग जिले में पदस्थ एवं कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों (अधीक्षक, सहायक अधीक्षक, जेल प्रहरी) को एक जेल में तीन वर्ष अवधि पूर्ण होने पर स्थानांतरित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जेल मैन्युअल एवं सामान्य प्रशासन विभाग के नियम एवं आदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) दतिया जिला जेल में वर्तमान में पदस्थ समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों (अधीक्षक, सहायक अधीक्षक एवं जेल प्रहरी सहित) की दतिया जिले में कब से पदस्थ है? कृपया नाम/पद एवं कार्य अवधि की जानकारी दें। (ग) क्या दतिया जिला जेल में अधीक्षक, सहायक अधीक्षक, जेल प्रहरी एवं अन्य पदों पर कार्यरत ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों जिनको दतिया जेल में 3 वर्ष की अवधि पूर्ण हो गई है उनका स्थानांतरण किया? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें। (घ) क्या दतिया जिला में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों, कैदियों की मृत्यु सहित भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की विभाग में की शिकायतें प्राप्त हुई है, क्या विभागीय जांच प्रचलित है? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण देते हुए की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। म.प्र.जेल मैन्युअल में जेल अधीक्षक, सहायक जेल अधीक्षक, जेल प्रहरी को जेल में तीन वर्ष अवधि पूर्ण होने पर स्थानांतरित का प्रावधान नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) स्थानांतरण नीति एवं म.प्र. जेल मैन्युअल के प्रावधानों के अनुक्रम में स्थानांतरण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्थानांतरण से प्रतिबंध शिथिल होने तथा प्रशासकीय आवश्यकता होने पर विचार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
जेल में अनियमिताएं
[जेल]
106. ( क्र. 1014 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जेल में कैदियों को निर्धारित मात्रा में भोजन क्यों नहीं दिया जा रहा है? वर्तमान में कैदियों को किस मात्रा में भोजन दिया जा रहा है? (ख) क्या मुरैना जेल में वर्तमान में कैदियों को दिया जाने वाला भोजन घटिया और गुणवत्ताहीन है? कैदियों को दिए जाने वाले भोजन की विभाग द्वारा जांच की जाएगी यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या जेल अधिकारियों के संरक्षण में जेल के अंदर कैदियों को तंबाकू, बीड़ी और मादक उत्पाद पहुंचाकर महंगे दामों में बेचा जा रहा है? यदि नहीं, तो हर जेल में कैदियों को तंबाकू उत्पाद आसानी से मिलन की जांच की जाएगी? (घ) क्या जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को दिए जाने वाले भोजन और सुविधाओं की नियमित जांच की जाती है एवं क्या कैदियों को घटिया भोजन और तंबाकू उत्पाद प्रदान करने में शामिल जेल अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निर्धारित मात्रा में भोजन दिया जा रहा है। जेल नियमावली के नियम 530 एवं 531 के अनुसार वर्तमान में कैदियों को भोजन दिया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, भोजन की जांच प्रभारी, जेल उप अधीक्षक एवं भोजन समिति द्वारा प्रतिदिन की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश "ख" अनुसार। अवैध वस्तुएं पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जांच उपरांत कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्रकारों की सुरक्षा
[जनसंपर्क]
107. ( क्र. 1016 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में पत्रकारों पर बिना जांच किए हुए एफ.आई.आर. दर्ज की जाती है या विस्तृत जांच के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज करने का निर्णय लिया जाता है? प्रदेश में गत 5 वर्षों में कितने पत्रकारों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई? सूची दें। क्या सभी मामलों में जांच उपरांत ही एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ख) क्या पत्रकारों के लिए आवास, वेतन, स्वास्थ्य एवं पेंशन सुविधाओं के संबंध में वर्तमान में कोई दिशा निर्देश हैं? वर्तमान में पत्रकारों के आवास संबंधित कितने आवेदन विभाग एवं आवास आवंटन करने वाले अधिकारी के पास लंबित हैं? सूची दें। (ग) पत्रकार सुरक्षा कानून कब तक लागू किया जाएगा? कानून लागू नहीं किए जाने के पीछे क्या कारण है? क्या शासन पत्रकारों को उनके काम करने की स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करेगा और उन्हें बिना किसी डर के अपना काम करने में मदद करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कार्यालय में उपलब्ध आवेदन अनुसार पत्रकारों को शासकीय आवास आवंटन के 127 आवेदन लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के संबंध में दिनांक 20/09/2023 को समिति का गठन किया गया है।
आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 1019 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है? परियोजनावार, केन्द्रवार नाम सहित जानकारी दें। (ख) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सर्वाधिक आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है? यदि हाँ, तो कब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों को भवन उपलब्ध करा दिया जायेगा? (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के साथ सेक्टर पर्यवेक्षकों हेतु आवास जहाँ उपलब्ध नहीं है वहाँ कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (घ) जिले में कहाँ-कहाँ विभाग द्वारा नारी निकेतन केन्द्र, बाल गृह, कामकाजी महिलाओं हेतु वसति गृह संचालित है एवं कौन-कौन से स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित है? संस्थाओं के नाम एवं संचालनकर्ता समिति एवं पदाधिकारियों के नाम बताये, प्रत्येक वर्ष किस संस्था को शासन द्वारा कितना अनुदान दिया जाता है, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ड.) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के लिये शासन द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिये कब तक वसित गृह उपलब्ध कराये जाना है? वसित गृह संचालन संबंधी नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) अनूपपुर जिले में संचालित 77 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। परियोजनावार, केन्द्रवार नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है। (ख) हाँ, पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सर्वाधिक आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जिले में 42 सेक्टर पर्यवेक्षक है। जिनके लिए शासन द्वारा सेक्टर मुख्यालय में भवन निर्माण कर आवास प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जिला मुख्यालय पर बाल गृह संचालित है। अशासकीय संस्था का नाम ममता महिला एवं पुरूष कौशल विकास प्रशिक्षण समिति है। संस्था के संचालक श्री राजकुमार गुप्ता है एवं पदाधिकारियों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 2 अनुसार है। विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य योजना अन्तर्गत निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकायलय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अनुरूप निर्धारित प्रक्रिया के तहत बालगृह को अनुदान दिया जाता है। अनूपपुर जिले में कामकाजी महिला वसतिगृह संचालित नहीं होता है अत: जानकारी निरंक है। (ड.) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वसतिगृह (सखी निवास) की नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
जिला न्यायालय भवन की स्वीकृति
[विधि एवं विधायी कार्य]
109. ( क्र. 1020 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के अंतर्गत जिला सत्र न्यायालय के कार्यालय हेतु नवीन भवन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक एवं लागत सहित बतावें? प्रश्न दिनांक तक उक्त भवन निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त भवन निर्माण हेतु स्थल चयन किया जाकर भूमि आवंटन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो स्थान का नाम व खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या माननीय जिला न्यायालय के कार्यालय भवन की स्वीकृति हुये काफी समय व्यतीत हो जाने, इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा होने के बावजूद भी अभी तक स्वीकृत न होने के क्या कारण रहे हैं? कब तक उक्त भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
110. ( क्र. 1028 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 के थाना पलेरा में अपराध क्र. 455/2021 के तहत धारा 302, 201 भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत प्रथम सूचना के आधार पर मामला पंजीबद्ध किया गया था उक्त एफ.आई.आर. में संदेहियों नाम अंकित किये गये थे और मामला विवेचना में लिया गया था। एक तरफ पुलिस संदेहियों के नाम अंकित कर रही है दूसरी ओर अभियुक्त अज्ञात बता रही है। क्या इस प्रकार के भ्रमित अपराधों में पीड़ित पक्ष को न्याय कैसे प्राप्त होगा जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या इस प्रकार की भ्रमित एफ.आई.आर. करना तथा प्रकरणों में कोई निकाल नहीं करना भ्रष्टाचार, कदाचरण की श्रेणी में आता है साथ ही न्यायालय में खात्मा लगाकर पंजीबद्ध मामले को बंद करना और न्यायालय द्वारा आदेश जारी कर और अनुसंधान किये जाने कमियों की पूर्ति करके खात्मा को अस्वीकार किया गया है। क्या उक्त प्रकरण में अब अपराधियों की गिरफ्तारी कब तक कर ली जावेगी सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या पीड़ित परिवार द्वारा दिनांक 17/01/2025 का सी.सी.टी.व्ही फुटेज 03 बजे से 06 बजे तक का सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया था मगर नहीं दिया गया क्योंकि अपराधी थाना पलेरा में पुलिस के साथ बैठा हुआ था। इस प्रकार अपराधी थाने में उपलब्ध है और पुलिस खोज कर रही है इनाम भी घोषित है तथा पीड़ित पक्ष ने भी पुलिस अधीक्षण टीकमगढ़ के समक्ष उपस्थित होकर दिनांक 21/01/2025 को पीड़ित की ओर से इनाम देने की घोषणा की गई। पीड़ित पक्ष को न्याय प्रदान करते हुये अपराधियों को पुलिस द्वारा आज दिनांक तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें तथा अपराधियों की गिरफ्तारी कब तक करा ली जावेगी कृपया समयावधि बताएं। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट -'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट -स अनुसार है।
आधार केन्द्र प्रारंभ किया जाना
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
111. ( क्र. 1031 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितने आधार केन्द्र स्वीकृत है? स्वीकृत आधार केन्द्रों में से कितने आधार केन्द्र संचालित है एवं कितने असंचालित है? आधार केन्द्रों के असंचालित होने का क्या कारण है? बतावें। कब तक सभी आधार केन्द्र संचालित किये जाएंगे? (ख) क्या आधार केन्द्र अस्थायी होने के कारण उनका स्थान परिवर्तित होता रहता है? जिससे जनता परेशान होती है? यदि हाँ, तो क्या आम जनता की सुविधा हेतु स्थायी आधार केन्द्र प्रत्येक पंचायत में प्रारंभ किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में पन्ना विधानसभा के अन्तर्गत कुल 25 आधार केन्द्र समस्त रजिस्ट्रार के माध्यम से स्वीकृत है, स्वीकृत आधार केन्द्रों में से 21 आधार केन्द्र संचालित है एवं 04 असंचालित, 04 आधार केन्द्र पंजीकरण की प्रक्रिया में है। अगले 01 माह में सभी आधार केन्द्र संचालित होना संभावित है। (ख) जिले में समस्त आधार केन्द्र शासकीय कार्यालय में स्थायी रूप से संचालित होते है, इनको परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायमंड बिजनेस पार्क का निर्माण
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
112. ( क्र. 1033 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधानसभा सत्र दिसम्बर 2024 में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्रमांक 556 में पन्ना जिले में स्वीकृत डायमंड बिजनेस पार्क के निर्माण के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में शासन द्वारा उक्त भूमि का स्वीकृति के आधार पर अभिन्यास तैयार कर लिया गया है एवं प्रश्नागत भूमि पर विकास कार्य नहीं हुआ है की जानकारी से अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो अभिन्यास तैयार किया जाकर विकास कार्य कराए जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक स्वीकृत क्षेत्र में कार्य किया जाकर डायमंड बिजनेस पार्क का निर्माण कराया जावेगा?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : जी हाँ। अभिन्यास परीक्षणाधीन है। तत्पश्चात विकास कार्य स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी। कार्य स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
प्रकरण विवेचना संबंधी
[गृह]
113. ( क्र. 1050 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2531 दिनांक 09/07/2024 में वर्णित प्रकरण की विवेचना पूर्ण हो गयी है क्या? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं तो जांच कब तक पूर्ण होगी समय-सीमा देवें। जांचकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इनके द्वारा जांच में विलम्ब क्यों किया जा रहा है? (ख) इसी प्रश्न क्रं. 2531 दिनांक 09/07/2024 के 'ख' उत्तर में मोबाइल लोकेशन प्राप्त करने सम्बंधी जो वर्णन किया गया है क्या वह मोबाइल लोकेशन प्राप्त की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति देवें। यदि प्राप्त नहीं हुई है तो कारण बतावें कि सात माह से अधिक समय के बाद भी यह प्राप्त क्यों नहीं की जा सकी, इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) उपरोक्त प्रकरण में हुए समस्त पत्राचार, आवेदन की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रकरण की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 2531, दिनांक 09.07.24 में वर्णित प्रकरण थाना राजपुर के अपराध कं 254/24 की विवेचना पूर्ण की गई। दिनांक 16.07.2024 को चालान तैयार किया गया था, जो माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः जांच प्रवितेदन की प्रति दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न क्रमांक 2531, दिनांक 09.07.24 के प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में वर्णित मोबाइल की लोकेशन प्राप्त की जा चुकी है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः मोबाइल लोकेशन की प्रति दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः प्रकरण से संबंधित दस्तावेज दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण
[विधि एवं विधायी कार्य]
114. ( क्र.
1051 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पदोन्नति
में आरक्षण
विषय में
दिनांक 10/02/2025 तक
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय में
कितनी तारीखे
लगी? (ख) उपरोस्त
प्रकरण में
म.प्र. शासन की
ओर से नियुक्त
अधिवक्ता
उपस्थित एवं
अनुपस्थित
रहें की
जानकारी
तारीखवार, अधिवक्ता
नाम सहित
बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार
प्रकरण में
किन-किन
अधिवक्ताओं
को
कितनी-कितनी
फीस कब-कब दी
गई तारीखवार
बतावें। (घ) जिन
तारीखों में
शासन की ओर से
नियुक्त
अधिवक्ता
अनुपस्थित
रहे उसके कारण
तारीखवार
बतावें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क)
से (घ) प्रश्नांश
में प्रकरण
क्रमांक, पक्षकारों
के नामों की
जानकारी एवं
लंबित या निराकृत
किस श्रेणी के
प्रकरण में
जानकारी चाही
गई है,
संख्या
बताया जाना
असम्भव है।
निराकृत या
लंबित प्रश्नों
की संख्या कब
से चाही गई है, वह भी
स्पष्ट उल्लेख
प्रश्न में
नहीं है।
उपरोक्त अस्पष्ट
जानकारी के अभाव
में उक्त
प्रश्न
अपूर्ण है।
अत: उक्त
प्रश्न से
संबंधित
जानकारी दी
जाना सम्भव
नहीं है।
खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
115. ( क्र. 1054 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम-झाबुआ जिले में कौन-कौन से खनिज संसाधन उपलब्ध है उनकी खदानें कहाँ-कहाँ पर है तथा वर्ष 2018 से संचालित खदान का संचालन कौन से फर्म के द्वारा किया जा रहा है व कितने समय की लीज पर दी गई है तथा उक्त खदानों से कितना राजस्व शासन को प्राप्त होता है? (ख) नवीन खनिज खदानों की खोज हेतु रतलाम-झाबुआ जिले में सर्वे किया गया है तथा उन खदानों की सर्वे रिर्पोट की जानकारी देवें तथा शासन द्वारा खदानों को आवंटित रकबे के अलावा खदान से लगी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से खनन कर रहे हैं, जिससे राजस्व में भारी नुकसान हो रहा हैं। अवैध रूप से संचालित क्रेशर मशीन मालिकों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों से आसपास के खेतों में क्रेशर खदान से उड़ रही धूल से किसानों की फसले खराब हो रही हैं व क्रेशर खदान के आसपास के घरों में लोगों को श्वास व अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं, जिसका जायजा लिया जायेगा? यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रतलाम जिले में मुरम, गिट्टी एवं रेत खनिज उपलब्ध है। झाबुआ जिले में मैंगनीज, रॉकफास्फेट, क्वार्टजाईट सेण्ड एवं गिट्टी उपलब्ध है तथा रेत की कोई भी खदान स्वीकृत नहीं है। संचालित खदानों एवं प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "अ" अनुसार है। (ख) नवीन खनिज खदानों की खोज हेतु रतलाम एवं झाबुआ जिले में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किये गये सर्वे तथा रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ब" अनुसार है। शासन द्वारा आवंटित रकबे के अतिरिक्त शासकीय भूमि पर रतलाम जिले में अवैध रूप से खनन के 05 प्रकरण संज्ञान में आये है जिनमें प्रकणों को पंजीबद्ध कर कलेक्टर के समक्ष 04 प्रकरण विचाराधीन है एवं 01 प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "स" अनुसार है एवं झाबुआ जिला का कोई मामला प्रकाश में नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रतलाम एवं झाबुआ जिले में फसले खराब होने एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने संबंधी कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
पुलिस थानों में स्वीकृत/रिक्त पदों की पूर्ति
[गृह]
116. ( क्र. 1055 ) श्रीमती एडवोकेट निर्मला सप्रे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना विधानसभा क्षेत्र के पुलिस थाना बीना, आगासौद, भानगढ़, खिमलासा एवं पुलिस चौकी छोटी बजरिया, मंडी बामोरा, कंजिया, सिरचौंपी एवं नई बस्ती में कुल स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की पदवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लिखित क्षेत्र के थानों, चौकियों में लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों पर लोकसेवकों की पदस्थापना कब तक की जावेगी? समयावधि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) बीना विधानसभा क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने हेतु बीना क्षेत्र की चौकियों को क्षेत्र की बढ़ती जनसंख्या के आधार पर पुलिस थानों में अपग्रेड करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक। जानकारी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संग्लन परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पी.आर.-72 के अंतर्गत उच्चतर प्रभार दिया जाकर एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं
समान वर्ग के समयमान वेतनमान में भिन्नता
[वित्त]
117. ( क्र. 1056 ) श्रीमती एडवोकेट निर्मला सप्रे : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के सभी विभागों सहित म.प्र.उच्च न्यायालय, मंत्रालय, राजभवन कार्यरत सहायक ग्रेड-3 का प्रारंभिक वेतनमान क्या है, सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को वित्त विभाग के मूल आदेश 24 जनवरी, 2008 में प्रथम, द्वितीय समयमान, तृतीय समयमान वेतनमान का क्या क्या स्लेब निर्धारित किया था? जानकारी देवें। (ख) क्या वित्त विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने के पश्चात वित्त विभाग के अपने मूल आदेश दिनांक 24 जनवरी 2008 की किस कंडिका के क्रम में, वित्त विभाग द्वारा 13 जुलाई 2013 को मंत्रालयीन, 27 सितम्बर 2014 को राजभवन, जुलाई 2016 को उच्च न्यायालय, 26 मई 2015 को विधानसभा एवं 08.02.2021 को स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत माध्यमिक शिक्षा मंडल के सहायक ग्रेड-3 को द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान संशोधित किये है? बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) में वर्णित समान वर्ग के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों के द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान में भिन्नता है। (घ) यदि हाँ, तो समान वर्ग के सहायक ग्रेड-3 के लिए एक समान द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान लागू किए जाने के संबंध में शासन क्या कदम उठा रहा है, कब तक उठाएगा समय-सीमा सहित बतावें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सभी विभागों सहित म.प्र.उच्च न्यायालय, मंत्रालय, राजभवन एवं विधानसभा सचिवालय में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 का प्रारंभिक वेतनमान छटवें वेतनमान अनुसार 5200-20200+1900 ग्रेड-पे है। वित्त विभाग के मूल आदेश 24 जनवरी, 2008 में प्रथम एवं द्वितीय समयमान का प्रावधान निम्नानुसार है :- प्रारंभिक वेतनमान 5200-20200+1900, प्रथम समयमान वेतनमान 5200-20200 +2400, द्वितीय समयमान वेतनमान 5200-20200+2800 दिनांक 30 सितम्बर, 2014 अनुसार तृतीय समयमान वेतनमान का प्रावधान निम्नानुसार है:- तृतीय समयमान वेतनमान 9300-34800+3200 (ख)शासन के नीतिगत निर्णय अनुसार परिपत्र दिनांक 12 जुलाई, 2013 से मंत्रालयीन, 27 सितम्बर 2014 से राज्यपाल सचिवालय, 21 जुलाई, 2016 से उच्च न्यायालय, 26 मई, 2015 से विधानसभा सचिवालय के लिये जारी किये गये है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल के कर्मचारियों के लिये समयमान वेतनमान वित्त विभाग द्वारा जारी नहीं किये गये है। (ग) उत्तरांश "ख'' अनुसार। राज्य शासन के अन्य विभागाध्यक्ष/मैदानी कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 को दिये गये समयमान वेतनमान समान है। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन व संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 1057 ) श्रीमती एडवोकेट निर्मला सप्रे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की बीना विधानसभा में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? इनमें कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं एवं ऐसे कितने आंगनवाड़ी केंद्र है जो किराये के भवन में संचालित है? शहरी एवं ग्रामीण की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बीना विधानसभा के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जो आंगनवाड़ी केंद्र किराये के भवन में संचालित हैं, उनके किराये के रूप में मासिक कितनी राशि का व्यय किया जा रहा है, शहरी एवं ग्रामीण की पृथक-पृथक जानकारी केन्द्रवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विधानसभा बीना में जो आंगनवाड़ी केंद्र वर्तमान में किराये के भवन में संचालित है, उनके भवन निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की व कब तक। जानकारी उपलब्ध कराने की कृपा करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’1’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण वित्तीय संसाधनो की उपलब्धता पर निर्भर करता है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बाजार मूल्य से कम पर रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
119. ( क्र. 1066 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया तहसील बांधवगढ़ में रजिस्ट्री किये जाने की बाजार दर क्या है? (ख) दिनांक 14.07.2019 को प्रचलित दर क्या थी? (ग) क्या दिनांक 14.07.2019 को उप पंजीयक कार्यालय बांधवगढ़ उमरिया में श्री ज्ञानसिंह गोंड की भूमि प्रचलित बाजार मूल्य वर्ष 2018-19 में 36 लाख 95 हजार 299 होने बावजूद 8 लाख 50 हजार रूपये की रजिस्ट्री कर शासन को हानि पहुंचाई गई है? (घ) क्या विभाग प्रकरण को संज्ञान में लेकर संबंधित के विरूद्ध विधिवत कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला उमरिया तहसील बांधवगढ़ की वर्तमान प्रचलित बाजार दर वर्ष 2024-25 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिला उमरिया तहसील बांधवगढ़ की दिनांक 14.07.2019 को प्रचलित बाजार दर वर्ष 2019-20 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, यह सही नहीं है कि श्री ज्ञानसिंह गोंड की भूमि की रजिस्ट्री 14.07.2019 को हुई, बल्कि इस दस्तावेज का पंजीयन उप पंजीयक कार्यालय उमरिया में दस्तावेज क्रमांक MP442712019A1109020 दिनांक 14.02.2019 से हुआ है, जिसमें विक्रेता के रूप में ज्ञान सिंह गोंड तथा आराजी खसरा नं. 346/2 रकबा 0.174 हे. स्थित नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नं. 09 ग्राम खलेसर ज.न. 147 पटवारी हल्का नं. 06 उमरिया रा.नि.म. उमरिया तहसील बांधवगढ़ जिला उमरिया म.प्र. संबंधी सम्पत्ति का वर्णन है। यह भी सही नहीं है कि उक्त सम्पत्ति का प्रचलित बाजार मूल्य वर्ष 2018-19 में 36 लाख 95 हजार 299 रूपए है, बल्कि उक्त सम्पत्ति का बाजार मूल्य कलेक्टर गाइड लाइन वित्तीय वर्ष 2018-19 अनुसार 30,72,820/- रूपये है। विलेख में संव्यवहार मूल्य 8,50,000/- रूपये दर्शाया गया है। स्टॉम्प अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 25 के तत्समय प्रचलित प्रावधान अनुसार संव्यवहार मूल्य एवं कलेक्टर गाइड लाइन आधार पर संगणित बाजार मूल्य में से जो भी अधिक है, उस मूल्य (30,72,820/- रूपए) पर नियमानुसार मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन शुल्क का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र.
1067 ) श्री
उमंग सिंघार : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जांच
आयोग अधिनियम
(1952
का 60) धारा
3
अंतर्गत
आयोगों में से
कौन-कौन से
ऐसे आयोग है
जिनकी
रिपोर्ट
प्रश्न
दिनांक तक
शासन को
प्राप्त नहीं
हुई है? (ख) ऐसे
कौन-कौन से
जांच आयोग है
जिनकी
रिपोर्ट शासन
को प्राप्त हो
गई है लेकिन
उसे विधानसभा
के पटल पर
नहीं रखा गया
है? (ग) क्या
जांच आयोग
अधिनियम 1952 की
धारा 3
के तहत
रिपोर्ट
प्राप्त होने
के 6
माह के अंदर
रिपोर्ट पर
कार्यवाही कर
उसे विधानसभा
के पटल पर रखा
जाना है? (घ) यदि
हाँ,
तो आयोगों की
रिपोर्ट को
यथासमय
विधानसभा के पटल
पर न रखे जाने
का क्या कारण
है? इसके
लिए कौन दोषी
है?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक
09.08.2022
की रात्रि वन
क्षेत्र
लटेरी जिला
विदिशा में हुई
गोलीबारी की
घटना की
न्यायिक जांच
हेतु गठित
जांच आयोग की
रिपोर्ट
प्रश्न
दिनांक तक
शासन को
प्राप्त नहीं
हुई है। (ख) समयावधि
का उल्लेख न
होने के कारण
वर्ष 2010 से
आज दिनांक तक
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी, हाँ (घ) जांच
आयोग से
प्राप्त
रिपोर्ट कें
बिंदु संबंधित
विभागों में
परीक्षणाधीन
होने के कारण।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अवैध कब्जाधारक पर एफ.आई.आर. किया जाना
[गृह]
121. ( क्र. 1076 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय तहसीलदार तहसील कोठी के न्यायालय के प्रकरण रा.प्र.क्र.-15 ए 74/24-25 में पारित आदेश दिनांक 24.02.2024 द्वारा मौजा बरहना की आराजी नं. 15/1, 15/2, 15/3 का अवैध कब्जा मुक्त कराकर आवेदक को भूमिस्वामी को भूमि स्वत्व का कब्जा दिलाया गया था? यदि हाँ, तो क्या अवैध कब्जा धारक श्री कल्लू यादव पिता स्व. श्री चुन्नी लाल यादव के विरुद्ध आवेदक को जान से मारने की धमकी दिये जाने तथा उक्त आराजी भूमि पर कब्जा नहीं लेने देने के संबंध में आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर संबंधित के विरुद्ध श्रीमान थाना प्रभारी महोदय थाना कोठी, तहसील कोठी, जिला सतना में दिनांक 14.07.2024 को एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने का अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित प्रकरण में आज दिनांक तक उक्त शिकायती आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि कब्जा दिलाने की कार्यवाही/एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई, तो क्यों? विलंब का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या आवेदक श्री उमाशंकर तिवारी को भूमि पर कब्जा दिला दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतायें। कब्जा कब तक दिला दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) आवेदक द्वारा थाना कोठी में प्रस्तुत शिकायत पर थाना प्रभारी कोठी एवं तहसीलदार कोठी द्वारा स्वयं मौके पर दिनांक 26.06.2024 को जाकर भूमिस्वामी उमाशंकर तिवारी की उपस्थिति में ट्रेक्टर द्वारा मेड़ डलवाकर भूमिस्वामी को मौके से पूर्णरूप से कब्जा दिलाया जा चुका है। आवेदक द्वारा थाना कोठी में दिनांक 16.07.2024 को दिये गये आवेदन पत्र की जाँच पर जमीन संबंधी कब्जा को लेकर विवाद होना पाया गया जिस पर शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु अनावेदक कल्लू यादव पिता घुनुआ यादय निवासी बरहना के विरूद्ध थाना कोटी में इस्त. क्रमांक 54/2024 धारा 170, 126, 135(3) बीएनएसएस कायम कर इस्तगासा तहसील न्यायालय कोठी में पेश किया गया है जिसका प्रकरण क्रमांक 18/2024 दिनांक 10.09.2024 है। (ग) जी हाँ, आवेदक उमाशंकर तिवारी को उपरोक्त भूमि पर कब्जा दिनांक 26.06.2024 को पूर्णरूप से दिलाया जा चुका है। प्रकरण में अब कोई कार्यवाही शेष नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है
एक स्थान पर 03 वर्ष से अधिक पदस्थी
[गृह]
122. ( क्र. 1080 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले के सभी एस.डी.ओ.पी. कार्यालय, सभी थाने, चौकी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, में पदस्थ प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक (अधिकारी एवं कर्मचारी) जो की 3 वर्ष से अधिक समय तक एक ही जगह पर पदस्थ हैं उनके नाम सूची दी जावें। (ख) भिंड जिले में कितने ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक है जो 3 साल से एक ही जगह पर पदस्थ है, क्या इनका स्थानांतरण किया जायेगा, यदि नहीं तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने अधिकारी एवं कर्मचारी आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक है जो गृह जिले में पदस्थ है, क्या इनकी गृह जिले में पद स्थापना के नियम है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) विभाग में स्थानांतरण शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार किये जाते है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2021-2022 दिनांक 24 जून, 2021 के बिन्दु क्रमांक-29 के अनुसार जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
123. ( क्र. 1097 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 898 दिनांक 01/03/2023 प्रश्न (क) के उत्तर में बताया गया था कि नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण है? यदि हाँ, तो शेष बचे कार्य कब पूर्ण कर योजना को प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो कितना कार्य शेष है? योजना प्रारंभ कर नागदा स्थित उद्योगों और नगर पालिका नागदा/खाचरौद को पानी सप्लाई कर दिया जाएगा? विवरण दें। (ख) क्या नागदा स्थित उद्योगों की मांग को मद्देनजर रखते हुए 2215.64 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो ग्रेसिम उद्योग, केमिकल डिवीजन, लैंक्सेस, आरसील (गुलब्राण्डसन), मण्डेलिया केमिकल, क्लीरेंट इण्डस्ट्रीज, स्वास्तिक क्लोरोफिन एल.एल.पी. आदि व नागदा/खाचरौद नगर पालिका द्वारा पानी लेने हेतु आवेदन देकर अनुबंध किया है? यदि नहीं किया गया है तो किन-किन उद्योगों द्वारा नहीं किया गया है? सभी उद्योगों का पृथक-पृथक विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, परियोजना का कार्य पूर्ण होकर जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। नागदा स्थित उद्योगों एवं नगर पालिका नागदा में पेयजल हेतु 47.305 एम.सी.एम. जल का प्रावधान किया गया है। खाचरोत के लिए कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान स्थिति में नागदा क्षेत्र के अंतर्गत उद्योग एवं पेयजल के लिए कोई अनुबंध नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यटन को बढ़ावा देना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
124. ( क्र. 1100 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में माँ नर्मदा के उद्गम स्थल से म.प्र. सीमा तक पैदल यात्रा मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सरकार द्वारा इस मार्ग का कभी निर्माण कराया है? अगर हाँ तो कब नहीं तो क्यों नहीं कारण? (ख) माँ नर्मदा नदी की परिक्रमा करने देश, प्रदेश सहित विदेशो के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन परिक्रमा करते हैं? अगर हाँ तो सरकार परिक्रमा मार्ग का निर्माण, सौंदर्यीकरण एवं परिक्रमावासियों के ठहरने की समुचित व्यवस्थाएं क्यों नहीं करती? (ग) क्या विभाग कसरावद विधानसभा क्षेत्र के नर्मदा तट पर बसे ग्राम माकडखेडा, कठोरा, बड़गांव और भट्याण में श्रद्धालुओं की सुविधा और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु घाटों का निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण करेगा? अगर हाँ तो कब तक? नहीं तो कारण?
उप मुख्यमंत्री, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
झाबुआ जिले को नर्मदा का जल प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
125. ( क्र. 1104 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले किन-किन ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका/नगर परिषद में नर्मदा नदी का जल पाईप लाईन से प्रदाय होगा। (ख) कितना कार्य वर्तमान में पूर्ण हो चुका है तथा कितना अपूर्ण है, टेन्डर के दौरान कार्यपूर्ण होने की दिनांक क्या थी? (ग) उक्त कार्य की लागत क्या थी एवं कार्य पूर्ण करने की क्या शर्तें थी? प्रोजेक्ट की वित्तीय एवं तकनीकी जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उक्त योजना कब तक पूर्ण हो जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी
केन्द्रों की
जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
126. ( क्र. 1111 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांची विधानसभा में कुल कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं उनके नाम बतावें? (ख) ऐसी कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है यह वर्तमान में कहाँ संचालित की जा रही है यदि किराये के भवन में संचालित हो रही है तो भवन स्वामि का नाम एवं कितने किराये पर संचालित है जानकारी देवें? (ग) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को नवीन भवनों की स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गयी है, जो स्वीकृति हेतु लंबित है, नामवार जानकारी देवें? (घ) सांची विधानसभा की उपरोक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक भवन उपलब्ध कराये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सांची विधानसभा में 529 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''01'' अनुसार है। (ख) सांची विधानसभा में 357 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''03'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण निरन्तर चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
127. ( क्र. 1112 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किये गए है? उद्योगवार, नामवार जानकारी देवें। (ख) रायसेन जिला अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्षों में नवीन उद्योग स्थापित करने की क्या योजना है एवं संचालित उद्योगों में से कितने उद्योग चालू है? तीन वर्षों में कितने लोगों को रोजगार दिया गया? नामवार, पतावार जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार MSME प्रोत्साहन योजना अंतर्गत स्थापित उद्योगों की कितनी-कितनी सब्सिडी उपलब्ध कराई गई? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) रायसेन जिले अंतर्गत मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से लाभान्वित किया गया? नामवार सूची उपलब्ध कराये।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) भोपाल संभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षो में 9149 सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किये गये है। उद्योगवार, नामवार जानकारी उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के आधार पर तैयार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा स्वयं उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं, अपितु प्रचलित एमएसएमई विकास नीति के माध्यम से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाता है। उद्योग का संचालित रहना एक सतत प्रक्रिया है। विगत तीन वर्षों में उद्योग प्रोत्साहन सहायत प्राप्त संचालित उद्योगों में से चालू उद्योगों तथा उनमें दिये गये रोजगार की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में विगत तीन वर्षों में एमएसएमई प्रोत्साहन योजनांतर्गत स्थापित पात्र उद्योगों को उपलब्ध करायी गई सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से लाभान्वित हितग्राहियों की नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
आंगनवाड़ियों में मूलभूत सुविधाएं
[महिला एवं बाल विकास]
128. ( क्र. 1120 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन शासकीय आंगनवाड़ियों में शौचालय एवं विद्युत व्यवस्था है तथा किन-किन आंगनवाड़ियों में उक्त व्यवस्था नहीं है नाम सहित जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त आंगनवाड़ियों में किस एजेन्सी द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त में से कितनी आंगनवाड़ियों में बच्चों हेतु सुचारू रूप से पेयजल व्यवस्था चल रही है एवं कितनी आंगनवाड़ियों में बंद है इसका क्या कारण है? जानकारी देवें? (घ) जिन आंगनवाड़ियों में सुचारू रूप से पेयजल व्यवस्था नहीं है उन आंगनवाड़ियों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कि गई थी जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित समस्त 432 शासकीय आंगनवाड़ी केन्द्रों (विभागीय एवं अन्य शासकीय भवनों) में शौचालय एवं विद्युत व्यवस्था है। केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में पीएचई (जल जीवन मिशन)/ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर परिषद द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में बच्चों हेतु सुचारू रूप से पेयजल व्यवस्था चल रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
129. ( क्र. 1129 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधोहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्र. 749 दिनांक 06.01.25 जो मुख्य सचिव, म.प्र.शासन को प्रेषित किया गया था, उसका प्रति उत्तर म.प्र.शासन, मुख्य सचिव कार्यालय, भोपाल का पत्र क्र. 1180/वि.क.अ./मु.स./2025 दिनांक 31/01/2025 जो अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग एवं प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन विभाग, म.प्र.शासन, भोपाल को संबोधित था का पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी? बतायें। यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतायें। (ग) इसी प्रकार राजगढ़ जिले के ब्यावरा, विधानसभा के सुठालिया के सेमलापार में अवैध रेत खनन के संबंध में दैनिक समाचार पत्र हरिभूमि में 30/12/24 को "विभाग की अनदेखी से बढ़ता जा रहा है अवैध रेत खनन का करोबार" शीर्षक से एवं दैनिक गुना प्लस में 18/1/25 को 'हवा में उड़ाए जा रहे कलेक्टर के निर्देश सेमलापार में फिर शुरू अवैध रेत उत्खनन" प्रकाशित हुआ है? उक्त पर विभाग में कब और क्या कार्यवाही यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या यह प्रकरण खनिज विभाग के संज्ञान में आया है? यदि हाँ, तो कब और कैसे? यदि नहीं तो विभाग की अनदेखी के लिये कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र के साथ संलग्न प्राप्त पत्र दिनांक 07/08/2024 पर कलेक्टर, जिला भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2041 दिनांक 28/10/2024 से प्रश्नकर्ता को जानकारी से अवगत कराया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी हाँ, कलेक्टर, जिला भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार पत्र दिनांक 28/10/2024 से प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई थी। पुन: म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के पत्र दिनांक 03/03/2025 से जानकारी प्रेषित की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संज्ञान में नहीं आया है, दिनांक 20/01/2025 को तहसीलदार सुठालिया एवं खनि निरीक्षक जिला राजगढ़ द्वारा संयुक्त रूप से मौका स्थल ग्राम सेमलापार स्थित पार्वती नदी में खनिज के अवैध खनन/परिवहन की जाँच की गई। मौके पर पार्वती नदी में किसी मशीन, व्यक्ति द्वारा खनन/परिवहन होते नहीं पाया गया। पार्वती नदी में जगह-जगह पत्थर को ढेर एवं छोटे-छोटे गड्ढे खुदे पाये गये, जिनमें किसानों के खेतों को पानी सिचनें वाली मोटरें रखी पाई गई। विभाग द्वारा समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डूब प्रभावित कर्मचारियों का नियमितिकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
130. ( क्र. 1169 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदिरा सागर बांध परियोजना नर्मदा नगर जिला खण्डवा के अंतर्गत इंदिरा सागर जल विद्युत गृह में कार्यरत डूब प्रभावित कर्मचारियों को भर्ती प्रक्रिया के समय नियमित नौकरी देने के प्रावधान के बाद भी उन्हें आज दिनांक तक नियमित नहीं किया जा सका, कारण की जानकारी दें। (ख) सभी कर्मचारी विगत 15 से 18 वर्षों से इंदिरा सागर पावर स्टेशन में अपनी सेवाएं निरंतर देते चले आ रहे हैं। क्या ऐसे कर्मचारियों को भविष्य में नियमित किया जावेगा, क्या विभाग द्वारा नियमित किए जाने सम्बंधी आदेश निकट भविष्य में दिए जायेंगे। यदि हाँ, तो कर्मचारी कब तक लाभान्वित हो सकेंगे और यदि नहीं तो ऐसा क्यों कृपया बताने की कृपा करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एन.एच.डी.सी. नियमावली में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत मैनपावर को नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। एन.एच.डी.सी. लिमिटेड में रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर निगम द्वारा आवश्यकता अनुसार भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया की जाती है। (ख) भविष्य में एन.एच.डी.सी. लिमिटेड में रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर निगम द्वारा आवश्यकता अनुसार भर्ती विज्ञापन जारी किये जाने पर डूब प्रभावित अभ्यर्थी अपनी योग्यता/पात्रता अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
बी.सी.एल.एल. को भुगतान
[जनसंपर्क]
131. ( क्र.
1171 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 1
जनवरी 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
जनसंपर्क
द्वारा भोपाल
सिटी लिंक
लिमिटेड को
कितने
विज्ञापन
जारी हुए किस
विज्ञापन पर
कितनी राशि का
भुगतान हुआ
किस दिनांक को
हुआ का माहवार
गौशवारा
बनाकर
जानकारी प्रदाय
करें?
(ख) उपरोक्त (क) अनुसार
जो जनसंपर्क
विभाग एवं
भोपाल सिटी लिंक
लिमिटेड
(बीसीएलएल) के
मध्य
पत्राचार की
छायाप्रति
उपलब्ध
कराएं। (ग) क्या
जनसंपर्क
विभाग द्वारा
बी.सी.एल.एल. के
निविदाकारों
को राशि का
भुगतान किया
गया है? यदि हाँ, तो
भुगतान कब-कब
हुआ और भुगतान
की गई राशि की
जानकारी मय
दस्तावेज
प्रदाय करें? (घ) जनसंपर्क
विभाग द्वारा
बी.सी.एल.एल. को 1
जनवरी 2015 से 31
दिसंबर 2019 तक और 1
जनवरी 2021 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितनी राशि का
भुगतान हुआ है
की जानकारी
प्रदाय करें?
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से
(घ) जानकारी
निरंक है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
132. ( क्र. 1178 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में किस-किस विभाग में कौन-कौन से पदों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के एवं अन्य के पद क्यों और कब से रिक्त हैं? स्वीकृत पद, भरे पद एवं रिक्त पदों की सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने शासन आदेश कब तक जारी करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन रिक्त पदों के कारण क्या टीकमगढ़ जिले की जनता परेशान हो रही है और क्या विकास कार्य प्रभावित हो रहे है? या नहीं? सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तक विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय से अन्य समन्वय करके या सीधे स्थानान्तरण करके टीकमगढ़ जिले के रिक्त पदों को भरने हेतु स्थानान्तरण आदेश जारी करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मासिक भत्ता
[महिला एवं बाल विकास]
133. ( क्र. 1179 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के द्वारा वर्तमान में जिन बच्चे-बच्चियों की उम्र 18 वर्ष से कम है उनके माता पिता या माँ या पिता मृत हो गए हैं ऐसे बच्चे बच्चियों को शासन द्वारा सहायता प्रदाय करने की कोई योजनाएं हैं? यदि हाँ, तो ऐसे आदेशों/नियमों की छायाप्रतियाँ प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले के कहाँ-कहाँ के ऐसे बेटा-बेटी हैं, जिनको इस योजना के आधार पर प्रतिमाह राशि भुगतान होने लगी है तो कितनी-कितनी और किस-किस को? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिले के कहाँ-कहाँ के विभागीय कार्यालय द्वारा किस-किस के फार्म भरवाये गये हैं, उसकी अद्यतन सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि लंबित फार्मों की जाँच एवं निराकरण कर दिये जायेंगे तो कब तक? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, योजनाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के आधार पर टीकमगढ़ जिले में हितग्राहियों की योजनावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 02, 03, 04 एवं 05 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 06 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त आवेदनों पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जाँच के बाद जिला स्तरीय स्पॉन्सरशिप फॉस्टर फेयर अनुमोदन समिति (SFCAC) से अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। लंबित आवेदनों में पंजीकृत बच्चों को योजना अंतर्गत लाभ, भारत सरकार से बजट प्राप्त होने पर प्रदान किया जाता है, अतः लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश भवन में व्याप्त समस्याएं
[सामान्य प्रशासन]
134. ( क्र. 1244 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नई दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन के नवीन भवन में प्रदेशवासियों के लिए क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? कृपया जानकारी दें। (ख) क्या उक्त भवन में सभी व्यवस्थाएँ बदहाल स्थिति में हैं, जिससे प्रदेश से पहुँचने वाले अतिथियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या व्यवस्थाओं के संबंध में कोई जाँच की जाएगी? (ग) उक्त भवन में असुविधाओं से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन शिकायतों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) उक्त भवन में भोजन दूषित और गुणवत्ताहीन क्यों दिया जा रहा है, जिससे आगंतुकों को अपचन एवं फूड पॉइजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या इसमें सुधार हेतु कोई कदम उठाए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश भवन में अतिविशिष्ट अतिथियों हेतु कुछ ईयर मार्क सुईट्स के अतिरिक्त अन्य अतिथियों हेतु 62 डीलक्स कक्ष, 37 स्टैण्डर्ड कक्ष है। इसके अतिरिक्त अतिथियों के सुविधा हेतु भवन में एक ऑडिटोरियम हाँल (200 व्यक्तियों हेतु) सम्मेलन कक्ष (70 व्यक्तियो हेतु ) वी.सी. कक्ष, प्रदर्शनी स्थल, ओपन टैरेस, टैरेस गार्डन तथा वी.आई.पी. डायनिंग हाँल एवं लाउंज इत्यादि भी है। भवन के भू-तल में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित रेस्टोरेंट भी संचालित किया जा रहा है। भू-तल पर ही मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम द्वारा संचालित ‘’मृगनयनी’’ मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित ‘’विंध्य हर्बल्स’’ के विक्रय केन्द्र भी है, जहाँ प्रदेश के हस्तशिल्प एवं लघुवनोपज के उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं। (ख) जी नहीं। मध्य प्रदेश भवन की साफ-सफाई, हाऊसकीपिंग सेवा, खान-पान सेवा एवं अनुरक्षण सेवाएं उच्च स्तर की है। उपरोक्त सभी सेवाओं को मध्यप्रदेश भवन प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा सतत् निरीक्षण किया जाता है तथा यदि कोई कमी पाई जाती है, तो उसे तत्काल निराकृत कराया जाता है। (ग) 45 शिकायतें प्राप्त हुई है समस्त शिकायतों को निराकृत किया गया है। (घ) भोजन शुद्ध एवं उच्च गुणवत्ता का प्रदान किया जाता है। आगंतुकों द्वारा इस प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। तथापि भवन प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा फूड सेफ्टी का सतत् निरीक्षण समय– समय पर किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
135. ( क्र. 1497 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब माननीय मुख्यमंत्री महोदय शासकीय प्रवास पर आये थे और उन्होंने क्या-क्या घोषणायें की थी। प्रश्न दिनांक तक उन घोषणाओं में किस-किस पर जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा अमल किया जा चुका है और कौन-कौन सी घोषणाओं पर अमल होना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्नकर्ता द्वारा जो मांग पत्र दिया गया था उसमें किस-किस विभाग ने घोषणाएं पूर्ण कर दी हैं और किस-किस विभाग द्वारा घोषणाओं पर अमल नहीं किया जा रहा है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि संस्कृति एवं पर्यटन विभाग ने कौन-कौन सी घोषणाएं पूर्ण कर दी हैं और कौन-कौन सी अपूर्ण हैं? सम्पूर्ण जानकारी दें। कब तक घोषणाओं पर अमल किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ’’ अनुसार है। घोषणाओं के अमल के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रस्तुत मांग पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित विभागों को नियमानुसार कार्यवाही हेतु भेजे गये है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स’’ अनुसार है। घोषणाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब’’ अनुसार है।