सोनकच्छ अस्पताल में
एक्स-रे मशीन की व्यवस्था
1. ( *क्र. 701 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या सोनकच्छ नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र में एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन की व्यवस्था हैं ? (ख) यदि है तो
क्या उक्त मशीनों का लाभ मरीजों को मिल रहा है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ग)
भविष्य में कब तक मरीजों को उक्त मशीनों की सुविधा मिल सकेगी ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं।
(ख) प्रश्न उपस्थित नही होता। मशीन उपलब्ध न होने के कारण। (ग) देवास मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आदेश क्रमांक 51 दिनांक 09/06/2015 से
एक्स-रे मशीन के क्रय आदेश दिये गये है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में
सोनोग्राफी मशीन दिये जाने का प्रावधान नहीं है। मशीन स्थापित होने पर एक्स-रे मशीन
की सुविधा रोगियों को शीघ्र उपलब्ध हो सकेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नही है।
नागदा जं. स्थित ग्रेसीम उद्योग के लंबित प्रकरण
2. ( *क्र. 257 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
उज्जैन नागदा जं. स्थित ग्रेसीम उद्योग के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों पर श्रम
कानूनों के उल्लंघन, सेवानिवृत्ति, कार्यस्थल पर कर्मचारी घायल/मृत्यु होने से
संबंधित कितने मामलों के प्रकरण कहां-कहां चल रहे है ?(ख) (क) अनुसार उपरोक्त
प्रकरणों में अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पदनाम सहित प्रत्येक प्रकरण की अद्यतन
स्थिति से अवगत करावें ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) :
(क) ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. (केमिकल डिवीजन) ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि.
(एस.एफ.डी) तथा ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि.(ई.डी.) नागदा से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -अ अनुसार है।
रोगी कल्याण समिति
3. ( *क्र. 425 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) शासन के निर्देशानुसार रोगी कल्याण समिति की बैठकों के
संचालन हेतु क्या दिशा निर्देश प्रचलन में है ? प्रति उपलब्ध करावें ? व समिति
में कौन-कौन सदस्य शामिल होते है ?(ख) सी.एच.सी. करैरा जिला शिवपुरी की जनवरी 2014
से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बैठकें आयोजित की गई की जानकारी दिनांक व ऐजेंडा
सूची सहित दी जावे ? क्या आयोजित बैठकों में स्थानीय विधायक को भी आमंत्रित किया
गया है ? यदि नहीं तो न बुलाने के क्या कारण है ?(ग) नीति निर्देशों के अनुसार
रोगी कल्याण समिति को किन-किन स्रोतों से आय प्राप्त होती है ? (घ) जनवरी 2014 से
अक्टूबर 2015 तक प्रश्नांश (ग) के अनुसार कहां-कहां से आय हुई व प्राप्त आय में
से किन-किन कार्यों में व्यय हुआ व व्यय का भुगतान जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015
तक नगद अथवा चैक द्वारा किया गया, की जानकारी चैक क्रमांक, दिनांक, व्हाउचर आदि
सहित दी जावे ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार।
(ख) जनवरी 2014 से अक्टूम्बर 2015 तक की समयावधि में कोई बैठक आयोजित नहीं हुई।
प्रश्न उपस्थिति नही होता। प्रश्न उपस्थिति नही होता। (ग) नीति निर्देशों के
अनुसार रोगी कल्याण समिति के कोष में विभिन्न स्त्रोतो से आय प्राप्त होती है। इन
स्त्रोतों से निजी दानदाताओं से प्राप्त दान, केन्द्र एवं शासन से प्राप्त अनुदान,
उपभोक्ता शुल्क से आय, व्यवासायिक गतिविधियों से प्राप्त आय, निवेश, एवं निजी
भागीदारी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार।
चिकित्सकों के स्वीकृत पद
4. ( *क्र. 389 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर जिला मुख्यालय एवं विकासखण्ड मुख्यालय पर
चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं और कितने चिकित्सक कार्यरत हैं तथा
कितने पद कब से रिक्त हैं और कहां अतिशेष के रूप में कार्यरत हैं ? (ख) क्या अनेक
चिकित्सक अपने मूल पदांकित स्थल पर कार्यरत नहीं है अन्य दूसरे स्थान पर
व्यवस्था के अंतर्गत अथवा अन्य किसी कारण से अन्यत्र दूसरे स्थान पर पदस्थ
हैं ? उनके नाम, मूल पदस्थापना सहित अन्य दूसरे स्थान पर पदस्थ रहने के दिनांक
के साथ इस दूसरे स्थान पर आसंजित रखे जाने की उपयोगिता संबंधी जानकारी देवें ?(ग)
प्रश्नांश कंडिका (क) के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है । (ख)
जी नहीं, अनेक चिकित्सक नहीं, सिर्फ 4 चिकित्सक प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत
अन्य संस्थाओं में सेवायें प्रदान कर रहे हें, जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है । (ग) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु
निरंतर प्रयासरत है, हाल ही में लोक सेवा आयोग से चयन पश्चात कुल 26 चिकित्सकों
की पदस्थापना सागर जिले अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में की गई है। विशेषज्ञों
चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा
सकी है ।
रोगी कल्याण समिति की बैठक
5. ( *क्र. 497 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) रोगी कल्याण समिति बनाने के उद्देय, कार्य, एवं क्या-क्या अधिकार
हैं ?(ख) रोगी कल्याण समिति की अध्यक्षता कौन कर सकता है ? कितने माह में बैठक
बुलाई जा सकती है ?(ग) विभाग द्वारा जनहित में लिए गए प्रस्ताव का पालन नहीं होने
पर क्या कार्यवाही की जा सकती है ?(घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन
स्वास्थ्य केन्द्रों पर रोगी कल्याण समिति की बैठक ली गई थी ? दिनांक, वर्ष बतावें
एवं बैठक में जनहित में लिए गए प्रस्तावों की प्रतिलिपि एवं इन प्रस्तावों पर की गई
कार्यवाही की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रोगी कल्याण समिति बनाने के
उपदेश्य, कार्य, एवं अधिकार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ
अनुसार है । (ख) जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल
अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की
अध्यक्षता क्रमाश: जिले के प्रभारी मंत्री, क्षेत्रीय विधायक एवं जनपद अध्यक्ष
अध्यक्षता करते हैं । जिला स्तरीय कार्यकारणी सभा की बैठक की अध्यक्षता जिला
कलेक्टर करते हैं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल अस्पताल स्तरीय सभा की
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अध्यक्षता करते हैं। प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय सभा की अध्यक्षता ब्लाक मेडिकल ऑफिसर द्वारा की
जाती है । साधारण सभा की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार तथा साधारण सभा के एक तिहाई
सदस्यों के अनुरोध पर कभी भी आयोजित की जा सकी है । कार्यकारणी सभा की बैठक प्रति
02 माह में एक बार आयोजित की जानी चाहिये । (ग) विभाग द्वारा जनहित में लिये गये
प्रस्ताव का पालन नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार पालनार्थ निर्देश
दिये जा सकते हैं। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के अन्तर्गत सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र सीतामउँ, प्राथमिक दीपाखेड़ा कयामपुर, लदुमा, शामगढ़, पर
गठित रोगी कल्याण समिति बैठक आयोजित की गई । दिनांक एवं जनहित लिये गये
प्रस्तावों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’
अनुसार है ।
अनु. जाति, अनु. जनजाति बसाहटों में
विद्युतीकरण
6. ( *क्र. 544 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) रीवा जिले में अनु. जाति, अनु.जनजाति के बसाहट में वर्ष 2010-11 से
प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक विद्युतीकरण हेतु कितनी कितनी राशि कब कब प्राप्त
हुई, वर्षवार विवरण सहित बतावें ? (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में विधानसभा
क्षेत्रवार ग्राम एवं ग्राम पंचायत वार प्रतिवर्ष स्वीकृति कार्यो की जानकारी एवं
उनकी वर्तमान स्थिति पृथक-पृथक देवें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में
विद्युतीकरण हेतु किसे एजेंसी बनाया गया था ? कार्यवार नाम एवं आज की स्थिति में
कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की देवें ? (घ) क्या
प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कराये गये कार्यों का सत्यापन कराया जावेगा ? यदि
हां तो कब तक, ? यदि नहीं तो क्यों, कारण स्पष्ट बतावें ?
आदिम जाति
कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2010-11 से वर्ष
2015-16 तक विद्युतिकरण योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति बसाहट में प्राप्त आवंटन की
जानकारी परिशिष्ट ‘अ’ पर संलग्न है। (ख) एवं (ग) जानकारी परिशिष्ट ‘ब’ पर
है। (घ) मा. प्रश्नकर्ता विधायक अपनी सुविधानुसार कार्यों का सत्यापन कभी भी कर
सकते हैं।
अनुसूचित जाति, जनजाति बाहुल्य ग्रामों में
विद्युतीकरण
7. ( *क्र. 519 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से गावों के अनुसूचित जाति, जनजाति
बाहुल्य इलाकों में प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है
? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कौन-कौन से गांव हैं, जहां विद्युत खम्बे
हैं मगर उनमें लाईन न होने के कारण विद्युत का कार्य अपूर्ण हैं ? (ग) विधानसभा
क्षेत्र के शेष गांवों में कब तक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो जायेगा ? (घ)
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में विभाग द्वारा 1 जनवरी 2013 से
प्रश्न दिनांक तक विद्युतीकरण के लिये कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है
?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-चार अनुसार है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर
कार्यवाही
8. ( *क्र. 176 ) श्री संजय
पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रं. 203, दिनांक 24.07.2015 में मुद्रित प्रश्नांश
(ख) का उत्तर कार्यालयीन पत्र क्रं. जा.प्र.स./1025/2012/7146 दिनांक 31.03.2015
से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस महानिरीक्षक भोपाल को प्रकरण क्रं. 5854/1994
दिनांक 02.09.1994 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप पायी गई कमियों की पूर्ति
पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है । जांच प्रतिवेदन
अप्राप्त है । जांच कार्यवाही पुलिस स्तर पर लंबित है ? प्रश्नांश (ग) का उत्तर
म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन के ज्ञापन क्रं. एफ-7-1-96/अप्रा-1 दिनांक 08.09.1997
में दिये निर्देशों के अनुरूप पुलिस जांच उपरांत समिति द्वारा कार्यवाही की जावेगी
दिया गया था तो पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक भोपाल को कब-कब पत्र लिखे गये
तथा क्या-क्या जानकारी प्राप्त हुई ? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक/पुलिस महानिरीक्षक भोपाल द्वारा संबंधितों का सही जांच प्रतिवेदन विगत दो
वर्षों से प्राप्त नहीं हुआ तो संबंधितों के विरूद्ध किस पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी
को पत्र लिखा गया ? यदि पत्र नहीं लिखा गया, तो विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी
हैं ? दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी ? (घ) क्या फर्जी निवास एवं जाति
प्रमाण पत्रों के प्रकरणों की जांच-बीन समिति को छ: माह के अंदर निर्णय लेने का
प्रावधान है ? यदि हां, तो जानबूझकर विलंब करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है ?
दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जी
हॉं। पुलिस अधीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक को लिखे गये पत्रों की प्रति तथा
प्राप्त प्रतिवेदनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
'अ'
अनुसार है।
(ख) छानबीन समिति द्वारा संदेहास्पद जातिप्रमाणपत्रों की जॉंच अर्द्धन्यायिक
प्रक्रिया के तहत की जाती है। पुलिस जॉंच हेतु लिखे पत्रों प्रतियॉं पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ'
अनुसार है।
जॉंच प्रक्रिया सतत् प्रचलित है। अत: कोई दोषी नहीं है। (ग) प्रश्नांश अन्तर्गत
प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर क्रमश: दिनांक 24/09/2015 तथा 27/11/2015 को जारी
सूचना पत्र अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। कोई दोषी नहीं है। (घ) अनावेदक श्री
जानराव हेड़ाउ को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 27/11/2015 एंव नामदेव हेड़ाउ को
पत्र दिनांक 24/09/2015 को जारी किया गया है। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही
की जायेगी। जबाव प्राप्त होने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही सतत्
प्रचलित है। कोई दोषी नहीं है।
शासकीय स्कूलों में बाहरी
बिद्युतीकरण एवं पहुंच मार्ग व्यवस्था
9. ( *क्र. 487 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विदिशा जिले अन्तर्गत कितने शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित
है ? संचालित स्कूलों के स्वयं के कितने भवन है, कितनों के नहीं, कितने भवन
निर्माणाधीन हैं ? स्कूल भवन से गांव की दूरी बताते हुये सूची उपलब्ध करावें ?
(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्कूलों में से कितने स्कूल है जहां बाहरी
विद्युतीकरण की व्यवस्था एवं शाला पहुंच मार्ग नहीं है ? इसके लिए कौन अधिकारी
दोषी है ? (ग) क्या स्कूल विद्युत व्यवस्था का संचालन न होने से छात्रों को
कक्षों में बैठने में असुविधा हो रही है एवं पहुंच मार्ग न होने से छात्रों को
बारिश के दौरान आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है ? (घ) प्रश्नकर्ता
के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत स्कूलों में बाहरी विद्युतीकरण की व्यवस्था एवं
पहुच मार्ग का निर्माण कब तक कराया जावेगा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र जैन ) : (क)
जानकारी परिशिष्ट -1 अनुसार । (जानकारी पुस्ताकालय में रखे
परिशिष्ट 1अनुसार) (ख)
27 स्कूलो में बाहरी विघुतीकरण तथा 5 स्कूलो मे पक्का पहुच मार्ग नहीं है।
बाह्य विधुतीकरण एवं पहुचमार्ग हेतु विभाग के बजट में प्रावधान नही होने से
कोई अधिकारी दोषी नही है । (ग)
असुविधा तो होती है स्कूल तक पहॅुच मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था है
। (घ)
वाह्य
विधुतीकरण एवं पहुंच
मार्ग का निरंतर कार्य होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया की वाउण्ड्रीवाल एवं
आवासीय भवनों की स्वीकृति
10. ( *क्र. 114 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 75, क्रमांक 2058 दिनांक
31 जुलाई 2015 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि लोक निर्माण विभाग
(पीआईयू) द्वारा नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया की
वाउण्ड्रीवाल एवं आवासीय भवनों का प्राक्कलन राशि रूपये 260.86 लाख का तैयार करके
सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है ? तो क्या
तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है ? यदि नहीं तो क्यों ?(ख) क्या शासन व्यापक
लोकहित में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया की वाउण्ड्रीवाल एवं आवासीय
भवनों के प्राक्कलन अनुसार तकनीकी स्वीकृति जारी कर निर्माण स्वीकृति एवं
आवश्यक धनराशि प्रदान करेगा ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हॉं। लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू द्वारा तकनीकी स्वीकृति जारी न करने
के फलस्वरुप विभागीय स्तर पर प्राक्कलन तैयार किया गया। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र सुठालिया की बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु शासन द्वारा राशि रुपये 27.68 लाख
की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 19.11.2015 को जारी की गई है आवासीय भवनों के निर्माण
हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव
नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी
द्वारा खरीदी में अनियमितता
11. ( *क्र. 851 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर में कार्यालय द्वारा आवश्यक वस्तुओं की खरीदी
के लिए जो आदेश दिये गये थे वे उनकी अधिकारिता की सीमा में थे ? यदि हां, तो वर्ष
2012 से सितंबर 2014 तक की समस्त खरीदी आदेशों की सीमा विवरण प्रदाय किया जाये
?(ख) यदि नहीं तो जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? (ग)
क्या उक्त समय में की गई समस्त खरीदी लघु उद्योग निगम के माध्यम से की गई है ?
यदि हां, तो विवरण दिया जावे ?(घ) यदि नहीं तो जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर के
विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस
चन्द्र जैन ) :
(क) जी हां। जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला समन्वयक, जिला छतरपुर
को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत अधिकारिता होने से खरीदी के
आदेश दिये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार
है।(ख) उत्तरांश क के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।(ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।(घ) उत्तरांश क
एवं ग के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति
के विकास हेतु कार्य योजना
12. ( *क्र. 759 ) श्री
विष्णु खत्री : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग
द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 हेतु विमुक्त, घुमक्कड़ एवं
अर्द्धघुमक्कड़ जाति के विकास के लिये कितनी राशि का प्रावधान रखा गया था ? (ख)
बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के
बस्ती विकास हेतु बनायी गयी कार्ययोजना की स्वीकृति में विलंब का क्या कारण है
एवं यह योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह
रावजी आर्य ) : (क)बस्ती विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि
रूपये 330 लाख एवं वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 400 लाख का प्रावधान रखा गया
है।(ख)बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के विमुक्त,घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजातियों के
बस्ती विकास योजनांतर्गत निर्माण कार्यो के प्रस्ताव प्राप्त हेुये थे
किन्तु वतर्मान में बजट उपलब्ध न होने के कारण राशि उपलब्ध नही कराई जा
सकी बजट उपलब्ध होने पर कार्यवाही सुनिश्चित की
जायेगी।
चिकित्सकों व कर्मियों की पदपूर्ति
13. ( *क्र. 158 ) श्री दिनेश
राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) जिला सिवनी के किन सामुदायिक चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों,
उपस्वास्थ्य केन्द्रों में किन चिकित्सकों, विशेषज्ञों और कर्मियों की पदस्थी
की गई है ?(ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत और रिक्त पदों की स्थितियां कब से
क्या है ? (ग) प्रश्नांश (क) के किन चिकित्सकों व कर्मियों को विगत 3 वर्षों
में रिक्त पदों के रहते स्थानांतरित किया गया है और उनके रिक्त पदों के विरूद्ध
कब किनकी पदस्थी कर पदपूर्ति की गई है ?(घ) प्रश्नांश (क) के किन केन्द्रों में
पदस्थ किन चिकित्सक व कर्मियों द्वारा पदस्तीकाल में किन-किन तिथियों में
उपस्थिति दी है और अनुपस्थित रहने के कारण क्या है और क्या इनके विरूद्ध कभी कोई
कार्यवाही की गई है ? (ड़) प्रश्नांश (ख) के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली
जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र
) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । (ग) सिवनी जिले अंतर्गत पदस्थ 02
चिकित्सकों की पदस्थापना अन्यत्र जिले में की गई है एवं लोक सेवा आयोग से चयन
उपरांत कुल 17 चिकित्सकों की पदस्थापना सिवनी जिले अंतर्गत जिला
चिकित्सालय/सिविल अस्पताल/सा.स्वा.के. स्तर की संस्थाओं में की गई है । (घ)
प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित संस्थाओं में से सामुदायिक स्वास्य केन्द्र
धनौरा में 02 चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की गई है एवं उक्त चिकित्सकों
द्वारा दिनांक 29.07.2015 एवं 31.07.2015 को उपस्थिति प्रस्तुत की गई एवं उक्त
चिकित्सक कार्यरत हैं । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ड) प्रदेश में
विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं हो पाई
है । प्रदेश में पैरामैडिकल स्टाॅफ के 900 पदों की पूर्ति हेतु म. प्र.
व्यवासायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है परन्तु संविदा
कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये स्थगन के
कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की जा सकी थी । दिनांक 30.11.2015
को माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन हटाया गया है, शीघ्र पदस्थापना संबंधी
कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है ।
प्रसूति अवकाश प्रकरणों का
निराकरण
14. ( *क्र. 871 ) पं. रमेश
दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) म.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल योजनान्तर्गत प्रसूति
अवकाश के नगदीकरण राशि के लिए पद विहित अधिकारी कौन है तथा आवेदन पत्र प्रस्तुत
करने व प्राप्त होने पर उसके निराकरण की अवधि क्या है ? नियम निर्देश की प्रति
सहित जानकारी दें ?(ख) क्या छिन्दवाड़ा जिले के विकास खण्ड चौरई में प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित विषय से संबंधित आवेदन पत्र वर्ष 2012 से निराकरण हेतु मुख्य
चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी छिन्दवाड़ा के कार्यालय में लंबित है ?
प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में पहल करने पर स्वास्थ्य विभाग और जनपद पंचायत
के मध्य एक वर्ष से केवल पत्राचार किया जाता रहा और विगत माह में अधिकांश प्रकरणों
को निरस्त कर दिया गया ?(ग) यदि हां, तो विगत दो-तीन माह में निरस्त किये गये
प्रकरणें की जानकारी कारण सहित उपलब्ध करावें ? समयावधि में निराकरण नहीं करने के
लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या शासन इसकी जिम्मेदारी नियत कर जिम्मेदार
कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा ? यदि नहीं तो क्यों ?(घ)
प्रश्नांश (ख) और (ग) के प्रकाश में कितने प्रकरण निराकरण हेतु आज भी लंबित है ?
लंबित प्रकरणों को कब तक निराकरण कर दिया जावेगा ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य
सन्निर्माण कर्मकार मंडल योजनान्तर्गत प्रस्तुति अवकाश के नगदीकरण राशि के लिये
पद विहित अधिकारी खंड चिकित्सा अधिकारी है । आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात
पदाभिहित अधिकारी द्वारा निराकरण की समय-सीमा 10 दिवस है । प्रथम एवं द्वितीय
अपीलिय अधिकारी के स्तर पर अपील के निराकरण की समय-सीमा 30-30 कार्यदिवस है। शासन
द्वारा जारी नियम एवं निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र एक अनुसार है । (ख) छिंदवाड़ा जिले के वि. ख. चौराई में
प्रश्नांश ‘’क’’ में उल्लेखित विषय से संबंधित आवेदन पत्र वर्ष 2012 से निराकरण
हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में लंबित नहीं है । एवं
उक्त योजना अप्रैल 2013 से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को श्रम
विभाग से स्थानांतरित की गई है । जी हॉं, यह सही है कि अपूर्ण आवेदनों को मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौराई को पूर्ण करने हेतु विगत 1 वर्ष से पत्राचार
किया जाता रहा है । एवं पूर्ण आवेदनों का निराकरण तत्काल किया गया है । जी हॉं, जो
अपात्र है उन्हें निरस्त कर दिया गया है । (ग) गत दो-तीन माह में मुक्त
कार्यपालन अधिकारी चौराई द्वारा निरस्त किये गये प्रकरणों की जानकारी कारण सहित
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो अनुसार है । मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा के पत्र
क्रमांक/लेखा/2015/14692/छिंदवाड़ा दिनांक 07/08/2015 के द्वारा मुख्य कार्यापालन
अधिकारी चौराई को 27 अपूर्ण आवेदनों को पूर्ण कर तत्काल खण्ड चिकित्सा अधिकारी
को उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया था, पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -तीन अनुसार है
। इस संबंध में मुख्य कार्यापालन अधिकारी चौराई द्वारा पत्र
क्रमांक/1454/ज.प./2015 चौराई दिनांक 24/10/2015 के द्वारा सरल क्रमांक/1 से 23 तक
पात्र एवं अपात्र हितग्राहियों की सूची एवं आवेदनपत्र प्रस्तुत किये गये थे,
जिसमें मजदूरी सुरक्षा योजना के पात्र हितग्राहियों की संख्या-10 को भुगतान
किया जाने की कार्यवाही की गई है । एवं म.प्र. सहनिर्माण भवन एवं कर्मकार मण्डल के
चार हितग्राहियों को चेक क्रमांक/479626 दिनांक 26/11/2015 द्वारा भुगतान की
कार्यवाही की गई है । पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र -चार अनुसार है । (घ) खण्ड चिकित्सा अधिकारी चौराई के अनुसार
कार्यालय में एक भी प्रकरण लंबित नहीं है ।
निशुल्क साईकलों का
वितरण
15. ( *क्र. 347 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) श्योपुर जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक प्रतिवर्ष कक्षा 6 व 9 में
प्रवेशार्थी पात्र छात्र-छात्राओं को निशुल्क साइकिल वितरण हेतु वर्षवार कितना
आवंटन कब-कब उपलब्ध कराया गया ? उसमें से कब-कब कितनी-कितनी राशि कितने-कितने
पात्र छात्र-छात्राओं के खाते में डीपीसी/डीईओ द्वारा जमा कराई गई । इस संबंध में
शासन के क्या निर्देश है ?(ख) क्या शासन निर्देशानुसार प्रतिवर्ष 20 जुलाई तक
साइकिलें क्रय हेतु राशि पात्र छात्र-छात्राओं के खाते में जमा हो जाना चाहिये
लेकिन शासन द्वारा समय पर आवंटन उपलब्ध न कराने तथा डीपीसी/डीईओ की निष्क्रिता के
चलते जिले में ये कार्यवाही वर्तमान तक पूर्ण नहीं हो पाई ।(ग) क्या उक्त कारणों
से चालू शिक्षा सत्र में जिले में कक्षा 6 व 9 में प्रवेश लेने वाली 4125 व 3475
छात्राओं में से 2625 व 1455 छात्राओं के खाते में साइकिलें क्रय हेतु राशि वर्तमान
तक डीपीसी/डीईओ द्वारा जमा नहीं कराई गई, नतीजन पात्र छात्र-छात्राओं को योजनाओं का
लाभ नहीं मिल पा रहा है ?(घ) यदि हां तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है ? यदि नहीं तो
क्या शासन उक्त राशि को जमा कराने में विलंब के कारणों की जांच करवायेगा ? यदि
नहीं तो क्यों ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी नहीं, कक्षा
9वीं के पात्र छात्र/छात्राओं को वर्ष 2015-16
से निःशुल्क सायकिल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा पोर्टल के
माध्यम से किया जाकर सायकिल क्रय हेतु राशि सीधे बैंक खाते में अंतरित की जा
रही है। दिनांक 28.11.15 तक 99 प्रतिशत राशि अंतरण का कार्य सम्पन्न हो
चुका है। कक्षा 6वीं के पात्र छात्र/छात्राओं को सायकिल वितरण हेतु जुलाई
माह में 80 प्रतिशत राशि माध्यमिक विद्यालयों के शाला प्रबंधन समिति के
खातों को प्रदाय कर शाला प्रबंधन समिति द्वारा पात्र हितग्राही के खातों में
2300/- रूपये प्रति छात्र के मान से राशि जमा करवाई जाती है। वितरण
हेतु शेष राशि 30 सितंबर तक विद्यालय में नामांकन पूर्ण होने के पश्चात
शेष रहे पात्र हितग्राही के मान से विद्यालयों से प्राप्त मांग अनुरूप आवंटन
प्राप्त होने पर द्वितीय किश्त की राशि शाला प्रबंधन समिति के खातों में
प्रदाय कर शत प्रतिशत निःशुल्क सायकिल वितरण कार्य पूर्ण करवाया जाता
है।(ग) चालू शिक्षा सत्र में कक्षा 9 वीं में प्रवेश लेने वाले पात्र
3288 छात्र/छात्राओं में से 3269 छात्र/छात्राओं को सायकिल क्रय हेतु राशि स्वीकृत
की जा चुकी है। कक्षा 6वीं में नवीन प्रवेशरत छात्रों हेतु जिले में निःशुल्क
सायकिल वितरण की मांग अनुरूप 4125 पात्र बालक/बालिकाओं की राशि 23.07.2015 को
शाला प्रबंधन समिति के खातों में जारी की गई थी, जिसके विरूद्ध जिले
में शाला प्रबंधन समिति द्वारा 3922 पात्र बालक/बालिकाओं के खातों में सायकिल
क्रय हेतु राशि प्रदाय की जा चुकी है। शेष 203 हितग्राही का परीक्षण उपरांत
सायकिल वितरण हेतु पात्र नहीं पाये जाने के कारण शाला प्रबंधन समिति से राशि
वापसी की कार्यवाही की जा रही है।(घ) उत्तरांश ग के प्रकाश में शेषांश का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य में प्रसव के दौरान
शिशु तथा मातृ मृत्यु दर
16. ( *क्र. 810 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भारत सरकार द्वारा प्रसव
के दौरान शिशु तथा मातृ मृत्यु दर की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए ऑपरेशन
से प्रसव हेतु अशासकीय चिकित्सकों की मदद लेने को कहा गया है ? (ख) यदि हां, तो इस
पर क्रियान्वयन कब से शुरू हो जाएगा या हो गया है ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हॉ (ख) क्रियान्वयन
शुरू किया जा चुका है।
RMSA योजना अंतर्गत निर्मित भवन/शौचालयों का
मूल्यांकन
17. ( *क्र. 764 ) श्रीमती
ममता मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
गुना जिले में RMSA योजना अंतर्गत कितने शाला भवन/अतिरिक्त रूम एवं शौचालयों की
स्वीकृति वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक जारी की गई तथा कितने पूर्ण कराये गये कितने
कार्य वर्तमान में अपूर्ण है ? (ख) स्वीकृत कार्यों को मदवार निर्माण एजेन्सियों
को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई तथा उक्त् राशि का मूल्यांकन किस विभाग के
उपयंत्रियों से कराया गया ? वर्षवार मूल्यांकन/सी.सी. की राशि बतावें ? (ग) क्या
निर्माण मद की प्रदाय राशि का मूल्यांकन कराया जाना आवश्यक होता है ? यदि हां, तो
गुना जिले में स्वीकृत शौचालयों का किस विभाग के उपयंत्रियों से मूल्यांकन कराया
गया ? यदि नहीं तो क्यों ? उपरोक्त गंभीर वित्तीय लापरवाही बरतने वाले
अधिकारियों के विरूद्ध क्या शासन कार्यवाही करेगा ? यदि हां तो कब तक
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख)
जानकारी संलग्न परिशष्ट-ब अनुसार है। निर्माण कार्य जिस एजेंसी को आवंटित किए
जाते है उसी एजेंसी के इंजीनियर्स द्वारा मूल्यांकन का कार्य किया जाता है।
अंतिम किश्त का भुगतान वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर ही किया जाता
है।(ग)
जी हां। गुना जिले में स्वीकृत शौचालयों हेतु निर्माण एजेंसी पी.डब्ल्यू.डी. और
आर.ई.एस. है। संबंधित विभाग के यंत्री ही कार्यों का मूल्यांकन करते है। शेषांश
का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।परिशिष्ट
एक मिथ्या तथ्य प्रस्तुत कर नियम विरूद्ध आवंटन
18. ( *क्र. 954 ) श्री हर्ष
यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या आयुक्त, आदिवासी विकास ने दिनांक 19 मार्च 2015 को प्रमुख सचिव, आ.जा.क. को
लिखे पत्र क्रमांक 6126 और 6127 द्वारा स्किल डेव्हवलपमेंट की राशि स्कूल शिक्षा
विभाग को शौचालय मरम्मत और पेयजल व्यवस्था हेतु देने का प्रस्ताव दिया था ?
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालनालय, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें की
यू.ओ.टीप क्रमांक 6739, दिनांक 18 मार्च 2015 द्वारा मिथ्या तथ्य प्रस्तुत करने
के दोषी अधिकारी का नाम व पद बतायें ? (ग) मिथ्या तथ्य प्रस्तुत कर नियम विरूद्ध
आवंटन जारी कराने के दोषी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है ? एफ.आई.आर
कब तक दर्ज कराई जावेगी व कब तक निलंबन किया जावेगा ? (घ) केन्द्र सरकार से किसी
मद विशेष में प्राप्त किसी राशि को अन्य मद व अन्य विभाग को अंतरित किये जाने के
संबंध में क्या मापदण्ड-निर्देश हैं ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं।(ख) यद्यपि प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में
जानकारी जी नहीं है, तथापि समीक्षा के दौरान कार्यों के गुणदोष के आधार पर लिये गये
निर्णय हेतु कोई दोषी नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (बंजारा) जाति बस्ती
विकास योजना
19. ( *क्र. 619 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विधान सभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़
(बंजारा) जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14 से
प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्ताव, कब-कब, दिये गये ? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ
में प्रस्तावों में विभाग द्वारा कब-कब एवं किनको-किनको पत्राचार किया जाकर
प्रस्ताव तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ? (ग) क्या प्रस्ताव
नियमानुसार तैयार किये जाकर विभाग को प्राप्त हो गये है ? यदि हां तो कब ? यदि
नहीं तो किस स्तर पर लंबित है ? लंबित रहने का कारण ? (घ) क्या विकासखण्ड स्तर
से नियमानुसार प्रस्ताव तैयार करने में विलम्ब हुआ है ? यदि हां तो क्यों और
उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? प्रस्ताव कब तक प्राप्त कर स्वीकृति दी
जावेगी ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क)जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।(ग)अपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने के कारण
दिनांक 17/09/2015 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास खरगोन को पूर्ण प्रस्ताव /पत्रक
उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया।(घ)जी हॅा।प्राप्त प्रस्तावों में वचनबद्धता प्रमाण
पत्र,जनसंख्या दर्शाने वाले पत्रक संलग्न नही होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद
पंचायत, महेश्वर एवं बडवाह को प्रस्ताव /पत्रक उपलब्ध कराये जाने हेतु लिखा गया
है।कार्यवाही में प्रक्रियात्मक विलम्ब हुआ इसलिये कोई दोषी नही
है।
आर.टी.ई. के तहत शालाओं में शिक्षक, गणवेश पाठ्यपुस्तक
व्यवस्था
20. ( *क्र. 728 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इन्दौर
जिला अ्ंतर्गत आर.टी.ई. के तहत कितनी प्राथमिक, माध्यमिक शालाएं है ? विधानसभा
क्षेत्रवार कितने शिक्षक होना चाहिये एवं वर्तमान में कितने कहां-कहां पर नियुक्त
है ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आर.टी.ई. के तहत कितने शिक्षक शालाओं में
होना अनिवार्य हैं व वर्तमान में किन-किन शालाओं में आर.टी.ई. के तहत शिक्षक पदस्थ
हैं ? क्या कुछ शालाओं, विद्यालयों में अधिक शिक्षक व कुछ में कम शिक्षक पदस्थ
हैं ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय
माध्यमिक शालाओं में कितनी छात्रों की संख्या दर्ज है व कितनों को गणवेश,
पाठ्यपुस्तक वितरित की गयी हैं व कितनों को वितरित की जाना शेष है
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) इंदौर जिला अंतर्गत आर.टी.ई. के तहत 1110 शासकीय प्राथमिक एवं 589
माध्यमिक शालाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब, स एवं द पर है।
(ग) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शालाओं में कुल 20885
छात्र दर्ज है। उक्त दर्ज समस्त बच्चों को पाठ्यपुस्तक वितरण की जा चुकी
है एवं गणवेश योजना अतर्गत शाला प्रबंध समिति के माध्यम से छात्रों/पालकों
के खातों में राशि हस्तांतरित कर सभी छात्रों को लाभान्वित किया जा चुका है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ पर है।
शासकीय अस्पतालों
में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि
21. ( *क्र. 942 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) माननीय वित्त मंत्री के जुलाई 2014 के बजट भाषण के
बिंदु 67 में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिये वर्ष 2014-15 में शासकीय
अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाये जाने का उल्लेख किया गया था ? (ख)
यदि हां, तो इस हेतु जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला अनूपपुर को कितनी बजट
राशि उपलब्ध कराई गई ?(ग) आवंटित राशि में से विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ जिला
अनूपपुर में किन-किन शासकीय अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढाई गई ?
अस्पताल का नाम/बिस्तर वृद्धि संख्या, पूर्व बिस्तरों की संख्या, व्यय राशि
सहित अवगत करावें ? (घ) यदि पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में
वृद्धि नहीं की गई तो क्यों व कब तक बिस्तरों की संख्या बढ़ा की जायेगी
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हां। (ख) अनुपपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक
शासकीय अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि नहीं की गई। अतः इस हेतु बजट
राशि उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के
परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में चिकित्सकों एवं
पैरामेडिकल स्टाफ की निरंतर कमी के कारण बिस्तरों की संख्या नही बढाई गयी। निश्चित
समयावधि बताना संभव नहीं है।
वनाधिकार पत्र का बंटन
22. ( *क्र. 607 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश में अ.ज.जाति वर्ग के दिसम्बर 2005 के पूर्व के वन भूमि
पर कब्जा धारियों को पट्टा तथा सामुदायिक दावा के पट्टा प्रदान करने के संबंध में
शासन के क्या-क्या निर्देश है ? उनकी प्रति दें वन अधिकार समिति ग्रामसभा,
उपखण्ड स्तर तथा जिला स्तरीय समितियों को क्या-क्या अधिकार हैं ? किस-किस
शासकीय सेवक को क्या-क्या अधिकार हैं ? (ख) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज
एवं सिलवानी में कितने वनाधिकार पत्र (वन भूमि के पट्टा) दिये गये ? कितने आवेदन
पत्र क्यों निरस्त किये ? किन-किनक आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्या लंबित है
कारण बताये कब तक निराकरण होगा ? (ग) उक्त विकासखण्डों में किन-किन ग्राम सभाओं
के सामुदायिक दावा मान्य किये गये ? किन-किनके निरस्त किये तथा क्यों ? कारण
बतायें ? किन-किनके दावा किस स्तर पर लंबित है तथा क्यों ? कब तक निराकरण होगा ?
(घ) जिनको पट्टा तथा सामुदायिक दावा मान्य किये गये उनको वन विभाग के रिकार्ड में
दर्ज क्यों नहीं किया गया ? कब तक रिकार्ड में दर्ज करेंगे ?
आदिम जाति
कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो
अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) वन विभाग द्वारा कार्यवाही
की जा रही है। निश्चित समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
जननी
एक्सप्रेस वाहन योजना
23. ( *क्र. 24 ) श्री
महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)ग्वालियर संभाग अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा
जननी एक्सप्रेस के वाहन योजना प्रारम्भ होने के बाद किस-किस जिले में कितने है व
कितने वाहन अनुबंध पर या किसी ओर प्रकार से किस-किस जिले में लिये गये हैं ?(ख)
प्रत्येक जिले में एक ही रेट व एक ही प्रकार के अनुबंध पर या अन्य किसी तरह लिये
गये जिलेवार विवरण देवें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (
डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) योजना प्रारम्भ होने के बाद ग्वालियर संभाग अंतर्गत
जिलों में संचालित जननी एक्सप्रेस वाहनों की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जिला ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, अशोकनगर
में खुली निविदा प्रक्रिया अपनाते हुये न्यूनतम दर अनुसार वाहनों का अनुबंध किया
गया है। जिला शिवपुरी एवं जिला गुना में एक निश्चित दूरी तक मासिक किराये एवं
अतिरिक्त दूरी पर प्रतिकिलोमीटर की दर के आधार पर वाहनों का अनुबंध किया गया
है।
परिशिष्ट
दो मुरैना जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर का निर्माण
24. ( *क्र. 858 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मुरैना चिकित्सालय मुरैना के ट्रामा सेंटर
वार्ड का प्रारंभ वर्तमान 2015 तक नही हो सका है ? क्यों ? निर्माण की अंतिम अवधि
क्या थी निर्माण पर अभी तक कितनी राशि खर्च हुई है ? (ख) क्या ट्रामा सेंटर वार्ड
का जो नक्शा दिया गया था उसके अनुरूप निर्माण न कर डिजाईन में परिवर्तन किया गया
है ? क्यों ? किसके आदेश से परिवर्तन किया गया है नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें
? (ग) क्या पिछले माहों में स्वास्थ्य विभाग भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा
निरीक्षण के दौरान ट्रामा सेंटर के परिवर्तन पर नाराजी व्यक्त की गई थी ? अधिकारी
का नाम, दिनांक, निरीक्षण टीप सहित पूर्ण जानकारी दी जावें ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ।
जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर, मेटरनिटि विंग, पी.आई.सी.यू., माइक्रोबायलाजी लेब
की सुविधाओं में आवश्यक कमियों को दूर करने हेतु एकीकृत निर्माण हेतु अस्पताल परिसर
में चिन्हित विद्यमान भवनों को तोड़कर स्थल उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया में
विलम्ब के कारण निमार्ण कार्य में देरी हुई। निर्माण की अंतिम अवधि 15.01.2015 थी।
निर्माण पर अब तक रुपये 264.99 लाख की राशि का व्यय हुआ है। (ख) जी नहीं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। स्वास्थ्य विभाग भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी
डॉ. बी. एन. चैहान, संचालक एवं श्री जी. पी. कटारे, मुख्य अभियंता द्वारा
जिला अस्पताल के चिकित्सकों के नवनिर्मित भवन को अस्पताल परिसर में विद्यमान भवनों
के आपसी संयोजन करने हेतु एवं स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदाय करने हेतु निर्मित भवन में
अतिरिक्त सुविधाओं के प्रावधान तथा तदानुसार लघु परिवर्तन एवं परिवर्धन के सुझावों
पर विचार करने हेतु दिनांक 03/10/2015 को भ्रमण किया गया ताकि अस्पताल के विभिन्न
भवनों का एकीकृत रूप में बेहतर उपयोग किया जा सके।
नगर पालिका
क्षेत्र में अस्पताल भवन की स्वीकृति
25. ( *क्र. 793 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) क्या नगर पालिका क्षेत्र में 30 बिस्तर का शासकीय अस्पताल
खाले जोने हेतु कोई प्रावधान है ? (ख) यदि हां तो नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में
जिसकी जनसंख्या लगभग 01 लाख है में 30 बिस्तर का शासकीय अस्पताल खोले जाने हेतु
विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है ? (ग) यदि नहीं तो नगर पालिका मकरोनिया
बुजुर्ग में 30 बिस्तर का शासकीय अस्पताल भवन सहित कब तक स्वीकृत किया जावेगा
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिपेक्ष्य में कोई कार्यवाही नहीं
की गयी। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तरमा.
उच्च न्यायालय के निर्देशों की DMAT-2015 में अवमानना
1. ( क्र. 16 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) 08 अक्टूबर, 2015 को आयोजित DMAT-2015 की मेरिट सूची 01 से 600 तक की
नाम, पिता का नाम, निवास का पता, परीक्षा अनुक्रमांक, परीक्षा केंद्र, प्राप्तांक
तथा DMAT रेंक सहित उपलब्ध करावें ?(ख) मा. उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक
28.09.2015 के बावजूद मेरिट सूची नाम, प्राप्तांक सहित क्यों नहीं जारी की गई
किसके निर्देश पर भ्रामक तथा अधूरी मेरिट सूची जारी कर मा. उच्च न्यायालय की
अवमानना की गई ?(ग) मा. उच्च न्यायालय द्वारा DMAT-2015 के परिणाम तथा मेरिट
सूची घोषित करने के निर्देश क्या थे ? क्या निर्देश अनुसार परिणाम तथा मेरिट सूची
घोषित की गई ? यदि हां, तो समय तथा दिनांक बतावें ? यदि नहीं, तो कारण बतावें तथा
इसके लिये जिम्मेदार के नाम बतावें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी
परिशिष्ट-एक पर है।(ख)ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार मा. उच्च न्यायालय,
जबलपुर द्वारा प्रकरण क्र. डब्ल्यू पी. 8810/2015 में मा. उच्च न्यायालय के निर्देश
दिनांक 24/9/2015 एवं 28/9/2015 के निर्देशानुसार परीक्षा आयोजित किए जाने हेतु
अधिकृत ए.पी.डी.एम.सी. एवं एजेंसी, मा.उच्च न्यायालय द्वारा मनोनित किए गए डाटाबेस
एडमिनिस्ट्रेशन श्री सी एल एम रेड्डी एवं प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति के अध्यक्ष
महोदय एवं सदस्यगण के मतानुसार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप ही मेरिट सूची
जारी की गई।(ग)प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय
उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी. 8810/2015 में डीमेट 2015
के परीक्षा परिणाम के संबंध में दिनांक 28/7/2015 एवं 26/8/2015 को निम्न निर्देश
जारी किए गए थे -*The Result be declared within prescribed time or within 15
minuts.*The tentative answer keys for the objective type examinations should be
hosted on the website of APDMC and AFRC immediately after the examination is
over and candidates will be given days time to file claims and objections if any
to the examination authority.*The same will be placed before the experts
committee of which Data Base Administrator form independent agency shuch as NIC
is also a member for scrutiny and the corrected final answers be published on
the websits again,Candia\dates can self-evaluate their answers keys.*The
Monitoring Agency and the independent Supervising Authority must verify the
authenticit and genuinenessof every discrepancy noticed
from the auto generated alert/report, before declaring the
results of the concerned candidate.*Results of candidates with any of the
abovesaid discrepancy should be wihtheld till the verification process is
complete. The verification to be completed not letter than one
week.ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा
प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी 8810/2015 में मा. उच्च न्यायालय के निर्देशों दिनांक
24/9/2015 एवं 28/9/2015 के अधीन परीक्षा परिणाम जारी किये गये थे। मा. उच्च
न्यायालय,जबलपुर द्वारा मनोनीत डेटाबेस एडमिनिस्टेटर एवं परीक्षा एजेंसी के द्वारा
प्राप्तांक छात्रों को एस.एम.एस. से देते हुए वेब साइट पर भी अपलोड किया गया। मा.
उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप ही मेरिट सूची जारी की
गई।
DMAT 2015 बायोमेट्रिक डाटा से मूल्यांकन किये
बिना परिणाम घोषित कर उच्च न्यायालय की अवमानना
2. ( क्र. 17 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) आठ अक्टूबर 2015 को आयोजित डी मेट परीक्षा में माननीय उच्च
न्यायालय जबलपुर के अंतरिम आदेश दिनांक 28-07-2015 में दी गई शर्तों में से
किन-किन शर्तों का पालन किया गया और किन शर्तों का पालन नहीं किया गया ? शर्त
अनुसार जानकारी देवें । (ख) डी मेट 2015 के बारे में डाटा बेस कंट्रोलर एण्ड ओवरऑल
टेक्निकल सुपरवाईजर श्री रेड्डी की रिपोर्ट दिनांक 9 अक्टूबर 2015 के अनुसार
ए.एफ.आर.सी. को प्राप्त 36 परीक्षा केन्द्रों जिनके बायोमेट्रिक डाटा 8 तारीख की
रात को 10 बजे तक प्राप्त हुए, उनकी सूची देवें तथा बतावें कि शेष 16 केन्द्र
कौन-कौन से हैं तथा उनके बायोमेट्रिक डाटा कब प्राप्त हुए ? (ग) प्रश्नांश (ग)
में उल्लेखित रिपोर्ट के अनुसार जिन 5 परीक्षा केन्द्रों के बायोमेट्रिक डाटा
में, मेन्युअल अटेंडेंस रिकार्ड में अनियमितता पाई गई, उनके नाम सहित बतायें कि
किस-किस प्रकार की अनियमितता पाई गई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति से
प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक 4060/2009
में अंतरिम निर्णय देते हुए उपलब्ध स्थानों में से 15 प्रतिशत एन.आर.आई सीटों के
उपरांत बची 85 प्रतिशत सीटों का 50 प्रतिशत स्थान डीमेट के द्वारा प्रवेश दिए जाने
का निर्णय दिया गया था। सत्र 2015-16 हेतु भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
आई.ए. 67-68 एवं 73-79/2015 में अंतरिम निर्णय को जारी रखा है। डीमेट कोटे की 50
प्रतिशत सीटें में प्रवेश हेतु ए.पी.डी.एम.सी. द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है।
सत्र 2015-16 में डीमेट कोटे से भरी जाने वाली सीटों के संबंध में माननीय उच्च
न्यायालय, जबलपुर में दायर प्रकरण डब्ल्यू पी. क्रमांक 8810/2015 में दिनांक
26/08/2015, 24/09/2015 एवं दिनांक 28/9/2015 को दिए गए निर्देशों के अनुरूप
ए.पी.डी.एम.सी द्वारा डीमेट 2015 आनलाईन परीक्षा आयोजित कराई गई। माननीय सर्वोच्च
न्यायालय द्वारा डीमेट कोटे के प्रवेश हेतु ए.पी.डी.एम.सी को पृथक से प्रवेश
परीक्षा आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया है। ए.पी.डी.एम.सी से प्राप्त जानकारी
अनुसार मा. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी. क्र.
8810/2015 में समय-समय पर दिए गए निर्देशानुसार/मार्गदर्शन/आदेशों में रहते हुए
डीमेट 2015 में सभी नियमों का पालन किया गया।(ख)प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति से
प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक
डब्ल्यू पी. 8810/2015 में बायोमेट्रिक डेटा के संबंध में दिनांक 28/07/2015 एवं
26/8/2015 को निम्नानुसार निर्देश दिए गए है -*As Examinee is being identified by
biometric data (fingerprint and face or more)therefore only genuine
examinee can attend the examination. It is also verified through examinee
credentials.* The APDMC
through counsel has, however, assured court that in future the requirement spelt
out in clause B (1) of obtaining fingerprints at the time of
enrolment/submission of from will be followed. At the same time, APDMC
has assured the Court that the
verification of the fingerprints (biometric) and
photos would
be done at the time of entry in the Examination Centres by the concerned
examinee and also thereafter during counselling and at the time of
admission.ए.पी.डी.एम.सी से प्राप्त जानकारी अनुसार मा. उच्च न्यायालय, जबलपुर
द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी. 8810/2015 में डाटा के संबंध में दो
परीक्षा केन्द्रों में आयी तकनीकी खराबी के कारण बायोमेट्रिक डेटा अटेण्डेन्स
मानीटरिंग सर्वर में आने में देरी हुई। मा. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा मनोनीत
डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर की अनुमति उपरांत परीक्षा एजेंसी के द्वारा प्राप्तांक
छात्रों को एस.एम.एस. से देते हुए वेबसाइट पर भी अपलोड किया
गया।(ग) ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार मा.
उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी. 8810/2015 में दिए गए
निर्देशानुसार एजेंसी एवं सेंटर द्वारा मेनुअल अटेन्डेन्स अपनी सुविधा हेतु लिए गए
थे जिसका कोई अस्तित्व नहीं है।
काउन्सलिंग में
शामिल करने के लिये मेडिकल काउन्सलिंग ऑफ इण्डिया में स्वीकृति
3. ( क्र. 35 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) आर.के.डी.एफ. मेडीकल कालेज तथा मार्डन मेडीकल कालेज को माननीय
उच्च न्यायालय के जिस आदेश से वर्ष 2015-16 की काउन्सलिंग में शामिल किया गया
उनका प्रकरण क्रमांक, मा. न्यायालय का नाम, आदेश दिनांक बताये तथा अंतिम आदेश की
प्रति देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों की 2015-16 हेतु
प्रवेश मान्यता निरस्त करने संबंधी मान.उच्चतम न्यायालय के आदेशों की प्रति
देवें ?(ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों की काउन्सलिंग में शामिल करने के
पहले मेडीकल काउन्सलिंग आल इंडिया से स्वीकृति प्राप्त क्यों नहीं की गई ? इसके
लिये जिम्मेदार अधिकारी का नाम बतावे ? तथा उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है
?(घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार डीमेट परीक्षा के माध्यम से मान.उच्च न्यायालय
जबलपुर के आदेश दिनांक 16.10.2015 के अनुसार अन्य छ: निजी चिकित्सा महाविद्यालयों
में 30 सितम्बर के बाद दिये जा रहे प्रदेश पर क्या मेडीकल काउन्सलिंग ऑफ इंडिया
से अनुमति अथवा स्वीकृति प्राप्त की गई है ? क्या मान. उच्चतम न्यायालय के
प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालय के प्रवेश संबंधी मान.उच्च न्यायालय के
आदेश निरस्त करने से शेष 6 कालेज का प्रवेश प्रभावित नहीं होगा ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा
रही है।(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
देहली सिटी स्केन को बंद कराकर जांच कराने बाबत्
4. ( क्र. 70 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) कटनी जिला चिकित्सालय परिसर में चिकित्सालय के शासकीय भवन में देहली
सिटी स्केन एण्ड डायग्नोस्टिक सेंटर क्या किसी अन्य को दिया जा सकता है ? यदि
हां तो किस नियम के तहत ? उक्त सेंटर कब प्रारंभ किया गया था ? क्या वर्ष 2012 से
प्रश्न दिनांक तक बिना किसी अनुबंध के नियम विरूद्ध चल रहा है ? (ख) कटनी जिले
में क्या कोई न्यूरो सर्जन शासकीय या प्राइवेट रूप से कार्यरत है, जो देहली सिटी
स्केन पर रिपोर्टिंग कर सकता है ? (ग) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनों
रोगियों की सिटी स्केन किया गया ? उनसे कितनी फीस ली गई, कितनी छूट दी गई ? गरीबी
रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कितने मरीजों का सी.टी. स्केन निशुल्क किया गया
? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के सेंटर को बंद करने की शिकायत कटनी के नागरिक द्वारा
सितम्बर 2014 में तत्कालीन प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल को की गई थी ?
उक्त शिकायत की जांच क्या शिकायतकर्ताओं के समक्ष में कराई गई है ? (ड.) क्या
शिकायतकर्ता ने पुन: दिनांक 28.10.2015 को मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को शिकायत की
जाकर प्रतिलिपि प्रश्नकर्ता को दी थी, जो मूलत: पत्र क्रमांक 2359 दिनांक
30.10.2015 को प्रश्नकर्ता ने मुख्य सचिव म.प्र. शासन को जांच हेतु भेजा था ?
क्या शासन उपरोक्त प्रश्नों से संबंधित बातों की जांच, जांच दल गठित कर करायेगा
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी नहीं । प्रश्न उपस्थित नहीं होता । उक्त सेंटर दिनांक 12/01/2014 से
प्रारंभ किया गया। पूर्व अनुबंध के अनुसार चल रहा है । (ख) जी नहीं । (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (घ) जी हॉं। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायकर्ता को
02 बार बुलाया गया परन्तु वह उपस्थ्िात नहीं हुये । (ड़) जी हॉं । जी हॉं ।
परिशिष्ट
तीन जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के भोजन का बिल भुगतान
5. ( क्र. 71 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) कटनी जिले के जिला चिकित्सालय एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों में वर्ष 2010 से वर्ष 2013-14 तक की अवधि में जितने मरीज भर्ती हुये,
उन सभी को आधार मानकर भोजन का व्यय भोजन प्रदायकर्ता को प्रति मरीज के मान से
कितनी-कितनी राशि माहवार भुगतान की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में भोजन
प्रदाय किये जाने हेतु निविदा का प्रकाशन क्यों नहीं किया गया ? क्या वर्ष 2010
से 2013-14 तक की अवधि में रोगी कल्याण समिति एवं जिला चिकित्सालय कटनी की भोजन
कमेटी के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार को भोजन मरीजों को दिये जाने का
कार्य दिया था ? यदि नियम विरूद्ध कमेटी ने निर्णय लिया था तो उस कमेटी के विरूद्ध
शासन कार्यवाही करेगी ? यदि हां तो कब तक ? क्या इसी तरह की अनियमितताएं सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्रों में भी हुई ? क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
करेगा ? यदि हां तो कब तक ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में कटनी जिले के
समाजसेवी द्वारा दिनांक 14.11.2014 को प्रवीर कृष्ण, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य
सेवाएं को शिकायत की थी ? यदि हां तो उक्त शिकायत की जांच कब और किसके द्वारा की
गई तथा क्या उक्त पर कार्यवाही न करने पर पुन: अक्टूबर-नवम्बर 2015 में शिकायत
की थी ? क्या शिकायतकर्ता को समक्ष में सुना जाकर जांच की गई ? यदि हां तो जांच
प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रशनांश की अवधि(वर्ष 2010 से 2013-2014) में जिला
चिकित्सालय कटनी में रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिए निर्णय एवं कलेक्टर/अध्यक्ष
रोगी कल्याण समिति के अनुमोदन पश्चात पूर्व में निःशुल्क भोजन प्रदाय करने वाली
संस्था के माध्यम से भोजन व्यवस्था किये जाने के कारण जिला चिकित्सालय प्रशासन
द्वारा निविदा का प्रकाशन नहीं किया गया है। जी हाॅ। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक
स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर को प्रकरण की जाॅच करने के निर्देश दिये गये है। जाॅच
रिर्पोट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताया
जाना संभव नही। सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्व सहायता समूह के
माध्यम से संस्था में भर्ती मरीजों को स्व सहायता समूह के माध्यम से भोजन प्रदाय
किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोई अनियमितता हुई है अथवा नही यह
जाॅच रिर्पोट प्राप्त होने पर स्पष्ट हो सकेगा। जी हॉ। निश्चित समयावधि बताया जाना
संभव नही। (ग) इस कार्यालय को शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नही
होता।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर रिक्त पदों की पूर्ति
6. ( क्र. 115 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत सिविल अस्पताल ब्यावरा,
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया तथा समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र व उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
विभाग म.प्र. शासन द्वारा स्वीकृत कार्मिक संरचना अनुरूप स्वास्थ्य अमला पदस्थ
है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ख) क्या सिविल अस्पताल ब्यावरा में सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया में आधे से अधिक पद तथा प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र व उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य अमला उपलब्ध न होकर एक
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को एक से अधिक उप स्वास्थ्य केन्द्रों का प्रभार
दिया जाता रहा है ?(ग) क्या प्रश्नकर्ता के अता. संख्या-42, प्रश्न क्रमांक
1311 दिनांक 25 फरवरी 2015 के उत्तर में बताया गया था कि स्वीकृत 3195 पदों के
विरूद्ध मात्र 1216 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं ? चिकित्सा अधिकारी के रिक्त 1271 पदों
हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जून 2014 से चयन उपरांत पदपूर्ति की
कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो उक्त चयनित सूची से कितने चिकित्सा अधिकारी को
ब्यावरा विधानसभा अंतर्गत पदस्थ किया गया ?(घ) शासन द्वारा कब तक रिक्त पदों की
पूर्ति कर दी जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं , प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की अत्यधिक
कमी के कारण शतप्रतिशत पदपूर्ति संभव नहीं हो पाई है। प्रदेश में पैरामेडिकल स्टॉफ
के 900 पदों की पूर्ति हेतु म0प्र0 व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से चयन सूची
प्राप्त हो चुकी है परंतु संविदा कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका में मा0 उच्च
न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के कारण पदस्थापना संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी
है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हॉं, कुल 05 चिकित्सकों की पदस्थापना ब्यावरा विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत संस्थाओं में की गई थी जिसमें से 02 चिकित्सकों द्वारा उपस्थिति
प्रस्तुत की गई है। (घ) पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत् है, निश्चित समयावधि
बताई जाना संभव नहीं है।
नगर पंचायत/परिषद में कार्यरत
शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति
7. ( क्र. 146 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क)इछावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शिक्षाकर्मियों की भर्ती जनपद पंचायत के
माध्यम से की गई थी ? क्या ग्राम पंचायतों से नगर परिषद में तब्दील होने वाले
स्थानों के शिक्षाकर्मियों को भी उसी स्थान पर नियुक्ति यथावत रखी गई ? (ख) क्या
योग्यता अनुसार इछावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 1998 में भर्ती किए गए
शिक्षाकर्मियों को पदोन्नत कर दिया गया ?यदि नहीं तो क्यों और कब तक उनकों लाभ
मिलेगा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)जी हां। अपितु नगर परिषद इछावर में रिक्त पदों के अनुसार शिक्षाकर्मियों
की भर्ती नगर परिषद इछावर द्वारा की गई है। (ख)पदोन्नत पद की उपलब्धता, निर्धारित
योग्यता, अनुभव एवं वरिष्ठता के अनुसार पदोन्नति का प्रावधान है। इछावर विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत पात्र पाये गये शिक्षाकर्मियों को पदोन्नत किया गया है। शेषांश का
प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषण की रोकथाम
8. ( क्र. 147 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) सीहोर जिले में कितने बच्चे कुपोषित एवं अति कुपोषित
हैं ? विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में कुपोषित बच्चों के इलाज हेतु कितनी राशि
खर्च की गई, ब्यौरा देवें ? (ख) कुपोषण की रोकथाम हेतु क्या-क्या कदम विभाग
द्वारा उठाए गए ? देश में म.प्र. का कुपोषण में पिछले 3 वर्षों में कौनसा स्थान
रहा है ? (ग) विभाग की शक्तिमान योजना क्या है ?सीहोर जिले में इस पर कितनी राशि
विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में खर्च की गई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की, महिला बाल विकास
विभाग द्वारा जिला सीहोर के कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सीहोर जिले में पिछले 3 वर्षों में
कुपोषित बच्चों के ईलाज हेतु व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) कुपोषण की रोकथाम
हेतु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा महिला बाल विकास विभाग द्वारा
उठाये गये कदम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार। रेपिड सर्वे ऑफ चिल्ड्रन, वर्ष
2012-13 में प्रतिवेदन अनुसार, देश में मध्यप्रदेश का कुपोषण में तीसरा स्थान एवं
गंभीर कुपोषण में सातवा स्थान है। (ग) शक्तिमान योजना महिला एवं बाल विकास विभाग
द्वारा संचालित है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5
अनुसार। उक्त योजना सीहोर जिले में लागू नहीं थी, अतः शेष प्रश्न
उपस्थिति नहीं होता।
आदिवासी कृषकों को बैल जोड़ी का प्रदाय
9. ( क्र. 159 ) श्री दिनेश
राय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
सिवनी जिले में विभिन्न आदिवासी विकास परियोजना के द्वारा आदिवासी कृषकों को बैल
जोड़ी प्रदान की गयी है ? यदि हां, तो कितने हितग्राहियों को सिवनी जिले के
विभिन्न आदिवासी विकास परियोजनाओं द्वारा वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक
लाभान्वित किया गया है ? परियोजनावार, वर्षवार लाभान्वित कृषकों की सूची देवें ।
(ख) सिवनी जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आदिवासी कृषकों को
प्रदान की गयी बैल जोड़ी को किसके माध्यम से खरीदी गयी थी, तथा खरीदी का आधार
क्या था ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) :
(क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार
है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों पर कार्यवाही
10. ( क्र. 181 ) श्री संजय
पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्री
नामदेव हेडाऊ एवं श्री जानराव हेडाऊ उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास की
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत के बाद संबंधित कृषि विभाग एवं आदिम जाति कल्याण
विभाग की जांच छानबीन समिति से कराने हेतु प्रस्तावित किया है ? छानबीन समिति से
जांच प्रक्रिया अपनाने हेतु समय-समय में जारी आदेशों की कॉपी देवें ।(ख) क्या
प्रश्नांश (क) में आरोपित फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में प्रमुख सचिव किसान
कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा मार्गदर्शन मांगा गया ? यदि हां, तो क्या
जानकारी दी गई ? जांच की कार्यवाही कितने समय में छानबीन समिति को पूर्ण करना
चाहिये ?(ग) छानबीन समिति समय सीमा में हेडाऊ बंधुओं की जांच पूर्ण न कर विधानसभा
तारांकित प्रश्न क्रमांक 203 दिनांक 24.07.2015 के उत्तर में यह कहा गया है कि
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों अनुरूप प्रतिवेदन अप्राप्त है, उपलब्ध कराने
हेतु उल्लेख किया गया है । प्रकरण तीन वर्षों से लंबित है, कार्यवाही कब तक की
जावेगी ? (घ) क्या श्री नामदेव हेडाऊ एवं जानराव हेडाऊ की पदस्थापना कृषि
मंत्रालय के आदेश क्रमांक ए-1-ए/105/2002/14-1, दिनांक 08.10.2003 से सहायक संचालक
कृषि के पद पर हुई थी एवं संचालक कृषि द्वारा स्थाई जाति प्रमाण-पत्र चाहा गया जो
आज दिनांक प्रस्तुत नहीं किया गया ? जबकि पदस्थापना आदेश में छ:माह में स्थाई
जाति प्रमाण-पत्र जमा करने हेतु शर्त नियत थी ? सामान्य प्रशासन के प्रावधान क्या
है, बताया जावे ?(ड.) तहसीलदार द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र की वैधता की समय-सीमा
अधिकतम क्या है ? कब तक उस प्रमाण की मान्यता है किस अवधि के बाद मान्यता
समाप्त हो जाती है ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) :
(क) जी हां। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) जी हां। जांच की कार्रवाई अर्ध्द न्यायिक स्वरूप की होने से
समय सीमा निध्र्ाारित करना संभव नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के
निर्देशों के अनुरूप 90 दिवस में कार्यवाही पूर्ण होना चाहिए। (ग) प्रश्नांश
अन्तर्गत प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर क्रमश: दिनांक 24/09/2015 तथा 27/11/2015
को जारी सूचना पत्र अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) एवं (ड.) आदिम जाति
कल्याण विभाग से संबंधित नहीं।
अनुसूचित जाति सामुदायिक
बस्तियों में निर्माण कार्य
11. ( क्र. 183 ) श्री संजय
पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
तारांकित प्रश्न क्रमांक 616, दिनांक 31.07.2015 में मुद्रित प्रश्नांश (क) का
उत्तर जी हां, प्रश्नांश (ख) तकनीकी स्वीकृति एवं प्राक्कलन कार्यपालन यंत्री
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कटनी से प्राप्त किया जा चुका है, शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता, दिया गया था तो अभी तक वित्तीय आवंटन प्राप्त करने हेतु क्या-क्या
कार्यवाही जिला संयोजक आदि जाति कल्याण विभाग कटनी द्वारा की गई है ? दिनांकवार
जानकारी देवें । (ख) यदि प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कोई कार्यवाही
नहीं की गई तो उसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं ? क्या तकनीकी स्वीकृति एवं
प्राक्कलन तैयार कराने के बाद संबंधित अधिकारियों की कोई भी जवाबदारी नहीं थी ?
(ग) अनुसूचित जाति सामुदायिक बस्तियों के 29 निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये
जायेंगे ? प्रकरण किस स्तर पर लंबित है ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री (
श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कलेक्टर कटनी के पत्र दिनांक 21/07/2015 एवं जिला
संयोजक कटनी के पत्र दिनांक 07/09/2015 द्वारा कार्यों के संबंध में अवगत कराया
गया। जिला संयोजक कटनी पत्र दिनांक 29/11/2015 के द्वारा जानकारी दी गई।
(ख) पूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर बजट प्रावधान अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की
जायेगी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कोई दोषी नहीं है। (ग) सीमित वित्तीय
प्रावधान अनुसार यथोचित निर्णय लिया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं
है।
मध्य प्रदेश मेडीकल कौंसिल के रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति में
अनियमितता
12. ( क्र. 199 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) मध्यप्रदेश मेडीकल कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति के
क्या-क्या नियम व उपनियम है ? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्तमान में उक्त पद पर
किस नाम/पदनाम के व्यक्ति पदस्थ हैं ? क्या वह निर्धारित योग्यता और अर्हताएं
रखते हैं ?(ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत वर्तमान में पदस्थ व्यक्ति की
नियुक्ति नियमों को अनदेखा करके की गई है ? यदि हां, तो क्यों ? कारण दें ? नियम
बताएं ? क्या उनको हटाया जाएगा ? यदि हां, तो कब तक ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश मेडिकल कौंसिल
में रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति के नियम/उपनियम नहीं है । मध्यप्रदेश
आयुर्विज्ञान परिषद, अधिनियम 1987 की धारा 10(1) के प्रावधान अनुसार मध्यप्रदेश
राज्य शासन की पूर्व मंजूरी प्राप्त कर इस पद पर नियुक्ति किये जाने का
प्रावधान है । (ख) डॉ. एस.ए.एस. काजमी । जी हॉं, उक्त पद हेतु प्रकाशित
विज्ञापन दिनांक 28/12/2013 में वांछित योग्यतायें एवं अर्हतायें डॉ. काजमी द्वारा
धारित है । (ग) जी नहीं । प्रश्न उपस्थित नहीं होता । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं
होता ।
ट्रामा सेंटर का भवन निर्माण
13. ( क्र. 200 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में ट्रामा सेंटर के भवन का निर्माण
कार्य कब शुरू हुआ था और कब तक तैयार होना था ? किस एजेंसी/ठेकेदार के माध्यम से
निर्माण कार्य हो रहा है ? एजेंसी/ठेकेदार का नाम/पता, दिनांक सहित जानकारी दें ?
(ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या भवन निर्माण में हो रही देरी के कारण उसकी लागत
बढ़ती जा रही है ? निर्माण के समय लागत क्या थी और प्रश्न दिनांक को क्या हो गई
है ? इस बढ़ी हुई लागत का जिम्मेदार कौन है ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत
निर्माण में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार कौन है ? क्या जिम्मेदारों पर कोई
कार्रवाई की जायेगी ? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में ट्रामा सेंटर के भवन का निर्माण कार्य आज दिनांक
तक प्रारम्भ नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्तावित
ट्रामा यूनिट के उन्नयन हेतु मध्य प्रदेश शासन, चिकित्सा
शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ़-१/१३/२००८/२/५५ दिनांक १२-०६-२००९ द्वारा
स्वीकृति जारी की गई थी। शासन द्वारा जारी स्वीकृति में सिविल कन्स्ट्रकशन एवं
इलैक्ट्रिक एयर कंडीशनर हेतु रुपये 35.00 लाख की राशि स्वीकृत की गई
थी, जिसे
अधिष्ठाता, चिकित्सा
महाविद्यालय, भोपाल
के पत्र दिनांक 23.12.2011 द्वारा लोक निर्माण विभाग को दी गई थी। लोक निर्माण
विभाग द्वारा रुपये 53.76 लाख का संशोधित प्राक्कलन दिनांक 15.05.2013 को
अधिष्ठाता, भोपाल
को प्रस्तुत किया गया था, जिसे
अधिष्ठाता भोपाल के पत्र दिनांक 23.09.2014 द्वारा संचालनालय को अग्रेषित किया गया
था। अधिष्ठाता भोपाल से प्राप्त संशोधित प्राक्कलन संचालनालय द्वारा दिनांक
21.11.2014 को विभाग को प्रेषित किया गया था, जिस
पर शासन स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एस.ओ.आर. की दरो में व्रद्धि होने
के फलस्वरूप निर्माण की लागत में व्रद्धि हुई है। निर्माण कार्यो के प्रस्ताव के
समय निर्माण लागत 35.00 लाख थी। एस.ओ.आर. की दरो में व्रद्धि होने से प्रश्न दिनांक
की स्थिति में निर्माण कार्य की लागत बढ़कर 53.76 लाख हो गई है। अतः बढ़ी हुई लागत के
लिए व्यक्तिगत रूप से कोई जिम्मेदार नहीं है। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के प्रकाश
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण पूर्ण होने की समयसीमा बताई जाना संभव नहीं
है।
केमिकल
व अन्य उद्योगों से गैस-रिसाव के संबंध में
14. ( क्र. 224 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
वर्ष, 2013-14 एवं अक्टूबर, 2015 तक नागदा जिला-उज्जैन स्थित किस-किस केमिकल व
अन्य उद्योगों से गैस रिवास की कितनी घटनाएं कब-कब घटित हुईं ?(ख) उपरोक्त (क)
में किन-किन गैसों का गैस रिसाव हुआ ? तथा उक्त गैसों का मानव शरीर एवं पर्यावरण
को क्या-क्या नुकसान हुआ, अथवा संभावित है ? (ग) गैस रिसाव पर उद्योगों के
विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्यों ?(घ) ग्रेसिम केमिकल
डिव्हीजन लैक्सेस अर्केमा आदि में कितनी-कितनी एवं कौन-कौन सी गैसों का
कितना-कितना भंडारण व उपयोग एवं उसके विरूद्ध भंडारण अनुमति हैं ?
श्रम
मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं
अक्टूबर 2015 की अवधि में नागदा जिला उज्जैन स्थित लेनसेक्स इंडिया प्रा. लि.
कारखाने में दिनांक 30-04-2013 को मध्य रात्रि में थायोनाईल क्लोराइड लिक्विड का
रिसाव हुआ था थायोनाईल क्लोराइड लिक्विड के फैलाव को रोकने हेतु एक श्रमिक द्वारा
उस पर फ्लाईएश डाला गया, बाद में पानी से धो दिया गया। पानी से धोने के कारण हुए
केमिकल रियेक्शन के फलस्वरूप So2 एवं HCL गैस उत्तसर्जित हुई जो आस-पास के क्षेत्र
में फैली। (ख) लेनसेक्स इंडिया प्रा.लि. नागदा में थायोनाईल
क्लोराइड लिक्विड का रिसाव हुआ था। श्रमिक द्वारा उस पर डाले गये पानी से रासायनिक
क्रिया करने पर So2 एवं HCL गैस का उत्तसर्जन हुआ था। इस घटना से कारखाने में
कार्यरत् कोई भी श्रमिक प्रभावित नहीं हुआ।गैस रिसन से कारखाने के पास के
दुर्गापुरा कॉलोनी के कुछ व्यक्तियों को गैस लगने कि शिकायत हुयी तथा वे अस्पताल
में भर्ती हो गये। उन्हें उसी दिन अस्पताल से उपचारोपरांत छुट्टी दे दी गयी।
पर्यावरण के नुकसान का आंकलन नहीं किया गया। गैस रिसन से किसी भी व्यक्ति को स्थायी
क्षति नहीं हुई। (ग) उक्त कारखाने के कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक
के विरूद्ध कार्यालय द्वारा माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उज्जैन के न्यायालय
में कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के उल्लंघन स्वरूप एक प्रकरण दिनांक
2/7/2013 को दायर किया गया। जिसका प्रकरण क्रमांक 3476/13 है जो न्यायालय में
विचाराधीन है। प्रकरण में आगामी सुनवाई दिनांक 15/12/15 नियत है।
(घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ‘‘क‘‘ अनुसार
है।
प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों शौचालय की सुविधा
15. ( क्र. 230 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) रतलाम जिले में विशेषकर आलोट एवं जावरा तहसील में कितने एवं कौन-कौन से
प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय शौचालय विहीन एवं खेल मैदान तथा बाउण्ड्रीवाल
विहीन है ? (ख) किस कारण अब तक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय एवं
बाउण्ड्रीवाल निर्मित नहीं हो सकें ? (ग) कब तक उपरोक्त (क) विद्यायालें में
शौचालय तथा बाउण्ड्रीवाल बनवा दी जावेगी ? यदि नहीं तो क्यों नहीं
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) रतलाम जि़ले की समस्त 1627 प्राथमिक एवं 560 माध्यमिक शालाओं में शौचालय
निर्मित किये जा चुके हैं। विषेष कर आलोट एवं जावरा मे कुल 475 प्राथमिक एवं 184
माध्यमिक शाला है, जिनमें भी शौचालय निर्मित किये जा चुके हैं। खेल मैदान तथा
बाउण्ड्रीवाल विहीन शालाओं की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
बाउन्ड्रीवाल विहीन शाला |
खेल मैदान विहीन शाला |
प्राथमिक शाला |
माध्यमिक शाला |
कुल |
प्राथमिक शाला |
माध्यमिक शाला |
कुल |
1 |
आलोट |
209 |
74 |
283 |
219 |
74 |
293 |
3 |
जावरा |
221 |
79 |
300 |
223 |
79 |
302 |
7 |
महायोग |
430 |
153 |
583 |
442 |
153 |
593 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) समस्त
प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शौचालय निर्मित किये जा चुके हैं। भारत शासन से
वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2015-16 प्रस्तावित बाउण्ड्रीवाल विहिन शालाओं में नवीन
बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति प्राप्त नही होने से बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
नहीं हो सका है। (ग) समस्त प्राथमिक एंव माध्यमिक शालाओं में शौचालय उपलब्ध हैं।
जि़ले की समस्त बाउण्ड्रीवाल विहीन शालाओं मे बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु वार्षिक
कार्ययोजना वर्ष 2016-17 में भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर ही
बाउण्ड्रीवाल बनवाई जा सकेगी। स्वाईन फ्लु के मरीजों का
उपचार
16. ( क्र. 231 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 में कितने स्वाईन फ्लु के
मरीज कहां-कहां पाए गए ? (ख) कितने मरीज स्वाईन फ्लु रोग से मरे ? तहसीलवार
ब्यौरा क्या है ? (ग) शासन ने इनके इलाज एवं मृत्यु पर क्या-क्या सहायता
प्रदान की ? (घ) आलोट तहसील व रतलाम जिले में कितने मरीजों को माननीय मुख्यमंत्री
जी की घोषणा उपरांत भी इलाज हेतु आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई ? क्यों
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) रतलाम जिलें में वर्ष 2014-2015 में स्वाईन फ्लू के कुल 38 मरीज पाए गए
जिसमें रतलाम तहसील के 29, आलोट के 03, जावरा के 03, सेलाना तहसील के 01, पिपलोदा
तहसील 01 एवं बाजना तहसील का 01 रोगी पाया गया। (ख) रतलाम जिलें में कुल 09 रोगियों
की मृत्यु स्वाईन फ्लू से हुई है, जिसमें रतलाम तहसील में 05, आलोट में 01, जावरा
में 02, सेलाना तहसील में 01 रोगी की मृत्यु हुई है। (ग) शासन द्वारा स्वाईन फ्लू
रोगियो के इलाज हेतु स्क्रीनिग, जांच, औषधी एवं समस्त उपचार निःशुल्क प्रदाय किया
जाता है। रोगियों के परिवार द्वारा आर्थिक सहायता हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ
है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिले में साफ-सफाई
एवं सुरक्षा ठेके
17. ( क्र. 265 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) विगत 4 वर्षों में उज्जैन जिले में साफ-सफाई एवं सुरक्षा
कार्य का ठेका जिन फर्मों को दिया गया, उनके नाम देवें ?(ख) इसके लिए किन समाचार
पत्रों में विज्ञप्ति दी गई ? (ग) इसके लिए संबंधित फर्मों में जो टेंडर डाले,
उनके टेंडर मूल्य की जानकारी देवें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत 04 वर्षो में उज्जैन जिलें में
मेसर्स यश गोविन्द मार्केटिंग उज्जैन, प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी इन्दौर, वासूदेव
इंटीग्रेटेड कृषकोत्थान संस्थान उज्जैन, श्री नारायण मंगलेश्वर शैक्षणिक एंव
सामाजिक उत्थान समिति उज्जैन, मेसर्स गणेशन सिक्यूरिटी उज्जैन,मेसर्स कामथेन
सिक्यूरिटी एजेन्सी इन्दौर को दिया गया। (ख) मध्यांचल, दैनिक अवंतिका, दैनिक
अग्निपथ, नईदुनिया, पत्रिका, दैनिक अमरश्याम, दैनिक भास्कर, प्रजादूत, क्षिप्रा के
स्वर समाचार पत्रों में विज्ञप्ति दी गई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
परिशिष्ट
चार छात्रवृत्ति घोटाले की जांच
18. ( क्र. 266 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) उज्जैन जिले के किन-किन कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच चल रही
है, नाम, कॉलेज संचालकों के नाम सहित बतावें ? प्रत्येक कॉलेज का पृथक-पृथक बतावें
?(ख) यह भी बतावें कि कितनी समयावधि के संदर्भ में ये जांच चल रही है ?(ग)
प्रश्नांश (क) अनुसार जिन छात्रों के नाम एक ही समय में दो या अधिक कॉलेजों में
दर्ज थे, उनके नाम, दोनेां जगह से आहरित छात्रवृत्ति राशि सहित बतावें ? (घ)
उपरोक्त घोटाले में दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
आदिम जाति
कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों की
छात्रवृत्ति हेतु उज्जैन जिले की संस्था महाकाल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामडिकल है।
संस्था के संचालक श्री अशोक गुप्ता हैं, जॉंच की कार्यवाही चल रहीं है। )ख)
समयावधि वर्ष 2012-13। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) पुलिस
अधीक्षक उज्जैन को संस्था के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने एवं एफ.आई.आर. दर्ज
करने हेतु लिखा गया है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट
पांच साफ सफाई एवं सुरक्षा ठेकों में अनियमितता
19. ( क्र. 278 ) श्री बाला
बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) इंदौर के एम.वाय.हास्पिटल में साफ सफाई एवं सुरक्षा कार्य का ठेका किस
आधार पर ईगल सिक्योरिटी सर्विस को दिया गया, जबकि उसके पास L-4 श्रेणी का लाइसेंस
था ? L-1 श्रेणी वालों को किस आधार पर अपात्र किया ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी
मनमानी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर इस कार्य को निरस्त करेगा
? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इस पूरी टेंडर प्रक्रिया एवं चयन प्रकिया के
दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें ?(घ) कामथेन सिक्योरिटी सर्विस
इंदौर पर किन अनियमितताओं के कारण सागर में क्या कार्यवाही की जा रही है
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
Your
Reply: (क) दिनांक 16.11.2015 को एम. वाय. चिकित्सालय,
इंदौर में साफ-सफाई का ठेका गुणवत्ता आधारित टेंडर किया गया हैं,
जिसमें 60 प्रतिशत अंक गुणवत्ता के आधार पर अंक दिये जाने थे एवं 40
प्रतिशत अंक दर आधारित थे। इन दोनों अंको को मिलाने के पश्चात जिस किसी
भी निविदाकर्ता को सबसे ज्यादा अंक मिले हो उसके साफ-सफाई का ठेका दिया
जाना टेंडर शर्तो के अनुसार था। यह टेंडर प्रकाशित होने के पूर्व एक
समिती का गठन किया गया था एवं उसके द्वारा अनुमोदन के पश्चात ही इसका
प्रकाशन किया गया था। अनेक निविदाकर्ताओं द्वारा टेंडर भरे गये थे एवं
ऊपर वर्णित टेंडर प्रक्रिया अनुसार समिती द्वारा सूक्ष्म परिक्षण के
पश्चात सबसे ज्यादा अंक पाने वाली कम्पनी में ईगल सिक्युरिटी सर्विसेस
को ठेका दिया गया । (ख) टेंडर के अनुसार पूरी प्रक्रिया का पालन कर
तत्पश्चात ठेका दिया गया एवं किसी भी प्रकार की कोई भी अनियमितता एवं
मनमानी नहीं की गई हैं। (ग) टेंडर प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया के
दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार हैं। (घ)
कामथेन सिक्यूरिटी सर्विस द्वारा बीएमसी सागर मे विज्ञप्त सुरक्षा,
यांत्रिक साफ-सफाई एवं मेन पावर निविदा में भाग लिया था, किन्तु
सुरक्षा एवं मेन पावर निविदा में उनके द्वारा प्रदत्त वित्तीय दर, श्रम
विभाग द्वारा जारी नियमों के अनुसार न्यूनतम दर से भी कम होने के कारण
अमान्य की गई हैं, यांत्रिक साफ-सफाई व्यवस्था में उक्त फर्म की
वित्तीय दर एल-2 हैं। अतः एल-1 फर्म से कार्य कराने की अनुशंसा किये
जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
Attachment:
| |
प्रतिनियुक्ति
समाप्त कर मूल पद में वापसी
20. ( क्र. 303 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने अपने आदेश क्र./एफ
1-45/2010/20-1 भोपाल, दिनांक 26.12.2011 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि अध्यापक
संवर्ग की प्रतिनियुक्ति प्रारंभ में दो वर्ष के लिए होगी, इसके बाद व्यवहार के
गुणवत्ता के संपादन के आधार पर पुन: दो वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है ?(ख)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. कलेक्टर रीवा को
13.10.2015 को पत्र लिख कर विकास खण्ड स्रोंत समन्यवयक जनपद शिक्षा केन्द्र
रायपुर कर्चुलियान की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल पद पर वापस किये जाने का लेख
था, जिस पर मान. कलेक्टर रीवा द्वारा डी.पी.सी. रीवा को परीक्षण कर नस्ती पर
प्रस्तुत करने का उल्लेख किया था ? इसी तरह पूरे प्रदेश में प्रश्नांश (क) के
आदेश के पालन में संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए मूल पद में वापस किये
जाएंगे ?(ग) यह कि प्रश्नांश (क) के आधार पर प्रश्नांश (ख) के संबंधितों पर कब तक
मूल विभाग में वापस करने की कार्यवाही की जायेगी ? जिससे राज्य शासन के आदेश
दिनांक 26.12.2011 का पालन हो सके ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस
चन्द्र जैन ) :
(क) जी
हां।(ख) माननीय
विधायक गुढ द्वारा पत्र क्रमांक 334 दिनांक 09.10.2015 द्वारा विकासखण्ड स्त्रोत
समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र, रायपुर कर्चुलियान को मूल विभाग में वापिस किये जाने
का लेख किया गया था। मान. विधायक महोदय के पत्र पर कार्यवाही हेतु संबंधित
विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक के प्रतिनियुक्ति अवधि की जानकारी प्राप्त की गई, जिसमें
पाया गया, कि श्री राजेश सिंह परिहार वरिष्ठ अध्यापक की सेवायें माध्यमिक शिक्षा
मंडल, म.प्र.भोपाल के आदेश क्रमांक/प्रशा/स्था/आवि/772/2011, भोपाल दिनांक
3.06.2011 द्वारा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवा मे प्रतिनियुक्ति पर ली गई
थी। तत्पश्चात् श्री परिहार की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर जिला शिक्षा केन्द्र, रीवा
के आदेश क्रमांक/स्था./2014/1123 रीवा दिनांक 18.07.2014 के माध्यम से विकासखण्ड
स्त्रोत समन्वयक रायपुर कर्चुलियान के पद पर ली गई । (ग) प्रतिनियुक्ति
पर 04 वर्ष पूर्ण करने वाले अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त
कर मूल विभाग में वापिस किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जिला चिकित्सालय का उन्नयन
21. ( क्र. 348 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर दिनांक 07.10.2015 को हुई
जिला योजना समिति की बैठक में सर्वसम्मति से श्योपुर जिला चिकित्सालय को 100
बिस्तरीय के स्थान पर 200 बिस्तरीय कराने का प्रस्ताव तैयार कराकर शासन को
स्वीकृति हेतु भेजने का निर्णय लिया गया है ?(ख) यदि हां तो उक्त निर्णयानुसार
विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है ? यदि हां तो कब बतावें ?(ग)
क्या जिला चिकित्सालय में हर मौसम में खास तौर पर मौसमी बीमारियों के सीजन में
इनडोर के अतिरिक्त ओपीडी भी एक हजार से ऊपर पहुंच जाती हैं एवं जगह के अभाव में एक
बिस्तर पर दो-दो मरीज एवं गैलरियों में लेटकर उपचार कराने को विवश होते हैं, इस
कारण मरीज व उनके परिजनों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।(घ)
यदि हां तो क्या शासन जिला योजना समिति के उक्त निर्णयानुसार शासन को भेजे गये
उक्त प्रस्ताव को जन हित में बजट में शामिल कर यथाशीघ्र इस स्वीकृति प्रदान
करेगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं, प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। श्योपुर जिला
चिकित्सालय में 100 बिस्तरों के मान से पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है एवं मरीजों को
बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के
परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरसील उद्योग में
कार्यरत श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण
22. ( क्र. 436 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आरसील उद्योग
नागदा जिला उज्जैन में कितने स्थाई व अस्थाई श्रमिक कार्यरत हैं ? (ख) क्या
आरसील उद्योग एक रासायनिक उद्योग है ? क्या श्रमिकों के स्वास्थ्य हेतु कोई
संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते है और न ही स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है ?
यदि हां तो उद्योग के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है ?
श्रम मंत्री (
श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) नागदा में आरसिल उद्योग के नाम से कोई
कारखाना पंजीकृत नहीं है। बिरलागा्रम नागदा जिला उज्जैन में आरसिल कैटेलिस्ट
प्रा.लि. के नाम से कारखाना पंजीकृत है। कारखाने में 80 स्थाई श्रमिक एवं 161
अस्थाई श्रमिक कार्यरत् है। (ख) आरसिल उद्योग नाम से नागदा जिला उज्जैन में कोई
कारखाना नहीं है। नागदा जिला उज्जैन में आरसिल कैटेलिस्ट प्रा.लि. के नाम से
कारखाना पंजीकृत है। यह रसायनिक कारखाना है। यह कहना गलत है कि श्रमिकों के
स्वास्थ्य हेतु कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जाते है और न ही स्वास्थ्य परीक्षण
कराया जाता है। कारखाने में प्रबंधन द्वारा श्रमिकों की कार्य की आवश्यकतानुसार
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदाय किये जाते है। कारखाने में वर्ष 2013 में माह
जानवरी फरवरी जुलाई अगस्त में वर्ष 2014 में माह जनवरी फरवरी जुलाई अगस्त एवं वर्ष
2015 में माह जनवरी फरवरी जून में श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण प्रबंधन द्वारा
कराया गया है।
शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण
23. ( क्र. 444 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
उज्जैन जिले में मार्च, 2015 से आज दिनांक तक शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के कितने
स्थानान्तरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये गये ? सूची उपलब्ध करावें ?(ख)
क्या शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण के लिये प्रभारी मंत्री का अनुमोदन
आवश्यक है ? यदि हां तो प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से हुए स्थानान्तरण को बिना
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के निरस्त किया जा सकता है ? यदि हां तो किस आधार पर
नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें ।(ग) उज्जैन जिले में शिक्षक/अध्यापक संवर्ग के
स्थानान्तरण किस आधार पर निरस्त किये गये उसका कारण व सूची उपलब्ध कराई जावें ।
क्या इन स्थानान्तरण के आदेश पर सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन था ? यदि हां तो
अन्य स्थानान्तरण के लिये उक्त प्राधिकारी का अनुमोदन क्यों नहीं लिया जा सकता
? यदि नहीं तो क्या यह स्थानान्तरण अवैधानिक तरीके से जिला कलेक्टर द्वारा किये
गये ?(घ) किसी भी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कितने वर्षो तक स्थानान्तरण
नहीं किया जा सकता ? क्या जो स्थानान्तरण निरस्त किये गये वे रजिस्टर्ड एवं
मान्य कर्मचारी संगठन है ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन
) :
(क)उज्जैन जिलान्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में 66 शिक्षकों के स्थानांतरण किये
गये एवं अध्यापक संवर्ग में 09 सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण आॅनलाईन प्रक्रिया
अन्तर्गत जिला कलेक्टर के अनुमोदन से किये गये। सूची क्रमशः जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-अ एवं ब पर संलग्न है। (ख)जी हां। स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 में
उल्लेख किये गये अनुसार स्थानांतरण के लिए जिले के प्रभारी मंत्री का अनुमोदन
आवश्यक है। जी नहीं । शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग)जिलान्तर्गत मान्यता
प्राप्त कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी होने से स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की
कंडिका 8.16 के आधार पर 08 शिक्षकों के स्थानान्तरण निरस्त किये गये। सूची जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर संलग्न है। जी हां। वर्तमान में स्थानान्तरण
पर प्रतिबंध है। तत्समय जिले में प्रभारी मंत्री की नियुक्ति नहीं होने से जिला
कलेक्टर द्वारा किये गये अनुमोदन उपरान्त उक्त स्थानांतरण निरस्त किये गये।(घ)
स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.16 में उल्लेख अनुसार 02 पदावधि अर्थात् 04 वर्ष तक
स्थानांतरण की छूट है। जी हां।
योजनाओं का क्रियान्वयन
24. ( क्र. 461 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या शासन/विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्य किए जा रहे है ? (ख)
यदि हां तो रतलाम जिले के वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक
तक क्या-क्या कार्य हुए ? साथ ही उपरोक्त वर्षों की योजनाओं एवं निर्माण कार्य
हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ ? उपरोक्तानुसार भौतिक सत्यापन सहित अवगत
करावें ।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र
) : (क) जी हॉं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
विभागीय निर्माण कार्य
25. ( क्र. 462 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे किक्या शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में अनेक कार्य किए जा रहे है ? यदि
हां तो, वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य हुए
? कितने पूर्ण हुए ? कितने अपूर्ण रहें ? उपरोक्त वर्षा में कितना-कितना बजट
स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ ? कृपया स्थानवार भौतिक सत्यापन सहित अवगत करावें
?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हॉं।
वर्षवार कार्यों का विवरण निम्नानुसार, जबकि शेष
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है।विशेष केन्द्रीय सहायता (पूंजीगत मद)
वर्ष |
स्वीकृत राशि (राशि रू. लाख में) |
व्यय राशि (राशि रू. लाख में) |
स्वीकृत कार्य |
पूर्ण कार्य |
अपूर्ण कार्य |
2012-13 |
25.16 |
25.16 |
05 |
05 |
- |
2013-14 |
76.54 |
65.93 |
12 |
10 |
02 |
2014-15 |
10.00 |
7.50 |
02 |
01 |
01 |
2015-16 |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
संविधान के
अनुच्छेद 275(1)
वर्ष |
स्वीकृत राशि (राशि रू. लाख में) |
व्यय राशि (राशि रू. लाख में) |
स्वीकृत कार्य |
पूर्ण कार्य |
अपूर्ण कार्य |
2012-13 |
306.43 |
296.67 |
63 |
59 |
04 |
2013-14 |
317.43 |
292.55 |
64 |
56 |
08 |
2014-15 |
128.46 |
75.22 |
22 |
08 |
14 |
2015-16 |
12.50 |
0.00 |
01 |
- |
01 |
डॉक्टर की
पदस्थापना
26. ( क्र. 488 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता ने गंजबासौदा जन चिकित्सालय में रिक्त पदों की
पूर्ति हेतु कब-कब मांग की गई ? रिक्त पदों की जानकारी देवें ?(ख) क्या
प्रश्नकर्ता ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. को पत्र क्रमांक 837 दिनांक
07.10.15 प्रेषित करते हुये जनचिकित्सालय गंजबासौदा में डाक्टर्स के रिक्त पदों
के विरूद्ध पदस्थापना किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया था ? यदि हां, तो
प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई ?(ग) यदि प्रश्नांश (ख) पर कार्यवाही नहीं की
गई है तो कारण देवें ? यदि नहीं तो प्रस्ताव के अनुसार पदस्थापना आदेश कब तक जारी
किये जावेगे ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) माननीय सदस्य द्वारा दिनांक 7.4.2015 एवं दिनांक 9.5.2015 को
पदपूर्ति हेतु लिखा गया पत्र प्राप्त होना पाया। पत्र दिनांक 7.4.2015 के संदर्भ
में विशेषज्ञों/चिकित्सकों की कमी का उल्लेख करते हुए लोक सेवा आयोग से चयनित
चिकित्सकों की पदस्थापना द्वारा पदपूर्ति का लेख संचालनालय के पत्र क्रमांक 517
दिनांक 22.4.2015 द्वारा माननीय सदस्य को किया गया । सामान्यतः सदस्यगणों के पत्रों
अनुसार रिक्तियॉ तैयार की जाकर, चिकित्सकों को नियुक्ति हेतु प्रदर्शित की जाती है
तथा चिकित्सकों द्वारा उक्त सूची में से चयन किया जाता है, पत्र दिनांक 9.5.2015 को
इसी प्रक्रिया में सम्मिलित किया गया। पदपूर्ति के प्रयास अंतर्गत विभाग द्वारा लोक
सेवा आयोग से चयन उपरांत शासन आदेश 23.07.2015 द्वारा मेडिसिन योग्यता के एक
चिकित्सक एवं आदेश दिनांक 31.07.2015 के द्वारा निश्चेतना एवं सर्जरी योग्यता के
चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की गई है एवं हाल ही में बंधपत्र के अनुक्रम में
संचालनालय के आदेश दिनांक 26.11.2015 के द्वारा एक अस्थिरोग योग्यता के चिकित्सा
अधिकारी की पदस्थापना सि0 अ0 गंजबासौदा की गई है एवं माह मई 2015 में में 02
एम0बी0बी0एस0 बंधपत्र चिकित्सकों के पदस्थापना की गई तथा 03 चिकित्सकों की ड्यूटी
स्थानीय स्तर पर सि0 अ0 गंजबासोदा में लगाई गई है। रिक्त पदों की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) माननीय सदस्य द्वारा उल्लेखित पत्र क्रमांक
837 दिनांक 7.10.2015 प्राप्त होना नहीं पाया गया । शेष ’’क’’ अनुसार। (ग) उत्तरांश
’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
छ: स्कूलों का उन्नयन
27. ( क्र. 498 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
स्कूलों के उन्नयन हेतु शासन द्वारा क्या नियम निर्धारित किये गये है ?(ख) मंदसौर
जिले में विगत दो वर्षों में किन-किन विद्यालयों का उन्नयन किया गया है नाम बतावें
?(ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कितने विद्यालयों का उन्नयन प्रस्तावित है नाम
बतावें एवं कब तक उनका उन्नयन किया जावेगा ?(घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विद्यालयों के
उन्नयन हेतु दिए गए आवेदनों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है ?
स्कूल
शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) नवीन प्राथमिक शाला खोलने एवं शासकीय प्राथमिक विद्यालय से
माध्यमिक विद्यालय के संबंध में उन्नयन हेतु निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा
अधिकार अधिनियम 2011 अंतर्गत प्रावधान अनुसार ‘‘यदि क्षेेत्र के भीतर किसी बसाहट या
पडोस की सीमा में एक किमी की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6
से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में
प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपलब्ध करेगी‘‘ यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या
पडोस की सीमा के भीतर तीन किमी की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नही
है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी
बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध करेगी।‘‘ माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं
हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन के नियम परिशिष्ट-अ पर है।
(ख) जानकारी परिशिष्ट- ब अनुसार है। (ग) ,एवं (घ) शासन के बजट में
सीमित प्रावधान होने से विद्यालयों के उन्नयन की समय- सीमा बताना
संभब नही है।
परिशिष्ट
सात हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डी विद्यालयों के मान्यता
शुल्क में असमानता
28. ( क्र. 528 ) श्री
सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या म.प्र. शिक्षा विभाग द्वारा संचालित माध्यिमक शिक्षा मंडल द्वारा
मान्यता प्राप्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डी विद्यालयों की मान्यता वृद्धि
शुल्क प्रति पांच वर्ष के लिये 10,000/- एवं रू. 21,000 रखी गई थी किन्तु वर्तमान
सत्र से मान्यता एवं संबंद्धता के नाम पर दो गुना वृद्धि कर क्रमश / 21000/- एवं
42000/- कर दिया गया हैं ? इस प्रकार की वृद्धि का क्या तथ्यात्मक कारण है ? (ख)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शुल्क लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा लिया जा
रहा है जबकि पूर्व में इस प्रकार का कोई शुल्क संचालनालय द्वारा नहीं लिया जा रहा
था, इसका क्या कारण है ? (ग) क्या सी.बी.एस.सी. विद्यालयों में प्रति पांच वर्ष
के लिये मान्यता वृद्धि शुल्क 25,000/- ही लिया जाता है ? यदि हां, तो इन
मापदण्डों का अनुपालन क्यों नहीं किया गया ? इस प्रकार की शिक्षा संबद्धता में
असमानता का क्या कारण है ? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पुन : शासन
द्वारा नीति निर्धारण किया जान संभव हैं ? यदि हां तो कार्यवाही कब तक की जावेगी
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)
म0प्र0 माध्यमिक एंव उच्चतर माध्यमिक शाला मान्यता नियम 2015 की कंडिका 10
(3) में मान्यता शुल्क निर्धारित किया गया है, जिसमें मान्यता वृद्धि शुल्क
हाईस्कूल राशि रूपये 2,200/- एंव हायर सेकेण्ड्री हेतु राशि रूपये 2,200/- प्रति
वर्ष निर्धारित किया गया है । (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है), वर्ष 2014 से पूर्व मान्यता एवं सम्बद्धता का कार्य माध्यमिक शिक्षा
मण्डल द्वारा किया जाता था एवं दोनो के लिये संयुक्त रूप से उक्त शुल्क लिया जाता
था । वर्ष 2014 से मान्यता का कार्य राज्यशासन द्वारा किया जा रहा है एंव सम्बद्धता
का कार्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा सम्पादित होने से दोनो स्तर पर मान्यता हेतु
प्रक्रिया शुल्क एंव सम्बद्धता शुल्क उक्तानुसार अलग अलग लिये जाने के कारण शुल्क
वृद्धि की स्थिति है । (ख)
जी हाॅ । लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उक्त शुल्क म0प्र0 माध्यमिक विद्यालय
एंव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मान्यता नियम 2015 की कंडिका 10 अन्तर्गत प्रक्रिया
शुल्क के रूप में लिया जा रहा है । पूर्व में अशासकीय विद्यालयों को मान्यता
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा दी जाती थी इसलिये उक्त शुल्क लोक शिक्षण संचालनालय
द्वारा नही लिया जा रहा था । (ग)
CBSE द्वारा हाईस्कूल विद्यालयों की नवीन संबंद्धता के लिये शुल्क राशि रूपये
75,000/- तथा उ0मा0वि0 स्तर पर उन्नयन के लिये राशि रूपये 50,000/-ली जाती है ।
शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता । (घ)
जी नहीे । शेंषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता ।
ट्रामा यूनिट का उन्नयन
29. ( क्र. 558 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल एवं एसोसिएट्स हमीदिया चिकित्सालय
भोपाल को ट्रामा यूनिट के उन्नयन हेतु नेशनल हाईवे अथॉरटी ऑफ इण्डिया भारत सरकार
से कितनी राशि कब प्राप्त हुई है ?(ख) क्या ट्रामा यूनिट के लिए शासन के
आदेशानुसार स्टाफ की स्वीकृति हुई है ? यदि हां, तो स्वीकृत/पदस्थ स्टाफ को
वर्तमान में कहां-कहां पदस्थ किया गया है ? नामवार, पदवार एवं पदस्थी स्थान सहित
बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावे कि प्राप्त राशि
का व्यय किन-किन मदों में किया और क्या प्रबंधन द्वारा ट्रामा यूनिट हेतु
प्राप्त राशि से पावर रीमर सिस्टम, कार्डिक मानीटर्स, पावर ड्रिल, पोर्टेबल
एक्सरे मशीन, जनरल आर्थोपेडिक्स इंस्ट्रमेंट्स क्रय किए गए है ? यदि हां, तो
कितनी-कितनी राशि से क्रय की गई और वह वर्तमान में कहां पर स्थापित है ? (घ)
प्रश्नांश (क), (ग) के परिप्रेक्ष्य में यदि ट्रामा यूनिट का उन्नयन नहीं किये
जाने की दशा में क्या शासन कार्यकारी ऐजेंसी एवं प्रबंधन के विरूद्ध विभागीय एवं
वैधानिक कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
|
Your
Reply: (क) चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध हमीदिया
चिकित्सालय भोपाल की ट्रामा यूनिट के उन्नयन हेतु नेशनल हाईवे अथॅारिटी आव
इंडिया भारत सरकार से प्रश्न दिनांक तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई हैं। (ख)
जी हां। मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ
1-13/2008/2/55 दिनांक 12.06.20009 के साथ जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार पदों के सृजन
की स्वीकृति जारी की गई हैं। स्वीकृत पदों के विरूद्ध ट्रामा यूनिट में पदस्थ
विभिन्न संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नामवार, पदवार वर्तमान
पदस्थापना एवं रिक्त पदों की पूरक जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-2 अनुसार हैं। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ग’’ के प्रकाश में
प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। |
अधिकार एवं लेखा नियम के
विपरीत मासिक स्थाई अग्रिम की स्वीकृति
30. ( क्र. 559 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय भोपाल में भण्डार एवं क्रय
समितियां एवं लोकल परचेज की व्यवस्था है ? यदि हां तो आकस्मिक आवश्यकता पड़ने पर
प्रबंधन को कितनी-कितनी राशि व्यय करने का अधिकार है ? (ख) यदि हां तो प्रश्नांश
(क) के अतिरिक्त क्या अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के आदेश
क्रमांक 21519-33/एम.सी./15/2008 भोपाल दिनांक 07 अक्टूबर 2008 के अनुसार समस्त
विभागाध्यक्षों को राशि 20 हजार रूपये का मासिक स्थायी अग्रिम स्वीकृत किए हैं ?
यदि हां तो किस नियम/अधिकार के तहत नियम की प्रति उपलब्ध करावें ? (ग) प्रश्नांश
(ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त प्रकार के अधिकार मात्र महालेखाकार ग्वालियर
को ही है ? यदि हां तो लेखा नियमों के विपरीत जाकर गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय
में की जा रही अनियमितता के लिए कौन-कौन दोषी है और उक्त आदेश दिनांक से प्रश्न
दिनांक की स्थिति में किस-किस विभाग द्वारा कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई ?
वर्षवार विभागवार बतायें ? (घ) प्रश्नांश (ख-ग) के परिप्रेक्ष्य में अधिकार नहीं
होने के बावजूद लेखा नियमों के विपरीत जाकर गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय अंतर्गत
कार्यरत विभागों द्वारा जो राशि व्यय की है उसकी वसूली की जावेगी ? यदि हां तो कब
तक ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)
जानकारी एकत्रित की जा रही है।(घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शालाओं में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान
31. ( क्र. 576 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन
की नीति अनुसार प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में
क्या-क्या मूलभूत व अन्य आवश्यक सुविधाएं देने का प्रावधान है ? (ख) पाटन विधान
सभा अतंर्गत पाटन एवं मझौली विकास खण्डों की कौन-कौन सी शालाओं में प्रश्नांश (क)
में उल्लेखित सुविधायें उपलब्ध हैं ? यदि नहीं तो क्यों कहां-कहां, कौन-कौन सी
सुविधाए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, विकास खण्डवार शालाओं के नाम सहित सूची
देवें उनकी पूति कब तक कर दी जावेगी ? (ग) नवीन प्राथमिक शाला खोलने एवं प्राथमिक
शाला, माध्यमिक स्कूल तथा मिडिल स्कूल का क्रमश : माध्यमिक शाला मिडिल स्कूल
तथा हायरसेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन के शासन के क्या नियम तथा मापदण्ड है ? इन
नियम व मापदण्डों के अनुरूप पाटन एवं मझौली विकास खण्डों की कौन-कौन सी शालायें
आती है तथा उन्हें कब तक उन्नयन कर दिया जावेगा ? (घ) पाटन एवं मझौली विकास
खण्डों में ऐसी कौन सी शालायें है जहां पर नियमित शासकीय शिक्षक नहीं है ? तथा ऐसी
कितनी शालायें हैं, जहां पर मात्र एक शिक्षक पदस्थ हैं शाला का नाम दर्ज संख्या
सहित सूची देवें एवं ऐसे स्थानों पर शिक्षकों की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अनुसार सभी मौसम में सुविधाओं वाले
भवन जिसमें प्रत्येक शिक्षक के लिए कम से कम एक कक्षा और एक कार्यालय
सह भंडार सह प्रधान अध्यापक कक्ष, बाधा मुक्त पहुंच, लडको और लडकियों
के लिए पृथक शौचालय, पेयजल सुविधा, खेल का मैदान, बाउण्ड्रीवाल या बाड द्वारा
विद्यालय भवन की सुरक्षा इत्यादि सुविधाओं का प्रावधान है।(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ पर है।(ग) नवीन प्राथमिक शाला खोलने एवं
शासकीय प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय के संबंध में उन्नयन हेतु निःशुल्क
और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 अंतर्गत प्रावधान अनुसार ‘‘यदि
क्षेेत्र के भीतर किसी बसाहट या पडोस की सीमा में एक किमी की परिधि के भीतर
प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे
उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपलब्ध
करेगी‘‘ परंतु यह और है कि यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पडोस की
सीमा के भीतर तीन किमी की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नही है और 11
से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में
मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध करेगी।‘‘ माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से
हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है।
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई भी प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला, माध्यमिक शाला से
हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार
कोई प्रस्ताव लंंबित नहीं है।(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर
है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2015 में
प्रवेषित विद्यार्थी
32. ( क्र. 594 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में M.B.B.S. प्रथम
वर्ष में DMAT-2015 के माध्यम से प्रवेशित विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम,
पता, DMAT-2015 परीक्षा का परीक्षा केंद्र, अनुक्रमांक तथा प्राप्तांक एवं रेंक
सहित सूची देवें, महाविद्यालय अनुसार सूची प्रदान करें ?(ख) प्रदेश के निजी
चिकित्सा महाविद्यालयों में M.B.B.S. प्रथम वर्ष में वर्ष 2015 में AIPMT के
माध्यम से स्टेट कोटा में प्रवेशित विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम तथा पता,
सहित महाविद्यालय अनुसार सूची देवें ?(ग) प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों
में M.B.B.S. प्रथम वर्ष में वर्ष 2015 N.R.I. में कोटा से प्रवेशित विद्यार्थियों
के नाम, पिता का नाम, स्थायी पता, किस परीक्षा (यथा DMAT-AIPMT या अन्य) द्वारा
चयन किया गया ?(घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में उल्लेखित M.B.B.S. प्रथम वर्ष में
प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी महाविद्यालय द्वारा शासन/विभाग को किस दिनांक को
प्रेषित की गई ? पत्र क्रमांक तथा दिनांक सहित बतावें एवं उसे किस-किस
विश्वविद्यालय में किस दिनांक को पंजीकरण हेतु भेजा गया ?
लोक स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)जानकारी एकत्रित की जा
रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मा. उच्चतम न्यायालय में लंबित प्रकरण
33. ( क्र. 595 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) मा. उच्चतम न्यायालय में प्रकरण क्रमांक WP4060/2009 में
उत्तर दिनांक तक कब कब सुनाई हुई ? उसमें शासन की ओर से कौन-कौन अधिवक्ता (ADV)
उपस्थित हुई अभी तक इस प्रकरण में किस-किस अधिवक्ता (ADV) को कितने मानदेय का
भुगतान किया गया ?(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में शासन की ओर से
उत्तर दिनांक तक कब-कब अंतरिम आवेदन (IA) पेश किया गया. उसका क्रमांक सुनवाई की
दिनांक बतावे ?(ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में निजी चिकित्सा महा.
(Petitioner) की ओर से कब-कब अंतरिम आवेदन लगाया गया?(घ) शासन की ओर प्रश्नांश (क)
में उल्लेखित प्रकरण में अंतिम आदेश हेतु शीघ्र सुनवाई हो, इसके लिये मा. उच्चतम
न्यायालय में क्या-क्या प्रयास किये गये ? दिनांक अनुसार बतावें ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा
रही है।(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों हेतु
संचालित योजनाएं
34. ( क्र. 608 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत
निर्माण श्रमिकों के लिए कुल 22 योजनायें संचालित की जा रही है ? यदि हां, तो उक्त
योजनाओं में कितनी राशि किस योजना में किस आधार पर दी जाती है इस हेतु श्रमिक को
क्या-क्या करना पडता है ? (ख) निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु क्या-क्या
शर्तें मापदण्ड हैं ? श्रमिक का पंजीयन कैसे होता है, कौन करता है रायसेन जिले में
पंजीकृत श्रमिकों की विकास खण्डवार संख्या बतायें ? (ग) 1 अप्रैल 2013 से नवबंर
2015 की अवधि में किस-किस योजना में रायसेन जिले में कितने-कितने श्रमिक लांभावित
हुए ?(घ) कितने प्रकरण लंबित हैं तथा क्यों कि इनका कब तक निराकरण होगा
?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) म.प्र. भवन एवं
अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए
वर्तमान में कुल 23 योजनाएं संचालित की जा रही है उक्त योजनाओं के संबंध में
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। योजनाओं का लाभ हिताधिकारी
द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारियों के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर प्राप्त किया जा
सकता है।(ख) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण (नियोजन तथा सेवा शर्तों का
विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 अंतर्गत पंजीयन के लिये निर्माण श्रमिक की आयु 18
से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण
क्षेत्र में काम करना अनिवार्य है। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु निम्नानुसार
प्राधिकारी नियुक्त किये गये है - ग्रामीण क्षेत्र हेतु -मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत। शहरी क्षेत्र हेतु -आयुक्त नगर निगम मुख्य नगर लिका/नगरपरिषद्
एवं रायसेन जिले में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की विकास खण्डवार संख्या की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब अनुसार है। (ग) 01 अप्रैल 2013 से नबंवर 2015 तक की
अवधि में रायसेन जिले में योजनावार लाभांवित निर्माण श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट -स अनुसार है। (घ) वर्तमान में रायसेन जिले में योजनावार कोई
प्रकरण लंबित नहीं है।
सामुदायिक प्राथमिक एवं उपस्वास्थ्य
केन्द्रों पर रिक्त पदों की पूर्ति
35. ( क्र. 620 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन
से एवं कितने-कतने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृति के विरूद्ध कितने पद भरे हुये एवं
कितने पद कितनी अवधि से रिक्त है ? (ख) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बलवाडा, बागोद, पिपल्याबुजुर्ग, में डॉक्टर्स के
पद रिक्त हैं ? यदि नहीं तो क्या डॉक्टर्स की सेवाएं अन्य जगह ली जा रही है,
क्षेत्रवासियों को डॉक्टर्स की सुविधा कब तक प्राप्त होगी ? (ग) क्या सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में विगत कई वर्षों से सर्जन एवं
विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद रिक्त है ? इतने लम्बे समय से सर्जन एवं विशेषज्ञ
डॉक्टरों के पद रिक्त रहने का क्या कारण है ? डॉक्टरों के पदों की पूर्ति
सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये यथाशीघ्र की जा सकेगी ? (घ) सिंहस्थ 2016 में
पर्यटकों, श्रद्धालुओं, एवं यात्रियों की अधिक संख्या आने की संभावना को दृष्टिगत
रखते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महेश्वर को कौन-कौन सी अतिरिक्त
सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेगी एवं क्या महेश्वर को सीमाक की सुविधा दी जावेगी ?
यदि हां तो कब तक ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी
नहीं, महेश्वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बलवाड़़ा,
बागोद में चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत है एवं पिपल्याबुजुर्ग में भी एक
चिकित्सक की पदस्थापना है परन्तु वे पी.जी. अध्ययनरत है । शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता । (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञ के पदों की पूर्ति किये
जाने में कठिनाई हो रही है । विशेषज्ञ/चिकित्सक की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना
अथवा सिंहस्थ के दौरान मांग अनुसार डयूटी लगाई जाकर व्यवस्था की जावेगी । (घ)
मांग अनुसार परीक्षण उपरांत सुविधायें प्रदान किये जाने की कार्यवाही की जावेगी,
महेश्वर पूर्व से ही पदों के पूर्नआवंटन अप्रैल 2011 से सीमांक संस्था के रूप में
चिन्हित है एवं मापदण्ड अनुसार विशेषज्ञों से 05 तथा चिकित्सा अधिकारी से 03 पद
स्वीकृत हैं तथा 01 स्त्रीरोग विशेषज्ञ व 01 शिशुरोग योग्यता के चिकित्सक
कार्यरत है । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
दमोह जिले में
चिकित्सकों की पदस्थापना
36. ( क्र. 630 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) दमोह जिले में जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नोहटा में प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र संचालित होने की तिथि से कौन-कौन चिकित्सक कब-कब पदस्थ
किये गये हैं ? नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित बतलावें ?(ख) जबेरा विधानसभा
क्षेत्र में कुल कितने स्वास्थ्य, केन्द्र एवं कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र
संचालित हैं ? इनमें स्वीकृत स्टाफ के अनुसार किन-किन की पदस्थापना की गई है तथा
कितने पद कब से रिक्त हैं ? (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सर्रा में वर्ष
2007 से किसी भी चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हुई है, इसका क्या कारण रहा है ? कब
तक चिकित्सक एवं रिक्त स्टाफ की पदस्थापना कर दी जावेगी ? क्या तेन्दुखेड़ा
विकासखंड के अंतर्गत सर्रा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के संबंध में सरपंचों
सहित अनेक ग्रामवासियों द्वारा एक ज्ञापन दिनांक 22/08/2015 को मुख्य सचिव, सांसद
एवं विधायक तथा अन्य शासन/प्रशासन के उच्चाधिकारियों को दिया गया था ? यदि हां,
तो ज्ञापन में दर्शायी गई समस्याओं का अभी तक क्या निराकरण किया गया
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) दमोह जिले में जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नोहटा में प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र का भवन नवम्बर 2013 को पूर्ण होने के उपरांत विभाग को
हस्तांतरित किया गया इसके पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पंचायत भवन में वर्ष
2008 से संचालित था। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नोहटा में दिनांक 04.09.2013 से
डॉ. अमजद खान पदस्थ होकर कार्यरत हैं। इसके पूर्व चिकित्सक की पदस्थापना नहीं की गई
। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) रिक्त पद की पूर्ति
के प्रयास अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सर्रा में वर्ष 2009 में डॉ. ऋषिकांत
दास, वर्ष 2010 में डॉ. निखिल जैन, बंधपत्र चिकित्सक एवं वर्ष 2011 में डॉ.
सतीश चौरसिया की नियुक्ति आर.सी.एच.के अंतर्गत संविदा पर की गई थी परंतु उक्त
चिकित्सको के द्वारा प्रा.स्वा.केन्द्र में अपनी कार्य उपस्थिति नही दी गई ।
स्थानीय कार्यव्यवस्था के तहत डॉ. मोहित माहेश्वरी, चिकित्सा अधिकारी, तेन्दूखेडा
की वर्ष 2013-2014 में प्रा0स्वा0के0 सर्रा में डियूटी लगाई गई है। दिनांक
22.08.2015 के पत्र के संदर्भ में ज्ञापन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी कार्यालय दमोह में प्राप्त होना नहीं पाया गया, ज्ञापन की प्रति प्राप्त
होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
आठ मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू की रोकथाम
37. ( क्र. 632 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) दमोह जिले में विगत एक वर्ष की अवधि में डेंगू, स्वाइन फ्लू एवं
मलेरिया के कितने मरीजों की जांच की गई तथा उनमें से कितने चिन्हित किये गये ?
कितनों का जिला अस्पताल में उपचार किया गया ? कितनों को अन्य जिले की अस्पतालों
में उपचार हेतु भेजा गया ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बीमारियों के प्रकोप
के रोकथाम के लिए प्रशासन एवं शासन द्वारा प्राथमिक स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही
की गई ? रोकथाम हेतु प्रथम कार्यवाही कब प्रारंभ की गई ? (ग) चिन्हित किये गये
मरीजों में से कितने स्वस्थ्य हुए तथा कितनों की मृत्यु हो गई ? मृतक मरीजों के
नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें । मृत्यु होने का क्या कारण रहा है तथा
इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? (घ) मलेरिया से बचाव हेतु प्रशासन स्तर पर कहां-कहां
डी.डी.टी. छिड़काव किया गया ? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पृथक-पृथक
बतलावें । इस कार्य के सम्पादन हेतु कुल कितना आवंटन कब प्राप्त हुआ था तथा उसमें
से अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दमोह जिले में डेंगु, स्वाईन फ्लू व
मलेरिया के प्रकरणों की जानकारी निम्नवत है :-
बीमारी का नाम |
अवधि |
जॉंच हेतु भेजे गये संभावित डेंगू के नमूने |
जॉंच में पाये गये डेंगू के प्रकरण |
उपचार किये गये डेंगू के मरीज की
संख्या |
डेंगू |
1 जनवरी से 15 नवम्बर 2015 |
80 |
27 |
27 |
बीमारी का नाम |
अवधि |
संभावित मरीज की स्क्रीनिंग की संख्या |
चिन्हित मरीज के सेंपल की संख्या |
स्वाईन फ्लु के मरीज की सेख्या |
दमोह में उपचारित मरीज की संख्या |
भोपाल में उपचारित मरीजों की संख्या |
जबलपुर में उपचारित मरीजों की संख्या |
स्वाइन फ्लू |
1 जनवरी से 28 नवम्बर 2015 |
5275 |
123 |
35 |
21 |
1 |
13 |
बीमारी का नाम |
अवधि |
बुखार के मरीज की बनाई गई/जॉंची गई रक्तपट्टी
की संख्या |
मलेरिया के प्रकरण |
मलेरिया के उपचारित प्रकरण |
मलेरिया |
1 जनवरी से 15 नवम्बर 2015 |
1,57,456 |
709 |
709 |
(ख) डेंगू की रोकथाम
हेतु प्रभावित क्षेत्रों में लार्वा सर्वे एवं लार्वा विनिष्टीकरण का कार्य कराया
गया। प्रभावित क्षत्रों में टेमाफॉस एवं पायरेथ्रम का छिड़काव कराया गया। स्वाईन
फ्लू के नियंत्रण एवं उपचार हेतु पृथक से आईसोलेशन वार्ड बनाया गया तथा कॉम्बेट
टीम का गठन किया गया। प्रतिदिन सर्दी खॉंसी के मरीजों की स्क्रीनिंग की गई व
स्वाईन फ्लू के संभावित मरीज के सेंपल जॉंच हेतु आर्इ.सी.एम.आर, जबलपुर भेजे गये।
मलेरिया के उपचार व रोकथाम हेतु जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में
कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आरोग्य केन्द्रों एवं आशा कार्यकर्ताओं को
पर्याप्त मात्रा में एंटीमलेरियल औषधियां उपलब्ध कराई गई । मलेरिया की त्वरित
जांच हेतु आशा कार्यकर्ताओं तक रेपिड डायग्नोस्टिक किट भी उपलब्ध कराई गई उक्त
बिमारियों से बचाव के संबंध में जनसामान्य में सामाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक मीडिया
के माध्यम से व्यापाक प्रचार-प्रसार कर स्वास्थ्य चिकित्सा प्रदान की गई है ।
(ग) दमोह जिले में डेंगू, स्वाईन फ्लू व मलेरिया से मृत्यु की जानकारी निम्नवत
है :-
बीमारी का नाम |
मरीज की संख्या |
स्वस्थ्य हुये मरीज की संख्या |
मृत्यु |
डेंगू |
27 |
26 |
1 |
स्वाईन फ्लू |
35 |
31 |
4 |
मलेरिया |
709 |
709 |
निरंक |
मृतकों का विवरण
निम्नानुसार है :-डेंगू –1. विनोद साहु पिता जमूना प्रसाद साहू, उम्र 34 वर्ष पता-
ग्राम- भिनैनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जबेरा, जिला दमोह । स्वाईन फ्लू –
1. श्रीमती सावत्री मिश्रा, उम्र 57 वर्ष, पता- 425 नवोदय वार्ड, हटा, जिला दमोह।
2. श्रीमती मुन्नी बार्इ गर्ग, उम्र 55 वर्ष, पता- सीविल वार्ड नं. 1 शोभा नगर,
जिला दमोह । 3. श्री अशोक तमराकर, उम्र 38 वर्ष, पता- जवाहर वार्ड, हटा, जिला दमोह
। 4. श्रीमती मालती बाई, उम्र 30 वर्ष, पता- ताराखेड़ी, तेंदुखेड़ा, जिला दमोह ।
डेंगू से 1 व स्वाईन फ्लू बीमारी के कारण 4 मरीज के उपचार के दौरान मृत्यु हुई है
। अत: उसमें किसी की भी जिम्मेदारी नहीं कही जा सकती है । (घ) भारत सरकार की नीति
के अनुसार मलेरिया हाईरिस्क क्षेत्र ना होने के कारण डी.डी.टी. छिड़काव की
आवश्यकता नहीं थी, अत: जानकारी निरंक है ।
छात्रावास एवं
आश्रमों को प्राप्त आवंटन
38. ( क्र. 655 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
जिला राजगढ अंतर्गत आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कितने-कितने
छात्रावास एवं आश्रम संचालित है ? विकास खण्डवार ? संचालित छात्रावासों एवं
आश्रमों में कितने-कितने छात्र-छात्राऐं प्रवेशित हो कर अध्ययनरत है ?
विकासखण्डवार, छात्रावास, आश्रमवार जानकारी उपलब्ध करावें ? वर्ष 2014-15 एवं
01.04.2015 से 30.10.2015 तक छात्रावास एवं आश्रमों के संचालन हेतु किन-किन
सुविधाओं के लिये कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है ? कृपया विकासखण्डवार
छात्रावासवार/आश्रमवार जानकारी उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला
राजगढ़ अंतर्गत छात्रावास, आश्रम में प्रवेशित/अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के बैंक
खाते कब से खोले गये है ? छात्रावास, आश्रम में प्रवेशित छात्र/छात्राओं के खाते
में प्रति माह कितनी-कितनी राशि शिष्यवृत्ति प्रदाय करने के आदेश है ? आदेश की
छायाप्रति उपलब्ध करावें । आदेश के परिपालन में प्रश्न दिनांक तक
छात्र/छात्राओं के खातें में शिष्यवृत्ति की कितनी-कितनी राशि बैंक खातों में
ड़ाली गई ? यदि छात्र/छात्राओं बैंक खातों में शिष्यावृत्ति नहीं ड़ाली जा रही हैं
तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है ? क्या विभाग ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध
अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान
सिंह ) : (क) जिला राजगढ़ में आदिवासी मद से दो आश्रम संचालित है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘
एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है। अनुसूचित जाति के 42 छात्रावास एवं 10 आश्रम संचालित
हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
‘‘एक‘‘अनुसार है। छात्रावास एवं आश्रमों के संचालन हेतु
आवंटन जिलेवार दिया जाता है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘दो‘‘अनुसार है। (ख) प्रदेश के आदिवासी
छात्रावास/आश्रमों में निवासरत बालक को रूपये 1000/- एवं कन्याओं को रूपये 1,040/-
शिष्यावृत्ति प्रतिमाह प्रदान की जाती है । विद्यार्थियों के खाते में शिष्यावृत्ति
की दस प्रतिशत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
‘‘स‘‘अनुसार है। अनुसूचित जाति वर्ग हेतु बैंक
खाते अगस्त, 2011 से खोले गये हैं । वित्त विभाग के आदेश दिनांक 16 मई, 2011 द्वारा
शिष्यवृत्ति की 10 प्रतिशत राशि हितग्राही के बैंक खाते में सीधे जमा करने की
व्यवस्था लागू की गई है । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र
‘‘तीन‘‘अनुसार है। इसके अतिरिक्त आयुक्त, अनुसूचित जाति
कल्याण विभाग के आदेश दिनांक 30.09.2014 द्वारा वर्ष 2014-15 हेतु विद्यार्थियों के
खाते में जमा की जाने वाली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘चार‘‘अनुसार है। वर्ष 2014-15 एवं
2015-16 में विद्यार्थियों के खाते में जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘पॉंच‘‘अनुसार है। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
शौचालय निर्माण में अनियमितता
39. ( क्र. 673 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत वर्ष 14-15 एवं 15-16 में कितनी
शौचालयों का निर्माण कराया गया ? उनकी क्या लागत थी ? (ख) कितने हैं अपूर्ण ?
पूर्ण कितने हुए संख्या देवें ?(ग) क्या शौचालय घटियां स्तर के बनाये गये और उन
पर शासन प्रावधानों के अनुसार निर्माण नहीं कराया गया ?(घ) क्या जांच कमेटी गठित
कर कार्यवाही की जावेगी ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन )
: (क)छतरपुर जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में
बनाये गये शौचालयों का विवरण निम्नानुसार हैः-
सरल क्रमांक् |
वर्ष् |
बनाए गये शौचालयो की संख्या |
इकाई लागत् |
कुल लागत् |
1 |
2014-15 |
112 बालिका शौचालय |
1.055 लाख् |
118.16 लाख् |
2 |
2015-16 |
550 बालिका शौचालय |
1.30 लाख् |
715.00 लाख् |
288 बालक शौचालय |
1.22 लाख् |
351.36 लाख् |
कुल योग |
950 शौचालय |
|
1184.52 लाख् |
(ख) कोई भी
अपूर्ण नहीं है वर्ष 2014-15 में 112 में से 112 पूर्ण एवं वर्ष 2015-16 में 838
में से 838 पूर्ण। (ग) जी नहीं, शासन के प्रावधान अनुसार ही निर्माण कराया गया
है।(घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
है।
आशा सहयोगियों की भर्ती में अनियमितता
40. ( क्र. 688 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) सीएमएचओ कार्यालय जिला खरगोन द्वारा बीसीएम पद हेतु कब निविदा का
प्रकाशन कराया गया था ? किस आदेश पर यह प्रकाशन किया गया ?इन पदों हेतु कितने आवेदन
प्राप्त हुए, क्या इनकी नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया हैं ? (ख)
सीएमएचओ कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी आशा सहयोगियों की भर्ती,
नियुक्ति की गई है ? आशा सहयोगियों की कितने पदों पर भर्ती हेतु वरिष्ठ कार्यालय
से या जिला स्वास्थ्य समिती से अनुमति ली गई थी ? (ग) सीएमएचओ कार्यालय जिला
खरगोन द्वारा की गई आशा सहयोगियों की भर्ती की पात्रता एवं चयन प्रक्रिया की
जानकारी देवें ? कितनी संख्या में आवश्यकता थी तथा कितनी संख्या में आशा
सहयोगियों की भर्ती की गई ? चयनित सभी आशा सहयोगियों की सूची नाम, पता, योग्यता,
जाति सहित देवें ? (घ) क्या आशा सहयोगियों की भर्ती आवश्यकता से अधिक हो गई है ?
इनके वेतन, मानदेय की व्यवस्था क्या है ? इनके लिए बजट का प्रावधान कैसा एवं
कितना है ? इनके कार्य एवं कर्तव्य की जानकारी देवें ?
लोक स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मिशन संचालक,
एनएचएम के आदेश से विज्ञप्ति का प्रकाशन राज्य स्तर से किया गया। जिले में कुल 796
आवेदन प्राप्त हुये। जी हां। (ख) 128 जिला स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन नहीं है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है ।
130 की आवश्यकता थी 128 की भर्ती की गयी। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है । (घ) जी नहीं। कार्य आधारित
प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाती है। वर्ष 2015-16 में रू. 61.99 लाख की
स्वीकृति प्राप्त है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है
।
महाराजा यशवंत राव चिकि. इन्दौर में कार्डियक सेन्टर
की स्थापना
41. ( क्र. 729 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इन्दौर में कार्डियक सेंटर
प्रारंभ किये जाने हेतु पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी ?
(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हां तो कार्डियक सेंटर (कैथलेब) कब तक
प्रारंभ किया जायेगा ? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पूर्व में संबंधित
विभाग द्वारा कार्डियक सेंटर प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को कितनी-कितनी
बार भेजे गये थे ? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ भेजे गये प्रस्ताव में क्या
त्रुटिया होने से कार्डियक सेंटर आज तक प्रारंभ नहीं हो पाया ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)
जानकारी एकत्रित की जा रही है।(घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूलों का उन्नयन
42. ( क्र. 760 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्न
संखया 22 (क्रमांक 73) में विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रश्नकर्ता
विधानसभा क्षेत्र की बुधोरकला और भैसाना प्राथमिक शाला तथा डुंगरिया, लाम्बाखेड़ा
और गढ़ाकलां माध्यमिक शालायें एवं धर्मरा, सुहाया एवं नायसमंद हाई स्कूल उन्नयन
की पात्रता रखते हैं ? (ख) इन शालाओं के उन्नयन के अभाव में अध्ययनरत
छात्र-छात्रायें शाला त्यागी न हो इस हेतु विभाग इनका शालाओं का उन्नयन कब तक
करेगा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) जी हां।(ख) निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव नहीं
है।
स्कूलों में स्वीकृत पद अनुसार शिक्षकों की
पदस्थापना
43. ( क्र. 765 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना
जिले के चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कितने हाईस्कूल, कितने मिडिल स्कूल, कितने
प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत होकर कार्य कर रहे हैं ? उन स्कूलों में कितने
स्वीकृत पद हैं ? कितने रिक्त पद हैं ? (ख) क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में
पदस्थ शिक्षकों को बिना शासन अनुमति के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिले में अटैच
कर रखा है ? उनकी संख्या कितनी है ? उन्हें वापिस कब करेंगे ? (ग) चांचौड़ा
विधानसभा क्षेत्र में ग्राम जनसंख्या के मान से कितने नवीन हाई स्कूल, मिडिल
स्कूल एवं प्राथमिक स्कूल खोले जाना है ? कब तक खोलेंगे ? तथा नवीन शिक्षकों की
भर्ती कब तक होगी ? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) का विभाग कब और कैसे पालन करायेगा
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)जानकारी परिशिष्ट-अ अनुसार है।(ख)जी नहीं । शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।(ग) उन्नयन
जनसंख्या के साथ दूरी एवं छात्र संख्या के आधार पर बजट उपलब्धता के अनुसार किया
जाता है। उन्नयन एवं रिक्त पदों की पूर्ति के लिए निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव
नहीं है।(घ) उत्तरांश क, ख एवं ग के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
नौ कार्यालयीन पदस्थापना
44. ( क्र. 779 ) श्री गिरीश
गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला
शिक्षा अधिकारी रीवा के जिला कार्यालय में सहायक ग्रेड-1, सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक
ग्रेड-3 के कितने कर्मचारी कब से पदस्थ हैं ? प्रत्येक की पदस्थापना तिथि सहित
विवरण देवें ?(ख) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीवा में कितने कर्मचारी किस-किस
वर्ग के संलग्नीकरण के तहत पदस्थ हैं तथा उनकी मूल पदस्थापना कहां है तथा कब से
संलग्न हैं ? पूर्ण विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध करायें ? (ग) क्या जिला शिक्षा
अधिकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की पदस्थापना की अवधि को निर्धारित किया
जायेगा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)जानकारी परिशिष्ट- एक अनुसार है।(ख)जानकारी परिशिष्ट-दो अनुसार है। इन
कर्मचारियों को मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त करने संबंधी आदेश दिनांक 28.11.2015 को
जारी किए गए है, जानकारी परिशिष्ट-तीन अनुसार।(ग)स्थानांतरण नीति 2015 में सभी
कार्यालयों के लिये नियत है।
परिशिष्ट
दस नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्कूल भवन निर्माण
45. ( क्र. 794 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में संचालित ऐसे शासकीय स्कूल है जिनमें
छात्र-छात्राओं की संख्या पर्याप्त एवं अधिक होने के बावजूद भी स्कूल भवन
पर्याप्त नहीं हैं ? (ख) क्या शासकीय स्कूल भापेल, बहेरिया शाहनी, रजौआ,
परसोरिया, कर्रापुर, रजाखेड़ी में छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण
अध्यापन कार्य दो पारियों/सिफ्टों में एवं एक कक्ष में दो-दो कक्षाओं का अध्यापन
कार्य किया जा रहा है ? (ग) यदि हां तो इन स्कूलों में शासकीय भवन/कक्ष निर्माण
हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है ? अवगत करायें एवं समय सीमा बतावे
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)नरयावली
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कोई भी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला
नही है जिसमे स्कूल भवन पर्याप्त न हो 07
हाई स्कूल , 08 हायर सेकेण्डरी जानकारी परिश्िाष्ट -1 अनुसार
है। (ख)
प्रश्नांश 'क' अनुसार स्थानों पर विघालय दो पालीयो में संचालित हैं
किसी भी विघालय में एक ही समय में एक साथ दो कक्षायें संचालित नही होती
। (ग)
बजट प्रावधान की अनुपलब्धता के कारण भवन /कक्ष निर्माण हेतु वर्तमान
में कोई कार्यवाही प्रस्तावित नही है, समय सीमा बताना संभव नहीं
है।परिशिष्ट
ग्यारह सिविल हॉस्पिटल लांजी के भवन निर्माण हेतु बजट प्रावधान
46. ( क्र. 811 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) क्या सिविल हॉस्पिटल लांजी के भवन निर्माण हेतु बजट में
प्रावधान किया गया है ? (ख) यदि हां, तो कितनी राशि का क्या प्रावधन किया गया है ?
यदि नहीं, तो कब तक बजट में प्रावधान कर दिया जाएगा ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हॉं । (ख) वर्ष 2014-15
के द्वितीय अनुपूरक अनुमान में मांग संख्या 19 के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण विभाग में अस्पताल और औषधालयों के भवन निर्माण हेतु राशि रुपये 1000 का
प्रतीक प्रावधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी
पर कार्यवाही एवं राशि की वसूली
47. ( क्र. 822 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
दिनांक 31 जुलाई 2015 के प्रश्न क्रमांक 3172 के प्रश्नांश (क) का उत्तर में
जिला शिक्षा अधिकारी रीवा, वीआरसीसी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं प्राचार्य को
रूपये 1,62,17,910/- का अनियमित भुगतान किये जाने तथा प्रश्नांश (ख) (ग) (घ) का
उत्तर जानकारी एकत्रित किये जाने का दिया गया है ? तो उक्त राशि की वसूली के
लिये शासन अथवा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा उक्त राशि की वसूली
किनसे किया जाना है ?(ख) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो (ख) (ग) (घ) की जानकारी आज
दिनांक तक एकत्रित नहीं हो पाने का क्या कारण है ? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के
(ख) का उत्तर में कलेक्टर रीवा के आदेश संबंधित जानकारी चाही गई थी एवं जो जिला
शिक्षा अधिकारी रीवा को ही भेजी गई थी ? उसे एकत्रित करने में क्या कठिनाई हुई ?
यदि विलंब करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है तो ऐसे अधिकारी को तत्काल निलंबित
किया जाकर कठोर कार्यवाही की जाएगी ? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)
जी हां। प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है तथा परीक्षणोपरान्त आगामी कार्यवाही की
जाएगी। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ के उत्तर के प्रकाश में प्र’न
उपस्थित नहीं होता। परीक्षणोपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं है।
दोषी पर कार्यवाही
48. ( क्र. 823 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा
जिले के शासकीय माध्यमिक शाला चांदी विकासखण्ड जवा जिला रीवा को राष्ट्रीय
माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि
किस-किस वर्ष में दी गई है ? प्राप्त राशि का उपयोग संस्था प्राचार्य द्वारा
किस-किस मद में किया गया है ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की राशि पीटीए से प्रस्ताव
पारित कर भुगतान लेने का नियम है ? यदि हां, तो उक्त राशि आहरण करने के लिये कब-कब
प्रस्ताव पारित किये गये हैं ? पारित प्रस्ताव की प्रति एवं बैंक स्टेटमेंट का
विवरण उपलब्ध कराऍं ?(ग) प्रश्नांश (क) की शाला को राज्य शिक्षा केन्द्र/जिला
शिक्षा केन्द्र रीवा द्वारा साईकिल/गणवेश मद की राशि प्रश्नांश (क) की अवधि में
कितनी-कितनी दी गई है ? दी गई राशि से कितनी छात्र-छात्राओं को साईकिल/गणवेश वितरित
किया गया है ? क्या साईकिल खरीदी में प्राचार्य द्वारा टिन नंबर की रसीद प्राप्त
की गई है ? यदि नहीं तो क्या उक्त खरीदी क्रय नियम के विरूद्ध मानी जावेगी ? यदि
हां, तो क्या दोषी को निलंबित करते हुए उक्त राशि की वसूली एवं उसके विरूद्ध
विभागीय जांच संस्थापित की जाएगी ? यदि हां, तो कब तक ? (घ) प्रश्नांश (क) के
विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य द्वारा अपनी कार्यावधि में विद्यालय में अच्छी हालत
के जो कमरे थे उन्हें बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति लिये ध्वस्त कराकर उक्त
सामग्री को कितने रूपये में बिक्री कर राशि अपने स्वयं हित में ले रखी गई है
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) एवं (ख) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से कोई राशि प्रदान नहीं की
गई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय माध्यमिक
शाला चांदी विकासखंड जवा को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक निःशुल्क
सायकिल वितरण एवं गणवेश वितरण हेतु प्रदाय राशि तथा वितरित की गई राशि की
जानकारी परिशिष्ट अ पर है। सायकिल क्रय हेतु राशि अभिभावकों के खाते में जमा
की जाती है। अभिभावकों से सायकिल क्रय की राशि प्रधानाध्यापक द्वारा प्राप्त
करने के निर्देश है। प्रकरण में सायकिल क्रय की स्थिति के सत्यापन हेतु जाॅच
कराई जा रही है।(घ) जी नहीं। प्रश्नांश क के विद्यालय में किसी भी कमरे को
ध्वस्त नहीं किया गया। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
बारह घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में चिकित्सकों के पद
स्वीकृति
49. ( क्र. 835 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के कितने खंड है
?(ख) चिचोली सा.स्वा.केन्द्र में चिकित्सक के कितने पद स्वीकृत हैं ? कार्यरत
चिकित्सक की जानकारी देवें ?(ग) शाहपुर में उप.स्वा.केन्द्र
/प्रा.स्वा.केन्द्र में कार्यरत कर्मचारी की जानकारी देवें ?(घ) क्या चोपना
प्रा.स्वा.केन्द्र संचालन में है ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) घोडाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में 03
विकासखण्ड (घोडाडोंगरी, चिचोली एवं शाहपुरा) है । (ख) चिचोली सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र में 06 चिकित्सक के पद स्वीकृत है । वर्तमान में 02
चिकित्सक (डॉ. एन.के. चौधरी व डॉ. सत्यजीत सिंह) कार्यरत है । (ग) प्रश्न भाग की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट है । (घ) जी नहीं ।
परिशिष्ट
तेरह वनाधिकार पट्टे वितरण
50. ( क्र. 836 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) म.प्र. शासन आ.जा.क.वि. द्वारा वनाधिकार पट्टे प्रदाय योजना कब से लागू की गई
है ?(ख) क्या वर्षों से काबिज वनवासियों को पट्टा आज तक पूर्ण रूप से प्रदाय नहीं
किये गये ? गरीब वनवासी परेशान क्यों है ?(ग) म.प्र.शासन की पहल पर वनवासी तथा
परंपरागत धंधे वाले वनवासियों को भू-अधिकार देना था लेकिन परंपरागत को लाभ क्यों
नहीं मिला अवगत कराये ?(घ) बैतूल में आदिवासी अंचल घोड़ाडोंगरी / शाहपुर में पट्टे
वितरित किये गये है ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) :
(क) प्रश्नांश अन्तर्गत अधिनियम 2006, 1 जनवरी 2008 से लागू है। (ख) गरीब
वनवासियों के परेशान होने के तथ्य प्रकाश में नही आये है। अब तक 194312 वन अधिकार
पत्र प्रदान कर दिये गये हैं। (ग) पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये
है। (घ) जी हां।
आयुर्वेदिक/हौम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञों की
पदस्थी
51. ( क्र. 852 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) आयुष विभाग म.प्र. द्वारा राजपत्रित सेवा नियमों में आयुष विभाग
को विशेष चिकित्सा देने हेतु विशेषज्ञों के कितने पद विभाग में निर्मित किये गए
हैं ? आयुर्वेद, होम्योपैथी में विशेषज्ञों के कुल कितने पद किस-किस पैथी के
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं और किस-किस संस्थाओं में और क्यों
? क्या विशेषज्ञों की भर्ती पदोन्नति द्वारा जो की गई है, वह प्रशासनिक कार्यों
के लिए या जनता को विशेष चिकित्सा लाभ देने के लिए की गई है ?(ख) क्या आयुर्वेद,
होम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ आयुष संचालनालय में पदों के विरूद्ध पदस्थ किए गए
हैं, यदि हॉं तो क्यों ? ऐसे चिकित्सा विशेषज्ञों के नाम पद सहित बतावें ?(ग)
क्या (क), (ख) में वर्णित चिकित्सा विशेषज्ञों को उन संस्थाओं में भेजा जाएगा ?
जहां के लिए पद स्वीकृत किया गया है ? क्या इस प्रकार के चिकित्सा विशेषज्ञों के
विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी जो कि सामान्य प्रशासन के नियम विरूद्ध दबाव संचालनालय
में पदस्थ हुए हैं ? उक्त चिकित्सकों को कब तक वापस किया जाएगा ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आयुष विभाग
में विशेषज्ञों के कुल 35 पद निर्मित है। विशेषज्ञ के 32 पद आयुर्वेद के एव 03 पद
होम्योपैथी के है, संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार, जनता को विशेष चिकित्सा लाभ देने के लिये। जी हां, विशेषज्ञ
का पद विशेष चिकित्सा के लिये है किन्तु विभाग की आवश्यकता एवं परिस्थतियों के
अनुसार कार्य लिया जाता है। (ख) जी हां। ड्रग इंसपेक्टर के कार्य हेतु। डॉ. पी.सी.
शर्मा, ड्रग इंसपेक्टर। (ग) जी हां, आवश्यकता अनुसार भेजा जावेगा। संचालनालय के
अधिकांश पद रिक्त है जिन पर पदोन्नति के लिये अर्हता प्राप्त अधिकारी उपलब्ध नहीं
है इसलिये संचालनालय की सुचारू कार्यव्यवस्था के लिये आवश्यकता अनुसार पदस्थ किया
गया है। उक्त परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना
जिला चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारी (रेडक्रास) को हटाया जाना
52. ( क्र. 859 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या वर्ष 1998-99 से मुरैना जिला चिकित्सालय
परिसर में रेडक्रास सोसाइटी की राशि से रेडक्रास वार्ड का निर्माण कराया गया था
जिसमें नर्सिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं सफाई कर्मचारियों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से
नियुक्त किया गया था ? जिन्हें वेतन दिया जाता था उन्हें अकारण क्यों हटाया गया
? पूर्ण जानकारी दी जावें ? (ख) हटाये गये कर्मचारियों की कितनी संख्या है पद, नाम
एवं वेतन राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे ? अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें कब से
हटाये जाने के आदेश दिये है किस अधिकारी के आदेश से हटाये है ? अधिकारी का नाम,
दिनांक सहित जानकारी दी जावें ? (ग) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ
ग्वालियर याचिका क्र. 5592/014 में उक्त कर्मचारियों को ट्रेनिंग कराकर यथावत
रखने के लिये आदेश दिये गये हैं, फिर न्यायालय के आदेश का पालन क्यों नहीं किया
गया ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हॉ। यह सही है कि वर्ष 1998-99 में मुरैना जिला चिकित्सालय परिसर में
रेडक्रास सोसाईटी की राशि से रेडक्रास वार्ड का निर्माण कराया गया था जिसमें
नर्सिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं सफाई कर्मचारियों को रेडक्रास सोसाईटी द्वारा नियुक्त
किया गया था। जिन्हें वेतन रेडक्रास द्वारा उक्त वार्डो से हुई आय से दिया जाता था।
उक्त कर्मचारियों को हटाये जाने के सम्बधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (ख)
रेडक्रास सोसाईटी द्वारा कर्मचारियों को हटाये जाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया
गया है। प्रश्न उपस्थित नही होता। प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग) म. प्र. उच्च
न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर याचिका क्र. 5592/14 के अन्तर्गत प्रकरण में कार्यवाही
प्रचलन में होकर विचाराधीन है।
आयुर्वेद इन्टर्नशिप छात्रों को
शिष्यवृत्ति
53. ( क्र. 872 ) पं. रमेश
दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों से शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में
स्थानांतरित छात्रों को इन्टर्नशिप अवधि में प्रतिमाह शिष्यवृत्ति प्रदाय किये
जाने का क्या कोई प्रावधान है ? यदि हां, तो आदेश निर्देश की प्रति संलग्न करें
?(ख) क्या ओंम आयुर्वेद महाविद्यालय जामठी, जिला-बैतूल के छात्रों को शासकीय
आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर और शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय
निपनिया, रीवा में स्थानांतरित किया गया था ? यदि हां, तो क्यों और कब ?
स्थानांतरित छात्रों के नाम सहित जानकारी दें ?(ग) क्या ओंम आयुर्वेद महाविद्यालय
जामठी, जिला-बैतूल से शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय निपनिया, रीवा में
स्थानांतरित छात्रों को इन्टर्नशिप के समय शिष्यवृत्ति प्रदाय की गयी है किन्तु
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में स्थानांतरित छात्रों को इन्टर्नशिप के
समय शिष्यवृत्ति नहीं प्रदाय की गयी ? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ख) और (ग) के
प्रकाश में परीक्षण कराकर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय निपनिया,
रीवा की भांति शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में स्थानांतरित छात्रों को भी
इन्टर्नशिप अवधि की शिष्यवृत्ति प्रदाय किये जाने का आदेश देगा ? यदि हां, तो कब
तक और नहीं तो क्यों ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नही। (ख)जी हां। ओम आयुर्वेद महाविद्यालय जामठी,
जिला बैतूल की मान्यता भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा समाप्त किये जाने के कारण
छात्रों को सी.सी.आई.एम. नई दिल्ली के पत्र दिनांक 24.03.11 से प्राप्त
निर्देशानुसार शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में वर्ष-2011 में स्थानांतरित किया
गया। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा एंव जबलपुर में स्थानांतरित छात्रों की सूची
परिशिष्ट ’’अ’’ पर संलग्न है।(ग) जी हां। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा में
स्थानांतरित संलग्न परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार 10 छात्रों को शिष्यवृत्ति तत्कालीन
प्रधानाचार्य द्वारा प्रदान की गई थी, जिसका प्रावधान नही होने से वर्तमान
प्रधानाचार्य रीवा द्वारा इनसे शिष्यवृत्ति वसूली की कार्यवाही की जा रही है।(घ)
प्रश्नांक ''क'' एवं ’’ग’’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही
होता।
परिशिष्ट
चौदह डीमेट-2015 की अधूरी और भ्रामक मेरिट लिस्ट
बनाना
54. ( क्र. 897 ) श्री जितू
पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर की प्रकरण क्र. PIL 8810/2015
पारस सकलेचा एवं अन्य वि.म.प्र. शासन एवं अन्य के अंतरिम आदेश में डीमेट-2015
परीक्षा दिनांक 08.10.2015 के सुपरविजन की संपूर्ण जिम्मेदारी एफ.आर.सी को दी थी ?
यदि हां, तो बतावें कि एफ.आर.सी ने 08.10.2015 की परीक्षा में किस-किस स्तर पर
सुपरविजन किया ?(ख) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मेरिट सूची का
प्रकाशन क्यों नहीं किया गया ? मात्र रोल न तथा रेंक से अधूरी और भ्रामक सूची
क्यों प्रकाशित की गई उसमें नाम तथा प्राप्तांक क्यों छिपायें गये ? (ग)
डीमेट-2015 की 1 से 600 तक की मेरिट सूची विद्यार्थी का नाम, पता पिता का नाम,
डीमेट के प्राप्तांक तथा रेंक सहित देवें तथा बतावे कि इस सूची में से किस-किस को
किस महाविद्यालय में प्रवेश मिला है ? (घ) डीमेट-2015 की Answer Key की दोनों
प्रतियां जो कम्प्यूटर पर वेबसाईड में अपलोड की गई थी उनकी प्रतिलिपीया देवें तथा
AFRC के मेन सर्वर में डीमेट-2015 के संदर्भ में मान्नीय उच्च न्यायालय के
निर्देश से संरक्षित सपूंर्ण डाटा की प्रति (हार्ड डिस्क इत्यादि) उपलब्ध करावें
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क)माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 8810/2015 में दिनांक
24/9/2015 एवं दिनांक 28/9/2015 द्वारा ए.एफ.आर.सी. को परीक्षा के दौरान सुपरविजन
का दायित्व सौंपा गया था। ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय उच्च
न्यायालय, जबलपुर के निर्णय के तहत ए.एफ.आर.सी. द्वारा सुपरविजन का कार्य सम्पन्न
किया गया। मा. उच्च न्यायालय द्वारा ऊपर वर्णित प्रकरण में दिए गए निर्देशों के
अनुरूप ए.पी.डी.एम.सी. एवं अधिकृत एजेन्सी द्वारा कराई गई डीमेट-2015 आनलाईन
परीक्षा के दौरान परीक्षा के दिन, माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिये गये
निर्देशों का पूर्णतः पालन किये जाने से संबंधित निगरानी का कार्य प्रवेश एवं फीस
विनियामक समिति को सौंपा गया था, जिसे समिति द्वारा सम्पन्न किया जाकर किये गये
निगरानी के कार्य से संबंधित रिपोर्ट दिनांक 15.10.2015 को ए.एफ.आर.सी. के अधिवक्ता
के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को उपलब्ध करा दी गई है। माननीय उच्च
न्यायालय जबलपुर में प्रेषित की गई रिपोर्ट की प्रति ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त की जा
रही है।(ख) ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार मा. उच्च न्यायालय जबलपुर
द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी 8810/2015 में मा. उच्च न्यायालय के निर्देश
दिनांक 24/9/2015 एवं 28/9/2015 के निर्देशानुसार परीक्षा आयोजित किये जाने हेतु
अधिकृत ए.पी.डी.एम.सी. एवं एजेंसी, मान. उच्च न्यायालय द्वारा मनोनित किए गए
डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन श्री सी. एल.एम. रेड्डी एवं समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण
के मतानुसार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप ही मेरिट सूची जारी की
गई।(ग)ए.पी.डी.एम.सी. से प्राप्त जानकारी अनुसार 01 से 600 तक के मेरिट सूची के
अभ्यार्थियों की चाही गई जानकारी परिशिष्ट-एक अनुसार है।(घ)ए.एफ.आर.सी. से प्राप्त
जानकारी अनुसार माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 8810/2015 में
दिए गए निर्देशानुसार डीमेट-2015 की उत्तर कुंजी की दोनों प्रतियां संबंधित वेबसाईट
(ए.पी.डी.एम.सी. एवं ए.एफ.आर.सी.) पर उपलब्ध कराई गई थी।माननीय उच्च न्यायालय,
जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 8810/2015 में दिनांक 28/7/2015 एवं 28/9/2015 को
डाटा संग्रहण करने एवं इस डाटा भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किए जाने के
निर्देश दिए गए है -The agency must maintain the servers at the examination
centers in sealed condition at least for a period of one week after the
declaration of results. That will be uesful for scrutiny and review, if required
at a later stage.अतः माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक
8810/2015 में दिए गए निर्देशानुसार डाटा की प्रति (हार्ड कापी) ए.पी.डी.एम.सी.
कार्यालय एवं ए.एफ.आर.सी. सचिवालय में उपलब्ध है एवं माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष
विचाराधीन है। ए.पी.डी.एम.सी. से डीमेट 2015 की उत्तर कुंजी(दो) की प्रति, जो
परिशिष्ट दो पर है।
शासकीय विद्यालयों में खेल मैदान का निर्माण
55. ( क्र. 910 ) श्री मुकेश
नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) पवई
विधानसभा क्षेत्र के कितने शासकीय विद्यालयों में खेल के मैदान उपलब्ध हैं ?
उनमें से कितने खेल मैदान अविकसित हैं और कितने खेल मैदान, खेल गतिविधियों के लिये
उपयुक्त हैं ? अविकसित खेल मैदानों के विकास न होने के कारण सहित जानकारी देवें ?
(ख) प्रश्नांश (क) के परिक्षेत्र में क्या खेल मैदानों के उन्नयन और विकास के
लिये शासन की कोई योजना है ? यदि हां, तो शासन द्वारा विद्यालयवार कितने बजट का
प्रावधान किया गया है और यदि कोई योजना नहीं है, तो क्यों ? कारण सहित विवरण दें ?
(ग) प्रश्नांश (ख) के परिक्षेत्र में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना
बजट प्रदान किया गया ? विद्यालयवार, मदवार, राशिवार तथा वर्षवार व्यय की जानकारी
दें ? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) के परिक्षेत्र में क्या बजट पर्याप्त था ? यदि
नहीं, तो शासन क्या बजट बढ़ाए जाने के लिये प्रावधान करेगा यदि हां, तो कब तक ?
समय सीमा बताएं ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)13 विद्यालय में सभी विकसित है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।(ख)प्रथक से कोई योजना नहीं है, अपितु खेल मैदानों के सृदृढ़ीकरण हेतु
सम्पूर्ण प्रदेश के लिये बजट में कुल रूपये एक करोड़ की राशि का पूरे वर्ष के लिये
प्रावधानित है। अतः शेषांश प्रश्न उपस्थित नही होता। (ग)पवई विधानसभा क्षेत्र के
लिये वर्ष 2012 से सीमित बजट प्रावधान के रहते कोई बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है।
शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ)बजट में बहुत सीमित प्रावधान है। सीमित
संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये अतिरिक्त प्रावधान करना अभी संभव नहीं है। शेषांश
का प्रश्न उपस्थित नही होता।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की
पूर्ति
56. ( क्र. 931 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) भिण्ड जिले की लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने सिविल
हॉस्पीटल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किन-किन
स्थानों पर स्वीकृत है ? (ख) उपरोक्त हॉस्पीटलों में कौन-कौन से पद कब-कब से
रिक्त हैं ? नियुक्ति दिनांक सहित बतायें ? (ग) क्या माननीय लोक स्वास्थ्य
परिवार कल्याण मंत्री द्वारा लगभग 02 वर्ष पूर्व लहार अस्पताल में महिला
चिकित्सक की पदस्थापना करने का आश्वासन दिया था ? यदि हां तो प्रश्न दिनांक तक
पूर्ति क्यों नहीं की गई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (
डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग पद पूर्ति हेतु
निरंतर प्रयासरत् है, स्त्रीरोग विशेषज्ञ/चिकित्सकों की कमी/पर्याप्त उपलब्धता नहीं
होने से पदस्थापना नहीं की जा सकी है।
निलंबित डॉक्टर की
पुन:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापना
57. ( क्र. 943 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनुपपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र ग्राम में डॉ. टी.आर. चौरसिया कब से
पदस्थ हैं ? क्या डॉ. चौरसिया का निलंबन किया गया था ? यदि हां, तो किन कारणों से
? निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कहां बनाया गया तथा कब बहाल किया गया तथा किस
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ किया गया ? (ख) क्या पुन: डॉ. चौरसिया
की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम में ही की गई है ?
भ्रष्टाचार, लापरवाही के कारण निलंबित डॉ. चौरसिया को पुन: उसी स्थान पर पदस्थ
क्यों किया गया ? क्या जनहित में इनका स्थानांतरण जिले से बाहर करने पर शासन
विचार करेगा ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) डॉ. टी.आर.चैरसिया, चिकित्सा अधिकारी, अनूपपुर जिले के विधान सभा
क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, राजेन्द्र ग्राम में मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर द्वारा जारी आदेश दिनांक 30.05.2015
से आज दिनांक तक तथा इसके पूर्व में वे दिनांक 06.10.1990 से दिनांक 12.09.2014 तक
की अवधि में पुष्पराजगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र ग्राम में पदस्थ
रहें है। जी हॉं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रीवा संभाग के अनूपपुर जिले के
पुष्पराजगढ़ में खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ. तोताराम चैरसिया द्वारा
मातृ एवं शिशु मृत्यु का पुनरीक्षण न किया जाना, गर्भवती माताओं एवं शिशुओं का
पंजीयन न करना, प्रोटोकॉल्स का पालन न कराना तथा स्वास्थ्य संस्था में साफ-सफाई की
उचित व्यवस्था का अभाव जैसी अनियमिततायें पाये जाने के कारण डॉ. चौरसिया को
संचालनालय के आदेश क्रमांक.2451/दिनांक 12.09.2014 द्वारा निलंबित किया गया था।
निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर
के अधीन किया गया तथा उन्हें निलंबन से बहाल करते हुये संचालनालय के आदेश
क्रमांक.4089 दिनांक 22.11.2014 द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोतमा जिला
अनूपपुर में पदस्थ किया गया। (ख) संचालनालय के आदेश दिनांक 22.11.2014 द्वारा डॉ.
चौरसिया, चिकित्सा अधिकारी की नवीन पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोतमा
में की गई थी किंतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर द्वारा डॉ.
चौरसिया का स्थानांतरण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोतमा से राजेन्द्रग्राम
(पुष्पराजगढ़) में उनके आदेश दिनांक 30.05.2015 द्वारा किया गया। डॉ. चैरसिया
द्वारा भ्रष्टाचार नहीं बल्कि अपने पदीय दायित्वों/कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाही
बरती जाने के कारण उन्हें निलंबित किया गया था। संचालनालय द्वारा सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र, राजेन्द्रग्राम (पुष्पराजगढ़) से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,
कोतमा पदस्थ किया गया लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर के
द्वारा स्थानीय परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में डॉ. चौरसिया को सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र, राजेन्द्रग्राम (पुष्पराजगढ़) में पदस्थ किया गया
है।
नियमित सिविल सर्जन की पदस्थी
58. ( क्र. 953 ) श्री जालम
सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश अंतर्गत सिविल सर्जन के पदों पर नियमित सिविल सर्जन
पदस्थ न किए जाने के क्या कारण हैं, एवं उक्त पदों पर प्रभारी सी.एम.एच. ओ को
दायित्व किन कारणों से दिया जा रहा है ? (ख) नरसिंहपुर जिलान्तर्गत विगत कितने
समय से प्रभारी सी.एम.एच.ओ. को सिविल म.नि. का प्रभार किन कारणों से दिया गया है ?
(ग) कब तक नियमित सिविल सर्जन की पदस्थापना कर दी जाएगी ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभागीय
भर्ती नियम 2007 अनुसार वर्तमान में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक का पद
तकनीकी रूप से स्वीकृत न होने के कारण जिलों के जिला चिकित्सालय में पदस्थ वरिष्ठ
विशेषज्ञों/सी0एम0एच0ओ0 की प्रशासनिक क्षमताओं के दृष्टिगत प्रभार दिए जाने संबंधी
कार्यवाही की जा रही है। शासन आदेश क्रमांक 12-10/2014/17/मेडि-3 दिनांक 10.11.2014
के द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के 51 पदों का सजृन किया गया है
जिन्हें विभागीय भर्ती नियमों में समाहित किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
भर्ती नियम प्रकाशन उपरांत पदोन्नति की कार्यवाही की जाकर नियमित सिविल सर्जनों की
पदस्थापना प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में की जावेगी। (ख) जी नहीं, नरसिंहपुर जिले
अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद के प्रभार में डॉ. प्रदीप
धाकड़, दिनांक 28.09.2013 से तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के प्रभार
में डॉ. सी0एस0शिव, दिनांक 20.02.2014 से पदस्थ हैं। (ग) उत्तरांश ’’क’’ के
परिप्रेक्ष्य में निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सहायक
आयुक्तों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का निराकरण
59. ( क्र. 955 ) श्री हर्ष
यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष
2012 से प्रश्न दिनांक तक जिला मंडला एवं सिवनी में पदस्थ सहायक आयुक्त, आदिम
जाति विकास के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा किस स्तर पर की गई
है ? शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुए शिकायतवार की गई कार्यवाही का विवरण दें
?(ख) उक्त प्राप्त शिकायतों की जांच कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई व
जांच के निष्कर्ष क्या रहे ?(ग) सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास मंडला व सिवनी के
विरूद्ध गंभीर शिकायतों के बावजूद शिकायतों का निराकरण व अनियमितताओं पर कार्यवाही
न किये जाने व अत्यधिक विलम्ब के लिए कौन-कौन से वरिष्ठ अधिकारी उत्तरदायी है
?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) सहायक
आयुक्त, आदिवासी विकास मंडला एवं सिवनी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब''
अनुसार है। (ग) जॉच जिला स्तर पर प्रकियाधीन है, जांच में विलम्ब
प्रकियात्मक है, इसके लिये कोई उत्तरदायी नहीं है।
स्कूलों का
उन्नयन
60. ( क्र. 979 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में बहुत कम मा.शालाओं एवं
हाईस्कूलों का उन्नयन किया गया ? छात्रा-छात्राओं के ध्यान में रखते हुये
हा.स्कूल वैसा को इन्टरमीडियट एवं हाईस्कूल सुजानपुरा को इन्टरमीडियट एवं
हाईस्कूल मलगुंवा को इंटरमीडियट एवं हाईस्कूल हटा को इन्टरमीडियट करेंगे क्या
? यदि हां, तो समयावधि बतायें ? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें ? (ख) क्या
मा.शा.राजपुरा को हाईस्कूल करेंगे ? यदि हां, तो शिक्षा के व्यापीकरण एवं छात्र
छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुये उक्त स्कूलों को उन्नयन किये जाने के
आदेश जारी करेंगे यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 19 माध्यमिक शाला का हाईस्कूल एवं
06 हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन किया गया। शास. शाला हटा पूर्व
से हायर सेकेण्डरी के रूप में संचालित है। सीमित बजट होने से समय- सीमा
बताना संभव नहीं है। (ख) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माध्यमिक शाला
राजपुरा नाम से कोई भी शाला संचालित नहीं है। प्रश्नांश क के उत्तर के प्रकाश
में शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
भाग-3अतारांकित
प्रश्नोत्तरडी मेट परीक्षा केन्द्रों पर अनियमितता
1. ( क्र. 19 ) श्री रामनिवास
रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) आठ अक्टूबर 2015 को आयोजित डी मेट 2015 परीक्षा के 52 परीक्षा
केन्द्र आई.एस.ओ. 27001 अथवा किस केटेगिरी के थे ? किस केन्द्र पर पिछले एक साल
में 20 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित हुई ? (ख) प्रश्नांश (क) में
उल्लेखित केन्द्रों पर कितने-कितने परीक्षार्थियों की व्यवस्था की गई थी तथा
कितने उपस्थित रहे ? कितने केन्द्रों पर परीक्षा निर्धारित अवधि साढ़े 6 बजे के
बाद सम्पन्न हुई ? उन केन्द्रों का नाम तथा परीक्षा का समय समाप्त होने की
जानकारी दें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित केन्द्रों पर परीक्षा निर्धारित
अवधि के बाद भी जारी रहने के कारण केन्द्र अनुसार पृथक-पृथक बतायें तथा बतावें कि
विलम्ब से परीक्षा समाप्त करने के लिए किस सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त की
गई ? (घ) जिन केन्द्रों पर विलम्ब से परीक्षा समाप्त हुई उन केन्द्रों पर
कितने-कितने परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)राज्य शासन ने वर्ष 2009 से
चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश राज्य शासन द्वारा संचालित पी.एम.टी. परीक्षा से
कराए जाने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय को निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संघ
द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 2732/2009 के द्वारा
विरोध किया गया, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा राज्य शासन के पक्ष
में निर्णय देते हुए निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के द्वारा ही
प्रवेश दिए जाने का निर्णय दिया गया था। उक्त निर्णय को मध्यप्रदेश निजी चिकित्सा
महाविद्यालयों के संघ द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका सिविल अपील
4060/2009 के द्वारा चुनौती दी गई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण
में अंतरिम निर्णय देते हुए उपलब्ध स्थानों में से 15 प्रतिशन एन.आर.आई सीटों
के उपरांत शेष बची 85 प्रतिशत सीटों का 50 प्रतिशत स्थान राज्य शासन द्वारा संचालित
पी.एम.टी. (सत्र 2014-15 से ए.आई.पी.एम.टी. की परीक्षा के माध्यम से) के द्वारा और
शेष 50 प्रतिशत स्थान डीमेट के द्वारा प्रवेश दिए जाने का निर्णय दिया गया था। सत्र
2015-16 हेतु भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आई.ए. 67-68 एवं 73-79/2015 में
अंतरिम निर्णय को जारी रखा है। प्रकरण अभी भी सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक पीठ
के सम्मुख निर्णय लिए जाने हेतु विचाराधीन है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति से
प्राप्त जानकारी अनुसार डीमेट कोटे से भरी जाने वाली सीटों के संबंध में माननीय
उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर प्रकरण डब्ल्यू पी. क्रमांक 8810/2015 में दिनांक
26/8/2015, 24/9/2015 एवं दिनांक 28/9/2015 को दिए गए निर्देशों के अनुरूप
ए.पी.डी.एम.सी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आनलाईन परीक्षा आयोजन
की जाने वाली एजेन्सी के द्वारा इन केन्द्रों को चिन्हित किया गया।ए.पी.डी.एम.सी से
प्राप्त जानकारी अनुसार मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू
पी. क्र. 8810/2015 में दिए गए आदेश एवं निर्देशानुसार सभी परीक्षा केन्द्र मा.
उच्च न्यायालय द्वारा मनोनित डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर श्री सी.एल.एम. रेड्डी की
सहमति तथा मान. उच्च न्यायालय को तदानुसार सूचित करते हुए ही परीक्षा केन्द्रों का
निर्धारण किया गया था। पिछले एक साल में 20 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाएं आमंत्रित
करने संबंधी जानकारी ए.एफ.आर.सी./ए.पी.डी.एम.सी. से एकत्रित की जा रही है।(ख)प्रवेश
एवं शुल्क विनियामक समिति से प्राप्त जानकारी अनुसार डीमेट कोटे की 50 प्रतिशत
सीटों प्रवेश देने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ए.पी.डी.एम.सी को अधिकृत
किया गया है।ए.पी.डी.एम.सी से प्राप्त जानकारी अनुसार मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर
द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू पी. क्र. 8810/2015 के दिए गए आदेश एवं
निर्देशानुसार 52 परीक्षा केन्द्र्रों पर परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था एवं
उपस्थित परीक्षार्थियों की जानकारी परिशिष्ट-एक अनुसार है निम्न परीक्षा केन्द्रों
पर तकनीकी व्यवधान के चलते परीक्षा 06:00 बजे के बाद सम्पन्न हुई।1- ojas Institute
of Management, B-1- Ram Krishna Marg, Block E-Pocket 2 Sector 16 Rohini, New
Delhi. 2- Shivam OnlineEducation&Calibre Testing Lab
Pvt.Ltd, B-13-Dsidc Complex,
Industrial Area, Patparganj, Delhi. (ग)प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति से
प्राप्त जानकारी अनुसार सत्र 2015-16 में मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर
प्रकरण क्र. 8810/2015 में दिये गये निर्देशों डीमेट कोटे के तहत प्रवेश हेतु
ए.पी.डी.एम.सी. द्वारा डीमेट 2015 आनलाईन परीक्षा कराई गई। ए.पी.डी.एम.सी. से
प्राप्त जानकारी अनुसार मा.उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्र. डब्ल्यू पी
8810/15 में दिये गये निर्देशों डीमेट कोटे के तहत प्रवेश हेतु ए.पी.डी.एम.सी. से
प्राप्त जानकारी अनुसार मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू
पी. 8810/2015 में दिए गए आदेश एवं निर्देशानुसार प्रवेश परीक्षा के समय आयी तकनीकी
त्रुटि के कारण प्रवेश परीक्षा को निर्धारित समय अवधि के बाद भी जारी रखने के संबंध
में निर्णय लेते हुए इसकी सूचना माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा डीमेट-2015 की
आनलाईन परीक्षा के लिए नियुक्त किए गए डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर श्री सीएलएम रेड्डी
एवं प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के मानवीय अध्यक्ष एवं माननीय सदस्यगणों को भी
दी गई थी। विदित हो कि विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में तकनीकी त्रुटियों के कारण
अवरोध हुए समय को अलग से दिया जाता है। किसी भी स्थिति में अभ्यार्थियों को परीक्षा
के लिए निर्धारित समयावधि के अतिरिक्त समय नहीं दिया गया।(घ)
ए.पी.डी.एम.सी से प्राप्त जानकारी अनुसार जानकारी निम्नानुसार
हैः-
स.क्र. |
परीक्षा केन्द्र का नाम |
उपस्थित अभ्यार्थियों की संख्या |
01 |
ojas Institute of Management,B-1 Ram Krishna
Marg, Block E-Pocket
2 Sector 16 Rohini,
New Delhi. |
253 |
02 |
Shivam OnlineEducation&Calibre Testing
Lab Pvt.Ltd, B-13-Dsidc
Complex, Industrial
Area, Patparganj, Delhi. |
144 |
परिशिष्ट
पंद्रह महिला नसबंदी ऑपरेशन के असफल प्रकरणों की संख्या
2. ( क्र. 45 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) अशोकनगर एवं रतलाम जिले के विगत 5 वर्षों में महिला नसबंदी
ऑपरेशन असफल होने के कितने-कितने प्रकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खण्ड
चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रत्येक असफल प्रकरण में (एल.टी.टी. फल) रूपये 30,000/-
देने का प्रकरण बनाकर अग्रेषित किये गये, उनमें से कितने लोगों को धनराशि प्राप्त
हुई व कितने को क्यों नहीं ? (ख) शेष लोगों को कब तक धनराशि उपलब्ध करा दी
जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र
) : (क) जानकारी निम्नानुसार :-
रमांक |
जिले का नाम |
असफल प्रकरणों की संख्या |
कितने प्रकरणों का भुगतान हुआ |
भुगतान की कार्यवाही हेतु प्रचलन में प्रकरणों
की संख्या |
1 |
अशोकनगर |
281 |
153 |
128 |
2 |
रतलाम |
37 |
31 |
06 |
(ख)
समय-सीमा में बताया जाना संभव नहीं ।
प्रश्नकर्ता सदस्य के
पत्रों पर की गई कार्यवाही
3. ( क्र. 81 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को पत्र क्रमांक Q1
दिनांक 10.05.2015 जो सचिव कार्यालय में दिनांक 11.05.2015 को दिया जाकर पावती
प्राप्त की जाकर पत्र में उल्लेखित जानकारियाँ चाही गई थी ? उक्त की जानकारी
समयसीमा में प्रदाय न करने पर पत्र क्रमांक 774 दिनांक 22.05.2015 एवं पत्र क्रमांक
Q3 दिनांक 06.06.2015 से स्मरण पत्र दिया गया तथा जानकारी न मिलने पर मुख्य सचिव
म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 2057 दिनांक 15.09.2015 लिखकर शीघ्र जानकारी दिलाए
जाने के निर्देश सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल को दें ऐसा अनुरोध किया गया था ? (ख)
यदि हां, तो चाही गई जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही जानकारी न देने के लिए कौन
उत्तरदायी हैं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या प्रश्नकर्ता
सदस्य द्वारा सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को पत्र क्रमांक 1700 दिनांक
10.08.2015, पत्र क्रमांक 1555 दिनांक 22.07.2015, पत्र क्रमांक 1210 दिनांक
19.06.2015 तथा अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 2288
दिनांक 17.10.2015, मुख्य सचिव म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 2057 दिनांक
15.09.2015, पत्र क्रमांक 2050 दिनांक 15.09.2015 द्वारा लिखकर पत्र पर उल्लेखित
समस्या पर कार्यवाही करते हुए की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए लिखा गया था ?
यदि हां तो प्रश्नकर्ता के पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई ? (घ) संभागीय
कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मण्डल रीवा में संविदा में डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद
पर कौन कब से कार्यरत हैं ? वर्तमान में उसे कब से वेतन भुगतान नहीं किया गया ? काम
लेने के बाद भी वेतन भुगतान न करने के लिए कौन उत्तरदायी है ?
स्कूल
शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)जी हाॅं। (ख)प्रकरण में कार्यवाही की जानकारी चाही गई थी। प्रकरण में
कार्यवाही प्रचलन
में थी,
इसलिए जानकारी न देने एवं किसी के उत्तरदायित्व होने का प्रश्न ही
उत्पन्न नहीं होता है।
(ग) संबधित संभागीय
अधिकारी द्वारा पत्र दिनांक 06.11.2015 कार्यालय में दिनांक 16.11.2015 को
प्राप्त द्वारा वांछित जानकारी प्रेषित की गई है। प्रकरण का परीक्षण उपरांत
निर्णय से जल्द ही माननीय विधायक महोदय को अवगतकराया जा सकेगा। (घ) संभागीय
अधिकारी रीवा द्वारा संभागीय कार्यालय रीवा में व्हाउचन पेमेंट के आधार पर दिनांक
25.01.2010 से श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद
पर कलेक्टर रेट पर रू.4500/- पर पूर्णतः अस्थायी रूप से कार्यरत है। दिसम्बर,
2014 तक का संविदा सेवा एवं संविदा वृद्धि राशि को संपरीक्षाद्वारा
मान्य किया गया।
संबंधित को दिसम्बर, 2014 तक वेतन का भुगतान किया गया है। जनवरी,2015
से संविदा कर्मचारी को संविदा सेवा एवं
संविदा राशि भुगतान पर संपरीक्षा द्वारा आपत्ति अंकित की गई। प्रकरण में परीक्षण
एवं आडिट आपत्ति निराकरण उपरान्त नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। अतः
शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता।
बंद एक्स-रे मशीन का
संचालन
4. ( क्र. 124 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत सिविल अस्पताल ब्यावरा एवं
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया में एक्स-रे मशीन स्थापित है ? यदि हां
तो क्या उनके संचालन हेतु रेडियालॉजिस्ट के पद स्वीकृत है तथा क्या वह अपनी
सेवाऐं दे रहे है ? (ख) क्या सिविल अस्पताल ब्यावरा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र सुठालिया की एक्स-रे मशीन लम्बे समय से बंद पड़ी है ? क्या वह मशीनें
खराब है अथवा क्या उनके संचालन हेतु ऑपरेटर पदस्थ नहीं हैं ? क्या इसके कारण
जनस्वास्थ्य के परीक्षण में भारी असुविधा हो रही है ? क्या शासन के वरिष्ठ
अधिकारियों ने इस बावत् कोई निर्देश प्रदान किये अथवा इसके लिये जिम्मेदार
अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की है ? यदि नहीं तो क्यों ? (ग)
शासन द्वारा उपरोक्त सुविधाऐं कब तक बहाल कर दी जाऐंगी ?
लोक स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हॉं । जी नहीं ।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ख) सिविल अस्पताल ब्यावरा की एक्स-रे मशीन जून
2015 से बंद है, मशीन की दुरूस्ती हेतु संबंधित फर्म द्वारा परीक्षण किया जाकर
एस्टीमेट प्रस्तुत किया है, चालू किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है । सिविल
अस्पताल ब्यावरा में रेडियोग्राफर पदस्थ है । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
सुठालिया में मशीन चालू हालात में है परन्तु रेडियोग्राफर का पद रिक्त है । विभाग
द्वारा व्यापम के माध्यम से रेडियोग्राफर की नियुक्ति संबंधित कार्यवाही
प्रक्रियाधीन है । प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ग) मशीन दुरूस्ती एवं पदपूर्ति
उपरांत सेवायें बहाल कर दी जावेगी ।
सिविल अस्पताल ब्यावरा का
भवन निर्माण
5. ( क्र. 125 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-8 (क्रमांक 1137)
दिनांक 24 जुलाई 2015 के उत्तरांश (ग) में बताया गया था कि 100 बिस्तरीय सिविल
अस्पताल ब्यावरा के भवन निर्माण हेतु द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2014-15 में
राशि रूपये 1000 का प्रतीक बजट का प्रावधान किया गया है ? तो क्या अस्पताल भवन के
निर्माण हेतु शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है ? प्रति उपलब्ध
करावें ? (ख) उपरोक्तानुसार वर्तमान में उक्त अस्पताल भवन के निर्माण कार्य की
अद्यतन स्थिति क्या है तथा कब तक भवन निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया जावेगा
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हॉं । 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल ब्यावरा जिला राजगढ़ के भवन
निर्माण/उन्नयन कार्य हेतु राशि रुपये 750.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक
03.09.2015 को जारी कर दी गई है। प्रशासकीय स्वीकृति की
छायाप्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार। (ख) उक्त भवन निर्माण कार्य हेतु दिनांक 14.09.2015 को
निविदा जारी की गई है तथा अनुबंध उपरांत निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करवा दिया
जायेगा।
परिशिष्ट
सोलह रजक (धोबी) जाति को सम्पूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति
का दर्जा
6. ( क्र. 129 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) प्रदेश के रजक (धोबी) जाति को अनुसूचित जाति में किन-किन जिलों में
किन-किन तहसीलों में किस माप दण्ड के अनुसार शामिल किया गया है ? अधिसूचना आदेश की
प्रति देते हुये बताऍं ? (ख) प्रश्नांश (क) की जाति को प्रदेश के अन्य जिलों में
अनुसूचित जाति में आरक्षण किये जाने हेतु कब-कब, किन-किन के द्वारा प्रस्ताव किये
गये हैं ? उन प्रस्तावें पर शासन द्वारा क्या - क्या ? निर्णय लिये गये हैं ?
निर्णय की प्रति उपलब्ध कराऍं उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा
क्या कार्यवाही की गई है ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह
) : (क) भोपाल, सीहोर तथा रायसेन जिलों में भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति
मान्य किये जाने हेतु निर्धारित मापदण्डों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अधिसूचित
किया गया है। अधिसूचना की प्रति परिशिष्ट ‘अ’ पर है। (ख) जानकारी परिशिष्ट
‘ब’ पर है। अन्य जिलों में अनुसूचित जाति मान्य करने हेतु केंद्र शासन को अनुशंसा
प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया। निर्णय की प्रति परिशिष्ट ‘स’ पर है।
निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा केंद्र शासन द्वारा चाही गयी
जानकारियां प्रेषित की गयी हैं। केंद्र शासन द्वारा पत्र दिनांक 12.09.2014 द्वारा
प्रकरण को समाप्त किये जाने का निर्णय लिया गया है जिसकी प्रति परिशिष्ट ‘द’ पर
संलग्न है।
स्कूलों का उन्नयन
7. ( क्र. 131 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) सतना जिले के विधान सभा क्षेत्र नागौद के अंतर्गत माध्यमिक स्कूल झिंगोदर,
कोरवारा, पिथौराबाद के हाईस्कूल में उन्नयन हेतु उक्त ग्रामों के ग्राम पंचायत
सरपंच द्वारा उन्नयन हेतु कब, कब प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया, निर्णय की
प्रति दें ? (ख) प्रश्नांश (क) के माध्यमिक स्कूलों को हाईस्कूल में उन्नयन
होने से आठ-नौ किलोमीटर दूर छात्र-छात्राओं को पढ़ने हेतु नहीं जाना पड़ेगा । इस
संबंध में जिला शिक्षाधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है ?
(ग) भरहुत हाई स्कूल का उन्नयन हायर सेकेण्ड्री में करने के लिये सभी मापदण्डों
को पूर्ण करता है जिसका प्रस्ताव सरपंच द्वारा किया गया है ? उक्त प्रस्ताव पर
शासन विचार कर उन्नयन कब करेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?
स्कूल शिक्षा
मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)जिले के
प्रश्नांकित ग्रामों के सरपंचो से उन्नयन संबंधी कोई प्रस्ताव आना नहीं पाया
गया।(ख)जिले के प्रश्नांकित ग्रामों के सरपंचो से उन्नयन संबंधी कोई प्रस्ताव आना
नहीं पाया गया।(ग)उन्नयन हेतु शासन मापदण्ड की पूर्ति नही करता है। शेषांश का
प्रश्न उपस्थित नही होता।
अतिथि शिक्षकों की संविदा शिक्षक के
पद पर नियुक्त
8. ( क्र. 132 ) श्री
यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक के पद पर
नियुक्त करने की घोषणा मई 2013 में की गई थी ? यदि हां तो उक्त घोषणा के
क्रियान्वयन हेतु क्या शासन ने आदेश जारी किये ? यदि नहीं तो कब तक जारी कर दिये
जाऍंगें ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ही क्या अतिथि शिक्षकों को
गुरूजी के समान शाला शिक्षकों के पद पर नियमितीकरण करने के उद्देश्य से माननीय
उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र. 7047/215 में पारित निर्णय दिनांक 14 मई,
2015 में निर्णय पारित किया है कि अतिथि शिक्षकों को गुरूजी के समान संविदा शाला
शिक्षक के पद पर नियमितीकरण के आदेश दिये गये हैं ? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर
यदि हां, तो उच्च न्यायालय के निर्णय पर शासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही की
गई है ? की गई कार्यवाही से संबंधित पालन प्रतिवेदन की नोटशीट सहित उपलब्ध कराऍं ?
यदि नहीं की गई तो उसके लिये कौन उत्तरदायी है ? क्या यह माननीय उच्च न्यायालय
के निर्णय की अवमानना नहीं होगी ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस
चन्द्र जैन ) :
(क)जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ख)जी नहीं। याचिकाकर्ताओं
के अभ्यावेदनों का निराकरण करने के निर्देश है।(ग)शासन आदेश क्र.
1353/1278/2015/20-1, दिनांक 5.08.15 पारित कर अभ्यावेदनाे का निराकरण किया गया है।
आदेश की प्रति परिशिष्ट-1 पर संलग्न है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
सत्रह शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति
9. ( क्र. 137 ) श्री
योगेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बड़वानी के द्वारा वर्ष 2012-13 और
2013-14 में शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों में सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी
शिक्षक, सहायक अध्यापक से अध्यापक, अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक एवं लिपिकीय
वर्ग के पद पर कब-कब प्रमोशन किये गये हैं ? पदवार और विषयवार जानकारी दें ? (ख)
क्या उक्त पदोन्नति प्रक्रिया के लिए शिक्षक संवर्ग के पदों में आरक्षण रोस्टर
का पालन किया गया है ? यदि हां तो पदोन्नति आदेश की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध
करायें ? यदि नहीं तो क्या जिम्मेदारों के खिलाफ सक्षम कार्यवाही की जायेगी ? (ग)
उपरोक्त वर्षों में शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति पश्चात् पदस्थापना किये जाने के
आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री (
श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ'' अनुसार है। (ख) रोस्टर पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होना
पाये जाने से प्रकरण में जॉंच कर यथोचित कार्यवाही की जावेगी। शेष जानकारी
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ'' अनुसार है।
श्रम नियोजन एवं निरीक्षण के
संदर्भ में
10. ( क्र. 148 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सीहोर जिले में किन-किन संस्थानों में श्रमिकों का नियोजन किया जाता है ? यदि हां
तो निजी संस्थान, उद्योग, संस्थान और निर्माण एजेंसियों में कहां-कहां,
कितने-कितने श्रमिक नियोजित हैं, ब्यौरा दें ? (ख) सीहोर जिले में पिछले 3 वर्षों
के दौरान श्रमिकों से संबंधित समस्याऍं जिला श्रम अधिकारी को मिली हैं ? यदि हां
तो 3 वर्षों का ब्यौरा दें ? (ग) सीहोर जिला श्रम अधिकारी द्वारा श्रम नियोजन वाले
संस्थानों का भ्रमण/निरीक्षण किया जाता है ? यदि हां तो जिला श्रम अधिकारी द्वारा
पिछले 3 वर्षों के दौरान किए गए निरीक्षणों का ब्यौरा दें ?
श्रम मंत्री
( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) सीहोर जिले में कारखाना अधिनियम 1948 तथा
मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 के अंतर्गत कारखानों दुकानों व अन्य
संस्थानों की संधारित सूची व श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अ
अनुसार है। (ख) श्रम पदाधिकारी कार्यालय सीहोर में उपलब्ध शिकायतों संबंधी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार है। (ग) सामान्यतया निरीक्षण कार्य श्रम
निरीक्षकों द्वारा किया जाता है। जिला श्रम अधिकारी द्वारा पर्यवेक्षकीय निरीक्षण
अथवा महत्तवपूर्ण प्रकरणों में निरीक्षण किए जाते है। जिला श्रम अधिकारी सीहोर
द्वारा किये गये निरीक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार
है।
जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत संचालित वाहन
11. ( क्र. 149 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या प्रदेश भर में जननी सुरक्ष योजना के तहत वाहनों
का संचालन किया जा रहा है ? (ख) क्या जननी सुरक्षा वाहनों के संचालन के लिए
मापदण्ड तय किए गए हैं ? यदि हां तो वाहनों का वर्गीकरण सहित ब्यौरा देवें ? (ग)
क्या सीहोर जिले में भी जननी सुरक्षा वाहनों का संचालन किसी कंपनी अथवा फर्म
द्वारा किया जा रहा है ? यदि हां तो कौन-कौन सी एजेंसी/फर्म कहां-कहां वाहनों का
संचालन कर रहीं है ? क्या वाहन तय मापदण्डों के अनुसार हैं ? वाहन संचालन फर्मों
को जनवरी, 15 से अक्टूबर,15 तक किए भुगतान का ब्यौरा देवें ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हॉ। (ख)
जी हॉ। जननी एक्सप्रेस 4 पहिया वाहन जैसे- मारुति वैन, बुलेरो, मारुति ईको टाईप
अथवा इनके समकक्ष वाहन। (ग) जी हां। सीहोर जिले में समर्थ जन कल्याण समिति आष्टा,
द्वारा जननी एक्सप्रेस वाहनों का संचालन आष्ठा, बुदनी, इछावर, नसरुल्लागंज,
श्यामपुर, सीहोर स्वास्थ्य संस्थाओं में किया जा रहा है। जी हां। संबंधित फर्म को
माह जनवरी-15 से अक्टूबर-15 तक राशि 11659350/- का भुगतान किया गया है।
श्रमिक संघ के मांगपत्र पर कार्यवाही
12. ( क्र. 155 ) श्री आरिफ
अकील : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या भोपाल
इंसीनरेटर्स श्रमिक संघ गोविन्दपुरा भोपाल द्वारा माह सितम्बर 2015 को कलेक्टर
भोपाल, सहायक श्रमायुक्त भोपाल एवं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भोपाल इंसीनरेटर्स लि.
भोपाल को 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया गया है ? (ख) यदि हां, तो सफाई
मजदूरों के हित में प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं
तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह
रावजी आर्य ) : (क) जी हॉं। (ख) सहायक श्रमायुक्त भोपाल द्वारा मांग पत्र के
संबंध में पक्षों के मध्य समझौता हेतु औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत
कार्यवाही प्रारंभ कर प्रयास किए गए किंतु पक्षों के मध्य समझौता नहीं होने से
औद्योगिक विवाद को अधिनिर्णय हेतु श्रम न्यायालय को संदर्भ कर दिया गया
है।
जाति प्रमाण पत्र की जांच
13. ( क्र. 190 ) श्री संजय
पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अतारांकित प्रश्न क्रं. 214, दिनांक 24.07.2015 में मुद्रित प्रश्नांश (क) एवं
(ख) कर उत्तर परिशिष्ट (अ) एवं (ब) अनुसार है, प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी हां
यह सत्य है कि आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा जिला छिंदवाड़ा में धागे से कपड़ा
बुनने का काम करने वाले हल्वा/हल्वी, कोष्टा/कोष्टी माना गया है । उपअधीक्षक
अजाक्स भोपाल ने प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/उउअ-प्रथम/अजाक्स/ओ/भो/आर-218/14, दिनांक
23.01.2015 में छिंदवाड़ा में संबंधित अनुसूचित जनजाति हल्वा/हल्वी नहीं पाया
जाना लेख किया गया है । प्रश्नांश (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है दिया गया था ?
(ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हां, तो नामदेव हेडाऊ एवं जानराव हेडाऊ (दोनों
सगे भाई) मूल रूप से किस जिले के निवासी हैं ? इस संबंध में किस अधिकारी द्वारा
जानकारी एकत्रित कराई गई है ?(ग) प्रश्नांश (ख) में यदि जानकारी संकलित हो गई है,
तो उपलब्ध करायें तथा यह बतायें कि जब संबंधित का जन्म छिंदवाड़ा जिले में हुआ है
और हायर सेकण्डरी तक की शिक्षा दोनों भाईयों की तहसील पांडुर्णा, जिला छिंदवाड़ा
में हुई है, तो क्या संबंधितों ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर फर्जी निवास
प्रमाण-पत्र तथा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र, जिला भोपाल, तहसील हुजूर से बनवायें हैं ?
(घ) यदि प्रश्नांश (ग) हां, तो संबंधितों के जाति प्रमाण-पत्र एवं स्थाई
निवास-पत्र जब्त किये जाकर वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही करते हुये प्रकरण
पुलिस को सौंपा जायेगा ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों ?
आदिम
जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हॉं। (ख) पुलिस जांच
प्रतिवेदन दिनांक 23/01/2015 के अनुसार दोनों छिन्दवाडा जिले के निवासी है। (ग)
एवं (घ) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक08/09/1997
अनुसार अनुसूचित जनजाति के संदेहास्पद जाति प्रमाणपत्रों की जॉंच हेतु गठित उच्च
स्तरीय छानबीन समिति द्वारा निर्णय लिया जाना शेष। चूंकि जॉंच कार्य अर्घ न्यायिक
स्वरूप का होने से समय सीमा निर्धारित करना संभव नहीं
है।
कनिष्कों को दिये गये प्रभार
14. ( क्र. 191 ) श्री संजय
पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या आयुष विभाग में आयुर्वेद, यूनानी तथा हौम्योपैथी की
चिकित्सकों की नियुक्ति होती है ? प्रदेश में कितने पद स्वीकृत हैं ? इनमें से
कितने पद रिक्त हैं ? जानकारी पैथीवार, जिलेवार दें । (ख) प्रश्नांश (क) के
संबंध में ऐसे कितने चिकित्सकों के पद हैं, जिनमें से जिला आयुष अधिकारी के पद पर
नियुक्त किये गये हैं और कितने ऐसे जिला आयुष अधिकारी के पद हैं जिसमें प्रभारी
जिला आयुष अधिकारी नियुक्त किये गये हैं ? जिनमें से कितने प्रभारी जिला आयुष
अधिकारियों के ऊपर विभागीय जांच संस्थित हैं ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य
में कितने प्रभारी जिला आयुष अधिकारियों के पद पृथक कर जिला आयुष अधिकारी का कार्य
नहीं लिया जा रहा है और शेष के विरूद्ध क्या कायर्रूवाही की जायेगी ? यदि हां, तो
कब तक नहीं, तो क्यों ? (घ) क्या जिला कटनी में जिला आयुष अधिकारी के पद पर
कनिष्ठ चिकित्सक को प्रभार दिया गया है ? जबकि वरिष्ठ चिकित्सक को प्रभार दिये
जाने का नियम हैं ?(ड़) प्रश्नांश (घ) के संबंध में वरिष्ठ चिकित्सक को जिला
कटनी जिला आयुष अधिकारी का प्रभार दिया जायेगा ? यदि हां, तो कब तक ? नहीं, तो
क्यों ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र
) : (क) जी हां। स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की पैथीवार व जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार।(ख)जिला आयुष अधिकारी के 51 पद स्वीकृत
है। जिनमें 22 जिला आयुष अधिकारी पदस्थ है, शेष 29 जिलों में आयुर्वेद चिकित्सा
अधिकारियों को जिला आयुष अधिकारी पद का प्रभार वरिष्ठता के आधार पर दिया गया है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार। वर्तमान में कार्यरत प्रभारी
जिला आयुष अधिकारियों में से किसी के विरूद्व विभागीय जांच संस्थित नहीं है। (ग)
कटनी जिले के वरिष्ठ आयुर्वेद अधिकारी चिकित्सा अधिकारी डा. भरतेश कुमार जैन के
विरूद्व संचालनालय पत्र क्रमांक/1/विजा/15/2451-54 दिनांक 14/10/2015 से विभागीय
जांच संस्थित होने से डा. जैन को जिले के प्रभार से मुक्त किया गया। अन्य किसी
प्रभारी जिला आयुष अधिकारी के विरूद्व विभागीय जॉच नहीं होने से प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।(घ) जी हां, वरिष्ठ अधिकारी के विरूद्व विभागीय जांच होने के कारण
कनिष्ठ चिकित्सक को प्रभार दिया गया।(ड)प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रक्ष्य
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खानपान की वस्तुओं के लिए गए
नमूनों की जानकारी
15. ( क्र. 210 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) भोपाल जिले में किन-किन खानपान की वस्तुओं के कितने-कितने नमूने,
किस-किस दिनांक को, किस-किस स्थान से एक जुलाई 2015 से प्रश्न दिनांक तक लिए गए ?
खानपान वस्तुवार, दिनांकवार, महीनेवार, स्थानवार व नमूनेवार जानकारी दें ?(ख)
प्रश्नांश (क) के तहत क्या खानपान की वस्तुओं के दस नमूने हर महीने लेना
अनिवार्य है ? क्या हर माह दूध के दो नमूने लेना अनिवार्य है ? यदि हां, तो फिर
क्यों सिर्फ त्यौहारों पर नमूने लिए जाते हैं ? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत
हल्दी, मिर्ची, धनिया, गेहूं आटा, तुअर दाल, चावल, सरसों तेल, ड्रायफ्रूट, पैक्ड
रस गुल्ला, पैक्ड दूध, पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर के 1 जुलाई से प्रश्न दिनांक तक
कितने-कितने नमूने, किस-किस दिनांक को, किस-किस स्थान से लिए गए ? वस्तुवार,
दिनांकवार, महीनेवार, स्थानवार व नमूनेवार जानकारी दें ।
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिषिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिषिष्ट अनुसार।
विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण
16. ( क्र. 211 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल
व रायसेन जिले के ऐसे कौन-कौन प्रायमरी/मिडिल/हाई स्कूल हैं जहां पर प्रश्न
दिनांक तक शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है ? कारण सहित जानकारी दें ? (ख)
प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन स्कूलों की आर्थिक अनियमितताओं की क्या-क्या
शिकायतें प्राप्त हुई है ? जिलवार, शिकायतवार, स्कूलवार जानकारी दें ?(ग)
प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्रश्न दिनांक तक शिकायतों का निराकरण हो गया है ?
यदि हां, तो स्कूलवार, निराकरणवार जानकारी दें ? यदि नहीं, तो कब तक हो जायेगा ?
(घ) प्रश्नांश (क) के तहत कब तक स्कूल में शौचालयों का निर्माण करा दिया जायेगा
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)जानकारी निरंक
है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के तहत आर्थिक अनियमितता की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं
हुई है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।(घ)उत्तरांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
राज्य बीमारी सहायता के स्वीकृत प्रकरण
17. ( क्र. 235 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) राज्य बीमारी सहायता योजनांतर्गत आलोट तहसील में वर्ष
2013 से अक्टूबर 2015 तक कितने एवं किन-किन पीडि़त के प्रकरण स्वीकृत हुए ?
वर्षवार ब्यौरा क्या है ? (ख) कितने पीडि़तों को स्वीकृत सहायता राशि का लाभ
दिया अथवा उन्हें राशि दी गई ? कितने प्रकरण स्वीकृति उपरांत भी अब तक पीडि़त के
इलाज में उपयोग नहीं ली गई ? व किस कारण ? (ग) क्या पीडि़तों को यह कहकर राशि का
लाभ नहीं दिया जा रहा है, कि स्वीकृत राशि के बराबर पीडि़त भी मिलाये और अस्पताल
प्रबंधन द्वारा पीडि़त को ऑपरेशन हेतु योग्य न बताया जाकर पीडि़त के उपचार हेतु
स्वीकृत राशि अस्पताल प्रबंधन अपने पास विगत 01 वर्ष से रखे हुए है ? यदि हां तो
किस प्रावधान के तहत ? एवं नहीं तो राशि का लाभ कब तक दिया जाएगा ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आलोट तहसील
में वर्ष 2013 से अक्टूबर 2015 तक कुल 28 प्रकरण स्वीकृत किये गये।
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कुल 28 हितग्राहियों को लाभ दिया गया एवं कुल
राशि रूपये 2987000/- सूची अनुसार संबधित अस्पतालों को स्वीकृत कर भेजी गयी। उक्त
28 प्रकरणों में से 14 प्रकरणों के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुये है। शेष
बचे 14 प्रकरणों के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम के पत्र क्रमांक विधानसभा/2015/10309 दिनांक
02.12.2015 द्वारा संबंधित अस्पतालों को उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र प्रस्तुत करने
हेतु लिखा गया है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिशिष्ट
अठारह पिछड़ा वर्ग होस्टल की स्वीकृति
18. ( क्र. 275 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
उज्जैन जिले में पिछड़ा वर्ग हॉस्टल कहां-कहां संचालित हैं, विधान सभा क्षेत्रवार
बतावें ?(ख) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग हॉस्टल कब तक स्वीकृत कर
दिया जायेगा, समयसीमा बतावें ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य )
: (क) उज्जैन जिला में जिला मुख्यालय पर पिछडा वर्ग के बालक एवं बालिकाओं के
लिए क्रमश: 100 सीटर बालक एवं 50 सीटर कन्या हॉस्टल संचालित है। विधानसभा
क्षैत्रवार हॉस्टल संचालित नहीं है। (ख) वर्तमान में विभाग के अंतर्गत जिला
मुख्यालय पर पिछडा वर्ग के हॉस्टल संचालन की योजना है। शेष का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
19. ( क्र. 276 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
उज्जैन नगर निगम सीमा में कितने अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं व कुल कितने पद विभाग
में रिक्त हैं ?(ख) उज्जैन नगर निगम सीमा के अलावा उज्जैन जिले में शिक्षकों
के कितने पद रिक्त हैं एवं उज्जैन नगर निगम सीमा के अलावा अतिथि शिक्षक कितने
पदस्थ हैं ? शेष उज्जैन जिले में, बतावें ?(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इनका
युक्तियुक्त करण कब तक कर दिया जाएगा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र जैन ) :
(क) उज्जैन नगर निगम सीमा अंतर्गत कुल 67 अतिथि शिक्षक पदस्थ तथा
विभाग में 136 पद रिक्त है। (ख) उज्जैन नगर निगम सीमा के अलावा जिला
अंतर्गत शेष उज्जैन जिले में कुल 1366 अतिथि शिक्षक पदस्थ है तथा विभाग में
कुल 1812 पद रिक्त है।(ग) अतिथि शिक्षकों के युक्तियुक्तिकरण का कोई प्रावधान
नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
उपस्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
20. ( क्र. 330 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नकर्ता के
प्रश्न संख्या - 33 (क्रमांक 818) दिनांक 04.07.2014 के प्रश्नांश ग के उत्तर
में स्वीकार किया गया है कि मानपुर कस्बे की जनसंख्या वर्ष 2011 के मान से 5
हजार तथा इसके आसपास के क्षेत्रों (ग्रामों) को मिलाकर कुल जनसंख्या 25 हजार है
?(ख) क्या वर्तमान में मानपुर की जनसंख्या 5 हजार से अधिक तथा आसपास के क्षेत्रों
(ग्रामों) को मिलाने उपरांत जनसंख्या 30 हजार से अधिक है ? इसके अतिरिक्त क्या
मानपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र उन्नयन हेतु शासन के सभी मापदण्डों को पूरा भी
करता है ?(ग) क्या क्षेत्र के सबसे बड़े कस्बे मानपुर में संचालित उपस्वास्थ्य
केन्द्र में सभी आवश्यक सुविधाओं का अभाव होने के कारण गंभीर मरीजों/महिलाओं को
डिलेवरी हेतु किसी भी समय जिला मुख्यालय अथवा अन्यत्र ले जाना पड़ता है ?(घ) यदि
हां तो उक्त समस्या के समाधान हेतु क्या शासन वर्तमान की जनसंख्या के आधार पर
मानपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन के कार्य को बजट में शामिल करने उपरांत
प्रस्ताव तैयार कराकर इसे स्वीकृति प्रदान करेगा ? यदि नहीं तो क्यों
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हां। (ख) जी नहीं, ग्राम मानपुर की वर्ष 2011 के मान से जनसंख्या लगभग 5
हजार है। ग्राम मानपुर एवं उसके आस-पास के ग्रामों को मिलाकर, कुल जनसंख्या लगभग 25
हजार है। (ग) जी नहीं। उप स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर से 14 किमी पर एवं 22 किमी की
दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गापुरी, ढोढर संचालित है। इन स्वास्थ्य
केन्द्रों मे मरीज/महिलाओं को निशुल्क जांच, उपचार, डिलेवरी तथा परिवहन सुविधायें
उपलब्ध है। (घ) जी नहीं, प्रश्न (ग) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
माध्यमिक कन्या शाला का उन्नयन
21. ( क्र. 331 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा में वर्तमान में कन्या
हाईस्कूल नहीं है इस कारण अब तक माध्यमिक शिक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत
छात्राएं श्योपुर जिला मुख्यालय अथवा अन्यत्र संचालित कन्या हाई/हायर
सेकेण्डरी स्कूल में एडमिशन लेने को विवश होती है ।(ख) क्या अधिकांश माता-पिता
अपनी बेटियों को गरीबी व अन्य कारणों से अन्यत्र नहीं भेज पाते है ? इस कारण
बड़ौदा नगर व क्षेत्र में छात्राएं शिक्षा की क्षेत्र में पिछड़ती जा रही है ।(ग)
क्या शासन उक्त स्थिति के मद्देनजर माध्यमिक कन्याशाला के उन्नयन का प्रस्ताव
तैयार कराकर इसे वर्ष 2015-16 के अनुपूरक/आगामी बजट में शामिल कर इसे स्वीकृति
प्रदान करेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?(घ) इस संबंध मे प्रश्नकर्ता द्वारा आपको एवं
डीईओ श्योपुर को दिनांक 09.10.2015 को लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही की गई ?
यदि नहीं तो क्यों ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) विभागीय पत्र दिनांक 25.8.06 में अंकित मापदण्ड अनुसार यहां पूर्व से
विद्यालय है, वहां पृथक कन्या विद्यालय नहीं प्रारंभ किया जाना है, अपितु
सह शिक्षा अपेक्षित है। उ.मा.वि. बडौदा में कक्षा 9वीं से 12वी तक 236
छात्राएं नियमित रूप से एडमिशन लेकर अध्ययनरत है।(ख) एवं (ग) उत्तरांश क
के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(घ) प्रश्नकर्ता का पत्र उपलब्ध नहीं
हो पाया है, तथापि उत्तरांश क के प्रकाश में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
अशासकीय शाला प्रारंभ करने हेतु नियम
22. ( क्र. 430 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के द्वारा नवीन अशासकीय प्राथमिक,
माध्यमिक, हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रारंभ करने हेतु एवं मान्यता
हेतु क्या-क्या नीति एवं नियम प्रचलन में है की जानकारी अलग-अलग उपलब्ध कराई
जावें ? जानकारी में भूमि, भवन, खेल मैदान, पुस्तकालय आदि संबंधी समस्त जानकारी
सम्मिलित हो ?(ख) शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति में किन-किन नियमों का प्रावधान है ?
योग्यता आदि संबंधित जानकारी उपलब्ध करावें ?
स्कूल शिक्षा मंत्री (
श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)अशासकीय प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय
माध्यमिक विद्यालयों को मान्यता निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार
अधिनियम, 2009 (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अन्तर्गत राज्य शासन व्दारा बनाये गये
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 (शिक्षा का अधिकार नियम) के
नियम 11 के प्रावधान के तहत दिये जाने की व्यवस्था है। नियम 2011 की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’अ’’ अनुसार है। विद्यालय चालन के लिए न्यूनतम
मापदण्ड अधिनियम के अन्तर्गत निर्धारित है। यह मापदण्ड शिक्षा का अधिकार अधिनियम की
धारा-19 के साथ संबद्ध अनुसूची में वर्णित है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ अनुसार। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक-अनुसार।(ख)हाई स्कूल एवं
हायर सेकेण्डरी के लिए शैक्षणिक योग्यता के मापदण्ड पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-दो अनुसार।
विभागीय परामर्शदात्री समितियों
का गठन
23. ( क्र. 431 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा का कार्यकाल (गठन) प्रारंभ होने से कितने समय में
परामर्श दात्री समितियों के गठन करने का प्रावधान है ?(ख) क्या 14वीं विधानसभा में
उपरोक्त समितियों का गठन समय पर किया गया ? क्या विभागीय परामर्शदात्री समितियों
का गठन समय पर न होना व गठन पश्चात् भी मीटिंगों का आयोजन न करना माननीय विधायकों
के विशेषाधिकारों का हनन है ? यदि हां तो इस हेतु कौन जिम्मेदार है ?(ग) नवगठित
परामर्शदात्री समितियों की बैठक गठन के पश्चात् न बुलाने के क्या कारण हैं, व
क्या बैठकें समय पर आयोजित की जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) परामर्शदात्री समितियों के गठन और
कार्यकरण को विनियमित करने वाले मार्गदर्शक सिद्धान्त में गठन की समय सीमा संबंधी
कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) संसदीय कार्य मंत्री की टीप तथा सचिव, संसदीय कार्य विभाग
के पत्र द्वारा सर्वसंबंधितों से नियमानुसार बैठकें आयोजित कराने का अनुरोध किया
गया है।
निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत बजट
24. ( क्र. 471 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या रतलाम जिले में शासन/विभाग द्वारा अनेक निर्माण कार्य स्वीकृत
किए गए ? यदि हां तो वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक तक
कितने कार्य कहां-कहां हुए ? (ख) उपरोक्त वर्षो में निर्माण एवं विकास हेतु
कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ तथा कितने कार्य पूर्ण होकर कितने अपूर्ण रहे ? कुल
व्यय स्थानवार स्पष्ट करें ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान
सिंह ) : (क) रतलाम जिले में 2012-13 से 2015 में प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित
जाति कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य जानकारी परिशिष्ट ‘अ’ के पृष्ठ क्रमांक
01 से 16 अनुसार है। (ख) निर्माण एवं विकास हेतु स्वीकृत बजट का विवरण परिशिष्ट
‘ब’ अनुसार है। पूर्ण/अपूर्ण कार्य तथा व्यय की जानकारी प्रश्नांश ‘क’ अनुसार
है।
बिड़ी मजदूर आवास योजना
25. ( क्र. 472 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या जावरा नगर के बिडी मजदूरों हेतु आवास योजना स्वीकृत हुई थी ? (ख) क्या इस
हेतु सूची का चयन कर लिया गया था ?(ग) यदि हां तो किस स्थान के किस सर्वे नम्बर
को ? (घ) योजना कब मूर्तरूप लेगी ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी
आर्य ) : (क)जी हॉं। (ख)जी हॉं। (ग) जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 1/5/1999
एवं दिनांक 9/6/1999 के प्रस्ताव के अनुसार कस्बा जावरा में सर्वे क्रमांक 228 में
100 आवास हेतु 75000 वर्ग फीट भूमि आवंटित की गई थी। (घ) उक्त योजना में श्रमिकों
द्वारा अंशदान देने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण योजना क्रियान्वित नहीं हो
सकी। वर्तमान में आवास योजना प्रस्तावित नहीं है।
नवीन उप
स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
26. ( क्र. 495 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) जिला विदिशा अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने
नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की स्वीकृति जारी की गई है ? विधान सभा
क्षेत्रवार जानकारी देवें ?(ख) क्या इन नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन
निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है ? यदि हां तो किस दिनांक को एवं भवन निर्माण
की वर्तमान स्थिति क्या है ? यदि नहीं तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है ?(ग)
प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन
निर्माण हेतु भूमि का आवंटन किया जाकर, भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाकर
वैकल्पिक व्यवस्था कर स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ करने पर विचार किया जावेगा ?
यदि हां, तो समय सीमा बतायें ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला विदिशा अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न
दिनांक तक कोई भी नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की स्वीकृति जारी नहीं की गई है।
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिपेक्ष्य में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न (क) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
आश्रम शालाओं में कार्यरत शिक्षाकर्मी
27. ( क्र. 496 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रश्नकर्ता ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा एवं प्रमुख सचिव, आदिम जाति
कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक 1082 दिनांक 27.12.14 एवं पत्र क्रमांक 2523 दिनांक
19.10.15 लिखकर राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अन्तर्गत संचालित 70 आश्रम शालाओं को
आदिम जाति कल्याण विभाग कों हस्तांतरित किये जाने से इन आश्रम शालाओं में कार्यरत
शिक्षा कर्मी किस विभाग के कर्मचारी कहलायेगें, तद्संबंधी मार्गदर्शन जारी करने का
उल्लेख किया गया था ?(ख) यदि हां तो मार्गदर्शन जारी कर दिया है ? यदि हां तो
दिनांक बतावें, यदि नहीं तो क्यों ? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं, दोषी के
विरूद्ध कार्यवाही कर मार्गदर्शन कब तक जारी किया जावेगा ?
स्कूल शिक्षा
मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) विभाग में पत्र अप्राप्त। विभाग अंतर्गत आश्रम शालाएं संचालित नहीं की
जाती है।(ख) उत्तरांश क के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
श्रमिकों हेतु संचालित योजनाएं
28. ( क्र. 499 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्जैन
संभाग में श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी जनकल्याण की योजनाएं
संचालित की जा रही हैं ?(ख) विगत दो वर्षों में किन-किन योजनाओं के तहत कितने
व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ है नाम सहित बतावें ?(ग) मृत्यु एवं दुर्घटना में
किन-किन कारणों को पात्र माना जाता है एवं कितनी-कितनी राशि प्राप्त होती है?(घ)
श्रमिक पंजीयन करवाने हेतु किन ठेकेदार एवं संस्थाओं से पंजीयन कराना अनिवार्य है
प्रक्रिया बतावें ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क)
उज्जैन संभाग में म.प्र. भवन एंव अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के द्वारा
संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट - अ-1 अनुसार है। म.प्र.
श्रम कल्याण मण्डल के द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट - अ-2 अनुसार है। तथा मंदसौर जिले में म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण
निधि मण्डल मंदसौर के द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट - अ-3 अनुसार है। (ख) विगत दो वर्षों में उज्जैन संभाग में म.प्र. भवन एवं
अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के द्वारा योजनावार प्रदाय लाभ की जानकारी
पुस्तकालय में परिशिष्ट -ब-1 अनुसार है। एवं म.प्र. श्रम कल्याण के द्वारा योजनावार
प्रदाय लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब-2 अनुसार है। तथा मंदसौर
जिले में म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि मण्डल मंदसौर के द्वारा योजनावार
प्रदाय लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब-3 अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन
एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के द्वारा मृत्यु दशा में अन्तेष्टि एवं
अनुग्रह सहायता राशि हेतु 18 से 60 वर्ष के पंजीकृत निर्माण श्रमिक इस योजना के लिए
पात्र होंगे। योजना अनुसार प्रदाय की जाने वाली हितलाभ राशि निम्नानुसार है-1-
अंत्येष्टि सहायता रू. 5000 2- सामान्य मृत्यु पर - आयु 45 वर्ष या उससे कम होने पर
रूपये 75000 3- आयु 45 वर्ष से अधिक होने पर रू. 25000 4- दुर्घटना में
मृत्यु होने पर रू. दो लाख।म.प्र. श्रमकल्याण मण्डल के द्वारा योजना अनुसार (1)
अंतिम संस्कार सहायता योजना में संगठित क्षेत्र के श्रमिक की मृत्यु होने पर यह
सहायता रू. 3000 प्रदान की जाती है। मृत्यु दिनांक से एक वर्ष के भीतर आवेदन किया
जाना आवश्यक है एवं अन्य स्थान से अंतिम संस्कार सहायता प्राप्त न की गई हो।(2)
विधवा सहायता योजना में संगठित श्रमिकों की विधवाओं को यह सहायता रू. 6000
प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। मृतक श्रमिक संस्थान में निरन्तर एक वर्ष कार्यरत्
रहा हो विधवा को अन्य स्थान से पेंशन प्राप्त न हो रही हो एवं उसने पुर्नविवाह न
किया हो। म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि मण्डल मंदसौर द्वारा दुर्घटना
होने पर स्लेट पेंसिल श्रमिक के लिये कोई विशेष योजना संचालित नहीं है। निःशक्त
श्रमिक अथवा श्रमिक की निःशक्त संतान को 40 से 70 प्रतिशत निःशक्तता मेडिकल बोर्ड
द्वारा प्रमाणित होने पर रू. 750 प्रतिमाह एवं 70 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता होने
पर रू. 1500 प्रतिमाह भरण-पोषण सहायता मण्डल से प्रदान की जाती है। सिलिकोसिस
ग्रस्त/ स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत् श्रमिक की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी
को रू. 15000- अनुदान राशि प्रदान की जाती है।(घ) भवन एवं संनिर्माण कर्मकार
(नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 अंतर्गत पंजीयन के
लिये निर्माण श्रमिक (महिला या पुरूष) की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा
विगत 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप मे नियोजित होना चाहिए।
निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु निम्नानुसार प्राधिकारी नियुक्त किये गये है-
ग्रामीण क्षेत्र हेतु -मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत। शहरी क्षेत्र हेतु
-आयुक्त नगर निगम मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर पालिका/नगर परिषद् पंजीयन शुल्क रू.
10 निर्धारित है तथा पंजीयन को जीवन रखने के लिये रूपये 10 प्रति पांच वर्ष के लिए
अभिदाय जमा करना अनिवार्य है तथा प्रत्येक वर्ष 90 दिवस निर्माण कार्य में नियोजित
होना चाहिए। म.प्र. श्रम कल्याण मण्डल के द्वारा कर्मचारी/श्रमिकों का मण्डल द्वारा
पंजीयन किये जाने का प्रावधान नहीं है किन्तु संस्थान में नियोजित कर्मचारी एवं
श्रमिकों के आवेदन पत्र जो संस्थान द्वारा प्रमाणित किये जाते हैं उन्हें मण्डल की
योजनाओं का लाभ दिया जाता है। मंदसौर जिले में म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण
निधि मण्डल में ऐसी कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं है।
जिला
शिक्षा केन्द्र को प्राप्त राशि
29. ( क्र. 525 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
छतरपुर जिला शिक्षा केन्द्र को 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि
किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुई ? राशि किस-किस कार्य में कब-कब व्यय की गई ?
तिथिवार कार्य का नाम सहित बतायें ?(ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में राशि का व्यय
किस माध्यम से किया गया ? (ग) शिक्षा के प्रचार-प्रसार व वाहनों में किसके
निर्देश से कब-कब राशि खर्च की गई ? दिनांकवार राशि व भुगतान किसको दिया गया ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) जिला शिक्षा केन्द्र छतरपुर को 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक सर्व
शिक्षा अभियान अंतर्गत सामान्य तथा पूॅजीगत मदों में राशि रू. 3701.38
लाख तथा राज्य योजना अंतर्गत राशि रू. 2842.54 लाख प्राप्त हुये। प्राप्त
राशि को कार्य योजना अनुसार मदों में व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अ पर है।(ख) राशि का व्यय योजनाओं के प्रावधान अनुसार
विभिन्न क्रियान्वयन एजेन्सी यथा ग्राम पंचायत, शाला प्रबंध समिति, परियोजना
क्रियान्वयन इकाई इत्यादि के माध्यम से किया गया है।(ग) राज्य शिक्षा
केन्द्र के निर्देशों के क्रम में शिक्षा के प्रचार प्रसार व वाहनों में किए
गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब पर
है।
योजनाओं का हितग्राहियों को लाभ
30. ( क्र. 526 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक पिछड़ा वर्ग
कल्याण के लिये विभाग द्वारा क्या कार्य किया गया ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश
में विभाग को कितनी राशि शासन से किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुई ? (ग)
प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि कब-कब खर्च की गई
? कार्य का नाम, खर्च की राशि बतायें ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह
रावजी आर्य ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''अ'' अनुसार है।
परिशिष्ट
उन्नीस स्वास्थ्य केंद्रों में रोगी कल्याण समिति एवं अन्य
मदों में प्राप्त राशि
31. ( क्र. 548 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले के मऊगंज एवं हनुमना तहसील के सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र
में वर्ष 2010-11 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक रोगी कल्याण समिति एवं अन्य
मदों में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी व्यय की गई ? (ख)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्षवार, मदवार कराये गये कार्य का चिकित्सालायवार
पृथक-पृथक विवरण देवें साथ ही रोगी कल्याण समिति के सदस्यों की जानकारी देते हुए
कितनी-कितनी बैठके कब-कब हुई ? समितिवार बतावें ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के
संदर्भ में दवाईयों हेतु कितना बजट आवंटन समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये
प्राप्त हुआ तथा कौन-कौन सी दवाईयां किस-किस के द्वारा क्रय की गई ?
लोक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार । (ख) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की
सुविधा हेतु प्रस्ताव
32. ( क्र. 564 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी प्रदेशवासियों को मुम्बई,
दिल्ली व चैन्नई की अपेक्षा प्रदेश में ही गम्भीर रोगों के इलाज की व्यवस्था
करने हेतु तत्पर है ? (ख) यदि हां, तो क्या हमीदिया अस्पताल में आर्गन डोनेशन
अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा रोगियों को उपलब्ध कराने हेतु गांधी मेडिकल
कालेज, हमीदिया अस्पताल प्रबंधन द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा है ? (ग) यदि हां,
तो शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई और रोगियों को किडनी
ट्रांसप्लांट की सुविधा कब तक उपलब्ध हो जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।(ख) जी
हाँ। हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में ऑर्गन डोनेशन के अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांट की
सुविधा हेतु प्रस्ताव अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के पत्र दिनांक
16-10-2015 द्वारा वित्तीय भार की जानकारी के साथ संचालनालय को प्रस्तुत किया गया
है, जो परीक्षणाधीन है। (ग) उत्तरांश "ख" में उल्लेखित प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
रोगियो को किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा कब तक उपलब्ध हो जावेगी, इसकी समयसीमा बताई
जाना संभव नहीं है।
कैंसर
की लिनियर एक्सीलेटर मशीन को अन्यत्र प्रदाय किया जाना
33. ( क्र. 565 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या गांधी चिकित्सालय महाविद्यालय अंतर्गत हमीदिया अस्पताल में
कैंसर रोग के गरीब रोगियों के इलाज हेतु कैंसर यूनिट में लिनियर एक्सीलेटर मशीन के
क्रय करने का प्रस्ताव वर्ष 2004 एवं 2005 के मध्य तैयार कर लगभग 2 करोड़ रूपये
व्यय कर मशीन का स्थापना स्थल/रूम निर्मित कराया गया था ? (ख) यदि हां तो उक्त
मशीन हमीदिया हस्पताल प्रबंधन को किन कारणों से प्राप्त नहीं हुई और मशीन के
स्थापना स्थल निर्मित करने के नाम पर शासन की राशि का अपव्यय करने के लिए
कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या
कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ? (ग) क्या प्रस्तावित
मशीन प्रायवेट जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल भोपाल के द्वारा क्रय की गई है ? यदि
हां तो क्या शासन द्वारा अनुदान दिया गया है ? यदि हां तो गरीब कैंसर रोगियों के
इलाज में राशि के कारण आ रही बाधा के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है ? क्या शासन
योजनाबद्ध तरीके से कमीशन प्राप्त करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा ? यदि
हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
|
Your
Reply: (क) हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के रेडियोथेरेपी विभाग
में कैंसर रोगियो के उपचार हेतु लीनियर ऐक्सीलेटर मशीन के क्रय का प्रस्ताव
2004-2005 के पूर्व विभाग को भेजा गया हैं। मशीन की स्थापना हेतु कक्ष का
निर्माण कमला नेहरू चिकित्सालय में गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा वर्ष
1989 में तैयार कराया गया था। उक्त उपकरण के क्रय की कार्यवाही संचालनालय एवं
शासन स्तर से की जाना हैं। मशीन के क्रय एवं स्थापना की समयसीमा बताई जाना
संभव नहीं हैं। (ख) हमीदिया चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा उत्तरांश ‘‘क’’ में
उल्लेखित मशीन का क्रय नहीं किया गया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
(ग) जी हां। जी हां। जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय को लीनियर
ऐक्सीलेटर मशीन के क्रय हेतु अनुदान शासन द्वारा स्वीकृत किया गया हैं। कैंसर
रोगियों के इलाज में राशि के अभाव में कोई बाधा नहीं आ रही हैं। किसी भी स्तर
पर कमीशन प्राप्त किये जाने के प्रमाण अभिलेखों में उपलब्ध नहीं हैं। शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं
होता। |
श्रम अधिनियम के तहत
मीटर वाचकों की नियुक्ति
34. ( क्र. 579 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्रम अधिनियम
के अनुसार कुशल एवं अकुशल श्रमिकों की क्या परिभाषा है एवं श्रम अधिनियम के तहत
उन्हें नियोक्ता द्वारा कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान करने का नियम है ? नियम की
छायाप्रति देवें । (ख) मध्यप्रदेश पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
लिमिटेड द्वारा अनुबंध के आधार पर नियुक्त मीटर वाचक श्रम अधिनियम के तहत किस
श्रेणी के श्रमिकों में आते है ? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित श्रमिकों को
नियोक्ता द्वारा कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान करने एवं किस प्रकार से कौन-कौन सी
सेवा लेने का नियम है ? (घ) क्या विभाग म.प्र.वि.वि.क.लि. द्वारा मीटर वाचकों के
साथ श्रम अधिनियम के उल्लघंन की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुये मीटर
वाचकों को नियमानुसार प्राप्त होने वाली सुविधायें दिलवायेगा ? यदि हां तो कब तक
यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) :
(क)न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत म.प्र. शासन द्वारा न्यूनतम वेतन
पुनर्निधारण/निर्धारण संबंधी मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 10 अक्टूबर 2014 की
अधिसूचना तथा श्रमायुक्त म.प्र. की अधिसूचना दिनांक 1/10/2015 के स्पष्टीकरण के
अनुसार कुशल एवं अकुशल श्रमिक की सामान्य परिभाषा निम्नानुसार है -(1) कुशल
कर्मचारी वह है जो दक्षतापूर्वक कार्य कर सके काफी स्वतंत्रता से निर्णय बुद्धि का
प्रयोग कर सके तथा जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सके. उसे उस व्यवसाय
शिल्प या उद्योग का जिसमें वह नियोजित किया गया हो पूर्ण एवं विस्तृत ज्ञान होना
अपेक्षित है। (2) अकुशल कर्मचारी वह है जो ऐसे सरल कार्य करता है जिसमें स्वतंत्र
निर्णय या पूर्व अनुभव की बहुत कम या बिल्कुल आवश्यकता नहीं पड़ती। यद्यपि
व्यावसायिक परिस्थितियों से परिचित होना आवश्यक है। इस प्रकार शारीरिक श्रम के
अलावा उसे विभिन्न वस्तुओं तथा माल व सेवाओं से परिचित होना अपेक्षित है। उक्त
अधिनियम के तहत नियोक्ता द्वारा श्रमिकों को सुविधायें प्रदान करने संबंधी
प्रावधानों की प्रति परिशिष्ट - 1 पर संलग्न है। (ख) अनुबंध के आधार पर नियुक्त
मीटर वाचक न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत अनुसूचित नियोजन जिनमें वेतन
निर्धारित है की किसी श्रेणी में वर्गीकृत नहीं है। (ग)प्रश्नांश (ख) के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपथित नहीं होता है। (घ) मीटर वाचक अनुबंध पर नियुक्त होने
के कारण अनुबंध की शर्तों के आधार पर ही मीटर रीडिंग का कार्य एवं भुगतान आदि की
स्थिति विनियमित होगी। फलस्वरूप पृथक से श्रम अधिनियम के अंतर्गत कोई कार्यवाही
अपेक्षित नहीं है।
परिशिष्ट
बीस जबलपुर जिले में रजिस्टर्ड नर्सिंग होम एवं अस्पताल
35. ( क्र. 580 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) प्राईवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम संचालन हेतु मंजूरी प्रदान
करने के क्या नियम एवं मापदण्ड शासन द्वारा निर्धारित हैं ? नियमों की छायाप्रति
देवें । (ख) जबलपुर जिले में शासन द्वारा कितने प्राईवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम
तथा क्लीनिक रजिस्टर्ड (पंजीबद्ध) किये गये हैं ? पृथक-पृथक संचालक का नाम, पता
स्थान एवं उपलब्ध सुविधाओं एवं पंजीयन की अवधि सहित सम्पूर्ण विवरण देवें ? (ग)
क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेख अस्पतालों द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित
नियमों एवं मापदण्डों का पालन किया है ? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कौन-कौन से
अस्पतालों, नर्सिंग होम तथा क्लीनिकों में ठहरने, पीने के स्वच्छ पानी केन्टीन
एवं पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है ? (घ) प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित कौन-कौन
से अस्पतालों की नियम विरूद्ध संचालन की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई एवं
इनमें कितने डॉक्टर/पैरामेडीकल स्टाफ कार्यरत हैं ? इनमें से कौन-कौन
होम/क्लीनिक प्रदूषण बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड है एवं उनका बायोमेडिकल वेस्ट
(कचरा) कहां पर भेजकर उसका क्या किया जा रहा है ? संपूर्ण सूची देवें
।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हॉ। नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार । (ख) जबलपुर जिले में शासन द्वारा 114 प्रायवेट
अस्पताल एवं नर्सिंग होम तथा 564 क्लीनिक रजिस्ट्रर्ड किये गये है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार । (ग) जी हॉ।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
(घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जबलपुर में इन
अस्पतालों के नियम विरूद्ध संचालन की कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार ।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार।
जिले के अस्पताल/नर्सिंग होम के बायोमेडिकल वेस्ट का विनिष्टीकरण इलाईट
इंजीनियरिंग बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्शन 48 नर्मदा रोड़ जबलपुर द्वारा ग्राम कठौंदा
बायपास कटंगी रोड़ जबलपुर में किया जाता है।
शिक्षा विभाग
में ई-अटेंडेंश
36. ( क्र. 581 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
शासन द्वारा शिक्षा विभाग के समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति
25.09.2015 से एम-शिक्षा मित्र के अंतर्गत मोबाईल से ई अटेडेंश के माध्यम से किये
जाने का आदेश जारी किया गया है ? (ख) यदि हां, तो इस प्रतिक्रिया को अन्य विभागों
पर लागू न कर मात्र आर्थिक रूप से कमजोर शिक्षकों पर ही लागू करने के क्या कारण
हैं ? जबकि ग्रामीण अंचलों में जहां पर नेटवर्क प्राप्त नहीं होता वहां पर
उपस्थिति मोबाईल से कैसे संभव है ? क्या शासन की इस योजना को समाप्त कर पूर्व की
तरह उपस्थिति दर्ज करने की प्रणाली प्रारंभ करेंगे ? यदि हां, तो कब तक यदि नहीं,
तो क्यों नहीं ? (ग) क्या शासन अध्यापक संवर्ग के स्वैच्छिक स्थानांतरण एवं
उन्हें जीवन बीमा का लाभ देने हेतु कोई नियम बनायेगी ? यदि हां, तो कब तक ? यदि
नहीं, तो क्यों नहीं ? (घ) क्या शासन अध्यापक, सहायक अध्यापक एवं वरिष्ठ
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर उन्हें छठवां वेतनमान प्रदान करेगी ?
यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं ?
स्कूल शिक्षा मंत्री (
श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)जी हां। (ख)एम-शिक्षा मित्र योजना स्कूल शिक्षा
विभाग द्वारा समस्त
अधिकारियों/
कर्मचारियों/शिक्षकों हेतु लागू की गई है। नेटवर्क की समस्या वाले क्षेत्रों
में पुश एस.एम.एस. एवं एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प
भी दिया गया है। जी नहीं। इस व्यवस्था में उपस्थिति के साथ शिक्षकों को कई विभागीय
सुविधाये भी प्राप्त होती है। (ग) स्थानीय निकायों के कर्मचारी होने से
स्वेच्छिक स्थानांतरण संभव नहीं है। जीवन बीमा की कोई योजना नहीं है।(घ)जी नहीं।
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग को देय
समान कार्य समान वेतन
37. ( क्र. 585 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
अध्यापक संवर्ग को समान कार्य समान वेतन के निर्धारण हेतु अंतरिम राहत की देय
किश्त की गणना किस आधार पर की गई है ? अध्यापक सहायक अध्यापक एवं वरिष्ठ
अध्यापकों को देय अंतरिम राहत को विसंगती संबंधी कोई तथ्य संज्ञान में आया है ?
यदि हां, तो क्या सुधार किया जावेगा व कब तक ? (ख)सुसनेर विधान सभा क्षेत्र
अन्तर्गत अध्यापक संवर्ग में विगत 03 वर्षो में कितनी पदोन्नतियाँ की गई है,
कृपया निकायवार व संवर्गवार जानकारी देवें ? पदोन्नति पश्चात् अंतरिम राहत का
निर्धारण व भुगतान किस प्रकार किया गया ? क्या विसंगति पूर्ण भुगतान की शिकायतें
प्राप्त हुई ? यदि हां तो क्या कार्यवाही की गई ?(ग) अध्यापक संवर्ग को दिए जाने
वाले समान कार्य समान वेतन में देय अंतिम अन्तरिम राहत के पश्चात वेतन निर्धारण
किस प्रकार किया जावेगा ? प्रक्रिया व मापदण्ड स्पष्ट करें ?(घ) अध्यापक संवर्ग
को समान कार्य समान वेतन देने के पूर्व यदि शिक्षक संवर्ग को 7वाँ वेतनमान दिया
जाना तय होता है तो क्या अध्यापक संवर्ग को भी 7वाँ वेतनमान दिया जाकर तदानुसार
वेतन निर्धारण व देय अंतिम राहत की किश्तों में सुधार किया जावेगा
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)शासन के परिपत्र दिनांक 04.09.2013 के अनुसार कोई विसंगति नहीं है। अतः
शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ख)जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक एवं दो पर।
पदोन्नति से अंतरिम राहत का कोई संबंध नहीं है । विसंगति की शिकायत उपलब्ध नहीं है।
शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग)अध्यापक संवर्ग को अंतरिम राहत दिनांक
01.09.17 तक देय है। अंतरित राहत की राशि समायोजन के लिए आदेश वित्त विभाग की सहमति
से यथासमय जारी किये जाने के निर्देश है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।(घ)शिक्षक संवर्ग को 7वां वेतनमान नही दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
परिशिष्ट
इक्कीस चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
38. ( क्र. 593 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) पी.एस.सी. से चयनित चिकित्सकों की नियुक्ति किस प्रकार के
क्षेत्रों में प्राथमिकता से की जाती है ग्रामीण या शहरी ? (ख) विधानसभा क्षेत्र
सुसनेर अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन से पद रिक्त हैं
? इनकी पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी ? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र सुसनेर में विशेषज्ञ या एम.डी.की व्यवस्था या स्थानान्तरण हेतु कोई
प्रस्ताव प्राप्त हुआ है ? यदि हां, तो क्या कार्यवाही की जा रही है ? (घ) क्या
विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रोन्नत
करने/सिविल अस्पताल का दर्जा दिए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं ?
यदि हां, तो कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान स्थिति में लोक सेवा आयोग
से चयनित चिकित्सकों की पदस्थापना हेतु सर्वप्रथम आदिवासी बाहूल्य जिलों/चिन्हित
17 हाई फोकस जिलों में रिक्त संस्थाओं हेतु रिक्तियॉं तैयार की जाती है
तत्पश्चात अन्य जिलों में चिकित्सकों की आवश्यकतानुसार रिक्तियॉं तैयार कर
एम.पी.आन लाईन के माध्यम से चिकित्सकों को दर्शित की जाती है । चिकित्सक मेरिट
क्रमानुसार संस्थाओं का चयन करते है एवं तदउपरांत आवंटित स्थल पर पदस्थापना की
जाती है। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार । (ग) जी हॉं।
प्राप्त पत्र पर कार्यवाही की जा चुकी है । संचालनालय के पत्र क्रमांक 01
जी/विज्ञप्त/सेल-5/2015/1421 दिनांक 28.09.2015 के द्वारा मेडिकल विशेषज्ञ की
डयूटी लगाये जाने संबंधी निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगर को जारी किये गये
तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला आगर
क्रमांक/स्थापना/2015/5250/आगर-मालवा/दिनांक 09.10.2015 के द्वारा डॉ. डी.एस.
परमार, मेडिकल विशेषज्ञ की डयूटी प्रत्येक माह के प्रति मंगलवार एवं शुक्रवार
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर लगाई गई है । (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता ।
परिशिष्ट
बाईस निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा स्टेट कोटे की सीट का
अपात्रों को आवंटन
39. ( क्र. 598 ) श्री
रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे कि(क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा वर्ष 2010 से 2013 में
स्टेट कोटे की सीट छलपूर्वक डमी स्टुडेन्टस से ब्लाक करवाकर 30 सितबंर के
आस-पास सरेन्डर कराकर अपात्र छात्रों से बिना पारदर्शी प्रक्रिया से भरे जाने के
बारे में प्रवेश एवं फीस विनियमक समिति के अपील प्राधिकारी श्री पी.के. दास के आदेश
दिनांक 21 मई 2014 पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें ? (ख) श्री अभय चौपड़ा, नागदा
(जिला उज्जैन) द्वारा क्या सीट वापस लेने तथा कॉलेज पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने
हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है ? यदि हां, तो उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें ?
(ग) क्यों मेडिकल काउन्सील आफ इंडिया के परिपत्र क्र MCI 34 (MC) 2012-Gen/158572
दिनांक 08.02.2013 में उल्लेखित भारत शासन के गजट नोटिफिकेशन दिनांक 01.03.2014
तथा मा.उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रकरण क्र. 4318/2012 (CIVIL APPEAL) में दिये
आदेश अनुसार उल्लेखित प्रकरण में कार्यवाही की जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)जानकारी एकत्रित की जा
रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत अपूर्ण निर्माण कार्य
40. ( क्र. 613 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) प्रश्नकर्ता विधायक के आतारांकित प्रश्न संख्या 31 क्रमांक 848 दिनांक
24.07.2015 के उत्तर में बताया था कि रायसेन जिले में 137 निर्माण कार्यों में
एजेसियों द्वारा मूल्यांकन से ज्यादा राशि आहरित कर ली है जिनकी वसूली की
कार्यवाही की जा रही है ? तो आज दिनांक तक किन-किन से कितनी राशि वसूल की गई तथा
शेष राशि वसूल करने हेतु क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई ? कब तक राशि वसूल की
जायेगी ? (ख) रायसेन जिले में ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य है जिनमें विभाग
एजेंसियों को मूल्यांकन के बाद भी राशि नहीं दे रहा है तथा क्यों ? कब तक राशि
दी जायेगी ? (ग) सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत जिले में नवम्बर 2015 की स्थिति में
किस-किस मद में कितनी राशि है तथा ब्याज की कितनी राशि है ? उक्त राशि से भुगतान
क्यों नहीं कर रहे हैं ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन )
: (क) जी हाँ । मूल्यांकन से अधिक राशि आहरित करने वाली 137 निर्माण् कार्यो की
एजेंसियो मे से 18 कार्यो की एजेंसी से आहरित राशि का कार्य करा लिया गया है। 12
एजेंसी के खाते मे जारी राशि उपलब्ध है, तथा 107 कार्यो की एजेंसी से अनुविभागीय
अधिकारी राजस्व के न्यायालय मे वसूली की कार्यवाही प्रचलन मे है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।। न्यायालयीन प्रक्रिया
होंने से समय सीमा बताना सभव नही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।, अंतिम किश्त् की राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन मे
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। ब्याज की
राशि से भुगतान करने का प्रावधान नही है।
जननी सुरक्षा
योजनान्तर्गत प्रसूति प्रोत्साहन राशि का भुगतान
41. ( क्र. 614 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या मुख्य मंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, कर्मकार
मण्डल में पंजीकृत श्रमिक, जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत प्रसूति उपरांत
प्रोत्साहन राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान है ? यदि हां, तो शासन के आदेश की
प्रति उपलब्ध करायें ? (ख) रायसेन जिले में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्र में 1
अप्रैल 2013 से नवबंर 2015 की अवधि में कितनी प्रसूति हुई, कितने हितग्राहियों को
प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया कितने हितग्राहियों को नहीं ? शेष रहे
हितग्राहियों की प्रसूति दिनांक बताते हुए राशि भुगतान न करने का क्या कारण है ?
(ग) लंबित हितग्राहियों में से ऐसे कितने है जिनको विगत 4-6 माह बाद भी भुगतान नहीं
हुआ इसके लिए कौन जवाबदार है ? (घ) किन-किनके आवेदन पत्रों में त्रुटि या
दस्तावेजों की पूर्ति न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया ? ग्रामवार सूची दे ?
उनमें क्या-क्या कमियां है पूर्ण विवरण दें ? उनको इसकी सूचना कब-कब दी गई
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जी हां। शासन के आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) रायसेन जिले के विभिन्न
स्वास्थ्य केन्द्रो में 1 अप्रैल 2013 से नवम्बर 2015 की अवधि में कुल 26142 प्रसव
हुये है। मजदूर सुरक्षा योजना अंतर्गत पंजीकृत कुल 2818 हितग्राहियों को भुगतान
उक्त अवधि में किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो
अनुसार । मजदूर सुरक्षा योजना अंतर्गत भुगतान हेतु कोई भी प्रकरण लंबित
नही है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है। (ग) सभी प्राप्त प्रकरणों में
हितग्राहियों को भुगतान कर दिया गया है। जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी निरंक
है।
आयुक्त, नि:शक्तजन म.प्र. भोपाल द्वारा विज्ञापन एजूकेशन
पोर्टल की शिकायत
42. ( क्र. 650 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
आयुक्त नि:शक्तजन मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा ईमेल से दिनांक 01.06.2015 को जिला
शिक्षा अधिकारी विदिशा द्वारा जारी विज्ञापन एजूकेशन पोर्टल न डालने के संबंध में
शिकायत की गई थी ? (ख) यदि हां तो उक्त आवेदन पत्र की प्रतिलिपि तथा उस पर की गई
कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराया जावे ?(ग) इस प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी
विदिशा द्वारा की गई अनियमितता पर कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं साक्षात्कार
प्रक्रिया को रद्द कर नये सिरे से विज्ञापन जारी किया जावेगा ? यदि हां तो कब तक
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) जिला शिक्षा अधिकारी को आयुक्त, निःशक्तजन म.प्र. से दिनांक 1.6.2015
को पत्र ई-मेल के माध्यम से प्राप्त नहीं हुआ है, अपितु आयुक्त, निःशक्तजन
से प्र. का पत्र क्रमांक/आनिज/टी-3/एफ-37/2015/1044,
दिनांक 23 मई 2015 जो दिनांक 15.6.2015 को प्राप्त हुआ था, जिसमें निःशक्तजन
भर्ती अंतर्गत तीनों श्रेणियों के लिये बराबर पद विज्ञापित नहीं किये जाने के
संबंध में प्रतिवेदन चाहा गया था।(ख) आवेदन पत्र की प्रतिलिपि परिशिष्ट
अ अनुसार है। आयुक्त निःशक्तजन द्वारा आदेश दिनांक 5.6.2015 भर्ती प्रक्रिया
पर स्थगन जारी किया गया था तत्पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा द्वारा
18.6.2015 को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर
आयुक्त, निःशक्तजन द्वारा दिनांक 10.7.2015 को स्थगन आदेश वैकेट कर
दिया।(ग) उत्तरांश क एवं ख के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
स्तीफा देने वाले शिक्षकों से शासन प्रावधानों
अनुसार अग्रिम वेतन जमा कराया जाना
43. ( क्र. 676 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
जिले में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने संविदा शाला शिक्षक श्रेणी 1,2,3
एवं सहायक अध्यापक,अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों ने त्यागपत्र दिया है ? (ख)
शासन प्रावधानों के अंतर्गत कितने अध्यापक एवं संविदा शाला शिक्षकों से एक माह का
वेतन जमा कराया गया ? (ग) क्या इसमें कोई शासन प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है ?
यदि हां तो दोषी का नाम पद सहित बताये ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस
चन्द्र जैन ) :
(क)छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक संविदा शाला शिक्षक
श्रेणी-1 के 03, श्रेणी-2 के 05, श्रेणी-3 के 17, सहायक अध्यापक 09, अध्यापक 08 एवं
वरिष्ठ अध्यापक निरंक ने त्याग पत्र दिया है।(ख)सभी के द्वारा।(ग)जी नहीं । शेषांश
का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य विभाग को प्रदायित दवाइयों का
भुगतान
44. ( क्र. 677 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सी.एम. हेल्प लाईन में शिकायत क्रं./303063, दिनांक 23/9/15 को
आवेदन किया गया था ?(ख) क्या वेंकटेश ट्रेडर्स सारंगपुर राजगढ़ के द्वारा
स्वास्थ्य संबंधी दवाईयों दमोह CMHO स्वास्थ्य विभाग को सप्लाई की गई थी,
जिसका भुगतान Rs. 16,61864=00 नहीं किया जा रहा है ? (ग) क्या संबंधित शाखा लिपिक
द्वारा (CMHO दमोह) रिश्वत की मांग की है, जिसके सबूत शिकायतकर्ता के पास उपलब्ध
हैं ? क्या जांचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सबूत लिए गये ? भुगतान से
संबंधित कितने पत्र विभाग को प्राप्त हुए ? कितनी समय-सीमा में भुगतान किया जावेगा
तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
बीसीएम पदों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का
पालन
45. ( क्र. 689 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला खरगोन द्वारा
विगत 5 वर्षों में एनआरएचएम अंतर्गत कितने कर्मचारियों, अधिकारियों के नियुक्ति
आदेश दिये गये ? ब्लॉकवार पद वार संख्या बतायें ? (ख) सीएमएचओ खरगोन कार्यालय से
पत्र क्रमांक/स्था./आसीएच-2/एनआरएचएम/12/3508 दिनांक 28.03.2012 को दिये गये आदेश
में से कितने आवेदक वर्तमान में कार्यरत हैं तथा कितने कार्यरत नहीं है कारण सहित
बतायें ? क्या इस आदेश में जारी सभी नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर का पालन किया
गया है ? यदि पालन नहीं किया गया है तो कारण बताये ? रोस्टर एवं इस आदेश की एक
प्रति देवे ? (ग) प्रश्नांश (ख) के आदेश वाले चयनित आवेदकों के चयन का मापदण्ड
क्या था, एक प्रति देवे ? इस आदेश के तारतम्य में इस बीसीएम के पद हेतु कुल कितने
आवेदन प्राप्त हुए जातिवार, ब्लॉकवार आवेदक के नाम सहित सूची देवे ? (घ) क्या
प्रश्नांश (ख) के आदेश में संविदा नियुक्ति की शर्त क्रमांक 16 अनुसार बीसीएम की
नियुक्ति केवल किसी विशिष्ट स्थान के लिए होगी तथा किन्हीं भी परिस्थितियों में
उसका स्थानान्तर नहीं किया जाएगा, लिखा होने पर भी सीएमएचओ खरगोन द्वारा संदीप
सिंह कुशवाह का स्थानांतरण कर कार्य हेतु अन्यत्र स्थान पर भेजा गया है ? यदि
हां, तो कारण बताये ? क्या अपने मूल पदस्थापना स्थान से अन्यत्र अनिश्चित समय
काल के लिए भेजने हेतु जिला स्वास्थ्य समिति का अनुमोदन लेना जरूरी नहीं होता है
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला खरगौन द्वारा प्रश्नांकित अवधि
में 168 कर्मचारियों को नियुक्ति आदेश जारी किये गए। जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) संदर्भित आदेश में 03
आवेदक वर्तमान में कार्यरत है तथा 06 आवेदक कार्यरत नही है। कार्यरत नही होने का
कारण पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। जी हां। प्रश्न उपस्थित नही
होता। रोस्टर की जानकारी व आदेश क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 03 व 04 अनुसार है। (ग) चयन मापदण्ड पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है। प्राप्त आवेदनों की संख्या 796 थी।
जातिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 06 अनुसार
है। (घ) जी हां। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा मानव संसाधन मैनुअल
अगस्त 2014 की कंडिका 15.4 के प्रावधान अनुसार प्रशासकीय आवश्यकतानुसार
स्थानांतरण किया गया। जी हां, मेनुअल की उक्त कंडिका अनुसार संभागीय संयुक्त
संचालक/संचालक, एनएचएम का अनुमोदन आवश्यक था।
आदिवासी वित्त विकास
निगम के डिफॉल्टर
46. ( क्र. 697 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) आदिवासी वित्त विकास निगम के खरगोन जिले के आज दिनांक तक कुल कितने
डिफॉल्टर हैं । नामवार, राशिवार विकासखण्डवार सूची देवें ? इन डिफॉल्टरों से
वसूली हेतु किये गये प्रयासों की जानकारी देवें ? 03 वर्ष से कम एवं 03 वर्ष से
अधिक समयावधि के डिफॉल्टरों की सूची देवें ?(ख) जिला अंत्योदय विभाग, माटी कला
विभाग, हाथ करघा विभाग द्वारा विगत 03 वर्ष में कुल कितने ऋण प्रकरण स्वीकृति हेतु
भेजे गये तथा कितने प्रकरणों की स्वीकृति प्राप्त हुई ? प्रकरणवार हितग्राही का
नाम, ऋण राशि, स्थान सहित सूची देवें ?(ग) खरगोन जिले का आदिवासी वित्त विकास
निगम कार्यालय अशासकीय भवन में संचालित हो रहा है, कारण बतायें ? खरगौन कार्यालय
में कार्यरत स्टाफ की जानकारी, स्वीकृत पद तथा रिक्त पदों की जानकारी देवें ?
विगत 05 वर्षों में कार्यरत स्टाफ की संख्या वर्षवार बतायें ?
आदिम
जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिवासी वित्त विकास निगम
खरगौन में आज दिनांक 320 डिफाल्टर हैं। इनकी नामवार, राशिवार एवं विकासखण्डवार
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। इन
डिफाल्टरों को नोटिस जारी किये गये हैं, इनसे व्यक्तिगत सम्पर्क किया जाकर वसूली
के प्रयास किये गये हैं। समस्त डिफाल्टर 03 वर्ष से अधिक के हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की
जा रही है। (ग) वर्ष 1994 से 2008 तक आदिवासी वित्त विकास निगम कार्यालय जिला
उद्योग केन्द्र खरगौन में संचालित रहा। स्थान अभाव के कारण उक्त कार्यालय प्रबंध
संचालक, आदिवासी वित्त विकास निगम की अनुमति से अशासकीय भवन में स्थानान्तरित
किया गया। वर्तमान में आदिवासी वित्त विकास निगम कार्यालय में शाखा प्रबंधक एक पद,
क्षेत्रीय सहायक एक पद, लेखापाल एक पद, लिपिक एक पद, भृत्य एक पद, चौकीदार एक
पद,स्वीपर एक पद कुल 07 पद स्वीकृत हैं, जिसमें शाखा प्रबंधक कार्यरत हैं। विगत
05 वर्षों शाखा प्रबंधक वर्ष 2011 से 2015 तक, लिपिक वर्ष 2011 से 2013 तक तथा
चौकीदार वर्ष 2011 से 2014 तक कार्यरत हैं। जिला कलेक्टर की अनुमति से कलेक्टर दर
पर एक कार्यालय सहायक रखा गया है।
जिला चिकित्सालय का उन्नयन एवं
आवासीय परिसर निर्माण
47. ( क्र. 699 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) खरगोन जिला चिकित्सालय में पिछले 05 वर्षों में केंद्र, राज्य
शासन से कितनी योजनाएं, मशीनरी, भवन, लैब हेतु प्रस्ताव मांगे गये ? कितने
प्रस्ताव भेजे गये ? कितने प्रस्ताव भूमि की कमी के कारण नहीं भेजे गये ?(ख)
खरगोन जिला चिकित्सालय वर्तमान में किस भवन में संचालित हो रहा है ? प्रारंभ में
यह भवन कितने बेड का स्वीकृत हुआ तथा बाद में इसका विस्तार कितने बेड का हुआ ?
भविष्य में कितने बेड की वृद्धि संभव है ? वर्तमान परिसर में कौन-कौन से कार्यों
के पृथक-पृथक भवन है ? चिकित्सालय डॉक्टर एवं कर्मचारियों के लिये आवासीय भवनों
की स्थिति क्या है ? कितने आवासीय भवनों की आवश्यकता है ? जिला चिकित्सालय के
लिये कहां पर कितनी भूमि का चयन किया गया है ?(ग) जिला चिकित्सालय के लिये
विभिन्न योजनाओं अंतर्गत टीवी चिकित्सालय परिसर खरगोन में भवन बनाये गये, इन
भवनों में कितनी राशि व्यय की गई है ? जिला चिकित्सालय के लिये भवन नवीन स्थान
पर भेजे जाने पर उक्त भवनों को जो की जिला चिकित्सालय हेतु दिये गये, इन्हें
टीवी चिकित्सालय से ले जाना संभव हो सकेगा ? क्या जिला चिकित्सालय के वर्तमान
परिसर से जाने पर सभी सुविधाएं नवीन परिसर में पूर्णत: स्थानांतरित हो सकेगी ?(घ)
खरगोन जिले की भविष्य में आवश्यकता के अनुसार जिला चिकित्सालय का उन्नयन 500
बेड करना कब तक प्रस्तावित है ? बेड संख्या बढ़ाने पर स्टाफ के आवासीय परिसरों
एवं नवीन कार्यों के लिये वर्तमान जिला चिकित्सालय परिसर में भूमि उपलब्ध है ?
वर्तमान में परिसर कितना है तथा इस परिसर का उपयोग किस-किस कार्यो के लिये किया जा
रहा है ? रिक्त भूमी की स्थिति क्या है ? पार्किंग, बगीचा तथा खुला क्षेत्र कितना
है ? निकट भविष्य में अधिक भूमि की आवश्यकता को कैसे पूरा किया जा सकेगा
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जिला चिकित्सालय खरगोन में पिछले 05 वर्षों में केन्द्र, राज्य शासन से
एस.एन.सी.यू. ट्रामा सेंटर, एम.सी.एच. सेंटर के प्रस्ताव मांगे गये । जिला
चिकित्सालय खरगोन में पिछले 5 वर्षों में केन्द्र, राज्य शासन से भूमि की कमी के
कारण निम्न प्रस्ताव नहीं भेजे गये । 1. मॉड्यूलर किचन राशि रू. 15 लाख भूमि के
अभाव में नहीं बना सकें । 2. जिला चिकित्सालय खरगोन ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन
युनिट हेतु 600 वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता थी । 3. जिला चिकित्सालयों में
आउटर्सोसिंग से सीटी स्केन या एम.आर.आई. मशीन हेतु 2500 स्केवेयर फीट के हॉल की
मांग की गई है, जो अनुपलब्ध है । (ख) खरगोन जिला चिकित्सालय पूर्व से स्थित
टी.बी. अस्पताल के भवन एवं कैंपस में संचालित किया जा रहा है । प्रारंभ में दिनांक
08/09/1983 में यह 100 बेड का स्वीकृत हुआ था तथा वर्ष 2008 में 300 बेड स्वीकृत
किया गया। भविष्य में ओर विस्तार की योजना नहीं है । वर्तमान में जिला
चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर, एम.सी.एच सेंटर एवं आवास ग्रहों के पृथक-पृथक भवन है ।
वर्तमान स्थिति में जिला चिकित्सालय के परिसर में डाक्टर्स हेतु आवासीय भावन 06
(जी टाईप) एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिये 11 भवन (एच टाईप) एवं चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारियों के लिये 12 भवन (आई टाईप) उपलब्ध हैं । वर्तमान में डाक्टरों
के लिये 25 भवन, तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये लगभग 50
आवासीय भवनों की आवश्यकता है । जिला चिकित्सालय के लिये वर्तमान में कोई भी भूमि
का चयन नहीं किया गया है । कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार भूमि चयन की कार्यवाही
तहसीलदार महोदय द्वारा की जा रही है । (ग) जिला चिकित्सालय खरगोन के कैंपस में
वर्तमान में ट्रामा सेंटर 240.17 लाख का, एम.सी.एच. सेंटर 549.10 लाख का, रैन बसैरा
60 लाख जनभागीदारी एवं सांसद निधि से, मेंटरनिटी विंग का वेटिंग (प्रतिक्षालय)
आर.के.एस. एवं जनभागीदारी से राशि 8.00 लाख 54 हजार का व्यय हुआ है । वर्तमान में
टी.बी.चिकित्सालय परिसर में निर्माणाधीन भवन को अन्यत्र स्थान पर ले जाना संभव
नहीं है । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (घ) खरगोन जिले में जिला चिकित्सालय
खरगोन को 500 बेड का उन्नयन का प्रस्ताव प्रचलन में है । बेड संख्या बढ़ाने से,
स्टॉक के आवासीय परिसरों एवं नवीन कार्यों के लिये वर्तमान में भूमि उपलब्ध नहीं
है । वर्तमान में परिसर में कुल परिसर 30760 वर्गमीटर (3.076 हेक्टेयर), (7.59
एकड़) हैं । इस परिसर का उपयोग जिला अस्पताल में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर,
एम.सी.एच सेंटर एवं आवासग्रहों में किया जा रहा है । रिक्त भूमि 10375 वर्गमीटर है
। पार्किंग 1242 वर्गमीटर, बगीचा 1814 वर्गमीटर है तथा खुला क्षेत्र (10375+3173
रोड एरिया) 13548 वर्गमीटर है । वर्तमान में निर्माण हेतु कोई रिक्त भूमि उपलब्ध
नहीं है । शेष खुली भूमि हवा युक्त वातावरण के लिये आवश्यक है । भविष्य में अधिक
भूमि की आवश्यकता होने पर जिला चिकित्सालय खरगोन के पीछे स्थित निजी भूमि को
अधिग्रहित शासन स्तर से किया जा सकता है, या वर्तमान चिकित्सालय को क्रमबद्ध
तरीके से तोड़कर G+4 भवन का निर्माण किया जा सकता है ।
इन्दौर जिला अंतर्गत कैंसर अस्पताल द्वारा अवैध निर्माण बाबत
48. ( क्र. 733 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) इंदौर जिलान्तर्गत कितने निजी नर्सिंग होम, पैरामेडिकल, पाली क्लिनीक
इस्टीट्यूट व रिसर्च सेंटर संचालित हो रहे हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में
इनमें से कितने नर्सिंग होमों में अवैध निर्माण किया जाकर आवासीय भूमि पर
व्यावसायिक गतिविधियां (नर्सिंग होम) संचालित की जा रही है ? रहवासी क्षेत्रों में
कितने मीटर दूरी पर नर्सिंग होम खोलने की पात्रता है ?(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ
में क्या इंदौर शहर में 142 फडनीस काम्पलेक्स ए.बी. रोड़ पर अवैध कैंसर हॉस्पिटल
का निर्माण किया जाकर संचालित किया जा रहा है ? यदि हां तो क्या उक्त अवैध
हॉस्पिटल पर कोई कार्यवाही की जायेगी ? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या
उक्त अवैध कैंसर हॉस्पिटल से संबंधित फाईले गुम होने की लिखित जानकारी झोन क्र. 09
के भवन अधिकारी द्वारा दिनांक 20.07.2015 को पत्र के द्वारा दी गई थी ? यदि हां तो
इसके लिये इस संबंध में अवैध निर्माणकर्ता एवं निर्माणाधीन समय में पदस्थ
अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इन्दौर जिले में 50 नर्सिंग होम,
11 पैरामेडिकल इन्स्टीट्यूट, 0 पॉलीक्लीनिक एवं 28 रिसर्च सेन्टर संचालित हो रहे
है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के संदर्भ में 133 नर्सिंग होमस में अवैध निर्माण किया
जाकर आवासीय भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियां (नर्सिंग होम) संचालित की जा रही है।
रहवासी क्षेत्र में नर्सिंग होम खोलने के संबंध में मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा
रूजोपचार संबंधी अधिनियम 1973 में कोई उल्लेख नही है। (ग) इन्दौर में सी.एच.एल.
चिकित्सालय संचालित है। नगर निगम इन्दौर द्वारा मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के
नियम 11 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (घ) संबंधित नस्ति वर्तमान
में कार्यालय में उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
अनुसूचित जाति जनजाति छात्रों को लेपटॉप वितरण
49. ( क्र. 734 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज इंदौर को अनुसूचित जाति/जनजातिय
छात्रों केा लेपटॉप आदि क्रय करने हेतु कितनी राशि हस्तांतरित की गई ? इसमें से
कितनी राशि वर्ष 2013-14 से 2014-15 तक व्यय की गई ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ
में मेडिकल कॉलेज इंदौर द्वारा किन-किन नियमों व शर्तों के तहत लेपटॉप क्रय किये
गये एवं कितने छात्रों को वितरित किये गये, संख्या सहित बतायें ? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ में मेडिकल कॉलेज इंदौर द्वारा छात्रों को दिये गये लेपटॉप की
गुणवत्ता की जांच कर प्रमाणीकरण आदि किन अधिकारियों द्वारा किया गया ? (घ)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मेडिकल कॉलेज में नवीन ऐडिशन की पाठ्यक्रम की पुस्तक
क्रय हेतु कितनी राशि प्रदान की गई व मेडिकल कॉलेज द्वारा कितनी राशि व्यय की गई
?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति
कल्याण विभाग में लेपटाप प्रदाय योजना संचालित नहीं है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के
संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं हाेता। (ग) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में प्रश्न
उपस्थित नहीं हाेता। (घ) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं
हाेता।
इन्दौर शहर में खाद्य पदार्थों की जांच
50. ( क्र. 745 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा इन्दौर जिले में विगत 02 वर्षों
से प्रश्न दिनांक तक किन-किन होटलों, रेस्टोरेन्ट में खाद्य पदार्थ की
जांच/सेम्पल की कार्यवाही की गई है ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन
होटलो, रेस्टोरेन्ट में खाद्य पदार्थों में खराबी पाई गई थी ? क्या इस संबंध में
विभाग द्वारा विभिन्न संस्थानों पर कोई कार्यवाही की गई थी ? (ग) प्रश्नांश (क)
के संदर्भ मं होटलों, रेस्टोरेन्ट में अनियमितता पाये जाने पर क्या प्रावधानों
के तहत कार्यवाही की जाती है ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है ।
(ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में होटलों, रेस्टोरेण्ट में अनियमितता पाये जाने पर
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती
है।
शालाओं का नियम विरूद्ध संचालन
51. ( क्र. 773 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना
जिले में कितनी प्रा.वि./मा.वि. शालाओं में 15-20 बच्चे दर्ज होने पर भी संचालित
है ? क्या प्रशासन द्वारा ऐसी शालाओं को आवश्यकता अनुसार परिवर्तन/स्थानांतरित
करने के निर्देश दिये गये है ? यदि हां तो अभी तक क्यों नहीं हो सकी ? (ख) शासन
अन्य ऐसी शालाओं को परिवर्तन/स्थानांतरित करने के निर्देश यदि दिये हैं तो जिला
शिक्षा अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई ? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इसी
शालाओं को नियम विपरीत संचालित रखने पर दोषी शिक्षा अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी
? यदि हां तो कब तक ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) गुना जिले में 151 प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय संचालित है,
जिनमें 15-20 बच्चे दर्ज है। शासन के निर्देशानुसार ऐसी प्राथमिक शाला जहां
नामांकन 20 से कम है तथा माध्यमिक शाला जहां नामांकन 10 से भी कम हो ऐसी
शालाएं निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करती है, इन शालाओं का
युक्तियुक्तकरण कर ऐसे स्थानों पर प्रारंभ किया जाए, जहां पर शिक्षा का
अधिकार नियम 2011 अंतर्गत पडोस की परिभाषा अनुरूप राज्य शासन द्वारा नई
शाला प्रारंभ करने की आवश्यकता है। उक्त निर्देश की पूर्ति न होने के कारण
कार्यवाही संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश क के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
गुना जिले में CWSN विकलांग छात्रावास का
निर्माण
52. ( क्र. 774 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
गुना जिले में एस.एस.ए. योजनांतर्गत विकलांग बच्चों हेतु छात्रावास निर्माण की
स्वीकृति हुई थी ? हां, तो कब और कितनी राशि की ए.एस./टी.एस. जारी होकर निर्माण
एजेन्सी कौन नियुक्त की गई ? कार्य कब तक पूर्ण हुआ ? (ख) क्या भवन पूर्ण होने
पर निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्मित भवन को हैंडओव्हर (हस्तांतरित) कराया गया है
? यदि नहीं, तो क्यों ? क्यों बिना स्थानांतरित कराये निर्माण एजेन्सी को राशि
भुगतान कर दी गई है ? यदि हां, तो भुगतान करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध
कार्यवाही की जावेगी ? (ग) वर्तमान में क्या उक्त भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है
? यदि हां, तो दोषी निर्माण एजेन्सी सहित विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही की
जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र
जैन ) : (क)जी हां। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक-6124, दि0
6.9.2008 से रूपये 41.65 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। मध्य प्रदेश लघु
उद्योग निगम को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। भवन वर्ष 2010-11 में पूर्ण हुआ।
(ख)जी नहीं। निर्मित भवन की कमियो/अपूर्णता व कार्य गुणवत्ता विहिन होने से भवन
हस्तांतरित नहीं हुआ है। मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम को राशि अग्रिम के रूप में
जारी की गयी है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही होता।(ग)वर्तमान में भवन की
स्थिति सही नहीं होने से निर्माण एजेंसी से प्रतिवेदन चाहा गया है, जिसके गुणदोष के
आधार पर यथाशीघ्र आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
स्वत्वों का
भुगतान
53. ( क्र. 827 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या शोभनाथ साकेत, सहायक अध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय हिनौता 588 संकुल
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाहपुर जिला रीवा में पदस्थ था ?(ख) यदि प्रश्नांश
(क) हां तो शोभनाथ साकेत का वेतन कब से कब तक का किस अधिकारी के द्वारा किन कारणों
से रोका गया था ?(ग) यदि प्रश्नांश (क) (ख) सही है तो उक्त सहायक अध्यापक की
मृत्यु सेवा अवधि में आर्थिक तंगी के कारण दवा ना हो पाने के कारण हुई है ? यदि
हां, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है ? उसके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे
?(घ) क्या प्रश्नांश (क) के अध्यापक के मृत्यु उपरांत उसकी पत्नी को दी जाने
वाली सहायता राशि अथवा अन्य स्वत्वों का भुगतान किया जाएगा ? यदि हां, तो कब तक
समय-सीमा बतायें ? अभी तक उक्त लाभ न देने में कौन अधिकारी जिम्मेदार है ? उसके
विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस
चन्द्र जैन ) :
(क)जी हां। (ख)श्री शोभनाथ साकेत द्वारा संस्था का शौचालय निर्माण कार्य
पूर्ण नहीं कराये जाने से प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के पत्र दिनांक
13.05.15 द्वारा संबंधित का माह मई, 2015 से 19.10.15 तक वेतन रोका गया
था।(ग) संभागीय
संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, रीवा को इस कार्यालय के पत्र पृष्ठा.
क्रमांक/शि.क./सी/वि.स./2015/2084, दिनांक 27.11.2015 के द्वारा जांच के निर्देश
दिये गये है।(घ)स्वर्गीय श्री शोभनाथ साकेत की पत्नी श्रीमती सविता साकेत को सभी
स्वत्वों का भुगतान कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोबोलिटी सपोर्ट एवं जननी एक्सप्रेस वाहन का बिल
भुगतान
54. ( क्र. 828 ) श्रीमती शीला
त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की
कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जवा को वित्तीय
वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में मोबेलिटी सपोर्ट एवं जननी एक्सप्रेस तथा मेडिकल
ऑफिसर के भ्रमण हेतु माहवार कितनी राशि स्वीकृत की गई थी ? (ख) क्या मोबेलिटी
वाहन का उपयोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डभौरा में वाहन क्रमांक एम.पी. 17
टी.ए. 1618 दिनांक 01.10.14 से 31.10.14 तक किया गया है ? तथा इसी प्रकार दिनांक
12.09.14 से 30.09.14 तक उक्त वाहन का उपयोग किया गया है ?(ग) यदि प्रश्नांश (ख)
सही है तो क्या संबंधित वाहन मालिक द्वारा जिला चिकित्सा अधिकारी रीवा एवं ब्लाक
मेडिकल ऑफिसर जवा को बिल भुगतान हेतु आवेदन में बिल/टूर प्रोग्राम संलग्न कर
दिनांक 24.01.2015 एवं अन्य तिथियों में दिया गया था ? यदि हां, तो उक्त बिल का
भुगतान किया गया कि नहीं ?(घ) यदि प्रश्नांश (ख) (ग) के संदर्भ में उक्त वाहन का
भुगतान नहीं किया गया तो क्या संबंधित मेडिकल ऑफिसर जवा एवं जिला चिकित्सा
अधिकारी रीवा वाहन किराये की राशि का भुगतान न करने में दोषी है ? यदि हां, तो दोषी
के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक किराया राशि का भुगतान करा
देंगे ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र )
: (क) रीवा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जवा को वित्तीय वर्ष
2013-14 एवं 2014-15 में मोबिलिटी सपोर्ट एवं जननी एक्सप्रेस वाहन तथा मेडिकल
ऑफिसर के भ्रमण हेतु माहवार निम्नलिखित राशि स्वीकृत की गई थी :-
क्र. |
वर्ष |
मोबिलिटी सपोर्ट हेतु |
जननी एक्सप्रेस हेतु |
मेडिकल ऑफिसर के भ्रमण हेतु मासिक राशि |
1 |
2013-14 |
17986/- एवं 1500 कि.मी. के उपरांत
5.95/कि.मी. की दर से |
22786/- एवं 1500 कि.मी. के उपरांत 5.89/कि.मी. की
दर से । |
8000/- प्रतिमाह प्रति सेक्टर ऑफिसर |
2 |
2014-15 |
19975/- प्रतिमाह एवं 1000 कि.मी. के उपरांत
5.45/ कि.मी की दर से। |
22786/- एवं 1500 कि.मी. के उपरांत 5.89/कि.मी. की
दर से । |
8000/- प्रतिमाह प्रति सेक्टर
ऑफिसर |
(ख) जी हॉं । वाहन क्रमांक एम.पी. 17 टी.ए. 1618 का
उपयोग तत्कालीन मेडिकल ऑफिसर डॉ. एस.ए. पाण्डेय के द्वारा दिनांक 2.09.2014 से
30.09.2014 एवं 01.10.2014 से 31.10.2014 तक व्यक्तिगत रूप से किया गया था । उक्त
वाहन से संबंधित ट्रेवल्स एजेन्सी के ब्लैक लिस्टेड होने के उपरांत पूरे जिले
की मोबिलिटी सपोर्ट वाहन बन्द कर दिये थे । इसके बाद भी डॉ. पाण्डे द्वारा उक्त
वाहन का उपयोग जारी रखा था, जिसका जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा अनुमोदन नहीं
दिया गया । (ग) जी हॉं। उक्त वाहन का भुगतान नहीं करने का करण प्रश्न (ख) के
उत्तर में उल्लेखित है । (घ) जी हॉं, भुगतान नहीं करने के लिये मेडिकल
ऑफिसर डॉ. एस.ए. पाण्डे, दोषी है । मेडिकल ऑफिसर के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही
की जावेगी, एवं वाहन की किराया राशि के भुगतान की समय सीमा बताना संभव नहीं है
।
ट्रांसट्राय सड़क निर्माण कंपनी द्वारा श्रमिकों को भुगतान
55. ( क्र. 841 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
एन.एच.ए.आई. बैतूल से औबेदुल्लागंज की निर्माण एजेंसी ट्रांसट्राय कंपनी है ?(ख)
क्या कम्पनी के कार्यरत श्रमिकों को मजदूरी मिल रही है ? यदि हाँ तो श्रमिकों ने
कलेक्टर बैतूल को ज्ञापन क्यों दिया है ?(ग) क्या निर्माण कम्पनी ने श्रमिकों
का शोषण कर हटा दिया है ? श्रमिकों की संख्या नाम सहित देवें ?(घ) उक्त मार्ग
एन.एच.ए.आई.(डी.एम.) बैतूल के निर्देशन में है ?
श्रम मंत्री ( श्री
अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) जी हॉं। (ख) कार्यरत् श्रमिकों को माह सितम्बर
2015 तक की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। पूर्व में माह अप्रैल 2015 एवं अगस्त
2015 में श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान प्राप्त नहीं होने से कलेक्टर बैतूल को
ज्ञापन दिया था। (ग)जी नहीं। 20 श्रमिक स्वेच्छा से कार्य छोड़कर चले गये हैं जिसकी
जानकारी परिशिष्ट -अ पर संलग्न है। (घ) जी नहीं। जिला दण्डाधिकारी बैतूल के
निर्देशन में नहीं है।
परिशिष्ट
तेईस अल्प संख्यक समुदाय की योजनाओं का
संचालन
56. ( क्र. 842 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)क्या बैतूल
जिले के घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में मुख्यत: गवली समाज जाति बहुतायत में है ?(ख)
क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय हेतु क्या-क्या योजनायें संचालित है अवगत कराये
?(ग) अल्पसंख्यक समुदाय हेतु कोई विशेष योजना चल रही है ?(घ) म.प्र. शासन की खंड
स्तर पर अल्पसंख्यक शिक्षण हेतु कोई व्यवस्था है ? यदि नहीं तो शासन/विभाग
प्रयास करेगा ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क) जी
हॉ। (ख) अल्पसंख्यक समुदाय हेतु विभाग द्वारा निम्नांकित योजनाएं संचालित की जा
रही है:- (1) अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिये प्री-मैट्रिक, पोस्ट
मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्तियॉ। (2) मुख्यमंत्री स्वोरोजगार योजना।(3)
अल्पसंख्यक वर्ग में विद्यार्थियों के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण योजना। (ग)
अल्पसंख्यक समुदाय हेतु बैतूल जिले में कोई विशेष योजना संचालित नहीं है। (घ)
खण्ड स्तर पर संचालित शासकीय शिक्षण संस्थाओं में अल्पसंख्यक वर्ग के
विद्यार्थी भी अध्ययन करते हैं, पृथक से अल्पसंख्यक संस्थाऐं खोलने की शासन की
नीति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा का अधिकार
अधिनियम के अंतर्गत बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश
57. ( क्र. 857 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
छतरपुर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2014 से जुलाई 2015 तक कितने
अशासकीय विद्यालयों ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के निर्धन वर्ग के कितने
छात्रों को नि:शुल्क प्रवेश दिया ?(ख) उक्त अधिनियम के उल्लंघन करने संबंधी,
जिनमें स्कूलों की शिकायत की गई थी ? नाम तथा शिकायत का विवरण ?(ग) शिकायतों पर
क्या कार्यवाही की गई ? (घ) कितनी शिकायतें लंबित है और उपर कब तक कार्यवाही की
जावेगी ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क)
छतरपुर जिलें में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2014 से जुलाई 2015 तक 494
अशासकीय विद्यालयों द्वारा अनुसूचित जाति के 2966, अनुसूचित जनजाति के 151
तथा अन्य निर्धन वर्ग के 3955 छात्रों को नि:शुल्क प्रवेश दिया गयाा। (ख) अधिनियम
के उल्लंघन संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) ''ख'' के अनुक्रम में प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता। (घ) ''ख'' के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं
होता।
शा.कन्या विद्यालय रूई की मण्डी मुरैना के भवन, मैदान हेतु
भूमि का आवंटन
58. ( क्र. 864 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या शासकीय कन्या विद्यालय रूई की मण्डी मुरैना की स्थापना वर्ष
1917 में की गई थी तथा विद्यालय के परिसर, भवन हेतु कितना रकबा भूमि का आवंटन किया
गया था ? सर्वे नं. रकबा सहित पूर्ण जानकारी दी जावें ? वर्तमान में कितने रकबे में
विद्यालय संचालित हो रहा है ? (ख) विद्यालय की बाउण्ड्रीवाल एवं अतिरिक्त कक्षा
का निर्माण कब-कब, किन-किन मदों से कराया गया, निर्माण एजेंसी का नाम, मदराशि वर्ष
सहित पूर्ण जानकारी दी जावें ? (ग) क्या दिनांक 15.01.2015 को विद्यालय की
बाउण्ड्रीवाल एवं अतिरिक्त कक्ष को बिना विभाग को जानकारी दिये नगर पालिका मुरैना
के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण बताकर तोडा गया था ? शिक्षा विभाग द्वारा उक्त नगर
पालिका के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ?(घ) उक्त तोड़े गये अतिरिक्त कक्षों में
अध्ययनरत छात्राओं के अध्यापन की व्यवस्था कहां पर की गई है ?
स्कूल
शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क) जी हाँ। शासकीय कन्या विध्यालय् रुई की मन्डी मुरैना हेतु आवंटित भूमि
विवरण् निम्नानुसार है:-
सरल क्रमांक् |
सर्वे क्रमांक् |
रकबा |
1 |
255 |
0.021 हेक़्टेयर् |
2 |
256 |
0.125 हेक़्टेयर् |
3 |
257 |
0.010 हेक़्टेयर् |
|
कुल- |
0.156 हेक़्टेयर् |
वर्तमान
में उपरोक्त समस्त रकबे में विद्यालय संचालित है।
(ख)
विद्यालय की बाउंड्रीवाल् एवम अतिरिक़्त कक्षो के निर्माण का विवरन निम्नानुसार
है:-
सरल क्रमांक् |
निर्माण कार्य का नाम् |
लागत् |
वर्ष् |
मद |
निर्माण एजेंसी |
1 |
पूर्व का शाला भवन (10 कक्ष ) |
- |
1917 |
- |
- |
2 |
एक अतिरिक़्त कक्ष् |
0.90 लाख |
2004-05 |
सर्व शिक्षा अभियान् |
पालक शिक्षक संघ् |
3 |
एक अतिरिक़्त कक्ष् |
1.84 लाख |
2006-07 |
सर्व शिक्षा अभियान् |
पालक शिक्षक संघ् |
4 |
बाउंड्रीवाल् |
1.25 लाख |
2007-08 |
सांसद निधि |
आर.ई.एस. |
(ग)
जी हाँ। नगर पालिका मुरैना द्वारा सडक चौडीकरण मे बाउंड्रीवाल् एवम पूर्व
भवन के 10 कक्षो मे से 02 कक्षो को दिनांक 15-01-2015 को तोडा गया ।
बाउंड्रीवाल् का निर्माण नगर पालिका मुरैना द्वारा करा दिया गया है । नवीन
अतिरिक्त कक्षों को नहीं तोडा गया है। शाला परिसर में कक्षों को तोडने के पश्चात
वर्तमान में दर्ज छात्र संख्या पर पर्याप्त कक्ष उपलब्ध हैं। शेषांश प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय कन्या विध्यालय रुई की मन्डी मुरैना मे
वर्तमान मे 10 कक्ष उपलब्ध है । अतः उनमे ही अध्यापन की सुचारु व्यवस्था कर
दी गई है। विमुक्त, घुमक्कड एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति
बाहुल्य ग्रामों की योजना
59. ( क्र. 888 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरसिंगढ़
विधानसभाक्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम-विमुक्त, घुमक्कड़ एवं
अर्द्धघुमक्कड़ जाति बाहुल्य है ? (ख) प्रश्नांश (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार
उक्त ग्रामों में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के लिए
कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है ? योजना का नाम/कार्य का नाम/ आवंटित राशि सहित
बतावे ?
श्रम मंत्री ( श्री अंतरसिंह रावजी आर्य ) : (क)जानकारी
परिशिष्ट के पत्रक‘‘अ’’अनुसार है।(ख)जानकारी परिशिष्ट के पत्रक‘‘ब’’अनुसार
है।
परिशिष्ट
चौबीस नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित छात्रावास
60. ( क्र. 889 ) श्री गिरीश
भंडारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने विभाग अंतर्गत छात्रावास संचालित हैं
? नगर व ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्न की कंडिका की उपलब्ध जानकारी
अनुसार किस-किस छात्रावास में कितने-कितने छात्र-छात्रायें हैं ? किस-किस छात्रावास
में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह दी जाती है ?
आदिम जाति
कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) नरसिंहगढ विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत आदिवासी मद से कोई छात्रावास संचालित नहीं है। जानकारी निरंक है। नरसिंहगढ
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 10 छात्रावास संचालित
हैं।
जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में
प्रवेशित छात्र/छात्राओं की
जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। छात्रावासों में प्रतिमाह दी जाने वाली मदवार राशि
निम्नानुसार है:-
क्र. |
मद |
राशि (प्रतिमाह) |
1 |
शिष्यवृत्ति |
छात्र रू. 1000/- प्रतिमाह (10 माह के
लिए) छात्रा रू. 1040/- प्रतिमाह (10 माह के लिए) |
2 |
ईधन आपूर्ति रसोई गैस हेतु |
रू. 25/- प्रतिमाह (10 माह के लिए) |
3 |
उत्कृष्ट छात्रावास में पोषण आहार हेतु |
रू. 100/- प्रतिमाह (10 माह के लिए) |
4 |
उत्कृष्ट छात्रावास में स्टेशनरी हेतु |
रू. 2000/- वार्षिक |
5 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में मेस हेतु |
रू. 500/- प्रतिमाह (शैक्षणिक सत्र अवधि के
लिए) |
6 |
पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में आगमन भत्ता |
रू. 1500/- वार्षिक (प्रथम वर्ष के
लिए) रू. 250/- वार्षिक (द्वितीय वर्ष के लिए) रू. 250/- वार्षिक
(तृतीय वर्ष के लिए) |
परिशिष्ट
पच्चीस सागर चिकित्सा महाविद्यालय के एम.सी.आई की
अनुमति
61. ( क्र. 902 ) श्री जितू
पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) सागर चिकित्सा महाविद्यालय को वर्ष 2015-16 में अनुमति MCI नहीं दी
जाने के कारणों की जांच हेतु शासन स्तर पर कोई कमेटी गठित की जावेगी ? यदि हां, तो
कब तक ?(ख) शासन ने MCI के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों नहीं
दाखिल की ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क)एम.सी.आई. द्वारा संस्था में दर्शायी गई कमियों की पूर्ति करने के
प्रयास निरंत किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में
एम.सी. आई. के
निरीक्षण दल द्वारा दिनांक 20/11/2015 को चिकित्सा महाविद्यालय, सागर का निरीक्षण
किया गया है। एम.सी.आई.
की अनुशंसा
अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, सागर को प्राप्त नहीं हुई है। अतएव जांच कमेटी
गठित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता है। (ख) विभाग
द्वारा एम.सी.आई. के निरीक्षण दल द्वारा दर्शायी गई कमियों की पूर्ति की जाती है।
कमियों की पूर्ति
के लिए विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही की जाकर एम.सी.आई. को पुनः संस्था का निरीक्षण करने हेतु आमंत्रित किया
जाता है। यह एक
सतत् प्रक्रिया है। अतः एम.सी.आई. के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दाखिल किए जाने का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन एवं छठे
वेतनमान का लाभ
62. ( क्र. 903 ) श्री जितू
पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
म.प्र. शासन द्वारा विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान म.प्र. में कार्यरत अध्यापक
संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन एवं छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान प्रदान
किये जाने की घोषणा की गई थी ?(ख) क्या अध्यापक संवर्ग द्वारा अपनी मांगों को
लेकर विगत माह हड़ताल, अनशन, प्रदर्शन एवं आमरण अनशन किया गया था, जिसे रोकने हेतु
शासन द्वारा आंदोलनकारियों पर अमानवीय तरीके से बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया गया
था ?(ग) प्रश्नांक (क) एवं (ख) का उत्तर हां है, तो शासन द्वारा की गई घोषणा के
अनुसार अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन एवं छठे वेतनमान का लाभ
प्रदान करने की कार्यवाही वर्तमान तक क्यों नहीं की गई ?(घ) क्या शासन द्वारा की
गई घोषणा पर अमल किया जाकर अध्यापक संवर्ग को 31 दिसंबर 2015 के पूर्व शिक्षा
विभाग में संविलियन एवं छठे वेतनमान का लाभ प्रदान किया जावेगा ? (ड.) क्या शासन
द्वारा शिक्षाकर्मियों को हड़ताल अवधि का काटा गया वेतन जारी किया जावेगा
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) :
(क)संविलियन के संबंध में शासन का कोई निर्णय नहीं है । दिनांक 01.09.2017 से
छटवें वेतनमान का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया था।(ख) अध्यापक
संवर्ग द्वारा आंदोलन किया गया था। शेषांश, जी नहीं । (ग) एवं (घ) उत्तरांश क एवं ख
के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड)जी नहीं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में आगजनी
63. ( क्र. 936 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या दिनांक 06-07 नवम्बर 2015 की रात्रि को नियंत्रक खाद्य एवं
औषधि प्रशासन के भोपाल स्थित कार्यालय में आगजनी की घटना घटी है ?(ख) यदि हां, तो
उक्त घटना में महत्वपूर्ण कौन-कौन सी नस्ती/दस्तावेज जले हैं ? आग लगने का कारण
क्या था ?(ग) क्या उक्त आगजनी की घटना की जांच कराई गई है ? यदि हां, तो जांच
में क्या निष्कर्ष निकला ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (
डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, अपितु दिनांक 5-6 नवम्बर, 2015 की
दरम्यानी रात्रि को कार्यालय में आगजनी की घटना घटी है। (ख) एवं (ग) स्थापना,
शिकायत, विभागीय जांच शाखा एवं औषधि शाखा की नस्तियां/दस्तावेज़ जले हैं। चूंकि
नस्तियों के साथ - साथ इनकी संधारित पंजियां भी जल गयी हैं, अतः यह बताना संभव नहीं
है कि कौन-कौन सी नस्तियां/दस्तावेज़ जले हैं। आग लगने के कारणों की विवेचना
शाहजहांनांबाद पुलिस थाना भोपाल द्वारा आगजनी क्रमांक 4/15 दर्ज कर की जा रही है।
चूंकि जांच प्रचलन में है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
बीमारी सहायता निधि की स्वीकृति
64. ( क्र. 946 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत तीन वर्षों में जिला अनूपपुर में कितने
हितग्राहियों को राज्य बीमारी सहायता निधि, बाल ह्दय उपचार योजना एवं
मुख्यमंत्री चिकित्सा स्वैच्छानुदान सहायता से कितने राशि उपलब्ध कराई गई ?
विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें ? (ख) अस्पतालवार हितग्राहियों की सूची, नाम, पते
एवं प्रदान की गई राशि की सूची प्रदान करें ? किन-किन बीमारियों के लिये राशि
प्रदान की गई है ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी प्रश्नांश ''क'' के पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट में समाहित है।
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति
65. ( क्र. 951 ) श्री
योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क)सिवनी जिले के स्कूल शिक्षा विभागान्तर्गत विकासखण्ड सिवनी,बरघाट एवं
केवलारी में 0 1 अप्रैल, 2015 की स्थिति में कितने सहायक शिक्षक कार्यरत हैं ?
(ख)प्रश्नांश(क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे स्नातक शिक्षक जिनका 24 वर्ष से अधिक
का सेवाकाल हो गया है, क्या ऐसे सहायक शिक्षकों को पदोन्नत करने की शासन के पास
कोई योजना लंबित हैं ? यदि हां, तो कब तक योजना का पालन करते हुये सहायक शिक्षकों
को पदोन्नत कर दिया जायेगा ? (ग) उक्त शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने की कोई
योजना है ? यदि हां, तो कब तक समयमान वेतनमान शिक्षकों को दे दिया जायेगा
?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1064 सहायक
शिक्षक कार्यरत है। (ख) शिक्षक संवर्ग के पद रिक्त होने एवं
पात्रता होने पर पदोन्नति की जाती है । (ग) जी नहीे ।
जननी
एक्सप्रेस वाहनों पर व्यय
66. ( क्र. 961 ) श्री हर्ष
यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) सागर जिलान्तर्गत समस्त विकासखण्डों में महिलाओं को प्रसूति हेतु
चिकित्सालय तक लाने व ले जाने हेतु जननी एक्सप्रेस वाहनों को लगाये जाने के संबंध
में क्या नीति-नियम, निर्देश हैं ? सागर जिले में विकासखण्डवार इस हेतु कितने
वाहन, कब से किस अवधि हेतु, किस दर पर किस फर्म के लगाये गए है ? गत एक वर्ष की
जानकारी दें ? इस हेतु किये गये भुगतान का माहवार विवरण दें ? (ख) वर्तमान में जननी
एक्सप्रेस में संचालित वाहनों (सागर जिलान्तर्गत) के नाम, नंबर व चालक के नाम
सहित जानकारी दें ? मरम्मत अवधि में भी वाहन के नाम से भुगतान हेतु कौन उत्तरदायी
है ? (ग) सागर जिला चिकित्सालय के कार्य क्षेत्रान्तर्गत, किस प्रयोजन हेतु कितने
वाहन किराये पर लिये गये हैं ? एक वर्ष में इनके किराये, ईधन व मरम्मत पर व्यय
राशि की माहवार जानकारी दें ? वाहन का उपयोग किस अधिकारी द्वारा किस कार्य हेतु
किया जा रहा है ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम
मिश्र ) : (क) सागर जिलान्तर्गत समस्त विकासखंडों मे महिलाओं को प्रसूति हेतु
चिकित्सालय तक लाने व ले जाने हेतु जननी एक्सप्रेस वाहनों को लगाये जाने के सबंध मे
नीति नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार
है। सागर जिले में विकासखण्डवार लगाये गये वाहनों की जानकारी एवं विगत 1
वर्ष में किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र दो अनुसार है । (ख) सागर जिला अंतर्गत संचालित जननी एक्सप्रेस
वाहनों के नम्बर व नाम एवं वाहन चालक की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। मरम्मत अवधि में भुगतान की जानकारी
संस्था प्रभारी की है। (ग) सागर जिला चिकित्सालय कार्य क्षेत्र अंतर्गत 2 वाहन जननी
एक्सप्रेस के अंतर्गत संचालित हैं तथा 1 वाहन मोबिलिटी सपोर्ट-अरबन स्वास्थ्य मिशन
के तहत लगाया गया है जो कॉल ड्यूटी हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिये उपयोग होता
है। मरम्मत का व्यय वाहन मालिक स्वयं करता है। विगत 1 वर्ष में इन वाहनों किराये,
ईधन व मरम्मत पर हुये माहवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र चार अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों का
स्थानांतरण
67. ( क्र. 980 ) श्रीमती ऊषा
चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 9-1/86 क्र.-क/ एफ,
दिनांक 12-11-1988 क्र. 1631/282/1/15/09, दिनांक 01/11/1991, स्मरण पत्र क्र.
233/3652/1/5 दिनांक 16/01/1993 एवं क्र. एफ-6/2/94/1/15, दिनांक 02/06/1994 के
अंतर्गत स्थापना, क्रय एवं भण्डार शाखा में तीन वर्ष से अधिक या निरंतर कार्य
करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण किये जाने के आदेश दिये गये है ?
(ख) यदि हां, तो भोपाल के हमीदिया चिकित्सालय के भण्डार/क्रय शाखाओं में कार्यरत
कर्मचारीगण किस-किस दिनांक से निरंतर कार्यरत है ? नाम तथा पद सहित दर्शायें ? (ग)
केन्द्रीय औषधी भण्डार के किस फर्मासिस्ट के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश हो
चुका है परंतु आज दिनांक तक उसे निलंबित नहीं किया गया ? (घ) क्या विभाग सामान्य
प्रशासन विभाग के नियमों का पालन करते हुए जिन कर्मचारियों को एक ही स्थानों पर
तीन वर्ष का समय हो गया हो, उन्हें अन्यत्र कब तक पदस्थ किया जावेगा
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।(घ)जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में परमानेन्ट आर्टिकलों की
खरीदारी
68. ( क्र. 981 ) श्रीमती ऊषा
चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 तथा
2014-15 में किन-किन परमानेन्ट आर्टिकलों की खरीदारी की अनुशंसा क्रय शाखा से की
गई तथा क्या यह अनुशंसा चिकित्सालयों में स्थित वार्डों के मांगपत्रों के आधार पर
उनकी मांग पूर्ति हेतु की गई थी ? (ख) यदि हां, तो उक्त वर्षों में की गई खरीदारी
हेतु कब-कब निविदायें आमंत्रित की गई ? किस-किसके द्वारा निविदायें, दरें प्रस्तुत
की गई एवं इनका तुलनात्मक पत्रक कब-कब किस-किस अधिाकरी एवं कर्मचारियों के द्वारा
तैयार किया गया ? (ग) उक्त वर्षों में किन-किन प्रदायकर्ताओं की दरें न्यूनतम पाई
गई एवं उनसे कितनी-कितनी राशि की खरीदारी का सामान प्राप्त किया गया
?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :
(क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)
जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने
बाबत्
69. ( क्र. 982 ) श्रीमती ऊषा
चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा अपने पत्र क्र.
1981/प्रवेश/4/2014 दिनांक 26.06.2014 द्वारा अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय
भोपाल की अध्यक्षता में डॉ.कमलेश कुमार मेवाड़े के विरूद्ध मा. मुख्यमंत्री जी को
प्राप्त शिकायत की जांच हेतु समिति गठित कर जांच प्रतिवेदन दिनांक 02.07.2014 के
पूर्व अनुशंसा सहित उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे ? (ख) क्या
उपरोक्तानुसार निश्चित दिनांक के पूर्व जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया ? जांच
प्रतिवेदन अनुसार संचालनालय द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या
चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को संबंधित शाखा प्रभारी श्रीमती राजश्री द्वारा
अपूर्ण/ असत्य जानकारी दी गई तथा संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा फर्जी चिकित्सक
से सांठगांठ, मिलीभगत कर शिकायत में उल्लेखित गंभीर तथ्यों की अनदेखी कर प्रकरण
नस्तीबद्ध कर दिया गाय है ? (घ) उक्त फर्जी चिकित्सक के विरूद्ध प्रश्न दिनांक
तक कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)जानकारी एकत्रित की जा रही
है।(ख)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(ग)जानकारी एकत्रित की जा रही है।(घ)जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
आदिम जाति
कल्याण विभाग द्वारा क्रय सामग्री
70. ( क्र. 993 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा किस-किस योजनान्तर्गत कौन-कौन सी
सामग्री क्रय की जाती है ? सामग्री किस प्रक्रिया के तहत क्रय की गयी है क्रय
प्रक्रिया का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराते हुए जानकारी योजनावार, कार्यवार, मदवार
पृथक-पृथक उपलब्ध करावें ?(ख) शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा
कितने छात्रावास संचालित है व उक्त छात्रावासों में कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय व
क्रय की जाती है ? वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों में कौन-कौन सी
सामग्री किस-किस फर्म, संस्था द्वारा प्रदाय की गयी ?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख)
अनुसार सामग्री क्रय हेतु निविदा कब-कब व किस-किस समाचार पत्रों में जारी की गयी व
उक्त निविदा प्रक्रिया में किस-किस, फर्म, संस्था ने भाग लिया ? सामग्री क्रय
हेतु कोई क्रय समिति बनाई गयी थी ? यदि हां, तो विवरण दें यदि नहीं, तो किस प्रकार
सामग्री क्रय की गयी ? जानकारी छात्रावासवार, मदवार, सामग्रीवार, लागत व फर्म को
किये गये भुगतान सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें ?
आदिम जाति कल्याण
मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला शिवपुरी आदिम जाति कल्याण विभाग
द्वारा निम्न योजना अंतर्गत समग्री क्रय की जाती है:- 1. छात्रावास-आश्रम सामग्री
पूर्ति मद । 2. सहरिया जनजाति छात्र/छात्राओं को गणवेश योजना । 3. विशेष
के्न्द्रीय सहायता मद अंतर्गत डीजल पंंप प्रदाय योजना । शासन के दिशाा-निर्देशों
की प्रक्रिया के तहत सामग्री क्रय की गई है । क्रय की गई सामग्री का योजना वार
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 140 छात्रावास संचालित हैं ।
उक्त संस्थाओं में लगने वाली सामग्री क्रय का विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले में अनुसूचित
जनजाति छात्रावास/आश्रमों में व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री यथा -बिस्तर सामग्री का
क्रय हेतु राशि छात्र/पालकों के व्यक्तिगत खातों में जमा की जाकर सामग्री
छात्र/पालकों द्वारा स्वयं क्रय की गई तथा सामुहिक उपयोग की सामग्री का क्रय पालक
समिति द्वारा भंडार क्रय नियमों का पालन करते हुए सामग्री प्रदाय हेतु शासन द्वारा
निर्धारित शासकीय उपक्रमों से ही सामग्री क्रय की गई है । जिला स्तर से किसी भी
प्रकार की निविदा आदि जारी नहीं की गई है । छात्रावास/आश्रमों में स्थायी सामग्री
क्रय हेतु प्रत्येक छात्रवास/आश्रमों में म0प्र0 शासन के पत्र क्रमांक/एफ
12-11/2014/25-2 भोपाल दिनांक 17/06/2014 के निर्देशानुसार पालक समिति का गठन किया
गया है । वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक आदिवासी छात्रावास/ आश्रमों का
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है।
शिवपुरी जिले में कराये गये निर्माण कार्य
71. ( क्र. 994 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा किस-किस योजनान्तर्गत कौन-कौन से
निर्माण कार्य कराये जाते है व इस हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है वर्ष 2014-15
से प्रश्न दिनांक तक जानकारी योजनावार, कार्यवार, मदवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें
?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस कार्य हेतु निविदा कब-कब व किस-किस समाचार
पत्रों में जारी की गयी व उक्त निविदा प्रक्रिया में किस-किस फर्म, संस्था ने भाग
लिया तथा कौन-कौन से कार्य किस-किस फर्म, संस्था से कराये जाने हेतु कार्यादेश
जारी किये गये कार्यवार, मदवार, कार्य की लागत व संबंधित फर्म को किए गए भुगतान की
जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावे ?(ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कराये
गये निर्माण कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं ? यदि नहीं तो इसके लिये
कौन-कौन दोषी है ? व उनके व संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गयी है ?
यदि नहीं तो क्यों ?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) :
(क)जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''अ'' एवं
''ब'' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार हैं। निर्माण कार्य ग्राम पंचायत के
माध्यम से कराये गये। अत: निविदा आमंत्रित नहीं की जाती है। (ग) जनजाति बस्ती
विकास अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 44 में से 24 कार्य प्रगति पर है।
संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अन्तर्गत भारत सरकार से शेष राशि प्राप्त न होने
से कार्य अपूर्ण हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।