मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
अगस्त, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 11 अगस्त, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राज्य
आपदा मोचन
निधि से किये
गये व्यय
[राजस्व]
1. ( *क्र. 866 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य आपदा मोचन निधी (एस.डी.आर.एफ.) से जिला कलेक्टर ने वर्ष 2019-20 में 166 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 717.21 करोड़ खर्च किये गये? यदि हां, तो जिलेवार इस मद में किये गये खर्च की राशि बताएं? (ख) इंदौर, उज्जैन संभाग के सभी जिलों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निधी में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को खर्च की गई, क्या खरीदी की गई, किस-किस कार्य के लिये कितना भुगतान किया गया? (ग) इंदौर, उज्जैन संभाग में पिछले 10 वर्ष में हाई कोर्ट के आदेश के नाम पर कितनी शासकीय जमीन जो किसी मकसद के लिये लीज पर दी गई थी, उसे निजी नाम पर कर दिया गया? जमीन अनुसार संपूर्ण जानकारी दें तथा बतावें कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी गई तथा निजी नाम पर करने के पूर्व विधि विभाग से राय क्यों नहीं ली गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जमीन के निजी नाम पर करने पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? हाईकोर्ट से समस्त फैसलों का विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन के नियम
[श्रम]
2. ( *क्र. 344 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं? विगत 3 वर्षों में रायसेन जिले में कितने श्रमिकों का पंजीयन हुआ है? जनपद पंचायतवार संख्या बतायें। (ख) श्रमिकों के पंजीयन हेतु क्या-क्या शर्तें हैं तथा पंजीयन करने का अधिकार किसको है तथा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत मजदूर का कर्मकार मण्डल में पंजीयन क्यों नहीं होता है? (ग) जुलाई, 2021 की स्थिति में किस-किस योजना में कितने प्रकरण राशि भुगतान हेतु कब से लंबित हैं तथा क्यों? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत 3 वर्षों में रायसेन जिले में किये गये निर्माण श्रमिकों के पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन हेतु शर्तें तथा पंजीयन हेतु प्राधिकृत अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शासन के नियमानुसार किसी भी श्रमिक द्वारा कर्मकार मण्डल अथवा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पात्रता (निर्माण श्रमिक/अन्य श्रमिक) अनुसार केवल एक ही योजना में पंजीयन कराया जा सकता है। (ग) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना अंतर्गत भुगतान हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी तथ्य बनाकर निर्णय देने पर जांच/कार्यवाही
[राजस्व]
3. ( *क्र. 34 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को उनकी शिकायत क्र. 657, दिनांक 02.02.2020 के संबंध में श्री राजेश कौल, अवर सचिव द्वारा अपने पत्र क्र. 685/1242/2021/सात-2, दिनांक 07.04.2021 से कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र क्र. 536/2021, दिनांक 13.01.2021 के माध्यम से अपर कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया था? (ख) जानकारी दें कि जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदत्त विधान सभा क्षेत्र विकास निधि से खेल प्रशाल, इटारसी में कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति होना पाया गया? (ग) क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा न्यायालयीन निर्णय में प्रश्नकर्ता पर लगाया गया conflict of intrest आरोप सही पाया गया? (घ) क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा फर्जी तथ्य का उल्लेख कर conflict of intreset का आरोप प्रश्नकर्ता पर लगाया था? (ड.) यदि हां, तो क्या इस संबंध में श्री हरेन्द्र नारायण पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं (ख) माननीय विधायक श्री सीतासरन शर्मा द्वारा पत्र क्र. 1520, दिनांक 04-10-2017 के द्वारा निर्माणाधीन इटारसी खेल प्रशाल के कार्य पूर्ण करने हेतु राशि रू 05.00 लाख की अनुशंसा की गई थी। माननीय विधायक व्दारा पत्र क्र. 1576, दिनांक 16.01.2018 के द्वारा उक्त कार्य के स्थान पर इटारसी नगर में पेयजल हेतु सम्वेल निर्माण (प्रकाश उद्यान में) संशोधित किया गया था। माननीय के संशोधित पत्र प्राप्त हो जाने के फलस्वरूप निर्माणाधीन खेल प्रशाल कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। (ग) एवं (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट इटारसी द्वारा उनके प्रकरण क्र. 0001/बी-113 (4) वर्ष 2019-20 में पारित आदेश दिनांक 07/01/2020 के माध्यम से द्वारकाधीश एवं रामजानकी मंदिर समिति इटारसी के विरूद्ध माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश होशंगाबाद में दिनांक 07/01/2020 को एक परिवाद प्रेषित किया गया था, जिसके विरूद्ध भूपेन्द्र कुमार जाट द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका क्रमांक 5206/2020 प्रस्तुत की गयी है, जो वर्तमान में प्रचलन में है। उपरोक्त रिट याचिका का वर्तमान स्टेटस अनुसार प्रकरण दिनांक 21/04/2020 को नोटिस/स्टे अनुसार प्रचलन में है एवं दिनांक 21/04/2020 के पश्चात् माननीय न्यायालय के समक्ष सुनवाई हेतु सूचीबद्ध नहीं किया गया है। (ड.) माननीय विधायक से प्राप्त पत्र दिनांक 04/10/2017 एवं दिनांक 16/01/2018 के संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग को विभाग द्वारा दिनांक 30/07/21 को लेख किया गया है। प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग में विचाराधीन है।
पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों हेतु स्पेशल पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 616 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 51/205/D-2का/मु.अ.च.बे./2020/भोपाल दिनांक 10.02.2021 में उल्लेख है कि पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों हेतु स्पेशल पैकेज प्रमुख अभियंता कार्यालय के माध्यम से शासन को प्रेषित किया जा चुका है? पैकेज पुनरीक्षित किये जाने हेतु शासन से प्राप्त प्रारूप प्रकरण अनुसार पैकेज को पुनरीक्षित कर शीघ्र प्रस्तुत किया जा रहा है? यदि हां, तो क्या प्रश्न दिनांक तक शासन से प्राप्त प्रारूप प्रकरण अनुसार पैकेज को पुनरीक्षित कर प्रस्तुत किया जा चुका है? यदि हां, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है तथा उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय मॉनिट से निर्देश विभाग को दिये गये हैं? यदि हां, तो कब तक पैकेज पुनरीक्षित कर प्रभावित परिवारों को मांग अनुसार स्पेशल पैकेज का लाभ प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
शास. नवीन हाई स्कूल आनंद नगर भोपाल में विज्ञान संकाय के स्वीकृत पद
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 495 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नवीन हाई स्कूल आनंद नगर भोपाल में विज्ञान संकाय के कितने स्वीकृत पद हैं? (ख) क्या विज्ञान के अतिशेष शिक्षक कार्यरत हैं? क्या उनकी पदस्थापना नियमानुसार है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो ऐसे अतिशेष विज्ञान संकाय में पदस्थ शिक्षकों की पदस्थापना अन्यत्र/जहां उनकी मूल पदस्थापना की थी, उसी स्थान पर क्या उनकी पुन: पदस्थापना की कार्यवाही शासन द्वारा की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के 04 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं। पदस्थापना नियमानुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वि.स. क्षेत्र पनागर अंतर्गत स्कूल/सड़क की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
6. ( *क्र. 314 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूल बल्हवारा एवं पड़वार की भूमि के अतिक्रमण हटाने बावत प्रश्न क्रमांक 2717, दिनांक 04.03.2021 के संशोधित उत्तर (क) में शासन ने माना है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? (ख) क्या पूर्व प्रश्न क्रमांक, 2712 के उत्तरांश (ग) के अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं? यदि हां, तो दर्ज प्रकरण की कापी देवें। (ग) पूर्व प्रश्न क्रमांक 2712 (घ) के उत्तर अनुसार कब्जा हटाने की कार्यवाही प्रचलित है? (घ) क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब्जा हटा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। प्रकरणों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) जी हां। (घ) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्रमांक WP-8820/2021 में आदेश अनुसार दिनांक 25.08.2021 तक कब्जा हटाने में रोक लगायी जाने से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं की गई है।
शा. नजूल भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
7. ( *क्र. 221 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 414) दिनांक 25/02/2021 के प्रश्नांश (क) का उत्तर कटनी जिला अंतर्गत शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिये वर्ष 1958-59 की खतौनी से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी वृहद स्वरूप की है। उक्त जानकारी संकलित की जा रही है दिया गया है? प्रश्नांश (ख) का उत्तर जी हॉ जानकारी संकलित की जा रही है दिया गया है? प्रश्नांश (ग) का उत्तर प्रकरण संज्ञान में आने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी दिया गया है? प्रश्नांश (घ) का उत्तर प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर की जानकारी यदि एकत्र हो गई हो तो दें, यदि नहीं, तो अब तक एकत्र न होने के क्या कारण हैं? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2255 दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता सदस्य ने कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 972 दिनांक 12.07.2021 से शासकीय नजूल भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने की शिकायत की गई है। उक्त प्रकरण पहले से कलेक्टर नजूल शाखा में चल रहा है उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रकरण संज्ञान में होते हुए भी भ्रामक असत्य उत्तर दिए जाने की जांच कराई जावेगी? यदि हॉं तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नांश 'क' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता मा. विधायक द्वारा प्रेषित शिकायती पत्र क्रमांक 972 दिनांक 12-07-2021 के अनुक्रम में विधिवत न्यायालय तहसीलदार कटनी नगर के रा०प्र०क्र०0298/बी-121/2021-22 दिनांक 02-08-2021 में पंजीबद्ध किया जाकर गतिशील है। (घ) किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है। शिकायती प्रकरण न्यायालय तहसीलदार कटनी नगर में पंजीबद्ध किया गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
शासकीय भूमियों की हेराफेरी पर रोक
[राजस्व]
8. ( *क्र. 886 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 31, दिनांक 16.12.2012 को विधान सभा में चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ 11-39/2012 भोपाल, दिनांक 22.01.2013 द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 323, दिनांक 19.02.2013 के तहत 5 पटवारियों को हटाते हुए राजस्व निरीक्षकों को प्रभार दिया गया था। उक्त आदेश के नगर निगम क्षेत्र में पदस्थापना की कुल अवधि का अवलोकन करें, दूसरा आदेश पत्र क्र. 377, दिनांक 26.02.2014 को कलेक्टर सतना द्वारा जारी किया गया था, तीसरा आदेश अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर सतना द्वारा पत्र क्र. 2120, दिनांक 04.03.2014 को किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर सही है तो शासन के साफ-साफ निर्देश हैं कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि कोई भी पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक अपनी सेवाकाल की कुल अवधि में 3 वर्ष से अधिक समय तक शहरी क्षेत्र में पदस्थ न रहे? शासन के यह आदेश भी समस्त कलेक्टरों को थे, कि नगरीय क्षेत्र एवं बाह्य नजूल में स्थित शासकीय भूमि की हेराफेरी पर अंकुश लगाया जाये? शासन के साफ निर्देशों के बाद भी कलेक्टर एवं एस.डी.एम. वर्षों से जमे पटवारी राजस्व निरीक्षक का स्थानांतरण के चलते नहीं कर पा रहे हैं, क्यों? प्रमुख सचिव राजस्व को कलेक्टर सतना को उक्त पटवारियों के रघुराजनगर तहसील में अन्यत्र करने के निर्देश जारी करने चाहिये, नहीं कर सकते हैं, तो कारण सहित बतायें? (ग) रघुराज नगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकवा 13.127 हे. शासकीय है? उक्त आराजी को निजी स्वत्व में करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है? शहर के ह्दय स्थल की उक्त आराजी को राज्य शासन को हर स्तर पर बचाना चाहिये। मौजा बदखर की आराजी क्र. 343, 352, 355, 381 का जांच प्रतिवेदन नायब/तहसीलदार हाटी द्वारा पत्र क्र. 414, दिनांक 22.07.2020 को तहसील रघुराजनगर को सौंपा गया था? तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र. 1441/1, दिनांक 07.08.2020 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को जमा करा दिया गया, लेकिन आज दिनांक तक खसरा सुधार नहीं किया गया है? इसी तरह उक्त मौजा की आराजी नं. 39, रकवा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में तहसील रघुराजनगर ने दिनांक 18.12.2019 को एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में जमा किया है, लेकिन 90 वर्षीय बृजलाल नाई पिता बहोरिया नाई को आज दिनांक तक न्याय नहीं मिला है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) अगर सही है तो तहसील रघुराजनगर से उक्त पटवारियों को कब तक तहसील से बाहर स्थानांतरित कर दिया जायेगा तथा भूमाफियाओं के साथ मिलकर शासकीय आराजियों को खुर्द-बुर्द कर जो करोड़ों रूपये की कमायी की है, उसकी जांच भी राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें तथा प्रश्नांश (ग) में बृजलाल नाई की आराजी में कब तक खसरा में सुधार कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, प्रश्नानुसार आदेश जारी किये गये थे। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर पालिक निगम सतना के नगरीय क्षेत्र के पटवारी हल्कों में पटवारियों की पदस्थापना करते समय शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र एवं बाहृय नजूल क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि की हेराफेरी पर अंकुश है। शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में नगरीय क्षेत्रांतर्गत पटवारी के पदस्थापना की कुल सेवाकाल की अवधि पर ध्यान दिया जाता है। (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533 किता 6 कुल रकवा 13.127 हे. वर्तमान में शासकीय है। उक्त भूमि भूमिस्वामी स्वत्व मे परिवर्तित नहीं हुई है। उक्त भूमि को भूमि स्वामी स्वत्व में परिवर्तित किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। मौजा बदखर की आराजी नं. 343, 352, 355, 381 के संबंध में न्यायालय अनु.अधि. के प्र.क्र. 13 अ 6 अ 2021-22 ब्रजलाल सेन बनाम नर्मदा सेन प्रसाद में प्रतिवेदन दिनांक 28.07.2021 कलेक्टर न्यायालय में निर्णय हेतु विचाराधीन हैं, शीघ्र ही विधि संगत कार्यवाही की जावेगी। मौजा बदखर की आराजी नं. 39 रकवा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में न्यायालय अनु.अधि. के न्यायालय के प्रकरण 34 अ 74/2021-22 ब्रजलाल नाई बनाम ओम प्रकाश विजोरिया वगैरह में प्रतिवेदन तैयार कर दिनांक 30.06.2021 न्यायालय कलेक्टर पंजीबद्ध होकर प्रचलित है, प्रकरण तलवी हेतु नियत है, प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) म.प्र. शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2021 का पालन करते हुए पटवारियों के स्थानांतरण किये जा रहे हैं। बृजलाल नाई की आराजी के मामले में उत्तरांश (ग) में अंकित न्यायालय से पारित आदेश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
म.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीयन के प्रावधान
[श्रम]
9. ( *क्र. 132 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों के पिछले 1 साल में 90 दिन मजदूरी करने पर प्रत्येक सदस्य को पृथक पृथक पंजीबद्ध कर पृथक पृथक पंजीयन कार्ड जारी किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हां, तो क्या इस पंजीयन के लिये श्रम विभाग द्वारा विकसित वेब पोर्टल पर एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य का पंजीयन किये जाने की सुविधा उपलब्ध है? (ग) यदि हां, तो इसकी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देवें, यदि नहीं, तो फिर ऐसा क्यों? (घ) सरकार के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी इस तरीके की सुविधा वेब पोर्टल पर उपलब्ध न कराने के लिये कौन कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर सरकार कब तक और क्या कार्यवाही करेगी? (ड.) क्या पिछले 5 सालों में सिर्फ उपरोक्त कारण से अस्वीकृत किये गए आवेदनों की सरकार समीक्षा करके ऐसे लोगों का स्वतः पंजीयन करने के निर्देश देगी, जिनके आवेदन सिर्फ इस कारणों से अस्वीकृत किये गए कि उनके परिवार के किसी एक सदस्य का पंजीयन पूर्व से है? यदि हां, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हॉं। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल अंतर्गत एक ही परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के एक से अधिक सदस्यों द्वारा विगत एक वर्ष में 90 दिवस से अधिक भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यों में संलग्न रहने पर पृथक-पृथक पंजीयन किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हॉं। (ग) निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जिनके द्वारा विगत वर्ष में 90 दिवस भवन तथा अन्य संनिर्माण कार्य किया हो, द्वारा लोक सेवा केन्द्र अथवा पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य के पंजीयन हेतु जिस श्रमिक का पंजीयन किया जाना है, उसका नाम किसी अन्य पंजीयन में अंकित हो, तो उसे उक्त पंजीयन से हटाकर समग्र सदस्य आई.डी. से नया पंजीयन किया जा सकता है। एक समग्र परिवार आई.डी. से परिवार के अन्य सदस्य भी अपना पंजीयन करवा सकते हैं। (घ) एवं (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छतरपुर जिले में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय की स्थापना
[श्रम]
10. ( *क्र. 483 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोले जाने हेतु निर्णय हुआ था? निर्णय उपरांत कलेक्टर को भूमि आवंटन करने हेतु पत्र लिखा गया था? विद्यालय भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी का निर्धारण किया गया था? कितना व्यय अनुमानित किया गया था? (ख) उक्त विद्यालय के भवन निर्माण की क्या स्थिति है? क्या छतरपुर में निर्मित होने वाले विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति निरस्त कर दी गई? यदि हाँ, तो किस कारण?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। जिला छतरपुर में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोले जाने हेतु निर्णय हुआ था। शासन की ओर से कलेक्टर, छतरपुर को श्रमोदय आवासीय विद्यालय हेतु भूमि आवंटन के लिये पत्र लिखा गया था।विद्यालय भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेन्सी निर्धारित की गई थी। श्रमोदय विद्यालय, छतरपुर के निर्माण का अनुमानित व्यय रू. 5403.81 लाख था। (ख) जिला छतरपुर में प्रस्तावित नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा निरस्त की गई है।शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिलांतर्गत कृषि उपज का उपार्जन/भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( *क्र. 145 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-425,दिनांक-23/09/2020 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में कटनी-जिले मे विगत तीन वर्षों में खाद्यान्न के उपार्जन और भंडारण में अनियमितताओं की कौन-कौन सी जानकारी शासन को किस प्रकार ज्ञात हुई और प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्या वर्ष 2019-20 से अब तक कटनी जिले से पीडीएस वितरण हेतु भेजा गया और भंडारित खाद्यान्न अमानक पाया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ एवं कौन-कौन सा खाद्यान्न किस आधार एवं किन जाँचों में अमानक पाया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अमानक खाद्यान्न के प्रकरणों में कोई जांच और कार्यवाही की गयी?यदि हाँ,तो प्रश्न दिनांक तक की गयी जांच/कार्यवाही सहित बताएं, कि इन अनियमितताओं के लिए कौन-कौन जिम्मेदार पाया गया, और क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जा चुकी है? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) कटनी जिले मे कौन-कौन से खाद्यान्न और कृषि उपजों की खेती की जाती है? विगत-03 वर्षों में कितनी-कितनी और कौन-कौन सी कृषि उपज का उत्पादन हुआ और क्या इन उपजों के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ,तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो किन-किन कृषि उपज के भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं और शासन एवं विभाग स्तर पर इसके लिए क्या कार्यवाही की गयी एवं क्या योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना जिलांतर्गत नामांतरण/डायवर्सन के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 834 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना की समस्त तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालयों में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने नामांतरण एवं डायवर्सन के प्रकरण प्राप्त हुए और कितनों को निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण लंबित होने का कारण क्या है? (ख) क्या कार्यालयों में पदस्थ रीडर/पटवारी/राजस्व निरीक्षक की लापरवाही, कार्य के प्रति उदासीनता की वजह से आवेदकगणों को कार्यालयों के कई-कई बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं, तो विलम्ब एवं आवेदकों की परेशानी का क्या कारण है? (ग) क्या नामांतरण/डायवर्सन के प्रकरण निराकरण हेतु विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को निश्चित समयसीमा नियत की गई है? यदि हाँ तो समयावधि समाप्ति के बाद विलम्ब हेतु कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ तो अब तक कौन-कौन से अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसानों एवं आमजनों की सुविधा एवं कार्य में सुगमता हेतु विभाग के उच्चस्थ अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक माह विलंबित प्रकरणों की मॉनीटरिंग की जाकर जवाबदेह अधिकारी को निश्चित समयसीमा में प्रकरण निराकरण हेतु एक निश्चित लक्ष्य प्रकरण संख्या दी जावेगी? यदि हाँ, तो कार्ययोजना बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना की तहसील में नामांतरण एवं अनुभाग में डायवर्सन के प्रकरणों की तहसीलवार एवं अनुभागवार जानकारी निम्नानुसार है :- नामांतरण के प्रकरण :- तहसील/कुल दर्ज प्रकरण/निराकृत प्रकरण/शेष प्रकरण पोरसा/10442/9598/844 अम्बाह/14992/13898/1094, मुरैना/ 23108/21382/1726, बामौर/7255/6489/766, जौरा/18839/16220/2619, कैलारस/15248/14336/912, सबलगढ़/7015/5890/1125, डायवर्सन पुष्टि प्रकरण: अनुभाग/ कुल दर्ज प्रकरण/निराकृत प्रकरण/शेष प्रकरण, अम्बाह 514/514, मुरैना/2969/2886/83, जौरा/396/357/39, सबलगढ़/997/965/32। मुरैना की तहसीलों में नामातंरण के लंबित प्रकरण एवं अनुभागों में डायवर्सन पुष्टि के लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियम अनुसार न्यायिक प्रक्रिया की प्रतिपूर्ति उपरांत समयावधि में निराकरण किया जाता है। (ख) जी नहीं। मुरैना की तहसीलों में नामातंरण के लंबित प्रकरण एवं अनुभागों में डायवर्सन पुष्टि के लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियम अनुसार न्यायिक प्रक्रिया की प्रतिपूर्ति उपरांत समयावधि में निराकरण किया जाता है। (ग) जी हॉ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 की धारा 110 की कंडिका 4 के अनुसार नामांतरण के अविवादित प्रकरण 30 दिवस एवं विवादित प्रकरण हेतु 05 माह की समय-सीमा नियत की गई है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निधारण) नियम, 2018 में व्यवस्था है कि, ''अधिकार अभिलेख से भिन्न, भू- अभिलेखों को, उपखण्ड अधिकारी द्वारा प्रीमियम तथा पुनर्निधारित भू-राजस्व की गणना की उक्त नियमों के नियम 13 के उपनियम (1) के अधीन पुष्टि किये जाने या नियम 11 के अधीन भूमिस्वामी द्वारा दी गई सूचना की तारीख से पन्द्रह दिवस के पश्चात्, जो भी पूर्वतर हो, अद्यतन किया जाएगा, परंतु यदि उपखण्ड अधिकारी भूमिस्वामी को अंतर की राशि, यदि कोई हो, जमा करने की सूचना देता है तो ऐसा भू-अभिलेख ऐसी राशि जमा करने के पश्चात् ही अद्यतन किया जाएगा''। (घ) उच्चस्थ अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक माह विलंबित प्रकरणों की मॉनिटरिंग की जाकर जवाबदेह अधिकारियों को निश्चित समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देशित किया जाता है।
नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत पात्रता पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 109 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता हैं? कितने पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. कार्ड बनाकर प्रदाय किये गये हैं तथा कितने पात्र हितग्राहियों को प्रदान नहीं किये गये हैं एवं क्यों? वर्ष 2019-20 से 2021-22 जून 21 तक की वार्डवार व माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने बी.पी.एल. कार्डधारक हितग्राहियों को राशन पात्रता पर्ची प्रदाय की गईं हैं एवं कितने कार्डधारक हितग्राही पात्रता पर्ची से वंचित हैं एवं क्यों? कितने हितग्राहियों की पात्रता पर्ची को राशन वितरण करने वाली सूची में जोड़ा गया है एवं कितने हितग्राहियों की पात्रता पर्ची को नहीं जोड़ा गया है? वार्डवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ताओं को आधार लिंक एवं समग्र आई.डी. से जोड़ा गया है तथा कितने उपभोक्ताओं को नहीं जोड़ा गया है एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में कितने पात्रता पर्ची धारक उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा से कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया हैं एवं क्यों? इसकी जांच कब-कब किसने की है? वार्डवार व माहवार उपभोक्ताओं की जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट की प्रगति
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 699 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट में कितने गांव में भूमि का अधिग्रहण का कार्य पूर्ण किया जाकर मुआवजा वितरित कर दिया गया है तथा कितने गांव में यह कार्य शेष है तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) उक्त योजना हेतु शासन द्वारा कितने बजट का प्रावधान किया गया है तथा कितने चरणों में कार्य पूर्ण होगा वर्तमान में कार्य की प्रगति की क्या स्थिति है? (ग) कार्य पूर्ण होने के उपरांत कितनी जमीन सिंचित होगी और इसका लाभ किन-किन गांव को मिलेगा और विकासखण्ड सीहोर का कितना एरिया कवर होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आवार्ड की कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) इस परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में रू.200 करोड़ का बजट प्रावधान है। परियोजना का निर्माण कार्य दो चरण अर्थात बांध निर्माण एवं उच्च दाब नहर प्रणाली में किया जाना है। वर्तमान में बांध निर्माण कार्य 80 प्रतिशत एवं नहर कार्य 02 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) 139 ग्रामों की 48,000 हेक्टर भूमि। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परियोजना से विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत श्यामपुर तहसील की 1,869 क्षेत्र में सिंचाई करना प्रावधानित है।
संबल व विवाह सहायता योजना के प्रकरणों का निराकरण
[श्रम]
15. ( *क्र. 893 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना व विवाह सहायता योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये, कितने निरस्त किये गये? प्रत्येक का कारण बतावें। (ख) संबल योजना में परिवार के मुखिया की मृत्यु, दुर्घटना आदि में क्या सहायता दी जाती है। उल्लेखित अवधि में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी घटनायें हुई व किस-किस प्रकरण में आश्रितों को राशि का भुगतान कर दिया गया है? किन-किन प्रकरणों में अभी तक राशि नहीं दी गई? प्रत्येक का कारण बतावें। (ग) विवाह सहायता में स्वीकृति व राशि भुगतान के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक 1. संबल योजनांतर्गत 202 प्रकरण प्राप्त हुये, 134 प्रकरण स्वीकृत किये गये व19 प्रकरण निरस्त किए गए तथा 12 प्रकरण प्राकृतिक दुर्घटना से संबंधित होने के कारण राजस्व विभाग को स्थानांतरित किये गये हैं। निरस्ति का कारण संबंधी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की विवाह सहायता योजना के 387 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 345 प्रकरण स्वीकृत एवं 42 प्रकरण निरस्त किये गये। निरस्त प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) संबल योजनांतर्गत परिवार के मुखिया की मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता 5 हजार सामान्य मृत्यु पर अनुग्रह 02 लाख, दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह सहायता 04 लाख रूपये हितलाभ राशि प्रदान की जाती है। उल्लेखित अवधि में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत 134 प्रकरणों में भुगतान किया गया है।लंबित प्रकरणों की कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की विवाह सहायता योजना में स्वीकृति व राशि भुगतान नियमित प्रक्रिया है। विवाह सहायता योजना के समय.सीमा बाह्य कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालयों का गठन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( *क्र. 708 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 4561 दिनांक 15 मार्च 21 का उत्तर उपलब्ध करायें। क्या प्रदेश में केन्द्र शासन की मंशानुसार तहसील स्तर पर सप्ताह में 2 दिन उपभोक्ता न्यायालय खोलने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है? क्या न्यायालय प्रारंभ हो चुके हैं? (ख) क्या प्रदेश में बढ़ते उत्पाद एवं जनसंख्या के कारण उपभोक्ता न्यायालय कम हैं और ग्राहक को न्याय दिलाने में देरी हो रही है? यदि नहीं, तो प्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित क्या प्रदेश में भारी मात्रा में अवैध रूप में परिवार स्वास्थ्य बीमा कंपनियां नागरिकों का बीमा कर उनका भुगतान समय पर नहीं कर रही है? परिवार स्वास्थ्य बीमा से जुड़े कितने प्रकरण दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ता न्यायालयों में आये कितनों का निराकरण उपभोक्ता के पक्ष में हुआ? कितनों का निराकरण शेष है? सिर्फ संख्या बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। दिनांक 30 जून 2021 की स्थिति में 36526 प्रकरण लम्बित हैं। (ग) राज्य शासन से संबंधित नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में परिवार स्वास्थ्य बीमा से संबंधित 1088 प्रकरण दर्ज हुए, 296 प्रकरणों का निराकरण उपभोक्ता के पक्ष में हुआ तथा 618 प्रकरण लम्बित हैं।
रेत खनन से प्राप्त रॉयल्टी
[खनिज साधन]
17. ( *क्र. 824 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में कैबिनेट में रेत खनन के ठेकेदारों को कोविड-19 को देखते हुए, राशि के संबंध में रियायत दी गई है? बताएं कि इससे प्रदेश को मिलने वाली संभावित राशि के स्थान पर कितनी राशि राजस्व के बतौर मिलेगी। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राहत से किस ठेकेदार को कितने रूपए की छूट का लाभ प्राप्त होगा? (ग) मार्च 2020 से 15 जुलाई, 2021 तक रेत माफिया द्वारा खनिज विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर कितने हमले किए गए और उससे कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी घायल हुए की जानकारी उपलब्ध कराएं। समान अवधि में उससे पिछले कार्यकाल में यह संख्या कितनी प्रतिशत ज्यादा या कम है? (घ) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक रेत खनन से प्राप्त रॉयल्टी की वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के परिपत्र क्रमाँक एफ 19-3/2020/12/1/पार्ट/4026 भोपाल, दिनाँक 24/06/2021 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। इसके फलस्वरूप प्रदेश को रेत वर्ष समाप्ति 30/06/2022 तक रेत खदानों से राजस्व राशि रूपए 1397.60 करोड़ के स्थान पर राजस्व राशि रूपए 1124.03 करोड़ की प्राप्ति होगी। शेष राशि को शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के क्रम में विलम्बित किया गया है। जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त होगी। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर से स्पष्ट है कि छूट नहीं दी गई है, अपितु राज्य शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के अनुसार प्रदेश को रेत वर्ष समाप्ति 30/06/2022 तक रेत खदानों से राजस्व राशि रूपए 1397.60 करोड़ के स्थान पर राजस्व राशि रूपए 1124.03 करोड़ की प्राप्ति होगी। शेष राशि को शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के क्रम में विलम्बित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) इस प्रकार की जानकारी विभाग द्वारा विशिष्ट रूप से संधारित नहीं रखी जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[श्रम]
18. ( *क्र. 63 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह एवं अन्त्येष्टि सहायता तथा प्रसूति सहायता की राशि भुगतान के रायसेन जिले में कितने प्रकरण लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर मान. मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश दिये? (ग) प्रश्नांश (ख) में मान. मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया? (घ) मान. मंत्री जी के निर्देशों के बाद भी प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जुलाई 2021 की स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के कुल 58 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जा सकेगा। अन्त्येष्टि सहायता राशि का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। प्रसूति सहायता राशि भुगतान के 1383 प्रकरण संबंधित द्वारा दिये गये बैंक खाते व आई.एफ.एस.सी. कोड सुधार हेतु लंबित हैं। सुधार उपरान्त भुगतान किया जा सकेगा। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक विशेष सहायक माननीय मंत्री जी द्वारा माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह के 09 पत्र इस कार्यालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रेषित किय गये। (ग) प्रश्नांश (ख) में माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में :- 1. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 119, दिनांक 21.01.2021 के संबंध में कलेक्टर, जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 140, दिनांक 30 जनवरी, 2021, को प्रेषित किया गया, जिसकी जानकारी निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 141 दिनांक 30.01.2021 द्वारा प्रदान की गई। श्रम पदाधिकारी द्वारा उक्त पत्र के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी की ओर पत्र क्रमांक 137, दिनांक 05.02.2021 द्वारा प्रेषित किया गया। कार्यवाही प्रचलन में है। 2. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 117, दिनांक 21.01.2021 के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी को पत्र क्रमांक 150, दिनांक 02 फरवरी, 2021, को प्रेषित किया गया, जिसकी जानकारी निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 152, दिनांक 02.02.2021 द्वारा प्रदान की गई। श्रम पदाधिकारी जिला रायसेन द्वारा उक्त पत्र के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी की ओर पत्र क्रमांक 139, दिनांक 05.02.2021 द्वारा प्रेषित किया गया। कार्यवाही प्रचलन में है। 3. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 756, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 993, दिनांक 19.07.21 श्रमिकों को अनुग्रह सहायता राशि के भुगतान कराये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 759, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1037, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 4. श्रम पदाधिकारी मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा पत्र क्रमांक 762, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 989, दिनांक 19.07.2021 जनपद पंचायत बेगमगंज अंतर्गत 15 लंबित अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान कराये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 765, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1035, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 5. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप पत्र क्रमांक 768, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 987, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 771, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सिलवानी जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1039, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 6. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 786, दिनांक 26.07.2021 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 991, दिनांक 19.07.21 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 789, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1032, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 7. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप पत्र क्रमांक 780, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 997, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है, उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 783, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1030, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 8. पत्र क्रमांक 774, दिनांक 26.07.2021 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 995, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 777, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयपुरा जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1025, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयपुरा द्वारा पत्र क्रमांक 716, दिनांक 30.07.2021द्वारा अवगत कराया गया है कि श्री रकीब शाह संबल आईडी 179865292 निवासी ग्राम पंचायत छतेरा की मृत्यु उपरान्त संबंल योजना अन्तर्गत अनुग्रह सहायता राशि रूपये 2.00 लाख स्वीकृत की जा चुकी है, ईपीओ क्रमांक 356613, दिनांक 14.07.2021 जारी किया जा चुका है। बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। 9. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 110, दिनांक 21.01.2021 जो कि माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 515, दिनांक 25.09.2020 के संदर्भ में प्राप्त था, के संबंध में वस्तुस्थिति से निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 158, दिनांक 03.02.2021 द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान पर्याप्त बजट उपलब्धता पर हो सकेगा। प्रसूति सहायता राशि भुगतान के 1383 प्रकरण संबधित आवेदक द्वारा दिये गये बैंक खाते व आई.एफ.सी. कोड त्रुटिपूर्ण होने के कारण लंबित है। जिनमें खाता क्रमांक/आई.एफ.सी. कोड सुधार संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 75 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में 10 जुलाई, 2021 तक अलग अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण ऐसे हैं, जो एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वर्तमान में तहसीलवार किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सी जवाबदारी दी गयी है? विवरण देवें। (ग) उक्त सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा कब और किस तारीख तक हो जाएगा? प्रकरणों को शीघ्र अतिशीघ्र निपटाने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से आदेश एवं निर्देश दिये गए हैं और शासन द्वारा उनकी कब तक की समय-सीमा तय की गयी है? आदेश, निर्देश और सभी परिपत्र उपलब्ध कराएं। (घ) राजस्व जिला उज्जैन में तहसीलवार अतिक्रमण हटाने के लिए सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए किस आदेश निर्देश के अंतर्गत कार्यवाहियाँ की गयी है? उक्त आदेश, निर्देश परिपत्रों की कॉपी देते हुए पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिले में 10 जुलाई 2021 तक 257 प्रकरण निम्नानुसार लंबित हैं :- (1) उज्जैन 52 (2) उज्जैन नगर 05 (3) कोठीमहल 00 (4) खाचरौद 63 (5) घट्टिया 00 (6) नागदा 17 (7) महिदपुर 32 (8) झारडा 34 (9) तराना 54 (10) माकडौन 00 (11) बड़नगर 00 योग-257 (ख) जिला उज्जैन में 1 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के तहसील तराना में 1 प्रकरण लंबित है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानों के अनुसार न्यायालय तहसीलदार को निराकरण की अधिकारिता प्राप्त है। (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानानुसार न्यायालय तहसीलदार द्वारा विधिवत सुनवाई उपरांत किया जाता है। संहिता की धारा 248 में इन प्रकरणों के निराकरण के लिए समय – सीमा का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानों के अनुसार न्यायालय तहसीलदार द्वारा शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। संहिता की धारा 248 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ए.आर.टी.ओ. द्वारा परमिट जारी किये जाने की जांच
[परिवहन]
20. ( *क्र. 672 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल परिवहन कार्यालय में पदस्थ ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान के विरूद्ध 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से शिकायती आवेदन प्राप्त हुए एवं उन आवेदन पत्रों की जांच किन अधिकारियों द्वारा की जा रही है एवं आवेदन पत्र किस विषय से संबंधित है? (ख) क्या दिनांक 01 जून, 2021 से 15 जून 2021 तक भोपाल आर.टी.ओ. श्री संजय तिवारी के अल्प अवकाश के दौरान कार्यालय का प्रभार ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान को सौंपा गया था। यदि हां, तो क्या उनको परमिट संबंधी कार्य करने की भी पात्रता थी? यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा दिनांक 01 जून 2021 से 15 जून 2021 तक प्रभारी आर.टी.ओ. रहते हुए नियम विरूद्ध परमिट संबंधी कार्य को भी किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा नियम विरूद्ध जारी किये गये परमिटों को निरस्त कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई थी? यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल परिवहन कार्यालय में पदस्थ ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान के विरूद्ध 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक 02 शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त शिकायतों की जांच संभागीय उप परिवहन आयुक्त भोपाल के द्वारा की जा रही है। सभी शिकायतों का स्वरूप एक समान है। आर.टी.ओ. कार्यालय में होने वाले सभी कार्य विषयों के संबंध में है। (ख) जी हां। जी हां। मोटरयान अधिनियम 1988 में प्राधिकार को प्रदत्त शक्तियां क्षेत्रीय/अति. क्षेत्रीय/जिला परिवहन अधिकारियों को परमिट जारी करने के अधिकार दिये गये हैं। समस्त अधिकार पदनाम से जारी किये जाते हैं व्यक्तिगत नाम से कोई भी अधिकार प्रदत्त नहीं किया जाता है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 64 (1) में प्रावधानित है कि ''प्रादेशिक परिवहन अधिकारी या परिवहन विभाग का कोई अन्य प्राधिकारी जो प्रादेशिक परिवहन अधिकारी की श्रेणी से नीचे का न हो प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का सचिव होगा। अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का अतिरिक्त सचिव होगा। प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का एक सहायक सचिव भी होगा, जो कि अध्यक्ष प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी द्वारा नाम निर्दिष्ट किया जाये और सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अथवा जिला परिवहन अधिकारी के पद से नीचे का न हो। अर्थात् सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नियमानुसार परमिट जारी कर सकते हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, ग्वालियर चंबल संभाग द्वारा जारी संकल्प दिनांक 01.10.2020 में उनके क्षेत्रान्तर्गत आने वाले 10 संभागों के जिला कार्यालयों में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को शक्तियां प्रदाय की गई हैं। संकल्प की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा दिनांक 01 जून 2021 से 15 जून 2021 तक प्रभारी आर.टी.ओ. रहते हुए नियम विरूद्ध कार्य करने के संबंध में वाहन स्वामी द्वारा आवेदन/आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। यदि कोई पक्षकार किसी भी अधिकारी के आदेश से व्यथित/असंतुष्ट है तो वह मोटरयान अधिनियम 1988 में विहित प्रावधान के अनुसार माननीय राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील/रिविजन प्रस्तुत कर सकता है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व भूमि पर काबिज काश्तकारों को अधिकार पत्र का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( *क्र. 758 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय राजस्व भूमि पर विगत कई वर्षों से काबिज कर खेती कर रहे काश्तकारों को अधिकार पत्र देने की क्या कार्य योजना और प्रावधान हैं? (ख) राज्य सरकार ने गरीब किसानों द्वारा काबिज राजस्व भूमि का पट्टा देने हेतु समय-समय पर आदेश जारी किये गये हैं, पूर्व में जारी उक्त सभी आदेशों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या मण्डला जिले में राजस्व भूमि पर काबिज काश्तकारों की सूची तैयार की गयी है? यदि हां, तो यह तैयार सूची किस वर्ष की है? इसकी विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के अध्याय-7 कंडिका 128 से 136 में प्रावधान किए गए हैं। (ख) पूर्व में वर्ष 1984 एवं 2002 में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के प्रभावी होने से पूर्व में जारी सभी निर्देश निरस्त हो गए हैं। म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के अध्याय-7 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 579 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत शहरी तथा ग्रामीण इलाके में अलग कितनी कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी ऐसी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें अनियमितता होने की शिकायतें मिली हैं? इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई है अथवा जांच लंबित है? (ग) ग्रामीण इलाकों में संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ऐसी हैं जहां गरीब परिवारों को राशन लेने के लिए 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? (घ) क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार के आवास की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोहद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत उप नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
23. ( *क्र. 737 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की गोहद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम सिलोहा से मौ तक उप नहर नहीं बनाये जाने से किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है। (ख) यदि हां, तो क्या शासन किसानों के हित में उक्त उप नहर बनाने के लिये प्रभावी कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) चंबल नहर प्रणाली में पानी की अनुपलब्धता के कारण प्रश्नाधीन उप नहर का निर्माण नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्तावित श्रीमंत माधवराव सिंधिया वृहद परियोजना के विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत प्राप्त परियोजना प्रतिवेदन के आधार पर प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधा के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला छतरपुर में किसानों पर दर्ज आपराधिक प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( *क्र. 656 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3549, दिनांक 24/7/2019 में उत्तर दिया था कि मूल दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया लेख किया था? (ख) क्या सक्षम अधिकारी द्वारा समस्त प्रश्नों के बिंदुओं पर दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण हेतु कलेक्टर को लिखा गया था? (ग) यदि हां, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या कार्यालय कलेक्टर खाद्य जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 205/वि.स/खाद्य/2020, दिनांक3/3/2020 के पत्र में तामिली प्रक्रिया का पूर्ण रुप से पालन किया गया लेख किया था? (ड.) यदि हां, तो क्या उक्त दस्तावेजों में चस्पांगी के आदेश की प्रति सलंग्न थी। यदि हां, तो प्रति उपलब्ध कराएं।यदि नहीं, तो क्यों लेख किया था? कारण स्पष्ट करें। (च) जिला छतरपुर में वर्ष 2021 से प्रश्र दिनांक तक किन-किन किसानों का गेहूं जप्त, खरीद केंद्र प्रभारी एवं किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं? संपूर्ण दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराएं। (छ) क्या उपार्जन नीति वर्ष 2021-22 मे खरीद केंद्र प्रभारी एवं किसानों का गेहूं जप्त एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के नियम हैं? (ज) यदि हां, तो नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (झ) यदि नहीं, तो क्या शासन गेहूं जप्त एवं अपराधी प्रकरण दर्ज कराने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा?यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (झ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा
[राजस्व]
25. ( *क्र. 816 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिये जाने एवं तहसील मुख्यालय घाना में किये जाने हेतु पूर्व में अधिसूचना जारी की जा चुकी है एवं जिसमें घाना मुख्यालय किये जाने पर विभाग को कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है? यदि हां, तो कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में की गई बैठक में पुन: तहसील मुख्यालय के स्थल के चयन हेतु निर्णय क्यों लिया गया है? उचित कारण देवें। क्या मंत्रालय में बैठे अधिकारियों को क्षेत्र की स्थिति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से ज्यादा पता है? (ख) ग्राम घाना में पर्याप्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है तो अनावश्यक बार-बार नवीन स्थल चयन प्रक्रिया करने से तहसील गठन में हो रहे विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र क्र. 615/सी.एम.एस./एस.एम.एस./2021 दिनांक 08.06.2021 के पत्र पर विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों लंबित रखी गई है? यदि नहीं, तो उक्त पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? साथ ही यह भी बताएं की बरगी को पूर्णकालिक तहसील कब तक घोषित किया जावेगा? यदि हां, तो स्पष्टीकरण देवें। (घ) क्या तहसील कार्यालय संचालन हेतु शासन को भवन की आवश्यकता भी है? यदि हां, तो क्या वर्तमान में बरगी स्थित उप तहसील कार्यालय भवन में अस्थाई तौर पर तहसील कार्यालय संचालन किया जा सकता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जी हां। मुख्यालय घाना रखते हुए नवीन तहसील बरगी का गठन होने की स्थिति में लोगों को दो पृथक-पृथक ब्लॉक यथा बरगी (मुख्यालय जबलपुर) तथा शहपुरा में जाकर अपने कार्य कराना होंगे एवं तहसील संबंधी कार्य हेतु प्रस्तावित तहसील के मुख्यालय घाना जाने की बाध्यता के दृष्टिगत तथा घाना में पूर्व से कोई अधोसंरचना भी उपलब्ध न होने व बरगी नगर में सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व से निर्मित भवन उपलब्ध होने, जिसका उपयोग तहसील के शासकीय कार्यालयों तथा कर्मचारियों के निवास हेतु किया जा सकने, के आधार पर कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कलेक्टर जिला जबलपुर से पुन: परीक्षण कर प्रस्ताव प्राप्त करने की अनुशंसा की गई, जिसके अनुक्रम में कलेक्टर जिला जबलपुर को समस्त रूप से परीक्षण कर यथोचित प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु दिनांक 08.06.2021 को लिखा गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र 615/CMS/SMS/2021 दिनांक 08.06.2021 पर प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के अनुसार वस्तुस्थिति के दृष्टिगत कार्यवाही लंबित नहीं रखी गई है, शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (घ) नवीन तहसील स्वीकृति उपरांत ही तहसील कार्यालय संचालित किया जा सकता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बीना
नदी एवं हनौता
सिंचाई परियोजना
की अद्यतन
स्थिति
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 3 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवम हनौता सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवम हनौता सिंचाई परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के कितने ग्रामों के किसानों को लाभ मिलेगा? (ग) सिंचाई परियोजना का कार्य किस वर्ष पूर्ण होना है एवं वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है, एवं कब तक पूर्ण होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बीना सिंचाई परियोजना के अंतर्गत 02 बांध एवं प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का कार्य किया जा रहा है। मडि़याबांध अंतर्गत शीर्ष कार्य 40 प्रतिशत एवं चकरपुर बांध अंतर्गत शीर्ष कार्य 55 प्रतिशत पूर्ण करना प्रतिवेदित है। प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर रूपांकन कार्य प्रगतिरत है। हनौता परियोजना के शीर्ष कार्य के अंतर्गत फाउनडेशन में कांक्रीट का कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। नहर कार्य के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर रूपांकन का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) अनुबंध अनुसार बीना सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2025 एवं हनौता परियोजना का कार्य वर्ष 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। दोनों परियोजनाओं के कार्य प्रगतिरत होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पताल
[श्रम]
2. ( क्र. 24 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 में मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा संचालित किन-किन अस्पतालों को कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित किया गया? कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तन होने वाले अस्पतालों के नाम, पते तथा परिवर्तन की तिथि संबंधी आदेश की प्रति दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों द्वारा कितने कोविड मरीजों का उपचार किया गया, कितने रिफर किये और कितने भर्ती किये गये अस्पतालवार माहवार जानकारी बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्तपालों द्वारा बीमित कोविड प्रभावित श्रमिकों के अतिरिक्त आमजन का भी उपचार किया गया यदि हो तो बीमित एवं आम नागरिकों की संख्या अलग-अलग बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की परिस्थिति में आये मरीजों के उपचार पर कितना व्यय हुआ अस्पताल वार मदवार जानकारी दी जाये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार श्रम मंत्रालय अंतर्गत गठित है न कि मध्यप्रदेश राज्य के अंतर्गत तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम’ द्वारा संचालित क.रा.बी. आदर्श चिकित्सालय एवं आक्यूपेशनल डिसीज केन्द्र, नन्दानगर, इन्दौर (म0प्र0) 452010 को कोविड केयर सेन्टर में परिवर्तित किया गया था, जिस हेतु कोई मौखिक/लिखित आदेश प्राप्त नहीं थे। (ख) कुल 303 कोविड संदिग्ध/संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया एवं कुल 08 कोविड संदिग्ध/संक्रमित मरीजों को रिफर किया गया। (ग) हाँ, अप्रैल माह में कुल 4 नॉन आईपी (आमजन) को भर्ती किया गया। (घ) रूपये 1, 14, 80, 586/-
खाद्यान्न परिवहन के लिए आमंत्रित निविदा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 35 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपूर्ति निगम द्वारा विगत पांच वर्षों में गेहूँ एवं अन्य परिवहन के लिए कब-कब निविदा आहूत की गई? शर्तों सहित जानकारी दें। (ख) क्या आपूर्ति निगम द्वारा निर्धारित शर्तों में भारत सरकार/म.प्र.शासन के निर्देश अनुसार निर्धारित मानक ट्रक क्षमता के अनुरूप ही गेहूँ ट्रक में लोड करना अनिवार्य था? (ग) आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक द्वारा ट्रकों में ओव्हर लोडिंग कर परिवहन करने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से आदेश जारी किए प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ट्रकों की क्षमता अनुसार परिवहन करने की शर्त के बाद भी प्रदेश में विगत तीन वर्षों में कितने ट्रकों से ओव्हरलोडिंग कर परिवहन किया गया। जिलावार जानकारी दें। (ड.) क्या आपूर्ति निगम द्वारा करवाये गये परिवहन में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के विपरीत ट्रकों से ओव्हरलोडिंग की गयी। यदि हां, तो इसका उत्तरदायी कौन है, नाम सहित जानकारी दें। (च) क्या आपूर्ति निगम में परिवहन की बिलिंग में से ट्रकों की क्षमता का कालम भी हटा दिया गया है ताकि ओव्हर लोडिंग ट्रकों द्वारा किए गए परिवहन का आसानी से भुगतान किया जा सके। यदि हां, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा ट्रकों में ओव्हर लोडिंग कर परिवहन करने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कोई निर्देश जारी नहीं किए गए। (घ) प्रश्नांश (ख) परिपेक्ष्य में जिलो में कोई भी स्थिति संज्ञान में नहीं आई। (ड.) जी नहीं। निविदा दस्तावेज में उल्लेखित प्रावधनों के अनुरूप ही परिवहन का कार्य किया गया है। (च) जी नहीं। निर्धारित ऑनलाईन परिवहन बिलिंग प्रक्रिया अनुसार ही परिवहन देयकों के भुगतान की कार्यवाही की जाती है।
गेहूं एवं बारदान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 52 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से जून 2021 तक प्रतिवर्ष शासन स्तर पर कितना-कितना गेहूं कितने कृषकों से किस दर से कुल कितनी लागत का खरीदा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदे गये गेहूं में से कितना-कितना गेहूं किस विभाग / संस्थान को दिया गया तथा कितना गेहूं मण्डी में पानी या अन्य कारण से खराब हो गया? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रतिवर्ष गेहूं हेतु जूट, प्लास्टिक के कितने-कितने बारदान किस-किस व्यापारी/निर्माता से किस दर से, किस दिनांक को खरीद गये? वर्षवार कुल खरीदे गये जुट तथा प्लास्टिक के बारदान की संख्या तथा लागत बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मात्रा में से कितनी मात्रा का उपयोग हुआ तथा कितने शेष रहे तथा कितने खराब हो गये? जो शेष रहे तथा खराब हो गये उनका क्या किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को बकाया राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 64 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में समर्थन मूल्य पर क्रय धान, गेहूँ, मूंग, चना एवं अन्य फसलों के उपरांत किन-किन किसानों को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया कारण बतायें? (ख) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें तथा किस-किस अधिकारी की क्या-क्या जवाबदारी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने वाले 20 किसानों का भुगतान लंबित है। लंबित भुगतान के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। ग्रीष्मकालीन मूंग के उपार्जन एवं किसानों के भुगतान की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना एवं खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। (ख) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किसी भी माननीय विधायक के पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
6. ( क्र. 89 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक नक्शा दुरूस्तीकरण, सीमाकंन एवं नामांतरण के कितने प्रकरण कितने-कितने समय से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें आवेदक की आवेदन दिनांक से 6 माह पश्चात भी निराकरण नहीं हो पाया इसके लिये विभाग द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई राजस्व प्रकरणों में तेजी लाने के लिये विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या निर्देश दिये गये, 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में विगत 3 वर्षों में राजस्व प्रकरणों में किन-किन अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने किस-किस तहसील में शिकायत की, शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) कृषकों की भूमि का सीमांकन हेतु किन-किन तहसीलों में जी.पी.एस. सीमांकन किया जा रहा है? उक्त अवधि में बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में कितने प्रकरणों में भूमि का सीमांकन जी.पी.एस. से किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सीमाकंन, नामांतरण एवं नक्शा दुरूस्तीकरण के कुल प्रकरण निम्नानुसार लम्बित है:-
सीमाकंन |
नामांतरण |
नक्शा दुरूस्तीकरण |
04 |
295 |
01 |
सीमाकंन के 04 प्रकरण 03 माह की अवधि के अन्दर के है, नामान्तरण के कुल 295 प्रकरण में से 237 प्रकरण 03 माह की अवधि के अन्दर व 53 प्रकरण 03 से 06 माह की अवधि के अन्दर तथा 05 प्रकरण 06 माह से 01 वर्ष की अवधि के समयावधि में लम्बित थे। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में नामान्तरण के कुल 05 प्रकरण थे, जो 06 माह से 01 वर्ष तक की समयावधि के लम्बित थे प्रकरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है उक्त लम्बित 05 प्रकरण में से 04 प्रकरणो का निराकरण किया जा चुका है। शेष 01 प्रकरण में साक्ष्य हेतु नियत होने से आगामी 15 दिवस में इसका निराकरण कर दिया जावेगा। राजस्व प्रकरणों के शत-प्रतिशत निराकरण के लिए, प्रतिमाह आयोजित होने वाली राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश से सम्बंधित सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की जानकारी निरंक है। (घ) बड़वानी जिला अन्तर्गत वर्तमान में जी.पी.एस. सीमांकन नहीं किया जाकर, नियमानुसार ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। अत: जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कृषकों की भूमियों का सीमांकन भी ई.टी.एस. मशीन से सम्पन्न किया जा रहा है।
नियमित खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 90 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सहकारी उचित मूल्य की दुकानें विधिवत रूप से संचालित हैं, जिन पर खाद्यान्न का नियमित वितरण किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक हैं जिन्हें नियमित खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है तथा ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक है, जो अभी तक समग्र पोर्टल पर ऑनलाईन अपडेट नहीं हुए है, जिन्हें खाद्यान्न आज तक दिया ही नहीं गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों के समग्र पोर्टल पर अपडेट नहीं होने के कारण खाद्यान्न से पात्रता पर्ची जनरेट होने के अभाव से वंचित होने की स्थिति में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले की प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 132 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। उक्त दुकानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में बी.पी.एल के 48681, अंत्योदय के 10, 196 एवं 6, 976 गैर बी.पी.एल./अंत्योदय प्राथमिकता परिवारों को वितरण हेतु आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल 4035 परिवारों से आवेदन प्राप्त होने के बाद 3249 हितग्राहियों की पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन सामग्री वितरित करायी जा रही है। शेष 786 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। पात्रता पर्ची जारी किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) राशन मित्र पोर्टल/समग्र पोर्टल पर आवेदन प्राप्त होने पर स्थानीय निकाय के द्वारा अपडेट करने की कार्यवाही की जाती है। तदुपरांत इसे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी/जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
मछली पालन हेतु पट्टे का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
8. ( क्र. 205 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संचालक मत्स्य विभाग बालाघाट द्वारा नगर पालिका परिषद मलांजखण्ड क्षेत्रांतर्गत करमसरा सिंचाई जलाशय में मछ्ली पालन हेतु आदेश क्रं. / 1667 / उ0स0म0 / पट्टा / 2011-12 दिनांक 29/09/2011 द्वारा नवयुवक अजय एकता समिति करमसरा को दस वर्षो की अवधि के लिये पट्टा दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या नवयुवक अजय एकता समिति करमसरा, मछुआ सहकारी समिति नहीं है, यदि हां, तो किन कारणों से मछली पालन हेतु आदेशित किया गया? (ग) मछली पालन हेतु अपात्र समिति को करमसरा सिंचाई जलाशय का पट्टा दस वर्षों के लिये देने हेतु कौन – कौन से अधिकारी/ कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) नवयुवक अजेय एकता समिति करमसरा विकासखण्ड बिरसा तहसील बैहर एक मध्य प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अधीन पंजीकृत संस्था है। संस्था के बहुउद्देशीय कार्यों में जलाशयों को लीज पर लेकर मछलीपालन करना भी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) के आलोक में किसी भी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आराजी को निजी स्वत्व में दर्ज करने की जांच
[राजस्व]
9. ( क्र. 222 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान के मौजा चोरमारी की आराजी नंबर 304, 314, 315, 362, 383, 430, 445, 542, 543, 544, 549 किता 12 कुल रकबा 6.535 हेक्टेयर शासकीय भूमि के कॉलम में किस व्यक्ति ने अपना नाम दर्ज कब करा लिया और क्यों करा लिया कारण बताएं। जबकि उक्त भूमि वर्ष 1958-59 में खसरों में शासकीय दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) की शासकीय भूमि जो निजी स्वत्व में दर्ज है। उसे शासकीय दर्ज करने हेतु जनहित याचिका माननीय न्यायालय कलेक्टर सतना में प्रकरण क्रमांक 425 दिनांक 04/01/2021 को दर्ज है यदि हाँ तो प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ग) सतना जिले की तहसील बिरसिंहपुर के मौजा खांच की आराजी खसरा नं. 30 रकबा 0.52 एवं 0/210 वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज था। जिसे किस वर्ष में श्री अवध बिहारी आत्मज राम प्रताप वगैरह के नाम दर्ज क्यों कर दिया कारण बताऐ। (घ) प्रश्नांश (ग) की शासकीय भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने की शिकायत प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालय पत्र क्रमांक 921 दिनांक 24/3/2021 को मुख्य सचिव राजस्व मध्यप्रदेश शासन एवं कलेक्टर सतना को दिनांक 31/03/2021 को की जाकर पावती प्राप्त की गई है। तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझगंवा को उनके मोबाईल में ''व्हाट्सअप'' पर भेजा था जिस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं की गई तो क्या कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के मौजा चोरमारी की आराजी नंबर 304, 314, 315, 362, 383, 430, 445, 542, 543, 544, 549 किता 11 कुल रकवा 6.535 हे. के संबंध में वर्तमान खसरा, तहसील अभिलेखागार एवं जिला अभिलेखागार में उपलब्ध खसरा की सत्यापित खसरा नकल का परीक्षण किया गया। उपरोक्त वर्णित आराजियों में किस ब्यक्ति ने अपना नाम दर्ज कब और क्यों करा लिया इसका विवरण संलग्न परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रकरण का परीक्षण किया जा चुका है। प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में दर्ज है, अनुविभागीय अधिकारी रामपुर बाघे0 से प्रकरण में जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। (ग) जी नहीं, तहसील बिरसिंहपुर के मौजा खांच की आराजी नंबर 30 रकवा 0.5 एकड़/0.210 हे. आधार अभिलेख वर्ष 1958-59 की खतौनी भूमिस्वामी रामप्रताप वल्द भोलाराम ब्रा. साकिन देह खांच दर्ज अभिलेख था। हस्तलिखित खसरा वर्ष 1979-80 में सरकारी (बाग) दर्जअभिलेख है तथा वर्ष 1981-82 में जरिए न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त जैतवारा के रा.प्र.क्र. 24/अ-19/1978-79 आदेश दिनांक 30/10/1980 से अवध बिहारी पिता रामप्रताप के नाम राजस्व अभिलेख में इन्द्राज होना पाया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित प्राप्त शिकायत पर जांच करायी गयी, जिसमें निम्नांकित तथ्य पाए गए- 1- यह की उक्त आराजी नंबर 30 रकवा 0.52 एकड़/0.210 हे., वर्ष 1958-59 में रामप्रताप वल्द भोलाराम ब्रा. साकिन देह खांच दर्ज अभिलेख थी। 2- वर्ष 1979-80 में उक्त आराजी सरकारी (बाग) इन्द्राज होने संबंधी कोई सक्षम आदेश आलोक में नहीं आया। 3- वर्ष 1981-82 में न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त जैतवारा के रा0प्र0क्र0 24/अ-19/1978-79 आदेश दिनांक 30/10/1980 से अवध बिहारी पिता रामप्रताप के नाम राजस्व अभिलेख में इन्द्राज होना पाया गया।
जलाशय का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 253 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद जलाशय का निर्माण कब हुआ था? निर्माण के समय इसकी जल भण्डारण एवं सिंचाई क्षमता कितनी थी एवं वर्तमान समय में कितनी है? इसके जीर्णोद्धार हेतु क्या केन्द्र पोषित वृत योजना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो यह योजना क्या है एवं इसे कब प्रस्तावित किया गया तथा इसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने थे एवं यह भी बतलावें कि प्रस्तावित योजना की आज दिनांक तक स्वीकृति न मिलने के क्या कारण हैं? यह योजना शासन स्तर पर किन कारणों से कहां पर लम्बित है? (ग) क्या बहोरीबंद जलाशय की एल.बी.सी. एवं आर.बी.सी. में लाईनिंग का कार्य ई.आर.एम. योजनान्तर्गत पूर्व से प्रस्तावित है? यदि हां, तो इस योजान्तर्गत कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य होने हैं एवं योजना में विलम्ब के क्या कारण हैं? (घ) उल्लेखित ड्रिप योजना एवं ई.आर.एम. योजना के क्रियान्वयन में हुये विलम्ब का दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जांच कर उल्लेखित योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत कराकर कार्य प्रारंभ करायेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बहोरीबंद जलाशय का निर्माण वर्ष 1927 में हुआ था। निर्माण के समय जलाशय की जल भण्डारण क्षमता 34.52 मि.घ.मी. एवं सिंचाई क्षमता 6, 475 हेक्टर थी। वर्तमान में भी जल भण्डारण क्षमता 34.52 मि.घ.मी. एवं सिंचाई क्षमता 6, 475 हेक्टर है। जी हाँ, ड्रिप-II के अंतर्गत प्रस्तावित है। (ख) परियोजना के शीर्ष कार्य के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव ड्रिप-II के अन्तर्गत प्रस्तावित होकर मुख्य अभियंता, बोधी दिनांक 10.04.2019 द्वारा प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना के शीर्ष कार्य के अंतर्गत बांध की रिसेक्सनिंग, बोल्डर-टो, सिपेज ड्रेन एवं फ्लड लिफ्ट बढ़ाने का प्रावधान है। नहरों के जीर्णोद्धार, अन्तर्गत नहरों की लाईनिंग, क्षतिग्रस्त पक्के कार्यों का नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य का प्रावधान किया जाकर प्रस्ताव विशेष मरम्मत मद अंतर्गत प्रस्तावित होकर दिनांक 25.07.2021 को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। शीर्ष कार्य एवं नहर कार्य के प्रस्ताव परीक्षणाधीन एवं अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। बहोरीबंद जलाशय की एल.बी.सी. एवं आर.बी.सी. में लाईनिंग का कार्य ई.आर.एम. अन्तर्गत पूर्व में प्रस्तावित था, जो वर्तमान में विशेष मरम्मत मद अंतर्गत प्रस्तावित है। प्रस्ताव अंतिम नहीं होने से लागत की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। नहर के कार्यों की जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है। (घ) परियोजना के सुधार कार्य के प्रस्ताव अंतिम नहीं होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग द्वारा नियत सूचकांक अधिक्रमित होने से स्वीकृति के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजा जाना
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 266 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन के पद पर नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति बाबत् शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो प्रति देते हुये बतावें कि जिला शहडोल व रीवा में इनकी पदस्थापना कितने वर्ष पूर्व की गई? आदेश की प्रति के साथ इनका मूल पद बतावें। इनके द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान यात्रा भत्ता (टी.ए./डी.ए.) के नाम कितनी राशि कब-कब किन-किन माहों व वर्षों में आहरित की गई का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में के जिला परियोजना समन्वयक, बी.आर.सी., बी.ए.सी. व सी.ए.सी. के पद पर प्रतिनियुक्ति की अवधि कितने वर्षों तक शासन द्वारा जारी निर्देश के पालन में रखे जाने की है? निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि ये कितने वर्षों से पदस्थ है? अगर शासन के निर्देशों से हट कर प्रतिनियुक्ति पर कार्य लिया जा रहा तो क्यों? कब तक इनको मूल पद पर वापस करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जिला परियोजना समन्वयक जिला शहडोल क्या माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर कार्य कर रहे है? इनके स्थगन समाप्त कराये जाने बाबत् जिले के जिम्मेवार अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में निर्धारित पेशी पर पक्ष समर्थन कब-कब किया गया? जानकारी देवें। अगर नहीं किया गया तो क्यों? इनका स्थगन माननीय न्यायालय द्वारा कब बढ़ाया गया? बतावें। यह भी बतावें कि इनको मूल पद पर कब तक वापस किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के कितने उपयंत्रियों को मनरेगा में प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण कर कार्य लिया जा रहा है? इनके संलग्नीकरण बाबत् राज्य शासन के क्या निर्देश है? आदेश की प्रति देते हुये बतावें कि संबंधित उपयंत्रियों के क्षेत्रों में कितने कार्य मिशन के अधूरे व अपूर्ण हैं? इनसे विभाग का कार्य न लेकर प्रतिनियुक्ति पर भेजकर विभाग के कार्यों पर उदासीनता बरती जा रही है। इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही बतावें इनको मूल विभाग में वापस कर विभाग के अपूर्ण कार्यो को क्या पूर्ण करावेंगे तो कब तक? बतावें। (ड.) प्रश्नांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' अनुसार उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने मनमानी तरीके से प्रतिनियुक्ति पर कार्य लेने व प्रतिनियुक्ति से वापस न करने पर जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। श्री मदन कुमार त्रिपाठी शहडोल में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर जुलाई, 2012 से एवं श्री संजय सक्सेना रीवा में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर सितम्बर, 2020 से पदस्थ है, आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है। उक्त दोनों प्राचार्य, शास.उ.मा.वि. संवर्ग के हैं। टी.ए., डी.ए. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'अ’ अनुसार है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक/ राशिके/स्था./2018/2172 दिनांक 12.4.2018 द्वारा श्री मदन कुमार त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, शहडोल की सेवायें स्कूल शिक्षा विभाग को वापिस की गई थी। सेवा वापसी आदेश से क्षुब्ध होकर श्री मदन कुमार त्रिपाठी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका डब्ल्यू.पी. क्रमांक 8804/2018 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 18.4.2018 को पारित अंतरिम आदेश के अनुक्रम में श्री मदन कुमार त्रिपाठी शहडोल जिले में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। रीवा जिले में बी.आर.सी. के पद पर प्रभारी है एवं बी.ए.सी./सी.ए.सी. की प्रतिनियुक्ति 04 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/ स्था.1/राज/ जी/194/ प्रति.नि./2017/798 दिनांक 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक सवंर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश है। पत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'द' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय म.प्र.उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर द्वारा डब्ल्यू.पी.8804/2018 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 18.4.2018 को वेकेंट कराने हेतु प्रभारी अधिकारी की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में दिनांक 17.5.2018 को प्रत्यावर्तन प्रस्तुत करते हुए स्थगन वेकेंट कराने हेतु पृथक से आवेदन भी प्रस्तुत किया जा चुका है। माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन नहीं बढ़ाया गया है बल्कि स्थगन आदेश को निरंतर किया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में विभिन्न तिथियों में की गई सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्देश निर्णय अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ'अनुसार है। (घ) जी नहीं। रीवा एवं शहडोल जिले में सर्वशिक्षा अभियान के पूर्ण अपूर्ण प्रगति कार्यों की उपयंत्रीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'क' अनुसार है। किसी भी उपयंत्री को प्रतिनियुक्ति पर न भेजे जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्य अकादमिक वर्ष में पूर्ण कर लिये जायेंगे। (ड़) उत्तरांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची जारी करने वालों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 267 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल एवं रीवा में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितनी खाद्यान्न पर्चियां निकाली गई का विवरण पंचायतवार, जनवदवार एवं जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी खाद्यान्न पर्चियों में से कितनी खाद्यान्न पर्चियॉं आपदा के कारण अस्थाई रूप से जारी की गई का विवरण पृथक से प्रश्नांश ''क'' की अवधि अनुसार देवें। इनमें से कितने हितग्राही के किन तारीखों का माहों में खाद्यान्न दिया एवं कितने शेष हैं? बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन हितग्राहियों को अस्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी की गई थीं। क्या हितग्राही खाद्यान्न पर्चियों के पात्र हितग्राही हैं, इन हितग्राहियों को स्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी कराये जाने हेतु किसी शासन के संचालित योजनाओं में जोड़कर स्थाई पर्ची जारी कराये जाने बाबत् निर्देश जारी करेगें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र हितग्राहियों की खाद्यान्न पात्रता पर्चियां नहीं जारी की गई पात्र हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हुये एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अस्थाई जारी खाद्यान्न पर्चियों के पात्र हितग्राहियों का नाम शासन की संचालित योजनाओं में जोड़कर स्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी न करने जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही स्थाई खाद्य पर्ची जारी किये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं खाद्य सुरक्षा नियम 2017 में प्रदत्त शक्तियां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 297 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 40 एवं मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम 2017 में क्या-क्या शक्तियां प्रदत्त होकर उनके क्या-क्या कार्य हैं? प्रतिलिपि सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष 2017 अप्रैल से जुलाई 2021 तक प्रदत्त शक्तियों में से जिला मुरैना में क्या-क्या गतिविधियां हुईं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 40 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानित विषयों में नियम बनाने की शक्तियां प्रदत्त हैं। राज्य शासन द्वारा उक्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम, 2017 जारी किया गया है। उक्त अधिनियम एवं नियम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में खाद्य आयोग द्वारा दिनांक 10.11.2017 को बैठक आयोजित की गई थी जिसका कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जिला शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष 01 शिकायत प्राप्त हुई थीं जिसका निराकरण किया जा चुका है। उक्त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन में 69 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है।
नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
14. ( क्र. 306 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण, बंटवारे व सीमांकन हेतु शासन की क्या-क्या नियमावलियां प्रचलन में हैं की फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ तहसील कैलारस, सबलगढ़ जिला मुरैना में अप्रैल, 2018 से जुलाई, 2021 तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों के आवेदन प्राप्त हुए? जानकारी आवेदक का नाम, पता व प्रस्तुत प्रकरण का दिनांक/क्रमांक/प्रकरण का निराकरण दिनांक आदि सहित दी जावे। (ग) क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की अनदेखी के कारण उपरोक्त प्रकरणों का अभी तक निराकरण नहीं हुआ है, जबकि आवेदक गण अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यालय में चक्कर लगाकर घर बैठ गये। क्या शासन इस प्रकार के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या राजस्व अधिकारियों द्वारा कुछ प्रकरणों के निराकरण के बाद की कार्यवाही (अमल) पटवारियों द्वारा नहीं की जा रही है? क्या इस हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उनको निर्देशित करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नामांतरण बंटवारा एंव सीमांकन नियम की प्रति पुस्तकालय परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ अन्तर्गत तहसील कैलारस एंव सबलगढ़ मे अप्रैल 2018 से जुलाई 2021 तक प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित नामांतरण/बंटवारा एवं सीमांकन के प्राप्त आवेदन निराकरण एवं शेष की जानकारी निम्नानुसार है -
मद |
तहसील सबलगढ़ |
तहसील कैलारस |
||||
दर्ज प्रकरण |
निराकृत |
शेष |
दर्ज प्रकरण |
निराकृत |
शेष |
|
नामान्तरण |
7015 |
5890 |
1125 |
9668 |
8763 |
905 |
बंटवारा |
700 |
582 |
116 |
584 |
445 |
139 |
सीमांकन |
159 |
130 |
29 |
300 |
296 |
04 |
आवेदक के नाम/पता/प्रकरण का दिनांक, क्रमांक व निराकरण दिनांक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। (ग) जी नहीं। समस्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियमानुसार न्यायिक प्रकिया की प्रतिपूर्ति उपरान्त समयावधि मे निराकरण किया जाता है। (घ) उक्त राजस्व प्रकरण में न्यायिक प्रकिया की पूर्णता उपरान्त प्रकरण संबंधित हल्का पटवारी के लागिन पर प्रदर्शित होने पर तत्समय पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेख में अमल किया जाता है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अधीनस्थों को राजस्व अभिलेख अद्यतन किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है।
धान एवं गेहूं उर्पाजन एवं भुगतान के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 312 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में विगत तीन वर्षों से धान एवं गेहूं का उर्पाजन संस्था द्वारा कृषकों से किया जा रहा है? यदि हाँ तो वर्षवार, विकासखंडवार, खरीदी केन्द्रवार उर्पाजन एवं भुगतान की जानकारी कृषक संख्यावार देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने कृषक हैं जिनका भुगतान संस्थाओं द्वारा नहीं किया गया है? संबंधित कृषकों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में समर्थन मूल्य पर कृषकों से उपार्जित धान एवं गेहूं की वर्षवार, विकासखंडवार, केन्द्रवार, कृषक संख्यावार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले समस्त किसानों को भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एफ.ए.क्यू. स्तर गेहूं विक्रय करने वाले समस्त किसानों को भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2021-22 में गेहूं विक्रय करने वाले 05 कृषकों का भुगतान शेष है। भु्गतान की कार्यवाही प्रचलन में है।
कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद के चयन
[सहकारिता]
16. ( क्र. 313 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश में कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद चयन हेतु विज्ञापन निकालकर प्राप्त आवेदनों में पात्र पाये गये आवेदकों का प्रदेश स्तर पर चयन कर जिले को सूची उपलब्ध करायी गयी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं विज्ञापन में क्या-क्या शर्तें हैं? बताएं। (ख) कटनी जिले को भेजी गयी सूची में कितने विज्ञापन की शर्तों में पात्र थे एवं कितने-कितने अपात्रों की सूची भेजी गयी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में कनिष्ठ संविदा विक्रेताओं के पद की प्राप्त सूची में मूल अभिलेखों की जांच में कितने आवेदकों को पात्र पाया गया एवं कितने को अपात्र किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद हेतु जिन्हें अपात्र किया गया है, उनके संबंध में क्या शासन निर्णय लेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, विभाग द्वारा विज्ञापन जारी कर एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से चयन कर पोर्टल पर चयन सूची उपलब्ध कराई गई है। विज्ञापन की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) एम.पी. ऑनलाईन पोर्टल से 158 अभ्यर्थियों की चयन सूची प्राप्त हुई थी, जिनमें 89 अभ्यर्थी पात्र पाये गये, 56 अभ्यर्थी अपात्र पाये गये तथा 13 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) अपात्र आवेदकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन करते समय स्वयं त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रविष्टि की गई है, अत: इनके सम्बन्ध में किसी निर्णय की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
जर्जर शालाओं में सुधार कार्य
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 315 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्राथमिक शाला झिरमिली, छीनामानी, बंधी, धरहर, आमाखोह एवं वरिष्ठ बुनियादी माध्यमिक शाला पनागर अत्यंत जर्जर स्थिति में हैं? (ख) यदि हाँ तो क्या इनका सुधार कार्य कराया जावेगा? (ग) यदि हाँ तो कब तक? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्राथमिक शाला धरहर, आमाखोह एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी अत्यंत जर्जर स्थिति में नहीं है। प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं झिरमिली जर्जर स्थिति में है प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं झिरमिली जर्जर स्थिति में है। (ख) जी हाँ, प्राथमिक शाला छीनामानी, एवं बंधी में जर्जर स्थिति के आधार पर नवीन कक्षों के निर्माण कार्य स्वीकृति किये गये है एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी में दर्ज में संख्या के आधार पर नवीन कक्षों के निर्माण कार्य स्वीकृति किये गये हैं, निर्माण कार्य प्रगति पर है। जी हाँ, प्राथमिक शाला झिरमिली में जर्जर भवन के स्थान पर नीवन भवन का निर्माण कार्य वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2021-22 में प्रस्तावित है। (ग) प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी के नवीन निर्माण अकादमिक सत्र 2021-22 की समाप्ति के पूर्व पूर्ण करा लिये जावेंगे। प्राथमिक शाला झिरमिली के प्रस्तावित निर्माण कार्य की स्वीकृति एवं आवंटन प्राप्त होने पर कार्य कराया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को प्रासंगिक व्यय राशि का भुगतान
[सहकारिता]
18. ( क्र. 321 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2019-20 में सेवा सहकारी समिति मर्या. सिहोरा जिला जबलपुर द्वारा की गई धान खरीदी में हुये लेबर व्यय (लोडिंग/स्टेकिंग) का भुगतान श्रमिकों को न किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन स्तर पर कब-कब किस-किस को पत्राचार किया गया तथा इन पत्रों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रेषित पत्र एवं उन पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति से संलग्न कर किन कारणों से अन्य दो समितियों द्वारा क्या धान की खरीदी की गई थी? यदि हां, तो क्या इन तीनों खरीदी केन्द्रों के प्रभारी कौन थे तथा इन समितियों द्वारा क्या पृथक-पृथक विपणन संघ जबलपुर से अनुबंध कर अलग-अलग केन्द्रों से धान की खरीदी की गई। खरीदी केन्द्र प्रभारियों के नाम, खरीदी मात्रा एवं परिवहन की गई धान की मात्रा एवं घटी एवं उपार्जन की बकाया राशि सहित समितिवार अलग-अलग सूची देवें। (ग) किसी प्रकार का दोष न होने पर भी सेवा सहकारी समिति मर्या. सिहोरा का वर्ष 2019-20 की धान खरीदी का लेबर व्यय रोके जाने के क्या कारण हैं? क्या शासन इसकी जांच कर गरीब श्रमिकों का पारिश्रमिक दिलवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो किस प्रकार से कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) माननीय सदस्य द्वारा पत्र क्र./B-94/G/2651 दिनांक 28.06.2021 भेजा गया। पत्र पर उप आयुक्त सहकारिता जिला जबलपुर के माध्यम से जांच कराई जा रही है, जो प्रक्रियाधीन है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पूर्व वर्षों में की गई धान खरीदी में खरीदी एवं जमा में 0.25% से अधिक अंतर आने के कारण सेवा सहकारी संस्था सिहोरा एवं उससे संलग्न अन्य 02 सेवा सहकारी संस्था पौड़ा एवं बरगी के 02 इस प्रकार कुल 04 केन्द्रों के माध्यम से उपार्जन का कार्य किया गया था। विपणन संघ द्वारा सेवा सहकारी संस्था सिहोरा के साथ अनुबंध किया गया था तथा सेवा सहकारी संस्था पौड़ा एवं बरगी से पृथक से अनुबंध नहीं किया गया था। केन्द्र प्रभारी, खरीदी मात्रा, परिवहन मात्रा, घटी, रिजेक्शन एवं उपार्जन की बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपार्जन केन्द्र सेवा सहकारी संस्था मर्यादित सिहोरा को आवंटित किये गये थे। उक्त समिति से सम्बद्ध पौड़ा एवं बरगी के केन्द्रों में उपार्जित धान को अमानक घोषित किये जाने के कारण नीलामी से हुई अंतर की राशि के भुगतान में समायोजित किया गया है। सेवा सहकारी संस्था सिहोरा एवं उससे सम्बद्ध पौड़ा एवं बरगी के श्रमिकों को संपूर्ण प्रासंगिक व्यय राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
ग्राम टिकारी की भूमि पर वन विभाग का कब्जा
[राजस्व]
19. ( क्र. 327 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल कलेक्टर कार्यालय की किस शाखा ने ग्राम टिकारी की भूमि से संबंधित किस-किस विषय एवं किन-किन मुद्दों पर पत्र क्रमांक 784/एल.आर./2017, दिनांक 17/4/2017 पत्र क्रमांक 2021/खनिज-1/262 दिनांक 29/1/2021 एवं पत्र क्रमांक खनिज-1/21/1089 दिनांक 10/6/2021 किस-किस को लिखा है? (ख) ग्राम टिकारी की कितनी भूमि किस दिनांक को वन विभाग को आवंटित की गई? कितनी भूमि का वन विभाग को किस दिनांक को कब्जा सौंपा? कितनी भूमि पर वन विभाग को वृक्षारोपण की किस दिनांक को कलेक्टर ने अनुमति प्रदान की? पृथक-पृथक बतावें। वन विभाग का वर्तमान में कितनी भूमि पर कब्जा है? (ग) ग्राम टिकारी की भूमि को राजस्व विभाग वन संरक्षण कानून 1980 में दायरे में आने वाली भूमि किस आधार पर किसके आदेश से मान रहा है? डीनोटीफाईड भूमि के संबंध में सर्वोच्च अदालत की सिविल याचिका क्रमांक 202/95 की आई.ए. क्रमांक 2619-2621/2009 में दिनांक 2 सितम्बर 2013 को क्या आदेश दिया जाकर क्या-क्या छूट किसे दी गई है? (घ) ग्राम टिकारी की भूमि से वन विभाग का कब्जा पृथक किए जाने के संबंध में कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि कार्यवाही नहीं की जावेगी तो उसका कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रमुख सचिव म.प्र.शासन, वन विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 784 / एल / .आर 2017, दिनांक 17/4/2017 में डीनोटीफाईड वन भूमियों को राजस्व अभिलेखों में संशोधित किए जाने के संबंध में कार्यालय भू-अभिलेख द्वारा मार्गदर्शन चाहा गया है, पत्र क्रमांक 2021 / खनिज -1 / 262 दिनांक 29/1/2021 संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र . भोपाल को म.प्र.राज्य के बैतूल जिले की तहसील बैतूल में स्थित ग्राम टिकारी गौठाना चिखलार, ग्रेफाइट खनिज ब्लाक के संबंध में तथा पत्र क्रमांक खनिज -1 / 21 / 1089 दिनांक 10/6/2021 संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र . भोपाल को म.प्र.राज्य के बैतूल जिले की तहसील बैतूल में स्थित ग्राम टिकारी गौठाना चिखलार ग्रेफाइट खनिज ब्लाक के संबंध में उर्मिला दिलीप चंदन 121 इन्फिनिटी टावर नारायण दामोलकर रोड प्लेजेंट पेलेस पीछे मुंबई (महा.) द्वारा प्रस्तुत आवेदन मूलतः सहपत्रों सहित संलग्न कर समुचित कार्यवाही मार्गदर्शन हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) ग्राम टिकारी की कुल 152.00 एकड़ (61.512 हे.) भूमि वनखंड खेड़ला टिकारी कुल रकबा - 3454.40 ( एकड़ ) शामिल को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 (1) के तहत अधिसूचना क्रमांक/458-1307-दग-65 का प्रकाशन राजपत्र दिनांक 22.04.1966 में किया गया एवं म.प्र . शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ -5 / 43 / 90 / 10-3 / 96 दिनांक 14 मई 1996 में प्राप्त निर्देशानुसार संयुक्त सर्वेक्षण उपरान्त 93.451 हे . अच्छा वनक्षेत्र होने के कारण भारत सरकार द्वारा कार्य आयोजना में वन संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु प्राप्त हुआ। ग्राम टिकारी की किसी भी भूमि को न ही वन विभाग को आवंटित किया है, न ही कब्जा सौंपा गया है, न ही वृक्षारोपण की अनुमति प्रदाय की गई है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996, म.प्र.शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक / 16 10 सात / 2 - ए / 90 दिनांक 13 जनवरी 1997 एवं सेन्ट्रल इमपावर्ड कमेटी का आदेश दिनांक 29 जनवरी 2002 के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट है कि समस्त बड़े झाड़, छोटे झाड़ जंगल मद की भूमियां जो कि वन विभाग के आधिपत्य में नहीं है, उन पर भी वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते हैं। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-27 के तहत म.प्र . वि मंडल जबलपुर को थर्मल पावर स्टेशन निर्माण हेतु निर्वनीकृत आरक्षित वनभूमि के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय याचिका क्रमांक क्रमांक 202/95 की आई ए.क्रमांक / 2619-2621 / 2009 में दिनांक 2 सितम्बर 2013 का केवल आरक्षित कक्ष क्रमांक 385, 386 ( नया 342, 343 ) की 10.190 हे . भूमि के संबंध में आदेश दिया गया है कि संबंधित भूमि को संरक्षण अधिनियम 1980 के संबंध मे गैर वन भूमि माना जावे। उक्त आदेश सेन्ट्रल इम्पावर्ड कमेटी की अनुशंसा अनुसार स्थल विशेष के लिए है एवं उक्त आदेश का पालन पूर्ण रूप से किया गया है। (घ) प्रश्नांश " ग " के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
वेयर हाउस में भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 345 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कहॉ-कहॉ शासकीय एवं अशासकीय वेयरहाउस कितनी-कितनी भंडारण क्षमता के है तथा उनमें कितना-कितना समर्थन मूल्य पर क्रय अनाज का भंडारण हुआ है वेयरहाउस बार जानकारी दें। (ख) वेयरहाउस में अनाज भंडारण हेतु परिवहन कर्ताओं के मार्ग निर्धारण हेतु शासन के क्या निर्देश है तथा रायसेन जिले में किस-किस अधिकारी ने भंडारण का मार्ग निर्धारित किया पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या रायसेन जिले में परिवहन कर्ताओं को लाभ पहुंचाने हेतु जिले के खाली वेयरहाउस में भंडारण न करवाकर समर्थन मूल्य पर क्रय खाद्यान्न का अन्य जिलों में भंडारण करवाया गया यदि हाँ तो क्यों कारण बताये। (घ) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय हेतु वेयरहाउस पर ही खरीदी केन्द्र क्यों नहीं बनाया जाता तथा भविष्य में इस संबंध में विभाग की क्या योजना है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शासकीय एवं अशासकीय वेयरहाउस की भंडारण क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है तथा उनमें समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज के भंडारण की वेयरहाउसवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ख) उपार्जन नीति की कंडिका 10.5 (iv) के अनुसार जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत संबंधित उपार्जन एजेंसी के जिला अधिकारी द्वारा ऑनलाईन भण्डारण हेतु मैपिंग की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) जिले में उपलब्ध गोदामों की रिक्त क्षमता तथा जिले में स्कन्ध उपार्जन अनुमान के आधार पर गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किए जाते हैं। भविष्य में उपलब्ध गोदामों के अनुसार उपार्जन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
मुआवजा राशि का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( क्र. 404 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के प्रत्येक जिले की प्रत्येक तहसील में इस वर्ष प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी वर्षा हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक खरीफ की फसल की बुआई होने पर और बीज मृत हो जाने के कारण क्या शासन इन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करेगा तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि विभाग द्वारा किसानों के फसलों का 6.4 की गाईड लाईन के आधार पर मुआवजा राशि देगा तो कब तक समय-सीमा सहित बतायें। कब तक मुआवजा प्रदाय हेतु सर्वे कराने का आदेश प्रदाय करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के आधार पर शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परियोजना में विदिशा जिले को शामिल करना
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 408 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना परियोजना सिंचाई डेम योजना अंतर्गत सागर जिले के अलावा विदिशा जिले के गॉवों को भी शामिल किया गया है? यदि हाँ तो शामिल ग्रामों के नाम बतावें? (ख) क्या उपरोक्त संबंध मे प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 201 दिनांक 26/03/2021 के माध्यम से प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री को विदिशा जिले की तहसील त्योंदा एवं बासौदा के 40-41 ग्रामों को शामिल करने का आग्रह किया है? यदि हाँ तो उपरोक्त के संबंध में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इन 40-41 ग्रामों को उक्त डेम सिंचाई परियोजना में शामिल किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख)एवं (ग) जी हाँ। परियोजना प्रतिवेदन में विदिशा जिले की तहसील त्योंदा एवं बासौदा के 40-41 ग्राम शामिल नहीं है। वर्तमान में परियोजना में उपलब्ध जल की मात्रा के अनुसार प्रावधानित क्षेत्र के अलावा नवीन क्षेत्रों को जोड़ा जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना के कार्यों की जांच
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 422 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता तारांकित प्रश्न क्रमांक 3237 दिनांक 17/03/2021 के प्रश्नांश ग के उत्तर में बताया गया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर और जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना के कार्यों की जांच कर, जांच प्रतिवेदन समय सीमा में भेजने हेतु दिनांक 25/02/2021 एवं 02/03/2021 को पत्र भेजे गये हैं। क्या संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर द्वारा समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदनों के विवरण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये और यदि जांच प्रतिवेदन नहीं भेजे गये तो संयुक्त संचालक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बतायें। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना की शिकायतों की जानकारी तारांकित प्रश्न क्रमांक 3237 के परिशिष्ट 4 में दी गई। जिसमें 06/07/2019, 23/09/2019, 13/1/2021, 04/02/2021, 17/2/2021 एवं 22/02/2021 में संचालनालय में शिकायतें प्राप्त होना बताया गया लेकिन प्रश्न दिनांक तक इन शिकायतों के आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर को जांच कर समय सीमा में जांच प्रतिवेदन भेजने हेतु पत्र भेजे गये क्या इन पत्रों पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर ने जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ तो उनके विवरण सहित जानकारी देवें। यदि जांच प्रतिवेदन नहीं भेजे गये तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें? (ग) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना को हटाकर उनके मूलपद उपसंचालक के पद पर कब तक वापिस कर दिया जायेगा। बतायें?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विवरण परिशिष्ट 01 अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना का मूल पद उप संचालक ही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 423 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अंतर्गत् वर्तमान में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही है। दुकानों के नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश क अनुसार ऐसी कितनी दुकानें हैं जिनकी विगत 2 वर्षो में अनियमितता एवं राशन न बांटने की शिकायतें कब-कब किसके द्वारा प्राप्त हुई है तथा इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई अथवा लंबित है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे? जिले में ऐसी कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनकी शिकायत होने पर उन्हें निलंबित किया गया, जिनका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बाद भी बहाल भी कर दिया गया क्यों? (ग) ग्रामीण इलाकों में शासकीय उचित मूल्य की कितनी ऐसी दुकानें जहॉं गरीब परिवारों को राशन लेने के लिये 5 कि.मी. या अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? (घ) क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार कर रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मुरैना जिला अंतर्गत वर्तमान में 115 शहरी एवं 369 ग्रामीण कुल 484 दुकानें संचालित की जा रही हैं। दुकानों के नाम एवं स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में प्रश्नांकित अवधि में राशन वितरण में अनियमितता की शिकायतें एवं उनमें जांचोपरांत की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जिले में ऐसे किसी भी दुकान को बहाल नहीं किया गया है जिसके प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रचलित है। (ग) जिले के ग्रामीण इलाकों में कोई भी दुकान ऐसी नहीं है जहां हितग्राहियों को 05 किमी. से अधिक दूरी पर चलकर आना पड़ता हो। (घ) जी नहीं, वर्तमान में प्रत्येक पंचायत में एक दुकान खुलने संबंधी प्रावधान के अनुक्रम में प्रदेश में दुकानविहीन पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें खोली जा रही हैं।
स्टॉफ क्वार्टर का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 473 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/ विभाग द्वारा जावरा नगर स्थित मॉडल स्कूल के स्टॉफ अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु स्टॉफ क्वार्टर का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हां, तो स्टॉफ क्वार्टर निर्माण की स्वीकृति किस दिनांक को दी जाकर किस दिनांक पर कार्य प्रारंभ हुआ तथा उक्त स्वीकृत कार्य को किये जाने हेतु कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? (ग) कार्य प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार का कितना कार्यपूर्ण हुआ एवं आगामी कौन-कौन से कार्य प्रारंभ किये जाना व पूर्ण किये जाना शेष रहा? कार्यवार जानकारी दें। (घ) निर्माणाधीन स्टॉफ क्वार्टर के स्थल के आस-पास काफी बड़ी मात्रा में भूमि असमतल व गड्ढेनुमा है तो स्थल की उक्त भूमि का समतलीकरण किये जाने हेतु पानी निकासी हेतु एवं गड्ढों के भराव हेतु क्या किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) हाँ यह सही है कि माडल स्कूल जावरा के स्टाँफ क्वार्टर का कार्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा परियोजना क्रियान्वयन ईकाई रतलाम के माध्यम से किया जा रहा है। (ख) जावरा परिसर से प्राचार्य निवास टाईप 3 के 04 आवास-गृह टाइप 4 के 02 आवास-गृह एवं टाईप 5 के 04 आवास-गृहो के क्षतिग्रस्त निर्माण को तोड़कर पुनर्निर्माण किये जाने हेतु राशि रू.340.00 लाख की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कार्यपालिका समिति दिनांक 04.05.2018 के विषय क्र.09 अनुसार प्रदान की जाकर परियोजना क्रियान्वयन ईकाई व्दारा कार्य किये जाने हेतु कार्यादेश क्र. 783/sac/ph/2018-19/Ratlam, dated 13.09.2018 जारी किया जाकर दिनांक 01.02.2019 को कार्य प्रारंभ किया गया था। (ग) कार्य दिनांक 01.02.2019 से प्रांरभ होकर दिनांक 03.08.2021 तक टाईप 5 के स्टाफ क्वार्टर की सभी छते पूर्ण हो चुकी हैं। ब्रिक वर्क एवं प्लास्टर का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा टाईप 3 में ब्रिक वर्क का कार्य पूर्ण होकर प्लास्टर का कार्य प्रगति पर है। प्रिसिंपल क्वार्टर में छत, ब्रिक वर्क, प्लास्टर, फ्लोरिंग का कार्य पूर्ण होकर पुट्टी का कार्य प्रगति पर है। टाईप 4 में ब्रिक वर्क, प्लास्टर, फ्लोरिंग का कार्य पूर्ण होकर पुट्टी का कार्य प्रगति पर है। सभी क्वार्टरों में पुताई का कार्य, दरवाजे फिटिंग, इलैक्ट्रिक कार्य शेष है। बाकी सभी कार्य प्रगति पर है। (घ) मॉडल स्कूल परिसर के पास गड्डे का भराब या पानी निकासी हेतु पी.आई.यू., पी.डब्लू.डी., रतलाम को माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा पत्र क्रमांक 351-52/भवन/2020, भोपाल दिनांक 16.09.2020 प्रेषित किया गया है जिसके अनुसार पृथक प्राक्कलन एवं सर्वे की कार्यवाही प्रचलन में है।
मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु बजट आवंटन
[चिकित्सा शिक्षा]
26. ( क्र. 484 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र फ़रवरी - मार्च 2021 में मेरी मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण के संबंध में ध्यानाकर्षण सूचना के उत्तर में सदन में मंत्री महोदय के द्वारा अगले माह में बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था? (ख) क्या उक्त आश्वासन के अनुक्रम में बजट उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ तो कितना? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज पर दी गई शासकीय भूमि की जानकारी
[राजस्व]
27. ( क्र. 499 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद बैहर, जिला बालाघाट की शासकीय भूमि लीज पर दी गई है? (ख) यदि हाँ तो लीज धारको का पूर्ण नाम, पूर्ण पता, कब से कब तक लीज दी गई है, रकबा, खसरा नं. सहित जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) शासकीय भूमि के लीज धारको के नवीनीकरण के प्रकरण किन के व किस स्तर पर विचाराधीन है? लीज नवीनीकरण एवं भूमि लीज पर देने के नियम क्या है, जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) किन – किन लीज धारको को भूमि स्वामी हक कब – कब, किस अधिकारी के द्वारा जारी किया गया? किन – किन लीज धारकों द्वारा लीज की भूमि को भूमि स्वामी हक बताकर विक्रय किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) सुभाष अवधिया एवं लाभसिंह सरदारसिंह के प्रकरण न्याया. अनु.वि.अधि. बैहर के न्यायालय में विचाराधीन है। लीज नवीनीकरण एवं भूमि लीज पर देने के मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू है। (घ) नगर परिषद बैहर अंतर्गत कुल 39 लीज धारी पटवारी अभिलेख में भूमिस्वामी दर्ज है। इन लीजधारियों का भूमि स्वामी हक में संपरिवर्तन का कोई आदेश अभिलेख उपलब्ध नहीं है।
अहस्तांतरित जमीन को हस्तांतरित करने की जानकारी
[राजस्व]
28. ( क्र. 511 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विरोधी आधिपत्य ऐडवर्ड पजेशन के कानून के तहत कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए हैं। (ख) उक्त कानून के तहत कितनी शासकीय जमीन तथा कितनी निजी जमीन का आधिपत्य दिया गया जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) रतालम जिले में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2020 तक कितने प्रकरणों में अहस्तांतरित जमीन को हस्तांतरित कर दिया गया है। (घ)रतलाम जिले में वर्ष 2005 से 2020 तक धारा 165 (6) के तहत कितने प्रकरणों में अनुमति दी गई हैं विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी निरंक। (ग) रतलाम जिले में वर्ष 2011 से वर्ष 2020 की अवधि में अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय कर निजी नाम दर्ज किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है, अतः जानकारी निरंक। (घ) प्रश्नांश अवधि में जिला रतलाम में कुल 373 प्रकरणों में रकवा 305.268 हे. भूमि विक्रय की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
राशन दुकानों की रैंडम जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 512 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न कर्ता के प्रश्न क्रमांक 1109 दिनांक 25/02/2021 का उत्तर दिलाया जाए तथा बतावे की क्या 8 दुकानों की ही रेंडम जांच की गई थी यदि नहीं तो जिन दुकानों की रैंडम जांच की गई थी उसमें कितनी दुकानों पर कोई घोटाला नहीं पाया गया? (ख) प्रश्नाधीन विषय पर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर के बीच हुए पत्र व्यवहार की प्रति देवें तथा बतावे की शेष 55 दुकानों पर 21202 फर्जी हितग्राही किसकी जांच पर तथा किसके आदेश से कम किए गए जांच तथा आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फर्जी/काल्पनिक हितग्राही कुल कितने कूपन में दर्ज थे तथा कितने कूपन निरस्त किए गए। (घ) वर्ष 2019 से जून 2021 तक कितने खाद्यान्न जांच में अमानक पाए गए तथा क्या कार्यवाही की गई।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक-1109, दिनांक-25/02/2021 का विभाग द्वारा दिनांक 26.07.2021 को विधानसभा को प्रेषित किया गया है। जी हां, 08 दुकानों का ही रेण्डम जांच की गई थी। सभी 08 उचित मूल्य दुकानों में जांच में अनियमितताए पाई जाने पर उनके विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाहीं की जाकर उक्त प्रकरण में संलिप्त नगर निगम के कर्मचारियों एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) जिला प्रशासन द्वारा दर्ज करवाई गई है। (ख) पत्र व्यवहार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। तत्कालीन कलेक्टर जिला रतलाम के अनुरोध पर 06 माह से राशन नहीं लेने वाले 21202 परिवारों को एनआईसी भोपाल द्वारा सीधे विलोपित किया गया था। रतलाम नगर के 21202 परिवारों के नाम कम किये जाने के संबंध में जिले से कोई आदेश जारी नहीं किये गये थे। (ग) रतलाम शहर के 06 माह से राशन नहीं लेने वाले 21202 परिवारों को एनआईसी भोपाल द्वारा राशन की पात्रता से सीधे हटा दिया गया था, इस कारण कूपन निरस्त किये जाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया। (घ) वर्ष 2019 से जून 2021 तक जिले में खाद्यान्न की जांच में कोई खाद्यान्न अमानक होना नहीं पाया गया। जिले के वेयरहाउसों में भंडारित 395 मे.टन चावल केन्द्रीय जांच दल द्वारा की गई जांच में केवल डिसकलर होना पाया गया था, जिसको जिला प्रबंधक म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन रतलाम द्वारा संबंधित मिलों को वापस कर दिया गया था।
अर्जित एवं संवितरण के प्रदत्त अधिकार
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 520 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भी राजपत्रित अधिकारी जिन्हें आहरण एवं संवितरण के अधिकार प्रदत्त हैं के द्वारा अर्जित/लघुकृत अवकाश पर प्रस्थान किये जाने के उपरान्त भी उन्हें किसी प्रकार के आहरण एवं संवितरण अथवा बैंक आदि के माध्यम से राशि भुगतान करने के अधिकार नहीं रहते हैं? (ख) प्रशनांश (क) यदि हाँँ, तो स्वीकृत अवकाश अवधि में किसी भी प्रकार से किये गये आहरण एवं संवितरण अथवा किसी भी फर्म/संस्था/व्यक्ति को किया गया भुगतान प्रदत्त वित्तीय अधिकारों एवं पद का दुरुपयोग किये जाने की श्रेणी में आता है? (ग) नीमच जिले में ऐसे कौन-कौन राजपत्रित अधिकारी हैं, जिनके द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवकाश पर रहते हुए आहरण एवं संवितरण का कार्य एवं बैंक आदि के माध्यम से फर्म/संस्था/व्यक्ति को भुगतान किया गया है?यदि हाँँ, तो किये गये भुगतान आदि का विस्तृत ब्योरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में किये गये अनियमित भुगतान के संबंध में संबंधित दोषी अधिकारी के विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई विस्तृत ब्यौरा दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है। (ग) जिला नीमच अर्न्तगत प्रश्नांकित अवधि में किसी भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा अवकाश अवधि में कोषालय से आहरण एवं संवितरण का कार्य नहीं किया गया है, परंतु प्रश्नांकित अवधि में शा.क.उ.मा.वि. नीमच केंट में कार्यरत प्राचार्य श्रीमति निर्मला अग्रवाल 03.04.21 से 02.06.21 की अवधि में लघुकृत अवकाश पर रहते हुये इनके द्वारा संस्था की स्थानीय निधि से दिनांक 09.04.21 को रूपये 1472/- तथा दिनांक 19.05.21 को रूपये 1473/- का विद्यालय में स्थापित इन्टरनेट देयकों का भुगतान दूरसंचार विभाग को एवं विद्यालय में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत संचालित व्यावसायिक ट्रेड के प्रशिक्षकों राहुल सिंह राठौर को माह अप्रैल का मानदेय राशि रूपये 7740/- एवं श्रीमती मनीषा राठौर को माह अप्रैल का मानदेय राशि रूपये 12900/- का भुगतान एस.एम.डी.सी. मद से व्याख्याता/प्राचार्य के संयुक्त हस्ताक्षरित खाते से दिनांक 28.05.2021 को चैक के द्वारा भुगतान किया गया है। संबंधित प्राचार्य श्रीमति निर्मला अग्रवाल को कोषालय से आहरण एवं संवितरण के अधिकार प्रदत्त नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के भुगतान के परिप्रेक्ष्य में संबंधित को जिला शिक्षा अधिकारी जिला नीमच के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/स्था-1/प्राचार्य उ.मा.वि./2021/125 दिनांक 20.07.2021 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
भृत्य के पद पर नियुक्ति
[राजस्व]
31. ( क्र. 521 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म0प्र0 शासन राजस्व विभाग मंत्रालय द्वारा उनके ज्ञाप क्रमांक एफ 6-99/2019/सात/4 भोपाल, दिनांक 21/05/2019 के द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत रहे प्रोसेस सर्वर को राजस्व विभाग अंतर्गत जिला कलेक्टर स्थापना में भृत्य के 50 प्रतिशत रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में विचार करने का प्रावधान निहित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यह हाँ तो शासन निर्देशों के उपरान्त प्रदेश में ऐसे कितने प्रोसेस सर्वर हैं जिन्हें शासन आदेश के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर स्थापना में भृत्य के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है और ऐसे कितने प्रोसेस सर्वर हैं जो आज भी भृत्य के पद पर नियुक्ति नहीं ले पाये हैं? (ग) क्या नीमच एवं मन्दसौर जिले में आज भी ऐसे प्रोसेस सर्वर हैं जिन्हें शासन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में भृत्य की नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है? यदि हाँ तो शासन उन्हें कब तक नियुक्ति प्रदान कर सकेगा? समय सीमा बतायें तथा विलम्ब के लिये कौन उत्तरदायी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 533 को नियुक्ति दी गई है। शेष 167 को भृत्य के पद पर नियुक्ति की जाना है। (ग) मंदसौर जिले में समस्त प्रोसेस सर्वर को नियुक्ति प्रदान की गई है। नीमच जिले में 04 प्रोसेस सर्वर नियुक्ति हेतु शेष है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बायो डीजल के अवैध पंप का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 524 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अवैध बायो-डीजल पंप संचालित है? यदि हाँ, तो बिना अनुमति के बायो-डीजल पंप कैसे संचालित है? (ख) क्या बायो-डीजल के नाम पर अन्य मिलावटी पदार्थ बेचा जा रहा है। क्या सरकार के पास बायो-डीजल के नाम पर अन्य मिलावटी पदार्थ की जांच हेतु कोई प्रयोगशाला है? क्या इसकी बिक्री से पर्यावरण के साथ-साथ सरकार के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है? (ग) यदि हाँ तो अवैध एवं मिलावटी बायो-डीजल बेचने वालो के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? इस पर पूर्णतः प्रतिबंध कब लगाया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चम्बल नहर सिंचाई योजना से सिंचित गांव
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 527 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)श्योपुर जिले में स्वीकृत लघु सूक्ष्म चम्बल नहर सिंचाई परियोजना (35 गांव की नहर) अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी असिंचित भूमि को सिंचित किये जाने की योजना थी? ग्रामवार, रकबा सहित विस्तृत जानकारी बताये? (ख) क्या प्रश्नांश (क)अनुसार परियोजना स्वीकृति के समय ग्राम जैदा, मठेपुरा, गुवाड़ी, चैंडपुर, प्रेमपुरा हवेली, गुर्जर गांवड़ी एवं भसुंदर की असिंचित सम्पूर्ण भूमि को सिंचित किये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ तो उक्त ग्रामों की असिंचित भूमि पर नहर की पाईप लाईन न बिछाकर परियोजना से लाभान्वित किये जाने से वंचित क्यों किया जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ तो क्या? एवं कब तक? तथा उक्त ग्रामों में कब तक पाईप लाईन डाली जावेंगी? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें? (ग) क्या सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने निजी निहित स्वार्थो के खातिर मनमर्जी से उक्त सिंचाई परियोजना में 7 ग्रामों की सैकड़ों हेक्टेयर सिंचित भूमि को भी परियोजना में सम्मिलित करा दिया गया है? जिससे परियोजना अपने मूल स्वरूप की अवधारणा को पूर्ण नहीं कर पायेगी? यदि हाँ तो उक्त सम्मिलित किये गये गांवों की उक्त भूमि अभी तक कहां से सिंचित होती थी या नहीं विस्तृत रूप से लिखित रूप में अवगत करावें? इसके लिये कौन दोषी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) चंबल सूक्ष्म नहर सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 27.07.2018 को रू.167.58 करोड़ की 12, 000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई थी। स्वीकृत परियोजना प्रतिवेदन में 12, 000 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान था। विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत तकनीकी परीक्षण में उपयुक्त पाए जाने पर 52 ग्रामों की 12, 471 हेक्टर कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सूक्ष्म चंबल नहर परियोजना में वे ग्राम शामिल हैं जो अभी तक चम्बल मुख्य नहर एवं आवदा बांध के कमांड क्षेत्र के बाहर होने के कारण तथा स्वयं के साधनों से सिंचाई करते थे। विभाग के किसी अधिकारी द्वारा निज स्वार्थ से किसी भी ग्राम को परियोजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
कोविड संक्रमण की द्वितीय लहर में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 528 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में 31 मार्च 21 की स्थिति में कुल कितने हितग्राही परिवार व सदस्य थे 31 मार्च से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नए परिवार व सदस्य शामिल किये गये कुल कितने पात्र परिवार बने विधानसभा क्षेत्रवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कुल परिवारों में से कितने परिवारों को पांच माह का खाद्यान्न एक मुश्त व निःशुल्क कब दिया गया? एक मुश्त व नि:शुल्क 5 माह के खाद्यान्न के साथ केरोसिन शक्कर व नमक कितना-कितना दिया गया? कितने परिवारों को एकमुश्त निःशुल्क खाद्यान्न नहीं दिया गया और कितने परिवारों को 5 माह का निशुल्क व एक मुश्त खाद्यान्न तो दिया गया परंन्तु साथ में पात्रता अनुसार शक्क्र, नमक व केरोसिन नहीं दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत प्रश्नांश (ख)में दर्शित जानकारी खाद्यान्न की मात्रा सहित राशन दुकानवार उपभोक्तावार पृथक से उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले में 31 मार्च, 2021 की स्थिति में कुल हितग्राहीं परिवार की संख्या 4, 01, 529 थी जिसकी सदस्य संख्या 16, 24, 303 थी। 31 मार्च, 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 19, 274 परिवार जोड़े गए जिनकी सदस्य संख्या 73, 410 थी वर्तमान में जिले कुल 4, 20, 803 परिवार एवं 16, 97, 713 सदस्य हैं। विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। (ख) उत्तर (क) में दर्शित पात्र परिवारों में से माह अप्रैल एवं मई में 393826 परिवारों को एवं जून में 372200 परिवारों को एक मुश्त माह अप्रैल, मई, जून का NFSA के तहत एवं जून माह में मई व जून का PMGKAY के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया। एक मुश्त नि:शुल्क खाद्यान्न के साथ AAY के परिवार को 2 लीटर केरोसिन, एक किलो शक्कर एवं एक किलो नमक वितरित किया गया। जिले में 46233 परिवारों द्वारा तीन माह (अप्रैल, मई एवं जून) में शक्कर नमक एवं केरोसिन उचित मूल्य दुकान से नहीं प्राप्त किया, जिसकी विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। (ग) विधानसभा बण्डा के अंतर्गत संचालित 138 उचित मूल्य दुकानों में माह अप्रैल एवं मई में कुल परिवार 67, 065 में से 65, 969 परिवारों को खाद्यान्न वितरित किया गया तथा 1096 परिवार राशन लेने नहीं आए, इसी प्रकार जून, 2021 में 68, 049 परिवारों में से 63, 675 परिवारों ने खाद्यान्न प्राप्त किया तथा 5374 परिवार खाद्यान्न लेने नहीं आए। उचित मूल्य दुकानवार एवं परिवारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती
[राजस्व]
35. ( क्र. 547 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15.03.2021 के खण्ड ‘‘क‘‘ में उल्लेखित जमीनो के सम्पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए तथा बताऍ की न्यायालय तहसीलदार द्वारा किस नियम के तहत हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया जबकी यह अधिकार डिस्ट्रिक्ट मजेस्टेड को होता है? (ख) खण्ड ‘‘क‘‘ में उल्लेखित प्रश्न के खण्ड ‘‘घ‘‘ के सन्दर्भ में बतावें कि उच्चतम न्यायालय में अपील नहीं करने तथा विधि विभाग की राय नहीं लेने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया? इस सन्दर्भ में समस्त नोट शीट की प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नाधिन जिन शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के आदेश को अब भी उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है या नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15.03.2021 के खण्ड ‘‘घ‘‘ के उत्तर में उल्लेखित तत्कालीन अधिकारियों के नाम तथा पद बताऍ तथा जानकारी दें कि ऐसे प्रकरणों में शासन की और से निर्देश क्या है उसकी प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15/03/2021 के खण्ड ‘‘क’’ में उल्लेखित जमीनों के सम्पूर्ण दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 1- रतलाम जिलें में तहसील रतलाम शहर में भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. भूमि पर न्यायालय तहसीलदार रतलाम के द्वारा न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 0003/अ-20 (4)/2012-13 में पारित आदेश दिनांक 01/04/2013 के परिपालन में राजस्व अभिलेख में आदेश का अमल कराया गया। 2- सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500 हे. माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के प्रकरण क्रमांक 89/ए82 पारित आदेश दिनांक 06/04/87, द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रतलाम के प्रकरण क्रमांक अपील 11ए/87 निर्णय दिनांक 21/03/1988, माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के द्वितीय अपील क्रमांक 151/88 के निर्णय दिनांक 23/11/2004 माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के स्पेशल लिव पिटीशन सीसी 5480/2006 निर्णय दिनांक 07/08/2006 के परिपालन में तहसीलदार रतलाम के द्वारा प्रकरण क्रमांक 64/अ-6/2005-06 आदेश दिनांक 04/02/2008 से नामांतरण किया गया। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हें0 भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुनर्याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में न्यायालय तहसीलदार रतलाम के प्रकरण क्रमांक 10/अ-6/2015-16 आदेश दिनांक 29/09/2016 से नामांतरण किया गया। (ख) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर के याचिका क्रमांक 7963/2009 में पारित आदेश दिनांक 06/01/2011 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ अवमानना याचिका क्रमांक 262/12 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय त्वरित कार्यवाही की गई। अतः उच्चतम न्यायालय में अपील करने व विधि विभाग से राय लेने बाबत् कार्यवाही की कोई नोटशीट उपलब्ध नहीं है। 2- भूमि सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500हे0 माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के प्रकरण क्रमांक 89/ए82 पारित आदेश दिनांक 06/04/87, द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रतलाम के प्रकरण क्रमांक अपील 11ए/87 निर्णय दिनांक 21/03/1988, माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के द्वितीय अपील क्रमांक 151/88 के निर्णय दिनांक 23/11/2004 माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के स्पेशल लिव पिटीशन सीसी 5480/2006 निर्णय दिनांक 07/08/2006 के परिपालन में तत्समय कार्यवाही की गई। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुनर्याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय त्वरित कार्यवाही की गई। अतः उच्चतम न्यायालय में अपील करने व विधि विभाग से राय लेने बाबत् कार्यवाही की कोई नोटशीट उपलब्ध नहीं है। (ग) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. को निजी नाम पर करने के सबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर के याचिका क्रमांक 7963/2009 में पारित आदेश दिनांक 06/01/2011 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के अवमानना याचिका क्रमांक 262/12 में दिए गए सख्त निर्देशो के परिपालन में तत्समय उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। 2- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुर्न याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। उपरोक्त दोनों प्रकरणों में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में चुनौती दिए जाने के संबंध में महाधिवक्ता कार्यालय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर से विधिक अभिमत अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 के नामातंरण में तत्समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री राजीव दुबे (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री दिनेशचन्द्र सिंघी (रा.प्र.से.) तथा श्री वीरेन्द्र कटारे तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। 2- सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500 हे. के नामांतरण के समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री महेन्द्र ज्ञानी (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री जे.एस.सलुजा (रा.प्र.से.) तथा श्री भुवन गुप्ता तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 131/1/ख/2 एवं 131/1/ख/3 के नामांतरण के समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री चंद्रशेखर बोरकर (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री सुनील झा (रा.प्र.से.) तथा श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। म0प्र0 राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 की कंडिका 26.8 अनुसार, जिला अंतर्गत स्थित शासकीय भूमि के मामले में किसी न्यायालयीन निर्णय के विरूद्ध अपील/पुनरीक्षण प्रस्तुत करने हेतु, शासकीय अभिभाषक के मत के आधार पर, जिला कलेक्टर ही सक्षम हैं। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
ई-टेण्डर घोटाले की जानकारी
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 548 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत, श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5523 दिनांक 22.03.2021 का उत्तर दिलाया जाय तथा बतावें कि विभाग द्वारा ठेकेदार को कार्यादेश के बाद अग्रिम राशि देने का नियम क्या है? कुल कार्य की लागत का कितना प्रतिशत अग्रिम कब-कब दिया जाता है? नियम की प्रति देवें। (ख) वर्तमान में 880 करोड़ अग्रिम दिये जाने की जो जांच प्रचलन में है उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराऍ। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित अग्रिम किस-किस फर्म को किस-किस कार्य के लिये किस दिनांक को कितनी राशि का दिया गया तथा वह जांच के घेरे में क्यों है? (घ) ई-टेण्डरिंग घोटाले में विभाग के कौन-कौन से टेन्डर शामिल है उनकी सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ड.) विभाग के किन-किन अधिकारियों पर उत्तर दिनांक को न्यायालयीन, लोक आयुक्त, ई.ओ.डब्ल्यु में भ्रष्टाचार सम्बन्धित प्रकरण लंबित है तथा किन-किन अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने हेतु शासन से अनुमति लंबित है? (च) वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना प्रस्तावित है उनका नाम एवं लागत उपलब्ध कराए व कब तक टेंडर जारी होगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। वर्तमान में विभाग अंतर्गत ठेकेदार को कार्यादेश के बाद अग्रिम राशि देने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रू.880 करोड़ अग्रिम दिये जाने की कोई जांच प्रचलन में नहीं है, तथापि पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा अवगत कराया गया है कि जल संसाधन विभाग के निर्माणाधीन परियोजनाओं के निविदा प्रपत्रों में उल्लेखित शर्तों को निविदा खुलने एवं स्वीकृत होने के बाद, शर्तें बदलने संबंधी तथ्यों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा प्राथमिक जांच क्रमांक-04/2021 पंजीबद्व की है, जिसकी जांच जारी है। विभाग द्वारा निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध किये गये भुगतान की अनियमिताओं की जांच हेतु आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच समिति का गठन किया जाकर जांच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है। (ग) जांच प्रक्रियाधीन है। (घ) जांच प्रक्रियाधीन है। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’स’’ अनुसार है। (च) वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द-1’’ एवं ’’द-2’’ अनुसार है। वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा हेतु नियत सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने के कारण प्रस्तावों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिंचाई परियोजना एवं अन्य निर्माण कार्यो की अद्यतन स्थिति
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 557 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई परियोजना के अन्य निर्माण कार्य तथा मरम्मत के कौन-कौन से कार्य चल रहे है? उक्त कार्य कितनी - कितनी लागत के किस-किस स्थान पर, किस-किस ठेकदार को कब-कब से दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने हेतु क्या निर्धारित लक्ष्य रखे गये हैं? लक्ष्य के अनुरूप कितने- कितने कार्य पूर्ण हो गये है एवं कितने-कितने कार्य शेष है? कार्यवार पृथक-पृथक बतायें? (ग) उपरोक्त के तारतम्य में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है? लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में संबंधित उत्तरदायियों जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हॉ, तो कब तक? यदि नही, तो क्यों? (घ) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत निर्माणाधीन माचागौरा पेंच व्यपवर्तन नहर निर्माण कार्य वर्तमान में ठेकेदार द्वारा बंद कर दिया गया है? यदि हॉ, तो क्यों। उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा रूके हुये कार्य को शीघ्र प्रारंभ कराने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 2399 दिनांक 06/07/2021 के माध्यम से निवेदन किया है? यदि हॉ, तो पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोरोना महामारी के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करना, भूमि अधिग्रहण में कृषकों द्वारा अवरोध उत्पन्न करना, नहर निर्माण हेतु वन भूमि प्रकरण की स्वीकृति प्राप्त न होना एवं ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर दिए जाने से लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। कार्य को यथा संभव शीघ्र पूर्ण कराने हेतु शासन प्रयासरत है। (घ) जी हाँ, मान. सदस्य के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र पर कार्यवाही प्रचलन में है।
अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
38. ( क्र. 558 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी एवं बालाघाट जिले की रेत खदान आवंटित की जा चुकी हैं? यदि हॉ, तो आवंटित रेत खदान में किस-किस विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी नदी की सर्वे नं. में कितनी-कितनी मात्रा का आंकलन कर नीलाम की गई है? (ख) प्रश्नांकित ''क'' जिले की रेत खदान किस एजेन्सी को प्रदान की गई है एवं उसके अनुबंध अनुसार रेत खनन किस दिनांक से प्रांरभ किया गया है? (ग) प्रश्नांश '' ख'' में दर्शित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस नदी के सर्वे नं. में से कितनी-कितनी मात्रा का खनन किया जाकर कितनी मात्रा की रॉयल्टी काटी गयी है? काटी गयी रॉयल्टी राशि के विवरण से अवगत करावें? (घ) एजेन्सी के द्वारा विभाग को अनुबंध के अनुसार कब-कब कितनी-कितनी राशि जमा करायी जाना थी, उसके विरूद्ध विभाग को वास्तविक रूप से कितनी - कितनी राशि जमा करायी गयी है? यदि निर्धारित लक्ष्य से कम राशि जमा करायी गयी है तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। रेत खदानों का जिलावार समेकित समूह बनाकर समग्र नीलामी मात्रा का निर्धारण किया गया है। शेष जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। चूँकि देय किश्त अनुसार राशि जमा की गई है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संयुक्त कलेक्टर कार्यालय के भवन का निर्माण
[राजस्व]
39. ( क्र. 562 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी का संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय दिनांक 1-10-2018 से स्कूल शिक्षा विभाग के भवन में संचालित है, यदि हाँ तो संयुक्त कार्यालय कलेक्ट्रेट निवाड़ी का स्थाई भवन कब तक निर्माण किया जाएगा अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जावे। (ख) जिला निवाड़ी के संयुक्त कार्यालय में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से विभाग के जिला कार्यालय निवाड़ी मुख्यालय से संचालित हैं एवं कितने टीकमगढ़ जिले से, अलग अलग जानकारी दी जावे। (ग) नवीन सृजित जिला निवाड़ी के प्रश्नगत कार्यालय में संचालित किन किन विभागों के जिला कार्यालयों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं इनमें से किन किन कार्यालय की स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं किन किन कार्यालय की स्वीकृति शेष है विभागवार जानकारी दी जावे। साथ ही बताया जाये कि शेष जिला कार्यालय कब तक प्रारम्भ किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं। समय –सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जिला निवाड़ी में विभागों के संचालन हेतु समस्त विभागों के कार्यालय इकाई की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव कलेक्टर व्दारा भेजे गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पट्टेधारी व्यक्तियों की भूमि को विक्रय से प्रतिबंध हटाने बाबत्
[राजस्व]
40. ( क्र. 563 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी अन्तर्गत ओरछा में सक्षम अधिकारी के आदेश बिना व नियम विरूद्ध अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति वर्ग के पट्टेधारी व्यक्तियों की भूमि विक्रय से प्रतिबंध वर्ष 1995 से प्रश्न दिनांक तक हटाया गया है? यदि हाँ तो सम्बंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। साथ ही प्रतिबंध हटाने वाले अधिकारी का नाम उल्लेख किया जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रतिबंध से हटायी गई भूमि स्वामी का नाम, खसरा नम्बर, ग्राम सहित बतायें। (ग) तहसील ओरछा अन्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने आदिवासियों की भूमि विक्रय की अनुमति नियमानुसार दी गई। यदि हाँ तो भूमि स्वामी का नाम, खसरा नम्बर व ग्राम साथ ही व्रिकय की गई भूमि को क्रय करने वालों की जानकारी उपलब्ध करायी जावें। (घ) तहसील ओरछा अन्तर्गत कितने रिकार्ड सुधार हेतु प्रकरण वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज किये गये है कि जानकारी पृथक से दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। तहसीलदार ओरछा से प्राप्त जानकारी अनुसार इस प्रकार का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) टीकमगढ, वर्ष 2014 से सितम्बर 2018 तक जिला टीकमगढ में संलग्न था जिला निवाड़ी का गठन 01 अक्टूवर 2018 को होने के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक आदिवासियों की भूमि विक्रय की अनुमति नहीं दी गई है। जानकारी निरंक है। टीकमगढ जिले को विभाजित कर 01 अक्टूबर 2018 से नवीन जिला निवाडी का सृजन किया गया है, नवीन जिला निवाडी के सृजन के पूर्व वर्ष 2014 से 01 अक्टूबर 2018 तक तहसील ओरछा के 18 आदिवासियों को भूमि विक्रय की अनुमति दी गई, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ‘’घ’’ में वांछित जानकारी निम्नानुसार है :- वर्ष 2014 से सितम्बर 2018 तक तहसील ओरछा अंतर्गत म0प्र0 भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत रिकार्ड सुधार के अधिकार तहसील न्यायालय को होने से तहसील ओरछा में 253 प्रकरण मद अ-6-अ के तहत दर्ज किये गये। सितम्बर 2018 से उक्त अधिकार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को होने से सितम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक मद अ-6-अ के तहत कुल 233 प्रकरण दर्ज किये गये है।
जांच एवं कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 572 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक शाला एक परिसर की अवधारणा क्या है? स्पष्ट करें। क्या एक ही गांव/बसाहट में अलग-अलग स्थान पर स्थित शालाओं को भी इसके अन्तर्गत एकीकृत किया जा सकता है? (ख) क्या यह भी सत्य है कि सतना जिले के संकुल केन्द्र भटनवारा एवं गोरइया में क्रमशः कन्या शाला भटनवारा एवं प्राथमिक शाला गोरइया को एक शाला एक परिसर के अन्तर्गत एकीकरण किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दोनों शालाएं एक परिसर में स्थित नहीं बल्कि बसाहट में अलग-अलग स्थान पर स्थित है? यदि हां, तो इन्हें प्रश्नांश (क) के नियमों के विपरीत कैसे एकीकरण कर दिया गया? उक्त संस्थाओं का भौतिक परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) सत्य है तो क्या शासन नियम विपरीत तरीके से एकीकृत की गई शालाओं को पुनः पूर्ववत की स्थिति में बहाल करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? विसंगतिपूर्ण कार्यवाही के लिए कौन जिम्मेदार है व उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’एक’ पर है। जी हाँ, एक ही गांव/बसाहट में जी.आई.एस. मैपिंग के आधार पर 150 मीटर की परिधि में संचालित अलग-अलग शालाओं को एकीकृत किये जाने के निर्देश है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। एकीकरण शासन के नियमों के अनुसार किया गया है, भौतिक सत्यापन रिपोर्ट परिशिष्ट पुस्तकालय में रखे ’दो’ पर है। (घ) उत्तरांश ’ग’ के अनुक्रम में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की अनुमति बिना फर्जी सहमति पत्र बनाया जाना
[सहकारिता]
42. ( क्र. 574 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की मझगवां ब्लाक के अंतर्गत नयागांव सोसायटी में समिति प्रबंधक द्वारा अपने परिचित लोगों के नाम पर किसानों की बिना सहमति के रजिस्ट्रेशन कराया और गलत तरीके से हजारों क्विंटल गेहूं शासन को बेचा गया और उसका भुगतान प्राप्त किया? (ख) क्या स्व. लालजी सिंह चंदेल, स्व. मंगल सिंह निवासी बेरहना इन मृतकों के नाम के भी सहमति पत्र बनाए गए? रामसुजान कुशवाहा, स्व. भोला सेन निवासी बांधी जैसे अनेकों किसानों ने अपने सहमति पत्र नहीं दिए, जब किसानों ने शिकायत की तो किसानों के नाम के फर्जी सहमति पत्र बनाए गए। क्या यह कार्य सहकारिता विभाग के जिले के अधिकारियों और समिति प्रबंधक की मिलीभगत से किया गया? (ग) क्या इसकी जांच विभाग द्वारा कराई जाएगी अगर हो तां समय-सीमा सुनिश्चित करें और ऐसे दोषियों को जिन्होंने किसानों के साथ धोखाधड़ी करके अपने निजी स्वार्थ, निजी लाभ के लिए ऐसा भ्रष्टाचार किया? इन पर क्या कार्रवाई होगी? क्या उक्त शामिल अधिकारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उक्त बिन्दु पर कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता के आदेश क्र./शिका./विस/2021/540 दिनांक 22.07.2021 द्वारा जांच दल गठित किया गया है। (ख) जांच निष्कर्षाधीन। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार जांच प्रक्रियाधीन, समय सीमा बताई जाना संभव नहीं। कार्रवाई जांच निष्कर्षाधीन।
डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों का विस्थापन
[राजस्व]
43. ( क्र. 575 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना टाईगर रिजर्व की परिधि एवं केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र में आने के कारण विधानसभा क्षेत्र बिजावर के किन-किन गांवों को विस्थापित करने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त गांवों को कहां पर विस्थापित किया जावेगा? कितने लोग विस्थापित होंगे? उन्हें क्या-क्या मुआवजा दिया जावेगा? विस्थापन की शर्तें क्या होंगी? विस्थापन के पूर्व एवं बाद में क्या-क्या सुविधाएं प्रदाय की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पन्ना टाईगर रिजर्व की परिधि एवं केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्र विजावर के किसी गांव को विस्थापित करने की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। (ख) विस्थापन की कार्यवाही प्रचलन में न होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
रेत उत्खनन पर अवैध वसूली
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 585 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अपरवेदा नदी पर कुल कितनी रेत खदान घोषित हैं? नहीं है तो ग्राम पंचायत एवं प्रधानमंत्री आवास निर्माण में उपयोग हेतु काली रेती उत्खनन करने वालों से रायल्टी किसके द्वारा वसूली की जा रही है तथा वसूली किस नियमानुसार हो रही है? (ख) क्या इस प्रकार की अवैध वसूली करने वालों की शिकायत मजदूर ट्रेक्टर मालिकों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को की गई थी? (ग) यदि हाँ तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा नहीं तो क्या कारण है? (घ) यह भी बतायें कि ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य एवं प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवश्यक रेत आस-पास के नाले एवं नदी से लाने हेतु क्या नियम हैं? नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न अनुसार शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त संबंध में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश दिनांक 29/07/2021 से जाँच दल का गठन किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर जिला खरगोन द्वारा आदेश दिनाँक 29/07/2021 से जांच दल गठित किया गया है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 में प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन में अनियमितता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
45. ( क्र. 586 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में तहसीलवार शहरी तथा ग्रामीण इलाके में अलग कितनी-कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी ऐसी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें अनियमितता होने की शिकायतें विगत 3 वर्षों में मिली हैं? इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई है अथवा जांच लंबित है? (ग) ग्रामीण इलाकों में संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ऐसी हैं जहां गरीब परिवारों को राशन लेने के लिए 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार के आवास की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में अंकित दुकानों की संख्या में से 16 उचित मूल्य दुकानों में प्रश्नांकित अवधि में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से सभी शिकायतों की जांच की गई है। किसी भी शिकायत की जांच लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांकित क्षेत्रों में 25 उचित मूल्य दुकानें ऐसी हैं जहां हितग्राहियों को राशन लेने के लिए 05 किलोमीटर तक आना पड़ता है। वर्तमान में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
46. ( क्र. 592 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका एवं नगरीय क्षेत्र में ऐसी कितनी सरकारी जमीन हैं, जिस पर अवैध कब्जा है? उक्त जमीन पर अवैध कब्जा होने की तिथि, कुल रकबा, खसरा क्रमांक, मद, प्रयोजन सहित पृथक-पृथक समस्त ब्यौरा दें। (ख) सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के दौरान अवैध कब्जाधारियों पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? सक्षम अधिकारी का नाम, पदनाम, की गई कार्यवाही की प्रति सहित ब्यौरा दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) किन-किन सरकारी/गैर सरकारी जमीन पर अवैध रुप से कॉलोनियों का निर्माण कर दिया गया है? पृथक-पृथक रुप से कॉलोनियों का समस्त ब्यौरा दें। (घ) मनावर में किस सक्षम अधिकारी की पदस्थ रहने के दौरान प्रश्नांश (घ) के अवैध कॉलोनियों के निर्माण किया गया? अवैध कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं पर क्या कार्यवाही की गई? ब्यौरा दें। (ङ) सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा एवं अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए किस अधिकारी/कर्मचारी की क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की ब्यौरा दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (च) अवैध कब्जाधारियों, अवैध कॉलोनी निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध कब तक कार्यवाही कर सरकारी जमीन को अवैध कब्जा मुक्त करा लिया जाएगा? यदि नहीं किया जाएगा तो विधिसम्मत कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मनावर विधानसथा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका एवं नगरीय क्षेत्र में सर्वे नं. 462/1 रकबा 2.174 हेक्टेयर पैकि रकबा 0.750 हेक्टेयर (मद बर्डी) पर अवैध कब्जा पाया गया। हल्का पटवारी की अतिक्रमण रिपोर्ट अनुसार अतिक्रमण दिनांक 15.12.2020 के पूर्व का है। (ख) कस्बा मनावर स्थित शासकीय भूमि सर्वे नं. 462/1 रकबा 2.174 पैकि रकबा 0.750 हेक्टेयर (मद बर्डी) भूमि पर हल्का पटवारी श्री नरेन्द्र वास्केल की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय तहसीलदार मनावर सी.एस. धार्वे के न्यायालय में प्रकरण आर.सी.एम.एस. क्रमांक 58/अ-68/2020-21 दर्ज किया गया, जिसमें दिनांक 12.03.2021 को बेदखली आदेश पारित कर, हल्का पटवारी द्वारा शासकीय कृषि भूमि का कब्जा प्राप्त किया गया। (ग) (1) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका एवं नगरीय क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर अवैध कॉलोनी के निर्माण की जानकारी निरंक है। (2) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका एवं नगरीय क्षेत्र में गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कालोली के निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका एवं नगरीय क्षेत्र अंतर्गत अवैध काॅलोनियों का निर्माण कब से हुआ है, इस सम्बन्ध में कोई रिकार्ड कार्यालयीन अभिलेख अनुसार उपलब्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ड.) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (च) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर कृषि कर रहे कब्जाधारी को बेदखल कर कब्जा प्राप्त किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
नियमों का उल्लंघन
[खनिज साधन]
47. ( क्र. 593 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता एवं अन्य लोगों द्वारा मनावर विधानसभा क्षेत्र में गिट्टी-खदानों द्वारा लीज नियमों का उल्लंघन, आवंटित भूमि से बाहर खनन, ग्रामसभा की अवमानना, रेत-पत्थर इत्यादि खनिजों का अवैध परिवहन खनन भंडारण करने की शिकायतें मनावर प्रशासन, खनिज अधिकारी एवं कलेक्टर धार को की गई? उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें। कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत-कारण बताएं। कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायतों एवं अनियमितताओं के संबंध में विभागीय उड़नदस्ते ने कब-कब मनावर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन खदानों का निरीक्षण किया? निरीक्षण के दौरान अवैध खनन, अवैध परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज किए? ब्यौरा दें। निरीक्षण नहीं किया तो विधिसम्मत-कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में पत्र एवं दूरभाष पर मौखिक कुल कितनी शिकायतें किन-किन सक्षम अधिकारी को मिली? समस्त शिकायतों का ब्यौरा दें। मनावर विधानसभा में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक उड़नदस्ते द्वारा किए गए निरीक्षण, अवैध खनन एवं परिवहन के दर्ज किए गए प्रकरण का समस्त ब्यौरा दें। (घ) प्रदेशभर में कहां-कहां उड़नदस्ता वर्तमान में कार्यरत हैं? किस उड़नदस्ते में किस-किस श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में किस उड़न दस्ते में कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? (ङ) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश भर में किस उड़नदस्ते ने अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के कितने प्रकरण बनाए? कितनी खदानों का निरीक्षण किया? माहवार ब्यौरा दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त शिकायतों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
कोविड तथा ब्लैक फंगस को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर मुआवजे का वितरण
[राजस्व]
48. ( क्र. 597 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन/राज्य शासन द्वारा कोविड तथा ब्लैक फंगस को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया? क्या राष्ट्रीय आपदा से मृत व्यक्ति को 4 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है? यह कोविड से मृत व्यक्तियों पर लागू होता है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोविड तथा ब्लैक फंगस से मृत व्यक्ति को एक लाख मुआवजा देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ तो अभी तक कितने मृत व्यक्तियों का मुआवजा उनके परिवारों में वितरित कर दिया गया है? आवेदन तथा ढेर सारी जानकारी मांग कर लालफीताशाही बढ़ाने के स्थान पर अस्पतालों से मृत व्यक्तियों की सम्पूर्ण जानकारी लेकर मुआवजा योग्य उत्तराधिकारी के खाते में क्यों नहीं जमा कर दिया जाता?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार, गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन) के पत्र क्रमांक 33-4/2020-NDM-I दिनांक 14.03.2020 द्वारा कोविड-19 को अधिसूचित आपदा (Notified Disaster) घोषित किया गया है। जी हाँ। उत्तर के क्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि बंटवारा एवं नामांतरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
49. ( क्र. 600 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में अलग-अलग तहसीलों में 31 जुलाई 2021 तक भूमि बंटवारा एवं नामांतरण के कितने प्रकरण लंबित हैं? उपरोक्त में कितने प्रकरण ऐसे हैं जो एक वर्ष या उससे अधिक समय से लंबित है तथा किस दिनांक तक लंबित प्रकरणों का निराकरण हो जावेगा? (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2013-14 में मजरों-टोलों से ग्राम घोषित करने पर ग्रामों के राजस्व रिकार्ड (खसरा बी1) तैयार करने के पश्चात कम्प्यूटर अपडेशन 2015-16 में कितने ग्रामों के अपडेशन हुए हैं और कितने ग्राम अपडेशन से शेष हैं? ग्राम सहित सूची देवें। (ग) क्या अपडेशन में शेष रहने से किसानों को किसान कल्याण की योजना से वंचित रहना पड़ा? यदि हाँ तो अपडेशन नहीं करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) अपडेशन से छूटे हुए सर्वे नम्बर की प्रविष्टियां कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में अलग-अलग तहसीलों में 31 जुलाई 2021 तक भूमि बंटवारा के 855 प्रकरण एवं नामांतरण के 3895 प्रकरण तथा बंटवारा, नामांतरण के कुल 4750 प्रकरण लंबित है। उपरोक्त प्रकरणों में से एक वर्ष या उससे अधिक समय से कोई प्रकरण लंबित नहीं है। तहसीलवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2013-14 में मजरों-टोलों से ग्राम घोषित करने पर ग्रामों के राजस्व रिकार्ड (खसरा बी1) तैयार करने के पश्चात कम्प्यूटर अपडेशन 2015-16 में 19 ग्रामों के अपडेशन हुए हैं तथा कोई ग्राम अपडेशन से शेष नहीं हैं। ग्राम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
संस्था में अनियमितता
[सहकारिता]
50. ( क्र. 601 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जिला धार को मंत्रालय द्वारा सूचना पत्र क्रं. 1253 दिनांक 20.09.2019 को अपने पदीय सभी दायित्व में गम्भीर त्रुटि को किये जाने को लेकर 15 दिवस में जवाब मांगा गया था? यदि हाँ तो इस प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों का विवरण देवें। (ख) क्या राजेन्द्र सूरी साख संस्था की कलेक्टर के निर्देश पर धारा 60 के तहत जांच कर संस्था के वोट भंग कर अनुविभागीय अधिकारी को प्रशासक बनाया गया तथा पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. तथा न्यायालय में प्रस्तुत चालान की प्रति देवें तथा बतावें कि कितने व्यक्ति को आरोपी बनाया गया था तथा उनकी गिरफ्तारी किस-किस दिनांक को हुई? (ग) क्या तत्कालीन उपायुक्त अम्बरीश वैद्य द्वारा प्रकरण दर्ज होने तथा कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद धारा 60 के तहत पुनः जांच की गई? यदि हाँ तो बतावें कि पुनः जॉच किसके निर्देंश पर किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई पुनः जॉच करने की आवश्यकता क्यों हुई? पुनः जॉच रिपोर्ट का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) तथा (ग) से क्या स्पष्ट नहीं है यह कि तत्कालीन उपायुक्त अम्बरीश वैद्य राजेन्द्र सूरी संस्था के घोटाले में शामिल है तथा उसमें कई बेनामी नाम से लाखों का ऋण प्राप्त किया है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपायुक्त सहकारिता, जिला धार द्वारा धारा 60 के अंतर्गत निरीक्षण कराया गया। एफ.आई.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' एवं न्यायालय में प्रस्तुत चालान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। 28 व्यक्तियों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। (ग) संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर के निर्देश पर उपायुक्त झाबुआ श्री अमरीश वैद्य द्वारा उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित निरीक्षण का म.प्र. सहकारी अधिनियम एवं विभागीय परिपत्रों के तहत परीक्षण किया गया। प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पांच' पर दर्शित है। इस परीक्षण के औचित्य के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर को दिये गये हैं। (घ) ऐसी कोई जानकारी संज्ञान में नहीं है।
विस्थापन/पुनर्वास हेतु भूमि आवंटन
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 617 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5887 दिनांक 22.03.2021 के उत्तर अनुसार जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से पूर्ण प्रभावित ग्रामों का विस्थापन एवं पुनर्वास हेतु आवंटित 30.375 हेक्टेयर भूमि पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के डूब प्रभावितों का विस्थापन/पुनर्वास किया जा चुका है? यदि नहीं तो विस्थापन/पुनर्वास में विलंब के क्या कारण हैं तथा कब तक डूब प्रभावितों का विस्थापन/पुनर्वास कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विस्थापन/पुनर्वास हेतु शेष 11.625 हेक्टेयर भूमि आंवटन हेतु तहसील कार्यालय नरसिंहगढ़ में प्रक्रियाधीन कार्यवाही की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों को विस्थापित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में पुनर्वास स्थल का सीमांकन का कार्य पूर्ण कर प्रश्नाधीन भूमि में स्थलवार प्लान तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। बांध के पूर्ण जल भराव होने के पूर्व नियमानुसार विस्थापन/पुनर्वास का कार्य पूर्ण किए जाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विस्थापन/पुनर्वास हेतु विभाग द्वारा ग्राम बड़ोदिया तालाब में 11.625 हेक्टेयर भूमि की मांग की गई है। जिसका आवंटन अभी जल संसाधन विभाग को नहीं किया गया है। वर्तमान में प्रकरण राजस्व विभाग नरसिंहगढ़ में प्रक्रियाधीन है।
विवाह सहायता राशि में किया गया घोटाला
[श्रम]
52. ( क्र. 622 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल व मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में कितने मजदूरों (श्रमिक) का पंजीयन किया गया? जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी नगरपालिका परिषद सिरोंज, नगर परिषद लटेरी के पंजीयन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में क्या अपात्र व्यक्तियों के भी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल व मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पंजीयन किया गया है? यदि हां, तो इसके लिए दोषी कौन है एवं किस अधिकारी द्वारा अपात्र व्यक्तियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया गया है? यदि नहीं तो पंजीयन करने के नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी, नगरपालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी में कितने प्रकरणों में हितग्राहियों को विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है? (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के संदर्भ में क्या जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजना के नाम पर आर्थिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ तो किसके द्वारा जांच की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई तो इसकी जांच विभाग द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर कब तक करवाई जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत प्रारंभ से जून 2021 तक कुल 11, 54, 641 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी नगर पालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी के पंजीयन की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत ‘’संबल योजना’’ में प्रारंभ से जून 2021 तक कुल 1, 47, 16, 023 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी नगर पालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी के पंजीयन की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता तथा पंजीयन के निर्देश निम्नानुसार है- 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल पंजीयन करने के नियम/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत ‘’संबल योजना’’ में पंजीयन करने के नियम/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1अप्रैल 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु जनपद पंचायत सिरोंज, जनपद पंचायत लटेरी, नगरपालिका परिषद् सिरोंज, नगर परिषद् लटेरी में स्वीकृत प्रकरणों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हॉं। जनपद पंचायत सिरोंज में विवाह सहायता योजना के नाम पर आर्थिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत विदिशा द्वारा गठित जांच दल द्वारा की गई है। जांच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
53. ( क्र. 623 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मप्र के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालों में उपकरणों के संधारण, साफ-सफाई, सुरक्षा एवं धुलाई व्यवस्था के लिए किस एजेंसी को काम दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में यदि म.प्र. के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालों में किस कंपनी को कितनी राशि प्रतिवर्ष के मान से अनुबंधित किया गया? प्रत्येक महाविद्यालय और संबद्ध अस्पताल का वर्षवार ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ग) क्या वर्ष 2017 से प्रदेश के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और संबद्ध अस्पतालों में केंद्रीय उपक्रम एचएलएल व उससे संबद्ध हाइट्स (Hites) को नॉन केयर काम के लिए अनुबंधित किया गया है? अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश ‘क’ और ‘ख’ के संदर्भ में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और संबद्ध अस्पतालों में पूर्व की व्यव्स्था और वर्तमान में केंद्रीय उपक्रम को नॉन केयर काम की एजेंसी बनाए जाकर काम दिए जाने से सरकार के खर्च में कमी आई है या ज्यादा खर्च हो रहा है? यदि कमी तो कितनी कमी और ज्यादा खर्च हो रहा है तो कितना ज्यादा खर्च हो रहा है? वर्षवार 2015 से तुलनात्मक रूप से बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालों में उपकरणों के संधारण, साफ-सफाई, सुरक्षा, धुलाई व्यवस्था हेतु इस विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-6/2017/55-2 दिनांक 25/03/2017 द्वारा 100 प्रतिशत भारत सरकार के विशेषज्ञ केन्द्रीय उपक्रमों को दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर नियुक्ति
[सहकारिता]
54. ( क्र. 628 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा में शाखा प्रबंधक के पद से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदोन्नति दिये जाने के क्या नियम हैं? वर्तमान सी.ई.ओ. की नियुक्ति में नियमों का पालन किया गया है? (ख) क्या वर्तमान में नियुक्त सी.ई.ओ. द्वारा प्रभारी सी.ई.ओ. के रूप में पदस्थ रहते हुए स्वयं की नियुक्ति कर नियमों का उल्ंलघन किया है? यदि हाँ तो क्या इस संबंध में कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा में शाखा प्रबंधक के पद से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदोन्नति किये जाने हेतु कर्मचारी सेवा नियम में वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति बैक के संचालक मंडल द्वारा विज्ञापन से कार्यालय आयुक्त सहकारिता के पत्र क्रमांक/साख/योजना/ 10/2718 दिनांक 01.10.2010 के अनुसार दी गई प्रक्रिया तथा नाबार्ड के फिट एण्ड प्रापर क्राईटेरिया के अनुसार की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन पर्ची का सत्यापन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
55. ( क्र. 630 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत उचित मूल्य की दुकानों से राशन सामग्री प्राप्ति हेतु पूर्व में प्रदाय ऐसी राशन पर्ची कितनी हैं जो सत्यापन के अभाव के चलते बंद हैं? विकासखण्डवार नगर पालिका व नगर पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.02.2021 को विदिशा शहर में जन आंदोलन के माध्यम से नगर पालिका सी.एम.ओ. एवं नायब तहसीलदार को खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों के आवेदन सौंपे थे? उन पर राशन पर्ची बनाये जाने की कार्यवाही की गई? यदि हां, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01.02.2021 को ही जन आंदोलन के माध्यम से प्रशासन के अधिकारियों को म.प्र. सरकार द्वारा उचित मूल्य की दुकानों से प्रदाय किये जाने वाले नमक (वन्या नमक) का पैकिट जो की पानी में भी नहीं घुल रहा था, प्रशासन को सौंपा था, जिसे प्रशासन द्वारा सेम्पल जांच के लिए भेजा गया था जिसकी रिर्पोट अभी तक नहीं आने की कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन विदिशा पत्र क्र. 5605 दिनांक 22.05.2021 के माध्यम से पिछले 3 वर्षों में गेंहू चना, मसूर की सरकारी खरीदी के आंकड़े एवं पिछले 3 वर्षों की जानकारी चाही थी? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध कराई गई? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्यालयों में विकास कार्य
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 640 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1719, दिनांक 05/03/2021 के प्रश्नांश (च) के उत्तर में कटनी नगर के शासकीय विद्यालयों के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को निर्देश जारी करना बताया गया है तो जारी आदेश के पालन में क्या कार्यवाही की जानी थी एवं प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5483, दिनांक 17/03/2021 के उत्तर से उद्भूत तथ्यों पर जिला/विभाग/शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गयी अथवा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? विवरण बतायें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या कटनी जिले के शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र अंतर्गत शासकीय राशि के अपव्यय और अनियमितता के प्रकरणों की विगत 02 वर्षों में जांच की गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में किन जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा कब-कब जांच की गयी? जांच के क्या प्रतिवेदन किन सक्षम प्राधिकारी को कब-कब प्रस्तुत किए गएऔर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शासकीय एवं निकाय के विद्यालयों के उन्नयन एवं निर्माण/मरम्मत और संसाधनों में वृद्धि के लिए विगत 02 वर्षों में क्या-क्या प्रस्ताव तैयार किए गए और प्रस्तावित क्या-क्या कार्यवाही किस-किस स्तर पर कब से लंबित हैं और इन प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत कर कार्य कराये जायेंगे? प्रस्ताव/कार्यवार बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं हाई स्कूल में स्वीकृत विषयवार शिक्षकों के मान से रिक्त पद पर अतिथि शिक्षक के माध्यम से व्यवस्था की गई है। कोविड-19 संक्रमण के कारण युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही नहीं हो सकी है। (ग) जी हाँ। जिला कार्यालय की जॉच श्री आर.डी. चौरे, उप संचालक, वित्त एवं श्री राजेश कुमार अहिरवार, कनिष्ठ लेखा अधिकारी द्वारा कर जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जॉच प्रतिवेदन के आधार पर परीक्षण उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। जिला पंचायत जिला कटनी के आदेश क्र. जिपं/2020/1310, दिनांक 14.2.2020 के द्वारा गठित जॉच दल द्वारा वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक के वित्तीय अभिलेखों की जॉच की जाकर कार्यालय जिला पंचायत कटनी के पत्र क्र. 1949/जिपं/शिक्षा/2020, दिनांक 05.03.2020 द्वारा अंतरिम जॉच प्रतिवेदन राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध कराते हुए प्रकरण की विस्तृत जांच कराये जाने की अनुमति चाही गई थी। राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. 4075/राशिके/वित्त/2021 दिनांक 03.08.2021 द्वारा प्रकरण की विस्तृत जॉच हेतु अनुमति जारी कर जॉच प्रतिवेदन मांगा गया है। जॉच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। वर्तमान में सी.एम. राईज योजनान्तर्गत प्रदेश में 9200 सर्वसुविधा सम्पन्न स्कूलों के चिन्हांकन एवं चयन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण विभाग द्वारा विद्यालयों के उन्नयन की कार्यवाही स्थगित रखी गई है। प्राथमिक/अपर प्राथमिक शालाओं में निर्माण कार्यो की स्वीकृति भारत सरकार से स्वीकृति एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। शासकीय माध्यमिक विद्यालय केलवाराकलां, शास. उ.मा.वि. कन्हवारा, शास. कन्या उ.मा.वि. सिविल लाइन कटनी, शास. उ.मा.वि. बरखेडा कुलुआ, शास. उ.मा.वि. एन.के.जे. कटनी, शास. हाई स्कूल कटंगीकला में भवन अनुरक्षण संबंधित प्रस्ताव इसी वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुए हैं। प्रस्ताव परीक्षण उपरांत कमियों की पूर्ति हेतु जिले को सुधार हेतु प्रेषित किया गया है। प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 644 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 991 दिनांक 25 फरवरी 2021 के प्रश्न तथा सदन में मौखिक चर्चा के तारतम्य में क्या लोहारी घाट से पनडुब्बियां डालकर रेत उत्खनन करने की खनिज विभाग द्वारा स्वीकृति दी गई है? यदि नहीं तो फिर किस आधार पर रेत माफिया किन-किन अधिकारियों की सहमति से लोहारी घाट पर पनडुब्बियां डालकर लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर रहा है? यदि नहीं कर रहा है तो क्या हो रहे इस अवैध उत्खनन की जांच कराने हेतु भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जांच कराई जा सकती है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 150 दिनांक 18/6/2021 को कलेक्टर, ग्वालियर को तथा माननीय मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव महोदय खनिज साधन को स्वंय भेंटकर एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं अन्य अधिकारियों को भी पत्र लिखा है। उक्त पत्र की छायाप्रति दें। उक्त पत्रों के दिनांक से उत्तर दिनांक तक उक्त अधिकारियों तथा माननीय खनिज मंत्री एवं श्रीमान प्रमुख सचिव एवं कलैक्टर महोदय द्वारा हो रहे अवैध उत्खनन के विरुद्ध पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं के अनुसार क्या-क्या कार्रवाई की गई है? की गई संपूर्ण कार्रवाई बिन्दुवार स्पष्ट करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। लोहारी घाट पर पनडुब्बियां डालकर रेत का अवैध उत्खनन नहीं किया जा रहा है, किन्तु जब भी अवैध उत्खनन होना पाया जाता है तब नियमानुसार कार्यवाही की सतत् प्रक्रिया है। अत: पृथक से किसी प्रकार की जांच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। इसके संबंध में कलेक्टर कार्यालय के आदेश दिनांक 22/07/2021 से खनिज, राजस्व, पुलिस का संयुक्त जांच दल गठित कर जांच हेतु लेख किया गया है।
हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरोन-पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई की स्वीकृति
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 645 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 5697 दिनांक 15 मार्च 2021 के उक्त विषय पर माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 16 मार्च 2021 को अपने वक्तव्य में कहा था कि वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अनुकूल होने पर प्रस्तावित परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में आगामी निर्णय लिया जाना संभव होगा?क्या ध्यानाकर्षण सूचना एवं दिए वक्तव्य के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना की स्वीकृति हेतु क्या विभाग द्वारा संशोधित डी.पी.आर. कितनी राशि से तैयार कराई गई है? (ख) हिम्मतगढ़ फीडर एवं अरोन-पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना से कुल कितने हेक्टेयर में किन-किन ग्रामों, मजरा, टोलों में सिंचाई प्रस्तावित है? क्या उक्त क्षेत्र में विगत 15-20 वर्षों से वर्षात वहुत कम होने के कारण वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है? क्या उक्त क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण पेयजल की भी भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई है? यदि हाँ तो इस परियोजना के अलावा क्या वहाँ कोई अन्य वैकल्पिक पेयजल पूर्ति एवं फसलों की सिंचाई व्यवस्था संभव है? यदि नहीं तो फिर इस परियोजना को जल्दी से जल्दी कब-तक स्वीकृति कराकर पलायन की ओर अग्रसर किसानों के हित में सिंचाई की व्यवस्था करा दी जावेगी? एक निश्चित समय सीमा स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होकर यथा स्थिति में है। यद्धपि परियोजना की लागत संशोधित होकर रू. 240.99 करोड़ का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) आरोन माईक्रो लिफ्ट परियोजना से 17 ग्रामों की 4000 हेक्टर भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है। हिम्मतगढ़ तालाब के केचमेन्ट से पानी की आवक कम होने से फीडर के माध्यम से तालाब को भरने तथा इसके 18 ग्रामों की पूर्व निर्मित रूपांकित क्षमता 5365 हेक्टर को पुनर्स्थापित किए जाने का प्रावधान किया गया है, जो अंतिम नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा मार्च 2017 में जारी रिपोर्ट अनुसार प्रश्नाधीन घाटीगांव क्षेत्र सुरक्षित वर्गीकृत है। प्रस्तावित प्रस्ताव के अलावा अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए निर्धारित सूचकांक अनुकूल होने पर स्वीकृति के संबंध में आगामी निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रकरणों की विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही
[सहकारिता]
59. ( क्र. 657 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्र क्रमांक 3541 दिनांक 23/7/2019 के उत्तर में बताया गया था कि जिस जिले के प्रकरणों के संबंध में अधिकारी पर विभागीय जांच व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है तो उक्त जिले में पदस्थापना नहीं की जा सकती लेख किया था? (ख) प्रश्नांश क्रमांक 3541 में उल्लेखित अधिकारियों पर वर्ष 2005 से प्रश्र दिनांक तक कितने प्रकरणों में विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है? सूची उपलब्ध कराएं तथा कितनी विभागीय जांचें एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही को किन-किन सक्षम अधिकारी द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। मूलपद एवं नाम बताएं। (ग) प्रश्नांश क्रमांक 3541 में उल्लेखित अधिकारियों पर एक से अधिक विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाहियों पर दोषी सिद्ध होना पाया गया है? (घ) प्रश्नांश "ग" के अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त अधिकारियों को जनहित की दृष्टि से जनहित के कार्य के लिए प्रदेश के जिलो में पदस्थ किया जा सकता है? (ड.) प्रश्नांश "घ" के अनुसार उल्लेखित उक्त अधिकारियों पर एक से अधिक प्रकरणों में दोषी सिद्ध होने के कारण उक्त अधिकारियों को शासन के नियम के अनुसार पदावनति की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अखिलेश कुमार निगम, उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध 06 एवं श्री पी.आर. कावडकर, उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध 02 प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जांच अधिकारी नियुक्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दो प्रकरणों में दोष सिद्ध होना पाया गया है। (घ) जी हाँ। (ड) जांच के निष्कर्षाधीन। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बढ़ती मंहगाई पर रोक
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 664 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्ष में प्रदेश में डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के मूल्यों में कब-कब कितनी-कितनी राशि की वृद्धि हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लखित उत्पादों के विक्रय में सरकार द्वारा कौन-कौन से तथा कितनी-कितनी राशि के कर अधिरोपित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिपेक्ष्य में विगत 3 वर्षों में राज्य शासन द्वारा कब-कब कितना-कितना कर बढ़ाया/घटाया गया? (घ) बढ़ती महंगाई के कारण जनता को राहत देने हेतु शासन क्या-क्या कदम उठाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गेंहू, धान का उपार्जन और रख-रखाव में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
61. ( क्र. 666 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2021 तक जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर किस दर पर कितनी - कितनी मात्रा में, कितनी -कितनी राशि का गेहूं, धान का उपार्जन किया गया? इसकी सुरक्षा देखभाल, रख-रखाव परिवहन व भण्डारण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वेयर हाउसों, ओपन कैब में कितनी-कितनी मात्रा में, कितनी-कितनी राशि का उपार्जित गेंहू, धान का भण्डारण किया गया? परिवहन व किराये पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन कारणों से कहां-कहां पर रखा हुआ उपार्जित कितनी-कितनी मात्रा में तथा कितने-कितने मूल्य का गेहूं, धान खराब हुआ है या सड़ गया है? (घ) इसके लिये शासन ने दोषी अधिकारियों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की हैं? (ङ) विभाग ने कब-कब, कहां- कहां पर रखा हुआ कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस दर पर कितने-कितने मूल्य का गेंहू, धान का विक्रय किस माध्यम से किया है? विभाग को इससे कितनी-कितनी राशि का नुकसान हुआ हैं? वर्षवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2018 से 2021 तक की अवधि में जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर 1118332.75 गेहूं एवं 1124930.78 मे.टन धान का उपार्जन किया गया। इसकी सुरक्षा देखभाल, रख-रखाव, परिवहन व भंडारण पर व्यय हुई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं के भंडारण एवं परिवहन पर व्यय हुई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में उपार्जित धान एवं गेहूं खराब हुआ नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्ष 2018 से 2021 तक की अवधि में जबलपुर जिले में धान एवं गेहूं खराब नहीं होने से विक्रय संबंधित कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 676 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च माध्यमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक/प्राथमिक शिक्षकों को 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी नियमित वेतन में क्रमोन्नति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कब से, यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या उच्च माध्यमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक/प्राथमिक शिक्षकों के संबंध में पदोन्नति और क्रमोन्नति के कोई नियम बनाये गये हैं? यदि हाँ तो कब से? यदि नहीं तो क्यों? (ग) भोपाल जिले में उच्च माध्यमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक/प्राथमिक शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं? (घ) क्या उच्च माध्यमिक /माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है? यदि हाँ तो नियुक्ति आदेश कब तक प्रदाय किये जायेंगे? यदि प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है तो कारण सहित बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उच्च माध्यमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक /प्राथमिक शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा पश्चात् क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उच्च माध्यमिक शिक्षक /माध्यमिक शिक्षक /प्राथमिक शिक्षकों को मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 की अनुसूची-4 में पदोन्नति का प्रावधान है। क्रमोन्नति के संबंध में उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) भोपाल जिले में उच्च माध्यमिक शिक्षक के 79, माध्यमिक शिक्षक के 102 एवं प्राथमिक शिक्षक के 46 पद रिक्त है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। सत्यापन के दौरान उद्भूत आपत्तियों का निराकरण करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। माननीय उच्च न्यायालय का नियुक्ति आदेश जारी करने पर स्थगन है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[राजस्व]
63. ( क्र. 680 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सिविल न्यायालय द्वारा पारित निर्णय व डिग्री के पालन में पारित नामान्तरण आदेश के विरूद्ध स्वप्रेरणा से प्रकरण को सुनवाई में लेकर सुनवाई करने का अधिकार कलेक्टर न्यायालय को हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय षष्टम जिला न्यायाधीश महोदय फास्ट ट्रैक कोर्ट रीवा के पारित निर्णय एवं डिग्राी दिनांक 13/07/2006 श्री रामस्वरूप द्विवेदी पिता श्री रामानुज द्विवेदी आराजी खसरा नंबर 2097 पटवारी हल्का दुआरी को स्वत्वधारी घोषित किया। जिसके पालन में नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा प्रकरण क्रमांक 296 /3/6/2016-17 द्वारा नामांतरण ओदश पारित किया गया व भू-अधिकार पत्र/ऋण पुस्तिका क्रमांक एल क्रमांक आई.ई. 14761 भी संबंधित भूमि स्वामी को जारी कर दी गई। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में माननीय सिविल न्यायाल में कलेक्टर रीवा द्वारा मध्यप्रदेश राज्य को पक्षकार बनाया गया था शासकीय अभिभाषक न्यायालय में उपस्थित होकर पक्ष समर्थन भी रखे फिर एक पक्षीय कार्यवाही हुई और अपील में कलेक्टर रीवा के विरूद्ध स्थगन भी जारी किया गया कि आराजी खसरा क्रमांक 2097 के पत्रधारी श्री द्विवेदी के कब्जा दखल में कोई हस्तक्षेप न करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में कलेक्टर रीवा को माननीय सिविल न्यायालय के पारित निर्णय और डिग्री के पालन में किये गये नामान्तरण आदेश को निरस्त करने के लिये प्रकरण को स्वप्रेरणा से लिये जाने की क्या अधिकारिता है जबकि कलेक्टर की हैसियत अगर सुनवाई कर रहे हो तो उनके विरूद्ध स्थगन माननीय सिविल न्यायालय द्वारा पारित किया गया है। यदि कलेक्टर न्यायालय की हैसियत से सुनवाई कर रहे हो तो माननीय सिविल न्यायलय कलेक्टर न्यायालय से वरिष्ठ न्यायालय है। जिस पर अवमानना की स्थित निर्मित होती है इस पर विधि अनुसार क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के संदर्भ में विधान सभा प्रश्न क्रमांक 275 जून 2018 के तारतम्य में कार्यालय कलेक्टर द्वारा पत्र क्रमांक 619 दिनांक 14/06/2018 द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल को नामांतरण ओदश के पालन में कम्प्यूटर पर फिटिंग की कार्यवाही शीघ्र कराकर खसरा सुधार दर्ज करा दिया जावेगा, इसके बाद नामान्तरण आदेश निरस्त करने बावत प्रकरण को स्वप्रेरणा में लेने की क्या आवश्यकता थी। साथ ही 16 वर्ष बाद पारित निर्णय एवं डिग्री की अपील बावत पत्र लिखे जाने का क्या औचित्य है, ऐसा किये जाने से शासन की आर्थिक क्षति व समय खराब होगा इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें? प्रश्नांश (क), (ख) (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार विधि विरूद्ध कार्य करने वालों पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या कम्प्यूटर में श्री द्विवेदी का नाम खसरा सुधार करा कर दर्ज करावेंगे तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म0प्र0 भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 में निहित प्रावधान अनुसार कलेक्टर किसी भी समय स्वप्रेरणा से अधीनस्थ किसी राजस्व अधिकारी द्वारा म0प्र0 भू.राजस्व संहिता के अधीन पारित किये गये आदेश के अभिलेख मंगा सकेगा। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) संबंधित प्रकरण में शासन हित निहित होने से म0प्र0भू-राजस्व संहिता 1959 के विहित प्रावधानों के अनुसार कलेक्टर को अपने अधीनस्थ राजस्व न्यायालय द्वारा पारित आदेश की वैधता की जांच हेतु प्रकरण स्वप्रेरणा निगरानी में लिए जाने की अधिकारिता है।इसमें सिविल न्यायालय द्वारा पारित आदेश की अवमानना का प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (ड.) वर्तमान में प्रश्नांधीन शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 2097 रकवा 0.243 हे. के संबध में माननीय उच्च न्यायालय में द्वितीय अपील विचाराधीन है तथा उक्त अपील में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय उपरांत तदनुसार राजस्व अभिलेख अद्यतन किये जाने की कार्यवाही किया जाना यथोचित होगा। प्रकरण में शासन हित समाहित होने के कारण प्रकरण संज्ञान में आने पर स्वप्रेरणा निगरानी पंजीबद्ध की गई है, जिसमें नायब तहसीलदार गुढ़ द्वारा पारित आदेश की औचित्यता की जांच की जानी है। अतः किसी जिम्मेदार पर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
64. ( क्र. 689 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में अलग-अलग तहसीलों में 31 जुलाई 2021 तक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने-कितने प्रकरण लंबित है? (ख) उपरोक्त में कितने प्रकरण ऐसे है जो एक वर्ष या उससे अधिक अवधि से लंबित है? (ग) किस तारीख तक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के लंबित प्रकरणों का निपटारा हो जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में तहसीलवार, 31 जुलाई 2021 तक, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट "अ" पर है। (ख) उपरोक्त मे से 03 प्रकरण एक वर्ष या उससे अधिक अवधि के हैं। (ग) उक्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं तथा भू-राजस्व संहिता में उक्त मद के प्रकरणों के निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों की मृत्यु संबंधी
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 690 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान कितने शिक्षकों की सर्वे काउंसिलिंग या किसी अन्य कार्य की ड्यूटी लगाई गई थी? (ख) कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान भोपाल जिले में कितने शिक्षकों की मृत्यु हुई? (ग) उपरोक्त में से भोपाल जिले में -कितने शिक्षकों की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है? (घ) भोपाल जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान अपनी जान गवाने वाले कितने शिक्षकों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भोपाल जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान 234 शिक्षकों की सर्वे काउसिलिंग एवं वेक्सीनेशन कार्य में ड्यूटी लगाई गई। (ख) कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान भोपाल जिले में 37 शिक्षकों की मृत्यु हुई है। (ग) भोपाल जिले में कोरोना के कारण 21 शिक्षकों की मृत्यु हुई है। (घ) भोपाल जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान मृत 08 शिक्षकों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। मुआवजा किसी को नहीं दिया गया है।
राशन वितरण किये जाने संबंधी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
66. ( क्र. 697 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में कोरोना काल में राशन वितरण प्रणाली के तहत बी.पी.एल. कार्डधारियों, राशन पर्चीधारी एवं ऐसे गरीब जिनके पास राशन पर्ची नहीं थी उनको राशन प्रदाय किया गया और नहीं तो क्यों? (ख) कोरोना काल में मजदूर वर्ग एवं घुमक्कड़ प्रजाति, देहाड़ी व्यापारी, हाथ ठेले वालों को भी राशन प्रदाय किया गया, यदि हाँ तो कितना-कितना एवं कितने महीने का राशन उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या राशन की दुकानों से गेहूं का वितरण किया गया अथवा नहीं, यदि वितरित किया गया तो कितना गेहूं वितरित हुआ एवं प्रदेश में कुल कितने राशन पर्चीधारी है एवं कितने लोग ऐसे हैं जिन्हें राशन पर्ची जारी किया जाना है? राशन पर्ची कब तक जारी हो सकेगी? सूची भी उपलब्ध करायें। (घ) क्या राशन की दुकानों से गेहूं के स्थान पर बाजरा वितरित किया गया? यदि हाँ तो कितना बाजरा वितरित हुआ एवं यह अन्न राशन की दुकानों से कितने महीने वितरित किया गया? क्या आज भी राशन की दुकानों से गरीब वर्ग को बाजरा ही उपलब्ध कराया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि का सीमांकन
[राजस्व]
67. ( क्र. 701 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम डाबरी तह. नागदा में स्थित भूमि सर्वे नं. 291/2/मिन-1/3, 292, 293 से संबंधित उज्जैन जिला व नागदा तहसील के रिकॉर्ड में मूल अक्स शीट एक समान है? (ख) क्या अजा वर्ग की विधवा निर्मला चौधरी के आवेदन पर उपरोक्त सर्वे नं. के सीमांकन हेतु 30/06/2020 को सीमांकन दल मौके पर गया था, परन्तु तहसील के रिकार्ड में उपलब्ध मूल नक्शा शीट लेकर नहीं गए थे? यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या राजस्व निरीक्षक द्वारा तहसीलदार नागदा जिला उज्जैन के प्रकरण क्र. 0107/अ 12/19-20 में प्रतिवेदन, पंचनामा, वर्तमान नक्शा शीट संदर्भित नक्शा शीट कुल 5 के संबंध में 2009-10 के ग्राम डाबरी के नवीनीकरण पश्चात सर्वे नं. 293 व 294 अपने मूल स्थान से हटकर एक स्थान बाये ओर ट्रेस हो गए है जिससे स्पष्ट है कि यह नक्शा नवीस द्वारा ट्रेसिंग के दौरान की गई गलती है? ऑनलाईन नक्शा शीट में बाये से दाये और क्रमश: सर्वे क्र. 292, 293, 294 नंबर ही अंकित है राजस्व निरीक्षक ने उक्त प्रतिवेदन दिनांक 01/09/2020 को प्रस्तुत किया है तहसीलदार नक्शों के अवलोकन से सहमत होते हुए ग्राम डाबरी की वर्तमान नक्शा शीट में सर्वे क्र. 293 व 294 को पुन: उनके मूल स्थान पर यथा सर्वे 293 व 294 के एक स्थान दायी ओर किए जाने की अनुशंसा सहित प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागदा को प्रेषित किया है? उसके बावजूद भी आज दिनांक तक नक्शा शीट में कोई संशोधन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) तहसील नागदा व बंदोबस्त कार्यालय उज्जैन में सही नक्शा मौजूद है जबकि विधवा निर्मला चौधरी द्वारा बंदोबस्त कार्यालय से सर्टीफाई कॉपी लाकर राजस्व अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया है? उसके बावजूद भी अभी तक उनकी भूमि का सीमांकन क्यों नहीं किया जा रहा है? विवरण दें। (ड.) क्या शासन द्वारा राजस्व न्यायालय के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा निश्चित की गई है? उसके बावजूद भी नागदा तहसील के प्रकरण क्रमांक 0107/अ 12/19-20 एक वर्ष की अवधि से भी अधिक समय हो जाने के बाद भी प्रकरण का निपटारा संंबंधित अधिकारियों द्वारा जानबूझकर दबंगो के दबाव में आकर नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ तो शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? विधवा अनुसूचित जाति की महिला की भूमि का सीमांकन कब तक कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं, उज्जैन जिले व नागदा तहसील के रिकार्ड में संधारित नक्शा शीट समान है। (ख) जी हां, सीमांकन दल दिनांक 30.06.2020 को सीमांकन हेतु मौके पर गया था लेकिन पटवारी द्वारा उपलब्ध कराये गये नक्शे में सर्व नम्बर 293 दो स्थान पर लिखा हुआ होने तथा सर्वे क्रमांक 291, 293, 294 भी हस्तलिखित लिखा हुआ होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। सीमांकन पटवारी की चालू नक्शा शीट के माध्यम से किया जाता है। पटवारी की नक्शा शीट त्रुटिपूर्ण होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। (ग) तत्संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, नागदा में नक्शा दुरूस्ती के संबंध में प्रचलित प्रकरण में हितबद्ध पक्षों की सुनवाई की जाकर प्रकरण अंतिम तर्क हेतु नियत है जिसमें पेशी दिनांक 13.08.2021 नियत है। (घ) वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग -नागदा के समक्ष नक्शा त्रुटि सुधार हेतु प्रकरण प्रचलित होने से सीमांकन किया जाना संभव नहीं है। प्रकरण के निराकरण उपरान्त ही सीमांकन किया जा सकेगा। (ड.) जी हॉं, राजस्व न्यायालय में विचाराधीन सीमांकन प्रकरणों की समयावधि निश्चित की गई है। नागदा तहसील के प्रकरण क्रमांक 0107/अ-12/ 2019-20 में दिनांक 04.07.2020 को सीमांकन आवेदन, नक्शा त्रुटिपूर्ण होने से खारिज किया गया अतः उक्त प्रकरण 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित नहीं है। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा के समक्ष प्रचलित प्रकरण क्रमांक 35/बी-121/ 2020-21 के निराकरण उपरांत ही सीमांकन की कार्यवाही की जा सकेगी। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
सी.टी. स्कैन मशीन की स्वीकृति
[श्रम]
68. ( क्र. 702 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद तहसील में स्थित उद्योगों में कितने श्रमिक राज्य बीमा निगम में पात्र हितग्राही हैं? (ख) क्या केन्द्रीय कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कोरोना के बेहतर उपचार हेतु मध्यप्रदेश को 87 करोड़ 44 लाख रूपये की अतिरिक्त राशि मई 2021 में उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ तो उक्त राशि को कहां-कहां खर्च किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री से बीमा अस्पताल में सी.टी. स्कैन उपलब्ध कराने की मांग पर क्या कार्यवाही की है? तीसरी लहर को देखते हुए सी.टी. स्कैन लगाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (घ) क्षेत्रीय संचालक ईएसआई इंदौर को कलेक्टर उज्जैन द्वारा पत्र क्रं./सामान्य-2/ 2021/2174 दिनांक 17.03.2021 ईएसआई हॉस्पिटल भवन नागदा को स्वास्थ्य विभाग को स्थानांतरण हेतु पत्र लिखा गया था? उक्त भवन को कब तक स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरण कर दिया जाएगा? (ड.) वर्तमान में ईएसआई अस्पताल भवन कर्मचारी राज्य शासन के अधीन है या केन्द्र शासन के अधीन है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा-खाचरौद तहसील में कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पात्र हितग्राही की संख्या 8622 है। (ख) केन्द्रीय कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कोविड के बेहतर उपचार हेतु कोई राशि पृथक से राज्य शासन को नहीं दी गई है। (ग) कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल, नागदा में 8622 बीमित हितग्राही परिवार व्याप्त है। यह संख्या कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा CAT-SCAN स्थापित करने हेतु निर्धारित मानक अनुसार पर्याप्त नहीं होने से CAT-SCAN की स्थापना की जाना संभव नहीं है।’ (घ) जी हाँ, ईएसआई हाँस्पिटल भवन नागदा को स्वास्थ्य विभाग, मध्यप्रदेश शासन को स्थानांतरण करने का निर्णय कर्मचारी राज्य बीमा निगम, नई दिल्ली (भारत सरकार) मुख्यालय स्तर पर विचाराधीन है। (ड.) वर्तमान में ईएसआई अस्पताल भवन कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें, मध्यप्रदेश शासन के अधीन है।
आर्थिक सहयोग बाबत्
[राजस्व]
69. ( क्र. 716 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना से मृत हुए व्यक्ति के आश्रित एवं पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहयोग हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर एवं कब-कब आदेश प्रसारित किये गये है, आदेशों की प्रतियॉं उपलब्ध कराई जावे तथा आदेश के परिपालन में जबलपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र का पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोरोना से मृत हुए शासकीय कर्मी के आश्रित एवं पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहयोग हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। आदेशों के परिपालन में जबलपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के 03 प्रकरण मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजनातंर्गत तैयार किये गये थे। प्रकरण स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के होने के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के निर्देश दिनांक 04/02/2021 के अनुक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों हेतु लागू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनातंर्गत निराकरण हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को प्रेषित करा दिये गये है।
दोषियों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 717 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान (पी.एस.एम.) में बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर में प्रशिक्षणरत तीन प्रशिक्षणार्थियों के अप्रैल एवं मई 2021 में मृत होने के बाद भी उन्हें वेतन भुगतान संस्था के प्राचार्य द्वारा जारी किया जाता रहा? (ख) क्या संस्था के प्राचार्य व कक्षा शिक्षिका की मिलीभगत से उक्त मृत शिक्षक ऑनलाईन कक्षा में मौजूद रहे, एवं उनका आंतरिक मूल्यांकन के अंक भी विश्वविद्यालय को प्रेषित किये जाते रहे एवं उन्हें भुगतान कर शासन को होने वाली वित्तीय क्षति की भरपाई संस्था प्राचार्य एवं अन्य दोषियों से ही वसूली की जाकर उन पर दाण्डिक कार्यवाही की गई या नहीं, यदि नहीं तो तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या वर्णित (क) की संस्था की इस अनियमिताओं को क्षेत्रीय / राष्ट्रीय समाचार पत्रों के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय समाचार चैनलों में मुख्य समाचार के रूप में प्रसारित किया गया, जिससे इस 130 वर्ष पुरानी गौरवमयी संस्था की छवि धूमिल हुई है? क्या इस कृत्य के लिए संबंधित संस्था प्राचार्य को पृथक करते हुए क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। संस्थान द्वारा जांच समिति गठित की गई है। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर प्राचार्य प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान जबलपुर द्वारा दोषी के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अनुसार कार्यवाही की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट–‘अ’ अनुसार। (ग) उत्तारांश ‘ख’ के प्रकाश में संस्था की छवि धूमिल नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मतस्य महासंघ के जलाश्यों का क्षेत्रफल
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
71. ( क्र. 729 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मत्स्य महासंघ (सहकारी) मर्यादित के अधिकार कार्यक्षेत्र में 900 से 1200 हेक्टेयर के कितने जलाशय हैं? उनके नाम व क्षेत्रफल सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशयों का निर्माण किस-किस वर्ष में हुआ था एवं उस समय उनका क्षेत्रफल कितना-कितना था एवं अब उनका क्षेत्रफल कितना-कितना है? (ग) जिन जलाशयों का क्षेत्रफल निर्माण के दौरान 1000 हेक्टेयर से कम था उनका क्षेत्रफल वर्तमान में राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर 1000 हेक्टेयर से ज्यादा कैसे हो गया है? (घ) ऐसे कितने जलाशय हैं जिनकी क्षमता वृद्धि हेतु न तो भूमि अर्जित हुई और न ही उनके लिए सरकारी भूमि हस्तांतरित हुई? फिर भी ऐसे जलाशयों के क्षेत्रफल बढ़ने के क्या कारण हैं? (ङ) क्या छोटे व गरीब मछुआरों एवं आदिवासियों के हक के लिए प्रश्नांश (घ) में वर्णित जलाशयों को पुन: जिला पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में दिया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) एवं (घ) महान गुलाब सागर जलाशय का पूर्व में जलक्षेत्र 940.00 हेक्टेयर था जो बढ़कर 1076.63 हेक्टेयर हो गया है। द्वितीय चरण में जलाशय में जलग्रहण क्षेत्र बढ़ाने हेतु 14 मीटर X4.5 मीटर के 06 नग रेडियल गेट लगाने का कार्य वर्ष 2018 मे पूर्ण किया गया है, जिससे एफ.आर.एल 322 मीटर से 325 मीटर हो जाने के कारण जल क्षेत्र का विस्तार हुआ है। (ड.) प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
पात्रता पर्चियां जारी करने में विलम्ब
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 730 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत कितने परिवारों की पात्रता-पर्ची जारी की गई है एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रति परिवार/सदस्य को किस मान से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है? (ख) मण्डला जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने पात्र परिवारों की पात्रता-पर्ची विलोपित की गई? अथवा पोर्टल की तकनीकी कारण से पात्रता-पर्ची डिलीट की गई है? उनकी अपात्रता का कारण सहित विकासखण्डवार जानकारी देवें एवं पात्र हितग्राहियों को अपात्र करने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब तक की जावेगी? (ग) मण्डला जिले के विकासखण्ड बिछिया, घुघरी एवं मवई में वर्ष 2020-21 व 2021-22 के कोरोनाकाल में राज्य के अतिरिक्त केन्द्र द्वारा प्रति व्यक्ति किस मान से शासन द्वारा कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया? खाद्यान्न वितरित करने के क्या निर्देश/नियम थे? छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं शासन की मंशानुरूप उचित मूल्य की दुकानों द्वारा कितना राशन वितरित किया गया? कितने परिवारों का राशन वितरित होना शेष है? माहवार विकासखंडवार दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या विकासखण्ड बिछिया, घुघरी व मवई के अनुसूचित जाति/जनजाति सभी परिवारों की पात्रता-पर्ची जनरेट हो गई है? यदि हाँ तो कितनी? संख्या बतावें। यदि नहीं, तो कब तक कर दी जावेगी? (ङ) क्या अंत्योदय (एएवाय) कार्ड धारियों की पात्रता-पर्ची बीपीएल श्रेणी में जनरेट की गई हैं? यदि हां, तो क्यों? एवं सुधार उपरांत कब-तक अंत्योदय श्रेणी की पात्रता-पर्ची जारी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मण्डला जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 11523 नवीन परिवारों को स्थाई पात्रता पर्ची एवं 2206 परिवारों को अस्थाई पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकता श्रेणी में प्रति सदस्य को 5 किग्रा. एवं अन्त्योदय श्रेणी में प्रति परिवार 35 किग्रा के मान से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। (ख) मण्डला जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची विलोपित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मण्डला जिले के विकासखण्ड बिछिया, घुघरी एवं मवई में वर्ष 2020-21 व 2021-22 के कोरोनाकाल में राज्य के अतिरिक्त केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति व्यक्ति 5 किग्रा. के मान से खाद्यान्न अतिरिक्त रूप से वितरित किया गया। खाद्यान्न वितरण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों द्वारा वितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” एवं उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न प्राप्त न करने वाले परिवारों की जानकारी माहवार, दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “स” अनुसार है। (घ) विकासखण्ड बिछिया, घुघरी एवं मवई के अनुसूचित जाति/जनजाति के पात्र एवं सत्यापित परिवारों की पात्रता पर्ची जनरेट कर दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। इसके अलावा वर्तमान में एम-राशन मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के परिक्षण उपरांत पात्रता पर्ची अनुशंसा की गई:-
विकासखण्ड |
अनुशंसित परिवार |
घुघरी |
48 |
बिछिया |
91 |
मवई |
119 |
एम-राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन एवं पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। (ड.) राज्य की अन्त्योदय परिवारों की अधिकतम सीमा केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। जिसके अनुसार मध्यप्रदेश की अन्त्योदय परिवार की सीमा 15.82 लाख है। बीपीएल परिवारों में से ही अति गरीब परिवारों को अन्त्योदय परिवार के रूप में चिन्हित किया जाता है। अन्त्योदय परिवारों की संख्या निर्धारित सीमा में बनाए रखने के कारण ऐसे अन्त्योदय परिवार जिनमें सदस्य संख्या 7 से अधिक है उन परिवारों को 5 किग्रा. प्रति सदस्य खाद्यान्न का लाभ उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्राथमिकता श्रेणी में शामिल किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पद का प्रभार दिये जाने पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 741 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लाईट मशीनरी वि/यां उपसंभाग राजगढ़ में पदस्थ तत्कालीन सहायक यंत्री श्री भास्कर प्रकाश सक्सेना द्वारा वर्ष 2015 से 2019 की अवधि में लगभग 20 लाख रूपए के विद्युत पोल चोरी कर बेचने पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद माननीय न्यायालय राजगढ़ में प्रकरण विचाराधीन होने के बाद भी वि/यां लाईट मशीनरी संभाग दतिया का प्रभारी कार्यपालन यंत्री जून 2020 में पदस्थ करने का कारण बताएं? (ख) क्या दतिया में पदस्थी के समय श्री भास्कर सक्सेना ने नियम विरूद्ध महुअर बांध परियोजना में बिना ई-टेण्डरिंग के नियम विपरीत लाखों रूपये के पीस वर्क के आदेश देकर बिना कार्य कराए फर्जी भुगतान किया है? यदि हाँ तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इसी प्रकार श्री भास्कर सक्सेना ने नियम विरूद्ध मड़ीखेड़ा बांध की रबर सील का कार्य कंसल रेफ्रीजरेशन फर्म को दिया तथा ग्वालियर संभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन माइक्रो एरीगेशन योजना श्योपुर में प्रभारी रहते हुए लगभग एक करोड़ मूल्य के एडवांस में उपकरण खरीदकर भुगतान कर अनियमितता की है? (घ) यदि हाँ तो ऐसे अपचारी अधिकारी के विरूद्ध उपरोक्त (क) से (ग) तक के बिंदुओं की उच्च स्तरीय जांच कराकर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) रू.20.00 लाख के नहीं बल्कि रू.18.32 लाख के विद्युत पोल की चोरी का प्रकरण श्री भास्कर प्रकाश सक्सेना के विरूद्ध न होकर विद्युत ठेकेदार श्री चंदरसिंह परिहार के विरूद्ध कार्यपालन यंत्री, लाईट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, भोपाल द्वारा क्रमांक 0525 दिनांक 09.10.2017 को कोतवाली थाना, जिला राजगढ़ में दायर किया गया। जांच उपरांत मान. न्याया. प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ के अधीन प्रकरण क्रमांक एस.टी.डब्ल्यू.-123/2018 विचाराधीन है। कार्यपालन यंत्री, लाईट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया का पद दिनांक 31.03.2020 को सेवानिवृत्ति से रिक्त होने के कारण आदेश क्रमांक एफ-22-51/2020/पी-1/31 दिनांक 27.06.2020 द्वारा श्री भास्कर प्रकाश सक्सेना को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा गया। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ई-निविदा आमंत्रित करते हुये न्यूनतम निविदाकार मे. कंसल रेफ्रीजरेशन से अनुबंध शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
74. ( क्र. 742 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के नगर लहार में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552 सर्वे नं; 4750, 4746, सर्वे नंबर 3785 मिन रकबा 0.167 नगर पालिका लहार के स्वामित्व की एवं सर्वे नंबर 2769 रकबा 0.115 आबादी गोठान (शासकीय) तथा सर्वे नं. 5480 मिन रकबा 0.185 भारतमाता मंदिर की भूमि कितने-कितने मीटर की दूरी पर स्थित है? भारत माता मंदिर को आवंटित भूमि की शर्तों का उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उपरोक्त सर्वे नम्बरों पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? प्रत्येक का नाम रकबा सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1325 दिनांक 25/02/2021 के उत्तर में उक्त सर्वे नंबर 100 मीटर के अंदर होने के बाद भी असत्य उत्तर प्रस्तुत करने के लिये उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या सर्वे नंबर 2769 रकबा 0.115 आबादी गोठान जो शासकीय कन्या प्राथमिक शाला लहार के समीप की भूमि पर अतिक्रमण कर दुकानें बनाने वाले के विरूद्ध कार्यवाही न करने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड जिले के नगर लहार में सर्वे नं. 4750, 4746, 3785 मिन एवं 5480 मिन राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 552 से 100 मीटर की दूरी से अंदर है। सर्वें क्रमांक 5480 मिन रकबा 0.185 भारत माता मंदिर को आंवटित भाग में से लगभग 1100 वर्ग फीट पर विजय भवन हेतु जो रास्ते का निर्माण किया गया है वह भारत माता मंदिर हेतु आरक्षित जगह में से बनाया गया है। भारत माता मंदिर को आरक्षित भूमि की शर्तों का उल्लंघन होना प्रतीत होने से व्यवस्थापक के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण दर्ज किया गया है। (ख) उपरोक्त सर्वे नंबरों पर 17 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रामक का नाम एवं रकबा सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ में है। (ग) दिनांक 25/02/2021 को प्रस्तुत विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्र. 1325 में सर्वे नंबरान का उल्लेख न होने से कोई असत्य जानकारी नहीं दी गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी हाँ। दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कारण बताओ सूचनापत्र जारी किया गया है। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 747 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की कुण्डालिया एवं मोहनपुरा वृहद परियोजना में मूल प्रशासकीय स्वीकृति के समय योजना की लागत कितनी थी एवं उसमें कुल जल उपलब्धता कितनी थी? उसमें से सिंचाई, पर्यावरण, उद्योगिक, ग्रामीण व शहरी पेयजल के लिए अलग-अलग कितना जल आरक्षित व कितने में सिंचाई प्रस्तावित थी? (ख) वर्तमान मे अंतिम रूप से योजना की लागत कितनी है एवं कितना रकबा सिंचित किया जाना है? साथ ही, क्या सिंचाई, पर्यावरण, उद्योगिक ईकाई एवं ग्रामीण व शहरी पेयजल हेतु पानी अब अंतिम रूप से आरक्षित किया गया है? दोनों योजनाओं को अलग-अलग बतायें। (ग) क्या योजना की पुनरक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है? उसकी लागत एवं उद्देश्य बताने की कृपा करें। अगर नहीं, तो बिना पुनरक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के उद्देश्य में बदलाव मूल प्रशासकीय स्वीकृति के किस-किस स्तर पर किन अधिकारी द्वारा किए गए।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। सिंचाई, पर्यावरण, उद्योग एवं पेयजल हेतु पानी को अंतिम रूप से आरक्षित कर दिया जाना प्रतिवेदित है। (ग) केवल मोहनपुरा परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू. 3866.34 करोड़ की 1, 25, 000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। कुण्डलिया परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। जल की उपयोगिता का युक्ति-युक्तकरण कर जल उपयोग दक्षता की वृद्धि कर दोनों परियोजनाओं में सैच्य क्षेत्र क्रमश: 1, 45, 661 एवं 1, 39, 600 हेक्टर विकसित किया जाना प्रतिवेदित है। दोनों परियोजनाओं में केवल सिंचाई क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है, मूल उद्देश्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध सदस्यों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
76. ( क्र. 748 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाड़गंगा मत्स्य पालन सहकारी समिति मर्यादित रतनपुरिया, तहसील खिलचीपुर, जिला-राजगढ़ में अवैध सदस्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो कितने कौन-कौन सदस्य अवैध पाए गए हैं? कितने सदस्य वैध पाए गए हैं? संख्या एवं नाम स्पष्ट करें। (ख) अवैध सदस्यों की शिकायत की जांच कब कराई गई? जांच का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जांच पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण बताएं व कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जांच में घोषित अवैध सदस्यों को क्यों नहीं हटाया गया तथा वैध सदस्यों के चुनाव हेतु मतदाता सूची के अनुसार चुनाव क्यों नहीं कराए गए? कारण एवं विवरण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। गाड़गंगा मत्स्य पालन सहकारी समिति मर्यादित रतनपुरिया तहसील खिलचीपुर जिला राजगढ़ के पत्र क्र./निर्वाचन/2019/2418 दिनांक 7/11/2019 के अनुसार प्राप्त जांच प्रतिवेदन का परीक्षणोपरांत अस्पष्ट एवं अपूर्ण होने कारण परिशिष्ट पर संलग्न उपायुक्त सहकारिता के पत्र क्र./विधि/2021/685 राजगढ़ दिनांक 22/7/2021 के द्वारा जांचकर्ताओ को स्पष्ट तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) से (घ) उत्तरांश "क'' के अनुसार।
रिहन्द सिंचाई परियोजना के लिये वित्तीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
77. ( क्र. 751 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के बैढ़न ब्लाक के 104 पंचायत के सिंचाई के लिए प्रस्तावित रिहन्द माईक्रो सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. तैयार हो गया है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय स्वीकृति कब तक होगा यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। रिहन्द माईक्रो सिंचाई परियोजना की डीपीआर तकनीकी परीक्षणोंपरांत साधिकार समिति द्वारा अनुमोदित है। वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति के लिए निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण वर्तमान में स्वीकृति दिये जाने की स्थिति नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अवैध गिट्टी क्रेशर का संचालन
[खनिज साधन]
78. ( क्र. 754 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला के करैरा विधान सभा क्षेत्र में नरवर चितोरी मार्ग बनाने के लिए काली पहाड़ी (मेडा) के बडेरा में लगाये गये गिट्टी क्रेशर की लीज की अवधि क्या थी एवं क्या मार्ग पूर्ण होने से प्रश्न दिनांक तक गिट्टी क्रेशर संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो क्रेशर की लीज अवधि समाप्त होने बाद भी गिट्टी क्रेशर किस प्रकार संचालित है क्या क्रेशर मालिक एवं प्रशासन के अधिकारियों की मिली भगत से संचालित है क्रेशर की लीज की आदेश की प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) क्या अवैध रूप से संचालित गिट्टी क्रेशर से शासन को लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है तथा क्रेशर के पास बसे लोग क्रेशर से होने वाले प्रदूषण से कई प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हो रहे है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में उक्त क्रेशर मालिक एवं इसमें सम्मिलित प्रशासन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर गिट्टी क्रशर के लिए कोई लीज स्वीकृत नहीं की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र का दिनाँक 08/06/2021 को स्थल निरीक्षण किया गया है। मौके पर गिट्टी क्रशर प्लांट लगा हुआ नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के अनुसार मौके पर गिट्टी क्रशर प्लांट स्थापित नहीं पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सड़क निर्माण में प्रयुक्त गौण खनिज के संबंध में लोक निर्माण विभाग शिवपुरी द्वारा सड़क निर्माणकर्ता कंपनी के देयकों से राशि रूपए 1, 83, 64, 231/- की रायल्टी जमा कराई गई है। मौके पर आरएमसी प्लांट डीजल जनरेटर सेट स्थापित पाया गया है, जिसके संबंध में सड़क निर्माण कंपनी के संचालक को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्रशर प्लांट स्थापित न होने के कारण प्रदूषण से किसी प्रकार की बीमारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क)से (ग) में दिए उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ विधानसभा की सिंचाई के संबंध में
[जल संसाधन]
79. ( क्र. 769 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा में मुण्डला सिंचाई परियोजना पूर्ण हो गई है? यदि हाँ तो उक्त सिंचाई परियोजना से निकलने वाली नहरों से किन-किन ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है? ग्रामों की सूचित उपलब्ध करायें? (ख) मुण्डला सिंचाई परियोजना से निकलने वाली नहरे क्या पूर्ण हो गई है? यदि हाँ तो किस दिनांक को पूर्ण हो गई है? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध ग्रामों की सूची अनुसार क्या मुण्डला परियोजना की नहर से समस्त ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध है? (घ) प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध ग्रामों की सूची में से यदि किसी ग्राम तक पानी नहीं पहुंच रहा है? तो क्या शासन उन ग्रामों तक पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुण्डला सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, मुण्डला सिंचाई परियोजना की नहरें पूर्ण होकर पूर्णता: प्रमाण पत्र दिनांक 15.07.2017 को जारी किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं, कृषकों द्वारा नहरों एवं डूब क्षेत्र से जल का उदवहन कर सिंचाई कर लेने से टांडीकलां, रामपुरिया, ऊँचाखेड़ा, उदपुरिया एवं पडियाजागीर सहित 05 ग्रामों में पानी नहीं पहुंचना प्रतिवेदित है। (घ) उत्तरांश 'ग' में उल्लेखित ग्रामों में पानी पहुंचाने के लिए नहर का रीसेक्शनिंग, लाइनिंग एवं पाइप केनाल का कार्य कराना आवश्यक प्रतिपादित किए जाने से सुधार कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्ताव मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की चयन प्रणाली
[सहकारिता]
80. ( क्र. 773 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा 1 जून 2021 से ACE मेन पावरर्स प्राईवेट लिमिटेड भोपाल को आऊटसोर्स कर्मचारियों को रखने का टेण्डर दिया गया है? यदि हाँ तो क्या पूर्व में रखे आऊटसोर्स कर्मचारियों से बीस-बीस हजार रूपये अवैध तरीके से मांगे जा रहे है? (ख) क्या म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा या ACE मेन पावरर्स के बाद किसी आऊटसोर्स कर्मचारी को निकाला गया है? यदि हाँ तो क्यों? कारण सहित पूर्ण विवरण देवें। अनुबंध की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी हां, शिकायतें प्राप्त हुई है, विपणन संघ के संज्ञान में आने पर संघ द्वारा नवीन निविदाकार को चेतावनी पत्र जारी करते हुए निविदा शर्त/अनुबंध निष्पादन अनुसार कार्य संपादन हेतु पत्र क्र. 1861 दिनांक 24.06.2021 से निर्देशित किया गया। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माणाधीन एवं नवीन योजनाएं
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 774 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा मुलताई तहसील में जलाशयों के निर्माण हेतु किन-किन स्थानों का चयन किया गया है उनकी सिंचाई क्षमता एवं लागत कितनी आयेंगी अवगत करायें? (ख) वर्तमान में मुलताई तहसील में सिंचाई विभाग द्वारा कितनी योजनाएं निर्माणाधीन है उनकी लागत कितनी है तथा इन योजनाओं को पूर्ण करेन की अवधि कब तक है? (ग) ग्राम डिवटिया में बटाई नदी पर जलाशय निर्माण के संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण जानकारी देवें? यदि नहीं तो सर्वे इत्यादि कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन चिन्हित जलाशय का स्थल निर्माण हेतु उपयुक्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
पट्टा वितरण संबंधी
[राजस्व]
82. ( क्र. 779 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा जबलपुर के अंतर्गत वर्तमान स्थिति तक में कितने अभ्यार्थियों को पटृटों का वितरण किया गया है? (ख) केंट क्षेत्र में अभी कितने-कितने पात्र नागरिक पट्टा पाने से वंचित है एवं कौन-कौन से क्षेत्र आबादी क्षेत्र घोषित होना शेष है? (ग) केंट विधानसभा के उदम नगर, शांति नगर, गोकलपुर रामनगर, शारदा नगर लंबित क्षेत्रों को आबादी क्षेत्र घोषित कर पट्टों का वितरण किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) केन्ट विधानसभा जबलपुर मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमि हीन व्यक्ति पटटाअधिकृत अधिनियम 1984 के तहत अभी तक कुल 1178 पट्टे वितरित किये गये हैं। (ख) जिले की विधानसभा क्षेत्र केन्ट जबलपुर अंतर्गत समय-समय पर नियमानुसार पात्र लोगों को पट्टे वितरित किये गये हैं केन्ट विधानसभा क्षेत्र नगर निगम जबलपुर की सीमा में होने के कारण आबादी क्षेत्र घोषित होना शेष नहीं है। (ग) आबादी क्षेत्र नगरेत्तर क्षेत्र में घोषित किए जाने का प्रावधान है अत: केंट विधानसभा क्षेत्र नगर निगम सीमा में होने से आबादी क्षेत्र घोषित करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मेडिकल यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्यों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
83. ( क्र. 780 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों के लिये कुल कितनी राशि का आवंटन किया गया है? (ख) अभी तक क्या-क्या निर्माण कार्य हुये हैं एवं कितने निर्माण कार्य शेष है? (ग) शेष निर्माण कार्य कितनी समयावधि में पूर्ण होंगे बतायें एवं समय पर कार्य पूर्ण नहीं हुये है तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यो के लिए राशि रू 13.50 करोड़ का आवंटन किया गया है। (ख) विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। फिनिशिंग कार्य शेष है। (ग) शेष निर्माण कार्य (फिनिशिंग) दो माह में पूर्ण होने की संभावना है। कोविड-19 के कारण कार्य चार माह से बंद रहा है। अत: संबंधितों का कोई दोष नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
बिजली गिरने से बढ़ती मृत्यु दर
[राजस्व]
84. ( क्र. 784 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किदिनांक 1 जनवरी 2018 के पश्चात प्रदेश में किन-किन स्थलों पर बिजली गिरने से किन-किन व्यक्तियों की मृत्यु हुई? स्थलवार, व्यक्तिवार और उनके परिवार को कितना मुआवजा दिया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ’’ अनुसार है।
संबल कार्ड धारियों की कोरोना से मृत्यु
[श्रम]
85. ( क्र. 787 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संबल कार्ड धारी कितने लोगों की मौत होने पर उनके परिजनों को राशि प्रदान की गई? जिलावार संख्या बतायें। (ख) क्या कारण है कि बड़वानी, इंदौर व खरगोन जिले में किसी भी संबल कार्डधारी की कोरोना से मृत्यु होने पर उसके परिजनों को राशि नहीं प्रदान की गई? (ग) कब तक इन्हें राशि प्रदान कर दी जाएगी? (घ) इसमें विलम्ब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में संबल कार्डधारी हितग्राहियों की जिलेवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बड़वानी, इन्दौर और खरगोन जिले संबल कार्डधारी की कोरोना से मृत्यु होने पर उसके परिजनों को राशि प्रदान किये जाने संबंधी कार्यवाही की गई है। बड़वानी जिले में संबंल कार्डधारी 15 हितग्राहियों की कोरोना से मृत्यु हुई है, जिनमें संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा सभी के प्रकरण पोर्टल पर दर्ज कर अन्त्येष्टि सहायता प्रदान की गई है। अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरणों में स्वीकृती कर ई.पी.ओ. जारी किया गया गया है। बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। खरगोन जिले में 23 संबल कार्डधारियों की कोरोना से मृत्यु हुई है। जिनमें संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा सभी के प्रकरण पोर्टल पर दर्ज कर अन्त्येष्टि सहायता प्रदान की गई है। अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरणों में स्वीकृती कर ई.पी.ओ. जारी किया गया गया है। 02 प्रकरणों में अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष प्रकरणों में बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। इन्दौर जिले में 54 संबल कार्डधारियों की कोरोना से मृत्यु हुई है। जिनमें संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा सभी के प्रकरण पोर्टल पर दर्ज कर अन्त्येष्टि सहायता प्रदान की गई है। अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरणों में स्वीकृती कर ई.पी.ओ. जारी किया गया गया है। 01 प्रकरण में अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष 53 प्रकरणों में बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। (ग) बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना से दर्ज मौतों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
86. ( क्र. 788 ) श्री बाला बच्चन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2021 तक कोरोना से कुल कितनी मौतें हुई हैं? कॉलेज नाम, मृतक नाम सहित माहवार जानकारी देवें। (ख) दिनांक 01.04.2021 से 30.06.2021 तक आक्सीजन की कमी से जिन मेडिकल कॉलेजों में मौत हुई हैं, उनके नाम, मृतक नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इस लापरवाही के जिम्मेदारों पर शासन ने अभी तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं की है तो कब तक की जाएगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनूपपुर जिले में खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
87. ( क्र. 796 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कोविड-19 लाॅकडाउन वर्ष 2021 के दोरान गैर बी.पी.एल. श्रेणी के निराश्रित परिवारों को अनाज आवंटित करने हेतु सर्वे का कार्य कराया गया था? यदि हाँ तो अनूपपुर जिले में कुल कितने परिवारों का सर्वे कराया गया है? जनपद पंचायतवार, नगरीय निकायवार जानकारी देवें। (ख) सर्वेक्षित परिवारों को अनाज आवंटन पर्ची कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ग) सर्वे कराये जाने के दो माह बाद भी अनाज आवंटन किए जाने हेतु पात्रता पर्ची जारी नहीं होने का क्या कारण है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कोविड-19 के लॉकडाउन वर्ष 2021 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत छूटे हुए गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हितग्राहियों के पात्रता संबंधी घोषणा पत्र के आधार पर अस्थाई पात्रता पर्ची जारी करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, इस हेतु कोई सर्वेक्षण नहीं कराया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अस्थाई पात्रता पर्ची के आवेदक व पात्र पाए गए 1179 परिवारों को अस्थायी पात्रता पर्ची प्रदान कर दी गई है। (ग) पात्र पाए गए समस्त परिवारों को अस्थाई पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों की मान्यता निरस्त करना
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 803 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रं. 1864 दिनांक 01/03/2021 एवं प्र.क्र. 3769 दिनांक 08/03/2021 के उत्तर अनुसार एवं प्रश्न पर बजट सत्र के प्रश्नकाल में हुई चर्चा अनुसार मा. विभागीय मंत्री जी ने इन स्कूलों की मान्यता निरस्ती का आश्वासन दिया था तो इसका पालन प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हुआ? (ख) इस आश्वासन के पालन में विलंब करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि विधान सभा आश्वासन की अवमानना करने वाले ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) कब तक इन स्कूलों की मान्यता निरस्त कर इनके खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) माननीय मंत्री जी द्वारा जांच दल भेजकर जांच कराये जाने एवं प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया था। जांच दल से जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है। प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। जय माँ वैष्णो कान्वेंट स्कूल झारडा को माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर से याचिका क्रमांक 5516/2021 में दिनांक 06 अप्रैल 2021 को पारित अंतरिम आदेश से स्थगन प्राप्त है। (ख) प्रकरण में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) विभाग द्वारा प्रतिवेदन के गुण-दोष के आधार पर मान्यता निरस्त किये जाने के संबंध में कार्यवाही की जावेगी।
प्रकरण के निराकरण में विलंब
[सहकारिता]
89. ( क्र. 805 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 599, दि. 18-12-2019 के (ख) उत्तर में वर्णित निगरानी प्रकरण क्रमांक 80ए/2019/00136 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इस प्रकरण की सुनवाई कब-कब हुई? क्या इसका निराकरण हो गया है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) यदि इसका निराकरण नहीं हुआ है तो इसके सुनवाईकर्ता/जांचकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इनके द्वारा इसमें विलंब क्यों किया जा रहा है? कब तक इस प्रकरण का निराकरण होगा? (घ) इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) निगरानी प्रकरण क्रमांक 80ए/2019/00136 में दिनांक 13.12.2019 को आदेश पारित कर प्रकरण का निराकरण न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं उज्जैन के द्वारा किया गया है। (ख) दिनांक 08.08.2019, 29.08.2019, 11.09.2019, 23.09.2019, 10.10.2019, 04.11.2019, 27.11.2019, 12.12.2019 एवं दिनांक 13.12.2019 जी हाँ। दिनांक 13.12.2019 को आदेश पारित कर आवेदकगणों द्वारा प्रस्तुत निगरानी को अस्वीकार किया जाकर अनावेदक (उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला उज्जैन) द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब दिनांक 17.12.2019 को प्रस्तुत करने हेतु आवेदकगणों को आदेशित किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पट्टेदारों का नामांतरण
[राजस्व]
90. ( क्र. 812 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले की अशोक नगर, राजपुर एवं शाठोरा तहसीलों में जनवरी 2000 से जनवरी 2004 तक कितने भूमिहीनों को पट्टे दिये गए? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी पट्टेदारों के नामांतरण कर दिये गए हैं? यदि नहीं तो किन लोगों के नामांतरण होना शेष है व नामांतरण क्यों नहीं हुये? कारण सहित सूची देवें। (ग) जिन पट्टेदारों के नामांतरण नहीं हुये उनके नामांतरण कब तक हो जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अशोकनगर जिले की अशोकनगर, राजपुर एवं शाढोरा तहसीलों में जनवरी 2000 से जनवरी 2004 तक 6913 भूमिहीनों को पट्टे दिये गये। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जर्जर भवनों में संचालित शालाओं का पुनर्निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 813 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में ऐसी कितनी शालाएं हैं जो जर्जर भवनों में संचालित हो रही हैं? क्या इन्हें चिन्हित किया गया है तो इनके नाम, स्थान नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इनके सुधार या नवीन भवन हेतु कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो स्कूलवार विवरण देवें। यदि नहीं तो कब तक बनाई जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जर्जर भवनों में संचालित विद्यालय में विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु क्या प्रबंध किए गए हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में कोई भी शाला जर्जर भवन में संचालित नहीं की जा रही है, अपितु अतिरिक्त कक्षों में संचालित 11 शालाओं की जानकारी परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ख) अशोकनगर वि.स. क्षेत्र में जर्जर शाला भवनों के स्थान पर नवीन शाला भवन निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में सम्मिलित किये गये है। शालावार जानकारी परिशिष्ट -‘अ‘ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल खरीदी केन्द्रों पर अनियमितता
[सहकारिता]
92. ( क्र. 817 ) श्री संजय यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य में जो खरीदी की जाती है, उसमें प्रासंगिक व्यय (हम्माली) की राशि क्या सरकार द्वारा समितियों को दी जाती है अथवा नहीं? (ख) यदि हम्माली की राशि शासन द्वारा दी जाती है तो वर्तमान में खरीदी जा रही उड़द, मूंग एवं पूर्व में खरीदी गई गेहूं की फसल में बरगी क्षेत्र की अधिकतर समितियों द्वारा उक्त कार्य हम्माली किसानों द्वारा ही कराई जा रही है, जिसका किसानों को कोई भुगतान नहीं किया जाता है, ऐसा क्यों? उक्त भ्रष्टाचार हेतु किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त शिकायत की जांच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या उक्त प्रासंगिक व्यय की राशि किसानों की उपज के भुगतान के साथ ही किसानों के खाते में सीधी डाली जा सकती है? जिसका किसानों को लाभ पहुंच सकेगा जो कि शासन की मंशा भी है तथा भ्रष्टाचार कम किया जा सकेगा? (घ) क्या उक्त के संबंध में म.प्र. के समस्त सहकारी समितियों के खरीदी केन्द्रों पर शासन के खरीदी संबंधित निर्देश चस्पा कराये जावेंगे? जिससे किसानों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उपार्जन एजेंसी द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिये एजेंट संस्थाओं को प्रासंगिक व्यय का भुगतान किया जाता है। (ख) जी नहीं। बरगी क्षेत्र में पिपरियाकला सोसायटी में गेहूं उपार्जन के दौरान किसानों द्वारा हम्माली कराई जाने की एक शिकायत प्राप्त हुई थी जो जांच में असत्य पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) हम्माली का कार्य किसानों के द्वारा नहीं किया जाता है। अत: किसानों के खाते में प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रत्येक उपार्जन सीजन पर उपार्जन के नोडल विभाग द्वारा उपार्जन संबंधी प्रावधानों का प्रचार प्रसार किया जाता है।
शाला छोड़ने वाले बच्चों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 825 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा में सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक प्रारंभिक शिक्षा का कितना-कितना बजट रहा तथा वर्ष 2016-17 से 2020-21 की बजट राशि कितने प्रतिशत हो गई तथा इस अवधि में प्रारंभिक शिक्षा में नामांकन में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई? (ख) प्रारंभिक शिक्षा में शासकीय विद्यालयों तथा निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक वर्ष 2016-17 तथा 2020-21 में कितना-कितना नामांकन तथा दोनों केटेगरी नामांकन में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई तथा प्रारंभिक शिक्षा के बजट में कितने वृद्धि हुई? (ग) प्रायमरी तथा मिडिल शासकीय विद्यालयों में वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक औसत उपस्थिति प्रतिदिन कुल नामांकन की कितने प्रतिशत है तथा वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2020-21 में प्रारंभिक शिक्षा से प्रति विद्यार्थी खर्च कितना-कितना है? (घ) जनसंख्या वृद्धि तथा साक्षरता दर में वृद्धि को देखते हुये प्रतिवर्ष प्रारंभिक शिक्षा में कितने प्रतिशत वृद्धि होना चाहिये? क्या शासकीय तथा निजी विद्यालय के नामांकन मिलाकर यह वृद्धि हुई है यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2020-21 में राज्य शिक्षा केन्द्र (बी.सी.ओ. 2004) का बजट प्रावधान संलग्न परिशिष्ट '1' अनुसार है। सत्र 2016-17 से नामांकन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट '2' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट '2' अनुसार एवं राज्य शिक्षा केन्द्र (बी.सी.ओ. 2004) अंतर्गत बजट राशि में वर्ष 2016-17 तथा 2020-21 में राशि रू. 165.57 करोड़ (3.55 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट '1' अनुसार है। (ग) यू-डाईस में प्रतिदिन कुल नामांकन के विरूद्ध औसत उपस्थिति के संग्रहण का प्रावधान नहीं है। सत्र 2016-17 में निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम अंतर्गत राशि प्रतिपूर्ति की गणना अनुसार प्रति विद्यार्थी खर्च 4209/- रू. था। सत्र 2020-21 के प्रति बालक व्यय की गणना की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) जनसंख्या वृद्धि तथा साक्षरता दर में वृद्धि के अनुपात में प्रतिवर्ष प्राथमिक शिक्षा में वृद्धि का आंकलन किया जाना संभव नहीं है। अपितु 2011 की जनगणना के अनुसार 0-6 वर्ष के आयु वर्ग में कमी होने के कारण नामांकन में वृद्धि संभव नहीं है।
गृह निर्माण समितियों के प्लाटों का आवंटन
[सहकारिता]
94. ( क्र. 839 ) श्री हर्ष यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. पता - 1, आदर्श नगर, जी-14 मिड टाउन प्लाजा, आदर्श नगर, इंदौर ने 1971 में संस्था प्रारंभ होने में प्रश्न दिनांक तक किसी भी सदस्य को प्लाट/आवंटित/विक्रय नहीं किए हैं, क्यों? (ख) वर्ष 1971 से प्रश्न दिनांक तक सभी अध्यक्षों के नाम, पता सहित देकर बतायें कि 135 एकड़ जमीन पर वर्तमान में जो कॉलोनी है, उसमें कितने मकान बने हैं? कितने भूखण्ड किस नम्बर के रिक्त हैं? (ग) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक जो भूखण्ड विक्रय हुए हैं उसके लिए संस्था के वर्तमान अध्यक्ष पर कार्यवाही कब तक की जायेगी? क्योंकि सदस्यों को प्लाट आवंटन/विक्रय हुआ है? इस अवधि के समस्त क्रय/विक्रय की सूची, क्रयकर्ता/विक्रयकर्ता का नाम, भूखण्ड रकवा नम्बर सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इस अनियमितता के लिए संस्था के वर्तमान अध्यक्ष पर एफ.आई.आर. कब तक कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नाधीन संस्था की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत विस्तृत जांच करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर के द्वारा सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला इन्दौर को अधिकृत किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
आपदा से संबंधित उपकरणों का क्रय
[राजस्व]
95. ( क्र. 842 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान में मद संख्या 6436 आपदा से संबंधित प्रशिक्षण एवं उपकरणों का क्रय में जो 120 करोड़ रूपये राशि व्यय होता बताया गया है, उसमें से कितनी राशि प्रशिक्षण पर एवं कितनी राशि उपकरणों के क्रय पर व्यय की गई? पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्तानुसार यह प्रशिक्षण किन-किन जिलों में कितने स्थानों पर किन संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा दिया गया? जिला नाम, स्थान नाम, संख्या/व्यक्ति नाम, भुगतान राशि सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय उपकरण कहां से क्रय किए गये विक्रयकर्ता नाम, जी.एस.टी. नम्बर, पता, विक्रय राशि सहित देवें। इस पर काटे गए टी.डी.एस. की जानकारी भी संख्यावार देवें। ये उपकरण किन जिलों में दिए गए उनके नाम, स्थान नाम सहित देवें। (घ) क्या कारण है कि बजट अनुमान 5.22 करोड़ के समक्ष 120 करोड़ रूपये व्यय किए गए? इसकी समस्त मंजूरी प्रक्रिया के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित व्यय अनुमान में योजना शीर्ष 6436 आपदा से संबंधित प्रशिक्षण एवं उपकरणों का क्रय में 120.22 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। इसमें से (क) वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित व्यय अनुमान में योजना शीर्ष 6436 आपदा से संबंधित प्रशिक्षण एवं उपकरणों का क्रय में 120.22 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। इसमें से राशि 1, 70, 956/- रूपये प्रशिक्षण पर एवं राशि 107, 12, 13, 255/- रूपये उपकरणों के क्रय पर व्यय की गई। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ग) विभागवार/जिलेवार पुस्तकालय में रखे जानकारी परिशिष्ट–ब अनुसार है। (घ) राहत सामग्री क्रय करने हेतु जिलों को प्रदान किये गये आवंटन के अतिरिक्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक उपकरण क्रय करने हेतु राशि प्रदान की गयी है। इस हेतु राशि वित्त विभाग की सहमति से रू. 115.00 करोड़ पुनर्विनियोजन कर प्राप्त की गई थी। पुनर्विनियोजन आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘स’ अनुसार है।
पैरामेडिकल पाठ्यक्रम के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
96. ( क्र. 859 ) श्री
जालम सिंह
पटैल : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नेताजी
सुभाषचंद्र
बोस मेडिकल
कालेज जबलपुर
के अधीन
संचालित
विभिन्न
पैरामडिकल
पाठयक्रमों
से वित्तीय
वर्ष 2019-20 व 2020-21 में
महाविद्यालय
में कितनी धन
राशि अर्जित हुई
है (ख) क्या
वित्तीय
वर्ष 2019-20 व 2020-21 में
पैरामेडिकल
से अर्जित
राशि को स्वशासी
मद में स्थानांतरित
किया गया? यदि
हां, तो
क्या स्वशासी
मद में इसका
उपयोग
पैरामेडिकल
कार्यों के लिये
किया गया? (ग) यदि
नहीं तो इसका
उपयोग किस
कार्य के लिए
किया गया व
किस की स्वीकृति
से किया गया? (घ) क्या
इसका उपयोग
पैरामेडिकल
के आलावा अन्य
मद में किये
जा सकता है? यदि
हां, तो
नियमावली
उपलब्ध
करायें। यदि
नहीं तो क्या
यह आर्थिक
अनियमितता की
श्रेणी में
आती हैं?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास सारंग
) : (क) पैरामेडिकल
एवं बी.पी.टी.
खाते में
अर्जित राशि
इस प्रकार है।
2019-20-115.46 लाख, 2020-21 - 115.63
लाख (ख) जी
नहीं। (ग) पैरामेडिकल
की राशि का
उपयोग स्वशासी
कार्यकारिणी
समिति के
अनुमोदन पर
उपयोग किया
जाता है, जैसे
पुस्तको का
क्रय, उपकरणों
के सामग्री
आपूर्ति, मानदेय, पठन-पाठन
सामग्री, पैरामेडिकल
कोर्सेस
पंजीयन,
संबद्धता शुल्क, फर्नीचर
कार्यालय व्यय
एवं अन्य
खर्चों में व्यय
किये जाते
हैं। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
अंतर्राज्यीय मार्ग पर संचालित चार्टड बस
[परिवहन]
97. ( क्र. 869 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित चार्टड बस कंपनी की अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी के अनुबंध के अंतर्गत चलने वाली चार्टर बस किस-किस अंतर्राज्यीय मार्ग पर संचालित की जा रही है उसे किस श्रेणी का परमिट दिया गया है? परमिट की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी की राज्य में कौन-कौन से रूट पर कितनी-कितनी बसें चल रही हैं? अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम से या चार्टर बस के नाम से परमिट जारी हुआ है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित यात्री बसों में व्यवसायिक लगेज का परिवहन करने की अनुमति किस नियम के तहत दी गई है? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि बसों में व्यवसायिक लगेज के परिवहन में टेक्स की चोरी न हो मादक पदार्थों की तस्करी न हो यात्रियों के जानमाल का खतरा न हो इसकी मानिटिंग कैसे की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी के बस परिवहन के खिलाफ अधिक भाड़ा लेना स्वीकृत फैरे से अधिक फैरे लगाना व्यवसायिक लगेज का परिवहन करना आदि कितनी शिकायतें पिछले पांच साल में प्राप्त हुई है? उनकी सूची देवें एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर स्थित चार्टड बस कंपनी की अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट की कंपनी के अनुबंध के अंतर्गत चलने वाली बसों को राज्य परिवहन प्राधिकार ग्वालियर द्वारा अंतर्राज्यीय गार्ग के लिए कोई अस्थाई/स्थाई परमिट जारी नहीं किये गये हैं। (ख) प्रश्नानुसार प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी एवं चार्टड बस के नाम से राज्य में विभिन्न मार्गों पर जारी परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, एवं 3 अनुसार है। (ग) व्यवसायिक लगेज अनुमत्य नहीं है, केवल यात्री अपने साथ व्यक्तिगत सामान ले जा सकता है। फिर भी यात्रियों के व्यक्तिगत सामान के अतिरिक्त व्यवसायिक रूप से परिवहन टैक्स की चोरी न हो, मादक पदार्थों की तस्करी न हो, यात्रियों के जानमाल का खतरा न हो इस हेतु परिवहन विभाग एवं संबंधित विभागों द्वारा बसों की चेकिंग कर उनकी मॉनिटरिंग समय-समय पर की जाती है। (घ) प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित कंपनी के बसों के परिवहन के खिलाफ इंदौर कार्यालय से जारी अनुज्ञापत्रों पर आच्छादित बसों की प्रश्न में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं परिवहन सुरक्षा स्क्वॉड, इंदौर द्वारा चैकिंग के दौरान विगत 05 वर्षो में चार्टड बस कंपनी की बसों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जानकारी निरंक है।
नियम विरूद्ध भूमि पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
98. ( क्र. 875 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड की गोहद एवं मौ तहसील अंतर्गत प.हल्का नं;79 भडेरा, हल्का नं.72 घमूरी हल्का नं.81 छेंकुरी एवं मौ तहसील के अन्य हल्कों में वर्ष 2010 में कितने-कितने भूमिहीनों को शासन द्वारा पट्टे दिये गए तथा किन-किन के पट्टे निरस्त किये गये? उनके स्थान पर पूर्व में वंटित सर्वे नं. को किन-किन को पट्टे दिए गए हैं? (ख) क्या उक्त दिए गए पट्टे सर्वे नं. के लोग पात्रता की श्रेणी में आते है? यदि हाँ तो बिंदुवार बतायें। (ग) यदि नहीं तो उक्त नियम विरूद्ध दिए गए पट्टे की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला भिण्ड की गोहद तहसील एवं मौ तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 79 भडेरा, हल्का नंबर 72 घमूरी, हल्का नं. 81 छेंकुरी एवं तहसील के अन्य हल्कों में शासन द्वारा वर्ष 2010 में भूमिहीनों को कोई पट्टे नहीं दिये गये हैं। इस कारण पट्टे निरस्ती की कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्नाशं उद्भूत नहीं होता (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पट्टे नहीं दिये जाने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में पट्टे नहीं दिये जाने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
संचालित रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 876 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार अलीराजपुर, बड़वानी, होशंगाबाद एवं तमाम जिले में रेत खदाने संचालित हैं? यदि हाँ तो इन जिलों में किन-किन फर्मों या व्यक्तियों से किस-किस दिनांक से कितने समय के लिये रेत की खदानें आवंटित की गई हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त जिलों में रेत खदानों के टेण्डर होने से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों द्वारा रेत के ठेके के लिये कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी किश्तें जमा की गई हैं? किश्तवार एवं राशिवार ब्यौरा देवें। (ग) उक्त जिलों में ठेकेदारों को रेत खदानों टेण्डर के बाद प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि की रायल्टी दी गई है? संपूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) उक्त जिलों में रेत खदानों के ठेकेदारों पर प्रश्न दिनांक तक शासन की कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी किश्तें बकाया हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संचालित रेत खदानों संबंधी जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित अनुसार है। 08 जिलों क्रमशः मंदसौर, अलीराजपुर, रायसेन, रीवा, राजगढ़, छतरपुर, शिवपुरी, धार के ठेके निरस्त किये जा चुके हैं एवं जिला पन्ना एवं भिण्ड के ठेका समर्पण हो गया है। आगर-मालवा एवं उज्जैन जिलों हेतु कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई है। (ख) से (घ) संचालित रेत खदानों संबंधी जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
उचित मूल्य की संचालित दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 878 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं? तहसीलवार पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उचित मूल्य की दुकानें संचालन करने हेतु किसे अधिकृत किया गया है? इसके नियम क्या हैं? एक ही समिति को एक से अधिक दुकानें संचालित करने के नियम हैं? यदि हाँ तो गुना जिले में एक ही समिति को आवंटित दुकानों की सूची तहसीलवार पृथक-पृथक दें। (ग) क्या महिला स्व-सहायता समूहों को उचित मूल्य की दुकानें संचालित करने हेतु शासन की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ तो किस समूहों को उचित मूल्य की दुकानें दी गई हैं? (घ) क्या विगत समय में उचित मूल्य की दुकानों से बाजरा बांटने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि कब-कब, कितनी-कितनी और किस-किस के द्वारा गेहूँ और चावल के बदले बाजरा बांटा गया है, तो कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) उचित मूल्य दुकान का संचालन करने वाली संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 8 (1) की अनुसूची 2 में प्रावधानित संस्थाओं द्वारा दुकानें संचालित करने का नियम है। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र में 01 से अधिक दुकानें संचालित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में महिला स्व-सहायता समूहों को भी दुकानें आवंटित हुई हैं जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘इ’ अनुसार है। (घ) जिले में बाजरा बांटने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। राज्य शासन द्वारा उपार्जन अंतर्गत खरीदे गये मोटे अनाज को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित कराया जाता है। जितनी मात्रा मोटे अनाज की आवंटित की जाती है, उतनी मात्रा गेहूं से कम की जाती है। मोटा अनाज वितरित कराने के लिए कोई भी दोषी नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत भी हितग्राहियों को मोटे अनाज का वितरण किया जाना प्रावधानित किया गया है।
प्राकृतिक आपदा में हुये नुकसान का मुआवजा
[राजस्व]
101. ( क्र. 879 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19/03/2021 को गुना जिले के आरोन तहसील के ग्राम क्योपुर, सराई, साडल, परजाखेड़ी, निबोदा, सेमराचांच, जांसी, डगराई, बरपनबाड़ी, करोंदा में तेज आंधी, तूफान, बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण सैकड़ों एकड़ में फसलों का 100 प्रतिशत एवं ग्राम हुसैनपुर, बरोदा, किशनपुरा सहित अन्य ग्रामों में फसलों को नुकसान हुआ है। इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर, जिला गुना को पत्र क्र. 238 दिनांक 22/03/2021 लिखा गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में किस-किस के द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त के संबंध में क्या जिला प्रशासन द्वारा मुआवजा राशि का आंकलन किया जाकर प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रस्तुत किया है? यदि हाँ तो कितने किसानों की कौन सी फसलों का कितनी लागत का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया गया है? (घ) राज्य सरकार से मुआवजा राशि की स्वीकृति कराये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा कब-कब, क्या-क्या पत्र व्यवहार कर स्वीकृत मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो मुआवजा वितरण में देरी के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? मुआवजा राशि का वितरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) फसल क्षति से संबंधित विस्तृत सर्वे उपरांत कलेक्टर जिला गुना द्वारा राहत राशि की मांग हेतु दिनांक 28/6/2021 को पत्र प्रेषित किया गया। निर्धारित प्रारूप‘‘ अ’’ एवं ‘‘ आ’’ में जानकारी न भेजे जाने के कारण जिले द्वारा पुन: वांछित प्रारूप तैयार कर दिनांक 23/07/2021 को मांग पत्र प्रेषित किये गये। कार्यालयीन पत्र दिनांक 29/07/2021 से संभागीय आयुक्त ग्वालियर संभाग से जानकारी का परीक्षण एवं सत्यापन उपरांत अभिमत चाहा गया है। परीक्षण एवं सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्न "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। राहत राशि वितरण से पूर्व जिले से प्रेषित मॉंग का आयुक्त ग्वालियर संभाग के माध्यम से परीक्षण एवं सत्यापन कराया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम का मामला
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 887 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 533 दिनांक 22/09/2020 में दिए गए उत्तर (ग) के अनुसार प्रायवेट स्कूल की मान्यता की जांच हेतु शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के नियम 11 (7) में की गई व्यवस्था अनुसार गठित जांच दल का प्रतिवेदन ही मान्य होगा, बताया गया था, तो क्या अधिनियम के विपरीत समिति गठित करने का अधिकार कलेक्टर को है? यदि हाँ तो नियम की प्रति देवें। नहीं तो क्यों नहीं? (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 533 अतारांकित दिनांक 22/09/2020 में दिए गए उत्तर (ख) में गठित जांच दल में शिक्षाविदों, नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पत्रकारों को समाविष्ट किया गया था या नहीं? यदि हाँ तो उक्त सदस्यों के नाम बतावें। यदि नहीं तो 2011 के नियम 11 (7) में की गई व्यवस्था के विपरीत गठित समिति का जांच प्रतिवेदन मान्य कैसे हो सकता है? क्या उक्त दूषित जांच प्रतिवेदन को अपास्त किया जाएगा या नहीं? (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 717 दिनांक 30/12/2020 के उत्तर (ख) में आज दिनांक तक दोषी अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विधानसभा प्रश्न क्रमांक 942 दिनांक 30/12/2020 के उत्तर (ड) में आज दिनांक तक गुण दोष के आधार पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही नहीं करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बताएं। (घ) आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के प्रतिवेदन क्र. 6852 दिनांक 04/11/2020 पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कार्यवाही नहीं करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बताएं। (ड) शिकायतकर्ता आरिफ एहमद शेख, निवासी बड़वानी द्वारा दिनांक 8 मार्च 2021 से 15 अप्रैल 2021 तक कुल कितनी शिकायतें आयुक्त लोक शिक्षण, राज्य शिक्षा केन्द्र, संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी को की गई है? प्रत्येक शिकायत की प्रति एवं उस पर आज दिनांक तक संबंधित कार्यालय द्वारा की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ, जी नही, शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) मान्यता की जाँच हेतु कलेक्टर, बड़वानी को नियम-11 (7) में की गई व्यवस्था अनुसार जांच दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक-135, भोपाल दिनांक 29.12.2020 को लिखा गया है। जानकारी अद्यतन अप्राप्त है। (ग) प्रश्नांश के प्रथम भाग के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। द्वितीय भाग से संबंधित अधिकारी श्री महेश कुमार निहाले की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दंडादेश क्र. 368 दिनांक 23/01/2021 से जारी किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ध) प्रकरण में दोषी पाये जाने पर श्री महेश कुमार निहाले, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जिला बड़वानी वर्तमान ए.डी.पी.सी., आर.एम.एस.ए., जिला बड़वानी की दंडादेश क्र0 517 दिनांक 30.07.2021 से एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का दण्ड अधिरोपित किया गया है। (ड) शिकायतकर्ता श्री आरिफ अहमद शेख द्वारा दिनांक 08.03.2021 से 15.04.2021 तक आयुक्त लोक शिक्षण, म.प्र. को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण इंदौर संभाग, इंदौर एवं जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी म.प्र. को की गई शिकायतों एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार।
हानिकारक पदार्थ द्वारा मछली का शिकार
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
103. ( क्र. 900 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले के छोटे तालाब में एक सहकारी संस्था द्वारा मिट्टी के गोलों में हानिकारक पदार्थ डालकर मछली का शिकार किया जाता था? संस्था का नाम बताएं एवं तालाब का पट्टा कब समाप्त हुआ? दिनांक बताएं। (ख) क्या इस संबंध में एन.जी.टी. द्वारा एक वरिष्ठ अधिकारियों के कमेटी बनाकर जांच कराई गई थी? यदि हाँ तो अधिकारियों के नाम, पद एवं रिपोर्ट अनुसार क्या कार्यवाही संस्था के विरूद्ध प्रस्तावित की गई? (ग) रिपोर्ट के आधार पर एन.जी.टी. द्वारा अपने निर्णय में पी.सी.बी. एवं नगर निगम भोपाल को दोषी संस्था के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये? (घ) क्या शासन स्तर पर हानिकारक पदार्थ से मछली मारने को रोकने के लिए दोषी संस्था के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर संचालक मण्डल को दंडित किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ । छोटा तालाब आदर्श मत्स्योद्योग सहकारी संस्था को मछली पालन हेतु 10 वर्षीय पट् पर 31.07.2020 तक नगर निगम भोपाल द्वारा प्रदाय किया गया था। (ख) जी हाँ। एन.जी.टी. द्वारा श्री जमील खान (एस.डी.एम) शहर वृृृत्त भोपाल एवं श्री संतोष गुप्ता, अधीक्षण यंत्री झील संरक्षण प्रकोष्ट नगर निगम भोपाल की कमेटी बनाकर जांच कराई गई थी। नगर निगम भोपाल द्वारा प्रशासक संकल्प क्रमांक 401 दिनांक 20.10.2020 के तहत उक्त संस्था को पुन: लीज पर नहीं दिये जाने का निर्णय लिया गया। (ग) एन.जी.टी. द्वारा पारित आदेश दिनांक 28.06.2021 के पैरा 24 में लेख किया गया है कि "Since the matter is pending before Hon'ble High Court thus we are not goning to intervene in this matter" (घ) संस्था द्वारा दायर याचिका क्रमांक 18732/2020 से स्थगन प्राप्त कर प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष प्रक्रियाधीन है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
104. ( क्र. 903 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा टीकमगढ़ जिले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु तारांकित प्रश्न क्रमांक 934, दिसम्बर 2020 पूछा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक कितने रिक्त पदों को जिले में भरा गया है? बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में अभी कहां-कहां इस विभाग के रिक्त पद हैं? इन रिक्त पदों को भरा जायेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक का कोई पद नहीं भरा गया है। जिले में पटवारी के 03 पद (02 पद अनुकम्पा नियुक्ति से एवं 01 पद पटवारी परीक्षा 2017 में चयनित अभ्यार्थी की न्यायालय आदेश अनुसार नियुक्ति से) भरे गए हैं। (ग) रिक्त पदों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं पी.ई.बी. के माध्यम से भरा जाएगा। पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है :–
क्रमांक |
तहसील |
रिक्त पदों की संख्या |
|||
तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार |
नायब तहसीलदार |
राजस्व निरीक्षक |
पटवारी |
||
1 |
टीकमगढ़ |
01 |
01 |
00 |
01 |
2 |
बडगांव धसान |
0 |
00 |
01 |
04 |
3 |
बल्देवगढ़ |
02 |
02 |
0 |
04 |
4 |
खरगापुर |
01 |
00 |
0 |
05 |
5 |
पलेरा |
01 |
01 |
0 |
09 |
6 |
जतारा |
02 |
01 |
0 |
05 |
7 |
मोहनगढ़ |
01 |
01 |
0 |
07 |
8 |
लिधौरा |
0 |
00 |
0 |
04 |
9 |
नजूल |
0 |
01 |
0 |
0 |
10 |
डायवर्सन |
0 |
0 |
04 |
0 |
11 |
भू-प्रबंधन |
0 |
0 |
16 |
0 |
|
योग |
08 |
07 |
21 |
39 |
हरपुरा सिंचाई परियोजना के कार्य की स्थिति
[जल संसाधन]
105. ( क्र. 904 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा हरपुरा सिंचाई परियोजना के कार्य फेस-2 को प्रारंभ किए जाने बाबत् विधानसभा में कई माध्यमों से शासन को अवगत कराया है। यदि हाँ तो बताएं कि कब तक फेस-2 का कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (ख) यदि विभाग ने प्रश्न दिनांक तक फेस-2 का कार्य प्रारंभ कराने की कार्यवाही की है तो क्या-क्या और नहीं तो क्यों? क्या माननीय मंत्री जी के द्वारा विधान सभा में की गई घोषणा एवं अमल पर विभाग कार्यवाही नहीं करता है? यदि हाँ तो इसका दोषी कौन-कौन है? प्रश्न दिनांक तक उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। हरपुरा वियर के अपस्ट्रीम में जामनी नदी पर उत्तरप्रदेश द्वारा भौराट बांध के निर्मित कर लेने से हरपुरा नहर में पानी की उपलब्धता केवल 10 तालाबों को ही भरने की रह गई है। अतिरिक्त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्धता न होने से हरपुरा परियोजना फेस-2 तकनीकी रूप से असाध्य हो गई है। परियोजना तकनीकी रूप से असाध्य हो जाने के कारण फेस-2 का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी नहीं होने से कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भू-खण्ड पर अतिक्रमण
[राजस्व]
106. ( क्र. 911 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा शहर के खसरा क्र. 192, भूखण्ड क्र. 265/1, खाता क्र. 4918 की भूमि 1500 वर्गफीट शासन के अभिलेख में वर्तमान में किसके नाम से दर्ज है? वैध दस्तावेज की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित भूमि पूर्व में शासन अभिलेख में किस वर्ष से किन-किन व्यक्तियों के नाम दर्ज थी व किनका आधिपत्य था? दस्तावेज की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित भूमि पर वर्तमान में किन-किन व्यक्तियों का किस आधार पर आधिपत्य है तथा किन दस्तावेजों के कारण उनका नामांतरण कब किया गया? पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) क्या कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर वर्तमान में भू-खण्ड पर काबिज अतिक्रामकों के विरूद्ध शासन द्वारा जांच कराकर भू-खण्ड को अतिक्रमणमुक्त कराया जायेगा? क्या दस्तावेजों का परीक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कराया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा शहर के खसरा क्रमांक 192 भूखंड क्रमांक 265/1 खाता क्रमांक 4918 की भूमि 1500 वर्गफीट शासन के अभिलेख में वर्तमान में श्रीमती लक्ष्मी पुत्री गणेश प्रसाद पत्नी मोहनलाल पाराशर निवासी गंधवानी जिला धार अनिता पुत्री गणेश प्रसाद निवासी बैतूल एवं शुभम आ. शिवशंकर शर्मा निवासी सीहोर के नाम से दर्ज है। बी. (1) की प्रति परिशिष्ट 'अ' पर संलग्न है। (ख) प्रश्नांकित भूमि शासन अभिलेख में वर्ष 18/08/2020 में रूखमणी पत्नी गणेश प्रसाद, प्रकाशचंद्र दीपक आ. गणेशप्रसाद जोशी निवासी हरदा के नाम पूर्व में दर्ज था। बी. (1) की प्रति परिशिष्ट 'ब' पर संलग्न है। (ग) न्यायालय तहसीलदार हरदा के रा.प्र. क्रमांक 2125/अ/-6/वर्ष 2019-20 दर्ज किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही कर दिनांक 19/08/2020 को आदेश पारित किया जाकर अवेदकगणों के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज किये गये हैं।। परिशिष्ट 'स' पर संलग्न है। (घ) उक्त भू-खंड में वर्तमान में किसी भी अतिक्रमकों के द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है। भू-खंड रिक्त है। कूट-रचित दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण नहीं कराया गया है बल्कि तहसीलदार हरदा के द्वारा रा.प्र. क्र. 2125/अ/-6/वर्ष 2019 -20 में पारित आदेश दिनांक 19/08/2020 के अनुसार वसीयत के आधार पर नामांतरण किया गया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होते।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रधानमंत्री
सम्मान निधि
का प्रदाय
[राजस्व]
1. ( क्र. 22 ) श्री
मेवाराम जाटव
: क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
गोहद विधान
सभा क्षेत्र
के किसानों को
वर्ष 2020-21
में
प्रधानमंत्री
किसान सम्मान
निधि वितरण की
जा चुकी हैं? यदि
हाँ तो कितने
किसानों को
इसका लाभ दिया
गया संख्या
एव कुल
व्यय राशि
सहित जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
जिन किसानों
को तहसीलदार/
पटवारी की लापरवाही
के कारण कम्प्यूटर
में नाम अंकित
नहीं हो पाया, जिस
कारण उपरोक्त
लाभ से वंचित
होना पड़ा है? (ग) यदि
हाँ तो लाभ से
वंचित
किसानों को
इसका लाभ कब
तक दिला दिया
जावेगा, नहीं
तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ।
पी.एम.किसान
पोर्टल पर
उपलब्ध डाटा
अनुसार तहसील
गोहद जिला
भिण्ड में
वर्ष 2020-2021 में 32298
किसानों को
प्रधानमंत्री
किसान सम्मान
निधि के तहत रूपये 17.31 करोड़
रूपये का लाभ
दिया गया है। (ख) प्रश्नांश
‘क’ के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
‘क’ के उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शिकायत करने पर कार्यवाही की स्थिति
[राजस्व]
2. ( क्र. 36 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को की गई शिकायत श्री संजीव श्रीवास्तव, उपसचिव, मुख्य सचिव कार्यालय, के पत्र क्रमांक 1516/उ.स./मु.स./2020, दिनांक 28/02/2020 से प्रमुख सचिव राजस्व को जांच हेतु प्रेषित की गई थी? (ख) जानकारी दें कि जांच में खेल प्रशाल, इटारसी हेतु विधानसभा क्षेत्र विकास निधि (प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित) से कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई? (ग) क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा विधानसभा क्षेत्र विकास निधि (प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित) का उपयोग खेल प्रशाल में उपयोग किए जाने के आरोप सही है। (घ) यदि खेल प्रशाल में विधानसभा क्षेत्र विकास निधि का उपयोग होना नहीं पाया गया तो क्या प्रश्नकर्ता की शिकायत पर शासन श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ कार्यवाही करेगा। यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा श्री राजेश कौल, अवर सचिव के पत्र क्रमांक 685/1242/2021/सात-2, दिनांक 07/04/2021 के संबंध में पत्र क्रमांक 1747 दिनांक 07/06/2021 से प्रमुख सचिव, राजस्व को कार्यवाही हेतु लिखा गया था। यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के पत्र एवं तथ्यों के आधार पर श्री हरेन्द्र नारायण के खिलाफ कार्यवाही की गई। यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) माननीय विधायक श्री सीतासरन शर्मा द्वारा पत्र क्र0 1520 दिनांक 04-10-2017 के द्वारा निर्माणाधीन इटारसी खेल प्रशाल के कार्य पूर्ण करने हेतु राशि रू0 5.00 लाख की अनुशंसा की गई थी। माननीय विधायक द्वारा पत्र क्र. 1576 दिनांक 16.01.2018 के द्वारा उक्त कार्य के स्थान पर इटारसी नगर में पेयजल हेतु सम्वेल निर्माण (प्रकाश उद्यान में) संशोधित किया गया था। माननीय के संशोधित पत्र प्राप्त हो जाने के फलस्वरूप निर्माणाधीन खेल प्रशाल कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। (ग) जी नही। किन्तु वस्तुस्थिति यह है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी इटारसी के पत्र क्र./न.पा.ई/2005 दिनांक 27.01.2021 द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि माननीय विधायक जी द्वारा निर्माणाधीन खेल प्रशाल (मिनी खेल स्टेडियम) के स्थान पर इटारसी नगर में पेयजल हेतु संपवेल का निर्माण कार्य जिला योजना अधिकारी को पत्राचार किया था। द्वारकाधीश मंदिर के संबंध में लोक न्यास की गतिविधियों की जांच करते समय उक्त के संबंध में संबंधित अधिकारी द्वारा श्री हरेन्द्र के संज्ञान में नहीं लाई गई थी। जिला योजना एवं सांखियकी होशंगाबाद के पत्र क्र. 2996 दिनांक 23-10-2020 के बिन्दु क्रमांक-8 माननीय विधायक निधि के अंतर्गत सप्राप्त प्रस्तावों की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को देने का प्रावधान नहीं होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इटारसी को प्राप्त प्रस्तावों की सूचना इस कार्यालय द्वारा नहीं दी गई थी। (घ) प्रश्नांश (ग) में वस्तुस्थिति के आधार पर प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ड.) जी हाँ। उक्त पत्र के संबंध कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र दिनांक 23/07/21 द्वारा लेख किया है।
होशंगाबाद में पिचिंग सुदृढ़ीकरण में विलंब
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 37 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 38 (3444) दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश में दिये गये उत्तर में जानकारी दी गई थी कि मुख्य अभियंता द्वारा दिनांक 11.02.2021 को पिचिंग के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 1760 से जून 2021 में ईमेल कर प्रमुख अभियंता को होशंगाबाद में गृह महाविद्यालय के पास स्थित पिचिंग के निर्माण की स्वीकृति का अनुरोध किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या अतिवृष्टि की स्थिति में होशंगाबाद नगर के नागरिकों की रक्षा हेतु शासन पिचिंग निर्माण की स्वीकृति देगा। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-38 (3444) दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर में जानकारी दी गई थी कि मुख्य अभियंता द्वारा दिनांक 11.02.2021 को पिचिंग के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र/ई-मेल प्रमुख अभियंता स्तर पर प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) पिचिंग के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन है। शासन स्तर पर प्रस्ताव अप्राप्त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिलान्तर्गत गेहूँ खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 45 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में उज्जैन जिले के अंतर्गत कितनी गेहूं खरीदी हुई? सेवा सहकारी समितियों/विपणन समितियों द्वारा कितनी गेहूं खरीदी की गयी? गेहूं प्रदायकर्ताओं द्वारा कौन-कौन सी संस्थाओं में कब-कब सामग्री पहुंचाई गयी? माहवार आवंटन, वितरण एवं भंडारण तीनों का अलग अलग विवरण प्रदान करें। (ख) वर्ष 2020 में गेहूं खरीदी, भंडारण एवं वितरण के लिए कौन-कौन सी संस्थाओं को कितना टारगेट निर्धारित था और उसके एवज में कुल कितनी खरीदी की गयी? (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसानों से गेहूं खरीदा गया था? कितने किसानों को अपनी उपज का मूल्य भुगतान कर दिया गया और कितने किसानों का प्रश्न दिनांक तक भुगतान किया जाना शेष है? (घ) खरीदे गए गेहूं के भंडारण के लिए कितनी राशि जिले के लिए खर्च की गयी? खर्च राशि से कौन-कौन से कार्य संपादित किए गए? संपादित कार्य और खर्च का सत्यापन किसके द्वारा किया गया? (ड.) त्रैमासिक ऑडिट कब-कब की गयी? ऑडिट की प्रतियाँ उपलब्ध कराते हुए परीक्षण रिपोर्ट के साथ पटल पर रखें। उपरोक्त व्यय के संबंध में आवंटन, क्रय व भुगतान के आदेश की प्रति देते हुए सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन की प्रति उपलब्ध कराएं।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 71 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायेसन जिले में कितने पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया गया तथा कितने परिवारों के सदस्यों के नाम काटकर राशन क्यों कम कर दिया गया है उनको कब तक पर्ची दी जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र परिवारों को राशन वितरण क्यों बंद कर दिया है तथा राशन पर्ची में संशोधन तथा पात्र परिवार को राशन पर्ची देने हेतु किस स्तर पर कौन-कौन अधिकारी की क्या-क्या जवाबदारी है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी, विभाग के अधिकारियों तथा कलेक्टर रायसेन को 01 जवनरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा की गई कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया, यदि अवगत नहीं कराया तो क्यों तथा इसके लिए कौन दोषी है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सम्मान निधि राशि का भुगतान
[राजस्व]
6. ( क्र. 72 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बताये उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि क्यों नहीं मिल रही है तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में पात्रता की क्या-क्या शर्तें है तथा संबंधित किसानों को क्या-क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पड़ते है तथा किसान यदि ऑनलाईन आवेदन करना चाहे तो उसको क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है पूर्ण विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में पी.एम.किसान पोर्टल पर उपलब्ध डाटा अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार है। (ख) जिला रायसेन में सत्यापित पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि/मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ लगातार दिया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हितग्राहियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी का सत्यापन लगातार किया जा रहा है जिसकी निरंतर समीक्षा की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ अनुसार है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु ऑनलाईन आवेदन पीएम किसान पोर्टल/सारा पोर्टल पर किया जा सकता है।
कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों की ड्यूटी
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 76 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कोरोना की पहली और दूसरे चरण में स्कूल शिक्षा विभाग के कितने अधिकारियों और कर्मचारियों व शिक्षकों की ड्यूटी सर्वे, काउंसलिंग अथवा अन्य कार्य के लिए लगायी गयी थी? विवरण देवें। (ख) कोरोना की पहले एवं द्वितीय चरण में उज्जैन जिले के कुल कितने शिक्षकों की कोरोना के चलते मृत्यु हुई? महामारी के दौरान अपनी जान गँवाने वाले कितने अधिकारियों और शिक्षकों के परिवारों को कितना कितना मुआवजा कब-कब दिया गया? पूर्ण विवरण पटल पर रखें। (ग) कोरोना योद्धा के रूप में कितने शिक्षकों को प्रश्न दिनांक तक चिन्हित किया गया और कोरोना के कार्यकाल में कोरोना महामारी में समर्पित रूप से ड्यूटी करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों को शासन की ओर से प्रोत्साहन के रूप में कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की गयी? (घ) उज्जैन जिले में ऐसे कितने शिक्षक जिनकी ड्यूटी न होने के बाद भी कोविड के चलते मृत्यु हो गयी? ऐसे शिक्षकों को मुआवजे के रूप में कितनी राशि कब प्रदान की गयी? कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए जिनका निराकरण किया गया? कितने शेष हैं और उनका निराकरण कब तक किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उज्जैन जिले में कोरोना की पहले चरण में 1433 एवं दूसरे चरण में 3527 अधिकारी/कर्मचारी शिक्षक की ड्यूटी सर्वे/अन्य कार्यों में लगाई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार। (ख) उज्जैन जिलान्तर्गत कोरोना के पहले चरण में 03 एवं दूसरे चरण में 20 शिक्षकों की कोरोना के चलते मृत्यु हुई है इनमें से किसी भी शिक्षक की ड्यूटी पर रहते हुए मृत्यु नहीं हुई है। उपरोक्त शिक्षकों को भुगतान की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार। (ग) कोरोना योद्वा के रूप में किसी भी शिक्षक को जिले में चिन्हित नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उज्जैन जिले के 23 शिक्षकों की ड्यूटी न होने के बाद भी कोविड के चलते मृत्यू हुई। इन शिक्षकों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
राजस्व न्यायालय में प्रकरणों के निराकरण
[राजस्व]
8. ( क्र. 96 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने प्रकरण दर्ज होकर कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं कितने प्रकरण निराकरण हेतु शेष हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शेष प्रकरणों में अंतिम सुनवाई के पश्चात निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों का निराकरण न होने के क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार दर्ज प्रकरण, निराकृत प्रकरण व शेष प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) म. प्र. भू-राजस्व संहिता (राजस्व न्यायालय की प्रक्रिया) नियम, 2019 के नियम-51 अनुसार राजस्व मामले में अंतिम सुनवाई उपरान्त आदेश हेतु नियत दिनांक को आदेश पारित किया जाना अपेक्षित है। नियम-51 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लंबित प्रकरणों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 97 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की तहसील सेंधवा में डायवर्सन हेतु कितने आवेदन वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? (ख) निराकृत प्रकरणों में कितने प्रकरणों में टाउन एवं कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है तथा कितने प्रकरणों में टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी? (ग) भू-खण्ड एवं बड़े रकबों के डायवर्सन के लिये टाउन एवं कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति आवश्यक है या नहीं? (घ) यदि हाँ तो डायवर्सन के प्रकरण जिनमें टाउन एवं कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है, सही माने जावेंगे या जिन प्रकरणों में टाउन एवं कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी है क्या वे सही माने जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले के अनुभाग (रा.) कार्यालय सेंधवा में डायवर्सन हेतु वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल-355 आवेदन प्राप्त हुए है। प्राप्त आवेदनों में से कुल-338 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कुल-17 प्रकरण 15 दिवस की समय-सीमा के भीतर प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2018 के पूर्व तत्समय प्रचलित प्रकरणों में नियमानुसार टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अभिमत लिया जाता था, क्योंकि पूर्व निराकृत प्रकरण समस्त प्रकरणों का अवलोकन किया जाना संभव नहीं है, अत: वर्तमान में उपलब्ध निराकृत प्रकरणों का रैंडमली अवलोकन किया गया, जिसके अनुसार संशोधन अधिनियम 2018 के पूर्व के प्रकरणों में नियमानुसार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अभिमत लिया गया है। वर्तमान में डायवर्सन की प्रक्रिया संहिता की धारा 59 के तहत की जाती है, जिसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनिवार्य अनुमति का कोई उल्लेख नहीं है, वर्तमान में व्यपवर्तन प्रकरणों में मात्र निर्धारण /पुन निर्धारण की पुष्टि की जाती है। (ग) मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2018 के पूर्व के व्यपवर्तन प्रकरणों में नियमानुसार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अभिमत लिया जाना आवश्यक होता था। म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-2-12/2018 /सात/सा./7 भोपाल दिनांक 07/06/2019 द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 एवं 60 के अधीन म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण एवं पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 म.प्र. राजपत्र भाग – 4, दिनांक 28 सितम्बर 2018 द्वारा प्रकाशित किये जा चुके है, जिनमें उल्लेखित नियमों के तहत व्यपवर्तन की सूचना की प्रक्रिया के तहत व्यपवर्तत हो जाता है। उक्त परिपत्र की कंडिका 3 की उपकंडिका-5 अनुसार, ऐसे प्रकरणों में जहां भूमि का व्यपवर्तन एक से अधिक प्रयोजन हेतु किया जा रहा है और वह भूमि किसी विकास योजना की सीमा में स्थित है, व्यपवर्तन स्कैच किसी ले-आउट के रूप में जिसमें रोड, भू-खण्ड, बाग- बगीचा इत्यादि को चिन्हित किया गया है तब तक प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि ऐसे व्यपवर्तन स्कैच को म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत न किया गया हो। ऐसे व्यपवर्तन स्कैच को सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति उपरांत व्यपवर्तन की सूचना के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। (घ) उत्तरांश ‘’ग’’ के अनुसार यथास्थिति दोनों प्रकार के प्रकरण नियमानुसार हैं।
स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 111 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में प्रदेश के सबसे आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण हेतु शासन ने कब कितनी राशि की स्वीकृति दी हैं। इसमें राज्य व केन्द्रीय शासन का कितने प्रतिशत का क्या योगदान हैं। इसके लिये कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कब से किसने कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? इसकी निर्माणाधीन अवधि व कुल लागत कितनी हैं। इसे कब तक प्रारंभ किया जाना हैं? (ख) प्रश्नांकित कैंसर इन्स्टीट्यूट में मरीजों की आधुनिक जांच एवं उपचार की क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराना स्वीकृत हैं। आधुनिक उपकरणों हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया हैं। कितनी राशि के कौन-कौन से उपकरणों की खरीदी की गई हैं/इसमें मरीजों के लिये कितने बिस्तर एवं आधुनिक आई.सी.यू. की व्यवस्था हैं? (ग) प्रश्नांकित कैंसर इन्स्टीट्यूट का कौन - कौन सा व कितना कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणाधीन हैं एवं क्यों? इसे कब तक कराया जावेगा और मरीजों के लिये कब तक शुरू किया जायेगा? इसके लिये कितने पदों की स्वीकृति दी गई है तथा स्वीकृत पदों की भर्ती हेतु क्या व्यवस्था की गई हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना हेतु इस विभाग के आदेश दिनांक 22.06.2016 द्वारा राशि रू. 135.21 करोड़ तथा दिनांक 24.12.2020 द्वारा राशि रू. 153.09 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार। भारत शासन द्वारा उक्त योजना 75:25 प्रतिशत के अनुपात में जिसमें भारत शासन द्वारा 75 प्रतिशत एवं राज्य शासन द्वारा 25 प्रतिशत का सहयोग प्रदान किया जाना था, को संशोधित कर 60:40 प्रतिशत के अनुपात में भारत शासन के 60 प्रतिशत तथा राज्य शासन को 40 प्रतिशत का अनुपात किया गया। इसके लिए राशि रू. 88.97 करोड़ आवंटित की गयी है, निर्माण एजेन्सी द्वारा शेष राशि की मांग न करने के कारण शेष राशि आवंटित नहीं की गयी। इसकी निर्माणाधीन अवधि 12 माह तथा कुल लागत राशि रू. 153.09 करोड़ है। प्रारम्भ किये जाने की समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर मरीजों के लिये आधुनिक रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी, कैंसर सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी तथा अन्य आधुनिक जांचे एवं उपचार की सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी। योजना अंतर्गत उपकरणों के क्रय हेतु राशि रू. 84.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन होने के कारण उपकरणों का क्रय नहीं किया गया है। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में मरीजों के लिये 150 बिस्तर तथा 20 बिस्तर आई.सी.यू. की व्यवस्था है। (ग) एन.जी.टी. तथा एन.बी.सी. के नवीन मापदण्डों की पूर्ति किये जाने हेतु स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में फायर फाईटिंग, फायर अलार्म के अतिरिक्त कार्य सहित सी.सी.टी.व्ही. केमरा, नर्स कॉल सिस्टम, एयर कंडिशिनिंग, लिफ्ट एवं फर्नीचर के कार्य प्रगति पर हैं, कोरोना काल में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का उपयोग कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु किया जा रहा था, जिस कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। निर्माण कार्य प्रगतिरत होने के कारण मरीजों का इजाल शुरू किये जाने की समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिये 230 पदों की स्वीकृति जारी की गई है तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
समर्थन मूल्य पर गेहूँ/धान का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 112 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के तहत समर्थन मूल्य किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान का उपार्जन किया गया? इसकी सुरक्षा देखभाल, रखरखाव परिवहन व भण्डारण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021 - 22 तक की जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन जिलों में वेयर हाउसों, ओपन कैव में कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का उपार्जित गेहूँ, धान का भण्डारण किया गया? परिवहन व किराये पर कितनी- कितनी राशि व्यय हुई? बेमौसम वर्षा से तथा अन्य किन कारणों से कहां-कहां पर रखा हुआ उपार्जित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान खराब हुआ हैं, या सड़ गया है? इसके लिये शासन ने दोषी अधिकारियों पर कब, क्या कार्यवाही की हैं? वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन जिलों में कब से किस-किस अवधि का उपार्जित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान रखा हुआ हैं? इनमें से कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान खराब हो गया है, सड़ गया है? चोरी हुआ हैं। (घ) शासन ने कब-कब कहां-कहां पर रखा हुआ कितनी-कितनी मात्रा में किस दर पर कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान का विक्रय किस माध्यम से किया हैं? इससे शासन को कितनी-कितनी राशि का नुकसान हुआ हैं। वर्षवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एटीएस मशीन की उपयोगिता
[राजस्व]
12. ( क्र. 119 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कृषि विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कब-कब एटीएस मशीन क्रय की गई? क्रय दिनांक, क्रय राशि सहित वर्ष वार देवें। (ख) इनके उपयोग हेतु इन्हें किस-किस ब्लॉक में आवंटित किया गय? ब्लॉक का नाम, संख्या सहित बतावें। (ग) इनका उपयोग ब्लॉक स्तर पर विगत 3 वर्षों में कब-कब किया गया? ब्लॉकवार उपयोगिता प्रमाण -पत्र एवं कार्य प्रमाण पत्र सहित जानकारी देवें। (घ) इनका उपयोग नहीं करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा तथा कृषकों हेतु उपयोग सुनिश्चित करायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह जिले में कृषि विभाग द्वारा कोई एटीएस मशीन क्रय नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) दमोह जिले में 8 ईटीएस मशीन आयुक्त अभिलेख द्वारा प्रदाय की गई थी। इनके उपयोग हेतु कार्यालय भू-अभिलेख जिला दमोह द्वारा निम्नानुसार वितरित किया- कार्यालय भू-अभिलेख जिला दमोह- 1, तहसील दमोह- 1, तहसील बटियागढ़-1, तहसील पथरिया-1, तहसील जबेरा-1, तहसील तेन्दूखेड़ा-1, तहसील हटा-1, तहसील पटेरा-1. (ग) ईटीएस मशीन द्वारा जिला दमोह में वर्ष 2018-19 में 70, वर्ष 2019-20 में 84, वर्ष 2020-21 में 34 सीमांकन किये गए। सीमांकन मांग आधारित सतत कार्यवाही होने से ब्लाकवार उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं कार्य प्रमाण पत्र संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रश्नांश ‘’ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
13. ( क्र. 123 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 में दमोह मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया था। इसके निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2021- 22 में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है। (ख) इस प्रावधानित राशि के फलस्वरुप प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई है। कितने कार्यों के टेंडर निकाले गए हैं, टेंडर दिनांक, कार्य का नाम, सहित देवें। (ग) यदि इस संबंध में प्रगति नहीं हुई है। तो इसके दोषी अधिकारियों के नाम, पद-नाम बताएं एवं उन पर कब तक कार्यवाही करेगा। (घ) निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिए।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हां। वर्ष 2021-22 में राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है फलस्वरूप कोई अधिकारी दोषी नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
संबल योजना में मृतक की सहायता की स्वीकृति
[श्रम]
14. ( क्र. 133 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में नूरजहां अजीज खत्री जोबट द्वारा अपने पति अजीज खत्री की दि. 24.09.20 को हादसे में मौत होने से संबल योजना में मृतक के निरस्त पंजीयन की बहाली व अनुग्रह सहायता की स्वीकृति हेतु कलेक्टर, अलीराजपुर के नाम से अपील कार्यालय नगर परिषद जोबट में प्रस्तुत की गई थी? (ख) यदि हाँ तो इस अपील में किस किस स्तर पर क्या क्या कार्यवाही की गई है? यदि अब तक कार्यवाही नहीं की गई है तो जिम्मेदार कौन है, शासन दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित श्रमिक को योजना में पंजीयन हेतु पात्रता के बावजूद उसका पंजीयन निरस्त क्यों किया गया, क्या इसके पूर्व उसे पक्ष रखने या सुनवाई का अवसर दिया गया था? यदि हाँ तो पूरी कार्यवाही की प्रति देवे? यदि नहीं तो इसके लिये दोषी कौन है, ऐसे दोषी पर सरकार कब तक और क्या कार्यवाही करेगी? (घ) इस अपील को कब तक स्वीकृत कर लिया जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद जोबट द्वारा प्राप्त अपील प्रकरण को जांच हेतु श्रम पदाधिकारी, अलीराजपुर को दिनांक 02.07.2021 को अनुशंसा सहित प्रेषित किया गया है। जांच उपरान्त श्रमिक को रेडीमेड कपडे बनाने एवं बेचने के कार्य में संलग्न पाया गया है। श्रम पदाधिकारी कार्यालय द्वारा अपर कलेक्टर (अपीलीय अधिकारी) को प्रकरण दिनांक 26.07.2021 को पात्रता संबंधी अनुशंसा सहित प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित श्रमिक को योजना में पंजीयन हेतु त्रुटिवश अपात्र घोषित किया गया है। जुलाई 2019 में भौतिक सत्यापन संबंधी निर्देशों में सुनवाई का अवसर दिये जाने संबंधी प्रावधान नहीं था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है।
निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में
[श्रम]
15. ( क्र. 135 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 में राज्य सरकार द्वारा एक आदेश जारी कर मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिये जरूरी शपथ पत्र एवं नियोजक के प्रमाण पत्र की प्रस्तुति की अनिवार्यता समाप्त कर स्व प्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर निर्माण श्रमिकों के पंजीयन की कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन के इन निर्देशों का पालन पंजीयन प्राधिकारियों द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या कारण है कि वर्ष 2014 अर्थात 7 वर्ष पूर्व इस तरह के निर्देश दिए जाने के बाद भी आज तक पंजीयन प्राधिकारियों यथा जनपद पंचायत/नगरीय निकायों के अधिकारियों द्वारा आवेदक निर्माण श्रमिकों से नोटाराइज़्ड शपथ पत्र और नियोजक का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है? क्या यह सरकार के निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में आता है? यदि हाँ तो ऐसे दोषी अधिकारियों पर सरकार क्या कार्यवाही करेगी और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या राज्य सरकार वर्ष 2014 में जारी किए गए निर्माण श्रमिकों के पंजीयन में स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर पंजीयन किये जाने संबंधी निर्देशों पर सख्ती से पालन कराने के लिये स्पष्ट दिशा निर्देश फिर से प्रसारित करेगी? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014 में निर्माण श्रमिक पंजीयन के लिए श्रमिक के स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र को मान्य किये जाने के निर्देश दिये गये है। (ग) पंजीयन हेतु विहित प्राधिकारियों द्वारा आवेदक निर्माण श्रमिकों से नोटराईज्डा शपथपत्र या नियोजक का प्रमाण पत्र मांगे जाने की कोई शिकायत वर्तमान में संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
16. ( क्र. 164 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कृषकों की खरीफ की फसल को हुई क्षति के संबंध में कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कृषकों की खरीफ की फसल को हुई क्षति के संबंध में शेष मुआवजा राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? (ग) क्या म.प्र. में धान की फसल, फसल बीमा एवं प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति के संबंध में क्षति पूर्ति की पात्रता श्रेणी में आती है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिले में वर्ष 2019-20 में राशि 2, 03, 52, 86, 459/- रूपये एवं वर्ष 2020-21 में राशि 1, 97, 14, 50, 894/- रूपये की मुआवजा राशि का वितरण किया जाना शेष है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ।
योजनांतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी
[श्रम]
17. ( क्र. 175 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत क्या मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल एवं मध्यप्रदेश भवन अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत श्रमिकों द्वारा कितने ऐसे प्रकरण हैं जिसमें पंजीकृत श्रमिक एवं परिवार के मुखिया की मृत्यु होने से उनके आश्रित परिवारों को मृत्यु सहायता राशि का भुगतान उनके खाते में नहीं किया जा सका हैं? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें तथा उक्त प्रकरण कब से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त प्रकरणों का निराकरण कर मृतक के आश्रित परिवारों को लाभांवित किया जावेगा? (ग) उपरोक्तानुसार उपरोक्त योजनाओं में विवाह सहायता योजना के प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण किन कारणों से कब से लंबित हैं तथा इनका निराकरण कर कब तक लाभ प्रदान कर दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत- 1. म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत अनुग्रह सहायता हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 37 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन के निर्देश क्रमांक 68/746/2020/ए-16 दिनांक 18/8/2020, 204/397/2021/ए-16 दिनांक 11/2/2021 व 211/1581/ए-16 दिनांक 12/2/2021, के अनुसार पंजीकृत श्रमिकों अथवा उनके आश्रित उत्तराधिकारियों से प्राप्त अपील के आधार पर अपीलीय अधिकारी के समक्ष 28 प्रकरण प्रस्तुत हुए हैं। इनमें से 08 प्रकरणों में अपीलीय अधिकारी द्वारा हितग्राही को पात्र पाते हुए हितलाभ भुगतान संबंधी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। 20 प्रकरणों में अपील सुनवाई की कार्यवाही प्रचलित है। 02 प्रकरणों में भौतिक सत्यापन संबंधी कार्यवाही प्रचलित है, तथा 07 प्रकरणों में हितग्राहियों द्वारा आवेदन किये जाने उपरांत पात्रता संबंधी जांच/अभिलेख पूर्ण की कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ मे म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजनांतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
शुगर मिल की भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
18. ( क्र. 206 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर स्थित शुगर मिल की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई है। यदि हाँ तो किस कानून के कौन से प्रावधान के अंतर्गत की गई? (ख) क्या उक्त शुगर मिल की ही एक उपयोगी कम्पनी द्वारा सीहोर रेल्वे स्टेशन के समीप विकसित नरेंद्र नगर कॉलोनी की डायवर्टेट भूमि भी शासन द्वारा अधिगृहित की गई है? यदि हाँ तो ऐसा किस कानून के कौन से प्रावधान के अंतर्गत किया गया है। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नरेंद्र नगर कॉलोनी की भूमि का शासन द्वारा अधिग्रहण नहीं किया गया है तो उक्त कॉलोनी के प्लॉट एवं भवनों के नामांतरण पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया है, संबंधित आदेश की प्रति भी प्रस्तुत करें? (घ) यदि बिना किसी प्रतिबंध आदेश के उक्त कॉलोनी में नामांतरण रोका गया है तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है, विवरण दें एवं स्पष्ट करें कि उसके विरूद्ध क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गयी है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, शुगर मिल की भूमि सीलिंग अधिनियम, 1960 के तहत प्रकरण क्रं. 90/अ-90/ब-3/63-64 में दिनांक 22.02.2012 को आदेश पारित कर, बीएसआई की भूमि 4365.56 एकड़ भूमि को, अतिशेष घोषित की जाकर शासन में निहित की गई। (ख) शुगर मिल की ही एक उपयोगी कम्पनी द्वारा सीहोर रेल्वे स्टेशन के समीप विकसित नरेन्द्र नगर कॉलोनी की डायवर्टेड भूमि शासन द्वारा अधिग्रहित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) नरेन्द्र नगर कॉलोनी की भूमि का शासन द्वारा अधिग्रहण नहीं किया गया है परन्तु उक्त भूमि बीएसआई की है जिसका प्रकरण, डब्ल्युपी 2257/2012 बीएसआई लिमिटेड विरूद्ध म.प्र. राज्य व अन्य, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है, इस कारण नामांतरण नहीं किया जा रहा है। (घ) प्रकरण क्रं. डब्ल्युपी 2257/2012 बीएसआई लिमिटेड विरूद्ध म.प्र. राज्य व अन्य जो कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन होने से नामांतरण नहीं किये जा रहे हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
अवैधानिक रूप से जारी पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति निरस्त करना
[खनिज साधन]
19. ( क्र. 228 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम डुन्डी के खसरा क्रमांक 34 रकबा 32.58 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज ओकर्स क्ले, लेटेराइट एवं सोपस्टोन के पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति प्राप्त करने हेतु कटनी खनिज कार्यालय में दिनांक 26.10.1988 को 1. श्री निमेश बजाज 2. में अशोक मिनरल्स 16.03.2003, 3. श्री राजेश कुमार अग्रवाल 03.01.2004, 4. श्री प्रियंक अग्रवाल द्वारा दिनांक 24.08.2004 आवेदन प्रस्तुत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो क्या प्रचलित नियम खान एवं विकास नियम 1957 के नियम।। (2) के अनुसार प्रथम आवेदक एवं नियम 1960 के नियम 12 (1) के तहत एक से अधिक आवेदक हो उनको सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य है तो क्या श्री प्रिंयक अग्रवाल को पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृत देने के पूर्व अन्य आवेदकों की सुनवाई की गई थी? यदि नहीं तो क्यों कारण बताएं। (ग) क्या श्री प्रियंक अग्रवाल कटनी को राज्य शासन ने अपने आदेश क्रमांक एफ 2-39/2010/12/2 भोपाल दिनांक 03.11.2010 द्वारा प्रश्नांश (क) के खसरा में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृत प्रदान की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के स्वीकृत आदेश जारी होने के पूर्व वनमण्डल अधिकारी कटनी, एस.डी.एम. ढीमरखेड़ा एवं पंचायत ने उक्त पूर्वेक्षण स्वीकृत जारी करने पर आपत्ति की थी? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ग) में जारी की गई पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति नियम विरूद्ध होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक क्यों निरस्त नहीं की गई कब तक की जावेगी बताएं? अब तक निरस्त न करने के क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। (ख) राज्य शासन द्वारा आदेश दिनांक 03/11/2010 द्वारा श्री प्रियंक अग्रवाल के पक्ष में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई थी। लिए गए निर्णय की विवेचना का अधिकार राज्य शासन को नहीं है। तत्समय प्रचलित खनि रियायत नियम, 1960 के नियम 54 के तहत राज्य शासन द्वारा पारित किसी आदेश के विरूद्ध प्रभावित पक्षकार भारत सरकार, खान मंत्रालय के समक्ष रिवीजन प्रस्तुत कर सकता था। प्रकरण में ऐसा कोई रिवीजन प्रस्तुत किया जाना नहीं पाया गया है। अत: राज्य शासन का आदेश दिनांक 03/11/2010 अंतिम हो गया है। (ग) जी हां। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश (ख) में दिए गए उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[राजस्व]
20. ( क्र. 229 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 04 मार्च 2021 में मुद्रित प्रश्न संख्या 62 (क्रमांक 2245) में प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ, प्रश्नांश ‘ख’ का उत्तर पत्र क्रमांक 777 दिनांक 14.10.2020 के संबंध में तहसीलदार बड़वारा/अनुविभागीय अधिकारी कटनी का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है उक्त प्रतिवेदन में हितबद्ध पक्षकारों की सुनवाई की जाकर निर्णय लिया जायेगा। प्रश्नांश (ग) का उत्तर कार्यवाही प्रचलन में हैं प्रश्नांश (घ) का उत्तर तहसीलदार ग्रामीण कटनी द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग कटनी के प्रश्नांश संदर्भित पत्र के तारतम्य में हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा मौके पर जाकर अतिक्रमित भूमि का चिन्हांकन किया गया है दिया गया है। तो जब न्यायालय कलेक्टर कटनी के यहॉं प्रकरण क्रमांक 25/अ-21/17-18 निर्णय दिनांक 16.07.2018 में हितबद्ध पक्षकारों को सुना जाकर ही निर्णय पारित किया गया था। तो पुन: सुनने की क्या आवश्यकता है तथा तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी कटनी के जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (ग) अनुसार उत्तर कार्यवाही प्रचलन में बताई गई तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है ब्यौरा/दस्तावेजों सहित बताए। अतिक्रमित भूमि के चिन्हांकन के पश्चात् तोड़ने के लिए प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं की गई तो क्यों कारण बताए कब तोड़ेगे। (ग) प्रश्नांश ‘क’ की भूमि आदिवासी को पट्टे में दी गई थी जिसे धोखाधड़ी कर सामान्य व्यक्तियों को विक्रय की गई है। यह प्रमाणित है फिर भी शासन धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने में हीलाहवाली की जा रही है। कब तक प्राथमिकी दर्ज कराकर शासकीय भूमि अधिपत्य में प्राप्त की जावेगी बताएं। यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण क्रमांक 25/अ-21/17-18 निर्णय दिनांक 16.07.2018 में आदिवासी भूमिस्वामी संतराम के स्वत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम पर कैसे आई इस संबंध में जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी कटनी को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के पालन में अधीनस्थ न्यायालयों से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्णय लिये जाने के पूर्व हितबद्ध पक्षकारों को सुना जाना आवश्यक है। तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी के जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में कार्यवाही अंतर्गत वांछित अभिलेख की तलाश की जा रही है, उक्त अभिलेख आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। उपलब्ध होते ही प्रदान कर दिया जायेगा। अतिक्रमित भूमि के संबंध में तहसीलदार कटनी ग्रामीण के द्वारा ग्राम पडुवा के ख.नं. 2184 रकवा 0.900 हे. नहर शासकीय के अंश भाग में फेरी राईस मिल के द्वारा बाउण्ड्रीवॉल निर्मित की गई थी जिसे हटा दिया गया है। (ग) प्रकरण में आदेश दिनांक-16.07.2018 के अनुसार प्रश्नाधीन भूमि आदिवासी की भूमि थी किन्तु शासकीय पट्टे की भूमि होना नहीं पाया गया। कोरोना संक्रमण के पश्चात राजस्व न्यायालयों के प्रारंभ होने पर न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ की गई है। प्रकरण में शीघ्र विधिसम्मत निर्णय लिया जायेगा।
नियम विरुद्ध वेतनमान दिये जाने की जांच
[सहकारिता]
21. ( क्र. 243 ) श्री महेश परमार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रीवा द्वारा अपेक्स बैंक भोपाल द्वारा जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से IBPS मुंबई से चयनीत नवनियुक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर/लिपिक कर्मचारियों को छठे वेतनमान दिये जाने की शर्त का उलंघन करते हुए नियम विरुद्ध पाँचवाँ वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो उपायुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कार्यालय आदेश क्रमांक/स्थापना/977/2018-19 रीवा दिनांक 06/08/2018 द्वारा पांचवे वेतनमान पर नियुक्ति दिये जाने के नियम विरुद्ध कार्य पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) रीवा जिले को छोडकर शेष सभी जिलों मे कहीं छठा, कहीं सातवाँ वेतनमान दिया जा रहा है, फिर रीवा जिले के इन कंप्यूटर ऑपरेटर/लिपिक कर्मचारियों को पाँचवाँ वेतनमान देकर छठवें वेतनमान के अधिकार को क्यों छिना गया? शासन द्वारा इन कर्मचारियों के हित मे तत्काल कार्यवाही कब तक की जाएगी? और इस जान बूझकर की गयी कानूनी भूल के लिए संबन्धित अधिकारियों पर सिविल सेवा आचरण नियमावली के अंतर्गत क्या कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सेवायुक्तों को संबंधित सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर वेतनमान स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया जाता हैं। रीवा बैंक की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत बैंक कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदार दोषियों पर कार्यवाही
[श्रम]
22. ( क्र. 273 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में सन्निर्माण कर्मकार मंडल के तहत कितने श्रमिकों का पंजीयन वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किया गया उपरोक्त का विवरण वर्षवार माहवार, जिलेवार, जनपदवार व पंचायत वार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के पंजीबद्ध श्रमिकों की पुत्रियों की शादी में कितने श्रमिकों को विवाह सहायता के लाभ से लाभान्वित किया गया की संख्यावार जानकारी देवें। कितने आवेदन किन जनपदों के विवाह सहायता के लंबित हैं। तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में जिन परिवार के माता-पिता वृद्ध हैं बच्चियां 21 वर्ष से ऊपर बालिग हैं उनका पंजीयन कर कार्ड जारी किये गये क्या उनको विवाह सहायता के लाभ दिये जा रहे तो कब से अगर नहीं दिये जा रहे है तो क्यों? (घ) प्रश्नांश क अनुसार पंजीबद्ध श्रमिकों कि मृत्यु उपरांत मिलने वाली सहायता व राशि वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन लोगों को कब किन-किन माहों में दी गई का विवरण जनपद वार, ग्रामपंचायतवार प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों का विवरण देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) के पंजीबद्ध श्रमिकों को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार लाभान्वित न कर हितग्राहियों को लाभ से वंचित किया गया व अपात्रों को लाभान्वित किया गया। क्या उच्च स्तरीय जांच जनपद पंचायत ब्यौहारी व जनपद पंचायत रीवा की करावेगें यदि हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल व रीवा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में शहडोल व रीवा जिले में पंजीबद्ध श्रमिकों की पुत्रियों की शादी में विवाह सहायता योजना अंतर्गत लाभांवित श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। विवाह सहायता योजना के समय-सीमा बाहय कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। पात्र श्रमिकों का पंजीयन नियमानुसार किया जाकर एवं विवाह सहायता के आवेदन प्राप्त होने पर उन्हें नियमानुसार लाभान्वित किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' अनुसार शहडोल व रीवा जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक पंजीबद्ध श्रमिकों की ''मृत्यु उपरांत मृत्यु की दशा अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता'' अंतर्गत मिलने वाले हितलाभ एवं लाभांवित श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) अपात्रों को लाभान्वित करने संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कम्प्यूटर पर नाम न दर्ज करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
23. ( क्र. 274 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार गुढ़ जिला रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 913/रीडर/तह./गुढ़/2006, दिनांक 13.12.2006 के माध्यम से कलेक्टर (विधिक सहायता) शाखा रीवा को पत्र लिखा गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि षष्टम अपर जिला न्यायाधीश रीवा द्वारा पारित निर्णय व डिक्री के पालन में श्री रामस्वरूप द्विवेदी पिता स्व. श्री रामानुज प्रसाद द्विवेदी निवासी दुआरी द्वारा नामांतरण बाबत् प्रस्तुत आवेदन डिक्री, का पारित निर्णय की प्रति के साथ अवलोकन व आदेशार्थ की अपेक्षा की गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा के पृष्ठाकंन क्र. 2217/व्यव./2006, दिनांक 26.12.2006 के माध्यम से तहसीलदार तहसील गुढ़ को भेजकर शासकीय अभिभाषक से राय लेकर अपील करने बाबत् निर्देश जारी किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित पत्रों की प्रति देते हुये बतावें की माननीय उच्च न्यायालय में अपील करने की अवधि विधि अनुसार क्या निर्धारित की गई है क्या विधानसभा प्रश्न क्र. 6276 दिनांक 20.03.2017 में नामांतरण करने व ऋण पुस्तिका देने की जानकारी दी गई थी कलेक्टर द्वारा पत्र क्र. 619 दिनांक 14.06.2018 के माध्यम से प्रमुख राजस्व आयुक्त म.प्र. भोपाल को जानकारी दी गई थी कि कम्प्यूटर की फीडिंग पर रोक लगाने के कारण फीडिंग नहीं की गई साथ ही कम्प्यूटर में खसरा सुधार कर श्री द्विवेदी का नाम अंकित करा दिया जावेगा। लेकिन आज तक फीडिंग कर नाम दर्ज नहीं करया गया क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी हेतु सूचना के अधिकार के तहत एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा तहसील एवं कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया गया लेकिन जानकारी न देकर कार्यालय कलेक्टर द्वारा तहसीलदार तहसील गुढ़ को पृष्ठांकन क्र. 162 दिनांक 22.06.2021 को पत्र लिखकर जानकारी न देकर पत्राचार किया जा रहा है क्यों जबकि कुछ जानकारियां कलेक्टर कार्यालय से संबंधित भी हैं। न ही तहसील कार्यालय द्वारा ही जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रकरण में हेराफेरी की गई इस पर क्या कार्यवाही करेंगे। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित पत्र एवं संलग्न नस्ती की प्रति न देने 16 वर्षों बाद अपील बाबत् पत्राचार कर शासन की राशि का गबन करने वालें जिले के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) से संबंधित पत्र की प्रति परिशिष्ट-क अनुसार संलग्न है। अपर जिला न्यायाधीश रीवा द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने की अवधि 90 दिवस निर्धारित है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 6276 दिनांक 23.03.2017 में नामान्तरण किये जाने एवं ऋण पुस्तिका प्रदाय किये जाने की जानकारी दी गई थी तथा पत्र क्रमांक 619 दिनांक 14.08.2018 द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त को कम्प्यूटर फीडिंग में रोक होने व पश्चात कम्प्यूटर में फीडिंग कराई जाकर श्री द्विवेदी का नाम दर्ज करा दिये जाने का उल्लेख किया गया था, परन्तु अपर जिला न्यायाधीश रीवा द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में द्वितीय अपील विचाराधीन होने एवं प्रकरण में शासनहित समाहित होने के कारण कम्प्यूटर में फीडिंग नहीं कराई गई है। (घ) प्रश्नांश क एवं ख के संबंध में आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी तहसीलदार गुढ़ से संबंधित होने से आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र तहसीलदार गुढ़ को प्रेषित किया गया था क्योंकि पत्र क्रमांक 2217/व्यव/2006 दिनांक 26.12.2006 सहपत्रो सहित तहसीलदार गुढ़ को मूलतः वापस भेजा जा चुका था। (ड) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित पत्र एवं संलग्न नस्ती सहपत्रों सहित जो आवेदक द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत जानकारी हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, वह तहसीलदार गुढ़ से संबंधित होने से उक्त् अधिनियम की धारा 6 (3) के अन्तर्गत तहसीलदार गुढ़ को जानकारी प्रदाय किये जाने बावत् अन्तरित किया गया था। यदि जानकारी प्राप्त नहीं हुई थी तो आवेदक को उक्त अधिनियम की धारा 19 के प्रावधान अन्तर्गत अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत कर अनुतोष प्राप्त किया जाना चाहिये। चूकि प्रकरण शासकीय भूमि से संबंधित होने व शासनहित समाहित होने के कारण प्रकरण संज्ञान में आने पर अपील माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई है। अतः किसी भी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का कोई प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
शौभायमान मछलियों का उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
24. ( क्र. 307 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा शौभायमान मछलियों का उत्पादन हेतु क्या-क्या नीति निर्देश आदि प्रचलन में हैं। व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मार्गदर्शिका प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला मुरैना में विगत 5 वर्ष में क्या-क्या गतिविधियां हुई जानकारी तहसीलवार दी जावे। कुटीर उद्योग स्व-सहायता समूह व समितियां आदि शामिल कर जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि में जिला मुरैना में विगत 05 वर्षों में शोभायमान मछलियो के उत्पादन योजना में कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुए। जानकारी निरंक है।
गौण खनिज अधिनियम की जानकारी
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 308 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौण खनिज अधिनियम क्या है व इसके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या नियम/आदेश निर्देश हैं। (ख) गौण खनिज से प्राप्त रायल्टी/टेक्स आदि कितना किस प्रकार से प्राप्त होकर उसके व्यय के क्या-क्या रूप हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिला मुरैना में वर्ष 2016-17 से जुलाई, 2021 तक कितनी रायल्टी आदि प्राप्त हुई। तहसीलवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में रायल्टी/टेक्स को तहसील कैलारस व सबलगढ़ जिला मुरैना में कहां-कहां व्यय किया गया। ग्राम का नाम/देयक व्यय राशि/वर्ष दिनांक आदि सहित बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में गौण खनिज अधिनियम के नाम से कोई भी अधिनियम प्रचलित नहीं है। गौण खनिज के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 प्रभावशील है। यह दोनों ही नियम अधिसूचित हैं। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रायल्टी दर से एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में ठेका धन से शासन को रायल्टी प्राप्त होती है। उक्त नियमों में खनिजों से टैक्स वसूलने का प्रावधान नहीं है। अपितु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 में गौण खनिज की खदानों से जमा रायल्टी वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग उक्त आवंटित रकम का उपयोग पंचायत राज संस्थान के अधिकारियों एवं सचिव, ग्राम पंचायत के मानदेय के भुगतान तथा अधोसंरचना विकास में करेगा। निगम, नगर पालिका, विशेष क्षेत्र तथा नगर पंचायतों की सीमा के भीतर अवस्थित खदानों की नीलामी, अनुज्ञा तथा उत्खननपट्टे से प्राप्त आगम यथास्थिति संबंधित निकाय को उनके कार्यों के लिए आवंटित किए जाने का प्रावधान है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में दिए अनुसार है।
जमीन पर अतिक्रमण
[राजस्व]
26. ( क्र. 316 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर के मध्य ISBT के पास मढ़ोताल में 300 एकड़ विभिन्न खसरा में चरनोई मद की जमीन है? (ख) यदि हाँ तो क्या इस जमीन के सार्वजनिक उपयोग हेतु योजना बनाई गई हैं? (ग) यदि नहीं तो क्या जमीन को अतिक्रमण के लिये छोड़ दिया गया है? (घ) यदि नहीं तो प्रश्न दिनांक को कितनी जमीन पर अवैध कब्जे हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, जबलपुर शहर के मध्य के ISBT के पास ग्राम माढ़ोताल में वर्तमान राजस्व अभिलेख के अनुसार चरनोई मद में भूमि दर्ज नहीं है, अपितु 28.477 हे० (जो लगभग 77 एकड़ है.) भूमि नजूल मद में दर्ज है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अतिक्रमण की सूचना पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) वर्तमान में अतिक्रमण की जानकारी निरंक है।
गौर नदी के अस्तित्व पर संकट
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 317 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरेला क्षेत्र की गौर नदी में निरंतर कम हो रहे पानी के कारण नदी के अस्तित्व पर संकट है? (ख) क्या ग्रीष्मकाल में गौर नदी का अधिकांश भाग सूख जाता है? (ग) क्या गौर नदी की सहायक नदियों के कैचमेंट एरिया में नये स्टाप डेम बनाये जा सकते हैं? जिससे ग्रीष्मकाल में नदी में पानी छोड़ने से जलपूर्ति हो सकेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या गौर एवं सहायक नदियों पर यथासंभव स्टाप डेमों की श्रृंखला बनाई जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि ग्रीष्मकाल में जबलपुर जिले में गौर नदी का प्रवाह अत्यंत कम हो जाता है। (ग) एवं (घ) गौर नदी की सहायक नदियों के कैचमेंट एरिया में नए स्टॉपडैम बनाए जाने के संबंध में विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत ही निर्णय लिया जा सकता है। गौर नदी के सहायक नालों में दरगढ़ एवं चिरईपानी बॉंधों का पूर्व से निर्मित होना तथा वर्तमान में गौर नदी पर चिन्हित पिपरिया वियर परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। इनके अतिरिक्त वर्तमान में अन्य कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
टेक्नीशियन के पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
28. ( क्र. 323 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी मेडिकल कॉलेज हमीदिया अस्पताल भोपाल न्यूरोफिजियोलॉजी लैब मेडिसिन विभाग के ई ई जी और ई एमजी टेक्नीशियन के पदों का सृजन हुआ है या नहीं? यदि हाँ तो बतावें यदि नहीं तो क्यों नहीं हुआ? (ख) गांधी मेडिकल कॉलेज हमीदिया अस्पताल भोपाल में वर्तमान में न्यूरोफिजियोलॉजी लैब मेडिसिन विभाग में कितने टेक्नीशियन कार्यरत हैं एवं किस ग्रेड-पे के अंतर्गत हैं? (ग) गांधी मेडिकल कॉलेज हमीदिया अस्पताल भोपाल न्यूरोफिजियोलॉजी लैब मेडिसिन विभाग में 2012-13 से कलेक्ट्रेट रेट स्थित ईईजी ईएमजी टेक्नीशियन रोजगार कार्यालय द्वारा कार्यरत है तो उन्हें अभी तक नियमित क्यों नहीं किया गया? क्या वह नियमित किए जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। संशोधित प्रस्ताव अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से अपेक्षित है। (ख) गांधी मेडिकल कॉलेज हमीदिया अस्पताल भोपाल में वर्तमान में न्यूरोफिजियोलॉजी लैब मेडिसिन विभाग मे 02 टेक्नीशियन दैनिक वेतन भोगी जिलाध्यक्ष की कुशल दर पर कार्यरत है। (ग) जी नहीं। चिकित्सा महाविद्यालय में पद सृजन उपरांत नियमानुसार पदों को भरने की कार्यवाही की जावेगी।
भू-अर्जन करने का प्रावधान
[राजस्व]
29. ( क्र. 334 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में भू-अर्जन अधिकारी शाहपुर ने प्रकरण क्रमांक 7अ/82 वर्ष 2016-17 आदेश दिनांक 20/1/2020 में मकान एवं दुकान के अर्जन से प्रभावित आदिवासियों के संबंध में भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 31 धारा 41 एवं धारा 51 के अनुसार पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के संबंध में आदेश नहीं दिया। (ख) धारा 31 धारा 41 धारा 51 में अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं उनका पालन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है, मकान दुकान के अर्जन से प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन का आदेश नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है पृथक-पृथक बतावें। (ग) आदेश दिनांक 20/1/2020 में किस-किस के मकान, दुकान के अर्जन का आदेश किया है, मकान एवं दुकान का मूल्यांकन भू-अर्जन अधिकारी शाहपुर ने किस दिनांक के आदेश से करवाया यदि भू-अर्जन अधिकारी ने धारा-12 अधिसूचना के बाद मूल्यांकन नहीं करवाया हो तो कारण बतावें। (घ) धारा 31 धारा 41 धारा 51 का पालन कर अवार्ड आदेश में संशोधन किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है तथा कब तक कर ली जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। भू अर्जन अधिकारी शाहपुर के प्रकरण क्रमांक 7 अ-82/ 2016-17 आदेश दिनांक 20.1.2020 का अधिनिर्णय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (1956 का 48) के तहत पारित किया है। उक्त अधिनिर्णय भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत नहीं किया गया है। (ख) धारा 31, 41, एवं 51 में अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के सम्बंध में भूमि, अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में वर्णित प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार इस प्रकरण में भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 12 प्रभावी नहीं है। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार इस धारा के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
अभिलेखागार में उपलब्ध मौजावार पंजी
[राजस्व]
30. ( क्र. 335 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अभिलेखाकार बैतूल में ग्राम कटंगी, सिवनपाट, डुल्हारा, सालीवाड़ा, भोगईखापा, खैरवानी की उपलब्ध मौजावार पंजी में शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण एवं शासकीय भूमियों को पट्टे पर आवंटित करने से संबंधित 1950 में दर्ज ब्यौरों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्रामसभा, उपखण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को उपलब्ध नहीं करवाई गई। (ख) यदि हाँ तो मौजावार पंजी में 1950 से 2020 तक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं शासकीय भूमि के आवंटन से संबंधित क्या-क्या ब्यौरा दर्ज हैं, इन ब्यौरों की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्रामसभा और ग्राम पंचायत को उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है। (ग) किस ग्राम के किस दावेदार ने किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का दावा जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत प्रस्तुत किया वह भूमि निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस मद में किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज बताई गई है, इनमें से कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे एवं नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई। (घ) दावा की गई भूमि को वन अधिकार कानून 2006 के दायरे में आने वाली वनभूमि माने जाने का क्या कारण रहा है, ऐसा किसके आदेश से किया है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत ग्राम कंटगी, सिवनपाट, डुल्हारा, सालीवाडा, भोगईखापा, खैरवानी, का अधिकार अभिलेख वर्ष 1968-69 में तैयार किया गया तथा संपूर्ण भू - अभिलेख से संबंधित जानकारी उक्त अधिकार अभिलेख में पंजीबद्ध है, तत्समय भूमि पर अधिकार अभिलेख पंजी में शासकीय भूमि की जानकारी संबंधित पटवारी द्वारा ग्राम सभा उपखण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को परोक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों का निस्तार पत्रक ' वर्ष 1959 में तैयार किया गया तथा उक्त निस्तार पत्रक की प्रति ग्राम सभा एंव ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई गई। इसी प्रकार शासकीय भूमि के आवंटन से संबंधित शासन से प्राप्त दिशानिर्देशों की प्रति भी ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (घ) म.प्र.शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्र./एफ 20-3/2013/3-25 भोपाल दिनांक 26/07/2016 के पत्रानुसार मानी गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 352 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कहाँ-कहाँ शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है सूची दें? (ख) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानों को कितना-कितना खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल कब-कब, किस-किस योजना में आवंटित किया गया तथा परिवहनकर्ता द्वारा किन-किन दिनांकों में किस-किस दुकान पर क्या-क्या सामाग्री कितनी-कितनी मात्रा में पहुंचाई? (ग) उक्त दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को किस-किस माह में क्या-क्या सामग्री किस-किस दर से प्रदान की गई क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नि:शुल्क राशन वितरित नहीं किया गया? यदि हाँ तो क्यों कारण बतायें। (घ) किस-किस दुकान संचालक द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल विक्रय की राशि जमा नहीं की है तथा क्यों कारण बताये तथा इसके लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 355 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्यों अप्रारंभ है, किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्यों योजनावार कारण बतायें तथा कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी। (ख) राससेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनाएं तथा बैराज स्वीकृत हेतु कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है उनकों कब तक स्वीकृत किया जायेगा। (ग) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जबाव क्यों नहीं दिये पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ, किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। निविदा आमंत्रण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। परियोजनाओं के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यालयीन अभिलेखानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
सहायक प्रबंधक के कार्यकाल की नीति एवं भौतिक जांच
[स्कूल शिक्षा]
33. ( क्र. 356 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियमानुसार प्रतिवर्ष शासकीय सेवक को इनकम की घोषणा करना अनिवार्य होता है? यदि हाँ तो, श्री आर॰ के॰ पांडे (सहायक प्रबन्धक) की प्रथम स्थापना वर्ष से वर्तमान वर्ष तक की अवधि में घोषणा अनुसार कुल कितनी संपत्ति की अर्जित हुई? वर्षवार ब्यौरा देवें। (ख) श्री आर. के. पांडे द्वारा कितने जिलो में जिला परियोजना समन्वय बनकर कार्य किया? DPC पद पर रहते हुए उनकी संपत्ति में कितनी बढ़ोत्तरी हुई? पूर्ण विवरण देवें। (ग) श्री आरके पांडे को अपनी सेवाकाल में कौन-कौन से पद पर प्रतिनियुक्ति दी गयी? उक्त पदो पर रहते हुए आहरण संवितरण अधिकारी के रूप में प्रतिवर्ष कितना कितना आहरण एवं वितरण किया? वर्षवार ब्यौरा देवें। (घ) राज्य शिक्षा केंद्र में सहायक प्रबंधक के पद पर रहते हुए कौन-कौन सी योजनाओं का प्रभार दिया गया है? उन प्रभार के अंतर्गत प्रतिवर्ष उनके द्वारा कौन-कौन से स्थानों पर वित्तीय संव्यवहार किया गया है? पूर्ण ब्यौरा देते हुए राशि बताइये। (ड.) क्या सामान्य पुस्तक परिपत्र भाग एक अनुक्रमांक 7 के पद क्रमांक 9 (3) के प्रावधान अनुसार भारत सरकार की भ्रष्टाचार निवारण की कार्ययोजना को ध्यान में रखते हुए एक से अधिक को प्रभार तो नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। (ख) 06, शेषांश जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। (ग) जिला परियोजना समन्वयक एवं सहायक प्रबंधक के पद पर। श्री आर.के.पाण्डेय प्रतिनियुक्ति पर आहरण संवितरण अधिकारी नहीं रहे है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री आर.के.पाण्डेय को किसी भी घटकवार कक्षों के कार्यों के प्रभारी अधिकारी का दायित्व नहीं सौंपा गया है, अपितु नियंत्रक का दायित्व सौंपा गया है। अत: श्री आर.के.पाण्डेय को प्रभारी अधिकारी का दायित्व न सौंपे जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।
मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
34. ( क्र. 360 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व अभिलेख में मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या नियम प्रक्रिया है? राजस्व ग्राम घोषित होने पर क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ख) प्रश्नकर्त्ता द्वारा बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां के कौन-कौन से मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु किस-किस को कब-कब पत्र लिखे गये तथा इन प्रेषित पत्रों पर कब-कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से मजरे-टोले राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रता रखते हैं तथा उन्हें किस प्रकार से कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र तहसील बहोरीबंद के अंतर्गत ग्राम गौरहा का मजरा टोला नयागांव, (जरूआखेड़ा सहित) राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु निर्धारत मापदंड अनुसार पाया गया है। मजरे टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 के नियम 43 के अनुसरण में कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लंबित शासकीय भूमि पर प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
35. ( क्र. 427 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में सभी तहसीलों में 30 जून 2021 तक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण लंबित है? नाम एवं स्थान सहित तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने प्रकरण ऐसे हैं जो एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित है। तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सरकारी भूमि पर लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला मुरैना में 30 जून 2021 तक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के 144 प्रकरण लंबित है जिनकी तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
तहसील |
लंबित प्रकरण |
1 |
पोरसा |
19 |
2 |
अम्बाह |
16 |
3 |
मुरैना |
22 |
4 |
बामौर |
24 |
5 |
जौरा |
34 |
6 |
कैलारस |
- |
7 |
सबलगढ़ |
29 |
कुलयोग |
144 |
नाम एवं स्थान की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी प्रकरण एक वर्ष या अधिक अवधि से लंबित नहीं है। (ग) लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के है जिनमें नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
राजस्व वसूली कैम्पों की जानकारी
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 428 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में जल संसाधन विभाग अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व वसूली हेतु किसके द्वारा कितने-कितने कैम्प कहॉं-कहॉं पर आयोजित किये गये? डिवीजनवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व वसूली कैम्पों में वाहनों पर एवं अन्य मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? व्यय राशि सहित संपूर्ण जानकारी डिवीजनवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व वसूली कैम्पों के लिये कोई आदेश दिये गये, यदि हाँ तो उनकी प्रतियां उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार राजस्व वसूली कैम्पों में संबंधित अधिकारी उपस्थित हुए, यदि हाँ तो उन्होंने क्या कार्यवाही की एवं कितनी-कितनी राजस्व वसूली राशि प्राप्त हुई? डिवीजनवार वसूली राशि की जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला मुरैना में विभाग अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व वसूली हेतु कोई कैंप आयोजित नहीं किए गए हैं। राजस्व वसूली हेतु विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कृषकों से व्यक्तिगत/डोर-टू-डोर संपर्क कर राजस्व वसूली की जाती रही है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन स्कूलों की स्थिति
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 475 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग शिक्षा की गुणवत्ता हेतु भवन विहीन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवनों का निर्माण लगातार कर रहा है? (ख) यदि हाँ तो जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील में उक्ताशय के कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो प्रश्न दिनांक तक भवन विहीन की स्थिति में आते हैं? (ग) जावरा एवं पिपलौदा तहसील में ऐसे कौन-कौन से स्थान हैं जहां हाई स्कूल भवन एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन नहीं हैं? (घ) उपरोक्तानुसार भवन विहीन हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों को भवन बनाए जाने की स्वीकृति कब तक दी जाकर भवन निर्माण कब तक किये जा सकेंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हां। (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जावरा एवं पिपलौदा तहसील में 11 हाईस्कूल एवं 01 हायरसेकेंड्री विद्यालय भवन विहीन है किन्तु अध्यापन कार्य प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय के कक्षों में संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट–1 अनुसार है। (घ) नवीन हाईस्कूल एवं हायरसेकेंड्री विद्यालय भवन निर्माण सक्षम समिति के अनुमोदन एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विभागीय कार्यों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 476 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/ विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलौदा तहसील में इन्द्रपुरी बैराज को स्वीकृति प्रदान की, यह कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा? (ख) पिपलौदा तहसील अन्तर्गत मचून क्रमांक 2 तालाब की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? (ग) क्षेत्रीय कृषि भूमियों की दर भिन्न-भिन्न होने से मचून तालाब में आने वाली निजी भूमि का मूल्य तीन से चार लाख रूपये प्रति हेक्टेयर लगभग है, इस हेतु क्या विभागीय कार्यवाही की गई? (घ) पिपलौदा तहसील डार्क जोन एरिया घोषित होकर भूमि का जल स्तर भी काफी नीचे पहुंच गया है तो क्या विभाग मचून तालाब क्रमांक 2 की कार्य योजना को विभागीय विशेष घटक योजना में सम्मिलित कर इसे विशेष अनुमति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पिपलौदा तहसील की शासन द्वारा स्वीकृत इंद्रपुरी बैराज की निविदा आमंत्रण हेतु वर्तमान विभागीय यूएसआर की संशोधित दरों पर निविदा पुनरीक्षित किए जाने की कार्यवाही मैदानी स्तर पर प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। अत: कार्य प्रारंभ किए जाने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मचून तालाब क्रमांक-2 का परियोजना प्रतिवेदन शासन स्तर पर प्राप्त होने पर, वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु निर्धारित सूचकांक की सीमा के अंदर होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति दिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मचून तालाब में आने वाली क्षेत्रीय कृषि भूमियों की दरों का कलेक्टर रतलाम द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारण किया जाकर कलेक्टर गाइड लाइन की दरें निर्धारित की जाती हैं। दर निर्धारण की इस प्रक्रिया में विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। विभाग द्वारा मचून तालाब क्रमांक-2 से प्रभावित होने वाले ग्रामों के कृषकों की निजी भूमि का मुआवजा आपसी सहमति से भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत कलेक्टर गाइड लाईन की दर के आधार पर किया जावेगा। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
DMF में राशि की जानकारी
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 485 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2021 की स्थिति में छतरपुर जिले की DMF में कितनी राशि है? म. प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठाान नियम 2016 के अंतर्गत इनमे से कितनी राशि का उपयोग उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों एवं कितनी का उपयोग अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में किया जा सकता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में अभी तक कितनी राशि से कौन-कौन सा कार्य कहाँ पर किए जा चुके है? उक्त कार्य किस प्राथमिकता की श्रेणी में आते है? कितनी राशि किस कार्य में कहाँ व्यय करना प्रस्तावित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में मुख्य एवं गौण खनिज से डी.एम.एफ. की राशि रूपये 44625708/- एवं रेत खनिज से प्राप्त डी.एम.एफ. राशि 106401271/- है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में दिनांक 14.07.2021 को किए गए संशोधन उपरांत रेत खनिज से प्राप्त डी.एम.एफ. की राशि को राज्य की संचित निधि में जमा किए जाने के प्रावधान किए गए है। म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 के अनुसार जमा राशि में से 60 प्रतिशत उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों तथा 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता के क्षेत्रों में उपयोग की जा सकती है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में अभी तक डी.एम.एफ. की राशि से छतरपुर जिले में कोई भी कार्य नहीं कराए गए हैं। अपितु छतरपुर जिले में डी.एम.एफ. में जमा राशि में से रूपए 25, 00, 000/- (पच्चीस लाख) रेलवे विभाग को अंडरपास बनवाने हेतु उपलब्ध कराने की सहमति मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक 411/खनिज/2019/12/1/2585 दिनांक 31/01/2020 से प्रदान की गई है। यह राशि रेलवे विभाग को उपलब्ध करायी गयी है। यह कार्य मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के अनुसार अन्य प्राथमिकता के क्षेत्रों के अंतर्गत आता है।
लंबित योजनाएं
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 486 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत कितनी परियोजनाएं निविदा आमंत्रण, प्रशासनिक स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, DPR निर्माण, साध्यता हेतु लंबित है? सभी के नाम, अनुमानित लागत सिंचित रकबा सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) भारत सरकार वन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त तेंदुआ नाला परियोजना सहित प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी परियोजनाओं को कब तक प्रशासनिक स्वीकृति मिल कर बजट आवंटित कर दिया जावेगा. तकनीकी स्वीकृति, DPR निर्माण एवं साध्यता हेतु लंबित परियोजनाओं का अगले स्तर पर जाने हेतु क्या परेशानियां आ रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्टि के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति एवं बजट आवंटन की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्तावों के विभिन्न मैदानी स्तर के कार्यालयों में परीक्षण में स्वाभाविक रूप से लगने वाले समय के कारण।
आयुष्मान योजना में शासन से प्राप्त राशि
[चिकित्सा शिक्षा]
41. ( क्र. 505 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान योजना में नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर को वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 मे कितनी राशि व किस मद में प्राप्त हुई मदवार बतावें। (ख) क्या आयुष्मान योजना में शासन से प्राप्त राशि का उपयोग शासन द्वारा निर्धारित मदों में ही किया गया या उसके अतिरिक्त भी अन्य मदों में भी किया गया है? (ग) यदि शासन द्वारा स्वीकृत मदों के अतिरिक्त भुगतान किया गया है तो किस नियम के अनुसार किया व किस आदेश के तहत किया है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर से संबंधित चिकित्सालय में वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 617.95 लाख एवं वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 1316.78 लाख प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक।
राजस्व रिकार्ड में सुधार
[राजस्व]
42. ( क्र. 507 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंटवारा, सीमांकन फौती नामांतरण का रिकार्ड सुधार हेतु आवेदन के पश्चात रिकार्ड सुधार की समय-सीमा क्या है? (ख) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कितने प्रकरण सीमांकन नामांतरण बंटवारा हेतु आवेदन प्राप्त हुए कितनों का निराकरण किया गया कितने शेष है तथा क्यों? कारण सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकरण अनावश्यक लंबित रखने पर विभागीय अधिकारी /कर्मचारी जिम्मेदार है? यदि हाँ तो उन पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों नहीं और कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 (5) में विहित प्रावधानानुसार नामांतरण के मामलों में आदेश पारित होने से तीस दिन के भीतर राजस्व अभिलेख अद्यतन किये जावेंगे। बंटवारा प्रकरणों में मामला बंद करने से पूर्व भू-अभिलेखों को अद्यतन किया जाना होता है परन्तु म.प्र.भू.रा.सहिता 1959 में पृथक से समय-सीमा का उल्लेख नहीं है। सीमांकन के मामलों में भू-अभिलेखों को दुरूस्त किये जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 134 अंतर्गत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन के प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है-
मद |
रा.वर्ष 2016-17 |
रा.वर्ष 2017-18 |
रा.वर्ष 2018-19 |
रा.वर्ष 2019-20 |
रा.वर्ष 2020-21 |
रा.वर्ष 2021-22 |
|||||||
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
दर्ज |
निराकृत |
शेष |
|
नामांतरण |
337 |
337 |
406 |
406 |
401 |
401 |
1635 |
1635 |
1907 |
1907 |
1034 |
563 |
471 |
बंटवारा |
333 |
333 |
393 |
393 |
287 |
287 |
423 |
423 |
442 |
442 |
230 |
110 |
120 |
सीमांकन |
183 |
183 |
373 |
373 |
37 |
37 |
359 |
359 |
157 |
157 |
218 |
213 |
05 |
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 134 अंतर्गत वर्ष 2021-22 में शेष प्रकरणों की जानकारी
मद |
कुल शेष प्रकरण |
निराकरण न होने का कारण |
नामान्तरण |
471 |
नामान्तरण के शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन मे है कुछ प्रकरणों में इश्तहार तामीली हेतु एवं हल्का पटवारी के प्रतिवेदन हेतु तथा साक्ष्य हेतु आदेशार्थ हेतु नियत है। |
बंटवारा |
120 |
बंटवारा के शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन मे है कुछ प्रकरणों में इश्तहार तामीली हेतु एवं हल्का पटवारी से फर्द बंटान एवं वंश वृक्ष व प्रतिवेदन मय पंचनामा हेतु तथा साक्ष्य हेतु व आदेशार्थ हेतु नियत है। |
सीमांकन |
5 |
सीमांकन के शेष प्रकरणों में विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। |
योग |
596 |
|
(ग) जी नहीं। प्रकरण अनावश्यक लंबित नहीं रखे गए है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
धान/गेहूँ का भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
43. ( क्र. 514 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर कितना-कितना वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 में उपार्जित धान/गेहूं का भण्डारण किया गया एवं भण्डारित अनाज का परिवहन कहां-कहां से किया गया? भण्डारित स्थलवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ओपन केन्द्रों में भण्डारित धान में से कब-कब कितनी-कितनी धान की मीलिंग की गई एवं कितना स्टॉक प्रश्न दिनांक पर शेष रहा? केन्द्रवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में भण्डारित धान में से वर्षवार कितनी धान बरसात में ठीक ढंग से देखरेख न करने के कारण नष्ट हुई, वर्षवार सूची देवें। (घ) वित्त वर्ष 2020-21 में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन उपार्जन केन्द्रों में कितना-कितना उपार्जित किया गया एवं उपार्जित गेहूं का कहां-कहां कितनी मात्रा में परिवहन कर भण्डारण किया गया, सम्पूर्ण सूची देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कटनी जिले में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 उपार्जित धान एवं गेहूं के परिवहन, भण्डारण की स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ओपन केप में भंडारित धान की वर्षवार मिलिंग एवं मिलिंग हेतु शेष धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में भंडारित धान असामयिक वर्षा से खराब एवं नष्ट नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कटनी जिले में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 में उपार्जित गेहूं की केन्द्रवार, परिवहन मात्रावार एवं भंडारण स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’अनुसार है।
परिवहन विभाग में एजेन्टों द्वारा किये जा रहे कार्य
[परिवहन]
44. ( क्र. 518 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिलांतर्गत नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन नये लाईसेंस/लाईसेंस का नवीनीकरण, वाहनों का हस्तांतरण आदि कार्य करने हेतु अनाधिकृत तौर पर एजेन्टों द्वारा आम जनता से मनमानी राशि वसूल रहे हैं? क्या सरकार इस और कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ तो क्या? कब तक? (ख) हरदा जिले मे किस-किस मार्ग पर कौन-कौन सी बसे कहाँ से कहाँ-कहाँ तक की परमिट पर सचांलित हैं? कितनी बसें बिना परमिट पर वर्तमान में संचालित हैं? साथ ही भारी वाहन जैसे डम्फर, ट्रक आदि संचालित वाहन जिनका रजिस्ट्रेशन जिले में किया गया है? (ग) हरदा जिले मे समस्त संचालित बसें एवं भारी वाहन जैसे- डम्फर ट्रक आदि की परमिट रजिस्ट्रेशन फिटनेस की जांच कब-कब, किस किस अधिकारी द्वारा प्रश्नांश दिनांक से विगत पॉच वर्षों में की गई? जांच की रिर्पोट कब-कब वरिष्ठ कार्यालय को उपलब्ध कराई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला परिवहन कार्यालय हरदा द्वारा जारी किये गये परमिटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। हरदा जिले में बिना परमिट के कोई बस संचालित नहीं की जा रही है। हरदा जिला परिवहन कार्यालय द्वारा पिछले 05 वर्षो में पंजीकृत भारी वाहन जैसे डम्पर, ट्रक आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित वाहनों के परमिट, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस की जांच सतत् रूप से की जाने वाली प्रक्रिया है। जांच उपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही भी की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
संविदा कर्मचारी के पदों को नियमित पदों में बदलना
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 519 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 5 जून 2018 की संविदा नीति के अनुसार विभागीय सेटअप बदलने के लिए संविदा कर्मचारियों के पदों को नियमित पदों में बदलने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के समस्त कार्यालयों, निगम मंडलों, विभागों, बोर्ड परिषद, ओपन स्कूल में प्रथम, द्विवतीय, तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कौन-कौन से पद रिक्त हैं? संख्या सहित बतायें। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र के सर्वशिक्षा अभियान में संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने के संबंध में कब-कब कौन सी नस्ती चलाई गई? उन पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 5 जून 2018 की संविदा नीति के अनुसार सर्वशिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए इतने समय बीतने के पश्चात् भी अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05 जून 2018 के परिपालन में भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) दिनांक 18.09.2019 को। सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यवाही विवरण दिनांक 09 अक्टूबर 2019 के बिन्दु क्रमांक 1.15 संविदा नीति अनुसार विभाग द्वारा भर्ती नियमों में संशोधन/परिवर्तन हेतु शीघ्र कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है। निर्णयानुसार प्रशासकीय सेट-अप तथा भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है।
भौतिक सम्पत्ति की जांच
[स्कूल शिक्षा]
46. ( क्र. 522 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियमानुसार प्रतिवर्ष शासकीय सेवक को इनकम की घोषणा करना अनिवार्य होता है? यदि हाँ तो, श्री आर.के. पांडे (सहायक प्रबन्धक) की प्रथम स्थापना वर्ष से वर्तमान वर्ष तक की अवधि में घोषणा अनुसार कुल कितनी संपत्ति की अर्जित हुई? वर्षवार ब्यौरा देवें। (ख) श्री आर. के. पांडे द्वारा कितने जिलो में जिला परियोजना समन्वय बनकर कार्य किया? DPC पद पर रहते हुए उनकी संपत्ति में कितनी बढ़ोत्तरी हुई? पूर्ण विवरण देवें। (ग) श्री आरके पांडे को अपनी सेवाकाल में कौन-कौन से पद पर प्रतिनियुक्ति दी गयी? उक्त पदों पर रहते हुए आहरण संवितरण अधिकारी के रूप में प्रतिवर्ष कितना कितना आहरण एवं वितरण किया? वर्षवार ब्यौरा देवें। (घ) राज्य शिक्षा केंद्र में सहायक प्रबंधक के पद पर रहते हुए कौन-कौन सी योजनाओं का प्रभार दिया गया है? उन प्रभार के अंतर्गत प्रतिवर्ष उनके द्वारा कौन-कौन से स्थानों पर वित्तीय संव्यवहार किया गया है? पूर्ण ब्यौरा देते हुए राशि बताइये। (ड.) क्या सामान्य पुस्तक परिपत्र भाग एक अनुक्रमांक 7 के पद क्रमांक 9 (3) के प्रावधान अनुसार भारत सरकार की भ्रष्टाचार निवारण की कार्ययोजना को ध्यान में रखते हुए एक से अधिक को प्रभार तो नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) 06, शेषांश जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जिला परियोजना समन्वयक एवं सहायक प्रबंधक के पद पर। श्री आर.के.पाण्डेय प्रतिनियुक्ति पर आहरण संवितरण अधिकारी नहीं रहे है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री आर.के.पाण्डेय को किसी भी घटकवार कक्षों के कार्यों के प्रभारी अधिकारी का दायित्व नहीं सौंपा गया है, अपितु नियंत्रक का दायित्व सौंपा गया है। अत: श्री आर.के.पाण्डेय को प्रभारी अधिकारी का दायित्व न सौंपे जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।
एक से अधिक प्रभार रखना
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 523 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के आदेश क्रमांक 3539 दिनांक 6 जून 2021 दायित्व निर्धारण के संबंध में श्री आर.के. पांडे को कुल कितने प्रभार दिए गए हैं और किन नियमों के अंतर्गत दिए गए? सभी की प्रमाणित प्रतियाँ देवें। (ख) उक्त आदेश में सर्वाधिक प्रभार श्री आरके पांडे को ही क्यों दिये गए है? क्या शासन के नियमानुसार 04 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत 02 वर्ष के लिए मूल पद पर लौटना आवश्यक नहीं है? यदि है, तो आरएसके द्वारा सहमति और NOC लेकर प्रतिनियुक्ति बढ़ाने में मूल मंशा क्या रही है? (ग) श्री आरके पांडे को प्रतिनियुक्ति में लेने से पूर्व किस विज्ञप्ति के माध्यम से किसके साक्षात्कार द्वारा प्रतिनियुक्ति पर लिया गया? (घ) मिशन की नियमावली अनुसार आरएसके को नियम बनाते हुए शासन के सभी नीति नियम निर्देश का ध्यान रखकर नियम बनाना आवश्यक है, परंतु श्री आरके पांडे को एक से अधिक प्रभार देने, प्रतिनियुक्ति बढ़ाने अलग अलग जिलों में डीपीसी बनाने प्रमोशन के समय मूल पद पर भेजकर पुनः प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के क्रियाकलापों में मूल रूप से कौन-कौन से अधिकारी शामिल है? क्या आपका विभाग उसकी जांच करेगा? यदि हाँ, तो क्या जांच की शुरुआत श्री पांडे को मूल पद पर भेजकर जांच शुरू की जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी आदेश क्रमांक/राशिके/स्था./2021/3539 दिनांक 6.7.2021 में आंशिक संशोधन करते हुए आदेश क्रमांक/राशिके/स्था./2021/3616 दिनांक 8.7.2021 जारी किया गया है। जारी आदेश में श्री आर.के.पाण्डे को कक्ष के प्रभारी अधिकारी का दायित्व न सौंपें जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री आर.के. पाण्डे को प्रभारी अधिकारी का दायित्व नहीं सौंपा गया है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जारी विज्ञप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार जारी किये गये है। प्रतिनियुक्ति के पूर्व साक्षात्कार राज्य स्तरीय नियुक्ति समिति द्वारा लिया गया। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीठा तालाब की भूमि
[राजस्व]
48. ( क्र. 525 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास सीनियर की मीठा तालाब की भूमि सर्वे नं. 593, 594, 595, 596, 608, 611, 612, 613, 614, 381/1033, 381/1034, 381/1035, 381/1036, 381/1037, 381/1038, 381/1039, 381/1051, 381/1053 कुल रकबा 8.64 एकड़ के प्रकरण में भू-स्वामी के पक्ष में समस्त माननीय न्यायालय (जिला/उच्च/ उच्चतम) द्वारा निर्णय दिया जा चुका है? (ख) यदि हाँ तो अभी तक भू-स्वामी के पक्ष में भूमि का नामांतरण अभी तक क्यो नहीं किया गया है? क्या इस पर कही से कोई स्थगन है। यदि हाँ तो इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में भू-स्वामी के पक्ष में नामांतरण की कार्यवाही कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, माननीय उच्चतम न्यायालय के प्रकरण क्रमांक एस.एल.पी. (सिविल) 43983/2019 में मा0 न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया है। (ख) उक्त भूमि म.प्र.शासन के नाम से शासकीय भूमि दर्ज है और भू-स्वामी द्वारा मा0 न्यायालय के निर्णय के बाद कोई नामान्तरण संबंधी आवेदन तहसील न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है। उपरोक्त प्रकरण में कोई स्थगन नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में आवेदन पत्र प्राप्त न होने से प्रश्न उद्भूत ही नहीं होता।
अवैध क्रेशर संचालन
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 530 ) श्री
राहुल सिंह लोधी
: क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्राम
बंदरगुडा, ग्राम
पंचायत
बाजीतपुरा, जनपद
पंचायत जतारा, जिला-टीकमगढ
में अवैध
क्रेशर
संचालित है? यदि
नहीं तो क्या
उक्त क्रेशर
संचालन हेतु
आवश्यक सभी
औपचारिकतायें
पूर्ण की गई
है? (ख) क्या
खनिज विभाग
में ऐसा कोई
नियम है कि एक
उपक्रम पहले
किसी अन्य
नाम पर
संचालित हो और
उस पर
अधिरोपित शोध
राशि बकाया
होने के बाद
भी उसी उपक्रम
को किसी अन्य
नाम से
संचालित किया
जा सकें। (ग) यदि नहीं तो
उक्त क्रेशर
पर
पूर्ववर्ती
संचालक के नाम
लगभग साढे छ:
करोड की
जुर्माना
राशि के
प्रकरण का
निराकरण हुए बिना
किसी अन्य नाम
से क्रेशर
संचालन की
अनुमति किस
अधिकारी
द्वारा दी गई
एवं 2017 में
अनुविभागीय
अधिकारी
जतारा द्वारा
सील किये गये
क्रेशर की सील
किसके आदेश से
तोड़ी गई? समस्त
कार्यवाही का
विवरण देवें। (घ) क्या
नियम विरूद्ध
अनुमतियाँ
प्रदान करने
वाले तत्कालीन
संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध
कोई कार्यवाही
करते हुये उक्त
अवैध क्रेशर
को बंद कराया
जायेगा? यदि
हाँ तो कब तक?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) जी
नहीं। जी हाँ। (ख) जी
नहीं। (ग)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट पर
है। वर्ष 2017 में
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
जतारा द्वारा
क्रेशर सील
नहीं किया गया
था। अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश
(क) से (ग)
में दी गई
जानकारी
अनुसार
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है।
खाद्य विभाग द्वारा राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 537 ) श्री
संजय शुक्ला : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) वर्ष 2020
से प्रश्न
दिनांक तक
विधानसभा
क्षेत्र क्र. 01
इन्दौर
अंतर्गत
खाद्य विभाग
द्वारा कितने
पात्र
हितग्राहियों
को राशन पर्ची
का वितरण कराया
गया? जोनवार/वार्डवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जिला इन्दौर
अंतर्गत
कितने
हितग्राहियों
द्वारा स्थाई
एवं अस्थाई
पर्चियों के
लिए आवेदन
किया था? माह
अप्रैल 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
जानकारी
विधानसभावार/वार्डवार
उपलब्ध
करावें।
आवेदकों में
कितने पात्र
एवं कितने
अपात्र पाये
गये? अपात्र
होने के क्या
कारण है? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में खाद्य
विभाग द्वारा
कितनी-कितनी
खाद्य
सामग्रियों
का आवंटन
किन-किन शासकीय
उचित मूल्य
की दुकानों को
कितना-कितना
राशन आवंटित
किया गया एवं
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकान
संचालकों
द्वारा
हितग्राहियों
को कितना अनाज
वितरित किया
गया? माह
अप्रैल 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
प्रतिमाह
अनुसार उपलब्ध
करावें। (घ) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
पोर्टल के
माध्यम से
राशन
पर्चियों का
आवंटन किया
जाता है? हां
या नहीं? यदि
हाँ तो क्या
शासन का
पोर्टल कुछ
समय से बंद था? हां
या नहीं? यदि
हाँ तो पोर्टल
बंद होने के
कारण जिन
हितग्राहियों
को पर्चियों
का वितरण नहीं
हो सका है, उन्हें
पर्चियॉं वितरण
की जायेगी एवं
शेष रहे
आवेदकों से
पुन: आवेदन
लेकर राशन वितरण
किया जायेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क)
से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 539 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षक भर्ती 2018 मे मध्यप्रदेश में लगभग किन-किन विषयों में कितने पद रिक्त थे? विषयवार बतावें। (ख) क्या वर्ष 2018 में निकाली गई भर्ती में समान पद व समान विषयों को लिया गया है? यदि हाँ तो विवरण बतावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) शिक्षक भर्ती 2018 वर्ग 2 के रिक्त पदों में विसंगति क्यों की गई? अंग्रेजी विषय में 3358 पद निकाले गए एवं उर्दू विज्ञान सामाजिक विज्ञान हिंदी में बहुत कम, क्या कारण रहा? (घ) 10 वर्षों के बाद शिक्षक भर्ती निकाली गई किंतु चार विषयों में पद बहुत कम निकाले गए उसका क्या कारण है? क्या समान विषयों की भर्ती प्रक्रिया की जा सकती है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उच्च माध्यमिक शिक्षक के सीधी भर्ती के विषयवार रिक्त पदों की संख्या एवं शालाओं में शिक्षकों का विषयमान से आवश्यक संरचना के आधार पर पद विज्ञापित किये गये। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अनुसार माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की विषयवार संरचना निर्धारित है, तदानुसार माध्यमिक शालाओं में पदों की संरचना एवं शिक्षक की उपलब्धता के आधार पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना कर माध्यमिक शिक्षक के पद विज्ञापित किये गये है। (ग) विज्ञापित पदों में कोई विसंगति नहीं है। शेषांश उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेहूं तुलाई में अनियमितता पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
52. ( क्र. 543 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आदेगांव उपार्जन केन्द्र मढी के द्वारा गेहूं खरीदी में गड़बड़ी की गई थी? यदि हाँ तो कितने क्विंटल गेहू की हेराफेरी की गई? (ख) क्या सेवा सहकारी समिति आदेगांव के केन्द्र प्रभारी पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? अवगत करायें। (ग) क्या आदेगांव के केन्द्र प्रभारी पर कोई एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? यदि हाँ तो किस दिनांक को फर्जीवाड़ा की एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में सिवनी जिले की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आदेगांव के द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्र मढी की जांच में 144.05 क्विं. गेहूं की अनियमितता प्रकाश में आई है। (ख) जी हां। सिवनी जिले की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आदेगांव के द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्र मढी के केन्द्र प्रभारी श्री रजनीश तिवारी के विरूद्ध पुलिस थाना आदेगांव में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। (ग) जी हां। सेवा सहकारी समिति आदेगांव द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्र मढी के केन्द्र प्रभारी श्री रजनीश तिवारी के विरूद्ध दिनांक 25.05.2021 को प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0139/2021 पुलिस थाना आदेगांव जिला सिवनी में दर्ज कराई गई है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है।
लाभांवित विद्यार्थियों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 545 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा के वार्षिक प्रशासकीय प्रतिवेदन में शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रायमरी, मिडिल के नामांकनांक, साईकिल, गणवेश तथा पुस्तकें वितरण तथा मध्यान्ह भोजन की सूची तथा पिछले सात / आठ वर्षो से तुलनात्मक जानकारी क्यों नहीं दी जाती है? (ख) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कक्षा 1 से 8 तक के नामांकन की कक्षावार जानकारी दें तथा इस अवधि में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की संख्या बतावें। (ग) साईकिल, गणवेश, पुस्तकें तथा मध्यान्ह भोजन में कक्षा 01 से 08 तक के लाभान्वित छात्रों की संख्या, कुल राशि, प्रति विद्यार्थी खर्च सहित वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की तथा कोई योजना अगर बाद में शुरू हुई तो जब से प्रारम्भ हुई उसकी जानकारी दें। (घ) शासकीय विद्यालयों में प्राथमिक तथा माध्यमिक में विद्यार्थीयों की औसत उपस्थिति कितनी रही वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की जानकारी दें तथा उपस्थिति में वृद्वि हेतु क्या-क्या कार्य किये गये और उसके सकारात्मक परिणाम क्या रहे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रशासकीय प्रतिवेदन में 1 वर्ष का नामांकन तथा 4 वर्ष की गणवेश, साईकल एवं निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों की संख्यात्मक जानकारी दी जाती है। मध्यान्ह भोजन का क्रियांवयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है। प्रशासकीय प्रतिवेदन प्रतिवर्ष तैयार किया जाता है जिसमें वर्ष की विभागीय गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' एवं 'स' अनुसार। (घ) उपस्थिति में वृद्धि हेतु मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, समुदाय की सहभागिता के अंतर्गत पालक शिक्षक संघ बैठक, हाजरी ऐप एवं विद्यालय के वातावरण को भय मुक्त बनाने एवं अधोसंरचना के विस्तार हेतु कार्यवाही की गई है। यू-डाईस में औसत उपस्थिति की गणना का प्रावधान नहीं है।
खाद्यान्न परिवहन एवं भण्डारण पर किये गये व्यय की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 546 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कुल कितने टन खाद्यान्न का उपार्जन किया गया तथा उसका निष्पादन कितनी-कितनी मात्रा में कैसे किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कितना खाद्यान्न खराब या कम गुणवत्ता का हो गया तथा वह किस दर से कितनी मात्रा में किस-किस फर्म को बेचा गया? (ग) खाद्यान्न के परिवहन तथा भण्डारण पर प्रश्नाधीन वर्ष में औसत प्रति किलो क्या लागत आई तथा परिवहन तथा भण्डारण पर वर्ष अनुसार कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? खाद्यान्न अनुसार अलग-अलग बतावें। (घ) मध्यान्ह भोजन हेतु आलोच्य वर्ष में कितना-कितना टन गेहूँ दिया गया तथा उसकी डिमान्ड का विवरण देवें। (ड.) वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत पात्र परिवारों तथा उनकी संख्या देवें तथा उन्हें कुल कितना खाद्यान्न वितरित किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
55. ( क्र. 559 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सिवनी में कितने प्रकरण नामांतरण बंटवारा एवं सीमांकन हेतु प्राप्त हुये? कितने निराकृत हुये तथा कितने प्रकरण लंबित है? समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची ग्राम पंचायतवार, नामवार, पटवारी हल्का एवं प्रकरण के लंबित रहने के कारण सहित देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार यदि हितग्राही के नामांतरण बंटवारा एवं सीमांकन करने हेतु कोई कागजी कमी होती है तो हितग्राही को अवगत कराया जाता है? यदि हाँ, तो किस माध्यम से कराया जाता है, उसकी छायाप्रति देवें और नहीं तो हितग्राही को इस बारे में कैसे जानकारी मिलेगी? (ग) क्या सीमांकन बंटवारा एवं नामांतरण की प्रक्रिया में आवश्यक रूप से लंबित रखे जाने की शिकायतें किसी भी माध्यम से प्रश्नांश '' क'' की अवधि में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार सीमांकन बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधान सभा सिवनी अंतर्गत तहसील सिवनी एवं छपारा में नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों की स्थित - नामांतरण- कुल प्राप्त प्रकरण - 25689, निराकृत प्रकरण- 23875, शेष प्रकरण-1814, बंटवारा- कुल प्राप्त प्रकरण - 5360, निराकृत प्रकरण- 4833, शेष प्रकरण-527, सीमांकन- कुल प्राप्त प्रकरण - 7145, निराकृत प्रकरण- 6527, शेष प्रकरण-618, प्रश्नांश में वांछित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे ''परिशिष्ट-एक'' अनुसार है। (ख) आवेदकों को प्रकरण की नियत पेशी दिनांक पर दस्तावेज/साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिये जाते है हितग्राही को अवगत कराने की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता (राजस्व न्यायलय की प्रक्रिया) 2019 के तहत की जाती है नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) सिवनी जिला अंतर्गत नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन की प्रक्रिया में अनावश्यक रूप से लंबित रखे जाने संबंधी किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है।
फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[राजस्व]
56. ( क्र. 560 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक अवधि में फसलों के नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति राशि की स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने किसानों को कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? किसानों की संख्या, ग्रामों की संख्या बतावें। (ख) क्या स्वीकृत राशि की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान शासन द्वारा किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त राशि में से कितने किसानों को 25 प्रतिशत राशि का भुगतान हो गया है तथा कितने किसानों को भुगतान करना शेष है तथा शेष रहने का क्या कारण है? 25 प्रतिशत राशि वर्तमान तक भुगतान न होने से शेष किसानों की संख्या, ग्रामों की संख्या स्वीकृत राशि की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या ढाई वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी किसानों को स्वीकृत राशि का 25 प्रतिशत प्रदाय न करने के दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी? शेष लंबित स्वीकृत राशि का 75 प्रतिशत भुगतान शासन द्वारा कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक फसल क्षति होने पर कुल 333 ग्रामों के 47097 किसानों को रू.39, 39, 65, 672/-राशि स्वीकृत की गई थी। (ख) जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि अधिग्रहण में मुआवजे का भुगतान
[राजस्व]
57. ( क्र. 564 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो के लिए निजी जमीनों के अधिग्रहण में नवीन संशोधित प्रावधान (वर्ष 2013 और 2014) उपरांत भी कुछ भू-स्वामियों को वर्ष 2010 के आधार पर और अन्य को संशोधित प्रावधान अनुसार अवार्ड पारित किये गए है यदि हाँ तो कारण सहित ग्रामवार प्रभावितों की सूची पृथक पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से व्यथित भूमि अधिग्रहण के निवाड़ी अनुविभाग के कितने प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं? इनमें से कितने लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया गया है की जानकारी साथ में दी जावें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण के एवज में भी मुआवजा दिया गया है तथा ऐसे कितने दुकानदार हैं जिनकी दुकानें प्रशासन ने केवल आश्वासन के आधार पर खाली कराई और कोई मुआवजा नहीं दिया है उनकी सूची देते हुए बताएं कि यह भेदभाव क्यों किया गया है इसे कब तक दूर किया जावेगा? (घ) ऐसे कितने भूस्वामी हैं जिनकी निजी भूमि के निर्माण भी तोड़ दिए गए एवं कब्जा छुड़ाया गया हैं और कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया? नाम, ग्राम, राशि, की जानकारी कारण सहित पृथक पृथक बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) अनुभाग निवाड़ी अंतर्गत कुल 922 भू-स्वामियों की भूमि अधिगृहित की गई है। उनमें से अब तक कुल 20 भूस्वामियों द्वारा आर्विट्रेटर महोदय के न्यायालय में मध्यस्थता वाद सृजित किये है एवं एक भी भू-स्वामी द्वारा मुआवजा प्राप्त नहीं किया गया है सूची संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।
भंडारण की अनुमति
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 573 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना, कटनी, पन्ना, छतरपुर, रीवा (संभाग), सीधी, उमरिया, ब्यौहारी जिले में किन-किन संस्थानों/व्यक्तियों को खनिज सम्पदा के भंडारण की अनुमति किन शर्तों पर दी गयी है? (ख) जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश जिलों में ब्यौहारी जिला नहीं है। सतना, कटनी, पन्ना, छतरपुर, रीवा (संभाग), सीधी, उमरिया में खनिज सम्पदा के भंडारण की अनुमति दी गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 एवं मध्यप्रदेश रेत (अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 अधिसूचित है। की शर्तों के तहत् दी गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लंबित परियोजनाओं को पूर्ण करवाने विषयक
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 578 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितनी परियोजनाएं निविदा आमंत्रण, प्रशासनिक स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, DPR निर्माण, साध्यता हेतु लंबित है? सभी के नाम, अनुमानित लागत सिंचित रकवा सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी परियोजनाओं को कब तक प्रशासनिक स्वीकृति मिल कर बजट आवंटित कर दिया जावेगा? तकनीकी स्वीकृति, DPR निर्माण एवं साध्यता हेतु लंबित परियोजनाओं का अगले स्तर पर जाने हेतु क्या परेशानियां आ रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्टि के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति एवं बजट आवंटन की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्तावों के विभिन्न मैदानी स्तर के कार्यालयों में परीक्षण में स्वाभाविक रूप से लगने वाले समय के कारण।
विद्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों की संख्या
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 580 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत आने वाली विभिन्न शालाओं में शिक्षिकों, लिपिकों, भृत्य एवं अन्य के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद भरे हैं? कितने खाली हैं? कितने प्रतिनियुक्ति पर किसके आदेश पर किस कार्य हेतु कब से अन्यत्र पदस्थ हैं? (ख) क्या विधानसभा बिजावर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सहित सभी विद्यालयों के खाली पद स्थानांतरण से भरे जावेंगे? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सभी कर्मचारियों को मूल पदस्थ स्थल पर पदस्थ कर दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ एवं 'ब' अनुसार। (ख) जी नहीं। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत पदोन्नति/सीधी भर्ती/ स्थानांतरण द्वारा रिक्त स्थानों की आवश्यकतानुसार पूर्ति की जाती है। (ग) कार्य सुविधा के दृष्टिगत नियमानुसार निर्णय सक्षम अधिकारी द्वारा लिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोरोना काल में मृत शिक्षकों को मुआवजा
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 587 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान कितने शिक्षकों की सर्वे काउंसलिंग या किसी अन्य कार्य के डयूटी लगाईं गई थी। (ख) कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान जिले के कुल कितने शिक्षकों की मृत्यु हुई तथा इनमें से कितने शिक्षकों की मृत्यु कोरोना होने के कारण हुई है? (ग) खरगोन जिले में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले कितने शिक्षकों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जिला खरगोन शिक्षा विभाग अन्तर्गत विकासखण्ड कसरावद एवम् बड़वाह में करोना की दूसरी महामारी के दौरान कुल 385 शिक्षकों की सर्वे काउंसलिंग या किसी अन्य कार्य में डूयूटी लगाई गई थी। (ख) जिला खरगोन शिक्षा विभाग अन्तर्गत विकासखण्ड कसरावद एवम् बड़वाह में कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान कुल 26 शिक्षकों की मृत्यु हुई है तथा इनमे से कुल 15 शिक्षकों की मृत्यु कोरोना होने के कारण हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार। (ग) शासन के नियमानुसार एवम् पात्रत्रा अनुसार भुगतान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार।
पैथोलॉजी विभाग में त्रुटि सुधार
[चिकित्सा शिक्षा]
62. ( क्र. 594 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गां.चि.महा.स्वाशासी समिति भोपाल कार्यकारिणी की 59वीं बैठक दिनांक-01/03/2021 में अधिष्ठाता गां.चि.महा. भोपाल को पैथोलॉजी विभाग में पद रोस्टर संधारण में त्रुटि को सुधार कर अजजा के पद से पूर्ति करने को निर्देशित किया गया? यदि हाँ तो प्रश्न-दिनांक तक भी त्रुटि सुधार नहीं करने का विधिसम्मत कारण बताएं। इस त्रुटि पर किसकी क्या जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? कब त्रुटि सुधार कर उक्त पद को अजजा से पूर्ति की जाएगी। समय-सीमा बताएं। (ख) क्या गां.चि.कार्यालय अधिष्ठाता पत्र-क्रमांक-17587/एम.सी./4/स्था/राज/2021 भोपाल, दिनांक 21/06/2021 पत्र में अधिष्ठाता द्वारा त्रुटि सुधार करने के बजाय प्रकरण माननीय उच्च-न्यायालय में विचाराधीन बताया गया है? यदि हाँ तो क्या माननीय उच्च-न्यायालय द्वारा जनजाति सदस्य को नियुक्ति देने से रोक रखा है? यदि नहीं तो जनजाति सदस्य को नियुक्ति नहीं देने का विधि-सम्मत कारण बताएं। (ग) क्या कार्यकारिणी की 59वीं बैठक दिनांक 01/03/2021 और प्रकरण को माननीय उच्च-न्यायालय में जाने का दिनांक 06/05/2021 के बीच दो माह का अंतराल है? इस दो माह में अजजा उम्मीदवार को नियुक्ति से वंचित कर जानबूझकर त्रुटि की गई है। इसके लिए किसकी क्या जवाबदेही तय कर कब तक कार्यवाही की जाएगी? कार्यवाही नहीं की जाएगी तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) क्या कार्यालय अधिष्ठाता गा.चि.महा. भोपाल विज्ञप्ति क्र. 9938/एमसी/4/राज/2018 भोपाल, दिनांक 23/03/2018 में पैथोलॉजी विभाग सह-प्राध्यापक पद साक्षात्कार में आए उम्मीदवारों का प्रो-राटा उपलब्ध कराएं जावेंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हां। तत्समय कोविड महामारी की दूसरी लहर पीक पर होने के कारण समयाभाव के कारण त्रुटि में सुधार नहीं किया जा सका। उक्त प्रकरण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 9289/2021- डॉ. अर्चना श्रीवास्तव विरूद्ध अन्य में अंतरिम निर्णय दिनांक 19.07.2021 में यह निर्णय पारित किया है। "In view of facts and circumstances of case, any appointment made on post of Associate Professor Pathology shall be subjects to final outcome of this petition" की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। अत: माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। प्रकरण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 9289/2021- डॉ. अर्चना श्रीवास्तव विरूद्ध अन्य में अंतरिम निर्णय दिनांक 19.07.2021 में यह निर्णय पारित किया है। "In view of facts and circumstances of case, any appointment made on post of Associate Professor Pathology shall be subjects to final outcome of this petition". अत: माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हां। जी नहीं। तत्समय कोविड महामारी की दूसरी लहर की व्यस्तता होने के कारण प्रक्रिया बाधित हुई। प्रकरण में जानबूझकर कोई त्रुटि नहीं की गई है। प्रकरण में उत्तरांश ''क'' अनुसार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतिम निर्णय के अधीन विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हां।
गैरखातें की दखल रहित भूमि
[राजस्व]
63. ( क्र. 595 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के रैयतवारी ग्राम भोगईखापा से संबंधित अभिलेखागार में किस-किस वर्ष की मिसल बन्दोबस्त, गांव कायदा, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं आनलाईन खसरा पंजी उपलब्ध है उनमें खसरा क्रमांक 1 के संबंध में क्या-क्या ब्यौरा दर्ज है। (ख) खसरा क्रमांक 1 का कितना रकबा वन विभाग को किस दिनांक को आवंटित किया, कितने रकबे का वन विभाग को किस दिनांक को कब्जा सौंपा, खसरा क्रमांक 1 के कितने रकबे को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष मानचित्र में शामिल करने की किस दिनांक को अनुमति कलेक्टर बैतूल ने दी। (ग) घोड़ाडोंगरी तहसील में खसरा क्रमांक 1 के कितने रकबे पर महेश आत्मज नंदा के विरूद्ध किस कानून की किस धारा के तहत अतिक्रमण का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर किस दिनांक को कितना अर्थदण्ड किया गया। महेश आत्मज नंदा को किसके आदेश से दिनांक 21 जून 2021 को खसरा क्रमांक 1 से बेदखल किया गया। (घ) महेश आत्मज नन्दा को वनमण्डलाधिकारी के आदेश से 21 जून 2021 को बेदखल किए जाने का क्या कारण रहा है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम भोगईखापा, रैयतवाड़ी के तहसील अभिलेखागार (साइबर रिकार्ड रूम में) मिसल बंदोबस्त वर्ष 1916-17, निस्तार पत्रक वर्ष 1958-59, अधिकार अभिलेख वर्ष 1968-69 का स्कैन किया हुआ अभिलेख उपलब्ध है। ऑनलाइन खसरा पंजी वर्ष 2020-21 का ई-बस्ता उपलब्ध है। वर्ष 2020-21 के खसरा पंजी के अनुसार खसरा नंबर 01 रकबा 17.539 हे. भूमि मद चारागाह के रूप में दर्ज है। (ख) ग्राम भोगईखापा खसरा क्रमांक -1 रकबा 43.34 एकड़ ( सर्वे डिमारकेशन स्कीम एवं वनखंड की ब्लाक हिस्ट्री अनुसार ) भूमि को म.प्र.शासन राजपत्र दिनांक 01.08.1958 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 9 - x - 58 भोपाल दिनांक 10 जुलाई 1958 से संरक्षित वन भूमि घोषित किया गया। उक्त भूमि को सर्वे डिमारकेशन उपरांत तवा छतरपुर वनखंड अंतर्गत सम्मिलित करते हुये अधिसूचना कमांक / 12223 -दस -66 दिनांक 18.11.1966 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 11.08.1967 से भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा - 4 ( 1 ) के तहत अधिसूचित किया गया। खसरा क्रमांक -1 के रकबे को वर्किग प्लान, एरिया रजिस्टर, वन कक्ष मानचित्र में शामिल करने की अनुमति राजस्व विभाग द्वारा नहीं दी गई। (ग) न्यायालय तहसीलदार घोड़ाडोंगरी के प्रकरण क्रमांक 31 अ / 68 वर्ष 2015-16 में ख.नं. 01 कुल रकबा 17.539 हे . में से रकबा 2.023 हे. पर अतिक्रमण प्रकरण दर्ज कर महेश आत्मज नंदा को दिनांक 24 . 08.2016 के द्वारा 1500.00 ( एक हजार पांच सौ रूपये ) का अर्थदंड आरोपित किया जाकर बेदखली का आदेश किये गये थे। दिनांक 21.06.2021 को खसरा क्रमांक 1 से वनपरिक्षेत्राधिकारी सारनी के आदेश से बेदखल किया गया। महेश आत्मज नंदा द्वारा संरक्षित कक्ष क्रमांक - पी. - 481 रकबा 2.000 हे . वनभूमि में अतिक्रमण करने के फलस्वरूप वन अपराध प्रकरण क्रमांक - 137/09 दिनांक 28.10.2019 पंजीबद्ध किया गया, तद्उपरांत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा -80 ( अ ) में निहित प्रावधानों के अधीन नियमानुसार कार्यवाही करते हुये जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति बैतूल की बैठक दिनांक 30.07.2020 में लिये गये निर्णय के तहत विधिवत संयुक्त रूप से अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही दिनांक 21 जून 2021 को की गई। (घ) महेश आत्मज नंदा द्वारा संरक्षित कक्ष क्रमांक - पी. - 481 ( अधिसूचित वनखंड तवा छतरपुर के अंतर्गत ) रकबा 2.000 हे . वनभूमि में अतिक्रमण करने के फलस्वरूप वन अपराध प्रकरण क्रमांक -137 / 09 दिनांक 28.10.2019 पंजीबद्ध किया गया, तद्उपरांत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा -80 ( अ ) में निहित प्रावधानों के अधीन नियमानुसार कार्यवाही करते हुये जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति बैतूल की बैठक दिनांक 30.07.2020 में लिये गये निर्णय के तहत विधिवत संयुक्त रूप से अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही दिनांक 21 जून 2021 को की गई।
धारा 165 (6) का पालन
[राजस्व]
64. ( क्र. 602 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2005 से 2019 में इन्दौर उज्जैन सम्भाग में धारा 165 (6) के तहत आदिवासियों की 1712 हेक्टीयर जमीन 1584 प्रकरणों में बेचने की अनुमति दी गयी, यदि हाँ तो बतावें कि उसके एवज में आदिवासियों ने कितनी जमीन गैर आदिवासी से खरीदी तथा कितनी आदिवासी से खरीदी। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 2889 दिनांक 04.03.2021 के खण्ड ग के उत्तर में कलेक्टर द्वारा निरस्त किये गये। 115 प्रकरणों मे संभाग आयुक्त द्वारा दी गई अनुमति के संबंध में कलेक्टर तथा संभाग आयुक्त की प्रतियां देवें। (ग) इन्दौर उज्जैन के संभाग में जनवरी 2020 से जून 2021 तक धारा 165 (6) के तहत दी गई अनुमति की जिलेवार जानकारी देवे तथा आदेश की प्रति देवें। (घ) क्या आदिवासी की जमीन का डायवर्सन करा कर गैर आदिवासी को बिना सक्षम अनुमति के नहीं बेच सकता है यदि हाँ तो बतावें की इन्दौर उज्जैन संभाग में ऐसे कितने प्रकरण हुए उनकी सूची क्रेता-विक्रेता का नाम, गॉंव का नाम, जमीन का रकबा तथा खसरा सहित देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2005 से 2019 में इन्दौर संभाग में धारा 165 (6) के कुल 532 प्रकरणों में रकवा 851.489 हे. तथा उज्जैन संभाग में कुल 947 प्रकरणों में रकवा 868.619 हे. आदिवासियों की भूमि विक्रय की जाने की अनुमति जारी की गई। इसके एवज में अदिवासियों द्वारा कितनी भूमि गैर अदिवासी से या अदिवासी से क्रय की गई के संबध में जानकारी प्रथक से संधारित नहीं की जाती है। (ख) कलेक्टर द्वारा निरस्त किये गये 115 प्रकरणों में संभागायुक्त द्वारा दी गई अनुमति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ” अनुसार है। (ग) जनवरी 2020 से जून 2021 की अवधि में इन्दौर संभाग के जिला धार में 3, बड़वानी में 17 प्रकरणों में धारा 165 (6) के तहत अनुमति जारी की गई आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब” अनुसार है। इन्दौर संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। उज्जैन संभाग में जिला देवास में 4, आगर मालवा में 2, मंदसौर मे 6, नीमच में 82 प्रकरणों में अनुमति दी गई आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स” अनुसार है। उज्जैन संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है। आयुक्त उज्जैन के द्वारा इस अवधि में 11 प्रकरणों में अनुमति दी गई। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द” अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्नांश के संबध में इन्दौर और उज्जैन संभाग में कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 609 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत खरगोन जिले में कितने निर्माण कार्य वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किए गए हैं उनमें से कितने पूर्ण अपूर्ण अप्रारंभ है कार्य वार बताएं कितने कार्यों में एजेंसी पर कितनी राशि वसूली के लिए निकाली गई (ख) सर्व शिक्षा अभियान में भारत सरकार से मध्यप्रदेश को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस मद में प्राप्त हुई है राज्य शासन ने उपरोक्त वर्षों में कितनी राशि की मांग भारत सरकार से की थी वर्ष वार जानकारी बताएं एवं पत्राचार का विवरण देवें। (ग) क्या भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को मांग के अनुपात में कम राशि उपलब्ध कराई है यदि हाँ तो उपरोक्त अनुसार वर्षवार आंकड़े देवें। (घ) वर्तमान वित्तीय वर्ष एवं आगामी वित्तीय वर्ष के लिए राज्य शासन की क्या-क्या योजना है जिलेवार बतावे।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '1' पर है। वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक के निर्माण कार्यों में वसूली योग्य प्रकरण निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '2' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '3' पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '4' पर है।
मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
66. ( क्र. 611 ) श्री
रवि
रमेशचन्द्र
जोशी : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कभी खरगोन
जिले के लिए
मेडिकल कॉलेज
को केंद्र
शासन व राज्य
शासन द्वारा
स्वीकृति प्रदान
की गई थी? यदि हाँ तो
स्वीकृति
आदेश की
छायाप्रति
देवें व नहीं
तो कब तक
खरगोन में
मेडिकल कॉलेज
की स्वीकृति
दी जावेगी? (ख) क्या
मेडिकल कॉलेज
हेतु जमीन का
आवंटन भी किया
जा चुका था? यदि
हाँ तो किस
जमीन का आवंटन
किया है? पत्रों की
छायाप्रति
देवें।
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास सारंग
) : (क) जी
हां। केन्द्र
शासन द्वारा
दी गई स्वीकृत
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हां। जमीन
आवंटन के
अभिलेख पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है।
मछुआ सहकारी समिति का पंजीयन निरस्त किया जाना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
67. ( क्र. 618 ) श्री
राज्यवर्धन
सिंह : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
संचालक मत्स्योद्योग
मध्यप्रदेश
भोपाल द्वारा
कुंवर
चैनसिंह सागर
जलाशय (दूधी
डेम ) जिला
राजगढ़ में
मत्स्याखेट
हेतु निर्मित
अनुसूचित
जाति मछुआ सहकारी
समिति
मर्यादित
हिनोत्या
में सम्मिलित
ग्राम ढाबला, कुंवर
कोटरी एवं
होशियार
खेड़ी के सदस्यों
के शिकायती
आवेदन पर आवश्यक
कार्यवाही
हेतु कलेक्टर
जिला राजगढ़
को पत्र
दिनांक 09.12.2020 से लेख किया
गया था? यदि
हाँ तो प्रश्न
दिनांक तक उक्त
शिकायत के
संबंध में क्या
कार्यवाही की
गई, अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या उक्त
समिति का
पंजीयन न ही
नवीनीकरण
कराया गया, न ही
समिति का
नियमानुसार
कोई ऑडि़ट हुआ
हैं, साथ
ही समिति के
अध्यक्ष-सचिव
द्वारा
सम्मिलित
सदस्यों को
मत्स्याखेट
से रोका जाकर
बिहार राज्य
के मछुआरों से
कार्य कराया
जा रहा हैं? यदि
हाँ तो क्या
समिति के सदस्यों
द्वारा
अनेकोंबार
कलेक्टर
राजगढ़, उपायुक्त
सहकारिता
राजगढ़, जिला
मत्स्य
अधिकारी सहित
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व
नरसिंहगढ़ को
शिकायतें की
गई हैं? यदि
हाँ तो उक्त
संबंध में
प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार
क्या शासन
समिति सदस्यों
की शिकायत
अनुरूप उक्त
समिति का
पंजीयन निरस्त
कर अध्यक्ष-सचिव
के विरूद्ध
कोई
कार्यवाही
करेगा? यदि
हाँ तो क्या
और कब तक?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी
हां। कलेक्टर
जिला राजगढ़
को लिखे गये
पत्र के
अनुक्रम में
सहायक संचालक
मत्स्योद्योग
जिला राजगढ़
के पत्र
क्रमांक 681
दिनांक 02.02.2021 द्वारा उप
पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
जिला राजगढ़
को आवश्यक
कार्यवाही
हेतु लिखा गया
था। उप पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
जिला राजगढ़
ने अपने पत्र
क्रमांक 283
दिनांक 16.03.2021 से ब्रजेश
मेवाडे श्री
हरीश मेवाडे
एवं श्री
घीसालाल मेवाडे
ग्राम
ढाबला/हिनौत्या
को अवगत कराया
है कि मध्य
प्रदेश
सहकारी
सोसायटी
अधिनियम 1960 की
धारा 69
के अंतर्गत
किसी सोसायटी
के कम से कम
तीन चौथाई
द्वारा दिए गए
आवेदन के
प्राप्त
होने पर
परिसमापन की
कार्यवाही की
जाती है। आज
दिनांक तक
समिति के कम
से कम तीन चौथाई
सदस्यो से
हस्ताक्षरित
आवेदन प्राप्त
नहीं हुआ है।
अत: परिपालन
की कार्यवाही
नहीं की जा
सकी है। (ख) मध्य
प्रदेश
सहकारी
सोसायटी
अधिनियम 1960 की
धारा 31
के अंतर्गत
किसी सोसायटी
के पंजीयन के
उपरांत समिति
एक निगमित निकाय
होगी जिसका
शाश्वत उत्तराधिकार
होगा।
अधिनियम में
समिति के
नवीनीकरण का
प्रावधान
नहीं है
समितियों के
आडिट का कार्य
कार्यालय उप
पंजीयक
सहकारी संस्थाए
जिला राजगढ़
द्वारा वर्ष 2019-20 तक
किया जा चुका
है समिति के
अध्यक्ष
सचिव द्वारा
सम्मिलित
सदस्यों को
मत्स्याखेट
से नहीं रोका
जाता है।
समय-समय पर
जांच के दौरान
बिहार राज्य
के मछुआरों से
मत्स्याखेट
कराए जाने
संबंधी आरोप
असत्य एवं
निराधार पाए
गये है। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आलोक में
प्रश्न ही
उद्भूत नहीं
होता।
मत्स्य सहकारी समिति की लंबित जांच
[सहकारिता]
68. ( क्र. 619 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1787 दिनांक 12.10.2020 से संयुक्त आयुक्त महोदय सहकारिता विभाग भोपाल संभाग भोपाल को विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत मॉं काली मत्स्य सहकारी समिति मर्यादित ग्राम कुदाली में स्थानीय पात्र लोगों को सम्मिलित न कर अन्य अपात्र बाहरी व्यक्तियों को सम्मिलित करने सहित ग्रामवासियों के शिकायती आवेदन पर जांच करवाने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त समिति का कार्यकाल 10 वर्ष से अधिक हो चुका हैं एवं समिति के विरूद्ध कोई जांच एवं कार्यवाही नहीं होने से पात्र व्यक्तियों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा हैं? यदि हाँ तो कब तक जांच पूर्ण कर उक्त समिति का पंजीयन निरस्त किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां। उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं जिला राजगढ़ के द्वारा शिकायत की जांच श्री बी.एल. यादव सहकारी निरीक्षक एवं श्री किशोर महाजन, मत्स्य निरीक्षक से करवाई गई एवं प्राप्त जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित अनियमितताओं के कारण संस्था को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 69 (3) के अंतर्गत ''कारण बताओ सूचना'' पत्र क्र./ परिसमापन/2021/626, दिनांक 07/07/2021 जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ''क'' के अनुसार परिसमापन की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात तदनुसार कार्यवाही की जावेगी।
अस्पतालों की साफ-सफाई का कार्य
[चिकित्सा शिक्षा]
69. ( क्र. 624 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार अथवा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं उससे संबद्ध अस्पतालों के उपकरणों के संधारण, साफसफाई, सुरक्षा एवं धुलाई व्यवस्था केंद्र सरकारों के उपक्रमों से कराए जाने के लिए निर्देश आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में यदि ऐसे कोई आदेश जारी किए गए हैं? तो म.प्र. में कितने केंद्रीय उपक्रमों को चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालों में कौन-कौन से कार्य दिए गए हैं? और यदि आदेश नहीं दिया गया हैं? तो फिर क्यों केंद्रीय उपक्रमों को कार्य दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश ‘क’ और ‘ख’ के संदर्भ में केंद्रीय उपक्रमों को कार्य देने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए क्या निविदा निकाली गई थी? निविदा में कितने केंद्रीय उपक्रम शामिल हुए? निविदा की प्रति सहित संपूर्ण प्रक्रिया उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के संदर्भ में यदि निविदा नहीं निकाली गई तो केंद्रीय उपक्रमों के चयन का आधार क्या था? चयन की प्रक्रिया चयन के स्पष्ट कारण सहित उपलब्ध कराया जाए? कितने केंद्रीय उपक्रमों को किस-किस चिकित्सा महाविद्यालय और संबद्ध अस्पतालों में क्या-क्या काम और किस दर पर दिया गया है? संपूर्ण जानकारी अनुबंध सहित उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। जी हां, मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-8/2017/55-2, दिनांक 25/03/2017 द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय एवं सम्बद्ध अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरण क्रय, साफ-सफाई, सुरक्षा, धुलाई व्यवस्था जैसी नॉन कोर सेवाओं के कार्य आदेश दिये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखेपरिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-8/2017/55-2, दिनांक 25/03/2017 अनुसार कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखेपरिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के आलोक में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण भवनों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 625 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में 1 अप्रैल 2010 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन से प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों के भवन स्वीकृत किये गये हैं? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इनमें से कितने भवन पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ हैं? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं कौन-कौनसी कार्य ऐजेन्सी द्वारा कार्य किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय कन्या हायर सेकेण्ड्री विद्यालय रावजी पथ सिरोंज के भवन की कब स्वीकृति की गई? प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें? किस कार्य ऐजेन्सी द्वारा कार्य किया गया? कितना भुगतान किया गया? वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? कब तक कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा? तथा भवन निर्माण में देरी के लिए दोषी कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्राथमिक शाला वार्ड क्र. 09 चौड़ाखेड़ी सिरोंज, प्राथमिक शाला बंजारा टपरा (पारधा), माध्यमिक शाला पाटन, माध्यमिक शाला भूखरी, माध्यमिक शाला सालरी, माध्यमिक शाला आमखेड़ा, माध्यमिक शाला, मोतीगढ़, माध्यमिक शाला ओराखेड़ी, प्राथमिक शाला फोजपुर, प्राथमिक शाला पालपुर के भवन कब स्वीकृत किये गये? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? यदि उक्त भवन अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। निर्माण कार्य भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा कराया गया था। मूल स्वीकृति रू. 40.00 लाख की थी, आयुक्त, लोक शिक्षण की अध्यक्षता में लिये गये निर्णय अनुसार रू. 57.71 लाख का भुगतान किया गया है। एजेन्सी द्वारा अपूर्ण कार्य को ही पूर्ण बताया गया। एजेन्सी को इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्र. लोशिस/ भवन/पीएसी/2020/525, दिनांक 23.10.2020 द्वारा कार्य पूर्ण कराने हेतु लिखा गया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट-तीन पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम धनोरा स्टाप डेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 632 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुलाबगंज के ग्राम धनोरा में नेमन नदी पर 10 से अधिक ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु स्टॉप डेम प्रस्तावित है? (ख) क्या गुलाबगंज तहसील के ग्राम धनौरा में स्टॉप डेम निर्माण कार्य की फाईल क्र 373/8/31/20 दिनांक 28/06/21 उपसचिव मंत्रालय भवन में स्वीकृति हेतु लंबित है? (ग) क्या लंबित स्टॉप डेम निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है, यदि नहीं तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि विदिशा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील गुलाबगंज के ग्राम धनौरा में नेवन नदी पर 02 ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नेवन धनौरा स्टॉपडेम प्रस्तावित है। (ख) एवं (ग) भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला विदिशा को कृषि एवं जल संसाधन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए जाने के फलस्वरूप कृषि विभाग को प्राप्त राशि रू.03.00 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान के अंतर्गत आकांक्षी जिला कार्यक्रम के मार्गदर्शी निर्देशानुसार प्रस्तावित नेवन धनौरा स्टॉपडेम योजना के लिए विभाग को कार्य एजेंसी बनाया गया है। उक्त बैराज के निर्माण हेतु संबंधित विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही शासन स्तर पर प्रचलित है। प्रशासकीय स्वीकृति अन्य विभाग से संबंधित होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोरोना काल में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
72. ( क्र. 635 ) श्री
शशांक
श्रीकृष्ण
भार्गव : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा पत्र
क्रमांक 5566
दिनांक 23.04.2021 के माध्यम
से दिनांक 18.04.2021 एवं 19.04.2021 की रात
कोविड केयर
सेंटर मेडिकल
कॉलेज में ऑक्सीजन
की सप्लाई
बाधित होने से
हुई मृत्यु के
संबंध में
जानकारी चाही
थी? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक 5567
दिनांक 25.04.2021 के माध्यम
से कोविड केयर
सेंटरों में
ऑक्सीजन की
उपलब्धता के
संबंध में
जानकारी चाही
थी? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक 5589 दिनांक
21.05.2021 के
माध्यम से
कोविड केयर
सेंटर मे 1.04.2021 से 20.05.2021 तक
भर्ती किये
गये एवं डिस्चार्ज
किये गये
मरीजों की
जानकारी चाही
थी व पत्र
क्रमांक 5558
दिनांक 18.05.2021 के माध्यम
से उक्त
चिकित्सा
महाविद्यालय
में पदस्थ
स्टाॅफ की
जानकारी चाही
थी? (घ) यदि
प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के
क्रम में हाँ
तो क्या उक्त
जानकारी
उपलब्ध कराई
गई? यदि
नहीं तो कारण
सहित जवाब दें?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास सारंग
) : (क) जी
हां। उक्त
पत्र अधिष्ठाता
चिकित्सा
महाविद्यालय
विदिशा को
दिनांक 30/07/2021 को प्राप्त
हुआ। माननीय
विधायक महोदय
को पत्र
क्रमांक 3580, दिनांक
30/07/2021 को
जानकारी
प्रेषित की
गई। (ख) जी
हां। माननीय
विधायक महोदय
को तत्संबंधी
जानकारी पत्र
क्रमांक 2745, दिनांक
17/06/2021 को दे
दी गई है। (ग) जी हां। (घ) जी हां।
खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 643 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4582, दिनांक-22/03/2021के उत्तर उद्भूत तथ्यों पर प्रश्न दिनांक तक कोई जांच एवं कार्यवाही की गयी? हाँ, तो क्या? विवरण बताएं, नहीं तो क्यों? (ख) कोरोना महामारी के चलते गरीबों को भारत-सरकार और मध्यप्रदेश शासन की किन योजनाओं के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया एवं किया जा रहा हैं, योजना क्रियान्वन के मार्गदर्शी निर्देश क्या हैं? (ग) क्या कटनी जिले में प्रश्नांश (ख) योजना के क्रियान्वन में शासनादेशों /विभागीय निर्देशों के तहत कार्यवाही कर खाद्यान्न वितरित किया गया? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराये, और बताएं, कि उचित मूल्य दुकानवार कितना-कितना खाद्यान्न कितने हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक किस-किस माह में प्रदाय किया गया? (घ) प्रश्नांश "ग" के तहत कोरोना महामारी की द्वितीय लहर में कटनी तहसील के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने परिवारों को किस प्रक्रिया एवं सर्वे से वार्डवार एवं ग्रामवार योजना के तहत पात्र पाया गया और पात्र परिवारों की सूची कब-कब स्वीकृत कर अस्थायी पात्रता पर्ची जारी करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही, किस-किस स्तर पर कब-कब की गयी? (ड.) प्रश्नांश "घ" क्या पात्र पाये गए कई परिवारों को महीनों बाद भी प्रश्न दिनांक तक अस्थायी पात्रता पर्ची जारी नहीं हुई हैं और खाद्यान्न प्राप्त नहीं हुआ हैं? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि शासन की मंशा जरूरतमंद परिवारों को शीघ्रता से खाद्यान्न उपलब्ध करने की थी? यदि नहीं तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उचित मूल्य दुकानों में राशन सामग्री आपूर्ति के पूर्व दो बार स्टेक का चयन किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार पात्र परिवारों की सूची में शामिल हितग्राहियों को जिन योजनाओं में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया एवं जिनमें वितरण किया जा रहा है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। योजना के निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। (ग) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है। (घ) कटनी तहसील के नगरीय क्षेत्र में वार्डवार अस्थाई पात्रता पर्ची हेतु आवेदन करने वाले परिवार को निकाय के अधिकृत कर्मचारियों द्वारा शासन के निर्देशानुसार 326 परिवारों को दिनांक 09.05.2021 से 10.06.2021 तक एम-राशन मित्र पोर्टल में दर्ज किया गया, जिनमें से 283 पात्र परिवारों को माह जुलाई, 2021 में अस्थाई पात्रता पर्चियां जारी की गई हैं। इसी प्रकार कटनी तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में अस्थाई पात्रता पर्ची हेतु आवेदन करने वाले परिवारों को ग्राम पंचायतवार ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा 529 परिवारों की जानकारी एम-राशन मित्र पोर्टल पर दर्ज की गई थी जिसमें से माह जून, 2021 में 185 एवं जुलाई, 2021 में 227 पात्र परिवारों को अस्थाई पात्रता पर्चियां जारी की गई हैं। प्रक्रिया विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘इ’ अनुसार है। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि के संबंध में आदेश
[राजस्व]
74. ( क्र. 646 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम मुरार तहसील मुरार जिला ग्वालियर के भूमि सर्वे क्रमांक 1 पर अनुविभागीय अधिकारी मुरार जिला ग्वालियर द्वारा प्रकरण क्रमांक 6/14-15/172 (5) आदेश दिनांक 23.01.2015 से अनावेदक पर एक करोड़ रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया था? यदि हाँ तो आदेश की प्रति दें? क्या उक्त वसूली की जा चुकी है? यदि हाँ? तो कब? पावती उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें। (ख) क्या उक्त भूमि के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, मुरार द्वारा प्र.क्र.2065/2020-2021/ब-121 ग्वालियर दिनांक 05/04/2021 से ग्राम-मुरार के भूमि सर्वे क्रमांक पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था? यदि हाँ तो? आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें।क्या उक्त भूमि के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी मुरार के द्वारा 455/अ-2/2020-21 आदेश दिनांक 19/03/21 से डायवर्जन आदेश पारित किया था? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) ग्राम मुरार के सर्वे क्रमांक 1 की वर्तमान में नोइयत क्या है? क्या उक्त भूमि शासकीय नहर/नदीं है? यदि हाँ तो उक्त भूमि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं डायवर्जन किस नियम व आदेश के तहत किस अधिकारी द्वारा किया गया? क्या आदेश पुन: निरस्त किया गया? यदि हाँ तो निरस्त किए गए आदेश की प्रति दें? ऐसे गलत आदेश करने के लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है नाम, पद बतावें? क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या? और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। उक्त आदेश के विरूद्ध न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 16/ 2014-15/ अपील में अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 23/01/2015 को स्थिर रखा तत्पश्चात न्यायालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के प्रकरण क्र 16/ 2014-15/ अपील में पारित आदेश दिनांक 31/03/2015 के विरूद्ध न्यायालय आयुक्त महोदय ग्वालियर संभाग ग्वालियर के द्वारा पारित आदेश दिनांक 21/12/2016 से अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को यथावत रखने बावत् कलेक्टर महोदय का आदेश अपास्त किया गया। इसलिए वसूली का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। हाँ। डायवर्सन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ग) ग्राम मुरार के सर्वे क्रमांक 1/1/1, 1/1/2, 1/ 2, 1/ 3, भूमि स्वामी स्वत्व के है। ग्राम मुरार सर्वे क्रमांक 1/ 4 शासकीय है, जिसकी नोइयत नदी है। सर्वे क्र. 1/4 की अनापत्ति एवं डायवर्सन आदेश पारित नहीं किया गया है। खसरा प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ग' अनुसार है।
भूमि पट्टों के संबंध में
[राजस्व]
75. ( क्र. 647 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न 34 क्रमांक 1772 दिनांक 4 मार्च 2021 के प्रश्न के (ख) भाग में शासन द्वारा दिए पट्टों की कम्प्यूटर में अमल किए गए खसरों की प्रतिलिपि चाही गई थी जिसे तत्समय विभाग के निवेदन पर वि.स. सचिवालय द्वारा विलोपित किया गया था। (ख) इस बावत् प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय अध्यक्ष महोदय मध्यप्रदेश विधानसभा भोपाल को पत्र क्रमांक 235 दिनांक 9/3/21, पत्र क्रमांक 118 दिनांक 26/4/21 एवं पत्र क्रमांक 138 दिनांक 17/6/21 को आवेदन देकर आदिवासियों को दिए भूमि पट्टों के अमल के संबंध में जानकारी दिलाने हेतु पत्र दिया गया था तथा वि.स. सचिवालय द्वारा पत्र क्रमांक 6252/वि.स. 2021, दिनांक 26.03.21, स्मरण पत्र दिनांक 9.4.21 एवं 22.6.21 द्वारा ग्राम पंचायत ककरधा के ग्राम सूरजपुर, तहसील चीनौर, जिला ग्वालियर के 19 अनु.जाति एवं जनजाति के पट्टों को अमल कराकर कम्प्यूटर से प्राप्त खसरा नकल की प्रतियॉ उपलब्ध कराने हेतु प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को पत्र भी लिखे गए? यदि हाँ तो वि.स. सचिवालय द्वारा इतने पत्रों के लिखने के बाद भी जानकारी उपलब्ध न कराने के लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। (ग) क्या ऐसे लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के प्रति कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? अब कब तक चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय विधायक महोदय भितरवार के अतारांकित प्रश्न 34, क्रमांक 1772, दिनांक 04/05/2021 के प्रश्न के ‘क’ भाग मे वर्णित व्यक्तियों को पट्टे प्रदाय किये गये थे, किन्तु तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी डबरा द्वारा प्रकरण क्रमांक 38, अपील में पारित आदेश दिनांक 28/12/2005 द्वारा प्रदान किये गये पट्टों को निरस्त कर दिया गया जिस कारण उक्त पट्टों को कम्प्यूटर खसरे मे अमल नहीं किया गया है (ख) जी हाँ। चूँकि प्रश्नांश ‘क’ मे वर्णित पट्टे निरस्त हो जाने से कम्प्यूटर खसरे में अमल योग्य नहीं है अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
ऑनलाइन सूची उपलब्ध कराए जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 658 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या उक्त शिकायतों को कलेक्टर के संज्ञान में लाया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) जिला छतरपुर की जिन-जिन शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं? क्या उक्त दुकानों को निलंबन के आदेश जारी किए गए थे? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या जिला छतरपुर की नगर पंचायत सटई एवं घुवारा की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को निलंबित किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या उक्त शासकीय उचित मूल्य दुकानों के अध्यक्ष, प्रबंधक, विक्रेता एवं सहायक विक्रेता के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए जाएंगे? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त आदेश के संबंध में उच्च न्यायालय में केविएट दायर की जावेगी?यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (च) क्या शासकीय उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न का वितरण ऑनलाइन किया जाता है? यदि हाँ तो वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश की किन-किन शासकीय दुकानों द्वारा कितना ऑनलाईन खाद्यान्न प्रदाय किया एवं प्रदाय नहीं किया गया था? ऑनलाईन सूची उपलब्ध कराएं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला छतरपुर की शासकीय उचित मूल्य दुकानों की वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक 33 शिकायतें प्राप्त हुई है। गंभीर प्रकार की शिकायतों को कलेक्टर के संज्ञान में लाया जाता है। शेष शिकायतों का निराकरण सक्षम अधिकारी अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) तथा जिला मुख्यालय पर जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ख) जिले की दुकानों की सूची जिन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, दुकानों की सूची जिनमें निलंबन आदेश जारी हुए हैं तथा निलंबन आदेश जारी न होने के कारण, संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हां। सटई की जय गुरूदेव प्रा.सह.उप.भण्डार एवं नागरिक प्रा.सह.उप.भण्डार तथा घुवारा की गुरूदेव प्रा.सह.उप. भण्डार एवं बजरंग प्रा.सह.उप. भण्डार की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को निलंबित किया गया था। (घ) घुवारा की बजरंग प्रा.सह.उप. भण्डार की दुकान की जांच में विक्रेता दोषी पाये जाने पर विक्रेता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। सटई की दुकान के संचालक के विरूद्ध गंभीर अनियमिततायें नहीं पाये जाने पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। (ड.) घुवारा की बजरंग प्रा.सह.उप. भण्डार के संबंध में मान. उच्च न्यायालय में केविएट दायर की गई है। (च) जी हां। वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिले के परिवारों को ऑनलाईन खाद्यान प्रदाय की जानकारी की ऑनलाईन सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। खाद्यान प्रदाय नहीं किये जाने की सूची एईपीडीएस पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है।
प्रक्रिया का पालन न करने पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 659 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3030, दिनांक 4/3/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा जानकारी एकत्रित की जा रही है? उत्तर दिया गया था यदि हाँ तो क्या उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया है? यदि हाँ तो जानकारी की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रश्न क्रमांक 4759 दिनांक 11/3/2011 में उत्तर दिया था कि जांच प्रतिवेदन अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजनगर द्वारा प्रक्रिया का पालन न करते हुए दुकान आवंटन करना प्रतिवेदित किया गया है प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है तो क्या उक्त अधिकारी पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं की गई तो कारण स्पष्ट करें। (ग) जिला छतरपुर की किन शासकीय उचित मूल्य दुकानों द्वारा बेघर-बेसहारा खाद्यान्न का स्टॉक शेष बचा हुआ है तत्संबंधी सूचना दी गई है। विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) क्या उक्त सूचना पत्र पर कार्यवाही की गई थी? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। उक्त जानकारी को एकत्रित कर लिया गया है एवं जानकारी विधान सभा को प्रेषित कर दी गई है। उत्तर की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां। संपूर्ण दस्तावेजों एवं राजनगर में दुकानों के संबंध में तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक, रीवा के प्रतिवेदन के वैधानिक परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी (ग) जिले के केवल एक दुकान शिवम प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित बिजावर के द्वारा बेघर, बेसहारा का 212.95 क्विंटल गेहूं का स्टाॅक बचा होने की सूचना दी थी। (घ) एक दुकान संचालक द्वारा दी गई सूचना पर बेघर बेसहारा के खाद्यान्न को दुकान के लिए आवंटित खाद्यान्न में समायोजन हेतु जिला प्रबंधक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को लिखा गया।
लंबित राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
78. ( क्र. 665 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विगत 2 वर्ष में कितने-कितने राजस्व प्रकरण पंजीकृत हुए? कितने-कितने निरस्त हुए? कितने-कितने निराकृत हुए? (ख) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक को कितने राजस्व प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार बतावें। (ग) लंबित प्रकरणों के मामलों में शासन द्वारा कब-कब क्या क्या निर्देश जारी किये गये हैं? (घ) प्रकरणों के निस्तारण में देरी करने वाले, लंबित रखने वाले अधिकारियों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में विगत 2 वर्ष में कुल 147824 राजस्व प्रकरण पंजीकृत हुए जिसमें से 126160 प्रकरण निराकृत हुए है, तथा 1157 प्रकरण निरस्त हुए है। (ख) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल 16452 राजस्व प्रकरण लंबित है, तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) शासन स्तर लंबित प्रकरणों के मामलों मे प्रतिमाह समीक्षा कर निराकरण हेतु निर्देशित किया जाता है। (घ) प्रकरणों में निस्तारीकरण में देरी करने वाले/लंबित रहने के दशा में समय-समय पर समीक्षा बैठक में निर्देशित किया गया है कोविड-19 महामारी के कारण विगत मार्च 2020 से न्यायालयीन प्रक्रिया प्रभावित रहने से कार्यवाही नहीं की गई हैं।
वर्तमान रेत नीति
[खनिज साधन]
79. ( क्र. 671 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान रेत नीति के फलस्वरूप शासन को गत एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में कितना राजस्व लाभ अथवा हानि हुई हैं? (ख) क्या कैबिनेट सदस्यों में वर्तमान रेत नीति को लेकर मत भिन्नता थी? यदि हाँ, तो उक्त कैबिनेट बैठक के मिनट्स उपलब्ध करावें। (ग) इस वर्ष किन-किन रेत ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि की छूट दी गयी, किन-किन को अन्य कौन-कौन सी रियायतें दी गयी? (घ) क्या सरकार अवैध रेत उत्खनन रोकने में असफल रही है? यदि नहीं तो विगत एक वर्ष में अवैध खनन पर की गयी कार्यवाहियों के विवरण देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के तहत शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 700.29 करोड़ एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 (25.07.2021 तक) राशि रू. 331.32 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 दिनांक 30.08.2019 से लागू है। वर्तमान में कोई पृथक से नीति नहीं लागू की गई है। अत: प्रश्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोविड महामारी की दूसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा दिनांक 24.06.2021 से रेत खनिज के स्वीकृत ठेकों को राहत दिये जाने के संबंध में इस वर्ष निर्देश जारी किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस निर्देश की सीमा के तहत रेत ठेकेदारों को राहत दी गई है। पृथक से रेत ठेकेदारों को इसके अलावा कोई छूट अथवा रियायत प्रदान नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। रेत खनिज के अवैध उत्खनन के वित्तीय वर्ष 2020-21 में 634 प्रकरण दर्ज कर 204.19 लाख रूपये तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिनांक 26.07.2021 तक 86 प्रकरण दर्ज कर रूपये 22.49 लाख का अर्थदण्ड वसूल किया गया है।
इंसुलिन की खरीदी
[सहकारिता]
80. ( क्र. 675 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ द्वारा वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक इंसुलिन की खरीदारी बायोकॉन एवं अन्य कंपनियों से की गई है यदि हाँ तो कंपनियों से 3 वर्षों में कुल कितने मूल्य की इंसुलिन दवाओं की खरीदी की गई है इन दवाओं का भंडारण अनुमति पत्र किसके द्वारा दिया गया था और दवाओं का विक्रय किन-किन कंपनियों को किया गया है सभी के क्रय विक्रय बिल का विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि संघ के विरूद्ध जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से कितनी शिकायतों की जांच पूर्ण हो गई है कितनी शिकायतें अभी लंबित हैं, उपरोक्त शिकायतों की जांच किन अधिकारियों द्वारा की जा रही है? जांचो की वर्तमान परिस्थिति एवं आवेदकों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ द्वारा मात्र बायोकॉन कंपनी से रू. 4, 24, 62, 540.24 (समस्त करों सहित) मूल्य की इंसुलिन क्रय की गई। इंसुलिन के भंडारण हेतु ड्रग एवं कास्मेटिक एक्ट 1940 के अन्तर्गत औषधि अनुज्ञप्ति लायसेंसिंग अथोरिटी से प्राप्त की गई है। इंसुलिन क्रय-विक्रय के बिल का विवरण क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
गैस राहत अस्पताल में सोनोग्राफी/एक्स-रे मशीन का खराब होना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
81. ( क्र. 695 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित गैस राहत अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीन, एक्स-रे मशीन देखरेख के अभाव में खराब पड़ी हुई है जिस कारण अस्पतालों में इलाज कराने आई महिलाओं मुख्य रूप से प्रसव के लिये आये रोगियों को सोनोग्राफी तथा एक्स-रे बाहर से कराना पड़ती है? (ख) यदि हाँ तो गैस राहत अस्पतालों में जांच मशीनें बंद होने की ऐसी दुर्दशा के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या गैस राहत अस्पतालों में मशीन ऑपरेटरों की सेवानिवृत्ति होने के उपरांत भी उसी कर्मी की संविदा के रूप में नियुक्ति कराई जाकर मशीन ऑपरेटर का कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। गैस राहत विभाग के चिकित्सालयों में जहा सोनोग्राफी एवं एक्स-रे मशीन की सुविधा उपलब्ध है वहाँ दोनों मशीनें कियाशील हैं। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
राशन की दुकानों में कंकर मिट्टी मिला राशन देना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 696 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उचित मूल्यों की दुकानों द्वारा राशन वितरण के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाकर गरीबों को गेहूं के स्थान पर बाजरा तथा गीला कंकर मिट्टी वाला अनाज बांटा जा रहा है? (ख) यहा हां तो शासन द्वारा लॉकडाउन की अवधि में गरीबों को 3 माह का राशन देने की योजना थी किन्तु राशन दुकानदारों द्वारा केवल 1 ही माह का राशन वितरित किया गया? यदि हाँ तो इसके क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला परिवार जो केवल इसी राशन पर निर्भर रहता है, उनके साथ ऐसा सौतेला व्यवहार करने के लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किलोग्राम प्रतिमाह/प्रति सदस्य के मान से वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत माह मई से नवम्बर, 2021 तक 5 किलोग्राम प्रतिमाह/प्रति सदस्य नि:शुल्क अतिरिक्त वितरण किया जाएगा। समर्थन मूल्य पर मोटा अनाज उपार्जन नीति अनुसार प्रदेश में उपार्जित मोटा अनाज का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत कराए जाने के कारण प्रदेश में उपार्जित बाजरा का वितरण पात्र परिवारों को कराया गया है। पात्र परिवारों को एफएक्यू गुणवत्ता का खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। गुणवत्ता में कमी संज्ञान में आने पर हितग्राहियों को वितरण नहीं कराया जाता है। प्रदेश में गीला, कंकड़ एवं मिट्टीयुक्त खाद्यान्न उचित मूल्य दुकान से पात्र परिवारों को वितरण करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) कोविड-19 की लॉकडाउन अवधि माह अप्रैल से जून, 2021 का एकमुश्त नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण कराया गया है। पात्र परिवारों की पहचान बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर की जाकर राशन वितरण की व्यवस्था है। पात्र परिवारों को पात्रतानुसार राशन का वितरण कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत नियमित एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अतिरिक्त रूप से नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण कराया गया है। इसके अतिरिक्त गरीब परिवारों को पात्रता संबंधी घोषणा-पत्र के आधार पर 10.23 लाख हितग्राहियों को अस्थाई पात्रता पर्ची पर माह मई से अगस्त, 2021 तक राशन का वितरण कराया जा रहा है। इस प्रकार, गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हज कमेटी में तृतीय श्रेणी के कर्मचारी की पदस्थापना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
83. ( क्र. 698 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी का पद हज एक्ट के मुताबिक तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति पर दिया जा सकता है? यदि हाँ तो किन-किन तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को आज दिनांक तक यह पद दिया गया है? (ख) क्या तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त कर वेतन आहरण के अधिकार भी दिये गये हैं यदि हाँ तो किस आधार पर आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या तृतीय श्रेणी कर्मचारी को कार्यपालन अधिकारी पद पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है तो क्या उसे पदमुक्त किया जायेगा अथवा नहीं।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। विभाग अंतर्गत मुस्लिम वर्ग से उपसचिव स्तर के अधिकारी की पदस्थापना उपरांत पदमुक्त कर दिया जायेगा।
स्टाप डेमों की स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रण
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 704 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में पाडसुत्या और बागेडी स्टॉप डेम की निविदा आमंत्रित करने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? टेण्डर स्वीकृत कर कार्यादेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे? (ख) नागदा स्थित चम्बल नदी पर चामुण्डा माता बैराज की योजना की स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) बोरदिया बैराज की स्वीकृति प्रदान कर कब तक टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे? (घ) नागदा स्थित बनबना तालाब के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है? यदि नहीं की गई है तो कब तक राशि स्वीकृत कर दी जाएगी? (ड.) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में स्टॉप डेम, तालाब के निर्माण हेतु कौन-कौन सी साईडे चिन्हित की हैं? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है कितनी योजनाओं को प्रमुख अभियंता कार्यालय प्रेषित किया गया है? (च) क्या वाचाखेड़ी तालाब की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक अतिक्रमित होने के कारण पाड़सुत्या और बागेड़ी स्टॉपडेम की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) चामुण्ड़ा माता बैराज चिन्हित परियोजना है, वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक की सीमा शिथिल करने के पश्चात कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) बोरदिया बैराज का प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने पर, वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु निर्धारित सूचकांक की सीमा के अंदर होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति दिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) बनबना (पाड़ल्या) तालाब के जीर्णोंद्धार का प्रस्ताव शासन स्तर पर अप्राप्त होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (च) जी नहीं, बाचाखेड़ी तालाब की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति की आगामी बैठक में रखे जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम में कोरोना के कारण उम्र की सीमा बढ़ाना
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 705 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में आर.टी.ई. की साईट चालू नहीं की गई थी? यदि हाँ तो क्या वर्ष 2020 में आर.टी.ई. की साईट चालू नहीं होने से कई बच्चे इस वर्ष आर.टी.ई. में उम्र बढ़ जाने के कारण फार्म नहीं भर पाए हैं तथा आर.टी.ई. के तहत नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार से वंचित हुए हैं? यदि हाँ तो क्या शासन ऐसे बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम में उम्र बढ़ाने संबंधी कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? विवरण दें। (ख) विधान सभा प्रश्न क्र. 1951 दिनांक 01/03/2021 के प्रश्न (ग) के उत्तर में स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा बताया गया कि शासकीय माध्यमिक शाला निपानिया हेतु स्वीकृति बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है तो क्या शासकीय माध्यमिक शाला निपानिया को हाई स्कूल में उन्नयन हेतु स्वीकृति कर अनुपूरक बजट में क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या सी.एम. राईजिंग स्कूल खोलने की स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ तो कब तक सी.एम. राईजिंग स्कूल खोले जाएंगे? नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कितने सी.एम. राईजिंग स्कूल खोले जाएंगे? नागदा-खाचरौद क्षेत्र में खोली जाने वाली शाला का नाम, स्थान सहित संपूर्ण विवरण दें। (घ) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने भवन विहीन माध्यमिक शाला, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं? उनके भवनों के निर्माण हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आरटीई के तहत निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया की साईट तत्समय कोविड-19 के कारण बंद रहीं है। जो बच्चे उम्र बढ जाने के कारण फार्म नहीं भर पाएं है, उनके लिए सत्र 2020-21 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत निःशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. राशिके/आरटीई/3117, दिनांक 08.06.2021 द्वारा निर्देश जारी किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वर्तमान में सी.एम. राईज योजनान्तर्गत प्रदेश में 9200 सर्वसुविधा सम्पन्न स्कूलों के चिन्हांकन एवं चयन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण विभाग द्वारा विद्यालयों के उन्नयन की कार्यवाही स्थगित रखी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, सी.एम. राईज योजनांतर्गत शालाओं के चयन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नागदा-खाचरौद विधानसभा अंतर्गत कोई भी माध्यमिक शाला भवन विहीन नहीं है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी परिशिष्ट-1 पर है। भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाईस्कूल, हायर सेकेण्ड्री में प्राचार्य पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 710 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2017 के पश्चात उज्जैन संभाग में कुल कितने हाई स्कूल, हायर सेकेण्ड्री के प्राचार्य रिटायर हुये? सेवानिवृत्ति उपरांत कितनों की ग्रेज्युटी एवं अन्य भुगतान शेष है? (अविवादित प्राचार्य ) (ख) उज्जैन संभाग में कितने हाईस्कूल/ हायर सेकेण्ड्री स्कूल प्राचार्य विहीन हैं। इन पदों पर पूर्ण करने हेतु शासन की क्या योजना है। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित रिक्त प्राचार्य पदों की पूर्ति के लिये क्या वरिष्ठ अध्यापकों को क्रमोउन्नत किया जायेगा यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो प्राचार्य पद की पूर्ति हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) उज्जैन संभाग में कितने वरिष्ठ अध्यापकों को ड्राईंग पावर दिये गये है सिर्फ संख्या बतायें?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।पदोन्नति पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में स्थगन है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा काई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत किसी भी वरिष्ठ अध्यापक को ड्राईंग एण्ड डिस्वर्शमेन्ट पावर प्रदान नहीं किये गये है।
राजस्व रिकार्ड में रजिस्टर्ड अवैध कालोनियां
[राजस्व]
87. ( क्र. 712 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर जिलों की अवैध कॉलोनियों में कितनी भूमियों की रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं? क्या राजस्व रिकार्ड में कॉलोनियों के बगीचों की भी रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्रियां तो हो चुकी हैं किन्तु उन्हें निर्माण कार्य (मकान) की अनुमति नहीं है? (ग) उक्त जिलों में कितनी शा. भूमियों पर किस-किस तरह का अतिक्रमण है? भूमिवार जानकारी देवें। (घ) गत 5 वर्षों में राजस्व विभाग के कितने कर्मचारियों पर लोकायुक्त के प्रकरण दर्ज हैं एवं उनकी वर्तमान स्थिति क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मन्दसौर एवं रतलाम जिले में पंजीयन विभाग में भूमियों की रजिस्ट्री का अभिलेख वैध अथवा अवैध कॉलोनियों के आधार पर संधारित नहीं किया जाता है। राजस्व रिकार्ड में कॉलोनियों के बगीचे, के नाम से दर्ज भूमियों के दस्तावेज की पहचान नहीं हो पाने के कारण ऐसी कोई जानकारी संधारित नहीं है। मन्दसौर नगर पालिका द्वारा दी गई जानकारी अनुसार अभिनंदन नगर विस्तार 1 की कॉलोनी मे बगीचे की भूमि को बेच दिया गया है, उक्त कॉलोनी अविकसित होकर नगर पालिका को हस्तांतरित नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भित मंदसौर एवं रतलाम जिलों में निकायों द्वारा अवैध कॉलोनियों मे मकान निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाती है। (ग) मंदसौर एवं रतलाम जिले की अतिक्रमण की जानकारी परिशिष्ट ‘’अ‘’ अनुसार संलग्न है। (घ) जिला मन्दसौर में राजस्व कर्मचारियों पर गत 5 वर्षो में लोकायुक्त के कुल 5 प्रकरण दर्ज हुवे है। उक्त पटवारियों के प्रकरण न्यायालय में प्रचलित है। रतलाम जिले में गत 5 वर्षो में राजस्व विभाग के 05 कर्मचारियों पर लोकायुक्त के प्रकरण दर्ज हुये है। प्रकरण वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन होकर 04 कर्मचारियों अन्य जगह पर पदस्थ तथा 1 कर्मचारी को निलंबित किया गया है तथा माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जाने संबंधी कार्यवाही अपेक्षित है।
उच्चतम अंक प्राप्त छात्रा को एम.एस.सी. नर्सिग में प्रवेश का प्रदाय
[चिकित्सा शिक्षा]
88. ( क्र. 719 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिष्ठाता नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के पत्र क्रमांक/नर्सिंग/21/6529 जबलपुर, दिनांक 29.06.2021 की सूचना के तहत मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में एम.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु योग्य उम्मीदवारों की प्रेस विज्ञप्ति की सूची जारी की गई है? (ख) यदि हाँ तो सूची के सरल क्रमांक 35 एवं रोल नं. M035 की छात्रा रिषिका कोठारी, पिता श्री विल्सन विनीत कोठारी, जिसके कि 75 प्रतिशत सूची में उच्चतम होने के बाद भी छात्रा का चयन नहीं किया गया? चयन न किये जाने के क्या कारण है? जानकारी पूर्ण विवरण सहित दी जावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हां। (ख) संचालनालय चिकित्सा शिक्षा, भोपाल के पत्र क्रमांक 591-96/स्था/नर्सिंग/2021, दिनांक 12/04/2021 से जारी एम.एस.सी नर्सिंग पाठ्यक्रम 2020-21 में प्रवेश हेतु आवश्यक दिशा निर्देश के बिन्दु क्रमांक 08 अनुसार प्रवेश हेतु मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन चिकित्सा महाविद्यालयों से संबंधित चिकित्सालयों एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन चिकित्सालय में कार्यरत महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जायेगी। शासकीय उम्मीदवार उपलब्ध न होने की दशा में निजी उम्मीदवार को मेरिट अनुसार प्रवेश दिया जायेगा चयनित उम्मीदवार सूची संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। सरल क्रमांक 35 एवं रोल क्रमांक 35 रिषिका कोठारी, पिता श्री विल्सन विनीत कोठारी ने 75 प्रतिशत अर्जित किये है, विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश की कण्डिका 8 अनुसार चयन नहीं श्रेणी में रिषिका कोठारी अनारक्षित वर्ग पात्र न होने कि स्थिति चयन नहीं किया गया। दिशा निर्देश संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार।
खदानों के उत्खनन से प्राप्त शुल्क
[खनिज साधन]
89. ( क्र. 722 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की खदानों से कितना अधिकार शुल्क प्राप्त हो रहा है? (ख) यदि नहीं हो रहा है तो क्या उत्खनन नहीं किया जा रहा है? (ग) यदि उत्खनन और अधिकार शुल्क में अंतर है तो उस अंतर के क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में खनिजों से अधिकार शुल्क प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में स्थित उत्खनिपट्टों से जनवरी, 2021 से 26.07.2021 तक 3.52 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्खनन के अनुरूप रायल्टी प्राप्त हो रही है। अत: अंतर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारिता विभाग में जीवन बीमा पॉलिसी
[सहकारिता]
90. ( क्र. 728 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक किन जिला सहकारी बैंकों द्वारा जीवन बीमा समूह पॉलिसी, कितने बीमा कवर की किस बीमा कम्पनी से ली गई कुल कितने कृषकों के लिये ली गई तथा कितना प्रिमियम भुगतान हुआ? उक्त बीमा कराने में क्या कृषकों की सहमति ली गई? यदि नहीं तो बिना सहमति के बीमा कराने हेतु कौन उत्तरदायी है? (ख) कुल कितने क्लेम कंपनी को प्रस्तुत हुये, कितने स्वीकृत हुये कितने क्लेम लंबित है, वर्षवार बैंकवार जानकारी दें। जो क्लेम लंबित है उनके लिये बीमा कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र क्रमश: 1, 2 एवं 3 अनुसार है।
मछुआ परिवारों को बोनस का वितरण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
91. ( क्र. 733 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 15 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहता है? यदि हाँ तो क्या शासन इस अवधि में मछुआ परिवारों के भरण पोषण के लिए कोई आर्थिक सहायता मुहैया कराता हैं? यदि हाँ तो विस्तार से जानकारी प्रदान करें? (ख) यदि नहीं तो क्या इस दो माह की अवधि के लिए शासन इन बेरोजगार मछुआ परिवारों को मत्स्य महासंघ की आय से बोनस (तेंदुपत्ता संग्राहकों की तरह) देने की किसी योजना पर विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक और प्रति परिवार बोनस या सहायता राशि की दरें क्या होंगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हां। बन्द ऋतु अवधि में मछुआरों के लिए बचत सह राहत योजना एवं आजिविका सहयोग योजना संचालित है। जानकारी परिशिष्ट संलग्न अनुसार। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के आलोक में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नदी किनारे के जल भूमि का आवंटन
[राजस्व]
92. ( क्र. 736 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परम्परागत निवासियों एवं खेती करने वाले नागरिकों को भू आवंटन के कौन-कौन से नियम या अधिनियम है? (ख) नदियों एवं प्राकृतिक जल स्रोतों के समीप रहने वाले जलवंशी परिवार जो अपनी जीविका खरबूज, तरबूज, सिंघाड़े आदि की खेती परम्परागत रूप से सदियों से करते आये हैं, क्या इनकी पहचान बनाये रखने और इनकी आजीविका के लिये ऐसे परिवारों को सरकार पट्टा देने की कोई योजना पर विचार कर रही है, यदि हाँ तो कब तक ऐसी योजना लागू होगी यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन वन अधिकार अधिनियम की तरह जल भूमि अधिकार अधिनियम बनाकर वंश परंपरागत, जलवंशी परिवारों को उस समय जब जल भराव से रिक्त भूमि पर खेती करने देने का नियम बनाएगी ताकि राजस्व व पंचायत के मैदानी अधिकारियों की दमनकारी गतिविधियों से उनकी रक्षा हो सके? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि पर निवासरत अधिभोगियों को उनके निवास की भूमि के पात्रता अनुसार पट्टे/भूमिस्वामी प्रमाण पत्र दिए जाने के संबंध में व्यवस्था धारणाधिकार परिपत्र दिनांक 24.09.2020 अनुसार है तथा कृषि प्रयोजन के लिए भूमि स्वामी स्वत्व में भूमि के आवंटन की व्यवस्था म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 के अध्याय-सात के अनुसार है। (ख) जी, नहीं। (ग) जल स्रोतों के संरक्षण के दृष्टिगत वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है।शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
पत्थर एवं रेत के अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 745 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डांग पहाड़, बिरखड़ी, कीरतपुरा, डिरमन पाली-बडैरा, चम्हाड़ी एवं झांकरी में पत्थर, गिट्टी की किन-किन व्यक्तियों/फर्मो को कहां-कहां, किस-किस ग्राम के सर्वे क्रमांक में क्रेशर लगाकर उत्खनन करने की स्वीकृतियां कब-कब और कितनी-किनती अवधि के लिए दी गई तथा पर्यावरण एवं ब्लास्टिंग की स्वीकृति किन-किन के द्वारा नहीं ली गई? (ख) प्रश्न दिनांक तक किन-किन फर्मो/व्यक्तियों पर पत्थर/रेत/अन्य खनिजों की कितनी-कितनी राशि कब-कब से बकाया है? बकाया राशि की वसूली न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या भगवती इन्फ्राटेक कंपनी के डायरेक्टर चेतन प्रकाश गुप्ता द्वारा डिरमन पाली तहसील में नियम विरूद्ध 200 फीट गहरे गड्डे कर अवैध उत्खनन की जांच कराई जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) भिण्ड व दतिया जिले में किन-किन व्यक्तियों/फर्मों को वर्षाकाल हेतु कहां-कहां, कितने-कितने घन मीटर रेत भण्डारण की अनुमति दी गई? क्या भण्डारण स्थानों पर स्वीकृति अनुसार भण्डारण न होने की जांच की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भिण्ड गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डांग सरकार, पहाड़, डिरमन व पाली डिरमन एवं झांकरी में क्रेशर आधारित खनिज पत्थर के स्वीकृत उत्खननपट्टों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। ग्राम बिरखड़ी, कीरतपुर, बडेरा एवं चम्हाड़ी में कोई भी खदान स्वीकृत नहीं है। पर्यावरण एवं ब्लास्टिंग के संबंध में भी जानकारी उक्त परिशिष्ट के कॉलम 8 में दर्शित है। (ख) गोहद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत उत्खनिपट्टों की बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। गोहद विधानसभा क्षेत्र में रेत की कोई खदान स्वीकृत नहीं है अतः रेत की बकाया का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) भिण्ड जिले में मेसर्स भगवती इन्फ्राटेक के विरूद्ध शिकायती आवेदन प्राप्त होने पर नायब तहसीलदार, तहसील वृत्त देहगांव गोहद से जाँच कराई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के तहत रेत भण्डारण की अनुमति प्रदान किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधानों के तहत भंडारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं प्रपत्र-द अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति राशि वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
94. ( क्र. 746 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में तहसील गोहद जिला भिण्ड के कितने ग्रामों में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की क्षतिपूर्ति की राशि कितने किसानों को कितनी भुगतान की गई? (ख) क्या अनेक ग्रामों में बिना ओलावृष्टि के तहसीलदार गोहद ने जांच दल के सदस्यों एवं पटवारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रूपए का फर्जी भुगतान कर शासन को क्षति पहुंचाई है? (ग) यदि हाँ तो फर्जी भुगतान की शिकायतें होने पर तहसीलदार गोहद श्री रामजीलाल वर्मा ने कुछ ग्रामों के किसानों पर दबाव डालकर वसूली की गई तथा राशि गोहद कोषालय में 8443-00-101-0000 में चालानों के माध्यम से जमा करा दी है? जमा राशि किन-किन किसानों से वसूल की गई? नाम व ग्राम सहित बताएं। (घ) क्या ओलावृष्टि की जांच तहसीलदार ने स्वयं कर आदेश शीट पर आदेश कर उप कोषालय गोहद के बाबू श्री विकास ऋषिश्वर द्वारा भुगतान कराया गया है? (ड.) वर्ष 2020 में गोहद तहसील में हुई ओलावृष्टि की जांच कराकर कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 में तहसील गोहद जिला भिण्ड के कुल 46 ग्रामों में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि कुल 17187 किसानों को रूपये 312451321/- राशि भुगतान की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) किसानों पर दबाव डालकर राशि वसूली नहीं की गई। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) अनुविभागीय अधिकारी, गोहद द्वारा सर्वे जांच के रिपोर्ट के आधार पर दोषी दो पटवारी श्री कुलदीप सिंह एवं निशांत खरे के विरूद्ध थाना गोहद में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
वृहद परियोजना के कार्य
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 749 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की मोहनपुरा जलाशय (प्रधानमंत्री, माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लोकार्पण) व कुण्डालिया वृहद परियोजना (माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लोकार्पण) की प्रेशर पाईप नहरों द्वारा खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र की खिलचीपुर तहसील एवं जीरापुर तहसील के ग्रामों को मूर्तरूप से सिंचाई हेतु पानी एजेंसीवार कब तक देना संभव होगा? (ख) उक्त दोनों योजना में कार्यरत एजेंसी (जो कि खिलचीपुर विधान सभा में कार्य कर रही है) के द्वारा मूल निविदा में आवंटित समयावधि में कितने प्रतिशत कार्य एवं बढ़ाई गई समयावधि में कितना प्रतिशत कार्य किया गया? समयावधि का उल्लेख करते हुए बतावें। साथ ही कुण्डालिया वृहद परियोजना की इन्टेक चैनल का कार्य करने वाली एजेंसी द्वारा पानी के अंदर कितने किलोमीटर में चैनल का कार्य नहीं किया गया है? (ग) समयावधि में माननीयों के लोकार्पण होने के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं होने पर कार्यरत एजेंसी पर क्या कार्यवाही अथवा अर्थदण्ड आरोपित किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन परियोजनाओं की कार्य एजेंसियों द्वारा वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 के उपलब्ध कार्य सत्र माह मार्च से जून में कोविड-19 महामारी की विषमताओं के उपरांत भी संलग्न प्रपत्र-''ब'' अनुसार कार्य पूर्ण किया जाना एवं शेष कार्य बढ़ाई गई समयावधि में पूर्ण कराया जाना प्रतिवेदित है अत: एजेंसी पर किसी प्रकार की कार्यवाही अथवा अर्थदण्ड की स्थिति नहीं है।
भूमिगत पाईप लाईन के कार्य
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 750 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत निर्माणाधीन कुण्डालियां एवं मोहनपुरा वृहद परियोजना के अंतर्गत प्रेशर भूमिगत पाइन लाईन के कार्य में कृषकों को म.प्र. भूमिगत पाइप लाईन केबल एवं डक्ट (भूमि की उपयोक्ता के अधिकारों का अर्जन) अधिनियम, 2012 (क्रमांक 5 सन् 2013) की धारा 4 उपधारा (1) के अनुसार प्रतिकर का निर्धारण का फसल से आय की क्षति एवं अन्य सम्पतियों का इन कृषकों को कितनी फसल (हेक्टेयर) एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया? कृपया एजेंसीवार जानकारी देवें। साथ ही, सक्षम अधिकारी द्वारा की गई अनुमति का भी उल्लेख करें। (ख) उक्त अधिनियम के अंतर्गत धारा 4 उपधारा (1) उपघोषणा का प्रकाशन भू-अर्जन हेतु कब किया गया? इस अधिनियम के अंतर्गत कृषकों को दिए गए मुआवजा राशि एवं कितनी भूमि का मुआवजा दिया गया, उसकी जानकारी एजेंसीवार, दोनों वृहद परियोजना की अलग-अलग देवें। (ग) अगर कृषकों को फसल से आय की क्षति कृषकों का प्रतिकर एवं अन्य हानि के साथ ही भूमि मुआवजा (बाजार मूल्य का 15 प्रतिशत) के बिना कार्य करवाया जा रहा है, तो उसके पीछे दोषी कौन हैं एवं शासन स्तर पर दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उचित प्राधिकरण (विभाग) स्तर से कार्यवाही प्रारंभ कर सक्षम प्राधिकरण (भू-अर्जन अधिकारी) स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, सक्षम अधिकारी की अनुमति अप्राप्त है। (ग) वांछित दस्तावेज प्रदान करने वाले कृषकों को फसल से आय की क्षति, कृषकों को प्रतिकर एवं अन्य हानि के साथ ही भूमि मुआवजा देकर एवं शेष कृषकों को राशि सक्षम प्राधिकरण (भू-अर्जन अधिकारी) पर सुरक्षित कर ही कार्य कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता एवं शिकायत के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 756 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न 1265, उत्तर दिनांक 8-3-21 के बिन्दु (घ) के उत्तर में लेख किया गया है कि शिकायत संज्ञान में नहीं आई जबकि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग, रीवा ने अपने पत्र क्र./सर्त./2/2020/1052 रीवा, दिनांक 22/09/2020 से उक्त संस्था प्रमुख कार्यकाल एवं अनियमितता की जांच प्राचार्य शा.उ.मा. डभौरा, शा.उ.मा. सितलहा से संयुक्त जांच कराई जा रही है। इसकी जांच शिक्षण अधि. त्योंथर द्वारा कराई जा रही है। (ख) यदि (क) हां तो क्या यह माना जावेगा कि डी.पी.सी. रीवा सदन को झूठी जानकारी देने एवं दोषी शिक्षक को बचाने का दोषी है? यदि हाँ तो दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक जांच प्रतिवेदन प्राप्त कर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करा देंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संस्था एवं संस्था प्रमुख के कार्यकाल में विद्यालय के खाते से राशि अन्य खातों में समायोजित की गई है। उन खातेदारों का नाम, पिता का नाम, व्यवसाय तथा किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि भेजी गई है, अंकित कर बैंक स्टेटमेंट के साथ सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के डी.पी.सी. रीवा द्वारा कोरोना काल के प्रथम एवं द्वितीय चक्र के दौरान C.A.C., B.A.C., B.P.L. का क्षेत्र भ्रमण में किन-किन ब्लाकों में कितने-कितने एरियर्स राशि का भुगतान किया गया है? ब्लाकवार भुगतान राशि की जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र रीवा के द्वारा दी गई जानकारी के परीक्षण हेतु कलेक्टर रीवा को राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक/राशिके/प्रोत्साहन/2021/4057, भोपाल दिनांक 3/08/2021 के माध्यम से लेख किया गया है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शाला प्रबंध समिति के खाते से राशि अन्य खातों मे समायोजित की गई है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '1' एवं बैंक स्टेटमेंट की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '2' अनुसार है। (घ) कोरोना काल के प्रथम एवं द्वितीय चक्र में CAC, BAC का भ्रमण भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है।
एससी/एसटी वर्ग के व्यवसायिक वाहनों में टैक्स में छूट
[परिवहन]
98. ( क्र. 762 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में परिवहन विभाग द्वारा एससी/एसटी वर्ग के व्यवसायिक वाहनों में टैक्स में छूट दी जाती थी? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या वर्तमान में ऐसी कोई छूट या सुविधा एससी/एसटी वर्ग के वाहन मालिकों को दी जाती है। (ग) यदि नहीं तो क्यों? क्या शासन इस विषय पर कोई कार्य योजना तैयार कर रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डाईंग केडर के पदों पर नियुक्तियां दी जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
99. ( क्र. 766 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा संचालनालय, गैस राहत एवं पुनर्वास के अधीन चिकित्सा संस्थाओं में डाईंग के पद घोषित किये गये है? (ख) शासन/विभाग द्वारा किन-किन संवर्गों के कौन-कौन से पद डाईंग केडर के घोषित किये गये हैं? उन पदों के नाम, घोषित करने की तिथि घोषित किये जाने के विभागीय आदेशों की प्रति देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा घोषित किये गये डाईंग केडर के पदों पर नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ तो किन-किन पदों पर कब-कब, किन-किन नियमयुक्त/विधियुक्त कारणों से कौन-कौन को नियुक्तियां दी गई? उनके नाम, पदवार/संवर्गवार, दिनांकवार जानकारी देते हुए नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन/विभाग द्वारा घोषित किये गये डाईंग केडर के पदों पर शासन/संचालनालय स्तर पर जानबूझकर अपने पद प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए नियुक्तियों की अनुमति/अनुशंसा करते हुए शासन को आर्थिक वित्तीय हानि पहुँचाई गई है? (ड.) यदि हाँ तो क्या शासन/विभाग दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम का उल्लेख करते हुए उनके विरूद्ध क्या-क्या कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए डाईंग केडर के पदों पर की गई अवैध नियुक्ति आदेशों को निरस्त कर प्रश्नांश (क) से (ड.) की जानकारी विभाग प्रमुख के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) विधान सभा सत्र फरवरी-मार्च 2021 में पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक 6433 में उत्तर में स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। (ग) से (ड.) तक उत्तरांश (ख) अनुसार।
कृषकों के खातों में राशि जमा न किए जाने की जांच
[सहकारिता]
100. ( क्र. 776 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में फसल बीमा की 164 करोड़ रूपये की राशि कृषकों को बांटने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल को प्राप्त हुई थी एवं बैंक द्वारा राशि तथा किसानों की सूची खेडीकोर्ट सहित सभी शाखाओं की दी थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि में से तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा 55 हजार रूपये स्वयं के खाते में 71 हजार रूपये केशियर के खाते में तथा 62 हजार रूपये अस्थाई ऑपरेटर के खाते में अवैध रूपये से डाल दिये थे? (ग) क्या मामला संज्ञान में आने के बाद करीब दस महीने बाद 10 सितम्बर 2020 को उक्त गबन की गई राशि को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल की महिला शाखा में चैक के माध्यम से 1 लाख 88 हजार रूपये जमा किये गये? (घ) उक्त प्रकरण की जानकारी किन-किन अधिकारियों को थी? किन-किन अधिकारियों का दायित्व था कि वह प्रकरण में आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाते किन्तु उन्होंने प्रकरण को रफा-दफा किया? पूर्ण विवरण दें। (ड.) क्या अब सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारी दोषीजनों पर एवं प्रकरण को छुपाने वाले अधिकारी पर कोई कार्यवाही करेंगे? यदि करेंगे तो क्या कार्यवाही करेंगे? दिनांकित तिथि सहित अवगत करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जी हां। (घ) उक्त प्रकरण की जानकारी जिला बैंक मुख्यालय बैतूल के संज्ञान में दिनांक 30.06.2021 को आने पर शाखा प्रबंधक मुलताई से जांच कराई गई। जांच में श्री राज कुमार लालवानी तत्कालीन शाखा प्रबंधक, श्री प्रयागराव लिखितकर तत्कालीन कैशियर/लिपिक एवं कुमारी उषा धोटे अस्थायी कम्प्यूटर ऑपरेटर दोषी पाये गये, इनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु बैंक द्वारा शाखा प्रबंधक खेरीकोर्ट को निर्देश दिये गये है। दोषी तत्कालीन शाखा प्रबंधक के सेवानिवृत्त होने एवं कुमारी उषा धोटे तत्कालीन अस्थायी कम्प्यूटर द्वारा गत एक वर्ष से कार्यरत न होने से शेष दोषी तत्कालीन कैशियर/लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। राशि जमा होने के समय प्रकरण की जानकारी जिला बैंक मुख्यालय बैतूल को नहीं देने के संबंध में शाखा प्रबंधक महिला शाखा, तत्कालीन शाखा प्रबंधक खेरीकोर्ट एवं सीबीएस प्रभारी से स्पष्टीकरण देने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ड.) उत्तरांश "घ" अनुसार।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान एवं सेवा सहकारी समिति खोलना
[सहकारिता]
101. ( क्र. 778 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार की मंशा है कि खाद-बीज सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वस्तुएं हितग्राहियों तक पहुंचे यदि हाँ तो क्या विकासखण्ड मुलताई के अंतर्गत ग्राम सोनोंरा में सेवा सहकारी समिति खोले जाने हेतु या शासकीय उचित मूल्य की दुकान खोले जाने का शासन कोई प्रयास करेंगा यदि हाँ तो कब तक एवं उसके लिए क्या प्रयास किया जाना बाकी है? (ख) ग्राम एनस में क्या शासकीय उचित मूल्य की दुकान का समिति का स्वयं का गोदाम कार्यालय है यदि नहीं तो कब तक कार्यालय खुल जायेंगा? अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है? (ग) मुलताई तहसील में सहकारिता विभाग किन-किन गांवों में सेवा सहकारी समिति/आदिम जाति सहकारी समिति के माध्यम से सहकारी समिति या शासकीय उचित मूल्य की दुकान खोले जाने हेतु प्रस्तावित की गई है जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी न हो? (घ) ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए सहकारी समिति द्वारा मुलताई तहसील के ग्राम पिसाटा, ग्राम बांडिया खापा एवं सोनेगांव में उचित मूल्य की राशन दुकान कब तक शुरू कर दी जायेंगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, मुलताई विकासखण्ड का ग्राम सोनोरा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सांडिया के कार्यक्षेत्र का ग्राम है जहां वर्तमान में उचित मूल्य की दुकान संचालित की जा रही है। सेवा सहकारी समिति खोले जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, स्वयं का गोदाम कार्यालय भवन नहीं है परन्तु उचित मूल्य की दुकान संचालित की जा रही है। वर्तमान में गोदाम निर्माण की कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नवीन सेवा सहकारी समिति खोले जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है परन्तु मुलताई तहसील के ग्राम पंचायत कान्हाखापा तथा बांडिया खापा में उचित मूल्य की दुकान खोला जाना प्रस्तावित है। (घ) ग्राम पिसाटा में उचित मूल्य की दुकान संचालित है, ग्राम बांडिया खापा में नवीन उचित मूल्य की दुकान खोला जाना प्रस्तावित है तथा ग्राम सोनेगांव के उपभोक्ताओं को ग्राम खल्ला से सामग्री वितरण किया जा रहा है, जो दो किलोमीटर दूर है।
सी.एम. राईज स्कूलों की घोषणा
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 781 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केण्ट विधानसभा जबलपुर के अंतर्गत कितने सी.एम. राईज स्कूलों की घोषण की गई है? (ख) संबंधित स्कूलों में कितने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है, शेष विद्यार्थियों को कब तक प्रवेश दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रदेश अंतर्गत सी. एम. राइज योजनांतर्गत प्रथम चरण में 350 विद्यालय प्रावधानित हैं। चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश ’क’ के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न वितरण हेतु अस्थायी पात्रता वितरण केन्द्रों की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 782 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केण्ट विधानसभा जबलपुर के अंतर्गत खाद्यान्न वितरण हेतु अस्थायी पात्रता पर्ची वितरण केन्द्र खोले गये हैं यदि हाँ तो कितने हितग्राहियों को अब तक खाद्यान्न वितरण किया जा चुका है? (ख) अब तक कितने हितग्राहियों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है? (ग) कितने हितग्राहियों के आवेदन पात्र और अपात्र किये गये हैं, जिन हितग्राहियों के आवेदन अपात्र किये गये हैं, कारण सहित जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) केण्ट विधानसभा अंतर्गत केण्ट बोर्ड एवं नगर निगम के संभागीय कार्यालय से अस्थाई पात्रता पर्ची का वितरण हितग्राहियों को किया जा रहा है। इस हेतु पृथक से अस्थाई आपदा खाद्यान्न राहत पात्रता पर्ची वितरण केन्द्र नहीं खोले गये है। अब तक 366 अस्थाई खाद्यान्न राहत पात्रता पर्चीधारी हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। (ख) केण्ट बोर्ड एवं नगर निगम के संभागीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक 1256 हितग्राहियों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन किया है। (ग) केण्ट बोर्ड एवं नगर निगम के संभागीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी कुल 1062 हितग्राहियों के आवेदन, पात्र और 183 अपात्र किए गए हैं। अपात्र परिवारों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 11 हितग्राहियों के आवेदन के सत्यापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को नियम विरूद्ध अपात्र घोषित करना
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 786 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा वर्ष 2005, 2008, एवं 2011 में संविदा शाला शिक्षण वर्ग में बायोकेमेस्ट्री, माईक्रो बाॅयोलाजी एवं बायो टेक्नोलाजी विषयों के उम्मीदवारों का संविदा शिक्षक के तौर नियुक्त किया जाकर वर्ष 2018 में राजपत्र प्रकाशित कर संविदा के आधार पर इन शिक्षकों का संविलियन किया गया हैं ऐसी स्थिति में वर्तमान में शिक्षक पात्र परीक्षा में शामिल जिन उम्मीदवारों का चयन किया गया उन्हें इसके पश्चात अपात्र क्यों एवं किस आधार पर माना जा रहा है? क्या यह कार्यवाही नियमानुसार है? (ख) क्या नोटिफिकेशन मे इस प्रकार शर्त का उल्लेख नहीं था तो पात्र परीक्षा में सम्मिलित उम्मीदवारों का मेरिट के आधार पर चयन करते हुए चयन सूची जारी की गई और वेरेफिकेशन के समय उन्हें अपात्र क्यों माना जा रहा है। नोटिफिकेशन में हुई चूक का परिणाम चयनित उम्मीदवारों को क्यों उठाना पड़ रहा है? यदि कोई संशोधन शासन द्वारा किया जाता है तो उसका प्रभाव आगामी परीक्षा के लिये मान्य करते हुए वर्तमान में चयनित इन उम्मीदवारों के साथ न्याय करते हुए इन्हें पूर्वानुसार लाभ देने पर शासन विचार करेगा? (ग) क्या इस प्रकार की चूक को शासन स्वीकार करता है यदि हाँ, तो चयनित उम्मीदवारों के पक्ष में जिन्हें अयोग्य घोषित किया गया एवं मेरिट में शामिल आवेदकों के पक्ष में निराकरण करते हुए उनके शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र के सत्यापन को मान्य करते हुए मेरिट में चयनित उम्मीदवारों को पात्र माना जायेगा? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस संबंध में समुचित आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा वर्ष 2005, 2008 एवं 2011 में संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई, अपितु उक्त वर्षो में संविदा शाला शिक्षकों की नियुक्ति स्थानीय निकायों द्वारा की गई थी। वर्ष 2005 में मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र दिनांक 03.09.2005 के द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित विषय माईक्रो बॉयलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी को जीव विज्ञान विषय के सह विषय के रुप में एवं बॉयोकेमेस्ट्री को रसायन शास्त्र विषय के सह विषय के रुप में मान्य किया गया। नवीन भर्ती नियम, 2018 में स्थानीय निकायों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को नवीन संवर्ग में संविलियन नहीं अपितु नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के नियम-12 (1) के अनुसार प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर सीधी भर्ती हेतु मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 28.08.2018 द्वारा नियोजन की प्रक्रिया जारी की गई, जिसकी कण्डिका-1.1 अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती हेतु आवेदक को संबंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि धारित करना अनिवार्य होगा। इस आधार पर दस्तावेज सत्यापन के दौरान सह विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि धारित करने वाले अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता निरस्त करने का प्रावधान है। जी हां। (ख) मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र दिनांक 28.08.2018 द्वारा नियोजन की प्रक्रिया में संबंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि धारित करने के निर्देश है। पात्रता परीक्षा 2018 हेतु जारी नियम पुस्तिका में उक्त नियोजन प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। भर्ती प्रक्रिया के बीच में कोई संशोधन नहीं किया गया है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के लोकसेवा केन्दों को वी.जी.एफ. भुगतान संबंधी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
105. ( क्र. 793 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के लोक सेवा
केन्द्रों
को वी.जी.एफ. का
भुगतान
एग्रीमेंट
अनुसार अगले
माह की अंतिम
तारीख तक क्यों
नहीं किया जा
रहा है? क्या
कारण है कि
इनका भुगतान
महीनों से
लंबित है? (ख) इंदौर
जिले में
कितने
संचालकों का
वी.जी.एफ. कब से
लंबित है? लोकसेवा
केन्द्रवार
बतावें।
भोपाल व
बड़वानी जिले
के संदर्भ में
भी जानकारी
देवें। (ग) क्या
वी.जी.एफ. का
भुगतान भोपाल
स्तर से
प्रदेश भर में
किए जाने की
कोई प्रक्रिया
मा. विभागीय
मंत्री जी के
पास
विचाराधीन है? (घ) यदि
हाँ, तो यह
कब तक प्रारंभ
होगा?
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
लंबित भुगतान
कब तक कर दिए
जाएंगे?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) जी
नहीं।
पात्रता
अनुसार
परीक्षण
उपरांत वी.जी.एफ.
की राशि का
भुगतान समय पर
किया जा रहा
है। (ख) जिला
इंदौर के
अंतर्गत लोक
सेवा केन्द्र
हातोद, कनाडिया, महू, देपालपुर
एवं सांवेर
में माह मार्च
2020, दिसंबर
2020 एवं
जनवरी 2021
का वी.जी.एफ.
भुगतान लंबित
है। भोपाल
जिले के अंतर्गत
लोक सेवा
केन्द्रों का
वी.जी.एफ.
लंबित नहीं
है। जिला
बड़वानी के अंतर्गत
लोक सेवा
केन्द्र पाटी
का अप्रैल 2016 से 11 मई 2016 तक लोक
सेवा केन्द्र
राजपुर का
अप्रैल 2016 से 15
जुलाई 2016
तक, 16
जुलाई 2016
से 31
जुलाई 2016
तक, अप्रैल
2017 से 15 अक्टूबर
2017 तक, 16 अक्टूबर
2017 से
अगस्त 2018 तक लोक सेवा
केन्द्र
निवाली का अप्रैल
2016 से 15 जुलाई 2016 तक, 16 जुलाई 2016 से 15 अक्टूबर
2017 तक, 16 अक्टूबर
2017 से
अगस्त 2018 तक वी.जी.एफ.
का भुगतान
लंबित है। (ग) जी
नहीं। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। पात्रता
अनुसार
परीक्षण
उपरांत
वी.जी.एफ. की
राशि का लंबित
भुगतान जिला
स्तर पर
परीक्षण
उपरांत जिला
ई-गवर्नेंस सोसायटी
द्वारा सतत्
प्रक्रिया
अनुसार किया जाता
है।
प्रदेश में शिक्षकों की कोरोना से मौत
[स्कूल शिक्षा]
106. ( क्र. 794 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01-04-2020 से 30-06-2021 तक कितने शिक्षकों की मृत्यु कोरोना से हुई है? जिलावार संख्या देवें। (ख) क्या कारण है कि इनके लिए घोषित 5 लाख रू. की राशि पृथक से न दी जाकर ग्रेच्युटी व अन्य स्वत्वों से काटकर दी जा रही है? यदि किसी मृतक की सेवा राशि 3.5 लाख रू. बनती है तो उसके परिजनों को 1.5 लाख देकर प्रकरण समाप्त किया जा रहा है? ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन मृतकों के परिजनों को राशि दी गई है, उनके सेवाकाल के समस्त स्वत्वों की जानकारी और कुल भुगतान राशि नाम सहित बड़वानी, जिले के संदर्भ में देवें। (घ) कब तक शासन 5 लाख रू. पृथक से देगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.05.2021 के अनुसार अनुग्रह राशि एवं उपादान की राशि घटाकर दिया जाना प्रावधानित है। उक्त अनुसार राशि प्रदाय की जाती है। (ग) बड़वानी जिला अंतर्गत समस्त शासकीय विद्यालय जनजाति कार्य विभाग के नियंत्रणाधीन है। तत्संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट एक अनुसार है। स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश ख के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खण्डवा कलेक्टर द्वारा नायब तहसीलदार छैगांव माखन की जांच
[राजस्व]
107. ( क्र. 801 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नायब तहसीलदार टप्पा-छैगांव माखन, तहसील खण्डवा, जिला खण्डवा को कार्यालय चौकी देशगांव थाना - छैगांव माखन, जिला खण्डवा द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक/देशगांव/74/2021, दिनांक 04-07-2021 पर नायब तहसीलदार को पटवारी नितिन कास्दे ने दिनांक 13-14-07-21 या उसके आस-पास जो रिपोर्ट दी है, उसे नायब तहसीलदार द्वारा बदलवाया क्यों जा रहा है? (ख) नायब तहसीलदार द्वारा उपरोक्त रिपोर्ट देशगांव चौकी को प्रश्न दिनांक 16-07-2021 तक नहीं पहुंचाई गई? इसका क्या कारण है? क्या रिपोर्ट बदलवाकर वे किसी पक्ष को लाभ देना चाहते हैं? (ग) खण्डवा कलेक्टर इस प्रकरण में नायब तहसीलदार की इस संदिग्ध भूमिका की जांच कर उन पर कार्यवाही कब तक करेंगे? (घ) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार रिपोर्ट देशगांव चौकी तक पहुंचा दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नायब तहसीलदार टप्पा-छैगांव माखन तहसील खण्डवा जिला खण्डवा द्वारा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। माननीय न्यायालय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-02 खण्डवा के तृतीय अतिरिक्त न्यायालय खण्डवा में प्रकरण विचाराधीन होते हुए दिनांक 14.12.2020 को विवादित खसरे पर निषेधाज्ञा प्राप्त होने से रिपोर्ट पहुंचाई नहीं गई है। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) प्रश्न के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) प्रश्न के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जीवाड़े पर कार्यवाही
[सहकारिता]
108. ( क्र. 802 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4910, दिनांक 22.03.2021 के (क) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट 02 में सदस्यों की सूची सदस्यता क्रमांक 1654 से प्रारंभ है तो सदस्यता क्रमांक 1 से 1653 तक के सदस्यों की जानकारी भी देवें। इसके अलावा 1654 के बाद भी सूची में कई क्रम संख्या गायब है ऐसा क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार (ख) उत्तर में बताया है कि संस्था के किसी भी सदस्य को प्लाट ना विक्रय किये गये ना ही दिये गये फिर 135 एकड़ भूमि पर इतने मकान कैसे बने हैं? (ग) ये मकान किन लागों से खरीदे गये? सूची देवें। क्या कारण है कि संस्था के सदस्यों को प्लाट आवंटन हुये बिना मकान बन गये इसके लिये दोषी संस्था के अध्यक्षों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) संस्था के वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में कितने मकान बने व प्लाट बिके? इसके लिये उन पर कब तक कार्यवाही होगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नाधीन संस्था नेताजी सुभाषचंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर की म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के अंतर्गत विस्तृत जांच करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर के द्वारा सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला इन्दौर को अधिकृत किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
गरीबों को आवास उपलब्ध कराने संबंधित
[राजस्व]
109. ( क्र. 809 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रं. 1222 दिनांक 25-02-2021 के (ग) उत्तर अनुसार इस पर रेरा के प्रावधान लागू नहीं होते लेकिन उसके पूर्व के गरीब व कमजोर वर्ग के लिए 10/15 प्रतिशत भूमि आरक्षण नियम लागू होते हैं, इस नियम के तहत प्रश्नांकित कॉलोनी में कितने भूखंड किस नंबर के खाली रखे गए है? (ख) इन भूखंड नंबरों की जानकारी देवें। (ग) क्या कॉलोनाईजर द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ग के लिए भूखण्ड नहीं छोड़े गए है? यदि हाँ, तो इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जाकर भूखण्ड रिक्त रखवाए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) क्षिप्रा रेसीडेन्सी कॉलोनी ग्राम सेकाखेड़ी तहसील महिदपुर में नियमानुसार गरीब व कमजोर वर्ग के लिए 15 प्रतिशत भूमि आरक्षित कर भूखण्ड क्रमांक 01 से 108 तक कुल 108 भूखण्ड खाली रखे गये है। अभिन्यास की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन कॉलोनी में भूखण्ड क्रमांक 01 से 108 तक कुल 108 भूखण्ड गरीब व कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित किये गये है। (ग) प्रश्नांश 'क' अनुसार नियमानुसार गरीब व कमजोर वर्ग के लिये भूखण्ड छोड़े गये है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
उज्जैन जिले के उद्योगों पर चल रहे प्रकरण
[श्रम]
110. ( क्र. 810 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जक्शन जिला उज्जैन स्थित ग्रेसीम उद्योग समूह के कितने प्रकरण कहॉं-कहॉं चल रहे हैं? यह भी बतावें कि उज्जैन जिले कि कितने उद्योगों के कितने प्रकरण श्रम न्यायालय उज्जैन में विचाराधीन हैं? उद्योग नाम, स्थान सहित देवें। (ख) ग्रेसीम उद्योग व अन्य उद्योगों के प्रकरणों में विगत वर्ष में कितनी तारीखे लगी? उद्योग नाम, तारीख सहित देवें। (ग) इनमें से कितनी तारीखों में विभाग के अधिकारी उपस्थित/अनुपस्थित रहे उद्योगवार? तारीखवार बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा जक्शन जिला उज्जैन स्थित ग्रेसीम उद्योग समूह के विरूद्ध विचाराधीन प्रकरणों एवं उज्जैन जिले के अन्य उद्योगों के विरूद्ध श्रम न्यायालय उज्जैन में विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) ग्रेसिम उद्योग व अन्य उद्योगों के विरूद्ध न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में विगत वर्ष में लगी तारिखों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में लगी तारिखों में उपस्थिति/अनुपस्थित संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ
[श्रम]
111. ( क्र. 814 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं देने के प्रावधान हैं? व इस हेतु क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस वर्ग के श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिये गए हैं? वर्षवार बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिमार्ण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं एवं नियम प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। (ख) 1. मध्यपप्रदेश भवन एवं अन्य संनिमार्ण कर्मकार मंडल द्वारा निर्माण कार्यों मे संलग्न सभी वर्गो के पंजीकृत श्रमिक (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पुरूष), को योजनांतर्गत लाभ दिये जाने का प्रावधान है। 2. मुख्यमंत्री जनकल्यााण (संबंल) योजना में सभी वर्गो के श्रमिक (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पुरूष) जो 18 से 60 वर्ष की आयु के है तथा असंगठित श्रमिक की परिभाषा में आते है, को योजनांतर्गत लाभ दिये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में विगत तीन वर्षो में दिए गए लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत लाभांवित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-2 अनुसार है।
संबल कार्डधारियों को सुविधाएं
[श्रम]
112. ( क्र. 815 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना में बी.पी.एल./श्रमिक कार्डधारियों को कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कौन-कौन सी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में कितने-कितने हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया गया? (ग) कितने प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन हैं? व कब से है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना में बी. पी. एल./श्रमिक कार्डधारियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में लाभांवित हिग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित प्रसूति सहायता योजना के 60 प्रकरण विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 823 ) श्री संजय यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय चिकित्सा शिक्षा म.प्र. द्वारा अपने पत्र क्रमांक 418/स्था./अराज/2021, दिनांक 19/04/2021 एवं स्मरण पत्र 491/स्था./अराज/2021, दिनांक 13/05/2021 द्वारा अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल / इंदौर / जबलपुर / ग्वालियर / रीवा / सागर / छिंदवाड़ा / विदिशा / रतलाम / शहडोल / खंडवा / शिवपुरी / दतिया म.प्र. को फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में बिंदुवार जानकारी अभिमत सहित 7 दिवस में चाही गई थी? (ख) उपरोक्तानुसार प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिष्ठाताओं द्वारा जानकारी दी जा चुकी है एवं किन-किन के द्वारा नहीं एवं क्यों? विधि सम्मत कारण बताए। (ग) विभाग / शासन माननीय विभागीय मंत्री जी के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लेते हुए निर्देशानुसार प्रस्ताव तैयार कर समुचित कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं की गई? इसके लिए किस स्तर का कौन अधिकारी जिम्मेदार है एवं उक्त निर्देशों की अवेहलना करने वाले दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जा सकेगी? (घ) क्या शासन / विभाग माननीय विभागीय मंत्री जी के निर्देशों का पालन समय-सीमा में सुनिश्चित कराएगा यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल/ रीवा/ ग्वालियर/ सागर/ खण्डवा/ छिन्दवाड़ा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालय, इन्दौर से जानकारी प्राप्त हुई। शेष की जानकारी अप्राप्त है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार समय-सीमा निश्चित किया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 828 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की प्रतिवर्ष खाद्यान्न उपार्जन में 500 से 800 करोड़ की हानि क्यों होती है? वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक हुई हानि की राशि मदवार, वर्षवार कारण सहित बतावें। (ख) विभाग द्वारा प्रश्नाधीन वर्ष में कौन-कौन सा खाद्यान्न कितनी मात्रा में उपार्जित किया गया तथा उसका निपटान किस-किस मात्रा में किस अनुसार किया गया? (ग) विभाग द्वारा खाद्यान्न के परिवहन भंडारण पर वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कितना-कितना खर्च किया गया? खाद्यान्न अनुसार वर्षवार बतावें। उक्त खाद्यान्न के परिवहन की औसत दर प्रति किलोमीटर क्या प्राप्त हुई? (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से 2020 -21 में खराब या कम गुणवत्ता का खाद्यान्न पुन: किस दर से कितनी मात्रा में किस-किस फर्म/कम्पनी/व्यक्ति को बेचा गया? (ड.) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक जांच में किस-किस फर्म द्वारा दिया गया खाद्यान्न अमानक पाया गया? जांच रिपोर्ट देवें तथा बतावे कि उन फर्म पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कीट प्रकोप से फसलों को क्षति
[राजस्व]
115. ( क्र. 843 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान में मद संख्या 7249 कीट प्रकोप से फसल क्षति में जो 1820 करोड़ रूपये राशि व्यय करना बताया गया है तो वह किन जिलों में कितने कृषकों को कितनी राशि प्रदान करने में व्यय की गई है। जिले का नाम, कृषक संख्या, फसल नाम, राशि सहित जिलावार जानकारी देवें। (ख) बजट अनुमान 2020-21 में इसके लिए केवल 10 करोड़ रूपये का प्रावधान था, तो शेष 1810 करोड़ रूपये की राशि किन-किन मदों से समर्पित कर ली गई मदवार राशि सहित बतायें। (ग) इसके लिए वित्त विभाग से जो मंजूरियॉं ली गई, उसकी जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार मद समर्पण की पूरी प्रक्रिया के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) प्रभावित जिलों में राहत राशि वितरण हेतु पुनर्विनियोजन, प्रथम एवं द्वितीय अनुपूरक में आवश्यक राशि का प्रावधान कराया गया था। अत: प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना योजना का लाभ
[राजस्व]
116. ( क्र. 861 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कोरोना योद्धा योजना के अंतर्गत शासकीय कर्मचारी को कोविडकोविड-19 के प्रकोप से बचाव एवं संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये लगाई गई ड्यूटी के दौरान संक्रमण ग्रस्त होकर उपचार के दौरान मृत होने वालों के परिजनों को 50 लाख रूपये और अनुकम्पा दिये जाने के संबंध में घोषणा की गई है? यदि हाँ तो इसके संबंध में क्या निर्देश हैं? (ख) शासन द्वारा इस योजना के अंतर्गत अब तक 50 लाख रूपये और अनुकम्पा कितने लाभार्थियों को प्रदान की गई है? (ग) क्या शासकीय कर्मचारी के मृत होने पर पूर्व से अनुकम्पा दिये जाने के प्रावधान नहीं है? (घ) यदि पूर्व से प्रावधान है तो कोरोना योद्धा की मृत्यु उपरांत उनके परिजनों को अनुकम्पा या 50 लाख में से एक का विकल्प चुने जाने की कार्यवाही क्यों की जा रही है? (च) क्या शासकीय माध्यमिक विद्यालय बहादुरपुर तहसील जावरा जिला रतलाम में माननीय शिक्षक के पद पर स्थायी कर्मचारी के रूप में पदस्थ स्व. श्री लोकेश सैनी जिनकी मृत्यु कोविड 19 में ड्यूटी करने के उपरांत हुई है के परिवारजन 50 लाख एवं अनुकम्पा दोनों प्राप्त करने के अधिकारी है, यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) इस योजना के अंतर्गत अब तक 43 कोविड योद्धाओं के वारिसानों को 50 लाख रूपये एवं 194 प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 15/07/2021 द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि जो परिवार किसी भी कारण से मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना के अंतर्गत नियुक्ति की पात्रता नहीं रखते, वह सामान्य प्रशासन विभाग के पूर्व परिपत्र दिनांक 29 सितम्बर, 2014 के तहत अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के लिये आवेदन दे सकते हैं। ऐसे आवेदनों का निराकरण परिपत्र दिनांक 29/09/2014 के अनुसार किया जावेगा। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) शासकीय माध्यमिक विद्यालय तहसील जावरा जिला रतलाम में कार्यरत स्व. श्री लोकेश सैनी, माध्यमिक शिक्षक, जिनकी कोविड-19 में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई। उनके परिजनों को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा योजना के अन्तर्गत 50 लाख रुपये दिये जाने संबंधी प्रकरण में कार्यवाही परीक्षणाधीन है। शेष जानकारी प्रश्नांश "घ" के उत्तर अनुसार है।
भू-अभिलेख में दर्ज नाम की जानकारी
[राजस्व]
117. ( क्र. 870 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम इटवांखास तहसील व जिला पन्ना म.प्र. में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 21.02.1961 एवं तत्कालीन तहसीलदार बी.के. बैनर्जी के आदेश के पालन में जारी भू-अधिकारी के मंजूरी के प्रमाण पत्रों के आधार पर वर्तमान अभिलेखों में नाम दर्ज है यदि हाँ तो इनकी जानकारी उपलब्ध करावें यदि नहीं तो क्या 1955-56 के अभिलेख में दर्ज नाम ही वर्तमान अभिलेख में दर्ज है? (ख) क्या मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के मार्गदर्शन पर प्रश्न (क) में वर्णित भू-अधिकार के प्रमाण पत्रों की आधार पर दर्ज नामों एवं बिना किसी आधार के भूमि पर कब्जा के आधार पर लगभग 16 करोड़ रूपये का भू-अर्जन सिरस्वाहा बांध के लिये ग्राम इटवांखास की भूमि का अर्जन किया गया है? (ग) क्या प्रश्न (ख) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या प्रश्न (क) के अंतर्गत वितरित भू-अर्जन अधिकारी के मंजूरी के प्रमाण पत्रों एवं सहायक बंदोबस्त अधिकारी पन्ना के न्यायालय से पारित आदेशों के अनुसार अन्य भू-स्वामियों के नाम वर्तमान अभिलेख में दर्ज किये जायेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या ग्राम इटवांखास में तत्कालीन सहायक बंदोबस्त अधिकारी के आदेश एवं नवीन बंदोबस्ती अभिलेख के आधार पर कुछ भू-स्वामियों के नाम वर्तमान रिकार्ड में अमल किये गये है जिसे न्यायालय राजस्व मण्डल ने भी यथावत रखा है यदि हाँ तो इसी आधार पर छूटे हुये भू-स्वामियों के नाम भी दर्ज किये जायेंगे यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, वर्ष 1955-56 अभिलेख के आधार पर ग्राम इटवांखास के आवेदको के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। ग्राम इटवांखास का नवीन बंदोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है, किन्तु तत्कालीन तहसीलदार श्री बी0एस0 तोमर के द्वारा आदेश एवं भू-अधिकार की मंजूरी के प्रमाण पत्रों के आधार पर वर्तमान अभिलेख में कुल 15 व्यक्तियों के नाम जिनका कुल रकबा 28.070 हे. है, अभिलेख में दर्ज है। जिसकी सूची संलग्न हैं। (ख) मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के मार्गदर्शन पर प्रश्न (क) मे वर्णित भू-अभिलेख के प्रमाण पत्रों के आधार पर दर्ज नाम कुल 15 व्यक्ति, कुल रकबा 28.070 हे., का भू- अर्जन, सिरस्वाहा बांध के लिये, नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्त्र के प्रकाश में लागू नहीं होता। (घ) ग्राम इटवाखास अंतर्गत नवीन बन्दोबस्त के दौरान वितरित भू-अधिकार प्रमाण पत्रों एवं सहायक बन्दोबस्त अधिकारी पन्ना के न्यायालय में पारित आदेशों की जांच हेतु आयुक्त भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक 288/11-भू.प्र./बन्दो./2021 ग्वालियर दिनांक 08.03.2021 द्वारा जांच दल गठित होने तथा जांच दल की रिपोर्ट दिनांक 15.04.2021 के अनुक्रम में ग्राम इटवांखास का पुन: नवीन नक्शा एवं अधिकार अभिलेख तैयार करने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन होने से छूटे हुए भूमिस्वामियों के नाम दर्ज किये जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
कोविड मरीजों के उपचार की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
118. ( क्र. 871 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किस-किस मेडिकल कालेज के चिकित्सालयों में कुल कितने-कितने कोविड मरीज का उपचार किया गया 15 जुलाई 2021 तक की जानकारी देवें? (ख) खण्ड (क) में उल्लेखित मेडिकल कालेज को कोविड के इलाज हेतु 15 जुलाई 2021 तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ग) खण्ड (क) में उल्लेखित कॉलेजों में कोविड के उपचार के दौरान कुल कितने मरीजों की मृत्यु कोविड के कारण तथा कितने मरीजों की मृत्यु अन्य कारणों से हुई जानकारी देवें? (घ) रतलाम मेडिकल कॉलेज में 15 जुलाई 2021 तक कुल कितने कोविड मरीजों का उपचार किया गया उसमें से कितने कोविड के कारण एवं कितने अन्य कारण से मृत हुये?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मेडिकल कॉलेज के चिकित्सालयों में कोविड मरीजों के उपचार संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुक्त भोपाल संभाग के पत्र पर कार्यवाही
[सहकारिता]
119. ( क्र. 872 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा जानकी अपार्टमेंट रहवासी रख-रखाव सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में अनियमिततायें किये जाने की जांच एवं कार्यवाही बाबत् पत्र क्रमांक 5891/ राजस्व-शिकायत/2021/ (489) दिनांक 13.07.2021 द्वारा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक भोपाल को लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो आयुक्त सहकारिता द्वारा उक्त संबंध में क्या जांच करायी गयी है? यदि हाँ तो जांच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां। (ख) जांच हेतु डॉ. अनिल कुमार, संयुक्त आयुक्त सहकारिता, मुख्यालय को अधिकृत किया गया है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त। शेष जांच निष्कर्षाधीन।
फर्जी पंजीयन के आधार पर ज्वार एवं बाजरा की फसल बेचना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
120. ( क्र. 874 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था दबोह एवं आलमपुर में नवम्बर एवं दिसम्बर 2020 तथा जनवरी 2021 में ज्वार एवं बाजरा की फसल किसानों के नाम से फर्जी पंजीयन कराकर बेचे जाने की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार, कलेक्टर भिण्ड को मय शपथ पत्र के एवं सी.एम.हेल्प लाईन में की गई है? यदि हाँ तो शिकायतकर्ता किसानों के नाम पता सहित बताएं। (ख) क्या उक्त शिकायतों की जांच कराई गई? यदि हाँ तो किस अधिकारी से कब-कब जांच कराई गई एवं जांच निष्कर्षों के आधार पर फर्जी पंजीयन के आधार पर ज्वार एवं बाजरा बेचने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या सेवानिवृत्त पटवारी श्री अवधबिहारी कौरव निवासी दबोह द्वारा उनके स्वामित्व की कृषि भूमि पर फर्जी पंजीयन के आधार पर ग्राम विजपुर के ही गणेशराम लुहार द्वारा ज्वार एवं बाजरा की फसल खरीदे जाने की दिनांक 13.07.2021 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार को एवं दिनांक 16 मार्च 2021 को कलेक्टर भिण्ड को जनसुनवाई में शिकायत की गई एवं दिनांक 25.02.2021 को सी.एम. हेल्प लाईन में भी शिकायत क्र. 13446509 की है जो एल-4 स्तर पर लंबित है? यदि हाँ उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। भिण्ड जिले की लहार तहसील अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था दबोह में ज्वार एवं बाजरा की फसल के फर्जी पंजीयन कराकर बेचे जाने की शिकायत अवधबिहारी पुत्र बद्रीप्रसाद जाति कौरव निवासी दबोह द्वारा अनुविभागीय अधिकारी लहार को मय शपथ-पत्र के शिकायत की गई थी तथा शिकायतकर्ता द्वारा सीएम हेल्प लाईन में भी शिकायत की गई जिसका क्रमांक 13446509 है। (ख) जी हां। शिकायत की जांच तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक दबोह द्वारा की जाकर दिनांक 29.07.2021 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें मौजा बिजपुर के आराजी सर्वे न. 104 रकबा 1.04 हेक्ट. पर बोई गयी फसल की गिरदावरी जांच के दौरान बाजरा की फसल पायी गयी थी, जो तत्समय स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशनपोर्टल (सारा) पर दर्ज थी। सर्वे क्रमांक 104 के भू-स्वामी शिकायतकर्ता अवधबिहारी कौरव पुत्र बद्री प्रसाद निवासी दबोह मुताबिक अभिलेख भूमि स्वामी दर्ज है। इनके द्वारा स्वंय उक्त आराजी पर कृषि न कर अन्य लोगों से जुताई एवं बुवाई करवाई जाती है। शिकायत में प्रथम दृष्टया में यह पाया गया है कि गणेशराम पुत्र मगन जाति लुहार निवासी बिजपुर द्वारा जानकारी के आधार पर किसान पंजीयन क्रमांक 2200100001803 पर मौजा बिजपुर के सर्वे क्रमांक 104 रकबा 1.04 हेक्ट. पर सिकमी कृषक बनकर सेवा सहकारी संस्था दबोह केन्द्र पर वर्ष 2020-21 में फसल विक्रय कर राशि आहरित की गई। इस हेतु जांच उपरांत सेवा सहकारी संस्था दबोह के समिति प्रबंधक को प्राथमिकता दर्ज करायी जाने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जी हां। सेवा सहकारी संस्था दबोह के समिति प्रबंधक को गणेशराम पुत्र मगन जाति लुहार निवासी बिजपुर के विरूद्ध प्राथमिकता दर्ज करायी जाने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है।
स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त पदों एवं स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
121. ( क्र. 882 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कार्यालय से 'ए' प्लस मॉनिट के प्रकरण प्राप्त हुये है? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विभाग में अपनाई जा रही स्थानांतरण नीति के संबंध में समय-समय पर जारी आदेश निर्देश क्या थे? क्या उनका पालन किया जा रहा था? यदि नहीं तो क्यों? (ग) गुना एवं राजगढ़ जिले में शालाओं में रिक्त पदों की जिलेवार एवं संवर्गवार संख्यात्मक जानकारी दें। जिन पदों पर व्यापम से चयनित अभ्यर्थियों जिनकी पदस्थापना विगत कई वर्षों से लंबित, विचाराधीन है उन्हें भी पदस्थापना में वरीयता दी जायेगी अथवा स्थानान्तरण नीति के समाप्ति के उपरांत ही इन्हें जिलों में पदस्थ किया जायेगा? (घ) प्राथमिक चयन परीक्षा हेतु विभाग ने जो कार्य व्यापम को सौंपा है इस संबंध में विभाग ने कब-कब, क्या-क्या पत्र व्यवहार किस-किस कार्यालय से किया? यद्यपि परीक्षा संपादित नहीं हो रही है तो अगला विज्ञापन कब तक जारी करने पर विचार किया जा रहा है? यदि नहीं तो विलंब के लिये जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति दिनांक 04-06-2019 के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 22-06-2019 को स्थानांतरण नीति जारी की गई थी, जो तत्समय के लिये प्रभावशील थी। जी हां। (ग) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नियुक्ति आदेश जारी करने पर स्थगन है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) परीक्षा आयोजन के संबंध में व्यापम से पत्राचार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। परीक्षा संपादित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अतः शेषाशं का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
लघु, वृहद मध्यम सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 883 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में जल संसाधन विभाग अन्तर्गत कौन-कौन सी लघु, वृहद, मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को गुना जिले में कितनी-कितनी राशि की, किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रयोजन से स्वीकृत किया गया है? वर्षवार योजनावार पृथक-पृथक बताये। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन सी संस्थाओं, एजेन्सियों, भारत सरकार इत्यादि से राशि उपलब्ध कराई जाती है? परियोजनावार बतायें। (ग) उपरोक्त कार्य किस-किस फर्म, एजेंसी अथवा ठेकेदार से करवाया जा रहा है? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने प्रक्रियाधीन है? कितने लंबित है? कितने में टेण्डर भी नहीं लगे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
कर्मचारियों का संविलियन
[सहकारिता]
123. ( क्र. 888 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयन सहकारी संस्थायें मध्यप्रदेश भोपाल के परिपत्र क्रमांक/ भू.वि.अ./01/2021/160 दिनांक 25/05/2021 द्वारा क्या परिसमापित राज्य/ जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के शेष बचे कर्मचारियों के संविलयन हेतु योजना के समय में वृद्धि की गई है? यदि हाँ तो बतावें कि किन-किन जिलों में कितने व किन-किन कर्मचारियों का संविलियन शेष है? (ख) उल्लेखित शेष कर्मचारियों के संविलियन हेतु किन जिलों में कब-कब गठित कमेटियों की बैठके हुई। कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें व बतावें कि 7-8 वर्षों की दीर्घ अवधि में इन छोटे कर्मचारियों का संविलियन अन्य संस्थाओं / विभागों में क्यों नहीं किया जा सका है? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) उल्लेखित शेष कर्मचारियों के भरण पोषण हेतु विभाग ने क्या कार्यवाही की है। क्या वर्ष 2013 से इन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आराजियों को पुन: शासकीय घोषित किया जाना
[राजस्व]
124. ( क्र. 889 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 87, दिनांक 22.03.2016 को पत्र जारी कर वर्णित प्रकरणों की पतासाजी पूर्व बन्दोबस्ती एवं वर्ष 1959 की भू-स्वामी शासकीय स्थिति के आधार पर कार्यवाही करते हुए जांच हेतु जिले के समस्त अनुविभागों के संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गयी थी? कमेटी गठित हुए 4 वर्ष से अधिक हो गये? उक्त चार वर्षों में पूरे जिले के तहसीलों में कितने एकड़ जमीन शासकीय घोषित की गई, कितने प्रकरणों में संबंधित थाने में एफ.आई.आर. कराई गई है? प्रकरणवार तहसीलवार बतायें। अगर एफ.आई.आर. नहीं कराई गयी तो कब तक करा दी जायेगी तथा राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों जो शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने में शामिल रहे, उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई, उसे भी तहसीलवार बतायें? (ख) तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र. 112, दिनांक 04.04.2016 के जरिये नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को उपरोक्त जांच की जानकारी निर्धारित प्रपत्र पर प्रदाय करने के आदेश दिये थे, तो फिर मौजा मझबोगवा की आराजी नं. 11 रकबा 8.55 उक्त मौजा मझगवां की आराजी क्रमांक 39/2/क रकबा 0.0970, 40/2 रकबा 0.0360, 42/2 रकबा 0.2390 उक्त आराजी वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज थी, वर्तमान में निजी स्वत्व में दर्ज है? ग्राम बम्हनगवां पटवारी हल्का बरदाडीह की आराजी नं. 32 रकबा 3.22 एकड़ ग्राम सतना की आराजी नं. 138 रकबा 1.92 ... पटवारी हल्का अमौधा की आराजी नं. 751 वर्ष 1958-59 की खतौनी में चार बटांकों में था, 751/1 म.प्र. शासन 39 एकड़ 91 डि. सन 1992-1993 के बीच 751/1 अ और 751/5/1 को शामिल नंबर बनाया गया, उसी साल लाल स्याही से गोला लगाकर 35.72 एकड़ और 35.66 कर दिया गया है? ग्राम लिलौरी/पतौड़ा की शासकीय आराजी 307 के 18 बटांक हो चुके है, इसी तरह मौजा डिलौरा की आराजी नं. 775/1 रकवा 14-1 एकड़ उक्त आराजी सन् 1966-67 में कॉलम नं. 12 में महंत बद्रीदास फौत 30 धि. प्रबंधक चेला जगन्नाथ दास काबिज दर्ज दर्शित है? उक्त आराजी के 94 बटांक हो गये है, चेला महत मंदिर की आराजी है, उसका क्रय विक्रय नहीं हो सकता है? (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत आने वाले पटवारी हल्का चाहे शहर के हो या ग्रामीण के उन हल्कों में कितनी आराजी 1958-59 में शासकीय थी कि कितनी आवंटित हुई एवं आवंटित हुई एवं आवंटित आराजी बिना कलेक्टर के मंजूरी के कितनी बिक गई हल्कावार बतायें तथा कितनी शासकीय आराजियों में भू-माफियों का आज भी कब्जा है, रिकॉर्ड में म.प्र. शासन है और कब्जा दूसरों का है, उक्त तहसील में कितनी आवंटित आराजियों के नामांतरण हो गये, कितने प्रकरण पटवारियों द्वारा रोके गये हैं तथा कितने ऐसे प्रकरण है, जिसमें पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा हो कि उक्त आराजी 1958-59 में शासकीय है, उसके बाद भी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने नामांतरण कर दिये हो? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अगर सही है तो शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने वाले भू-माफिया एवं राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों पर कब तक एफ.आई.आर. करा दी जायेगी? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आराजियों को कब तक शासकीय घोषित कर दिया जायेगा? तहसील रघुराजनगर के शहर एवं ग्रामीण में काफी आराजियों को खुर्द-बुर्द किया है, उक्त तहसील में पदस्थ पटवारी स्वयं भू-माफिया है? काफी वर्षों में उक्त तहसील में पदस्थ है, इन्हें कब तक हटाकर दूसरी तहसील में पदस्थ किया जायेगा, नहीं किया जायेगा, तो क्यों कारण सहित बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जांच उपरांत सतना जिला अंतर्गत समस्त तहसीलों में निम्नानुसार जमीन शासकीय घोषित की गई -
क्र. |
तहसील का नाम |
शासकीय घोषित आराजी का रकबा |
1 |
रघुराजनगर |
257.66 एकड़ |
2 |
अमरपाटन |
52.09 एकड़ |
3 |
रामपुर बघेलान |
23.19 एकड़ |
4 |
उचेहरा |
18.52 एकड़ |
5 |
मझगवां |
560.36 एकड़ |
6 |
मैहर |
416.19 एकड़ |
7 |
कोठी |
21.33 एकड़ |
8 |
नागौद |
88.13 एकड़ |
9 |
रामनगर |
निरंक |
10 |
कोटर |
निरंक |
11 |
बिरसिंहपुर |
निरंक |
शासकीय घोषित की गई भूमियों के राजस्व प्रकरणों के पारित आदेशों में किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया है अतएव किसी के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज कराने एवं किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हां। प्रश्नांश अनुसार मौजा मझबोगवा:- की आराजी न0 11 रकवा 8.55 एकड़ वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय एवं खतौनी के कालम नं0 04 में बाबूलाल तनय वंशी महपात्र दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय में 10 बटांकों में स्थापित है जिसमें आराजी नं0 11/1 रकबा 1.214, आराजी 11/2/1 रकबा 0.302 एकड़, तथा आराजी नं0 11/2/2 रकबा 0.565 म.प्र. शासन दर्ज की जा चुकी है शेष 7 बटांको का जांच प्रचलन में है। आराजी नं0 39/2/क रकबा 0.86, वर्ष 1958-59 में म0 प्र0 शासन दर्ज अभिलेख है। आराजी नं0 40 रकबा 0.38 एवं आराजी नं0 42 रकबा 1.79 एकड़ लाला वल्द जानकी महापात्र वर्ष 1958-59 की खतौनी में दर्ज है। मौजा मझगवां के पटवारी प्रतिवेदन अनुसार आराजी नं0 39/2/क खसरे में दर्ज नहीं है। आ0नं. 39/2 है जिसका रकबा 0.436हे. सड़क म.प्र. शासन, आराजी नं0 40/2 रकबा 0.154 हे. सड़क म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। आराजी नं0 42/2 रकबा 0.567हे. शकुन्तला मिश्रा पिता सूर्यनारायण पाण्डेय पत्नी विद्याशंकर मिश्र के नाम दर्ज अभिलेख है। मौजा बम्हनगंवा पट0 हल्का-बरदाडी:- आराजी नं0 32 रकबा 3.22 एकड़ प्रारंभिक खसरा वर्ष 1963-64 में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। वर्तमान समय पर 33 बटांको पर स्थापित है आराजी नं0 32/1 रकबा 0.129 शासकीय डायवर्सन रोड शेष बटांक निजी भूमि स्वामी स्वत्व में विभिन्न सक्षम न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से स्थापित हुए है जिसकी जांच पश्चात न्यायालय अनु0अधि0 रघु0में रा0प्र0 क्रमांक 46 अ 74/2021 के माध्यम से प्रकरण तलवी हेतु नियत है। मौजा सतना- की आराजी नं0 138 रकबा 1.92 एकड़ वर्ष 1958-59 कि खतौनी में म0 प्र0 शासन दर्ज अभिलेख है वर्तमान की स्थिति में आराजी नं0 138/1 रकबा 1.41 एकड़ म.प्र. शासन आबादी दर्ज अभिलेख है आराजी नं0 138/2 रकबा 0.51 एकड़ विभिन्न सक्षम न्यायालयीन डिक्रियों एवं न्यायालय कलेक्टर सतना के न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों से कई बटांको में भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है मौजा अमौधाकलां- तहसील रघुराजनगर अन्तर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल सोहावल पटवारी हल्का अमौधकला ग्राम अमौधाकला के आराजी क्रमांक 751/1 रकबा 39.91 एकड़ म.प्र.शासन, 751/2 रकबा 0.010 एकड़ एवं 751/3 रकबा 0.010 एकड़ तथा 751/4 रकबा 0.015 एकड़ भूमि-स्वामी स्वत्व में वर्ष 1958-59 के बंदोबस्त खतौनी में दर्ज अभिलेख हैं। वर्तमान स्थिति में उक्त शासकीय आराजी 751/1 में स्कूल एवं विद्युत मण्डल का थर्मल पॉवर स्थापित है। शेष भूमि का रकबा 7.31 एकड़ में पूर्व से कई बटांको में भूमि-स्वामी स्वत्व में दर्ज अभिलेख है। उपरोक्त आराजी की जांच हेतु अनु0अधि0रघु0के आदेश क्रमांक 638 दिनांक 05.09.2020 द्वारा जांच दल का गठन किया गया, जांच प्रतिवेदन अनु0अधि0रघु0 के रा0प्र0क्रमांक 142 अ 77/2020-21 दिनांक 19.02.2021 द्वारा न्यायालय कलेक्टर सतना के न्यायालय में विधि संगत कार्यवाही के लिये भेजा गया। मौजा ग्राम लिलौरी पट0 हल्का पतौडा- आराजी नं0 307/1 रकबा 69.54 एकड़ म.प्र. शासन एवं 307/2 रकबा 4 एकड़ का अंश रकबा 3 एकड़ कोदू वल्द लखन तेली एवं 01 एकड़ बेनी माधव सिंह राजपूत वर्ष 1958-59 की खतौनी में दर्ज अभिलेख है। उक्त आराजियां वर्तमान समय में 18 बटांको पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है जिसकी जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन न्यायालय नायब तहसीलदार वृत रामस्थान के न्यायालय में प्रकरण विधि संगत कार्यवाही के लिये प्रचलित है। ग्राम मौजा डिलौरा- आराजी 775/1 रकबा 14.01 एकड़ वर्ष 1958-59 कि खतौनी में श्री महन्त बद्रीदास जी सा0 इटौरा दर्ज अभिलेख है उक्त आराजी वर्तमान समय पर कई बटांको पर भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। उक्त आराजी वर्ष 1958-59 की खतौनी में ही भूमिस्वामी स्वत्व पर दर्ज अभिलेख है। किसी मंदिर/ म.प्र. शासन के नाम दर्ज नहीं है। (ग) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्तमान समय पर नगरीय एवं ग्रामीण मिलाकर कुल 71 पटवारी हल्के एवं कुल ग्रामों कि संख्या 209 है। वर्ष 1958.59 की खतौनी के अनुसार कुल शासकीय रकबा 15311.94 एकड़ रहा है। म.प्र. शासन के द्वारा जारी निर्देशों के तहत तहसील रघुराजनगर अंतर्गत उक्त शासकीय भूमि का समय-समय पर भूमिहीनों को कृषिकार्य/आवास हेतु भूमि का बंटन/व्यवस्थापन किया गया था। समय समय पर विभिन्न समक्ष न्यायालयों के आदेश के तहत शासकीय भूमि वंटित की गई है। वंटित भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय होने संबंधी अभिलेख संधाारित नहीं है। ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। शासकीय भूमियों पर अवैध कब्जे के मामले में भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जाकर अवैध कब्जा हटाया जाता है। तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत गुण दोषों के आधार पर नामांतरण स्वीकृति का आदेश जारी किया जाता है। अत: केवल पटवारी प्रतिवेदन पर न तो नामांतरण रोके जाते हैं और न ही किए जाते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत वर्ष 1958.59 कि स्थिति में शासकीय भूमियों में से कुछ भूमियां भूमि स्वा्मी स्वत्व में परिवर्तित हो गयी थी उनमें से कुछ भूमियों की जांच की जाकर न्यायालय कलेक्टर सतना के द्वारा विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों के माध्यम से उत्तरांश (क) के अनुसार भूमियां पुन: म.प्र. शासन घोषित की जा चुकी है। विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों में किसी भी राजस्व विभाग के पटवारी एवं तहसीलदारों को दोषी नहीं माना गया है। जिससे प्राथमिकी दर्ज कराये जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है। पदस्थ पटवारियों के भू-माफियाओं का कार्य किये जाने के संबंध में तथ्य प्रकाश में नहीं आये है। स्थानांतरण नीति के अनुसार पटवारियों के पदस्थापना की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 897 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 5 जून 2018 की संविदा नीति के अनुसार विभागीय सेटअप बदलने के लिए संविदा कर्मचारियों के पदों को नियमित पदों में बदलने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के समस्त कार्यालयों, निगम मण्डलों, विभागों, बोर्ड परिषद्, ओपन स्कूल में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कौन-कौन से पद रिक्त हैं? संख्या सहित बतायें। (ग) राज्य शिक्षा केन्द्र के सर्वशिक्षा अभियान में संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने के संबंध में कब-कब कौन सी नस्ती चलाई गई? उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 5 जून 2018 की संविदा नीति के अनुसार सर्वशिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए इतने समय बीतने के पश्चात भी अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05 जून 2018 के परिपालन में भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) दिनांक 18.09.2019 को। सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यवाही विवरण दिनांक 09 अक्टूबर 2019 के बिन्दु क्रमांक 1.15 संविदा नीति अनुसार विभाग द्वारा भर्ती नियमों में संशोधन/परिवर्तन हेतु शीघ्र कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है। निर्णयानुसार प्रशासकीय सेटअप तथा भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है।
संविदा कर्मचारियों को दी जा रही सुविधायें
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 898 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्तमान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को राज्य कार्यकारिणी की 44वीं बैठक में निर्णय लिया गया था कि मिशन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को राज्य शासन के अनुसार प्रतिवर्ष मूल न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जायेगा और 5 जून 2018 की संविदा नीति में भी स्पष्ट उल्लेख है कि संविदा कर्मचारियों को जो सुविधाएं पूर्व से मिल रही थी वो यथावत् रहेगी यदि हाँ तो समग्र शिक्षा अभियान के इन संविदा कर्मचारियों को 90% न्यूनतम वेतन और सीपीआई इंडैक्स का प्रस्ताव शासन को क्यों भेजा रहा है? (ख) समग्र शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिये जाने के संबंध में सिंगल नस्ती पर म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव ने मार्गदर्शन चाहा था तो सामान्य प्रशासन विभाग ने क्या मार्गदर्शन दिया जानकारी दें। (ग) क्या इन कर्मचारियों को यथावत पूर्व से प्रदत पद का न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता प्रदान किया जायेगा और कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। राज्य कार्यकारिणी समिति की 44वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मिशन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को राज्य शासन के अनुसार मूल वेतन का न्यूनतम और महंगाई भत्ता दिया जाएगा। यह निर्णय 6वें वेतनमान लागू होने के पारिपालन में लिया गया था। जी हाँ, संविदा कर्मचारियों को जो सुविधाए मिल रही थी, वह बाद में भी यथावत् रखने का लेख हैं। जैसे-अवकाश, कतिपय कर्मचारियों को भ्रमण भत्ता आदि। मानदेय एवं वेतन इस परिभाषा में नहीं आते है। अतः उनका निर्धारण सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक- सी -5-2018/1/3 भोपाल दिनांक -05 जून 2018 की कण्डिका 1.14.5 अनुसार किया जाना है। (ख) संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता दिये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन चाहा था। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ''प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में वित्त विभाग से परामर्श कर इस विषय पर अग्रिम कार्यवाही करें।'' का लेख किया गया है। बाद में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक-सी-5-2/2018/1-3/ भोपाल दिनांक-22.07.2020 की कण्डिका-3 अ में स्पष्ट किया गया है कि- '' (अ) संविदा पारिश्रमिक का निर्धारण करने के पूर्व वित्त विभाग की सहमति प्राप्त की जाए।'' (ग) मध्यप्रदेश सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के मानदेय के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक-सी-5-2018/1/3 भोपाल दिनांक-05 जून 2018 की कण्डिका1.14.5 तथा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक- सी-5-2018/1/3 भोपाल दिनांक-22 जुलाई 2020 में निर्देश प्रदान किये गये है। राज्य शिक्षा केन्द्र में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को भी इस परिपत्र के अनुसार ही मानदेय भुगतान की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
127. ( क्र. 901 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने पूर्व से संचालित नीलकान्ती योजना के बैनर तले ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है? (ख) यदि हाँ तो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में कितने प्रतिशत अनुदान राशि देने का प्रावधान रखा गया है? (ग) भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों एंव (गार्डडलाईन) अनुसार कितनी आयु तक के हितग्राही को अनुदान दिया जा सकेगा आयु की सीमा का मापदण्ड क्या है? (घ) क्या भारत सरकार की उक्त योजना में राज्य सरकार या विभाग द्वारा आयु संबंधी दिशा-निर्देशों में आयु की सीमा कम या अधिक की गई है, यदि हाँ तो क्या शासन ऐसी अनियतिताओं को तत्काल सुधार कर प्रदेश स्तर पर भारत सरकार की गाईडलाइन का पालन कराएगा समय-सीमा बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नही। भारत सरकार ने पूर्व से संचालित नीलक्रान्ति योजना के बैनरतले प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना प्रारंभ नहीं की है बल्कि नीलक्रान्ति योजना की समाप्ति पश्चात प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना प्रारंभ की है। (ख) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत गतिविधि की इकाई लागत का सामान्य वर्ग के पुरूष हितग्राहियों को 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/ जनजाति /महिला वर्ग के हितग्राहियों को 60 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। (ग) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत जारी आपरेशनल गाईडलाईन के अनुसार सिर्फ बचत सह राहत योजना (लाईवलीहुड एण्ड न्यूट्रिशनल सपोर्ट) गतिविधि अन्तर्गत हितग्राही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले जिनकी आयु 18 से 60वर्ष के बीच हो का उल्लेख किया गया है, शेष गतिविधियों में आयु संबंधी दिशा निर्देशों का उल्लेख नहीं किया गया है। (घ) जी नही। शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
भण्डारण के लिये प्रक्रिया एवं नियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
128. ( क्र. 902 ) श्री
जालम सिंह
पटैल : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) मध्यप्रदेश
राज्य वेयर
हाऊसिंग
कॉर्पोरेशन
के अंतर्गत ज्वाईंट
वेचर में भण्डारण
हेतु
कहां-कहां
कितनी-कितनी
क्षमता के भण्डार
गृह संचालित
हैं? (ख) ज्वाइंट
वेंचर में भण्डारण
हेतु क्या
प्रक्रिया
निर्धारित है? (ग) उक्त
प्रक्रिया का
पालन किस-किस
भण्डार गृह
द्वारा किया
गया है? किस-किस
के द्वारा
नहीं किया गया
है? भण्डार
गृहवार
जानकारी दें। (घ) जिन
भण्डारगृहों
में
प्रक्रिया का
पालन नहीं
किया गया है
उस संबंध में
विभाग द्वारा
क्या कार्यवाही
की गई है? भण्डार
गृहवार
जानकारी दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार
है। (ख) संयुक्त
भागीदारी
योजना में
ऑनलाईन
प्रक्रिया के
तहत गोदाम
मालिकों से
गोदाम लिये
जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार
है। ( ग) उक्त
प्रक्रिया का
पालन करने
वाले भण्डारगृहों
की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार
है (मंडला
जिले के 07 वेयरहाऊस
को छोड़कर)।
जिन भंडारगृह
संचालकों
द्वारा पालन
नहीं किया गया, उनकी जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार
है। (घ) सभी
संयुक्त
भागीदारी
योजना के तहत
गोदाम देने
वालों पर लागू
होते हैं।
इसके पालन
नहीं किये
जाने पर कटौत्रा
किये जाने का
प्रावधान है।
शासन नियमानुसार कब्जा हटाना
[सहकारिता]
129. ( क्र. 908 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक / विविध/1/2012/105 दिनांक 30/10/2012 द्वारा सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को शासन द्वारा आवंटित भूमि को शासन को वापस करने के संबंध में आदेश जारी किए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टीकमगढ़ जिले में उपरोक्त आदेश के पूर्व किस-किस को भूमि आवंटित की गई थी और उपरोक्त दिनांक के बाद प्रश्न दिनांक तक किस-किस को भूमि आवंटित उपरोक्त किस कार्य हेतु आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कितनी-कितनी भूमि किस-किस कार्य हेतु फर्म एवं व्यक्तियों को किस-किस खसरा नंबर की कितनी रकब की आवंटित की गई थी। इस संस्था में कौन-कौन व्यक्ति हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्नांश (क) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त भूमि से कब्जा किस-किस का हटा दिया गया है और किस-किस का हटना शेष है। शेष का कब्जा कब तक हटा दिया जावेगा।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वैध स्थानों से रेत का खनन
[खनिज साधन]
130. ( क्र. 909 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जतारा में कौन-कौन से नाले एवं नदियों के वो खसरा नंबर कौन-कौन से हैं एवं इनका कितना-कितना रकबा है, जिससे वैद्यता के आधार पर रेत निकाली जा सकती है? संपूर्ण जानकारी दें। क्या वह अलग-अलग क्षेत्र ऐसे चिन्हित है तो कहां-कहां पर? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि वहां से रेत लेने पर कौन-कौन वहां से पिट पास देने का काम वर्तमान में कर रहा है? ठेकेदारों को किस-किस को अधिकृत किया है? उनके नाम, पता सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जो ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य चलते हैं, उन्हें उसी पंचायत की नदी एवं नाले से रेत फ्री देने का प्रावधान है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कब तक विभाग एवं ठेकेदार नदी, नालों के स्वीकृत खदानों के स्थानों को चिन्हित का देंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) सेण्ड माईनिंग पोर्टल (mining.mp.gov.in) के माध्यम से वैध ठेकेदार द्वारा खदान से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास जारी की जाती है। वैध ठेकेदार श्री वीरेन्द्र सिंह जादौन, ई-7/एम-708, अरेरा कॉलोनी, भोपाल, (मध्यप्रदेश) है। (ग) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 में प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार खदानें चिन्हित की गई हैं।
मनावर विधानसभा क्षेत्र में संचालित स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
131. ( क्र. 953 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत केजी से पीजी के अंतर्गत कितने प्राईवेट स्कूल रजिस्टर्ड/संचालित/स्थापित हैं। अध्यापकों की संख्या एवं स्कूलों के नाम सहित पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम या अन्य अधिनियमों के तहत निःशुल्क शिक्षा के लिए कितने प्रतिशत सीट गरीब एवं आरक्षित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित है? आरक्षित सीटों पर दाखिला प्राप्त किए समस्त बच्चों के नाम, पिता का नाम, ग्राम का नाम सहित वर्गवार ब्यौरा स्कूल-वार, कक्षा-वार पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के आरक्षित सीटों को नहीं भरने पर किन-किन नियमों के तहत स्कूलों के खिलाफ किस सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही करने का नियम प्रचलित है? जनवरी 2017 से प्रश्न-दिनांक तक की गई उक्त कार्यवाहियों का ब्यौरा दें। (घ) जनवरी 2017 से वित्त-वर्ष 2021-22 तक मनावर विधानसभा के शासकीय स्कूलों को स्पोर्ट्स सामग्री, लैब, लायब्रेरी के लिए कितनी राशि किन-किन संस्थाओं/विभागों/मदों द्वारा प्राप्त हुई? कितनी राशि कहां-कहां खर्च हुई? वर्षवार, स्कूल/वार पृथक-पृथक समस्त ब्यौरा दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मनावर विधानसभा अंतर्गत कक्षा केजी से 12वीं तक 60 प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। अध्यापकों की संख्या स्कूलों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ-अनुसार। (ख) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अल्पसंख्यक स्कूलों को छोड़कर सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्रथम प्रवेशित कक्षा में 25 प्रतिशत सीट गरीब एवं आरक्षित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित है। आरक्षित सीटों पर दाखिला प्राप्त समस्त बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब-अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आरक्षित सीटों पर प्रदेश स्तर से केंद्रीयकृत ऑनलाईन लॉटरी के माध्यम से प्रवेश प्रदान किया जाता है। अशासकीय स्कूलों मे प्रवेश हेतु छात्र, स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर ऑनलाईन आवेदन करते है। ऑनलाईन लॉटरी के माध्यम से उन्हें उनकी प्राथमिकता के अनुसार स्कूल आवंटित किए जाते है। कुछ स्कूलों में छात्र आवेदन नहीं करते है, वहां सीटे रिक्त रह जाती है। संस्था द्वारा नियमों का पालन न करने पर शिक्षा का अधिकार नियम-2011 के नियम-11 (7) के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण जिले में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।