मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
अगस्त, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 11 अगस्त, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राज्य
आपदा मोचन
निधि से किये
गये व्यय
[राजस्व]
1. ( *क्र. 866 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य आपदा मोचन निधी (एस.डी.आर.एफ.) से जिला कलेक्टर ने वर्ष 2019-20 में 166 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 717.21 करोड़ खर्च किये गये? यदि हां, तो जिलेवार इस मद में किये गये खर्च की राशि बताएं? (ख) इंदौर, उज्जैन संभाग के सभी जिलों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निधी में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को खर्च की गई, क्या खरीदी की गई, किस-किस कार्य के लिये कितना भुगतान किया गया? (ग) इंदौर, उज्जैन संभाग में पिछले 10 वर्ष में हाई कोर्ट के आदेश के नाम पर कितनी शासकीय जमीन जो किसी मकसद के लिये लीज पर दी गई थी, उसे निजी नाम पर कर दिया गया? जमीन अनुसार संपूर्ण जानकारी दें तथा बतावें कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी गई तथा निजी नाम पर करने के पूर्व विधि विभाग से राय क्यों नहीं ली गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जमीन के निजी नाम पर करने पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? हाईकोर्ट से समस्त फैसलों का विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन के नियम
[श्रम]
2. ( *क्र. 344 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं? विगत 3 वर्षों में रायसेन जिले में कितने श्रमिकों का पंजीयन हुआ है? जनपद पंचायतवार संख्या बतायें। (ख) श्रमिकों के पंजीयन हेतु क्या-क्या शर्तें हैं तथा पंजीयन करने का अधिकार किसको है तथा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत मजदूर का कर्मकार मण्डल में पंजीयन क्यों नहीं होता है? (ग) जुलाई, 2021 की स्थिति में किस-किस योजना में कितने प्रकरण राशि भुगतान हेतु कब से लंबित हैं तथा क्यों? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत 3 वर्षों में रायसेन जिले में किये गये निर्माण श्रमिकों के पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन हेतु शर्तें तथा पंजीयन हेतु प्राधिकृत अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शासन के नियमानुसार किसी भी श्रमिक द्वारा कर्मकार मण्डल अथवा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पात्रता (निर्माण श्रमिक/अन्य श्रमिक) अनुसार केवल एक ही योजना में पंजीयन कराया जा सकता है। (ग) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना अंतर्गत भुगतान हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी तथ्य बनाकर निर्णय देने पर जांच/कार्यवाही
[राजस्व]
3. ( *क्र. 34 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को उनकी शिकायत क्र. 657, दिनांक 02.02.2020 के संबंध में श्री राजेश कौल, अवर सचिव द्वारा अपने पत्र क्र. 685/1242/2021/सात-2, दिनांक 07.04.2021 से कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र क्र. 536/2021, दिनांक 13.01.2021 के माध्यम से अपर कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया था? (ख) जानकारी दें कि जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदत्त विधान सभा क्षेत्र विकास निधि से खेल प्रशाल, इटारसी में कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति होना पाया गया? (ग) क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा न्यायालयीन निर्णय में प्रश्नकर्ता पर लगाया गया conflict of intrest आरोप सही पाया गया? (घ) क्या श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा फर्जी तथ्य का उल्लेख कर conflict of intreset का आरोप प्रश्नकर्ता पर लगाया था? (ड.) यदि हां, तो क्या इस संबंध में श्री हरेन्द्र नारायण पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं (ख) माननीय विधायक श्री सीतासरन शर्मा द्वारा पत्र क्र. 1520, दिनांक 04-10-2017 के द्वारा निर्माणाधीन इटारसी खेल प्रशाल के कार्य पूर्ण करने हेतु राशि रू 05.00 लाख की अनुशंसा की गई थी। माननीय विधायक व्दारा पत्र क्र. 1576, दिनांक 16.01.2018 के द्वारा उक्त कार्य के स्थान पर इटारसी नगर में पेयजल हेतु सम्वेल निर्माण (प्रकाश उद्यान में) संशोधित किया गया था। माननीय के संशोधित पत्र प्राप्त हो जाने के फलस्वरूप निर्माणाधीन खेल प्रशाल कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। (ग) एवं (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट इटारसी द्वारा उनके प्रकरण क्र. 0001/बी-113 (4) वर्ष 2019-20 में पारित आदेश दिनांक 07/01/2020 के माध्यम से द्वारकाधीश एवं रामजानकी मंदिर समिति इटारसी के विरूद्ध माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश होशंगाबाद में दिनांक 07/01/2020 को एक परिवाद प्रेषित किया गया था, जिसके विरूद्ध भूपेन्द्र कुमार जाट द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका क्रमांक 5206/2020 प्रस्तुत की गयी है, जो वर्तमान में प्रचलन में है। उपरोक्त रिट याचिका का वर्तमान स्टेटस अनुसार प्रकरण दिनांक 21/04/2020 को नोटिस/स्टे अनुसार प्रचलन में है एवं दिनांक 21/04/2020 के पश्चात् माननीय न्यायालय के समक्ष सुनवाई हेतु सूचीबद्ध नहीं किया गया है। (ड.) माननीय विधायक से प्राप्त पत्र दिनांक 04/10/2017 एवं दिनांक 16/01/2018 के संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग को विभाग द्वारा दिनांक 30/07/21 को लेख किया गया है। प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग में विचाराधीन है।
पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों हेतु स्पेशल पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 616 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 51/205/D-2का/मु.अ.च.बे./2020/भोपाल दिनांक 10.02.2021 में उल्लेख है कि पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों हेतु स्पेशल पैकेज प्रमुख अभियंता कार्यालय के माध्यम से शासन को प्रेषित किया जा चुका है? पैकेज पुनरीक्षित किये जाने हेतु शासन से प्राप्त प्रारूप प्रकरण अनुसार पैकेज को पुनरीक्षित कर शीघ्र प्रस्तुत किया जा रहा है? यदि हां, तो क्या प्रश्न दिनांक तक शासन से प्राप्त प्रारूप प्रकरण अनुसार पैकेज को पुनरीक्षित कर प्रस्तुत किया जा चुका है? यदि हां, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है तथा उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय मॉनिट से निर्देश विभाग को दिये गये हैं? यदि हां, तो कब तक पैकेज पुनरीक्षित कर प्रभावित परिवारों को मांग अनुसार स्पेशल पैकेज का लाभ प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवारों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
शास. नवीन हाई स्कूल आनंद नगर भोपाल में विज्ञान संकाय के स्वीकृत पद
[स्कूल शिक्षा]
5. ( *क्र. 495 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नवीन हाई स्कूल आनंद नगर भोपाल में विज्ञान संकाय के कितने स्वीकृत पद हैं? (ख) क्या विज्ञान के अतिशेष शिक्षक कार्यरत हैं? क्या उनकी पदस्थापना नियमानुसार है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो ऐसे अतिशेष विज्ञान संकाय में पदस्थ शिक्षकों की पदस्थापना अन्यत्र/जहां उनकी मूल पदस्थापना की थी, उसी स्थान पर क्या उनकी पुन: पदस्थापना की कार्यवाही शासन द्वारा की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के 04 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं। पदस्थापना नियमानुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वि.स. क्षेत्र पनागर अंतर्गत स्कूल/सड़क की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
6. ( *क्र. 314 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूल बल्हवारा एवं पड़वार की भूमि के अतिक्रमण हटाने बावत प्रश्न क्रमांक 2717, दिनांक 04.03.2021 के संशोधित उत्तर (क) में शासन ने माना है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? (ख) क्या पूर्व प्रश्न क्रमांक, 2712 के उत्तरांश (ग) के अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं? यदि हां, तो दर्ज प्रकरण की कापी देवें। (ग) पूर्व प्रश्न क्रमांक 2712 (घ) के उत्तर अनुसार कब्जा हटाने की कार्यवाही प्रचलित है? (घ) क्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब्जा हटा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। प्रकरणों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) जी हां। (घ) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण क्रमांक WP-8820/2021 में आदेश अनुसार दिनांक 25.08.2021 तक कब्जा हटाने में रोक लगायी जाने से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं की गई है।
शा. नजूल भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
7. ( *क्र. 221 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक 414) दिनांक 25/02/2021 के प्रश्नांश (क) का उत्तर कटनी जिला अंतर्गत शासन और सार्वजनिक निस्तार के लिये वर्ष 1958-59 की खतौनी से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी वृहद स्वरूप की है। उक्त जानकारी संकलित की जा रही है दिया गया है? प्रश्नांश (ख) का उत्तर जी हॉ जानकारी संकलित की जा रही है दिया गया है? प्रश्नांश (ग) का उत्तर प्रकरण संज्ञान में आने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी दिया गया है? प्रश्नांश (घ) का उत्तर प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर की जानकारी यदि एकत्र हो गई हो तो दें, यदि नहीं, तो अब तक एकत्र न होने के क्या कारण हैं? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2255 दिनांक 15.03.2021 के प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता सदस्य ने कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 972 दिनांक 12.07.2021 से शासकीय नजूल भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने की शिकायत की गई है। उक्त प्रकरण पहले से कलेक्टर नजूल शाखा में चल रहा है उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रकरण संज्ञान में होते हुए भी भ्रामक असत्य उत्तर दिए जाने की जांच कराई जावेगी? यदि हॉं तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नांश 'क' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता मा. विधायक द्वारा प्रेषित शिकायती पत्र क्रमांक 972 दिनांक 12-07-2021 के अनुक्रम में विधिवत न्यायालय तहसीलदार कटनी नगर के रा०प्र०क्र०0298/बी-121/2021-22 दिनांक 02-08-2021 में पंजीबद्ध किया जाकर गतिशील है। (घ) किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी नहीं दी गई है। शिकायती प्रकरण न्यायालय तहसीलदार कटनी नगर में पंजीबद्ध किया गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
शासकीय भूमियों की हेराफेरी पर रोक
[राजस्व]
8. ( *क्र. 886 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्र. 31, दिनांक 16.12.2012 को विधान सभा में चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री जी द्वारा दिये गये आश्वासन के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राजस्व विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ 11-39/2012 भोपाल, दिनांक 22.01.2013 द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 323, दिनांक 19.02.2013 के तहत 5 पटवारियों को हटाते हुए राजस्व निरीक्षकों को प्रभार दिया गया था। उक्त आदेश के नगर निगम क्षेत्र में पदस्थापना की कुल अवधि का अवलोकन करें, दूसरा आदेश पत्र क्र. 377, दिनांक 26.02.2014 को कलेक्टर सतना द्वारा जारी किया गया था, तीसरा आदेश अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर सतना द्वारा पत्र क्र. 2120, दिनांक 04.03.2014 को किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अगर सही है तो शासन के साफ-साफ निर्देश हैं कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि कोई भी पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक अपनी सेवाकाल की कुल अवधि में 3 वर्ष से अधिक समय तक शहरी क्षेत्र में पदस्थ न रहे? शासन के यह आदेश भी समस्त कलेक्टरों को थे, कि नगरीय क्षेत्र एवं बाह्य नजूल में स्थित शासकीय भूमि की हेराफेरी पर अंकुश लगाया जाये? शासन के साफ निर्देशों के बाद भी कलेक्टर एवं एस.डी.एम. वर्षों से जमे पटवारी राजस्व निरीक्षक का स्थानांतरण के चलते नहीं कर पा रहे हैं, क्यों? प्रमुख सचिव राजस्व को कलेक्टर सतना को उक्त पटवारियों के रघुराजनगर तहसील में अन्यत्र करने के निर्देश जारी करने चाहिये, नहीं कर सकते हैं, तो कारण सहित बतायें? (ग) रघुराज नगर तहसील के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533, किता 6 कुल रकवा 13.127 हे. शासकीय है? उक्त आराजी को निजी स्वत्व में करने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है? शहर के ह्दय स्थल की उक्त आराजी को राज्य शासन को हर स्तर पर बचाना चाहिये। मौजा बदखर की आराजी क्र. 343, 352, 355, 381 का जांच प्रतिवेदन नायब/तहसीलदार हाटी द्वारा पत्र क्र. 414, दिनांक 22.07.2020 को तहसील रघुराजनगर को सौंपा गया था? तहसील रघुराजनगर ने पत्र क्र. 1441/1, दिनांक 07.08.2020 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को जमा करा दिया गया, लेकिन आज दिनांक तक खसरा सुधार नहीं किया गया है? इसी तरह उक्त मौजा की आराजी नं. 39, रकवा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में तहसील रघुराजनगर ने दिनांक 18.12.2019 को एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में जमा किया है, लेकिन 90 वर्षीय बृजलाल नाई पिता बहोरिया नाई को आज दिनांक तक न्याय नहीं मिला है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) अगर सही है तो तहसील रघुराजनगर से उक्त पटवारियों को कब तक तहसील से बाहर स्थानांतरित कर दिया जायेगा तथा भूमाफियाओं के साथ मिलकर शासकीय आराजियों को खुर्द-बुर्द कर जो करोड़ों रूपये की कमायी की है, उसकी जांच भी राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेंगे? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें तथा प्रश्नांश (ग) में बृजलाल नाई की आराजी में कब तक खसरा में सुधार कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, प्रश्नानुसार आदेश जारी किये गये थे। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार तहसील रघुराजनगर अंतर्गत नगर पालिक निगम सतना के नगरीय क्षेत्र के पटवारी हल्कों में पटवारियों की पदस्थापना करते समय शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र एवं बाहृय नजूल क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि की हेराफेरी पर अंकुश है। शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में नगरीय क्षेत्रांतर्गत पटवारी के पदस्थापना की कुल सेवाकाल की अवधि पर ध्यान दिया जाता है। (ग) तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्का कोलगवां के आराजी नं. 502, 506, 507, 508, 532, 533 किता 6 कुल रकवा 13.127 हे. वर्तमान में शासकीय है। उक्त भूमि भूमिस्वामी स्वत्व मे परिवर्तित नहीं हुई है। उक्त भूमि को भूमि स्वामी स्वत्व में परिवर्तित किये जाने का प्रश्न ही नहीं है। मौजा बदखर की आराजी नं. 343, 352, 355, 381 के संबंध में न्यायालय अनु.अधि. के प्र.क्र. 13 अ 6 अ 2021-22 ब्रजलाल सेन बनाम नर्मदा सेन प्रसाद में प्रतिवेदन दिनांक 28.07.2021 कलेक्टर न्यायालय में निर्णय हेतु विचाराधीन हैं, शीघ्र ही विधि संगत कार्यवाही की जावेगी। मौजा बदखर की आराजी नं. 39 रकवा 2.28 एकड़ की आराजी के संबंध में न्यायालय अनु.अधि. के न्यायालय के प्रकरण 34 अ 74/2021-22 ब्रजलाल नाई बनाम ओम प्रकाश विजोरिया वगैरह में प्रतिवेदन तैयार कर दिनांक 30.06.2021 न्यायालय कलेक्टर पंजीबद्ध होकर प्रचलित है, प्रकरण तलवी हेतु नियत है, प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) म.प्र. शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2021 का पालन करते हुए पटवारियों के स्थानांतरण किये जा रहे हैं। बृजलाल नाई की आराजी के मामले में उत्तरांश (ग) में अंकित न्यायालय से पारित आदेश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
म.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीयन के प्रावधान
[श्रम]
9. ( *क्र. 132 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल में एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों के पिछले 1 साल में 90 दिन मजदूरी करने पर प्रत्येक सदस्य को पृथक पृथक पंजीबद्ध कर पृथक पृथक पंजीयन कार्ड जारी किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हां, तो क्या इस पंजीयन के लिये श्रम विभाग द्वारा विकसित वेब पोर्टल पर एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य का पंजीयन किये जाने की सुविधा उपलब्ध है? (ग) यदि हां, तो इसकी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देवें, यदि नहीं, तो फिर ऐसा क्यों? (घ) सरकार के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी इस तरीके की सुविधा वेब पोर्टल पर उपलब्ध न कराने के लिये कौन कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर सरकार कब तक और क्या कार्यवाही करेगी? (ड.) क्या पिछले 5 सालों में सिर्फ उपरोक्त कारण से अस्वीकृत किये गए आवेदनों की सरकार समीक्षा करके ऐसे लोगों का स्वतः पंजीयन करने के निर्देश देगी, जिनके आवेदन सिर्फ इस कारणों से अस्वीकृत किये गए कि उनके परिवार के किसी एक सदस्य का पंजीयन पूर्व से है? यदि हां, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हॉं। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल अंतर्गत एक ही परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के एक से अधिक सदस्यों द्वारा विगत एक वर्ष में 90 दिवस से अधिक भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यों में संलग्न रहने पर पृथक-पृथक पंजीयन किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हॉं। (ग) निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जिनके द्वारा विगत वर्ष में 90 दिवस भवन तथा अन्य संनिर्माण कार्य किया हो, द्वारा लोक सेवा केन्द्र अथवा पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य के पंजीयन हेतु जिस श्रमिक का पंजीयन किया जाना है, उसका नाम किसी अन्य पंजीयन में अंकित हो, तो उसे उक्त पंजीयन से हटाकर समग्र सदस्य आई.डी. से नया पंजीयन किया जा सकता है। एक समग्र परिवार आई.डी. से परिवार के अन्य सदस्य भी अपना पंजीयन करवा सकते हैं। (घ) एवं (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छतरपुर जिले में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय की स्थापना
[श्रम]
10. ( *क्र. 483 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोले जाने हेतु निर्णय हुआ था? निर्णय उपरांत कलेक्टर को भूमि आवंटन करने हेतु पत्र लिखा गया था? विद्यालय भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी का निर्धारण किया गया था? कितना व्यय अनुमानित किया गया था? (ख) उक्त विद्यालय के भवन निर्माण की क्या स्थिति है? क्या छतरपुर में निर्मित होने वाले विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति निरस्त कर दी गई? यदि हाँ, तो किस कारण?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। जिला छतरपुर में नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोले जाने हेतु निर्णय हुआ था। शासन की ओर से कलेक्टर, छतरपुर को श्रमोदय आवासीय विद्यालय हेतु भूमि आवंटन के लिये पत्र लिखा गया था।विद्यालय भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेन्सी निर्धारित की गई थी। श्रमोदय विद्यालय, छतरपुर के निर्माण का अनुमानित व्यय रू. 5403.81 लाख था। (ख) जिला छतरपुर में प्रस्तावित नवीन श्रमोदय आवासीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा निरस्त की गई है।शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिलांतर्गत कृषि उपज का उपार्जन/भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( *क्र. 145 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-425,दिनांक-23/09/2020 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में कटनी-जिले मे विगत तीन वर्षों में खाद्यान्न के उपार्जन और भंडारण में अनियमितताओं की कौन-कौन सी जानकारी शासन को किस प्रकार ज्ञात हुई और प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्या वर्ष 2019-20 से अब तक कटनी जिले से पीडीएस वितरण हेतु भेजा गया और भंडारित खाद्यान्न अमानक पाया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ एवं कौन-कौन सा खाद्यान्न किस आधार एवं किन जाँचों में अमानक पाया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अमानक खाद्यान्न के प्रकरणों में कोई जांच और कार्यवाही की गयी?यदि हाँ,तो प्रश्न दिनांक तक की गयी जांच/कार्यवाही सहित बताएं, कि इन अनियमितताओं के लिए कौन-कौन जिम्मेदार पाया गया, और क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जा चुकी है? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) कटनी जिले मे कौन-कौन से खाद्यान्न और कृषि उपजों की खेती की जाती है? विगत-03 वर्षों में कितनी-कितनी और कौन-कौन सी कृषि उपज का उत्पादन हुआ और क्या इन उपजों के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ,तो विवरण बतायें। यदि नहीं, तो किन-किन कृषि उपज के भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं और शासन एवं विभाग स्तर पर इसके लिए क्या कार्यवाही की गयी एवं क्या योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना जिलांतर्गत नामांतरण/डायवर्सन के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 834 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना की समस्त तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालयों में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने नामांतरण एवं डायवर्सन के प्रकरण प्राप्त हुए और कितनों को निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण लंबित होने का कारण क्या है? (ख) क्या कार्यालयों में पदस्थ रीडर/पटवारी/राजस्व निरीक्षक की लापरवाही, कार्य के प्रति उदासीनता की वजह से आवेदकगणों को कार्यालयों के कई-कई बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं, तो विलम्ब एवं आवेदकों की परेशानी का क्या कारण है? (ग) क्या नामांतरण/डायवर्सन के प्रकरण निराकरण हेतु विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को निश्चित समयसीमा नियत की गई है? यदि हाँ तो समयावधि समाप्ति के बाद विलम्ब हेतु कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ तो अब तक कौन-कौन से अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसानों एवं आमजनों की सुविधा एवं कार्य में सुगमता हेतु विभाग के उच्चस्थ अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक माह विलंबित प्रकरणों की मॉनीटरिंग की जाकर जवाबदेह अधिकारी को निश्चित समयसीमा में प्रकरण निराकरण हेतु एक निश्चित लक्ष्य प्रकरण संख्या दी जावेगी? यदि हाँ, तो कार्ययोजना बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना की तहसील में नामांतरण एवं अनुभाग में डायवर्सन के प्रकरणों की तहसीलवार एवं अनुभागवार जानकारी निम्नानुसार है :- नामांतरण के प्रकरण :- तहसील/कुल दर्ज प्रकरण/निराकृत प्रकरण/शेष प्रकरण पोरसा/10442/9598/844 अम्बाह/14992/13898/1094, मुरैना/ 23108/21382/1726, बामौर/7255/6489/766, जौरा/18839/16220/2619, कैलारस/15248/14336/912, सबलगढ़/7015/5890/1125, डायवर्सन पुष्टि प्रकरण: अनुभाग/ कुल दर्ज प्रकरण/निराकृत प्रकरण/शेष प्रकरण, अम्बाह 514/514, मुरैना/2969/2886/83, जौरा/396/357/39, सबलगढ़/997/965/32। मुरैना की तहसीलों में नामातंरण के लंबित प्रकरण एवं अनुभागों में डायवर्सन पुष्टि के लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियम अनुसार न्यायिक प्रक्रिया की प्रतिपूर्ति उपरांत समयावधि में निराकरण किया जाता है। (ख) जी नहीं। मुरैना की तहसीलों में नामातंरण के लंबित प्रकरण एवं अनुभागों में डायवर्सन पुष्टि के लंबित प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियम अनुसार न्यायिक प्रक्रिया की प्रतिपूर्ति उपरांत समयावधि में निराकरण किया जाता है। (ग) जी हॉ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 की धारा 110 की कंडिका 4 के अनुसार नामांतरण के अविवादित प्रकरण 30 दिवस एवं विवादित प्रकरण हेतु 05 माह की समय-सीमा नियत की गई है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निधारण) नियम, 2018 में व्यवस्था है कि, ''अधिकार अभिलेख से भिन्न, भू- अभिलेखों को, उपखण्ड अधिकारी द्वारा प्रीमियम तथा पुनर्निधारित भू-राजस्व की गणना की उक्त नियमों के नियम 13 के उपनियम (1) के अधीन पुष्टि किये जाने या नियम 11 के अधीन भूमिस्वामी द्वारा दी गई सूचना की तारीख से पन्द्रह दिवस के पश्चात्, जो भी पूर्वतर हो, अद्यतन किया जाएगा, परंतु यदि उपखण्ड अधिकारी भूमिस्वामी को अंतर की राशि, यदि कोई हो, जमा करने की सूचना देता है तो ऐसा भू-अभिलेख ऐसी राशि जमा करने के पश्चात् ही अद्यतन किया जाएगा''। (घ) उच्चस्थ अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक माह विलंबित प्रकरणों की मॉनिटरिंग की जाकर जवाबदेह अधिकारियों को निश्चित समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देशित किया जाता है।
नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत पात्रता पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 109 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता हैं? कितने पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. कार्ड बनाकर प्रदाय किये गये हैं तथा कितने पात्र हितग्राहियों को प्रदान नहीं किये गये हैं एवं क्यों? वर्ष 2019-20 से 2021-22 जून 21 तक की वार्डवार व माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने बी.पी.एल. कार्डधारक हितग्राहियों को राशन पात्रता पर्ची प्रदाय की गईं हैं एवं कितने कार्डधारक हितग्राही पात्रता पर्ची से वंचित हैं एवं क्यों? कितने हितग्राहियों की पात्रता पर्ची को राशन वितरण करने वाली सूची में जोड़ा गया है एवं कितने हितग्राहियों की पात्रता पर्ची को नहीं जोड़ा गया है? वार्डवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ताओं को आधार लिंक एवं समग्र आई.डी. से जोड़ा गया है तथा कितने उपभोक्ताओं को नहीं जोड़ा गया है एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में कितने पात्रता पर्ची धारक उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा से कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया हैं एवं क्यों? इसकी जांच कब-कब किसने की है? वार्डवार व माहवार उपभोक्ताओं की जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट की प्रगति
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 699 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत वृहद पार्वती परियोजना प्रोजेक्ट में कितने गांव में भूमि का अधिग्रहण का कार्य पूर्ण किया जाकर मुआवजा वितरित कर दिया गया है तथा कितने गांव में यह कार्य शेष है तथा कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) उक्त योजना हेतु शासन द्वारा कितने बजट का प्रावधान किया गया है तथा कितने चरणों में कार्य पूर्ण होगा वर्तमान में कार्य की प्रगति की क्या स्थिति है? (ग) कार्य पूर्ण होने के उपरांत कितनी जमीन सिंचित होगी और इसका लाभ किन-किन गांव को मिलेगा और विकासखण्ड सीहोर का कितना एरिया कवर होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आवार्ड की कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) इस परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में रू.200 करोड़ का बजट प्रावधान है। परियोजना का निर्माण कार्य दो चरण अर्थात बांध निर्माण एवं उच्च दाब नहर प्रणाली में किया जाना है। वर्तमान में बांध निर्माण कार्य 80 प्रतिशत एवं नहर कार्य 02 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) 139 ग्रामों की 48,000 हेक्टर भूमि। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। परियोजना से विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत श्यामपुर तहसील की 1,869 क्षेत्र में सिंचाई करना प्रावधानित है।
संबल व विवाह सहायता योजना के प्रकरणों का निराकरण
[श्रम]
15. ( *क्र. 893 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना व विवाह सहायता योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये, कितने निरस्त किये गये? प्रत्येक का कारण बतावें। (ख) संबल योजना में परिवार के मुखिया की मृत्यु, दुर्घटना आदि में क्या सहायता दी जाती है। उल्लेखित अवधि में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी घटनायें हुई व किस-किस प्रकरण में आश्रितों को राशि का भुगतान कर दिया गया है? किन-किन प्रकरणों में अभी तक राशि नहीं दी गई? प्रत्येक का कारण बतावें। (ग) विवाह सहायता में स्वीकृति व राशि भुगतान के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक 1. संबल योजनांतर्गत 202 प्रकरण प्राप्त हुये, 134 प्रकरण स्वीकृत किये गये व19 प्रकरण निरस्त किए गए तथा 12 प्रकरण प्राकृतिक दुर्घटना से संबंधित होने के कारण राजस्व विभाग को स्थानांतरित किये गये हैं। निरस्ति का कारण संबंधी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की विवाह सहायता योजना के 387 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 345 प्रकरण स्वीकृत एवं 42 प्रकरण निरस्त किये गये। निरस्त प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) संबल योजनांतर्गत परिवार के मुखिया की मृत्यु पर अंत्येष्टि सहायता 5 हजार सामान्य मृत्यु पर अनुग्रह 02 लाख, दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह सहायता 04 लाख रूपये हितलाभ राशि प्रदान की जाती है। उल्लेखित अवधि में महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत 134 प्रकरणों में भुगतान किया गया है।लंबित प्रकरणों की कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की विवाह सहायता योजना में स्वीकृति व राशि भुगतान नियमित प्रक्रिया है। विवाह सहायता योजना के समय.सीमा बाह्य कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालयों का गठन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
16. ( *क्र. 708 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 4561 दिनांक 15 मार्च 21 का उत्तर उपलब्ध करायें। क्या प्रदेश में केन्द्र शासन की मंशानुसार तहसील स्तर पर सप्ताह में 2 दिन उपभोक्ता न्यायालय खोलने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है? क्या न्यायालय प्रारंभ हो चुके हैं? (ख) क्या प्रदेश में बढ़ते उत्पाद एवं जनसंख्या के कारण उपभोक्ता न्यायालय कम हैं और ग्राहक को न्याय दिलाने में देरी हो रही है? यदि नहीं, तो प्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित क्या प्रदेश में भारी मात्रा में अवैध रूप में परिवार स्वास्थ्य बीमा कंपनियां नागरिकों का बीमा कर उनका भुगतान समय पर नहीं कर रही है? परिवार स्वास्थ्य बीमा से जुड़े कितने प्रकरण दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ता न्यायालयों में आये कितनों का निराकरण उपभोक्ता के पक्ष में हुआ? कितनों का निराकरण शेष है? सिर्फ संख्या बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। दिनांक 30 जून 2021 की स्थिति में 36526 प्रकरण लम्बित हैं। (ग) राज्य शासन से संबंधित नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में परिवार स्वास्थ्य बीमा से संबंधित 1088 प्रकरण दर्ज हुए, 296 प्रकरणों का निराकरण उपभोक्ता के पक्ष में हुआ तथा 618 प्रकरण लम्बित हैं।
रेत खनन से प्राप्त रॉयल्टी
[खनिज साधन]
17. ( *क्र. 824 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में कैबिनेट में रेत खनन के ठेकेदारों को कोविड-19 को देखते हुए, राशि के संबंध में रियायत दी गई है? बताएं कि इससे प्रदेश को मिलने वाली संभावित राशि के स्थान पर कितनी राशि राजस्व के बतौर मिलेगी। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राहत से किस ठेकेदार को कितने रूपए की छूट का लाभ प्राप्त होगा? (ग) मार्च 2020 से 15 जुलाई, 2021 तक रेत माफिया द्वारा खनिज विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों पर कितने हमले किए गए और उससे कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी घायल हुए की जानकारी उपलब्ध कराएं। समान अवधि में उससे पिछले कार्यकाल में यह संख्या कितनी प्रतिशत ज्यादा या कम है? (घ) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक रेत खनन से प्राप्त रॉयल्टी की वर्षवार जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के परिपत्र क्रमाँक एफ 19-3/2020/12/1/पार्ट/4026 भोपाल, दिनाँक 24/06/2021 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। इसके फलस्वरूप प्रदेश को रेत वर्ष समाप्ति 30/06/2022 तक रेत खदानों से राजस्व राशि रूपए 1397.60 करोड़ के स्थान पर राजस्व राशि रूपए 1124.03 करोड़ की प्राप्ति होगी। शेष राशि को शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के क्रम में विलम्बित किया गया है। जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त होगी। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर से स्पष्ट है कि छूट नहीं दी गई है, अपितु राज्य शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के अनुसार प्रदेश को रेत वर्ष समाप्ति 30/06/2022 तक रेत खदानों से राजस्व राशि रूपए 1397.60 करोड़ के स्थान पर राजस्व राशि रूपए 1124.03 करोड़ की प्राप्ति होगी। शेष राशि को शासन के परिपत्र दिनाँक 24/06/2021 के क्रम में विलम्बित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) इस प्रकार की जानकारी विभाग द्वारा विशिष्ट रूप से संधारित नहीं रखी जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[श्रम]
18. ( *क्र. 63 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह एवं अन्त्येष्टि सहायता तथा प्रसूति सहायता की राशि भुगतान के रायसेन जिले में कितने प्रकरण लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर मान. मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश दिये? (ग) प्रश्नांश (ख) में मान. मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया? (घ) मान. मंत्री जी के निर्देशों के बाद भी प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में प्रश्नांश (क) के हितग्राहियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जुलाई 2021 की स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के कुल 58 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जा सकेगा। अन्त्येष्टि सहायता राशि का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। प्रसूति सहायता राशि भुगतान के 1383 प्रकरण संबंधित द्वारा दिये गये बैंक खाते व आई.एफ.एस.सी. कोड सुधार हेतु लंबित हैं। सुधार उपरान्त भुगतान किया जा सकेगा। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक विशेष सहायक माननीय मंत्री जी द्वारा माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह के 09 पत्र इस कार्यालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रेषित किय गये। (ग) प्रश्नांश (ख) में माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में :- 1. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 119, दिनांक 21.01.2021 के संबंध में कलेक्टर, जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 140, दिनांक 30 जनवरी, 2021, को प्रेषित किया गया, जिसकी जानकारी निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 141 दिनांक 30.01.2021 द्वारा प्रदान की गई। श्रम पदाधिकारी द्वारा उक्त पत्र के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी की ओर पत्र क्रमांक 137, दिनांक 05.02.2021 द्वारा प्रेषित किया गया। कार्यवाही प्रचलन में है। 2. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 117, दिनांक 21.01.2021 के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी को पत्र क्रमांक 150, दिनांक 02 फरवरी, 2021, को प्रेषित किया गया, जिसकी जानकारी निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 152, दिनांक 02.02.2021 द्वारा प्रदान की गई। श्रम पदाधिकारी जिला रायसेन द्वारा उक्त पत्र के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी की ओर पत्र क्रमांक 139, दिनांक 05.02.2021 द्वारा प्रेषित किया गया। कार्यवाही प्रचलन में है। 3. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 756, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 993, दिनांक 19.07.21 श्रमिकों को अनुग्रह सहायता राशि के भुगतान कराये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 759, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1037, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 4. श्रम पदाधिकारी मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा पत्र क्रमांक 762, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 989, दिनांक 19.07.2021 जनपद पंचायत बेगमगंज अंतर्गत 15 लंबित अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान कराये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 765, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1035, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 5. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप पत्र क्रमांक 768, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 987, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 771, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सिलवानी जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1039, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 6. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 786, दिनांक 26.07.2021 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 991, दिनांक 19.07.21 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है। उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 789, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1032, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 7. श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप पत्र क्रमांक 780, दिनांक 26.07.21 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 997, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है, उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 783, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बेगमगंज जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1030, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। 8. पत्र क्रमांक 774, दिनांक 26.07.2021 द्वारा माननीय मंत्री जी का पत्र क्रमांक 995, दिनांक 19.07.2021 मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि दिलाये जाने के संबंध में प्रेषित किया गया है उक्त के संबंध में पृष्ठांकन क्रमांक 777, दिनांक 26.07.2021 द्वारा निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह को प्रेषित किया गया है। उक्त पत्र के परिपालन में श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयपुरा जिला रायसेन को कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1025, दिनांक 28.07.2021 को प्रेषित किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयपुरा द्वारा पत्र क्रमांक 716, दिनांक 30.07.2021द्वारा अवगत कराया गया है कि श्री रकीब शाह संबल आईडी 179865292 निवासी ग्राम पंचायत छतेरा की मृत्यु उपरान्त संबंल योजना अन्तर्गत अनुग्रह सहायता राशि रूपये 2.00 लाख स्वीकृत की जा चुकी है, ईपीओ क्रमांक 356613, दिनांक 14.07.2021 जारी किया जा चुका है। बजट उपलब्धता पर राशि प्रदाय की जायेगी। 9. माननीय मंत्री जी के पत्र क्रमांक 110, दिनांक 21.01.2021 जो कि माननीय विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 515, दिनांक 25.09.2020 के संदर्भ में प्राप्त था, के संबंध में वस्तुस्थिति से निज सचिव माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह जी को पृष्ठांकन क्रमांक 158, दिनांक 03.02.2021 द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान पर्याप्त बजट उपलब्धता पर हो सकेगा। प्रसूति सहायता राशि भुगतान के 1383 प्रकरण संबधित आवेदक द्वारा दिये गये बैंक खाते व आई.एफ.सी. कोड त्रुटिपूर्ण होने के कारण लंबित है। जिनमें खाता क्रमांक/आई.एफ.सी. कोड सुधार संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 75 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में 10 जुलाई, 2021 तक अलग अलग तहसीलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के कितने कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरण ऐसे हैं, जो एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि से लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण करने के लिए वर्तमान में तहसीलवार किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सी जवाबदारी दी गयी है? विवरण देवें। (ग) उक्त सभी लंबित प्रकरणों का निपटारा कब और किस तारीख तक हो जाएगा? प्रकरणों को शीघ्र अतिशीघ्र निपटाने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से आदेश एवं निर्देश दिये गए हैं और शासन द्वारा उनकी कब तक की समय-सीमा तय की गयी है? आदेश, निर्देश और सभी परिपत्र उपलब्ध कराएं। (घ) राजस्व जिला उज्जैन में तहसीलवार अतिक्रमण हटाने के लिए सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए किस आदेश निर्देश के अंतर्गत कार्यवाहियाँ की गयी है? उक्त आदेश, निर्देश परिपत्रों की कॉपी देते हुए पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिले में 10 जुलाई 2021 तक 257 प्रकरण निम्नानुसार लंबित हैं :- (1) उज्जैन 52 (2) उज्जैन नगर 05 (3) कोठीमहल 00 (4) खाचरौद 63 (5) घट्टिया 00 (6) नागदा 17 (7) महिदपुर 32 (8) झारडा 34 (9) तराना 54 (10) माकडौन 00 (11) बड़नगर 00 योग-257 (ख) जिला उज्जैन में 1 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के तहसील तराना में 1 प्रकरण लंबित है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानों के अनुसार न्यायालय तहसीलदार को निराकरण की अधिकारिता प्राप्त है। (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानानुसार न्यायालय तहसीलदार द्वारा विधिवत सुनवाई उपरांत किया जाता है। संहिता की धारा 248 में इन प्रकरणों के निराकरण के लिए समय – सीमा का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 मे निहित प्रावधानों के अनुसार न्यायालय तहसीलदार द्वारा शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। संहिता की धारा 248 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ए.आर.टी.ओ. द्वारा परमिट जारी किये जाने की जांच
[परिवहन]
20. ( *क्र. 672 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल परिवहन कार्यालय में पदस्थ ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान के विरूद्ध 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से शिकायती आवेदन प्राप्त हुए एवं उन आवेदन पत्रों की जांच किन अधिकारियों द्वारा की जा रही है एवं आवेदन पत्र किस विषय से संबंधित है? (ख) क्या दिनांक 01 जून, 2021 से 15 जून 2021 तक भोपाल आर.टी.ओ. श्री संजय तिवारी के अल्प अवकाश के दौरान कार्यालय का प्रभार ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान को सौंपा गया था। यदि हां, तो क्या उनको परमिट संबंधी कार्य करने की भी पात्रता थी? यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा दिनांक 01 जून 2021 से 15 जून 2021 तक प्रभारी आर.टी.ओ. रहते हुए नियम विरूद्ध परमिट संबंधी कार्य को भी किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा नियम विरूद्ध जारी किये गये परमिटों को निरस्त कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई थी? यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल परिवहन कार्यालय में पदस्थ ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान के विरूद्ध 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक 02 शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त शिकायतों की जांच संभागीय उप परिवहन आयुक्त भोपाल के द्वारा की जा रही है। सभी शिकायतों का स्वरूप एक समान है। आर.टी.ओ. कार्यालय में होने वाले सभी कार्य विषयों के संबंध में है। (ख) जी हां। जी हां। मोटरयान अधिनियम 1988 में प्राधिकार को प्रदत्त शक्तियां क्षेत्रीय/अति. क्षेत्रीय/जिला परिवहन अधिकारियों को परमिट जारी करने के अधिकार दिये गये हैं। समस्त अधिकार पदनाम से जारी किये जाते हैं व्यक्तिगत नाम से कोई भी अधिकार प्रदत्त नहीं किया जाता है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 64 (1) में प्रावधानित है कि ''प्रादेशिक परिवहन अधिकारी या परिवहन विभाग का कोई अन्य प्राधिकारी जो प्रादेशिक परिवहन अधिकारी की श्रेणी से नीचे का न हो प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का सचिव होगा। अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का अतिरिक्त सचिव होगा। प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी का एक सहायक सचिव भी होगा, जो कि अध्यक्ष प्रादेशिक परिवहन प्राधिकारी द्वारा नाम निर्दिष्ट किया जाये और सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अथवा जिला परिवहन अधिकारी के पद से नीचे का न हो। अर्थात् सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नियमानुसार परमिट जारी कर सकते हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, ग्वालियर चंबल संभाग द्वारा जारी संकल्प दिनांक 01.10.2020 में उनके क्षेत्रान्तर्गत आने वाले 10 संभागों के जिला कार्यालयों में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को शक्तियां प्रदाय की गई हैं। संकल्प की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। ए.आर.टी.ओ. श्रीमती अनपा खान द्वारा दिनांक 01 जून 2021 से 15 जून 2021 तक प्रभारी आर.टी.ओ. रहते हुए नियम विरूद्ध कार्य करने के संबंध में वाहन स्वामी द्वारा आवेदन/आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। यदि कोई पक्षकार किसी भी अधिकारी के आदेश से व्यथित/असंतुष्ट है तो वह मोटरयान अधिनियम 1988 में विहित प्रावधान के अनुसार माननीय राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण के समक्ष अपील/रिविजन प्रस्तुत कर सकता है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व भूमि पर काबिज काश्तकारों को अधिकार पत्र का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( *क्र. 758 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय राजस्व भूमि पर विगत कई वर्षों से काबिज कर खेती कर रहे काश्तकारों को अधिकार पत्र देने की क्या कार्य योजना और प्रावधान हैं? (ख) राज्य सरकार ने गरीब किसानों द्वारा काबिज राजस्व भूमि का पट्टा देने हेतु समय-समय पर आदेश जारी किये गये हैं, पूर्व में जारी उक्त सभी आदेशों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या मण्डला जिले में राजस्व भूमि पर काबिज काश्तकारों की सूची तैयार की गयी है? यदि हां, तो यह तैयार सूची किस वर्ष की है? इसकी विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के अध्याय-7 कंडिका 128 से 136 में प्रावधान किए गए हैं। (ख) पूर्व में वर्ष 1984 एवं 2002 में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के प्रभावी होने से पूर्व में जारी सभी निर्देश निरस्त हो गए हैं। म.प्र. नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के अध्याय-7 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 579 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत शहरी तथा ग्रामीण इलाके में अलग कितनी कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी ऐसी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनमें अनियमितता होने की शिकायतें मिली हैं? इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई है अथवा जांच लंबित है? (ग) ग्रामीण इलाकों में संचालित कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ऐसी हैं जहां गरीब परिवारों को राशन लेने के लिए 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? (घ) क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार के आवास की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोहद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत उप नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
23. ( *क्र. 737 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की गोहद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम सिलोहा से मौ तक उप नहर नहीं बनाये जाने से किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है। (ख) यदि हां, तो क्या शासन किसानों के हित में उक्त उप नहर बनाने के लिये प्रभावी कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) चंबल नहर प्रणाली में पानी की अनुपलब्धता के कारण प्रश्नाधीन उप नहर का निर्माण नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्तावित श्रीमंत माधवराव सिंधिया वृहद परियोजना के विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत प्राप्त परियोजना प्रतिवेदन के आधार पर प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिए सिंचाई सुविधा के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जिला छतरपुर में किसानों पर दर्ज आपराधिक प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( *क्र. 656 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3549, दिनांक 24/7/2019 में उत्तर दिया था कि मूल दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया लेख किया था? (ख) क्या सक्षम अधिकारी द्वारा समस्त प्रश्नों के बिंदुओं पर दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण हेतु कलेक्टर को लिखा गया था? (ग) यदि हां, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या कार्यालय कलेक्टर खाद्य जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 205/वि.स/खाद्य/2020, दिनांक3/3/2020 के पत्र में तामिली प्रक्रिया का पूर्ण रुप से पालन किया गया लेख किया था? (ड.) यदि हां, तो क्या उक्त दस्तावेजों में चस्पांगी के आदेश की प्रति सलंग्न थी। यदि हां, तो प्रति उपलब्ध कराएं।यदि नहीं, तो क्यों लेख किया था? कारण स्पष्ट करें। (च) जिला छतरपुर में वर्ष 2021 से प्रश्र दिनांक तक किन-किन किसानों का गेहूं जप्त, खरीद केंद्र प्रभारी एवं किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं? संपूर्ण दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराएं। (छ) क्या उपार्जन नीति वर्ष 2021-22 मे खरीद केंद्र प्रभारी एवं किसानों का गेहूं जप्त एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के नियम हैं? (ज) यदि हां, तो नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (झ) यदि नहीं, तो क्या शासन गेहूं जप्त एवं अपराधी प्रकरण दर्ज कराने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा?यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (झ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा
[राजस्व]
25. ( *क्र. 816 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिये जाने एवं तहसील मुख्यालय घाना में किये जाने हेतु पूर्व में अधिसूचना जारी की जा चुकी है एवं जिसमें घाना मुख्यालय किये जाने पर विभाग को कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है? यदि हां, तो कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में की गई बैठक में पुन: तहसील मुख्यालय के स्थल के चयन हेतु निर्णय क्यों लिया गया है? उचित कारण देवें। क्या मंत्रालय में बैठे अधिकारियों को क्षेत्र की स्थिति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से ज्यादा पता है? (ख) ग्राम घाना में पर्याप्त शासकीय भूमि भी उपलब्ध है तो अनावश्यक बार-बार नवीन स्थल चयन प्रक्रिया करने से तहसील गठन में हो रहे विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र क्र. 615/सी.एम.एस./एस.एम.एस./2021 दिनांक 08.06.2021 के पत्र पर विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों लंबित रखी गई है? यदि नहीं, तो उक्त पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? साथ ही यह भी बताएं की बरगी को पूर्णकालिक तहसील कब तक घोषित किया जावेगा? यदि हां, तो स्पष्टीकरण देवें। (घ) क्या तहसील कार्यालय संचालन हेतु शासन को भवन की आवश्यकता भी है? यदि हां, तो क्या वर्तमान में बरगी स्थित उप तहसील कार्यालय भवन में अस्थाई तौर पर तहसील कार्यालय संचालन किया जा सकता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जी हां। मुख्यालय घाना रखते हुए नवीन तहसील बरगी का गठन होने की स्थिति में लोगों को दो पृथक-पृथक ब्लॉक यथा बरगी (मुख्यालय जबलपुर) तथा शहपुरा में जाकर अपने कार्य कराना होंगे एवं तहसील संबंधी कार्य हेतु प्रस्तावित तहसील के मुख्यालय घाना जाने की बाध्यता के दृष्टिगत तथा घाना में पूर्व से कोई अधोसंरचना भी उपलब्ध न होने व बरगी नगर में सिंचाई विभाग द्वारा पूर्व से निर्मित भवन उपलब्ध होने, जिसका उपयोग तहसील के शासकीय कार्यालयों तथा कर्मचारियों के निवास हेतु किया जा सकने, के आधार पर कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कलेक्टर जिला जबलपुर से पुन: परीक्षण कर प्रस्ताव प्राप्त करने की अनुशंसा की गई, जिसके अनुक्रम में कलेक्टर जिला जबलपुर को समस्त रूप से परीक्षण कर यथोचित प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु दिनांक 08.06.2021 को लिखा गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, बरगी को पूर्णकालिक तहसील घोषित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र 615/CMS/SMS/2021 दिनांक 08.06.2021 पर प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के अनुसार वस्तुस्थिति के दृष्टिगत कार्यवाही लंबित नहीं रखी गई है, शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (घ) नवीन तहसील स्वीकृति उपरांत ही तहसील कार्यालय संचालित किया जा सकता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बीना
नदी एवं हनौता
सिंचाई परियोजना
की अद्यतन
स्थिति
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 3 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवम हनौता सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवम हनौता सिंचाई परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के कितने ग्रामों के किसानों को लाभ मिलेगा? (ग) सिंचाई परियोजना का कार्य किस वर्ष पूर्ण होना है एवं वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है, एवं कब तक पूर्ण होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बीना सिंचाई परियोजना के अंतर्गत 02 बांध एवं प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का कार्य किया जा रहा है। मडि़याबांध अंतर्गत शीर्ष कार्य 40 प्रतिशत एवं चकरपुर बांध अंतर्गत शीर्ष कार्य 55 प्रतिशत पूर्ण करना प्रतिवेदित है। प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर रूपांकन कार्य प्रगतिरत है। हनौता परियोजना के शीर्ष कार्य के अंतर्गत फाउनडेशन में कांक्रीट का कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। नहर कार्य के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर रूपांकन का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) अनुबंध अनुसार बीना सिंचाई परियोजना का कार्य वर्ष 2025 एवं हनौता परियोजना का कार्य वर्ष 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। दोनों परियोजनाओं के कार्य प्रगतिरत होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पताल
[श्रम]
2. ( क्र. 24 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 में मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा संचालित किन-किन अस्पतालों को कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित किया गया? कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तन होने वाले अस्पतालों के नाम, पते तथा परिवर्तन की तिथि संबंधी आदेश की प्रति दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों द्वारा कितने कोविड मरीजों का उपचार किया गया, कितने रिफर किये और कितने भर्ती किये गये अस्पतालवार माहवार जानकारी बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्तपालों द्वारा बीमित कोविड प्रभावित श्रमिकों के अतिरिक्त आमजन का भी उपचार किया गया यदि हो तो बीमित एवं आम नागरिकों की संख्या अलग-अलग बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की परिस्थिति में आये मरीजों के उपचार पर कितना व्यय हुआ अस्पताल वार मदवार जानकारी दी जाये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार श्रम मंत्रालय अंतर्गत गठित है न कि मध्यप्रदेश राज्य के अंतर्गत तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम’ द्वारा संचालित क.रा.बी. आदर्श चिकित्सालय एवं आक्यूपेशनल डिसीज केन्द्र, नन्दानगर, इन्दौर (म0प्र0) 452010 को कोविड केयर सेन्टर में परिवर्तित किया गया था, जिस हेतु कोई मौखिक/लिखित आदेश प्राप्त नहीं थे। (ख) कुल 303 कोविड संदिग्ध/संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया एवं कुल 08 कोविड संदिग्ध/संक्रमित मरीजों को रिफर किया गया। (ग) हाँ, अप्रैल माह में कुल 4 नॉन आईपी (आमजन) को भर्ती किया गया। (घ) रूपये 1, 14, 80, 586/-
खाद्यान्न परिवहन के लिए आमंत्रित निविदा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
3. ( क्र. 35 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपूर्ति निगम द्वारा विगत पांच वर्षों में गेहूँ एवं अन्य परिवहन के लिए कब-कब निविदा आहूत की गई? शर्तों सहित जानकारी दें। (ख) क्या आपूर्ति निगम द्वारा निर्धारित शर्तों में भारत सरकार/म.प्र.शासन के निर्देश अनुसार निर्धारित मानक ट्रक क्षमता के अनुरूप ही गेहूँ ट्रक में लोड करना अनिवार्य था? (ग) आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक द्वारा ट्रकों में ओव्हर लोडिंग कर परिवहन करने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से आदेश जारी किए प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ट्रकों की क्षमता अनुसार परिवहन करने की शर्त के बाद भी प्रदेश में विगत तीन वर्षों में कितने ट्रकों से ओव्हरलोडिंग कर परिवहन किया गया। जिलावार जानकारी दें। (ड.) क्या आपूर्ति निगम द्वारा करवाये गये परिवहन में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के विपरीत ट्रकों से ओव्हरलोडिंग की गयी। यदि हां, तो इसका उत्तरदायी कौन है, नाम सहित जानकारी दें। (च) क्या आपूर्ति निगम में परिवहन की बिलिंग में से ट्रकों की क्षमता का कालम भी हटा दिया गया है ताकि ओव्हर लोडिंग ट्रकों द्वारा किए गए परिवहन का आसानी से भुगतान किया जा सके। यदि हां, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा ट्रकों में ओव्हर लोडिंग कर परिवहन करने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कोई निर्देश जारी नहीं किए गए। (घ) प्रश्नांश (ख) परिपेक्ष्य में जिलो में कोई भी स्थिति संज्ञान में नहीं आई। (ड.) जी नहीं। निविदा दस्तावेज में उल्लेखित प्रावधनों के अनुरूप ही परिवहन का कार्य किया गया है। (च) जी नहीं। निर्धारित ऑनलाईन परिवहन बिलिंग प्रक्रिया अनुसार ही परिवहन देयकों के भुगतान की कार्यवाही की जाती है।
गेहूं एवं बारदान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 52 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से जून 2021 तक प्रतिवर्ष शासन स्तर पर कितना-कितना गेहूं कितने कृषकों से किस दर से कुल कितनी लागत का खरीदा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदे गये गेहूं में से कितना-कितना गेहूं किस विभाग / संस्थान को दिया गया तथा कितना गेहूं मण्डी में पानी या अन्य कारण से खराब हो गया? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रतिवर्ष गेहूं हेतु जूट, प्लास्टिक के कितने-कितने बारदान किस-किस व्यापारी/निर्माता से किस दर से, किस दिनांक को खरीद गये? वर्षवार कुल खरीदे गये जुट तथा प्लास्टिक के बारदान की संख्या तथा लागत बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मात्रा में से कितनी मात्रा का उपयोग हुआ तथा कितने शेष रहे तथा कितने खराब हो गये? जो शेष रहे तथा खराब हो गये उनका क्या किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को बकाया राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 64 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में समर्थन मूल्य पर क्रय धान, गेहूँ, मूंग, चना एवं अन्य फसलों के उपरांत किन-किन किसानों को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया कारण बतायें? (ख) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें तथा किस-किस अधिकारी की क्या-क्या जवाबदारी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मुख्यमंत्री जी मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने वाले 20 किसानों का भुगतान लंबित है। लंबित भुगतान के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। ग्रीष्मकालीन मूंग के उपार्जन एवं किसानों के भुगतान की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना एवं खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। (ख) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किसी भी माननीय विधायक के पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
6. ( क्र. 89 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक नक्शा दुरूस्तीकरण, सीमाकंन एवं नामांतरण के कितने प्रकरण कितने-कितने समय से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें आवेदक की आवेदन दिनांक से 6 माह पश्चात भी निराकरण नहीं हो पाया इसके लिये विभाग द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई राजस्व प्रकरणों में तेजी लाने के लिये विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या निर्देश दिये गये, 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में विगत 3 वर्षों में राजस्व प्रकरणों में किन-किन अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने किस-किस तहसील में शिकायत की, शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) कृषकों की भूमि का सीमांकन हेतु किन-किन तहसीलों में जी.पी.एस. सीमांकन किया जा रहा है? उक्त अवधि में बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में कितने प्रकरणों में भूमि का सीमांकन जी.पी.एस. से किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सीमाकंन, नामांतरण एवं नक्शा दुरूस्तीकरण के कुल प्रकरण निम्नानुसार लम्बित है:-
सीमाकंन |
नामांतरण |
नक्शा दुरूस्तीकरण |
04 |
295 |
01 |
सीमाकंन के 04 प्रकरण 03 माह की अवधि के अन्दर के है, नामान्तरण के कुल 295 प्रकरण में से 237 प्रकरण 03 माह की अवधि के अन्दर व 53 प्रकरण 03 से 06 माह की अवधि के अन्दर तथा 05 प्रकरण 06 माह से 01 वर्ष की अवधि के समयावधि में लम्बित थे। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में नामान्तरण के कुल 05 प्रकरण थे, जो 06 माह से 01 वर्ष तक की समयावधि के लम्बित थे प्रकरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है उक्त लम्बित 05 प्रकरण में से 04 प्रकरणो का निराकरण किया जा चुका है। शेष 01 प्रकरण में साक्ष्य हेतु नियत होने से आगामी 15 दिवस में इसका निराकरण कर दिया जावेगा। राजस्व प्रकरणों के शत-प्रतिशत निराकरण के लिए, प्रतिमाह आयोजित होने वाली राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये गये है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश से सम्बंधित सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की जानकारी निरंक है। (घ) बड़वानी जिला अन्तर्गत वर्तमान में जी.पी.एस. सीमांकन नहीं किया जाकर, नियमानुसार ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। अत: जिले के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कृषकों की भूमियों का सीमांकन भी ई.टी.एस. मशीन से सम्पन्न किया जा रहा है।
नियमित खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 90 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सहकारी उचित मूल्य की दुकानें विधिवत रूप से संचालित हैं, जिन पर खाद्यान्न का नियमित वितरण किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक हैं जिन्हें नियमित खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है तथा ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक है, जो अभी तक समग्र पोर्टल पर ऑनलाईन अपडेट नहीं हुए है, जिन्हें खाद्यान्न आज तक दिया ही नहीं गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों के समग्र पोर्टल पर अपडेट नहीं होने के कारण खाद्यान्न से पात्रता पर्ची जनरेट होने के अभाव से वंचित होने की स्थिति में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले की प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 132 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। उक्त दुकानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में बी.पी.एल के 48681, अंत्योदय के 10, 196 एवं 6, 976 गैर बी.पी.एल./अंत्योदय प्राथमिकता परिवारों को वितरण हेतु आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल 4035 परिवारों से आवेदन प्राप्त होने के बाद 3249 हितग्राहियों की पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन सामग्री वितरित करायी जा रही है। शेष 786 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। पात्रता पर्ची जारी किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) राशन मित्र पोर्टल/समग्र पोर्टल पर आवेदन प्राप्त होने पर स्थानीय निकाय के द्वारा अपडेट करने की कार्यवाही की जाती है। तदुपरांत इसे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी/जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
मछली पालन हेतु पट्टे का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
8. ( क्र. 205 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संचालक मत्स्य विभाग बालाघाट द्वारा नगर पालिका परिषद मलांजखण्ड क्षेत्रांतर्गत करमसरा सिंचाई जलाशय में मछ्ली पालन हेतु आदेश क्रं. / 1667 / उ0स0म0 / पट्टा / 2011-12 दिनांक 29/09/2011 द्वारा नवयुवक अजय एकता समिति करमसरा को दस वर्षो की अवधि के लिये पट्टा दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या नवयुवक अजय एकता समिति करमसरा, मछुआ सहकारी समिति नहीं है, यदि हां, तो किन कारणों से मछली पालन हेतु आदेशित किया गया? (ग) मछली पालन हेतु अपात्र समिति को करमसरा सिंचाई जलाशय का पट्टा दस वर्षों के लिये देने हेतु कौन – कौन से अधिकारी/ कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) नवयुवक अजेय एकता समिति करमसरा विकासखण्ड बिरसा तहसील बैहर एक मध्य प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अधीन पंजीकृत संस्था है। संस्था के बहुउद्देशीय कार्यों में जलाशयों को लीज पर लेकर मछलीपालन करना भी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) के आलोक में किसी भी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आराजी को निजी स्वत्व में दर्ज करने की जांच
[राजस्व]
9. ( क्र. 222 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान के मौजा चोरमारी की आराजी नंबर 304, 314, 315, 362, 383, 430, 445, 542, 543, 544, 549 किता 12 कुल रकबा 6.535 हेक्टेयर शासकीय भूमि के कॉलम में किस व्यक्ति ने अपना नाम दर्ज कब करा लिया और क्यों करा लिया कारण बताएं। जबकि उक्त भूमि वर्ष 1958-59 में खसरों में शासकीय दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) की शासकीय भूमि जो निजी स्वत्व में दर्ज है। उसे शासकीय दर्ज करने हेतु जनहित याचिका माननीय न्यायालय कलेक्टर सतना में प्रकरण क्रमांक 425 दिनांक 04/01/2021 को दर्ज है यदि हाँ तो प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ग) सतना जिले की तहसील बिरसिंहपुर के मौजा खांच की आराजी खसरा नं. 30 रकबा 0.52 एवं 0/210 वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज था। जिसे किस वर्ष में श्री अवध बिहारी आत्मज राम प्रताप वगैरह के नाम दर्ज क्यों कर दिया कारण बताऐ। (घ) प्रश्नांश (ग) की शासकीय भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज करने की शिकायत प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालय पत्र क्रमांक 921 दिनांक 24/3/2021 को मुख्य सचिव राजस्व मध्यप्रदेश शासन एवं कलेक्टर सतना को दिनांक 31/03/2021 को की जाकर पावती प्राप्त की गई है। तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझगंवा को उनके मोबाईल में ''व्हाट्सअप'' पर भेजा था जिस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं की गई तो क्या कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के मौजा चोरमारी की आराजी नंबर 304, 314, 315, 362, 383, 430, 445, 542, 543, 544, 549 किता 11 कुल रकवा 6.535 हे. के संबंध में वर्तमान खसरा, तहसील अभिलेखागार एवं जिला अभिलेखागार में उपलब्ध खसरा की सत्यापित खसरा नकल का परीक्षण किया गया। उपरोक्त वर्णित आराजियों में किस ब्यक्ति ने अपना नाम दर्ज कब और क्यों करा लिया इसका विवरण संलग्न परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रकरण का परीक्षण किया जा चुका है। प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में दर्ज है, अनुविभागीय अधिकारी रामपुर बाघे0 से प्रकरण में जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। (ग) जी नहीं, तहसील बिरसिंहपुर के मौजा खांच की आराजी नंबर 30 रकवा 0.5 एकड़/0.210 हे. आधार अभिलेख वर्ष 1958-59 की खतौनी भूमिस्वामी रामप्रताप वल्द भोलाराम ब्रा. साकिन देह खांच दर्ज अभिलेख था। हस्तलिखित खसरा वर्ष 1979-80 में सरकारी (बाग) दर्जअभिलेख है तथा वर्ष 1981-82 में जरिए न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त जैतवारा के रा.प्र.क्र. 24/अ-19/1978-79 आदेश दिनांक 30/10/1980 से अवध बिहारी पिता रामप्रताप के नाम राजस्व अभिलेख में इन्द्राज होना पाया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित प्राप्त शिकायत पर जांच करायी गयी, जिसमें निम्नांकित तथ्य पाए गए- 1- यह की उक्त आराजी नंबर 30 रकवा 0.52 एकड़/0.210 हे., वर्ष 1958-59 में रामप्रताप वल्द भोलाराम ब्रा. साकिन देह खांच दर्ज अभिलेख थी। 2- वर्ष 1979-80 में उक्त आराजी सरकारी (बाग) इन्द्राज होने संबंधी कोई सक्षम आदेश आलोक में नहीं आया। 3- वर्ष 1981-82 में न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त जैतवारा के रा0प्र0क्र0 24/अ-19/1978-79 आदेश दिनांक 30/10/1980 से अवध बिहारी पिता रामप्रताप के नाम राजस्व अभिलेख में इन्द्राज होना पाया गया।
जलाशय का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 253 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद जलाशय का निर्माण कब हुआ था? निर्माण के समय इसकी जल भण्डारण एवं सिंचाई क्षमता कितनी थी एवं वर्तमान समय में कितनी है? इसके जीर्णोद्धार हेतु क्या केन्द्र पोषित वृत योजना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हां, तो यह योजना क्या है एवं इसे कब प्रस्तावित किया गया तथा इसके अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने थे एवं यह भी बतलावें कि प्रस्तावित योजना की आज दिनांक तक स्वीकृति न मिलने के क्या कारण हैं? यह योजना शासन स्तर पर किन कारणों से कहां पर लम्बित है? (ग) क्या बहोरीबंद जलाशय की एल.बी.सी. एवं आर.बी.सी. में लाईनिंग का कार्य ई.आर.एम. योजनान्तर्गत पूर्व से प्रस्तावित है? यदि हां, तो इस योजान्तर्गत कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य होने हैं एवं योजना में विलम्ब के क्या कारण हैं? (घ) उल्लेखित ड्रिप योजना एवं ई.आर.एम. योजना के क्रियान्वयन में हुये विलम्ब का दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जांच कर उल्लेखित योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत कराकर कार्य प्रारंभ करायेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बहोरीबंद जलाशय का निर्माण वर्ष 1927 में हुआ था। निर्माण के समय जलाशय की जल भण्डारण क्षमता 34.52 मि.घ.मी. एवं सिंचाई क्षमता 6, 475 हेक्टर थी। वर्तमान में भी जल भण्डारण क्षमता 34.52 मि.घ.मी. एवं सिंचाई क्षमता 6, 475 हेक्टर है। जी हाँ, ड्रिप-II के अंतर्गत प्रस्तावित है। (ख) परियोजना के शीर्ष कार्य के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव ड्रिप-II के अन्तर्गत प्रस्तावित होकर मुख्य अभियंता, बोधी दिनांक 10.04.2019 द्वारा प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना के शीर्ष कार्य के अंतर्गत बांध की रिसेक्सनिंग, बोल्डर-टो, सिपेज ड्रेन एवं फ्लड लिफ्ट बढ़ाने का प्रावधान है। नहरों के जीर्णोद्धार, अन्तर्गत नहरों की लाईनिंग, क्षतिग्रस्त पक्के कार्यों का नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य का प्रावधान किया जाकर प्रस्ताव विशेष मरम्मत मद अंतर्गत प्रस्तावित होकर दिनांक 25.07.2021 को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। शीर्ष कार्य एवं नहर कार्य के प्रस्ताव परीक्षणाधीन एवं अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। बहोरीबंद जलाशय की एल.बी.सी. एवं आर.बी.सी. में लाईनिंग का कार्य ई.आर.एम. अन्तर्गत पूर्व में प्रस्तावित था, जो वर्तमान में विशेष मरम्मत मद अंतर्गत प्रस्तावित है। प्रस्ताव अंतिम नहीं होने से लागत की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। नहर के कार्यों की जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है। (घ) परियोजना के सुधार कार्य के प्रस्ताव अंतिम नहीं होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग द्वारा नियत सूचकांक अधिक्रमित होने से स्वीकृति के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजा जाना
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 266 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन के पद पर नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति बाबत् शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो प्रति देते हुये बतावें कि जिला शहडोल व रीवा में इनकी पदस्थापना कितने वर्ष पूर्व की गई? आदेश की प्रति के साथ इनका मूल पद बतावें। इनके द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान यात्रा भत्ता (टी.ए./डी.ए.) के नाम कितनी राशि कब-कब किन-किन माहों व वर्षों में आहरित की गई का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में के जिला परियोजना समन्वयक, बी.आर.सी., बी.ए.सी. व सी.ए.सी. के पद पर प्रतिनियुक्ति की अवधि कितने वर्षों तक शासन द्वारा जारी निर्देश के पालन में रखे जाने की है? निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि ये कितने वर्षों से पदस्थ है? अगर शासन के निर्देशों से हट कर प्रतिनियुक्ति पर कार्य लिया जा रहा तो क्यों? कब तक इनको मूल पद पर वापस करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जिला परियोजना समन्वयक जिला शहडोल क्या माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर कार्य कर रहे है? इनके स्थगन समाप्त कराये जाने बाबत् जिले के जिम्मेवार अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में निर्धारित पेशी पर पक्ष समर्थन कब-कब किया गया? जानकारी देवें। अगर नहीं किया गया तो क्यों? इनका स्थगन माननीय न्यायालय द्वारा कब बढ़ाया गया? बतावें। यह भी बतावें कि इनको मूल पद पर कब तक वापस किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के कितने उपयंत्रियों को मनरेगा में प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण कर कार्य लिया जा रहा है? इनके संलग्नीकरण बाबत् राज्य शासन के क्या निर्देश है? आदेश की प्रति देते हुये बतावें कि संबंधित उपयंत्रियों के क्षेत्रों में कितने कार्य मिशन के अधूरे व अपूर्ण हैं? इनसे विभाग का कार्य न लेकर प्रतिनियुक्ति पर भेजकर विभाग के कार्यों पर उदासीनता बरती जा रही है। इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही बतावें इनको मूल विभाग में वापस कर विभाग के अपूर्ण कार्यो को क्या पूर्ण करावेंगे तो कब तक? बतावें। (ड.) प्रश्नांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' अनुसार उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने मनमानी तरीके से प्रतिनियुक्ति पर कार्य लेने व प्रतिनियुक्ति से वापस न करने पर जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'अ' अनुसार है। श्री मदन कुमार त्रिपाठी शहडोल में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर जुलाई, 2012 से एवं श्री संजय सक्सेना रीवा में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर सितम्बर, 2020 से पदस्थ है, आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है। उक्त दोनों प्राचार्य, शास.उ.मा.वि. संवर्ग के हैं। टी.ए., डी.ए. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'अ’ अनुसार है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्रमांक/ राशिके/स्था./2018/2172 दिनांक 12.4.2018 द्वारा श्री मदन कुमार त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, शहडोल की सेवायें स्कूल शिक्षा विभाग को वापिस की गई थी। सेवा वापसी आदेश से क्षुब्ध होकर श्री मदन कुमार त्रिपाठी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका डब्ल्यू.पी. क्रमांक 8804/2018 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 18.4.2018 को पारित अंतरिम आदेश के अनुक्रम में श्री मदन कुमार त्रिपाठी शहडोल जिले में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। रीवा जिले में बी.आर.सी. के पद पर प्रभारी है एवं बी.ए.सी./सी.ए.सी. की प्रतिनियुक्ति 04 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक/ स्था.1/राज/ जी/194/ प्रति.नि./2017/798 दिनांक 9.6.2017 के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक सवंर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश है। पत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'द' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय म.प्र.उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर द्वारा डब्ल्यू.पी.8804/2018 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 18.4.2018 को वेकेंट कराने हेतु प्रभारी अधिकारी की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में दिनांक 17.5.2018 को प्रत्यावर्तन प्रस्तुत करते हुए स्थगन वेकेंट कराने हेतु पृथक से आवेदन भी प्रस्तुत किया जा चुका है। माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन नहीं बढ़ाया गया है बल्कि स्थगन आदेश को निरंतर किया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में विभिन्न तिथियों में की गई सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्देश निर्णय अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'इ'अनुसार है। (घ) जी नहीं। रीवा एवं शहडोल जिले में सर्वशिक्षा अभियान के पूर्ण अपूर्ण प्रगति कार्यों की उपयंत्रीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'क' अनुसार है। किसी भी उपयंत्री को प्रतिनियुक्ति पर न भेजे जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्य अकादमिक वर्ष में पूर्ण कर लिये जायेंगे। (ड़) उत्तरांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न पर्ची जारी करने वालों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 267 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल एवं रीवा में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितनी खाद्यान्न पर्चियां निकाली गई का विवरण पंचायतवार, जनवदवार एवं जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी खाद्यान्न पर्चियों में से कितनी खाद्यान्न पर्चियॉं आपदा के कारण अस्थाई रूप से जारी की गई का विवरण पृथक से प्रश्नांश ''क'' की अवधि अनुसार देवें। इनमें से कितने हितग्राही के किन तारीखों का माहों में खाद्यान्न दिया एवं कितने शेष हैं? बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन हितग्राहियों को अस्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी की गई थीं। क्या हितग्राही खाद्यान्न पर्चियों के पात्र हितग्राही हैं, इन हितग्राहियों को स्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी कराये जाने हेतु किसी शासन के संचालित योजनाओं में जोड़कर स्थाई पर्ची जारी कराये जाने बाबत् निर्देश जारी करेगें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र हितग्राहियों की खाद्यान्न पात्रता पर्चियां नहीं जारी की गई पात्र हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हुये एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अस्थाई जारी खाद्यान्न पर्चियों के पात्र हितग्राहियों का नाम शासन की संचालित योजनाओं में जोड़कर स्थाई रूप से खाद्यान्न पर्चियां जारी न करने जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही स्थाई खाद्य पर्ची जारी किये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं खाद्य सुरक्षा नियम 2017 में प्रदत्त शक्तियां
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 297 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 40 एवं मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम 2017 में क्या-क्या शक्तियां प्रदत्त होकर उनके क्या-क्या कार्य हैं? प्रतिलिपि सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष 2017 अप्रैल से जुलाई 2021 तक प्रदत्त शक्तियों में से जिला मुरैना में क्या-क्या गतिविधियां हुईं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 40 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानित विषयों में नियम बनाने की शक्तियां प्रदत्त हैं। राज्य शासन द्वारा उक्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम, 2017 जारी किया गया है। उक्त अधिनियम एवं नियम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में खाद्य आयोग द्वारा दिनांक 10.11.2017 को बैठक आयोजित की गई थी जिसका कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जिला शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष 01 शिकायत प्राप्त हुई थीं जिसका निराकरण किया जा चुका है। उक्त शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन में 69 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है।
नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
14. ( क्र. 306 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण, बंटवारे व सीमांकन हेतु शासन की क्या-क्या नियमावलियां प्रचलन में हैं की फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ तहसील कैलारस, सबलगढ़ जिला मुरैना में अप्रैल, 2018 से जुलाई, 2021 तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों के आवेदन प्राप्त हुए? जानकारी आवेदक का नाम, पता व प्रस्तुत प्रकरण का दिनांक/क्रमांक/प्रकरण का निराकरण दिनांक आदि सहित दी जावे। (ग) क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की अनदेखी के कारण उपरोक्त प्रकरणों का अभी तक निराकरण नहीं हुआ है, जबकि आवेदक गण अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यालय में चक्कर लगाकर घर बैठ गये। क्या शासन इस प्रकार के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या राजस्व अधिकारियों द्वारा कुछ प्रकरणों के निराकरण के बाद की कार्यवाही (अमल) पटवारियों द्वारा नहीं की जा रही है? क्या इस हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उनको निर्देशित करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नामांतरण बंटवारा एंव सीमांकन नियम की प्रति पुस्तकालय परिशिष्ट 'क' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ अन्तर्गत तहसील कैलारस एंव सबलगढ़ मे अप्रैल 2018 से जुलाई 2021 तक प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित नामांतरण/बंटवारा एवं सीमांकन के प्राप्त आवेदन निराकरण एवं शेष की जानकारी निम्नानुसार है -
मद |
तहसील सबलगढ़ |
तहसील कैलारस |
||||
दर्ज प्रकरण |
निराकृत |
शेष |
दर्ज प्रकरण |
निराकृत |
शेष |
|
नामान्तरण |
7015 |
5890 |
1125 |
9668 |
8763 |
905 |
बंटवारा |
700 |
582 |
116 |
584 |
445 |
139 |
सीमांकन |
159 |
130 |
29 |
300 |
296 |
04 |
आवेदक के नाम/पता/प्रकरण का दिनांक, क्रमांक व निराकरण दिनांक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख' अनुसार है। (ग) जी नहीं। समस्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं, जिनका नियमानुसार न्यायिक प्रकिया की प्रतिपूर्ति उपरान्त समयावधि मे निराकरण किया जाता है। (घ) उक्त राजस्व प्रकरण में न्यायिक प्रकिया की पूर्णता उपरान्त प्रकरण संबंधित हल्का पटवारी के लागिन पर प्रदर्शित होने पर तत्समय पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेख में अमल किया जाता है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अधीनस्थों को राजस्व अभिलेख अद्यतन किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है।
धान एवं गेहूं उर्पाजन एवं भुगतान के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 312 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में विगत तीन वर्षों से धान एवं गेहूं का उर्पाजन संस्था द्वारा कृषकों से किया जा रहा है? यदि हाँ तो वर्षवार, विकासखंडवार, खरीदी केन्द्रवार उर्पाजन एवं भुगतान की जानकारी कृषक संख्यावार देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने कृषक हैं जिनका भुगतान संस्थाओं द्वारा नहीं किया गया है? संबंधित कृषकों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में समर्थन मूल्य पर कृषकों से उपार्जित धान एवं गेहूं की वर्षवार, विकासखंडवार, केन्द्रवार, कृषक संख्यावार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कटनी जिले में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले समस्त किसानों को भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एफ.ए.क्यू. स्तर गेहूं विक्रय करने वाले समस्त किसानों को भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2021-22 में गेहूं विक्रय करने वाले 05 कृषकों का भुगतान शेष है। भु्गतान की कार्यवाही प्रचलन में है।
कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद के चयन
[सहकारिता]
16. ( क्र. 313 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश में कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद चयन हेतु विज्ञापन निकालकर प्राप्त आवेदनों में पात्र पाये गये आवेदकों का प्रदेश स्तर पर चयन कर जिले को सूची उपलब्ध करायी गयी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं विज्ञापन में क्या-क्या शर्तें हैं? बताएं। (ख) कटनी जिले को भेजी गयी सूची में कितने विज्ञापन की शर्तों में पात्र थे एवं कितने-कितने अपात्रों की सूची भेजी गयी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में कनिष्ठ संविदा विक्रेताओं के पद की प्राप्त सूची में मूल अभिलेखों की जांच में कितने आवेदकों को पात्र पाया गया एवं कितने को अपात्र किया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में कनिष्ठ संविदा विक्रेता पद हेतु जिन्हें अपात्र किया गया है, उनके संबंध में क्या शासन निर्णय लेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, विभाग द्वारा विज्ञापन जारी कर एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से चयन कर पोर्टल पर चयन सूची उपलब्ध कराई गई है। विज्ञापन की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) एम.पी. ऑनलाईन पोर्टल से 158 अभ्यर्थियों की चयन सूची प्राप्त हुई थी, जिनमें 89 अभ्यर्थी पात्र पाये गये, 56 अभ्यर्थी अपात्र पाये गये तथा 13 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) अपात्र आवेदकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन करते समय स्वयं त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रविष्टि की गई है, अत: इनके सम्बन्ध में किसी निर्णय की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
जर्जर शालाओं में सुधार कार्य
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 315 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्राथमिक शाला झिरमिली, छीनामानी, बंधी, धरहर, आमाखोह एवं वरिष्ठ बुनियादी माध्यमिक शाला पनागर अत्यंत जर्जर स्थिति में हैं? (ख) यदि हाँ तो क्या इनका सुधार कार्य कराया जावेगा? (ग) यदि हाँ तो कब तक? (घ) यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्राथमिक शाला धरहर, आमाखोह एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी अत्यंत जर्जर स्थिति में नहीं है। प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं झिरमिली जर्जर स्थिति में है प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं झिरमिली जर्जर स्थिति में है। (ख) जी हाँ, प्राथमिक शाला छीनामानी, एवं बंधी में जर्जर स्थिति के आधार पर नवीन कक्षों के निर्माण कार्य स्वीकृति किये गये है एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी में दर्ज में संख्या के आधार पर नवीन कक्षों के निर्माण कार्य स्वीकृति किये गये हैं, निर्माण कार्य प्रगति पर है। जी हाँ, प्राथमिक शाला झिरमिली में जर्जर भवन के स्थान पर नीवन भवन का निर्माण कार्य वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2021-22 में प्रस्तावित है। (ग) प्राथमिक शाला छीनामानी, बंधी एवं माध्यमिक शाला वरिष्ठ बुनियादी के नवीन निर्माण अकादमिक सत्र 2021-22 की समाप्ति के पूर्व पूर्ण करा लिये जावेंगे। प्राथमिक शाला झिरमिली के प्रस्तावित निर्माण कार्य की स्वीकृति एवं आवंटन प्राप्त होने पर कार्य कराया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (घ) उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को प्रासंगिक व्यय राशि का भुगतान
[सहकारिता]
18. ( क्र. 321 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2019-20 में सेवा सहकारी समिति मर्या. सिहोरा जिला जबलपुर द्वारा की गई धान खरीदी में हुये लेबर व्यय (लोडिंग/स्टेकिंग) का भुगतान श्रमिकों को न किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन स्तर पर कब-कब किस-किस को पत्राचार किया गया तथा इन पत्रों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रेषित पत्र एवं उन पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति से संलग्न कर किन कारणों से अन्य दो समितियों द्वारा क्या धान की खरीदी की गई थी? यदि हां, तो क्या इन तीनों खरीदी केन्द्रों के प्रभारी कौन थे तथा इन समितियों द्वारा क्या पृथक-पृथक विपणन संघ जबलपुर से अनुबंध कर अलग-अलग केन्द्रों से धान की खरीदी की गई। खरीदी केन्द्र प्रभारियों के नाम, खरीदी मात्रा एवं परिवहन की गई धान की मात्रा एवं घटी एवं उपार्जन की बकाया राशि सहित समितिवार अलग-अलग सूची देवें। (ग) किसी प्रकार का दोष न होने पर भी सेवा सहकारी समिति मर्या. सिहोरा का वर्ष 2019-20 की धान खरीदी का लेबर व्यय रोके जाने के क्या कारण हैं? क्या शासन इसकी जांच कर गरीब श्रमिकों का पारिश्रमिक दिलवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो किस प्रकार से कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) माननीय सदस्य द्वारा पत्र क्र./B-94/G/2651 दिनांक 28.06.2021 भेजा गया। पत्र पर उप आयुक्त सहकारिता जिला जबलपुर के माध्यम से जांच कराई जा रही है, जो प्रक्रियाधीन है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पूर्व वर्षों में की गई धान खरीदी में खरीदी एवं जमा में 0.25% से अधिक अंतर आने के कारण सेवा सहकारी संस्था सिहोरा एवं उससे संलग्न अन्य 02 सेवा सहकारी संस्था पौड़ा एवं बरगी के 02 इस प्रकार कुल 04 केन्द्रों के माध्यम से उपार्जन का कार्य किया गया था। विपणन संघ द्वारा सेवा सहकारी संस्था सिहोरा के साथ अनुबंध किया गया था तथा सेवा सहकारी संस्था पौड़ा एवं बरगी से पृथक से अनुबंध नहीं किया गया था। केन्द्र प्रभारी, खरीदी मात्रा, परिवहन मात्रा, घटी, रिजेक्शन एवं उपार्जन की बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपार्जन केन्द्र सेवा सहकारी संस्था मर्यादित सिहोरा को आवंटित किये गये थे। उक्त समिति से सम्बद्ध पौड़ा एवं बरगी के केन्द्रों में उपार्जित धान को अमानक घोषित किये जाने के कारण नीलामी से हुई अंतर की राशि के भुगतान में समायोजित किया गया है। सेवा सहकारी संस्था सिहोरा एवं उससे सम्बद्ध पौड़ा एवं बरगी के श्रमिकों को संपूर्ण प्रासंगिक व्यय राशि का भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
ग्राम टिकारी की भूमि पर वन विभाग का कब्जा
[राजस्व]
19. ( क्र. 327 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल कलेक्टर कार्यालय की किस शाखा ने ग्राम टिकारी की भूमि से संबंधित किस-किस विषय एवं किन-किन मुद्दों पर पत्र क्रमांक 784/एल.आर./2017, दिनांक 17/4/2017 पत्र क्रमांक 2021/खनिज-1/262 दिनांक 29/1/2021 एवं पत्र क्रमांक खनिज-1/21/1089 दिनांक 10/6/2021 किस-किस को लिखा है? (ख) ग्राम टिकारी की कितनी भूमि किस दिनांक को वन विभाग को आवंटित की गई? कितनी भूमि का वन विभाग को किस दिनांक को कब्जा सौंपा? कितनी भूमि पर वन विभाग को वृक्षारोपण की किस दिनांक को कलेक्टर ने अनुमति प्रदान की? पृथक-पृथक बतावें। वन विभाग का वर्तमान में कितनी भूमि पर कब्जा है? (ग) ग्राम टिकारी की भूमि को राजस्व विभाग वन संरक्षण कानून 1980 में दायरे में आने वाली भूमि किस आधार पर किसके आदेश से मान रहा है? डीनोटीफाईड भूमि के संबंध में सर्वोच्च अदालत की सिविल याचिका क्रमांक 202/95 की आई.ए. क्रमांक 2619-2621/2009 में दिनांक 2 सितम्बर 2013 को क्या आदेश दिया जाकर क्या-क्या छूट किसे दी गई है? (घ) ग्राम टिकारी की भूमि से वन विभाग का कब्जा पृथक किए जाने के संबंध में कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि कार्यवाही नहीं की जावेगी तो उसका कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रमुख सचिव म.प्र.शासन, वन विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 784 / एल / .आर 2017, दिनांक 17/4/2017 में डीनोटीफाईड वन भूमियों को राजस्व अभिलेखों में संशोधित किए जाने के संबंध में कार्यालय भू-अभिलेख द्वारा मार्गदर्शन चाहा गया है, पत्र क्रमांक 2021 / खनिज -1 / 262 दिनांक 29/1/2021 संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र . भोपाल को म.प्र.राज्य के बैतूल जिले की तहसील बैतूल में स्थित ग्राम टिकारी गौठाना चिखलार, ग्रेफाइट खनिज ब्लाक के संबंध में तथा पत्र क्रमांक खनिज -1 / 21 / 1089 दिनांक 10/6/2021 संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र . भोपाल को म.प्र.राज्य के बैतूल जिले की तहसील बैतूल में स्थित ग्राम टिकारी गौठाना चिखलार ग्रेफाइट खनिज ब्लाक के संबंध में उर्मिला दिलीप चंदन 121 इन्फिनिटी टावर नारायण दामोलकर रोड प्लेजेंट पेलेस पीछे मुंबई (महा.) द्वारा प्रस्तुत आवेदन मूलतः सहपत्रों सहित संलग्न कर समुचित कार्यवाही मार्गदर्शन हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) ग्राम टिकारी की कुल 152.00 एकड़ (61.512 हे.) भूमि वनखंड खेड़ला टिकारी कुल रकबा - 3454.40 ( एकड़ ) शामिल को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 (1) के तहत अधिसूचना क्रमांक/458-1307-दग-65 का प्रकाशन राजपत्र दिनांक 22.04.1966 में किया गया एवं म.प्र . शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक एफ -5 / 43 / 90 / 10-3 / 96 दिनांक 14 मई 1996 में प्राप्त निर्देशानुसार संयुक्त सर्वेक्षण उपरान्त 93.451 हे . अच्छा वनक्षेत्र होने के कारण भारत सरकार द्वारा कार्य आयोजना में वन संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु प्राप्त हुआ। ग्राम टिकारी की किसी भी भूमि को न ही वन विभाग को आवंटित किया है, न ही कब्जा सौंपा गया है, न ही वृक्षारोपण की अनुमति प्रदाय की गई है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 12.12.1996, म.प्र.शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक / 16 10 सात / 2 - ए / 90 दिनांक 13 जनवरी 1997 एवं सेन्ट्रल इमपावर्ड कमेटी का आदेश दिनांक 29 जनवरी 2002 के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट है कि समस्त बड़े झाड़, छोटे झाड़ जंगल मद की भूमियां जो कि वन विभाग के आधिपत्य में नहीं है, उन पर भी वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधान लागू होते हैं। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-27 के तहत म.प्र . वि मंडल जबलपुर को थर्मल पावर स्टेशन निर्माण हेतु निर्वनीकृत आरक्षित वनभूमि के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय याचिका क्रमांक क्रमांक 202/95 की आई ए.क्रमांक / 2619-2621 / 2009 में दिनांक 2 सितम्बर 2013 का केवल आरक्षित कक्ष क्रमांक 385, 386 ( नया 342, 343 ) की 10.190 हे . भूमि के संबंध में आदेश दिया गया है कि संबंधित भूमि को संरक्षण अधिनियम 1980 के संबंध मे गैर वन भूमि माना जावे। उक्त आदेश सेन्ट्रल इम्पावर्ड कमेटी की अनुशंसा अनुसार स्थल विशेष के लिए है एवं उक्त आदेश का पालन पूर्ण रूप से किया गया है। (घ) प्रश्नांश " ग " के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
वेयर हाउस में भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 345 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कहॉ-कहॉ शासकीय एवं अशासकीय वेयरहाउस कितनी-कितनी भंडारण क्षमता के है तथा उनमें कितना-कितना समर्थन मूल्य पर क्रय अनाज का भंडारण हुआ है वेयरहाउस बार जानकारी दें। (ख) वेयरहाउस में अनाज भंडारण हेतु परिवहन कर्ताओं के मार्ग निर्धारण हेतु शासन के क्या निर्देश है तथा रायसेन जिले में किस-किस अधिकारी ने भंडारण का मार्ग निर्धारित किया पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या रायसेन जिले में परिवहन कर्ताओं को लाभ पहुंचाने हेतु जिले के खाली वेयरहाउस में भंडारण न करवाकर समर्थन मूल्य पर क्रय खाद्यान्न का अन्य जिलों में भंडारण करवाया गया यदि हाँ तो क्यों कारण बताये। (घ) समर्थन मूल्य पर फसल क्रय हेतु वेयरहाउस पर ही खरीदी केन्द्र क्यों नहीं बनाया जाता तथा भविष्य में इस संबंध में विभाग की क्या योजना है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शासकीय एवं अशासकीय वेयरहाउस की भंडारण क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है तथा उनमें समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज के भंडारण की वेयरहाउसवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ख) उपार्जन नीति की कंडिका 10.5 (iv) के अनुसार जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत संबंधित उपार्जन एजेंसी के जिला अधिकारी द्वारा ऑनलाईन भण्डारण हेतु मैपिंग की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) जिले में उपलब्ध गोदामों की रिक्त क्षमता तथा जिले में स्कन्ध उपार्जन अनुमान के आधार पर गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किए जाते हैं। भविष्य में उपलब्ध गोदामों के अनुसार उपार्जन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
मुआवजा राशि का प्रदाय
[राजस्व]
21. ( क्र. 404 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के प्रत्येक जिले की प्रत्येक तहसील में इस वर्ष प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी वर्षा हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक खरीफ की फसल की बुआई होने पर और बीज मृत हो जाने के कारण क्या शासन इन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करेगा तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि विभाग द्वारा किसानों के फसलों का 6.4 की गाईड लाईन के आधार पर मुआवजा राशि देगा तो कब तक समय-सीमा सहित बतायें। कब तक मुआवजा प्रदाय हेतु सर्वे कराने का आदेश प्रदाय करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के उत्तर के आधार पर शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परियोजना में विदिशा जिले को शामिल करना
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 408 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना परियोजना सिंचाई डेम योजना अंतर्गत सागर जिले के अलावा विदिशा जिले के गॉवों को भी शामिल किया गया है? यदि हाँ तो शामिल ग्रामों के नाम बतावें? (ख) क्या उपरोक्त संबंध मे प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 201 दिनांक 26/03/2021 के माध्यम से प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री को विदिशा जिले की तहसील त्योंदा एवं बासौदा के 40-41 ग्रामों को शामिल करने का आग्रह किया है? यदि हाँ तो उपरोक्त के संबंध में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इन 40-41 ग्रामों को उक्त डेम सिंचाई परियोजना में शामिल किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख)एवं (ग) जी हाँ। परियोजना प्रतिवेदन में विदिशा जिले की तहसील त्योंदा एवं बासौदा के 40-41 ग्राम शामिल नहीं है। वर्तमान में परियोजना में उपलब्ध जल की मात्रा के अनुसार प्रावधानित क्षेत्र के अलावा नवीन क्षेत्रों को जोड़ा जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना के कार्यों की जांच
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 422 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता तारांकित प्रश्न क्रमांक 3237 दिनांक 17/03/2021 के प्रश्नांश ग के उत्तर में बताया गया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर और जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना के कार्यों की जांच कर, जांच प्रतिवेदन समय सीमा में भेजने हेतु दिनांक 25/02/2021 एवं 02/03/2021 को पत्र भेजे गये हैं। क्या संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर द्वारा समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदनों के विवरण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये और यदि जांच प्रतिवेदन नहीं भेजे गये तो संयुक्त संचालक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई बतायें। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना की शिकायतों की जानकारी तारांकित प्रश्न क्रमांक 3237 के परिशिष्ट 4 में दी गई। जिसमें 06/07/2019, 23/09/2019, 13/1/2021, 04/02/2021, 17/2/2021 एवं 22/02/2021 में संचालनालय में शिकायतें प्राप्त होना बताया गया लेकिन प्रश्न दिनांक तक इन शिकायतों के आधार पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर को जांच कर समय सीमा में जांच प्रतिवेदन भेजने हेतु पत्र भेजे गये क्या इन पत्रों पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्वालियर ने जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ तो उनके विवरण सहित जानकारी देवें। यदि जांच प्रतिवेदन नहीं भेजे गये तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें? (ग) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना को हटाकर उनके मूलपद उपसंचालक के पद पर कब तक वापिस कर दिया जायेगा। बतायें?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विवरण परिशिष्ट 01 अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना का मूल पद उप संचालक ही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उचित मूल्य की दुकानों की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( क्र. 423 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अंतर्गत् वर्तमान में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही है। दुकानों के नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश क अनुसार ऐसी कितनी दुकानें हैं जिनकी विगत 2 वर्षो में अनियमितता एवं राशन न बांटने की शिकायतें कब-कब किसके द्वारा प्राप्त हुई है तथा इनमें से कितनी शिकायतों की जांच की गई अथवा लंबित है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे? जिले में ऐसी कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनकी शिकायत होने पर उन्हें निलंबित किया गया, जिनका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बाद भी बहाल भी कर दिया गया क्यों? (ग) ग्रामीण इलाकों में शासकीय उचित मूल्य की कितनी ऐसी दुकानें जहॉं गरीब परिवारों को राशन लेने के लिये 5 कि.मी. या अधिक दूरी तक चलकर आना पड़ता है? (घ) क्या सरकार उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवार की अधिकतम दूरी निर्धारित करने पर विचार कर रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मुरैना जिला अंतर्गत वर्तमान में 115 शहरी एवं 369 ग्रामीण कुल 484 दुकानें संचालित की जा रही हैं। दुकानों के नाम एवं स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में प्रश्नांकित अवधि में राशन वितरण में अनियमितता की शिकायतें एवं उनमें जांचोपरांत की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। जिले में ऐसे किसी भी दुकान को बहाल नहीं किया गया है जिसके प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रचलित है। (ग) जिले के ग्रामीण इलाकों में कोई भी दुकान ऐसी नहीं है जहां हितग्राहियों को 05 किमी. से अधिक दूरी पर चलकर आना पड़ता हो। (घ) जी नहीं, वर्तमान में प्रत्येक पंचायत में एक दुकान खुलने संबंधी प्रावधान के अनुक्रम में प्रदेश में दुकानविहीन पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें खोली जा रही हैं।
स्टॉफ क्वार्टर का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 473 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/ विभाग द्वारा जावरा नगर स्थित मॉडल स्कूल के स्टॉफ अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु स्टॉफ क्वार्टर का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हां, तो स्टॉफ क्वार्टर निर्माण की स्वीकृति किस दिनांक को दी जाकर किस दिनांक पर कार्य प्रारंभ हुआ तथा उक्त स्वीकृत कार्य को किये जाने हेतु कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? (ग) कार्य प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार का कितना कार्यपूर्ण हुआ एवं आगामी कौन-कौन से कार्य प्रारंभ किये जाना व पूर्ण किये जाना शेष रहा? कार्यवार जानकारी दें। (घ) निर्माणाधीन स्टॉफ क्वार्टर के स्थल के आस-पास काफी बड़ी मात्रा में भूमि असमतल व गड्ढेनुमा है तो स्थल की उक्त भूमि का समतलीकरण किये जाने हेतु पानी निकासी हेतु एवं गड्ढों के भराव हेतु क्या किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) हाँ यह सही है कि माडल स्कूल जावरा के स्टाँफ क्वार्टर का कार्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा परियोजना क्रियान्वयन ईकाई रतलाम के माध्यम से किया जा रहा है। (ख) जावरा परिसर से प्राचार्य निवास टाईप 3 के 04 आवास-गृह टाइप 4 के 02 आवास-गृह एवं टाईप 5 के 04 आवास-गृहो के क्षतिग्रस्त निर्माण को तोड़कर पुनर्निर्माण किये जाने हेतु राशि रू.340.00 लाख की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कार्यपालिका समिति दिनांक 04.05.2018 के विषय क्र.09 अनुसार प्रदान की जाकर परियोजना क्रियान्वयन ईकाई व्दारा कार्य किये जाने हेतु कार्यादेश क्र. 783/sac/ph/2018-19/Ratlam, dated 13.09.2018 जारी किया जाकर दिनांक 01.02.2019 को कार्य प्रारंभ किया गया था। (ग) कार्य दिनांक 01.02.2019 से प्रांरभ होकर दिनांक 03.08.2021 तक टाईप 5 के स्टाफ क्वार्टर की सभी छते पूर्ण हो चुकी हैं। ब्रिक वर्क एवं प्लास्टर का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा टाईप 3 में ब्रिक वर्क का कार्य पूर्ण होकर प्लास्टर का कार्य प्रगति पर है। प्रिसिंपल क्वार्टर में छत, ब्रिक वर्क, प्लास्टर, फ्लोरिंग का कार्य पूर्ण होकर पुट्टी का कार्य प्रगति पर है। टाईप 4 में ब्रिक वर्क, प्लास्टर, फ्लोरिंग का कार्य पूर्ण होकर पुट्टी का कार्य प्रगति पर है। सभी क्वार्टरों में पुताई का कार्य, दरवाजे फिटिंग, इलैक्ट्रिक कार्य शेष है। बाकी सभी कार्य प्रगति पर है। (घ) मॉडल स्कूल परिसर के पास गड्डे का भराब या पानी निकासी हेतु पी.आई.यू., पी.डब्लू.डी., रतलाम को माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा पत्र क्रमांक 351-52/भवन/2020, भोपाल दिनांक 16.09.2020 प्रेषित किया गया है जिसके अनुसार पृथक प्राक्कलन एवं सर्वे की कार्यवाही प्रचलन में है।
मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु बजट आवंटन
[चिकित्सा शिक्षा]
26. ( क्र. 484 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र फ़रवरी - मार्च 2021 में मेरी मेडिकल कॉलेज छतरपुर के निर्माण के संबंध में ध्यानाकर्षण सूचना के उत्तर में सदन में मंत्री महोदय के द्वारा अगले माह में बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था? (ख) क्या उक्त आश्वासन के अनुक्रम में बजट उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ तो कितना? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज पर दी गई शासकीय भूमि की जानकारी
[राजस्व]
27. ( क्र. 499 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद बैहर, जिला बालाघाट की शासकीय भूमि लीज पर दी गई है? (ख) यदि हाँ तो लीज धारको का पूर्ण नाम, पूर्ण पता, कब से कब तक लीज दी गई है, रकबा, खसरा नं. सहित जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) शासकीय भूमि के लीज धारको के नवीनीकरण के प्रकरण किन के व किस स्तर पर विचाराधीन है? लीज नवीनीकरण एवं भूमि लीज पर देने के नियम क्या है, जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) किन – किन लीज धारको को भूमि स्वामी हक कब – कब, किस अधिकारी के द्वारा जारी किया गया? किन – किन लीज धारकों द्वारा लीज की भूमि को भूमि स्वामी हक बताकर विक्रय किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) सुभाष अवधिया एवं लाभसिंह सरदारसिंह के प्रकरण न्याया. अनु.वि.अधि. बैहर के न्यायालय में विचाराधीन है। लीज नवीनीकरण एवं भूमि लीज पर देने के मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू है। (घ) नगर परिषद बैहर अंतर्गत कुल 39 लीज धारी पटवारी अभिलेख में भूमिस्वामी दर्ज है। इन लीजधारियों का भूमि स्वामी हक में संपरिवर्तन का कोई आदेश अभिलेख उपलब्ध नहीं है।
अहस्तांतरित जमीन को हस्तांतरित करने की जानकारी
[राजस्व]
28. ( क्र. 511 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विरोधी आधिपत्य ऐडवर्ड पजेशन के कानून के तहत कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए हैं। (ख) उक्त कानून के तहत कितनी शासकीय जमीन तथा कितनी निजी जमीन का आधिपत्य दिया गया जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) रतालम जिले में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2020 तक कितने प्रकरणों में अहस्तांतरित जमीन को हस्तांतरित कर दिया गया है। (घ)रतलाम जिले में वर्ष 2005 से 2020 तक धारा 165 (6) के तहत कितने प्रकरणों में अनुमति दी गई हैं विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी निरंक। (ग) रतलाम जिले में वर्ष 2011 से वर्ष 2020 की अवधि में अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय कर निजी नाम दर्ज किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है, अतः जानकारी निरंक। (घ) प्रश्नांश अवधि में जिला रतलाम में कुल 373 प्रकरणों में रकवा 305.268 हे. भूमि विक्रय की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
राशन दुकानों की रैंडम जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 512 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न कर्ता के प्रश्न क्रमांक 1109 दिनांक 25/02/2021 का उत्तर दिलाया जाए तथा बतावे की क्या 8 दुकानों की ही रेंडम जांच की गई थी यदि नहीं तो जिन दुकानों की रैंडम जांच की गई थी उसमें कितनी दुकानों पर कोई घोटाला नहीं पाया गया? (ख) प्रश्नाधीन विषय पर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर के बीच हुए पत्र व्यवहार की प्रति देवें तथा बतावे की शेष 55 दुकानों पर 21202 फर्जी हितग्राही किसकी जांच पर तथा किसके आदेश से कम किए गए जांच तथा आदेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फर्जी/काल्पनिक हितग्राही कुल कितने कूपन में दर्ज थे तथा कितने कूपन निरस्त किए गए। (घ) वर्ष 2019 से जून 2021 तक कितने खाद्यान्न जांच में अमानक पाए गए तथा क्या कार्यवाही की गई।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक-1109, दिनांक-25/02/2021 का विभाग द्वारा दिनांक 26.07.2021 को विधानसभा को प्रेषित किया गया है। जी हां, 08 दुकानों का ही रेण्डम जांच की गई थी। सभी 08 उचित मूल्य दुकानों में जांच में अनियमितताए पाई जाने पर उनके विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाहीं की जाकर उक्त प्रकरण में संलिप्त नगर निगम के कर्मचारियों एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) जिला प्रशासन द्वारा दर्ज करवाई गई है। (ख) पत्र व्यवहार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। तत्कालीन कलेक्टर जिला रतलाम के अनुरोध पर 06 माह से राशन नहीं लेने वाले 21202 परिवारों को एनआईसी भोपाल द्वारा सीधे विलोपित किया गया था। रतलाम नगर के 21202 परिवारों के नाम कम किये जाने के संबंध में जिले से कोई आदेश जारी नहीं किये गये थे। (ग) रतलाम शहर के 06 माह से राशन नहीं लेने वाले 21202 परिवारों को एनआईसी भोपाल द्वारा राशन की पात्रता से सीधे हटा दिया गया था, इस कारण कूपन निरस्त किये जाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया। (घ) वर्ष 2019 से जून 2021 तक जिले में खाद्यान्न की जांच में कोई खाद्यान्न अमानक होना नहीं पाया गया। जिले के वेयरहाउसों में भंडारित 395 मे.टन चावल केन्द्रीय जांच दल द्वारा की गई जांच में केवल डिसकलर होना पाया गया था, जिसको जिला प्रबंधक म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन रतलाम द्वारा संबंधित मिलों को वापस कर दिया गया था।
अर्जित एवं संवितरण के प्रदत्त अधिकार
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 520 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भी राजपत्रित अधिकारी जिन्हें आहरण एवं संवितरण के अधिकार प्रदत्त हैं के द्वारा अर्जित/लघुकृत अवकाश पर प्रस्थान किये जाने के उपरान्त भी उन्हें किसी प्रकार के आहरण एवं संवितरण अथवा बैंक आदि के माध्यम से राशि भुगतान करने के अधिकार नहीं रहते हैं? (ख) प्रशनांश (क) यदि हाँँ, तो स्वीकृत अवकाश अवधि में किसी भी प्रकार से किये गये आहरण एवं संवितरण अथवा किसी भी फर्म/संस्था/व्यक्ति को किया गया भुगतान प्रदत्त वित्तीय अधिकारों एवं पद का दुरुपयोग किये जाने की श्रेणी में आता है? (ग) नीमच जिले में ऐसे कौन-कौन राजपत्रित अधिकारी हैं, जिनके द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवकाश पर रहते हुए आहरण एवं संवितरण का कार्य एवं बैंक आदि के माध्यम से फर्म/संस्था/व्यक्ति को भुगतान किया गया है?यदि हाँँ, तो किये गये भुगतान आदि का विस्तृत ब्योरा दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में किये गये अनियमित भुगतान के संबंध में संबंधित दोषी अधिकारी के विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई विस्तृत ब्यौरा दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है। (ग) जिला नीमच अर्न्तगत प्रश्नांकित अवधि में किसी भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा अवकाश अवधि में कोषालय से आहरण एवं संवितरण का कार्य नहीं किया गया है, परंतु प्रश्नांकित अवधि में शा.क.उ.मा.वि. नीमच केंट में कार्यरत प्राचार्य श्रीमति निर्मला अग्रवाल 03.04.21 से 02.06.21 की अवधि में लघुकृत अवकाश पर रहते हुये इनके द्वारा संस्था की स्थानीय निधि से दिनांक 09.04.21 को रूपये 1472/- तथा दिनांक 19.05.21 को रूपये 1473/- का विद्यालय में स्थापित इन्टरनेट देयकों का भुगतान दूरसंचार विभाग को एवं विद्यालय में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अन्तर्गत संचालित व्यावसायिक ट्रेड के प्रशिक्षकों राहुल सिंह राठौर को माह अप्रैल का मानदेय राशि रूपये 7740/- एवं श्रीमती मनीषा राठौर को माह अप्रैल का मानदेय राशि रूपये 12900/- का भुगतान एस.एम.डी.सी. मद से व्याख्याता/प्राचार्य के संयुक्त हस्ताक्षरित खाते से दिनांक 28.05.2021 को चैक के द्वारा भुगतान किया गया है। संबंधित प्राचार्य श्रीमति निर्मला अग्रवाल को कोषालय से आहरण एवं संवितरण के अधिकार प्रदत्त नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के भुगतान के परिप्रेक्ष्य में संबंधित को जिला शिक्षा अधिकारी जिला नीमच के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/स्था-1/प्राचार्य उ.मा.वि./2021/125 दिनांक 20.07.2021 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
भृत्य के पद पर नियुक्ति
[राजस्व]
31. ( क्र. 521 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म0प्र0 शासन राजस्व विभाग मंत्रालय द्वारा उनके ज्ञाप क्रमांक एफ 6-99/2019/सात/4 भोपाल, दिनांक 21/05/2019 के द्वारा राजस्व विभाग में कार्यरत रहे प्रोसेस सर्वर को राजस्व विभाग अंतर्गत जिला कलेक्टर स्थापना में भृत्य के 50 प्रतिशत रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में विचार करने का प्रावधान निहित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यह हाँ तो शासन निर्देशों के उपरान्त प्रदेश में ऐसे कितने प्रोसेस सर्वर हैं जिन्हें शासन आदेश के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर स्थापना में भृत्य के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है और ऐसे कितने प्रोसेस सर्वर हैं जो आज भी भृत्य के पद पर नियुक्ति नहीं ले पाये हैं? (ग) क्या नीमच एवं मन्दसौर जिले में आज भी ऐसे प्रोसेस सर्वर हैं जिन्हें शासन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में भृत्य की नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है? यदि हाँ तो शासन उन्हें कब तक नियुक्ति प्रदान कर सकेगा? समय सीमा बतायें तथा विलम्ब के लिये कौन उत्तरदायी हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 533 को नियुक्ति दी गई है। शेष 167 को भृत्य के पद पर नियुक्ति की जाना है। (ग) मंदसौर जिले में समस्त प्रोसेस सर्वर को नियुक्ति प्रदान की गई है। नीमच जिले में 04 प्रोसेस सर्वर नियुक्ति हेतु शेष है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बायो डीजल के अवैध पंप का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 524 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अवैध बायो-डीजल पंप संचालित है? यदि हाँ, तो बिना अनुमति के बायो-डीजल पंप कैसे संचालित है? (ख) क्या बायो-डीजल के नाम पर अन्य मिलावटी पदार्थ बेचा जा रहा है। क्या सरकार के पास बायो-डीजल के नाम पर अन्य मिलावटी पदार्थ की जांच हेतु कोई प्रयोगशाला है? क्या इसकी बिक्री से पर्यावरण के साथ-साथ सरकार के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है? (ग) यदि हाँ तो अवैध एवं मिलावटी बायो-डीजल बेचने वालो के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? इस पर पूर्णतः प्रतिबंध कब लगाया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चम्बल नहर सिंचाई योजना से सिंचित गांव
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 527 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)श्योपुर जिले में स्वीकृत लघु सूक्ष्म चम्बल नहर सिंचाई परियोजना (35 गांव की नहर) अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी असिंचित भूमि को सिंचित किये जाने की योजना थी? ग्रामवार, रकबा सहित विस्तृत जानकारी बताये? (ख) क्या प्रश्नांश (क)अनुसार परियोजना स्वीकृति के समय ग्राम जैदा, मठेपुरा, गुवाड़ी, चैंडपुर, प्रेमपुरा हवेली, गुर्जर गांवड़ी एवं भसुंदर की असिंचित सम्पूर्ण भूमि को सिंचित किये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ तो उक्त ग्रामों की असिंचित भूमि पर नहर की पाईप लाईन न बिछाकर परियोजना से लाभान्वित किये जाने से वंचित क्यों किया जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ तो क्या? एवं कब तक? तथा उक्त ग्रामों में कब तक पाईप लाईन डाली जावेंगी? यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें? (ग) क्या सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने निजी निहित स्वार्थो के खातिर मनमर्जी से उक्त सिंचाई परियोजना में 7 ग्रामों की सैकड़ों हेक्टेयर सिंचित भूमि को भी परियोजना में सम्मिलित करा दिया गया है? जिससे परियोजना अपने मूल स्वरूप की अवधारणा को पूर्ण नहीं कर पायेगी? यदि हाँ तो उक्त सम्मिलित किये गये गांवों की उक्त भूमि अभी तक कहां से सिंचित होती थी या नहीं विस्तृत रूप से लिखित रूप में अवगत करावें? इसके लिये कौन दोषी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) चंबल सूक्ष्म नहर सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 27.07.2018 को रू.167.58 करोड़ की 12, 000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई थी। स्वीकृत परियोजना प्रतिवेदन में 12, 000 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान था। विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत तकनीकी परीक्षण में उपयुक्त पाए जाने पर 52 ग्रामों की 12, 471 हेक्टर कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सूक्ष्म चंबल नहर परियोजना में वे ग्राम शामिल हैं जो अभी तक चम्बल मुख्य नहर एवं आवदा बांध के कमांड क्षेत्र के बाहर होने के कारण तथा स्वयं के साधनों से सिंचाई करते थे। विभाग के किसी अधिकारी द्वारा निज स्वार्थ से किसी भी ग्राम को परियोजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
कोविड संक्रमण की द्वितीय लहर में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 528 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में 31 मार्च 21 की स्थिति में कुल कितने हितग्राही परिवार व सदस्य थे 31 मार्च से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नए परिवार व सदस्य शामिल किये गये कुल कितने पात्र परिवार बने विधानसभा क्षेत्रवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कुल परिवारों में से कितने परिवारों को पांच माह का खाद्यान्न एक मुश्त व निःशुल्क कब दिया गया? एक मुश्त व नि:शुल्क 5 माह के खाद्यान्न के साथ केरोसिन शक्कर व नमक कितना-कितना दिया गया? कितने परिवारों को एकमुश्त निःशुल्क खाद्यान्न नहीं दिया गया और कितने परिवारों को 5 माह का निशुल्क व एक मुश्त खाद्यान्न तो दिया गया परंन्तु साथ में पात्रता अनुसार शक्क्र, नमक व केरोसिन नहीं दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत प्रश्नांश (ख)में दर्शित जानकारी खाद्यान्न की मात्रा सहित राशन दुकानवार उपभोक्तावार पृथक से उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले में 31 मार्च, 2021 की स्थिति में कुल हितग्राहीं परिवार की संख्या 4, 01, 529 थी जिसकी सदस्य संख्या 16, 24, 303 थी। 31 मार्च, 2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 19, 274 परिवार जोड़े गए जिनकी सदस्य संख्या 73, 410 थी वर्तमान में जिले कुल 4, 20, 803 परिवार एवं 16, 97, 713 सदस्य हैं। विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” अनुसार है। (ख) उत्तर (क) में दर्शित पात्र परिवारों में से माह अप्रैल एवं मई में 393826 परिवारों को एवं जून में 372200 परिवारों को एक मुश्त माह अप्रैल, मई, जून का NFSA के तहत एवं जून माह में मई व जून का PMGKAY के तहत नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया। एक मुश्त नि:शुल्क खाद्यान्न के साथ AAY के परिवार को 2 लीटर केरोसिन, एक किलो शक्कर एवं एक किलो नमक वितरित किया गया। जिले में 46233 परिवारों द्वारा तीन माह (अप्रैल, मई एवं जून) में शक्कर नमक एवं केरोसिन उचित मूल्य दुकान से नहीं प्राप्त किया, जिसकी विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “ब” अनुसार है। (ग) विधानसभा बण्डा के अंतर्गत संचालित 138 उचित मूल्य दुकानों में माह अप्रैल एवं मई में कुल परिवार 67, 065 में से 65, 969 परिवारों को खाद्यान्न वितरित किया गया तथा 1096 परिवार राशन लेने नहीं आए, इसी प्रकार जून, 2021 में 68, 049 परिवारों में से 63, 675 परिवारों ने खाद्यान्न प्राप्त किया तथा 5374 परिवार खाद्यान्न लेने नहीं आए। उचित मूल्य दुकानवार एवं परिवारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती
[राजस्व]
35. ( क्र. 547 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15.03.2021 के खण्ड ‘‘क‘‘ में उल्लेखित जमीनो के सम्पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए तथा बताऍ की न्यायालय तहसीलदार द्वारा किस नियम के तहत हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया गया जबकी यह अधिकार डिस्ट्रिक्ट मजेस्टेड को होता है? (ख) खण्ड ‘‘क‘‘ में उल्लेखित प्रश्न के खण्ड ‘‘घ‘‘ के सन्दर्भ में बतावें कि उच्चतम न्यायालय में अपील नहीं करने तथा विधि विभाग की राय नहीं लेने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया? इस सन्दर्भ में समस्त नोट शीट की प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नाधिन जिन शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के आदेश को अब भी उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है या नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15.03.2021 के खण्ड ‘‘घ‘‘ के उत्तर में उल्लेखित तत्कालीन अधिकारियों के नाम तथा पद बताऍ तथा जानकारी दें कि ऐसे प्रकरणों में शासन की और से निर्देश क्या है उसकी प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4279 दिनांक 15/03/2021 के खण्ड ‘‘क’’ में उल्लेखित जमीनों के सम्पूर्ण दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 1- रतलाम जिलें में तहसील रतलाम शहर में भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. भूमि पर न्यायालय तहसीलदार रतलाम के द्वारा न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 0003/अ-20 (4)/2012-13 में पारित आदेश दिनांक 01/04/2013 के परिपालन में राजस्व अभिलेख में आदेश का अमल कराया गया। 2- सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500 हे. माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के प्रकरण क्रमांक 89/ए82 पारित आदेश दिनांक 06/04/87, द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रतलाम के प्रकरण क्रमांक अपील 11ए/87 निर्णय दिनांक 21/03/1988, माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के द्वितीय अपील क्रमांक 151/88 के निर्णय दिनांक 23/11/2004 माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के स्पेशल लिव पिटीशन सीसी 5480/2006 निर्णय दिनांक 07/08/2006 के परिपालन में तहसीलदार रतलाम के द्वारा प्रकरण क्रमांक 64/अ-6/2005-06 आदेश दिनांक 04/02/2008 से नामांतरण किया गया। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हें0 भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुनर्याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में न्यायालय तहसीलदार रतलाम के प्रकरण क्रमांक 10/अ-6/2015-16 आदेश दिनांक 29/09/2016 से नामांतरण किया गया। (ख) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर के याचिका क्रमांक 7963/2009 में पारित आदेश दिनांक 06/01/2011 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ अवमानना याचिका क्रमांक 262/12 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय त्वरित कार्यवाही की गई। अतः उच्चतम न्यायालय में अपील करने व विधि विभाग से राय लेने बाबत् कार्यवाही की कोई नोटशीट उपलब्ध नहीं है। 2- भूमि सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500हे0 माननीय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के प्रकरण क्रमांक 89/ए82 पारित आदेश दिनांक 06/04/87, द्वितीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रतलाम के प्रकरण क्रमांक अपील 11ए/87 निर्णय दिनांक 21/03/1988, माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के द्वितीय अपील क्रमांक 151/88 के निर्णय दिनांक 23/11/2004 माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के स्पेशल लिव पिटीशन सीसी 5480/2006 निर्णय दिनांक 07/08/2006 के परिपालन में तत्समय कार्यवाही की गई। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुनर्याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय त्वरित कार्यवाही की गई। अतः उच्चतम न्यायालय में अपील करने व विधि विभाग से राय लेने बाबत् कार्यवाही की कोई नोटशीट उपलब्ध नहीं है। (ग) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हे. को निजी नाम पर करने के सबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर के याचिका क्रमांक 7963/2009 में पारित आदेश दिनांक 06/01/2011 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के अवमानना याचिका क्रमांक 262/12 में दिए गए सख्त निर्देशो के परिपालन में तत्समय उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। 2- भूमि सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 रकबा 0.020 हे. सर्वे क्रमांक 137/1/ख/3 रकबा 0.039 हे. भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर की याचिका क्रमांक 8365/13 पारित आदेश दिनांक 11/09/2013, पुर्न याचिका क्रमांक 400/15 के क्रम में अवमानना याचिका क्रमांक 157/2016 में दिए गए सख्त निर्देशों के परिपालन में तत्समय उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। उपरोक्त दोनों प्रकरणों में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में चुनौती दिए जाने के संबंध में महाधिवक्ता कार्यालय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर से विधिक अभिमत अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) 1- भूमि सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन-1 के नामातंरण में तत्समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री राजीव दुबे (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री दिनेशचन्द्र सिंघी (रा.प्र.से.) तथा श्री वीरेन्द्र कटारे तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। 2- सर्वे क्रमांक 141/2 रकबा 3.500 हे. के नामांतरण के समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री महेन्द्र ज्ञानी (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री जे.एस.सलुजा (रा.प्र.से.) तथा श्री भुवन गुप्ता तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। 3- भूमि सर्वे क्रमांक 131/1/ख/2 एवं 131/1/ख/3 के नामांतरण के समय जिला रतलाम में कलेक्टर के पद पर श्री चंद्रशेखर बोरकर (आई.ए.एस), अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रतलाम शहर के पद पर श्री सुनील झा (रा.प्र.से.) तथा श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव तहसीलदार रतलाम शहर के पद पर पदस्थ रहे। म0प्र0 राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 की कंडिका 26.8 अनुसार, जिला अंतर्गत स्थित शासकीय भूमि के मामले में किसी न्यायालयीन निर्णय के विरूद्ध अपील/पुनरीक्षण प्रस्तुत करने हेतु, शासकीय अभिभाषक के मत के आधार पर, जिला कलेक्टर ही सक्षम हैं। नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
ई-टेण्डर घोटाले की जानकारी
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 548 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत, श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5523 दिनांक 22.03.2021 का उत्तर दिलाया जाय तथा बतावें कि विभाग द्वारा ठेकेदार को कार्यादेश के बाद अग्रिम राशि देने का नियम क्या है? कुल कार्य की लागत का कितना प्रतिशत अग्रिम कब-कब दिया जाता है? नियम की प्रति देवें। (ख) वर्तमान में 880 करोड़ अग्रिम दिये जाने की जो जांच प्रचलन में है उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराऍ। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित अग्रिम किस-किस फर्म को किस-किस कार्य के लिये किस दिनांक को कितनी राशि का दिया गया तथा वह जांच के घेरे में क्यों है? (घ) ई-टेण्डरिंग घोटाले में विभाग के कौन-कौन से टेन्डर शामिल है उनकी सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ड.) विभाग के किन-किन अधिकारियों पर उत्तर दिनांक को न्यायालयीन, लोक आयुक्त, ई.ओ.डब्ल्यु में भ्रष्टाचार सम्बन्धित प्रकरण लंबित है तथा किन-किन अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने हेतु शासन से अनुमति लंबित है? (च) वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना प्रस्तावित है उनका नाम एवं लागत उपलब्ध कराए व कब तक टेंडर जारी होगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। वर्तमान में विभाग अंतर्गत ठेकेदार को कार्यादेश के बाद अग्रिम राशि देने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रू.880 करोड़ अग्रिम दिये जाने की कोई जांच प्रचलन में नहीं है, तथापि पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा अवगत कराया गया है कि जल संसाधन विभाग के निर्माणाधीन परियोजनाओं के निविदा प्रपत्रों में उल्लेखित शर्तों को निविदा खुलने एवं स्वीकृत होने के बाद, शर्तें बदलने संबंधी तथ्यों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा प्राथमिक जांच क्रमांक-04/2021 पंजीबद्व की है, जिसकी जांच जारी है। विभाग द्वारा निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध किये गये भुगतान की अनियमिताओं की जांच हेतु आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच समिति का गठन किया जाकर जांच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’ब’’ अनुसार है। (ग) जांच प्रक्रियाधीन है। (घ) जांच प्रक्रियाधीन है। (ड़) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’स’’ अनुसार है। (च) वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द-1’’ एवं ’’द-2’’ अनुसार है। वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा हेतु नियत सूचकांक की सीमा अतिक्रमित होने के कारण प्रस्तावों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिंचाई परियोजना एवं अन्य निर्माण कार्यो की अद्यतन स्थिति
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 557 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई परियोजना के अन्य निर्माण कार्य तथा मरम्मत के कौन-कौन से कार्य चल रहे है? उक्त कार्य कितनी - कितनी लागत के किस-किस स्थान पर, किस-किस ठेकदार को कब-कब से दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने हेतु क्या निर्धारित लक्ष्य रखे गये हैं? लक्ष्य के अनुरूप कितने- कितने कार्य पूर्ण हो गये है एवं कितने-कितने कार्य शेष है? कार्यवार पृथक-पृथक बतायें? (ग) उपरोक्त के तारतम्य में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है? लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में संबंधित उत्तरदायियों जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हॉ, तो कब तक? यदि नही, तो क्यों? (घ) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत निर्माणाधीन माचागौरा पेंच व्यपवर्तन नहर निर्माण कार्य वर्तमान में ठेकेदार द्वारा बंद कर दिया गया है? यदि हॉ, तो क्यों। उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा रूके हुये कार्य को शीघ्र प्रारंभ कराने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 2399 दिनांक 06/07/2021 के माध्यम से निवेदन किया है? यदि हॉ, तो पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोरोना महामारी के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करना, भूमि अधिग्रहण में कृषकों द्वारा अवरोध उत्पन्न करना, नहर निर्माण हेतु वन भूमि प्रकरण की स्वीकृति प्राप्त न होना एवं ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर दिए जाने से लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। कार्य को यथा संभव शीघ्र पूर्ण कराने हेतु शासन प्रयासरत है। (घ) जी हाँ, मान. सदस्य के प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र पर कार्यवाही प्रचलन में है।
अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
38. ( क्र.