मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र
गुरुवार, दिनांक 11 जुलाई, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रश्नकर्ता
के पत्र पर
कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 23 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक एम.एल.ए./टी.के.जी./।-50/2024, दिनांक 06.01.2024 संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, सागर संभाग सागर, म.प्र. को संबोधित कर प्रतिलिपि श्रीमान आयुक्त महोदय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को की थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र का पत्रोत्तर क्या प्रश्नकर्ता को दिया या पत्र पर कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण दें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या शासनादेशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 06.01.2024 के अनुसार नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्य की जांच हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक/या.प्र./2024/104-105, सागर दिनांक 23.01.2024 द्वारा जांच समिति गठन कर जांच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार पत्र में वर्णित कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राही
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 2913 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया नगर पालिका एवं बड़ौनी नगर पंचायत द्वारा PM आवास योजना में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? कृपया हितग्राहियों के नाम/पता सहित बतायें कि मौका स्थल पर कितने भवन पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? क्या उक्त हितग्राहियों में वर्तमान पार्षदों सहित उनके परिवार के सदस्य भी सम्मिलित हैं? यदि हाँ, तो क्या नगर पंचायत बड़ौनी में वर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद ने स्वयं एवं अध्यक्ष ने अपने परिवारजनों को लाभान्वित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन/कलेक्टर से उक्त भवनों की जांच के अंतर्गत वीडियोग्राफी कराकर जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कृपया अनियमिताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में जांच रिपोर्ट सहित जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ख) क्या उक्त संबंध में उक्त शिकायतों के अतिरिक्त शासन प्रशासन को और भी अन्य शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हो तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? कृपया वर्षवार जांच प्रतिवेदन दें। बड़ौनी एवं दतिया नगर पालिका में ऐसे कितने स्वीकृत प्रकरण हैं, जिनमें प्रथम द्वितीय/तृतीय किस्ते (राशि) नहीं दी जा रही है? कृपया स्वीकृत प्रकरणों सहित किस्तों की सूचियां प्रदाय करते हुए राशि न देने का क्या कारण है? क्या मुख्य कारण भ्रष्टाचार ही है? यदि नहीं, तो उक्त स्वीकृत प्रकरणों की प्रकरणवार प्रथम द्वितीय/तृतीय किस्ते (राशि) दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दतिया नगर पालिका एवं बड़ौनी नगर पंचायत में उक्त वर्षों में कितने-कितने निर्माण कार्य एवं खरीदी की गई है? क्या उक्त संबंध में संस्थाओं द्वारा विज्ञप्ति एवं कोटेशन जारी की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन कंपनियों/फर्मों/ठेकेदारों के द्वारा टेण्डर/कोटेशन प्रदान किये गये हैं? कृपया वर्षवार सूची सहित स्वीकृत टेण्डर कोटेशन एवं कार्यादेश की सूची की अलग-अलग जानकारी देते हुये कैशबुक, बिल वाउचर की वर्षवार मदवार प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) दतिया नगर पालिका एवं बड़ौनी नगर पंचायत में फायरब्रिगेड सहित कितने-कितने वाहन संचालित हो रहे हैं? उक्त वाहन में संस्थाओं के कितने वाहन माह प्राईवेट कितने वाहन संचालित उक्त वाहनों में प्रतिदिन पैट्रोल एवं पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? कृपया माहवार, वर्षवार, शहरवार जानकारी देते हुये पेट्रोल वाहन की लॉकबुक की प्रतियां सहित अलग-अलग संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कटनी नगर में विकास/निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 3164 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को विकास/निर्माण हेतु पत्राचार किया गया? यदि हाँ, तो वर्ष-2021 से क्या-क्या कार्य हेतु कौन-कौन से पत्र कब-कब प्रेषित किए गए? पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए और पत्रवार बताइये किन-किन कार्यों को कब-कब स्वीकृत कर कराया गया? किन-किन कार्यों को अब तक क्यों स्वीकृत नहीं किया गया? (ख) क्या फरवरी-2023 में कटनी-नगर के वार्डों में विकास यात्राओं का आयोजन किया गया? हाँ, तो नागरिकों की क्या-क्या मांग अनुसार विकास/निर्माण के किन-किन कार्यों को अब तक स्वीकृत कर कराया गया? किन-किन कार्यों को स्वीकृत करना एवं कराया जाना क्यों शेष है? शेष कार्यों को किस प्रकार और कब तक कराया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1197, दिनांक 23.12.2021 के उत्तरांश ''ख'' के अनुसार दिनांक 31.03.2022 तक सड़क निर्माण पूर्ण न होने का कारण और प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही बताइये और घंटाघर से जगन्नाथ चौक तक सड़क निर्माण पर निगम के किन-किन सम्मेलनों में क्या-क्या चर्चा हुई? पारित प्रस्तावनुसार कार्यवाही से एवं प्रश्न दिनांक तक कार्यों की प्रगति से अवगत कराइए। (घ) क्या नागरिकों द्वारा एवं प्रश्नकर्ता द्वारा जगन्नाथ चौक से घंटाघर रोड पर जनता की परेशानियों के निराकरण बाबत, आयुक्त को दिनांक 29.05.2024 को प्रेषित पत्र पर कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या पत्रानुसार कार्यवाही की गयी एवं प्रश्न दिनांक तक अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये। यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा नगरपालिक निगम को विकास/निर्माण कार्य हेतु प्रेषित किये गये पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कटनी नगर के वार्डों में विकास यात्राओं का आयोजन किया गया था, जिसमें नगारिकों की मांग अनुसार विकास/निर्माण कार्य कराने संबंधी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र दिनांक 29.05.2024 के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी कार्यलयीन पत्र क्रमांक 771/लोनिवि/2024, दिनांक 20.06.2024 द्वारा अवगत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
जीर्णशीर्ण विद्युत लाइनों का सुधार कार्य
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 3220 ) श्री केदार चिडाभाई डावर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा के ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत लाईने दी गई है, जिससे कृषक सिंचाई कर उपज ले रहे हैं? (ख) क्या दी गई विद्युत लाईन वर्षों पुरानी है तथा उसके तार जीर्णशीर्ण होकर बार-बार टूट रहे हैं? (ग) क्या जीर्णशीर्ण विद्युत तार होने के कारण बार-बार टूट जाने के कारण कृषकों को सही विद्युत लाईन नहीं मिल पाती है एवं कृषकों की फसलों को नुकसान होता हैं? (घ) यदि हाँ, तो जानकारी दें कि उक्त विद्युत तारों को बदलने की क्या योजना है तथा कब-तक बदले जावेंगे? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी नहीं, अपितु कतिपय स्थानों पर तकनीकी एवं प्राकृतिक कारणों से विद्युत लाईन के तार टूटने पर शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है एवं जिन स्थानों पर विद्युत लाईनों का तार पुराना होने अथवा संबंद्ध विद्युत भार के कारण खराब हो जाता है, उक्त कार्य को तत्समय संचालित योजना में सम्मिलित कर उसे बदलने/उन्नयन का कार्य किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। तथापि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. एवं एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत लाईन विद्युत लाईनों में क्षमतावृद्धि रीकन्डक्टिंग के विभिन्न कार्यों को स्वीकृत किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पोहरी नगर परिषद अंतर्गत क्रय सामग्रियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 3158 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद पोहरी में जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक प्रकाश व्यवस्था हेतु निविदा/ऑनलाइन/ऑफलाइन/जेम पोर्टल से पोल एवं हाईमास्क/सी.सी.टी.वी. कैमरा आदि क्रय करने हेतु आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो टेंडर आदि के क्रय आदेश में जो सामग्री वर्णित थी, वही सामग्री प्रदायकर्ता द्वारा प्रदाय की गई? यदि हाँ, तो पोल एवं हाईमास्क आदि सामग्री का उपयोग कहां-कहां कितना किया गया? सूची संलग्न कर बतायें। (ख) नगर परिषद पोहरी में वर्ष अगस्त 2018 से मार्च 2024 तक किन-किन कर्मचारियों की नियुक्ति किस-किस आदेश के द्वारा की गई है? आदेशों एवं नियुक्त कर्मचारियों के आवेदन पत्र एवं उसके साथ संलग्न दस्तावेजों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें, कि जो नियुक्तियां स्थानीय स्तर पर की गई हैं, उसकी स्वीकृति किसके द्वारा प्रदान की गई? स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ग) क्या अगस्त 2018 से मार्च 2024 तक नगर परिषद पोहरी द्वारा कोई सामग्री, वाहन, उपकरण आदि खरीदे गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री, उपकरण, वाहन आदि खरीदे गये? यदि हाँ, तो क्रय आदेश भुगतान की गई राशि के बिल, व्हाउचर, कोटेशन, निविदा एवं तुलना पत्रक एवं स्वीकृति पत्रक की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) पोहरी नगर परिषद में जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस एजेंसी से कराये गये? कितनी-कितनी राशि किस-किस को भुगतान की गयी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद मार्च 2021 में अस्तित्व में आयी है, तब से आज दिनांक तक कोई नियुक्ति नगर परिषद द्वारा नहीं की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मार्च 2021 से नगर परिषद के अस्तित्व में आने उपरांत, क्रय की गई सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
वसूली के अदेशों के बाद भी वसूली न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 1632 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले की प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अमरपाटन के नगर परिषद रामनगर में श्री विकास मिश्रा, अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के द्वारा जांच की गई थी, जिसमें संचालनालय नगरीय प्रशासन भोपाल के आदेश क्रमांक/शि./6/EOW/2016/7025, भोपाल दिनांक 03.04.2018 के द्वारा 773377=00 रूपयों की वसूली प्रस्तावित की गई थी, जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष राम सुशील पटेल से 309350.50 प्रभारी लेखापाल सुरेन्द्र पटेल (दैनिक श्रमिक) से 77338=00 प्रभारी नगर परिषद अधिकारी ब्रह्मानंद शुक्ला से 309350=50, प्रभारी भंडार सहायक रामवतार पटेल (दैनिक श्रमिक) से 77338=00 के ऊपर वसूली निर्धारित गई थी? जारी उक्त आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें की प्रश्नतिथि तक उक्त वसूली की जा चुकी है? अगर हाँ तो किस-किस से, कितनी-कितनी? अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में हुई जांच, जांच के बाद वसूली की कार्यवाही प्रश्नतिथि तक नहीं किये जाने पर किस नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक उन्हें चिन्हित क्यों नहीं किया है? (ग) राज्य शासन कब तक वसूली न करने वालों को निलंबित कर विभागीय जांच की कार्यवाही संस्थित करेगी? प्रकरणवार जानकारी दें। दो दैनिक श्रमिकों जिनसे वसूली होना है, उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? आदेशों की एक प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जारी आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा प्रश्न तिथि तक वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) अधिकारियों/कर्मचारियों से राशि की वसूली हो जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। /span>
अमानत में खयानत के मामले की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 3048 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रदेश के जिला-बैतूल की नगर पालिका परिषद-मुलताई में पदस्थ श्री दुर्गा सिंह चंदेल, सहायक राजस्व निरीक्षक के द्वारा तत्कालीन लिपिक पद में लोक निर्माण शाखा का प्रभार में रहते अमानत में खयानत के मामले में जांच की जाकर इनके विरुद्ध शासन/विभाग द्वारा कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इनके विरुद्ध कार्य कार्यवाही करने में विलंब क्यों किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? क्या इनके विरुद्ध दहेज प्रतिषेध अधिनियम अंर्तगत कोई आपराधिक प्रकरण भी विचाराधीन है, जिसकी जानकारी विभाग को है? यदि हाँ, तो उसमें विभाग द्वारा भी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी हाँ। संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-नर्मदापुरम द्वारा श्री दुर्गा सिंह चंदेल सहायक राजस्व निरीक्षक के विरूद्ध आरोप पत्रादि दिनांक 24.08.2023 को संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल को प्रेषित किए गए थे। परन्तु त्रुटिपूर्ण होने के कारण संचालनालय द्वारा दिनांक 06.03.2024 को पुन: संशोधित आरोप पत्रादि प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री चंदेल के विरूद्ध माननीय न्यायालय, अपर सत्र न्यायाधीश, मुलताई द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 249/2003 में दिनांक 14.10.2004 को निर्णय पारित करते हुए भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 498 ए एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 के अंतर्गत कारावास एवं अर्थदंड से दण्डित किया गया है। माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, मुलताई द्वारा पारित किए गए उपरोक्त निर्णय के विरूद्ध श्री चंदेल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष Criminal Appeal No. 17095/2004 प्रस्तुत की गई है, जिसमें दिनांक 29.10.2004 को श्री चंदेल को जमानत मंजूर की गई है। उक्त प्रकरण संज्ञान में आने पर संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, मुलताई को श्री चंदेल के विरूद्ध त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
उच्च दाब क्षमता की विद्युत लाईनों का अनुरक्षण
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 3277 ) श्री हेमंत कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) प्रदेश में उच्च दाब क्षमता (11 के.व्ही.) से संबंधित विद्युत लाईन के तारों की ऊंचाई सामान्यतः जमीन से कितनी फिट ऊंचा रखने एवं सावधानी की दृष्टि से इन विद्युत लाईनों का कितनी अवधि के अन्तराल से किस प्रकार के अनुरक्षण कार्य करने का प्रावधान है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ख) क्या अनुरक्षण के अभाव में भिण्ड जिले के उच्च दाब क्षमता (11 के.व्ही.) विद्युत लाईन के तारों की जमीन से ऊंचाई निर्धारित मापदण्ड से कम है? यदि हाँ, तो समय पर अनुरक्षण न कर गंभीर लापरवाही हेतु कौन दोषी है? कब तक अनुरक्षण कराया जाकर मापदण्ड के अनुरूप लाईन के तारों की ऊँचाई की जायेगी? (ग) क्या विगत 05 वर्षों में क्षेत्र में उच्च दाब क्षमता (11 के.व्ही.) विद्युत लाईन के तार जमीन के नजदीक होने से संपर्क में आने वाली फसलों में आगजनी, पशु एवं जनहानि की कौन-कौन सी घटनाएं भी घटित हुई? यदि हाँ, उनके क्षतिपूर्ति/मुआवजा प्रकरणों की स्थिति विधानसभावार बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम, 2010 में 11 के.व्ही. सहित विभिन्न उच्चदाब एवं निम्नदाब की विद्युत लाईनों की भूमि/विभिन्न संरचनाओं से सुरक्षित उर्ध्वाधर/क्षैतिज दूरी का निर्धारण किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त वैधानिक प्रावधानों का प्रदेश में भी पालन किया जाता है। विद्युत अधोसंरचना का अनुरक्षण/रख-रखाव वर्ष में दो बार मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त विद्युत दुर्घटनाओं/व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से रख-रखाव का कार्य किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से विद्यमान विद्युत अधोसंरचना को निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुसार स्थापित किया गया है, जिसके नियमित रूप से अनुरक्षण/रख-रखाव किया जाता है, भिण्ड जिले में कोई भी उच्चदाब क्षमता (11 के.व्ही.) के विद्युत तारों की ऊँचाई निर्धारित मापदंड से कम नहीं है। यद्यपि कतिपय स्थानों पर प्राकृतिक कारणों जैसे आंधी, वर्षा, अधिक गर्मी से तारों का झुकाव हो जाना इत्यादि कारणों से विद्युत लाईन की जमीन से मानक दूरी कम होने एवं संज्ञान में आने पर लाईनों की जमीन से सुरक्षित दूरी हेतु सुधार कार्य किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम, 2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियमों के अंतर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है, जिनका संज्ञान होने पर नोटिस जारी करने की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) भिण्ड जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र लहार, मेहागांव, गोहद एवं अटेर अंतर्गत विगत 05 वर्षों में उच्चदाब क्षमता (11 के.व्ही.) विद्युत लाईनों के तार जमीन के नजदीक होने से संपर्क में आने पर फसलों में आगजनी, पशु एवं जनहानि की कोई घटना घटित नहीं हुई है। भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र भिण्ड अंतर्गत विगत 05 वर्षों में उच्च दाब क्षमता (11 के.व्ही.) की विद्युत लाईनों के तार जमीन के नजदीक होने से संपर्क में आने पर फसलों में आगजनी की कोई घटना घटित नहीं हुई है, तथापि वर्ष 2021-22 में दिनांक 24.10.2021 को 'अमरसिंह का पुरा' नहर के पास एक विद्युत दुर्घटना घटित हुई थी। उक्त दुर्घटना में 03 व्यक्तियों एवं 02 पशुओं की मृत्यु हुई थी एवं अन्य 02 व्यक्ति घायल हुये थे। उक्त 03 मृतक व्यक्तियों के प्रकरणों में आश्रितों को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नियम अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता राशि/मुआवजा राशि (प्रत्येक को रूपये 4 लाख) स्वीकृत की गई है।
मुआवजा राशि का भुगतान
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 2170 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में माह बस्ती से मलाहन टोला पहुँच मार्ग निर्माण कार्य के स्वीकृति के समय किन-किन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गयी थी? किसानों के नामवार, ग्रामवार अधिग्रहित भूमि के नम्बर व रकबावार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में आये कृषकों की भूमियों की मुआवजा भुगतान की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर लेने के बावजूद भी आज पर्यन्त मुआवजा राशि भुगतान न किये जाने के क्या कारण हैं? सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या किसानों की मुआवजा राशि भुगतान न होने से मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होना प्रभावित हुआ है, जिससे जनहित में आवागमन प्रभावित होने से लोगों में जहां एक ओर असंतोष व्याप्त हुआ है, वहीं दूसरी ओर किसानों में शासन की व्यवस्था के प्रति रोष व्याप्त होने जैसी समस्या का निदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग के भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के अनुसार भूमि अधिग्रहण न किये जाने से मुआवजा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मात्र धारा 11 का प्रकाशन कराया गया था। कार्य में भू-अर्जन हेतु आवश्यक राशि रू. 121.00 लाख का प्रावधान कार्य में स्वीकृत न होने के कारण शेष औपचारिकतायें पूर्ण नहीं हुई। सम्पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, भूमि अधिग्रहण न होने से मुआवजा राशि के भुगतान का प्रश्न ही नहीं उठता। वर्तमान में संपूर्ण मार्ग के लिये भू-अर्जन स्वीकृत नहीं होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मोटर पम्प संचालन हेतु विद्युत कनेक्शनों का प्रदाय
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 3025 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर में लगभग 25 वर्ष पूर्व किसानों को कुओं के माध्यम से मोटर पम्प के संचालन हेतु 03 एच.पी. विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये थे? क्या उक्त कनेक्शन वर्ष 2018 के बाद में बढ़ाकर 10 एच.पी. तक कर दिये गये? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या जिला ग्वालियर में अधिकांश क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर नीचे चले जाने के कारण अधिकांश कुएं विगत 15 वर्षों से सूखे पड़े हैं, परन्तु मोटरपम्प के अधिकांश कनेक्शनों का बिल आज भी किसानों को दिया जा रहा है, जबकि कुएं सूख जाने व भराव हो जाने के कारण कनेक्शन हेतु पूर्व में डाली गयी विद्युत लाईन व पोल क्षतिग्रस्त हो गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त विद्युत कनेक्शन चालू न होने के उपरांत भी किसानों को लगातार विद्युत बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त बिलों को निरस्त किये जाने हेतु शासन की क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या किसानों के हित सूख चुके कुएं के ऐसे विद्युत कनेक्शनों को बंद कर प्रदाय बिलों को निरस्त करने की कृपा करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, ग्वालियर जिले में 25 वर्ष पूर्व किसानों को कुओं/बोर के लिये मोटर पंप के संचालन हेतु 3 एच.पी. के भी कृषि पंप विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये थे। यह कहना उचित नहीं है कि उक्त कनेक्शनों को वर्ष-2018 के बाद बढ़ाकर 10 एच.पी. कर दिया गया, अपितु समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में भौतिक निरीक्षण किये जाने के पश्चात कुछ कनेक्शनों में संबंधित कृषकों द्वारा अधिक भार की विद्युत मोटर का उपयोग पाये जाने पर कृषकों के स्वीकृत भार में संचालित भार अनुसार वृद्धि की गई है। (ख) जी नहीं। अपितु ग्वालियर जिले में कृषकों को पम्प कनेक्शनों हेतु विद्युत का उपयोग किये जाने पर ही नियमानुसार बिल दिये जा रहे हैं। क्षेत्र में कुएं सूख जाने एवं भराव हो जाने तथा विद्युत कनेक्शन चालू नहीं होने संबंधी किसी उपभोक्ता का आवेदन प्राप्त होने पर स्थल निरीक्षण उपरांत कनेक्शन को स्थायी रूप से विच्छेदित करते हुये उस दिनांक से उपभोक्ता को बिल जारी किया जाना बंद कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्रातंर्गत इस संबंध में कार्यवाही हेतु किसी भी उपभोक्ता का आवेदन लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
वैध एवं अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण एवं नवीन कनेक्शन
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 3007 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वैध एवं अवैध कॉलोनियों में विद्युत कनेक्शन के क्या नियम/निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को शासन/प्रशासन द्वारा वैध घोषित किये जाने के बावजूद अवैध कॉलोनी मानकर स्थायी विद्युत कनेक्शन नहीं दिये जाकर मनमाने ढंग से वसूली की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र मुख्यालय सिवनी में बाबूजी नगर (एस.पी. बंगला रोड) अवैध कॉलोनी को जिला प्रशासन द्वारा वैध घोषित कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश ''ग'' हाँ है, तो उपभोक्ता श्रीमती श्यामा अग्रवाल, पति प्रदीप अग्रवाल से घरेलू कनेक्शन हेतु विभाग द्वारा राशि 77,000/- रूपये किस दर से वसूल किये गये हैं? (ड.) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में सिवनी जिले के अंतर्गत ऐसी कितनी अवैध कालोनियां हैं, जिन्हें शासन द्वारा वैध घोषित किया गया तथा इन कॉलोनियों में कितने उपभोक्ताओं को स्थायी विद्युत कनेक्शन किस दर पर कितनी राशि जमा कर दिया गया? दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वितरण केन्द्रवार, कॉलोनीवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (च) प्रश्नांश ''घ'' के संदर्भ में कितने उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन दिये गये हैं? संख्या उपलब्ध कराते हुये बतावें कि विभाग द्वारा इन्हें स्थायी कनेक्शन दिये जाने की क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वैध एवं अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण एवं नवीन कनेक्शन का कार्य, ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' के अध्याय 4 एवं ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम 2022, {आर.जी.-31 वर्ष 2022 (II)}'' में निहित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु उत्तरांश (क) में उल्लेखित वैधानिक प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकरण/नवीन कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में मुख्यालय सिवनी अंतर्गत मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद सिवनी के माध्यम से प्राप्त वैध कॉलोनियों की सूची में बाबूजी नगर (एस.पी. बंगला रोड) सिवनी शामिल नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ड.) संबंधित नगरीय निकाय एवं राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार सिवनी जिले अंतर्गत ऐसी अवैध कॉलोनियां, जिन्हें शासन द्वारा वैध घोषित किया गया हो, की संख्या निरंक है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (च) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में बाबूजी नगर में 14 उपभोक्ताओं को अस्थायी कनेक्शन प्रदान किए गये हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वैध एवं अवैध कॉलोनियों में स्थायी कनेक्शन दिये जाने की प्रक्रिया उत्तरांश (क) में उल्लेखित है।
सौर ऊर्जा कनेक्शन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
12. ( *क्र. 2481 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में श्रेणीवार कितने उपभोक्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा के विद्युत कनेक्शन लिये गये? दिनांक 15 जून, 2024 की स्थिति में जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सौर ऊर्जा कनेक्शन लेने से कितनी विद्युत का लोड कम होने का अनुमान है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिन उपभोक्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा से कनेक्शन लिये गये हैं? क्या उन सभी को अनुदान दे दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? जिलेवार जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) म.प्र. विद्युत वितरण कंपनियों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में 34,471 उपभोक्ताओं द्वारा कुल 368.188 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना कराई गई है। संयंत्रों की श्रेणीवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सौर संयंत्रों की स्थापना से दिन में संयंत्रों की क्षमता के बराबर अर्थात 368.188 मेगावाट क्षमता विद्युत का लोड कम होने का अनुमान है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित उपभोक्ताओं के लंबित अनुदान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु स्वीकृति राशि /span>
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 3347 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी कच्ची सड़कें हैं? कृपया उनके नाम सहित यह भी बताएं कि जुलाई 2024 के बजट में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों को पक्का बनाने के प्रस्ताव जिले से शासन को प्राप्त हुए हैं एवं यह भी बताएं कि £2325;ौन-कौन सी नदियों पर पुलों के निर्माण हेतु जनहित में जनता की पुरजोर मांग अनुसार मांग की जा रही है और इससे संबंधित स्वीकृति हेतु लगातार विधानसभा में प्रश्न भी किए जा रहे हैं? ">(ख) क्या विभाग ने सड़कों एवं पुलों के डी.पी.आर. नहीं बनाए हैं? अगर बनाए हैं तो कितनी-कितनी राशि के हैं और कितनी-कितनी लंबाई के हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले में पी.आई.यू. के कार्य जिले में भवन बनाने के वर्तमान में कौन-कौन से चल रहे हैं? कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के कहां-कहां के हैं और कौन-कौन से कार्य प्रारंभ होना शेष है? कृपया अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि 2024 के बजट सत्र में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण कच्ची सड़कें, नदियों के पुल एवं भवनों के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य में कोई भी कच्ची सड़क नहीं है। कोई नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार है।
निकायों द्वारा बनाई गई योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 3318 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बेगमगंज एवं नगर परिषद सिलवानी द्वारा विगत चार वर्षों में किन-किन कार्यों हेतु योजना/डी.पी.आर. बनाकर स्वीकृति/वित्तीय व्यवस्था हेतु वरिष्ठ कार्यालयों को प्रेषित की है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कराये जाकर पूर्ण करा लिये गये हैं? क्या इनकी गुणवत्ता संतोषजनक है? नहीं तो क्यों? कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति कब से किस स्तर पर किस कारण से लंबित है? विवरण दें व कार्यवार/योजनावार स्थिति बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित निकायों द्वारा विगत तीन वर्षों में क्या-क्या सामग्री क्रय की है? प्रदाता का नाम, पता, लागत का विवरण दें व बतावें कि क्या उक्त सामग्री के क्रय मामले में विभागीय नियम निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त अवधि में क्रय सामग्री के मामले में जांच कर सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्रय सामग्री के गुणवत्ता नियंत्रण हेतु विभाग के क्या निर्देश हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निकायों द्वारा सामग्री क्रय हेतु विभागीय नियम निर्देशों का पालन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। क्रय सामग्री के गुणवत्ता नियंत्रण हेतु राज्य शासन, शासकीय विभाग एवं उनके घटकों द्वारा सामग्री एवं सेवा उपार्जन हेतु ''म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 (यथा संशोधित-2022) '' में निर्देश निहित है।
उज्जैन-झालावाड़ टू-लेन प्लस फोरलेन सड़क परियोजना
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 2972 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552-G 134 किलोमीटर लंबे उज्जैन-आगर-झालावाड़ रोड को 10 मीटर चौड़ा करने का कार्य किसे दिया गया था? संबंधित समस्त टेंडर, अनुबंध, टेंडर की कार्यालय नस्ति समस्त बिल-वाउचर समस्त निर्माण की एम.बी. की कॉपी देवें? (ख) उपरोक्त परियोजना की लागत कितनी है? ठेकेदार कंपनी का अनुबंध की प्रति देते हुए बतावें, प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी-कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार कंपनी को दिया गया है? (ग) वर्तमान में इस रोड पर कितने टोल नाकों को स्थापित किया गया है? टोल वसूली के शासन के नीति, नियम, निर्देश क्या हैं? कॉपी देवें। /span>(घ) क्या अनुबंध अनुसार सड़क और उसके बीच बनने वाली पुल-पुलिया निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र देवें। (ड.) टोल टैक्स हेतु कौन-कौन सी एजेंसी क्रियाशील हैं? क्रियाशील एजेंसी की स्थापना किन-किन आधार पर हुई? समस्त स्थापना के रिकॉर्ड एवं टोल सेवा की सेवा शर्त देवें। (च) क्या प्रत्येक टोल पर यात्रियों के लिए मेडिकल वैन की सुविधा है? यदि हाँ, तो और कौन-कौन सी सुविधाओं के शासन नियम हैं? (छ) कितनी लागत वसूली के बाद टोल नाकों को बंद किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांश लोक निर्माण विभाग से सबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (छ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
विभाग की संरचना विकास एवं निर्माण कार्यों पर व्यय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
16. ( *क्र. 3267 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण/विकास एवं अन्य कार्य हेतु विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी देवें। /span>(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। /span>(घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेन्सियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार/निर्माण एजेन्सी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचे लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? निर्माण/विकास कार्य, योजना, कार्य के नाम, स्थान, तहसीलवार, जिलावार विभाग अनुसार संपूर्ण जानकारी देवें। (ड.) विभाग की सिरोंज एवं लटेरी अनुविभाग में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य संचालित हैं? योजनवार, निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 2935 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 और 2024-25 में खरगोन जिले में £2325;ितनी-कितनी सड़के कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई? जिलेवार विवरण दें। (ख) म.प्र. सरकार द्वारा 2024-25 के अनुपूरक बजट में विधानसभा क्षेत्र कसरावद की सड़कों को शामिल किया है? अगर नहीं तो कारण बतावें। (ग) कितनी सड़कें जनप्रतिनिधियों के मांग पर स्वीकृत की गई और सड़कों के निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा मार्ग निर्माण बिलखेड खुर्द से ककड़गांव व्हाया रतनपुर, बडिया से सहेजला, सतवाड़ी से वायतेल, दुर्गापुर से वायतेल, रसवा से डाबरी, कमोदवाड़ा से सूर्वा, बोथु से डोगरगांव, सतवाड़ी से डेडगांव, खामखेड़ा से भटटीयाण, रायपुरा से सिपटान व्हाया शाला भवन, सुर्वा से ललनी व्हाया दोदवाड़ा, बहादपुरा (देवला) से औझरा मुख्य मार्ग को वर्ष 2024-25 बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2024-25 का अनुपूरक बजट आगामी सत्र में आना प्रस्तावित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2024-25 के मुख्य बजट में प्रश्नांकित मार्ग शामिल नहीं होने से स्वीकृति जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी की घटनायें
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 1964 ) श्री विपीन जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी की कुल कितनी सूचनाएं/शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर क्षेत्रान्तर्गत क्या ट्रांसफार्मर से ऑइल चोरी होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है और इसके कारण विद्युत ट्रांसफार्मर जलकर खराब हो रहे हैं और विद्युत सप्लाई बाधित होती है? (ग) संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर क्षेत्रांतर्गत ट्रांसफार्मर से ऑइल चोरी करने पर कितने लोगों के विरूद्ध विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पुलिस थाने पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है? (घ) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर क्षेत्रान्तर्गत क्या ऑइल चोरी की घटनाएं बढ़ने के कारण को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में अनुमानित कितनी राशि का नुकसान हुआ है? (ड.) संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर क्षेत्रांतर्गत भविष्य में बढ़ती ऑइल चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु क्या प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंतर्गत संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर में माह जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक वितरण ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी की कुल 3167 सूचनाएं/शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) जी हाँ। /span>(ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत 2 प्रकरणों में वितरण ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी करने पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है। शेष 3165 प्रकरणों में अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध संबंधित वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा निकटतम पुलिस थाने में सूचना दी गई है। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी के कारण अनुमानित राशि रुपये 268.55 लाख का आर्थिक नुकसान हुआ है। (ड.) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों से ऑइल चोरी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु संबंधित क्षेत्र के लाईन कर्मचारियों को समय-समय पर निगरानी रखे जाने हेतु निर्देशित किया गया है तथा लाईन कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर रात्रि कालीन पेट्रोलिंग की जाती है। उक्त के अतिरिक्त, ग्रामवासियों से ग्रामीण क्षेत्रों में किसी व्यक्ति द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर से ऑइल चोरी करते हुए पाए जाने पर तत्काल सूचना नजदीकी पुलिस थाने एवं विद्युत वितरण केन्द्र/कार्यालय में देने हेतु अनुरोध किया गया है।
ड्रेनेज स्कैम और अनुग्रह राशि में घोटाले से उत्पन्न स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 3287 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम इंदौर में ड्रेनेज घोटाला और नगर पालिका निगम भोपाल में अनुग्रह राशि में घोटाले का मामला संज्ञान में आया है? दोनों मामलों में कितनी-कितनी राशि का घोटाला हुआ है? निगमवार पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका निगम इंदौर एवं भोपाल ने विभागीय स्तर पर कब और क्या-क्या कार्यवाही की? अधिकारी का नाम, पदनाम, कार्यवाही विवरण, आरोप पत्र की प्रति, दोषी पाये जाने पर कब और क्या किस-किस के विरुद्ध क्या करने के आदेश जारी किये गये? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर निगमवार बतायें। (ग) संपूर्ण प्रकरण में नगर पालिका निगम के कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी की संलिप्तता इसमें पाई जाकर दोष सिद्ध करार दिया गया है? उनके नाम, पदनाम, पदीय दायित्व कब से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, सेवा में किस माध्यम से आये (सीधी भर्ती अथवा अन्य माध्यम), कब-कब किस स्थान पर किस-किस पद पर पदस्थ रहे, आऊटसोर्स एवं संविदा के कौन कर्मचारी भी घोटाले में संलग्न पाये गये? उनके नाम, पदनाम, पदीय दायित्व कब से पदस्थ हैं, सहित संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेजों एवं आदेशों की प्रति सहित बतायें। (घ) भविष्य में इस प्रकार के घोटाले की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु विभाग ने कोई आदेश/निर्देश संबंधित नगर पालिका निगम इंदौर एवं भोपाल को जारी कर सचेत रहने के जारी किये हैं? (ड.) इंदौर एवं भोपाल शहर में वृक्षारोपण के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं? इसमें विभाग का अनुमानित कितना बजट व्यय होगा? इसकी मॉनीटरिंग में कोई घोटाला न हो इस हेतु कोई जांच/निगरानी दल बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, इंदौर के जल यंत्रालय, ड्रेनेज एवं ट्रेन्चिंग ग्राउंड विभाग में 10 एजेंसियों के 222 कूटरचित देयक जांच में संज्ञान में आए हैं। उक्त देयकों की सकल राशि रूपये 124.12 करोड़ है तथा भुगतान राशि रुपये 90.50 करोड़ है। इसी प्रकार नगर पालिक निगम, भोपाल में श्रमिक कर्मकार मण्डल के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि रूपये 176.42 लाख का अनियमित भुगतान पाया गया है। (ख) नगर पालिक निगम, इंदौर एवं भोपाल द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा अनियमित भुगतान की राशि में से रुपये 84.22 लाख हितग्राहियों से वापस कर्मकार मण्डल के बैंक खाते में जमा कराई गई है। /span>(ग) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा प्रकरण में संलिप्त पाए गए कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। साथ ही उक्त प्रकरण में नगर पालिक निगम, भोपाल के 17 कर्मचारियों के विरुद्ध विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त, भोपाल द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इसी प्रकार नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा प्रकरण में संलिप्त पाए गए कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त प्रकरण के संबंध में वर्तमान में पुलिस, उच्च स्तरीय जांच समिति एवं निगम स्तर पर जांच की कार्रवाई प्रचलित है। (घ) मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 एवं उसके अंतर्गत निर्मित मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 में नियमानुसार कार्रवाई किए जाने के संबंध में पर्याप्त प्रावधान दिए गए हैं। अतः पृथक से निर्देश दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। (ड.) नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा शहर में 14 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसका अनुमानित व्यय लगभग रुपये 15 करोड़ संभावित है। इसी प्रकार नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा शहर में 1 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिस पर लगभग रुपये 14 लाख व्यय होगा। उक्त कार्य के लिए नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसी प्रकार नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा वृक्षारोपण का कार्य प्रगतिरत् होने पर दल बनाए जायेंगे।
सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 3215 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के मेहगांव से गौना, सिकाहटा विलाव मार्ग का निर्माण 48 करोड़ रूपए की अधिक राशि से किया गया है, जो कि पहली बारिश में ही पूरी तरह से ध्वस्त हो गई? उक्त सड़क निर्माण के दौरान क्या निर्माणकर्ता कंपनी और विभाग के अधिकारियों द्वारा कई करोड़ रूपयों का आर्थिक भ्रष्टाचार किया गया है? (ख) उक्त मार्ग के रख-रखाव व गुणवत्ता निर्धारण की समुचित जिम्मेदारी किन-किन अधिकारियों पर है? (ग) गुणवत्ता निर्धारण की उच्च स्तरीय जांच व निर्माण के दौरान हुए आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच क्या निर्धारित समयावधि की जावेगी? (घ) सड़क निर्माणकर्ता कंपनी व संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही होगी? समयावधि बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। गुणवत्ता की जांच हेतु जांच समिति का गठन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार किया गया है। (घ) जांच समिति के प्रतिवेदन परीक्षणोपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रतलाम जिलांतर्गत स्वीकृत सड़कें
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 3030 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग विगत 3 वर्षों में रतलाम जिले की कौन-कौन सी सड़क स्वीकृत की गयी? (ख) उक्त सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति की विस्तृत जानकारी देने की कृपा करें। (ग) उक्त सड़कों के निर्माण में कौन-कौन सा मटेरियल कितनी-कितनी मात्रा में उपयोग किया गया, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति में कितना अंतर है? (घ) उक्त सड़कों में कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से प्रगति पर हैं एवं कौन-कौन से अभी तक प्रारंभ नहीं हुए हैं? पूर्ण हुए एवं प्रगतिरत कार्यों पर कितना-कितना भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग की दुकानों की जानकारी
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 3077 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग की दुकानें बनी हुई हैं? यदि हाँ, तो कितनी हैं? (ख) उक्त दुकानें कहां-कहां पर कब से कितनी-कितनी बनी हुई हैं? स्थान वर्ष व संख्या बतावें। (ग) उक्त दुकानों की वर्तमान में क्या स्थिति है तथा विभाग द्वारा उनका क्या उपयोग किया जा रहा है? (घ) विभाग द्वारा यदि उक्त दुकानें किराये से दी गई है तो किस-किस को कितने किराये पर दी गई है? नाम व किराया सहित बतावें। क्या सभी दुकानदारों के द्वारा समय पर किराया जमा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में लोक निर्माण विभाग की कुल 21 दुकानें बनी हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 12 दुकानें जर्जर होने के कारण दुकानदारों से माह 10/2019 को रिक्त करा ली गई है। शेष 09 दुकानों में दुकानदारों द्वारा विभिन्न प्रकार का व्यवसाय संचालित किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं, जिन दुकानदारों द्वारा समय पर किराया नहीं दिया जा रहा है, उनसे बकाया किराया जमा कराने हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किये गये हैं एवं वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है। दिये गये नोटिस पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है।
नगर निगम/नगर पालिका की सम्पत्तियों को किराये से देने के नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 3009 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्र में नगरीय प्रशासन के भवनों को लीज अथवा किराये पर देने के क्या नियम हैं? (ख) उक्त भवनों को कितने वर्षों के लिए किराये पर अथवा लीज पर दिया जा सकता है? क्या उक्त भवनों पर निर्माण अथवा फेरबदल का अधिकार किरायेदार अथवा लीजधारी को है? (ग) झाबुआ शहर अन्तर्गत नगर पालिका द्वारा टाउन हॉल एवं बस स्टेण्ड के ऊपर की मंजिल कितने समय हेतु लीज अथवा किराये पर दी गई है तथा उसका किराया क्या है? झाबुआ स्थित टाउनहाल परिसर में दुकान निर्माण कर उसकी छत पर निर्माण करने की अनुमति नगर पालिका द्वारा प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो किस नियम से दी गई है, कितने समय के लिए दी गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्र में नगरीय निकायों के भवनों को लीज पर अथवा किराए पर देने के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम 2016 प्रभावशील है। (ख) निकाय के भवनों को वर्तमान में प्रारंभ में 30 वर्षों के लिए लीज अथवा 10 माह की अवधि किराये पर दिया जा सकता है। जी नहीं। बिना सक्षम स्वीकृति के उक्त भवनों पर निर्माण अथवा फेरबदल का अधिकार किरायेदार अथवा लीज धारक को नहीं है। (ग) 1. झाबुआ शहर अंतर्गत नगर पालिका द्वारा टाउन हॉल के ऊपर की छत को 30 वर्षों के लिए लीज पर दी गई है, जिसका किराया (लीजरेन्ट) प्रतिमाह राशि रू. 8716/- निर्धारित है। 2. बस स्टैंड की यात्री प्रतीक्षालय के ऊपर बाकी मंजिल 35 माह की लीज पर दी गई है, जिसका किराया प्रतिमाह राशि रु.6000/- निर्धारित है। 3. जी हाँ। झाबुआ में टाउन हॉल परिसर में दुकानों के ऊपर की छत पर का निर्माण करने की अनुमति मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के अंतर्गत छत के लीजधारक को दी गई है। उक्त निर्माण की अनुमति दिनांक 12.09.2022 को जारी की गई है जो कि जारी होने के दिनांक से 03 वर्षों के लिए दी गई है।
मार्ग का नवीनीकरण/मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 3120 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बालाघाट से बैहर एवं बैहर से सालेटेकरी मार्ग विभाग के अधीन है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के बाद प्रश्न दिनांक तक कब-कब नवीनीकरण/मरम्मत के कार्य कौन-कौन से किलो मीटर में कितनी-कितनी लागत के कराये गये? (ग) बालाघाट से बैहर मार्ग जो जिला मुख्यालय का मार्ग है, जिसमें महाराष्ट्र संजय से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान हेतु पर्यटक आते-जाते रहते हैं, उसी तरह बैहर से सालेटेकरी मार्ग से छत्तीसगढ़ के पर्यटक आते-जाते रहते हैं? उक्त दोनों मार्ग अत्यन्त खराब होने के कारण ग्रामीणजनों को परेशानी होती है? उक्त दोनों मार्ग का नवीनीकरण/मरम्मत कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग के अधिकांश किमी. की स्थिति अच्छी है, जिन कि.मी. में सुधार की आवश्यकता है, उन्हें वर्ष 2024-25 बी.टी. नवीनीकरण हेतु प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी विकसित करने हेतु अनुमती/अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 3002 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन कॉलोनी विकसित किए जाने की स्थिति में नियमानुसार कॉलोनाइजर द्वारा प्लाट बंधक रखे जाना एवं अत्यंत गरीब वर्ग हेतु भूमि आरक्षित की जाना, बगीचा निर्माण हेतु भूमि एवं ऑडिटोरियम इत्यादि मूलभूत आवश्यकताओं को कार्यों हेतु सशर्त अनुबंध किये जाना आवश्यक होते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 1980 से लेकर 1995 तक जावरा नगर एवं नगरीय सीमा से लगे क्षेत्र में किन-किन कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी विकसित की जाकर उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित नियम अनुसार अनुमतियां लेकर अनुबंध किए गए एवं निकाय द्वारा उनका पालन किस प्रकार किया गया? प्रश्नवार जानकारी दें। (ग) वर्ष 1995 से लेकर वर्ष 2010 तक की अवधि में भी जावरा नगर एवं नगरीय सीमा से लगे क्षेत्र में उपरोक्त अनुसार उल्लेखित प्रश्न (क) अंतर्गत नियमानुसार अनुमतियां, स्वीकृतियां, अनुबंध इत्यादि किए गए, तो तद्नुसार निकाय द्वारा उनका पालन किस प्रकार से किया गया? साथ ही प्रश्न (क) व प्रश्न (ख) के समस्त अनुबंध अनुमतियों एवं स्वीकृतियों का संधारण निकाय द्वारा किस प्रकार किया गया? (घ) नवीन कॉलोनी को विकसित किए जाने हेतु शासन/विभाग के निर्धारित मापदंडों का पालन करने में अनुसार बंधक किए गए प्लाटों एवं अत्यंत गरीब वर्ग हेतु छोड़ी गई भूमियों तथा बगीचा निर्माण, ऑडिटोरियम निर्माण हेतु छोड़ी गई भूमियों का किस प्रकार उपयोग किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, नवीन कॉलोनी विकसित किए जाने की स्थिति में कॉलोनाईजर को वर्तमान में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में कॉलोनी के भूखण्ड बंधक रखने और गरीब वर्ग हेतु भूमि/भूखण्ड आरक्षित रखने या इसके बदले आश्रय शुल्क जमा करने के प्रावधान हैं तथा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 में कॉलोनी में बगीचा निर्माण एवं ऑडिटोरियम आदि मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भूमि आरक्षित रखने के प्रावधान है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में कॉलोनी स्थापना की अनुमति के लिए म.प्र. विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम, 1982 के अध्याय 8 में प्रावधान थे, जिसके अनुसार नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अधीन आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त कर जिला कलेक्टर से कॉलोनी स्थापना की अनुमति प्राप्त की जाती थी, जिसके अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
राष्ट्रीय
राजमार्ग का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 61 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) क्या जिला रीवा की विधानसभा सिरमौर अंतर्गत सिरमौर से डभौरा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 135 (बी) का मरम्मतीकरण कार्य प्रस्तावित है? यदि हाँ तो क्या उक्त पुराने मार्ग का मरम्मतीकरण कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त मार्ग के मरम्मतीकरण कार्य में निविदा में उल्लेखित शर्तों का नियमानुसार पालन नहीं किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर घटिया निर्माण सामग्री उपयोग किये जाने की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं, ऐसी स्थिति में क्या उक्त मार्ग मरम्मतीकरण कार्य की जाँच पृथक एजेंसी से कराई जावेगी? यदि हाँ तो कृपया समय-सीमा बताने का कष्ट करें। (ग) उपरोक्त लिखित मार्ग का गुणवत्तापूर्ण मरम्मतीकरण कार्य विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। मार्ग मरम्मतीकरण में घटिया सामग्री उपयोग किये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) मार्ग का गुणवत्तापूर्ण मरम्मतीकरण कार्य विभाग द्वारा अनुबंधानुसार दिनांक 24.01.2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
सड़क निर्माण के टेंडर की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 441 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद खरगापुर द्वारा बल्देवगढ़ पलेरा मार्ग से रेल्वे स्टेशन खरगापुर का टेंडर आर.एस. कंस्ट्रक्शन के नाम टेंडर हुआ था आज दिनांक एक उक्त सड़क निर्माण नहीं हो रहा है और बरसात में राहगीरों को बहुत कठिनाई होती है जिसके संबंध में नगर परिषद खरगापुर को पत्र भी लिखा गया फिर भी सड़क निर्माण नहीं हो रहा है। क्या ऐसे ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्टेड करेंगे? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या आर.एस. कंस्ट्रक्शन द्वारा जब-जब निर्माण कार्यों का अनुबंध करके निर्माण कार्यों की प्रगति को रोक लिया जाता है इतने महत्वपूर्ण स्थान रेल्वे स्टेशन की सड़क का निर्माण यदि तीन वर्ष में पूर्ण नहीं हो पा रहा है तो जिम्मेदार अधिकारी एवं जिला प्रशासन की भी गंभीर लापरवाही है उक्त सड़क निर्माण में यदि अनुबंध के अनुसार समय-सीमा पूर्ण हो गई है तो अनुबंध निरस्त कर नया टेंडर जारी किये जाने का कार्य कब तक करायेंगे। (ग) क्या उक्त सड़क निर्माण गुणवत्ताहीन है उसकी जांच करायेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। उक्त सड़क की एक लेन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें यातायात सुचारू रूप से संचालित है। दूसरी लेन का कार्य प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। बल्देवगढ़ पलेरा मार्ग से रेलवे स्टेशन ख़रगापुर तक सीसी सड़क निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सका है। क्योंकि कार्यस्थल पर भूमि संबंधी विवाद के कारण विलम्ब हुआ है। निर्माण कार्य प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मोबाइल विहीन उपभोक्ताओं के विद्युत बिल की जानकारी
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 525 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या अनेक विद्युत उपभोक्ताओं के पास मोबाइल न होने या उपयोग न कर पाने के कारण बिलों की जानकारी नहीं हो पाती हैं? (ख) यदि हाँ तो ऐसे उपभोक्ताओं को बिल की जानकारी के लिये क्या व्यवस्था है? (ग) क्या इन्हें प्रिंटेड बिल दिये जा सकते हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) ऐसे विद्युत उपभोक्ता जिनके पास मोबाइल सुविधा/ज्ञान नहीं है, समीपस्थ एम.पी. ऑनलाईन अथवा सी.एस.सी. केन्द्र पर अपना आई.व्ही.आर.एस. नंबर बताकर विद्युत बिल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे उपभोक्ता द्वारा अन्य किसी फोन से 1912 टोल फ्री नंबर (कॉल सेंटर) पर फोन करके विद्युत बिल संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। (ग) जी हाँ। उपभोक्ता द्वारा प्रिंटेड विद्युत देयक की मांग करने पर संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालय द्वारा निःशुल्क विद्युत देयक प्रदान किये जाते हैं।
श्री राम महालोक का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 609 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा में चित्रकूट के नगरीय क्षेत्र में क्या प्रभु श्री राम महालोक निर्माण जो कि काशी विश्वनाथ वाराणासी एवं महाकाल उज्जैन की तर्ज पर कामदगिरी पर्वत के समीप बनाने की योजना है? यदि हाँ तो इसकी शुरूआत कब तक की जायेगी? (ख) क्या प्रभु श्री राम महालोक निर्माण की कार्ययोजना बनी है उस हेतु भूमियों का निर्धारण एवं आरक्षण हुआ है? यदि हाँ तो क्या कार्ययोजना का प्रारूप प्रदान करने का कष्ट करेंगे। (ग) क्या चित्रकूट में हुये भयानक अवैध अतिक्रमण प्लाटिंग एवं निर्माण को वार्डवार हटाने का काम करेंगे? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या नगरीय क्षेत्र चित्रकूट में मास्टर प्लान का निर्धारण हुआ है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो उसका प्रारूप क्या है? प्रारूप की प्रति प्रदान करने साथ यह भी बतायें कि श्री राम महालोक का निर्माण कामद गिरी के पास मास्टर प्लान के अनुरूप होगा या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्तमान में राज्य शासन द्वारा चित्रकूट विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसके द्वारा उक्त योजना का प्रस्ताव है। योजना अभी निर्धारित नहीं हुई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) अतिक्रमण हटाना एक सतत् प्रक्रिया है जिसका किसी योजना से समन्वय किया जाता है।J(घ) नगरीय क्षेत्र चित्रकूट में मास्टर प्लान वर्ष 2005 से लागू है। प्रारूप संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी शहर का मास्टर प्लान लागू होने के पश्चात सभी विकास कार्य, उसके अनुरूप सम्पन्न किये जाते है।
धार्मिक स्थलों की जमीनों के रिकार्ड में सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 610 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा में स्थित मठ मंदिर जिनकी आराजियां वहां स्थापित मूर्तियाँ विराजमान भगवान को व्यक्ति मालिक मानकर उनके नाम पर होकर प्रबंधक कलेक्टर दर्ज थी? 1958-59 की बन्दोबस्ती में उनका सम्पूर्ण विवरण दर्ज था के अनुसार अभिलेख प्रदान करने का कष्ट करें? तथा वर्तमान में उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? यदि ऐसे भगवान के नाम दर्ज सम्पत्तियाँ खुर्द-बुर्द या तितर-बितर हुई है तब क्या वैधानिक कार्यवाहियां कर उन्हें पूर्वानुसार 58-59 की स्थिति में लायेंगे? और ऐसा करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक? (ख) चित्रकूट में कामतानाथ, हनुमानधारा, सती अनुसुइया, और गुप्त गोदावारी यह बड़े मार्मिक स्थल है, जहाँ पर देश दुनिया से प्रतिवर्ष करोड़ों भक्त आते हैं, इन पवित्र स्थलों में होने वाली अवैध वसूली की सन् 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बंद कर दिया था आदेश की प्रति देवें? अभी भी मनमानी तरीकों से अवैधानिक वसूली कई लाख प्रतिदिन की चालू है? किस आधार पर? क्या नगर पंचायत को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी डकैती और बदसलूकी का अधिकार है? यह अधिकार किसने दिया? (ग) चित्रकूट पवित्र नगरी घोषित है, भक्तों को प्रताड़ना से बचाने के लिये जहाँ पर किसी भी प्रकार के करों से मुक्त रखा गया है। किन्तु चित्रकूट नगर पंचायत के गुण्डे गुप्त गोदावरी में भक्तगणों की जेब फाड़कर पैसा निकालते हैं। पवित्र नगरियाँ 12 ज्योतिर्लिंगों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, वृन्दावन, मथुरा आदि देश के सभी बड़े तीर्थ स्थलों पर किसी प्रकार की कोई वसूली नहीं होती फिर चित्रकूट में क्यों और कैसे? दोषियों पर कब तक कड़ी कार्यवाही की जायेगी एवं पवित्र नगरी में अवैध वसूली कब तक बन्द की जायेगी समय बतायें? (घ) माला का ठेका, जूता चप्पल का ठेका, मुण्डन का ठेका सब गुप्त गोदावरी में होता है नगर पंचायत के पाले हुये गुण्डे, डकैत खुलेआम लूटते हैं हम मूकदर्शक है? कामतानाथ, हनुमानधार सती अनुसुइया तथा गुप्त गोदावरी इन चारों बड़े धार्मिक स्थानों में नगर पंचायत की एक इंच भी जमीन नहीं है और न ही इनके द्वारा यात्रियों को कोई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है फिर यह जजिया कर किस बात का क्यों? क्या उपरोक्त जजिया कर को हटाकर भक्तगणों को राहत प्रदान करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्राम नयागांव में हनुमानधारा की आराजी नं. 894 रकबा 1.254 हे. मंदिर सीता रसोई, प्रबंधक सह जिलाध्यक्ष, जिला सतना, सर्वराहकार श्री रामस्वरूपदास उर्फ भुल्लू पिता लखनलाल ब्रा. सा. नयागांव एवं आराजी नं. 896 रकबा 0.3660 हे. मंदिर हनुमान जी, हनुमान धारा, सर्वराहकार चैबे, तेजभान शिवप्रसाद प्राईवेट ट्रस्ट, हनुमानधारा भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज अभिलेख वर्ष 1958-59 के पूर्व से चला आ रहा है। मंदिर की उक्त कोई भूमियां खुर्द-बुर्द नहीं हुई है। खसरा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट- 'ब'पर है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवैध वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 1. नगरीय निकाय द्वारा गुप्त गोदावरी में तीर्थयात्री एवं श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु फूलमाला एवं जूते-चप्पल का ठेका संचालित है। मुंडन का ठेका संचालित नहीं है। 2. चित्रकुट एक धार्मिक पर्यटक स्थल होने से निकाय द्वारा साफ-सफाई, स्वच्छता, पेयजल एवं प्रकाश इत्यादि जनसुविधा प्रदान की जाती है। जिसके एवज में निकाय द्वारा नियमानुसार शुल्क लिया जाता है, जिससे निकाय के व्ययों की प्रतिपूर्ति हो सके। 3. निकाय में इस प्रकार का कोई कर अधिरोपित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरगापुर विधानसभा में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 627 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा में पाँच सड़कें (1) लारोन से टपरियन (2) मुख्य सड़क देरी से खुड़ी नज डेरी तक (3) वनपुरा से देवपुरा तिगेला तक (4) पथरीगढ़ से मचौरा देवराहा तक (5) हृदयनगर तिगेला से कोटरा तक की सड़कें निर्माण किये जाने का प्रश्न क्र. 770 तारांकित म.प्र. विधान सभा में लगाया गया था जिसकी चर्चा हुई और माननीय मंत्री महोदय ने सदन में दिनांक 13/02/24 को उक्त सड़कों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा परीक्षक कराये जाने का आश्वासन दिया गया था। क्या विभाग द्वारा परीक्षण कराया गया है यदि हाँ तो सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये, तथा विभाग के द्वारा उक्त सड़कों के निर्माण में अभिमत दिया गया है। (ख) क्या जब विभाग द्वारा परीक्षण किया गया तब उस क्षेत्रीय विधायक को सूचना क्यों नहीं दी गई वहाँ के रहवासियों से उक्त सड़कें निर्माण नहीं होने पर उनकी परेशानी तथा कथन आदि लिये गये या नहीं सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये तथा आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये निम्नांकित सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति आदेश जारी कब तक कराये जावेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) प्रश्न में सरल क्र. 1, 2, 4 एवं 5 में उल्लेखित कार्यों पर दिनांक 13.02.2024 को माननीय मंत्री जी ने विभाग के द्वारा परीक्षण कराये जाने का आश्वासन दिया था। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आश्वासन के अनुरूप कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ द्वारा अपने मैदानी अधिकारियों के साथ स्थानीय ग्रामीणों से मौखिक चर्चा की गई थी। विवरण संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित है।
माननीय विधायकों के प्रश्नों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 637 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधीक्षण यंत्री, लो.नि.वि. नौगांव को जांच सौंपी गई थी तो आज दिनांक तक जांच क्यों नहीं की? क्या दिनांक 28/12/2023 एवं 02/01/2024 को जांच दल के साथ स्थल पर जाकर सैंपल लिए जिनका परीक्षण नौगांव की शासकीय प्रयोगशाला से कराये जाने पर मार्ग की निचली लेयर की तीन में से तीन जगह की CBR मानक से बहुत कम पाई गई? 5 माह का समय बीत जाने के उपरान्त प्रश्न दिनांक तक शासन को नहीं सौंपी गई? (ख) माननीय विधायकों द्वारा सदन से बार-बार प्रश्न लगाये जाने के बाद भी समय-सीमा में जांच न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही कर निलम्बन की कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जांच उपरांत अधीक्षण यंत्री द्वारा, जांच प्रतिवेदन दिनांक 06.06.2024 को मुख्य अभियंता सागर को प्रेषित किया गया। मुख्य अभियंता सागर परिक्षेत्र द्वारा दिनांक 11.06.2024 को जांच प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया गया जो प्रमुख अभियंता कार्यालय में दिनांक 20.06.2024 को प्राप्त हुआ है। जी हाँ। जांच प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 06/06/2024 को मुख्य अभियंता, सागर को एवं मुख्य अभियंता, सागर द्वारा दिनांक 11/06/2024 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित, जो कि दिनांक 20/06/2024 को प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्राप्त हुआ। जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
निर्माण कार्यों एवं सड़कों की गुणवत्ता की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 638 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में निर्माण कार्यों/सड़कों पर वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय किया गया स्वीकृति आदेश सहित व्यय का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तकनीकी अधिकारी द्वारा कार्य की माप पुस्तिका सहित प्रमाणित जानकारी दें? (ग) कार्य की समीक्षा/निरीक्षण किन-किन अवधियों में किये गये, उनके पद सहित नाम बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता सही न होने के कारण नोटिस जारी किये गये? यदि हॉं, तो जानकारी प्रमाणित कर उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-2', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। कार्य गुणवत्ता पूर्ण होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 789 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक विद्युत विभाग के अन्तर्गत ऐसे कितने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लम्बित है जिनमें परिवार के मुखिया अपने सेवाकाल में दिवंगत हुए थे? (ख) क्या ऐसे भी प्रकरण है जिनमें वर्ष 2009-10 में मुखिया की मृत्यु हुई थी और अभी तक उनके किसी आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। (ग) क्या सरकार सौंसर विधानसभा क्षेत्र के विद्युत विभाग के अनुकम्पा नियुक्ति के सभी प्रकरणों का शीघ्र निराकरण उन्हें नियुक्ति देने के लिए आदेशित करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कार्यरत रहे 24 कार्मिक सेवाकाल में दिवगंत हुए थे, जिनमें से 21 दिवंगत कार्मिकों के आश्रितों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पूर्व में लागू ''अनुकंपा नियुक्ति नीति-2013'', तत्पश्चात ''संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति-2013'' एवं वर्तमान में प्रचलित ''अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018'' के प्रावधानों के अनुसार पात्रता नहीं होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। शेष 03 दिवगंत कार्मिकों के आश्रितों के अनुकंपा नियुक्ति आवेदन वितरण कंपनी के, अनुकंपा नियुक्ति हेतु चिन्हित/निर्धारित पदों के अनुरूप वांछित शैक्षणिक अर्हता पूर्ण नहीं किये जाने के कारण लंबित है। (ख) जी हाँ, सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2009-10 में 02 कार्मिकों की मृत्यु हुई थी, जिनके आश्रितों को उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार पात्रता नहीं होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना वर्तमान में अपेक्षित नहीं है।
कन्हान नदी पर पुलिया निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 793 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौंसर विधानसभा क्षेत्र में लोधीखेड़ा सवरनी मार्ग पर कन्हान नदी पुलिया निर्माण का कार्य कब आरम्भ किया गया था? (ख) यह निर्माण कार्य किस दिनांक तक पूरा हो जाना चाहिए था? (ग) क्या कन्हान नदी पर पुलिया निर्माण का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है?(घ) यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी हैं और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ङ) कन्हान नदी पर पुलिया निर्माण का कार्य कब तक पूरा कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) पुल निर्माण कार्य दिनांक 13.08.2018 को प्रारंभ किया गया था। (ख) अनुबंधानुसार दिनांक 15.12.2020 तक पूर्ण किया जाना था। (ग) जी नहीं, अपितु एच.एफ.एल. में वृद्धि होने के कारण जी.ए.डी. के अनुमोदन एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने से कार्य में विलम्ब हुआ है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं है अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मार्च 2025 तक पूर्ण का लक्ष्य है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-552 पर डिवाईडर का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 877 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मिहोना लहार दबोह मार्ग लहार बस्ती से गुजरता है यदि हाँ तो उक्त मार्ग पर लहार बस्ती में डिवाईडर निर्माण का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग ग्वालियर द्वारा किया गया है, कार्य की लम्बाई एवं स्वीकृत राशि बतावें I (ख) क्या डिवाईडर में कोई कट पर निकास/प्रवेश द्वार निर्माण का कोई प्रावधान था, यदि हाँ तो कितने निकास/प्रवेश द्वार का निर्माण किया गया है? (ग) यदि निकास प्रवेश द्वार निर्माण डिवाईडर के कट पर बनाने का प्रावधान नहीं था तो किसके आदेश से डिवाईडर क कट पर निर्माण प्रवेश द्वार का निर्माण किया है। (घ) क्या द्वार निर्माण किये जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। (ड.) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग-552 पर लहार नगर में नाला निर्माण का प्रावधान था, यदि हाँ तो कितनी लम्बाई में नाला निर्माण किया गया, क्या बिना नाला निर्माण के कार्य का अंतिम भुगतान कर अनुबंध पूर्ण किया गया।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हॉं, जी नहीं, अपितु लहार बस्ती में डिवाईडर निर्माण का कार्य नगर पालिका परिषद लहार जिला भिण्ड द्वारा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार। (ड.) जी हॉं, लहार नगर में नाला निर्माण का कार्य 6.796 कि.मी. लंबाई में किया गया। जी नहीं।
सड़क निर्माण में राजस्व की हानि
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 942 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा अनुबंध क्रमांक 7/डी.एल./2023 दिनांक 19/12/2023 किस कार्य के लिये किया गया है एवं कार्य की अनुबंधित लागत क्या है एवं उक्त कार्य करने के लिए किन-किन एजेंसियों से टेंडर में भाग लिया था तथा किस ठेकेदार को कार्य का टेंडर मिला दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अनुबंध क्रमांक 7/डी.एल./2023 दिनांक 19/12/2023 के अनुबंध के समय मूल्य कार्य की जो राशि निर्धारित की गई थी उसमें कार्य की बढ़ोत्तरी एवं राशि की बढ़ोत्तरी की गई है यदि हाँ तो संबंधित दस्तावेजों/आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या ठेकेदार द्वारा अनुबंधित राशि के एवज में जितने प्रतिशत ब्लो में टेंडर लिया जाता है उसी प्रतिशत के मान से अर्नेस्ट मनी विभाग में जमा कराई जाती है यदि हाँ तो उपरोक्त कार्य में ठेकेदार द्वारा कितनी अर्नेस्ट मनी जमा कराई गई है दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को अनैतिक लाभ पहुंचाने की नियत से कार्य की राशि को बढ़ा कर शासन को राजस्व हानि पहुंचाई गई है अन्यथा पूर्व में अनुबंधित राशि से लगभग 4 गुना राशि का कार्य बढ़ाए जाने के एवज में नए सिरे से अनुबंध किया जाता तो शासन को अतिरिक्त राजस्व लाभ हो सकता था। यदि हाँ तो विभाग सम्पूर्ण मामले की जांच आर्थिक अपराध ब्यूरो/लोकायुक्त से कराएगा नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) अनुबंध क्र.-07/2023 दिनांक 19.12.2023 अंतर्गत भोपाल स्थित, शैतान सिंह चौराहा से मनीषा मार्केट, बंसल हास्पिटल स्वर्ण जंयती पार्क, बावड़ियाकलां तिराहा से कोलार रोड तक सड़क निर्माण कराया जा रहा है। उक्त कार्य की अनुबंधित लागत रू. 25.29 करोड़ है। उक्त कार्य करने हेतु निविदाकार मेसर्स सरमन इंण्डिया रोड मेकर्स प्रा.लि. एवं मेसर्स रामकुमार नरवानी द्वारा टेण्डर में भाग लिया गया था तथा शासन हित में न्यूनतम निविदा दर प्रस्तुत करने वाले निविदाकार मेसर्स रामकुमार नरवानी को टेंडर प्राप्त हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। अनुबंधित राशि के अनुसार अर्नेस्ट मनी नहीं ली जाती है, परंतु निविदा में भाग लेने हेतु शासन के नियमानुसार अर्नेस्ट मनी (बिड सिक्योरिटी) लेने का प्रावधान है। अर्नेस्ट मनी निविदा में लागत के 1 प्रतिशत के मान से ली जाती है, जिसके अनुसार राशि रू 34,44,900/- की अर्नेस्ट मनी (बिड सिक्योरिटी) जमा कराई गई थी। दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3, 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण में निर्माण मैनुअल का पालन
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 943 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित शैतान सिंह चौराहा से मनीषा मार्किट, बंसल हॉस्पिटल, स्वर्ण जयंती पार्क, बावड़िया कलां तिराहा से कोलार रोड तक सड़क निर्माण कराया जा रहा है। यदि हाँ, तो अनुबंध क्रमांक, कार्य की अनुबंधित लागत एवं कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा क्या तय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या ठेकेदार/विभाग द्वारा 24 मीटर चौड़े मार्ग निर्माण में गुणवत्ता एवं सड़क निर्माण हेतु नियत निर्माण मैनुअल का पालन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मार्ग में विभिन्न स्थानों पर मार्ग की चौड़ाई सेंट्रल वर्ज की चौड़ाई अलग-अलग है जबकि यह 24 मीटर चौड़े रोड हेतु निर्धारित ड्राइंग के अनुसार नहीं है? यदि हाँ तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या नियमानुसार प्राक्कलन निर्माण के पूर्व मार्ग के एल सेक्शन एवं क्रास सेक्शन लिये जाते हैं एवं निर्माण के पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा एल सेक्शन स्वीकृत किया जाता है निर्माण के दौरान देखने में आया है कि ठेकेदार अपनी सुविधा के अनुसार कार्य कर रहा है एवं विभागीय इंजीनियर कार्य स्थल से नदारद रहते हैं जिससे मार्ग के लेवल का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। यदि हाँ तो इंजीनियर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्य का अनुबंध क्रमांक 07/ डी.एल. 2023 दिनांक 19.12.2023 है। अनुबंधित लागत राशि रू. 25.29 करोड़ एवं कार्य पूर्ण हेतु समय-सीमा 18 माह वर्षाकाल सहित है। (ख) जी नहीं। सड़क निर्माण में गुणवत्ता एवं निर्माण हेतु मैनुअल का पालन किया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) मार्ग की चौड़ाई सभी स्थानों पर एक समान है लेकिन सेन्ट्रल वर्ज में पूर्व से स्थित इलेक्ट्रिकल पोल, स्ट्रीट लाईट एवं वृक्षों को बचाते हुये सड़क निर्माण कार्य किया गया है। उस वजह से सेन्ट्रल वर्ज की चौड़ाई समान नहीं है। उपलब्ध ROW (मार्ग की भूमि) के अनुसार कार्य किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं कार्य स्वीकृत क्रॉस सेक्शन एवं एलसेक्शन के अनुसार इंजीनियर की उपस्थिति में किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
अवैध कॉलोनियों में प्लाटिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 971 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र में निरंतर अवैध कॉलोनी बनाकर कच्ची प्लाटिंग की जा रही है? (ख) क्या यह भी सही है कि अभी तक पनागर में लगभग 66 अवैध कॉलोनियों में अवैध रूप से प्लाटिंग कार्य चल रहा है? (ग) क्या अवैध कॉलोनी निर्माण रोकने के लिये कार्यवाही करने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ तो अवैध कॉलोनी निर्माण क्यों नहीं रोका जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, पनागर विधानसभा क्षेत्र के नगर पालिका पनागर एवं नगर निगम जबलपुर के सीमा क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है। (ख) जी हाँ, नगर परिषद् पनागर के सीमा क्षेत्र में 26 एवं नगर निगम जबलपुर के सीमा क्षेत्र में 86 अनधिकृत कॉलोनियॉं चिन्हित की गई हैं, जिनमें अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हॉं, म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-ग एवं म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-ग में अनधिकृत कॉलोनी के निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के प्रावधान हैं एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 22 में अनधिकृत कॉलोनी के विकास को रोकने एवं हटाने के प्रावधान हैं। (घ) नगर निगम एवं नगर पालिका द्वारा अवैध कॉलोनी के निर्माण को रोकने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे है एवं अनधिकृत कॉलोनी का निर्माण संज्ञान में आने पर नगर निगम जबलपुर एवं नगर पालिका पनागर द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं को नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप दण्डात्मक कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किये गये है। कॉलोनी के विकासकर्ता द्वारा समाधानकारक जवाब प्रस्तुत न किए जाने की स्थिति में अनधिकृत कॉलोनियों के उक्त कॉलोनी के विकासकर्ता/भूमि स्वामी के विरूद्ध संबंधित थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही की जायेगी।
सद्भावना मंडप का निर्माण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
15. ( क्र. 1074 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सद्भावना मंडप (प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम) के अंतर्गत बुरहानपुर हेतु सद्भावना मंडप निर्माण स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ तो भवन की लागत, निर्माण एजेंसी, निर्माण पूर्णता दिनांक बताएं? (ख) क्या भवन निर्माण के पूर्णता की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ तो भवन निर्माण की प्रश्न दिनांक तक की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। (ग) क्या भवन निर्माण कार्य एजेंसी विभाग या विभागीय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भवन निर्माण निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण दिनांक व अधिकारियों द्वारा पूर्णताः हेतु दिए गए निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या भवन निर्माण हेतु पुनः समय-सीमा र्निधारित की जाएगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताए व पूर्ण हेतु निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के लिए उत्तरदायी निर्धारित करेगा?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। भवन की लागत राशि रूपये 269.80 लाख, निर्माण एजेंसी-कार्यपालन यंत्री, म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल संभाग खण्डवा, निर्माण पूर्णता दिनांक-अनुबंध के अनुसार दिनांक 01.10.2023 (ख) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण का कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है तथा फ्लोरिंग कार्य प्रगति पर है, भारत सरकार से द्वितीय किस्त की राशि के अभाव में कार्य बंद है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। भवन निर्माण कार्य का दिनांक 22.12.2023 को म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के उपायुक्त वृत्त इन्दौर द्वारा निरीक्षण किया गया एवं संविदाकार को भवन शीघ्र पूर्ण करने हेतु मौखिक निर्देश दिये गये। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा निर्माण लागत की 50 प्रतिशत राशि ही उपलब्ध कराई गई थी। शेष राशि उपलब्ध होने पर निर्माण कार्य की पुन: समय-सीमा निर्धारित की जाकर कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु निर्माण एजेन्सी के अधिकारी के उत्तरदायित्व निर्धारित किये जायेंगे।
बलवंती नदी का उद्धार
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 1079 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत बलवंती नदी बदनावर शहर से प्रवाहित होते हुए गंतव्य की ओर जाती है उक्त नदी के उद्धार/सौन्दर्यीकरण हेतु नगर परिषद बदनावर को प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई उद्धार/सौन्दर्यीकरण हेतु क्या कार्य किए गये? कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई? कार्य की वर्तमान स्थित क्या है? (ख) कार्य कब तक पूर्ण होगा? कृपया अवगत करावें? (ग) क्या उक्त कार्य हेतु प्राप्त राशि से नगर परिषद द्वारा अन्य निर्माण/विविध कार्य पर व्यय किया गया? यदि हाँ तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद बदनावर को बलवंती नदी के उद्धार/सौंदर्याकरण की योजना हेतु रू. 11.00 करोड़ अनुदान दिया गया। योजना के प्रथम चरण में पार्क विकास एवं द्वितीय चरण में बलवंती नदी शुद्धिकरण कार्य प्रस्तावित है। पार्क विकास कार्य में रू. 31.00 लाख व्यय किये जाकर कार्य प्रगतिरत है एवं नदी शुद्धिकरण कार्य की निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) पार्क विकास का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। नदी शुद्धिकरण की निविदा की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंतिम संस्कार के लिए भूमि का आवंटन
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
17. ( क्र. 1141 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि विमुक्त घुमक्कड़ जाति सपेरे, कुचबंधीय, जोगी, नाथ या अन्य समुदाय के लोगों को अपनी अंतिम क्रिया संस्कार के लिए ग्रामीण क्षेत्र में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाता है इनके अंतिम संस्कार के लिए कितने ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा जमीन आवंटित की गई?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जल प्लावनकी समस्या से बचाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1233 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर की जनता को जल प्लावन की समस्या से निजात दिलाने, सुरक्षा, बचाव के क्या उपाय प्रबंध किये हैं। समस्या का स्थाई समाधान न होने तथा शहर की जनता को इस विकराल समस्या से निजात दिलाने हेतु शासन, जिला प्रशासन ने क्या योजना बनाई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) शहर के छोटे-बड़े नाले, नालियों कालोनियों की नालियों की साफ-सफाई पानी की समुचित निकासी आदि की क्या व्यवस्था की है एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? वर्तमान में बड़े नालों की क्या स्थिति है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ग) शहर के किन-किन वार्डों में जल प्लावन की क्या स्थिति है। जल प्लावन के कारण कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है? (घ) शहर के बड़े नालों की चौड़ाई को कम करके इन्हें पक्का कवर्ड सीमेंटेड करने से जल प्लावन की समस्या में क्या सुधार हुआ है? इस योजना को किस आधार पर क्रियांवित किया गया एवं क्यों? इस पर कितनी राशि व्यय हुई है? जल प्लावन की समस्या को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सम्मिलित कर समस्या के निदान की क्या योजना बनाई गई है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत आगामी वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये शहर के बड़े नालों/नालियों/कंजरवेंशियों की सफाई का कार्य कराया गया है। इसके साथ ही जल प्लावन संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु समस्त संभागीय कार्यालय एवं मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम की (24x7) स्थापना की गयी है। जिला प्रशासन द्वारा नगरीय क्षेत्र के चिन्हित स्थानों पर नाले-नालियों, पुल-पुलियों का निर्माण तथा मानसून पूर्व समुचित सफाई कर जल प्लावन की समस्या का स्थाई समाधान करने के प्रयास किए गये है अतिवृष्टि की स्थिति त्वरित कार्यवाही हेतु जिला तथा तहसील स्तर पर 24x7 कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। जिले में एन.डी.आर.एफ. की टीम बचाव उपकरणों के साथ तैनात की गई है। जल प्लावन की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं ठहराने के लिये कैंप/शिविर लगाने हेतु स्थान चिन्हित कर संपूर्ण योजना तैयार की गई है। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 4056 दिनांक 03.04.2024 द्वारा आगामी वर्षा ऋतु के सदंर्भ में समस्त नगरीय निकायों को आवश्यक तैयारी किये जाने बावत निर्देश जारी किये गये, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत पानी की समुचित निकासी के लिये शहर के समस्त छोटे-बड़े नालों/नालियों कंजरवेंशियों की सफाई का कार्य मशीन/श्रमिकों के माध्यम से कराया गया है। सफाई कार्य में व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ-1 अनुसार है। वर्तमान में शहर के समस्त बड़े नालों की सफाई का कार्य किया जा चुका है। (ग) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत बरसात के दिनों में अत्यधिक जल भराव की समस्या कही भी निर्मित नहीं होती है। अतिवर्षा के दौरान संभाग क्रमांक 1,2,6,7,15 के कुछ क्षेत्रों में पानी एकत्रित हो जाता है। जो कि वर्षा रूकने के कुछ समय पश्चात नालों एवं नालियों के माध्यम से निकल जाता है। जल प्लावन के कारण हुई मृत्यु के संबंध में विभाग को कोई शिकायत/जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब' अनुसार है।
पेय जल समस्या के निदान हेतु उपाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1234 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर के कौन-कौन से वार्ड पेय जल समस्या से ग्रसित है। इन क्षेत्रों में जलापूर्ति की क्या स्थिति है? इन क्षेत्रों की पेय जल समस्या के निदान हेतु क्या उपाय किये गये हैं? (ख) किन-किन वार्डों की पुरानी मुख्य राइजिंग पाइप-लाइन एवं अन्य पाइप-लाइनों को बदला गया है एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई? मुख्य राइजिंग पाइप-लाइन एवं अन्य पाइप-लाइनों के टूटने-फूटने बस्ट होने, लीकेज सुधारने पर कितनी राशि व्यय हुई एवं कितनी मात्रा में पेय जल बर्बाद हुआ है? वर्ष 2021-22 से 2024-25 जून 2024 तक की जानकारी दें। (ग) पूर्व विधान सभा क्षेत्र क्र. 97 के तहत किन-किन वार्डों की जनता को पेय जल संकट का सामना करना पड़ता है एवं क्यों? इन क्षेत्रों में जलापूर्ति की क्या स्थिति है एवं पेय जल संकट के निदान हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (घ) अमृत फेस 1 एवं 2 के तहत उक्त विधान सभा क्षेत्र के किन-किन वार्डों में कितनी-कितनी क्षमता की नई टंकियों का निर्माण कराना स्वीकृत है? एवं कहां-कहां पर नई टंकियों का निर्माण कराया गया है। चितरंजनदास वार्ड गोहलपुर में स्थित पुरानी टंकी की क्या स्थिति है? यहां पर नई टंकी का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जलापूर्ति के दौरान पाइप-लाइन के लिकेज फूटने आदि के कारण पम्प को तत्काल बंद कर दिया जाता है, जिससे पाइप-लाइन में भरा पानी ही निकलता है। इसके मापने की कोई व्यवस्था नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) अमृत 1 अंतर्गत पूर्व विधानसभा में कोई टंकी निर्माण नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। चितरंजनदास वार्ड गोहलपुर में स्थित पुरानी टंकी से सप्लाई की जा रही है। नवीन टंकी निर्माण अमृत 2 योजना में प्रस्तावित है। कार्यादेश दिनांक 30.06.2024 को जारी किया जा चुका है।समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमृत 2.0 के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 1256 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) UADD में कितने Project management Unit (PMU) या PDMC कार्य कर रहे है? इन PMU की जानकारी उपलब्ध करवाए? (ख) उज्जैन संभाग में अमृत 2.0, में कौन-कौन सी कंसल्टेंसी फर्म कार्य कर रही है? निम्न जानकारी उपलब्ध करायें- (अ) इनके रिसोर्स के नाम, (ब) योग्यता (क्वालिफिकेशन), (स) इन PMU को चयनित करने की प्रक्रिया,किया गया अनुबंधl (द) इनकी क्या-क्या जवाबदारियाँ है। इनमें कार्य कर रहे कर्मचारी, आधिकारियों की पदस्थापना सहित जानकारी उपलब्ध करवाएl (ग) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र मनासा से संबंधित नगरीय निकायों में अमृत 2.0 के कार्यों के बारे में पूर्ण जानकारी देने की कृपा करें और ये सभी कार्य कब तक पूर्ण हो जाएँगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में अमृत 2.0 मिशन हेतु मेसर्स शाह टेक्निकल कन्सल्टेंट्स प्राईवेट लिमिटेड जे.व्ही. मेसर्स टंडन अर्बन साल्यूशन्स प्राईवेट लिमिटेड, पीडीएमसी के रूप में कार्यरत हैं। फर्म का चयन प्रदेश स्तर पर आनलाइन निविदा आमंत्रित की जाकर किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
21. ( क्र. 1306 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोजगारों के लिए कोई योजना संचालित हैं? (ख) यदि हाँ तो उक्त योजनाओं की क्या-क्या पात्रताएं है? नियम एवं निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त योजनाओं में 2023-24 से सांची विधानसभा के किन-किन हितग्राहियों को पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया है? नाम, पता एवं प्राप्त योजनाओं की सूची उपलब्ध करायें। (घ) वित्तीय वर्ष 2023-24 में सांची विधानसभा अंतर्गत उक्त योजना में लाभ दिया जाना शेष है?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोजगारों के लिए संचालित योजनाएं (1) सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना (2) पिछड़ा़ वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना (3) पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक उद्यम योजना J(4) पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना। (ख) योजनाओं के नियम एवं निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ग) सांची विधानसभा अंतर्गत पिछड़ा़ वर्ग एवं अल्पसंख्यक उद्यम योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। (घ) सांची विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लाभ प्राप्ति हेतु शेष हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है।
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1328 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्य मंत्री कृषक मित्र योजना के अंतर्गत कितने किसान हित ग्राहियों को वर्ष 2022 से आज दिनांक तक लाभ मिला है? (ख) विधान सभा क्षेत्र करैरा अंतर्गत कृषक मित्र योजना से कितने किसानों के आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने स्वीकृत होकर एस्टीमेट बने? व उक्त योजना से कितने कृषकों का कार्य पूर्ण हुआ? व निरस्त आवेदनों की जानकरी देवें। (ग) यदि उक्त योजना से पूर्ण हुए कार्य तथा ठेकेदारों की पूर्ण कार्य उपरांत भुगतान की गयी राशि की सूची बताएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी कृषक हितग्राही को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि उक्त योजना माह सितंबर, 2023 से प्रारंभ हुई है। (ख) विधानसभा क्षेत्र करैरा अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में कुल 45 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना के प्रावधान अनुसार सर्वे उपरांत कृषक की पात्रता निर्धारित होने एवं वांछित राशि प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार पात्र आवेदकों के प्राक्कलनों को स्वीकृत कर कार्य क्रियान्वित कराया जायेगा। योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य पूर्ण नहीं हुआ है एवं कोई भी आवेदन निरस्त नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में विद्यमान अद्योसंरचना से आवेदकों के स्थलों की दूरी योजना के प्रावधानों से अधिक होने से मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में पात्रता नहीं होने के कारण राज्य शासन द्वारा ऐसे कृषक आवेदनकर्ताओं को विद्युतीकृत कृषि पंप की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत सोलर कृषि पंप भी दिया जाना सम्मिलित करते हुए ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' लागू करने का निर्णय लिया गया है। उक्त नवीन योजना में निहित प्रावधान के अनुसार आवेदनकर्ताओं की सहमति के आधार पर नवीन योजना का नियमानुसार लाभ दिया जाएगा। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नवीन सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 1355 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अम्बाह के विकासखण्ड अम्बाह एवं पोरसा में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी नवीन रोड स्वीकृत है? उनका नाम, पता, प्राक्कलन राशि और कितनों की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारम्भ कर पूर्ण किया जा चुका है और कितने रोडों का कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है कारण स्पष्ट कर पृथक-पृथक सूची सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने रोडों का कार्य पूर्ण करने वाली एजेंसी का नाम पता एवं भुगतान की गयी राशि की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या रोडों का कार्य करने वाली निर्माण कार्य एजेंसियों द्वारा मटेरियल संबंधी बिल एवं खनिज रॉयल्टी विभाग दी को है? यदि हाँ, तो प्रति सहित बतावे और यदि नहीं तो दोषी कार्य एजेंसी, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हॉ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है।
सड़क का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 1397 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी सड़कों का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है? यह कितनी राशि की है एवं इनकी पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? (ख) वर्तमान में इन सड़कों की अद्यतन स्थिति क्या है, यह कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? इनके विलंब से निर्माण होने के क्या कारण है और यह निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
पुराने पुल का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 1416 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार विधानसभा के ग्राम डेहरी सराय (घाटाबिल्लोद) में गांव के अंदर से गुजरने वाले महू-नीमच राजमार्ग पर चम्बल नदी पर स्थित पुराने पुल का निर्माण कब हुआ था? तथा इस पुल के अपलेखन (write-off) हेतु कितने वर्ष की समयावधि निर्धारित की गई थी? एवं क्या वर्तमान में यह पुल विभागीय मापदण्डों अनुसार सेवा दिये जाने योग्य है? (ख) क्या उक्त पुल में टूट-फूट हो चुकी है तथा इसके ऊपर से महू-नीमच मार्ग के यात्री व मालवाहक वाहनों का यातायात गुजरता है? यदि हाँ तो क्या वर्तमान में यह पुल इन सभी वाहन के बोझ उठाने में सक्षम है? (ग) यदि नहीं तो क्या इस पुल के पुनः निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा कोई पहल की जा रही है? यदि हाँ तो वर्तमान में अद्यतन स्थिति से अवगत करवाने का कष्ट करें। (ग) क्या विभाग इस पुल के नव निर्माण का कार्य इस वित्तीय वर्ष में प्रारंभ करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्ष 1996 में। इसके अपलेखन (write-off) की जानकारी उपलब्ध नहीं है। आईआरसीःएसपी 61:2004 अनुसार पुल की डिजाइन लाईफ न्यूनतम 50 वर्ष निर्धारित है। जी हाँ। वर्तमान में पुल विभागीय मापदण्डों अनुसार सेवा दिये जाने योग्य है। (ख) जी नहीं, जी हॉं, उक्त पुल के ऊपर से महू-नीमच मार्ग के यात्री एवं मालवाहक वाहनों का यातायात गुजरता है। जी हॉं, वर्तमान में पुल वाहनों का बोझ उठाने में सक्षम है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के प्रस्तावों
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1436 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत उगली से गोरखपुर रोड पर पुल निर्माण एवं बनाथर से ढूटेरा रोड में धनई नदी में पुल निर्माण, घूरवाड़ा से खैरी 2 कि.मी. सड़क मार्ग निर्माण, उगली रेस्ट हाउस में अतिरिक्त कक्ष निर्माण तथा सिवनी विकासखंड के अंतर्गत जामुनटोला से रडहाई मार्ग निर्माण, जामुनटोला से गोड़ी हिनोतिया मार्ग निर्माण,पांजरा से खमरिया मार्ग निर्माण, खैरी से कान्हीवाड़ा के मध्य सागर एवं कुलहारे नदी में पुल निर्माण, कान्हीवाड़ा से सहजपुरी मार्ग में नहर की दो पुलिया निर्माण, पिपरिया कलां से छुई मार्ग निर्माण कार्यों के विभाग में प्रस्ताव पारित है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में विभाग में किन-किन कार्यों के प्रस्ताव पारित है सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त कार्यों की स्वीकृति के संबंध में भी मांग की गई क्या विभाग द्वारा उक्त कार्यों के संबंध में कोई कार्यवाही की गई तो क्या कार्यवाही की गई नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के स्तम्भ -4 अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 1468 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग के द्वारा अशोकनगर जिले में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में £2325;ौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है समस्त योजनाओं के नाम, योजनाओं के दिशा निर्देश, आउटसोर्स पर रखे कर्मचारियों की जानकारी ठेकेदारों के साथ किए गए अनुबंध पत्र की प्रति देवें? (ख) आर.डी.एस.एस. योजना, सौभाग्य योजना, डी.डी.यू.जी.जी. वाही, एन.आई.एफ., उदय, अशोकनगर जिले में प्रगति रिपोर्ट वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित किस-किस योजना में योजनावार कितना-कितना व्यय किया गया है? किस ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया है वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में संपूर्ण जानकारी टेबल बनाकर दी जावे। (घ) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के स्तर पर प्राप्त शिकायतों को सत्यापित प्रति देवें एवं उस पर की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत अशोकनगर जिले में प्रश्नाधीन अवधि में आर.डी.एस.एस., पी.व्ही.टी.जी., स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना संचालित हैं, जिनसे संबंधित दिशा-निर्देशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन अवधि में पूर्ण जमा योजना, 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना, एस.एस.टी.डी. एवं सामान्य विकास योजना संचालित हैं, जिनके दिशा-निर्देश म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र क्रमांक-443, दिनांक 27.08.2014 द्वारा जारी वर्क मेनुअल के बिन्दु क्रमांक-2.4.1, 2.4.2 एवं 2.5 में उल्लेखित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। संचालन-संधारण वृत्त अशोकनगर अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में नियोजित किये गये आउटसोर्स कार्मिकों की श्रेणीवार संख्या एवं संबंधित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है एवं बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के साथ किये गये अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) अशोकनगर जिला में सौभाग्य योजना एवं डी.डी.यू.जी.जे.वाय. योजना अन्तर्गत स्वीकृत कार्य प्रश्नाधीन अवधि के पूर्व ही पूर्ण होकर, योजनाएं क्लोज हो चुकी हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत एन.आई.एफ. एवं उदय योजना नाम से कोई भी योजना क्रियाशील नहीं है। आर.डी.एस.एस. योजना की प्रश्नाधीन अवधि की प्रगति की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आर.डी.एस.एस. योजना, एस.एस.टी.डी., पी.व्ही.टी.जी. एवं पूर्ण जमा योजना के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि के दौरान योजनावार व्यय की राशि एवं संबंधित ठेकेदार को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार सौभाग्य योजना एवं डी.डी.यू.जी.जे.वाय. योजनाएं प्रश्नाधीन अवधि के पूर्व ही पूर्ण होकर, क्लोज हो चुकी हैं। 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना के क्रियान्वयन में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के स्तर पर प्राप्त शिकायत की सत्यापित प्रति एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई-1' एवं प्रपत्र-'ई-2' अनुसार है। उल्लेखित शिकायत के अतिरिक्त प्रचलित योजनाओं के क्रियान्वयन में अन्य कोई शिकायत वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय के कार्यालयीन अभिलेख के आधार पर प्राप्त होना नहीं पाया गया है।
स्थाई वित्तीय समिति से सड़क मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 1511 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र में बजट सत्र 2023 में सड़क मार्ग की स्वीकृति प्रदान की गई थी। सड़क मार्गों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कितने सड़क मार्गों को क्या विभाग की स्थाई वित्तीय समिति से प्रशासकीय अनुमोदन या स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ग) क्या बजट सत्र में स्वीकृत सड़क मार्ग मुख्य मार्ग से पुलिस थाना सानौधा, हवला चौकी से लुहारी वाया ग्राम बहेरिया मार्ग, मझंगुवा (सिमरिया) से सानौधा मार्ग एवं एसएएफ बटालियन से नरवानी मार्ग को विभागीय स्थाई वित्तीय समिति से प्रशासकीय स्वीकृति/अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है। यदि नहीं हुआ है तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित सड़क मार्गों की स्वीकृति हेतु स्थाई वित्तीय समिति से विभाग ने कोई कार्यवाही की है तो? प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) एवं (ख) जी हॉं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृत सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 1567 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी मालवा में किसान सड़क निधि के अंतर्गत कितनी सड़कें स्वीकृत हुई उनके नाम बताएं एवं कितनी कितनी राशि स्वीकृत की गई है? J(ख) स्वीकृत सड़कों के निर्माण की स्थिति क्या है? (ग) सड़क निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शापिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1573 ) श्री
हेमन्त विजय
खण्डेलवाल : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
बैतूल नगर में
गंज शापिंग कॉम्प्लेक्स
निर्माण का
कार्य अपूर्ण
है? (ख) यदि
हॉ, तो
इसके क्या
कारण हैं? (ग) जनहित के
इस कार्य को
कब तक पूर्ण
करा लिया जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) गंज
मंडी काम्प्लेक्स
के शेष कार्य
की
कार्ययोजना
तैयार किए जाने
हेतु
कंसलटेंट
श्री
रूद्राक्ष
इन्फ्रास्ट्रक्चर
इंजीनियरिंग
सर्विसेस
भोपाल को
कार्यादेश
दिनांक 13/03/2024 को जारी
किया गया है। सक्षम
स्वीकृति
उपरांत 01 वर्ष की
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
कर लिया जाना
लक्षित है।
नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1592 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ नगर पालिका परिषद में वर्ष 2014 से 2022 तक प्रति वर्ष कुल कितना बजट पास किया गया? क्या बजट के अनुसार ही कार्य किया गया, यदि नहीं तो क्यों, यदि हाँ तो वर्षवार विवरण दें? (ख) क्या नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा ढोंगा ग्राउण्ड (खेल परिसर) में कार्य दिखाकर लाखों रूपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा था? यदि नहीं तो विगत चौदह वर्ष में कितनी बार कितनी राशि की मुरम डलवाई गई? मुरम उत्खनन का स्थान भी बतायें। (ग) क्या स्थानीय संपरीक्षा द्वारा प्रति वर्ष अंकेक्षण कराने पर करोड़ों रूपयों की अनियमितता उजागर होने पर भी विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई क्यों? (घ) कब तक प्रश्नांश (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों की गहन जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। ढोंगा ग्राउण्ड (खेल परिसर) हेतु निविदा दिनांक 25.03.2017 अनुसार ठेकेदार को कार्य सौंपा गया। कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। कार्यादेश उपरांत ठेकेदार द्वारा 04 बार मुरम डाली गई, जिसकी राशि 66,51,810/- रूपये है। मुरम उत्खनन के स्थान की जानकारी निकाय को नहीं होती है। (ग) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में हुए स्थानीय निधि संपरीक्षा के अंकेक्षण में मात्र प्रक्रियात्मक त्रुटियां पाई गई हैं। कोई भी गंभीर वित्तीय अनियमितता नहीं पाई जाने से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सीप नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 1600 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर के ग्राम सरोदा में सीप नदी में नाव पलटने से 07 लोगों की आकस्मिक मृत्यु दुर्घटना के कारण हुई थी। क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ आपदा में ग्राम सरोदा (मानपुर) में पधारे थें? यदि हाँ तो क्या उक्त नाव दुर्घटना स्थल पर नदी पर पुल बनाने की घोषणा की गयी थी? यदि हाँ तो उक्त पुल निर्माण स्वीकृत होकर अभी तक निर्माण क्यों नहीं हुआ? (ख) उक्त नाव दुर्घटना स्थल पर ग्राम सरोदा मानपुर में कब तक पुल निर्माण स्वीकृत करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में किसी योजना में प्रस्तावित नहीं, अत: निश्िचत तिथि बताना संभव नहीं है।
मैरिज गार्डनों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1621 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सागर शहर सहित जिले भर में प्रश्न दिनांक तक कितने मैरिज गार्डन संचालित करने के लिये अनुमति प्रदान की गई है? संख्या नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) सागर शहर में क्या ऐसे भी मैरिज गार्डन है जो बगैर अनुमति संचालित हो रहे है? यदि हाँ तो शासन द्वारा संबंधित विभाग के माध्यम से क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मैरिज गार्डन के लिये फायर एन.ओ.सी. लेना अनिवार्य है? यदि हाँ तो कितने मैरिज गार्डनों ने फायर एन.ओ.सी. ली है और कितनों के पास नहीं है, ऐसे मैरिज गार्डनों पर शासन कार्यवाही करेगा? (घ) सागर जिला अंतर्गत संचालित मैरिज गार्डनों में नियमानुसार पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य है, यदि हाँ तो कितने मैरिज गार्डनों में पार्किंग व्यवस्था नहीं है? शासन द्वारा ऐसे मैरिज गार्डनों पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हॉं, नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के भाग 4 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत आने वाले मैरिज गार्डन के संचालन के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र आवश्यक है। अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले मैरिज गार्डन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार एवं अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त न करने वाले मैरिज गार्डन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी हॉं अग्निशमन प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
सीवर लाईन डालने के नाम पर सड़कों को खोदा जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1633 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम क्षेत्रार्न्तगत सतना जिले में सीवर लाईन बिछाने के कार्य का ठेका (निविदा) कुल कितनी राशि का, किस नाम एवं पते वाली कंपनी को, किस दिनांक से शुरू करके, कब तक आवश्यक रूप से खत्म करने हेतु, किन-किन नियमों के तहत् दिया गया? जारी कार्यादेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या यह सत्य है कि सीवर लाईन खोदने के बाद खोदी गई जगह को पुन: वापस उसी स्वरूप में लौटाने की शर्त निविदा में थी? अगर हाँ तो एक प्रति दें? एक से पैंतालीस वार्डों में किस-किस वार्ड में सीवर लाईन का कार्य पूर्ण हो चुका है? क्या सड़कें जिन्हें खोदा गया था उन्हें वापस ठीक किया जा चुका है? वार्डवार स्थिति का विवरण दें? बतायें कि किन-किन वार्डों में सड़कें वापस ठीक करने का काम अधूरा है? (ग) क्या पूरे सतना नगर निगम में एक से पैंतालीस वार्डों में 90 प्रतिशत सड़कें खुदी पड़ी हैं? आम जनता के बार-बार शिकायत करने के बाद साथ ही वार्ड पार्षदों के विरोध के बावजूद सड़कें ठीक नहीं की जा रही है? एक से पैंतालीस वार्ड के पार्षदों की सड़कें ठीक कर दी गई है, का सहमति पत्र साथ ही गुणवत्ता पूर्वक कार्य हुआ है, पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। नगर पालिक निगम, सतना द्वारा सतना स्मार्ट सिटी के निक्षेप कार्य अंतर्गत लगभग निकाय क्षेत्रांतर्गत 110 कि.मी. एवं शासन की विभिन्न योजनाओं अंतर्गत 9 कि.मी. सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। नगर पालिक निगम, सतना द्वारा स्वयं के मद से 40 कि.मी. सीवर लाईन हेतु खोदी गई सड़क का रेस्टोरेशन कार्य किया जा रहा है। अनुबंध में सहमति पत्र प्राप्त किये जाने का प्रावधान नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनाईजरों पर दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 1652 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा 255 अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइज़रों पर एफ.आई.आर. कराए जाने हेतु सूची पुलिस को सौंपी है। यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सूची अनुसार किस थाना क्षेत्र में कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं? थानावार कॉलोनाइज़रों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या एक लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कॉलोनाइज़रों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है? यदि हाँ तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हॉं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर निगम द्वारा सम्बन्धित पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्रेषित कर दिए गए हैं एवं सम्बन्धित पुलिस थाने से कोई अन्य जानकारी की मांग होने पर नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई जा सकेगी। एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही संबंधित पुलिस थाने द्वारा की जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाजापुर नगर का बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1661 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर नगर में निर्माणधीन बस स्टैण्ड कब स्वीकृत हुआ, निर्माण कार्य कब आरम्भ हुए एवं इसकी लागत राशि कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इसकी पूर्णता अवधि कब तक थी एवं कब पूर्ण हो जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जनवरी, 2016 में स्वीकृत हुआ, अक्टूबर 2021 में कार्य प्रारंभ हुआ, निर्माण लागत राशि रु. 784.00 लाख (जी.एस.टी. सहित) है। (ख) कार्य पूर्णता अवधि अक्टूबर, 2022 नियत थी, काबिज दुकानदारों द्वारा दुकानें रिक्त करने में विलम्ब होने से, निर्माण कार्य सितम्बर, 2024 तक पूर्ण होना संभावित है।
शाजापुर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत मार्गों का फोरलेन निर्माण
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 1665 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर एवं मक्सी शहर में बढ़ते यातायात घनत्व, जाम की समस्या, दुर्घटना एवं आगामी सिंहस्थ 2028 को दृष्टगत रखते हुए शाजापुर नगर के मध्य पुराने आगरा- बॉम्बे NH3 एवं मक्सी शहरी मार्ग को फोरलेन निर्माण कार्य हेतु विभाग को प्रस्ताव प्राप्त हुए है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि प्रस्ताव प्राप्त हुए है तो शाजापुर एवं मक्सी शहर के मध्य फोर-लेन स्वीकृत किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार शाजापुर एवं मक्सी शहरों के मध्य फोरलेन कब तक स्वीकृत होंगे? क्या उक्त निर्माण आगामी सिंहस्थ 2028 के पूर्व प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सिहंस्थ 2028 की कार्ययोजनातंर्गत प्रस्तावित है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। जी हाँ।
जबलपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी कार्यालय द्वारा आवंटित प्लॉट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1743 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी कार्यालय द्वारा बंद पड़ी योजनाओं के प्लॉट अन्य योजनाओं के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं? उनका अलॉटमेंट/आवंटन किस नियम के तहत किया जा रहा है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जाए और बताएं उसकी आवंटन की प्रक्रिया क्या है? (ख) उक्त अलॉटमेंट/आवंटन में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने की आशंका है तो क्या विभाग इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएगा? यदि जांच कराएगा तो कब तक जांच प्रारंभ होना संभव हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बन्द पड़ी योजना के अनुबंधित भूमि स्वामियों को इस योजना में विकसित भूखण्ड उपलब्ध न होने पर अन्य योजनाओं में किये जा रहे है। विभागीय आदेश क्रमांक UDH/0079/2022/18-6 भोपाल दिनांक 02/02/2023 के अनुसार अलॉटमेंट/आवंटन किया जा रहा है। भूखण्डों का आवंटन अनुबंधित भूमि स्वामियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर नियमानुसार अर्जित भूमि के बदले 20 प्रतिशत क्षेत्रफल के विकसित भूखण्ड आवंटन किये जाते है। विभागीय आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट /span>अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृक्षों की कटाई की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1836 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में वृक्ष काटने की अनुमति देने हेतु कौन सा विभाग/अधिकारी अधिकृत है? (ख) क्या नगरीय क्षेत्र में वृक्ष काटने की अनुमति देने हेतु ट्री ऑफिसर कमिश्नर नगर निगम को शासन ने अधिकृत किया है, अगर हाँ तो शासन के आदेश का राजपत्र उपलब्ध करवाएं। (ग) क्या शासन द्वारा अधिनियम के तहत अधिकृत कमिश्नर नगर निगम द्वारा वृक्ष अधिकारी के अधिकार अपने अधीनस्थ को प्रत्यापित कर सकता है अगर हाँ तो मध्यप्रदेश वृक्षों के परिरक्षण अधिनियम/नियम के किस धारा में परिपत्र उपलब्ध करायें। (घ) वृक्ष अधिकारी इस अधिनियम के तहत एक साथ एक स्थान पर बहुतायत (सैकड़ों) संख्या में वृक्षों को काटने की अनुमति दे सकते है या नहीं इन कटने वाले वृक्षों को काटने के एवज में प्रतिपूरक वनरोपण हेतु वैकल्पिक स्थान और व्यवस्था कहाँ की जाती है इस हेतु क्या नियम है साथ ही इस बात पर रोशनी डालेंगे इस अधिनियम को बनाने की मूल भावना (आशय) क्या थी? (ड.) क्या शासन का आज के पर्यावरण में परिवर्तन को देखते हुए भारत सरकार के नए कानून, अंतराष्ट्रीय पेरिस समझौता, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों के तारतम्य में अधिनियम में कोई परिवर्तन किया जाएगा यदि हाँ तो जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय क्षेत्र में वृक्ष काटने की अनुमति प्रदान करने हेतु संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी को वृक्ष अधिकारी के रूप नियुक्त किया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश वृक्षों का परिरक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम 2001 में प्रत्यायोजन संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। अपितु म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) के अंतर्गत आयुक्त, नगर निगम अपनी शक्तियां अपने अधीनस्थ अधिकारी को प्रत्यायोजित कर सकते है। (घ) मध्यप्रदेश वृक्षों का परिरक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम 2001 की धारा 6 में वर्णित प्रावधान अनुसार वृक्ष अधिकारी एक या एक से अधिक वृक्ष काटने की अनुमति प्रदान कर सकता है तथा वृक्षों को काटने के एवज में प्रतिपूरक वनरोपण की कार्यवाही की जाना अधिनियम में प्रावधानित है। अधिनियम निर्मित करने का उद्देश्य नगरीय क्षेत्रों में वृक्षों के परिरक्षण तथा पुनः वृक्षारोपण करना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ड.) वर्तमान में अधिनियम में संशोधन हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से जानकारी निरंक है।
वक्फ बोर्ड के पास उपलब्ध भूमि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
40. ( क्र. 1855 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिला के अंतर्गत कालापीपल, शुजालपुर एवं शाजापुर विधानसभा अंतर्गत वक्फ बोर्ड के पास उपलब्ध भूमि का सीमांकन कब-कब किया गया? उक्त सीमांकनों में वक्फ बोर्ड के पास कितनी-कितनी भूमि उपलब्ध की? दस्तावेज सहित जानकारी उपलब्ध करावें? प्रथम सीमांकन से वर्तमान तक वक्फ बोर्ड की जमीन में कितनी वृद्धि हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभाओं में वक्फ बोर्ड के पास कितनी भूमि उपलब्ध है? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें? वक्फ बोर्ड को भूमि का आवंटन किन नियमों के आधार पर किया जाता है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वक्फ बोर्ड की भूमि पर शासकीय भवनों के निर्माण की अनुमति है? यदि नहीं तो कालापीपल, शुजालपुर एवं शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ वक्फ बोर्ड द्वारा शासकीय भवनों के निर्माण की भूमि को अपना बताया है तथा शासन द्वारा उक्त भूमि को प्राप्त करने हेतु कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ तो क्या दस्तावेज उपलब्ध करावें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की है तो क्यों नहीं की है कारण बतावें? कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जिला शाजापुर अंतर्गत दिनांक 22.06.1999 को डांसीपुरा तहसील एवं जिला शाजापुर स्थित कब्रस्तान भूमि का सीमांकन किया गया था उक्त सीमांकन में वक्फ बोर्ड के पास कब्रस्तान तहसील एवं जिला शाजापुर स्थित ग्राम डांसीपुरा का रकबा 1.254 एवं 5.058 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध थी, इसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। वर्तमान में सीमांकन संबंधी आवेदन लंबित नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में म.प्र. वक्फ बोर्ड में उपलब्ध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- दो अनुसार है। वक्फ एक्ट 1995 संशोधित 2013 की धारा 4 एवं 5 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- तीन अनुसार है। (ग) कार्यालय म.प्र. वक्फ बोर्ड में भवन के निर्माण के आवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण तथा गुणदोष के आधार पर वक्फ बोर्ड द्वारा निर्माण की अनुमति जारी की जाती है। परन्तु म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा शाजापुर जिले में वक्फ बोर्ड की भूमि पर शासकीय भवनों के निर्माण की अनुमति जारी नहीं की गई है। जिला शाजापुर के अंतर्गत वक्फ की जमीन पर जो निर्माण कार्य चल रहा है जिसके रोके जाने हेतु कलेक्टर शाजापुर को पत्र लिखा गया है। इसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- चार अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
24 घण्टे विद्युत प्रदाय की व्यवस्था
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 1885 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाटपिपल्या विधानसभा के कई मजरों टोलों में नियमित विद्युत प्रदाय हो रहा है? नहीं तो क्या कारण है? यहां पर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय की क्या व्यवस्था की जा रही है? उक्त क्षेत्र वासियों को 24 घण्टे बिजली प्रदाय की व्यवस्था कब तक हो पाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर अन्तर्गत देवास जिले के विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या के 254 राजस्व ग्रामों के 382 चिन्हित मजरों/टोलों में से 381 मजरों/टोलों को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष 01 मजरा/टोला (बावड़ीखेड़ा), जो कि मुख्य ग्राम से दूर स्थित है, को वर्तमान में समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडर से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त मजरे/टोले को 24 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु गैर-कृषि फीडर से जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार, वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरपालिका अध्यक्ष को आवंटित शासकीय आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1898 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये वि.स.प्रश्न क्रमांक्र. 1420 दि. 13.02.2024 अता. प्रश्न के क्रम में आपके विभाग द्वारा बताया कि न.पा. अध्यक्ष को शास. आवास आवंटन का दिशा निर्देश नहीं है? तो किस नियम के अन्तर्गत न.पा.अध्यक्ष शास. आवास में निवास कर रहीं है? (ख) क्या पी.आई.सी. की बैठक में पार्षदों को शास. आवास आवंटित करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो नियमावली बतावे? पार्षदों के द्वारा न.पा.अध्यक्ष को आवास आवंटित करने हेतु अनुशंसा का प्रस्ताव किया गया है जो किस आधार पर दिया गया? विष्णु पार्षद के द्वारा दिये गये आवेदन पत्र में न ही सरल क्र.एवं न ही दिनांक का उल्लेख किया गया है क्यों? अगर नियमानुसार कार्यवाही नहीं की गयी है तो इसमें दोषी कौन है? यदि दोषी है तो दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या मुख्य न.पा.अधि. द्वारा 19.09.2023 को राजस्व शाखा की नोटशीट पर न.पा. अध्यक्ष को 1000 रू. मासिक किराये से नवनिर्मित भवन को आवंटित कर दिया गया है? क्या उपरोक्त नवनिर्मित आवास नियमानुसार आवंटित किया गया है? यदि हाँ,तो किस अधिनियम के अन्तर्गत आवंटित किया गया? आवंटन के आदेश की कॉपी उपलब्ध करावे? यदि आवास नियमानुसार नहीं आवंटित नहीं किया गया है तो उसे कब तक खाली कराया जावेगा? गलत आवंटन की दश में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या उन पर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में प्रथम दृष्टया अनियमितता पाये जाने से संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर से जांच करवाई जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) /span>अनुसार है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1934 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के अंतर्गत ग्राम रंभापुर क्षेत्र के अंतर्गत लबाना समाज आबादी करीबन 20 हजार से अधिक है। इस समाज का मुक्तिधाम अनास नदी पर है। प्रतिदिन मुक्तिधाम तक शव लेकर के हजारों ग्रामीण अनास नदी तक जाते हैं और ग्राम तांदलादरा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क ग्राम तांदलादरा से अनास नदी मुक्तिधाम 04 कि.मी. पड़ता है। समाज के लोगों द्वारा कई बार इस सड़क के निर्माण बाबत् प्रश्नकर्ता से मांग की जा रही है। प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त संबंध में समय-समय पर लिखित में उक्त जनहित के कार्य हेतु निवेदन किया जाता रहा है परंतु आज दिनांक तक इस सड़क का कोई निराकरण नहीं हो पाया है। क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण मांग के साथ सरकार न्याय करेगी या अन्याय करेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग नवीन मार्ग है एवं विभाग के अधिपत्य में नहीं है। मार्ग स्वीकृत के लिये बजटीय प्रक्रिया का पूर्ण होना आवश्यक है। बजटीय प्रक्रिया के पूर्ण होने की स्थिति में ही लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण की कार्यवाही की जा सकेगी।
संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने वालों पर एफ.आई.आर.
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1973 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर के पत्र क्रमांक/राजस्व/521/2023 दिनांक 20/02/2023 के द्वारा पुलिस थाना मनावर में प्राथमिकी दर्ज करने बाबत् पत्र प्रस्तुत किया तथा जिसकी प्रति पुलिस अधीक्षक धार को भी भेजी। जिसके एक वर्ष बीत जाने पर भी पुलिस थाना मनावर द्वारा अपराध दर्ज नहीं कर अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो संबंधित पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई? क्या अपराधियों को शासन संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज होगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी हाँ। निकाय पत्र जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निकाय पत्र के अनुक्रम में थाना मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 505/2023 दिनांक 27/02/2023 के माध्यम से निकाय से भूमि संबंधी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। तदोपरान्त निकाय पत्र दिनांक 24.02.2023 के माध्यम से थाना प्रभारी मनावर को यह सूचित किया गया कि निकाय की आगामी परिषद बैठक में विषय से संबंधित अग्रिम निर्णय हेतु परिषद के समक्ष प्रस्ताव किया जाकर निर्णित होना, प्रस्तावित होने से प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही को स्थगित किया जाये। उपरोक्त के क्रम में दिनांक 12.06.2023 को परिषद की बैठक आयोजित हुयी, परिषद बैठक में पारित संकल्प क्रमांक 21 में यह निर्णित किया गया कि प्रभावित व्यक्तियों के प्रकरण में पुनर्विचार किया जाकर नवीनीकरण किया जाये तथा शासन से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की जाये। परिणाम स्वरूप आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की आवश्यकता न होने से थाना मनावर को पूर्व में प्रेषित आपराधिक प्रकरण को वापस लिये जाने की कार्यवाही की जाये। परिषद संकल्प की जानकारी संलग्न परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
फ्लाई ओवर का निर्माण
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 2063 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा में भारतमाता चौक सदर से गोराबाजार तक का फ्लाई ओवर निर्माण का कार्य प्रस्तावित है? (ख) यदि प्रस्तावित है तो उस कार्य की प्रगति क्या है? (ग) यह कार्य अगर प्रस्तावित नहीं है तो कब तक प्रस्तावित होकर पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) डी.पी.आर. का कार्य पूर्ण। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) वर्तमान में पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संजीवनी क्लीनिक की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 2065 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैंट विधानसभा के अंतर्गत कितने वार्डों में संजीवनी क्लीनिक का निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) कितने वार्डों में यह कार्य पूर्ण हो गया है? (ग) कितने क्लीनिक सुचारू रूप से प्रारंभ हो गए हैं, वार्डवार जानकारी प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कैंट विधानसभा क्षेत्र में 08 वार्डों में 08 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत होकर पूर्ण है। कोई भी कार्य निर्माधाणीन नहीं है। (ख) 08 वार्डों में 08 संजीवनी क्लीनिक स्वीकृत होकर सभी कार्य पूर्ण हो गये है। (ग) 04 संजीवनी क्लीनिक सुचारू रूप से प्रारंभ हो गये है, वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्टअनुसार है।
झाबुआ जिले में फीडर सेपरेशन कार्य
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 2074 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाबुआ जिले में फीडर सेपरेशन वर्क का कार्य चल रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासी भाईयों को आदिवासी मजरों टोलों में वोल्टेज की कमी के कारण हजारों विद्युत ट्रांसफार्मर की मांग क्षेत्रीय जनता द्वारा की जा रही है? (ख) क्या सरकार द्वारा फीडर सेपरेशन वर्क का कार्य झाबुआ जिले में सड़कों पर पोल-गाड़ कर खड़े कर दिये गये है तथा कई स्थानों पर पारा से रानापुर रोड पर पेटलावद से सांरगी रोड पर मेघनगर से कल्याणपुरा रोड इस तरीके से सड़कों पर लाईने खड़ी कर पोल खड़े कर रखे है? (ग) इस कार्य से क्षेत्र के लोगों को क्या लाभ है? कितने पोल ऐसे खड़े किये है एक तरफ ग्रामीण जनता मजरे टोले क्षेत्रवासियों आदिवासी किसान मजदूरों द्वारा ट्रांसफार्मरों की मांग चल रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत झाबुआ जिले में 11 के.व्ही. के 33 मिक्स फीडरों (कृषि एवं घरेलू उपयोग) के विभक्तिकरण तथा विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय तथा विद्युत वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिए क्षेत्रीय उपभोक्ताओं से प्राप्त मांग के आधार पर सर्वे उपरांत चयनित 947 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 935 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य प्रगति पर हैं। (ख) जी नहीं, अपितु वास्तविक स्थिति यह है कि कतिपय स्थानों पर जहाँ कृषकों द्वारा उनकी निजी भूमि होने से, विद्युत पोल स्थापित नहीं करने दिए गए हैं, वहाँ पर सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए सड़क से मानक दूरी पर विद्युत पोल स्थापित कर फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित फीडर विभक्तिकरण कार्य से घरेलू एवं सिंचाई फीडरों के पृथक-पृथक हो जाने से क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। फीडर विभक्तिकरण हेतु कुल 562.72 किलोमीटर लाईन (उक्त कार्यों में विद्युत लाईन के तार एवं पोल समाहित हैं) स्वीकृत हुई है, जिसमें से प्रश्न दिनांक तक अवधि में 87 किलोमीटर (तार एवं पोल लाईन) विद्युत लाईन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। क्रियान्वयन एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों अनुसार शेष कार्यों को माह-जनवरी, 2025 तक पूर्ण किया जाना है। प्रश्नांश में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मर की मांग के परिप्रेक्ष्य में उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में 947 नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 935 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य प्रगति पर हैं।
क्षिप्रा नदी के पानी को प्रदूषण से बचाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 2109 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास विधानसभा क्षेत्र से बहने वाली नागधम्मन नदी जो कि क्षिप्रा नदी में जाकर मिल रही है, में देवास स्थित उद्योगों का प्रदूषित केमिकल युक्त पानी (इण्डस्ट्रियल वेस्ट) इस नदी से होकर क्षिप्रा नदी में मिल रहा है इस केमिकल युक्त पानी को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिये क्या उपाय किये गये है। (ख) क्या किये गये उपायों के परिणाम स्वरूप इन उद्योगों के प्रदूषित केमिकल युक्त पानी को स्वच्छ किया जा रहा है? (ग) क्या ETP प्लांट (अपशिष्ट उपचार विधि) के उपयोग के बिना इस पानी को स्वच्छ किया जा सकता है? (घ) क्या ETP प्लांट (अपशिष्ट उपचार विधि) की कोई योजना नागधम्मन नदी पर है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नागधम्मन नदी के समीप स्थित औद्योगिक क्षेत्र, देवास में संचालित उद्योगों से उत्पन्न होने वाले दूषित जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए क्षेत्र में स्थापित जल प्रदूषणकारी उद्योगों को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना एवं परिसर के बाहर शून्य निस्त्राव की शर्त के साथ सम्मति जारी की गई है। उक्त शर्तों के अनुसार उद्योगों में दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित कर संचालित हैं एवं उद्योगों द्वारा उपचारित दूषित जल का पुनरुपयोग उत्पादन प्रक्रिया, कूलिंग, वृक्षारोपण तथा बागवानी कार्यों में किया जाता है। इस प्रकार उद्योगों द्वारा शून्य निस्त्राव की स्थिति का पालन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
मैहर नगर पालिका परिषद क्षेत्र को स्मार्ट सिटी बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 2178 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर नगर पालिका क्षेत्र को मिनी स्मार्ट सिटी में सम्मिलित किया गया था। यदि हाँ, तो मिनी स्मार्ट सिटी की सम्पूर्ण कार्ययोजना, अब तक कराये गये निर्माण कार्यों के व्यय की जानकारी कार्यवार उपलब्ध करायी जावे। साथ ही वर्तमान में प्रारम्भ निर्माण कार्यों की जानकारी विस्तृत रूप से दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में कार्यों को पूर्ण करने की £2360;मय-सीमा क्या निर्धारित करते हुए यह भी स्पष्ट किया जावे कि समय पर कार्य पूर्ण न करने वाले उत्तरदायियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्या की जावेगी, यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार धार्मिक नगरी मैहर एवं औद्योगिक क्षेत्र मैहर को देश प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की भांति स्वच्छ सुंदर और अति सुविधायुक्त बनाये जाने की कोई कार्ययोजना शासन स्तर पर या विभागीय स्तर पर निकट भविष्य में बनायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मिनी स्मार्ट सिटी मैहर की सम्पूर्ण कार्ययोजना एवं कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' (नगर पालिका परिषद् मैहर द्वारा निष्पादित) एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' (म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी मैहर द्वारा निष्पादित) अनुसार है। प्रगतिरत निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी को सौंपे गये निर्माण कार्य पूर्ण हो गये है। ठेकेदार के पक्ष में विलंब न होने के कारण, समय पर कार्य पूर्ण न करने पर उत्तरदायित्वों के विरुद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिका परिषद् मैहर को सौंपे गये निर्माण कार्यों की समयावधि, कार्य पूर्ण तिथि एवं विलम्ब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) वर्तमान परिवेश में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2224 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील के नगर परिषद जैतहरी अंतर्गत /span>01 जनवरी 2019 से 10 जून 2024 तक नगर परिषद के अध्यक्ष एवं सीएमओ ताथा अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कलेक्टर, आयुक्त शहडोल, मुख्यमंत्री एवं एसडीएम व तहसीलदार को कितने पत्र किन-किन दिनांकों को प्राप्त हुई है उनका पूर्ण विवरण एवं प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए बताये कि म.प्र. शासन के तालाब, सड़क व अन्य भूमि से अतिक्रमण हटाने में उत्तर दिनांक तक अतिक्रमण हटाने के संबंध में स्पष्ट जानकारी देवें। (ख) क्या नगरीय क्षेत्र में सार्वजनिक मार्ग एवं तालाब से अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग का संरक्षण अतिक्रमणकारियों को प्राप्त है? यदि नहीं तो नगर पालिका के पहल के बावजूद भी अतिक्रमण हटाने में कोई सहयोग न करने तथा राजस्व विभाग के हल्का पटवारी से लेकर तहसीलदार तक करोड़ों की भूमि पर अतिक्रमण कराने के लिए जिम्मेदारी तय की जायेगी? यदि नहीं तो वैधानिक कारण बताये? (ग) क्या म.प्र. शासन को भूमि के अतिक्रमण से संरक्षित रखने हेतु संबंधित हल्का पटवारी एवं तहसीलदारों को जबावदारी सुनिश्िचत की जायेगी। यदि नहीं तो क्या करोड़ों की शासकीय बहुमूल्य भूमि पर अतिक्रमण के लिए कौन जिम्मेदार होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निकाय द्वारा वार्ड क्रमांक 04 बंजारी तालाब एवं वार्ड क्रमांक 09 बस स्टैण्ड तालाब, वार्ड क्रमांक 03 ठाकुर बाबा तालाब का अतिक्रमण हटाया गया। (ख) जी नहीं। राजस्व विभाग की ओर से अतिक्रमणकारियों को कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधान अनुसार तालाब, सड़क, नजूल एवं अन्य शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही विधि के प्रावधानों का पालन करते हुए की जाती है। नगर परिषद के पत्र पर समय-समय पर विधि पूर्ण कार्यवाही की जाती है। (ग) राजस्व विभाग के परिपत्रों एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के प्रावधानों के अनुरूप विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलियाओं का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 2292 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या जावरा नयागांव फोरलेन पर छोटी पुलियाओं के कारण हादसे हो रहे हैं 1 जनवरी 2022 से इन स्थानों पर कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई है वर्षवार सूची देवें। (ख) उक्त फोरलेन पर कहां-कहां कितनी छोटी पुलियाओं को बड़ा करने के प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार किये गए हैं सूची देवें। (ग) फोरलेन निर्माण के इतना समय बीत जाने के बाद भी इन छोटी पुलियाओं को चौड़ा क्यों नहीं किया गया है लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित पुलियाओं के चौड़ीकरण का कार्य कब तक स्वीकृत कर पूर्ण कर दिया जाएगा (ड.) उक्त फोरलेन पर कितने दुर्घटना संभावित क्षेत्र है इन स्थानों पर दुर्घटनाओं को रोकने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कंसेशन अनुबंध के स्कोप में नहीं होने के कारण इन पुलियाओं का कार्य नहीं किया गया है अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में चेंज ऑफ स्कोप के तहत स्वीकृति उपरांत कार्य कराया जाना है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है।
पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 2309 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी के अंतर्गत पी.आई.यू. (पी.डब्ल्यू.डी.) द्वारा पिछले 5 वर्षों में कौन-कौन से कार्य आरंभ किए हैं और कौन-कौन से प्रगतिरत हैं राशिवार जानकारी प्रदान करें। (ख) पिछले 5 वर्षों में विभाग के अधिकारियों द्वारा कितनी बार किन-किन कार्यों का शुभारंभ व भूमि पूजन विधानसभा क्षेत्र के विधायक से करवाया गया? यदि नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार शासकीय विभागों को जनप्रतिनिधियों (वि़धायक) के क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य संबंधित निर्माण कार्य की जानकारी दी जाना चाहिए हाँ या नहीं। यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक किसी भी निर्माण कार्य की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा क्यों नहीं दी गई, इस संबंध में कौन दोषी है और क्या कार्यवाही होगी? (घ) विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में पूर्ण कराए गए निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं समय-समय पर किए गए निरीक्षण टीप की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ड.) वर्तमान में पी.आई.यू. (पी.डब्ल्यू.डी.) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं? क्या विभाग के ई. एवं एस.डी.ओ. के मार्गदर्शन में प्रगतिरत कार्य में या पूर्व में किए गए कार्यों में गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग कर घटिया निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, यदि हाँ तो कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है यदि नहीं तो क्या शासन स्तर पर जांच दल बनाकर इसकी जांच करवाई जाएगी, यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।(ख) लोक निर्माण विभाग (भवन) संभाग धार में कुक्षी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिछले 05 वर्षों में किये गये कार्यों के लोकार्पण एवं भूमि पूजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा जिलों में भ्रमण के दौरान मंचीय कार्यक्रम में एवं वर्चुअल किये गये है जिसमें माननीय विधायक को भी आमंत्रित किया जाता रहा है। (ग) जी हॉं, विधानसभा क्षेत्र कुक्षी अन्तर्गत कार्यों की जानकारी (प्रोग्रेस रिपोर्ट) समय-समय पर विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित व्यय के दोषियों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 2323 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली पुलों के निर्माण में अपर्याप्त सर्वेक्षण व अवास्तविक प्राक्कलन, /span>के कारण कार्यों की लागत में 05 से 137 प्रतिशत का अनियमित/अतिरिक्त व्यय किये जाने का लेख महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2023 के प्रतिवेदन क्रमांक 03 में दिया गया है? की जानकारी भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं उज्जैन, रीवा संभागों की जिलेवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में इण्डियन रोड कांग्रेस स्पेशल पब्लिकेशन 54 की कण्डिका 5.3.7 फ्लड फ्लू डेटा, फ्लड डिस्चार्ज का विश्वसनीय जल स्तर का मूल तत्व होता है का पालन अलायमेन्ट प्लान में न किये जाने से शासन को कितनी क्षति पहुँचाई गई की जानकारी प्रश्नांश (क) के संभागों की जिलेवार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में पुलों/ओवर ब्रिज/PQC मार्गों के ऊपर डामरीकृत मार्ग बनाए जाने का क्या प्रावधान है? शासन के निर्देश की प्रति देते हुये बतावें अगर नहीं है तो समर्शियल पुलों के लिये सीमेन्ट, कंक्रीट पहुँच मार्ग के बजाए बिटुमिन पहुँच मार्ग का निर्माण किया जाना जो शासन के जारी नियम निर्देशों के अनुसार नहीं है परन्तु जिन नियमों व निर्देशों के तहत बिटुमिन के कार्य कराकर शासन को करोड़ों रूपये की क्षति पहुँचाई गई तो क्यों? इसका प्राक्कलन एवं स्वीकृति कितने राशि की किन जिम्मेदार अधिकारियों के हस्ताक्षर द्वारा प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) की संभागों की वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? शासन के निर्देशों से हटकर प्राक्कलन एवं स्वीकृति प्रदान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने वालों से राशि वसूली एवं निलंबन कर विभागीय जांच बावत क्या निर्देश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पुलों के निर्माण में की गई अनियमितताओं के संबंध में विभाग द्वारा दिये गये उत्तर को लेखा परीक्षक द्वारा न मानते हुये संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिये का लेख किया गया, इन जिम्मेदारों पर कब-कब किस-किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित की गई पदनाम सहित जानकारी देवें? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जिलेवार कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, पुलों के निर्माण के डिस्चार्ज हेतु आकलन इंडियन रोड कांग्रेस स्पेशल पब्लिकेशन 54 की कंडिका 5.3.7 (फ्लड फ्लू डेटा) अनुसार पालन किया जाता है, इससे शासन को कोई क्षति नहीं हुई। (ग) जलमग्नीय पुलों के पहुँच मार्ग डामरीकृत नहीं किये जाते। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाईपास पर गैस पाइप-लाइन का कार्य
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 2363 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नगर में नागदा बड़नगर रतलाम बाईपास पर गुजरात की किसी कम्पनी के द्वारा गैस पाइप-लाइन डालने का काम किया जा रहा है काम अत्यंत धीमीगति से करते हुए मार्ग के एक तरफ खंतियां खोदकर मिट्टी को सड़क पर डालकर मार्ग अवरुद्ध किया गया हे मार्ग के साइड में ही पाइप रखे हैं जिससे यातायात अवरुद्ध होता है विगत दिनों अलग-अलग दुर्घटनाओं में दो व्यक्तियों को अपने प्राण गवाने पड़े बार-बार शिकायत करने के उपरांत भी कंपनी द्वारा लापरवाही की जा रही है लोकनिर्माण विभाग मौन क्यों है? (ख) वर्षा ऋतु प्रारंभ हो चुकी है लेकिन आज दिनांक तक गैस पाइप-लाइन डालने वाली कंपनी के द्वारा पाइप डालकर खंती मिट्टी भरने का काम नहीं किया गया हे जिससे लगातार दुर्घटनाओं की अत्यधिक सम्भावना बनी हुई है व मार्ग की साइड खुदी होने के कारण मार्ग को क्षतिग्रस्त होना निश्िचत है क्या गैस पाइप-लाइन डालने वाली कंपनी के खिलाफ विभाग ने कोई सख्त कार्यवाही की है तो जानकारी देने का कष्ट करें यदि नहीं तो क्या ऐसे कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी एवं बाईपास मार्ग से मिट्टी एवं पाइप से होने वाली बाधा कब तक दूर करवा दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हॉं, खाचरौद नागदा बड़नगर बायपास मार्ग पर गुजरात गैस लिमिटेड द्वारा गैस पाइप-लाइन डालने का कार्य धीमी गति से किया जा रहा था तथा मार्ग के कुछ स्थानों पर एक तरफ खंतियां खोदकर मिट्टी को सड़क पर डालकर मार्ग अवरूद्ध किया गया था, जिसके क्रम में अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, उपसंभाग खाचरौद के पत्र क्रमांक 180, दिनांक 30.06.2022, पत्र क्रमांक 144, दिनांक 03.06.2024 द्वारा कंपनी को निर्देशित किया गया था, उक्त निर्देश पश्चात कंपनी द्वारा मार्ग पर आवश्यक सुधार दिनांक 25.06.2024 को कर दिया गया है, मार्ग पर दुर्घटना से संबंधित कोई जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं है। पुलिस थाना खाचरौद से प्राप्त रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉं, लोक निर्माण विभाग के मार्ग पर वर्तमान में कोई भी खुदी हुई खंती नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग द्वारा कंपनी की जमा बैंक ग्यारंटी को राजसात करने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में मार्ग पर पाइप एवं मिट्टी न होने से आवागमन में कोई बाधा नहीं है।
गोवारी जाति को ओ.बी.सी. का दर्जा
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
55. ( क्र. 2374 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि गोवारी जनजाति संविधान के अनुच्छेद 342 के अधीन भारत सरकार के संशोधित आदेश क्रमांक- BC/2016/34/76-SCT-V दिनाँक 27 जुलाई 1977 मध्यप्रदेश राज्य के अनुसूचित जाति के गोंड जाति के साथ गोवारी अंकित है? यदि हाँ तो यह बताएं कि वर्तमान में गोवारी जाति को ओ.बी.सी. दर्जा क्यों दिया जा रहा है? (ख) क्या यह भी सही है कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा म. प्र. के कुछ जिलों से गोवारी जाति को विलोपित करने की रिपोर्ट पेश कर चुका है यदि हाँ तो दिनांक 24/07/2018 पत्र क्रमांक/अनु./39/2018/501 को गोवारी जाति को विलोपित किये जाने की रिपोर्ट के समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) क्या गोवारी जाति को ओ.बी.सी. से विलोपित किया जाकर अनुसूचित जाति में सम्मिलित किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो बताये कि क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक 07-07/2007/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 17/06/2016 के प्रभावी न होने के कारण बताएं तथा स्पष्ट करें कि उक्त पत्र पर क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का पत्र क्रमांक अनु./39/2018/501, दिनांक 24.07.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 7-7/2007/आ.प्र./एक, दिनांक 17.06.2016 अनुसार कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों को तोड़कर नया आवास बनाने की कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 2488 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन केटाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग के द्वारा प्रोफेसर्स कालोनी, चार बंगला, पुरानी सिविल लाईंस, किलोल पार्क से पॉलिटेक्निक एवं रविन्द्र भवन के सामने से होते हुये विद्या विहार पोस्ट ऑफिस से होते हुये एम.एल.बी. गर्ल्स हॉस्टल तक एवं विद्या विहार स्कूल एवं सामने स्थित शासकीय भवनों, एल.एल.बी. कॉलेज के सामने स्थित पुराना मुख्यमंत्री निवास एवं शासकीय भवनों को तोड़कर किस तरह के नये भवन, कितनी मंजिलों के बनाये जाने की योजना तैयार की है? योजना की पूरी जानकारी की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) इसी तरह 1250 (तुलसी नगर), 1464 (शिवाजी नगर) को तोड़कर नये क्या एवं कितनी मंजिलों के भवन बनाने की क्या योजना प्रश्नतिथि तक तैयार की है? योजना की एक प्रति दें? (ग) उक्त (क) एवं (ख) में बनी योजना से कुल कितने पेड़ (संभावित) काटे जाने की योजना है? प्रकरणवार योजनावार दें? (घ) एन.जी.टी. ने किस-किस योजना पर प्रश्नतिथि तक कब तक के लिये एवं किस प्रकार की रोक लगाई है? बिन्दुवार विस्तृत विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजनांतर्गत प्रोफेसर कॉलोनी में नवीन कलेक्ट्रेट (P+6), आयुक्त (राजस्व) एवं आई.जी. पुलिस कार्यालय (P+4), नगरीय प्रशासन का संचालनालय भवन (P+6), संयुक्त कार्यालय भवन (P+6), अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास (G+3), एम.एल.बी. बालिका छात्रावास एवं गीतांजली कामकाजी महिला छात्रावास (G+3), एन.सी.सी. भवनमय विकास कार्य (G+1), 20 वी टाईप प्रकोष्ठ भवन (P+11), 24 मीटर का लिंक रोड, रवीन्द्र भवन के सामने 400 वाहन पार्किंग मय पोडियम-गार्डन सहित, कन्वीनियंट शॉप, सोवेनियर शॉप, इत्यादि का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना की लागत राशि रूपये 49533.20 लाख है। प्रस्तावित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा प्रांरभिक प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिस पर कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रोफेसर कॉलोनी में निर्माण हेतु पर्यावरणीय अनुमति में 390 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव था, परंतु योजना का पुनर्वालोकन करने पर अब केवल 100 वृक्ष काटे जाने हेतु प्रस्तावित है तथा 80 वृक्ष नवीन स्थान पर स्थानांतरित किये जावेंगे। (घ) एन.जी.टी. द्वारा योजना पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगायी गयी है।
कर्मचारियों को चतुर्थ क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 2507 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या म.प्र. शासन ने अधिनस्थ कर्मचारियों जिन्होंने निरंतर 35 वर्ष की सेवा कर लिया है उन्हें 01.07.2023 से चतुर्थ क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दे दिया है? यदि हाँ तो क्या म.प्र.पावर ट्रांसमिशन क्र.लि. के कर्मचारियों को भी यह लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के आदेश क्रमांक-एफ 8-1/2023/नियम/चार, दिनांक 14.08.2023 के द्वारा राज्य शासन के सभी विभागों के अंतर्गत समान संवर्गों में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी जिन्होंने प्रथम नियुक्ति दिनांक से 35 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली है, के लिए लागू समयमान वेतनमान योजना को पुन: विस्तारित करते हुए, दिनांक 01.07.2023 से चतुर्थ समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। उक्त आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत समस्त विद्युत कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ठेकेदारों को लंबित भुगतान का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 2509 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद वारासिवनी के अंतर्गत मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास (द्वितीय चरण) के निर्माण कार्यों हेतु ठेकेदारों की जमा सुरक्षा राशि जिसका भुगतान 31 मार्च 2022 को हो जाना था। इस राशि का भुगतान आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है। (ख) ठेकेदारों को उक्त राशि का भुगतान नगरपालिका परिषद वारासिवनी द्वारा कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या राशि भुगतान में विलंब के लिये दोषी अधिकारी के विरुद्ध कोई दण्डात्मक/अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) निकाय के वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता में चुनौती होने से भुगतान नहीं किया गया है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं होने से भुगतान में विलंब हुआ है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन के मामले में कार्यवाही
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 2605 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा क्षेत्र में मेसर्स रतन बिल्डर्स बॉदा द्वारा अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 के अनुक्रम में तुन्ना महदवॉ मार्ग व्हाया टौराह पुरवा का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के निर्माण कार्य में ठेकेदार एवं उनके सहयोगी ठेकेदार द्वारा ग्राम महेबा में ग्राम पंचायत/खनिज विभाग से विधिवत आदेश प्राप्त किये बगैर अवैध उत्खनन कर मुरूम डाली गई है? जिसकी पुष्टि राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग के द्वारा की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रकरण में जुर्माना किया गया है? यदि हाँ तो जुर्माने की राशि वसूली के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। खनिज विभाग पन्ना से प्राप्त उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चंबल प्रोजेक्ट अंतर्गत भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 2644 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चम्बल प्रोजेक्ट के तहत पानी की पाइप-लाइने टेण्डर की शर्तों के अनुसार नहीं डाली जा रही है? वह गुणवत्ताहीन है एवं कम गहराई पर लगाई जा रही है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है दोषियों पर कब तक कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं तो पाइपों की गुणवत्ता एवं गहराई की जांच हेतु क्या जांच दल गठित कर जांच करायेंगे? (ख) चम्बल प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के कारण जो रोडे खोदी जा रही है, उसमें पुरानी वाटर सप्लाई को जे.सी.बी से तोड़ा जा रहा है जिससे आमजन परेशान हो रहे है। उसे कब तक ठीक किया जायेगा? (ग) चम्बल प्रोजेक्ट नल-जल योजना के प्रभारी के.के. शर्मा के मार्गदर्शन में नियत समय अवधि में कार्य नहीं किया जा रहा है। यदि हाँ तो उचित कारण देवें। (घ) चम्बल प्रोजेक्ट का ठेका लगभग 300 करोड़ का म.प्र. सरकार द्वारा ब्लैक लिस्टेड सारथी कंस्ट्रक्शन कम्पनी को क्यों दिया गया है। क्या इस टेंडर में भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना नहीं है? यदि नहीं तो इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, पानी की पाइप-लाइन टेण्डर की शर्तों के अनुरूप डाली जा रही है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जाँच की आवश्यकता नहीं है। (ख) नवीन पाइप-लाइन डालने के दौरान यदि पूर्व से स्थित पुरानी वाटर सप्लाई लाइन क्षतिग्रस्त होती है तो उसे तत्काल सुधारा जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। तथापि यह कथन सही नहीं है कि श्री के.के. शर्मा के मार्गदर्शन में नियत समयावधि में कार्य नहीं किया जा रहा है। योजना के निर्माण कार्यों में विभिन्न विभागों से अनुमतियों, प्रशासनिक, तकनीकी एवं स्थल पर परिस्थिति जनक कारणों से विलम्ब हुआ है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जाँच की आवश्यकता नहीं है।
वितरण ट्रांसफार्मर का गुणवत्ता परीक्षण
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 2645 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में संचालित योजना में क्या मुरैना जिले में विद्युत विभाग द्वारा जो वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं वह गुणवत्ताहीन हैं एवं उपयोग के अनुरूप कम भार के लगाए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो इस प्रकार भारी अनियमित पर विभाग द्वारा कब-कब किस अधिकारी पर कार्रवाई की गई, यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई तो कब तक कार्रवाई की जाएगी? (ग) वितरण ट्रांसफार्मर के गुणवत्ता परीक्षण की क्या प्रक्रिया है। ट्रासंफार्मरों की उच्च स्तरीय जांच कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें एवं यह वितरण ट्रांसफार्मर जल्दी खराब क्यों हो जाते हैं? कारण बतावें। (घ) मुरैना जिले में लगाए जाने वाले ट्रांसफार्मर किस कंपनी द्वारा लगाए जा रहे हैं एवं यह ट्रांसफार्मर किस कंपनी के हैं क्या अन्य जिलों में भी इस कंपनी के ट्रांसफार्मर में खराब होने की समस्याएं आ रही है यदि हाँ तो इस कंपनी के ट्रांसफार्मर क्यों लगाई जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में मुरैना जिले में आर.डी.एस.एस. एवं एस.एस.टी.डी. योजना संचालित है। मुरैना जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित वेण्डरों के द्वारा क्रय किये जाकर एवं मान्यता प्राप्त एन.ए.बी.एल. लैब में गुणवत्ता परीक्षण के उपरान्त ही उपभोक्ताओं के स्वीकृत भार के अनुरूप मुरैना जिले के अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाते हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) वितरण ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु योजनांतर्गत स्थापित किये जाने वाले वितरण ट्रांसफार्मर के प्रत्येक लॉट में से 20% सैम्पल वितरण ट्रांसफार्मर को कंपनी की इनहाउस/एन.ए.बी.एल लैब में परीक्षण में सफल पाये जाने के उपरांत ही क्षेत्र में स्थापित किये जाते है। मुरैना जिले में संचालित योजनांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता में कमी होने से फेल होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: पृथक से उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्षेत्र में स्थापित कोई भी नवीन वितरण ट्रांसफार्मर निविदा शर्तों के अनुसार तीन अथवा पांच वर्ष की गारंटी समयावधि में असफल/खराब हो जाता है, तो संबंधित एजेंसी द्वारा निर्धारित समय-सीमा में उक्त वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने का प्रावधान है। वितरण ट्रांसफार्मरों से रहवासियों/असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़छाड़ कर उनका प्रोटेक्शन सिस्टम खराब होने एवं अवैध रूप से विद्युत का उपयोग करने (बिजली चोरी) से वितरण ट्रांसफार्मर के जल्दी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। (घ) मुरैना जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में एस.एस.टी.डी. योजना में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य स्वीकृत नहीं है। मुरैना जिले में वर्तमान में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत मेसर्स सिमेकल इलेक्ट्रिक प्राईवेट लिमिटेड द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा रहे हैं। मेसर्स सिमेकल इलेक्ट्रिक प्राईवेट लिमिटेड द्वारा ब्रिज उद्योग एवं टेसला ट्रांसफार्मर (ग्लोबल) प्राइवेट लिमिटेड के वितरण ट्रांसफार्मरों को क्षेत्र में लगाया जा रहा है। मुरैना जिले एवं ग्वालियर क्षेत्रातंर्गत अन्य जिलों में उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल होने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
टिमरनी नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2657 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी लगाई गई याचिका अनुसार मानपुरा पम्पइंजन रोड हरदा पर स्थित टिमरनी नदी पर पुल बनाए जाने की क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त नदी में बाढ़ आने पर रास्ता बंद हो जाने तथा रहवासियों को अपनी जान जोखिम में डालकर रेल्वे लाईन से होकर शहर में जाने के संबंध में क्या कार्ययोजना बनाई गई है। (ग) क्या उक्त नदी पर पुल निर्माण कार्य कराने हेतु प्राक्कलन तैयार किया गया था? यदि हाँ तो निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होगा? (घ) यदि प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया है तो कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्राथमिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। (ख) इस प्रकार की कोई भी योजना विभाग द्वारा नहीं बनाई जाती। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में किसी योजना में न तो शामिल है और न ही प्रस्तावित है।
एन.एच. 45 पर बनाये गये टोल की जानकारी
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 2660 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 45 पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई है? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें? (ख) एन.एच. 45 औबेदुल्लागंज-जबलपुर पर जो टोल टैक्स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था यह त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ तो क्या यह टोल वर्तमान स्थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एन.एच. 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? (ग) एन.एच. 45 औबेदुल्लागंज-जबलपुर पर वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? इस मार्ग पर एन.एच.आई. द्वारा दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है क्या इस टोल को शिफ्ट किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। टोल प्लाजा भारत सरकार के राजपत्र, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अधिसूचना दिनांक 17.08.2021 में निहित स्थान भोपाल जबलपुर मार्ग के कि.मी. 283.60 पर बनाया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। बगवाड़ा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग -69 (जो कि औबेदुल्लागंज से प्रारंभ होता है) पर एन.एच.ए.आई. द्वारा ग्राम बगवाड़ा में कि.मी. 31+700 पर टोल बनाया गया है एवं इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगला टोल नागपुर की ओर कि.मी. 100+200 ग्राम कुण्डी जिला बैतूल में प्रस्तावित है जो कि बगवाड़ा टोल से 68.5 कि.मी. की दूरी पर है। उक्त सभी चालू टोल एवं प्रस्तावित टोल में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दिशा में एक टोल से दूसरे टोल के बीच कम से कम 60 कि.मी. की दूरी के नियम का पालन किया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में एक टोल से दूसरे टोल के बीच कम से कम 60 कि.मी. की दूरी के नियम का पालन किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल की जानकारी
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 2661 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई है? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें? (ख) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था यह त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह टोल वर्तमान स्थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एन.एच. 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? (ग) एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फॉरेस्ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है फिर भी इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है यह किस आधार पर लिया जा रहा है? वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? जबकि नर्मदापुरम बुधनी होते हुये भोपाल की दूरी मात्र 70 कि.मी. है इस हिसाब से नर्मदापुरम से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये हैं और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बी.आर.टी.एस. की रोड है उस हिसाब से भी दूरी नर्मदापुरम से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है। दो-दो टोल टैक्स होने के कारण जनता को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है इस स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
नगरपालिका नैनपुर में हुई वित्तीय अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 2671 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद भुआबिछिया में हुई वित्तीय अनियमितता की जाँच में कौन-कौन दोषी गए हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? जिला स्तर पर गठित जाँच समिति द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं? क्या इस हेतु प्रभारी सी.एम.ओ. को भी निलंबित किया गया है? क्या जिन दोषी कर्मचारियों ने अपने खातों में नगर परिषद की विभिन्न मदों की राशि जमा की, उसमें सी.एम.ओ. की भी भूमिका पाई गई है? क्या भुगतान संबंधित फाइलों में सी.एम.ओ. व नगर परिषद अध्यक्ष के हस्ताक्षर हैं? यदि हाँ तो अध्यक्ष के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या उक्त दोषी कर्मचारी जिनकी एफ.आई.आर. कराई गई है, उनके खातों से यह राशि अन्य लोगों के खातों में पहुंचाई जाती थी? क्या सी.एम.ओ. व अध्यक्ष के परिचितों के खातों में इस राशि के भेजे जाने के प्रमाण मिले हैं? क्या उक्त दोषी कर्मचारियों के पूर्व के वर्षों के खातों की जानकारी निकालकर जाँच की जा रही है? यदि हाँ तो अब तक किन-किन के खातों में इनके द्वारा गबन की गई शासकीय राशि पहुंचाने के तथ्य सामने आये हैं,विस्तृत जानकारी देवें? क्या इसकी आर्थिक अपराध शाखा या अन्य एजेंसी के माध्यम से उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाएगी? (ग) सदन की बैठक दिनांक 03/03/2023 को प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1220 के बिंदु (ख) में उक्त दोषी कर्मचारी द्वारा ही नगर परिषद की राशि 1 करोड़ रूपए एक चिटफण्ड कम्पनी में जमा किये जाने का विषय उठाया गया था, जिसमें जाँच संस्थित होना बताया गया था, यदि हाँ तो उक्त जाँच का क्या हुआ? क्या यह भी आर्थिक अपराध नहीं है? क्या इसकी भी एफ.आई.आर. करवाई जाएगी? (घ) क्या नगरपालिका नैनपुर में नागरिकों के करो की राशि कर्मचारियों द्वारा गबन करने की शिकायत सामने आई है? इसमें अब तक क्या जाँच की गई है? क्या नगर परिषद भुआ बिछिया की तरह यहाँ भी जिला स्तरीय जाँच दल गठित कर जाँच करवाई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) श्री रोहित दुबे सहायक वर्ग-3 एवं श्री शिव कुमार झारिया दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी उत्तरदायी पाए गए हैं। श्री रोहित दुबे को निलंबित तथा श्री झारिया को सेवा से पृथक कर उनके विरूद्ध थाना बिछिया में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस प्रकरण के लिए तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भो निलंबित किया गया है। थाना प्रभारी, थाना बिछिया के द्वारा उक्त प्रकरण में विवेचना की जा रही है। अत: प्रकरण विवेचनाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जांच की कार्रवाई प्रचलित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
जबलपुर से मण्डला सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 2672 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर से मंडला सड़क का निर्माण कब स्वीकृत किया गया? क्या उक्त सड़क की 4 लेन स्वीकृति दी गई थी? क्या इस हेतु भूमि अधिग्रहण भी 4 लेन के अनुसार किया गया है? इस हेतु भूमिस्वामियों को दिए गए मुआवजे के क्या मापदंड थे, आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? भूमि स्वामियों को दिए गए मुआवजे की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं? बाद में इसे 2 लेन करने के क्या कारण थे? (ख) क्या जबलपुर से मंडला सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो किन कारणों से निर्माण अधूरा है? क्या उक्त निर्माण के दौरान हरे-भरे वृक्षों को काटने के लिए एनजीटी व अन्य सक्षम कार्यालय से अनुमति ली गई थी, यदि हाँ तो अनुमतियों की प्रति उपलब्ध कराएं? कार्य प्रारम्भ में जिस ठेका कम्पनी से अनुबंध किया गया था, उनको कब-कब कितना कितना भुगतान किया गया? विलम्ब से कार्य करने को लेकर उक्त फर्म के विरुद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? इनसे कितनी वसूली की गई, क्या सम्पूर्ण शास्ति की राशि जमा हो चुकी है? क्या इस हेतु विभागीय अधिकारियों को दोषी माना गया है? यदि हाँ तो उनके नाम व की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं तो समय पर कार्य पूर्ण नहीं करवा पाने के लिए कौन दोषी है? कार्य आदेश की प्रति, अब तक किये गए भुगतान की तिथिवार जानकारी, माप पुस्तिका की प्रति, रनिंग भुगतान की जानकारी एवं अंतिम भुगतान की जानकारी प्रदान करें? वर्तमान कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जबलपुर से मंडला सड़क का निर्माण दिनांक 13.02.2015 व दिनांक 10.06.2015 को एवं बरेला से मंडला मार्गखंड के शेष कार्य हेतु दिनांक 15.03.2024 को स्वीकृति भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई थी। जी नहीं। भू-अधिग्रहण अधिकतर लंबाई में 4-लेन की आवश्यकता के अनुरूप नहीं किया गया था। भूमि स्वामियों को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों के मापदंड अनुसार मुआवजा निर्धारित एवं वितरित किये गये है। आदेश की प्रति एवं मुआवजे की सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। चूंकि इसकी स्वीकृति 2-लेन विथ पेव्हड शोल्डर निर्माण की थी तदानुसार कार्य कराया गया। (ख) जी नहीं। जबलपुर से मंडला तक सड़क का निर्माण दो खण्डों में प्रस्तावित किया गया था। प्रथम मार्गखंड, जबलपुर-नागपुर मार्ग पर चूल्हा गोलाई के निकट से बरेला तक का कार्य वर्ष 2017 में पूर्ण हो चुका है। बरेला मण्डला मार्ग खण्ड के पूर्व निविदाकार द्वारा कार्य को अत्यंत धीमी गति से करने एवं कार्य को निर्धारित मानक अनुरूप नहीं करने के कारण मार्ग निर्माण में अधूरा है। वर्तमान में द्वितीय मार्गखंड, बरेला मंडला के शेष कार्य का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जी हाँ। वृक्षों को काटने हेतु सक्षम अधिकारी से प्राप्त अनुमति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कार्य प्रारंभ के समय अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स गेनन डंकरली एण्ड कंपनी लि. मुंबई को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे £2346;्रपत्र-अ अनुसार है। बरेला मंडला मार्गखंड के पूर्व निविदाकार द्वारा कार्य को अत्यंत धीमी गति से करने, उनके वित्तीय कुप्रबंधन एवं कार्य को निर्धारित मानक अनुरूप नहीं करने तथा कार्य की गुणवत्ता में वांछित सुधार हेतु दिए गये निर्देशों की अन्देखी एवं अवहेलना करने के कारण दिनांक 24.01.2023 को संबंधित अनुबंध निरस्त कर दिया गया था। वसूली एवं संपूर्ण शास्ति की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्तमान में शेष कार्य हेतु नवीन निविदाकार द्वारा कार्य प्रगति पर है तथा अनुबंधानुसार दिनांक 05.08.2024 तक कार्य पूर्ण किया जाना है। जी नहीं। भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कार्य के पर्यवेक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण हेतु प्राधिकारी अभियंता (अथोरिटी इंजीनियर) मेसर्स थीम इंजीनिरिंग, सर्विसेस प्रा.लि. जयपुर को नियुक्त किया गया है, जिनकी देख-रेख में कार्य किया गया है। विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मार्ग का निरीक्षण किया गया है। गुणवत्ता एवं कार्य हेतु पूर्णरूपेण ठेकेदार जिम्मेदार है अत: अधिकारियों का दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विलम्ब से कार्य करने को लेकर संबंधित ठेका कंपनी को समय-समय पर प्रेषित पत्रों एवं दिये गये नोटिसों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उक्त के अनुक्रम में कार्य समय पर पूर्ण नहीं करने हेतु निविदाकार संपूर्ण रूप से दोषी थे जिसके कारण उनका अनुबंध दिनांक 24.01.2023 को निरस्त किया गया। कार्यादेश की प्रति, माप पुस्तिका में दर्ज समस्त देयकों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। प्रगतिरत कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 05.08.2024 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
बैराज निर्माण में घटिया निर्माण कार्य पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2689 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र 160 में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत बैराज निर्माण के लिये राशि स्वीकृत की गई थी यदि हाँ तो कीस वर्ष में की गई, राशि सहित बतायें। (ख) क्या उक्त बैराज निर्माण में घटिया निर्माण कार्य संबंधी विधानसभा प्रश्न के माध्यम से ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा कीये गये घटिया निर्माण/भ्रष्टाचार की जांच में दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या घटिया निर्माण की जांच में दोषी पाये जाने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी, ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? और कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015-2016 में बैराज निर्माण के लिए राशि रू. 790.00 लाख की स्वीकृत प्रदान की गई थी। (ख) दोषी अधिकारी/कर्मचारी को सेवा से निलंबित किया गया था। (ग) घटिया निर्माण की जांच में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 135 (सी) के सबंध में
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2716 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग 135 (सी) के लिए प्रस्तावित राज मार्ग ग्राम गांगीए पोड़ी से चितरंगीए दुधमनिया तहसील चितरंगी था जिसको परिवर्तित कर मोरवा जिला सिंगरौली तक किया गया है? (ख) क्या जिला सिंगरौली के मोरवा नगर को कोल बैल्ट के अंदर शामिल किया गया है जिसके विस्थापन एवं भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ है? (ग) यदि हाँ तो राष्ट्रीय राजमार्ग को मोरवा नगर के अलावा किसी अन्य स्थान पर या बैढ़न जिला मुख्यालय से जोड़ने की कोई योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 2726 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1232 दिनांक 22.12.2022 (क) के उत्तर में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कटनी जिले के प्रवास के दौरान ग्राम जंगल पुरैनी तहसील विजयराघवगढ़ जिला कटनी में विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने की घोषणा की गई थी। तकनीकी परीक्षणोंपरांत यह पाया गया कि ग्राम जंगल पुरैनी एवं आस पास के क्षेत्र को वर्तमान में कांटी उप केन्द्र सतवारा फीडर से विद्युत आपूर्ति की जा रही है वर्तमान में उक्त नवीन विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य नहीं है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो जंगल पुरैनी से लगे हुये गांव देवसरी इंदौर, जिवारा, रजरवारा नं.1, घुन्नौर, बरूआ, रोहनिया, बरहटी, गोईन्द्रा, बरहटा एवं घुघरी को क्या कांटी फीडर से विद्युत दी जा रही है? यदि नहीं तो किन वितरण केन्द्रों को दी जा रही है? बताएं और यह भी बताएं की जिन उपकेन्द्रों से विद्युत प्राप्त की जा रही है उसके बीच में कटनी नदी एवं महानदी है? जिसके कारण वर्षा ऋतु में विद्युत प्रवाह बाधित होता है? यदि उक्त गांवों में विद्युत उपकेन्द्र कांटी से नहीं दी जा रही है तो किस अधिकारी के सर्वे को मान्य करते हुये भ्रामक जानकारी दी गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित है वास्तविक सर्वे कराकर जंगल पुरैनी में नवीन 33/11 केव्ही नवीन विद्युत उपकेन्द्र खोलने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जंगल पुरैनी से लगे हुए प्रश्नाधीन ग्रामों को विद्युत प्रदाय करने वाले फीडरों तथा उनसे सम्बद्ध 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 33/11 के.व्ही. देवराकला विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. देवराकला फीडर की टेपिंग लाईन पर ग्राम देवसरी इन्दौर एवं जिवारा तथा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र विजयराघवगढ़ से निर्गमित 11 के.व्ही. बंजारी फीडर की टेपिंग लाईन पर ग्राम रमना, रोहनिया, बरूआ, बरहटी, बरहटा एवं गोइन्द्रा के मध्य कटनी नदी है। 33/11 के.व्ही. सिनगौडी विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. चपना फीडर की टेपिंग लाईन पर ग्राम घुनौर एवं रजरवारा नं. 1 के मध्य महानदी है। उल्लेखनीय है कि नदियों के कारण विद्युत प्रदाय बाधित नहीं होता है। पूर्व में ग्राम जंगल पुरैनी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने हेतु किये गये तकनीकी परीक्षण में सर्वे उपरांत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कांटी से निर्गमित 11 के.व्ही. सतवारा फीडर से ग्राम जंगल पुरैनी एवं आसपास के क्षेत्र को निर्धारित मानकों के अनुरूप विद्युत प्रदाय किये जाने की जानकारी दी गई थी, जो सही थी। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में से निजी भूमि की रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 2772 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर झाँसी एन.एच. से लगी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दतिया कुल कितने रकबा एवं आराजी नम्बर में निर्मित है। उक्त कॉलोनी के पूर्व, पश्िचम, दक्षिण, उत्तर दिशा में कौन-कौन सी आराजी नम्बर के रकबा है। वर्ष 1958-59 की खतौनी बी-1 की नकल एवं वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक की खसरे की नकल देते हुये जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की भूमि से निजी भूमि में जोड़ने के लिये रोड निर्माण कराया गया, रोड के निर्माण हेतु किस विभाग से अनुमति/स्वीकृति दी गई है? समस्त सहपत्रों सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ग) यदि रोड का निर्माण बिना सक्षम स्वीकृति/नियम विरूद्ध किया गया है, तो क्या उक्त रोड को बन्द कर, इस संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताई जावें, यदि नहीं तो क्यों? (घ) उक्त विषय के संबंध में शासन, विभाग में कुल कितने शिकायती आवेदन पत्र एवं 181 पर शिकायत दर्ज कराई गई? प्राप्त शिकायतों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? शिकायती पत्रों के जांच प्रतिवेदनों एवं की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्वालियर-झाँसी से लगी न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी, दतिया सर्वे क्रमांक 382/1 कुल रकबा 7.050 हे. में निर्मित है। उक्त कॉलोनी के प्रमाणित अक्स अनुसार पूर्व दिशा में खसरा क्रमांक 412, 413, 416, 417, 418, 419, 420, 422 एवं 429, पश्िचम दिशा में खसरा क्रमांक 382/2, उत्तर दिशा में खसरा क्रमांक-380, 385 (एन.एच.) एवं दक्षिण दिशा में खसरा क्रमांक-383, 384, 385/2, 395, 397, 398 399 भूमि स्थित है। वर्ष 1958-59 के खतौनी मौजा राम नगर उपलब्ध नहीं होने तथा वर्ष 2010-11 एवं 2012 मौजा राम नगर सर्वे क्रमांक 382/1 जीर्ण-शीर्ण होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी की भूमि से निजी भूमि जोड़ने के लिए म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल एवं नगर पालिका दतिया द्वारा रोड निर्माण नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व के निर्धारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त अवैध रोड निर्माण से संबंधित तीन शिकायती पत्र प्राप्त हुये थे। मण्डल द्वारा उक्त शिकायतों के निराकरण हेतु आवेदन थाना कोतवाली, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कार्यालय में नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पंचायत सटई में दुकानों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 2822 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास को पत्र क्र. 214/2019 दिनांक 27.08.2019 द्वारा नगर पंचायत सटई में हुई अनियमितता के संबंध में लिखे पत्र पर की गई कार्यवाही का दस्तावेजों सहित ब्यौरा क्या है? (ख) नगर परिषद सटई द्वारा थाने/शासकीय नजूल भूमि पर क्या नियमानुसार शासकीय प्रक्रिया का पालन कर, सभी सक्षम अनुमतियां प्राप्त कर दुकानों का निर्माण करवाया था? हाँ तो उक्त प्रक्रिया में की गई सभी कार्यवाही से अवगत करावें। नहीं तो किस प्रक्रिया एवं अनुमति की अनदेखी की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पत्र पर की गई कार्यवाही का दस्तावेजों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर परिषद्, सटई द्वारा थाने/शासकीय नजूल भूमि पर भूमि आवंटन की प्रत्याशा में दुकानों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। परन्तु भूमि आवंटन न होने से दुकानों का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। भूमि आवंटन के लिए प्रकरण कार्यालय कलेक्टर, जिला-छतरपुर में लंबित है।
ग्लोबल इन्वेस्टर मीट व प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 2854 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर में जनवरी 2023 में ग्लोबल इंवेस्टर मीट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर इंदौर नगर निगम ने कितनी राशि व्यय की पृथक-पृथक बतावें। इनमें करवाये कार्यों के नाम, स्थान, लागत, निर्माणकर्ता फर्म नाम, जीएसटी नंबर, भुगतान राशि, लंबित भुगतान राशि, भुगतान दिनांक सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) भोजन, निवास एवं अन्य सभी तरह की सेवाओं के भुगतान की जानकारी भी प्रश्नांश /span>अनुसार प्रत्येक भुगतान का टीडीएस कटौत्रा एवं प्रत्येक बिल की छायाप्रति भी साथ में देवें। (ग) उपरोक्तानुसार स्मार्ट सिटी द्वारा कराए कार्यों एवं भुगतान की जानकारी भी देवें। क्या कारण है कि बहुत से भुगतान अभी तक लंबित है? इनका भुगतान कब तक किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर में जनवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन हेतु पृथक-पृथक कार्य नहीं कराया गया है, दोनों इवेंट हेतु करवाये गये कार्यों के नाम, स्थान, लागत निर्माणकर्ता फर्म का नाम, जीएसटी नंबर, भुगतान राशि एवं दिनांक, लंबित भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) भोजन, निवास एवं अन्य सभी तरह की सेवाओं के भुगतान में कोई राशि व्यय नहीं होने से जानकारी निरंक है। टीडीएस कटौत्रे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के कॉलम क्रमांक 10 में अंकित है, प्रत्येक बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी द्वारा कराये गये कार्यों एवं भुगतान, लंबित भुगतान एवं कारण व भुगतान कब तक किया जायेगा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
जिला डिण्डौरी के अंतर्गत मार्गों की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 2876 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी 2020 से जिले में पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा कौन-कौन सी रोडों का निर्माण हुआ? लागत राशि एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त रोडों में से कुछ मार्ग, गुणवत्ता विहीन एवं अधूरा छोड़ दिया गया है एवं भुगतान अधिक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) विकासखण्ड कटंजिया के ग्राम थाना टोला से गारफा मट्टा रोड क्या अधूरा बना है और भुगतान हो गया? (I) गोपालपुर से चाड़ा (II) बजाग-भानपुर से खम्हेरा मार्ग (III) शाहपुर डिपो से बटौंधा मार्ग जिसका घटिया निर्माण हुआ एवं मरम्मत कार्य नहीं हुआ तो क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, '1' एवं '2' अनुसार है।
सहायक परियोजना अधिकारी के विरूद्ध अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 2902 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर एवं चंबल संभाग ग्वालियर के आदेश क्रमांक/स्था/2024/444 दिनांक 15.03.2024 सहायक परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण मुरैना (मूल पद सहायक ग्रेड-1) को मुख्य नगर पालिका अधिकारी लहार के साथ ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् मिहोना का प्रभार मुरैना से लगभग 160 कि.मी. दूरी पर करने का कारण बतायें जबकि भिण्ड जिले की नगरीय संस्थाओं में ही अनेक योग्य अधिकारी पदस्थ थे। (ख) क्या मुरैना जिले के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कैलारस में पदस्थी के समय कलेक्टर मुरैना के आदेश का उल्लंघन कर ठेकेदारों को 2 करोड़ 15 लाख रूपये का भुगतान किया था? यदि हाँ तो प्रभारी के विरुद्ध कार्यवाही न करने का कारण बतायें। (ग) क्या नगर पालिका परिषद् लहार की स्वीकृति के बिना चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर मेसर्स रवि इलेक्ट्रॉनिक्स ग्वालियर एवं मेसर्स रवि ट्रेडर्स ग्वालियर से क्रमश: 2 व 4 वॉटर कूलर, प्रति वॉटर कूलर 49500/-में खरीदकर भुगतान भी कर दिया? क्या इसी रवि इलेक्ट्रॉनिक्स ग्वालियर ने अन्य संस्थाओं को यही वॉटर कूलर 42500/-में विक्रय किये हैं? यदि हाँ तो संबंधित को वॉटर कूलर खरीदी में भ्रष्टाचार करने की जांच कर दण्डित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या नगर पालिका क्षेत्र लहार में 5 वॉटर कूलर बिना अध्यक्ष की अनुमति के लहार नगर में लगवा दिये तथा एक वॉटर कूलर की फर्जी खरीदी दिखाकर नगर पालिका लहार की 49500/-रूपये स्वयं हड़पने की जांच कर दण्डित किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड एवं नगर परिषद् मिहोना, जिला भिण्ड में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद रिक्त होने से संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर/चंबल संभाग द्वारा अपने कार्यालयीन आदेश दिनांक 15.03.2024 द्वारा श्री रमाशंकर शर्मा सहायक परियोजना अधिकारी (मूल पद सहायक ग्रेड-01) जिला शहरी विकास अभिकरण मुरैना को प्रशासकीय कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार दिया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश दिनांक 09.05.2023 द्वारा श्री रमाशंकर शर्मा सहायक परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण मुरैना को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कैलारस जिला मुरैना का प्रभार सौंपा गया था। उक्त आदेशानुसार श्री शर्मा को कर्मचारियों के वेतन भत्ते, बिजली बिल, पानी, टेलीफोन एवं अन्य देयकों के भुगतान करने की अधिकारिता दी गई थी। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्रमांक 11917-18 दिनांक 21.06.2024 के माध्यम से श्री शर्मा द्वारा नगर परिषद् कैलारस में की गई अनियमितताओं की समग्र जांच उपरांत उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। आरोप पत्र जारी किये जा चुके हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड द्वारा शहर में पेयजल (प्याऊ) की व्यवस्था हेतु कार्यादेश दिनांक 26.02.2024 से फर्म रचि ट्रेडर्स ग्वालियर से उषा वॉटर कूलर SP-60120 (दो नग) प्रति वॉटर कूलर दर 49500/-रूपये GST सहित के मान से तथा कार्यादेश दिनांक 05.04.2024 से दो नग उषा वॉटर कूलर SP-60120 प्रति वॉटर कूलर दर 49500/-रूपये के मान से इसी प्रकार कार्यादेश दिनांक 24.04.2024 से दो नग उषा वॉटर कूलर SP-60120 प्रति वॉटर कूलर दर 49500/-रूपये के मान से क्रय किये गये हैं, क्रय की कार्यवाही निकाय द्वारा पृथक-पृथक नस्ती संधारित कर कोटेशन आधारित प्रक्रिया अपनाई जाकर वॉटर कूलर क्रय की कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड द्वारा कुल 6 वॉटर कूलर क्रय किये गये हैं जो शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये गये हैं, म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 237/239 के अनुसार नगर पालिका की दशा में मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पाँच लाख रूपये तक के समस्त कार्यों, आपूर्ति तथा सेवाओं हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति की अधिकारिता होने से निकाय के अध्यक्ष से अनुमति नहीं ली गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालय के आदेश का उल्लघंन
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 2903 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् लहार जिला भिण्ड में प्रभारी नगर पालिका अधिकारी को माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर के माननीय न्यायाधीश महोदय ने न्यायालय के आदेश का उल्लघंन करने हेतु अवमानना नोटिस दिया था। (ख) क्या प्रदेश के समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पत्र एवं अनेक मीडिया चैनलों में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी लहार जिला भिण्ड द्वारा माननीय न्यायाधीश प्रथम श्रेणी के विरूद्ध गाली गलौच करने के समाचार प्रकाशित हुये हैं? यदि हाँ तो शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) भिण्डे जिले में पदस्थ प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी लहार द्वारा अनेको कर्मचारियों को गालियां देने तथा सम्मानीय पार्षदगणों से अभद्रता करने की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। इस प्रकार के समाचार प्रकाशित होने की शिकायत विभाग को नहीं है परन्तु मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद्, लहार द्वारा उक्त संबंध में थाना प्रभारी, लहार को उनका फर्जी ऑडियो वायरल करने वाले के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए स्वत: दिनांक 01.06.2024 को सूचित किया गया है। (ग) जी नहीं। इस प्रकार की शिकायत प्राप्त न होने से कार्रवाई किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत वितरण केन्द्रों की जानकारी
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2936 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन विद्युत वितरण केन्द्रों के सृजन के क्या मापदण्ड हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के औद्योगिक क्षेत्र निमरानी और पीपलगोन नवीन विद्युत वितरण केन्द्र सृजन करने के प्रस्ताव किन-किन कारणों से असाध्य पाये गये हैं? (ग) प्रस्तावों का परीक्षण किन-किन स्तरों पर किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया था? परीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत वितरण कंपनियों की अनुमोदित संगठनात्मक संरचना के अनुरूप वितरण केंद्र/जोन का सृजन भौगोलिक प्रक्षेत्र तथा तकनीकी एवं वाणिज्यिक समंकों के आधार पर किया जाता है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत बालसमुद्र वितरण केन्द्र को विभक्त कर नवीन निमरानी वितरण केन्द्र एवं मुलठान वितरण केन्द्र को विभक्त कर नवीन पीपलगोन वितरण केन्द्र के सृजन के प्रस्ताव, नवीन कार्यालय के सृजन में होने वाले मासिक व्यय की तुलना में होने वाली अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति समुचित नहीं होने एवं विद्यमान वितरण केन्द्रों में उपभोक्ताओं की संख्या एवं स्थापित विद्युत अधोसंरचना के परिप्रेक्ष्य में पर्याप्त आवश्यक संसाधन/व्यवस्था उपलब्ध होने के कारण असाध्य पाए गए हैं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित नवीन विद्युत वितरण केन्द्रों के सृजन के प्रस्तावों का परीक्षण संचा./संधा. वृत्त कार्यालय स्तर पर अधीक्षण अभियंता, क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर मुख्य अभियंता एवं कार्पोरेट कार्यालय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों द्वारा किया गया था। परीक्षण से संबंधित कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पंचायत की वॉटर सप्लाइ स्कीम
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 2942 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की न.प. बिजावर, सटई की संयुक्त वॉटर सप्लाइ स्कीम कब शुरू हुई? (ख) MPUDC भोपाल द्वारा उक्त योजना निविदा आमंत्रित कर बनवायी गई है? अनुबंध भोपाल स्तर से किया गया है? अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि क्या है? यदि कार्य अवधि के अंदर हो रहा है तो कब तक पूर्ण होगा? यदि अवधि निकल गई है तो संस्था के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) क्या नगर परिषद् बिजावर एवं सटई में समस्त भवनों को हाउस कनेक्शन दे दिए गए हैं? दोनों निकायों में अलग-अलग हाउस कनेक्शन का क्या लक्ष्य है? अभी तक कितने कनेक्शन दिए गए हैं। (घ) दोनों निकायों में कुल पाइप-लाइन कितनी कि.मी. डाली जाना है? अभी तक कितने कि.मी. डाली गई है? दोनों निकाय की अलग-अलग जानकारी प्रदाय करें। (ड.) दोनों निकायों में इंटवेल, WTP, सम्प, OHT कितने बनाये जा रहे हैं? उनकी संख्या बतायें। कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अधूरे हैं? (च) दोनों निकायों में जो सड़कें पाइप-लाइन हेतु खोदी गई हैं, उनकी जानकारी कि.मी. में बतायें एवं उन सड़कों पर कितने कि.मी. का रेस्टोरेशन किया गया? यदि पूरा रेस्टोरेशन नहीं किया गया तो दोषी कौन है? उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (छ) अभी तक योजना मद में किन-किन कार्यों का कितना भुगतान MPUDC भोपाल द्वारा किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) छतरपुर जिले की नगर परिषद् बिजावर एवं सटई की संयुक्त वॉटर सप्लाई स्कीम का कार्य दिनांक 26.03.2020 से प्रारंभ हुआ है। /span>(ख) जी हाँ। जी हाँ, अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 24.07.2022 थी। कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सका। दिनांक 31.03.2025 तक योजना पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कार्य निर्धारित समय अवधि में नहीं करने के कारण संविदाकार मेसर्स तापी प्रीस्ट्रेस्ड प्रोजेक्ट लिमिटेड एवं जैन इंजीनियरिंग वर्क्स (जेवी) को कार्यालय द्वारा नोटिस जारी किये गये हैं एवं अनुबंध के प्रावधानुसार अर्थदण्ड के रूप में राशि रु. 20.23 लाख रोकी गयी। (ग) जी नहीं। नगर परिषद् बिजावर में 2881 हाउस कनेक्शन एवं नगर परिषद् सटई में 1546 हाउस कनेक्शन का लक्ष्य है जिसके विरुद्ध नगर परिषद् बिजावर में 195 एवं नगर परिषद् सटई में 706 हाउस कनेक्शन किये जा चुके हैं। (घ) नगर परिषद् बिजावर एवं सटई में डाली जाने वाली एवं डाली जा चुकी पाइप-लाइन का विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ड.) नगर परिषद् बिजावर एवं सटई हेतु बनाये जाने वाले इंटवेल, WTP, सम्प, OHT से संबंधित जानकारी एवं उनके निर्माण की स्थिति संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (च) नगर परिषद् बिजावर में 9.17 कि.मी सड़कें खोदी गयी हैं जिसके विरुद्ध 4.77 कि.मी का रेस्टोरेशन कार्य किया जा चुका है एवं नगर परिषद् सटई में 27.68 कि.मी सड़कें खोदी गयी हैं जिसके विरुद्ध 19.84 कि.मी. का रेस्टोरेशन कार्य किया जा चुका है। पाइप डालने के बाद अस्थाई रोड रेस्टोरेशन तत्काल कर दिया जाता है तथा पाइप-लाइन की टेस्टिंग एवं कनेक्शन के पश्चात स्थाई रोड रेस्टोरेशन किया जाता है, यह एक समानान्तर प्रक्रिया है जो कि की जा रही है। पाईप चारों नगरों की संयुक्त कार्ययोजना में विभाग द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है।
नगर परिषदों को अनुदान राशि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 2954 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद् बड़कुही एवं नगर परिषद् न्यूटन चिखली में अधिकांश भूमि वे.को.लि. की है, जिसके कारण नगर परिषदों में राजस्व की प्राप्ति सीमित होती है। नगर परिषदों में आय के स्त्रोत भी बहुत कम हैं। क्या राशि के अभाव में नागरिकों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों को कराया जाना संभव नहीं हो पाता है। दोनों ही नगर परिषदों में नागरिकों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों को कराये जाने के लिये अनुदान राशि प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय जी को अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/292 दि. 22.05.2024 एवं अनुस्मरण 01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/291 दिनांक 22.05.2024 को प्रेषित पत्रों पर अभी तक अनुदान राशि प्रदान करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही करते हुऐ कब तक दोनों ही नगर परिषदों में विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु अनुदान राशि प्रदान कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। अनुस्मरण पत्रों पर बजट की उपलब्धता/निकाय की पात्रता अनुसार समुचित कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) नगर परिषद् न्यूटन चिखली एवं बड़कुही के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त होने, बजट उपलब्धता एवं निकाय की पात्रता अनुसार अनुदान आवंटन की कार्यवाही की जा सकेगी जो कि एक सतत प्रक्रिया है। वर्ष 2023-24 में न्यूटन चिखली एवं बड़कुही को स्वीकृति की मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम के भवन निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 2955 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के नगर चांदामेटा में सुसज्जित डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य कराया जाना अत्यंत ही आवश्यक है। भवन निर्माण कार्य में लगभग 2.00 करोड़ रूपये की राशि लगेगी। भवन निर्माण कार्य हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/282 दिनांक 22.05.2024 को प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर स्वीकृति प्रदाय हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर कार्यवाही करते हुऐ कब तक नगर चांदामेटा में डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् चांदामेटा द्वारा ऑडिटोरियम भवन निर्माण हेतु कोई डी.पी.आर तैयार नहीं की गई है न ही योजना प्रस्तावित है। अनुस्मरण पत्र के अनुक्रम में निकाय से कार्ययोजना प्राप्त होने पर परीक्षण एवं बजट की उपलब्धता पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कृषकों को सोलर पम्प का प्रदाय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
80. ( क्र. 2957 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पन्ना विधानसभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने कृषकों द्वारा सोलर पम्प हेतु पंजीयन कर राशि जमा की गयी है? राशिवार नाम बतावें। क्या उक्त सभी कृषकों को सोलर पम्प प्रदाय किये जाने हेतु अनुदान सहायता राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ तो वर्षवार विवरण देवें। यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : पन्ना विधानसभा अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 35 कृषकों द्वारा सोलर पम्प हेतु पंजीयन कर राशि जमा की गई है। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त 35 कृषकों में से 12 कृषकों के यहां सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कृषकों के यहां सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य शासन की नीति के अनुसार आवेदनकर्ता पात्र पाए जाने पर वरीयताक्रमानुसार चरणबद्ध रूप से किया जाता है। विगत 5 वर्षों के दौरान कोविड-19 महामारी एवं भारत शासन की केन्द्रीय निविदा अंतर्गत अनुमोदित दरें प्राप्त न होने के कारण सोलर स्थापना का कार्य बाधित हुआ। वर्तमान में भारत शासन के निर्देशानुसार म.प्र. में सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा राज्य निविदा की गई है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। निविदा की कार्यवाही पूर्ण होने पर शीघ्र ही शेष 23 कृषकों के यहां परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर सोलर पम्प की स्थापना की जा सकेगी।
सड़क निर्माण कार्य की जाँच
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 2963 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना में अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 में मार्ग निर्माण में अमानक मिट्टी को हटाये बिना कार्यपालन यंत्री पन्ना ने अपनी सेवानिवृत्ति से 01 माह पूर्व ठेकेदार को इस अमानक मिट्टी के ऊपर सी.आर.एम. डालने की नियम विरूद्ध अनुमति प्रदान की गई? (ख) प्रश्न दिनांक तक उक्त सी.आर.एम. को नहीं हटवाये जाने के कारण शासन को होने वाली वित्तीय हानि तथा इस वित्तीय हानि के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) उपरोक्त अनुबंध में अमानक मिट्टी को हटाये जाने तथा मार्ग की निचली सतह में ठेकेदार से सुधार कार्य कराया जायेगा। यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) ठेकेदार द्वारा सुधार कार्य न करने की स्थिति में ठेकेदार के पंजीयन को निलंबित कर नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन कार्य प्रगतिरत होने के कारण माप दर्ज नहीं किये गये और न ही संविदाकार को कोई भुगतान हुआ। अतः शासन को कोई वित्तीय हानि नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ग) जी हाँ। सुधार कार्य प्रगतिरत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य प्रगतिरत होने से संविदाकार का निलंबन एवं वसूली की स्थिति निर्मित नहीं होती। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 2968 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ऐसे ग्रामों, मजरे, टोलों के लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की स्वीकृति दी है जहां पर पूर्व से कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगे थे? यदि हाँ तो ग्वालियर जिले के कितने ग्रामों एवं मजरों के लिए ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किये गये ट्रांसफार्मरों में से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ लगाये गये हैं? ग्रामवार जानकारी दें। क्या उक्त ट्रांसफार्मरों को प्रश्न दिनांक तक विद्युत सप्लाई हेतु नहीं जोड़ा गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत लगाये गये ट्रांसफार्मरों को विद्युत सप्लाई हेतु जोड़े जाने के संबंध में शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? क्या शासन शीघ्र निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या स्वीकृत/लगाए गए ट्रांसफार्मरों की लागत राशि का भुगतान तत्काल ठेकेदारों को कर दिया गया था? यदि हाँ तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उपभोक्ताओं के भार के अनुरूप ही वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाते हैं। समय-समय पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों पर उपभोक्ताओं का स्वीकृत भार एवं दर्ज अधिकतम भार की समीक्षा कर प्रचलित योजनाओं के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर अथवा वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के प्रस्तावों पर सक्षम स्वीकृति प्रदान की जाती है। ग्वालियर जिले में वांछित समीक्षा उपरान्त केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण लॉस रिडक्शन के अंतर्गत कुल 104 ग्रामों/मजरों/टोलों में विभिन्न क्षमताओं के कुल 241 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत हुए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र भितरवार के अंतर्गत स्वीकृत कुल 87 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, कार्य अपूर्ण होने के कारण उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को विद्युत सप्लाई से संयोजित नहीं किया गया है। (ग) वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत विद्युत सप्लाई जोड़ने हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं है। अपितु वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य पूर्ण होने के उपरांत कार्य की गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किये जाने की दृष्टि से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी पत्र क्रमांक-2291, दिनांक 26.09.2023 में उल्लेखित राजपत्रों में दिये गये निर्देशानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत चार्जिंग परमिशन जारी करते हुए वितरण ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत कर विद्युत सप्लाई से जोड़े जाते हैं। (घ) आर.डी.एस.एस. (लॉस-रिडक्शन) योजना के तहत टर्न-की आधार पर कार्य कराये जाने हेतु जारी कार्यादेश एवं अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य करने वाली एजेन्सी मैसर्स विन्ध्या टेलिलिंक लिमिटेड द्वारा उनके स्थानीय स्टोर में वितरण ट्रांसफार्मर प्राप्ति के पश्चात निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मान्यता प्राप्त लैब टेस्टिंग एवं एम.आर.सी. जारी होने के उपरांत प्राप्त वितरण ट्रांसफार्मरों के मूल्य की 60 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किये जाने का प्रावधान है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संचा./संधा. वृत्त ग्वालियर के क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत 241 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के विरूद्ध 237 वितरण ट्रांसफार्मर स्थानीय स्टोर में प्राप्त होने एवं उक्तानुसार निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत इनके विरूद्ध नियमानुसार 60 प्रतिशत राशि रूपये 2, 17, 15, 925/-का अग्रिम भुगतान फर्म को टर्न-की कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
स्थानीय निकायों को वित्तीय सहायता
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 2969 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग स्थानीय निकायों को विकास कार्यों हेतु वित्तीय सहायता विभिन्न योजनाओं के लिए उपलब्ध कराता है? यदि हाँ तो ग्वालियर जिले के स्थानीय निकायों को कितनी-कितनी राशि वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई है? वर्षवार, योजनावार एवं निकायवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाली नगरीय निकायों को उपलब्ध कराई राशि से कौन-कौन से कार्य किये गये? वर्षवार, कार्यवार, निकायवार जानकारी दें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय निकायों के विकास के लिए कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ तो क्या एवं कितनी राशि की? यदि नहीं तो क्यों? कार्ययोजना कब तक तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजी जायेगी? समय-सीमा बताएं। (घ) भितरवार विधानसभा के स्थानीय निकायों में कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत हैं? कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? स्थानीय निकायवार जानकारी दें। रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। नगरीय निकायों के तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से संयुक्त परीक्षाओं के माध्यम से की जाती है। निकाय से रिक्त पदों की भर्ती का प्रस्ताव संभागीय संयुक्त संचालक से प्राप्त होने पर भर्ती की प्रक्रिया की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नगरीय निकायों में निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 2973 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के नगरीय निकायों पर कौन-कौन से शासन के अधिनियम, नियम, नीति, निर्देश लागू होते हैं? उनकी प्रति देवें एवं बतावें। (ख) उज्जैन जिले के नगरीय निकायों में विगत पांच वर्षों में कौन-कौन सी मद में कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? प्रत्येक मद का उपयोग किन-किन कार्यों के लिए किया जाता है? प्रत्येक मद में कितनी राशि विगत पांच वर्षों में खर्च हुई? वित्तीय प्रशासनिक तकनीकी स्वीकृति की कॉपी देवें। (ग) उज्जैन जिले में कितने कार्य आउटसोर्स कंपनी के द्वारा कराए गए? उनके नाम, पते, कार्यानुभव की सूची देते हुए अनुबंध की कॉपी देवें। J(घ) उज्जैन जिले के नगरीय निकायों में कितने निर्माण कार्य विगत 5 वर्षों में किए गए हैं? उन कार्यों को किन-किन ठेकेदारों एजेंसियों को दिया गया है? उनके नाम, पते, स्थान की सूची एवं अनुबंध की कॉपी देवें। (ड.) विगत पांच वर्षों में किए निर्माण कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान किस-किस एजेंसी को कब-कब दिया गया है? भुगतान के बिल वाउचर एवं कैश बुक की प्रमाणित प्रति देवें। (च) विगत 5 वर्षों में विभिन्न निधियों को खर्च करने के पूर्व कार्यों की स्वीकृति तथा भुगतान के पूर्व बिल वाउचर देयक किन-किन सक्षम समितियों के द्वारा अनुमोदित किए गए? कार्यवाही का विवरण एजेंडा देवें। (छ) विगत पांच वर्षों में कितने फॉर एरिया रेशो सर्टिफिकेट कितने प्रकरणों में जारी किया गया है? उन सभी की कॉपी देवें तथा फॉर एरिया रेशो प्रावधान क्या है? प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेतु निगम के स्वीकृत पुल-पुलिया
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 2975 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा में लोक निर्माण विभाग (सेतु निगम) के कितने पुल-पुलिया (ब्रिज) के कार्य स्वीकृत हैं एवं कितने कार्य निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन कार्य की एजेन्सी कौन-कौन सी है? उक्त एजेन्सियों को कितना भुगतान किया जा चुका है एवं उक्त निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्षिप्रा नदी पर कालियादेह पर बनने वाले ब्रिज/पुलिया का निर्माण कार्य कब से बंद है एवं किस कारण से बंद हैं? उक्त पुलिया का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा एवं निर्माण एजेन्सी को कार्य कब तक पूर्ण करना हैं? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के कितने ब्रिज/पुलिया के प्रस्ताव विभाग द्वारा सिंहस्थ-2028 को देखते हुए बनाए गए हैं एवं किस स्तर पर लम्बित हैं? (घ) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के सेतु निगम के कितने पुल-पुलिया/ब्रिज क्षतिग्रस्त हैं जो कि वर्षा ऋतु में आवागमन प्रभावित/जनहानि कर सकते हैं? इस हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है? ब्रिज/पुलियावार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) सेतु परिक्षेत्र अतंर्गत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 01 कार्य स्वीकृत होकर प्रगतिरत है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में क्षिप्रा नदी पर कालियादेह पर बनने वाले पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कार्य बंद नहीं है। शेष प्रश्नांश का उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सेतु निर्माण परिक्षेत्र के अंतर्गत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ब्रिज/पुलिया के प्रस्ताव विभाग द्वारा सिंहस्थ 2028 के लिए नहीं बनाए गए है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) सेतु निर्माण परिक्षेत्र के अंतर्गत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के सेतु निगम के कोई भी पुल/पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज प्रकरण
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 2976 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में पदस्थ प्रभारी अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल उज्जैन के खिलाफ लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध ब्यूरो में कितने प्रकरण किस-किस कार्य को लेकर कहाँ-कहाँ के पंजीबद्ध हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त अधिकारी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद भी अधीक्षण यंत्री के पद के प्रभार पर रखा जाना उचित है? क्या ऐसे अधिकारी को पदस्थ रखने से शासन/विभाग की छवि धूमिल नहीं हो रही है? (ग) प्रभारी अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल उज्जैन के पूर्व में कार्यपालन यंत्री के पद पर रहते हुए किस कारण निलम्बित हुए थे एवं निलम्बन से बहाल कितने समय पश्चात किया गया था? जांच प्रतिवेदन सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार। /span>(ख) नियमानुसार पदस्थापना की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) महामृत्यंजय द्वार से तीन बत्ती चौराहे तक निर्माण कार्य में की गई अनियमितता हेतु विभागीय आदेश दिनांक 02/04/2014 द्वारा निलंबित किया गया। 05 माह 27 दिवस बाद दिनांक 25/09/2014 से निलंबन से बहाल किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार।
मध्यप्रदेश से अन्य राज्यों में बिजली का विक्रय
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 2986 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा बिजली अन्य राज्यों को विक्रय करने सम्बन्धी नियमावली तथा आदेश की सत्यापित प्रति देवें। (ख) वर्ष 2021-22 से 31 मई 2024 तक मध्यप्रदेश द्वारा किस-किस राज्य को कितने-कितने रूपए प्रति यूनिट की दर से कुल कितनी यूनिट बिजली कितनी राशि में दी गई? राज्यवार एवं वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त उल्लेखित अवधि में मध्यप्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं हेतु बिजली का उत्पादन खपत से अधिक होने से अन्य राज्यों को बिजली का विक्रय किया गया? यदि हाँ तो प्रदेश के जिलों एवं तहसीलों के शहरी क्षेत्रों व ग्रामीण में 24 घंटे में से कितने घंटे बिजली रोस्टर अनुसार उक्त उल्लेखित अवधि से दी जा रही है? (घ) क्या प्रदेश में मेंटेनेन्स के नाम पर तहसील स्तर पर 24 में से 5 से 6 घंटे एवं ग्रामीण में 24 में से 4 से 5 घंटे बिजली देने से आम जनता का भीषण गर्मी से जीवन यापन कठिन हो गया है? ऐसी स्थिति में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई नहीं कर अन्य राज्यों को बिजली विक्रय करने की क्या आवश्यकता पड़ी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विभिन्न वर्षों के लिए निर्धारित वितरण टैरिफ आदेश की कंडिकाओं में विहित प्रावधानों के अनुसार अतिशेष विद्युत का विक्रय किया जाता है। उक्त प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मानक प्रक्रिया अपनाकर ही राजस्व की वृद्धि हेतु अतिशेष विद्युत को पावर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय किया जाता है। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा अपनाई जा रही मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 के माह मई-24 तक प्रदेश द्वारा अतिशेष विद्युत का विक्रय सिर्फ पावर एक्सचेंज के माध्यम से किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। विद्युत विक्रय पावर एक्सचेंज के माध्यम से किया गया है, अत: विद्युत विक्रय की राज्यवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश के उपभोक्ताओं की मांग की आपूर्ति के पश्चात ही अतिशेष विद्युत का विक्रय अन्य राज्यों को नहीं अपितु पावर एक्सचेंज के माध्यम से किया गया है। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 के माह मई-24 तक प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षवार औसत प्रतिदिन विद्युत प्रदाय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) प्रदेश में कतिपय अवसरों पर आये आकस्मिक विद्युत व्यवधानों एवं मेन्टेनेंस हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर कृषि प्रयोजनों हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे एवं गैर-कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय के पश्चात ही अतिशेष विद्युत का विक्रय किया गया है।
डबरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 2987 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021-22 से 2023-24 में कौन-कौन से कार्य कहाँ से कहाँ तककितनी-कितनी राशि से किस कंपनी/ठेकेदार फर्म को मरम्मत व संधारण कार्य हेतु दिए गए? इसका मूल्यांकन किस उपयंत्री/सहायक अभियंता द्वारा किया गया? नाम, पद सहित वर्षवार एवं कार्यवार बतावें तथा शहरी क्षेत्र के विस्तार होने से नवीन कॉलोनियों में विद्युत पोल एवं विद्युत डी.पी. लगाने तथा घरेलू कनेक्शन देने हेतु नियम/आदेश की सत्यापित प्रति सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या आंकलित खपत अथवा विद्युत मीटर खराब होने पर अधिक राशि का विद्युत बिल उपभोक्ता को दिए जाने पर सुधार का अधिकार सहायक अभियंता एवं उप महाप्रबंधक को थे किन्तु यह अधिकार इनसे वापस लेकर किस सक्षम अधिकारी को सौंपे गए? मीटर रीडरों द्वारा मनमाने विद्युत बिल देकर सुधार हेतु उपभोक्ता कार्यालय के चक्कर लगाकर परेशान हैं। क्या जनहित में बिल का सुधार कार्य के अधिकार पूर्वानुसार अधिकारी को दिए जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों और किसको दिए जायेंगे? (ग) जिला ग्वालियर में अधीक्षण यंत्री उप महाप्रबंधक/ सहायक अभियंता कार्यालयों के अधीन उक्त श्रेणी के कर्मचारी किस दिनांक से कार्यरत हैं? इन्हें कितने वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर नियमित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक कराये गये मरम्मत एवं संधारण कार्यों की कार्यादेश राशि, संबंधित ठेकेदार/फर्मों का नाम, मूल्यांकनकर्ता कनिष्ठ यंत्री/सहायक यंत्री की कार्यवार/स्थानवार एवं वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कॉलोनियों में विद्युतीकरण एवं नवीन कनेक्शन के कार्य, म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2021 के अध्याय 4 एवं मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदान करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम 2022, {आर.जी.-31 वर्ष 2022 (II) } में निहित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021 अनुसार मीटर खराब होने की स्थिति में विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व 3 माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं, अधिक राशि के बिल नहीं दिये जाते हैं। उपभोक्ता का विद्युत मीटर खराब होने पर जारी आंकलित खपत के विद्युत बिल में सुधार किये जाने के अधिकार पूर्व में सहायक अभियंता एवं उप महाप्रबंधक को प्रदत्त थे, लेकिन म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र दिनांक 31.05.2022 के माध्यम से विद्युत बिलों में सुधार संबंधी अधिकार संचालन/संधारण वृत्त के महाप्रबंधक को प्रदत्त किये गये है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रü/span>स' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ दरों के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत आदेश दिनांक 31.05.2022 के माध्यम से उप महाप्रबंधक स्तर तक के अधिकारी द्वारा विद्युत देयक सुधार किये जाने के अधिकारों को समाप्त करते हुये 01 जुलाई 2022 से समस्त निम्नदाब विद्युत देयकों के सुधार का अधिकार संबंधित महाप्रबंधक (शहर-संचा./संधा.) को इस आशय से प्रदान किये गये हैं कि निचले स्तर पर अधिकारियों द्वारा मीटर रीडिंग एवं बिलिंग संबंधी कार्यों की गहन समीक्षा की जाये एवं महाप्रबंधक को अग्रेषित करने के पूर्व प्राप्त शिकायतों का भी सूक्ष्म परीक्षण किया जाये ताकि त्रुटियों को कम किया जा सके। उपभोक्ता को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के टोल फ्री शिकायत नंबर 1912 पर, उपाय एप, चैटबोट के माध्यम से अथवा अपने निकटस्थ कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना होती है। विद्युत देयक में सुधार हेतु उपभोक्ता को कहीं चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होती एवं शिकायत का नियमानुसार सुचारू रूप से निराकरण हो जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में लागू व्यवस्था में कोई परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) संचा./संधा. वृत्त ग्वालियर के अधीनस्थ कार्यालयों में बाह्य स्त्रोत प्रदाता एजेंसी मेसर्स स्मार्ट सर्विसेस प्राईवेट लिमिटेड एवं शहर वृत्त ग्वालियर के अधीनस्थ कार्यालयों में बाह्य स्त्रोत प्रदाता एजेंसी मेसर्स क्रिस्टल इंटीग्रेटेड प्राईवेट लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराये गये आउटसोर्स कार्मिकों (मीटरों रीडरों) की कार्यरत दिनांक सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सी के कर्मचारी होते हैं, अत: उनके नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है।
बिजली उपभोक्ताओं की समस्याएं
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 2990 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा अंतर्गत घरेलू व कृषि कार्य हेतु बिजली उपभोक्ताओं की कुल कितनी-कितनी संख्या है? संख्यात्मक जानकारी देवें। ग्रामीण क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल की राशि जमा कर दी जाती है, अन्य के द्वारा यदि बिल की राशि जमा नहीं की जाती है तो जमा बिल वालों की बिजली काटने का किस नियम के तहत अधिकार है? जबकि जमा बिल वाले उपभोक्ताओं की बिजली नहीं जानी चाहिए। यह इनका मौलिक अधिकार में आता है, फिर भी इन्हें बिजली से वंचित रखने का क्या कारण है? (ख) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर, 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर, 100 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर किन-किन योजनाओं के तहत किए गए हैं? कुल ट्रांसफार्मर की संख्यात्मक जानकारी देवें। पुष्पराजगढ़ में अधिकांश वितरण ट्रांसफार्मर खस्ता बदहाल अवस्था में पहुंच चुकी है, इन्हें बदलने एवं ग्रामीण क्षेत्र में नए वितरण ट्रांसफार्मर पर्याप्त क्षमता के उपलब्ध कराने के शासन के क्या नियम निर्देश हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रातंर्गत कुल 38985 घरेलू एवं कुल 3804 कृषि विद्युत उपभोक्ता हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की राशि जमा कर दी जाती है, उनके कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही नहीं की जाती है। जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिलों की राशि जमा नहीं की जाती है, केवल उनके कनेक्शन विच्छेदित किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक वार्षिक कार्ययोजना के तहत 25 के.व्ही.ए. के 4 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 63 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर तथा 63 के.व्ही.ए. के 10 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर की गई। 100 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर की 200 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि का कोई कार्य नहीं किया गया। इस प्रकार से पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 14 विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों का नियमानुसार रख-रखाव किया जाता है एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने अथवा फेल होने की स्थिति में नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर (फेल ट्रांसफार्मर पर कुल बकाया का 10 प्रतिशत अथवा ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर) निर्धारित समय-सीमा (जो कि शहरी क्षेत्रों हेतु अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु में माह जुलाई से सितम्बर, तक 7 दिन है) में बदले जाते हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित जिला अनुपपुर अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण/नवीनीकरण हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण सिस्टम मॉर्डनाइजेशन के तहत अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्यों को प्रस्तावित करते हुए कार्ययोजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित की गई है।
बायपास सड़क पहुंच मार्ग व ब्रिज निर्माण की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 3003 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फोरलेन स्थित बरगढ़ फटा से भैंसाना (अरनिया पीथा मंडी पहुंच मार्ग) बायपास सड़क का कार्य किस दिनांक को कितने बजट का स्वीकृत होकर कब प्रारंभ हुआ एवं जावरा-सीतामऊ मार्ग के मध्य आने वाले (रोला, मांडवी, असावती) ब्रिज निर्माण का कार्य किस दिनांक को स्वीकृत होकर कितना बजट स्वीकृत हुआ? (ख) उपरोक्त उल्लेखित बायपास मार्ग पर कार्य प्रारंभ दिनांक से कितना कार्य पूर्ण हुआ? कितना व्यय हुआ, क्या-क्या कार्य हुए? साथ ही जावरा-सीतामऊ मार्ग के ब्रिज निर्माण कार्य प्रारंभ दिनांक से कितना कार्य पूर्ण हुआ, उस पर कितना व्यय हुआ, क्या-क्या कार्य किए गए तथा दोनों कार्यों की अपूर्णता किन कारणों से होकर क्या-क्या कार्यवाहियां की? (ग) बरगढ़ फटा से व्हाया लुहारी-भूतेड़ा-उज्जैन टू-लेन पहुंच मार्ग की मांग अत्यधिक यातायात एवं परिवहन की आवश्यकता के दृष्टिगत लगातार की जा रही है, इस पर शासन/विभाग द्वारा बनाए प्रस्ताव एवं कार्ययोजना को बजट में सम्मिलित कर कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी? (घ) बरगढ़ फटा से भैंसाना बायपास मार्ग एवं जावरा-सीतामऊ मार्ग के मध्य आने वाले ब्रिज दोनों उल्लेखित कार्यों की अपूर्णता की स्थिति में वर्षा काल में यातायात बाधित होने पर शासन/विभाग द्वारा यातायात सुचारू रूप से चले, इस हेतु क्या किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फोरलेन स्थित बरगढ़ फंटा से भैंसाना (अरनिया पीथा मंडी पहुंच मार्ग) बायपास नाम से स्वीकृति नहीं अपितु बरगढ़ फंटा (एस.एच-31) से भैंसाना फंटा (एस.एच.-31) मार्ग के नाम से स्वीकृत है। शेष प्रश्नांश का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव किसी भी कार्ययोजना में सम्मिलित नहीं होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग निर्माण के ठेकेदार को आवश्यक मशीनरी एवं अन्य संसाधन की उपलब्धता रखने हेतु निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार जावरा सीतामऊ मार्ग के मध्य निर्माणाधीन पुलों की अपूर्णता की स्थिति में परिवर्तित मार्ग को वर्षाकाल में सुचारू यातायात के प्रवाह हेतु मरम्मत कार्य करने हेतु एजेंसी नियत की गई है।
नगर परिषदों के द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 3008 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की समस्त नगर परिषदों के दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य चल रहे हैं और कौन-कौन से स्वीकृत किये गये हैं? टेण्डर किन-किन निर्माण एजेन्सियों को प्राप्त हुये है? कामवार, वर्षवार, निर्माण एजेन्सी का नाम तथा कार्यों की प्रगति क्या है? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं? कौन-कौन के कार्य अपूर्ण हैं? उनको कैसे और कब तक पूर्ण कराया जा सकता है? (ख) सिवनी जिले की समस्त नगर परिषदों में वर्तमान में गर्मी के सीजन में पीने के पानी की समस्या हो सकती है, ऐसे में कितने सी.सी. रोड हैं जहां सी.सी. रोड का निर्माण पहले ही हो गया है, पानी की पाइप-लाइन बाद में डाली जा रही है। उन सड़कों को खोदकर डाली जाने वाली पाइप-लाइन पर पुन: सी.सी. रोड डाली गई या नहीं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी जिले की समस्त नगर परिषदों के द्वारा 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सामग्री किन-किन मदों में क्रय की गई? (घ) क्या क्रय की सामग्री को क्रय करते समय शासन के नियमों का पालन किया गया है? क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता की वैधता, स्वीकृति का आधार एवं भुतगान का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? यदि हाँ तो सम्पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सिवनी जिले की नगर परिषद् सिवनी, बरघाट, लखनादौन, छपारा एवं केवलारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी- पाइप-लाइन के विस्तार न होने से सी.सी रोड की कटिंग नहीं की गई। बरघाट- कच्चे स्थान पर सड़क किनारे पाइप-लाइन डाले जाने से रोड कटिंग नहीं की गई। लखनादौन- सी.सी.रोड निर्माण के पूर्व पाइप-लाइन डालकर रोड का निर्माण किया गया। छपारा- सी.सी.रोड निर्माण पश्चात पाइप-लाइन डालने हेतु खुदाई नहीं की गई। केवलारी- सी.सी.रोड निर्माण पश्चात पाइप-लाइन डालने हेतु खुदाई नहीं की गई। (ग) सिवनी जिले की नगर परिषद् सिवनी, बरघाट, लखनादौन, छपारा एवं केवलारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी उत्तरांश ''ग'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
92. ( क्र. 3040 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग की कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत हैं एवं उस पर विगत दो वर्षों में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिये शिक्षा हेतु जुन्नारदेव विधानसभा में कहाँ-कहाँ छात्रावास खोले गये हैं और उनमें वर्तमान में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत हैं और उन्हें कितनी वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है? (ग) भारत सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण शासकीय सेवाओं में दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शासकीय सेवाओं में वर्तमान में 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर केन्द्र के समान 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर क्या विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षण हेतु छात्रावास निर्माण हेतु इस वित्तीय बजट में प्रावधान करेंगे?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग की स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। योजनाओं में विगत 2 वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत सभी जिला मुख्यालयों पर छात्रावास संचालित किये जाने की योजना है। पृथक से विधानसभावार छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 14 अगस्त 2019 द्वारा मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत के स्थान पर 27 प्रतिशत स्थापित किया गया है। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) विभाग अंतर्गत विधानसभावार छात्रावास निर्माण की कोई योजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज की शर्तों के विपरीत हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 3055 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2209, उत्तर दिनांक 17-03-2023 में क्या राज्य शासन यह तथ्य स्वीकार करता है कि परिशिष्ट-(ब) की भूमि पर नर्सरी शाला के स्थान पर अवैध एवं लीज की शर्तों के विपरीत हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन निरंतर किया जा रहा है? (ख) क्या राज्य शासन यह तथ्य स्वीकार करता है कि प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शासन की हानि कारित करना आपराधिक कृत्य है? यदि हाँ तो नर्सरी के स्थान पर हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन करने से राज्य को राजस्व की हानि हुई है या नहीं? यदि हाँ तो संचालकों पर अभी तक एफ.आई.आर. क्यों नहीं दर्ज कराई गई और यदि हानि नहीं हुई है तो किस प्रकार समिति का यह कृत्य नियमानुसार सही है, स्पष्ट करें। (ग) क्या भूमि मालिक को टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से अनुमोदित अभिन्यास को परिवर्तित करते हुए नर्सरी शाला के लिए आरक्षित एवं आवंटित क्षेत्रफल में हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित करने का अधिकार है? (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2209 उत्तर दिनांक 17-03-2023 के प्रश्नांश (क) में जारी किए गए नोटिस की प्रति, समिति द्वारा दिए गए उत्तर की छायाप्रति एवं नोटिस प्राप्त होने पर मंडल द्वारा की गई कार्रवाई का पालन प्रतिवेदन देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मण्डल द्वारा उक्त भू-खण्ड की लीज शैक्षणिक प्रयोजन हेतु प्रदान की गई है एवं भूमि का शैक्षणिक प्रयोजन हेतु ही उपयोग किया जा रहा है। भूमि पर नर्सरी के स्थान पर हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। समिति द्वारा सक्षम स्वीकृतियां प्राप्त की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भूमि मालिक ने टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा जारी अभिन्यास को परिवर्तित नहीं किया गया है अपितु अभिन्यास में नर्सरी शाला के लिए आरक्षित भू-खण्ड पर शैक्षणिक स्तर में वृद्धि की गई है। (घ) नोटिस के जबाव में संस्था ने अन्य विभागों की अनुमतियां प्राप्त होना अवगत कराया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संस्था द्वारा अन्य विभागों से अनुमतियां प्राप्त कर भू-खण्ड के अधिभोग में परिवर्तन किया गया है, अतः मण्डल स्तर पर कोई कार्यवाही शेष नहीं है।
बोरिंग का रख-रखाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 3063 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम क्षेत्र इंदौर एवं देवास की नगरीय क्षेत्र में सभी बोरिंग का रख-रखाव पिछले 15 वर्षों से किस ठेकेदार/कंपनी को दिया गया है एवं उनके अनुबंध की शर्तें क्या हैं? कंपनी के कार्यालय का पता, संपर्क नंबर एवं अनुबंध की छायाप्रति प्रदान करने का आग्रह है। (ख) नगर पालिक निगमों द्वारा विगत 10 वर्षों में बोरिंगों के रख-रखाव करने वाले ठेकेदारों को कब कितनी राशि का भुगतान किया गया है? वर्षवार एवं वार्डवार जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में तात्कालिक इंदौर नगर निगम आयुक्त द्वारा विशेष योजना बनाकर निगम द्वारा बोरिंगों के रख-रखाव पर किये जा रहे अधिक व्यय को रोकने की योजना बनाई गयी थी, क्या? यदि हाँ तो वह योजना क्या थी? ठेकेदार के खिलाफ वार्डवार जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही बरतने व कार्य नहीं करने की शिकायतें की गई थीं? यदि हाँ तो सबंधित ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?(घ) क्या संपूर्ण शहर के बोरिंगों के रख-रखाव के लिये एक ही ठेकेदार/कंपनी को निविदा के माध्यम से कार्यादेश देने की बजाय जोनवार या वार्डवार निविदा जारी कर अलग जोन/वार्ड में अलग ठेकेदार/कंपनी को बोरिंगों के रख-रखाव का कार्य देने की कोई योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। अनुबंध तथा शर्तों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। नगर पालिक निगम देवास की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। नगर पालिक निगम इंदौर में बोरिंग रख-रखाव कार्य की निविदा आमंत्रण वार्डवार नहीं होने से वार्डवार भुगतान की राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। नगर पालिक निगम देवास की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। पूर्व में शहर में स्थापित समस्त बोरिंग के रख-रखाव हेतु एक ही समूह में निविदा आमंत्रित की जाती थी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में निगम द्वारा विशेष योजना अंतर्गत बोरिंग के रख-रखाव के कार्य में अधिक निविदाकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा अधिक प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से शहर के 19 जोन्स के चार समूह बनाकर निविदा आमंत्रित की गई। जी हाँ। ठेकेदार के खिलाफ जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्य में विलम्ब की शिकायत प्राप्त हुई थी, तत्पश्चात निगम द्वारा ठेकेदार के मासिक देयक से अनुबंध अनुसार कटौत्रा किया गया है। (घ) जी नहीं। नगर पालिक निगम इंदौर में वर्तमान में सम्पूर्ण शहर के बोरिंगों के रख-रखाव के लिये चार समूहों में निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया प्रचलित है। जोनवार या वार्डवार निविदा जारी करने की अभी कोई योजना नहीं है।
नगर परिषद् अंतर्गत विभिन्न कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 3067 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला देवास अंतर्गत नगर परिषद् सोनकच्छ के पिपलेश्वर मंदिर से बस स्टैंड तक की सड़क के दोनों ओर पटरियों के स्थान पर पेवर ब्लॉक लगाने की योजना थी एवं क्या नगर परिषद् सोनकच्छ में ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे से खाद बनाने वाली मशीन लगायी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ तो पेवर ब्लॉक लगाने की योजना कब तक मूर्त रुप ले लेगी एवं ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे से खाद बनाने वाली मशीन कब तक चालू हो जावेगी? (ग) नगर परिषद् सोनकच्छ में अधिकारियों/कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं उन पदों पर कितने अधिकारीयों/कर्मचारियों की नियुक्ति हो चुकी है तथा कितने पद रिक्त हैं? (घ) नगर परिषद् सोनकच्छ अंतर्गत पेयजल वितरण हेतु जो पाइप-लाइन डाली गयी है, उससे कब तक पेयजल सप्लाई चालू हो जायेगी? क्या कालीसिंध नदी पर घाट निर्माण भी प्रस्तावित है? यदि हाँ तो वह कब तक पूरा हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कचरे से खाद बनाने वाली मशीन चलित अवस्था में है। (ग) स्वीकृत पद संख्या 114, भरे पद संख्या 50 एवं रिक्त पद संख्या 64 हैं। (घ) आंशिक तौर पर पेयजल वितरण किया जा रहा है। शेष वितरण प्रणाली दिसम्बर, 2024 तक प्रारंभ होना लक्षित है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर निगम के कचरा वाहनों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 3073 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल की विभिन्न जोन/वार्डों में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कचरा वाहन संचालित किये जा रहे हैं और कचरा वाहन चलाने वाले कितने ड्राइवर के पास लाइसेंस है और कितने ड्राइवर बिना लाइसेंस के कचरा वाहन चल रहे हैं? जोन/वार्डवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा कचरा उठाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों से डीजल चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं? यदि हाँ तो वाहनों से डीजल चोरी के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदारों पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे कचरा वाहनों/मैजिक में ट्रैकिंग सिस्टम न होने के कारण डीजल चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है? यदि हाँ तो विभाग को प्रतिदिन लाखों रुपए के आर्थिक नुकसान तथा वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम न लगाए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? कचरा वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम कब तक लगाया जाएगा? तिथि सहित अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है।
आवारा कुत्तों की नसबंदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 3074 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में आवारा कुत्तों की संख्या कितनी है तथा उक्त आवारा कुत्तों की नसबंदी पर विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा व्यय की गई एवं नसबंदी के उपरांत आवारा कुत्तों की संख्या में कितनी कमी हुई है? वर्षवार कुत्तों की नसबंदी पर शासन द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल शहर में विगत 1 वर्ष में आवारा कुत्तों के काटे जाने से कितने व्यक्तियों/बच्चों/महिलाओं की मौत हुई? कितने घायल हुए? कितने अपंग हुए? वार्डवार/क्षेत्रवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा आवारा कुत्तों की नसबंदी पर व्यय की गई राशि की जानकारी देवें। आवारा कुत्तों के हमले से मृत हुए व्यक्तियों/बच्चों के परिवारजनों को कब-कब तथा कितना मुआवजा प्रदान किया गया? यदि नहीं तो क्यों? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) (1) नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पशु संगणना की कार्यवाही नहीं की जाती है। अतः आवारा कुत्तों की संख्या बता पाना संभव नहीं है। (2) विगत 5 वर्षों में नगरपालिक निगम भोपाल द्वारा नसबंदी पर व्यय की गई राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
वर्ष |
व्यय राशि रूपये |
1 |
2019-20 |
1.33 करोड़ |
2 |
2020-21 |
41.05 लाख |
3 |
2021-22 |
83.87 लाख |
4 |
2022-23 |
85.83 लाख |
5 |
2023-24 |
2.30 करोड़ |
|
2024-25 (31 मई 2024 तक) |
26.43 लाख |
(3) उपरोक्त बिन्दु 01 अनुसार संगणना नहीं होने से जानकारी बताना संभव नहीं है। (4) कुत्तों की गई नसबंदी का वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
वर्ष |
नसबंदी ऑपरेशन की संख्या |
1 |
2019-20 |
15175 |
2 |
2020-21 |
4269 |
3 |
2021-22 |
8536 |
4 |
2022-23 |
9082 |
5 |
2023-24 |
18497 |
|
2024-25 (31 मई 2024 तक) |
2493 |
(ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार भोपाल जिले में वर्ष 2024 (01 जून 2023 से 31 मई 2024) आई.एच.आई.पी. पोर्टल में दर्ज कुत्तों के काटे जाने के मामलों की कुल संख्या 16030 एवं दर्ज मृत्यु 02 है। घायलों एवं अपंग हुये प्रकरणों की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की गयी। वार्डवार एवं क्षेत्रवार जानकारी पृथक से संधारित नहीं की गयी। (ग) आवारा कुत्तों के काटने पर मुआवजा दिये जाने के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास द्वारा कोई योजना प्रचलित न होने से मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है।
नगरीय क्षेत्र में भवन एवं प्लाट के नामान्तरण की प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 3078 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में भवन या प्लाट का नामान्तरण किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ तो नामान्तरण किये जाने की क्या प्रकिया है? (ख) क्या विभाग द्वारा भवन या प्लाट के नामान्तरण हेतु कोई शुल्क निर्धारित किया गया है? यदि हाँ तो शुल्क लिये जाने के क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी कॉलोनियां हैं, जिसमें से कौन-कौन सी वैध हैं और कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां है? क्या शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ तो उन्हें कब वैध किया जावेगा? समय-सीमा बतावें। (घ) राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने भवन एवं प्लॉट हैं, जिनके नामान्तरण हो चुके हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 150 में उपबंधित अनुसार नगरीय क्षेत्र में किसी भवन या प्लाट के हक अंतरण की सूचना परिषद् को दिया जाना आवश्यक है। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 151 में विहित प्रारूप में हक अंतरण की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय नगर पालिका द्वारा सार्वजनिक सूचना के माध्यम से इश्तहार जारी कर निर्धारित समयावधि में दावे-आपत्तियां प्राप्त किए जाते हैं, जिनके विधिवत निराकरण उपरान्त परिषद् द्वारा हक अंतरण का दावा मंजूर किया जाता है। (ख) नगरीय क्षेत्र में किसी भवन या प्लाट के हक अंतरण की सूचना के लिए विभाग द्वारा शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है, परन्तु हक अंतरण की सूचना के साथ स्थानीय परिषद् द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जाता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राज्य सरकार द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने के कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, अपितु नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आईं चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के लिए म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में समुचित प्रावधान किए गए हैं। उत्तरांश के अनुसार वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) नगरीय क्षेत्र राजगढ़ में 4475 भवन एवं प्लाट नगर पालिका की भवन पंजियों में दर्ज हैं जिनके हक अंतरण निकाय द्वारा किये गये हैं।
वित्तीय अनियमितता की विभागीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 3085 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर नगर निगम में हाल ही में पाये गये 117 करोड़ के घोटाले के संदर्भ में बतावें कि इसकी जानकारी कैसे प्राप्त हुई तथा इस बारे में की गई विभागीय जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया? जांच रिपोर्ट की प्रति देवें तथा किस-किस पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? एफ.आई.आर. की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के घोटाले के मद्देनजर अन्य सारी नगरीय निकाय में इन्दौर घोटाले के बिन्दु अनुसार जांच की जायेगी। क्या ऐसा वक्तव्य मा. मंत्री जी ने दिया था? यदि हाँ तो बतावें कि जांच हेतु निकाले गये आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि किस-किस नगरीय निकाय की जांच हो चुकी है तथा जांच में क्या पाया गया? (ग) नगर निगम रतलाम, इन्दौर, उज्जैन में वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक विभिन्न निर्माण तथा रख-रखाव के कार्य जो पूर्व की स्वीकृत दरों पर कराये गये हों, उनके ठेकेदार का नाम, कार्य स्थल, कार्य का प्रकार, दर, कुल राशि, कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक, कार्य समाप्त करने की दिनांक, भुगतान की तारीख सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित नगर निगम में वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक किस-किस कार्य के लिये 20 लाख से अधिक राशि के कार्य के टेण्डर निकाले गये? ठेकेदार का नाम जिसका टेण्डर न्यूनतम रह कर स्वीकृत हुआ, कार्य का स्थान, कार्य का नाम, अनुबंध की दिनांक, दर, कुल टेण्डर लागत, कार्य प्रारम्भ तथा समाप्ति की दिनांक, भुगतान की राशि और दिनांक सहित सूची दें। (ड.) प्रश्नांश (ग) तथा (घ) में उल्लेखित कार्य में से किस-किस कार्य में अनियमितता, घोटाला, भ्रष्टाचार पाया गया? उसकी सूची विस्तृत जानकारी सहित दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क निर्माण एवं आदिवासी उपयोजना के तहत प्राप्त आवंटन
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 3086 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क) धार जिले में विभिन्न श्रेणी के कितने कि.मी. लंबाई मार्ग है? विधान सभावार जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक किस-किस श्रेणी की कितने कि.मी. लंबाई में सड़क निर्माण किया गया? (ख) आदिवासी उपयोजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2023-24 को कितनी राशि का आवंटन/प्रावधान था तथा कितनी व्यय की गई? व्यय से धार जिले की किस विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशि से किस श्रेणी की कितने कि.मी. लंबाई का सड़क का निर्माण किया गया? (ग) क्या 2015-16 से 2021-22 में आदिवासी उपयोजना में आवंटन/प्रावधान 7693.17 करोड़ में से मात्र 6019.21 करोड़ ही खर्च किये गये? यदि हाँ तो बतावें कि शेष राशि 1673.96 करोड़ का क्या उपयोग किया गया? विस्तृत जानकारी, दस्तावेज, पत्राचार सहित सूची देवें। (घ) क्या सरदारपुर विधानसभा में पिछले तीन वर्षों में ग्रामीण मार्ग की एक इंच भी सड़क का निर्माण नहीं किया गया? यदि हाँ तो इसका कारण बतावें। यदि नहीं तो किस राशि से किस सड़क का कितने कि.मी. निर्माण किया गया? (ड.) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये किस-किस श्रेणी की कौन सी सड़क कितने कि.मी. लंबाई की कितनी राशि से निर्माण करना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) धार जिले में विभिन्न श्रेणी के मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ', 'अ-2' एवं वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक श्रेणीवार सड़कों के निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1', एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) आदिवासी उपयोजना में वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब' एवं धार जिले में विधानसभा क्षेत्रवार निर्माण किये गये सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-3', 'ब-1' एवं परिशिष्ट '1' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'द' अनुसार है।
टोल रोड के अनुबंध में भिन्नता
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 3093 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007 से 2012 के मध्य केन्द्र द्वारा अनुशंसित टोल रोड मॉडल कन्सेशन एग्रीमेंट की प्रति देवें। बताएं कि लेबड़-जावरा, जावरा-नयागांव तथा भोपाल-देवास टोल रोड का अनुबंध किस दिनांक को हुआ? इनकी प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तीनों टोल रोड में प्रीमियम, सुपरविजन चार्जेस इत्यादि की शर्तें क्या हैं? प्रारंभ से 2023-24 तक इन मदों में किस रोड पर, किस वर्ष में, कितनी राशि प्राप्त हुई? प्रीमियम की शर्तों में परिवर्तन क्यों किया गया तथा केन्द्र के मॉडल कन्सेशन अनुबंध में इस संबंध में शर्तें क्या हैं? (ग) लेबड़-जावरा मार्ग की अवधि 5 वर्ष, धारा (29) के अनुसार बढ़ा दी गई है। इसमें बताएं कि जावरा-नयागांव तथा भोपाल-देवास में अवधि बढ़ाने संबंधी शर्त क्यों नहीं थी? लेबड़-जावरा में यह शर्त किस कमेटी, अधिकारी की अनुशंसा से जोड़ी गई? क्या इसकी केन्द्र से अनुमति ली गई है? (घ) प्रश्नाधीन तीनों टोल रोड का अनुबंध किस कमेटी द्वारा अनुमोदित किया गया? उससे संबंधित सम्पूर्ण दस्तावेज, नोटशीट की प्रतियां देवें। तीनों टोल रोड के अनुबंध की किस-किस धारा में भिन्नता है और क्यों? (ड.) क्या टोल रोड में भिन्नता के कारण अनुबंध में भी अंतर है? यदि हाँ तो क्या सारे टोल रोड का अनुबंध भिन्न-भिन्न है? यदि हाँ तो बताएं कि किस-किस टोल रोड में प्रीमियम की शर्त क्या-क्या है तथा किस-किस टोल रोड में टोल अवधि बढ़ाए जाने की शर्त है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। प्रीमियम की शर्तें कन्सेशन अनुबंधानुसार है। प्रीमियम की शर्तें विभाग द्वारा स्वीकृत कन्सेशन अनुबंध अनुसार रखी गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ग) जी हाँ। अनुबंध में निहित प्रावधानुसार लेबड़-जावरा मार्ग की अवधि बढ़ाई गई है। विभाग द्वारा स्वीकृत कन्सेशन अनुबंध में जावरा-नयागांव तथा भोपाल-देवास में अवधि बढ़ाने से संबंधी शर्तें नहीं थी। विभाग की स्वीकृति अनुसार जावरा-नयागांव मार्ग एवं भोपाल-देवास मार्ग में अवधि बढ़ाने संबंधी शर्तें नहीं रखी गयी। विभाग द्वारा स्वीकृत लेबड़-जावरा मार्ग के अनुबंध में धारा-29 का प्रावधान जोड़ा गया। केंद्र से अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। (घ) तीनों टोल रोड तत्समय प्रचलित कन्सेशन अनुबंध विभाग द्वारा प्रदत्त स्वीकृति अनुसार उपयोग किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span> एवं 2 अनुसार। (ड.) जी हाँ। प्रत्येक टोल रोड के अनुबंध परियोजनावार भिन्न-भिन्न हैं। तीनों टोल मार्गों की प्रीमियम की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट¼/span> अनुसार। उपरोक्त तीनों रोडों में से केवल लेबड़-जावरा मार्ग में टोल अवधि बढ़ाए जाने की शर्त है।
कुत्तों एवं अन्य जानवरों से संबंधित जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 3096 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम सहित प्रदेश के जिलों में नगर पालिका निगम के द्वारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य कार्य पर वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी राशि खर्च की गई? कितनी राशि के ठेके किस कार्य के लिए (भोजन, दवाइयां आदि) उपलब्ध/वितरित/डालने हेतु किस व्यक्ति/फर्म आदि को दिए हैं? कितना भुगतान किया गया है, कितना बकाया है? वर्षवार बतावें। कुत्तों सहित अन्य जानवरों के हित/एनिमल वेलफेयर में कार्य करने वालों की क्या जिम्मेदारी/अधिकार हैं? प्रतियां देवें। जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची/नाम सहित विवरण देवें। (ख) पालतू कुत्तों और अन्य जानवरों को पालने के लिए पंजीयन सहित अन्य क्या नियम हैं? प्रति देवें। प्रदेश के जिलों में कितने कुत्ते और अन्य जानवरों का पंजीयन किया गया है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) कुत्तों और अन्य जानवरों से संबंधित किस कारण से, कितनी शिकायतें प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में मिली तथा कितनों का निराकरण किया गया? क्या सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों सहित अन्य जानवरों को घुमाने एवं दैनिक क्रिया करवाने के क्या प्रावधान, नियम, प्रतिबंध हैं प्रतियां देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिका में राशि का गबन
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 3098 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका परिषद् में वर्ष 2015-16 में जल शाखा में 25 लाख रूपए की राशि का गबन पाया गया था, जिस पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या इसका ऑडिट किया गया है? अगर ऑडिट आपत्ति है तो तत्कालीन सी.एम.ओ. पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 25 लाख की राशि गबन मामले में तत्कालीन सी.एम.ओ., जल शाखा प्रभारियों, स्टोर शाखा प्रभारी व अन्य कर्मचारियों पर क्या विभाग द्वारा कोई एफ.आई.आर. एवं कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या राशि गबन के मामले में शासन द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई थी? यदि आज प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई तो विभाग द्वारा कब तक सम्बंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी? क्या विभाग द्वारा सम्बंधित आरोपियों से राशि वसूल की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। गबन के लिए उत्तरदायी कर्मचारी को निकाय द्वारा विभिन्न पत्रों के माध्यम से गबन की राशि निकाय कोष में जमा कराने के निर्देश दिए गए थे परन्तु कर्मचारी द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई। अत: उपरोक्त के दृष्टिगत निकाय द्वारा थाना महिदपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी, महिदपुर में शिकायत दर्ज कराई गई है। इसका ऑडिट कार्यालय, महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा), ग्वालियर द्वारा किया गया है। अंकेक्षण प्रतिवेदन में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही का उल्लेख नहीं है। अपितु अंकेक्षण प्रतिवेदन के अनुसार दोषी कर्मचारी के विरूद्ध निकाय द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये सेवा समाप्त की गई है। पत्र एवं आदेशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरण में निकाय द्वारा थाना महिदपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी, महिदपुर में शिकायत दर्ज कराई गई है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राशि वसूली की कार्रवाई प्रचलित है।
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाये गए ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 3099 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए हैं? क्या प्रत्येक ट्रासफार्मर पर उनकी क्षमता से अधिक लोड दिया गया है? प्रत्येक ट्रांसफार्मर पर ग्रामवार कितने कनेक्शन दिए गए हैं? (ख) विगत 2 वर्षों में किन-किन ग्रामों में कितने नवीन ट्रांसफार्मर लगाये गए हैं? विगत 2 वर्षों में ओवर लोड के कारण जलने पर कितने ट्रांसफार्मर बदले गये हैं एवं कितने वापस सुधार कर दिये गए हैं? (ग) आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कितने ग्रामों में ट्रांसफार्मर लगाये गए हैं एवं कितने लोड के लगाये गए हैं? कितने ट्रांसफार्मर आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित हैं एवं कितने अभी तक लगा दिए गए हैं? (घ) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी कंपनी या ठेकेदार द्वारा ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य किया जा रहा है? कंपनी या ठेकेदार द्वारा कितने कार्य दिवस में कार्य पूर्ण करना था एवं वर्तमान में कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है? क्या कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कब-कब की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में स्थापित किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमतावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। स्थापित कुल 6428 वितरण ट्रांसफार्मरों पर उनकी क्षमता के अनुरूप भार स्वीकृत किया गया था, किन्तु इनमें से कुल 1099 वितरण ट्रांसफार्मरों पर उनकी क्षमता से अधिक भार पाया गया है, अतः इन 1099 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. एवं एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत प्रस्तावित किये गये हैं। उपरोक्त स्थापित कुल 6428 वितरण ट्रांसफार्मरों पर कुल 88633 कनेक्शन दिये गये हैं, जिनकी ग्रामवार एवं वितरण ट्रांसफार्मरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में कुल 107 ग्रामों में 25 के.व्ही.ए. के कुल 103, 63 के.व्ही.ए. के कुल 5, 100 के.व्ही.ए. के 75 एवं 200 के.व्ही.ए. के कुल 3 इस प्रकार कुल 186 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गए हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। विगत 2 वर्षों में ओवरलोड के कारण कुल 26 वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुये थे, जिसमें से सभी 26 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है एवं इन 26 स्थानों पर वितरण ट्रांसफार्मरों को सुधार कर पुनः लगाये जाने की संख्या निरंक है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में कुल 97 ग्रामों में 100 के.व्ही.ए. के कुल 135 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गए हैं। आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में 100 के.व्ही.ए. के कुल 273 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से उक्तानुसार 135 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में 100 के.व्ही.ए. के कुल 210 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के 750 कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिनकी वर्तमान में स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत मेसर्स विंध्या टेलीलिंक लिमिटेड, रीवा द्वारा आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य कार्यादेश की दिनांक 16.02.23 से किया जा रहा है। क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कार्यादेश की दिनांक से 2 वर्ष में कार्य पूर्ण किया जाना है एवं वर्तमान तक लगभग 49 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कार्यादेशानुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि पूर्ण नहीं होने के कारण शेष प्रश्न नहीं उठता।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 3113 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की रेन वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु क्या योजना है? प्रदेश में कितनी जगह रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना लागू है? यदि कोई योजना नहीं है तो कब तक जल संरक्षण की दिशा में किस योजना को लागू कर क्रियान्वयन किया जाएगा? (ख) भवन निर्माण की अनुमति देते समय भी रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान है? यदि हाँ तो इसे शक्ति के साथ क्यों नहीं लागू किया जाता? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) समस्त जिलों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का कितना काम किया जा सका? (घ) जल संरक्षण के उद्देश्य से समस्त शासकीय भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का कार्य किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सब-स्टेशन का निर्माण एवं बिजली कटौती की जानकारी
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 3129 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितने 33/11 सब-स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है तथा किनके द्वारा निर्माण किया जा रहा है? निविदा की प्रथम प्रक्रिया से आज दिनांक तक हुई प्रगति का ब्यौरा देवें। (ख) समस्त बालाघाट जिले में विद्युतीकरण के कार्य विगत दो वर्षों से किन-किन स्थानों पर किए गए हैं? किए गए कार्यों की निविदा किसे प्रदान की गई? क्या Jसमय-सीमा में कार्य पूर्ण हुए? यदि नहीं तो बताएं कि निविदाकार या संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस कार्य हेतु Jकिस-किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या ग्रामों में बिजली काटी जाती है? यदि हाँ तो दोषी कौन है? क्या ग्रामों में बिजली शासन/विभाग की ओर से कटौती की जा रही है? 1 दिन में कम से कम 10 बार बिजली काटी जाती है। कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. के 2 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत किया जा रहा है। उक्त कार्य हेतु कार्यादेश मेसर्स यूनिवर्सल एम.ई.पी. प्रोजेक्ट एवं इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड, मुम्बई को जारी किया गया है। उक्त कार्य हेतु निविदा आमंत्रण प्रक्रिया दिनांक 30.09.2022 को प्रारंभ की गई थी। तदोपरान्त दिनांक 04.11.2022 एवं दिनांक 24.11.2022 को क्रमश: टेक्नो-कमर्शियल एवं फाइनेंशियल बिड खोली गई थी। उक्त प्रक्रिया में सफल निविदाकार मेसर्स यूनिवर्सल एम.ई.पी. प्रोजेक्ट एवं इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड, मुम्बई को दिनांक 26.12.2022 को कार्यादेश जारी किया गया। योजनान्तर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बघोली हेतु 0.8 कि.मी. 33 के.व्ही. लाइन एवं 2 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइन के पोल खड़े करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त नवीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य माह अक्टूबर, 2024 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र समनापुर हेतु 33 के.व्ही. की 4.83 किलोमीटर लाइन एवं 11 के.व्ही. की 8.5 किलोमीटर लाइन का कार्य किया जाना है। उक्त उपकेन्द्र हेतु यार्ड लेवलिंग एवं फेंसिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में कंट्रोल रूम निर्माण का कार्य प्रगति पर है। उक्त नवीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य माह दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। /span>(ख) बालाघाट जिले में विगत दो वित्तीय वर्षों में विद्युत अधोसंरचना निर्माण के आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं विभागीय स्तर (निर्माण संभाग) द्वारा इम्पैनल्ड लैबर अवार्ड के तहत पूर्ण कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। साथ ही संबंधित फर्म/इम्पैनल्ड कॉन्ट्रेक्टर जिसे निविदा प्रदान की गई है, की जानकारी उक्त प्रपत्रों में समाहित है। विगत दो वित्तीय वर्षों में निविदा अनुसार किये गये सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों हेतु प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में किये गये भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है।
जलावर्धन योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 3159 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा नगर की पेयजल समस्या के निराकरण हेतु ग्राम समोहा से करैरा तक जलावर्धन योजना अंतर्गत पाइप-लाइन डालने हेतु कुल कितनी राशि किस वर्ष में स्वीकृत की गई थी? कार्य की समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या ग्राम समोहा से करैरा पेयजल योजना अधिकारियों की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के कारण अब तक जलावर्धन योजना पूर्ण नहीं हुई? इसके कारण नगर करैरा भीषण पेयजल से जूझ रहा है। (ग) समोहा से करैरा पेयजल योजना में किन-किन अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरतने के कारण उक्त योजना कार्य पूर्ण नहीं हुआ? यह कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? क्या शासन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध भी ठोस कार्यवाही करेगी? (घ) क्या उक्त निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त नहीं कराये जाने के कारण नगर वासियों द्वारा शिकायतें की गई हैं? उक्त शिकायत की कब-कब जांच की गई तथा जांच पश्चात दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ङ) ठेकेदार द्वारा उक्त निर्माण कार्य के दौरान नगर की सड़कें खोदकर अधूरी छोड़ दी गई हैं जिससे दुर्घटना होती रहती है। सड़कों की मरम्मत कब तक कराई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 26.12.16 को पैकेज 4डी जल प्रदाय योजना के अंतर्गत करैरा नगर की जल आवर्धन योजना स्वीकृत हुई थी। इस स्वीकृति के अंतर्गत ग्राम समोहा से करैरा तक बिछाई जाने वाली पाइप-लाइन हेतु राशि रू. 608.58 लाख स्वीकृत हुई है। संविदाकार के साथ हुये अनुबंध अनुसार कार्यपूर्ण होने की समयावधि 850 दिन थी। दिनांक 21.10.2019 तक पूर्ण करना लक्षित था। (ख) जी नहीं। कोरोना महामारी, विभागों से अनुमति प्राप्त होने में विलंब के कारण योजना पूर्ण करने में कठिनाई हो रही है। नगर परिषद् द्वारा मौजूदा साधनों से नगर में जल प्रदाय किया जा रहा है एवं संविदाकार द्वारा मौजूदा जल संशोधन संयंत्र से वार्ड क्रमांक 12 एवं 13 में जल प्रदाय किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश "ख" के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य पूर्ण किया जाना दिनांक 30.10.24 तक लक्षित है, शेष अंश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जांच दिनांक 05.08.2023 को करायी गयी थी। जांच रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ङ) पाइप-लाइन बिछाने उपरांत अस्थायी रोड रेस्टोरेशन का कार्य अतिशीघ्र किया जाता है। पाइप-लाइन परीक्षण उपरांत स्थायी रोड रेस्टोरेशन का कार्य निष्पादित किया जाता है जो कि समानान्तर रूप से किया जा रहा है।
नगर पालिका मुलताई में भ्रष्टाचार की शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 3171 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मुलताई से संबंधित 2021 से आज तक कौन-कौन सी भ्रष्टाचार की शिकायत हैं? कौन-कौन सी भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच प्रारंभ है? शिकायत की जाँच कब तक पूर्ण की जावेगी? भ्रष्टाचार की शिकायत में पाए गए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) नगर पालिका मुलताई को प्राप्त 15वी वित्त की राशि के दुरुपयोग से संबंधित क्या जाँच की गई है? यदि हाँ तो अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्राप्त शिकायतें और उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिकायतों की जांच एवं उनके निष्कर्ष के संबंध में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) नगरपालिका परिषद् मुलताई को प्राप्त 15वें वित्त आयोग की राशि के दुरूपयोग किए जाने से संबंधित शिकायत की जांच किए जाने के लिए आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति द्वारा उक्त शिकायत की जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जो कि परीक्षणाधीन है। अतः जांच प्रतिवेदन के आधार पर की जाने वाली कार्रवाई की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 3175 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ और चोमहला, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान को जोड़ने वाली चंबल नदी की निर्मित पुलिया कब से क्षतिग्रस्त हुई है? प्रश्न दिनांक तक कितना समय हो गया है? (ख) पुलिया के क्षतिग्रस्त होने के इतने समय बाद शासन द्वारा पुलिया निर्माण हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? जानकारी देवें। (ग) पुलिया निर्माण हेतु टेंडर किस व्यक्ति (कंपनी) का हुआ है? टेंडर की दिनांक, वर्क ऑर्डर एवं राशि की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त ब्रिज (पुलिया) का निर्माण हजारों व्यक्ति की सुविधा हेतु कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 14.9.2019 को। प्रश्न दिनांक तक लगभग 04 वर्ष 09 माह का समय हो गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेसर्स कल्याण टोल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इंदौर, दिनांक 15.12.2023, वर्क ऑर्डर दिनांक 27.06.2024, राशि रूपये 22.60 करोड़। (घ) अनुबंध दिनांक 27.06.2024 को संपादित किया गया, वर्षाकाल पश्चात कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
पात्र हितग्राहियों को पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 3176 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में आवासीय पट्टे की योजना कब से प्रारंभ की गई है एवं सुवासरा, शामगढ़ एवं सीतामऊ नगर में प्रश्न दिनांक तक कितने पट्टे वितरित किए गए हैं? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा के नगरीय क्षेत्र सुवासरा, शामगढ़ एवं सीतामऊ में आवासीय पट्टे योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवासीय पट्टे व्यक्तियों को दिए गए हैं? व्यक्ति का नाम, वार्ड क्रमांक, शहर का नाम, मोबाइल नंबर सहित जानकारी देवें। (ग) सुवासरा नगर के वार्ड क्रमांक 1, 2 एवं सुवासरा ग्राम सहित पूरे नगर में कितने पात्र व्यक्ति पट्टे से वंचित हैं? अगर प्रश्न दिनांक तक पट्टे नहीं दिए गए हैं तो नहीं देने का क्या कारण है? वार्ड क्रमांक 1 से 15 तक पट्टे के पात्र वंचित व्यक्तियों की सूची उपलब्ध करायें। (घ) शामगढ़ एवं सीतामऊ नगर में पट्टे से वंचित पात्र व्यक्तियों की सूची की जानकारी देवें एवं तीनों नगर में पात्र व्यक्तियों को कब तक पट्टे वितरित किए जाएंगे? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति व अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने के प्रावधान है। नगर परिषद् सुवासरा में निकाय गठन दिनांक 01.11.2009 से प्रश्न दिनांक तक 771 पट्टे एवं नगर परिषद् सीतामऊ द्वारा 262 तथा नगर परिषद् शामगढ़ द्वारा 739 पट्टे वितरित किये गये है। इस प्रकार तीनों नगरीय निकायों में कुल 1772 पट्टे वितरित किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) सुवासरा विधान सभा के नगरीय क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद् सुवासरा, शामगढ़ एवं सीतामऊ द्वारा प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद् सुवासरा में वार्ड क्रमांक 01 व वार्ड कमांक 02 में सर्वेक्षण दल द्वारा सर्वेक्षण नहीं किया गया। शेष वार्डों में सर्वेक्षण दल द्वारा पात्र 167 हितग्राहियों का सर्वेक्षण उपरांत सूची अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतामऊ को प्रेषित की गई थी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) नगर परिषद् शामगढ़ में कोई पात्र हितग्राही पट्टा दिये जाने के लिए शेष नहीं है। नगर परिषद् सीतामऊ में वर्ष 2023-24 में पात्र 43 व्यक्तियों को शिफ्टिंग में चिन्हांकित किए गए हैं। भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नगर परिषद् सुवासरा में पात्र 167 हितग्राहियों का सर्वेक्षण उपरांत सूची अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतामऊ को प्रेषित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 3182 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी ओरछा में रेल्वे स्टेशन के समीप स्थित रेल्वे अण्डर ब्रिज में पानी भर जाने से आवागमन में व्यवधान उत्पन्न होता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त अण्डर ब्रिज को लगभग हर महीने मरम्मत किये जाने के लिए दो से तीन दिन तक बंद रखा जाता है। यदि हाँ तो उक्त मार्ग पर आवागमन बाधित न हो इसके लिए क्या स्थायी समाधान किये जाने के लिए कोई कार्ययोजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी ओरछा में पर्यटकों के आवागमन को दृष्टिगत रखते हुए क्या स्थायी समाधान के लिए उक्त अण्डर ब्रिज के स्थान पर ओवर ब्रिज बनाये जाने की कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं, अपितु रेल्वे विभाग द्वारा किया गया है। रेल्वे विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत कार्यों के भुगतान एवं कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 3190 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् शिवपुरी द्वारा मढीखेड़ा फिल्टर प्लांट सहित अन्य फिल्टर प्लांटों पर पानी को फिल्टर करने के लिए विगत एक वर्ष में कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में प्रतिमाह उपयोग की गई? उक्त सामग्री किस-किस दर पर किन-किन फर्मों/दुकानों से किस माध्यम से क्रय की गई? प्रतिमाह कुल कितनी-कितनी मात्रा की सामग्री का कितनी-कितनी राशि का भुगतान किसकी मंजूरी से किया गया? माहवार समस्त जानकारी प्रदान करें। (ख) नगरपालिका परिषद् शिवपुरी में विगत एक वर्ष में 01 लाख अथवा उससे कम राशि के कुल कितने व कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत हुए? स्वीकृत कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किसे-किसे व कब-कब किस की मंजूरी से किया गया? विगत एक वर्ष में 01 लाख अथवा उससे कम राशि के किए गए समस्त प्रकार के भुगतानों की जानकारी कार्यवार, राशिवार, वार्डवार दिनांकवार मय सूची उपलब्ध करावें। विगत एक वर्ष में 01 लाख से 05 लाख तक के किए गए समस्त भुगतानों की कार्यवार, राशिवार दिनांकवार जानकारी दें। (ग) नगरपालिका परिषद् शिवपुरी में शासन/नगरपालिका मद से वेतन, दैनिक मजदूरी प्राप्त कर रहे द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने नियमित, स्थायी, अस्थायी, अन्य विभागों से आसंजित कर्मचारी तथा सफाई कर्मी, पम्प अटेंडर, माली व अन्य सभी प्रकार के कुल कितने कर्मचारी प्रश्न दिनांक को कार्यरत हैं व कब-कब से? उक्त सभी कर्मचारी वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर कार्य कर रहे हैं व कब से? समस्त कर्मचारियों की सूची तैयार कर जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
आर्थिक अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 3216 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका परिषद् भिण्ड में माननीय मंत्री के आश्वासन के उपरांत जांच दल हेतु वर्ष 2019 से 2023 तक 99 हजार रूपए तक की लगभग 3510 नस्तियों का भौतिक सत्यापन किया गया है? इस दौरान जांच दल द्वारा क्या रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत की है? जिसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ दोषी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी व अन्य संबंधित तकनीकी कर्मचारियों व निर्माणकर्ता एजेंसी पर क्या कार्यवाही हुई है? माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा 3510 नस्तियों में हुए आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच एक सप्ताह में पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु घोषित किया गया था। उक्त जांच को कितने दिनों में पूर्ण किया गया है? इसका विवरण उपलब्ध करावें। (ख) उक्त जांच दल की वैधता स्पष्ट करें, जिसमें तकनीकी स्वीकृति देने वाले दोषी कार्यपालन यंत्री व अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिन पर उक्त नस्तियों के प्राक्कलन किए गए हैं, जिससे कई तथ्यों के साथ में कूटरचित प्रतिवेदन तैयार कर जांच को प्रभावित किया गया है। (ग) जांच दल द्वारा कितनी नस्तियां अवैध पाई गई हैं? उक्त प्रकरण में तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री, कार्यालयीन स्टाफ व निर्माणकर्ता एजेंसी पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? उक्त प्रकरण के जांच दल में शामिल अधिकारियों की लिप्तता होने के कारण जांच प्रभावित होने का संशय है। अतः इसकी पुनः उच्च स्तरीय जांच कराई जावे। यदि हाँ तो समयावधि बताने का कष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपितु निकाय द्वारा उपलब्ध कराई गई 37 नस्तियों की जांच की गई है जिसमें सभी दोषी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, तकनीकी अधिकारी एवं अन्य को भी शामिल किया गया है। आंशिक जांच 38 दिवस में की गई है। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समस्त प्रकरणों की जांच उपरान्त संबंधित दोषियों पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी नहीं, तकनीकी स्वीकृति देने वाले कार्यपालन यंत्री एवं अन्य अधिकारी को जांच दल में शामिल न करने से कूटरचित प्रतिवेदन तैयार नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध 37 नस्तियों में से कोई अवैध नहीं पाई गई है। जांच पूर्ण होने पर बताया जाना संभव है। जी नहीं। शेष सभी प्रकरणों की जांच किये जाने हेतु संचालनालय के पत्र 7705 दिनांक 25/06/2024 से निर्देशित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाणिज्यिक दर से विद्युत देयकों वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 3221 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदापुरम/भोपाल जिले में नगरीय क्षेत्र में सार्वजनिक उपयोग हेतु सड़क किनारे मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत पोल लगाये हैं? (ख) क्या विद्युत वितरण कंपनी इन्हीं विद्युत पोलों से विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं/फर्मों को विद्युत कनेक्शन देकर उनसे वाणिज्यिक दर से विद्युत देयकों की वसूली भी करती है? (ग) यदि हाँ तो क्या भोपाल/नर्मदापुरम जिले के किन-किन नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी से नगरीय क्षेत्र में लगाये गये विद्युत पोलों के किराये की राशि की मांग की गयी? यदि हाँ तो किस-किस नगरीय निकाय द्वारा कितनी-कितनी राशि की मांग की? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या नगरीय निकाय में इन्हीं विद्युत पोलों से डिस्क कनेक्शन की लाइन भी जा रही है, जिसका भुगतान भी नगरीय निकाय को नहीं मिल पा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, अपितु सार्वजनिक भूमि पर स्थापित विद्युत पोलों से घरेलू एवं वाणिज्यिक दोनों प्रकार के कनेक्शन विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिये गये हैं। (ग) नगर पालिका परिषद्, इटारसी द्वारा राशि रू. 120169500.00 नगर परिषद् बनखेड़ी द्वारा राशि रु. 292704.00 एवं नगर परिषद् सिवनी-मालवा द्वारा राशि रु. 306250.00 की मांग विद्युत वितरण कंपनी से की गयी है। शेष निकायों द्वारा मांग हेतु सर्वेक्षण किया जा रहा है। (घ) विद्युत पोलों का स्वामित्व विद्युत वितरण कंपनी का होने से पोलों पर लगी डिस्क कनेक्शन की लाइन की अनुमति/अनापत्ति नगरीय निकायों से नहीं ली गयी है। जी हाँ।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में नियुक्ति की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 3242 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा वर्ष 1 जनवरी, 2008 से /span>31 दिसंबर, 2019 तक जनसंपर्क अधिकारी (पी.आर.ओ.) पद पर नियुक्ति दी गई है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो नियुक्ति दिनांक, नियुक्त कर्मचारी का नाम, प्रथम नियुक्ति आदेश, शैक्षणिक/ अनुभव संबंधी योग्यता, अंक-सूची, प्रमाण पत्र, वर्षवार सर्विस रिकार्ड, आपराधिक प्रकरण, नियुक्ति के विरूद्ध शिकायतें, वेतन एवं वर्षवार वेतन वृद्धि, नियुक्ति प्रक्रिया मय समस्त दस्तावेज गौशवारा बनाकर सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या बिना प्रथम नियुक्ति आदेश के कोई कर्मचारी विभाग में काम कर सकता है? हाँ अथवा नहीं? क्या बी.सी.एल.एल. के मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सी.ई.ओ.) द्वारा दिनांक 1 जनवरी, 2024 से 6 जनवरी, 2024 के मध्य किसी कर्मचारी की सेवा वृद्धि/संविदा की प्रक्रिया की गई? यदि हाँ तो उस प्रक्रिया की नोटशीट एवं आदेश की सत्यापित छायाप्रति प्रदान करें। (ग) क्या नगर पालिक निगम, भोपाल की जनसंपर्क शाखा द्वारा 7 मार्च 2024 को बी.सी.एल.एल. की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग के संबंध में कोई प्रेस विज्ञप्ति/पत्र/दस्तावेज जारी किया गया? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो प्रेस विज्ञप्ति की छायाप्रति एवं भोपाल म्युनिसिपल कार्पोरेशन के सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर 8 मार्च 2024 को जारी इसी विषय से संबंधित जानकारी की भी छायाप्रति प्रदाय करें। यदि नहीं, तो 8 मार्च 2024 को भोपाल के विभिन्न अखबारों में इसकी जानकारी प्रकाशित हुई, तो किस आधार पर? उपरोक्त वर्णित बोर्ड में उपस्थित अधिकारी/कर्मचारी की सूची एवं अटेण्डेंस शीट प्रदाय करें। (घ) बी.सी.एल.एल. की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 38वीं बैठक दिनांक 23/09/2023 के एजेन्डा बिन्दु क्रमांक 31 में वर्णित जांच समिति में 23/09/2023 से 06/01/2024 तक सदस्यों के नाम एवं पद बताएं और क्या यह जांच 06/01/2024 तक पूर्ण हुई? हाँ अथवा नहीं? क्या यह जांच रिपोर्ट आगामी बोर्ड में प्रस्तुत की गई? हाँ अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
टोल वसूली एवं मांर्ग के संचालन-संधारण की जानकारी
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 3245 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में विभिन्न कैटेगरी के सारी टोल तथा ओ.एम.टी. रोड की परियोजना/टेंडर लागत तथा वर्ष 2019 से मई 2024 तक वसूली गई टोल राशि की जानकारी दें। बतावें कि मई 2024 तक परियोजना लागत का कितना गुना टोल वसूला जा चुका है? बताएं कि किस दिनांक तक टोल वसूला जाएगा? (ख) भोपाल देवास, जावरा नयागांव, लेबड़-जावरा टोल रोड पर प्रारंभ से मई 2024 प्रत्येक कैटेगरी के गुजरने वाले वाहन की संख्या तथा वसूली गई कुल राशि की माह अनुसार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित तीनों रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर अवधि तय करते वक्त बतायी गयी यातायात की संख्या तथा वास्तविक संख्या में वर्ष अनुसार क्या अंतर है? क्या फिजीबिलिटी रिपोर्ट में जो आय, निर्माण लागत, ब्याज, रख-रखाव, कन्सेशन अवधि में ऑपरेशन मेंटेनेंस लागत, इंडिपेंडेंस इंजीनियर की फीस, इक्विटी आदि की गणना की गई थी या नहीं? यदि की गई थी तो 2023-24 तक कितनी आय टोल वसूली से होनी थी तथा उपरोक्त खर्च कितना-कितना होना था? बताएं कि इन तीनों टोल रोड पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट में दिखाई गई आय से मई 2024 तक कितने प्रतिशत आय ज्यादा हुई? (घ) लेबड़-जावरा मार्ग का संचालन, संधारण तथा रख-रखाव प्रारंभ से अभी तक कौन-कौन कंपनी किस-किस दिनांक से कर रही है तथा किस दिनांक को 5 वर्ष अवधि बढ़ाने का पत्र मिला तथा किस दिनांक को अवधि 5 वर्ष बढ़ाने का पत्र जारी किया गया? दोनों पत्र की प्रति देवें तथा बताएं कि क्या इस मार्ग के एस्क्रो अकाउंट में अनियमितता पाई गई थी? यदि हाँ तो वह क्या थी तथा क्या कार्रवाई की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र/span>अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार। फिजिबिलिटी रिपोर्ट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। वास्तविक यातायात की संख्या एवं प्राप्त टोल राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र/span>ब एवं परिशिष्ट-3 अनुसार। लेबड़-जावरा मार्ग के एस्क्रो अकाउंट में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के भविष्य निधि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 3246 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में समस्त नगरीय निकायों द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी जाने वाली अंशदान की राशि नियमित रूप से कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में जमा की जा रही है? यदि हाँ तो वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जमा की गई राशि का विवरण दिया जावे। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) अंशदान की राशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में समय पर जमा न किए जाने पर निश्चित रूप से कर्मचारियों को जमा राशि पर प्रतिफल की हानि होती है। क्या उक्त हानि के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा निर्धारित करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला मुरैना के नगरीय निकायों को प्रतिमाह कितनी-कितनी चुंगी क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया? जानकारी देवें। (घ) चुंगी क्षतिपूर्ति के लिए क्या प्रावधान है? इस राशि का उपयोग किस-किस मद में किया जा सकता है? सम्पूर्ण राशि की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ जिला मुरैना को छोड़कर मुरैना जिले की समस्त नगरीय निकायों द्वारा अंशदान की राशि भविष्य निधि खातों में जमा की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा समय-समय पर समस्त नगरीय निकायों को अंशदान की राशि को अधिकारी/कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में जमा किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि समस्त नगरीय निकायों को मंत्रि-परिषद् के आदेश क्रमांक/एफ-10-54/2015/18-2 दिनांक 13.11.2015 अनुसार प्रदाय की जाती है। उक्त राशि का उपयोग वेतन भत्ते एवं दैनंदिनी कार्यों जैसे-विद्युत देयक, ऑडिट फीस, जल देयक, अन्य कार्यालयीन व्यय एवं ऋणों के पुनर्भुगतान पश्चात् कोई राशि शेष होने पर अन्य विकास कार्यों पर व्यय किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कान्ह एवं सरस्वती नदी का शुद्धिकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 3254 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम के द्वारा कान्ह एवं सरस्वती नदी के शुद्धिकरण के कार्य पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय हो चुकी है और कितनी राशि व्यय होना संभावित है? (ख) उक्त राशि के व्यय किये जाने के बावजूद अब तक कान्ह एवं सरस्वती नदियां शुद्ध क्यों नहीं बन सकी? कृपया स्पष्ट करें। (ग) उक्त व्यय राशि पर किए गए कार्यों का क्या भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उक्त योजना के नाकाम होने के लिए कौन जिम्मेदार है और उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या कान्ह एवं सरस्वती नदी के शुद्धिकरण के कार्य पर निगम के अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से आर्थिक भ्रष्टाचार किया गया है? यदि हाँ तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम, इन्दौर द्वारा कान्ह एवं सरस्वती नदी शुद्धिकरण हेतु नदी/नालों में विगत वर्षों से छूटे हुये सार्वजनिक एवं घरेलू सीवर आउटफॉल्स को ट्रैप करने हेतु जे.एन.एन.यू.आर.एम., सिंहस्थ एवं अमृत 1.0 परियोजनाओं में चरणबद्ध एवं निगम के वित्तीय प्रबंधन अनुसार वर्तमान समय तक लगभग राशि रु. 724.00 करोड़ व्यय हुई है। नमामि गंगे व अमृत 2.0 परियोजना के अन्तर्गत लगभग राशि रु. 766.00 करोड़ व्यय होना संभावित है। (ख) विगत वर्षों में कान्ह नदी शुद्धिकरण हेतु किये गये प्रयासों के फलस्वरूप नदी में प्रदूषण की मात्रा में कमी पायी गयी है। वर्ष 2020-21 के पूर्व कान्ह नदी में प्रदूषण का मानक पैरामीटर वी.ओ.डी. 350-400 मिलीग्राम प्रति लीटर हुआ करता था। वर्तमान में नदी के जल में बी.ओ.डी. 30-50 मिलीग्राम प्रति लीटर है। कान्ह नदी में प्रदूषण की मात्रा और कम करने हेतु, शहर में जनसंख्या की अत्यधिक वृद्धि एवं उद्योगों की स्थापना में वृद्धि के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य प्रस्तावित किये जा रहे हैं। (ग) जी हाँ, कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कान्ह नदी शुद्धिकरण के क्रम में विभिन्न योजनाओं में प्रायमरी, सेकेण्डरी एवं कॉलोनी/मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने एवं सीवरेज के ट्रीटमेंट हेतु सीवेज/एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण एवं उचित संचालन किया जा रहा है। चूंकि नदियों का शुद्धिकरण निरन्तर प्रक्रिया है, अतः यह कहना उचित नहीं है कि योजना विफल है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितताओं की जांच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 3255 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम इंदौर के महापौर ने अपने पत्र क्रमांक पीएम/01/ 3391, दिनांक 09.06.2024 द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव, म.प्र. शासन एवं पृष्ठाकंन, (1) मा. राज्यपाल महोदय, म.प्र., (2) मा. मुख्यमंत्री जी, (3) मा. मंत्री नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग एवं (4) प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन को चार पृष्ठीय पत्र सहपत्रों के साथ इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा बिना अधिकार और स्वीकृति के ठेकेदारों पर बकाया रॉयल्टी की बड़ी राशि वसूल किये बिना टेण्डर के कार्यकाल के विस्तार में की गई अवैधानिकताओं किये जाने के संबंध में लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो महापौर के उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों की क्या शासन द्वारा जांच कराकर जांच निष्कर्ष के आधार पर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ ही ठेकेदारों से रॉयल्टी की बकाया राशि वसूली की गई है? यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि एवं किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग को पृष्ठांकित पत्र के संबंध में परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 3263 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका रायसेन, नगर परिषद् सांची एवं नगर परिषद् गैरतगंज में विभाग के द्वारा वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं? नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत आवास पूर्ण हो चुके है एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण होने का क्या कारण है? (ग) उपरोक्त तीनों नगरों में कितने हितग्राही पात्रता की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें प्रश्न दिनांक तक आवास उपलब्ध नहीं हुआ उन्हें प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में जोड़ा जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्वीकृति संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' तथा नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-2'' पर है। (ख) आवासों की पूर्ण/अपूर्ण की कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-2'' पर है।(ग) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है।
आलोच्य अवधि में स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 3278 ) श्री हेमंत कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी रोड स्वीकृत की गई? रोड कहाँ से कहाँ तक, दूरी, स्वीकृति दिनांक, टेण्डर दिनांक, टेण्डर स्वीकृत दिनांक, टेण्डर की राशि, निर्माण एजेन्सी/फर्म/ठेकेदार का नाम सहित पूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायी जाये। (ख) आलोच्य अवधि में स्वीकृत सड़कों में से कितनी सडकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? पूर्ण हो चुके प्रत्येक सड़क निर्माण कार्य की टेस्ट रिपोर्ट सहित उक्त कार्य हेतु कब व कितनी राशि का भुगतान किस ठेकेदार फर्म को किया गया? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) आलोच्य अवधि में क्षेत्र में किये गये सड़क निर्माण की निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार - (1) मेसर्स राजीव सिंह भदौरिया, (2) मेसर्स प्रथमदेव कंस्ट्रक्शन प्रोपराईटर श्री अभिषेक मिश्रा परियाया एवं (3) मेसर्स द्रोपदी कंस्ट्रक्शन प्रोपराईटर सीटू जनौरा द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये? प्रत्येक निर्माण कार्यों से सबंधित डी.पी.आर., अनुमोदित नक्शा, एस.ओ.आर. दर, अनुबंध पत्र, टेस्ट रिपोर्ट स्वीकृत एस.ओ.आर. दर, कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि, मेजरमेंट बुक की छायाप्रति, कार्य से संबंधित चरणबद्ध रुप में प्रत्येक किये गये भुगतान संबंधी वर्षवार व फर्मवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (घ) क्या उपरोक्त तीनों निर्माण फर्मों द्वारा आलोच्य अवधि में किये गये कार्यों की गुणवत्ता मानक स्तर की है? क्या टेण्डर की शर्तों के अनुरुप स्थल पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य मौजूद है? इस संबंध में किस अधिकारी द्वारा पर्यवेक्षण किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्या सत्यापन कराया जायेगा तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य स्थल न होना पाये जाने पर वसूली की कार्यवाही की जायेगी? (ड.) आलोच्य अवधि में स्वीकृत कौन-कौन सी सडकों के कार्य वर्तमान में प्रचलित है? निर्माण कार्य किस फर्म द्वारा किया जा रहा है? विलम्ब का क्या कारण है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। टेस्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अनुमोदित नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अनुबंध पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। टेस्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। मेजरमेंट बुक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) जी हाँ, विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
नियमों की अनदेखी करने से उत्पन्न स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 3288 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास एवं सागर निकाय में कितने-कितने बैंक खाते हैं? नगर पालिक निगम का नाम, बैंक का नाम, पता, खाता क्र., आई.एफ.एस.सी. कोड, खाते का प्रकार, खाता कब एवं किसके नाम खोला गया, पेन कार्ड नं., जी.एस.टी. नं., बैंक खाते खोलने के नियम, खाते का प्रयोजन, खाते में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जमा है, कब-कब कितना-कितना ब्याज प्राप्त हुआ एवं अन्य मूलभूत जानकारी का गौशवारा बनाकर नगर पालिका निगमवार खाते के प्रथम पृष्ठ की प्रति, बैंक स्टेटमेन्ट, खाता खोलने के नियम, खाता खोलने के किस स्तर के अनुमोदन की कार्यालयीन नस्ती की छायाप्रति सहित पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में बैंक खातों में राज्य व केन्द्र सरकार के अतिरिक्त अन्य किस-किस एजेन्सी से ऋण, अनुदान सहित कितनी-कितनी राशि कब और किस योजना में प्राप्त होकर किन खातों में रखी गई? निर्धारित लक्ष्य पूर्ति के उपरांत कितनी राशि उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ राज्य व केन्द्र सरकार को वापस की गई? उक्त अवधि में कितना ऋण किस की ग्यारन्टी पर लिया गया, कितना चुकाया गया तथा कितना शेष है? कुल कितने ऋण प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम में प्रचलित है? कितनी अवधि के हैं? कितने ऋणों में अवधि व्यतीत होने के बाद डिफाल्टर घोषित हैं? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर नियमों, दिशा-निर्देशों की प्रति सहित बतायें। (ग) उपरोक्त अवधि में वॉटर हार्वेस्टिंग मद में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किन-किन खातों में रखी गई? इस पर कितना-कितना ब्याज कब-कब प्राप्त हुआ? यद्यपि पृथक से नहीं रखी गई तो नियमों, आदेशों एवं निर्देशों की प्रति सहित बतायें। क्या यह राशि पूर्ण से वापसी योग्य है? कितने स्थानों पर विभाग में वॉटर हार्वेस्टिंग स्थापन्न का निरीक्षण किया गया? नगर पालिका निगम ने अपनी कितनी योजनाओं में वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु कितनी राशि कब जमा की और कब वॉटर हार्वेस्टिंग स्थापन्न की जानकारी दी एवं कब राशि वापस प्राप्त की? बतायें। अद्यतन स्थिति तक प्रत्येक शहर में वॉटर लेवल कितना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
मार्गों के निर्माण की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 3294 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में स्वीकृत किए गए सभी मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्गों की वर्तमान स्थिति की जानकारी मार्गवार देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
माननीय विधायक के पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 3303 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में स्थित नगर परिषद् सैलाना में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कुल कितने पत्र कलेक्टर रतलाम, विभागीय प्रमुख सचिव एवं मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को वर्ष 2024 में लिखे गए? उक्त प्रत्येक पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बतावें। यदि नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है? बतावें एवं नगर परिषद् सैलाना में विगत तीन वर्षों में किए गए आय-व्यय की संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अपनी ई-मेल आई.डी. से विभागीय प्रमुख सचिव की ई-मेल आई.डी. पर एक पत्र क्रमांक 083/व्हीआईपी/2024, दिनांक 18.01.2024 को 18 बिंदुओं में विधायक को दिए गए विशेषाधिकार अंतर्गत जनहित में जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता विधायक को उक्त चाही गई जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? इसके लिए कौन दोषी है? बतावें। कब तक प्रश्नकर्ता विधायक को चाही गई बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी? निश्चित समयावधि बतावें। (ग) क्या नगर परिषद् सैलाना के पुराने भवन पर पूर्व विधायक सैलाना एवं उनके परिवारजनों का अवैध कब्जा है? यदि हाँ तो उक्त अवैध कब्जा किस दिनांक से है एवं उक्त अवैध कब्जे को हटाने के लिए संबंधित नगर परिषद् सैलाना एवं संबंधित जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? संपूर्ण जानकारी देवें। यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है? बतावें एवं इस संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा की गई लिखित शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (घ) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषद् सैलाना में हुए संपूर्ण घोटाले की उच्च स्तरीय जांच प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2024 में लिखे गए आवेदन पत्रों के आधार पर भोपाल स्थित मुख्यालय स्तर के किसी अधिकारी से कराएंगे? यदि हाँ तो कब तक? निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय विधायक द्वारा दिनांक 08.01.2024 को कलेक्टर, जिला-रतलाम के समक्ष प्रस्तुत किए गए पत्र में उल्लेखित शिकायती बिन्दुओं की विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने के लिए कलेक्टर, जिला-रतलाम द्वारा दिनांक 22.01.2024 को जांच दल का गठन किया गया है। इसी प्रकार प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के समक्ष प्रस्तुत किए गए पत्र दिनांक 18.01.2024 के माध्यम से माननीय विधायक द्वारा चाही गई जानकारी नगर परिषद्, सैलाना द्वारा पत्र दिनांक 06.02.2024 के माध्यम से उनके सैलाना स्थित कार्यालय के प्रतिनिधि को उपलब्ध कराई गई है। साथ ही उक्त जानकारी माननीय विधायक की ई-मेल आई.डी. पर भी दिनांक 07.02.2024 को उपलब्ध कराई गई है। जांच दल का गठन आदेश एवं पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। नगर परिषद्, सैलाना में विगत तीन वर्षों में किए गए आय व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा चाही गई जानकारी नगर परिषद्, सैलाना द्वारा पत्र दिनांक 06.02.2024 के माध्यम से उनके सैलाना स्थित कार्यालय के प्रतिनिधि को उपलब्ध कराई गई है। साथ ही उक्त जानकारी माननीय विधायक की ई-मेल आई.डी. पर भी दिनांक 07.02.2024 को उपलब्ध कराई गई है। अत: उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।(ग) नगर परिषद्, सैलाना के पुराने भवन में माननीय पूर्व विधायक परिवार सहित निवासरत् है। उक्त भवन के आवंटन से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं है। भवन रिक्त करवाने के लिए विधिक राय प्राप्त कर कार्रवाई की जा रही है। (घ) माननीय विधायक द्वारा दिनांक 08.01.2024 को कलेक्टर, जिला-रतलाम के समक्ष प्रस्तुत किए गए पत्र में उल्लेखित शिकायती बिन्दुओं की विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने के लिए कलेक्टर, जिला-रतलाम द्वारा दिनांक 22.01.2024 को जांच दल का गठन किया गया है। अत: पृथक से उक्त शिकायती बिन्दुओं पर मुख्यालय स्तर से किसी अधिकारी से जांच कराने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
अवैध निर्माणों की उच्च स्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 3304 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में जोन नंबर 19, वार्ड नंबर 85 में मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी को ग्राम समरधा कलियासोत, तहसील हुजूर, जिला भोपाल की भूमि खसरा क्रमांक 299/2, 298/2, 299/1, 298/3, 297/2, 297/1, 298/1 एवं 304 कुल रकबा 4.240 पर सागर 12 मोइल, सेज माइल स्टोन, फेस-1-ए, फेस-1-ब एवं फेस-1-सी के रूप में नगर निगम भोपाल के किस सक्षम अधिकारी द्वारा भवन निर्माण अनुमति एवं लोकल शॉपिंग सेंटर निर्माण, होटल निर्माण की अनुमति एवं लोकल शॉपिंग सेंटर निर्माण एवं होटल निर्माण की अनुमति दी गई है? उक्त स्वीकृत भवन निर्माण अनुमति की छायाप्रतियां एवं स्वीकृत मानचित्र की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। वर्तमान में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत एम.ओ.एस. तथा एफ.ए.आर. का प्रशासकीय स्वीकृति कर कौन-कौन सा निर्माण किया गया है? कितनी बार नगर निगम द्वारा स्वीकृत मानचित्र एवं संयुक्त संचालक नगर ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत ले-आउट में परिवर्तन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी के द्वारा भवन अनुज्ञा के विपरीत किए जा रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच हेतु जनसमस्या समाधान समिति के अध्यक्ष द्वारा आयुक्त नगर निगम भोपाल को दिनांक 1.5.2024 को उनकी आवक शाखा में लिखित शिकायत सहित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव एवं विभागीय प्रमुख सचिव को लिखित शिकायत की थी एवं प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा भी अपने पत्र क्रमांक 503/व्हीआईपी/2024 दिनांक 12.06.2024 को आयुक्त नगर निगम को लिखित शिकायत की गई है? यदि हाँ तो उक्त शिकायत पर क्या जांच कार्यवाही गई है एवं इस संबंध में तैयार जांच प्रतिवेदन एवं अवैध निर्माणकर्ताओं को जारी नोटिस की एक प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा भी वर्ष 2024 में आयुक्त नगर निगम भोपाल को एवं विभागीय प्रमुख सचिव को नगर निगम सीमा में प्रचलित विभिन्न अवैध निर्माणों की पृथक-पृथक शिकायतें लिखित रूप से उनके कार्यालय में एवं उनके विभागीय ई-मेल आई.डी. पर की गई हैं? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता विधायक की उक्त अवैध निर्माणों की शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बतावें एवं इस संबंध में भवन अनुज्ञा शाखा के दोषी सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जाएगा? निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? बतावें। (घ) क्या नगर निगम सीमा भोपाल में प्रचलित अवैध निर्माण को रोकने एवं तोड़ने के लिए सभी अवैध निर्माणों की उच्च स्तरीय जांच विभागीय रूप से शासन स्तर पर कराए जाने के आदेश जारी करते हुए? नगर-निगम भोपाल की भवन अनुज्ञा शाखा में कई वर्षों से जमे भ्रष्ट सहायक यंत्री एवं उपयंत्रियों को अन्यत्र नगर निगम में पदस्थ करने हेतु उनके स्थानांतरण आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम भोपाल में जोन क्र.19, वार्ड क्रमांक 85 में ग्राम समरधा कलियासोत तहसील हुजूर, जिला भोपाल की भूमि खसरा क्र. 299/2, 298/2, 299/1, 298/3, 297/2, 297/1, 298/1 एवं 304 कुल रकबा 4.240 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय भूखण्डीय बहुइकाई आवासीय एवं होटल निर्माण हेतु विकास की अनुज्ञा संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला भोपाल द्वारा दिनांक 23.06.2017 को मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी भागीदार श्री अरूण अग्रवाल एवं अन्य को दी गई थी, इसमें परियोजना का नाम 'सागर 12 माईल' था। मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी द्वारा राजपत्र दिनांक 23.03.2017 में किये गये संशोधन अनुसार धारा 16 (5) में संशोधन हेतु नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अनुज्ञा में उपान्तरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल द्वारा दिनांक 25.03.2021 को फेस-01 के पार्ट ''ए' पर बहु आवासीय इकाई के स्थान पर लोकल शॉपिंग सेन्टर हेतु संशोधन किया गया एवं परियोजना का नाम 'सेज माईल स्टोन' रखा गया। उक्त स्वीकृति में लोकल शॉपिंग सेंटर हेतु एफ.ए.आर 1:1.0 स्वीकृत किया गया। तत्क्रम में लोकल शॉपिंग सेंटर हेतु आरक्षित भू-खण्ड (कुल क्षेत्रफल 7375.36 वर्गमीटर) पर लोकल शॉपिंग सेंटर के निर्माण की अनुमति मुख्य नगर निवेशक श्री नीरज आनन्द लिखार द्वारा भवन अनुज्ञा क्रमांक 207 दिनांक 20.01.2022 द्वारा दी गई। म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 29.08.2022 के क्रम में संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के पत्र क्रमांक 1536 दिनांक 25.09.2023 द्वारा 1:1.50 का एफ.ए.आर. स्वीकृत किया गया जिसके क्रम में आवेदक द्वारा पुनरीक्षित भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत आवेदन के क्रम में श्री नीरज आनंद लिखार द्वारा पुनरीक्षित स्वीकृति क्रमांक 564 दिनांक 23.02.2024 जारी की गई। उक्त कॉलोनी के अन्य भू-खण्ड में होटल निर्माण की स्वीकृति श्री उमराव सिंह को भवन निर्माण अनुमति क्रमांक 2828 दिनांक 07.11.2023 द्वारा श्री नीरज आनंद लिखार द्वारा दी गई। उपरोक्तानुसार जारी की गई स्वीकृतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी द्वारा दिनांक 20.01.2022 को प्राप्त स्वीकृति के विपरीत स्थल पर लगभग 1245 वर्गमीटर का अतिरिक्त निर्माण किये जाने से दिनांक 12.02.2024 को सूचना पत्र जारी किया गया था। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत प्राप्त हुई है। मेसर्स अग्रवाल इनफिनिटी द्वारा लोकल शॉपिंग सेंटर हेतु प्राप्त भवन अनुमति के अतिरिक्त किये गये निर्माण को हटाने के लिये भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307 (2) के अंतर्गत दिनांक 12.02.2024 को सूचना पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर निगम में विधायक महोदय द्वारा की गई शिकायत के क्रम में भवन निर्माता को दिनांक 12.02.2024 को सूचना पत्र दिया गया। तत्पश्चात् भवन निर्माता द्वारा 1:1.50 एफ.ए.आर. अनुसार पुनरीक्षित भवन अनुज्ञा दिनांक 23.02.2024 को प्राप्त की गई एवं दिनांक 25.02.2024 को पत्र प्रस्तुत कर स्वीकृति के विपरीत किये गये निर्माण का प्रशमन कराये जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया एवं ऑनलाइन प्रशमन हेतु ABPAS-2 पर प्रस्तुत आवेदन का निराकरण किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। प्रकरण में विभागीय इंजीनियर्स द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने से कोई दोषी प्रतीत नहीं होता। (घ) वर्तमान में कोई शिकायत अथवा जांच प्रचलित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.डी.एस.एस. योजना के कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 3319 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत रायसेन जिले में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कौन सा कार्य कितनी लागत का है? विवरण दें। बतावें कि किस कार्य को किस समय अवधि में पूर्ण किया जाना है? स्वीकृत डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) मेंउल्लेखित योजना व उसके घटकों के कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा किये गये हैं? कार्यों की गुणवत्ता निमंत्रण व समय-सीमा में कार्यों की पूर्णता को लेकर विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं और कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ है? बतावें। (घ) योजना के सभी घटकों के कार्य पूर्ण हो जाने पर जिले के घरेलू, व्यवसायिक व कृषि उपभोक्ताओं को क्या लाभ प्राप्त होंगे व विद्युत आपूर्ति, गुणवत्ता, डी.टी.आर. व पी.टी.आर. की क्षमताओं में क्या-क्या सुधार होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत रायसेन जिले में स्वीकृत किये गए कार्यों की, लागत राशि एवं कार्य पूर्णता की दिनांक सहित कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। योजनान्तर्गत रायसेन जिले हेतु स्वीकृत डी.पी.आर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य एजेंसियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने एवं कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किये जाने हेतु योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मेसर्स वॉयन्ट्स सॉल्यूशन प्रा. लिमि. को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेन्सी नियुक्त किया गया है। मैदानी अधिकारियों तथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेन्सी द्वारा, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत गुणवत्ता कंट्रोल हेतु निर्मित क्यू.सी. पोर्टल तथा मोबाइल एप के माध्यम से किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता हेतु सतत निगरानी की जा रही है। कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने हेतु, कार्यों की सतत निगरानी के साथ-साथ संबंधित क्रियान्वयन एजेंसियों को समय-समय पर निर्देशित किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना में पूर्ण, प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। (घ) योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों के पूर्ण हो जाने पर प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण होने से घरेलू, व्यवसायिक एवं कृषि उपभोक्ताओं को और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जाना संभव हो सकेगा एवं पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों के पूर्ण होने के उपरांत £2323;वर-लोडिंग (अतिभार) की समस्या में सुधार परिलक्षित होगा।
मुख्य सड़क पर अतिक्रमण
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 3348 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में गोवा खजरी, लुधियात खिरक, पारियन खिरक, म.प्र. एवं उ.प्र. बार्डर तक विभाग द्वारा सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जो वर्तमान में बंद हैं? उसके क्या कारण हैं? (ख) क्या लुधियात खिरक खजरी के पास लोक निर्माण विभाग की बनने वाली बीच सड़क पर अतिक्रमण कर दीवार खड़ी कर देने से सड़क का कार्य एवं जनता का निकलना बंद हो गया है और जनता घूमकर मुश्किल से निकल पा रही है? क्या राजस्व विभाग एवं पुलिस को इसकी जानकारी है? प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण कर बनाई गई दीवार न गिराने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि वह दीवार किस-किस ने बनाई है? राजस्व विभाग एवं पुलिस थाना को इसकी जानकारी होने के बावजूद अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है? क्या-क्या कारण है? (घ) निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक मुख्य सड़क पर अतिक्रमण कर बनवाई गई दीवार तोड़ी जावेगी तो कब तक एवं यह भी बताएं कि कब से बंद पड़ी सड़क का कार्य लुधियात खिरक जाने हेतु पुनः प्रारंभ हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, खजरी ग्राम से लुधियात खिरक के मध्य में स्थानीय व्यक्ति द्वारा वाद संस्थापित किया गया है एवं पारियन खिरक के प्रचलित रास्ते पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दीवार बना दी गई है। जिसके कारण कार्य बंद है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। निजी स्वामित्व की भूमि पर दीवार निर्माण किया जा रहा है जिस कारण भूमि पर अतिक्रमण होना नहीं पाया गया। जिससे अतिक्रमण हटाने के लिये धारा-248 के प्रावधान लागू नहीं होते है। (ग) राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार आवेदित भूमि वर्तमान में कन्हैयालाल, बृजलाल पुत्र भूरा, गुल्ला पुत्र सुकईया के नाम भूमि स्वामित्व में दर्ज है व काबिज है जिस कारण धारा-248 के प्रावधान लागू नहीं होने से अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आता है। जिससे अतिक्रमण हटाये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 के आधार पर अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
केन नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 3474 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पन्ना विधानसभा अंतर्गत बंधा बरियारपुर मार्ग में केन नदी पर पुल निर्माण कार्य बजट में स्वीकृत होने के उपरांत ई.एफ.सी. की बैठक में स्वीकृति हेतु लंबित है। (ख) यदि हाँ तो उक्त स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पुल की उपयोगिता न होने के कारण समिति द्वारा अस्वीकृत करने की अनुशंसा की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोलार सिक्स लेन सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 3510 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा भोपाल स्थित कोलार सिक्स लेन सड़क का निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा कितनी-कितनी लागत से, कब से कराया जा रहा है? (ख) उक्त सड़क निर्माण में कितना व्यय किया गया है एवं कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है, कितना कार्य शेष है? (ग) वर्तमान में उक्त सड़क की स्थिति क्या है तथा बारिश से पूर्व उक्त सड़क पर आवागमन सुगमता से हो सके, इस हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा भोपाल स्थित कोलार सिक्स लेन सड़क का निर्माण कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में मार्ग निर्माणाधीन है। सड़क पर आवागमन संचालित हो रहा है, कार्य तीव्र गति से चल रहा है एवं दिनांक 31.10.2024 तक पूर्ण होने की संभावना है।
निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 3511 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बिशनखेड़ी से घुड़सवारी एकेडमी तथा नीलबड़ से बरखेड़ा नाथू तक निर्माणाधीन सड़कों का कार्य किस दिनांक से प्रारंभ हुआ है तथा किस एजेंसी द्वारा यह कार्य किया जा रहा है? उक्त सड़क निर्माण कार्य हेतु एजेंसी को कार्यादेश कब जारी किया? कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्त सड़क निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा इसका निर्माण कितने कि.मी. तक कितनी चौड़ाई में कब तक पूर्ण किया जाना था? (ग) निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण है? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (घ) उक्त सड़क निर्माण निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं स्थल निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गईं एवं उन्हें दूर करने हेतु क्या निर्देश दिए गए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है।
अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में अवैध भू-उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 3555 ) श्री राजेश कुमार वर्मा [ श्री प्रदीप पटेल ] : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में अरेरा कॉलोनी (E1 से E5) को भूमि आवास के उद्देश्य से राजधानी परियोजना प्रशासन/नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा 1970 के दशक में आवास के लिए ले-आउट/योजना तैयार की गई थी, उक्त क्षेत्र में से कितना क्षेत्र रहवासी उपयोग के लिए आवंटित किया गया था? जानकारी आदेश एवं छायाप्रतियां सहित प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्या अरेरा कॉलोनी में समस्त स्वीकृत मानचित्रों पर बने निर्माणों को बिल्डिंग वर्क किस भूमि उपयोग में कम्प्लीशन सर्टिफिकेट दिये गए है? जानकारी आदेश एवं छायाप्रतियां सहित प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्या रहवासी भूमि का मास्टर प्लान के विपरीत अवैध भू-उपयोग, अवैध निर्माण एवं स्वीकृत मानचित्र (residential building permission) के विपरीत अवैध व्यवसायिक निर्माण किये जा रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि क्या नगर निगम, नगरीय प्रशासन संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय, जिला प्रशासन अरेरा कॉलोनी रहवासी क्षेत्र के रहवासियों को पीड़ा देने वाले अवैध कमर्शियल निर्माणों को संरक्षण दे रहा है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के आधार पर बताएं कि अरेरा कॉलोनी की रहवासी भूमि का भूमि उपयोग निवासियों के रहवासी हितों के लिए ही है या इसके भू-उपयोग को बदला जा रहा है? अवैध भू-उपयोग, अवैध निर्माण से उत्पन्न क्षेत्र में असुविधा और ट्रैफिक जाम, ध्वनि प्रदूषण, उपद्रव एवं सीवेज-जल निकासी समस्या के लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। कार्यालय मुख्य नगर निवेशक के द्वारा तत्समय राजधानी परियोजना क्षेत्र हेतु अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) तक का ले-आउट तैयार किया गया था। ले-आउट में क्षेत्रफल विवरण नहीं होने से जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। ले-आउट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाशं ''क'' अंतर्गत चाही गई जानकारी नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा प्रदत्त अनुमतियों में स्वीकृत अधिभोग अनुसार ही म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा-301 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-101 के अंतर्गत कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्रदान किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न के संबंध में चाही गई जानकारी का संकलन किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। नगर निगम भोपाल द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माणों पर म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की सुसंगत धाराओं अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। (ड.) अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) की भूमियों का भू-उपयोग मुख्य नगर निवेशक द्वारा जारी ले-आउट अनुसार निर्धारित है। जी नहीं, अरेरा कॉलोनी की रहवासी भूमि का उपयोग बदला नहीं जा रहा है। ट्रैफिक जाम, ध्वनि प्रदूषण, उपद्रव, सीवेज-जल निकासी संबंधित समस्याएं अस्थायी होकर जिला प्रशासन द्वारा इस पर सतत् कार्य किया जाता है।
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भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अधिकारी को
भुगतान के अधिकार
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 123 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका/नगर परिषदों में बिना अध्यक्ष/प्रशासक की अनुमति के मुख्य नगर पालिका/नगर परिषद अधिकारी के द्वारा कितनी राशि का भुगतान करने का प्रावधान है एवं वह एक माह/तीन माह/छ: माह/एक वर्ष में इस प्रकार के कितने भुगतान कर सकता है? (ख) यदि हाँ तो जिला मुरैना की सभी नगर पालिका/नगर परिषदों में वर्ष मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने-कितने भुगतान किस-किस कार्य हेतु किये गये है? सम्पूर्ण कार्यों का विवरण, कार्य का नाम, कार्य एजेंसी का नाम और किये गये कार्य की राशि के भुगतान की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. नगरपालिका (वित्त एवं लेखा) नियम, 2018 के संशोधित नियम 239 अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद में रूपये पांच लाख तक एवं नगर परिषद में दो लाख तक के भुगतान बिना अध्यक्ष/ प्रशासक की स्वीकृति के किए जा सकते है। उपरोक्त नियमों के नियम 85 (1) के अनुसार 20 हजार रूपये तक का क्रय बिना कोटेशन से एक माह में पांच बार तथा नियम 85 (2) के अनुसार 20 हजार से 01 लाख रूपये तक के क्रय आदि एक माह में 02 बार किये जाने का प्रावधान है। (ख) जिला मुरैना की सभी नगर पालिका/परिषदों में वर्ष मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक बिना अध्यक्ष/प्रशासक की अनुमति के कोई भुगतान नहीं किया गया है।
नगर पंचायतों में योजनावार कार्यों पर व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 384 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर पंचायतों में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कौन-कौन से कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया? शासन की गाइड लाइन उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायतों में कौन-कौन से कार्यों हेतु बैठकें आयोजित की गई, जिनका परिषद द्वारा अनुमोदन किया गया? (ग) निर्माण कार्यों की गुणवत्ता हेतु विभागीय अधिकारियों ने शासन की नीति के तहत कार्य किया? (घ) यदि हाँ, तो निर्माण कार्य जर्जर हो चुके हैं। वर्ष 2021 से किये गये निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रमाणित कर उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजनाओं की गाइडलाईन की प्रति संलग्न है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) कोई निर्माण कार्य जर्जर नहीं हुआ है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
विद्युत क्षमता बढ़ाई जाने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 385 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा में कितने मजरा/टोला ग्राम विद्युत विहीन हैं? क्या शासन द्वारा विद्युत लाईन की व्यवस्था मजरा/टोला ग्राम में की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) किन-किन मजरा/टोला ग्रामों में विद्युत क्षमता कम होने के कारण किसानों को आये दिन परेशानी हो रही है? शासन द्वारा विद्युत क्षमता बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) विद्युत क्षमता बढ़ाने हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर, ग्रिड लगाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त सेंसस ग्राम एवं संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में अति उच्चदाब के 2 विद्युत उपकेन्द्रों (चाचौड़ा एवं मकसूदनगढ़) में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत 33/11 के.व्ही. के 18 विद्युत उपकेन्द्रों में से 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त 3 अतिभारित पॉवर ट्रांसफार्मरों में से 33/11 के.व्ही. के 2 विद्युत उपकेन्द्रों (गेहूंखेड़ी एवं बड़ौद) में अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्वीकृत हैं तथा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बड़खेड़ाखुर्द में दिनांक 01.06.2024 को पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि का कार्य कर दिया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत भार अनुसार अतिभारित नहीं है एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने के संबंध में एवं किसानों को परेशानी बावत् कोई शिकायत वर्तमान में लंबित नहीं है। तकनीकी साध्यता के आधार पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने पर नियमानुसार क्षमतावृद्धि कर भार प्रबंधन, नियमित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के क्षेत्रांतर्गत तकनीकी साध्यता के आधार पर एवं आगामी वर्षों में होने वाली संभावित भार वृद्धि को दृष्टिगत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण लॉस रिडक्शन में 33/11 के.व्ही. के 2 नवीन विद्युत उपकेन्द्र मोहम्मदपुर एवं जोगीराना का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसके क्रियान्वयन हेतु कार्यादेश मेसर्स यूनिवर्सल एम.ई.पी. प्रोजेक्ट एवं इंजीनियरिंग सर्विस लिमि., मुम्बई को दिनांक 07.11.2022 को जारी किया गया है। उक्त योजना में प्रश्नाधीन क्षेत्र में बड़ोद एवं गेहूखेड़ी 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर 02 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत हैं, जिस हेतु कार्यादेश मेसर्स स्टार डेल्टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, भोपाल को दिनांक 07.11.2022 में जारी किया गया है। 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बड़खेड़ाखुर्द में दिनांक 01.06.2024 को पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि का कार्य कर दिया गया है। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 32 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर तथा 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 5 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य स्वीकृत हैं, जिस हेतु कार्यादेश मेसर्स प्रशांत इलेक्ट्रिकल, भोपाल को दिनांक 22.02.2023 में जारी किया गया है। उपरोक्त सभी कार्य क्रियान्वयन एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यादेश दिनांक से 02 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा।
आवश्यक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए जाना
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 386 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा अंतर्गत घरेलू व कृषि कार्य हेतु बिजली उपभोक्ताओं की कुल कितनी-कितनी संख्या है? संख्यात्मक जानकारी दी जावें। ग्रामीण क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल की राशि जमा कर दी जाती है, अन्यों के द्वारा यदि बिल की राशि जमा नहीं की जाती है तो जमा बिल वालों की बिजली काटने का किस नियम के तहत अधिकार है, जबकि जमा बिल वाले उपभोक्ताओं की बिजली नहीं जानी चाहिए। यह इनका मौलिक अधिकार में आता है फिर भी इन्हें बिजली से वंचित रखने का क्या कारण है? (ख) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही.ए. से 63, के.व्ही.ए., ट्रांसफार्मर 63 के.व्ही.ए. से 100, के. व्ही.ए., ट्रांसफार्मर 100 के.व्ही.ए. से 200, के.व्ही.ए., ट्रांसफार्मर 200 के.व्ही.ए. से 315, के.व्ही.ए., किन-किन योजनाओं के तहत किये गये हैं? कुल ट्रांसफार्मर की संख्यात्मक जानकारी देवें। विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में अधिकांश वितरण ट्रांसफार्मर खस्ता बदहाल खटारा अवस्था में पहुंच चुकी है, इन्हें बदलने एवं शहर व ग्रामीण क्षेत्र में नए वितरण ट्रांसफार्मर पर्याप्त क्षमता के उपलब्ध कराने के शासन के क्या नियम निर्देश हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्रातंर्गत कुल 54,692 घरेलू एवं कुल 15,162 कृषि विद्युत उपभोक्ता हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की राशि जमा कर दी जाती है, उनके कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही नहीं की जाती है। जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिलों की राशि जमा नहीं की जाती है, केवल उनके कनेक्शन विच्छेदित किये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक वार्षिक कार्य योजना के तहत 25 के.व्ही.ए. के 89 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 63 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर, 63 के.व्ही.ए. के 12 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर एवं 100 के.व्ही.ए. के 3 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 200 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर की गई। 200 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर की 315 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर से क्षमतावृद्धि का कोई कार्य नहीं किया गया। इस प्रकार से चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 104 विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों का नियमानुसार रख-रखाव किया जाता है एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने अथवा फेल होने की स्थिति में नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर (फेल ट्रांसफार्मर पर कुल बकाया का 10 प्रतिशत अथवा ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर) निर्धारित समय-सीमा (जो कि शहरी क्षेत्रों हेतु अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु में माह जुलाई से सितम्बर, तक 7 दिन है) में बदले जाते हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जोकि एक सतत् प्रक्रिया है।
विश्राम गृह का विस्तारीकरण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 387 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के अंतर्गत नगरों में विश्राम गृह के विस्तारीकरण की दृष्टि से अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कराये जाने या उन्नयन कराये जाने के प्रस्ताव क्या शासन स्तर में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कर निर्मित करा दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में चाचौड़ा धार्मिक नगरी होने के कारण यहां आने वाले व्ही.आई.पी. एवं व्ही.व्ही.आई.पी. तथा वरिष्ठ अतिथियों की दृष्टि से विश्राम गृह के विस्तारीकरण के तहत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कराये जाने या विश्राम गृह का उन्नयन कराकर सर्व सुविधा युक्त विश्राम गृह बनवाया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या निकट भविष्य में उक्त संबंध में शासन द्वारा योजना बनायी जावेगी? समयावधि स्पष्ट की जावें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शासन स्तर पर नहीं अपितु विस्तारीकरण एवं उन्नयन हेतु प्राक्कलन संभागीय कार्यालय में प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्राक्कलन स्वीकृति हेतु तैयार कराया जा रहा है। स्वीकृति उपरान्त कार्यवाही की जावेगी। स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. की आर.डी.एस.एस. योजना
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 526 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2021 से आर.डी.एस.एस. योजना प्रारंभ की गई है? (ख) योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र पनागर में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? (ग) कौन-कौन से नये कार्य प्रस्तावित हैं? (घ) प्रस्तावित कार्य कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर अन्तर्गत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की पूर्णता/अपूर्णता/प्रगतिरत से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के तहत 03 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना, 575 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 129 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों को प्रस्तावित करते हुए कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित कार्यों की योजना की स्वीकृति नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. से प्राप्त होना शेष है। अत: प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बायपास की सुविधा प्रदान करना
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 628 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पलेरा बस्ती में कभी किसी कार्यक्रम या शासन के नियमानुसार किसी संकट के समय यदि सड़क यातायात को प्रतिबंध किया जायेगा तो पलेरा में बायपास की कोई सुविधा आदि नहीं है? (ख) क्या यदि सिद्ध बाबा मंदिर लहरबुर्जुग से टपरियन चौहान को क्रॉस करते हुए कृषि उपज मंडी के पीछे वाले रास्ते से कन्थरिया वेयर के पास जतारा पलेरा मुख्य मार्ग से बायपास जोड़ने की योजना में शासन की भूमि कितनी पड़ती है और कितनी प्रायवेट भूमि किसानों की पड़ती है? क्या सम्पूर्ण जानकारी तैयार कर पटवारियों से प्रतिवेदन मांग कर उपलब्ध कराई जाएगी, यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित बायपास मार्ग वर्तमान में किसी भी योजना में स्वीकृत नहीं है, और न ही प्रस्तावित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
राज्य शासन के अधिकारियों द्वारा माननीयों के प्रस्तावों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 656 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. अनुबंध क्र. 21 वर्ष 2020-21 के अंतर्गत कार्य. यंत्री द्वारा बिना काम्पेक्शन टेस्ट कराये 95 प्रतिशत गिट्टी का भुगतान ठेकेदार को करा दिया था एवं दिनांक 24/02/22 एवं 15/02/22 को शा. प्रयोग शाला से कराये गये परीक्षण अमानक परिणाम प्राप्त होने के उपरान्त एवं ठेकेदार द्वारा तीन वर्ष तक कोई सुधार न करने के बावजूद ठेकेदार के पंजीयन निलंबन अथवा वसूली किये जाने बावत् कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई? (ख) क्या जांच दल के साथ 02/01/2024 को अधीक्षण यंत्री द्वारा स्थल में कराये गये परीक्षण में निचली टेपर की मिट्टी सी.पी.आर. सभी जगहों पर मानक से कम प्राप्त हुई किन्तु 5 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी अधीक्षण यंत्री द्वारा उक्त परिणाम शासन को प्रेषित नहीं किये गये? क्या अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रश्न दिनांक तक इस अमानक निचली लेयर को हटाकर मानक अनुरूप मटेरियल डालने एवं सुधार न होने तक इसके उपर सी.आर.एम. अथवा कोई अन्य कार्य न करने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये गये? (ग) क्या माननीय विधायकों द्वारा/शासन द्वारा जांच के आदेश दिये गये थे खेदजनक बात यह भी है कि कार्यपालन यंत्री ने उक्त जांच अपने अनु.वि. अधिकारियों को सौंपकर दबा ली? (घ) प्रमुख अभियंता द्वारा स्मरण पत्र जारी होने के बाद भी 14 माह तक शासन के आदेशों का उल्लंघन किया गया, दोषी अधीक्षण यंत्री एवं सहयोगी अधिकारियों को निलंबित कर सागर परिक्षेत्र से बाहर संलग्न कर आदेश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो कारण सहित बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। सुधार कार्यवाही प्रगतिरत होने के कारण पंजीयन निलंबन एवं वसूली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मार्ग के चैनेज क्र. 2+500 एम, 5+600 एवं 8+100 की निचली सतह में उपयोग की गई सबग्रेड सामग्री (मिट्टी) सी.बी.आर. वेल्यू निर्धारित मानक से कम प्राप्त हुई है। परीक्षण परिणाम, अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. नौगांव की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय जांच समिति द्वारा तैयार की गई। विस्तृत परीक्षण, प्रतिवेदन के साथ संलग्न कर दिनांक 6 जून 2024 को प्रस्तुत कर दिया गया है। मुख्य अभियंता सागर के कार्यालयीन पत्र क्र.. 1318 दिनांक 11 जून 2024 द्वारा प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल की ओर प्रेषित किया जा चुका है। जी नहीं, अपितु अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. मण्डल नौगांव जांच समिति के अध्यक्ष के मौखिक निर्देशानुसार कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग पन्ना (जांच समिति के सदस्य) के पत्र क्र. 730 दिनांक 29.2.2024 द्वारा संविदाकार को मार्ग से संबंधित कमियों का सुधार करते हुए शेष कार्य प्रचलित मानक अनुसार करने के निर्देश जारी किये गये है। (ग) जी हाँ। अधीक्षण यंत्री द्वारा जांच संबंधित कार्यपालन यंत्री को सौंपी गई थी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा उनके अधीनस्थ अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. उपसंभाग क्रमांक-2 पन्ना से बिन्दुवार जांच प्रतिवेदन चाहा गया था परन्तु इन दोनों अधिकारियों द्वारा कोई जांच प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालयों को प्रेषित नहीं किया गया। अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. नौगांव की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय जांच समिति द्वारा की गई है, उनका मार्ग निर्माण कार्य से सीधा कोई संबध नहीं है। मुख्य अभियंता द्वारा प्रेषित यह जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11.06.2024 प्रमुख अभियंता कार्यालय को दिनांक 20.06.2024 को प्राप्त हुआ, जो परीक्षणाधीन है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, जांच समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन दिनांक 6.6.2024, परीक्षणाधीन है। जांच में कार्य अधिकता के कारणों से होने वाले आंशिक विलंब से शासन को वित्तीय हानि नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पुराने नगर पालिका भवन में बी.ओ.पी. काम्पलेक्स का प्रारंभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 900 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदापुरम जिले की नगर पालिका, इटारसी के भवन को तोड़कर बी.ओ.टी. कॉम्पलेक्स बनाने की योजना के तहत भवन को तोड़ कर खुदाई प्रारंभ की गयी थी, जिसका कार्य किन कारणों से कब रोक दिया गया था। (ख) क्या उक्त नगर पालिका भवन परिसर में 15 से 20 फुट गहरे गड्ढे में हमेशा पानी भराव के कारण कभी भी कोई जनहानि हो सकती है। (ग) एम.ए.सी.टी. भोपाल के तकनीकी जाँच दल द्वारा उक्त भवन अनुपयोगी और क्षतिग्रस्त पाया था। (घ) उक्त भूमि पर बी.ओ.टी. काम्पलेक्स का निर्माण प्रारंभ हो सकेगा यदि हाँ तो कब तक। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्य 32 हजार वर्गफुट भूमि पर स्वीकृत था जिसमें से 28 हजार वर्गफुट की भूमि नजूल की है। मात्र 4000 वर्गफुट भूमि नगर पालिका स्वामित्व की है। नजूल की आपत्ति होने के कारण उक्त कार्य को वर्ष 2006 में रोक दिया गया था। (ख) नगर पालिका भवन परिसर में 15 से 20 फुट गहरे गड्ढे में पानी भराव के कारण जनहानि को रोकने के लिये निकाय द्वार मोटर द्वारा पानी खाली किया जाता है तथा जाली लगाकर उक्त गड्ढे को ढक दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) यदि नजूल इटारसी द्वारा नगर पालिका इटारसी को भूमि हस्तांतरित कर दी जाती है तो कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झुग्गी बस्ती विस्थापन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 946 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 152 दक्षिण पश्चिम में लगभग 100 साल पुरानी झुग्गी बस्ती को विस्थापित किया गया है। यदि हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विस्थापित झुग्गी वासियों को उचित स्थान/भवन निवास हेतु प्रदाय किए गए हैं। यदि हाँ तो कहाँ पर, यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या भदभदा झुग्गी वासियों को विस्थापित कर बीलखेड़ा विसनखेड़ी में प्लाट या भवन देने की योजना है? यदि हाँ तो आवंटन कब तक किया जावेगा, यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि भदभदा झुग्गी वासियों के अध्ययनरत छात्र-छात्रा विस्थापन हो जाने के कारण परीक्षा पास करने में असफल रहे। बच्चों के भविष्य की प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 152 दक्षिण पश्चिम में भदभदा झुग्गी बस्ती को माननीय एन.जी.टी. के आदेशानुसार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा हटाया गया है। (ख) विस्थापितों की सहमति अनुसार जिला प्रशासन द्वारा सभी विस्थापितों का 1 लाख रू. की सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त संबंधित विस्थापितों को उनकी सहमति अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ई.डब्लू.एस. (स्लम) आवास लेने का विकल्प दिया गया है। संबंधित हितग्रहियों के आवेदन/सहमति अनुसार नियमानुसार राशि जमा कराये जाने के उपरांत आवास उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रचलन में है। उक्त विस्थापितों में से 09 विस्थापितों द्वारा कलखेड़ा परियोजना में आवास हेतु मार्जिन मनी (बुकिंग राशि) जमा कर दी गई है। जबकि 02 विस्थापितों द्वारा मालीखेड़ी परियोजना में आवास हेतु पूर्ण राशि जमा की गयी जिसके उपरांत दोनों विस्थापितों को नगर निगम द्वारा स्थाई आवंटन आदेश जारी कर दिया गया है। (ग) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 979 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकायों/पालिकाओं/निगमों में कार्यरत तृतीय श्रेणी के तकनीकी कर्मचारियों को लोकल सेल्फ गवर्नमेंट डिप्लोमा (एल.एस.जी.डी.) कोर्स किये जाने पर अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता है? (ख) यदि हाँ, तो किन पदों पर कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को इस प्रकार की वेतन वृद्धि की पात्रता है? (ग) यदि हाँ तो ऐसे कितने तकनीकी कर्मचारियों को विगत 03 वर्ष में इस प्रकार की वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है नाम, पद व निकाय के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) विगत 03 वर्षों में कितने तृतीय श्रेणी के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा एल.एस.जी.डी. कोर्स की अनुमति हेतु आवेदन किये गए है कितने आवेदनों पर अनुमति जारी की गई है कृपया निकायवार अवगत करावें? (ड.) कितने प्रकरण अनुमति हेतु निकायों में लंबित है, किस स्तर पर किस अधिकारी के पास लंबित है और क्यों कृपया निकायवार अवगत करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-4/88/2002/18-1 दिनांक 14.05.2002 एवं परिपत्र क्रमांक एफ 4-111/2012/18-1 दिनांक 04.09.2012 अनुसार उपयंत्री/ स्वच्छता निरीक्षक के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पात्रता है। (ग) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
वेतन वृद्धि के लंबित प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 980 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में कितने तृतीय श्रेणी के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा एल.एस.जी.डी. कोर्स उत्तीर्ण करने के पश्चात अग्रिम वेतन वृद्धियों हेतु आवेदन निकायों में प्रस्तुत किये है जिन पर कार्यवाही लंबित है? लंबित रहने का कारण लंबित रखने वाले अधिकारी का नाम पद व निकाय की जानकारी से कृपया अवगत करावें? (ख) जिन कर्मचारियों के हित प्रकरण लंबित रहने के कारण प्रभावित हो रहे है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं तो क्यों, इनको संरक्षण कौन दे रहा है ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? जिन कर्मचारियों के हित प्रभावित हो रहे हैं उनके लिए सरकार की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। अपितु संचालनालय के टीप क्रमांक 12826 दिनांक 01.07.2024 द्वारा अखिल भारतीय स्थानीय शासन द्वारा सभी एल.एस.जी.डी. डिप्लोमाधारी नगरीय निकायों के कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ दिये जाने के संबंध में शासन स्तर से निर्णय लिया जाकर मार्गदर्शन प्रदान करने का अनुरोध किया गया है, मार्गदर्शन प्राप्त होने के उपरांत उचित कार्यवाही की जावेगी।
स्मार्ट मीटर एवं विद्युत बिल की जानकारी
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 983 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? (ख) यह कार्य कितना हो चुका है कितना बकाया है? (ग) इस कार्य के लिए कितने बजट का आवंटन किया गया है? (घ) ऐसे उपभोक्ता जिनके विद्युत बिल में गड़बड़ी है या जिनका बिल बकाया है उनके समाधान के लिए क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र (इंदौर-3) में स्मार्ट मीटरों को स्थापित करने के कार्य हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मेसर्स बी.सी.आई.टी.एस. लिमिटेड, बेंगलौर, मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, मुंबई एवं मेसर्स टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, गुरुग्राम को कार्यादेश जारी किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न चरणों में उक्त एजेन्सियों द्वारा किए गये एवं शेष कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) उक्त कार्यों हेतु जारी कार्यादेश राशि/आवंटित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपभोक्ता के विद्युत बिल में त्रुटि के समाधान हेतु वितरण कंपनी के केंद्रीकृत कॉल सेंटर 1912, ऊर्जस मोबाइल एप एवं वेब पोर्टल अथवा संबंधित वितरण केंद्र पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है, जिसका निराकरण ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (वितरण अनुपालन मानदण्ड) (द्वितीय पुनरीक्षण) विनियम-2012 (क्रमांक आर.जी.-8 (II), वर्ष 2012) '' एवं तत्पश्चात समय-समय पर संशोधित विनियमों में निर्धारित समय-सीमा के अनुसार किया जाता है। वर्तमान में विद्युत उपभोक्ता द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति में, उपभोक्ताओं द्वारा मांग किये जाने पर किश्त की सुविधा नियमानुसार प्रदान की जाती है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1080 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर अन्तर्गत नगर परिषद बदनावर द्वारा वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य/कितनी लागत के किस स्थान पर किए गए? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? समस्त निर्माण कार्य किस-किस मद अन्तर्गत स्वीकृत है? कार्यवार मदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या समस्त निर्माण कार्य तकनीकी प्राक्कलन/ डी.पी.आर. अनुसार निर्मित किये गये। यदि नहीं तो क्यों? (ग) वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद बदनावर को मदवार कितनी 2 राशि प्राप्त होकर विभिन्न मद अन्तर्गत व्यय की गई समस्त व्यय की जानकारी कृपया उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है।
धर्म स्थलों से प्राप्त आय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
15. ( क्र. 1142 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में मौलवियों और मुअज्जिन को शासकीय मद से वेतन या उपवेतन दिया जा रहा है? (ख) मस्जिदों एवं अन्य अल्पसंख्यक धर्म स्थलों से शासन को गत वर्ष कितनी आय हुई है? (ग) सरकार को मंदिरों से एक वर्ष में कितनी आय हुई है? (घ) राशि किस मद पर खर्च की गई?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) शासन द्वारा मसाजिद कमेटी को अनुदान दिया जाता है। जिससे इमाम, पेशइमाम, मुअज्जिनों को मासिक मानदेय भुगतान किया जाता है। मसाजिद कमेटी भोपाल, रायसेन, सिहोर जिले तक सीमित है। (ख) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को मस्जिदों एवं अन्य अल्पसंख्यक धर्म स्थलों से कोई आय प्राप्त नहीं हुई है। (ग) विभाग में मंदिर न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डबल डेकर फ्लाई ओवर ब्रिज
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 1239 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मदनमहल, गढ़ा, गोरखपुर, गौरीघाट क्षेत्र को मुख्य शहर से जोड़ने वाले उम्रदराज शास्त्री ब्रिज जबलपुर पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है? यहां पर हमेशा जाम लगता है ब्रिज की दीवार पर दरारें आ चुकी है। ब्रिज पर वाहनों का दबाव बढ़ रहा है? यदि हाँ तो शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु लोक निर्माण सेतु संभाग जबलपुर ने इसकी डी.पी.आर. तैयार कर तकनीकी स्वीकृति हेतु प्रदेश शासन को कब भेजी हैं? इस पर शासन ने कब स्वीकृति दी है? यदि नहीं तो क्यों? प्रकरण कब से किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? डी.पी.आर. की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित डबल डेकर फ्लाई ओवर निर्माण की मुख्य रूप रेखा क्या है। इसकी लम्बाई एवं चौड़ाई कितने मीटर रखी गई है? इनकी प्रस्तावित लागत एवं अवधि कितनी हैं? इसका निर्माण होने पर यातायात व्यवस्था में क्या सुधार होगा? (ग) प्रश्नांकित डबल डेकर फ्लाई ओवर हेतु शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की है और इस राशि का क्या उपयोग किया है शासन कब तक प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर इसका निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ, डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) फ्लाई ओव्हर रूपरेखा में यातायात तीन पत्ती चौराहे से मॉडल रोड सेन्ट नार्बट स्कूल, ब्लूम चौक चौराहे से होते हुए आदि शंकराचार्य चौक मेडिकल कॉलेज की ओर सचिन टेंट हाऊस के पास मुख्य मार्ग से जुड़ जावेगा। डी.पी.आर. प्रक्रियाधीन होने से बताया जाना संभव नहीं। वर्तमान में निर्माण अवधि की समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं। जी हाँ। (ग) वर्तमान में स्वीकृति जारी नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहर की यातायात व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1240 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार, जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई है? इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायकों सांसद, यातायात पुलिस, जिला प्रशासन एवं नगर निगम का क्या सहयोग, सुझाव लिये गये हैं। इंटेलिजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आई.टी.एम.एस.) के लिये केन्द्रीय शासन ने कब कितनी राशि की स्वीकृति दी है एवं कितनी राशि व्यय हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में शहर के किन-किन क्षेत्रों, चौराहों, तिराहों पर ट्रेफिक सिग्नल लगाये गये हैं एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई? इनका रखरखाव, सुरक्षा, देखभाल, सुधार कार्य की क्या व्यवस्था की गई है। इसका ठेका किस कम्पनी को किन शर्तों पर कितनी अवधि के लिये कितनी राशि में दिया गया और कम्पनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) क्या शहर का ट्रेफिक सिग्नल सिस्टम फेल है। कहीं सिग्नल महीनों से बंद पड़े हैं, टाईमर खराब, तकनीकी खराबियां आना आम शिकायत बनी हुई हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या शासन राशि का दुरूपयोग करने, भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार, जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु प्रमुख चौराहों का विकास, सड़कों का उन्नयन, फुटपाथ की व्यवस्था के साथ नागरिकों द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन के लिये इंटीग्रेटेट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ITMS अंतर्गत चालानी कार्यवाही लागू की गयी है। जी हाँ, नगर पालिक निगम जबलपुर की दिनांक 4.12.2015 एवं 5.12.2015 को आयोजित विशेष बैठक में माननीय पार्षदों एवं नागरिकों से प्राप्त सुझावों को सम्मिलित कर यातायात को सुव्यवस्थित करने हेतु इन्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया। बैठक की खंड प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। ट्रैफिक व्यवस्था, पार्किंग, अधोसंरचना एवं आवश्यक जानकारी सांझा करने के संबंध में नगर निगम जबलपुर एवं क्षेत्रीय यातायात अधिकारी के साथ मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MOU) दिनांक-19.12.2015 को हस्ताक्षरित किया गया। MOU की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार है। ITMS स्थापित करने हेतु पुलिस अधीक्षक का पत्र दिनांक 06.06.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ग अनुसार है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आई.टी.एम.एस.) के लिये जबलपुर स्मार्ट सिटी के संचालक मण्डल जिसमें भारत सरकार के नॉमिनी डायरेक्टर भी होते है, के द्वारा राशि रु.30 करोड़ स्वीकृति किये गए है। अब तक कुल राशि रूपये 23.20 करोड़ का व्यय हुआ है। (ख) शहर के सात जंक्शनों पर लगाये गए ट्रैफिक सिग्नल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार है, इस पर राशि रु.1,19,48,400/- व्यय किये गये है। आई.टी.एम.एस. के संचालन हेतु अनुबंधित कम्पनी Technosys Integrated Solution Pvt. Ltd. के द्वारा इन सिग्नल के रखरखाव, सुरक्षा, देखभाल एवं सुधार कार्य की भी व्यवस्था की गयी है, कम्पनी के साथ अनुबंध की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ड अनुसार है। कार्य अंतर्गत अनुबंध राशि रूपये 27.34 करोड़ है। मूल अनुबंध की अवधी 3 वर्ष है जो कि 30 जून 2024 को समाप्त होगी। अब तक कम्पनी को राशि रूपये 23.20 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ग) जी नही, जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापित ट्रैफिक सिग्नल संचालित है तथा कोई भी सिग्नल महीनों से बंद नहीं है। गोहलपुर एवं ब्लूमचौक पर लगे सिग्नलों के टाइमर बंद हैं परंतु सिग्नल चालू है। टाइमर में आवश्यक सुधार के लिये अनुबंधित कंपनी को सूचित किया गया है। सुधार कार्य प्रचलित है। सिग्नलों में अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति न होने अथवा शरारती तत्वों द्वारा सिग्नल बॉक्स में छेड़छाड़ के चलते अमूमन सिग्नल बंद होने पर त्वरित सुधार कार्य किया जाता है। स्मार्ट सिटी द्वारा संबंधित एजेंसी के अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य संपादित न होने पर पेनाल्टी अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाती है। ITMS परियोजना के अंतर्गत राशि का दुरुपयोग नहीं हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्मार्ट सिटी की वर्तमान स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1336 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर स्मार्ट सिटी के कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है, इसके कब तक पूर्ण होने की संभावना है? (ख) विधान सभा क्षेत्र इन्दौर 3 की भौगोलिक सीमा के अंदर स्मार्ट सिटी के कौन-कौन से कार्य चल रहे है, क्रियान्वयन एजेंसी (कांट्रेक्टर) कौन है, लंबित कार्यों की सूची एवं इनके पूर्ण होने की समय-सीमा से अवगत कराए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन की समय-सीमा 30 जून 2024 तक निर्धारित की गयी है एवं स्मार्ट सिटी के संबंध में भारत सरकार से आगामी दिशा-निर्देश आपेक्षित है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार से कुल राशि रु. 990.00 करोड़ प्राप्त हुए है। इंदौर स्मार्ट सिटी में कुल 185 कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिसमें से स्मार्ट सिटी ग्रांट फण्ड के सभी 161 कार्य पूर्ण किये जा चुके है शेष 24 कार्यों को मार्च 2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्ट्रीट लाइटों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1360 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अम्बाह की नगर पालिका परिषद अम्बाह और नगर परिषद पोरसा क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट लगाई गयी है यदि हाँ तो। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक परिषद क्षेत्रों में लगाई गयी लाईटों की संख्या और कीमत एवं उक्त कार्य करने वाली कार्य एजेंसी का नाम, पता तथा उसे की गयी भुगतान की राशि की जानकारी की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी लाईटों के रखरखाव के लिये परिषदों के लिये कौन-कौन से सामान, किस-किस कीमत पर किस-किस एजेंसी से क्रय किया गया वर्षवार सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
योजना के तहत की गयी कार्यवाही
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1372 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) करैरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 5% एवं 3% योजना के तहत वर्ष 2020 से आज दिनांक तक किन-किन ठेकेदारों द्वारा कितने ट्रांसफार्मर एवं लाइन खम्बे का कार्य किया गया। (ख) क्षेत्र में 5% तथा 3% योजना के तहत किये गये कार्यों का नाम व स्थान तथा स्टीमेट में से जो सामग्री निकली वह किस विभाग में कहां जमा की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्रातंर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक, 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज योजनांतर्गत एवं ओ.वाय.टी. योजनांतर्गत 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा कराकर, ठेकेदारों द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर एवं लाईन विस्तार के किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रातंर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज योजनांतर्गत निकाली गई सामग्री को संबंधित भण्डार गृह कार्यालय में जमा करने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। ओ.वाय.टी. योजना अंतर्गत (3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज योजना) सामान्यत: पूर्व निर्माण न होने से सामग्री निकालने का प्रावधान नहीं रखा जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1399 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा के नगर बल्देवगढ़ में (1) वार्ड क्र. 1 बड़े रैकवार के घर से जगू रैकवार के घर तक (2) वार्ड क्र. 6-7 में राधे रैकवार के घर से गिरधारी के घर तक (3) वार्ड क्र. 7 में धनीराम बंशकार के घर से नेता रैकवार के घर तक (4) वार्ड क्र.7 में धनीराम बंशकार के घर में मुन्ना बंशकार के घर तक (5) वार्ड क्र. 11-12 में मंगू आदिवासी के घर से मेन रोड वरिया तक (6) वार्ड क्र. 02 में मदनवेर मंदिर से प्रेमनाराण तिवारी के घर तक जो सड़कों का निर्माण किया गया वह भारी खराब एवं गुणवत्ताहीन है उक्त सभी सड़कें 8-10 दिन में उखड़ना प्रारंभ हो गई हैं क्या निर्माण एजेंसी ठेकेदार की उक्त सड़कों की जाँच कराकर ठेकेदार के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या परिषद बल्देवगढ़ को अध्यक्ष एवं ठेकेदार द्वारा घटिया सड़कों के निर्माण की शिकायत ग्रामीणजनों द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी बल्देवगढ़ को लगातार की जा रही है जिसमें कोई जिम्मेदार अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है क्या बल्देवगढ़ में जो भी निर्माण कार्य किये जा रहे है वह सभी गुणवत्ता से परिपूर्ण है? कौन से जांचकर्ता अधिकारी ने अभी तक जांच की, समय-समय पर क्या निर्देश ठेकेदारों को नोटिसों के माध्यम से दिये गये है सम्पूर्ण निर्माण कार्यों की लागत राशि, कार्य का नाम, नोटिस जो भी जांच अधिकारी द्वारा दिये गये है सम्पूर्ण दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। निर्माण की टेस्टिंग रिपोर्ट अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता मानक अनुसार है। रिपोर्ट पुस्तकालय रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। ठेकेदार को समय-समय पर दिये गये नोटिस की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
नल लाईन से सड़कें क्षतिग्रस्त होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 1400 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर खरगापुर में जगह-जगह सी.सी. रोड सड़कों को खोदकर नल लाईन बिछाकर उक्त सड़क को ठीक नहीं किया गया तथा पानी की टंकी का निर्माण नहीं होने से नगर के कौन-कौन से वार्ड पानी के संकट से परेशान हो रहे है? (ख) क्या गर्मियों में भी वार्डों के निवासी पानी को परेशान रहे बरसात में भी गंदा पानी मिलेगा तो पी.एच.ई. विभाग एवं नगर परिषद खरगापुर को सभी वार्डों में स्वच्छ पेयजल कब तक उपलब्ध करा देंगे सम्पूर्ण योजना से अवगत करायें? (ग) क्या पानी की टंकी के निर्माण का ठेका प्राप्त ठेकेदार द्वारा अभी तक निर्माण नहीं किया गया तो उक्त ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये नगर की आम जनता को पेयजल आपका विभाग कैसे उपलब्ध करायेगा? समस्त योजना से मय दस्तावेजों सहित अवगत करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। पानी की टंकी निर्माणाधीन है। वार्ड क्र. 15 में पेयजल समस्या है एवं शेष वार्डों में नगर परिषद् द्वारा पूर्व निर्मित पानी की टंकी से जलप्रदाय किया जा रहा है, नगर परिषद् में ट्यूबवैल बोर तथा पानी टैंकर के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। नगरीय क्षेत्र खरगापुर की वर्तमान पेयजल व्यवस्था को यथावत नगर परिषद द्वारा संचालित किया जा रहा है। पेयजल उन्नयन योजना का क्रियान्वयन म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है एवं इस योजना को 31.03.2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पानी की टंकी का निर्माण कार्य संबंधित संविदाकार द्वारा प्रगतिरत है, अभी तक निर्माण कार्य 25% हो चुका है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं है। संविदाकार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किए जाने की स्थिति में संविदाकार के विरुद्ध, अनुबंध के प्रावधानुसार कार्यवाही की जायेगी। नगरीय क्षेत्र खरगापुर को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 31.03.2025 तक योजना पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजनांतर्गत प्रस्तावित कायों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बस स्टैंड का निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1401 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद खरगापुर में पूजा कांस्ट्रेक्शन को नवीन बस स्टैंड के निर्माण कार्य, का टेंडर प्राप्त हुआ है उक्त निर्माण कार्य में मिट्टी की पुराई के कार्य में धरातल पर कुछ और एवं निर्माण कार्य माप पुस्तिका पर कुछ और अंकित किया गया है क्या उक्त मिट्टी की पुराई की मौके पर जाँच माप पुस्तिका के अनुसार करायेंगे यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों? माप पुस्तिका की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या पूजा कॉस्ट्रक्शन के द्वारा जतारा-खरगापुर मुख्य मार्ग से नवीन मण्डी परिसर तक सड़क निर्माण किया जा रहा है जिसके अर्थ वर्क में कमी की गई तथा उक्त सड़क निर्माण में अनियमितायें की जा रही है? गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है राशि का ठेकेदार द्वारा भारी भ्रष्टाचार कर शासन की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है? क्या खरगापुर नगर परिषद में पूजा कंस्ट्रक्शन के द्वारा जो भी निर्माण किये जा रहे है? उक्त ठेकेदार के निर्माण कार्यों की जांच करायेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? जांच में दोषी पाये जाने पर उक्त पूजा कन्स्ट्रक्शन को ब्लेक लिस्टेड करेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् खरगापुर में पूजा कंस्ट्रक्शन को नवीन बस स्टैंड के निर्माण कार्य का टेण्डर प्राप्त हुआ है। उक्त कार्य में मिट्टी पुराई का कार्य, कार्य स्थल के अनुसार ही माप पुस्तिका में दर्ज किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। पूजा कंस्ट्रक्शन के द्वारा जतारा खरगापुर मुख्य मार्ग से नवीन मंडी परिसर तक सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिस पर अर्थ वर्क का कार्य, स्थल की उपयुक्तता व तकनीकी स्वीकृति के आधार पर कराया जा रहा है। गुणवत्ता का परीक्षण प्रयोग शाला से कराया गया है, जिसकी जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1423 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में योजनान्तर्गत वर्तमान में अभी तक कुल कितने ग्राम पंचायत फलियो/मंजरों में 24 घंटे की विद्युतीकरण उपलब्ध है? (ख) कितने फलियो/मजरे में 24 घंटे विद्युत विहीन हैं? कृपया ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। क्या यह सच है कि जहां 24 घंटे विद्युत नहीं है तब भी बिजली बिल आ रहे? हाँ तो क्या कारण है? (ग) उक्त फल्यों में विद्युत प्रदाय करने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या शत-प्रतिशत विद्युत विहीन फाल्यों में बिजली उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है? (घ) विधानसभा किसानों के लिए सिंचाई के लिए कितने घंटे बिजली प्रदाय करने का नियम है क्या उनके नियम अनुसार प्रदाय किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान तक 124 राजस्व ग्रामों के 1921 फलियों/मजरों/टोलों में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के 77 फलियों/मजरों/टोलों में प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है, जिसकी ग्राम पंचायतवार सूची संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। उक्त फलियों/मजरों/टोलों को वर्तमान में समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, तदानुसार ही उक्त फलियों/मजरों/टोलों के विद्युत उपभोक्ताओं को नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे है। (ग) उक्त फलियों/मजरों/टोलों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी फल्या/मजरा/टोला शत-प्रतिशत विद्युत विहीन नहीं है। उक्त फल्यों/मजरों/टोलों को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिये वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) राज्य शासन के निर्देश अनुसार कृषकों को सिंचाई प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने का नियम है। अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर सेंधवा विधानसभा क्षेत्र सहित बड़वानी जिले में कृषि कार्य हेतु विगत तीन माहों यथा - अप्रैल, मई एवं जून 2024 में क्रमश: प्रतिदिन औसतन 9 घंटे 52 मिनिट, 9 घण्टे 46 मिनिट एवं 9 घण्टे 42 मिनिट विद्युत प्रदाय किया गया है।
माननीय सदस्यों को प्रदत्त शक्तियां अधिकार एवं कर्तव्य
[संसदीय कार्य]
25. ( क्र. 1455 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विधानसभा के निर्वाचित विधायक को अपने विधानसभा क्षेत्र में किन-किन विभागों की योजनाओं की समीक्षा करने आवश्यक निर्देश देने के अधिकार प्राप्त है? (ख) विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र में किन-किन विभागों के कार्यालय और क्षेत्र में आकस्मिक निरीक्षण के अधिकार प्राप्त हैं? (ग) विधायक के निरीक्षण के समय राज्य सरकार की योजनाओं के निरीक्षण/पर्यवेक्षण में विधायक के बुलाने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों का मौके पर उपस्थित रहना आवश्यक है या नहीं? (घ) मध्यप्रदेश विधानसभा के निर्वाचित विधायक के क्या कर्तव्य हैं? उन कर्तव्य के निर्वहन में उसे क्या अधिकार एवं शक्तियां प्रदान की गई है? संबंधी दिशा-निर्देश उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टोल प्लाजा पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1467 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में mprdc के द्वारा कुल कितने टोल प्लाजा संचालित किए जा रहे हैं? उनके नाम एवं किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है एजेंसी का नाम एवं एग्रीमेंट की प्रति देवें? (ख) टोल शुल्क के बदले में एजेंसी के द्वारा टोल प्लाजा पर कौन-कौन सी सुविधाएं दी जा रही है अनुबंध अनुसार उन समस्त सुविधाओं का विवरण देवें एवं सुविधा का फोटोग्राफ भी देवें? साथ ही क्रेन सुविधा के संबंध में क्रेन का फोटो, रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, स्टाफ की सूची, दस्तावेज, महिला पुरुष शौचालय सुविधा, इत्यादि के फोटो भी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) मैं उल्लेखित टोल प्लाजा पर कार्यरत समस्त स्टाफ की सूची, नियुक्ति आदेश, वेतन पत्रक, कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किए जाने वाले रूपए की रिसिप्ट देवें? (घ) जिले के mprdc के टोल प्लाजा पर उपलब्ध एम्बुलेंस केंद्र सरकार के द्वारा तय किए गए मापदंड Ais -125 के अनुसार होकर आरटीओ कार्यालय में एम्बुलेंस व्हीकल के रूप रजिस्टर्ड है या नहीं? क्या इन एम्बुलेंस में स्टैंडर्ड के अनुसार सुविधाएं है? (ड.) नियमानुसार टोल प्लाजा पर मेडिकल स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ है या नहीं यदि हाँ तो उनके योग्यता के दस्तावेज देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग ग्वालियर के अंतर्गत बी.ओ.टी. योजना एवं ओ.एम.टी. योजना में कुल 05 टोल प्लाजाओं पर एम्बुलेंस का प्रावधान है। इनमें से 04 टोल प्लाजाओं पर एम्बुलेंस उपलब्ध है एवं आर.टी.ओ. कार्यालय में रजिस्टर्ड है। अनुबंध में निहित प्रावधान/स्टैण्डर्ड अनुसार सुविधायें है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट- 5 अनुसार।
विद्युत उत्पादन और आपूर्ति
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 1505 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की म.प्र. पॉवर जनरेटिग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन के कितने संयंत्र चालू है माह अप्रैल एवं मई 2024 में किन-किन संयंत्रों से कितना वि़द्युत उत्पादन हो रहा है? विद्युत गृहवार जानकारी दें। (ख) क्या विरसिंहपुर पाली के दो विद्युत उत्पादन संयंत्र बंद पड़े हुए है? यदि हाँ तो बंद होने के क्या कारण है और यह कब तक चालू होंगे? (ग) इस समय हाइड्रो विद्युत उत्पादन कितना है? (घ) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कितने सौर ऊर्जा उत्पादकों/संयंत्रों से विद्युत क्रय अनुबंध किये गये हैं एवं क्रय अनुबंधों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 सौर ऊर्जा संयंत्रों से कितना-कितना विद्युत उत्पादन हुआ है? (ड.) मध्यप्रदेश में जिलेवार विद्युत मांग और आपूर्ति 1 अप्रैल, 2023 से 31 मई, 2024 तक क्या स्थिति रही?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों के परिचालन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अप्रैल एवं मई, 2024 में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों के विद्युत उत्पादन का विद्युत गृहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) दिनांक 02.07.2024 की स्थिति में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में 210 मेगावाट क्षमता की एक ताप विद्युत इकाई वार्षिक रख-रखाव के कार्यों हेतु दिनांक 10.06.2024 से बंद है। वार्षिक रख-रखाव कार्यक्रम अनुसार इकाई को दिनांक 25.07.2024 को क्रियाशील किया जाना प्रस्तावित है। संजय गॉंधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की शेष इकाइयों से आवश्यकतानुसार विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। (ग) मई-2024 में प्रदेश में जल विद्युत गृहों से 719.38 मिलियन यूनिट (मध्यप्रदेश का अंश) विद्युत उत्पादन हुआ है। (घ) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा 177 सौर ऊर्जा उत्पादकों/संयंत्रों से 6441.76 मेगावॉट क्षमता के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किये गये हैं। उक्त सौर ऊर्जा संयंत्रों से वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्पादित 5177.05 मिलियन यूनिट (मध्यप्रदेश का अंश) विद्युत का क्रय किया गया है। (ड.) 1 अप्रैल, 2023 से 31 मई, 2024 तक प्रदेश में जिलेवार विद्युत की मांग एवं आपूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
भैसदेही में प्रस्तावित मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 1518 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र भैसदेही के विभाग द्वारा प्रस्तावित मार्ग/नवीन मार्ग स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रस्तावित मार्ग की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेत तक विद्युत लाईन पहुंचाने की योजना
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1535 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा आदिवासी समाज के कृषकों के खेतों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु ट्राँसफार्मर और लाईन स्थापित करने की क्या योजना है? आदिवासी लघु और सीमांत कृषकों के लिये विभाग कि समस्त योजनाओं की जानकारी देवें। (ख) देवास जिले की आदिवासी बाहुल्य खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की मात्र कृषक संख्या बतायें जिनके पास सिंचाई हेतु विद्युत पंप कनेक्शन हैं एवं जिन कृषकों के पास स्थायी सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं है, उनका कारण बतावें। (ग) विगत 5 वर्षों में कितने आदिवासी कृषकों के द्वारा डिवीजन कार्यालय कन्नौद में अपने खेत पर विद्युत लाईन विस्तार एवं ट्राँसफार्मर स्थापना हेतु आवेदन/मांग पत्र, प्रस्तुत किये गये है, संख्या बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कृषकों को शीघ्र एकमुश्त तरीके से विद्युत लाईन एवं कनेक्शन प्रदान करने की स्थिति में है यदि हाँ तो कब तक, इनके खेतों तक विद्युत लाईन विस्तारीकरण कार्य हो सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में समस्त कृषकों को सिंचाई हेतु कृषि पंप विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने के लिए वितरण ट्रांसफार्मर एवं लाईन स्थापित किये जाने हेतु वर्तमान में ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' एवं ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' संचालित हैं। आदिवासी लघु एवं सीमांत कृषकों सहित समस्त कृषकों हेतु वर्तमान में अटल कृषि ज्योति योजना के अंतर्गत 10 हार्सपॉवर तक के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 750 रूपये प्रति हार्सपॉवर प्रतिवर्ष एवं 10 हार्सपॉवर से अधिक के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शन को 1500 रूपये प्रति हार्सपॉवर प्रतिवर्ष की फ्लेट दर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही 10 हार्सपॉवर तक के मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप कनेक्शन एवं अस्थाई मीटर्ड एवं अनमीटर्ड कृषि पंप कनेक्शनों को भी मासिक नियत प्रभार एवं ऊर्जा प्रभार में रियायत दी गई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से अंतर की राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में किया जा रहा है। इस योजना से लगभग 26 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य शासन द्वारा 1 हेक्टेयर तक भूमि एवं 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत लगभग 9.35 लाख कृषि उपभोक्ता लाभांवित हो रहे हैं। (ख) देवास जिले की खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं की कुल संख्या 22568 है। ऐसे कृषक जिनके पास सीमित रकबा/सिंचाई साधन है, उनके द्वारा रबी सीजन में सिंचाई हेतु अस्थायी विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन दिया जाता है। तद्नुसार ऐसे कृषक उपभोक्ताओं को अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये जाते हैं। कुछ कृषकों द्वारा स्वयं के डीजल पंप के द्वारा भी सिंचाई की जाती है। कृषकों द्वारा आवदेन करने पर नियमानुसार वितरण कंपनी द्वारा प्रचलित योजनाओं के प्रावधानानुसार विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाता है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत संचालन/संधारण संभाग कन्नौद में विगत 05 वर्षों में आदिवासी कृषकों से खेतों में विद्युत लाईन विस्तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु कुल 457 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित आवेदनों में से ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजना (ओ.व्हाय.टी.) के तहत विगत 5 वर्षों में 212 आदिवासी कृषकों के प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध समस्त 212 कृषकों को कनेक्शन जारी कर दिये गये हैं एवं वर्ष 2023 से संचालित मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना अंतर्गत 245 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिनमें से 27 आवेदन अत्यधिक दूरी (परिपत्र अनुसार 11 केव्ही लाईन से 200 मीटर से अधिक की दूरी) होने के कारण निरस्त किये गये हैं तथा 218 आवेदकों को डिमांड नोट जारी किये गये हैं, जिसमें से 03 कृषकों द्वारा डिमांड नोट (मांग पत्र) के विरूद्ध राशि जमा कराई है, जिनके कार्यादेश निर्माण संभाग उज्जैन (एसटीसी) को जारी कर दिये गये हैं एवं कार्य प्रगति पर है। शेष 215 कृषकों द्वारा 01 माह की समयावधि पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार राशि जमा नहीं करने के कारण उनके स्वीकृत प्राक्कलनों को निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
नियम विरूद्ध संविलियन
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1549 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नगर परिषद डभौरा में कार्यरत 45 कर्मचारियों का संविलियन नियम विरूद्ध मानते हुए शासन नगरीय प्रशासन द्वारा निरस्त किया गया है? दोषी 6 कर्मचारी/ अधिकारियों को निलंबित किया गया है? यदि हाँ तो किन कारणों से संविलियन निरस्त किया गया है, सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिन 45 कर्मचारियों को संविलियन निरस्त किया गया है उनका नाम, पद, शैक्षणिक योग्यता, निवास, आधार कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र की प्रति देते हुए सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संबंध में यह बतावें कि जिन कर्मचारियों को नगर परिषद डभौरा के सम्मिलित पंचायतों के पंचायत कर्मचारी माना गया है, उन कर्मचारियों के 3 वर्षों का पंचायत द्वारा दिये गये वेतन भुगतान पत्रक कर्मचारी उपस्थिति पंजी एवं संबंधित को पंचायत में क्या दायित्व दिया गया था? क्या उनको सेवा से पृथक करेंगे? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन रीवा ने अपने पुत्र सगे संबंधियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर पंचायतकर्मी मानते हुए नियुक्ति का अनुमोदन किया है? यदि हाँ तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे तथा वर्तमान में नगर परिषद डभौरा में कुल किस-किस श्रेणी के कितने नियमित कितने मस्टर/ठेके पर कार्य कर रहे है, पदवार सूची देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद्, डभौरा में पंचायतकालीन 04 संविदा एवं 45 मानदेय कर्मियों का नियम विरुद्ध संविलियन किए जाने के लिए उत्तरदायी पाए गए 6 अधिकारियों/कर्मचारियों को संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा दिनांक 29.04.2024 को निलंबित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद्, डभौरा में पंचायतकालीन कर्मियों के नियम विरुद्ध संविलियन किए जाने संबंधी शिकायत की जांच कर जांच समिति द्वारा दिनांक 18.04.2024 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त प्रकरण में मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा उक्त कृत्य के लिए संयुक्त संचालक को दिनांक 29.04.2024 को निलंबित किया जाकर दिनांक 30.04.2024 को उनके विरुद्ध आरोप पत्र जारी किए गए हैं। वर्तमान में नगर परिषद्, डभौरा में कार्यरत कर्मचारियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र.
1550 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) विभाग में
वर्ष 2020-21 से प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
निरन्तर
पदस्थ है
विभाग के स्थानांतरण
नियम में
निरंतर पदस्थ
होने पर स्थानांतरण
के क्या नियम
है? नियम
की सूची उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांकित
अधिकारी/कर्मचारियों
के विरूद्ध प्रश्नांकित
अवधि में
किन-किन व्यक्तियों
ने कब-कब, किन-किन प्रकरणों
में शिकायतें
दर्ज कराई है? अधिकारी/कर्मचारियों
की शिकायतों
पर प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या
विभाग में
लंबे समय से
जमे हुए अधिकारी/कर्मचारियों
पर स्थानांतरण
की कार्यवाही
की जायेगी यदि
हाँ तो कब तक
यदि नहीं तो
क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) से
(ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
न्यू हाऊसिंग बोर्ड कालोनी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 1551 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर- झांसी एन.एच. से लगी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दतिया प्रश्न दिनांक तक कुल कितने रकबा एवं आराजी नं. में निर्मित है। उक्त कॉलोनी के पूर्व, पश्चिम, दक्षिण में कौन-कौन सी आराजी नं. रकबा है। वर्ष 1958-59 की खतौनी बी-1 की नकल एवं वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक खसरे की नकल देते हुए जानकारी देवें? क्या कॉलोनी के रहवासियों से रोड निर्माण हेतु सहमति ली गई है। यदि हाँ तो सह पत्रों के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क)के न्यू हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी द्वारा कॉलोनी की भूमि से निजी भूमि में जोड़ने के लिये रोड निर्माण कराया गया है तो किसके आदेश से कॉलोनी से भूमि रोड निर्माण हेतु ली गई? अधिग्रहण की भूमि के लिये हाऊसिंग बोर्ड विभाग, शासन नगर निगम दतिया द्वारा भूमि रोड हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाकर रोड बनाने की स्वीकृति दी गई है। समस्त सहपत्रों के साथ, जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में कॉलोनी में यदि नियम प्रक्रिया का बिना पालन किये हुए कॉलोनी रहवासियों के बिना सहमति के रोड निर्माण कराया गया है तो क्या उक्त अवैध रोड के बंद कर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? समय-सीमा बताये? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अवैध रोड निर्माण से संबंधित शासन विभाग में कुल कितने शिकायती आवेदन पत्र एवं 181 में प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायतों पर कब तक क्या कार्यवाही की गई है? शिकायती पत्रों के जांच प्रतिवेदनों एवं की गई कार्यवाही की प्रति देते हुए जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्वालियर-झॉंसी से लगी न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी, दतिया सर्वे क्रमांक 382/1 कुल रकबा 7.050 हे. में निर्मित है। उक्त कालोनी के प्रमाणित अक्स अनुसार पूर्व दिशा में खसरा क्रमांक 412, 413, 416, 417, 418, 419, 420, 422 एवं 429, पश्चिम दिशा में खसरा क्रमांक 382/2, उत्तर दिशा में खसरा क्रमांक-380, 385 (एन.एच.) एवं दक्षिण दिशा में खसरा क्रमांक 383, 384, 385/2, 395, 397, 398, 399 भूमि स्थित है। वर्ष 1958-59 के खतौनी मौजा राम नगर उपलब्ध नहीं होने तथा वर्ष 2010-11 एवं 2012 मौजा राम नगर सर्वे क्रमांक 382/1 जीर्ण-क्षीर्ण होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। उक्त रोड का निर्माण म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल या नगर पालिका दतिया द्वारा नहीं किया गया है। अतः कालोनी के रहवासियों से रोड निर्माण हेतु सहमति लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व के निर्धारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त अवैध रोड निर्माण से संबंधित तीन शिकायती पत्र प्राप्त हुये थे। मण्डल द्वारा उक्त शिकायतों के निराकरण हेतु आवेदन थाना कोतवाली, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कार्यालय में नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रेषित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लबिया नदी पर स्थित हाई लेवल पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 1569 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा अंतर्गत बीसारोडा घुघवासा मार्ग लबिया नदी पर स्थित हाई लेवल पुल निर्माण की स्वीकृत राशि क्या है? (ख) हाई लेवल पुल की स्थिति क्या है? (ग) निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) लोक निर्माण विभाग द्वारा कोई स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 1593 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला को विगत पांच वर्ष में लोक निर्माण विभाग की प्रतिवर्ष कितनी राशि किस कार्य हेतु प्रदाय की गई और उसका उपयोग किस प्रकार किया गया है। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि के कार्य केवल गजानन कंस्ट्रक्शन, सिद्धी विनायक कंस्ट्रक्शन, ओम कंस्ट्रक्शन यानि कुछ गिनी चुनी कंपनियों को ही नियम विरूद्ध तरीके से दिये गये? (ग) नूतन बिहार टीकमगढ़ के पास स्थित ढोंगा ग्राउण्ड (खेल परिसर) में अब तक कितनी राशि किस-किस वर्ष में किस-किस कंपनी को देकर क्या कार्य कराये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित तथ्यों की गहन जांच कराई जायेगी, यदि नहीं तो क्यों, यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि के कार्य निविदा प्रक्रिया में न्यूनतम निविदाकार को दिये गये है। (ग) लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ द्वारा कोई कार्य नहीं कराया गया है। (घ) जी नहीं। अतः जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लापरवाही के कारण लाईनमेनों के साथ हुई दुर्घटनायें
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1642 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सम्पूर्ण कार्य क्षेत्र एवं सतना वृत्त के अन्तर्गत कितने आउटसोर्स एवं कंपनी के स्थायी/अस्थायी कर्मचारी 01/04/2018 से प्रश्नतिथि के दौरान विद्युत लाईनों में कार्य करते समय दुर्घटना ग्रस्त हुये? किन-किन का निधन हुआ? कौन-कौन गंभीर रूप से घायल हुए? प्रकरणवार/वर्षवार/स्थानवार/व्यक्तिवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्मचारी जो दुर्घटना ग्रस्त हुये उन्हें क्या प्रशिक्षण प्राप्त था? अगर हाँ तो विवरण दें? अगर नहीं तो प्रकरणवार विवरण दें? प्रश्नांश (क) में वर्णित दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारियों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता दी गई? प्रकरणवार/वर्षवार/स्थानवार/व्यक्तिवार/राशिवार/संस्थावार विवरण दें? अगर नहीं दी गई तो क्यों? किसकी-किसकी, कितनी-कितनी बाकी है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विद्युत लाईनों पर कार्य करते समय जो आउटसोर्स एवं कंपनी के कर्मचारी दुर्घटना ग्रस्त हुये हैं क्या वो उस स्थान पर नियमानुसार उस कार्य को करने के लिये अधिकृत थे जहाँ पर वे दुर्घटना में मृत या गंभीर रूप से घायल हुये? (घ) शासन दुर्घटनाओं को रोकने हेतु क्या आवश्यक कदम उठायेगी? कार्य योजना की एक प्रति दें? किस नाम/पदनाम पर कब व क्या कार्यवाही करेगी जो कि इन दुर्घटनाओं के जवाबदार थे? प्रकरणवार दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त सतना सहित म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत आउटसोर्स एवं वितरण कंपनी के स्थायी/अस्थायी कार्मिकों की प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत लाईनों पर कार्य करते समय दुर्घटना ग्रस्त होने से गंभीर रूप से घायल होने एवं निधन होने का प्रकरणवार/वर्षवार/स्थानवार/व्यक्तिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत नियमित कार्मिकों एवं संविदा कार्मिकों को केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, जबलपुर द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है एवं आउटसोर्स कार्मिकों को बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा प्रशिक्षण उपरांत ही नियोजित किया जाता है। दुर्घटनाग्रस्त कार्मिकों को दी गई आर्थिक सहायता अनुदान राशि की प्रकरणवार/वर्षवार/स्थानवार/ व्यक्तिवार/राशिवार/संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। वितरण कंपनी के नियमानुसार पात्र पाये गए प्रकरणों में आर्थिक अनुदान सहायता राशि प्रदान की गई है, नियमानुसार अपात्र प्रकरणों में अनुदान सहायता राशि प्रदान नहीं की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्णित कार्मिक नियमानुसार उस स्थान पर कार्य करने के लिए अधिकृत थे, अपितु कतिपय प्रकरणों में कार्मिकों द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी निर्देशों/नियमों का पालन नहीं किये जाने से वे विद्युत दुर्घटना ग्रस्त हुए। (घ) विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने हेतु अधिकारियों तथा लाईन कर्मचारियों के ज्ञान संवर्धन एवं लाईन संबंधी सुरक्षित ढंग से कार्य करने के उद्देश्य से ''विद्युत सुरक्षा संबंधी निर्देश एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए निर्देशिका'' तैयार की गई हैं तथा निर्देशिका की प्रतियाँ प्रिंट कराकर वृत्त, संभाग तथा वितरण केन्द्र स्तर तक उपलब्ध कराई गई हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त दुर्घटनाओं हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाये गये। अत: तत्संबंधी कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
करोड़ों की अनियमितताओं के प्रकरण में लीपा-पोती किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1643 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले की अमरपाटन विधानसभा के रामनगर की नगर परिषद् में बी.एल.सी. घटक में 2.69 करोड़ की वित्तीय अनियमिततायें प्रधानमंत्री आवास योजना में सामने आने एवं 269 हितग्राही अपात्र पाये गये थे? क्या अपात्र हितग्राहियों के खातों में तात्कालीन अध्यक्ष राम सुशील पटेल एवं संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक-एक लाख की किश्ते डाली? जारी सभी खातों के नाम (अपात्रों) एवं राशि का विवरण दिनांकवार उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 269 खातों में से 156 ऐसे हितग्राही थे जिनका कलेक्टर/सक्षम कार्यालयों से अनुमोदन ना कराकर बाहर से ही नामों को जोड़ दिया गया था? सभी की सूची दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में हुये वित्तीय अनियमितता पर कलेक्टर सतना ने एफ.आई.आर. कायम करवाई थी? FIR की एक प्रति दें? क्या उपरोक्त राशि की वसूली के आदेश कलेक्टर सतना ने जारी किये थे? जारी आदेशों की एक-एक प्रति (वसूली के) उपलब्ध करायें? (घ) राज्य शासन तात्कालीन अध्यक्ष के द्वारा लिये गये स्थगन आदेशों को वैकेंट कराये जाने के क्या-क्या प्रयास कर रहा है/कर चुका है? सभी का बिन्दुवार विवरण दें? स्थगन आदेश वैकेंट ना कराने का दोषी किस नाम/पदनाम के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? बिन्दुवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक या.प्रा./शाखा-7/18/9023 दिनांक 14/08/2018 द्वारा गठित दल का कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला सतना के द्वारा प्रस्तुत अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को सतना द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र क्रं.412/अनु.अधि./रीडर न्यू रामनगर दिनांक 05.10.2018 के अनुसार 269 हितग्राहियों को वित्तीय क्षति पहुंचाये जाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। योजना के प्रावधान अनुसार निकाय द्वारा इन हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि रू. 01-01 लाख प्रति हितग्राही प्रदाय की गई। प्रदाय की गई राशि का दिनांकवार, हितग्राहीवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन में 269 हितग्राहियों के अपात्रता के कारण दर्शित न होने से पुनः जांच की गई। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल निर्देशानुसार गठित दल के प्रतिवेदन क्रमांक 13581 दिनांक 05.12.2019, प्रतिवेदन क्रमांक 2021 दिनांक 12.08.2021 एवं पत्र क्रमांक 2023 दिनांक 21.02.2023 अनुसार समस्त 269 हितग्राही पात्र पाये गये हैं। (ख) म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-10-31/18-2/2007 दिनांक 01.11.2014 की कण्डिका 1.2 के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन जिला कलेक्टर सतना से कराया गया। कण्डिका 3.13 के प्रावधान अनुसार शेष पात्र हितग्राहियों का अनुमोदन कलेक्टर सतना से प्राप्त किया गया है। हितग्राहियों की सूची एवं अनुमोदन पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। एफ.आई.आर. कलेक्टर सतना द्वारा नहीं अपितु तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा की गई है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में सभी हितग्राही पात्र पाये जाने से राशि वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निकाय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में तत्कालीन अध्यक्ष के द्वारा किये गये स्थगन के विरूद्ध याचिका क्रं. डब्ल्यू.पी. 28259/2018 में दिनांक 04.01.2019 को जवाब दावा प्रस्तुत किया गया है। जवाब दावें की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में सभी हितग्राही पात्र पाये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनी काट चुके कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर.
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1660 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन भोपाल द्वारा किये गये अवैध कॉलोनियों के सर्वे पर 255 अवैध कॉलोनी काट चुके कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर. कराने के लिए भवन अनुज्ञा शाखा को लिखा था? यदि हाँ तो कॉलोनाईजर के नाम, पते एवं अवैध कॉलोनियों के क्षेत्रफल सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पुलिस द्वारा भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियों को पत्राचार कर पूर्ण जानकारी मांगी जा रही है, परंतु शाखा ने प्रश्न दिनांक तक पूर्ण जानकारी नहीं दी है? यदि हाँ तो पत्राचार की प्रतियों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या अवैध कॉलोनी काट चुके कॉलोनाईजर को बचाने के उद्देश्य से शाखा जानकारी छिपा रही है क्योंकि विभाग के अधिकारियों की कॉलोनाईजरों से मिलीभगत है? यदि हाँ तो संलिप्त अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुलिस द्वारा 06 स्थानों पर विकसित अवैध कॉलोनी के मूल दस्तावेजों के लिए पत्र प्रेषित किए गए थे एवं दिनांक 31.03.2024 को पुलिस जप्ती द्वारा मूल दस्तावेज नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा से प्राप्त किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। नगर निगम द्वारा उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम लड़ावद के समीप नाले पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 1666 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत लड़ावद बड़ी पंचायत एवं शाजपुर से शुजालपुर का व्यस्ततम मार्ग पर बड़े नाले पर पुल का निर्माण के संबंध में प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो पुल निर्माण का प्रस्ताव शासन स्तर से कब तक स्वीकृत होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाजापुर नगर में नया जल शोधन यंत्र का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 1671 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर नगर में पेयजल वितरण हेतु 60 वर्ष पूर्व जल शोधन यंत्र स्थापित किया गया था उस समय नगर की कुल आबादी 20 हजार के लगभग थी। (ख) जनगणना 2011 के अनुसार शाजापुर नगर की कुल आबादी 80 हजार के लगभग थी? (ग) वर्तमान में नगर की परिसीमन में आस-पास के क्षेत्र जुड़कर नगर पालिका क्षेत्र में 29 वार्ड स्थापित है जिसमें लगभग 1 लाख से अधिक जनसंख्या है, किन्तु जल शोधन यंत्र 60 वर्ष पूर्व निर्मित वाला ही कार्यशील है? J (घ) क्या आबादी के अनुसार नया जल शोधन यंत्र स्थापित होने की योजना प्रस्तावित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु जनगणना 2011 के अनुसार शाजापुर नगर की कुल आबादी 69263 थी। (ग) नगर के परिसीमन में आस-पास के क्षेत्र जुड़कर नगर पालिका क्षेत्र में 29 वार्ड हैं। वर्तमान में नगर में 3.40 एम.एल.डी. (वर्ष 1950), 2.70 एम.एल.डी. (वर्ष 1986) एवं 8.80 एम.एल.डी. (वर्ष 2015) के जल शोधन संयंत्र कार्यशील हैं। (घ) जी हाँ, अमृत 2.0 मिशन अंतर्गत जलप्रदाय योजना में 5.00 एम.एल.डी. के नये जल शोधन संयंत्र का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
सड़क निर्माण से संबंधित जांच के सेम्पल फेल होना
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1710 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा में आने वाली धौलपुर से बारजा सड़क की जांच में सेम्पल फेल होने पर भी प्रश्नांकित दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) धौलापुर से बारजा मार्ग का कितनी लागत में किस अवधि तक निर्माण पूरा किए जाने का कार्य आदेश किस दिनांक को दिया, प्रश्नांकित दिनांक तक कितना निर्माण हुआ है, कितना निर्माण शेष है? (ग) मार्ग से संबंधित किस-किस के द्वारा कब-कब जांच की गई? जांच के क्या-क्या परिणाम निकले गुणवत्ताविहीन किस-किस कार्य को लेकर अनुबन्धकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब की गई? यदि नहीं की गई तो कारण बतावें। (घ) मार्ग का कब तक निर्माण पूरा करवाया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। सड़क की जांच के परीक्षण परिणाम मानक प्राप्त हुए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्य की लागत रूपये 331.53 लाख है। कार्य को दिनांक 9/9/2023 तक अर्थात 4 माह में पूर्ण किये जाने का कार्यादेश दिनांक 10/5/2023 को जारी किया गया। प्रश्न दिनांक तक 80 प्रतिशत कार्य का निर्माण हुआ है एवं 20 प्रतिशत कार्य शेष है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जांच में लिये गये सैंपल के परीक्षण परिणाम मानक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार प्राप्त हुए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 30/7/2024 तक।
टिमरनी नगर पालिका की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1711 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2023 से प्रश्नांकित दिनांक तक लोकायुक्त मध्य प्रदेश भोपाल ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन राज्य मंत्रालय भोपाल को टिमरनी नगर परिषद के विरूद्ध हुई शिकायतों की जांच हेतु लिखे गए पत्रों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी जांच कर कार्यवाही नहीं की गई? (ख) जनवरी 2023 से प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन भोपाल, आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन नर्मदापुरम को टिमरनी नगर परिषद के विरूद्ध किस-किस विषय पर, किस दिनांक को लोकायुक्त द्वारा लिखा पत्र प्राप्त हुआ, किस-किस दिनांक को किसकी शिकायत प्राप्त हुई? (ग) टिमरनी नगर परिषद के विरूद्ध हुई किस शिकायत की जांच किस-किस के द्वारा की जाकर, किस दिनांक को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया प्रति सहित बतावें? (घ) कब तक जांच की जाकर प्रश्नकर्ता को जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करवाया जावेगा, कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी पृथक-पृथक बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 16.06.2023 के माध्यम से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग नर्मदापुरम को लोकायुक्त कार्यालय, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा विभाग को प्रेषित किए गए पत्र के माध्यम से प्राप्त शिकायत की जांच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) लोकायुक्त कार्यालय, मध्यप्रदेश, भोपाल के माध्यम से प्राप्त पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ई-रिक्शा की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1770 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सुसनेर द्वारा वित्तीय वर्ष 2023 व 2024 में किन-किन सामग्रियों की खरीदी किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा की गई, सामाग्री का नाम भुगतान की राशि सहित समस्त अभिलेख की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सुसनेर नगर परिषद द्वारा पीआईसी की बैठक दिनांक09/05/2024 के प्रस्ताव अनुसार कितने ई-रिक्शा की खरीदी की गई थी तथा किस कम्पनी के माध्यम से क्रय किये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ई-रिक्शा खरिदी में किये गए भ्रष्टाचार की जनप्रतिनिधियों एवं पार्षदों द्वारा शिकायत की गई थी? क्या उक्त रिक्शा जिस कम्पनी के खरीदे गए उसके कोटेशन से उक्त ई-रिक्शा को अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया? (घ) क्या नगर परिषद में ई-रिक्शा खरीदी में हुए भ्रष्टाचार की जांच नगरीय विकास विभाग द्वारा संचालनालय स्तर पर की जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद सुसनेर द्वारा ई-रिक्शा जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किए जाने के लिए बिड लगाई गई थी। उपरोक्त के दृष्टिगत कंपनी के कोटेशन की आवश्यकता नहीं थी। जेम पोर्टल पर न्यूनतम दर रूपये 24,06,000.00 होने से उसी के आधार पर रूपये 16,57,342.00 ठेकेदार को भुगतान किया जाकर जी.एस.टी. कटौत्रा रूपये 45,829.00 एवं आयकर कटौत्रा रूपये 45,829.00 किया जाकर शासन के निर्धारित मदों में जमा किया गया है। वर्तमान में ठेकेदार को सम्पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है तथा बिड अनुसार ऑनलाईन प्राप्त दरों से अधिक भुगतान किया गया है। (घ) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र दिनांक 24.06.2024 के माध्यम से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-उज्जैन को उक्त शिकायत पर तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
क्षिप्रा नदी के शुद्धिकरण हेतु शासन स्तर का प्रयास
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1846 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षिप्रा शुद्धिकरण हेतु शासन स्तर पर अभी तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? क्षिप्रा नदी में शहर के गन्दे नालों को मिलने से रोकने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) कान्ह नदी का दूषित जल पवित्र क्षिप्रा नदी में न मिले इस हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? ">(ग) कान्ह नदी पर त्रिवेणी स्थित कच्चे बांध के बार-बार टूटने का क्या कारण है? क्या इसका कोई स्थाई हल किया जावेगा? (घ) नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत क्षिप्रा शुद्धिकरण हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) कान्ह नदी पर त्रिवेणी स्थित कच्चे बंड के आस-पास वेस्टवियर निर्माण हेतु उचित स्थल नहीं होने से पूर्ण जलभराव स्तर आने पर कच्चे बंड को टूटने से रोकने का कोई विकल्प नहीं है, इसलिये बंड को साइड से काटकर अतिरिक्त पानी निकाला जाता है। जी हां, जल संसाधन विभाग द्वारा इस हेतु त्रिवेणी संगम में पक्के बैराज की निर्माण योजना प्रस्तावित है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-"स" अनुसार है।
उज्जैन शहर की सीवरेज व्यवस्था में विलम्ब
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1847 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर की भूमिगमत सीवरेज व्यवस्था का कार्य कब से प्रारंभ हुआ है? परियोजना की कुल लागत क्या है? अब तक कितना व्यय हुआ है? (ख) अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूरा किया जाना था? क्या कार्य समयावधि में पूर्ण हो गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) भूमिगत सीवरेज लाईन डालने हेतु किस साईज के पाईप का उपयोग किया जा रहा है? क्या उक्त पाईप का आकार तकनीकी दृष्टि से उचित है? (घ) उपरोक्त कार्य में चेम्बर ऊँचे नीचे लगने से शहर में कितनी दुर्घटना हुई एवं दुर्घटना में कितने घायल हुये और कितने लोगों की मृत्यु हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत मिशन 1.0 के अंतर्गत उज्जैन सीवरेज परियोजना का कार्य दिनांक 21.11.2017 को प्रारंभ हुआ है। परियोजना की लागत राशि रू. 438.10 करोड़ है। परियोजना के क्रियान्वयन में अब तक राशि रू. 329.44 करोड़ का व्यय हुआ है। (ख) अनुबंध अनुसार परियोजना को पूर्ण करने की तिथि 20.11.2019 थी। जी नहीं। कार्य प्रगतिरत है। कार्य में विलंब के प्रमुख कारण संलग्न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) भूमिगत सीवरेज लाईन डालने हेतु उपयोग किये जा रहे पाईप के साईज का विवरण संलग्न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। जी हाँ। (घ) जी नहीं, अपितु परियोजना क्रियान्वयन के दौरान 2 दुर्घटनायें/मृत्यु हुई हैं, जिसके कारणों की विवेचना पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है।
सिंहस्थ 2028 की तैयारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 1848 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगामी सिंहस्थ 2028 के लिये शासन स्तर पर क्या तैयारी की जा रही है? (ख) पूर्व में सिंहस्थ हेतु आरक्षित भूमि पर 1 लाख के लगभग आबादी बस चुकी है, जहां पर विगत तीन सिंहस्थ में (वर्ष 1992, 2004, 2016) कभी उक्त भूमि का उपयोग सिंहस्थ हेतु नहीं किया गया है, उक्त भूमि को सिंहस्थ आरक्षित भूमि से मुक्त कराने की क्या कार्यवाही की गई है? उक्त जमीन को सिंहस्थ क्षेत्र से कब तक मुक्त किया जा सकेगा? (ग) उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र के जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है जिससे कि सिंहस्थ भूमि का नुकसान हो रहा है। उसे रोकने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सिंहस्थ 2028 के लिये कार्य योजना तैयार की जा रही है। (ख) विगत 03 सिंहस्थ में जिस भूमि का उपयोग नहीं किया गया उक्त भूमि को सिंहस्थ आरक्षित क्षेत्र से मुक्त करने के संबंध में पूर्व में 30.04.2003 एवं 18.12.2020 को क्रमश: मेला अधिकारी उज्जैन व कलेक्टर उज्जैन द्वारा डिनोटिफिकेशन प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उज्जैन में नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले सिंहस्थ आरक्षित क्षेत्र में जिला प्रशासन के निर्देशन में नगर निगम द्वारा 645 अवैध निर्माणकर्ताओं को सूचना पत्र जारी किए गए तथा 57 बिना अनुमति निर्माण को हटाया गया है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र आरक्षित भूमि से शेष 645 अवैध निर्माणकर्ताओं के अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही नगर पालिक निगम द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशन में की जा रही है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1860 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद कालापीपल एवं पोलायकलां को वित्तीय वर्ष 2021-2022 में कितना बजट आवंटन किया गया तथा उक्त वित्तीय वर्षों में बजट के अनुपात में कितनी धनराशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नगर परिषद पोलायकलां में विगत तीन वर्षों में विविध विकास कार्यों की कौन-कौन सी निविदाएं जारी की गयी हैं तथा उक्त विकास कार्यों की पूर्णता तिथि क्या-क्या निर्धारित की गयी है? कितने विकास कार्य समयावधि में पूर्ण हो गये है तथा कितने विकास कार्य अपूर्ण है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विकास कार्य समयावधि में पूर्ण ना किये जाने के क्या कारण है? कार्य पूर्णता में विलंब के दोषियों पर क्या कार्यवाही, कब तक की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय योजना से पर्यावरण क्षति
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1861 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के तुलसी नगर एवं शिवाजी नगर में मंत्रियों, विधायकों एवं अधिकारियों हेत बंगलों के निर्माण की योजना विचाराधीन है? यदि हाँ तो उक्त योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना हेतु क्या पर्यावरण विभाग की अनुमति पास की गयी है? यदि हाँ तो उक्त अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु उस क्षेत्र के पेड़ों को काटा जावेगा? यदि हाँ तो अनुमानित कितने पेड़ काटे जावेंगे? (घ) उक्त आवासीय योजना के क्रियान्वयन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को दृष्टिगत रखते हुए क्या विभाग किसी अन्य स्थान पर आवासीय भवन निर्माण पर विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिस पर कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। प्रस्ताव नस्तीबद्ध किया गया है एवं विचाराधीन नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। /span>(घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अतः प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है।
डस्टबीनों के क्रय में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1899 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका श्योपुर द्वारा 2019 में डस्टबीन (कचरे का डिब्बा) नगर पालिका द्वारा फर्म शिवांश इन्टरप्राइजेज पापूजी मोहल्ला श्योपुर द्वारा 60 सेट क्रमशः 1150 प्रति जोड़ा, 1556 प्रति जोड़ा, 1748 प्रति जोड़ा 1748 के मान से क्रय किये गये थे? यदि हाँ तो क्रय की गयी सम्पूर्ण नस्ती की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे? (ख) वर्तमान नगर पालिका श्योपुर के द्वारा 2023 में कितने डस्टबीन खरीदे गये? संख्या बतावें? वर्ष 2019 में डस्टबीन की दरें क्रमशः 1150 रू., 1556 रू., 1748 रू. प्रति जोड़ा थी? क्या उन्हीं डस्टबीन की दरें 2023 में बढ़कर क्रमश: श्रीराम इन्टरप्राईजेज भोपाल की प्रति जोड़ा 9980 रू. प्रति, श्री बालाजी इन्टरप्राइजेज की 11675 रू़. एवं शक्ति इन्फेटेक एण्ड सिक्योरिटी सिस्टम श्योपुर की दरें 12000 रू. प्रति सेट के मान से क्रय किये गये, जो कि वर्ष 2019 में क्रय की गयी दरों की तुलना में बहुत अधिक है? यदि दरें अधिक थी तो नगर पालिका के द्वारा पुनः निविदा क्यों नहीं बुलवायी गयी? या फिर निरस्त क्यों नहीं की गयी? 2023 में क्रय किये गये डस्टबीन की दरें 2019 की अपेक्षा बहुत अधिक है जिससे स्थानीय निकाय नगर पालिका परिषद को नुकसान हुआ है? इसमें दोषी कौन-कौन है? तथा दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, नगर पालिका परिषद श्योपुर द्वारा वर्ष-2019 में फर्म माँ दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी, ग्वालियर से 80 लीटर क्षमता के 51 नग डस्टबीन, राशि रू. 6419/- प्रति जोड़ा एवं 100 लीटर क्षमता के 81 नग राशि रू. 7058/- प्रति जोड़ा (GST सहित) मान से डस्टबीन क्रय किये गये थे। क्रय की गई सम्पूर्ण नस्ती की प्रमाणित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
बायपास निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 1913 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के अंतर्गत मेघनगर क्षेत्र के लिये बायपास निर्माण बावत् कई बार क्षेत्र की जनता द्वारा उठाये गये मुद्दे को लेकर प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को बार-बार अवगत कराया गया परंतु आज दिनांक तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। मेघनगर क्षेत्र झाबुआ जिले का एकमात्र बड़ा रेल्वे स्टेशन है तथा औद्योगिक क्षेत्र है और तहसील मुख्यालय जनपद पंचायत मुख्यालय और पुलिस स्टेशन सभी मेघनगर से जुड़े हुये हैं। ऐसी स्थिति में यहां पर बायपास सड़क निर्माण की अति आवश्यकता है। (ख) मेघनगर के शहरवासियों एवं क्षेत्रवासियों के लिये बायपास स्वीकृत कर उक्त बड़ी समस्या का निराकरण करेंगे? यह बायपास निर्माण में क्या रूकावट आ रही है और यह कार्य होगा या नहीं होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मेघनगर क्षेत्र की जनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मेघनगर बायपास मार्ग लंबाई 2.50 कि.मी. निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन के पत्र क्र.एफ-13/02/2020/19/यो/1178 भोपाल दिनांक 13.03.2020 द्वारा राशि रूपये 491.67 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। बायपास मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। मार्ग की सम्पूर्ण स्वीकृत लंबाई 2.50 कि.मी. रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण वन विभाग से अनुमति की कार्यवाही प्रचलन में है। अनुमति प्राप्त होने पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
भानपुरा पेयजल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2009 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भानपुरा पेयजल आवर्धन योजना कब से स्वीकृत है, वर्तमान में क्या स्थिति है, क्या उक्त योजना का कार्य पूर्ण होकर संचालित हो रही है, यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त योजना के पूर्ण होने की अवधि क्या थी, समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त योजना की लागत क्या थी ओर कार्य एजेंसी को प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (घ) विभाग एवं कार्य एजेंसी के मध्य संपादित अनुबंध शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भानपुरा नगर की जलप्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत दिनांक 27.07.2015 को स्वीकृत की गई। योजना के समस्त घटकों का कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण किया गया है तथा दिनांक 01.10.2020 से संचालन-संधारण का कार्य भी प्रारंभ किया गया है। (ख) योजना पूर्ण करने की अवधि कार्यादेश दिनांक से 15 माह थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) उक्त योजना की लागत राशि रू. 792.29 लाख एवं अतिरिक्त कार्यों की स्वीकृत राशि रू. 99.07 लाख सहित कुल लागत राशि रू. 891.36 लाख है। प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 909.68 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
सरकारी विश्राम भवन/विश्राम गृह की जानकारी
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 2048 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा विधानसभा में लोक निर्माण विभाग के सरकारी विश्राम भवन एवं विश्राम गृह हैं? (ख) यदि हाँ, तो सेंधवा विधानसभा में कितने सरकारी विश्राम भवन एवं विश्राम गृह कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? वर्तमान में किस कर्मचारी को अलाटमेंट किया गया है? किस दिनांक से अलाटमेंट में किया गया है प्रत्येक विश्राम गृह की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिस कर्मचारी को अलाटमेंट किया गया है वह किस विभाग में पदस्थ है? (घ) उपरोक्त भवनों के प्रत्येक कमरों में क्या-क्या सुविधा उपलब्ध है? कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी के संरक्षण में हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ विश्राम गृह है। (ख) 01 विश्राम गृह है, जो कि सेंधवा शहर में स्थित है। वर्तमान में किसी भी कर्मचारी को आवंटित नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) /span>के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सेंधवा विश्राम गृह में 02 कक्ष है, दोनों कक्षों में ए.सी, टी.वी. एवं अन्य आवश्यक सुविधा उपलब्ध है। विश्राम गृह अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सेंधवा, अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. सेंधवा, उपयंत्री एवं समयपाल के संरक्षण में है।
पुल निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 2058 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दामखेड़ा कोलार क्षेत्र में कलियासोत नदी पर अमरनाथ कॉलोनी कोलार और जल एवं भूमि प्रबंधन संस्था विभाग (वाल्मी) क्षेत्र को जोड़ने वाली परियोजना में निर्मित पुल के विषय में निम्नलिखित जानकारी देने की कृपा करें :- (1) पुल से यातायात शुरू ना होने का कारण। (2) पुल निर्माण एवं सम्पूर्ण परियोजना में कितनी राशि व्यय की गई। (3) परियोजना एवं पुल निर्माण करने वाली कंपनी का नाम एवं परियोजना शुरू पूर्ण होने की तारीख। (4) परियोजना एवं पुल निर्माण करने वाली कंपनी का नाम और इसको कितना भुगतान किया गया है। (ख) परियोजना में पुल से जल एवं भूमि प्रबंधन संस्था विभाग (वाल्मी) की ओर जाने वाले पहुंच मार्ग को बनाने के लिये क्या जल एवं भूमि प्रबंधन संस्था विभाग (वाल्मी) या अन्य किसी विभाग से जिसकी आवश्यकता हो, से अनापत्ति प्रमाण पत्र (N.O.C.) या अनुमति ली गयी थी। यदि हां, तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करायें और यदि नहीं, तो बिना अनुमति के यह निर्माण कार्य क्यों शुरू किया गया। (ग) क्या इस परियोजना में कोई न्यायालयीन प्रकरण दर्ज है यदि हां, तो इसकी विस्तृत जानकारी एवं न्यायालय के आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। क्यों कि वहाँ पूर्व से गुजर रही कच्ची डब्ल्यू.बी.एम. सड़क का उन्नयनीकरण कर उक्त पुल के पहुंच मार्ग के रूप में उपयोग किया जाना प्रस्तावित कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। (ग) इस परियोजना में कोई न्यायालयीन प्रकरण दर्ज नहीं है।
विद्युत ट्रांसफार्मर लगाए जाना
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2075 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील मेघनगर ग्राम काजलीडोंगरी काछियाफलिया का बिजली का ट्रांसफार्मर करीब 5 वर्ष पूर्व बिजली विभाग वाले ले गये हैं? आज दिनांक तक उक्त फलियावासियों द्वारा बिजली ट्रांसफार्मर की मांग की जा रही है परंतु विभाग द्वारा यह ट्रांसफार्मर आज दिनांक तक नहीं लगाया है। जिससे इस फलियावासियों द्वारा कई आवेदन विभाग को समय-समय पर दिये। (ख) प्रश्नकर्ता का यह ट्रांसफार्मर ग्रामवासियों की मांग अनुसार लगाया जायेगा या नहीं? (ग) प्रश्नकर्ता का ग्रामवासियों के साथ न्याय होगा या अन्याय यदि ट्रांसफार्मर लगाया जाता है तो कृपया समयावधि बताने की कृपा करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रांतर्गत तहसील मेघनगर के ग्राम काजलीडोंगरी के काछिया फलिया का वितरण ट्रांसफार्मर तत्समय फेल हो जाने के कारण निकाला गया था। काछिया फलिया में, समीपस्थ स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर से, सतत रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार विद्युत प्रदाय के बाधित रहने के संबंध में, फलिया वासियों की ओर से कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। प्रश्नाधीन फलिया में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से जारी रहना प्रतिवेदित है। (ख) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार काछिया फलिया में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की कोई मांग नहीं होने तथा विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से जारी होने के कारण तकनीकी रूप से उक्त फलिया में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर की सफाई व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 2114 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम द्वारा सफाई व्यवस्था हेतु विगत 3 वर्षों में, वर्षवार आउटसोर्स/ठेके पर कितने-कितने सफाईकर्मी किन-किन संस्थाओं, ठेकेदार के रखे गये? उक्त कर्मचारियों के लिये ठेकेदार/संस्थावार, वर्षवार कितना-कितना भुगतान किया गया उपरोक्त कर्मचारियों की नगर निगम संभागवार/वार्डवार कहाँ-कहाँ, कितनी संस्था में तैनाती की गयी है? प्रश्न दिनाँक की स्थिति में बतायें। (ख) जबलपुर नगर निगाम द्वारा विगत 3 वर्षों में नाला-नालियों की सफाई हेतु आउटसोर्स/ठेकेदार के कितने-कितने कर्मचारी, ठेकेदारवार, वार्डवार रखे गये?,नाला-नालीवार सफाई हेतु उन्हे संस्था/ठेकेदारवार वर्षवार कितना-कितना भुगतान किया गया? प्रश्न दिनाँक की स्थिति में बतायें? नगर निगम के वार्ड क्रमांक 71 एवं 72 में कितनी नालियों, नालों की सफाई वर्षा पूर्व जून 2024 तक हो चुकी है? कितने नाला-नालियों की सफाई अब तक नहीं हुई है? (ग) निगम की सफाई व्यवस्था में विगत 3 वर्षों में ठेकेदारों द्वारा अनियमितता, निर्धारित से कम सफाईकर्मी लगाने कितने प्रकरणों में आयुक्त द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? कितने एवं कौन-कौन से ठेकेदार बार-बार अनियमितता के दोषी पाये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा विगत 3 वर्षों में आउटसोर्स/ठेके पर लगाये गये सफाई मित्रों एवं ठेकेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त कार्य के लिये किये गये भुगतान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जबलपुर नगर निगम द्वारा विगत 3 वर्षों में नाला/नालियों की सफाई हेतु आउटसोर्स/ठेकेदार के कर्मचारियों की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है। नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्र.-71 में जून-2024 तक 26 नालियों की साफ-सफाई हो चुकी है तथा इस वार्ड में सफाई हेतु कोई भी नाला शेष नहीं है। वार्ड क्र. 72 में 28 नाले/नालियों की सफाई पूर्ण हो चुकी है तथा 3 नाले सफाई हेतु शेष है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
पेयजल पाइप लाईनों का विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2115 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा विगत 3 वर्षों में निगम मद एवं अन्य मदों से जोनवार, वार्डवार कितनी-कितनी, किस-किस डायमीटर की कितनी पाइप लाईनों का विस्तार स्थानवार, कहाँ-कहाँ किया गया? मीटर में बतायें? उक्त कार्यों हेतु पाईप लाइनों अन्य सामग्री एवं श्रमिक ठेकेदारों को वर्षवार, फर्मवार, कितना-कितना भुगतान किया गया? कितना भुगतान लंबित है? J(ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा अमृत जल योजना अंतर्गत पेयजल से संबधित क्या-क्या कार्य पाईप लाइनों के विस्तार जोनवार, कार्य वार, कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन फर्मों से कराये गये है? उक्त कार्यों हेतु फर्मवार, कार्यवार कितना-कितना भुगतान अब तक किया जा चुका है? कितना कार्य एवं भुगतान शेष है? जून 2024 की स्थिति में जानकारी दें? (ग) नगर निगम वार्ड क्रमांक 71 की जसूजा सिटी, संचार नगर, आदि कॉलोनियों में पेयजल हेतु पाइप लाईनों के विस्तार किस योजना से किया गया है? उक्त में से किन-किन कालोनियों में पेयजल पाइप लाईनें अब तक नहीं डाली गयी हैं? क्यों? वार्ड क्रमांक 72 के कंचन विहार, मथुरा विहार, कचनार सिटी फेस 1 एवं 2 में पेयजल संकट कब तक नई पाइप लाईनों का मिलान कर दूर किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा विगत 03 वर्षों में निगम मद एवं अन्य मदों से जोनवार, वार्डवार, स्थानवार व्यास सहित पाईप लाईन विस्तार कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। उक्त कार्यों हेतु किये गये भुगतान व लंबित भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ख) अमृत 1.0 योजना अंतर्गत पेयजल से संबंधित कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' एवं 'द' अनुसार है। यह कार्य मेसर्स M/S GEL-CMR Infrastructure Pvt. Ltd. द्वारा कराया गया है। कार्य का कुल भुगतान राशि रू. 140,75,72,999/- किया गया है। कोई कार्य एवं भुगतान शेष नहीं है। योजना के संचालन-संधारण का कार्य संबंधित फर्म द्वारा अप्रैल 2021 से वर्तमान तक किया जा रहा है। (ग) नगर निगम, जबलपुर वार्ड 71 की जसूजा सिटी, संचार नगर आदि कॉलोनी में पेयजल पाईप लाईन के विस्तार का कार्य अमृत 2.0 योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त कॉलोनियों में पेयजल की कोई पाईप लाईन अभी तक नहीं डाली गई है, क्योंकि पूर्व योजना अमृत 1.0 में यह क्षेत्र सम्मिलित नहीं था। वार्ड 72 के कंचन विहार, मथुरा विहार, कचनार सिटी फेज-1 एवं फेज-2 के कुछ क्षेत्रों में पाईप लाईन पूर्व से बिछी हुई है, जिससे जलप्रदाय किया जाता है। शेष क्षेत्रों में नयी पाईप लाईन बिछाने का कार्य अमृत 2.0 योजना में प्रस्तावित है। इस योजना की समयावधि 30 माह है, जिसका कार्यादेश दिनांक 03.06.2024 को जारी किया जा चुका है। योजना के पूर्ण होने के उपरांत इस क्षेत्र में जलप्रदाय व्यवस्था सुचारू रूप से हो सकेगी।
अन्य प्रदेशों में प्रदेश की अचल संपत्ति की स्थिति
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 2122 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार की प्रदेश के बाहर कहाँ-कहाँ अचल सम्पत्तियां है। (ख) इन सम्पत्तियों पर वर्तमान में कोई अतिक्रमण है? यदि हाँ तो किसका? कब से? इसे दूर करने हेतु क्या प्रयास हुए। (ग) इन सम्पत्ति का वर्तमान में क्या उपयोग हो रहा है प्रतिवर्ष कितना राजस्व मिलता है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 2137 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के मेघनगर बस स्टैंड पर शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 490 पर अतिक्रमण कर बाफना बिजनेसमैन के परिवार के 07 वर्षों से हाईकोर्ट में केस चल रहा है और शासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। (ख) राजस्व एवं नगरीय प्रशासन विभाग क्या इस अतिक्रमण को हटवाये जाने के आदेश प्रदान करेंगे या नहीं? (ग) कार्यवाही कब करेंगे और उक्त संबंध में हाईकोर्ट में जवाब विभाग कब प्रस्तुत करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मेघनगर स्थित प्रश्नाधीन भूमि सर्वे नंबर 490 पर अनावेदकगणों के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में प्रथम अपील प्रस्तुत की जाकर प्रकरण क्रमांक 324/2007, 325/2007, 326/2007, 327/2007 प्रचलित है। समय-समय पर शासकीय अधिवक्ता से सम्पर्क स्थापित किया जाकर प्रकरण में शासन पक्ष में मजबूती से अपना पक्ष रखा जा रहा है। (ख) चूंकि प्रकरणों में माननीय द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश महोदय झाबुआ द्वारा दिनांक 13.04.2007 को निर्णय व जयपत्र पारित किया जाकर वादी द्वारा प्रस्तुत वाद स्वीकार किया जाकर म.प्र. शासन के विरूद्ध निर्णय पारित किया गया है। अत: प्रश्नाधीन भूमि से कब्जेधारियों को वर्तमान में हटाने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ग) शासन पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जयपत्र पारित होने के उपरान्त ही कार्यवाही की जा सकेगी। माननीय उच्च न्यायालय में अपीलकर्ता शासन द्वारा अपील प्रस्तुत की गई है। अत: विभाग द्वारा हाईकोर्ट में जवाब प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
ट्रांसफार्मरों का विस्तार
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2183 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र के राजस्व मण्डलों के ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं किसानों के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु 11 K.V. लाइन का संचालन किया गया है किन्तु इस लाइन के फिडरों में ग्रामवार ए.बी. स्विच ना लगने से और विद्युत लाइन किसी एक प्वाइंट/ग्राम की खराब होने से पूरे फीडर की विद्युत सप्लाई बंद रहने जैसी व्याप्त समस्या के निराकरण हेतु क्या योजना है बनायी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या किसानों द्वारा अपने कृषि व्यवसाय की दृष्टि से सिंचाई स्रोतों का निर्माण करने से विद्युत आपूर्ति दिनों-दिन बढ़ने जैसी व्याप्त समस्या से जहां एक ओर 11 के.वी. लाइन में ए.बी. स्विच ग्रामवार लगाये जाने की नितांत आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर ट्रांसफार्मरों के सिस्टम विस्तार की भी आवश्यकता होने जैसी व्याप्त समस्या के निराकरण हेतु क्या शासन द्वारा अविलम्ब कार्यवाही की जावेगी यदि हां, तो कब तक नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी दी जावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति 33/11 के.व्ही. के 15 विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे 11 के.व्ही. फीडर, जिनकी लम्बाई अधिक है, के सेक्शन (भागों) एवं टेपिंग में पूर्व से ही ए.बी. (एयर ब्रेक) स्विच स्थापित हैं। किसी टेपिंग लाईन/फीडर सेक्शन पर आवश्यक सुधार कार्य करने हेतु ए.बी. स्विच के माध्यम से टेपिंग/सेक्शन वाले स्थान से मुख्य फीडर (लाईन) को पृथक कर कार्य किया जाता है तथा शेष मुख्य फीडर (लाईन) का विद्युत प्रदाय इस अवधि में प्रभावित नहीं होता। उक्त के अतिरिक्त प्रत्येक ग्राम के 11 के.व्ही. फीडर एवं वितरण ट्रांसफार्मरों में पूर्व से ही डी.ओ. (ड्राप आऊट फ्यूज) सेट स्थापित किये गये हैं, जिससे एल.टी. लाईन में खराबी आने पर उसे 11 के.व्ही. फीडर से पृथक कर, 11 के.व्ही. फीडर पर सतत् विद्युत प्रदाय जारी रहता है। उक्त के अतिरिक्त समस्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में भी फीडर के निर्गमन बिन्दु पर भी ए.बी. स्विच/आइसोलेटर की व्यवस्था की गई है, जिससे 11 के.व्ही. फीडर में विद्युत व्यवधान (ब्रेकडाउन/शटडाउन) की स्थिति में संबंधित फीडर को उपकेन्द्र से पृथक कर सुरक्षापूर्वक आवश्यक सुधार कार्य सम्पन्न कराया जा सके। किसी भी 11 के.व्ही. फीडर में ग्रामवार ए.बी. स्विच लगाना तकनीकी एवं सुरक्षा कारणों से उचित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 11 के.व्ही. फीडरों में ग्रामवार ए.बी. स्विच उचित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत एवं और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण अंतर्गत फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसके तहत आवश्कतानुसार नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने एवं नव निर्मित फीडरों में तकनीकी आवश्यकतानुसार ए.बी. स्विच लगाने का प्रावधान किया गया है। उक्त कार्य के अतिरिक्त आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य सर्वे उपरान्त चिन्हित किये गये हैं तथा कार्ययोजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है।
पावर हॉऊस/ट्रांसफार्मर लगाये जाना
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 2199 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) गोटेगांव विधानसभा में कहाँ-कहाँ पावर हाउस/सब स्टेशन स्थित हैं तथा उनकी क्षमता कितनी-कितनी है? (ख) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान होने के कारण बिजली की अतिरिक्त आवश्यकता होती है? यदि हाँ तो बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के लिए विभाग द्वारा कहां-कहां नवीन सब स्टेशन/ट्रांसफार्मर लगाऐ गए है? अथवा लगाये जाने कि कोई योजना है? यदि हाँ तो स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में विद्यमान अति उच्चदाब एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थानवार, क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में विद्युत की मांग अनुसार विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में राज्य शासन के नियमानुसार आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विगत एक वर्ष में प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी नवीन अतिउच्चदाब एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तथा पूर्व से स्थापित विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना/क्षमतावृद्धि का कार्य नहीं किया गया है। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में, भविष्य में विद्युत मांग में वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र करकबेल में एक अतिरिक्त 50 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर लगाया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-मॉर्डर्नाइजेशन में 33/11 के.व्ही. के 19 विद्युत उपकेन्द्रों में पावर ट्रांसफार्मर (5 एम.वी.ए.) की क्षमता वृद्धि एवं 33/11 के.व्ही. के 6 विद्युत उपकेन्द्रों में अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य प्रस्तावित कर कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित की गई हैं, जिसकी स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
महाराजपुर को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 2247 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी की ग्राम पंचायत महाराजपुर जिले की बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक है। जिसकी आबादी लगभग 11 हजार है। यदि एक कि.मी. क्षेत्र के ग्रामों- पनारी, खकरिया, समनापुर, पिपरिया नंदे, डूमर, सिलकुही आदि को सम्मिलित कर दिया जाए तो आबादी लगभग 21 हजार हो जायेगी। उक्त ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने हेतु कई वर्षों से माँग की जा रही है। क्या उक्त ग्राम पंचायत महाराजपुर को नगर पंचायत बनाने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो महाराजपुर को कब तक नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो जाएगा? (ग) यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना/ मंशा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत महाराजपुर जिला सागर को नगर परिषद का दर्जा दिये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला सागर को पत्र कमांक 13450 दिनांक 27.07.2022 एवं पत्र कमांक 5355 दिनांक 15.03.2023 प्रेषित कर विधिवत प्रस्ताव चाहा गया है। कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौरझामर को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 2248 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी की ग्राम पंचायत गौरझामर जो जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। जिसकी आबादी लगभग 16 हजार है। यदि 01 किमी क्षेत्र के ग्रामों हांता, गुगवारा, गंगवारा, फतेहपुर, भटुआ टोला आदि को सम्मिलित कर दिया जाए तो आबादी लगभग 25 हजार हो जायेगी। उक्त ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने हेतु प्रश्नकर्ता पूर्व कार्यकाल (ग्यारहवीं विधानसभा) से आज तक मांग की जा रही है। क्या उक्त ग्राम पंचायत गौरझामर को नगर पंचायत बनाने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हां, तो गौरझामर को कब तक नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना/मंशा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्राम पंचायत गौरझामर जिला सागर को नगरपरिषद का दर्जा दिये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला सागर द्वारा प्रस्ताव पत्र क्रमांक 1301 दिनांक 25.06.2021 को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित किया गया। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल द्वारा टीप क्रमांक 10629 दिनांक 01.07.2021 को प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किया गया है। ग्राम पंचायत गौरझामर जिला सागर में नगर परिषद गठन संबंधी मापदण्ड पूर्ण नहीं होने से प्रशासकीय अनुमोदन से प्रस्ताव को अमान्य किया गया है। प्रकरण सी.एम. मॉनिट-बी में दर्ज होने से समन्वय में माननीय मुख्यमंत्रीजी को अवगत कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केसली को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 2249 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र देवरी की ग्राम पंचायत केसली, जिले की बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक है। तहसील व ब्लॉक मुख्यालय भी है। जिसकी आबादी लगभग बारह हजार है। यदि 01 कि.मी. क्षेत्र के ग्रामों - मरामाधो, समनापुर, जमुनियां, रामखेरी, कुकवारा, कैरसला, डुंगरिया आदि ग्रामों को सम्मिलित कर दिया जाये तो आबादी लगभग 22 हजार हो जाएगी। क्या उक्त ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने हेतु कई वर्षों से मांग की जा रही है। विगत पंचवर्षीय में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा भी केसली प्रवास के दौरान केसली को नगर पंचायत बनाने की घोषणा भी की गई थी। क्या उक्त संबंध में कोई प्रस्ताव शासन स्तर से लंबित है? (ख) यदि हां, तो ग्राम पंचायत के केसली को कब तक नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना/मंशा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत केसली जिला सागर को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के संबंध में माननीय तत्कालीन मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 10 अप्रैल 2013 को घोषणा किये जाने के पश्चात् कलेक्टर जिला सागर द्वारा प्रस्ताव पत्र क्रमांक 1273 दिनांक 22.06.2021 को संचालनालय को प्रेषित किया गया। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल की टीप कमांक 10197 दिनांक 24.06.2021 से प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुआ है। टीप अनुसार ग्राम पंचायत केसली जिला सागर में 09 ग्राम पंचायतों के समस्त ग्रामों को सम्मिलित करते हुए नगर परिषद गठन संबंधी मापदण्ड पूर्ण होना प्रतिवेदित किया गया है। तदक्रम में ग्राम पंचायत केसली जिला सागर को नगर परिषद बनाये जाने के संबध में कलेक्टर जिला सागर से 09 ग्राम पंचायतों के सम्मिलित किये जाने वाले ग्रामों की कोर ग्राम से दूरी सहित विस्तृत संशोधित प्रस्ताव विभागीय पत्र दिनांक 20.03.2023 द्वारा चाहा गया है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधूरे निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2271 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के नये वार्डों में गत 4 वर्षों में स्वीकृत अधिकांश कार्य प्रारंभ नहीं किये गये एवं जो कार्य प्रारंभ किये वे अधूरे छोड़ दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो स्वीकृत किये गये कार्यों की कार्यवार प्रगति बतावें? (ग) छोड़े गये अधूरे निर्माण कार्यों की कारण सहित जानकारी देवें? (घ) कब तक निर्माण कार्य पूर्ण किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
क्षिप्रा नदी शुद्धिकरण हेतु परियोजना का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 2290 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा क्षिप्रा शुद्धिकरण हेतु कोई परियोजना तैयार की है? यदि हाँ तो जानकारी दें यदि नहीं तो कब तक तैयार की जायेगी? (ख) क्या वर्तमान में नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखकर क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए कौन-कौन सी योजना निर्माणाधीन या प्रस्तावित है? (ग) क्षिप्रा शुद्धिकरण के सन्दर्भ में कितनी लागत की योजना आपके विभाग ने तैयार की है? क्षिप्रा शुद्धिकरण के कार्य की गति बढ़ाने एवं संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए किन-किन अधीक्षण यंत्रियों तथा मुख्य अभियंता द्वारा कार्य स्थल का निरीक्षण कब-कब किया गया? प्रशासनिक रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या पूर्व की नर्मदा शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना एवं नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना में 331 ग्रामों को जल प्रदाय सुविधा, 41 गांवों को सिंचाई हेतु पानी, देवास एवं उज्जैन नगर को पेयजल, 10 स्थानों पर पुलिया निर्माण तथा सिंहस्थ के दौरान स्नान हेतु जल की व्यवस्थाएं की गई थी? यदि हाँ तो रिकार्ड देते हुए बतावें की उक्त कार्य कहां-कहां संपादित हुआ? किसके द्वारा हुआ? कितनी पूंजी लगी? प्रश्न दिनांक तक सभी कार्य सुचारू रूप से प्रचलित है? सत्यापन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अंतर्गत सिंहस्थ 2028 के दृष्टिगत क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिये कोई योजना निर्माणाधीन/प्रस्तावित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
अनियमित व्यय पर कार्यवाही
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
65. ( क्र. 2324 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र 69 में संचालित जे.पी. डालमिया सीमेन्ट प्लान्ट, अल्ट्राटेक सीमेन्ट सोलर प्लान्ट गुढ़ एवं अन्य संचालित उद्योग/प्लान्टों के द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में CSR मद की कितनी राशि प्राप्त हुई, का विवरण वर्षवार, प्लान्टवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशियों का उपयोग कब-कब, कहां-कहां, किन-किन कार्यों हेतु किनकी सहमति/अनुशंसा पर किया गया, का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देते हुये बतावें कि दी गई राशि के उपयोग एवं व्यय की स्थिति क्या है? जिन कार्यों हेतु राशि दी गई, उनकी भौतिक स्थिति पूर्णतः प्रमाण पत्र देते हुये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्राप्त राशि के व्यय बावत् शासन द्वारा क्या निर्देश जारी किये गये की प्रति देते हुये बतावें कि प्रश्नांश (ख) अनुसार जारी राशि निर्देशों के पालन में की गई? यदि नहीं की गई तो इस पर किन-किन को जिम्मेदार मानकर किस तरह की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग उत्तरित क्षेत्र से हटकर प्रश्नांश (ख) के कार्यों हेतु प्रश्नांश (ग) अनुसार जारी निर्देशों से हटकर किया गया कार्य मौके पर नहीं कराये गये फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर राशियां आहरित की गई। इन अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इसकी जांच उच्च स्तरीय समिति बनाकर कराये जाने बाबत् निर्देश देंगे? नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) रीवा जिले में विधानसभा क्षेत्र 69 में संचालित जे.पी.डालमिया सीमेन्ट प्लांट, अल्ट्राटेक सीमेन्ट सोलर प्लांट गुढ एवं अन्य संचालित उद्योग/प्लांटो के द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक CSR मद में विभाग को कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियुक्ति को निरस्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 2325 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग में श्री देवेन्द्र तिवारी को उप यंत्री के पद पर पदस्थ किया जाकर फर्जी नियुक्ति मानते हुये शासकीय सेवा से पृथक कर दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति कब-कब, किन-किन पदों पर कहां-कहां की गई, प्रतिनियुक्ति के दौरान इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई, शिकायतों पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सेवा से पृथक करने के आदेश, पारित किये गये थे, पारित आदेश की प्रति देते हुये बतावें कि सेवा से पृथक किये जाने के उपरान्त इनको पुनः कब और किसके आदेश पर नियुक्ति देकर कार्य लिया जा रहा है तो क्यों? जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को महा प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा दिनांक 05.06.2024 को फर्जी डिपोजिट ऑर्डर पर संबंधित दोषी की पहचान कर तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने बावत जिला प्रबंधक रीवा को अधिकृत किया गया, संबंधित अज्ञात व्यक्ति क्या देवेन्द्र तिवारी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम को दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कर्मचारी की नियुक्ति के पूर्व अपनायी गई विधि प्रक्रियाओं एवं शासन के जिन निर्देशों के आधार पर नियुक्ति की गई की प्रति देतें हुये बतावें कि सेवा से पृथक किये जाने के उपरान्त पुनः सेवा बहाल कर नियुक्ति बावत् जारी आदेश किन सक्षम अधिकारी के अनुमोदन एवं आदेश से किया गया की प्रति के साथ ऑर्डरशीट भी देवें एवं इस नियुक्ति की जांच बावत् क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित आधारों पर संबंधितों के द्वारा की गई नियम विरूद्ध नियुक्ति को निरस्त करने एवं नियुक्तिकर्ता अधिकारियों के साथ नियोक्ता से आज तक प्रशासन द्वारा प्राप्त की गई राशि की वसूली के साथ कूटरचित आधारों पर तैयार दस्तावेजों का दोषी मानते हुये क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने बावत निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। श्री देवेन्द्र कुमार तिवारी की मूल नियुक्ति मध्यप्रदेश विधान सभा से होने से नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में श्री देवेन्द्र कुमार तिवारी की प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना निम्नानुसार की गयी है:-
क्रमांक |
पदस्थापना कार्यालय |
पद |
अवधि |
1 |
संभागीय उप संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा, संभाग रीवा |
सहायक यंत्री |
05-06-2000 से 23-11-2001 |
2 |
नगरपालिक निगम भोपाल |
सहायक यंत्री |
24-06-2009 से 09-07-2015 |
नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा श्री देवेन्द्र कुमार तिवारी को सेवा से पृथक नहीं किया गया है अतः शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री तिवारी की नियुक्ति नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नहीं की गयी है। वरन श्री तिवारी विधान सभा के मूल कर्मचारी है। अतः शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 2356 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला-पांढ़ुर्णा (विकासखण्ड-पांढ़ुर्णा व सौसर),छिंदवाड़ा (विकासखण्ड-अमरवाड़ा व मोहखेड) में एसटीएम-एसटीसी संभाग द्वारा वर्ष 2022 से आज दिनांक तक कराए गए विद्युत अधोसरंचना विकास संबंधी कार्यों का कार्यादेश, क्रमांक, कार्यपूर्णता दिनांक, प्राक्कलित कार्य विवरण की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों को वर्ष 2021 से आज दिनांक तक आवंटित बिजली के खम्बो (सीमेंट, लोहे) की संबंधित संभाग द्वारा की गई मांग तत्पश्चात संभाग को प्रदाय किये गये एवं संभाग द्वारा आवंटित किए गए अथवा उपयोग किए गए खम्बों की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) में वर्णित कार्यों में की गई अनियमितता के संबंध में शासन/विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो क्या? वो क्या है और उसमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों और कब की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक संचा./संधा. वृत्त छिंदवाड़ा के अंतर्गत जिला पांढ़ुर्णा (विकासखण्ड पांढ़ुर्णा एवं सौंसर) में एस.टी.एम.-एस.टी.सी. संभाग छिन्दवाड़ा द्वारा 111 तथा जिला छिन्दवाड़ा (विकासखण्ड अमरवाड़ा व मोहखेड़) में 111, विद्युत अद्योसंरचना निर्माण के कार्य कराये गये हैं। विद्युत अद्योसंरचना संबंधी किए गए उक्त कार्यों का कार्यादेश क्रमांक, कार्यपूर्णता दिनांक एवं प्राक्कलित कार्य विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' व 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जिलों हेतु निर्माण संबंधी कार्य एस.टी.एम.-एस.टी.सी. संभाग छिन्दवाड़ा द्वारा कराए जाते हैं। एस.टी.एम.-एस.टी.सी. संभाग छिंदवाड़ा अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक बिजली के खम्बों की मांग, प्रदाय किये गए खंबो एवं आवंटित/उपयोग किए गए खंबो की प्रश्नाधीन चाही गई संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में वर्णित कार्यों में अनियमितता के संबंध में कोई भी शिकायत/सूचना संज्ञान में नहीं आई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नये ट्रांसफार्मर बिजली के तार व खम्भे की स्वीकृति
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 2364 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में माह जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने नए ट्रांसफार्मर प्रस्तावित किये गये? इनमें से स्वीकृति उपरांत कितने ट्रांसफार्मर लग चुके है और कितने शेष है? कितने ट्रांसफार्मरो की क्षमता वृद्धि की गई? कितने नये ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि हेतु स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है कि संख्या ग्रामवार एवं स्थानवार सूची देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में ही नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने स्थानों पर पुराने तारो को बदलने का कार्य पूर्ण हुआ है एवं अब तक कितने खम्भे बदले गये (ग्रामीण एवं नगरीय दोनों क्षेत्रो को अलग-अलग संख्यात्मक जानकरी देवें।) (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रो में माह जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक ढीले और नीचे लटके हुए तार कितने स्थानों पर ठीक करने का कार्य किया गया और कितने स्थानों में ढीले और नीचे लटके हुए विद्युत तार की कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित (पेंडिंग) है? शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा, की संख्यात्मक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में माह जनवरी-2024 से प्रश्न दिनांक तक 02 नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर प्रस्तावित किये गये है, जिनकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रस्तावित नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार एवं स्थानवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य नहीं किये गये हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 07 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए. एवं 08 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए. किये जाने के कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार एवं स्थानवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 74 स्थानों पर लगभग 71.75 किलोमीटर एवं नगरीय क्षेत्रों में कुल 24 स्थानों पर लगभग 5.36 किलोमीटर विद्युत तारों को बदलने का कार्य पूर्ण हुआ है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 328 एवं नगरीय क्षेत्रों में कुल 11 विद्युत खम्भे (पोल) बदले गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में माह जनवरी-2024 से प्रश्न दिनांक तक क्रमशः 135 एवं 09 स्थानों पर ढीले एवं नीचे लटके हुए विद्युत तार व्यवस्थित किये गये हैं। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में ढीले और नीचे लटके हुए विद्युत तारों से संबंधित कोई शिकायत लंबित नहीं है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता।
गंदे नाले का पानी पीकर 10 भैंसों की मृत्यु
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 2366 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में बहने वाला गन्दा नाला जुना नागदा के नजदीक चम्बल नदी में जिस स्थान पर मिलता है उस स्थान पर एक सप्ताह पूर्व ग्राम भगत पूरी के एक किसान की 6 -10 भैंसे पानी पीने एवं गर्मी के समय पानी में विश्राम की स्थिति में मर गयी क्या उक्त घटना विभाग के संज्ञान में है? (ख) यदि हाँ तो कृषक को उचित मुआवजे के सन्दर्भ में कोई कार्यवाही की गयी है? (ग) पूर्व में भी इस तरीके की घटनायें इस स्थान पर हो चुकी है, अत: भैंसों की मृत्यु का कारण पानी एवं कीचड़ का रसायन युक्त होना संभव है, क्या नाले के पानी व कीचड़ की जाँच विभाग द्वारा करवाई गयी, जाँच में क्या पाया गया एवं भैंसों की मृत्यु का कारण PM रिपोर्ट में क्या बताया गया, यदि मृत्यु रसायन युक्त पानी पीने या रसायन युक्त कीचड़ में विश्राम करने के कारण हुई तो रासायनिक द्रव नाले में विसर्जित करने वाले उद्योगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत विहीन बस्तियों की जानकारी
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 2474 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि /span>(क) क्या शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थित में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में बस्तियां विद्युत विहीन हैं? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों की कौन-कौन सी बस्तियां विद्युत विहीन हैं तथा विद्युत विहीन बस्तियों का सर्वे कब-कब किया गया था? ऐसी समस्त विद्युत विहीन बस्तियों के नाम, ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या विद्युत विहीन बस्तियों में घरेलू बिजली पहुंचाकर विद्युतीकरण करने की वर्तमान स्थिति में शासन की कोई योजना है? यदि है, तो योजनांतर्गत किन-किन ग्रामों की कौन-कौन सी बस्तियों में विद्युतीकरण करने हेतु किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति हुई कब-कब हुई है तथा वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है व कितने प्रतिशत कार्य होना शेष है अथवा अपूर्ण है? प्रगतिरत कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में यदि संबंधित बस्तियों में विद्युतीकरण किए जाने हेतु कोई योजना नहीं है, अथवा विद्युतीकरण किए जाने संबंधी कार्यों की स्वीकृतियां नहीं हुई हैं, तो क्यों? सकारण जानकारी दें तथा चिन्हित की गईं विद्युत विहीन बस्तियों में विद्युतीकरण करने संबंधी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में समस्त सेंसस ग्राम एवं संसूचित बस्तियाँ विद्युतीकृत हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार शिवपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समस्त संसूचित बस्तियाँ विद्युतीकृत हैं। उल्लेखनीय है कि नवीन मजरों/टोलों/बस्तियों/घरों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त अनुक्रम में वर्तमान में विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) के सर्वांगीण विकास हेतु ''प्रधानमंत्री विशेष पिछडी जनजाति मिशन (पी.व्ही.टी.जी. मिशन)'' के अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रथम चरण में प्रदेश के 14 जिले के 2254 ग्रामों को चिन्हित करते हुए इन ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु योजना के प्रावधानों के अंतर्गत केन्द्रांश की राशि उपलब्ध कराई गई है, जिसमें से शिवपुरी जिले की शिवपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उक्त श्रेणी की कुल 24 बस्तियों को योजना में विद्युतीकरण हेतु चयनित किया गया है। उक्त 24 बस्तियों में से 22 बस्तियों को परम्परागत स्रोत (ग्रिड) से विद्युतीकरण किये जाने हेतु कुल राशि रू. 1,13,24,405/- के प्राक्कलन स्वीकृत किये गये है। इन स्वीकृत कार्यों में से 10 बस्तियों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, जो कुल स्वीकृत कार्य का लगभग 45.45 प्रतिशत है एवं 12 बस्तियों के विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है, जो कुल कार्य का लगभग 54.55 प्रतिशत है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेष 02 बस्तियों क्रमश: विजयपुर एवं भयावन को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा सोलर पैनल से ऊर्जीकृत किया जाना प्रस्तावित है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। योजना के द्वितीय चरण में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र की कुल 08 बस्तियों को चयनित किया गया है, जिनमें से 5 बस्तियों को परम्परागत (ग्रिड) से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्तावित है एवं इनके प्राक्कलनों के निर्माण/ स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा शेष 03 बस्तियों को सोलर पेनल से ऊर्जीकृत किये जाने के कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
निर्धारित राशि से अधिक आवंटित राशि की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 2482 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका, नर्मदापुरम में प्रधानमंत्री आवास योजना में कतिपय हितग्राहियों को निर्धारित 2.50 लाख से ज्यादा की राशि दी गयी थी? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त अतिरिक्त राशि की वसूली की कार्यवाही लंबित है? (ग) हितग्राहियों से कुल कितनी राशि वापस आई? कितनी राशि आना शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वसूली व बकाया राशि की जानकारी
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 2503 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला में म.प्र. विद्युत मण्डल को भारी बकाया व बिजली चोरी का सामना करना पड़ता है यदि नहीं तो विगत 5 वर्ष का लागत एवं व्यय का ब्यौरा दें, वसूली व बकाया का विवरण दें? (ख) क्या अधीक्षण यंत्री टीकमगढ़ द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर आचार संहिता के समय स्थानांतरण एवं पदस्थापना में हेरा फेरी की?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) अधीक्षण यंत्री संचालन-संधारण वृत्त टीकमगढ़ द्वारा स्थानांतरण एवं पदस्थापना के कार्य में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का कोई प्रतिवेदन नहीं है।
उप यत्रियों/सहायक यत्रियों के स्वीकृत पदों की पदपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2506 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की नगर पालिकाओं/परिषदों में उप यंत्रियों/सहायक यंत्रियों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में, स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने उपयंत्री/सहायक यंत्री पदस्थ हैं? (ग) प्रदेश में उपयंत्रियों/सहायक मंत्रियों की कमी की पूर्ति हेतु क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (घ) बैतूल जिले की नगर पालिकाओं/परिषदों में उपयंत्रियों/सहायक उपयंत्रियों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश की नगर पालिकाओं/परिषदों में नगरीय यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत उपयंत्री के 721 पद एवं सहायक यंत्री के 158 पद स्वीकृत है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में स्वीकृत पदों के विरूद्ध 628 उपयंत्री एवं 88 सहायक यंत्री पदस्थ है। (ग) प्रदेश में उपयंत्रियों तथा सहायक यंत्रियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु परीक्षा आयोजित किये जाने के लिये क्रमशः कर्मचारी चयन मण्डल (पीईबी) एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा प्रतिवर्ष परीक्षाओं हेतु वार्षिक केलेण्डर जारी किया जाता है। जारी केलेण्डर के अनुरूप विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में जानकारी तैयार कर प्रेषित की जाती है, जिसके अनुरूप पद की पूर्ति की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शंकर तालाब का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 2510 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका क्षेत्र वारासिवनी के अंतर्गत शंकर तालाब सौंदर्यीकरण एवं अन्य कार्य हेतु जिला खनिज निधि से कब-कब, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) शंकर तालाब सौंदर्यीकरण हेतु बनाए गए प्रथम एवं अंतिम डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या इस कार्य के पूर्व ठेकेदार को कार्य से पृथक किया गया है? यदि हाँ तो पृथक करने का कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका वारासिवनी को जिला खनिज निधि से शंकर तालाब सौन्दर्यीकरण एवं विकास कार्य हेतु राशि रूपये 97.79 लाख दिनांक 11.01.2021 को स्वीकृति प्राप्त हुई है। (ख) शंकर तालाब सौन्दर्यीकरण की प्रथम डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं अंतिम डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) इस कार्य के पूर्व ठेकेदार को कार्य से पृथक नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक यंत्री/उपयंत्री को वरिष्ठ पदों का प्रभार
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 2513 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितने सहायक मंत्री/उपयंत्री उच्च पदों के प्रभार में हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) बालाघाट जिले में लोक निर्माण विभाग (सेतु निर्माण) में पिछले पाँच वर्षों से रिक्त अनुविभागीय अधिकारी की नियमित पदस्थापना कब तक होगी? समय-सीमा बतावें। (ग) बालाघाट जिले में सेतु निर्माण उपसंभाग में पर्याप्त संख्या में उपयंत्री पदस्थ होने के बावजूद अन्य जिले के उपयंत्री को अस्थायी रूप से कार्य देने का कारण बतायें? (घ) क्या बालाघाट जिले में सी.आर.एफ. योजना के अंतर्गत स्वीकृत पुल निर्माण कार्य 02 वर्ष विलंब से चल रहे हैं? यदि हाँ तो विलंब के लिए दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण बताएँ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में कुल 147 सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री एवं 206 उपयंत्रियों को सहायक यंत्री के पद का प्रभार दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में पदोन्न्ति पर प्रतिबंध होने के कारण वरिष्ठ उपयंत्री को दिनांक 20.04.2021 से अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) बालाघाट सेतु निर्माण उपसंभाग में पदस्थ उपयंत्री को ही प्रभार दिया गया है। (घ) बालाघाट जिले में सी.आर.एफ. योजनांतर्गत स्वीकृत कोई पुल निर्माण कार्य 2 वर्ष विलंब से नहीं चल रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम में भूखण्ड आवंटन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 2533 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम रतलाम में मार्च-अप्रैल 1999 में म.प्र. नगर पालिक निगम (अंचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम 1994 की कंडिका 03 के विपरीत राज्य शासन की अनुमति के बिना ''पहले आओ पहले पाओ'' की नीति से 23 भूखण्ड का आवंटन किया जिसे निगम परिषद ने 16.06.2000 को निरस्त करने का प्रस्ताव सर्वानुमति से स्वीकृत कर शासन को भेजा? क्या उक्त भूखण्डों की रजिस्ट्री बिना निगम परिषद की स्वीकृति के दिसम्बर 2023 से फरवरी 2024 के मध्य कर दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के दोनों भाग का उत्तर यदि हां, तो प्रश्नाधीन समस्त भूखंडों की फाईल की सम्पूर्ण दस्तावेज सहित प्रति देवें तथा बतावें कि क्या आडिटर ने पत्र क्रमांक 75 दिनांक 22-09-2000 द्वारा आयुक्त (न.नि.) रतलाम को इस विक्रय में अनियमितता के लिए पत्र लिखा था? (ग) प्रश्नाधीन भूखंड के संदर्भ में सभी आवंटियों को जारी सूचना पत्र क्र. 882 से 903 दिनांक 28-08-23 तथा 21 आवंटियों द्वारा दिए गए उत्तर एवं 04 से 06 सितम्बर 2023 को हुई सुनवाई की सम्पूर्ण नोटशीट की प्रमाणित प्रति देवें तथा बतावें कि भूखंड क्रं 33 की रजिस्ट्री किस दिनांक को हुई? (घ) क्या विभाग के पत्र क्रमांक 2798 दिनांक 13-10-2008 द्वारा विवादित संपत्ति पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ तो बतावें कि प्रश्नाधीन भूखंडों पर विक्रय पूर्व मार्गदर्शन मांगा गया। उक्त भूखंडों के के संपादित लीज पट्टे की प्रति दी जाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भूखण्ड क्रमांक 33 की रजिस्ट्री दिनांक 24.10.2011 को हुई है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत मंडल में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 2537 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर के अंतर्गत विद्युत मंडल में कितने कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत है? ">(ख) आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों के पदनाम एवं वेतनमान की जानकारी प्रदान करें। (ग) विधानसभा क्षेत्र 206 के अंतर्गत कितने कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत है, इनके पदनाम एवं वेतनमान की जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के इंदौर शहर वृत्त अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से 2034 आउटसोर्स कार्मिक कार्यरत हैं। (ख) इंदौर शहर वृत्त अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों के पदनाम एवं वेतन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र 206 (इंदौर-3) के अंतर्गत कुल 247 कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से कार्यरत हैं, जिनके पदनाम एवं वेतन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर विद्युत केबिल बदले जाना
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 2538 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में सिंचाई एवं घरेलू विद्युत लाईनों की केबिल जर्जर होने के कारण दुर्घटना की आशंका बन रही है। क्षेत्र में ग्रामवार कितनी जर्जर विद्युत केबिल बदले गये हैं? कितने केबिल बदलना शेष हैं? उन्हें कब तक बदला जावेगा? जून 2024 की स्थिति में बतायें। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु स्थापित विद्युत ट्रांस्फार्मरों में से कितने ट्रांस्फार्मर जलने या अन्य खराबी के कारण बंद हैं? उन्हे कब तक बदला जावेगा? जून 2024 की स्थिति में ग्रामवार जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में सिंचाई एवं घरेलू विद्युत लाईनों की केबल जर्जर होने के कारण दुर्घटना की आशंका वाले स्थलों पर विद्युत केबल बदली जा रही है। बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में माह जून-2024 की स्थिति में बदली गई तथा बदलने हेतु शेष विद्युत केबल की वितरण केंद्रवार एवं ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत शेष विद्युत केबल के बदलने के कार्य हेतु सर्वे उपरान्त प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं तथा केबल बदलने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा माह दिसम्बर-2024 तक केबल बदलने का शेष कार्य पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में सिंचाई प्रयोजन हेतु स्थापित 12 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। वर्तमान में उक्त ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने के कारण उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदलने हेतु अपात्र हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जावेगा। उक्त, जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
79. ( क्र. 2539 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एवं कुसुम योजना प्रारंभ होने के दिनाँक से अब तक जबलपुर जिले में कितने पंजीयन किये गये ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की विकासखण्डवार, ग्रामवार, जानकारी दें? उपरोक्त पंजीकृत किन-किन एवं कितने हितग्राहियों को अब तक सोलर पेनल लगाये जा चुके हैं? कितने शेष हैं? (ख) सौर ऊर्जा संभाग जबलपुर द्वारा सौर ऊर्जा के विकास हेतु विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से मदवार कराये गये जानकारी दें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना प्रारंभ होने के दिनांक से 06 जून, 2024 तक जबलपुर में कुल 973 आवेदन भारत सरकार के पोर्टल www.pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकृत किये गये हैं, जिसमें विकासखण्डवार अथवा ग्रामवार जानकारी उपलब्ध नहीं है। कुसुम योजना प्रारंभ होने की दिनांक से अब तक जबलपुर जिले में योजना के घटक अ अंतर्गत 4 पॉवर परचेस एग्रीमेंट (PPA) हस्ताक्षरित किए गए है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी प्रकरणों में विभागों/विकासकों द्वारा सोलर पैनल लगाए जा रहे है। कुसुम योजना के घटक ब के अंतर्गत पंजीकृत कुल 78 हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना के घटक ब के अंतर्गत पंजीकृत आवेदनों में से 32 हितग्राहियों के यहां सोलर पंप संयंत्र की स्थापना की जा चुकी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जबलपुर संभाग के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में सौर ऊर्जा के विकास हेतु किये गये कार्य एवं मदवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
फायर सेफ्टी एक्ट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 2613 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट वर्तमान में लागू है अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं तो इसको लागू नहीं करने के क्या कारण है इसे कब तक लागू किया जाएगा? समय-सीमा बताएं। (ग) यदि फायर सेफ्टी एक्ट लागू है तो इसकी विस्तृत जानकारी देवें। (घ) विधान सभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर अंतर्गत गंजीपुरा बाजार में हाल ही में दुकानों में आग लगने के कारण व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ है? इन क्षेत्रों में आगामी भविष्य में आग नहीं लगे एवं आग लगे तो तत्काल आग पर काबू किए जाने हेतु क्या योजना बनाई है? यदि नहीं तो कब तक बनाई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हां, दिनांक 19.05.2024 को गंजीपुरा बाजार स्थित दुकानों में हुई अग्नि दुर्घटना में नगर निगम द्वारा तत्परता से अग्निशमन का कार्य करते हुये आग को पूरी तरह बुझाया गया, जिसमें दुकानों में रखे सामानों की क्षति हुई परंतु किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। राज्य सरकार अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए कार्यवाही हेतु सदैव सजग है एवं नगरीय निकायों एवं अग्निशमन प्राधिकारियों को समय-समय पर इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं नगरीय निकाय द्वारा जन सामान्य को जागरूक करने हेतु अग्नि दुर्घटना से बचाव से संबंधित जानकारियां प्रकाशित कराई जाती हैं। नगर निगम जबलपुर में 02 छोटे फायर वाहन उपलब्ध हैं, जो सघन बस्ती, सकरे रोड वाले क्षेत्रों में अग्नि दुर्घटना की स्थिति में उपयोग में लाए जाते हैं। प्रश्नांकित क्षेत्र अग्निशमन मुख्यालय के समीपवर्ती क्षेत्र में है, जिससे किसी अग्नि दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर नगर निगम द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भदभदा झुग्गी बस्ती से हटाये लोगों का व्यवस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 2630 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र 152 में लगभग 100 साल पुरानी झुग्गी बस्ती को उजाड़ दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) क्या विस्थापित झुग्गीवासियों को उचित स्थान/भवन निवास हेतु प्रदाय किये गये है? यदि हां तो कहां पर और यदि नहीं तो क्यों नही? (ग) क्या भदभदा झुग्गीवासियों को विस्थापित कर बीलखेडा, विसनखेडी में प्लाट या भवन देने की योजना है? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नही? (घ) क्या भदभदा झुग्गीवासियों में निवासरत व्यवसायियों के लिये प्रशासन द्वारा व्यवसाय की व्यवस्था की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या भदभदा झुग्गीवासियों के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के विस्थापन हो जाने के कारण परीक्षा पास करने में असफल रहे? बच्चों के भविष्य की प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है? स्पष्ट करें। J(च) विस्थापन के कारण घरेलू व्यवसाय छिन गये, क्या प्रशासन महिलाओं के घरेलू व्यवसाय को विस्थापित करेगा? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 152 दक्षिण पश्चिम में भदभदा झुग्गी बस्ती को माननीय एन.जी.टी. के आदेशानुसार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा हटाया गया है। (ख) विस्थापितों की सहमति अनुसार जिला प्रशासन द्वारा सभी विस्थापितों का 1 लाख रू. की सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त संबंधित विस्थापितों को उनकी सहमति अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ई.डब्लू.एस. (स्लम) आवास लेने का विकल्प दिया गया है। संबंधित हितग्रहियों के आवेदन/सहमति अनुसार नियमानुसार राशि जमा कराये जाने के उपरांत आवास उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रचलन में है। उक्त विस्थापितों में से 09 विस्थापितों द्वारा कलखेड़ा परियोजना में आवास हेतु मार्जिन मनी (बुकिंग राशि) जमा कर दी गई है। जबकि 02 विस्थापितों द्वारा मालीखेड़ी परियोजना में आवास हेतु पूर्ण राशि जमा की गयी जिसके उपरांत दोनों विस्थापितों को नगर निगम द्वारा स्थाई आवंटन आदेश जारी कर दिया गया है। (ग) से (च) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपूर्ण मार्ग को पूर्ण कराया जाना
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 2667 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत शोभापुर से माछा, शोभापुर से भटगांव, शोभापुर से रेवाबनखेड़ी, सेमरी से महुआखेड़ा अजबगांव गजनई मार्ग एवं सिरवाड़ फुरतला पाटनी सांगाखेड़ाखुर्द मार्ग लोक निर्माण विभाग की एडीबी योजना के अंतर्गत बनाये गये है जिनका कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं हो पाया है? इन मार्गों के साथ कितनी पुल पुलिया बनाये जाने का प्रावधान था? (ख) क्या उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है विगत 5 वर्षों से काम चल रहा है परन्तु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है और विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिये गये है एवं पुल पुलिया भी निर्धारित शर्तों के आधार पर नहीं बनी है? पुल पुलिया के वाक्स कलवर्ट शर्तों से कम बनाये गये है और इनकी भी राशि पूरी निकाल ली गई है। साईट शोल्डर भी निर्धारित मापदंड के तहत नहीं बनाये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसमें कौन जिम्मेदार है उपरोक्त मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। यह मार्ग एडीबी योजना के तहत नहीं बनाये गये। शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी नहीं। उक्त मार्गों का निर्माण मानक के अनुसार हुआ। उपरोक्तानुसार सभी मार्ग पूर्ण हुए एवं पुल पुलिया भी निर्धारित मापदण्डानुसार बनायी गयी। बॉक्स कलवर्ट भी स्वीकृत प्राक्कलन में प्रावधान के अनुसार बनायी गयी एवं किये गये कार्य के अनुसार ही भुगतान किया गया। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मझगवां उप संभाग बनाने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 2682 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधानसभा का विद्युत उपसंभाग सतना था, विद्युत संबंधी किसी भी काम के लिये विद्युत ऑफिस जाना सहज था, इसे दो भागों में बांटकर एक को सतना से 25 कि.मी. दूर रामपुर बघेलान और आधा भाग सतना में जोड़ दिया गया है, ऐसा क्यों और कैसे कर दिया गया? (ख) क्या मझगवां, चित्रकूट विधानसभा का जनपद मुख्यालय है जो पूरे विधानसभा के केन्द्र में है, इस विद्युत उपसंभाग को मझगवां होना चाहिये था, रामपुर बाघेलान कैसे हो गया, इससे चित्रकूट विधानसभा को क्या फायदा हुआ? हम सुविधा देने के लिये हैं या तकलीफ देने के लिये? (ग) क्या चित्रकूट विधानसभा में विद्युत वितरण केन्द्र का आधा काम रामपुर बघेलान विधानसभा के कोटर वितरण केन्द्र से चलता है आधा चित्रकूट विधानसभा के जैतवारा वितरण केन्द्र से चलता है जो अव्यवहारिक है क्या दोनों वितरण केन्द्रों को जोड़कर नया उपसंभाग कार्यालय मझगवां बनाकर लोगों को सहूलियत नहीं दी जा सकती हैं? (घ) क्या चित्रकूट विधानसभा का विद्युत संबंधी कार्य का मुख्यालय नया उप संभाग बनाकर मझगवां बनायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? क्या वर्तमान व्यवस्था से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि चित्रकूट विधानसभा के उपभोक्ता को किसी काम के निराकरण के लिये 25 कि.मी. और आगे रामपुर बघेलान जाने को मजबूर किया गया है जो उचित नहीं है अन्याय भी हैं विद्युत उपसंभाग मझगवां बनाने की कार्यवाही कब तक होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पूर्व में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र, विद्युत उप संभाग सतना अंतर्गत आता था। उपभोक्ताओं की संख्या, तकनीकी साध्यता एवं प्रशासकीय नियंत्रण की सुगमता के दृष्टिगत संचालन/संधारण संभाग सतना को विभक्त करते हुए वर्ष 2022 में संचालन/संधारण संभाग रामपुर बाघेलान का सृजन किया गया। इस संभाग के अंतर्गत 02 नवीन संचालन/संधारण उप संभाग रामपुर एवं कोटर का भी सृजन किया गया। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 वितरण केन्द्र क्रमश: चित्रकूट, मझगवां, कोठी, बिरसिंहपुर, बैरहना एवं जैतवारा आते थे, जिनमें से 4 वितरण केन्द्र जैतवारा, चित्रकूट, मझगवां एवं कोठी वर्तमान में भी सतना संचालन/संधारण संभाग के संचालन/संधारण उपसंभाग जैतवारा में आते हैं। शेष 2 वितरण केन्द्र बिरसिंहपुर एवं बैरहना नवनिर्मित संभाग रामपुर बघेलान के नवनिर्मित उपसंभाग कोटर में आते हैं। संचालन/संधारण उप संभाग का गठन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं करते हुये उपभोक्ताओं की संख्या, तकनीकी साध्यता एवं प्रशासनिक सुगमता के दृष्टिगत किया गया है। (ख) मझगवां जनपद मुख्यालय है एवं चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मध्य स्थित है। संभाग, उप संभाग एवं वितरण केन्द्रों का सृजन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं होकर उपभोक्ताओं की संख्या, तकनीकी साध्यता एवं प्रशासकीय नियंत्रण की सुगमता के आधार पर किया गया है, जिससे चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिरसिंहपुर एवं बैरहना वितरण केन्द्रों की दूरी कोटर उप संभाग से मात्र 14 कि.मी. रह गई है एवं प्रशासनिक सुगमता में वृद्धि हुई है। पूर्व में विद्युत उपभोक्ताओं को सतना ग्रामीण उप संभाग जाना पड़ता था, जो कि बिरसिंहपुर से 35 कि.मी. दूर है। (ग) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिरसिंहपुर एवं बैरहना वितरण केन्द्र रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोटर संचालन/संधारण उप संभाग के अंतर्गत आते हैं। इन वितरण केन्द्रों के उपभोक्ताओं को विद्युत संबंधी सुविधाओं का प्रदाय संबंधित वितरण केन्द्र एवं उप संभाग कोटर द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। अत: वर्तमान में पृथक से मझगवां उपसंभाग के सृजन का प्रस्ताव व्यवहारिक नहीं है। (घ) वर्तमान में पृथक से मझगवां उप संभाग के सृजन की योजना नहीं है। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए नव सृजित संचालन/संधारण संभाग रामपुर बाघेलान एवं पूर्व संचालन/संधारण संभाग सतना की दूरी लगभग समान है। इसके साथ ही चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण उनसे संबंधित वितरण केन्द्र से सुनिश्चित किया जा रहा है।
एन.एच.39 के बमीठा-बेला मार्ग से टोल बेरियर हटाया जाना
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 2684 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के भाग बमीठा से बेला रीवा का हिस्सा टोल बैरियर लायक है, इतनी घटिया स्तर की बनी सड़क में बैरियर लगाकर टोल वसूली करवाना कहाँ तक न्याय संगत है? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़क का प्रारंभिक टेण्डर कब हुआ था? कितनी अवधि में बनी, वह भी गुणवत्ता के किन मानकों पर बतायें? क्या साल दो साल में बनने वाली सड़क 12-15 साल में बनेगी? क्या ठेकेदार की गलती या शासन-प्रशासन की गलती का खामियाजा जनता भुगतेगी? स्पष्ट करें। (ग) यदि सड़क बनाने में 12-15 वर्ष देरी हुई है तो लोग या तो सेमरिया होकर 52 कि.मी. जगह 86 कि.मी. घूमकर रीवा जाते रहे या अमरपाटन होकर 74 कि.मी. घूमकर रीवा जाते रहे, 12-15 वर्ष तक सतना रीवा सड़क खदान जैसे रही, मेंटेनेंस कागजों में होता रहा, बरसात में तो छोटे-बड़े सभी वाहनों के पहिये गड्ढो में जमीन के नीचे घुस जाते थे उसका कौन जिम्मेदार था स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) से यदि अवगत है नई-नई गाड़ियों की चेचिस टूट रही है. धूल के गुब्बारों से खेती बरबाद होती रही, लोग तरह-तरह की बीमारी के शिकार हो रहे है, कौन जिम्मेदार था? क्या ठेकेदार की कोई शर्तें नहीं होती? क्या ठेकेदार 12-15-20-25-30 वर्ष में जब भी मर्जी आये सड़क बनाकर टोल बैरियर लगाकर टोल वसूली करने लगे? क्या यही लोक न्याय है? बमीठा से बेला तक लगे टोलों बैरियर कब तक हटायेंगे? (ड.) बेला से बमीठा और बमीठा से ग्वालियर एन.एच. 39 है क्या दोनों हिस्सों की तुलना कर जाँच कराकर देखेंगे की बमीठा बेला कितनी घटिया बनी है फिर टोल टैक्स किस सुविधा का? स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा बमीठा-पन्ना-नागौद-सतना-बैला रा.रा. मार्ग 75 कुल लंबाई 141.00 कि.मी. का प्रारंभिक टेण्डर दिनांक 09.10.2009 को हुआ था तत्पश्चात निविदा में दिनांक 12.11.2009 को संशोधन किया जाकर बमीठा-पन्ना-नागौद-सतना कुल लंबाई 97.60 कि.मी. किया गया था। अनुबंधानुसार दिनांक 16.05.2013 से 730 दिवस में मार्ग निर्माण पूर्ण किया जाना था किन्तु निवेशकर्ता द्वारा अपेक्षित गति न दे पाने के कारण दिनांक 17.01.2018 को अनुबंध निरस्त कर दिया गया। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा शासन के आदेशानुसार दिनांक 16.07.2018 को लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग रीवा को हस्तांतरित कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर दिनांक 06.04.2018 को नवीन अनुबंध सम्पादित किया गया, जिसकी निर्माण अवधि 18 माह अर्थात 04.11.2019 थी। मार्ग रिजर्व फॉरेस्ट में होने से, भू-अर्जन एवं न्यायालयीन प्रकरण होने के कारण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल द्वारा मार्ग को दिनांक 21.12.2023 तक पूर्ण करने की अनुमति दी गयी। मार्ग कार्य को भारत सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदण्डों अनुसार शासन द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी एवं विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में पूर्ण गुणवत्ता से स्वीकृत सीमा में किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बमीठा-सतना मार्ग एवं सतना-बैला मार्ग निर्माण के दौरान यातायात अनुकुल/मोटरेबल रखा जाता रहा है, जिससे कि छोटे-बड़े सभी वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से संचालित रहे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार। वर्तमान में मार्ग अच्छी स्थिति में है तथा आवागमन सुचारू रूप से जारी है। टोल बेरियर हटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) समस्त सड़क निर्माण कार्य भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार शासन द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी एवं विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में पूर्ण गुणवत्ता से किया जाता है। बेला से बमीठा मार्ग पर भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी गजट नोटिफिकेश्न अनुसार निर्धारित दरों पर टोल टैक्स लिया जा रहा है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह में पुनरीक्षित मजदूरों का भुगतान
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 2687 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत ऊर्जा विभाग की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में विधानसभा के प्रश्न संख्या 1542 दिनांक 03/03/2023 के उत्तर में यह बताया गया था कि संयंत्र में संगठित श्रमिकों की संख्या 770 एवं असंगठित की संख्या शून्य बताया था, क्या यह भी बताया था कि प्रश्न में उल्लेखित कंपनियों के मजदूरी भुगतान की दरों में अंतर है तथा मजदूरी दरों के प्रमाणन बावत उल्लेखित ठेका कंपनियों के अद्यतन उपलब्ध मासिक भुगतान पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए बताये थे कि मजदूरी की दरें उपलब्ध नहीं है? मजदूरी की दरें कब तक उपलब्ध होंगी? समय-सीमा बतावें। (ख) क्या यह भी सही है कि ताप विद्युत गृह चचाई में राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार दोनों की मजदूरी की दरें प्रचलन में हैं, कितने श्रमिकों को CONTRACTOR LABOUR (REGULATIONS & ABOLITION) CENTRE RULE, FROM -XIX See Rules 78 (2) (b) के अंतर्गत केंद्र का नियम मानकर वेतन पर्ची तो दिया जाता है लेकिन मजदूरी की दरें म.प्र. शासन के द्वारा पुनरीक्षित की जाती है, जिन श्रमिकों को सेंट्रल रुल के अनुसार वेतन पर्ची दिया जा रहा है उन्हें कब तक केंद्र के समान मजदूरी का भुगतान कराया जावेगा? भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैम्प चचाई के श्रमिकों को वर्ष 2023 में दिए गए वेतनपर्ची की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ग) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से 2023 व 2024 में प्रश्न दिनांक तक ईटी एंड आई विभाग एवं डीएमएस इंटरप्राइज फर्म की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्रवाई की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा प्रश्न संख्या 1542 दिनांक 03/03/2023 के उत्तर में यह जानकारी दी गई थी कि अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में संगठित श्रमिकों की संख्या 770 एवं असंगठित श्रमिकों की संख्या शून्य है। साथ ही उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यह भी बताया गया था कि प्रश्नांश में उल्लेखित कंपनियों की मजदूरी की दरों में अंतर है एवं अद्यतन उपलब्ध मासिक भुगतान पत्रों की छायाप्रति भी उपलब्ध कराई गई थी। प्रश्न संख्या 1542 दिनांक 03/03/2023 के उत्तर में प्रश्न में उल्लेखित ठेका कंपनियों की मजदूरी की दरें उपलब्ध नहीं होने का लेख नहीं किया गया था, अपितु "ताप विद्युत गृह में कार्यरत श्रमिक असंगठित क्षेत्र के नहीं हैं, अतः इनकी मजदूरी दरें म.प्र. पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड में उपलब्ध नहीं हैं" लेख किया गया था अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में केंद्र सरकार की मजदूरी दरें प्रचलन में नहीं है, अपितु विद्युत गृह में मध्य प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित पुनरीक्षित न्यूनतम मजदूरी दरें ही लागू है व इसी के अनुसार वेतन पर्चियां श्रमिकों को दी जाती हैं। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैंप चचाई के द्वारा विद्युत गृह में नियोजित सुरक्षा कार्मिक CONTRACTOR LABOUR (REGULATIONS & ABOLITION) ACT-1970 के अंर्तगत नहीं आते हैं क्योंकि यह सभी भूतपूर्व सैनिक हैं जो भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, व इनके वेतन भी अलग हैं, जो Directorate General Resettlement, Department of Ex-Serviceman Welfare, New Delhi के द्वारा निर्धारित किये जाते हैं। भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति द्वारा कार्यरत सुरक्षा सैनिकों को मासिक भुगतान किया जाता है एवं सत्यापित भुगतान पत्रक कंपनी को प्रेषित किये जाते है, जिसके आधार पर कंपनी समिति को कार्यादेश की शर्तों के अनुसार भुगतान करती है। अत: भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैंप चचाई की वेतन पर्चियां कंपनी में उपलब्ध नहीं हैं, तथापि वर्ष 2023 के सभी वेतन भुगतान पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 2023 एवं 2024 में प्रश्न दिनांक तक विद्युत परीक्षण एवं उपकरण वृत्त (ई.टी. एण्ड आई.) से संबंधित 13 शिकायतें (जो ठेका श्रमिकों एवं ठेकेदारों के भुगतान से संबंधित है) प्राप्त हुई, जिन पर कंपनी के नियमानुसार कार्यवाही कर, उनका निराकरण किया गया/किया जा रहा है। डीएमएस इंटरप्राइज़ फर्म की 01 शिकायत वर्ष 2022 में प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच करने पर शिकायत निराधार पाई गयी थी।
नरसिंहगढ़ जलावर्द्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 2691 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा अंतर्गत नगरपालिका नरसिंहगढ़ में विगत वर्षों में जलावर्धन योजना का कार्य किया गया है? (ख) यदि हां तो क्या योजना पूरी तरह से क्रियान्वित की गई है? (ग) यदि नहीं, तो इस योजना के आधार पर नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा जलकर में ढाई गुना वृद्वि 80 रूपये से 200 रूपये की गई थी, परंतु 5 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी योजना चालू नहीं हो पाई है तो क्या योजना चालू न होने के कारण जलकर में की गई वृद्धि कम की जाएगी यदि नहीं तो क्यों बताएं? (घ) यदि योजना चालू नहीं की गई है तो संबंधित ठेकेदार को किस आधार पर नगरपालिका द्वारा रख-रखाव का भुगतान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजनानतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण के समस्त कार्यों को पूर्ण किया जाकर योजना का सफलतापूर्वक संचालन-संधारण दिनांक 15.02.2019 से किया जा रहा है। (ग) योजना के संचालन पर होने वाले व्यय को दृष्टिगत रखते हुए निकाय प्रशासक संकल्प क्रमांक 01 दिनांक 01.02.2020 में जलकर में वृद्धि प्रस्तावित की गई थी। मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 01-250/2020/18-3 भोपाल दिनांक 01 अप्रैल, 2021 के द्वारा जलदरों में की गई वृद्धि को स्थगित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 2757 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में कुल कितनी कॉलोनियां है? कॉलोनी का नाम, कॉलोनाईजर का नाम, कॉलोनी का स्थान व क्षेत्रफल सहित बतावें। (ख) उक्त कालोनियों में से कौन-कौन सी कॉलोनी वैध और कौन- कौन सी अवैध है? (ग) उक्त कालोनियों के अवैध होने का क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में ऐसी कौन-कौन सी कॉलोनियां है? जिनमें अवैध होने के कारण तहसील द्वारा उनका नामान्तरण नहीं किया जा रहा है। क्या उन कालोनियों का नामान्तरण्ा किया जावेगा? यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यो नहीं किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' में अंकित अनधिकृत श्रेणी की कॉलोनियों को प्रचलित सुसंगत अधिनियम के उपबन्धों के अधीन आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त किए बिना विकसित किया गया है। अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माण के लिए संबंधित कॉलोनियों के भू-स्वामी एवं इसमें सहयुक्त सभी व्यक्ति दोषी है। (घ) प्रतिवेदित जानकारी अनुसार राजगढ़ तहसील अन्तर्गत म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अन्तर्गत नामान्तरण प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 2801 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा गुना जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में अधोसंरचना से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? समस्त योजनाओं के नाम, योजनाओं के दिशा-निर्देश एवं ठेकेदारों के साथ किये जाने वाले अनुबंध के प्रारूप की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित अधोसंरचना निर्माण की योजनाओं की गुना जिले में प्रगति की रिपोर्ट प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किस-किस योजना में कितना व्यय किया गया, किस ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया है? /span>(घ) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के स्तर पर प्राप्त शिकायतों एवं निराकरण संबंधी संख्यात्मक जानकारी दी जावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत गुना जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में विद्युत अद्योसंरचना निर्माण से संबंधित आर.डी.एस.एस., पी.व्ही.टी.जी., स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना संचालित हैं, जिनसे संबंधित दिशा-निर्देशों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त, प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्ण जमा योजना, 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना, एस.एस.टी.डी. एवं सामान्य विकास योजना संचालित हैं, जिनके दिशा-निर्देश म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र क्रमांक-443, दिनांक 27.08.2014 द्वारा जारी वर्क मेनुअल के बिन्दु क्रमांक-2.4.1, 2.4.2 एवं 2.5 में उल्लेखित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। ठेकेदारों के साथ किये जाने वाले अनुबंध के प्रारूप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गुना जिले में एस.एस.टी.डी, पी.व्ही.टी.जी., आर.डी.एस.एस., पूर्ण जमा योजना एवं सामान्य विकास योजना की वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है। शेष 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, जिनके तहत कार्यों का क्रियान्वयन वितरण कंपनी द्वारा नहीं, अपितु आवेदक द्वारा स्वयं के व्यय पर 'अ'-श्रेणी पंजीकृत ठेकेदार के माध्यम से कराया जाता है, का वर्तमान वित्तीय वर्ष के परिप्रेक्ष्य में विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-2' अनुसार है। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई कार्य नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन योजनाओ की स्वीकृति वितरण कंपनी/शासकीय मद से की जाती है एवं कार्य का क्रियान्वयन ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाता है, के संबंध में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में ठेकेदारों को किये गए भुगतान संबंधी जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रचलित योजनाओं क्रमश: पी.व्ही.टी.जी., एस.एस.टी.डी., 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, पूर्ण जमा योजना, मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना एवं सामान्य विकास योजना के क्रियान्वयन के संबंध में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गुना जिले के संभागीय कार्यालय, वृत्त कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय तथा कंपनी मुख्यालय स्तर पर वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 2 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से 1 शिकायत की जांच म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई है एवं शेष 1 शिकायत के निराकरण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
निजी भूमि पर नियम विरूद्ध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 2829 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर पालिका परिषद पर शासन के कौन-कौन से अधिनियम, नियम, उपनियम एवं नीति निर्देश लागू होते है? उनकी प्रतियां देवें। (ख) नागदा नगर पालिका परिषद का कार्यालय मैन्युअल एवं शासन के कार्य नियम क्या है? उनकी समस्त प्रतियां उपलब्ध करावें। J(ग) क्या नगर पालिका द्वारा सार्वजनिक प्रयोजन से निजी भूमि का उपयोग करने के लिए अधिग्रहण, मुआवजा या अन्य प्रकार कौन-कौन से निर्धारित है? उनकी समस्त प्रतियां उपलब्ध करावें (घ) ग्राम पाडल्याकला तहसील नागदा के सर्वे नंबर 449/1/मीन-30 रकबा 0.010 स्वर्गीय शकुन्तलाबाई पति बटनलाल के निजी प्लाट पर नगर पालिका में सड़क एवं नाली निर्माण किस नियम, किस प्रक्रियां के अन्तर्गत किया गया? उनकी समस्त रिकार्ड, कायालयीन नस्ती की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ड.) खाली पड़े प्लाट पर 525 वर्ग फीट पर नाली सड़क बनाने से पूर्व कौन-कौन से अभिलेखों के आधार पर सहमति बनी है? (च) ग्राम पाडल्याकला तहसील नागदा के सर्वे नंबर 449/1/मीन-30 रकबा 0.010 पर किये गये निर्माण की प्लानिंग, टेंडर, नक्षा, एमबी, की प्रमाणित प्रति देवें। (छ) विवादित प्लाट पर निर्माण पूर्व नगर पालिका द्वारा कौन-कौन से रिकार्ड के आधार पर प्रक्रियां अपनाई गई? प्रतिया उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीवर लाईन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 2878 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी नगर में सीवर लाइन बिछाने से नगर के अंतर्गत सी.सी. रोड एवं नल के पाइप क्षतिग्रस्त हो गये है, इन मार्गों का मरम्मत कब तक कर लिया जावेगा? (ख) सीवर लाइन का कार्य घटिया एवं प्लान के अनुसार नहीं हुआ है क्या इसकी जांच करायेंगे? (ग) क्या बिना ट्रीटमेंट प्लांट बनाने पाइप लाइन बिछाने का कार्य हो रहा है, यदि हाँ तो क्यों? (घ) जिला अस्पताल के पास नाला एवं घरों से खराब पानी निकासी को मुख्य पाइप से कब तक जोड़ दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां, सीवर लाईन बिछाने हेतु क्षतिग्रस्त हुये मार्ग एवं नल के पाईपों का सुधार कार्य निरंतर किया जा रहा है तथा शीघ्र ही पूर्ण किया जायेगा। (ख) जी नहीं, सीवर लाईन का कार्य अनुमोदित डिजाइन एवं ड्राइंग तथा गुणवत्ता के मानकों अनुसार किया जा रहा है, जिससे जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) जिला अस्पताल के पास नाला एवं घरो से खराब पानी निकासी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं मेन पंम्पिग स्टेशन का कार्य पूर्ण होने पश्चात जोड़ दिया जायेगा।
राशि का व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 2879 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत डिण्डौरी एवं शहपुरा नगर परिषद में कचरा निपटारा में 2020 से आज तक प्रत्येक वर्ष किस-किस चीज में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? क्या नियम अनुसार कचरा का निपटारा हो रहा है? (ख) नगर परिषद शहपुरा के अंतर्गत कितने दुकानों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई? क्या दुकान निर्माण का कार्य अधूरा है? दुकानों के नाम से ली गई राशि का नियम विरूद्ध अन्य कामों में व्यय कर दिया गया यदि हाँ तो कौन जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद शहपुरा अंतर्गत 74 दुकानों के निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 2,77,70,777/- जमा कराई गई है। दुकान निर्माण कार्य अधूरा है। दुकानों के नाम से ली गयी राशि का नियम विरूद्ध अन्य कामों में व्यय नहीं किया गया है।
पुल निर्माण ब्लास्टिंग से हुई मृत्यु
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 2900 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के बड़ौनी थाना अन्तर्गत ग्राम बडगौर पर सिंध नदी के पुल पर लोक निर्माण विभाग द्वारा विस्तार हेतु निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ तो किस निर्माण एजेन्सी/फर्म द्वारा कार्य किया जा रहा है? क्या प्राक्कलन/डी.पी.आर. में डायनामाइट ब्लास्टिंग का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ तो डी.पी.आर./प्राक्कलन की प्रतियां उपलब्ध कराये। यदि नहीं तो ठेकेदार द्वारा किस अधिकारी की स्वीकृति से डायनामाइट ब्लास्टिंग की गई है? कृपया ठेकेदार एवं फर्म का नाम/पता बताये। (ख) क्या डायनामाइट ब्लास्टिंग का कार्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति में प्रशिक्षित मजदूर द्वारा कराई गई है? यदि हाँ तो क्यों? कृपया कारण सहित बताये कि दिनांक 01/05/2024 को बड़गौर पुल की डायनामाइट ब्लास्टिंग के दौरान गोविन्द उर्फ जोकड़ सिंह कंजर पुत्र जोकरिया कंजर एवं ब्लास्टिंग करने वाले मजदूर राधे कुशवाहा की मृत्यु हुई है। यदि हाँ तो क्या थाना बड़ौनी जिला दतिया में एफ.आई.आर. नं. 0148/2024 दिनांक 02/05/2024 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? यदि हाँ तो पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. में ठेकेदार का नाम दर्ज क्यों नहीं किया गया है? कृपया कारण सहित बताये कि जांच/विवेचना के दौरान ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कृपया विस्तृत विवरण दें। क्या उक्त घटना की जांच ए.डी.एम. दतिया एवं विभागीय अधीक्षण यंत्री ग्वालियर द्वारा जांच की गई? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन अलग-अलग उपलब्ध कराते हुये बताये की घटना के दौरान विभागीय अधिकारी क्या उपस्थित था। यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें। (ग) क्या मृतक परिवारों को शासन/प्रशासन और ठेकेदार द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है। यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? क्या शासन मृतक परिवारों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या थाना बड़ौनी द्वारा उक्त घटना की विवेचना/अनुसंधान किया गया है। यदि हाँ तो क्या ठेकेदार की लापरवाही एवं असावधानी के लिये जिम्मेदार मानते हुये कानूनी कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो कौन-कौन धाराओं में कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण सहित बताये कि थाना प्रभारी द्वारा ठेकेदार को अपराध से बचाने के लिये क्यों प्रयास किया गया? कृपया कारण सहित बताये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स बी.एम. कन्स्ट्रक्शन पिछोर डबरा जिला ग्वालियर। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। किसी अधिकारी द्वारा ब्लास्टिंग की अनुमति नहीं दी गई। श्री शब्बीर खान एवं बी.एम. कन्स्ट्रक्शन पता-171 छप्परा मोहल्ला पिछोर डबरा जिला ग्वालियर। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। जी हाँ। एफ.आई.आर. में ठेकेदार का नाम दर्ज है। प्रकरण पुलिस की विवेचना में है। जी हाँ। ए.डी.एम. का जांच प्रतिवेदन प्रक्रियाधीन है एवं अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल ग्वालियर का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं, कमेटी गठित की गई है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता। J(घ) जी हाँ। जी हाँ। धारा 304 भादवि। जी नहीं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत मगरोनी की अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 2901 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मगरोनी 3 ग्राम पंचायतें, किशनपुर, मगरोनी निजामपुर से मिलकर बनी है नगर पंचायत किस दिनांक माह एवं वर्ष से अस्तित्व में आई इन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन कर्मचारी किस-किस दिनाँक से किस-किस पद पर पदस्थ थे? (ख) नगर पंचायत मगरोनी में वर्तमान में कौन-कौन कर्मचारी किस-किस पद पर पदस्थ है एवं किस-किस कर्मचारी को किस सक्षम अधिकारी ने नियुक्त (पदस्थ) किया किस आधार पर किया क्या यह कर्मचारी ग्राम पंचायतों में पहले से पदस्थ थे? (ग) क्या ग्राम पंचायत में एक सचिव, एक रोज़गार सहायक यदि नल जल योजना ग्राम में संचालित है तो एक पम्प आपरेटर लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि सारे कर्मचारी फर्जी तरीके से ग्राम पंचायतों में नाम लिखकर रखा जिसका कोई रिकार्ड नहीं है यदि है तो कर्मचारियों की रिकार्ड के रजिस्टर छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में नगर पंचायत मगरोनी में ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने फर्जी तरीके से ग्राम पंचायतों में नाम लिखकर कर्मचारी बनाया वही कर्मचारी आज नगर पंचायत मगरोनी को चला रहे है जो गलत है नगर पंचायत मगरोनी में भारी तादात में भ्रष्टाचार उपकरण खरीदने में निर्माण कार्यों में कार्य किए नहीं गये और राशि निकाल लिया गया है क्या इसकी जाँच उच्च स्तर से करायी जावेगी। यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद्, मगरौनी दिनांक 26.09.2018 से अस्तित्व में आई। उक्त ग्राम पंचायतों में पदस्थ कर्मचारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर परिषद्, मगरौनी में वर्तमान में श्री विजय गोयल प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी, श्री विवेक अग्रवाल उपयंत्री, श्री गोविन्द मेंचन राजस्व उप निरीक्षक तथा श्री दिनेश सिंह धाकड़ सहायक वर्ग-3 के पद पर पदस्थ हैं। उक्त कर्मचारियों को मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 के अंतर्गत निर्मित नियमों के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियुक्त कर पदस्थ किया गया है। उपरोक्त के अतिरिक्त पंचायतकालीन कर्मचारियों/श्रमिकों की नियुक्तियां ग्राम पंचायतों के ठहराव एवं प्रस्ताव के आधार पर संबंधित सरपंचों एवं सचिवों द्वारा की गई है। पंचायतकालीन कर्मियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। J(ग) पंचायतकालीन कर्मियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) नगर परिषद्, मगरौनी के अस्तित्व में आने के बाद सरपंचों द्वारा सामग्री क्रय किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत प्रदाय एवं विद्युत लाइनों का विस्तार
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 2937 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने विद्युत ट्रान्सफार्मर हैं जो क्षमता से अधिक भार वाले हैं? क्या अतिरिक्त ट्रान्सफार्मर लगाने की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक लगाये जावेंगे? (ख) कसरावद विधानसभा में विगत 1 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक किसानों द्वारा अतिरिक्त एवं निजी ट्रान्सफार्मर लगाने की कोई मांग की गई है? अगर हाँ तो कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने निराकृत हुए? कितने शेष है? शेष का कारण दें। (ग) कसरावद विधानसभा के आदिवासी बाहुल्य जहॉगीरपुरा के नरगांवपुरा, डाबर मोहल्ला, जैसे कई ग्राम आज भी 24 घण्टे घरेलू विद्युत प्रदाय से वंचित है। कब तक इनको 24 घण्टे विद्युत प्रदाय हेतु लाईनों का विस्तार किया जावेगा? (घ) कसरावद विधानसभा के ग्राम नायदड़ की मोरबेड़ी और ग्राम मलतार के हतोला में विगत 5 वर्षों से विद्युत पोल तो हैं परन्तु केबल नहीं होने के कारण आज भी लोग अंधेरे में जीवन यापन को मजबूर हैं। कब तक इनको विद्युत प्रदाय की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के क्षेत्रांतर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 150 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित (क्षमता से अधिक भार वाले) हैं। केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण-लॉस रिडक्शन के अंतर्गत उक्त अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 75 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य स्वीकृत हुये हैं एवं अद्यतन स्थिति में 35 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य पूर्ण किया जा चुके हैं तथा 40 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य टर्न-की आधार पर किये गये कार्यादेश के तहत माह मार्च-2025 तक पूर्ण किये जाना संभावित हैं। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण - मॉर्डनाईजेशन में शेष 75 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं एवं उक्त कार्यों हेतु नोडल एजेंसी मे. पी.एफ.सी. से स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी कृषक से अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में निजी वितरण ट्रांसफार्मर (3 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस के तहत) लगाने हेतु कृषकों से कुल 18 आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं सभी 18 आवेदनों में कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्राम जहाँगीरपुरा के नरगांव फाल्या में लगभग 25 एवं डाबर मोहल्ला फाल्या में लगभग 20 मकान स्थापित हैं। मुख्य ग्राम से दूरस्थ स्थित होने के कारण वर्तमान में उक्त दोनों फाल्यों को निकटस्थ स्थापित विद्युत अधोसंरचना यथा- 11 के.व्ही. हिरापुर सिंचाई फीडर से, अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त फाल्यों को 24 घंटे वाले घरेलू फीडर से जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके संसूचित मजरों/टोलों/फाल्यों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं में किया गया है। नये घरों/मजरों/टोलों/फाल्यों का निर्माण होना एक सतत प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम नायदड का मोरबेडी फाल्या अविद्युतीकृत है। ग्राम मलतार एवं हतोला विद्युतीकृत हैं, जिनमें अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे एवं गैर-कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मोरबेडी फाल्या के विद्युतीकरण हेतु वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधिकारी/कर्मचारी की वेतन में देरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 2944 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के नगरीय निकायों में माह मई तक अधिकारियों कर्मचारियों की वेतन किन-किन निकायों में अभी तक राशि की कमी के कारण नहीं दी जा सकी? (ख) सागर संभाग के नगरीय निकायों में चुंगी क्षति पूर्ति की राशि वेतन एवं अन्य खर्चों के लिए निकायों में कम पड़ रही है, वह राशि कब तक बढ़ाये जाने का प्रावधान रखा है? (ग) अधिकारी, कर्मचारी को समय से वेतन न मिलने के कारण उनकी कार्य क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, सरकार द्वारा समय पर उनकी वेतन वितरण हेतु क्या उपाय किए जा रहे है? (घ) चुंगी क्षतिपूर्ति कम मिलने वाले निकायों की क्या समीक्षा बैठक की गई है, यदि की गई है तो चुंगी क्षतिपूर्ति बढ़ाये जाने हेतु क्या प्रयास किए जा रहे है? जिससे अधिकारी, कर्मचारी को समय से वेतन प्राप्त हो सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सागर संभाग के अंर्तगत आने वाली नगरीय निकायों में से 04 नगरीय निकाय नगर परिषद सटई, नगर परिषद घुवार, नगर परिषद बकस्वाहा में माह मई की वेतन एवं नगर परिषद तरीचरकलां में माह दिसम्बर 2023, माह जनवरी 2024 एवं माह फरवरी 2024 की वेतन राशि की कमी के कारण नहीं दी जा सकी है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के बी.सी.ओ. क्रमांक 1802 अंतर्गत प्रदेश की नगरीय निकायों को प्रति वित्तीय वर्ष चुंगी क्षतिपूर्ति हेतु राशि बजट में प्रावधानित की जाती है। उक्त राशि को प्रतिमाह मंत्रीपरिषद के आदेश क्रमांक/एफ-10-54/2015/18-2 दिनांक 13.11.2015 अनुसार निकायों की पात्रता निर्धारित कर वितरित की जाती है। किसी संभाग की निकायों को पृथक से राशि बढाया जाना संभव नहीं है। (ग) संचालनालय स्तर से निकायों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को नियमित वेतन भुगतान किये जानें के निर्देश जारी किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि निकायों को उनकी पात्रता अनुसार प्रदाय की जाती है। विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विभागीय बजट में चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में वृद्धि किये जाने की मांग की जाती है। उक्त पर वित्त विभाग द्वारा निर्णय लिया जाता है।
स्वीकृत मार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 2953 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक कौन-कौन से विभिन्न मार्ग निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभाग द्वारा प्रस्तावित कर शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये है? जिन विभिन्न मार्ग निर्माण कार्यों के प्रस्ताव विभाग द्वारा प्रस्तावित कर स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर भेजे गये है, उनमें से कौन-कौन से मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है? और कौन-कौन से मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना शेष है, ऐसी सभी मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किए जाने में विलम्ब का क्या कारण है, ऐसे सभी मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-24 तक जितने भी मार्ग निर्माण कार्यों की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, उनमें से कितने मार्गों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है और कितने मार्गों के कार्य अपूर्ण व अप्रारंभ है? मार्गों के कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ होने का क्या कारण है? स्वीकृत सभी मार्गों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिए जायेगें। सभी मार्गों की भौतिक स्थिति से अवगत करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। समस्त प्रस्तावित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभिन्न कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 2956 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक विभिन्न ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के नवीन विद्युत अधोसंरचना निर्माण संबंधी कार्य किस-किस योजना के अन्तर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा कराये गये हैं? कराये गये कार्यों का विवरण पूर्णता/अपूर्णता की अद्यतन स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से ग्राम या नगरीय निकाय हैं जहां आमजनों की विद्युत सुविधा हेतु विद्युतीकरण कार्य कराया जाना आवश्यक है? क्या आवश्यकता के आधार पर सर्वे कराकर विभाग द्वारा विद्युतीकरण कार्य हेतु कार्यवाही कर राशि स्वीकृत की जायेगी? (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से विभिन्न आवश्यक कार्यों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-2020 से वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक की अवधि में विभिन्न ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत नवीन विद्युत अद्योसंरचना निर्माण के कराये गये एवं प्रगतिरत कार्यों का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्राम/नगरीय निकाय पूर्व में विद्युतीकृत किये जा चुके हैं, तथापि परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 139 नवीन निर्मित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में पी.व्ही.टी.जी. योजना अन्तर्गत चिन्हित अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण कार्यों को वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के तहत 33/11 के.व्ही. के 14 उपकेन्द्रों का रिनोवेशन, 01 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर-3.15 एम.व्ही.ए. (परासिया उपकेन्द्र), 05 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि (05 एम.व्ही.ए. से 08 एम.व्ही.ए.), 443 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर एवं 736 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि से संबंधित कार्य हेतु कार्य योजना तैयार कर निर्धारित नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है।
राज्य मार्ग क्रमांक 55 को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाना
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 2958 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के राजपत्र 15 सितम्बर, 2017 में प्रकाशित राज्य मार्ग क्रमांक 55 कालींजर (उ.प्र. बार्डर) अजयगढ़-पन्ना-अमानगंज-सिमरिया-हटा-दमोह-जबरा-जबलपुर को राष्ट्रीय राज्य मार्ग में स्वीकृत किये जाने हेतु सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि उक्त मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने हेतु शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्र. NH&14012/31/2015&P&M {PT} दिनांक 17.05.2017 के द्वारा मार्ग को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। दमोह से जबलपुर मार्ग को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली के राजपत्र दि. 20.01.2016 के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) तीन मार्गों के प्रस्ताव क्रमशः पन्ना-अजयगढ़ मार्ग, सेमरिया-अमानगंज-पन्ना मार्ग एवं दमोह-हटा-सेमरिया मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने हेतु म.प्र. शासन लो.नि.वि. के पत्र क्र. NH/R/New NH Declaration/2022/216 भोपाल दिनांक 05.08.2022 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है) से सचिव भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को अनुरोध किया गया है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सम्पूर्ण मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने की कार्यवाही भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली से कार्रवाई अपेक्षित है।
के.व्ही.ए. पावर स्टेशन प्रारंभ किया जाना
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 2959 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पन्ना जिले की तहसील अजयगढ़ अंतर्गत निर्माणाधीन 220 के.व्ही.ए. पावर स्टेशन में क्या-क्या कार्य कराये जा चुके है एवं कितना कार्य किया जाना शेष है? क्या निर्धारित तिथि तक निर्माण कार्य पूर्ण कर पावर स्टेशन प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यो? कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : पन्ना जिलांतर्गत अजयगढ़ तहसील में 220 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य एम.पी.पॉवर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड, जो कि एक स्वतंत्र अनुज्ञप्तिधारी है, के द्वारा टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टी.बी.सी.बी.) योजना के माध्यम से किया जा रहा है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र एवं संबद्ध लाईनों (220 के.व्ही. छतरपुर-सतना का लीलो, 132 के.व्ही. अजयगढ़-लवकुशनगर एवं 132 के.व्ही. अजयगढ़-पन्ना) का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत दिनांक 27.06.2024 को उक्त लाईनों एवं विद्युत उपकेन्द्र की परीक्षण चार्जिंग की जा चुकी है। उपरोक्त कार्य पूर्ण किए जाने हेतु निर्धारित तिथि 31.10.2023 थी परंतु प्राप्त जानकारी अनुसार वन विभाग द्वारा विलंब से अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने, राइट ऑफ वे (आर.ओ.डब्ल्यू.) की समस्या, आदि कारणों से उक्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किया जा सका।
केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 2971 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विगत पांच वर्षों में केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत कितने परियोजनाएं केन्द्र सरकार ने स्वीकृत किए है? आर.डी.एस.एस. परियोजना की निर्देशिका एवं परियोजना के अंतर्गत अनुमोदित कार्यों एवं उनकी राशि का स्वीकृत पत्र की कॉपी देवें। (ख) विगत पांच वर्षों में उज्जैन जिले में कितने कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत हुए संख्यात्मक जानकारी देवें। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत उज्जैन जिले की स्वीकृत डी.पी.आर. देवें। (ग) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में कितने 33/11 के.व्ही. के विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। इन उपकेन्द्रों से जिले के कितने ग्रामों को विद्युत आपूर्ति की जाती है की संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में कितनी पुरानी निम्न दाब एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाइन स्थापित होकर क्रियाशील है? विद्युत वितरण केंद्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ड.) ऊर्जा विभाग कौन-कौन से अधिनियम, नीति नियम, निर्देशों से प्रशासित होता है? उनकी प्रति देवें। (च) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में विगत 02 वित्तीय वर्षों में कितनी राशि के कौन-कौन से कार्यों हेतु आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है? कार्यादेश की प्रति देवें। (छ) प्रश्नांश (च) में उल्लेखित कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हो गए है कितने प्रगतिरत है, कितने कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुए है की जानकारी देवें। (ज) वर्तमान में उज्जैन जिले की तराना विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य (आउटसोर्स कंपनी) टर्न की कान्ट्रेक्टर (टीकेसी) द्वारा किए जा रहे हैं? टीकेसी कंपनी का नाम पता एवं अनुबंध की प्रति देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 02 परियोजनाएं, यथा लॉस रिडक्शन एवं प्री-पेड स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों हेतु मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली (भारत सरकार का उपक्रम) के पत्र दिनांक 17/03/2022 द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई हैं। आर.डी.एस.एस. परियोजना के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं परियोजना के अंतर्गत अनुमोदित कार्यों एवं उनकी लागत राशि हेतु स्वीकृत पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में उज्जैन जिले में आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत उज्जैन जिले सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जिलों की स्वीकृत डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. के कुल 23 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं। इन विद्युत उपकेन्द्रों से जिले के कुल 214 ग्रामों को विद्युत आपूर्ति की जाती है। (घ) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में पूर्व स्थापित एवं वर्तमान में क्रियाशील निम्नदाब एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों की विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ड.) ऊर्जा विभाग विद्युत अधिनियम-2003 एवं सामान्य प्रशासन विभाग के कार्य (आवंटन) नियम से प्रशासित होता है, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द-1' अनुसार है। (च) उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र में विगत 02 वित्तीय वर्षों में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत राशि एवं कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत कार्यादेश सम्पूर्ण उज्जैन जिले हेतु जारी किये गये हैं। कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (छ) उत्तरांश (च) में उल्लेखित कार्यों में से पूर्ण/प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'य' अनुसार है। (ज) वर्तमान में उज्जैन जिले की तराना विधानसभा क्षेत्र में कुल 4 टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर (टीकेसी) द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। टीकेसी कंपनी का नाम, पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'र' अनुसार है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ल' अनुसार है।
किसानों को विद्युत डी.पी. एवं कृषि पंप पर अनुदान
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 2988 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों को कृषि कार्य हेतु प्रति विद्युत पोल एवं 25 Kv/63 Kv विद्युत डी.पी. विद्युत विभाग द्वारा लगाने तथा क्या उक्त कार्य प्राइवेट फर्म/ठेकेदार द्वारा किस-किस योजना में करवाया जा सकता है? नियम/आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को खेती का विद्युत कनेक्शन देने पर विद्युत विभाग द्वारा 25 Kv विद्युत डी.पी. लगाकर कनेक्शन देने पर कितनी राशि दी जाती है? जिला ग्वालियर की जनपद पंचायत डबरा/भितरवार/बरई/मुरार में किस ग्राम के किस वर्ग के कृषक ने कृषि पंप हेतु किस दिनांक को विद्युत डी.पी. लगाकर कनेक्शन हेतु पंजीयन करवाया? इनमें से किस-किस कृषक को किस दिनांक को कनेक्शन दिया गया? (पंचायत का नाम/कृषक का नाम/जाति/पंजीयन क्रमांक/प्रदाय अनुदान राशि) सहित पूर्ण जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को कृषि कार्य हेतु विद्युत पोल एवं 25 के.व्ही.ए./63 के.व्ही.ए. क्षमता के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने हेतु वर्तमान में दो योजनायें, यथा ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' एवं ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'', लागू है। ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत उक्त कार्य वितरण कंपनी स्तर से एवं ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' अंतर्गत कृषक द्वारा स्वयं प्राइवेट फर्म/ठेकेदार के माध्यम से 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज कंपनी में जमा करवा कर करवाया जा सकता है। संबंधित नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रü/span>अ' एवं 'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' में विद्यमान अद्योसंरचना से आवेदकों के स्थलों की दूरी अधिक होने के कारण उनकी ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' के प्रावधानों के अनुसार कनेक्शन हेतु पात्रता नहीं होने पर राज्य शासन द्वारा ऐसे कृषक आवेदनकर्ताओं को विद्युतीकृत कृषि पंप की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत सोलर कृषि पंप भी दिया जाना सम्मिलित करते हुए ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' लागू करने का निर्णय लिया गया है। उक्त नवीन योजना में निहित प्रावधानों के अनुसार आवेदनकर्ताओं की सहमति के आधार पर नवीन योजना का नियमानुसार लाभ दिया जाएगा। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में किसी भी वर्ग के कृषक को कृषि कार्य हेतु 25 के.व्ही.ए. का वितरण ट्रांसफार्मर लगाकर कनेक्शन देने पर कोई अनुदान राशि नहीं दी गयी है। जिला ग्वालियर की जनपद पंचायत डबरा/भितरवार/बरई/मुरार में कृषि पंप हेतु ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' अंतर्गत पंजीयन कराने वाले कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रü/span>स' अनुसार है। इस योजना में प्रश्न दिनांक तक किसी भी कृषक को कनेक्शन नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगरीय विकास योजनाओं के तहत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 2991 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत नगर पंचायत अमरकंटक में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कौन-कौन से कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया? सम्पूर्ण विवरण दें तथा शासन की गाइडलाइन उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत में कौन-कौन से कार्यों हेतु बैठक आयोजित की गई, जिनका परिषद द्वारा अनुमोदन किया गया? (ग) क्या निर्माण कार्यों की गुणवत्ता हेतु विभागीय अधिकारियों ने शासन की नीति के तहत कार्य किया? (घ) यदि हां, तो निर्माण कार्य जर्जर हो चुके हैं। वर्ष 2021 से किए गए निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रमाणित कर उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं शासन की गाइड लाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 2992 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले अंतर्गत लोक निर्माण विभाग एवं PIU में विगत 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्य की प्रशासकीय, वित्तीय स्वीकृति, निविदा की प्रति, कार्य आदेश की प्रति एवं कार्य का मूल्यांकन किस आधार पर किया गया? (ग) उपरोक्त कार्य की क्या स्थिति है? निविदा समय अवधि समाप्त होने पश्चात भी कार्य अपूर्ण क्यों हैं? संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति, निविदा की प्रति एवं कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
104. ( क्र. 2993 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवार निवासरत हैं? ऐसे परिवारों की संख्या कितनी है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में किन-किन परिवारों को विभाग की किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? योजनावार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु जिला अनूपपुर को कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु संचालित योजनाओं का विवरण उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : J (क) सर्वेक्षण के अभाव में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवारों की ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' एवं 'ई' अनुसार है।
गंदी बस्ती उन्मूलन का कार्य योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 3004 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों में पेयजल, परिवहन, आपदा प्रबंधन एवं गंदी बस्ती उन्मूलन हेतु विभिन्न प्रकार के कार्य एवं कार्य योजनाएं बनाई जाकर क्रियान्वित की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जिला अंतर्गत उपरोक्तानुसार उल्लेखित विभिन्न निकायों में तदनुसार किस-किस प्रकार के कार्य कितने-कितने बजट के स्वीकृत किए जाकर कार्य प्रारंभ हुए? कितने पूर्ण हुए? साथ ही बनाई गई कार्य योजनाएं कितनी एवं कितने बजट की स्वीकृत हुई? कितनी लंबित रही? निकायवार, वर्षवार जानकारी दें। (ग) पेयजल परिवहन की स्थिति में निकायवार निकायों के स्वयं के कितने-कितने टैंकर परिवहन कार्य के उपयोग में लिए गए उस पर डीजल एवं अन्य व्यय कितना हुआ? साथ ही परिवहन हेतु निजी टैंकरों का निकायवार किस प्रकार किस मान से व्यय अनुमानित कर अनुबंध किए गए? दोनों प्रकार से शासन/विभाग द्वारा निकायवार, वर्षवार कितना-कितना व्यय हुआ? (घ) आपदा प्रबंधन एवं गन्दी बस्ती उन्मूलन कार्य योजना में कार्य स्वीकृति, बजट स्वीकृति, कार्य प्रारंभ एवं कार्यों की पूर्णता, अपूर्णता एवं भुगतान इत्यादि का सत्यापन सक्षम अधिकारी द्वारा किए गए तो सम्पूर्ण स्थिति से अवगत कराए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
वक्फ संपतियों एवं कमेटियों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
106. ( क्र. 3005 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वक़्फ़ संपत्तियों के संचालन, संधारण एवं नियंत्रण तथा कार्य संचालन हेतु कुल कितनी किस-किस प्रकार की किन-किन स्थानों पर कार्य किए जाने हेतु कमेटिया होकर उनके अंतर्गत क्या-क्या आता है? जिले की सम्पूर्ण जानकारी बताएं। (ख) उपरोक्तानुसार वक़्फ़ संपत्तियां किन-किन स्थानों पर कितनी एवं किस प्रकार की है, उनका संचालन किस प्रकार किया जा रहा, उनसे होने वाली आय एवं व्यय का संधारण किस प्रकार किया जाता है? (ग) वक़्फ़ कमेटियाँ किन-किन वर्षों में कितने-कितने वर्षों अथवा अवधि हेतु बनाई जाकर कार्यरत है एवं कार्य अवधि में उल्लेखित संपत्तियां तथा कमेटियों में अनियमितता, नियम विरुद्ध कार्य किया जाना तथा आर्थिक अपराध एवं संपत्तियों पर अतिक्रमण इत्यादि प्रकार की शिकायतें वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाहियां हुई? साथ ही न्यायालय में कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? (घ) हुसैन टेकरी शरीफ जावरा के उन्नयन कार्यों का प्रस्ताव कार्य योजना केंद्र/राज्य परिवर्तित योजना अंतर्गत सम्मिलित कर बनाया जाकर अग्रेषित किया तो उस पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कार्य योजना को स्वीकृति कब तक दी जाएगी?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : J(क) रतलाम जिला अंतर्गत वक्फ सम्पत्तियों के संचालन, संधारण एवं नियंत्रण तथा कार्य संचालन हेतु वर्तमान में कुल 09 वक्फ प्रबंध कमेटियां कार्यरत है। बोर्ड द्वारा स्वीकृत कमेटियों का प्रकार तथा उनके स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जिला रतलाम के अंतर्गत वक्फ सम्पत्तियों उनके स्थान एवं संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। वक्फ सम्पत्तियों का संचालन वक्फ एक्ट 1995 की धारा 18 के अंतर्गत गठित प्रबंध कमेटियों द्वारा किया जाता है। इन वक्फ सम्पत्तियों से होने वाली आय एवं व्यय का संधारण वक्फ एक्ट 1995 की धारा 72 के प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है। उक्त नियमों के प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) कार्यालय म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा बनाई गई कमेटियों एवं उनके द्वारा किये जा रहे नियम विरूद्ध असंवैधानिक कार्यों के संबंध में वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतें एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। (घ) हुसैन टेकरी शरीफ जावरा के उन्नयन कार्यों का प्रस्ताव कार्यालय को प्राप्त न होने के कारण जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मृतक शासकीय सेवकों के वारिसानों की अनुकम्पा नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 3014 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्ष में ग्वालियर एवं मुरैना के नगर पालिक निगम में किस संवर्ग के कितने शासकीय सेवकों की मृत्यु सेवा अवधि में रहते हुये हुई? नाम/पदनाम व मृत्यु की दिनांकवार जानकारी दी जावें। (ख) अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने के संबंध में शासन निर्देश है। इसके उपरान्त भी प्रश्नांश (क) में अंकित कितने कर्मचारियों/अधिकारियों के वारिसानों को नियुक्ति प्रदान की गई और कितनों को नियुक्ति नहीं दी गई तो क्यों? साथ ही शासन निर्देश उपलब्ध कराये जावें। (ग) नियुक्ति नहीं दिये जाने से कितने प्रकरण किस-किस न्यायालय में प्रचलित है? नामवार जानकारी दी जावें। क्या विभाग द्वारा ऐसे प्रचलित प्रकरणों में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। (घ) साथ ही माननीय न्यायालयों में प्रचलित प्रकरणों की कर्मचारी/अधिकारीवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं नगर पालिक निगम मुरैना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये है शेष जानकारी उत्तरांश (क) में समाहित है। शासन निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) में समाहित है।
सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारियों के देय स्वत्वों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 3015 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेवकों के सेवानिवृत्त होने के दिनांक को कौन-कौन से स्वत्वों का भुगतान किये जाने के स्वीकृति आदेश दिये जाते है? इस संबंध में शासन निर्देश उपलब्ध कराये जावें। (ख) विगत 10 वर्ष में ग्वालियर एवं मुरैना में नगर पालिक निगम में किस संवर्ग के शासकीय सेवक सेवा निवृत्त हुये है? नाम/पदनाम व सेवानिवृत्ति दिनांकवार जानकारी दी जावें। J(ग) प्रश्नांश (ख) में अंकित कितने शासकीय सेवकों को उन्हें प्राप्त होने वाले स्वत्वों को भुगतान कर दिया गया है? यदि भुगतान नहीं किया गया है, तो क्यों, कारण सहित स्थिति स्पष्ट की जावें। (घ) जिन शासकीय सेवकों को अभी तक उन्हें प्राप्त होने वाले स्वत्वों का भुगतान नहीं किया गया है, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या इसके लिये उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की गई और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) शासकीय सेवकों के सेवानिवृत्त उपरांत दिये जाने वाले स्वत्वों की जानकारी इस प्रकार है:-
क्र. |
01 जनवरी 2005 के पूर्व नियुक्त कर्मचारी |
01 जनवरी 2005 के पश्चात नियुक्त कर्मचारी |
1 |
पेंशन |
एन.पी.एस |
2 |
ग्रेज्युटी |
एफ.बी.एफ. |
3 |
एफ.बी.एफ. |
समर्पित अवकाश |
4 |
जी.पी.एफ. |
|
5 |
समर्पित अवकाश |
|
शासन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' एवं नगर पालिक निगम मुरैना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में समाहित है। (घ) नगर पालिक निगम ग्वालियर अंतर्गत उक्त स्थिति न होने से जानकारी निरंक है एवं नगर निगम मुरैना द्वारा निगम की वित्तीय स्थिति अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क एवं भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 3022 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्मित कौन-कौन सी सड़कें एवं भवन है जिनका मरम्मत एवं संधारण कार्य विभाग द्वारा किया जाता है सम्पूर्ण जानकारी एवं पृथक-पृथक भवनवार एवं सड़कवार उपलब्ध करावें एवं विभाग के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में कौन-कौन सी सड़कें एवं भवन निर्माण कराये गये हैं उक्त कराये गये कार्य का नाम, व्यय की गई राशि का विवरण, संबंधित ठेकेदार फर्म का नाम सहित सम्पूर्ण सूची उपलब्ध करावें एवं कितनी सड़कें गारंटी पीरियड की है? (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से नवीन निर्माण कार्य हेतु विगत 5 वर्षों में धरमपुरी विधान सभा अंतर्गत कार्यपालन यंत्री अथवा अन्य सक्षम अधिकारी को राशि भेजी गई उक्त राशि की सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार एवं मदवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोक निर्माण विभाग के भवन एवं सड़कों के मरम्मत एवं संधारण विगत 5 वर्षों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है, पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) धरमपुरी विधानसभा अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग की निर्मित/संधारित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार एवं भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पिछले 03 वर्षों में कराये गये सड़क/भवन कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विगत 03 वर्षों में धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत कोई सड़क एवं भवन निर्माण कार्य नहीं किया गया है। (ख) निर्माण कार्य की राशि आई.एफ.एम.आई.एस. के केन्द्रीयकृत सर्वर में ग्लोबल अन्तर्गत उपलब्ध रहती है। कार्यपालन यंत्री अथवा अन्य सक्षम अधिकारी को पृथक से राशि नहीं भेजी जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं 'अ-2' अनुसार है।
विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत प्रदान
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 3023 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं? क्या शासन द्वारा विद्युत लाईन की व्यवस्था ग्राम में की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) किन-किन ग्रामों में विद्युत क्षमता कम होने के कारण किसानों को आये दिन परेशानी हो रही है? शासन द्वारा विद्युत क्षमता बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) विद्युत क्षमता बढ़ाने हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर, ग्रिड लगाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत धार जिले के विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी का कोई भी राजस्व ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) एवं (ग) वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित विद्युत अद्योसंरचना से कृषकों को नियमानुसार पर्याप्त (आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि कार्य हेतु 10 घंटे एवं गैर-कृषि कार्यों हेतु 24 घंटे) विद्युत आपूर्ति की जा रही है, कृषकों को विद्युत आपूर्ति संबंधी कोई समस्या नहीं है। तथापि विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण एवं आगामी रबी सीजन में किसानों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में एस.एस.टी.डी. एवं आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना, वितरण एवं पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं विद्युत लाईन की क्षमता बढ़ाये जाने हेतु अतिरिक्त 11 के.व्ही. लाइन की स्थापना एवं फीडर विभक्तिकरण आदि के क्रमश: कुल 20 एवं 48 कार्य स्वीकृत हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। उक्त कार्यों को क्रमश: वर्ष 2025 तक पूर्ण किया जाना है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कोई कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है।
खर्च की गई राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 3024 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नगरपालिका शिवपुरी एवं जिले की समस्त नगर पंचायतों में किन-किन कार्यक्रमों में टेंट, लाईट लगाई गई एवं कितना भोजन कितनी-कितनी राशि के कब-कब कार्यक्रमवार प्रदाय किये गये? भुगतान की गई राशि के बिल एवं व्हाउचरों की छायाप्रति सहित जानकारी देने का कष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य किस-किस फर्म/संस्था के द्वारा किस दर में, किसके स्वीकृति आदेश से किया गया, स्वीकृत आदेश के समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) क्या नगरपालिका शिवपुरी एवं समस्त नगर पंचायतों में बगैर निविदा आमंत्रित किये मन-माने तरीके से टेंट, लाइट एवं भोजन प्रदाय के आदेश जारी किये गये? यदि हाँ तो क्यों? नहीं तो प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि एवं कार्यों के लिए कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई? निविदाओं के तुलना पत्रक एवं स्वीकृति पत्रक की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
संविदा नीति 2023
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 3026 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजली कम्पनियों में संविदा नीति 2023 लागू करने के लिये कोई नीति तैयार की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो संविदा नीति 2023 कम्पनियों में कब तक लागू हो जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि नहीं में है तो संविदा नीति 2023 लागू न करने का क्या कारण हैं? (घ) नवीन संविदा नीति लागू होने से बिजलीकर्मियों को पूर्व लागू नीति 2018 की तुलना में क्या अधिक लाभ होगा? (ङ) नवीन नीति लागू होने से संविदाकर्मियों के वेतन में कितने प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी, पदवार जानकारी बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) राज्य शासन के पत्र दिनांक 27.06.2024 द्वारा विद्युत कंपनियों में वर्तमान में लागू ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018'' को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 22.07.2023 में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में दिये गये विस्तृत दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में यथा आवश्यक संशोधन उपरान्त ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' विद्युत कंपनियों में लागू किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) नवीन संविदा नीति लागू होने से कंपनी के संविदा कार्मिकों को पूर्व में लागू नीति 2018 की तुलना में राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ, कंपनियों की अनुकंपा नियुक्ति नीति के अनुसार पात्र आश्रितों के लिए अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान, पुरूष कार्मिकों को 15 दिवस का पितृत्व अवकाश की सुविधा तथा एक वर्ष में 15 दिवस के विशेष अवकाश की पात्रता होगी। (ड.) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार दिनांक 27.06.2024 को संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023 को लागू किए जाने हेतु निर्देशित किये जाने के अनुसार संबंधित विद्युत कंपनियों द्वारा नवीन संविदा नियम अनुसार दिनांक 01.04.2023 की स्थिति में पारिश्रमिक की गणना की जाएगी तथा नियमानुसार प्रगणित पारिश्रमिक एवं वास्तविक पारिश्रमिक दोनों में से जो ज्यादा हो उसे कर्मी का पुननिर्धारित पारिश्रमिक मान कर देय होगा। इस हेतु कंपनियों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सूर्य एवं पवन ऊर्जा से स्वीकृत एवं संचालित योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
113. ( क्र. 3041 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुन्नारदेव क्षेत्र में पवन ऊर्जा हेतु अनेक पहाडी क्षेत्र है? इनमें पवन ऊर्जा के माध्यम से लोगों को सिंचाई हेतु बिजली प्राप्त हो सकती है, जैसे मुत्तौर, तामिया, जुन्नारदेव, नवेगांव, दमुआ स्थानों में क्या पवन ऊर्जा लगाने हेतु इस वित्तीय बजट में प्रावधान करेंगे? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में सौर ऊर्जा से संचालित योजनाओं की स्थलवार जानकारी एवं आज दिनांक तक उन पर कितनी राशि व्यय की गई है? जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) उपरोक्त योजना में किसानों एवं शासकीय संस्थाओं को किस योजना में कितना अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है? योजनावार अनुदान की जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जुन्नारदेव क्षेत्र में पहाड़ी क्षेत्र है, परंतु स्थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरांत ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के मुत्तौर, तामिया, जुन्नारदेव, नवेगांव, दमुआ स्थानों सहित सम्पूर्ण प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु ''मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022'' प्रचलन में है। नीति के प्रावधानों के तहत निजी इकाइयां स्वयं स्थल का चयन और सर्वेक्षण करती है। परियोजना की साध्यता सुनिश्चित करने के बाद वे नीति के अनुरूप स्वयं के निवेश पर पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करती है। अध्यतन जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित/पंजीकृत नहीं है। पवन ऊर्जा लगाने हेतु वित्तीय बजट में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में सौर ऊर्जा से संचालित योजनाओं की स्थलवार जानकारी एवं आज दिनांक तक उन पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) योजना से संबंधित किसानों एवं शासकीय संस्थाओं को दिये जाने वाले अनुदान से संबंधित योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पुल-पुलिया के मरम्मत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 3042 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 हेतु सड़कवार मरम्मत कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं व्यय की गई राशि की जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में निर्मित लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों के लिये भवन मरम्मत हेतु वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि भवनवार जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें। (ग) जुन्नारदेव विधानसभा में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में किन-किन ठेकेदारों को उपरोक्त कार्यों को दिया किया गया है एवं आज दिनांक उनके द्वारा कितनी-कितनी राशि का भुगतान कार्य के बदले में कर दी गई है? (घ) क्या विगत दो वर्षों की वर्षा ऋतु में अनेकों भवन, सड़क एवं पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हो गये है? क्या उनके मरम्मत के स्टीमेट स्वीकृत किये गये है यदि हां तो शासन द्वारा स्वीकृत राशि किन-किन सड़क, भवन एवं पुल पुलियों के लिये जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 3047 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला पांढ़ुर्णा की नगर पालिका परिषद-पांढ़ुर्णा में नवीन मार्ग निर्माण, मार्ग उन्नयन व चौड़ीकरण कार्य व अन्य विकास कार्य हेतु प्रस्ताव व कार्य योजना शासन/विभाग में लंबित है? यदि हाँ तो वे क्या है? उन्हें कब तक शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत कर दिया जावेगा? (ख) क्या प्रदेश के जिला-सिवनी मुख्यालय में पुनर्घनत्वीकरण योजना 2022 के अंतर्गत बेशकीमती शासकीय भूमि को लघु व्यवसायिक भूखंडों में विभाजित कर/शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाकर उचित दाम में नीलामी के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों/शिक्षित बेरोजगारों को देने हेतु मजदूर संघ सिवनी व अन्य व्यक्तियों द्वारा शासन/विभाग को कोई पत्र लिखा गया है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेंगी? (ग) क्या जिला-सिवनी मुख्यालय में नवीन कलेक्ट्रेट भवन व खेलकूद भवन निर्माण में गुणवत्ता में अनियमितता, मजदूरों को निर्माण स्थल में मिलने वाली सुविधा के अभाव व अन्य बिंदुओं के संबंध में CTE म.प्र. भोपाल से जांच हेतु मजदूर संघ सिवनी द्वारा शासन/विभाग को पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद पांढ़ुर्णा द्वारा नवीन मार्ग निर्माण, चौड़ीकरण कार्य व अन्य विकास कार्य हेतु विभाग को कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण योजना 2022 के नियमानुसार बिडर द्वारा शासकीय निर्माण के एवज में दी गई भूमि पर संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त कर व्यावसायिक/अन्य उपयोग हेतु भवन निर्माण कर विक्रय किए जाते है। लघु व्यावसायिक भूखण्डों में विभाजित कर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बना कर नीलामी के माध्यम से देना का प्रावधान मध्य प्रदेश शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना 2022 में नहीं है। (ग) नवीन कलेक्टर भवन व खेलकूद भवन निर्माण में गुणवत्ता का स्तर डी.पी.आर. एवं भवन निर्माण के स्पेसिफिकेंशन के अनुसार कराया जा रहा है। निर्माण सामग्री परीक्षण उपरांत उपयोग की जाती है। मजूदरों का निर्माण स्थल पर सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है एवं आवश्यक सुविधा विडर (ठेकेदार) द्वारा प्रदान की जा रही है। CTE मध्यप्रदेश भोपाल से पत्र प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संबल योजना की सहायता राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 3075 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल में ऐसे कितने मजदूरी पर निर्भर परिवार हैं जिनके मुखिया की मृत्यु हो जाने पर मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना (संबल) के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि प्रश्न दिनांक तक नहीं मिली है? (ख) उपरोक्त परिवारों की सूची तथा मुखिया के निधन होने के बाद कितनी अवधि से सहायता लंबित है? कारण सहित बतावें। (ग) उपरोक्त परिवारों को किस दिनांक तक सहायता राशि मिल जाएगी? यदि नहीं तो आज तक सहायता राशि प्रदान न किए जाने के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के पश्चात् सहायता राशि हेतु नगर पालिक निगम, भोपाल में 165 एवं नगर पालिका परिषद्, बैरसिया में 31 इस प्रकार भोपाल जिले की नगरीय निकायों में कुल 196 प्रकरण सहायता राशि हेतु लंबित है। (ख) उपरोक्त परिवारों की सूची कारण सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जिसमें से रिप्रोसेस हेतु 58 आवेदन (नगर पालिक निगम, भोपाल-48 एवं नगर पालिका परिषद्, बैरसिया-10) स्वीकृति हेतु 79 आवेदन (नगर पालिक निगम, भोपाल-58 एवं नगर पालिका परिषद्, बैरसिया-21) एवं नवीन आवेदन नगर पालिक निगम, भोपाल में 59 इस प्रकार कुल 196 आवेदन लगभग 06 माह से 01 वर्ष तक की अवधि से लंबित है। (ग) नगर पालिक निगम भोपाल के 58 प्रकरण की जांच प्रचलित है तथा बैरसिया नगर पालिका परिषद् के 21 प्रकरण स्वीकृति उपरांत श्रम विभाग द्वारा राशि जारी करने की कार्यवाही में है, शेष 117 प्रकरण रिप्रोसेस में है। प्रक्रिया में होने के फलस्वरूप समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालित गार्डन और स्विमिंग पुलों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 3076 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल सीमा अंतर्गत सैकड़ों की संख्या में गार्डन/ रिजॉर्ट/रेस्टोरेंट, स्विमिंग पुलों का संचालन बिना शासन की अनुमति एवं बिना लाइसेंस किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो क्या 1 वर्ष से प्रश्न तक बिना लाइसेंस संचालित स्विमिंग पुलों में हुई दुर्घटना में कई व्यक्तियों की मौत हो चुकी है? यदि हाँ तो किस-किस दिनांक को कहां-कहां तथा कौन-कौन सी घटनाएं घटित हुई है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में गार्डन/रिजॉर्ट/रेस्टोरेंट/स्विमिंग पुलों का बिना लाइसेंस संचालित किए जाने के लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कार्यवाही न किए जाने की क्या-क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी सकंलित की जा रही है।
भवन निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 3079 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में भवन या दुकानों के निर्माण किये जाने के पूर्व भवन निर्माण स्वीकृति ली जाना आवश्यक है? यदि हां तो भवन निर्माण स्वीकृति लिये जाने की क्या प्रकिया है? (ख) क्या विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में भवन निर्माण स्वीकृति लिये जाने हेतु कोई शुल्क निर्धारित किया गया है? यदि हां तो शुल्क लिये जाने के क्या निर्देश है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने भ्ावन एवं प्लाट है जिनके द्वारा भवन निर्माण स्वीकृति ली गई है उनमें से ऐसे कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? तथा कितने भवनों का निर्माण आज दिनांक तक नहीं हुआ है। (घ) राजगढ़ विधानसभा के नगर राजगढ़ में नगरपालिका द्वारा प्रश्न दिनांक को भवन निर्माण स्वीकृति दी जाने हेतु क्या शुल्क निर्धारित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा पंजीकृत कन्सलटेन्ट द्वारा ए.बी.पी.ए.एस. पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन किया जाता है। दस्तावेज परीक्षण एवं स्थल निरीक्षण उपरान्त निर्धारित शुल्क जमा किये जाने के उपरान्त ऑनलाईन भवन निर्माण स्वीकृति प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में, भूमि विकास नियम 2012 के नियमों के अंतर्गत शुल्क अधिरोपित किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निकाय क्षेत्रान्तर्गत ए.बी.पी.ए.एस. लागू होने (दिनांक-01.04.2018) उपरान्त प्रश्न दिनांक तक कुल 453 - प्लाट एवं भवन द्वारा भवन निर्माण स्वीकृति ली गई है इनमें से 395 आवेदकों द्वारा कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष 58 आवेदको का निर्माण कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है। (घ) नगर पालिका राजगढ़ द्वारा विभाग के निम्नानुसार नियमों के अनुसार शुल्क निर्धारित किया गया है :- 1. आवेदन शुल्क :- भूमि विकास नियम 2012 नियम क्रमांक 21 (2) (ii) एवं (iii) . 2. अनुज्ञा शुल्क :- भूमि विकास नियम 2012 नियम क्रमांक 21 (3) (b) एवं (c) . 3. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग :- विभाग का पत्र क्रमांक/2009/प्र.स.न.प्र.वि./2563 भोपाल दिनांक 27.10.2009। 4. कर्मकार शुल्क :- विभाग का पत्र क्रमांक एफ 6-12/2007/18-3 भोपाल दिनांक 01.07.2007. 5. प्रशमन शुल्क :- मध्यप्रेदश राजपत्र (असाधारण) क्र. 545 दिनांक 03 अक्टूबर 2022. बिन्दु क्रमांक 1 से 5 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी पत्र का दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 3087 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर, जिला धार में अपने पत्र क्रमांक 1095/डूडा/2023 धार दिनांक 30.09.2023 के द्वारा आदेश जारी कर नगरपरिषद धामनोद के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र के संबंध में जांच दल गठित किया गया था? यदि हाँ तो उक्त जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन के निष्कक्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या कलेक्टर जिला धार में अपने पत्र क्रमांक 1729/डूडा/2024 धार दिनांक 01.01.2024 आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को एवं पत्र क्रमांक 1661/डूडा/ 2024 धार दिनांक 24.01.2024 को मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद धामनोद को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ तो उक्त पत्र किस-किस संदर्भ में लिखा था एवं उक्त पत्रों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या दिनांक 01.12.2022 से प्रश्न दिनांक तक नगरपरिषद धामनोद द्वारा हुए समस्त भुगतानों, विशेषकर जिनमें पीआईसी, नगर अध्यक्ष तथा परिषद की अनुमति/अनुमोदन लेखा तथा वित्त नियम/अधिनियम 2018 के नियम अनुसार नहीं किया गया है एवं क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अपनी तथा नगर अध्यक्ष की वित्तीय शक्तियों का दुरूपयोग किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जांच दल द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, धामनोद द्वारा कार्य में वित्तीय अनियमितता एवं लापरवाही बरते जाने के दृष्टिगत अपर कलेक्टर, जिला-धार द्वारा पत्र दिनांक 24.01.2024 के माध्यम से उन्हें स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। उपरोक्त के अनुक्रम में मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया था। इसी प्रकार अध्यक्ष नगर परिषद्, धामनोद एवं पार्षदों द्वारा की गई शिकायतों के दृष्टिगत कलेक्टर, जिला-धारा द्वारा पत्र दिनांक 01.01.2024 के माध्यम से आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल को मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद्, धामनोद का अन्यत्र स्थानांतरण किए जाने के लिए लिखा गया है, जिस पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 में वर्णिंत प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की गई।
नगर निगमों में लगाई गए स्ट्रीट लाईट एवं एलईडी लाईट
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 3088 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2941 दिनांक 17 मार्च, 2023 के खण्ड (क) उत्तर अनुसार ईएफएसएल द्वारा जिन शहरो में एलईडी लाईट लगाई जा रही है उनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव की प्रति दें तथा नगर निगम रतलाम तथा रीवा के परिषद् के संकल्प तथा पांचो स्मार्ट सीटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की अनुमति/स्वीकृती पत्र की प्रतिया देवें। (ख) मई 2024 की स्थिति में प्रदेश के किस-किस नगरीय निकाय में एलईडी लाईट लगाने का कार्य पूर्ण हो गया तथा प्रक्रियाधीन है उक्त कार्य किस-किस निकाय में कौन-कौन संस्था/कम्पनी कर रही है या किया है तथा उसका चयन किस प्रक्रिया के तहत किया गया? (ग) रतलाम नगर निगम के स्ट्रीट लाईट के मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से प्राप्त बिल की जनवरी 2016 से मई 2024 तक की राशि माह अनुसार बतावें तथा बतावें कि इन वर्षों में स्ट्रीट लाईट खरीदी रखरखाव इत्यादी पर मिलाकर कितना-कितना प्रतिवर्ष खर्च किया गया? (घ) रतलाम नगर निगम में जो पुराने संयोजन ईएफएसएल ने निकाले उनकी संख्या तथा नगर निगम रिकार्ड अनुसार लागत क्या है तथा उनका निष्पादन पर कितनी राशि प्राप्त हुई तथा वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक विभिन्न वॉट की स्ट्रीट लाईट खरीदी पर कितना खर्च हुआ? बिल की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) नगर निगम रतलाम में ई.ई.एस.एल. कंपनी द्वारा कुल 8542 पुराने संयोजन निकाले गये, नगर निगम रिकार्ड अनुसार कुल संयोजनों की लागत राशि रू. 15600800/- है। उन संयोजनों (फिक्चर) का निष्पादन नहीं किया गया है। वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक स्ट्रीट लाईट खरीद पर हुये खर्चे के बिल जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
121. ( क्र. 3094 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस जिले में कितनी-कितनी उत्पादन क्षमता के सौर ऊर्जा के प्लांट कार्यरत है तथा कितने निर्माणाधीन है? (ख) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक सौर ऊर्जा के किस-किस जिले के प्लांट से कितनी-कितनी विद्युत किस-किस दर से प्राप्त हुई तथा प्रत्येक प्लांट की उत्पादन क्षमता क्या थी तथा कितनी उत्पादन हुआ? (ग) प्रदेश में पवन ऊर्जा के किस-किस जिले में कितने-कितने प्लांट किस-किस कम्पनी के कार्यरत है? उनकी क्षमता, उत्पादन एवं शासन को प्राप्त विद्युत की मात्रा व दर बताए। वर्ष 2016 से मई 2024 की जानकारी वर्षवार देवें। (घ) नवकरणीय ऊर्जा का वर्ष 2016 से 2023 तक उत्पादन की क्षमता क्या थी और कितनी उत्पादन हुआ तथा शासन को कितनी विद्युत प्राप्त हुई? विभाग का वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक का आय-व्यय पत्रक देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिन सौर प्लांट से मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी (MPPMCL) द्वारा विद्युत क्रय की जा रही है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश में वर्ष 2016 से मई 2024 तक स्थापित पवन ऊर्जा संयंत्रों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जिन पवन ऊर्जा परियोजनाओं का विद्युत क्रय अनुबंध (Power purchase Agreement) मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी (MPPMCL) के साथ है, उन परियोजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) नवकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2023 तक मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी (MPPMCL) द्वारा क्रय की गई नवकरणीय ऊर्जा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। उक्त ऊर्जा, विभाग द्वारा क्रय नहीं की गई है तथापि विभाग का वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक का आय-व्यय पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
जल विद्युत तथा ताप विद्युत से उत्पादन क्षमता
[ऊर्जा]
122. ( क्र. 3095 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के जल विद्युत तथा ताप विद्युत की इकाइयों की उत्पादन क्षमता क्या है तथा वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक कितना-कितना उत्पादन हुआ? वर्षवार विद्युत गृहवार जानकारी दें। वह क्षमता का कितना प्रतिशत है इस हेतु ताप विद्युत गृह का पी.एल.एफ. एवं जल विद्युत गृह की उपलब्धता की विद्युत गृहवार जानकारी दें तथा प्रत्येक वर्ष में म.प्र. पावर जनरेटिंग लिमिटेड की विद्युत उत्पादन की प्रति यूनिट लागत क्या प्राप्त हुई? वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक जानकारी दें। (ख) राज्य शासन की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक विद्युत का कुल उत्पादन कितना-कितना हुआ तथा प्रदेश विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर किस वर्ष से हुआ? (ग) प्रदेश में वर्ष 2021-2022 से 2023-2024 तक उपभोक्ताओं द्वारा कितने मिलियन यूनिट विद्युत की खपत की गई तथा उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? विद्युत की खपत में तथा राजस्व में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (घ) विभाग द्वारा किस औसत दर से कितनी विद्युत बेची गई तथा किस औसत दर से कितनी विद्युत खरीदी गई? वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन के अंतर्गत कार्यरत मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के जल एवं ताप विद्युत गृहों की उत्पादन क्षमता क्रमश: 915 मेगावाट एवं 5400 मेगावाट है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों का वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक का वर्षवार एवं विद्युत गृहवार विद्युत उत्पादन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का प्लांट लोड फैक्टर (पी.एल.एफ.) एवं जल विद्युत गृह की उपलब्धता की विद्युत गृहवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की विद्युत उत्पादन की प्रति यूनिट लागत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्ष 2023-24 की जानकारी अंकेक्षित लेखे तैयार होने के उपरांत ही दिया जाना संभव होगा। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों का वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक विद्युत का कुल वर्षवार उत्पादन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। विद्युत के क्षेत्र में प्रदेश वर्ष 2013 से आत्मनिर्भर हुआ है। (ग) मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के अंकेक्षित लेखानुसार सत्यापन याचिका में प्रस्तुत दावे के आधार पर प्रदेश में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में उपभोक्ताओं द्वारा खपत की गई विद्युत यूनिट एवं उससे प्राप्त राजस्व तथा विद्युत खपत एवं राजस्व में प्रतिवर्ष वृद्धि/कमी की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
उपभोक्ताओं को विक्रय की गई यूनिट |
वृद्धि % |
राजस्व संग्रहण ** (रू. करोड में) |
वृद्धि% |
2021-22 |
62677599877 |
6.54 |
41777.74 |
5.60 |
2022-23 |
67677052333 |
7.98 |
48222.23 |
15.43 |
2023-24 |
वर्ष 2023-24 की जानकारी अंतिम रूप से तैयार होने के उपरांत ही दिया जाना संभव होगा |
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(घ) वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक विभाग द्वारा क्रय/विक्रय की गई विद्युत की औसत दर एवं मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष 2023-24 की जानकारी अंकेक्षित लेखे तैयार होने के उपरांत ही दिया जाना संभव होगा।
गोपाल गौशाला का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 3097 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका द्वारा गोपाल गौशाला ट्रस्ट में डोम निर्माण कार्य के प्रस्ताव, टेंडर, वर्क आर्डर की सत्य प्रतिलिपि देवें। क्या नगर पालिका द्वारा नियमानुसार गोपाल गौशाला ट्रस्ट में डोम निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नगर पालिका द्वारा किसी ट्रस्ट में नगर पालिका निधि का उपयोग कर निर्माण कार्य करवा सकती है? वर्तमान में डोम निर्माण का कार्य कितना पूर्ण हुआ है? क्या नगर पालिका द्वारा ठेकेदार को प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) नगर पालिका द्वारा निर्माण कार्य शासन के नियमानुसार नहीं किया गया तो शासन द्वारा संबंधित अधिकारियों/ कर्मचारियों पर क्या उचित कार्यवाही की जाएगी? यदि कार्यवाही की जाएगी तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वांछित प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण में जांच करायी जा रही है। (ख) जी हां, म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 106 में प्रावधान किये गये हैं। 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण। दिनांक 04/12/2023 में राशि रु. 510325.00 (जी.एस.टी. सहित) एवं दिनांक 14.02.2024 में राशि 28,54,623.00 (जी.एस.टी. सहित)। (ग) जांच करायी जा रही है, जांच निष्कर्षो अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 3100 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत महिदपुर शहर में 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी कॉलोनियां काटी जा रही है? काटी जा रही कितनी कॉलोनियां वैध या अवैध है? क्या भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कॉलोनियां काटी जा रही है? क्या कॉलोनाइजरों द्वारा काटी जा रही कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएँ विकसित कर दी गई है? जितनी भी कॉलोनियां काटी गई है उसमे E.W.S. की भूमि किन-किन लोगों को दी गई है? (ख) महिदपुर शहर अंतर्गत कॉलोनियां किसके द्वारा एवं कब से काटी जा रही है? क्या कॉलोनाइजरों द्वारा टीएनसी अनुमतियाँ, नक़्शे, निर्माण अनुमतियाँ, डायवर्सन, रेरा अनुमतियाँ ली गई है? यदि ली गई है तो छायाप्रति उपलब्ध कराएँ। (ग) क्या कॉलोनाइजरों द्वारा शासन के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है? क्या कॉलोनाइजरों द्वारा भूखंड का विक्रय शासन के नियमानुसार दामों पर किया जा रहा है? (घ) काटी जा रही कॉलोनियों की कब-कब एवं किस-किस अधिकारियों द्वारा जाँच की गई है? यदि जाँच की गई है तो कितनी वैध एवं अवैध पाई गई है? क्या अवैध कॉलोनाइजरों के ऊपर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' की जानकारी अनुसार प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अन्तर्गत महिदपुर शहर में कोई भी कॉलोनी नहीं काटी जा रही है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) महिदपुर शहर के अन्तर्गत वर्ष 2016 से पूर्व निर्मित कॉलोनियों की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार कॉलोनाईजर द्वारा ली गई अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
भवन निर्माण का भौतिक सत्यापन
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 3108 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में (भवन) लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2018 से वर्तमान तक कितने निर्माण कार्य किस लागत के निविदा स्वीकृत कर गये है? (ख) क्या स्वीकृत कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये है? यदि नहीं तो क्या कारण है? संबंधित एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या निर्मित भवन क्षतिग्रस्त या वर्षा के कारण पानी भवन से गिरता है? हाँ तो किस-किस भवन में? (घ) भवन तकनीकी गुणवत्ता हेतु भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? अधिकारी के नाम सहित सत्यापन प्रतिवेदन की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।
नवीन विद्युत लाईन का विस्तार
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
126. ( क्र. 3109 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में 2020 से वर्ततान तक क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विस्तार हेतु किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत एवं कार्य स्वीकृत किये गये है? (ख) स्वीकृत कार्य किस अवधि में पूर्ण कराये जाने हेतु अनुबंध किया गया था कार्यवार अवधि बतावें। क्या एजेन्सी द्वारा अनुबंधित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किये है? यदि हाँ तो एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे अविध बतावें? (घ) अलीराजपुर जिले ऐसे कई ग्राम एवं फलिये है जिन्हें विद्युत विस्तार हेतु अधिकारियों के द्वारा वंचित रखा गया है क्या कारण है? छोड़े गये ग्राम एवं फलियों का कब तक सम्पूर्ण रूप से विद्युत विस्तार किया जाएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) अलीराजपुर सहित सम्पूर्ण प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा आधारित योजनाओं का क्रियान्वयन ''मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022'' के अंतर्गत किया जाता है। अलीराजपुर जिले में 2020 से वर्तमान तक नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विस्तार हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुए है। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल भराव की समस्या का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 3114 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर में बरसात के दिनों में अत्यधिक जल भराव की समस्याएं आती हैं तो विभाग द्वारा आगामी बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए क्या योजना बनाई है? (ख) कितनी नालियों का चौड़ीकरण एवं गहरीकरण किया जा चुका है? कितनी नाली/नालों में सफाई होना शेष है? (ग) जबलपुर शहर की जिन नालियों पर अतिक्रमण है उन्हें अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक अतिक्रमण मुक्त कराकर साफ-सफाई कराई जा सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर सीमान्तर्गत बरसात के दिनों में अत्यधिक जल भराव की समस्या कहीं भी निर्मित नहीं होती है। अतिवर्षा के दौरान संभाग/जोन क्रमांक 1,2,6,7,15 के कुछ क्षेत्रों में पानी एकत्रित हो जाता है,जो कि वर्षा रूकने के कुछ समय पश्चात नालों एवं नालियों के माध्यम से निकल जाता है। आगामी वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये शहर के बड़े नालों/नालियों/कंजरवेंशियों की सफाई का कार्य कराया गया है। इसके साथ ही शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु समस्त संभागीय कार्यालय एवं मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम की (24X7) स्थापना की गई है। (ख) कुल 65 नाला/नालियों का चौडीकरण एवं गहरीकरण किया जा चुका है, स्थलों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। यथास्थिति में नाला नालियों की सफाई का कार्य कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अपितु जबलपुर शहर की प्रमुख नाले एवं नालियों पर जहां अतिक्रमण पाये गये, उनकों अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की कार्यवाही अभियान के रूप में सतत् की जा रही है। जो भी शेष अतिक्रमण नाले/नालियों पर है, वहां साफ-सफाई कार्य करा दिया गया है एवं आगामी लगभग 01 माह में अतिक्रमण मुक्त भी कराया जाकर जो शेष सफाई कार्य है, वह भी करा लिया जावेगा। संबंधित स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
सब स्टेशन एवं विभागीय कार्य
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 3117 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले के ग्राम खलौड़ी में स्वीकृत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र के निर्माण हेतु 11.032 हेक्टेयर वन भूमि हेतु प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया था? यदि हाँ तो वन विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या वन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक/एफ-4/51/2021/10-11/613 दिनांक 08.12.2023 के माध्यम से उक्त प्रस्ताव मूलतः वापस करते हुए पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु लेख किया है? यदि हाँ तो उक्त पत्र दिनांक से लेकर अब तक विभाग द्वारा इस सन्दर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई है, विस्तार से बताये। भूमिगत विद्युत लाइन डालने के संबंध में नवीन प्रस्ताव कब तक तैयार कर वन विभाग को प्रेषित किया जायेगा? (ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत मंडला जिले में नवीन विद्युत अधोसंरचना निर्माण के कौन-कौन से कार्य किये गए हैं या किये जा रहे हैं, कार्य का नाम लागत तथा पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित जानकारी प्रदाय करें? अपूर्ण कार्यों के पूर्ण न हो पाने के क्या कारण हैं? (घ) मंडला जिले में पदस्थ रहे तत्कालीन डीई एल के नामदेव वर्तमान में कहाँ एवं किस पद पर पदस्थ हैं? क्या ये सौभाग्य योजना में मंडला में हुई अनियमितता में दोषी पाए गए हैं? यदि हाँ तो इनके विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही हुई है? अब तक विभाग में मुख्य पद में इन्हें बनाये रखने के क्या कारण हैं? आर्थिक अनियमितता के आरोप होने पर भी इनसे आहरण संवितरण संबंधी कार्य क्यों लिया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। तत्संबंध में वन विभाग द्वारा सर्वे उपरांत, संयुक्त संचालक, बफर जोन, वनमण्डल कान्हा टाईगर रिजर्व, मण्डला के पत्र दिनांक 11.12.2023 से प्रचलित दिशा-निर्देशों के अनुसार कान्हा टाईगर रिजर्व के अधिसूचित ईको सेंसेटिव जोन (बफरजोन) में 33 के.व्ही. की विद्युत लाईन अनिवार्य रूप से भूमिगत डाले जाने तथा ईको सेंसेटिव जोन के प्रारम्भ एवं अन्त (ईको सेंसेटिव जोन में प्रस्तावित विद्युत लाईन के दोनों छोर) में 500-500 मीटर अतिरिक्त लम्बाई में भूमिगत विद्युत लाईन डाले जाने की शर्त के अधीन सहमति व्यक्त की गई है एवं ओवर हेड 33 के.व्ही. लाईन के स्थान पर भूमिगत 33 के.व्ही. लाईन की केबिल डालने हेतु पुनरीक्षित आवेदन करने हेतु लेख किया गया है। (ख) संयुक्त संचालक, बफर जोन वनमण्डल, कान्हा टाईगर रिजर्व मण्डला के पत्र दिनांक 11.12.2023 के माध्यम से उक्त प्रस्ताव मूलत: वापस करते हुए पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु लेख किया गया था। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वन विभाग द्वारा चाहा गया पुनरीक्षित प्रस्ताव वित्तीय एवं तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण वन विभाग को प्रेषित नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि यदि भूमिगत 33 के.व्ही. केबिल लाईन में किसी भी प्रकार की खराबी आती है तो उसे सुधारना अत्यंत कठिन कार्य होगा, क्योंकि इको सेन्सेटिव जोन होने के कारण उक्त स्थान वन आच्छादित है, अतः सुधार कार्य करने हेतु पेडों को काटना पडेगा, जिसके लिए वन विभाग की अनुमति प्रत्येक सुधार कार्य हेतु लेनी होगी। साथ ही सुधार कार्य करने में अत्यधिक समय एवं अधिक संख्या में मानव दिवस भी लगेंगे। इसके अतिरिक्त उक्त केबिल लाईन में किस स्थान पर खराबी आई है, इसका पता लगाना भी अत्यंत कठिन होगा। उल्लेखनीय है कि नये प्रस्ताव के अनुसार उपकेन्द्र निर्माण हेतु कुल अनुमानित राशि रूपये 13.27 करोड़ होगी। उक्त के अतिरिक्त वन विभाग द्वारा निर्धारित Compensation/way leave charges की राशि भी देय होगी। (ग) मण्डला जिला अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न योजनाओं एवं मदों से नवीन विद्युत अद्योसंरचना के किए गए एवं किये जा रहे कार्यों का लागत राशि एवं पूर्णता/अपूर्णता सहित प्रश्नाधीन चाहा गया कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) मण्डला जिले में पदस्थ रहे तत्कालीन कार्यपालन अभियंता श्री एल.के. नामदेव वर्तमान में शहर वृत्त जबलपुर में कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ है। मण्डला जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत प्राप्त शिकायत की प्रारंभिक जांच उपरांत श्री एल.के. नामदेव के विरूद्ध आरोप पत्र दिनांक 16.01.2020 एवं पूरक आरोप दिनांक 15.03.2020 जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी थी। उक्त विभागीय जांच के विरूद्ध श्री एल.के. नामदेव द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रं. 23623/2021 दायर की गयी, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 13.03.2023 पारित कर पूर्व में जारी आरोप पत्र/पूरक आरोप पत्र एवं विभागीय जांच को खारिज कर प्राधिकृत अधिकारी को नये सिरे से आरोप पत्र जारी करने की स्वतंत्रता प्रदान की गयी। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में श्री एल.के. नामदेव के विरूद्ध पुन: आरोप पत्र क्रं. 2499 दिनांक 04.10.2023 जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी। तदोपरांत श्री एल.के. नामदेव द्वारा पुन: विभागीय जांच कार्यवाही के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्र. 9378/2024 दायर की गयी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 24.04.2024 द्वारा रिट याचिका क्रं. 14649/2021 में पारित निर्णय दिनांक 13.08.2021 को इस प्रकरण में भी यथावश्यक संशोधन सहित लागू/मान्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। श्री एल.के. नामदेव के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रियाधीन होने के कारण इनके अनियमितता में दोषी होने अथवा नहीं होने का निर्धारण वर्तमान में तय करना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
129. ( क्र. 3128 ) श्री विपीन जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल कितने विद्युत उपकेंद्र स्थापित है और आगामी समय में कितने उपकेंद्र और स्थापित करना प्रस्तावित है? (ख) विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने गाँव, शहरी क्षेत्र हैं जहां क्षमता से कम के विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित है जिससे वोल्टेज की कमी, बार-बार ट्रांसफार्मर जल जाना आदि से घरेलू विद्युत प्रदाय और सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है नवीन संयोजनों की संख्या बढ़ने से कितने ट्रांसफार्मर अतिभारित हो गए हैं सूची देवें? (ग) ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि कर कब तक ट्रांसफार्मर की क्षमता की समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा? (घ) विगत वर्षों में शासन द्वारा अवैध से वैध की गई कॉलोनियों में नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने की विभाग की क्या नियमावली/योजना है मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में अवैध और अविकसित कॉलोनियों में नवीन विद्युत कनेक्शन हेतु क्या प्रक्रिया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल 25 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं एवं 33/11 के.व्ही. का 01 नवीन विद्युत उपकेन्द्र आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अन्तर्गत 164 ग्रामों एवं 04 शहरी क्षेत्रों, में कम क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर (अतिभारित) हैं, जिससे विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। नवीन संयोजनों की संख्या बढ़ने से 330 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हो गए हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अन्तर्गत संचा./संधा. संभाग मंदसौर में अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की समस्या के निराकरण हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में 80 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य स्वीकृत है एवं उक्त कार्य मेसर्स इस्पान इन्फ्रा स्ट्रक्चर प्रा.लि. कंपनी नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है। उक्त कार्य माह दिसम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत 06 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 25 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य किये जा रहे हैं एवं आगामी 02 माह में ये कार्य पूर्ण किये जाने संभावित हैं। शेष बचे अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 49 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 170 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन के तहत प्रस्तावित करते हुए कार्य योजना नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में उक्त कार्य योजना की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है, स्वीकृति प्राप्त होने पर निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत उक्त कार्य पूर्ण करवाये जावेंगे, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 31.05.2022 को ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण-द्वितीय) विनियम, 2022 {आरजी-31) (II), वर्ष 2022} जारी किये गये हैं, जिनमें सुसंबद्ध राज्य शासन विनियमों के अधीन विकसित की गई कॉलोनियों, गंदी बस्ती क्षेत्र तथा घोषित/अघोषित अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण एवं उक्त कॉलोनियों में स्थित घरों में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। उक्त निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदकों द्वारा समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उन्हें आवश्यक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उक्त विनियम में वर्णित संबधित कंड़िकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है।
जर्जर लाईनों का सुधार एवं खंबों की शिफ्टिंग
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 3135 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा अंतर्गत बिजली के कई तार जर्जर है जिनके टूटने से घटनाएं एवं शिकायतें होती रहती है, उन्हें कब तक बदला जावेगा? (ख) नगरीय क्षेत्र में बिजली कई लाईनों का केबलीकरण नहीं किया गया है कई लाईनों में पुराने तार लगे हुये है? लाईनों के कारण साल में 2-3 बार वृक्षों की बेतरतीब कटाई द्वारा नगरी क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है, नगरीय क्षेत्र की शेष लाईनों का केबलीकरण कब तक हो जायेगा? (ग) सिवनी विधानसभा अंतर्गत 11 के.व्ही. व 33 के.व्ही. के कौन-कौन से फीडर की लाईने निकली है जो अब सघन आबादी में है जिनसे सटकर/नीचे मकान बने हुये है? (घ) ऐसी लाईनों को कब तक उचित स्थान पर शिफ्ट किया जावेगा? आबादी में ऐसे कितने खम्बे है जो आम रास्तों में बाधा उत्पन्न करते है? इन खंबों को शिफ्ट कर रास्तों की बाधा कब तक दूर की जावेगी? (ड.) आबादी क्षेत्र में जन सामान्य की सुरक्षा को दृष्टिगत रखकर 11 के.व्ही. व 33 के.व्ही. लाईन के केबलीकरण का क्या प्रावधान है? 11 के.व्ही. व 33 के.व्ही. लाईन, लाईन की न्यूनतम ऊँचाई कितनी निर्धारित है? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त प्रकार की क्षमता वाली कौन-कौन सी लाईनों के तार न्यूनतम ऊँचाई क्षमता से कम है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत तार टूटने सहित विभिन्न विद्युत संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्काल संज्ञान में लेकर उपलब्ध संसाधनों के अनुसार सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में सभी ग्रामों का विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है। (ख) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार नगरीय क्षेत्र में निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण का कार्य कराया जाता है। निम्नदाब लाईनों के रख-रखाव हेतु वृक्षों को नहीं काटा जाता है अपितु वृक्षों की उन शाखाओं को काटा जाता है, जो विद्युत लाईनों को स्पर्श करने लगती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत केबलीकरण/केबल क्षमतावृद्धि के कार्य हेतु दिनांक 5.03.2024 को कार्यादेश जारी किया गया है। उक्त कार्य क्रियान्वयन एजेंसी से किये गये अनुबंध अनुसार 2 वर्ष में पूर्ण किया जाना है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान स्थिति में सघन आबादी क्षेत्रों से गुजरने वाले चिन्हित 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. फीडरों, की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से विद्यमान विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाईनों के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत सभी स्थानों पर समस्त उच्चदाब/निम्नदाब लाईनों (संबंधित पोल एवं तार) एवं अन्य सभी विद्युत अद्योसंरचना को स्थापित किये जाने का कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार ही किया गया है। तथापि सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क चौड़ी किए जाने के कारण कतिपय स्थानों पर विद्युत पोल अपनी पूर्व निर्धारित स्थिति के कारण सड़क पर आ जाते हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे विद्युत पोल जो आम रास्तों में बाधा उत्पन्न करते हैं, से संबंधित कोई प्रकरण वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि सड़क चौड़ीकरण/विस्तारीकरण से संबंधित निर्माण एजेंसियों के आवेदन अनुसार विद्युत लाईन शिफ्ट करने का कार्य जमा योजना अंतर्गत किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों के तारों को बदल कर केबलीकरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि आबादी क्षेत्रों में विद्यमान 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. लाईनों के केबलीकरण का कार्य संबंधित नगरपालिका/नगर निगम एवं अन्य विकास कार्यों वाले विभागों से वित्तीय उपलब्धता अनुसार तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर जमा योजना में कराया जा सकता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित सुरक्षा और विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय विनियम में दर्शित मानक ऊँचाई संबंधी नियम/दिशा-निर्देश से संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स'अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत 8 ग्रामों में निम्नदाब लाईनों के तारों की ऊँचाई लाईन के समीप बिना अनुमति के निर्माण कार्य किये जाने के कारण, सुरक्षित न्यूनतम ऊँचाई/लाईन से क्षैतिज दूरी से कम होने के प्रकरण संज्ञान में आये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है, जिनका संधारण कार्य कर उसे सुरक्षित ऊँचाई पर परिवर्तित किये जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण हेतु बजट आवंटन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
131. ( क्र. 3142 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र आगर जिला आगर मालवा अंतर्गत पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दवारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ वर्ष 2020 से 2023 तक किन-किन हितग्राहियों को प्रदान किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2021 से 2023 तक कितनी राशि का आवंटन जिला आगर-मालवा को प्राप्त हुआ है? (ग) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दवारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजना संचालित है? उपरोक्त वर्ग के लोगों के लिए शासन की कौन-कौन सी योजना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
नगर पंचायतों में भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 3157 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका शिवपुरी एवं समस्त नगर पंचायतों में विगत दो वर्षों में भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है? यदि हां, तो विगत दो वर्ष में कितने भवनों की स्वीकृति किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद दी गई? (ख) क्या नगरपालिका शिवपुरी एवं समस्त नगर पंचायतों द्वारा दुकानों अथवा भवन निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है, यदि हां, तो किस-किस नाम से एवं कितनी संख्या में और किस नियम के तहत दी गई है? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ग) क्या नगरपालिका शिवपुरी एवं समस्त नगर पंचायतों द्वारा कुछ बेसमेंट (तलघर) बिना परमीशन के भी बने हैं? जिनमें नगरपालिका शिवपुरी द्वारा संबंधित मालिकों को नोटिस दिए गए हैं, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्तमान नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत परिषद गठन के पश्चात 05 लाख रूपये से ऊपर के निर्माण कार्य एवं खरीदी की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की दी जावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, विगत दो वर्षों में नगर पालिका शिवपुरी द्वारा 360 एवं जिले की समस्त नगर पंचायतों द्वारा 112 भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। स्थल निरीक्षण करने वाले अधिकारी/कर्मचारी की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, दी गई है। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। निकायों में भवन अनुज्ञा, भूमि विकास नियम 2012 के नियम 27 एवं मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 के अंतर्गत प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट -ब अनुसार। (ग) जी हाँ, नगरपालिका/परिषद् शिवपुरी, कोलारस, बदरवास, नरवर करैरा, बैराड़ पिछोर एवं खनियाधाना में अवैध तलघर के मालिकों को नोटिस जारी किये गये थे, नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -स अनुसार है। (घ) नगरपालिका परिषद/नगर पंचायतवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -द अनुसार है।
लोधीखेड़ा तथा मोहगांव नगर पंचायत में जलजीवन मिशन के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 3166 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोधीखेड़ा तथा मोहगांव नगर पंचायत में लगभग एक वर्ष पूर्व जलजीवन मिशन के अंतर्गत अमृत योजना का पाइप-लाइन विस्तार कार्य स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ तो कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) क्या इस कार्य के टेण्डर हो चुका है, और ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है? (ग) यदि हाँ तो फिर 6 माह बाद भी कार्य ठेकेदार द्वारा प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या संबंधित अधिकारी और ठेकेदार पर विलम्ब के लिये कोई कार्यवाही होगी? कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं अपितु नगर परिषद लोधीखेड़ा एवं नगर परिषद मोहगांव में अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जलप्रदाय योजना में पाइप लाइन विस्तार कार्य स्वीकृत हुआ है। नगर परिषद लोधीखेड़ा हेतु राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा राशि रू. 2.62 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की गई है तथा नगर परिषद मोहगांव राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा राशि रू. 1.59 करोड़ परियोजना स्वीकृत की गई है। (ख) जी हाँ। नगर परिषद लोधीखेड़ा एवं नगर परिषद मोहगांव में कार्यादेश दिनांक 10.01.2024 को जारी किया गया है। (ग) ठेकेदार द्वारा साईट का सर्वे किया जाकर डिजाईन ड्रॉईंग तैयार कर नगर परिषद लोधीखेड़ा एवं नगर परिषद मोहगांव में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की गई है। प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एण्ड मेनेजमेंट कंसल्टेन्ट द्वारा डिजाईन ड्रॉईंग का परीक्षण किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग की मरम्मत एवं नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 3169 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई से छिन्दवाड़ा मार्ग का मरम्मत एवं नाली का निर्माण कार्य कौन-सी एजेंसी द्वारा कराया। (ख) मुलताई से छिंदवाड़ा मार्ग पर नाली निर्माण शोल्डर की सफाई कार्य घटिया निर्माण किया गया है। इस मार्ग की जाँच कर अनियमितताओं पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से संबंधित न होकर अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
विद्युत लाईनों का विस्तार
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 3170 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई आठनेर एवं खेडली बाजार विद्युत वितरण केन्द्रों में 3%, 5% एवं OYT के तहत विगत 4 वर्षों में कितने किसानों को विद्युत लाइन विस्तार की सुविधा दी गई है? वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में किसानों को विद्युत लाइन विस्तार के कितने एस्टीमेट स्वीकृत हुए है व इनकी स्वीकृति किस स्तर के अधिकारी द्वारा दी गई है। यदि एस्टीमेट स्वीकृत नहीं हुये तो किसानों को लाईन विस्तार की सुविधा किस आधार पर दी गई है? (ग) विद्युत वितरण कंपनी में 3%, 5% एवं OYT योजना अन्तर्गत कितने किसानों द्वारा पंजीयन किया गया। इन पंजीकृत किसानों के कितने एस्टीमेट स्वीकृत किए गए। क्या पंजीयन के द्वारा लम्बे समय तक एस्टीमेट स्वीकृत नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? (घ) क्या विद्युत वितरण कम्पनी मुलताई के वर्तमान उप महाप्रबन्धक की चौथी बार पद स्थापना मुलताई में हुई है, यदि हाँ तो क्या एक ही अधिकारी को बार-बार एक सम्भाग में पदस्थ करने के नियम है। यदि नहीं तो वर्तमान उप महाप्रबन्धक का तबादला कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत वर्तमान में 3% सुपरविजन नाम से पृथक से कोई योजना नहीं है। अपितु ओ.वाय.टी योजना में 3% सुपरविजन राशि जमा करने का प्रावधान है। मुलताई शहर, मुलताई ग्रामीण, आठनेर एवं खेडली बाजार विद्युत वितरण केन्द्रों में सुपरविजन चार्ज जमा योजना (5%) एवं ओ.वाय.टी योजना (3%) के तहत विगत 4 वर्षों में विद्युत लाईन विस्तार के किए गए कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत लाइन विस्तार कार्यों के प्राक्कलन की स्वीकृति दिनांक एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। कृषकों को प्राक्कलन स्वीकृत किये जाने के उपरांत ही लाइन विस्तार कार्य की सुविधा प्रदान की गई है। (ग) सुपरविजन चार्ज जमा योजना (5%) एवं ओ.वाय.टी. योजना (3%) अंतर्गत औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले पंजीकृत किसानों के पंजीयन एवं एस्टीमेट स्वीकृत करने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आवेदक द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत ही सर्वे एवं प्राक्कलन स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। अतः प्राक्कलन स्वीकृति में विलंब के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) जी हां, श्री संजय यादव, (संचा./संधा.) वृत्त बैतूल के (संचा./संधा.) संभाग मुलताई में उपमहाप्रबंधक (चालू प्रभार) के पद पर चौथी बार पदस्थ हुए हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र क्रमांक 15329, दिनांक 16/02/2015 द्वारा जारी स्थानांतरण नीति-2015 में एक ही अधिकारी को बार-बार एक स्थान पर पदस्थ करने से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं है। वितरण कंपनी का कार्य सुचारू रूप से संचालित करने हेतु प्रशासनिक आधार पर समय-समय पर स्थानांतरण किये जाते हैं।
मजदूरी के भुगतान को कम किया जाना
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 3178 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रमायुक्त कार्यालय मध्य प्रदेश शासन इंदौर के अधिसूचना क्रमांक 6/11/अन्वे/पांच 2024/15817-16066 इंदौर दिनांक 24/05/2024.के द्वारा अधिसूचना प्रकाशित कर माननीय उच्च न्यायालय,खंडपीठ इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक WP10772/2024 एवं WP. 9401/2024 आदि में दिनांक 21/05/2024 के पालन में अधीक्षण अभियन्ता मुख्यालय के द्वारा क्या मजदूरी की भुगतान को कम करने हेतु पत्र जारी किए हैं यदि हाँ तो इंडियन काफी हाउस कैम्प चचाई, में भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैम्प चचाई,में बैढ़न इंजीनियरिंग कैम्प चचाई के श्रमिकों का कितना वेतन कम किया है तथा सीएचपी में कार्य कर रहे श्रमिकों का कितना मजदूरी दर कम किए हैं? सीएचपी में कार्य कर रही सभी कंपनियों के अप्रैल-मई का वेतन भुगतान पत्रक की प्रति प्रदान करें। (ख) क्या सीएचपी के एचओडी अधीक्षण अभियंता सेवाएं एवं तत्कालीन सहायक अभियंता एवं वरिष्ठ संयंत्र पर्यवेक्षक के द्वारा लापरवाही बरतने से सुधार संभाग के दो श्रमिक आग से जल जाने पर मृत्यु हो गई थी? क्या एलपीजी गैस सिलेंडर रखने के लिए सुरक्षित गोदाम बनाया गया था, क्या मानकों के आधार पर जहां पर गोदाम में बिजली एवं पंखे का उपयोग किया जा रहा था, गोदाम का निरीक्षण अधीक्षण अभियंता सेवाएं एवं अग्निशमन विभाग के द्वारा कब कब किया गया, तारीख बताएं, क्या घटना स्थल पर सुरक्षा से संबंधित रेत, अग्निशमन सिलेंडर रखे थे, अन्वेषण में क्या तथ्य सामने आए?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत समस्त विद्युत गृहों में श्रम आयुक्त कार्यालय मध्यप्रदेश शासन, इन्दौर द्वारा निर्धारित/पुनरीक्षित न्यूनतम मजदूरी दरें ही लागू की जाती हैं। उक्त तारतम्य में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक WP- 10772/2024 एवं WP-9401/2024 आदि में दिनांक 21.05.2024 को पारित स्थगन आदेश के परिप्रेक्ष्य में श्रमायुक्त कार्यालय, म.प्र.शासन, इंदौर द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक-611/अन्यै/पांच/2024/15817-16066, दिनांक 24.05.2024 के परिपालन में, न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत मजदूरी की भुगतान दरों को दिनांक 01.04.2024 से अनुसूची 'अ' के अनुसार करने हेतु, मुख्य अभियंता कार्यालय, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई द्वारा दिनांक 27.05.2024 को अमरकंटक ताप विद्युत गृह के समस्त वृत्त कार्यालयों को पत्र जारी किया गया था। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि नियोजित श्रमिकों को श्रमायुक्त कार्यालय, मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर प्राप्त हो किसी भी ठेका फर्म द्वारा न्यूनतम मजदूरी दरों से अधिक मजदूरी/वेतन का भुगतान अपने द्वारा नियोजित श्रमिकों को किए जाने पर किसी भी श्रम कानून का उल्लंघन नहीं होता है। मेसर्स इंडियन काफी हाउस, चचाई द्वारा पूर्व से ही, बढ़ाये गये न्यूनतम मजदूरी दरों से अधिक वेतन का भुगतान अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों को किया जा रहा है एवं इनके द्वारा मजदूरी की दरें कम नहीं की गयी है। मे. भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति कैम्प, चचाई की दरें Directorate General Resettlement (DGR), Department of Ex Serviceman Welfare, Ministry of Defense, New Delhi द्वारा पुनरीक्षित की जाती हैं, जो कि पूर्व से ही पुनरीक्षित मजदूरी दरों से अधिक है व इसकी दरें कम नहीं हुई हैं। मे. बैढ़न इंजीनियरिंग कैम्प चचाई के द्वारा श्रमिकों की दरें अधिसूचना क्र. 611/अन्वै/पांच/2024/15817-16066, इंदौर दिनांक 24.05.2024 की अनुसूची "अ" के अनुसार की गई हैं। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के कोयला प्रबंधन संयंत्र (सी.एच.पी) में कार्य कर रही ठेका फर्मों के द्वारा प्रस्तुत अप्रैल-मई 2024 के वेतन भुगतान पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, सीएचपी के एचओडी अधीक्षण अभियंता सेवाएं एवं तत्कालीन सहायक अभियंता एवं वरिष्ठ संयंत्र पर्यवेक्षक के द्वारा लापरवाही बरतने से सुधार संभाग में दुर्घटना घटित नहीं हुई थी। अपितु दिनांक 21.08.2023 को रात्रि में लगभग 9:00 बजे सीएचपी के मेन्टेनेंस संभाग में एक दुर्घटना घटित हुई थी, जिसमें दो ठेका श्रमिक आग से झुलस गये थे एवं दोनों श्रमिकों की दुर्घटना के कुछ दिनों के बाद इलाज के दौरान रायपुर (छ.ग.) में मृत्यु हो गई थी। आग लगने के दौरान कोई भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं होने के कारण अन्वेषण में ठेका श्रमिकों को आग लगने के कारणों का कोई निष्कर्ष नहीं निकला। स्टोर रूम में निरीक्षण के दौरान जाँच समिति को गैस सिलेण्डर के अलावा अन्य ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला। उक्त दुर्घटना की जाँच में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि विद्युत् गृह में कार्य की प्रकृति के अनुरूप आकस्मिक आवश्यकता के अनुसार एक-दो Commercial LPG गैस सिलेंडर के मानक भण्डारण एवं परिवहन हेतु एक सुरक्षित स्टोर रूम बना हुआ हैं, जो कि गैस सिलेंडर नियमावली 2016 की धारा - 21 एवं मध्यप्रदेश कारखाना नियमावली 1962 की धारा 72 (7) के अनुरूप है। जी हाँ, कारखाना अधिनियम- 1948 के अनुसार कार्यस्थल पर पर्याप्त रोशनी हेतु प्रबंध किया जाना आवश्यक है एवं पंखे की व्यवस्था भी की गई थी। मेन्टेनेंस स्टोर कक्ष का निरीक्षण आवश्यकतानुसार समय-समय पर अधीक्षण अभियंता (सेवाएँ) एवं संबंधित विभागीय साइट इंजीनियर द्वारा किया जाता है एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के दिशा-निर्देशानुसार समय-समय पर अग्निसुरक्षा प्रणाली का निरीक्षण एवं मॉकड्रिल किया जाता है। सी.एच.पी. सुधार संभाग में अग्निशमन विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है। जी हाँ, दुर्घटना स्थल पर पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन सिलेण्डर (DCP, Co2, Foam type इत्यादि) एवं रेत से भरी बाल्टियाँ रखी हुई थी एवं उनका निरीक्षण अग्निशमन विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाता है। अन्वेषण के दौरान सामने आए तथ्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई
[ऊर्जा]
137. ( क्र. 3179 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की ठेका कंपनी में एम.के. ट्रेडर्स को आउटसोर्स के माध्यम से श्रमिकों के नियोजन हेतु कार्यादेश दिया गया है? (ख) क्या कार्यादेश प्राप्त होने पर ठेका कंपनी ने श्रमिकों से भर्ती के समय आवेदकों से एक निश्चित रकम लेकर भर्ती की गई थी तथा कार्यादेश के शर्तों का पालन न करते हुए अयोग्य कर्मचारियों का चयन कर लिया गया है? कार्य कर रहे किन-किन आउटसोर्स श्रमिकों को वेतन पर्ची दिया जा रहा है? (ग) क्या कार्यादेश की शर्तों में भर्ती के समय किसी ताप विद्युत गृह में कार्य करने का अनुभव जरूरी था, यदि हाँ तो किस अभ्यार्थी के द्वारा किस संयंत्र में कार्य करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था? दिये गये प्रमाण पत्रों का सत्यापन किस एजेंसी से कराया गया है? नाम बताएं अगर नहीं कराया गया है तो तत्कालीन अधीक्षण अभियंता तथा वर्तमान अधीक्षण अभियंता मुख्यालय की भूमिका की विस्तृत जांच कब तक कराई जावेगी? आउटसोर्स श्रमिकों के द्वारा संयंत्र में काम करने का जो अनुभव प्रमाण पत्र जमा किए हैं की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई द्वारा मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स को आउटसोर्स के माध्यम से संयंत्र के दैनिक संचालन-संधारण कार्यों में सहायता के लिए अर्द्धकुशल श्रमिकों के प्रदाय हेतु कार्यादेश जारी किया गया है। (ख) मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स को जारी कार्यादेश में निहित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित योग्यता वाले श्रमिकों की भर्ती किया जाना ठेकेदार का दायित्व है। उक्त संबंध में भर्ती के समय आवेदकों से रकम लेकर भर्ती किए जाने संबंधी कोई शिकायत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में प्राप्त नहीं हुई है। उक्त कार्यादेश के अंतर्गत नियोजित समस्त आउटसोर्स श्रमिकों की वेतन पर्ची मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स के द्वारा दी जा रही है। (ग) जी हाँ, कार्यादेश की शर्तों में श्रमिकों का ताप एवं जल विद्युत गृहों में कार्य करने का पूर्व अनुभव आवश्यक था। ठेकेदार द्वारा अभ्यार्थियों से अनुभव के प्रमाण पत्र लिए गये थे तथा ठेकेदार द्वारा संतुष्टि के पश्चात ही अभ्यार्थियों को कार्य पर रखा गया था। फर्म द्वारा निष्पादित कार्य संतोषजनक रहा है। कार्यादेश के नियम एवं शर्तों के अनुसार अभ्यार्थी द्वारा प्रस्तुत अनुभव के प्रमाण पत्र की किसी अन्य एजेंसी से सत्यापन आवश्यक नहीं थी, तथापि कार्यादेश के तहत नियोजित किये गए आउटसोर्स श्रमिकों के द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन के संबंध में आवश्यक समुचित जांच हेतु दिनांक 27.06.2024 को जांच समिति का गठन किया गया है। उक्त गठित जांच समिति के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्यादेश के अन्तर्गत नियोजित श्रमिकों के अनुभव प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मेघोनाबड़ा से अमरौद सड़क एवं पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 3180 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोलारस अन्तर्गत ग्राम मेघोनाबड़ा से अशोकनगर जिले के अमरौद तक सड़क निर्माण कार्य कब स्वीकृत किया गया था? सड़क निर्माण की लागत व अवधि क्या थी व उक्त सड़क मार्ग पर कुल कितने व कौन-कौन से पुल-पुलिया का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था विवरण सहित स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया, वर्तमान में कुल कितने प्रतिशत सड़क निर्माण कार्य पूर्ण है व कितना शेष है? क्या उक्त सड़क मार्ग पर छोच नदी पर पुल बनाया जाना प्रस्तावित है यदि हां तो पुल निर्माण के संबंध में वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त सड़क एवं पुल निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया है व निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाकर आवागमन प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 30.03.2018 को। निर्माण कार्य लागत राशि रू. 5605.00 लाख अवधि 2 वर्ष थी। 91 नग पुलियां एवं 12 नग मध्यम पुल का निर्माण प्रस्तावित था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 31.05.2019 को प्रारंभ हुआ था एवं दिनांक 30.06.2022 को कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण कर दिया गया है। कोई कार्य शेष नहीं है। जी नहीं, स्वीकृत मार्ग पर छोच नदी पर उच्च स्तरीय पुल प्रशासकीय स्वीकृति में सम्मिलित नहीं था, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण कार्य दिनांक 30.06.2022 को पूर्ण कर दिया गया है। छोच नदी पर उच्च स्तरीय पुल स्वीकृति में सम्मिलित नहीं होने से निर्माण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क एवं पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3181 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोलारस अन्तर्गत लुकवासा से राजस्थान बार्डर तक ग्राम चंदनपुरा ओघड़ तक सड़क निर्माण कार्य कब स्वीकृत किया गया था? सड़क निर्माण की लागत व अवधि क्या थी व उक्त सड़क मार्ग पर कुल कितने व कौन-कौन से पुल-पुलियां का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया वर्तमान में कुल कितने प्रतिशत सड़क निर्माण कार्य पूर्ण है व कितना शेष है, क्या उक्त सड़क मार्ग पर पृथक से पुल-पुलियां निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ तो उनके निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है व उनका निर्माण अभी तक क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त सड़क मार्ग पर आवागमन सुविधापूर्ण तरीके से किया जा रहा है, यदि नहीं तो उक्त सड़क एवं पुल निर्माण कब तक पूर्ण कर आवागमन प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्ग निर्माण एवं पुल/पुलियां का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं जलमग्नीय पुलों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के खण्ड-16 में उल्लेखित है।
ऊर्जा विभाग के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 3188 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि J(क) विधानसभा डबरा के अंतर्गत कहाँ-कहाँ नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत है? इनमें से किस-किस स्थान का कार्य पूर्ण होकर संचालित है? किस-किस स्थान पर कार्य प्रगतिरत है? जिसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? समयावधि बतावें? (ख) डबरा विधानसभा के अंतर्गत आर.डी.एस.एस योजना में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं? इनका निर्माण किस फर्म/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है? प्रत्येक कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक है? तथा पूर्ण किये गये कार्य पर व्यय राशि की जानकारी देवें? (ग) डबरा विधानसभा के अंतर्गत पिछोर क्षेत्र कृषि आधारित होकर असिंचित क्षेत्र है इस क्षेत्र हेतु वर्तमान में 33 Kv विद्युत लाइन है जिससे पिछले कई वर्षों से विद्युत तार क्षतिग्रस्त होने से आए दिन तार टूटने से कई दिनों तक किसानों को खेती की तथा अटल ज्योति की विद्युत सप्लाई बाधित होती है, ऐसी स्थिति में पिछोर क्षेत्र में 33 Kv विद्युत लाइन के स्थान पर जनहित में 132 Kv विद्युत लाइन स्वीकृत की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राज्य शासन की वित्तपोषित योजना एस.एस.टी.डी. के अन्तर्गत 01, नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र गढ़ी बेरखेड़ा तथा केन्द्र शासन की वित्तपोषित योजना आर.डी.एस.एस. के अंतर्गत 02, नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र सिमरिया ताल एवं सालवई स्वीकृत हैं। वर्तमान स्थिति में उक्त स्वीकृत नवीन उपकेन्द्रों के कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं। सिमरिया ताल एवं सालवई नवीन उपकेन्द्रों के कार्य हेतु टर्न-की कॉन्ट्रेक्टर को अवार्ड जारी किये जा चुके हैं एवं उक्त कार्यों को अवार्ड की शर्तों अनुसार दिनांक 06.11.2024 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। नवीन उपकेन्द्र गढ़ी बेरखेड़ा के कार्य के लिये भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भूमि अधिग्रहित होने के उपरांत 06 माह में कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में राशि रूपये 5619.42 लाख के कार्य स्वीकृत हैं। उक्त कार्यों की स्वीकृत लागत राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी, कार्य पूर्ण करने हेतु निर्धारित अवधि, पूर्ण हुए कार्यों की कार्य पूर्णता दिनांक एवं पूर्ण किए गए कार्यों पर व्यय राशि की प्रश्नाधीन चाही गई कार्यवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछोर क्षेत्र में वर्तमान में विद्यमान 132/33 के.व्ही. अति उच्च्दाब उपकेन्द्रों डबरा एवं हस्तिनापुर से निर्गमित 33 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है। तथापि तकनीकी साध्यता के आधार पर पिछोर के नजदीक बिलौआ में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र के निर्माण हेतु कार्यादेश म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा दिनांक 20.06.2024 को कर दिया गया है एवं यह कार्य 18 माह की समयावधि में पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्त उपकेन्द्र हेतु 132 के.व्ही. लाईन का कार्यादेश दिनांक 15.03.2024 को जारी कर दिया गया है एवं कार्य प्रारंभ हो गया है।
क्षेत्र अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 3198 ) श्री विपीन जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने भवन, पुल, ओवर ब्रिज निर्माण के कार्य विभाग अंतर्गत स्वीकृत हुए हैं स्थान, लागत सहित जानकारी देवें? (ख) उक्त स्वीकृत निर्माण कार्य में से कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो गए हैं और कितने निर्माण कार्य शेष हैं? (ग) शेष निर्माण कार्य कब तक पूरे कर दिए जाएंगे निर्माण कार्य अधूरे रहने के क्या कारण रहे हैं निर्माणकर्ता एजेंसी पर अनुबंध की शर्तों में तय समय-सीमा में कार्य नहीं करने पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस कार्य के लिए की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
शासकीय आवासों में निवासरत सेवानिवृत्त कर्मचारी
[लोक निर्माण]
142. ( क्र. 3207 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा घोड़ाडोंगरी अंतर्गत शासकीय आवासों में सेवानिवृत्त कर्मचारी निवासरत हैं। यदि हाँ तो क्या शासन से सेवानिवृत्त होने के पश्चात शासकीय आवास का लाभ प्राप्त होता है? (ख) वर्तमान में कितने सेवानिवृत्त कर्मचारी शासकीय आवास में निवासरत हैं की सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भवनों में स्थापित सोलर सिस्टम
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
143. ( क्र. 3208 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा घोड़ाडोंगरी अंतर्गत कितने शासकीय भवनों में सोलर सिस्टम स्थापित है? (ख) कितने भवनों में सोलर सिस्टम ऑनग्रिड है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) विधानसभा घोड़ाडोंगरी अंतर्गत 04 शासकीय भवनों में सोलर सिस्टम स्थापित है। (ख) उपरोक्त सभी 04 शासकीय भवनों में सोलर सिस्टम ऑनग्रिड है।
लोक निर्माण विभाग संभाग भिण्ड की जानकारी
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3217 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग भिण्ड में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक निविदाओं पर अनुबंधों के आधार पर जोड़े गए नवीन कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी राशि सहित उपलब्ध करावें। (ख) ऐसी कितनी निविदाएं एवं प्राक्कलन हैं जिन्हें संशोधित कर राशि बढ़ाई गई है एवं उक्त निविदाओं में कितने प्रतिशत संशोधन किया गया है क्या उक्त संशोधन नियमानुसार किया गया है यदि नहीं तो संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई है? हुई कार्यवाही से अवगत करावें, नहीं तो समया-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। संशोधन नियमानुसार किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा संचालित लोक परिवहन
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 3243 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से दिसम्बर 2022 तक बी.सी.एल.एल. की किस निविदा में कितनी बसें लाने का प्रावधान था, कितनी बसें निविदाकार द्वारा लाई गई, दिनांक 01/01/2024 से 01/07/2024 तक कितने बसें ऑन रोड़ चल रही हैं, का निविदावार, दिनवार गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। क्या बसें ना लाने पर विभिन्न निविदाओं में पेनाल्टी क्लॉज है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो निविदाकार पेनल्टी क्लॉज बताएं एवं किस निविदाकार पर इस क्लॉज के तहत कितनी पेनाल्टी अध्यारोपित की गई का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। (ख) बी.सी.एल.एल. के निविदा क्रमांक 121, 122, 123, 134 के तहत 1 जून, 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने नोटिस जारी हुए। नोटिस पर की गई कार्यवाही, अधिकारी का नाम, कार्यवाही की समय अवधि का गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक दें। उपरोक्त निविदाओं में इसी समय अवधि में निविदाकारों द्वारा जमा प्रोविडेंट फण्ड (पी.एफ.) की राशि का निविदा अनुसार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर दें। यदि किसी निविदाकार द्वारा पी.एफ. राशि जमा नहीं की गई है, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, का सम्पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ग) दिनांक 01/12/2023 से 12/07/2024 तक बी.सी.एल.एल. विभाग द्वारा निविदाकारों को प्रदाय राशि का किस मद में कितनी राशि, निविदा अनुसार गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज (नोटशीट, ईमेल) प्रदाय करें। इसी समय अवधि में बी.सी.एल.एल. को कितनी आय एवं व्यय हुई, का गौशवारा बनाकर दें। इसी समयावधि में निविदा 123 के तहत प्रति किलोमीटर माहवार कितनी राशि प्राप्त होनी थी और कितनी राशि प्राप्त हुई, का माहवार गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज (बैंक ट्रांजेक्शन/नोटशीट) प्रदाय करें। क्या प्राप्त होने वाली राशि और निविदाकार द्वारा जमा राशि में कोई अंतर है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या निविदाकार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ तो कृपया कार्यवाही विवरण दें। यदि नहीं तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी नहीं। बसें न लाने पर विभिन्न निविदाओं में पेनाल्टी क्लॉज नहीं है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उपरोक्त निविदाओं में निविदाकारों द्वारा प्रोविडेंट फण्ड (पी.एफ.) राशि के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु निविदाकारों को बीसीएलएल द्वारा पत्र क्र./बीसीएलएल/5801 दिनांक 27/06/2024 के माध्यम से प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी प्राप्त होने के उपरांत उपरोक्त की जानकारी प्रस्तुत की जायेगी। (ग) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। जी हाँ। निविदाकार को नोटिस जारी किये गए है। नोटिस की प्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के प्रकरणों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 3244 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.सी.एल.एल. द्वारा मेसर्स आर्या ओमनीटॉक विरूद्ध भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की अंतरिम जांच प्रतिवेदन विधानसभा के सवाल में मय उत्तर प्रदाय की गई थी? हाँ अथवा नहीं? क्या जिन्होंने अंतरिम जांच की थी उन्हीं जांच समिति के सदस्यों को आगे की भी पूर्ण जांच करनी थी? हाँ अथवा नहीं? क्या अंतरिम जांच प्रतिवेदन के बाद कोई नई जांच समिति गठित की गई? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो नई जांच समिति के सदस्यों के नाम एवं पद बताएं। यदि नहीं तो पूर्व की जांच समिति के सदस्यों के नाम एवं पद बताएं। यह जांच कमेटी कौन-सी दिनांक को गठित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एक जांच में इतना समय लगभग 4 वर्ष लगना चाहिए? हाँ अथवा नहीं? जांच पूर्ण होने में और कितना समय लगेगा, समयावधि बताएं। इस प्रकरण से संबंधित दिनांक 01 जनवरी, 2023 से 01 जून, 2024 तक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से हुए पत्राचार की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) बी.सी.एल.एल. को विधानसभा में दिनांक 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक जवाब प्रस्तुत करने के लिये जिन अधिकारी/कर्मचारी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनके नाम, पदनाम, उत्तरदायित्व, गौशवारा बनाकर बतायें। उपरोक्त समयावधि में कितने अपूर्ण जवाब प्रस्तुत हुए। कृपया गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विरूद्ध 2022 से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो, जिला न्यायालय, भोपाल, उच्च न्यायालय जबलपुर, में कितने प्रकरण और किन मामलों में दर्ज हैं एवं ओ.आई.सी. का नाम का पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज प्रदाय करें। कृपया प्रकरणों की जानकारी एवं दस्तावेज और विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। पूर्व की जांच समिति के सदस्यों के नाम व पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जांच समिति दिनांक 01-07-2022 को गठित की गई थी। (ख) जी नहीं। प्रकरण की जांच के संबंध में, कोलार शाखा भोपाल से पत्राचार किया जाकर जानकारी चाही गई है। जानकारी प्राप्त होते ही जांच की कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी। इस प्रकरण के संबंधित दिनांक 01 जनवरी, 2023 से 01 जून, 2024 तक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से हुए पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) चाही गई जानकारी एवं दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
नगर निगम द्वारा भूखण्ड के गलत तरीके से आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 3252 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम रतलाम में मार्च अप्रैल 1999 में नगर पालिक निगम (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 1994 की कंडिका 3 के विपरीत पहले आओ पहले पाओ तहत विज्ञापन जारी कर मात्र 3 दिन की अवधि दी गई तथा 22 भूखंड का आवंटन कर दिया गया। क्या निगम परिषद रतलाम ने 16/6/2000 को इन भूखंडों को निरस्त करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकृत किया। क्या तत्कालीन महापौर ने 7/8/2000 को पत्र क्रमांक 204/2000 भेज कर इस विक्रय में अनियमितता के देखते हुए निरस्त करने का प्रस्ताव बनाया था। क्या तत्कालीन लोकल ऑडिटर महोदय ने दिनांक 22/9/2000 को आयुक्त को इन भूखंडों को निरस्त करने हेतु अवगत कराया था। (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय इंदौर ने निरस्त करने की कार्रवाई नियम अनुसार करने के आदेश पर आयुक्त महोदय ने 2023 में 22 आवंटियों को पत्र लिखकर 4 से 6 सितंबर 2023 को सुनवाई कर बिना निगम परिषद की स्वीकृति के भूखंडों का आवंटन कर रजिस्ट्री करवा दी। क्या सारे आवंटियों ने पत्र का एक जैसा उत्तर दिया। क्या यह सही है कि निगम परिषद में भूखंड निरस्त करने का प्रस्ताव सर्वानुमति से पुनः पारित किया। क्या नगरीय प्रशासन भोपाल द्वारा की गई जांच में इन आवंटन में अनियमितता पाई गई। (ग) प्रश्नाधीन भूखंड के सभी आवंटियों को जारी सूचना पत्र क्रमांक 882 से 903 दिनांक 28/8/2023 तथा 21 आवंटियों द्वारा दिए गए उत्तर एवं चार से छ: सितंबर 2023 में हुई सुनवाई की सम्पूर्ण नोटशीट, तथा सभी भूखंड की सम्पूर्ण फाइल की प्रमाणित प्रति देवें तथा बतावे कि भूखंड क्रमांक 33 की रजिस्ट्री किस दिनांक को की गई। (घ) क्या शासन ने प्रश्नाधीन भूखंड में 36 लोगों पर FIR दर्ज की है। यदि हाँ तो FIR की प्रति दी जाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। परन्तु विज्ञापन में 3 दिन की अवधि का उल्लेख नहीं है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भूखण्ड की रजिस्ट्री दिनांक 24.10.2011 को संपादित हुई है। (घ) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल में बीआरटीएस कॉरीडोर को हटाने से सरकारी राशि का दुरूपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 3256 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भोपाल शहर में बीआरटीएस कॉरीडोर को हटाने के माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए थे? (ख) यदि हाँ तो उक्त भोपाल शहर के बीआरटीएस कॉरीडोर को बनाने में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई थी? इसमें राज्य और केन्द्र की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई थी? (ग) उक्त कॉरीडोर बनाने का क्या उद्देश्य था और किन कारणों से हटाया जा रहा है, कॉरीडोर को हटाने पर कितनी राशि व्यय होना संभावित है? वर्तमान में भोपाल शहर के कॉरीडोर हटाने की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) उक्त कॉरीडोर को हटाने के बाद डिवाईडर निर्माण, विद्युत खंभे एवं उनके फाउंडेशन बनाने ट्रैफिक सिग्नल लगाने आदि कार्यों पर संभावित कितनी-कितनी राशि भोपाल शहर पर व्यय होना है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या जनता के टैक्स की राशि का दुरूपयोग किसी नीति के चलते किया जा रहा है? यदि नहीं तो कॉरीडोर बनाने एवं तोड़ने का क्या औचित्य है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल शहर के बीआरटीएस कॉरीडोर को बनाने में 357.20 करोड़ राशि व्यय की गई थी। राज्य और केंद्र सरकार की राशि की जानकारी वित्त विभाग से संबंधित है। (ग) उक्त कॉरीडोर बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के अंतर्गत BCLL कंपनी द्वारा संचालित बस के लिए समर्पित कॉरीडोर बनाये जाने हेतु किया गया था। कॉरीडोर को हटाने में राशि का व्यय नहीं किया गया है। वर्तमान में BRTS कॉरीडोर की डेडिकेटेड लेन को हटाने का कार्य पूर्ण है। (घ) उक्त कॉरीडोर के बाद डिवाईडर निर्माण, विद्युत खंभे एवं उनके फाउंडेशन बनाने, ट्रैफिक सिग्नल लगाने आदि कार्यों पर संभावित 16.61 करोड़ राशि का व्यय होना है। (ड.) उक्त के अंतर्गत BRTS कॉरीडोर की डेडिकेटेड लेन को हटाकर मिक्स लेन में परिवर्तित किया जा रहा है। यह कार्य वर्तमान यातायात परिस्थितियों को देखते हुए किया गया है। इसमें जनता के टैक्स की राशि का किसी भी प्रकार से दुरूपयोग नहीं किया जा रहा है।
कृषि भूमि पर पवन चक्की लगायी जाना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
149. ( क्र. 3259 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के गंधवानी एवं सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किसानों के खेतों में पवन चक्की लगायी जा रही है? (ख) यदि हाँ तो पवन चक्की लगाने के क्या नियम/प्रावधान है? (ग) क्या कृषि भूमि पर पवन चक्की लगाने का प्रावधान है? यदि नहीं तो उक्त विधानसभा क्षेत्रों में कितने किसानों की कृषि पर पवन चक्की किस-किस कंपनी के द्वारा किस आधार पर लगायी जा रही है? इस पवन चक्की लगाने के बदले किसानों के साथ कंपनी द्वारा क्या एग्रीमेंट किया जा रहा है? (घ) क्या जमीन/खेतों पर पवन चक्की लगाने से वॉटर लेवल कम हो जाता है एवं जमीन बंजर हो जाती है? यदि हाँ तो क्या उक्त पवन चक्कियां गैर खेती योग्य भूमि पर लगाई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। धार जिले के गंधवानी एवं सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किसानों के खेतों में पवन चक्की लगाई जा रही है। (ख) पवन चक्की की स्थापना ''मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022'' के तहत की जाती है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, कृषि भूमि पर पवन चक्की लगाये जाने का प्रावधान है। आयुक्त कार्यालय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा में ''मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022'' के अंतर्गत पंजीयन की उपलब्ध जानकारी अनुसार मेसर्स स्प्रंग वायु विद्युत प्रा.लि. एवं मेसर्स ABREL सोलर पॉवर लिमिटेड द्वारा उक्त विधानसभा क्षेत्रों में पवन चक्की लगाई जा रही है। विकासकों द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार पवन ऊर्जा परियोजना प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में किसानों की जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। उक्त विधानसभा क्षेत्र में पवन चक्की लगाने के बदले विकासक द्वारा किसानों से भूमि के लिए क्रय अथवा लीज डीड एग्रीमेंट किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। जमीन/खेतों पर पवन चक्की लगाने से वॉटर लेवल कम नहीं होता है, एवं न ही जमीन बंजर होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समयमान, वेतनमान एवं पदोन्नति के नियम
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 3261 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग तथा विभाग अन्तर्गत निगम मंडलों में अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान, उच्च पद पर प्रभार देने तथा पदोन्नति देने के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग अन्तर्गत वर्ष 2019 से आज दिनांक तक किन कर्मचारियों को/किन अधिकारियों को समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। विभाग अंतर्गत भर्ती एवं संविलियन के क्या नियम है? उसकी प्रति उपलब्ध करावें। क्या नियमों का पालन किया जा रहा है? (ग) विभाग अंतर्गत विभिन्न संवर्ग हेतु क्या वेतनमान स्वीकृत है नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 241°08 एवं सहपठित परिपत्रों के अनुसार समयमान वेतनमान प्रदान किया जाता है। पदोन्नति संबंधी प्रकरण मान. उच्चतम न्यायालय में प्रचलित है। प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत उच्च पद का प्रभार देने की कार्यवाही की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 2 एवं 1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 3 अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स कर्मचारियों एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 3265 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् गोहद, मालनपुर एवं मौं में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी एवं आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम, इनके द्वारा किये जाने वाले कार्य, पदस्थी दिनांक, वेतन/मानदेय आदि सहित सूची उपलब्ध कराएं तथा इन्हें किस प्रक्रिया/नियम के तहत रखा गया है? (ख) नगर पालिका परिषद् गोहद, मालनपुर एवं मौं में आज की स्थिति में प्रगतिरत/अपूर्ण निर्माण कार्यों के नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, भौतिक स्थिति एवं इनको पूर्ण करने की समय-सीमा बतायें। सूची उपलब्ध करायें। (ग) नगर पालिका परिषद् गोहद, मालनपुर एवं मौं में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक पूर्ण निर्माण कार्यों के नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं वर्तमान में भौतिक स्थिति सहित सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
विभागीय संरचना एवं कार्यों की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
152. ( क्र. 3273 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय संस्थाएं, प्रशासनिक इकाइयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण/विकास एवं अन्य कार्य हेतु विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेन्सियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार/निर्माण एजेन्सी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचे लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ड.) विभाग की सिरोंज एवं लटेरी अनुविभाग में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य संचालित हैं? योजनावार, निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) विभागीय संरचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभाग के अन्तर्गत शासकीय इकाई-संचालनालय, अर्द्धशासकीय इकाई-निरंक, अशासकीय संस्थाएं-अभिकरण, प्रशासकीय इकाईयां-निरंक सम्मिलित है। उक्त संस्थाओं में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। वित्तीय वर्ष में योजना हेतु बजट आवंटन का उपयोग मार्च अन्त तक ही किये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत मांग अनुसार आवंटित राशि के नियमानुसार व्यय न होने की स्थिति में राशि समर्पित हो जाती है। छात्रावास भवन निर्माण एवं बस्ती विकास योजनान्तर्गत नियमानुसार शेष राशि के भुगतान की जानकारी जिलों से एकत्रित की जा रही है। (घ) जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना टेण्डर आमंत्रित किये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 3279 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् भिण्ड की स्वास्थ्य शाखा में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन वर्षवार प्राप्त हुआ? पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) क्या शासन द्वारा समस्त प्रकार के कार्य निविदा आमंत्रित कर कराये जाने के निर्देश है? ? यदि हाँ तो नगर पालिक परिषद् भिण्ड में किन-किन कार्यों के व्यय बिना निविदा आमंत्रित किये गये व किन कारणों से स्पष्ट करें? इसके लिये कौन उत्तरदायी है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी जानकारी दें? यह भी बताएं कि कितनी राशि सीमा तक के कार्य किन परिस्थितियों में बिना निविदा आमंत्रित किये कराये जा सकते हैं? (ग) आलोच्य अवधि में नगर पालिका परिषद् द्वारा स्वास्थ्य मद में प्राप्त हुये आवंटन की राशि का कौन-कौन से कार्यों में बिना निविदा आमंत्रित किये व्यय किया? प्रत्येक कार्य का पूर्ण विवरण जिसमें कार्य का नाम, दिनांक, राशि, फर्म का नाम पता भुगतान दिनांक आदि जानकारी वर्षवार दी जायें। (घ) आलोच्य अवधि में नगर पालिका परिषद् द्वारा स्वास्थ्य मद में प्राप्त हुये आवंटन से कितने कार्य निविदाएं आमंत्रित कराये गये? प्रत्येक कार्य का पूर्ण विवरण जिसमें कार्य का नाम, दिनांक, राशि, फर्म का नाम पता भुगतान दिनांक आदि जानकारी वर्षवार दी जाय। (ड.) आलोच्य अवधि में नगर पालिका परिषद् में अधिकांश कार्य बिना निविदाएं आमंत्रित कर कराये जाने के संबंध में क्या शासन जांच कराकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) आलोच्य अवधि में नगर पालिका परिषद भिण्ड द्वारा सूचना सम्प्रेषण मद से प्राप्त कुल राशि 43.31 से कोटेशन प्राप्त कर कार्य कराये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।(ड.) जानकारी निरंक है।
नियम विरूद्ध व्यावसायिक गतिविधियों का संचालित
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 3280 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री विवेक त्रिपाठी एवं प्रदीप कुमार त्रिपाठी मुख्तियार गृहिता श्रीमती माया शुक्ला पत्नी श्री आर.एस.शुक्ला को ग्राम खजूरी कलां, तहसील हुजूर, जिला भोपाल के खसरा क्रमांक 212/ड की भूमि पर स्वयं के निवास हेतु विकास अनुज्ञा कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला भोपाल-सीहोर-रायसेन द्वारा जारी की गई है? यदि हाँ तो क्या उक्त अनुज्ञा का उल्लंघन कर स्वामी द्वारा व्यावसायिक गतिविधियों में मैरिज गार्डन (अवध विहार मैरिज गार्डन) संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कर गतिविधियों को बंद कराया जायेगा? समयावधि बताएं। (ख) क्या श्री विवेक त्रिपाठी एवं प्रदीप कुमार त्रिपाठी मुख्तियार गृहिता श्रीमती माया शुक्ला पत्नी श्री आर.एस. शुक्ला को ग्राम खजूरी कला, तहसील हुजूर, जिला भोपाल के खसरा क्रमांक 212/ड नगर निगम वार्ड 60, जोन-14 पर स्वयं के उपयोग हेतु नगर निगम भोपाल के पत्र क्रमांक 1000/बीएमसी/214/वार्ड 60/19-20 दिनांक 10.12.2019 द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान की गई थी? यदि हाँ तो क्या उक्त अनुज्ञा का उल्लंघन कर स्वामी द्वारा व्यावसायिक गतिविधियों में मैरिज गार्डन (अवध विहार मैरिज गार्डन) संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कर गतिविधियों को बंद कराया जायेगा? समयावधि बताएं। (ग) क्या वार्ड 60 के रहवासियों द्वारा उक्त अवैध संचालित मैरिज गार्डन के संचालक द्वारा क्षेत्र में की जा रही गुण्डागर्दी, पानी निकासी अवरूद्ध करने, कचरा फैलाने, ध्वनि प्रदूषण करने एवं अन्य अवैध गतिविधियों से परेशान होकर संचालक के विरूद्ध बिना अनुमति के संचालित हो रहे मैरिज गार्डन को बंद करने के संबंध में कार्यवाही करने हेतु आयुक्त, नगर निगम भोपाल को शिकायत की गई है? यदि हाँ तो कब एवं शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या बिना अनुमति के मैरिज गार्डन के संचालन होने एवं शिकायत करने के उपरांत भी कार्यवाही नहीं करने से संबंधित जोनल अधिकारी/वार्ड अधिकारी एवं निगम के अन्य अधिकारी जिम्मेदार नहीं है? क्या इनके ऊपर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। खसरा क्रमांक 212-ड की भूमि पर स्वयं के निवास हेतु नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा विकास अनुज्ञा जारी की गई है। निर्माणकर्ता द्वारा भवन अनुज्ञा का उल्लंघन किये जाने पर म.प्र राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित दिनांक 06 जनवरी, 2021 एवं सामान्य प्रशासन विभाग नगर पालिक निगम भोपाल के स्थाई आदेश क्रमांक 01/2021 दिनांक 22.01.2021 में दिये गये नियमों के तहत अवैध रूप से संचालित किये जा रहे मैरिज गार्डन को बंद करने हेतु सूचना-पत्र क्रमांक 142, दिनांक 04.06.2024 को जारी किया गया है। इसी क्रम में भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा पत्र क्रमांक 4455 दिनांक 21.06.2024 को पुलिस विभाग को दिनांक 28.06.2024 को पुलिस बल उपलब्ध होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) में समाहित है। (ग) जी हाँ। नगर निगम भोपाल को प्राप्त शिकायत के परिपालन में मैरिज गार्डन को बंद करने हेतु सूचना पत्र क्रमांक 142, दिनांक 04.06.2024 को जारी किया गया है। इसी क्रम में भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा पत्र क्रमांक 4455 दिनांक 21.06.2024 को पुलिस विभाग को दिनांक 28.06.2024 को पुलिस बल उपलब्ध होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष पुलिस विभाग से संबंधित है। प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, जोन क्र. 14 से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार कचरा फैलाने, पानी निकासी अवरूद्ध करने के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नगर निगम भोपाल द्वारा घर-घर से कचरा प्राप्त करने कार्य निरंतर किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टü/span>ब' अनुसार है। (घ) स्थल पर शिकायत प्राप्त होने पर अवैध मैरिज गार्डन का संचालन किये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चल एवं अचल संपत्तियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 3291 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न.नि. इंदौर की न.नि. सीमा में कितनी चल-अचल संपत्तियां हैं? उनके स्वरूप एवं क्षेत्रफल क्या है तथा इनका उपयोग के आधार आवासीय, व्यावसायिक, कार्यालय, बहुमंजिला इमारतें, ग्राउण्ड व अन्य वर्गीकरण करते हुये सम्पूर्ण जानकारी दें। इनसे राजस्व की प्राप्तियों की जानकारी 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक इकाईवार गौशवारा बनाकर वार्डवार दें। (ख) निगम की कितनी दुकानें कहां-कहां पर हैं? यह किस को कब से किस साइज की आवंटित हैं? इन दुकानों को कब से लीज पर, कितनी अवधि के लिये दिया है एवं लीज का नवीनीकरण कब किया जाता है? दिनांक 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) क्या यह दुकानें क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल के साथ प्रत्येक कार्य दिवस में संचालित होती हैं? निगम द्वारा इसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब, किस के द्वारा की गई? वसूली गई जुर्माने अथवा अर्थदण्ड सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) क्या पुरानी दुकानों को नष्ट कर नवीन दुकानों का मल्टी के रूप में निर्माण किया है? कितनी दुकानें नष्ट की गई एवं उसके एवज में कुल कितनी नवीन दुकानें बनाई गई? नवीन दुकानों में से कितनी दुकानें पुराने आवंटियों को किस दर से कितनी लीज अवधि के लिये आवंटित की गई एवं शेष दुकानों को किस प्रक्रिया से किस दर पर कितनी अवधि के लिये आवंटित किया गया? दुकानों के निर्माण हेतु कितना व्यय, कौन-कौन सी अनुमति, प्रक्रिया, अनुबंध, आदेश, निर्देश का पालन कर संपादित की गई? दस्तावेजों की प्रतिलिपि सहित बतायें। (ड.) प्रश्नांश अवधि में तहबाजारी के कार्य किस ठेकेदार अथवा निगम स्वयं कहां-कहां एवं कब-कब संपादित कर रहा है? इससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर निगम इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम इंदौर की जानकारी उत्तरांश (क) में समाहित (ग) नगर निगम इंदौर में दुकानें क्षेत्रफल से अधिक, क्षेत्रफल के साथ प्रत्येक कार्यदिवस में संचालित नहीं होती है। नगर निगम इंदौर से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। नगर निगम इंदौर द्वारा कोई पुरानी दुकानों को नष्ट कर नवीन दुकानों का मल्टी के रूप में निर्माण नहीं किया गया है। (ङ) नगर निगम इंदौर में तहबाजारी (हाट) पूर्व निर्धारित स्थानों पर ही संचालित होती है। कोई राजस्व प्राप्त नहीं होता है। पूर्व अनुसार साप्ताहिक है।
सड़कों पर मूलभूत सुविधाएं
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 3292 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भदभदा चौराहे से बड़झिरी तक, कोलार रोड पर सिक्सलेन सड़क की मंजूरी कब-कब प्राप्त हुई? विभाग के आदेश, अनुमानित लागत, कब-कब और कितनी किलोमीटर हेतु, किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई सहित सम्पूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में उक्त कार्यों के लिये कब-कब ई-निविदा जारी की गई? इसमें कितनी एजेन्सियों ने किस दर से हिस्सा लिया? उनमें से किस एजेन्सी को कितना कार्य किस दर पर कितनी अवधि के लिये आवंटित किया गया? प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण होकर सड़के विभाग को सौंप दी गई है? यदि अधूरी है तो कब तक पूरी कर ली जायेगी? इसमें सड़कों के अतिरिक्त और कौन-कौन से कार्य कराये गये है? क्या सड़कों के दोनों ओर वर्षा के पानी की निकाली के लिये नालियों का निर्माण अथवा पाइप लाइन अथवा पुलिया निर्माण कराया गया है? कितने विद्युत पोल, कितने ट्रांसफार्मर एवं सड़कों के निर्माण में मूलभूत किन-किन बातों का ध्यान में रखकर निर्माण कराया गया है? सम्पूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) उक्त दोनों सड़कों में कितने वर्ष तक वारण्टी निर्धारित की गई है? सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण कार्य, एवं छोटी बस्तियों में कनेक्टिविटी के लिये एप्रोच सड़कों का निर्माण भी कराया गया है? सड़कों के मध्यम से वाहनों की रोशनी को कम करने के लिये वृक्षारोपण के लिये जगह छोड़ी गई है, यह सड़कों के निर्माण के अधीन होता है अथवा नहीं? (घ) सड़कों के निर्माण दौरान प्रश्न दिनांक तक कब और क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं? सहित पत्रों पर कब और क्या कार्यवाही किसके द्वारा की गई? बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परफॉर्मेंस गारंटी 5 वर्ष है, अनुबंधानुसार मार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण का प्रावधान नहीं है, जी नहीं, कनेक्टिविटी हेतु प्रावधान है, जी हाँ, अनुबंध के अधीन है। (घ) गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रदूषण एवं अनियमितताएं
[ऊर्जा]
157. ( क्र. 3293 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ पावर प्लांट घँसोर द्वारा जो प्राइवेट कंपनी के द्वारा फ्लाई ऐश निस्तारण कराया जा रहा हैं क्या वह तय नियमानुसार किया जा रहा हैं अथवा नहीं? अवगत करावें। (ख) प्राइवेट कंपनी के द्वारा फ्लाई ऐश क्या तय मानक नियमों के आधार पर चयनित स्थल पर किया जा रहा हैं यदि हाँ तो स्थल के जिओ टेक लोकेशन सम्बन्धी जानकारी से अवगत करावें। (ग) परिवहन करने के दौरान जिन ग्रामीण क्षेत्रों से वाहन के माध्यम से फ्लाई ऐश्ा परिवहन किया जाता हैं क्या वहां प्रदूषण होता है या नहीं यदि होता है तो ग्रामीणों को किस प्रकार की बीमारियां (परेशानियों) होने का खतरा है ओर उन्हें दूर करने के लिए क्या उपाय या प्रयास किये गए हैं या किये जा रहे हैं। अवगत करावें। (घ) झाबुआ पावर प्लांट घँसोर द्वारा प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए किस वर्ष में कितना वृक्षारोपण (संख्या के आधार पर) किया गया है वृक्षारोपण स्थल की समस्त जानकारी उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पर्यावरण विभाग, म.प्र. शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार झाबुआ ताप विद्युत गृह घंसौर द्वारा निजी फर्म के माध्यम से फ्लाई ऐश का निस्तारण, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा फ्लाई ऐश प्रबंधन हेतु जारी अधिसूचना दिनांक 31/12/2021 के अनुसार किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, प्राप्त जानकारी अनुसार झाबुआ ताप विद्युत गृह, घंसौर द्वारा निजी फर्म के माध्यम से फ्लाई ऐश का निस्तारण तय मानक नियमों के आधार पर चयनित स्थलों पर किया जा रहा है। उक्त चयनित स्थलों की जिओ टेग लोकेशन संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्राप्त जानकारी अनुसार फ्लाई ऐश निस्तारण हेतु वाहन के माध्यम से फ्लाई ऐश का परिवहन किए जाने पर किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) झाबुआ ताप विद्युत गृह, घंसौर द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित किए जाने हेतु किए गए वृक्षारोपण की प्राप्त वर्षवार जानकारी (वृक्षारोपण स्थल सहित) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है।
बिना विज्ञापन के कर्मचारियों की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 3305 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय प्रमुख सचिव की जानकारी में मध्यप्रदेश के समस्त नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों में कौन-कौन सी श्रेणी एवं पदनाम के कर्मचारियों की नियुक्तियां बिना किसी विज्ञापन एवं चयन के सीधे संबंधित सक्षम अधिकारी अथवा विभाग प्रमुख द्वारा किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत किए जाने का प्रावधान एवं आदेश विभाग में उपलब्ध है। (ख) नगर निगम रतलाम में वर्तमान में किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत 25 दिवसीय कर्मचारी, 29 दिवसीय कर्मचारी, आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से एवं अंशकालीन कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारी कार्यरत है। उक्त सम्पूर्ण रखे गए कर्मचारियों की किस सक्षम अधिकारियों द्वारा नियुक्तियां की गई हैं। (ग) क्या नगर निगम रतलाम में नियुक्त प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कर्मचारियों को बेगार करने के लिए एवं घरेलू कामों के लिए एवं फर्जी रूप से सिर्फ नाम लिखकर उनके वेतन-भत्ते आहरण किए जा रहे जिसकी कब-कब जांच की गई। (घ) क्या रतलाम नगर निगम में नियुक्त 25 दिवसीय एवं 29 दिवसीय कर्मचारियों को जो घरेलू काम एवं बेगार में लगे हुए हैं। उनको हटाए जाने के आदेश जारी करेंगे। यदि हाँ तो कब तक निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रदेश की समस्त नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों में द्वितीय श्रेणी के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति संबंधी कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग इंदौर एवं तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति संबंधी कार्यवाही म.प्र. कर्मचारी चयन मण्डल भोपाल से करने के निर्देश म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये है। (ख) नगर पालिक निगम रतलाम में 25 दिवसीय एवं 29 दिवसीय पर कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। शासन नियमानुसार आउटसोर्सिंग का ऑनलाईन टेण्डर आमंत्रित कर महापौर जी की स्वीकृति उपरांत आवश्यकता अनुसार कर्मचारी आउटसोर्सिंग से रखे गये है। जिनकी पुष्टि आगामी एम.आई.सी. बैठक में की जानी है। (ग) नगर पालिक निगम, रतलाम में बेगार करने के लिये एवं घरेलू कामों के लिये एवं फर्जी रूप से नाम लिखकर उनके वेतन भत्ते आहरण किये जाने हेतु ऐसे कोई भी कर्मचारी कार्यरत् नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवन चक्कियों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
159. ( क्र. 3306 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत विभागीय रूप से एवं निजी कंपनियों एवं अशासकीय रूप से कहां-कहां पवन चक्कियां किस जिले में कितनी संख्या में स्थापित की गई है, जो वर्तमान में सुचारू रूप से चालू है तथा उक्त पवन चक्कियों से विभाग द्वारा निष्पादित किए गए एमओयू/अनुबंध की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें एवं उक्त पवन चक्कियों से कुल कितने-कितने किलोवाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त पवन चक्की से उत्पादन होने वाली बिजली को किस दर पर विभाग द्वारा क्रय किया जा रहा है या खुले बाजार में उक्त बिजली को बेचा जा रहा है। बतावें। उक्त पवन चक्की स्थापित करने वाली निजी कंपनियों को कितनी सब्सिडी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है। उसकी राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पवन चक्कियों की स्थापना हेतु विभाग द्वारा निजी किसानों/व्यक्तियों/कंपनियों को कितनी-कितनी सब्सिडी प्रदान किये जाने के संबंध में नियम प्रक्रिया निर्धारित है। बतावें एवं उक्त पवन चक्कियों की स्थापना से स्थानीय लोगों एवं किसानों को की जा रही विद्युत आपूर्ति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या यह सत्य है कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में पवन चक्कियों की स्थापना हेतु जमीन में ड्रिल करने पर अथवा पवन चक्की स्थापना हेतु खुदाई करने पर क्या भूमि का जल स्तर खुदाई के दौरान भूमि में की गहराई में क्रेक आने से जल स्तर नीचे चला गया है। यदि हाँ तो इस संबंध में विभाग द्वारा किए गए अध्ययन एवं इस संबंध में तैयार जांच रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या जिला रतलाम के सैलाना, जावरा एवं रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित सभी पवन चक्कियों से होने वाले नुकसान का आंकलन करने एवं उक्त क्षेत्रों में भूमि का जल स्तर और नीचे चले जाने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराएंगे। यदि हाँ तो कब तक, निश्चित समयावधि बतायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत निजी कंपनियों एवं अशासकीय रूप से स्थापित पवन चक्कियों की जिलेवार/क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभाग द्वारा पवन चक्की स्थापित नहीं की जाती। परियोजनाओं की कुल क्षमता 2870.75 मेगावाट है। पवन चक्कियों की स्थापना हेतु विभाग द्वारा मात्र परियोजना पंजीकृत की जाती है व विकासक द्वारा स्थापना एवं संधारण स्वयं किया जाता है। पवन चक्कियों के संचालन संबंधी जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। उक्त पवन चक्कियों की स्थापना हेतु विभाग द्वारा विकासकों से एम.ओ.यू./अनुबंध नहीं किया जाता है। विकासक द्वारा एम.पी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी एवं थर्ड पार्टी से अनुबंध (पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट) किया जाता है। एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा निष्पादित किये गये पवन चक्कियों के ऊर्जा क्रय अनुबंध (PPA) की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, एवं थर्ड पार्टी से किये गये अनुबंध विभाग द्वारा संधारित नहीं किये जाते है। उक्त पवन चक्की स्थापित करने वाली निजी कंपनियों को विभाग द्वारा किसी प्रकार का अनुदान देय नहीं है। म.प्र.नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में प्रावधानित लाभ/प्रोत्साहन दिये जाते है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा उक्त पवन चक्की स्थापित करने वाली निजी कंपनियों को किसी प्रकार का अनुदान देय नहीं है। म.प्र. नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में प्रावधानित लाभ/प्रोत्साहन दिये जाते है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विकासक द्वारा पवन चक्कियों से उत्पादित विद्युत थर्ड पार्टी अथवा मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एम.पी.पी.एम.सी.एल.) को विक्रय की जाती है। स्थानीय किसानों को की जा रही विद्युत आपूर्ति की का पृथक आंकलन परियोजना से ही किया जा सकता है। (ग) जी नहीं। यह सत्य नहीं है कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में पवन चक्कियों की स्थापना हेतु जमीन में ड्रिल करने पर अथवा पवन चक्की स्थापना हेतु खुदाई करने पर भूमि का जल स्तर नीचे चला गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। इस प्रकार का अध्ययन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किये जाने के लिए कोई वैधानिक कारण परिलक्षित नहीं है।
डीटीआर व पीटीआर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
160. ( क्र. 3320 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील बेगमगंज व सिलवानी के ग्रामों व बसाहटों में कितनी-कितनी क्षमता के डी.टी.आर. कुल कितनी संख्या में स्थापित हैं अथवा कितनों की क्षमतावृद्धि की जाना आवश्यक हैं? विवरण दें। (ख) उल्लेखित क्षेत्र में स्थापित सबस्टेशनों/ बिजलीघरों में स्थापित पी.टी.आर. क्या विद्युत खपत की पूर्ण क्षमता से आपूर्ति करते हैं? यदि नहीं तो किन-किन क्षेत्रों में इनकी क्षमतावृद्धि की जाना आवश्यक है? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में डी.टी.आर एवं पी.टी.आर की क्षमतावृद्धि हेतु विभाग की क्या योजना है? विवरण दें। साथ ही यह भी बतावें कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में जले हुये डीटीआर को वर्षा पूर्व बदलने/सुधारने की क्या योजना है? विवरण दें। (घ) क्या गांव-गांव झूल रहे बिजली के तारों व खराब टूटे खंबों को सर्वे कराकर जनहित में सुधार कार्य वर्षा पूर्व विभाग करायेगा ताकि आमजन दुर्घटनाओं से बच सके? इस हेतु कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील के ग्रामों एवं बसाहटों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी क्षमतावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 123 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य किया जाना आवश्यक है, जिस हेतु आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन अंतर्गत निर्धारित नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को कार्य योजना तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में उक्त कार्य योजना की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। उक्त प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। तथापि भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत एवं और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 3.15 एम.व्ही.ए. के 3 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 05 एम.व्ही.ए. में किया जाना प्रस्तावित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त क्षमतावृद्धि के कार्य को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्षमतावृद्धि के कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान है। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जाता है। तद्नुसार वर्तमान स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्रातंर्गत स्थापित 33/11 के.व्ही. के 19 विद्युत उपकेन्द्रों में से 16 उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. के 10 फीडरों में से 7 फीडरों एवं 11 के.व्ही. के 75 फीडरों में से 59 फीडरों के रखरखाव/सुधार कार्य किये जा चुके हैं। उक्त के अतिरिक्त 11 के.व्ही. लाईनों/निम्नदाब लाईनों के 127 क्षतिग्रस्त/टूटे पोलों को मानसून पूर्व बदलने का कार्य किया जा चुका है एवं शेष कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
शासकीय भवनों का अनुरक्षण कार्य
[लोक निर्माण]
161. ( क्र. 3321 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन शासकीय भवनों में संधारण/अनुरक्षण कार्य किए गए हैं? लागत व कार्य का विवरण दें व बतावें कि किन एजेंसियों के द्वारा उक्त कार्य किये गए व कार्यों का भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों में फर्जी मूल्यांकन व बिना कार्य कराये भुगतान करने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (ग) लोक निर्माण विभाग, परियोजना क्रियान्वयन इकाई रायसेन अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रचलित हैं? इनकी लागत व कार्य एजेंसी का विवरण दें। पी.आई.यू. के अधीन कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन हैं और कौन-कौन से कार्य गत वर्ष में पूर्ण किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण और समय-सीमा में कार्यों को पूरा कराने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है।
स्वीकृत 220 के.व्ही. उपकेन्द्र जतारा का कार्य प्रारंभ कराया जाना
[ऊर्जा]
162. ( क्र. 3351 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. ट्रांसमिशन क्र. द्वारा 220 के.व्ही. सबस्टेशन (उपकेन्द्र) निर्माण जतारा जिला टीकमगढ़ कब और कितनी लागत का स्वीकृत किया गया है इसकी कार्य एजेंसी क्या है और इसके लिए कौन-कौन से खसरा नंबर में कितने-कितने रकबा की कहां-कहां कुल कितनी भूमि आवंटित की गई हैं? उपरोक्त कार्य किस अधिकारी/कर्मचारी की देखरेख में होगा? कार्य कुल कितनी लागत का है और कौन-कौन से ठेकेदार द्वारा किस दर पर कार्य प्रारंभ होगा? कृपया सम्पूर्ण अद्यतन जानकारी योजना की छायाप्रतियां सहित प्रदाय करे। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर क्या यह भी सही है कि छतरपुर जिले के ईसानगर में 765 के.व्ही. सबस्टेशन निर्माण का कार्य भी प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त योजना में क्या यह भी प्रस्ताव है कि ईसानगर जिला छतरपुर से एक लाईन 220 के.व्ही. की जतारा जिला टीकमगढ़ आयेगी और फिर यही लाईन पलेरा जिला टीकमगढ़ होकर नौगांव जिला छतरपुर पहुंचेगी? कृपया स्पष्ट एवं सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। क्या यह प्रस्ताव विभाग द्वारा जो बनाया गया है वह सही हैं? इसमें टीकमगढ़ जिले को क्या-क्या लाभ मिलेगा? कृपया सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कब तक उपरोक्त कार्य का भूमि पूजन/शिलान्यास करवाकर कार्य प्रारंभ हो जावेगा एवं कितनी समयावधि में उपरोक्त योजना का सम्पूर्ण कार्य समाप्त हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ जिलान्तर्गत जतारा तहसील में म.प्र.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित 220 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का प्राक्कलन दिनांक 26.06.2023 एवं पुनरीक्षित प्राक्कलन दिनांक 01.05.2024 को स्वीकृत किया गया, जिसकी प्राक्कलित लागत राशि रू. 8723.23 लाख है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य हेतु मेसर्स टेक्समेको टेल एण्ड इंजीनियरिंग लिमिटेड (लीड पार्टनर) एवं मेसर्स स्किपर लिमिटेड (मेंबर पार्टनर) के ज्वाइंट वैंचर को दिनांक 15.03.2024 को कार्यादेश जारी किया गया है। कार्यादेश की दरे कंपनी में लागू एस.ओ.आर. (शैड़यूल ऑफ रेट्स) की दरों से 2.01 प्रतिशत कम हैं। इस विद्युत उपकेन्द्र हेतु कुल 6.25 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिसकी सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। यह कार्य म.प्र.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अति उच्चदाब निर्माण संभाग, सागर में पदस्थ कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता के पर्यवेक्षण में क्रियान्वित किया जाएगा। वर्तमान में विद्युत उपकेन्द्र की बाउंड्री वॉल के निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। उक्त कार्य हेतु जारी कार्यादेश दिनांक 15.03.2024 एवं कार्य की दरे तथा योजना से संबंधित अन्य दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) म.प्र.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा नहीं, अपितु अंतर्राज्यीय पारेषण प्रणाली ईशानगर अंतर्गत ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जो कि मेसर्स इंडीग्रिड-1 लिमिटेड एवं इंडीग्रिड-2 लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली योजना के माध्यम से कार्यादेश जारी किए गए हैं, जिसके तहत छतरपुर जिलान्तर्गत ईशानगर में 765 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना स्वीकृत किया गया है। (ग) प्रस्तावित 220 के.व्ही. उपकेन्द्र जतारा जिला टीकमगढ़ हेतु ईशानगर जिला छतरपुर में एक 220 के.व्ही. विद्युत पारेषण लाइन का निर्माण प्रस्तावित है, इसके अतिरिक्त प्रस्तावित 220 के.व्ही. उपकेन्द्र जतारा से नौगांव जिला छतरपुर तक एक 132 के.व्ही. विद्युत पारेषण लाइन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। यह प्रस्ताव क्षेत्र की पारेषण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु बनाया गया है, जो सही है। इस कार्य में टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर जिलों के अंतर्गत ग्रामों एवं आस-पास के क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी। (घ) उपरोक्त विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश 15.03.2024 को जारी किया गया था। तत्पश्चात लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण उक्त विद्युत उपकेन्द्र का भूमिपूजन/शिलान्यास कार्य कराया जाना संभव नहीं था। उपरोक्त कार्य का विधिवत भूमिपूजन/शिलान्यास शीघ्र कराया जाना प्रस्तावित है। इस कार्य को पूर्ण करने हेतु कार्यादेश दिनांक 15.03.2024 से 18 माह का समय निर्धारित है।
जनहित के कार्य शीघ्र करवाकर रिक्त पद पूर्ति
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 3352 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले, निवाड़ी जिले में आर. डी. एस.एस. योजना अंतर्गत या अन्य कौन-कौन सी मद में ऊर्जा विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि स्वीकृत करके कौन-कौन से नवीन विद्युत अधोसंरचना निर्माण के कार्य वर्तमान में कराए गए हैं? जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जहां 25 के.व्ही. का ट्रांसफार्मर वहां 63 के.व्ही. एवं जहां 63 के.व्ही. का है वहां 100 के.व्ही. का एवं जहां 100 के.व्ही. का है वहां 200 के.व्ही. का ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान कितनी-कितनी संख्या में किया गया है वर्षों से जीर्ण-शीर्ण लगी केबिल कितने ग्रामों की बदलने का कार्य एवं नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कहां-कहां उक्त जिलों में बनाने का काम इस योजना में प्रावधानित किया गया है? इन सभी पर कौन-कौन सी मदों में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है। कृपया जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने भरे है रिक्त है इन जिलों में वर्तमान में आउटसोर्स के कितने कर्मचारी पदस्थ है और वे किस-किस जिले के निवासी है संख्या बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताए कि कब तक जनहित के सम्पूर्ण योजनाओं के कार्य कराने विभाग अतिशीघ्र कार्यवाही करेगा एवं निश्चित समय-सीमा सहित बताए कि कब तक रिक्त पदों को भर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत टीकमगढ़ जिले में अनुमानित राशि रूपये 88.22 करोड़ के कार्य एवं निवाड़ी जिले में अनुमानित राशि रूपये 67.74 करोड़ के कार्य स्वीकृत किये गये है, जिनमें नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण, कैपेसिटर बैंक की स्थापना, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों का विभक्तिकरण, इंटरकनेक्शन, कंडक्टर क्षमता वृद्धि के कार्य, निम्नदाब लाईनों के केबलीकरण तथा केबिल की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन जिलों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वार्षिक कार्य योजना के तहत टीकमगढ़ जिले में राशि रू. 307.83 लाख एवं निवाड़ी जिले में राशि रू. 599.27 लाख के कार्य कराये गये हैं, जिनमें नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 33 के.व्ही. तथा 11 के.व्ही. लाईनों से संबंधित कार्य किये गये हैं। आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों में से पूर्ण किये गये कार्यों एवं वार्षिक कार्य योजना में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजना एवं वार्षिक कार्य योजना में प्रश्नाधीन जिलों में प्रश्नाधीन अवधि में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि से संबंधित प्रावधानित एवं पूर्ण किए गए कार्यों की संख्यात्मक जानकारी, केबिलों के बदलने एवं केबिलों की क्षमतावृद्धि से संबंधित प्रावधानित कार्यों की ग्रामों की संख्यात्मक जानकारी तथा नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थान सहित उक्त कार्यों से संबंधित लागत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित जिलों में विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्तमान में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में क्रमश: 459 एवं 201 बाह्य स्त्रोत कार्मिक, बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के माध्यम से नियोजित किये गये हैं, जिनकी नामवार एवं निवासरत जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत जारी कार्यादेश अनुसार नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य माह दिसंबर-2024 तक, कैपेसिटर बैंक की स्थापना के कार्य माह सितंबर-2024 तक, 33 के.व्ही. लाईनों से संबंधित समस्त कार्य माह दिसंबर-2024 तक एवं 11 के.व्ही. लाईनों तथा निम्नदाब लाईन के केबलीकरण से संबंधित कार्य माह अप्रैल-2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित हैं। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलातंर्गत द्वितीय श्रेणी के कुल 13 पद रिक्त हैं। उक्त पदों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत द्वितीय श्रेणी के मुख्यत: सहायक अभियंता के रिक्त पद पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाते है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पदोन्नति के संबंध में यथा स्थिति बनाये रखने हेतु जारी मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर सीधी भर्ती के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त के अतिरिक्त तृतीय श्रेणी (कनिष्ठ अभियंता के 14 पदों को छोड़कर) एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल 299 पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों के विरूद्ध बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के माध्यम से कार्मिकों का नियोजन कर कार्य निष्पादित कराया जा रहा है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 3513 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2024 तक नगर निगम द्वारा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किस-किस एजेंसी द्वारा कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराया गया है? सड़कवार जानकारी दें। (ख) उक्त सड़कों में से किस-किस सड़कों पर मरम्मतीकरण कब-कब तथा कितना-कितना व्यय किया गया है? सड़कवार जानकारी दें। (ग) वर्तमान में उक्त सड़कों की स्थिति क्या है तथा बारिश से पूर्व उक्त सड़कों पर आवागमन सुगमता से हो सके, विभाग की क्या कार्य योजना है? सड़कवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भोपाल में जल वितरण प्रणाली की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 3516 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में जल वितरण प्रणाली अन्तर्गत किन-किन क्षेत्रों में नर्मदा जल प्रदाय योजना, कोलार पाइप लाइन एवं बड़े तालाब के माध्यम से कितना-कितना जल वितरित किया जाता है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त स्त्रोतों की वर्तमान में कितनी-कितनी मात्रा में जल प्रदाय किये जाने की क्षमता है एवं उसके विरूद्ध कितनी मात्रा में जल प्राप्त जा रहा है? (ग) क्षमता से कम मात्रा में जल लिये जाने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) वर्तमान में शहर की आवश्यकतानुसार जलप्रदाय किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय आवासों के मरम्मत कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
166. ( क्र.
3558 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग संभाग
भोपाल के
उपसंभाग क्र. 03 के
अंतर्गत
कोटरा स्थित
शासकीय
आवासों की मरम्मत/अनुरक्षण
के क्या-क्या
कार्य विगत
तीन वर्षों
में स्वीकृत
किये गए? कार्यवार
विवरण दें व
बतावें कि
कितनी लागत के
किस-किस आवास
में क्या-क्या
कार्य कराये
गये? इनका मूल्यांकन
व भौतिक सत्यापन
जिन
अधिकारियों/कर्मचारियों
द्वारा किया
गया, उनकी
जानकारी देते
हुए उनकी वर्तमान
पदस्थापना
बतावें। (ख) क्या
उक्त अवधि
में पुताई की
निविदा
उपरांत उसके
कार्यों को
बाहरी
दीवारों में
किया जाकर
उपयंत्री
द्वारा फर्जी
मूल्यांकन
कर ठेकेदारों
को भुगतान कर
लाभ पहुंचाया
गया है? बिना
कार्य कराये
भुगतान हेतु
कौन उत्तरदायी
है?
(ग) कोटरा
स्थित शासकीय
आवासों में
कितनी अवधि में
छत पर तारपेट
डालने का नियम
है? गत
तीन वर्षों
में किन-किन
आवासों में
तारपेट डालने
का कार्य किया
गया है? मांग के
बावजूद क्यों
नहीं किया गया? (घ) शासकीय
आवास क्र. H-47 से H-52 तक के
रहवासियों
द्वारा विगत
तीन वर्षों
में क्या-क्या
संधारण कार्य
का अनुरोध
किया गया? विभाग
द्वारा क्या-क्या
कार्य कराया
गया? नहीं तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) लोक
निर्माण
विभाग संभाग
भोपाल के
उपसंभाग क्रमांक-03 के
अतंर्गत
कोटरा स्थित
शासकीय
आवासों की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे प्रपत्र-अ
अनुसार है।
(ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) टारफेल्ट
डालने के नियम पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है।
कोटरा स्थित
टारफेल्ट की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे प्रपत्र-ब
अनुसार है।
उपलब्ध आवंटन
के अनुसार कार्य
करवाया गया है।
(घ) शासकीय
आवास H-47 से H-52 की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे प्रपत्र-स
अनुसार है।