मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
गुरूवार, दिनांक 11 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कटनी
में एन.डी.बी.
योजनांतर्गत
सड़कों का
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 830 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा एन.डी.बी. योजना की सड़कों की जानकारी विषयक कार्यपालन यंत्री संभाग-कटनी को दिनांक 09/03/2019 को लिखित पत्र का सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन के निर्देशानुसार निराकरण नहीं करने और जानकारी प्रदान न करने पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) एन.डी.बी. योजनांतर्गत मुड़वारा विधान सभा में झिंझरी गुलवारा से बिलहरी की ओर एवं केलवारा खुर्द से खरखरी की ओर सड़क कितनी-कितनी लागत से किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किन शर्तों के अध्याधीन बनाई जा रही है और किन शर्तों पर कंसल्टेंसी एजेंसी की किस आदेश से नियुक्ति की गयी है? डी.पी.आर. की प्रति भी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत सड़कों के निर्माण में ठेकेदार कंपनी को किस-किस खनिज की कितनी मात्रा में उत्खनन के कौन-कौन खनि पट्टे की स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब प्रदान की गयी? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के तहत निर्माणाधीन दोनों सड़कों में फर्जी प्राक्कलन, की जा रही अनियमितताओं एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण के कारण शासन स्तर पर तकनीकी जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग कटनी द्वारा वांछित जानकारी दिनांक 22.06.2019 को माननीय विधायक जी को उपलब्ध कराई गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी नहीं, कोई अनियमितता नहीं की जा रही है। अत: जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इच्छावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 1017 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के इच्छावर विधान सभा क्षेत्र के काकरखेड़ा ग्राम के अंतर्गत शासन द्वारा नहर का निर्माण कब किया गया है? (ख) वर्तमान में उक्त कार्य की क्या स्थिति है तथा इसको कितनी समय अवधि में पूरा कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) काकरखेड़ा तालाब की आर.बी.सी. नहर का निर्माण कार्य वर्ष 1981-82 में पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। कार्य पूर्ण एवं अच्छी स्थिति में होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को थ्री-फेज विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 901 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों को थ्री-फेज की विद्युत प्रतिदिन प्रदाय करने के संबंध में सरकार की वर्तमान में क्या नीति है? (ख) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक किसानों को थ्री-फेज की विद्युत प्रतिदिन कितने घण्टे प्रदान की जा रही है? क्या घोषणा अनुरूप दिन के समय कम से कम 8 घण्टे विद्युत प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा किसानों को कृषि फीडरों के माध्यम से थ्री फेज पर प्रतिदिन 10 घंटे (दिन के समय 6 घंटे एवं रात्रि के समय 4 घंटे) विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने की नीति है। (ख) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किसानों को कृषि फीडरों के माध्यम से थ्री फेज पर औसतन 9 घंटे 54 मिनट प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया गया है। वर्तमान में विद्युत प्रणाली के भार प्रबंधन एवं तकनीकी बाध्यता को दृष्टिगत रखते हुए कृषि फीडरों को दो समूहों में विभक्त कर पाक्षिक रूप से किसानों को बारी-बारी से दिन के समय में 08 घंटे थ्री फेज पर विद्युत प्रदाय करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
प्रदेश में विद्युत कटौती
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 825 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पर्याप्त बिजली होने के बावजूद भी लगातार बिजली कट रही है, इस अनियमितता के क्या कारण हैं? ऊर्जा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विद्युत लाईनों के रख-रखाव हेतु किस-किस माह में मेन्टेनेंस किया जाता है? क्या प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सही समय पर मेन्टेनेंस का कार्य पूरे प्रदेश में समय पर पूरा हुआ है? यदि हाँ, तो लगातार बिजली कटने के क्या कारण हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? (ख) क्या "मध्यप्रदेश युनाईटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स" ने विभाग को लगातार बिजली कटौती की असली वजह इस वर्ष आउटसोर्स अधिकारी एवं कर्मचारियों की भारी कमी तथा समय पर मेन्टेनेंस नहीं होना बताया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती हेतु गत 6 माह में प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया? क्या निलंबन के पश्चात् निलंबित कर्मचारियों के क्षेत्र में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चल रहा है? यदि नहीं, तो निलंबन के क्या कारण हैं? (घ) प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की पूर्ति हेतु इंदौर एवं उज्जैन संभाग में किस-किस आउटसोर्स कर्मियों के ठेकेदारों को कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या कार्य सौंपा? क्या ठेकेदार के सभी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? इसकी जाँच गत 6 माह में कब-कब की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में मांग के अनुरूप पर्याप्त विद्युत उपलब्धता है। राज्य शासन की मंशानुसार अपरिहार्य स्थितियों यथा-प्राकृतिक आपदा एवं अन्य तकनीकी कारणों से उत्पन्न आकस्मिक अवरोधों के कारण हुए विद्युत व्यवधानों एवं सुनियोजित ढंग से शटडाउन लेकर किये जा रहे मेन्टेनेंस कार्यों को छोड़कर गैर कृषि उपभोक्ताओं को औसतन 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को औसतन 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में कोई भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है, अतः अनियमितता का प्रश्न नहीं उठता। प्रदेश में प्रतिवर्ष निर्बाध विद्युत प्रदाय करने हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, विद्युत लाईनों एवं अन्य विद्युत उपकरणों के रख-रखाव का कार्य मानसून के पूर्व (माह अप्रैल से माह जून अथवा मानसून आने तक) एवं मानसून समाप्त होने के उपरांत माह अक्टूबर-नवम्बर (त्यौहारों के पूर्व तक) में किया जाता है। इस वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान एवं अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारु रुप से चलाने हेतु प्री-मानसून मेन्टेनेंस का कार्य निर्धारित समयावधि में अतिआवश्यक होने पर ही किया गया है एवं आवश्यकतानुसार वर्तमान में भी उक्त मेन्टेनेंस का कार्य चल रहा है। प्रदेश में कहीं भी अघोषित बिजली कटौती नहीं की गई है, तथापि कतिपय प्रकरणों में असामाजिक तत्वों द्वारा विद्युत लाईनों से छेड़छाड़ करने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ है तथा ऐसे प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) ''मध्यप्रदेश युनाईटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स” द्वारा राज्य शासन से विद्युत व्यवस्था के संबंध में कई पत्राचार किये गए हैं। उक्त पत्राचार में सारत: यह उल्लेख किया गया है कि ''विद्युत की कटौती की न तो कोई राज्य शासन की योजना है एवं न ही विद्युत कंपनियों द्वारा कहीं पर विद्युत कटौती की जा रही है, लेकिन सामान्य ट्रिपिंग, तकनीकी ब्रेकडाउन/फाल्ट एवं पूर्व निर्धारित शटडाउन होने पर विद्युत सप्लाई बंद होने को कटौती कहकर प्रचारित किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।'' (ग) प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती हेतु विगत 6 माह से प्रश्न दिनांक तक किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को निलंबित नहीं किया गया है, अपितु प्रदेश में निर्बाध विद्युत प्रदाय बनाये रखने में बरती गई लापरवाही एवं कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण कतिपय अधिकारियों/ कर्मचारियों का निलंबन किया गया है। उक्त निलंबन पश्चात निलंबित अधिकारियों/कर्मचारियों के क्षेत्र में अपरिहार्य स्थितियों से उत्पन्न आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर विद्युत प्रदाय सुचारू रुप से किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत राजस्व संभाग इंदौर एवं उज्जैन में विद्युत कर्मचारियों की पूर्ति हेतु ऑउटसोर्स कर्मियों के निविदाकारों (ठेकेदारों) से उपलब्ध कराये गये मेनपॉवर (अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल) से विद्युत आपूर्ति हेतु विभिन्न कार्य यथा-कार्यालयीन कार्य, तकनीकी कार्य आदि विभिन्न स्थानों पर सम्पादित कराये जा रहे हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। निविदा अनुबंध की शर्तों में उल्लेखित अर्हताओं/शैक्षणिक योग्यता के अनुसार ही निविदाकारों द्वारा मेनपॉवर उपलब्ध करवाया गया है, अत: जाँच का प्रश्न नहीं उठता।
ग्रेसिम उद्योग पर कार्यवाही
[श्रम]
5. ( *क्र. 1061 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 3990 दिनांक 14.03.18 के पुस्तकालय परिशिष्ट-1 में वर्णित प्रकरण क्र. 977/1/एवं 5436/12 में कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक को मा. सी.जे.एम. न्यायालय द्वारा फरार घोषित किए जाने पर विभाग ने इनकी गिरफ्तारी के लिए क्या व कब कार्यवाही की? समस्त कार्यवाही की छायाप्रति देवें। (ख) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं। इसके उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें। इस अवधि के समस्त अधिकारियों के नाम देवें। (ग) उपरोक्तानुसार इन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्न में वर्णित प्रकरण क्रमांक 977/11 एवं 5436/12 में कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक को माननीय सी.जे.एम. न्यायालय, उज्जैन द्वारा फरार घोषित किया गया। इस प्रकरण में अनुवर्ती कार्यवाही जैसे गिरफ्तारी आदि की कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा ही की जाना है किसी अन्य विभाग द्वारा नहीं। कार्यवाही के संबंध में गृह विभाग से जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) विभाग द्वारा कारखाना अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध माननीय सी.जे.एम. न्यायालय उज्जैन में प्रकरण दर्ज किया गया था, जो कि वर्तमान में न्यायालय में लंबित है। विभाग स्तर पर उपरोक्त प्रकरणों में कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। शेष कार्यवाही के संबंध में गृह विभाग से जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) कार्यवाही के संबंध में गृह विभाग से जानकारी एकत्र की जा रही है।
बाजना फोरलेन निर्माण में अनियमितता की जाँच
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 962 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 544 दिनांक 21.2.19 के संदर्भ में बतावें कि उत्तर दिनांक तक अनुबंध की शर्तों अनुसार कितने दिन का विलंब अभी तक हुआ? पेनाल्टी किस अनुसार वसूली जाना है? अभी तक ठेकेदार को किस-किस दिनांक को कितना भुगतान किया गया। (ख) क्या उपरोक्त प्रश्न के साथ दी गई D.P.R. तथा सूचना के अधिकार के तहत अजय कुमार चत्तर को पत्र क्र.42/सूअधि/स/2017-18 दिनांक 15.1.18 को दी गई D.P.R. भिन्न-भिन्न है। विधान सभा प्रश्नों के माध्यम से प्राप्त D.P.R. में कुल लागत रूपये 1004.75 लाख तथा दूसरी D.P.R. में रूपये 1747.06 लाख है। यदि हाँ, तो प्रश्न 544 के उत्तर में इसका उल्लेख क्यों नहीं है? (ग) क्या एक D.P.R. में सड़क की चौड़ाई 20.3 मीटर तथा दूसरी D.P.R. में 31.7 मीटर है, यदि यह सही है तो भ्रामक D.P.R. बनाना क्या अपराध की श्रेणी में नहीं है? क्या 18 करोड़ का भ्रष्टाचार किया जा रहा है? क्या विभाग किसी अधिकारी को जाँच हेतु नियुक्त करेगा? (घ) क्या फोरलेन के प्रारंभिक बिन्दु बाजना बस स्टैण्ड से 1/2 कि.मी. पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज है? यदि हाँ, तो इसका D.P.R. में उल्लेख न कर असत्य रूप से उस बस स्टैण्ड का उल्लेख किया गया जो 16 साल पहले ही अन्य स्थान पर चला गया? यदि हाँ, तो इस सड़क के निर्माण में हो रही अनियमितता की जाँच कराई जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) अद्यतन 11 माह 02 दिवस का विलंब हुआ है। अनुबंध की कंडिका 15 के अनुसार कॉन्ट्रेक्ट डाटा शीट के अनुलग्नक पी अनुसार 0.05 प्रतिशत प्रतिदिन एवं अधिकतम 10 प्रतिशत शास्ति का प्रावधान है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। रूपये 1747.06 लाख की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु प्रेषित नहीं की गई थी, अत: विधान सभा प्रश्न क्रमांक-544 में इसका उल्लेख नहीं किया गया। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, अत: जाँच की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी हाँ, रेल्वे ओव्हर ब्रिज मार्ग के कि.मी. 1/6 में स्थित है। जिसका निर्माण सेतु परिक्षेत्र से किया जाना था, इसलिए रतलाम संभाग (भवन/पथ) द्वारा बनाई गई डी.पी.आर. में आर.ओ.बी. का उल्लेख नहीं किया गया। मार्ग के प्रारंभिक भाग में पूर्व में बाजना बस स्टैण्ड स्थित था, जो कालान्तर में अन्यत्र स्थानांतरित हो गया है, किन्तु उस स्थान का नाम वर्तमान में भी बोलचाल में बाजना बस स्टैण्ड के नाम से प्रचलन में है। जाँच की आवश्यकता नहीं है।
विदिशा जिले में खेल मैदान/स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
7. ( *क्र. 862 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विदिशा जिले के किन-किन ग्रामों/शहारों में राज्य सरकार अथवा भारत सरकार के सहयोग से खेल मैदान, स्टेडियम या अन्य खेल सुविधायें बनाई अथवा दी जा रही हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले के सिरोंज नगर में विभाग द्वारा खेल स्टेडियम का निर्माण कराया गया? यदि हाँ, तो इसके निर्माण लागत एवं निर्माण एजेन्सी कौन सी थी? निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या निर्माण एजेन्सी ने उक्त परिसर विभाग को हस्तांतरित कर दिया है? यदि हाँ, तो हस्तांतरण की तिथि बतावें। यदि नहीं, तो दोषी कौन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सिरोंज में बन रहे खेल परिसर विस्तार एवं स्टेडियम के रूप में परिवर्तित करने हेतु विभाग को पाँच वर्ष पूर्व प्रस्ताव प्राप्त हुआ था? क्या विभाग के द्वारा उसे स्वीकृत किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस वित्तीय वर्ष में उसे स्वीकृत किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, सिरोंज नगर में स्टेडियम निर्माण हेतु शासन आदेश क्रमांक एफ-2-7/2013/नौ दिनांक 05.03.2013 द्वारा राशि रू. 166.31 लाख की संशोधित स्वीकृति दी गई है। जिस पर रू. 56.50 लाख का व्यय किया गया है। निर्माण एजेंसी कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग विदिशा है। स्टेडियम निर्माणाधीन होने से निर्माण एजेंसी द्वारा विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है। शेषांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीला बांध में पानी की पर्याप्तता
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 1058 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के बंडा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2010-2011 से योजना पूर्ण होने तक बीला बांध में पर्याप्त पानी सुनिश्चित करने के लिए पोषक नहर योजना पर कितना व्यय कब-कब किया गया? इसके लिए किन फर्मों, एजेंसियों, व्यक्तियों, विभागों को कितना भुगतान किन कार्यों के लिए किया गया? की जानकारी नाम, राशि, भुगतान दिनांक सहित बतायें। (ख) इस नहर निर्माण से प्रश्न दिनांक तक बांध में प्रतिवर्ष 31 मार्च को पानी की मात्रा वर्षानुसार बतावें। नहर निर्माण के तीन वर्ष पूर्व की स्थिति भी प्रति वर्षानुसार बतावें। (ग) क्या पोषक नहर की डिजाइन में परिवर्तन कर इसे उपयोगी बनाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जल संसाधनों का प्रबंधन
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 476 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु पिछले 10 वर्ष में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों/नीति का ब्यौरा दें। आगामी समय में पर्याप्त जल उपलब्धता हेतु सरकार की क्या रणनीति है? (ख) जल संरक्षण के लिए 'रिज टू वैली' अवधारणा पर आधारित जल संरक्षण प्रयासों पर पिछले 10 वर्षों में क्या कार्य किये गये? (ग) जल संरक्षण की प्रभावी रणनीति तैयार करने की दिशा में सरकार क्या करने जा रही है? (घ) जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदेश का बड़ा हिस्सा सूखे और बंजर होने के खतरे से जूझ रहा है? यदि पूर्व में कोई कार्ययोजना तैयार की गयी थी, तो उसकी क्या प्रगति थी? जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को जल संरक्षण के माध्यम से सरकार क्या कार्ययोजना अपनाने जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 399 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 जून, 2019 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संभाग में कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर कब से जले/खराब हैं? उनको अभी तक क्यों नहीं बदला गया? कब तक बदल दिये जायेंगे? (ख) जिला रायसेन में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ क्यों है? ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य क्यों नहीं किया गया? विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना में जून 2019 की स्थिति में कितने किसानों के ट्रांसफार्मर रखवाया जाना शेष हैं? कब तक रखवायेंगे? (घ) जून 2019 की स्थिति में जिला रायसेन में किन-किन ग्राम/मजरों-टोलों के विद्युतीकरण के कार्य शेष हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 10 जून, 2019 की स्थिति में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन एवं बरेली संभागों में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) जिला रायसेन में वर्तमान में 48 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है। उक्त कार्य हेतु पूर्व में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वॉटर एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड को, एच.व्ही.डी.एस. योजना के अंतर्गत मेसर्स फेडर्स लॉयड कार्पोरेशन लिमिटेड को तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत मेसर्स डी.व्ही. पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को अवार्ड जारी किये गये थे। मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वॉटर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स फेडर्स लॉयड कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उन्हें जारी अवार्ड निरस्त किये जाने एवं मेसर्स डी.व्ही. पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कार्यों में वित्तीय प्रावधान शेष नहीं रहने के कारण, कार्य पूर्ण नहीं कराये जा सके। म.प्र. मध्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल वॉटर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड एवं मेसर्स फेडर्स लॉयड कार्पोरेशन लिमिटेड के विरूद्ध विलंब के लिये लिक्विडेटेड डैमेज की राशि पेनल्टी स्वरूप काटे जाने, अग्रिम राशि पर ब्याज की वसूली किये जाने तथा बैंक गारंटी जब्त करने की कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, वर्तमान में उक्त शेष 48 फीडरों में से 20 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया जा रहा है तथा शेष 28 फीडरों के कार्यों के लिए किसी भी योजना में वित्तीय प्रावधान उपलब्ध नहीं है, वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण के 39 अपूर्ण एवं 9 अप्रारंभ कार्य हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' एवं ''ब-2'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 853 किसानों के कृषि पम्प कनेक्शन हेतु ट्रांसफार्मर रखवाया जाना शेष है जिन्हें योजनान्तर्गत निहित प्रावधानों के अनुसार अधिकतम 6 माह की अवधि में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) 20 जून, 2019 की स्थिति में जिला रायसेन में कोई भी ग्राम/मजरा/टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है, तथापि आवश्यकतानुसार ग्रामों/मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण का कार्य नए घरों के निर्माण/ विद्युत भार बढ़ने पर प्रणाली सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता आदि के दृष्टिगत सतत् रूप से किया जाता है।
जिला टीकमगढ़ में घटित विद्युत दुर्घटनाएं
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 1028 ) श्री राकेश गिरि : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक हुई विद्युत दुर्घटनाओं की वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें एवं पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता की राशि सहित विवरण देवें। (ख) उक्त में सबसे अधिक दुर्घटनायें किस वितरण केन्द्र में घटित हुईं? प्रभारी अधिकारी का नाम एवं पद देवें तथा संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त समयावधि में आउटसोर्स श्रमिकों की चालू लाइन में कार्य के दौरान विद्युत दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो वर्षवार विवरण देवें तथा दुर्घटनाओं के समय उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची देवें। (घ) ऐसी गंभीर प्रकृति की विद्युत दुर्घटनाओं में क्या संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2016-17 से दिनांक 19.06.2019 तक हुई विद्युत दुर्घटनाओं में पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता की राशि की जानकारी सहित वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में सबसे अधिक दुर्घटनायें टीकमगढ़ (ग्रामीण) वितरण केन्द्र के क्षेत्रांतर्गत घटित हुईं हैं। उक्त वितरण केन्द्र के प्रभारी अधिकारी अप्रैल, 2016 से दिनांक 21.10.2016 तक श्री कृष्णा माहौर, सहायक अभियंता रहे तथा वर्तमान में दिनांक 03.10.2016 श्री नितिन बाथम, सहायक अभियंता (संविदा) पदस्थ हैं। प्रकरण से संबंधित प्रथम दृष्ट्या दोषी कर्मचारी श्री बालकिशन रैकवार, वरिष्ठ लाईन सहायक का स्थानांतरण कर आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच की जा रही है। जाँच के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन अवधि में चालू विद्युत लाईन पर कार्य करते समय दिनांक 10.08.18 को श्रमिक स्व. श्री घनश्याम वल्द श्री फुंदी अहिरवार आउटसोर्स कर्मचारी, ग्राम माडूमर की मृत्यु हुई है, जिनके आश्रितों को नियमानुसार सहायता राशि रू. 4,00,000/- (चार लाख रुपये) प्रदान कर दी गई है। इस दुर्घटना के समय उपस्थित कार्मिकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रथम दृष्ट्या श्री बालकिशन रैकवार, वरिष्ठ लाईन सहायक को आरोप पत्र जारी किया गया है। जाँच के उपरांत निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त घटना में प्रथम दृष्ट्या कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है।
भेल महाविद्यालय के भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
12. ( *क्र. 766 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र स्थित भेल महाविद्यालय के किराये के रूप में मासिक/वार्षिक कितनी-कितनी राशि भेल प्रबंधन को भुगतान की जाती है? वर्षवार जानकारी दी जाए। (ख) भेल महाविद्यालय में वर्तमान में किन-किन संकायों में कितने-कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? पृथक-पृथक संख्या बताई जाए। (ग) भेल महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है एवं महाविद्यालय का भवन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र स्थित शासकीय महाविद्यालय, भेल, भोपाल वर्तमान में भेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये भवन में संचालित है, जिसके विगत तीन वर्षों के किराये के भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महाविद्यालय में वर्तमान में कला, वाणिज्य और विज्ञान तीनों संकायों में शिक्षा दी जा रही है। सत्र 2018-19 की छात्र-छात्राओं की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत भेल महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 650.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। अनुबंध अनुसार अप्रैल 2020 तक भवन निर्माण का कार्य पूर्ण होने का प्रावधान है।
मण्डी निधि से निर्मित सड़कों की स्थिति
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 120 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत मण्डी निधि से योजना प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कें निर्मित हैं? सड़क का नाम, राशि, निर्माण कार्य का वर्ष, सड़क मरम्मत की अवधि एवं वर्तमान में सड़क की भौतिक स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मण्डी निधि से निर्मित सड़कों की समय-सीमा खत्म होने पर अथवा समय-सीमा खत्म होने के पूर्व ही खराब होने पर मरम्मत अथवा रिनोवेशन कराये जाने का क्या प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) सड़कों का कब तक रिनोवेशन/पेंच वर्क कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि मण्डी निधि से निर्मित सड़कों के पेंचवर्क/रिनोवेशन कराये जाने का प्रावधान नहीं है, तो क्या उक्त सड़कों का विभाग द्वारा अधिग्रहण करके पुनः डी.पी.आर. तैयार कर निर्माण कराया जावेगा? जिससे कि जिस उद्देश्य से मण्डी निधि से सड़क निर्माण करायी गई थी उस उद्देश्य की पूर्ति हो सके? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समय-सीमा खत्म होने पर आवश्यकता अनुसार नवीनीकरण कार्य तथा समय-सीमा खत्म होने के पूर्व (परफॉरमेंस गारंटी के अंतर्गत) मरम्मत कार्य कराये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मण्डी निधि से निर्मित सड़कों की स्थिति संतोषजनक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एस.एस.ए. कॉलेज सिहोरा में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
14. ( *क्र. 930 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिये कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? पदवार सूची उपलब्ध करायें तथा यह भी बतायें कि स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? पदस्थापना आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) छात्रावास में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया? कब तक बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण करा दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) महाविद्यालय में नवीन कन्या छात्रावास के लिये सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण कोई भी पद स्वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय महाविद्यालय, सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास की बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति की राशि रूपये 16.63 लाख का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति की सूची में शामिल किया गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रीवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 915 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा शहर के मास्टर प्लान की महत्वपूर्ण सड़क स्टेडियम तिराहे से सैनिक स्कूल होते हुए मंडी पहुंच मार्ग व रीवा विधान सभा क्षेत्र की सड़कों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मास्टर प्लान की मुख्य सड़क स्टेडियम तिराहे से सैनिक स्कूल होते हुए मंडी तक 2.25 कि.मी. का कार्य बजट में शामिल होने के बावजूद निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ, जबकि सैनिक स्कूल की जमीन सड़क निर्माण के लिए देने हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, स्टेडियम तिराहे से सैनिक स्कूल होते हुए मंडी पहुंच मार्ग का निर्माण, उपलब्ध भू-भाग लंबाई 0.70 कि.मी. में पूर्ण हो चुका है। शेष लंबाई में भू-अर्जन हेतु मुआवजे राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रश्नांश की शेष सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। मार्ग की स्वीकृत लम्बाई 2.25 कि.मी. में से 1.55 कि.मी. का भाग रक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के अधिपत्य की भूमि भाग की सैद्धांतिक स्वीकृति दिनांक 01.08.2018 को प्राप्त है। हस्तांतरण की शर्त 'सी' में समस्त भू-अर्जन की राशि के भुगतान पश्चात भूमि हस्तान्तरित की जावेगी।
धरमकुंडी से इटारसी सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 1084 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमकुंडी से इटारसी (व्हाया तीखड़-जमानी) रोड कब स्वीकृत हुआ था? उक्त सड़क की निर्माणाधीन राशि क्या थी? (ख) टेंडर के अनुसार सड़क निर्माण की अवधि क्या थी? (ग) निर्माणाधीन सड़क पर कितने स्थानों पर पुल-पुलिया बनना था? वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है? (घ) क्या समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने पर जिम्मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गई? कब तक निर्माण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 27.03.2015 को राशि रूपये 4998.00 लाख है। (ख) अनुबंध अनुसार अवधि दिनांक 28.06.2018 तक थी जिसकी समयवृद्धि दिनांक 30.06.2019 तक बढ़ाई गई थी। (ग) 52 स्थानों पर पुल-पुलियां बनना है, वर्तमान में 37 नग पुल-पुलियों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (घ) समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के कारण ठेकेदार को दिनांक 12.10.2018 को ब्लैक लिस्ट किया गया है। दिनांक 31.12.2019 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
खण्डवा-मूंदी-नर्मदानगर सड़क मार्ग की निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 678 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा मूंदी नर्मदानगर सड़क मार्ग का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किस वर्ष में किया गया था? इसकी निर्माण लागत क्या थी एवं इसके रख-रखाव की शर्तें क्या थीं? (ख) वर्तमान में इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से यात्री वाहनों एवं दो पहिया वाहनों क्षतिग्रस्त/दुर्घटनाग्रस्त होने वाली जनहानि के लिए कौन जिम्मेदार है? इस मार्ग की मरम्मत विभाग द्वारा क्या वर्षा के पूर्व की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) इस मार्ग के रख-रखाव की जिम्मेदारी किस विभाग की है? क्या उनके द्वारा अपने विभागीय कर्तव्यों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण की शर्तों का उल्लंघन करने पर उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इस मार्ग का रिन्यूवल कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ड.) सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क के दोनों और खनिज विभाग की अनुमति के बगैर गहरी खाई खोदकर सड़क को ऊँचा किया गया है जिससे लोग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। विभाग द्वारा उक्त एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) खण्डवा जावर मूंदी (मु.जि.मा. लं. 32.60 कि.मी.) मार्ग का निर्माण कार्य मेसर्स तोमर बिल्डर्स एवं कॉन्ट्रेक्टर प्रा.लि. ग्वालियर द्वारा वर्ष 2013-14 में किया गया था, इसकी निर्माण लागत राशि रूपये 219722859/- थी एवं ठेकेदार को कार्य पूर्णता की तिथि 15.05.2013 से 1 वर्ष दिनांक 14.05.2014 तक रख-रखाव किये जाने की शर्त थी। (ख) भारत सरकार द्वारा उक्त मार्ग को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये जाने हेतु अनुमोदित किया गया। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा मरम्मत किये जाने का निर्णय किया गया। अत: कोई जिम्मेदार नहीं है। वर्तमान में म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा मरम्मत कार्य स्वीकृत किया गया है, मरम्मत सतत् प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) मार्ग के रख-रखाव की जिम्मेदारी वर्तमान में म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड की है। जी हाँ। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्माण एजेन्सी द्वारा सड़क निर्माण की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: उसके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। चूंकि मार्ग सैद्धांतिक तौर पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग की सूची में शामिल है अत: रिन्यूवल किया जाना विचाराधीन नहीं है। (ड.) जी नहीं, सड़क निर्माण एजेन्सी द्वारा मार्ग निर्माण हेतु निर्धारित प्रोफाइल के लिये रोड कटिंग, नाली कटिंग एवं स्ट्रक्चर हेतु की गई खुदाई आदि से प्राप्त मिट्टी से निर्धारित प्रोफाइल में एम्बैकमेंट एवं सबग्रेड का कार्य किया गया है। उक्त खुदाई के लिये खनिज विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। मई 2013 से प्रश्न दिनांक तक मार्ग की ऊँचाई (प्रोफाइल) के कारण उक्त मार्ग पर कोई दुर्घटना नहीं हुई है। अत: उक्त एजेन्सी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राही
[श्रम]
18. ( *क्र. 589 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत कुल कितने पंजीयन कार्डधारी हैं? क्या वर्तमान में शेष रह गये हितग्राहियों का पंजीयन रोक दिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा कब तक प्रारंभ कर दिये जायेंगे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनान्तर्गत पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के लाभ से वंचित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यदि नहीं, तो योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना में क्या-क्या लाभ दिये गये हैं?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अन्तर्गत कुल 58978 पंजीकृत कार्डधारी श्रमिक हैं। जी नहीं, आदर्श आचार संहिता के कारण नवीन पंजीयन पर रोक लगाई गई थी। पूर्व में जारी पंजीयन आधार सीडेड एवं मोबाईल नं. से लिंक नहीं था अत: आधार सीडेड एवं मोबाईल नं. से युक्त पंजीयन की कार्यवाही प्रारंभ किये जाने के निर्देश सभी पदाभिहित अधिकारियों को किये जा चुके हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में संचालित सौर ऊर्जा कंपनियाँ
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
19. ( *क्र. 853 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा में क्षेत्र स्थित सौर ऊर्जा कम्पनियों के नाम, उनके कम्पनी संचालक के नाम सहित देवें। (ख) कम्पनियों द्वारा रखे गये या नियुक्त किये गये कर्मचारियों एवं अधिकारियों के नाम एवं निवास स्थान की जानकारी देवें। (ग) मेन्टेनेन्स का कार्य क्षेत्रीय व्यक्तियों के माध्यम से या बाहरी व्यक्तियों से कराया जा रहा है? (घ) उपरोक्त कम्पनियों द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु कितनी-कितनी राशि दी गई?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र स्थित सौर ऊर्जा कम्पनियों के नाम व उनके कम्पनी संचालक के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कम्पनियों द्वारा नियुक्त किये गये कर्मचारियों एवं अधिकारियों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निवास की जानकारी संबंधित कम्पनियों के पास है। (ग) संबंधित निविदाकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) कम्पनियों द्वारा क्षेत्र के विकास हेतु खर्च की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पोहरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युतविहीन ग्राम/बस्तियां
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 892 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोहरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त आबाद ग्राम बस्तियां, मजरा-टोला अनुसूचित जाति एवं अनु. जनजाति बस्तियां क्षेत्र विद्युतीकृत हैं? यदि नहीं, तो जून 2019 की स्थिति में उक्त में से कौन-कौन अविद्युतीकरण हैं? विद्युतीकरण कब तक किया जाएगा? (ख) पोहरी विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से ग्राम, बस्तियां, मजरा, टोला, अनुसूचित जाति बस्ती, अनुसूचित जनजाति बस्ती है जो मार्च 2019 की स्थिति में विद्युतीकृत नहीं थे? इन्हें विद्युतीकृत कब तक कर लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जनगणना पुस्तिका 2011 के अनुसार पोहरी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल 386 आबाद ग्राम हैं तथा उक्त सभी ग्राम विद्युतीकृत हैं। उक्त ग्रामों में 54 मजरा/टोला, 09 अनुसूचित जाति बस्ती एवं 14 अनुसूचित जनजाति बस्तियां सम्मिलित हैं, जो कि सभी विद्युतीकृत हैं। उक्तानुसार वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण हेतु कोई भी ग्राम/ मजरा/टोला अनुसूचित जाति बस्ती/अनुसूचित जनजाति बस्ती शेष नहीं है। (ख) मार्च, 2019 की स्थिति में पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी ग्राम/मजरा/टोला/अनुसूचित जाति बस्ती/ अनुसूचित जनजाति बस्ती विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं थे।
चन्दला विधान सभा क्षेत्रातंर्गत क्रेशर/ग्रेनाईट खदानों का संचालन
[पर्यावरण]
21. ( *क्र. 1021 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्रेशर एवं ग्रेनाईट खदानों में पर्यावरण संरक्षण हेतु शासन द्वारा क्या नियम बनाए गये हैं? छरतपुर जिले के चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कितने क्रेशर एवं ग्रेनाईट खदानों का संचालन हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जिले स्थित संचालित खदानों में बनाए गए नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्तमान में संचालित ऐसी खदानों की सूची उपलब्ध करायी जाए। यदि नहीं, तो नियमों का उल्लंघन करने वाले खदान मालिकों के विरूद्ध विगत 5 वर्षों में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नियमों का उल्लंघन करने वाले खदान मालिकों पर यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी तथा पर्यावरण संरक्षण का पालन कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारत शासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 बनाये गये हैं, जो क्रेशर एवं ग्रेनाईट खदानों पर भी लागू होते हैं। इन अधिनियमों की धारा क्रमशः 25/26 एवं 21 में खदानों के संचालन हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति प्राप्त करना अनिवार्य है। छतरपुर जिले के चंदला विधान सभा क्षेत्र में 32 क्रेशर खदानें एवं 19 ग्रेनाईट खदानें संचालित हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रान्तीय स्तरीय ओलंपिक का आयोजन
[खेल और युवा कल्याण]
22. ( *क्र. 711 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रान्तीय स्तरीय ओलंपिक का आयोजन म.प्र. में कब से किया जावेगा? (ख) विक्रम आवार्डी जिनको सरकारी नौकरी नहीं मिली है, क्या उनको शासन द्वारा प्रतिमाह सहयोग निधि देने का कोई प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्रतिमाह दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत विक्रम आवार्डी की संख्या कितनी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रान्तीय स्तरीय ओलंपिक खेलों के आयोजन की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) विक्रम अवार्डी जिनको सरकारी नौकरी नहीं मिली है, उनको शासन द्वारा प्रतिमाह सहयोग निधि देने का कोई प्रावाधन वर्तमान में नहीं है। (ग) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 17.06.2009 के पालन में विक्रम अवॉर्ड प्राप्त खिलाडियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया जाता है तथा उनके द्वारा शासकीय नौकरी हेतु आवेदन करने पर उन्हें नौकरी दी जाती है। म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के संदर्भ में अभी तक 108 विक्रम पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया तथा उनमें से 80 खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी प्रदान कर दी गई है, शेष 28 खिलाड़ियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत न करने के कारण शासकीय नौकरी प्रदान नहीं की गई है।
रीवा संभाग में पर्यावरणीय जन सुनवाई का आयोजन
[पर्यावरण]
23. ( *क्र. 1035 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक रीवा संभाग में खनि पट्टों को देने की प्रक्रिया किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार की, कितने हेक्टेयर की लीज किस-किस को देने हेतु पर्यावरण विभाग द्वारा जन सुनवाई की गई? माहवार/वर्षवार/स्थानवार लीज का एरिया एवं मिनरलवार/लीज आवंटी के नामवार/जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पर्यावरणीय जन सुनवाई में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक प्रत्येक जन सुनवाई में प्रकरणवार क्या-क्या निष्कर्ष आये? विभाग ने प्रकरणवार क्या-क्या प्रतिवेदन तैयार कर खनिज विभाग को/या अन्य को दिया, का प्रत्येक जन सुनवाईवार सभी प्रतिवेदनों की अलग-अलग एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) क्या पर्यावरणीय जन सुनवाईयों में जिन-जिन लोगों ने विरोध किया उनकी बात भी अपने प्रतिवेदनों में विभाग में दर्ज की? अगर हाँ तो कहाँ-कहाँ? प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार जो विरोध हुआ उसका किस-किस प्रतिवेदन में उल्लेख है? प्रकरणवार/माहवार/वर्षवार/जिलेवार एक-एक प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार हुई जन सुनवाईयों में किस-किस विभाग के किस नाम/पदनाम के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे? जानकारी माहवार/वर्षवार/ प्रकरणवार/सुनवाईवार/जिलेवार दें। किस-किस विभाग के अधिकारी अनुपस्थित थे? जानकारी माहवार/ वर्षवार/प्रकरणवार/सुनवाईवार/जिलेवार दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जारी ई.आई.ए. नोटिफिकेशन, 2006 के प्रावधानों अनुसार पर्यावरणीय स्वीकृति के प्रकरणों में जन सुनवाई आयोजित किये जाने का प्रावधान है। तत्संबंध में रीवा संभाग में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नाधीन अवधि तक आयोजित जन सुनवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जन सुनवाई का कार्यवाही विवरण जन सुनवाई के दौरान प्राप्त लिखित/मौखिक आपत्तियों/टीका टिप्पणियों इत्यादि के ब्यौरे सहित भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली या उनके अधीनस्थ राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण को भेजा जाता है एवं उनके द्वारा ही पर्यावरणीय स्वीकृति संबंधी निर्णय लिया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम-7 अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि का भुगतान
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 812 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में शुजालपुर शहर से लसुल्डिया हेजम तक का सड़क निर्माण कार्य कब पूर्ण हुआ? सड़क निर्माण के लिये अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि का प्रदाय मांग अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि किसानों को कब तक प्रदाय कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 31.03.2015 को। जिला भू-अर्जन अधिकारी, जिला शाजापुर के अनुसार संभावित मुआवजा राशि रू. 28,04,880/- है। (ख) स्वीकृत प्राक्कलन में भू-अर्जन का प्रावधान नहीं होने के कारण। (ग) भूमि मुआवजा राशि को सम्मिलित कर, पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति उपरांत भूमि के मुआवजे के भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पिपलौदा स्थित महाविद्यालय में आवश्यक संसाधनों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
25. ( *क्र. 977 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा पिपलौदा में विगत वर्ष से महाविद्यालय की स्वीकृति देकर महाविद्यालय की विगत वर्ष से कक्षाएं प्रारंभ कर परीक्षा ली जाकर एवं इस वर्ष पुन: कक्षाओं में प्रवेश निरंतर लिये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में महाविद्यालय डाईट के कमरों में लगाया जाकर विगत वर्ष एक ही संकाय बी.ए. में सैकड़ों छात्रों ने प्रवेश लिया तथा इस वर्ष कला के साथ ही वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय भी प्रारंभ किया जाना अत्यावश्यक है? (ग) क्या महाविद्यालय का स्वयं का भवन, खेल मैदान, स्टॉफ क्वार्टर एवं अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से सैकड़ों छात्र दूरस्थ स्थान जाकर प्रवेश लेने को मजबूर हो रहे हैं एवं स्टॉफ की कमी भी महसूस की जा रही है? यदि हाँ, तो इस हेतु महाविद्यालय भवन एवं स्टॉफ व स्टॉफ क्वार्टर की कमियों को कब तक दूर किया जाकर स्वीकृति दी जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 120 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय प्रारंभ करना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। महाविद्यालय का स्वयं का भवन नहीं है। जी नहीं, वर्तमान में स्वीकृत पदों के विरूद्ध 07 अतिथि विद्वान कार्यरत हैं एवं साथ ही 01 प्राध्यापक/सहायक-प्राध्यापक को डिप्लॉय भी किया गया है। अशैक्षणिक संवर्ग उपलब्ध होने पर पदस्थापना संभव है। सीमित संसाधनों के कारण भवन, खेल मैदान, स्टॉफ क्वार्टर आदि की स्वीकृति अभी नहीं दी गई है एवं समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
श्रमिकों
के बच्चों को
छात्रवृत्ति
का लाभ
[श्रम]
1. ( क्र. 7 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि? (ख) क्या जनपद पंचायत होशंगाबाद के पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को वर्ष 2017-18, 2018-19 की छात्रवृत्ति सहित अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि एवं मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना के तहत पात्र निर्माण श्रमिकों के बच्चों योजनांतर्गत देय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है।
निर्माण कार्य खेल प्रशाल
[खेल और युवा कल्याण]
2. ( क्र. 8 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इटारसी स्थित विजयराजे सिंधिया खेल प्रशाल का विद्युत कनेक्शन सहित कितना-कितना कार्य होना शेष है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? (ख) विजयराजे सिंधिया खेल प्रशाल का निर्माण कार्य कब तक पूरा होकर हस्तांतरित हो सकेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल प्रशाल का विद्युत कनेक्शन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। फुटबाल खेल मैदान में घास लगाने का कार्य प्रचलन में है। (ख) खेल प्रशाल का निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2018 को पूर्ण किया जाकर दिनांक 20.02.2019 को जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी होशंगाबाद को पी.आई.यू. होशंगाबाद द्वारा हस्तांतरित किया जा चुका है।
अधिकारियों/कर्मचारियों का निलंबन
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 77 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकसभा चुनाव के दौरान माह मार्च-अप्रैल, 2019 में विद्युत वितरण कंपनियों के अधिकारियों/कर्मचारियों के थोक बंद निलंबन किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने निलंबित किये गये? कारण सहित संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) क्या उपरोक्त बताये गये कारणों के आधार पर विगत 5 वर्षों में अधिकारियों/कर्मचारियों के निलंबन किये गये थे? यदि हाँ, तो संख्या बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत यदि गत 5 वर्षों में निलंबन नहीं किये गये थे तो मात्र 2 माह में 400 से अधिक अधिकारियों/कर्मचारियों के निलंबन क्या व्यक्तिगत कारणों से किये गये है? यदि नहीं, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति थी कि निलंबन जैसी कठोर कार्यवाही की गई? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? प्रश्न दिनांक को कितने अधिकारी/कर्मचारी निलंबित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल तथा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर द्वारा मार्च-अप्रैल, 2019 में कुल 225 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया, जिसकी निलंबन के कारण सहित संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए गए कारणों से विगत 5 वर्षों (1 अप्रैल, 2014 से 28 फरवरी, 2019 तक) में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा 166, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा 532 एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा 282 अधिकारियों/कर्मचारियों का निलंबन किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार विगत 5 वर्षों (1 अप्रैल, 2014 से 28 फरवरी, 2019 तक) में भी प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है। मार्च-अप्रैल, 2019 में किये गए निलंबन की कार्यवाही हेतु उत्तरदायी परिस्थितियों/कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में अनुसार है। अत: व्यक्तिगत कारणों से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। उक्त परिप्रेक्ष्य में निलंबन की कार्यवाही हेतु कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। दिनांक 21.6.2019 की स्थिति में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में 10 तथा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल में 26 अधिकारी/कर्मचारी निलंबित हैं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में वर्तमान में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी निलंबित नहीं है।
सुरक्षा उपकरणों की कमी
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 78 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत वर्षों में जबलपुर जिले में विद्युत लाईन पर कार्य करने के दौरान लाईनमेन कर्मचारियों की मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो कितने लाईनमेनों की किन कारणों से मृत्यु हुई है? कारण सहित गत 5 वर्षों की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या मृत कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी गई है? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई है? विभागीय एवं ठेके के समस्त मृत कर्मचारियों की जानकारी देवे? यदि सहायता नहीं दी गई है तो क्यों? (ग) क्या मृत्यु का कारण कंपनी के पास पर्याप्त संख्या मे सुरक्षा उपकरण नहीं होना हैं? (घ) यदि हाँ, तो कंपनी द्वारा आधुनिक सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं उपलब्ध कराये जाते? यदि नहीं, तो बिजली के खम्बे पर चढ़ने के लिये सीढ़ी के बदले जे.सी.बी एवं अन्य का उपयोग क्यों किया जाता हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, जबलपुर जिले में विगत 5 वर्षों (यथा वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक) में 10 विभागीय/ठेके पर कार्य कर रहे तकनीकी कर्मचारियों की विद्युत दुर्घटना में मृत्यु हुई है जिसकी कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, विद्युत कंपनी के नियमानुसार विभागीय एवं ठेके के विद्युत दुर्घटना में मृत उक्त सभी कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) नियमानुसार निर्धारित सुरक्षा उपकरण समस्त तकनीकी कर्मचारियों को उपलब्ध कराये जाते है, साथ ही नार्म के अनुसार तकनीकी कर्मचारियों को मेन्टेनेंस/सुधार के कार्य एवं शिकायतों के निराकरण के लिए खम्बे पर चढ़ने के लिए लेडर जीप एवं बांस की सीढ़ी प्रदान की जाती है। खम्बे पर मेन्टेनेंस/सुधार कार्य हेतु चढ़ने के लिये जे.सी.बी. का उपयोग नहीं किया जाता।
खरीदारी से संबंधित
[खेल और युवा कल्याण]
5. ( क्र. 145 ) श्री आरिफ मसूद : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012-13 में कभी खरीदारी से संबंधित फाइलों में फर्जी हस्ताक्षर का प्रकरण सामने आया था। क्या फर्जी हस्ताक्षर की जाँच पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उसमें कितने अधिकारियों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए थे? (ग) इन फर्जी हस्ताक्षर से संबंधित टेंडर की फाइलों से उक्त अवधि में कितने करोड़ की खरीदारी की गयी और किस फर्म से? (घ) क्या यह भी सही है कि यह प्रकरण में कार्यवाही शासन स्तर पर विभाग में लंबित है? इस पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही लंबित रहने के क्या कारण हैं? (ड.) क्या यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में नहीं आता? क्या शासन इस पर कार्यवाही करेगा तो कब तक? और नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं वर्ष 2011-12 में फर्जी हस्ताक्षर संबंधी प्रकरण संज्ञान में आया था। जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नोत्तर (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 3-17/2019/नौ दिनांक 03.07.2019 के द्वारा संचालक से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ड.) प्रश्नोत्तर (घ) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशासकीय स्वीकृति न होने पर पेचवर्क/मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 146 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की वर्ष 2016-17 17-18, 18-19 एवं 19-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत होकर पूर्ण हो गई है एवं कितनों में कार्य प्रगतिरत है अथवा कार्य प्रारंभ होना शेष है? सड़कवार राशि, ठेकेदार के नाम, कार्यादेश दिनांक तथा कार्यपूर्ण करने की अवधि एवं कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रगतिरत सड़कों के अंतर्गत विलंब से कार्य करने वाले एवं कार्य प्रारंभ न करने वाले निविदाकारों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? अभी तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के कौन-कौन से मार्गों को मुख्य जिला मार्ग से जोड़ने के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? मार्ग दोहरी संबद्धता निर्माण के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? क्या जब तक दोहरी संबद्धता हेतु प्रस्तावित मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हो जाती है तब तक उक्त मार्गों पर पेच वर्क/मरम्मत कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई नहीं। जी नहीं। जी हां, आवश्यकतानुसार निरंतर किया जाता है वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बढ़ता ध्वनि व वायु प्रदूषण
[पर्यावरण]
7. ( क्र. 156 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल व इंदौर के प्रमुख दस-दस स्थानों पर प्रश्न दिनांक को ध्वनि व वायु प्रदूषण कितना-कितना है? शहरवार, प्रमुख स्थानवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत पिछले 3 वर्षों 2017, 18 व 19 की तुलनात्मक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत बढ़ते प्रदूषण का कारण क्या-क्या है एवं इसकी रोकथाम के क्या-क्या उपाय किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत प्रदूषण के चिन्हित कारणों एवं रोकथाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
छतरपुर वि.स. क्षेत्र में सिंचित भूमि
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 178 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितनी कृषि भूमि है एवं कितनी सिंचित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त भूमि में सिंचाई के क्या-क्या साधन हैं? सिंचाई के उक्त साधनों से अलग-अलग कितनी-कितनी भूमि सिंचित होती है? (ग) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत सिंचाई हेतु कितनी परियोजनाएं हैं? उक्त से कितनी भूमि सिंचित होती है। (घ) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी परियोजनाएं निर्माणाधीन, लंबित एवं प्रस्तावित हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्रभारी अधिकारी, भू-अभिलेख छतरपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 44,440 हेक्टर कृषि भूमि है। सिंचित भूमि 23,035 हेक्टर। (ख) प्राप्त जानकारी अनुसार कुआं, तालाब, नाला, नदी, नहर एवं नलकूप से सिंचाई की जाती है। कुआं से 14,355 हेक्टर, तालाब से 30 हेक्टर, नहर से 210 हेक्टर, नाला से 50 हेक्टर, नदी से 50 हेक्टर एवं नलकूप से 762 हेक्टर तथा जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं से 7,578 हेक्टर भूमि सिंचित होना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई लंबित परियोजनाएं नहीं हैं।
स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाएं प्रारंभ की जाना
[उच्च शिक्षा]
9. ( क्र. 186 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से शासकीय महाविद्यालय नागदा में स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एस.सी. रसायन विषय की कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री के पत्र क्र. 101/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/209, दिनांक 22/01/2019 व पत्र क्रमांक 555/ सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/209, दिनांक 22/02/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं? मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से शासकीय महाविद्यालय नागदा में स्नातकोत्तर स्तर पर एम.ए. राजनैतिक एवं समाज शास्त्र विषय की कक्षाएं शासन मद से प्रारंभ करने की स्वीकृति की मांग करने पर मुख्यमंत्री के पत्र क्र. 92/ सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/209, दिनांक 18/01/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं? मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। संदर्भित पत्रों के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही के निर्देश प्राप्त हुए हैं। पूर्व में आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2 दिनांक 14.09.2017 में शासकीय महाविद्यालय, नागदा में स्नातकोत्तर स्तर पर गणित विषय प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण महाविद्यालय में अन्य स्नातकोत्तर विषय की कक्षायें प्रारंभ किया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 196 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के निर्माण हेतु कितनी भूमि कहाँ पर आवंटित की गई है? (ख) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय के भवन एवं अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण हेतु कितना अनुमानित व्यय होगा? प्रश्न दिनांक तक कितना बजट किस-किस मद में प्रदाय किया जा चुका है? प्राप्त राशि से कितना कार्य किया जा चुका है? कितना कार्य शेष है? शेष कार्य को पूर्ण कराने हेतु कितनी राशि की आवश्यकता है? (ग) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? कितने पद भरे जा चुके हैं. शेष रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, छतरपुर के निर्माण हेतु 168.689 हेक्टेयर भूमि, मौजा बगौता तहसील छतरपुर में आवंटित की गई हैं। (ख) अनुमानित व्यय 150 करोड़ है। प्रश्न दिनांक तक कोई बजट प्रदाय नहीं है। संपूर्ण कार्य शेष है। (ग) 236 पद स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 31 पद भरे जा चुके हैं। शेष 205 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की भर्ती हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विभागीय ठेकेदारों की कार्यप्रणाली
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 206 ) श्री जसमंत जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत तीन वर्षों (अप्रैल 2016 से) में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन विभागीय ठेकेदार विधिवत नियुक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या श्री सुनील सोनी ठेकेदार एम.पी.ई.बी करैरा द्वारा सिलारपुर चौराहे पर अपने घर के लिये बिना किसी विभागीय अनुमति एवं तकनीकी स्वीकृति/प्रशासकीय स्वीकृति के अपनी मनमर्जी से 12 शासकीय पोल अवैध रूप से खड़े कर उन पर बिजली के तार डाल कर कई महीनों तक विद्युत का उपयोग किया गया है? अगर हां, तो ऐसा किस आधार पर किया गया है? इस प्रक्रिया में कौन-कौन संलिप्त हैं? क्या ऐसे ठेकेदारों को विभाग द्वारा कालातीत की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विधान सभा क्षेत्र करैरा क्षेत्रान्तर्गत वितरण कंपनी के ठेकेदारों को मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत कंपनी द्वारा कितनी सामग्री प्रदाय की गई? उस सामग्री में से कितनी सामग्री का उपयोग किया गया तथा कितनी सामग्री शेष बची है, जो कंपनी को वापिस की गई है वर्षवार विगत तीन वर्षों (अप्रैल 2016 से) की जानकारी प्रदान की जावे। (घ) करैरा विधान सभा अंतर्गत ओ.वाय.टी. योजना के तहत वितरण कंपनी की अनुमति उपरांत विगत तीन वर्षों (अप्रैल 2016 से) में ठेकेदारों द्वारा जो वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं वह उपयोगी हैं अथवा नहीं? सूची उपलब्ध कराई जाए ।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत ऑन-लाईन पोर्टल पर पंजीकृत ठेकेदारों में से प्रश्नाधीन अवधि में शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में 22 ठेकेदारों द्वारा कार्य किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) विधानसभा क्षेत्र करैरा के अन्तर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के कार्यों हेतु ठेकेदारों को प्रदाय की गई, ठेकेदारों द्वारा उपयोग की गई एवं शेष सामग्री की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) करैरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ओ.वाय.टी. योजना के अंतर्गत ठेकेदारों द्वारा वितरण कंपनी की आवश्यक स्वीकृति उपरान्त कुल 308 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं एवं उक्त सभी वितरण ट्रांसफार्मर वर्तमान में उपयोगी है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की ठेकेदारों के नाम सहित ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
विभागीय विद्युत योजनाओं का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 207 ) श्री जसमंत जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कितना लक्ष्य प्रदाय किया गया था, उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या प्रगति की गई है? (ख) विभाग को अधोसरंचना विस्तार हेतु संचालित योजनाओं के तहत कितना-कितना लक्ष्य दिया गया था? उनमें क्या प्रगति हुई है? (ग) क्या शिवपुरी के वार्ड क्र. 25 में घरेलू उत्पाद उपयोग के लिये दी जाने वाली लाईट का वोल्टेज इतना कम है, कि किसी भी प्रकार के घरेलू उत्पाद बिजली के अभाव में कार्य नहीं कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों है? जबकि शिवपुरी जिले को पर्याप्त मात्रा में विद्युत उपलब्ध कराई गई? (घ) एस.टी.सी संभाग शिवपुरी द्वारा करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में (अप्रैल 2016 से) कितने कार्य कितनी लागत के कहाँ-कहाँ किये गये हैं तथा क्या उक्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति/प्रशासकीय स्वीकृति थी तथा वह कार्य किस ठेकेदार द्वारा कराये गये हैं एवं किस सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित किये गये हैं? उनका पूर्णता/उपयोगिता प्रमाण पत्र कब और किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया है? सूची उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की स्वीकृति विधानसभा क्षेत्रवार नहीं अपितु जिलेवार प्रदान की जाती है तथा योजना के अंतर्गत प्रावधानित कार्यों के परिप्रेक्ष्य में योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त होने पर योजना का लाभ उन्हें दिया जाता है। योजना के क्रियान्वयन की निर्धारित अवधि में उक्त हितग्राही मूलक कार्यों को करना होता है, जिस हेतु पृथक से वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते। शिवपुरी एवं करैरा विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र (शिवपुरी वृत्त) के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में संचालित योजनाओं में अधोसंरचना विस्तार के प्रस्तावित/सम्मिलित कार्यों एवं प्रगति का योजनावार एवं वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 25 में जवाहर कॉलोनी, अम्बेडकर कॉलोनी, बड़ा बाजार आदि कॉलोनियां स्थित है जिन्हें 33/11 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्र आई.टी.आई. से निर्गमित 11 के.व्ही जवाहर कॉलोनी विद्युत फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस फीडर पर वार्ड क्रमांक 25 में अंतिम ट्रांसफार्मर 200 के.व्ही.ए. क्षमता का मरघट खाना रोड पर स्थापित है। इस ट्रांसफार्मर पर वर्तमान में अधिकतम लोड 145 एम्पियर है एवं एल.टी.लाईन के अंतिम छोर पर वोल्टेज दिनांक 21.06.19 को नापने पर (फेज टू न्यूट्रल) R फेज-234 वोल्ट, Y फेज-232 वोल्ट, B फेज- 223 वोल्ट प्राप्त हुआ है, जो कि नियमानुसार सही है वर्तमान में वार्ड वासियों के समस्त घरेलू उपकरण सुचारू रुप से चल रहे हैं। (घ) एस.टी.सी. संभाग शिवपुरी द्वारा करैरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश अवधि में लागत राशि रू. 1498.29 लाख के 103 कार्य विभिन्न पंजीकृत ठेकेदारों के माध्यम से पूर्ण किये गये हैं। उक्त कार्यों की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति सक्षम अधिकारी से ली गई है। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
महाविद्यालय में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
13. ( क्र. 238 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ जिला कटनी में शासन द्वारा कितने पद किस-किस मद से स्वीकृत किये गये? (ख) स्वीकृत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर वर्तमान में कितने पदों की पूर्ति हुई है? यदि नहीं, हुई तो कारण बतायें। (ग) प्रश्न दिनांक तक यदि इन पदों की पूर्ति आउटसोर्स से नहीं हुई है? तो क्या शासन अन्य मदों से पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो शासन की क्या योजना है? और कब तक पद पूर्ति करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय, विजयराघवगढ़ जिला कटनी में प्राचार्य 01 पद, सहायक-प्राध्यापक 05 पद, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, मुख्यलिपिक/सहायक-लेखापाल, सहायक वर्ग-2, सहायक वर्ग-3, चौकीदार एवं भृत्य के एक-एक पद नियमित स्थापना से तथा चतुर्थ श्रेणी के 04 पद कलेक्टर दर से स्वीकृत किये गये हैं। (ख) स्वीकृत तृतीय श्रेणी संवर्ग में सहायक वर्ग-03 का एक कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारियों की कमी के कारण शेष पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी है। (ग) महाविद्यालय में आउटसोर्स से पद स्वीकृत नहीं हैं। जी हां। कलेक्टर दर पर पद पूर्ति की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत मार्गों को बजट उपलब्ध कराया जाना
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 240 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी-बरही मार्ग के ग्राम बगैहा मोड़ से ग्राम नदावन होते हुए ग्राम खितौली पहुंच मार्ग का निर्माण कितनी राशि से किस योजना में प्रस्तावित/स्वीकृत है? (ख) क्या विजयराघवगढ़ से ग्राम बरहटा पहुंच मार्ग स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो मार्ग के निर्माण हेतु कितना बजट स्वीकृत है एवं प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत बजट में से कितनी राशि उपलब्ध करा दी गई है और कितनी राशि उपलब्ध कराया जाना शेष है? स्वीकृति आदेश की छायाप्रति दें? शेष राशि कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) उन्नयन कार्य, रू. 49.00 करोड़, एशियन विकास बैंक। (ख) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। स्वीकृत आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट -''ग्यारह''
फीडर सेपरेशन अन्तर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 249 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में विगत दो वर्षों में फीडर सेपरेशन अन्तर्गत कितने कार्य स्वीकृत हुये हैं एवं क्या इन स्वीकृत कार्यों को अनुबंध की शर्तों के मुताबिक पूर्ण कर लिया गया हैं? अनुबंध अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये एवं कितने कार्य अपूर्ण तथा अप्रांरभ हैं तहसील वार एवं फीडर वार विवरण देवें। (ख) अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा जानकारी तहसीलवार, फीडरवार जानकारी देवें। (ग) जो कार्य अनुबंध के तहत निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाये हैं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में पिपरिया एवं बनखेड़ी तहसीलों में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं हुआ हैं तथापि प्रश्नाधीन अवधि में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत तहसील पिपरिया में नंदवाडा एवं रानी पिपरिया के 11 के.व्ही. के 2 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को कार्यादेश जारी किया गया था, जिसके तहत उक्त दोनों फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य ठेकेदार एजेन्सी से किए गए अनुबंध के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में क्रमश: दिनांक 22.06.2018 एवं 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लंबित प्रकरणों की स्वीकृति
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
16. ( क्र. 256 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 59 (क्रमांक 514) दिनांक 21/02/2019 के कंडिका (घ) में उत्तर दिया गया था कि शेष प्रकरण भारत शासन एवं राज्य शासन के लक्ष्य व अनुदान की स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं। भारत शासन द्वारा व राज्य शासन में लक्ष्य व अनुदान स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात जिला होशंगाबाद अन्तर्गत वर्ष 2018-19 के लंबित प्रकरण स्वीकृत किये जा सकेंगे? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा लक्ष्य के विरूद्ध भारत शासन से अनुदान की मांग की गयी हैं? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) म.प्र. शासन द्वारा लक्ष्य के अनुरूप इस योजना को संचालित करने हेतु बजट में प्रावधान किया जाकर इस मद में राशि उपलब्ध करायी जावेगी? संदर्भित प्रश्नांश की कंडिका (घ) में अनुदान की प्रत्याशा में लंबित प्रकरण कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हां। विधान सभा प्रश्न क्रमांक-59 (क्रमांक-514), दिनांक 21.02.2019 की कण्डिका 'घ' में उत्तर दिया गया था कि शेष प्रकरण भारत शासन एवं राज्य शासन के लक्ष्य व अनुदान की स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं। भारत शासन एवं राज्य शासन से लक्ष्य व अनुदान स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात जिला होशंगाबाद अन्तर्गत वर्ष 2018-19 के लंबित प्रकरण स्वीकृत किये जा सकेंगे। (ख) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के पत्र क्रमांक MPUVN/solar pump/2018-19/226, Dated 16.04.2018 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार), पत्र क्रमांक MPUVN/solar pump/2018-19/2125, Dated 08.08.2018 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार) तथा पत्र क्रमांक MPUVN/solar pump/2018-19/4735, Dated 01.03.2019 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार), से वर्ष 2018-19 के लिये 18000 सोलर पम्प की स्थापना के लिये नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार से स्वीकृति मांगी गई है। निगम के पत्र क्रमांक MPUVN/solar pump/2019-20/243, Dated 29.04.2019 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार, के माध्यम से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की नई योजना 'किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (KUSUM) योजना' के घटक 'B' के अन्तर्गत 35000 सोलर पम्प की स्वीकृति मांगी गई है। (ग) भारत शासन से सोलर पम्प स्थापना हेतु उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार स्वीकृति मांगी गई है। उक्त व राज्य शासन से बजट प्राप्त होने पर लंबित प्रकरणों में सोलर पम्प स्थापना हेतु कार्यवाही की जा सकेगी।
अन्त्येष्टि सहायता की राशि प्रदाय
[श्रम]
17. ( क्र. 309 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के हितग्राहियों को अन्त्येष्टि सहायता दिए जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत जनवरी, 2019 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक किन-किन हितग्राहियों को मृत्योपरांत अन्त्येष्टि सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है? संबंधित व्यक्ति का नाम पता एवं प्रदाय की गई राशि के विवरण सहित जानकारी देवें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल, मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (नया सवेरा), की योजनाओं के अंतर्गत अंत्येष्टि सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'', ''ब'', ''स'' अनुसार है।
सड़क एवं पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 328 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के जमुनिया खास सहित कई गांवों के निवासियों द्वारा झांसी की मुख्य सड़क तक लिंक रोड के अभाव एवं रास्ते में एक बड़े नाले पर बरसात भर आवागमन बाधित रहने से पुल की मांग की जाती रही है, किंतु विभाग द्वारा उक्त कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृत न करने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क एवं पुल जो वहां के कई गांवों के निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्या शासन द्वारा उक्त मार्ग पर सड़क एवं पुल निर्माण की प्रक्रिया की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, ओरछा-जमुनिया-झांसी मार्ग पर सातरा नदी पड़ती है। जमुनिया के नजदीक निकलने वाले सभी मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं जनपद पंचायत के अधीन है। यह मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं होने के कारण इस विभाग द्वारा निर्माण हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 334 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम धमना, गुवावली एवं बम्हौरी शीतल सहित कई गांवों के ग्रामवासियों को वर्षा ऋतु में पठाराम, चचावली, तरीचरकलां एवं अन्य ग्रामों में आवागमन हेतु कई किलोमीटर का चक्कर काटकर जाना पड़ता हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्राम धमना से पठाराम बायां चचावली मार्ग जो कि कच्चा है, पर विभाग द्वारा उक्त मार्ग पर पक्की सड़क निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया है, यदि हाँ, तो स्वीकृत न करने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क जो वहां के कई गांवों के निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्या शासन ग्रामवासियों की उक्त मांग को पूर्ण करने की पहल करेगी ? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही लोक निर्माण विभाग के द्वारा नहीं अपितु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा की गई है। धमना से पठाराम मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तथा पठाराम से चचावली मार्ग पंचायत विभाग के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
ग्राम ऐरन से सनाई मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 357 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के ग्राम ऐरन से सनाई मार्ग स्वीकृत है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेन्सी कौन हैं? उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) क्या बरसात में उक्त मार्ग पूर्णत: बाधित हो जायेगा जिससे आवागमन में परेशानी होगी? उक्त संबंध में शासन की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या बरसात के पूर्व उक्त मार्ग की मरम्मत हो जायेगी? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ वर्तमान में लोक निर्माण विभाग म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण के पत्र दिनांक 8.05.2017 अनुसार मार्ग दिनांक 22.07.2017 को म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण को हस्तांतरित किया गया है। म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण द्वारा दिनांक 13.06.2019 के अनुसार मार्ग पुन: इस विभाग को हस्तांतरित किया गया है। इस विभाग की पूर्व स्वीकृति में कार्य संभव नहीं। अत: पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। वर्तमान में सुगम यातायात हेतु मार्ग मोटरेबल रखा जा रहा है। (ग) विभाग द्वारा मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भारत ओमान रिफायनरी प्रबंधन के द्वारा किये जा रहे प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
21. ( क्र. 362 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाई भारत ओमान रिफायनरी बीना के द्वारा वायु के माध्यम से केमिकल्स प्रदूषण किया जा रहा है जिससे आस-पास के ग्रामों एवं बीना नगर में केमिकल्स गिरने से खाने की सब्जी एवं फलों को जहरीला बनाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इससे जनमानस के स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणाम के लिये कौन उत्तरदायी होगा? (ग) क्या ग्राम नहरोन, भिलावली, बम्होरी में रिफायनरी प्रबंधन की डस्ट, राख के उड़ने से किसानों की फसलें नष्ट हो रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रबंधन द्वारा इन्हें मुआवजा राशि देने का प्रावधान है? (घ) ग्राम नहरोन, भिलावली, बम्होरी, दुर्जन एवं आस-पास के ग्रामीण चर्म रोग की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं, उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहर के बाहर रिंग (बायपास) रोड की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 370 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना शहर के पास बड़ी औद्योगिक इकाईयां चल रही हैं जिससे शहर में यातायात बढ़ गया है? क्या शासन के पास रिंग रोड (बायपास) बनाने की योजना है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त संबंध में कोई योजना बना रही है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक रिंग रोड (बायपास) स्वीकृत हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले में स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 400 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत रायसेन जिले में वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में बजट, अनुपूरक बजट तथा अन्य योजनाओं में कौन-कौन सी सड़कें-पुलें कब-कब स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कें तथा पुलों में से कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ है तथा किन-किन कार्यों के टेण्डर आमंत्रित नहीं किये गये तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में किन-किन में वन तथा बिजली के तार व पोल का व्यवधान है? विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित विभाग से अनुमति प्राप्त करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) उक्त स्वीकृत कार्यों में किन-किन में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है? इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रायसेन जिले में स्वीकृत सड़क/पुलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 432 ) श्री राहुल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह विधानसभा अंतर्गत भीलमपुर-बालाकोट सड़क निर्माण के संबंध में एन.आई.टी. जारी की गई थी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराये। किस कंपनी के द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन मार्ग में कितने भूमि स्वामियों की भूमि अधिग्रहित की गई है, सूची उपलब्ध करायें। क्या सभी भूमि स्वामियों को अधिग्रहित भूमि का शासन के अनुसार मुआवजा प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो भूमिस्वामी के नाम, मुआवजा राशि की सूची उपलब्ध कराये। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के भूमिस्वामियों के द्वारा कलेक्टर महोदय दमोह को मुआवजा न मिलने के संबंध में शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो क्या और उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या निर्माण कंपनी द्वारा सड़क निर्माण के लिए मुरम, गिट्टी का परिवहन ग्राम-जमुनिया में निर्मित खदान से किया जा रहा है। यदि हाँ, तो उक्त खदान की लीज संबंधी दस्तावेज का विवरण उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो कहाँ से किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश से सम्बंधित एन.आई.टी. की छायाप्रति (दमोह-जमुनिया-बालाकोट मार्ग हेतु) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मे. प्रकाश एस्फाल्टिंग एण्ड टोल हाईवेज (इंडिया) लि. महू जिला इन्दौर। (ख) कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कलेक्टर महोदय द्वारा जाँच कराई गई जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति की भूमि सड़क निर्माण में नहीं ली जा रही है तथा उक्त सड़क लोक निर्माण विभाग की है जो पूर्व से निर्मित है जिसका सुदृढ़ीकरण म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पंचम नगर परियोजना मे हुए घोटालों की जाँच
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 434 ) श्री राहुल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिलें में पंचम नगर सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य किन-किन निर्माण एजेंसियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के कार्य की कुल लागत क्या है एवं कितने समयावधि में उक्त कार्य पूर्ण किया जायेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित परियोजना में कार्यरत मजदूरों की मजदूरी का भुगतान दिनांक 30-31 मार्च 2010 को काटे गये 62 चेकों के माध्यम से भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भुगतान की राशि के देयकों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या भुगतान हेतु काटे गये 62 चेकों की गड़बड़ी के संबंध में शिकायतकर्ता श्री दिवाकर करमरकर, निवासी- दमोह के द्वारा एफआईआर 741/11 की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त एफ.आई.आर की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। क्या सभी दोषियों के खिलाफ संबंधित न्यायालय में चालान पेश कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत में भुगतान के लिये काटे गये 62 चेकों के भुगतान में गड़बड़ी की क्या जाँच कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो जाँच की प्रति उपलब्ध करायें। नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) मेसर्स मन्टेना कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. हैदराबाद। कार्य की लागत रू. 674.90 करोड़। दिसम्बर 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित। (ख) से (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बैतूल विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 445 ) श्री निलय डागा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 में किन-किन नवीन/जीर्णोद्धार सड़कों के निर्माण प्रावधानित है? सड़क का नाम एवं प्राक्कलन राशि एवं किस-किस मद से पूर्ण की जाना है? (ख) इनमें से किस-किस नवीन/जीर्णोद्धार सड़कों का निर्माण का प्रावधान जनप्रतिनिधियों की मांग पर प्रावधानित किया गया है? जनप्रतिनिधि का नाम भी बताएं। (ग) उपरोक्त नवीन/जीर्णोद्धार सड़कें कब तक पूर्ण कर ली जावेंगी प्रत्येक की वर्तमान स्थिति बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
सिंचाई सुविधाओं के बारे में
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 478 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में दो फसली एवं एक फसली सिंचित क्षेत्र का विकासखण्डवार विवरण दें। कुरई विकासखण्ड तथा बरघाट विकासखण्ड में बारहमासी सिंचाई परियोजनाओं का विवरण दें। (ख) सिवनी जिले के कुरई विकासखण्ड से बैनगंगा, हिररी सहित 4 महत्वपूर्ण नदियों का उद्गम है बावजूद इसके यह क्षेत्र पूरी तरह सूखे क्षेत्र में तब्दील हो गया है? इन नदियों को पुनर्जीवित करने की सरकार की क्या योजना है? लम्बे समय से माचागोरा बांध का पानी इस क्षेत्र को दिया जाए यह जनकांक्षा है, इसकी पूर्ति के लिये सरकार की क्या योजना है? (ग) जिले में नदी जोड़ों योजना के तहत माचागोरा बांध का पानी कुरई तथा बरघाट विकासखण्ड को उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित योजना का विवरण दें? (घ) सिवनी जिले के लिए पर्यावरण और खेती की जमीन व जल संसाधन की तबाही का पर्याय बनने वाली मोगली जलाशय योजना को निरस्त करने के संबंध में क्या प्रगति हुई हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कुरई तथा बरघाट विकासखण्ड में कोई भी बारहमासी सिंचाई परियोजना नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र सूखे में तब्दील होने की कोई स्थिति नहीं है। नदियों को पुनर्जीवित करने का विभाग में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। परियोजना का समुचित जल उपयोग कर लिये जाने तथा अन्य क्षेत्र के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) नदी जोड़ों योजना के तहत माचागोरा बांध का पानी कुरई तथा बरघाट विकासखण्ड को उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित अथवा विचाराधीन नहीं है। (घ) मोगली जलाशय परियोजना का निरस्तीकरण प्रस्ताव मुख्य अभियंता सिवनी द्वारा प्रमुख अभियंता भोपाल को उनके पत्र दिनांक 23.01.2019 द्वारा प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है।
मुख्यमंत्री आवासों में व्यय के संबंध में
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 505 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री/मंत्रिगणों को भोपाल में शासकीय आवास आवंटित किये गये हैं? आवासवार व नामवार जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो क्या आवंटित शासकीय आवासों में नव निर्माण, मरम्मत व साज-सज्जा के कार्य कराए गये है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो कौन-कौन से आवासों में कितनी-कितनी राशि के कार्य कराए गए है? मुख्यमंत्री आवास सहित कार्य का नाम व कुल राशि की स्पष्ट जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शहडोल-रीवा (अमरकंटक) रोड निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 511 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल-रीवा (अमरकंटक) रोड की वर्तमान क्या स्थिति है? (ख) क्या बधवार स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग होने के कारण एवं सिंगरौली की तरफ से काफी औद्योगिक वाहनों के आवागमन से पहाड़ की रोड पूरी तरह उखड़ चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो आवागमन की दृष्टि से इस मार्ग को पुन: बनाये जाने एवं वर्तमान के मरम्मत किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) शहडोल-रीवा-अमरकंटक मार्ग में वर्तमान में सुचारू रूप से यातायात संचालित है। (ख) जी नहीं, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त। (ग) मार्ग के शहडोल-रीवा हिस्से को भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने हेतु अनुमोदित किया गया है। निर्माण हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा डी.पी.आर की कार्यवाही प्रगति पर है। मार्ग का नियमित संधारण आवश्यकतानुसार जोनल अनुबंध के माध्यम से संपादित किया जा रहा है। अन्य हिस्से बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के मरम्मत लायक हिस्सों के रिन्यूवल हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है।
सागर परियोजना के अंतर्गत नहर निर्माण
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 514 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाण सागर परियोजना के अंतर्गत कितनी छोटी एवं बड़ी/मध्यम/नहरें है जो चुरहट विधान सभा क्षेत्र से होकर गुजरती है? (ख) उपरोक्त नहरों की रख-रखाव की जिम्मेदारी किसके पास है, वर्तमान में उपरोक्त नहरों के रिसाव एवं क्रेक होने की स्थिति में कहाँ-कहाँ पानी बह रहा है? (ग) चुरहट विधान सभा में कितनी छोटी नहरें गांव-गांव तक पानी पहुंचाने के लिये बनाई जा रही है? गांववार बतावें। इन नहरों को जल समिति के अथवा ठेकेदार के माध्यम से बनवाई जा रही है, वर्तमान स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नहरों के रख-रखाव की जिम्मेदारी जल उपभोक्ता संथाओं एवं जल संसाधन विभाग की है। उत्तर प्रदेश पोषक नहर के रख-रखाव की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश शासन की है। मध्यप्रदेश की नहरों में कोई रिसाव व क्रेक नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश की पोषक नहर से रिसाव को रोकने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा आवश्यक कार्य करा दिया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार है। छोटी नहरों का निर्माण जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराया जाना प्रतिवेदित है। सभी नहरों का कार्य पूर्ण है।
नहरों के द्वारा ग्रामों में सिंचाई
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 545 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग संभाग अम्बाह जिला मुरैना A,B,C के किस कि.मी. से प्रारंभ होकर कहाँ तक कार्यरत है, व इसमें कितनी शाखाएं/उपशाखाएं स्थापित हैं? कि.मी. सहित बतावें व शाखा/उपशाखाओं की जानकारी भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्य शाखाओं व उसकी समस्त उपशाखाओं/माइनर्स में कितने ग्रामों की सिंचाई हो रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मुख्य शाखा एव उपशाखाओं के टेलपॉरशन (अंतिम छोर) तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है? यदि हाँ, तो इसके कारण क्या है व टेलपॉरशन तक पानी कब तक दे दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अम्बाह ब्रांच केनाल में शाखा एवं उप शाखा नहरें 114 स्थापित हैं तथा उक्त नहरों से 304 ग्राम में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। सभी शाखा एवं उप शाखाओं के अंतिम छोर तक पानी पहुंचना (राजस्थान) से मुख्य नहर पर प्राप्त होने वाले पानी पर निर्भर है। कोटा बैराज से कभी-कभी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं होने से अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने में आंशिक कमी आती है।
संचालित सिंचाई संथाएं
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 546 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधान संभाग अम्बाह में कितनी सिंचाई संथाएं संचालित है? संथा का नाम, कोड क्रमांक, अध्यक्ष व समिति के सभी सदस्यों के नाम बतायें जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2003 से 2008 तक कार्यरत सिंचाई संथाओं को कितनी-कितनी राशि दी जाकर कार्य किस-किस एजेंसी से कराये गये कार्यों की जानकारी लागत राशि निर्माण एजेंसी का नाम, कार्य विवरण आदि सहित बताया जावे। क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? अथवा शेष है व शेष कार्य कब तक करा दिये जावेंगे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
रिंगरोड पर फ्लाई ओवर निर्माण
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 603 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर के पूर्वी रिंगरोड पर पिपल्याहाना एवं बंगाली चौराहे पर फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। (ख) क्या इन्दौर शहर में रिंगरोड पर यातायात का भारी दबाव रहता है एवं आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होती हैं? (ग) यदि हाँ, तो रिंगरोड पर खजराना चौराहा, एमआर-9 चौराहा, रेडिसन चौराहा एवं बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे पर फ्लाई ओवर का निर्माण कब स्वीकृत होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से, स्वीकृति की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कृषि पम्प योजना अंतर्गत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 627 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कृषि पम्प योजना में बालाघाट जिले में 2015 से आज दिनांक तक कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये है। कितने प्रकरण मे कार्य पूर्ण किया गया? (ख) इस योजना में लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाने की निविदा कब निकाली गई और 2015 से अब तक कौन-कौन ठेकेदार के द्वारा किया गया गया हैं? ठेकेदार के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या इस योजना में लगाये गये पोल, तार निम्न स्तर का लगाया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या भोपाल स्तर के अधिकारियों से जाँच करायेंगे। (घ) क्या इस योजना से विकासखण्ड बालाघाट, किरनापुर, लांजी, वारासिवनी विकासखण्ड अंतर्गत सैकड़ेवार किसानों की शिकायत मिली हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा भी वरिष्ठ विद्युत विभाग अधिकारी को मौखिक जानकारी दी गई हैं, क्या मंत्री जी इसे संज्ञान में लेकर जाँच करायेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना प्रारंभ दिनांक 01.04.16 से दिनांक 22.06.19 तक कुल 835 स्थाई कृषि पम्पों के कार्यों हेतु प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं तथा उक्त में से 732 स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों का कार्य पूर्ण कर दिया गया हैं। (ख) प्रश्नाधीन योजना अन्तर्गत टर्न की आधार पर लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाने के कार्यों हेतु निविदा अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) सिवनी द्वारा ई-टेन्डर क्रमांक 996 दिनांक 26.05.17 के माध्यम से निकाली गई जिसमें 13 निविदाकारों द्वारा भाग लिया गया था। निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर अधिक होने से निविदा रद्द की गई। तत्पश्चात अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) बालाघाट द्वारा निविदा ई-टेन्डर क्रमांक 1513, दिनांक 22.05.18 द्वारा निकाली गई, जिसमें कार्य सम्पादन हेतु 3 फर्मों को अवार्ड जारी किया गया था किन्तु उक्त फर्मों द्वारा अनुबंध नहीं किया गया, जिससे उक्त अवार्डों को निरस्त किया गया। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर लेबर कान्ट्रेक्टर के माध्यम से कराये गये। लेबर कान्ट्रेक्टर के माध्यम से कराये गये कार्यों का ठेकेदारों के नाम/पता सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत लाईन विस्तार के कार्यों में लगाये गये पोल, तार आदि सामग्री पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से क्रय करने के पूर्व इसका परीक्षण थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेन्सी/वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाता है। सामग्री वितरण कंपनी के भंडारगृह में प्राप्त होने के पश्चात् रेण्डम सेम्पलिंग कर सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराया जाता है तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही इसका उपयोग किया जाता है। उक्त योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पी.सी.सी. पोल की गुणवत्ता की जाँच जिले में पदस्थ कार्यपालन अभियंता (एस.टी.सी.) द्वारा पोल निर्माण फैक्ट्री में जाकर की जाती है तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर अनुमोदन उपरांत पोल क्रय किये जाते हैं। अत: प्रश्नाधीन योजना में उपयोग की गई सामग्री की जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित विकास खण्डों से किसानों द्वारा कुल 15 शिकायतें कृषि पम्प कनेक्शन के लाईन विस्तार के कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के संबंध में प्राप्त हुई है। उक्त विकासखण्डों से प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से निराकृत की गई शिकायतों की विकासखण्डवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से मौखिक एवं लिखित रूप से उक्त संबंध में 4 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसमें से 2 शिकायतों में सम्मिलित कार्य कृषकों के आपसी विवाद के कारण तथा 1 शिकायत में कृषक द्वारा निर्धारित अंश राशि जमा नहीं किये जाने के कारण कार्य नहीं किया गया है एवं 1 प्रकरण में कृषि पंप कनेक्शन का कार्य प्रगति पर है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र में नवीन कुटीर उद्योग प्रारम्भ करना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
35. ( क्र. 633 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन कुटीर एवं ग्रामोद्योग प्रारम्भ करने के क्या नियम/शासन की नीति है? नियम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी अनुसार राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने नवीन उद्योग प्रारम्भ करने का लक्ष्य हैं?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ख) विभाग अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया जाता है। वर्ष 2019-20 में राजगढ़ जिले में नवीन कुटीर उद्योग स्थापना हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 99 तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 84 तथा निजी क्षेत्र में मलबरी पौधारोपण हेतु 55 एकड़ का लक्ष्य प्रस्तावित है जिसमें राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हितग्राही भी लाभान्वित हो सकेंगे।
मोहनपुरा वृहद सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 634 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई योजना राजगढ़ की सी.सी. जारी हो गई है तथा उक्त डेम निर्माण में कुल कितनी राशि व्यय हुई? व्यय राशि सहित सी.सी. जारी होने के दिनांक की जानकारी दें। (ख) क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से क्षेत्र में सिंचाई हेतु नहर निर्माण भी होना है? (ग) क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की लेफ्ट बैंक केनाल का निर्माण भी होना है? यदि हाँ, तो लेफ्ट बैंक केनाल से कितने हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है? (घ) लेफ्ट बैंक केनाल का निर्माण कब तक हो जायेगा तथा सिंचाई सुविधा कब से उपलब्ध हो जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। केवल मोहनपुरा बांध निर्माण की सी.सी. जारी की जाना प्रतिवेदित है। बांध निर्माण में कुल राशि रू. 440.29 करोड़ निवेश किया जाना प्रतिवेदित है। सी.सी. जारी होने का दिनांक 20.02.2018 है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। बांयी तट नहर से 1,15,101 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। (घ) बांयी तट नहर माह जुलाई 2021 तक पूर्ण होना लक्षित है। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
गरीबों की संबल योजना
[श्रम]
37. ( क्र. 679 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के हर वर्ग के गरीब के उत्थान के लिए असंगठित मजदूरों के पंजीयन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो खंडवा जिले में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में कुल कितने लोगों का पंजीयन किया जा चुका है? नगरीय निकाय एवं जनपदवार संख्या बताये। (ख) क्या इस योजना से प्रदेश के लाखों गरीब मजदूर परिवारों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिलेगी? यदि हाँ, तो मुख्य रूप से कौन-कौन से लाभ मिलने की संभावना थी? (ग) क्या यह योजना वर्तमान में प्रभावशील है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या गरीब वर्ग के उत्थान के लिए बनाई गई इस महत्वपूर्ण योजना को बन्द कर दिया गया है यदि हाँ, तो क्यों? (घ) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए वरदान सिद्ध होने वाली संबल योजना में बजट में क्या प्रावधान किये गये है? क्या इसे बजट में प्राथमिकता दी गई है? (ड.) क्या प्रदेश सरकार गरीब मजदूरों के हित में सम्बल योजना को पूर्ववत लागू क्रियान्वित रखने का निर्णय लेकर उनका जीवन स्तर उपर उठाने के लिए प्रतिबद्ध है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) खण्डवा जिले में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के कुल 4,46,900 असंगठित मजदूरों का पंजीयन अब तक किया गया है। नगरीय निकाय एवं जनपदवार पंजीयन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजनान्तर्गत मुख्य रूप से मिलने वाले लाभ निम्नानुसार हैः- अन्त्येष्टि सहायता, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु), अनुग्रह सहायता (दुर्घटना में मृत्यु), अनुग्रह सहायता (स्थाई अपंगता), अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थाई अपंगता), प्रसूति सहायता, सरल बिजली बिल एवं निःशुल्क शिक्षा योजना। (ग) जी हां, योजना का संचालन निरंतरित है। (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना में वर्ष 2019-20 हेतु प्रारंभिक रूप से रूपये 800 करोड़ के बजट प्रावधान के प्रस्ताव किये गये हैं। (ड.) जी हाँ। जरूरी सुधार उपरांत मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना क्रियान्वित की जा रही है।
नहर निर्माण के संबंध में
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 700 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत कुल कितने स्थानों पर नहर निर्माण का कार्य संचालित है? कुल कितने स्थानों पर नहर निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने स्थानों पर नहर निर्माण का कार्य चालू है? (ख) जिन स्थानों पर नहर निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, उनमें से किन ग्रामों का सर्वे पूर्ण हो चुका है? क्या अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा समस्त प्रभावित कृषकों को प्राप्त हो चुका है ऐसे कितने कृषक है जिनकी अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा लंबित है? कब तक ऐसे प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि उपलब्ध करायी जा सकेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत किन- किन ग्रामों को नहर से जोड़े जाने का प्रस्ताव है? नहर निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निर्माणाधीन नहरों के 7,900 कृषकों को अधिग्रहित भूमि के मुआवजा का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रभावित 105 कृषकों को मुआवजा राशि भुगतान हेतु लंबित होना प्रतिवेदित है। मुआवजा राशि का वितरण भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खेल स्टेडियम का संचालन
[खेल और युवा कल्याण]
39. ( क्र. 773 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में विभाग द्वारा कौन-कौन से खेल स्टेडियम का संचालन किया जा रहा है? स्टेडियम के नाम सहित बताया जाए? (ख) केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा टी.टी. नगर स्टेडियम के रख-रखाव एवं खिलाडियों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि प्रदाय की गई? (ग) विभाग द्वारा टी.टी. नगर स्टेडियम के रख-रखाव एवं खिलाडियों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई? मदवार, कार्य सहित विवरण दिया जाए?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) राजधानी भोपाल में विभाग द्वारा टी.टी नगर स्टेडियम, बाबेअली स्टेडियम तथा मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम एवं ऐशबाग हॉकी स्टेडियम पर हॉकी टर्फ का संचालन किया जा रहा है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में एथेलेटिक ट्रेक हेतु राशि रू. 2.00 करोड़ तथा मल्टीपरपज हॉल हेतु राशि रू. 3.00 करोड़ प्राप्त हुये है। प्रदेश सरकार द्वारा टी.टी. नगर स्टेडियम के रख-रखाव हेतु पृथक से राशि आवंटित नहीं की जाती है, बल्कि प्रतिवर्ष स्टेडियम अधोसंरचना मद में बजट उपलब्ध करवाया जाता है। वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्टेडियम अधोसंरचना मद में प्रावधानित राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) टी.टी.नगर स्टेडियम के रख-रखाव एवं खिलाडियों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक मदवार व कार्यवार व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
40. ( क्र. 789 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मकरोनिया में खेल स्टेडियम की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है या लंबित है? (ख) क्या खेल स्टेडियम मकरोनिया हेतु राजस्व विभाग द्वारा भूमि आरक्षित कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त भूमि का निरीक्षण किया गया है तथा इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) विभाग द्वारा खेल मैदान मकरोनिया का निर्माण कार्य कब तक किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं, उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण स्वीकृति नहीं दी गई है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ भूमि उपयुक्त नहीं होने के कारण विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। (घ) प्रश्नोत्तर (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 790 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों के नाम, लागत, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कार्य की भौतिक प्रगति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि के सड़क निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण न होने एवं प्रारंभ न करने के कारणों से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण एवं प्रारंभ कराने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
स्टॉपडेम व तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 803 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न नदियों/नालों में कितने स्टॉप डेम, कितने स्थानों पर तालाब हैं? उनके नाम सहित उनसे कितना रकबा सिंचित किया जाता है? (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितने स्टॉप डेमों/तालाबों के टेण्डर विभाग द्वारा आमंत्रित किए गए हैं? नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्षेत्र में कितने स्टॉप डेमों/तालाबों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? कितनों का कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ है? पृथक-पृथक सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) क्षेत्र में कितने तालाब/स्टाप डेमों की साध्यता होकर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? नाम सहित विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एव (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निरंक। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) निर्माणाधीन परियोजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार तथा प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
जल संरचनाओं में निजी भूमि का अधिग्रहण
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 821 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में दिसंबर 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन बेराज/स्टाप डेम/तालाब की कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृती जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संरचनाओं में निजी भूमि कितनी-कितनी अधिग्रहण की जा रही है? संरचनावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि के मालिकों से क्या एन.ओ.सी. प्राप्त कर ली गई है? यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
तालाबों का संरक्षण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 831 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने और कौन-कौन से तालाब/जलाशय कहाँ-कहाँ निर्मित हैं? इन तालाबों/जलाशयों का क्या-क्या उपयोग वर्तमान में किया जा रहा हैं, और इनका कितना-कितना क्षेत्रफल और कैचमेंट क्षेत्र हैं? तालाब/जलाशयवार बताएं। (ख) क्या कटनी तहसील के ग्राम-पिपरौंध में स्थित तालाब/जलाशय के भराव का क्षेत्र और कैचमेंट क्षेत्र वर्तमान में कम हुआ हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) पिपरोंध के तालाब/जलाशय और इसकी नहरों की मरम्मत और सुधार के विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कब-कब किये गये और वर्तमान में क्या कार्य कराये जाने की आवश्यकता है? (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य मे पिपरौंध के तालाब/जलाशय को सुरक्षित एवं जल भराव का क्षेत्र बढ़ाने के शासन स्तर से आदेश कर कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कटनी जिले में 1 मध्यम एवं 88 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्मित हैं, जिनका उपयोग सिंचाई कार्य हेतु किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा प्रश्नाधीन जलाशय और उसकी नहरों का कोई मरम्मत/सुधार कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। पिपरोंध जलाशय के अंतर्गत प्रस्तावित कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। आवश्यकता नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पार्वती रेसई परियोजना में लंबित मुआवजा
[जल संसाधन]
45. ( क्र. 838 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत पार्वती रेसई सिंचाई परियोजना का कार्य प्रगतिरत है, यदि हाँ, तो परियोजना की संपूर्ण लागत, डूब क्षेत्र में सम्मिलित ग्राम (चल-अचल संपत्ति) विस्थापित ग्राम/परिवार, निर्माण एजेन्सी एवं अनुबंध की सेवा शर्तों आदि सहित परियोजना का विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त परियोजना से प्रभावित किन-किन परिवारों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत होकर किन-किन को वितरित की जा चुकी है तथा किन कारणों से किया जाना शेष है तथा कब तक शेष राशि का वितरण करा दिया जावेगा? (ग) क्या पूर्व में सर्वेक्षण के समय जिन ग्रामों को डूब क्षेत्र में चिन्हित किया गया था वर्तमान में उनको डूब क्षेत्र से बाहर बताया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 02.06.2019 को आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में विभागीय अधिकारियों को प्रभावित ग्राम भैरूपुरा की जानकारी देते हुए इसी प्रकार के अन्य ग्रामों की वस्तुस्थिति का परीक्षण कर आ रही विसंगति को दूर किये जाने का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक, उक्त विसंगति को दूर कर पात्र डूब प्रभावितों को मुआवजा प्रदान करने की कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) पार्वती रेसई नाम की कोई सिंचाई परियोजना नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बड़ोदिया तालाब मार्ग सुधारीकरण
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 839 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ म.प्र. के पत्र क्रमांक 74/ कार्य/बड़ोदिया तालाब/ज.स.स./2018 नरसिंहगढ़ दिनांक 07.01.2019 द्वारा बड़ोदिया तालाब पहुँच मार्ग के सुधारीकरण हेतु प्राक्कलन राशि रूपये 31.64 लाख का तैयार कर आवश्यक स्वीकृति हेतु अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल म.प्र. को प्रेषित किया गया है, यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्राक्कलन अनुसार मार्ग सुधारीकरण हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति देवें, यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से, किस स्तर पर कब से लंबित है? लंबित कार्यवाही के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त मार्ग पर सुगम आवागमन प्रदान करने हेतु ग्रामीणजनों की मांग के दृष्टिगत प्रश्नांश (क) प्राक्कलन अनुसार आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बड़ोदिया तालाब पहुंच मार्ग के सुधार कार्य का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सोलर एनर्जी का ठेका निजी कम्पनी को दिए जाना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
47. ( क्र. 844 ) श्री महेश परमार : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व ऊर्जा मंत्री के कार्यकाल में सोलर एनर्जी का ठेका इनफिनिट एनर्जी सोलुशन (Infinit Energy Solution) को टेंडर के माध्यम से दिया गया था, यदि हाँ, तो क्या उक्त कंपनी उनके किसी परिवार के सदस्य के नाम से पंजीकृत थी? (ख) पूर्व ऊर्जा मंत्री के कार्यकाल में टेंडर जारी करने के लिए अपनायी गयी प्रक्रिया क्या थी? उक्त प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए कौन-कौन से नियम लागू थे? उन नियमों की सत्यापित प्रतियों के साथ साथ टेंडर प्रक्रिया में उपयोग किये गए समुचित अभिलेखों की जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) क्या बार-बार विद्युत कटौत्री होने के कारण आम जनता सोलर एनर्जी सिस्टम खरीदने के लिए प्रेरित हो रही है? यदि हाँ, तो क्या उसका प्रत्यक्ष लाभ उपरोक्त निजी कंपनी को हो रहा है या भविष्य में होगा? (घ) उपरोक्त टेंडर प्रक्रिया के दौरान उक्त कार्यकाल में कौन-कौन अधिकारी किस-किस पद पर किन कार्यों के लिए पदस्थ किये गए थे और वर्तमान में वे अधिकारी कहाँ और किस पद पर, किस परियोजना के लिए कार्यरत है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा सोलर रूफटाप परियोजनाओं के लिए कुल 16 श्रेणियों (क्षमता व बैटरी के आधार पर) की निविदा में से 2 श्रेणियों में मेसर्स इनफिनिट एनर्जी का चयन किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार मेसर्स एनफिनिट द्वारा प्रस्तुत निविदा में कम्पनी पंजीकरण की जानकारी में कम्पनी के डायरेक्टर्स का पूर्व ऊर्जा मंत्री से संबंध उल्लेखित नहीं है। (ख) पूर्व ऊर्जा मंत्री के कार्यकाल में निविदाएं म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा संचालित की जाती थी, जिनके संचालक मण्डल में पूर्व ऊर्जा मंत्री नहीं थे। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम की निविदाएं राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया थी। प्रश्नाधीन निविदा में 30 इकाईयों ने भाग लिया, जिसमें से 26 राज्य के बाहर की थीं। उक्त प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिये प्रस्तावों का ऑनलाईन पद्धति से जमा किये जाने की प्रक्रिया लागू थी, इस निविदा में प्राप्त न्यूनतम दरें भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा तय की गई बैंचमार्क मूल्य की तुलना में विभिन्न श्रेणियों हेतु 3-26 प्रतिशत तक कम प्राप्त हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। इस निविदा में प्राप्त दरें निगम के पूर्व वर्ष में (वर्ष 2014) माननीकृत की गई दरों की तुलना में 31-238 प्रतिशत तक कम प्राप्त हुई है। निविदा की आर.एफ.पी. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पर्यावरण विकास एवं संरक्षण कार्यक्रम का क्रियान्वयन
[पर्यावरण]
48. ( क्र. 847 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में पर्यावरण विकास एवं संरक्षण के लिए कुल कितनी शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाएं कार्य कर रही हैं? इनमें से उत्कृष्ट कार्य करने वाली कितनी संस्थाएं हैं? उन्होंने कौन से उत्कृष्ट कार्य किए हैं? (ख) चालू वित्तीय वर्ष में कुल कितने भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य किन-किन योजनाओं में रखे गए हैं और उनकी क्रियान्वयन एजेन्सी कौन-कौन सी है? नाम, पते सहित जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) पर्यावरण विभाग द्वारा इस वर्ष कार्ययोजना में उज्जैन जिले के लिए कुल कितने कार्य स्वीकृत किए है एवं कितनी राशि स्वीकृत की गयी है तथा उनकी समय-सीमा क्या है? (घ) उज्जैन जिले के पर्यावरण विभाग द्वारा कुल कितने बड़े प्रोजेक्ट कितनी राशि के स्वीकृत किए है? उनकी क्रियान्वयन एजेन्सी कौन सी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) उज्जैन जिले के शहरी क्षेत्रों में स्थित 04 तालाबों के पर्यावरण संरक्षण हेतु जिला कलेक्टर के माध्यम से conservation of urban water bodies परियोजनाओं का नगर पालिका खाचरोद, उन्हेल, तराना एवं मकडोन द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है। एप्को द्वारा उज्जैन जिले में 250 शासकीय विद्यालयों तथा 02 महाविद्यालयों में भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित राष्ट्रीय हरित कोर कार्यक्रम अंतर्गत इको क्लबों का संचालन किया जाता है। वन मण्डल उज्जैन द्वारा भी पर्यावरण वानिकी, क्षतिपूर्ति वनीकरण व शहरी वनीकरण संबंधी कार्य किये जाते है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) उज्जैन जिले के लिये विभाग द्वारा कोई कार्य/प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं किये जाने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल मैदानों की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
49. ( क्र. 854 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा युवाओं हेतु कौन-कौन से खेलों को महत्व दिया जाकर योजना में सम्मिलित किया गया है? (ख) विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा मंदसौर जिले में खेलों हेतु क्या-क्या कार्यक्रम कराये गये हैं, खेल का नाम, स्थान, कार्यक्रम पर खर्च की गई राशि की जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा में खेलने योग्य कितने मैदान हैं नाम सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा में खेल मैदान बनाने हेतु कोई योजना है यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा युवाओं हेतु खेल को महत्व देने के तहत भोपाल में पुरूष हॉकी, शूटिंग, घुड़सवारी, वाटर स्पोर्ट्स (रोइंग, कयाकिंग-कैनोइंग, सेलिंग) मार्शल आर्ट (जूड़ो, फेन्सिग, ताईक्वांड़ो, बॉक्सिंग, कराते, कुश्ती), इसके अलावा ग्वालियर में बॉक्सिंग तथा महू (इन्दौर) में फुटबॉल डे-बोर्डिंग केन्द्र संचालित है। होशंगाबाद में एक्वाटिक्स व ट्रायथलॉन, ग्वालियर में महिला हॉकी, बैडमिंटन, जबलपुर में तीरंदाजी अकादमी एवं भोपाल, झाबुआ मण्डला में सहायक तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सीतामऊ एवं शामगढ़ में खेलने योग्य 1-खेल मैदान सुवासरा में उपलब्ध है। (घ) जिला प्रशासन द्वारा खेल मैदान निर्माण हेतु आवश्यक भूमि व बजट की उपलब्धता तथा खेल मैदान निर्माण की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए खेल मैदान निर्माण की स्वीकृति दी जाती है, वर्तमान में इन स्थानों पर आवश्यक भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण इन स्थानों पर मैदान निर्माण की कोई योजना नहीं है।
सिंचाई योजनाओं की जानकारी विषयक
[जल संसाधन]
50. ( क्र. 863 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा विदिशा जिले में विगत 5 वर्षों में वृहद्, मध्यम एवं लघु कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत की गई? स्वीकृत उपरांत सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर उक्त सिंचाई योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया है क्या? परियोजनाओं के नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त परियोजनाओं में से कितनी परियोजनाएं समय-सीमा अनुसार पूरी नहीं की गई तथा कितनी परियोजनाएं प्रारंभ ही नहीं हुई? प्रारंभ न होने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले में लटेरी तहसील के ग्राम दपकन में टेम नदी के ऊपर मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो योजना के अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। इस योजना में कितने गांव/रकबा भूमि डूब में आ रहे हैं? गांव के कितने लोग विस्थापित हो रहे हैं? कितनी आवासीय बस्तियाँ विस्थापित हो रही है? विस्थापितों के पुर्नवास और डूब प्रभावित किसानों की भूमि मुआवजें वितरण में शासन ने क्या निर्णय लिया है? विस्थापितों और डूब प्रभावित किसानों को शासन क्या-क्या सुविधायें देगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। परियोजनाओं का निर्माण कार्य निर्धारित लक्ष्यानुसार होने से विलंब की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सरकुला डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 893 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत (सरकुला डेम) स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी लागत का? (ख) सरकुला डेम के लिये भू-अर्जन कब किया गया? यदि नहीं, किया गया तो भू-अर्जन कब तक किया जायेगा? (ग) क्या सरकुला डेम के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो निविदा प्रक्रिया कब पूर्ण हो जायेगी तथा निर्माण कार्य कब से शुरू होगा? (घ) सरकुला डेम में कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी भूमि सिंचाई प्रस्तावित है? इसमें किन-किन गावों की भूमि सिंचित होगी? उक्त डेम का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाना हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 को रू. 226.62 करोड़ की प्रदान की गई। (ख) परियोजना का भू-अर्जन नहीं हुआ है। वन भूमि व्यपवर्तन एवं निजी भूमि अधिग्रहण किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एजेंसी का निर्धारण नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 907 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 से 15 जून, 2019 तक प्रदेश के किन-किन जिलों में कितने-कितने घण्टे की अघोषित बिजली कटौती की गई? (ख) उक्त अवधि में की गई अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश में आम नागरिकों को हुई परेशानियों के संबंध में सरकार का क्या आंकलन है? (ग) प्रदेश में बिजली प्रदाय व्यवस्था गड़बड़ाने के क्या कारण है? इस संबंध में सरकार के द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 01 जनवरी, 2019 से 15 जून, 2019 तक प्रदेश के समस्त 52 जिलों में प्राकृतिक आपदा तथा तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर कहीं भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार अपरिहार्य स्थितियों से उत्पन्न आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश में कोई भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है तथा विद्युत प्रदाय बाधित होने पर त्वरित रूप से आवश्यक संधारण कार्य कर विद्युत प्रदाय सामान्य कर दिया गया है। प्रश्नाधीन उल्लेखित स्थिति के किये गये आंकलन अनुसार उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में मार्च से मई की अवधि में संपूर्ण प्रदेश में नियोजित एवं अनियोजित शटडाउन की कुल संख्या 1,61,065 के मुकाबले इस वर्ष इसी अवधि में 1,46,534 शटडाउन रहे अर्थात 9% की कमी आई। इसी प्रकार उक्त शटडाउन के दौरान विद्युत व्यवधान की औसत अवधि वर्ष 2018 में 1 घण्टा 30 मिनिट थी, जबकि इस वर्ष यह घटकर 1 घण्टा 14 मिनिट रह गई है तथापि कतिपय प्रकरणों में असमाजिक तत्वों द्वारा विद्युत लाईनों से छेड़छाड़ करने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ है तथा ऐसे प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। विद्युत व्यवस्था को निर्बाध रूप से चालू रखने के उद्देश्य से सभी संबंधितों को निर्देशित किया गया है तथा मेन्टेनेंस कार्य हेतु अत्यावश्यक होने पर सर्वसंबंधितों को पूर्व सूचना देना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं ताकि इससे उपभोक्ताओं को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव परि. के कार्य की प्रगति
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 916 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव दूरी गेसन परियोजना की प्रगति क्या है? इस योजना से क्षेत्र के किसानों को कितना लाभ होगा? (ख) योजना कब तक पूर्ण होगी? कार्यपूर्णता तिथि एवं अब तक हुए निर्माण कार्य की प्रगति विवरण सहित स्पष्ट करें। (ग) इस योजना से कितने ग्रामों की कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर जमीन की भी सिंचाई होगी? (घ) इस योजना के पूर्ण होने में विलम्ब का क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित होने से विलंब नहीं हुआ है।
लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 920 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी लम्बाई के कौन-कौन से मार्ग लोक निर्माण के विभागाधीन है? इन मार्गों का निर्माण कितनी लागत से कब किया गया था? इन मार्गों में से किन-किन मार्गों का कब पुनर्निर्माण, विशेष मरम्मत का कितनी लागत से विगत 3 वर्षों में किया गया एवं इन मार्गों में से वर्तमान समय में किन-किन मार्गों का पुनर्निर्माण या विशेष मरम्मत का कार्य आवश्यक है? मार्गवार, सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से नवीन मार्गों का निर्माण, किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा अनुबंध की किन शर्तों के अधीन कितनी लागत से किया जा रहा है? अनुबंध की शर्तों के अनुसार इन मार्गों में कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य किस दर से कब तक पूर्ण होने हैं? अनुबंध के विवरण सहित मार्गवार निर्माण एजेंसीवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण पर कितना भुगतान किया गया एवं कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य होना शेष है? उक्त मार्गों के निर्माण में गुणवत्ता विहीन निर्माण सामग्री का उपयोग करने संबंधी कौन-कौन सी शिकायतें शासन स्तर पर प्राप्त हुई तथा इन शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर नवीन मार्गों का निर्माण एवं पुराने मार्गों की मरम्मतीकरण का कार्य कितनी लागत से प्रस्तावित है? उपरोक्त उल्लेखित प्रस्ताव शासन स्तर पर कहाँ पर लंबित है? इसकी स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्राप्त होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) किसी भी नवीन मार्ग का निर्माण नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 921 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें विभाग द्वारा स्थापित की गई एवं उनमें से वर्तमान समय में कितने पूर्ण रूप से क्रियाशील एवं कितनी किन कारणों से बंद हैं अथवा पूर्ण रूप से क्रियाशील नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के सुधार कार्य एवं पुनर्निर्माण हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना एवं प्रस्ताव हैं? इन्हें किस प्रकार से कौन-कौन से योजना मदों से कितनी-कितनी लागत से पुन: संचालित किया जा सकता है? कौन-कौन सी योजनाओं का सुधार कार्य आर.आर.आर. मद से किया जा सकता है? योजनावार सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभाग द्वारा स्थापित छपरा जलाशय के केचमेंट एरिया में मार्बल माइन्स द्वारा अतिक्रमण करने से जलाशय की भंडारण क्षमता समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा अतिक्रमण समाप्त कर जलाशय की भंडारण क्षमता पुन: शत्-प्रतिशत करने हेतु विभाग द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? केचमेंट एरिया से अतिक्रमण किस प्रकार से कब तक अलग कर दिया जावेगा? अतिक्रमण के नाम सहित अभी तक की गई कार्यवाही की विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बहोरीबंद जलाशय एवं रूपनाथ जलाशय के अंतिम छोर बचैया एवं अमरगढ़-अमोदा तक सिंचाई का पानी न पहुंचने के क्या कारण हैं? क्या शासन बहोरीबंद जलाशय की दोनों नहरों की मरम्मत कर सी.सी. निर्माण एवं रूपनाथ जलाशय की नहर के प्रारंभिक बिंदु पर 500 मीटर पाईप-लाईन डालकर नहर के अंदर सी.सी. निर्माण करायेगा, जिससे अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से किस योजना मद से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब''अनुसार है। (ग) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग द्वारा खनिज निरीक्षक के साथ स्थल का संयुक्त निरीक्षण दिनांक 10.05.2019 को कराया जाकर प्रतिवेदन जिला खनिज अधिकारी को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही उनके स्तर पर किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) नहर तथा उनकी संरचनायें अत्यधिक पुरानी होने से रिसाव के कारण बचैया, अमरगढ़-अमोदा तक पानी पहुंचाना संभव नहीं हो पाता है। दोनों जलाशयों की नहरों के उन्नयन हेतु कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 967 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शैक्षणिक वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक रतलाम जिले में शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों की वर्षवार कुल संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में बजट राशि कार्यवार बतावें (ग) वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक प्रतिवर्ष संख्या में वृद्धि/कमी बतावें। (घ) वर्ष 2014-15 से 2018-19 से प्रतिवर्ष विद्यार्थी की हितमूलक विभिन्न योजना में हितग्राही की संख्या तथा कुल राशि बतावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शैक्षणिक सत्र 2014-15 से 2018-19 तक रतलाम जिले के शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों की कुल संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में बजट राशि का कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक प्रतिवर्ष प्रश्नाधीन शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) हितमूलक विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों की संख्या तथा कुल राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पेयजल, भू-जल स्तर एवं सिंचाई की समस्या
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 969 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया के उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र में गंभीर पेयजल संकट है तथा लोग 2-2 कि.मी. दूरी से पीने का पानी लाने को विवश हैं? क्या सरकार इस क्षेत्र में स्थित जरमोरा बांध को भरने की रचनात्मक पहल कर आमजन की पानी की समस्या हल करेगी या उसी के समान्तर सरकार द्वारा कोई दूसरी योजना स्वीकृत कर पेयजल, भू-जल स्तर एवं सिंचाई की समस्या का समाधान करेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : जी नहीं। जरमोरा बांध का भरना वर्षा पर निर्भर है, वर्तमान में दूसरी योजना स्वीकृत करने कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
रोड की मरम्मत
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 970 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की रीवा से सेमरिया बनकुंइया रोड जगह-जगह उखड़ी होने के कारण चलने लायक नहीं है? इस रोड से बांदा, सतना एवं रीवा का व्यस्ततम आवागमन पूरी तरह से बाधित हो रहा है। इस रोड के निर्माण, मरम्मत एवं रख-रखाव की समयावधि (DLP PERIOD) बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रकाश में इस समयावधि में रोड के मरम्मत एवं रख-रखाव का कार्य कौन-कौन से ठेकेदार या एजेंसी को दिया गया था? क्या समयावधि में क्षतिग्रस्त हुई रोड की मरम्मत करवाकर जनहित में चलने लायक बनवाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, अनुबंधानुसार इस मार्ग के निर्माण की समयावधि 365 दिवस थी। उक्त मार्ग के मरम्मत एवं रख-रखाव की डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में कार्य पूर्णता दिनांक 15.07.2016 से 5 वर्ष है। (ख) डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में मार्ग के रख-रखाव एवं सुधार कार्य की जिम्मेदारी म.प्र. रोड़ डेव्हलपमेन्ट कार्पोरेशन लि. की निगरानी में सम्बंधित ठेकेदार मे. प्रकाश एस्फाल्टिंग एवं टोल हाईवेस (इंडिया) लि. महू जिला इन्दौर की है, वर्तमान में मार्ग की स्थिति अच्छी है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 998 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के द्वारा विधानसभा क्षेत्र बड़वानी मे वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं? कार्य का नाम, कार्य स्वीकृति का क्रमांक/दिनांक, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारम्भ होने की दिनांक, एजेंसी का नाम, व्यय की गई राशि, कार्य की अद्यतन स्थिति की विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें l (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने कार्यों की सी.सी. जारी की जा चुकी है? सी.सी. की छायाप्रति उपलब्ध करावेंl (ग) क्या संबंधित एजेंसी के द्वारा राशि आहरण कर ली गई हैं, किन्तु मौका स्थल पर कार्य अधूरा है? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परियोजनाओं का पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: पूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) ऐसा कोई प्रकरण प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लंबित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 999 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के जिला धार की कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनाएं बैराज, स्टॉप डेम किस-किस स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित हैं? उक्त योजनाओं को कब तक स्वीकृति दी जाएगी? (ख) उक्त योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाएं भारत सरकार के पास लंबित हैं? उक्त योजनाओं की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (ग) जनवरी 2019 की स्थिति में उक्त जिलों की कौन-कौन सी योजनाओं का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है तथा कौन-कौन सी निर्माणाधीन योजनाओं का कार्य अपूर्ण है तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। कोई भी परियोजना भारत सरकार के पास लंबित नहीं है। (ग) सर्वेक्षणाधीन परियोजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
विद्युत का वाणिज्यिक उत्पादन
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 1000 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में कार्यरत कितनी निजी एवं शासकीय विद्युत उत्पादन कंपनियां/विद्युत उत्पादन सयंत्र (केप्टिव एवं गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) किन-किन दिनांकों में विद्युत का वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ किया गया? उक्त संयंत्रों/कंपनियों के नाम पते एवं विगत 3 वर्षों में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा उनसे क्रय की गई बिजली की दर सहित जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार एवं माहवार उपलब्ध करायें। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में अन्य राज्यों को विक्रय की गई बिजली की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) म.प्र. के धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, में विगत 03 वर्षों में कुल कितनी मात्रा में बिजली प्रदाय की गई, जिसमें उद्योगों, किसानों, घरेलू उपयोग हेतु प्रदाय की गई बिजली की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त जिलों में अघोषित विद्युत कटौती की जाँच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित अवधि बतायें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत निजी एवं शासकीय विद्युत उत्पादन कंपनियां/संयंत्रों (केप्टिव एवं गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) का नाम/पते एवं व्यवसायिक उत्पादन आरंभ होने की तिथि सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त संयंत्रों/कंपनियों से एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत 3 वर्षों में क्रय की गई बिजली की मात्रा एवं औसत दर की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रय की गई बिजली की मात्रा एवं औसत दर की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्य राज्यों को एक्सचेंज के माध्यम से बिजली विक्रय की जाती है। एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत 3 वर्षों में विक्रय की गई बिजली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर एवं खरगोन जिलों में विगत तीन वर्षों यथा - वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक में 33 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से कुल प्रदाय की गई विद्युत की मात्रा की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। इसी दौरान प्रदाय की गई उक्त विद्युत में से घरेलू, औद्योगिक एवं कृषि प्रयोजन हेतु उपभोक्ताओं द्वारा की गई विद्युत की खपत (सोल्ड यूनिट) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित जिलों सहित प्रदेश में प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कहीं भी अघोषित वि़द्युत कटौती नहीं की गई है। अत: जाँच कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सड़कों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 1009 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा कुल कितनी कौन-कौन सी सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है? इनकी निविदाएं कब-कब किस दर पर हुई? (ख) उपरोक्त निर्माण कार्य में किस-किस ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया तथा कौन-कौन से रोड का निर्माण कार्य किस-किस ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) हरदा जिले में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में कितनी सड़कों को कितनी बार टर्मिनेट किया गया? सड़कवार जानकारी दें? (घ) क्या उपरोक्त सड़कों में निविदा दर से अधिक का भुगतान भी किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस सड़क में अधिक भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
नहरों का घटिया लाइनिंग कार्य
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 1011 ) श्री कमल पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में नहरों की लाइनिंग का कार्य चल रहा हैं। यदि हाँ, तो इस कार्य के टेण्डर कब हुए तथा कौन-कौन सी कंपनी ने किस दर पर कार्य मिला? (ख) उपरोक्त नहरों की लाइनिंग के कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा में कितना कार्य पूर्ण हुआ तथा कितना शेष है? लाइनिंग कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने के लिए कौन दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या नहरों की लाइनिंग कार्य गुणवत्तापूर्वक नहीं होने से नहरों में जगह-जगह दरारें आ गई हैं] जिसका प्रकाशन अखबार में भी हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) हरदा जिले में हो रहे घटिया निर्माण की जाँच किस अधिकारी से कराई गई? यदि नहीं, कराई तो क्यों और यदि जाँच कराई तो जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लाइनिंग कार्य की समय-सीमा शेष होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। 4 स्थानों पर। मरम्मत कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर निर्माण समयावधि में कर दिए जाने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। (घ) मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग होशंगाबाद द्वारा गठित जाँच दल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लिफ्ट इरिगेशन
[जल संसाधन]
64. ( क्र. 1022 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर चन्दला विधान सभा के ग्राम मवईघाट एवं बरूआ में लगभग 20 वर्ष पहले लिफ्ट इरिगेशन का सर्वे एवं प्रारंभिक कार्य शुरू किया गया था? यह योजना कुल कितनी लागत की थी? इस योजना के बजट का कितना खर्च किया गया एवं कितना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सर्वे में नदी किनारे लगभग 40 ग्रामों में लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई की जा सकती थी? (ग) यदि हाँ, तो पुन: लिफ्ट इरिगेशन प्लांट कब तक लगाया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जी नहीं। कृषकों से विद्युत एवं संधारण व्यय वहन करने संबंधी सहमति पत्र प्राप्त न होने के कारण विचाराधीन नहीं है।
विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 1029 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला स्थित बानसुजारा विस्थापित नवीन पुरैनिया कालोनी में आज तक पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है? क्या विस्थापितों को मीलों चलकर पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है? यदि हाँ, तो अब तक व्यवस्था न करने पर दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या विस्थापन की शर्तों में पानी, बिजली एवं सड़क सहित मूलभूत सुविधायें देने का वादा किया गया था? प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, की गई, तो इनमें कौन-कौन दोषी है और उनके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या भराव क्षेत्र होने से नवीन पुरैनिया कालोनी का रास्ता बड़ागांव बुडेरा रोड बरसात में डूब क्षेत्र में आ जायेगा? यदि हाँ, तो कालोनी वालों को निकलने हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। पुनर्वास कॉलोनी नवीन पुरैनिया में पेयजल हेतु हैण्डपंप एवं नलकूप उपलब्ध हैं। जी नहीं। ग्रीष्मकाल में हैण्डपंपों में पानी कम हो जाने पर टैंकरों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था किया जाना प्रतिवेदित होने से अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। (ख) परियोजना प्रतिवेदन में विस्थापन कार्य का प्रावधान था। आदर्श पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास कॉलोनी नवीन पुरैनिया में प्राथमिक शाला भवन, माध्यमिक शाला भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन के साथ-साथ पक्की सी.सी. सड़क, पेयजल हेतु हैण्डपंप, नलकूप एवं पानी के टेंकर की व्यवस्था तथा आंतरिक विद्युतीकरण की व्यवस्था की जाना प्रावधानित है। जिसका पालन किया गया है। अत: कोई दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत बुढ़ेरा से बड़ागांव के लिए व्हाया लार तिगैला मार्ग का निर्माण कार्य लोक-निर्माण विभाग द्वारा किया जा चुका है।
श्रमिकों का शोषण होना
[श्रम]
66. ( क्र. 1036 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के ग्राम मनकहरी में स्थापित प्रिज्म सीमेंट कंपनी में कुल कितने स्थायी कर्मचारी हैं? स्थायी कर्मचारी के नाम/पद देते हुये बतायें कि वे कब से इस कंपनी में कार्य कर रहे हैं? स्थायी कर्मचारियों में कितने कुशल/अर्धकुशल/अकुशल है? उनका नाम/क्या कार्य करते हैं, उसकी जानकारी पी.एफ. क्रमांकों सहित दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी में दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के श्रम ठेकेदार किस श्रम लायसेंस क्रमांकों से कितने-कितने श्रमिकों को ठेके पर रखते हुए कंपनी में क्या कार्य किस वेतनमान पर करवा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कंपनी में ठेकेदारों द्वारा प्रदत्त कितनी संख्या में अकुशल/कुशल/अर्धकुशल श्रमिक किस वेतनमान में कब से हैं? क्या इनको वेतन भुगतान बैंकों के माध्यम से होता है या नगद? सभी ठेकेदारों (श्रमिक) को किस प्रकार का श्रम कंपनी में करने पर कितना-कितना मासिक भुगतान कंपनी प्रतिमाह करती है? उसकी ठेकेदारवार/भुगतानवार/श्रमिकों की संख्यावार उनकी कैटेगिरीवार जानकारी दें। (घ) क्या श्रम विभाग एवं औद्योगिक सुरक्षा विभाग ने कंपनी से सांठ-गांठ कर रखा है? अगर नहीं तो कम वेतनमान पर श्रमिक क्यों कार्य कर रहे हैं और दुर्घटना में श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण न देने पर उनकी जाँच की जा रही है? तीन वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से मौतों की जानकारी दें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के ग्राम मनकहरी में स्थापित प्रिज्म सीमेंट में 942 स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें अकुशल 318 अर्धकुशल 251 एवं कुशल 373 हैं। प्रश्नांश में कर्मचारियों के संबंध में चाही गई विवरणात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रिज्म सीमेंट कंपनी के ठेकेदारों को लायसेंस केन्द्रीय, श्रम विभाग द्वारा जारी किये जा रहे हैं। ठेकेदार लायसेंस कार्य की प्रकृति एवं वेतनमान के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) समस्त ठेकेदारों को उनके अधीनस्थ श्रमिकों द्वारा किये गये कार्य अनुसार/श्रेणीवार वेतन का भुगतान संबंधित ठेकेदारों को किया जाता है तथा ठेकेदारों द्वारा म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के अनुसार संबंधित श्रमिकों को बैंक अकाउंट के माध्यम से भुगतान किया जाता है। विवरणात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) औद्योगिक संस्थान से सांठ-गांठ जैसी कोई स्थिति नहीं है एवं संस्थान के द्वारा शासन के नियमानुसार वेतन का भुगतान किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में कारखाने में किसी भी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई है। श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिये जाने के संबंध में कोई शिकायत कार्यालय से प्राप्त नहीं हुई है न ही कारखाने के निरीक्षण के समय सुरक्षा उपकरण नहीं देने के संबंध में श्रमिकों द्वारा शिकायत की गई।
मार्ग निर्माण हेतु एजेंसी से अनुबंध
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1050 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पटना, करपा एवं सरई मार्ग का निर्माण किस एजेंसी से कराने का अनुबंध किया गया है तथा निर्माण कब तक पूर्ण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की लंबाई-चौड़ाई एवं ऊंचाई क्या निर्धारित की गई है? निर्माण कार्य किस अधिकारी की निगरानी में किया जा रहा है? क्या निर्माण स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार किया जा रहा है? (ग) उक्त मार्ग के निर्माण के संबंध में शासन द्वारा कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं उक्त मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) निविदा कार्यवाही प्रचलन में है, अनुबंध होना शेष है। अनुबंध न होने से निर्माण पूर्ण होने की तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की लंबाई 52.60 कि.मी. एवं चौड़ाई 5.5 मी. तथा ऊँचाई भारतीय सड़क कांग्रेस के मापदण्डों के अनुरूप टोपोग्राफी की आवश्यकता के अनुसार निर्धारित की गई है, वर्तमान में निर्माण प्रारंभ न होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा एशियन विकास बैंक से वित्त पोषित योजना के अंतर्गत रू. 92.05 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.05.2018 को जारी की गई है। प्रश्नाधीन कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। अत: निर्माण कार्य पूर्ण होने की निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है। निविदा कार्यवाही प्रचलन में है।
गुणवत्ताहीन मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1051 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत राजेन्द्र ग्राम से करौंदी-लपटी-बिजौरी मार्ग का निर्माण किस एजेंसी से कराने का अनुबंध किया गया है तथा निर्माण कब तक पूर्ण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की लंबाई-चौड़ाई तथा ऊंचाई क्या निर्धारित की गई है? निर्माण कार्य किस अधिकारी की निगरानी में किया जा रहा है? निर्माण कार्य में किस अधिकारी के द्वारा कब निरीक्षण किया गया? क्या निर्माण स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार किया जा रहा है? (ग) क्या निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है? क्या घटिया स्तर की सामग्री का निर्माण में प्रयोग किया जा रहा है? किस प्रयोगशाला में सामग्री का परीक्षण किया गया? रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) इस मार्ग के निर्माण में जिन किसानों की भूमि का अध्रिग्रहण किया गया था, क्या विभाग द्वारा उनको शासन द्वारा घोषित मुआवजा की राशि प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो मुआवजा राशि कब तक उनके खाते में भेज दी जायेगी? (ड.) उक्त मार्ग निर्माण कार्य में जिन मजदूरों द्वारा कार्य किया गया, क्या उन सभी को मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है तथा उक्त मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व क्या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मार्ग का भूमि पूजन कराया गया? यदि कराया गया तो जनप्रतिनिधि के नाम एवं पद का उल्लेख कर जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्न लोक निर्माण विभाग (भ/प) से सम्बंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई से सम्बंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) अनुसार।
ट्रांसफार्मर वितरण संबंधी
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 1062 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र. क्रं 690, दिनांक 26.06.18 के (ख) उत्तर में वर्णित 308 ट्रांसफार्मर वितरण शेष की अद्यतन स्थिति देवें। (ख) दिनांक 01.06.18 से 31.05.19 तक मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में कितने ट्रांसफार्मर महिदपुर वि.स. क्षेत्र में स्वीकृत किए गए? नाम, ग्राम नाम सहित जानकारी देवें। (ग) ट्रांसफार्मर वितरण में विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार अवधि में वितरण किए ट्रांसफार्मर की सूची भी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा सत्र जून-2018 के दौरान माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पूछे गये तारांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 690 दिनांक 26.06.2018 के उत्तरांश (ख) में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत 308 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य शेष होने की जानकारी दी गई थी। अद्यतन स्थिति में उक्त शेष सभी 308 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में दिनांक 01.06.2018 से 31.05.2019 तक कुल 416 हितग्राहियों के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन कार्य हेतु 412 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना सहित विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसकी हितग्राहियों के नाम एवं ग्राम के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन योजना में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य में विलंब के लिये प्रथम दृष्ट्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.06.2018 से 31.05.2019 तक मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में 256 हितग्राहियों हेतु कुल 253 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। उक्त स्थापित किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1077 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बी.जी. सायडिंग परासिया से ग्राम नेहरिया तक दूरी लगभग 50 किमी. मार्ग निर्मित नहीं होने के कारण क्षेत्र के मजदूरों एवं ग्रामीणजनों को आवागमन में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत परासिया से ग्राम नेहरिया तक दूरी लगभीग 50 किमी. मार्ग के निर्माण कार्य की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/235 दिनांक 04/02/2019 प्रेषित किया गया था, जिस पत्र पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत परासिया से ग्राम नेहरिया तक दूरी लगभीग 50 किमी. मार्ग के निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। अपितु मार्ग वेस्टर्न कोल लिमिटेड पेंच क्षेत्र परासिया के अधीन है। वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड पेंच क्षेत्र परासिया से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिचांई योजनाओं एवं जलाशयों का निर्माण
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 1078 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत सिंचाई योजनायें क्रमांक (01) झूलनदेव जलाशय-ग्राम गाजनडोह, क्रमांक (02) घटामाली (देवरानी दाई) स्टॉप डेम जलाशयों की शासन द्वारा साध्यता प्राप्त हो चुकी है और टेन्डर भी हो चुका है, परंतु फिर भी दोनों सिंचाई योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने तथा विलम्ब के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त दोनों सिंचाई योजनाओं, जलाशयों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर पूर्ण कर दिया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ऐसी कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें प्रस्तावित हैं, जिनकी साध्यता स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, परंतु उनके टेन्डर नहीं किये गये हैं? ऐसे योजनाओं के टेन्डर कब तक दिये जायेंगे और जिन योजनाओं के टेन्डर कर दिये गये है, ऐसी योजनाओं का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। झुलनदेव (गाजनडोह) एवं घटामाली (देवरानीदाई) परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: दिनांक 19.06.2018 एवं 29.05.2018 को क्रमश: रू. 881.21 लाख की 360 हेक्टर एवं रू. 179.19 लाख की 215 हेक्टर सिंचाई के लिए प्रदान की गई। दोनों परियोजनाओं की दिनांक 07.03.2019 को निविदा स्वीकृत की गई। दिनांक 10.03.2019 को आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही नहीं होने तथा दिनांक 27.05.2019 को आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के पश्चात अनुबंध निष्पादित कर परियोजनाओं के प्रांरभिक कार्य जैसे द्वितीय स्तरीय सर्वेक्षण कार्य, भू-अर्जन प्रकरण तैयार करना तथा वन भूमि प्रकरण आदि कार्य दिनांक 28.05.2019 से प्रांरभ करा दिया जाना प्रतिवेदित है। कार्य की पूर्णता आवंटन की उपलब्धता पर निर्भर होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजनाओं के डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुल एवं रेल्वे ब्रिज निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 1085 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा नदी पर आंवलीघाट पर पुल निर्माण की स्वीकृति कब जारी हुई थी एवं निर्माण की लागत क्या है तथा धरमकुंडी रेल्वे ब्रिज की स्वीकृत दिनांक एवं लागत राशि क्या है? (ख) दोनों ही पुल की निर्माण की स्थिति क्या है? क्या दोनों पुल निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हो गये? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर क्या जिम्मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार पर उचित कार्यवाही की गई है? (ग) दोनों ही पुल कब तक पूर्ण बनकर तैयार होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 14.09.2012 एवं लागत रू. 3343.04 लाख तथा दिनांक 6.04.2016 लागत रू. 1306.52 लाख। (ख) आंवलीघाट नर्मदा नदी पर पुल निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है एवं धरमकुंडी के पास रेल्वे ओव्हर ब्रिज का कार्य लगभग 30 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। जी नहीं। आंवलीघाट (नर्मदा नदी) के निर्माण कार्य में विलंब स्थल परिस्थितियों के अनुसार रूपाकंन में परिवर्तन, भू-अर्जन में विलंब, ठेकेदार द्वारा समानुपातिक प्रगति न देने के कारण अनुबंध के प्रावधान अनुसार चलित देयकों से राशि का कटौत्रा किया जा रहा है एवं धरमकुंडी के पास रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य में भू-अर्जन के कारण विलंब हुआ है, अनुबंध के प्रावधानुसार चलित देयकों से राशि का कटौत्रा किया जा रहा है, इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंधानुसार आंवलीघाट पुल कार्य मार्च-2020 तक एवं आर.ओ.बी. धरमकुंडी जून-2020 तक पूर्ण होने की संभावना है।
आयोजित खेल प्रतियोगिताएं
[खेल और युवा कल्याण]
73. ( क्र. 1088 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा खेलों के विकास हेतु क्या उज्जैन जिले में विगत तीन वर्षों में कार्य, आयोजन, प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी? स्थानवार, वर्षवार बतायें। उक्त आयोजनों पर मदवार कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा उज्जैन जिले के खेलों हेतु विगत 3 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी है? उक्त राशि को मदवार कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? जिले में कितनी खेल सामग्री विगत 3 वर्षों में क्रय कर, कहाँ-कहाँ वितरित की गयी है? विगत 3 वर्षों की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार, वर्षवार दें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''में समाहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
निर्माण संबंधी पारित प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 1089 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण संबंधी कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्वीकृत प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया तथा कितने प्रस्तावों के कार्य पूर्ण है तथा कितनों के अपूर्ण हैं? कितने कार्य नियत समयावधि के पश्चात पूर्ण हुए? अपूर्ण कार्यों को नियमानुसार एवं अनुबंध अनुसार कब तक पूर्ण हो जाना था? (ग) नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के संबंध में कितने ठेकेदारों पर उक्तावधि में कार्यवाही की गई तथा विलंब के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। विलंब के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
गुणवत्ताविहीन कार्य की जाँच
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 1092 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के विधान सभा क्षेत्र धमरपुरी के नालछा ग्राम पाटडी में जो 33 के.वी. ग्रीड बनाया गया उसकी गुणवत्ता काफी खराब है? (ख) क्या इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनी टैकर के द्वारा ड्रिल कर पोल लगाये गये जो बिना हवा आंधी के गिर गये, जिसकी सूचना C.M.D. इन्दौर को दी गई थी उसके पश्चात भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जाकर इसका भुगतान रोक दिया जावेगा व उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य प्रगति पर है, जिसमें कार्य की गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन कार्य कर रही ठेकेदार कंपनी मेसर्स यूबिटेक प्राईवेट लिमिटेड, फरीदाबाद द्वारा पोल लगाये जाने हेतु सुविधा की दृष्टि से जहाँ हार्ड स्ट्रेटा था, वहाँ कुछ स्थानों पर ट्रेक्टर के ड्रिलिंग मशीन द्वारा भी गड्ढे किये गये हैं, परंतु तकनीकी रुप से ट्रेक्टर के ड्रिलिंग मशीन द्वारा गड्ढे करके पोल लगाने से गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है। इस कार्य को कर रही ठेकेदार कंपनी द्वारा गड्ढे कर पी.सी.सी. पोल खड़े करने का कार्य नियमानुसार किया जा रहा है, जिसमें गड्ढे की गहराई एवं अन्य मापदण्डों का ध्यान ठेकेदार कंपनी तथा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी एजेन्सी मेसर्स फीडबेक इंफ्रा. प्रा.लि. द्वारा रखा गया है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 16.04.2019 को उक्त विद्युत उपकेन्द्र से संबद्ध निर्माणाधीन 33 के.व्ही. लाईन के 5 पोल तेज आंधी तूफान के कारण गिर गये थे, जिन्हें ठेकेदार कंपनी द्वारा सुधार कार्य कर पुनः व्यवस्थित कर दिया गया है। एम.डी. कार्यालय, इंदौर को उक्त प्रकरण की सूचना प्राप्त होने के उपरांत आवश्यक सुधार कार्य शीघ्र सुनिश्चित कराये जाने हेतु संबंधितों को निर्देशित किया गया। (ग) प्रश्नाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से संबंधित कार्य चूँकि प्रगति पर था। अत: ठेकेदार कंपनी मेसर्स यूबिटेक प्राईवेट लिमिटेड, फरीदाबाद द्वारा पुनः सुधार का कार्य पूर्ण करवाकर विद्युत लाईन को व्यवस्थित कर दिया गया है। अतः ठेकेदार कंपनी को ब्लेक लिस्ट किया जाना, उसका भुगतान रोका जाना अथवा उसके विरुद्ध अन्य कोई कार्यवाही किया जाना आवश्यक नहीं है।
शासकीय विद्यालयों में स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
76. ( क्र. 1106 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 में शासकीय विद्यालयों में कितने-कितने विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन वितरित किये गये तथा इन फोन के गुणवत्ता घटिया के होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इनकी रिपोर्ट मांगी थी? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (ख) क्या उच्च शिक्षा मंत्री ने केबिनेट की बैठक मे इन फोन की घटिया होने की बात कही थी? यदि हाँ, तो उसके बाद भी वहीं फोन क्यों बांटे गये? वितरण कम्पनी पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के स्मार्ट फोन किस कंपनी से कितनी मात्रा में किस दर से किस गुणवत्ता के कुल कितने रूपये के खरीदे गये? (घ) क्या उक्त स्मार्ट फोन टेण्डर की शर्तों के विपरीत खरीदी में 80 करोड़ के भ्रष्टाचार की शिकायत पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा 24 अक्टूबर, 2017 को की गई थी? क्या जिस चीनी कम्पनी फोर स्टार लि. से यह फोन खरीदी की गई तो उसका कोई अता-पता है, न वेबसाइट है और न ही उसका 200 करोड़ का टर्न ओवर है, क्या इस घोटाले की जाँच की जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्ष 2014-15 में प्रवेशित एवं पात्र 121139 विद्यार्थियों को वर्ष 2015-16 में प्रवेशित एवं पात्र 145763 विद्यार्थियों को एवं वर्ष 2016-17 में प्रवेशित एवं पात्र 165060 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन का वितरण वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किया गया था। निर्धारित स्पेसिफिकेशन से कम गुणवत्ता के फोन की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। जी हाँ, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 22 अनुसार है। (ख) विभाग को कैबिनेट की बैठक के इस विषय से संबंधित निर्देश नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत इस विभाग में प्राप्त नहीं है, परन्तु समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के आलोक में जाँच कराई जावेगी। स्मार्ट फोन क्रय करने की समस्त कार्यवाही मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन, भोपाल के द्वारा संपन्न की गई है। स्मार्ट फोन कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेस लिमिटेड द्वारा अमोस्टा मॉडल के स्मार्ट फोन का वितरण किया गया, जिसका ओ.ई.एम. फोर-स्टार इंडस्ट्रीज लिमिटेड है एवं जिसका उत्पादन ग्वालियर स्थित आई.टी. पार्क में किया गया था। निविदा की शर्तों के अनुसार संबंधित ओ.ई.एम. का दो वर्ष का औसत टर्न ओवर 200 करोड़ से अधिक है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' एवं ''3'' पर दर्शित है।
शासकीय महाविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
77. ( क्र. 1116 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के शासकीय महाविद्यालय लिधौरा खास, शासकीय महाविद्यालय जतारा एवं शासकीय महाविद्यालय पलेरा कब खोले गये थे? इनके आदेशों की छायाप्रति प्रदाय कर प्रश्न दिनांक तक कक्षावार, कौन-कौन से विषयों से कितने-कितने छात्र एवं छात्रायें अध्ययन कर रहे हैं? इनमें प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सुविधायें है एवं क्या-क्या कार्य छात्र-छात्राओं के हित में किया जाना अनिवार्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि वर्तमान में इनकी कक्षायें कहाँ-कहाँ संचालित हैं? प्रश्न दिनांक तक इनके भवनों के निर्माण हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये? किराये के जीर्ण-शीर्ण भवन में किले के भवन में या जो स्वयं के भवन हैं, वह क्या अपर्याप्त नहीं हैं? उक्त तीनों कॉलेजों के भवन निर्माण हेतु राशि कब तक स्वीकृत हो जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि लिधौरा खास, जतारा एवं पलेरा कॉलेज में अभी और कौन-कौन सी समस्याएं हैं, जिनका विभाग द्वारा निराकरण नहीं किया जा रहा है? इन समस्याओं का निराकरण कब तक होगा और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रत्येक कॉलेज में प्राचार्य एवं अन्य पद कब से और किस-किस के द्वारा भरे हैं एवं कौन-कौन से पद प्रश्न दिनांक तक रिक्त हैं? इन रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा वर्ष 2018 में, शासकीय महाविद्यालय, जतारा वर्ष 1984 में तथा शासकीय महाविद्यालय, पलेरा वर्ष 1989 में खोले गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 11 अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, जतारा एवं शासकीय महाविद्यालय, पलेरा की कक्षाएं स्वयं के भवन में संचालित हैं तथा शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिधौरा के भवन में संचालित है। शासकीय महाविद्यालय, जतारा की आवश्यकता को दृष्टिगत कर प्रथम तल के निर्माण के प्रस्ताव पर कार्यवाही जारी है। शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा हेतु भूमि आवंटित नहीं हुई है। भवन निर्माण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) समस्याओं का निराकरण एक सतत् प्रक्रिया है, जिस पर आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-12, 13 एवं 14 अनुसार है। पदपूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बानसुजारा बांध की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 1117 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़-छतरपुर दोनों जिलों के मध्य निकली घसान नदी पर बानसुजारा बांध बनाये जाने हेतु प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति कब जारी हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि जो ग्राम स्वीकृत कार्य योजना में थे, उनको इस योजना से वंचित क्यों किया जा रहा है? ऐसे ग्रामों के नाम सहित बतायें एवं यह भी बतायें कि इन ग्रामों के किसानों को कैसे इस योजना से लाभ दिया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) द्वारा स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किये गये सम्पूर्ण कार्यों की जानकारी देते हुये बतायें कि क्या सम्पूर्ण कार्य प्राक्कलन तकनीकी स्वीकृति के आधार पर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किस-किस उपयंत्री द्वारा अंकित बिलों के आधार पर किस-किस ठेकेदार को क्या-क्या कार्य कराने उपरांत बिलों का भुगतान किया जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि सम्पूर्ण जतारा विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों के किसानों को सिंचाई हेतु पानी दिया जा सकता है? अगर हाँ, तो विभाग कब तक पुनरीक्षित योजना बतायेगा एवं कब तक उसकी प्रशासकीय स्वीकृति होगी? योजना में छोड़े जा रहे दिनऊ, दादपुरा, काकनपुरा, कलरा, कंचन एवं 20 पीस ग्रामों में कब तक पाइप लाईन बिछा दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बानसुजारा परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2008 को रू. 335.25 करोड़ की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू. 1768.50 करोड़ की 75,000 हेक्टर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार जतारा विधानसभा क्षेत्र के 63 ग्रामों को सिंचाई सुविधा दिया जाना प्रावधानित है। वर्तमान में पुन: पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। प्रश्नाधीन ग्राम दिनऊ, दादपुरा, काकनपुरा, कलरा, कंचन एवं अन्य ग्राम कमाण्ड क्षेत्र में नहीं होने के कारण पाइप लाईन बिछाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय मलाजखण्ड को आवंटित राशि
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 1122 ) श्री संजय उइके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय मलाजखण्ड को वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक महाविद्यालय के सुचारू संपादन हेतु किस-किस मद/योजना में कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रभारी प्राचार्य के माध्यम से किस-किस मद से किस-किस एजेंसी से सामग्री/उपकरण/स्टेशनरी खरीदी एवं अन्य व्यय कितनी-कितनी राशि से कब-कब, किस-किस कार्य हेतु किया गया? बिल वाउचर, क्रय आदेश की प्रति, स्टॉक पंजी की प्रति सहित जानकारी देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। अभिलेखों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
नहरो
एवं ट्यूबवेल
से सिंचित
क्षेत्र
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 19 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद विधान सभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम नहरों के कारण असिंचित हैं एवं कौन से ग्रामों को नहरों के टेल पर होने के कारण उन्हें एक या दो बार ही पानी मिल पाते हैं। (ख) उपरोक्त ग्रामों में ग्रामवार कितना सिंचाई रकबा है इसमें कितना रकबा नहर एवं कितना ट्यूबवेल से सिंचित होता है। कितना रकबा नहर एवं ट्यूबवेल दोनों से सिंचित होता है। (ग) ऊपर वर्णित ग्रामों में सिंचाई सुविधा बढ़ाने हेतु शासन कौन से प्रयास कर रहा है। (घ) क्या निजी ट्यूबवेल द्वारा जिन खेतों में सिंचाई की जा रही है उनसे भी सिंचाईकर की वसूली की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थित सभी तालाबों के कमाण्ड क्षेत्र में स्थित ऐसा कोई ग्राम नहीं है, जो असिंचित हो। नहरों के टेल पर जो ग्राम कमाण्ड क्षेत्र में स्थित है, उन्हें औसराबंदी अनुसार निर्धारित जल उपलब्ध कराया जाता है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सिंचाई सुविधा बढ़ाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं।
पॉलीथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध
[पर्यावरण]
2. ( क्र. 20 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यावरण संरक्षण के लिये पॉलीथीन के क्रय/विक्रय/प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं क्यों? (ख) यदि हाँ, तो पॉलीथीन के उत्पादन को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश जैव अनाश्य अपशिष्ट (नियंत्रण) अधिनियम, 2004 के अंतर्गत सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में केवल प्लास्टिक थैलियों (कैरी बैग) के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश में प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन को भी प्रतिबंधित किया गया है।
मुम्बई-आगरा फोरलेन हाईवे पर गणपति घाट में सुधार
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 37 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुम्बई-आगरा फोरलेन हाईवे पर गणपति घाट पर होने वाली अत्यधिक दुर्घटनाओं को रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर क्या उपाय किये गये तथा यह उपाय कितने सार्थक सिद्ध हुए? (ख) क्या राज्य सरकार घाट में वैकल्पिक मार्ग या घाट सुधार हेतु कोई प्रस्ताव अपने स्तर या राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से करने जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (घ) यदि नहीं, तो राज्य सरकार इस घाट में दुर्घटनाओं की समस्या के सम्पूर्ण समाधान हेतु क्या कार्रवाई करने जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधिपत्य में नहीं होने से विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं। मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है उनसे प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 79 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वोल्टेज की असामान्य वितरण की समस्या हल करने हेतु नवीन विद्युत सब स्टेशन स्थापित किये जाते है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बरेला एवं पनागर में असामान्य विद्युत वोल्टेज की समस्या वाले क्षेत्रों में कहा-कहाँ कितने नवीन सब स्टेशन स्थापित करने की योजना है? (ग) यदि नहीं, तो क्या सभी जगह पर्याप्त वोल्टेज मिल रहा है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर में औसत प्रति दिन 2 ट्रांसफार्मर क्यों खराब हो रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विद्युत वोल्टेज की समस्या का समाधान सामान्यत: फीडर विभक्तिकरण, कण्डक्टर की क्षमता वृद्धि, फीडर इन्टर-कनेक्शन आदि कार्य करके किया जाता है तथापि उक्त कार्यों से वोल्टेज की समस्या का निराकरण नहीं होने पर तकनीकी एवं वित्तीय रुप से साध्य पाये जाने पर नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की जाती है। (ख) वर्तमान में पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वोल्टेज की समस्या परिलक्षित नहीं हुई है। भविष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या परिलक्षित होने पर तकनीकी एवं वित्तीय रुप से साध्य पाये जाने पर नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य हेतु योजना बनाकर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्य किया जावेगा तथापि उल्लेखनीय है कि पनागर विधानसभा क्षेत्र में विगत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3 स्थलों यथा-खजरी कुदवारी, ओरिया विजय नगर एवं बिलपुरा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण तकनीकी रूप से आवश्यक होने के दृष्टिगत किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वोल्टेज की समस्या परिलक्षित नहीं हुई है। पनागर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में कुल 392 वितरण ट्रांसफार्मर एवं वर्ष 2019-20 में दिनांक 22.6.19 तक कुल 123 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/खराब हुए हैं। उल्लेखनीय है कि वितरण ट्रांसफार्मर मुख्यतः अतिभारित होने, आकाशीय बिजली/तेज आंधी-तूफान तथा ट्रांसफार्मर में आई आंतरिक तकनीकी खराबी के कारण फेल/खराब हो जाता है।
संबल योजना के हितग्राहियों को बिजली बिल की माफी
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 80 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत संबल योजना के 87464 कार्डधारकों में से कितने उपभोक्ताओं ने विद्युत बिल माफी हेतु आवेदन दिये हैं? (ख) क्या सभी आवेदकों के बिल माफ किये गये हैं? यदि नहीं, तो कितने बिल माफ किये? कितने लंबित है? संख्या एवं राशि बतावें? (ग) क्या 148 उपभोक्ताओं के बिल माफ करने के बाद अगले बिल में पुन: माफ की गई राशि जोड़कर बिल दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के लिये कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना 2018 में पंजीकृत श्रमिकों एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों द्वारा ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' के तहत 30995 उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल माफी हेतु आवेदन प्रेषित किये गये थे। (ख) जी नहीं। पनागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 30995 उपभोक्ताओं द्वारा ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' के तहत विद्युत बिल माफी हेतु आवेदन प्रेषित किये गये थे, जिनकी विद्युत बिलों की कुल बकाया राशि रू. 1611.11 लाख थी। उक्त में से 30847 उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों की कुल रू. 1601.30 लाख की बकाया राशि माफ की गई थी एवं 148 उपभोक्ता, जिनके विद्युत बिल की बकाया राशि रू. 9.81 लाख है, लंबित रही थी। उक्त शेष उपभोक्ताओं की समग्र आई.डी. सरल पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने के कारण ये उपभोक्ता उक्त स्कीम के लाभ से वंचित रह गये थे एवं विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण योजना फ्रीज किये जाने से इनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार उक्त 148 उपभोक्ता ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' के लाभ से वंचित रहे थे। अत: तद्नुसार उन्हें आगामी विद्युत बिल जारी किये गये। तत्पश्चात उक्त उपभोक्ताओं का इंदिरा गृह ज्योति योजना में पंजीकरण किया गया, जिसमें उक्त उपभोक्ताओं के मासिक विद्युत बिलों में नियमानुसार छूट प्रदान की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार समग्र आई.डी. सरल पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होने एवं तदुपरान्त विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण रजिस्ट्रेशन हेतु शेष बचे उक्त 148 उपभोक्ताओं को चुनाव पश्चात् लागू इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत विद्युत बिल में छूट प्रदान की जा रही है एवं वर्तमान में विद्युत बिल माफी योजना लागू नहीं होने के कारण इन उपभोक्ताओं की बकाया राशि का समायोजन नहीं किया गया है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
पुनरीक्षित वेनतमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 114 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वेतन विसंगति हेतु गठित ब्रहम्स्वरूप समिति के द्वारा वर्ष 2006 में की गई अनुशंसा में खण्ड 2, चेप्टर 7 के अंतर्गत शासन के विभिन्न विभागों में विद्यमान पद लैब टेक्नीशियन को कॉमन केटेगरी पद में रखते हुए पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया गया है, यदि हाँ, तो अनुशंसा तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 11/8/2006/नियम/चार भोपाल दिनांक 14.12.2006 में समिति अनुशंसाओं के अनुसार पैरा 4 में यह निर्देशित किया गया था कि जिन विभागों में कॉमन केटेगरी के पद विद्यमान हैं, किंतु लाभ हेतु परिशिष्ट 1 में शामिल नहीं हो पाए है, क्या ऐसे छूटे पदों को लाभ देने हेतु क्या संबंधित विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र भेजा गया हैं? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग में ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसा के अनुसार खण्ड 2, चेप्टर 7 के अंतर्गत कॉमन केटेगरी में उल्लेखित पद लैब टेक्नीशियन विद्यमान है। यदि हाँ, तो अन्य लाभ प्राप्त विभागों की तुलना में वर्तमान में दिए जा रहे वेतनमान का ब्यौरा प्रदान करें? (घ) क्या वित्त विभाग, म.प्र. शासन के पत्र के पालन में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लैब टेक्नीशियन पद को पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ प्रदान करने हेतु वर्ष 2006 से आज दिनांक तक कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावे यदि नहीं, तो कब तक भेजा जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालयों का भवन निर्माण कराया जाना
[उच्च शिक्षा]
7. ( क्र. 130 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के अंतर्गत बदरवास तथा रन्नौद में संचालित शासकीय महाविद्यालय वर्तमान में जिस भवन में संचालित हो रहे हैं वहां विद्यार्थियों एवं स्टाफ आदि हेतु पर्याप्त स्थान उपलब्ध है? यदि नहीं, तो शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद में भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में विभागीय स्तर पर शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद महाविद्यालयों के भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो भवन निर्माण की प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति का उल्लेख करें? यदि नहीं, तो कब तक उक्त दोनों महाविद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शिवपुरी जिले के शासकीय महाविद्यालय, बदरवास नवनिर्मित डॉ. भीमराव अम्बेडकर मंगल भवन में तथा शासकीय महाविद्यालय, रन्नौद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संचालित हो रहे हैं, जिसमें पर्याप्त स्थान नहीं है। नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु प्रथमतः जिला कलेक्टर के माध्यम से भूमि प्राप्त की जाती है। दोनों महाविद्यालयों के लिए जिला कलेक्टर को भूमि आवंटन हेतु लिखा गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 138 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना आरंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने ग्रामों में योजना के तहत विद्युतीकरण किया गया? ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्न दिनांक तक कोलारस विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में योजना के तहत कौन-कौन से कार्य किए जाने की स्वीकृति हो चुकी है,? ग्रामवार सूची दें? क्या योजनांतर्गत स्वीकृत हुए कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कार्य प्रगति की अद्यतन स्थिति की जानकारी दें? यदि नहीं, तो कब तक कार्य प्रांरभ कर पूर्ण कर दिया जावेगा? कार्य पूर्ण किए जाने हेतु क्या समयावधि निर्धारित की गई है? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थित में कुल कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं? विद्युत विहीन ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें? उक्त सभी विद्युत विहीन ग्रामों में सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युतीकरण किए जाने हेतु कितने ग्रामों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है? सर्वे किए गए ग्रामों की सूची उपलब्ध कराते हुए बताऐं कि उक्त ग्रामों में योजनांतर्गत कार्य कब तक प्रारंभ होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना दिनांक 11.10.2017 से लागू हुई थी, जिसका उद्देश्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। इस योजनान्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रावधान नहीं था, अपितु लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाईन विस्तार के कार्य किये जाने थे। योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कुल 68 ग्रामों में आवश्यकतानुसार विद्युत अद्योसंरचना विकास/लाईन विस्तार का कार्य कर एवं 1 ग्राम में विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना से, घरों को कनेक्शन प्रदान किये गये। उक्त कार्यों का ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में सौभाग्य योजनान्तर्गत स्वीकृत सभी कार्य निर्धारित कार्यपूर्णता अवधि 31.03.2019 से पूर्व दिनांक 18.03.2019 तक पूर्ण किये जा चुके हैं, जिसकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम विद्युतविहीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश में विद्युत उत्पादन
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 162 ) श्री विश्वास सारंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 से 31 मई, 2019 तक प्रदेश में प्रतिमाह कितनी अनुबंधित विद्युत क्षमता उपलब्ध हैं? माहवार अनुबंधित विद्युत क्षमता की जानकारी मेगावाट में दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितनी बिजली केन्द्रीय विद्युत गृह और निजी कंपनियों से खरीदी गयी? माहवार खरीदी गयी बिजली की मिलियन इकाई में जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समय में प्रदेश में बिजली की मांग कितनी रही? माहवार, शीर्ष मांग की मेगावाट में जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समय में प्रदेश में हो रही अघोषित विद्युत कटौती का कारण क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 01 जनवरी, 2019 से 31 मई, 2019 तक प्रदेश में ऊर्जा विभाग अंतर्गत एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अनुबंधित विद्युत क्षमता की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के तहत उक्त अवधि में, एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा केन्द्रीय विद्युतगृहों एवं निजी कंपनियों से खरीदी गई बिजली की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित समय में प्रदेश में बिजली की शीर्ष मांग की मेगावाट में माहवार जानकारी निम्नानुसार है :-
माह |
शीर्ष मांग (मेगावाट में) |
जनवरी 2019 |
14089 |
फरवरी 2019 |
13075 |
मार्च 2019 |
12018 |
अप्रैल 2019 |
9738 |
मई 2019 |
9880 |
(घ) 01 जनवरी 2019 से 31 मई 2019 तक की अवधि में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से विद्युत प्रदाय बाधित होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त अतिआवश्यक मेन्टेनेंस कार्य भी उपभोक्ताओं को पूर्व में सूचित कर पूर्व निर्धारित अवधि हेतु शटडाउन लेकर किये गये हैं। अत: प्रदेश में कहीं भी अघोषित विद्युत कटौती किये जाने जैसी स्थिति नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय नागदा क्रीड़ा अधिकारी की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 193 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से शासकीय महाविद्यालय नागदा में क्रीड़ा अधिकारी का पद सृजन करने एवं नियमित पदस्थापना और खेल मैदान के लिये राशि स्वीकृत करने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी के पत्र क्रमांक 100/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/2019, दिनांक 22/01/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं? (ख) मुख्यमंत्री के पत्र के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में विभाग को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है। (ख) वर्तमान में संसाधनों के अभाव में शासकीय महाविद्यालय, नागदा में क्रीड़ा अधिकारी का पद सृजन किया जाना संभव नहीं है। खेल मैदान में सुधार करने के लिये कार्यालयीन पत्र क्रमांक 170/163/आउशि/निर्माण शाखा-6/18 दिनांक 12.3.2019 द्वारा प्राचार्य शासकीय कला विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय, नागदा जिला-उज्जैन को जनभागीदारी मद में उपलब्ध राशि से नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में प्राचार्य के पत्र दिनांक 24.06.2019 द्वारा जनभागीदारी मद से खेल मैदान का समतलीकरण किया गया है।
सड़क निर्माण कार्य का पूर्ण करना
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 210 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा में सतनवाड़ा से नरवर सड़क निर्माण कार्य किस एजेंसी द्वारा कब से प्रारंभ कराया जाकर निर्माणाधीन है? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य विगत पाँच छह वर्षों से अपूर्ण पड़ा हुआ है? सड़क कार्य के बीच में पड़ने वाली रपटे/पुलिया एवं सड़क का फिलिंग कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे आये दिन ग्रामीण जन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं? (ग) क्या इसी सड़क कार्य का एक हिस्सा लखनातालाब नरवर से लोढ़ी माता मंदिर 02 कि.मी. गड्ढों में तब्दील हो चुका है जिससे यातायात बाधित होकर चक्काजाम की स्थित सदैव बनी रहती है? (घ) उक्त सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण नहीं कराने के लिये कौन एजेंसी एवं कौन-कौन विभागीय अधिकारी संलिप्त है? कार्य पूर्ण नहीं करने वाली एजेंसी को अभी तक विभाग द्वारा कालातीत क्यों नहीं किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स सी.एम.एम. इन्फ्राप्रोजेक्ट्स लि.-मेसर्स केती कंस्ट्रक्शन लि. (जे.व्ही.), दिनांक 4.11.2015 से। (ख) जी हाँ। कार्य अधूरा है, दुर्घटना संबंधित कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। (ग) जी नहीं। सतनवाड़ा-नरवर मार्ग के लखनातालाब नरवर से लोढ़ी माता मंदिर तक डब्ल्यू.एम.एम. सतह स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: यातायात का आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। (घ) कार्य पूर्ण न होने हेतु संबंधित एजेन्सी जिम्मेदार है। कोई भी अधिकारी संलिप्त नहीं है। कार्य लगभग 97 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। अत: अनुबंध के प्रावधान अनुसार विलंब से कार्य पूर्ण करने हेतु क्षतिपूर्ति वसूली के अधिकार सुरक्षित रखते हुये समय वृद्धि दी गई है। अत: एजेन्सी को कालातीत नहीं किया गया है।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 211 ) श्री जसमंत जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करैरा तहसील से ग्राम पंचायत करही बरूआ छितरी तिराहे करैरा तहसील तक की सड़क विगत तीन वर्ष से गड्ढे में तब्दील हो चुकी है? क्या सड़क की लंबाई 13 कि.मी. होने के बाद भी आवागमन में 1 घंटे का समय व्यतीत होता है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त सड़क कार्य का पेंचवर्क अथवा नवीन वर्क प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं कराया गया है जबकि इस संबंध में राज्य स्तर से लेकर संभाग स्तर जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर के सभी विभागीय अधिकारियों को मौखिक एवं लिखित रूप से अवगत कराया गया है? कारण सहित अवगत कराया जावे। (ग) क्या उक्त कार्य कराने में कोई वैधानिक अड़चन है अथवा अधिकारियों की लापरवाही है? क्या पेंच वर्क कार्य कराने हेतु विभाग के पास आवंटन का आभाव है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत करही-बरूआ-छितरी तिराहे करैरा तहसील तक की सड़क की लंबाई 15.00 कि.मी. है। (ख) तहसील करैरा से ग्राम पंचायत करही-बरूआ छितरी तिराहे की सड़क करैरा-भितरवार मुख्य जिला मार्ग लंबाई 31.50 कि.मी. का हिस्सा है। इस मार्ग का निर्माण न्यू डेव्हलपमेंट बैंक योजना के पैकेज-4 में तीन अन्य मार्गों के साथ प्रगति पर है। यातायात की सुविधा की दृष्टि से समय-समय पर ठेकेदार द्वारा जी.एस.बी. से पैच रिपेयर कार्य किया गया। ठेकेदार को बीटी पैच बनाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (ग) जी हाँ, करैरा-भितरवार मुख्य जिला मार्ग के कि.मी. 2+975 से 21+800 तक (18.825 कि.मी.) तक का भाग करैरा वन्यप्राणी अभ्यारण से होकर गुजरता है, जिसमें कार्य करने हेतु वन विभाग की अनुमति अपेक्षित है, अनुमति के अभाव में इस 18.825 कि.मी. लंबाई में सड़क का पुननिर्माण का कार्य किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है, अधिकारियों की कोई लापरवाही नहीं है। जी नहीं, पैच रिपेयर कार्य निर्माण एजेन्सी को करना है, डामरीकृत पैच रिपेयर हेतु निर्देश दिये गये है।
संबल योजना का लाभ देना
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 234 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जुलाई 2018 से संबल योजनांतर्गत सरल बिजली बिल स्कीम में कितनी यूनिट तक कितने वॉट/के.व्ही.ए. तक के विद्युत कनेक्शनधारियों को बी.पी.एल./श्रमिकों हेतु योजना का लाभ दिया जाता था एवं 07 फरवरी 2019 से इंदरा गृह ज्योति योजनांतर्गत कितने यूनिट तक कितने वॉट/ के.व्ही.ए. के कनेक्शनधारी हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया गया है? योजनाओं के विवरण से अवगत करावें। कौन सी योजना हितग्राहियों के लिये लाभकारी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या हितग्राहियों को 100 यूनिट से अधिक खपत वाले बी.पी.एल./श्रमिक कार्डधारी उपभोक्ताओं को उक्त योजन के लाभ से वंचित किया गया है? यदि हाँ, तो 100 यूनिट से अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के देयक का स्वरूप क्या होगा एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? नहीं, तो फिर विभाग द्वारा 100 यूनिट से अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को योजना से पृथक कर अधिक राशि वसूलने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या हितग्राहियों को 100 यूनिट से अधिक खपत वाले बी.पी.एल./श्रमिक कार्डधारी उपभोक्ताओं से अधिक राशि के देयक देकर राशि वसूली गई है? उन उपभोक्ताओं की अधिक राशि का समायोजन विभाग द्वारा किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना, 2018 के अन्तर्गत 1000 वाट तक के संयोजित भार वाले पंजीकृत श्रमिकों एवं संनिर्माण कर्मकारों को 01 जुलाई, 2018 से ''सरल बिजली बिल स्कीम'' का लाभ दिये जाने का प्रावधान था। उक्त योजनान्तर्गत पंजीकृत हितग्राहियों को घरेलू उपयोग हेतु उपयोग किये गये सभी यूनिटों के लिये अधिकतम राशि रू. 200/- का देयक दिये जाने एवं शेष राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में दिये जाने का प्रावधान था। दिनांक 07 फरवरी, 2019 को राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25 फरवरी, 2019 से लागू की गई, जिसके अन्तर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना, 2018 के अनुरूप 1000 वॉट तक संयोजित भार वाले पंजीकृत श्रमिकों एवं संनिर्माण कर्मकारों को सम्मिलित किया गया है। इस योजनान्तर्गत घरेलू उपयोग के लिए 100 यूनिट तक खपत करने वाले हितग्राहियों को अधिकतम रू. 100/- का देयक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर प्रथम 100 यूनिट के लिए रू. 100/- एवं शेष विद्युत खपत के लिए लागू टैरिफ अनुसार विद्युत देयक की राशि उपभोक्ता द्वारा देय है। राज्य शासन द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उदे्दश्य से इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है, जिसमें 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। ऐसे आर्थिक रूप से पिछड़े हितग्राहियों के लिये, जिनका मासिक विद्युत उपयोग 100 यूनिट तक है, इंदिरा गृह ज्योति योजना अधिक लाभकारी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लगभग 55 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनका मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है, इस प्रकार इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू कर राज्य शासन ने लगभग रू. 55 करोड़ प्रतिमाह की अतिरिक्त सहायता गरीब तबके को पहुँचाई है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में लागू योजनान्तर्गत 100 यूनिट से अधिक खपत वाले हितग्राहियों को भी 100 यूनिट की खपत के लिए मात्र रू. 100/- के देयक का लाभ मिल रहा है। इन हितग्राहियों को 100 यूनिट से अधिक की विद्युत खपत पर लागू टैरिफ अनुसार विद्युत देयक दिये जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा जारी किये गये निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार योजना के प्रावधानों के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये गये हैं, अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
जलाशयों का संधारण
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 237 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में वर्तमान में कितने जलाशय हैं एवं उन जलाशयों का सिंचाई रकवा कितना है? जलाशयवार जानकारी दें? वर्ष 2018-19 में कितने रकवा में सिंचाई उपलब्ध कराई गई? क्या पानी के अभाव में जलाशय का सिंचित रकवा को पानी पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं कराया जाता? (ख) यदि हाँ तो जल क्षमता बढ़ाने हेतु जलाशयवार क्या कार्य योजना बनाई गई क्या पथरहटा जलाशयों के जल भराव हेतु कोई विशेष योजना बनाई गई है? (ग) यदि नहीं, तो पथरहटा जलाशयों में जल रिसाव को रोकने के लिए कोई योजना बनाकर कार्यवाही की जायेगी? जिससे अधिक से अधिक जल भराव हो सके, जिसका लाभ कृषकों को मिल सके, यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) वर्तमान में 09 जलाशय है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) पथरहटा जलाशय में रिसाव नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
विद्युत कनेक्शन एवं सामग्री का प्रदाय
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 250 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत तहसील पिपरिया एवं बनखेड़ी में विगत दो वर्षों में सौभाग्य योजना अन्तर्गत कितने हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? (ख) क्या योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों को योजना अन्तर्गत कनेक्शन देते समय सामग्री प्रदान किये जाने का प्रावधान हैं, यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री हितग्राहियों को प्रदान की जाती हैं? (ग) क्या योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों को सामग्री का प्रदाय नहीं किया गया हैं, यदि हाँ, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में सौभाग्य योजना में तहसील पिपरिया में 2918 एवं तहसील बनखेड़ी में 1859 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ख) जी हाँ। सौभाग्य योजनान्तर्गत हितग्राहियों को स्विचबोर्ड (दो स्विच एवं एक सॉकेट सहित) एवं 9 वॉट एल.ई.डी. बल्ब प्रदान किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि योजना के प्रावधानों के अनुसार सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हितग्राहियों को उक्त सामग्री सहित नि:शुल्क घरेलू कनेक्शन प्रदान किया गया है तथा ''नॉन पूअर'' श्रेणी के हितग्राहियों को यद्यपि नि:शुल्क घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान किया गया है किन्तु इस हेतु उनसे रू. 500/- की राशि 10 समान मासिक किश्तों में विद्युत बिलों के साथ वसूल की जानी है। (ग) हितग्राहियों को सौभाग्य योजना के प्रावधान अनुसार सामग्री प्रदान की गई है।
अनुदान पर प्राप्त ट्रांसफार्मर रखा जाना
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 251 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपयोग हेतु कृषकों की भूमि पर अनुदान पर ट्रांसफार्मर रखे जाने का प्रावधान हैं? (ख) क्या वर्तमान में उक्त योजना के तहत ट्रांसफार्मर रखे जाने हेतु क्षेत्र के कृषकों का पंजीयन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त योजना को बंद कर दिया गया हैं यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसके स्थान पर शासन द्वारा कोई नवीन योजना लागू की जावेगी यदि हाँ, तो कौन सी योजना?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश में कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से दिनांक 06.09.2016 से मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना लागू की गई थी, जिसमें कृषकों के स्थाई पम्प कनेक्शन के कार्य हेतु, आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना सहित, विद्युत अधोसंरचना के विस्तार हेतु अनुदान राशि उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित था। योजनान्तर्गत पंजीकृत समस्त आवेदकों के कार्य जून, 2019 तक किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ, उक्त योजना वर्ष 2018-19 तक ही स्वीकृत थी, अतः वर्तमान में इस योजना के तहत कृषकों का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। (ग) उक्त योजना मार्च 2019 तक लागू थी। इस योजना के स्थान पर स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु नवीन योजना का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। स्वीकृति उपरांत उक्त योजना का विवरण बताया जाना संभव हो सकेगा।
संबल योजनान्तर्गत बी.पी.एल./श्रमिक कार्डधारियों को योजना का लाभ
[श्रम]
17. ( क्र. 265 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना में बी.पी.एल./श्रमिक कार्डधारियों को कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कौन-कौन सी सुविधाऐं उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में कितने-कितने हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया गया एवं कितने हितग्राही योजना से लाभान्वित होने से शेष रह गये है? कितने हितग्राहियों को मृत्यु/दुर्घटना उपरान्त राशि प्रदाय की गई। लाभान्वित होने से शेष रहे हितग्राहियों का विवरण दें। (ग) विभाग द्वारा योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभागों को प्रदाय की गई एवं विभाग द्वारा भेजी गई राशि को हितग्राहियों के खातों में भेज कर पूर्णता प्रमाण पत्र भेजा गया है? कितनी-कितनी राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे गये है? यदि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजे गये है तो क्या विभाग द्वारा उक्त राशि का उपयोग किसी अन्य कार्य हेतु किया गया है? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्या नहीं?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना अन्तर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों हेतु श्रम विभाग द्वारा संचालित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा अन्य विभागों द्वारा संचालित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) योजना की स्वीकृति ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। पोर्टल पर स्वीकृत प्रकरण एवं स्वीकृत राशि के अनुसार हितग्राहियों के खाते में राशि का आवंटन किया जा रहा है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण में कृषकों को मुआवजा
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 282 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिल्ली-मुम्बई 8 लाईन सड़क में मंदसौर, रतलाम जिले के कृषकों की कितनी भूमि अधिग्रहित की गई है? (ख) उक्त योजना में मंदसौर जिले की कितने कि.मी. की सड़क प्रस्तावित है? (ग) वर्तमान में उक्त सड़क अधिग्रहण में कितने कृषकों को मुआवजा दे दिया गया है? कितनों को देना शेष है? मुआवजा टेबल की प्रतिलिपि सहित जानकारी दें। (घ) उक्त जिलों में कितनी शासकीय भूमि का उपयोग किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। मुआवजा टेबल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार।
दूषित जल से गंभीर बीमारियां
[पर्यावरण]
19. ( क्र. 283 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर शहर के गांधीनगर, मेघदूत नगर, यश नगर से होकर गुजरने वाले प्रदूषित नाले के कारण 7 से 10 कि.मी. की रहवासी कॉलोनियों में टयूबवेल, कुएं, नगरपालिका के नलों में पानी पूर्णत: प्रदूषित हो रहा है? 1 जनवरी 2017 के पश्चात कब-कब, किस-किस व्यक्ति ने इस प्रदूषित जल की शिकायत पर्यावरण विभाग में की उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की। (ख) क्या उक्त प्रदूषित जल मुल्तानपुरा के समीप औद्योगिक क्षेत्र से नाले में मिलता है जिससे संपूर्ण क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है, इसको लेकर विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) क्या उक्त प्रदूषित जल पीने से उक्त क्षेत्र के नागरिक लीवर एवं किडनी की गंभीर बीमारी से पीडि़त हो रहे हैं जिसकी संख्या निरंतर बढ़ रही है? विभाग संपूर्ण क्षेत्र की कब तक जाँच करवायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तालाबों का संरक्षण
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 338 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कितने तालाब हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। इन तालाबों के संरक्षण के लिए विगत 02 वर्षों में क्या कदम उठाये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाबों का वर्षाकाल के पूर्व गहरीकरण करवाया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा इन तालाबों के संरक्षण, गहरीकरण एवं रख-रखाव हेतु कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या योजना है? उक्त तालाबों के भराव के लिए नहरों, नालों आदि स्त्रोतों की साफ-सफाई करायी गई है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में स्थित समस्त तालाबों पर अतिक्रमण किया गया हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं तथा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना अतिक्रमण हटाया गया हैं? तालाबवार जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में 08 तालाब है। ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तालाबों के संरक्षण के लिए अलग से कोई योजना स्वीकृत नहीं की गई। नियमानुसार वर्षा पूर्व तथा वर्षा पश्चात् आवश्यक रखरखाव के कार्य कराए गये। (ख) तालाबों का गहरीकरण विभाग द्वारा नहीं कराया जाता है। तालाबों का रखरखाव, तालाबों के भराव के लिए पोषक नहरों के सुधार/सफाई के कार्य आवश्यकतानुसार जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से उन्हे राशि प्रदान कर कराये जाते हैं। (ग) जी नहीं, अतिक्रमण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य कराने के संबंध में
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 340 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये हैं? कार्य का नाम, वर्ष, स्थान व राशिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो गए हैं, कितने शेष है एवं कितने प्रस्तावित है? निर्माण एजेंसियों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2013-14 में प्रस्तावित निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण न होने पर विभाग के द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों? निर्माण कार्यों में की गई विलंब के लिये कौन से अधिकारी/निर्माण एजेंसी दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में संपादित दो कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दोनों कार्य पूर्ण हो चुके है। कोई कार्य शेष नहीं है एवं कोई भी कार्य प्रस्तावित नहीं है। (ग) निर्माण कार्यों में कोई विलंब प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 373 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना से बम्होरी दुर्जन तक लोक निर्माण विभाग की सड़क रिफायनरी एवं जे.पी. पॉवर प्लांट, बीना के द्वारा बनायी गयी थी? क्या वर्तमान में उक्त सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है? (ख) क्या जे.पी. पॉवर प्लांट बीना के द्वारा 10 वर्षों के लिए सड़क को मेंटेनेंस का कार्य लिया गया था जिसकी अवधि समाप्त हो गयी है? (ग) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग के पास उक्त सड़क बनाने की क्या योजना है एवं कब तक सड़क निर्माण पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पूर्व में बीना से बम्होरी दुर्जन तक की सड़क लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई थी, उक्त सड़क का मजबूतीकरण कार्य अनुबंध के तहत जे.पी. पॉवर प्लांट बीना द्वारा किया गया है। जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी नहीं अनुबंधानुसार माह अगस्त-2021 तक मार्ग का संधारण कार्य जे.पी. पॉवर प्लांट बीना द्वारा किया जाना है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अस्थायी कनेक्शन के संबंध में
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 412 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली विद्युत संभाग में 1 जनवरी, 17 से जून, 19 तक की अवधि में कितने अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? अस्थायी कनेक्शन देने व शुल्क की वसूली के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) अस्थायी कनेक्शन को स्थायी कनेक्शन में परिवर्तन हेतु क्या-क्या निर्देश हैं उक्त अस्थायी कनेक्शनों को कब तक स्थायी कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संचा.संधा. संभाग में कितने ट्रांसफार्मर अतिभारित (ओवर लोड) हैं, नवीन ट्रांसफार्मर के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? (घ) जून, 19 की स्थिति में कितने ग्रामों में 1 फेस 2 तार की लाईन हैं तथा इनमें 1 फेस 3 तार लगाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी तथा कहाँ-कहाँ पर विद्युत लाईन के तार चोरी हो गये हैं, इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 1 जनवरी, 2017 से जून, 2019 तक की अवधि में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन संभाग अंतर्गत 9368 अस्थाई विद्युत कनेक्शन एवं बरेली संभाग अंतर्गत 6143 अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। अस्थाई विद्युत कनेक्शन म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी निर्देशों अनुसार दिये जाने एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार इनकी बिलिंग किये जाने का प्रावधान है। उक्त निर्देशों/टैरिफ आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) अस्थाई कनेक्शन वाले उपभोक्ता से उसकी आवश्यकतानुसार स्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त होने एवं उसके द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने सहित सभी निर्धारित औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत स्थाई कनेक्शन दिये जाने की कार्यवाही की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान अस्थाई विद्युत कनेक्शनों को स्थाई किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन एवं बरेली संभागों में अतिभारित (ओवरलोड) ट्रांसफार्मरों की संख्या निरंक है। ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने की स्थिति में तकनीकी पैरामीटरों के आधार पर, आवश्यक होने पर, अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की स्थापना अथवा विद्यमान ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि प्रस्तावित की जाती है। (घ) जून-2019 की स्थिति में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के बरेली संभाग में 97 ग्रामों में आंशिक स्थानों पर सिंगल फेस-2 तार की निम्नदाब लाईन है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन संभाग के अंतर्गत सिंगल फेस-2 तार की लाईन नहीं है। 1 फेस 3 तार की लाईन लगाने की कार्यवाही संबंधित द्वारा आवेदन दिये जाने एवं आवश्यक औपचारिकताएँ पूर्ण किये जाने पर की जा सकेगी। विगत 2 वर्षों में जून-2019 की स्थिति में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन संभाग अंतर्गत 14 स्थानों पर तार चोरी की घटनाएँ घटित हुई है, जिनमें से 9 स्थानों के तार बदले जा चुके हैं एवं शेष 5 स्थानों पर तार बदलने की कार्यवाही की जा रही है। इन 5 स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त अवधि में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के बरेली संभाग के अंतर्गत जून, 2019 की स्थिति में कोई भी तार चोरी की घटना नहीं हुई है।
छात्र-छात्राओं को दी जा रही सुविधाएं
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 420 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कौन-कौन सी सुविधायें दी जाती हैं, योजनावार, मापदण्ड, शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2016-17 से जून 19 तक की अवधि में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने-कितने छात्र-छात्राओं को लाभ मिला? महाविद्यालयवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अ.जा./अ.ज.जा./पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को किस-किस महाविद्यालय में कितनी छात्रवृति की राशि मिली कब तक की राशि का भुगतान हुआ? (घ) क्या अलग-अलग महाविद्यालयों में छात्रवृति की राशि में अंतर है यदि हाँ, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (पृष्ठ 01 से 14) अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली का उत्पादन
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 515 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड हेतु कितनी मेगावाट बिजली की अनुबंधित क्षमता उपलब्ध है? उसमें से माह अप्रैल, 2019 में प्रदेश में कितनी बिजली मिलियन यूनिट में क्रय कर वितरित की गयी और प्रदेश के बाहर किन-किन संस्थाओं को विक्रय की गयी? (ख) विद्युत क्षमता एवं विद्युत क्रय कर वितरित करने की 2014 से 2018 तक की अवधि में वर्षवार क्या स्थिति रही है? (ग) क्या वर्तमान में विद्युत कटौती का घोषित/अघोषित कोई प्लान जिलों को दिया गया हैं? (घ) सीधी जिले में 6 माह में अघोषित विद्युत कटौती के कारणों से अवगत कराया जाए?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा 20625.59 मेगावाट अनुबंधित क्षमता उपलब्ध है। माह अप्रैल 2019 में 6410.41 मिलियन यूनिट क्रय की गई। उसमें से ऊर्जा विभाग के अंतर्गत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों, एम.पी. ए.के.व्ही.एन.एल. एवं रेलवे को 5940.49 मिलियन यूनिट वितरित की गई तथा अतिशेष 469.82 मिलियन यूनिट विद्युत पावर एक्सचेंज के माध्यम से प्रदेश के बाहर विक्रय की गई है। पावर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रित विद्युत को क्रय करने वाली संस्थाओं की जानकारी उपलब्ध नहीं होती है। (ख) विद्युत क्षमता एवं विद्युत क्रय कर वितरित करने की 2014 से 2018 तक की अवधि की वर्षवार स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में ऊर्जा विभाग के अंतर्गत प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों (पूर्व/मध्य/पश्चिम) में किसी भी जिले में घोषित/अघोषित कटौती नहीं की जा रही है। अत: किसी भी जिले में प्लॉन देने का प्रश्न ही नहीं है। (घ) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत सीधी जिले में पिछले 6 माह में प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से विद्युत प्रदाय बाधित होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर किसी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त अतिआवश्यक मेंटेनेंस कार्य भी उपभोक्ताओं को पूर्व में सूचित कर पूर्व निर्धारित अवधि हेतु शटडाउन लेकर किये गये है। अत: अघोषित विद्युत कटौती के कारण बताये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
जल संसाधन विभाग की जानकारी
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 555 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी, उपयंत्री, समयपाल आदि के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) उपरोक्त (क) में उल्लेखित सभी स्वीकृत पद भरे हुये है अथवा रिक्त है? (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित रिक्त पद कब से खाली है व इस हेतु जिला प्रशासन (जल संसाधन विभाग) द्वारा रिक्त पदों के भरे जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। सहायक यंत्री (सिविल) के सीधी भर्ती के 56 पद एवं सहायक यंत्री (विद्युत यांत्रिकी) के सीधी भर्ती के 04 पदों की पूर्ति के लिए मांग पत्र दिनांक 28.02.2018 द्वारा लोक सेवा आयोग, इन्दौर को प्रेषित किया गया है।
जल संसाधन विभाग की जानकारी
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 556 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग अम्बाह के अंतर्गत नहर सिंचाई के अतिरिक्त स्टापडेम/तालाबों से भी सिंचाई हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस स्टापडेम व तालाब से कितनी-कितनी सिंचाई किन-किन ग्रामों में हो रही है ग्रामवार एवं हैक्टेयरवाइज जानकारी दी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) 06 स्टॉप डेम से सिंचाई हो रही है, अम्बाह संभाग के कार्य क्षेत्र में तालाब नहीं है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उच्च वेतनमान स्वीकृत करने संबंधी
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 623 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी, श्री सुरेश धाकड़ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के अंतर्गत जिला शिवपुरी में पदस्थ श्री ओ.पी.शर्मा, कार्यालय सहायक श्रेणी 02 संभाग प्रथम शिवपुरी का दिनांक 01.12.2017 से देय 30 वर्षीय तृतीय उच्च वेतनमान का प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रबंध संचालक के कार्यालय में कब प्राप्त हुआ? प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि उक्त प्रकरण स्वीकृत कर दिया गया है तो स्वीकृति आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त प्रकरण की स्वीकृति में विलंब हुआ हैं? यदि हाँ, तो कितना तथा इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं तथा इनके विरूद्ध कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या श्री ओ.पी. शर्मा के प्रकरण के साथ संलग्न, मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो तृतीय उच्च वेतनमान कब स्वीकृत किया गया? यदि नहीं, तो प्रकरण के साथ संलग्न आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण में उच्च वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जा चुका है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन चाही गई अन्य जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में कार्मिक श्री ओ.पी. शर्मा, माननीय विधायक कोलारस के यहां पदस्थ थे तथा ऐसी स्थिति में उनकी वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में ''नो रिपोर्ट'' का उल्लेख होने के कारण तत्संबंध में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्राचार/कार्यवाही में समय लगने के कारण विलंब हुआ है। अत: उक्त प्रकरण में किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार/उत्तरदायी नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन प्रकरण में तृतीय उच्च वेतनमान का लाभ आदेश क्रमांक 3802-03 दिनांक 20.06.2019 के माध्यम से स्वीकृत कर उच्च वेतनमान का लाभ दिनांक 01.12.2017 से दिया गया है।
विधि महाविद्यालय पुन: प्रारम्भ करने संबंधी
[उच्च शिक्षा]
29. ( क्र. 638 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ में विधि महाविद्यालय प्रारम्भ करने बाबत् प्राचार्य शासकीय पी.जी. महाविद्यालय राजगढ़ ने पत्र क्रमांक 357/19 दिनांक 01.02.2019 से आयुक्त उच्च शिक्षा को लिखा हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन राजगढ़ में विधि महाविद्यालय हेतु स्टॉफ तथा अन्य और औपचारिकताएं पूरी करेगा? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
प्रयोगशालाओं का प्रभार देना
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 704 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालय में निर्मित पद- ग्रंथपाल के प्रभार अनुरुप ही प्रयोगशालाओं का प्रभार, प्रयोग शाला सामग्री/उपकरण का संधारण व प्रयोगशाला के सुचारु संचालन/व्यवस्था की जिम्मेदारी शासन द्वारा प्रयोगशाला तकनीशियन पद को सौंपी गयी है? यदि हाँ, तो रीवा संभाग के कितने महाविद्यालयों में संबंधित प्रयोगशाला तकनीशियनों को उनकी प्रयोगशाला का प्रभार, प्राचार्यों द्वारा सौंपा गया है? महाविद्यालयवार प्रभार संबंधी सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या सहायक प्राध्यापकों/प्राध्यापकों द्वारा प्रयोगशालाओं का प्रभार स्वयं ले रखा है, तब प्रयोगशाला तकनीशियन के पद का क्या औचित्य है? क्या प्रयोगशाला तकनीशियन के पद का कार्य भी सहायक प्राध्यापकों की कार्य परिधि में आता है? क्या दोनों पद समकक्ष हैं? (ग) क्या प्रयोगशाला तकनीशियनों की नियुक्ति संबंधित प्रयोगशाला विषय में विशेषज्ञ के रुप में की जाती है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कब तक छात्र हित में छात्रों के सहयोग हेतु प्रयोगशाला तकनीशियनों को उनकी प्रयोगशालाओं का प्रभार सौंप दिया जावेगा अथवा उक्त विसंगति को दूर किया जा सकेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालयों में निर्मित पद ग्रंथपाल के प्रभार अनुरूप प्रयोगशाला तकनीशियन का पद नहीं है। शासन के निर्देशानुसार प्रयोगशाला तकनीशियन, प्रयोगशाला प्रभारी के रूप में विभागाध्यक्ष के निर्देशन में कार्य संपादित करते हैं। प्रयोगशाला तकनीशियन का कार्य प्रयोगशाला सामग्री/उपकरण का संधारण एवं उनकी देखभाल तथा विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य संपन्न करवाने में मदद करने का होता है। रीवा संभाग के 32 शासकीय महाविद्यालयों में 138 प्रयोगशाला तकनीशियन कार्यरत हैं, महाविद्यालयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रयोगशाला तकनीशियन, प्रयोगशाला प्रभारी के रूप में विभागाध्यक्ष के निर्देशन में कार्य संपादित करते हैं। ऐसे महाविद्यालय जिनमें पर्याप्त संख्या में प्रयोगशाला तकनीशियन पदस्थ नहीं हैं वहां संबंधित विषय के प्राध्यापक/ सहायक-प्राध्यापक के पास प्रयोगशाला का अस्थायी प्रभार रहता है। जी नहीं। दोनों पद समकक्ष नहीं हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा दायर न्यायालयीन प्रकरण
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 710 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के घोषणा पत्र में उल्लेखित बिन्दु क्रमांक 6 के अनुसार जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर जिले में बिजली विभाग द्वारा दायर न्यायालयीन प्रकरणों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरण सरकार द्वारा समाप्त किये गये हैं? (ग) यदि नहीं, किये गए तो क्यों? क्या आगे प्रकरण समाप्त करने की योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ''मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के वचन पत्र पुस्तिका'' के बिन्दु क्रमांक-6 में उल्लेखित विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 एवं 138 के अंतर्गत नरसिंहपुर, सागर, दमोह एवं छतरपुर जिलों में दायर न्यायालयीन प्रकरणों की संख्या प्रश्न दिनांक की स्थिति में निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
जिले का नाम |
प्रकरण की संख्या |
1 |
नरसिंहपुर |
952 |
2 |
सागर |
1443 |
3 |
दमोह |
4704 |
4 |
छतरपुर |
830 |
(ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए सागर, दमोह, छतरपुर एवं नरसिंहपुर जिलों में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 व 138 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में से समाप्त किये गये प्रकरणों की संख्या निरंक है। (ग) राज्य शासन के आदेश दिनांक 29.12.2018 के तारतम्य में समाप्त करने योग्य कोई भी प्रकरण चिन्हित नहीं होने से कोई भी प्रकरण समाप्त नहीं किये जाने की जानकारी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई है तथापि राज्य शासन के आदेश दिनांक 20.06.2019 द्वारा पुन: जारी किये गए निर्देश दिनांक 20.06.2019 के तारतम्य में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा कर गलत/झूठे न्यायालयीन प्रकरणों को चिन्हित कर वापिस किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में विभागीय पत्र दिनांक 29.06.2019 भेजते हुए वृत्त स्तर पर समिति गठित कर कृषि एवं घरेलू प्रयोजन के विद्युत संबंधी झूठे न्यायालयीन प्रकरणों को वापस लेने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं।
श्रमिकों एवं गरीबों के उत्थान की कार्ययोजना
[श्रम]
32. ( क्र. 712 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में क्या श्रमिक एवं गरीबों के उत्थान के लिए कोई नया कार्यक्रम प्रारम्भ किया जावेगा? यदि हाँ तो कब से एवं इस कार्यक्रम का क्या नाम होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत श्रमिकों एवं गरीबों के भूखण्ड, मकान निर्माण के लिए राशि भी उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी जावेगी एवं कब से? (ग) प्रदेश के श्रमिकों, गरीबों को सस्ती बिजली, रसोई गैस उपलब्ध कराने की क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो कितनी यूनिट बिजली किस दर से दी जावेगी एवं रसोई गैस पर कितने रूपयों की छूट दी जावेगी? यह योजना कब से लागू की जावेगी? (घ) प्रदेश के श्रमिकों एवं गरीबों को क्या चिकित्सा सहायता एवं बीमा का भी कोई प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ तो कितना-कितना?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (नया सवेरा) कार्यक्रम प्रारंभ किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। (ग) नया सवेरा के अन्तर्गत श्रमिकों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराये जाने हेतु सरल बिजली बिल के स्थान पर इन्द्रिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है। जिसके अन्तर्गत 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर अधिकतम 100 रूपये प्रतिमाह का बिल देने का प्रावधान किया गया है। रसोई गैस हेतु छुट संबंधी योजना इस कार्यक्रम में नहीं है। (घ) श्रमिकों के लिए भी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 05 लाख रूपये तक नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है।
सड़कों को चार लेन में परिवर्तित करने की कार्य योजना
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 713 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में सागर एवं जबलपुर संभागों की सड़कें एक लेन को दो लेन एवं दो लेन को चार लेन में परिवर्तित करने की कार्य योजना है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी सड़कें हैं? अलग-अलग बतायें। (ख) जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर में ऐसी कितनी सड़कें हैं जिन्हें परिवर्तित किया जाना है? जिलेवार अलग-अलग बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल संसाधन विभाग अंतर्गत निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 717 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विभाग अंतर्गत कितने स्थानों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है? स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) क्या चल रहे निर्माण कार्य के मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ? पचामा तालाब के क्या-क्या कार्य किए गए हैं? (ग) पचामा तालाब के प्राक्कलन एवं किये गये कार्य के मूल्यांकन की जानकारी छायाप्रति सहित देवें। (घ) परसवाड़ा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर तालाब निर्माण प्रस्तावित हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 04 सिंचाई परियोजना स्थलों पर निर्माण किया जा रहा है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। संबंधित ठेकेदार द्वारा नियमित रूप से मजदूरों का भुगतान किया जा रहा है। पचामा तालाब के पडल सी.ओ.टी. फिलिंग, बोल्डर-टो, हेड स्लूस तथा नहर की पक्की संरचनाओं का कार्य किया जा चुका है तथा बांध में मिट्टी के कार्य की पिचिंग, स्पिल चैनल खुदाई, ओगी फाल का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) प्रश्नाधीन विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (घ) उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन पूर्व में स्वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने के कारण वर्तमान में किसी भी परियोजना का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित भवन
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 718 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में कितने उच्च स्तरीय पुल प्रस्तावित हैं? बालाघाट जिले में किन-किन सड़कों का निर्माण किन-किन पुलों का निर्माण किया जा रहा हैं? (ख) क्या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में रेस्ट हाउस 50 वर्ष से अधिक पुराना होने के कारण नवीन रेस्ट हाउस प्रस्तावित करेंगे? (ग) क्या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मजबूतीकरण से बन रही सड़क का भुगतान नहीं हुआ? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान होगा? (घ) बालाघाट जिले में बन रहे उच्च स्तरीय पुल के प्राक्कलन एवं मूल्यांकन की छायाप्रति सहित जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रस्तावित पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं निर्माणाधीन सड़क व पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। जिन कार्यों का भुगतान किया गया है विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कॉलम-5 अनुसार है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 8 अनुसार है।
अटल ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 746 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश में अटल ज्योति योजना अंतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण किया जा रहा है? (ख) जिला विदिशा में विकासखण्ड बासौदा एवं ग्यारसपुर में उक्त योजनान्तर्गत कुल कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया जा चुका है? नाम बतावें? जिन ग्रामों में उक्त विद्युतीकरण किया जाना है उन ग्रामों के नाम भी बतावें। (ग) क्या शेष बचे ग्रामों में उक्त योजनान्तर्गत विद्युतीकरण कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) अटल ज्योति योजना विद्युतीकरण की योजना न होकर एक अभियान था, जिसका उद्देश्य गैर कृषि उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाना था। अत: अटल ज्योति अभियान के अन्तर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार अटल ज्योति अभियान विद्युतीकरण की योजना नहीं होने के कारण इसके अन्तर्गत जिला विदिशा के विकासखण्ड बासौदा एवं ग्यारसपुर में किसी भी ग्राम में विद्युतीकरण का कार्य नहीं कराया गया है तथापि विकासखण्ड बासौदा एवं ग्यारसपुर में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत 118 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है वर्तमान में विकासखण्ड बासौदा में 23 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन शेष 23 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: कराया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय नरयावली के भवन के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 791 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय नरयावली के भवन की राशि विभाग द्वारा स्वीकृत कर दी गई है? यदि हाँ, तो लागत सहित जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा भवन निर्माण के लिये भूमि/नक्शा/अन्य भवन संबंधी कार्यों के लिये प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) शासकीय महाविद्यालय नरयावली का भवन हेतु क्या कोई समय-सीमा विभाग द्वारा निर्धारित की गई है? (घ) शासकीय महाविद्यालय नरयावली के भवन में कक्षायें कब तक संचालित हो पायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्रिज निर्माण का कार्य
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 794 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रेलवे गेट नं. 28 पर आरोही ब्रिज निर्माण (पुल निर्माण) कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है यदि हाँ, तो लागत, कार्य समय अवधि सहित जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा इस कार्य का भूमिपूजन किया गया है एवं भूमिपूजन उपरांत विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? (ग) विभाग द्वारा पुल निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, लागत रूपये 1434.16 लाख दिनांक 07.09.18 को कार्यादेश जारी, समय अवधि 24 माह वर्षाकाल सहित। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया है एवं रेलवे विभाग से जी.ए.डी. का अनुमोदन कराया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत सब स्टेशनों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 804 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी क्षमता के कितने 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विद्युत कंपनी के पास लंबित हैं? विगत 2 वर्षों एवं माह मई 2019 तक कितने 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने स्वीकृत उपकेन्द्रों का कार्य शेष है? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में घिनौदा, खाचरौद, मडावदा, कनवास 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पर स्थित पॉवर ट्रांसफार्मर एवं ग्राम पिपलौदा बागला, डाबरी, नागदा शहर सहित अन्य स्थानों पर कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ओव्हर लोड (अतिभारित) है? नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालयों पर मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक कितने प्रस्ताव कृषकों ने सिंचाई कनेक्शन प्राप्त करने हेतु दिये हैं, संख्या बतावें? (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों (लाईनों) के पुराने बिजली तारों को कब तक बदला जावेगा? उपकेन्द्रवार, फीडरवार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत लंबित नहीं है। विगत 2 वर्षों में, माह मई-2019 तक प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृति उपरान्त 33/11 के.व्ही. के 5 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 33/11 के.व्ही. के 1 नवीन विद्युत उपकेन्द्र का कार्य शेष है, जो कि वर्तमान में प्रगति पर है। उक्त 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्रों की पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम घिनौदा, खाचरौद, मडावदा एवं कनवास में विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित 1 पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। ग्राम पिपलौदा बागला, डाबरी, नागदा शहर एवं उक्त विधानसभा क्षेत्र के अन्य स्थानों पर 117 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 314 एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में 299 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित 33/11 के.व्ही. के 26 विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. के 117 फीडरों पर विद्युत भार उनकी क्षमता के अनुरूप है तथा इनसे सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: वर्तमान में उक्त फीडरों के तारों को बदला जाना आवश्यक नहीं है तथापि प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य कारणों से तार टूटने/विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त होने पर आवश्यकतानुसार विद्युत लाईनों के तारों को दुरूस्त/व्यवस्थित कर दिया जाता है।
किसानों को सोलर पम्प का प्रदाय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
40. ( क्र. 822 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को सोलर पम्प प्रदाय किए गए? जिला शाजापुर के हितग्राही किसानों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने पंजीयन करा लिया हैं? पंजीकृत किसानों को कब तक सोलर पम्प प्रदाय कर दिए जायेंगे?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक 2128 किसानों को सोलर पम्प प्रदाय किये गये हैं। जिला शाजापुर के 543 हितग्राही किसानों को सोलर पम्प प्रदाय किये गये है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश-"क" में उल्लेखित योजना में प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में 4023 किसानों का पंजीयन किया गया है। 1895 किसान, जिनके खेतों पर सोलर पम्प प्रदायित एवं स्थापित नहीं हुये है, भारत सरकार एवं राज्य शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर उनके खेतों में सोलर पम्प की स्थापना कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 823 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना वर्तमान में संचालित हैं इस योजना के तहत रीवा जिले के गुढ़ व देवतालाब विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं और कितने ट्रांसफार्मर लगा दिये गये एवं कितने ट्रांसफार्मर का काम शेष हैं? (ख) क्या श्री आशीष कुमार पाण्डेय पिता श्री सुरेश कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम पलिया तहसील मनगवां थाना मनगवां के द्वारा 26000 रूपये मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अन्तर्गत 25.10.2017 को रसीद क्रमांक 1136 क्रमांक-51 के द्वारा जमा किया था इस पर पोल गाड़ने के बाद दो वर्षों से ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया यदि हाँ, तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। (ग) गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना अन्तर्गत योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर और लाईन विस्तार के कार्य स्वीकृत हैं? कितने कार्य पूर्ण हो गए हैं? जानकारी बतावें और उक्त शेष कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हां, योजना के प्रावधानों के अनुसार 31 मार्च, 2019 तक मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में पंजीकृत आवेदकों के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। इस योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ दिनांक से दिनांक 31.5.19 तक स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन के कार्य हेतु गुढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 318 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये, जिनमें से 306 वितरण ट्रांसफार्मर लगा दिए गए हैं तथा 12 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य शेष है एवं देवतालाब विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 173 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये, जिनमें से 164 वितरण ट्रांसफार्मर लगा दिए गए हैं तथा 09 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य शेष हैं। (ख) श्री आशीष कुमार पाण्डेय पिता श्री सुरेश कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम पलिया के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन के कार्य में जमीनी विवाद होने के कारण कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। संबंधित कार्यपालन अभियंता पूर्व संभाग/सहायक अभियंता मनगवां एवं एस.टी.सी. संभाग द्वारा विवाद सुलझाने के काफी प्रयास किये गये किंतु विवाद नहीं सुलझने के कारण कार्य लंबित है। पुनः सहायक अभियंता, मनगवां उपसंभाग ने अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 47 दिनांक 21.06.19 द्वारा आवेदक को जमीनी विवाद सुलझाने हेतु समझाईश दी है। परंतु श्री आशीष कुमार पाण्डेय द्वारा जमीनी विवाद का हल नहीं करने एवं आवश्यक पहुंच मार्ग की व्यवस्था नहीं कर पाने के कारण जमा की गई राशि आवेदक को वापस करने की कार्यवाही की जा रही है। जमीनी विवाद के कारण पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्य नहीं किया जा सका है, जिसके लिए कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत योजना प्रारंभ दिनांक से दिनांक 20.06.19 तक, स्वीकृत ट्रांसफार्मर एवं लाईन विस्तार के कार्यों के विरूद्ध, अद्यतन प्रगति संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। उक्त शेष कार्यों को संसाधनों एवं पहुँच मार्ग की उपलब्धता के अनुरूप वरीयताक्रमानुसार शीघ्र पूर्ण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत की आपूर्ति और सुधार कार्य
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 832 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय ऊर्जा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव महोदय ऊर्जा द्वारा प्रदेश के विद्युत संकट के निराकरण को लेकर विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को समय-समय पर आदेश/निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो विगत दो माह में क्या-क्या निर्देश कब-कब दिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) प्राप्त आदेशो/निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्ययोजना बनाकर क्या कार्यवाही की गयी? बतायें और विद्युत की आपूर्ति में क्या गुणात्मक सुधार परिलक्षित हुये? (ग) मुड़वारा-कटनी विधानसभा के फीडरों और सब स्टेशनों से विगत दो माह में विद्युत की आपूर्ति किन-किन कारणों से कब-कब बाधित हुई और कितनी-कितनी देर में विद्युत की आपूर्ति बहाल की गयी? फीडर/सब स्टेशनवार बतायें। (घ) शहर-संभाग कटनी अंतर्गत विगत एक वर्ष में विद्युत लाइनों में संधारण/सुधार/मरम्मत के क्या कार्य किए गये और इन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? (ङ) शहर-संभाग कटनी अंतर्गत विद्युत आपूर्ति बाधित होने की सूचना/शिकायत प्राप्त होने पर सुधार कार्य कराये जाने की क्या कोई कार्ययोजना नियत हैं? यदि हाँ, तो विवरण बतायें और विद्युत आपूर्ति की खराबी दूर करने के लिए वर्तमान में कितने और कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी नियुक्त हैं और क्या-क्या संसाधन उपलब्ध हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश के किसी भी जिले में विद्युत संकट/अघोषित बिजली कटौती जैसी कोई स्थिति नहीं है। अपितु प्रदेश में अनवरत विद्युत सप्लाई व्यवस्था कायम रखने हेतु विगत दो माह (15 जून, 2019 तक की अवधि) में ऊर्जा मंत्री द्वारा दिनांक 15.06.2019 एवं अपर मुख्य सचिव, भोपाल द्वारा दिनांक 04.04.2019, 05.04.2019,02.06.2019, 04.06.2019 तथा 11.06.2019 को विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को दिये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विद्युत व्यवस्था को निर्बाध रूप से चालू रखने से संबंधित दिये गये आदेशों/निर्देशों के पालन में फीडरवार कार्य योजना बनाकर वितरण कंपनियों द्वारा मेन्टेनेंस का कार्य कराया गया/कराया जा रहा है, जिससे कि आगामी माहों में कम ट्रिपिंग दर्ज हो एवं गैर कृषि फीडरों में औसतन 24 घण्टे एवं कृषि फीडरों में औसतन 10 घण्टे निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की जा सके। उक्त निर्देशों एवं पूर्व से किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप विद्युत व्यवधानों की संख्या एवं अवधि में कमी परिलक्षित हुई है। (ग) मुडवारा-कटनी विधानसभा क्षेत्र के फीडरों और सब-स्टेशनों से विगत दो माह में विद्युत आपूर्ति के व्यवधान की फीडरवार/सब-स्टेशनवार, दिनांकवार, अवधि एवं कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) शहर संभाग कटनी अंतर्गत विगत एक वर्ष में विद्युत लाइनों में संधारण/सुधार/ मरम्मत के कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ङ) शहर संभाग कटनी अंतर्गत विद्युत आपूर्ति बाधित होने की सूचना/शिकायत प्राप्त होने पर सुधार कार्य कराये जाने हेतु केन्द्रीय स्तर पर कॉलसेन्टर कार्यरत है जिसका टोल फ्री नंबर 1912 है। कॉलसेन्टर में शिकायत प्राप्त होने पर उसे पंजीकृत कर संबंधित क्षेत्र की मेन्टेनेंस टीम द्वारा शिकायत का निराकरण किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर भी शहर संभाग कटनी में तीन कॉल सेन्टर कार्यरत हैं जिनमें प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु तकनीकी स्टाफ एवं 6 वाहन, 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं, जिनके द्वारा उपभोक्ताओं से विद्युत प्रदाय संबंधी प्राप्त शिकायतों का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण कर विद्युत आपूर्ति सामान्य कर दी जाती है। विद्युत संबंधी शिकायतों के निराकरण हेतु शहर संभाग कटनी में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
एल॰टी॰ विद्युत लाईनों की स्थापना में अनियमितता
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 833 ) श्री
संदीप
श्रीप्रसाद
जायसवाल : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
सदस्य के
विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक-654, दिनांक- 21.02.2019 के प्रश्नांश
(ग) का उत्तर-“बजरंगनगर
नई कटनी में सौभाग्य
योजना में किया
गया कार्य
निर्धारित
मापदंडों के
अनुसार ना
होने” का
उत्तर दिया
गया था, यदि
हाँ, तो
बताएं कि
कार्य में
कितनी राशि का
अपव्यय हुआ
और स्थल पर
लगे खंबों को
क्यों तोड़ा और
केबिल को
हटाया गया? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
प्रश्न क्रमांक-654,दिनांक-14/02/2019के
प्रश्नांश”घ” का उत्तर-कहीं
भी
आबादी-विहीन
एवं शासकीय
वनभूमि के क्षेत्र
में खंबे
स्थापित नहीं
किए गए हैं, दिया
गया था? (ग) प्रश्नांश
(ख) यदि हाँ, तो क्या
दिया गया
उत्तर सही हैं
अथवा सहायक
अभियंता
(संधारण)
शहर-संभाग
कटनी द्वारा
सी.एम.
हेल्पलाइन
में दर्ज
शिकायत
क्रमांक– 7089772
का दिनांक 03/11/2018 को दिया
गया जाँच-प्रतिवेदन, जिसमे
उल्लेख हैं, कि मौका
स्थल पर ज्ञात
हुआ, कि
यह भूमि
शासकीय/वन
भूमि हैं। (घ)
प्रश्नांश (क) से
(घ) नियम-विरुद्ध
अवैध कार्यों
से शासन/कंपनी
को करोड़ों
रुपये की
क्षति
पहुँचाने एवं
और असत्य
उत्तर
प्रस्तुत
करने पर
किस-किसके
विरुद्ध क्या
कार्यवाही कब
तक की जायेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रियव्रत
सिंह ) : (क) जी
हाँ। प्रश्नांश
में उल्लेखित
निम्नदाब
विद्युत लाईन
के कार्य की
लागत राशि रू. 2.15 लाख थी।
उपरोक्त
निम्नदाब
विद्युत लाईन
का विस्तार
ग्रामीण
क्षेत्रों के
लिए
निर्धारित मापदण्डों
के अनुसार
नहीं किये
जाने के कारण
स्थल पर लगे
खम्बों और
केबिल को हटा
दिया गया है
तथा रू. 2.15 लाख
की राशि
ठेकेदार
द्वारा प्रस्तुत
देयक से काट
ली गई है। (ख) जी
हाँ। (ग) जी
हाँ, दिया
गया उत्तर
सही है। प्रश्नांश
(ग) के उल्लेखित
शिकायत क्र. 7089772 दिनांक 04.10.2018 (दिनांक 03.11.2018 नहीं) जिसकी
छायाप्रति संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार
है, पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
से संबंधित
नहीं है तथापि
प्रश्न
क्रमांक 654 दिनांक 21.02.2019 के पूर्व
दिनांक 4 अक्टूबर
2018 को
सी.एम. हेल्पलाईन
में प्राप्त
शिकायत
क्रमांक 7089773 दिनांक 04.10.2018 जिसकी
छायाप्रति संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है, प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
स्थल से अन्य
स्थल की थी, जिसमें
आई.पी.डी.एस.
योजना में
लगाये गये 4 निम्नदाब
लाईन के
खम्बों को
राजस्व
विभाग एवं नगर
निगम कटनी की
संयुक्त जाँच
टीम द्वारा
शासकीय भूमि
पर अवैध कब्जा
मानकर विघटित
कर दिया गया
था। उक्त
कार्य हेतु
ठेकेदार को
भुगतान नहीं
किया गया है
एवं वितरण कंपनी
को कोई क्षति
नहीं हुई है। (घ)
प्रश्नांश
(क), (ख) एवं
(ग) के उत्तर
में दर्शाए
अनुसार प्रश्नाधीन
प्रकरण में
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी को
आर्थिक क्षति
नहीं हुई है
तथा विधानसभा
सचिवालय को
प्रकरण में
वस्तुस्थिति
के अनुरूप ही
उत्तर
प्रेषित किया
गया है तथापि
बजरंग नगर में
विद्युतीकरण
के कार्यों की
सूक्ष्मता से
जाँच नहीं कर
कर्त्तव्य
निष्पादन में
लापरवाही
बरतने के कारण
प्रथम दृष्ट्या
दोषी पाये गये
श्री पी.के.
मिश्रा
अधीक्षण
अभियंता (संचालन/संधारण)
कटनी को मुख्य
महाप्रबंधक (मा.सं.
एवं प्रशा.) पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के पत्र
दिनांक 12.06.2019 के
माध्यम से
कारण बताओ
सूचना पत्र, श्री मोहन
कुमार सिंह, सहायक
अभियंता नोडल
अधिकारी (दीन
दयाल उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना) को
मुख्य
अभियंता (जबलपुर
क्षेत्र) जबलपुर
के पत्र दि. 8.02.2019 के माध्यम
से आरोप पत्र
एवं श्री शेख
अकील कनिष्ठ
अभियंता
खिरहनी वितरण
केन्द्र को
कार्यपालन
अभियंता (शहर) कटनी
के पत्र दि. 02.02.2019 के माध्यम
से कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी कर दिया
गया है।
प्रकरण में
विभागीय जाँच
प्रारंभ की जा
चुकी है तथा
विभागीय जाँच
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रक्रियाधीन
है। विभागीय
जाँच
कार्यवाही
पूर्ण होने के
पश्चात् जाँच
निष्कर्ष के
आधार पर अंतिम
कार्यवाही
किया जाना
संभव हो सकेगा
वर्तमान में
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
खेल शिविरों का आयोजन
[खेल और युवा कल्याण]
44. ( क्र. 840 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर खेल शिविर आयोजित किये गये एवं किन-किन ग्रामों में विभाग द्वारा खेलों के प्रोत्साहन हेतु क्या-क्या सामग्री एवं राशि कब-कब प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत खेल गतिविधियों का सुचारू संचालन, नियमित शिविरों का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में खेल गतिविधियां नगण्य होने से युवा एवं खेल प्रेमी वर्ग को विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाल श्रमिक हित कल्याण हेतु कार्यरत एन.जी.ओ.
[श्रम]
45. ( क्र. 841 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में विभाग के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में किन-किन गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु कब-कब दी गई? उक्त राशि का उक्त संगठनों द्वारा क्या उपयोग किया गया तथा इसका भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में राजगढ़ जिले में कौन-कौन एन.जी.ओ. बाल श्रमिकों के लिये कार्य कर रहे? उक्त संस्थाओं द्वारा कितने बाल श्रमिकों को क्या-क्या सेवाऐं दी गई तथा अन्य क्या-क्या गतिविधियां की गई तथा उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन किन अधिकरियों द्वारा कब-कब किया गया? (ग) उक्त अवधि में किन-किन संस्था/संगठनों के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें किस-किस स्तर पर कब प्राप्त हुई तथा प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) राजगढ़ जिले में विगत 3 वर्षों में गैर सरकारी संगठनों को राशि दी गईः-
1. श्री राम शिक्षा समिति राजगढ़
2. ब्यावरा जागृति महिला मण्डल, ब्यावरा
3. गुरूदेव समाज कल्याण समिति, अशोकनगर
4. अलख सामाजिक एवं जनकल्याण समिति, ग्वालियर
एन.जी.ओ. को उपलब्ध कराई गई राशि के अनुसार शिक्षकों, लेखापालों, भृत्यों का मानदेय, भवन किराया, बिजली पानी तथा शैक्षणिक सामग्री आदि कार्यों में उपयोग किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य का भौतिक सत्यापन डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना एवं परियोजना संचालक, फील्ड अधिकारी, श्रम विभाग, अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा समय-समय पर किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'ब' अनुसार है। (ग) वर्णित अवधि में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग इकाई की स्थापना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
46. ( क्र. 845 ) श्री महेश परमार : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की समस्त विधान सभा क्षेत्रों में चालू वर्ष में कुल कितने कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित किये जाने की योजना है? और उक्त योजना के अंतर्गत कितने व्यक्तिगत उद्यमी/हितग्राहियों को वित्तीय लाभ पहुँच सकेगा? (ख) उज्जैन जिले में अतिरिक्त कुटीर एवं ग्रामोद्योग की इकाइयों को स्थापित करने के लिए नवीन स्वीकृति प्राप्त करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) उज्जैन जिले में चालू वर्ष में 231 कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित किये जाने तथा रेशम उत्पादन में 16 नवीन निजी कृषकों को जोड़ने का लक्ष्य प्रस्तावित है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत 247 व्यक्तिगत उद्यमी/हितग्राहियों को वित्तीय लाभ पहुंचेगा। (ख) अतिरिक्त नवीन कुटीर एवं ग्रामोद्योग इकाइयां स्थापित करने की मांग आने पर बजट उपलब्धता अनुसार अतिरिक्त राशि का आवंटन किया जाता है।
योजनाओं एवं गतिविधियों के संबंध में
[श्रम]
47. ( क्र. 846 ) श्री महेश परमार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत कुल कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? पंजीकृत श्रमिकों को श्रम विभाग द्वारा कुल कितनी योजनाओं का लाभ पहुँचाने में सफलता प्राप्त हुई है? (ख) उज्जैन जिले के अंतर्गत श्रमिक परिवारों को किन योजनाओं में कितनी राशियों का भुगतान किया जा रहा है? और कितनी सुविधाएँ श्रमिक परिवारों को दी गयी है? (ग) उज्जैन जिले के श्रमिक परिवारों को आर्थिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कुल कितनी योजनाएं संचालित है? और विगत 3 वर्षों में कितने परिवारों को उसका कितना आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है? (घ) चालू वर्ष में कितनी श्रम योजनाएं चलायी जा रही है और उनके भौतिक और वित्तीय लक्ष्य क्या है? पृथक पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) उज्जैन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के अंतर्गत कुल 581136 श्रमिक पंजीकृत है तथा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत 66145 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित श्रमिकों की जानकारी एवं प्रदत्त हितलाभ जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) श्रम विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। योजनाओं में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निर्धारित नहीं है। पात्रता अनुसार हितग्राहियों को हित लाभ प्रदान किया जाता है।
सड़कों की जानकारी के संबंध में
[लोक निर्माण]
48. ( क्र.
855 ) श्री
हरदीपसिंह
डंग : क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सुवासरा
विधानसभा क्षेत्र
में कौन सी
सड़के लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
संरक्षित की
जा रही है
सड़कों के नाम
सहित जानकारी
देवें। (ख) सुवासरा
विधानसभा क्षेत्र
में लोक
निर्माण
विभाग के
सड़कों की
वर्तमान स्थिति
की जानकारी
देवें। (ग) सुवासरा
विधानसभा क्षेत्र
में निर्माण
हेतु
प्रस्तावित
सड़कों का नाम
बतावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) उक्त
सड़कों को कब
तक स्वीकृति
प्रदान की
जावेगी?
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री
सज्जन सिंह वर्मा ) : (क)
एवं (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' एवं
प्रपत्र 'अ-1' अनुसार
है। (ग) एवं (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
सिंचाई योजना कि जानकारी
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 856 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मंदसौर अंतर्गत शामगढ़-सुवासरा वृहद सिंचाई योजना में कितने ग्राम लाभान्वित होंगे ग्रामों के नाम, ग्रामों की जनसंख्या, स्वीकृत राशि बतावें। (ख) यह योजना किस जनप्रतिनिधि की मांग पर स्वीकृत की गई स्वीकृत वर्ष की जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में इस योजना का कितना काम हो चुका है तथा कितनी राशि खर्च की जा चुकी हैं। (घ) शामगढ़-सुवासरा वृहद सिंचाई योजना की कार्य पूर्ण होने वाली प्रस्तावित अवधि बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) परियोजना से 260 ग्राम लाभांवित होना प्रस्तावित है। ग्रामों के नाम तथा जनसंख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृत राशि रू.1662.47 करोड़ है। (ख) माननीय विधायक श्री हरदीप सिंह डंग की मांग पर परियोजना की मूल स्वीकृति वर्ष 2017 में तथा पुनरीक्षित स्वीकृति वर्ष 2018 में दी गई। (ग) एवं (घ) परियोजना का 15 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा व्यय की राशि रूपये 253.89 करोड़ है। परियोजना वर्ष 2021-22 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
ऊर्जा विभाग के योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 864 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2014 से किस-किस योजनान्तर्गत अभी तक कुल कितने ग्रमों, मजरों-टोलों का विद्युतीकरण किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ सिरोंज एवं लटेरी के कितने ग्रामों तथा मजरा-टोलों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में लाईन एवं खंबे टूटे हुए हैं अथवा तार चोरी हो गए हैं व सुधार कार्य नहीं हुआ है तथा सिंरोज-लटेरी विकासखण्ड में कितने ग्राम, मजरा-टोले विद्युतविहीन हैं? ग्रामवार सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी देवें कि 1 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक कितने ग्रामों की किन-किन योजनान्तर्गत कौन-कौन एजेन्सियों द्वारा टूटी-फूटी, चोरी हुई लाइनों को सुधारा गया है एवं उस पर कितना व्यय हुआ तथा सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में शेष रह गये ग्रामों, मजरों टोलों, में कब तक सुधार एवं मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिये जावेंगे? ग्राम तथा मजरा-टोला सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विदिशा जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (XI प्लान), राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (XII प्लान) एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कुल 1091 ग्रामों एवं 1225 मजरों/टोलों का विद्युतीकरण किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई योजनावार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र के सिरोंज विकासखण्ड में कुल 22 ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युत लाईन के तार चोरी होने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, जिनका सुधार कार्य वर्तमान में प्रगति पर है तथा इसका ग्राम/मजरा/टोलावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि उक्त ग्रामों/मजरों/टोलों में वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है वर्तमान में सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में कोई भी ग्राम/मजरा/टोला विद्युतविहीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में प्रश्नाधीन अवधि में 26 ग्रामों/मजरों/टोलों में क्षतिग्रस्त/चोरी हुई विद्युत लाइनों के सुधार कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर संचालन/संधारण मद के अंतर्गत पूर्ण कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया गया है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। सिरोंज एवं लटेरी विकासखंडों में प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में शेष रहे ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युत लाईनों के सुधार का कार्य 30 सितम्बर, 2019 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
महाविद्यालयों में खेल सुविधाओं के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 881 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में किन-किन महाविद्यालय में खेल शिक्षक के पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद पर शिक्षक पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित महाविद्यालयों में खेल से संबंधित क्या-क्या नियमित गतिविधियां संचालित होती है? लगभग कितने विद्यार्थी सम्मिलित होते हैं? महाविद्यालयवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में प्रतिवर्ष खेल बजट कितना प्रदान किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जिला शाजापुर में 09 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, जिनमें शासकीय महाविद्यालय, मक्सी के अलावा अन्य समस्त महाविद्यालयों में क्रीड़ा अधिकारी के पद स्वीकृत हैं। सभी पदों पर अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। महाविद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) महाविद्यालयों को प्रतिवर्ष समान रूप से बजट नहीं दिया जाता है वर्ष 2018-19 में शाजापुर जिले के 04 शासकीय महाविद्यालयों को खेलकूद प्रोत्साहन योजना अंतर्गत उनके नाम के समक्ष दर्शाये अनुसार आवंटन जारी किया गया है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सभी महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं।
लोक निर्माण के रोडों के सबंध में
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 884 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन सड़कों की निविदा पूर्ण की गई है? क्या उन सड़कों का निर्माण कार्य प्रारम्भ है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के गुढ़ गोविन्दगढ़-रायपुर कर्चुलियान के क्षेत्रों की कौन-कौन सी सड़कें कौन सी निविदाकार को स्वीकृत की गई है? स्वीकृत राशि बतावें। रायपुर कर्चुलियान के मनिकवार सीतापुर मार्ग में खझवा से गुढ़ वाया चन्देहरी मार्ग किस निविदाकार को दिया गया है एवं उसके कार्य की प्रगति क्या है? उसके निर्माण कार्य की अवधि बताये? (ग) रायपुर सीतापुर मार्ग से बरहदी पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य निविदाकार के द्वारा बन्द किया गया है। क्या उक्त मार्ग के पुलियों के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था? क्या घटिया पुल निर्माण के कारण लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा घटिया निर्माण की शिकायत पर जाँच में सही पाया था उसे निरस्त कर दिया था? (घ) उक्त मार्गों का निर्माण बरसात के पूर्व न होने से दर्जनों ग्राम आवागमन से वंचित होंगे। इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? कार्य पूर्ण की समयावधि बतावें एवं कुल स्वीकृत रोडों एवं राशि की जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं, आंशिक कार्य अमानक स्तर का पाये जाने से अमान्य किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन मार्गों का निर्माण प्रगतिरत है, अनुबंधानुसार संबंधित निविदाकारों द्वारा मार्ग को निर्माण अवधि में मोटरेबल रखा जावेगा। मार्ग से जुड़े सभी गांवों का आवागमन बरसात में संचालित रहेगा। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
सिंचाई हेतु डेम निर्माण
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 898 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के विकासखण्ड पोहरी एवं कोलारस के मध्य स्थित रैवी नदी पर सिंचाई हेतु बांध निर्माण कराने के लिये डी.पी.आर. बनवाई गई है? यदि नहीं, तो उक्त बांध निर्माण हेतु डी.पी.आर. कब तक बनवाई जायेगी? (ख) शिवपुरी जिले के पवाबसई स्थान पर रैवी नदी पर बांध निर्माण हेतु उपयुक्त साइड एवं भूमि उपलब्ध होने के कारण डैम निर्माण कब तक स्वीकृत किया जायेगा? यदि नहीं, किया जावेगा तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। परियोजना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) पवाबसई में रैवी नदी पर कोई परियोजना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना से लाभांवित हितग्राही
[श्रम]
54. ( क्र. 910 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 में प्रारंभ मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) अंतर्गत सागर जिले में कितने असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया? (ख) उक्त योजना अंतर्गत स्मार्ट कार्ड वितरण एवं पंजीयन हेतु पोर्टल कब प्रारंभ किया जावेगा? अभी तक प्रारंभ न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) उपरोक्तानुसार योजना में किस-किस विभाग द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ प्रदान किये जाना थे? (घ) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उपरोक्तानुसार योजना में किस-किस विभाग द्वारा कितने हितग्राही को क्या-क्या लाभ दिसम्बर 2018 से अभी तक प्रदान किये गये? लाभान्वित हितग्राही का विवरण विकासखंड व नगरीय क्षेत्र अनुसार अलग-अलग बतायें?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (नया सवेरा) अंतर्गत सागर जिले में 604865 असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। (ख) असंगठित श्रमिकों के पंजीयन को E-KYC के माध्यम से, आधार से लिंक करने एवं मोबाईल नं जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) मुख्यंमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में जनपदवार एवं नगरीय निकायवार हितलाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है तथा अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं में हितलाभ वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 911 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में संकायवार, प्राध्यापकों/सहा. प्राध्यापकों के स्वीकृत और रिक्त पदों की महाविद्यालयवार संख्या क्या है? (ख) प्रदेश में किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में किन-किन विषयों में कितने-कितने पद रिक्त हैं और कितनों में जरूरत से ज्यादा प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक कार्यरत हैं? (ग) सागर जिले के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में एक भी नियमित प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक पदस्थ नहीं है? नियमित प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक पदस्थ करने हेतु की जा रही कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में संकायवार, प्राध्यापकों/सहायक-प्राध्यापकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में विषयवार रिक्त पद एवं अतिशेष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) सागर जिले के ऐसे शासकीय महाविद्यालयों जिनमें एक भी नियमित प्राध्यापक/ सहायक-प्राध्यापक पदस्थ नहीं है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नियमित प्राध्यापक/सहायक-प्राध्यापकों के पदस्थी संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वर्षांत पूर्व सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 917 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगामी वर्षा ऋतु को देखते हुए रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग की कितनी जर्जर सड़कों की वर्षा प्रारंभ होने के पूर्व मरम्मत की जावेगी एवं कितनी नई सड़कों का निर्माण कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इन सड़कों के मरम्मत एवं निर्माण की समयावधि क्या होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) 23 सड़कों की एवं 2 नवीन सड़कों का निर्माण कराया जावेगा। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
बहोरबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 923 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत क्या राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत प्रस्तावित कार्य शत्-प्रतिशत पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो कितने ग्रामों के कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत एवं कितने फीडरों के फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत शेष हैं एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे? योजनावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कहाँ-कहाँ से घरेलू विद्युत लाईन खड़े किये बिना ग्रामीणों को विद्युत बिल प्राप्त होने की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई? क्या ग्राम बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चनपुरा के कटरा, मुहल्ला के निवासियों को विद्युत लाईन खड़ी न होने के बावजूद विभाग द्वारा यहां के निवासियों को बिजली बिल प्रेषित किये जा रहे है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है क्या विभाग इन बिलों में संशोधन कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में दिनांक 01.04.2018 से 30.05.2019 तक केबिल फाल्ट होने की कहाँ-कहाँ से कब-कब सूचनायें प्राप्त हुईं एवं उन पर कब कार्यवाही करते हुये फाल्ट केबिल को बदला गया। प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ की कौन-कौन सी घरेलू एवं कृषि लाईनों की केबल फाल्ट है एवं इन फाल्ट केबिल को कब तक बदला जावेगा? (घ) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर विद्युत सब स्टेशन का निर्माण स्वीकृत है तथा उनका निर्माण कब से प्रारंभ होगा एवं विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कृषकों ने भार क्षमता अधिक होने के कारण अतिरिक्त या अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर की मांग की है तथा उक्त मांगों पर विभाग द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? सूची देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) एवं फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत कार्य योग्य प्रस्तावित सभी कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण किये जा चुके हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युत लाईन खड़े किये बिना ही ग्रामीणों को विद्युत बिल प्राप्त होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। जी नहीं, बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में ग्राम चनपुरा के कटरा मुहल्ला के निवासियों को स्थापित विद्युत अद्योसंरचना से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे है। अत: बिलों में संशोधन करने तथा किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत दिनांक 01.04.2018 से 30.05.2019 तक बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में केबिल फाल्ट होने एवं सुधार कार्य/बदल कर विद्युत प्रदाय चालू करने की ग्रामवार/दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नावधि के पश्चात अद्यतन स्थिति में विधानसभा बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत केबिल फाल्ट होने एवं सुधार कार्य/ बदलकर विद्युत प्रदाय चालू करने की ग्रामवार/दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में केबिल फाल्ट सुधारने/केबिल बदलने का कोई भी कार्य शेष नहीं है। (घ) वर्तमान में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में कोई भी नवीन विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं है तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में 02 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा-खिरहनी एवं पौंडी ऊर्जीकृत किये गये हैं। उक्त विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में कृषकों की मांग पर एवं स्थल निरीक्षण पर भार अधिक होने के परिप्रेक्ष्य में 25 केव्हीए से 63 केव्हीए क्षमतावृद्धि के 35 एवं 63 केव्हीए से 100 केव्हीए क्षमतावृद्धि के 35 वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य तथा 13 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें से क्षमता वृद्धि के सभी कार्य एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के 2 नग कार्य पूर्ण किये जा चुके है। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
श्रमिकों के पी.एफ. फण्ड
[श्रम]
58. ( क्र. 924 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में बरगी नहर परियोजना अंतर्गत खिरहनी, स्लीमनाबाद क्षेत्र में अण्डर ग्राउण्ड नहर एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के संबंध में विधान सभा की बैठक दिनांक 18 फरवरी, 2019 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 155 की कंडिका (ख) के उत्तर में यह बतलाया गया था कि वर्तमान समय में उक्त निर्माण कार्यों में 95 श्रमिक 11/07/2017 से एवं 16 श्रमिक 26/12/2018 से कुल 111 श्रमिक नियोजित है एवं इसी प्रश्न की कंडिका (घ) के उत्तर में यह बतलाया गया कि कार्यरत श्रमिकों की पी.एफ. की राशि नियोक्ताओं द्वारा जमा कराई जाती है, तो पूर्व में उल्लेखित 111 श्रमिकों के नाम और पते नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नियोक्ताओं द्वारा जमा कराई गई राशि श्रमिकों के पी.एफ. अकाउन्ट नंबर/यूनिवर्सल एकाउन्ट नंबर सहित संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित श्रमिक का नाम, पता, नियुक्ति दिनांक, पी.एफ. एकाउन्ट नंबर/यूनिवर्सल पी.एफ. एकाउन्ट नंबर तथा नियोक्ता द्वारा समय-समय पर जमा श्रमिक के पी.एफ. अकाउन्ट पर जमा की गई राशि सहित संपूर्ण प्रमाणित सूची देवें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) भविष्य निधि संबंधी कार्य केन्द्रीय शासन के अधीन केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन द्वारा देखा जाता है, राज्य के श्रम विभाग द्वारा यह जानकारी संधारित नहीं की जाती है तथापि नियोजक से क्षेत्रीय कार्यालय कटनी द्वारा प्राप्त की गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है, जिसके अनुसार कुल 111 श्रमिकों में से 86 श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 9 श्रमिक जो कि कार्य छोड़कर चले गए हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 16 श्रमिकों पर उनकी वेतन 18850 से अधिक होने के कारण पी.एफ. की परिधि के बाहर हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
श्रमिकों को बकाया राशि का भुगतान
[श्रम]
59. ( क्र. 964 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में बंद उद्योग सज्जन मिल तथा जयंत विटामिन्स के श्रमिकों को हित की रक्षा के लिये क्या-क्या कदम उठाये गये दोनों उद्योगों की कितनी-कितनी भूमि किस दिनांक को विक्रय कर श्रमिकों को भुगतान किया गया? (ख) सज्जन मिल की कुल कितनी जमीन है? जमीन किस दर से किस व्यक्ति/संस्था को किस दिनांक को विक्रय की गई? प्रश्न दिनांक तक को कितनी और भूमि तथा भवन शासन के अंतर्गत है तथा भवन का किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है? (ग) जयंत विटामिन्स की किस किस दिनांक को किस गाँव की किस खसरा नम्बर की कितनी रकबे की जमीन कितनी राशि में किस व्यक्ति संस्था को विक्रय की गई? कितनी जमीन शेष है? जानकारी गाँव/रकबा/खसरा सहित देवें। (घ) प्रश्नाधीन दोनों उद्योगों के कितने श्रमिकों को कितना राशि का भुगतान शेष है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) रतलाम में बंद उद्योग श्री सज्जन मिल्स लिमिटेड सितम्बर, 1999 से एवं जयंत विटामिन्स लिमिटेड अप्रैल, 1997 से बंद है। अतः वर्तमान में कोई श्रमिक कार्यरत नहीं हैं। तदापि बंद मिलों के श्रमिकों के हित की रक्षा के उद्देश्य से उनके वैधानिक स्वत्वों के भुगतान कराये गये हैं जिसके अंतर्गत सज्जन मिल के श्रमिकों को भूमि विक्रय कर उनके वैधानिक स्वत्वों के रूप में रूपये 816,88 (रू. आठ सौ सोलह लाख अट्ठासी हजार) तथा जयंत विटामिन्स लिमिटेड के श्रमिकों को भूमि विक्रय कर अब तक रूपये 4498.14 (रू. चार हजार चार सौ अन्ठान्वे लाख चैदह हजार) भुगतान किया गया है। श्री सज्जन मिल्स के भूमि विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा जयंत विटामिन्स लिमिटेड के भूमि विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) सज्जन मिल्स, रतलाम के पास 389 बीघा 5 बिस्वा भूमि थी, जिसमें से 160 बीघा 11 बिस्वा भूमि के विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मिल के पास 228 बीघा 14 बिस्वा भूमि शेष है, जिस पर तालाब, सड़क, कारखाना भवन एवं आवासीय भवन आदि निर्मित है। मिल के गोदाम और रिक्त भवनों को गोदाम के रूप में उपयोग किया जा रहा है। (ग) जयंत विटामिन्स लिमिटेड, रतलाम की जमीन के विक्रय के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष बची जमीन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) श्री सज्जन मिल्स लिमिटेड, रतलाम के श्रमिकों को उनको देय राशि का भुगतान किया जा चुका है। जयंत विटामिन्स लिमिटेड, रतलाम के 354 श्रमिकों को रू. 43,61,45,009.67 (रू. तेतालीस करोड़ इकसठ लाख पैंतालीस हजार नौ एवं पैसे सड़सठ मात्र) का भुगतान शेष बताया गया है।
टू-लेन नियमों की अवहेलना
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 965 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 544, दिनांक 21-2-2019 के संदर्भ में बतावें कि अनुबंध अनुसार कार्य किस दिनांक को समाप्त होना था तथा विलंब के लिये पेनल्टी किस दर से लगाना थी तथा बतावें कि किस-किस कि.मी. पर क्या-क्या कार्य होना शेष है? (ख) बाजना बस स्टैण्ड से वरोठ माता मंदिर तक टू-लेन से फोर-लेन बनाने संबंधी समस्त दस्तावेज, नोटशीट, पत्र व्यवहार, आदेश की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि कितनी अतिरिक्त राशि इस कार्य हेतु स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई गई डी.पी.आर. में रेल्वे ओवर ब्रिज का उल्लेख किस पृष्ठ पर है तथा बतावें कि कार्य प्रारंभ होने की दिनांक 12-10-2016 के पूर्व तथा बाद में रेल्वे ओवर ब्रिज हेतु किये गये? संपूर्ण पत्र व्यवहार, नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) डी.पी.आर. में बाजना बस स्टैण्ड से वरोठ माता मंदिर तक कितनी पुलिया का किस-किस पृष्ठ पर उल्लेख है? क्या वन मण्डल कार्यालय के पास वाली पुलिया का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया था? यदि हाँ, तो उस पुलिया का कार्य क्यों बंद कर दिया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) अनुबंध अनुसार कार्य दिनांक 09.08.2018 को पूर्ण होना था। अनुबंध की कंडिका 15 के अनुसार वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अतिरिक्त कार्य स्वीकृत राशि के अंतर्गत ही कराया जा रहा है। अत: पृथक से अतिरिक्त राशि की आवश्यकता नहीं है। (ग) किसी पृष्ठ पर नहीं। आर.ओ.बी. का निर्माण सेतु परिक्षेत्र से किया जाना था। अत: रतलाम संभाग (भवन/पथ) के द्वारा तैयार की गई डी.पी.आर. में इसका उल्लेख नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार पृष्ठ 1 से 13 तक। (घ) कुल 03 नग जिसमें कि.मी. 2/2 एवं 3/4 में 02 नग पुलिया एवं कि.मी. 3/2 में 01 नग मध्यम पुल का निर्माण कार्य प्रस्तावित है जिनके प्रावधान डी.पी.आर. के पृष्ठ 23 से 54 पर है। कि.मी. 2/2 (वन विभाग के सामने) में प्रस्तावित पुलिया निर्माण कार्य किया जाना शेष है। उक्त पुलिया का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। अत: कार्य बंद होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 973 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से ग्रामीण मार्ग, जिला मार्ग, राज्य मार्ग या राष्ट्रीय मार्गों का निर्माण किया जा रहा है? विकासखण्डवार सड़क मार्ग के नाम, लागत एवं स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन सी एजेंसियां काम कर रही हैं और निर्माण अवधि क्या है तथा प्रस्तावित मार्ग जिनका निर्माण किया जाना है, कौन-कौन से हैं? क्या सिरोंज-बैरसिया मार्ग से महामाया मंदिर तक टू-लेन मार्ग को फोर-लेन मार्ग में परिवर्तित करने सिरोंज-बैरसिया मार्ग से महामाया मंदिर तक टू-लेन मार्ग को फोर-लेन मार्ग में परिवर्तित करने का प्रस्ताव जिला स्तर पर तैयार होकर शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब भेजा गया? क्या भारी यातायात, धार्मिक स्थल के महत्व को देखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस मार्ग को बजट में सम्मिलित किया जाकर निर्माण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत पी.आई.यू. द्वारा जिले के विभिन्न विकासखण्डों में कौन-कौन से भवन निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 में कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 30 जून 2019 की स्थिति में कितने भवनों का निर्माण शेष हैं? यदि निर्माण कार्यों में विलंब हुआ है और लागत राशि बढ़ी है, तो वह कौन-कोन से निर्माण कार्य हैं तथा इस विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है? जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा कराये जा रहे कौन-कौन से निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों की शिकायतें प्राप्त हुई थीं तथा कौन-कौन सी शिकायतें सही पाई गईं और उन पर क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्डवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं, वर्णित मार्ग का प्रस्ताव जिला स्तर पर परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में बजट में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। कार्य के विलम्ब में लागत नहीं बढ़ी है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) गुणवत्ता विहीन कार्यों की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 976 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे (8 लेन मार्ग) का सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा मार्ग में आने वाली निजी भूमियों को भी चिन्हित किया जाकर मार्ग कहाँ से कहाँ तक पहुंचेगा? यह सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) यदि हाँ, तो मुम्बई से दिल्ली की और बनने वाले एक्सप्रेस-वे मार्ग गुजरात राज्य से मध्यप्रदेश के मेघनगर से रतलाम जिले के किस गाँव से होते हुए किन-किन गाँवों-तहसीलों से होकर मंदसौर जिले के किस गाँव से होकर किन-किन गाँव होते हुए राजस्थान की ओर जायेगा? ग्राम, मार्गवार जानकारी दें। (ग) उक्त मार्ग में रतलाम जिला अंतर्गत एवं मंदसौर जिला अंतर्गत किन-किन ग्रामों से होते यह मार्ग निकलेगा तथा मार्ग में कितने भूमि किन-किन स्थानों पर निज स्वामित्व की आयेंगी? (घ) अवगत करायें कि उक्त मार्ग निर्माण की निर्माण ऐजेन्सी केन्द्र सरकार द्वारा किसे बनाया गया है तथा म.प्र. राज्य के शासन/विभाग की भूमि का उक्त कार्य में क्या रहेगी तथा रतलाम व मंदसौर जिला अंतर्गत निजी स्वामित्व की भूमि उनका अधिग्रहण एवं भूमि स्वामी को दिये जाने वाले मुआवजा किस प्रकार कितना दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्न लोक निर्माण विभाग (भ/प) से सम्बंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सम्बंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
सिंचाई डेमों की जानकारी
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 995 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलौदा तहसील में इंद्रपुरी डेम एवं मचून डेम की साध्यता स्वीकृत कर प्रस्तावित किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो डार्क-जोन एरिया घोषित पिपलौदा तहसील के उक्त दोनों डेमों की साध्यता स्वीकृति होने से इनके निर्माण बजट की राशि कब स्वीकृत की जा सकेगी? (ग) मचून डेम की लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई कितनी होकर, क्या इससे लगे गांव में सिंचाई नहरें अथवा छोटे स्टॉप डेम भी प्रस्तावित है? कितनी निजी भूमि डूब में आएंगी? डेम की लागत राशि एवं मुआवजा राशि कितनी होगी तथा इंद्रपुरी डेम की लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई कितनी होगी? इसमें जल भराव कितना होगा? इसमें कितने निजी भूमि डूब में आएंगी? डेम की निर्माण लागत कितनी होगी? यदि निजी भूमि का मुआवजा दिया जाना है तो वह कितना होगा तथा उक्त दोनों डेमों का निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय आदेश दिनांक 02.03.2019 द्वारा इंद्रपुरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 259.18 लाख प्रदान कर दी गई है। मचून डेम की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृत राशि बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) मचून डैम की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से लंबाई, चौड़ाई, ऊँचाई सहित अन्य विवरण बताया जाना संभव नहीं है। इंद्रपुरी बैराज की लंबाई 95 मी. ऊपरी चौड़ाई 1.50, ऊँचाई 7.00, जल भराव क्षमता 0.6 एम.सी.एम. है। निजी डूब भूमि 1.50 हे. है, जिसके मुआवजे हेतु रू. 33.00 लाख का प्रावधान डी.पी.आर. में किया गया है। इंद्रपुरी बैराज की निविदा अंतिम नहीं होने तथा मचून डेम की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से निर्माण कार्य प्रारंभ होने की समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है।
मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसाओं पर कार्यवाही
[श्रम]
64. ( क्र. 1001 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसा का अक्षरश: पालन श्रम विभाग द्वारा किया जा रहा है तथा क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कन्टेम्प पिटिशन सी. क्रमांक 411/2014 में दिनांक 14/03/2016 को स्पष्ट आदेश पारित करते हुए मजीठिया वेतनमान का लाभ एवं अनुशंसा का पालन करना था? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के परिपालन के संबंध में श्रम विभाग द्वारा पत्रकारों के हित में कार्यवाही कर कितने प्रकरणों का निराकरण किया? श्रम विभाग द्वारा पत्रकारों के देय वेतनों एवं अन्य भत्तों की जानकारी देवें। (ख) क्या श्रम विभाग की जानकारी के अनुसार पत्रकारों के हित संरक्षण एवं मजीठिया वेतनमान एवं अनुशंसाओं के आधार पर 34 प्रकरणों में 2 करोड़ 25 लाख 82 हजार 573 की वसूली हेतु समाचार पत्र की एजेन्सियों के विरूद्ध आर.आर.सी. जारी कि गई है? यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी द्वारा आर.आर.सी. किन समाचार पत्र एजेन्सियों के विरूद्ध किस दिनांक में जारी की गई है एवं कितने प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय से समाचार पत्रों एजेन्सियों द्वारा स्वमन आदेश प्राप्त कर लिये गये हैं? (ग) उक्त समस्त न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक एवं उक्त प्रकरण क्रमांक नियुक्ति ओ.आई.सी की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या जन समस्या समाधान मई एवं जून, 2019 में म.प्र. के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव एवं विभागीय सचिव तथा श्रम विभाग के श्रम आयुक्त को पत्रकारों के हित में उन्हें वेतन भत्ते मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशंसा का पालन कराने एवं समाचार पत्र एजेन्सियों की जाँच के संबंध में लिखित शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर विभाग द्वारा कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी दें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। श्रम विभागीय सक्षम प्राधिकारियों द्वारा श्रम जीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा-शर्तों) एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1955 की धारा 17 के अंतर्गत मजीठिया वेतनमान प्राप्त न होने से संबंधित आवेदनों पर विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए कुल 407 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। मजीठिया वेतन बोर्ड की अनुशसाओं के अतिरिक्त श्रम विभाग द्वारा पृथक से कोई वेतन या भत्ते निर्धारित नहीं है। अतः जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। श्रम जीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा-शर्तों) एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1955 की धारा 17 (1) के अंतर्गत वस्तुतः 24 प्रकरणों में 2 करोड़ 25 लाख 82 हजार 573 के राजस्व वसूली प्रमाण-पत्र जारी किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इन समस्त राजस्व वसूली प्रमाण पत्रों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन प्राप्त है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त शिकायत के संबंध में कार्यवाही की जानकारी उक्त प्रनांश (क) एवं (ख) में दी गई है।
जल संसाधन विभाग अंतर्गत जांचाधीन शासकीय सेवकों की जानकारी
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 1002 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के जल संसाधन विभाग में वर्तमान में पदस्थ किन शासकीय सेवकों, तकनीकी अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. जाँच एवं अन्य विभागीय जाँच प्रचलित है। उनके नाम, पदनाम, प्रकरण क्र. एवं वर्तमान पदस्थापना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल संसाधन विभाग के ऐसे जाँच अधीन अधिकारी जिन्हें फील्ड में पदस्थ किया गया है। उक्त अधिकारी-कर्मचारियों को कब तक फील्ड से हटाकर अन्यत्र आफिस में अटैच किया जाएगा? (ग) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत जिला धार में वर्तमान में जो कार्यपालन यंत्री, उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं अन्य विभागीय कर्मचारी पदस्थ हैं, उनके नाम, पदनाम तथा जिले में पदस्थापना की दिनांक तथा विभागीय रूप से आवंटित कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराएं तथा उक्त जिलों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या जल संसाधन विभाग में एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को अन्यत्र पदस्थ किये जाने संबंधी आदेश जारी करते हुए? जाँच अधीन कर्मचारियों के विरूद्ध त्वरित जाँच के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जल संसाधन विभाग धार जिले में ऐसा कोई शासकीय सेवक कार्यरत् नहीं है जिसके विरूद्ध लोकायुक्त, ई.ओ.डब्ल्यू. जाँच एवं अन्य विभागीय जाँच प्रचलित है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी को फिल्ड से हटाकर अन्यत्र कार्यालय में संलग्न किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) एवं (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। एक ही स्थान पर 03 वर्षों से अधिक पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यत्र पदस्थ किए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
66. ( क्र. 1012 ) श्री कमल पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले के खिरकिया में शासकीय महाविद्यालय की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो हरदा जिले के खिरकिया में शासकीय महाविद्यालय कब तक स्वीकृत किया जाएगा तथा अभी तक शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत नहीं होने के क्या कारण हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। खिरकिया में एक अनुदान प्राप्त विष्णु राजोरिया अशासकीय महाविद्यालय तथा खिरकिया से 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, सिराली एवं खिरकिया से 35 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, हरदा संचालित है, जहाँ पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण खिरकिया में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण के समय सड़क किनारे लगे पेड़-पौधों को काटे जाना
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1023 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की गढ़ीमलहरा से मटौंध मध्यप्रदेश सीमा तक सड़क निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया है? (ख) प्रश्न (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त विभाग द्वारा सड़क किनारे लगे पेड़ एवं पौधों को काटा गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम-निर्देशों के तहत सड़क निर्माण कार्य करते समय सड़क किनारे लगे पेड़ एवं पौधों को काट जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) क्या सड़क निर्माण करते समय लगे पेड़-पौधों को काटा गया है? क्या उक्त विभाग द्वारा पेड़ एवं पौधों को लगाया गया है? यदि हाँ, तो कब, कहाँ, कितने? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन विधिसम्मत एवं नियम अनुसार कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1024 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सन् 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कितनी सड़कें निर्माण हेतु स्वीकृत की गई थीं? उक्त सड़क निर्माण की लागत एवं निर्माण की स्थिति क्या है? उक्त सड़क निर्माणकर्ता को किस-किस सड़क का कितना भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त सभी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त सड़क निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) क्या शासन विधिसम्मत एवं समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। अत: सड़क निर्माण के कार्य के पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) जी नहीं, वर्तमान में फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। कार्यवाही विधिसम्मत एवं समय-सीमा में होने से कोई अधिकारी दोषी नहीं है अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त सड़कों की जानकारी
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 1032 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में निर्मित बानसुजारा बांध के डूब क्षेत्र में लोक निर्माण की कितनी सड़कें आईं हैं एवं निर्माणाधीन नहरों से कितनी सड़कें क्षतिगस्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सड़कों के वैकल्पिक मार्ग बनाने एवं क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधार हेतु क्या कार्यवाही की गई? क्या वैकल्पिक मार्ग बनाने एवं क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधार हेतु लोक निर्माण विभाग को राशि स्थानांतरित कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इतने विलंब हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एक सड़क, बुड़ेरा से बड़ागाँव डूब में प्रभावित हुई है। 78 स्थलों से निर्माणाधीन नहर के पाईप को निकाला गया है। कोई भी सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। (ख) वैकल्पिक मार्ग बुड़ेरा से बड़ागाँव व्हाया लार तिगैला के मार्ग का लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कराया जा चुका है। लोक निर्माण विभाग को राशि स्थानांतरित कर दी गई है। नहर निर्माण में आवश्यकतानुसार वैकल्पिक मार्ग बनाकर जिन सड़क मार्गों को क्रॉस किया गया उन सभी सड़क मार्गों का निर्माण लोक निर्माण विभाग के मापदण्डों के अनुसार विभाग द्वारा कराए जाने से लोक निर्माण विभाग को राशि स्थानांतरित किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) कोई विलंब प्रतिवेदित नहीं है, न ही कोई अधिकारी जिम्मेवार है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
उद्योगों का बिजली बिल माफ किया जाना
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 1041 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं सिंगरौली जिले में स्थापित 50 से अधिक हॉर्स पॉवर के मध्यम एवं वृहद उद्योगों को बिजली प्रति यूनिट किस दर सप्लाई की जा रही है? उद्योगों का नाम, स्थान का नाम, जिले का नाम, देते हुए बतायें कि उनके द्वारा प्रतिमाह कितने यूनिट बिजली औसतन खपत की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मध्यम एवं वृहद उद्योगों के द्वारा दिनांक 01.04.2018 से 30.05.2019 तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान विद्युत मण्डल को कितनी-कितनी यूनिट की खपत करने पर किया? उद्योगों के नामवार/स्थलवार/विद्युत मण्डल को किये गये वर्षवार भुगतान की गई, राशिवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कनेक्शनों में माह मई-19 तक किस-किस नाम के उद्योगों को रियायती दर पर कब से किस दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है? किस-किस उद्योग का कितनी राशि का का बिल राईट ऑफ (माफ) कब-कब किया है? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (घ) प्रश्नतिथि तक किस-किस उद्योग का विद्युत मण्डल का कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान कब से बकाया है? राशिवार/समयवार/उद्योगों के नाम/स्थानवार दें। म.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड कब तक उक्त राशि को वसूले जाने एवं उस राशि पर कितना-कितना आर्थिक दण्ड लगाने का काम कर राशि वसूलेगा? राशिवार/उद्योगवार दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सतना एवं सिंगरौली जिलों में स्थापित 50 अश्वशक्ति से अधिक संबद्ध भार वाले उद्योगों को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के आदेश क्र-म.प्र.वि.नि.आ./2018/602 भोपाल दिनांक 03/05/18 (प्रभावी दिनांक 11/05/2018) के द्वारा निर्धारित टैरिफ के अंतर्गत वर्णित श्रेणी - निम्नदाब कनेक्शनों हेतु एल.व्ही. 4 तथा उच्चदाब कनेक्शनों हेतु एच.व्ही. 3.1 एवं एच.व्ही. 3.4 में उल्लेखित दरों के अनुसार विद्युत सप्लाई की जा रही है। दर श्रेणी एल.व्ही. 4, एच.व्ही. 3.1 एवं एच.व्ही. 3.4 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क-1‘ एवं ‘क-2‘ अनुसार है। सतना एवं सिंगरौली जिलों में 50 अश्वशक्ति से अधिक संबद्ध भार वाले औद्योगिक निम्नदाब श्रेणी में 251 एवं औद्योगिक उच्चदाब श्रेणी में 76 कनेक्शन हैं। सतना एवं सिंगरौली जिलों में 50 अश्वशक्ति से अधिक संबद्ध भार वाले निम्नदाब औद्योगिक कनेक्शनों की मासिक औसत खपत की सतना एवं सिंगरौली जिलों हेतु उपभोक्तावार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख-1‘ एवं ‘ख-2‘ तथा सतना एवं सिंगरौली जिलों में 50 अश्वशक्ति से अधिक संबद्ध भार वाले उच्चदाब औद्योगिक कनेक्शनों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख-3' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों द्वारा वित्तीय वर्ष 18-19 एवं 19-20 (मई -19 तक) में की गई वर्षवार विद्युत खपत एवं भुगतान की गई राशि का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख-1' 'ख-2' एवं 'ख-3' के अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औद्योगिक कनेक्शनों में माह मई-19 तक किसी भी उपभोक्ता को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध नहीं कराई जा रही है तथा किसी भी बकायादार का बिल माफ नहीं किया गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग-1‘, ‘ग-2‘ एवं ‘ग-3‘ के अनुसार है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बकाया राशि वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, वर्तमान में प्रभावशील दर आदेश में निहित प्रावधानानुसार बकाया राशि पर प्रतिमाह 1.25 प्रतिशत अधिभार अधिरोपित किया जाता है।
समय-सीमा में फ्लाई ओवर नहीं बनना
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1042 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में रीवा रोड पर बन रहे फ्लाई ओवर के काम का कार्यादेश किस दिनांक को जारी कर किस दिनांक तक खत्म किया जाना था? जारी कार्यादेशों की एक प्रति दें। उक्त निर्माण कार्य की क्या लागत प्रथम कार्यादेश में उल्लेखित थी? उसकी भी एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित फ्लाई आवेर का निर्माण समय पर न करने पर क्या-क्या आर्थिक दण्ड/मापदण्ड राज्य शासन द्वारा निर्धारित किये गये थे? प्रश्नतिथि तक कितनी-कितनी राशि की पेनाल्टी ठेकेदार से कब-कब व किन-किन कारणों से वसूल की गई या बिलों में कटौती की गई? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यादेश के बाद राज्य शासन द्वारा कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य अतिरिक्त बढ़ाये? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। प्रथम डिजाइन एवं फ्लाई ओवर की लागत का आंकलन किन नामों/पदनामों ने किया था? तब उसमें इस बाबत् ध्यान क्यों नहीं रखा गया? कारण दें। कौन दोषी है? (घ) क्या फ्लाई ओवर के दोनों और नाली/ड्रेनेज का कार्य पहले ड्राईंग एवं एस्टीमेट में नहीं था? बिजली के खम्बों को क्या दो बार शिफ्ट किया गया? क्या दोनों बार बिजली के खम्बों की शिफ्टिंग एवं तार बिछाई का कार्य का भुगतान किया गया? अब तीसरी बार पोल शिफ्टिंग का कार्य होने वाला है? शासन सेतु निगम के चीफ आर्किटेक्ट एवं चीफ इंजीनियर जो इस कार्य में संलग्न हैं उन्हें कब तक निलंबित करेगा? अगर नहीं तो कारण एवं नियम दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कार्यादेश दिनांक 18.01.2016 को जारी कर अनुबंधानुसार दिनांक 17.05.2018 को पूर्ण किया जाना था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में वर्णित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। कार्य स्थल की आवश्यकता के अनुसार दिये गये कार्य के मूल्यांकन एवं माप के उपरांत नियमानुसार भुगतान किया गया है। अत: चीफ आर्किटेक्ट एवं चीफ इंजीनियर के निलंबन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीमिंग पूल का संचालन
[खेल और युवा कल्याण]
72. ( क्र. 1044 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वीमिंग पूल संचालन के दिशा-निर्देश शासन स्तर पर जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो जवाहर नगर स्वीमिंग पूल जिला सतना का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा था? क्या जिला खेल अधिकारी को स्वीमिंग पूल संचालन के लिए भी अधिकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी सतना स्वीमिंग पूल संचालन के लिए निर्धारित अनुभव/योग्यता रखते हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार की? यदि नहीं, तो फिर किसके आदेश पर स्वीमिंग पूल का संचालन का दायित्व दिया गया? (ग) क्या दिनांक 24 मई 2019 को स्वीमिंग पूल में नाबालिक अभिषेक नारंग की मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो कैसे? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पुलिस द्वारा अब तक दोषियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या स्वीमिंग पूल संचालन के दौरान प्रवेश लेने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता था? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ड.) क्या स्वीमिंग पूल संचालन के लिए किसी प्रकार का शुल्क लिया जाता था? यदि हाँ, तो किसके निर्देश से? ये शुल्क का पैसा किस शासकीय खाते में जमा किया जाता था? किन मदों पर और किस-किस शासकीय नियम के तहत व्यय किया जाता था?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग के द्वारा स्वीमिंग पूल के संचालन के कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी सतना द्वारा खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति के अन्तर्गत स्वीमिंग पूल का संचालन स्टेडियम में संचालित अन्य खेल गतिविधियों के तहत किया जाता है। स्वीमिंग पूल संचालन हेतु पृथक से अधिकृत नहीं किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति के अध्यक्ष (कलेक्टर सतना) की अनुशंसा से संचालन का कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। स्वीमिंग पूल में दो हिस्सों से उतारते है, जिसमें एक तरफ कम गहराई है एवं एक तरफ अधिक गहराई है। अभिषेक दूसरी ओर अधिक गहराई वाले स्थान पर कूदा था, जब अभिषेक बाहर नहीं आया तो उसके भाई आदित्य ने शौर मचाया तब तत्काल गार्ड ने अभिषेक को जीवित अवस्था में बाहर निकला जो कि अधिक पानी पेट में जाने के कारण तत्काल स्थानीय चिकित्सालय ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, प्रकरण में पुलिस जाँच प्रक्रियाधिन। (घ) जी नहीं। स्वीमिंग पूल संचालन के दौरान प्रवेश लेने वाले व्यक्तियों से प्रवेश फार्म भराया जाता है जिसमें सभी आवश्यक निर्देश अंकित रहते है एवं नाबालिक होने की स्थिति में अभिभावक के हस्ताक्षर कराना अनिवार्य रहता है। (ड.) जी हाँ। स्वीमिंग पूल संचालन हेतु निर्धारित शुल्क कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति की अनुशंसा के आधार पर लिया जाता था, जिसे खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति के खाते में जमा किया जाता था। खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति की मार्गदर्शिका अनुसार उक्त खाते में जमा राशि का उपयोग स्वीमिंग पूल के संचालन, विद्युत देयक, साफ सफाई, कर्मचारियों का मानदेय आदि पर किया जाता है।
जल उपभोक्ता संथाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 1052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितनी जल उपभोक्ता संथाएं हैं? नाम सहित संख्या बतायें। जल उपभोक्ता संथाओं को वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितना आवंटन उपलब्ध कराया गया? वर्षवार जानकारी बतायें। (ख) जल उपभोक्ता संथा द्वारा वर्षवार प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कराये गये? संथावार/कार्यवार स्वीकृत राशि, कार्य पर व्यय राशि, कार्य की मूल्यांकन राशि, मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री का नाम एवं मूल्यांकन सत्यापितकर्ता अधिकारी का नाम व पद सहित संथावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या जल उपभोक्ता संथाओं द्वारा कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है? भौतिक सत्यापन की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाये। यदि सत्यापन नहीं कराया गया है तो कब तक कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ मेकुल अंतर्गत 11 जल उपभोक्ता संथाएं हैं। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। भौतिक सत्यापन कार्य विभाग नियमावली अनुसार अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया जाता है। सत्यापन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तालाबों एवं नहरों हेतु स्वीकृत राशि
[जल संसाधन]
74. ( क्र. 1053 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन तालाबों/बांधों का नहर विस्तार एवं नहरों के पक्कीकरण हेतु कितनी-कितनी राशि विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत की गई? उक्त निर्माण हेतु किस एजेंसी से अनुबंध किया गया है तथा कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? जो अधूरे हैं वे कब तक पूर्ण होना है? (ख) जलाशयों के निर्माण के समय कितनी कृषि भूमि सिंचित किये जाने का सर्वेक्षण कराया गया था? क्या सर्वेक्षण के अनुसार सिंचाई हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या तालाबों में मिट्टी का भराव एवं नहरों का रख-रखाव ठीक नहीं होने के कारण भी सिंचित रकबे में कमी आई है? यदि हाँ, तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्मित तालाबों का संधारण एवं नहरों का पक्कीकरण का कार्य कब तक कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जोहिला जलाशय परियोजना के लिए रूपये 358.49 लाख की स्वीकृति दी गई है। निर्माण हेतु अनुबंध मेसर्स नेशनल प्रेस्टीज कंपनी सिंगरौली से अनुबंध किया गया। सभी निर्माण कार्य प्रगतिशील है जिनकी पूर्णता दिसंबर-2019 लक्षित है। (ख) निर्माण के समय 33 जलाशयों से 6922 हे. कृषि भूमि सिंचित किए जाने का सर्वेक्षण किया गया। जी नहीं, परियोजनावार विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। नहरों के पक्कीकरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
एन.एच.7 का फोर-लेन निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 1069 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच.7 एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर फोर-लेन का निर्माण क्रमश: रीवा से कटनी, कटनी से स्लीमनाबाद, स्लीमनाबाद से जबलपुर, जबलपुर से लखनादौन तक का कहाँ से कहाँ तक का कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य पूर्ण, अपूर्ण व निर्माणाधीन है? निर्माण एजेन्सी ने निविदा की शर्तों के तहत कहाँ से कहाँ तक का कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? दोषी एजेन्सी पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में सड़क के दोनों हिस्से में 7 मीटर के शोल्डर व डिवाईडर डायवर्सन एरिया में डामरीकरण व समतलीकरण, 4 से 8 फीट चौड़ा पाथवे का निर्माण व 7 मीटर के डिवाईडर पर पौधारोपण कार्य व बायपास का मुख्य सड़क से लिंक-अप की क्या स्थिति है? इसकी जाँच कब-कब किसने की है? वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में पुल पुलियों का कितना-कितना निर्माण पूर्ण/अपूर्ण बकाया है? क्या शासन एजेन्सी को अनुचित लाभ पहुंचाने की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों व एजेंसी पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग के आधिपत्य में नहीं है अपितु भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कार्य क्षेत्रान्तर्गत है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
फ्लाई ओवर निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1074 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तिलहरी मार्ग पर एन.एच.12 को एन.एच.7 से जोड़ने हेतु फ्लाई ओवर के निर्माण की मूल योजना क्या है? इसकी कुल लंबाई, निर्माणाधीन अवधि, लागत व एजेन्सी कौन है? (ख) प्रश्नांकित फ्लाई ओवर के निर्माण का ठेका कब-किस एजेन्सी को किन शर्तों पर दिया गया? एजेन्सी ने फ्लाई ओवर का कौन-कौन सा कितना कार्य पूर्ण कराया है एवं कौन-कौन सा कितना कार्य निर्धारित समयावधि में कब से पूर्ण नहीं कराया गया है एवं क्यों? दोषी एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की गई है? एजेन्सी को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं किन कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी राशि रोकी गई है? (ग) प्रश्नांकित फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किस-किस ने की है? निर्माण कार्य में कौन-कौन सी अनियमितताएं व कमियां पाई गई हैं? तत्संबंध में दोषी एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.-12ए, जबलपुर-बरेला मार्ग खण्ड का पुनर्वास एवं उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं.-7 के विद्यमान कि.मी. 477/6 से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं.-12ए के किमी 22/8 तक में जबलपुर एवं बरेला बायपास सहित टू-लेन पेव्हड शोल्डर का कार्य ई.पी.सी. पद्धति से एन.एच.डी.पी.-4ए के अंतर्गत स्वीकृत कार्य में फ्लाई ओवर निर्माण का कार्य भी सम्मिलित है। इस मार्ग का कार्य मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि. भोपाल द्वारा किया गया है, उक्त कार्य में फ्लाई ओवर का निर्माण कि.मी. 7+120 से कि.मी. 7+824 तक में लंबाई 704 मीटर में किया गया है, इस मार्गखण्ड के कार्य को पूर्ण करने हेतु दो वर्ष की समयावधि अनुबंधानुसार निर्धारित थी। संपूर्ण मार्ग हेतु राशि रू. 327.32 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय दिल्ली द्वारा पत्र दिनांक 13.02.2015 से प्राप्त हुई है, ठेके की लागत 201.06 करोड़ थी, जिसमें फ्लाई ओवर की लागत भी सम्मिलित है। (ख) मार्ग पुनर्वास एवं उन्नयन कार्य का अनुबंध दिनांक 06.04.2015 को मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि. भोपाल से किया गया था, ठेके की शर्तें अनुबंध के प्रावधानानुसार निर्धारित है। मार्ग का कार्य फ्लाई ओवर निर्माण कार्य सहित दिनांक 17.02.2017 (अस्थाई प्रमाण-पत्र जारी दिनांक) को पूर्ण किया गया है, जो कि निर्धारित अवधि में ही है, अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल को सुरक्षित करने के लिये कांक्रीट रिटेनिंग वॉल बनाई गई। ठेकेदार को किये गये भुगतान एवं रोकी गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) फ्लाई ओवर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच स्वतंत्र अभियंता मेसर्स थीम इंजीनियरिंग सर्विसेस प्रा.लि. के टीम लीडर एवं इंजीनियरिंग स्टॉफ तथा एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की गई है। निर्माण एजेन्सी ने गुणवत्ता के लिये तृतीय पक्ष से रिटेनिंग वॉल की मजबूती के लिये रिबाउंड हेमर टेस्ट एवं अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी टेस्ट दिनांक 26.07.2018 को किया गया है, जिसके परिणामों का निष्कर्ष समाधान कारक है। एजेन्सी ने पुल-पुलिया का सेफ्टी ऑडिट दिनांक 15.03.2019 को कराया गया है। फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के स्पेसिफिकेशन एवं अनुबंध के प्रावधानुसार पूर्ण किया गया है, अत: एजेन्सी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। अनुबंध के प्रावधानानुसार ठेकेदार द्वारा मार्ग का संधारण कार्य समुचित रूप से किया जा रहा है।
मार्गों के निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1081 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? (ख) विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक लोक निर्माण विभाग के कितने मार्गों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितने मार्गों में निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? ऐसे मार्गों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) शासन द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए लोक निर्माण विभाग के जिन मार्गों के निर्माण कार्यों के प्रस्तावों की स्वीकृति नहीं दी गई है वह मार्ग कौन-कौन से हैं और उनकी स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने के क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 1082 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री श्री लक्ष्मीनारायण शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में छात्र-छात्राओं की सुविधा हेतु सुरक्षा की दृष्टि से महाविद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री एवं विभाग को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया था? इस संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने में काफी विलम्ब किया जा रहा है, इसका क्या कारण है? स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, प्रकरण विचाराधीन है। (ख) महाविद्यालय द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर कार्यालयीन प्रक्रिया निरंतर जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश की नदियों की जल गुणवत्ता
[पर्यावरण]
79. ( क्र. 1110 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नर्मदा सहित प्रमुख नदियों की जल गुणवत्ता की भारतीय मानक 2296 जेम्स तथा मिनार्स के अनुसार वर्ष 2014 से 2017 तक के परिणामों की विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि कौन-कौन से उद्योगों का प्रदूषित जल किस-किस नदी में मिलता है तथा 2018 दिसम्बर तक कितनों को बंद कर दिया गया। (ख) रतलाम शहर में वर्ष 2000 से रखे 30 हजार मैट्रिक टन जहरीले कचरे का निपटान आज तक क्यों नहीं किया गया? रतलाम के आस-पास कितने गाँवों में तथा रतलाम शहर बस्तियों में भूमिगत जल प्रदूषित होकर ट्यूबवेल से लाल पानी निकल रहा, जिससे 2 लाख जनता प्रभावित हो रही? (ग) प्रश्नांश (ख) से जहरीले कचरे से भूमिगत जल को ठीक करने तथा कचरे का निपटान करने में कुल कितना खर्च आवेगा? क्या यह खर्च जिम्मेदार फैक्ट्री मालिकों से वसूला जावेगा? (घ) रतलाम शहर के धोलाबाद के पेयजल, ट्यूबवेल के लाल पानी, वॉटर उत्सर्जन मापन ध्वनि स्तर मापन, वायु की गुणवत्ता की लेटेस्ट जाँच की जानकारी दें तथा बतायें की पिछले 3 वर्षों में इन जाँच में क्या परिवर्तन पाए गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश की नर्मदा नदी सहित प्रमुख नदियों की जल गुणवत्ता की भारतीय मानक 2296 के अनुसार वित्त वर्ष 2014 से 2017 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। नदियों में उद्योगों का अनुपचारित निस्त्राव जल नहीं मिलता हैं। (ख) रतलाम शहर के डोसीगाँव औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े उद्योग मेसर्स सज्जन केमिकल्स एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. के लगभग 54633 मी. टन एवं मेसर्स जयन्त विटामिन्स के लगभग 0.4 मी. टन परिसंकटमय अपशिष्ट के निपटान एवं रिमेडियेशन हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई-दिल्ली द्वारा वर्ष 2013 में सलाहकार नियुक्त कर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) तैयार कराने का कार्य प्रगति पर है, तदोपरान्त ही कचरे का निपटान किया जा सकेगा। रतलाम के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के 07 गाँवों में भूमिगत जल प्रदूषित होकर ट्यूबवेल से लाल पानी निकलने की तथा रतलाम क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक 01, 02, 03, 06, 08, 09 व 30 के टयूबवेल में लाल रंग का पानी निकलने की जानकारी है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित डी.पी.आर. प्राप्ति के पश्चात ही अपशिष्टों के निपटान एवं भूमिगत जल स्त्रोतों की स्थिति सुधार पर होने वाली व्यय-राशि का विवरण वसूली एवं निपटान आदि की जानकारी ज्ञात हो सकेगी। (घ) रतलाम शहर के धौलावाड़ के पेय जल की गुणवत्ता, ट्यूबवेलों के लाल पानी, ध्वनि स्तर मापन परिणाम तथा वायु की गुणवत्ता की अद्यतन रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’, ‘‘स’’, ‘‘द’’ एवं ‘‘ई’’ अनुसार है। धौलावाड़ में झामर नदी की विगत तीन वर्षों की गुणवत्ता क्रमश: ‘बी’, ‘ए’ व ‘बी’ श्रेणी में पाई गई हैं। लाल पानी के ट्यूबवेलों के जल में अद्यतन स्थिति में भी हल्का भूरा रंग पाया गया है। विगत तीन वर्षों में नगर में ध्वनि का स्तर दिन में अधिकांशतः निर्धारित मानकों से अधिक पाया जाता है एवं कोई विशेष परिवर्तन परिलक्षित नहीं हुआ है। पिछले दो वर्षों की तुलना में चालू वर्ष में रतलाम शहर की परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित हुआ है।
बिजली की खरीदी
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1111 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी विद्युत किस दर से किस-किस कंपनी से खरीदी गई? खरीदी गयी विद्युत का वर्षवार एवं औसत दर प्रति यूनिट क्या है? (ख) वर्ष 2014 से 2018 तक एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी विद्युत किस दर से किस-किस को विक्रय की गई? वर्ष अनुसार बतावें। क्या खरीदी गयी विद्युत का व्यय विक्रय की गई विद्युत का औसत प्रति यूनिट मूल्य समान है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जनवरी 2019 की स्थिति में मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में कुल कितनी बकाया राशि वसूली करनी थी? पृथक-पृथक कंपनीवार बतावें। जनवरी 2019 की स्थिति में राशि रू. दस लाख से अधिक की बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं के नाम, बकाया राशि सहित कंपनीवार सूची देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्ष 2014 से 2018 तक एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय की गई विद्युत का वर्षवार, औसत दर प्रति यूनिट, श्रेणीवार विद्युत उत्पादन कंपनियों/स्त्रोतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा राज्य की तीनों वितरण कंपनियों के लिये विद्युत क्रय कर इन तीनों कंपनियों को बिना लाभ-हानि के विद्युत उपलब्ध कराई जाती है। ए.के.वी.एन.एल. को विद्युत विक्रय प्रदाय किया जाता है। रेलवे द्वारा ओवर ड्रॉ किये जाने की स्थिति में, इस विद्युत विक्रय हेतु उनको बिल जारी किये जाते हैं। अतिशेष विद्युत को पावर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय का प्रयास किया जाता है। उचित दर मिलने पर इस विद्युत का विक्रय किया जाता है, वर्ष 2014 से 2018 तक एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विक्रय की गई विद्युत की मात्रा, दर एवं अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इस प्रकार क्रय एवं विक्रय दोनों की दरों की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि पर्याप्त विद्युत खरीदी 24X7 सुनिश्चित बिजली सप्लाई के लिये आवश्यक है, परन्तु जिस समय विद्युत की मांग कम होने से विद्युत आधिक्य में रहती है, लाभ-हानि को देखते हुये पावर एक्सचेंज पर बेची जाती है, जिससे कुछ फिक्स्ड कास्ट की रिकवरी होती है जो कि कंपनी के लिये सदैव लाभदायी रहता है। (ग) जनवरी, 2019 की स्थिति में म.प्र. ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं से कुल बकाया राशि रूपये 6897.96 करोड़ वसूली जानी थी। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कुल बकाया राशि रूपये 1412.15 करोड़, मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी द्वारा कुल बकाया राशि रूपये 3805.63 करोड़ तथा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रूपये 1680.18 करोड़ की वसूली करनी थी। जनवरी 2019 की स्थिति में राशि रूपये 10 लाख से अधिक की बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं के नाम, बकाया राशि सहित, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' (पूर्व क्षेत्र), 'स-2' (पश्चिम क्षेत्र), 'स-3' (मध्य क्षेत्र) अनुसार है।
नवीन सड़क, पुल एवं भवनों का निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 1119 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक लो.नि. विभाग को कौन-कौन से मदों में, कितनी-कितनी राशि केन्द्र, राज्य एवं अन्य मद से प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें, पुल एवं भवनों के नवीन निर्माण कार्य हेतु कब-कब प्रशासकीय स्वीकृति हुई थी एवं किस-किस उपयंत्री ने कौन-कौन से निर्माण कार्यों का, किस ठेकेदार का, किस दर का मूल्यांकन करके भुगतान करवाया है? प्रश्न दिनांक तक वह कार्य पूर्ण हैं या अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर टीकमगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्रवार बतायें कि वर्ष 2019-20 के इस बजट सत्र में कौन-कौन से कार्य, किस मद में, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कराने हेतु विभाग ने शासन स्तर पर भेजे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में अभी लो.नि. विभाग की कौन-कौन सी सड़कें, पुल एवं भवनों के निर्माण कार्य कराये जाना अतिआवश्यक है? इनकी स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? इनकी स्वीकृति कब तक होगी और नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1, (म.प्र. सड़क विकास निगम लिमि. के अंतर्गत कार्यों का मूल्याकंन एवं भुगतान का कार्य उपयंत्री के माध्यम न होकर नियुक्त कंसलटेंट से कराया जा रहा है) 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) टीकमगढ़ जिले में लोक निर्माण विभाग के अधीन टीकमगढ़ शहर के पपोरा चौराहा स्थित राजशाही दरवाजा (पुल) का निर्माण कराया जाना अतिआवश्यक है, जिसका प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष मार्गों एवं भवनों की आवश्यकतानुसार मरम्मत की जा रही है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रावधान
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1127 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग को आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के विकास अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये किये गये प्रावधानों अंतर्गत विकास कार्यों हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि में से बालाघाट जिले हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु जारी की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 'अ', 'ब', 'स' अनुसार है।