मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 11 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधान
सभा क्षेत्र
भगवानपुरा अंतर्गत
मार्ग
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1597 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन के अन्तर्गत बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेन सेमली महाराष्ट्र सीमा एवं देवनलिया से छोटी सिरवेल (बड़वानी जिला सीमा) तक मार्ग स्वीकृत होकर बजट में भी सम्मिलित है? (ख) क्या उक्त मार्ग आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिये एवं ग्रामीणों के लिये अति महत्वपूर्ण है? (ग) क्या उक्त मार्ग वन क्षेत्र से गुजरते हैं तथा अधिकांश भाग पूर्व से डामरीकृत होकर मार्ग बने हैं? (घ) यदि हाँ, तो उक्त मार्गों के निर्माण में देरी क्यों हो रही है? उक्त मार्गों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेनसेमली मार्ग (महाराष्ट्र सीमा) बजट में सम्मिलित नहीं है एवं देवनलिया से छोटी सिरवेल मार्ग वर्ष 2019-20 के मुख्य बजट में सम्मिलित है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। दोनों मार्गों में से बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेनसेमली (महाराष्ट्र सीमा) मार्ग के अंतर्गत ग्राम अनकवाड़ी से सिरवेल तक मार्ग डामरीकृत होकर विभाग के पास संधारण के अंतर्गत है एवं देवनालिया से छोटी सिरवेल मार्ग कच्चा रास्ता है। (घ) देवनलिया से छोटी सिमरेल मार्ग का भाग वन क्षेत्र अंतर्गत होने के कारण वन विभाग से अनुमति हेतु प्रकरण ऑनलाईन पंजीकृत है। अनुमति अप्राप्त है। बिस्टान से तेनसेमली (महाराष्ट्र सीमा) तक में से ग्राम अनकवाड़ी से ग्राम सिमरेल तक 41.00 कि.मी. सिंगल लेन होकर डामरीकृत मार्ग निर्मित होकर विभाग के पास संधारित है। यह मार्ग उन्नयन हेतु विभागीय किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 2090 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इंदौर में एवं इनसे संबद्ध महाविद्यालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी। (ख) क्या उक्त पदों के लिए प्रदेश में उम्मीदवारों की कमी है? यदि नहीं, तो क्या लाखों की संख्या में शिक्षित बेरोजगार घूम रहे हैं? यदि हाँ, तो इन्हें रोजगार देने के लिए भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जायेगी या नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा शैक्षणिक (बैकलॉग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 573 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट वर्ष 2021-22 में राजगढ़ जिले की सड़कों को सम्मिलित किया गया था? यदि हाँ, तो उन सड़कों के तहसीलवार नाम, सड़क की लंबाई तथा राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित की गयी है? यदि बजट वर्ष 2021-22 में सम्मिलित सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित नहीं की गयी है तो उनके कारणों से अवगत करावें? (ग) बजट वर्ष 2021-22 में स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आउटडोर मीडिया विज्ञापन पॉलिसी
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1616 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह दिसम्बर 2021 तक म.प्र. के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर शहर में स्थापित समस्त मीडिया की निम्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराएं :- उपरोक्त शहरों में आउटडोर मीडिया से विज्ञापन करने हेतु कितने प्रकार के मीडिया हैं? कितने होर्डिंग्स, यूनिपोल, वाई पोल, रूफटॉप, केन्टीलीवर एवं गेंट्रीज सिंगल साइड व बोथ साइट, साइनेज, बस शेल्टर एवं सुलभ कॉम्प्लेक्स आदि पर लगाए गए हैं? उनके साइजेज, लोकेशन, कोर्डिनेट्स की सम्पूर्ण जानकारी तथा किन-किन एजेन्सीज के हैं? (ख) क्या उक्त एजेन्सीज आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं? एजेन्सीज की सूची, नाम, पता, मोबाईल, फोन नंबर तथा विभाग द्वारा एजेन्सीज को जारी कार्यादेशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) किन-किन आउटडोर मीडिया एजेन्सीज द्वारा नगर निगमों को दिये जाने वाले किराये की राशि (दिसम्बर 2021 तक) जमा की है अथवा शेष है? एजेन्सीवार जानकारी सूची सहित उपलब्ध कराएं। (घ) क्या एजेन्सीज द्वारा स्थापित समस्त मीडिया आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 एवं इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों का सम्पूर्ण पालन किया गया है? यदि हाँ, तो जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं एवं यदि नहीं, तो पॉलिसी का पूर्णतः पालन न करने में दी गई स्वतंत्रता का कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश "क" की जानकारी कमशः नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-3" अनुसार है। (ख) जी हाँ, नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-3" अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-3" अनुसार है। (घ) एजेन्सीज को आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 एवं इण्डियन रोड कांग्रेस के नियमों का पालन करना है। आउटडोर मीडिया पॉलिसी, 2017 में ऐसे प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय कैलारस का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
5. ( *क्र. 1699 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय, कैलारस को कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृत दिनांक से आज दिनांक तक भवन निर्माण न हो पाने के क्या कारण हैं? भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) क्या वर्तमान में महाविद्यालय का संचालन कन्या स्कूल कैलारस में किया जा रहा है, जो भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में होकर पर्याप्त जगह नहीं है और न ही पर्याप्त प्राध्यापकों की नियुक्ति की गयी है, ऐसा क्यों? (ग) भवन निर्माण हेतु क्या कोई जगह चिन्हित की गयी है एवं भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा मद राशि आवंटित की गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ और कितनी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालय भवन निर्माण एवं आवश्यक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय कैलारस, जिला मुरैना वर्ष 2018 से संचालित है। भूमि का आवंटन नहीं होने के कारण भवन निर्माण नहीं हो पाया है। भूमि आवंटित किए जाने हेतु प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 326, दिनांक 06.04.2021 के द्वारा आयुक्त, चंबल संभाग को तथा पत्र क्रमांक 347, दिनांक 06.04.2021 द्वारा कलेक्टर, जिला मुरैना को लिखा गया है। महाविद्यालय के लिए ग्राम निरारा में जो भूमि आवंटित की गई थी, वह पूर्व से ही खाताधारक एवं नर्सरी विभाग को आवंटित है। महाविद्यालय को अन्य भूमि आवंटित नहीं हुई है। (ख) वर्तमान में महाविद्यालय शासकीय मिडिल स्कूल कैलारस में संचालित है। महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के अंतर्गत अतिथि विद्वान कार्यरत हैं व अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित है। (ग) महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु ग्राम निरारा में पूर्व में चिन्हित भूमि किसी अन्य खाताधारक एवं नर्सरी विभाग को आवंटित होने के कारण महाविद्यालय को अन्य भूमि का आवंटन नहीं हुआ है। इस कारण राशि आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) महाविद्यालय के लिए भूमि आवंटित नहीं होने के कारण भवन निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत महाविद्यालय में अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति के संबंध में समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
सड़क एवं पुल निर्माण की निर्धारित दरें
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 535 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भिण्ड जिले में लोक निर्माण विभाग में सड़क एवं पुल निर्माण की निर्धारित दरें विगत 05 वर्षों में कब बढ़ाई गईं थीं? दरें बढ़ाने वाली कमेटी में कौन-कौन लोग शामिल थे? क्या उक्त दरों को सात महीने बाद फिर से संशोधित कर कम कर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या बढ़ी हुई संशोधित दरों पर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितना? ठेकेदारों को भुगतान की गई राशि में पुरानी दरों व संशोधित दरों में क्या अंतर है? क्या इससे शासन को नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है और क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : भिण्ड जिले हेतु लोक निर्माण विभाग में सड़क एवं पुल निर्माण हेतु दरें नहीं बढ़ाई गई, अपितु पूरे प्रदेश हेतु दिनांक 29.08.2017 को नवीन एस.ओ.आर. लागू किया गया एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत ठेकेदारों को भुगतान निष्पादित अनुबंधों अनुसार बी.ओ.क्यू. में लागू निर्धारित दरों के आधार पर किया गया है, अत: बढ़ी हुई संशोधित दरों का भुगतान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रमुख अभियंता कार्यालय की एस.ओ.आर. समिति में सम्मिलित अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। कोई दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन
[उच्च शिक्षा]
7. ( *क्र. 1356 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के प्रबंधन की निगरानी एवं महाविद्यालयों के समुचित विकास को दृष्टिगत रखते हुए जनभागीदारी समितियों का गठन किया जाता रहा है? इसके अंतर्गत वर्तमान में जबलपुर संभाग के किन-किन महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया गया है एवं किन-किन महाविद्यालयों में नहीं किया गया है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन नहीं होने से महाविद्यालयों के अकादमिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के विकास एवं संवर्धन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? फिर भी जनभागीदारी समितियों के गठन की कार्यवाही लम्बित रखे जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय वारासिवनी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी में जनभागीदारी समितियों के गठन के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त महाविद्यालयों में कब तक जनभागीदारी समितियों का गठन कर लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जबलपुर संभाग अंतर्गत संचालित 86 शासकीय महाविद्यालयों में से 80 महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया जा चुका है। 03 महाविद्यालयों में समिति के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 03 महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का पंजीयन नहीं हुआ है। पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के ऐसे शासकीय महाविद्यालय जिनमें शासन द्वारा जनभागीदारी समिति का गठन नहीं किया गया है, वहां जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामित अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) पदेन अध्यक्ष एवं उनके द्वारा नामित सदस्य समिति के रूप में कार्य संपादित कर रहे हैं। शैक्षणिक व अकादमिक गतिविधियों का विकास बाधित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय, वारासिवनी तथा शासकीय महाविद्यालय, खैरलांजी में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) द्वारा पदेन अध्यक्ष का कार्य किया जा रहा है। उत्तरांश ''ख'' अनुसार समिति के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत व्यवस्था के सम्बन्ध में
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 1713 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की चंदला विधानसभा क्षेत्र में ग्राम अभऊ मजरा चमारन पुरवा में वर्ष 2017 में विद्युत व्यवस्था हेतु खंबे गड़वाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या किसी योजना के तहत कार्य था? यदि हाँ, तो योजना एवं कार्य एजेंसी का नाम बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य न होने पर संबंधित वितरण कंपनी द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वायरिंग का शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग खजुराहो के ग्राम अभऊ के चमारन पुरवा में वर्ष 2017 में विद्युत व्यवस्था हेतु कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ और न ही विद्युत व्यवस्था हेतु खंबे गड़वाए गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 738 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग ने 12 ग्रामीण सड़कों की 50 प्रतिशत जमा राशि कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा चेक क्रमांक W 220531375, दिनांक 05.07.2021 से राशि 2095.38 लाख मण्डी बोर्ड को वापस की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों की निविदा समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण थे? जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें। (ग) क्या उक्त संबंध में लोक निर्माण विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल से कोई पत्र व्यवहार किया गया था? यदि हाँ, तो किस संदर्भ में और किस विषय को लेकर? पत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) उक्त प्रश्नांश के संदर्भ में समय-सीमा को लेकर ऐसे कितने प्रकरणों में इससे पूर्व में भी इस प्रकार की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उनकी समय-सीमा का अन्तराल क्या था? स्वीकृति दिनांक से निविदा दिनांक सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के पत्र दिनांक 28.01.2021 एवं शासन के पत्र दिनांक 01.04.2021 द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में। (ख) निविदा संबंधी कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में निविदा प्रक्रिया समय-सीमा में की गई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, उत्तरांश ''क'' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विहीन मजरों/फाल्यों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 1778 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने फाल्ये/मजरे विद्युत विहीन हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें। उक्त फाल्यों में विद्युत प्रदाय करने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या शत-प्रतिशत विद्युत विहीन फाल्यों में बिजली उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 53 वनक्षेत्रों में स्थित एवं पूर्व में लागू विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित 122 इस प्रकार कुल 175 फाल्ये/मजरे विद्युत विहीन हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में इनके विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र सरकार की कोई योजना संचालित नहीं है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने पर तकनीकी/वित्तीय साध्यता के दृष्टिगत उक्त फाल्यों/मजरों का विद्युतीकरण किया जा सकेगा, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फोरलेन निर्माण में खनिज का उपयोग
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1247 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-देवास फोरलेन रोड पर खनिज सप्लाई करने का अनुबंध किससे किया गया है? अनुबंध की शर्तें क्या हैं? खनिज कौन सप्लाई कर रहा है? किस दर से कर रहा है? (ख) उज्जैन- आगर फोरलेन रोड में निर्माण कार्य के चलते कौन-कौन से खनिज उपयोग में लाये जा रहे हैं? क्या उनकी रॉयल्टी खनिज विभाग के पास जमा हो रही है? (ग) खनिज विभाग के कौन-कौन से अधिकारी फोरलेन निर्माण के खनिज उपयोग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं? उक्त संबंध में मॉनिटरिंग रिपोर्ट के साथ खनिज रॉयल्टी और खनिज आपूर्ति का पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) फोरलेन निर्माण कार्य को लेकर खनिज विभाग द्वारा उनके क्षेत्राधिकार की कौन सी कार्यवाही की जा रही है, जिससे सरकार को समय पर रॉयल्टी मिले और प्रयुक्त होने वाले खनिज के सप्लायरों का विधिवत लेखा जोखा और उनके कार्यों की निगरानी की जा सके? पूर्ण रिपोर्ट के साथ सम्पूर्ण दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु खनिज विभाग से संबंधित है। खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु खनिज विभाग से संबंधित है। खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों का पालन
[पर्यावरण]
12. ( *क्र. 2015 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राघौगढ़ जिला गुना में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पी.एस.यू.) अंतर्गत कौन-कौन से उद्योग, उपक्रम, इकाइयां कार्यरत हैं? इनकी स्थापना कब-कब हुई है? इनमें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) लागू है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही और क्या-क्या लाभ इसके अंतर्गत दिये गये हैं? वर्षवार, राशिवार, कार्यवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इनमें प्रदूषण नियंत्रण के अंतर्गत कौन से नियमों का पालन करना अनिवार्य है? इसके लिये कब और कौन सी अनुमति अनिवार्य है? सभी उपक्रमों की जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विभाग द्वारा कब और किस तरह के औचक, सतत् निरीक्षण किये गये हैं? विगत पांच वर्षों की निरीक्षण रिपोर्ट बतायें, साथ ही यह भी बतायें कि इनमें क्या कार्य नियम विरूद्ध संपादित होते हुये पाये गये हैं? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये क्या कार्यवाही और कितना जुर्माना लगाया गया है? (घ) उपरोक्त के संबंध में उद्योग, उपक्रम एवं इकाइयों से एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार ए.क्यू.आई.पी.एम.पी.एस. का स्तर कितना है? हवा में कंटेंट का अधिकतम स्तर (प्रति घनमीटर) कितना है? इसका मानक स्तर क्या है? राघौगढ़ में हवा में कंटेंट की मात्रा (प्रति घनमीटर) पी.एम.पी.एस. नाइट्रोजन ऑक्साइड कार्बन कितनी पाई गई है? ए.आई.क्यू. का स्तर कितना पाया गया है? हवा की गुणवत्ता खराब होने से इसका मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के लिये वायु नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग एवं संचालित पी.एस.यू. के द्वारा क्या प्रयास, उपाय किये गये हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) राघौगढ़ जिला गुना में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पी.एस.यू.) अंर्तगत तीन उद्योग कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, इन उद्योगों में कार्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) लागू है। विगत पॉच वर्षों में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) अन्तर्गत किये गये कार्यों की वर्षवार, राशिवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अन्तर्गत इन सभी उद्योगों को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उद्योग की स्थापना के पूर्व एवं तदुपरांत उद्योग का संचालन प्रारम्भ करने के पूर्व सम्मति प्राप्त किया जाना तथा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना अनिवार्य है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उद्योगवार एयर क्वालिटी इन्डेक्स (ए.क्यू.आई.) की गणना नहीं की जाती है। उद्योगों में परिवेशीय वायु में पी.एम. नाईट्रोजन ऑक्साईड तथा निर्धारित मानक का विवरण निम्नानुसार है :-
मानक |
प्रदूषक |
मे. गैस अथार्रिटी इण्डिया लि. विजयपुर गुना (वार्षिक औसत वर्ष 2021) |
मे. नेशनल फर्टिलाइजर लि. विजयपुर जिला गुना (वार्षिक औसत वर्ष 2021) |
मे. इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. ग्राम डोंगर जिला गुना (दि. 18.12.2021 |
निर्धारित मानक (ug/m3) सीमा |
प्रतिमाह 2.5 < 60 |
प्रतिमाह 2.5 |
33 |
40 |
-- |
60 |
प्रतिमाह 10 < 100 |
प्रतिमाह 10 |
68 |
74 |
87 |
100 |
दिनांक 18.02.2022 को किये गये मापन में राघौगढ़ में वायु में प्रदूषकों की मात्रा निम्नानुसार पाई गई है :-
क्र. |
प्रतिमाह 2.5 |
प्रतिमाह 10 |
N0x |
ए.क्यू.आई. का स्तर |
1. |
18.54 ug/m3 |
37.26 ug/m3 |
14.21 ug/m3 |
37 (अच्छा) |
कार्बन का मापन नहीं किया गया। हवा की गुणवत्ता खराब होने से श्वास संबंधी रोग जैसे अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी आदि होने की संभावना रहती है। उद्योगवार स्थापित वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विद्युत सप्लाई
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 339 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम वार्ड 73, करमेता शारदा नगर कॉलोनी गली नं. 8 में 20 परिवारों को लगभग 200 मीटर केबिल डालकर स्थाई मीटर कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) क्या बिना विद्युत खम्बा लगाये ये कनेक्शन डोर टू डोर लटकाते हुये दिये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह दुर्घटना संभावित व्यवस्था नहीं है? (घ) क्या विद्युत खम्बे लगाकर विधिवत लाईन डाली जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 20 परिवारों को स्थाई विद्युत कनेक्शन, जिनकी सर्विस लाईन की पोल से दूरी अलग-अलग है, प्रदाय किये गए हैं। उक्त कनेक्शनों में सर्विस लाईन की पोल से दूरी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्त कनेक्शन डोर टू डोर लटकाते हुए नहीं अपितु सर्विस लाईन के माध्यम से दिए गए हैं। (ग) वर्तमान में उक्त क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से स्थल निरीक्षण उपरांत आवश्यक विद्युत अधोसंरचना संबंधी निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (घ) उक्त क्षेत्र में 03 अतिरिक्त खम्बे एवं केबलिंग इत्यादि का कार्य पूर्ण कर दिया गया है।
बिजुरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2004 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की नगर परिषद बिजुरी में करोड़ों रूपये की अनियमितता के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से शिकायत क्रमांक 1100 व 1133 प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या शिकायत की जांच कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो शिकायत के जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। जांच प्रतिवदेन में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए गए हैं? (ग) दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं वैधानिक कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
नगर पंचायतों में नियुक्ति प्रक्रिया का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 190 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 में नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज एवं मधुसूधनगढ़ में कितने लोगों को नियुक्ति प्रदान की गयी? (ख) जिन पदों पर नियुक्ति दी गयी, उस हेतु किस प्रक्रिया का पालन किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद चांचौड़ा द्वारा सहायक ग्रेड-3 के रिक्त पद पर 01 अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष निकायों की जानकारी निरंक है। (ख) नगर परिषद चांचौड़ा द्वारा म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये नियम एवं निर्देशानुसार सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर की गई है।
विद्युत ट्रांसफार्मर व लीड सुधार
[ऊर्जा]
16. ( *क्र. 255 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने ट्रांसफार्मर किन-किन ग्रामों में रखे गए हैं? उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितने चालू हैं तथा कितने खराब हैं एवं कितने ग्रामों में विद्युत तार (लीड) जल गई है या खराब है? हितग्राही द्वारा शिकायत करने पर कितने दिन में ट्रांसफार्मर व लीड बदलने या सुधार कार्य करने का प्रावधान है? यदि कोई समय-सीमा हो तो बताएं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र में 1 वर्ष से 2 माह पूर्व तक खराब हुए ट्रांसफार्मर नहीं बदले गए हैं? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्यों नहीं बदले गए? (ग) प्रश्नांश (क) क्षेत्रांतर्गत कितने ग्रामों में खेत की लाईट एवं गांव की लाईट एक ही फीडर से संचालित है, जिससे ग्रामवासियों को दस घंटे विद्युत उपलब्ध हो रही है? क्या इन ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य करने की कोई योजना है? अगर हाँ तो इस योजना का लाभ हितग्राहियों को कब तक मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 2791 वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न ग्रामों में स्थापित हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 2773 वितरण ट्रांसफार्मरों से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा 18 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 2 ग्रामों यथा-मौसीपुर एवं रामसलैया में विद्युत केबल जल गई है, जिसके बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है तथापि वैकल्पिक व्यवस्था कर उक्त ग्रामों के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने अथवा बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत पात्र हुए वितरण ट्रांसफार्मर को संभागीय मुख्यालयों में 12 घण्टे के अंदर, संभागीय मुख्यालय को छोड़ कर शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 72 घण्टों के अंदर तथा मानसून के मौसम में (माह जुलाई से सितम्बर तक) 7 दिवस के अंदर बदले/सुधार किये जाने का प्रावधान है। केबल संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर शहरी क्षेत्रों में दिन की रोशनी में 12 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घण्टे में सुधार किये जाने का प्रावधान है। तत्संबंधी म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 18 फेल वितरण ट्रांसफार्मर इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण नहीं बदले गए हैं। वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत पात्र होते ही नियमानुसार उक्त वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये जायेंगे। (ग) विधानसभा क्षेत्र जबेरा के अन्तर्गत कृषि कार्य एवं गैर कृषि कार्य हेतु एक ही विद्युत फीडर से विद्युत प्रदाय प्राप्त कर रहे ग्रामों की संख्या निरंक है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद, जीरापुर में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 1641 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत नगर परिषद, जीरापुर में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? इनको कितना मानदेय दिया जाता है? क्या सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को समान मानदेय दिया जाता है? (ख) विभाग में कार्यरत व अन्य शासकीय अधिकारियों के यहां पर कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? ऐसे कितने कर्मचारी हैं व उनको क्या-क्या कार्य दिया गया है? (ग) क्या नगर परिषद् जीरापुर की आय इतनी है कि उक्त कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके? क्या यहां पर जरूरत से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं? (घ) राजगढ़ जिले की अन्य नगर परिषद की तुलना में नगर परिषद, जीरापुर में कितने कर्मचारी हैं? यदि ज्यादा हैं, तो ऐसा क्या कार्य नगर परिषद् जीरापुर में हो रहा है, जिस कारण इतने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी यहां पर लगाये गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपरिषद जीरापुर अंतर्गत 116 दैनिक वेतनभोगी विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत हैं। विभिन्न श्रमिकों को श्रेणी अनुसार विभिन्न दर से भुगतान किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। (ख) निकाय अंतर्गत कोई भी विभाग अंतर्गत अन्य शासकीय अधिकारियों के यहां पर कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। (ग) जी हाँ। निकाय अंतर्गत परिषद निर्णय अनुसार समय-समय पर निकाय के विभिन्न कार्यों में आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिक लगाये एवं हटाये जाते हैं। (घ) जिले की अन्य निकायों में नियुक्त दैनिक वेतनभोगी की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। निकाय आवश्यकता अनुसार दैनिक वेतनभोगी श्रमिक रखती है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 112 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जावरा नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलौदा में हुये भ्रष्टाचार अनियमितता, नियम विरूद्ध किये गये अनेक कार्यों के संबंध में विगत वर्षों में कई बार शासन/विभाग को अवगत करवाया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय एवं माननीय आयुक्त महोदय को पत्रों के माध्यम से लगातार उक्ताशय के संबंध में ध्यानाकर्षण किया गया? (ग) यदि हाँ, तो बताएं कि पत्रों के साथ-साथ ही विधानसभा सत्रों में दिनांक 12.08.2021 को प्रश्न क्र. 477, दिनांक 23.03.2021 को प्रश्न क्र. 6178, दिनांक 26.02.2021 को प्रश्न क्र. 1052, दिनांक 28.12.2020 को प्रश्न क्र. 330, दिनांक 23.09.2020 को प्रश्न क्र. 363, दिनांक 23.12.2019 को प्रश्न क्र. 1952 एवं दिनांक 23.03.2018 को प्रश्न क्र. 5506 के माध्यम से शासन/विभाग का लगातार ध्यान आकृष्ट किया तो इस पर शासन/विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये शासन/विभाग को पत्रों एवं सदन में उठाए गये प्रश्नों पर शासन/विभाग द्वारा कब-कब, किन-किन पत्रों पर किन-किन प्रश्नों के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्रवार, प्रश्नवार की गई कार्यवाहियों की जानकरी दें, कितने लंबित हैं, अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 918 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वैध कॉलोनी निर्माण हेतु क्या-क्या नियम हैं? नियम के तहत सिवनी जिले में कुल कितनी कॉलोनी हैं? कॉलोनी का नाम, स्थान, कॉलोनी खसरा नं., रकबा बताएं एवं कितनी कॉलोनियों ने नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किये हैं, कितने प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किये हैं? कॉलोनीवार/विधानसभावार जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सिवनी जिले के अंतर्गत नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किन-किन व्यक्तियों द्वारा अवैध कॉलोनी में प्लॉट बेचे जा रहे हैं? विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेचे जाने पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है? क्या अवैध कॉलोनी के सभी प्लॉट विक्रय के बाद उस पर रोक लगाई जायेगी? (ग) सिवनी जिले में अवैध कॉलोनियों, सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों पर नगर पालिका द्वारा शासकीय राशि क्यों व्यय की गई तथा अवैध कॉलोनियों में शासकीय राशि व्यय करने वाले अधिकारियों से राशि वसूल की जायेगी? (घ) सिवनी जिले में अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्तियों की सम्पति जप्त कर उक्त राशि से अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली, नाली तथा पानी की व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अधिकृत कॉलोनी निर्माण हेतु वर्तमान में म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 से प्रभावशील हुये हैं। दिनांक 13.01.2022 के पूर्व म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 प्रभावशील थे, जिसके तहत सक्षम प्राधिकारी से विकास अनुमति प्राप्त वैध कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में अनधिकृत कॉलोनी में प्लॉट बेचे जाने की जानकारी संकलन हेतु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 अनुसार, सक्षम प्राधिकारी द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है, सर्वेक्षण उपरांत जानकारी संकलित हो सकेगी। म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में अनधिकृत कॉलोनी में प्लॉट बेचे जाने पर सीधे रोक लगाने का उल्लेख नहीं है, अपितु सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में आने पर, ऐसी अनधिकृत कॉलोनियों में किसी भी तरह के अंतरण न करने हेतु सार्वजनिक सूचना प्रसारण एवं सूचना, उप रजिस्ट्रीकरण कार्यालय को दिये जाने का प्रावधान है। (ग) सिवनी जिले की नगरीय निकायों द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया है, निकाय एवं कॉलोनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के उपबंधों में विहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 14-10/2018, दिनांक 15.03.2018 के संबंध में
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1669 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित आदेश के क्रमांक 2 के कॉलम V में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि ऑनलाईन चुकता प्रमाण पत्र न देने की स्थिति में बाजार भाव से रॉयल्टी वसूल करने के बावजूद विभाग माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग के दिनांक 09 मार्च, 2021 को विधानसभा में दिये गये आश्वासन की अनदेखी कर ठेकेदारों से 100 रूपये प्रति घन मीटर के हिसाब से ही रॉयल्टी वसूल कर रहा है, जबकि वसूली बाजार भाव से करना है? (ख) क्या शासन इस बात की जांच करायेगा कि विभाग में विषयांकित आदेश का पालन न करके ठेकेदारों को करोड़ों रूपये का लाभ दिलाया गया तथा यह लाभ दिलाने के लिए अनियमितता की गई? (ग) यदि शासन ने विषयांकित आदेश का पालन किया हो तो होशंगाबाद, बुदनी तथा बालाघाट जिले के ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र की फोटोप्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अपितु ठेकेदार द्वारा ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात् ही ठेकेदार को अंतिम भुगतान किया जाता है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अत: जांच का प्रश्न नहीं उठता। (ग) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत होशंगाबाद, बुदनी तथा बालाघाट जि़ले के ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' और प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
विश्रामगृह तोड़कर वाणिज्य कॉम्प्लेक्स निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1719 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर बस स्टैण्ड स्थित खसरा क्र. 652/1 एवं 652/2 को 1983-84 से 30 वर्ष के लिए नगर पालिका छतरपुर को विश्रामगृह हेतु पट्टे के रूप में दिया गया था? यदि हाँ, तो किन शर्तों के साथ? (ख) क्या उक्त विश्रामगृह को तोड़कर वाणिज्य कॉम्प्लेक्स बनाए जाने का संकल्प परिषद बैठक दिनांक 30.07.2011 को पारित कर समस्त कार्यवाही हेतु प्रकरण में मुख्य नगरपालिका अधिकारी/अध्यक्ष को अधिकृत किया गया था? (ग) नगरपालिका छतरपुर ने उक्त विश्रामगृह को तोड़कर वाणिज्य कॉम्पलेक्स बनाने के पूर्व भूमि अंतरित सहित नगर एवं ग्राम निवेश, नजूल शाखा एवं कार्यपालन यंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, छतरपुर से अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित अन्य वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त कर ली थी? इस संबंध में क्या कलेक्टर, छतरपुर ने अपने पत्र क्रमांक 272/नजूल/2011, दिनांक 25.08.2011 द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी निर्देश दिए थे? (घ) उक्त विश्रामगृह को तोड़ने के पूर्व किन-किन सक्षम अधिकारियों की अनुमतियां आवश्यक थी, किनसे अनुमति प्राप्त हुई? (ड.) सक्षम विभागों की अनापत्ति के बिना विश्रामगृह तोड़कर वाणिज्य कॉम्पलेक्स निर्माण किस के आदेश से शुरू किया गया? कलेक्टर के स्थगन आदेश क्र. 316, दिनांक 13.10.2011 के बाद तत्काल कार्य बंद क्यों नहीं किया गया? दिनांक 07.11.2011 को तहसीलदार, छतरपुर द्वारा कार्यस्थल से जो वाहन जब्त किए, उन वाहनों पर क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में वह वाहन कहां पर हैं? (च) कलेक्टर छतरपुर के आदेश दिनांक 25.08.2011 एवं स्थगन आदेश का उल्लंघन एवं शासकीय राशि के दुरूपयोग पर कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 में प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए निर्माण की अनुमति दी गई है। जी हाँ। (घ) नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत जीर्ण-शीर्ण एवं खतरनाक निजी क्षेत्र की इमारतों को गिराने की शक्तियां निहित है। नगर पालिका के स्वामित्व की ऐसी इमारतों को गिराने की शक्तियां परिषद को है। अत: परिषद के सक्षम होने से अन्य किसी से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। (ड.) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित प्रस्ताव एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी की स्वीकृति दिनांक 01.10.2011 से कार्य शुरू किया गया था। कलेक्टर छतरपुर के स्थगन आदेश दिनांक 13.10.2011 के बाद निकाय द्वारा कार्य बंद कर दिया गया था। तहसीलदार द्वारा कार्यस्थल से जब्त वाहन नगरपालिका को सौंपे गये थे। वाहन तत्समय ही वाहन मालिक द्वारा प्राप्त कर लिए गए थे। (च) कलेक्टर के स्थगन आदेश का पालन किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लेबड़ नयागांव फोरलेन में लागत राशि से अधिक टोल वसूली
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 1855 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ''घ'' के संदर्भ में बतावें कि एम.पी.आर.डी.सी. तथा निवेशकर्ता द्वारा जो ट्राफिक सर्वे की रिपोर्ट दी गई है, वह लेबड़ जावरा की 1 जून, 2020 की न होकर क्रमशः 27 अक्टूम्बर, 21 से 03 नवम्बर, 2021 तथा दिनांक 25.11.2019 से 01.12.2019 की है। उत्तर में उसे 01 जून, 2020 की कैसे बताया गया? (ख) दिनांक 25.11.2019 से 01.12.2019 तक एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा लेबड़ जावरा के कराये गये सर्वे की रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि जावरा नयागांव का ट्राफिक सर्वे क्यों नहीं कराया गया तथा लेबड़ जावरा तथा जावरा नयागांव के अनुबंध की शर्ते भिन्न-भिन्न क्यों हैं? (ग) दोनों फोरलेन के निवेशकर्ता को पी.जी.एफ. की कितनी-कितनी राशि दी गई तथा लेबड़ जावरा फोरलेन की प्रारम्भिक लागत 420 करोड़ से क्यों बढ़ाकर लगभग 600 करोड़ की गई? इस संदर्भ में समस्त दस्तावेज तथा बढ़ी हुई लागत की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के उत्तर के संदर्भ में अंत में निवेशकर्ता द्वारा दिये गये आंकड़ों से शासन संतुष्ट है? क्या लेबड़ जावरा की प्रेजेन्ट कॉस्ट 2211 करोड़ तथा जावरा नयागांव की 2347 करोड़ है? यदि हाँ, तो इस वृद्वि के कारण बतावें। (ड.) लेबड़ जावरा तथा जावरा नयागांव फोर लेन प्रारम्भ से 31 जनवरी 2022 तक वसूली गयी टोल राशि बतावें तथा यह लागत का कितना प्रतिशत है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंध की कंडिका 29 में टंकण त्रुटिवश टारगेट ट्राफिक को टारगेट दिनांक से एक वर्ष पहले की दिनांक पर यातायात होना वर्णित है, किन्तु यह गणना टारगेट दिनांक को की जानी थी, परन्तु कोरोना महामारी के कारणवश विभाग द्वारा ट्रॉफिक सेम्पलिंग किया जाना संभव नहीं था एवं कॉरोना के दौरान प्रभावित कम ट्राफिक से कंडिका 29 अनुसार निर्णय नहीं लिया जा सकता था, अतः कंसेशनायर की सहमति से कंडिका 29 हेतु 27 अक्टूबर, 2021 से 03 नवम्बर, 2021 विभाग द्वारा ट्राफिक सेंम्पलिंग की गई एवं यह सहमति ली गई की उक्त ट्राफिक सेम्पलिंग अनुसार ट्राफिक को 01 जून, 2020 का वास्तविक ट्राफिक माना जावेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जावरा-नयागांव के अनुबन्ध में प्रावधान नहीं है। लेबड़-जावरा एवं जावरा-नयागांव मार्गों के अनुबन्ध अलग-अलग समय पृथक-पृथक मॉडल कन्सेशन अनुबन्ध अनुसार बनाये गये थे, इसलिये दोनों की शर्ते भिन्न-भिन्न है। (ग) निरंक। प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के दिये गये उत्तर में लेबड़-जावरा मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार लागत 605.45 करोड़ तथा जावरा-नयागावं मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार लागत 450.47 करोड़ बताई गयी थी। चूंकि पूर्व प्रश्न 1058 में बढ़ी हुई लागत बताई ही नहीं गई, अतः बढ़ी हुई लागत की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) परियोजना हेतु शासन द्वारा मात्र भूमि उपलब्ध कराने के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का पूंजीगत व्यय नहीं किया जाता है तथा निवेशकर्ता को परियोजना अंतर्गत केवल निर्माण कार्य ही नहीं करना होता है, अपितु संपूर्ण रियायत अवधि में मार्ग को अच्छी स्थिति में रखने का उत्तरदायित्व भी निवेशकर्ता का होता है। इस हेतु निर्माण में स्वयं के निवेश पर प्रतिफल, रियायत अवधि में टोल संचालन पर व्यय, मार्ग के मरममत पर व्यय बैंक द्वारा परियोजना के निर्माण हेतु प्रदाय किये गये ऋण पर व्यवसायिक दर से ब्याज की अदायगी, बैंक को मूलधन की वापसी एवं शासन को दिये जाने वाले प्रीमियम हेतु टोल संचालन से प्राप्त उपभोक्ता शुल्क संग्रहण राशि से किया जाना होता है एवं रियायतकर्ता के द्वारा वित्तीय आंकड़े लेखा पुस्तकों के आधार पर प्रस्तुत किये गये हैं एवं लेखा पुस्तकों का अंकेक्षण अनुबंध अनुसार निवेशकर्ता द्वारा वैधानिक अंकेक्षक से कराया जाता है। चूंकि उक्त आंकड़ें अंकेक्षित हैं, अत: संतुष्टि/असंतुष्टि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) टोल वसूली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लेबड़-जावरा मार्ग पर टोल प्रारम्भ से 31.01.2022 तक वसूली गई टोल राशि रू. 1484.15 करोड़ है जो कि निवेशकर्ता की आकलित वर्तमान लागत का 68 प्रतिशत है। जावरा-नयागांव मार्ग पर टोल प्रारम्भ से दिनांक 31.01.2022 तक वसूली गई टोल राशि रू. 1662.75 करोड़ है, जो कि निवेशकर्ता की आकलित वर्तमान लागत का 70.74 प्रतिशत है।
घटिया निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 1990 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में निर्मित नारायणा मार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर होने के बाद भी इसके संधारण के लिए कोई कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या कारण है कि इसके ठेकेदार पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिसने इतना गुणवत्ताहीन निर्माण किया? इसकी धरोहर राशि कब तक राजसात की जाकर इसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा? (ग) कब तक इस मार्ग का संधारण कर इसे यातायात हेतु सुगम बना दिया जाएगा? मार्ग के निर्माण के समय के अधिकारियों द्वारा किए निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रतियां देवें। (घ) मार्ग जीर्ण-शीर्ण होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही नहीं है कि नारायणा (महिदपुर-पानविहार-जीवाजीनगर) मार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर है, परंतु वर्तमान में कुछ स्थान पर सरफेस पेचेस/सतह असमतल है, सुधार हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है, उक्त मार्ग डी.एल.पी. के अन्तर्गत है एवं समय-समय पर संधारण ठेकेदार द्वारा किया जाता है। (ख) यह सही नहीं है कि मार्ग का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन किया गया है, मार्ग का निर्माण सुपरविजन कंसल्टेंट एवं विभाग के अधिकारियों की देखरेख में गुणवत्ता पूर्ण किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में मार्ग पर यातायात सुगम है। मार्ग निर्माण के समय के अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में मार्ग जीर्ण-शीर्ण स्थिति में नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्रिज व आर.ओ.बी. निर्माण कंपनियों को किये गए भुगतान
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 158 ) श्री कमलेश्वर पटेल [ श्री विशाल जगदीश पटेल ] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. में ब्रिज के फाउंडेशन की खुदाई दरें बहुत ज्यादा होने के कारण प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली कंपनियों को दो साल तक काफी ज्यादा भुगतान किया जाता रहा है? कंपनीवार बतावें। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. के आधार पर प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली किन-किन कंपनियों को कितना-कितना अधिक भुगतान कर दिया गया, बतावें? (ग) उपरोक्त गड़बड़ी के कारण पी.डब्ल्यू.डी. को कितना नुकसान हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग की वर्ष 2017 की प्रचलित दर अनुसूची की दरें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं इन दरों में किया गया संशोधन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त कार्यवाही से किसी कम्पनी या ठेकेदार को अनुचित लाभ या अधिक भुगतान नहीं किया गया है, अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1627 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा बीड़ा रोड में तत्पर पेट्रोल पम्प के पास रमचन्दी में श्रीमती नीलम मिश्रा व्यावसायिक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा अपने आवेदन दिनांक 27.12.2021 द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद सेमरिया, जिला रीवा से भवन की ऊंचाई बढ़ाने हेतु अनुमति की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो बिना अनुमति किये ही अवैध निर्माण कराने के दोषी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभाग के पत्र क्रमांक 11-142/2021/18-3, दिनांक 18.01.2022 द्वारा जांच समिति गठित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
चाटूखेड़ा-बामलाबे
मार्ग की
जानकारी
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 32 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत चाटूखेड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग 52 वाया कोलूखेड़ा बामलाबे तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना में उक्त मार्ग का भाग तथा नेवज नदी का पूल डूब गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मार्ग में पुल/सड़क यदि डूब गई है? तो क्या जल संसाधन विभाग ने नवीन पुल/सड़क का मुआवजा दिया है? यदि हाँ, तो कितना एवं कब दिया? नहीं तो क्यों नहीं दिया नियम सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार यदि उक्त मार्ग में पुल/सड़क मोहनपुरा डेम में डूब गई है तो उसका पुन: निर्माण कौन विभाग करेगा? कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
सड़कों का उन्नयन
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 33 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक तथा माननीय सांसद लोकसभा के अनुरोध पर लोक निर्माण विभाग राजगढ़ ने कुछ सड़कों के उन्नयन का औचित्य दर्शाते हुए वित्तीय वर्ष 21-22 के अनुपूरक बजट में शामिल करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये थे? यदि हाँ, तो सड़कों का नाम तथा किस कारण से उन्नयन किया जाना है, उसका औचित्य बताते हुए सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध सूची अनुसार क्या शासन उन सड़कों को प्रश्नकर्ता विधायक तथा माननीय सांसद के पूर्व में किये गये अनुरोध पर लो.नि. विभाग द्वारा दर्शाए गये औचित्य के आधार पर वित्तीय वर्ष 22-23 के बजट में शामिल कर लेगा? हाँ तो जानकारी दें। नहीं तो कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न नहीं उठता। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं।
धार जिला मुख्यालय पर पृथक साईंस कालेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 84 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला मुख्यालय के महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र व इसके पिछले वाले शैक्षणिक सत्र में कुल कितने विद्यार्थी संकायवार अध्यनरत हैं तथा इनमें से कितने स्वाध्यायी विद्यार्थी है? (ख) क्या महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार, वर्तमान विद्यार्थियों की संख्या के लिये पर्याप्त न होकर बढ़ती प्रवेश दर के हिसाब से आगामी पांच वर्षों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों हेतु संस्था के पास वर्तमान उपलब्ध शैक्षणिक संसाधन अपर्याप्त होंगे? (ग) क्या बढ़ती विद्यार्थियों की संख्या तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा के सीमित अवसरों को दृष्टिगत रखते हुए महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय को कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के रूप में विकसित करते हुए पृथक से विज्ञान महाविद्यालय की शासन स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) क्या तत्कालिक व्यवस्था के रूप में विश्व बैंक प्रोजेक्ट से राजा भोज स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में नव निर्मित होने जा रहे भवन में पृथक से विज्ञान महाविद्यालय को संचालित करने हेतु कार्यवाही की जावेंगे? (ड.) क्या जिला मुख्यालय का राजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय जो कि लीड़ कालेज भी है, लम्बे समय से प्राचार्य विहिन है तथा क्या स्थानांतरित प्राध्यापक द्वारा न्यायालय से स्थगन लेने से दो-दो प्रभारी प्राचार्य कार्यरत है? क्या विभाग शासन स्तर से प्राचार्य की पदस्थापना कर संस्था में प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु आदेश जारी करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। भविष्य की आवश्यकताओं के परिप्रेक्ष्य में नवीन अतिरिक्त भवन निर्माण तथा वर्तमान भवन के उन्नयन की स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धार में कला एवं वाणिज्य संकाय के साथ-साथ विज्ञान संकाय पूर्व से संचालित है। पृथक से विज्ञान महाविद्यालय की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। महाविद्यालय में एक ही प्रभारी प्राचार्य कार्यरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
धार बस स्टैण्ड के निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 87 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर में स्व. कुशाभाऊ ठाकरेजी के नाम पर अत्याधुनिक बस स्टैण्ड निर्माण की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्रचलित है? (ख) क्या नगर पालिका द्वारा शासन के निर्देशानुसार डी.पी.आर. में सभी आवश्यक संशोधन पूर्ण कर लिये गये है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त बस स्टैण्ड निर्माण माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा में सम्मिलित है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में नस्ती किस स्तर पर लंबित होकर प्रकरण में वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद् धार में बस स्टैण्ड निर्माण कार्य की डी.पी.आर. संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को प्राप्त हुई है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्षेत्रीय पुल-पुलिया एवं फ्लाई ओवर ब्रिज की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 113 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के शहरी व ग्रामीण स्थलों पर शासन/विभाग (सेतु विभाग) द्वारा छोटे-बड़े पुल व फ्लाई ओवर ब्रिज विगत वर्षों में स्वीकृत किये गये? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त प्रश्नांश (क) अन्तर्गत उल्लेखित संपूर्ण क्षेत्रभर में किन-किन स्थानों पर छोटे-बड़े पुल व फ्लाई ओवर ब्रिज स्वीकृत कब-कब किये गये? वर्षवार बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार किन-किन वर्षों में किन-किन स्थानों हेतु कितनी-कितनी राशि के उपरोक्तानुसार कार्य स्वीकृत किये जाकर उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने प्रारंभ होना शेष रहे एवं किन कारणों से अपूर्ण अथवा आप्रारंभ रहे? विवरण देवें। (घ) जावरा शहर स्थित फ्लाई ओवर ब्रिज विगत कई वर्ष पूर्व स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ हुआ एवं वर्तमान में अपूर्ण होकर किन कारणों से बंद पड़ा है, जिसके कारण शहर में कई जनहानि के गंभीर दुष्परिणाम दिखाई दे रहे हैं तो फ्लाई ओवर ब्रिज कार्य की निरंतरता हेतु क्या किया जा रहा है एवं यह संपूर्ण रूप से बनकर कब तैयार होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' स.क्र. 3 अनुसार है।
जनभागीदारी समिति से कराये गये कार्य
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 138 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में लेखापाल पदस्थापना हेतु किस प्रकार की विभागीय लेखापाल परीक्षा/अन्य परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें। साथ ही यह बताये कि शासन द्वारा महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति से कराये गये कार्यों का ऑडिट कराया जाता है यदि हाँ, तो शासन के क्या निर्देश है? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय कला एवं वाणिज्य नवीन महाविद्यालय भोपाल जनभागीदारी समिति की ऑडिट रिपोर्ट की छायाप्रति बतावें अन्य मदों से आय जैसे फीस, स्कालरशिप स्कीम तथा बैंक ब्याज सहित प्राप्त आय की जानकारी बतावें साथ ही उक्त विद्यालय में जनभागीदारी समिति के अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता सहित निम्न जानकारी उपलब्ध करायी जावे- क्र. कम्प्यूटर ऑपरेटर का नाम नियुक्ति दिनांक शैक्षणिक योग्यता नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम (अराजपत्रित) 1974 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी वर्षवार 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। महाविद्यालय हेतु जनभागीदारी समिति से कम्प्यूटर आपरेटर हेतु कोई पद सृजित नहीं है। कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है।
पुल निर्माण कार्य समय-सीमा में कराये जाना
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 139 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्ड हटा में मड़ियादो-बर्धा मार्ग पर व मड़ियादो रजपुरा मार्ग पर मड़ियादों के पास तथा पटेरा विकासखण्ड में विलाखुर्द में ग्राम के पास किये जा रहे पुल निर्माण पीआईयू के माध्यम से किस कार्य एजेंसी से कराया जा रहा है एवं कितनी राशि से कार्य प्रारंभ है? संपूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं प्रशासनिक स्वीकृति की छायाप्रति सहित बतावें? (ख) उक्त दर्शित कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा क्या थी? यदि समय-सीमा में कार्य नहीं कराया गया तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई साथ ही उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, लोक निर्माण विभाग के सेतु निर्माण परिक्षेत्र के अंतर्गत जिला दमोह के विकासखण्ड हटा में मड़ियादो-वर्धा मार्ग पर 04 पुलों का निर्माण कार्य एवं मड़ियादो-रजपुरा मार्ग पर 01 पुल का निर्माण कार्य एन.डी.बी. योजना के पैकेज क्रमांक-16-ए-1 अंतर्गत कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विकासखण्ड पटेरा अंतर्गत विलाखुर्द में पुल का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाय) के अंतर्गत है। सम्पूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार तथा प्रशासकीय स्वीकृतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
नगर पालिका में किए गए मरम्मत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 202 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका ब्यावरा व नगर परिषद् सुठालिया में वित्तीय वर्ष 2020- 21 व 21-22 में कितनी राशि नाली मरम्मत सड़क मरम्मत नल व जल व्यवस्था के लिए जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों की मदवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) नगर में आंतरिक मार्ग व नालियां पूर्णता खराब हो चुकी हैं, क्या शासन द्वारा इन कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी व कब कार्य प्रारंभ होगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार व्यय की गई राशि की मदवार सूची उपलब्ध करवायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर में खराब आंतरिक मार्ग व नालियों को समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है। (घ) मदवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर ब्यावरा में आवागमन की उचित व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 208 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर ब्यावरा जिला राजगढ़ में दिन प्रतिदिन बाजार में आवाजाही बढ़ रही है जिससे आम नागरिक ट्रैफिक एवं अव्यवस्थित बाजार के कारण परेशान है, क्या शासन के पास व्यवस्था के लिए उचित प्रबंधन है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं तो क्या व्यवस्था की जाएगी? (ग) ब्यावरा नगर में हो रही अव्यवस्थाओं के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके लिए शासन द्वारा कोई कार्य योजना या राशि स्वीकृत की जा सकती है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो कब तक कार्य योजना या राशि स्वीकृत होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ब्यावरा नगर के बाजार में आवाजाही बढ़ने के दृष्टिगत नगरपालिका ब्यावरा द्वारा आवागमन की उचित व्यवस्था हेतु वार्ड क्रमांक- 4 में सब्जी बाजार बनाया गया है एवं निकाय द्वारा सड़क पर होने वाले अतिक्रमण को समय-समय पर हटाकर यातायात व्यवस्थित करने की कार्यवाही निरंतर की जाती है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं की राशि में एक्सटेंशन देकर नियम विरूद्ध भुगतान
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 226
) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) मुख्य
अभियंता
कार्यालय, लोक
निर्माण
विभाग, परिक्षेत्र
रीवा के
अंतर्गत 01/04/2018 से प्रश्नतिथि
के दौरान
किन-किन लोक
निर्माण
विभाग के संभागों
में किस-किस निविदाओं
में निविदा
राशि एवं
कार्यादेश जारी
होने के बाद, कार्य
पूर्ण होने के
पहले या पूर्ण
होने के बाद
निविदा राशि
से 10 (दस)
प्रतिशत से ज्यादा
राशि का एक्सटेंशन
(ज्यादा दर)
बिना सक्षम
कार्यालयों
की अनुमति से (नियमों
के विपरीत
जाकर) स्वीकृत
किये गये? प्रकरणों
के जारी सभी
एक्सटेंशन
आदेशों की
एक-एक प्रति
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
समयानुसार
एवं उल्लेखित
कार्यों में
जिन-जिन
अधिकारियों
ने नियम
विरूद्ध
कार्य करते
हुये, पद का
दुरूपयोग कर
शासन के स्थापित
नियमों का उल्लंघन
किया उन पर
राज्य शासन
के द्वारा
प्रश्नतिथि
तक
नामवार/पदनामवार
चिन्हित करते
हुये क्या
कार्यवाही की
गई? प्रकरणवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
क्षेत्र में
एवं
समयानुसार
किन-किन
संभागों एवं
उपसंभागों
में किस-किस
नामवार/पदनामवार
किस-किस
यंत्रियों के
विरूद्ध
किन-किन
कारणों से
विभागीय जांच
संस्थित की गई? प्रकरणवार/जानकारी
दें। (घ) क्या
राज्य शासन
की मंशा
आर्थिक
अनियमितता
करने वाले गंभीर
विभागीय
जांचों के
चलने के
बावजूद उन्हें
निलंबित करने
की बजाय पुरस्कार
देने की है? ए.के.
निगम
उपयंत्री की
कितनी विभागीय
जांच/शिकायतें
विभाग के पास
प्रश्नतिथि
तक लंबित हैं? शासन
द्वारा उसके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
प्रश्नतिथि
तक की है? सभी
जांचों की
एक-एक प्रति
जारी जांच
आदेशों के साथ
उपलब्ध
करायें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जानकारी
निरंक। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश 'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। श्री
ए.के. निगम
उपयंत्री की
विभागीय जांच
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शासन
द्वारा उनके
विरूद्ध की गई
कार्यवाही एवं
जांचों की
प्रतियां मय
आदेश के पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है।
बिना अधिकार स्थायी नियुक्तियां दिया जाना
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 227
) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग संभाग
रीवा एवं अन्य
स्थान पर
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
साकेत कब से
किसके आदेश से
दैनिक वेतन
भोगी के रूप
में कार्य कर
रहे थे तथा
इनके वेतन
आहरण की प्रति, आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) कार्यपालन
यंत्री लो.नि.वि.
संभाग रीवा के
आदेश क्र. 5393-94/न्याया/का.भा.स्था.
2020-21 रीवा
दिनांक 30.01.2021
के द्वारा
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
संविदा
कर्मियों को
न्यायालय के
आदेश के
परिपालन में
नियमित किया गया
है? यदि किया
गया है तो क्या
न्यायालय के
आदेश में इन्हें
नियमित किये
जाने का स्पष्ट
निर्देश है? यदि
है तो इन्हें
किसके आदेश से
नियमित किया
गया है? क्या
आदेशकर्ता को
नियमित करने
का अधिकार है? यदि
है तो नियम
निर्देश की
प्रति उपलब्ध
करावें। यदि
इनकी
नियुक्ति
अवैध है तो
इनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) में अंकित
जिन्हें
आदेश में
दर्शित पद पर
किया गया है
उस पद पर स्वीकृत
पद के विरूद्ध
कार्य कर रहे
हैं? यदि
नहीं तो क्या
उस पद पर
कार्य कर रहे
कर्मचारियों
का शोषण नहीं
है? क्या उन्हें
भी नियमित
किया जावेगा? यदि
हाँ, तो कब तक
नियमित किया
जावेगा?
(घ) यदि
संभागीय
कार्यालय में
संविदा कम्प्यूटर
आपरेटरों के
पद स्वीकृत
नहीं हैं? तो
कोषालय में
इनके वेतन
आहरण का विकल्प
कैसे जनरेट
किया गया? प्रति
उपलब्ध
करावें। यदि
लोक निर्माण
विभाग के सभी
कार्यालयों
में मात्र 02
पद कम्प्यूटर
आपरेटरों के
ऑउटसोर्स पर
स्वीकृत हैं
तो इन्हें
किस आधार पर
नियमित किया
गया है? नियमों
की एक प्रति
दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) लोक
निर्माण
विभाग (भ/स)
संभाग क्र 01
रीवा के
अन्तर्गत
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना
पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
साकेत क्रमशः
दिनांक 01.01.2014, 01.10.2012, 01.09.2008 एवं 01.09.2008 से
तत्कालीन
कार्यपालन
यंत्रियों के
आदेश से कार्य
कर रहे थे। इस
कार्य के लिये
इन्हें कोई
नियुक्ति
आदेश नहीं
दिया गया था।
कार्य की
आवश्यकतानुसार
श्रमायुक्त
के निर्धारित
दर पर मासिक
पारिश्रमिक
का भुगतान
किया गया है।
भुगतान वाउचर
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी
नहीं।
कार्यपालन
यंत्री के
आदेश दिनांक 30.01.2021 द्वारा
संविदा मासिक
पारिश्रमिक
स्वीकृत किया
गया है। जी
नहीं। प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। जी
नहीं। अधिकार
नहीं है। आदेश
दिनांक 30.01.2021
नियमों के
विपरीत है।
गुण-दोष के
आधार पर जांच
कर कार्यवाही
की जावेगी। (ग) जी
नहीं। जी
नहीं।
ऑउटसोर्स
कर्मचारी को
नियमित किये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। शेष
का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (घ) टाइपिस्ट
पद के
विरूद्ध। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ऑउटसोर्स
कर्मचारी को
नियमित नहीं
किया गया है।
अपितु संविदा
मासिक
पारिश्रमिक
स्वीकृत किया
गया है।
प्रकरण का
परीक्षण
कराया जा रहा
है।
बावड़ियों एवं कुओं पर अतिक्रमण हटाना जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 288 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा नगरपालिका परिषद् सीमा में होल्कर कालीन बावड़ियों और कुएँ प्रशासन की उदासीनता से बुरी हालत में पहुँच गए है, तथा बावड़ियों पर किया गया अतिक्रमण हटाया जाएगा एवं हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाली बावड़ियों एवं कुओं का जीर्णोद्धार कब तक किया जाएगा? (ख) सेंधवा नगरपालिका परिषद् सीमा में होल्कर कालीन कितनी बावड़िया एवं कितने कुएं है तथा कितनी बावड़ियों पर अतिक्रमण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर पालिका परिषद् सेंधवा की सीमा में स्थित बावड़िया एवं कुएँ के रख-रखाव में किसी प्रकार की उदासीनता नहीं बरती जा रही है और न ही इन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण है। पूर्व में इनका जीर्णोद्धार करवाया गया था। आवश्यकता अनुसार जीर्णोद्धार का कार्य किया जाता है। (ख) नगर पालिका परिषद् सेंधवा में होल्कर कालीन बावड़ियों एवं कुओं से संबंधित कोई जानकारी संधारित नहीं है, अपितु निकाय अंतर्गत 07 बावड़िया एवं 06 कुएं है, जो अतिक्रमण से मुक्त है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य आवासीय भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 289 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कितने स्थानों पर कन्या शिक्षा परिसर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों भवनों का निर्माण आपके विभाग से किया जा रहा है? निम्नानुसार जानकारी दें - (1) स्थान, विकासखण्ड, जिला, स्वीकृति दिनांक, राशि। (2) अनुबंध अनुसार कार्य अवधि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, व्यय की गई राशि कार्यवार। (3) कितने कार्य हैं, जो समय पर पूर्ण हैं? उनकी भौतिक स्थिति। (4) कितने कार्य हैं जो अपूर्ण या निर्माणाधीन हैं? विलंब का कारण, समय पर कार्य पूर्ण कराने के लिए विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की, कार्यवार जानकारी दें। (5) प्रत्येक निर्माण कार्य ठेकेदारों ने अधिक दर में या कम दर में लिया? कार्यवार जानकारी दें। (6) कौन-कौन से कार्य के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया गया? कार्यवार राशि सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (1) से (5) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (6) कन्या शिक्षा परिसर सेंधवा – राशि रूपये 2772.90 लाख स्वीकृति प्राप्त। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सेंधवा राशि रूपये 2770.73 लाख।
विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत 11 के.व्ही. लाईन अन्यत्र शिफ्ट करना
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 340 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाटन रोड विश्वकर्मा कॉलोनी करमेता में लगभग 500 मीटर 11 के.व्ही. लाईन के 6 तार 50 घरों की छत के ऊपर से गये हुये हैं? (ख) क्या गत 3 जनवरी 2022 को इसी लाईन से करेन्ट लगने पर एक बच्ची की मृत्यु हुई एवं पूर्व में भी 3-4 दुर्घटनायें हो चुकी हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या जान माल की सुरक्षा हेतु उपरोक्त जोखिम युक्त 500 मीटर लाईन विद्युत वितरण कंपनी अन्यत्र शिफ्ट करायेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लगभग 40-45 वर्ष पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम -2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। (ख) उक्त 11 के.व्ही. विद्युत लाईन से घटित विद्युत दुर्घटनों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, के अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाईन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रीवा नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आवंटित भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 349 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नगर पालिक निगम रीवा द्वारा समदड़िया बिल्डर्स संस्थान को वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 को शासकीय भूमि पर बिल्डिंग बनाने हेतु व टी.एण्ड.सी.पी. (टाऊन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग) के तहत भूमि कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि किस उद्देश्य के लिये कलेक्टर रीवा द्वारा किस रेट पर आवंटित किया गया है? इनके भूमि आवंटन के रिकॉर्ड, नक्शा, खसरा व आवंटन की तारीख तथा स्थल व उद्देश्य की छायाप्रति समस्त जानकारी के साथ दस्तावेज बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में समदड़िया ग्रुप संस्थान को जितनी भूमि आवंटित की गई है, समस्त भूमियों पर क्या निर्माण कार्य करा लिया गया है? कि नहीं? अगर करा लिया गया है तो कितने वर्ग फिट में, कितने मंजिल का भवन निर्माण व दुकान की लम्बाई, चौड़ाई व दुकान को बिक्री करने का किस रेट, वर्गफिट के हिसाब से क्रेताओं को किस अनुबन्ध पत्र के आधार पर स्वीकृति दी गई है तथा कितने मंजिल में रिहायशी मकान व अन्य व्यवस्था के लिये आवंटित किया गया है? रिकार्ड सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के सन्दर्भ में क्या यह सही है कि रीवा शहर की अमूल्य जमीने सस्ते दर पर आवंटित की गई है तथा आवंटित भूमि अनुबंधित एरिया से कई गुना अधिक में अवैध कब्जा कर, भवन व दुकान का निर्माण कराया गया है व दुकान क्रेतोओं को मनमाने रेट पर दिया जाता है, इसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कराई जावेगी? ताकि सही जानकारी मिल सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 359 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को किश्त का भुगतान शासकीय निर्देशों पर होता है या नगरीय निकाय की स्वेच्छा पर। नियमों की जानकारी देवें। (ख) नगरीय निकाय होशंगाबाद में कितने हितगाहियों को तीन से अधिक असमान किश्तों में किन कारणों, किन निर्देशों से भुगतान किया गया। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यालयों कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 10793/व.लि.1/2021 दिनांक 08.09.2021 वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की जांच हेतु समिति गठित की जाकर एक नियम अवधि में जानकारी दिये जाने का अनुरोध किया गया था। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सितम्बर 2021 में श्री विनोद रावत के पत्र में उल्लेखित प्रधानमंत्री आवास के क्रियान्वयन की विसंगतियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुये जांच हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को लिखा था। (ड.) प्रश्नांश (ग) और (घ) में जांच में प्राप्त तथ्यों से अवगत कराने का कष्ट करें। क्या उल्लेखित जांच पूरी हो गई है? यदि नहीं तो कब तक होगी। (च) क्या जांच में किन्हीं अधिकारियों/नागरिकों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई यदि हाँ, तो नाम, पदनाम बतावें। यदि नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत किश्तों का भुगतान योजना के दिशा निर्देशानुसार होता है, नगरीय निकाय की स्वेच्छा पर नहीं। नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद् होशंगाबाद (नर्मदापुरम) में 736 हितग्राहियों को तीन से अधिक किश्तों में भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। इस संबंध में संचालनालय से जांच कराई गई, जिसमें इस प्रकार किश्तों के वितरण में अनियमितता पाई गई है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) संचालनालय स्तर से कराई गई जांच में उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 360 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि मुख्य न.पा. अधिकारी, होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 3379 दिनांक 05.01.2022 से कलेक्टर होशंगाबाद को जानकारी दी गयी कि प्रधानमंत्री आवास के 346 में से 260 हितग्राही पात्र पाये गये? (ख) क्या यह सच है कि न.पा. होशंगाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना में चार डी.पी.आर. में लगभग 1939 आवास स्वीकृत किए गए थे? जानकारी दें कि इनमें से कितने प्रकरण पट्टों पर, कितने स्वयं की भूमि पर और कितने अन्य दस्तावेजों और कितने बिना दस्तावेजों के स्वीकृत किए गए? नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) क्या शासन यह मानता है कि न.पा. होशंगाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लाखों की अनियमितताएं हुई है? यदि हाँ, तो क्रियान्वयन में अनियमितता की जवाबदेही किसकी रही, नाम सहित बतावें। (घ) आयुक्त/नगरीय प्रशासन/शासन के द्वारा भी जांच कराई गई थी यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 913 प्रकरण पट्टे पर, 564 स्वयं की भूमि पर, 100 अन्य दस्तावेजों एवं 195 प्रकरण बिना दस्तावेजों के स्वीकृत किये गये है। 129 प्रकरणों में परीक्षण किया जा रहा है व 38 समर्पित किये गये है। हितग्राही नाम सहित सूचियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) संचालनालय के द्वारा कराई गई जांच में प्रथम दृष्टया अनियमिततायें पाई गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
शहर विकास की कार्य योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 423 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के विकास एवं निर्माण कार्यों को कराने सम्बंधी क्या कार्य योजना बनाई है? इसमें शहर के विकास में किन कार्यों को प्राथमिकता दी है एवं इसके लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कितनी-कितनी राशि के कार्य कराना स्वीकृत व प्रस्तावित हैं। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों की क्या भूमिका निर्धारित की है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) पूर्व विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के तहत कितनी राशि के विकास एवं निर्माण कार्य कराना स्वीकृत व प्रस्तावित हैं? कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्यों को कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? इनकी गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है? कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य अपूर्ण, निर्माणाधीन व अप्रारंभ हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत अप्रारंभ अपूर्व व निर्माणाधीन निर्माण कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि की निविदाएं कब स्वीकृत की गई है? किन-किन कार्यों से सम्बंधित निविदाएं आमंत्रित नहीं की हैं तथा किन-किन कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि की निविदाएं अस्वीकृत की गई हैं एवं क्यों? स्वीकृत अपूर्ण निर्माणाधीन एवं अप्रांरभ कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? सूची दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के विकास एवं निर्माण कार्य कराने हेतु स्मार्ट सिटी प्रपोजल (SCP) तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी प्रपोजल अंतर्गत एबीडी क्षेत्र एवं पेन सिटी क्षेत्र में विकास कार्य स्मार्ट सिटी गाईड लाईन के मापदण्ड अनुसार लिये गये है। एबीडी क्षेत्र में मुख्यतः अधोसंरचना संबंधी कार्य एवं पेन सिटी क्षेत्र में व्यवस्थित समाधान अंतर्गत प्रौद्योगिकी, यातायात प्रबंधन आदि एवं अन्य कार्य लिये गये है। विधान सभा क्षेत्रवार स्वीकृत व प्रस्तावित किये गये कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत शहर में सिटी लेवल एडवाईजरी फोरम (CLAF) का गठन किया गया है, जिसमें जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक सदस्य हैं। स्मार्ट सिटी अंतर्गत लिये जाने वाले कार्य के संबध में समय-समय पर CLAF से परामर्श लिया गया है एवं कार्यों के संबंध में अवगत कराया गया है। (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में स्वीकृत किये गये कार्यों, राशि की जानकारी, एजेंसी का विवरण आदि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। SCM ग्रांट अंतर्गत पूर्व विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं हैं। पूर्व विधान सभा क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों की गुणवत्ता की जांच विभिन्न एजेंसी एवं सर्टीफाईड लैब से कराई गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की अवधि के अपूर्ण, निमार्णधीन, अप्रारंभ कार्यो,अवधि एवं लागत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में योजना अंतर्गत स्वीकृत, अप्रारम्भ, निर्माणधीन, कार्यों की राशि एवं निविदा स्वीकृति/कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उल्लेखित समस्त कार्यों की निविदा आमंत्रित की गयी है एवं कोई भी कार्य की निविदा अस्वीकृत नहीं की गयी है। स्वीकृत निमार्णधीन एवं अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की दिनांक, अवधि व लागत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
बस्ती विकास योजना योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 424 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनान्तर्गत स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को आवंटित की हैं एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक जबलपुर जिले के लिये स्वीकृत कार्यों की राशि सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं? कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रांरभ हैं एवं क्यों? इन कार्यों की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? (ग) सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कितनी राशि की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव कब भेजा गया? इसके लिये शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी है और कब कितनी राशि आवंटित की है? वर्तमान में निर्माणाधीन सामुदायिक भवन की स्थिति क्या है? इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में सामुदायिक भवन हेतु सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हुई थी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं। सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु राशि रू. 167.02 लाख का प्राक्कलन अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. जबलपुर के पत्र क्र. 35 दिनांक 05.01.2021 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. भोपाल को प्रेषित किया गया। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रशासकीय विभाग से अपेक्षित है। वर्तमान में कार्य अप्रांरभ है एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होते ही निविदा कार्यवाही कर कार्य प्रांरभ कराया जावेगा। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 452 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) यदि निर्माण की समायावधि का समय पूर्ण हो गया है तो अभी तक निर्माण पूरा क्यों नहीं किया गया विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक? (घ) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंधानुसार दिनांक 21.06.2018 तक पूर्ण होना था। (ख) ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण, अनुबंध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 द्वारा विखण्डित किया गया, अनुबंध के प्रावधान अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 द्वारा अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल ग्वालियर द्वारा अनुबंध पुर्नजीवित किया गया। ठेकेदार द्वारा पुन: समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 द्वारा अनुबंध विखण्डित किया गया, तथा ठेकेदार के आवेदन एवं शपथ पत्र पर प्रस्तुत कार्य योजना को दृष्टिगत रखते हुऐ अनुबंध के प्रावधान अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार अनुबंध पुनर्जिवित किया गया, ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य नहीं किये जाने के कारण रूपये 13.06 लाख की राशि रोकी गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त कार्य 31 दिसम्बर 2022 तक पूर्ण होना लक्षित है।
नव-निर्मित सेतु को संपर्क मार्ग से जोड़े जाना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 492 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोल्हा में नव-निर्मित सेतु के संपर्क मार्ग का निर्माण 05 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी नहीं हो सका है? (ख) क्या सेतु संपर्क मार्ग का भूमि अधिग्रहण न हो पाने तथा मुआवजा राशि आवंटित न होने के कारण मार्ग निर्माण अवरुद्ध है? यदि हाँ, तो सेतु संपर्क मार्ग का अधिग्रहण एवं मुआवजा आवंटन कब तक किया जा सकेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम पंचायत कोल्हा पहुँच मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित नवनिर्मित सेतु के संपर्क मार्ग के एकरेखण में आने वाले पुल के पहुँच मार्ग में पड़ने वाली भूमि पर निजी स्वामित्व के भूस्वामियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्र.- 16248/2020 दायर की गई है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आगामी निर्णय होने तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। विभाग द्वारा दिनांक 27.10.2021 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय पश्चात ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( क्र. 494 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा की कितनी परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं? क्या सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में कार्यवाही प्रचलित की गई थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में इस संबंध में कितनी प्रगति हो सकी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कवायद विभाग के द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में विभाग के द्वारा क्या मापदण्ड तय किये जाते हैं? क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा स्वीकृत/पंजीकृत परियोजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम-क्योटी, तहसील सिरमौर, जिला-रीवा में सोलर पार्क/परियोजना हेतु 628.97 हेक्टेयर शासकीय भूमि चिन्हित की गई थी। इस भूमि के सीमांकन के समय वन विभाग द्वारा 439.26 हेक्टेयर भूमि पर वन भूमि का दावा किया गया था तथा उनके प्रक्षेत्र में सीमांकन हेतु मना किया था, इस प्रकार 189.701 हेक्टेयर भूमि ही शेष बची थी, जिसमें सोलर पार्क की स्थापना संभव नहीं थी। अत: शेष जानकरी निंरक है। निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएं परियोजनाओं की साध्यता सुनिश्चित होने पर ही परियोजनाओं की स्थापना करती है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखानुसार विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अतंर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में कोई प्रस्ताव प्रक्रिया में नहीं है। (ग) पवन ऊर्जा संयंत्र स्थपना के संबंध में विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गई है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अतंर्गत निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी हाँ। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में निजी इकाइयो/सार्वजनिक क्षेत्र की सस्थाओं द्वारा परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर परियोजनाएं स्थापित की जा सकती है। सिरमौर विधानसभा सहित संपूर्ण प्रदेश में निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिये पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिये विभाग द्वारा ''पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' लागू की गई है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 539 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भिण्ड नगरपालिका के अंतर्गत सर्वे कमांक 216 और 224 शासकीय भूमि है? क्या इस भूमि पर किसी तरह का अतिक्रमण करके बिल्डिंग बना ली गई है? क्या इस अवैध बिल्डिंग और भूमि के संबंध में उच्च न्यायालय खण्डपीठ द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या अतिक्रमण हटा दिया गया है और यदि नहीं तो क्या यह उच्च न्यायालय का अपमान नहीं है? अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना नहीं की गई है। नगरपालिका के संसाधनों के माध्यम से भवन में तोड़-फोड़ कर भवन को अनुपयोगी कर दिया है, शेष बचे ढ़ाचे को हटाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मिट्टी एवं मुरम पर रॉयल्टी का प्रावधान
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 555
) डॉ.
योगेश
पंडाग्रे : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग राज्य
मंत्रालय
भोपाल ने पत्र
क्रमांक 6041/16/191/यो. दिनांक 28/10/2016 को निर्माण
कार्यों में
लगने वाली
मिट्टी एवं
मुरम की
रॉयल्टी के
संबंध में
क्या-क्या निर्देश
किस-किस को
जारी किए? ये
निर्देश
राजपत्र में
किस दिनांक को
प्रकाशित कर
अधिसूचना के
तहत जारी किए
गए? (ख) राजपत्र
की अधिसूचना
दिनांक 6
सितम्बर 2013
एवं विभाग के
पत्र दिनांक 28/10/2016 में किस-किस
दिनांक को
क्या-क्या
संशोधन कर लोक
निर्माण
विभाग के
अंतर्गत
बैतूल जिले
में किए गए
किन-किन
निर्माण
कार्यों में
लगने वाली मिट्टी
एवं मुरम पर
किस दर से
रॉयल्टी
बाबत् क्या
प्रावधान किए
गए हैं? प्रति
सहित बतावें। (ग) मिट्टी
एवं मुरम की
रॉयल्टी के
संबंध में बैतूल, होशंगाबाद, हरदा
जिले में लोक
निर्माण
विभाग के
किस-किस इंजीनियर
को किस-किस के
द्वारा किस
दिनांक को
कारण बताओ
सूचना पत्र और
आरोप पत्र गत
तीन माह में
प्राप्त हुआ
है? (घ) सूचना
पत्र एवं आरोप
पत्र के संबंध
में शासन क्या
कार्यवाही और
कब तक करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 एवं
2
अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3 एवं
4
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) संबंधित
अधिकारियों
को जारी आरोप
पत्र पर नियमानुसार
अग्रिम
कार्यवाही की
जाएगी। वर्तमान
में समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
वसूली के नाम पर किसानों को विद्युत व्यवस्था से वंचित रखना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 575 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रबी सिंचाई वर्ष 2021-22 में विद्युत देयक राशि न जमा करने के कारण किसानों के विद्युत विच्छेद करने के नियम/आदेश हैं? यदि हाँ, तो, नियम/आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं तो अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ के द्वारा किसानों की बिजली क्यों काटी जा रही है? (ख) अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ के द्वारा वर्ष 2021-22 में पम्प एवं घरेलू विद्युत देयकों की वसूली के लक्ष्य के विरुद्ध कितनी राशि वसूल की गयीं है? माहवार, वितरण केन्द्रवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधीक्षण यंत्री मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ द्वारा लक्ष्य अनुरुप वसूली न करने एवं अन्य कारणों से कितने अधिकारियों/कर्मचारियों/ऑउटसोर्स कर्मचारियों को पद से हटाया/निलंबित किया गया है? उनके वितरण केन्द्रवार नाम एवं पदनाम की जानकारी से अवगत करावें। हटाये गये ऑउटसोर्स कर्मचारियों के विरूद्ध कितने कर्मचारी रखे गये हैं? उनके वितरण केन्द्रवार नाम एवं पद की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका-9.14, 9.15 एवं 9.16 एवं 9.17 में प्रावधानित नियम के तहत विद्युत संयोजन विच्छेदन की कार्यवाही जारी की जाती है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन/संधारण वृत्त राजगढ़ के द्वारा वर्ष 2021-22 (माह जनवरी, 2022 तक) में विद्युत देयकों की वसूली के लक्ष्य के विरूद्ध वसूल की गई राशि का वितरण केन्द्रवार एवं माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन कारणों से वर्ष 2021-22 में निलंबित किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही गई पदनाम सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। बाह्य सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने एवं अन्य कारणों से हटाए गए ऑउटसोर्स कार्मिकों एवं उनके विरूद्ध रखे गए कार्मिकों की पदनाम सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-2' एवं प्रपत्र-'स-3' अनुसार है।
नवीन रोडों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 635 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-19, 2019-20 में सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जिला मुरैना में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत नवीन रोडों की स्वीकृति हुई? यदि हाँ, तो स्वीकृति की जानकारी दी जावें। (ख) वर्तमान में उपरोक्त रोडों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या उपरोक्त रोडों की प्रगति धीमी होकर गुणवत्ता पूर्ण की नहीं है? (घ) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2022 तक पेच वर्कों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई एवं वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई एवं कितने मार्गों पर खर्च किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य गुणवत्ता पूर्ण सम्पन्न कराये गये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है।
निर्माण कार्यों हेतु आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 636 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2022 तक कितने निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं या अपूर्ण हैं? भौतिक स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2020 तक नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ में 04 कार्यों हेतु राशि रू. 614.32 लाख एवं नगर परिषद् झुण्डपुरा में 05 कार्यों हेतु राशि रू. 346.60 लाख स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सालीवाड़ा मार्ग में हुई अनियमितताओं पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 677 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंटीनाका- सालीवाड़ा सड़क राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 12/ए तक 44 करोड़ की लागत से बनी क्रांकीट रोड के निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता मानकों में अनियमितताएं बरते जाने की शिकायत मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी विस्तृत जानकारी दें। (ग) क्या सड़क निर्माण में स्वीकृत मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं करने और आधे-अधूरे निर्माण कर छोड़ दिये जाने की शिकायतें मिली हैं? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों और निर्माण एजेन्सी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। उक्त कार्य आई.आर.सी. के मानक मापदण्डों के अनुसार कराया गया है। जिसमें आज दिनांक तक गुणवत्ता मानकों में अनियमिताएं बरते जाने सम्बंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सड़क निर्माण स्वीकृत मानकों के अनुरूप किया गया है तथा पूरी लंबाई में निर्माण किया गया है। स्वीकृत मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं करने और आधे-अधूरे निर्माण कर छोड़ दिये जाने सम्बंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर से रिवेन्यू डिपार्टमेंट को शिफ्ट करना
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 680 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तमाम कर्मचारी संगठनों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद जबलपुर स्थित पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के रिवेन्यू एवं कमर्शियल डिपार्टमेंटल को जबलपुर से भोपाल शिफ्ट किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, इस हस्तानांतरण के कारणों को स्पष्ट करें। (ग) क्या यह भी बतायेंगे कि इन विभागों के हस्तानांतरण प्रक्रिया को करने से कुल कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे और शासन द्वारा कर्मचारियों के स्वास्थ्य एवं अन्य पारिवारिक कारणों की आपत्तियों का निराकरण कैसे किया जा रहा हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 716 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन नगर पालिका तथा नगर परिषदों में सी.एम.ओ. तथा उपयंत्री का पद कब से एवं क्यों रिक्त है? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) फरवरी 22 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगरपरिषदों में विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) अपूर्ण कार्य जिनमें अनुबंध अनुसार समयवाधि समाप्त हो गई है, अनुबंधकर्ता के विरूद्ध विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) किन-किन पूर्ण कार्यों का कार्य पालन यंत्री द्वारा अंतिम मूल्याकंन क्यों नहीं किया जा रहा है? कार्यवार कारण बतायें तथा विभाग के अधिकारियों ने अंतिम मूल्यांकन न करने वाले कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध क्या कार्यवाही की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 717 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा तहसील बरेगी में ग्राम धोखेड़ा से कामतोन तक तथा तहसील उदयपुरा में विद्युत मण्डल कार्यालय से बम्होरी बासोदा मार्ग तक सड़क मरम्मत का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग 12 बारना नदी से सिन्दूर नदी तक निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा सड़क पर जगह-जगह मिट्टी के ढ़ेर लगा देने तथा डायवर्सन के बोर्ड न लगाये जाने के कारण 01 जनवरी से फरवरी 2022 तक की अवधि में कितनी दुर्घटनाएं हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुए? विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) बारना नदी से सिन्दूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन कार्य करने के कारण सड़क किन-किन स्थानों पर खराब हो गई है तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कर रहे ठेकेदारों द्वारा अनुबंधानुसार बरेली ग्राम धोखेड़ा से कामतोन तथा तहसील उदयपुरा में विद्युत मंडल कार्यालय से बम्होरी-बसोदा मार्ग तक सड़क मरम्मत का कार्य किया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बारना नदी से सिंदूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक किया गया है, कुछ स्थानों पर कांक्रीट में क्रेक्स आये थे, जिसका सुधार कार्य ठेकेदार द्वारा कर दिया गया है।
निर्माण कार्यों के प्राप्त प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 813 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण के किस श्रेणी के इंजीनियर को कितनी लागत तक के निर्माण कार्यों की ए.एस. देने, टी.एस. देने का अधिकार है? अन्य विभागों को अभिमत या सहमति या स्वीकृति या अनुमोदन देने का अधिकार है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) लोक निर्माण विभाग को बैतूल होशंगाबाद एवं छिंदवाड़ा जिले में गत तीन वर्षों में वन विभाग और उससे सम्बद्ध समितियों के पांच लाख से अधिक लागत के किस-किस कार्य के लिए किस दिनांक को अभिमत, स्वीकृति, अनुमति या अनुमोदन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ? उस पर किस दिनांक को किस श्रेणी के इंजीनियर ने अपना अभिमत, अनुमोदन, स्वीकृत या अनुमति प्रदान की? (ग) वन विभाग एवं उससे सम्बद्ध समितियों के पांच लाख से अधिक लागत के निर्माण कार्यों पर लोक निर्माण विभाग के संबंधित मुख्य अभियन्ता द्वारा अभिमत, अनुमति, सहमति या अनुमोदन नहीं देने का क्या-क्या कारण रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 23.05.2008 एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत ए.एस. एवं टी.एस. देने के अधिकार सम्बंधी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। छिंदवाड़ा जिले की जानकारी निरंक। (ग) मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
शासकीय भवनों को तोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 814 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के चिचोली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले कितनी लागत के किस-किस भवन को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2019-20 तक के किसके द्वारा तोड़ा गया? किस भवन को तोड़े जाने की अनुमति किस अधिकारी के द्वारा प्रदान की गई? प्रति सहित बतावें। (ख) भवन को तोड़े जाने के पूर्व लोक निर्माण विभाग के किस इंजीनियर के द्वारा और स्वास्थ्य विभाग के किस अधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण किया? स्थल निरीक्षण के समय भवन में कौन-कौन कर्मचारी, अधिकारी निवास कर रहा था? उनके लिए शासन ने निवास की कब और कहा क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है? (ग) सक्षम अधिकारी से भवनों को तोड़े जाने की विधिवत अनुमति प्राप्त किए बिना ही भवनों को तोड़कर शासकीय सम्पत्ति को हानि पहुंचाए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की तो उसका कारण बतावें। कब तक क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जिला
बैतूल के
चिचोली
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
के अंतर्गत
लागत लगभग 15
लाख रूपये 06
बिस्तरीय
चिकित्सालय
एवं लगभग 10
लाख रूपये के 02
नग के 'जी' टाईप
आवसीय भवनों
को नगरपरिषद्
चिचोली द्वारा
तोडा गया।
प्रश्नाधीन
भवनों को
तोड़ने की
अनुमति मुख्य
नगर पालिका
नगर परिषद्
चिचोली,
जिला-बैतूल
द्वारा दी गई
थी। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) न्यायालय
कलेक्टर, जिला
बैतूल के आदेश
क्रमांक 38/अ-19 (3)/2015-16/9281, बैतूल
दिनांक 19.09.2016
से खसरा
क्रमांक 286
रकबा 0.821 हेक्टेयर
में से बस स्टैण्ड
निर्माण हेतु
रकबा 0.160 हेक्टेयर
भूमि नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग को
आवंटित की गई
थी। भूमि
आवंटन उपरांत
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
द्वारा प्रस्तावित
बस स्टैण्ड
की भूमि पर स्वास्थ्य
विभाग के
जीर्ण-शीर्ण
भवनों को
निर्माण कार्य
से पूर्व
हटाया जाकर
ले-आऊट देने
हेतु उपयंत्री
को आदेश नगर
पालिका
अधिनियम, 1961 की
धारा-306 (ख) के
द्वारा ''धारा
221 के अधीन
परिषद् की
समस्त
शक्तियों का
प्रयोग तथा
कृत्यों को
निर्वहन करने
हेतु मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी को
अधिकृत किया
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "सोलह"
नगरीय निकायों द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 841 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन पन्ना और कटनी जिले के किन-किन नगरीय निकायों के माध्यम से किया गया एवं कराया जा रहा है? योजना के क्रियान्वयन के क्या लक्ष्य निर्धारित थे? वर्षवार, निकायवार कितने लक्ष्यों की पूर्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में प्रचलित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कौन-कौन कब से कब तक प्रभारी रहें और क्या योजनाओं के प्रभारियों को बदला गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना नेशनल अर्बन लाइवहुड़ मिश्न (NULM) के तहत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किए गये और क्या योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की शासन/विभाग/निकाय को विगत 03 वर्षों में जानकारी एवं शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो, ज्ञात जानकारी और प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार एवं निकायवार बताइये। (घ) क्या प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बीएलसी योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की शासन/विभाग/निकाय को विगत 03 वर्षों में जानकारी एवं शिकायतें को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो ज्ञात जानकारी और प्राप्त शिकयतों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार एवं निकायवार बताइये। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में निकायों द्वारा क्रियान्वित योजनाओं में अनियमितताओं की विभाग/शासन स्तर से संज्ञान लिया जाकर कोई कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पन्ना और कटनी जिले के नगरीय निकायों में विगत 03 वर्षों से क्रियांवित योजनाओ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) शासन एवं विभाग स्तर पर योजनाओं में कोई प्रकरण दर्ज नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवई विधान सभा अंतर्गत विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 842
) श्री
प्रह्लाद
लोधी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पवई
विधान सभा
अंतर्गत
विभाग की
कौन-कौन सी सड़कें
कहां से कहां
तक निर्मित
हैं, इन
सड़कों का
विगत समय कब
निर्माण किया
गया और सड़कों
की मरम्मत की
गयी? इन
सड़कों की
वर्तमान में
क्या स्थिति
हैं? कौन-कौन
सी सड़कें
मोटरेबिल हैं
और कौन सी नहीं? (ख) पवई
विधान सभा
अंतर्गत
कौन-कौन सी
विभागीय सड़कों
का निर्माण, मरम्मत
किया जाना स्वीकृत
है और विगत 03
वर्षों में
किन-किन
सड़कों का
कितनी-कितनी
लागत से
निर्माण एवं
मरम्मत का
कार्य किस-किस
शासकीय सेवक
के प्रभार में
किस ठेकेदार
कंपनी द्वारा
कब-कब किया
गया? सड़कों
के
परफार्मेंस
गारंटी की
अवधि क्या
हैं? निर्मित/मरम्मत
की गयी सड़कों
की वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराये। (ग) प्रश्नांश
(क) विभाग
द्वारा नवीन
सड़कों के
निर्माण एवं
क्षतिग्रस्त
सड़कों के
नवनिर्माण और
मरम्मत के
लिए विगत 03
वर्षों में क्या
कोई प्रस्ताव/प्राक्कलन
तैयार कर
विभाग एवं
शासन को
प्रेषित किए गये? यदि
हाँ, तो क्या
प्रस्ताव
किस सक्षम
प्राधिकारी
को कब-कब
प्रेषित किए
गये? प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गयी, कौन-कौन
से प्रस्ताव
स्वीकृत
हुये, कौन से
प्रस्ताव
किन कारणों से
स्वीकृत
नहीं हो सके? प्रस्ताववार
बताइये। (घ) पवई
विधानसभा
अंतर्गत
विभाग द्वारा
विगत 04 वर्षों
में किन-किन
भवनों का
कितनी-कितनी
लागत से कब-कब
एवं कहां-कहां
निर्माण
कराया गया? भवनों
का निर्माण
किस-किस
शासकीय सेवक के
प्रभार में
किस ठेकेदार
कंपनी द्वारा
कब-कब किया
गया? भवनों
की वर्तमान
स्थिति एवं
उपयोगिता से
अवगत कराइए और
बताइये कि इन
भवनों में
वाटर हार्वेस्टिंग
इकाई भी
निर्मित की
गयी? यदि हाँ,
तो किन-किन
भवनों में? यदि
नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश
(क) से (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में पवई विधान
सभा अंतर्गत
बड़ी संख्या
में
क्षतिग्रस्त
सड़कों का
परीक्षण कर
प्रस्ताव
तैयार करने
एवं सड़कों के
नवनिर्माण और
मरम्मत के
निर्देश
शासन/विभाग स्तर
से किए
जायेंगे? यदि
हाँ, तो किस
प्रकार एवं कब
तक? यदि नहीं
तो क्यों?
लोक
निर्माण मंत्री
( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
'अ-1'
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' एवं ब
अनुसार है। (ग) जी
हाँ।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-1' एवं स
अनुसार है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। (ड.) जी
हाँ। वित्तीय
संसाधन की
उपलब्धता
अनुसार
समय-समय पर
निर्देश जारी
किये जाते है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 914 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1 दिनांक 12/8/2021 के बिंदु (ख) अंतर्गत कहा गया है कि विभाग अंतर्गत मार्ग पर क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहे हैं जिसके कारण विभाग की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं? इस संबंध में विभाग द्वारा कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? (ख) क्या संबंधित ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का मरम्मत कार्य कर दिया गया है और यदि नहीं तो कब तक कर दिया जाएगा? (ग) उक्त प्रश्न के भाग (घ) अंतर्गत कहां गया कि विभाग की सड़कों पर अधिक क्षमता वाले वाहन चलाने की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है, इस संबंध में नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) बताएं कि क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत करने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किए गए हैं और 8 लेन निर्माता कंपनी द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? की गई संपूर्ण कार्यवाही से अवगत कराएं। (ड.) क्या विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के मरम्मत हेतु कार्य किया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, हाँ। विभाग द्वारा कदम उठाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश 'घ' के उत्तर में लेखित है। (ग) जी हाँ, अतः नियमावली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर अनुसार। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
अधिक बिजली बिल की शिकायतें
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 919 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में माह अप्रैल 2020 से माह जनवरी 2022 तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? माहवार वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश ''क' अवधि तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के घरेलू बिलों की प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कितने उपभोक्ताओं को त्रुटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये? माहवार वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग पिछले कई सालों से जानबूझकर अधिक मांग के गलत बिल देता है तथा जो शिकायतकर्ता हैं उनकी राशि कम कर देता है तथा शेष उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूल रहा है? यदि नहीं तो बतावें की निरंतर प्रतिमाह अधिक मांग के गलत बिल कम्प्यूटर पर कैसे बन रहे हैं? गलत बिल न आये उसके लिये क्या विभागीय कदम उठाये गये है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में निम्नदाब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित कुल 3742 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उक्त में से 2791 शिकायतों का नियमानुसार निराकरण कर दिया गया है एवं 951 शिकायतें सही नहीं पाई गई। उक्त प्राप्त, निराकृत एवं सही नहीं पाई गई शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में निम्नदाब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित प्राप्त 3742 शिकायतों में से 2791 शिकायतें सही पाई गई एवं उक्त सही पाई गई सभी शिकायतों का नियमानुसार निराकरण कर इन सभी 2791 उपभोक्ताओं को उनके बिलों में त्रुटि सुधार कर मासिक बिल जारी कर दिए गए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण मीटर रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सही विद्युत बिल जारी किये जाने हेतु वितरण केन्द्र प्रभारियों को बिलिंग सेंटर में डाटा प्रेषित करने के पूर्व सूक्ष्मतापूर्वक जांच करने के एवं उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग लेने/दर्ज करने में और अधिक सावधानी बरतने के सख्त निर्देश मीटर वाचकों को दिये गये हैं।
सिहोरा मास्टर प्लान के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 964 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सिहोरा की दिनो दिन बढ़ती आबादी की मूलभूत सुविधाओं एवं नगर के विकास को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर प्लान का क्या स्वरूप तैयार किया गया है? इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित मास्टर प्लान को चरण बद्ध तरीके से कब तक लागू कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सिहोरा विकास योजना, 2011 तैयार की गई है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिहोरा विकास योजना 2011 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 28.01.2005 से प्रभावशील है।
सामुदायिक भवन का कार्य पूर्ण कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 965 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के आधीन जनता की मांग पर बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन नया बस स्टैण्ड सिहोरा में कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण किस एजेन्सी के द्वारा कराया गया? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना था? अभी तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया? कब तक पूर्ण कराकर जनता के लिये उपलब्ध करा दिया जावेगा? अगर किसी व्यक्ति/संस्था द्वारा निर्माण के अंतिम चरण में कोई रोक लगाई गई है तो विभाग द्वारा इसका निराकरण क्यों नहीं किया गया? कब तक निराकरण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिहोरा नगर पालिका में बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन नया बस स्टैण्ड पर संचालनालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 6514 दिनांक 02/05/2008 से विशेष निधि से स्वीकृत किया गया जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक 64 दिनांक 19/01/2009 द्वारा प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अंतर्गत सामुदायिक भवन निर्माण कार्य मैसर्स भाग्य श्री बिल्डर्स सिहोरा द्वारा कराया जा रहा है। अनुबंध एवं कार्यादेश अनुसार भवन निर्माण दिनांक 03/10/2010 तक पूर्ण किया जाना था। निर्माणधीन सामुदायिक भवन की भूमि का स्वामित्व भारत सरकार रक्षा मंत्रालय का होने व रोक लगाये जाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय सम्पदा अधिकारी जबलपुर मंडल जबलपुर छावनी में प्रकरण क्र.जेएबी/पीपीई एक्ट/ख.नं.480/1/ सिहोरा विचाराधीन है निकाय स्तर पर निराकरण हेतु यथोचित कार्यवाही की जा रही है। न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों पर व्यय राशि
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 970 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? इनमें से कितने कार्य किस दिनांक को कितनी लागत से पूर्ण हुये? पूर्णता प्रमाणपत्र किसके द्वारा कब प्रदान किया गया? सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कितना व्यय मजदूरी भुगतान एवं कितना सामग्री भुगतान में किस प्रकार से किया गया? (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मार्गों का निर्माण कार्य वन विभाग की अनुमति प्राप्त न होने/लम्बित होने के कारण नहीं हो पा रहा है? प्रकरणवार कारण सहित सूची देवें। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित लोक महत्व के अति महत्वपूर्ण इन निर्माण कार्यों के निर्माण हेतु अनापत्ति प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) कोई कार्य नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के अनुसार आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र विभाग द्वारा प्रदाय नहीं की जाती। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1016 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कितने व्यक्ति स्थायी रूप से निवास करते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, इनमें से कितने व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं? उनके नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, इनमें से कितने व्यक्तियों को प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं इनमें से कितने व्यक्तियों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये एवं कहां पर? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, प्रधानमंत्री आवास के लाभ से शेष व्यक्तियों को कब तक प्रधानमंत्री आवास एवं आवासीय पट्टे प्रदान किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी निरंक है।
राजनगर विधानसभा में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1018 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2020 से जनवरी 2022 तक कौन-कौन सी सड़कें डामरीकरण, चौड़ीकरण, मजबूतीकरण के कार्य हेतु बजट एवं कार्ययोजना में शामिल की गई हैं? (ख) जिन सड़कों का कार्य प्रगति पर है वह कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? सड़कों के नाम बतावें। (ग) क्या म.प्र. रोड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बनाई जा रही राजनगर से विक्रमपुर रोड एवं राजनगर से बछौन रोड का कार्य गुणवत्ताविहीन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपयंत्रियों के संशोधित वेतनमान
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1046 ) श्री निलय विनोद डागा [ डॉ. योगेश पंडाग्रे ] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन वित्त विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल, द्वारा दिनांक 07.06.2018 को जारी आदेश में उपयंत्रियों के संशोधित किए गए वेतनमान और एरियर्स का भुगतान लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया है? (ख) उपयंत्रियों को वर्तमान में किस वेतनमान से भुगतान किया जा रहा है? वित्त विभाग ने दिनांक 07.06.2018 को किस दर से उपयंत्रियों के लिए वेतनमान निर्धारित किया गया? दोनों वेतनमानों में कितना अंतर है? (ग) वित्त विभाग द्वारा दिनांक 07.06.2018 को जारी आदेश के अनुसार उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान का भुगतान किए जाने के संबंध में विभाग ने किस स्तर पर किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है? किन कारणों से संशोधित वेतनमान और एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया? (घ) आदेश दिनांक 7/6/2018 का पालन कर कब तक उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान एवं एरियर्स का भुगतान कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 07.06.2018 द्वारा उपयंत्रियों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती करने की शर्त पर लोक सेवा आयोग से नियुक्त उपयंत्रियों का वेतन उन्नयन किया गया है। आज दिनांक तक किसी भी उपयंत्रियों की लोक सेवा आयोग से भर्ती नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वेतनमान रूपये 9300-34800+3200 है। संशोधित वेतनमान 9300-34800+3600। अन्तर ग्रेड वेतन में रूपये 400/- (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1126 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक इंदौर 01 अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम, जोनल अधिकारी, नगर निगम उद्यान अधिकारी को कितने पत्र विभिन्न कार्यों से संबंधित प्रेषित किये गये? वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयुक्त नगर पालिक निगम एवं जोनल अधिकारियों द्वारा कितने पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने कार्यों को मंजूरी दी गई, कितने कार्यों की मंजूरी दी जाना शेष है? कार्य शेष रहने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने कार्य मंजूरी के उपरांत भी विलंबित हैं? शेष कार्यों को कब तक मंजूरी दी जाकर कार्य पूर्ण कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ एवं ब अनुसार है।
स्वच्छता मित्रों को प्रोत्साहन राशि एवं नियुक्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 1127 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व तारांकित प्रश्न क्रमांक 11 क्र.53 दिनांक 23 दिसम्बर 2021 के संबंधित इन्दौर शहर द्वारा स्वच्छता में पांचवी बार भी प्रथम आने पर क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सफाई मित्रों, संरक्षकों को 10-10 हजार रूपये देने की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हाँ या नही? यदि हाँ, तो क्या राशि वितरित की जा चुकी है? यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि किन-किन कर्मचारियों को वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नगर पालिक निगम इन्दौर में 85 वार्डों को शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इन अतिरिक्त वार्डों में सफाई मित्रों को जनसंख्या, क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुये निकाय स्तर पर नये कर्मचारियों की नियुक्तियां की जायेगी? हाँ तो कब तक व कितने कर्मचारियों को नियुक्त किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में न.पा.नि. इंदौर में पिछले 15 वर्षों में सफाई मित्रों के कितने पद रिक्त हुये है? कितने रिक्त पदों के विरूद्ध नियुक्तियां की गई? कितने स्वच्छता मित्रों की मृत्यु उपरांत अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण लंबित है? सूची सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। राशि वितरित की जा चुकी है। कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। वार्डों में सफाई व्यवस्था निरंतर मानक स्तर की संचालित होने के कारण नई नियुक्ति प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर निगम इन्दौर में पिछले 15 वर्षों में सफाई मित्रों के 916 पद रिक्त हुए है। रिक्त पदों के विरूद्ध 159 अनुकम्पा नियुक्तियां की गई। स्वच्छता मित्रों की सेवाकाल में मृत्यु उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति के प्रचलित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
पुल निर्माण में देरी और गुणवत्ताहीन कार्य
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 1129 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पाट में निर्माणाधीन पुल, लसुल्डिया बेचर में तालाब पर बनाए जाने वाला पुल और ग्राम रूपाखेड़ी की पुलिया निर्माण में विलंब होने के क्या कारण हैं? निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा कब कब की गयी? इस संबंध में स्वीकृति वर्ष दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की प्रमाणित मॉनिटरिंग रिपोर्ट एवं निर्माण कार्य में विलंब के संबंध में प्रमाणित अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ख) उक्त्त तीनों निर्माण कार्यों की लागत कितनी है? कौन-कौन ठेकेदार उक्त कार्यों के लिए अनुबंधित है? निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के संबंध में कौन-कौन सी शर्तों के आधार पर मापदंड बनाए गए हैं? प्रत्येक बिन्दु पर सप्रमाण दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें साथ ही अनुबंध, मापदंड और निर्माण कार्यों की स्थिति की इंजीनियर द्वारा तैयार रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) उपरोक्त तीनों निर्माण कार्यों की पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? अनुबंधित ठेकेदार पर यदि विलंब हुआ है तो विभाग ने क्या कार्यवाही की? कितनी राशि अनुबंधित ठेकदार को दी जा चुकी है? कितनी राशि का उपयोग हो चुका है? कितनी राशि शेष बची है? इसका भुगतान कब कब किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? भुगतान देने से पूर्व किन आधारों पर भुगतान स्वीकृत किया है? पूर्ण ब्योरा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एन.डी.बी. योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पाट में निर्माणाधीन पुल, लसूड़िया बेचर में तालाब पर बनाये जाने वाले पुल और ग्राम रूपाखेड़ी की पुलिया में निर्माणाधीन पुल की प्रगति में विलम्ब के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। गुणवत्ता की जांच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। टेस्ट रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य की लागत, ठेकेदार का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अनुबंध के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं मापदण्ड की टेस्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मंदिर के सार्वजनिक रास्ते से कब्जा हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1216 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर कस्बे पर भगवान श्री नरसिंह का अतिप्राचीन मंदिर जो कि धर्मस्व विभाग बड़नगर की सूची के क्रमांक 275 पर दर्ज है एवं नगर पालिका बड़नगर के रिकार्ड में 153/2 नरसिंह मंदिर खाकचैक व्यवस्थापक कलेक्टर के नाम से दर्ज है, उक्त मंदिर कौन-कौन से सर्वे नंबर पर दर्ज है एवं उस मंदिर में जाने हेतु सार्वजनिक रास्ता कौन-कौन से सर्वे नंबर में दर्ज है। संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नरसिंह मंदिर में श्रृद्धालुओं के जाने हेतु सार्वजनिक रास्ते पर कौन काबिज है? नगर पालिक बड़नगर द्वारा उक्त सार्वजनिक मार्ग को बंद करने वाले के ऊपर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नरसिंह मंदिर में श्रृद्धालुओं के आवागमन हेतु सार्वजनिक रास्ते को नगर पालिक बड़नगर द्वारा कब तक अवैध कब्जा हटाकर खुला आम रास्ता कर दिया जावेगा? (घ) नयापुरा से बड़नगर बाईपास (परम्परागत मार्ग) को किसके द्वारा गेट लगाकर अवरूद्ध किया गया है? प्रशासन द्वारा उक्त मार्ग कब तक खुलवा लिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु यह मंदिर धर्मस्व विभाग की सूची में क्रमांक 254 पर दर्ज है। जी हाँ, संपत्तिकर में दर्ज है। नरसिंह मंदिर, सर्वे क्र. 2460/1/1 पर स्थित होकर भूमि राजस्व रिकार्ड में श्री संजय शर्मा पिता श्री शांतिलाल शर्मा के नाम दर्ज है, किंतु शासकीय रिकार्ड में मंदिर आवागमन के रास्ते का उल्लेख नहीं है। मंदिर का रास्ता निजी भूमि सर्वे क्र. 2456 में से जाता है। (ख) मंदिर सार्वजनिक भूमि पर न होकर श्री संजय शर्मा पिता श्री शांतिलाल शर्मा के नाम दर्ज निजी भूमि पर है। निकाय द्वारा मंदिर जाने के रास्ते को सार्वजनिक उपयोग हेतु खुलवाने के प्रयास किये गये है। (ग) भूमि स्वामी श्री संजय शर्मा एवं अन्य द्वारा मान. न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 बड़नगर में वाद प्रस्तुत किया गया है। मान. न्यायालय द्वारा आदेश क्र. 01ए/2020 दिनांक 05.02.2021 से, प्रकरण में अंतिम निराकरण तक क्षतिग्रस्त नहीं करें और न ही हटाये जाने का आदेश किया गया है। मान. न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1217 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 2459 जो कि करोड़ों की कीमती जमीन है, क्या उक्त जमीन पर प्रशासन की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो उक्त भूमि पर योजना कब तक प्रस्तावित की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रशासन द्वारा उक्त भूमि पर फेंसिंग कर कब्जा प्राप्त किया गया था एवं कब्जा बोर्ड लगाया गया था? उक्त कार्यवाही कब की गई थी? (ग) उक्त भूमि पर वर्तमान में किसके द्वारा अतिक्रमण कर पार्किग का संचालन किया जा रहा है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त भूमि पर प्रशासन काबिज होकर अपना आधिपत्य कायम करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बड़नगर कस्बे की सर्वे क्र. 2459 की भूमि पर कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। नबंवर-दिसंबर 2019 के मध्य कार्यवाही की गई थी। (ग) जी नही, अपितु भूमि से संलग्न सड़क की कैरेज-वे के बाद की रिक्त भूमि पर, समीप स्थित मैरिज गार्डन के वाहन, अस्थाई रूप से खड़े होते हैं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्नातकोत्तर एवं स्नातक विज्ञान की कक्षाओं के संचालन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 1231 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालय राजनगर एवं लवकुशनगर की स्थापना किस वर्ष हुई? इन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं के प्रारम्भ एवं विज्ञान विषयों की कक्षाओं के प्रारम्भ कराने के लिये जनप्रतिनिधियों, छात्र संगठनों एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा कब-कब शासन को मांग पत्र प्रेषित किये है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत दिये गये मांग पत्रों पर शासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही हुई है एवं वर्तमान में किस स्तर पर प्रकरण लंबित है। लंबित होने के कारण स्पष्ट देवें? (ग) क्या शासन एवं विभाग स्तर पर दोनों महाविद्यालयों को स्नात्तकोत्तर स्तर की कक्षाएं प्रारम्भ कराने एवं विज्ञान विषयों की कक्षाएं प्रारम्भ कराने में लापरवाही एवं गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करने के कारण आज दिनांक तक लंबित है? यदि नहीं तो आगामी शिक्षण सत्र में दोनों महाविद्यालयों में स्नात्तकोत्तर स्तर एवं विज्ञान की कक्षाओं की स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी? (घ) क्या दोनों महाविद्यालयों में प्राचार्यों, व्याख्याता एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना स्वीकृति अनुसार आगामी शिक्षण सत्र में कर दी जावेगी? वर्तमान में रिक्त पदों की पदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, राजनगर वर्ष 2014 से तथा शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर वर्ष 1983 से संचालित हैं। इन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय तथा स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु जन प्रतिनिधियों व छात्र संगठनों से प्राप्त मांग पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्ववित्तीय आधार पर विज्ञान संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र विषयों में कक्षाएं संचालित हैं। शासकीय महाविद्यालय, राजनगर तथा शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय तथा स्नातकोत्तर में नवीन विषय प्रारंभ किए जाने हेतु विभागीय मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्ववित्तीय आधार पर विज्ञान संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र विषयों में कक्षाएं संचालित हैं। दोनों महाविद्यालयों में शासनाधीन पाठ्यक्रमों के रूप में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय तथा स्नातकोत्तर में नवीन विषय प्रारंभ किए जाने हेतु विभागीय मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सिंचाई हेतु नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1264 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र वि.वि.कंपनी में किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करने हेतु नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने के लिए वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक तेंदूखेडा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गए हैं? किसानों के नाम‚ पता‚ एवं प्रत्येक किसान के लिए शासन द्वारा व्यय राशि की जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कृषक उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिये विद्युत लाईन विस्तार कर विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु शासन की कोई भी अनुदान योजना प्रभावी नहीं है तथापि कृषक चाहे तो कृषि पम्प कनेक्शन प्राप्त करने के लिये ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' के तहत यह कार्य करा सकते है। साथ ही यह कार्य आवेदक, वितरण कंपनी को 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि का भुगतान कर स्वयं के व्यय से ''अ'' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से अथवा 100 प्रतिशत राशि वितरण कंपनी में जमा कर वितरण कंपनी से यह कार्य करा सकते है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि हेतु तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषि कार्य हेतु जमा योजना अंतर्गत 21 पंप कनेक्शनों हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है। जिनसे संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बंद किए गए पाठ्यक्रमों को पुन: प्रारम्भ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1278 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में परास्नातक के कितने पाठ्यक्रमों को वर्ष 2020 से अब तक बंद किया गया है? विभागवार, पाठ्यक्रमवार विवरण दें। साथ ही इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का कारण भी बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के पाठ्क्रमों को बंद करने के मापदण्ड क्या अपनाये गए और किस प्रक्रिया व नियम के तहत ये पाठ्यक्रम बंद किए गए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मनमानी व छात्रहितों की अनदेखी करते हुए इन पाठ्यक्रमों को बंद किया गया जिससे आसपास के गांवों व इन विषयों में रूचि लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है व दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी व कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) के पाठ्यक्रमों को पुन: प्रारम्भ करने की दिशा में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्वविद्यालय में वर्ष 2020 से अब तक कोई भी परास्नातक पाठ्यक्रम बंद नहीं किया गया, अपितु सत्र 2021-22 में 05 पाठ्यक्रम स्थागित किए गए हैं, जो क्रमश: (1) एम.एससी (आई.सी.) -फिजिकल साईंस विभाग, (2) एम.एससी (बायोटेक)-बायोलॉजिकल साईंस विभाग, (3) एम.एससी (आई.टी.) -फिजिकल साईंस विभाग, (4) एम.एससी (सी.एस.) -फिजिकल साईंस विभाग एवं (5) एम.ए. (मानव चेतना एवं योग विज्ञान) -मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग हैं। शिक्षकों की कमी के कारण पाठ्यक्रम स्थगित किए गए हैं। (ख) सत्र 2021-22 की अकादमिक गतिविधियां विश्वविद्यालयीन विद्या परिषद् की स्थायी समिति दिनांक 27.07.2021 व विद्या परिषद् की 50वीं बैठक दिनांक 12.11.2021 के बिन्दु क्र. 50.02 से पारित व प्रबंध मंडल के सक्षम अनुमोदनोपरांत पाठ्यक्रम स्थगित किए गये हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
पिण्डरा बरौधा मार्ग के निर्माण में विलम्ब
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1279 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़क पिण्डरा बरौधा जर्जर हालत में है, आए दिन दुर्घटनाओं में जनता को जान माल का नुकसान हो रहा है, धूल के गुबार में खेती खराब हो रही है परन्तु बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी टेंडर होने के 2 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कार्य क्या नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसकी जिम्मेदारी बनती है, उसके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं की जाएगी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह चित्रकूट के प्रति राज्य शासन का सौतेला और उदासीन रवैया नहीं माना जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, सड़क मोटरेबल है। संविदाकार द्वारा विलंब किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ''क'' में संविदाकार की जिम्मेदारी है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय का संचालन
[आयुष]
53. ( क्र. 1280 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में स्वीकृत 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय की स्थापना में हो रहे विलम्ब के क्या कारण हैं इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के चिकित्सालय में हो रहे विलम्ब को दूर करने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा भी बतायें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित करने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण कोई नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रश्नांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले के मार्गों की निविदाओं में आर्थिक अनियमितता
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1302 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र जिला मुरैना की घुमारामपुरा (ए.वी. रोड) से बाबा देवपुरी मंदिर, में थाना से गडौरा मार्ग, मानपुर से जैतपुर मार्ग वर्ष नवम्बर 2019 में स्वीकृत किये गये थे? उक्त मार्गों की स्वीकृत राशि सहित दूरी की जानकारी मार्गवार दी जावे। (ख) क्या उक्त समय अवधि में अन्य विधानसभाओं में जो मार्ग स्वीकृत हुऐ हैं उनकी निविदा दरों में भारी अन्तर किन कारणों से है? सुमावली विधानसभा की दर 1.05 प्रतिशत बिलों तथा अन्य विधानसभा या अन्य स्थानों की दर 20 प्रतिशत या 25 प्रतिशत बिलों के क्या कारण रहे जबकि मटेरियल लाने की दूरी समान है? कारणों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त अनियमिताओं की शिकायत विभाग में की गई थी? शिकायतकर्ता के नाम दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या सुमावली विधानसभा के ऊपर वर्जित मार्गों के विभाग को सिंगल टेण्डर प्राप्त हुऐ थे, नियमानुसार प्रथम बार सिंगल टेण्डर स्वीकृत होने का प्रावधान नहीं है, इन मार्गों के टेण्डरों में नियमों की अनदेखी के क्या कारण रहे? क्या शासन नियम विरूद्ध किये कार्यों की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निविदाओं में अंतर का मुख्य कारण क्षेत्र में मटेरियल की उपलब्धता न होना। सड़कों की आपस में काफी दूरी का अन्तर होना, प्रस्तावित मार्ग रिवाइन्स क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में प्रस्तावित होने से वन अधिकार नियमों के अनुसार कार्य दिन में करने की बाद्यता एवं स्थानीय क्षेत्रीय अन्य कारणों होना आदि। अन्य विधानसभाओं में स्वीकृत की गई निविदाओं में मार्गों की परस्पर दूरी तथा सुमावली विधानसभा में मटेरियल लाने की दूरी समान नहीं है और न ही भौगोलिक स्थिति में समानता है। (ग) जी नहीं। अपितु माननीय लोकायुक्त कार्यालय के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जी नहीं। तीन निविदाएं प्राप्त हुए थी, विभाग में शासन के आदेश दिनांक