मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 11 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधान
सभा क्षेत्र
भगवानपुरा अंतर्गत
मार्ग
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1597 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन के अन्तर्गत बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेन सेमली महाराष्ट्र सीमा एवं देवनलिया से छोटी सिरवेल (बड़वानी जिला सीमा) तक मार्ग स्वीकृत होकर बजट में भी सम्मिलित है? (ख) क्या उक्त मार्ग आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिये एवं ग्रामीणों के लिये अति महत्वपूर्ण है? (ग) क्या उक्त मार्ग वन क्षेत्र से गुजरते हैं तथा अधिकांश भाग पूर्व से डामरीकृत होकर मार्ग बने हैं? (घ) यदि हाँ, तो उक्त मार्गों के निर्माण में देरी क्यों हो रही है? उक्त मार्गों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेनसेमली मार्ग (महाराष्ट्र सीमा) बजट में सम्मिलित नहीं है एवं देवनलिया से छोटी सिरवेल मार्ग वर्ष 2019-20 के मुख्य बजट में सम्मिलित है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। दोनों मार्गों में से बिस्टान (अनकवाड़ी) से तेनसेमली (महाराष्ट्र सीमा) मार्ग के अंतर्गत ग्राम अनकवाड़ी से सिरवेल तक मार्ग डामरीकृत होकर विभाग के पास संधारण के अंतर्गत है एवं देवनालिया से छोटी सिरवेल मार्ग कच्चा रास्ता है। (घ) देवनलिया से छोटी सिमरेल मार्ग का भाग वन क्षेत्र अंतर्गत होने के कारण वन विभाग से अनुमति हेतु प्रकरण ऑनलाईन पंजीकृत है। अनुमति अप्राप्त है। बिस्टान से तेनसेमली (महाराष्ट्र सीमा) तक में से ग्राम अनकवाड़ी से ग्राम सिमरेल तक 41.00 कि.मी. सिंगल लेन होकर डामरीकृत मार्ग निर्मित होकर विभाग के पास संधारित है। यह मार्ग उन्नयन हेतु विभागीय किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 2090 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इंदौर में एवं इनसे संबद्ध महाविद्यालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी। (ख) क्या उक्त पदों के लिए प्रदेश में उम्मीदवारों की कमी है? यदि नहीं, तो क्या लाखों की संख्या में शिक्षित बेरोजगार घूम रहे हैं? यदि हाँ, तो इन्हें रोजगार देने के लिए भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जायेगी या नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा शैक्षणिक (बैकलॉग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 573 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट वर्ष 2021-22 में राजगढ़ जिले की सड़कों को सम्मिलित किया गया था? यदि हाँ, तो उन सड़कों के तहसीलवार नाम, सड़क की लंबाई तथा राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित की गयी है? यदि बजट वर्ष 2021-22 में सम्मिलित सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित नहीं की गयी है तो उनके कारणों से अवगत करावें? (ग) बजट वर्ष 2021-22 में स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आउटडोर मीडिया विज्ञापन पॉलिसी
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1616 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह दिसम्बर 2021 तक म.प्र. के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर शहर में स्थापित समस्त मीडिया की निम्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराएं :- उपरोक्त शहरों में आउटडोर मीडिया से विज्ञापन करने हेतु कितने प्रकार के मीडिया हैं? कितने होर्डिंग्स, यूनिपोल, वाई पोल, रूफटॉप, केन्टीलीवर एवं गेंट्रीज सिंगल साइड व बोथ साइट, साइनेज, बस शेल्टर एवं सुलभ कॉम्प्लेक्स आदि पर लगाए गए हैं? उनके साइजेज, लोकेशन, कोर्डिनेट्स की सम्पूर्ण जानकारी तथा किन-किन एजेन्सीज के हैं? (ख) क्या उक्त एजेन्सीज आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं? एजेन्सीज की सूची, नाम, पता, मोबाईल, फोन नंबर तथा विभाग द्वारा एजेन्सीज को जारी कार्यादेशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) किन-किन आउटडोर मीडिया एजेन्सीज द्वारा नगर निगमों को दिये जाने वाले किराये की राशि (दिसम्बर 2021 तक) जमा की है अथवा शेष है? एजेन्सीवार जानकारी सूची सहित उपलब्ध कराएं। (घ) क्या एजेन्सीज द्वारा स्थापित समस्त मीडिया आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 एवं इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों का सम्पूर्ण पालन किया गया है? यदि हाँ, तो जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं एवं यदि नहीं, तो पॉलिसी का पूर्णतः पालन न करने में दी गई स्वतंत्रता का कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश "क" की जानकारी कमशः नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ-3" अनुसार है। (ख) जी हाँ, नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-3" अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है, नगर पालिक निगम इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-1" अनुसार है, नगर पालिक निगम, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-2" अनुसार है एवं नगर पालिक निगम, जबलपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-3" अनुसार है। (घ) एजेन्सीज को आउटडोर मीडिया पॉलिसी 2017 एवं इण्डियन रोड कांग्रेस के नियमों का पालन करना है। आउटडोर मीडिया पॉलिसी, 2017 में ऐसे प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय कैलारस का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
5. ( *क्र. 1699 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय, कैलारस को कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृत दिनांक से आज दिनांक तक भवन निर्माण न हो पाने के क्या कारण हैं? भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) क्या वर्तमान में महाविद्यालय का संचालन कन्या स्कूल कैलारस में किया जा रहा है, जो भवन जीर्ण-शीर्ण स्थिति में होकर पर्याप्त जगह नहीं है और न ही पर्याप्त प्राध्यापकों की नियुक्ति की गयी है, ऐसा क्यों? (ग) भवन निर्माण हेतु क्या कोई जगह चिन्हित की गयी है एवं भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा मद राशि आवंटित की गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ और कितनी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालय भवन निर्माण एवं आवश्यक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय कैलारस, जिला मुरैना वर्ष 2018 से संचालित है। भूमि का आवंटन नहीं होने के कारण भवन निर्माण नहीं हो पाया है। भूमि आवंटित किए जाने हेतु प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 326, दिनांक 06.04.2021 के द्वारा आयुक्त, चंबल संभाग को तथा पत्र क्रमांक 347, दिनांक 06.04.2021 द्वारा कलेक्टर, जिला मुरैना को लिखा गया है। महाविद्यालय के लिए ग्राम निरारा में जो भूमि आवंटित की गई थी, वह पूर्व से ही खाताधारक एवं नर्सरी विभाग को आवंटित है। महाविद्यालय को अन्य भूमि आवंटित नहीं हुई है। (ख) वर्तमान में महाविद्यालय शासकीय मिडिल स्कूल कैलारस में संचालित है। महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के अंतर्गत अतिथि विद्वान कार्यरत हैं व अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित है। (ग) महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु ग्राम निरारा में पूर्व में चिन्हित भूमि किसी अन्य खाताधारक एवं नर्सरी विभाग को आवंटित होने के कारण महाविद्यालय को अन्य भूमि का आवंटन नहीं हुआ है। इस कारण राशि आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) महाविद्यालय के लिए भूमि आवंटित नहीं होने के कारण भवन निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत महाविद्यालय में अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति के संबंध में समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
सड़क एवं पुल निर्माण की निर्धारित दरें
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 535 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भिण्ड जिले में लोक निर्माण विभाग में सड़क एवं पुल निर्माण की निर्धारित दरें विगत 05 वर्षों में कब बढ़ाई गईं थीं? दरें बढ़ाने वाली कमेटी में कौन-कौन लोग शामिल थे? क्या उक्त दरों को सात महीने बाद फिर से संशोधित कर कम कर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या बढ़ी हुई संशोधित दरों पर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितना? ठेकेदारों को भुगतान की गई राशि में पुरानी दरों व संशोधित दरों में क्या अंतर है? क्या इससे शासन को नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है और क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : भिण्ड जिले हेतु लोक निर्माण विभाग में सड़क एवं पुल निर्माण हेतु दरें नहीं बढ़ाई गई, अपितु पूरे प्रदेश हेतु दिनांक 29.08.2017 को नवीन एस.ओ.आर. लागू किया गया एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत ठेकेदारों को भुगतान निष्पादित अनुबंधों अनुसार बी.ओ.क्यू. में लागू निर्धारित दरों के आधार पर किया गया है, अत: बढ़ी हुई संशोधित दरों का भुगतान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रमुख अभियंता कार्यालय की एस.ओ.आर. समिति में सम्मिलित अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। कोई दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन
[उच्च शिक्षा]
7. ( *क्र. 1356 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के प्रबंधन की निगरानी एवं महाविद्यालयों के समुचित विकास को दृष्टिगत रखते हुए जनभागीदारी समितियों का गठन किया जाता रहा है? इसके अंतर्गत वर्तमान में जबलपुर संभाग के किन-किन महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया गया है एवं किन-किन महाविद्यालयों में नहीं किया गया है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन नहीं होने से महाविद्यालयों के अकादमिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के विकास एवं संवर्धन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? फिर भी जनभागीदारी समितियों के गठन की कार्यवाही लम्बित रखे जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय वारासिवनी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी में जनभागीदारी समितियों के गठन के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त महाविद्यालयों में कब तक जनभागीदारी समितियों का गठन कर लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जबलपुर संभाग अंतर्गत संचालित 86 शासकीय महाविद्यालयों में से 80 महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया जा चुका है। 03 महाविद्यालयों में समिति के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 03 महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का पंजीयन नहीं हुआ है। पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के ऐसे शासकीय महाविद्यालय जिनमें शासन द्वारा जनभागीदारी समिति का गठन नहीं किया गया है, वहां जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामित अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) पदेन अध्यक्ष एवं उनके द्वारा नामित सदस्य समिति के रूप में कार्य संपादित कर रहे हैं। शैक्षणिक व अकादमिक गतिविधियों का विकास बाधित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय, वारासिवनी तथा शासकीय महाविद्यालय, खैरलांजी में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) द्वारा पदेन अध्यक्ष का कार्य किया जा रहा है। उत्तरांश ''ख'' अनुसार समिति के गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत व्यवस्था के सम्बन्ध में
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 1713 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की चंदला विधानसभा क्षेत्र में ग्राम अभऊ मजरा चमारन पुरवा में वर्ष 2017 में विद्युत व्यवस्था हेतु खंबे गड़वाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या किसी योजना के तहत कार्य था? यदि हाँ, तो योजना एवं कार्य एजेंसी का नाम बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य न होने पर संबंधित वितरण कंपनी द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वायरिंग का शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन एवं संधारण संभाग खजुराहो के ग्राम अभऊ के चमारन पुरवा में वर्ष 2017 में विद्युत व्यवस्था हेतु कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ और न ही विद्युत व्यवस्था हेतु खंबे गड़वाए गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 738 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग ने 12 ग्रामीण सड़कों की 50 प्रतिशत जमा राशि कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा चेक क्रमांक W 220531375, दिनांक 05.07.2021 से राशि 2095.38 लाख मण्डी बोर्ड को वापस की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों की निविदा समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण थे? जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें। (ग) क्या उक्त संबंध में लोक निर्माण विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल से कोई पत्र व्यवहार किया गया था? यदि हाँ, तो किस संदर्भ में और किस विषय को लेकर? पत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) उक्त प्रश्नांश के संदर्भ में समय-सीमा को लेकर ऐसे कितने प्रकरणों में इससे पूर्व में भी इस प्रकार की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उनकी समय-सीमा का अन्तराल क्या था? स्वीकृति दिनांक से निविदा दिनांक सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के पत्र दिनांक 28.01.2021 एवं शासन के पत्र दिनांक 01.04.2021 द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में। (ख) निविदा संबंधी कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में निविदा प्रक्रिया समय-सीमा में की गई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, उत्तरांश ''क'' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विहीन मजरों/फाल्यों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 1778 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कितने फाल्ये/मजरे विद्युत विहीन हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें। उक्त फाल्यों में विद्युत प्रदाय करने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या शत-प्रतिशत विद्युत विहीन फाल्यों में बिजली उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 53 वनक्षेत्रों में स्थित एवं पूर्व में लागू विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरांत निर्मित 122 इस प्रकार कुल 175 फाल्ये/मजरे विद्युत विहीन हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में इनके विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र सरकार की कोई योजना संचालित नहीं है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने पर तकनीकी/वित्तीय साध्यता के दृष्टिगत उक्त फाल्यों/मजरों का विद्युतीकरण किया जा सकेगा, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फोरलेन निर्माण में खनिज का उपयोग
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1247 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-देवास फोरलेन रोड पर खनिज सप्लाई करने का अनुबंध किससे किया गया है? अनुबंध की शर्तें क्या हैं? खनिज कौन सप्लाई कर रहा है? किस दर से कर रहा है? (ख) उज्जैन- आगर फोरलेन रोड में निर्माण कार्य के चलते कौन-कौन से खनिज उपयोग में लाये जा रहे हैं? क्या उनकी रॉयल्टी खनिज विभाग के पास जमा हो रही है? (ग) खनिज विभाग के कौन-कौन से अधिकारी फोरलेन निर्माण के खनिज उपयोग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं? उक्त संबंध में मॉनिटरिंग रिपोर्ट के साथ खनिज रॉयल्टी और खनिज आपूर्ति का पूर्ण ब्यौरा देवें। (घ) फोरलेन निर्माण कार्य को लेकर खनिज विभाग द्वारा उनके क्षेत्राधिकार की कौन सी कार्यवाही की जा रही है, जिससे सरकार को समय पर रॉयल्टी मिले और प्रयुक्त होने वाले खनिज के सप्लायरों का विधिवत लेखा जोखा और उनके कार्यों की निगरानी की जा सके? पूर्ण रिपोर्ट के साथ सम्पूर्ण दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु खनिज विभाग से संबंधित है। खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्न लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं अपितु खनिज विभाग से संबंधित है। खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों का पालन
[पर्यावरण]
12. ( *क्र. 2015 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राघौगढ़ जिला गुना में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पी.एस.यू.) अंतर्गत कौन-कौन से उद्योग, उपक्रम, इकाइयां कार्यरत हैं? इनकी स्थापना कब-कब हुई है? इनमें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) लागू है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही और क्या-क्या लाभ इसके अंतर्गत दिये गये हैं? वर्षवार, राशिवार, कार्यवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इनमें प्रदूषण नियंत्रण के अंतर्गत कौन से नियमों का पालन करना अनिवार्य है? इसके लिये कब और कौन सी अनुमति अनिवार्य है? सभी उपक्रमों की जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विभाग द्वारा कब और किस तरह के औचक, सतत् निरीक्षण किये गये हैं? विगत पांच वर्षों की निरीक्षण रिपोर्ट बतायें, साथ ही यह भी बतायें कि इनमें क्या कार्य नियम विरूद्ध संपादित होते हुये पाये गये हैं? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये क्या कार्यवाही और कितना जुर्माना लगाया गया है? (घ) उपरोक्त के संबंध में उद्योग, उपक्रम एवं इकाइयों से एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार ए.क्यू.आई.पी.एम.पी.एस. का स्तर कितना है? हवा में कंटेंट का अधिकतम स्तर (प्रति घनमीटर) कितना है? इसका मानक स्तर क्या है? राघौगढ़ में हवा में कंटेंट की मात्रा (प्रति घनमीटर) पी.एम.पी.एस. नाइट्रोजन ऑक्साइड कार्बन कितनी पाई गई है? ए.आई.क्यू. का स्तर कितना पाया गया है? हवा की गुणवत्ता खराब होने से इसका मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के लिये वायु नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग एवं संचालित पी.एस.यू. के द्वारा क्या प्रयास, उपाय किये गये हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) राघौगढ़ जिला गुना में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पी.एस.यू.) अंर्तगत तीन उद्योग कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, इन उद्योगों में कार्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) लागू है। विगत पॉच वर्षों में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सी.एस.आर.) अन्तर्गत किये गये कार्यों की वर्षवार, राशिवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अन्तर्गत इन सभी उद्योगों को म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उद्योग की स्थापना के पूर्व एवं तदुपरांत उद्योग का संचालन प्रारम्भ करने के पूर्व सम्मति प्राप्त किया जाना तथा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना अनिवार्य है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उद्योगवार एयर क्वालिटी इन्डेक्स (ए.क्यू.आई.) की गणना नहीं की जाती है। उद्योगों में परिवेशीय वायु में पी.एम. नाईट्रोजन ऑक्साईड तथा निर्धारित मानक का विवरण निम्नानुसार है :-
मानक |
प्रदूषक |
मे. गैस अथार्रिटी इण्डिया लि. विजयपुर गुना (वार्षिक औसत वर्ष 2021) |
मे. नेशनल फर्टिलाइजर लि. विजयपुर जिला गुना (वार्षिक औसत वर्ष 2021) |
मे. इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. ग्राम डोंगर जिला गुना (दि. 18.12.2021 |
निर्धारित मानक (ug/m3) सीमा |
प्रतिमाह 2.5 < 60 |
प्रतिमाह 2.5 |
33 |
40 |
-- |
60 |
प्रतिमाह 10 < 100 |
प्रतिमाह 10 |
68 |
74 |
87 |
100 |
दिनांक 18.02.2022 को किये गये मापन में राघौगढ़ में वायु में प्रदूषकों की मात्रा निम्नानुसार पाई गई है :-
क्र. |
प्रतिमाह 2.5 |
प्रतिमाह 10 |
N0x |
ए.क्यू.आई. का स्तर |
1. |
18.54 ug/m3 |
37.26 ug/m3 |
14.21 ug/m3 |
37 (अच्छा) |
कार्बन का मापन नहीं किया गया। हवा की गुणवत्ता खराब होने से श्वास संबंधी रोग जैसे अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी आदि होने की संभावना रहती है। उद्योगवार स्थापित वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विद्युत सप्लाई
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 339 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम वार्ड 73, करमेता शारदा नगर कॉलोनी गली नं. 8 में 20 परिवारों को लगभग 200 मीटर केबिल डालकर स्थाई मीटर कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) क्या बिना विद्युत खम्बा लगाये ये कनेक्शन डोर टू डोर लटकाते हुये दिये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह दुर्घटना संभावित व्यवस्था नहीं है? (घ) क्या विद्युत खम्बे लगाकर विधिवत लाईन डाली जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 20 परिवारों को स्थाई विद्युत कनेक्शन, जिनकी सर्विस लाईन की पोल से दूरी अलग-अलग है, प्रदाय किये गए हैं। उक्त कनेक्शनों में सर्विस लाईन की पोल से दूरी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्त कनेक्शन डोर टू डोर लटकाते हुए नहीं अपितु सर्विस लाईन के माध्यम से दिए गए हैं। (ग) वर्तमान में उक्त क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से स्थल निरीक्षण उपरांत आवश्यक विद्युत अधोसंरचना संबंधी निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (घ) उक्त क्षेत्र में 03 अतिरिक्त खम्बे एवं केबलिंग इत्यादि का कार्य पूर्ण कर दिया गया है।
बिजुरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2004 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की नगर परिषद बिजुरी में करोड़ों रूपये की अनियमितता के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से शिकायत क्रमांक 1100 व 1133 प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या शिकायत की जांच कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो शिकायत के जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। जांच प्रतिवदेन में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए गए हैं? (ग) दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं वैधानिक कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
नगर पंचायतों में नियुक्ति प्रक्रिया का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 190 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 में नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज एवं मधुसूधनगढ़ में कितने लोगों को नियुक्ति प्रदान की गयी? (ख) जिन पदों पर नियुक्ति दी गयी, उस हेतु किस प्रक्रिया का पालन किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद चांचौड़ा द्वारा सहायक ग्रेड-3 के रिक्त पद पर 01 अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष निकायों की जानकारी निरंक है। (ख) नगर परिषद चांचौड़ा द्वारा म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये नियम एवं निर्देशानुसार सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर की गई है।
विद्युत ट्रांसफार्मर व लीड सुधार
[ऊर्जा]
16. ( *क्र. 255 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने ट्रांसफार्मर किन-किन ग्रामों में रखे गए हैं? उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितने चालू हैं तथा कितने खराब हैं एवं कितने ग्रामों में विद्युत तार (लीड) जल गई है या खराब है? हितग्राही द्वारा शिकायत करने पर कितने दिन में ट्रांसफार्मर व लीड बदलने या सुधार कार्य करने का प्रावधान है? यदि कोई समय-सीमा हो तो बताएं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र में 1 वर्ष से 2 माह पूर्व तक खराब हुए ट्रांसफार्मर नहीं बदले गए हैं? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्यों नहीं बदले गए? (ग) प्रश्नांश (क) क्षेत्रांतर्गत कितने ग्रामों में खेत की लाईट एवं गांव की लाईट एक ही फीडर से संचालित है, जिससे ग्रामवासियों को दस घंटे विद्युत उपलब्ध हो रही है? क्या इन ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य करने की कोई योजना है? अगर हाँ तो इस योजना का लाभ हितग्राहियों को कब तक मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 2791 वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न ग्रामों में स्थापित हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों में से प्रश्न दिनांक तक 2773 वितरण ट्रांसफार्मरों से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा 18 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 2 ग्रामों यथा-मौसीपुर एवं रामसलैया में विद्युत केबल जल गई है, जिसके बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है तथापि वैकल्पिक व्यवस्था कर उक्त ग्रामों के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने अथवा बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत पात्र हुए वितरण ट्रांसफार्मर को संभागीय मुख्यालयों में 12 घण्टे के अंदर, संभागीय मुख्यालय को छोड़ कर शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 72 घण्टों के अंदर तथा मानसून के मौसम में (माह जुलाई से सितम्बर तक) 7 दिवस के अंदर बदले/सुधार किये जाने का प्रावधान है। केबल संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर शहरी क्षेत्रों में दिन की रोशनी में 12 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घण्टे में सुधार किये जाने का प्रावधान है। तत्संबंधी म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 18 फेल वितरण ट्रांसफार्मर इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण नहीं बदले गए हैं। वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत पात्र होते ही नियमानुसार उक्त वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये जायेंगे। (ग) विधानसभा क्षेत्र जबेरा के अन्तर्गत कृषि कार्य एवं गैर कृषि कार्य हेतु एक ही विद्युत फीडर से विद्युत प्रदाय प्राप्त कर रहे ग्रामों की संख्या निरंक है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद, जीरापुर में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 1641 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत नगर परिषद, जीरापुर में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? इनको कितना मानदेय दिया जाता है? क्या सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को समान मानदेय दिया जाता है? (ख) विभाग में कार्यरत व अन्य शासकीय अधिकारियों के यहां पर कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? ऐसे कितने कर्मचारी हैं व उनको क्या-क्या कार्य दिया गया है? (ग) क्या नगर परिषद् जीरापुर की आय इतनी है कि उक्त कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके? क्या यहां पर जरूरत से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं? (घ) राजगढ़ जिले की अन्य नगर परिषद की तुलना में नगर परिषद, जीरापुर में कितने कर्मचारी हैं? यदि ज्यादा हैं, तो ऐसा क्या कार्य नगर परिषद् जीरापुर में हो रहा है, जिस कारण इतने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी यहां पर लगाये गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपरिषद जीरापुर अंतर्गत 116 दैनिक वेतनभोगी विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत हैं। विभिन्न श्रमिकों को श्रेणी अनुसार विभिन्न दर से भुगतान किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी नहीं। (ख) निकाय अंतर्गत कोई भी विभाग अंतर्गत अन्य शासकीय अधिकारियों के यहां पर कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। (ग) जी हाँ। निकाय अंतर्गत परिषद निर्णय अनुसार समय-समय पर निकाय के विभिन्न कार्यों में आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिक लगाये एवं हटाये जाते हैं। (घ) जिले की अन्य निकायों में नियुक्त दैनिक वेतनभोगी की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। निकाय आवश्यकता अनुसार दैनिक वेतनभोगी श्रमिक रखती है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 112 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जावरा नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलौदा में हुये भ्रष्टाचार अनियमितता, नियम विरूद्ध किये गये अनेक कार्यों के संबंध में विगत वर्षों में कई बार शासन/विभाग को अवगत करवाया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय एवं माननीय आयुक्त महोदय को पत्रों के माध्यम से लगातार उक्ताशय के संबंध में ध्यानाकर्षण किया गया? (ग) यदि हाँ, तो बताएं कि पत्रों के साथ-साथ ही विधानसभा सत्रों में दिनांक 12.08.2021 को प्रश्न क्र. 477, दिनांक 23.03.2021 को प्रश्न क्र. 6178, दिनांक 26.02.2021 को प्रश्न क्र. 1052, दिनांक 28.12.2020 को प्रश्न क्र. 330, दिनांक 23.09.2020 को प्रश्न क्र. 363, दिनांक 23.12.2019 को प्रश्न क्र. 1952 एवं दिनांक 23.03.2018 को प्रश्न क्र. 5506 के माध्यम से शासन/विभाग का लगातार ध्यान आकृष्ट किया तो इस पर शासन/विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये शासन/विभाग को पत्रों एवं सदन में उठाए गये प्रश्नों पर शासन/विभाग द्वारा कब-कब, किन-किन पत्रों पर किन-किन प्रश्नों के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्रवार, प्रश्नवार की गई कार्यवाहियों की जानकरी दें, कितने लंबित हैं, अवगत कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 918 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वैध कॉलोनी निर्माण हेतु क्या-क्या नियम हैं? नियम के तहत सिवनी जिले में कुल कितनी कॉलोनी हैं? कॉलोनी का नाम, स्थान, कॉलोनी खसरा नं., रकबा बताएं एवं कितनी कॉलोनियों ने नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किये हैं, कितने प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किये हैं? कॉलोनीवार/विधानसभावार जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सिवनी जिले के अंतर्गत नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किन-किन व्यक्तियों द्वारा अवैध कॉलोनी में प्लॉट बेचे जा रहे हैं? विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेचे जाने पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है? क्या अवैध कॉलोनी के सभी प्लॉट विक्रय के बाद उस पर रोक लगाई जायेगी? (ग) सिवनी जिले में अवैध कॉलोनियों, सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों पर नगर पालिका द्वारा शासकीय राशि क्यों व्यय की गई तथा अवैध कॉलोनियों में शासकीय राशि व्यय करने वाले अधिकारियों से राशि वसूल की जायेगी? (घ) सिवनी जिले में अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्तियों की सम्पति जप्त कर उक्त राशि से अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली, नाली तथा पानी की व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अधिकृत कॉलोनी निर्माण हेतु वर्तमान में म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 से प्रभावशील हुये हैं। दिनांक 13.01.2022 के पूर्व म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 प्रभावशील थे, जिसके तहत सक्षम प्राधिकारी से विकास अनुमति प्राप्त वैध कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में अनधिकृत कॉलोनी में प्लॉट बेचे जाने की जानकारी संकलन हेतु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 अनुसार, सक्षम प्राधिकारी द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है, सर्वेक्षण उपरांत जानकारी संकलित हो सकेगी। म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में अनधिकृत कॉलोनी में प्लॉट बेचे जाने पर सीधे रोक लगाने का उल्लेख नहीं है, अपितु सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में आने पर, ऐसी अनधिकृत कॉलोनियों में किसी भी तरह के अंतरण न करने हेतु सार्वजनिक सूचना प्रसारण एवं सूचना, उप रजिस्ट्रीकरण कार्यालय को दिये जाने का प्रावधान है। (ग) सिवनी जिले की नगरीय निकायों द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया है, निकाय एवं कॉलोनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के उपबंधों में विहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 14-10/2018, दिनांक 15.03.2018 के संबंध में
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1669 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित आदेश के क्रमांक 2 के कॉलम V में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि ऑनलाईन चुकता प्रमाण पत्र न देने की स्थिति में बाजार भाव से रॉयल्टी वसूल करने के बावजूद विभाग माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग के दिनांक 09 मार्च, 2021 को विधानसभा में दिये गये आश्वासन की अनदेखी कर ठेकेदारों से 100 रूपये प्रति घन मीटर के हिसाब से ही रॉयल्टी वसूल कर रहा है, जबकि वसूली बाजार भाव से करना है? (ख) क्या शासन इस बात की जांच करायेगा कि विभाग में विषयांकित आदेश का पालन न करके ठेकेदारों को करोड़ों रूपये का लाभ दिलाया गया तथा यह लाभ दिलाने के लिए अनियमितता की गई? (ग) यदि शासन ने विषयांकित आदेश का पालन किया हो तो होशंगाबाद, बुदनी तथा बालाघाट जिले के ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र की फोटोप्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अपितु ठेकेदार द्वारा ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात् ही ठेकेदार को अंतिम भुगतान किया जाता है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अत: जांच का प्रश्न नहीं उठता। (ग) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत होशंगाबाद, बुदनी तथा बालाघाट जि़ले के ऑनलाईन रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' और प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
विश्रामगृह तोड़कर वाणिज्य कॉम्प्लेक्स निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1719 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर बस स्टैण्ड स्थित खसरा क्र. 652/1 एवं 652/2 को 1983-84 से 30 वर्ष के लिए नगर पालिका छतरपुर को विश्रामगृह हेतु पट्टे के रूप में दिया गया था? यदि हाँ, तो किन शर्तों के साथ? (ख) क्या उक्त विश्रामगृह को तोड़कर वाणिज्य कॉम्प्लेक्स बनाए जाने का संकल्प परिषद बैठक दिनांक 30.07.2011 को पारित कर समस्त कार्यवाही हेतु प्रकरण में मुख्य नगरपालिका अधिकारी/अध्यक्ष को अधिकृत किया गया था? (ग) नगरपालिका छतरपुर ने उक्त विश्रामगृह को तोड़कर वाणिज्य कॉम्पलेक्स बनाने के पूर्व भूमि अंतरित सहित नगर एवं ग्राम निवेश, नजूल शाखा एवं कार्यपालन यंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, छतरपुर से अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित अन्य वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त कर ली थी? इस संबंध में क्या कलेक्टर, छतरपुर ने अपने पत्र क्रमांक 272/नजूल/2011, दिनांक 25.08.2011 द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी निर्देश दिए थे? (घ) उक्त विश्रामगृह को तोड़ने के पूर्व किन-किन सक्षम अधिकारियों की अनुमतियां आवश्यक थी, किनसे अनुमति प्राप्त हुई? (ड.) सक्षम विभागों की अनापत्ति के बिना विश्रामगृह तोड़कर वाणिज्य कॉम्पलेक्स निर्माण किस के आदेश से शुरू किया गया? कलेक्टर के स्थगन आदेश क्र. 316, दिनांक 13.10.2011 के बाद तत्काल कार्य बंद क्यों नहीं किया गया? दिनांक 07.11.2011 को तहसीलदार, छतरपुर द्वारा कार्यस्थल से जो वाहन जब्त किए, उन वाहनों पर क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में वह वाहन कहां पर हैं? (च) कलेक्टर छतरपुर के आदेश दिनांक 25.08.2011 एवं स्थगन आदेश का उल्लंघन एवं शासकीय राशि के दुरूपयोग पर कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 में प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए निर्माण की अनुमति दी गई है। जी हाँ। (घ) नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत जीर्ण-शीर्ण एवं खतरनाक निजी क्षेत्र की इमारतों को गिराने की शक्तियां निहित है। नगर पालिका के स्वामित्व की ऐसी इमारतों को गिराने की शक्तियां परिषद को है। अत: परिषद के सक्षम होने से अन्य किसी से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। (ड.) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित प्रस्ताव एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी की स्वीकृति दिनांक 01.10.2011 से कार्य शुरू किया गया था। कलेक्टर छतरपुर के स्थगन आदेश दिनांक 13.10.2011 के बाद निकाय द्वारा कार्य बंद कर दिया गया था। तहसीलदार द्वारा कार्यस्थल से जब्त वाहन नगरपालिका को सौंपे गये थे। वाहन तत्समय ही वाहन मालिक द्वारा प्राप्त कर लिए गए थे। (च) कलेक्टर के स्थगन आदेश का पालन किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लेबड़ नयागांव फोरलेन में लागत राशि से अधिक टोल वसूली
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 1855 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ''घ'' के संदर्भ में बतावें कि एम.पी.आर.डी.सी. तथा निवेशकर्ता द्वारा जो ट्राफिक सर्वे की रिपोर्ट दी गई है, वह लेबड़ जावरा की 1 जून, 2020 की न होकर क्रमशः 27 अक्टूम्बर, 21 से 03 नवम्बर, 2021 तथा दिनांक 25.11.2019 से 01.12.2019 की है। उत्तर में उसे 01 जून, 2020 की कैसे बताया गया? (ख) दिनांक 25.11.2019 से 01.12.2019 तक एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा लेबड़ जावरा के कराये गये सर्वे की रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि जावरा नयागांव का ट्राफिक सर्वे क्यों नहीं कराया गया तथा लेबड़ जावरा तथा जावरा नयागांव के अनुबंध की शर्ते भिन्न-भिन्न क्यों हैं? (ग) दोनों फोरलेन के निवेशकर्ता को पी.जी.एफ. की कितनी-कितनी राशि दी गई तथा लेबड़ जावरा फोरलेन की प्रारम्भिक लागत 420 करोड़ से क्यों बढ़ाकर लगभग 600 करोड़ की गई? इस संदर्भ में समस्त दस्तावेज तथा बढ़ी हुई लागत की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के उत्तर के संदर्भ में अंत में निवेशकर्ता द्वारा दिये गये आंकड़ों से शासन संतुष्ट है? क्या लेबड़ जावरा की प्रेजेन्ट कॉस्ट 2211 करोड़ तथा जावरा नयागांव की 2347 करोड़ है? यदि हाँ, तो इस वृद्वि के कारण बतावें। (ड.) लेबड़ जावरा तथा जावरा नयागांव फोर लेन प्रारम्भ से 31 जनवरी 2022 तक वसूली गयी टोल राशि बतावें तथा यह लागत का कितना प्रतिशत है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंध की कंडिका 29 में टंकण त्रुटिवश टारगेट ट्राफिक को टारगेट दिनांक से एक वर्ष पहले की दिनांक पर यातायात होना वर्णित है, किन्तु यह गणना टारगेट दिनांक को की जानी थी, परन्तु कोरोना महामारी के कारणवश विभाग द्वारा ट्रॉफिक सेम्पलिंग किया जाना संभव नहीं था एवं कॉरोना के दौरान प्रभावित कम ट्राफिक से कंडिका 29 अनुसार निर्णय नहीं लिया जा सकता था, अतः कंसेशनायर की सहमति से कंडिका 29 हेतु 27 अक्टूबर, 2021 से 03 नवम्बर, 2021 विभाग द्वारा ट्राफिक सेंम्पलिंग की गई एवं यह सहमति ली गई की उक्त ट्राफिक सेम्पलिंग अनुसार ट्राफिक को 01 जून, 2020 का वास्तविक ट्राफिक माना जावेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जावरा-नयागांव के अनुबन्ध में प्रावधान नहीं है। लेबड़-जावरा एवं जावरा-नयागांव मार्गों के अनुबन्ध अलग-अलग समय पृथक-पृथक मॉडल कन्सेशन अनुबन्ध अनुसार बनाये गये थे, इसलिये दोनों की शर्ते भिन्न-भिन्न है। (ग) निरंक। प्रश्न क्रमांक 1058, दिनांक 23.12.2021 के दिये गये उत्तर में लेबड़-जावरा मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार लागत 605.45 करोड़ तथा जावरा-नयागावं मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार लागत 450.47 करोड़ बताई गयी थी। चूंकि पूर्व प्रश्न 1058 में बढ़ी हुई लागत बताई ही नहीं गई, अतः बढ़ी हुई लागत की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) परियोजना हेतु शासन द्वारा मात्र भूमि उपलब्ध कराने के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का पूंजीगत व्यय नहीं किया जाता है तथा निवेशकर्ता को परियोजना अंतर्गत केवल निर्माण कार्य ही नहीं करना होता है, अपितु संपूर्ण रियायत अवधि में मार्ग को अच्छी स्थिति में रखने का उत्तरदायित्व भी निवेशकर्ता का होता है। इस हेतु निर्माण में स्वयं के निवेश पर प्रतिफल, रियायत अवधि में टोल संचालन पर व्यय, मार्ग के मरममत पर व्यय बैंक द्वारा परियोजना के निर्माण हेतु प्रदाय किये गये ऋण पर व्यवसायिक दर से ब्याज की अदायगी, बैंक को मूलधन की वापसी एवं शासन को दिये जाने वाले प्रीमियम हेतु टोल संचालन से प्राप्त उपभोक्ता शुल्क संग्रहण राशि से किया जाना होता है एवं रियायतकर्ता के द्वारा वित्तीय आंकड़े लेखा पुस्तकों के आधार पर प्रस्तुत किये गये हैं एवं लेखा पुस्तकों का अंकेक्षण अनुबंध अनुसार निवेशकर्ता द्वारा वैधानिक अंकेक्षक से कराया जाता है। चूंकि उक्त आंकड़ें अंकेक्षित हैं, अत: संतुष्टि/असंतुष्टि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) टोल वसूली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लेबड़-जावरा मार्ग पर टोल प्रारम्भ से 31.01.2022 तक वसूली गई टोल राशि रू. 1484.15 करोड़ है जो कि निवेशकर्ता की आकलित वर्तमान लागत का 68 प्रतिशत है। जावरा-नयागांव मार्ग पर टोल प्रारम्भ से दिनांक 31.01.2022 तक वसूली गई टोल राशि रू. 1662.75 करोड़ है, जो कि निवेशकर्ता की आकलित वर्तमान लागत का 70.74 प्रतिशत है।
घटिया निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 1990 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में निर्मित नारायणा मार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर होने के बाद भी इसके संधारण के लिए कोई कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या कारण है कि इसके ठेकेदार पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिसने इतना गुणवत्ताहीन निर्माण किया? इसकी धरोहर राशि कब तक राजसात की जाकर इसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा? (ग) कब तक इस मार्ग का संधारण कर इसे यातायात हेतु सुगम बना दिया जाएगा? मार्ग के निर्माण के समय के अधिकारियों द्वारा किए निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रतियां देवें। (घ) मार्ग जीर्ण-शीर्ण होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही नहीं है कि नारायणा (महिदपुर-पानविहार-जीवाजीनगर) मार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर है, परंतु वर्तमान में कुछ स्थान पर सरफेस पेचेस/सतह असमतल है, सुधार हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है, उक्त मार्ग डी.एल.पी. के अन्तर्गत है एवं समय-समय पर संधारण ठेकेदार द्वारा किया जाता है। (ख) यह सही नहीं है कि मार्ग का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन किया गया है, मार्ग का निर्माण सुपरविजन कंसल्टेंट एवं विभाग के अधिकारियों की देखरेख में गुणवत्ता पूर्ण किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में मार्ग पर यातायात सुगम है। मार्ग निर्माण के समय के अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में मार्ग जीर्ण-शीर्ण स्थिति में नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्रिज व आर.ओ.बी. निर्माण कंपनियों को किये गए भुगतान
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 158 ) श्री कमलेश्वर पटेल [ श्री विशाल जगदीश पटेल ] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. में ब्रिज के फाउंडेशन की खुदाई दरें बहुत ज्यादा होने के कारण प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली कंपनियों को दो साल तक काफी ज्यादा भुगतान किया जाता रहा है? कंपनीवार बतावें। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. के आधार पर प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली किन-किन कंपनियों को कितना-कितना अधिक भुगतान कर दिया गया, बतावें? (ग) उपरोक्त गड़बड़ी के कारण पी.डब्ल्यू.डी. को कितना नुकसान हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग की वर्ष 2017 की प्रचलित दर अनुसूची की दरें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं इन दरों में किया गया संशोधन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त कार्यवाही से किसी कम्पनी या ठेकेदार को अनुचित लाभ या अधिक भुगतान नहीं किया गया है, अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1627 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा बीड़ा रोड में तत्पर पेट्रोल पम्प के पास रमचन्दी में श्रीमती नीलम मिश्रा व्यावसायिक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा अपने आवेदन दिनांक 27.12.2021 द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद सेमरिया, जिला रीवा से भवन की ऊंचाई बढ़ाने हेतु अनुमति की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो बिना अनुमति किये ही अवैध निर्माण कराने के दोषी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभाग के पत्र क्रमांक 11-142/2021/18-3, दिनांक 18.01.2022 द्वारा जांच समिति गठित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
चाटूखेड़ा-बामलाबे
मार्ग की
जानकारी
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 32 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा अंतर्गत चाटूखेड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग 52 वाया कोलूखेड़ा बामलाबे तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना में उक्त मार्ग का भाग तथा नेवज नदी का पूल डूब गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मार्ग में पुल/सड़क यदि डूब गई है? तो क्या जल संसाधन विभाग ने नवीन पुल/सड़क का मुआवजा दिया है? यदि हाँ, तो कितना एवं कब दिया? नहीं तो क्यों नहीं दिया नियम सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार यदि उक्त मार्ग में पुल/सड़क मोहनपुरा डेम में डूब गई है तो उसका पुन: निर्माण कौन विभाग करेगा? कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
सड़कों का उन्नयन
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 33 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक तथा माननीय सांसद लोकसभा के अनुरोध पर लोक निर्माण विभाग राजगढ़ ने कुछ सड़कों के उन्नयन का औचित्य दर्शाते हुए वित्तीय वर्ष 21-22 के अनुपूरक बजट में शामिल करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये थे? यदि हाँ, तो सड़कों का नाम तथा किस कारण से उन्नयन किया जाना है, उसका औचित्य बताते हुए सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध सूची अनुसार क्या शासन उन सड़कों को प्रश्नकर्ता विधायक तथा माननीय सांसद के पूर्व में किये गये अनुरोध पर लो.नि. विभाग द्वारा दर्शाए गये औचित्य के आधार पर वित्तीय वर्ष 22-23 के बजट में शामिल कर लेगा? हाँ तो जानकारी दें। नहीं तो कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न नहीं उठता। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं।
धार जिला मुख्यालय पर पृथक साईंस कालेज की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 84 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला मुख्यालय के महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र व इसके पिछले वाले शैक्षणिक सत्र में कुल कितने विद्यार्थी संकायवार अध्यनरत हैं तथा इनमें से कितने स्वाध्यायी विद्यार्थी है? (ख) क्या महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार, वर्तमान विद्यार्थियों की संख्या के लिये पर्याप्त न होकर बढ़ती प्रवेश दर के हिसाब से आगामी पांच वर्षों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों हेतु संस्था के पास वर्तमान उपलब्ध शैक्षणिक संसाधन अपर्याप्त होंगे? (ग) क्या बढ़ती विद्यार्थियों की संख्या तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा के सीमित अवसरों को दृष्टिगत रखते हुए महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय को कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के रूप में विकसित करते हुए पृथक से विज्ञान महाविद्यालय की शासन स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) क्या तत्कालिक व्यवस्था के रूप में विश्व बैंक प्रोजेक्ट से राजा भोज स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में नव निर्मित होने जा रहे भवन में पृथक से विज्ञान महाविद्यालय को संचालित करने हेतु कार्यवाही की जावेंगे? (ड.) क्या जिला मुख्यालय का राजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय जो कि लीड़ कालेज भी है, लम्बे समय से प्राचार्य विहिन है तथा क्या स्थानांतरित प्राध्यापक द्वारा न्यायालय से स्थगन लेने से दो-दो प्रभारी प्राचार्य कार्यरत है? क्या विभाग शासन स्तर से प्राचार्य की पदस्थापना कर संस्था में प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु आदेश जारी करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। भविष्य की आवश्यकताओं के परिप्रेक्ष्य में नवीन अतिरिक्त भवन निर्माण तथा वर्तमान भवन के उन्नयन की स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धार में कला एवं वाणिज्य संकाय के साथ-साथ विज्ञान संकाय पूर्व से संचालित है। पृथक से विज्ञान महाविद्यालय की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। महाविद्यालय में एक ही प्रभारी प्राचार्य कार्यरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
धार बस स्टैण्ड के निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 87 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर में स्व. कुशाभाऊ ठाकरेजी के नाम पर अत्याधुनिक बस स्टैण्ड निर्माण की डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर प्रचलित है? (ख) क्या नगर पालिका द्वारा शासन के निर्देशानुसार डी.पी.आर. में सभी आवश्यक संशोधन पूर्ण कर लिये गये है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त बस स्टैण्ड निर्माण माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा में सम्मिलित है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में नस्ती किस स्तर पर लंबित होकर प्रकरण में वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद् धार में बस स्टैण्ड निर्माण कार्य की डी.पी.आर. संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को प्राप्त हुई है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्षेत्रीय पुल-पुलिया एवं फ्लाई ओवर ब्रिज की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 113 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील के शहरी व ग्रामीण स्थलों पर शासन/विभाग (सेतु विभाग) द्वारा छोटे-बड़े पुल व फ्लाई ओवर ब्रिज विगत वर्षों में स्वीकृत किये गये? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त प्रश्नांश (क) अन्तर्गत उल्लेखित संपूर्ण क्षेत्रभर में किन-किन स्थानों पर छोटे-बड़े पुल व फ्लाई ओवर ब्रिज स्वीकृत कब-कब किये गये? वर्षवार बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार किन-किन वर्षों में किन-किन स्थानों हेतु कितनी-कितनी राशि के उपरोक्तानुसार कार्य स्वीकृत किये जाकर उनमें से कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने प्रारंभ होना शेष रहे एवं किन कारणों से अपूर्ण अथवा आप्रारंभ रहे? विवरण देवें। (घ) जावरा शहर स्थित फ्लाई ओवर ब्रिज विगत कई वर्ष पूर्व स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ हुआ एवं वर्तमान में अपूर्ण होकर किन कारणों से बंद पड़ा है, जिसके कारण शहर में कई जनहानि के गंभीर दुष्परिणाम दिखाई दे रहे हैं तो फ्लाई ओवर ब्रिज कार्य की निरंतरता हेतु क्या किया जा रहा है एवं यह संपूर्ण रूप से बनकर कब तैयार होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' स.क्र. 3 अनुसार है।
जनभागीदारी समिति से कराये गये कार्य
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 138 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में लेखापाल पदस्थापना हेतु किस प्रकार की विभागीय लेखापाल परीक्षा/अन्य परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें। साथ ही यह बताये कि शासन द्वारा महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति से कराये गये कार्यों का ऑडिट कराया जाता है यदि हाँ, तो शासन के क्या निर्देश है? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय कला एवं वाणिज्य नवीन महाविद्यालय भोपाल जनभागीदारी समिति की ऑडिट रिपोर्ट की छायाप्रति बतावें अन्य मदों से आय जैसे फीस, स्कालरशिप स्कीम तथा बैंक ब्याज सहित प्राप्त आय की जानकारी बतावें साथ ही उक्त विद्यालय में जनभागीदारी समिति के अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता सहित निम्न जानकारी उपलब्ध करायी जावे- क्र. कम्प्यूटर ऑपरेटर का नाम नियुक्ति दिनांक शैक्षणिक योग्यता नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम (अराजपत्रित) 1974 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी वर्षवार 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। महाविद्यालय हेतु जनभागीदारी समिति से कम्प्यूटर आपरेटर हेतु कोई पद सृजित नहीं है। कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है।
पुल निर्माण कार्य समय-सीमा में कराये जाना
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 139 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्ड हटा में मड़ियादो-बर्धा मार्ग पर व मड़ियादो रजपुरा मार्ग पर मड़ियादों के पास तथा पटेरा विकासखण्ड में विलाखुर्द में ग्राम के पास किये जा रहे पुल निर्माण पीआईयू के माध्यम से किस कार्य एजेंसी से कराया जा रहा है एवं कितनी राशि से कार्य प्रारंभ है? संपूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं प्रशासनिक स्वीकृति की छायाप्रति सहित बतावें? (ख) उक्त दर्शित कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा क्या थी? यदि समय-सीमा में कार्य नहीं कराया गया तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई साथ ही उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, लोक निर्माण विभाग के सेतु निर्माण परिक्षेत्र के अंतर्गत जिला दमोह के विकासखण्ड हटा में मड़ियादो-वर्धा मार्ग पर 04 पुलों का निर्माण कार्य एवं मड़ियादो-रजपुरा मार्ग पर 01 पुल का निर्माण कार्य एन.डी.बी. योजना के पैकेज क्रमांक-16-ए-1 अंतर्गत कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विकासखण्ड पटेरा अंतर्गत विलाखुर्द में पुल का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाय) के अंतर्गत है। सम्पूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार तथा प्रशासकीय स्वीकृतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
नगर पालिका में किए गए मरम्मत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 202 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका ब्यावरा व नगर परिषद् सुठालिया में वित्तीय वर्ष 2020- 21 व 21-22 में कितनी राशि नाली मरम्मत सड़क मरम्मत नल व जल व्यवस्था के लिए जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों की मदवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) नगर में आंतरिक मार्ग व नालियां पूर्णता खराब हो चुकी हैं, क्या शासन द्वारा इन कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी व कब कार्य प्रारंभ होगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार व्यय की गई राशि की मदवार सूची उपलब्ध करवायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर में खराब आंतरिक मार्ग व नालियों को समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है। (घ) मदवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर ब्यावरा में आवागमन की उचित व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 208 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर ब्यावरा जिला राजगढ़ में दिन प्रतिदिन बाजार में आवाजाही बढ़ रही है जिससे आम नागरिक ट्रैफिक एवं अव्यवस्थित बाजार के कारण परेशान है, क्या शासन के पास व्यवस्था के लिए उचित प्रबंधन है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं तो क्या व्यवस्था की जाएगी? (ग) ब्यावरा नगर में हो रही अव्यवस्थाओं के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके लिए शासन द्वारा कोई कार्य योजना या राशि स्वीकृत की जा सकती है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो कब तक कार्य योजना या राशि स्वीकृत होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ब्यावरा नगर के बाजार में आवाजाही बढ़ने के दृष्टिगत नगरपालिका ब्यावरा द्वारा आवागमन की उचित व्यवस्था हेतु वार्ड क्रमांक- 4 में सब्जी बाजार बनाया गया है एवं निकाय द्वारा सड़क पर होने वाले अतिक्रमण को समय-समय पर हटाकर यातायात व्यवस्थित करने की कार्यवाही निरंतर की जाती है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं की राशि में एक्सटेंशन देकर नियम विरूद्ध भुगतान
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 226
) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) मुख्य
अभियंता
कार्यालय, लोक
निर्माण
विभाग, परिक्षेत्र
रीवा के
अंतर्गत 01/04/2018 से प्रश्नतिथि
के दौरान
किन-किन लोक
निर्माण
विभाग के संभागों
में किस-किस निविदाओं
में निविदा
राशि एवं
कार्यादेश जारी
होने के बाद, कार्य
पूर्ण होने के
पहले या पूर्ण
होने के बाद
निविदा राशि
से 10 (दस)
प्रतिशत से ज्यादा
राशि का एक्सटेंशन
(ज्यादा दर)
बिना सक्षम
कार्यालयों
की अनुमति से (नियमों
के विपरीत
जाकर) स्वीकृत
किये गये? प्रकरणों
के जारी सभी
एक्सटेंशन
आदेशों की
एक-एक प्रति
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
समयानुसार
एवं उल्लेखित
कार्यों में
जिन-जिन
अधिकारियों
ने नियम
विरूद्ध
कार्य करते
हुये, पद का
दुरूपयोग कर
शासन के स्थापित
नियमों का उल्लंघन
किया उन पर
राज्य शासन
के द्वारा
प्रश्नतिथि
तक
नामवार/पदनामवार
चिन्हित करते
हुये क्या
कार्यवाही की
गई? प्रकरणवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
क्षेत्र में
एवं
समयानुसार
किन-किन
संभागों एवं
उपसंभागों
में किस-किस
नामवार/पदनामवार
किस-किस
यंत्रियों के
विरूद्ध
किन-किन
कारणों से
विभागीय जांच
संस्थित की गई? प्रकरणवार/जानकारी
दें। (घ) क्या
राज्य शासन
की मंशा
आर्थिक
अनियमितता
करने वाले गंभीर
विभागीय
जांचों के
चलने के
बावजूद उन्हें
निलंबित करने
की बजाय पुरस्कार
देने की है? ए.के.
निगम
उपयंत्री की
कितनी विभागीय
जांच/शिकायतें
विभाग के पास
प्रश्नतिथि
तक लंबित हैं? शासन
द्वारा उसके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
प्रश्नतिथि
तक की है? सभी
जांचों की
एक-एक प्रति
जारी जांच
आदेशों के साथ
उपलब्ध
करायें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जानकारी
निरंक। (ख) एवं
(ग) उत्तरांश 'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। श्री
ए.के. निगम
उपयंत्री की
विभागीय जांच
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शासन
द्वारा उनके
विरूद्ध की गई
कार्यवाही एवं
जांचों की
प्रतियां मय
आदेश के पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है।
बिना अधिकार स्थायी नियुक्तियां दिया जाना
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 227
) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग संभाग
रीवा एवं अन्य
स्थान पर
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
साकेत कब से
किसके आदेश से
दैनिक वेतन
भोगी के रूप
में कार्य कर
रहे थे तथा
इनके वेतन
आहरण की प्रति, आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) कार्यपालन
यंत्री लो.नि.वि.
संभाग रीवा के
आदेश क्र. 5393-94/न्याया/का.भा.स्था.
2020-21 रीवा
दिनांक 30.01.2021
के द्वारा
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
संविदा
कर्मियों को
न्यायालय के
आदेश के
परिपालन में
नियमित किया गया
है? यदि किया
गया है तो क्या
न्यायालय के
आदेश में इन्हें
नियमित किये
जाने का स्पष्ट
निर्देश है? यदि
है तो इन्हें
किसके आदेश से
नियमित किया
गया है? क्या
आदेशकर्ता को
नियमित करने
का अधिकार है? यदि
है तो नियम
निर्देश की
प्रति उपलब्ध
करावें। यदि
इनकी
नियुक्ति
अवैध है तो
इनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) में अंकित
जिन्हें
आदेश में
दर्शित पद पर
किया गया है
उस पद पर स्वीकृत
पद के विरूद्ध
कार्य कर रहे
हैं? यदि
नहीं तो क्या
उस पद पर
कार्य कर रहे
कर्मचारियों
का शोषण नहीं
है? क्या उन्हें
भी नियमित
किया जावेगा? यदि
हाँ, तो कब तक
नियमित किया
जावेगा?
(घ) यदि
संभागीय
कार्यालय में
संविदा कम्प्यूटर
आपरेटरों के
पद स्वीकृत
नहीं हैं? तो
कोषालय में
इनके वेतन
आहरण का विकल्प
कैसे जनरेट
किया गया? प्रति
उपलब्ध
करावें। यदि
लोक निर्माण
विभाग के सभी
कार्यालयों
में मात्र 02
पद कम्प्यूटर
आपरेटरों के
ऑउटसोर्स पर
स्वीकृत हैं
तो इन्हें
किस आधार पर
नियमित किया
गया है? नियमों
की एक प्रति
दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) लोक
निर्माण
विभाग (भ/स)
संभाग क्र 01
रीवा के
अन्तर्गत
श्री बृहस्पति
तिवारी,
श्रीमती
भावना
पाण्डेय, श्री
बाबूलाल
वर्मा एवं
श्री रामराज
साकेत क्रमशः
दिनांक 01.01.2014, 01.10.2012, 01.09.2008 एवं 01.09.2008 से
तत्कालीन
कार्यपालन
यंत्रियों के
आदेश से कार्य
कर रहे थे। इस
कार्य के लिये
इन्हें कोई
नियुक्ति
आदेश नहीं
दिया गया था।
कार्य की
आवश्यकतानुसार
श्रमायुक्त
के निर्धारित
दर पर मासिक
पारिश्रमिक
का भुगतान
किया गया है।
भुगतान वाउचर
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी
नहीं।
कार्यपालन
यंत्री के
आदेश दिनांक 30.01.2021 द्वारा
संविदा मासिक
पारिश्रमिक
स्वीकृत किया
गया है। जी
नहीं। प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। जी
नहीं। अधिकार
नहीं है। आदेश
दिनांक 30.01.2021
नियमों के
विपरीत है।
गुण-दोष के
आधार पर जांच
कर कार्यवाही
की जावेगी। (ग) जी
नहीं। जी
नहीं।
ऑउटसोर्स
कर्मचारी को
नियमित किये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। शेष
का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (घ) टाइपिस्ट
पद के
विरूद्ध। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
ऑउटसोर्स
कर्मचारी को
नियमित नहीं
किया गया है।
अपितु संविदा
मासिक
पारिश्रमिक
स्वीकृत किया
गया है।
प्रकरण का
परीक्षण
कराया जा रहा
है।
बावड़ियों एवं कुओं पर अतिक्रमण हटाना जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 288 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा नगरपालिका परिषद् सीमा में होल्कर कालीन बावड़ियों और कुएँ प्रशासन की उदासीनता से बुरी हालत में पहुँच गए है, तथा बावड़ियों पर किया गया अतिक्रमण हटाया जाएगा एवं हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाली बावड़ियों एवं कुओं का जीर्णोद्धार कब तक किया जाएगा? (ख) सेंधवा नगरपालिका परिषद् सीमा में होल्कर कालीन कितनी बावड़िया एवं कितने कुएं है तथा कितनी बावड़ियों पर अतिक्रमण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर पालिका परिषद् सेंधवा की सीमा में स्थित बावड़िया एवं कुएँ के रख-रखाव में किसी प्रकार की उदासीनता नहीं बरती जा रही है और न ही इन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण है। पूर्व में इनका जीर्णोद्धार करवाया गया था। आवश्यकता अनुसार जीर्णोद्धार का कार्य किया जाता है। (ख) नगर पालिका परिषद् सेंधवा में होल्कर कालीन बावड़ियों एवं कुओं से संबंधित कोई जानकारी संधारित नहीं है, अपितु निकाय अंतर्गत 07 बावड़िया एवं 06 कुएं है, जो अतिक्रमण से मुक्त है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य आवासीय भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 289 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कितने स्थानों पर कन्या शिक्षा परिसर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों भवनों का निर्माण आपके विभाग से किया जा रहा है? निम्नानुसार जानकारी दें - (1) स्थान, विकासखण्ड, जिला, स्वीकृति दिनांक, राशि। (2) अनुबंध अनुसार कार्य अवधि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, व्यय की गई राशि कार्यवार। (3) कितने कार्य हैं, जो समय पर पूर्ण हैं? उनकी भौतिक स्थिति। (4) कितने कार्य हैं जो अपूर्ण या निर्माणाधीन हैं? विलंब का कारण, समय पर कार्य पूर्ण कराने के लिए विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की, कार्यवार जानकारी दें। (5) प्रत्येक निर्माण कार्य ठेकेदारों ने अधिक दर में या कम दर में लिया? कार्यवार जानकारी दें। (6) कौन-कौन से कार्य के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया गया? कार्यवार राशि सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (1) से (5) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (6) कन्या शिक्षा परिसर सेंधवा – राशि रूपये 2772.90 लाख स्वीकृति प्राप्त। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सेंधवा राशि रूपये 2770.73 लाख।
विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत 11 के.व्ही. लाईन अन्यत्र शिफ्ट करना
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 340 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाटन रोड विश्वकर्मा कॉलोनी करमेता में लगभग 500 मीटर 11 के.व्ही. लाईन के 6 तार 50 घरों की छत के ऊपर से गये हुये हैं? (ख) क्या गत 3 जनवरी 2022 को इसी लाईन से करेन्ट लगने पर एक बच्ची की मृत्यु हुई एवं पूर्व में भी 3-4 दुर्घटनायें हो चुकी हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या जान माल की सुरक्षा हेतु उपरोक्त जोखिम युक्त 500 मीटर लाईन विद्युत वितरण कंपनी अन्यत्र शिफ्ट करायेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लगभग 40-45 वर्ष पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम -2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। (ख) उक्त 11 के.व्ही. विद्युत लाईन से घटित विद्युत दुर्घटनों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, के अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाईन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रीवा नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आवंटित भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 349 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नगर पालिक निगम रीवा द्वारा समदड़िया बिल्डर्स संस्थान को वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 को शासकीय भूमि पर बिल्डिंग बनाने हेतु व टी.एण्ड.सी.पी. (टाऊन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग) के तहत भूमि कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि किस उद्देश्य के लिये कलेक्टर रीवा द्वारा किस रेट पर आवंटित किया गया है? इनके भूमि आवंटन के रिकॉर्ड, नक्शा, खसरा व आवंटन की तारीख तथा स्थल व उद्देश्य की छायाप्रति समस्त जानकारी के साथ दस्तावेज बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में समदड़िया ग्रुप संस्थान को जितनी भूमि आवंटित की गई है, समस्त भूमियों पर क्या निर्माण कार्य करा लिया गया है? कि नहीं? अगर करा लिया गया है तो कितने वर्ग फिट में, कितने मंजिल का भवन निर्माण व दुकान की लम्बाई, चौड़ाई व दुकान को बिक्री करने का किस रेट, वर्गफिट के हिसाब से क्रेताओं को किस अनुबन्ध पत्र के आधार पर स्वीकृति दी गई है तथा कितने मंजिल में रिहायशी मकान व अन्य व्यवस्था के लिये आवंटित किया गया है? रिकार्ड सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के सन्दर्भ में क्या यह सही है कि रीवा शहर की अमूल्य जमीने सस्ते दर पर आवंटित की गई है तथा आवंटित भूमि अनुबंधित एरिया से कई गुना अधिक में अवैध कब्जा कर, भवन व दुकान का निर्माण कराया गया है व दुकान क्रेतोओं को मनमाने रेट पर दिया जाता है, इसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कराई जावेगी? ताकि सही जानकारी मिल सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 359 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को किश्त का भुगतान शासकीय निर्देशों पर होता है या नगरीय निकाय की स्वेच्छा पर। नियमों की जानकारी देवें। (ख) नगरीय निकाय होशंगाबाद में कितने हितगाहियों को तीन से अधिक असमान किश्तों में किन कारणों, किन निर्देशों से भुगतान किया गया। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यालयों कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 10793/व.लि.1/2021 दिनांक 08.09.2021 वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की जांच हेतु समिति गठित की जाकर एक नियम अवधि में जानकारी दिये जाने का अनुरोध किया गया था। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सितम्बर 2021 में श्री विनोद रावत के पत्र में उल्लेखित प्रधानमंत्री आवास के क्रियान्वयन की विसंगतियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुये जांच हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को लिखा था। (ड.) प्रश्नांश (ग) और (घ) में जांच में प्राप्त तथ्यों से अवगत कराने का कष्ट करें। क्या उल्लेखित जांच पूरी हो गई है? यदि नहीं तो कब तक होगी। (च) क्या जांच में किन्हीं अधिकारियों/नागरिकों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई यदि हाँ, तो नाम, पदनाम बतावें। यदि नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत किश्तों का भुगतान योजना के दिशा निर्देशानुसार होता है, नगरीय निकाय की स्वेच्छा पर नहीं। नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद् होशंगाबाद (नर्मदापुरम) में 736 हितग्राहियों को तीन से अधिक किश्तों में भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। इस संबंध में संचालनालय से जांच कराई गई, जिसमें इस प्रकार किश्तों के वितरण में अनियमितता पाई गई है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) संचालनालय स्तर से कराई गई जांच में उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 360 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि मुख्य न.पा. अधिकारी, होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 3379 दिनांक 05.01.2022 से कलेक्टर होशंगाबाद को जानकारी दी गयी कि प्रधानमंत्री आवास के 346 में से 260 हितग्राही पात्र पाये गये? (ख) क्या यह सच है कि न.पा. होशंगाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना में चार डी.पी.आर. में लगभग 1939 आवास स्वीकृत किए गए थे? जानकारी दें कि इनमें से कितने प्रकरण पट्टों पर, कितने स्वयं की भूमि पर और कितने अन्य दस्तावेजों और कितने बिना दस्तावेजों के स्वीकृत किए गए? नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) क्या शासन यह मानता है कि न.पा. होशंगाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लाखों की अनियमितताएं हुई है? यदि हाँ, तो क्रियान्वयन में अनियमितता की जवाबदेही किसकी रही, नाम सहित बतावें। (घ) आयुक्त/नगरीय प्रशासन/शासन के द्वारा भी जांच कराई गई थी यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 913 प्रकरण पट्टे पर, 564 स्वयं की भूमि पर, 100 अन्य दस्तावेजों एवं 195 प्रकरण बिना दस्तावेजों के स्वीकृत किये गये है। 129 प्रकरणों में परीक्षण किया जा रहा है व 38 समर्पित किये गये है। हितग्राही नाम सहित सूचियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) संचालनालय के द्वारा कराई गई जांच में प्रथम दृष्टया अनियमिततायें पाई गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
शहर विकास की कार्य योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 423 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के विकास एवं निर्माण कार्यों को कराने सम्बंधी क्या कार्य योजना बनाई है? इसमें शहर के विकास में किन कार्यों को प्राथमिकता दी है एवं इसके लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कितनी-कितनी राशि के कार्य कराना स्वीकृत व प्रस्तावित हैं। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों की क्या भूमिका निर्धारित की है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) पूर्व विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के तहत कितनी राशि के विकास एवं निर्माण कार्य कराना स्वीकृत व प्रस्तावित हैं? कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्यों को कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? इनकी गुणवत्ता की जांच कब-कब किसने की है? कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य अपूर्ण, निर्माणाधीन व अप्रारंभ हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत अप्रारंभ अपूर्व व निर्माणाधीन निर्माण कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि की निविदाएं कब स्वीकृत की गई है? किन-किन कार्यों से सम्बंधित निविदाएं आमंत्रित नहीं की हैं तथा किन-किन कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि की निविदाएं अस्वीकृत की गई हैं एवं क्यों? स्वीकृत अपूर्ण निर्माणाधीन एवं अप्रांरभ कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? सूची दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के विकास एवं निर्माण कार्य कराने हेतु स्मार्ट सिटी प्रपोजल (SCP) तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी प्रपोजल अंतर्गत एबीडी क्षेत्र एवं पेन सिटी क्षेत्र में विकास कार्य स्मार्ट सिटी गाईड लाईन के मापदण्ड अनुसार लिये गये है। एबीडी क्षेत्र में मुख्यतः अधोसंरचना संबंधी कार्य एवं पेन सिटी क्षेत्र में व्यवस्थित समाधान अंतर्गत प्रौद्योगिकी, यातायात प्रबंधन आदि एवं अन्य कार्य लिये गये है। विधान सभा क्षेत्रवार स्वीकृत व प्रस्तावित किये गये कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत शहर में सिटी लेवल एडवाईजरी फोरम (CLAF) का गठन किया गया है, जिसमें जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक सदस्य हैं। स्मार्ट सिटी अंतर्गत लिये जाने वाले कार्य के संबध में समय-समय पर CLAF से परामर्श लिया गया है एवं कार्यों के संबंध में अवगत कराया गया है। (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में स्वीकृत किये गये कार्यों, राशि की जानकारी, एजेंसी का विवरण आदि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। SCM ग्रांट अंतर्गत पूर्व विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं हैं। पूर्व विधान सभा क्षेत्र में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों की गुणवत्ता की जांच विभिन्न एजेंसी एवं सर्टीफाईड लैब से कराई गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की अवधि के अपूर्ण, निमार्णधीन, अप्रारंभ कार्यो,अवधि एवं लागत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर में योजना अंतर्गत स्वीकृत, अप्रारम्भ, निर्माणधीन, कार्यों की राशि एवं निविदा स्वीकृति/कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उल्लेखित समस्त कार्यों की निविदा आमंत्रित की गयी है एवं कोई भी कार्य की निविदा अस्वीकृत नहीं की गयी है। स्वीकृत निमार्णधीन एवं अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की दिनांक, अवधि व लागत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
बस्ती विकास योजना योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 424 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनान्तर्गत स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को आवंटित की हैं एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की हैं एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक जबलपुर जिले के लिये स्वीकृत कार्यों की राशि सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं? कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रांरभ हैं एवं क्यों? इन कार्यों की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? (ग) सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु कितनी राशि की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव कब भेजा गया? इसके लिये शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी है और कब कितनी राशि आवंटित की है? वर्तमान में निर्माणाधीन सामुदायिक भवन की स्थिति क्या है? इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में सामुदायिक भवन हेतु सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हुई थी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं। सिद्धबाबा लालमाटी (जबलपुर) में सामुदायिक भवन का निर्माण हेतु राशि रू. 167.02 लाख का प्राक्कलन अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. जबलपुर के पत्र क्र. 35 दिनांक 05.01.2021 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. भोपाल को प्रेषित किया गया। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रशासकीय विभाग से अपेक्षित है। वर्तमान में कार्य अप्रांरभ है एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होते ही निविदा कार्यवाही कर कार्य प्रांरभ कराया जावेगा। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
झाँसी रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 452 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) यदि निर्माण की समायावधि का समय पूर्ण हो गया है तो अभी तक निर्माण पूरा क्यों नहीं किया गया विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक? (घ) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंधानुसार दिनांक 21.06.2018 तक पूर्ण होना था। (ख) ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण, अनुबंध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 द्वारा विखण्डित किया गया, अनुबंध के प्रावधान अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 द्वारा अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल ग्वालियर द्वारा अनुबंध पुर्नजीवित किया गया। ठेकेदार द्वारा पुन: समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 द्वारा अनुबंध विखण्डित किया गया, तथा ठेकेदार के आवेदन एवं शपथ पत्र पर प्रस्तुत कार्य योजना को दृष्टिगत रखते हुऐ अनुबंध के प्रावधान अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार अनुबंध पुनर्जिवित किया गया, ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य नहीं किये जाने के कारण रूपये 13.06 लाख की राशि रोकी गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त कार्य 31 दिसम्बर 2022 तक पूर्ण होना लक्षित है।
नव-निर्मित सेतु को संपर्क मार्ग से जोड़े जाना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 492 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोल्हा में नव-निर्मित सेतु के संपर्क मार्ग का निर्माण 05 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी नहीं हो सका है? (ख) क्या सेतु संपर्क मार्ग का भूमि अधिग्रहण न हो पाने तथा मुआवजा राशि आवंटित न होने के कारण मार्ग निर्माण अवरुद्ध है? यदि हाँ, तो सेतु संपर्क मार्ग का अधिग्रहण एवं मुआवजा आवंटन कब तक किया जा सकेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ग्राम पंचायत कोल्हा पहुँच मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित नवनिर्मित सेतु के संपर्क मार्ग के एकरेखण में आने वाले पुल के पहुँच मार्ग में पड़ने वाली भूमि पर निजी स्वामित्व के भूस्वामियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्र.- 16248/2020 दायर की गई है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आगामी निर्णय होने तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। विभाग द्वारा दिनांक 27.10.2021 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय पश्चात ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( क्र. 494 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा की कितनी परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं? क्या सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में कार्यवाही प्रचलित की गई थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में इस संबंध में कितनी प्रगति हो सकी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कवायद विभाग के द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में विभाग के द्वारा क्या मापदण्ड तय किये जाते हैं? क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा स्वीकृत/पंजीकृत परियोजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम-क्योटी, तहसील सिरमौर, जिला-रीवा में सोलर पार्क/परियोजना हेतु 628.97 हेक्टेयर शासकीय भूमि चिन्हित की गई थी। इस भूमि के सीमांकन के समय वन विभाग द्वारा 439.26 हेक्टेयर भूमि पर वन भूमि का दावा किया गया था तथा उनके प्रक्षेत्र में सीमांकन हेतु मना किया था, इस प्रकार 189.701 हेक्टेयर भूमि ही शेष बची थी, जिसमें सोलर पार्क की स्थापना संभव नहीं थी। अत: शेष जानकरी निंरक है। निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएं परियोजनाओं की साध्यता सुनिश्चित होने पर ही परियोजनाओं की स्थापना करती है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखानुसार विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अतंर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के संबंध में कोई प्रस्ताव प्रक्रिया में नहीं है। (ग) पवन ऊर्जा संयंत्र स्थपना के संबंध में विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गई है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अतंर्गत निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी हाँ। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में निजी इकाइयो/सार्वजनिक क्षेत्र की सस्थाओं द्वारा परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर परियोजनाएं स्थापित की जा सकती है। सिरमौर विधानसभा सहित संपूर्ण प्रदेश में निजी इकाइयों/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिये पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिये विभाग द्वारा ''पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' लागू की गई है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 539 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भिण्ड नगरपालिका के अंतर्गत सर्वे कमांक 216 और 224 शासकीय भूमि है? क्या इस भूमि पर किसी तरह का अतिक्रमण करके बिल्डिंग बना ली गई है? क्या इस अवैध बिल्डिंग और भूमि के संबंध में उच्च न्यायालय खण्डपीठ द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या अतिक्रमण हटा दिया गया है और यदि नहीं तो क्या यह उच्च न्यायालय का अपमान नहीं है? अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना नहीं की गई है। नगरपालिका के संसाधनों के माध्यम से भवन में तोड़-फोड़ कर भवन को अनुपयोगी कर दिया है, शेष बचे ढ़ाचे को हटाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मिट्टी एवं मुरम पर रॉयल्टी का प्रावधान
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 555
) डॉ.
योगेश
पंडाग्रे : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग राज्य
मंत्रालय
भोपाल ने पत्र
क्रमांक 6041/16/191/यो. दिनांक 28/10/2016 को निर्माण
कार्यों में
लगने वाली
मिट्टी एवं
मुरम की
रॉयल्टी के
संबंध में
क्या-क्या निर्देश
किस-किस को
जारी किए? ये
निर्देश
राजपत्र में
किस दिनांक को
प्रकाशित कर
अधिसूचना के
तहत जारी किए
गए? (ख) राजपत्र
की अधिसूचना
दिनांक 6
सितम्बर 2013
एवं विभाग के
पत्र दिनांक 28/10/2016 में किस-किस
दिनांक को
क्या-क्या
संशोधन कर लोक
निर्माण
विभाग के
अंतर्गत
बैतूल जिले
में किए गए
किन-किन
निर्माण
कार्यों में
लगने वाली मिट्टी
एवं मुरम पर
किस दर से
रॉयल्टी
बाबत् क्या
प्रावधान किए
गए हैं? प्रति
सहित बतावें। (ग) मिट्टी
एवं मुरम की
रॉयल्टी के
संबंध में बैतूल, होशंगाबाद, हरदा
जिले में लोक
निर्माण
विभाग के
किस-किस इंजीनियर
को किस-किस के
द्वारा किस
दिनांक को
कारण बताओ
सूचना पत्र और
आरोप पत्र गत
तीन माह में
प्राप्त हुआ
है? (घ) सूचना
पत्र एवं आरोप
पत्र के संबंध
में शासन क्या
कार्यवाही और
कब तक करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 एवं
2
अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3 एवं
4
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) संबंधित
अधिकारियों
को जारी आरोप
पत्र पर नियमानुसार
अग्रिम
कार्यवाही की
जाएगी। वर्तमान
में समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
वसूली के नाम पर किसानों को विद्युत व्यवस्था से वंचित रखना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 575 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रबी सिंचाई वर्ष 2021-22 में विद्युत देयक राशि न जमा करने के कारण किसानों के विद्युत विच्छेद करने के नियम/आदेश हैं? यदि हाँ, तो, नियम/आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं तो अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ के द्वारा किसानों की बिजली क्यों काटी जा रही है? (ख) अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ के द्वारा वर्ष 2021-22 में पम्प एवं घरेलू विद्युत देयकों की वसूली के लक्ष्य के विरुद्ध कितनी राशि वसूल की गयीं है? माहवार, वितरण केन्द्रवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधीक्षण यंत्री मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिला राजगढ़ द्वारा लक्ष्य अनुरुप वसूली न करने एवं अन्य कारणों से कितने अधिकारियों/कर्मचारियों/ऑउटसोर्स कर्मचारियों को पद से हटाया/निलंबित किया गया है? उनके वितरण केन्द्रवार नाम एवं पदनाम की जानकारी से अवगत करावें। हटाये गये ऑउटसोर्स कर्मचारियों के विरूद्ध कितने कर्मचारी रखे गये हैं? उनके वितरण केन्द्रवार नाम एवं पद की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका-9.14, 9.15 एवं 9.16 एवं 9.17 में प्रावधानित नियम के तहत विद्युत संयोजन विच्छेदन की कार्यवाही जारी की जाती है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन/संधारण वृत्त राजगढ़ के द्वारा वर्ष 2021-22 (माह जनवरी, 2022 तक) में विद्युत देयकों की वसूली के लक्ष्य के विरूद्ध वसूल की गई राशि का वितरण केन्द्रवार एवं माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन कारणों से वर्ष 2021-22 में निलंबित किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही गई पदनाम सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। बाह्य सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने एवं अन्य कारणों से हटाए गए ऑउटसोर्स कार्मिकों एवं उनके विरूद्ध रखे गए कार्मिकों की पदनाम सहित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-2' एवं प्रपत्र-'स-3' अनुसार है।
नवीन रोडों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 635 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-19, 2019-20 में सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जिला मुरैना में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत नवीन रोडों की स्वीकृति हुई? यदि हाँ, तो स्वीकृति की जानकारी दी जावें। (ख) वर्तमान में उपरोक्त रोडों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या उपरोक्त रोडों की प्रगति धीमी होकर गुणवत्ता पूर्ण की नहीं है? (घ) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2022 तक पेच वर्कों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई एवं वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई एवं कितने मार्गों पर खर्च किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य गुणवत्ता पूर्ण सम्पन्न कराये गये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है।
निर्माण कार्यों हेतु आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 636 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2022 तक कितने निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि से निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं या अपूर्ण हैं? भौतिक स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2020 तक नगर पालिका परिषद् सबलगढ़ में 04 कार्यों हेतु राशि रू. 614.32 लाख एवं नगर परिषद् झुण्डपुरा में 05 कार्यों हेतु राशि रू. 346.60 लाख स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सालीवाड़ा मार्ग में हुई अनियमितताओं पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 677 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंटीनाका- सालीवाड़ा सड़क राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 12/ए तक 44 करोड़ की लागत से बनी क्रांकीट रोड के निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता मानकों में अनियमितताएं बरते जाने की शिकायत मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी विस्तृत जानकारी दें। (ग) क्या सड़क निर्माण में स्वीकृत मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं करने और आधे-अधूरे निर्माण कर छोड़ दिये जाने की शिकायतें मिली हैं? (घ) यदि हाँ, तो इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों और निर्माण एजेन्सी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। उक्त कार्य आई.आर.सी. के मानक मापदण्डों के अनुसार कराया गया है। जिसमें आज दिनांक तक गुणवत्ता मानकों में अनियमिताएं बरते जाने सम्बंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सड़क निर्माण स्वीकृत मानकों के अनुरूप किया गया है तथा पूरी लंबाई में निर्माण किया गया है। स्वीकृत मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं करने और आधे-अधूरे निर्माण कर छोड़ दिये जाने सम्बंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर से रिवेन्यू डिपार्टमेंट को शिफ्ट करना
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 680 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तमाम कर्मचारी संगठनों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद जबलपुर स्थित पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के रिवेन्यू एवं कमर्शियल डिपार्टमेंटल को जबलपुर से भोपाल शिफ्ट किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, इस हस्तानांतरण के कारणों को स्पष्ट करें। (ग) क्या यह भी बतायेंगे कि इन विभागों के हस्तानांतरण प्रक्रिया को करने से कुल कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे और शासन द्वारा कर्मचारियों के स्वास्थ्य एवं अन्य पारिवारिक कारणों की आपत्तियों का निराकरण कैसे किया जा रहा हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 716 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन नगर पालिका तथा नगर परिषदों में सी.एम.ओ. तथा उपयंत्री का पद कब से एवं क्यों रिक्त है? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) फरवरी 22 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगरपरिषदों में विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) अपूर्ण कार्य जिनमें अनुबंध अनुसार समयवाधि समाप्त हो गई है, अनुबंधकर्ता के विरूद्ध विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) किन-किन पूर्ण कार्यों का कार्य पालन यंत्री द्वारा अंतिम मूल्याकंन क्यों नहीं किया जा रहा है? कार्यवार कारण बतायें तथा विभाग के अधिकारियों ने अंतिम मूल्यांकन न करने वाले कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध क्या कार्यवाही की?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 717 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा तहसील बरेगी में ग्राम धोखेड़ा से कामतोन तक तथा तहसील उदयपुरा में विद्युत मण्डल कार्यालय से बम्होरी बासोदा मार्ग तक सड़क मरम्मत का कार्य क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग 12 बारना नदी से सिन्दूर नदी तक निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा सड़क पर जगह-जगह मिट्टी के ढ़ेर लगा देने तथा डायवर्सन के बोर्ड न लगाये जाने के कारण 01 जनवरी से फरवरी 2022 तक की अवधि में कितनी दुर्घटनाएं हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुए? विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) बारना नदी से सिन्दूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन कार्य करने के कारण सड़क किन-किन स्थानों पर खराब हो गई है तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कर रहे ठेकेदारों द्वारा अनुबंधानुसार बरेली ग्राम धोखेड़ा से कामतोन तथा तहसील उदयपुरा में विद्युत मंडल कार्यालय से बम्होरी-बसोदा मार्ग तक सड़क मरम्मत का कार्य किया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बारना नदी से सिंदूर नदी तक राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक किया गया है, कुछ स्थानों पर कांक्रीट में क्रेक्स आये थे, जिसका सुधार कार्य ठेकेदार द्वारा कर दिया गया है।
निर्माण कार्यों के प्राप्त प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 813 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण के किस श्रेणी के इंजीनियर को कितनी लागत तक के निर्माण कार्यों की ए.एस. देने, टी.एस. देने का अधिकार है? अन्य विभागों को अभिमत या सहमति या स्वीकृति या अनुमोदन देने का अधिकार है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) लोक निर्माण विभाग को बैतूल होशंगाबाद एवं छिंदवाड़ा जिले में गत तीन वर्षों में वन विभाग और उससे सम्बद्ध समितियों के पांच लाख से अधिक लागत के किस-किस कार्य के लिए किस दिनांक को अभिमत, स्वीकृति, अनुमति या अनुमोदन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ? उस पर किस दिनांक को किस श्रेणी के इंजीनियर ने अपना अभिमत, अनुमोदन, स्वीकृत या अनुमति प्रदान की? (ग) वन विभाग एवं उससे सम्बद्ध समितियों के पांच लाख से अधिक लागत के निर्माण कार्यों पर लोक निर्माण विभाग के संबंधित मुख्य अभियन्ता द्वारा अभिमत, अनुमति, सहमति या अनुमोदन नहीं देने का क्या-क्या कारण रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 23.05.2008 एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत ए.एस. एवं टी.एस. देने के अधिकार सम्बंधी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। छिंदवाड़ा जिले की जानकारी निरंक। (ग) मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
शासकीय भवनों को तोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 814 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के चिचोली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले कितनी लागत के किस-किस भवन को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2019-20 तक के किसके द्वारा तोड़ा गया? किस भवन को तोड़े जाने की अनुमति किस अधिकारी के द्वारा प्रदान की गई? प्रति सहित बतावें। (ख) भवन को तोड़े जाने के पूर्व लोक निर्माण विभाग के किस इंजीनियर के द्वारा और स्वास्थ्य विभाग के किस अधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण किया? स्थल निरीक्षण के समय भवन में कौन-कौन कर्मचारी, अधिकारी निवास कर रहा था? उनके लिए शासन ने निवास की कब और कहा क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है? (ग) सक्षम अधिकारी से भवनों को तोड़े जाने की विधिवत अनुमति प्राप्त किए बिना ही भवनों को तोड़कर शासकीय सम्पत्ति को हानि पहुंचाए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध विभाग ने कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की तो उसका कारण बतावें। कब तक क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जिला
बैतूल के
चिचोली
सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र
के अंतर्गत
लागत लगभग 15
लाख रूपये 06
बिस्तरीय
चिकित्सालय
एवं लगभग 10
लाख रूपये के 02
नग के 'जी' टाईप
आवसीय भवनों
को नगरपरिषद्
चिचोली द्वारा
तोडा गया।
प्रश्नाधीन
भवनों को
तोड़ने की
अनुमति मुख्य
नगर पालिका
नगर परिषद्
चिचोली,
जिला-बैतूल
द्वारा दी गई
थी। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) न्यायालय
कलेक्टर, जिला
बैतूल के आदेश
क्रमांक 38/अ-19 (3)/2015-16/9281, बैतूल
दिनांक 19.09.2016
से खसरा
क्रमांक 286
रकबा 0.821 हेक्टेयर
में से बस स्टैण्ड
निर्माण हेतु
रकबा 0.160 हेक्टेयर
भूमि नगरीय
विकास एवं
आवास विभाग को
आवंटित की गई
थी। भूमि
आवंटन उपरांत
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी
द्वारा प्रस्तावित
बस स्टैण्ड
की भूमि पर स्वास्थ्य
विभाग के
जीर्ण-शीर्ण
भवनों को
निर्माण कार्य
से पूर्व
हटाया जाकर
ले-आऊट देने
हेतु उपयंत्री
को आदेश नगर
पालिका
अधिनियम, 1961 की
धारा-306 (ख) के
द्वारा ''धारा
221 के अधीन
परिषद् की
समस्त
शक्तियों का
प्रयोग तथा
कृत्यों को
निर्वहन करने
हेतु मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी को
अधिकृत किया
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "सोलह"
नगरीय निकायों द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 841 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन पन्ना और कटनी जिले के किन-किन नगरीय निकायों के माध्यम से किया गया एवं कराया जा रहा है? योजना के क्रियान्वयन के क्या लक्ष्य निर्धारित थे? वर्षवार, निकायवार कितने लक्ष्यों की पूर्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में प्रचलित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कौन-कौन कब से कब तक प्रभारी रहें और क्या योजनाओं के प्रभारियों को बदला गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना नेशनल अर्बन लाइवहुड़ मिश्न (NULM) के तहत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किए गये और क्या योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की शासन/विभाग/निकाय को विगत 03 वर्षों में जानकारी एवं शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो, ज्ञात जानकारी और प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार एवं निकायवार बताइये। (घ) क्या प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बीएलसी योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की शासन/विभाग/निकाय को विगत 03 वर्षों में जानकारी एवं शिकायतें को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो ज्ञात जानकारी और प्राप्त शिकयतों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार एवं निकायवार बताइये। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में निकायों द्वारा क्रियान्वित योजनाओं में अनियमितताओं की विभाग/शासन स्तर से संज्ञान लिया जाकर कोई कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पन्ना और कटनी जिले के नगरीय निकायों में विगत 03 वर्षों से क्रियांवित योजनाओ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ड.) शासन एवं विभाग स्तर पर योजनाओं में कोई प्रकरण दर्ज नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवई विधान सभा अंतर्गत विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 842
) श्री
प्रह्लाद
लोधी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पवई
विधान सभा
अंतर्गत
विभाग की
कौन-कौन सी सड़कें
कहां से कहां
तक निर्मित
हैं, इन
सड़कों का
विगत समय कब
निर्माण किया
गया और सड़कों
की मरम्मत की
गयी? इन
सड़कों की
वर्तमान में
क्या स्थिति
हैं? कौन-कौन
सी सड़कें
मोटरेबिल हैं
और कौन सी नहीं? (ख) पवई
विधान सभा
अंतर्गत
कौन-कौन सी
विभागीय सड़कों
का निर्माण, मरम्मत
किया जाना स्वीकृत
है और विगत 03
वर्षों में
किन-किन
सड़कों का
कितनी-कितनी
लागत से
निर्माण एवं
मरम्मत का
कार्य किस-किस
शासकीय सेवक
के प्रभार में
किस ठेकेदार
कंपनी द्वारा
कब-कब किया
गया? सड़कों
के
परफार्मेंस
गारंटी की
अवधि क्या
हैं? निर्मित/मरम्मत
की गयी सड़कों
की वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराये। (ग) प्रश्नांश
(क) विभाग
द्वारा नवीन
सड़कों के
निर्माण एवं
क्षतिग्रस्त
सड़कों के
नवनिर्माण और
मरम्मत के
लिए विगत 03
वर्षों में क्या
कोई प्रस्ताव/प्राक्कलन
तैयार कर
विभाग एवं
शासन को
प्रेषित किए गये? यदि
हाँ, तो क्या
प्रस्ताव
किस सक्षम
प्राधिकारी
को कब-कब
प्रेषित किए
गये? प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गयी, कौन-कौन
से प्रस्ताव
स्वीकृत
हुये, कौन से
प्रस्ताव
किन कारणों से
स्वीकृत
नहीं हो सके? प्रस्ताववार
बताइये। (घ) पवई
विधानसभा
अंतर्गत
विभाग द्वारा
विगत 04 वर्षों
में किन-किन
भवनों का
कितनी-कितनी
लागत से कब-कब
एवं कहां-कहां
निर्माण
कराया गया? भवनों
का निर्माण
किस-किस
शासकीय सेवक के
प्रभार में
किस ठेकेदार
कंपनी द्वारा
कब-कब किया
गया? भवनों
की वर्तमान
स्थिति एवं
उपयोगिता से
अवगत कराइए और
बताइये कि इन
भवनों में
वाटर हार्वेस्टिंग
इकाई भी
निर्मित की
गयी? यदि हाँ,
तो किन-किन
भवनों में? यदि
नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश
(क) से (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में पवई विधान
सभा अंतर्गत
बड़ी संख्या
में
क्षतिग्रस्त
सड़कों का
परीक्षण कर
प्रस्ताव
तैयार करने
एवं सड़कों के
नवनिर्माण और
मरम्मत के
निर्देश
शासन/विभाग स्तर
से किए
जायेंगे? यदि
हाँ, तो किस
प्रकार एवं कब
तक? यदि नहीं
तो क्यों?
लोक
निर्माण मंत्री
( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
'अ-1'
अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-1' एवं ब
अनुसार है। (ग) जी
हाँ।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब-1' एवं स
अनुसार है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। (ड.) जी
हाँ। वित्तीय
संसाधन की
उपलब्धता
अनुसार
समय-समय पर
निर्देश जारी
किये जाते है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 914 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1 दिनांक 12/8/2021 के बिंदु (ख) अंतर्गत कहा गया है कि विभाग अंतर्गत मार्ग पर क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहे हैं जिसके कारण विभाग की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं? इस संबंध में विभाग द्वारा कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? (ख) क्या संबंधित ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का मरम्मत कार्य कर दिया गया है और यदि नहीं तो कब तक कर दिया जाएगा? (ग) उक्त प्रश्न के भाग (घ) अंतर्गत कहां गया कि विभाग की सड़कों पर अधिक क्षमता वाले वाहन चलाने की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है, इस संबंध में नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) बताएं कि क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत करने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या प्रयास किए गए हैं और 8 लेन निर्माता कंपनी द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? की गई संपूर्ण कार्यवाही से अवगत कराएं। (ड.) क्या विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के मरम्मत हेतु कार्य किया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, हाँ। विभाग द्वारा कदम उठाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश 'घ' के उत्तर में लेखित है। (ग) जी हाँ, अतः नियमावली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर अनुसार। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
अधिक बिजली बिल की शिकायतें
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 919 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में माह अप्रैल 2020 से माह जनवरी 2022 तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? माहवार वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश ''क' अवधि तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के घरेलू बिलों की प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कितने उपभोक्ताओं को त्रुटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये? माहवार वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग पिछले कई सालों से जानबूझकर अधिक मांग के गलत बिल देता है तथा जो शिकायतकर्ता हैं उनकी राशि कम कर देता है तथा शेष उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूल रहा है? यदि नहीं तो बतावें की निरंतर प्रतिमाह अधिक मांग के गलत बिल कम्प्यूटर पर कैसे बन रहे हैं? गलत बिल न आये उसके लिये क्या विभागीय कदम उठाये गये है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में निम्नदाब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित कुल 3742 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उक्त में से 2791 शिकायतों का नियमानुसार निराकरण कर दिया गया है एवं 951 शिकायतें सही नहीं पाई गई। उक्त प्राप्त, निराकृत एवं सही नहीं पाई गई शिकायतों की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में निम्नदाब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित प्राप्त 3742 शिकायतों में से 2791 शिकायतें सही पाई गई एवं उक्त सही पाई गई सभी शिकायतों का नियमानुसार निराकरण कर इन सभी 2791 उपभोक्ताओं को उनके बिलों में त्रुटि सुधार कर मासिक बिल जारी कर दिए गए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण मीटर रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सही विद्युत बिल जारी किये जाने हेतु वितरण केन्द्र प्रभारियों को बिलिंग सेंटर में डाटा प्रेषित करने के पूर्व सूक्ष्मतापूर्वक जांच करने के एवं उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग लेने/दर्ज करने में और अधिक सावधानी बरतने के सख्त निर्देश मीटर वाचकों को दिये गये हैं।
सिहोरा मास्टर प्लान के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 964 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सिहोरा की दिनो दिन बढ़ती आबादी की मूलभूत सुविधाओं एवं नगर के विकास को दृष्टिगत रखते हुए मास्टर प्लान का क्या स्वरूप तैयार किया गया है? इसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित मास्टर प्लान को चरण बद्ध तरीके से कब तक लागू कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सिहोरा विकास योजना, 2011 तैयार की गई है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिहोरा विकास योजना 2011 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 28.01.2005 से प्रभावशील है।
सामुदायिक भवन का कार्य पूर्ण कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 965 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका के आधीन जनता की मांग पर बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन नया बस स्टैण्ड सिहोरा में कब स्वीकृत किया गया? स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण किस एजेन्सी के द्वारा कराया गया? कब तक यह कार्य पूर्ण किया जाना था? अभी तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया? कब तक पूर्ण कराकर जनता के लिये उपलब्ध करा दिया जावेगा? अगर किसी व्यक्ति/संस्था द्वारा निर्माण के अंतिम चरण में कोई रोक लगाई गई है तो विभाग द्वारा इसका निराकरण क्यों नहीं किया गया? कब तक निराकरण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिहोरा नगर पालिका में बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन नया बस स्टैण्ड पर संचालनालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 6514 दिनांक 02/05/2008 से विशेष निधि से स्वीकृत किया गया जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक 64 दिनांक 19/01/2009 द्वारा प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अंतर्गत सामुदायिक भवन निर्माण कार्य मैसर्स भाग्य श्री बिल्डर्स सिहोरा द्वारा कराया जा रहा है। अनुबंध एवं कार्यादेश अनुसार भवन निर्माण दिनांक 03/10/2010 तक पूर्ण किया जाना था। निर्माणधीन सामुदायिक भवन की भूमि का स्वामित्व भारत सरकार रक्षा मंत्रालय का होने व रोक लगाये जाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय सम्पदा अधिकारी जबलपुर मंडल जबलपुर छावनी में प्रकरण क्र.जेएबी/पीपीई एक्ट/ख.नं.480/1/ सिहोरा विचाराधीन है निकाय स्तर पर निराकरण हेतु यथोचित कार्यवाही की जा रही है। न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों पर व्यय राशि
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 970 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? इनमें से कितने कार्य किस दिनांक को कितनी लागत से पूर्ण हुये? पूर्णता प्रमाणपत्र किसके द्वारा कब प्रदान किया गया? सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कितना व्यय मजदूरी भुगतान एवं कितना सामग्री भुगतान में किस प्रकार से किया गया? (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मार्गों का निर्माण कार्य वन विभाग की अनुमति प्राप्त न होने/लम्बित होने के कारण नहीं हो पा रहा है? प्रकरणवार कारण सहित सूची देवें। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित लोक महत्व के अति महत्वपूर्ण इन निर्माण कार्यों के निर्माण हेतु अनापत्ति प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) कोई कार्य नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के अनुसार आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र विभाग द्वारा प्रदाय नहीं की जाती। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1016 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कितने व्यक्ति स्थायी रूप से निवास करते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, इनमें से कितने व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं? उनके नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, इनमें से कितने व्यक्तियों को प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं इनमें से कितने व्यक्तियों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये एवं कहां पर? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, प्रधानमंत्री आवास के लाभ से शेष व्यक्तियों को कब तक प्रधानमंत्री आवास एवं आवासीय पट्टे प्रदान किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी निरंक है।
राजनगर विधानसभा में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1018 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2020 से जनवरी 2022 तक कौन-कौन सी सड़कें डामरीकरण, चौड़ीकरण, मजबूतीकरण के कार्य हेतु बजट एवं कार्ययोजना में शामिल की गई हैं? (ख) जिन सड़कों का कार्य प्रगति पर है वह कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? सड़कों के नाम बतावें। (ग) क्या म.प्र. रोड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बनाई जा रही राजनगर से विक्रमपुर रोड एवं राजनगर से बछौन रोड का कार्य गुणवत्ताविहीन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपयंत्रियों के संशोधित वेतनमान
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1046 ) श्री निलय विनोद डागा [ डॉ. योगेश पंडाग्रे ] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन वित्त विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल, द्वारा दिनांक 07.06.2018 को जारी आदेश में उपयंत्रियों के संशोधित किए गए वेतनमान और एरियर्स का भुगतान लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया है? (ख) उपयंत्रियों को वर्तमान में किस वेतनमान से भुगतान किया जा रहा है? वित्त विभाग ने दिनांक 07.06.2018 को किस दर से उपयंत्रियों के लिए वेतनमान निर्धारित किया गया? दोनों वेतनमानों में कितना अंतर है? (ग) वित्त विभाग द्वारा दिनांक 07.06.2018 को जारी आदेश के अनुसार उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान का भुगतान किए जाने के संबंध में विभाग ने किस स्तर पर किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है? किन कारणों से संशोधित वेतनमान और एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया? (घ) आदेश दिनांक 7/6/2018 का पालन कर कब तक उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान एवं एरियर्स का भुगतान कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 07.06.2018 द्वारा उपयंत्रियों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती करने की शर्त पर लोक सेवा आयोग से नियुक्त उपयंत्रियों का वेतन उन्नयन किया गया है। आज दिनांक तक किसी भी उपयंत्रियों की लोक सेवा आयोग से भर्ती नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वेतनमान रूपये 9300-34800+3200 है। संशोधित वेतनमान 9300-34800+3600। अन्तर ग्रेड वेतन में रूपये 400/- (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1126 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक इंदौर 01 अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम, जोनल अधिकारी, नगर निगम उद्यान अधिकारी को कितने पत्र विभिन्न कार्यों से संबंधित प्रेषित किये गये? वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयुक्त नगर पालिक निगम एवं जोनल अधिकारियों द्वारा कितने पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने कार्यों को मंजूरी दी गई, कितने कार्यों की मंजूरी दी जाना शेष है? कार्य शेष रहने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने कार्य मंजूरी के उपरांत भी विलंबित हैं? शेष कार्यों को कब तक मंजूरी दी जाकर कार्य पूर्ण कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ एवं ब अनुसार है।
स्वच्छता मित्रों को प्रोत्साहन राशि एवं नियुक्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 1127 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व तारांकित प्रश्न क्रमांक 11 क्र.53 दिनांक 23 दिसम्बर 2021 के संबंधित इन्दौर शहर द्वारा स्वच्छता में पांचवी बार भी प्रथम आने पर क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सफाई मित्रों, संरक्षकों को 10-10 हजार रूपये देने की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हाँ या नही? यदि हाँ, तो क्या राशि वितरित की जा चुकी है? यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि किन-किन कर्मचारियों को वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नगर पालिक निगम इन्दौर में 85 वार्डों को शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इन अतिरिक्त वार्डों में सफाई मित्रों को जनसंख्या, क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुये निकाय स्तर पर नये कर्मचारियों की नियुक्तियां की जायेगी? हाँ तो कब तक व कितने कर्मचारियों को नियुक्त किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में न.पा.नि. इंदौर में पिछले 15 वर्षों में सफाई मित्रों के कितने पद रिक्त हुये है? कितने रिक्त पदों के विरूद्ध नियुक्तियां की गई? कितने स्वच्छता मित्रों की मृत्यु उपरांत अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण लंबित है? सूची सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। राशि वितरित की जा चुकी है। कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। वार्डों में सफाई व्यवस्था निरंतर मानक स्तर की संचालित होने के कारण नई नियुक्ति प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर निगम इन्दौर में पिछले 15 वर्षों में सफाई मित्रों के 916 पद रिक्त हुए है। रिक्त पदों के विरूद्ध 159 अनुकम्पा नियुक्तियां की गई। स्वच्छता मित्रों की सेवाकाल में मृत्यु उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति के प्रचलित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
पुल निर्माण में देरी और गुणवत्ताहीन कार्य
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 1129 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पाट में निर्माणाधीन पुल, लसुल्डिया बेचर में तालाब पर बनाए जाने वाला पुल और ग्राम रूपाखेड़ी की पुलिया निर्माण में विलंब होने के क्या कारण हैं? निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा कब कब की गयी? इस संबंध में स्वीकृति वर्ष दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की प्रमाणित मॉनिटरिंग रिपोर्ट एवं निर्माण कार्य में विलंब के संबंध में प्रमाणित अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ख) उक्त्त तीनों निर्माण कार्यों की लागत कितनी है? कौन-कौन ठेकेदार उक्त कार्यों के लिए अनुबंधित है? निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के संबंध में कौन-कौन सी शर्तों के आधार पर मापदंड बनाए गए हैं? प्रत्येक बिन्दु पर सप्रमाण दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें साथ ही अनुबंध, मापदंड और निर्माण कार्यों की स्थिति की इंजीनियर द्वारा तैयार रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) उपरोक्त तीनों निर्माण कार्यों की पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? अनुबंधित ठेकेदार पर यदि विलंब हुआ है तो विभाग ने क्या कार्यवाही की? कितनी राशि अनुबंधित ठेकदार को दी जा चुकी है? कितनी राशि का उपयोग हो चुका है? कितनी राशि शेष बची है? इसका भुगतान कब कब किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? भुगतान देने से पूर्व किन आधारों पर भुगतान स्वीकृत किया है? पूर्ण ब्योरा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एन.डी.बी. योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पाट में निर्माणाधीन पुल, लसूड़िया बेचर में तालाब पर बनाये जाने वाले पुल और ग्राम रूपाखेड़ी की पुलिया में निर्माणाधीन पुल की प्रगति में विलम्ब के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। गुणवत्ता की जांच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। टेस्ट रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य की लागत, ठेकेदार का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अनुबंध के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं मापदण्ड की टेस्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मंदिर के सार्वजनिक रास्ते से कब्जा हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1216 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर कस्बे पर भगवान श्री नरसिंह का अतिप्राचीन मंदिर जो कि धर्मस्व विभाग बड़नगर की सूची के क्रमांक 275 पर दर्ज है एवं नगर पालिका बड़नगर के रिकार्ड में 153/2 नरसिंह मंदिर खाकचैक व्यवस्थापक कलेक्टर के नाम से दर्ज है, उक्त मंदिर कौन-कौन से सर्वे नंबर पर दर्ज है एवं उस मंदिर में जाने हेतु सार्वजनिक रास्ता कौन-कौन से सर्वे नंबर में दर्ज है। संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नरसिंह मंदिर में श्रृद्धालुओं के जाने हेतु सार्वजनिक रास्ते पर कौन काबिज है? नगर पालिक बड़नगर द्वारा उक्त सार्वजनिक मार्ग को बंद करने वाले के ऊपर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नरसिंह मंदिर में श्रृद्धालुओं के आवागमन हेतु सार्वजनिक रास्ते को नगर पालिक बड़नगर द्वारा कब तक अवैध कब्जा हटाकर खुला आम रास्ता कर दिया जावेगा? (घ) नयापुरा से बड़नगर बाईपास (परम्परागत मार्ग) को किसके द्वारा गेट लगाकर अवरूद्ध किया गया है? प्रशासन द्वारा उक्त मार्ग कब तक खुलवा लिया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु यह मंदिर धर्मस्व विभाग की सूची में क्रमांक 254 पर दर्ज है। जी हाँ, संपत्तिकर में दर्ज है। नरसिंह मंदिर, सर्वे क्र. 2460/1/1 पर स्थित होकर भूमि राजस्व रिकार्ड में श्री संजय शर्मा पिता श्री शांतिलाल शर्मा के नाम दर्ज है, किंतु शासकीय रिकार्ड में मंदिर आवागमन के रास्ते का उल्लेख नहीं है। मंदिर का रास्ता निजी भूमि सर्वे क्र. 2456 में से जाता है। (ख) मंदिर सार्वजनिक भूमि पर न होकर श्री संजय शर्मा पिता श्री शांतिलाल शर्मा के नाम दर्ज निजी भूमि पर है। निकाय द्वारा मंदिर जाने के रास्ते को सार्वजनिक उपयोग हेतु खुलवाने के प्रयास किये गये है। (ग) भूमि स्वामी श्री संजय शर्मा एवं अन्य द्वारा मान. न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 बड़नगर में वाद प्रस्तुत किया गया है। मान. न्यायालय द्वारा आदेश क्र. 01ए/2020 दिनांक 05.02.2021 से, प्रकरण में अंतिम निराकरण तक क्षतिग्रस्त नहीं करें और न ही हटाये जाने का आदेश किया गया है। मान. न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1217 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 2459 जो कि करोड़ों की कीमती जमीन है, क्या उक्त जमीन पर प्रशासन की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो उक्त भूमि पर योजना कब तक प्रस्तावित की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रशासन द्वारा उक्त भूमि पर फेंसिंग कर कब्जा प्राप्त किया गया था एवं कब्जा बोर्ड लगाया गया था? उक्त कार्यवाही कब की गई थी? (ग) उक्त भूमि पर वर्तमान में किसके द्वारा अतिक्रमण कर पार्किग का संचालन किया जा रहा है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त भूमि पर प्रशासन काबिज होकर अपना आधिपत्य कायम करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बड़नगर कस्बे की सर्वे क्र. 2459 की भूमि पर कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। नबंवर-दिसंबर 2019 के मध्य कार्यवाही की गई थी। (ग) जी नही, अपितु भूमि से संलग्न सड़क की कैरेज-वे के बाद की रिक्त भूमि पर, समीप स्थित मैरिज गार्डन के वाहन, अस्थाई रूप से खड़े होते हैं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्नातकोत्तर एवं स्नातक विज्ञान की कक्षाओं के संचालन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
49. ( क्र. 1231 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालय राजनगर एवं लवकुशनगर की स्थापना किस वर्ष हुई? इन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं के प्रारम्भ एवं विज्ञान विषयों की कक्षाओं के प्रारम्भ कराने के लिये जनप्रतिनिधियों, छात्र संगठनों एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा कब-कब शासन को मांग पत्र प्रेषित किये है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत दिये गये मांग पत्रों पर शासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही हुई है एवं वर्तमान में किस स्तर पर प्रकरण लंबित है। लंबित होने के कारण स्पष्ट देवें? (ग) क्या शासन एवं विभाग स्तर पर दोनों महाविद्यालयों को स्नात्तकोत्तर स्तर की कक्षाएं प्रारम्भ कराने एवं विज्ञान विषयों की कक्षाएं प्रारम्भ कराने में लापरवाही एवं गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करने के कारण आज दिनांक तक लंबित है? यदि नहीं तो आगामी शिक्षण सत्र में दोनों महाविद्यालयों में स्नात्तकोत्तर स्तर एवं विज्ञान की कक्षाओं की स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी? (घ) क्या दोनों महाविद्यालयों में प्राचार्यों, व्याख्याता एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थापना स्वीकृति अनुसार आगामी शिक्षण सत्र में कर दी जावेगी? वर्तमान में रिक्त पदों की पदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, राजनगर वर्ष 2014 से तथा शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर वर्ष 1983 से संचालित हैं। इन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय तथा स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु जन प्रतिनिधियों व छात्र संगठनों से प्राप्त मांग पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्ववित्तीय आधार पर विज्ञान संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र विषयों में कक्षाएं संचालित हैं। शासकीय महाविद्यालय, राजनगर तथा शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय तथा स्नातकोत्तर में नवीन विषय प्रारंभ किए जाने हेतु विभागीय मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्ववित्तीय आधार पर विज्ञान संकाय व स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र विषयों में कक्षाएं संचालित हैं। दोनों महाविद्यालयों में शासनाधीन पाठ्यक्रमों के रूप में स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय तथा स्नातकोत्तर में नवीन विषय प्रारंभ किए जाने हेतु विभागीय मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सिंचाई हेतु नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1264 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र वि.वि.कंपनी में किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करने हेतु नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने के लिए वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक तेंदूखेडा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गए हैं? किसानों के नाम‚ पता‚ एवं प्रत्येक किसान के लिए शासन द्वारा व्यय राशि की जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कृषक उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिये विद्युत लाईन विस्तार कर विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु शासन की कोई भी अनुदान योजना प्रभावी नहीं है तथापि कृषक चाहे तो कृषि पम्प कनेक्शन प्राप्त करने के लिये ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' के तहत यह कार्य करा सकते है। साथ ही यह कार्य आवेदक, वितरण कंपनी को 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि का भुगतान कर स्वयं के व्यय से ''अ'' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से अथवा 100 प्रतिशत राशि वितरण कंपनी में जमा कर वितरण कंपनी से यह कार्य करा सकते है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि हेतु तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषि कार्य हेतु जमा योजना अंतर्गत 21 पंप कनेक्शनों हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है। जिनसे संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बंद किए गए पाठ्यक्रमों को पुन: प्रारम्भ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1278 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में परास्नातक के कितने पाठ्यक्रमों को वर्ष 2020 से अब तक बंद किया गया है? विभागवार, पाठ्यक्रमवार विवरण दें। साथ ही इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का कारण भी बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के पाठ्क्रमों को बंद करने के मापदण्ड क्या अपनाये गए और किस प्रक्रिया व नियम के तहत ये पाठ्यक्रम बंद किए गए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मनमानी व छात्रहितों की अनदेखी करते हुए इन पाठ्यक्रमों को बंद किया गया जिससे आसपास के गांवों व इन विषयों में रूचि लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है व दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी व कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) के पाठ्यक्रमों को पुन: प्रारम्भ करने की दिशा में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्वविद्यालय में वर्ष 2020 से अब तक कोई भी परास्नातक पाठ्यक्रम बंद नहीं किया गया, अपितु सत्र 2021-22 में 05 पाठ्यक्रम स्थागित किए गए हैं, जो क्रमश: (1) एम.एससी (आई.सी.) -फिजिकल साईंस विभाग, (2) एम.एससी (बायोटेक)-बायोलॉजिकल साईंस विभाग, (3) एम.एससी (आई.टी.) -फिजिकल साईंस विभाग, (4) एम.एससी (सी.एस.) -फिजिकल साईंस विभाग एवं (5) एम.ए. (मानव चेतना एवं योग विज्ञान) -मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग हैं। शिक्षकों की कमी के कारण पाठ्यक्रम स्थगित किए गए हैं। (ख) सत्र 2021-22 की अकादमिक गतिविधियां विश्वविद्यालयीन विद्या परिषद् की स्थायी समिति दिनांक 27.07.2021 व विद्या परिषद् की 50वीं बैठक दिनांक 12.11.2021 के बिन्दु क्र. 50.02 से पारित व प्रबंध मंडल के सक्षम अनुमोदनोपरांत पाठ्यक्रम स्थगित किए गये हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
पिण्डरा बरौधा मार्ग के निर्माण में विलम्ब
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1279 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख सड़क पिण्डरा बरौधा जर्जर हालत में है, आए दिन दुर्घटनाओं में जनता को जान माल का नुकसान हो रहा है, धूल के गुबार में खेती खराब हो रही है परन्तु बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी टेंडर होने के 2 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कार्य क्या नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसकी जिम्मेदारी बनती है, उसके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं की जाएगी तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह चित्रकूट के प्रति राज्य शासन का सौतेला और उदासीन रवैया नहीं माना जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, सड़क मोटरेबल है। संविदाकार द्वारा विलंब किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ''क'' में संविदाकार की जिम्मेदारी है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय का संचालन
[आयुष]
53. ( क्र. 1280 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट में स्वीकृत 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय की स्थापना में हो रहे विलम्ब के क्या कारण हैं इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के चिकित्सालय में हो रहे विलम्ब को दूर करने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा भी बतायें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित करने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण कोई नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रश्नांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले के मार्गों की निविदाओं में आर्थिक अनियमितता
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1302 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र जिला मुरैना की घुमारामपुरा (ए.वी. रोड) से बाबा देवपुरी मंदिर, में थाना से गडौरा मार्ग, मानपुर से जैतपुर मार्ग वर्ष नवम्बर 2019 में स्वीकृत किये गये थे? उक्त मार्गों की स्वीकृत राशि सहित दूरी की जानकारी मार्गवार दी जावे। (ख) क्या उक्त समय अवधि में अन्य विधानसभाओं में जो मार्ग स्वीकृत हुऐ हैं उनकी निविदा दरों में भारी अन्तर किन कारणों से है? सुमावली विधानसभा की दर 1.05 प्रतिशत बिलों तथा अन्य विधानसभा या अन्य स्थानों की दर 20 प्रतिशत या 25 प्रतिशत बिलों के क्या कारण रहे जबकि मटेरियल लाने की दूरी समान है? कारणों सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त अनियमिताओं की शिकायत विभाग में की गई थी? शिकायतकर्ता के नाम दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या सुमावली विधानसभा के ऊपर वर्जित मार्गों के विभाग को सिंगल टेण्डर प्राप्त हुऐ थे, नियमानुसार प्रथम बार सिंगल टेण्डर स्वीकृत होने का प्रावधान नहीं है, इन मार्गों के टेण्डरों में नियमों की अनदेखी के क्या कारण रहे? क्या शासन नियम विरूद्ध किये कार्यों की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निविदाओं में अंतर का मुख्य कारण क्षेत्र में मटेरियल की उपलब्धता न होना। सड़कों की आपस में काफी दूरी का अन्तर होना, प्रस्तावित मार्ग रिवाइन्स क्षेत्र एवं वन क्षेत्र में प्रस्तावित होने से वन अधिकार नियमों के अनुसार कार्य दिन में करने की बाद्यता एवं स्थानीय क्षेत्रीय अन्य कारणों होना आदि। अन्य विधानसभाओं में स्वीकृत की गई निविदाओं में मार्गों की परस्पर दूरी तथा सुमावली विधानसभा में मटेरियल लाने की दूरी समान नहीं है और न ही भौगोलिक स्थिति में समानता है। (ग) जी नहीं। अपितु माननीय लोकायुक्त कार्यालय के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जी नहीं। तीन निविदाएं प्राप्त हुए थी, विभाग में शासन के आदेश दिनांक 28.01.2013 के अनुसार प्रथम बार सिंगल निविदा प्राप्त होने पर भी पर्याप्त प्रचार प्रसार के उपरान्त एकल निविदा को भी खोला जाये एवं निर्णय हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा विचारार्थ लिया जाये। तीन निविदा प्राप्त हुई जिसमें से दो निविदाकारों द्वारा मूल ई.एम.डी. मुख्य अभियंता कार्यालय में जमा न करने के कारण उन्हें डी-क्वालीफाईड किया गया। अत: मार्गों के निविदाओं में नियमों की अनदेखी करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अविद्युतीकृत मजरे-टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 1327 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अन्तर्गत विकासखण्ड बासोदा एवं ग्यारसपुर में शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है? यदि नहीं तो ऐसे कौन-कौन से ग्राम चिन्हित मजरा एवं टोला है जहां अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) क्या मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम के उक्त चिन्हित मजरा एवं टोला में विद्युतीकरण किया जावेगा? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ग) क्या विदिशा वृत्त अन्तर्गत विभिन्न ग्रामों में स्थापित सिंचाई एवं घरेलू ट्रांसफार्मर जिनकी निर्धारित क्षमता से ज्यादा विद्युत भार बढ़ गया है उनकी क्षमता बढ़ाने के लिये भी किसी योजना पर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौभाग्य योजनांतर्गत विदिशा जिले के विकासखंड ग्यारसपुर एवं गंजबासौदा में योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रामों/मजरों/टोलों के चिन्हित समस्त अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में पूर्ण किया जा चुका है। विकासखण्ड ग्यारसपुर एवं गंजबासौदा में किये गये सर्वे अनुसार, सौभाग्य योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद उक्त विकासखण्डों में क्रमश: 66 एवं 43 नवीन बसाहटें पाई गई हैं, जो कि विद्युतीकरण हेतु शेष है। (ख) वर्तमान में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उक्त योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जावेगा। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में समय-समय पर वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने पर परीक्षण उपरांत अतिरिक्त ट्रांसफार्मर/ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रकिया है। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र दिनांक 11.02.2022 के अनुसार अतिभारित ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु उक्त ट्रांसफार्मर से संबद्ध समस्त उपभोक्ताओं द्वारा कुल बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने पर अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा संपूर्ण विद्युत देयक जमा होने पर अतिभारित ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य स्वीकृत किए जावेंगे।
स्मार्ट सिटी सेल द्वारा गुणवत्ता विहीन कार्य कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1338 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों की स्थिति में भोपाल नगर निगम की स्मार्ट सिटी सेल द्वारा बाहरी विद्युतीकरण के कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से सम्पन्न किए गए? सूची सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की गुणवत्ता सही नहीं होने जैसी अन्य प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर जनहित को दृष्टिगत रखते हुए उक्त कार्यों की व्यापक/निष्पक्ष जांच अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कराएगें? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विगत पांच वर्षों की स्थिति में भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पो. लि. द्वारा कराये गये बाहरी विद्युतीकरण के कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैर अनुभवी अधिकारियों से कार्य कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 1339 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल नगर निगम की स्मार्ट सिटी सेल द्वारा 132 33 के.व्ही. 50 एम.व्ही.ए. जी.आई.एस. सब स्टेशन 33 के.व्ही. फीडर 33 के.व्ही. स्वीचिंग स्टेशन एवं 33 के.व्ही. डिस्ट्रीब्युशन सब स्टेशन और पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के कार्य राशि 139.70 करोड़ रूपये से किए जाने की निविदा क्रमांक 231 दिनांक 28 जनवरी, 2022 को आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो इतनी राशि के कार्य किस स्तर के अधिकारी के संयोजन में किए जाने का प्रावधान है? क्या स्मार्ट सिटी के जिन अधिकारियों के संयोजन में कार्य किया जा रहा है वह उक्त राशि के कार्य कराने के योग्य/अनुभवी हैं? यदि नहीं तो क्या यह शासन की राशि का दुरूपयोग करने का कृत्य नहीं है? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य मुख्य अभियंता (विद्युत) स्तर के अधिकारी स्मार्ट सिटी सेल में उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रस्तावित कार्य को पूर्व में स्थगित कर दिया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या इस महत्वपूर्ण कार्य को निरस्त कर मुख्य अभियंता (विद्युत) स्तर के अधिकारी के संयोजन में कराने हेतु निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त कार्य मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लि.एवं म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लि. द्वारा स्वीकृत किये गये प्राक्कलन के आधार पर उचित श्रेणी के विद्युत लाईसेंस प्राप्त ठेकेदार से म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लि. एवं म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लि. के सुपरविजन में कराये जाने से उनके द्वारा उचित स्तर के अधिकारी को कार्य हेतु संयोजन किया जाना है। स्मार्ट सिटी कंपनी के अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री तथा अधीनस्थ अभियंताओं के द्वारा केवल मॉनीटरिंग का कार्य किया जावेगा, अतः शासन की राशि के दुरूपयोग जैसी कोई स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उल्लेखित कार्य हेतु प्रथम बार निविदा आमंत्रण किया गया है। अतः पूर्व में कार्य स्थगित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त कार्य म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लि. एवं म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लि. के सुपरविजन में कराया जाना है, अतः इसे निरस्त किया जाना वांछित नहीं है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ राशि की वसूली
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 1363 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 264 दिनांक 12.08.2021 में ट्रान्सफार्मर के फेल होने एवं बदलने की जानकारी दी गई है, का उत्तर दिया गया। इनके बदलने की अवधि विभाग द्वारा क्या तय की गई है? क्या तय समय में बदले गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति के तहत कराये गये कार्यों की अनियमितता बाबत् जांच समिति गठित की गई थी। जांच की प्रति व किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें। अगर जांच नहीं कराई गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा समाधान योजना लागू की गई है इस योजना के तहत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया का विवरण विद्युत वितरण केन्द्रवार प्रश्नांश (क) के जिले का देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ट्रान्सफार्मर में निर्धारित समय पर बदला नहीं गया एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार अनियमितता की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही कर वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराये गये एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं दिया गया जिससे विभाग की छबि खराब हुई इसके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेगें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक-264 दिनांक 12.08.2021 में प्रश्नाधीन उल्लेखित जानकारी दी गई थी। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदले जाने हेतु पात्र होने पर तय समय में बदल दिये गये हैं। (ख) प्रश्नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि रीवा जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत नवीन कनेक्शन प्रदान किये जाने में अनियमितताओं संबंधी प्राप्त शिकायतों के संबंध में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये 24 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गई है, जो प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर जिलों में सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्त शिकायत के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच समिति गठित कर सैंपल स्वरूप 20 प्रोजेक्ट के तहत 20 क्रय आदेशों की जांच करवाई गई। जांचोपरांत बिल की गई राशि एवं भौतिक सत्यापन के अनुसार संपादित कार्य की लागत राशि में रूपये 9.33 लाख का अंतर पाया गया। उक्त राशि की वसूली संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों से की जा चुकी है। शहडोल जिला अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर जाँचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। रीवा एवं शहडोल जिलों में सौभाग्य योजनान्तर्गत की गई जांच से संबंधित जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार एवं रीवा जिले हेतु 24 कार्मिकों जिनके विरूद्ध विभागीय जांच कार्यवाही संस्थित की गई की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) रीवा एवं शहडोल जिलों के अंतर्गत समाधान योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की प्रश्नाधीन चाही गयी विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन प्रकरणों में कार्यवाही की जा चुकी है/की जा रही है, अत: इस हेतु अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में प्रचलित, प्रगतिरत कार्य
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 1380 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20, 2020-21,2021-22 के अकादमिक वर्षों में प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं? वर्तमान में कुल कितने कार्य प्रगतिरत हैं? कुल कितने कार्य इस अवधि में प्रचलित थे? कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य शेष हैं? समस्त बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी समस्त दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करें। (ख) इस सभी कार्यों की डी.पी.आर. की प्रति देते हुए अनुबंधित ठेकेदार कौन-कौन थे? आवंटित कार्यों की लागत क्या थी? लागत अनुसार स्वीकृत कार्यों के लिए कौन-कौन से ठेकेदारों की कितनी राशि दी गयी? राशि के उपयोग के समाधान के लिए कौन-कौन से अधिकारी द्वारा कार्यों का वेरिफिकेशन किया गया? पूर्ण विवरण के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ग) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत शासन स्तर से उज्जैन जिले के अन्तर्गत कितने कार्य स्वीकृत होना प्रस्तावित है? उक्त कार्यों को स्वीकृति मिलने की संभावना कब तक है? घट्टिया विधानसभा में वर्तमान निर्माण कार्यों की स्थिति क्या है? इंजीनियरों की रिपोर्ट के आधार पर गुणवत्ता एवं स्तर के मापदंड के साथ भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (घ) घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में उक्त सभी पूर्ण, अपूर्ण और प्रगतिरत कार्यों में प्रयुक्त की गयी सामग्रियों का मात्रा का विवरण देते हुए लैब रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्वीकृतियों से सम्बंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) डी.पी.आर. की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'ब-1' एवं स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। लैब रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है।
घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के उन्हेल में कॉलेज भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
60. ( क्र. 1381 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के उन्हेल में कॉलेज भवन की स्वीकृति विभाग द्वारा कब दी गयी है? उसकी प्रतियाँ देवें। (ख) स्वीकृत भवन की लागत कितनी है? निर्माण कार्य के लिए किस संस्था को एजेंसी नियुक्त किया गया है? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उन्हेल कॉलेज में कौन-कौन से संकाय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गयी है? कितना स्टाफ कॉलेज के लिए स्वीकृत किया गया है? पूर्ण विवरण प्रदान करें। (घ) घट्टिया विधानसभा में कुल कितने कॉलेज शासकीय एवं अशासकीय संचालित हैं? संचालित कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या कितनी है? कौन-कौन से पाठ्यक्रम उक्त कॉलेजों में संचालित है? (ङ) संचालित कॉलेजों में कितना स्टॉफ कार्यरत हैं? निर्धारित मापदंड अनुसार कितने पद भरे हुए हैं? कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरने के लिए शासन ने क्या व्यवस्था दी है? (च) कितने अतिथि विद्वान वर्तमान में रिक्त पदों पर कार्यरत है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवंटित भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) महाविद्यालय में कला संकाय संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 02 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। छात्र संख्या संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) शासकीय महाविद्यालय, उन्हेल एवं शासकीय महाविद्यालय, घट्टिया में स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत होने से अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। सीधी भर्ती के अशैक्षणिक संवर्ग के पदों की भर्ती संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) शासकीय महाविद्यालय, उन्हेल एवं शासकीय महाविद्यालय, घट्टिया में रिक्त पदों पर क्रमश: 05-05 अतिथि विद्वान कार्यरत हैं।
भोपाल सिटी लिंक में नियुक्तियों हेतु विज्ञापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1418 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल द्वारा वर्ष 2013 में किन-किन पदों के लिए विज्ञापन जारी कर नियुक्तियां दी गई थी? नियुक्त कर्मचारियों के नाम एवं उनकी शैक्षणिक/अनुभव संबंधी योग्यता बताई जावे एवं चयनित आवेदकों द्वारा प्रस्तुत अंकसूची एवं अन्य प्रमाण पत्र दिये जाये। (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन के पत्र क्रमांक 35-ए/शा-11/परिवहन/2015/22146, भोपाल दिनांक 14.12.2018 पर 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई है। इस संबंध में नगर निगम, भोपाल में प्रचलित नस्ती एवं पत्राचार की प्रतियां दी जावे। यदि नगर निगम ने संचालनालय के पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की तो कौन जिम्मेदार है? (ग) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक 15831 भोपाल दिनांक 17.09.2021 पर बी.सी.एल.एल. ने क्या कार्यवाही की है? इस संबंध में संचालनालय एवं बी.सी.एल.एल. में संधारित नस्ती एवं पत्राचार की 31 जनवरी की स्थिति में जानकारी दी जाये। (घ) बी.सी.एल.एल. में पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने से संबंधित नस्ती की प्रति प्रदान की जाये। इस पद पर नियुक्त के लिये क्या योग्यता रखी गई थी? विज्ञापन कब जारी किया गया था? वर्तमान में कौन कार्यरत हैं और किस आधार पर?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.), भोपाल द्वारा वर्ष 2013 में विज्ञापन जारी कर नियुक्तियां देने से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '01' अनुसार है। नियुक्त कर्मचारियों के नाम एवं उनकी शैक्षणिक/अनुभव संबंधी योग्यता एवं चयनित आवेदकों द्वारा प्रस्तुत अंकसूची एवं अन्य प्रमाण-पत्र संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '02' अनुसार है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-60/2017/18-2, भोपाल दिनांक 04/10/2018 के अनुक्रम में हब एण्ड स्कोप मॉडल योजनान्तर्गत किसी अतिरिक्त स्टॉफ की नियुक्ति नहीं की गई है। नगर निगम, भोपाल द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्र. 35-ए/शा-11/परिवहन/2015/22146 भोपाल दिनांक 14.12.2018 के तारतम्य में नगर निगम, भोपाल में नस्ती प्रचलित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नहीं होता है। (ग) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक 15831 भोपाल दिनांक 17.09.2021 पर बी.सी.एल.एल. द्वारा कार्यवाही करते हुए प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '03' अनुसार है। प्रशासनिक कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) बी.सी.एल.एल. में पी.आर.ओ के पद पर पदस्थ किये जाने संबंधी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। वर्तमान में अतिरिक्त प्रभार के रूप में श्री संजय सोनी, पी.आर.ओ. से संबंधित कार्य देख रहे है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा बस संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1419 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा एन.आई.टी.क्र.43 के अंतर्गत बस संचालन का कार्य कनि फर्म्स को किन शर्तों पर दिया गया था? अनुबंध की कॉपी प्रदान करें। (ख) चयनित फर्मों को अप्रैल 2017 से जनवरी 2022 तक वी.जी.एफ. के तहत कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया? तिथिवार जानकारी प्रदान करें। (ग) एन.आई.टी. में स्वीकृत फर्मों से कितनी राशि बैंक गारण्टी ली जानी थी और कितनी राशि की बैंक गारण्टी ली गयी? वैध बैंक गारण्टी की कॉपी प्रदान करें? क्या फर्मों से पर्याप्त धनराशि की बैंक गारंटी ली गयी थी? यदि नहीं तो कौन जिम्मेदार हैं? (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के लिए संचालित फर्मों की बसों को नगर निगम भोपाल द्वारा संचालित पेट्रोल पंपों से कितना डीजल 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2022 तक दिया गया? विभिन्न कंपनियों को कितनी राशि का डीजल उपरोक्त अवधि में दिया गया? महावार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा एन.आई.टी. क्र. 43 के अंतर्गत बस संचालन का कार्य फर्म मेसर्स श्री दुर्गम्बा एवं मेसर्स एपी मोटर्स को अनुबंध में उल्लेखित शर्तों अनुसार दिया गया था। उक्त दोनों बस ऑपरेटर्स के साथ निष्पादित अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 01 अनुसार है। (ख) चयनित फर्मों को माह अप्रैल, 2017 से जनवरी 2022 तक वी.जी.एफ के तहत भुगतान की गई राशि की तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 02 अनुसार है। (ग) एन.आई.टी. में स्वीकृत फर्मों से ली जाने वाली बैंक गारंटी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 03 अनुसार है। जी हाँ, फर्मों से निविदा शर्त अनुसार परफार्मेंस गारंटी की पर्याप्त धनराशि की बैंक गारंटी एवं वी.जी.एफ. भुगतान के पूर्व अनुपातिक समयावधि के लिये पर्याप्त समानुपातिक धनराशि की बैंक गारंटी ली गई थी। अतः शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के लिए संचालित फर्मों की बसों को नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा संचालित पेट्रोल पंप से 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2022 तक कुल 7,13,693 लीटर डीजल दिया गया। उपरोक्त अवधि में बस ऑपरेटर्स मेसर्स श्री दुर्गम्बा को राशि रूपये 6,75,93,479.64/- (छ: करोड़ पचहत्तर लाख तेरानवे हजार चार सौ उन्यासी रूपये चौसठ पैसे मात्र) का डीजल दिया गया है। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 04 अनुसार है।
नगरीय निकायों को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1453 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयन विभाग द्वारा म.प्र. नगरपालिक अधिनियम 1956 अंतर्गत स्टाम्प ड्यूटी के साथ उद्ग्रहित किये जा रहे अतिरिक्त शुल्क की राशि का नगरीय निकायों को भुगतान की क्या व्यवस्था है? भुगतान की जिम्मेदारी किस विभाग की है और उसकी क्या प्रक्रिया है? (ख) रतलाम नगर निगम क्षेत्र से वर्ष 2016-17 से फरवरी 2020 तक 68 करोड़ रूपये की राशि उद्ग्रहित की जा चुकी है लेकिन उसका भुगतान नगर निगम को अभी तक नहीं किया गया है जिससे विकास के कार्य प्रभावित हो रहे है और नगर निगम का दैनिक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है? उद्ग्रहित राशि का भुगतान नगर निगम को कब तक करा दिया जायेगा? (ग) रतलाम नगर निगम क्षेत्र से फरवरी 2020 से प्रश्न दिनांक 11 फरवरी 2022 तक कुल कितना अतिरिक्त शुल्क वसूल किया गया और उसका भुगतान निगम को कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पंजीयन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956, अंतर्गत स्टाम्प ड्यूटी के साथ उद्ग्रहित किये जा रहे अतिरिक्त शुल्क की राशि का भुगतान प्रदेश की नगरीय निकायों को अधिनियम की धारा-133-A के अंतर्गत किया जाता है। नगरीय निकायों में अचल संपत्ति के अंतरण पर अधिरोपित अतिरिक्त मुद्रा पत्र शुल्क की राशि पंजीयन विभाग द्वारा संग्रहित की जाती है। पंजीयन विभाग द्वारा संपूर्ण वित्तीय वर्ष में नगरीय निकायों की पात्रता अनुसार संग्रहित की गई राशि का विवरण प्रदान किया जाता है। पंजीयन विभाग द्वारा जो जानकारी प्रदान की जाती है वह पूर्व वित्तीय वर्ष में उद्ग्रहित की गई राशि से संबंधित होती है। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अनुसार अतिरिक्त मुद्रा पत्र शुल्क तीन प्रतिशत अधिरोपित किया जाता है। उक्त तीन प्रतिशत में से एक प्रतिशत राशि प्रदेश के नगरीय निकायों को उनकी पात्रता अनुसार वितरित किया जाता है। शेष दो प्रतिशत राशि का भुगतान प्रदेश के नगरीय निकायों में चल रहे अधोसंरचना विकास हेतु योजनाओं हेतु लिए गये ऋणों के पुनर्भुगतान में किया जाता है। उपरोक्त एक प्रतिशत एवं दो प्रतिशत राशियों के भुगतान हेतु वित्त विभाग द्वारा बजट के माध्यम से दो पृथक बजट मदों में राशि नगरीय विकास एवं आवास विभाग को बी.सी.ओ. क्रमांक-1802 की योजना क्रमांक-4035 एवं 1425 में प्रदान की जाती है। जिसे संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा निकायों को पात्रता अनुसार अंतरित किया जाता है। (ख) पंजीयन विभाग द्वारा पूर्व वित्तीय वर्ष में उद्ग्रहित राशि की जानकारी प्रदान की जाती है। जानकारी अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में वित्त विभाग द्वारा प्रदाय बजट में पूर्व वित्तीय वर्ष में उद्ग्रहित राशि अनुसार राशि नगरीय निकायों को अंतरित की जाती है। अतः नगर पालिक निगम रतलाम क्षेत्र से वर्ष 2016-17 से फरवरी 2020 तक उद्ग्रहित की गई राशि एवं निकाय को जारी की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ग) पंजीयन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के आधार पर (अप्रैल से मार्च) तक उद्ग्रहित राशि की जानकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रदान की जाती है। नगर पालिक निगम रतलाम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में उद्ग्रहित राशि का विवरण पंजीयन विभाग द्वारा प्रदान किया जा चुका है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक उद्ग्रहित राशि का विवरण अगले वित्तीय वर्ष में पंजीयन विभाग द्वारा प्रदाय किया जायेगा। प्रश्नांश अनुसार अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक उद्ग्रहित की गई राशि का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है।
लेबड़ नयागांव फोरलेन में अनियमितता
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1513 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22 दिसंबर 2021 को प्रश्नकर्ता विधायक के ध्यानाकर्षण क्रमांक 4 में माननीय लोक निर्माण मंत्री जी ने 4 लेन सड़क लेबड़-नयागांव की खामियों को दूर करने 7 दिवस में प्रश्नकर्ता विधायक सहित माननीय मंत्री जी एवं उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में एक समिति गठन किए जाने का आश्वासन दिया था? क्या समिति की बैठक आयोजित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो समिति के निर्णय की प्रतिलिपि देवें। यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी देवें। (ख) लेबड़-नयागांव 4 लेन सड़क निर्माण से पेचवर्क के अलावा सम्पूर्ण सड़क पर पूर्ण डामरीकरण अनुबंध के अनुसार कब-कब किया जाना था? सड़क का पूर्ण डामरीकरण कब-कब किया गया? माहवार जानकारी देवें। (ग) लेबड़-नयागांव 4 लेन सड़क पर कुल कितने ले-बाय है? अनुबंध के अनुसार इन पर क्या-क्या सुविधायें दी जानी थी? क्या समस्त सुविधायें दी जा रही है? यदि हाँ, तो इसका भौतिक सत्यापन किस-किस सक्षम अधिकारी ने कब-कब किया? अधिकारी का नाम सहित दिनांकवार सत्यापन की प्रतिलिपि देवें। ले-बाय निर्माण के पश्चात के विद्युत कनेक्शन के बिलों की प्रतिलिपि देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 287 दिनांक 22.12.2021 के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों को भेजकर जांच करवा लेने एवं माननीय विधायकों के साथ बैठक किये जाने का आश्वासन दिया गया है। दिनांक 06.01.2022 को ध्यानाकर्षण पर अग्रिम कार्यवाही हेतु बैठक आहुत की गई थी, परन्तु अपरिहार्य कारणों से उक्त बैठक निरस्त कर दी गई, वर्तमान में उक्त बैठक दिनांक 07.03.2022 को निर्धारित की गई है। (ख) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव के अनुबन्धों में सम्पूर्ण सड़क पर पूर्ण डामरीकरण हेतु कोई समय निर्धारित नहीं है अपितु डामरीकरण कार्य मार्ग की सतह के रफनेस टेस्ट के आधार पर किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव मार्ग पर ट्रक ले-बाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अनुबन्धानुसार दोनों मार्गों के ट्रक ले-बाय पर शौचालय, उचित अपशिष्ट निपटान प्रणाली, बिजली, पीने का पानी की सुविधा प्रदान की जाना है। जी हाँ। सुविधाओं का भौतिक सत्यापन संभागीय कार्यालय, एम.पी.आर.डी.सी उज्जैन के अधिकारियों एवं मुख्यालय, एम.पी.आर.डी.सी., भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मार्ग निरीक्षण के दौरान किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लेबड़-जावरा एवं जावरा-नयागांव मार्ग पर ले-बाय के विद्युत बिलों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
रतलाम नासीराबाद सड़क निर्माण हेतु कार्य योजना
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 1516 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर शहर के मध्य से गुजरता रतलाम-नासीराबाद मार्ग पर लोक निर्माण विभाग को इसके नवीनीकरण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? कब-कब इसके निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की गई? सर्वप्रथम किस निर्माण कंपनी को निर्माण कार्य मिला, कंपनी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित निर्माण कार्य क्या प्रारंभ कर दिया हैं? यदि नहीं तो क्या यह सही है की कंपनी ने निर्माण कार्य का अनुबंध नहीं करने के लिए लिखित में असहमति जताई है यदि हाँ, तो प्रतिलिपि देवें। कंपनी द्वारा निर्माण कार्य न करने के क्या कारण रहे? निविदा खुलने के पश्चात कार्य न करने के एवज में निविदाकर्ता को किस-किस स्तर के नोटिस कब-कब जारी हुये? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) संदर्भित उक्त सड़क के निर्माण के लिए दूसरी निविदा पुन: कब आमंत्रित की गई? निविदा दिनांक सहित जानकारी देवें की उक्त सड़क योजना को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (घ) क्या उक्त रतलाम-नासीराबाद मार्ग पर 9 करोड़ से बनी नवीन योजना में पूर्व में बाड़ से क्षतिग्रस्त होने पर सीवर,डिवाइडर पेवर एवं नाली निर्माण का भी प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। दिनांक 13.08.2021 प्रथम बार तथा दिनांक 27.01.2022 को द्वितीय बार निविदा आमंत्रित की गई। मेसर्स रामप्रकाश गुप्ता, इन्दौर। (ख) जी नहीं। जी नहीं, सम्बन्धित फर्म द्वारा निविदा स्वीकृति पत्र में अंकित समय-सीमा में अनुबंध निष्पादित नहीं किया। मुख्य अभियंता उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 425 दिनांक 03.02.2022 से पंजीयन निलंबन/काली सूची में दर्ज करने हेतु नोटिस जारी किया गया। (ग) दिनांक 27.01. 2022 को। निविदा स्वीकृति पर अनुबंध उपरांत 16 माह में कार्य पूर्ण कराने की निर्धारित समय-सीमा है। (घ) जी हाँ। आवश्यकतानुसार प्रावधान किए गए है।
नवीन विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 1522
) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र क्र.136
में विद्युत
सप्लाई हेतु
कितने 33/11 के.व्ही.
विद्युत सब
स्टेशन स्थापित
है? वितरण
केन्द्रवार
उनके नाम
बतावें?
(ख) विद्युत
लोड एवं
विद्युत लाइन
की लम्बाई को
देखते हुये ये
सब स्टेशन
पर्याप्त हैं
अथवा और कितने
सब स्टेशन
कहां-कहां
बनाने की
आवश्यकता है? (ग) इन
सब स्टेशन पर
कितने एम.व्ही.ए.
के पॉवर
ट्रांसफार्मर
लगे हुए है? विद्युत
लोड को देखते
हुये किन 33/11
सब स्टेशन पर
एडिशनल
ट्रांसफार्मर
लगाये जा रहे
है? (घ) संभागीय
कार्यालय
होशंगाबाद से
शिवपुर सब स्टेशन, पगढ़ाल
सब स्टेशन की
दूरी क्या है? क्या
सुविधा को
देखते हुये
सिवनी मालवा
में संभागीय
कार्यालय
बनाने की
योजना है? यदि
हाँ, तो कब
तक?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र क्र. 136
में विद्युत
प्रदाय हेतु 20
नंबर 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
स्थापित हैं, जिनकी
वितरण केन्द्रवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) सिवनी
मालवा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
वर्तमान
विद्युत भार
के दृष्टिगत ग्राम
चौतलाय में 1X5
एम.व्ही.ए.
क्षमता के
नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
का कार्य
प्रगति पर है।
आगामी वर्षों
में संभावित
भार वृद्धि के
दृष्टिगत
होशंगाबाद (नर्मदापुरम)
संचालन-संधारण
संभाग
अंतर्गत ग्राम-कोठरा, भीलटदेव, राशि, डुडुगाँव, बाईखेड़ी, हिरनखेड़ा
में एवं
इटारसी
संचालन-संधारण
संभाग
अंतर्गत
ग्राम भट्टी
(तालपुरा) में
नवीन 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
की आवश्यकता
होना संभावित
है। (ग) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
स्थापित 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
में स्थापित
पॉवर
ट्रांसफार्मरों
की क्षमतावार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
वर्तमान में
इन विद्युत
उपकेन्द्रों
में अतिरिक्त
पॉवर
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाये जा
रहे हैं। तथापि
आगामी वर्षों
में संभावित
भार वृद्धि के
दृष्टिगत
होशंगाबाद
(नर्मदापुरम)
संचालन-संधारण
संभाग में
ग्राम
चतरखेड़ा (तोरनिया)
में स्थापित 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
एवं इटारसी
संचालन-संधारण
संभाग अंतर्गत
ग्राम जमानी
एवं
ग्राम-धुरपन
में स्थापित 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
में अतिरिक्त
पावर
ट्रांसफार्मर
लगाने की आवश्यकता
होना संभावित
है। (घ) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संभागीय कार्यालय
होशंगाबाद
(नर्मदापुरम)
से शिवपुर 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
की दूरी 66
कि.मी. एवं
पगढाल 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
की दूरी 61
कि.मी. है।
सिवनी मालवा
में म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
का संभागीय कार्यालय
बनाने का कोई
भी प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
संभागीय कार्यालय प्रारम्भ किया जाना
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1550 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले का गठन दिनांक 01 अक्टूबर 2018 को होने के बावजूद भी प्रश्न दिनांक तक निवाड़ी जिले में लोक निर्माण विभाग का डिवीजन कार्यालय प्रारम्भ है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों, कारण सहित बताया जावे। (ख) क्या अभी भी डिवीजन कार्यालय टीकमगढ़ जिले से संचालित किया जा रहा है, यदि हाँ, तो निवाड़ी जिले में डिवीजन कार्यालय कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। पद सृजन होने के बाद निवाडी जिले में संभागीय कार्यालय प्रारंभ किया जावेगा। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जांच सहित जानकारी उपलब्ध कराना
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1561 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खेरा से मालनपुर मार्ग, प्रदेश की किस निर्माण विभाग द्वारा बनाएं जा रहे है। उक्त मार्ग के सभी प्रावधानों, तकनीकी स्वीकृतियों तथा प्रशासकीय स्वीकृतियों, एल.ओ.ए.,कार्यआदेश की छायाप्रतियों के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों पर किस-किस दिनांकों में कार्य प्रारंम्भ किया गया एवं उक्त कार्यों की भौतिक प्रगती के साथ प्रश्न दिनांक तक किये गऐ भौतिक कार्यों में मार्ग के प्रावधानों में से किस-किस आईटमों में कितनी-कितनी मात्रा में क्या-क्या भुगतान, कब-कब किया गया एवं प्रश्न दिनांक तक उक्त दोनों कार्यों में शासन से प्राप्त आवंटन एवं व्यय की समस्त जानकारी तथा देयकों के भुगतानों की समस्त नोटशीट, बिल एवं व्हाउचरों की छायाप्रति के साथ बिल एवं मेजरमेन्ट माप पुस्तकाओं की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों पर भुगतान से मार्गों के निर्माण में उपयुक्त सामग्री (मिट्टी, गिट्टी, मोरम, जी.एस.बी.) आदि की जांच विभागीय लैब अथवा किसी अधिकृत लैब से करवाई गई? यदि हाँ, तो टेस्ट रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) सदन में उत्तर दिनांक से पूर्व विभाग द्वारा उक्त कार्यों के निर्माण में लाई गई समग्री की जांच प्रश्नकर्ता समक्ष सेम्पल लेकर मिट्टी के सी.बी.आर.,पी.एल.,एल.एल.,पी.आई. के टेस्ट तथा डब्लू.बी.एम. की ग्रेडिंग एवं कॉम्पेक्शन की जांच विभागीय लैब को छोड़कर किसी अन्य अधिकृत लैब के माध्यम से करवाई जाकर जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खेरा से मालनपुर मार्ग के नाम से लोक निर्माण विभाग में कोई भी मार्ग निर्माणाधीन नहीं है और न ही आर.ई.एस., पी.एम.जी.एस.वाय. में कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क हेतु अधिग्रहित भूमि एवं वितरित मुआवजा
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1579 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा चित्रकूट जिला सतना में हनुमानधारा- बायपास सड़क मौजा नयागांव के आ.नं. 863 में निर्मित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित उक्त आराजी का स्वरूप शासकीय है अथवा निजी? (ग) आ.नं. 863 मौजा नयागांव राजस्व अभिलेख वार्षिक खतौनी जमाबंदी 1958-59 के अनुसार भू-स्वामी कौन-कौन दर्ज हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित बायपास रोड निर्माण में प्रश्नांश (ख) की अंकित आराजी की कितनी भूमि अधिग्रहीत की गई है? क्या सड़क निर्माण हेतु भूमि का सीमांकन किया गया? यदि हां, तो कब? सीमांकन रिपोर्ट देवें। (ङ) उक्त सड़क निर्माण में आ.क्र. 863 के कितने अंशभाग में सड़क निर्मित की गई है? इसमें मुआवजे की राशि किन-किन हितग्राहियों को प्रदान की गई? इसके निर्धारण के लिए कौन से मानक व प्रक्रिया अपनाई गई एवं भू-अर्जन अन्तर्गत किस दिनांक को अधिसूचना प्रकाशित की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सड़क निर्माणाधीन है। (ख) प्रश्नाधीन आराजी का स्वरूप राजस्व अभिलेखों में निजी दर्ज है। (ग) वर्ष 1958-59 खतौनी में आराजी नं. 863 श्रीमान जागीरदार साहब चौबे शिवप्रसाद वल्द गोविंद प्रसाद कौम ब्रा.सा. देह के नाम दर्ज है। (घ) वन भूमि का विवाद होने के कारण सड़क निर्माण में आ.नं. 863 का अधिग्रहण अभी तक नहीं किया गया। उक्त भूमि का सीमांकन दिनांक 03/03/2021 एवं 10/03/2021 को किया गया है। सीमांकन रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ङ) उक्त आराजी के अंश रकवा 1.456 हे. में सड़क बनाने निर्माणाधीन है। वर्तमान में सड़क निर्माण कार्य बंद है। उक्त आराजी में मुआवजें की राशि प्रदान नहीं की गई है। उक्त आराजी के भू-अर्जन के लिए अधिसूचना का प्रकाशन नहीं किया गया है।
जबलपुर शहर के ताल– तलैयों का संरक्षण व संवर्धन
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1582 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितने ताल-तलैया, कितने कितने रकबे पर स्थित हैं, उनके संरक्षण व संवर्धन हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन ताल तलैयों का कितना-कितना रकबा किन-किन कारणों से पाटा गया? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन ताल तलैयों के कितने-कितने रकबे पर अवैध अतिक्रमण/कब्जे हैं? उन पर कब-कब क्या क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन ताल तलैयों में आसपास की गंदगी, नालियों के माध्यम से जाकर समावेश हो रही है? उसे रोकने हेतु कब-कब क्या-क्या कदम उठाये गये तथा उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) भाग की जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर परिषद् तथा नगर पालिका के निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1588 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् भितरवार आंतरी एवं मोहना में कितना-कितना वित्तीय आंवटन किस-किस मद से प्राप्त हुआ है? उस वित्तीय आवंटन का किस-किस कार्य में प्रश्न दिनांक तक किस-किस रूप में उपयोग किया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त नगर परिषदों में उक्त अवधि में कौन-कौन से निर्माण कार्य किस जनप्रतिनिधि या किस-किस अधिकारी या गणमान्य व्यक्ति की अनुशंसा पर स्वीकृत कराये गये हैं? 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? कार्यों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या हैं? क्या इन निर्माण कार्यों की खराब गुणवत्ता या अन्य किसी कारण से शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत की छायाप्रतियां तथा शिकायतों में किस-किस कर्मचारी अधिकारी से जांच कराई गई? उनकी जांच रिपोर्ट क्या थी? सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें। (ग) नगर परिषद् भितरवार आंतरी,मोहना,पिछौर, विलौआ तथा नगर पालिका डबरा में 15 फरवरी 2020 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम,पद पदस्थापना दिनांक तथा वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है।
जले हुये ट्रांसफार्मर बदलना
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 1589 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रं 265 दिनांक 03/01/2022 एवं कलेक्टर जिला ग्वालियर द्वारा पत्र क्र क्यूत/जन.प्रति/2021/1988 दिनांक 09/02/2021 द्वारा उप महाप्रबंधक, महाप्रबंधक/ अधीक्षण यंत्री म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.डबरा एवं ग्वालियर को फुके हुये ट्रांसफार्मर बदलने की जानकारी प्रदाय करने बावत् पत्र लिखे गये थे? यदि हाँ, तो पत्रों की छायाप्रति दें। पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम,पद,पदस्थापना स्थान बतावें। अब कब तक उपरोक्त पत्र में चाही गई जानकारी पूर्ण तथ्यों सहित कब प्रदाय करा दी जावेगीं? (ख) विद्युत उपकेन्द्र चिनौर जिला ग्वालियर पर पदस्थ जे.ई. श्री वीरेन्द्र कुमार धुर्वे द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एक्ट लगवाकर शासन से राशि तथा पीड़ित कृषकों/आम नागरिकों से अवैध राशि वसूली गई है? हाँ तो किन-किन कृषकों या आम नागरिको के विरूद्ध श्री धुर्वे द्वारा एक्ट लगाया गया है? उनका नाम पता एक्ट लगवाने का दिनांक बतावें। क्या ऐसे मनगढंत केस लगवाकर शासन की राशि तथा पीड़ित कृषकों से अवैध राशि वसूल कर फिर राजीनामा करना क्या ऐसे दोषी जे.ई. के प्रति कोई कठोर दण्डात्माक कार्यवाही कर इनके द्वारा शासन तथा पीड़ित किसानों से अवैध रूप से वसूली गयी राशि को वापिस कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 265 दिनांक 03.01.2022, जो कि उपमहाप्रबंधक (संचालन/संधारण) संभाग डबरा/ग्वालियर को संबोधित है एवं उक्त पत्र की प्रतिलिपि क्रमांक 268 दिनांक 03.01.2021, जो कि महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त ग्वालियर को पृष्ठांकित है, के द्वारा जले/खराब हुये वितरण ट्रांसफार्मरों के बदले जाने संबंधी जानकारी चाही गई थी। उक्त पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित कलेक्टर जिला ग्वालियर का पत्र क्र. क्यूत/जन. प्रति/2021/1988 दिनांक 09.02.2021 महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त कार्यालय ग्वालियर को, कार्यालयीन आवक रजिस्टर के अनुसार प्राप्त नहीं हुआ है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के उक्त पत्रों के माध्यम से चाही गई जानकारी उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) संभाग डबरा के पत्र क्रमांक 671-72 दिनांक 16.02.2022 एवं पत्र क्रमांक- 675 दिनांक 18.02.2022 तथा उप महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) संभाग ग्वालियर के पत्र क्रमांक 7368 दिनांक 11.02.2022 के द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रेषित की गई है। उक्त प्रेषित पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युत उपकेन्द्र चीनोर जिला ग्वालियर में पदस्थ तत्कालीन सहायक प्रबंधक (जे.ई.) श्री वीरेन्द्र कुमार धुर्वे द्वारा क्षेत्र में बकाया राशि वाले विदयुत उपभोक्ताओं से कंपनी नियमानुसार राजस्व संग्रहण/वसूली के दौरान कुछ उपभोक्ताओं द्वारा उनके साथ अभद्रता एवं मारपीट किये जाने के कारण दो प्रकरणों में संबंधितों के विरूद्ध पुलिस थाना चीनोर में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। श्री वीरेन्द्र कुमार धुर्वे सहायक प्रबंधक द्वारा किसी भी प्रकरण में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एक्ट का दुरूपयोग कर अथवा मनगढन्त केस लगाकर कृषकों से अवैध राशि की वसूली एवं राजीनामा करने संबंधी कोई जानकारी/शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए सहायक प्रबंधक श्री धुर्वे के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 1598 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी विधान सभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन के अन्तर्गत सन् 2015 से ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य विद्युत विभाग द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या अभी तक विद्युत विभाग द्वारा क्षेत्र के ब्लॉक भगवानपुरा एवं सेगांव के अधिकांश आदिवासी ग्रामों एवं मजरों का विद्युतीकरण कर दिया गया है? (ग) क्या उक्त योजना के अन्तर्गत अभी भी क्षेत्र के अनेक ग्रामों एवं मजरों (फाल्यो) का विद्युतीकरण अपूर्ण है तथा उक्त शेष कार्य को पूर्ण कराने की मांग की जा रही है? (घ) क्या भगवानपुरा एवं सेगांव जिला खरगोन में कितने ग्रामों एवं मजरो में विद्युतीकरण अपूर्ण है? कितनों में अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? सूची व नाम सहित जानकारी देने की कृपा करेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 14.12.2016 से आरंभ किया गया था। (ख) जी हाँ, तत्समय लागू विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत विकासखंड भगवानपुरा एवं सेगांव के समस्त राजस्व ग्रामों एवं चिन्हित मजरों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में तत्समय लागू विद्युतीकरण योजना में सभी राजस्व ग्रामों एवं चिन्हित मजरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया था। किंतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में लागू विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरान्त निर्मित नई बसाहटों/मजरों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। जी हाँ। (घ) विकासखण्ड भगवानपुरा एवं सेगांव जिला खरगोन के समस्त राजस्व ग्रामों एवं तत्समय चिन्हित मजरों के शतप्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण योजनाओं के बंद होने के उपरान्त विकासखंड भगवानपुरा में 189 नई बसाहटों/मजरों एवं विकासखंड सेगांव के 44 नई बसाहटों/मजरों के निर्मित होने से इन बसाहटों/मजरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 1606 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई हैं? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें। (ख) क्या एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्स बनाये गये हैं उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है और दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर पर बनाया गया है, जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है? (ग) क्या एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फारेस्ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है, फिर इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है यह किस आधार पर लिया जा रहा है? (घ) वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? होशंगाबाद से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये है और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बी.आर.टी.एस. की रोड है, उस हिसाब से भी दूरी होशंगाबाद से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है? दो-दो टोल टैक्स होने के कारण जनता को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है, इस स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या इस टोल को बंद किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
त्रैमासिक विवरण प्रस्तुत न करने पर
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1608 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीयल स्टेटे (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 में त्रैमासिक विवरण समय पर प्रस्तुत नहीं किए जाने पर किस दर से कितना अर्थदंड लगाए जाने का क्या-क्या प्रावधान हैं? इस अर्थदंड को किस-किस आधार पर कौन कितना कम कर सकता है? (ख) दिसंबर 2021 तक अर्थदंड के रुप में कितनी राशि वर्ष 2017 से किस वर्ष में प्राप्त हुई है? उसमें से कितनी राशि किस-किस कार्य पर किसके आदेश से खर्च की गई, कितनी राशि जमा है? (ग) अर्थदंड की राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किए जाने का क्या-क्या प्रावधान हैं? उसके अनुसार किस-किस जिले में क्या-क्या कार्य किस वर्ष में किया गया? (घ) अर्थदंड की राशि से जिला स्तर पर जनजागृति शिविर लगाए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के आदेश क्रमांक-Rera/fc/2018/fee दिनांक 24.07.2018 अनुसार त्रैमासिक विवरण समय पर प्रस्तुत नहीं करने के लिये विलम्ब शुल्क अधिरोपण आदेशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विलम्ब शुल्क के रूप में प्राप्त राशि का विवरण निम्न प्रकार हैः-1. दिनांक 01.04.2018 से 31.03.2019 तक रूपये 6,05,000/- 2. दिनांक 01.04.2019 से 31.03.2020 तक रूपये 17,44,965/- 3. दिनांक 01.04.2020 से 31.03.2021 तक रूपये 10,63,015/- 4. दिनांक 01.04.2021 से 10.02.2022 तक रूपये 2,75,000/- विलम्ब शुल्क को अर्थदण्ड मानकर प्राप्त राशि अधिनियम, 2016 की धारा 76 (i) के प्रावधान के अंतर्गत राज्य की संचित निधि में जमा की गई हैं। प्राधिकरण के पास शेष राशि रूपये 1,80,015 है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1628 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिक निगम रीवा में सिरमौर रोड अन्तर्गत खुटेही में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा बहुमंजलीय व्यावसायिक इमारत का निर्माण कराया गया है? इस बहुमंजलीय व्यावसायिक इमारत के कितने एफ.ए.आर (ऊंचाई) तक के निर्माण की मंजूरी हैं? इसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना शेष है? पार्किंग की क्या व्यवस्था है? क्या भवन मालिक एवं विभाग के बीच भू-तल एवं प्रथम तल को कम्प्रोमाइज करके पार्किंग के उपयोग हेतु सहमति दी गई है? यदि दी गई है तो उसकी सत्यापित प्रति देवें एवं यदि नहीं दी गई है तो उपरोक्तानुसार किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में धारा 308 (क) के तहत क्या-क्या प्रावधान है? उक्त प्रावधान की सत्यापित प्रति देवें। क्या धारा 308 (क) के तहत कम्पाउंडिंग की जा सकती है एवं क्या समझौता के तहत प्रशमन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। क्या आज भी पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो पार्किंग की क्या व्यवस्था की जावेगी? स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या भूतल एवं बेसमेंन्ट में पार्किंग के लिये विभाग द्वारा अनुज्ञा दी गई थी? मात्र बेसमेंट में पार्किंग के लिये स्थान छोड़ा है? यदि हाँ, तो अनुज्ञा के विरूद्ध किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्या अनुमति के विरूद्ध इतनी बड़ी बिल्डिंग में भू-तल में समुचित पार्किंग एवं रैम्प की प्रापर व्यवस्था नहीं करने के दोषी भवन मालिक के विरूद्ध सरकार द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही जावेगी? यदि हां, तो क्या एवं कब तक? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। इस बहुमंजिला इमारत की 2.19 एफ.ए.आर. के साथ 15.00 मी. ऊंचाई की पत्र क्रमांक 0534/RMC/HOD/W-12/19-20 दिनांक 21 अक्टूबर 2019 से मंजूरी प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। इस भवन में बेसमेंट भूतल के अतिरिक्त प्रथम तल से पंचम तल तक निर्माण किया गया है, पंचम तल के ऊपर शेड निर्माण किया गया है, भूतल में 4 कार पार्किंग हेतु रैम्प का निर्माण होना शेष है। भवन अनुज्ञा में पार्किंग व्यवस्था बेसमेन्ट एवं भूतल में प्रावधानित थी। जी नहीं, भवन मालिक एवं विभाग के बीच प्रथम तल में पार्किंग का कोई समझौता नहीं किया गया है। भवन स्वामी द्वारा प्रशमन का लाभ प्राप्त करते हुए सेल्फ कम्पाउंडिंग प्रक्रिया के माध्यम से सिटीजन आई.डी. द्वारा प्रशमन कराया गया है, जिस हेतु प्रशमन शुल्क रु. 554660/- जमा किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 308 (क) के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, धारा 308 (क) के तहत कम्पाउंडिंग की जा सकती है। जी हाँ, समझौता के तहत नियमानुसार प्रशमन किया जा सकता है। प्रशमन अनुसार बेसमेंट में 12 कार पार्किंग एवं भूतल में 4 कार पार्किंग हेतु पार्किंग की व्यवस्था है। (ग) जी हाँ, भूतल एवं बेसमेंट में पार्किंग के लिए विभाग द्वारा अनुज्ञा दी गई थी। जी नही। बेसमेंट के अतिरिक्त भूतल में भी पार्किंग के लिए स्थान छोड़ा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भवन स्वामी द्वारा भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त की गई है, जो दिनांक 20 अक्टूबर 2022 तक विधिमान्य है। भवन स्वामी द्वारा सेल्फ कम्पाउंडिंग प्रक्रिया द्वारा सिटीजन आई.डी. से प्रशमन शुल्क जमा करते हुए प्रशमन कराया गया है। पार्किंग हेतु रैम्प का निर्माण होना शेष है। विधिमान्य अवधि में रैम्प की प्रॉपर व्यवस्था नहीं करने पर म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में विहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
नवीन महाविद्यालय खोलने के मापदण्ड
[उच्च शिक्षा]
77. ( क्र. 1633 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितने नवीन महाविद्यालय खोले जा रहे हैं? (ख) नवीन कॉलेज खोलने के मापदण्ड क्या हैं? (ग) क्या सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्र.136 के दूरस्थ ग्राम शिवपुर में नवीन महाविद्यालय सभी विषयों में खोलने की योजना प्रस्तावित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक कॉलेज एवं भवन निर्माण प्रारंभ किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रारंभ किए जाने वाले नवीन शासकीय महाविद्यालयों की निर्धारित संख्या बताया जाना अभी संभव नहीं है। (ख) निर्धारित विभागीय मापदण्ड अनुसार नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने वाले स्थान की परिसीमा क्षेत्र अंतर्गत 20 से 30 कि.मी. की परिधि में संचालित हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों में कक्षा 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम 500 होना चाहिए। साथ ही प्रस्तावित स्थान की 20 से 30 कि.मी. की परिधि में कोई अन्य महाविद्यालय संचालित नहीं होना चाहिए। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पॉवर प्लांट द्वारा बिजली का उत्पादन
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1642 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जेनरेशन कंपनी के द्वारा अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक कितनी बिजली का उत्पादन किया गया? प्लांटवार, माहवार कृपया विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक एम.पी. जेनको के कौन से प्लांट बंद हुये है? प्लांटवार, माहवार विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त पॉवर प्लांट के बंद होने के कारण कितनी अतिरिक्त बिजली खरीदी गई व उस पर कितनी धनराशि व्यय की गई? (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2022 तक एम.पी.पी.एम.सी.एल. द्वारा कितने पॉवर प्लांट से बिजली नहीं खरीद कर, केवल फिक्सड चार्जेस का भुगतान किया गया? प्लांटवार, माहवार व्यय का विवरण उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों द्वारा माह अप्रैल-2020 से जनवरी-2022 तक किए गए विद्युत उत्पादन का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) अप्रैल-2020 से जनवरी-2022 तक मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत एवं जल विद्युत गृहों की इकाईयों के बंद होने के विभिन्न कारण प्लांटवार, माहवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से बिजली की खरीद एवं विक्रय की जाती है। विद्युत की खरीद एवं विक्रय समस्त स्त्रोतों (म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी सहित) से उपलब्ध विद्युत पर निर्भर करती है। अप्रैल-2020 से जनवरी-2022 तक की अवधि में एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कुल रू. 56.07 करोड़ की बिजली खरीदी गई एवं कुल रू. 1587.25 करोड़ की बिजली विक्रय की गई। ग्रिड में सस्ती विद्युत उपलब्ध होने पर विद्युत की मांग की पूर्ति हेतु अनुबंधित विद्युत इकाईयों को बंद कर/कम भार पर चलाकर, एक्सचेंज से विद्युत का क्रय कर मांग की पूर्ति की जाती है तथा ग्रिड में विद्युत महंगी होने पर अनुबंधित विद्युत इकाईयों से अधिक से अधिक उत्पादन कर, महंगी विद्युत एक्सचेंज में विक्रय की जाती है। अत: प्रश्नाधीन अवधि में खरीद की तुलना में अधिक मात्रा में विद्युत का विक्रय कर लाभ अर्जित किया गया है। (घ) अप्रैल-2020 से जनवरी-2022 तक एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमि. द्वारा पावर प्लांटस जिनसे बिजली नहीं खरीद कर केवल फिक्सड चार्जेस का भुगतान किया गया है, का माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1649 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अन्तर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? कार्यवार स्वीकृत राशि, कार्य निर्माण हेतु अनुबंधित एजेंसी, निर्माण कार्यों पर नियुक्त कंसलटेन्सी का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में निर्मित कार्यों में किस-किस जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में विभाग को शिकायत प्रेषित की गई? उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही किस-किस अधिकारी/एजेंसी के माध्यम से कराई गई? निर्माण कार्यों के निरीक्षण/परीक्षण हेतु प्रभारी अधिकारी द्वारा कौन-कौन से कार्यों का स्थल निरीक्षण किया गया एवं निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में किस-किस एजेंसी/कंसलटेन्सी द्वारा परीक्षण कराया गया? शिकायतवार, कार्यवार विस्तृत विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जिनका निर्माण उपरान्त मरम्मत कार्य विभाग द्वारा कराया गया है? ऐसी दोषी निर्माण एजेंसी, मूल्यांकनकर्ता अधिकारी एवं सत्यापन अधिकारी के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण न कराने वाले प्रभारी अधिकारी के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में निर्माण कार्यों की शिकायत के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के सरल क्र. 1 से 7 में माननीय श्री हर्ष यादव जी विधायक देवरी द्वारा कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत की गई है। अतिरिक्त परियोजना संचालक जबलपुर द्वारा जांच समिति द्वारा विधानसभा देवरी में जिन भवनों की शिकायतें प्राप्त हुई थी का संयुक्त स्थल निरीक्षण कर जांच की गई है। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में एन.ए.बी.एल. लैब, लोक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला एवं कंसलटेंसी द्वारा सामग्री परीक्षण किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में से सरल क्र.1, 3,4,5,6 में दर्शित निर्माण कार्यों का निर्माण उपरान्त मरम्मत कार्य अनुबंध के प्रावधान अनुसार अनुबंधित निर्माण एजेंसी (ठेकेदार) द्वारा परफार्मेंस गारण्टी के अंतर्गत कराया गया है, चूंकि निर्माण एजेंसी द्वारा परफारमेंस के तहत कार्य कर दिया गया है अतः किसी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) निर्माण कार्यों में प्रयुक्त निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में एन.ए.बी.एल. लैब, लोक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला एवं कंसलटेंसी द्वारा परीक्षण उपरान्त ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब का सफाई कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1651 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर के लाखा बंजारा तालाब सफाई कार्य अब तक अपूर्ण है? ठेकेदार द्वारा तालाब सफाई कार्य में गुणवत्ता मानकों के विपरीत विलम्ब से कार्य किया हैं इसके बाद भी ठेकेदार पर कार्यवाही किए बिना कार्य की मियाद बढ़ाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या लाखा बंजारा तालाब की भूमि पर अतिक्रमण है? क्या अतिक्रमण हटाए बिना ही तालाब सफाई तथा नाला ट्रेपिंग का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों की सूची उपलब्ध करावें। क्या जिला प्रशासन अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिये कोई कार्यवाही करेगा और कब तक? (ग) क्या तालाब सफाई के कार्य में मिट्टी, डीसिल्टिंग और मिट्टी परिवहन में भ्रष्टाचार हुआ है? क्या ठेकेदार द्वारा बार-बार वास्तविक कार्य से अधिक कार्य के देयक भुगतान हेतु दिये गये हैं? देयक सहित भुगतान संबंधी दस्तावेज दें। (घ) क्या तालाब सफाई कार्य की जांच में स्मार्ट सिटी द्वारा वास्तविक डीसिल्टिंग कार्य से अधिक कार्य का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं। क्या जांच में फेंकी गई मिट्टी का भौतिक सत्यापन किया गया? जांच प्रतिवेदन सहित विवरण दें। क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर के लाखा बंजारा झील के जीर्णोद्धार व पुनर्विकास का कार्य प्रगतिरत है। जी नहीं। तालाब सफाई कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया जा रहा है जिसके अंतर्गत कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री का परीक्षण लैब से कराया जाता है। कोविड 19 महामारी एवं ताउते तूफान के कारण हुई असमय बारिश से कार्य बाधित हुआ है। बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक दिनांक 23.12.2021 से पारित निर्णय अनुसार कार्य पूर्ण करने हेतु समय अवधि में वृद्धि की गई है। (ख) जी हाँ। लाखा बंजारा झील का सर्वेक्षण/सीमांकन हेतु जिला प्रशासन द्वारा गठित दल द्वारा अपने सीमांकन प्रतिवेदन में 36 अतिक्रमणकारियों की सूची प्रस्तुत की गई हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार है। अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाये जाने हेतु तहसीलदार द्वारा नोटिस जारी किये गये। अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में हैं। अतिक्रमणकारी झील के बाहरी तरफ होने से नाला टैपिंग एवं तालाब सफाई का कार्य नियमानुसार किया गया है। (ग) जी नहीं। ठेकेदार को जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान हुआ है। ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत देयक के विरुद्ध किये गए भुगतान एवं देयक संबंधी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 330/एसटी/2021 सागर दिनांक 21.05.2021 से लाखा बंजारा झील कार्य के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु जांच समिति गठित की गई है। जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट अनुसार जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान हुआ है। (घ) जी नहीं। कलेक्टर जिला सागर के आदेश क्रमांक 330/एसटी/2021 सागर दिनांक 21.05.2021 से कार्य के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच हेतु जांच समिति गठित की गई है। जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट अनुसार जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान हुआ है। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने के दिशा-निर्देश
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 1654 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय मकरोनिया में वर्तमान में किन-किन संकाय में कितने विद्यार्थी अध्यनरत हैं? (ख) शासन स्तर से शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ करने के संबंध में क्या दिशा निर्देश है? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में विभिन्न संकाय में अध्यनरत विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुये अग्रणी महाविद्यालय जिला सागर द्वारा स्नात्कोत्तकर कक्षाओं को प्रारंभ करने संबंधी कोई प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो प्रस्ताव एवं विद्यार्थियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये शासन शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में एम.ए., एम.एस.सी अथवा एम.कॉम की कक्षाएं कब तक प्रारंभ करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के निर्धारित मापदण्ड अनुसार स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारंभ करने हेतु संबंधित विषय में स्नातक अन्तिम वर्ष में कम से कम 100 विद्यार्थी अध्ययनरत होना चाहिये तथा 20 से 30 कि.मी. की दूरी में स्थित किसी अन्य महाविद्यालय में संबंधित विषय संचालित नहीं होना चाहिए। (ग) जी हाँ। (घ) शासकीय महाविद्यालय, मकरोनिया से 11 कि.मी. की दूरी पर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर एवं शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सागर संचालित हैं, जहां स्नातकोत्तर कक्षाओं में विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़क पर टोल टैक्स
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1656 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सड़क डेव्लपमेंट कॉरपोरेशन लोक निर्माण विभाग सागर द्वारा सागर-परसोरिया-गढ़ाकोटा-दमोह-जबलपुर मार्ग का निर्माण उपरांत टोल टैक्स ग्राम चनाटौरिया पर कब स्थापित किया गया था? (ख) टोल टैक्स पर विगत वर्ष 2019-20, 20-21 एवं 21-22 से प्रश्न दिनांक तक टोल टैक्स का संचालन किसके-किसके द्वारा कब-कब किया गया है एवं वर्तमान में किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है? वर्षवार, माहवार कितनी टोल टैक्स की राशि प्राप्त हुई? (ग) टोल टैक्स में संचालन में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न संचालकों/शासकीय/वर्तमान में संचालित फर्म/कंपनी द्वारा कितने कर्मचारी कार्यरत थे? स्थानीय एवं अन्य शहरों के कार्यरत कर्मचारियों के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (घ) यदि टोल टैक्स के वर्तमान संचालन में स्थानीय कर्मचारियों को रोजगार से पृथक किया गया है एवं टोल टैक्स की आय में गिरावट आई है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या जबावदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सागर दमोह मार्ग पर ग्राम चनाटौरिया में दिनांक 5/12/2011 को टोल प्लाजा स्थापित कर टोल टैक्स प्रारंभ किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ग) पूर्व बीओटी कन्शेसनायर द्वारा संचालित टोल कर्मियों का अभिलेख एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा संधारित नहीं किया जाता। एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा संचालित चनाटौरिया टोल प्लाजा पर लगभग 45 से 53 कर्मचारी कार्यरत रहे हैं। वर्तमान में कार्यरत टोल कर्मियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – ''ब'' अनुसार। (घ) जी हां, जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 1670 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत ऐसे अतिथि विद्वानों जिनका चयन 6 अक्टूबर 2021 को जारी स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च शिक्षक अथवा माध्यमिक शिक्षक में हुआ है महाविद्यालय छोड़कर जाने से महाविद्यालयों में इनके पद खाली हुए हैं? 6 अक्टूबर 2021 के पूर्व तथा पश्चात प्रदेश में अतिथि विद्वानों की संख्या विषय सहित संभाग अनुसार जानकारी दें। (ख) क्या विभाग को प्रश्नांश (क) में वर्णित कारण से खाली हुए पदों की जानकारी विभिन्न महाविद्यालयों से प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शासन ने इन पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाये? (ग) क्या तीन माह बीत जाने के बाद शासन महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की भर्ती प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रक्रिया पूर्णत: ऑनलाईन है। ऑनलाईन रिक्तियों पर साप्ताहिक आमंत्रण प्रक्रिया अंतर्गत अतिथि विद्वानों से विकल्प दर्ज कर रिक्त पदों पर आवंटन जारी किया जाता है। नियमित पद स्थापना के रिक्त पदों के भरने की कार्यवाही लोक सेवा आयोग के माध्यम से किया जाना एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत जारी है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु प्राप्त आवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1700 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की प्रत्येक नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक कब-कब किस-किसके आवेदन पत्र निकायों द्वारा आवासहीनों के प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे और उनमें में से कितने पात्र-अपात्र पाये गये और किस-किसको आवास हेतु राशि खातों में डाली गयी है? (ख) नगरीय निकाय जौरा व कैलारस में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु राशि आवंटित की गयी है और कितनों को आवंटित करना शेष है? हितग्राहियों के नाम एवं स्थान तक अवगत करावें। (ग) प्रधानमंत्री आवास निर्माण में योजना प्रारंभिक वित्तीय वर्षों में लक्ष्य एवं पूर्ति के अनुपात में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्ष्य एवं पूर्ति में अन्तर क्यों है? हितग्राहियों को राशि प्रदाय करने में शिथिलता के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हितग्राहियों का चयन प्राप्त आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने तथा योजना की स्वीकृति भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत होता है। अतः उक्त प्रकाश में कोई वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं होता है। हितग्राहियों के आवास निर्माण की प्रगति के अनुसार तथा निर्धारित मापदंड पूर्ण होने पर केन्द्रांश राशि प्राप्त होती है, जो हितग्राहियों को वितरित की जाती है। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में भौतिक प्रगति के आधार पर किश्त आवंटित की जाती है व कोई भी शिथिलता इस संबंध में नहीं की जा रही है।
अमृत योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1705 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत योजना में पानी की सप्लाई के लिए खुदाई की जा रही है तथा गुणवत्ताहीन तरीके से पाइप-लाइन बिछायी जा रही है? पूर्व में जलावर्धन योजना में इसी प्रकार की अनियमितताएं बरती गयी थी जिसके कारण डबरा दुर्गति का शिकार हुआ एवं योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। अत: गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच करा कर कार्यवाही की जाएगी l (ख) अमृत योजना के लिए खुदाई कार्य प्रगति पर है इसके साथ ही सीवर योजना का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया जा रहा है? सड़कों को बना कर पुन: सीवर योजना के लिए खोदा जायेगा, क्या यह श्रम, संसाधन एवं पूँजी का ह्रास नहीं होगा? उपरोक्त विषयों के संदर्भ में सरकार की क्या कार्य योजना है? विस्तृत विवरण प्रदान करें l
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अमृत योजना में पानी सप्लाई के लिये बिछाई गई पाइप-लाइन उचित मापदण्डों के अनुरूप है। पाइप-लाइन बिछाई जाने के पूर्व पाईप की जांच थर्ड पार्टी एस.जी.एस. गुड़गांव एवं पी.डी.आई.एल. नोयडा से कराई गई है, परिणाम मानक अनुसार प्राप्त हुये है। पूर्व में जल आवर्धन योजना में बिछाई गई पाइप-लाइन की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच सीपेट भोपाल एवं ब्यूरो वैरिटस महाराष्ट्र के द्वारा कराई गई थी जिसके परिणाम भी मानक अनुसार प्राप्त हुये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अमृत योजना अंतर्गत डबरा नगर में पानी की पाइप-लाइन बिछाये जाने का प्रगतिरत है। डबरा नगर में सीवर परियोजना स्वीकृत नहीं है। शासन की नीतियों एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1720 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र से गुजरने वाले राष्टीय राजमार्ग का चौड़ीकरण सक्षम अधिकारी/विभागीय अनुमति के बिना किया जाता है तो चौड़ीकरण करने वाली संस्था के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाती है? प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1192 दिनांक 23/12/2021 के संदर्भ में विभाग ने यह स्वीकार किया था कि चौड़ीकरण सक्षम अधिकारी एवं विभागीय अनुमति के बिना किया गया। इस पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1192 दिनांक 23/12/2021 में विभाग ने यह स्वीकार किया था कि चौड़ीकरण का कार्य दी गई शर्तों, नियमों के अनुरूप नहीं किया गया है। शर्तें नियमों का पालन नहीं करने वालों पर क्या कार्यवाही होगी? (ग) प्रश्न क्रमांक 1192 दिनांक 23/12/2021 के प्रश्नांश "ग" के उत्तर में बताया गया कि सड़कों का चौड़ीकरण विद्युत लाइन/पोल के शिफ्टिंग के पूर्व अध्यक्षीय परिषद् की स्वीकृति के उपरांत किया गया है। क्या अध्यक्षीय परिषद् को लाइन/पोल शिफ्टिंग के पूर्व उक्त राजमार्ग के चौड़ीकरण का अधिकार है? यदि नहीं तो ऐसा किसके आदेश से किया गया? जबकि विभाग ने स्वीकार किया कि यह कार्य उचित नहीं है। (घ) जिन राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण किया गया वह निकाय की स्वामित्व की भूमि है। यदि नहीं तो उक्त राजमार्ग के चौड़ीकरण हेतु संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल म.प्र. द्वारा प्रदत्त प्रशासकीय स्वीकृति क्र/14096/मु.श.अधो.वि.यो.-II/यॉ.प्र./07-5/2017 भोपाल दिनांक 19/12/2017 के शर्तें क्रमांक 3 का पालन क्यों नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) संचालनालय के आदेश क्रमांक 2373 दिनांक 25.02.2022 से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच समिति से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर, गुणदोष के आधार पर, विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1727 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिला अंतर्गत विकासखंड घुघरी, बिछिया व मवई के ग्रामों में विभिन्न विभागीय योजनाओं व मदों से 33 के.व्ही.11 के.व्ही.एवं वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य कब-कब व कितनी-कितनी लागत से करवाये गए? ग्राम पंचायतवार कार्य का नाम, लागत राशि, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं? उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण नहीं हो सके हैं? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं और कब तक पूर्ण करा लिए जाएंगे? (ख) बिछिया संभाग अंतर्गत ग्राम खलौड़ी में 33/11 केव्ही विद्युत उपकेंद्र की स्वीकृति कब दी गई थी? क्या कारण है कि इसका निर्माण कार्य वर्तमान दिनांक तक शुरू नहीं किया जा सका है? वन विभाग से अनुमति लेने हेतु ऑनलाइन आवेदन के पश्चात शीघ्र अनुमति हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गए? (ग) क्या विकासखंड बिछिया के ग्राम भागपुर व सिमैया आजादी के बाद से अब तक विद्युतीकरण से वंचित ग्राम हैं? इसके क्या कारण हैं? विकासखंड बिछिया, घुघरी व मवई के ऐसे कितने ग्राम, मजरे व टोले हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले के विकासखण्डों घुघरी, बिछिया व मवई के ग्रामों में विभिन्न योजनाओं एवं मदों में 33 के.व्ही./11 के.व्ही. विद्युत लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थापना संबंधी, लागत राशि रू. 526.14 लाख के 52 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उक्त में से लागत राशि रू. 167.38 लाख के 47 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं लागत राशि रूपये 358.76 लाख के 5 कार्य वन विभाग से अनुमति लंबित होने/निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण शेष हैं। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी स्वीकृति (कार्यादेश) दिनांक, लागत राशि, पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए गए 5 कार्य वन विभाग की अनुमति/निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर यथाशीघ्र किये जा सकेंगे, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) बिछिया संचालन-संधारण संभाग अन्तर्गत ग्राम खलौड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा दिनांक 20.07.2019 को दी गयी थी। उक्त नवीन उपकेन्द्र के निर्माण हेतु 15 कि.मी. 33 के.व्ही. उच्च दाब विद्युत लाईन का प्रावधान है, जिसमें से 10 कि.मी. लाईन सघन वन क्षेत्र (रिजर्व फॉरेस्ट) से होकर निकलेगी। जिस हेतु कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) बिछिया ने वन विभाग को लाईन विस्तार की अनुमति हेतु आनलाईन आवेदन क्रंमाक NOPP/MP/Tran/148198/2021 के माध्यम से आवेदन किया गया है। वर्तमान स्थिति में वन विभाग के द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर लिया गया है। मांगपत्र एवं अनुमति प्राप्त होने के पश्चात् अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी, जिस हेतु कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) बिछिया द्वारा वन विभाग से निरन्तर सम्पर्क किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, विकासखण्ड बिछिया का ग्राम भागपुर एवं सिमैया अलग-अलग ग्राम नहीं है, अपितु एक ही ग्राम सिमैया है, जो पूर्व से विद्युतीकृत है। ग्राम सिमैया में 63 के.व्ही.ए. क्षमता का एक वितरण ट्रांसफार्मर एवं 2.25 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाईन स्थापित है। ग्राम में लगभग 45 घरों में से 35 घरों में विद्युत कनेक्शन हैं। सिमैया ग्राम का भागपुर एक टोला है जो कि वन क्षेत्र में स्थित है तथा ग्राम से लगभग 0.75 कि.मी. दूरी पर स्थित है। उक्त टोले के लगभग 35 घरों में से 30 घर सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत है। विकासखण्डों बिछिया, घुघरी एवं मवई में कोई भी ग्राम तथा तत्समय चिन्हित मजरा/टोला विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। तथापि वर्तमान में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन उपरान्त किये गए सर्वे के अनुसार प्रश्नाधीन विकासखंडों के 345 ग्रामों में 1612 बसाहटें पाई गई हैं, जिनमें निर्मित नवीन घरों का विद्युतीकृत किया जाना शेष है। वर्तमान में विद्युतीकरण की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है।
सौभाग्य योजना में की गई गड़बड़ियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1728 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत विधानसभा सत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 23.12.2021 को पूछे गए अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1203 के उत्तर में विभाग द्वारा मण्डला जिले में सौभाग्य योजना में की गई गड़बड़ी में तत्कालीन अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध आरोप पत्र जारी करने की बात कही गई थी, क्या आरोप पत्र जारी कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (संचालन संधारण) संभाग मण्डला द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त होने का उत्तर दिया गया था, इस स्थगन के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा कार्यवाही करने में जानबूझकर कर देरी की जा रही है एवं छोटे अधिकारियों पर कार्यवाही करने के उपरांत बड़े अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि नहीं तो अन्य दोषी अधिकारियों की तरह अधीक्षण यंत्री व कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ख) उपरोक्त जांच के प्रतिवेदन में अनेक ग्रामों में टोले मजरे में पोल न लगने, केबल न लगने व कनेक्शन न लगने के तथ्य सामने आए हैं जिसके कारण ये ग्राम टोले मजरे विद्युतीकरण से आज दिनांक तक वंचित हैं, क्या विभाग द्वारा उपरोक्त ग्रामों, टोलों मजरों में विद्युतीकरण करवाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा रिट अपील क्रमांक 1080/2021 में पारित निर्णय दिनांक 22.11.2021 के अनुपालन में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 उप नियम 14 में निहित प्रावधान अनुसार मण्डला एवं डिण्डौरी जिलों में सौभाग्य योजनांतर्गत क्रियान्वित कार्यों में पायी गयी अनियमितताओं हेतु संबंधित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (संचालन एवं संधारण) वृत्त मंडला के विरूद्ध आरोप पत्र क्रमांक 3832 दिनांक 16.12.2021 जारी किया गया। उक्त आरोप पत्र के तारतम्य में संबंधित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता द्वारा प्रस्तुत बचाव कथन समाधान कारक नहीं पाये जाने के कारण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 229 दिनांक 25.01.2022 से विभागीय जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त कर संबंधित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा चुकी है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (संचालन एवं संधारण) संभाग मण्डला द्वारा उनके विरूद्ध संस्थित विभागीय जांच के तारतम्य में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 23623/2021 दायर की गई थी, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 28.10.2021 से विभागीय जांच में आरोप पत्र दिनांक 16.01.2020 एवं पूरक आरोप पत्र दिनांक 15.05.2020 के अनुक्रम में आगामी कार्यवाही/विभागीय कार्यवाही पूर्ण होने की स्थिति में अंतिम आदेश पारित होने पर स्थगन प्रदान किया गया है। उक्त स्थगन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 25.01.2022 को आवेदन लगाया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मंडला जिला हेतु सौभाग्य योजना अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों में पाई गयी अनियमितता के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए समस्त अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है/की जा रही है। तत्कालीन अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत जांच निष्कर्ष के आधार पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आगामी कार्यवाही विधिवत की जावेगी। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुसार अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण के कार्य को किया जाना था। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मंडला जिले में योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप चिन्हित घरों के विद्युतीकरण के कार्यों को पूर्ण किया गया है। मंडला जिले हेतु योजनांतर्गत कोई भी कार्य शेष नहीं है। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मंडला जिला हेतु सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के संबंध में की गई जांच के प्राप्त जांच प्रतिवेदनों में योजनांतर्गत घरों में दिये गये विद्युत कनेक्शनों की संख्या, भौतिक सत्यापन उपरांत कम पाए जाने का उल्लेख करते हुए इसका कारण योजनांतर्गत कई पूर्व से अवस्थित कनेक्शनों को पुन: दर्ज किया जाना एवं कई घरों में एक से अधिक विद्युत कनेक्शनों की प्रविष्टि दर्ज किया जाना पाया गया। उल्लेखनीय है कि सौभाग्य योजनांतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों का विद्युतीकरण नहीं किया जाना था। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 1739 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर जले हुए हैं एवं कब तक बदले जाएंगे? (ख) कितने ट्रांसफार्मर बिजली बिल जमा न होने के कारण बदले नहीं जा रहे हैं एवं किस दिनांक से यह ट्रांसफार्मर जले हुए हैं? (ग) जिन क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर जले हुए हैं वहां के उपभोक्ताओं को आज भी औसत बिजली का बिल दिया जा रहा है, क्या यह बिजली के बिल संशोधित किए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक बदले जाने हेतु जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या निरंक है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सतना शहर का मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1742 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर का मास्टर प्लान बनाया गया है? अगर हाँ, तो उस मास्टर प्लान में शहर के विकास संरचना का ब्लूप्रिंट उपलब्ध कराएं। क्या उक्त मास्टर प्लान को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत क्रियान्वित किया जाएगा? अगर हाँ तो कैसे-कब तक? अगर नहीं तो क्रियान्वयन कैसे होगा? स्पष्ट करें। (ख) क्या सतना शहर के मास्टर प्लान में शहरी सीमा से लगे विशिष्ट ग्रामों को भी शामिल करने का प्रावधान है? अगर हाँ तो कौन-कौन से ग्राम शामिल किए जाएंगे? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ, तो आज दिनांक तक ऐसा कोई मास्टर प्लान क्यों नहीं बनाया गया है एवं कब तक ऐसा मास्टर प्लान बनाया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, सतना शहर की विकास योजना 2021 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 16.04.2010 से प्रवृत्तशील है। सतना विकास योजना 2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सतना विकास योजना 2021 के अध्याय 5 की कंडिका 5.0 के अनुसार विकास योजना का क्रियान्वयन सतना नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी द्वारा किया जावेगा। इसके गठन होने तक यह दायित्व नगर पालिक निगम द्वारा वहन किये जाने के उल्लेख है। विकास योजना का क्रियान्वयन उक्त के अतिरिक्त अन्य क्रियान्वयन संस्थाओं तथा निजी विकासकर्ताओं द्वारा भी अपने अपने कार्य क्षेत्र में किया जाता है। उपरोक्त स्थिति में स्मार्ट सिटी द्वारा भी विकास योजनाओं के प्रावधानों के क्रियान्वयन को लिया जा सकता है। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 13 में निवेश क्षेत्र का गठन और उनकी सीमाएं परिनिश्चित किये जाने का लेख है एवं धारा 13 (2) (क) में लेख है निवेश क्षेत्र की सीमाओं को इस प्रकार परिवर्तित कर सकेगी जिससे की ऐसे क्षेत्र, जो कि अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाये उसमें (निवेश क्षेत्र) सम्मिलित किया जा सके या उसे उसमें से अपवर्जित किया जा सके। वर्तमान में निवेश क्षेत्र में कोई ग्राम सम्मिलित करने का प्रस्ताव नहीं है। अतः जानकारी उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान सतना विकास योजना 2021 के निवेश क्षेत्र में सतना शहरी क्षेत्र (नगर निगम क्षेत्र) के अतिरिक्त नीमी वृत्त, नैना, बेलावृत्त, बठिया कला, बठिया खुर्द, केमा कोठार, कैमा उन्मूलान, हदवदपुर, करही हरमल्ला, गीदूरी, चकबन्दी, बघेडी, सोनवर्षा, सेजहटा, बेलहटा, सोनौरा, चेक उतैली, कटिया, खैरा, बैरिहा ग्राम सम्मिलित है। (ग) वर्तमान सतना शहर की विकास योजना 2021 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 16.04.2010 से प्रवृत्तशील है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अंकुर कार्यक्रम अंतर्गत वृक्षारोपण
[पर्यावरण]
91. ( क्र. 1744 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा 5 जून 2021 से जन सहभागिता से अंकुर कार्यक्रम शुरू किया गया था, जुन्नारदेव विधानसभा में कृषि, उद्यानिकी, वन एवं पंचायत की ओर से तथा जन भागीदारी से कितने पौधे लगाये गये। पंजीकृत पौधों की संख्या बताये? (ख) क्या वर्ष 2017 में नर्मदा के किनारे एक दिन में लगाये गये 7 करोड पौधे का जो अभिनय प्रयोग चालू किया गया था, शासकीय अधिकारियों की वजह से पूर्णता असफल हो गया है? इस कार्यक्रम में आज तक जिले में कितने शासकीय कार्यक्रम आयोजित किये गये और किन-किन सम्मानित जनप्रतिधियों को आमंत्रित किया गया? (ग) छिन्दवाड़ा जिले में कुल कितने पौधे पंजीकृत हुये और कितने लोगों ने भाग लिया? (घ) क्या यह अति महत्वकांक्षी कार्यक्रम अंकुर छिन्दवाड़ा जिले एवं जुन्नारदेव विधानसभा में जनप्रतिनिधियों का सहयोग न लेने से यह कार्यक्रम पूर्णत: असफल हो गया है? छिन्दवाड़ा जिले में 800 पंचायतें हैं जिसमें 11 विकासखंड है और प्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला छिन्दवाड़ा है, क्या प्रशासन की लापरवाही से यह योजना पूर्णत: असफल हो गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा में कृषि, उद्यानिकी, वन एवं पंचायत की ओर से तथा जन भागीदारी से 424 पौधे लगाये गये एवं पंजीकृत पौधों की संख्या भी 424 है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) पंजीकृत पौधों की संख्या 4199 एवं भाग लेने वालों की संख्या 2668 है। (घ) अंकुर कार्यक्रम जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों के स्वप्रेरणा एवं सहयोग से संपादित किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुल/पुलियों के निर्माण कार्यों का प्रावधान
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 1746 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत संदर्भित पत्र कं 4439, 4440/वि.स.क्षेत्र-122 दिनांक 18.12.2021 एवं पत्र क्रं/4343/वि.स.क्षेत्र-122 दिनांक 27.11.2021 द्वारा ग्राम हनोतिया से तुमडा मार्ग में टांकिया नदी पर पुल निर्माण, ग्राम खुमकाल, मोरछी से बोरदेही मार्ग में रोठिया नदी पर पुल निर्माण, ग्राम टेकाढाना से चीतलभाटा मार्ग में भारंगा नदी पर पुल निर्माण, ग्राम टेमरू के ग्राम उचे टेमरू से नीचे टेमरू मार्ग में सोनभद्र नदी पर पुल निर्माण, ग्राम अन्होनी में पुलिया निर्माण एवं जामई आलीवाडा केवलारी मार्ग मरम्मत, जामई चिखलमउ मार्ग पर मरम्मत, जामई तहसील पहुंच मार्ग पर मरम्मत, जामई विश्राम गृह पहुंच मार्ग पर मरम्मत आदि पुल/पुलिया निर्माण एवं मार्गों के मरम्मत के संबंध में पत्रों पर कार्यवाही एवं पुल/पुलिया निर्माण एवं मार्गों के मरम्मत की स्वीकृति पर कब तक कार्यवाही करेंगे? (ख) विधानसभा जुन्नारदेव अंतर्गत विगत 3 वर्षों में एवं पूर्व में निर्मित एवं निर्माणाधीन बीटी सड़कों की मरम्मत, क्षतिग्रस्त पुल पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल पुलियों के निर्माण के लिये क्या माननीय मंत्री जी बजट में इसका प्रावधान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार तथा विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत पूर्व में निर्मित बैतूल-सारणी-टेकाढाना-परासिया मार्ग का मरम्मत कार्य (टोल+एन्युटी) योजनान्तर्गत अनुबंधानुसार किया जा रहा है तथा तामिया-जुन्नारदेव मार्ग का निर्माण (पुल/पुलियों सहित) ए.डी.बी.-6 योजनांतर्गत किया जाना है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1747 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र विदिशा के प्रस्तावित मार्ग न्यू अरिहंत विहार विदिशा से ग्राम बराखेडा, ग्राम सौराई, ग्राम ककरूआ, सुमेर स्टेशन एवं ग्राम सुमेर से खामखेडा को तहसील मुख्यालय गुलाबगंज से जोड़े जाने के संबंध में स्वीकृति की कार्यवाही की गई एवं विदिशा तहसील के ग्राम सांगई निवासियों के हित में ग्राम अंडिया से गांगई, अहमदपुर, सूरोद सांचेत रोड से जोड़े जाने के संबंध में 2 नग पुलिया निर्माण कार्य सहित सड़क निर्माण कार्य स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही करेगा? (ग) अहमदपुर क्षेत्र के लोगों को रायसेन जिले से जोड़े जाने के लिए ग्राम सतपाड़ा से करारिया, देहगांव जिला रायसेन तक सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश के क्रम में हाँ तो उक्त सड़क निर्माण कार्यों के लिए कब तक राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं तो सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किए जाने के कारण सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिया व सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1750 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 593 दिनांक 24.04.2021 के क्रम में मा. मंत्री के कार्यालयीन जावक क्र. 3738 दिनांक 27.11.2021 के द्वारा विदिशा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम मूड़रा हरिसिंह से ग्राम किरमची रूसल्ली मार्ग एवं पत्र क्र. 5941 दिनांक 24.11.2021 के क्रम मा. मंत्री जी के कार्यालयीन जावक क्र. 3740 दिनांक 27.11.2021 के द्वारा बैरासिया ढोलखेड़ी मार्ग से विदिशा अशोक नगर (S.H.19) तक सड़क पुलिया निर्माण कार्य प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्यों को एस.एफ.सी. में शामिल किये जाने हेतु प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 705 दिनांक 10.01.2022 के क्रम में मा. मंत्री जी के कार्यालयीन आवक क्र. 171 दिनांक 19.01.2022 के माध्यम से प्रधानमंत्री सड़क जोड़ से ग्राम बहलोट सुमेर वाले बाबा दरगाह तक सड़क निर्माण कार्यों को बजट में शामिल किये जाने हेतु प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे एवं प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 707 दिनांक 10.01.2022 के क्रम में मा. मंत्री जी के द्वारा पत्र क्र. 172 दिनांक 19.01.2022 के माध्यम से प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को ग्राम ढोलखेड़ी करारिया चौराहे के बीच स्थित ग्राम नाग पिपरिया ग्राम तक पुलिया व सड़क निर्माण कार्य हेतु निर्देश दिये गये? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ, तो उक्त सड़क निर्माण कार्यों को एस.एफ.सी. में शामिल कर कब तक राशि उपलब्ध कराई जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) योजना अंतर्गत स्वीकृति के अधिकार भारत शासन के पास है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
व्यवसायिक भवन का अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1751 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त नगर निगम भोपाल को दिनांक 04/02/2022 को जोन क्र. 15 स्थित वार्ड क्र. 62 में निर्माणाधीन बहुमंजिला व्यवसायिक भवन में नगर निगम के अधिकारियों से मिलकर रूपयों का लेनदेन कर लगभग 11 हजार वर्गफीट अवैध निर्माण तोड़े जाने विषयक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आवेदक राकेश बघेल द्वारा उक्त अवैध निर्माण की जानकारी सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त की जाकर आवेदन पत्र में संलग्न कर शिकायत की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या भवन स्वामी श्रीमती शालिनी तारण द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विपरीत जाकर लगभग 11 हजार वर्गफीट अवैध निर्माण किया जा रहा है? स्वीकृत मानचित्र, भवन अनुज्ञा की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में यह बतावें कि निर्माणाधीन बहुमंजिला व्यवसायिक भवन (होटल) में हो रहे अवैध निर्माण को तोड़ा जायेगा एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) भवन स्वामी के द्वारा लगभग 1030 वर्गमीटर पर अवैध निर्माण किया गया है। स्वीकृत मानचित्र एवं भवन अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। भवन स्वामी द्वारा स्थल पर किए गए अवैध निर्माण का प्रशमन दिनांक 28.12.2021 को किया जाकर प्रशमन शुल्क की राशि रूपये 12,52,498/- नगर निगम, भोपाल में जमा करा दिए गए है।
नगर निगम में जमा/बकाया राजस्व एवं जलकर राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1752 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के अंतर्गत आने वाले समस्त 85 वार्डों में वार्डवार वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में 31 जनवरी तक जमा एवं बकाया जल तथा राजस्व कर की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपभोक्ता से बकाया जल कर प्राप्त न होने की स्थिति में कनेक्शन विच्छेद करने के क्या नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2021-22 में किन-किन वार्डों में सार्वजनिक जल सप्लाई कनेक्शन विच्छेद किये गये? (घ) क्या वार्ड क्रमांक 23 में दिनांक 23/01/2022 से 26/01/2022 तक बिना पूर्व सूचना के सार्वजनिक जल सप्लाई कनेक्शन विच्छेद किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 225 के अन्तर्गत उपभोक्ता से बकाया जलकर प्राप्त न होने की स्थिति में कनेक्शन विच्छेद करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना तथा अमृत परियोजना के क्रियान्वयन के लिये भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक नल प्रदान करना प्रतिबंधित है। तद्नुसार इन योजनाओं के क्रियान्वयन के दृष्टिगत शहर में सभी सार्वजनिक नल स्वतः ही समाप्त हो गये, क्योंकि सभी सम्पत्तियों के व्यक्तिगत नल कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। अतः सार्वजनिक नल विच्छेद करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) वार्ड क्रमांक 23 में प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा सार्वजनिक जलप्रदाय कनेक्शन विच्छेद की कार्यवाही नहीं की गई है। उक्त के दृष्टिगत् अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिटीपोर्शन सड़क निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1762 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1212 दिनांक 23.12.2021 के उत्तर अनुसार लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ के भोपाल बायपास से छत्री चौराहा, बाराद्वारी होते हुए ब्यावरा बायपास तक लम्बाई 4.40 कि.मी. (सिटीपोर्शन नरसिंहगढ़) सी.सी.करण, पोल शिफ्टिंग डिवाईडर सहित सड़क निर्माण कार्य बजट वर्ष 2021-22 में अपरीक्षित मद में प्रस्तावित था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त सिटीपोर्शन सड़क निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा वर्तमान में उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त सिटीपोर्शन सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु अनेकों बार माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं विभागीय मंत्री जी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन विगत 10 वर्ष पूर्व निर्मित तथा वर्तमान में जीर्णशीर्ण होकर आवागमन बाधा का प्रमुख कारण बन चुके उक्त सिटीपोर्शन सड़क निर्माण की स्वीकृति मुख्य बजट वर्ष 2022-23 में स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, बजट में सम्मिलित नहीं होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1763 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1214 दिनांक 23.12.2021 के उत्तर अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत नाहली में 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र निर्माण का प्रस्ताव, परीक्षण हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को दिनांक 10.11.2021 को प्रेषित किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त उपकेन्द्र की स्वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त उपकेन्द्र निर्माण कार्य विभाग की वर्ष 2023-24 की योजना में शामिल हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त क्षेत्र में अल्प वोल्टेज, तार टूटना तथा दूरस्थ स्थानों से विद्युत आपूर्ति में फाल्ट समस्या के चलते क्षेत्रवासियों की मांग के दृष्टिगत अविलंब स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। तकनीकी परीक्षण में ग्राम तलेन में नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य साध्य पाया गया है। (ख) जी हाँ, ग्राम तलेन, तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ में 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र बनाये जाने का प्रस्ताव म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी की वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधोसंरचना के कार्यों को तकनीकी आवश्यकता की प्राथमिकता के क्रम में वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित कर वित्तीय उपलब्धता अनुसार स्वीकृत किया जाता है। उक्तानुसार प्रश्नाधीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 1779 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत मार्ग स्वीकृत करने हेतु वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनप्रतिनिधियों से कौन-कौन से प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त हुए हैं? उक्त प्राप्त प्रस्तावों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर कार्य स्वीकृति प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? यदि नहीं तो क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। प्राप्त प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत उत्पादन की जानकारी
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 1786 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में समस्त स्त्रोत से विगत 5 वर्षों में हर वर्ष 30 जून को विद्युत उत्पादन कितना था व डिमांड कितनी थी? (ख) प्रदेश में घरेलू उद्योग व कृषि उपभोक्ता की औसत प्रति दिवस विद्युत खपत कितनी है? (ग) प्रश्न दिनांक को प्रदेश में अनुबंध के तहत सबसे सस्ती व सबसे महंगी बिजली प्रति यूनिट कितनी कीमत में खरीदी जा रही है? कीमत व स्त्रोत, मात्रा व संस्थान का नाम बतायें। (घ) विगत पांच वर्ष में वर्षवार सरकार ने समस्त प्रभार मिलाकर उद्योग, कृषि व विभिन्न स्लेब के घरेलू उपभोक्ताओं हेतु विद्युत दरों में कितनी-कितनी वृद्धि का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा था व आयोग से कितनी-कितनी दर स्वीकृत हुई? टेबलफार्म में जानकारी देवें। (ड.) कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक स्थिति खराब है तो सरकार क्या आगामी वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को क्या बढ़ी विद्युत दरों में कोई राहत देगी? यदि हाँ, तो कितनी? नहीं तो दरों में कितनी वृद्धि प्रस्तावित हैं? यूनिटवार समस्त प्रभार मिलाकर बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में समस्त स्त्रोतों से विगत 5 वर्षों में हर वर्ष 30 जून को विद्युत उत्पादन एवं मांग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 में घरेलू, उद्योग (निम्नदाब), उद्योग (उच्चदाब) व कृषि उपभोक्ता की औसत प्रतिदिन विद्युत खपत क्रमश: 3.72, 26.18, 4786.14 तथा 21.10 यूनिट रही। (ग) माह जनवरी, 2022 में प्रदेश में अनुबंध के तहत् सबसे सस्ती व सबसे महंगी बिजली की कीमत, मात्रा, स्त्रोत एवं संस्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) विगत पांच वर्षों में विद्युत कंपनियों द्वारा उद्योग, कृषि व विभिन्न स्लैब के घरेलू उपभोक्ताओं की दरों के विभिन्न प्रभारों में की जाने वाली वृद्धि का माननीय विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया प्रस्ताव व आयोग द्वारा स्वीकृत प्रभारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। इन पांच वर्षों में समस्त प्रभारों को मिलाकर विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की दरों में वृद्धि हेतु माननीय नियामक आयोग को प्रस्तुत दर प्रस्ताव व माननीय आयोग द्वारा स्वीकृत औसत दर वृद्धि निम्नानुसार है :-
वर्ष |
विद्युत कंपनियों द्वारा प्रस्तावित दर वृद्धि का प्रतिशत |
माननीय आयोग द्वारा स्वीकृत दर वृद्धि का प्रतिशत |
2017-2018 |
14.12% |
9.48% |
2018-2019 |
3.84% |
0% |
2019-2020 |
10.74% |
7.01% |
2020-2021 |
5.42% |
1.98% |
2021-2022 |
5.40% |
0.63% |
(ड.) जी नहीं। अपितु, वितरण अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु अपने अनुमानित समस्त खर्चों एवं आय के आधार पर सकल राजस्व आवश्यकता तथा वर्तमान दरों पर माननीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष राजस्व अन्तर की भरपाई हेतु विद्युत दरों में 8.71 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।
मेट्रो ट्रेन तथा स्मार्ट सिटी कार्य का अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1787 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल मेट्रो ट्रेन तथा इंदौर भोपाल स्मार्ट सिटी का कार्य अनुबंध के अनुसार किस दिनांक को पूर्ण होना चाहिये तथा 10 फरवरी 2022 तक कितने-कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर कार्यावधि बढ़ाने अथवा पेनाल्टी लगाने का अनुबंध अनुसार क्या उल्लेख है? यदि पेनाल्टी लगाई जाती है तो वह किस दर से लगाई जावेगी? चारों अनुबंध की प्रति देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1408 दिनांक 23/12/2021 के खण्ड (ख) का स्पष्ट उत्तर क्यों नहीं दिया गया कि कन्सलटेंट के 600 करोड़ का भुगतान किसके द्वारा किया जायेगा। स्पष्ट उत्तर दिलावें तथा बतावें कि खण्ड (क) में उल्लेखित चारों प्रोजेक्ट में डी.पी.आर. बनाने वाले कन्सलटेन्ट तथा परियोजना के क्रियान्वयन के लिये जनरल कन्सलटेन्ट अलग-अलग है? उनका नाम तथा देय राशि तथा डी.पी.आर. की प्रति तथा जनरल कन्सलटेन्ट के साथ हुये अनुबंध की प्रति देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1408 दिनांक 23/12/2021 के खण्ड (घ) का स्पष्ट उत्तर क्यों नहीं दिया गया कि एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट कहाँ से गुजर रहे हैं तथा मेट्रो रेल से कितनी दूर हैं? स्पष्ट उत्तर दिलाये तथा बतावें कि संलग्न भूकम्प हैजर्ड मैप में एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट का संकेत क्या है तथा वह इंदौर शहर से किस ओर है? लाल स्याही से निशान लगाकर मैप की प्रति देवें तथा बतावें कि डी.पी.आर. के किस पृष्ठ पर इस बारे में उल्लेख है? (घ) इंदौर, भोपाल मेट्रो रेल के क्रियान्वयन के जनरल कन्सलटेन्ट के प्रमुख - प्रमुख जिम्मेदारी का क्रम अनुसार उल्लेख करें तथा बतावें कि वह न होने पर क्या कार्यवाही की जावेगी अनुबंध के किस-किस पृष्ठ पर इस बारे में उल्लेख है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) इंदौर शहर के पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट जोन (नर्मदा-सोन साउथ फॉल्ट एवं ग्रेट बाउण्ड्री फॉल्ट) गुजर रहे हैं, संबंधित मध्यप्रदेश भूकंप हैजर्ड मेप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मेप में लाल चिन्ह द्वारा दर्शित एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट को हाईलाइट कर दर्शाया गया है। एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट के बारे में डी.पी.आर. में कोई उल्लेख नहीं है। (घ) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं के जनरल कन्सलटेन्ट के कार्यों (Scope) का विवरण अनुबंध के सेक्शन क्रमांक 6 अंतर्गत टर्म्स ऑफ रिफरेन्स (Terms of Reference - TOR) में पृष्ठ क्रमांक 108 से 138 तक अंकित है तथा Deliverables के पूर्ण न होने की स्थिति में अनुबंध के क्लॉज 9.2 पार्ट-II-GCC, पृष्ठ क्रमांक 181, के अनुसार पेनाल्टी लगाये जाने का प्रावधान है।
शिवपुरी में बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1792 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत परिषद्, पिछोर जिला शिवपुरी को पूर्व सरकार द्वारा बस स्टैण्ड पिछोर के निर्माण हेतु कोई धनराशि स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या बस स्टैण्ड पिछोर के निर्माण हेतु स्वीकृत राशि का भुगतान किया जा चुका है एवं निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि नहीं तो बस स्टैण्ड पिछोर के निर्माण हेतु स्वीकृत राशि का भुगतान नहीं करने अथवा निर्माण कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? विस्तृत जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के पत्र दिनांक 29.06.2018 से विशेष अनुदान राशि रू. 100.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) निकाय द्वारा बस स्टैण्ड निर्माण हेतु डी.पी.आर. उपलब्ध न कराने के कारण राशि जारी नहीं की जा सकी है। योजना की डी.पी.आर. निकाय द्वारा तैयार की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत सब-स्टेशनों का निर्माण
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1794 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के पिछोर विधान सभा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत सब-स्टेशनों का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विद्युत सब-स्टेशन के स्थान के चयन का कोई मापदण्ड है? यदि कोई मापदण्ड है तो जानकारी दें। (ग) क्या विद्युत सब-स्टेशन आवश्यकता के अनुरूप न होकर भेदभाव करके ऐसे स्थानों पर निर्माण कराये जा रहे हैं जहां पर अपेक्षाकृत कम आवश्यकता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा क्षेत्र में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत वर्ष 2021-22 में ग्राम बामोर डामरोन में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। विद्युत सब-स्टेशन निर्माण हेतु स्थान का चयन विद्यमान विद्युत वितरण अधोसंरचना के अतिभारित होने पर क्षेत्र में समुचित भार प्रबंधन की दृष्टि से तकनीकी साध्यता के आधार पर किये जाने के मापदण्ड निर्धारित है। (ग) जी नहीं। अपितु विद्युत सब-स्टेशनों के निर्माण हेतु तकनीकी साध्यता होने पर ही सक्षम स्वीकृति प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1806 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी सड़कें हैं? पूर्ण क्षतिग्रस्त एवं आंशिक क्षतिग्रस्त सड़कों के नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पूर्ण क्षतिग्रस्त एवं आंशिक क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने या निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्या योजना है? प्रत्येक की अलग-अलग बतावें। क्या विभाग द्वारा मुख्य बजट में शामिल किये जाने हेतु नवीन सड़क निर्माण के प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं या भेजे जायेंगे? यदि हाँ, तो उन सड़कों के नाम बतायें। (ग) उक्त क्षेत्र अंतर्गत पटना, करपा, सराई मार्ग के निर्माण के संबंध में क्या मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री की घोषणा का कब तक पालन किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 36। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। नवीन सड़क निर्माण के कोई भी प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु नहीं भेजे गये है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, घोषणा क्रमांक बी-2278 है। शासन द्वारा दिनांक 04.05.2018 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।
सड़कों के निर्माण हेतु बजट में राशि का प्रावधान
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1807 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत आमाडाड से गूजरनाला वैंकटनगर से खैरीग्राम, राजेन्द्र ग्राम से जोहिला नदी तक एवं गौरेला से मानिकपुर सड़क मार्ग एवं सड़क मजबूतीकरण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया गया? सड़क की लम्बाई एवं लागत सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बजट के अभाव में उक्त मार्गों का कार्य अपूर्ण रहने की स्थिति में क्या आगामी मुख्य बजट में इन सड़कों के निर्माण हेतु बजट में राशि का प्रावधान किया जायेगा? (ग) बघनी भावर माध्यमिक शाला से नर्मदा पहुंच मार्ग तथा लखौरा से बोदा मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) में उल्लेखित मार्गों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही विभाग के द्वारा की गई है? उद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सीवर लाइन कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1814 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के मुलताई नगर में स्थित मां ताप्ती सरोवर में मिल रहे गंदे पानी की रोकथाम एवं सरोवर के संरक्षण के लिये लगभग 06 करोड़ रूपये की सीवर योजना के काम का ठेका जुलाई 2020 में दिया गया था? (ख) क्या प्रश्नांकित ठेका की समयावधि लगभग 18 माह निश्चित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा सीवर लाइन डालने की समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण न करने में कौन-कौन दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा नगर की 250 किलोमीटर सड़कों को तोड़कर सीवर लाइन डालने के लिये बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर लिया गया है? क्या ठेकेदार द्वारा डाली जा रही सीवर लाइन एवं सड़क मरम्मत का काम खराब गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है? सीवर लाइन में कनेक्शन का काम भी नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो योजना के कार्य की गुणवत्ता हेतु विभाग के किन-किन वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों ने कब-कब परीक्षण किया है? क्या योजना का कार्य समय-सीमा में कराया जाकर सड़कों का गुणवत्तापूर्वक मरम्मत कार्य कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, कोविड-19 महामारी अवधि में लाकडाउन लगने, रेल्वे क्रासिंग की एन.ओ.सी. प्राप्त नहीं होने आदि कारणों से अनुबंध अवधि की समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सीवरेज पाइप लाइन बिछाने हेतु सड़कों की खुदाई उपरांत ठेकेदार के द्वारा खोदी गयी सड़कों की मरम्मत का कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है। सीवर लाइन में कनेक्शन का कार्य सीवर लाइन बिछाये जाने के उपरांत किया जाएगा। योजना के कार्यों की गुणवत्ता हेतु कार्य का नियमित निरीक्षण निकाय के उपयंत्री के द्वारा किया जाता है। कार्यपालन यंत्री, नगर पालिका परिषद् बैतूल के द्वारा भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। योजना का कार्य समय-सीमा में कराया जाकर सड़कों के रेस्टोरेशन का कार्य गुणवत्तापूर्वक सुनिश्चित किया जा रहा है।
अनुबंध अनुसार अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1815 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड एवं आर्य ओमनी टॉक वायरलेस कंपनी पुणे के मध्य 2006 में किन कार्यों के लिये अनुबंध हुआ था? अनुबंध पश्चात कंपनी ने कितनी राशि का कार्य संपादित किया था? क्या कंपनी ने अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण कर दिया था? यदि नहीं, तो कितनी राशि का क्या कार्य कंपनी द्वारा किया गया था? भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड ने अब तक कंपनी को कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया था? कितना भुगतान शेष है? (ख) क्या कंपनी के पक्ष में रूपये 42,07,778/- (रूपये बयालिस लाख सात हजार सात सौ अठहत्तर मात्र) का भुगतान किये जाने के लिये आर्बीट्रेटर ट्रिब्यूनल ने 11.08.2016 को आदेश किया था? यदि हाँ, तो कंपनी को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के खातों से इस प्रकरण में कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक भुगतान की गई है? क्या नगर निगम/बी.सी.एल.एल. ने ट्रिब्यूनल के आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय में कोई अपील की थी? यदि नहीं तो क्यों नहीं की? इसके लिये कौन दोषी है? नाम बतायें। (ग) क्या नगर निगम भोपाल/बी.सी.एल.एल. आयुक्त और अपर आयुक्त ने उपरोक्त (ख) अनुसार 24.10.2019 के वित्तीय हानि के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही करने के नोटशीट पर निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो 24.10.2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम और बी.सी.एल.एल. के जिम्मेदार अधिकारियों ने वित्तीय हानि के लिये दोषी कर्मचारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड एवं आर्या ओमनीटॉक वायरलेस कंपनी पुणे के मध्य 2006 में संचालित बसों में जी.पी.एस. संस्थापित कर कंट्रोल रूम के माध्यम से ऑनलाइन ट्रैकिंग किया जाना एवं बस स्टाप पर यात्रियों की सुविधा हेतु 100 नग यात्री सूचना प्रणाली के संस्थापन, संचालन एवं संधारण कार्य के लिये अनुबंध हुआ था। अनुबंध पश्चात कंपनी द्वारा 100 नग यात्री सूचना प्रणाली की आपूर्ति हेतु राशि रू. 50,47,351/- (पचास लाख सैंतालीस हजार तीन सौ इक्कावन मात्र) का देयक एवं ऑपरेशन/मेन्टेनेन्स हेतु राशि रू. 37,50,676/- (सैंतीस लाख पचास हजार छ: सौ छियत्तर मात्र) बी.सी.एल.एल. के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जी नहीं। कम्पनी ने संचालन एवं संधारण कार्य पूर्ण नहीं किया था। कम्पनी के द्वारा अनुबंधानुसार 100 नग यात्री सूचना प्रणाली राशि रू. 50,47,351/- (पचास लाख सैंतालीस हजार तीन सौ इक्कावन मात्र) की आपूर्ति का कार्य पूर्ण किया गया था। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा कम्पनी को किये गये भुगतान संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भुगतान शेष नहीं है। (ख) जी हाँ। कंपनी के पक्ष में रूपये 42,07,778 (रूपये बियालीस लाख सात हजार सात सौ अठहत्तर मात्र) का भुगतान किये जाने के लिये ऑर्बीट्रेशन ट्रिब्यूनल ने 11/08/2016 को आदेश किया गया था, जिसके विरूद्ध बी.सी.एल.एल. द्वारा अपर जिला न्यायालय, (कमर्शियल कोर्ट), भोपाल में अपील क्रमांक एम.जे.सी.-73/2016/दिनांक 08/11/2016 को दायर की गई, जिसे जिला न्यायालय भोपाल की माननीय कमर्शियल कोर्ट की युगल पीठ द्वारा उपरोक्त प्रकरण में बी.सी.एल.एल. की अपील को खारिज किया गया, जिसके फलस्वरूप बी.सी.एल.एल. द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रूपये 80,42,332/- (अस्सी लाख बियालीस हजार तीन सौ बत्तीस मात्र) का भुगतान कम्पनी को किया। जी नहीं। बी.सी.एल.एल. ने ट्रिब्यूनल के आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय में कोई अपील नहीं की गई, क्योंकि उक्त प्रकरण में अपील करने हेतु अधिकृत अधिवक्ता के विधिक अभिमत अनुसार माननीय उच्च न्यायालय के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों द्वारा समस्त सुनवाई उपरांत मेसर्स आर्या ओमनीटॉक के पक्ष में अवार्ड पारित किया गया, जिसे माननीय जिला न्यायालय (कमर्शियल कोर्ट) भोपाल की युगल पीठ द्वारा भी आदेश को यथावत रखते हुये दिनांक 26/09/2019 को बी.सी.एल.एल. की अपील खारिज की गई। अतः आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में अपील नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। वित्तीय हानि के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही करने के नोटशीट पर निर्देश दिये थे, जिसके संबंध में जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त होने के कारण जांच प्रतिवेदन लम्बित है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लंबित शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 1825 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदलने विद्युत ट्रांसफार्मर की चोरी, विद्युत तार की चोरी, अतिरिक्त भार के कारण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, दो तार के स्थान पर तीन तार खीचने के संबंध में 1 दिसम्बर 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में केन्द्रीयकृत नंबर 1922, सी.एम. हेल्पलाइन तथा रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के माध्यम से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में कितनी शिकायतें लंबित हैं तथा क्यों? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. विधायकों द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन, केन्द्रीयकृत नंबर 1922 दर्ज शिकायतों को विभाग के अधिकारियों द्वारा त्वरित निराकरण नहीं किया जाता है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (घ) 20 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संभाग के किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं उनको क्यों नहीं बदला जा रहा है तथा कब तक बदल दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 1 दिसम्बर, 2021 से दिनांक 20 फरवरी, 2022 तक रायसेन एवं बरेली संचालन/संधारण संभागों में केन्द्रीयकृत नंबर 1912 (1922 नहीं) पर कुल 456 एवं सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल पर कुल 164 तथा रायसेन जिले के माननीय विधायक महोदय श्री रामपाल सिंह जी के द्वारा कुल 11 प्रश्नाधीन शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' के संबंध में केन्द्रीकृत नंबर 1912 एवं सी.एम. हेल्पलाइन पोर्टल (181) के माध्यम से प्राप्त कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। तथापि माननीय विधायक महोदय के पत्रों के माध्यम से प्राप्त 11 शिकायतों में से रायसेन संचालन/संधारण संभाग अंतर्गत 01 शिकायत लंबित है। उक्त लंबित शिकायत में ग्राम-पीलपहाडी में 3 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु लेख किया गया है। उक्त 3 में से 2 वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है एवं शेष 1 जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर खेतों में फसल खड़ी होने के कारण पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने से बदला नहीं जा सका है। उक्त ट्रांसफार्मर फसल कटने के पश्चात मार्ग सुगम होने पर बदल दिया जावेगा। (ग) सी.एम. हेल्पलाइन/केन्द्रीयकृत नंबर 1912 पर दर्ज शिकायतों एवं माननीय विधायक महोदयों के द्वारा प्रेषित शिकायतों के निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही की जाती है। (घ) दिनांक 20 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन संचालन/संधारण संभाग के ग्राम सत्ती एवं ग्राम पीलपहाडी में क्रमश: 1 एवं 1 वितरण ट्रांसफार्मर एवं बरेली संचालन/संधारण संभाग अंतर्गत ग्राम-गुरारिया में 1 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। उक्त जले/खराब 3 वितरण ट्रांसफार्मरों में से रायसेन संचालन/संधारण संभाग के 2 वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदला नहीं गया है एवं बरेली संचालन/संधारण संभाग के 1 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने हेतु पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण इसे नहीं बदला जा सका है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया विद्युत बिल की राशि जमा कराने के उपरान्त/पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
109. ( क्र. 1826 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1248 दिनांक 23/12/2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि 25 नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में 1060 किसानों को सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्शन के आवेदन पत्र लंबित है। यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को कनेक्शन दिये गये? (ख) दिनांक 26/11/2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितने किसानों द्वारा सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्शन के आवेदन पत्र जमा किये, उनमें से कितने किसानों को कनेक्शन दिये गये? (ग) किसानों से आवेदन पत्र प्राप्त होने के कितने दिनों के भीतर कनेक्शन देने का प्रावधान है? यदि सयम-सीमा तय नहीं है तो विभाग समय-सीमा कब तक तय करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के लंबित आवेदन पत्रों पर कितने दिनों के भीतर निराकरण होगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। तारांकित प्रश्न क्रमांक 1248, दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि 25 नवम्बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में 1060 किसानों को सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्शन के आवेदन पत्र लंबित है। राससेन जिले में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अतंर्गत कुल 1093 किसानों को सोलर पम्प संयंत्र प्रदान किए गए है। (ख) दिनांक 26.11.2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किसानों द्वारा सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्शन के आवेदन पत्र जमा करने वाले किसानों की संख्या निरंक है। अत: उनमे से किसानों को सौर ऊर्जा कनेक्शन दिए जाने की संख्या भी निरंक है। (ग) केन्द्र व राज्य शासन से बजट राशि उपलब्ध होने पर आवेदक किसानों से पूर्ण हितग्राही अंश प्राप्त कर सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना की जाती है। सोलर पम्प संयंत्र स्थापित करने की समय-सीमा हितग्राही से पूर्ण राशि प्राप्त होने की दिनांक से 120 दिवस है। (घ) केन्द्र व राज्य शासन से बजट राशि उपलब्ध होने पर आवेदक किसानों से पूर्ण हितग्राही अंश प्राप्त कर, सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना की जाती है। सोलर पम्प संयंत्र स्थापित करने की समय-सीमा हितग्राही से पूर्ण राशि प्राप्त होने की दिनांक से 120 दिवस है।
नगरपालिका परिषद् के स्वामित्व की भूमि का नामांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1846 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मनावर नगरपालिका परिषद् मनावर जिला म.प्र. वार्ड क्र. 05 मेला मैदान में स्थित नगरपालिका परिषद् मनावर की भूमि मूल लीजधारी द्वारा दिनांक 18/09/2018, दिनांक 15/01/2005 एवं दिनांक 26/08/2008 की रजिस्टर्ड विक्रय पत्र द्वारा बिक्री की गई है? क्या उक्त लीज वाली भूमि की स्वत्वधारी व भूमि स्वामी नगरपालिका परिषद् मनावर है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की बिक्री रजिस्ट्री के आधार पर नगरपालिका परिषद् मनावर द्वारा दिनांक 28/09/2019 एवं दिनांक 09/04/2019 को नामांतरण स्वीकृत किया गया है? (ग) क्या नगरपालिका परिषद् मनावर के स्वामित्व की उक्त लीज वाली भूमि को संरक्षित रखने का विधिक दायित्व राजस्व निरीक्षक, सी.एम.ओ. और अध्यक्ष नगरपालिका का था? (घ) क्या नगरपालिका स्वामित्व की लीज वाली भूमि का रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से करने वाले व कराने वाले तथा ऐसे फर्जी अंतरण में सहयोग करने वालों सी.एम.ओ., अध्यक्ष व कर्मचारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए? यदि हाँ, तो अभी तक क्यों नहीं किया गया और यदि किया जाएगा तो कब किया जाएगा? (ङ) क्या नगरपालिका के अधिकारी/कर्मचारी अध्यक्ष का यह आचरण भ्रष्टपूर्वक नहीं है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध तत्काल कार्यवाही के आदेश जारी किए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लीज वाली भूमि की स्वत्वधारी व भूमि स्वामी नगरपालिका परिषद् मनावर है। (ख) विक्रेता रामेश्वर प्रसाद पिता झेतालाल शर्मा के बिक्री रजिस्ट्री के आधार पर क्रेता नितीन पिता मनोहर नामदेव के नाम से अध्यक्ष मनावर के आदेश दिनांक 28.09.2019 से नामांतरण स्वीकृत किया गया। दिनांक 09.04.2019 से नामांतरण स्वीकृत नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। अंतिम रूप से उत्तरदायित्व निर्धारण नहीं होने से किसी भी पदाधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया गया। उत्तरदायित्व निर्धारित होने पर संबंधितों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) उत्तरांश (घ) के अनुसार।
बाईपास रोड के लिए राशि का आवंटन
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1848 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर शहर में बाईपास रोड बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं लोक निर्माण विभाग को प्रश्नाकर्ता एवं पी.डब्ल्यू.डी. मनावर द्वारा विगत तीन वर्षों में कई बार डिटेल्ड इस्टीमेट प्रेषित किए गए? यदि हाँ, तो कब तक प्राक्कलन परीक्षण पूर्ण कर बाईपास रोड के लिए प्राक्कलित राशि आवंटित कर निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ख) 4 स्टेट हाइवे, अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के काफी संख्या में कंटेनर-ट्राले, प्रदेश की सबसे बड़ा औद्योगिक पीथमपुर से जुड़े होने तथा मनावर की 4 लाख आबादी के कारण अक्सर हो रही दुर्घटनाओं एवं लोगों की समस्याओं के मद्देनजर प्रश्न दिनांक तक भी मनावर बाईपास रोड का निर्माण नहीं होने के क्या कारण है? मनावर बाईपास रोड के प्राक्कलन परीक्षण में विलंब का क्या कारण है? (ग) शासन द्वारा कितने दिनों में कितने-कितने किलोमीटर के बाईपास रोड का प्राक्कलन परीक्षण पूर्ण करने का प्रचलन है? (घ) वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में प्रदेश में कहाँ-कहाँ कितने किलोमीटर के कितने बाईपास रोड स्वीकृत किए गए? उक्त बाईपास रोड का प्राक्कलन परीक्षण कितने दिनों में पूर्ण कर किन मदों से कितनी राशि आवंटित की गई? कितने दिनों में निर्माण कार्य पूर्ण किया गया? पृथक-पृथक प्रति सहित ब्यौरा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं। भू-अर्जन की राशि अत्याधिक होने से। (ग) इस संबंध में दिशा-निर्देश नहीं है। परीक्षण यथाशीघ्र किया जाता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण, विकास एवं मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 1852 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रत्येक विधायक से उनके क्षेत्र के रोडों, स्टाप डेमों व विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के प्रस्ताव मंगाये गये हैं? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग के किस विधायक ने लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत निर्माण, विकास, मरम्मत कार्यों के क्या प्रस्ताव दिये हैं? (ख) नरेडी हनुमान से खाचरौद मार्ग (5 किमी) व 4 अन्य मार्गों को वर्ष 2022-23 के बजट में सम्मिलित करने की मुख्यमंत्री से मांग करने पर पत्र क्रं. 341/सीएमएस/एमएलए/212/2020 दिनांक 24/01/2022 को एसीएस/पीएस लोक निर्माण विभाग को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मुख्य जिला मार्ग नागदा-गिदगढ-निनावटखेडा-किलोडिया-झिरमिरा-दिवेल- चंदोडिया-तारोद-मोकडी मार्ग लंबाई 24 किमी वर्ष 2022-23 के बजट में सम्मिलित करने की मुख्यमंत्री से मांग करने पर पत्र क्रं. 340/सीएमएस/एमएलए/212/2020 दिनांक 24/01/2022 को एसीएस/पीएस लोक निर्माण विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक पत्र क्रं. 4128/नागदा दिनांक 21/01/2022 द्वारा औद्योगिक रिंग रोड पर रेल्वे फाटक क्रं. 02 पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज बनाने हेतु वर्ष 2022-23 में बजट प्रावधान करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री द्वारा एसीएस/पीएस लोक निर्माण विभाग को बजट प्रावधान करने हेतु क्या निर्देश दिए गए है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ऐसे कोई निर्देश नहीं है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये।
ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 1853 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग नागदा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में वॉल्टेज की समस्या व विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु पावर ट्रांसफार्मर व अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने की आवश्यकता के आधार पर म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर में विगत 03 वित्तीय वर्षों में कहाँ-कहाँ स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) तारांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 6214 दिनांक 23.03.2021 के उत्तरांश (ड.) में उल्लेखित शेष 114 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर किस-किस स्थान पर अतिभारित है की स्थान एवं क्षमतावार सूची देवें। उक्त अतिभारित विद्ययुत ट्रांसफार्मर के स्थान पर अतिरिक्त अथवा क्षमता वृद्धि हेतु विद्युत कंपनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी? (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक कितने किसानों को कितने वितरण ट्रांसफार्मर किराये पर देकर अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है की वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार, स्थानवार विवरण देवें। अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शन कब तक प्रदान कर दिए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग नागदा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या के निराकरण एवं विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु विगत 03 वित्तीय वर्षों में 03 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 04 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा 34 अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को लगाने के कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। पॉवर ट्रांसफार्मरों एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्वीकृति संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन 114 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थानवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त अतिभारित ट्रांसफार्मरों में से 08 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 15 अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, इस प्रकार कुल 23 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य पूर्ण किये गये है एवं शेष 91 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। योजना की स्वीकृति के उपरांत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक 49 किसानों को 06 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किराये पर देकर अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केंद्रवार, ग्रामवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु वर्तमान में विद्युत वितरण कंपनी में कोई योजना प्रचलित नहीं है। तथापि किसान स्थाई सिंचाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु विद्युत वितरण कंपनी में प्रचलित ''स्वयं का 'ट्रांसफार्मर योजना'' के अंतर्गत यह कार्य करा सकते है। साथ ही यह कार्य आवेदक वितरण कंपनी को 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि का भुगतान कर स्वयं के व्यय से ''अ'' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्यम से अथवा 100 प्रतिशत राशि वितरण कंपनी में जमा कर वितरण कंपनी से करा सकते है। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निगम द्वारा कॉलोनाईजर पर की गई कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1857 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 958 दिनांक 12.08.2021 के खण्ड ''घ'' की सूची उपलब्ध करावें तथा म.प्र. भूमि अंतरण अधिनियम 2016 की प्रति देवें तथा बतावें कि निगम के किस ठहराव के आधार पर नामान्तरण शुल्क, पेनाल्टी तथा अधिभार इत्यादि शुल्क वसूला गया? उस ठहराव की प्रति देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5566 दिनांक 23.03.2021 के संदर्भ में बतावें कि रतलाम में 01.08.1994 के बाद नगर सुधार न्यास का अस्तित्व था या नहीं? उसका निगम में 01.08.1994 को विलय हुआ था या नहीं? यदि हाँ, तो जो संस्था अस्तित्व में नहीं थी उसके नाम पर विभिन्न शुल्क किस नियम से वसूले गये? (ग) नगर निगम द्वारा जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2022 किस-किस भूमि मालिक तथा कॉलोनाईजर को नियम विपरित कार्य करने के सम्बन्ध में किस-किस धारा में नोटिस दिये गये? नोटिस तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें तथा बतावें कि नोटिस अनुसार किस-किस भूमि मालिक तथा कॉलोनाईजर पर कार्यवाही की गई। (घ) बर्फ कारखाना सर्वे क्रमांक 122 तथा 123 पर दिये गये कॉलोनाईजर लाईसेंस, कॉलोनी का स्वीकृत नक्शा, यदि रेरा की अनुमति है तो उसकी प्रति तथा नामांतरण संबंधी समस्त दस्तावेज की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, प्रश्नांकित नियम 2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नगर निगम के ठहराव क्र. 124 व 127 दिनांक 11.04.2001, ठहराव क्र. 138 व 139 दिनांक 04.09.2002, ठहराव क्र. 89 दिनांक 14.11.2002, ठहराव क्र. 04 दिनांक 18.01.2003 के आधार पर प्रश्नांकित शुल्क वसूल किए गए हैं। निगम ठहरावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। दिनांक 01.08.1994 के बाद नगर निगम रतलाम द्वारा नगर सुधार न्यास रतलाम के नाम पर विभिन्न शुल्क नहीं वसूले गए हैं, अपितु म.प्र. नगर सुधार न्यास (निरसन) अधिनियम 1994 की धारा-3 में उपबंधित अनुसार राज्य सरकार द्वारा नियत तारीख अर्थात दिनांक 01.08.1994 से नगर सुधार न्यास के विघटन के पश्चात नगर सुधार न्यास रतलाम की समस्त अस्तियां और दायित्व नगर निगम रतलाम में निहित हो जाने और उनके विषय में संव्यवहार करने और ऐसे दायित्वों का उन्मोचन करने के लिए आवश्यक शक्तियां नगर निगम रतलाम को प्राप्त हो जाने के कारण विभिन्न शुल्क वसूले गए हैं। (ग) नगर निगम द्वारा प्रश्नांकित अवधि में श्री जितेन्द्र नागल पिता श्री मोहनलाल नागल एवं रजिस्टर्ड हैदर एण्ड कम्पनी को कार्य बन्द करने के संबंध में सूचना पत्र दिनांक 25.08.2021 जारी किया गया जो प्रश्नांकित अवधि के पूर्व सूचना पत्र दिनांक 09.08.2020 एवं दिनांक 01.10.2020 के संदर्भ में स्मरण के रूप में जारी किया गया था, सूचना पत्र में सुसंगत अधिनियम की धारा या नियम का उल्लेख नहीं किया गया है। नोटिस एवं प्राप्त उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) भूमि के सर्वे नम्बर के आधार पर कॉलोनाईजर को लाईसेंस प्रदान करने के प्रावधान नहीं है एवं प्रश्नांकित सर्वे नम्बर पर नगर तथा ग्राम निवेश से स्वीकृत अभिन्यास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है।
लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण में कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
115. ( क्र. 1858 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में सहायक वर्ग 03 एवं प्रयोगशाला तकनीशियन के किस श्रेणी के कुल कितने पद रिक्त हैं? जानकारी पदवार, श्रेणीवार, जिलावार उपलब्ध करावें। प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर रहते हुए दिवंगत हुए कर्मचारी के आश्रित को प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय की जा सकती है अथवा नहीं? ग्वालियर संभाग में कार्यरत किन-किन प्रयोगशाला तकनीशियनों की अनुकंपा नियुक्ति हुई है व किस दिनांक को? जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण श्री अभिषेक पारासर पु़त्र स्व. श्री किशोरी शरण पारासर प्रयोगशाला तकनीशियन शासकीय पी.जी. महाविद्यालय शिवपुरी में प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ जिला गुना ने शासन को अवगत कराया गया है कि अग्रणी महाविद्यालय गुना द्वारा रोस्टर संधारित किया जाता है जिसमें वर्तमान में गुना जिले में सहायक वर्ग-03 अनारक्षित वर्ग के कुल 03 पद रिक्त हैं जिनको पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है। उक्त प्रकरण में किस आधार पर यह निर्धारित किया गया है कि रिक्त सहायक ग्रेड 03 के सभी तीनों पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरा जावेगा? स्पष्ट करें कि उक्त पदों पर कब तक पदोन्नति की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्वालियर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में सहायक वर्ग तीन के रिक्त पदों की श्रेणीवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्वालियर संभाग के प्रयोगशाला तकनीशियन के रिक्त पदों की श्रेणीवार एवं संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3, दिनांक 29 सितम्बर 2014 के द्वारा नियम 5 के उपनियम 5.1 में दिये गये उल्लेखित पदों पर एवं वेतनमान रूपये 3500-5200 (5200-20200+2100 ग्रेड पे) तक ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा सकती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने संबंधी ग्वालियर संभाग की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) वर्तमान में सहायक वर्ग-3 के अनारक्षित संवर्ग में पद रिक्त न होने से श्री अभिषेक पाराशर को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने हेतु निर्देशानुसार प्रस्ताव महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर को भेजा जा रहा है। सहायक वर्ग-3 का रोस्टर जिला स्तर पर संधारित किया जाता है। शिवपुरी जिले में सहायक वर्ग-3 के कुल 11 पद स्वीकृत है। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 332/410/2008/3/एक, दिनांक 23 फरवरी 2008 द्वारा कुल स्वीकृत पदों में से 25 प्रतिशत पद पदोन्नति हेतु सुरक्षित रखने हेतु निर्देश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। अत: शिवपुरी जिले में सहायक वर्ग-3 के कुल स्वीकृत 11 पदों का 25 प्रतिशत अर्थात 03 पद पदोन्नति हेतु सुरक्षित रखे गये है। वर्तमान में पदोन्नति पर माननीय न्यायालय निर्णय अनुसार प्रतिबंध है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
सौभाग्य योजनांतर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1859 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिन्हें सौभाग्य योजना अंतर्गत 10 घण्टे वाले पम्प फीडरों से जोड़कर ऊर्जीकृत कर दिया गया तथा जहां आज भी 24 घण्टों के स्थान पर महज 8-10 घण्टे ही बिजली मिल रही है? क्या सौभाग्य योजना में ग्रामों को 24 घण्टे के स्थान पर 10 घण्टे के पम्प फीडरों से ग्रामों की ऊर्जीकृत किए जाने का प्रावधान था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि योजनांतर्गत पम्प फीडरों से ग्रामों को ऊर्जीकृत किए जाने का प्रावधान था तो आदेश बताएं यदि नहीं तो किस आदेश के तहत नियम विरूद्ध तरीके से संबंधित ग्रामों को सौभाग्य योजना में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण की श्रेणी में डाल दिया गया तथा उक्त ग्राम को पम्प फीडर से 10 घण्टे विद्युतीकृत करके गलत प्रमाणीकरण देने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर उक्त सभी ग्रामों को आबादी फीडरों से 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौभाग्य योजनांतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र के 15 ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों के अविद्युतीकृत घरों को योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्व से स्थापित निकटतम विद्युत अधोसंरचना (कृषि फीडरों) से विद्युतीकृत कर इन्हें कृषि फीडरों हेतु निर्धारित अवधि के लिये विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। सौभाग्य योजनांतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनरूप ग्रामों/मजरों/टोलों/बसाहटों के चिन्हित अविद्युतीकृत घरों को पूर्व से स्थापित निकटतम विद्युत अधोसंरचना से अथवा खेतों में दूर-दूर बने घरों को छोड़कर मुख्य आबाद क्षेत्र में लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यक विद्युत अधोसंरचना का कार्य किये जाने तथा ऐसे दूरदराज के क्षेत्र जहां विद्युत अधोसंरचना विस्तार का कार्य संभव/वित्तीय रूप से साध्य नहीं था, वहां सोलर पेनल के माध्यम से विद्युत कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान था। उल्लेखनीय है कि सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युत प्रदाय की अवधि संबंधी कोई प्रावधान नहीं था। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नियम विरूद्ध पदनाम परिवर्तन
[आयुष]
117. ( क्र. 1864 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री जी को डॉक्टर वंदना बोराना आयुष चिकित्सा अधिकारी संचालनालय के विरूद्ध एक शिकायत पत्र पूर्व में प्रेषित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो बतलावें कि उक्त प्रेषित पत्र पर कब किस के द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से क्या प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसका दोषी कौन है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार माननीय जनप्रतिनिधियों के पत्रों के उत्तर दिया जाना चाहिए? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र का प्रति उत्तर प्रेषित न कर क्या नियमों का उल्लंघन किया गया है? (घ) क्या डॉक्टर वंदना बोराना का पदनाम सहायक संचालक के पद परिवर्तित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या पदनाम परिवर्तन के पूर्व विभागीय मंत्री का अनुमोदन लिया गया है? यदि नहीं तो क्या उल्लेखित पदनाम परिवर्तन नियम विरूद्ध है? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के संदर्भ में प्रेषित शिकायत की जांच न करने, पत्रों का उत्तर न देने तथा नियम विरूद्ध पदनाम परिवर्तित करने वालों पर क्या शासन कार्यवाही की जाएगी? क्या वापिस उनके मूल पद पर पदस्थ किया जायेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा माननीय विधायक को प्रकरण की तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया जा चुका है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 15 मई 2020 द्वारा डॉ. बोराना के पदनाम परिवर्तन का आदेश जारी किया था परंतु इसमें सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं होना पाया जाने पर शासन आदेश दिनांक 24 जुलाई 2020 द्वारा डॉ. बोराना के पदनाम परिवर्तन का आदेश तत्समय ही निरस्त कर दिया था। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रय की गई दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण
[आयुष]
118. ( क्र. 1865 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के आयुष औषधालयों में संचालनालय द्वारा दवाई उपलब्ध कराई जाती है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस वर्ष कितनी-कितनी राशि की दवाएं किन-किन एजेन्सियों से खरीदी गई? सूची देवें। (ख) क्या प्रदेश में संचालित आयुष औषधालयों में रोगियों को दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जबकि शासन स्तर पर बजट की कोई कमी नहीं है? जिन एजेन्सियों से दवाई खरीदी जा रही हैं, क्या वे एजेन्सियां समय पर दवाई उपलब्ध कराती है? यदि समय पर दवाई उपलब्ध नहीं कराती, तो सरकार उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करती है? अभी तक समय पर दवाई उपलब्ध न कराने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरीदी गई दवाओं का गुणवत्ता परीक्षण किस-किस के द्वारा किया गया एवं किन-किन के सेम्पल खराब निकले हैं? (घ) क्या लघु वनोपज द्वारा उपलब्ध करायी गई दवाइयों के सेंपल खराब होने के बावजूद भी उन्हीं से दवाई खरीदी जा रही है। यदि सेंपल खराब निकलते हैं तो संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जानी चाहिए? आयुक्त द्वारा इस संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के अनुसार क्या दवाइयों के सेंपल खराब होने पर किसी दूसरी एजेन्सी से दवाएं खरीदने का नियम है? उत्तर में यदि हाँ, तो सेंपल खराब होने पर किसी दूसरी एजेन्सी से दवाएं खरीदने हेतु अभी तक किस-किस के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जी नहीं। संबंधित एजेंसियों से समय पर सप्लाई कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां की जाती हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर के साथ ही अन्य मान्यता प्राप्त औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से। लघु वनोपज संघ भोपाल। (घ) जी हाँ। अमानक बैच की औषधि को छोड़कर। संचालनालय पत्र दिनांक 28.10.2021 द्वारा कार्यवाही की गयी। फर्म को अमानक औषधियां नष्ट करने तथा भविष्य में प्रदाय न करने हेतु निर्देश दिये गये। (ड.) जी हाँ। भारत सरकार आयुष विभाग द्वारा समय-समय पर प्रसारित दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में अन्य संस्थाओं/उपक्रमों से क्रय की कार्यवाही की जाती है।
नेशनल हाईवे का गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1867 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में नेशनल हाईवे 30 (बरेला-मण्डला मार्ग का भाग) निर्माण पूर्णता शर्त 2 वर्ष याने 2017 के बाद भी पिछले 6-7 वर्षों से निर्माणाधीन है और फिर भी अपूर्ण है, क्या कारण है? (ख) प्रश्न दिनांक तक जितना भी रोड का निर्माण हो पाया है क्या निर्माण एजेंसी द्वारा नेशनल हाइवे के मापदंड एवं मानक अनुसार किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माणाधीन रोड की गुणवत्ता स्टैण्डर्ड लैब रिपोर्ट, जर्क, साइड रोड कटिंग, पटरी नाली और प्रश्न दिनांक तक निर्मित रोड की क्वालिटी की विभागीय जाँच रेगुलर हुई है तो उसकी टेक्निकल जाँच रिपोर्ट अधिकारियों के नाम पद मय हस्ताक्षर की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) रोड निर्माण कार्य में लेट लतीफी के कारण इन 6-7 वर्षों में निर्माण के दौरान हुई दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मृत्यु और अपंगता और करोड़ों रूपये की धन हानि हुई। उक्त संबंध में मण्डला कलेक्टर ने प्रशासनिक मुखिया होने के नाते क्या कदम उठाए? (घ) नेशनल हाईवे 30 का निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन एवं अमानक स्तर की है, क्या शासन स्तर से इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग खंड के सम्बंधित ठेकेदार के सांसाधनिक अव्यवस्थाओं एवं समुचित वित्तीय विनिवेशन का अभाव, वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड-19 महामारी के कार्य सम्पादन में प्रतिकूल प्रभाव एवं व्याप्त भय के कारण निर्माण कार्य में विलम्ब हुआ है, वर्तमान में 93 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है, ठेकेदार द्वारा दिनांक 31.03.2022 तक कार्य पूर्ण करने हेतु कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। (ख) जी हाँ, किन्तु कुछ स्थानों पर सीमेंट कांक्रीट मार्ग में दरारें आई है, सुधार हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। प्रश्न दिनांक तक निर्मित रोड की क्वालिटी का परीक्षण सम्बंधित प्राधिकारी अभियंता (अथॉरिटी इंजीनियर) द्वारा मानक अनुरूप निश्चित अंतराल में की गई है, जिसका समय-समय पर म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. के अधिकारियों द्वारा साक्ष्य किया जाता रहा है, किये गये परीक्षणों के रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) कलेक्टर मण्डला द्वारा प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कार्य की प्रगति की समीक्षा एवं निरीक्षण हेतु दल गठित कर उनके प्रतिवेदन के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की गई। दल गठन हेतु प्रसारित आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। कार्य पूर्ण होने पर पुन: नियमानुसार गुणवत्ता एवं तकनीकी परीक्षण कराया जाएगा।
सौभाग्य योजनांतर्गत हुए घोटाले की जांच
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1868 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक में मण्डला जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कार्ययोजना में किन-किन कार्यों को शामिल किया गया था? (ख) मण्डला जिले में सौभाग्य योजना में बहुत बड़े लेबल में घोटाला हुआ जिसमें उच्च अधिकारियों की जगह संविदा सब इंजीनियर पर कार्यवाही की गई। क्या जिम्मेदार डी.ई./सुप्रिंटेण्डेंट दोषी नहीं पाये गये? (ग) यदि जांच के दौरान उच्च अधिकारी, डी.ई./ सुप्रिंटेण्डेंट दोषी पाये गये तो इन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सौभाग्य योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में भ्रष्टाचार होने से जांच के कारण कार्य प्रश्न दिनांक अपूर्ण है जिसके कारण ग्रामीणों को विद्युत सुविधा नहीं मिल पा रही है। क्या शासन स्तर से उक्त कार्य में थ्रीफेस लाइन विस्तार एवं मंजरे ग्रामों में विद्युत लाइन विस्तारीकरण के लिए कोई कार्ययोजना तैयार की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौभाग्य योजना अंतर्गत केन्द्र शासन से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत राशि रूपये 998.32 करोड़ की कार्ययोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र शासन से योजनान्तर्गत जिलेवार आवंटन प्राप्त नहीं हुआ था। अत: जिला मण्डला हेतु पृथक से प्राप्त आवंटन की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। सौभाग्य योजना अंतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशानुसार सभी अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना था। (ख) मंडला जिले में सौभाग्य योजनांतर्गत किये गये विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच दल गठित कर जांच करवायी गयी। जांच दलों से प्राप्त जांच प्रतिवेदनों के अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये 01 अधीक्षण अभियंता, 01 कार्यपालन अभियंता, 04 सहायक अभियंता एवं 12 कनिष्ठ अभियंताओं के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी। विभागीय जांच अधिकारी द्वारा प्राप्त जांच निष्कर्ष के उपरांत विधिवत प्रक्रिया का पालन कर दोषी पाये गये नियमित श्रेणी के 05 कनिष्ठ अभियंताओं को सेवा से पदच्युत किया गया एवं उन्हें देय ग्रेच्युटी राशि से उनके द्वारा कंपनी को पहुंचाई गयी वित्तीय क्षति की राशि के अंश भाग की वसूली किये जाने संबंधी दंडादेश जारी किया गया है। संविदा श्रेणी के 01 सहायक अभियंता एवं 02 कनिष्ठ अभियंताओं के विरूद्ध संविदा सेवा समाप्त किये जाने एवं आगामी संविदा सेवा अनुबंध न किये जाने संबंधी आदेश जारी किया गया है। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, मंडला एवं तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, मंडला के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ग) तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, मंडला एवं तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, मंडला के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत जांच निष्कर्ष के आधार पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आगामी कार्यवाही विधिवत की जावेगी। (घ) जी नहीं। सौभाग्य योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्य, योजना में निहित प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशानुसार पूर्ण किये जा चुके हैं। योजनांतर्गत कोई भी कार्य शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
खण्डवा मॉडल कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
121. ( क्र. 1870 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिला मुख्यालय पर मॉडल कॉलेज की स्थापना कितनी राशि से की गई है एवं इसका लोकार्पण कब किया गया? (ख) इस कॉलेज भवन में शैक्षणिक सत्र कब से आरंभ किया जावेगा? क्या नवीन शैक्षणिक सत्र के दौरान नये व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन से नवीन पाठ्यक्रम आरंभ किये जाएंगे? महाविद्यालय में प्राचार्य, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, कार्यालयीन स्टॉफ की पदस्थापना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (घ) क्या यह शासकीय महाविद्यालय नगर से 5 कि.मी. दूर स्थित है एवं यहाँ पर पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध है, इसलिये यहाँ पर ग्रामीण बच्चों के लिये छात्रावास भवन आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या यहाँ पर छात्रावास भवन की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मॉडल कॉलेज खण्डवा की स्थापना हेतु राशि रूपये 12 करोड़ स्वीकृत किया गया है। भवन का लोकार्पण दिनांक 28/08/2021 को किया गया। (ख) विषय निर्धारण एवं तद्नुरूप पद सृजन की कार्यवाही शेष है, जिसके उपरांत शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होगा। शेष प्रश्नांश वर्तमान में उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में छात्रावास भवन निर्माण प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पावर एवं वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
122. ( क्र. 1876 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन वितरण केन्द्र कार्यालय एवं नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने के क्या प्रस्ताव प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान के लिए और प्रश्न दिनांक तक उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने राजस्व ग्रामों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है? यदि हाँ, तो संख्यात्मक जानकारी दें। नहीं तो कितने ग्राम शेष हैं और इन्हें कब तक 24 घंटे बिजली प्रदाय कर दी जाएगी? (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के पावर ट्रांसफार्मरों की संख्या एवं क्षमता तथा वितरण ट्रांसफार्मरों की कुल संख्या एवं क्षमता कितनी है? कितने पॉवर, ट्रांसफार्मर एवं वितरण ट्रांसफार्मर अतिरिक्त रूप से लगाने की आवश्यकता है एवं उन्हें कब तक स्थापित किए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कसरावद उपसंभाग के बालसमुद वितरण केंद्र कार्यालय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को दो भागों में विभक्त कर ग्राम निमरानी में नवीन वितरण केंद्र कार्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव के परीक्षण की कार्यवाही म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर में प्रक्रियाधीन है। कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गोपालपुरा, ग्राम कमोदवाड़ा एवं ग्राम बिटनेरा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के कार्य प्रस्तावित है। उक्त प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य को भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। योजना की स्वीकृति के उपरांत वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के क्रम को दृष्टिगत रखते हुये उक्त कार्य किये जा सकेंगे। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त 238 राजस्व ग्रामों को, अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के 27 विद्युत उपकेन्द्र विद्यमान है जिन पर कुल 205.75 एम.व्ही.ए. क्षमता के 43 पावर ट्रांसफार्मर स्थापित है तथा उक्त क्षेत्र में कुल 233884 के.व्ही.ए. क्षमता के 3981 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 05 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर (कुल क्षमता 25 एम.व्ही.ए.) एवं 155 अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर (कुल क्षमता 14716 के.व्ही.ए.) लगाये जाने की आवश्यकता है। उक्त अतिरिक्त पावर/वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। योजना की स्वीकृति होने के उपरांत वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के क्रम को दृष्टिगत रखते हुये उक्त कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
24x7 जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 1885 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की अमृत योजनांतर्गत सागर नगर में 24x7 जल प्रदाय योजना में कौन-कौन से घटक शामिल हैं तथा यह योजना कब तक पूर्ण की जानी थी? वर्तमान तक इसकी क्या प्रगति है? क्या उक्त कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाये हैं? यदि हाँ, तो विलम्ब के लिये क्रियान्वयन एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) 24x7 जल प्रदाय योजना अंतर्गत सागर शहर में कितनी नवीन पाइप लाइन डाली जा रही है? क्या इसमें पुरानी पाइप लाइन का उपयोग भी किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्योंकि शहर में लगातार पुरानी पाइप लाइन में लीकेज होने की समस्या बनी रहती है। क्या शासन पुरानी पाइप लाइन की जगह नई पाइप लाइन डाला जाना सुनिश्चित करेगा? (ग) क्या इस योजनांतर्गत प्रत्येक कनेक्शन में मीटर लगाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस पर कनेक्शन धारी से कितनी राशि लिये जाने का प्रावधान है तथा कब तक पानी प्रदाय कराया जायेगा? (घ) क्या सागर नगर में गर्मी के समय एक सप्ताह व 10-10 दिनों तक जनता को पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है, तो 24x7 जल प्रदाय किस प्रकार संभव हो सकेगा? इस हेतु शासन द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो अवगत करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर नगर में 24x7 जल प्रदाय योजना ए.डी.बी. वित्त पोषित म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट सर्विसेस इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वीकृत की गई है तथा परियोजना में सम्मिलित घटकों एवं उनकी प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध के अनुसार योजना 20/12/2020 तक पूर्ण की जानी थी। वर्तमान में परियोजना की भौतिक प्रगति 56.50% है। विलम्ब के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी को समय-समय पर सूचना पत्र, कारण बताओ सूचना पर जारी करने के साथ-साथ विलम्ब के लिए अर्थदंड की राशि रू. 115.86 लाख रोकी गई है, तथापि परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार गुण-दोष के आधार पर एल.डी. का निर्धारण करते हुए अंतिम देयक से वसूली यदि कोई हो तो सुनिश्चित की जावेगी। (ख) 24x7 जल प्रदाय योजना अंतर्गत सागर शहर में अनुबंध के अनुसार लगभग 325.00 कि.मी. नवीन पाइप लाइन डाले जाने का प्रावधान है। सागर शहर की विद्यमान जल वितरण नलिकाओं की उपयोगिता के संबंध में तकनीकी आकलन किया गया है। जिसके अनुसार केवल तकनीकी रूप से उपयोगी पाइप लाइन/जल वितरण नलिकाओं को यथावत रखा जा रहा है, ताकि शासन को वित्तीय हानि न हो। विद्यमान पाइप लाइन/जल वितरण नलिकाओं के लीकेज की समस्या के निराकरण के लिए उक्त पाइप लाइन/जल वितरण नलिकाओं के स्थान पर नवीन पाइप लाइन डाली जा रही है। (ग) जी हाँ, परियोजना के अंतर्गत नल कनेक्शन के साथ मीटर नि:शुल्क लगाये जाने का प्रावधान है एवं माह दिसम्बर 2022 के अंत तक जल प्रदाय योजना को पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) सागर नगर की जल प्रदाय योजना का रूपांकन 24x7 जल प्रदाय के लिए किया गया है। जिसकी सफलता हेतु व्यापक जन जागरण की भी आवश्यकता होगी, जल का अपव्यय/जल चोरी/जल रिसाव रोका जावें इस बाबत् जागरूकता हेतु नियुक्त महिला प्रेरकों से प्रचार प्रसार एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किये जाने की योजना बनाई गई है।
अमृत योजनांतर्गत स्वीकृत सीवर प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1886 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में अमृत योजनांतर्गत सीवर प्रोजेक्ट कब स्वीकृत हुआ था एवं कितनी राशि का था तथा इसका कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था? उक्त योजना के कार्य की समय-सीमा कितनी बार बढ़ाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनांतर्गत किन-किन घटकों पर कार्य किया जाना प्रस्तावित था? इनमें किन-किन घटकों पर कितना-कितना कार्य हो चुका है तथा कितना शेष है? ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा बतायें एवं कार्य में विलंब हेतु कौन जिम्मेदार है? संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर नगर में अमृत योजनांतर्गत सीवर प्रोजेक्ट 08.07.2016 को स्वीकृत हुआ था एवं इसकी लागत 299.10 करोड़ रूपये है तथा इसका कार्य दिनांक 08.07.2019 तक पूर्ण किया जाना था। अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य की समय-सीमा 2 बार बढ़ाई गई है। (ख) योजनांतर्गत सीवर नेटवर्क, मैनहोल एस.टी.पी., हाउस सर्विस चैंबर एवं हाउस सर्विस कनेक्शन का कार्य प्रस्तावित है। इन घटकों पर किये जा चुके कार्य, शेष कार्य तथा पूर्णता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य में विलंब हेतु कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1887 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् बण्डा (सागर) में जनवरी 2018 से जनवरी 2022 तक स्वीकृत सभी निर्माण कार्य पूर्ण हुये है? यदि नहीं तो कारण सहित भुगतान की स्थिति स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कितने कार्य पूर्ण तथा कितने अपूर्ण हैं तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? (ग) जो कार्य समय अवधि और कार्य पूर्णता दिनांक में शुरू नहीं किये गये क्या उनके टेंडर निरस्त कर पुनः निविदा आमंत्रित की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मार्गों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 1888 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में स्वीकृत किये गये सभी मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? निश्चित समय अवधि बतायें। (ग) प्रश्नांक (क) में दर्शित स्वीकृत मार्ग की वर्तमान स्थिति की जानकारी मार्गवार देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय योजनाओं का अनुचित लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1890 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सेवा में रहते हुये कोई सेवक शासकीय योजनाओं का लाभ ले सकता है? यदि हाँ, तो ऐसे नियम/आदेश की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् कारी में मस्टर सेवक श्री मनोज दीक्षित बी.पी.एल. योजना का लाभ ले रहे हैं तथा अपर्णा मानव कल्याण समिति (मध्यान्ह भोजन वितरण) कारी के पूर्व में पदाधिकारी एवं वर्तमान में सदस्य है? क्या समिति को कार्य आवंटन में अप्रत्यक्ष रूप से श्री मनोज दीक्षित तथा नगर परिषद् कारी के तत्कालीन अध्यक्ष सहभागी थे? (ग) क्या श्री मनोज दीक्षित को नगर परिषद् कारी द्वारा वर्ष 2020 कोरोना काल में, निर्वाचन एवं अन्य कार्यों हेतु राशि दी गई थी? यदि हाँ, तो तिथि सहित विवरण और उपयोग वाउचर उपलब्ध करायें। श्री दीक्षित के द्वारा नल विच्छेद हेतु श्री पुरूषोत्तम विश्वकर्मा से 300.00 रूपये लेकर उसकी रसीद दी गई? यदि हाँ, तो रसीद की प्रति दें। (घ) क्या शासकीय निधि का यथासमय उपयोग न करना और नागरिकों से राशि प्राप्त कर रसीद न देना गबन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो सेवा में रहते हुए शासकीय योजना का अनुचित लाभ लेने, निधि का अनुचित उपयोग करने वाले, गबनकर्ता के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शासकीय योजना का शासकीय सेवक लाभ ले सकता है अथवा नहीं यह शासकीय योजना पर निर्भर करता है। (ख) जी हाँ। श्री मनोज दीक्षित द्वारा बी.पी.एल. योजना का लाभ लिया जा रहा है। श्री दीक्षित अपर्णा मानव कल्याण समिति में दिनांक 12.03.2010 से 17.05.2016 तक अध्यक्ष के पद पर रहे एवं दिनांक 18.05.2016 से दिनांक 17.08.2016 तक समिति के अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र दिया गया है। वर्तमान में श्री दीक्षित समिति के सदस्य नहीं है। समिति को कार्य आवंटन अप्रत्यक्ष रूप से श्री मनोज दीक्षित एवं नगर परिषद् कारी के तत्कालीन अध्यक्ष सहभागी नहीं है एवं इनकी माताजी दिनांक 20.09.2016 से आज तक समिति की अध्यक्ष है। (ग) जी हाँ। श्री दीक्षित को वर्ष 2020 में कारोना काल में निर्वाचन एवं अन्य कार्य हेतु राशि दी गई थी। तिथि सहित विवरण रसीद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नल विच्छेद हेतु श्री पुरूषोत्तम विश्वकर्मा से रूपये 300/- लिये गये थे, लेकिन रसीद नहीं दी गई थी। (घ) जी हाँ। शासकीय निधि का यथा समय उपयोग न करना और नागरिकों से राशि प्राप्त कर रसीद न देना अनियमितता की श्रेणी में आता है। कार्यालय कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के निर्देशानुसार जांच उपरांत श्री दीक्षित के विरूद् मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा थाने में एफ.आई.आर की कार्यवाही हेतु आवेदन दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जीर्ण-शीर्ण मार्गों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 1895 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में लगभग 42 मार्गों पर सड़क निर्माण हेतु विभाग से निरंतर पत्राचार करने के बावजूद भी कार्यों को बजट में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया है? प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्यों को बजट में सम्मिलित कर पूर्ण कराया जावेगा? अगर हाँ, तो कब तक? (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत अधिकांश सड़कें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने से आये दिन दुर्घटना होती रहती है, क्या विभाग जीर्ण-शीर्ण मार्गों की मरम्मत हेतु कोई प्रयास कर रहा है? अगर हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिमनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल चार मार्ग कुल लंबाई 13.70 किलोमीटर, लागत रूपये 773.96 लाख और वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 11 कार्य कुल लंबाई 26.56 किलोमीटर लागत रूपये 1512.74 लाख के शामिल किये गये है। वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा मार्गों की सतत मरम्मत का कार्य किया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना एवं आवास प्लस योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1897 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली में कितने हितग्रहियों के आवास अभी तक बन चुके हैं? (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवास बनना शेष हैं और कितने हितग्राहियों के नाम योजना में छूट गये हैं? (ग) आवास प्लस योजना क्या है? (घ) क्या आवास प्लस योजना के अंतर्गत नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली में सुविधा प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो आवास प्लस योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवास अभी तक बन चुके हैं? कितने हितग्राहियों के आवास बनना शेष हैं और कितने हितग्राहियों को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त होने पर दिशा-निर्देश अनुसार पात्रता परीक्षण तथा सूची अनुमोदन उपरांत परियोजना में सम्मिलित किया जाता है। योजना में छूटे आवेदकों जैसी कोई जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत आवास प्लस योजना लागू नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1898 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य (प्रश्न क्रं.2972 दिनांक 05/03/21) के संबंध में नरसिंहपुर, सागर, दमोह में अवैध कॉलोनियों को वैध करने एवं कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें प्रदान करने संबंधित माननीय नगरीय विकास आवास मंत्री जी उत्तर में उक्त हेतु आश्वासन दिया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक विषय स्थिती क्या है और इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? अद्यतन स्थिती का संपूर्ण विवरण दें। (ख) अवैध कॉलोनियों को कब तक वैध किया जावेगा और सुविधायें कब तक प्रदान कर दी जावेगी? जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित विषय के संबंध में म.प्र. नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021 के माध्यम से नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया जा चुका है। संशोधित उपबंध को विहित करने के लिये म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 से प्रभावशील हो गये है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 में उपबंधित किये अनुसार दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नियमों के प्रावधान के अंतर्गत नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजमार्ग पर टोल वसूलने की अवधि
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1901 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 608 दिनांक 23-09-2020 के संदर्भ में बताएं कि दोनों टोल बूथ राजमार्ग के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु से क्रमशः कितनी-कितनी दूरी पर हैं तथा राजमार्ग को इंदौर के पास प्रारंभिक बिंदु कहाँ है तथा वहां पर टोल रोड प्रारंभ का संकेतक बोर्ड लगा है या नहीं लगा है? (ख) प्रश्नाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के ठीक पहले इंदौर में जो फोरलेन बनाई गई है, उसकी लंबाई क्या है तथा वह कहाँ से शुरू होकर राजमार्ग से किस स्थान पर मिलती है? (ग) क्या प्रश्नाधीन राजमार्ग पर टोल मेठवाड़ा गांव में चेनेज 23.8 किलोमीटर पर लगाया गया है जबकि भारत का राजपत्र संख्या 1163 दिनांक 16 जुलाई 2013 में उसे मेठवाड़ा गांव के पास 34.450 किलोमीटर पर लगाने की स्वीकृति है तथा जहां टोल बूथ बनाया गया है, वह दूरी टोल रोड के प्रारंभिक बिंदु से 23.8 किलोमीटर पर है? (घ) प्रश्नाधीन राजमार्ग पर टोल वसूलने की अवधि कितने वर्ष है तथा उसकी समाप्ति दिनांक क्या है? (ड.) इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग टोल बूथ लगाने के संदर्भ में कोई अनुवर्ती संशोधन हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि वह संशोधन क्या है तथा उससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 59 इन्दौर-अहमदाबाद मार्ग की कि.मी. 0+000 (गंगवाल बस स्टेण्ड) से 5+000 कि.मी. तक इंदौर नगर निगम के अंतर्गत एवं कि.मी. 5+000 से 9+000 (नूरानी नगर से नावदापंथ तक) कुल 4.50 कि.मी. लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग इंदौर के अंतर्गत आता है व कि.मी. 9+500 से आगे का मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इंदौर के अंतर्गत आता है। (ग) से (ड.) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित शिकायतें
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 1902 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1044 दिनांक 23-12-2021 के संदर्भ में बतावें कि 70% शिकायत सही होने की स्थिति में जारी किए गए समस्त बिलों का पूर्व निरीक्षण संबंधी विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की प्रति देवें। (ख) प्रश्नाधीन दुरुस्त किए गए बिलों में पहले मांग राशि क्या थी तथा दुरस्त करने के बाद कितनी राशि कम हो गई? क्या इस प्रकार की त्रुटि कंपनी उपभोक्ताओं को दी गई सेवा में कमी नहीं है? (ग) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत 1 जनवरी 2020 से माह जनवरी 2022 तक निम्नदाब उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल आने की कुल कितनी शिकायतें आई तथा उनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कुल कितनी राशि का बिलों में सुधार किया गया? बतावें। (घ) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत माह दिसम्बर 2021 के राजस्व पत्रक के अनुसार निम्नदाब उपभोक्ताओं एवं कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं पर कितनी राशि विद्युत बिलों की बकाया हैं तथा इसमें पिछले वर्ष समान माह की तुलना में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ड.) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 वित्तीय वर्ष 2020-21 में एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक निम्नदाब के घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों में अधिक राशि के बिल आने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, उनमें से कितनी सही पाई गईं? वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1044 दिनांक 23.12.2021 के उत्तर में माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक सरदारपुर वितरण केन्द्र अंतर्गत निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों से संबंधित कुल 180 शिकायतें प्राप्त होने एवं इन प्राप्त शिकायतों में से 121 शिकायतें सही पाई जाने पर उनका तत्काल निराकरण किये जाने संबंधी जानकारी दी गई थी। शिकायत सही होने की स्थिति में जारी किये गये समस्त बिलों का ''पूर्व निरीक्षण'' संबंधी कोई भी दिशा-निर्देश म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन प्राप्त कुल 180 शिकायतों में से निराकृत की गई कुल 121 शिकायतों से संबंधित बिलों की पूर्व में कुल मांग राशि रू. 28.67 लाख थी। उक्त 121 शिकायतों को निराकृत करने के उपरांत कुल मांग राशि में से राशि रू. 7.11 लाख कम हो गई। विद्युत उपभोक्ता को उसकी वास्तविक विद्युत खपत के आधार पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टेरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित दरों के आधार पर विद्युत देयक जारी किया जाता है। तथापि कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर एवं मानवीय त्रुटि के कारण मीटर में रीडिंग साफ न दिखने से रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते है। ऐसे प्रकरणों में स्थानीय कार्यालयों में उपभोक्ता से शिकायत प्राप्त होने पर उसका तत्काल निराकरण कर बिल में सुधार कर दिया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) संचालन/संधारण वृत्त धार के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत 01 जनवरी 2020 से माह जनवरी 2022 तक निम्नदाब उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल आने संबंधी कुल 188 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिसमें से कुल 121 शिकायतें सही पाई गई। उक्त 121 शिकायतों से संबंधित विद्युत बिलों में सुधार कर कुल राशि रू. 7.11 लाख कम की गई। (घ) संचालन-संधारण वृत्त धार के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत माह दिसम्बर 2021 के राजस्व पत्रक के अनुसार कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं को छोड़कर निम्नदाब उपभोक्ताओं पर विद्युत देयकों की राशि रू. 354.41 लाख बकाया है एवं कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बकाया राशि (-19.60) लाख है। विगत वर्ष माह दिसम्बर 2020 में कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं को छोड़कर निम्नदाब उपभोक्ताओं पर विद्युत देयकों की राशि रू. 268.79 लाख बकाया है एवं कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बकाया राशि (-12.17) लाख है। इस प्रकार प्रश्नाधीन विद्युत उपभोक्ता पर विद्युत देयकों की बकाया राशि में माह दिसम्बर 2020 की तुलना में माह दिसम्बर 2021 में लगभग 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (ड.) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिल अधिक राशि के आने संबंधी वित्तीय वर्ष 2018-19, वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक क्रमश: 11, 35 एवं 150 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से क्रमशः 06, निरंक एवं 121 शिकायतें सही पाई गई हैं।
बेरोजगार युवकों को स्व-रोजगार का प्रदाय
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
133. ( क्र. 1905 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में शासन द्वारा कमजोर वर्ग के युवकों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराये जाने के लिये जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किस-किस योजना में किन-किन वर्ग के युवकों को रोजगार मुहैया कराये जाने के उद्देश्य से लाभान्वित किया गया है तथा इस पर कितनी राशि अनुदान के रुप में हितग्राहियों को भुगतान की गई है? योजनावार वर्गवार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या एवं भुगतान की गई राशि का वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या कोरोना संक्रमण की प्रथम लहर के पश्चात प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई योजनाएं बंद कर दी गई थीं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या शासन बेरोजगार युवकों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने तथा उन्हें आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रश्नांश (ख) में बंद पड़ी योजनाओं को पुनः प्रारंभ करने पर कोई विचार करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें और यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजनावार/वर्गवार लाभान्वित हितग्राही एवं प्रदाय अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) नोडल विभाग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के ज्ञाप क्रमांक 01-01/2020/27-73/दिनांक 27/6/2020 से मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का क्रियान्वयन स्थगित किया गया तथा ज्ञाप क्रमांक 1561/1485/2020/अ-तेहत्तर दिनांक 18/2/2020 से मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में ऋण वितरण की कार्यवाही को स्थगित किया गया। (ग) उक्त स्व-रोजगार योजनाओं को समाप्त कर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा अपने ज्ञाप क्रमांक 02-01/2021/अ-73 दिनांक 29/11/2021 से मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किया जावेगा।
फोरलेन-टूलेन डिवाईडर सहित सी.सी. रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 1906 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों के फोरलेन/टूलेन डिवाईडर सहित सी.सी. रोड निर्माण के प्रस्ताव म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से मय विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) शासन को प्राप्त हुए हैं? जिलेवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई जानकारी में नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मार्ग नीमच शहर से डुंगलावदा फोरलेन डिवाईडर सहित बनाये जाने का प्रस्ताव शासन के पास मय विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर) के स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो प्राप्त प्रस्ताव पर कब तक शासन स्वीकृति जारी कर करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी निरंक है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क एवं पुल का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 1923 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा ए.बी. रोड टेकरी से छेरा एम.एस. रोड तक (वॉया सुमावली, इमलिया) का निर्माण कार्य चल रहा था, किन्तु पिछले 4 माह से उक्त रोड का निर्माण कार्य बंद है, क्यों? उक्त कार्य के बंद होने से वाहनों के द्वारा रास्ते में अत्यधिक धूल उड़ने के कारण दुर्घटनायें बढ़ती जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त सड़क की कितनी-कितनी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करने की अवधि कब तक है? यदि अवधि पूर्ण हो गई तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त सड़क को मिलाने के लिए आसन नदी पर इमलिया पंचायत और दुल्हैनी पंचायत के बीच पुल का निर्माण करना था? क्या प्रश्न दिनांक तक बांध के निर्माण कार्य हेतु कोई टेण्डर लगाया गया है? यदि हाँ, तो किस कंपनी को दिया गया है? नाम बतावें। यदि नहीं तो कब तक टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है, मार्ग के कुछ हिस्सों में भूमि विवाद होने से कुछ समय के लिए कार्य अवरूद्ध रहा था, वर्तमान में निर्माण कार्य की बाधा दूर की जा चुकी है। जी नहीं। (ख) प्रश्नांकित मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 2480.13 लाख जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं तकनीकी स्वीकृति राशि रू. 2204.19 लाख जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्त सड़क कार्य को पूर्ण करने की अनुबंधानुसार अवधि दिनांक 13.09.2020 तक थी, कोविड-19 एवं अन्य कारणों से कार्य में हुऐ विलम्ब को देखते हुऐ क्षतिपूर्ति का अधिकार सुरक्षित रखते हुऐ दिनांक 31.03.2022 तक की समयवृद्धि प्रदाय की गई है। (ग) लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आसन नदी पर पुल निर्माण कार्य वर्तमान में स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है। जलसंसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध पदों पर पदस्थ कर्मचारियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 1925 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में पदस्थ मस्टर कर्मचारी एवं फिक्स-पे कर्मचारी लम्बे समय से नियम विरूद्ध प्रभारी पदों पर बैठकर अपने भाई भतीजों से ठेकेदारी करवा कर अपने हिस्सेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं, जिसके कारण नगर पालिक निगम मुरैना को करोड़ों की हानि पहुँचायी जा रही है। जैसे:- (1) श्री रवि घुरैया, गाड़ी अड्डा प्रभारी, दैनिक वेतन भोगी (2) श्री कृष्ण चौहान, सहा. गाड़ी अड्डा प्रभारी, दैनिक वेतन भोगी (3) श्री इन्द्रजीत फारखुर, प्रभारी स्वच्छता सर्वे, दैनिक वेतन भोगी (4) श्री ललित शर्मा, नोडल अधिकारी उपयंत्री आर.ई.एस. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्रमांक चाट पर श्री ललित शर्मा को नगर पालिक निगम मुरैना में आए हुए तीन वर्ष से अधिक समय हो गया है। आज दिनांक तक इनकी वापसी इनके मूल विभाग को क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित कर्मचारी श्री रवि घुरैया प्रभारी, गाड़ी अड्डा को आदेश 3975 दिनांक 10.12.2021 श्री कृष्ण चौहान, सहयोग प्रभारी, गाड़ी अड्डा प्रभारी को आदेश 3975 दिनांक 10.12.2021 एवं श्री इंद्रजीत फारखुर को आदेश 4072 दिनांक 20.12.2021 के द्वारा प्रभार दिया गया। नगर निगम मुरैना में सभी नियमों के तहत निविदा के माध्यम से कार्य कराये जाते हैं। अतः निगम को हानि होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) श्री ललित शर्मा, उपयंत्री आर.ई.एस. को म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक/यां.प्र./07/-5/2017/1244-ए भोपाल, दिनांक 02.02.2017 द्वारा नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर लिया गया था। वर्तमान में निगम में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के पद रिक्त है। इस कारण श्री ललित शर्मा की सेवाएं निगम के लिये उपयोगी होने से श्री शर्मा को इनके मूल विभाग में वापिस नहीं किया गया है।
विद्युत सप्लाई वोल्टेज कम होने की समस्या
[ऊर्जा]
137. ( क्र. 1940 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा के अंतर्गत सब-स्टेशन उमरियापान ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी, दशरमन में विद्युत सप्लाई वोल्टेज कम होने की समस्या विगत दो वर्ष से हो रही है? यदि हाँ, तो कम वोल्टेज सप्लाई में विभाग द्वारा सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या समस्या का निदान हुआ? उद्योग एवं कृषि कार्य हेतु 440 वोल्टेज का सुधार कब तक कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि वोल्टेज सब-स्टेशनों में पर्याप्त मिल रहा है तो आगमित वोल्टेज एवं 11 के.व्ही. में निर्गमित फीडरों की रीडिंग विगत दो वर्षों की माहवार प्रस्तुत की जाये? यदि समस्या है तो सुधार हेतु क्या कदम उठाये गये? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कम विद्युत प्रदाय पीड़ित कनेक्शन धारियों को बिल में नियामक आयोग के निर्देशानुसार राहत दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों उमरियापान, ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं दशरमन में विद्युत सप्लाई वोल्टेज कम होने की समस्या रबी सीजन के दौरान कृषि मांग बढ़ने के कारण परिलक्षित होती है। उक्त क्षेत्रों में वोल्टेज की समस्या के निराकरण सहित विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु ढीमरखेड़ा क्षेत्र के मुरवारी ग्राम में नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। उक्त उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा यह कार्य माह दिसम्बर, 2022 तक पूर्ण होना संभावित है। मुरवारी ग्राम में नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण होने के पश्चात ढीमरखेड़ा क्षेत्र में कम वोल्टेज की समस्या के निराकरण सहित विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में तहसील ढीमरखेड़ा के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों उमरियापान, ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं दशरमन से संबंधित क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय अवधि कम होने की कोई समस्या नहीं है। अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत अवरोधों को छोड़कर उक्त विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 9.36 घंटे एवं गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 23.11 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
क्षतिग्रस्त रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 1941 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के पिपरियाकलां से बगैहा, नदावन होते हुये खितौली तक की रोड क्षतिग्रस्त होने के कारण आवागमन में विगत पांच वर्षों से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तथा समय-समय पर एक्सीडेंट के कारण दुर्घटनायें होती हैं? यदि हाँ, तो कब तक रोड का निर्माण कराया जायेगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या उक्त रोड को इस वर्ष के बजट में सम्मिलित कर निर्माण कार्य कराया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मार्ग की मरम्मत कर आवागमन योग्य बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्वीकृत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 1961 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में ग्राम नया नांदनेर, नया गौंडीखेड़ा, नया पट्टन, डूंडादेह, सिटियागोहना, नया बिनेका, गोटीखेड़ा, गोहनादेह, नया सोनपुर, नया धारगांव मार्ग कब स्वीकृत हुआ है? उसकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं विधान सभा बजट में प्रकाशित पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि उक्त मार्ग स्वीकृत हुआ है तो उनकी निविदा कब हुई है? कार्य की क्या प्रगति है? क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो किस कारण से उक्त मार्ग का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है? (ग) उक्त मार्ग के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विलंब से कार्य करने के संबंध में ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 28.03.2017 को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 1986 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन सी सड़क, पुल एवं भवन का निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है? कौन-कौन सी सड़कों, भवनों एवं पुलों की मरम्मत कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? बतावें। नेशनल हाईवे, मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण, पी.आई.यू. आदि अन्य शाखाओं की पृथक-पृथक विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा कितने कार्य अप्रारंभ हैं? उक्त कार्यों का कौन-कौन से ठेकेदार, फर्मों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? विकासखण्डवार, निर्माण कार्यवार, वर्षवार बतावें तथा कितने वन विभाग की स्वीकृति हेतु लंबित हैं? अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्य पूर्ण करवाने हेतु अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नेशनल हाईवे 752बी में कौन-कौन से फ्लाई ओवर कितनी राशि के स्वीकृत थे? उनमें से कितने फ्लाई ओवर का निर्माण किया गया तथा कितने फ्लाई ओवर का निर्माण नहीं किया गया? निर्माण न करने के लिए उत्तरदायी कौन है? क्या उसके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें एवं यदि नहीं तो क्यों तथा कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? (घ) लटेरी-नजीराबाद मार्ग व्हाया मुण्डेला मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? इसके कार्य पूर्ण होने की समय अवधि क्या थी एवं इस मार्ग के निर्माण के विलंब के लिए कौन-कौन से विभाग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? बतावें। मुण्डेला-बड़ी उकावत मार्ग को जिला मार्ग कब तक घोषित कर दिया जावेगा? इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय का पत्र क्या प्रमुख सचिव को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता के माननीय मंत्री महोदय, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, कार्यपालन यंत्री को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) विदिशा जिले के सिरोंज-आरोन-गुना मार्ग पर केथन नदी के पुल का निर्माण कब हुआ था? वर्तमान में उक्त पुल लोक निर्माण विभाग की कौन सी शाखा के अधीन हैं? जब इसके दोनों सड़क नेशनल हाईवे को सौंपी गई तो केथन नदी का पुल सिरोंज को नेशनल हाईवे को क्यों नहीं सौंपा गया? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है एवं दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी? (च) वर्तमान में उक्त पुल कितने भारी वाहन का कितना अधिकतम बोझ उठा सकता है तथा उक्त केथन पुल के पुराने एवं जीर्ण-शीर्ण होने तथा गुना बीना-नेशनल हाईवे पर तथा गुना-सिरोंज स्टेट हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही को देखते हुए इसका निर्माण कब तक और कौन से विभाग द्वारा कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब-1' अनुसार है। लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब-2' एवं 'स' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड़) पुल का निर्माण वर्ष 1969 में हुआ था। वर्तमान में मार्ग एवं केथन नदी पर पुल म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के अधीन है। केथन नदी के दोनों ओर गुना-आरोन-सिरोंज बी.ओ.टी. (टोल+एन्युटी) मार्ग का होने के कारण। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) केथन नदी पर अधिकतम बोझ उठाने की क्षमता हेतु कोई टेस्ट नहीं कराया गया है। अत: अधिकतम वाहनों के बोझ उठाने की क्षमता बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में केथन नदी पर नवीन पुल बनाने की कोई योजना नहीं है।
स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1987 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत न्यू मार्केट में पुरानी दुकानों (चबूतरा) को तोड़कर क्या नवीन दुकानें बनाई जा रही हैं? प्रोजेक्ट की लागत सहित छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त कार्य का टेण्डर कब हुआ एवं किस निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य किया जा रहा है एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान प्रश्नांकित दिनांक तक निर्माण एजेन्सी को किया गया है तथा कितना भुगतान शेष है? भुगतान पत्रकों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या 36 चबूतरा (दुकानें) और 42 चबूतरा को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाई जा रही है? जिसमें एक बिल्डिंग की ऊँचाई 10 से 12 फिट दूसरी बिल्डिंग की ऊँचाई 14 से 16 फिट की गई? यदि हाँ, तो इतना अंतर क्यों रखा गया है? क्या इसके पीछे दुकनदारों से अघोषित लेन-देन हुआ है? यदि नहीं तो ऊँचाई में अंतर क्यों रखा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं किसके द्वारा जांच की जा रही है? बतावें। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई है तो इसके लिए दोषी कौन है तथा जांच कब तक पूर्ण करवा दी जावेगी? बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्मार्ट सिटी के संपूर्ण प्रोजेक्ट की हिन्दी एवं अंग्रेजी में छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिनांक से आज तक निर्माण संबंधी व अन्य किसी भी प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो दिनांक एवं वर्षवार शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा उन शिकायतों के निराकरण के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितनी शिकायतों की कार्यवाहियाँ एवं जांच लंबित हैं? शिकायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। यदि जांच और कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई हैं तो कब तक जांच एवं कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ड.) क्या स्मार्ट सिटी योजना की प्रतिवर्ष ऑडिट कराई जाती है? यदि हाँ, तो वर्षवार ऑडिट की छायाप्रति उपलब्ध करायें। क्या ऑडिट रिपोर्टों में आक्षेप लगाये गये थे? यदि हाँ, तो प्रत्येक का विवरण दें एवं यदि उनके निराकरण नहीं हुये हैं तो कब तक कर दिये जावेंगे? प्राप्त आक्षेपों के लिए कौन-कौन दोषी पाये गये हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पदनाम, सेवा अवधि सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित कार्य स्मार्ट सिटी द्वारा नहीं किया जा रहा है बल्कि नगर निगम भोपाल द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखित कार्य की ड्राइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं विस्तृत लागत (प्राक्कलन) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के पृष्ठ क्रं.-01 से 60 अनुसार है। निविदा दिनांक, निर्माण एजेंसी का नाम, भुगतान की गई राशि तथा शेष भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। निर्माण एजेंसी को किये गये भुगतान पत्रक (आदेश) की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के पृष्ठ क्रं.-61 से 69 अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक बिल्डिंग की ऊंचाई 10 से 12 फिट दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई 14 से 16 फिट नहीं है। बल्कि (42 चबूतरा न होकर) 45 चबूतरे बिल्डिंग की ऊंचाई 10.85 मीटर (35.6 फिट) एवं 36 चबूतरे बिल्डिंग की ऊंचाई 11.50 मीटर (37.72 फिट) है। दोनों बिल्डिंग (+2) निर्मित है। उक्त बिल्डिंग का निर्माण डिजाईन अनुसार किया गया है। अतः किसी भी प्रकार का लेने देन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) स्मार्ट सिटी भोपाल से संबंधित न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 की महालेखाकार से प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 की महालेखाकार से प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। ऑडिट रिपोर्ट में उल्लेखित कंडिकाओं तथा निराकृत कंडिकाओं की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है। ऑडिट रिपोर्ट की कंडिकाओं में कोई भी व्यक्तिगत आक्षेप नहीं होने से दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अधिकारियों का निलंबन
[पर्यावरण]
142. ( क्र. 1991 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1283 (तारांकित) दिनांक 23.12.2021 के (क) उत्तर अनुसार बोर्ड द्वारा माननीय न्यायालय में आर.सी.टी. क्रमांक 2948 एवं 2949 की अद्यतन स्थिती देवें। इसमें विभाग की ओर से पैरवी कौन कर रहे हैं? नाम, पदनाम सहित देंवे। (ख) इसी उत्तर में बताया गया है कि दिनांक 10.01.2022 को अभियुक्तों की उपस्थिति हेतु नियत किया गया है? क्या इस तारीख में अभियुक्त उपस्थित हुये? यदि नहीं तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्न क्र. 1283 दिनांक 23.12.2021 के ''ख'' उत्तर अनुसार दर्ज अपराध प्रकरणों में विभाग के अधिकारियों द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? इसके उत्तरदायी उज्जैन जिले के उच्च अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर इन्हें निलंबित करेगा? (घ) प्रश्नांश ''ग'' प्रश्नानुसार प्रकरणों में कार्यवाही कर आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कराएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) प्रश्नांकित प्रकरणों में अभियुक्त को थाना प्रभारी महिदपुर के माध्यम से जारी समन तामील होने के बाद भी अभियुक्त के दिनांक 10/1/2022 को न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध जमानती वारंट जारी कर दिनांक 14/3/2022 की तिथि उपस्थिति हेतु नियत की गई है। पैरवी हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा श्री आशीष उपाध्याय, अधिवक्ता को नियुक्त किया गया है (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) कार्यालय पुलिस थाना महिदपुर रोड, जिला उज्जैन के पत्र क्रमांक था.प्र./महि.रोड/315-ए/2022, दिनांक 25/2/2022 अनुसार थाना महिदपुर रोड के अप.क्रं. 189/21 धारा 379, 414 भादवि व खनन अधि.1957 धारा 4/21 में आरोपी दिनेश पिता मांगीलाल जैन उम्र 58 साल नि. मेन रोड महिदपुर रोड को दिनांक 18/1/2022 को गिरफ्तार किया जाकर माननीय जे.एस.एफ.सी. न्यायालय महिदपुर पेश कर दिनांक 20/2/2022 तक का पी.आर. प्राप्त किया गया था, पी.आर. समाप्ति के बाद आरोपी दिनेश जैन को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल वारंट प्राप्त होने पर आरोपी दिनेश जैन को उप जेल महिदपुर दाखिला किया गया है।
निर्माण कार्य एवं क्रय सामग्री की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1994 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिछुआ नगर परिषद् जिला छिंदवाड़ा में विगत 4 वर्षों में निर्माण कार्य, सामग्री क्रय व अन्य मदों में राशि व्यय की है? कार्यवार, क्रयवार, अन्य मदवार पूरी जानकारी कार्य नाम, राशि सहित वर्षवार देवें। (ख) निर्माण कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं, की जानकारी कार्यवार देवें। इन फर्मों के नाम, संचालक नाम, जी.एस.टी. नम्बर, भुगतान के टी.डी.एस. कटौत्रे सहित कार्यवार, वर्षवार देवें। अपूर्ण कार्यों में किए भुगतान का प्रतिशत भी देवें। यह कब तक पूर्ण होंगे? इनके द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति भी वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार सामग्री जिन फर्मों से क्रय की गई, उनके नाम, संचालक नाम, जी.एस.टी. नम्बर, भुगतान के टी.डी.एस. कटौत्रे सहित कार्यवार, वर्षवार, बिलों की प्रमाणित प्रति सहित देवें। इस अवधि में कितनी ऑफलाइन निविदाएं कराई गई? उनमें चयनित, अचयनित फर्म की जानकारी राशि सहित देवें। (घ) अपूर्ण निर्माण कार्यों व मनमाने तरीके से ऑफलाइन निविदाएं करके कार्य आवंटित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सामग्री क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) उपलब्ध जानकारी अनुसार समस्त निर्माण कार्य एवं सामग्री क्रय नियमानुसार किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टॉप डेम में खनन की जानकारी
[पर्यावरण]
144. ( क्र. 1995 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधान सभा क्षेत्र की चांद तहसील में लोनीकलां में नदी में बने स्टॉप डेम में खनन पर पर्यावरण विभाग ने अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की है? फरवरी 2022 में हुई घटना के संबंध में बतावें। (ख) क्या कारण है कि इतने गंभीर विषय पर ठेकेदार पर कार्यवाही तो दूर कोई नोटिस भी नहीं दिया गया? इस पर कब तक कार्यवाही की जाकर प्रकरण दर्ज कराया जाएगा? (ग) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इस लापरवाही के लिए विभाग कब तक इन पर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला छिंदवाड़ा से प्राप्त जानकारी अनुसार चौरई विधानसभा क्षेत्र की चांद तहसील के ग्राम लोनीकलां की पंच नदी में स्टाप डेम से खनन पर दिनांक 14/2/2022 तथा 19/2/2022 को जांच कराई गई थी। फरवरी, 2022 में ग्राम लोनीकलां में पंच नदी स्थित स्टाप डेम के गेट अज्ञात व्यक्तियों द्वारा खोलने के कारण डेम का पानी बह जाने के पश्चात् रेत के अवैध उत्खनन किये जाने की स्थिति उत्पन्न हुई। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार किया गया खनन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किया जाने के कारण किसी व्यक्ति विशेष को नोटिस जारी नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1996 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के तारांकित प्रश्न क्रमांक 862 दिनांक 26.02.2021 के उत्तर में (क) से (ग) जी हाँ बताया तथा भूमिवात नाला निर्माण एवं सी.सी. रोड निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच हेतु समिति गठित की गई तथा जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही कर अवगत कराया जा सकेगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के अद्भूत तारांकित प्रश्न क्रमांक 1236 दिनांक 16.12.2021 का उत्तर जी नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो क्या दोनों एक जैसे प्रश्नों के उत्तरों में विरोधाभास नहीं है? यदि हाँ, तो गलत उत्तर देने के लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं तो कारण बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों की जांच करने के लिए प्रश्नकर्ता सदस्य को जांच दल में सम्मिलित कर जांच कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जांच समिति के प्रतिवेदन अनुसार किसी को दोषी नहीं पाया गया है, अपितु निर्माण कार्य में सुधार किये जाने की अनुशंसा करते हुए लेख किया गया है कि वर्णित सुधार कार्यों को कराने के लिए निर्माणकर्ता एजेंसी को सूचित किया जाये। निर्माणकर्ता एजेंसी को सुधार हेतु सूचित कर दिया गया है। कार्य प्रगतिरत है। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में दोनों उत्तर में विरोधाभास नहीं है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जांच पूर्ण हो चुकी है। जांच समिति द्वारा प्रतिवेदन में किसी को दोषी नहीं पाया गया है, अपितु निर्माण कार्य में सुधार किये जाने की अनुशंसा करते हुए लेख किया गया है कि वर्णित सुधार कार्यों को कराने के लिए निर्माणकर्ता एजेंसी को सूचित किया जाये। निर्माणकर्ता एजेंसी को सुधार हेतु सूचित कर दिया गया है। कार्य प्रगतिरत है।
उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण को रोकना
[पर्यावरण]
146. ( क्र. 1997 ) श्री राकेश मावई : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में तिलहन संघ के पीछे औद्योगिक क्षेत्र में कौन-कौन से उद्योग कब से संचालित हैं तथा उनमें क्या कार्य किए जा रहे हैं? उनके नाम एवं काम सहित जानकारी देवें। (ख) उद्योग संचालित करने हेतु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्या मापदण्ड/नियम निर्धारित किए हैं? नियमों की प्रति सहित बताएं। क्या शासन/विभाग द्वारा स्वच्छ पर्यावरण के लिये उद्योगों में समय-समय पर जांच की जाती है और उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण को रोका जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार उद्योगों की कब-कब किस सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण करके जांच की और क्या-क्या निरीक्षण टीप लगाई गई? (ग) क्या तिलहन संघ के पीछे टायर जलाने वाले उद्योगों से धुएं द्वारा आस-पास 2 कि.मी. तक प्रदूषण फैलाने की शिकायत प्रश्नकर्ता पत्र क्र. 831/2022 दिनांक 01.02.2022 द्वारा उप संचालक, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, मुरैना को की गई? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित उद्योगों में टायर जलाने से निकलने वाले धुएं के कारण आस-पास के गांवों के मकानों एवं फसल पर काला सा पाउडर जमा हो जाता है, जिसके कारण कई घातक बीमारियों के फैलने की आशंका है? यदि हाँ, तो इन उद्योगों के धुएं को नियंत्रित करने के उपाय क्यों नहीं किए गए? इसके लिये कौन-कौन दोषी है तथा कब तक धुएं के प्रदूषण को रोका जाएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) उद्योग स्थापित एवं संचालित करने के पूर्व मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों अंतर्गत सम्मति तथा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम, 2016 अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक है। अधिनियमों एवं नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) मुरैना में उप संचालक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कोई कार्यालय नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मुरैना के पत्र क्रमांक स्था/वि.सभा/2022/583, दिनांक 1/3/2022 के अनुसार फसल पर काला सा पाउडर जमा होने की जानकारी निरंक है तथा कार्यालय सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, मुरैना के पत्र क्रमांक जिलाअस्प./2022/2248, दिनांक 21/2/22 के अनुसार धुएं के कारण होने वाली घातक बीमारियों से संबंधित कोई भी व्यक्ति अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रेशरों द्वारा मापदण्डों का पालन न करना
[पर्यावरण]
147. ( क्र. 2001 ) श्री बाला बच्चन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माँ गायत्री/गायत्री कंस्ट्रक्शन, यादव कंस्ट्रक्शन, विजय यादव, अजय यादव सभी निवासी जुलवानिया जिला बड़वानी के नाम से कितने क्रशर बड़वानी जिले में कब-कब स्वीकृत किए गए? फर्म नाम, संचालक नाम, आवेदन के दस्तावेज, अनुमति के प्रपत्र की प्रमाणित प्रतियों सहित देवें। स्थान नाम भी देवें। (ख) इनमें से कितने वर्तमान में संचालित हैं? कितने बंद हैं? नाम, स्थान नाम सहित देवें। स्वीकृत क्रशर के चारों ओर 12 फीट से अधिक ऊँचाई की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण, स्क्रीन को चारों ओर से जी.आई. सीट से कवर्ड करना, जॉ क्रशर, कनवेयर बेल्ट, परिसर एवं एप्रोच रोड पर जल छिड़काव की व्यवस्था तथा परिसर में कितना वृक्षारोपण किया गया है की जानकारी स्थानवार, फर्मवार देवें। इनके फोटो भी स्थानवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि मापदण्डों का पालन नहीं किया गया है तो इसके जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी एवं फर्म की अनुमति निरस्त की जाएगी? (घ) यदि नहीं तो ऐसे अवैध कार्य को संरक्षण देने का कारण बतावें। दि. 01.01.15 से 31.12.18 एवं 01.05.2020 से 10.02.2020 तक इनके क्रेशरों के इलाके में एस.पी.एम. एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा पाई गई? क्रशर नाम, माहवार मात्रा, वर्षवार पृथक-पृथक देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा माँ गायत्री/गायत्री कंस्ट्रक्शन अथवा यादव कंस्ट्रक्शन अथवा अजय यादव (में. पी.सी. यादव) निवासी जुलवानिया नाम के क्रशर को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 अथवा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत् सम्मति जारी नहीं की गई है। तथापि विजय यादव नामक स्टोन क्रशर खसरा क्रमांक 488/21, ग्राम जहूर व श्री विजय यादव, खसरा क्रमांक 125/4,125/6 ग्राम अगलगांव एवं श्री अजय यादव स्टोन क्रशर्स खसरा क्रमांक 125/3, ग्राम अगलगांव हेतु समय-समय पर सम्मतियां दी गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है (ख) इनमें से श्री विजय यादव का ग्राम जहूर क्रशर संचालित है। ग्राम अगलगांव के दो क्रशर बंद है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। संचालित एक मात्र क्रशर मेसर्स विजय यादव, ग्राम जहूर में सम्मति शर्तों के अनुसार स्थापित वायु प्रदूषणरोधी व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। सम्मति में 12 फुट की ऊंचाई की बाउण्ड्रीवॉल की शर्त नहीं रखी गई है। वृक्षारोपण की संख्या लगभग 100 है। (ग) एवं (घ) ग्राम अगलगांव में खदानों के मध्य स्थापित मेसर्स विजय यादव स्टोन क्रशर तथा मेसर्स अजय यादव स्टोन क्रशर को बोर्ड द्वारा 13 नवम्ब्र 2018 में सम्मति जारी की गई थी। उद्योगों के मध्य परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग का कार्य दिनांक 21 दिसम्बर 2018 में कराया गया था एवं सस्पेन्डेट पार्टिकुलेट मेटर (एस.पी.एम.) के परिणाम मानकों से अधिक (एस.पी.एम.-3908.5 माइक्रोग्राम/घन मीटर) पाए जाने तथा सम्मति शर्तों के उल्लंघन पाए जाने के कारण उद्योगों को उत्पादन बंद करने तथा बोर्ड द्वारा जारी सम्मति निरस्त करने के आदेश श्री विजय यादव को पत्र क्रमांक 119/क्षे.का./प्रनिबो/19/इंद/एक, दिनांक 11 जनवरी, 2019 एवं श्री अजय यादव को पत्र क्रमांक क्रं. 115, दिनांक 11 जनवरी 2019 में जारी किए गए थे। वर्तमान में उद्योगों द्वारा स्थल से प्लांट एवं मशीनरी भी हटा ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 2005 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की नगर पालिका बिजुरी एवं कोतमा में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ दिनांक से अब तक कितनी योजनाएं (डी.पी.आर.) स्वीकृत हेतु शासन को भेजी गई? इसकी प्रति उपलब्ध करावें। क्या हितग्राहियों के नाम सरेंडर किए गए हैं? सरेंडर किए नामों की सूची हितग्राहीवार कारण सहित बतावें। (ख) क्या डी.पी.आर. में प्रस्तावित समस्त हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो हितग्राही नाम, पिता का नाम व वार्ड क्रमांक सहित प्रदत्त राशि का विवरण तिथिवार, किश्तवार उपलब्ध करावें। वंचित हितग्राहियों की सूची भी देवें। (ग) कोतमा नगर पालिका द्वारा हितग्राहियों को भूखंड पट्टा देने हेतु लगभग 4 वर्ष पूर्व भूमि अधिग्रहण किया लेकिन पट्टे आज तक प्रदान क्यों नहीं किए? इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक पट्टा प्रदाय कर दिए जाएंगे? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार वंचित हितग्राहियों को योजना के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी आज दिनांक तक आवास उपलब्ध न कराए जाने के क्या कारण हैं? इन्हें कब तक आवास उपलब्ध कराए जाएंगे? इस विलंब की जांच कब तक कराई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले की नगर पालिका बिजुरी में 02 परियोजनाएं तथा कोतमा में 04 परियोजनाएं योजना प्रारंभ से अभी तक स्वीकृति हेतु शासन को भेजी है। हितग्राहियों की सूची की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। न.पा. बिजुरी में प्रथम परियोजना में 100 हितग्राही समर्पित किये गये है तथा न.पा. कोतमा में प्रथम परियोजना में 319 एवं द्वितीय परियोजना में 478 कुल 797 हितग्राही समर्पित किये गये हैं। समर्पित किये गये हितग्राहियों की कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। न.पा. बिजुरी में क्रमशः 339 एवं 447 कुल 786 हितग्राहियों को तथा न.पा. कोतमा में क्रमशः 170, 217, 306 एवं 48 कुल 741 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। वंचित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ग) कलेक्टर जिला अनूपपुर के द्वारा 1.214 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिस पर दखलकारों की आपत्ति होने से नगर पालिका कोतमा को कब्जा प्राप्त नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में आवंटित भूमि पर भू-खण्ड आवंटन की कार्यवाही लंबित है। निराकरण हेतु तहसील कार्यालय में कार्यवाही प्रचलित है। उक्त प्रकाश में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) न.पा. बिजुरी में शेष हितग्राहियों के पूर्ण वांछित अभिलेख तत्समय प्रस्तुत नहीं किये गये थे अब अभिलेख प्राप्त हो रहे हैं जिनके परीक्षण के पश्चात् पात्रता अनुसार राशि की वितरित की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौर ऊर्जा पम्प लगाने हेतु अनुदान राशि देने का प्रावधान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
149. ( क्र. 2008 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों हेतु सौर ऊर्जा पम्प लगाने हेतु अनुदान राशि देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो योजनांतर्गत कितनी प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? अशोकनगर जिले में सोलर योजनांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसान लाभान्वित हुये? वर्षवार, विधान सभावार जानकारी देवें। क्या इस योजना में किसानों की श्रेणियां निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ, तो इसकी नियमावली एवं श्रेणी में आने वाले किसानों का विवरण देंवे। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में अशोकनगर जिले में इस योजना के तहत कितने आवेदन लंबित है? विधान सभावार बतावें। (ग) इनका निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों हेतु सौर ऊर्जा पम्प लगाने के लिए अनुदान राशि देने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश राज्यपत्र (असाधारण) दिनांक 16.07.2021 के माध्यम से प्रदेश में ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान'' (PM-KUSUM) के घटक 'ब' के अतंर्गत प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' लागू की गई है। जिसके अतंर्गत किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए सोलर पम्प संयंत्र स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार के 30% अनुदान को व राज्य सरकार के 30% अनुदान से टॉपअप किया जाएगा व शेष हितग्राही का अंश रहेगा, साथ ही एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड से सॉफ्ट लोन की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह योजना प्रदेश के सभी जिलो में लागू है। योजनांतर्गत नवीन पंजीकृत आवेदक किसानों के लिए पम्प की क्षमता अनुसार लगभग 51% से 62% तक का अनुदान उपलब्ध है। सौर ऊर्जा पम्प की क्षमता के अनुसार हितग्राही अंश व अनुदान प्रतिशत के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अतंर्गत पूर्व के रू. 5000/- की राशि के साथ पंजीकृत आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा पम्प स्थापित करने के लिए हितग्राही अंश पूर्वानुसार अर्थात मध्यप्रदेश राज्यपत्र (असाधारण) दिनांक 04.02.2020 के अनुसार ही रखा गया है। इन आवेदक किसानों के लिए पम्प की क्षमता अनुसार लगभग 56% से 84% तक का अनुदान उपलब्ध है। सौर ऊर्जा पम्प की क्षमता के अनुसार हितग्राही अंश व अनुदान प्रतिशत के विवरण की जानकरी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अशोकनगर जिले में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अतंर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 56 किसान लाभान्वित हुए है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना के लिए राज्य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि भूमि पर विद्युत कनेक्शन नहीं होना चाहिए। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में अशोकनगर जिले में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत 149 आवेदन लंबित है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) केन्द्र व राज्य शासन से बजट राशि उपलब्ध होने पर आवेदक किसानों से पूर्ण हितग्राही अंश प्राप्त कर सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना की जाती है। सोलर पम्प संयंत्र स्थापित करने की समय-सीमा हितग्राही से पूर्ण राशि प्राप्त होने की दिनांक से 120 दिवस है।
विद्युत दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय
[ऊर्जा]
150. ( क्र. 2011 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पांच वर्षों में करंट लगने से कितनी दुर्घनाएं विभाग के संज्ञान में हैं? क्या विभाग के वितरण केन्द्रों, उपकेन्द्रों, फीडरों में कर्मचारियों की सुरक्षा के मानक प्रबंध व उपकरण हैं? यदि नहीं तो क्यों? क्या वरिष्ठ अधिकारी इन केन्द्रों का निरीक्षण कर मानक प्रबंध सुनिश्चित करायेंगे? (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन स्थानों पर रहवासी, इलाकों व मानव दखल क्षेत्रों में खुली तारें अत्यंत नीचे झूलती हैं व विद्युत खंबे टेढ़े होकर दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ाते हैं? इन्हें ठीक करने व दुर्घटनाओं को रोकने हेतु समुचित प्रयास न किये जाने के क्या कारण हैं? क्या कंपनी ऐसी असुरक्षित विद्युत लाइनों का विस्तृत सर्वेक्षण कराकर सुरक्षा संबंधी मानक उपाय करेगी? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में मैहर विधानसभा क्षेत्र में किस-किस क्षमता के कितने ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ के कब से खराब हैं? विवरण दें व इनके बदले जाने का स्पष्ट कारण बतावें। बिल जमा होने की स्थिति में कितने समय में ट्रांसफार्मर सुधारने का प्रावधान है? क्या इसका पालन हो रहा है? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत पांच वर्षों में 58 विद्युत दुर्घटनायें घटित होना म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के समस्त वितरण केन्द्रों, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों एवं विद्युत फीडरों में कार्य हेतु कार्मिकों की सुरक्षा के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रबंध व सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं/कराए जाते हैं तथा विद्युत वितरण केन्द्रों, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों एवं विद्युत फीडरों का समय-समय पर नियमानुसार निरीक्षण किया जाता है, जिसमें सुरक्षा के निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रबंध एवं सुरक्षा उपकरणों की जाँच की जाती है तथा सुरक्षा उपकरण निर्धारित मानकों से कमतर पाये जाने पर बदले जाते हैं तथा कमी होने पर उपलब्ध कराये जाते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रहवासी इलाकों एवं मानव दखल के किसी भी क्षेत्र में खुली विद्युत तारें अत्यंत नीचे/झूलने/विद्युत लाइन अव्यवस्थित होने की कोई जानकारी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि ग्राम गढ़वा, पलौहा, गूगड, प्रायगंज, धनेडी, धनवाही, वदेरा एवं लटागांव के रहवासियों द्वारा कुछ स्थानों पर पूर्व से विद्यमान विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, के अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाइन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाइन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाइन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 06 फेल वितरण ट्रांसफार्मर, इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण बदले जाने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई स्थान, क्षमता एवं खराब होने की दिनांक संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने अथवा बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत पात्र हुए वितरण ट्रांसफार्मर को संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालय को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 72 घंटों के अंदर तथा मानसून के मौसम में (माह जुलाई से सितंबर तक) 7 दिवस के अंदर बदले/सुधार किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधानों का म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पालन किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका परिषद् अंतर्गत विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 2012 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् मैहर अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सौंदर्यीकरण, जल आवर्धन, सीवेज व अधोसंरचना विकास के कौन-कौन से कार्य किस-किस योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? घटकवार लागत, वर्तमान भौतिक स्थिति, पूर्ण-अपूर्ण की जानकारी व किये गये भुगतान का विवरण दें। शेष कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु किस-किस अधिकारी/एजेंसी ने कार्यों का अवलोकन/सत्यापन किया? उनका निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। क्या कार्य गुणवत्तापूर्ण हैं? (ग) मिनी स्मार्ट सिटी मैहर योजनान्तर्गत वर्तमान में क्या-क्या निर्माण कार्य प्रचलित हैं? इनके पूर्ण होने की समयावधि क्या है? घटकवार कार्य पूर्णता का प्रतिशत व भुगतान की गई राशि का विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अन्य कौन-कौन से विकास कार्य प्रस्तावित हैं? इन्हें कब तक स्वीकृत कर निर्माण आरंभ कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मैहर के अंतर्गत वर्ष 2015 में सौंदर्यीकरण, जल आवर्धन योजना, अधोसंरचना, सीवरेज के विकास कार्यों की घटकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागाध्यक्ष के विरूद्ध विभागीय जांच समिति का गठन
[उच्च शिक्षा]
152. ( क्र. 2016 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय पी.जी. कॉलेज गुना जिले में विधि विभाग के विभागाध्यक्ष राकेश कुमार वर्मा हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 23.12.2021 को उनके विरूद्ध महिला पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो उसका पूरा विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद विभागाध्यक्ष के विरूद्ध क्या कार्यवाही कॉलेज प्रबंधन द्वारा की गई है? क्या कोई विभागीय जांच समिति भी गठित की गई है? यदि हाँ, तो जांच समिति के सदस्यों के नाम एवं जांच निष्कर्ष की प्रति दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में विभागाध्यक्ष का निलंबन किया जाकर उनकी पदस्थापना कहाँ पर की गई है? यदि नहीं तो किन कारणों से किस आधार पर आपराधिक दर्ज प्रकरण के व्यक्ति से कॉलेज परिसर में कार्य लिया जा रहा है? (घ) उपरोक्त के संबंध में राकेश कुमार वर्मा अपने पूरे सेवाकाल में कब-कब और कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे हैं? एक ही स्थान पर अधिक समय तक पदस्थ रहने के क्या नियम हैं? क्या विभाग में जिम्मेदारी तय की जायेगी? यदि हाँ, तो किस-किस के विरूद्ध और कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। श्री राकेश कुमार वर्मा को दिनांक 21/07/1988 को शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, गुना में सहायक प्राध्यापक, विधि के रूप में पदस्थ किया गया था तथा वरिष्ठ होने के कारण उन्हें विधि विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया गया था। दिनांक 23/12/2021 को विधि की एक छात्रा द्वारा श्री वर्मा के विरूद्ध महिला पुलिस थाना गुना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है। (ख) महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा श्री राकेश कुमार वर्मा को विभागाध्यक्ष के पद से एफ.आई.आर. दर्ज होने पर 5 दिवस के पश्चात दिनांक 28/12/2021 को हटा दिया गया था। जी नहीं, श्री वर्मा के विरूद्ध विभागीय जांच समिति का गठन नहीं किया गया है अपितु क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, ग्वालियर चंबल संभाग, ग्वालियर से जांच कराई जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। श्री राकेश कुमार वर्मा का निलंबन नहीं किया गया है। श्री वर्मा के विरूद्ध छात्रा द्वारा भा. द. सं. 1860 की धारा 354 ''क'' में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। इस धारा के अन्तर्गत एफ.आई.आर. दर्ज होने से संबंधित अधिकारी को निलंबन करने संबंधी कोई निर्देश नहीं है। श्री राकेश कुमार वर्मा, सहायक प्राध्यापक का डिप्लायमेंट अन्य महाविद्यालय में किया गया है तथा शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, गुना में उनसे कार्य नहीं लिया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अत: जिम्मेदारी तय करने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
चुरहट विधानसभा क्षेत्र के मार्गों की स्थिति
[लोक निर्माण]
153. ( क्र. 2019 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के किन-किन मार्ग की स्थिति खराब है? खराब मार्गों की जानकारी सहित उक्त खराब मार्गों को दुरूस्त करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) क्या रघुनाथपुर मुर्तला मार्ग लंबाई 8.20 कि.मी. ध्वस्थ अवस्था में है? क्या उक्त मार्ग मुख्यमंत्री मानिट में प्रस्तावित होने के बावजूद अभी तक दुरूस्त नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक दुरूस्त किया जावेगा? (ग) कपुरी सजवानी मुख्य मार्ग लम्बाई 59.00 कि.मी. भी ध्वस्त स्थिति में है? जिसका उन्नयन भी मुख्य मंत्री मानिट 'ए' प्लस में प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उसे दुरूस्त/उन्नयन करने की कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? कब तक दुरूस्त किया जावेगा? (घ) चुरहट अमिलया, शिहावल मुख्य मार्ग लगभग लंबाई 63.00 कि.मी. अतिमहत्वपूर्ण ग्रामीण मार्ग है? जिसकी चौड़ाई 3.75 मि.टी. है, उक्त मार्ग में यातायात अधिक होने के कारण उक्त मार्ग को भी दुरूस्त एवं उन्नयन कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्लेखित मार्गों को तत्काल दुरूस्त करने एवं उन्नयन करने के साथ-साथ प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? क्या उपरोक्त जिन मार्गों के बजट स्वीकृत नहीं हैं? उन मार्गों को बजट वर्ष 2022-23 में सम्मिलित कर उन मार्गों का निर्माण/उन्नयन/दुरूस्त किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। कुल लंबाई 59.00 कि.मी. में से 35.00 कि.मी. खराब अवस्था में है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन मार्ग के उन्नयन की कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ''क'' से ''घ'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, वित्तीय संसाधन सीमित होने से स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वेटलेण्ड अथॉरिटी का गठन
[पर्यावरण]
154. ( क्र. 2023 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 के पश्चात भोपाल के बड़े तालाब के संरक्षण के लिये वेटलेण्ड अथॉरिटी का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इस अथॉरिटी के गठन की अधिसूचना एवं पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अथॉरिटी की प्रश्न दिनांक तक बैठक कब-कब सम्पन्न हुई? तिथियों को बताते हुए उसमें लिये गये निर्णय की जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अथॉरिटी के परिचालन में अभी तक कितना व्यय हुआ? उसका विवरण दिया जाये।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब के संरक्षण के लिये कोई पृथक वेटलेण्ड अथॉरिटी का गठन नहीं किया गया है। वेटलेण्ड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 की धारा 5 (1) के अंतर्गत भारत शासन ने प्रत्येक राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों में राज्य वेटलेण्ड प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष माननीय मंत्रीजी, पर्यावरण है। अथॉरिटी गठन संबंधी आदेश दिनांक 2/1/2018 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य वेटलेण्ड प्राधिकरण की प्रथम बैठक दिनांक 22/2/2021 को तथा द्वितीय बैठक दिनांक 01/2/2022 को संपन्न हुई, जिसका एजेंडा एवं कार्यवाही विवरण राज्य वेटलेण्ड प्राधिकरण की वेवसाईट www.swa.mp.gov.in पर उपलब्ध है। (ग) प्राधिकरण की गतिविधियों के संचालन पर वर्ष 2020-21 में राशि रू. 32.29 लाख एवं वर्ष 2021-22 में राशि रू. 23.80 लाख फरवरी माह तक व्यय हुआ है।
विधि विरूद्ध भवन निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 2024 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विधान सभा में दिनांक 12.08.2021 को पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 1107 के उत्तर में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने यह स्वीकार किया है कि मेसर्स श्रीराम कन्सट्रक्शन की खजूरी कला तह. हुजूर जिला भोपाल की खसरा क्र. 112, 113, 114/1,116/1 रकवा 13.395 हेक्टेयर भूमि का भूमि विकास अनुज्ञा दिनांक 17.02.2016 से रिवोक/प्रतिसंहरत कर दी गई है, अतएव यह बतायें कि यह कॉलोनी अब वैध है अथवा अवैध है? दोनों स्थिति में कारण बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनुज्ञा के दिनांक 17.02.2016 द्वारा रिवोक हो जाने के बाद भू-खण्ड क्रमांक 71 एवं 78 पर बिल्डर के लिये आर्किटेक्ट ने दिनांक 16.09.2016 जो भवन अनुज्ञा जारी की है? क्या यह भवन अनुज्ञा अवैध नहीं मानी जायेगी? यदि हाँ, तो बिल्डर के विरूद्ध तथ्य छुपाने तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार किये जाने के दोष में आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुये अवैध निर्माण कब तक तोड़ दिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी क्षेत्र में भू-खण्ड क्रमांक 79, 80 एवं 81 पर भी प्रश्नांश (ख) की तरह विधि विरूद्ध भवन निर्माण किया गया है? भवन अनुज्ञा जारी किये जाने का विवरण दिया जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कॉलोनी की भूमि विकास अनुज्ञा नगर तथा ग्राम निवेश के पत्र दिनांक 17/02/2016 के द्वारा प्रतिसंहरत (Revoke) कर दिए जाने से तत्समय प्रभावशील मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 के प्रावधान अनुसार प्रश्नांकित कॉलोनी अवैध कॉलोनी के प्रवर्ग में मानी जायेगी। (ख) जी हाँ, भू-खण्ड क्रमांक-71 पर नगर निगम भोपाल द्वारा प्राधिकृत वास्तुविद द्वारा दिनांक 16/09/2016 को भवन अनुज्ञा जारी की गई है, परन्तु भू-खण्ड क्रमांक-78 पर भवन अनुज्ञा नहीं दी गई है। प्रश्नांकित भू-खण्ड क्रमांक-71 पर जारी भवन अनुज्ञा वर्तमान में वैध नहीं मानी जा सकती, भू-खण्ड क्रमांक-78 पर भवन अनुज्ञा जारी नहीं की गई है, इसलिए बिना भवन अनुज्ञा के किया गया भवन निर्माण अवैध निर्माण की श्रेणी में होगा। प्रश्नांकित विषय के संबंध में मेसर्स श्रीराम कन्स्ट्रक्शन के द्वारा माननीय जिला न्यायालय भोपाल में वाद प्रस्तुत किया है, जो विचाराधीन है। प्रकरण में माननीय न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन नगर निगम द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दिनांक 17/02/2016 को भूमि विकास अनुज्ञा प्रतिसंहरत (Revoke) करने के पूर्व ही प्रश्नांकित भू-खण्डों पर भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के पश्चात भवन निर्माण किया गया है। भू-खण्ड क्रमांक-79 पर भवन अनुमति क्रमांक 0609 दिनांक 23/03/2015, भू-खण्ड क्रमांक-80 पर भवन अनुमति क्रमांक 0728 दिनांक 29/06/2015 एवं भू-खण्ड क्रमांक-81 पर भवन अनुमति क्रमांक 0729 दिनांक 29/06/2015 नगर निगम भोपाल द्वारा जारी की गई है।
अस्पतालों एवं शैक्षणिक संस्थानों को शासकीय भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 2027 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर उज्जैन तथा रतलाम में विभाग द्वारा पिछले 10 वर्षों में अस्पताल तथा शैक्षणिक संस्था हेतु किस-किस व्यक्ति फर्म को कितनी-कितनी जमीन, किस रियायती दर से किस दिनांक को दी गई? दी गई जमीन का सर्वे नं. रकवा सहित जमीन की कुल राशि बतावें। (ख) क्या अस्पताल तथा शैक्षणिक संस्था हेतु रियायती दर पर प्राप्त जमीन को विक्रय किया जा सकता है? यदि नहीं तो बतावें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी जमीन बेच दी गई? (ग) अस्पताल तथा शैक्षणिक संस्था हेतु जिस संस्था को रियायती दर पर जमीन दी जाती है, उसके आवंटन में नि:शुल्क इलाज नि:शुल्क अध्यापन, निर्माण की अवधि इत्यादि लेकर कोई शर्त होती है? यदि हाँ, तो बतावें कि इन शर्तों का पालन न होने पर क्या आवंटन निरस्त किया जाएगा? जमीन आवंटन के लीज पट्टे की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शर्त का पालन किया जा रहा है या नहीं? यह किस अधिकारी द्वारा परीक्षण किया जायेगा? परीक्षण की रिपोर्ट उपरोक्त जमीन के संदर्भ में देवें तथा बतावें कि रियायती दर पर जमीन दिये जाने के नियम का नगर पालिक निगम अधिनियम की किस धारा में उल्लेख है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र.वि.वि. कम्पनियों द्वारा प्राप्त राजस्व एवं व्यय
[ऊर्जा]
157. ( क्र. 2028 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वित्तीय वर्षों का राजस्व कितना-कितना है तथा प्रतिवर्ष होने वाली वृद्धि तथा कमी बतायें तथा आलोच्य वर्ष में कितने मिलियन यूनिट विद्युत विक्रित की गई तथा लाभ एवं हानि कितनी-कितनी हैं की जानकारी देवें तथा पावर खरीदी तथा ट्रांसमिशन पर कितना खर्च हुआ की जानकारी देवें। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वित्तीय वर्षों में कितने मिलियन यूनिट विद्युत निम्नदाब तथा उच्चदाब के उपभोक्ताओं को विक्रित की गई की जानकारी देवें तथा खरीदी गई बिजली की औसत दर तथा विक्रय की गई विद्युत की औसत दर प्रति यूनिट क्या हैं? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में माह मार्च 2021 एवं जनवरी 2022 की स्थिति में कितना कर्ज है एवं उच्चदाब तथा निम्नदाब उपभोक्ताओं पर कितनी राशि बकाया है तथा इसमें होने वाली कमियां अथवा वृद्धि का प्रतिशत बतायें। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वर्ष 2021 में विद्युत बिलों में अधिक बिल आने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से कितने बिलों में सुधार किया गया।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में विक्रित यूनिट, प्राप्त राजस्व, राजस्व वृद्धि, विद्युत क्रय व ट्रांसमिशन व्यय एवं लाभ/हानि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में उच्चदाब व निम्नदाब उपभोक्ताओं को विक्रित विद्युत एवं इसकी वित्तीय वर्षवार औसत प्रति यूनिट दर तथा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रति यूनिट क्रय लागत का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर माह मार्च 2021 में राशि रु. 13786.22 करोड़ तथा माह जनवरी 2022 की स्थिति में राशि रु. 15750.15 करोड़ का कर्ज था। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में माह मार्च-2021 की स्थिति में उच्चदाब उपभोक्ताओं पर राशि रु. 1111.38 करोड़ एवं निम्नदाब उपभोक्ताओं पर राशि रु. 1871.10 करोड़ बकाया थी तथा माह जनवरी-2022 की स्थिति में उच्चदाब उपभोक्ताओं पर राशि रु. 1170.07 करोड़ एवं निम्न दाब उपभोक्ताओं पर राशि रु. 2151.73 करोड़ बकाया है। इस प्रकार माह मार्च-2021 की तुलना में माह जनवरी-2022 में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उच्चदाब उपभोक्ताओं की बकाया राशि में 5.28% एवं निम्नदाब उपभोक्ताओं की बकाया राशि में 14.99% की वृद्धि हुई है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021 में विद्युत बिलों में अधिक बिल आने की कुल 197791 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 149260 शिकायतें सही पाई गई तथा सही पाई गई समस्त शिकायतों का निराकरण किया गया।
बजट में स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
158. ( क्र. 2051 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2021 के बजट में रतलाम की स्वीकृत सड़कों रविदास चौक से करमदी तक और सिटी फोरलेन की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन द्वारा कब तक स्वीकृत की जायेगी और इन सड़कों का काम कब तक शुरू होगा और कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : स्वीकृति के सम्बंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गोल्ड कॉम्पलेक्स रिडेंसिफिकेशन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 2053 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या रतलाम की गोल्ड कॉम्लेक्स रिडेंसिफिकेशन योजना के टेण्डर होकर निवेशक का चयन कर लिया गया है? यदि नहीं तो यह काम कब तक कर लिया जायेगा? संपूर्ण योजना के काम कब तक पूरे हो जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। टेण्डर आमंत्रित करने एवं निवेशक चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। अत: योजना पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नवीन विश्राम गृह भवनों का निर्माण
[लोक निर्माण]
160. ( क्र. 2054 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विश्राम गृह भवनों के निर्माण हेतु मा. विभागीय मंत्री जी प्रेषित पत्र क्रमांक 73/महाराजपुर/2021, दिनांक 04.07.21 विभाग को प्राप्त हो गया है? (ख) क्या उक्त पत्र को गंभीरता से लेते हुए मा. विभागीय मंत्री जी ने विभागीय प्रमुख सचिव को अपने पत्र क्रमांक 2102 दिनांक 22.07.21 शीघ्र कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया था? (ग) मा. मंत्री जी के निर्देशों को ताक पर रखते हुए उक्त निर्देशित पत्र को ठण्डे बस्ते में डाल दिया? यदि हाँ, तो कारण देवें। यदि नहीं तो उक्त पत्र पर दिये गये निर्देशानुसार प्रश्न दिनांक तक समस्त वांछित कार्यवाही पूर्ण क्यों नहीं की गई? यदि कार्यवाही पूर्ण हो गई तो की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये समस्त पत्राचार/नस्ती/प्रस्तावों की प्रति उपलब्ध करावें। साथ ही यह भी बताए कि निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्ताव शासन को प्राप्त है। सक्षम वित्तीय व्यय समिति में विचारार्थ प्रस्तुत कर, समिति के निर्णय अनुसार एवं बजट में शामिल होने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 2055 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर में दो नगर पालिका नौगांव एवं महाराजपुर तथा दो नगर पंचायत हरपालपुर एवं गढ़ीमलहरा है, इनके द्वारा दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार योजनावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गयी है तथा वर्तमान में उक्त कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) उक्त दोनों नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में शुद्ध पेयजल वितरण की क्या-क्या व्यवस्था है? यदि शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है तो नागरिकों द्वारा बाजार से बोतल बंद पानी खरीदने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? (घ) नगर पालिका नौगांव जिला छतरपुर के मध्य से निकला डोडिया नाला के सौंदर्यीकरण एवं निर्माण हेतु कार्य कितना हो गया है? कब तक पूर्ण होगा एवं लंबित रखे जाने के कारण क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम क्रमांक 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम क्रमांक 5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम क्रमांक 7 एवं 8 अनुसार है। (घ) नगर पालिका नौगांव जिला-छतरपुर के मध्य से निकला डोडिया नाला के सौन्दर्यीकरण का कार्य लगभग 30 प्रतिशत पूर्ण किया गया है। शेष कार्य अप्रैल 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल प्रदाय योजना के तहत प्रस्तावित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 2058 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत करैरा में जल प्रदाय योजना के तहत कितनी लागत के क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? कार्य का प्रकार प्राक्कलन सहित योजना की लागत सहित जानकारी दी जावें। (ख) जल प्रदाय योजना करैरा में निर्मित निर्माण कार्य की स्थिति क्या है? जब करैरा शहर में ही वाटर लेवल काफी बढ़ गया है तो फिर समलडेम इंटेकवेल बनाया जाकर पाइप लाइन बिछाकर पानी लाने की क्या आवश्यकता थी, जो सोनचिरैया क्षेत्र में पड़ता है? (ग) क्या उसकी परमिशन ली गई? यदि हाँ, तो इतनी दूरी की क्या जरूरत थी? जल प्रदाय योजना में करैरा पानी पहुंचाने के लिए जो इंटेकवेल (कुआं) बनाया जा रहा है जो सोनचिरैया क्षेत्र में है जहां पर बाहरी लोगों का आना जाना भी प्रतिबंधित हो तो इंटेकवेल (कुआं) बनाने की परमिशन किससे ली गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में जल योजना के निर्माण में काफी अनियमितताएं है तो इसकी जांच उच्च स्तरीय या लोकायुक्त से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पंचायत करैरा में जल प्रदाय योजना के तहत प्रस्तावित कार्यों एवं लागत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जल प्रदाय योजना करैरा में निर्माणाधीन घटकों की प्रगति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। करैरा नगर को स्थाई, नियमित एवं गुणवत्ता के साथ जल प्रदाय होता रहे, इस हेतु सतही स्त्रोत महुवर नदी का चयन किया गया है, जिससे वर्ष 2048 तक की जनसंख्या को नियमित जल प्रदाय उपलब्ध हो सकेगा। योजनान्तर्गत प्रस्तावित इंटेकवेल का निर्माण सोनचिरैया करैरा अभयारण्य की सीमा के बाहर महुवर नदी में किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग के पत्र दिनांक 05/07/2016 द्वारा नगर पंचायत करैरा की पेयजल योजना हेतु 2.08 मि.घ.मी. जल आवंटित किया गया है तथा इंटेकवेल के निर्माण की अनुमति मुख्य अभियंता राजघाट नहर परियोजना दतिया के पत्र दिनांक 16/03/2021 द्वारा दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंटल, फॉरेस्ट एंड क्लायमेट चेंज (वाईल्ड लाईफ डिवीजन) नई दिल्ली के पत्र दिनांक 10/02/2022 द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के सन्दर्भ में जल प्रदाय योजना के निर्माण में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, शेषांश का प्रश्न नहीं उठता है।
नवगठित नगर पंचायत की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 2059 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला की मगरौनी की नवगठित नगर पंचायत किस दिनांक से अस्तित्व में आई एवं उसमें कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ हैं? किस के आदेश से उनकी नियुक्ति की गई? (ख) यह भी बताएं कि नगर पंचायत मगरौनी के अस्तित्व में आने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य विकास कार्य किस मद से किये गये? कार्य की लागत एवं किये कार्य की स्थिति, की गयी खर्च राशि सहित जानकारी देवें। (ग) क्या नव गठित नगर पंचायत को तीन ग्राम पंचायतों मगरौनी, निजामपुर, किशनपुर, मिला कर बनाया गया है? ग्राम पंचायतों में कितने कर्मचारी कार्यरत थे? उनमें से कुछ को हटाया गया एवं कुछ को रखा गया, रखे गये कर्मचारियों को किस नियम-प्रक्रिया के तहत रखा गया और हटाये गये कर्मचारी को किस नियम के तहत हटाया? (घ) मगरौनी नगर पंचायत जो बनी है, ग्राम पंचायत के रिकार्ड में काफी कार्यों में अनियमितताएं की गई? क्या इसकी जांच कर रिकार्ड की जानकारी सही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद्, मगरौनी दिनांक 26.09.2018 से अस्तित्व में आई। वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर परिषद्, मगरौनी के अस्तित्व में आने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक कोई निर्माण कार्य नहीं किए गए हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। गठन के समय ग्राम पंचायतों में कुल 85 कर्मचारी कार्यरत थे। 32 कर्मचारी का नियोजन अनियमित पाए जाने से उन्हें हटाया गया है। शेष 53 कर्मचारी कार्यरत है, जो कि पंचायतकालीन है। (घ) नगर परिषद्, मगरौनी में समाहित ग्राम पंचायतों द्वारा अभिलेख एवं अन्य सामग्री हस्तांतरित न करने के संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 11-95/2021/18-1 दिनांक 10.08.2021 द्वारा संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-ग्वालियर को जांच कर प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिए गए थे। उपरोक्त के अनुक्रम में संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा पत्र क्रमांक स्था/2021/3087 दिनांक 16.11.2021 के माध्यम से जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 2062 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1333, दिनांक 26.02.21 में तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री सीहोर के विरूद्ध आरोप पत्र जारी दिनांक से आज दिनांक तक संबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के संपूर्ण दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष एवं उनके सहयोगियों के विरूद्ध जारी आरोप पत्र दिनांक 03.02.21 के उपरांत विभाग द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 11168 दिनांक 31.07.2020 में अवैध कॉलोनी में राशि रूपये 26,97,104 का व्यय प्रमाणित पाये जाने के बाद भी उपरोक्त आरोपियों पर अभी तक कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है व कब तक आयुक्त के पत्रानुसार संबंधितों पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) कलेक्टर सीहोर द्वारा अभी तक संबंधित आरोपियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) नगरपालिका परिषद्, सीहोर के तत्कालीन अध्यक्ष के विरूद्ध जारी कारण बताओ सूचना पत्र पर कार्रवाई प्रचलित है। श्री सुधीर सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री सईउद्दीन एवं श्री दीपक शर्मा, सहायक यंत्री तथा श्रीमती प्राची गुप्ता, उपयंत्री, नगर पालिका परिषद्, सीहोर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। विभागीय जांच संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल द्वारा की जा रही है। विभागीय जांच आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जांच की कार्रवाई प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
165. ( क्र. 2063 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री को प्रेषित पत्र क्रमांक 91 वि.बरगी/22, दिनांक 24.01.22 प्राप्त हो गया है? उक्त पत्र पर क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? संबंधित प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (ख) क्या मान. मंत्री जी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3799 एवं 3800 से विभागीय प्रमुख सचिव को बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण की स्वीकृति हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बरगी में विभाग की पी.आई.यू. एजेंसी द्वारा गत 3 वर्षों में कितने निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये हैं एवं कितने समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सके हैं? सूची देवें। समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने के तर्कसंगत कारण क्या हैं? (घ) गत 3 वर्षों में जो निर्माण कार्य पूर्ण अथवा अपूर्ण हैं उनके निर्माण में गुणवत्ता में कमी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त सभी शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? दस्तावेज उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) स्वीकृति हेतु नहीं अपितु परीक्षण कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु आदेशित था। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) चरगंवा जिला जबलपुर में स्कूल भवन निर्माण कार्य के गुणवत्ताहीन कार्य कराये जाने के संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन शिकायत क्र. 12957579 दिनांक 27.12.2021 को गई थी। जांच में पाई गई त्रुटियों का सुधार कार्य करा दिया गया है। प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
क्षतिग्रस्त मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
166. ( क्र. 2064 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर से भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके प्रथम फेस जबलपुर से मेरेगांव, लगभग 60 कि.मी. का निर्माण कार्य पूर्व हो चुका है एवं उक्त रोड निर्माण करने में जिन साईड रोडों का उपयोग कंपनी द्वारा निर्माण सामग्री लाने में उपयोग किया गया है उनके क्षतिग्रहत होने पर कंपनी उन रोडों को भी बनाकर देगी? यदि नहीं तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो क्या कंपनी द्वारा सभी साईड रोड बना दिये गये हैं? (ख) रा.रा. 12 से शहपुरा नगर को जाने वाला लगभग 3 कि.मी. रोड का निर्माण क्यों नहीं किया गया, जबकि उक्त रोड का उपयोग मिट्टी, रेत, गिट्टी आदि निर्माण सामग्री लाने में किया गया है? जिससे संपूर्ण रोड खत्म हो चुकी है? (ग) क्या उक्त निर्माण के लिए कई बार जन आंदोलन भी हुये हैं? यदि हाँ, तो क्या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा क्षतिग्रस्त मार्गों के निर्माण का आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त कराये थे? यदि हाँ, तो जनता से छलपूर्वक आश्वासन देकर निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? निर्माण कब तक होगा? (घ) NH-12 से शहपुरा नगर की ओर मुड़ने वाली रोड पर आय दिन दुर्घटना होती है तो इसको सीधा क्यों नहीं किया जा रहा, जिससे मोड पर आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 के जबलपुर-हिरण नदी तक के भाग 55.60 किमी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 से ग्राम कुलोन पहुंच मार्ग, ग्राम सालिवाडा पहुंच मार्ग, ग्राम बरखेडा पहुंच मार्ग ग्राम धनमपुरा पहुंच मार्ग ग्राम मटवारा पॉवर ग्रिड पहुंच मार्ग इन साइड रोडों का उपयोग अन्य विभिन्न वाहनों के अलावा निर्माणकर्ता कंपनी के वाहनों द्वारा भी शासकीय कार्य रा.रा. मार्ग के निर्माण हेतु उपयोग किया गया है। यथासंभव कंपनी द्वारा मार्गों का समुचित रख-रखाव समय-समय पर किया गया है, अत: कंपनी द्वारा सभी साईड रोडों को बनाकर देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) अमन ढाबा से शहपुरा मार्ग लगभग 3 कि.मी. लंबी रोड जिसे नवनिर्मित मार्ग के पुनः रेखण (री-एलाइनमेंट) के कारण यथा स्थिति छोड़ दिया गया है। संबंधित कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा नियुक्ति तिथी (अपाइंटेड डेट) के पूर्व की स्थिति में बनाये रखने हेतु समुचित रख-रखाव किया जाना था, जिसका पालन संबंधित निर्माणकर्ता कंपनी के द्वारा किया गया है। उक्त मार्गखण्ड का उपयोग इन्डियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के डिपो से विपणन किये गये उत्पादों से भरे उच्चतम भार-वाहक वाहनों द्वारा तथा शहपुरा तथा यहां से होकर भोपाल की ओर जाने वाले वाहनों द्वारा वैकल्पिक मार्ग के रूप में किया जा रहा है। इसका उपयोग प्रश्नाधीन परियोजना के निर्माण में आवश्यक सामग्री के परिवहन में भी किया गया है और इसकी स्थिति अनुबंध में उपरोक्त प्रावधान के अनुरूप है। (ग) जी हाँ। म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि., द्वारा प्रश्नाधीन मार्गखण्ड के संबंध में दिये गये आश्वासनों का पालन किया गया था तथा संबंधित निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप समुचित रख-रखाव किया जाता रहा है। प्रश्नाधीन मार्गखण्ड के पुनरुद्धार हेतु भारत सरकार की वन टाईम इम्प्रूवमेंट योजना के अंतर्गत राशि रू. 740.77 लाख का प्रस्ताव दिनांक 14.10.2021 निगम द्वारा प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया है। वांछित स्वीकृति अप्राप्त है, अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (घ) प्रश्नाधीन स्थल पर अनुमोदित प्रस्ताव अनुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप जंक्शन का निर्माण किया गया है। अतः तकनीकी आधार पर निर्मित जंक्शन पर इसके निर्माण अथवा तकनीकी मापदंड के कारण किसी दुर्घटना की संभावना नहीं है।
पद के दुरूपयोग के विरूद्ध विभागीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 2067 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री नरेन्द्र सिंह चौहान उपयंत्री तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद् इछावर, जिला सीहोर द्वारा की गई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार तथा पद के दुरूपयोग के विरूद्ध विभागीय जांच एवं कार्यवाही हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26-05-2020 को पत्र के द्वारा जिला कलेक्टर सीहोर को शिकायत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई विभागीय जांच अथवा विभागीय कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जांच के परिणाम से प्रश्नकर्ता को क्यों अवगत नहीं कराया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कलेक्टर, जिला सीहोर के निर्देशानुसार परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, सीहोर द्वारा पत्र क्रमांक 613/जिशविअ/20 दिनांक 26.05.2020 के माध्यम से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग भोपाल को माननीय विधायक के पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर समुचित जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य एवं भारत सरकार की विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
168. ( क्र. 2068 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा गांवों का विद्युतीकरण करने को अलग-अलग योजना है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र इछावर में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने गांवों को विद्युतीकरण से जोड़ा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र इछावर के विकासखंड इछावर एवं विकासखंड सीहोर के कई गांव एवं चिन्हित मजरे-टोले विद्युतीकरण से वंचित हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने गांव एवं चिन्हित मंजरे-टोले हैं? कृपया ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। क्या निकट भविष्य में भारत सरकार व राज्य सरकार उक्त गांव एवं उनके चिन्हित मजरे-टोलों को विद्युतीकरण से जोड़ने का विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत कुछ स्थानों पर आवश्यकता से अधिक की क्षमता वाले ट्रांसफार्मर (ओवर क्षमता ट्रांसफार्मर) स्थापित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ और क्यों? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में झूल रहे विद्युत तारों से आये दिन दुर्घटनायें होती हैं? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी दुर्घटनायें हुईं तथा उनसे कितनी जन हानि एवं पशुधन की हानि हुईं? क्या उक्त दुर्घटनाओं के विरूद्ध विभाग द्वारा पीड़ितों को कोई मुआवजा राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि, किस-किस को प्रदान की गई? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत लाईनों को ठीक करने व उनकी नियमित जांच की व्यवस्था करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। उल्लेखनीय है कि इछावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2018 के पूर्व ही पूर्ण किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधानसभा इछावर क्षेत्र के इछावर एवं सीहोर विकासखण्डों के क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्राम एवं उनके तत्समय चिन्हित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। विकासखण्ड इछावर एवं सीहोर में किये गये सर्वे अनुसार, सौभाग्य योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद क्रमश: 109 एवं 30 नवीन बसाहटें पाई गई हैं, जो कि विद्युतीकरण हेतु शेष है। उक्त नवीन बसाहटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उक्त योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जावेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भविष्य में संभावित विद्युत भार वृद्धि के दृष्टिगत न्यूनतम 25 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाता है। अत: ट्रांसफार्मर स्थापना के समय उससे संबद्ध भार अपेक्षाकृत कम रहता है किन्तु कालांतर में नए कनेक्शन आने पर पूर्व से स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर पर क्षमता उपलब्ध होने से नवीन कनेक्शन सुगमता पूर्वक प्रदाय कर दिया जाता है। तद्नुसार इछावर विधानसभा क्षेत्र में स्थापित कुल 1272 वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार उनकी क्षमता से कम है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। इछावर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में कोई विद्युत दुर्घटना घटित नहीं हुई, अत: प्रश्न नहीं उठता। ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत लाईनों की नियमित जांच एवं रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत विद्युत लाईनों के संधारण का कार्य नियमित रूप से किया जाता है तथा आकस्मिक अवरोध आने पर तत्काल सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुधार दिया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
लहार नगर का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 2079 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग म.प्र. भोपाल द्वारा लहार जिला भिण्ड के सौंदर्यीकरण हेतु तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्र./यो.प्र./07-05/2020 भोपाल दिनांक 11.03.2020 को दी गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि की? (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर भिण्ड के पत्र क्र./3060 भिण्ड, दिनांक 31.12.2019 को नगर पालिका/नगर परिषद् लहार को लहार नगर की सौंदर्यीकरण योजना के अंतर्गत डी.एम.एफ. राशि से राशि रू. 150.00 लाख रूपए एवं सी.एस.आर. मद से राशि रू. 138.00 लाख रूपये उपलब्ध कराए जाने हेतु सहमति प्रदान की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त मदों के अंतर्गत नगरपालिका लहार, जिला भिण्ड को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा क्या उक्त राशि के अभाव में लहार नगर के सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो सौंदर्यीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कराया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। लहार नगर के सौन्दर्यींकरण कार्य हेतु राशि रू. 535.72 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) कार्यालय कलेक्टर भिण्ड के पत्र क्रमांक/क्यू/सी.एस.आर./2019/13060 भिण्ड दिनांक 31.12.2019 के द्वारा नगर लहार को सौंदर्यीकरण कार्य हेतु डी.एम.एफ. मद से राशि रू. 150.00 लाख एवं सी.एस.आर. मद से राशि रू. 138.00 लाख उपलब्ध कराये जाने हेतु सहमति प्रदान नहीं की गई थी, केवल संभावना व्यक्त की गई थी। (ग) उक्त मदों से नगर परिषद् लहार को कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। नगर के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु केवल संभावना व्यक्त की गई थी, न कि स्वीकृति प्रदान की गई थी। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07-05/2020/7725 दिनांक 24.08.2020 के बिन्दु क्रमांक 03 में लहार नगर के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए राशि की व्यवस्था नगरीय निकाय को स्वयं करने के निर्देश दिये गये है। निकाय के द्वारा उक्त उल्लेखित सौंदर्यीकरण कार्य 14वें वित्त आयोग एवं अन्य मदों से प्राप्त राशियों से कराया जा रहा है। कार्य प्रगतिरत है। वर्तमान तक राशि रू. 269.00 लाख के कार्य पूर्ण हो गये है। बजट उपलब्धता अनुसार कार्य पूर्ण कराया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बजट में सम्मिलित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
170. ( क्र. 2080 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत 2020-21 एवं 2021-22 में कौन-कौन से मार्ग बजट में सम्मिलित किए गये थे? बजट में सम्मिलित इन मार्गों के निर्माण हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई? (ख) क्या माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को माह सितम्बर 2021 में लहार-बायपास मार्ग एवं ग्राम ईगुंई से लहार अमायन मार्ग को स्थायी वित्त समिति (S.F.C.) में रखे जाने हेतु आदेश प्रदान किए थे? यदि हाँ, तो उक्त मार्गों को किस दिनांक को स्थायी वित्त समिति (S.F.C.) में रखा गया? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक स्थायी वित्त समिति (S.F.C.) में रखकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी? (ग) लहार विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने मार्ग हैं, जिनका निर्माण कार्य विभाग द्वारा किन-किन कारणों तक पूर्ण नहीं किया जा सका है, तथा कब तक कार्य पूर्ण कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
लायब्रेरियन के रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
171. ( क्र. 2086 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत लायब्रेरियन एवं असिस्टेंट लायब्रेरियन के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने महाविद्यालयों में लायब्रेरियन पदस्थ हैं एवं कितने महाविद्यालयों में कब-कब से लायब्रेरियन के पद किन-किन कारणों से रिक्त हैं? (ख) क्या वर्ष 2015-16 से उक्त महाविद्यालय में संचालित लायब्रेरियों को डिजिटल लायब्रेरी के रूप में अपग्रेड (उन्नयन करने का अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से 31 जनवरी 2022 तक कितने महाविद्यालयों में डिजिटल लायब्रेरी बनाई गई और उस पर कुल कितना व्यय किया गया? वर्षवार बताएं। (ग) क्या लायब्रेरियन के अभाव में उचित देख-रेख एवं रख-रखाव न होने तथा लंबे समय तक रखी किताबों का रासायनिक उपचार न होने से लायब्रेरियों में रखी किताबों में दीमक आदि लगने से खराब हो रही हैं एवं विद्यार्थियों को समय पर वांछित किताबें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं? (घ) यदि हाँ, तो लायब्रेरियन के रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग अन्तर्गत शासकीय महाविद्यालयों में 538 लायब्रेरियन के पद स्वीकृत हैं। इन पदों के विरूद्ध 281 लायब्रेरियन पदस्थ हैं तथा 257 पद (सेवानिवृत्ति से तथा बैकलॉग के पद न भरे जाने से) रिक्त हैं और इन रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान (ग्रंथपाल) कार्यरत हैं। महाविद्यालयों में सहायक ग्रंथपाल के 14 पद स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 31 अगस्त 1990 में भर्ती नियम अनुसार सहायक ग्रंथपाल का पद डाइंग कैडर का है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के नगरीय निकायों में तकनीकी अमले की कमी
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 2093 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्रमांक 9969/स्था/01/2021 दिनांक 16.08.2021 से प्रदेश के नगरीय निकायों में 03 (तीन) वर्ष से एवं अधिक समय से पदस्थ तकनीकी अमले की जानकारी मांगी गई है? (ख) प्रदेश के नगरीय निकायों में कुल कितने तकनीकी अमले के कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है? पदवार व निकायवार जानकारी देवें। (ग) प्रदेश के नगरीय निकायों के अन्य विभागों में कुल कितने कर्मचारी एवं अधिकारी तकनीकी अमले में पदस्थ हैं? पदवार, निकायवार, नगरीय निकायों में पदस्थापना दिनांक व नाम सहित जानकारी दें। (घ) प्रदेश के नगरीय निकायों में अन्य विभाग के कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी तकनीकी अमले को छोड़कर पदस्थ है? पदवार, निकायवार, नगरीय निकायों में पदस्थापना दिनांक व नाम सहित जानकारी दें। (ड.) उपरोक्तानुसार क्या तीन वर्ष से अधिक पदस्थ तकनीकी अमले के स्थानांतरण संबंधित कोई नीति है? तीन वर्ष से अधिक एक ही निकाय में अन्य विभाग के कर्मचारी/अधिकारी को उनके मूल विभाग में भेजने या स्थानांतरण करने से संबंधित कोई कार्यवाही निहित की जावेगी? यदि हाँ, तो अब तक क्यों नहीं की गई? (च) प्रदेश के नगरीय निकायों में पदस्थ तकनीकी अमला जो अन्य विभागों से है, को उनके मूल विभागों में वापस भेजने के संबंध में कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ6-1/2021/एक/9 भोपाल, दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के अनुसार स्थानान्तरण की कार्यवाही की जाती है। तकनीकी कार्यों की आवश्यकता अनुसार अन्य विभागों से निकायों में तकनीकी अमले की पदस्थापना की जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (च) प्रदेश की नगरीय निकायों में तकनीकी अमले की कमी के दृष्टिगत अन्य विभागों के कर्मचारी कार्य की आवश्यकतानुसार पदस्थ है। तकनीकी अमले की कमी को दूर करने के लिए लोक सेवा आयोग से सहायक यंत्री पद हेतु एवं पी.ई.बी. से उपयंत्री पद हेतु तकनीकी अमले की पद पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत दरों में वृद्धि किये जाने से उत्पन्न स्थिति
[ऊर्जा]
173. ( क्र. 2094 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत दरों का निर्धारण विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अंतर्गत म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश में वर्ष 2012-13 से 31 दिसम्बर 2021 की अवधि में विद्युत की दरों में वृद्धि कब-कब कितनी-कितनी राशि की, की गई है? (ग) क्या प्रदेश की विद्युत कंपनियों के कुप्रबंधन एवं भ्रष्ट नीति के चलते एवं औद्योगिक इकाइयां और निगम मण्डल कॉर्पोरेशन, रेल्वे एवं केन्द्रीय कार्यालयों तथा राज्य के सरकारी कार्यालयों पर विद्युत देयक की अरबों रूपयों की बकाया राशि की वसूली न की जाकर प्रदेश के घरेलू विद्युत, किसानों से विद्युत की दरों में वृद्धि की जाकर वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या सरकार इस संबंध में विद्युत कंपनियों पर प्रभावी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या विद्युत की दरों में वृद्धि की अनुमति के लिए मध्यप्रदेश के पावर मैनेजमेंट सहित अन्य बिजली कंपनियों ने वर्ष 2020-21 में हुये नुकसान की भरपाई करने के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष टैरिफ याचिका लगाई है? इसे आयोग ने स्वीकार कर ली है? यदि हाँ, तो विद्युत कंपनियों की उक्त याचिका में खुदरा टैरिफ रेग्यूलेशन 2021 जो कि 3 दिसम्बर 2021 को अधिसूचित हुआ है, के बंधनकारी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो यह याचिका नियमानुसार नहीं होने से याचिका निरस्त करने का अनुरोध विद्युत कंपनियों द्वारा नियामक आयोग से किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश में वर्ष 2012-13 से 31 दिसम्बर 2021 की अवधि में की गयी दरों में औसत दर वृद्धि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। माननीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा दरों की निर्धारण प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को बिल की गई राशि की पूर्ण वसूली मानते हुए ही दरों का निर्धारण किया जाता है, अत: औद्योगिक इकाइयों और निगम, मण्डल कार्पोरेशन एवं केन्द्रीय कार्यालयों तथा राज्य सरकारी कार्यालयों पर विद्युत देयक की बकाया राशि का कोई प्रभाव घरेलू एवं किसानों की विद्युत दरों पर नहीं पड़ता है। अत: विद्युत कंपनियों पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी सहित अन्य बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के अनुमानित खर्चों एवं आय के आधार पर सकल राजस्व आवश्यकता तथा वर्ष 2022-23 में रहने वाले राजस्व अन्तर की भरपाई हेतु दिनांक 03 दिसम्बर, 2021 को अधिसूचित म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रवाह व चक्रण के टैरिफ अवधारणा संबंधी निबंधन तथा शर्तें तथा प्रभारों के निर्धारण के संबंध में विधियां तथा सिद्धान्त) विनियमन 2021 (आर.जी.35 (iii), वर्ष 2021) के प्रावधानों के अनुसार दर प्रस्ताव याचिका तैयार कर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है, जिसे कि आयोग द्वारा स्वीकार कर लिया है। विद्युत कंपनियों की उक्त याचिका में दिनांक 03 दिसम्बर, 2021 को अधिसूचित खुदरा टैरिफ रेग्यूलेशन (विनियमनों) के बंधनकारी प्रावधानों का पालन किया गया है, अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
बैतूल जिले के महाविद्यालयों की संबद्धता
[उच्च शिक्षा]
174. ( क्र. 2127 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के समस्त शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों को बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से हटाकर नवगठित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा से संबद्ध शासन के किस आदेश से किया गया एवं यह आदेश कब से प्रभावी था? (ख) बैतूल जिले के महाविद्यालयों को छिंदवाडा विश्वविद्यालय से संबद्ध करने के बाद विद्यार्थी संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में परीक्षा फीस सहित अन्य फीस अत्यधिक लिये जाने, छात्र-छात्राओं को अंकसूचियां वितरित न किये जाने एवं अन्य अनियमितताओं से प्रताड़ित होने तथा जिले के महाविद्यालयों को भोपाल विश्वविद्यालय से ही संबद्ध रखे जाने हेतु किस-किस दिनांक को किस-किस स्तर पर ज्ञापन दिये गये? इन ज्ञापनों पर सरकार द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन विद्यार्थियों की मांग को ध्यान में रखते हुए बैतूल जिले के समस्त महाविद्यालयों को पुन. बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से संबद्ध करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2019 द्वारा किया गया है, जो दिनांक 17.06.2019 से प्रभावी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत संभाग एवं नवीन सब-स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
175. ( क्र. 2136 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 12 अगस्त 2021 प्रश्न क्र. 1184 की विद्युत संभाग बनने एवं खरों, जेवर-उपरारा के मध्य विद्युत सब-स्टेशन खोले जाने हेतु म.प्र. विधानसभा में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विद्युत अव्यवस्था से मुक्ति दिलाने विद्युत संभाग एवं पर्याप्त वोल्टेज हेतु नवीन विद्युत सब-स्टेशन किसानों एवं जनता की पुरजोर मांग अनुसार क्या स्वीकृत किये जाने की तत्काल आवश्यकता हैं? अगर हाँ, तो कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त सम्पूर्ण कार्य क्रमश: कराने में कितनी-कितनी राशि विभाग की व्यय होगी? क्या क्षेत्र के अनेक ग्रामों के किसानों को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पा रहा है, क्यों? जतारा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण द्वारा कहाँ-कहाँ मांग की जा रही है कि क्षेत्र की बार-बार पुरानी केबल को बदलकर नई लगाई जावे? विभाग द्वारा ऐसे कौन-कौन से ग्राम एवं स्थान हैं जहां पर पूर्व में ट्रांसफार्मर लगे थे और विभाग ने निकाल लिये थे? उनके स्थानों पर कब तक नवीन लगा दिये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर समय-सीमा सहित बताएं कि जतारा को विद्युत संभाग, विद्युत सब-स्टेशन खरों, उपरारा-जेवट के मध्य एवं खेरा-विजयपुर के मध्य कार्य जनहित में स्वीकृत किये जावेंगे एवं जतारा क्षेत्र से उठाए गए ट्रांसफार्मर के स्थान पर नवीन ट्रांसफार्मर कब तक रखे जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा टीकमगढ़ जिले के जतारा में संचालन-सधारण संभाग के सृजन एवं ग्राम जेवर-उपरारा के मध्य तथा ग्राम खरों (लिधोरा खास) में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने से सम्बंधित अतारांकित विधानसभा प्रश्न क्र. 1184 दिनांक 12.08.2021 किया गया था। (ख) टीकमगढ़ जिले के जतारा में संचालन एवं संधारण संभाग, जतारा के सृजन का प्रस्ताव परीक्षण उपरान्त आर्थिक एवं व्यव्हारिक दृष्टि से साध्य नहीं पाया गया है। ग्राम जेवर एवं आसपास के क्षेत्र को विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र वीरपुरा से निर्गमित 11 के.व्ही. जेवर घरेलू एवं 11 के.व्ही. जेवर कृषि फीडर द्वारा विदयुत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त दोनों फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेगुलेशन निर्धारित मानकों से अधिक है। उक्त समस्या के निराकरण हेतु उक्त फीडरों पर भार कम करने के उद्देश्य से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र वीरपुरा से नवीन 8.0 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाइन का कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर उक्त क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा तथा उक्त प्रस्तावित कार्य के परिप्रेक्ष्य में ग्राम जेवर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की आवश्यकता नहीं है। ग्राम खरों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण किया गया जिसमे पाया गया की ग्राम खरों एवं आस-पास के क्षेत्र को विधमान 33/11 विद्युत उपकेन्द्र लिधौरा से निर्गमित 11 के.व्ही. खरों घरेलू एवं 11 के.व्ही. खरों कृषि फीडर द्वारा विद्युत् प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. खरों घरेलू फीडर पर अधिकतम भार 155 एम्पियर तथा वोल्टेज रेगुलेशन 12.65 प्रतिशत तथा 11 के.व्ही. खरों कृषि फीडर पर अधिकतम भार 30 एम्पियर तथा वोल्टेज रेगुलेशन 4.14 प्रतिशत है। उक्तानुसार खरों घरेलू फीडर पर वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लिधौरा से नवीन 9.0 कि.मी. 11 के. व्ही. लाइन का निर्माण कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त कार्य के पूर्ण होने के उपरान्त उक्त क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत् आपूर्ति की जा सकेगी तथा उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरांत ग्राम खरों में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य नहीं होगा। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्य, उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार साध्य नहीं पाये गये हैं, अतः म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा व्यय किये जाने वाली राशि बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वोल्टेज की समस्या है जिसके निराकरण हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र वीरपुरा से नवीन 8 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाइन का कार्य वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में स्वीकृत किया गया है तथा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लिधौरा से नवीन 9 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाइन का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त कार्य के पूर्ण होने के उपरान्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। जतारा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम आलमपुर, खरगूपुरा, वैरवार, चतुरकारी, चन्देरा, उपरारा एवं हरकनपुरा में केबल संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी जिनका निराकरण आवश्यक सुधार कार्य कराकर कर दिया गया है तथा विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से चालू कर दी गयी है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कही भी पूर्व में स्थापित ट्रांसफार्मर नहीं निकाले गये हैं। तथापि ग्राम उदयपुरा, पचौरा, वीरपुरा एवं जेवर में वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुये है, जो कि उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण अपात्र होने से बदलने हेतु शेष हैं। उक्त में से ग्राम पचौरा में स्थापित 63 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर दिनांक 22.02.2022 को बकाया राशि की 10 प्रतिशत से अधिक राशि जमा होने पर पात्र होने पर दिनांक 24.02.2022 को बदल दिया गया है। शेष सभी ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर बदला जा सकेगा। बदलने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार टीकमगढ़ जिले के जतारा में संचालन-संधारण संभाग का निर्माण तथा ग्राम जेवर-उपरारा के मध्य एवं ग्राम खरों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। ग्राम खेड़ा-विजयपुर क्षेत्र को विद्यमान 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र लारोंन से निर्गमित 11 के.व्ही. मडाहर घरेलू एवं 11 के.व्ही. मडहार कृषि फीडर द्वारा विद्युत् प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. मडाहर घरेलू फीडर पर अधिकतम भार 150 एम्पियर तथा वोल्टेज रेगुलेशन 3.96 प्रतिशत तथा 11 के.व्ही. मडाहर कृषि फीडर पर अधिकतम भार 50 एम्पियर तथा वोल्टेज रेगुलेशन 3.74 प्रतिशत है। उक्त परिप्रेक्ष्य में ग्राम खेड़ा-विजयपुर में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। अतः उक्त कार्य हेतु समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार जतारा क्षेत्र में बदलने हेतु शेष सभी फेल वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर बदला जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट की नियम विरूद्ध अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
176. ( क्र. 2140 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के कोलार क्षेत्र में सेजग्रुप के ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट में 16 अतिरिक्त फ्लेट एवं इनके सामने की छत की जानकारी नगर पालिक निगम, भोपाल के पास उपलब्ध नहीं है, जैसा कि प्रश्न क्र. 1107 दिनांक 23 दिसम्बर 2021 के उत्तर में बनवाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जानकारी निगम के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण क्या है और उक्त नियम विरूद्ध निर्मित फ्लेट एवं छत बेचे जाने के लिए बिल्डर के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या कलियासोत नदी के 33 मीटर के दायरे के अंदर प्रीमियन प्लाजा प्रोजेक्ट (केचमेंट एरिया) में बनाया गया जो वर्ष 2020 की वर्षा में आई बाढ़ के कारण उक्त प्रोजेक्ट का एक हिस्सा बह गया था? यदि हाँ, तो केचमेंट एरिया में उक्त प्रोजेक्ट की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार कौन है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1107 सत्र दिसम्बर 2021 की प्रश्नाधीन अवधि में यह जानकारी नगर निगम में उपलब्ध नहीं थी। नगर निगम के राजस्व विभाग दिनांक 21.02.2022 में नामांतरण हेतु प्राप्त आवेदन के साथ जानकारी प्रस्तुत होने पर, ज्ञात हुआ कि बिल्डर द्वारा पेंटहाउस एवं इनके सामने की छत विक्रय की गई है। स्वामित्व दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी नगर निगम में उपलब्ध हो जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सेज ग्रुप के ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट में 4 बहुइकाई ब्लाक में प्रत्येक में 4 पेंटहाउस की अनुमति तत्समय नगर पालिका परिषद् कोलार द्वारा दी गई थी। नगर निगम द्वारा दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत विधिसम्मत कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट कॉलोनी में कलियासोत नदी के 33 मीटर दायरे में प्रीमियम प्लाजा प्रोजेक्ट नामक कोई भवन निर्मित नहीं है, तथापि मेसर्स अग्रवाल कंस्ट्रक्शन द्वारा सागर प्रीमियम टॉपर्स कॉलोनी का निर्माण कलियासोत नदी से लगकर ग्राम दामखेड़ा (वीरान) तहसील हुजूर जिला भोपाल के खसरा क्र. 160/2.160/एमआईएन-2 कुल रकवा 3.78 एकड़ भूमि पर, नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय जिला भोपाल से बहुइकाई आवासीय विकास हेतु अनुज्ञा क्रमांक 1410 दिनांक 01.12.2010 के अनुक्रम में, तत्समय प्रभावशील नगर पालिका परिषद् कोलार द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा क्रमांक 929/ए दिनांक 01.01.2011 दी गई है। उक्त कॉलोनी में वर्ष 2020 के वर्षाकाल में कलियासोत बांध का पानी छोड़े जाने पर, शिर्डीपुरम् कॉलोनी के सांईबाबा मंदिर की कलियासोत नदी से लगी दीवार के साथ ही, सागर प्रीमियम टॉवर्स कॉलोनी की बाउण्ड्रीवॉल का कुछ भाग भी क्षतिग्रस्त हुआ था। नगर निगम द्वारा तहसीलदार कोलार को कलियासोत नदी के तटीय क्षेत्र से 33 मीटर क्षेत्र का सीमांकन करने हेतु पत्र लिखा गया है। सीमांकन उपरांत वस्तुस्थिति स्पष्ट होने पर, विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
माननीय
विधायकों के
पत्रों का उत्तर
देना
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 47 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश क्रमांक एक 19-76/2007/1/4 भोपाल, दिनांक 19 जुलाई 2019 जिसमें निर्वाचित विधायक के पत्रों के उत्तर देने संबंधी आदेश है, क्या उक्त आदेश महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. राजगढ़ पर भी लागू होता है? (ख) कंडिका (क) का उत्तर हाँ है तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जनवरी/फरवरी 2022 में लिखे गये समस्त पत्रों का उत्तर सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार प्रश्नकर्ता विधायक को उपलब्ध करा दिया गया है? हाँ तो जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर में जी.ए.डी. के निर्देश का समुचित पालन नहीं हुआ है तो क्या महाप्रबंधक का कृत्य प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 450 उत्तर दिनांक 10.08.2021 के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट के आधार पर विधायक का विशेष अधिकार हनन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में महाप्रबंधक (संचा/संधा.), वृत्त-राजगढ़, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 2409 दिनांक 22.01.2022 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 2426 दिनांक 27.01.2022 तथा पत्र क्रमांक 2437 दिनांक 29.01.2022 के माध्यम से चाही गई जानकारी महाप्रबंधक (संचा/संधा.), वृत्त-राजगढ़, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्रमश: पत्र क्रमांक 798 दिनांक 18.02.2022 एवं पत्र क्रमांक 827 दिनांक 21.02.2022 के माध्यम से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को प्रेषित की गई है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार एवं महाप्रबंधक (संचा./संधा.) वृत्त-राजगढ़ द्वारा प्रेषित पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 48 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा मुख्यालय पर नवीन ऑडिटोरियम निर्माण का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर लंबित है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो शासन कब तक ऑडिटोरियम स्वीकृत कर, निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ कर देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। राजगढ़ द्वारा स्थल चयन की कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम कदवाया में एवं ईसागढ़-चन्देरी सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 67 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्देरी विधानसभा अंतर्गत ग्राम कदवाया के बस स्टेंड से पंचायत भवन चौराहे तक लगभग 500 मीटर की सी.सी. सड़क नहीं बनाई गई है कारण बताएं? जबकि कदवाया से खनियाधाना 28 K.M. तक एवं बाईपास 1 K.M. कम्पलीट कर दिया गया है, शेष रोड बसस्टैंड तक कब तक नाली सहित बना दी जाएगी? समय-सीमा बताएं? (ख) पर्यटक नगरी चन्देरी से ईसागढ़ तक की रोड बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है कब तक रोड बनाई जावेगी? उक्त सड़क के खराब होने के कारण क्या इस पर समय-सीमा में पेंच वर्क का कार्य करवा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कदवाया के बस स्टेण्ड से पंचायत भवन चैराहे तक 500 मीटर सी0सी0 मार्ग पूर्व से बना हुआ है। शेष रोड बस स्टेण्ड तक बनी हुई है, स्थानीय रहवासियों के आपसी विवाद के कारण नाली बनाना संभव नहीं हो पा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग के सुधार हेतु दो बी.टी. नवीनीकरण कार्य स्वीकृत है। (1) लुकवासा-ईसागढ़-चंदेरी-राजघाट मार्ग के कि.मी. 58 से 105.6 तक बी.टी. नवीनीकरण का कार्य स्वीकृत होकर मैसर्स अनिल कंसट्रक्शन कंपनी शिवपुरी को दिनांक 21.02.2022 को कार्यादेश जारी हो चुका है। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा कार्यादेश दिनांक से छ: माह तक निर्धारित है। इस बी.टी. नवीनीकरण कार्य में प्रश्नांश में उल्लेखित चंदेरी (कि.मी. 92) से 58 तक सड़क भाग शामिल है। (2) एक अन्य बी.टी. नवीनीकरण कार्य मार्ग के कि.मी. 34 से 57 एवं कि.मी. 105.6 से 107/4 तक स्वीकृत है। इस बी.टी. नवीनीकरण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इस बी.टी. नवीनीकरण में प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग के कि.मी. 57 से 48 (ईसागढ़) तक का सड़क भाग शामिल है। वर्तमान में इस सड़क भाग की स्थिति ठीक है, यहां पेच रिपेयर की आवश्यकता नहीं है। कुछ स्थानों पर बी.सी. सरफेस की लेयर निकल गई है जिसका सुधार कार्य स्वीकृत बी.टी. नवीनीकरण अंतर्गत है। उक्त नवीनीकरण कार्य हेतु एजेंसी निर्धारित न होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कदवाया-ईसागढ़ मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 72 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य मार्ग ईसागढ़ से ग्राम कदवाया की दूरी 15 कि.मी. है यह मार्ग झांसी, ग्वालियर, शिवपुरी, पिछोर को जोड़ता है। इस मार्ग के कम चौड़ा होने एवं हैवी वाहनों के आवागमन के कारण यहां बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते है। इस कारण दिन प्रतिदिन यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये। मुख्यमार्ग ईसागढ़ से कदवाया की दूरी 15 कि.मी. के चौड़ीकरण की शासन की कोई नीति है? (ख) यदि हाँ, तो यह मार्ग का चौड़ीकरण कब तक करा दिया जावेगा और यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। यह मार्ग झॉंसी, ग्वालियर, शिवपुरी, पिछोर को जोड़ता है। वर्तमान में मार्ग की चौड़ाई (डामरीकृत सतह) 3.75 मीटर है। इसके अलावा दोनों ओर शोल्डर बने हुए है। हेवी वाहनों के आवागमन से बड़े-बड़े गड्ढे नहीं होते है। कम चौड़ाई के कारण दुर्घटना नहीं होती है। वर्तमान में मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जीर्ण-शीर्ण भवनों का पुनर्घनत्वीकरण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 104 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 के पश्चात लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत उज्जैन संभाग के विभिन्न विभागों के वर्षों से जीर्ण-शीर्ण कितने भवनों को "पुनर्घनत्वीकरण" अंतर्गत शामिल कर कार्यवाही की गई है? इस हेतु कब-कब उक्त अवधि में जिला कलेक्टरों ने उक्त योजना में किन-किन भवनों के प्रस्ताव भेजे? समस्त विभागों की सूची उपलब्ध कराएँ। (ख) मंदसौर, रतलाम जिलों में गत 1 जनवरी 2015 के पश्चात कब-कब "पुनर्घनत्वीकरण" अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कहाँ-कहाँ किस-किस विभाग के भवनों को उक्त योजना में शामिल किया गया? इन भवनों की वर्तमान स्थति क्या है? (ग) क्या गत दिनों मंदसौर कलेक्टर ने मंदसौर जिले के विभिन्न विभागों के जीर्ण-शीर्ण भवनों के लिए "पुनर्घनत्वीकरण" अंतर्गत एक कार्य योजना राज्य शासन को भेजी है? उस पर क्या कार्यवाही की गई है या प्रचलन में है? मंदसौर जिले के कौन-कौन से भवनों के इसमें शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित मंदसौर कलेक्टर द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 355 नग। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
6. ( क्र. 128 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा तहसील, पिपलौदा तहसील ताल, आलोट तहसील व रतलाम तहसील के साथ ही बदनावर तहसील अंतर्गत अनेक स्थानों पर पवन ऊर्जा (विंड पावर) व सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2000 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त तहसीलों में किस-किस फर्म/एजेंसी के माध्यम से उक्त कार्य किये गये? वर्षवार जानकारी दें। (ग) बताएं कि उपरोक्त वर्ष 2000 से प्रारंभ होकर प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने अप्रारंभ है तथा पृथकत: उपरोक्त स्थानों से कितनी-कितनी ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है? संयंत्रवार जानकारी दें। (घ) अवगत कराएं कि उपरोक्त स्थलों पर कार्यों को किये जाने हेतु कितनी-कितनी भूमि शासन/विभाग द्वारा कितने-कितने वर्षों के लिये लीज पर प्रदान की? लीज अवधि कितनी रखी गई तथा संयंत्रों के कार्य करने की क्षमता, उत्पादन की क्षमता कब तक किन वर्षों तक रहेगी, लीज अवधि एवं संयंत्रों के कार्य क्षमता की अवधि से अवगत कराएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। तहसील जावरा, पिपलौदा, रतलाम एवं बदनावर में 28 पवन ऊर्जा संयंत्र कुल क्षमता 803.85 मेगावाट व तहसील आलोट में सौर ऊर्जा संयंत्र कुल क्षमता 60 मेगावाट स्थापित है। (ख) वर्ष 2000 से प्रश्न दिनांक तक जिन फर्म/एजेंसी के माध्यम से जावरा, पिपलौदा, ताल, आलोट, रतलाम एवं बदनावर तहसील में स्थापित पवन ऊर्जा व सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) पवन ऊर्जा व सौर ऊर्जा परियोजनाओं की वर्ष 2000 से प्रश्न दिनांक तक पूर्ण, अपूर्ण, आरंभ एवं ऊर्जा उत्पादन क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) शासन/विभाग द्वारा शासकीय भूमि लीज पर नहीं दी जाती है। पवन ऊर्जा व सौर ऊर्जा परियोजनाओं हेतु शासकीय राजस्व भूमि हेतु नीति अनुसार भूमि उपयोग अनुमति जारी की जाती है। परियोजना स्थापना हेतु नीति अनुसार राजस्व भूमि, परियोजना अवधि या अधिकतम 25 वर्ष हेतु भूमि उपयोग अनुमति दी जाती है। उपयोग हेतु दी गई शासकीय भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उत्पादन की क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है।
महाविद्यालय के लिये भवनों का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
7. ( क्र. 129 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पिपलौदा तहसील के पिपलौदा नगर में शासन/विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाकर संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किस वर्ष में महाविद्यालय प्रारंभ होकर वहां पर किन-किन संकायों में अध्ययन-अध्यापन करवाया जा रहा है? संकायवार छात्र-छात्राओं की वर्षवार जानकारी दें। (ग) भवन के अभाव में महाविद्यालय किस स्थान पर किस प्रकार संचालित किया जा रहा है तथा महाविद्यालय हेतु कितने स्टॉफ की, पदों की स्वीकृति होकर उसके विरूद्ध कितने पदों की पूर्ति होकर कितने पद रिक्त पड़े हैं? पदपूर्ति कब तक होगी? (घ) विगत समय में शासन/विभाग द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु पिपलौदा नगर में भूमि का चयन भी चिन्हित कर भूमि आरक्षण किया गया है तो बढ़ती हुई छात्र-छात्राओं की संख्या एवं स्थल पर आ रही कठिनाइयों को दृष्टिगत रख महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2018-19 से महाविद्यालय संचालित है, जहां कला संकाय का अध्यापन कराया जा रहा है। अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) महाविद्यालय वर्तमान में डाईट भवन में संचालित है। महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग के 10 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 05 पद रिक्त हैं, जिन पर अतिथि विद्वान अध्यापन कार्य कर रहे हैं। अशैक्षणिक संवर्ग के स्वीकृत 12 पद रिक्त हैं। इनमें से सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। पद पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि का चयन किया गया है एवं हस्तांतरण की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नलजल योजना में खोदी गई सड़कों का पुनर्निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 140 ) श्री पुरु.षोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना कब स्वीकृत की गई थी? प्रशासकीय स्वीकृति सहित राशि सहित बतावें। साथ ही कार्य एजेंसी के नाम सहित कार्य की स्थिति बतावें। (ख) हटा नगर में पाइप लाइन विस्तार कार्य किस एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा है एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं खोदी गई नगर की सड़कें क्या चलने योग्य हैं? भ्रमण उपरांत शिकायतों के आधार पर सड़कों को खोद कर रख दिया गया है एवं सिर्फ मिट्टी डाली गई है, जिससे सड़कें नगर की क्षतिग्रस्त एवं चलने योग्य नहीं बची हैं। एजेंसी से ही उक्त कार्य कराये जाने एवं कार्यवाही करने के निर्देश प्रदाय कब तक किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला दमोह के हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना दिनांक 17/08/2016 को स्वीकृत की गई थी ठेकेदार से अनुबंध दिनांक 20/02/2017 को किया गया था। प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 38.28 करोड़ है। कार्य एजेन्सी का नाम मेसर्स जय वरूढी कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं रंजीत बिल्डकॉन लि. जे.वी. है। कार्य की भौतिक प्रगति 70% है। (ख) हटा नगर में पाईप लाईन विस्तार का कार्य भी मेसर्स जय वरूढी कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं रंजीत बिल्डकॉन लि. जे.वी. द्वारा किया जा रहा है। पाईप लाईन विस्तार हेतु योजना में राशि रू. 27.27 करोड़ स्वीकृत है। जी हां, सड़क चलने योग्य है। पाईप लाईन डालने के पश्चात रोड रेस्टोरेशन का कार्य लगातार कर रोड को चलने योग्य एजेन्सी द्वारा बनाया जा रहा है एवं एजेन्सी को समय-समय पर पाईप लाईन बिछाने के पश्चात रोड रेस्टोरेशन के लिये निर्देश जारी किये गये है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासन या स्थानीय मद से कराए गए कार्य
[उच्च शिक्षा]
9. ( क्र. 146 ) श्री पुरु.षोत्तम लाल तंतुवाय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के शासकीय स्नातक महाविद्यालय हटा जिला दमोह में विगत वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 में शासन या स्थानीय मद से क्या-क्या निर्माण कार्य हुये कार्यवार, राशिवार व कार्य एजेंसी तथा कार्य की स्थिति सहित बतावें। (ख) महाविद्यालय हटा में जनभागीदारी समिति का वर्तमान में अध्यक्ष कौन है व जनभागीदारी समिति की बैठक महाविद्यालय में कब से नहीं बुलाई गई बैठक बुलाने के शासन के क्या निर्देश है? हटा महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति से कराये गये कार्यों की जानकारी बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर जिला दमोह द्वारा माह अगस्त 2021 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हटा को महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। जनभागीदारी समिति की विगत बैठक दिनांक 23-09-2021 को आयोजित की गई थी। विभाग के निर्देशानुसार साधारणत: सामान्य परिषद की बैठक वर्ष में 02 बार बुलाये जाने के निर्देश हैं। शासकीय महाविद्यालय, हट्टा की जनभागीदारी समिति द्वारा वर्ष 2019-20 में विद्यार्थियों के लिए 100 कुर्सी टेबल क्रय किए गए एवं महाविद्यालय परिसर में गांधी स्तंभ का निर्माण कराया गया। वर्ष 2021-22 में विद्यार्थियों के लिए 40 ड्यूल डेस्क का क्रय समिति द्वारा किया गया है।
नगरीय क्षेत्र की अवैध कालोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 160 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक सीधी जिले के नगरीय क्षेत्र में कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां हैं? (ख) उपरोक्त में से अवैध कॉलोनी को बनाने वाले किस-किस कॉलोनाईजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? क्या किसी अधिकारी पर अवैध कॉलोनी बनने देने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त इन कालोनियों में नल-जल योजना के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध कराया गया है? (घ) यदि नहीं तो क्या सरकार इन सभी कॉलोनियों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सीधी जिले के नगरीय क्षेत्र यथा (1) नगर पालिका परिषद सीधी (नगर परिषद चुरहट (3) नगर परिषद रामपुर नैकिन (4) नगर परिषद मझौली क्षेत्रान्तर्गत कोई अवैध कॉलोनियॉं चिन्हित नहीं हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चांचौड़ा कुम्भराज शासकीय महाविद्यालय की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 192 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चांचौड़ा कुम्भराज शासकीय महाविद्यालय में वाणिज्य विषय में अध्ययन प्रारम्भ करवाने की क्या योजना है? (ख) यदि नहीं तो इन दो महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय में अध्ययन कब तक प्रारम्भ किया जायेगा? (ग) मधुसूदनगढ़ नगर में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाने की क्या योजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आदेश दिनांक 04/02/22 के माध्यम से स्ववित्तीय आधार पर स्नातक स्तर पर वाणिज्य विषय में सत्र 2022-23 से अध्यापन प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मधुसूदनगढ़ में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग की सहमति हेतु प्रेषित किया गया है। वित्त विभाग की सहमति एवं मंत्री परिषद के अनुमोदन उपरांत कार्यवाही की जायेगी।
सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 196 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा नगर जिला राजगढ़ में नगर की प्रमुख सड़कें जिसमें पीपल चौराहा से राजगढ़ बाईपास, रेल्वे स्टेशन से नेशनल हाईवे, एस.डी.एम. कार्यालय से नेशनल हाईवे, नेशनल हाईवे से ग्राम पढ़ोनिया तक की सड़कों की क्या मरम्मत की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या इन सड़कों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में लिया जाएगा? यदि नहीं तो क्या कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) बजट प्रस्ताव वर्ष 2022-23 अंतर्गत नवीन कार्यों के प्रस्ताव उपलब्ध वित्तीय संसाधन तथा राज्य शासन की प्राथमिकता के अनुसार लिए जाते है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मजरों/टोलों में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 207 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने गांव के कितने चिन्हित मजरे टोले ऐसे हैं जहां विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं हैं? सूची उपलब्ध करवायें। (ख) गांव के जिन चिन्हित मजरे टोले में विद्युत व्यवस्था नहीं है सूची उपलब्ध करवाए और वहां विद्युत व्यवस्था हेतु उन परिवारों को क्या करना होगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शासन द्वारा इन परिवारों के लिए विद्युत व्यवस्था की कोई कार्य योजना तैयार है? यदि हाँ, तो क्या या किसी मद अनुसार लगाई जा सकती है तो कब तक लगाई जाएगी? (घ) विधानसभा ब्यावरा में कई परिवार ऐसे हैं जो गांव के आसपास रहने लगे हैं जहां विद्युत व्यवस्था ना होने के कारण उन्हें काफी असुविधा हो रही है? क्या वहां विद्युत व्यवस्था पहुंचाई जाएगी एवं यह किस तरह की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजस्व ग्रामों के चिन्हित समस्त मजरों/टोलों को विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत पूर्व में ही विद्युतीकृत किया जा चुका है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) वर्तमान में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं हैं। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उक्त योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन उल्लेखित अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जावेगा।
नियमों के विरूद्ध किराये की मशीनरी का भुगतान
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 236 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.04.2018 से प्रश्नतिथि के दौरान कार्यालय कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. सतना संभाग के द्वारा किन-किन मशीनरी/वाहन/अन्य किराये पर किस-किस नाम से लेकर उन्हें कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया? माहवार/वर्षवार फर्म/नामवार, राशिवार जानकारी दें। किस मद से भुगतान हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किराये पर ली गई मशीनरी एवं अन्य की किस-किस सक्षम कार्यालय से लिखित में अनुमति ली गई एवं भुगतान किया गया? जारी सभी पत्रों/आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयानुसार क्या उक्त किराये की मशीनरी लिये जाने के नियम विभाग में हैं? अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति दें। क्या किराये की मशीनरी का मद निर्धारित था? कितना भुगतान मद (राशि में) विरूद्ध किया गया? उक्त भुगतान वैध है या अवैध? (घ) अगर नियम विरूद्ध किराये की मशीनरी एवं अन्य लिये गये एवं उनका भुगतान किया गया है तो राज्य शासन कब व किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य अनुसार भुगतान किया गया। (घ) इसकी जांच हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार समिति गठित की गई है एवं जांचोपरांत विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
नियमों के विपरीत भुगतान किया जाना
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 237 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या लोक
निर्माण
विभाग संभाग
सतना के
कार्यपालन
यंत्री ने पत्र
क्रमांक 1063, दिनांक
13-07-2021 से
चार बिन्दुओं
एवं दस
निर्माण
कार्यों का
उल्लेख कर
नोटिस जारी
किया था? जारी नोटिस
की एक प्रति
दें। (ख)
क्या
उक्त भुगतान
की कैशबुक में
प्रविष्टियां
हस्ताक्षरित
हैं? क्या
संभागीय
लेखाधिकारी
द्वारा रोकड़
पुस्तिकाओं
में
प्रविष्टियों
की जांच की? क्या 29-06-2021 एवं 30-06-2021 के व्हाउचरों
की नोटशीट का
अनुमोदन है? क्या
भुगतान पारित
देयकों में
हस्ताक्षर
है? क्या
भुगतान कर
कैशबुक में व्हाउचर
क्रमांक दर्ज
करवाया है? क्या
यह नियमों के
अनुरूप है? (ग) 01-04-2020 से
प्रश्नतिथि
के दौरान
वी.आई.पी.
प्रोटोकॉल के
नाम पर किस-किस
स्थान पर, कितनी
राशि का
भुगतान कर, क्या-क्या
कार्य, किस-किस
से करवाया गया? माहवार/वर्षवार/
कार्यवार/राशिवार
भुगतान
प्राप्तकर्ता
के नाम/फर्मवार
जानकारी दें।
साथ ही बतायें
कि उक्त अवधि
में क्या-क्या
सामानों की
खरीदी, किस
दर पर, किस-किस
से कर
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया? राशिवार/भुगतानकर्ता
एवं प्राप्तकर्ता
के
नाम/फर्मवार/माहवार/वर्षवार/सामग्रीवार
जानकारी दें।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी
हाँ, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ, जी
हाँ। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ'
अनुसार है।
स्वीकृत ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 282 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा रीवा जिले के ग्राम सगरा, वार्ड - 16 से संबंधित फरवरी-मार्च 2021 सत्र में पूछे गए प्रश्न क्र. 733, दिनांक 26 फरवरी, 2021 के उत्तर (क) में ''प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं हो पाया है? उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है'' तथा उत्तर (ख) में ''निजी भूमि पर विद्युत अद्योसंरचना की स्थापना के कार्य की भूमि स्वामी द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने पर'' का जबाव दिया गया है? जबकि फरवरी-मार्च 2021 सत्र में राजस्व विभाग से पूछे गये तारांकित प्रश्न क्रमांक 732 दिनांक 25 फरवरी 2021 के उत्तर (क) में ''स्कूल को आवंटित शासकीय भूमि में स्थित हैण्डपंप'' बताया गया है। इसके पश्चात् भी अभी तक स्वीकृत ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं हुआ है? कब तक उक्त स्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र के शासकीय स्कूल के आस-पास कई खम्भें लगवाये गये लेकिन विद्युत प्रदाय एवं केबलीकरण का कोई कार्य नहीं कराया गया है, क्यों? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र के शासकीय स्कूल के समीप स्वीकृत ट्रांसफार्मर स्थापित करने पर विभाग द्वारा ठेका कंपनी के कार्य (शासकीय हैण्डपंप के पास ट्रांसफार्मर स्थापना) में तीन बार बाधा पहुंचाए जाने पर किन-किन संबंधितों का सूचित किया गया है? संबंधित के स्थल पंचनामा एवं प्रतिवेदन की प्रति भी दी जाए। (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में एवं ग्राम सगरा में वर्ष 2016 से अभी तक किन-किन अधिकारियों/अमलें द्वारा विद्युत प्रदाय की व्यवस्था का निरीक्षण तथा जांचें की गई हैं? उनके द्वारा की गई जांच एवं निरीक्षण से संबंधित प्रतिवेदन/उपलब्ध समस्त दस्तावेजों की प्रति दी जाए? ग्राम सगरा में रखी गई शिकायत पुस्तिका की प्रति वर्ष 2017 से 2020 तक की दर्ज शिकायतों की दी जाए? (ड.) प्रश्नांकित क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के समय बिजली का वोल्टेज प्राप्त न होने से दूर-दूर से बॉस-बल्ली गाड़कर मोटर चलाने के लिये बिजली की व्यवस्था करनी पड़ती है क्यों? सुधार के लिये केवल खंभे गाड़े गये हैं, क्या विभाग द्वारा उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया जाकर भौतिक सत्यापन कराया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां, प्रश्नाधीन उल्लेखित जानकारी दी गई थी। पूर्व में ग्राम सगरा वार्ड 16 तहसील हुजूर के शासकीय स्कूल के समीप ट्रांसफार्मर सौभाग्य योजना के तहत स्वीकृत था, जो कि आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण स्थापित नहीं हो पाया था। वर्तमान में सौभाग्य योजना समाप्त हो चुकी है, अतः उक्त ट्रांसफार्मर लगाया जाना संभव नहीं है। ग्राम सगरा के वार्ड क्रमांक 16 में शासकीय स्कूल के पास की सप्लाई पूर्व से लगे 100 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर से चालू है। उल्लेखनीय है कि सौभाग्य योजनान्तर्गत 25 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रासंफार्मर भविष्य में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत प्रस्तावित किया गया था। (ख) आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया जा सका था। अत: शासकीय स्कूल के आसपास गाड़े गये खम्भों में तार खींचने एवं केबलीकरण का कार्य नहीं किया गया। (ग) शासकीय स्कूल के समीप स्वीकृत ट्रांसफार्मर स्थापित करने के कार्य में ठेका कम्पनी को तीन बार बाधा पहुंचाने पर थाना प्रभारी पुलिस थाना सगरा को सूचित किया गया था। सूचना आवेदन/पंचनामा/प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्राम सगरा में सौभाग्य योजनांतर्गत स्वीकृत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य में आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या आने पर कार्यपालन अभियंता, पूर्व संभाग, रीवा द्वारा निरीक्षण किया गया था एवं उनकी समझाइश के उपरांत भी ग्रामीणों द्वारा कार्य नहीं करने दिया गया। ग्राम सगरा में म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि़द्युत वितरण कंपनी की कोई भी शिकायत पुस्तिका नहीं रखी गयी है। अत: शिकायत पुस्तिका में दर्ज शिकायतों की प्रति दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ड.) ग्राम सगरा के वार्ड 16 में शासकीय स्कूल के पास के क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय पूर्व से स्थापित 100 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रासंफार्मर से चालू है तथा वोल्टेज की कोई समस्या नहीं है। तथापि स्थल का भौतिक सत्यापन करने हेतु कार्यपालन अभियंता, पूर्व संभाग, रीवा को निर्देशित किया गया है।
वैध कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 307 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वैध कॉलोनी निर्माण हेतु क्या-क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम के तहत बड़वानी जिले की सेंधवा विधान सभा में कुल कितनी कॉलोनी हैं? कॉलोनी का नाम, स्थान, कॉलोनी खसरा नं. रकबा बताएं एवं कितनी कॉलोनी नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किये हैं? कितने प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं किये हैं? कॉलोनीवार जानकारी दें। (ग) क्या बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में सभी कॉलोनी नियमानुसार हैं एवं पूर्ण हैं? अगर हाँ तो बतावें। सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कई कॉलोनियों में सड़क, पार्किंग, नाली आदि की समस्या क्यों है? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सम्पूर्ण प्रदेश के साथ-साथ बड़वानी जिले में कॉलोनी निर्माण हेतु वर्तमान में मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 तथा म.प्र. ग्राम पंचायत कॉलोनी विकास नियम, 2014 प्रभावशील है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
सड़कों के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 308 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य स्वीकृत है एवं कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) सेंधवा विधान सभा अंतर्गत विभिन्न सड़कों हेतु कितनी राशि की स्वीकृति है एवं किन-किन ठेकेदारों द्वारा कार्य संचालित किया जा रहा है? पूरी जानकारी राशि एवं ठेकेदार के नाम सहित उपलब्ध करायें। (ग) सड़कों के निर्माण, गुणवत्ता एवं निरीक्षण हेतु कौन-कौन से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई? नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
श्रेणीवार मार्गों पर परिवहन
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 368 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में विद्यमान विभिन्न मार्गों (राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, जिला मार्ग एवं अन्य) को कितनी श्रेणीयों में किन मापदंडों के आधार पर विभक्त किया गया है? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) भारतीय मानक ब्यूरों के मापदंडों के अनुसार उक्त मार्ग कितने-कितने भार वहन क्षमता के वाहनों के परिवहन के लिये बनाए जाते हैं? (ग) क्या जिला मार्गों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कम भार वहन क्षमता के मार्गों पर भारी क्षमता के वाहनों (जैसे रेत के ट्रक आदि) का परिवहन नियमानुकूल है? यदि नहीं तो इस संबंध में क्या शास्ती के प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) ग्रामीण क्षेत्र, जिला मार्गों का निर्माण अधिक भार वहन क्षमता के परिवहन के लिये हो, इस संबंध में शासन क्या कोई सुधार करेगा? यदि हाँ, तो क्या? (ड.) यदि ग्रामीण एवं जिला मार्गों पर भारी वाहन आवागमन कर सकते हैं तो उनके निर्माण के मापदण्डों में अंतर क्यों है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय सड़क कांग्रेस 73-1980 में मार्गों की पांच श्रेणियाँ परिभाषित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भारतीय मानक ब्यूरों में मापदण्ड तय नहीं है अपितु आई.आर.सी. में परिभाषित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जिला मार्गों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कम भार वहन क्षमता के मार्गों पर भारी क्षमता के वाहन का परिवहन होने सम्बंधित परिवहन विभाग द्वारा ओवर लोडिंग के सामान्य मापदण्ड निर्धारित है तथा खनिज साधन विभाग द्वारा भी गौण एवं मुख्य खनिजों के परिवहन के नियमों का क्रियान्वयन किया जाता है। इन नियमों में शास्ती आदि के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) ग्रामीण मार्ग एवं जिला मार्ग के डिजाईन, डामरीकृत सतह हेतु आई.आर.सी.-37-2018 एवं सीमेंट कांक्रीट मार्गों के लिये आई.आर.सी.-58-2020 के अनुसार यातायात धनत्व के आधार पर किया जाता है। (ड.) मुख्यतः यातायात के धनत्व में अंतर होने के कारण मार्ग के डिजाईन में परिवर्तन होना स्वाभाविक है।
होशंगाबाद जिले में विद्युत दुर्घटना
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 376 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वर्ष जनवरी 2015 से फरवरी 2022 तक कितनी विद्युत दुर्घटनाएं हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रत्येक घटना, घटना स्थल की जानकारी देते हुए बतावें कि किस घटना में कितने घायल हुए एवं कितने लोगों की मृत्यु हुई? नाम सहित बतावें। (ग) विभाग द्वारा किस घटना में घायल/मृत व्यक्तियों या उनके आश्रितों को कितना मुआवजा दिया गया? नाम सहित बतावें किन लोगों को किन कारणों से मुआवजा नहीं दिया गया? (घ) विद्युत दुर्घटनाओं में घायल/ मृतकों के आश्रितों को कितनी मुआवजा राशि देने का प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिला क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 137 विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई है। (ख) होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिला क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 25 विद्युत दुर्घटनाओं में 28 व्यक्ति घायल हुये एवं कुल 112 विद्युत दुर्घटनाओं में 114 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत दुर्घटनाओं हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रचलित/निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) राजस्व विभाग, म.प्र.शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निहित प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत दुर्घटनाओं में घायलों/मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि दिये जाने हेतु बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति जिसमें मुआवजा राशि बाबत् प्रावधान है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मार्ग का पुन: निर्माण एवं चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 385 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट से अमिलिया व अमिलिया से बीछी मार्ग चुरहट एवं सिंहावल विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को रीवा जाने का मुख्य मार्ग है। उक्त मार्ग अत्यन्त जीर्णशीर्ण है। पुन: निर्माण कराये जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जाती है, कब तक मार्ग पुनर्निर्माण की स्वीकृति जारी की जावेगी? (ख) उक्त मार्ग में कई स्थलों जैसे की सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हटवाखास बाजार, सोनवर्षा बाजार, अमिलिया बाजार, हिनौती बाजार, सिहावल बाजार में आये दिन जाम लगने की समस्या के कारण आवागमन बाधित होता है, उक्त स्थलों पर बायपास बनाया जाना क्या कार्य की स्वीकृति में शामिल किया गया है? यदि नहीं तो निरीक्षण कराया जाकर कब तक उक्त स्थलों पर बायपास मार्ग स्वीकृति में शामिल किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं मार्ग आंशिक जीर्णशीर्ण है। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं, जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 425 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली ने नर्मदा एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी है? मूल योजना क्या है? इसकी लम्बाई एवं चौड़ाई कितने-कितने कि.मी. है? इसके तहत औद्योगिक एरिया को जोड़ने की क्या योजना है? इसकी प्रस्तावित लागत व अवधि कितनी है? (ख) प्रदेश शासन ने नर्मदा एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु बजट में कब कितनी राशि का प्रावधान किया है? इसकी डी.पी.आर. तैयार कराकर स्वीकृति हेतु केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली को कब भेजी हैं एवं इसकी स्वीकृति हेतु क्या प्रयास किये हैं? (ग) प्रदेश शासन ने नर्मदा एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु भूमि का अधिग्रहण करने तथा इसमें बाधक अवरोधों, अतिक्रमण आदि को हटाने हेतु क्या कार्य योजना बनाई है तथा इसके लिये निर्माण एजेन्सी किसे बनाया गया है? इसका निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के पूर्वी हिस्से अमरकंटक से प्रारंभ होकर पश्चिमी गुजरात सीमा तक वर्तमान में अलग-अलग श्रेणी अलग-अलग वर्गीकरण की सड़कों का उन्नयन कर लगभग 904 किलोमीटर तथा एक एक्सप्रेस-वे के रूप में द्रुत गति से यातायात परिवहन तथा औद्योगिक विकास की दृष्टि से क्रियान्वित की जाने वाली परियोजना है। प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे का एकरेखण के साथ-साथ प्रत्येक खण्ड की वर्तमान स्थिति एवं स्वीकृति तथा राशि व योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। इस परियोजना के तहत सभी विद्यमान तथा प्रस्तावित एवं नवीन संभावना वाले औद्योगिक विकास की परियोजनाओं को लाभ होगा। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रारंभिक रूप से किए गए चिन्हांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे का अधिकांश हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित है। अत: इसके निर्माण में राज्य शासन द्वारा बजट के प्रावधान की आवश्यकता नहीं है। छूटे हुए क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का प्रस्ताव भारत शासन को भेजा गया है तथा इसकी स्वीकृति के लिए सभी स्तरों पर निरंतर प्रयास किए गए है। (ग) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे का अधिकांश हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में उल्लेखित अनुसार भारत शासन से प्राप्त स्वीकृतियों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के अंतर्गत त्वरित गति से भूमि का अधिग्रहण सतत रूप से किया जाता है। प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे परियोजना के विभिन्न घटकों के लिए एजेन्सी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है तथा विभिन्न खण्डों के लिए पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार कार्य स्वीकृत है।
डुमना नेचर रिजर्व
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 426 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत डुमना नेचर रिजर्व को विकसित करने, संरक्षण व सैलानियों के लिये मनोरंजन के संसाधनों आदि की व्यवस्था करने की क्या कार्य योजना बनाई है? इसका विकसित/अविकसित क्षेत्रफल कितना-कितना है तथा कुल क्षेत्रफल कितना है? इसकी कितनी भूमि पर अवैध कब्जा, अतिक्रमण है एवं क्यों? ख.न. रकवा सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में सैलानियों के मनोरंजन, अध्ययन हेतु लायब्रेरी तथा अन्य कौन-कौन से संसाधन व क्या-क्या सुविधाएं हैं। कार्यक्रमों आदि को आयोजित करने की क्या व्यवस्था हैं? बटर फ्लाई, साईकिल ट्रेक, लायब्रेरी की क्या स्थिति है? लायब्रेरी का निर्माण कब कितनी राशि में कराया गया है एवं इसमें क्या-क्या सुविधाएं व व्यवस्था हैं? (ग) नगर निगम जबलपुर में डुमना नेचर रिजर्व को विकसित करने संरक्षण विकास एवं निर्माण कार्यों, सैलानियों के लिये मनोरंजन के संसाधनों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की हैं। इसके कितने क्षेत्रफल में कब किस-किस प्रजाति के कितने-कितने औषधि पौधों का रोपण कितनी राशि में कराया है? इनकी सुरक्षा, देखभाल, रखरखाव सिंचाई आदि की क्या व्यवस्था हैं? टी गार्ड की क्या स्थिति है? वर्तमान में कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (घ) नगर निगम जबलपुर को डुमना नेचर रिजर्व से किन-किन स्त्रोतों से कितनी-कितनी आय एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं? वर्षवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत डुमना नेचर रिजर्व को विकसित व संरक्षित करने एवं सैलानियों के लिए मनोरंजन के संसाधनों आदि की व्यवस्था करने हेतु डुमना नेचर रिजर्व फेस-1 एवं फेस-2 कार्य योजना तैयार कर क्रियान्यवित की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। डुमना नेचर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2000 एकड़ है, जिसमें से 4000 वर्ग मीटर विकसित क्षेत्रफल होकर, शेष क्षेत्र अविकसित है। डुमना नेचर रिजर्व की भूमि पर अवैध कब्ज़ा एवं अतिक्रमण नहीं है, अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) सैलानियों के मनोरंजन हेतु साईकिल ट्रेकिंग व साईकिलों की व्यवस्था, बच्चों के लिए टॉय ट्रेन, अध्ययन हेतु लाईब्रेरी कक्ष की सुविधा डुमना नेचर रिजर्व फेस-2 में उपलब्ध है। बटर फ्लाई, साईकिल ट्रेक तथा लाईब्रेरी अच्छी स्थिति में है। लाईब्रेरी कक्ष का निर्माण वर्ष 2019 में राशि रूपये 14.52 लाख से कराया गया है एवं इसमें एयरकंडीशनर, विद्युत आदि की व्यवस्था है। (ग) डुमना नेचर रिजर्व को विकसित करने, संरक्षण, विकास एवं निर्माण कार्यों, मनोरंजन के संसाधनों पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। डुमना नेचर रिजर्व में औषधि पौधों का रोपण नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। डुमना नेचर पार्क में अन्य पौधों की सुरक्षा हेतु 502 नग ट्री गार्ड लगाये गये हैं, जो कि अच्छी स्थिति में है। (घ) डुमना नेचर रिजर्व में विभिन्न स्त्रोत से प्राप्त आय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार एवं व्यय राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
विद्युत कंपनियों में असाधारण अवकाश संबंधी विसंगति
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 496 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी में मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम लागू होने के बाद इनका कोई सेवक किसी भी वर्ष में 01 जनवरी से 30 जून के मध्य एक भी दिन का असाधारण अवकाश ले लेता है तो क्या उसे उस वर्ष 01 जुलाई को प्राप्त होने वाली वार्षिक वेतनवृद्धि पात्रता नहीं होगी? क्या एक भी दिन का असाधारण अवकाश लेने पर वर्ष 2006 की 01 जुलाई को प्राप्त होने वाली वार्षिक वेतनवृद्धि 01 जुलाई 2006 के स्थान पर 01 जुलाई 2007 को प्राप्त होगी? क्या वार्षिक वेतनवृद्धि की पात्रता 01 जुलाई से अगले 30 जून के मध्य 06 माह से अधिक सेवा करने मात्र पर हो जानी चाहिए? (ख) क्या उपरोक्त नियम राज्य शासन में लागू नियमों के अनुरूप हैं? यदि नहीं तो मध्यप्रदेश शासन की सौ प्रतिशत स्वामित्व/भागीदारी वाली म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी में मात्र असाधारण अवकाश के उपभोग को वर्ष की प्रथम छमाही में हतोत्साहित करने तथा द्वितीय छमाही में प्रोत्साहित करने की योजना की क्या मंशा थी? क्या विद्युत कंपनी के उपरोक्त विसंगतिपूर्ण नियमों में सुधार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 2009 यथाआवश्यक परिवर्तन सहित ग्राहय करने के उपरान्त यदि कोई कार्मिक किसी भी वर्ष में 01 जनवरी से 30 जून के मध्य एक भी दिन का असाधारण अवकाश ले लेता है तो उसे उस वर्ष 01 जुलाई को प्राप्त होने वाली वार्षिक वेतनवृद्धि की पात्रता नहीं होगी। वित्त विभाग, म.प्र.शासन द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ-8/2009/नियम/चार, भोपाल दिनांक 28 फरवरी 2009 एवं तत्संबंधी जारी आदेश क्रमांक एफ-8/2009/नियम चार, भोपाल दिनांक 28 फरवरी 2009 के माध्यम से राज्य शासन के कार्मिकों के वेतन पुनरीक्षण संबंधी ''मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 2009'' जारी किये गये हैं। तदोपरान्त म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कार्यरत कार्मिकों के लिए म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के आदेश दिनांक 02.03.2009 द्वारा म. प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 को ग्राहय किया गया है। उक्त आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल, जबलपुर द्वारा जारी स्पष्टीकरण आदेश क्र. 01-07/वेपुप्र/3100 दिनांक 12.06.2009 के अनुक्रम में लागू प्रावधानों के अनुसार ''संशोधित वेतन संरचना में अगली वेतन वृद्धि की तारीख संबंधी निर्देशों के अनुसार संशोधित वेतन ढांचे में वार्षिक वेतन वृद्धि की तारीख एक समान (One uniform date) अर्थात प्रत्येक वर्ष की एक जुलाई होगी तथा ऐसे शासकीय सेवक जिन्होंने संशोधित वेतन ढांचे में 1 जुलाई को 6 माह या अधिक अवधि की सेवा पूरी कर ली हो, को वेतन वृद्धि की पात्रता होगी''। उक्त आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल द्वारा आदेश क्र. 01-07/वेपुप्र./1369-70 जबलपुर, दिनांक 02.03.2009 से ''मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 2009'' को यथा आवश्यक परिवर्तन सहित ग्राह्य किया गया है, जिसमें उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि की पात्रता संबंधी प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
भिण्ड में रिंग रोड निर्माण कार्य की टेण्डर प्रक्रिया
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 536 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के विधान सभा के बजट सत्र में विधान सभा क्षेत्र भिण्ड में रिंग रोड निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक इसकी टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : प्रश्नांकित कार्य वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुख्य बजट में सम्मिलित है। जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 574 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर की नगर पंचायत पचोर द्वारा निविदा क्र. 320, 322, 324, 326, 328 एवं 330 वर्ष 2017 में आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो उनमें कौन-कौन से कार्य सम्मिलित थे? निविदावार, कार्य का नाम, राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित निविदावार कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण किये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किये गये हैं? उनके कारणों से अवगत करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर में अप्रारंभ कार्य को निरस्त कर पुनः निविदा आमंत्रित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, परन्तु निकाय द्वारा जिन अप्रारंभ कार्यों को निरस्त कर पुन: निविदा आमंत्रित की जानी है एवं जिन कार्यों की पुन: निविदा आमंत्रित नहीं की जाना है की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम न. 09 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 576 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत संचालित शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय सारंगपुर एवं वीर सावरकर शासकीय महाविद्यालय पचोर में स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान संकाय की कक्षाएं संचालित हैं? यदि नहीं तो इन महाविद्यालयों के विज्ञान संकाय से स्नातक उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं विज्ञान संकाय की स्नातकोत्तर शिक्षा कहां से जारी रखते हैं? (ख) क्या विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत रु.सा द्वारा शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय सारंगपुर में विज्ञान संकाय की कक्षाओं हेतु भवन निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो स्नातकोत्तर में विज्ञान संकाय संचालित नहीं होने की दशा में उक्त भवन का क्या औचित्य है? (ग) क्या शासन शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय सारंगपुर एवं वीर सावरकर शासकीय महाविद्यालय पचोर में स्नातकोत्तर में विज्ञान संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक दोनों महाविद्यालयों में विज्ञान संकाय की कक्षाएं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रारंभ हो जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय, सारंगपुर से 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, शाजापुर संचालित है तथा शासकीय महाविद्यालय, पचोर से 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, ब्यावरा संचालित है, जहॉं स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान संकाय में विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। (ख) विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय, सारंगपुर में भवन निर्माण किया जा रहा है। स्नातकोत्तर में विज्ञान संकाय संचालित करने हेतु पृथक से स्वीकृति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान संकाय की कक्षाएं प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। यदि महाविद्यालय से स्ववित्तीय योजनांतर्गत स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान में नवीन विषय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त होता है, तो अनुमति प्रदान की जाएगी।
विद्युत बिलों की शिकायतें
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 644 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में विद्युत सप्लाई की स्थिति क्या है? क्या शासन के गाइड लाइन अनुसार सप्लाई हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में, क्या वर्तमान में रीडिंग गलत होकर लोगों को अनाप सनाप विद्युत देयक बिल दिये जा रहे हैं व अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक इस हेतु कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया। संख्या बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे एवं कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे विदयुत प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ, राज्य शासन के नियमानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/ निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण, मीटर रीडर द्वारा गलत रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत देयक संबंधी कुल 1165 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से सही पाई गई सभी 685 शिकायतों में बिल में आवश्यक सुधार कर शतप्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 645 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2022 कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए? (ख) उपरोक्त राशि में से कितने आवास किन-किन हितग्राहियों को दिये गये? उनके नाम, पता, आधार कार्ड आदि सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
कटंगा फ्लाई ओवर का निर्माण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 681 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले एक वर्ष में प्रस्तावित कटंगा फ्लाई ओवर का टेंडर दो बार निरस्त किया जा चुका हैं? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) क्या स्थानीय स्तर पर इस फ्लाई ओवर का प्रस्ताव विभाग द्वारा मंत्रालय में भेजा जा चुका है किंतु अनुमति हेतु फाईल लंबित हैं? (घ) यदि हाँ, तो तत्संबंधी जानकारी दें। साथ ही फाईल को अनुमति दिये जाने में और टेंडर प्रक्रिया को प्रारंभ करने में और कितना समय लगेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। एक बार निरस्त हुआ है। (ख) अधिक दर आने से निविदा निरस्त की गई, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्थानीय स्तर से अब कोई प्रस्ताव अपेक्षित नहीं है। निविदा हेतु द्वितीय आमंत्रण हेतु टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार है।
प्रमाण पत्रधारियों को आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 696 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत वर्ष 2017 में आवास आवंटन हेतु बड़ी संख्या में गरीबों को आवास अधिकार प्रमाण-पत्र बांटे गये थे? (ख) यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश में कितने लाभार्थियों को शासन स्तर पर अधिकार प्रमाण पत्र दिये गये थे और उन लाभार्थियों को मिलने वाली आवास सुविधा की जिलेवार वर्तमान स्थिति क्या हैं? (ग) क्या जबलपुर जिले में पिछले 5 वर्षों में कितने प्रमाण-पत्रधारियों को आवास आवंटन किया गया है और शेष लाभार्थियों को आवास आवंटन करने पर कब तक विचार किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत वर्ष 2017 में आवास आवंटन हेतु प्रदेश में 1,66,259 हितग्राहियों को अधिकार पत्र दिये गये थे। जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में पिछले 5 वर्षों में 8,214 प्रमाण पत्रधारियों को आवास आवंटन किया गया है। शेष 154 हितग्राहियों के परीक्षण की प्रक्रिया प्रचलित है। पत्र पाये जाने पर भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत योजना का नियमानुसार लाभ प्रदान किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 726 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत कितने आवास अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? निकायवार संख्या बताये जिनमें से किश्त भुगतान न होने के कारण आवास अपूर्ण हैं? किश्त भुगतान हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनके आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं तथा क्यों? निकायवार संख्या बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के हितग्राहियों के पास भूमि के दस्तावेज न होने के कारण उनके आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं? यदि हाँ, तो भूमि के दस्तावेज उपलब्ध करवाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर वर्षों से कच्चे मकान बनाकर रह रहे गरीब व्यक्तियों को भूमि के पट्टा अथवा उनका व्यवस्थापन क्यों नहीं किया जा रहा है? ऐसे व्यक्तियों की निकायवार संख्या बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत स्वीकृत आवासों की विस्तृत निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त कार्यवाही हेतु शासन के पत्र क्र. एफ 1-6/2017/ 18-3 दिनांक 05.03.2021 तथा 1-6/2013/18-2 दिनांक 05.08.2021 द्वारा जिला कलेक्टर को सूचित किया गया है, जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
गांव की बेटी योजना
[उच्च शिक्षा]
33. ( क्र. 731 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांव की बेटी योजना के अंतर्गत राशि भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं, तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से अनुशंसा क्यों करवाई जाती है? (ख) गांव में रहने वाली बच्ची गांव में 12वीं तक स्कूल न होने के कारण शहर में सायकिल से जाकर 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण करने पर उसको गांव की बेटी योजना के अंतर्गत राशि क्यों नहीं दी जाती? (ग) गांव की बेटी योजना में गांव की बेटी शहर जाकर 12वीं प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण करती है, इस स्थिति में उसको प्रतिभा किरण योजना का भी लाभ क्यों नहीं मिलता है? (घ) गांव की बेटी योजना के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 01 जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिला तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गांव की बेटी योजना ऑनलाईन रूप से संचालित है तथा शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा कोषालय के माध्यम से पात्र छात्राओं के बैंक खाते में सीधे भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। गांव की बेटी योजनान्तर्गत पात्रता एवं मापदण्ड संबंधी कंडिका 1.2 की पुष्टि हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) गांव की बेटी योजना के नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण शहर के महाविद्यालय में स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने पर प्रोत्साहन राशि की पात्रता नहीं है। योजना संबंधी मापदण्डों की कंडिका क्रमांक 1.2 के अनुसार छात्रा को गांव का निवासी होना चाहिए एवं 12वीं कक्षा गांव में रहकर गांव की पाठशाला से उत्तीर्ण होना चाहिए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रतिभा किरण योजना से संबंधित विभागीय मापदण्डों में प्रावधान नहीं होने के कारण इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली बालिकाओं को नहीं मिलता। प्रतिभा किरण योजना के मापदण्डों की कंडिका 1.2 अनुसार इस योजना का लाभ शहरी क्षेत्र में निवासरत ऐसी छात्राओं को दिया जाता है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों से आती हो तथा जिन्होंने शहर की पाठशाला से कक्षा 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) गांव की बेटी योजना से संबंधित अभिलेखों में रायसेन जिले के किसी भी माननीय विधायक का पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 770 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक इंदौर जिले में कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां हैं? (ख) उपरोक्त में से अवैध कालोनी को बनाने वाले किस-किस कॉलोनाइजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ग) क्या किसी अधिकारी पर अवैध कॉलोनी बनने देने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उपरोक्त कॉलोनियों में नल-जल योजना के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध कराया गया है? (ड.) यदि नहीं तो क्या सरकार सभी कॉलोनियों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इन्दौर जिले के नगरीय क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। इन्दौर जिले के 10 राजस्व अनुभागों से प्राप्त ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत दि. 31.12.2016 के पूर्व अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत, चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नियमों के प्रावधान के अंतर्गत नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही की जानी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के रिक्त पद
[उच्च शिक्षा]
35. ( क्र. 780 ) श्री विशाल जगदीश पटेल, श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन विश्वविद्यालयों में परीक्षा नियंत्रक के पद रिक्त हैं? (ख) उपरोक्त में से किस-किस विश्वविद्यालय में किस-किस दिनांक से परीक्षा नियंत्रक का पद रिक्त है? (ग) परीक्षा नियंत्रक के पद को रिक्त रखे जाने का क्या कारण है? (घ) उपरोक्त रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्वविद्यालयों में परीक्षा नियंत्रक के 08 पद रिक्त हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विश्वविद्यालयों द्वारा उक्त पद पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। परीक्षा नियंत्रकों का चयन प्रक्रियाधीन है। (घ) समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण में राख का उपयोग
[पर्यावरण]
36. ( क्र. 825 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 2283 दिनांक 5 मार्च 2021 में एन.एच.आई. क्रमांक 7, 12, 69 एवं 52 के कुछ हिस्सों में सारनी पावर हाऊस की 93761.45 मैट्रिक टन राख के उपयोग की जानकारी दी जाकर सारनी पावर हाऊस के विरूद्ध दिनांक 19/06/2019 को न्यायालय में वाद दायर करने की भी जानकारी दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो मार्ग क्रमांक 7, 12, 69 एवं 52 की डी.पी.आर. के किस-किस खण्ड में किस पावर हाऊस की कितनी-कितनी राख के उपयोग का प्रावधान किया गया? किस-किस मार्ग के अनुबन्धकर्ता को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल एवं वायु से संबंधित किस-किस दिनांक को किस कानून के तहत सम्मतियां या अनुमतियां प्रदान की? (ग) डी.पी.आर. के अनुसार राख का उपयोग नहीं किए जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एन.एच.आई. के संबंधित अधिकारियों एवं सड़क निर्माण अनुबन्धकर्ताओं के विरूद्ध न्यायालय में किन कारणों से वाद प्रस्तुत नहीं किया?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री हरदीप सिंह
डंग ) : (क) जी हाँ। (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ग)
ठेकेदार एवं
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग प्राधिकरण
के बीच हुये
अनुबंध के
अनुसार तथा
राख की
उपलब्धता के अनुसार
सड़क निर्माण
में राख का
उपयोग किया
गया है। राज्य
में सड़क
निर्माण
कराने वाले
सभी शासकीय
एवं
अर्द्धशासकीय
विभाग फ्लाय
ऐश अधिसूचना
के अनुपालन
हेतु अपने
उत्तरदायित्व
से अवगत है
तथा सड़क या
फ्लाय एश ओवर
एंबेंकमेंट
निर्माण के
तकनीकी
विषयों पर
निर्णय लेने
हेतु सक्षम
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "साठ"
प्राधिकरण में सुनवाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 826 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण अरेरा हिल्स भोपाल में रीयल स्टेट अधिनियम 2016 के तहत किए जाने वाले किस-किस न्यायालीन प्रकरणों की सुनवाई में प्रमोटर की ओर से अधिवक्ता, सी.ए. एवं आर्किटेक्ट को हस्तक्षेप करने, हिस्सा लेने का क्या अधिकार वर्तमान में है? (ख) सी.ए. एवं आर्किटेक्ट द्वारा बिना किसी वैध पावर ऑफ अटार्नी के परियोजना पंजीयन में प्रमोटरों का पक्ष रखे जाने का क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ग) वर्ष 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने पंजीयनों में कौन-कौन सी.ए. एवं आर्किटेक्ट ने प्रमोटर की ओर से पैरवी की है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-56 के अनुसार प्राधिकरण के समक्ष विचाराधीन पंजीयन एवं परिवाद संबंधी विभिन्न मामलों में पक्षकार स्वयं अपने अधिकारी चार्टेड एकाउंटेंट, कम्पनी सचिव, कास्ट एकाउंटेंट एवं विधि व्यवसायी को प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है। (ख) जी नहीं। आर्किटेक्ट धारा-56 के अंतर्गत शामिल नहीं हैं। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगरीय निकायों में सामग्री का क्रय एवं निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 851 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिलों के नगरीय निकाय को प्रदेश शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गई और प्राप्त राशि से प्रश्न दिनांक तक कितनी लागत से विकास एवं निर्माण के कौन-कौन से कार्य कब एवं कहाँ कराये गये? वार्डवार बताइये? (ख) क्या नगरीय निकायों द्वारा कोटेशन आधार पर सामग्री का क्रय और निर्माण/मरम्मत का कार्य कराया जा सकता है, यदि हाँ, तो नियमों/निर्देशों से अवगत कराये और बताए कि प्रश्नांश (क) जिले के नगरीय निकाय द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोटेशन आधार पर कितनी-कितनी लागत की कौन-कौन सी सामग्री, किस-किस से क्रय की गई और निर्माण/मरम्मत के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गये एवं किसके द्वारा कराये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन और किए गये निर्माण/मरम्मत के कार्यों की नाप एवं कार्यपूर्णता किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी की गई और सामग्री क्रय करने एवं निर्माण/ मरम्मत कार्य हेतु कितनी राशि का भुगतान किसको, कब किया गया? (घ) नगरीय निकायों में प्रचलित एस.ओ.आर. से 20 से 30 प्रतिशत कम दर पर भी निर्माण कार्य किया जाना संभव हैं? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो क्यों? नियमों से अवगत कराइए? (ड.) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों को प्राप्त राशि के कराये गये, कार्यों की निविदा एस.ओ.आर. से कितने प्रतिशत कम में स्वीकृत की गई तो क्या लागू एस.ओ.आर. में अत्यधिक दरें दर्ज हैं अथवा किए जा रहे निर्माण कार्यों में अनियमितता की जाती हैं? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 85 (1), (2) के अनुसार नगरपालिका/नगरपरिषद द्वारा कोटेशन के आधार पर राशि रूपये 1.00 लाख तक की सामग्री क्रय की जा सकती है, शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) नगरीय निकायों में निर्माण कार्य कराने के लिए प्रचलित ISSR-21 के आधार पर प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत ई-निविदा ऑनलाईन जारी की जाती है। ई-निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर लेखा नियम में दी गई प्रक्रिया का पालन कर स्वीकृत की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जिले के नगरीय निकायों में कराये गये कार्यों की निविदा दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी नहीं, लागू एस.ओ.आर. में अत्यधिक दरें दर्ज नहीं है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत की आपूर्ति एवं सुधार कार्य
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 852 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए कितनी क्षमता के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कहाँ-कहाँ स्थापित है और क्या इन विद्युत उपकेन्द्रों में क्षेत्र में विद्युत की आवश्यकता की पूर्णतया पूर्ति हो जाती हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं तो सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी और नए 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में विगत 02 वर्षों में वर्षवार विद्युत आपूर्ति में सुधार के क्या-क्या कार्य किस आवश्यकता एवं जरूरत के चलते किस-किस के द्वारा कहां-कहां किए गये और किये गये कार्यों में कार्यवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विगत एक वर्ष की अवधि में पवई विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में किन कारणों से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई और आपूर्ति बाधित होने की उपभोक्ताओं द्वारा कब-कब शिकायतें की गई? प्राप्त शिकायतों का कितनी अवधि के पश्चात् कब-कब निराकरण कर विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी? क्या शिकायतों का निराकरण नियत मानकों के अनुरूप है यदि हाँ, तो कैसे स्पष्ट कीजिये? यदि नहीं तो इसके क्या कारण रहे? इस पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) विगत 02 वर्ष की अवधि में पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में कहाँ-कहाँ स्थापित विद्युत ट्रासंफार्मर किन कारणों से खराब हुये, ट्रांसफार्मरों के खराब होने की जानकारी विद्युत कंपनी को कब-कब प्राप्त हुई? खराब ट्रांसफार्मर को कब सुधारकर या बदलकर कितने दिनों के पश्चात लगाया गया? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में पवई विधानसभा में विद्युत की सतत आपूर्ति में बाधक कारणों के निराकरण के लिए क्या कोई योजना बनाई जाकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति हो रही है। माह जनवरी-22 की स्थिति में पवई संचालन/संधारण संभाग के अंतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शनों का कुल स्वीकृत भार 66759 कि.वा. है एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों की कुल क्षमता 105040 कि.वा. है। इस प्रकार 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता का मात्र लगभग 64 प्रतिशत भार इनसे संबद्ध है। अतः प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु विद्युत आपूर्ति में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। किंतु भविष्य में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत ग्राम किशनगढ़ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस.योजना में प्रस्तावित किया गया है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में विद्युत प्रणाली के क्षतिग्रस्त होने के कारण विद्युत आपूर्ति में आये व्यवधानों को दूर करने हेतु संचालन/संधारण संभाग पवई दवारा लेबर ठेकेदारों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 20 कार्यादेशों के अंतर्गत राशि रु.. 44.67 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक 20 कार्यादेशों के अंतर्गत राशि रु. 24.29 लाख का व्यय किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विगत एक वर्ष में पवई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों में विद्युत आपूर्ति संबंधी कुल 5266 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 4917 शिकायतों का निराकरण यथासंभव मानक अनुरूप किया जा चुका है एवं शेष 349 शिकायतों के निराकरण का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। उक्त प्राप्त एवं निराकृत शिकायतों की ग्राम के नाम शिकायत के प्रकार, शिकायत दिनांक एवं निराकरण दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रश्न दिनांक तक पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में स्थापित ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनांक एवं फेल होने के कारण सहित ट्रांसफार्मरों के बदले जाने की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ड.) पवई विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना, फीड़र विभक्तिकरण/इंटरकनेक्शन के कार्य, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना इत्यादि कार्यों को प्रस्तावित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 920 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की नगर पालिका व नगर परिषदों में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास हेतु आवेदन कार्यालयों में किया है परन्तु उन्हें अभी तक आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? उन सभी हितग्राहियों की पृथक-पृथक सूची नाम, पता मो.नं., वार्ड नं., नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (ख) उक्त हितग्राहियों से कितने हितग्राहियों ने आवास नहीं मिलने पर कार्यालय, 181 सी.एम. हेल्पलाईन अथवा अन्य किसी जगह शिकायत की है? उन शिकायतों की वर्तमान में क्या स्थिति है? उनकी सूची देवें। (ग) प्रश्नांश ''क'' संस्थाओं में ऐसे कितनी हितग्राही हैं, जिनको 02 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था परन्तु प्रश्न दिनांक तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास की पूरी किश्तें प्राप्त नहीं हुई हों? उनकी सूची नाम, पता मो.नं., वार्ड नं., किश्त नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (घ) उक्त संस्था में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें की अपात्र कर दिया गया है, जबकि उनका कोई और मकान नहीं है? उनकी सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) किश्त का वितरण कार्य की भौतिक प्रगति तथा योजना के दिशा-निर्देशों अनुसार राशि प्राप्त होने पर किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स''अनुसार है। (घ) अपात्र पाये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द''अनुसार है। ऐसे अपात्र हितग्राहियों के पास कोई और मकान है अथवा नहीं संबंधी जानकारी संधारित नहीं है।
केन्द्रीय सड़क निधि से लंबित प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 921 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्रीय सड़क निधि से सिवनी जिले की किन-किन सड़कों का प्रस्ताव राज्य शासन द्वारा भारत सरकार को कब-कब भिजवाये गये? (ख) भारत सरकार द्वारा उक्त अवधि में केन्द्रीय सड़क निधि से कौन-कौन सी सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई? किन-किन सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार के पास लंबित है? (ग) उक्त लंबित प्रस्तावों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्रीय सड़क निधि से सड़क स्वीकृति के संबंध में सिवनी जिले के किन-किन विधायकों/सांसदों के पत्र माननीय मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुये? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कोई नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कन्या छात्रावास में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
42. ( क्र. 963 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिये कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत किये गये है? पदवार सूची उपलब्ध करावें तथा स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं तथा कितने पद रिक्त है? रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के छात्रावास में बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया जिसके कारण असुरक्षा के डर से छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है? कब तक बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण करा लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। कुल 10 पद आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति हेतु स्वीकृत किये गये हैं। सूची निम्नानुसार है :- 1. हॉस्टल मैनेजर-01, 2. कार्यालय सहायक-01, 3. भृत्य/चौकीदार-03, 4. सुरक्षा सुपरवाईजर-01, 5. सुरक्षा गार्ड-04, वर्तमान में उपरोक्त पद भरे नहीं गये हैं, पद पूर्ति के संबंध में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्र. एफ 21-4/2015/38-2, दिनांक 06.10.2021 द्वारा शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिहोरा, जिला जबलपुर के कन्या छात्रावास के बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग प्राक्कलन अनुसार राशि रू. 16.63 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हुआ है जो लोक निर्माण विभाग से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
विकास कार्यों पर दी गयी राशि
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1017 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में मुख्य बजट 2021-22 में कुल कितनी सड़कें, उच्च स्तरीय पुलिया तथा रेल्वे ओवरब्रिज शामिल किये गये थे? इनके निर्माण हेतु कुल कितनी राशि की आवश्यकता थी तथा वित्त विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग को कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी? (ख) क्या यह सही है कि मुख्य बजट 2021-22 में सम्मिलित अनेक सड़कों, उच्च स्तरीय पुलियों तथा रेल्वे ओवरब्रिज का अब तक स्थायी वित्त समिति SFC में अनुमोदन नहीं हो पाया है? जिन सड़कों, उच्च स्तरीय पुलियों तथा रेल्वे ओवरब्रिजों का SFC में अनुमोदन हो चुका है कृपया उसका विवरण बतावें? (ग) मुख्य बजट 2021-22 में शामिल विकास कार्यों को SFC में सम्मिलित करने हेतु किन मापदण्डों के आधार पर प्राथमिकता तय की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग में मुख्य बजट 2021-22 में कुल 464 सडकें, 65 सेतु, 105 आर.ओ.बी. शामिल किये गये थे। सड़कों के निर्माण हेतु रू. 3471.57 करोड़, सेतु हेतु रू. 759.17 करोड़, आर.ओ.बी. हेतु रू. 3132.31 करोड़ की आवश्यकता थी एवं वित्त विभाग द्वारा सड़कों हेतु रू. 1627.46 करोड़, सेतु कार्य हेतु रू. 142.39 करोड़, आर.ओ.बी हेतु रू. 19.99 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त मनासा-भानपुरा-झालावड मार्ग पर भानपुरा से झालावाड (म.प्र. राजस्थान बॉडर तक) सीमेंट रोड एवं नाली निर्माण लंबाई 1.5 कि.मी. तथा चॉदला सरवई गोरीहार मटोन्ध (उत्तर प्रदेश सीमा तक) मार्ग के कि.मी. 37.2 से कि.मी. 43.47 में 2 लेन मार्ग निर्माण लंबाई 6.27 कि.मी. का SFC में अनुमोदन हो चुका है। (ग) बजट में शामिल कार्यों को एस.एफ.सी. में वित्त विभाग द्वारा निर्धारित सूचकांक की सीमा के भीतर ही स्वीकृति हेतु विचार किये जाने का प्रावधान है।
खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर किट/उपकरण पर व्यय
[उच्च शिक्षा]
44. ( क्र. 1130 ) श्री महेश परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किया गया? आयोजनों पर कितना व्यय हुआ? किन प्रयोजनों के लिए हुआ? प्रमाणित आय-व्यय पत्रक के साथ भुगतान स्वीकृति के प्रमाणित दस्तावेज़ देवें। (ख) खेलकूद एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किट/खेल उपकरण सामग्री कहाँ-कहाँ उपलब्ध करायी गयी है? किन्हें उपलब्ध करायी गयी है? सामग्रियों की खरीदी कौन-कौन से फर्मों से की गयी थी? उनके बिल वाउचर के साथ कोटेशन उपलब्ध कराएं। (ग) तराना विधासभा क्षेत्र में उक्त अवधि के दौरान कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कब-कब किया गया? प्रतिवर्ष कितना खर्च किट/खेल उपकरण सामग्री उपलब्ध कराने में किया गया? चालू वर्ष में प्रतियोगिता और उपकरण उपलब्ध कराने की स्थिति क्या है? पूर्ण विवरण के साथ जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसी प्रकार की खेल प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) तराना विधानसभा क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालय तराना में वर्ष 2017-18 में जिला स्तरीय महिला/पुरूष कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें रू. 5660/- खर्च हुआ था। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 1288 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में उच्च शिक्षा हेतु कितने शासकीय विश्वविद्यालय व महाविद्यालय किन-किन स्थानों पर स्थापित एवं संचालित हैं, इन उच्च शिक्षण संस्थाओं में कौन-कौन से विभाग हैं? इन विभागों में कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी में स्वीकृत हैं? संस्थावार, विभागवार, जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संस्थाओं में वर्तमान में कुल कितने अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक कार्यरत हैं व कितने-कितने पद खाली हैं। कब तक भर्ती की जाएगी? (ग) क्या शासन द्वारा इन पदों पर भर्ती न करने से शिक्षित बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाने के साथ-साथ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सतना जिले में एक शासकीय विश्वविद्यालय (महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय) चित्रकूट तथा 17 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी के 08, द्वितीय श्रेणी के 22, तृतीय श्रेणी के 152 एवं चतुर्थ श्रेणी के 133 पद स्वीकृत हैं। शासकीय महाविद्यालयों में प्रथम श्रेणी के 40, द्वितीय श्रेणी के 312, तृतीय श्रेणी के 120 एवं चतुर्थ श्रेणी के 91 पद स्वीकृत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भर्ती की निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शैक्षणिक रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत हैं।
नगर परिषद् चित्रकूट द्वारा की गई अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1289 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् चित्रकूट द्वारा दीपावली मेला व्यवस्था में भारी अनियमितता कर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी जांच हेतु शासन द्वारा कमेटी गठित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) कमेटी द्वारा कब-कब, क्या-क्या जांच की गई या बैठकें आयोजित की गई? विस्तारपूर्वक बतायें। यदि जांच पूर्ण कर ली गई है तो जांच कमेटी का प्रतिवेदन भी दें। यदि जांच पूरी नहीं की गई तो कब तक पूर्ण की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने याचिकाकर्ताओं द्वारा शिकायत की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद, चित्रकूट द्वारा दीपावली मेला व्यवस्था के संबंध में एक नागरिक श्री काशीप्रसाद त्रिपाठी, निवासी चित्रकूट द्वारा शिकायत पत्र दिया गया। शिकायत की जांच हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा पत्र क्रमांक/शि/6/मंत्री/चित्रकूट/2021/151 भोपाल, दिनांक 04.01.2022 द्वारा अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग, रीवा से जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। जांच प्रचलित है। शासन द्वारा जांच कमेटी गठित नहीं की गई है। (ख) उत्तर प्रश्नांश 'क' में समाहित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तर प्रश्नांश 'ख' और 'ग' में समाहित है।
अवैध कालोनी विकसित करने वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1301 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर एवं जिला भोपाल अन्तर्गत अवैध कालोनियॉं बनाने वाले कालोनाईजर पर जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक किन-किन पर पुलिस प्रकरण दर्ज किये गये? नामवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) अवैध कालोनी बनने देने वाले संबंधित उच्च अधिकारियों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? क्या अधिकारियों के सहयोग से ही उक्त अवैध कालोनियां बन रही हैं? (ग) भोपाल शहर अन्तर्गत किन-किन अवैध कालोनियों में स्थाई विद्युत कनेक्शन एवं नर्मदा पेयजल के घरेलू कनेक्शन दिये जावेंगे। यदि नहीं तो क्यों? क्या यह सत्य है कि भोपाल शहर में अवैध अतिक्रमणकर्ताओं एवं झुग्गी बस्तियों में शासन स्थाई घरेलू कनेक्शन एवं नर्मदा पेयजल उपलब्ध करा रही है, जबकि शासन को अवैध कालोनियों द्वारा रजिस्ट्री कर एवं नगरीय निकाय को अन्य कर प्रतिवर्ष दिये जाने के उपरांत भी मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क से वंचित किया गया है? यह दोहरे मापदंड क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में छतरपुर जिले में अनधिकृत कॉलोनी बनाने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं किये गये हैं, भोपाल जिले में नगर निगम भोपाल क्षेत्रांतर्गत अनधिकृत कॉलोनी बनाने वाले 159 एवं नगरपालिका बैरसिया क्षेत्रान्तर्गत 13 व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) अनधिकृत कॉलोनी बनने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, इसलिये संबंधित अधिकारियों पर कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में उपबंधित किये अनुसार दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नियमानुसार नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध की जा सकेगी। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, अपितु नगर निगम द्वारा कुछ झुग्गी बस्तियों में व्यक्तिगत नल कनेक्शन दिये गये हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री एवं अन्य कर वसूल करने का तात्पर्य यह नहीं है कि उन्हें मूलभूत सुविधाऐं भी उपलब्ध कराई जायें, बल्कि नियमानुसार विहित प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जा सकती हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषक पम्पों के संचालन/अनुदान योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 1304 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि वर्तमान में ऊर्जा विभाग की तीनों वितरण कम्पनियों (पूर्व, पश्चिम मध्य) में कृषक पम्पों के संचालन बावत् ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? फरवरी 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या ऊर्जा विभाग की तीनों वितरण कम्पनियों (पूर्व, पश्चिम मध्य) में कृषक पम्पों के संचालन हेतु ट्रांसफार्मर स्थापना बावत् मुख्यमंत्री कृषक अनुदान योजना सरकार द्वारा बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो योजना बंद करने की दिनांक सहित योजना बंद करने का कारण बतावें। (ग) क्या सरकार कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुऐ ट्रांसफार्मर स्थापना के लिए मुख्यमंत्री कृषक अनुदान योजना पुनः लागू करने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक लागू होगी? फरवरी 2022 के स्थिति में जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिये आवश्यक विद्युत लाईन विस्तार सहित ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु राज्य शासन से अनुदान प्राप्त कोई योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। तथापि कृषक चाहे तो कृषि पम्प कनेक्शन प्राप्त करने के लिये ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' के तहत यह कार्य करा सकते हैं। साथ ही यह कार्य आवेदक, वितरण कंपनी को 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि का भुगतान कर स्वयं के व्यय से 'अ' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से अथवा 100 प्रतिशत राशि वितरण कंपनी में जमा कर वितरण कंपनी से यह कार्य करा सकते हैं। (ख) जी हाँ। कृषि पम्प कनेक्शन हेतु राज्य शासन की ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना'', अवधि पूर्ण होने पर दिनांक 31.03.2019 से बन्द हो गई है। (ग) कृषि पंपों के ऊर्जीकरण हेतु पूर्व में लागू ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' पुन: चालू करने हेतु कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। तथापि कृषकों के हितार्थ राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार सिंचाई प्रयोजन के लिये ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' प्रारंभ की गई है जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।
वृक्षारोपण हेतु खोदे गये गड्ढों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 1307 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में किन-किन स्थानों पर कितने गहरे एवं चौड़े गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने का कार्य राजधानी परियोजना प्रशासन वन विभाग द्वारा किया गया है? (ख) क्या भोपाल स्थित जम्बूरी मैदान में वृक्षारोपण किये जाने हेतु गड्ढे खोदने का कार्य रातों-रात जे.सी.बी. मशीन द्वारा कराया गया एवं गड्ढे की गहराई भी एक डेढ़ फीट रखी गई? (ग) क्या जे.सी.बी. मशीन द्वारा वृक्षारोपण हेतु गड्ढे खोदने का प्रावधान है तथा गड्ढे खोदने का भुगतान किस दर से किया गया एवं कितने गड्ढे खोदे गये? (घ) वृक्षारोपण हेतु गड्ढे खोदने का कार्य श्रमिकों का है, जे.सी.बी. मशीन द्वारा गड्ढे कराये जाने का प्रावधान किस आदेश के तहत किया गया? (ड.) भोपाल जिले अंतर्गत वन विभाग की कितनी जमीन किस-किस विभाग को आवंटित की गई है एवं वन क्षेत्र में कितनी कमी आई है? (च) भोपाल जिले के अंतर्गत वन विभागों की जमीन पर कितने विभाग द्वारा एवं व्यक्तिश: लोगों का अवैध अतिक्रमण है एवं भूमि का अतिक्रमण हटाने हेतु कितने प्रकरण न्यायालय में लंबित है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजधानी परियोजना वनमंडल, भोपाल द्वारा भोपाल शहर में वर्ष 2021-22 में 27 स्थलों पर 60x60x75 से.मी. के 56,600 गड्ढे खोदे गए, विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। रोपण का कार्य वर्षा उपरांत माह जुलाई, 2022 में किया जायेगा। (ख) जी नहीं, गड्ढा खुदाई का कार्य प्रोजेक्ट में प्रस्ताव अनुसार ही कराए गए हैं। गड्ढे खुदाई का कार्य दिन में ही कराया गया है। (ग) जी हाँ। प्रोजेक्ट रिपोर्ट में किए गए प्रावधान अनुसार भुगतान राशि का 60 प्रतिशत भाग जे.सी.बी. मशीन से गड्ढों को गहरा करने हेतु तथा 40 प्रतिशत राशि श्रमिकों द्वारा गड्ढों की ड्रेसिंग कराकर निर्धारित आकार देने के लिए भुगतान किया जाता है। जे.सी.बी. एवं श्रमिकों के माध्यम से गड्ढा खुदाई कार्य कराने का प्रावधान प्रोजेक्ट में है। जे.सी.बी. मशीन से कार्य कराने हेतु प्रतिवर्ष नियमानुसार निविदा आमंत्रित की जाती रही है। वर्ष 2021-22 में भी जे.सी.बी. मशीन से गड्ढा खुदाई एवं अन्य कार्य हेतु निविदा दर रू. 840.16 प्रतिघंटा स्वीकृत हुई है एवं प्रति मानव दिवस दर रूपये 293/- है। जे.सी.बी. मशीन से वर्ष 2021-22 में कुल 56,600 गड्ढे खोदे गए हैं। (घ) प्रोजेक्ट में मशीन एवं श्रमिकों के माध्यम से गड्ढे खुदाई कराने का प्रावधान है। (ड.) एवं (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोज विश्वविद्यालय के कुलपति की डिग्री की जांच
[उच्च शिक्षा]
50. ( क्र. 1346 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति की पी.एच.डी. थीसिस के संबंध में शासन को प्राप्त शिकायतों के आधार पर दिनांक 28.12.2021 को 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु शासन द्वारा जांच समिति गठित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो जांच लम्बित होने के क्या कारण है? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या पूर्व में भी शासन द्वारा जांच समिति गठित की गई थी, उसका जांच प्रतिवेदन शासन को कब प्राप्त हुआ था? प्रति उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) गठित समिति से प्रतिवेदन अप्राप्त है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण पर संभागायुक्त, भोपाल से दिनांक 23.01.2020 द्वारा प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कर्मचारियों को क्रमोन्नति एवं सातवां वेतनमान का लाभ
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1347 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 1879/1072/2021/नियम/चार/भोपाल दिनांक 22/10/2021 को जारी आदेश के बावजूद भोज मुक्त विश्वविद्यालय के मूल अधिकारी एवं कर्मचारियों को सातवां वेतन एवं वार्षिक वेतन वृद्धि का भुगतान नहीं किया जा रहा है जबकि विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को निरन्तर रूप से भुगतान किया जा रहा है? (ख) उक्त शासन के आदेश का पालन नहीं करने एवं अधिकारी और कर्मचारियों को हो रही वित्तीय हानि के साथ-साथ मानसिक पीड़ा के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? इस लापरवाही के लिए शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं तो कारण सहित बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भोज विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सातवाँ वेतनमान स्वीकृति की अधिसूचना दिनांक 10.12.2020 द्वारा जारी की गई है। वेतन पत्रक स्थानीय निधि संपरीक्षा को परीक्षण एवं पारित करने हेतु प्रेषित किया गया है। विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को उनके मूल विभाग से सातवें वेतनमान में प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाण पत्र के आधार पर वेतन भुगतान किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुणवत्ताविहीन कार्य कराये जाने व करवाने वालों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 1367 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में संचालित महाविद्यालयों में से कितने में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से व किन-किन मदों से कराये जा रहे है, का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में महाविद्यालयों में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत किस-किस को कितनी राशि कब-कब, किन-किन कार्य हेतु प्रदान की गई का विवरण महाविद्यालयवार व जिलेवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में महाविद्यालयों को अनुदान संस्थागत विकास योजना (IDP) के तहत कितनी-कितनी राशि किन-किन महाविद्यालयों को प्रदान की गई का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्राप्त राशियों का उपयोग नहीं किया, निर्माण कार्य नहीं कराये गये, जो कराये गये वो आज भी अधूरे एवं गुणवत्तारहित हैं? इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? साथ ही कार्य कब तक पूर्ण करायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) निर्माण एजेंसियों द्वारा प्रदत्त राशि का उपयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। समस्त कार्य प्रगतिरत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना का लाभ न दिलवाये जाने पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
53. ( क्र. 1370 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में कुटीर ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजना से कितने हितग्राहियों को वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में लाभान्वित किया गया, का विवरण जनपदवार जिले का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? इनके लिये कौन-कौन पात्र हैं? वर्तमान में इन योजनाओं की प्रगति की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार बाबत् कब-कब कौन से आयोजन किये गये, का विवरण देवें। इस विषय बाबत् कितने लोगों को प्रेरित किया गया वह भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है। आज भी बेरोजगारों को योजनाओं के लाभ से वंचित रखा गया हैं? उनके आवेदन पत्र बैंकों में लंबित हैं। आवेदनों के निराकरण बाबत् क्या निर्देश देंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले में वर्ष 2018 से लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक (अ), (ब), (स), (द) एवं (इ) अनुसार है। (ख) वर्तमान में जिलों में कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए कौशल एवं तकनीकी विकास कार्यक्रम, मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम, टसर रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम आदि योजनाएं संचालित है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो तथा प्रगति की जानकारी परिशिष्ट-एक (अ), (ब), (स), (द) एवं (इ) अनुसार है। (ग) योजनाओं के प्रचार-प्रसार, जिला स्तर पर आयोजित स्वरोजगार मेलों एवं समय-समय पर आयोजित शिविर तथा मेला प्रदर्शनी, कार्यालय सूचना पटल पर प्रदर्शन आदि के माध्यम से किया जाता है। (घ) वर्तमान में संचालित योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जा रहा है। बैंकों के माध्यम से इन योजनाओं का संचालन नहीं किया जाता है।
स्वीकृत सड़कों का बजट का आवंटन
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1382 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कलालखेड़ी से स्टेशन, खोकरी से कंजड़, पिपलिया से धनड़ा में वर्ष 2019-20 में सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक बजट का आवंटन नहीं हुआ है? (ख) उपरोक्त स्वीकृत सड़कों की लागत क्या थी? क्या स्वीकृति देने उपरांत बजट स्वीकृति के लिए विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, कार्यवाही कब की गयी? किसके द्वारा की गयी और कार्यवाही का परिणाम क्या रहा? विस्तृत प्रमाणों के साथ जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2019-20 से चालू वर्ष 2021-22 तक की अवधि में बजट स्वीकृति में विलंब के कारण क्या है? उन कारणों को देते हुए उनके निराकरण के लिए विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) उपरोक्त तीनों बिन्दुओं पर विधानसभा प्रश्न के उपरांत विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब तक अवगत कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधन के कारण। निविदाऍ आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) माननीय विधायक महोदय को शासन के पत्र क्रमांक 754 दिनांक 03.03.2022 द्वारा जानकारी से अवगत करा दिया गया है।
सड़क हादसों की रोकथाम
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1426 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे कितने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यमार्ग है जो धार जिले से हो कर गुजरते हैं? मार्ग का नाम, धार जिले में कुल लंबाई, कौन-कौन से विकासखण्ड से गुजरते हैं इत्यादि की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इन मार्ग पर गत 3 वर्षों में कितने सड़क हादसे हुए हैं? दिनांकवार, मार्गवार, थाना क्षेत्र सहित, जनहानि एवं धनहानि की विस्तृत जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा इन हादसों को रोकने के लिए कोई शोध कार्य करवाया गया है? यदि हां, तो शोध दस्तावेज उपलब्ध करवायें और अगर उत्तर नहीं है तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में, क्या शासन द्वारा इन हादसों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाये गये हैं? यदि उत्तर हाँ है तो विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करें और अगर उत्तर नहीं है तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) राजमार्गों पर पुलिस थाना मनावर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' एवं परिशिष्ट-2 अनुसार है एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। हादसों को रोकने के लिये माननीय सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की अनुशंसा के आधार पर ब्लैक स्पॉट चयनीत किये गये है। उल्लेखित मार्गों पर ब्लैक स्पॉट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। इन ब्लैक स्पॉट पर लघुकालिन परिशोधन कार्य कराया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 1433 ) श्री संजय शुक्ला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने शासकीय कालेजों, शासकीय शिक्षण संस्थाओं, तकनीकी संस्थाओं में अध्ययन पूर्ण कर चुके छात्र-छात्राओं को कॉलेजों द्वारा प्लेसमेंट कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या क्या रही? बेरोजगारी के कारण 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने बेरोजगारों द्वारा जान दी गई? प्रदेश में बेरोजगारी दरें क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रदेश सरकार द्वारा रोजगारों के सृजन के लिये क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? प्रदेश सरकार किन-किन विभागों में कब तक बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कॉलेजों में टी.पी.ओ. प्रशिक्षक प्लेसमेंट ऑफिसर के पद हैं? कितने पदों पर टी.पी.ओ. नियुक्त है? कितने टी.पी.ओ. द्वारा कॉलेजों में प्लेसमेंट कराया गया? क्या कई कॉलेजों में प्लेसमेंट नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करे? कॉलेज में रिक्त पदों पर टी.पी.ओ. की नियुक्ति की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित जानकारी/आँकड़े विभाग द्वारा संधारित नहीं किए जाते हैं। (ग) विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में प्लेसमेंट ड्राइव, अल्पावधि रोजगार एवं स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। रोजगार सृजन हेतु महाविद्यालयों द्वारा विभिन्न शासकीय/अशासकीय संस्थानों से एम.ओ.यू. किए जाते हैं, जिसके माध्यम से समय-समय पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए रोजगार व स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं। (घ) विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में टी.पी.ओ. का पृथक से कोई पद स्वीकृत नहीं है। महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक ही अपने मूल दायित्व के साथ प्राचार्य द्वारा नामांकित किए गए हैं। प्लेसमेंट की प्रक्रिया सतत् है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति
[आयुष]
57. ( क्र. 1462 ) श्री
प्रणय प्रभात
पाण्डेय : क्या
राज्यमंत्री,आयुष
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
के आयुष
महाविद्यालयों
में कार्यरत चिकित्सकों
को अन्य स्थल
पर
प्रतिनियुक्ति
प्रदान करने
के क्या नियम, आदेश
हैं? उनकी
छायाप्रति
देवें। (ख) आयुष
महाविद्यालय
बुरहानपुर
में शैक्षणिक कार्य
हेतु कितने पद
स्वीकृत हैं
तथा इन स्वीकृत
पद के विरूद्ध
कौन-कौन से
चिकित्सक कब
से पदस्थ हैं? नाम
सहित सूची
देवें। (ग) क्या प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
महाविद्यालय
में पदस्थ
अनेक चिकित्सक
अन्य जगहों पर
प्रतिनियुक्ति
पर कार्यरत
हैं? (घ) प्रश्नांश
(ग) का उत्तर
यदि हाँ, तो कौन-कौन
कब से किसके
आदेश से कहां
पर
प्रतिनियुक्ति
पर कार्यरत
हैं? सूची
देवें एवं यह
भी बतलावे की
प्रश्नांश
(ग) में
उल्लेखित
प्रतिनियुक्तियों
में प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
नियमों का
पालन किया गया
है? (ड.) प्रश्नांश
(घ) के संदर्भ
में यदि नियम
विरूद्ध
प्रतिनियुक्तियां
की गई है, तो इसका दोषी
कौन है? क्या
शासन दोषियों
पर कार्यवाही
करते हुए, अवैध
नियम विरूद्ध
की गई
प्रतिनियुक्तियों
को समाप्त
करेगा? यदि
हां, तो
किस प्रकार से
कब तक? यदि
नहीं तो क्यों
नहीं?
राज्यमंत्री,आयुष (
श्री
रामकिशोर
(नानो) कावरे ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जी
हाँ। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मिडइंडिया अंडरब्रिज में पानी निकासी
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1514 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर मिडइंडिया अंडरब्रिज का निर्माण कुल कितनी लागत में हो रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (ख) संदर्भित उक्त ब्रिज में राज्य, केंद्र एवं रेल्वे का कुल कितनी-कितनी राशि का अंशदान है? क्या तीनों से पूर्ण राशि प्राप्त हो चुकी है? जानकारी देवें। (ग) मिड इंडिया ब्रिज में निर्माण पश्चात पानी निकासी की क्या योजना है? क्या इसके लिए कोई अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होगी? यदि हाँ, तो कुल कितनी? (घ) क्या उक्त पानी निकासी हेतु कोई तकनीकी कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो उससे अवगत कराएं तथा बताएं कि योजना में बरसात में पूर्ण पानी निकासी के दृष्टिगत कुल कितने पंप एवं अन्य उपकरण की आवश्यकता होगी, जिससे बरसात में भी ब्रिज में आवागमन सुचारु चल सके?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनुमानित लागत रू. 708.55 लाख है। (ख) अनुमानित लागत की 50% राशि रेल्वे, भारत सरकार व 50% राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जानी है। जी नहीं, अपितु माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र. बी-4285 दिनांक 01.06.2018 अनुसार, अण्डर ब्रिज निर्माण हेतु रू. 400.00 लाख राज्य शासन से रेल्वे को दिये जाने थे। पालन में विशेष निधि मद से रू. 175.00 लाख निकाय को विमुक्त किये गए थे जो निकाय द्वारा रेल मंडल रतलाम को अंतरित कर दिये गये हैं। शेष राशि रू. 179.27 लाख, निकाय द्वारा संचालनालय से स्वीकृति उपरांत निकाय की संचित निधि से रेल मण्डल रतलाम को अंतरित कर दी गई है। (ग) अंडर ब्रिज में पानी निकासी हेतु 02 संपवैल एवं पंप लगाने की योजना है। जी हाँ, अनुमानित लागत रू. 25.00 लाख है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) अनुसार, योजनांतर्गत रेल्वे द्वारा 10 एवं 20 हजार लीटर के दो संपवैल बनाये जाकर, इन पर नगर पालिका द्वारा 10-10 एच.पी. के 02 पंप स्थापित किये जाकर, एक जनरेटर से चलाने की योजना है। पानी की निकासी आर.सी.सी. पाईप एवं नाली के माध्यम से होगी।
जावरा -उज्जैन टोल कंपनी में राशि आहरण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 1517 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क विकास निगम (MPRDC) ने उज्जैन निलगंगा थाने में जावरा- उज्जैन टोल रोड कंपनी (टापबर्थ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड) के खिलाफ 23.37 करोड़ करोड़ रु. की धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज कराई है यदि हाँ, तो जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित नागपुर स्थित ''टापबर्थ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी'' और म.प्र. सड़क विकास निगम (MPRDC) ने अनुबंध के नियमानुसार बैंक में एक संयुक्त खाता (एस्क्रो अकाउंट) खोला गया था? यदि हाँ, तो रोड कंपनी द्वारा बिना MPRDC के सहमति के बिना कैसे अपने निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई, जबकि अनियमितता ऑडिट में सामने आई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) से संदर्भित क्या जब ऑडिट में अनियमितता पाई गई तब MPRDC ने रिपोर्ट दर्ज कराई? क्या संयुक्त खातों में से द्वितीय पक्ष वैगर राशि अन्य खातों में ट्रांसफर की जा सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? क्या अनियमितता में MPRDC के अधिकारी भी शामिल है? यदि नहीं तो कैसे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पुलिस विवेचना में है। (ख) रियायतकर्ता से किये गये अनुबंधानुसार परियोजना संचालन हेतु संयुक्त खाते का प्रावधान न होकर एस्क्रो खाते का प्रावधान के अनुसार खाता खोला गया है जिसका संचालन रियायतकर्ता द्वारा एस्क्रो अनुबंधानुसार किया जाता है। आई.आर.पी. द्वारा कराये गये ऑडिट में राशि एस्क्रो में जमा न कराते हुये निजी खाते में राशि जमा कराने की अनियमितता सामने आई है एवं निजी खाते में राशि जमा करने हेतु एम.पी.आर.डी.सी. से किसी प्रकार की सहमति नहीं ली गई। उक्त अनियमितता हेतु रियायतकर्ता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। (ग) जी हाँ। कंपनी के विरूद्ध प्रकरण माननीय राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण मुम्बई न्यायपीठ में दर्ज होने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा नियुक्त आई.आर.पी. द्वारा कराये गये ऑडिट अंतर्गत प्रारंभिक जांच के तथ्यों के आधार पर एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा टोल कंपनी के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आई.आर.पी. द्वारा कराये गये ऑडिट में राशि एस्क्रो में जमा न कराते हुये निजी खाते में राशि जमा कराने की अनियमितता सामने आई है तथा निजी खाते में राशि जमा करने हेतु एम.पी.आर.डी.सी. से किसी प्रकार की सहमति नहीं ली गई। अत: एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों की अनियमितता के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विश्वविद्यालयों द्वारा प्रश्नपत्र छपवाना
[उच्च शिक्षा]
60. ( क्र. 1518 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शैक्षणीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो किस विश्वविद्यालय द्वारा कितनी मात्रा में प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग कराई गई? विश्वविद्यालयवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रिंटिंग कार्य का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस विश्वविद्यालय द्वारा कितने रूपए का भुगतान किया गया? (ग) क्या कोरोना काल में ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम में छापे गए प्रश्न पत्र का उपयोग किया गया? यदि नहीं तो बेवजह प्रश्न पत्रों को छापकर आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा इस अनियमितता के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : विभाग अंतर्गत केवल 07 विश्वविद्यालयों द्वारा प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग करायी गयी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार ही है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निवाड़ी जिले के महाविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
61. ( क्र. 1552 ) श्री
अनिल जैन : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) निवाड़ी
जिले के
निवाड़ी तथा
पृथ्वीपुर के
महाविद्यालयों
में कौन-कौन
से विषय की
पढ़ाई हो रही
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में उक्त
महाविद्यालयों
के शिक्षकों
के स्वीकृत, कार्यरत
एवं रिक्त
पदों की
जानकारी भी
देवें उक्त
महाविद्यालयों
में रिक्त
पदों की पूर्ति
कब तक कर ली
जावेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
मोहन यादव ) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''एक'' अनुसार
है।
(ख) निवाड़ी
जिले के
शासकीय
महाविद्यालयों
में स्वीकृत, कार्यरत
एवं रिक्त
पदों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''दो'' अनुसार
है।
रिक्त पदों
की पूर्ति
हेतु निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव नहीं
है।
मार्ग निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 1563 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह स्थित पोरसा से गोरमी मार्ग किस विभाग द्वारा बनाया जा रहा है? उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति तथा मार्ग के प्रावधानों तथा प्रशासकीय स्वीकृति के साथ उक्त मार्ग का कार्यादेश तथा एल.ओ.ए. की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त मार्ग के प्रावधानों अनुसार कार्य की भौतिक प्रगति की समस्त जानकारी उपलब्ध कराते हुए उक्त कार्य पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किये गऐ भुगतानों के समस्त देयकों तथा बिल एवं मेजरमेन्ट की माप पुस्तिकाएं तथा विभागीय नोटशीट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त मार्ग के भुगतानों से पूर्व मार्ग में उपयोग हुये खनिजों आदि सामग्रियों की किसी अनुबंधित लेब द्वारा जाँच कराई गई है? यदि हाँ तो मिट्टी, मोरम, गिट्टी, जी.एस.बी. की जाँच रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या सदन में उत्तर दिये जाने से पूर्व मेरे समक्ष सेम्पल लेकर उक्त मार्ग में उपयोग की गई मिट्टी के सी.बी.आर., पी.एल., एल.एल., पी.आई.एवं मुरम तथा गिट्टी की कोम्पेक्शन की जाँच विभागीय लेब को छोड़कर अन्य किसी अधिकृत लेब से करवाकर टेस्ट रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करवाई जावेगी? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह स्थित पोरसा से गोरमी मार्ग (ल. 6.90 कि.मी.) पोरसा-मेहगांव-मौ-सेवढा राज्य राजमार्ग (ल. 76.850 कि.मी.) का भाग है जिसका निर्माण म.प्र. सड़क विकास निगम लि. द्वारा किया जा रहा है। कार्य हाइब्रिड एन्यूटी मोडल में होने के कारण डिजाइन का दायित्व निवेशकर्ता का है। अत: तकनीकी स्वीकृति निगम द्वारा जारी नहीं की जाना है, अनुबंध में पोरसा से गोरमी खण्ड में दो-लेन (7 मीटर चौड़ाई) में मार्ग डामरीकृत निर्माण किये जाने के प्रावधान है, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश, एल.ओ.ए. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भौतिक प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। विभाग द्वारा किये गऐ भुगतानों के समस्त देयकों तथा बिल एवं मेजरमेन्ट की माप पुस्तकाएं तथा विभागीय नोटशीट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रावधान नहीं है।
हितग्राहियों को लाभ दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1568 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अन्तर्गत शासन की कौन-कौन सी योजना अन्तर्गत हितग्राहियों को नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा लाभ दिया जा रहा है? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की विधानसभा क्षेत्र क्र. इन्दौर-01 की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अन्तर्गत कितने हितग्राहियों के आवेदन निगम मुख्यालय एवं झोनल कार्यालयों के माध्यम से प्राप्त हुये? वार्डवार जोनवार हितग्राहियों के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी की सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही पात्र पाये गये व उन्हें किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों के आवेदन निरस्त किये गये? कितने आवेदन शेष हैं? आवेदन निरस्त करने का क्या कारण है? स्पष्ट करें। शेष रहे हितग्राहियों को कब तब लाभ दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर जिला अंतर्गत नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्र. इंदौर- 01 में नगरीय विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं यथा - मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (AHP) अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. इंदौर-01 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में -811, दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में -1114, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में -13352 एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (AHP) में -371 आवेदन निगम मुख्यालय एवं झोनल कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुए है। वार्डवार झोनवार हितग्राहियों के नाम सहित सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''इ'' अनुसार है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में संचालित बसें
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1574 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम के अंतर्गत भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में बस संचालित करने के लिए कितनी कंपनियां या बस ऑपरेटर से अनुबंध किए गए हैं? बस ऑपरेटर कंपनियों से जो अनुबंध किए गए हैं उनसे भोपाल में कितनी-कितनी बस संचालित करने का अनुबंध किया गया है? उसके नियम और शर्तें क्या हैं? (ख) बस संचालक कंपनियों ने अभी तक कितने मार्ग पर बसों का संचालन शुरू नहीं किया है और यदि ऐसा हुआ है तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? उनसे कितना जुर्माना वसूला गया है? पूर्व में प्रसन्ना पर्पल नामक कंपनी से कितना जुर्माना वसूला किया गया और वर्तमान में अनुबंध पर बसें चला रही कंपनियों पर कितना जुर्माना किया गया है और कितना बकाया है? बी.सी.एल.एल. में जो कर्मचारी हैं वह अनुबंध पर हैं या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं? उन कर्मचारियों के नाम का विवरण भी दें। (ग) भोपाल नगर निगम की कितनी सम्पत्ति इन कंपनियों को उपयोग के लिए दी गई है? इनको उपयोग के लिए दी गई सम्पत्ति की जानकारी दें, साथ ही यह भी बताएं कि इनको सम्पत्ति देने का क्या प्रावधान है और इनसे कितना किराया वसूला जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल नगर निगम के अन्तर्गत भोपाल सिटी लिंक लिमि. में बसें संचालित करने के लिए निम्नानुसार बस ऑपरेटरों से अनुबंध किए गये हैः- 1. मेसर्स प्रसन्ना पर्पल मो.सो.प्रा.लिमि., पुणे। 2. मेसर्स केपीटल रोडवेज एण्ड फाईनेंस प्रा.लि. भोपाल। 3. मेसर्स चार्टेड स्पीड प्रा.लि. अहमदाबाद। 4. मेसर्स श्री दुर्गम्बा, उडुपी, कर्नाटक। 5. मेसर्स ए.पी. मोटर्स, उडुपी, कर्नाटक। 6. श्री दुर्गम्बा ट्रान्सवे प्रा.लि. जबलपुर। 7. मेसर्स चार्टेट कैब्स प्रा.लि., अहमदाबाद। 8. मेसर्स मॉ एसोसिएट्स एण्ड ट्रांन्सपोर्ट प्रा.लि. जबलपुर/मेसर्स जॉपहॉप टेक्नोलॉजी प्रा.लि., मुम्बई। 9. मेसर्स इनक्यूवेट प्रा.लि. हैदराबाद। उपरोक्त बस ऑपरेटर्स द्वारा संचालन हेतु अनुबंधित बसों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (01) पर अनुसार है। बस ऑपरेटर्स कम्पनियों द्वारा भोपाल में बसें संचालित करने हेतु नियम व शर्तों अनुसार निष्पादित किये गये अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (02) अनुसार है। (ख) बस संचालक कम्पनियों ने विभिन्न निविदाओं में अभी तक जितने मार्गों पर बसों का संचालन शुरू नहीं किया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (03) अनुसार है। बस ऑपरेटर द्वारा मार्गों पर बसों का संचालन शुरू नहीं करने पर अनुबंध अनुसार नोटिस दिये जाने की कार्यवाही की गई। बस ऑपरेटर्स से वसूले गये जुर्माने एवं बकाया जुर्माना की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (04) अनुसार है। बी.सी.एल.एल. में पदस्थ कर्मचारी संविदा पर हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (05) अनुसार है। (ग) भोपाल नगर निगम द्वारा बी.सी.एल.एल. के माध्यम से बस ऑपरेटर्स के उपयोग हेतु अस्थाई रूप से अनुबंध अवधि तक दिये गये डिपो की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (06) अनुसार है। बस ऑपरेटर के साथ बी.सी.एल.एल. द्वारा निष्पादित अनुबंध अनुसार बसों के रात्रिकालीन पार्किंग, रखरखाव एवं मेंटेनेन्स इत्यादि कार्य हेतु अस्थाई तौर पर बस डिपो की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
भोजपुर से भीमबैठिका मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 1580 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोजपुर से भीमबेटका मार्ग (व्हाया ओबेदुल्लागंज-मंगरपूँछ-आशापुरी-भोजपुर) के पुनर्निर्माण एवं औद्योगिक नगरी मंडीदीप से खसरोद सलकनी मार्ग के निर्माण कार्य हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या-क्या निर्णय लिए गये? कितना-कितना बजट प्रावधान किया गया? (ग) क्या उक्त निर्माणों हेतु टेंडर निकाले जा चुके हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उक्त दोनों सड़कों के निर्माण कब तक किये जाने का लक्ष्य है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (घ) औबेदुल्लागंज-मगरपूँछ-आशापुरी-भोजपुर मार्ग का निर्माण 3 अन्य मार्गों सहित करने हेतु संयुक्त अनुबंध दिनांक 16.12.2021 को निष्पादित किया गया है। अनुबंधानुसार मार्ग का निर्माण कार्य, कार्य प्रारंभ तिथि से 2 वर्ष में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। रेल्वेफाटक से भीमबैठिका पहुंच मार्ग की निविदा दिनांक 24.02.2022 को स्वीकृत की गई है।
शासकीय राशि का अनियमित व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1581 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के मास्टर प्लान में भैरोगंज चौक से मुंगवानी जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 13 के स्थान पर 18 मीटर तथा भैरोगंज चौक से स्टेडियम जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 9 के स्थान पर 12 मीटर प्रस्तावित की गयी है? (ख) क्या सिवनी जिले के भैरोगंज सोमवारी चौक में 24.15 लाख रूपये राशि से बन रहे गार्डन के निर्माण के निर्णय के पूर्व मास्टर प्लान के उपबंधों/प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण का ध्यान रखा गया था? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण दस्तावेज, ड्राइंग, डी.पी.आर., टीप पत्र आदि सदन के पटल पर रखे। यदि, नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त स्थान पर गार्डन निर्माण प्रारंभ करने के पूर्व सिवनी विकास योजना में प्रस्तावित मार्ग की चौड़ाई हेतु आवश्यक भूमि रिक्त छोड़ी गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भैरोगंज चौक से मुंगवानी जाने वाले मार्ग की चौड़ाई मास्टर प्लान अनुरूप बढ़ाने हेतु भविष्य में गार्डन को तोड़ना पड़ेगा? यदि हाँ, तो इस अनियमित व्यय हेतु कौन जिम्मेदार है? सरकार उस पर क्या कार्यवाही करेगी? (ड.) क्या उक्त विकास योजना के विपरीत हो रहे शासकीय निर्माण के संबंध में कोई शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उनकी प्रति एवं की गयी समस्त कार्यवाही का ब्यौरा देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी, नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिवनी विकास योजना-2021 की सारणी 4-सा-6 के सरल क्रमांक-12 में भैरोगंज चौक से मुंगवानी मार्ग नगर पालिका सीमा तक जिसकी वर्तमान चौड़ाई 13.0 मीटर को बढ़ाकर 15.0 मीटर किया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1590 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगरनिगम क्षेत्र के अंतर्गत निवासरत आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा देने हेतु क्या-क्या योजनायें हैं? इन योजनाओं के अंतर्गत 15 फरवरी 2022 की स्थिति में वार्ड क्रं. 1 से 66 तक में निवासरत आवासहीन परिवारों की सूची उपलब्ध करावें जिसमें पात्रता अनुसार किस–किस परिवारों को आवास सुविधा हेतु भूखण्ड या आवासीय पक्का मकान उपलब्ध कराया गया हैं तथा उन कितने परिवार प्रतीक्षा सूची में है? उनका नाम पिता/पति का नाम पता सहित सूची उपलब्ध करावें। इन प्रतीक्षारत परिवारों को आवास की सुविधा कब तक प्राप्त करा दी जावेगी? (ख) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर नगरनिगम के वार्ड क्रं. 1 से 66 तक के वार्डों में क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी–कितनी वित्ती य स्वीकृति के किस ठेकेदार/एजेन्सी किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में किस–किस अधिकारी जनप्रतिनिधि या अन्य की अनुशंसा पर स्वीकृत कर निर्माण कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक या वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) ग्वालियर नगरपालिका निगम में 15 फरवरी 2022 की स्थिति में कौन–कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, उनका कार्यक्षेत्र मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा देने हेतु वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) तथा मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति) अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम-1984 योजना प्रभावशील है। 15 फरवरी 2022 की स्थिति में पात्रता अनुसार आवास सुविधा हेतु जिन हितग्राहियों को भूखण्ड/आवासीय पक्का मकान का लाभ प्रदान किया गया है तथा प्रतीक्षा सूची में अंकित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्रतीक्षा सूची में अंकित हितग्राहियों को पात्रता के परीक्षण तथा आवास उपलब्धता अनुसार आवास उपलब्ध कराये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
सामग्री क्रय में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1591 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर पालिका निगम एवं ग्वालियर जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रशासक नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में क्या-क्या सामग्री किस-किस आदेश से किस-किस ठेकेदार या कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा कितनी-कितनी लागत से कब-कब क्रय की गई तथा उक्त क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन किसने किया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री गुणवत्तापूर्ण नहीं है तथा क्रय मात्रा से कम है? यदि हां, तो कारण बतायें तथा इसके लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संबंध में नगरीय निकायों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उप यंत्री की पदस्थापना
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1620 ) श्री अनिरु.ध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के लोक निर्माण विभाग में कितने संभाग हैं? उन संभागों में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उप यंत्री कितने वर्षों से पदस्थ हैं? शासन के नियमानुसार एक ही स्थल पर कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकते हैं? यदि नियम हैं तो बताएं। (ख) भोपाल के लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक 1 में पदस्थ कार्यपालन यंत्री किन-किन पदों पर कितने वर्षों से भोपाल में पदस्थ हैं? इनके द्वारा किन-किन निर्माण कार्यों का संपादन किया गया है। (ग) शासन के नियमानुसार कार्यपालन यंत्री एक ही संभाग में कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकता है। कृपया नियम बताएं। (घ) भोपाल के लोक निर्माण विभाग के समस्त संभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्रियों के विरूद्ध लोकायुक्त या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत हुई तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ड.) लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक 1 के उप संभाग में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री कितने वर्षों से लगातार पदस्थ हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 9 संभाग। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सामान्यतः 3 वर्ष। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सामान्यतः 3 वर्ष। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (घ) कोई शिकायत लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
भोपाल डेव्लपमेंट अथॉरिटी में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1621 ) श्री अनिरु.ध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल डेव्लपमेंट अथॉरिटी में अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के कितने पद हैं? अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के पद पर कौन-कौन पदस्थ हैं। (ख) अधीक्षण यंत्री के पद पर पदस्थ श्री राजीव जैन पर लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की क्या कार्यवाही चल रही हैं? चल रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) श्री राजीव जैन के विरूद्ध कितने प्रकरण विचाराधीन हैं और उनका प्रकार क्या-क्या है? (घ) क्या ऐसे व्यक्ति जिन पर लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों की जांच के चलते विभाग में उच्च पद पर रहने का अधिकार है? संबंधित आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्राधिकरण में अधीक्षण यंत्री के 02 पद (सिविल) एवं अधीक्षण यंत्री (विद्युत) का 01 पद है। अधीक्षण यंत्री (सिविल) के पद पर श्री जवाहर सिंह एवं श्री राजीव जैन, अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं। अधीक्षण यंत्री विद्युत यांत्रिकी का 01 पद रिक्त है। प्राधिकरण में कार्यपालन यंत्री के 09 पद (सिविल) व 01 पद विद्युत यांत्रिकी का है जिन पर निम्नानुसार कार्यपालन यंत्री पदस्थ हैं:- 1. श्री यतीश जैन, 2. श्री एस. के. मिश्रा, 3. श्री पी.सी. चौधरी, 4. श्रीमती अल्पना सक्सेना, 5. श्री पंकज श्रीवास्तव, 6. श्री धर्मेन्द्र कठल, 7. श्री निशात अजीम खान (प्रभारी), 8. श्री राजेश पुष्प (प्रभारी), 9. श्री विनोद पंचोली (प्रभारी), 10. श्री अरविद मडराई (प्रभारी) (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिकायतों के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि केवल जांच के प्रचलन में रहते किसी अधिकारी को उनके पदीय अधिकार पर पदस्थ नहीं किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1629 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा बीडा रोड में तत्पर पेट्रोल पम्प के पास रामचन्दी में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा अवैध रूप से व्यावसायिक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या विधि विरूद्ध कराये जा रहे अवैध निर्माण में कार्यवाही करने के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 683, दिनांक 24/12/2021 द्वारा माननीय मंत्री जी म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल को सक्षम कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया था? यदि हां, तो उक्त पत्र के संदर्भ में अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। उक्त पत्र के सन्दर्भ में शासन के पत्र क्रमांक एफ 11-142/2021/18-3, दिनांक 18.01.2022 द्वारा जांच समिति गठित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समिति द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। कार्यवाही प्रचलन में है।
स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1632 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र.13 में रीवा बीडा रोड में तत्पर पेट्रोल पम्प के पास रामचन्दी में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा व्यावसायिक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त बहुमंजलीय भवन में क्या एफ.ए.आर.. का पालन किया गया है? यदि उत्तर नहीं तो एफ.ए.आर.. से अधिक निर्माण किये जाने के विरूद्ध अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या कार्यालय नगर परिषद सेमरिया जिला रीवा द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1635/न.परि./भवन अनुज्ञा/2021 सेमरिया दिनांक 24/12/2021 द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरीत कराये जा रहे अवैध निर्माण के संबंध में नोटिस जारी की गई थी? यदि हां, तो उक्त के परिप्रेक्ष्य में दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) चूंकि इमारत निर्माणाधीन है, इस कारण से एफ.ए.आर. की गणना भवन निर्माण पूर्ण होने के पश्चात की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संदर्भित नोटिस के क्रम में निर्माणकर्ता द्वारा दिनांक 15.01.2022 द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया। स्वीकृत मानचित्र अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत मकानों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1634 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिला के अन्तर्गत सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आज दिनांक तक कितने मकान बनाकर वितरित किये गये? वर्षवार बताने की कृपा करें? (ख) क्या वर्ष 2011 की जनसंख्या सूची अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास बनाकर वितरित कर चुके? यदि नहीं तो कितने पात्र हितग्राही शेष हैं? इनको कब तक मकान बनाकर दिये जावेंगे? (ग) वर्ष 2011 की सूची में पात्र हितग्राहियों के अलावा आवास प्लस (+) सूची में पात्र हितग्राहियों की संख्या क्या है? इनको कब तक मकान बनाकर वितरित किये जावेंगे? (घ) क्या प्रधानमंत्री योजनान्तर्गत बनने वाली मल्टी आवास बिल्डिंग बनाकर आवास पात्र हितग्राहियों में वितरित कर दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) प्रावधान अनुसार वर्ष 2011 की जनसंख्या सूची हितग्राही स्वीकृति का आधार नहीं है। (ग) आवास प्लस (+) परियोजना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में लागू नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत निर्मित हो रही मल्टी आवास बिल्डिंग में पात्र हितग्राही के द्वारा उनके अंशदान की सम्पूर्ण राशि जमा कराने पर आवास वितरित कर दिये जायेंगे।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 1635 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के केसला आदिवासी विकासखंड में वित्तीय वर्ष 2020-21 में कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है? (ख) स्वीकृत सड़कों की लंबाई क्या है तथा किन-किन ग्रामों को सड़कों से जोड़ेगी? अलग-अलग स्वीकृत राशि भी बतायें। (ग) इन सड़कों पर कितने छोटे पुल एवं कितने बड़े पुल बनेंगे? इनकी अलग-अलग लागत क्या होंगी? कितने कि.मी. सीमेंट सड़क व कितने कि.मी. डामर सड़कें बनेंगी? सड़कवार बतायें। (घ) अभी तक सड़क निर्माण की स्थिति क्या है? सड़कें एवं पुल-पुलिया का कब तक निर्माण कर जनता के उपयोग हेतु सौंप दी जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) विस्तृत
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) सड़कों
पर बड़े पुल
नहीं बनना है।
छोटी
पुलियाओं का
निर्माण होना
है। पुलियाओं
की संख्या, उनकी
लागत तथा
सीमेंट मार्ग
की लंबाई तथा
डामरीकृत
मार्ग की
लंबाई की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- "सत्तर"
लंबित नामांतरण प्रकरण का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1645 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत नगर परिषद् खिलचीपुर, जीरापुर, माचलपुर एवं छापीहेड़ा में विगत दो वर्षों में कितने नामांतरण प्रकरण दर्ज किये हैं? (ख) इनमें से कितने नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया गया व कितने नामांतरण प्रकरण लंबित हैं? जो प्रकरण लंबित हैं, वह किन कारणों से लंबित हैं व कब तक निराकृत कर दिये जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की नगर परिषद खिलचीपुर, जीरापुर, माचलपुर एवं छापीहेडा में विगत दो वर्षों में कुल 1302 नामांतरण प्रकरण दर्ज किये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मार्ग का चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1646 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर शहरी मार्ग (एम.डी.आर.) की चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना विभाग द्वारा तैयार की गई है? (ख) यदि हां, तो क्या उक्त मार्ग का चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने हेतु वित्तीय व्यय समिति (ई.एफ.सी) में प्रस्ताव शामिल किया गया? यदि हां, तो उक्त मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु वित्तीय व्यय समिति (ई.एफ.सी.) से कब तक अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा? समय-सीमा बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1650 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सागर शहर में कराये जा रहे अब तक स्वीकृत सभी कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति क्या है विवरण दें। पृथकवार कार्यों में कुल व्यय, खर्च व्यय, शेष व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अन्तर्गत अनेकों कार्य अनुबंधित समयावधि के बाद भी पूर्ण नहीं हुये हैं? इसके लिये कौन-कौन प्रशासनिक अधिकारी/ कर्मचारी/ठेकेदार जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो दस्तावेज सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सागर स्मार्ट सिटी द्वारा कराये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता खराब है? क्या कार्यों की गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत शासन प्रशासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो दोषियों पर की गई कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या उक्त कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी शिकायतें जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है। क्या ऐसी शिकायतों पर कार्यवाही हुई है? शिकायत सहित की गई कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सागर शहर में कराये जा रहे स्वीकृत सभी कार्यों की वित्तीय, भौतिक प्रगति, कुल व्यय, खर्च व्यय एवं शेष व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) कार्य जो निर्माणाधीन/ गतिशील है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। कोविड 19 महामारी एवं ताउते तूफान से असमय हुई बारिश के कारण कार्य प्रगति बाधित हुई है, जिससे अनेक कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो सके है। प्राकृतिक आपदा होने से प्रशासनिक अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। लाखाबंजारा झील में सफाई कार्य में अनियमिता के संबंध में शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है, जिसके संबंध में आयुक्त नगर निगम सागर से प्राप्त जांच रिपोर्ट अनुसार लाखाबंजारा झील में संपादित कार्य का ही भुगतान हुआ है। जिला प्रशासन को लाखाबंजारा झील कार्य के संबंध में समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त शिकायत के क्रम में जिला कलेक्टर द्वारा जांच समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा जांच की अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है, जिसमें जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान होना पाया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। जिला प्रशासन को लाखाबंजारा झील कार्य के संबंध में समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त शिकायत के क्रम में जिला कलेक्टर द्वारा जांच हेतु आदेश क्रमांक/330/एस.टी/2021 सागर, दिनांक 21/05/2021 से जांच समिति का गठन किया गया। गठित समिति द्वारा जांच की अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है, जिसमें जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान होना पाया गया है। दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कोरोना काल में स्थगित विद्युत बिल
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1653 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कोरोना काल के दौरान घेरलू एवं अन्य विद्युत उपभोक्ताओं को प्रदाय किए गए विद्युत बिलों के जमा करने बाध्यता नहीं थी? विभाग/शासन द्वारा विद्युत बिलों की बाध्यता एवं स्थगन के संबंध में कोई आदेश जारी किया गया था? आदेश की प्रति एवं विस्तृत विवरण देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) में शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे तो विद्युत उपभोक्ताओं को अधिभार सहित बिल क्यों प्रदान किए जा रहे हैं? (ग) सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र के उपभोक्ताओं में ऐसे कितने विद्युत उपभोक्ता हैं जिन्होंने कोरोना काल में बिल जमा नहीं किए थे और उन्हें बिल प्रदान किए? वितरण केन्द्रवार संख्या देवें। क्या प्रदाय किये गये बिलों में अधिभार जोड़ा गया हैं? (घ) यदि अधिभार सहित बिल प्रदान किए गए हैं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? विद्युत उपभोक्ताओं को अधिभार मुक्त बिल एवं बिल राशि किस्तों में जमा करने की सुविधा शासन कब तक प्रदाय करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस जनित महामारी के दृष्टिगत विभिन्न श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में राहत दी गई थी, जिससे संबंधित आदेशों, जिनमें उपभोक्ताओं को दी गई राहत का विवरण समाहित है, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। तद्नुसार विद्युत उपभोक्ताओं को आस्थगित राशि को छोड़कर देयक जारी किये गये। तदोपरान्त सितम्बर, 2020 के पश्चात की अवधि हेतु चालू माह की मांग का भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं के देयकों में उनकी बकाया राशि हेतु प्रयोज्य अधिभार की राशि नियमानुसार शामिल करते हुए देयक जारी किये गये हैं। (ग) सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विद्युत उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी हाँ, नियमानुसार अधिभार जोड़ा गया है। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार नियमानुसार अधिभार की राशि जोड़कर बिल जारी किये जाने के दृष्टिगत किसी कार्मिक के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की आस्थगित राशि (मूल बकाया एवं अधिभार की राशि) के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी।
हितग्राही ऋण पर सब्सिडी राशि देना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
79. ( क्र. 1657 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्वीकृत हितग्राहियों को ऋण वितरण किया गया था? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत हितग्राहियों को प्रदाय किये गये ऋण पर सब्सिडी प्रदान किये जाने का प्रावधान/योजना थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं कितनी सब्सिडी प्रदान किये जाने का प्रावधान था? (ग) यदि हाँ, तो सागर जिला अंतर्गत कितने स्वीकृत हितग्राहियों को कब-कब कितनी सब्सिडी प्रदान की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) सागर जिला अंतर्गत कितने स्वीकृत हितग्राहियों को सब्सिडी प्रदान किये जाने हेतु प्रकरण लंबित हैं? यदि लंबित है तो इसके लिए कौन जिम्मेदारी हैं? क्या जिम्मेदारी अधिकारी/कर्मचारियों पर विभाग कोई कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्षवार हितग्राहियों को स्वीकृत ऋण वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रावधान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) अनुदान वितरण की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मार्जिनमनी अनुदान के 26 प्रकरण लंबित है। बैंक द्वारा मार्जिनमनी अनुदान क्लेम की कार्यवाही सीधे ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से नोडल बैंक से की जाना है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
रोड निर्माण एवं मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1663 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20, 2020-21 में आज दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी लागत राशि की रोडों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? उक्त रोडों के निर्माण कार्य की समय-सीमा व कौन-कौन से संविदाकार है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन रोडो के निर्माण हेतु संविदाकार को दिया गया है उसमें से कितने (रोडे) पूर्ण हो चुके है? कितने कार्य चल रहे है? कब तक पूर्ण हो जायेंगे? इनकी समय-सीमा क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में मनगवां के रोडो के मरम्मतीकरण (पिचिंग) हेतु किन-किन रोडों की कितनी-कितनी राशि मरम्मतीकरण हेतु स्वीकृति प्रदान हुई थी तथा कौन-कौन सी रोडों में कार्य कराये गये हैं तथा कौन से रोडों का कार्य शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में बेलवा पैकान, तिवनी, महमूदपुर, वाया बैकुण्ठपुर पहुँच मार्ग का निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृति की गई? इसकी निर्माण एजेंसी व संविदाकार कौन है? क्या इस रोड की जांच कमेटी द्वारा करायी जायगी, क्योंकि इस रोड का निर्माण कार्य बहुत घटिया कराया जा रहा है? जांच करायी जायेगी तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) मार्ग विभाग से सम्बंधित नहीं। लोक निर्माण विभाग में कोई राशि स्वीकृत नहीं है। दोनों मार्ग म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण से सम्बंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सड़क की चौड़ाई बढ़ाना
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 1671 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य बजट 2019 में स्वीकृत लांजी-बिसोनी-सोगलपुर-चिखलामाली-लांजीघाट-बिरसी गोंदिया मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर से बढ़ाकर 5.50 मीटर करने संबंधी कार्यालय मुख्य अभियन्ता (मध्य क्षेत्र) लोक निर्माण विभाग जबलपुर के पत्र दिनांक 27.07.2021 पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (ख) मुख्य अभियन्ता जबलपुर के प्रमुख अभियन्ता को लिखे पत्र के 7 माह बीत जाने के बावजूद इस मार्ग के चौड़ीकरण में हुई देरी के कारणों से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग के चौड़ीकरण के आदेश कब तक हो जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्य अभियंता (मध्य परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग जबलपुर के पत्र दिनांक 03.03.2022 द्वारा प्रमुख अभियंता को प्राप्त है, जो परीक्षणाधीन है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) उत्तरांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नगरीय क्षेत्रो में प्रधानमंत्री आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1672 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने वित्तीय वर्ष 2021-21 तथा 2021-22 में नगरीय क्षेत्रों में कुल कितने प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य रखा था तथा लक्ष्य के विरूद्ध कितने मकान बनाये गये? (ख) क्या राज्य शासन का अंश 1 लाख रूपये प्रति आवास न कर पाने के कारण राज्य को प्रधानमंत्री आवास सरेन्डर करने पड़े? यदि हाँ, तो 2020-21 तथा 2021-22 में सरेन्डर किये गये मकानों की जानकारी दें। कृपया सत्र 2021-22 की जानकारी प्रश्न दिनांक तक दें। (ग) बालाघाट जिले से प्रधानमंत्री आवास के कितने प्रस्ताव विभाग के पास लंबित हैं? कृपया नगरपालिका तथा नगर परिषद सहित जानकारी दें। इन्हें कब तक स्वीकृति दे दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हितग्राहियों के आवदेन उपरान्त उनकी पात्रता का परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों की परियोजना स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजी जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किये जाते है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान स्थिति में विभाग के पास बालाघाट जिले के किसी भी निकाय की कोई भी आवासीय परियोजना (बी.एल.सी. घटक) लंबित नहीं है। जिले के निकायों से प्राप्त प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को प्रेषित किये गये हैं। स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयीन शिक्षकों का वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 1687 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों एवं शासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को पूर्ण वेतन विभाग द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता है। (ख) क्या लोक सेवा आयोग से चयनित प्राध्यापक जो शासकीय महाविद्यालय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालय से आए थे उन्हें क्या समान वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय से आय प्राध्यापकों को वेतन संरक्षण दिया गया है जबकि अनुदान प्राप्त महाविद्यालय के शिक्षकों को केवल प्राध्यापक पद का मूल वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) जब दोनों प्रकार के महाविद्यालय के शिक्षकों को विभाग द्वारा ही वेतन का भुगतान किया जाता है फिर अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को मूल वेतन ही क्यों दिया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। यह विसंगति कब तक दूर कर दी जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत शिक्षकों को ही विभाग द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है। शासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों को पूर्ण वेतन भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से किया जाता है। (ख) जी नहीं। लोक सेवा आयोग द्वारा अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों का वेतनमान का निर्धारण मूल वेतन पर किया गया है, जबकि शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों को वेतन संरक्षण का लाभ दिया गया है। (ग) जी हाँ। लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों से चयनित प्राध्यापकों के वेतनमान का निर्धारण मूल वेतन पर किया गया है, जबकि शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों को वेतन संरक्षण का लाभ दिया गया है अर्थात् दोनों श्रेणी के प्राध्यापकों को समान वेतन नहीं दिया जा रहा है। यह म.प्र. शासन (वित्त विभाग) के मूलभूत नियम 22-सी के अनुरूप है। (घ) प्रचलित नियमों के अनुसार है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देयकों का भुगतान करना
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1697 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 971 दिनांक 12.08.2021 के उत्तरांश (ग) में लम्बित देयकों के यथाशीघ्र भुगतान करने हेतु आश्वस्त किया गया था? यदि हाँ, तो लगभग छ: माह व्यतीत होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक भुगतान क्यों नहीं किया गया? स्पष्ट बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतारांकित प्रश्न के उत्तरांश (ख) 14.20 लाख का किया गया भुगतान किस-किस वाहन मालिक/फर्मों को किया गया? प्रथक-पृथक कुल भुगतान राशि से अवगत करावें एवं शेष भुगतान 6.35 लाख किस-किस वाहन मालिक/फर्मों का शेष है पृथक-पृथक बतावें? (ग) वर्ष 2018 से अगस्त 2021 तक लोडिंग/अनलोडिंग भुगतान राशि 14.20 लाख में कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूर्ण की गई और शेष लम्बित भुगतान योग्य राशि 6.35 लाख में कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूर्ण नहीं हो पा रही हैं? स्पष्ट करें क्या देयक एकाउण्ट में विसंगति एवं औपचारिकताओं का भुगतान को लम्बित रखने का बहाना है? यदि नहीं तो पूर्ति हेतु फर्म मालिकों को अवगत क्यों नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि. मुरैना को दिनांक 11.12.2021 प्रेषित पत्र पर कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को अवगत क्यों नहीं कराया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अतारांकित प्रश्न क्रमांक-971 दिनांक 12.08.2021 के उत्तरांश (घ) में यह उल्लेख किया गया था कि नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण होने पर यथाशीघ्र भुगतान किया जायेगा। तथापि उक्त लंबित देयकों का भुगतान किया जा चुका है। (ख) प्रश्नाधीन भुगतान की गई राशि रू. 14.20 लाख से संबंधित फर्मों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष राशि रू. 6.35 लाख का भी संबंधित फर्मों को भुगतान किया जा चुका है, कोई भी भुगतान किया जाना शेष नहीं है। (ग) वर्ष 2018 से माह अगस्त 2021 तक लोडिंग/अनलोडिंग कार्यों से संबंधित राशि रूपये 14.20 लाख के भुगतान हेतु नियमानुसार समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण होने के उपरान्त भुगतान, व्हाउचरों की वरीयता के आधार पर किया गया था। तत्समय, शेष लंबित व्हाउचरों में से मैसर्स यादव क्रेन सर्विस ग्वालियर को चैक क्रमांक 437594 दिनांक 25.02.2022 से रूपये 2,24,200/-, मैसर्स रामू भदौरिया एंड कंपनी को चैक क्रमांक 437593 दिनांक 25.02.2022 से रूपये 3,50,150/-, मैसर्स कैलादेवी हाइड्रा सर्विस सबलगढ़ को चैक क्रमांक 437596 दिनांक 25.02.2022 से रूपये 33,950/- एवं मैसर्स संतोष हाइड्रा सर्विस सबलगढ़ को चैक क्रमांक 437595 दिनांक 25.02.2022 से रूपये 26,950/- का भुगतान किया जा चुका है। जी नहीं, लंबित भुगतान हेतु विसंगति अथवा औपचारिकतायें पूर्ण करने संबंधी कोई बहाना नहीं था। अपितु संबंधित फर्मों को मौखिक रूप से अवगत कराकर विसंगतियों का निराकरण करा लिया गया था तथा तदुपरान्त फंड की उपलब्धता अनुसार शेष समस्त राशि का भुगतान कर दिया गया है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा महाप्रबंधक, मुरैना को दिनांक 11.12.2021 को प्रश्नाधीन प्रकरण के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था, जिसके तत्समय में लंबित व्हाउचरों का भुगतान किया जा चुका है। तत्संबंध में महाप्रबंधक, संचालन/संधारण वृत्त मुरैना के पत्र दिनांक 26.02.2022 द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है।
विभिन्न अधूरे निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1706 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा-ग्वालियर हाईवे से कल्याणी ग्राम तक पहुंच मार्ग का अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है कारण बतावें। आज दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है तथा कितनी शेष है? (ख) पिछोर बस स्टैंड से कल्याणपुर तिराहे तक निर्मित रोड के दोनों तरफ नाले का निर्माण नहीं किया गया है कारण बतावें। इस कार्य में कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? क्या कोई भुगतान शेष है? (ग) करियावटी में हाईवे के दोनों ओर नाले का निर्माण नहीं किया गया है नाला निर्माण न किए जाने पर क्या कार्यवाही की गयी है? क्या कोई भुगतान राशि शेष है या सम्पूर्ण भुगतान हो चुका है? करियावटी से धुमेश्वर पहुँच मार्ग में दोनों ओर नाला निर्माण नहीं किया गया है? क्या नाला निर्माण की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं तो नाला निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) अर्रू तिराहे से हरीपुर तिराहे तथा जौरासी मंदिर फौरलेन हाईवे की लाइटें जलाना प्रारंभ की जाएगी या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत प्राक्कलन में प्रावधानानुसार नाली निर्माण कराया गया। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) करियावटी से धूमेश्वर पहुंच मार्ग के दोनों ओर नाली निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार प्रावधान में न होने के कारण नहीं कराया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। ग्राम करियावटी में हाइवे (डबरा-भितरवार-हरसी मार्ग) के दोनों ओर प्रावधानानुसार कवर्ड नाली का निर्माण किया गया है। परियोजना में नाला निर्माण की स्वीकृति प्राप्त नहीं थी, अत: नहीं किया गया है। कार्य स्वीकृति अनुसार किया गया है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। यह सड़क परियोजना वर्ष-2017 में पूर्ण हो चुकी है। इस परियोजना में कोई भुगतान राशि शेष नहीं है। संपूर्ण भुगतान (अंतिम भुगतान) हो चुका है। (घ) लोक निर्माण विभाग विद्युत/यांत्रिकी संभाग ग्वालियर द्वारा पोल एवं लाईट लगायी गयी है एवं मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड को कनेक्शन हेतु राशि जमा की जा चुकी है। लाईट चार्ज (कनेक्शन) का कार्य मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा किया जावेगा। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
86. ( क्र. 1707 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। योजनावार अभी तक कितनी राशि खर्च की जा चुकी है तथा कितनी शेष है? (ख) प्रत्येक योजनान्तर्गत लाभान्वित हितग्राहियों के नाम उनका पता तथा लाभ की राशि (किस कार्य के लिए) का पूर्ण विवरण प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में परम्परागत शिल्पी उपलब्ध नहीं होने तथा डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हितग्राहियों से कौशल विकास कार्यक्रम/ प्रशिक्षण हेतु आवेदन प्राप्त नहीं होने से विभागीय योजनाएं संचालित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
झुके हुए खंबे एवं लटके हुए वायरों का निराकरण
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1716 ) श्री
राजेश कुमार
प्रजापति : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
छतरपुर की
चंदला
विधानसभा के
किस-किस गांव
एवं कहां-कहां
पर विद्युत
खंभे झुके एवं
विद्युत वायर
लटके हुए हैं? (ख) प्रश्नांश
"क" यदि हाँ, तो क्या
उक्त कार्य की
समस्या को ठीक
ना करना लापरवाही
परिलक्षित
होती है? हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश
"ख" के अनुसार
यदि हाँ, तो उक्त
समस्या का
निराकरण न
होने पर किसी
प्रकार की
घटना या
दुर्घटना
होती है तो
कौन जवाब देय
होगा?
(घ)
उक्त
समस्या से
वर्ष 2018
से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी घटना
एवं दुर्घटना
हो चुकी हैं।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जिला
छतरपुर के
चन्दला विधान
सभा क्षेत्र
के 37 ग्रामों में
विद्युत खंबे
झुके हुए होने
तथा विद्युत
लाईनों के तार
ढीले होने से
उनकी भूमि से
उर्ध्वाधर
दूरी
निर्धारित
मानकों के
अनुसार नहीं होने
संबंधी
प्रकरण म.प्र.
पूर्व क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान
में आये थे तथा
उक्त सभी
प्रकरणों में
आवश्यक
सुधार कार्य
कर विद्युत
लाईनों को व्यवस्थित
कर दिया गया
है। उक्त
प्रकरणों की
स्थानवार/ग्रामवार
प्रश्नाधीन
चाही गयी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
उल्लेखनीय
है कि विद्युत
लाईन के खम्बों/तारों
को निर्धारित
मानकों के
अनुरूप व्यवस्थित
करना एक सतत
प्रक्रिया
है। वितरण कंपनी
के संज्ञान
में आने पर
ऐसे सभी स्थानों
में तुरंत
सुधार कार्य
किया जाता है।
(ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता। (घ) चंदला
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
प्रश्नाधीन
समस्या के
कारण वर्ष 2018
से प्रश्न
दिनांक तक कोई
भी विद्युत
दुर्घटना
घटित नहीं हुई
है।
टोल टैक्स बैरियर हटाए जाने के संबंध में
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1718 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की चंदला विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में गडी मलहरा मटोघ सड़क मार्ग में म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण के टोल टैक्स बैरियर लगाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश "क" यदि हाँ, तो गौरिहार जनपद में गौरिहार एवं चंद्रपुर में दो टोल टैक्स वैरियर लगाये गये है? (ग) प्रश्नांश "ख" यदि हाँ, तो क्या उक्त टोल टैक्स के मध्य की दूरी मात्र 8 कि.मी.है? (घ) प्रश्नांश "ग" यदि हाँ, तो क्या उक्त टोल टैक्स बैरियर शासन के नियम व निर्देशों के तहत निर्धारित दूरी पर लगाए गए हैं? यदि हाँ, है तो नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्या उक्त टोल टैक्स बैरियर हटाये जाएंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। गौरिहर टोल प्लाजा एवं चंद्रपुर चेक पोस्ट के मध्य की दूरी 10 कि.मी. है। (घ) प्रश्नांश-''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। गौरिहर में टोल प्लाजा एवं चंद्रपुर में चेक पोस्ट लगाये जाने की कार्यवाही नियम व निर्देशों के तहत की गई है। नियमों की प्रति पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका छतरपुर द्वारा क्रय सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1721 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका छतरपुर में किन-किन कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हुई? कितने कार्यों का डी.पी.आर. तैयार हुआ? किन-किन कार्यों की साध्यता स्वीकृत हुई? कौन-कौन से कार्य किस लागत से कहाँ-कहाँ शुरू किए गए? सभी की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका छतरपुर ने किन-किन सामग्री की खरीदी की या अन्य स्त्रोतों से प्राप्त हुई? सामग्री किस के निर्देश एवं किस कारण क्रय की गई? इसे किस संस्था या फर्म से किस लागत में क्रय किया गया? सभी की भौतिक स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के कालम क्रमांक 03 से 12 तक अंकित अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' के कालम क्रमांक 02 से 11 तक अंकित अनुसार है।
स्टार्म वाटर ड्रेन योजनांतर्गत नाला निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1725 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम रीवा के वार्ड क्रं. 38 में रानी तालाब से फिल्टर हाउस, अखाड़ घाट तक नाला निर्माण कार्य, स्टार्म वाटर ड्रेन योजनांतर्गत स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य पूर्ण कराने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अब तक कितना कार्य हुआ है व कितना भुगतान संबंधित निर्माण एजेंसी को किया गया है? कार्य स्वीकृति आदेश, कार्यादेश एवं कार्य अवधि संबंधी पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न कर पाने की दशा में निर्माण एजेंसी के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.12.2021 तक समय वृद्धि प्रदान की गई थी। (ख) वर्तमान में 8850 मीटर नालों का निर्माण कर, राशि रूपये 9.87 करोड़ का भुगतान किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंध के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जायेगी।
मण्डला जिला अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 1729 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिला के विकासखंड घुघरी, बिछिया व मवई में सड़क निर्माण, भवन निर्माण व सेतु निर्माण के कौन-कौन से कार्य कब-कब व कितनी-कितनी लागत से करवाये गए हैं? विकासखंडवार कार्य का नाम, लागत राशि, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता/अपूर्णता की स्थिति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण नहीं हो सके हैं? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं और कब तक पूर्ण करा लिए जाएंगे। (ख) वर्ष 2021-22 में लोक निर्माण विभाग द्वारा मेंटेनेंस कार्य हेतु उपसंभाग बिछिया में टेंडर न कराए जाने के क्या कारण हैं? जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक उप संभाग बिछिया में मेंटेनेंस के कौन-कौन से कार्य किये गए हैं एवं इनमें कितना-कितना भुगतान कब-कब, किस-किस को किया गया? (ग) उपसंभाग बिछिया अंतर्गत विभाग की सड़कों की सूची उपलब्ध कराएं। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक इनमें से किन-किन सड़कों में कब-कब सुधार कार्य करवाया गया? क्या बिछिया से घुटास मार्ग, बीजा घुटास से बिछिया घुटास मुख्य मार्ग तक सड़क में सुधार कार्य नहीं किया गया है? कब तक सुधार कार्य करवाया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं, विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सड़कों की सूची एवं सुधार कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। बिछिया से घुटास मार्ग पर आवश्यक पाट होल्स की मरम्मत का कार्य कराया गया है। बीजा से घुटास मार्ग (हर्राभाट से बीजा मार्ग लंबाई 4.40 कि.मी.) पर वर्ष 2016-17 में नवीनीकरण के अंतर्गत 3.40 कि.मी. का कार्य किया गया था। इस मार्ग पर सुधार कार्य आवश्यकतानुसार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के ठेका श्रमिकों को वेतन भुगतान
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 1730 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पावर प्लांट अंतर्गत ठेका श्रमिकों को वेतन देने के क्या नियम हैं? क्या श्रमिकों को प्रत्येक माह की 7 से 10 तारीख को वेतन न देकर 2 या 3 माह में वेतन दिया जाता है एवं उस वेतन में से आधा वेतन ठेकेदार या उनके मुंशियों द्वारा दबावपूर्वक वापस ले लिया जाता है? ऐसे कितने प्रकरण अब तक सामने आए हैं एवं क्या कार्यवाही की गई है? ठेका श्रमिकों को ठेकेदारों द्वारा कार्य से निकाले जाने संबंधी कितनी शिकायतें वर्ष 2018 से अब तक की गई हैं? उनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कितने प्रकरण श्रम न्यायालय में विचाराधीन हैं? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या पावर प्लांट के सभी संभागों में ठेका श्रमिकों को प्रतिमाह वेतन देने के पूर्व वेतन पर्ची उपलब्ध कराने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या सभी श्रमिकों को प्रतिमाह वेतन पर्ची उपलब्ध कराई जाती है? क्या वेतन पर्ची में श्रमिक के पावती हस्ताक्षर लेकर ठेकेदार द्वारा भुगतान हेतु देयक लगाए जाने चाहिए? यदि हाँ, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों द्वारा वेतन पर्ची के साथ जो भुगतान देयक लगाए गए, उनकी जानकारी उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पॉवर प्लांट अंतर्गत ठेका श्रमिकों को वेतन देने के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। सामान्यतः ठेकेदारों द्वारा सभी श्रमिकों का वेतन भुगतान निर्धारित तिथि तक कर दिया जाता है एवं जिन ठेकेदारों द्वारा निर्धारित तिथि तक भुगतान नहीं किया जाता है, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। किसी भी ठेकेदार व मुंशी द्वारा श्रमिकों के वेतन में से आधा वेतन दवाबवश वापस लेने की कोई भी शिकायत/प्रकरण नहीं हैं, अतः किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता हैं। वर्ष 2018 से अब तक ठेका श्रमिकों को ठेकेदारों द्वारा कार्य से निकाले जाने संबंधी कुल 09 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 04 प्रकरण श्रम न्यायालय में विचाराधीन हैं। शिकायतों के सम्बन्ध में कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हां, ठेका श्रमिक (नियोजन एवं उन्मूलन) अधिनियम 1970 के प्रावधानों के तहत ठेकेदारों द्वारा ठेका श्रमिकों को वेतन देने के पूर्व वेतन पर्ची उपलब्ध कराने का नियम है। सभी श्रमिकों को वेतन पर्ची उपलब्ध कराई जाती है। जी हां, वेतन पर्ची में श्रमिकों के पावती हस्ताक्षर लेकर ठेकेदार द्वारा भुगतान हेतु देयक लगाये जाने चाहिए। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों द्वारा वेतन पर्ची के साथ जो भुगतान देयक लगाये गए हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
भूतपूर्व सैनिक कर्मियों को सम्पत्ति कर में छूट
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1740 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम क्षेत्र में भूतपूर्व सैन्य कर्मियों के लिए सम्पत्तिकर में छूट का प्रावधान है? क्या सामान्यतः सभी पूर्व सैनिक अपनी सेवा के दौरान शहर में आवासीय भूखंड अनिवार्य सेवा में होने के कारण हमेशा पंजीयन पत्नियों के नाम से करवाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पूर्व सैनिकों को छूट का प्रावधान होने की स्थिति में पंजीयन पत्नी के नाम होने पर सैन्य परिवार लाभ से वंचित हो जाता है जबकि सम्पत्ति का अर्जन सैन्य कर्मचारियों के द्वारा ही किया जाता है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो पूर्व सैनिकों की पत्नियों को छूट का लाभ दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 136 (जी) में वर्णित प्रावधान अनुसार ''भवन तथा भूमियां जो स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों रक्षा सेवाओं के सेवानिवृत्त सदस्यों तथा उनकी विधवाओं द्वारा उनके अपने जीवनकाल के दौरान उनके स्वामित्व की हों, यदि वे आयकर से छूट प्राप्त हैं। ''इस प्रकार की जानकारी संकलित नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित नियम अन्तर्गत ही छूट प्रदान की जाती है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का नाम बदलना
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 1741 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जो पूर्व में शहीद पदमधर सिंह जी के नाम से स्वीकृत हुआ था परंतु वर्तमान में जो रिकॉर्ड महाविद्यालय द्वारा प्रस्तुत अथवा जारी किए जा रहे हैं उसमें से शहीद पदमधर सिंह जी का नाम अलग कर दिया गया है? (ख) क्या शहीद पदमधर सिंह जी का नाम पुनः स्थापित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? अथवा नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना का नाम शहीद पदमधर सिंह जी के नाम पर करने के संबंध में शासन से स्वीकृति जारी नहीं की गई है। जिला योजना समिति, सतना द्वारा आयोजित बैठक दिनांक 29.01.2022 में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना का नामकरण शहीद पदमधर सिंह जी के नाम पर करने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मास्टर प्लान की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1745 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम छिन्दवाड़ा के पुराना मास्टर प्लान की अवधि सामप्त हो चुकी है? क्या राज्य सरकार नया मास्टर प्लान बनाने पर विचार करेगी और यह कब तक तैयार होगा? इसी तरह नगर पालिका जुन्नारदेव एवं नगर परिषद दमुआ इनके भी मास्टर प्लान कब तक तैयार होंगे? (ख) नगर निगम छिन्दवाड़ा में विगत 5 वर्षों में वर्षवार कराये गये विकास कार्यों की स्वीकृति एवं व्यय राशि की जानकारी प्रदाय करें? (ग) क्या छिन्दवाड़ा नगरनिगम क्षेत्र की बोधरी नदी जीवन रेखा है जिस पर अतिक्रमण हो रहा है एवं बोधरी नदी मृत हो चुकी है? क्या इसको इफको के माध्यम से या पर्यावरण विभाग के माध्यम से पुनर्जीवित करने की कोई योजना है? (घ) नगर निगम छिन्दवाड़ा क्षेत्र से ही कुलबेहरा नदी बह रही है, क्या कुलबेहरा नदी को शुद्धीकरण हेतु पुनर्जीवन करने हेतु कोई योजना है जिससे नगरनिगम क्षेत्र के लोगों को लगातार वर्षभर शुद्ध पानी मिल सके एवं नगर का पर्यावरण क्षेत्र शुद्ध रह सके? इसी तरह जुन्नारदेव नगरपालिका क्षेत्र में बंधा नाला का पुनर्भरण एवं बंधाताल सौंदर्यीकरण कार्य की कोई योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी, नहीं। छिन्दवाड़ा नगर की विकास योजना हेतु योजनाकाल वर्ष 2011 तक रखा गया है, किन्तु विकास योजना के प्रस्ताव योजनाकाल तक सीमित न होकर पुनरीक्षित विकास योजना के अंगीकृत किये जाने तक निरन्तर रहते है। छिन्दवाड़ा नगर की विकास योजना के पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। नगर पालिका जुन्नारदेव एवं नगर परिषद दमुआ की विकास योजना बनाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, जी हाँ। एप्को या पर्यावरण विभाग के माध्यम से बोदरी नदी को पुनर्जीवित करने की कोई योजना नहीं है। (घ) छिन्दवाड़ा नगर में सीवरेज योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिससे कुलबहरा नदी का शुद्धिकरण भी संभव हो सकेगा। बन्धा नाला के पुनर्भरण की वर्तमान में कोई योजना नहीं हैं। बन्धा ताल सौंदर्यीकरण व साफ-सफाई के संबंध में परिषद द्वारा निर्णय लिया गया है।
नगर पालिका परिषद विदिशा के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1748 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद विदिशा अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1700 दिनांक 26.06.2019 एवं पत्र क्रमांक 4592 दिनांक 20.05.2020 के द्वारा हरिपुरा से सौंठिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक सड़क निर्माण कार्य के संबंध में कार्यवाही की मांग की थी? क्या उक्त स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण किया गया? नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासन नगर पालिका परिषद विदिशा में व्याप्त अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के कारण स्वीकृत कार्य पूर्ण नहीं किए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो हरिपुरा से सौठिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? उक्त सड़क निर्माण कार्य के साथ ही नगर पालिका परिषद विदिशा द्वारा नगर विदिशा में पुराने वेयर हाउस को तोड़े जाने के संबंध में की गई जांच का प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध कराया जायेगा? जांच में पाए गये दोषियो के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, परन्तु प्रश्नांकित पत्र क्रंमाक 1700 दिनांक 27.06.2019 में सौठिया स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्ड में डामरीकरण कार्य की निविदा के संबंध में जांच की मांग की गई थी। नगर पालिका द्वारा जारी कार्यादेश में त्रुटिवश ट्रेचिंग ग्राउण्ड का डामरीकरण के स्थान पर सौंठिया स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्ड के पहुँच मार्ग के डामरीकरण का कार्य लिखा गया था। आंतरिक मार्गों पर डामरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) निकाय की अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कराई जाती है। हरीपुरा से सौठिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक सड़क निर्माण की कोई योजना नगर पालिका में प्रस्तावित नहीं है, अपितु प्रश्नांकित स्थल में से हरीपुरा वात्सल्य स्कूल से भोपाल-सागर हाईवे क्रमांक 146 तक सड़क निर्माण के कार्य की निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भोपाल-सागर हाईवे क्रमांक 146 से सौठिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक मार्ग का निर्माण वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। कलेक्टर जिला विदिशा का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जांच प्रतिवदेन अनुसार दोषी पाये गये तत्कालीन शाखा प्रबंधक म.प्र.वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन विदिशा तथा तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कलेक्टर विदिशा द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
नगर पालिका परिषद विदिशा के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1749 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद द्वारा यातायात की समस्या के निराकरण हेतु सौठिया फाटक रेल्वे ब्रिज से एक लेग माधव उद्यान विदिशा के लिये एवं एक लेग गांधी प्रतिमा विदिशा के लिए प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी? (ख) विदिशा के नगर स्थित वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं वार्ड क्रमांक 34 में पेयजल की सुविधा के लिए पानी की टंकी के निर्माण कार्य एवं टीलाखेडी क्षेत्र में मूलभूत सुविधा संबंधी सीमेन्ट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य सह नाली सहित और वार्ड क्रमांक 1 में स्ट्रीट लाईट एवं पुलिया निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत किए जायेंगे? (ग) विदिशा नगर स्थित सिंधी कॉलोनी के अधूरे नाले निर्माण कार्य एवं सी.सी. सड़क निर्माण कार्य के साथ ही आचार्य कॉलोनी विदिशा में अधूरी बिछाई गई पेयजल सप्लाई लाईन का कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) विदिशा नगर पालिका परिषद को लगभग 22 करोड़ की राशि मुद्रांक शुल्क की शासन से प्राप्त होना है? उक्त राशि से नगर पालिका परिषद विदिशा को कब तक प्रदाय की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विदिशा नगर के वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं वार्ड क्रमांक 34 में नगरपालिका द्वारा पेयजल की सुविधा दी जा रही है, टीलाखेडी क्षेत्र में मूल सुविधा हेतु अधिकांश क्षेत्र में सड़के निर्मित है तथा वार्ड 01 में स्ट्रीट लाईट की सुविधा उपलब्ध है, वार्ड 01 में विधायक निधि से पुलिया निर्माण हेतु दिनांक 03.01.2022 को नगरपालिका द्वारा प्रेषित प्रस्ताव की स्वीकृति जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रक्रियाधीन है। प्रश्नांकित क्षेत्र में शेष मूलभूत सुविधा के कार्य हेतु नगरपालिका द्वारा नियमानुसार प्रस्ताव तैयार कर सक्षम स्वीकृति उपरान्त वित्तीय व्यवस्था के अनुसार कार्य कराये जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिंधी कालोनी के अधूरे नाले के निर्माण को नगरपालिका द्वारा शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा, सिंधी कालोनी में सी.सी. सड़क निर्माण का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नगरपालिका में नहीं है, वित्तीय व्यवस्था अनुसार कार्य कराये जा सकेंगे। आचार्य कालोनी में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत स्वीकृत पाईप लाईन का कार्य कराया गया है, शेष कार्य नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात नगरपालिका द्वारा कराया जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वित्त विभाग के बजट प्रावधान अनुसार मुद्रांक शुल्क की प्राप्त राशि को अनुपातिक रूप से नगरीय निकायों की पात्रता अनुसार प्रदान की जाती है। नगरपालिका विदिशा को वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुद्रांक शुल्क की राशि रूपये 228.74 लाख जारी की जा चुकी है।
नगर निगम भोपाल में पदस्थ सफाई कामगार
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1755 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने सफाई कामगार सेवानिवृत्त हुए तथा सेवा में रहते हुए जिनकी मृत्यु हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल के समस्त वार्डों में कितने-कितन सफाई कामगार वर्तमान में पदस्थ हैं नियमित, विनियमित एवं 29 दिवसीय कर्मचारियों की जानकारी वार्डवार उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या किस आधार से निर्धारित की जाती है? नियम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या निगम द्वारा वार्ड में निर्धारित सफाई कर्मचारियों की संख्या में पूर्ति की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में सेवानिवृत्त/मृत नियमित सफाई कामगारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. नगरीय विकास एवं आवास विभाग का पत्र क्रमांक एफ 4-52/2012/18-1 भोपाल दिनांक 28 फरवरी, 2014 द्वारा नगरपालिक निगमों की आदर्श कार्मिक सरंचना के आधार पर सफाई कर्मचारियों की संख्या के निर्धारण का मापदंड दिये गये है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स'' अनुसार है। (घ) नगरपालिक निगम भोपाल के वार्डों में पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। इस कारण शेषांष का प्रश्न ही नहीं है।
अतिथि विद्वानों हेतु प्रकाशित विज्ञापन
[उच्च शिक्षा]
99. ( क्र. 1756 ) श्री आरिफ मसूद, श्री पी.सी. शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय महू ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 में अतिथि विद्वानों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर मेरिट के आधार पर योग अध्ययन शाला में डॉ. अजय दुबे का आमंत्रित किय था? यदि हां, तो उन्होंने त्यागपत्र क्यों दिया? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए जारी विज्ञापन में विज्ञप्त समस्त विषयों की विषयवार अंकों की गणना एवं अधिभार के साथ निर्मित अंतिम चयन सूची की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या डॉ. अजय दुबे ने अम्बेडकर विश्वविद्यालय महू के गेस्ट हाउस एवं परिसर के शासकीय आवास में निवास किया है? क्या अजय दुबे इसके पात्र थे? यदि नहीं तो क्या डॉ. दुबे से किराए कि वसूली की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या डॉ. अजय दुबे ने अम्बेडकर विश्वविद्यालय महू से त्यागपत्र देने के बाद डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में 27 जनवरी 2020 से योग शिक्षा विभाग में कार्य किया है? यदि हां, तो उन्हें प्रतिमाह कितनी राशि दी गई? यदि विश्वविद्यालय में कार्य नहीं किया तो किस आधार पर डॉ. अजय दुबे का प्रतिमाह भुगतान किया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। उनके द्वारा व्यक्तिगत कारणों से त्याग पत्र दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कुलपति के आदेशानुसार अतिथि गृह में श्री अजय दुबे को कक्ष आवंटित किया गया था तथा किराए के रूप में रूपये 52,600/- जमा कराया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, 27 जनवरी, 2020 से जून, 2020 तक अतिथि विद्वान के पद पर कार्य किया गया। श्री दुबे को रूपये 50,000/- प्रतिमाह विश्वविद्यालय द्वारा भुगतान किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लंबित सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1764 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के बोड़ा-बोरखेड़ा मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति मुख्य बजट वर्ष 2021-22 में प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ न किये जाने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त 3.50 कि.मी. लंबाई के अत्यंत जीर्ण-शीर्ण लगभग पूर्ण ध्वस्त मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य करवाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो कब तक उक्त मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होने के कारण। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पुलिया की ऊंचाई बढ़ाये जाना
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 1765 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3895 दिनांक 09.03.2021 के उत्तर की कंडि़का (क) में लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत नरसिंहगढ़-बोडा मार्ग के मध्य स्थित ग्राम बैरसिया के समीप सूकड़ नदी पर विगत 25 वर्ष पूर्व निर्मित पुलिया के संबंध में बताया गया है कि उक्त पुलिया पूर्णत: जीर्ण-शीर्ण नहीं अपितु आंशिक क्षतिग्रस्त हुई थी। जनहानि की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हैं? यदि हाँ, तो उक्त स्थिति का आंकलन कब किस अधिकारी द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त पुलिया की ऊंचाई कम होने से प्रत्येक वर्षाकाल में इस मार्ग आवागमन पूर्णत: बंद हो जाता हैं तथा पुलिया पर रेलिंग नहीं होने से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व 1 व्यक्ति बह जाने से उसकी मृत्यु को गई थी, जिसकी सूचना संबंधित थाने में दर्ज हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने सहित रेलिंग व आवश्यक मरम्मत कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. संभाग राजगढ़ द्वारा दिनांक 24/11/2021 को उक्त मार्ग की स्थिति का आंकलन किया गया। (ख) जी हाँ, वर्षाकाल में उक्त मार्ग आंशिक रूप से बंद हो जाता है। जी नहीं, थाने में दर्ज रिर्पोट के अनुसार रेलिंग नहीं होने से कोई मृत्यु नहीं हुई है क्योंकि उक्त पुलिया जलमग्नीय होने के कारण ऊंचाई बढ़ाने एवं रेलिंग की आवश्यकता नहीं है। पुलिया में वर्षाकाल के पश्चात आवश्यक मरम्मत कार्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
व्यवसायिक परिसर के रख-रखाव हेतु सोसाइटी समितियों का पंजीयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1769 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम 2000 के अंतर्गत क्या भवन/परिसर व्यवसायिक परिसर के रख-रखाव हेतु सोसाइटी समिति के पंजीयन का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो संपूर्ण मध्यप्रदेश में इस अधिनियम के अंतर्गत कितनी रख-रखाव समितियां पंजीकृत की गई है शहरवार संख्या एवं नाम बताएं। (ग) प्रदेश में प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम 2000 के तहत कितने आवेदन पंजीयन के लिए विचाराधीन है? शहरवार संख्या बताएं। (घ) अधिनियम के तहत पंजीकृत समितियों के कार्य एवं उत्तरदायित्व बताएं। (ड.) वर्ष 2000 से अधिनियम के पारित होने के 22 साल बाद भी प्रकोष्ठ अधिनियम के स्थान पर मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश सोसायटी अधिनियम 1973 के अंतर्गत रख-रखाव समितियों का पंजीयन क्यों किया जा रहा है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) म.प्र. प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम 2000 की धारा 20 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ड.) म.प्र. प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम 2000 की धारा 18 (2) के प्रावधान अनुसार पंजीयन किया जा रहा है।
अतिक्रमण की जगह पर बनाये गये आवास का आवंटन निरस्त
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1776 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सारंगपुर, जिला राजगढ़ में वर्ष 2021-22 में कितने प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को आवंटित किये गये हैं? आवंटित आवास की भूमि नियमानुसार आवंटित की गई थी, आवास हेतु आवंटित भूमि राजस्व तथा नजूल भूमि का आवंटन करने का अधिकार नगर परिषद सारंगपुर को किस आदेश के तहत प्राप्त था? (ख) राजस्व एवं नजूल की भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बनाने की गाईड लाईन का स्पष्ट उल्लंघन कर भूमि पर अतिक्रमण कर कैसे आवास बनाये गये हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाया जायेगा तथा जो शासकीय धन का उपयोग उक्त निर्माण कार्य में किया गया है, क्या उसकी वसूली की जावेगी? (ग) दिनांक 04.02.2022 एवं 07.02.2022 से अभी तक अतिक्रमण हटाने के लिये कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? उन आवेदनों पर कार्यवाही करके अतिक्रमण हटाया गया है? यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया है तो क्या दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) आयुक्त नगरीय निकाय, म.प्र. भोपाल द्वारा नगर परिषद सारंगपुर के द्वारा राजस्व एवं नजूल तथा अन्य व्यक्तियों के प्लाटों पर तथा सड़क पर अतिक्रमण कर आवास बनाये जा रहे हैं? उक्त अतिक्रमण को हटाकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद सारंगपुर जिला राजगढ़ में वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 124 हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति प्रदाय की गई है। इन हितग्राहियों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया तथा अधिकार संबंधी बिंदु पर जांच कराई जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जांच उपरांत जांच के निष्कर्ष के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में श्रीमती सुनीता शर्मा पिता स्व. श्री ज्ञानप्रकाश शर्मा, मोती मोहल्ला सारंगपुर का एक आवेदन दिनांक 07.02.2022 को प्राप्त हुआ है। आवेदन के आधार पर संबंधितों को सूचना पत्र जारी किये गये है। उक्त प्रकरण न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर में प्रचलित है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
नवीन अस्पताल खोले जाना
[आयुष]
104. ( क्र. 1780 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा अन्तर्गत आयुष विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से औषधालय संचालित हैं तथा कौन-कौन से स्थान पर संचालित हैं? (ख) वर्तमान में संचालित औषधालय में कुल कितने पद स्वीकृत होकर कितने पद पर कर्मचारी पदस्थ हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? औषधालयवार पदस्थ एवं रिक्त कर्मचारी/डॉक्टर की जानकारी प्रदाय करें तथा कौन-कौन से कर्मचारी/डॉक्टर पदस्थ हैं, नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) क्या भीकनगॉव शहर में 30 बिस्तरीय नवीन आयुर्वेद औषधालय खोलने हेतु स्वीकृति जारी हो सकती है? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) नवीन औषधालय खोलना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
थ्री फेस विद्युत लाईन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 1781 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड में पहाड़ी क्षेत्रों पर सिंचाई हेतु निम्नदाब की विद्युत लाईन कौन-कौन से राजस्व ग्रामों में वर्तमान में नहीं हैं? वर्तमान में निम्नदाब की विद्युत लाईन उपलब्ध नहीं होने के क्या कारण हैं? उपरोक्त पहाड़ी क्षेत्र में सिंचाई हेतु विद्युत की वर्तमान में क्या व्यवस्था हैं? थ्री फेस लाइन कब तक स्वीकृत की जायेगी यदि नहीं तो क्यों कारण बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत झिरन्या विकासखंड में पहाड़ी क्षेत्रों पर सिंचाई हेतु निम्नदाब की विद्युत लाईन (थ्री फेस लाईन) उक्त क्षेत्र में अवस्थित शत-प्रतिशत राजस्व ग्रामों में उपलब्ध है। उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना से वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं को सिंचाई हेतु अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
फर्जी राशन कार्ड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1785 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर निगम द्वारा वर्ष 2014 से 2021 तक पात्रता पर्ची (ई-राशन) कार्ड हेतु प्रतिवर्ष माह अनुसार जोड़े गए तथा काटे गए नाम की संख्या बतावें। क्या वर्ष 2014-15 से 2016-17 के मध्य कई काल्पनिक हितग्राही के नाम जोड़े गए? इस अवधि में कितनी संख्या में हितग्राही के नाम हटाए गए? (ख) राशन घोटाले के तहत वर्ष 2017 के आस पास दर्ज प्रकरण में किस-किस नगर निगम कर्मचारी को आरोपी बनाया गया? उस दौरान शासन द्वारा समग्र आईडी बनाने हेतु आईडी की अधिकारिता किस अधिकारी/कर्मचारी को दी गई थी? (ग) पात्रता पर्ची में जोड़े गए गलत नाम हटाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा इस अवधि में कितने नाम हटाए गए? (घ) गलत नाम किस प्रक्रिया से जोड़े गए तथा इसके लिए क्या विभागीय जांच संस्थित की गई? उस जांच की रिपोर्ट से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रतलाम नगर निगम द्वारा वर्ष 2014 से 2021 तक पात्रता पर्ची (ई-राशन) कार्ड हेतु प्रतिवर्ष माह अनुसार जोड़े गये तथा काटे गये नाम एन.एफ.एस.आई. पोर्टल बंद होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं हैं। वर्ष 2014 से 2016-17 के मध्य कई काल्पनिक/अपात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने एवं हटाये जाने संबंधी जानकारी एन.एफ.एस. पोर्टल बंद होने से दी जाना संभव नहीं है।
वर्ष |
नाम संख्या |
जोड़े गये |
हटाये गये |
वर्ष 2014-15 |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
वर्ष 2015-16 |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
वर्ष 2016-17 |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
वर्ष 2017-18 |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
एन.एफ.एस पोर्टल.बंद |
अगस्त, 2019 से एम. राशन मित्र पोर्टल चालू हुआ है तदनुसार जानकारी निम्नानुसार हैः |
|||
अगस्त 2019 |
109706 |
00 |
00 |
दिसंबर 2019 |
109477 |
00 |
229 |
वर्ष 2020 जनवरी से दिसंबर 2020 तक |
90487 |
00 |
18990 |
वर्ष 2021 जनवरी से दिसंबर 2021 तक |
94315 |
3826 |
00 |
(ख) राशन घोटाले के तहत पुलिस थाना स्टेशन रोड में अप्र.क्रं. 25/18 के तहत दर्ज प्राथमिकी में नगर पालिक निगम रतलाम के निम्न कर्मचारियों व ठेकेदार को आरोपी बनाया गया था- 1- श्री राजेन्द्र सिंह पवॉर तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता निरीक्षक)। 2- श्री रविन्द्र ठक्कर (स्वच्छता निरीक्षक)। 3- श्री यशवंत गंग (ठेकेदार)। श्री राजेन्द्र सिंह पवॉर तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी को निगम के आदेश क्र. 130/सा.प्र.वि/2012, रतलाम दिनांक 18-9-2012 से अधिकारिता दी गई थी। (ग) पात्रता पर्ची में जोड़े गये गलत नाम हटाने हेतु नगरपालिक निगम रतलाम में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। अगस्त, 2019 से चालू राशन मित्र पोर्टल अनुसार 19,219 नाम हटाये गये। (घ) वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक समग्र आई.डी. पोर्टल के पात्र हितग्राहियों की पात्रता पर्ची एन.एफ.एस.ए. पोर्टल द्वारा बनायी गई तथा शेष परिवारों से प्राप्त आवेदनों पर तत्समय ठेकेदार श्री यशवंत गंग द्वारा पोर्टल पर अपलोड की गई। इस प्रक्रिया में त्रुटि के लिए श्री रविन्द्र ठक्कर स्वच्छता निरीक्षक की विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच प्रक्रियाधीन है। खाद्य विभाग द्वारा पात्रता पर्ची अपडेट करने व जारी करने के लिये तत्समय जिला आपूर्ति अधिकारी रतलाम श्री आर.सी.जांगड़े सहायक आपूर्ति अधिकारी रतलाम श्री यू.के. पाण्डेय एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रतलाम शहर सुश्री वंदना बबेरिया के विरूद्ध आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन के आदेशानुसार जिले में विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच प्रचलित होने से जांच रिपोर्ट से अवगत कराया जाना संभव नहीं है।
बिजली बिलों की कमी एवं बढ़ोतरी की जानकारी
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 1788 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1407 दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ग, के संदर्भ में बतावें कि बिजली क्यों छोड़ी गई तथा जो बिजली छोड़ी गई उसके ऐवज में कितना-कितना भुगतान करना पड़ा? वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक वर्ष भर में विभिन्न स्त्रोतों से ली गई बिजली तथा छोड़ी गयी बिजली की मात्रा तथा ली गई बिजली की कीमत तथा छोड़ी गयी बिजली की कीमत अलग-अलग समूह अनुसार बतावें। (ख) प्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में निजी संयंत्रों की छोड़ी गई बिजली तथा उसकी कुल पावर स्टेशन अनुसार कीमत बतावें तथा बतावें कि विद्युत नियामक आयोग ने इस संदर्भ में कोई टिप्पणी की तथा निर्देश दिया है? उसका उल्लेख कर प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में संलग्न प्रपत्र 2 में निजी पावर स्टेशन के अनुबंध की अवधि बतावें। तथा बतावें कि एक ही प्रकार के प्रोडक्ट में एक ही अवधि में अंतर क्यो है तथा परिवर्तनीय दर से तात्पर्य क्या है? विद्युत नियामक आयोग का इस संदर्भ में क्या निर्देश अथवा टिप्पणी है? (घ) क्या शासन महंगी दर की बिजली के अनुबंध की दर को कम करके नया अनुबंध नहीं कर सकता है? यदि नहीं तो कारण तथा नियम की जानकारी दें। क्या अनुबंध निरस्त कर सकता है, यदि नहीं तो कारण क्या नियम की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1407 दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ग के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि मांग की तुलना में विद्युत की उपलब्धता अधिक होने की स्थिति में माननीय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों में निहित प्रावधानों के अनुसार महंगी वेरियेबल दर वाली विद्युत इकाइयों की बिजली छोड़ी गई है। छोड़ी गयी बिजली के संबंध में किये गये भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक वर्षभर में विभिन्न स्त्रोतों से ली गई बिजली एवं छोड़ी गयी बिजली की मात्रा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 तथा ली गई बिजली तथा छोड़ी गयी बिजली की कीमत का विवरण समूह अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में निजी संयंत्रों की छोड़ी गयी बिजली तथा उसकी पावर स्टेशन अनुसार कीमत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। विद्युत नियामक आयोग ने इस संदर्भ में कोई टिप्पणी अथवा निर्देश नहीं दिये है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के खण्ड (ख) के उत्तर में संलग्न प्रपत्र 2 में निजी पावर स्टेशन के अनुबंध की अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति हेतु राज्य शासन/विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विभिन्न उत्पादन स्त्रोत यथा परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत, ताप विद्युत, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि के विद्युत उत्पादकों से दीर्घकालिक विद्युत क्रय अनुबंध किये गये हैं। अत: एक ही प्रोडक्ट (बिजली) की दर विद्युत उत्पादन के स्रोत/माध्यम जैसे कोल, जल, पवन, सौर आदि पर निर्भर होती है। उपभोक्ताओं के लिये बिजली की दरों का निर्धारण विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत गठित नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत उत्पादन संयंत्रों का टैरिफ दो भाग (टू.पार्ट) यथा फिक्सड कॉस्ट एवं एनर्जी चार्ज रेट (वेरियेबल कॉस्ट) में जारी किया जाता है। एनर्जी चार्ज रेट (वेरियेबल कॉस्ट) के अंतर्गत ईंधन व्यय यथा कोयलें, तेल की लागत एवं परिवहन व्यय आदि सम्मिलित रहते हैं, अत: यह दर परिवर्तनीय होती है। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (उत्पादन टैरिफ के अवधारण संबंधी निबन्धन तथा शर्तें) विनियम, 2020 (आरजी-26 (IV), वर्ष 2020) '' के विनियम 18 में ताप विद्युत उत्पादन गृहों हेतु एनर्जी चार्ज निर्धारित करने की प्रक्रिया दी गई है तथा इस विनियम के विनियम-43.1, 43.2 एवं 43.3 में ताप विद्युत उत्पादन गृहों की एनर्जी चार्ज गणना के संबंध में विस्तृत निर्देश दिये हैं। (घ) विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फिक्सड कॉस्ट (निश्चित लागत) के अंतर्गत संयंत्र के निर्माण व रख-रखाव की लागत शामिल है, जिसका लगभग 70 प्रतिशत वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दीर्घकालिक वित्त पोषित किया जाता है। यह तभी संभव है जब विद्युत उत्पादकों द्वारा दीर्घकालिक आधार पर विद्युत क्रेताओं से विद्युत क्रय अनुबंध, निष्पादित किये गये हो। प्रदेश के उपभोक्ताओं को सतत् 24 X7 घण्टे बिजली प्रदाय करने हेतु विद्युत उत्पादकों से दीर्घकालीन विद्युत क्रय अनुबंध किये गये हैं। दीर्घकालिक विद्युत क्रय अनुबंध को अनुबंधित अवधि में, एक तरफा निरस्त करने के प्रावधान नहीं है। बिडिंग टैरिफ के अलावा अन्य पारंपरिक पावर स्टेशनों से विद्युत क्रय के रेगुलेटेड टैरिफ का निर्धारण उपयुक्त नियामक आयोग द्वारा परियोजना की निर्माण लागत, रख-रखाव लागत, परियोजना से विद्युत उत्पादन हेतु ईंधन के स्रोत एवं ईंधन दर आदि के आधार पर किया जाता है। पारंपरिक ऊर्जा वाले पावर स्टेशनों के अनुबंध में सामान्यत: बिजली की दर नहीं उल्लेखित रहती है। अत: महंगी दर की बिजली के आधार पर अनुबंध निरस्त करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
राजस्व कर वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1789 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर के अंतर्गत आने वाली समस्त कैम्पस कॉलोनियॉ, जिनसे निगम द्वारा संपत्तिकर जलकर एवं अन्य राजस्व करों की वसूली की जाती है का मेन्टनेंस एवं रखरखाव क्या निगम द्वारा किये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा कैम्पस कॉलोनियों में कौन-कौन सी सुविधायें रहवासियों/प्लाटधारकों को प्रदान की जाती है? प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी प्रदान करें। (ग) नगर पालिक निगम इंदौर के द्वारा कौन-कौन सी कैम्पस कॉलोनियों से राजस्व करों की वसूली की जा रही है एवं इन कॉलोनियों को कौन सी सुविधा कब से प्रदान की जा रही है? निम्नानुसार जानकारी प्रदान करें। कैम्पस कॉलोनी का नाम, पता, वार्ड झोन क्रमांक, कौन-कौन से राजस्व कर वसूले जा रहे है? कर अनुसार विवरण प्रदान करें। कॉलोनियों को कौन-कौन सी सुविधायें दी जा रही है? यदि नहीं दी जा रही है तो कारण बतायें। (घ) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा कैम्पस कॉलोनियों से विगत तीन वर्षों में सम्पत्तिकर, जलकर एवं अन्य राजस्व करों से कितनी राशि वसूल की गई एवं वसूली गई राशि निगम द्वारा किन-किन मदों में खर्च की गई? हेडवार प्राप्त एवं खर्च राशि का विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर पालिक निगम, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत किसी भी कॉलोनी के रहवासी से सम्पत्तिकर, जलकर एवं अन्य राजस्व कर मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 में वर्णित प्रावधान अनुसार तहत वसूल किया जाता है। जी नहीं, करों की वसूली के विरूद्ध कॉलोनी मेंटेनेंस एवं रखरखाव के प्रावधान उक्त अधिनियम एवं नियमों में नहीं हैं। (ख) ''कैम्पस कॉलोनी'' मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अन्तर्गत परिभाषित न होने से तथा ''कैम्पस कॉलोनी'' से आशय स्पष्ट न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कालोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1804 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जिला/तहसील/जनपद स्तर पर कौन-कौन सी अवैध कालोनियां हैं? तहसील/जनपदवार नाम बतावें। (ख) क्या शासन द्वारा अवैध कालोनी बनाने वाले किसी कालोनाईजर अथवा जिम्मेदार शासकीय अधिकारी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो किस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन अवैध कालोनियों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत दि. 31.12.2016 के पूर्व अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को सौलर पंप लगाने हेतु अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
110. ( क्र. 1810 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों हेतु सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिये अनुदान राशि देने का प्रावधान है? यदि हां, तो योजनान्तर्गत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अनूपपुर जिले में सोलर योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल कितने किसान लाभान्वित हुये हैं? (ख) क्या उक्त योजना में किसानों की श्रेणियां निर्धारित की गई है? यदि हां, तो श्रेणी निर्धारित नियमावली की जानकारी एवं श्रेणी में आने वाले किसानों का पूर्ण विवरण दें। (ग) उक्त योजना से विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है एवं भविष्य में इस हेतु उक्त योजना में श्रेणीवार किन-किन किसानों को लिया गया है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों हेतु सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए अनुदान राशि देने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश राज्यपत्र (असाधारण) दिनांक 16.07.2021 के माध्यम से प्रदेश में ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान'' (PM-KUSUM) के घटक 'ब' के अंतर्गत प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' लागू की गई है। जिसके अंतर्गत किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए सोलर पंप संयंत्र स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार के 30% अनुदान को व राज्य सरकार के 30% अनुदान से टॉपअप किया जाएगा व शेष हितग्राही का अंश रहेगा, साथ ही एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड से सॉफ्ट लोन की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह योजना प्रदेश के सभी जिलो में लागू है। योजनांतर्गत नवीन पंजीकृत आवेदक किसानों के लिए पंप की क्षमता अनुसार लगभग 51% से 62% तक का अनुदान उपलब्ध है। सौर ऊर्जा पंप की क्षमता के अनुसार हितग्राही अंश व अनुदान प्रतिशत के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के अंतर्गत पूर्व के रू. 5000/- की राशि के साथ पंजीकृत आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने के लिए हितग्राही अंश पूर्वानुसार अर्थात मध्यप्रदेश राज्यपत्र (असाधारण) दिनांक 04.02.2020 के अनुसार ही रखा गया है। इन आवेदक किसानों के लिए पंप की क्षमता अनुसार लगभग 56% से 84% तक का अनुदान उपलब्ध है। सौर ऊर्जा पंप की क्षमता के अनुसार हितग्राही अंश व अनुदान प्रतिशत के विवरण की जानकरी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल 14 किसान लाभान्वित हुए है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) योजना के लिये राज्य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्श्न नहीं है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना अंतर्गत 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 5 किसान लाभान्वित हुये है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। योजना के लिये राज्य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं है।
महाविद्यालय के नवीन भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
111. ( क्र. 1811 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ एवं शासकीय महाविद्यालय, वैंकट नगर के नवीन महाविद्यालय भवन के निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध है? क्या शासन को भवन विहीन उल्लेखित दोनों महाविद्यालयों के लिये भवन निर्माण की आवश्यकता प्रतीत होती है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों महाविद्यालयों के नवीन भवन हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या महाविद्यालय का स्वयं का भवन नहीं होने की वजह से 2000 छात्र छात्राओं को समुचित उच्च शिक्षा, लायब्रेरी, प्रेक्टिकल लैब का लाभ नहीं मिल पा रहा है? इस असुविधा के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या विभाग को नवीन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु प्राक्कलन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही प्रचलित है? कब तक प्रस्ताव स्वीकृत कर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुये निर्माण कार्य प्रारंभ होगा? बजट न होने की स्थिति में क्या आगामी मुख्य बजट में राशि आवंटित करने का प्रस्ताव सम्मिलित किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ के नवीन भवन निर्माण हेतु 4.807 हेक्टर भूमि एवं शासकीय महाविद्यालय वैंकटनगर में भवन निर्माण हेतु 4.00 हेक्टर भूमि उपलब्ध है। शासकीय महाविद्यालय वैंकटनगर के भवन निर्माण हेतु म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 21-4/2015/38-2, दिनांक 28/07/2021 द्वारा रूपये 434.78 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ के भवन निर्माण के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ स्वयं के पुराने भवन में संचालित हो रहा है, जिसमें 6 अध्ययन कक्ष हैं तथा 2500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। लायब्रेरी एवं प्रेक्टिकल लैब का लाभ मिल रहा है। शासकीय महाविद्यालय वैंकटनगर, शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय, वैंकटनगर के 5 कमरों में संचालित है, जिसमें 114 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उक्त महाविद्यालयों में क्रमश: प्रेक्टिकल लेब एवं लायब्रेरी का लाभ मिल रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, पुष्पराजगढ़ के भवन का प्रस्ताव आगामी स्थायी वित्तीय समिति में शामिल किया जावेगा। शासकीय महाविद्यालय, वैंकटनगर के भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मध्यप्रदेश गृह निर्माण, जिला अनूपपुर के द्वारा निविदा जारी कर कार्य सौंपा जा चुका है।
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगवाये जाना
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 1816 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के मुलताई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बाड़ेगांव सावलमेढ़ा में किसान शंकर राव धोटे के खेत के पास 100 के.व्ही.ए. का ट्रांसफार्मर स्थापित है? (ख) यदि हां, तो प्रश्नांकित ट्रांसफार्मर पर अधिक भार होने से उक्त ट्रांसफार्मर बार-बार खराब हो रहा है? क्या उक्त ट्रांसफार्मर पर 140 हॉर्स पावर तक का लोड आ जाता है? (ग) क्या विभाग उक्त ट्रांसफार्मर से जुड़े अन्य किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए एक अतिरिक्त ट्रासफार्मर लगवाने की व्यवस्था करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर 12 नवम्बर, 2020 एवं 20 अक्टूबर, 2021 को फेल हुआ है, जिसके फेल होने के कारण सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 63 के.व्ही.ए. क्षमता के एक अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना हेतु दिनांक 25.3.2022 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है। उक्त कार्य दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
प्रश्नकर्ता के पत्र की जानकारी उपलब्ध कराये जाने
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 1817 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाप्रबंधक मध्यप्रदेश, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, बैतूल (वृत्त) को दिनांक 01 मार्च, 2021 से 05 जून, 2021 तक वर्क ऑर्डर दिये जाने संबंधी प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 162, दिनांक 05.06.2021 प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हां, तो बिंदु क्र. 01 एवं 02 अनुसार टेबलवार जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रदाय की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के दोषी अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। कार्यालयीन अभिलेखानुसार प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 162 दिनांक 05.06.2021 वृत्त कार्यालय बैतूल में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
कंपनी कैडर के कार्मिकों की वरीयता सूची
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 1818 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.मध्य.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल अंतर्गत कार्यरत सहायक राजस्व अधिकारी एवं परीक्षण सहायक (कंपनी कैडर) के कार्मिकों के विगत 05 वर्षों से वरिष्ठता सूची जारी की गई है? यदि हाँ, तो प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो क्यों? (ख) वरिष्ठता सूची प्रतिवर्ष जारी करने का दायित्व किस पर है? क्या नियमित वरिष्ठता सूची जारी न करने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) म.प्र.मध्य.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल अंतर्गत कार्यरत सहायक राजस्व अधिकारी एवं परीक्षण सहायक (कंपनी कैडर) के कार्मिकों की वरिष्ठता सूची कब तक जारी की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा कंपनी में नियुक्त सहायक राजस्व अधिकारी एवं परीक्षण सहायक के पद पर नियुक्त कार्मिकों की स्थाई वरीयता सूची प्रथम-बार जारी की जाना है, जिस हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों पदों पर समय-समय पर अनुकंपा आधार पर एवं सीधी भर्ती, दोनों प्रकार से, नियुक्तियां हुई हैं तथा उक्त पदों के कर्मचारियों का अंतर्क्षेत्रीय स्थानांतरण समय-समय पर होता रहा है। अत: प्रथम-बार वरीयता निर्धारित किये जाने हेतु आवश्यक दस्तावेजों के संकलन एवं वरीयता निर्धारित करने में समय लग रहा है। (ख) प्रश्नाधीन पदों की वरिष्ठता सूची जारी किये जाने का दायित्व म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक का है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार प्रथम-बार वरीयता निर्धारित किये जाने हेतु आवश्यक दस्तावेजों के संकलन एवं वरीयता निर्धारित करने में समय लग रहा है। सहायक राजस्व अधिकारी कैडर के कार्मिकों की अस्थाई वरीयता सूची दिनांक 22.02.2022 एवं 23.02.2022 को जारी की गई है एवं परीक्षण सहायक कैडर की वरीयता सूची बनाये जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है एवं यह शीघ्र ही जारी कर दी जावेगी। अत: नियमित रूप से वरिष्ठता सूची जारी नहीं किये जाने के लिए कोई भी अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) सहायक राजस्व अधिकारी कैडर के कार्मिकों की अस्थाई वरीयता सूची मुख्य महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.) ग्वालियर के आदेश क्रमांक 13157-58 दिनांक 22-02-2022 एवं मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल के आदेश क्रमांक 6120-21 दिनांक 23-02-2022 के द्वारा जारी की गयी है। तदोपरान्त निर्धारित औपचारिकताएं एवं प्रक्रिया पूर्ण होने पर सहायक राजस्व अधिकारी कैडर के कार्मिकों की स्थाई वरीयता सूची जारी की जावेगी। परीक्षण सहायक कैडर की वरीयता सूची बनाये जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है एवं शीघ्र ही जारी कर दी जावेगी।
समकक्ष पदों का उल्लेख पदनाम के साथ करने
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 1819 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.मध्य.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल अंतर्गत नियुक्त कंपनी कैडर के कार्मिकों के वेतनपर्ची एवं कार्मिकों के साथ किए जाने वाले विभिन्न पत्राचार में ''समकक्ष'' पद का उल्लेख किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं तो म.प्र.मध्य.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल अंतर्गत नियुक्त ''सहायक राजस्व अधिकारियों'' के वेतन पर्ची में समकक्ष कार्या. सहा.श्रे.-3 का उल्लेख क्यों किया जा रहा है? (ख) क्या म.प्र.मध्य.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के द्वारा सहायक राजस्व अधिकारी के पद के लिए जारी भर्ती विज्ञापन क्र. प्र.सं./म.क्षे./भर्ती/सहा.राज.अधि./2016-17/12709 भोपाल दि. 19.01.2017 में सहायक राजस्व अधिकारी के साथ समकक्ष कार्या.सहा.श्रे.-3 का उल्लेख किया गया था? प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि समकक्ष पद के उल्लेख का प्रावधान नहीं है तो वेतनपर्ची में कब तक सुधार किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में ''सहायक राजस्व अधिकारी'' का नवीन पद स्वीकृत किया गया था, जिसके साथ कोष्टक में ''समकक्ष कार्यालय सहायक श्रेणी-3'' का उल्लेख किया गया है। संगठनात्मक संरचना के संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अतः स्पष्टता की दृष्टि से उक्त पद के कार्मिकों की वेतन पर्ची में भी पदनाम के साथ समकक्ष पद-कार्यालय सहायक श्रेणी-3 का उल्लेख किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। तथापि प्रश्नाधीन विज्ञापन में सहायक राजस्व अधिकारी पद का न्यूनतम वेतन रूपये 6510/- तथा ग्रेड पे रूपए 2500/- उल्लेखित है, जो कि समकक्ष पद, कार्यालय सहायक श्रेणी 3 के समान है। उक्त विज्ञापन की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की संगठनात्मक संरचना के पुनरीक्षण के समय इस बिन्दु पर विचार किया जाएगा।
नवीन घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1833 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मई 2017 में भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में पिपलिया-बरेली-सिलवानी-गैरतगंज, गैरतगंज-बेगमगंज-राहतगढ़ तथा राहतगढ़-खुरई-खिलमासा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्गों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा तथा वर्तमान में उक्त मार्गों का रखरखाव कौन कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के मार्गों में किन-किन स्थानों पर बायपास बनाये जायेंगे तथा इस हेतु भू-अर्जन की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (क) के मार्गों के रखरखाव तथा मरम्मत में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन कार्यों पर कितनी राशि व्यय हुई तथा क्या-क्या कार्य करवाये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ए.डी.बी. परियोजना-7 में स्वीकृत सड़क
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 1834 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.डी.बी. परियोजना-7 में ग्यारसपुर-हैदरगढ़-बेगमगंज-सुल्तानगंज-सियरमऊ-टड़ा-केसली-गोरझामर मार्ग सम्मिलित है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा? वर्तमान में उक्त मार्ग का रख-रखाव कौन कर रहा है? (ख) क्या बेगमगंज से सुल्तानगंज मार्ग पर मरम्मत के अभाव में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की मरम्मत क्यों नहीं करवाई जा रही है तथा उक्त मार्ग की मरम्मत कौन करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के मार्गों के रख-रखाव तथा मरम्मत में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन कार्यों पर कितनी राशि व्यय हुई तथा क्या-क्या कार्य करवाये गये? पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के मार्ग निर्माण की निविदा आमंत्रण की क्या स्थिति है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य प्रारंभ की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा उक्त मार्ग का रखरखाव किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, कुछ स्थानों पर गड्ढे हो गये है जिसकी मरम्मत कार्य प्रगति पर है। विभाग द्वारा ही मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में निविदा आमंत्रित नहीं की गई है।
20 वर्ष पूर्व निर्मित सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1842 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा निर्मित ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनका निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2000 से पूर्व में किया गया है तथा उसके पश्चात उनका किसी अन्य विभाग द्वारा उन्नयन नहीं किया गया उनकी सूची देवें। क्या उनका उन्नयन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? विभाग द्वारा क्या कोई पत्राचार किए गए हैं? यदि किए गए हैं तो उनकी छायाप्रति देवें। (ख) विभाग द्वारा सड़कों के उन्नयन के लिए क्या कोई दिशा-निर्देश नियमावली बना रखी है? यदि हाँ, तो नियमावली दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सड़कें उन्नयन मरम्मत या नवीन निर्माण के किसी नियमों में नहीं आती हैं या शासन द्वारा इनके उन्नयन नवीन निर्माण करना एवं मरम्मत करना प्राथमिकता में नहीं रखा तो क्या कारण है कि आमजन सड़कों के लिए इतने वर्षों से परेशान हो रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की सड़कों का संधारण, उन्नयन उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अंतर्गत सतत रूप से किया जाता है। सम्पूर्ण विधानसभा की सड़कों के एकमुश्त उन्नयन का कार्यक्रम नहीं बनाया जाता अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। मार्ग संधारण हेतु समिति की रिपोर्ट, जो भारतीय सड़क कांग्रेस के द्वारा दिनांक 04 मई, 2001 को प्रकाशित की गई के आधार पर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की स्वीकृति
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 1843 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ट्रांसफार्मर हैं जो ओवरलोड हैं? मांग अनुसार कितने ट्रांसफर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रांसफर लगाए जाना आवश्यक है, इन ट्रांसफार्मरों को कब तक लगाया जाएगा? (ख) अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु शासन की क्या क्या योजनाएं हैं, तथा किसानों को इस हेतु क्या-क्या करना पड़ता है? खरगोन जिले में 30 जनवरी, 2022 की स्थिति में कितने अस्थाई पंप है, इनको कब तक स्थाई कर दिया जाएगा? (ग) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की जा रही है? पूर्ण विवरण देवें। (घ) सिंचाई हेतु ट्रांसफार्मर लगाने पर किसानों को सब्सिडी मिलती थी, वह योजना वर्तमान में बंद है, क्या किसानों को सिंचाई हेतु ट्रांसफार्मर एवं विद्युत पोल लगाने में तो जो सब्सिडी मिलती थीं उसको कब तक चालू किया जाएगा? क्यों इस किसान हितैषी योजना को बंद किया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 69 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। उक्त में से 44 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि यथा-27 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए. एवं 17 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए. तथा 25 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर यथा-07 वितरण ट्रांसफार्मर 63 के.व्ही.ए. क्षमता के एवं 18 वितरण ट्रांसफार्मर 100 के.व्ही.ए. क्षमता के लगाये जाने के कार्य आवश्यक है। उपरोक्त कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इन कार्यों को किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में अस्थाई पंप कनेक्शन को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने की राज्य शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। तथापि आवेदक को स्वयं के व्यय पर स्थाई पंप कनेक्शन देने का प्रावधान है। वर्तमान में अस्थाई कनेक्शन एल.टी.लाईन से 45 मीटर की दूरी पर स्थित होने पर स्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन, खसरा खतोनी की प्रति, आधार कार्ड की प्रति एवं निर्धारित शुल्क जमा करने पर, उपभोक्ता के आवेदन पर अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रक्रिया पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसे अस्थाई पम्प कनेक्शन जिसमें स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लाईन विस्तार आवश्यक है, उनमें वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में आवेदन कर, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी) में 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा करने पर तथा शत-प्रतिशत जमा योजना के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त होने पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करवाकर स्थाई कनेक्शन प्रदान किया जाता है। दिनांक 30.01.2022 की स्थिति में खरगोन जिले में 4612 अस्थाई पम्प कनेक्शन हैं, जिन्हें उक्तानुसार कृषकों द्वारा वितरण कंपनी में आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत, औपचारिकताएं पूर्ण करने पर, कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा सकती है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) खरगोन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कम वोल्टेज संबंधी कोई समस्या संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन के लिये आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों हेतु संबंधित किसानों द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार आंशिक राशि जमा करने पर शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जाती थी। उक्त योजना की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। वर्तमान में उक्त योजना को पुन: प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। तथापि इस योजना के बंद होने के उपरान्त राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गए निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' आरंभ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन द्वारा किया जा रहा है।
घरेलू बिजली के बिलों की जानकारी
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1844 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अन्तर्गत माह मार्च-अप्रैल-मई वर्ष 2019 एवं मार्च-अप्रैल-मई वर्ष 2021 में अटल गृह ज्योति योजना के अन्तर्गत आने वाले घरेलू हितग्राहियों की माहवार संख्या एवं उन्हें प्राप्त लाभ राशि की संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) खरगोन शहर, खरगोन ग्रामीण एवं गोगावा वितरण केन्द्र कार्यालयों के अन्तर्गत माह मार्च-अप्रैल-मई 2019 एवं माह मार्च-अप्रैल-मई 2021 में कुल कितने घरेलू बिजली बिल उपभोक्ताओं को कुल कितनी राशि के विद्युत देयक जारी किये गये हैं उनकी वितरण केन्द्रवार माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अन्तर्गत माह मार्च-अप्रैल मई 2019 में कितने हितग्राही ऐसे हैं, जिनका कि राशि ₹100/- से कम घरेलू बिजली बिल आया है। माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अन्तर्गत माह मार्च-अप्रैल-मई, 2021 में कितने हितग्राही ऐसे हैं, जिनका कि राशि ₹500/- से अधिक घरेलू बिजली बिल आया है? माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि हेतु अटल गृह ज्योति योजना के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों एवं उनको प्राप्त कुल लाभ राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के खरगोन शहर, खरगोन ग्रामीण एवं गोगांवा-शहर वितरण केंद्र कार्यालयों के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि हेतु घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं एवं उनको जारी किये गए विद्युत देयकों की कुल राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केंद्रवार, माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि हेतु रु. 100/- से कम राशि के विद्युत देयक वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गयी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) संचालन-संधारण संभाग खरगोन प्रथम के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि हेतु रु. 500/- से अधिक राशि के विद्युत देयक वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गयी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास के अपात्र किए गए हितग्राहियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1845 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया गया था परंतु उन्हें अपात्र कर दिया गया? अपात्र करने का क्या कारण था? कारण सहित नाम, पता, मोबाइल नंबर आवेदन करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवेदकों को अपात्र करने के क्या दिशा-निर्देश हैं? दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। जिन आवेदकों को अपात्र किए गए हैं उन आवेदकों को इन्हीं दिशा-निर्देश के अनुसार अपात्र किए गए हैं? यदि हाँ, तो सूची देवें एवं नहीं तो जिन्होंने पात्र हितग्राहियों को अपात्र किया है उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी और कब? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन हितग्राहियों को नियम विरुद्ध अपात्र किए गए हैं क्या उन हितग्राहियों को अब प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाएगा? यदि दिया जाएगा तो कब क्या उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी? (घ) उक्त हितग्राहियों को अपात्र करने का जो कारण दिया गया है ये अपात्र करने के कारण कहां से मिला?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 743 हितग्राही अपात्र पाये गये थे। अपात्र करने के कारण, नाम, पता, मोबाईल नंबर सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) हितग्राहियों की पात्रता निर्धारण हेतु दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जिन हितग्राहियों को अपात्र किया गया था उसमें से 490 हितग्राहियों की पात्रता के पुनः परीक्षण हेतु कलेक्टर खरगोन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। परीक्षण कार्यवाही प्रचलित है, उक्त प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) पुनः परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित है। पात्रता होने की दशा में योजना के प्रावधान अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 490 अपात्र पाये गये हितग्राहियों की सूची पुनः परीक्षण हेतु कलेक्टर खरगोन कार्यालय में प्रचलित है। उक्त प्रकाश में शेषांश जानकारी निरंक है।
आवंटित आवासों के मरम्मत/संधारण कार्य
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 1847 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को आवंटित आवास के कुछ भाग क्षतिग्रस्त होने, दरवाजे-खिड़कियां, पंखें-लाइट इत्यादि खराब होने की सूचना मिलने के कितने दिन उपरांत उसका मरम्मत/संधारण कार्य करवाया जाता है? (ख) प्रश्नकर्ता के आवास में मरम्मत/संधारण कार्य करवाने के कितने आवेदन कब-कब विभाग को प्राप्त हुए? प्रश्न-दिनांक तक भी मरम्मत/संधारण कार्य नहीं करवाने का क्या कारण है? कब तक मरम्मत/संधारण कार्य करवाया जाएगा? (ग) शासन के समस्त माननीय मंत्रियों को भोपाल में आवंटित आवासों में अप्रैल-2020 से प्रश्न-दिनांक तक किस-किस निधि से कितनी राशि आवंटित कर कितनी राशि के क्या-क्या मरम्मत/संधारण कार्य किए गए? पृथक-पृथक आवासवार, दिनांकवार बताएं। (घ) प्रदेश के माननीय सांसदों, विधायकों को भोपाल में आवंटित आवासों में, अध्यक्षीय पूल के समस्त आवासों में अप्रैल-2020 से प्रश्न-दिनांक तक किस-किस निधि से कितनी राशि आवंटित कर कितनी राशि के क्या-क्या मरम्मत/संधारण कार्य किए गए? पृथक-पृथक आवासवार बताएं। (ड.) प्रश्नकर्ता को आवंटित अध्यक्षीय पूल के आवास में प्रश्न-दिनांक तक कितनी राशि के क्या-क्या मरम्मत/संधारण कार्य कब-कब किए गए? उक्त कार्यों की पुष्टि किस जिम्मेदार अधिकारी द्वारा की गई? बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग की योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 1849 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग मनावर और कुक्षी के कितने राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं हुई है? अब तक इन मजरों में किस योजना से 24 घंटे बिजली सप्लाई होनी थी, क्यों नहीं हुई? (ख) संचालन-संधारण संभाग मनावर और कुक्षी के कितने राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरो में 24 घंटे बिजली आपूर्ति योजना के कार्य अधूरे हैं? उक्त कार्यों को कब तक पूरा किया जाएगा? इसके लिए म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास क्या योजना है? (ग) कोरोना-काल में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के आस्थगित बिजली बिल की राशि क्या शासन द्वारा भरी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं से कोरोना-काल के आस्थगित बिजली-बिल क्यों वसूले जा रहे हैं? (घ) संचालन-संधारण वृत्त धार में कोरोना काल के दौरान समाधान योजना के अन्तर्गत कितने घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के आस्थगित बिजली बिल किस आधार पर माफ किये जाने है? जिन घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये है उनके संचालन-संधारण वृत्त धार के अन्तर्गत संचालन-संधारण संभागवार संख्या की जानकारी देवें? (ड.) संचालन-संधारण वृत्त धार के जिन घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के कोरोना काल के दौरान समाधान योजना के अन्तर्गत आस्थगित बिजली बिल माफ हुए है? क्या उसी नाम के श्रमिक कार्ड/आधार कार्ड/समग्र आईडी प्राप्त किये गये है? प्राप्त श्रमिक कार्ड उसी परिवार के स दस्य के है? क्या इसका मिलान किया गया हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) संचालन-संधारण वृत्त धार के मनावर एवं कुक्षी संचालन-संधारण संभागों के क्रमश: सभी 309 एवं 261 राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। मनावर संचालन-संधारण संभाग के 309 राजस्व ग्रामों में से 51 राजस्व ग्रामों के तत्समय चिन्हित कुल 88 मजरों/टोलों एवं कुक्षी संचालन-संधारण संभाग के 02 राजस्व ग्रामों के तत्समय चिन्हित कुल 02 मजरों/टोलों को सिंचाई फीडरों के माध्यम से अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उपरोक्त दोनों संचा./संधा. संभागों में शेष बचे 90 मजरों/टोलों को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु लगभग 63 किलोमीटर 11 के.व्ही. विद्युत लाईन, 61 किलोमीटर निम्नदाब लाईन तथा 75 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने के कार्य की आवश्यकता है जिसकी कुल लागत राशि लगभग रूपये 348.78 लाख होगी। वर्तमान में केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी विद्युतीकरण योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में कोई योजना उपलब्ध होने पर अथवा अन्य किसी मद से राशि उपलब्ध होने पर उक्त शेष 90 मजरों/टोलों में आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विकास का कार्य कर इन्हें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। तथापि संचालन-संधारण संभाग कुक्षी के 02 मजरों/टोलों में 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु एस.एस.टी.डी. योजना में ग्राम बड़गाव का मजरा पथवाला हेतु कार्यादेश क्र. 178 दिनांक 23.03.2021 जारी कर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा ग्राम ननोदा का 01 मजरा सूरपालपूरा हेतु प्राक्कलन क्र. 267638, स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं, कोरोना काल में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के आस्थगित बिजली बिल माफ किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू की गई, जिसके प्रावधानों के अनुरूप ही उपभोक्ताओं से आस्थगित राशि की वसूली की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (घ) राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की आस्थगित राशि (मूल बकाया एवं अधिभार की राशि) के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। संचालन-संधारण वृत्त धार अंतर्गत समाधान योजना के तहत विकल्प हेतु आवेदन प्राप्त होने के पश्चात् कुल 45793 घरेलू उपभोक्ताओं के आस्थगित किये गए बिलों की राशि के भुगतान समाधान योजना अंतर्गत उपरोक्तानुसार किये जाने हैं, जिनकी प्रशनाधीन चाही गयी संचालन/संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) समाधान योजना के अंतर्गत आवेदन के साथ उपभोक्ताओं से प्रश्नाधीन दस्तावेज नहीं लिये गये है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नागदा बायपास हेतु भूमि का अधिग्रहण
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 1851 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा तहसील में नागदा बायपास मार्ग निर्माण हेतु शासन द्वारा पटवारी हल्के पाडल्याकलां, जुना नागदा व अन्य पटवारी हल्के में भूमि का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामी का नाम, सर्वे नम्बर, रकबा, मुआवजा राशि सहित संपूर्ण विवरण दें। इसमें से कितनों ने मुआवजा प्राप्त कर लिया है? कितने व्यक्ति शेष है? नाम सहित विवरण दें। (ख) नागदा इंगोरिया स्टेट हाईवे नम्बर 17 नागदा-बायपास हेतु कितने फीट चौड़ाई की भूमि का अधिग्रहण किया गया है? किस स्थान पर कितनी चौड़ाई के मार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण की गई है? चौड़ाई एवं सर्वे नम्बर सहित विवरण दें। (ग) स्टेट हाईवे पर कितने फीट चौड़ाई के मार्ग हेतु भूमि का अधिग्रहण किया जाता है तथा रोड के मध्य से कितने फीट पश्चात निर्माण की अनुमति दी जाती है? नियमों की कॉपी उपलब्ध करवाते हुए विवरण दें। (घ) उज्जैन-नागदा-जावरा मार्ग को फोरलेन करने हेतु क्या शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं तो क्या फोरलेन करने की योजना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) नागदा बायपास निर्माण हेतु लगभग 45 मीटर चौड़ाई आवश्यक थी, इस हेतु शासकीय भूमि की उपलब्धता अनुसार शेष चौड़ाई का अधिग्रहण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) आई.आर.सी. मापदण्डानुसार सामान्यतः राज्यमार्गों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर 45 मीटर (30 से 60 मी.) भूमि का अधिग्रहण किया जाता है। सामान्यतः राज्यमार्गों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर आई.आर.सी. मापदण्डानुसार बिल्डिंग लाईन 40 मीटर तथा कन्ट्रोल लाईन 75 मीटर अनुशंसित की गई है। उक्तानुसार अनुमति दी जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
लेबड जावरा टोल यातायात की गणना
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 1854 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड जावरा फोरलेन पर अनुबंध की धारा 29 के अनुसार अनुबंध टारगेट ट्राफिक दिनांक कौन सी तथा इसे किस आधार पर तय किया गया है? इस दिनांक को फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार पीसीयू तथा प्रत्येक प्रकार के वाहन की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) उक्त दिनांक को एमपीआरडीसी को कराये गये सर्वे अनुसार पीसीयू तथा प्रत्येक प्रकार के वाहन की संख्या कितनी-कितनी हैं तथा फिजिबिलिटी रिपोर्ट से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है? (ग) एमपीआरडीसी द्वारा फोरलेन के प्रारम्भ से 31 जनवरी, 2022 तक वास्तविक यातायात की गणना किस-किस दिनांक को की गई? प्राप्त आंकड़ों से अवगत करावें तथा बतावें कि उनका पीसीयू मान फिजिबिलिटी रिपोर्ट के आंकड़ों से कितना कम अथवा ज्यादा है? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058 दिनांक 23.12.2021 के संदर्भ में बतावें कि टोल शुल्क से प्राप्त होने वाली संभावित आय किस रिपोर्ट में दिखाई गई है? उसकी प्रति देवे तथा बतावें कि 31 जनवरी, 2022 तक उस रिपोर्ट में दिखाई गयी संभावित आय वास्तविक आय से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लेबड-जावरा फोरलेन पर अनुबन्ध की धारा 29 के अनुसार अनुबन्ध टारगेट ट्राफिक दिनांक 01.06.2020 है तथा इसे तत्समय किये गये सर्वे अनुसार तय किया गया है, जो कि अनुबन्ध के आर्टिकल-29 अनुसार 26,800 पी.सी.यू. प्रतिदिन है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2020 में नागदा में 26,058 पीसीयू, बदनावर में 35,737 पीसीयू एवं शत्रुन्दा में 31,066 पीसीयू आंकलित की गई है। औसत 30954 पीसीयू है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार। (ख) अनुबंध की कंडिका 29 में त्रुटिवश टारगेट ट्राफिक को टारगेट दिनांक से एक वर्ष पहले की दिनांक पर यातायात होना वर्णित है किन्तु यह गणना टारगेट दिनांक को की जानी थी परन्तु कॉरोना महामारी के कारणवश विभाग द्वारा ट्रॉफिक सेम्पलिंग किया जाना संभव नहीं था एवं कॉरोना के दौरान ट्राफिक प्रभावित होकर न्यूनतम होने से कंडिका 29 अनुसार निर्णय नहीं लिया जा सकता था अतः कंसेषनायर की सहमति से कंडिका 29 हेतु 27 अक्टूबर, 2021 से 03 नवम्बर, 2021 विभाग द्वारा ट्राफिक सेंम्पलिंग की गई एवं यह सहमति ली गई की उक्त ट्राफिक सेम्पलिंग अनुसार ट्राफिक को 01 जून, 2020 का वास्तविक ट्राफिक माना जावेगा। उक्त ट्राफिक सेम्पलिंग में अनुबंध में दिये गये पीसीयू की परिभाषा अनुसार 20791 पीसीयू औसत प्रतिदिन की गणना की गई है जो कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट में दिये गये पीसीयू से 32.83 प्रतिशत कम है। अनुबंध में दी गई पीसीयू की परिभाषा अनुसार मात्र वहीं मोटोराईज व्हीकल जो कि उपभोक्ता शुल्क टोल प्लाजा पर प्रदाय करने के लिए बाध्य हैं केवल उन्ही वाहनों को पीसीयू की गणना में लिया जावेगा एवं इस गणना में ट्रेक्टर, ट्रेक्टर ट्रेलर के साथ, मोटरसाईकल एवं नॉनमोटोराईज्ड वाहनों की गणना नहीं की जावेगी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार। (ग) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा लेबड-जावरा मार्ग पर तथा 27 अक्टूबर, 2021 से 03 नवम्बर, 2021 में वास्तविक यातायात की गणना की गई थी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार। 03 जुलाई, 2020 से 09 जुलाई, 2020 तक किये गये सर्वे अनुसार फिजिबिलिटी रिपोर्ट के आंकड़ों से औसत पी.सी.यू. 15330 कम पाया गया तथा 27 अक्टूबर, 2021 से 03 नवम्बर, 2021 पर किये गये सर्वे अनुसार औसत पी.सी.यू. 10163 कम पाया गया। (घ) टोल शुल्क से प्राप्त होने वाली संभावित आय हेतु कोई प्रावधान नहीं है।
भूमिगत जल में लाल-भूरा पानी आना
[पर्यावरण]
126. ( क्र. 1856 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में वर्तमान में किस-किस स्थान पर कितनी मात्रा में परिसंकटमय अपशिष्ट किस अवधि से किस-किस उद्योग का रखा है तथा किस-किस गांव तथा रतलाम शहर के किस-किस क्षेत्र में ट्यूबवेल में से लाल-भूरा पानी निकल रहा है? परिसंकटमय अपशिष्ट के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1060 दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ''घ'' के संदर्भ में बतायें कि क्या कंसलटेंट द्वारा ड्राफ्ट रिपोर्ट अगस्त 2019 को दे दी गई है? यदि हाँ, तो फिर उत्तर में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया गया? रिपोर्ट की प्रति देवें तथा उस पर टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के परीक्षण की रिपोर्ट भी देवें। (ग) परिसंकटमय अपशिष्ट के निपटान तथा भूमिगत जल को शुद्ध करने में आया खर्च क्या संबंधित उद्योगों से वसूला जायगा या शासन वहन करेगा तथा इस संदर्भ में किस-किस पर प्रकरण दर्ज किया गया है। एफआईआर की प्रति देवें तथा बतावें कि आरोपी को कब गिरफ्तार किया गया? (घ) रतलाम शहर में परिसंकटमय अपशिष्ट से निकलने वाले लाल भूरा पानी के शुद्धिकरण हेतु राशि क्यों स्वीकृत की गई? (ड.) सीनेस कन्सलटेंट की प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट तथा एनजीआई हैदराबाद द्वारा जनवरी 2011 में किये गये निरीक्षण व परीक्षण की रिपोर्ट की प्रति देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) रतलाम शहर के आस-पास 7 ग्रामों क्रमशः बाजनखेड़ा, जड़वासाकलां, जड़वासा खुर्द, कलोली कलां, सिनलावदाखुर्द, घटला एवं भटूनी में भूमिगत लाल-भूरा पानी निकल रहा है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अगस्त, 2019 को कोई ड्राफ्ट रिर्पोट नहीं दी गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परिसंकटमय अपशिष्ट के निपटान का कोई खर्च नहीं आया है, अतः वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्राधिकार शर्तों के उल्लंघन करने के कारण मेसर्स सज्जन केमिकल्स एडं इनवेस्टमेंट प्रा. लि.रतलाम के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 535/2002, दिनांक 2/11/2001 व प्रकरण क्रमांक 460/2013 दिनांक 5/3/2013 को तथा मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. रतलाम के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 247/2012 दिनांक 10/4/2012 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत न्यायालय में वाद दायर किये गये है। प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, गिरफ्तारी का निर्णय मा. न्यायालय को लेना है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लाल-भूरा पानी शुद्धिकरण हेतु कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार है।
मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1860 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी का गठन किस आवश्यकता एवं अधिनियम से किया गया? क्या इस कंपनी के गठन से नगरीय निकायों की आधिकारिता एवं क्षेत्राधिकार प्रभावित नहीं हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कंपनी का प्रशासनिक सेटअप क्या है? क्या इस कंपनी में निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं विधायक, सांसद की कोई भूमिका निर्धारित है? कंपनी द्वारा नगरीय निकायों के किन विकास कार्यों को अपने यहां से पूरा कराया जाता है? क्या जिन नगरीय निकायों के विकास कार्य/संधारण कार्य/नवीनीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्य कंपनी द्वारा कराए जाते हैं उन्हें कराने के लिए संबंधित निकाय से सहमति प्राप्त की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पिछले तीन वर्षों में कंपनी द्वारा कुल कितने कार्य विभिन्न निकायों में कंपनी मुख्यालय के माध्यम से कराए गए? निकायवार जानकारी दें। कंपनी द्वारा कराए जा रहे कुल कितने कार्य प्रगतिरत हैं? कंपनी द्वारा निमार्ण/विकास कार्यों के लिए कितना स्टाफ वर्तमान में कार्यरत है? स्टॉफ के पदनाम सहित जानकारी दें। कुल कितने कार्मिकों के पद रिक्त हैं तथा कंपनी का स्वीकृत स्टाफ पैटर्न क्या है? ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के गठन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कंपनी के गठन से नगरीय निकायों की अधिकारिता एवं क्षेत्राधिकारिता प्रभावित नहीं हुई है, बल्कि कंपनी द्वारा नगरीय निकायों में शहरी अधोसंरचना के निष्पादन हेतु वित्तीय मध्यस्थ के रूप में कार्य किया जाता है एवं बैंकों के साथ-साथ बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय वित्त पोषित एजेंसियो तथा अंतर्राष्ट्रीय विकास साझेदारी के माध्यम से म.प्र. शासन एवं नगरीय निकायों की परियोजनाओं की पहचान/डिजाईन/निर्माण किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कंपनी का प्रशासनिक सेटअप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। कंपनी द्वारा नगरीय निकायों की पेयजल, मलजल परियोजना एवं मिनी स्मार्ट सिटी के कार्यों को कराया जा रहा है। जी हाँ, उपरोक्त कार्यों को कराये जाने के पूर्व संबंधित नगरीय निकाय से सहमति ली जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में कंपनी द्वारा 155 कार्य विभिन्न निकायों में कराये जा रहे है। संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। कंपनी में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
निजी आयुष महाविद्यालयों में अवैध छात्रों को प्रवेश
[आयुष]
128. ( क्र. 1866 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के निजी आयुष महाविद्यालयों में अवैध छात्रों को प्रवेश दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो अवैध प्रवेश देने वाले अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या आयुष महाविद्यालयों में NEET (नीट) के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधे प्रवेश देने के लिये संचालनालय के किस अधिकारी द्वारा अनुमोदन दिया गया था? (घ) क्या जांच में यह पाया गया था कि लगभग 550 छात्रों को अवैध प्रवेश दिया गया था? यदि हाँ, तो अवैध प्रवेश देने वाले कक्ष अधिकारी और सत्यापन समिति के अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या सत्यापन अधिकारी संचालनालय में ही पदस्थ हैं? इससे जांच प्रभावित हो सकती है? यदि हाँ, तो निष्पक्ष जांच हेतु क्या इन्हें संचालनालय से अन्यत्र पदस्थ कर जांच की जायेगी? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में कुछ निजी आयुष महाविद्यालयों में कुछ संख्या में छात्रों का प्रवेश नियमों के अनुरूप नहीं होना पाया गया है। (ख) नियमानुसार कार्यवाही कर संबंधित अधिकारी को निलंबित किया गया है एवं शेष को आरोप पत्र एवं कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) शिक्षण सत्र 2017-18 से आयुष महाविद्यालयों में नीट परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। कोई नहीं। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार। उत्तरांश (ख) अनुसार। (ड.) सभी सत्यापन अधिकारी संचालनालय में पदस्थ नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों के सीमावृद्धि
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1869 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश नगरीय प्रशासन एवं आवास पर्यावरण विभाग द्वारा नगरीय निकायों के सीमावृद्धि के लिए क्या प्रावधान किये गये हैं? दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या नगरपालिका परिषद मण्डला द्वारा पत्र क्र. 1013 दिनांक 4/11/2020 के माध्यम से निकाय के सीमावृद्धि हेतु प्रस्ताव नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? क्या कारण है? (ग) उक्त प्रकरण पर प्रशासन स्तर से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? संबंधित प्रकरण पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय निकायों के सीमावृद्धि के प्रावधान संबंधी नियम, दिशा-निर्देशों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर जिला मण्डला का पत्र क्रमांक/श.वि.अभि./2020/1012 मंडला, दिनांक 04.11.2020 द्वारा नगरपालिका परिसीमन के संबंध में आपत्तियों की सुनवाई उपरांत प्रस्ताव संचालनालय को प्रेषित किया गया था। जो शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। नगरपालिका परिषद मंडला के सीमावृद्धि के संबंध में प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में पृथक से प्राप्त नहीं होने के कारण कलेक्टर मंडला से सीमावृद्धि का प्रस्ताव चाहा गया है। कलेक्टर मंडला से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) सीमावृद्धि एवं वार्ड परिसीमन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय में नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 1877 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय कसरावद में प्रारंभ वर्ष में क्या-क्या पाठ्यक्रम थे? क्या वर्तमान में नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए? यदि हाँ, तो बताएं, नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु कितने पत्र प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई? (ग) उक्त महाविद्यालय में व्याख्याताओं के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं एवं इनकी पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (घ) उक्त महाविद्यालय विद्यालय में समस्त गतिविधियों हेतु क्या कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? हाँ तो बताएं नहीं तो कारण दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय कसरावद में प्रारंभ से कला संकाय संचालित है। नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) माननीय विधायक की ओर से टीप दिनांक 21/06/2021 तथा पत्र दिनांक 15/02/2020 प्राप्त हुए हैं। स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को सहमति हेतु प्रेषित किया गया है। (ग) महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों के कुल 06 पद स्वीकृत हैं। 06 पदों में से 03 पद रिक्त हैं, जिन पर अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार स्नातक स्तर पर नवीन विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को सहमति हेतु प्रेषित किया गया है। आयुक्त, उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश के आदेश दिनांक 04/02/2022 के तहत महाविद्यालयों को स्ववित्तीय योजना अंतर्गत स्नातक स्तर पर अन्य संकाय प्रारंभ किए जाने की अनुमति जारी की जा चुकी है।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1878 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में जनवरी 2021 से कितनी-कितनी सड़कों के कितने-कितने प्रस्ताव कब-कब प्राप्त हुए हैं और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई? (ख) कसरावद से बेड़िया व्हाया पीपलगोन सड़क मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या मार्ग के नवीनीकरण प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित सड़कों में से जनवरी 2021 से कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं कितनी लंबित हैं? उनकी प्रश्न दिनांक में अद्यतन स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नवीनीकरण की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदाय नहीं की जाती। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों/नर्सिग कॉलेजों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 1889 ) श्री राकेश गिरि : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासकीय मान्यता प्राप्त कितने महाविद्यालय/आई.टी.आई./नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं? ऐसे संस्थानो में कौन-कौन से पाठ्यक्रमों में किस-किस विषय/कार्यकलाप की शिक्षा दी जाती है, मान्यता तिथि सहित स्थानवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक संस्थान की प्रबंध समिति के पदाधिकारी व सदस्यों की सूची तथा संस्थान में नियोजनरत स्टॉफ की जन्म तिथि, उच्चतम योग्यता, पद तथा मासिक मानदेय/वेतन सहित सूची उपलब्ध करायें। क्या सभी संस्थाओं में शासकीय नियमों एवं मान्यता के मापदण्डों का पूर्णतः पालन किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या संस्थानों को पूर्णतः या अंशतः शासकीय वित्तीय सहायता दी जा रही है? यदि हाँ, तो विगत पांच वर्षों में किस संस्था को कितनी राशि शासकीय सहायता के रूप में दी गई? ब्यौरा दें एवं प्रत्येक संस्था के विगत पांच वर्षों की सकल आय तथा व्यय का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या संस्थाओं का निरीक्षण/पर्यवेक्षण शासन द्वारा कराया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी का नाम, पदनाम तथा विगत पांच वर्षों में किये गये निरीक्षण प्रतिवेदनों की संस्थावार प्रतियां उपलब्ध कराये? क्या निरीक्षणकर्ता द्वारा किसी संस्था को मान्यता के मापदण्डों के अपालन का दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी संस्था के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में शासकीय मान्यता प्राप्त 04 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इन महाविद्यालयों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आई.टी.आई. एवं नर्सिंग महाविद्यालय विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं आते हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। क्षेत्राधिकार के विश्वविद्यालयों द्वारा संबद्धता प्रदान किए जाने के पूर्व अशासकीय महाविद्यालयों का निरीक्षण कराया जाता है।
बिजली की हाईटेंशन लाईन एवं तारों से होने वाली दुर्घटनाएं
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1896 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले में बिजली की क्षतिग्रस्त हाईटेंशन लाइन एवं तारों के टूटने तथा विद्युत तारों के नीचे लटके होने आदि के कारण लगातार दुर्घटना हो रही है? यदि हां, तो जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक विद्युत संबंधी हादसों में कितनी मृत्य हुई? कितने घायल हुये तथा अन्य कितने प्रकार की जन हानि हुई व कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया? (ख) भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना व हादसे न हो इस क्षेत्र में सरकार द्वारा कोई कदम उठाये जा रहे है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले में क्षतिग्रस्त उच्चदाब/निम्नदाब विद्युत लाईनों के तारों के नीचे लटके होने के कारण कोई विद्युत दुर्घटना घटित नहीं हुई है। अपितु माह जनवरी 2020 से माह जनवरी 2022 तक अन्य तकनीकी कारणों से विद्युत लाईन के तार टूट जाने से मुरैना जिले में 9 विद्युत दुर्घटनायें घटित हुई हैं। उक्त विद्युत दुर्घटनाओं के कारण 21 पशुओं एवं 2 बाहरी व्यक्तियों की मृत्यु हुई है तथा 3 बाहरी व्यक्ति घायल हुए हैं। इनमें से 15 मृत पशुओं के मालिकों को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रचलित आर्थिक अनुदान सहायता राशि संबंधी नियमों के अनुरूप कुल 4.22 लाख रूपये का मुआवजा प्रदान कर दिया गया है। शेष 06 पशुओं से संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट प्राप्त होने पर कंपनी नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुए आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी। 2 नंबर मृत बाहरी व्यक्तियों की भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने पर कंपनी नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। उक्त विद्युत दुर्घटनाओं में घायल हुए 03 बाहरी व्यक्तियों की भी विस्तृत रिपोर्ट व मेडीकल बोर्ड का प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के उपरांत कंपनी नियमानुसार मुआवजा राशि भुगतान संबंधी कार्यवाही की जावेगी। (ख) भविष्य में विद्युत लाईन से इस प्रकार की दुर्घटना व हादसे की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी में प्रचलित सुरक्षा पुस्तिका की कंडिका 5.12 में दिये गये निर्देशों के क्रम में अधिकारियों/कर्मचारियों को विभिन्न शिविरों के माध्यम से ग्रामीणजनों को विभिन्न सुरक्षा हिदायतें दिये जाने हेतु समय-समय पर निर्देश दिये जाते हैं। उक्त सुरक्षा पुस्तिका के संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना का लगातार आवश्यकतानुसार संधारण किया जाता है।
सौर ऊर्जा पंप से लाभान्वित कृषकों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
134. ( क्र. 1938 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने किसानों को सौर ऊर्जा पम्प लगाने के लिए अनुदान राशि दी गई? सोलर योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसान लाभांवित हुये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन से किसानों की श्रेणियां आती हैं? यदि हाँ, तो श्रेणी निर्धारण नियमावली की जानकारी उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल 60 किसानों की कृषि भूमि पर, सौर ऊर्जा पंप स्थापित कर, कुल रूपये 1,55,97,728/- के अनुदान का लाभ दिया गया है। लाभान्वित किसानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के लिए राज्य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं है।
सौभाग्य योजना में लगाये गये मीटर/कनेक्शनों के देयकों का भुगतान
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1942 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत वितरण केन्द्र विजयराघवगढ़ बड़वारा के ग्रामों में सौभाग्य योजना के तहत बिना कनेक्शन वाले घरों का सर्वे किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस गांव में सर्वे उपरांत कितने नवीन कनेक्शनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया? किस-किस ठेकेदार द्वारा कितने-कितने मीटर/कनेक्शन लगाये गये? ग्रामवार, ठेकेदारवार, वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लगाये गये कनेक्शन/मीटर के देयकों का किस-किस ठेकेदार को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? किस ठेकेदार के कितने देयक भुगतान हेतु किस वितरण केन्द्र में लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लंबित देयकों का भुगतान की कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी? दो वर्ष से अधिक समय तक देयकों का भुगतान नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत वितरण केन्द्रों विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा के ग्रामों में सौभाग्य योजना के तहत बिना कनेक्शन वाले घरों का सर्वे किया गया था। सर्वे उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र के वितरण केन्द्रों अंतर्गत ग्रामों में नवीन कनेक्शनों के निर्धारित लक्ष्य एवं लगाये गये मीटर/कनेक्शनों की ग्रामवार, ठेकेदारवार एवं वितरण केन्द्रवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित मीटर/कनेक्शनों से संबंधित कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसियों को किये गये भुगतान से संबंधित राशि एवं भुगतान की दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सौभाग्य योजनांतर्गत भुगतान हेतु वितरण केन्द्रों विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा में ठेकेदार एजेंसियों के लंबित देयकों की संख्या निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सड़क गुणवत्ता की जांच
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 1962 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में इंदौरी चौक माखननगर (बाबई) से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है? उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या इंदौरी चौक माखननगर (बाबई) से नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ साईट शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये हैं? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई? इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 20.04.2017 को निविदा की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। अतः पूर्णता प्रमाण पत्र का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। शोल्डर का प्रावधान है एवं शोल्डर का कार्य प्रगतिरत है। जी हाँ। जी हाँ। जांच दिनांक 08.07.2021 को की गई। जांच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोई दोषी नहीं है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद माखननगर (बाबई) में पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1963 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुहागपुर के अंतर्गत नगर परिषद माखननगर (बाबई) में पेयजल व्यवस्था हेतु मुख्यमंत्री पेयजल योजना कब स्वीकृत हुई है? इसकी क्या लागत थी? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कार्य में विलंब होने से कौन जिम्मेदार है? दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य नगर पंचायत को हस्तांतरित नहीं किया गया है और उद्घाटन के समय बिजली का कनेक्शन लिया गया था जिसका प्रतिमाह 50000/-रू. का विद्युत विभाग द्वारा हर माह बिजली का बिल दिया जाता है? वर्तमान में विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) नगर परिषद बाबई में स्वीकृत मुख्यमंत्री पेयजल योजना ठेकेदार द्वारा कब तक हस्तांतरित कर चालू कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद बाबई में पेयजल व्यवस्था हेतु मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना दिनांक 13.03.2012 को स्वीकृत हुई एवं इसकी लागत राशि रू. 951.62 लाख है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जलप्रदाय योजना क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र विलंब से प्राप्त होने तथा डब्ल्यू.टी.पी. निर्माण कार्य के लिए भूमि उपलब्ध न होने के कारण भी योजना को पूर्ण करने में विलंब हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, योजना का हस्तांतरण दिनांक 10.09.2016 को नगर परिषद को किया गया है। यह सही है कि योजना के लोकार्पण के समय बिजली का कनेक्शन लिया गया था, जिसके लिए विद्युत विभाग द्वारा राशि रू. 50,000/- बिजली का बिल निकाय को दिया जाता है। बिजली विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन काटे जाने पर निकाय द्वारा विद्युत वितरण कंपनी की अपेक्षित पूर्तियॉं कर विद्युत कनेक्शन पुन: चालू करवा लिया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1988 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर नगर निगम सीमा क्षेत्र में एवं विदिशा जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में कौन-कौन सी सड़के किस-किस विभाग के अधीन हैं? 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक उक्त सड़कों का निर्माण किस-किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किया गया है? वर्षवार, निकायवार, वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सड़कों के निर्माण का भुगतान किस-किस फर्म या ठेकेदार को कब-कब किया? वर्षवार, निकायवार दिनांक एवं राशि सहित बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच किस एजेन्सी द्वारा कराई गई? गुणवत्ता व टेस्टिंग रिपोर्ट की छायाप्रति वर्षवार, निकायवार, निर्माण कार्य अनुसार उपलब्ध करावें। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भी भोपाल शहर की सड़कों को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की गई थी। इस संबंध में क्या विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण की जांच कराई गई थी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा एवं जांच में क्या-कया कमियां पाई गई? दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। दोषी अधिकारी एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी तथा उक्त जांचों में से कितनी जांचे अपूर्ण एवं लंबित हैं? लंबित जांचों की जानकारी प्रदान करावें। यह जांच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग को गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की एवं अन्य अनियमितताओं की कब-कब, किस-किस निर्माण कार्य की शिकायतें प्राप्त हुई? निकायवार, वार्डवार शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इन शिकायतों के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाहियां की गई तथा जांच कराई गई तथा कितनी जांच लंबित तथा अपूर्ण है एवं कितनी शिकायतों के विरूद्ध जांच पूरी की जाकर निष्कर्ष प्राप्त हुए है? निष्कर्ष में अधिकारी/कर्मचारी क्या दोषी पाये गये? निष्कर्षों में उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाहियां हुई? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं कार्यवाही की जानकारी निकायवार, वार्डवार उपलब्ध करावें तथा कृत कार्यवाही की छायाप्रति भी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के भुगतान की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 1989 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की नगरपालिकाएं एवं नगर परिषद् में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रारंभ से प्रश्नतिथि दिनांक तक कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं? उनमें से कितने पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण हैं तथा कितने आवासों का कार्य अप्रारंभ है? हितग्राहियों के नाम सहित निकायवार, वार्डवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राहियों का प्रथम किश्त का भुगतान कर दिया गया है? कितने हितग्राहियों की द्वितीय किश्त भुगतान कर दिया गया है तथा कितने हितग्राहियों का तृतीय या अंतिम किश्त का भुगतान कर दिया गया है? हितग्राही का नाम, पिता का नाम, पता सहित निकायवार, वर्षवार, वार्डवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। क्या हितग्राही द्वारा प्रधानमंत्री आवास निर्माण करने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई तथा हितग्राहियों को शेष किश्तों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने पात्र हितग्राही स्वयं की भूमि न होने के कारण अपात्र किये गये हैं? भूमिहीन हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए विभाग की क्या कार्ययोजना, नियम एवं निर्देश हैं? भूमिहीनों को कब तक शासकीय पट्टा देकर आवास उपलब्ध करा दिये जावेंगे? पट्टा उपलब्ध कराने के नियम निर्देश आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में कितने हितग्राहियों को शासकीय पट्टा उपलब्ध करवाया गया है? निकायवार, वार्डवार, हितग्राही के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि शासन के नियमानुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भूमिहीनों को योजनानुसार पट्टे उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन से विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण उत्तरदायी एवं दोषी हैं? यदि दोषी हैं तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कार्यवाही कब तक की कर दी जावेगी? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पदनाम, विभाग, पदस्थी एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। योजना के दिशा-निर्देश अनुसार हितग्राहियों की जिओटैगिंग, कार्य की प्रगति और भारत सरकार से प्राप्त राशि से प्रथम, द्वितीय किश्त तथा आवास पूर्ण होने पर तृतीय किश्त मुक्त की जाती है। उक्त प्रकाश में शेषांश निरंक है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) स्वयं की भूमि न होने के कारण तथा 115 आवेदक अपात्र किये गये है। आवास उपलब्ध कराने संबंधी नियम/दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। भूमिहीन हितग्राहियों को शासकीय पट्टा प्रदान किये जाने के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है। शासकीय भूमि पर पट्टे के संबंध में उत्तरांश (ग) में जानकारी दी गई है। उक्त प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नागदा जंक्शन स्थित वारको सिटी में अनियमितता पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1992 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जंक्शन जिला उज्जैन स्थित वारको सिटी (पूर्व में महावीर नगर) द्वारा अवैधानिक कार्य मामले में एडीएम द्वारा गठित पांच सदस्यीय दल की जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें। इसके स्वीकृत नक्शा की कॉपी भी देवें। (ख) जिन अधिकारियों के कार्यकाल में ये अवैध निर्माण होते रहे उनके नाम, पदनाम सहित देवें। विगत 7 वर्षों में बने कितने मकानों के नामांतरण हुए उसकी सूची नाम, भूखंड नंबर, रकबा सहित देवें। विक्रय हुए भूखंड की जानकारी भी क्रेता नाम, भूखंड नंबर, रकबा सहित देवें। (ग) क्या कारण है कि विभाग द्वारा इसके कालोनाइजर्स पर अभी तक प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है? स्थानीय अधिकारियों की सांठ-गांठ से कालोनाइजर्स को कब तक बचाया जाएगा? इनके द्वारा आरक्षित प्लाटो की सूची भी भूखंड नंबर, रकबा सहित देवें। (घ) इन आरक्षित प्लाटों में से कितने आरक्षित व कमजोर वर्ग को विक्रय किए जा चुके हैं? क्रेता नाम, भूखंड नंबर, रकबा सहित देवें। यदि अन्य को विक्रय किए हैं तो उसकी जानकारी भी इसी अनुसार देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ए.डी.एम. द्वारा नहीं, अपितु एस.डी.एम. नागदा द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है- आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) अधिकारियों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। नामांतरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। विक्रय भूखण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''य'' अनुसार है। (ग) कॉलोनी में किये गए बिना स्वीकृति के अवैध निर्माण को हटाने हेतु निकाय के पत्र क्र. 4346 दिनांक 04.07.2017 एवं पत्र क्र. 5369 दिनांक 17.08.2017 से कॉलोनाइजर को सूचना जारी की गई है। की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''र'' एवं ''ल'' अनुसार है। जाँच दल का गठन किया गया है, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। आरक्षित प्लाट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''व'' एवं ''श'' अनुसार है। (घ) कॉलोनाइजर्स द्वारा कमजोर वर्ग हेतु 2413 वर्ग मी. भूमि आरक्षित की गई है। भूमि को प्लाट में विभाजित नहीं किया गया है और न ही विक्रय किया गया है। निम्न आय वर्ग हेतु आरक्षित 59 भूखण्डों में से 08 भूखण्डों का विक्रय किया गया है। की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''व'' एवं ''श'' अनुसार है। अन्य कोई प्लाट विक्रय नहीं किये गये है।
ग्रेसिम इंडस्ट्रीज नागदा जंक्शन में हुए गैस रिसाव पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
141. ( क्र. 1993 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2022 में नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में हुए गैस रिसाव में विभाग ने अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है? इसके लिए बनाई कमेटी ने कब-कब बैठकें ली? उनमें क्या-क्या कार्यवाही हुई, की बैठकवार जानकारी देवें। ग्रेसिम इंडस्ट्रीय नागदा जं. के संबंध में बतावें। (ख) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी उज्जैन श्री हरीश तिवारी द्वारा प्रकरण को दबाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है, जबकि इस गैस रिसाव से हजारों लोगों को सांस लेने में तकलीफ व अन्य बीमारियां हो गई हैं? कंपनी प्रबंधन से इनकी सांठ-गांठ से कंपनी पर अब तक दर्ज प्रकरण में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, क्यों? (ग) दि. 01-01-2019 से 10-02-2022 से नागदा जंक्शन में एस.पी.एम. एवं आर.एस.पी.एम. की मात्रा माहवार बतावें। क्या कारण है, कि मात्रा सीमा से अधिक होने पर भी श्री हरीश तिवारी द्वारा ग्रेसिम इंडस्ट्रीज पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) इसके लिए कंपनी प्रबंधन व उपरोक्त विभागीय अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही कर गिरफ्तारी सुनिश्चित कराएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जनवरी, 2022 में नागदा में हुए गैस रिसाव की घटना का संबंध औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से संबंधित है। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा द्वारा मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. के विरूद्ध कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत धारा-87 सहपठित नियम, 107 के अंतर्गत शूड्यूल पार्ट के बिंदु 1, धारा 73 एवं धारा 73-ई में न्यायालयीन वाद दायर किया गया है। जिला कलेक्टर, उज्जैन द्वारा गठित कमेटी का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) गैस रिसावा से रहवासी क्षेत्र के प्रभावित 21 लोगों की जांच एवं पचार शासकीय अस्पताल में किया गया, परंतु किसी रहवासी के अस्पताल में भरती होने की जानकारी नहीं है। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। वायु प्रदूषक निर्धारित मानकों के भीतर पाये जाने से इकाई पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1998 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना का गाड़ी अड्डा कितने वर्षों से पुराना बस स्टैण्ड में परिवहन विभाग की जमीन पर किसकी अनुमति से संचालित किया गया है? उस जमीन पर निगम द्वारा विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि से किसकी अनुमति द्वारा किये गए? कार्यवार, व्यय राशि बताएं। (ख) क्या पुराना बस स्टैण्ड की जमीन पर निर्माण कार्य करने के लिए परिवहन विभाग से अनुमति नहीं ली गई? यदि हाँ, तो बिना अनुमति निर्माण कार्य क्यों कराए गए? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पुराने बस स्टैण्ड की अपनी जमीन परिवहन विभाग ने 68.00 करोड़ में नीलाम कर दी है तथा नगर निगम द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों को तोड़ा जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इन निर्माण कार्यों पर व्यय की गई राशि व्यर्थ नहीं गई? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना के द्वारा लगभग 05 वर्षों (वर्ष 2017) से गाडी अड्डा (वर्कशाप) संचालित किया जा रहा है क्योंकि पुराने बस स्टैण्ड को शिफ्ट करने के लिये बैरियर चौराहे के समीप नगर पालिक निगम की मेला ग्राउण्ड की भूमि पर नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण वर्ष 1996-97 में किया गया था। अत: पुराने बस स्टैण्ड की रिक्त भूमि पर नगर निगम गाडी अड्डा (वर्कशाप) संचालित कर रहा है। मूल अधोसंरचना तत्समय से ही निर्मित है, आवश्यक संधारण कार्य, जलप्रदाय, प्रकाश, विद्युत, शौचालय/मूत्रालय की व्यवस्था हेतु आवश्यकता अनुसार निर्माण कराये गये है। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, नहीं ली गई है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम का परिसमापन होने एवं भूमि का आधिपत्य नगर निगम के पास होने से अनुमति नहीं ली गई है। गाडी अड्डा (वर्कशाप) संचालन के लिये आवश्यक संधारण कार्य तथा मूलभूत सुविधाओं का निर्माण आवश्यक था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पुराने बस स्टैण्ड का लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा निर्वतन किया जा रहा है। निगम द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों पर व्यय की गई राशि की मांग कार्यालयीन पत्र क्रमांक 190 दिनांक 27.10.2021 द्वारा की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
143. ( क्र. 1999 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुरैना (06) में चालू वित्तीय वर्ष में आउटसोर्स एजेन्सी द्वारा प्रदाय किये कार्मिकों की कार्यालयवार एवं संख्यात्मक जानकारी देवें तथा नियुक्ति संबंधी नियम प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में आउटसोर्स कार्मियकों के ई.पी.एफ. खातों में जमा की गई कुल राशि जिसमें कार्मिकों के कुल अंश और नियोक्ता के कुल अंश शामिल हो की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नियुक्त एजेंसियों ने मुरैना वृत्त में कार्य किया उनके विरूद्ध किस-किस के द्वारा वृत्त कार्यालय मुरैना क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर एवं मध्य क्षेत्र कंपनी मुख्यालय में कितनी शिकायतें की गई कि संख्या तथा उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विधानसभा क्षेत्र मुरैना (06) क्षेत्रांतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी द्वारा 367 आउटसोर्स कार्मिक प्रदाय किये गये, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी कार्यालयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों की नियुक्ति/भर्ती नहीं की जाती है। अपितु कंपनी अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वृत्त कार्यालयों द्वारा ऑनलाईन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी को संबंधित क्षेत्रीय/वृत्त कार्यालय की मांग अनुसार निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियम व शर्तों के तहत् वांछित योग्यताधारी आउटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराना होता है। प्रश्नाधीन कार्मिक उपलब्ध कराए जाने हेतु जारी निविदा के संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन आउटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराए जाने हेतु जारी की गई निविदा के नियम एवं शर्तों के भाग 5 (अनुबंध की सामान्य शर्तें) की उप कंडिका 18.14 अनुसार संबंधित सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा, उपलब्ध कराये गये आउटसोर्स कार्मिकों की सूचना पुलिस थाने में दिये जाने का प्रावधान है, जिसका पालन संबंधित एजेंसी द्वारा किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन आउटसोर्स कार्मिकों की कार्य पर ज्वाइनिंग एवं उपस्थिति अनुसार की गई वेतन गणना के आधार पर अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक की अवधि हेतु नियोक्ता का अंश एवं आउटसोर्स कार्मिक का अंश मिलाकर उनके ई.पी.एफ. खातों में जमा की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु चयनित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सी मेसर्स रतन एम्पोरियम के विरूद्ध म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रश्नाधीन कार्यालयों में 12 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनका नियमानुसार निराकरण कर दिया गया है। उक्त शिकायतों की शिकायतकर्ता के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
नगर पालिका सारणी बैतूल में ऑफलाईन कार्यों संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 2002 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद सारणी जिला बैतूल में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक 99 हजार रूपये या इससे कम राशि के कितने ऑफलाईन सामग्री क्रय, निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? कितने टेंडर ऑफलाईन निकाले, कितने निरस्त हुए की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) इसमें चयनित फर्म नाम, अचयनित फर्म नाम की जानकारी निर्माण कार्य नाम, स्थान नाम, स्वीकृति दिनांक, लागत सहित देवें। चयनित फर्म द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति कार्यवार, वर्षवार देवें। क्या कारण है कि कुछ निर्धारित फर्मों को ही बार-बार ये कार्य मिलते रहे इसकी जांच भोपाल स्तर के अधिकारियों से कब तक कराई जाएगी? सामग्री क्रय की भी जानकारी इसी अनुसार देवें। भुगतान के टी.डी.एस. की जानकारी भी साथ में कार्यवार देवें। (ग) दिनांक 01/04/2017 से 10/02/2022 तक सारणी नगर परिषद में जिन ट्रेक्टर ट्राली से कचरा संग्रहण एवं ट्रेक्टर टैंकर से पानी वितरण का कार्य कराया गया उनके ट्रेक्टर नंबर पृथक-पृथक देवें। संबंधितों द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति भी देवें। कचरा संग्रहण के लिए निविदाकार फर्म का वाहन स्वामी अनिवार्य होने के नियम की प्रमाणित प्रति भी देवें। (घ) उपरोक्तानुसार ट्रेक्टर ट्राली के नंबर भी पृथक-पृथक संलग्न करें। नियम विरूद्ध ऑफलाईन कार्य देने वाले उपरोक्त अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यक्ति/फर्म में से न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले निविदाकार को ही नियमानुसार स्वीकृति उपरान्त निकाय द्वारा कार्यादेश दिया जाता है, ऐसे स्थिति में कुछ निर्धारित फर्म को ही बार-बार कार्य मिलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निविदा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता संसूचित न होने से जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सामग्री क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के कॉलम नंबर-02 एवं टी.डी.एस. की जानकारी कॉलम नंबर-10 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। निविदाकार फर्म का वाहन स्वामी होने या न होने संबंधी शर्त स्वीकृतकर्ता सक्षम प्राधिकारी के निर्णय अनुसार निकाय द्वारा जारी निविदा सूचना में रखी जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। निकाय द्वारा मध्यप्रदेश (नगरपालिका लेखा एवं वित्त) नियम 1918 के नियम 85 के तहत कार्यवाही की गई है, इसलिए किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़वानी जिले की फर्मों द्वारा किए कार्यों
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 2003 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माँ गायत्री/गायत्री कंस्ट्रक्शन, यादव कंस्ट्रक्शन, विजय यादव, अजय यादव सभी जुलवानिया जिला बड़वानी द्वारा दि. 01-01-15 से 30-10-18 तक बड़वानी जिले में विभाग के कौन-कौन से कार्य किए गए? कार्य नाम, स्थान, स्वीकृति दिनांक, लागत, कार्य पूर्णता दिनांक कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र, विभाग में रजिस्ट्रेशन नंबर की जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में किए प्रत्येक कार्य के फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों के भुगतान में काटे गए T.D.S. की जानकारी भी साथ में देवें। (ग) प्रत्येक कार्य में प्रयुक्त खनिज विभाग द्वारा जारी अभिवहन पास की छायाप्रतियां कार्यवार, फर्मवार, वर्षवार देवें। प्रत्येक किए कार्य की कोर कटिंग की लेब टेस्टिंग रिपोर्टस की जानकारी कार्यवार देवें। क्या प्रत्येक कार्य का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया था? (घ) जिन कार्यों में लेब टेस्टिंग नहीं कराई गई उसके कारण जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माँ गायत्री/गायत्री कंस्ट्रक्शन, यादव कंस्ट्रक्शन, विजय यादव, अजय यादव सभी जुलवानिया जिला बड़वानी द्वारा दिनांक 01.01.2015 से 30.10.2018 तक कोई भी कार्य लोक निर्माण विभाग (भ/प) बड़वानी संभाग अंतर्गत नहीं किया गया है। परंतु श्री अजय यादव एवं श्री विजय यादव के भागीदारी फर्म में पी.सी यादव जुलवानिया द्वारा उक्त अवधि में कराये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास अंतर्गत मेसर्स पी.सी. यादव, जुलवानिया द्वारा बड़वानी जिले में खरगोन-बड़वानी मार्ग पर बी.टी. रिन्युवल कार्य अनुबंध क्र. 189/2015 दिनांक 02.12.2015 के तहत कार्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार एवं कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड़ की अनियमित अनुमतियां निरस्त
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 2006 ) श्री सुनील सराफ [ श्री हर्ष यादव ] : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1202 दिनांक 26-02-2021 के (घ) उत्तर अनुसर साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड की अनियमित अनुमतियों को निरस्त किए जाने हेतु म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 323 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है, तो विगत 9 माह में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विगत 9 माह में इस संबंध में हुए समस्त आदेश/पत्र व्यवहार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) यदि इस संबंध में इस अवधि में कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इस कृत्य के लिए विभाग इन अधिकारियों पर क्या कदम उठाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (घ) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार ये अनुमतियां निरस्त कर दी जाएगी? यदि नहीं तो इन्हें संरक्षण देने का कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा पत्र क्र./या.प्र./7/2021/6650 दिनांक 01/07/2021 द्वारा राज्य शासन को अनुमतियाँ निरस्त करने का अनुरोध किया गया। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 323 के तहत अनुमति निरस्त करने के पूर्व, संस्था को सुनवाई का अवसर देते हुये दिनांक 10.11.2021 दिनांक 25.11.2021 एवं दिनांक 16.12.2021 को, अपर सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अध्यक्षता में सुनवाई की गई। सुनवाई में साकेत इंटर नेशनल स्कूल अंजड, की सीमा नगरीय क्षेत्र अथवा ग्राम पंचायत क्षेत्र में होने के संबंध में स्थिति स्पष्ट न हो पाने से, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्र. एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 22.12.2021 से कलेक्टर, जिला बड़वानी म.प्र. से इस संबंध में स्पष्टीकरण चाहा गया है। मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्र. एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 17.02.2022 से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग से भी इस संबंध में प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु पत्र लिखा गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, कार्यवाही निरंतर प्रचलित है, कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवगठित नगर परिषदों में कर्मचारियों का संविलियन
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 2007 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत के कर्मचारियों का नगर परिषदों में नियमित अथवा दैनिक वेतन भोगी के रूप में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिला में नगर परिषद पचोर, कुरावर, मंडला जिले में नगर परिषद बिछिया एवं शाजापुर जिले में नगर परिषद पनखेड़ी में कितने ग्राम पंचायत कालीन कर्मचारियों का संविलियन किया गया? संविलियन का आधार क्या था? (ख) कर्मचारी का नाम, पदनाम पंचायत काल में नियुक्ति दिनांक, पता तथा प्राप्त वेतन/मानदेय सहित स्पष्ट विवरण दें। क्या पंचायत के नियमों का पालन किया गया है? क्या संविलियन किये गये कर्मचारी आज भी कार्य कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में नवगठित नगर परिषद पचोर, कुरावर, बिछिया, पनखेड़ी के संविलियन की जांच हेतु शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो अभी तक जांच की कार्यवाही क्यों नहीं की गई एवं दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को शहडोल संभाग की भांति निलंबन की कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले की नगर परिषद, कुरावर में 30, मण्डला जिले की नगर परिषद, बिछिया में 17 एवं शाजापुर जिले की नगर परिषद, पानखेडी में 31 पंचायत कालीन कर्मियों का संविलियन किया गया है। जबकि राजगढ़ जिले की नगर परिषद, पचोर में संविलियन से संबंधित कोई कार्यवाही नहीं की गई। नियम विरूद्ध संविलियन की जांच के आदेश दिये गये हैं। मध्य प्रदेश नगर पालिका सेवा (वेतनमान एवं भत्ता) नियम 1967 के नियम 8 संविलियन का आधार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नियम विरूद्ध संविलियन की जांच के आदेश दिये गये हैं। नगर परिषद कुरावर एवं पानखेडी में संविलित कर्मचारी आज भी कार्य कर रहें हैं। जबकि नगर परिषद, बिछिया के 2 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं एवं 1 कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है तथा 1 कर्मचारी की सेवाएं समाप्त की गई हैं। (ग) जी हाँ। नियम विरूद्ध संविलियन की जांच के आदेश दिये गये हैं। तदनुसार जांच की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आयुष चिकित्सालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
148. ( क्र. 2013 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कहाँ-कहाँ आयुष चिकित्सालय/औषधालय संचालित हैं? प्रत्येक में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु अब तक क्या प्रयास किये गये है? कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित आयुष औषधालयों में किन-किन में पेयजल की व्यवस्था नहीं है? इस हेतु विभाग ने क्या प्रयास किये हैं?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चिकित्सकों के पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है एवं तृतीय श्रेणी के पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से भरने का प्रावधान है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) सभी आयुष औषधालयों में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कनेक्शन विच्छेद/समर्पित करने पर सुरक्षा निधि राशि का वापस नहीं करना
[ऊर्जा]
149. ( क्र. 2017 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी जानकारी कम्प्यूटराईज है? यदि हाँ, तो नवीन विद्युत कनेक्शन लेने पर सुरक्षा निधि जमा करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विद्युत कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं श्रेणी एवं भार के आधार पर कितना शुल्क जमा करना पड़ता हैं, श्रेणीवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) उपरोक्त के संबंध में मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. में कुल कितने उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन हैं? इन विद्युत कनेक्शन के लिये कुल कितनी सुरक्षा निधि जमा राशि हैं? यह राशि प्रदेश के कितने बैंकों में बचत खाते/चालू खाते/एफ.डी. या अन्य किस प्रकार से जमा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या इस राशि पर बैंकों से ब्याज प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में कितना ब्याज प्राप्त हुआ है? (घ) क्या विद्युत मण्डल द्वारा सुरक्षा निधि जमा राशि उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन विच्छेद/समर्पित करने पर वापस की जाती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से नगद/चैक से/बैंक खाते में। यदि नहीं तो सुरक्षा निधि जमा राशि को उपभोक्ताओं को वापस नहीं करना, उनके मौलिक अधिकारों का हनन है? यदि हाँ, तो इस विसंगति के लिये कौन जिम्मेदार है? (ड.) क्या नोटबंदी के बाद से एक तय सीमा से अधिक नगदी लेन-देन पर प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो कितनी नगदी राशि पर यह लागू है? किस आधार पर नियमों के विरूद्ध विभाग द्वारा नगद राशि की वसूली की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी कम्प्यूटराईज्ड है एवं नवीन विद्युत कनेक्शन लेने पर सुरक्षा निधि जमा करना अनिवार्य है। विद्युत कनेक्शन मुख्यत: घरेलू, गैर घरेलू जलप्रदाय, सड़क बत्ती, औद्योगिक, कृषि एवं उच्चदाब श्रेणी अंतर्गत आते हैं। उपभोक्ताओं से श्रेणीवार सुरक्षा निधि की राशि म.प्र. विद्य़ुत नियामक आयोग की अधिसूचना दिनांक 04.09.2009 के तहत जमा कराई जाती है। उक्त अधिसूचना दिनांक 04.09.2009 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत माह जनवरी 2022 की स्थिति में कुल 4896331 उपभोक्ता है। इन विद्युत कनेक्शनों के लिए रू. 122531.85 लाख की सुरक्षा निधि राशि जमा है। उपभोक्ताओं से प्राप्त सुरक्षा निधि की राशि विद्युत उपभोक्ताओं से वसूल किये गये राजस्व में सम्मिलित होती है, इसे पृथक से किसी बैंक खाते में जमा नहीं किया जाता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा निधि की राशि पर प्राप्त ब्याज की पृथक से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हां, संबंधित विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन स्थाई रूप से विच्छेदन पर सुरक्षा निधि को बकाया राशि में समायोजित किया जाता है तथा शेष राशि चैक/आर.टी.जी.एस. के माध्यम से उपभोक्ता को वापिस कर दी जाती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269ST एवं धारा 271DA के द्वारा नगद राशि प्राप्ति हेतु रू. 2.00 लाख की सीमा निर्धारित की गई है। अत: किसी भी एक व्यक्ति से दो लाख या उससे अधिक नगद राशि संग्रहण में स्वीकार नहीं की जाती है। उक्त से संबंधित कंपनी द्वारा जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
राहुल नगर (रिवेरा टाऊन) के हितग्राहियों को आधिपत्य दिलाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 2018 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राहुल नगर (रिवेरा टाऊन) के कोटक महिन्द्रा बैंक भोपाल में खोले गये खाते के खाता चालू करने से प्रश्न दिनांक तक के सभी बैंक स्टेटमेंट की प्रति दें। बचत खाते का क्रमांक एवं प्रश्न दिनांक तक कुल कितना ब्याज प्राप्त हुआ है? बतायें। बचत खाता THE Gazette of Indian "THE REAL ESTATE (REGULATION AND DEVELOPMENT) ACT, 2016 के अनुपालन में खोला गया है? यदि हाँ, तो राजपत्र का हिन्दी अनुवादकर बचत खाता खोलने का उल्लेख कहां पर किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खाते में जमा कुल राशि में से कितनी राशि का परियोजना स्थल पर किस-किस प्रयोजन से कितना-कितना व्यय, किस-किस को किया गया है? परियोजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक की पृथक-पृथक पूरी जानकारी आवश्यक समस्त संलग्न जानकारी, दस्तावेज, विभागीय एकल नस्ती, आदेशों की प्रति, चैक, आरटीजीएस/एनईएफटी/अन्य सहित सुस्पष्ट, पठनीय, पेजींग, पदमुद्रा, पताका सहित दें एवं समस्त डाटा पेनड्राईव में भी उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में परियोजना स्थल के अतिरिक्त कितनी-कितनी राशि का व्यय, किस-किस को, किस-किस प्रयोजन से, कब-कब, किस-किस माध्यम से किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शेष है? कितने प्रतिशत राशि व्यय होने पर भी आवास का निर्माण अधूरा है? लिक्विड डेमेज का अधिकार सुरक्षित रखते हुये प्रोवीजनल समयवृद्धि ठेकेदार को कितनीवार, किसके आदेश से दी गई? ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होना विभाग में किसकी सांठगांठ है? निर्माण नहीं होने पर हितग्राहियों को आर्थिक क्षति के लिये कौन जिम्मेदार है एवं किसी भी सौदे में पूर्ण भुगतान होने पर सौदे की (संपत्ति) नहीं दिये जाने पर हितग्राहियों के क्या अधिकार हैं? उन्हें क्या कार्यवाही करना चाहिये? क्या नगर निगम समय-सीमा में आधिपत्य दिलाने का पत्र हितग्राहियों को देगा। (घ) उपरोक्त के संबंध में क्या लीज रेंट का नियम समाप्त कर भूमि स्वामित्व का हक देने संबंधी आदेश के कारण नवीन आवंटन पत्र जारी होने के पश्चात रजिस्ट्री की जाना है? यदि हाँ, तो नगर निगम नियम विरूद्ध दिनांक 13.02.2022 को सोसायटी क्यों बना रहा है, जबकि हितग्राहियों को नवीन आवंटन पत्र जारी नहीं हुआ है? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक किस-किस के विरूद्ध की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कोटेक महिन्द्र बैंक भोपाल में खोले गये खाते के बैंक स्टेटमेंट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है। बचत खाते से प्रश्न दिनांक तक कुल रू.1,49,17,232/- ब्याज प्राप्त हुआ है। जी हाँ। बचत खाते का उल्लेख भारत सरकार का राजपत्र भाग-2, खण्ड-1 The Real Estate (Regulation and Development) Act 2016 (नई दिल्ली, शनिवार, मार्च 26, 2016) में पृष्ठ क्रमांक-8 एवं 9 पर किया गया है। राजपत्र का हिन्दी अनुवाद पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" एवं "स" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" एवं "द" अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक रूपये 1,25,80,595/- खाते में शेष है। आवासों का निर्माण पूर्णतः पर है। अनुमानित लागत रू. 42.75 करोड़ के विरूद्ध कार्य स्थल पर 32.50 करोड़ रूपये, लगभग 76% व्यय हुआ है। प्रोविजनल समय वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ई" अनुसार है। समस्त कार्य नियमानुसार किये जा रहे है। अतः सांठ-गांठ का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। परियोजना में निर्माण कार्य पूर्णतः पर है। अतः हितग्राहियों को आर्थिक क्षति का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। पूर्ण भुगतान एवं रेरा में दर्ज अनुसार समय-सीमा 14 जुलाई, 2022 तक कार्यपूर्ण कर लिया जावेगा व लाभार्थियों को पजेशन सौंप दिया जावेगा। लाभार्थियों को स्थाई आवंटन पत्र देने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। (घ) जी हाँ। सोसायटी का गठन नियम/शर्त की कंडिका 18-"आवासीय इकाई के संबंध में प्रकोष्ठ अधिनियम के समस्त प्रावधान लागू होंगे तथा प्रकोष्ठों के रखरखाव हेतु निर्धारित शुल्क आवास कब्जे के पश्चात् देना होगा। रहवासी समिति के गठन होने के उपरांत रहवासी समिति के द्वारा निर्धारित रखरखाव/संधारण शुल्क समिति को देय होगा।" के अनुक्रम में किया जा रहा है। नियम विरूद्ध कोई कार्य नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
राजमार्ग के अंतर्गत टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 2029 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.ओटी तथा बीओटी (टोल+ड्यूटी) में क्या अंतर है तथा 200 करोड़ से अधिक लागत वाली 9 बीओटी (राज्य राजमार्ग) के अंतर्गत निर्मित सड़कों का नाम, टोल प्रारम्भ की दिनांक, टोल वसूली की अवधि, टोल की अंतिम दिनांक, लागत तथा 31 जनवरी, 2022 तक वसूली गई कुल राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर अनुबंध केन्द्र सरकार द्वारा जारी माडल कन्सेशनर अनुबंध ही किया गया है या कोई अन्य अनुबंध किया गया है तथा प्रत्येक मार्ग तथा प्रत्येक मार्ग पर कन्सेशनर को कितना-कितना ग्रान्ट दिया गया है? क्या यह ग्रान्ट अनुदान है या ऋण है? अनुबंध की एक प्रति देवें, यदि सारे अनुबंध एक ही प्रकार के हो? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर वर्ष 2018 से 2021 तक मार्ग के टोल बूथ अनुसार निकलने वाले वाहन की केटेगरी अनुसार संख्या तथा वसूले गये शुल्क का वर्ष अनुसार, माह अनुसार जानकारी दें। (घ) प्रश्नाधीन मार्ग की फिजिबिलीटी रिपोर्ट (DPR) किस बनाने वाले कंसल्टेंट का नाम तथा भुगतान की गई राशि की सूची देवें तथा बतावें कि कंसल्टेंट द्वारा मार्ग पर बनने वाले बूथ से निकलने वाले वाहन की संख्या से वास्तव में संख्या 25 से 100 प्रतिशत से ज्यादा होने कंसल्टेंट पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या कंसल्टेंट की प्रोजेक्ट कास्ट तथा निकलने वाले वाहन की संख्या टोल अवधि तय की जाती है? यदि हाँ, तो वाहन की संख्या गलत होने पर टोल अवधि सही कैसे होगी तथा यह जनता के साथ धोखाधड़ी नहीं होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बीओटी अनुबंध एक पद्धति है जिसका उपयोग बड़ी परियोजनाओं, आमतौर पर विकसित बुनियादी ढांचा परियोजनाएं के सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से वित्तपोषण के लिए किया जाता है। बीओटी योजना स्थानीय सरकार की परियोजना हेतु एक सार्वजनिक संस्था, निजी फर्म द्वारा निर्माण और संचालन दोनों के लिए प्रारंभिक रियायत को संदर्भित करती है। अनुबंधित समय (रियायत अवधि) के बाद (आम तौर पर दो या तीन दशकों में) परियोजना पर नियंत्रण सार्वजनिक इकाई को वापस कर दिया जाता है वस्तुत: बीओटी (टोल+ड्यूटी) न होकर बीओटी (टोल+एन्युटी) शब्द है जो कि बीओटी अनुबंध का एक रूपांतर होता है। यातायात कम होने के कारण निवेश की वसूली टोल राजस्व से किया जाना संभव न होने की दशा में परियोजनाओं को बीओटी (टोल+एन्युटी) के आधार पर विकास हेतु लिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के अनुबंध तत्समय केंद्र सरकार द्वारा जारी मॉडल कंसेशन अनुबंधानुसार ही किये गये है। मात्र बैतूल सारणी परासिया मार्ग का अनुबंध बीओटी (टोल+एन्युटी) पद्धति अनुसार किये गये है। ग्रांट प्राधिकरण निविदा में निर्धारित राशि के बराबर एक मुस्त अनुदान होता है। तत्समय केंद्र सरकार के मॉडल कंसेशन अनुबंध अनुसार किये गये अनुबंधों की प्रति तथा बीओटी (टोल+एन्युटी) पद्धति का अनुबंध, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ड.) जी हाँ। कंसल्टेंट द्वारा मात्र फिजिबिलिटी रिपोर्ट में संभाव्यता बताई जाती है, उक्त आधार पर शासन द्वारा कंसेशन अवधि की स्वीकृति प्रदाय करने के पश्चात पारदर्शी खुली निविदा आमंत्रित की जाती है, निविदा आमंत्रण किये जाने पर इच्छुक निविदाकार स्वयं मार्ग एवं मार्ग पर उपलब्ध यातायात विषयक गहन परीक्षण करने के उपरांत अपनी वित्तीय निविदा प्रस्तुत करते है।
अमृत सागर तालाब का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 2052 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि केन्द्र सरकार से स्वीकृत अमृत सागर तालाब सौंदर्यीकरण योजना के विभिन्न आयामों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट कब तक तैयार होगी और उनके टेंडर लगाकर कब तक कार्य शुरू होंगे और कब पूरे कर लिये जायेगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : केन्द्र सरकार से स्वीकृत अमृत सागर तालाब सौंदर्यीकरण योजना के विभिन्न आयामों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट नगर निगम रतलाम द्वारा तैयार कर ली गई है तथा ई-निविदा दिनांक 28.02.2022 को जारी की गई है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् नगर निगम रतलाम द्वारा नियमानुसार कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत विभाग द्वारा की जा रही अनियमितताएं
[ऊर्जा]
153. ( क्र. 2056 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा ऊर्जा विभाग में प्रेषित पत्र क्रमांक 689 दिनांक 22-12-19 पर क्या कार्यवाही हुई? क्या SE Chhatarapur द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये पत्र क्रमांक 6043 दिनांक 13/03/20 में 132 के.व्ही. उपकेंद्र बनाये जाने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो पत्र क्रमांक 6043 दिनांक 13/03/20 पर तब से आज तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) छतरपुर वृत्त अंतर्गत टेंडर क्रमांक 16820 के लिये सम्मिलित बिडर से कुल कितनी बैंक गारंटी जमा कराई गई? क्या जमा बैंक गारंटी टेंडर मूल्य के 25 प्रतिशत के लगभग है? मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार बैंक गारंटी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये तो टेंडर क्रमांक 16820 के लिये बैंक गारंटी 25 प्रतिशत किस नियम से जमा कराई गई? क्या बैंक गारंटी 10 प्रतिशत ज्यादा जमा कराना मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी नियमों का उल्लंघन नहीं है? (ग) छतरपुर वृत्त अंतर्गत टेंडर क्रमांक 153216 के लिये कुल सम्मलित बिडर को सहमति हेतु पत्र जारी किये गये थे? उनको कितने मूल्य का कार्य दिया गया? यदि कार्य नहीं दिया गया तो क्यों? क्या सभी बिडर को कार्य न देना टेंडर की शर्तों का उल्लंघन नहीं है? क्या टेंडर में एक बिडर की कार्य देने की शर्त है? यदि नहीं तो वरिष्ठ कार्यालय से लिखित मार्गदर्शन लिया गया था? यदि नहीं तो क्यों? ठेकेदारों के अधिकारों का हनन किस नियम से किया गया? (घ) क्या मध्यप्रदेश पू.क्षे. वि.वि. कंपनी लिमिटेड जबलपुर अंतर्गत वरिष्ठ सहायक अभियंताओं को दर किनार कर नीचे वालों को कार्यपालन अभियंता का चालू प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो वरिष्ठता में शेष रह गये सहायक अभियंताओं को कार्यपालन अभियंता का चालू प्रभार कब तक दिया जायेगा? छतरपुर वृत्त में कुल कितने वरिष्ठ सहायक अभियंता कार्यरत हैं जिनको कार्यपालक अभियंता का प्रभार कब तक दिया जा सकता है नाम बतावें? (ड.) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड जबलपुर में रजिस्टर्ड अ श्रेणी ठेकेदारों को टेंडर उपरांत बैंक गारंटी जमा करने से छूट प्राप्त है? यदि हाँ, तो छतरपुर वृत्त अंतर्गत जारी टेंडरों में बैंक गारंटी क्यों जमा कराई जा रही है? यदि नहीं तो टेंडर के कार्य मूल्य पर कुल कितनी बैंक गारंटी जमा किये जाने का प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 689 दिनांक 22.12.2019 में चाहे गये कार्यों का तकनीकी परीक्षण कराया गया। तकनीकी परीक्षण से संबंधित की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ अनुसार है। जी हाँ, अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) वृत्त छतरपुर द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 689 दिनांक 22.12.2019 के तारतम्य में पत्र क्रमांक 6043 दिनांक 13.03.2020 से 132 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र गढ़ीमलहरा बनाये जाने बावत लेख किया गया था। उक्त विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की आवश्यकता का तकनीकी परीक्षण किया गया, जिसमें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार यह कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। (ख) अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) वृत्त छतरपुर द्वारा टेंडर क्रमांक 168320 में शामिल बिडरों से ई.एम.डी. के रूप में बैक गारंटी नहीं ली गई। अपितु अ-श्रेणी के ठेकेदारों द्वारा पंजीकरण के दौरान जमा किये गये एक लाख रूपये को ही ई.एम.डी. मानते हुए निविदा जमा कराई गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) छतरपुर वृत्त अंतर्गत टेंडर क्रमांक 153216 एक-1 सबस्टेशन निर्माण के लिये था। कंपनी द्वारा जारी बिड के अनुसार केवल न्यूनतम मूल्य वाले निविदाकर्ता को सब-स्टेशन निर्माण हेतु इम्पैनल्ड करना चाहिये था, किंतु अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) वृत्त छतरपुर द्वारा गलत निविदा जारी करके कुल चार निविदाकर्ताओं को सहमति जारी की गई। उपरोक्त निविदा में केवल एल-1 निविदाकर्ता (रू. 898329+161699 अतिरिक्त) को सब-स्टेशन का कार्य दिया गया, चूंकि कंपनी द्वारा जारी बिड के अनुसार सब-स्टेशन निर्माण कार्य में केवल एल-1 निविदाकर्ता को ठेका देने का प्रावधान है। कंपनी द्वारा जारी बिड में सभी बिडरों को कार्य न देना टेण्डर शर्तों का उल्लंघन नहीं हैं, किंतु अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) वृत्त द्वारा गलत निविदा जारी की गई। इसके लिये अधीक्षण अभियंता (सं./सं.) द्वारा वरिष्ठ कार्यालय से लिखित मार्ग दर्शन भी नहीं लिया गया था जिस हेतु प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। जांच उपरांत प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। (घ) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में अधिकारियों की कमी के कारण प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत सहायक अभियंताओं को कार्यपालन अभियंताओं का प्रभार समय-समय पर सौंपा गया है। वर्तमान में कार्यपालन अभियंता का प्रभार सौंपने हेतु वरिष्ठता एवं पात्रतानुसार कोई भी वरिष्ठ सहायक अभियंता शेष नहीं हैं। छतरपुर वृत्त में कुल 02 सहायक अभियंता सर्वश्री शैलेष श्रीवास्तव एवं श्री गुनेन्द्र कुमार चंद्रात्रे कार्यरत है। श्री शैलेष श्रीवास्तव, वरिष्ठ सहायक अभियंता को वरिष्ठता एवं पात्रता अनुसार कार्यपालन अभियंता का चालू प्रभार सौंपा जा चुका है। वर्तमान में दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में जारी वरिष्ठता सूची के सरल क्रमांक 52 तक के सहायक अभियंताओं को कार्यपालन अभियंता का चालू प्रभार सौंपा गया है। छतरपुर वृत्त में कार्यरत श्री गुनेन्द्र कुमार चंद्रात्रे का वरिष्ठता क्रमांक 54 है। अत: उन्हें वर्तमान में कार्यपालन अभियंता का चालू प्रभार नहीं सौंपा गया है। (ड.) जी नहीं, निविदाकर्ता के निविदा में सफल हो जाने पर परफार्मेंस गारंटी, बिड की कंडिका-14 के अनुसार जमा कराई जाती है। कंडिका-14 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है।
हरपालपुर की विभागीय योजनाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 2057 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में हरपालपुर बायपास मार्ग की स्वीकृति कब जारी की गई? उक्त बायपास मार्ग निर्माण कब तक किया जावेगा? विलंब के लिये तर्क संगत कारण क्या है? (ख) उक्त निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण हो गई है? कार्यवाही विवरण देवें। (ग) हरपालपुर नगर में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कब तक करवाया जावेगा? अभी तक विभाग द्वारा इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गयी है तथा वर्तमान में उक्त कार्यों की क्या स्थिति है? (घ) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर के कितने निर्माण कार्यों के डी.पी.आर. विभाग को प्राप्त हुए हैं? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक स्वीकृति की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्राप्त नहीं अपितु भू-अर्जन एवं वन भूमि व्यपवर्तन हेतु कार्य वार्षिक कार्य योजना 2021-22 में सम्मिलित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, कार्यवाही विवरण भारत सरकार का राजपत्र दिनांक 30.12.2021 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) हरपालपुर बायपास के निर्माण कार्य की डी.पी.आर. के अंतर्गत प्रस्तावित एक-रेखण पर ही रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य सम्मिलित किया जा कर डी.पी.आर. भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दिनांक 21-08-2019 को प्रेषित की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। स्वीकृति प्राप्त नहीं अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) एक कार्य का डी.पी.आर. प्राप्त। मुख्य अभियंता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल को प्रेषित किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मगरौनी नगर पंचायत की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 2060 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मगरौनी में गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य किये गये? प्रश्नकर्ता द्वारा c.m.o को लिये गये पत्र की आज दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी गई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26.11.21 को पहला पत्र लिखा, दूसरा पत्र 18.1.22 को लिखा, तीसरा पत्र 37/22 दिनांक 29.1.22 को लिखा, चौथा पत्र 31.1.22 को लिखा लेकिन c.m.o. ने आज दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी? (ग) विधानसभा सदस्य को पत्र की जानकारी समय पर न देना क्या ऐसे लापरवाह अधिकारी के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद मगरौनी में गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक निकाय द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किये गये है। निकाय के सी.एम.ओ. द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रश्नकर्ता का कोई भी पत्र सी.एम.ओ. को प्राप्त न होने से जानकारी नहीं दी जा सकी है। (ख) उत्तर (क) के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत भेड़ाघाट की एस.टी.पी. योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 2065 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 833 दिनांक 23.12.2021 के संदर्भ नगर पंचायत भेड़ाघाट सभी पांच क्षेत्रों में निर्माणाधीन एस.टी.पी. में पांचों क्षेत्रों की टोपोग्रापी को कंट्रोल मैप में दर्शाते हुये जिस में कंट्रोल गेप/इंटरल .1 मी. हो दीजिए एवं सभी पांच क्षेत्रों की अलग-अलग सीवर लाइन का डियाजन भी दीजिए? (ख) सभी पांच क्षेत्रों में निर्माणाधीन एस.टी.पी. में लोगों द्वारा निस्तारित किये जा रहे गंदे पानी की मॉनिटिरिंग की क्वालिटी रिपोर्ट एवं स्लज को ड्रयिंग बैड पर रख कर सुखाया जाना है, उसकी डिजाइन भी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त दोनों प्रश्नांश में नियमानुसार अनेक गड़बड़ियाँ पाई गई हैं तो इसकी तकनीकी अधिकारी से जांच कब करवाई जावेगी? (घ) उक्त एस.टी.पी. कब तक पूर्ण होकर संचालित हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सभी 5 क्षेत्रों में निर्माणाधीन एस.टी.पी. की टोपोग्राफी दर्शाते हुये कन्टूर प्लान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 से 5 अनुसार है। सीवर लाइन का डिजाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 से 10 अनुसार है। (ख) सभी 5 क्षेत्रों में गंदे पानी की टेस्ट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-11 से 15 अनुसार है। एसटीपी के प्रकार एवं क्षमता के आधार पर केवल जोन-1 पंचवटी, जिसकी क्षमता 430 के.एल.डी. है, उसमें स्लज़ ड्राइंग बैड निर्मित किये जायेंगे, उसकी डिजाइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-16 अनुसार है। (ग) उपरोक्त दोनो प्रश्नांशों में किसी प्रकार की गडबड़ी नहीं पाई गई है अत: जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एसटीपी का कार्य माह सितम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
आयुर्वेद महाविद्यालय के संबंध में
[आयुष]
157. ( क्र. 2066 ) श्री संजय यादव : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, जबलपुर में वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितने विकास कार्य स्वीकृत हुए? उक्त हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं निर्धारित अवधि क्या तय की गई? क्या निर्धारित अवधि में कार्य हो गए? यदि नहीं तो क्यों? विकास कार्य की किस प्रक्रिया के तहत किन-किन एजेंसियों से कराए गए? क्या विकास कार्यों के करने के लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत विज्ञापन द्वारा टेंडर जारी कर कार्य कराए गए? यदि नहीं तो क्यों? स्वीकृत कार्यों में से कितने संपादित हो चुके हैं और कितने अब भी अधूरे हैं? उक्त संबंध में जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन के परिनियम में ऐसा कोई नियम है जिसमें किसी विभाग में कार्यरत किसी प्रोफेसर के किसी प्रकरण में दोषी सिद्ध हो जाने के बाद उसी शासकीय महाविद्यालय में उसे ही प्रधानाचार्य अधिकारी बना दिया जाए? यदि इस तरह की नियुक्ति हुई है संबंधित प्रोफेसर के साथ किन-किन के खिलाफ पुन: जांच और कार्रवाई की जाएगी? (ग) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, जबलपुर के वर्तमान प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. एल.एल. अहिरवार के उक्त महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के बाद से वर्तमान पदस्थापना तक उनके खिलाफ किसी प्रकार के प्रकरण की जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो कृपया बताएं कि वह किस प्रकरण में दोषी पाए गए हैं? कृपया यह भी जानकारी दें कि दोषी पाए जाने के बाद क्या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की शासन की ओर किसी प्रतिनिधि द्वारा कही गई थी और क्या कार्रवाई हुई? यदि नहीं हुई तो क्यों और किस कारण से नहीं हुई इस संबंध में जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, जबलपुर के वर्तमान में प्रभारी प्रधानाचार्य एल.एल. अहिरवार द्वारा उक्त महाविद्यालय में ही प्रोफेसर रहते हुए यात्रा भाड़ा की राशि में गबन का गंभीर आरोप लगा था? क्या जांच हुई थी जांच के बाद क्या कार्रवाई की गई? क्या उक्त आरोप में वे दोष सिद्ध पाए गए थे? यदि हाँ, तो विस्तार से जानकारी दें। क्या उक्त अधिकारी के खिलाफ शासन के दो प्रमुख मंत्रियों श्रीमती अर्चना चिटनीस जी तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री ने पत्र क्रमांक 251 दिनांक 16.11.2016 एवं माननीय शरद जैन जी राज्य मंत्री मध्यप्रदेश शासन पत्र क्रमांक 2190 दिनांक 16.12.2016 को उक्त प्रकरण में दोषी पाए गए तत्कालीन प्रोफेसर एवं वर्तमान प्रभारी प्राचार्य एल.एल. अहिरवार के विरूद्ध विभागीय मंत्री एवं कमिश्नर महोदय को एफआईआर कराने हेतु पत्र दिया था? क्या उक्त पत्र पर शासन द्वारा उक्त अधिकारी के खिलाफ कोई जांच/कार्रवाई संस्थित की गई थी? यदि नहीं तो दोषी सिद्ध पाए जाने पर किस आधार पर किसके द्वारा उक्त नियुक्ति की गई? क्या उक्त अधिकारी के खिलाफ वर्तमान में कोई जांच, तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जा रही है?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। टेंडर की कार्यवाही संबंधित संस्था द्वारा की जाती है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। किसी प्रकरण में दोषी नहीं पाए गए। जी हाँ, दोषी न होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ, दोषी नहीं पाये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में अनियमितताएं
[ऊर्जा]
158. ( क्र. 2078 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सीएचपी 210 मेगावाट के संचालन कार्य में लगे ठेका श्रमिक जो मध्यप्रदेश के राजपत्र के सरल क्रमांक 33 अनुसार सभी ऑपरेटर्स कुशल हैं जबकि उन्हें अर्धकुशल श्रमिक का भुगतान किया जा रहा है? इसी तरह सीएचपी संभाग के सफाई भाग-1 तथा सफाई भाग-2 के ठेका में भी छेड़-छाड़ कर श्रमिकों की संख्या मांग के अनुरूप कम कर कुशल श्रेणी के श्रमिक को अर्धकुशल कर दिया गया है? क्या पूर्व में उपरोक्त श्रमिक कुशल श्रेणी में रखे गये थे लेकिन ठेकेदार को अपनी मजदूरी की आधी राशि नहीं देने के कारण उन्हें कंपनी के दस्तावेजों में अर्धकुशल श्रमिक कर दिया तथा अब नये ठेका में श्रमिकों की संख्या मांग के अनुरूप कम कर दी है, जबकि पूर्व में कम श्रमिकों से संचालन किया जा सकता था तो अधिक श्रमिकों का ठेका देना क्या अनियमितता की श्रेणी मेंनहीं है? (ख) क्या पुलिस स्टेशन सारणी जिला बैतूल के प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0612/2020 भा.द.सं.1860 की धारा 420 आई.पी.सी. के आरोपी में आरती इंटरप्राइजेज सारणी व अन्य तथा मे. अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारणी व अन्य पर ठेका श्रमिकों से अवैध वसूली, शोषण, बदसलूकी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज होने पर उसे काली सूची में शामिल करने के स्थान पर अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में संचालन संधारण का कार्य दे दिया गया है? मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज सारणी और मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारणी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद प्रकरण की जानकारी को ठेकेदार/कंपनी के प्रतिनिधि श्री रामकृष्ण सोनी के द्वारा जानबूझकर तथ्य छुपाने सहित इन्हें संचालन संधारण का कार्य देने में संलग्न सहायक अभियंता/कार्यपालन अभियंता चालू प्रभार सीएचपी 210 मेगावाट के विरूद्ध षड़यंत्र करने में विभाग द्वारा अपराधिक प्रकरण कब तक दर्ज कराया जायेगा? बिना दस्तावेज जांच के कार्यादेश जारी करने वाले जिम्मेदारों तथा सहायक अभियंता/कार्यपालन अभियंता चालू प्रभार सीएचपी 210 मेगावाट की भूमिका की जांच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई के सीएचपी 210 मेगावाट के संचालन कार्य में लगे सभी ठेका श्रमिक कुशल नहीं है, अपितु कार्य आदेश अनुसार 09 कुशल एवं 33 अर्धकुशल श्रमिक नियोजित हैं। नियोजित श्रमिकों को श्रेणी अनुसार तय की गई न्यूनतम राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। जी नहीं, सीएचपी संभाग के सफाई भाग'-1 तथा सफाई भाग'-2 के विभिन्न कार्यों को संयुक्त कर नवीन निविदा जारी की गई है, जिसमें समान कार्यों को संयुक्त कर श्रमिकों की संख्या का निर्धारण कार्य की आवश्यकता के अनुसार युक्तिसंगत किया गया है। पूर्व में सफाई ठेकों को विभिन्न हिस्सों में दिया जाता था जिन्हें नवीन निविदा में संयुक्त करने से श्रमिकों की संख्या पुनरीक्षित हुई है इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। (ख) ठेका श्रमिकों को कम वेतन दिए जाने के कारण मेसर्स आरती इंटरप्राईजेज सारणी, मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारणी तथा मेसर्स सुभाष प्रसाद कांट्रेक्टर सारनी के विरूद्ध दिनांक 01.12.2020 को थाना सारनी में अपराध क्रमांक 0612/2020 धारा 420 भारतीय दंड विधान के तहत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई। विवेचना के दौरान उक्त फर्मों के कार्मिकों द्वारा वचन पत्र प्रस्तुत कर लेख किया गया कि फर्म के विरूद्ध कोई भी शिकायत उनके द्वारा नहीं की गई है एवं संबंधित ठेकेदार द्वारा पूरा भुगतान किया गया। उक्त तारतम्य में थाना प्रभारी, थाना सारनी जिला बैतूल द्वारा अपने पत्र दिनांक 20.12.2021 द्वारा अद्यतन जानकारी प्रेषित की गई थी जिसके अनुसार विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण प्रकरण में खात्मा क्रमांक 01/2021 दिनांक 25 जुलाई 2021 को तैयार कर माननीय सीजीएम न्यायालय बैतूल को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय सीजीएम न्यायालय बैतूल में विचाराधीन है। प्रकरण विचाराधीन होने के कारण म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा उक्त फर्मों को काली सूची में नहीं डाला गया है। तदनुसार मेसर्स आरती इंटरप्राईजेस सारणी, मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारणी को अमरकंटक ताप विद्युत गृह में दिए गए कार्यादेशों में कोई भी षड़यंत्र नहीं है अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
पुल निर्माण एवं एम.डी.आर. मार्ग घोषित किये जाना
[लोक निर्माण]
159. ( क्र. 2084 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लहार जिला भिण्ड के अंतर्गत अजनार-मंगरौल मार्ग पर नारदेश्वर मंदिर मड़ोरी के समीप सिंध नदी पर पुल (ब्रिज) निर्माण कार्य को प्रथम अनुपूरक अनुमान बजट 2019-20 में सम्मिलित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पुल की कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदान की गई एवं कार्य प्रारंभ किए जाने हेतु कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई तथा किन-किन निविदाकारों ने निविदाएं प्रस्तुत की गई एवं किस फर्म/ठेकेदार की निविदा किस दर पर स्वीकृत की गई? (ग) क्या उक्त कार्य हेतु अनेक बार निविदाएं आमंत्रित किए जाने के उपरांत भी अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2021 में लहार क्षेत्र के किन-किन मार्गों को जिला मुख्य मार्ग घोषित किए जाने हेतु प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग (उत्तर परिक्षेत्र) ग्वालियर एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण संभाग भिण्ड को प्रस्ताव दिए गए थे? (ड.) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन मार्गों को जिला मुख्य मार्ग घोषित किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ड.) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
160. ( क्र. 2085 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विधान सभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत कहां-कहां शासकीय आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सालय/औषधालय हैं एवं उनमें कितने भवन विहीन हैं और उन्हें भवन कब तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे? (ख) प्रदेश में आयुर्वेद/होम्योपैथिक के कितने पद स्वीकृत है एवं 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ग) जिला आयुष अधिकारी भिण्ड का पद कब से रिक्त है? क्या यह जिला आयुष अधिकारी का पद लम्बे समय से रिक्त होने से भारतीय-देशी चिकित्सा पद्धति का लाभ जिले के निवासियों को नहीं मिल पा रहा है? (घ) लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सालय/ औषधालयों में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद किन-किन कारणों से कब-कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ड.) लहार विधान सभा क्षेत्र के आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सालय/औषधालयों को 01 जुलाई, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि की दवाएं प्रदाय की गई? प्रदाय की गई दवाईयों का माहवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) पदोन्नति पर प्रतिबंध होने से जिला आयुष अधिकारी का प्रभार दिया जा चुका है, पद रिक्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) औषधालयों के रिक्त पदों पर कार्य व्यवस्था की दृष्टि से ड्यूटी लगाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
विद्युत उत्पादन कम होने से उत्पन्न स्थिति
[ऊर्जा]
161. ( क्र. 2087 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में लगभग 4 प्रतिशत पी.यू.एफ. से कम विद्युत उत्पादन हुआ? वर्ष 2021-22 में अप्रैल से प्रश्न दिनांक तक विद्युत पी.एल.एफ./पी.यू.एफ. विगत वर्ष 2002-03 से 33 प्रतिशत कम है। इस वर्ष 33 प्रतिशत कम एवं वर्ष 2019-20 की तुलना में 4 प्रतिशत कम कुल 37 प्रतिशत कम रहा, जबकि प्रदेश की कुल क्षमता 5500 मेगावाट है। यदि 1 प्रतिशत कम विद्युत उत्पादन होता है, तब 481 मिलियन यूनिट अथवा 48.1 करोड़ यूनिट होता है, इस प्रकार 1779.7 करोड़ यूनिट कम विद्युत उत्पान तीन रूपये की दर से कुल रू.5337 करोड़ यूनिट कम बिजली पैदा की गई? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2002-03 में 73.17 प्रतिशत पी.एल.एफ./पी.यू.एफ. था एवं वर्तमान वर्ष में 40 प्रतिशत से भी कम है। वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 अप्रैल से प्रश्न दिनांक तक सभी विद्युत गृहों का इकाईवार, माहवार उत्पादन मिलियन यूनिट एवं पी.एल.एफ/ पी.यू.एफ. में बतायें? (ग) क्या वर्तमान में म.प्र.पा.ज.क.लि. में गैर तकनीकी एम.डी. होने के कारण कम उत्पादन हो रहा है? यदि नहीं तो कम उत्पादन के क्या कारण है? क्या पूर्ण तकनीकी एम.डी. की पदस्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में लगभग 3.1 प्रतिशत पी.यू.एफ. कम रहा। वर्ष 2002-03 में राज्य में विद्युत की कुल उपलब्ध क्षमता 4673 मेगावाट थी जो कि 31.03.2021 को बढ़कर 21422 मेगावाट हो गई। अत: वर्ष 2002-03 में विद्युत की मांग अधिक और उपलब्धता कम होने के कारण तत्समय विद्युत इकाइयों से अधिक से अधिक उत्पादन किया जाता था। वर्तमान में विद्युत की उपलब्धता मांग से अधिक होने के कारण इकाईयों को ''मेरिट ऑर्डर डिस्पेच'' के आधार पर चलाया जाता है, जिससे पी.एल.एफ. में कमी आई है। अत: वर्ष 2002-03 से वर्तमान वर्ष के पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. की तुलना उचित नहीं है, प्रश्न में प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन की गणना 5500 मे.वा. क्षमता पर की गई है, जबकि वर्तमान में म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की संचालित क्षमता 4570 मेगावाट, (सेवानिवृत्ति हेतु प्रस्तावित सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की 830 मे.वा. क्षमता की उम्रदराज एवं बंद की गई इकाईयों को छोड़कर) है। जी नहीं, वर्ष 2021-22 में माह जनवरी तक म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों द्वारा कुल 16465 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया है, जबकि वर्ष 2002-03 में माह जनवरी तक कुल विद्युत उत्पादन में मध्यप्रदेश का अंश 11363.75 मिलियन यूनिट था। इस प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष (माह जनवरी तक) में 5101 मिलियन यूनिट अधिक विद्युत उत्पादन किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, वर्ष 2002-03 में 73.14% पी.एल.एफ./पी.यू.एफ. था एवं वर्तमान में माह जनवरी 2022 तक पी.एल.एफ. 41.52% है (सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की बंद इकाईयों को अलग कर गणना करें तो पी.एल.एफ. 49.06% है)। वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 अप्रैल से जनवरी 2022 तक सभी विद्युत गृहों का इकाईवार, माहवार उत्पादन मिलियन यूनिट एवं पी.एल.एफ/ पी.यू.एफ. का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, वर्तमान प्रबंध निदेशक इंजीनियरिंग में डिग्री (BE) तथा मास्टर डिग्री (ME) धारक है, अत: गैर तकनीकी एम.डी. होने से कम उत्पादन बावत् कथन उचित नहीं है। वर्ष 2021-22 में विद्युत उत्पादन कम होने के प्रमुख कारण- (1) कोयला कंपनियों से ताप विद्युत गृहों को कम कोयला आपूर्ति के कारण उत्पादन हानि, (2) प्रदेश में विद्युत की मांग में कमी होने के कारण ताप विद्युत इकाईयों को बंद रखा गया या आंशिक भार पर चलाया जाना, (3) श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 3 (660 मे.वा.) की क्षतिग्रस्त टरबाईन के सुधार कार्य के कारण इकाई की माह अप्रैल से जुलाई तक अनुपलब्धता, (4) संजय गांधी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 5 (500 मे.वा.) की टरबाईन में कंपन के कारण इकाई को सुधार कार्य हेतु 21 अक्टूबर से 14 नवम्बर तक बंद रखा जाना तथा (5) ताप विद्युत गृहों को कम गुणवत्ता का कोयला प्राप्त होने के कारण इकाईयों को आंशिक भार पर चला रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
अमानक स्तर का विद्युतीकरण कार्य
[लोक निर्माण]
162. ( क्र. 2088 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान भदभदा रोड भोपाल के विद्युतीकरण का कार्य लोक निर्माण विभाग (वि/यां) संभाग क्रमांक-1 भोपाल द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य हेतु कितनी लागत की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई? निविदा में कितने एवं किन-किन निविदाकारों ने भाग लिया एवं किस निविदाकार की निविदा कितनी दर पर स्वीकृत कर, कब, कितनी राशि के कार्यादेश जारी किया गया? (ख) क्या उक्त संस्थान के विद्युतीकरण कार्य में ठेकेदार द्वारा अनुबंध की शर्तों के विपरीत हेवल्स, पॉलीकेब, फिनोलेक्स एवं आर.आर. कंपनी आदि ब्रांडेड कंपनी के केबल एवं एल.ई.डी. व अन्य विद्युत सामग्री सिस्का, विप्रो एवं ओरियंट कंपनी की न लगाकर अमानक स्तर की लगाई गई एवं विभाग द्वारा लगभग 50 प्रतिशत राशि का ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त संस्थान में विद्युतकरण कार्य में अमानक स्तर की विद्युत सामग्री का प्रयोग करने के संबंध में शासकीय विद्युत ठेकेदार एसोसिएशन भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को दिनांक 02.02.2022 को शिकायत की है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शिकायत की जांच कब एवं किस अधिकारी से कराई गई? जांचोपरांत किस-किस जिम्मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में भोपाल स्थित लोक निर्माण विभाग वि/यां) संभाग-1 एवं लोक निर्माण (वि/यां) संभाग-2 के अंतर्गत विभाग में पंजीकृत किन-किन विद्युत ठेकेदारों के कितनी-कितनी राशि के देयक किन-किन कारणों से भुगतान हेतु लंबित हैं एवं भुगतान हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? लंबित देयकों के भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निविदा आमंत्रण एवं निविदा में भाग लेने वाले संविदाकार, स्वीकृत दर एवं कार्यादेश संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। परिक्षेत्रिय कार्यालय के पत्र दिनांक 17.02.2022 द्वारा जांच हेतु समिति का गठन किया गया है। (घ) जांच हेतु परिक्षेत्रिय कार्यालय के पत्र दिनांक 17.02.2022 द्वारा समिति गठित की गई। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय बताना संभव नहीं है। आवंटन प्राप्त होने पर भुगतान किया जाना संभव होगा।
अर्द्धवार्षिक आयु पूर्ण श्रमिकों को सेवानिवृत्त किया जाना
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 2092 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों के कल्याण के लिए अर्द्धवार्षिकी की कितनी आयु तय की गई है? यदि तय है तो अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के कार्यादेश संख्या 00/04PNW/ACR/2020-M.P.P.G.C.L./9651/WO-384/464 DATE 31/05/2021 के श्रमिक जिनका नाम वेतन पत्रक के सरल क्रमांक 01 में है तथा आधार कार्ड एवं शैक्षणिक योग्यता प्रमाण-पत्र के अनुसार जन्म तिथि 01/01/1960 है को कब तक सेवानिवृत्त किया जायेगा? (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में 62 वर्ष की आयु पूरी कर चुके श्रमिकों की संख्या क्या है? (ग) क्या सी.एच.पी. संभाग में ठेकेदार के द्वारा पैसे का लालच देकर थके एवं बूढ़े लोगों से कार्य कराकर मानव अधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही है? संयंत्र के वयोवृद्ध श्रमिक श्यामलाल महरा के मौत का क्या कारण है एवं संबंधित के परिजनों को क्या हितलाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं तो क्यों? (घ) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के श्रमिकों का मेडिकल बोर्ड एवं आधार कार्ड के अनुसार आयु का सत्यापन किया गया है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए मंडल/कंपनी द्वारा अर्द्धवार्षिकीय आयु का निर्धारण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं है। (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट में 62 वर्ष की आयु पूरी कर चुके श्रमिकों की संख्या दो (02) है। (ग) जी नहीं, नियोजन के समय ठेकेदार से श्रमिकों का चिकित्सा जाँच प्रमाण पत्र लिया जाता है। श्रमिक श्यामलाल महरा के संबंध में ठेकेदार मेसर्स धीरेन्द्र सिंह चचाई द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार उक्त श्रमिक दिनांक 28.11.2021 तक ही कार्यस्थल पर उपस्थित था। जिस कार्यादेश के अंतर्गत उक्त श्रमिक कार्यरत था, वह दिनांक 04.12.2021 तक ही प्रभावी था। तत्पश्चात् नवीन कार्यादेश दिनांक 05.12.2021 से दिया गया था, जिसमें उक्त श्रमिक कार्यरत नहीं था। श्रमिक श्यामलाल महरा की मृत्यु दिनांक 11.12.2021 को कार्यस्थल पर नहीं, अपितु घर पर ही हुई है। श्री महरा के मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार द्वारा उक्त श्रमिक को ई.पी.एफ. राशि के भुगतान के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (घ) वर्तमान में आधार कार्ड/उपलब्ध मान्य दस्तावेजों के अनुसार श्रमिकों के आयु का सत्यापन किया जाता है। आयु के सत्यापन हेतु मान्य दस्तावेजों के आधार पर प्रमाणीकरण की प्रक्रिया ही सर्वमान्य है, अतः इस प्रक्रिया में संशोधन आवश्यक नहीं है।
मेसर्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज, मेपल के अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 2121 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज, मेपल हाई स्ट्रीट, विद्या नगर फेस-2 होशंगाबाद रोड भोपाल के खिलाफ रेरा में व भोपाल नगर पालिक निगम में शिकायतें मिली है और यदि हाँ, तो उनका विवरण क्या है तथा उनका निदान कब तक किया जायेगा? (ख) क्या भोपाल नगर पालिक निगम द्वारा मेसर्स ग्लोबल प्रॉपर्टीज, मेपल हाई स्ट्रीट, विद्या नगर फेस-2 होशंगाबाद रोड भोपाल द्वारा नियम विरूद्ध अवैध निर्माण करने संबंधी भोपाल नगर पालिका निगम से नोटिस जारी किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो उन पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई है और यह कार्यवाही कब तक होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, रेरा में प्राप्त 06 शिकायतों में से 03 शिकायतें निराकृत एवं 03 प्रक्रियाधीन हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिक निगम भोपाल में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। रेरा में प्राप्त शिकायतों का निराकरण अर्द्धन्यायिक स्वरूप का होने से निदान की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नगर पालिक निगम में शिकायत प्राप्त नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डामरीकरण का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
165. ( क्र. 2132 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के कटारा हिल्स, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पहुँच मार्ग (कांक्रीट रोड) से राम मंदिर तक लगभग 01 किलोमीटर लंबा एवं 30 फुट चौड़े मार्ग हेतु डामरीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है? उक्त कार्य की स्वीकृति कब दी गई थी? (ख) यदि हां, तो नगर निगम, भोपाल द्वारा उक्त कार्य को कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ग) क्या उक्त डामरीकरण कार्य नहीं किये जाने से कॉलोनीवासियों को आवागमन में असुविधा हो रही है? असुविधा को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृत राशि से कार्य प्रारंभ कराया जायेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम भोपाल द्वारा प्रश्नांकित कार्य की स्वीकृति दिनांक 14.10.2021 को दी गई थी। (ख) निविदा आमंत्रण में न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले संविदाकार से अनुबंध संपादित कराने एवं कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही नगर निगम में प्रक्रियाधीन है, जिसके पूर्ण होने के पश्चात कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। (ग) जी नहीं। वर्तमान में प्रश्नांकित स्थल पर आवागमन योग्य सड़क है। उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों पर प्रभार के नियम
[लोक निर्माण]
166. ( क्र. 2134 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग में प्रश्न दिनांक तक कार्यपालन यंत्री (सिविल) के कुल कितने पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पद विभागीय कार्यों हेतु, कितने पद प्रतिनियुक्ति हेतु हैं? कितने पद रिक्त हैं, कितने पद भरे हैं? आरक्षित पदों सहित श्रेणीवार विवरण देवें। (ख) विभाग में कार्यपालन यंत्री के रिक्त पदों का प्रभार देने के क्या नियम हैं? प्रतिलिपि देते हुये विवरण देवें। (ग) वर्ष 2016 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक कार्यपालन यंत्री (सिविल) के कितने पदों का प्रभार दिया गया है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या वर्तमान में मुख्य अभियंता का पद प्रभार में है? यदि हां, तो इस पद हेतु वरिष्ठता क्रम के अनुसार पद भार क्यों नहीं दिया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई नियम नहीं है। कार्यपालन यंत्री का पद रिक्त होने पर तत्कालिक रूप सामान्यतः वरिष्ठता के आधार पर यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री के पद का प्रभार दिया जाता है। (ग) कार्यपालन यंत्री का पद रिक्त होने पर तत्कालिक रूप से विभिन्न स्तरों पर, कार्य के महत्व व आवश्यकता एवं परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए, सामान्यतः वरिष्ठता के आधार पर यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री के पद का प्रभार दिया जाता है। इस संबंध में जानकारी का संधारण नहीं किया जाता है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता का पद रिक्त होने पर से कार्य के महत्व एवं परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए, सामान्यतः वरिष्ठता के आधार पर अधीक्षण यंत्रियों को मुख्य अभियंता के पद का प्रभार दिया जाता है।
पदोन्नति समिति की बैठक
[ऊर्जा]
167. ( क्र. 2135 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में असिसटेंट मैनेजर (J.E.) से मेनेजर (A.E.) के पद पर वर्ष 2014, 2015, 2016 में पदोन्नति समिति की बैठकें हुईं थी? यदि हां, तो बैठकों की दिनांक बतावें? (ख) प्रश्नांश भाग (क) के उत्तर यदि हां, तो प्रत्येक दिनांक को हुई पदोन्नति समिति की बैठकों में मेनेजरों के रिक्त पदों की गणना, चयन सूची, विचार सूची, अयोग्य पाये गये उम्मीदवारों की सूची, पदोन्नति आदेशों की सूची आरक्षित पदों सहित प्रत्येक पदोन्नति समिति की बैठक की कार्यवाही विवरण सहित प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में मैनेजरों के कितने पद रिक्त हैं? सीधी भर्ती, विभागीय पदोन्नति से आरक्षित पदों सहित विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत असिस्टेंट मैनेजर (J.E.) पद से मैनेजर (A.E.) के पद पर पदोन्नति हेतु वर्ष 2015 में पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 06.08.2015 को हुई थी। (ख) पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 06.08.2015 के तारतम्य में प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी यथा-रिक्त पदों की गणना, चयन सूची, विचार सूची, अयोग्य पाये गये उम्मीदवारों की सूची, पदोन्नति आदेशों की सूची एवं बैठक का कार्यवाही विवरण क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1', प्रपत्र-'2', प्रपत्र-'3', प्रपत्र-'4', प्रपत्र-'5' एवं प्रपत्र-'6' अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत मैनेजर कैडर के रिक्त पदों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'7' अनुसार है।
पेंच रिपेयरिंग एवं रिनुअल कार्यों की जांच
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 2138 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 12-08-2021 को तारांकित प्रश्न क्र. 1182 पेंच रिपेयरिंग एवं रिनुअल कार्यों की जांच कराने किया गया था? अगर हाँ तो प्रश्न दिनांक तक किस अधिकारी, जांच दल द्वारा ऐसे कार्यों की जांच किस की उपस्थिति में कब-कब की गई है? कृपया संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जिले की कौन-कौन सी सड़कों एवं भवनों की मरम्मत पर मार्गों पर पेंच एवं समयावधि अनुसार रिनुअल कार्य की आवश्यकता थी, जिनका उपरोक्त कार्य कराया गया है? कृपया कहां-कहां, कितनी-कितनी राशि व्यय कर, किस-किस ठेकेदार द्वारा किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी की देख-रेख पर उपरोक्त कार्य कराए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि मार्गों पर पेंच एवं समयावधि अनुसार रिनुअल कार्य की जिले में कहां-कहां आवश्यकता थी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि संभाग को एकजाई राशि कितनी-कितनी राशि उपरोक्त समयावधि से प्रश्न दिनांक दी गई है और जिले में कब-कब, कितनी-कितनी दी गई है? क्या उपरोक्त प्रत्येक ऐसे कार्यों की जांच विभाग करायेगा तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1182 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में कार्य गुणवत्तापूर्ण कराये जाने का उल्लेख है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सड़क कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है, उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 2139 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना दिनांक 31.03.2022 तक है? अगर प्रश्न का उत्तर हाँ, है तो जिले की ऐसी कौन-कौन सी नगरीय निकाये हैं, जिन निकायों में भारत सरकार के मापदंडों के आधार पर सर्वे कार्य किया जा रहा है और सर्वे उपरांत प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन को पात्रता की श्रेणी में लिया गया है? संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विधानसभा प्रश्न क्र. 1233 दिनांक 26.02.2021 के पूर्व किस-किस हितग्राहियों के खातों में कितनी-कितनी राशि भेजी गई थी और प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी भेजी जाना प्रत्येक हितग्राही के लिये शेष है? कृपया नाम, पिता/पति का नाम, जाति, वार्ड एवं नगर सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जो प्रश्न दिनांक तक पात्रता धारी छूटे हुए हितग्राही हैं, जिन परिवार को आवास मिलना शेष है, उनको कब तक पात्रता की श्रेणी में लेकर आवास स्वीकृत किया जावेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान स्थिति अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की योजना अवधि 31 मार्च 2022 तक है। टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत नगर पालिका परिषद/नगर परिषद-टीकमगढ़, बड़ागांव, बल्देवगढ़, जतारा, कारी, खरगापुर, लिधोराखास एवं पलेरा निकायों में सर्वे तथा पात्रता के परीक्षण का कार्य प्रचलित है। पात्रता के परीक्षण तथा जिला कलेक्टर के अनुमोदन होने के पश्चात ही हितग्राहियों के नाम की सूची बताई जा सकेगी। उक्त प्रकाश में शेषांश की जानकारी निरंक है। (ख) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार सर्वे पात्रता परीक्षण तथा जिला कलेक्टर से अनुमोदन होने पर भारत सरकार के तत्समय प्रचलित निर्देशों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) के हितग्राहियों को भौतिक प्रगति के आधार पर योजना के दिशा-निर्देशानुसार भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय से राशि प्राप्त होने पर शेष किश्तों का भुगतान किया जा सकेगा।
भवानी गृह निर्माण सोसायटी
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 2141 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय भवानी गृह निर्माण सोसायटी द्वारा ई-8 बावड़ियाकलां, भोपाल में विकसित की गई कॉलोनी के स्वीकृत मानचित्र (ले-आउट) की छायाप्रति देवें। (ख) क्या उक्त मानचित्र में प्लॉट क्र. A-18 एवं A-19 के बीच में सर्विस रोड थी? क्या उक्त सर्विस रोड पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा कब्जा/अतिक्रमण कर उक्त सर्विस रोड को बाधित कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के तारतम्य में क्या उक्त अतिक्रमण से सर्विस रोड बाधित होने से कॉलोनीवासियों को आम निस्तार में बहुत कठिनाई हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप प्रश्नांश (क) अंतर्गत सर्विस रोड पर काबिज कब्जाधारी के अतिक्रमण को हटा दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) जब तक अतिक्रमण नहीं हटता तब तक आम निस्तार हेतु क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जय भवानी सोसायटी ई-8 ग्राम बावड़ियाकलां में स्थित भूमि खसरा क्र. 13/2/2, 58/2/2, 58/3, 91, 92, 347/1/1/1, 349/1/2 रकबा 25.30 एकड़ पर फेस-1, फेस-2 एवं फेस-3 की विकास अनुमति क्र. 115 दिनांक 07.04.2001 को जारी की गई थी। जय भवानी फेस-1 की नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित अभिन्यास क्र. 310 दिनांक 22.01.2001 एवं चिन्हांकित मानचित्र क्र. 3950 दिनांक 19.11.2003 अनुसार भूखण्ड क्र. ए-18 एवं ए-19 के बीच आंतरिक/सर्विस रोड प्रस्तावित नहीं है। स्थल निरीक्षण में पाया गया कि भूखण्ड क्र. ए-18 एवं उससे लगी भूमि को जय भवानी गृह निर्माण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा वर्ष 1985 में प्रस्तावित अभिन्यास पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार व्यक्तियों को विक्रय कर दी गई थी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित अभिन्यास क्र. 310 दिनांक 22.01.2001 एवं चिन्हांकित मानचित्र क्र. 3950 दिनांक 19.11.2003 अनुसार नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा भूखण्ड क्र. ए-19 के सामने आंतरिक रोड स्वीकृत है। वर्ष 1985 में विक्रित भूखण्डों के विरूद्ध अध्यक्ष जय भवानी गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा षष्टम व्यवहार न्यायधीश वर्ग-2 के समक्ष, व्यवहार वाद क्र. 225ए/2006, 226ए/2006 एवं 227ए/2007 दायर किये गये, जिस पर मान. न्यायालय द्वारा वाद प्रश्न समान प्रवृत्ति एवं साक्ष्य होने के कारण, एक साथ विवेचना कर वादी का वाद, दिनांक 29.10.2010 को निरस्त कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार एवं आम निस्तार/वैकल्पिक व्यवस्था के नियोजन एवं समन्वय हेतु नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अंतर्गत, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रश्नाधीन कॉलोनी के अभिन्यास में संशोधन किये जाने का प्रावधान है।
उज्जैन में चल रहे प्रकरण
[पर्यावरण]
171. ( क्र. 2325 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन के विरूद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उज्जैन के न्यायालय में दायर आरसीटी क्रमांक 2948/2021 व 2949/2021 की अद्यतन स्थिति देवें। (ख) क्या पर्यावरण विभाग ने शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से अपराध प्रकरण क्रमांक 169/21 धारा 379, 414 भादवि एवं खनन अधिनियम 1957 की धारा 4/21 के तहत दर्ज प्रकरण की जानकारी मा. न्यायालय को दे दी है? यदि हाँ, तो प्रस्तुत पत्र की छायाप्रति देवें। (ग) क्या दिनांक 10-01-2022 को अभियुक्तगण न्यायालय में उपस्थित हुए या नहीं की जानकारी देवें। प्रश्नांश (ख) अनुसार माननीय न्यायालय में इस संबंध में दायर वाद क्रमांक की जानकारी देवें। (घ) इस प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक कितनी तारीखे लगी? उनमें कौन-कौन वकील उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) प्रश्नांकित प्रकरणों में अभियुक्त को थाना प्रभारी महिदपुर के माध्यम से जारी समन तामील होने के बाद भी अभियुक्त के दिनांक 10/1/2022 को न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध जमानती वारंट जारी कर दिनांक 14/3/2022 की तिथि उपस्थिति हेतु नियत की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध प्रकरण क्रमांक 169/21 धारा 379,414 भादवि एवं खनन अधिनियम,1957 की धारा 4/21 सबंधी प्रकरण मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण आर.सी.टी. क्रमांक 2948/21 एवं क्रमांक 2949/21 में प्रथम दिनांक तक क्रमशः 20/9/2021, 8/11/2021, 10/1/2021 की तारीखे लगी जिसमें मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नियुक्त वकील श्री आशीष उपाध्याय उपस्थित रहें।