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मध्य प्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 11 मार्च, 2016


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


 

 ( वर्ग 2 : सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, संस्कृति, पर्यटन, प्रवासी भारतीय, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, जल संसाधन, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, जनसंपर्क, खनिज साधन)


नियम 25 के तहत लंबित प्रकरणों का निराकरण

1. ( *क्र. 5485 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर स्थित नगर एवं निवेश कार्यालय की स्‍थापना किस सन् में की गयी? (ख) पिछले 05 वर्षों में नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 36 के अंतर्गत कितने प्रकरण प्रारंभ किये गये, कितने प्रकरणों में न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत किये गये एवं उनमें क्‍या निराकरण हुआ? (ग) म.प्र. भूमि विकास नियम 1984 के नियम 25 के अंतर्गत जारी की गयी अनुज्ञा को निरस्‍त करने के लिये क्‍या आधार है? (घ) संचालनालय एवं जिला कार्यालय छतरपुर में नियम 25 के कितने प्रकरण लंबित हैं? यदि लंबित हैं, तो कब से और इनका निराकरण कब तक एवं किसके द्वारा किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छतरपुर स्थित नगर एवं निवेश कार्यालय की स्थापना वर्ष 1999 में की गई। (ख) पिछले पाँच वर्षों में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 36 के अंतर्गत अप्राधिकृत विकास करने के कारण अधिनियम की धारा 37 (1) के अंतर्गत 23 प्रकरण प्रारंभ किये गये। न्यायालय में एक भी प्रकरण का चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ग) म.प्र. भूमि विकास नियम 1984 निरसित होकर वर्तमान में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 प्रभावशील है। नियम 25 के अनुसार अनुज्ञा का प्रतिसंहरण ऐसी स्थिति में किया जाता है, जब प्राधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण हो कि ऐसी अनुज्ञा मिथ्या कथन अथवा किसी सारवान तथ्य के दुर्व्यपदेशन के आधार पर प्राप्त की गई हो अथवा अनुज्ञा में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन किया गया हो अथवा अधिनियम अथवा उसके अधीन निर्मित नियमों के उपबंधों का प्रेक्षण नहीं किया गया हो। (घ) संचालनालय एवं जिला कार्यालय छतरपुर में नियम 25 के तहत एक प्रकरण लंबित है। माह अगस्त 2015 से लंबित है। इसका निराकरण कलेक्टर, छतरपुर से भूमि स्वामित्व संबंधी जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात् संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा किया जावेगा।

अनुबंधानुसार राशि का भुगतान

2. ( *क्र. 3670 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिला अंतर्गत एस्‍सेल विद्युत वितरण कपंनी को शासन को करोड़ों रूपया देना बकाया है? प्रश्‍न दिनांक तक एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी को कुल कितनी राशि सरकार को विभिन्‍न मदों में अनुबंध अनुसार देना बाकी है? (ख) क्‍या एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी सागर द्वारा शासन को लगातार नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है और इससे अनुबंध की किन-किन शर्तों का लगातार उल्‍लंघन हो रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में अगर लगातार अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन करने पर शासन द्वारा अनुबंध निरस्‍त किया जाता है अथवा कंपनी कार्य छोड़ देती है, तो उपभोक्‍ताओं की सुरक्षा निधि की जवाबदेही किसकी होगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मेसर्स एस्‍सेल विद्युत वितरण (सागर) प्रा.लि. (वितरण फ्रेंचायजी) को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी की गई मंथली इनवाईस (एम.आई.) तथा पूरक इनवाइस (एस.आई.) के मद में दिनांक 22.02.2016 की स्थिति में राशि रू. 23,00,56,789/- का भुगतान करना बाकी है। भुगतान हेतु अनुबंध में निहित शर्तों की कंडिका 10.2 के तहत् लंबित बकाया राशि पर पेनाल्‍टी अधिरोपित की जा रही है। इसके अतिरिक्‍त मेसर्स एस्‍सेल विद्युत वितरण (सागर) प्रा.लि. द्वारा पुन‍रीक्षित पेमेंट सिक्‍योरिटी रू. 17.28 करोड़ जमा करना भी बाकी है। (ख) जी हाँ, मेसर्स एस्‍सेल विद्युत वितरण (सागर) प्रा.लि. द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को किश्‍तों में कुल देय राशि से कम का भुगतान किया जा रहा है। इससे अनुबंध की कंडिका 10.1, 23.2, 23.4 एवं 35.1 में निहित प्रावधानों का उल्‍लंघन हो रहा है। (ग) उपभोक्‍ताओं की सुरक्षा निधि की जवाबदेही म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की रहेगी। 

जमुनिया में जलाशय की स्‍वीकृति

3. ( *क्र. 5483 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र जुन्‍नारदेव अंतर्गत घोघरीढाना ग्राम पंचायत जमुनिया में जलाशय की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्‍वीकृति के लिए किस-किस विभाग की अनुमति प्राप्‍त की जाती है? क्‍या किसी विभाग की अनु‍मति शेष है? यदि हाँ, तो किस विभाग की और क्‍यों? (ख) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में समस्‍त कार्यवाही पूर्ण कर जलाशय को दी गई स्‍वीकृति उपरांत कार्य पूर्ण करेगा? यदि हाँ, तो वर्ष एवं कार्य करने की समय-सीमा बतावें?       (ग) उक्‍त जलाशय के निर्माण में बाधा डालने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। परियोजना से वनभूमि प्रभावित होने की दशा में भारत-सरकार से वन भूमि की अनुमति प्राप्‍त करना आवश्‍यक होता है। वन विभाग की अनुमति भारत-सरकार से प्राप्‍त नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। परियोजना की लागत निर्धारित वित्‍तीय मापदण्‍ड से बहुत अधिक होने के कारण परियोजना असाध्‍य हो गई है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ग) उक्‍त '''' एवं '''' उत्‍तर के प्रकाश में किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

सड़क के मध्‍य लगे विद्युत पोलों की शिफ्टिंग

4. ( *क्र. 5464 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम कटनी में सड़कों पर विद्युत पोलों के कारण यातायात बाधित हो रहा है तथा पीरपाबा से चाका रोड के निर्माण के समय सड़क के बीच में आये विद्युत पोलों को सड़क के कि‍नारे प्रतिस्‍थापित किया गया है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो बस स्‍टैण्‍ड से चाका एवं शहर के अंदर सड़कों पर विद्युत पोल जो आज भी लगे हैं, उन्‍हें कब तक हटाकर सड़क किनारे किया जायेगा? (ग) क्‍या बस स्‍टैण्‍ड के आगे स्‍कूल बस दुर्घटनाग्रस्‍त होने के बावजूद भी विद्युत पोलों को नहीं हटाया गया, जिसमें घटना के समय कई बच्‍चे घायल हुये थे? (घ) जब सड़क का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है, इसके बाद भी विद्युत पोल न हटाये जाने का कारण स्‍पष्‍ट करें तथा कब तक हटाये जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ, बस स्‍टैण्‍ड से नाका तक के पोल हटाने की कार्यवाही प्रचलित है, मिशन चौक से बस स्‍टैण्‍ड तक विद्युत पोल हटा दिये गये हैं। शहर के अंदर अन्य मार्गों के पोल हटाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) बस दुर्घटना का कारण विद्युत पोल नहीं थे। उत्‍तरांश '''' अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (घ) कार्यवाही प्रचलित है। विद्युत खम्‍बों को सड़क योजना का कार्य किये जाने के पूर्व हटाया जाना सुनिश्चित किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

रीवा जिलांतर्गत फीडर सेपरेशन का कार्य

5. ( *क्र. 4498 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या त्‍योंथर एवं जवा तहसील जिला रीवा में फीडर सेपरेशन का कार्य प्रारंभ हुआ और आज दिनांक तक अधूरा है? (ख) यदि हाँ, तो यह बतायें कि त्‍योंथर एवं जवा तहसील जिला रीवा के कितने फीडरों के लिये फीडर सेपरेशन कार्य प्रारंभ हुआ था, कितने फीडरों में सेपरेशन का कार्य पूर्ण हुआ है, शेष कार्य क्‍यों बंद हैं? (ग) उपरोक्‍त अधूरे कार्य कब तक पूरा करायेंगे? (घ) कार्य पूरा न होने में दोषी कौन हैं? दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा जिले के अंतर्गत त्‍यौंथर एवं जवा तहसीलों में 11 के.व्‍ही. के 33 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसमें से 10 फीडरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्‍त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड पूर्व में मेसर्स. जी.ई.टी. पॉवर लिमिटेड, चेन्‍नई को दिया गया था, किन्‍तु कार्य की प्रगति संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर उक्‍त अवार्ड निरस्‍त कर पुन: निविदा जारी कर शेष 23 फीडरों के कार्य हेतु कार्यादेश मेसर्स विंध्‍या टेलीलिन्‍कस लिमिटेडनई दिल्‍ली को दिनांक 05.05.2015 को जारी किया गया है। उक्‍त शेष 23 फीडरों का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। (ग) ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्‍त शेष कार्य दिसम्‍बर 2016 तक कार्य पूर्ण होना है। (घ) प्रश्‍नाधीन कार्य पूर्ण नहीं करने के लिये दोषी ठेकेदार एजेंसी मेसर्स जी.ई.टी. पॉवर लिमिटेड, चेन्‍नई का अवार्ड निरस्‍त कर दिया गया है तथा ठेके की शर्तों के अनुसार लायबिलिटी निर्धारित कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। 

घट्टिया तहसील में खदानों की नीलामी

6. ( *क्र. 3015 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितनी चिन्हित खदानें हैं, इनमें से 01 अप्रैल 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी खदानों (रेत, मुरम, गिट्टी, पत्‍थर आदि) की नीलामी की गई एवं कितना राजस्‍व प्राप्‍त किया गया? कितनी खदानों का सीमांकन किया गया? खदानों के नाम तथा किन व्‍यक्तियों द्वारा खदान ली गई? उनके नाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या नीलाम की गई खदानों में से उत्‍खनन का कार्य नीलामी के निर्धारित रकबे व सर्वे नंबर से अधिक दूसरे सर्वे नंबर एवं रकबे में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है। इस संबंध में विभाग द्वारा कहाँ किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? निर्धारित रकबे से अधिक रकबे के उत्‍खनन के कितने प्रकरण बनाये गये और कितनी राशि वसूली की गई? शासन इस पर क्‍या कार्यवाही करेगा?    (ग) क्‍या घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में भारी मात्रा में रेती, मुरम, हार्ड मुरम एवं गिट्टी का भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन एवं अवैध भंडारण किया जा रहा है? विगत 01 जनवरी 2015 से 01 जनवरी 2016 तक अवैध उत्‍खनन एवं अवैध भंडारण के कितने प्रकरण बनाये गये? किस-किस व्‍यक्ति या संस्‍था पर कार्यवाही की गई? कितनी राशि की वसूली की गई? अवैध उत्‍खनन एवं अवैध भंडारण के संबंध में विभाग द्वारा अवैध उत्‍खनन रोकने की आगामी क्‍या कार्ययोजना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 43 नीलाम खदानें चिन्हित हैं। प्रश्‍नांकित अवधि में कोई खदान नीलाम नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर अनुसार चूंकि खदानें नीलाम नहीं की गई हैं, अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।     (ग) जी नहीं। खनिज के अवैध उत्‍खनन एवं अवैध भंडारण के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्‍नाधीन अवधि में दर्ज किये गये अवैध उत्‍खनन तथा अवैध भंडारण के प्रकरणों की प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित है। दर्शित जानकारी अनुसार यह समस्‍त प्रकरण निराकरण हेतु प्रचलित हैं। अत: वर्तमान में राशि वसूल किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जिले में पदस्‍थ अमले द्वारा जिले में सतत् निगरानी की जाती है। प्रश्‍नानुसार प्रकरण प्रकाश में आने पर कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - ''एक''

अधिकारियों के विरूद्ध आर्थिक अपराध के दर्ज प्रकरण

7. ( *क्र. 4425 ) श्री गिरीश गौतम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनुसंधान एजेंसी आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ द्वारा बाणसागर परियोजना में हुए भ्रष्‍टाचार के लिये बाणसागर एवं गंगा कछार के अधिकारियों के विरूद्ध भा.द.वि. एवं भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध कायम किया गया है? अपराध क्रमांक धारा एवं सभी आरोपित अधिकारियों का नाम, पद सहित विवरण देवें। (ख) क्‍या ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा बाणसागर परियोजना के अधिकारियों, जिनके विरूद्ध (प्रकरण पंजीबद्ध हैं) अभियोजन चलाने के लिये अभियोजन स्‍वीकृति‍ हेतु कई प्रस्‍ताव भेजे गये? यदि हाँ, तो कब-कब अभियोजन स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए तथा किनके विरूद्ध अभियोजन स्‍वीकृति‍ दी गयी? विवरण नाम, पद सहित बताएं और जिनके विरूद्ध प्रस्‍ताव दिये जाने के बाद अभियोजन की स्‍वीकृति‍ नहीं दी गयी है? अभियोजन स्‍वीकृति‍ नहीं दिये जाने का कारण बताएं। (ग) ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा वांछित अभियोजन स्‍वीकृति‍ कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। अभियोजन स्‍वीकृति के लंबित प्रकरण परीक्षण में हैं।    (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नीलामी रहित रेत खदानों की विधिवत नीलामी

8. ( *क्र. 4333 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना जिले में शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को नि:शुल्‍क रेत उपलब्‍ध कराने के लिये कोई व्‍यवस्‍था की गई है? यदि हाँ, तो कृपया नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में गुना जिले की कितनी ग्राम पंचायतों को नि:शुल्‍क रेत उपलब्‍ध कराई गई है? (ग) शासन द्वारा नीलामी रहित रेत खदानों की विधिवत नीलामी कब तक की जायेगी? क्‍या इसके लिये कोई प्रक्रिया प्रारंभ की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 (3) में एवं प्रारूप-अठारह की कंडिका का 02 के परन्‍तुक में प्रश्‍नानुसार प्रावधान सभी ग्राम पंचायतों हेतु किये गये हैं। उक्‍त नियमों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2015-2016 में गुना जिले की किसी भी ग्राम पंचायत को नि:शुल्‍क रेत उपलब्‍ध नहीं करायी गई है। (ग) नीलामी हेतु चिन्हित खदानों की नीलामी सतत् रूप से की जा रही है। इसकी प्रक्रिया पूर्व से प्रारंभ एवं वर्तमान में निरंतर है।

नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शनों का प्रदाय  

9. ( *क्र. 4813 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले के बदरवास वितरण केंद्र के अंतर्गत सिंचाई पंपों के नवीन विद्युत कनेक्‍शनों हेतु अगस्‍त 2014 से दिसंबर 2015 तक राशि जमा करायी गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन की कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा करायी गई है? (ख) क्‍या जिन व्‍यक्तियों ने नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शनों हेतु राशि जमा करायी है? उनके द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितने लोगों के द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत किए गए? इनके प्राक्कलन कब किनके द्वारा स्‍वीकृत किए गए? यदि प्राक्कलन स्‍वीकृत नहीं हुए, तो राशि किस आधार पर जमा करायी गई? (ग) क्‍या जिन व्‍यक्तियों से नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शन हेतु राशि हजारों में वसूली गई और उन्‍हें रसीद केवल 506 रूपयें की दी गई, जिसकी शिकायतें प्राप्‍त हुईं थीं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्‍त हुईं थीं? जिन आवेदकों से रसीद कम की देकर राशि अधिक ली गई है, तो उस पर क्‍या कार्यवाही हुई? क्‍या जिन व्‍यक्तियों ने नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शन हेतु राशि जमा कराई है, उनमें से कितनों को कनेक्‍शन प्रदान कर दिए गए हैं? कितने शेष हैं क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, शिवपुरी जिले के बदरवास वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत सिंचाई पंपों के नवीन स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शनों हेतु अगस्‍त 2014 से दिसम्‍बर 2015 तक 499 कृषकों द्वारा राशि जमा कराई गई है, जिसकी प्रश्‍नाधीन चाही गई आवेदकवार, ग्रामवार जमा कराई गई राशि एवं राशि जमा कराने की दिनांक सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ख) जी हाँ, सभी 499 कृषकों द्वारा नवीन सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन के लिए आवेदन प्रस्‍तुत किये गये हैं। 171 नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शनों के प्राक्‍कलन उप महाप्रबंधक/कार्यपालन यंत्री द्वारा स्‍वीकृत किये गये हैं, जिनकी स्‍वीकृति की दिनांक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। 328 कृषकों के प्रकरणों में लाईन विस्‍तार कार्य आवश्‍यक नहीं होने के कारण प्राक्‍कलन स्‍वीकृत नहीं किये जाकर उनकी राशि प्रबंधक/सहायक यंत्री द्वारा भार अनुमोदन स्‍वीकृति के आधार पर जमा कराई गई है, जिसकी कार्योत्‍तर स्‍वीकृति उपमहाप्रबंधक (संचालन/संधारण) शिवपुरी द्वारा प्रदान की गई है। भार अनुमोदन वाले उक्‍त प्रकरणों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। जिन आवेदकों ने नवीन सिंचाई पंप कनेक्‍शन हेतु राशि जमा कराईं हैं, उन सभी आवेदकों को कनेक्‍शन प्रदान कर दिये गए हैं।

लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति

10. ( *क्र. 5021 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत पातलापानी तालाब, भगोरा तालाब, खेजड़ामहाराजा तालाब, जामी तालाब, भोजपुरिया बैराज, सुन्‍दरपुरा तालाब, बांसखों तालाब, मोरीखों तालाब, लुहारी तालाब, सोनकच्‍छ तालाब एवं कुण्‍डीखेड़ा तालाब लघु सिंचाई योजनाएं विभाग की सर्वेक्षित योजनाएं हैं? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त सभी सर्वेक्षित योजनाएं साध्‍य होकर कम लागत में अत्‍यधिक क्षेत्र सिंचित करने वाली योजनाएं हैं? (ख) क्‍या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा की महत्‍वपूर्ण लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृ‍ति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मोरिखो परियोजना को छोड़कर प्रश्‍नाधीन सभी परियोजनाएं सर्वेक्षित हैं। जी नहीं। प्रश्‍नाधीन सर्वेक्षित सभी परियोजनाओं का डूब क्षेत्र सैंच्‍य क्षेत्र की तुलना में अत्‍याधिक होने से परियोजनाएं तकनीकी आधार पर साध्‍य नहीं हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में भोजपुलिया बैराज का साध्‍यता आदेश दिनांक 07.01.2016 को जारी किया गया है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से परियोजना की स्‍वीकृति अथवा निर्माण के संबंध में निर्णय लेने की स्थिति नहीं आई है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

नरवर तहसील अंतर्गत अवैध रेत उत्‍खनन

11. ( *क्र. 5288 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तहसील नरवर जिला शिवपुरी में अवैध रूप से संचालित रेत का उत्‍खनन ग्राम पंचायत खिरियासुनवई एवं ग्राम पंचायत जुझाई में 5 पनडुब्बियों एवं एल.एन.टी. मशीन (चैन) मशीन व 50-60 डम्‍फरों द्वारा बड़े पैमाने पर दिन-रात चल रहा है? इस समस्‍या को प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा मौखिक रूप से तहसीलदार नरवर को अवगत कराया? परन्‍तु प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है? (ख) क्‍या अवैध रेत उत्‍खननकर्ताओं द्वारा स्‍थानीय रहवासियों द्वारा विरोध करने पर बन्‍दूक की नोक पर रोके गये व एक-दो बार गोलियां चलाई गईं, जिससे ग्रामवासी भयभीत हो गये थे? (ग) यदि समय रहते अवैध खदानों को अतिशीघ्र नहीं रोका गया, तो खदानकर्ताओं के हौंसले बुलन्‍द होकर अवैध उत्‍खनन कार्य चलता रहेगा, जिससे शासन को करोड़ों रूपयों का नुकसान होगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है, दिनांक 13.01.2016 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) करैरा द्वारा निरीक्षण के दौरान ग्राम खिरिया में लगभग 500 घन मीटर अवैध रूप से भंडारित रेत जब्‍त की गई है। इसके साथ दो ट्रेक्‍टर ट्राली, सात डम्‍पर और एक एल.एन.टी. मशीन जब्‍त की गई है। उक्‍त प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी करैरा के न्‍यायालय में विचाराधीन है। उक्‍त के अलावा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में रेत का अवैध उत्‍खनन निरीक्षण के दौरान नहीं पाया गया है। प्रश्‍नानुसार प्रकरण में कार्यवाही की गई है। अत: कोई कदम न उठाये जाने संबंधी प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नानुसार कोई स्थिति अथवा घटना नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिले में समय-समय पर जाँच की जाती है। जाँच में खनिजों के अवैध उत्‍खनन परिवहन, भंडारण पाये जाने पर कार्यवाही की जाती है। जिले में खनिज राजस्‍व प्राप्‍त होता है। अत: राजस्‍व हानि जैसी कोई स्थिति नहीं है।

जनप्रतिनिधियों से प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही

12. ( *क्र. 1769 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 06 अगस्‍त 2012 एवं 27 नवम्‍बर 2015 के द्वारा माननीय सांसदों एवं विधायकों द्वारा लिखित पत्रों की पावती एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही नियत समयावधि में देने, इन पत्रों के आवक-जावक की पंजी पृथक से संधारित करने एवं कार्यालय प्रमुखों द्वारा जनप्रतिनिधियों से प्राप्‍त पत्रों की मासिक समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा कटनी जिले के शासकीय जिला स्‍तरीय, ब्‍लॉक स्‍तरीय, तहसील स्‍तरीय एवं अन्‍य शासकीय कार्यालयों एवं विभागों को जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब पत्र लिखे गये तथा पत्रों पर संचालित एवं की गई कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत शासकीय अधिकारियों/कार्यालयों को लिखित पत्रों पर संबंधितों द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई, कितने पत्रों पर किन-किन कारणों से कार्यवाही लंबित है, निराकृत पत्रों का क्‍या-क्‍या निराकरण किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में शासनादेश का उल्‍लंघन कर, सदस्‍य म.प्र. विधान सभा के द्वारा जनहित में लिखित पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही ना करने की कार्यशैली की सक्षम प्राधिकारी से जाँच करवाये जाने के आदेश कर समुचित कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '''' से '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सूखाग्रस्‍त तहसीलों में बिजली बिलों की वसूली पर रोक

13. ( *क्र. 5039 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में घोषित सूखाग्रस्‍त तहसीलों के ग्रामों में जहां फसलों में 50% से ज्‍यादा नुकसान हुआ, वहां बकाया बिजली बिलों की राशि वसूल नहीं करने की घोषणा की थी? (ख) प्रश्‍न की कंडिका (क) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार न‍रसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां फसलों में 50% ज्‍यादा नुकसान हुआ है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍न की कंडिका (ख) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार क्‍या इन ग्रामों में मा. मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा अनुसार बकाया बिजली बिलों की वसूली नहीं की गई या ऊर्जा विभाग द्वारा मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा को दर किनार करते हुए ग्रामों से ट्रांसफार्मर उतारे गये, किसानों के तार काट दिये गये? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्‍टर एवं तहसीलदार कार्यालय से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले नरसिंहगढ़ एवं पचौर तहसील के क्रमश: 200 एवं 64, इस प्रकार कुल 264 ग्रामों में 50 प्रतिशत से ज्‍यादा फसल का नुकसान हुआ है। उक्‍त ग्रामों की तहसीलवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन सूखाग्रस्‍त ग्रामों में माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा अनुसार जारी राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 22.12.2015 के परिपालन में ऐसे किसान जिनकी 50 प्रतिशत से अधिक फसल के क्षतिग्रस्‍त होने की सूची कलेक्‍टर द्वारा दी गई है, उनके 31 मार्च 2016 तक कृषि पंप के विद्युत बिल की बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही स्‍थगित रखी गई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

नर्मदा-सीप लिंक परियोजना का क्रियान्‍वयन

14. ( *क्र. 4567 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीहोर जिले में नर्मदा नदी और सीप नदी की लिंक परियोजना का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कार्य करने वाली कंपनी परियोजना लागत और परियोजना की वर्तमान स्थिति का ब्‍यौरा देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या परियोजना के तहत भूमिगत नहर का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी लंबाई (दूरी) की नहर बनाई जा रही है और कार्य की स्थिति क्‍या है? (ग) परियोजना के तहत भूमिगत नहर निर्माण के लिए विस्‍फोटक का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भूमिगत नहर निर्माण क्षेत्र व उसके आसपास निवासरत ग्रामीणों की सुरक्षा के क्‍या इंतजाम किए गए हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

संसद सदस्‍यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

15. ( *क्र. 440 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय संसद सदस्‍यों एवं विधायकों के पत्रों के संबंध में पत्र प्राप्ति तथा की गई कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश कब-कब कलेक्‍टरों को जारी किए गए? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता द्वारा 01 सितम्‍बर, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला कलेक्‍टर भिण्‍ड, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्‍ड, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भिण्‍ड, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण विकास विभाग एवं प्रबंधक मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भिण्‍ड को लिखे कौन-कौन से पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए एवं उन पत्रों के तारतम्‍य में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पत्र प्राप्ति एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही के संबंध में किए गए पत्राचार की प्रतियां उपलब्‍ध कराएं? (ग) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन एवं जिला योजना समिति भिण्‍ड के निर्णय की अवहेलना करने वाले कलेक्‍टर भिण्‍ड एवं अन्‍य जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

फीडर सेपरेशन कार्य को पूर्ण किया जाना

16. ( *क्र. 1778 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्‍ड सीहोर में कुल कितने फीडर का सेपरेशन पूर्ण हो चुका है और कितने का बाकी है और जो शेष हैं, उनको पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं उक्‍त कार्य के लिये निर्माण एजेंसी कौन रहेगी? (ख) वर्ष 2015-16 सीहोर में सिंगल लाईन कनेक्‍शन कहाँ-कहाँ प्रस्‍तावित हैं और उनको पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं उक्‍त कार्य के लिये निर्माण एजेंसी कौन रहेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विकासखण्‍ड सीहोर में कुल 33 फीडरों के सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 16 फीडरों का कार्य शेष है। उक्‍त शेष फीडरों के सेपरेशन का कार्य मई 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्‍त कार्य के लिए ठेकेदार एजेंसी मेसर्स यू.बी.टेक. प्रा.लि. फरीदाबाद को कार्यादेश जारी किया गया है। (ख) वर्तमान में सिंगल पाइंट (सिंगल लाईन) कनेक्‍शन देने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि सीहोर जिले के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. श्रेणी के 5222 घरेलू कनेक्‍शन दिये गये हैं एवं 16771 कनेक्‍शन वर्ष 2015-16 में प्रदाय किये जाने हेतु शेष हैं। उक्‍त कार्य के लिए मेसर्स यू.बी.टेक. प्रा.लि. फरीदाबाद को कार्यादेश जारी किया गया है। कार्य मई 2016 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत सीहोर जिले में 14476 बी.पी.एल. श्रेणी के नि:शुल्‍क कनेक्‍शन प्रस्‍तावित हैं, जिनमें से राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 502 कनेक्‍शन वर्ष 2015-16 में अद्यतन स्थिति में दिए गये हैं। योजनांतर्गत कार्य हेतु कार्यादेश मेसर्स ईरा-इन्‍फ्रा नोएडा को जारी किया गया था। कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने के कारण मेसर्स ईरा-इन्‍फ्रा नोएडा का कान्‍ट्रेक्‍ट टर्मिनेट कर दिया गया है। शेष कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अवार्ड जारी होने के पश्‍चात् ही कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव होगा। 

अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही

17. ( *क्र. 4096 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुरैना तहसील के ग्राम पड़ावली की भूमि सर्वे क्रमांक 1104, 1103, 1123, 1105 से माफिया लगातार अवैध उत्‍खनन कर रहे हैं? खनिज विभाग द्वारा लंबे समय से अनदेखी कर माफियाओं को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है, शासन द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? वर्ष 2014, 2015 की जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या अरूण शर्मा द्वारा सर्वे नं. 1105 जो तालाब का किनारा है तथा सर्वे नं. 1123 जिसका किसी को ठेका नहीं होने की शिकायत की गई थी, लेकिन शिकायत के बावजूद भी संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत प्रदर्शित करता है? क्‍या शासन द्वारा ग्राम पड़ावली के किस-किस सर्वे के नंबर पर पत्‍थर निकालने की लीज़ दी गई है? सर्वे नंबर सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर वर्ष 2014 एवं वर्ष 2015 में अवैध उत्‍खनन के 04 प्रकरण दर्ज कर सक्षम न्‍यायालय में निराकरण हेतु प्रेषित किये गये हैं। प्रकरण का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' में दर्शित है। (ख) जी हाँ। संबंधित शिकायत की जाँच खनिज विभाग एवं राजस्‍व विभाग द्वारा संयुक्‍त रूप से की गई है एवं अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शाया गया है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है।

परिशिष्ट - ''दो''

ताप विद्युत गृहों का पर्यावरण क्‍लीयेरंस

18. ( *क्र. 4169 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पावर जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप विद्युत गृहों की प्रत्‍येक इकाई का पर्यावरण क्‍लीयरेंस का रिन्‍यूवल दिया जाता है एवं पावर जनरेटिंग कंपनी को पावर हाउस परिसर में सघन पेड़ एक्‍सपर्ट एजेंसी या विभाग में पेड़ लगाने के विशेषज्ञ यदि उपलब्‍ध हैं, उनसे कराने हेतु निर्देशित किया जाता है? क्‍या सभी ताप विद्युत गृहों में ऑक्‍सीजन, कार्बन डाई ऑक्‍साईड एवं अन्‍य गैसों का क्‍या मापदण्‍ड है एवं हकीकत में क्‍या उपलब्‍धता है? (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में कितने स्‍थान पर ताप विद्युत गृह हैं। क्‍या सभी ताप विद्युत गृह के सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट के पानी का उपयोग कॉलोनी में किया जाता है या सीधे नदी नाले में बहाया जा रहा है? यदि ऐसा हो रहा है तो क्‍या नेशनल ग्रीन ट्रि‍ब्‍यूनल का उल्‍लंघन नहीं हो रहा है? क्‍या म.प्र. प्रदूषण मंडल रोक लगाकर म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा।       (ग) सैलो द्वारा राखड़ बेचने पर ताप विद्युत गृहों की आमदनी से प्रदूषण बचाने पर ग्रीन बेल्‍ट विकसित करने हेतु ताप विद्युत गृहवार वर्षवार कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी है? खर्च न होने पर प्रदूषण मण्‍डल क्‍या कार्यवाही करेगा।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। ताप विद्युत गृहों की विस्तारित एवं अन्य नवीन स्थापित इकाईयों हेतु भारत शासन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा एक बार पर्यावरण क्लीयरेंस उनकी स्थापना के पूर्व दिया जाता है। तथापि सभी ताप विद्युत गृहों के संचालन हेतु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति प्रदान की जाती है, जिसका प्रतिवर्ष रिन्यूवल (नवीनीकरण) करवाया जाता है। वर्तमान में म.प्र.पॉ.ज.कं.लि. के सभी ताप विद्युत गृहों हेतु सम्मतियाँ उपलब्ध हैं। जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृह परिसरों में एजेंसी या विभाग में उपलब्ध विशेषज्ञों के माध्यम से सघन वृक्षारोपण एक सतत प्रक्रिया है, जिसके परिपालन में सभी ताप विद्युत गृहों के परिसरों में एवं आस-पास सघन वृक्षारोपण किया गया है। ताप विद्युत गृहों से ऑक्सीजन एवं कार्बन डाई आक्साईड उत्सर्जन हेतु मापदण्ड निर्धारित नहीं किये गये हैं। तथापि सल्फर डाई आक्साईड एवं नाईट्रोजन आक्साईड गैसों के उत्सर्जन हेतु भारत शासन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा गजट अधिसूचना दिनांक 7 दिसम्बर 2015 के माध्यम से वैधानिक मापदण्ड घोषित किये गये हैं, जिनकी जानकारी तथा लागू होने की तिथि निम्नानुसार है, ताप विद्युत गृह जो दिनांक 31-12-2003 के पूर्व स्थापित किये गये हैं :-

गैस का नाम

वैधानिक मानक
मि.ग्राम/एन.एम.3 में

लागू होने की तिथि

सल्फर डाई आक्साईड

· 600 (500 मे.वा. से कम क्षमता की इकाईयों हेतु)
· 200 (500
मे.वा. एवं अधिक क्षमता की इकाईयों हेतु)

गजट अधिसूचना जारी होने से दो वर्ष

नाइट्रोज़न आक्साईड

600

गजट अधिसूचना जारी होने से दो वर्ष

 

ताप विद्युत गृह जो दिनांक 01-01-2003 तथा 31-12-2016 के बीच स्थापित किये गये हैं :-

गैस का नाम

वैधानिक मानक
मि.ग्राम/एन.एम.3 में

लागू होने की तिथि

सल्फर डाई आक्साईड

· 600 (500 मे.वा. से कम क्षमता की इकाईयों हेतु)
· 200 (500
मे.वा. एवं अधिक क्षमता की इकाईयों हेतु)

गजट अधिसूचना जारी होने से दो वर्ष

नाइट्रोज़न आक्साईड

300

गजट अधिसूचना जारी होने से दो वर्ष

 

ताप विद्युत गृह जो दिनांक 01-01-2017 से स्थापित होना है :-

गैस का नाम

वैधानिक मानक
मि.ग्राम/एन.एम.3 में

लागू होने की तिथि

सल्फर डाई आक्साईड

100

स्थापना दिनांक से

नाइट्रोज़न आक्साईड

100

स्थापना दिनांक से

 

अधिसूचना की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र क्रमांक-1 अनुसार है। उपरोक्त उल्लेखित अधिसूचना के जारी होने के पूर्व इन गैसों के उत्सर्जन हेतु कोई वैधानिक मापदण्ड उपलब्ध नहीं थे। उत्सर्जित गैसों में निहित आक्सीजन एवं कार्बन डाई आक्साईड गैस हेतु कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है, न ही इनका माप किया जाता है, तथापि सल्फर डाई आक्साईड एवं नाइट्रोज़न आक्साईड हेतु उपरोक्त घोषित वैधानिक मापदण्डों को म.प्र.पॉ.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों में यथा समय लागू किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा। (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में कुल चार स्‍थानों पर ताप विद्युत गृह स्‍थापित हैं। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह को छोड़कर सभी जगह सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट के पानी का उपयोग बगीचों में सिंचाई एवं वृक्षारोपण में किया जा रहा है। इनमें से से किसी भी जगह सीवर ट्रीटमेंट का पानी नदी नालों में नहीं बहाया जा रहा है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट निर्माणाधीन है तथा विद्युत गृह में वर्तमान में पर्याप्‍त संख्‍या में सोक-पिट वाले सेप्टिक टैंक क्रियाशील हैं। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।             (ग) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी, जिला-बैतूल के सैलों से राखड़ नि:शुल्क प्रदान की जा रही है, जबकि संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर, जिला-उमरिया, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई,     जिला-अनूपपुर तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, डोंगलिया, जिला-खण्डवा के सैलों से राखड़ की बिक्री की जा रही है। राखड़ बिक्री से प्राप्‍त राशि के संबंध में भारत शासन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्‍ली द्वारा फ्लाई ऐश के उपयोग हेतु दिनांक 03.11.2009 को जारी गजट अधिसूचना के पैरा क्रमांक-6 (पृष्‍ठ क्रमांक-8) के प्रावधानों के अनुसार ताप विद्युत गृहों द्वारा 100 प्रतिशत फ्लाई ऐश के उपयोग का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने तक संबद्ध विद्युत गृह के सैलों से राखड बेचने पर प्राप्‍त राशि का उपयोग फ्लाई ऐश/उपयोगिता बढ़ाने से संबंधित अधोसंरचना विकास कार्यों एवं योजनाओं हेतु ही किया जाना है। अधिसूचना की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र   क्रमांक-2 के अनुसार है। अत: ताप विद्युत गृहों में सैलों से राखड़ बिक्री के मद में प्राप्‍त धन का उपयोग ग्रीन बेल्‍ट के लिए खर्च नहीं किया जा रहा है। उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल द्वारा कोई कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता। 

पेयजल संकट के निदान हेतु व्‍यय राशि

19. ( *क्र. 4746 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत आने वाली नगर परिषद निवाड़ी, ओरछा एवं तरीचरकलां अंतर्गत पेयजल संकट दूर करने के लिए विभिन्‍न योजनाओं के तहत मदवार क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे हैं तथा वित्‍तीय वर्ष में अब तक कितनी-कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? योजनावार जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषदों में पेयजल की गई लाईनें टूटी पड़ी हैं, जिसकी वजह से प्रदूषित पानी का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वार्डवार इन लाईनों को कब तक सुधार दिया जायेगा? (ग) पेयजल परिवहन के लिये नगर परिषदों के द्वारा क्‍या-क्‍या इंतजाम किये गये हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। परन्‍तु समय-समय पर छोटी-मोटी टूट-फूट होती रहती है, जिसका नियमित संधारण कराया जाता रहता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि नहीं होता है।       (ग) वर्तमान परिवेश में पेयजल परिवहन की आवश्‍यकता के दृष्टिगत की गई व्‍यवस्‍था का विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीन''

अतिक्रमण हटाये बगैर सड़क का निर्माण

20. ( *क्र. 2758 ) श्री गोपाल परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आगर नगर पालिका द्वारा विवेकानन्‍द कॉलोनी में जैन मंदिर के पास से पशुपतिनाथ मंदिर तक मुख्‍य मंत्री जी द्वारा की गई घोषणानुसार रोड बनाया गया? यदि हाँ, तो क्‍या न.पा. परिषद द्वारा रोड का चौड़ीकरण करने के लिए अवैध कब्‍जाधारियों को नोटिस दिया गया था? यदि हाँ, तो उसके बाद क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या अतिक्रमण हटाये बगैर सड़क बना दी गई? यदि हाँ, तो अतिक्रमण क्‍यों नहीं हटाया गया। क्‍या शासन उन अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? अतिक्रमण कब तक हटा लिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रस्‍तावित निर्माण स्‍थल पर कोई अतिक्रमण नहीं आने से स्‍वीकृत डी.पी.आर. के अनुसार सड़क का निर्माण कराया गया है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण

21. ( *क्र. 4336 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत नगरीय निकायों से घर-घर शौचालय निर्माण हेतु शासन ने कुल कितनी धनराशि इस वित्‍तीय वर्ष में स्‍वीकृत की है? ग्‍वालियर-चंबल संभाग की सभी निकायों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) ग्‍वालियर चंबल संभाग के कितने नगरीय निकायों में इस स्‍वीकृत राशि का उपयोग किया जा चुका है? निकायवार विवरण दें। (ग) क्‍या शौचालय निर्माण हेतु जारी निविदाओं में ठेकेदार रूचि नहीं ले रहे हैं? ग्‍वालियर-चंबल संभाग के कितने निकायों में इस कार्य की निविदायें एक से अधिक बार आमंत्रित की गयी हैं? ब्‍यौरा दें। (घ) क्‍या एक तरफ शौचालय निर्माण के लिये ठेकेदार रूचि नहीं ले रहे हैं, वहीं जिन निकायों में निविदाएं आ चुकी हैं, उन्‍हें नगरीय प्रशासन संचालनालय भोपाल, प्रशासकीय स्‍वीकृति नहीं दे रहा है? (ड.) ग्‍वालियर चंबल संभाग के ऐसे सभी निकायों की जानकारी उपलब्‍ध करावें, जिनकी निविदाएं नगरीय प्रशासन संचालनालय भोपाल में स्‍वीकृति के लिये लंबित हैं? निकायवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। ये निविदायें कब भोपाल मुख्‍यालय में प्राप्‍त हुयी और जो लंबित हैं? उन्‍हें क्‍यों स्‍वीकृति से रोका गया है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राशि रू. 162.75 करोड़। शेषांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) निविदा आमंत्रित एवं निविदा स्‍वीकृत करने का अधिकार निकाय को होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''चार''

न्‍यायालयीन निर्णय पर कार्यवाही

22. ( *क्र. 5414 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा सतना जिले के सतना के जवाहर नगर मैदान में 1952 में जल संसाधन का कार्यालय खोलकर 5.50 एकड़ भूमि में बाउण्‍ड्री बनाकर कब्‍जा स्‍थापित किया था यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि के अंश रकबा 2.82 एकड़ में विबिनी मुखर्जी को ए.डी.जे. कोर्ट द्वारा कब्‍जा दिलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरण में समय पर शासन का पक्ष माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत न करने हेतु विभाग ने किसे दोषी माना है तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या विभागीय अधिकारियों के कारण विभाग को करोड़ों रूपये का मुआवजा भुगतान करना पड़ेगा? यदि हाँ, तो शासन की हो रही राजस्‍व की क्षति का आंकलन कर बताएं? (ख) क्‍या गहिरानाला सतना में बाणसागर परियोजना के लिये 1979 में आ.न. 56 रकबा 17.50 एकड़ शासन द्वारा आवंटित कर बाणसागर कॉलोनी एवं कार्यालय का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि में लगभग 20 वर्ष बाद सुकरू मल्‍लाह अन्‍य के द्वारा दायर पत्र में विभाग द्वारा अपना पक्ष मान. न्‍यायालय में प्रस्‍तुत न कर पाने के कारण उक्‍त भूमि शासन के हाथ से जा रही है तो उसके लिये विभाग ने किसे जिम्‍मेदार माना है और उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ग) क्‍या सतना जिले में पदस्‍थ अधि. ने सतना के भूमाफिया से पैसा लेकर जानबूझकर शासन का पक्ष सही नहीं रखा, जिसके कारण शासन को अरबों रूपये की क्षति होने जा रही है? क्‍या राज्‍य शासन उक्‍त दोनों प्रकरणों की जाँच राज्‍य स्‍तरीय समिति द्वारा करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। न्‍यायालयीन प्रकरणों में शासकीय अधिवक्‍ताओं की सलाह के मुताबिक पैरवी की गई है। वर्तमान में षष्‍ठम अपर जिला न्‍यायालय, सतना ने कब्‍जा वारंट के निष्‍पादन पर रोक लगा दी है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन भूमि के संबंध में वर्ष 1999 में शुकरू मल्‍लाह एवं अन्‍य द्वारा निजी स्‍वत्‍व होने का वाद जिला न्‍यायालय, सतना में दायर किया गया। शासकीय अधिवक्‍ता की सलाह के मुताबिक प्रकरण में शासन पक्ष की पुरजोर पैरवी की जाने के बावजूद भी न्‍यायालय में शासन के विरूद्ध निर्णय पारित हुआ। न्‍यायालयीन निर्णय के लिए किसी अधिकारी को जिम्‍मेदार ठहराया जाना उचित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन विषय में कोई शिकायत अथवा प्रमाण शासन को प्राप्‍त नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

सिंचाई नहरों के निर्माण की स्‍वीकृति

23. ( *क्र. 4458 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गरोठ विधानसभा क्षेत्र में गांधीसागर डेम से सिंचाई योजना के अंतर्गत बनने वाली नहरों एवं सिंचाई जल सुरंगों के निर्माण की स्‍वीकृतियां दी गई हैं? (ख) क्‍या निर्धारित अनुबंध एवं मापदण्‍ड के अनुसार उक्‍त सुरंगों, नहरों का निर्माण कार्य किया जा रहा है एवं उपयोग में ली जाने वाली सामग्री का परीक्षण करवाया गया है? क्‍या उक्‍त कार्यों में हल्‍के स्‍तर की सीमेंट एवं अन्‍य उपयोगी सामग्री उपयोग में ली जा रही है? यदि हाँ, तो किस कारण? यदि नहीं, तो सीमेंट आदि की जाँच का ब्‍यौरा दें? (ग) निर्माणाधीन कार्यों का कब-कब एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण रिपोर्ट क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। भानपुरा नहर परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 30.08.2013 को रू.183.70 करोड़ की 9,490 हेक्‍टेयर रबी तथा गरोठ सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू. 360.20 करोड़ की 21,400 हेक्‍टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की गई। परियोजनाओं के निर्माण कार्य की शर्तें अनुबंध अनुसार हैं एवं मापदण्‍ड तकनीकी आवश्‍यकता के अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। सीमेंट टेस्‍ट रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) मुख्‍य अभियंता, नर्मदा ताप्‍ती कछार, इंदौर एवं अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्‍डल उज्‍जैन द्वारा क्रमश: दिनांक 04.03.2014 एवं 25.10.2015 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

टीकमगढ़ जिले में किये गये कार्य

24. ( *क्र. 4584 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वित्‍तीय वर्ष 01.04.2012 से प्रश्‍न दिनांक तक दो लाख रूपये से ज्‍यादा राशि के क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेंस पर क्‍या-क्‍या कार्यों पर कितनी राशि व्‍यय की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वित्‍तीय दिनांक 01.04.2012 से प्रश्‍न वर्ष दिनांक तक 2 लाख रूपये से ज्‍यादा राशि के किये गये कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में मेन्‍टेनेंस के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्‍वयं के स्‍त्रोतों से सतत् विद्युत प्रवाह व्‍यवस्‍था हेतु विभागीय स्‍तर पर किये जाते हैं। मेन्‍टेनेंस हेतु लगने वाली सामग्री एकजाई रूप से कंपनी स्‍तर पर संपूर्ण कंपनी क्षेत्र हेतु क्रय कर क्षेत्रीय भण्‍डारों को प्रदाय की जाती है। मैदानी अधिकारियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार उक्‍त सामग्री भण्‍डार से समय-समय पर आहरित कर विभिन्‍न कार्यों हेतु उपयोग की जाती है। अत: विभागीय तौर पर किए गए मेन्‍टेनेंस के कार्यों पर व्‍यय की गई राशि की पृथक से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्‍त एच.व्‍ही.डी.एस. तथा आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजनांतर्गत वार्षिक मेन्‍टेनेंस कान्‍ट्रेक्‍ट के प्रावधानान्‍तर्गत कार्य कराया गया है। टीकमगढ़ जिले के क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01.04.2012 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये मेन्‍टेनेंस के कार्यों की योजनावार व्‍यय की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) टीकमगढ़ जिले के अन्‍तर्गत दिनांक 01.04.2012 से प्रश्‍न दिनांक तक योजनावार किए गए कार्यों हेतु भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

डूब प्रभावित मार्ग का डामरीकरण

25. ( *क्र. 1326 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अपरवेदा डेम अन्‍तर्गत डूब मार्ग भीकनगांव से झिरन्‍या का वैकल्पिक मार्ग खोई से लार्इखेड़ी मार्ग का चयन किया जाकर नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा मार्ग निर्माण की स्‍वीकृति प्रदाय की गई है? (ख) क्‍या इस मार्ग निर्माण कार्य में डामर डालने हेतु प्रावधान नहीं है? क्‍या कारण है? जब नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा डेम बनाकर किसी डामर मार्ग जो दो जनपदों को जोड़ने वाला मार्ग हो उसे डुबाया जाता है तो उसके बदले उनके द्वारा डामर मार्ग बनाने की स्‍वीकृति क्‍यों नहीं ली गई? (ग) क्‍या नर्मदा घाटी विकास विभाग क्षेत्रवासियों की आवश्‍यकता एवं मांग को देखते हुए खोई से लाईखेड़ी मार्ग पर डामर डालने हेतु पुन: शासन से स्‍वीकृति प्राप्‍त करने हेतु कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। अपरवेदा डेम से डूब प्रभावित भीकनगाँव-झिरन्‍या मार्ग के आंशिक भाग हेतु वैकल्पिक डामरीकृत मार्ग के रूप में शिवना से आभापुरी परिवर्तित मार्ग लंबाई 8.10 कि.मी. वर्ष 2009 में निर्मित किया गया है। खोई-लाईखेड़ी मार्ग पूर्व में कच्‍चा मार्ग था जिस पर क्षेत्रवासियों की मांग पर अतिरिक्‍त सुविधा के रूप में डब्‍ल्‍यू.बी.एम. मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है।      (ख) उत्‍तरांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा अतिरिक्‍त रूप से निर्मित खोई-लाईखेड़ी मार्ग को मूल विभाग, लोक निर्माण विभाग को सौंपे जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। 

 

 

 







 

 

 

 

 

 

 

 

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भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में

परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


शिक्षा उपकर की धनराशि

1. ( क्र. 9 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर संभाग में शिक्षा उपकर की कितनी-कितनी धनराशि स्‍थानीय निकायों व जिलाधीश के पास लंबित व पिछले 3 वर्षों में कितनी धनराशि खर्च हो चुकी है?     (ख) जिलेवार व निकायवार विवरण देवें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग की नगर पालिका/नगर परिषदों से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर विगत तीन वर्षों की शिक्षा उपकरण से प्राप्‍त राशि, व्‍यय राशि एवं शेष राशि के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''पाँच''

नगर परिषद् शहपुरा एवं डिण्‍डोरी में कर्मचारियों की नियुक्ति

2. ( क्र. 27 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्‍डोरी के अंतर्गत नगर परिषद् शहपुरा एवं डिण्‍डोरी में वर्ष 2013, 14, 15 में किन-किन पदों पर कितने कर्मचारी भर्ती किये गये, एवं किन के अनुमोदन से भर्ती की गई? (ख) क्‍या उक्‍त भर्ती में नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया का पालन कर भर्ती की गई है? यदि नहीं, तो सम्‍बंधितों के ऊपर क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) नगर परिषद् शहपुरा एवं डिण्‍डोरी में शिकायत के आधार पर कलेक्‍टर डिण्‍डोरी द्वारा वर्ष 2013, 14, 15 में क्‍या अध्‍यक्ष एवं C.M.O. के कार्यों की जाँच करायी गई? (घ) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी कौन-कौन हैं, एवं क्‍या कार्यवाही किन-किन के ऊपर की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कलेक्‍टर जिला डिंडोरी द्वारा भर्ती प्रक्रिया की जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया जाकर जाँच कराई गई, जिसमें मात्र नगर परिषद्, शहपुरा में ड्राईवर एवं कम्‍प्‍यूटर आपरेटर (क्‍लर्क) की नियुक्ति नियमानुसार नहीं पाई गई है। संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु प्रस्‍ताव संचालनालय में भेजा गया, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) एवं (घ) नगर परिषद्, डिंडोरी में उल्‍लेखित अवधि में कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। केवल नगर परिषद्, शहपुरा के सी.एम.ओ. एवं अध्‍यक्ष के विरूद्ध भ्रष्‍टाचार की जाँच हेतु कलेक्‍टर डिंडोरी द्वारा जाँच समिति का गठन किया जाकर समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया गया, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्‍का. सी.एम.ओ. श्री अंगदसिंह भैना एवं श्री देवकुमार गुप्‍ता, उपयंत्री, शहपुरा दोषी पाये गये हैं, शेषांश से संबंधित कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट ''छ: ''

माही मुख्‍य बांध परियोजना का निर्माण

3. ( क्र. 36 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरदारपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत पिछले ग्रीष्‍मकाल में माही मुख्‍य बांध के घटिया निर्माण के कारण रिसाव के कारण बांध के अंदर गैलरी में मरम्‍मत कार्य कराया गया था एवं इसके बाद भी गैलरी में रिसाव के कारण इस वर्षाकाल में बांध फूटने के डर से अधिक पानी निकाला गया था? (ख) क्‍या विभाग इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) मध्‍यम एवं वृहद बांध की गैलरी में बांध के निर्माण के कुछ वर्षों तक रिसाव होना एक सामान्‍य प्रक्रिया है। वर्षाकाल में जल की निकासी बांध के जल के स्‍तर और वर्षा की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए की गई है। बांध सुदृढ़ है। अत: जाँच अथवा किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।

फीडर सेप्रेशन के कार्य

4. ( क्र. 114 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में 800 मजरें टोले तथा 213 रेवेन्‍यु ग्रामों में से कितने ग्रामों/मजरे/टोलों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है? ग्रामवार सूची उपलब्‍ध करवायें? (ख) कितने ग्रामों/मजरों/टोलों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण है? यदि अपूर्ण है तो इसके लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या इन कार्यों में प्रयुक्‍त सामग्री घटिया किस्‍म की लगी होने के कारण पिछले वर्ष पशुधन एवं जन-धन की हानि होने संबंधी समाचार पत्रों में समाचार प्र‍काशित हुए हैं तथा पशुधन एवं जन-धन की हानि हुई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है एवं जिम्‍मेदारों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) उक्‍त अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले के अंतर्गत सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में 193 राजस्‍व ग्राम अवस्थित हैं, न कि 213 राजस्‍व ग्राम। उक्‍त समस्‍त 193 राजस्‍व ग्रामों में प्रस्‍तावित फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है जिनकी ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, उक्‍त 193 राजस्‍व ग्रामों के अतंर्गत अवस्थित कुल 192 मजरों/टोलों के फीडर सेपरेशन का कार्य भी पूर्ण हो चुका है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत 800 मजरे/टोले होने की कोई जानकारी अभिलेखों में उपलब्‍ध नहीं है।    (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के किसी भी ग्राम में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष नहीं है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के ग्रामों में कुल 693 मजरे/टोले चिन्हित हैं, जिनमें से 501 मजरों/टोलों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण है। उक्‍त सभी 501 मजरों/टोलों को घरेलू फीडरों से जोड़ने हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल कर कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्‍मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उक्‍त कार्य में प्रयुक्‍त सामग्री का निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार परीक्षण किया जाता है एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप होने पर ही सामग्री का उपयोग विद्युत लाईनों में किया जाता है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में पशुधन एवं जन-धन की हानि होने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है, अत: किसी के जिम्‍मेदार होने का अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल उपरोक्‍त कार्य निविदा अनुबंध की शर्त के अनुसार दिनांक 17.02.2017 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है। 

अनु.जाति/अनु.जनजाति के रिक्‍त पदों की संख्‍या

5. ( क्र. 117 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में शासन के विभिन्‍न विभागों के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग/नि:शक्‍तजनों के कितने-कितने पद कब से रिक्‍त पड़े हैं? (ख) क्‍या शासन द्वारा प्रति वर्ष बैकलॉग की पूर्ति हेतु समय-सीमा वृद्धि कर रहा है? किंतु विभागों द्वारा बैकलॉग की पूर्ति नहीं कर पदों को रिक्‍त रखे जा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी। (घ) निर्धारित समय-सीमा में बैकलॉग पद पूर्ति न करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या व कब तक कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रहीं हैं। 

ग्रामीण विद्युतीकरण योजना

6. ( क्र. 118 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्‍डोरी रा.गां. ग्रामीण, विद्युतीकरण योजना से प्रथम चरण में एवं द्वितीय चरण में जो कार्य हुये हैं, विभाग को क्‍या ऐसी शिकायतें मिली हैं कि ठेकेदार द्वारा खम्‍भे गड़ाने हेतु, गड्ढ़े खुदवाकर भुगतान नहीं किया गया है? (ख) अगर उक्‍त बात सही है तो ठेकेदार के प्रति क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या ठेकेदार एवं उनके सहयोगियों से कनेक्‍शन लेने हेतु भी कुछ गांवों में राशि ली गई? (ग) इस योजना के तहत जो विद्युत पोल लगाये जा रहे हैं उनकी गुणवत्‍ता की जाँच किस स्‍तर के कर्मचारियों से की जाती है? (घ) प्रथम चरण में कितने विद्युतीकृत ग्रामों में नि:शुल्‍क कनेक्‍शन ठेकेदार द्वारा नहीं किया गया एवं कितने ग्रामों में कनेक्‍शनधारियों को नि:शुल्‍क बल्‍ब दिया गया? विकासखण्‍डवार संख्‍या देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, जिला डिण्‍डोरी में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रथम चरण (11वीं पंचवर्षीय योजना) के अंतर्गत कराये गये विद्युतीकरण के कार्यों में ठेकेदार द्वारा खम्‍भे गड़ाने हेतु, गड्ढ़े खुदवाकर भुगतान नहीं करने बाबत् शिकायतें जनसुनवाई एवं विभागीय अधिकारियों के भ्रमण के दौरान प्राप्‍त हुई थीं। किन्‍तु राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के द्वितीय चरण (12वीं पंचवर्षीय योजना) के अंतर्गत उक्‍त आशय की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है।     (ख) जिन ग्रामों में प्रश्‍नाधीन शिकायत प्राप्‍त हुई हैं, उनमें मजदूरी भुगतान करने हेतु संबंधित ठेकेदार एजेंसी मेसर्स रोहिणी इन्‍डसिट्रियल इलेक्‍ट्रिकल लिमिटेड, मुम्‍बई से आवश्‍यक भुगतान करवाने हेतु अनुरोध किया गया था तथा भुगतान कराकर शिकायत का निराकरण करा दिया गया है। जी नहीं, ठेकेदार एवं उनके सहयोगियों द्वारा कनेक्‍शन देने हेतु किसी भी ग्राम में राशि न‍हीं ली गई (ग) उक्‍त योजनांतर्गत लगाये जा रहे विद्युत पोलों की जाँच पोल निर्माता फैक्‍ट्री से पोल निर्गमन से पूर्व तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्‍सी मेसर्स एरडा के पर्यवेक्षकों तथा विद्युत वितरण कंपनी के कम से कम सहायक अभियंता स्‍तर के अधिकारी द्वारा की जाती है। इस अतिरिक्‍त जिला स्‍तर पर योजना की मॉनिटरिंग हेतु वितरण कंपनी द्वारा गठित सेल में पदस्‍थ सहायक अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता द्वारा भी विद्युत पोल सहित योजनांतर्गत लगने वाली विभिन्‍न सामग्री की गुणवत्‍ता सुनिश्चित की जाती है। (घ) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रथम चरण (11वीं पंचवर्षीय योजना) के अंतर्गत ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा बल्‍व सहित प्रदाय किये गये बी.पी.एल. कनेक्‍शनों की ग्रामों की संख्‍या सहित विकासखण्‍डवार जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त योजनांतर्गत ऐसे ग्रामों की संख्‍या की विकासखण्‍डवार जानकारी जिनमें बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान नहीं किये गये है संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त योजनांतर्गत उपलब्‍ध राशि अनुसार प्रावधान से अधिक बी.पी.एल. कनेक्‍शन दिये गये है तथा उक्‍त शेष बी.पी.एल. कनेक्‍शन के कार्यों को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। 

परिशिष्ट - ''सात''

औंकारेश्‍वर में सिंहस्‍थ 2016 में मूलभूत सुविधा एवं तीर्थ कर की वसूली

7. ( क्र. 178 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले के प्रसिद्ध ज्‍योर्तिलिंग औंकारेश्‍वर में शासन द्वारा सिंहस्‍थ 2016 के लिये कुल कितना बजट आवंटन स्‍वीकृत एवं प्रदान किया है? क्‍या इसमें जिले के जनप्रतिनिधियों के सुझावों को आमंत्रित किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) इसमें स्‍थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर क्‍या कार्ययोजना तैयार की गई? विभिन्‍न निर्माण कार्यों एवं सुविधाओं पर किये जाने वाले कार्य एवं उस पर व्‍यय की कार्ययोजना क्‍या है? (ग) क्‍या देश/प्रदेश के किसी तीर्थ क्षेत्र में धार्मिक यात्रियों से तीर्थ कर नहीं वसूली जाता है? फिर औंकारेश्‍वर निकाय को यह छूट क्‍यों दी गई है, जबकि निकाय द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिये कोई विशेष अपेक्षित संसाधन नहीं जुटाए जाते है? (घ) औंकारेश्‍वर निकाय को विगत 5 वर्षों में कितना तीर्थ कर प्राप्‍त हुआ तथा प्राप्‍त राशि से यात्रियों की सुविधा के लिये किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की है वर्षवार एवं मदवार जानकारी दी जाए?    (ड.) मुख्‍यमंत्री तीर्थयात्रा के तहत लाखों लोगों को नि:शुल्‍क यात्रा कराई जा रही है किंतु देश के इस प्रसिद्ध ज्‍योर्तिलिंग में स्‍वयं के व्‍यय पर आने वाले श्रद्धालुओं से तीर्थ कर वसूला जाना क्‍या न्‍याय संगत है? क्‍या विभाग सिंहस्‍थ पूर्व इस तीर्थ कर को सदा के लिये प्रतिबंधित करने के आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खण्‍डवा जिले के औंकारेश्‍वर ज्‍यार्तिलिंग में शासन द्वारा सिंहस्‍थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये कुल 16 विभागों को विभिन्‍न कार्यों हेतु कुल राशि 76.022 करोड़ की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। विभागवार कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त प्रस्‍ताव जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्‍त कर तैयार किया गया है। (ख) सिंहस्‍थ-2016 को दृष्टिगत रखते हुए तैयार की गई कार्ययोजना अनुसार विभिन्‍न निर्माण कार्यों एवं सुविधाओं पर किये जाने वाले कार्य एवं उस पर व्‍यय की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नगर परिषद्, औंकारेश्‍वर से प्राप्‍त उत्‍तर अनुसार नगर परिषद्, औंकारेश्‍वर में आय के स्रोत नगण्‍य होने से यहां किये जाने वाले मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति होना संभव नहीं है इसको दृष्टिगत रखते हुये म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 127 (6) क के तहत ती‍र्थयात्रियों से तीर्थकर की वसूली की जाती है तथा यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति की जाती है। (घ) नगर परिषद् औंकारेश्‍वर से प्राप्‍त उत्‍तर अनुसार नगर परिषद्, औंकारेश्‍वर को विगत 05 वर्षों में तीर्थकर से प्राप्‍त वर्षवार आय एवं वर्षवार व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) उक्‍त संदर्भ में वर्तमान में कोई प्रक्रिया प्रचलित नहीं है। 

ग्रि‍ड निर्माण में अनियमितता

8. ( क्र. 191 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खं‍डवा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में विगत‍तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ कितने पॉवर के ग्रि‍ड कितनी-कितनी राशि से निर्मित कराए गए? (ख) क्‍या ग्राम सतवाड़ा पॉवर ग्रि‍ड निर्माण में गंभीर लापरवाही एवं खराब क्‍वालिटी के कारण बार-बार खराब होने से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है? (ग) ग्रामीणों द्वारा सतवाड़ा ग्रि‍ड की लगातार शिकायत के बाद क्‍या इसकी जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच में कौन-कौन अधिकारी दोषी पाए गए? (घ) सतवाड़ा पॉवर ग्रि‍ड के निर्माण के बाद से उसकी मरम्‍मत आदि पर कितनी राशि व्‍यय की गई है? क्‍या उक्‍त कार्य के दोषी ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी से शासकीय धनराशि की वसूली की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

 

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खण्‍डवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विगत तीन वर्षों (वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक) में 33/11 के.व्‍ही. के कुल 10 तथा 02 अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र निर्मित किये गये है। उक्‍त उपकेन्‍द्रों की क्षमता, स्‍थान एवं निर्माण की लागत राशि का उपकेन्‍द्रवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं है। (ग) ग्रामीणों द्वारा की गई सतवाड़ा ग्रिड की कोई भी शिकायत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किसी भी स्‍तर पर प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) 33/11 के.व्‍ही.उपकेन्‍द्र सतवाड़ा के सामान्‍य रख-रखाव पर विगत तीन वर्षों में एक लाख तिरासी हजार रूपये की राशि व्‍यय की गई है। उक्‍त राशि समय-समय पर आवश्‍यक रख-रखाव के कार्यों हेतु ही सामान्‍य प्रक्रिया के तहत् व्‍यय की गई है, अत: उक्‍त राशि को संबंधित अधिकारी/ठेकेदार से वसूल किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''आठ''

फिडर सेपरेशन

9. ( क्र. 337 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (ख) शासन की समस्‍त ग्रामों को फिडर सेपरेशन से जोड़ने की कार्यवाही के तहत धरमपुरी जनपद पंचायत क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है, तथा     किन-किन ग्रामों में शेष हैं? (ख) जनपद पंचायत धरमपुरी क्षेत्र के मानबयडा, चिकट्यावड, ढापला,एहमदपुरा, गवल्‍यावाडी, लालमाटिया, जामला, कातर आदि ग्रामों में कॉफी समय से बिजली प्रदाय नहीं होने के बावजूद वहां के ग्रामीण उपभोक्‍ताओं को किस आधार पर 3000-4000 के बकाया राशि के बिजली बिल दिये जा रहे हैं? (ग) फीडर सेपरेशन से वंचित जनपद पंचायत क्षेत्र के अधिकांश ग्रामों को कब तक फिडर सेपरेशन से जोड़कर नियमित विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले की धरमपुरी जनपद पंचायत क्षेत्र के कुल 99 राजस्‍व ग्रामों में से 29 ग्रामों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 70 ग्रामों में कार्य अपूर्ण है। उक्‍त कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित ग्रामों में वर्तमान में अटल ज्‍योति अभियान के तहत् आबादी क्षेत्र को तकनीकी कारणों से हुए लाईन फाल्‍ट, उपकरण खराब होने, प्राकृतिक आपदा के कारण हुए विद्युत व्‍यवधान, नवीन अधोसंरचना के निर्माण कार्यों एवं रख रखाव हेतु आवश्‍यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर 24:00 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण उपभोक्‍ताओं को उनकी खपत/सम्‍बद्ध भार के आधार पर नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत देयकों का नियमित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण उनके विद्युत देयकों में बकाया राशि शामिल कर बिल दिये जा रहे हैं। (ग) धार जिले की धरमपुरी जनपद पंचायत के शेष बचे ग्रामों को माह      मार्च-2016 तक फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत घरेलू फीडरों से जोड़ना संभावित है। तथापि वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के समस्‍त 99 राजस्‍व ग्रामों के आबादी क्षेत्र को आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24:00 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 

नामांतरण प्रकरण

10. ( क्र. 340 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से आज दिनांक तक नगर परिषद् धामनोद, धरमपुरी, माण्‍डव द्वारा कितने नामांतरण प्रकरणों को स्‍वीकृति प्रदान की गयी? (ख) वर्ष 2013 से आज दिनांक स्‍वीकृत नामांतरण प्रकरणों की पुष्टि क्‍या परिषद् द्वारा की गयी है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या उपरोक्‍तानुसार नामांतरण प्रकरणों की पुष्टि पी.आई.सी. (President In Council) द्वारा ही करवाई गयी है? यदि हाँ, तो क्‍या दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नगर पालिका अधिनियम की अवहेलना करने के आरोप में कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो निश्चित समयावधि बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर परिषद्, धामनोद, धरमपुरी एवं माण्‍डव में क्रमश: 930, 123 एवं 18 नामांतरण प्रकरण स्‍वीकृत किये गये है। (ख) जी हाँ, म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 150 के अंतर्गत प्रश्‍नांश '''' अनुसार उक्‍त नगरीय निकायों के प्रकरणों में परिषद् द्वारा नामांतरण की स्‍वीकृति दी गई है। (ग) जी नहीं, नामांतरण प्रकरणों की पुष्टि प्रेस्डिेंट-इन-कौंसिल द्वारा नहीं करवाई जाती है। शेषांश का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता।

प्रश्‍न संख्‍या 2 (क्र.27) के संबंध में

11. ( क्र. 502 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 दिसम्‍बर 2015 के परि.अ.ता. प्रश्‍न संख्‍या 2 (क्रमांक 27) के उत्‍तर में प्रपत्र (अ) व (ब) के उत्‍तर जिन प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है? उन प्रकरणों में बताएं कि कार्यवाही कब शुरू हुई व अभी प्रचलित कार्यवाही में क्‍या प्र‍गति है?     (ख) उक्‍त प्रश्‍न उत्‍तर के बाद प्रश्‍नकर्ता ने जो पत्र अशोकनगर व गुना के जिलाधीश व अधिकारियों तथा मुख्‍यमंत्री जी राजस्‍व व सहकारिता मंत्री जी, पंचायत मंत्री जी व प्रमुख सचिव राजस्‍व, प्रमुख सचिव खाद्य, प्रमुख सचिव पंचायत, प्रमुख सचिव सहकारिता को जो पत्र पिछले 03 माह में लिखे है उन पर शासन ने कार्यवाही की हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधायक निधि की राशि के उपयोग के संबंध में

12. ( क्र. 603 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सूखे की चपेट में है और पेयजल का भी भारी संकट है? ऐसी स्थिति नये हैण्‍डपम्‍प शासन द्वारा खनन नहीं कराये जा रहे है और कुओं में पानी था टूटे-फटे है और किसी नदी या बाउंड्री या शासन के बोर में अच्‍छा जल स्‍तर वहां पर मोटर पानी हेतु तथा पाईप लाईन यादि बिछाई जाय या उन फटे-टूटे कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाय तो विधायक निधि की राशि का उपयोग करने पर प्रतिबंध है? (ख) क्‍या खरगापुर विधान सभा सहित म.प्र. में जहां भी पेयजल का संकट है? ऐसे जल स्‍त्रोतों के जीर्णोद्धार एवं नल जल योजना पर पानी की मोटरें, नये हैण्‍डपम्‍पों के खनन हेतु विधायक निधि की राशि खर्च किये जाने की स्‍वीकृत प्रदाय किये जाने की योजना बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो विधायक निधि का उपयोग किये जाने के आदेश जारी करेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांन्‍तर्गत हैन्‍डपंम्‍प खनन, कुआं निर्माण, पॉवर पंम्‍प, पाईप लाईन का डाला जाना, टंकी का निर्माण, पेय जल व्‍यवस्‍था/ टेंकर क्रय आदि कार्यों पर विधायक निधि की राशि का उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। परन्‍तु जल स्‍त्रोंतो/ टूटे-फूटे कुओं के जीर्णोद्धार कार्य अनुमत नहीं है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांन्‍तर्गत जल स्‍त्रोतों/ टूटे-फूटे कुओं के जीर्णोद्धार कार्य अनुमत न होने से छोडकर शेष कार्य हेतु माननीय विधायक महोदया से कार्यों की अनुशंसा प्राप्‍त होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा सकती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार अनुमत नहीं होने से संभव नहीं है।

जिला कलेक्‍टरों के खाते में निधि

13. ( क्र. 604 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला कलेक्‍टरों के खातों में सांसद निधि प्रदाय की जाती है और इसके लिये यूनियन बैंक निर्धारित है? परंतु विधायकों को मिलने वाली निधि जिला कोषालयों में भेजी जाती है और जिला कोषालयों में अधिक कार्य का भार होने के कारण विधायकों की निधि समय पर आहरण नहीं की गई या अधिकारियों द्वारा कार्य में ढील की गई या नेट की खराबी के कारण या बिजली की समस्‍यायें कई बार आ जाती है जिससे विधायकों की विधायक निधि लेप्‍स हो जाती है क्‍या विधायकों की राशि जिला कलेक्‍टरों के खातों में भेजी जाएगी यदि हाँ, तो आदेश जारी किये जायें यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) क्‍या विधायकों की राशि हमेशा किसी ना किसी समस्‍या के चलते लेप्‍स हो जाती जनता विकास के कार्यों हेतु राशि की मांग करती है विधायक पत्र भी दे देते है और ऐसे कई विधायक है जिनकी राशि लेप्‍स हो जाती है? इसलिये सांसदों को जिस तरह से कलेक्‍टरों के खातों में राशि दी जाती है इसी तरह विधायकों को दिये जाने का भी प्रावधान बनाये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। सांसद निधि की राशि केन्‍द्र शासन के निर्देशानुसार राष्‍ट्रीयकृत बैंकों में जमा की जाती है, किन्‍तु विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास येाजना हेतु राज्‍य शासन के बजट से राशि आवंटित होती है तथा वित्‍त विभाग मध्‍यप्रदेश शासन की व्‍यवस्‍था अनुसार राशि का अहरण होता है। अत: जिला कलेक्‍टर के खातें में राशि जमा नहीं कराई जा सकती है। (ख) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

कृषक अनुदान योजना संबंधी

14. ( क्र. 731 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कृषक अनुदान योजनान्‍तर्गत तहसीलवार कितने कृषकों को वर्ष 2014 एवं दिसम्‍बर 2015 तक लाभान्वित किया? (ख) कितने कृषकों के उक्‍त अवधि के प्रकरण अब तक किस कारण से लंबित है? (ग) क्‍या 2014 एवं 2015 के स्‍वीकृत मामलों में सभी कृषकों को ट्रांसफार्मर उपलब्धि, से अन्‍य समस्‍त योजना कार्य पूर्ण होने का लाभ प्राप्‍त हो चुका है? यदि नहीं, तो कितने कृषकों को? योजना लाभ अंतर्गत समस्‍त योजना सामग्री समय पर न मिलने का कारण क्‍या है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कृषकों को स्‍थायी विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अंतर्गत रतलाम जिले में कैलेण्‍डर वर्ष 2014 में 1103 कृषकों को एवं कैलेण्‍डर वर्ष 2015 में दिसम्‍बर-2015 तक 258 कृषकों की लाभान्वित किया गया है। उक्‍तानुसार लाभान्वित हुए कृषकों की संख्‍या की तहसीलवार, एवं कैलेण्‍डर वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कृषकों को स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अंतर्गत रतलाम जिले में कैलेण्‍डर वर्ष 2014 एवं कैलेण्‍डर वर्ष 2015 में क्रमश: 1103 एवं 721 इस प्रकार कुल 1824 कृषकों के आवेदन स्‍वीकृत किये गये थे जिनमें से कैलेण्‍डर वर्ष 2014 में 1103, कैलेण्‍डर वर्ष 2015 में 258 तथा कैलेण्‍डर वर्ष 2016 में दिनांक 26.02.16 तक 463, इस प्रकार कुल 1726 कृषकों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 98 कृषकों के कार्य लंबित हैं। उक्‍त सभी प्रकरणों में विलंब का कारण खेतों में फसल खडी़ होने आदि कारणों से राईट ऑफ वे की समस्‍या रही है। (ग) कैलेण्‍डर वर्ष 2014 के स्‍वीकृत सभी 1103 प्रकरणों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है परंतु कैलेण्‍डर वर्ष 2015 के स्‍वीकृत कुल 721 कार्यों में से 623 कार्य पूर्ण कर कृषकों को उक्‍त योजना का लाभ दिया जा चुका है। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार शेष 98 कृषकों को इस योजना में सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन जारी नहीं किये जा सके हैं। योजना अन्‍तर्गत उपरोक्‍त शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु वांछित जानकारी योजना सामग्री पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास उपलब्‍ध है।

परिशिष्ट - ''नौ''

कार्यों की जानकारी

15. ( क्र. 811 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में वित्‍तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्‍न तिथि तक दो लाख रूपये से ज्‍यादा राशि के क्‍या-क्‍या कार्य, किस-किस स्‍थान पर किये गये?      (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर किस-किस स्‍थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि, कब-कब व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्‍थानों एवं समयानुसार उक्‍त सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''अ एवं ब'' अनुसार है।

निर्मित जलाशयों की नहरों के लिये आवंटन विषयक

16. ( क्र. 865 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत पांढुर्णा विकासखण्‍ड के अंतर्गत जल संसाधन उपसंभाग पांढुर्णा के अधीनस्‍थ निर्मित योजनाएं में बिछुआसानी जलाशय, मांडवी जलाशय, हिवरासेनाडवार जलाशय एवं भंदारगोंदी जलाशय के नहरों के सुधार हेतु कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? कितना कार्य हुआ। (ख) कार्य पूर्ण हुआ या नहीं? उससे सिंचाई में क्‍या वृद्धि हुई? (ग) यदि नहीं, तो कारण बतायें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) माण्‍डवी, हिवरासेनेडवार एवं भण्‍डारगोदी लघु सिंचाई परियोजनाओं में नहरों के रख-रखाव का कार्य जल उपभोक्‍ता संथाओं एवं बिछुआसानी परियोजना के रख-रखाव का कार्य निविदा के माध्‍यम से अनुरक्षण मद में प्राप्‍त आवंटन से किया जाना प्रतिवेदित है। रख-रखाव में कराये गये कार्य पूर्ण हैं। प्रश्‍नाधीन परियोजनाओं में प्राप्‍त आवंटन एवं की गई सिंचाई की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

परियोजना

आवंटन रू. में
 (
अनुरक्षण मद)

सीसीए
 (
हेक्टेयर में)

जल भराव क्षमता
 (
मि.घ.मी.)

वास्‍तविक सिंचाई
वर्ष 2015-16

बिछुआसानी

30,000

375

1.95

462

माण्‍डवी

59,600

450

2.38

475

हिवरासेनेडवार

12,480

156

1.10

160

भण्‍डारगोदी

8,000

100

0.12

75

सिंचाई बांध की जानकारी

17. ( क्र. 1027 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के ब्‍यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसीलों में जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई बांध निर्मित हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त तहसीलों में बांधों की संख्‍या क्‍या है तथा सिंचाई रकबा बांधवार कितना है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सिंचाई बांध निर्मित है, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बांधों के रख-रखाव के लिये राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त तहसीलों के प्रत्‍येक बांध में कितनी राशि आवंटित की गई और उन राशियों से क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दस''

भरहुत नगर नाले का अतिक्रमण हटाया जाना

18. ( क्र. 1167 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम, सतना के अंतर्गत भरहुत नगर नाले पर 75 से अधिक लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिये जाने से बरसात के मौसम में जल भराव के कारण लोगों के घर में पानी घुस जाता है? अगर हां, तो अवैध कब्‍जा किये लोगों की सूची दें? (ख) प्र‍श्‍नतिथि तक प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अवैध कब्‍जा किये लोगों द्वारा किस-किस वार्ड क्रमांक में कितने वर्गफुट भूमि पर कब से कच्‍चा-पक्‍का कब्‍जा कर रखा है, कब्‍जाधारीवार विवरण दें? (ग) क्‍या उक्‍त नाले की भूमि का नगर पालिक निगम एवं म.प्र. शासन के राजस्‍व अमले द्वारा सीमांकन 1.4.2015 से प्रश्‍न तिथि तक कराया? क्‍या रिपोर्ट आई? (घ) नगर पालिक निगम सतना द्वारा उक्‍त नाले का अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? अगर नहीं, तो क्‍यों, कारण दें? प्रश्‍नतिथि तक अतिक्रमण नहीं हटाये जाने पर राज्‍य शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? कब व क्‍या कार्यवाही उसके विरूद्ध की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नगर पालिक निगम, सतना द्वारा समय-समय पर नाले की सफाई कराई जाती है, जिससे पानी का भराव नहीं होता है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित अतिक्रमणकारियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, सतना द्वारा अतिक्रमणकारियों को म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 318 के तहत सूचनायें जारी की गई थी, जिसके तहत कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा अपने अभिलेखों के साथ अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत किया गया है। अतिक्रमणकारियों द्वारा अभ्‍यावेदन के साथ प्रस्‍तुत अभिलेखों के पीरक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

ई-पंजीयन योजना

19. ( क्र. 1260 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्‍चात् विभिन्‍न जिलों में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? ई-पंजीयन योजना लागू करने से शासन को राजस्‍व की कितनी हानि हुई है, जिलेवार, तहसीलवार, ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) ई-पंजीयन येाजना हेतु बनाए गये साफ्टवेयर में साफ्टवेयर लागू होने के पश्‍चात् कितनी बार संशोधन किया गया? संशोधन, अपग्रेडेशन हेतु कितनी अतिरिक्‍त राशि ठेकेदार को भुगतान की गई? अतिरिक्‍त राशि भुगतान करने के लिये कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता को पूर्व में पूछे गये प्रश्‍न के जवाब में साफ्टवेयर में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होना तथा राजस्‍व की कोई हानि नहीं होना बताया गया है? यदि हाँ, तो सदन में गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले दो‍षी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। ई-पंजीयन योजना लागू करने के कारण शासन को राजस्‍व हानि होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ई-पंजीयन योजना के सुचारू संचालन हेतु साफ्टवेयर में समय-समय पर आवश्‍यक संधोधन किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: तद् विषयक संशोधन की Frequency बताया जाना संभव नहीं है। अब तक संशोधन, अपग्रेडेशन हेतु 95,75,200/- रूपये की राशि का भुगतान किया गया है। निविदा के प्रावधान अनुसार Scope of Work के दायरे से बाहर होने वाले संशोधननों के लिये Change Request की प्रक्रिया के माध्‍यम से भुगतान कम्‍प्‍यूटराईजेशन परियोजना हेतु शासन द्वारा गठित क्रियान्‍वयन एवं पर्यवेक्षण समिति के अनुमोदन उपरांत स्‍वीकृत किया जाता है। भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सदन को गलत जानकारी नहीं दी गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

परिशिष्ट - ''बारह''

फीडर सेपरेशन के कार्य

20. ( क्र. 1508 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले में वर्ष, 2011-12 से वर्तमान तक फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत कितने कार्य स्‍वीकृत किये, के संबंध में कार्यरत एजेंसी का नाम, लागत कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित योजना में शामिल फीडरों के नाम बतावें? इस हेतु कितनी राशि प्राप्‍त/व्‍यय हुई? (ख) उक्‍त में से कितने कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुए? कितने नहीं इसका कारण व इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है, इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्‍या योजना में शामिल 527 ग्रामों में से 134 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुके हैं, में से कई ग्रामों में वर्तमान तक खंबे नहीं गढ़े? कई में तार नहीं खिंचे, जहां दोनों कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहां आगे के शेष कार्य पूर्ण नहीं कराये गये? कार्य भी घटिया किस्‍म का कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍या शासन 134 ग्रामों में पूर्ण हो चुके कार्यों का भौतिक सत्‍यापन प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में कराएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा अपूर्ण पड़े कार्यों को शीघ्र पूर्ण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्‍योपुर जिले में वर्ष 2011-12 से वर्तमान तक फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत 11 के.व्‍ही. के 58 फीडरों के विभक्तिकरण एवं 527 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण के कार्य स्‍वीकृत किए गए जिनकी फीडर के नामवार एवं ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड मुम्‍बई को उक्‍त कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित कर कार्य एजेन्‍सी नियुक्‍त किया गया था, कार्य की लागत रूपये 41.98 करोड़ एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि ठेकेदार एजेन्‍सी से किये गये अनुबंध के अनुसार प्रभावी दिनांक 20.08.2011 से 18 माह थी। उपरोक्‍त् कार्य हेतु रूपये 41.98 करोड़ की राशि स्‍वीकृति हुई एवं रूपये 11.05 करोड़ की राशि व्‍यय की गई है। (ख) उत्‍तरांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्‍य में 11 के.व्‍ही. के 31 फीडरों के विभक्तिकरण एवं 205 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हो चुका हैं जिसकी फीडरवार एवं ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। 11 के.व्‍ही. के 27 फीडरों के विभक्तिकरण एवं 322 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष है जिसकी फीडरवार एवं ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। कार्य एजेंसी द्वारा सामग्री एवं श्रमिकों के अभाव के कारण निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं कर पाने के दृष्टिगत कार्य एजेन्‍सी को जारी कार्यादेश दिनांक 08.06.15 को निरस्‍त किया जा चुका है। शेष कार्य पूर्ण करने के लिए मैसर्स बिकरान इंजीनियरिंग एण्‍ड एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड मुम्‍बई को दिनांक 20.02.2016 के द्वारा अवार्ड जारी किया गया है, जिसकी कार्य अवधि अनुबंध की प्रभावी दिनांक से 18 माह होगी। (ग) प्रश्‍नाधीन योजना में शामिल 527 ग्रामों में से 205 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। उपरोक्‍त 205 ग्रामों में से 87 ग्रामों में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है, शेष 118 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हुआ है, तथा ग्राम के सघन विद्युतीकरण का कार्य जैसे केबिलीकरण एवं मीटरीकरण के कार्य शेष है। कार्य की गुणवत्‍ता की जाचं के लिए कंपनी के अधिकारियों के अलावा तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्‍सी मै. आई.सी.टी. लिमिटेड, नई दिल्‍ली को अनुबंधित किया गया है, जिसके इंजीनियर लगातार साईट पर रहकर कार्यों की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करते है। कार्यों का निरीक्षण नियमानुसार किया गया है एवं योजनान्‍तर्गत निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के बाद ही सामग्री का उपयोग किया गया है। अत: प्रश्‍नाधीन कार्य के पृथक से भौतिक सत्‍यापन की आवयकता नहीं है।

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य

21. ( क्र. 1511 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रथम चरण में कौन-कौन से 475 ग्रामों को शामिल किया था, में से कौन-कौन से 143 ग्राम विद्युतीकृत हो चुके हैं, के नाम बतावें? इस हेतु कितनी राशि प्राप्‍त/व्‍यय की? (ख) उक्‍त शेष 332 ग्रामों एवं 4 ग्राम, जो पूर्व से अन्‍य योजना में स्‍वीकृत/विद्युतीकृत हैं, सहित कोन-कौन से 336 ग्रामों को फीडर सेपरेशन योजना में शामिल किया, में से निर्धारित अवधि के पश्‍चात् 66 ग्राम ही विद्युतीकृत हो पाए? शेष ग्रामों को कब तक विद्युतीकृत किया जायेगा? (ग) राजीव गांधी योजना के द्वितीय चरण में कौन-कोन से 252 मजरे-टोले शामिल किये गये, में से कौन-कौन से मजरे-टोले विद्युतीकृत हो चुके हैं? शेष कब तक होंगे? (घ) उक्‍त योजनांतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण में वर्तमान तक विद्युतीकृत हो चुके गांव मजरे-टोलों में से कई में खंबे नहीं गढ़े? कई में वायरिंग नहीं हुई? 40 ग्रामों में कई माह से 65 ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं, इन्‍हें न बदलने का कारण व कब तक बदला जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍या शासन उक्‍त गांव, मजरे-टोलों में पूर्ण हो चुके विद्युतीकृत कार्यों का भौतिक सत्‍यापन करवाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्‍योपुर जिले में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित 475 ग्रामों में से 143 ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्‍त योजना में सम्मिलित 475 एवं कार्य पूर्णता वाले 143 ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत राशि रू. 23.79 करोड़ में से राशि रू. 21.86 करोड़ व्‍यय हो चुकी है। (ख) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित 336 ग्रामों को फीडर सेपरेशन योजना में शामिल कर 82 ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। फीडर सेपरेशन योजना में सम्मिलित उक्‍त्‍ग्रामों एवं इनमें से कार्यपूर्णता वाले 82 ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड, मुंबई का अवार्ड निरस्‍त किया किया जा चुका है। शेष कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में शेष कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में श्‍योपुर जिले हेतु स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 252 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है तथा इनमें से 53 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्‍त योजना में सम्मिलित 252 मजरों/टोलों तथा कार्य पूर्णता वाले 53 मजरों/टोलों की ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार उक्‍त कार्य मार्च 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के 11वें प्‍लान में शेष ग्रामों का कार्य, फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत पूर्ण किया जा रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के 12वें प्‍लान में कार्य प्रगति पर है एवं योजना में सम्मिलित सभी मजरों/टोलों का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। ग्रामों मे जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिए बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने की शर्त को शिथिल कर इसे 10 प्रतिशत किया गया है। अत: ऐसे जले/खराब ट्रांसफार्मर जिनमें बकाया राशि का 10 प्रतिशत भी जमा नहीं किया गया है, बदलने हेतु शेष हैं। ग्रामों में जले/खराब ट्रांसफार्मर नियमानुसार 10 प्रतिशत बकाया राशि जमा होने के पश्‍चात् बदले जावेंगे अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। योजनान्‍तर्गत पूर्ण किये गये कार्यों का निरीक्षण नोडल अधिकारियों के साथ-साथ तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई मेसर्स वेपकॉस लिमिटेड, नई दिल्‍ली, आर.ई.सी.लिमिटेड, नई दिल्‍ली द्वारा नियुक्‍त निरीक्षण एजेन्‍सी एवं भारत सरकार द्वारा नियुक्‍त निरीक्षण एजेन्‍सी द्वारा किया गया है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कार्यों के भौंतिक सत्‍यापन की आवश्‍यकता नहीं है। तथापि किसी प्रकरण विशेष के प्रकाश में आने पर तत्‍काल नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। 

इंदौर विकास प्राधिकरण की कॉलानियों में स्‍कूल व धार्मिक स्‍थल का निर्माण

22. ( क्र. 1544 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर विकास प्राधिकरण की इंदौर में स्थित समस्‍त रहवासी स्‍कीमों (कॉलोनियों) में स्‍कूल व धर्मस्‍थल हेतु भूमि चिन्हित रहती है? यदि हाँ, तो वर्तमान में इंदौर में कितनी रहवासी स्‍कीम (कॉलोनी) का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया है व क्‍या उसमें स्‍कूल व धर्मस्‍थल हेतु भूमि छोड़ी जाकर वहां स्‍कूल व धर्मस्‍थल का निर्माण किया गया है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिन रहवासी स्‍कीमों (कॉलोनियों) में निर्धारित स्‍थल पर स्‍कूल व धार्मिक स्‍थल का निर्माण नहीं हुआ है? इस लिये संबंधित विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? स्‍पष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण के इन्दौर में स्थित 28 रहवासी स्कीमों में स्कूल एवं धार्मिक संस्थान हेतु भूमि चिन्हित की गई है, धर्मस्थल हेतु चिन्हित नहीं की गई है। प्राधिकरण द्वारा 28 रहवासी योजनाओं का निर्माण किया गया है। निर्मित आवासीय योजनाओं मे से 71 स्थानों पर स्कूल एवं 02 स्थानों पर धार्मिक संस्थानों हेतु भूखण्ड चिन्हित किये गये है। कुल चिन्हित 73 स्थानों मे से 33 स्थानों पर निर्माण हुआ है, जिनमें 31 स्कूल एवं 02 धार्मिक संस्थान सम्मिलित है। योजनावार संख्यात्मक सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नाशं अनुसार जिन रहवासी स्कीमों में (कालोनियों में) निर्धारित स्थल पर स्कूल का निर्माण नहीं हुआ है ऐसे प्रकरणों में यथासमय लीज़ शर्तों एवं प्रचलित व्ययन नियम के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट ''तेरह''

शैक्षणिक ऑडिटोरियम व अन्‍य विकास कार्यों हेतु भूमि का चिह्नांकन

23. ( क्र. 1545 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा इन्‍दौर में विगत 5 वर्षों में शैक्षणिक संस्‍थान (स्‍कूल-कॉलेज) ऑडिटोरियम, हॉस्पिटल, सामुदायिक भवनों के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित की गई थी? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त चिन्‍हीत भूमि पर प्रस्‍तावित निर्माण किया जा चुका है अथवा नहीं, स्‍पष्‍ट कर चिह्नित स्‍थानों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रस्‍तावित निर्माण हेतु चिह्नित भूमि पर निर्माण हेतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित कर उन्‍हें विक्रय किया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा निविदायें आमंत्रत की गई? यदि नहीं, की गयी तो विभाग इस हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। चिन्हित भूमि की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उक्त कार्यवाही प्रचलन में है। नवीन भू-अर्जन अधिनियम प्रभावशील होने के पश्चात् विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरण एवं पारित विभिन्न आदेशों के परिपेक्ष्य में व्ययन संबंधी प्रक्रिया की कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - ''चौदह''                                                   

संचालित योजनाओं पर व्‍यय

24. ( क्र. 1615 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष, 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित कार्यों पर कितनी राशि व्‍यय की गई, योजनावार बतावें? (ख) जिले में संचालित योजनाओं के संबंध में किन-किन ठेकेदारों को कार्य किस मापदण्‍डों के अनुसार स्‍वीकृत किये गये और कार्यों की भौतिक स्थिति क्‍या है, विवरण दें तथा स्‍वीकृत कार्यों हेतु शासन की गाईड लाईन की प्रतियां उपलब्‍ध करावें? भू-अर्जन पर शासन का कितना व्‍यय हुआ?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छतरपुर जिले में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी जबलपुर द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक संचालित कार्यों पर योजनावार व्‍यय की गई राशि का विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

योजना का नाम

व्‍यय की गई राशि (रू. लाख में)

1

रा.गां.ग्रा.वि.यो. (11वीं पंचवर्षीय योजना)

1631.00

2

रा.गां.ग्रा.वि.यो. (11वीं पंचवर्षीय योजना पूरक)

1024.00

3

रा.गां.ग्रा.वि.यो. (12वीं पंचवर्षीय योजना)

702.00

4

आर.ए.पी.डी.आर.पी छतरपुर शहर

1491.77

5

आर.ए.पी.डी.आर.पी नौगांव शहर

967.01

6

फीडर सेपरेशन योजना

1151.23

 
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कराए जा रहे कार्यों हेतु कंपनी स्‍तर पर इकजाई रूप से सामग्री क्रय कर क्षेत्रीय भण्‍डार को प्रदाय की जाती है। मैदानी अधिकारियों द्वारा समय समय पर कार्यों की आश्‍यकतानुसार उक्‍त सामग्री का भण्‍डार से आहरण कर उपयोग किया जाता है। अत: जिले विशेष हेतु किये गये कार्यों में उपयोग की गई सामग्री पर व्‍यय की गई राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। उक्‍त के अतिरिक्‍त छतरपुर जिले में पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ट्रांसमिशन के कार्यों हेतु वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल राशि रू. 2864.97 लाख व्‍यय की गई है जिसका योजनावार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में योजनावार स्‍वीकृत कार्यों के देकेदारों का विवरण एवं कार्य की भौतिक स्थिति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''''-1 तथा ''''-2 अनुसार है। योजनावार स्‍वीकृत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु वितरण कंपनी द्वारा निविदा आमंत्रित की जाती है तथा न्‍यूनतम निविदाकार की निविदा स्‍वीकृत कर निविदा की शर्तों के अनुसार कार्य करने हेतु कार्य आदेश जारी किया जाता है। रा.गां.ग्रा.वि.यो. एवं आर.ए.पी.डी.आर.पी योजना हेतु विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई गाईड लाईन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''''-1 ''''-2 तथा फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु राज्‍य शासन द्वारा पारित संकल्‍प 2013 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''''-3 में दिए गए निर्देशानुसार कार्य कराए जा रहे हैं। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कं. द्वारा केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण के ट्रांसमिशन प्‍लानिंग क्राइटेरिया गाईड लाईन के अनुसार कार्य कराए जाते हैं जिसकी प्रतिलिपि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''''-4 अनुसार है। शासन द्वारा विद्युत विभाग को वांछित शासकीय भूमि रू. एक के प्रतीकात्‍मक भू-भाटक दर पर उपलब्‍ध कराई जाती है अत: भू-अर्जन पर व्‍यय हुई राशि व्‍यवहारिक रूप से निरंक है।

अवैध उत्खनन

25. ( क्र. 1616 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में दिनांक 1/1/2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी नदियों की बालू का उत्‍खनन किया जा रहा है? (ख) विभागीय अधिकारियों ने अवैध उत्‍खनन रोकने हेतु किन-किन तिथियों में निरीक्षण किन-किन क्षेत्रों में किया, तिथिवार बतावें? (ग) क्‍या विभागीय अधिकारी खनन माफियाओं से मिलकर अवैध उत्‍खनन कराकर मोटी रकम वसूलते हैं? (घ) क्‍या इन अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में दिनांक 02.02.2015 से 31.07.2015 के मध्‍य केन नदी पर ग्राम चुकहेटा में 01 नीलाम रेत खदान संचालित रही है। वर्तमान में एक अन्‍य रेत खदान केन नदी पर ग्राम कुरधना में दिनांक 11.02.2016 से 10.05.2016 तक की अवधि हेतु संचालित है। (ख) छतरपुर जिले में पदस्‍थ खनि निरीक्षक एवं खनि सर्वेयर द्वारा ग्राम गोमाकला, बारबंद, मवईघाट, बरूआ, पिपरी, बंजारी आदि ग्रामों का दिनांक 07.04.2014, 12.07.2014, 11.02.2015, 13.06.2015, 22.06.2015, 05,.07.2015, 21.05.2015 25.05.2015, 16.10.2015, को प्रश्‍नानुसार निरीक्षण किया गया है।  (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वोल्‍टेज में सुधार एवं 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय करने की योजनाएं

26. ( क्र. 1785 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्‍ड सीहोर में वोल्‍टेज में सुधार एवं 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय करने अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी-कितनी राशि के किस-किस कंपनी द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे हैं?     (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की योजनावार, राशि सहित कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उक्‍त कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा क्‍या है तथा कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सीहोर जिले के विकासखण्‍ड सीहोर में वोल्‍टेज सुधार एवं 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय के लिये शहरी क्षेत्र में आर.ए.पी.डी.आर.पी. एवं ए.डी.बी. योजना तथा ग्रामीण क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना स्‍वीकृत हैं। उक्‍त योजनाओं हेतु स्‍वीकृत राशि सहित प्रस्‍तावित किये जा रहे कार्यों की ठेकेदार कंपनीवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के सन्‍दर्भ में प्रश्‍नाधीन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की योजनावार स्‍वीकृति राशि एवं योजनान्‍तर्गत प्रस्‍तावित कार्यों की जानकारी सहित विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शाए अनुसार है। आर.ए.पी.डी.आर.पी. तथा फीडर विभक्तिकरण योजना अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन कार्य क्रमश: जून, 2016 तथा मई 2016 तक तथा ए.डी.बी.योजना अंतर्गत कार्य अप्रैल 2016 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास हैं

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

खनन अनुमति

27. ( क्र. 1836 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग द्वारा कितने प्रकार के लायसेंस, अनुमति, खनन उसके परिवहन और उसके विक्रय से संबंधित हैं, जो शासन द्वारा कलेक्‍टर द्वारा और एस.डी.एम. द्वारा अनुमति दी जाती है, उनके नाम, उनसे संबंधित नियम/अधिनियम की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) पन्‍ना जिले में कितने प्रकार की खदानों की अनुमति दी गई है? उन ठेकेदारों के नाम, पता एवं खदाने किस-किस जगह हैं, रकबा सहित अवधि बताते हुए यह भी बतावें कि इन खदानों पर विभाग के कौन-कौन से प्राधिकारी ने 1 जनवरी, 2013 से जनवरी, 2016 तक निरीक्षण दौरे किये? (ग) इन खदानों पर मजदूरों की सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा प्रदूषण इत्‍यादि से बचने के लिये क्‍या-क्‍या उपाय कराये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। खनिज नियमों में एस.डी.एम. को खनन संबंधी अनुमति आदि प्रदान करने के अधिकार नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। प्रश्‍नांकित अवधि में खदानों का समय-समय पर जिले के खनि अधिकारी/खनिज निरीक्षक द्वारा निरीक्षण किया जाता है। खनिज नियमों में किए गए निरीक्षण की एकजाई पंजी संधारित किए जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) खदानों में मजदूरों की सुरक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा, प्रदूषण इत्‍यादि से बचने के लिए खदानों में पानी का छिड़काव, मजदूरों को मास्‍क लगाकर कार्य कराया जाता है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण

28. ( क्र. 1837 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पन्‍ना जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना संचालित है? यदि हाँ, तो पन्‍ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में कितना कार्य किस संविदाकार से कराया गया है? क्‍या पूर्व के संविदाकार द्वारा कार्य अपूर्ण कर बंद कर दिया है? यदि हाँ, तो इसके लिये जिममेदार कौन है? कया उसके खिलाफ कोई कार्यवाही हुई? नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या कुछ ग्रामों में मात्र खम्‍बे भर गाड़ दिये गये हैं? उनमें तार खींचा जावेगा, (केबिल) ट्रांसफार्मर लगाए जावेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? ग्राम घुटेही (रैपुरा), सगौनी (बघवार), आदि तक बिजली नहीं है? क्‍या उन ग्रामों का विद्युतीकरण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या शासन हर ग्राम में विद्युतीकरण करने की योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक पूरी होगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, पन्‍ना जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत पन्‍ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र में टर्न-की ठेकेदारों द्वारा किये गये कार्यों की ग्रामों की संख्‍या सहित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स आई.सी.एस.ए. (इण्डिया) लि. हैदराबाद को दिनांक 06.08.09 को कार्यादेश जारी किया गया परंतु अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण उक्‍त ठेकेदार एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्‍त ठेका दिनांक 20.12.11 को निरस्‍त कर दिया गया था। एवं टर्न-की ठेकेदार एजेंसी की परफारमेन्‍स गांरटी राशि   रू. 4.81 करोड़ जप्‍त कर ली गई थी। साथ ही उक्‍त ठेकेदार ऐजेंसी के देयकों से    रू. 1.59 करोड़ की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्‍टी स्‍वरूप काटी गई है।   (ख) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत रा.गा.ग्रा.वि.यो. अन्‍तर्गत जिला पन्‍ना में 24 ग्रामों में खम्‍बे खड़े कर दिये गये हैं एवं 38 ग्रामों में खम्‍बे खड़े  किये जाने का कार्य प्रगति पर है। उक्‍त ग्रामों में खंबे खड़े करने के पश्‍चात तार/केबिल खींचकर ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर विद्युतीकरण किया जाना है। टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्‍त ग्रामों सहित पन्‍ना जिले के ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य मार्च 2017 तक पूर्ण किया जाना है। जी हाँ, ग्राम घुटेही (रैपुरा) एवं सगौनी (बघवार) के वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इनके विद्युतीकरण का कार्य नहीं हो सका है। उक्‍त दोनो ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल है1 उक्‍त ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग से अनुमति प्रतीक्षित हैअनुमति प्राप्‍त होने के पश्‍चात कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जायेगा। (ग) जी हाँ] पारम्‍परिक रूप से लाईन विस्‍तार कर विद्युतीकरण योग्‍य सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य 31 मार्च 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास है। दूर-दराज के क्षेत्रों एवं सघन वन क्षेत्रों में स्थित ग्रामों को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा गैर-परम्‍परागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से दिसम्‍बर 2016 तक विद्युतीकृत करने का कार्यक्रम है। 

परिशिष्ट ''सोलह''

ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना

29. ( क्र. 1943 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा आनंद गृह निर्माण सहकारी समिति से प्राधिकरण की सिटी सेंटर, ग्‍वालियर आवासीय योजना में कुल भूमि के बदले 50 प्रतिशत् विकसित भू-खण्‍ड समिति को प्रदान करने का अनुबंध किया गया था? आनंद गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा की गई भूमि पर कितने वर्गफिट भूमि प्राधिकरण द्वारा समिति को प्रदान की गई तथा कितने वर्गफिट भूमि प्राधिकरण द्वारा अन्‍य भूमियों के क्षेत्र पर समिति को प्रदान की गई? (ख) क्‍या समिति को दी गई भूमि के बदले अन्‍य भूमियों पर विकसित वाणिज्यिक भू-खण्‍ड भी समिति को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो समिति को दिये गये कुल वाणिज्यिक एवं आवासीय सह-वाणिज्यिक     भू-खण्‍डों का क्षेत्रफल भी बतावें? (ग) समिति द्वारा प्राधिकरण को अनुबंध पर दी गई भूमि पर कुल कितने क्षेत्रफल के भू-खण्‍ड विकसित हुये? आवासीय, वाणिज्यिक एवं आवासीय सह वाणिज्यिक भू-खण्‍डों की जानकारी नाम/पतों सहित प्रकरणवार दें?     (घ) क्‍या प्राधिकरण द्वारा समिति को आवंटित भू-खण्‍डों का क्षेत्रफल समिति की भूमि से प्राधिकरण को प्राप्‍त भू-खण्‍डों से अधिक है? यदि हाँ, तो कितना तथा इस कारण प्राधिकरण को वर्तमान कलेक्‍टर गाइड लाईन के मूल्‍य के अनुसार कितनी क्षति हुई है तथा इस क्षति के लिये जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के नामवार/पतेवार/राशिवार/ समितिवार जानकारी दें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्राधिकरण द्वारा सिटी सेंटर अंतर्गत आनन्द गृह निर्माण समिति के साथ किये गये 3 अनुबंधों यथा दिनांक 24.02.1990, 30.01.1990 तथा 22.08.1989 के अंतर्गत समिति द्वारा दी गई भूमि पर क्रमशः 36980 वर्गफुट, 116260 वर्गफुट तथा 333854 वर्गफुट भूमि (कुल 487094 वर्गफुट) तथा अन्य भूमियों के क्षेत्र पर क्रमशः 8716 वर्गफुट, 2905 वर्गफुट तथा 37272 वर्गफुट (कुल 48893 वर्गफुट) भूमि दी गई। (ख) जी हाँ। समिति को सिटी सेंटर योजना में ही लगी प्राधिकरण के स्वत्व की भूमि पर वाणिज्यिक भूखंड रकवा 6714 वर्गफुट तथा आवासीय सह वाणिज्यिक भूखंड रकवा 13127 वर्गफुट कुल रकवा 19841 वर्गफुट आवंटित किये गये। (ग) समिति द्वारा प्राधिकरण को उत्तरांश में उल्लेखित तीन अनुबंध पर दी गई भूमियों का कुल विकसित क्षेत्रफल 614472 वर्गफुट है, जिसमें 467001 वर्गफुट आवासीय तथा 147471 वर्गफुट भूमि आवासीय सह वाणिज्यिक है। समिति को अनुबंध अनुसार आवंटित किये गये भूखंड का विक्रय समिति द्वारा अपने सदस्यों को दिया गया है, जिसकी सूची प्राधिकरण में उपलब्ध नहीं है। (घ) जी नहीं। प्राधिकरण द्वारा समिति को आवंटन योग्य भूखण्ड क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल के भूखण्ड आवंटित किये गये है। अतः किसी क्षति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त के परिपेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। 

इंदिरा सागर डेम की नहरों का निर्माण

30. ( क्र. 2138 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वानी जिले में इंदिरा सागर परियोजना डेम की नहर का कार्य दिनांक 1/1/2013 से 21/12/2015 के बीच में किया गया तथा उक्‍त कार्य का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया गया, तथा लागत राशि कितनी है? (ख) उक्‍त समय-सीमा में निर्माण कार्य में रेत व गिट्टी का उपयोग कितने क्‍यू. मीटर किया गया? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिनांक 1/1/2013 से 21/12/2015 तक रेत खदानों की स्‍वीकृति पर प्रतिबंध के दौरान किए गए निर्माण कार्य का जवाबदार कौन है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 01/01/2013 से दिनांक 21/12/2015 के बीच मेसर्स आई.व्‍ही.आर.सी.एल.लिमि. हैदराबाद द्वारा रूपये 85.81 करोड़ एवं मेसर्स सोमदत्‍त बिल्‍डर्स एण्‍ड के.डी.एस. प्रा.लि. (जे.व्‍ही) नई दिल्‍ली द्वारा 77.13 करोड़ का निर्माण कार्य किया गया है। (ख) 78943 घन मीटर रेत एवं 216597 घन मीटर गिट्टी का उपयोग किया गया। (ग) जनवरी 2013 से जुलाई 2015 तक बडवानी जिले में खदानों से खनिज सप्‍लायर्स द्वारा एजेन्‍सी से रेत की कीमत एवं रायल्‍टी की राशि लेकर रेत सप्‍लाई की गई एवं अगस्‍त 2015 से दिसम्‍बर 2015 तक एजेन्‍सी द्वारा स्‍टॉक की गई रेत एवं अलीराजपुर जिले की रेत का उपयोग किया गया। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित ही नहीं होता।

विभागीय कार्यक्रमों का आयोजन

31. ( क्र. 2178 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने कार्यक्रम का आयोजन कहाँ-कहाँ, कब किया गया, आयोजनवार बतावें? आयोजन में खर्च राशि मदवार बतावें? (ख) उक्‍त आयोजनों के मुख्‍य कार्यक्रम अधिकारी कौन रहे, नाम, पद सहित सूची देवें? कार्यक्रमों में शामिल मुख्‍य अतिथियों की जानकारी देवें? (ग) वर्ष, 2015 में किस कार्यक्रम में व्‍यवधान की शिकायत वरिष्‍ठ विभाग को प्राप्‍त हुई है? किसी कार्यक्रम में हुई मारपीट पर दर्ज कराई गई एफ.आई.आर. संबंधी जानकारी देवें? किसी आयोजन की शिकायत पर की गई जाँच तथा जाँच प्रतिवेदन की जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.

विस्‍थापित परिवारों को नगर निगम से प्राप्‍त सुविधाएं

32. ( क्र. 2207 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या महारानी लक्ष्‍मीबाई कन्‍या स्‍कूल एवं परसवारा के विस्‍थापित लोगों को गढ़ा पुरवा में जे.एन.एन.यू.आर.एम. में बने आवासों में रखा गया है? यदि हाँ, तो इन्‍हें विस्‍थापित करने का कारण क्‍या था? क्‍या विस्‍थापित उपरांत इन्‍हें जो स्‍थान निवास हेतु दिया गया था? क्‍या उसकी सम्‍पूर्ण सुख सुविधाओं की जवाबदारी नगर निगम, जबलपुर की थी? यदि हाँ, तो इन्‍हें क्‍या-क्‍या सुविधाएं प्रदाय की गई है? विस्‍तृत जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दी गई सुविधाओं में क्‍या निगम द्वारा विस्‍थापितों के विद्युत बिल, पेयजल एवं भोजन की व्‍यवस्‍था की गई थी? यदि हाँ, तो कितने दिनों तक यह सुविधायें लोगों को प्रदाय की गई? इन सुविधाओं में निगम की कितनी राशि व्‍यय हुई, मदवार बतावें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में विस्‍थापितों को दी गई सुविधाओं में क्‍या विद्युत बिलों की वसूली की जानी थी, इन्‍हें एक-एक विद्युत सब मीटर लगाकर उपयोग की गई विद्युत की राशि वसूल की जानी थी? यदि हाँ, तो क्‍या ऐसा किया गया? यदि हाँ, तो विस्‍थापितों से कितनी राशि वसूल की गई? विस्‍थापितों के भोजन पर कितनी राशि व्‍यय की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महारानी लक्ष्‍मी बाई स्‍कूल के पीछे स्थित बस्‍ती के हितग्राहियों को अस्‍थायी रूप से जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना में बने आवासों में रखा गया है। परसवाड़ा के विस्थिापितों को इन आवासों में नहीं रखा गया है। महारानी लक्ष्‍मी बाई स्‍कूल के पीछे स्थित बस्‍ती में राजीव आवास योजना के अंतर्गत उसी स्‍थान पर बस्‍ती का पुर्नविकास, पक्‍के आवास एवं अन्‍य अधोसंरचना कार्य किये जा रहे है। इस लिये निर्माण कार्य पूर्ण होकर आवासों के आवंटन तक हितग्राहियों केा इन आवासों में रखा गया है। इन हितग्राहियों को जो स्‍थान निवास हेतु दिया गया था, उसमें आधारभूत व्‍यवस्‍थायें नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा पूर्व से ही की जा चुकी थी। जिनमें विद्युत व्‍यवस्‍था, पेयजल इत्‍यादि शामिल थे। (ख) उत्‍तर '''' में दी गई सुविधाओं में नगर निगम द्वारा विस्‍थापितों के पेयजल की व्‍यवस्‍था एवं सभी आवासीय इकाईयों में विद्युत की व्‍यवस्‍था (हितग्राहियों द्वारा स्‍वयं देय है।) की गई थी। उपरोक्‍त सुविधायें वर्तमान में भी जारी है। इन सुविधाओं में विद्युत व्‍यवस्‍था हेतु नगर निगम द्वारा राशि 1237319/- का भुगतान किया गया है। (ग) उत्‍तर '''' एवं '''' में विस्‍थापितों को दी गई सुविधाओं में विद्युत की वसूली हितग्राहियों से ही की जाना है। विद्युत सबमीटर नहीं लगाये गये है। औसर के आधार पर हित‍ग्राहियों द्वारा राशि रू. 94700/- का भुगतान भी किया जा चुका है एवं शेष राशि आवासों के आवंटन के पूर्व हितग्राहियों से जमा कराई जायेगी। विस्‍थापितों के भोजन में कोई व्‍यय नहीं किया गया है।

चीलर बांध में काली सिंध नदी का पानी लाने हेतु

33. ( क्र. 2301 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री के शाजापुर प्रवास के दौरान किसान सम्‍मेलन में काली सिंध नदी/ लखुन्‍दर नदी का पानी चीलर बांध शाजापुर में लाने हेतु सर्वे करने हेतु निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि चीलर बांध में उक्‍त नदियों का पानी लाया जाता है, तो सिंचित रकबा एवं शाजापुर नगर एवं बांध के आसपास गांवों में पेयजल की समस्‍या समाप्‍त होगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के अनुसार विभाग द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण कर प्रथम स्‍तरीय प्राक्‍कलन शासन को प्रस्‍तुत किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो चीलर बांध में कालीसिंध नदी या लखुंदर नदी से पानी लाने हेतु प्रशासनिक स्‍वीकृति कब तक होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी नहीं, दिनांक 16.09.2010 को मा. मुख्‍यमंत्री जी ने जौनपुर नाले का जल चीलर बांध में मिलाने हेतु सर्वे कराए जाने की घोषणा की थी। परीक्षण पर योजना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाई गई। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

विदिशा जिले के सिरोंज स्थित केथन डेम पर अवैध अतिक्रमण

34. ( क्र. 2381 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज स्थित केथन डेम कितने हेक्‍टेयर में स्थित है? उक्‍त डेम के डूब क्षेत्र के कितने हेक्‍टेयर में अवैध रूप से कितने व्‍यक्तियों द्वारा कब से अतिक्रमण कर खेती की जा रही है? (ख) क्‍या उक्‍त डेम के डूब क्षेत्र में सिंचाई विभाग द्वारा लोगों को सिंचाई के लिये पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों को कितनी अवधि के लिये दिये हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) केथन जलाशय का डूब क्षेत्र 279.21 हेक्टेयर है। डूब क्षेत्र की भूमि खाली होने पर पिछले 10 वर्षों से 40 से 45 व्‍यक्तियों द्वारा बिना पट्टे के खेती की जाना प्रतिवेदित है। जिला कलेक्‍टर एवं मैदानी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि डूब क्षेत्र की भूमि खाली होने पर विधिवत कार्रवाई करते हुए फसल हेतु भूमि पट्टे पर दी जाए और अनाधिकृत रूप से किसी व्‍यक्ति को डूब भूमि पर कृषि नहीं करने दी जाए।

पर्यटन विकास द्वारा निर्माण

35. ( क्र. 2386 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत पाँच वर्षों में पर्यटन विकास विभाग द्वारा किन-किन स्‍थानों पर क्‍या-क्‍या निर्माण कार्य कराए गए हैं? (ख) उक्‍त निर्माण कार्यों की लागत कितनी हैं? (ग) पर्यटन विकास विभाग द्वारा जो कार्य अपूर्ण हैं, वह कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? आगामी वर्षों में कौन से नये कार्य किये जाने हेतु प्रस्‍तावित हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार(ग) कार्यपूर्ण हो चुके है। वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -''सत्रह''

बाणसागर परियोजना के कार्य

36. ( क्र. 2391 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग रीवा संभाग रीवा (बाणसागर परियोजना रीवा) में विधान सभा क्षेत्र मनगवां एवं सिरमौर में वर्ष 2013-14 से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत कर कराये गये या कराये जा रहे हैं, कार्य का नाम, कार्य की लागत, कार्य की स्थिति अंकित कर देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के कराये जा रहे कार्यों की कब-कब विभाग द्वारा निविदा जारी की गई है तथा कुल कितनी निविदायें प्राप्‍त हुई है और किस ठेकेदार अथवा कंपनी से काम कराया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के कार्यों में     कौन-कौन से काम अपने निश्चित समय-सीमा पर पूरा नहीं हो रहे है? उन ठेकेदारों एवं कंपनियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई या की जा रही हैं? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के कार्यों के गुणवत्‍ता की जाँच वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा की गई हैं? यदि गुणवत्‍ता विहीन कार्य कराये गये हैं तो संब‍ंधित दोषी ठेकेदार एवं संलग्‍न अधिकारी के विरूद्ध राशि वसूली एवं दण्‍ड आदेश जारी किया गया हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधान सभा क्षेत्र मनगंवा एवं सिरगौर में प्रश्‍नाधीन वर्षों से कराये जा रहे कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं होने के कारण निर्माण एजेंसी श्री अरूणेश्‍वर सिंह रीवा का अनुबंध विखण्डित किया गया और निर्माण एजेंसी की परफारमेंस गारंटी तथा सुरक्षा निधि राजसात कर पंजीयन निलंबित किया गया। (घ) गुणवत्‍ता की जाँच गुण नियंत्रण इकाई, रीवा द्वारा किया गया है। कार्य की गुणवत्‍ता संतोषजनक होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

चुटका परमाणु विद्युत गृह निर्माण की अधिसूचना

37. ( क्र. 2516 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुटका परमाणु विद्युत गृह निर्माण हेतु परियोजना स्‍थापना, कॉलोनी विकास तथा अन्‍य कार्यों के निर्माण हेतु परियोजना में कहाँ-कहाँ से और कितनी जमीन अधिग्रहण की जावेगी इस की सूचना कब-कब दी गई थी? (ख) क्‍या उक्‍त परियोजना में जमीन अधिग्रहण एवं अवार्ड पास करने के लिये सभी ग्रामों में ग्राम सभा की सहमति ली गई है यदि हाँ, तो कब-कब ग्राम सभा आयोजित की गई? (ग) धारा 09 अंतर्गत पुर्नवासन एवं पुर्नस्‍थापन का अवार्ड कब घोषित किया गया? अवार्ड घोषित होने के बाद लोग अपने दावे आपत्ति कहाँ दे सकेंगे जिससे लोगों की आपत्ति का निराकरण हो सकें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) परियोजना हेतु कलेक्‍टर मंडला से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार चुटका परमाणु विद्युत गृह निर्माण हेतु परियोजना स्‍थापना तथा कॉलोनी विकास हेतु ग्राम चुटका की 111.81 हेक्‍टेयर, टाटीघाट की 26.4 हेक्‍टेयर, कुण्‍डा की 85.76 हेक्‍टेयर तथा मानेगांव की 63.24 हेक्‍टेयर इस प्रकार कुल 287.21 हेक्‍टेयर भूमि, अवार्ड दिनांक 27.06.2015 एवं संशोधित अवार्ड दिनांक 11.12.2015 द्वारा अधिग्रहित की गई। भू-अर्जन अधिनियम की धारा 4 की अधिसूचना का प्रकाशन दिनांक 20.07.2012 को तथा धारा 6 की अधिसूचना का प्रकाशन दिनांक 05.07.2013 को किया गया। (ख) कलेक्‍टर मंडला से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार चुटका परमाणु विद्युत परियोजना में जमीन अधिग्रहण एवं अवार्ड पास करने के लिए सभी ग्रामों में ग्राम सभा की बैठक आयोजित कर सहमति ली गई थी। जिसके लिए ग्राम चुटका (ग्राम पंचायत पाठा) में दिनांक 16.03.2012 को, ग्राम टाटीघाट में दिनांक 16.03.2012 को, ग्राम कुण्‍डा में दिनांक 17.03.2012 को एवं ग्राम मानेगांव में दिनांक 17.03.2012 को ग्राम सभा की बैठक का आयोजन किया गया। (ग) कलेक्‍टर मंडला से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार भू-अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में ''उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013'' की धारा 31 के अन्‍तर्गत पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन का अवार्ड दिनांक 27.06.2015 को एवं संशोधित अवार्ड दिनांक 11.12.2015 को पारित किया गया है। ''प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013'' की धारा 51 से 64 के प्रावधानों के तहत् भू-अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन हेतु दावे, आपत्ति प्रस्‍तुत किए जा सकते है।

बिजली बिलों की अनाधिकृत रूप से वसूली

38. ( क्र. 2599 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत घरेलू उपभोक्‍ताओं को बिना रिडिंग लिये आंकलित/अनुमानित खपत के विद्युत बिल जारी कर निरंतर अनाधिकृत रूप से वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या जिन उपभोक्‍ताओं के मीटर चालू हालत में घर के बाहर लगे हुए हैं उनसे भी अनुमानित खपत के नाम पर राशि वसूल की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) क्‍या इस संबंध में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम अंजनगांव से क्षेत्रीय विधायक को आवेदन पत्र प्राप्‍त होने पर बिलों के निराकरण हेतु विभाग को पत्र प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पत्र पर वर्तमान तक क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की हितग्राहीवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या भविष्‍य में जिनके घर पर मीटर चालू अवस्‍था में हैं, उन्‍हें रिडिंग के आधार पर बिल प्राप्‍त होगा? यदि हाँ, तो इसकी स्‍पष्‍ट समयावधि बताएं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में घरेलू श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को विद्युत मीटर में दर्ज वास्‍तविक खपत के अनुसार ही नियमानुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहें है। तथापि ऐसे घरेलू श्रेणी के उपभोक्‍ता जिनके मीटर बंद/खराब है उन्‍हे विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार विगत तीन माह की वास्‍तविक खपत के औसत के आधार पर आंकलित खपत के विद्युत देयक जारी किये जा रहें है तथा जिन घरेलू कनेक्‍शनों पर मीटर नहीं लगे है, उनमें म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार संबद्ध भार के आधार पर आंकलित खपत के देयक दिये जा रहे है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। माननीया प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदया का पत्र क्रमांक 08/181-भीकनगांव/16 दिनांक 20.01.2016 संबंधित कनिष्‍ठ यंत्री अंजन गांव को प्राप्‍त हुआ था, जिसमें ग्राम अंजन गांव में अनुसूचित जाति/जनजाति के बी.पी.एल हितग्राहियों के घरेलू श्रेणी के विद्युत कनेक्‍शनों हेतु जारी किये गये विद्युत बिलों का निराकरण किये जाने का उल्‍लेख था उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित 9 विद्युत कनेक्‍शनों का निरीक्षण कराया गया तथा इनमें मीटर बंद पाये गये। उक्‍त कनेक्‍शनों में संयोजित भार का भी सत्‍यापन कराया गया तथा यह पाया गया कि संयोजित भार के अनुसार ही आं‍कलित खपत के बिल जारी किये जा रहे हैं। उक्‍त सभी 9 कनेक्‍शनों के मीटर बदल दिये गये हैं। उक्‍त पत्र पर की गई कार्यवाही की हितग्राहीवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, जिन घरेलू श्रेणी के उपभोक्‍ताओं के मीटर चालू अवस्‍था में है उन्‍हें वर्तमान में भी उनकी वास्‍तविक खपत के अनुसार नियमानुसार विद्युत देयक जारी किया ही जा रहा है। अत: समयावधि का उल्‍लेख किया जाना आवश्‍यक नहीं। 

परिशिष्ट - ''अठारह''

गलत तरिके से भुगतान के संबंध में दौषियों के खिलाफ कार्यवाही

39. ( क्र. 2600 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जुलाई 2015 विधानसभा सत्र में प्रश्‍न क्रमांक 1871 दिनांक 28 जुलाई, 2015 द्वारा प्राप्‍त उत्‍तर में यह बताया गया कि मूल ठेकेदार द्वारा छोटे प्रदायकर्ताओं से मटेरियल लेकर कार्य कराया जा रहा था? यदि हाँ, तो यह बतायें कि मुकेश ग्रॉफिक्‍स द्वारा कौन से मटेरियल सप्‍लाय कराया गया था तथा सप्‍लाय किये गये मटेरियल की सप्‍लाय करने हेतु संबंधित सप्‍लायर को शासन द्वारा अनुमति है? (ख) प्रश्‍न क्रमांक 1871 के जवाब में बताया गया है कि मूल ठेकेदार को छोटे प्रदायकर्ताओं को भुगतान में बैंक संबंधी समस्‍या के कारण मूल ठेकेदार को राशि का भुगतान न करते हुए छोटे प्रदायकर्ता मुकेश ग्राफिक्‍स को भुगतान किया गया, तो बैंक की ऐसी क्‍या समस्‍या थी जिससे मूल ठेकेदार को राशि भुगतान होने पर व छोटे प्रदायकर्ताओं को भुगतान करने में असमर्थ था? क्‍या इस प्रकार की सुविधा अन्‍य ठेकेदारों को भी दी जा सकती है? (ग) क्‍या हर मूल ठेकेदार को छोटे प्रदायकर्ताओं से सामग्री लेकर कार्य कराया जाता है? परंतु सभी छोटे प्रदायकर्ताओं को सीधे विभाग द्वारा भुगतान होने पर मूल ठेकेदारों के बैंक खाते में राशि का आय-व्‍यय न प्रदर्शित होने पर इनकम टैक्‍स एवं अन्‍य आरोपित टैक्‍स का सही आंकलन कैसे होगा? क्‍या इससे शासन की टैक्‍स प्राप्‍त करने में अनियमितताएं नहीं होंगी? (घ) क्‍या उपरोक्‍त प्रकार की राशि भुगतान की घटना में लेखा नियमों का उल्‍लंघन नहीं हुआ है? अगर हुआ है तो संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगा।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मेन कांट्रेक्‍टर द्वारा जो सामान क्रय किया जाता है उसके लिये शासन स्‍वीकृति का कोई प्रावधान नहीं है अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) मूल ठेकेदार का बैंक खाता शाखा यूको बैंक भुसावल में होने के कारण 31 मार्च को राशि हस्‍तांतरण की समस्‍या हो रही थी। अत: ठेकेदार के आवेदन के अनुसार सीधे संबंधित फर्मों को भुगतान करने हेतु निवेदन किया गया था जिसके अनुसार भुगतान की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मूल ठेकेदार से आयकर एवं अन्‍य आरोपित टैक्‍स की कटौत्री स्‍त्रोत पर देयक भुगतान के समय की जाती है। इस प्रकरण में भी अनुबंध अनुसार टैक्‍स काटा गया। अत: अनियमितता का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। शासन को वित्‍तीय हानि न होने के कारण अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। 

अमानक स्‍तर के ट्रांसफॉर्मरों का क्रय

40. ( क्र. 2619 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित भोपाल अथवा अन्‍य कंपनियों ने 01 जनवरी 2013 से 31 दिसम्‍बर 2015 तक स्‍मार्ट डेल्‍टा कंपनी से कितनी संख्‍या में कितनी राशि के कितने ट्रांसफॉर्मर खरीदे गए? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में ट्रांसफॉर्मर खरीदी हेतु किस समाचार पत्र में कब निविदा प्रकाशित की गई तथा विज्ञापन में कितना व्‍यय किया गया? (ग) क्‍या भिण्‍ड जिले सहित लगभग संपूर्ण जिलों में डेल्‍टा स्‍मार्ट कंपनी के ट्रांसफॉर्मर प्रथम चार्ज के समय ही अधिक मात्रा में धुंआ निकलने के साथ ही जोर की आवाज कर जल रहें हैं? (घ) यदि हाँ, तो लहार एवं गोहद संभाग में 01 जून 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने और कहाँ-कहाँ उक्‍त कंपनी के ट्रांसफॉर्मर लगाए गए, उनमें से कहाँ कहाँ लगाए ट्रांसफार्मर जल गए? स्‍थान व ट्रांसफार्मर की क्षमता (एच.पी.) सहित बताएं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा मेसर्स स्‍टार डेल्‍टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, गोविंदपुरा, भोपाल (स्‍मार्ट डेल्‍टा कंपनी नहीं) से कुल 159 विभिन्‍न क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर एवं 1444 विभिन्‍न क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर, इस प्रकार कुल 1603 ट्रांसफार्मर, क्रय किये गये हैं, जिनकी कुल लागत राशि रू. 43.59 करोड़ है। उक्‍त क्रय किये गये ट्रांसफार्मरों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में ट्रांसफार्मर खरीदी हेतु मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित की गई है। निविदा प्रकाशन की तिथि एवं विज्ञापन व्‍यय का विवरण निम्‍नानुसार है :-


क्र.

निविदा क्र.

समाचार पत्र का नाम

समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित करने की दिनांक

व्‍यय हुई राशि  (रू. में)

1

449 एवं 450

दैनिक भास्‍कर, इन्‍दौर

03.01.2013

9800/-

दैनिक इंडियन एक्‍सप्रेस, मुम्‍बई

9800/-

दैनिक टाईम्‍स ऑफ इंडिया, नई दिल्‍ली

165816/-

2

583 एवं 584

दैनिक भास्‍कर, इन्‍दौर

06.03.2015

6844/-

दैनिक इंडियन एक्‍सप्रेस, मुम्‍बई

68600/-

दैनिक टाईम्‍स ऑफ इंडिया, नई दिल्‍ली

116071/-

                                     कुल व्‍यय

376931/-

 मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा क्रय आदेश क्रमांक 1538 दिनांक 24.10.2013, मध्‍यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के क्रय आदेश क्रमांक 04377-8 दिनांक 01.08.2013 की निरंतरता में जारी किया गया है, अत: निविदा प्रकाशित कराने की आवश्‍यकता नहीं थी। (ग) जी नहीं। तथापि मेसर्स स्‍टार डेल्‍टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, गोविंदपुरा भोपाल के कुछ ट्रांसफार्मर प्रथम चार्ज में असफल हुये हैं। (घ) मेसर्स स्‍टार डेल्‍टा ट्रांसफार्मर लिमिटेड, गोविंदपुरा, भोपाल के लहार एवं गोहद संभाग में 01 जून 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक क्रमश: 107 एवं 56 इस प्रकार कुल 163 ट्रांसफार्मर स्‍थापित किए गये हैं। स्‍थापित किये गये उक्‍त ट्रांसफार्मरों में से 36 ट्रांसफार्मर असफल हुये हैं जिसमें से उत्‍तरांश (ग) अनुसार प्रथम चार्ज में असफल ट्रांसफार्मरों की संख्‍या 9 है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में प्रश्‍न दिनांक तक स्‍टार डेल्‍टा कंपनी के लगाए गए एवं फेल हुए ट्रांसफार्मरों की स्‍थानवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

गिट्टी खदानों की रायल्‍टी

41. ( क्र. 2631 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक किस-किस खदान से कितनी रायल्‍टी प्राप्‍त हुई है। खदान का नाम, ठेकेदार/एजेंसी का नाम, खदान का रकबा एवं   सर्वे न. व स्‍थान का नाम, प्राप्‍त रायल्‍टी राशि, खदान की लीज़ या निलामी दिनांक से किस दिनांक तक अनुमति है जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में कितनी खदाने संचालित हो रही हैं खदान के प्रकार, स्‍थान, एजेंसी का नाम व पता सहित सूची देवे। कितनी खदाने बंद है? कितनी खदानों पर कितनी सायल्‍टी बाकी है? (ग) जिले में कार्यरत गिट्टी खदानों किन शर्तों पर खुदाई अनुमति प्रदान की गई है? (घ) वर्तमान मे कितने व्‍यक्तियों/एजेंसियों के विरूद्ध प्रकरण जिला एस.डी.एम. कार्यालय में प्रचलन में है।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) वर्तमान में 61 खदाने संचालित है एवं 23 खदाने बंद है। प्रश्‍न की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। वर्तमान में 10 खदानों पर रूपये 8,50,000/- बकाया है। (ग) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित खदाने मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत स्‍वीकृत की गई है। इस नियम में प्रश्‍नानुसार शर्तें उल्‍लेखित है। यह नियम अधिसूचित है। (घ) वर्तमान में 01 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कसरावद, 03 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बडवाह एवं 11 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) मंडलेश्‍वर के समक्ष विचाराधीन है।

विद्युत के खंभों एवं विद्युत लाईनों का सुधार

42. ( क्र. 2664 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विद्युत खंभों से काफी नीचे तक झूल रहें विद्युत तार से दुर्घटना का खतरा रहता है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पनागर में ऐसे विद्युत खंभे जो झुक चुके हैं एवं विद्युत तार काफी नीचे तक झूल रहे हैं, उन्‍हें ठीक करने में लापरवाही क्‍यों बरती जा रही हैं? (ख) क्‍या विभाग ऐसे विद्युत खभों एवं लाईनों को सुधारेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार दुर्घटना की स्थिति में कौन जबावदार होगा।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण कंपनी क्षेत्र में वर्षा ऋतु के पूर्व एवं वर्षा ऋतु के पश्‍चात् नियमित रूप से विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य कराया जाता है तथा इसके अतिरिक्‍त आवश्‍यकतानुसार विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के संधारण के कार्य समय-समय पर किये जा रहे हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में पनागर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत लाईन अव्‍यवस्थित होने संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार लाईनों एवं खंबों का रख-रखाव सतत् रूप से किया जाता है। कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आने पर तत्‍काल सुधार/रख-रखाव हेतु कार्यवाही की जाती है, अत: तत्संबंध में कोई समय-सीमा बताये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश '' के अनुसार समस्‍त सुरक्षा रखे जाने के उपरांत भी आकस्मिक रूप से परिस्थिति विशेष में कोई घटना घटित होने पर विश्‍लेषण कर जवाबदारी निर्धारण संबंधी कार्यवाही की जाती है, अत: वर्तमान में किसी को जिम्‍मेदार ठहराने का प्रश्‍न नहीं उठता।

संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म के अधिकार

43. ( क्र. 2668 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. गौड़ खनिज नियम 1996 के नियम 57 (2) के प्रावधानों के तहत कलेक्‍टर/अपर कलेक्‍टर/प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध अपील संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र. के समक्ष सुनवाई हेतु किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो संचालक से आशय संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म है अथवा प्रभारी संचालक/कार्यकारी संचालक/ संयुक्‍त संचालक/अधीक्षण भौमिकीविद से है? (ग) क्‍या प्रभारी संचालक/कार्यकारी संचालक/ संयुक्‍त संचालक/अधीक्षण भौमिकीविद के द्वारा नियम 57 (2) के तहत अपील सुनकर निर्णय पारित करने का अधिकार रखते हैं? (घ) यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं, तो ऐसी स्थिति में इन अधिकारियों द्वारा निर्णय लिये जाने की स्थिति में इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 2 (ग्‍यारह) के अनुसार संचालक से आशय संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्‍यप्रदेश है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंचाई सुविधा प्रदान करना

44. ( क्र. 2674 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले की तहसील हनुमना के दूरस्‍थ ग्राम लासा, तिलया, खूंटा, गोइडार, अल्‍वा, नाउन, बरौही, मलैगवां, मिशिरगवां, लोढी, हाटा, झरी, बरही, बन्‍ना, पाती आदि गांव के किसानों के सिंचाई के लिये कोई उचित माध्‍यम नहीं है (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इन गांवों में सिंचाई हेतु कोई कार्ययोजना प्रस्‍तावित है (ग) यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो सिंचाई सुविधा प्रदान करने हेतु क्‍या कार्ययोजना बनाई जायेगी और कब तक। समय-सीमा बतायें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन ग्रामों में जल संसाधन विभाग की कोई सिंचाई परियोजना नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन ग्रामों सिंचाई हेतु जल संग्रहण की परियोजना के लिए उपयुक्‍त स्‍थान तथा पर्याप्‍त जलग्रहण क्षेत्र उपलब्‍ध नहीं है।

विभागीय पदोन्‍नति समिति को दी गई जानकारी

45. ( क्र. 2678 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2011-12-2013 में विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक आयोजित करने हेतु जिन पदों का प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता ने अध्‍यक्ष विभागीय पदोन्‍नति समिति को, भेजा था, उनमें उल्‍लेखित जानकारी सही और अभिलेखों के आधार पर, सत्‍य एवं प्रमाणित थी? (ख) उक्‍त अवधि में डी.पी.सी. के पश्‍चात् जो भी आदेश प्रमुख अभियंता ने जारी किये थे क्‍या वह नियमानुसार उचित थे और अभिलेखों पर आ‍धारित थे? (ग) क्‍या उक्‍त अवधि में जो भी डी.पी.सी. की बैठक जिन पदक्रम सूची के आधार पर की गई थी उनमे दी गई जानकारी सत्‍य एवं अभिलेखों पर आधरित थी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) पदोन्‍नति समिति की बैठकों के लिए प्रमुख अभियंता द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव उपलब्‍ध अभिलेखों के अनुसार होते हैं। प्रश्‍न में पदोन्‍नति समिति की बैठक विशेष अथवा पद विशेष का उल्‍लेख नहीं होने से शेष प्रश्‍नों के संबंध में जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

काली रेत के खदानों की नीलामी

46. ( क्र. 2752 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में बालू (रेती) की खदाने किन-किन ठेकेदारों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि से कोन-कोन से ग्रामों के लिये गई, सम्‍पूर्ण सूची दी जावे? (ख) इसी प्रकार बड़वाहा/सनावद क्षेत्र में काली रेती की कितनी खदाने राज्‍य शासन द्वारा घोषित की गई है? इसकी सूची दी जावे? ये खदाने कब-कब, किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि से किन-किन ठेकेदारों को नीलामी की गई है, इसकी सूची दी जावे? (ग) काली रेती एवं बालू रेती के विगत एक वर्ष में अवैध उत्‍खनन के कितने प्रकरण बड़वाहा/सनावद क्षेत्र में बनाये गये हैं, इसमें कितने घनमीटर खनिज का परिवहन पकड़ा गया एवं किस दर से कितनी शास्ति आरोपित की गई है इसमें शास्ति आरोपित करने के नियम सहित जिन व्‍यक्तियों पर दण्‍ड आरोपित किया गया है, उनके वाहनों के नम्‍बर सहित जानकारी दी जावे? क्‍या ये वाहन कृषि कार्य हेतु उपयोग हेतु पंजीकृत थे अथवा वाणिज्यिक? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा बड़वाहा/सनावद क्षेत्र में काली रेती के लिये खदाने घोषित करने के लिये विगत 05 वर्ष में कब-कब पत्र जारी किये गये, प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर जिला प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यालयीन कार्यवाही की प्रति एवं यदि काली रेत खदान घोषित की गई है, तो उसकी सम्‍पूर्ण जानकारी दी जावे? (ड.) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध जनप्रतिनिधियों के पत्रों के उत्‍तर न दिये जाने के नियम होने पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी, कब तक की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के   प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-बी पर है। पूर्व में इन खदानों को जब-जब, जिस-जिस दिनांक को जितने वार्षिक ठेकाधन पर स्‍वीकृत किया गया था उसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-सी पर है।      (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में काली रेत एवं बालू रेत के अवैध उत्‍खनन का कोई प्रकरण नहीं बनने के कारण शेष जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-डी पर है। (ड.) माननीय प्रश्‍नकर्ता को कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा खरगौन के पत्र दिनांक 03.10.2015 से पत्र का उत्‍तर दिया गया है। शेष का प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता। 

रूशल्‍ला में गिट्टी क्रेशर की स्‍वीकृत लीज़

47. ( क्र. 2869 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रूशल्‍ला में गिट्टी क्रेशर की लीज़ कब से कब तक अवधि की है और किस व्‍यक्ति के नाम से किस सर्वे नंबर पर स्‍वीकृत है रकबा सहित बताये? (ख) क्‍या स्‍वीकृत सर्वे नंबर की बजाय अन्‍य गोठान के सर्वे नंबर में अवैध तरीके से गिट्टी क्रेशर का संचालन कर रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई बतायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्राम रूशल्‍ला में गिट्टी क्रेशर हेतु पत्‍थर खनिज का उत्‍खनिपट्टा अवधि 17.08.2009 से 16.08.2019 हेतु स्‍वीकृत है। यह उत्‍खनिपट्टा श्री महेन्‍द्र सिंह यादव के पक्ष में सर्वे नं 247/1 रकबा 1.000 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर स्‍वीकृत है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शादौरा तहसील में रजिस्‍ट्रार कार्यालय की स्‍थापना

48. ( क्र. 2870 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शादौरा को तहसील बनाये हुऐ काफी समय व्‍यतीत हो चुका है, लेकिन रजिस्‍ट्री के लिये किसान जिला मुख्‍यालय अशोकनगर जा रहे हैं? (ख) तहसील शादौरा में पंजीयक कार्यालय की स्‍थापना कब तक कर दी जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अशोकनगर से तहसील शाढौरा की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है। (ख) शासन की ऐसी कोई नीति नहीं है कि प्रत्‍येक तहसील में उप पंजीयक कार्यालय स्‍थापित हो। नये उप पंजीयक कार्यालय खोलने के लिए निर्धारित मापदण्‍ड की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''उन्नीस''

नगर पंचायत पथरिया में नल-जल योजना पर विद्युत व्‍यय

49. ( क्र. 3065 ) श्री लखन पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत पथरिया (जिला-दमोह) द्वारा नगर में जल आपूर्ति हेतु नल-जल योजना पर जनवरी 2013-14, 2014-15 एवं 31 जनवरी 2016 तक प्रत्‍येक माह विद्युत बिलों का कितना-कितना भुगतान किया गया है। (ख) उक्‍त वर्षों में नगर पंचायत के बिजली बिलों का कब-कब भुगतान नहीं किया गया। (ग) बिजली विभाग द्वारा उपरोक्‍त योजना अंतर्गत बिल भुगतान न किए जाने के कारण बिजली कनेक्‍शन काटा गया।   (घ) पुन: बिजली कनेक्‍शन के लिए कितनी-कितनी राशि नगर पंचायत को अतिरिक्‍त व्‍यय करना पड़ी उसके लिए दोषी कौन है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बीस''

नगर पंचायत पथरिया जलपूर्ति पर व्‍यय (जिला दमोह)

50. ( क्र. 3066 ) श्री लखन पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माह अप्रैल, मई एवं जून (वर्ष 2014-15 एवं 2015-16) में नगर पंचायत पथरिया द्वारा प्रत्‍येक वर्ष इन तीन माहों में जल आपूर्ति हेतु ट्रैक्‍टर- ट्राली या ट्रक किराये पर लिए गए? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्‍येक वर्षों में कितनी कितनी राशि व्‍यय की गई, नगर के किन वार्डों को कितनी टेंकर प्रतिदिन जल आपूर्ति की गई। (ग) ट्रैक्‍टर - ट्राली या ट्रक टेंकरों द्वारा नदी से कुंओं से अथवा नलकूपों से पानी की आपूर्ति की गई? वे वार्डों से कितनी दूरी पर स्थित हैं। (घ) जल आपूर्ति हेतु परिवहन व्‍यय किस दर से किया गया।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं वार्डों मे प्रतिदिन जल आपूर्ति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) दमोह रोड स्थित डगवेल में जल आपूर्ति हेतु किराये पर लगाये गये ट्रैक्‍टर की दर 24800/- रू. प्रति माह है। उक्‍त ट्रैक्‍टर से नगर के वार्डों में जल परिवहन नहीं किया गया। निकाय द्वारा स्‍वयं के ट्रैक्‍टरों से नगर के वार्डों में किये गये जल परिवहन पर हुये व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

13 वर्षों में भी बेलखेड़ी माइनर नहर का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने बाबत्

51. ( क्र. 3086 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि. अता. प्र. सं. 112 (क्र. 2249) दिनांक 28/07/2015 के उत्‍तर (क) एवं (ख) में बताया गया था कि रा.अ.बा. सागर परि. बांयी तट नहर की बेलखेड़ी माइनर निर्माण की निविदा 31/05/2003 को स्‍वीकृत की गयी थी? उक्‍त 15 कि.मी. लंबी माइनर नहर से 1941 हे. में सिंचाई का प्रावधान है वर्ष 2008 में अपूर्ण कार्य पर ठेका समाप्‍त कर दिया गया था? एवं शेष कार्य हेतु निविदाकारों द्वारा भाग नहीं लेने के कारण नहर का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका? (ख) यदि हाँ तो शासन द्वारा उक्‍त शेष नहर निर्माण की छोटी-छोटी निविदाएं जारी कर या वि.यां. संरचना से कार्य पूर्ण कराने का प्रयास क्‍यों नहीं किया? क्‍या शासन 13 वर्षों से अपूर्ण उक्‍त बेलखेड़ी माइनर नहर का शेष निर्माण पूर्ण कराने का प्रयास शीघ्र करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) बेलखेडी टेल माइनर के शेष कार्य हेतु 15 बार विकलनीय निविदा का आमंत्रण किया जा चुका है जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है किन्‍तु निर्माण एजेन्‍सी का निर्धारण न होने से निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। जी हाँ। शेष कार्य को छोटी-छोटी निविदाओं में विभक्‍त कर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा चुकी है जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ’’’’ अनुसार है।

परिशिष्ट ''इक्कीस''

सिंचाई योजना के कार्य

52. ( क्र. 3165 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन नहर सिंचाई योजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा एवं उक्‍त योजना से कितने क्षेत्रफल को सिंचित एवं कितने ग्रामों में पीने का पानी उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य रखा गया है और वर्तमान में इस योजना का कार्य किस स्थिति में है?      (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित योजनान्‍तर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने क्षेत्रफल को सिंचित एवं कितने ग्रामों में पीने का पानी उपलब्‍ध कराये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है? (ग) दिनांक 8 दिसम्‍बर, 2015 के प्रश्‍न क्रमांक (965) के विभागीय उत्‍तर (ग) में दर्शित 13 ग्राम कौन-कौन से हैं और पानी का शुद्धिकरण एवं लिफ्टिंग का कार्य भी स्‍वयं सं‍बंधित विभाग क्‍यों नहीं कर पायेगा? कारण दें साथ ही क्‍या इस कार्य को करने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को अतिरिक्‍त राशि आवंटित की जायेगी यदि हाँ, तो बताये नहीं तो इसकी कार्य संचालन की व्‍यवस्‍था किस प्रकार से क्रियान्वित की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) योजना का कार्य दिनांक 30/06/2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना से 33140 हेक्‍टेयर क्षेत्रफल को सिंचित एवं 152 ग्रामों को अपरिष्‍कृत पेयजल उपलब्‍ध कराये जाने का लक्ष्‍य है। वर्तमान में कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। (ख) योजना अंतर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कुल 9395 हेक्‍टेयर क्षेत्रफल को सिंचित एवं 47 ग्रामों को अपरिष्‍कृत पेयजल उपलब्‍ध कराये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अनुबंध के अनुसार कार्य में पानी का शुद्धिकरण एवं लिफ्टिंग का कार्य शामिल नहीं है, केवल ग्राम के निकटतम बिन्‍दु तक सिंगल पाईंट कनेक्‍शन के माध्‍यम से अपरिष्‍कृत पेयजल उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान है। जी नहीं। संचालन की व्‍यवस्‍था ग्राम पंचायतों को स्‍वयं के स्‍त्रोतों से करना है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

पीने के पानी एवं सिंचाई की व्‍यवस्‍था

53. ( क्र. 3166 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 दिसम्‍बर, 2015 के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या-24 क्रमांक (965) के विभागीय उत्‍तर के परिशिष्‍ट छ: में स. क्र. 02, 04 एवं 05 तक के विषय अनुसार की गई कार्यवाही के विवरण में नर्मदाघाटी विकास विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित परिशिष्‍ट के स.क्र. 02 के विषय में उल्‍लेखित ग्रामों के संदर्भ में कार्यवाही का विवरण दिया गया है तो क्‍या उक्‍त ग्राम सिंचाई एवं पीने के पानी के लिए शासन/विभाग के पास कोई कार्य योजना बनाई गई है यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति क्‍या है? (ग) परिशिष्‍ट के स.क्र. 04 के विषय में उल्‍लेखित वार्ड 09 के संदर्भ में कार्यवाही के विवरण अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दे कि क्‍या खेतों में पाईप लाईन डालने का कार्य सी.ए.डी.ए. मद से किया जा रहा है यदि हाँ, तो बताये नहीं तो कारण दें? उक्‍त कार्य को नहीं किये जाने में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी द्वारा लापरवाही की जा रही है? उनके पदनाम सहित जानकारी दें? (घ) परिशिष्‍ट के स.क्र. 05 के विषय में उल्‍लेखित ग्राम खेलचा के संदर्भ में कार्यवाही के विवरण अनुसार अपरीष्‍कृत पानी कहाँ तक पहुंचा और कहाँ तक पहुंचाया जायेगा स्‍थानवार एवं ग्रामवार जानकारी दें एवं पंचायत द्वारा पानी लिफ्ट किया जायेगा तो संबंधित विभाग की क्‍या भूमिका होगी? नहीं तो इसके लिए राशि का आवंटन किस मद या विभाग के द्वारा किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी उत्‍तरांश ‘’’’, ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) सी.ए.डी.ए. प्‍लान में भारत सरकार की वर्तमान गाईड लाईन में भारत सरकार 100 प्रतिशत पाईप लाईन के लिये स्‍वीकृति नहीं देती है। केवल 10 प्रतिशत में माइक्रो इरिगेशन हेतु प्रावधान है लेकिन पम्‍पिंग प्रावधान के अभाव में स्प्रिंकलर/ड्रिप हेतु प्रेशर दिया जाना संभव नहीं होने से माइक्रो इरिगेशन लिया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) अपरिष्‍कृत जल प्रदाय हेतु ग्राम के निकटतम बिन्‍दु तक उपलब्‍ध कराने का कार्य ही विभाग द्वारा किया जाना है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शेष कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाना होगा एवं राशि प्रदाय भी ग्राम पंचायत से ही होगी।

इन्‍दौर विकास प्राधिकरण की लीज़ शर्तों का उल्‍लंघन

54. ( क्र. 3295 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अपनी विभिन्‍न योजनाओं में भूखण्‍डों का विक्रय लीज़ शर्तों के अधीन किया जाता है। (ख) क्‍या इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा भूखण्‍डधारियों की लीज़ शर्तों के उल्‍लंघन की शिकायतें मिलने पर भूखण्‍डधारियों के भूखण्‍ड की लीज़/विक्रय निरस्‍त कर दिया जाता है जिसके विरोध में भूखण्‍ड धारियों द्वारा माननीय न्‍यायालय में अपील की जाती है, इसमें वर्षों लग जाते हैं? क्‍या विभाग इस समस्‍या को दूर करने हेतु लीज़ शर्तों के उल्‍लंघन पर लीज़ निरस्‍त करने के स्‍थान पर जुर्माने या अन्‍य दंड जैसे प्रावधान के नियम बनाएगा। यदि नहीं, तो क्‍यों?       (ग) राजस्‍व विभाग द्वारा बनाए गए लीज़ शर्तों के उल्‍लंघन संबंधी प्रावधान/नियम नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा भी बनाए जा सकते हैं? (घ) राजस्‍व विभाग द्वारा लीज़ शर्तों के उल्‍लंघन के शमन के लिए बनाए गये नियमों को विभाग द्वारा कब तक लागू किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) लीज़ शर्तों के उल्लंघन की शिकायतों पर संबंधितों को सूचना जारी कर न्याय के प्राकृतिक सिद्धातों के अनुसार सुनवाई का अवसर देते हुये मामले में गुण-दोषों के आधार पर प्राधिकारी बोर्ड द्धारा निर्णय लिया जाता है। जिसके विरूद्ध कतिपय भूखंडधारियों द्वारा मान. उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की जाती है। जिनमें प्राधिकारी की ओर से पक्ष प्रतिरक्षण की कार्यवाही की जाती है। जी नहीं, क्योंकि विभाग द्वारा प्राधिकरण के सम्पत्तियों के अंतरण हेतु म.प्र. विकास प्राधिकरणों को सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 दिनांक 29.06.2013 से प्रभावशील है। (ग) विभाग में म.प्र. विकास प्राधिकरणों को सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 दिनांक 29.06.2013 प्रभावशील होने से कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) उत्तराशं के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सम्‍पत्तियों का राजसात

55. ( क्र. 3296 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभिन्‍न शासकीय कर्मचारियों के आय से अधिक प्रकरणों में जब्‍त सम्‍पत्ति को विभिन्‍न प्रयोजनों जैसे आंगनवाडी, स्‍कूल या चिकित्‍सालय हेतु राजसात किया जाता है। (ख) क्‍या इन्‍दौर स्थित एमआर-9 खजराना में प.ह. नं. 543/2 शासकीय सीलिंग की जमीन पर निर्माणाधीन मल्‍टी को राजसात किया गया है। यदि हाँ, तो क्‍या उसका उपयोग स्‍कूल, होस्‍टल, महाविद्यालय, चिकित्‍सालय अधिकारियों/ कर्मचारियों के आवास, पर्यटन विभाग की होटल हेतु किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या इस प्रकार राजसात की गई सम्‍पत्ति के उपयोग हेतु शासन द्वारा स्‍पष्‍ट नियम बनाये गये है, यदि नहीं, तो क्‍यों तथा कब तक बनाये जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। लोक सेवकों के विरूद्ध पंजीबद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरणों में अनुपातहीन संपत्ति राजसात करने के संबंध में शासन द्वारा म.प्र. विशेष न्‍यायालय अधिनियम 2011 के अंतर्गत विशेष न्‍यायालय गठित किये गये है। इस अधिनियम के अंतर्गत शासन द्वारा म.प्र. विशेष न्‍यायालय नियम 2012 भी बनाये गये है। (ग) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विभागीय आदेश के विपरीत कार्य

56. ( क्र. 3383 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के विधान सभा प्रश्‍न सं. 138 (क्र. 2123) दिनांक 15 दिसम्‍बर 2015 के प्रश्‍नांश (ख), (घ) एवं (ड.) के उत्‍तर इस प्रकार की कोई लिखित शिकायत प्राप्‍त न होने दिया गया है? जबकि प्रश्‍नांशों के द्वारा लिखित शिकायत प्राप्‍त हुई है, ऐसा नहीं जानना चाहा गया था, हां, तो क्‍या कारण है कि प्रश्‍न का भिन्‍न उत्‍तर दिया गया, नहीं तो दिये गये उत्‍तर कैसे सही है, बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्रश्‍न सं. 138 (क्र. 2123) के प्रश्‍नांश (ग) का उत्‍तर अब नगर पालिक निगम कटनी कार्यालय में यह कार्य प्रारंभ कराया गया है? यदि हाँ, तो पात्रता पर्ची का कार्य दिसम्‍बर 2015 के पूर्व, कार्यालय नगर निगम के बजाय कहाँ से, किस आधार पर किया जा रहा था? आदेशों की प्रतियां उपलब्‍ध कराये एवं क्‍या यह कार्य शासनादेशों के अनुरूप था, हां तो कैसे? स्‍पष्‍ट करें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में विधानसभा प्रश्‍न सं. 138 (क्र. 2123) से संबंधित प्रश्‍न की जानकारी प्रदान करने की बजाय भ्रामक उत्‍तर देने का क्‍या कारण है? जान बुझकर असत्‍य उत्‍तर देने का कौन-कौन जिम्‍मेदार है? इस हेतु क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पूर्व विधान सभा प्रश्‍न सं. 138      (क्र. 2123) दिनांक 15.02.2015 में प्रश्‍नांश (ख) में उन प्राथमिकता परिवारों की जानकारी चाही थी जिन्‍हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सामग्री प्राप्‍त नहीं हो रही थी। इसका कारण भी पूछा गया था। इसी प्रकार प्रश्‍नांश (घ) में यह पूछा गया था कि क्‍या अनेक परिवार ऐसे हैं जिनका आई.डी., जाति प्रमाण पत्र आदि का सत्‍यापन हो जाने के बाद भी पात्रता पर्ची प्राप्‍त न होने से वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सामग्री प्राप्‍त करने से वंचित हैंप्रश्‍नांश (ड.) में ऐसे वंचित परिवारों की जानकारी तथा नागरिकों को वंचित करने के जिम्‍मेदार शासकीय सेवकों की जानकारी चाही थी व उन्‍हें पात्रता पर्ची जारी होने की समय-सीमा चाही थी। इन सभी प्रश्‍नों का उत्‍तर निरंक था और इस बाबत् कोई शिकायत भी प्राप्‍त नहीं हुई थी जिससे अन्‍यथा किसी बिंदु का पता चलता। इस कारण शिकायत प्राप्‍त न होने की बात कही गई थी। प्रश्‍न का उत्‍तर ठीक था परन्‍तु भाषाई अनियमितता से भ्रम उत्‍पन्‍न हुआ। (ख) कलेक्‍टर जिला-कटनी के पत्र क्रमांक 11691 दिनांक 17.11.2014 द्वारा पात्रता पर्ची का कार्य दिसम्‍बर 2015 के पूर्व कार्यालय कलेक्‍टर (ई-गर्वनेंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी) के द्वारा किया जाता था। पत्र क्रमांक 454/‍जि.ई.गर्वनेंस सो./2015, कटनी दिनांक 28.04.2015 के निर्देशानुसार कार्य व्‍यवस्‍था की दृष्टि से दो कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर सहित जिला ई-गर्वनेंस कार्यालय, कटनी में लगाये गये थे। तत्‍कालीन कलेक्‍टर, कटनी के आदेशानुसार यह व्‍यवस्‍था बनाई गई थी, आदेशों की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है शासनादेशों के अनुरूप ही कार्यवाही की गई है। (ग) नगर पालिक निगम, कटनी कार्यालय से संबंधित वस्‍तुस्थिति की जानकारी प्रश्‍न के उत्‍तर में दी गई थी। शेषांश का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता। 

परिशिष्ट ''तेईस''

 

खण्‍डहर हुये अच्‍युतानन्‍द व्‍यायाम शाला को छत्री पार्क में सम्मिलित करना

57. ( क्र. 3443 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर नगर पालिक निगम के छत्री पार्क (लेडीज पार्क) की बगल में खण्‍डहर हुये अच्‍युतानन्‍द व्‍यायामशाला की बेश कीमती जमीन को पार्क में सम्मिलित कर पार्क क्षेत्र का विकास करने बाबत् पत्र क्र./नगर निगम/2015-16/111, दिनांक 28/12/2015 द्वारा प्रश्‍नकर्ता विधायक स्‍वयं मान. मंत्री महोदय श्री लाल सिंह आर्य एवं पत्र क्र. 110 दिनांक 28/12/2015 द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग को लिखा पत्र पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? स्‍पष्‍ट करें? (ख) क्‍या इस पार्क का क्षेत्र विकास कर अच्‍युतानन्‍द व्‍यायामशाला की खाली खण्‍डहर भूमि को सम्मिलित कर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍या इस खाली बेशकीमती भूमि जिस पर अवैध अतिक्रमण हो रहा है उसको अतिक्रमणकारियों के लिये खाली रखा जावेगा? यदि नहीं, तो फिर इस भूमि का क्‍या उपयोग है? (ग) क्‍या यह पार्क देश आजादी के पूर्व का पार्क है? यदि हाँ, तो क्‍या उस समय की आबादी से आज 75 प्रतिशत आबादी में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या इस पार्क के अलावा इस क्षेत्र में कोई और नया पार्क विकसित किया गया है? यदि नहीं, तो इतनी बेशकीमती जमीन जो पार्क से लगी है उसे पार्क में सम्मिलित कर विस्‍तार करने में क्‍या आपत्ति है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍न में उल्‍लेखित पत्रों के संबंध में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल का पत्र क्रमांक/यां.प्र./07-4/2016/1828 दिनांक 11/02/2016 से आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर को नियमानुसार कार्यवाही हेतु लिखा गया है। नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) नगर पालिक निगम, ग्‍वालियर द्वारा व्‍यायाम शाला को आधिपत्‍य में ले लिया गया है, आगे की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। वार्ड क्रमांक 37 में बुद्धा पार्क को विकसित किया जा रहा है।

विधायक स्‍वेच्‍छानुदान निधि

58. ( क्र. 3444 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-2015 में ग्‍वालियर जिले में किस-किस विधायक की स्‍वेच्‍छानुदान कितनी-कितनी राशि हितग्रा‍ही/संस्‍था को प्रदान करा दी गई एवं     कितनी-कितनी प्रदाय कराना शेष है? प्रश्‍न दिनांक तक वित्‍तीय वर्ष 2014-2015 की स्‍वेच्‍छानुदान राशि क्‍यों प्रदाय नहीं कराई गई? (ख) क्‍या विधायकों को मार्च माह 2015 में सर्वर डाउन (बन्‍द) होना बताया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त राशि को हितग्राही/संस्‍था को प्रदाय क्‍यों नहीं कराया गया? इसके लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्‍या दोषी के प्रति कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें? अब शेष स्‍वेच्‍छानुदान राशि वर्ष 2014-15 की कब तक प्रदाय करा दी जावेगी? एक निश्चित समय-सीमा स्‍पष्‍ट करें? (घ) ग्‍वालियर एवं चम्‍बल संभाग के किस-किस जिले में किस-किस विधायक की स्‍वेच्‍छानुदान राशि वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में कितने हितग्राहियों/संस्‍था को प्रदाय करा दी गई थी, तथा कितनी प्रदाय कराना किस कारण शेष है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2014-15 में ग्‍वालियर जिले में विधायक स्‍वेच्‍छानुदान योजना के अन्‍तर्गत विधानसभा क्षेत्रवार प्रदान की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–'''' पर है। वर्ष 2014-15 में 30 हितग्राहियों को 1.48 लाख की राशि प्रदाय नही की जा सकी थी। उक्‍त प्रकरण में प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी किये जाने के उपरान्‍त देयक भुगतान हेतु कोषालय में प्रस्‍तुत किये गये थे, कोषालय द्वारा आपत्ति लगाये जाने से हितग्राहियों को राशि का भुगतान नही हो सका। (ख) जी हाँ। ग्‍वालियर जिले को अनुपूरक बजट में राशि आवंटित हो गई है। राशि भुगतान हो जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नही होता है। (ग) कोषालय द्वारा आपत्ति लगाये जाने के उपरान्‍त पुन: देयकों को भुगतान हेतु प्रस्‍तुत किये गये परन्‍तु सर्वर डाउन होने से राशि आहरित नही की जा सकी। अनुपूरक बजट में राशि प्राप्‍त हो जाने और भुगतान हो जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नही होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर  है। किसी भी जिले में योजनान्‍तर्गत भुगतान हेतु प्रकरण लम्बित न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नही होता है।

जे.पी.पॉवर प्‍लांट बीना द्वारा अधिकृत भूमि के एवज में नियुक्ति प्रदान जाना

59. ( क्र. 3448 ) श्री महेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत संचालित औद्योगिक इकाई जे.पी. पॉवर प्‍लांट बीना के द्वारा अधिकृत की गयी भूमि के एवज में किसान/उनके पुत्र को सेवा में लेने का अनुबंध किया गया था, यदि हाँ, तो कितने किसानों/उनके पुत्रों को सेवा नौकरी में लिया है? (ख) यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायी जावें? यदि नहीं, तो क्‍यों उक्‍त संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रबंधन के पास ऐसे कितने प्रकरण लंबित है जिनको नौकरी दी जाना है, कब तक प्रकरण निराकृत कर नौकरी उपलब्‍ध करा दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। बीना स्थित जे.पी.पॉवर प्‍लांट के द्वारा 167 भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों में नौकरी का प्रस्‍ताव दिया गया था। 164 व्‍यक्ति नौकरी पर उपस्थित हुए, जिनमें से वर्तमान में 163 व्‍यक्ति सेवा में है तथा एक व्‍यक्ति ने नौकरी छोड़ दी एवं तीन प्रकरणों में कोई व्‍यक्ति उपस्थित नहीं हुआ।    (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ग) प्रबंधन के पास ऐसे कुल 160 प्रकरण लंबित है। इन प्रकरणों में पूर्ण दस्‍तावेज जमा नहीं किए गए है। जैसे ही दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए जायेंगे इन प्रकरणों पर कार्यवाही की जायेगी। अत: निराकृत किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विन्‍ड पॉवर कंपनियों से अनुबंध

60. ( क्र. 3468 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम-मंदसौर में ऊर्जा विभाग द्वारा 1 जनवरी 2009 से प्रश्‍न दिनांक तक जिन कंपनियों को विण्‍ड पॉवर लगाने की अनुमति दी गई थी उनसे किस प्रकार के अनुबंध किये गये हैं? (ख) क्‍या विण्‍ड पॉवर कंपनी संबंधित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिये भी प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो विण्‍ड पॉवर कंपनी ने किस-किस ग्राम में किस-किस प्रकार की सहायता से कितनी राशि ग्राम पंचायतों को देकर उनसे कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कराये? (ग) क्‍या विण्‍ड पॉवर कंपनी द्वारा अपने निजी हित के लिये कृषकों की निजी भूमियों पर विद्युत पोल खड़े करना, निजी भूमि पर रास्‍ता निकालना आदि कार्य कृषकों की बगैर अनुमति के ही किये जा रहे हैं? क्‍या निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए राजस्‍व एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारी भी मिलकर कंपनियों का सहयोग कर रहे हैं, जिससे किसानों को न्‍याय नहीं मिल पा रहा है? ऐसी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं? (घ) उक्‍त जिलों में उक्‍त कंपनी द्वारा विण्‍ड स्‍थल पर पहुंचने के लिये बनाये गये रास्‍ते पर कितने-कितने पेड़ों का कहाँ-कहाँ पर काटा गया? कंपनी से कितना-कितना जुर्माना वसूला गया? इस हेतु अधिकारियों ने कितने नोटिस कब-कब किस-किस कंपनी को जारी किये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012 के प्रावधानों के अन्‍तर्गत विकासकों की परियोजनाएं पंजीकृत की गई है। नीति के प्रावधान अनुसार राजस्‍व भूमि पर क्रियान्वित हो रही परियोजनाओं में यथा लागू भूमि उपयोग अनुज्ञा अनुबंध हस्‍ताक्षरित किये गये हैं। (ख) कम्‍पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में प्रावधान के अनुसार ऐसी कम्‍पनी, जिसका नेटवर्थ रूपये 500 करोड़ या अधिक, टर्नओवर रूपये 1000 करोड़ या अधिक अथवा शुद्ध लाभ रूपये 5 करोड़ या अधिक हो, उसे अपने औसत लाभ का 2 प्रतिशत ''कार्पोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व'' पर व्‍यय करना होता है। क्षेत्र में कार्यरत कम्‍पनियों में से मेसर्स आरेन्‍ज पॉवर द्वारा ''कार्पोरेट सोशल रिस्‍पान्‍सबिलिटी'' (सी.एस.आर.) के तहत कार्य किये गये, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। कम्‍पनियों द्वारा रास्‍ते हेतु निजी भूमि क्रय की गई है एवं भूमिस्‍वामी से आपसी सहमति से भूमि उपयोग अनुबंध पर ली गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नाधीन कम्‍पनियों द्वारा कोई पेड़ नहीं काटे गये हैं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''चौबीस''

राजस्‍थान एवं म.प्र. सरकार का गांधी सागर डेम अनुबंध

61. ( क्र. 3469 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर डेम के प्रारंभ में राजस्‍थान एवं म.प्र. सरकार द्वारा आपस में बिजली और पानी को लेकर या अन्‍य कोई अनुबंध  किन-किन मुद्दों पर कितने-कितने साल के लिये किया गया था? यदि हाँ, तो समय अवधि बताएं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या अनुबंध की समय-सीमा समाप्‍त होने के बावजूद भी राजस्‍थान को बिजली और पानी दोनों दिये जा रहे है? यदि हाँ, तो किस अनुबंध और नीति के तहत? (ग) 1 जनवरी 2010 के पश्‍चात् उक्‍त बांध पर मेन्‍टेनेन्‍स पर कितनी राशि खर्च की गई तथा कितनी बिजली का उत्‍पादन किया गया वर्षवार जानकारी देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध के संबंध में दिनांक 25.03.1955 को मध्‍यप्रदेश एवं राजस्‍थान सरकार के मध्‍य जल एवं बिजली में 50-50 प्रतिशत भागीदारी का अनुबंध हुआ था, जो निरंतर जारी है।   (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित अनुबंध सीमित अवधि के लिये नहीं है, अपितु निरंतर है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) दिनांक 01 जनवरी, 2010 से जनवरी, 2016 तक गांधी सागर बांध के रख-रखाव पर खर्च की गई राशि की जानकारी एवं गांधी सागर जल विद्युत गृह से उत्‍पादित विद्युत का वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है।

परिशिष्ट ''पच्चीस''

व्‍यवसायिक संस्‍थानों से कर वसूली

62. ( क्र. 3519 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत ऐसे कितने व्‍यवसायिक संस्‍थान फर्मे, संस्‍थाएं तथा व्‍यापारिक केन्‍द्र इत्‍यादि आते हैं जो वाणिज्यिक कर व्‍यवस्‍था के अंतर्गत होकर करारोपण की श्रेणी में आकर कर प्रदाय करते है? (ख) साथ ही उपरोक्‍त इत्‍यादि व्‍यवस्‍थाओं से श्रेणी अनुसार नियमानुसार कितना-कितना करारोपण होकर कर वसूली समय-सीमा में की जाती है? (ग) क्‍या करारोपरण अंतर्गत आने वाली अनेक व्‍यवस्‍थाएं समय-सीमा में कर जमा नहीं कर बकायादारों की श्रेणी में आती है? उपरोक्‍तानुसार कितना कर वसूली होकर कितना बकाया रहा? (घ) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ से कितनी कर वसूली हुई? कितना बकाया रहा तथा कृषि उपज मंडी व्‍यापारियों से भी कितना-कितना कर वसूला गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।    (ख) प्रश्‍नांश अनुसार व्‍यवस्‍थाओं से श्रेणी अनुसार अधिनियम में अधिसूचित दर के अनुसार करारोपण होता है जिसकी वसूली समय-सीमा में किये जाने का प्रयास किया जाता है। (ग) हाँ। समय-सीमा में कर जमा नहीं करने पर बकायादारों की श्रेणी में आती है। दिनांक 1 फरवरी 2016 को ऐसी बकाया राशि 53.69 करोड़ की शेष है। (घ) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले में क्रमश: 118.77 करोड़, 127.30 करोड़ एवं 111.19 करोड़ की कर वसूली हुई। वर्ष 2013-14 के अंत में 22.10 करोड़ वर्ष 2014-15 के अंत में 21.16 करोड़ एवं वर्ष 2015-16 में दिनांक 1 फरवरी 2016 को 53.69 करोड़ रूपये की बकाया शेष थी। जिले के कृषि उपज मंडी व्‍यापारियों से कर वसूली की जानकारी उपरोक्‍त कर वसूली में सम्मिलित है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

 

पीलीया खाल प्रदूषण मुक्‍त योजना

63. ( क्र. 3520 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत जावरा नगर मध्‍य स्थित पीलीया खाल एक गंदे नाले के रूप में परिवर्तित होकर प्रदूषण एवं बीमारियां पैदा करने का गंभीर कारण बन चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा लगातार प्रदूषण को मुक्‍त किये जाने हेतु एवं पर्यावरण की दृष्टि से इसे प्राथमिकता से लिये जाने हेतु निवेदन किया जाता रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन/विभाग द्वारा पीलि‍या खाल को प्रदूषण मुक्‍त किये जाने हेतु सिवरेज योजना बनाई जाकर डी.पी.आर. शासन को प्रेषित की है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग उपरोक्‍त गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रख इसे कब बजट में सम्मिलित कर स्‍वीकृति प्रदान करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि पीलिया खाल, बरसाती नदी के आस-पास, रहवासी क्षेत्र का घरेलू व्यर्थ जल बगैर उपचार सीधे मिलने से गंदे नाले में परिवर्तित हो चुकी है परंतु इसके प्रदूषण से बीमार होने की सूचना नहीं है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में इस मद में शासन की कोई योजना नहीं है।

विशेष भर्ती अभियान की जानकारी

64. ( क्र. 3580 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में अतिविशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग बैगा, सहरिया, भारिया (तामिया पातालकोट में निवासरत) लोगों को विशेष भर्ती अभियान के तहत शासकीय सेवा में लेने का शासन ने निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो निर्देश उपलब्‍ध करावें?       (ख) वित्‍तीय वर्ष 2003 से अब तक इस अभियान के तहत मण्‍डला, डिण्‍डोरी, अनूपपुर, शहडोल, सिवनी, बालाघाट, छिन्‍दवाड़ा जिले में कुल कितने लोगों को शासकीय सेवा में लिया गया है? (ग) क्‍या कुछ जिलों में वास्‍तविक बैगा समाज के लोग आज भी इस अभियान का लाभ नहीं ले पाएं है? जबक डिण्‍डोरी, मण्‍डला, अनूपपुर, शहडोल के भरिया जाति के लोगों ने बैगा जाति का प्रमाण पत्र प्राप्‍त कर इस अभियान का लाभ उठा लिया है? यदि हाँ, तो क्‍या इसका परीक्षण होगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्‍य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग पदों की पूर्ति हेतु विशेष भर्ती अभियान चलाया जा रहा है, इसमें अति विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग बैगा, सहरिया एवं भारिया भी शामिल है। उल्‍लेखनीय है कि इस विशेष पिछड़ी जनजाति के व्‍यक्तियों की नियुक्ति हेतु भर्ती से संबंधित प्रक्रिया का अनुसरण किए बिना नियुक्ति देने का प्रावधान है। इससे संबंधित संशोधन नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।    (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रहीं है। 

परिशिष्ट ''सत्ताईस''

 

जनसुनवाई में आए प्रकरणों के संबंध में

65. ( क्र. 3759 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्‍तर पर जन सुनवाई के संबंध में शासन के क्‍या दिशा-निर्देश है? निर्देश उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या छतरपुर जिलान्‍तर्गत सभी विभाग में उक्‍त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बिजावर से संबंधित कितने लोगों के प्रकरण   किन-किन कार्यालयों में आए, उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्‍या सभी प्रकरणों पर कार्यवाही शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं तय मापदण्‍ड के अनुसार हुई? यदि नहीं, तो किन-किन प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण नहीं किया गया और क्‍यों तथा संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिशा निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्राप्‍त प्रकरणों की कार्यालयवार संख्‍या एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

दांयी तटनहर को विकासखण्‍ड ढीमरखेड़ा व बड़वारा में विस्‍तारित करना

66. ( क्र. 3793 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शा.अ.सा.प. जबलपुर की दांयी तट नहर जिला कटनी के विकासखण्‍ड ढीमरखेड़ा से कितने कि.मी. होकर किस दिशा व जिले की ओर गई है और उसकी शाखा नहरें किन ग्रामों तक गई हैं तथा कितने हेक्‍टेयर रकबे की सिंचाई करती है?   (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) मुख्‍य नहर के किस स्‍थान से ढीमरखेड़ा, खमतरा, भजिया, भुड्सा, बिलायतकला की ओर शाखा नहर बनाने की योजना बनायी गई है? यदि नहीं, तो कारण क्‍या है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के विकासखण्‍ड कटनी के किसी स्‍थान, जहां से नहर सतना व रीवा जिलों की ओर जा रही है, वहां से मझगवां बसाड़ी तथा मझगवां, बड़वारा और बिलायतकला तक के जाने की योजना बनाई गई है? नहीं तो क्‍यों? (घ) जिला कटनी से सतना-रीवा जिला तक दूरस्‍थ नहर जाने पर क्‍या प्रथम दावा विकासखण्‍ड ढीमरखेड़ा, कटनी, बड़वारा आदि का बनता है और उस दावे की पूर्ति की दिशा में क्‍या प्रयास किये जा रहे है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दांयी तट नहर (बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना) जिला कटनी के विकासखण्‍ड ढीमरखेड़ा से मुख्‍य नहर 20.627 कि.मी. लंबाई में होकर उत्‍तर पश्चिम दिशा में कटनी जिले में ही गई है। उक्‍त भाग में 04 माइनर क्रमश: ग्राम रेहुटा, पडरिया, कला, बिछिया एवं देवरी तक गई तथा इन माइनरों में रूपांकित 1612 हे. के विरूद्ध 1315 हे. रकबे में सिंचाई की जा रही है। (ख) जी नहीं। ढीमरखेड़ा, खमतरा, भजिया, भुडसा, बिलायतकला का भू-स्‍तर मुख्‍य नहर के पूर्ण प्रवाह जल स्‍तर से ऊंचा है। इस कारण इन ग्रामों में प्रवाह द्वारा पानी देना संभव नहीं है। अत: इन ग्रामों हेतु शाखा नहर निर्माण की कोई योजना नहीं है। (ग) दांयी तट नहर कटनी विकासखण्‍ड के ग्राम कैलवारा, बामनवार एवं टिकरवास होते हुये तथा विजयराघवगढ़ शाखा नहर कन्‍हवारा (कटनी विकासखण्‍ड) होते हुये सतना जिले की ओर जाती है। मझगवां बसाडी तथा मझगवां, बडवारा और बिलायतकला का भू-स्‍तर, नहर के जल प्रभाव के स्‍तर से ऊंचा होने के कारण योजना नहीं बनाई गई है। (घ) बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना के डी.पी.आर. में सम्मिलित कमाण्‍ड के ग्रामों का दावा रहता है। डी.पी.आर. के अनुसार ढीमरखेड़ा विकासखण्‍ड में 1612 हे. कटनी विकासखण्‍ड में 5087 हे. रकबा सिंचित किया जाना प्रस्‍तावित है। उक्‍त विकासखण्‍डों में नहर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। 

पिटोल चौकी में अनियमितता

67. ( क्र. 3930 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले की पिटोल चेक पोस्‍ट पर 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने माल वाहन पास किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पास किये गये वाहनों से शासन को कितना निर्धारित राजस्‍व शुल्‍क प्राप्‍त हुआ? (ग) क्‍या चेकपोस्‍ट पर वाहनों से निर्धारित शुल्‍क के साथ अनैतिक तरीके से अतिरिक्‍त शुल्‍क भी वसूला जा रहा है? इस संबंध में लगातार शिकायतें होने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) झाबुआ जिले की पिटोल जाँच चौकी पर जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक 540001 वाहनों के आवागमन की जानकारी कम्‍प्‍यूटरीकृत व्‍यवस्‍था अनुसार पाई गई है। जाँच चौकी पर केवल मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत् अधिसूचित मालों के परिवहन पर लागू घोषण-पत्रों का कम्‍प्‍यूटरीकृत व्‍यवस्‍था के अंतर्गत सीमित समयावधि में अवलोकन किया जाकर पास किया जाता है। प्रश्‍नाधीन अवधि में 540001 वाहनों के अवागमन में कुल घोषणा पत्र फार्म-49 संख्‍या 258030 फार्म-59 संख्‍या 81489 तथा फार्म-50 संख्‍या 1211 पास किए गए हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पास किये गये वाहनों से शासन को प्राप्‍त होने वाले राजस्‍व की जानकारी जाँच चौकी पर संधारित नहीं की जाती है। अनियमितता पाए जाने पर परिवहनकर्ता/वाहनों पर शास्ति की कार्यवाही की जाती है। प्रश्‍नाधीन अवधि में 426 वाहनों पर रूपये 335.71 लाख की शास्ति वसूली की गई है। शास्ति प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जाँच चौकी पर अनैतिक तरीके से कोई अतिरिक्‍त शुल्‍क नहीं वसूला जा रहा है। किसी प्रकार की शिकायत होने पर शिकायत के तथ्‍यों की जाँच पश्‍चात् शिकायतों का निराकरण विभाग द्वारा किया जाता है। 

 

 

आबकारी विभाग के कर्मचारियों के दैनिक प्रतिवेदन

68. ( क्र. 3986 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आज दिनांक तक मुलताई विधान सभा क्षेत्र में आबकारी विभाग के कितने कर्मचारी पदस्‍थ है? (ख) बिंदु (क) के अनुसार पदस्‍थ अमले का वेतन आहरण किस अधिकारी द्वारा, किस आधार पर किया जाता है? क्‍या उनके द्वारा मुलताई वि.स. में पदस्‍थ कर्मचारी/अधिकारियों से दैनिक एवं अग्रिम दौरा कार्यक्रम प्राप्‍त किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 का कर्मचारी/अधिकारियों विस्‍तृत ब्‍यौरा दिनांकवार दें? (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 में वेतन आहरण सक्षम अधिकारी द्वारा वेतन आहरण के पूर्व प्राप्‍त दैनंदिनी के अनुसार आबकारी संबंधित कर्मचारी/अधिकारियों का कब-कब सत्‍यापन किया गया, दिनांकों से अवगत करायें? यदि नहीं, किया गया, तो दोषी कर्मचारी/अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी, तो कब तक की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आबकारी वृत्‍त मुलताई में आबकारी विभाग के 04 कर्मचारी पदस्‍थ हैं जिनका पदवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वृत्‍त मुलताई, जिला बैतूल में पदस्‍थ आबकारी विभाग के अमले का वेतन जिला आबकारी अधिकारी, बैतूल द्वारा उपस्थिति पत्रक के आधार पर आहरित किया जाता है। मुलताई विधानसभा क्षेत्र में पदस्‍थ अमले से दैनिक एवं अग्रिम दौरा कार्यक्रम अपेक्षित नहीं होने से प्राप्‍त नहीं किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वेतन आहरण हेतु संबंधित कर्मचारी की दैनंदिनी प्राप्‍त कर सत्‍यापन किया जाना अपेक्षित नहीं है। वृत्‍त मुलताई में पदस्‍थ आबकारी उप निरीक्षक द्वारा नियमानुसार दैनंदिनी प्रस्‍तुत की जाती है। वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में फरवरी, 2016 प्रथम पक्ष तक की पाक्षिक दैनंदिनी और उसके परीक्षण उपरांत अंकित मतांकन का संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

खनिज की खदानों का आवंटन

69. ( क्र. 4028 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में 1.1.2013 से 31.12.2015 तक पत्‍थर, मुरम, गिट्टी एवं गौण खनिजों की कितनी खदाने किन-किन को आवंटित की गई है और वर्तमान में कितनी संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में इनके द्वारा पट्टा अभिलेखों को पंजीकृत करने का पंजीयन शुल्‍क एवं मुद्रांक शुल्‍क कितना जमा किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार, खनिजवार, फर्म/व्‍यक्ति नाम सहित जानकारी देवे? जिन फर्मों/व्‍यक्तियों ने उपरोक्‍त शुल्‍क जमा नहीं की है? उनकी भी जानकारी देवे? (ग) जिन फर्मों की राशि बकाया है? उनसे कब तक वसूल कर ली जायेगी? (घ) शुल्‍क वसूली की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के   प्रपत्र '' में दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार सभी फर्म/व्‍यक्तियों द्वारा प्रश्‍नानुसार शुल्‍क जमा किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '' में दी गई जानकारी अनुसार कोई राशि शेष नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सताविगृ सारनी की पुरानी इकाईयाँ डिस्‍मेण्‍टल एवं विक्रित करने की निविदा

70. ( क्र. 4104 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सताविगृ सारनी की इकाई क्रमांक 1 से 5 को डिस्‍मेण्‍टल कर विक्रित करने के पूर्व किन फर्मों से, कब-कब मूल्‍यांकन करवाया गया और कितना मूल्‍यांकन आया था? इस कार्य हेतु किस मूल्‍य पर निविदा़ आम‍ंत्रित की गई थी और किन फर्मों ने सभी निविदाओं के दौरान किन दरों पर अ‍पनी निविदाएं प्रस्‍तुत की थी? (ख) उक्‍त कार्य की प्रारंभिक मूल्‍यांकन दर और निविदा दर से लगभग 40-50 करोड़ रूपए कम पर निविदा स्‍वीकृत करने से राजस्‍व की क्षति हुई है, इसके क्‍या कारण है? (ग) उक्‍त निविदा स्‍वीकृति में अनियमितता की अभी तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है और उनमें अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) इस कार्य के निष्‍पादन के दौरान हुई दुर्घटना में जानमाल की क्षति होने पर क्‍या जाँच की गई? यदि हाँ, तो किस किसे दोषी पाया गया और क्‍या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी की इकाई क्रमांक 1 से 5 को डिसमेंटल कर विक्रित करने के पूर्व आदेश दिनांक 13.02.2013 के तहत मेसर्स मेकान लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) रांची से एवं तत्पश्‍चात आदेश दिनांक 27.04.2015 के तहत मेसर्स एम.जंक्‍शन सर्विसेस लिमिटेड (सेल एवं टाटा का संयुक्‍त उपक्रम) कोलकता से मूल्‍यांकन कराया गया। उक्‍त इकाईयों हेतु मेसर्स मेकान लिमिटेड, रांची द्वारा आरक्षित मूल्‍य रू. 147.69 करोड़ एवं स्‍क्रेप मूल्‍य रू. 133.53 करोड़ आंकलित किया गया, तत्पश्‍चात मेसर्स एम.जंक्‍शन सर्विसेस लिमिटेड कोलकता द्वारा इकाईयों का विक्रय योग्‍य मूल्‍य रू. 83.68 करोड़ आंकलित किया गया। इस कार्य हेतु जिन आरक्षित मूल्‍यों पर निविदा आंमत्रित की गई उससे संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' दर्शाये अनुसार है। नीलामी के विरूद्ध जिन फर्मों ने निविदा प्रस्‍तुत की, तत्संबंधी जानकारी तथा दर क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'', '' एवं '' में दर्शाये अनुसार है। (ख) उक्‍त कार्य की निविदा,    ई-नीलामी की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार स्‍वीकार की गई है। र्इ-नीलामी की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उक्‍त कार्य हेतु आरक्षित मूल्‍य से 10 प्रतिशत कम मूल्‍य तक की निविदा ही स्‍वीकार की जा सकती थी। लगातार चार प्रयासों में प्राप्‍त बिड, आरक्षित मूल्‍य से 10 प्रतिशत अधिक कम होने से कम्‍प्‍यूटरीकृत प्रणाली द्वारा स्‍वत: अस्‍वीकृत हो गई। तदुपंरात पाँचवे प्रयास में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार इन इकाईयों के विक्रय हेतु सफलता प्राप्‍त हो सकी, जिसका विवरण उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। अत: नीलामी के कार्य में प्रक्रिया का पालन किया गया तथा जिसके अनुसार प्रतिस्‍पर्धात्‍मक आधार पर नीलामी की गर्इ। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित निविदा स्‍वीकृति के संबंध में माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन द्वारा प्रेषित शिकायत प्राप्‍त हुई थी, जिसके संबंध में माननीय विधायक महोदय को जानकारी भेजी जा चुकी है। एक अन्‍य शिकायत, जो श्री प्रदीप दुबे, शिकायतकर्ता द्वारा शपथ पत्र के रूप में प्राप्‍त हुई थी व माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन के शिकायती पत्र के साथ संलग्‍न थी, उसका उत्‍तर भी माननीय विधायक महोदय को प्रेषित किया जा चुका है। (घ) जी हाँ, सतपुडा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक एक की पुरानी इकाईयों के डिस्‍मेन्‍टलिंग के दौरान हुई दुर्घटना में एक श्रमिक की ऊंचाई से गिरने पर चिकित्‍सालय में चिकित्‍सा के दौरान मृत्‍यु हुई थी। इस दुर्घटना संबंध में मुख्‍य अभियंता के स्‍तर के अधिकारी की अध्‍यक्षता में जाँच समिति का गठन किया गया। जाँच समिति ने दुर्घटना के समय हुई मानवीय/तकनीकी त्रुटि, सुरक्षा उपकरणों के समुचित उपयोग, दुर्घटना के वक्‍त सुपरवाइजर की उपस्थिति, दुर्घटना के लिए कौन जिम्‍मेदार था, क्‍या दुर्घटना से बचा जा सकता था, इत्‍यादि पहलुओं की जाँच की गई थी। जाँच समिति ने अपने प्रतिवेदन में दुर्घटना में मानवीय या तकनीकी त्रुटि नहीं पाई तथा किसी को भी दुर्घटना हेतु दोषी नहीं पाया। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचा‍री के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। वर्कमेन कम्‍पेन्सेशन एक्‍ट 1923 के आधार पर ठेकेदार मेसर्स सिक्किम फेरो एलाय लिमिटेड, मुंबई द्वारा श्रम न्‍यायालय, बैतूल में दिनांक 21.11.2015 को रू.7,28,282/- की क्षतिपूर्ति राशि जमा कर दी गई है। प्रकरण की जाँच श्रमायुक्‍त एवं मुख्‍य कारखाना निरीक्षक भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार म.प्र.शासन द्वारा भी की गई है, जिसका जाँच प्रतिवेदन प्रतिक्षित है।

गौण खनिज का बाजार मूल्‍य

71. ( क्र. 4140 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौण खनिज का बाजार मूल्‍य निर्धारित किया जाकर या बाजार मूल्‍य मान्‍य किया जाकर अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित किए जाने का अधिकार राज्‍य शासन ने किस पत्र क्रमांक दिनांक से किस अधिकारी या निरीक्षक को प्रदान किया है? (ख) गत तीन वर्षों में छतरपुर एवं बैतूल जिले में अवैध खनिज खनन एवं अवैध खनिज परिवहन के कितने प्रकरण बनाए इनमें से कितने प्रकरणों में कितना बाजार मूल्‍य निर्धारित कर या मान्‍य कर अर्थदण्‍ड खनिज विभाग के द्वारा प्रस्‍तावित किया? (ग) रॉयल्‍टी के आधार पर अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित करने की बजाय बाजार मूल्‍य के आधार पर अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित करने का क्‍या कारण रहा है इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में बाजार मूल्‍य निर्धारित किये जाने एवं इसे मान्‍य किये जाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।       (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 में दर्शित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''उनतीस''

शाजापुर जिले में छोटी सिंचाई संरचनाओं का निर्माण

72. ( क्र. 4162 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए छोटी सिंचाई संरचनाएँ, जैसे स्‍टॉप डेम, तालाब आदि कितने तथा किन जिलों में निर्मित किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित छोटी सिंचाई संरचनाओं से शाजापुर जिले में कौन-कौन सी संरचनाओं से कितना-कितना रकबा सिंचित किया जा सकेगा? (ग) क्‍या शाजापुर जिले में स्‍टॅाप डेम, तालाब जिनसे 60-70 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित हो सकती है, निर्माण करने की स्‍वीकृति की जावेगी? (घ) क्‍या शाजापुर जिले की बलेटी नदी, मैनावती नदी, मोहम्‍मदपुर मछनई पारवा नाला, बड़वेली पारवा नाला पर श्रंखलाबद्ध अथवा सिंगल स्‍टॅाप डेम निर्मित किये जावेंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में विभाग द्वारा निर्मित परियोजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) एवं     (घ) साध्‍य परियोजनाओं को चिन्हित से लेकर निर्माण कराना एक सतत् प्रक्रिया है। परियोजना की साध्‍यता स्‍थापित हुए बगैर उनके निर्माण के संबंध निर्णय लिया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नाधीन परियोजनाओं की साध्‍यता संबंधी जानकारी एकत्रित करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दिए गये हैं।

परिशिष्ट – ''तीस''

ऊर्जा विभाग द्वारा 2011-12 में औसत मेगावाट/मिलियन यूनिट मांग

73. ( क्र. 4170 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 से आज दिनांक तक प्रदेश में कितने औसत मेगावाट/मिलियन विद्युत यूनिट मांग माहवार वर्षवार रही बतावें? (ख) वर्ष 2011-12 से आज दिनांक तक म.प्र.पॉवर मेनेजमेंट कंपनी द्वारा माहवार, तिमाही, वर्षवार में बैंकों से कितनी रकम का लेटर ऑफ क्रेडिट का अनुबंध किया गया है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2011-12 से आज दिनांक तक प्रदेश में औसत मेगावाट/मिलियन विद्युत यूनिट मांग की माहवार वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 (19.02.2016) तक भारतीय स्‍टेट बैंक एवं सेन्‍ट्रल बैंक आफ इंडिया से एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा लेटर ऑफ क्रेडिट की स्‍वीकृति, नवीनीकरण एवं अतिरिक्‍त/नई स्‍वीकृति की माहवार, तिमाही एवं वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

द्वितीय समयमान वेतनमान की स्‍वीकृति

74. ( क्र. 4185 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन वित्‍त विभाग के स्‍पष्‍टीकरण क्रमांक          एफ 11-1/08/नियम/चार,भोपाल दिनांक 13 नवम्‍बर, 2009 के बिन्‍दु क्र.3 अनुसार जिन शासकीय सेवकों को प्रारम्भिक पद की नियुक्ति के पद से दो पदोन्‍नति कालाभ प्राप्‍त हो चुका है, उन्‍हें सामान्‍यत: द्वितीय समयमान वेतनमान की पात्रता नहीं?           (ख) प्रश्‍नांश यदि हाँ, तो शासकीय सेवकों का द्वितीय पदोन्‍नति वाले पद का वेतनमान (ग्रेड-पे 2400) द्वितीय उच्‍चतर वेतनमान (ग्रेड-पे 2800) से कम है तो ऐसे कर्मचारियों को द्वितीय समयमान वेतनमान लाभ का देय होगा या नहीं? इस संबंध में शासन स्‍पष्‍टीकरण जारी करेगा या नहीं? (ग) प्रश्‍नांश का उत्‍तर नहीं तो ऐसे शासकीय सेवकों द्वारा द्वितीय पदोन्‍नति (कम ग्रेड-पे 2400) का पद स्‍वीकार कर लेने के उपरांत द्वितीय समयमान (उच्‍च ग्रेड-पे 2800) का लाभ न मिलने से ऐसे शासकीय सेवकों को होने वाले आर्थिक हानि के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) भोपाल संभाग के अन्‍तर्गत शिक्षा विभाग में ऐसे कितने प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित गणक/लेखापाल है जिन्‍हें प्रारम्भिक पद से 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है जो 2400 ग्रेड-पे प्राप्‍त कर रहे है, उनकों द्वितीय समयमान (उच्‍च ग्रेड-पे 2800) का लाभ नहीं दिया जा रहा है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शासन के आदेश सुस्‍पष्‍ट हैं। (ग) नियमों के अनुसार पात्रता नहीं होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।    (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्रामों का विद्युतिकरण

75. ( क्र. 4186 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंजबासौदा नगरपालिका सीमा के अन्‍तर्गत कौन-कौन से ग्राम आते हैं? जहां विद्युतीकरण की व्‍यवस्‍था नहीं? ऐसे ग्रामों के नाम बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍थानों पर रह रहे निवासियों द्वारा घरेलू विद्युत कनेक्‍शन कहाँ से एवं कितनी दूरी से लिये गये हैं? (ग) क्‍या ग्राम बेहलोत स्थिति हनुमान मंदिर के पीछे लगभग 50 परिवार एवं प्रभा नगर में लगभग 35 परिवार निवास करते है, यह विद्युतीकरण की कोई व्‍यवस्‍था नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युतिकरण की व्‍यवस्‍था की जावेगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में नगरीय क्षेत्र के अन्‍तर्गत विद्युतीकरण हेतु प्राप्‍त आवेदनों पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो कारण देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गंजबासौदा नगरपालिका सीमा के अंतर्गत कोई ग्राम नहीं आता है तथा गंजबासौदा नगरपालिका क्षेत्र पूर्ण रूप से विद्युतीकृत है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) प्रश्‍नांश (क) में किसी स्‍थान विशेष का उल्‍लेख नहीं होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) गंजबासौदा नगरपालिका की सीमा से सटे हुए ग्राम बेहलोट में स्थित हनुमान मंदिर के पीछे लगभग 87 मकान बेहलोट बायपास क्षेत्र में विद्यमान हैं। इस स्‍थान पर पूर्व से थ्री फेस निम्‍न दाब लाईन विद्यमान है जिससे उक्‍त क्षेत्र में 42 विद्युत कनेक्‍शन दिये गये हैं। शेष लगभग 45 घरों की दूरी विद्यमान निम्‍न दाब लाईन से औसतन 600 फीट पर होने के कारण नियमानुसार मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शिविरों के माध्‍यम से विद्युत कनेक्‍शन लेने की समझाईश रहवासियों को दी गई है। इस क्षेत्र को अधोसंरचना के विकास के लिए आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित प्रभानगर कॉलोनी गंजबासौदा नगरपालिका क्षेत्र के बाहर स्थित एक अविकसित कॉलोनी है जहाँ लगभग 35 मकान स्थित हैं तथा भूमि स्‍वामी द्वारा कॉलोनी के विद्युतीकरण हेतु कोई प्राक्‍कलन स्‍वीकृत नहीं करवाया गया है। उक्‍त कालोनी से निकटतम विद्यमान निम्‍न दाब लाईन की दूरी लगभग 350 मीटर है। उक्‍त कॉलोनी के विद्युतीकरण के लिए संबंधितों को नियमानुसार आवश्‍यक औपचारिकताएं पूर्ण कर विद्युतीकरण कार्य करवाने की सलाह दी गई है। (घ) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र में नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में कोई आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

खनिज लीज़

76. ( क्र. 4241 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह मई 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने खदानों में उत्‍खनन की अनुमति प्रदान की गयी है? लीज़धारकों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित खदाने किन-किन खनिजों के लिये जारी की गयी सूची उपलब्‍ध कराएं? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह मई 2015 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितनी लीज़ निरस्‍त की गयी हैं? सूची सहित उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।   (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी लीज़ निरस्‍त नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

ऊर्जा प्रकोष्‍ठ के कर्मचारियों के स्‍वत्‍वों के भुगतान बाबत्

77. ( क्र. 4243 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माह मई 2014 से माह जनवरी 2016 के मध्‍य न.घा.वि.प्र. के ऊर्जा प्रकोष्‍ठ में अपनी सेवायें एवं शासकीय कर्तव्‍यों का निर्वहन पूरी निष्‍ठा से किये जाने के उपरांत भी कतिपय कर्मचारियों का वेतन, समयमान/क्रमोन्‍नति का वित्‍तीय लाभ, वार्षिक वेतनवृद्धि, जी.पी.एफ. अग्रिम एवं अन्‍य स्‍वत्‍वों संबंधी प्रकरणों का भुगतान रोका गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित स्‍वत्‍वों के भुगतान किसके निर्देशों से माह मई 2014 से माह जनवरी 2016 के मध्‍य रोके गये हैं? तिथि सहित, स्‍वत्‍ववार, कर्मचारीवार विस्‍तृत सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित स्‍वत्‍वों का भुगतान संबंधितों को कब तक हो जावेगा? समय-सीमा बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित स्‍वत्‍वों का भुगतान नहीं होने में दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है अथवा प्रस्‍तावित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्‍तरांश ‘’’’ के परीप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

मोबाईल कंपनियों को शासकीय भूमि पर टावर लगाने पर क्‍या प्रावधान है

78. ( क्र. 4292 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मोबाईल कंपनियों को नगर पालिका निगम क्षेत्र में या शहरी क्षेत्र के बाहर शासकीय भूमि पर टावर लगाने पर पंजीयन या मुद्रांक शुल्‍क में अथवा किसी अन्‍य शुल्‍क/टैक्‍स में छूट प्रदान करने का कोई प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी छूट, कितने समयावधि हेतु प्रदान की जाती है, छायाप्रति उपलब्‍ध करवायें तथा छूट प्रदान करने का प्रावधान नहीं है तो इन कंपनियों से कौन-कौन से शुल्‍क लिये जाते है? (ग) क्‍या 11 माह से अधिक अ‍वधि के विलेखों पर पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्‍क वसूल किया जाना चाहियें? हां, तो इंदौर उज्‍जैन एवं भोपाल नगर निगम में लगे मोबाईल टॉवरों से दिनांक 1.1.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना टैक्‍स या शुल्‍क वसूल किया गया है? कितना वसूल किया जाना है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में विभाग द्वारा वसूली को लेकर क्‍या कार्यवाही की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 11 माह से अधिक अवधि के लीज़ दस्‍तावेज की रजिस्‍ट्री अनिवार्य होती है। इन्‍दौर, भोपाल तथा उज्‍जैन में मोबाईल टावरों से संबंधित दस्‍तावेजों पर शुल्‍क संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) लीज़ दस्‍तावेजों पर कमी स्‍टाम्‍प शुल्‍क की वसूली हेतु भारतीय स्‍टाम्‍प अधिनियम, 1899 के प्रावधानों के अन्‍तर्गत उक्‍त जिलो में की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति को प्रशासनिक / वित्‍तीय अधिकार

79. ( क्र. 4304 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-05-06/2011/1-15क-क दिनांक 13 जनवरी 2016 के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट (कार्यवाही विवरण) के पैरा-9 में उल्‍लेख किया गया है कि मुख्‍य सचिव द्वारा अवगत कराया गया है कि संविदा नियुक्ति पर आरक्षण लागू है तथा इसके पालन करने के निर्देश दिये गये हैं? क्‍या उक्‍त दी गई जानकारी सत्‍य है (ख) क्‍या संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति को प्रशासकीय अनुशासनिक वित्‍तीय शक्तियां तथा अधिकार प्रत्‍यायोजित किये जा सकते हैं? (ग) क्‍या संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति के विरूद्ध म.प्र.सिविल सेवा, वर्गीकरण निक्षेपण तथा अपील नियम 1966 लागू नहीं होते? यदि हाँ, तो उसके अनुशासनात्‍मक, दण्‍डात्‍मक कार्यवाही किस नियम के तहत की जायेगी? (घ) संविदा नियुक्ति और सेवावृद्धि में, वेतन, भत्‍ते, सुविधाएं, अधिकार इत्‍यादि में क्‍या अंतर है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) संविदा सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) संविदा सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) सेवावृद्धि पूर्णत: प्रतिबंधित है। अत: शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

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लंबित बिलों पर राहत पैकेज

80. ( क्र. 4312 ) श्री जयभान सिंह पवैया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर में बंद मिलों के बेरोजगार मजदूरों के नाम से कनेक्‍शनों पर लंबित बिलों के संबंध में कोई राहत पैकेज की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे कितने कनेक्‍शनधारी है, जो जे.सी. मिल व अन्‍य मिल बंद होने से प्रभावित हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। तथापि मध्‍य क्षेत्र कंपनी द्वारा घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की बकाया राशि के निराकरण हेतु समाधान योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत सामान्‍य घरेलू उपभोक्‍ताओं के बकाया बिल की सरचार्ज की संपूर्ण राशि माफ की गई है तथा बी.पी.एल. उपभोक्‍ता व शहरी क्षेत्र में अधिसूचित मलीन बस्‍ती में निवास कर रहे घरेलू उपभोक्‍ता की बकाया राशि में से ऊर्जा प्रभार की 50 प्रतिशत राशि भी माफ करने का प्रावधान है। ग्‍वालियर में बंद मिलों के बेरोजगार मजदूर भी अपने कनेक्‍शन के लिए उक्‍त योजना का लाभ उठा सकते हैं। (ख) उत्त‍रांश "क" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

रिक्‍त पदों की पूर्ति

81. ( क्र. 4313 ) श्री जयभान सिंह पवैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले में राज्‍य प्रशासनिक सेवा के कितने अधिकारियों के पद रिक्‍त है? (ख) रिक्‍त पदों को तक भरा जायेंगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्‍वालियर जिले में राज्‍य प्रशासनिक सेवा के 03 अधिकारियों के पद रिक्‍त है। (ख) रिक्‍त पदों की पूर्ति अधिकारियों की उपलब्‍धता के अनुसार की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

पार्वती नदी पर रेत उत्‍खनन

82. ( क्र. 4334 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में पार्वती नदी पर रेत की कुल कितनी खदाने है? स्‍थान एवं नाम सहित कुल संख्‍या बतावें? (ख) उक्‍त रेत खदानों में से कितनी खदानों को वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में नीलाम किया गया है तथा नीलामी उपरांत कितनी खदाने किस-किस ठेकेदार को आवंटित की गई है? (ग) उक्‍त ठेकेदारों में से कितनों ने समय-सीमा में अनुबंध के नियमानुसार राशि जमा की है तथा रॉयल्‍टी प्राप्‍त कर रहे है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में पार्वती नदी पर कुल 11 रेत खदाने है, जो कि निम्‍नानुसार नाम से, स्‍थानों पर है :-

क्र.

स्‍थान

नाम

1

चौपनकला

चौपनकला

2

ककवासा

ककवासा

3

साकोन्‍या

साकोन्‍या

4

इकोदिया-बेलका

बेलका

5

हिंगोना

हिंगोना

6

खटकिया

खटकिया

7

भमावद

भमावद

8

सांकाखुर्द

सांकाखुर्द

9

बापचा लहरिया

बापचा लहरिया

10

रायपुरा

रायपुरा

11

रघुनाथपुरा

रघुनाथपुरा

 

(ख) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित रेत खदानों को वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में नीलाम किया गया था, जिसमें से 3 रेत खदानों, चौपनकला, इकोदिया-बेलका एवं रघुनाथपुरा के संबंध में, उच्‍चतम बोलीदारों क्रमश: रामकेश मीना, सत्‍येन्‍द्र रघुवंश एवं नारायण सिंह सौंधिया के पक्ष में आवंटन किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित ठेकेदारों द्वारा नियमानुसार 25 प्रतिशत प्रतिभूति की राशि जमा की गई है। इनके द्वारा नियमानुसार अनुमोदित खनन योजना एवं आवश्‍यक पर्यावरण अनुमति प्रस्‍तुत नहीं की गई है। अत: अनुबंध का निष्‍पादन नहीं किया गया है। जिसके कारण वे खदान का संचालन नहीं कर रहे है। अत: रॉयल्‍टी प्राप्‍त होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

घुटेरी जलाशय की भण्‍डारन क्षमता बढ़ायी जाना

83. ( क्र. 4346 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत दिनारीखम्‍हरिया क्षेत्र में स्थित घुटेरी जलाशय का निर्माण किस सन् में कितनी रूपांकन क्षमता की सिंचाई हेतु किया गया था इस जलाशय के निर्माण की प्रस्‍तावना में इसकी कितनी जल भण्‍डारन् क्षमता प्रस्‍तावित थी एवं इस जलाशय के द्वारा कहाँ पर कितनी लम्‍बाई की नहरों का निर्माण कर किन ग्रामों के कितने रकबों की सिंचाई की जानी थी?       (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जलाशय की वर्तमान में कितनी जल भण्‍डारन् क्षमता है तथा इसके द्वारा किन-किन ग्रामों के कितने क्षेत्र में कितनी लंबाई की नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जलाशय की जल भण्‍डारन् क्षमता बढ़ाने एवं सिंचाई के पानी के शत-प्रतिशत उपयोग हेतु कौन-कौन सी योजनाएं शासन स्‍तर पर लंबित हैं? क्‍या उक्‍त जलाशय की भण्‍डारन् क्षमता बढ़ाने हेतु तालाब के केचमेंट एरिया में अमोच, धनगंवा ग्रामों के मध्‍य नदी पर स्‍टाप डेम बनाने का जियोलॉजीकल सर्वे किया गया था तथा इस जलाशय की नहरों में सी.सी. निर्माण प्रस्‍तावित था? यदि हाँ, तो उक्‍त निर्माण कार्य किस योजना मद से कितनी लागत से कब तक पूर्ण किये जायेंगे? (घ) क्‍या उक्‍त जलाशय की मेढ़ की ऊंचाई बढ़ाकर तथा स्‍लूप एवं अतिरिक्‍त नहर का निर्माण कर इस जलाशय का पानी दिनारीखम्‍हरिया की ओर लाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कृषकों के व्‍यापक हित में इसे क्रियान्वित करने हेतु शासन कब तक क्‍या योजना बनावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) घुटेही लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण वर्ष 1980 में किया गया था। परियोजना की जीवित जल भण्‍डारण क्षमता 2.52 मि.घ.मी. होकर रूपांकित सैच्‍य क्षेत्र 454 हेक्‍टेयर है। परियोजना की नहरों की कुल लंबाई 9.12 कि.मी. है। परियोजना का सैच्‍य क्षेत्र ग्राम दिनारीखमरिया, बरगी, उमरिया एवं बरखेड़ा की क्रमश: 114 हेक्‍टेयर, 181 हेक्‍टेयर, 65 हेक्‍टेयर एवं 94 हेक्‍टेयर कुल 454 हेक्‍टेयर भूमि है। (ख) यद्यपि परियोजना के जलाशय की जल भण्‍डारण क्षमता 2.52 मि.घ.मी. है, जलाशय में रिसाव के कारण जलाशय में पूर्ण स्‍तर तक जल नहीं रूक पाता है। बांध में जल भण्‍डारण कम होने के कारण ग्राम दिनारीखमरिया, बरगी एवं उमरिया की 248 हेक्‍टेयर में 4.40 कि.मी. लंबी नहर से सिंचाई की जाती है। (ग) कोई प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। दिनारीखमरिया ग्राम को नहर से सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध होने तथा कमाण्‍ड क्षेत्र के बाहर अधिक ऊंचाई पर स्थित रकबे में पानी दिया जाना संभव नहीं होने के कारण। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

विद्युत प्रदाय एवं बिल

84. ( क्र. 4347 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक बत्‍ती कनेक्‍शन प्रदान करने के क्‍या नियम है एवं कनेक्‍शनधारियों को प्रतिमाह किस दर से विद्युत बिल का भुगतान करने का नियम प्रचलन में है? पाटन विधान सभा अन्‍तर्गत कुल कितने एक बत्‍ती कनेक्‍शनधारी हैं एवं उनसे विगत 06 माहों में माहवार कितना विद्युत बिल वसूला गया? (ख) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने कृषक है जिन्‍हें 3 एच.पी. के स्‍थान पर 5 एच.पी. एवं 5 एच.पी. के स्‍थान पर 7.5 एच.पी. के बढ़े हुए अधिभार के बिल वित्‍त वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक के मध्‍य प्रदान किये गये? उनमें से कितने कृषकों ने संशोधन हेतु आवेदन किया एवं कितने कृषकों के बढ़े हुए अधिभार के बिल कम किये गये? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए एवं उन्‍हें कब दुरूस्‍त किया गया? प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ कहाँ के कितने ट्रासफार्मर खराब पड़े हुए हैं? (घ) वर्तमान समय में पाटन विधान सभा अंतर्गत कृषि कार्य एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्‍ताओं को कितने घंटे विद्यूत प्रदाय की जा रही है? कृषि कार्य हेतु निर्धारित घंटों में बिजली बार-बार जाने एवं 5-10 मिनिट बाद विद्युत आने के क्‍या कारण है? इसमें कब तक सुधार कर कृषकों को लगातार विद्युत प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं बतलावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एक बत्‍ती कनेक्‍शन नहीं अपितु बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु आवेदक का बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही होना आवश्‍यक है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदक से रूपए 106/- एवं सामान्‍य श्रेणी के आवेदक से रूपये 136/- जमा करवाकर मीटरयुक्‍त कनेक्‍शन किये जाते हैं। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान किये जा रहे हैं। उक्‍त उपभोक्‍ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर पर बिलिंग की जा रही है। जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बी.पी.एल. उपभोक्‍ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक के बिजली उपयोग पर ऊर्जा प्रभार में रूपये 2.90 प्रति यूनिट की छूट प्रदान की जाती है। पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत 19301 बी.पी.एल. कनेक्‍शन उपभोक्‍ता है जिनसे विगत 6 माहों में माहवार की गई विद्युत बिल वसूली की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

माह

राशि (रूपये लाख में)

1

अगस्‍त 2015

25.29

2

सितम्‍बर 2015

10.78

3

अक्‍टूबर 2015

12.42

4

नवम्‍बर 2015

04.25

5

दिसम्‍बर 2015

03.23

6

जनवरी 2016

3.13

                  योग

59.10

 

 (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि पम्‍प उपभोक्‍ताओं के संबद्ध भार सत्‍यापन के दौरान 3578 उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शनों का संबद्ध भार स्‍वीकृत भार से अधिक पाए जाने पर उनके भार में वृद्धि की गई थी जिनमें से 925 उपभोक्‍ताओं द्वारा भार वृद्धि में आपत्ति किये जाने के आवेदन प्राप्‍त हुए थे। भार का पुन: भौतिक सत्‍यापन करने पर 278 प्रकरणों में आपत्ति सही पाए जाने पर आवश्‍यक संशोधन कर बिल कम किये गये है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक 1037 ट्रांसफार्मर खराब/चोरी हुए तथा उक्‍त सभी 1037 ट्रांसफार्मर प्रश्‍न दिनांक तक बदल दिये गये हैं। उक्‍त ट्रांसफार्मरों की खराब/चोरी होने तथा बदले जाने की दिनांक की स्‍थानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि कार्य हेतु समान्‍यत: 10 घंटे (2 शिफ्ट रात्रि में 4-4 घंटे एवं दिन में 6 घंटे) तथा घरेलू उपभोक्‍ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कतिपय अवसरों पर कुछ फीडरों में तकनीकी कारणों के कारण से कुछ समय के लिये व्‍यवधान हो जाता है। जिसे सुधार कर पुन: विद्युत प्रदाय बहाल कर दिया जाता है। उक्‍तानुसार उल्‍लेखित अपरिहार्य कारणों को छोड़कर सामान्‍यत: शिड्यूल अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।

विभिन्‍न विभागों में कर्मचारियों की भर्ती

85. ( क्र. 4372 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में किन-किन विभागों में सीधी भर्ती/विशेष भर्ती/बैकलॉग/संविदा/अनुकंपा आधार पर भर्ती की गई है?      (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार मध्‍यप्रदेश में लागू आरक्षण नियमों का नियमानुसार पालन किया गया है या नहीं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

मदिरा दुकानों का संचालन

86. ( क्र. 4373 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मदिरा दुकान के विभागीय शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण एवं राष्‍ट्रीय राज्‍य मार्गों के किनारे स्थित ग्रामों में मदिरा दुकानों की सीपना/संचालन के क्‍या-क्‍या नियम लागू हैं? क्‍या नरसिंहपुर जिले में इन नियमों का पालन किया जा रहा है?     (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत बताएं कि नरसिंहपुर जिले में राज मार्ग के किनारे स्थित किन-किन ग्रामों में कौन-कौन सी मदिरा दुकान किन-किन भवन स्‍वामियों के भवनों में, राजमार्गों से कितनी-कितनी दूरी पर किस प्रकार व्‍यवस्थित है? क्‍या दुकानों के साइन बोर्ड राजमार्गों से दृश्‍यान है? क्‍या दुकान को इंगित करने वाले बोर्ड राजमार्गों पर लगे है? 01 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा जिले की किस-किस मदिरा दुकान का कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण में क्‍या विवरण दर्ज किये गये? दुकानवार निरीक्षणवार बताएं? (ग) क्‍या नरसिंहपुर जिले की देशी मदिरा दुकान एवं विदेशी मदिरा दुकानें एवं शॉपबार नियमानुसार स्‍थ‍ापित एवं संचालित है? यदि हाँ, तो दुकानवार जानकारी बताये एवं जिला आबकारी अधिकारी नरसिंहपुर को इस संबंध में प्राप्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मदिरा दुकान के विभागीय शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण रोस्‍टर अनुसार किये जाते है एवं राष्‍ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित ग्रामों में मदिरा दुकानों के संचालन के संबंध में नियम, मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 दिनांक 06 फरवरी 2015 में उल्‍लेखित है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिले में इन नियमों का पालन किया जा रहा है। (ख) नरसिंहपुर जिले में संचालित मदिरा दुकानें नियमानुसार व्‍यवस्थित है। दुकानों के बोर्ड राजमार्गों से दृश्‍यमान नहीं है। दुकान को इंगित करने वाले बोर्ड राजमार्गों पर नहीं लगे है। 01 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय सेवकों द्वारा जिले की मदिरा दुकानों में किये गये निरीक्षणों की दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले की देशी मदिरा दुकान एवं विदेशी मदिरा दुकानें नियमानुसार स्‍थापित एवं संचालित है। जिले में कोई भी शॉपबार स्‍थापित एवं संचालित नहीं है। जिला आबकारी अधिकारी नरसिंहपुर को इस संबंध में प्राप्‍त शिकायतों पर विभाग द्वारा तत्‍काल नियमानुसार कार्यवाही की गई है। जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। 

पशुहाट ठेके में अनियमितता

87. ( क्र. 4387 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुरैना नगर निगम द्वारा वर्ष 2015-16 के लिये पशु हाट का ठेका सर्वाधिक बोली इक्‍यावन लाख लगाने वाले शकील अब्‍बासी को न देकर सात लाख दो हजार वाले को दे दिया गया है? कारण सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्‍या शकील अब्‍बासी द्वारा चौथाई राशि जमा करने हेतु पच्‍चीस दिन का समय मांगा था, उसे मोहलत दिये बगैर अमानत राशि भी जप्‍त कर ली तथा द्वितीय बोलीदाता के साथ भी ऐसा ही किया? यह कार्यवाही 27 फरवरी 2015 को पूर्ण कर दी गई? प्रकरण की जानकारी तथ्‍यात्‍मक व दिनांकवार दी जावे? (ग) नगर निगम मुरैना की स्‍थानीय निधि सपरीक्षा द्वारा की गई ऑडिट शाखा द्वारा ठेका प्रक्रिया में हुई अनियमितता के कारण निगम को 4398000 रूपये का नुकसान हुआ है? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? शासन उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्‍या नगर निगम की एम.आई.सी. में प्रकरण को ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में सुपुर्द करने का निर्णय लिया है? प्रकरण किस स्‍तर पर प्रक्रिया में है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिक निगम, मुरैना के द्वारा वर्ष 2015-16 के लिये पशुहाट का ठेका सर्वाधिक बोली राशि रू. 51,00,000/- लाख की लगाने वाली शकील अब्‍बासी के द्वारा दिनांक 28.02.2015 को ठेके की 1/4 राशि जमा करने हेतु सूचना दी गई थी। परंतु उनके द्वारा 1/4 राशि जमा ना करते हुये 25 दिवस का समय मांगा गया था। ठेके की शर्तों में समय देने का प्रावधान ना होने के कारण तत्‍समय पदस्‍थ प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा प्रथम बोलीदाता को समय ना देते हुये उसकी जमा डिपॉजिट की राशि राजसात की गई। (ख) शकील अब्‍बासी द्वारा दिनांक 04.03.2015 को 1/4 राशि जमा करने हेतु समय मांगा था। ठेके की शर्तों में समय देने का प्रावधान ना होने के कारण उसे मोहलत दिये बगैर अमानत (डिपॉजिट) की राशि जब्‍त की गई। द्वितीय बोलीदाता की एफ.डी.आर. राजसात ना की जाकर वापस की गई, यह कार्यवाही दिनांक 27.02.2015 को पूर्ण नहीं हुई द्वितीय बोलीदाता को 1/4 राशि जमा करने हेतु दिनांक 27.03.2015 को सूचना दी गई। संबंधित द्वारा सूचना पत्र नहीं लिया जाकर 1/4 राशि जमा नहीं की गई, ठेके की शर्तों में द्वितीय बोलीदाता की एफ.डी.आर. राजसात करने का प्रावधान ना होने के कारण उसे वापस की गई। (ग) आवासीय स्‍थानीय निधि, संपरीक्षा द्वारा ठेका प्रक्रिया में हुई अनियमितता के कारण निगम को राशि रू. 43,98,000/- लाख की हानि का ऑडिट आपत्ति ली गई है। उस समय रूपेश उपाध्‍याय प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी मूलपद उप जिलाध्‍यक्ष कार्यरत थे। एम.आई.सी. द्वारा पारित निर्णय के क्रम में उनको सुनवाई का अवसर दिये जाने हेतु निगम द्वारा नोटिस जारी किये गये है। (घ) नगर निगम की एम.आई.सी. के द्वारा पारित संकल्‍प क्रमांक 13 दिनांक 30.11.2015 के द्वारा आडिट आपत्ति को विचार में लेकर ई.ओ.डब्‍ल्‍यु. में सुपुर्द करने का निर्णय लिया गया है। प्रकरण में वर्तमान में रूपेश उपाध्‍याय पूर्व मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी एवं ठेका से संबंधित शाखा प्रभारी रूप किशोर कुलश्रेष्‍ठ आर.एस.आई. का ऑडिट आपत्ति एम.आई.सी. द्वारा पारित निर्णय के क्रम में उनको सुनवाई का अवसर दिये जाने हेतु निगम द्वारा नोटिस जारी किये गये हैं।

सालिड बेस्‍ट मैनेजमेंट

88. ( क्र. 4404 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री की घोषणा के अनुसार क्‍या रतलाम नगर के सालिड बेस्‍ट मैनेजमेंट का प्रोजेक्‍ट तैयार हो चुका है? (ख) क्‍या इसके लिए निविदाएं बुला ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक बुला ली जायेगी? (ग) रतलाम के करमदी रोड पर स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्‍ड जो शहर के मध्‍य में आ चुका है, उसे कब तक हटाया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम क्‍लस्‍टर की फिजिबिलिटी स्‍टडी प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा नियत किया जाना संभव नहीं है।

ठोस अपशिष्‍ठ प्रबंधन

89. ( क्र. 4405 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा शहरी/अर्द्धशहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्‍ठ प्रबंधन के संबंध में कोई नीति है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी किये गये सर्कुलरों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बैरसिया नगर पालिका अंतर्गत कितनी जनसंख्‍या है? जनसंख्‍या के मान से ठोस अपशिष्‍ठ के प्रबंधन हेतु विभाग के पास उचित संसाधन उपलब्‍ध है, अथवा नहीं? (ग) बैरसिया विधानसभा अंतर्गत इस संबंध में कोई कार्य योजना/प्रस्‍ताव विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक तैयार कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। राज्‍य के नगरीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन के संबंध में क्षे‍त्रीय ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन हेतु एकीकृत परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। निकाय को प्रेषित पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद् बैरसिया की कुल जनसंख्‍या जनगणना-2011 के अनुसार जनसंख्‍या 31558 है। इस हेतु स्‍थायी मानदण्‍ड नियत नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''पैंतीस''

 

 

धार्मिक नगरी नेमावर के तीर्थ स्‍थलों का जीर्णोद्धार

90. ( क्र. 4411 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी नेमावर में सिद्धेश्‍वर महोदव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए शासन के द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) सिद्ध क्षेत्र नेमावर में स्‍थायी बस स्‍टेण्‍ड निर्माण के लिए विभाग/शासन के पास क्‍या कार्य योजना है? (ग) नेमावर में सौन्‍दर्यकरण के लिए अस्‍त-व्‍यस्‍त घाटों को दुरस्‍त करने एवं गंदगी से निजात पाने के लिए विभाग क्‍या ठोस कदम उठा रहा है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.

खदानों से अवैध उत्‍खनन

91. ( क्र. 4439 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत सौंसर तहसील की परतापुर सायरा एवं खापापादरीवार में स्थित रेत खदान अभी तक प्रारंभ क्‍यों नहीं हो सकी है? इसके क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या उक्‍त खदान प्रारंभ नहीं होने के कारण अवैध रेत उत्‍खनन होने की शिकायतें विगत 06 माह से प्राप्‍त हो रही है? अभी तक कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई है? (ग) उक्‍त खदान प्रारंभ नहीं होने से शासन को अभी तक एक वर्ष में कितनी हानि हुई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले की सौंसर तहसील के ग्राम परतापुर स्थित रेत खदान की नीलामी में स्‍वीकृत नहीं होने के कारण तथा ग्राम सायरा एवं खापापादरीवार में स्थित रेत खदाने पर्यावरण संबं‍धी अनुमति प्राप्‍त ना होने के कारण प्रारंभ नहीं की जा सकी है। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार उल्‍लेखित ग्रामों में स्थित रेत खदानों के संबंध में विगत 06 माह में 01 शिकायत ग्राम खापापादरीवार से अवैध रेत उत्‍खनन की प्राप्‍त हुई थी। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पुलिस एवं राजस्‍व विभाग के सहयोग से उक्‍त क्षेत्र में रेत खनिज के अवैध उत्‍खनन में संलिप्‍त 03 पोकलेन मशीनें तथा 05 डम्‍पर जब्‍त किये गये है। अवैध उत्‍खनन तथा परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध खनिज नियमों के तहत 02 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। साथ ही अवैध उत्‍ख्‍ानन/परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
(ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर में दर्शित खदानों से रेत की निकासी नहीं होने से किसी भी प्रकार की राजस्‍व हानि नहीं हुई है।

मूंग फसल हेतु नहर में पानी की व्‍यवस्‍था

92. ( क्र. 4447 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या हरदा जिले का किसान विगत 3-4 वर्षों से कृषि फसल नष्‍ट होने से आर्थिक रूप से पिछड़ गया है, तो क्‍या उनकी माली हालत में सुधार हेतु रबी फसल के बाद मूंग की फसल बोनी हेतु नहरों में पानी छोड़ा जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो कितना-कितना पानी कब-कब छोड़ा जावेगा? (ग) यदि मूंग फसल हेतु नहरों में पानी नहीं छोड़ा जावेगा, तो उसका क्‍या कारण है? (घ) नहर में मूंग उपज हेतु नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से हरदा जिले से मिलने वाले कितने राजस्‍व, मंडी शुल्‍क सिंचाई कर आदि की शासन को हानि होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी नहीं। ग्रीष्‍मकालीन मूंग की फसल के लिए सिंचाई जल देना रबी सिंचाई समाप्‍त होने के बाद जलाशय में उपलब्‍ध जल की मात्रा पर निर्भर है। अत: शेष प्रश्‍नों के संबंध में वर्तमान में निर्णय लेकर जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

किसानों को रोजगार उपलब्‍ध कराना

93. ( क्र. 4448 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदिरा सागर बांध परियोजना (पुनासा डेम) के वेक वाटर में क्षेत्र के लोगों की जमीन डूब जाने से उनके सामने रोजगार की समस्‍या खड़ी हो गई है?      (ख) शासन स्‍तर से उक्‍त प्रभावित लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या प्रयास किये जा रहे है? (ग) क्‍या डूब से प्रभावित लोगों को मछली पालन व्‍यवसाय में ठेकेदार के साथ सहभागिता निर्धारित किये जाने की कोई योजना प्रस्‍तावित अथवा प्रचलन में है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या व कब तक उसे प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ड.) यदि नहीं, तो उसका क्‍या कारण है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) इंदिरा सागर बांध के निर्माण से प्रभावितों को उनकी प्रभावित कृषि भूमि/अन्‍य सम्‍पत्तियों का भू-अर्जन कर पात्रता अनुसार मुआवजा दिया गया है। भूमिहीन प्रभावितों को पुनर्वास नीति के प्रावधानों के अंतर्गत रोजगार मूलक परिसम्‍पत्ति क्रय करने हेतु पुनर्वास नीति अनुसार भूमिहीन मजदूर को रूपये 49300/- एवं अन्‍य मजदूर को रूपये 33150/- की राशि भुगतान की गई है। प्रभावितों को रोजगार उपलब्‍ध करवाने के उद्देश्‍य से उन्‍हें तकनीकी शिक्षा प्रदाय करने हेतु नर्मदा नगर एवं मूंदी में आई.टी.आई संचालित किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। डूब प्रभावित क्षेत्र में मछली पालन से संबंधित कार्य मत्‍स्‍य  महासंघ द्वारा विस्‍थापित/प्रभावित मछुओं की सहकारी समितियों का गठन कर उन्‍हें मत्‍स्‍याखेट के माध्‍यम से रोजगार उपलब्‍ध कराया जा रहा है। डूब से प्रभावित लोगों को मछली पालन व्‍यवसाय में ठेकेदार के साथ सहभागिता निर्धारित करने की मत्‍स्‍य महासंघ में कोई योजना प्रचलित अथवा प्रस्‍तावित नहीं है। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में लागू नहीं।

जल संकट ग्रस्‍त गांवों में सिंचाई

94. ( क्र. 4469 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धरसोला, रामपुर, बामसौती, वातेड़, वेरखेड़ा, सिंगारदे तथा आसपास के लगभग 20 गांवों में नहर की व्‍यवस्‍था नहीं होने से किसानों की भूमि बंजर पड़ी हुई है तथा गंभीर जल संकट से मुक्ति दिलवाने हेतु उक्‍त गांवों के लिये शासन की कोई कार्य योजना प्रस्‍तावित है?  (ख) क्‍वारी नदी रामपुर से छोटी नहर जैसे 33/L निकालकर जल के स्‍त्रोत ढूंढकर उक्‍त ग्रामों को जलसंकट से मुक्‍त करेंगे? (ग) बारदाडेम या चेंटीखेड़ा तहसील विजयपुर से रामपुर के लिये छोटी केनाल निकालकर उक्‍त समस्‍या का समाधान भी हो सकेगा? कृपया इसकी कार्ययोजना एवं सर्वे कराकर कार्य कब तक करा दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, नहर नहीं होने से भूमि बंजर नहीं होती है। सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र में चम्‍बल कॉम्‍पलेक्‍स परियोजना के साथ-साथ सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र में रामपुर, बामसोली, वातेड़ एवं बेरखेड़ा लघु सिंचाई परियोजना से क्रमश: 82, 63, 60 एवं 63 हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध है। प्रश्‍नाधीन शेष ग्राम धरसोला एवं सिंधारदेह तथा आसपास अन्‍य ग्रामों में साध्‍य परियोजनाएं नहीं पाई गई हैं। (ख) जी नहीं, तकनीकी रूप से स्‍थल उपयुक्‍त नहीं होने के कारण। (ग) वारधा परियोजना का सैच्‍य क्षेत्र बढ़ाने के लिए जल उपलब्‍ध नहीं है। चेंटीखेड़ा परियाजना में सहरिया अनुसूचित जाति के लोगों का दूसरी बार विस्‍थापन होने से परियोजना का क्रियान्‍वयन संभव नहीं हो सका है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

विधायक निधि की राशि

95. ( क्र. 4507 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संयुक्‍त संचालक संभागीय योजना एवं सांख्यिकीय रीवा के पत्र क्रमांक 2057/2014 दिनांक 01.12.2014 एवं पत्र क्रमांक 613 दिनांक 20.03.2015 के द्वारा राशि आयुक्‍त आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय भोपाल को मांग संख्‍या 60-4515 एवं 64-4515 को समर्पित कर दी गयी है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में समर्पित राशि किस कार्य हेतु है? किस मद की एवं किसकी है तथा कितनी है? पृथक-पृथक विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की जावेगी तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। लंबित होने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई बतावें? नहीं की गई तो क्‍यों? की जावेगी तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) संभागीय कार्यालय रीवा से प्राप्‍त पत्र के आधार पर वर्ष 2014-15 की लेप्‍स राशि संचालनालय पत्र क्रमांक 881,879 एवं 883 दिनांक      25-02-2016 द्वारा जारी कर दी गई है। (घ) प्रश्‍नांश '' एवं '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बारना नहर द्वारा सिंचाई

96. ( क्र. 4515 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्‍ड बाड़ी में बारना नहर की उपनहर से एल.आई.एस. जामगढ़ द्वारा कितनी हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है? उक्‍त नहर से किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्‍त होता है? नहर द्वारा किन-किन ग्रामों को लाभ देने का लक्ष्‍य था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में नहर द्वारा कितनी कृषि भूमि को सिंचित करने का लक्ष्‍य शासन द्वारा निर्धारित किया गया था वर्तमान में उक्‍त नहर द्वारा कितनी भूमि को सिंचित किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कुल कितनी लंबाई की नहर स्‍वीकृत हुई? प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? शेष कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में विभाग द्वारा बरेली तहसील के ग्राम ढिलवार माधामऊ एवं जामगढ़ को सिंचित करने हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो कार्य कब से प्रारंभ होगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। निरंक। जामगढ़ उद्वहन सिंचाई परियोजना का रूपांकित सैच्‍य क्षेत्र ग्राम जामगढ़, भगदेई, लामनमूढ़ा एवं हरडोव में कुल 607 हेक्‍टेयर है। (ख) परियोजना से लाभान्वित कृषकों द्वारा विद्युत शुल्‍क के भुगतान हेतु अंशदान जमा नहीं कराने के कारण परियोजना का विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित होने से इस वर्ष सिंचाई का कोई लक्ष्‍य नियत नहीं किया गया। निरंक।    (ग) परियोजना की नहर स्‍वीकृति के अनुरूप 4.72 कि.मी. लंबाई में निर्मित की गई है। निर्माण कार्य पूर्ण है। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

नगर पालिका सी.एम.ओ. के अधिकार

97. ( क्र. 4568 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं में सी.एम.ओ. के पद पर पद के अनुरूप कैडर के अधिकारी पदस्‍थ हैं? यदि नहीं, तो कितनी नगर पालिकाओं में प्रभारी पदस्‍थ हैं? प्रभारी दिए जाने के कारणों का ब्‍यौरा दें? (ख) क्‍या वित्‍तीय अधिकार संपन्‍न नगर पालिका व नगर पंचायतों में वित्‍त के जानकार अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन की क्‍या योजना है? यदि नहीं, तो क्‍यों?       (ग) क्‍या भोपाल संभाग की नगर पालिका व नगर पंचायतों में पदस्‍थ सी.एम.ओ. के खिलाफ आर्थिक गड़बडि़यों के प्रकरण जाँच में हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में कुल 362 नगर पालिकाओं/नगर परिषदों में 169 में केडर के अनुरूप मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी एवं 193 में प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी पदस्‍थ है। सीधी भरती के रिक्‍त पदों के चयन में लोक सेवा आयोग से विलंब होने के कारण प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी पदस्‍थ किये गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगरीय निकायों में से बड़े नगर निगमों में राज्‍य वित्‍त सेवा तथा अन्‍य नगरीय निकायों में मध्‍यप्रदेश राज्‍य नगरीय वित्‍त सेवा के अधिकारियों को पदस्‍थ किया जाता है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य नगरीय वित्‍त सेवा के अधिकारियों के सीधी भरती के पदों पर चयन की कार्यवाही प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड द्वारा की जा रही है। (ग) जी हाँ।

प्रश्‍न दिनांक तक कार्य

98. ( क्र. 4585 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वित्‍तीय वर्ष 01.04.2010 से प्रश्‍नतिथि तक 2 लाख रूपये से ज्‍यादा राशि के क्‍या-क्‍या कार्य, किस-किस स्‍थान पर किये गये?       (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर किस-किस स्‍थान पर, कितनी राशि व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍ल‍ेखित कार्यों में से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। रू.2.00 लाख से अधिक के संधारण कार्य कार्यों की संख्‍या निरंक है।

परिशिष्ट ''छ्त्तीस''

नहलेसरा तथा जमुनिया तालाबों का सीमेंटीकरण

99. ( क्र. 4607 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैनगंगा जल संसाधन संभाग बालाघाट के अंतर्गत नहलेसरा तथा जमुनिया तालाब के माईनरों का सीमेंटीकरण करने का शासन विचार कर रहा है?    (ख) यदि हाँ, तो क्‍या डी.पी.आर. प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर तक पहुंच चुका है? (ग) कब तक माइनरों के सीमेंटीकरण कार्य को शासन स्‍तर पर प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) नहलेसर्रा एवं जमुनिया परियोजना की नहरों के सुदृढ़ीकरण एवं लाईनिंग कार्य के लिए प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 24.03.2015 को क्रमश: रू. 1186.55 लाख एवं रू.710.11 लाख की जारी की गई। निर्माण कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। उपनहरों की लाईनिंग का कार्य विचारधीन नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

नहर का सिपेज होना

100. ( क्र. 4611 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजीव सागर परियोजना बालाघाट की मेन केनाल तथा माईनरों में कई स्‍थानों पर सिपेज होता है? (ख) यदि हाँ, तो जल संसाधन विभाग सिपेज को समाप्‍त करने की क्‍या कार्रवाही कर रहा है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) राजीव सागर परियोजना की नहर प्रणाली रूपांकन अनुसार कच्‍ची होने से सामान्‍य सीपेज होता है, जो रूपांकन अनुसार है। नहरों का वार्षिक संधारण करने की व्‍यवस्‍था है।

 

अधोसंरचना के अंतर्गत निर्माण कार्य

101. ( क्र. 4637 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् भिण्‍ड के अंतर्गत मुख्‍यमंत्री अधोसंरचा के अंतर्गत संतोषी माता मंदिर से राज टॉकीज तक नाला निर्माण सी.सी. रोड सहित कब निविदा आमंत्रित की गई किस एजेंसी से अनुबंध किया गया, कब कार्य प्रारंभ किया गया, कार्य स्थिति क्‍या है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत प्रश्‍नांश दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? कार्य प्रारंभ न होने के क्‍या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या अनुबंधकर्ता द्वारा समय पर कार्य प्रारंभ न करने के कारण व्‍यय राशि में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो क्षति के लिये कौन उत्‍तरदायी है? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत कब तक कार्य पूर्ण होना था? कार्य अपूर्ण होने के कारण प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने के क्‍या कारण हैं? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 5 फरवरी 2013. मे. राधिका डेवलपर्स ग्‍वालियर। दिनांक 16.09.2013. योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्यों में से नाला निर्माण कार्य, पुलिस लाईन से जेल एवं सैनिक कॉलोनी लश्‍कर रोड पुलिया तक का कार्य पूर्ण हो गया है। संतोषी माता मंदिर से अटेर रोड बम्‍बा तक सी.सी. रोड एवं नाला निर्माण कार्य की स्‍ट्रक्‍चरल डिजायन दिनांक 06.02.2016 को प्राप्‍त हो गई है। नगर पालिका परिषद् भिण्‍ड द्वारा कार्य प्रारंभ करने के लिए संविदाकार को नोटिस जारी किया गया है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।   (ग) जी नहीं। मे. राधिका डवलपर्स ग्‍वालियर द्वारा सम्‍पादित अनुबंध के अनुसार कार्य कराया जाना है, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 16 नवम्‍बर 2014. नगर पालिका परिषद्, भिण्‍ड द्वारा प्राचार्य, एम.आई.टी.एस. ग्‍वालियर को नाला एवं सी.सी. रोड निर्माण कार्य के स्‍ट्रक्‍चरल डिजायन हेतु लिखा गया था, स्‍ट्रक्‍चरल डिजायन प्राप्‍त नहीं होने से कार्य में विलम्‍ब हुआ है। दिनांक 06.02.2016 को स्‍ट्रक्‍चरल डिजायन प्राप्‍त हो गई है। नगर पालिका परिषद्, भिण्‍ड द्वारा कार्य प्रारंभ करने की सूचना संविदाकार को दी गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

फूल सागर तालाब की वर्तमान स्थिति

102. ( क्र. 4664 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम जबलपुर के अंतर्गत फूल सागर तालाब की वर्तमान में क्‍या स्थिति है? तालाब का रख रखाव नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से वर्ष 2012 से 2016 तक रख-रखाव में कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये स्‍वीकृति व्‍यय की गई? (ख) क्‍या फूल सागर तालाब से लगी हुई चंदन कॉलोनी के पीछे खेत हुआ करते थे जिन्‍हें एक बिल्‍डर द्वारा कॉलोनी के रूप में खेतों को विकसित कर दिया गया है। यदि हाँ, तो क्‍या बिल्‍डर द्वारा नियमानुसार समस्‍त विभागों से अनुमति लेने के उपरांत ही कॉलोनी का विकास किया है? यदि हाँ, तो नगर पालिका निगम जबलपुर से किस-किस नियम के तहत कॉलोनी विकसित करने की अनुमति कब एवं किस अधिकारी के द्वारा दी गई? (ग) क्‍या कथित बिल्‍डर द्वारा फूल सागर तालाब से आने वाले जल की निकासी का रास्‍ता बदल दिया गया है जिससे चंदन कॉलोनी के निवासियों को अत्‍यधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि हाँ, तो क्‍या कभी निगम द्वारा जाँच की गई? यदि हाँ, तो किसके द्वारा जाँच में क्‍या तथ्‍य पाया गया?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) फुल सागर तालाब के चारों ओर बसाहट है, स्‍वामित्‍व निजी है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश में खसरा क्रं. एवं ग्राम का विवरण न होने के कारण प्रश्‍नांश की विस्‍तृत जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। इस क्षेत्र में नगर निगम द्वारा कोई अनुज्ञा जारी नहीं की गई। (ग) जी हाँ। जल निकासी अवरूद्ध होने की शिकायत सी.एम. हेल्‍पलाईन से प्राप्‍त हुई। शिकायत पर निगम अमले द्वारा स्‍थल निरीक्षण में जल निकासी अवरूद्ध पाये जाने पर, नगर निगम, जबलपुर द्वारा कॉलोनाईजर को नोटिस पत्र क्रं. 313, दिनांक 03.03.2015 एवं क्रमांक 454 दिनांक 30.01.2016 को जारी किया जाकर जल निकासी व्‍यवस्‍था को सुचारू कराया गया।

विदिशा विकास योजना

103. ( क्र. 4730 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में नगर की विकास योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाता है? (ख) क्‍या विदिशा विकास योजना 2031 शासन के समक्ष अनुमोदन हेतु विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की विकास योजना कब तक अनुमोदित होकर प्र‍काशित की जावेगी? समय-सीमा बताएं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 22.08.2012 से। (ग) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 19 में विकास योजना को अनुमोदित करने हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अतः     समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सीधी जिले में सिंचाई की परियोजना

104. ( क्र. 4731 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सारो से पोखरा सिंचाई नहर जो नेबूहा बांध लघु सिंचाई परियोजना के तहत निर्मित है उससे किसानों को सिंचाई हेतु पानी कब तक उपलब्‍ध हो पावेगा? (ख) क्‍या उक्‍त परियोजना के अंतर्गत नहर विस्‍तार की भी कोई योजना सरकार के पास लंबित है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या गुलाब सागर परियोजना अंतर्गत बहरी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु सरकार के पास कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो कब तक पूरी होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, पोखरा नहर नेबूहा परियोजना के तहत निर्मित नहीं है। पोखरा उप नहर सारो जलाशय परियोजना के तहत निर्मित है। सारो परियोजना से इस वर्ष ग्राम पोखरा की 290 हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई की गई।    (ख) जी नहीं। नहर सुदृढ़ीकरण का प्रस्‍ताव तैयार करने के लिए कछार के मुख्‍य अभियंता को निर्देशित किया गया है। (ग) महान (गुलाबसागर) परियोजना के द्वितीय चरण की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 18.05.2005 को रू. 204.02 करोड़ की बहरी क्षेत्र की 7425 हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई हेतु दी गई है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने से पूर्णता की समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।

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विद्युत पोलों को हटाया जाना

105. ( क्र. 4807 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंधाना के मुख्‍य मार्ग पर आ रहे विद्युत पोल कब तक हटाए जाएंगे? (ख) यदि नहीं, हटाये जायेंगे तो क्‍यों? (ग) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी एजेन्‍सी कब तक हटायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खण्‍डवा जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत मुख्‍य मार्ग पर आ रहे विद्युत पोलों को हटाने के लिए कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग खण्‍डवा द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4254 दिनांक 29.08.2012 द्वारा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय से अनुरोध किया गया था। तत्संबंध में संबंधित कार्यपालन यंत्री (संचालन/संधारण) पंधाना द्वारा अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, खण्‍डवा को उक्‍त कार्य के लिये सुपरविजन चार्ज एवं सर्विस टैक्‍स की राशि रू. 88,301/- जमा कराये जाने हेतु मांग पत्र, दिनांक 31.01.2013 को जारी किया गया था। संबंधित विभाग द्वारा अभी तक सुपरविजन चार्ज एवं सर्विस टैक्‍स की राशि जमा नहीं कराई गई है। उपरोक्‍त कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा ही अपने संसाधनों से '''' श्रेणी में पंजीकृत विद्युत ठेकेदार के माध्‍यम से सम्‍पादित कराया जाना है। अत: उक्‍त विद्युत पोल हटाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नहीं हटाये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखानुसार पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नियमानुसार सुपरविजन चार्ज एवं सर्विस टैक्‍स की राशि जमा कराए जाने के पश्‍चात् उक्‍त कार्य लोक निर्माण विभाग खण्‍डवा द्वारा ही अपने संसाधनों के माध्‍यम से '''' श्रेणी में पंजीकृत विद्युत ठेकेदार के द्वारा सम्‍पादित करवाया जाना है। (ग) प्रश्‍नाधीन कार्य लोक निर्माण विभाग खण्‍डवा द्वारा नियमानुसार वितरण कंपनी में सुपरविजन चार्ज एवं सर्विस टैक्‍स की राशि जमा करवाकर अपने संसाधनों से '''' श्रेणी में पंजीकृत विद्युत ठेकेदार के माध्‍यम से सम्‍पादित करवाया जाना है। अत: पोल हटाये जाने हेतु एजेन्‍सी का निर्धारण भी लोक निर्माण विभाग को ही करना है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन विद्युत पोल हटाए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 

 

 

बाबर मटिया बांध निर्माण में अनियमितता

106. ( क्र. 4860 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के जलसंसाधन सब-डिवीजन सागर तथा सब-डिवीजन बंडा मुख्‍यालय शाहगढ़ का कार्यक्षेत्र क्‍या है? कार्यक्षेत्र का निर्धारण प्रमुख अभियन्‍ता द्वारा किया जाता है अथवा शासन द्वारा? नियम-निर्देश सहित बतावें? (ख) बंडा तहसील स्थित बाबर मटिया बांध का कार्य किस सब-डिवीजन द्वारा किया गया? बांध की लागत कितनी है? बांध की वर्तमान स्थिति बतावें? (ग) उक्‍त बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति में कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा काम किस-किस सब-डिवीजन को सौंपा गया? (घ) क्‍या बांध का कार्य बंडा सब-डिवीजन से तथा नहर निर्माण कार्य कार्यक्षेत्र के बाहर के सब-डिवीजन सागर से कराया गया? ऐसा क्‍यों, किस नियम-निर्देश के तहत कराया गया? क्‍या ऐसी अनुमति मध्‍यप्रदेश शासन मंत्रालय से ली गई? नहीं तो क्‍यों? कार्यक्षेत्र का अतिक्रमण कर ऐसा करने वालों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जल संसाधन विभाग में उपसंभागीय कार्यालय का कार्यक्षेत्र तहसील/विकासखण्‍ड की सीमा के आधार पर नहीं होकर परियोजनओं के स्‍वरूप एवं विस्‍तार के आधार पर होता है। वर्तमान में उपसंभाग, सागर के अधीन सामान्‍यत: विकासखण्‍ड सागर, जैसीनगर एवं राहतगढ़ की परियोजनाएं तथा उपसंभाग बण्‍डा के अधीन सामान्‍यत: विकाखण्‍ड बण्‍डा एवं शाहगढ़ की परियोजनाएं है। परियोजनाओं के विस्‍तार तथा कार्यभार के मद्देनज़र कार्य का आवंटन मण्‍डल के अधीक्षण यंत्री और उनसे वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा किए जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) परियोजना का कार्य जनवरी-2012 तक बाबर मटिया शीर्ष उपसंभाग, सागर के अधीन और उसके बाद से जल संसाधन उपसंभाग, सागर के अधीन किया गया है। राशि रू.1304.20 लाख के निवेश से परियोजना का निर्माण पूर्ण किया गया है।          (ग) परियोजना का संपूर्ण निर्माण कार्य बाबर मटिया परियोजना का शीर्ष कार्य उपसंभाग, सागर द्वारा किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

परिवीक्षा समाप्‍त किये बिना अवैधानिक पदोन्‍नति

107. ( क्र. 4861 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रथम नियुक्ति के समय राजपत्रित शासकीय सेवक को म.प्र. सिविल सेवा (सेवा की सामान्‍य शर्तें) नियम 1961 के नियम 8 के अनुसार दो वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्‍त किया जाता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या इन नियमों के अनुसार परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने के पश्‍चात् स्‍थाई करने संबंधी आदेश जारी किया जाता है? (ग) किसी शासकीय सेवक की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त होने संबंधी आदेश जारी हुए बिना उसकी पदोन्‍नति वरिष्‍ठ पद पर करने हेतु विचार किया जा सकता है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्‍यत: दो वर्ष की परिवीक्षा में नियुक्‍त किया जाता है। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

शासकीय विदेशी शराब दुकान का आवंटन

108. ( क्र. 4876 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र में शास. विदेशी मदिरा लायसेंसी दुकान जिस स्‍थान पर खोली जाती है उसके समीप धार्मिक स्‍थल, स्‍कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल की दूरी कितनी होनी चाहिये? (ख) यदि विदेशी मदिरा लायसेंसी दुकान खोलने के लिये प्रश्‍नांश (क) के नियमानुसार प्रावधान है तो मधुकर शाह वार्ड सागर में शासकीय विदेशी लायसेंसी शराब दुकान एवं अहाता रहवासी क्षेत्र, धार्मिक स्‍थल, नर्सिंग होम, शासकीय आफिसर्स कॉलोनी, माखनलाल चतुर्वेदी विश्‍वविद्यालय के पास स्थित होने के बाद भी प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थापित क्‍यों है? (ग) क्‍या उक्‍त विदेशी लायसेंसी शराब दुकान एवं अहाता हटाने के लिये वार्डवासियों एवं वार्ड की महिलाओं ने इस संबंध में जिला कलेक्‍टर एवं जिला सहायक आबकारी आयुक्‍त को समय-समय पर ज्ञापन/अन्‍य माध्‍यम से अवगत कराया है? यदि कराया है तो विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) द्वारा शासकीय विदेशी लायसेंसी शराब दुकान एवं अहाता मधुकर शाह वार्ड सागर को नवीन वर्ष 2016-17 हेतु इसे हटाने का प्रशासन द्वारा प्रस्‍ताव तैयार किया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 50 मीटर से अधिक दूरी होनी चाहिये। (ख) विदेशी मदिरा दुकान मधुकरशाह वार्ड, मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत बनाये गये सामान्‍य प्रयुक्ति के नियमों के नियम-1 में वर्णित प्रावधान अनुसार स्‍थापित होकर संचालित है। यह विदेशी मदिरा दुकान धार्मिक स्‍थल, नर्सिंग होम, शासकीय आफिसर्स कालोनी एवं माखनलाल चतुर्वेदी विश्‍वविद्यालय परिसर से 50 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है। (ग) जी हाँ। उक्‍त विदेशी मदिरा दुकान एवं अहाता को हटाने के लिये वार्ड वासियों एवं वार्ड की महिलाओं ने जिला कलेक्‍टर एवं जिला सहायक आबकारी आयुक्‍त को समय-समय पर ज्ञापन/अन्‍य माध्‍यम से अवगत कराया है। जिला समिति द्वारा उक्‍त संबंध में प्राप्‍त आवेदनों की जाँच में मदिरा दुकान को नियमानुसार संचालित किया जाना पाया गया है। अत: विभाग द्वारा आगामी कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। (घ) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में जिला समिति द्वारा विदेशी मदिरा दुकान मधुकरशाह वार्ड, सागर को वर्ष 2016-17 की अवधि के लिये उसकी वर्तमान अवस्थिति से तहसील कार्यालय की ओर 500 मीटर की परिधि में किसी अन्‍य आपत्ति रहित स्‍थल पर स्‍थापित किया जाना निर्धारित किया गया है। 

 

 

अरी जलाशय पहुंच मार्ग के निर्माण

109. ( क्र. 4902 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा बरघाट विकासखण्‍ड के ओझाटोला (अरी) से अरी जलाशय तक मार्ग का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो किस वर्ष में मार्ग का निर्माण कराया गया था एवं मार्ग निर्माण की लागत क्‍या थी? मार्ग का निर्माण एजेंसी कौन थी एवं मार्ग का निर्माण किस अधिकारी के मार्गदर्शन में कराया गया था? (ख) उक्‍त मार्ग की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ग) उक्‍त मार्ग के निर्माण हेतु विभाग द्वारा ठेकेदार को मरम्‍मत की गारंटी हेतु समयावधि निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी अवधि निर्धारित थी एवं क्‍या ठेकेदार द्वारा मार्ग की मरम्‍मत कराई गई है? यदि हाँ, तो कब? (घ) क्‍या मार्ग के संबंध में जिला योजना समिति तथा जिला सतर्कता एवं मूल्‍यांकन समिति में मार्ग की जाँच हेतु मांग की गई थी? यदि हाँ, तो कब एवं इस पर कार्यवाही की गई विवरण उपलब्‍ध करावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 में मार्ग का निर्माण पूर्ण कराया गया। मार्ग निर्माण की लागत रू. 67.87 लाख थी। निर्माण एजेन्‍सी मेसर्स मनीष कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनी, नैनपुर थी। निर्माण कार्य कार्यपालन यंत्री श्री अरूण कुमार शर्मा, अनुविभागीय अधिकारी श्री महेश कुमार सोनी एवं उपयंत्री श्री हेमन्‍त कुमार डोंगरे के तकनीकी नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में कराया गया। (ख) वर्तमान में उक्‍त मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्‍त होना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। निर्माण पूर्ण होने के उपरांत एक वर्ष तक अर्थात जनवरी 2015 तक गारन्‍टी अवधि थी। गारंटी अवधि में निर्माण एजेन्‍सी से मार्ग की मरम्‍मत कराई जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी हाँ। कलेक्‍टर, सिवनी द्वारा गठित जाँच दल के निरीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 27.08.2015 की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। भारी वाहन चलने से मार्ग को हुई क्षति के लिए जिम्‍मेदार मेसर्स यू.बी.व्‍ही. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर्स प्रा.लि.कम्‍पनी, रायपुर से मार्ग दुरस्‍त कराने के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दे दिए गए हैं।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

जमा की गई रायल्‍टी

110. ( क्र. 4925 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाटा जिले में लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, नगरीय निकाय एवं वन विभाग में चल रहे निर्माण कार्यों में उपयोग किये जा रहे गोड़ खनिज रेत, मुरूम, गिट्टी, बोल्‍डर की रायल्‍टी की राशि विभागों द्वारा विभागीय निविदा प्राप्‍त ठेकेदारों के बिलों से सीधे काट कर खनिज विभाग में जमा किया जा रहा है? हाँ या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो किन नियमों/प्रावधानों से ठेकेदारों से बिलों राशि काटकर जमा किया जा रहा है उपलब्‍ध करावें? (ग) वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विभागों ने, किन-किन कार्यों के, किन-किन ठेकेदारों, कितनी-कितनी राशि प्रतिवर्ष जमा की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्रामों को पुर्नवास मुआवजा

111. ( क्र. 4940 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला राजगढ़ की तहसील जीरापुर अंतर्गत निर्माणधीन कुण्‍ड़ालिया वृह्द परियोजना जीरापुर के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों के किसानों की पुनर्वास/पुर्नविस्‍थापन नीति क्‍या है? पुर्नवास एवं पुर्नविस्‍थापन नीति की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दर्शित किस-किस ग्रामों के किसानों को कहाँ-कहाँ बसाया जावेगा? उन बसाहट स्‍थलों के नाम बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार दर्शित ग्रामों के डूबे भूमि के बदले उनको किस दर से मुआवजा राशि का वितरण किया जावेगा? (घ) क्‍या मुआवजा राशि के प्रकरण प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस ग्राम के तैयार कर स्‍वीकृत किये गये है, उनके ग्रामवार राशि से अवगत करावें एवं उनके भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनांक 1 जनवरी 2014 से लागू      भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्विस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार, अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार। अधिनियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) डूब क्षेत्र से विस्‍थापित होने वाले परिवारों के पुनर्वास के लिए चयनित स्‍थानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्विस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार, अधिनियम, 2013 के तहत मुआवजा निर्धारित करने की व्‍यवस्‍था है।    (घ) वर्तमान स्थिति में कोई मुआवजा आदेश पारित नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

नदियों के किनारे रेत खदानों के ठेकेदारों के बोर्ड

112. ( क्र. 4945 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में वर्तमान में कौन-कौन सी नदियों पर किस खसरा नंबर पर कितने-कितने घनमीटर की कहाँ-कहाँ की रेत खदानें, किस ठेकेदार को कितनी लागत की शासन द्वारा सम्‍पूर्ण कार्यवाही पूर्ण करते हुए ठेके पर दी गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर दोनों जिलों की खनिज विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ नदियों के किनारें रेत खदानों के ठेकेदारों के बोर्ड लगवा दिये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर दोनों जिलों के जो ठेका दिये गये है, उनसे शासन ने क्‍या-क्‍या आर्हताएं पूर्ण कराई हैं, क्‍या पर्यावरण विभाग से भी इन्‍होंने अनुमति प्राप्‍त कर ली है? यदि हाँ, तो विवरण प्रदाय करें? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर दोनों जिलों के जहाँ बोर्ड लगे हुए है वहां पर चिन्हित व्‍यक्तियों के नाम भी उस बोर्ड पर अंकित है? जो ठेकेदार द्वारा लगाये गये है, अगर चिन्हित बोर्ड पर उपरोक्‍त सभी जानकारी नहीं है तो शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रेत खनिज की खदानों की नीलामी नदीवार नहीं की जाती है। ग्रामवार खसरावार नीलामी किये जाने के प्रावधान है। प्रश्‍नानुसार छतरपुर जिले एवं टीकमगढ़ जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। छतरपुर जिले में नीलाम की गई खदान से संबंधित ठेकेदार द्वारा माईनिंग प्‍लान प्रस्‍तुत करने पर माईनिंग प्‍लान अनुसार मात्रा निश्चित की जाएगी।           (ख) टीकमगढ जिले की संचालित रेत खदानों पर खदान स्‍थल पर बोर्ड लगा दिये गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। छतरपुर जिले में प्रश्‍नांश '' में दी गई जानकारी अनुसार नीलाम की गई खदान वर्तमान में संचालित नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में टीकमगढ़ जिले की 06 रेत खदानों की पर्यावरण बोर्ड एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमतियां प्राप्‍त करने के उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया गया है। टीकमगढ़ जिले में शासन द्वारा म.प्र. राज्‍य खनिज निगम को नियमानुसार रेत के उत्‍खननपट्टे आवश्‍यक अर्हताएं पूर्ण कराने के उपरांत स्‍वीकृत किए गए हैं एवं स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टा क्षेत्र पर रेत के विक्रय के ठेके निगम द्वारा संबंधित ठेकेदारों को प्रदान किए गए हैं। छतरपुर जिले में 09 नीलाम हुई खदानों के उच्‍चतम बोलीदारों द्वारा 25 प्रतिशत प्रतिभूति धन की राशि जमा करा ली गई है तथा सिया से पर्यावरणीय अनुमति प्राप्‍त करने के लिए पत्र जारी किए गए हैं। परन्‍तु किसी के भी द्वारा अभी तक पर्यावरणीय अनुमति कर प्रस्‍तुत नहीं की गई है। (घ) प्रश्‍नांश '' में दी गई जानकारी अनुसार बोर्ड स्‍थापित है। जिसमें नियमानुसार जानकारी दर्शित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिला योजना समितियों में अशासकीय सदस्‍य

113. ( क्र. 4951 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले की जिला योजना समिति में जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के अतिरिक्‍त शासन द्वारा किन-किन व्यक्तियों को मनोनीत किया गया है एवं मनोनीत सदस्‍य (अशासकीय) का नाम एवं नियुक्‍त पद का नाम क्‍या है?       (ख) जिला योजना में मनोनीत सदस्‍यों के क्‍या-क्‍या अधिकार है एवं मनोनीत सदस्‍य का कार्य क्षेत्र एक विधानसभा तक सीमित रहता है या संपूर्ण जिले के लिए अधिकृत किया जाता है? प्रोटोकॉल के तहत मनोनीत सदस्‍य (अशासकीय) को शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना अनिवार्य है या नहीं? (ग) मंदसौर जिले में विगत 2 वर्षों में शासन द्वारा जिला योजना समिति सदस्‍य के रूप में किन-किन व्‍यक्तियों को मनोनीत किया गया है एवं शासन द्वारा शासकीय कार्यक्रमों में मनोनीत सदस्‍यों को भूमि पूजन, लोकापर्ण एवं अन्‍य कार्यक्रमों में अतिथि, मुख्‍य अतिथि, अध्‍यक्षता करने हेतु आमंत्रण पत्रों एवं शिलालेखों पर नाम अंकित किए गए हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में (ग) अवधि में मनोनित (अशासकीय) जिला योजना समिति के सदस्‍य का नाम भूमि पूजन, लोकापर्ण एवं शासकीय कार्यक्रमों के आंमत्रण पर अंकित है? सदस्‍य का नाम जिले के अन्‍य क्षेत्रों में भी यदि अंकित किया गया है, तो आमंत्रण पत्र एवं शिलालेख पर अंकित किए गए नामों का विवरण उपलब्‍ध करावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दुर्घटना मुआवजा

114. ( क्र. 4980 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 11.05.2014 को गरोठ तहसील के ग्राम ढाबला मनोहर में माताजी के दर्शन कर लौटते समय ट्रेक्‍टर-ट्रॉली पलटने से 06 व्‍यक्ति मृत एवं पच्‍चीस ग्रामीण घायल हुए थे? (ख) क्‍या तत्‍कालीन कलेक्‍टर श्री शशांक मिश्र (जिला मंदसौर) के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व ने प्रत्‍येक मृतक परिवार को पचास-पचास हजार एवं गंभीर घायलों को 3900-3900 व घायलों को 3100-3100 कुल 4,82,900 रू. की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी? (ग) उपरोक्‍त (क) एवं (ख) सही है तो अ‍ब तक पीडि़त परिवारों को सहायता राशि वितरित के देरी के लिए जिम्‍मेदारी पर क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त राशि कब तक वितरित की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) तात्‍कालिक कलेक्‍टर जिला मंदसौर द्वारा आर.बी.सी. 6-4 अन्‍तर्गत घोषणा की गई थी परन्‍तु पात्रता नहीं होने से पुन: प्रकरण जाँच हेतु भेजा गया। (ग) शासन निर्देशानुसार सभी मृतकों के परिवार को रूपये 10,000/- एवं गंभीर घायलों को रूपये 5000/- के मान से सहायता स्‍वीकृत की गई है। ई-पेमेन्‍ट किया जा रहा है। कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भोपाल के बड़े तालाब में सीवेज व गंदे पानी पर रोक

115. ( क्र. 5009 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल के बड़े तालाब को सीवेज/गंदा पानी से मुक्‍त करने के लिए कोई कंसलटेंट नियुक्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो कब तथा किसको व कितनी राशि का भुगतान अभी तक किया गया? (ख) बड़े तालाब को सीवेज/गंदा पानी मुक्‍त करने के लिए निगम प्रशासन द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक की स्थि‍ति में बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया और कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई वर्षवार बतावें तथा यह भी अवगत करावें कि वर्तमान में बड़े तालाब में कहाँ-कहाँ से सीवेज/गंदा पानी मिल रहा है और इन्‍हें कब-कब बंद कर दिया जावेगा तथा अभी तक क्‍या प्रयास किए गए वर्षवार सीवेजवार बतावें? (ग) नगर निगम भोपाल के अंतर्गत कार्यरत झील संरक्षण विभाग के द्वारा नियम/स्‍थाई आदेशानुसार क्‍या-क्‍या कार्य किए जाने का प्रावधान है? क्‍या झील संरक्षण विभाग द्वारा प्रावधान के विपरीत निगम के उद्यान, सेंट्रल वर्ज एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट एवं अन्‍य निर्माण आदि कार्य किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल के बड़े तालाब के सीवेज/गंदा पानी से मुक्‍त करने के लिये पृथक से कोई कंसल्‍टेंट नियुक्‍त नहीं किया गया है। झील संरक्षण प्रकोष्‍ठ, नगर निगम, भोपाल द्वारा शहर के 10 तालाबों के सरंक्षण एवं संवर्धन की कार्ययोजना बनाने के लिये मेसर्स वायेन्‍ट सोल्‍यूशन प्रा.लि. गुढ़गांव को कंसल्‍टेंट नियुक्‍त किया गया है। कंसल्‍टेंट द्वारा एक कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके लिये अभी तक राशि रूपयें 1,14,44,473/- का भुगतान किया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) नगर निगम, भोपाल के अंतर्गत गठित झील संरक्षण प्रकोष्‍ठ का मुख्‍य उद्देश्‍य भेजवैट लैण्‍ड परियोजना द्वारा नगर निगम को हस्‍तांतरित की गई संपत्तियों का रख-रखाव किया जाना तथा नगर निगम के अंतर्गत अन्‍य तालाबों का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जाना है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट ''उनतालीस''

भ्रष्‍ट प्रवृत्ति के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

116. ( क्र. 5010 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल नगर निगम के अध्‍यक्ष द्वारा निगम के अपर आयुक्‍त संजय कुमार, जी.पी. माली, नगर यंत्री एस.के.गुप्‍ता, ए.के. नन्‍दा, सब फायर ऑफिसर साजिद खान, अधिकारियों के विरूद्ध कई गंभीर भ्रष्‍टाचार के मामले जैसे 1-1 कार्य की 3-3 फाइलें बनाने सेंट्रल वर्कशाप में हर वर्ष 6 करोड़ मरम्‍मत व 14 करोड़ डिजल व अन्‍य सामग्री क्रय करने के नाम पर व्‍यय किए जाने संबंधी नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव मध्‍यप्रदेश शासन को शिकायत की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त अधिकारियों के विरूद्ध शासन की राशि का दुरूपयोग, अनाधिकृत रूप से खरीदारियां व विकास के नाम एक ही कार्य की एक सही अधिक फर्जी फाईलें बनाने की शिकायतें प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री, माननीय मंत्री, माननीय महापौर, मुख्‍य सचिव, प्रमुख सचिव, आयुक्‍त संचालनालय एवं आयुक्‍त भोपाल संभाग को माह अप्रैल 2015 को शिकायत प्रेषित की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में भ्रष्टाचार के इतने अधिक गंभीर मामलों की शिकायतों के बाद अभी तक भ्रष्‍टाचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के क्‍या कारण हैं, तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) प्राप्‍त शिकायत की जाँच प्रमुख अभियंता यांत्रिकी प्रकोष्‍ठ, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल एवं आयुक्‍त, नगर निगम, भोपाल से कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर निᷛयमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

 

सरबसौर बांध एवं मगरा नाला बांध

117. ( क्र. 5013 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत जामनी नदी पर ग्राम सरसौरा के पास सिंचाई हेतु बांध निर्माण कराने हेतु कोई प्रस्‍ताव शासन द्वारा तैयार कराया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या इसका सर्वेक्षण कार्य भी कराया जा कर डी.पी.आर तैयार कराया गया था? यदि हाँ, तो अनुमानित लागत तथा प्रस्‍तावित सिंचाई का रकबा ग्रामवार बताया जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में के प्रस्‍तावित बांध की स्‍वीकृति अब तक क्‍यों नहीं हो सकी? कारण बताया जावे? अब यह स्‍वीकृत कब तक करायी जा सकती है? (ग) इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्राम ढिल्‍ला के मगरानाला बांध का भी प्रस्‍ताव शासन द्वारा तैयार कराया गया था? किन्‍तु उसकी भी स्‍वीकृति अब तक नहीं हो सकी है? इस परियोजना का भी अद्यतन की स्थिति से अवगत कराया जाये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, जामनी एवं बेतवा नदी के संगम के नीचे की ओर ओरछा बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. वर्ष 2004 में तैयार की गई थी। डी.पी.आर. के मुताबिक परियोजना में 119.75 मि.घ.मी. एवं जल रूपांकित सैच्‍य क्षेत्र 20275 हे. है। तत्‍समय परियोजना की लागत रू.690.18 करोड़ आंकलित थी। (ख) परियोजना के डूब क्षेत्र 2286.63 हेक्‍टेयर में वन भूमि 1983 हेक्‍टेयर आती है। डूब क्षेत्र में उत्‍तरप्रदेश स्थि‍त 971 हेक्‍टेयर वन भूमि शामिल हैं। अत्‍याधिक वन भूमि डूब में आने और डूब का प्रभाव अन्‍य राज्‍य में होने के कारण परियोजना में आगामी कार्रवाई श्रम साध्‍य नहीं होने के कारण संभव नहीं हो सकी। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मगरानाला लघु सिंचाई परियोजना का डूब क्षेत्र सैच्‍य क्षेत्र की तुलना बहुत अधिक (लगभग 34 प्रतिशत) होने से परियोजना साध्‍य नहीं है। डूब क्षेत्र के कृषको के विरोध के परिप्रेक्ष्‍य में विधानसभा याचिका समिति की बैठक दिनांक 29.09.2001 में याचिका क्रमांक-690 में आगामी कार्रवाई यथास्थिति रखने के निर्देश हैं। अत: स्‍वीकृति दी जाना संभव नहीं है।

मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना

118. ( क्र. 5022 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग, भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/यां.प्र./2013/1182 भोपाल दिनांक 08.07.2013 से नगर परिषद् सुठालिया जिला राजगढ़ द्वारा मुख्‍यमंत्री शहरी विकास योजनांतर्गत प्रस्‍तुत राशि रूपये 223.51 लाख की डी.पी.आर. का परीक्षण कर कार्ययोजना राशि रूपये 215.37 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्रमुख अभियंता, नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्‍यप्रदेश, भोपाल को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त कार्ययोजना की स्‍वीकृति हेतु कार्यवाही किन कारणों से किस स्‍तर पर लंबित है?     (ख) क्‍या नगर परिषद् सुठालिया को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना की राशि प्राप्‍त नहीं होने से कई महत्‍वपूर्ण विकास कार्यों में अनावश्‍यक विलंब हो रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्ययोजना की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् सुठालिया द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में शामिल किया गया है। योजना के द्वितीय चरण के स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार है।

अंशदायी पेंशन योजना

119. ( क्र. 5054 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य शासन के नियंत्रणाधीन विभागों में नियुक्‍त सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01.01.2005 से नियुक्त होने वाले सभी अधिकारियों/ कर्मचारियों के लिए नवीन परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लागू है? (ख) यदि हाँ, तो नवीन परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना में शामिल होने वाले कर्मचारियों को सेवा निवृत्‍त होने पर उसके जीवनकाल तक कितनी राशि मासिक पेंशन के रूप में प्रदान की जाएगी तथा एक मुश्‍त प्रदान की जाने वाली ब्‍याज सहित राशि कितने प्रतिशत होगी बताएं? (ग) क्‍या जिन अधिकारी/कर्मचारियों की सेवा के दौरान मृत्‍यु हो गई है उनके आश्रित परिवार को शासन द्वारा सुविधा देने हेतु अंशदायी पेंशन योजना में प्रावधान रखा गया है कि सेवा के दौरान मृत हो जाने पर अथवा सेवानिवृत्‍त के बाद मृत हो जाने पर आश्रित माता-पिता अथवा पति/पत्‍नी को जीवन पर्यन्‍त एक निश्चित मासिक आय पेंशन के रूप में मिलती रहेगी? यदि हाँ, तो कितनी पेंशन प्राप्‍त होगी स्‍पष्‍ट करें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन के अधीन सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 के पश्‍चात नियुक्‍त उन समस्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों को नवीन परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लागू हैं।        (ख) नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी के सेवा निवृत्‍त होने पर उनके जम अंशदान के कुल राशि का 60 प्रतिशत एक मुश्‍त नगद भुगतान किया जाएगा तथा शेष 40 प्रतिशत राशि से पी.एफ.आर.डी.. द्वारा निर्धारित एन्‍यूटी सर्विस प्रोवाइडर से एन्‍यूटी खरीदने पर उसके अनुसार मासिक पेंशन भुगतान किया जाएगा (ग) नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत अधिकारी/कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्‍यु होने पर उसके कुल जमा अंशदान राशि का 100 प्रतिशत एक मुश्‍त भुगतान किये जाने से मासिक पेंशन की पात्रता नहीं है। सेवा निवृत्ति पश्‍चात मृत्‍यु होने पर 40 प्रतिशत राशि से एन्‍यूटी आधारित मासिक पेंशन देय है।

समयमान वेतनमान की विसंगति

120. ( क्र. 5055 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन स्‍तर पर वल्‍लभ भवन मंत्रालय एवं विभागाध्‍यक्ष सहित मैदानी कार्यालयों में पदस्‍थ सहायक वर्ग-3 की सेवा भर्ती नियम एक समान हैं एवं सेवा शर्तें भी एक जैसी हैं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन वित्‍त विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के ज्ञाप क्रमांक एफ-11-17/2014/नियम/चार, दिनांक 30 सितम्‍बर 2014 एवं दिनांक 27 जनवरी 2015 के तहत द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान में अंतर क्‍यों रखा गया है? (ग) म.प्र. शासन के एक ही संवर्ग के कर्मचारियों के मध्‍य समयमान वेतनमान में अलग-अलग लाभ दिए जाने के कारण विभागाध्‍यक्ष एवं मैदानी कार्यालयों में कार्यरत लिपिक हतोत्‍साहित है? (घ) यदि हाँ, तो शासन ऐसी विसंगति को समाप्‍त करने हेतु क्‍या कदम उठायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) मंत्रालय के सहायक ग्रेड-3 एवं विभागाध्‍यक्ष/मैदानी कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 को दिया गया समयमान वेतनमान राज्‍य के नीतिगत निर्णय के आधार पर है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

अनुकंपा नियुक्ति

121. ( क्र. 5087 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. विद्युत मंडल में वर्ष 1997 के पूर्व अनुकंपा नियुक्ति लागू थी? क्‍या वर्ष 1997 के बाद अनुकंपा नियुक्ति देना बंद कर दिया गया था? क्‍या वर्तमान में आदेशों से अनुकंपा नियुक्ति पूर्णत: मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को प्राप्‍त नहीं हो रही है? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन के कर्मचारियों की तरह म.प्र. विद्युत मंडल में अनुकंपा नियुक्ति बिना शर्त दी जाती है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या म.प्र. विद्युत मण्‍डल के पेंशनरों को म.प्र. विद्युत मण्‍डल द्वारा सेवानिवृत्‍त होने के बाद बिजली के बिलों में पूर्ण खपत पर 25 प्रतिशत बिजली की छूट प्रदान की जाती थी? क्‍या विगत दो वर्षों से मण्‍डल में संचालित कंपनियों द्वारा छूट बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। आदेश दिनांक 01.09.2000 द्वारा अनुकम्‍पा नियुक्ति दिया जाना बन्‍द किया गया था। जी नहीं, अनुकम्‍पा नियुक्ति नीति 2013 (संशोधित) में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। (ख) जी नहीं, अनुकंपा नियुक्ति नीति के प्रावधान एवं शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है। (ग) जी हाँ, जी हाँ, कठिन वित्‍तीय स्थिति के कारण प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित छूट बन्‍द की गई है। उक्‍त संबंध में पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 821/2013 लगाई गई है, जो कि वर्तमान में विचाराधीन है।

जलावर्धन योजना की स्‍वीकृति

122. ( क्र. 5088 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की नगर पालिका वारासिवनी में कलेक्‍टर बालाघाट द्वारा उनके अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 382 दिनांक 12 अगस्‍त 2014 को स्‍वच्‍छता निरीक्षक सुशील कुमार पाण्‍डे द्वारा यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी योजनान्‍तर्गत जलार्वधन योजना की स्‍वीकृति‍ राशि में से 17,30,135.00 लाख की राशि निकालकर कार्यादेश जारी किया गया था? उक्‍त पत्रानुसार शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या शासन के देयको का भुगतान जो कार्यादेश जारी किया गया, उसका भुगतान शासन के नियमानुसार ई-भुगतान से करना था? क्‍या वित्‍त विभाग म.प्र. शासन वल्‍लभ भवन मंत्रालय भोपाल के प्रमुख सचिव के परिपत्र क्र.               एफ1-2/2013/नियम/चार भोपाल दिनांक 17 दिसम्‍बर 2013 के अनुसार शासकीय देयकों को ई-भुगतान करने के निर्देश दिये थे? अगर दिये गये थे, तो नगर पालिका वारासिवनी ने क्‍या ई-भुगतान द्वारा शासकीय देयकों को ई-भुगतान किया था और नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या नगर पालिका वारासिवनी ने कार्यादेश की स्‍वीकृत मद की राशि में से सीधे आर्किटेक्‍ट को अवैधानिक रूप से जारी कर दी गई? क्‍या तत्‍कालीन नगर पालिका अध्‍यक्ष की सहमति से स्‍वच्‍छता निरीक्षक सुशील कुमार पाण्‍डे को मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार सौंप कर अनाधिकृत रूप से प्रभार दिलाकर अपने पद का दुरूपयोग किया गया? यदि हाँ, तो उक्‍त अधिकारी पर क्‍या कोई कार्यवाही की गई और नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या जानबूझ कर यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनान्‍तर्गत जलावर्धन योजना कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच कर विभाग क्‍या कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतायें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आयुक्‍त, जबलपुर संभाग द्वारा श्री सुशील कुमार पाण्‍डेय, तत्‍कालीन स्‍वच्‍छता निरीक्षक एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के निलंबन आदेश के विरूद्ध अपील अमान्‍य की गई जिसके विरूद्ध श्री पाण्‍डेय द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका क्रमांक 240/2015 प्रस्‍तुत की गई जिसमें पारित आदेश के अनुसार आयुक्‍त, जबलपुर संभाग ज‍बलपुर के आदेश दिनांक 15.01.2016 द्वारा श्री पाण्‍डेय को निलंबन से बहाल किया गया। (ख) नगरीय निकायों में वर्तमान में ई-भुगतान की व्‍यवस्‍था नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं, शासन के स्‍थाई परिपत्र दिनांक 28.08.1991 एवं दिनांक 31.03.1995 के अनुपालन में श्री सुशील कुमार पाण्‍डेय, स्‍वच्‍छता निरीक्षक को मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार सौंपा गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

एक ही कार्य को अलग-अलग लागत दर में किया जाना

123. ( क्र. 5161 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2015 में नगर निगम भोपाल द्वारा जारी निविदा सूचनानुसार छोटे तालाब में खटलापुरा के पास 2 नग फ्लोटिंग फाउण्‍टेन लगाने की अनुमानित लागत 15,80,000/- रूपये थी? (ख) क्‍या वर्ष 2014 में नगर निगम भोपाल द्वारा जारी निविदा सूचनानुसार सिद्दीक हसन एवं बाग मुंशी खाँ तालाब में 1-1 नग फ्लोटिंग फाउन्‍टेन लगाने की अनुमानित लागत 29,87,000/- रूपये थी? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत समान कार्य होते हुए भी अनुमानित लागत में इतना भारी अन्‍तर क्‍यों है? कारण दें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार क्‍या उक्‍त कार्यों में आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार हैं और उन पर क्‍या कार्रवाई की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के महत उक्‍त दोनों कार्य समान नहीं है। छोटे तालाब एवं सिद्दीक हसन व बागमुंशी खाँ तालाब में लगाये गये फाउण्‍टेन के स्‍पेसिफिकेशन में अंतर होने के कारण अनुमानित लागत में अंतर है। (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार उक्‍त कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक अनियमितता नहीं हुई है, अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

झील संरक्षण के नाम पर नगर निगम द्वारा फिजूल खर्ची करना

124. ( क्र. 5162 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम द्वारा वर्ष 2015 में झील महोत्‍सव पर विशिंग लाइट कैण्‍डल, नावों में लाइट लगाने पर, स्‍काई गुब्‍बारों तथा आतिशबाजी पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त राशि झील संरक्षण प्रकोष्‍ठ के मद से व्‍यय की गई थी? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत उक्‍त कार्यों से झील का संरक्षण किस प्रकार हुआ है? स्‍पष्‍ट करें? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) व (ग) के तहत उक्‍त प्रकार के अपव्‍यय के लिए कौन जिम्‍मेदार है? उन पर क्‍या कार्रवाई की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2015 में झील महोत्‍सव का आयोजन नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियम (38 ग) का अवकाश अध्‍यापक संवर्ग को दिया जाना

125. ( क्र. 5207 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन वित्‍त विभाग वल्‍लभ भवन मंत्रालय भोपाल के अधिसूचना भोपाल दिनांक 22.08.2015 क्रमांक एफ 6-1/2015 नियम/चार/भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 309 के पारन्‍तुक द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए म.प्र. के राज्‍यपाल एतद् द्वारा म.प्र. सिविल सेवा अवकाश नियम 1977 में निम्‍नलिखित और संशोधन करते हैं अर्थात नियम (38 ख) के पश्‍चात (38 ग) संतान पालक अवकाश जोड़ा गया है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ, तो उक्‍त आदेश के परिप्रेक्ष्‍य में लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल अपने पत्र क्रमांक/स्‍था.-3/एच-2/448/ अवकाश/2015/2053 भोपाल दिनांक 17.12.2015 जारी किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अवकाश नियम म.प्र. सिविल सेवा 1977 नियम (38 ख) क्‍या म.प्र. स्‍कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत समस्‍त अध्‍यापक संवर्ग एवं अन्‍य शासकीय महिला सेवकों को है? यदि हाँ, तो (38 ग) संतान पालक अवकाश स्‍कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्‍यापक संवर्ग के कर्मचारियों को भी उक्‍त लाभ पाने की पात्रता है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) हाँ, तो संशोधित नियम (38 ग) संतान पालक अवकाश रीवा जिले में कितनी महिला अध्‍यापकों, सहायक अध्‍यापकों, वरिष्‍ठ अध्‍यापकों अवकाश आवेदन प्राप्‍त दिनांक 1 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुए हैं? जिनमें किन-किन संकुल प्राचार्यों द्वारा अवकाश नहीं दिया गया है? जिन प्राचार्यों द्वारा (38 ग) का अवकाश नहीं दिया गया है तो क्‍यों? कारण बतायें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) आदेश में संतान देखभाल अवकाश की पात्रता महिला शासकीय सेवकों को है। स्‍थानीय निकाय के अधीनस्‍थ व नियंत्रण में कार्यरत अध्‍यापक संवर्ग की महिला, शासकीय सेवक की श्रेणी में नहीं होने से संतान देखभाल अवकाश की पात्रता नहीं हैं। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। शेषांश प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार।

परिशिष्ट ''चालीस''

एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी के कार्य

126. ( क्र. 5221 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में एस्‍सेल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2014-15 एवं चालू वित्‍त वर्ष के दिसम्‍बर 2015 तक कुल कितनी विद्युत खपत की गइ है तथा अब तक कंपनी को कुल कितनी आय प्राप्‍त हुई एवं कंपनी द्वारा शासन को कितनी राशि प्रतिवर्ष भुगतान की गई है वर्षवार बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कंपनी ने विद्युत उपभोक्‍ताओं पर बिजली चोरी के कितने प्रकरण बनाकर न्‍यायालय में दिये हैं तथा कितना अर्थदण्‍ड वसूला गया है एवं कितने उपभोक्‍ताओं के ऊपर चोरी के अलावा अन्‍य प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज कराये गये? नाम वर्ष सहित बतायें? (ग) एग्रीमेन्‍ट के अनुसार प्रतिवर्ष कितनी राशि किस-किस मद में खर्च करनी थी? उन मदों में अब तक कितनी राशि व्‍यय की गई है? क्‍या अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सागर शहर में एस्‍सेल विद्युत वितरण सागर प्रा.लि के वर्ष 2014-15 एवं चालू वित्‍तीय वर्ष में दिसम्‍बर 2015 तक क्रमश: 180.71 तथा 148.26 मिलियन यूनिट विद्युत वितरण हेतु प्रदाय की गई है। मे. एस्‍सेल कंपनी को अब तक (दिसम्बर -12 से दिसम्‍बर 15) रू. 232.83 करोड़ की राजस्‍व प्रा‍प्ति हुई है तथा रूपये 229.70 करोड़ का भुगतान म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. को किया गया है जिसका वर्षवार विवरण निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

इनपुट युनिट (मिलियन इकाई में)

राजस्‍व प्राप्ति     (रू. करोड़ में)

एस्‍सेल कं. द्वारा भुगतान        (रू. करोड़ में)

 

 

 

पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.को

ई.डी. भुगतान म.प्र. शासन को

कुल भुगतान

2012-13     (दिसम्‍बर-12 से)

51.50

18.86

14.81

1.04

15.85


 

वर्ष

इनपुट युनिट (मिलियन इकाई में)

राजस्‍व प्राप्ति     (रू. करोड़ में)

एस्‍सेल कं. द्वारा भुगतान        (रू. करोड़ में)

 

 

 

पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.को

ई.डी. भुगतान म.प्र. शासन को

कुल भुगतान

2013-14

175.31

69.66

65.27

5.33

70.60

2014-15

180.71

77.33

72.08

6.12

78.20

2015-16     (दिसम्‍बर 2015 तक)

148.26

66.98

59.81

5.24

65.05

कुल योग

555.78

232.83

211.97

17.73

229.70

 

(ख) प्रश्‍नाधीन अवधि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दिसम्‍बर 2015 तक क्रमश: 230 एवं 48 विद्युत उपभोक्‍ताओं के बिजली चोरी के प्रकरण माननीय विशेष न्‍यायाधीश सागर के न्‍यायालय में पंजीकृत कराये गये हैं जिनकी नामवार/वर्षवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। इनमें से किसी भी उपभोक्‍ता के विरूद्ध विशेष न्‍यायालय द्वारा अर्थदण्‍ड का आदेश नहीं दिया गया है। मे. एस्‍सेल कंपनी द्वारा विद्युत चोरी के अलावा अन्‍य कोई भी प्रकरण किसी भी उपभोक्‍ता के विरूद्ध पुलिस थाने मे दर्ज नहीं कराये गये हैं। (ग) अनुबंध के अनुसार मे. एस्‍सेल विद्युत वितरण सागर प्रा.लि. को शत्-प्रतिशत उच्‍च गुणवत्‍ता की मीटरिंग, भविष्‍य की भार वृद्धि को देखते हुए अधोसंरचना विकास, ए.टी.एण्‍ड सी. हानि घटाने, उपभोक्‍ता सेवाओं को बेहतर बनाने एवं खराब उपकरणों को बदलने हेतु पूंजी निवेश के मद मे प्रथम पाँच वर्ष में रू.30 करोड़ एवं प्रतिवर्ष कम से कम रू.3 करोड़ की राशि खर्च किये जाने का प्रावधान है। प्रश्‍न दिनांक तक रू. 10.16 करोड़ की राशि व्‍यय की गई है। जी नहींअनुबंध की शर्तों का उल्‍लघन नहीं हुआ है, अत: कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता।

बाढ़ नियंत्रण योजनान्‍तर्गत मोगा बंधान कार्य

127. ( क्र. 5222 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में बाढ़ नियंत्रण योजनान्‍तर्गत किये जा रहे सागर तालाब, मोगा बंधान की प्रशासकीय स्‍वीकृति कब हुई एवं कितनी राशि व्‍यय की जानी थी?   (ख) मोगा बंधान का कार्य कब प्रारंभ किया गया तथा इसे पूर्ण किये जाने की    समय-सीमा क्‍या थी? क्‍या इस कार्य में विलंब हुआ है? यदि हाँ, तो क्‍या कारण हैं एवं कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) इस योजना में कौन-कौन से कार्य तथा कहाँ से कहाँ तक किया जाना सम्मिलित हैं? क्‍या इसमें स्‍टाप डेम बनाया जाना भी सम्मिलित हैं? यदि नहीं, तो क्‍या शासन इसको सम्मिलित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मोगा नाला बाढ़ नियंत्रण परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 19.11.2012 को रू.587.40 लाख की प्रदान की गई।   (ख) परियोजना का कार्य सिंतबर-2013 में प्रारंभ किया गया। दिसंबर-2015। जी हाँ, नाले के दोनों किनारों पर अतिक्रमण होने से। कार्य पूर्ण कराना अतिक्रमण हटाने पर निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) मोगा नाला के दोनों ओर 1590 मी. लंबाई में 03 मी. ऊंची विंगवाल तथा घाटों का निर्माण कार्य सम्मिलित है। जी नहीं। जी नहीं। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की सतत् निगरानी

128. ( क्र. 5228 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय द्वारा रूफ वाटर हार्वेस्टिंग हेतु धरोहर राशि जमा करने एवं आवेदक द्वारा रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की व्‍यवस्‍था न करने पर धरोहर राशि से निकाय को स्‍वयं कार्यवाही करने के निर्देश       27 अक्‍टूबर 2009 को जारी पत्र क्रमांक/2009/प्र.स.न.प्र.वि./2563 द्वारा दिये गये थे एवं नगरपालिक निगम कटनी द्वारा धरोहर राशि जमा की जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो वाटर हार्वेस्टिंग मद में वर्ष 2011-12 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्‍त हुई? कितने भवन स्‍वामियों द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण कर राशि वापस की गई? कितने भवन स्‍वामियों की राशि अब तक किन-किन कारणों से निगम कोष में कब से जमा है? भवन अनुज्ञावार बतायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में ऐसे भवन हैं जिनमें वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण नहीं किया गया, इनमें संरचना निर्मित कराये जाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या किन्‍हीं भवनों में नगर पालिक निगम द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं के निर्माण में लापरवाही करने का कौन-कौन जिम्‍मेदार है, क्‍या इन पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। 18 भवन स्‍वामियों द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण स्‍वयं कर राशि वापस प्राप्‍त की गई। भवन स्‍वामियों द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य नहीं कराये जाने से राशि निगम कोष में जमा है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) जी हाँ। भवन स्‍वामियों को वाटर हार्वेंस्टिंग का कार्य कराने हेतु नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किये गये है। जी नहीं। नगर निगम कटनी द्वारा रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की संरचना निर्माण की निविदाएं आमंत्रित की गई है। निविदा प्राप्‍त होने के उपरांत कार्य कराया जा सकेगा।        (घ) उत्‍तरांश '''', '''' एवं '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जाति प्रमाण पत्र अभियान

129. ( क्र. 5235 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक               एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक, दिनांक 24.11.2014 के अनुसार जिला, संभाग स्‍तरीय कार्य योजना बनाकर, शासन को भेजे जाने एवं जनप्रतिनिधियों को जाति प्रमाण अभियान के बारे में बताने एवं सतत् संपर्क के निर्देश दिये गये थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, तो संभाग-जबलपुर एवं जिला कटनी में क्‍या योजना, कब बनाई गई? शासन को कब प्रेषित की गई और अभियान के संबंध में कब-कब, किस-किस माध्‍यम से, प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को अवगत कराया गया? (ग) क्‍या कार्यालय कलेक्‍टर कटनी के पत्र दिनांक 18.12.2013 एवं 17.04.2015 द्वारा जिले के अनुविभागीय अधिकारियों को समग्र पोर्टल पर जाति सत्‍यापन के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्य, कब-कब किये गये? (घ) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 7-64/2013/आ.प्र./एक, दिनांक 18.12.2013 के द्वारा पूर्व में जारी, दायरा पंजी में दर्ज जाति प्रमाण पत्रों को समग्र पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिये गये है? यदि हाँ, तो कटनी जिले में अब तक अनुविभागवार, कितने जाति प्रमाण पत्र, समग्र पोर्टल पर दर्ज किये गये? कितने प्रमाण पत्र, किन कारणों से दर्ज करना शेष हैं? (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (घ) के संबंध में क्‍या शासनादेशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो कैसे? बतायें यदि नहीं, तो इन अवचारों पर किन-किन पर, क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रहीं है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

परिशिष्ट ''इकतालीस''

तालाब पर अवैध कब्‍जे

130. ( क्र. 5248 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 412 दिनांक 8.12.2015 में स्‍वीकार किया है कि राजस्‍व अभिलेख के अनुसार 123 बटांकन हुए हैं उनके नाम बताएं? (ख) देवी तालाब का पुरानी बंदोबस्‍त के अनुसार कुल रकबा, खसरा, नक्‍शा, क्‍या है? इस रकबे पर वर्तमान में किस-किस के वास्‍तवि‍क रूप से कब्‍जे है? इनमें से किस-किस के पास वैद्य नगर पालिका की भवन निर्माण की अनुमति है? जो बिना अनुमति के है उनके संबंध में क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) उक्‍त प्रश्‍न के प्रश्‍नांश (ग) में स्‍वीकार किया था कि राष्‍ट्रीय हरित क्रांति न्‍यायाधिकरण मध्‍य क्षेत्र भोपाल निर्देश दिनांक 2.11.15 के पालन में कार्यवाही की जाना शेष है? तो दिनांक 2.11.15 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तिथिवार ब्‍यौरा दें? (घ) क्‍या रहवासियों की सीवर लाइन से गंदगी तालाब में लेविल नीचा होने की वजह से जाती है? अत: प्रदूषण से बचाने के लिये क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) रकबा 16.14 एकड़, खसरा 319/नक्‍शा जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर पालिका द्वारा की गई भवन निर्माण अनुज्ञा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष भवन काफी पुराने हैं जिसके अभिलेख उपलब्‍ध नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। राष्‍ट्रीय हरित न्‍यायाधीकरण मध्‍य क्षेत्र गोपाल द्वारा 02.11.2015 को पारित निर्णय के पालन में नगर पालिका परिषद् बालाघाट द्वारा खसरा नं. 319 रकबा 16.14 एकड़ पर निर्मित अधिभोगियों को नोटिस जारी किये गये 84 व्‍यक्तियों द्वारा नोटिस का प्रति उत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया। नोटिस का प्रति उत्‍तर एवं संलग्‍न दस्‍तावेजों के साथ भूमि स्‍वामित्‍व एवं अतिक्रमण के संबंध में अभिमत प्राप्‍त करने हेतु पत्र क्रमांक 260 दिनांक 14.01.16 को तहसीलदार को पत्र भेजा गया। तहसीलदार बालाघाट के पत्र क्रमांक क्‍यू दिनांक 05.02.16 द्वारा 85 प्रति उत्‍तर व मूल दस्‍तावेजों के आधार पर राजस्‍व अभिलेखों में प्रविष्टि कर ली गई है। (घ) जी हाँ। गंदा पानी तालाब में न मिले इस हेतु नगर पालिका परिषद् बालाघाट द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है।

दी गई लीज़ भूमि एवं अन्‍य उपयोग

131. ( क्र. 5277 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत सेमा पावर प्‍लांट को कितनी भूमि लीज़ पर दी गई? लीज़ भूमि रकबा, लीज़ राशि सहित बतावें? (ख) इनके द्वारा ली गई अनुमतियों के अनुसार कितने कार्य एवं राशि जमाया कराया जाना है? (ग) क्‍या इनके द्वारा सभी कार्य नियमानुसार किये जा रहे हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत क्षेमा पॉवर एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कम्‍पनी प्रा.लि. द्वारा निजी भूमि पर परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में मेसर्स क्षेमा पॉवर एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कम्‍पनी प्रा.लि. द्वारा 02 पवन ऊर्जा परियोजनाएं, क्रमश: 21 मेगावाट एवं 09 मेगावाट क्षमता की, स्‍थापित होना है। जमा की गई प्रक्रिया शुल्‍क राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।

परिशिष्ट ''बयालीस''

जनपद पंचायत में जन सुनवाई हेतु प्राप्‍त आवेदन

132. ( क्र. 5305 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद स्‍तर पर जनसुनवाई केंद्रों में प्राप्‍त आवेदनों का निराकरण करने हेतु क्‍या-क्‍या गाईड लाईन प्रचलन में है? प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) जनपद पंचायत अम्‍बाह जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक कितनी जनपद (खण्‍ड स्‍तरीय) जनसुनवाई केंद्रों में जनसमुदाय द्वारा समस्‍या के निराकरण हेतु कितने आवेदन प्रस्‍तुत किये संख्‍यावार विभागवार बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन स्‍थल (मौके) पर निराकरण कर दिये गये व कितने शेष होकर शेष प्रकरण कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गाईड लाईन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 191 आवेदन प्राप्‍त हुए। संख्‍यावार व विभागवार प्राप्‍त आवेदनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''' अनुसार है। (ग) प्राप्‍त समस्‍त आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ध्‍यानाकर्षण के उत्‍तर से संबंधित

133. ( क्र. 5307 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक के ध्‍यानाकर्षण सूचना विधानसभा सत्र दिसम्‍बर 2015 की शून्‍यकाल सूचना क्रमांक 28 के उत्‍तर में विभागीय टीप में जो उल्‍लेख है, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 72 ग्रामों में से 23 ग्राम का कार्य पूर्ण व क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी के बदलाव होने के बाद दो कार्य पूर्ण एवं शेष कार्य पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं? विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी सहित जिला मुरैना में जनसंख्‍या 100100 से अधिक मजरा टोलों की संख्‍या 3094 होकर कार्य टर्न के आधार पर पूर्णावधि 30.10.2016 व आदि कार्यों का उल्‍लेख है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों की वर्तमान में क्‍या स्थिति है? जानकारी दें? (ग) अधोसंरचना के विकास हेतु उक्‍तानुसार कराये गये कार्यों को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में किसी प्रकार का रोष व्‍याप्‍त नहीं है? बताया है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में जन-समुदाय से मिलकर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, दिमनी विधानसभा क्षेत्र, जिला मुरैना में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखानुसार ग्रामों एवं मजरों/टोलों के विद्युतीकरण संबंधी जानकारी माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय की शून्‍यकाल की सूचना क्रमांक 28 के उत्‍तर में दी गई थी। (ख) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत मुरैना जिले में 3094 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्रस्‍तावित है, जिसमें से 219 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। उक्‍त प्रस्‍तावित कार्य में दिमनी विधानसभा क्षेत्र के कुल 638 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य भी सम्मिलित है तथा वर्तमान में इस मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु सर्वे कार्य प्रगति पर है। टर्न-की ठेकेदार एजेंसी के साथ किये गये अनुबंध के अनुसार उक्‍त कार्य पूर्ण करने की समयावधि 30.10.2016 है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सघन विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित दिमनी विधानसभा क्षेत्र के 72 ग्रामों में से अद्यतन स्थिति में कुल 25 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हुआ है, 25 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है तथा 22 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य अप्रारंभ है। यह कार्य मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर किया जा रहा है। (ग) प्रश्‍नाधीन कार्य उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार संपादित किए जा रहे हैं। माननीय विधायक महोदय द्वारा यदि किसी ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों की शिकायत के संदर्भ में अवगत कराया जाता है तो क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा माननीय विधायक महोदय से संपर्क कर समस्‍या के निराकरण हेतु कार्यवाही की जावेगी। 

पेंच नेशनल पार्क के होटल एवं रिसोर्ट

134. ( क्र. 5338 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के राष्‍ट्रीय उद्यान पेंच एवं सटे ग्रामों में कितने होटल एवं रिसोर्ट हैं? क्‍या उक्‍त भूमि का नियम प्रक्रिया के तहत डायवर्सन हुआ है और क्‍या उक्‍त ग्रामों में पेंच रिजर्व फारेस्‍ट के बफर जोन में आते हैं तो भूमि संबंधी मामले में वन विभाग की क्‍या भूमिका है? (ख) क्‍या उक्‍त होटल एवं रिसोर्ट जितनी की रजिस्‍ट्री है उतने पर ही काबिज है या अधिक शासकीय भूमि पर कब्‍जा है? कितनी शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्‍जा है? रिसोर्टवार बतायें? इन होटल एवं रिसोर्ट से शासकीय भूमि का कब्‍जा हटाने के लिये विभाग द्वारा कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्‍त होटल एवं रिसोर्ट से निकलने वाले वेस्‍ट (Waste) जैसा बचा हुआ खाना, प्‍लास्टिक के कप, गिलास कागज की प्‍लेट इत्‍यादि के निपटान की क्‍या प्रक्रिया एवं संसाधन हैं? होटल एवं रिसोर्टवार बतायें क्‍या वह पर्यावरण नियमों के अनुरूप है? यदि नहीं, तो जिम्‍मेदार कौन-कौन है? उन पर कब तक और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्‍या समय-समय पर विभाग के अधिकारियों द्वारा वेस्‍ट के निपटान संबंधी कार्यों की समीक्षा/जाँच पड़ताल की गयी? यदि नहीं, तो इस घोर लापरवाही के लिये शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज खदानों के अवैध उत्‍खनन

135. ( क्र. 5339 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत दो वर्षों में कितनी खदानों (रेत, मुरम, गिट्टी, पत्‍थर आदि) की नीलामी की गई एवं कितना राजस्‍व प्राप्‍त किया गया? कितनी खदानों का सीमांकन किया गया? खदानों के नाम तथा किन व्‍यक्तियों द्वारा खदान ली गई उनके नाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या नीलाम की गई खदानों में से उत्‍खनन का कार्य नीलामी के निर्धारित रकबे व सर्वे नंबर से अधिक दूसरे सर्वे नंबर एवं रकबे में अवैध उत्‍खनन जिला खनिज अधिकारी की सांठ-गांठ से किया जा रहा है? शासन इस पर क्‍या कार्यवाही करेगा? (ग) क्‍या नीलाम की गई खदानों को आवास एवं पर्यावरण विभाग से बगैर एन.ओ.सी. के ही भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? बगैर एन.ओ.सी. प्राप्‍त किये खदानों के अवैध उत्‍खनन के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? शासन इन पर क्‍या कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में विगत 02 वर्षों में केवल रेत की 04 खदानों की नीलामी की गई है। जिनसे रूपये 1,63,89,150/- का खनिज राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। नीलाम की गई 04 खदानों में से 02 खदान में सीमांकन हुआ है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जाँच के दौरान यह पाया गया कि, संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित सरल क्रमांक 01 के ठेकेदार द्वारा स्‍वीकृत खदान से हटकर तहसील केवलारी के ग्राम खुरसुरा के खसरा क्रमांक 01 के आंशिक रकबा पर अवैध उत्‍खनन किया है। जिसके संबंध में अवैध उत्‍खनन के प्रकरण बनाये जा कर निराकरण हेतु सक्षम न्‍यायालय में भेजे गये है। (ग) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर अनुसार दो नीलाम खदाने पर्यावरण अनुमति प्राप्‍त होने के पश्‍चात ही संचालित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

रेत नीलामी में रायल्‍टी चोरी की जाँच

136. ( क्र. 5347 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में दिनांक 01.01.2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रेत उत्‍खनन करने पर कब से कब तक प्रतिबंध रहा तथा उक्‍त अवधि में अवैध रूप से भण्‍डारित रेत की नीलामी कहाँ-कहाँ और कब-कब की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) की रेत नीलामी में रेत कितने घनफुट थी? नीलामी में किन-किन ठेकेदारों द्वारा भाग लिया गया? तुलनात्‍मक पत्रक की जानकारी दें? क्‍या रेत नीलामी में कभी बहुत अधिक दर थी और कभी बहुत कम दर प्राप्‍त हुई? शासकीय नीलामी हेतु दर क्‍या नियत थी? (ग) रेत के भण्‍डारण हेतु प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन फर्मों/व्‍यक्तियों को भण्‍डारण अनुज्ञप्ति प्रदान की गई? (घ) रेत के परिवहन एवं भण्‍डारण के कितने प्रकरण वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में बनाए गए? वाहन क्रमांक सहित विवरण दें तथा क्‍या वाहन भी जप्‍त किए गए या नहीं पृथक-पृथक विवरण दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में स्‍वीकृत रेत खनिज की खदानों में प्रश्‍नांश में दर्शायी गयी अवधि में माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक 49/2015 में पारित आदेश दिनांक 20.07.2015 के तहत् माह जुलाई 2015 से माह अक्‍टूबर 2015 तक एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल नई दिल्‍ली द्वारा प्रकरण क्रमांक 123/14 में पारित आदेश दिनांक 13.01.2015 के तहत वि़द्यमान पट्टेधारियों को पर्यावरण स्‍वीकृति प्राप्‍त न होने तक रेत उत्‍खनन पर प्रतिबंध रहा है। इस अवधि में जिले में अवैध रूप से भंडारित रेत खनिज को जब्‍त कर शासन के पक्ष में राजसात किया गया है। इस जब्‍त खनिज की नीलामी से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शाया गया है। नीलामी में बोलीदारों द्वारा लगाई गई बोली की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि के दौरान रेत खनिज की भंडारण की अनुज्ञप्ति प्रदान नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार वाहनों को जब्‍त किया गया तथा अर्थदण्‍ड जमा होने के उपरांत उन्‍हें मुक्‍त किया गया है।

संपत्तियों के पंजीयन

137. ( क्र. 5348 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम कटनी द्वारा निगम स्‍वामित्‍व की दुकानों, भवनों निगम क्षेत्र अंतर्गत निजी भवनों का नामांतरण बिना पंजीयन कार्यालय से रजिस्‍ट्री कराये शासन के आदेश के बावजूद भी किया जाता है, जिससे करोड़ों की राजस्‍व की हानि (स्‍टाम्‍प चोरी) की गई है, जो आयुक्‍त के आदेश क्रमांक 5395 दिनांक 08.12.2015 से भी स्‍पष्‍ट है?   (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍टाम्‍प चोरी का मामला एवं नगर निगम के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा रजिस्‍ट्री न कराने की बात 3 वर्ष बाद प्रकाश में आने पर संबंधित प्राधिकृत अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो रजिस्‍ट्री कराने हेतु प्राधिकृत अधिकारी को किस आदेश के तहत अधिकृत किया गया है? आदेश क्रमांक एवं दिनांक बताएं? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में मुख्‍य सचिव को प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्र. 2127/बहोरीबंद/2015/ दिनांक 16.09.2115 को लिखे पत्र में उल्‍लेखित तथ्‍यों की जाँच हेतु उच्‍च स्‍तरीय जाँच कमेटी गठित करने की मांग किया था? यदि हाँ, तो उक्‍त पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब-कब की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, किन्‍तु एक प्रकरण विशेष में कम स्‍टाम्‍प शुल्‍क जमा होने की बात प्रकाश में आई है, नगर निगम कार्यालय एवं जिला पंजीयन कार्यालय द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) संबंधित प्राधिकारी को इस कार्य से पृथक किया गया है एवं उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, संचालनालय के पत्र क्रमांक शि/06/शा.मु.स.104/11/23/2015/14339, दिनांक 02.11.2015 तथा पुन: स्‍मरण पत्र दिनांक 02.03.2016 से कलेक्‍टर जिला-कटनी को जाँच हेतु पत्र लिखा गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगरपालिका चौरई जिला छिन्‍दवाड़ा में परिषद् की बैठक

138. ( क्र. 5380 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में नगर पालिका परिषद् एवं नगर पालिका परिषद् की समितियों की बैठकें आहूत करने के संबंध में शासन के क्‍या नियम निर्देश हैं? यह बतावे कि उक्‍त बैठके कितनी-कितनी अवधि में किसके द्वारा आहूत किये जाने का प्रावधान है?           (ख) नगर पालिका परिषद् चौरई जिला छिन्‍दवाड़ा के वर्तमान परिषद् का गठन कब हुआ? गठन के पश्‍चात म.प्र.शासन के नियम निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में कब-कब बैठकें आहूत होनी थी जो नहीं की गयी? क्‍या नियमों में प्रावधान अनुसार उक्‍त बैठके आहूत की गयी यदि नहीं, तो क्‍यों तथा इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्‍या शासन समय पर परिषद् एवं समितियों की बैठकें आहूत नहीं करने वाले व्‍यक्तियों को दोषी मानता है यदि हाँ, तो‍ किन-किन को तथा उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या शासन नगर पालिका परिषद् चौरई के परिषद् व समितियों के नियमित बैठकें आहूत किये जाने हेतु सक्षम व्‍यक्तियों को आदेश देकर नियमित बैठकें आहूत करायेगा यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के अध्‍याय 03 में उल्‍लेखित धारा 54 अनुसार परिषद् कामकाज करने के लिये प्रत्‍येक 02 मास में कम से कम एक बार सम्मिलन करेगी और प्रत्‍येक समिति अपना कामकाज करने के लिये प्रत्‍येक मास में कम से कम एक बार सम्मिलन करेगी। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 56 की कंडिका 02 अनुसार अध्‍यक्ष समय-समय पर बैठक आहूत करने के लिये प्राधिकारी है। (ख) नगर पालिका परिषद्, चौरई जिला छिन्‍दवाड़ा की वर्तमान परिषद् का गठन 09 जनवरी, 2015 को किया गया। गठन के उपरांत प्रत्‍येक 02 मास में परिषद् बैठक आहूत होनी थी, जो यथासमय नहीं की गई। बैठक यथासमय आहूत न करने के लिये अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, चौरई जिला-छिन्‍दवाड़ा उत्‍तरदायी है। (ग) जी हाँ, जाँच कर कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

केडीगेट से अंकपात रोड चौड़ीकरण

139. ( क्र. 5387 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम उज्‍जैन द्वारा केड़ीगेट से अंकपात रोड चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है? यदि हाँ, तो उक्‍त मार्ग चौड़ीकरण के संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त मार्ग चौड़ीकरण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) क्‍या उक्‍त मार्ग के चौड़ीकरण कार्य सिंहस्‍थ के पूर्व किया जाना था? यदि हाँ, तो मार्ग चौड़ीकरण कार्य में देरी के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्‍त मार्ग चौड़ीकरण के लिये मुआवजा राशि किन आधारों पर तय की गई है? मुआवजा राशि वितरण के संबंध में क्‍या कार्य योजना बनाई गई है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नांकित कार्य स्‍वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) चूंकि उक्‍त योजना हेतु सक्षम स्‍वीकृति नहीं हुई है। जिससे योजना क्रियान्‍वयन नहीं हुआ हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रास्‍ता अवरूद्ध किया जाना

140. ( क्र. 5415 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले की नागौद तहसील की नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्र. 004 के अंतर्गत शासकीय भूमि आराजी न. 35/1 रकबा 1.56 हेक्‍टेयर कलेक्‍टर जिला सतना के न्‍यायालयीन प्रकरण क्र.अ. 19 (111) 09-10 आदेश क्रमांक 2001/10 से खेल और युवा कल्‍याण विभाग के नाम दर्ज कर हस्‍तांतरित की गई है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) जी हाँ तो क्‍या उक्‍त भूमि में दक्षिण दिशा की ओर जमुना प्रसाद गुप्‍ता द्वारा फुटबाल फील्‍ड कालोनी से बजरंग कालोनी की ओर जाने वाले सार्वजनिक रास्‍ते में अपने मकान की बाउण्‍ड्री बनाकर जानबूझकर रास्‍ते में अतिक्रमण कर रास्‍ता अवरूद्ध किया गया है?   (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त अतिक्रमणकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही कराते हुये सार्वजनिक रास्‍ते में बनाई गई बाउण्‍ड्री द्वारा रास्‍ते में किया गया अतिक्रमण मुक्‍त रास्‍ता करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) उक्‍त अतिक्रमणकारी के अवैध कब्‍जे से आगे की ओर रास्‍ता नहीं जाने से बजरंग कालोनी की पाईप लाईन के नहीं मिलने से पेयजल संकट से संपूर्ण बजरंग कालोनीवासी गुजर रहे हैं? कारण की अतिक्रमणकारी की बाउण्‍ड्री तक फुटबाल फील्‍ड कालोनी की पाईप लाईन पड़ी है, आगे अतिक्रमणकारी द्वारा पाईप लाईन भी नहीं निकलने दी जा रही है? क्‍या बजरंग कालोनी का रास्‍ता खुलवाकर पाईप लाईन का विस्‍तार कराकर अवरूद्ध रास्‍ता एवं पाईप लाईन की बाधा को दूर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताएं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अतिक्रमण नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। फुटबाल फील्‍ड (स्‍टेडियम) कालोनी से बजरंग कालोनी के बीच कोई रास्‍ता नहीं है। निजी रिक्‍त भूमि होने से पाईप लाईन बिछाई जाना संभव नहीं है।

मोरण्‍ड गंजाल एवं नानी मकड़ाई सिंचाई परियोजना

141. ( क्र. 5450 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के नानी मकड़ाई एवं मोरण्‍ड गंजाल नदी पर क्‍या कोई सिंचाई परियोजना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो प्रस्‍तावित योजना का कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं होने का कारण बताएं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा उक्‍त योजना कब से प्रारंभ किया जाना है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नानी मकड़ाई योजना जल संसाधन विभाग की है। योजना के प्रस्‍तावित कमाण्‍ड क्षेत्र के कतिपय ग्राम मोरण्‍ड गंजाल काम्‍पलेक्‍स परियोजना (वृहद) के कमाण्‍ड क्षेत्र में समाहित (ओवरलेप) हो रहे हैं। अत: इस क्षेत्र हेतु नानी मकड़ाई की जगह मोरण्‍ड गंजाल वृहद परियोजना प्रस्‍तावित है जिसकी केन्‍द्रीय जल आयोग, नई दिल्‍ली तथा विभिन्‍न मंत्रालयों से स्‍वीकृतियां प्राप्‍त करने का कार्य प्रगति पर है। उपरोक्‍त स्‍वीकृतियां प्राप्‍त होने के उपरांत परियोजना का कार्य प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित है। (ख) उत्‍तरांश ‘’’’ अनुसार।

पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जानकारी

142. ( क्र. 5465 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु बाढ़ सागर एवं बरगी बांध को हनुमनतिया नर्मदा क्‍वीन क्रूज खण्‍डवा के तर्ज पर विकसित किये जाने की योजना में शामिल किया जायेगा? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ, तो टाईगर रिजर्व उमरिया मण्‍डला के साथ-साथ अमरकंटक, भेड़ाघाट के साथ पुरातत्‍व विभाग के विजयराघवगढ़ किले एवं बिलहरी को पर्यटन में शामिल किया जाकर विकसित किया जायेगा जिससे पर्यटक अधिक से अधिक संख्‍या में आने से स्‍थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा? (ग) आगामी वित्‍तीय वर्ष में प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) जलाशयों एवं टाईगर रिजर्व क्षेत्र को पर्यटन के लिये पूर्ण रूप से विकसित किये जाने के लिये शामिल किया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निर्माण कराये गये हाट बाजार

143. ( क्र. 5473 ) श्री के.पी. सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में (बी.आर.सी.एफ.) योजना के तहत कुल कितने हाट बाजार निर्माण कराये गये तथा कुल कितनी राशि खर्च की गई, जिलेवार जानकारी दें? (ख) जिला शिवपुरी में किन-किन जगहों पर कितनी-कितनी राशि हाट बाजारों के लिये खर्च की गई, विकासखण्‍डवार जानकारी दें? (ग) क्‍या इन हाट बाजारों का निर्माण जहाँ-जहाँ हुआ है, वे अनुपयोगी पड़े हुये हैं इन हाट बाजारों (भवनों/दुकानों) का कोई भी उपयोग निर्माण दिनांक से नहीं हो रहा है, यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण है तथा यह भी बतायें कि स्‍थलों का क्‍या गलत चयन होने से इन हाट बाजारों का उपयोग नहीं हो पा रहा है तथा इन गलत स्‍थानों के चयन के लिये कौन जवाबदार है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग में बी.आर.सी.एफ. योजना नहीं है, अपितु बी.आर.जी.एफ. योजना है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले की नगरीय निकायों में बी.आर.जी.एफ. योजना मद से कोई हाट बाजार का निर्माण नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट ''चौवालीस''

विद्युत बिल सुधार एवं अन्‍य विद्युत शिकायतों का निराकरण

144. ( क्र. 5474 ) श्री के.पी. सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचा./संधा संभाग पिछोर जिला शिवपुरी में जनवरी 2014 से नवंबर 2015 तक कुल कितनी विद्युत बिल सुधार एवं अन्‍य विद्युत समस्‍याओं की शिकायतें प्राप्‍त की गई? (ख) संभागीय यंत्री जो उक्‍त अवधि में संभाग पिछोर में पदस्‍थ रहे हैं, को प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. पी-114-115 दिनांक 05.09.2015 के द्वारा बिल सुधार एवं अन्‍य विद्युत समस्‍याओं/शिकायतों की सूची, मूल बिल सहित संलग्‍न कर भेजी गई थी, क्‍या सभी के निराकरण किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो निराकरण न करने का क्‍या कारण है एवं इसके लिये कौन जवाबदार है? कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) संचारण/ संधारण संभाग पिछोर जिला शिवपुरी अंतर्गत माह नवंबर 2015 की स्थिति में कितनी कुल विद्युत बिलों के सुधार/अन्‍य विद्यत शिकायतें निराकरण के लिये लंबित है, उनके निराकरण न किये जाने के क्‍या कारण है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत संचारण/संधारण संभाग पिछोर में जनवरी 2014 से नवम्‍बर 2015 तक विद्युत बिल सुधार संबंधी एवं अन्‍य विद्युत समस्‍याओं की कुल 47 शिकायतें प्राप्‍त हुई थीं। (ख) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्र. 114-115 दिनांक 05.09.15 के द्वारा विद्युत बिल सुधार संबंधी 37 एवं विभिन्‍न अनुसूचित जाति/आदिवासी बस्तियों का विद्युत प्रदाय चालू करने के संबंध में 10 शिकायतें प्राप्‍त हुई थीं। उक्‍त 47 शिकायतों में से 45 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 2 शिकायतें तार चोरी की घटनाओं से संबंधित चोरी हुए तारों को बदलने हेतु प्राक्‍कलन तैयार कर आवश्‍यक कार्यवाही की जा रही है तथा आगामी एक माह में नए तार लगाकर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जायेगा। उक्‍तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्‍य में वितरण कंपनी का कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत संचारण/संधारण संभाग पिछोरमें माह नवम्‍बर 2015 की स्थिति में उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार 2 शिकायतें लंबित है जो कि तार चोरी की घटनाओं से संबंधित है तथा इनके निराकरण हेतु उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जा रही है। 

खदानों की जिलेवार स्थिति

145. ( क्र. 5484 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. खनिज विभाग द्वारा कितनी खदानें 2012 से लेकर अभी तक आवंटित की गई सभी खदानों की जिलेवार स्थिति बतायें? (ख) क्‍या स्‍वीकृत की गई खदानों में से कितनी खदाने वर्तमान में संचालित हैं एवं कितनी बंद है? संख्‍या व नम्‍बर बतायें? (ग) ऐसी खदानों की कितनी संख्‍या है इनकों संचालित करने के उपरांत वन विभाग की आपत्ति से बंद कर दिया गया है कब से? (घ) संचालित होकर बंद की गई खदानों से प्रतिवर्ष कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ? बंद खदानें कब तक चालू कर दी जावेगी? समय-सीमा बतायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के   प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।      (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। नियमानुसार आवश्‍यक अनुमतियां प्राप्‍त होने के उपरांत ऐसी बंद खदानों को चालू करने हेतु विधिवत कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

संविदा कर्मियों के मानदेय की विसंगति

146. ( क्र. 5486 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभिन्‍न विभागों में संविदा पर जो समान पद पर नियुक्तियां की जा रही हैं उनमें दिये जाने वाली वेतन में असमानता है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या यह नियम है कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो एक ही पद एवं एक ही प्रकार के कार्य के लिए विभिन्‍न विभागों में देयक मानदेय के लिए अलग-अलग आदेश क्‍यों हैं? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त विसंगति में कब तक सुधार किया जावेगा? (घ) संविदाकर्मियों को कितने वर्ष में नियमित किये जाने के प्रावधान है? यदि नहीं, है तो शासन इन पर कब निर्णय लेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभिन्‍न विभागों द्वारा संविदा पर नियुक्‍त कर्मचारी का वेतन संविदा की शर्तों के अनुसार निर्धारित हेाता है। अत: एकरूपता होना संभव नहीं है। (ख) ऐसे नियम अभिलेखित नहीं है। विभिन्‍न विभागों द्वारा मानदेय संविदा के वर्णित कार्य की परिधि के अनुसार निर्धारित किया जाता है, जो भिन्‍न होता है। (ग) उत्‍तर (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) संविदा नियुक्ति, संविदा शर्तों के अनुसार होती है। इन्‍हें नियमित करने के प्रावधान नहीं है।

24 घंटे विद्युत के संबंध में

147. ( क्र. 5489 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले के अंतर्गत आने वाले संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों को अटल ज्‍योति योजना के अंतर्गत 24 घंटे विद्युत प्रदाय योजना से जोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम देवदा, थुवाटी, लुन्‍हेरा, उमरी, अंजनया मलहार एवं टोल सहित कई ग्रामों को क्‍यों छोड़ दिया गया? कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के योजना से शेष रहे समस्‍त ग्रामों की सूची देवें? (ख) अटल ज्‍योति योजना से प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित गांवों को कब तक जोड़ दिया जावेगा? (ग) उक्‍त गांवों को 24 घंटे वाली लाईट से प्रश्‍न दिनांक तक नहीं जोड़ने पर विभागीय अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, कुक्षी विधानसभा क्षेत्र सहित धार जिले के अंतर्गत आने वाले समस्‍त 1492 राजस्‍व ग्रामों को अटल ज्‍योति अभियान (अटल ज्‍योति योजना नहीं) के अंतर्गत गैर-कृषि उपयोग हेतु 24:00 घण्‍टे विद्युत प्रदाय की सुविधा से लाभान्वित किया जा रहा है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्राम देवला (देवदा नहीं)थुवाटी, लुन्‍हेरा, उमरीअंजनया, मलहार एवं टोल सहित समस्‍त राजस्‍व ग्रामों को उक्‍त अभियान में शामिल किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश "" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

आगतकर के संबंध में

148. ( क्र. 5490 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.ए.जी. की 31 मार्च 2014 को समाप्‍त वर्ष की विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि डीलरों द्वारा कोई रिटर्न दायर नहीं किये गये फिर भी आगतकर रिबेट की अनुमति दी गई? ऐसा क्‍यों? (ख) जिन 26 डीलरों के 28 मामलों में आगत कर रिबेट का नियमित भुगतान हुआ उन पर विभाग ने क्‍या कार्यवाही की?     (ग) उपरोक्‍त मामलों में वसूली कब तक कर ली जावेगी एवं इसके लिये जिम्‍मेदार तत्‍कालीन अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें? (घ) इन अधिकारियों पर इसके लिये विभागीय कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 की धारा 14 में किसी पंजीयत व्‍यवसायी द्वारा दूसरे पंजीयत व्‍यवसायी से क्रय बिलों में पृथक से वेट चुकाकर क्रय किए गए माल पर आगत कर रिबेट का दावा करने तथा ऐसे दावे का सत्‍यापन व्‍यवसायी द्वारा प्रस्‍तुत बिल बीजक, केश-मेमो एवं अन्‍य दस्‍तावेजों से करने के पश्‍चात आगतकर रिबेट की पात्रता के प्रावधान है। धारा 14 में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है कि यदि किसी पंजीयत व्‍यवसायी द्वारा विवरण पत्र प्रस्‍तुत नहीं किए गए हैं तो उससे आगत कर रिबेट की पात्रता नहीं होगी। (ख) 28 प्रकरणों में से 23 प्रकरणों में व्‍यवसायियों को सुनवाई हेतु सूचना पत्र जारी किए गए हैं। व्‍यवसायियों की ओर से जवाब प्रस्‍तुत होने पर विधिक प्रावधानों एवं तथ्‍यों के आधार पर इन प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा। शेष 5 प्रकरणों के परीक्षण उपरांत इन प्रकरणों में स्‍वीकृत आगत कर रिबेट को विधिक प्रावधानों के अनुसार होना मान्‍य किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश '''' के अनुसार 23 प्रकरणों में पुन: कर निर्धारण की कार्यवाही लंबित है तथा 5 प्रकरणों में विधि अनुसार आगत कर रिबेट दिया जना मान्‍य किया गया है। अत: वसूली की कार्यवाही नहीं बनती है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर अनुसार किसी भी विभागीय अधिकारी पर कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। 

नहर का निर्माण कार्य

149. ( क्र. 5498 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में बरगी बांध की मुख्‍य नहर, शाखा नहर, वितरण नहर, माइनर एवं सब-माईनर के कितने निर्माण कार्य शेष हैं? कितने शेष निर्माण कार्य हेतु टेंडर बुलाये गये हैं? किस-किस कार्य के टेंडर कब-कब बुलाये गये एवं इसमें        कितने-कितने ठेकेदारों ने भाग लिया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत बुलाये गये कितने टेंडर स्‍वीकृत किये गये, एवं कितने टेंडर अस्‍वीकृत किये गये? अस्‍वीकृत किये गये टेंडर हेतु किस-किस अधिकारी ने क्‍या अनुशंसा की थी एवं किस अधिकारी ने अस्‍वीकृत करने की अनुशंसा की थी? नाम एवं पद सहित बतलाया जावे? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित शेष कार्यों के कारण कितने रकबे की सिंचाई नहीं हो पा रही है एवं इससे शासन को कितने राजस्‍व की हानि हो रही है तथा कृषकों को कितने अतिरिक्‍त उत्‍पादन का नुकसान हो रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार हो रही हानि हेतु कौन जिम्‍मेदार है तथा उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''पैंतालीस''

रानी अंवतिबाई नहर के निर्माण कार्य

150. ( क्र. 5500 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरहसिंहपुर जिले के सभी विधायक एवं प्रभारी मंत्री, नर्मदा घाटी विकास के उपाध्‍यक्ष एवं मुख्‍य अभियंता के साथ बैठक का आयोजन किया गया था? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित बैठक में रा.अ.बा.लो.सा. नहर संभाग क्र.1 गोटेगांव के अंतर्गत हरेरी ब्रांच कैनाल के टेंडर को चार भागों में विभाजित कर लगाने का निर्णय किया गया था? (ग) क्‍या हरेरी ब्रांच कैनाल के टेंडर चार भागों में विभाजित कर लगाये गये, यदि हाँ, तो कब एवं इसमें किन-किन ठेकेदारों ने भाग लिया तथा किसका टेण्‍डर स्‍वीकृत किया गया? (घ) क्‍या हरेरी ब्रांच कैनाल के टेण्‍डर चार भागों में विभाजित कर नहीं लगाये गये, तो इस हेतु कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है, नाम एवं पद सहित बतावें? हरेरी ब्रांच कैनाल से कितनी सिंचाई प्रस्‍तावति है तथा कितनी सिंचाई की जा रही है, एवं प्रस्‍तावित क्षेत्र से कम क्षेत्र में सिंचाई होने पर शासन की सिंचाई राजस्‍व का कितना नुकसान हो रहा है एवं कृषकों को कितने अतिरिक्‍त उत्‍पादन का नुकसान हो रहा है, इस नुकसान हेतु कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) सर्वप्रथम पूर्व अर्हता को शिथिल कर और फिर विभाजित कर निविदा लगाई गई है जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यस्थल पर भौगोलिक परिस्थिति के कारण कार्य करने में कठिनाई हुई। अत: किसी की लापरवाही नहीं होने से किसी कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। 

परिशिष्ट ''छियालीस''

ग्रीन बेल्‍ट हेतु आरक्षित भूमि का विकास

151. ( क्र. 5503 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधानसभा क्षेत्र की नगर पालिका परिषद् नीमच के आधिपत्‍य में आने वाली कॉलोनियों में ग्रीन बेल्‍ट क्षेत्र के विकास हेतु कितनी भूमि आरक्षित रखी गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में दर्शाई गई भूमि पर अब तक कोई विकास नहीं होने के कारण ग्रीन बेल्‍ट क्षेत्र पर अतिक्रमण हो रहा है? (ग) यदि हाँ, शासन कब तक ग्रीन बेल्‍ट हेतु आरक्षित रखी गई भूमि के‍ विकास हेतु कार्ययोजना बनाकर उसका क्रियान्‍वयन करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नीमच नगर पालिका परिषद् के आधिपत्य में आने वाली कॉलोनियों में लगभग 3,45,000 वर्गमीटर भूमि ग्रीन बेल्ट हेतु आरक्षित है। (ख) जी हाँ। उक्त भूमि पर आंशिक रूप से अस्थाई अतिक्रमण होता रहा है, जिसे समय-समय पर हटा दिया जाता है। (ग) ग्रीन बेल्ट हेतु आरक्षित उक्त भूमि पर अमृत योजनान्तर्गत हरित क्षेत्र विकास परियोजना का प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्मित जलाशयों से संबंधित जानकारी

152. ( क्र. 5519 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग मुलताई के अंतर्गत निर्मित जलाशयों की गुणवत्‍ता का निरीक्षण करने के लिये क्‍या मुख्‍य तकनीकी परीक्षक ने वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न पूछे जाने तक में विजिट किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन बांध जलाशयों एवं नहरों में तकनीकी खामियों को चिन्हित किया गया था? (ख) उक्‍त में क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा चिन्हित खामियों का निराकरण कर दिया गया है? (ग) उक्‍त में चिन्हित तकनीकी खामियों के निराकरण के आदेश के बाद किस बांध, जलाशय एवं नहर का निराकरण कर दिया गया है? सूची दें। यदि नहीं, किया गया तो क्‍या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गयी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। बाबरबोह जलाशय एवं बादलडोह जलाशय (ख) जी नहीं। बाबरबोह जलाशय के निरीक्षण प्रतिवेदन के 27 बिंदुओं में से 13 बिंदुओं का निराकरण कर दिया गया है। बादलडोह जलाशय के समस्‍त 35 बिंदुओं का निराकरण शेष है। (ग) अभी सभी बिंदुओं का निराकरण नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

ताप्‍ती महोत्‍सव का आयोजन

153. ( क्र. 5520 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मुलताई वि.स. में होने वाले ताप्‍ती महोत्‍सव की शुरूआत किस वर्ष से की गयी? दिनांक दें। क्‍या ताप्‍ती महोत्‍सव शासन के कैलेण्‍डर में दर्ज है? यदि हाँ, तो दिनांक दें, यदि नहीं, तो कब तक दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी?     (ख) ताप्‍ती महोत्‍सव वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा अभी तक क्‍यों नहीं मनाया गया, तथा ताप्‍ती महोत्‍सव वर्ष 2015-16 में कब मनाया जायेगा? दिनांक से अवगत करायें? उक्‍त में यदि शासन द्वारा ताप्‍ती महोत्‍सव वर्ष 2015-16 में मनाना तय था, तो देरी के लिये किन-किन अधिकारियों को दोषी ठहराया जायेगा तथा इनके विरूद्ध शासन कब तक और क्‍या कार्यवाही करेगा? (ग) उक्‍त में शासन द्वारा क्‍या ताप्‍ती महोत्‍सव को वार्षिक बजट में शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जायेगा? ताप्‍ती महोत्‍सव के लिये शुरूआती वर्ष से वर्ष 2015-16 तक कितनी-कितनी राशि तय की गयी तथा कितनी व्‍यय की गयी वर्षवार संख्‍या दें तथा शुरूआती वर्ष से 2015-16 तक की व्‍यय की गयी राशि का विस्‍तृत ब्‍यौरा वर्षवार उपलब्‍ध करायें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2011, 23-25 नवम्‍बर, 2011, जी हाँ. वर्ष 2015-16 में 29-31 दिसम्‍बर, 2015 को आयोजित होने हेतु दर्ज है. (ख) महोत्‍सव आयोजित करने की संशोधित प्रस्‍तावित तिथि 19 एवं 20 मार्च, 2016 को. कैलेण्‍डर में दर्ज कार्यक्रम सूचनात्‍मक होते हैं, उनका क्रियान्‍वयन बजट एवं अन्‍य प्रशासकीय कारणों पर आधारित होता है. अत: किसी कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. (ग) जी नहीं. कार्यक्रमवार बजट प्रावधान नहीं होता. उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में औचित्‍य नहीं. ताप्‍ती महोत्‍सव हेतु की गई व्‍यय की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार.

म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गिट्टी क्रेशरों को अनुमति

154. ( क्र. 5528 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. प्रदूषण बोर्ड द्वारा महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कितने गिट्टी क्रेशरों को विभाग द्वारा अनुमति विगत 05 वर्षों में दी गई वर्षवार, फर्मवार जानकारी देवें? (ख) दिनेश पिता मांगीलाल निवासी महिदपुर रोड के ग्राम बपैय्या स्थित गिट्टी क्रेशर के लिए विभाग ने कब-कब अनुमति प्रदान की? (ग) अवैध खनन के प्रकरण दर्ज होने के बाद भी अनुमति निरस्‍त क्‍यों नहीं की गई? यह अनुमति कब तक निरस्‍त कर दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति दिनांक 18.6.2008 व सम्मति नवीनीकरण दिनांक 12.08.2013 को प्रदान की है। (ग) अवैध उत्खनन का प्रकरण एस.डी.एम. न्यायालय, महिदपुर, जिला उज्जैन के न्यायालय में प्रचलन में है, प्रकरण के निराकरण पश्चात् तद्नुसार कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

किसानों के मुआवजा

155. ( क्र. 5529 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिजन पावर टेक कं. एवं ऊंची रीन्‍यूएबल्‍स कं. द्वारा उज्‍जैन जिले के महिदपुर घटिया क्षेत्र में कितनी उत्‍पादन क्षमता के संयंत्र लगाये जा रहे हैं? (ख) शासन इनसे किस दर पर विद्युत क्रय करेगा? (ग) जिन किसानों के खेतों में पोल स्‍थापित किया जा रहे है? उन्‍हें यदि मुआवजा नहीं दिया जा रहा है तो कब तक दिया जायेगा? समय-सीमा बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन कम्‍पनियों द्वारा कोई संयंत्र नहीं लगाये जा रहे हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।     (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पारस डेम पर फ्लेम ऑफ फॉरेस्‍ट योजना का क्रियान्‍वयन

156. ( क्र. 5546 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की उदयनगर तहसील के ग्राम पूंजापुरा के पास पारस डेम पर (फ्लेम ऑफ फॉरेस्‍ट) कब से संचालित है? उक्‍त भूमि किस विभाग की है?        (ख) प्रश्‍नांकित स्‍थान पर नांव, मोटरबोट से भ्रमण की अनुमति सुरक्षा की गारंटी किस विभाग ने दी है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित स्‍थान पर म.प्र. शासन की महत्‍वाकांक्षी योजना से जल निगम द्वारा 24 गांव को पेयजल उपलब्‍ध कराना है? यदि हाँ, तो भ्रमण आदि में मल जल निस्‍तारण, मांस भक्षण आदि से जल प्रदूषित नहीं होगा? (घ) क्‍या शासन इसको गंभीरता से लेकर अवैध जल फ्लेम ऑफ फॉरेस्‍ट को बंद करवाने की कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 


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भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर

सामान्‍य प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा क्रय की गयी भूमि

1. ( क्र. 149 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2011 के पश्‍चात् सामान्‍य प्रशासन विभाग (मंत्रालय) में वर्तमान में पदस्‍थ अधिकारियों द्वारा भोपाल एवं इंदौर जिला अंतर्गत स्‍वयं अथवा परिवार के सदस्‍यों के नाम पर क्रय की गई भूमि की नामवार स्‍थानवार जानकारी दें साथ ही यह भी बतायें वह जमीन कब क्रय की गई? (ख) क्‍या उक्‍त भूमि खरीद की जानकारी सरकार को दे दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों ने व कब-कब?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार    (ख) जी हाँ। उक्‍त भूमि की जानकारी सरकार को दे दी गई है जो संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''अड़तालीस''

पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा स्‍थापित संयंत्र

2. ( क्र. 162 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं मंदसौर जिले में पिछले तीन वर्ष में पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा जिन पहाड़ी भूमियों व अन्‍य स्‍थानों पर संयंत्र लगे हैं उन तक पहुंचने के लिये जो पहुंच मार्ग बनाये हैं? उनकी लंबाई, चौड़ाई एवं पंखा खड़े करने के लिये जो गिट्टी मुरम, पत्‍थर आदि का उपयोग किया गया है, क्‍या उनकी विधिवत अनुमति ली गई?   (ख) यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध कराते हुए यह बताए कि किस-किस कंपनी द्वारा कितना-कितना खनन गिट्टी, मुरम का इस्‍तेमाल किया व किस-किस कंपनी द्वारा कितनी राशि रॉयल्‍टी के रूप में जमा की? यदि नहीं, तो क्‍यों व किस-किस कंपनी या संस्‍था से कितनी-कितनी रॉयल्‍टी लेना शेष है व कब तक वसूल कर ली जाएगी?    (ग) क्‍या पंचेवा तथा कँसेर जलग्रहण में बनी तलैया में भी पवनचक्‍की लगाई गई है, उसमें मिट्टी निकालने गड्ढा खोदने व कितनी फुट तक गहराई में खोदकर पवनचक्‍की लगाई इसके बारे में जिलाधीश एस.डी.ओ. को की गई शिकायत पर क्‍या कार्यवाही की गई व क्‍या इसकी अनुमति ली गई थी? (घ) मंदसौर रतलाम में पवन चक्कियों की मनमानी के विरूद्ध कितनी शिकायतें पिछले 3 वर्षों में जिलाधीश व एस.डी.ओ. को मिली व उस पर क्‍या कार्यवाही हुई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रतलाम जिले में पिछले 03 वर्षों में पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा जिन पहाड़ी भूमियों व अन्‍य स्‍थानों पर संयंत्र लगाए गए हैं, उन तक पहुंचने के लिए 09 कंपनियों द्वारा पहुंच मार्ग बनाए गए हैं। पहुंच मार्ग एवं पंखा खड़ा करने के लिए गिट्टी, मुरूम व पत्‍थर का उपयोग किया गया है। कंपनियों द्वारा उनको आवंटित क्षेत्र से ही पहाड़ी क्षेत्र को समतलीकरण कर मुरूम का उपयोग किया गया है। उपयोग किए गए मुरूम की रायल्‍टी राशि रूपए 32,24,000/- जमा कराई गई है एवं गिट्टी का उपयोग जिले में स्‍वीकृत पट्टाधारियों की खदान से ही नियमानुसार ट्रांजिट पास (रायल्‍टी राशि) प्राप्‍त कर क्रय की गई है। मंदसौर जिले में पिछले 03 वर्षों में पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा जिन पहाडि़यों, भूमियों व अन्‍य स्‍थानों पर संयंत्र लगाए हैं, उन तक पहुंचने के लिए जो पहुंच मार्ग उपयोग किए गए हैं, वह पहुंच मार्ग भौगौलिक रूप से निर्मित होकर कंपनियों द्वारा मात्र उन्‍हें साफ कर संयंत्र स्‍थापित करने हेतु पहुंच मार्ग के रूप में उपयोग किया जा रहा है। साथ ही पंखा खड़ा करने के लिए उपयोगित गिट्टी खनिज स्‍वीकृत क्रशरधारकों एवं रेत खनिज राजस्‍थान राज्‍य में स्थित ठेकेदारों से क्रय कर उपयोग किया गया है। कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा जिला मंदसौर से किसी प्रकार की अनुमति प्राप्‍त नहीं की गई है। (ख) प्रश्‍नांश '' में दिए उत्‍तर अनुसार 09 कंपनियों द्वारा कुल 66,320 घनमीटर मुरूम की रायल्‍टी राशि रूपए 32,24,000/- संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार जमा कराई गई है। उक्‍त कंपनियों द्वारा गिट्टी का उपयोग जिले में स्‍वीकृत पट्टाधारियों की खदान से ही नियमानुसार ट्रांजिट पास प्राप्‍त कर क्रय किया गया है। मंदसौर जिले में क्रशरधारकों से कंपनियों द्वारा गिट्टी क्रय कर प्रदाय की गई है एवं रेत खनिज राजस्‍थान राज्‍य में स्थित ठेकेदारों से क्रय कर उपयोग किया गया है। भविष्‍य में यदि उक्‍त उपयोगित मात्रा के संबंध में यदि कोई अतिरिक्‍त देय रायल्‍टी राशि लेना निकला तो शासन के समक्ष वसूली का विकल्‍प खुला हुआ है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र मंदसौर जिले से संबंधित न होकर रतलाम जिले से संबंधित है। ग्राम पंचेवा में शिकायत मिलने पर जाँच की गई विण्‍ड कंपनी म.प्र. ऊर्जा विकास निगम भोपाल द्वारा जो पवनचक्‍की लगाई जा रही थी वह तलाई भूमि से      60 फीट दूरी पर पाई गई उक्‍त तलाई भूमि सर्वे क्रमांक 351, रकबा 0.866 हेक्‍टेयर होकर का पटवारी/रा.नि. से सीमांकन करवाया गया था। मौके पर तलाई भूमि दर्ज रकबा 0.866 हेक्‍टेयर के विरूद्ध रकबा 1.092 हेक्‍टेयर पाया गया। इस प्रकार दर्ज रकबा से तलाई भूमि का रकबा 0.266 हेक्‍टेयर अधिक पाया गया। इस प्रकार तलाई भूमि पर कोई पवनचक्‍की नहीं लगना एवं न ही तलाई भूमि का नष्‍ट होना पाया है एवं ग्राम कंसेर में कोई शिकायत नहीं पाई गई है। (घ) मंदसौर जिले में ऐसी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। रतलाम जिले की जावरा तहसील में 3 पवन चक्कियों के विरूद्ध 1-1 शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) जावरा के कार्यालय में प्राप्‍त हुई थी। तीनों कंपनियों क्रमश: डी.जे. एनर्जी, ग्‍लोबल एनर्जी इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रायवेट लिमिटेड तथा चौकसी एनर्जी इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के विरूद्ध अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी जावरा के न्‍यायालय में धारा 133 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाकर कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण में दिनांक 01.03.2016 नियत है।

परिशिष्ट ''उन्चास''

खनिज खदान की स्‍वीकृति पर रोक

3. ( क्र. 166 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व ग्राम की सीमा में आने वाले किस-किस श्रेणी के वन क्षेत्र से कितनी दूरी तक के निजी क्षेत्रों में किस-किस खनिज की खदान स्‍वीकृति करने पर किस आदेश क्रमांक, दिनांक के द्वारा रोक लगाई है? (ख) यह रोक किसके द्वारा लगाई गई है? रोक लगाए जाने के प्रावधान वन संरक्षण कानून 1980, भारतीय वन अधिनियम 1927 या न्‍यायालय के किस दिनांक के किस याचिका में दिये गये आदेश में दिये गये हैं, प्रति सहित बताएँ? (ग) निजी भूमि पर खनिज खदान की स्‍वीकृति हेतु वन क्षेत्र से दूरी के आधार पर लगाई रोक को शिथिल किये जाने हेतु क्‍या आदेश निर्देश थे? उनमें कब-कब, क्‍या-क्‍या संशोधन किए गए, वर्तमान में क्‍या आदेश, निर्देश प्रचलित है?      (घ) निजी भूमि से कितनी दूरी तक किस-किस खनिज के खनन किये जाने से वनक्षेत्र वनोपज एवं जैव विविधता पर क्‍या-क्‍या असर पड़ता है इसका आंकलन किस विभाग ने किन विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर किया है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग द्वारा ऐसी कोई रोक लगाने संबंधी आदेश जारी नहीं किए गए हैं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) विभाग इस प्रकार का अध्‍ययन नहीं करता है न ही विभाग में ऐसी कोई रिपोर्ट उपलब्‍ध है। वन विभाग से प्राप्‍त जानकारी परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

केन्‍द्र प्रवर्तित योजनाएं

4. ( क्र. 258 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 में प्रदेश में कौन-कौन सी केन्‍द्र प्रवर्तित योजनाएँ संचालित थी? विभिन्‍न विभागों जैसे - पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्‍कूल शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, उद्यानिकी, कृषि आदिम जाति कल्‍याण, विद्युत, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास आदि में संचालित केन्‍द्र प्रवर्तित योजनाओं में अभी तक केन्‍द्र सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का आवंटन राज्‍य सरकार को किया गया है? इनमें से कितनी राशि व्‍यय की गई वर्ष 2013-14 से 2014-15, 2015-16 में जनवरी 2016 तक की जानकारी वर्षवार करावें? (ख) क्‍या वर्ष 2013-14 में संचालित योजनाओं में से केन्‍द्र सरकार द्वारा कुछ योजनाएँ बंद कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों की कौन-कौन सी योजनाएँ बंद की गई हैं? नाम सहित बतावें? (ग) राज्‍य सरकार द्वारा प्रश्‍नांश (क) की योजनाओं में कितनी राशि का आवंटन किया गया? आवंटन के विरूद्ध कितनी राशि व्‍यय की गई वर्षवार, योजनावार बतावें? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) की प्राप्‍त राशि पिछले वर्षों में मिलने वाली राशि से कम है? यदि हाँ, तो यह भी बतावें कि राज्‍य शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि के लिए मांग पत्र भेजे गए व       कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। वर्ष 2015-16 जनवरी की जानकारी महालेखा परीक्षक द्वारा लेखे प्राप्‍त होने पर लेखों में दर्शित होगी। (ख) संघ से संबंधित विषय है। (ग) प्रश्‍नांश '''' अनुसार।     (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार राशियां केन्‍द्र से सहायक अनुदान के रूप में प्राप्‍त हुई हैं। जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '', '' अनुसार है। महालेखा परीक्षक द्वारा लेखे प्राप्‍त होने पर लेखों में दर्शित होगी।

संभागीय स्‍तर पर रिक्‍त पदों की पूर्ति

5. ( क्र. 454 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संभागीय संयुक्‍त संचालक/उपसंचालक की अध्‍यक्षता में रिक्‍त पदों की पूर्ति का अधिकार दो मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी की समिति को अनेक वर्षों से है?      (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में संभागीय स्‍तर पर रिक्‍त पदों की पूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के क्‍या कारण हैं तथा प्रतिबंध कब से लगाया गया है? आदेश की प्रति देवें। (ग) क्‍या नगर परिषदों के विकास कार्यों को गति प्रदान करने हेतु संभागीय स्‍तर पर रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु नियुक्तियों पर लगा प्रतिबंध हटाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) नगर परिषद लहार के अध्‍यक्ष द्वारा परिषद में रिक्‍त पदों की पूर्ति की अनुमति बाबत् प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास को कब-कब पत्र लिखे गए? नगर परिषद लहार सहित अनेक नगर परिषदों में स्‍थापना व्‍यय कम होने के बाद भी पदों की पूर्ति की अनुमति न देना उचित है? यदि नहीं, तो लहार, मिहोना, दबोह एवं आलमपुर नगर परिषदों में रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु संभागीय स्‍तर पर संभागीय चयन समिति को अनुमति दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कोई प्रतिबंध नहीं है। (ग) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर परिषद, लहार के अध्‍यक्ष द्वारा रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु विभागीय प्रमुख सचिव से मिलकर 01 आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया था। संभागीय संयुक्‍त संचालक कार्यालय ग्‍वालियर को नगर परिषद, लहार मिहोना, दबोह एवं आलमपुर में रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 28 फरवरी, 2014 से नवीन आदर्श कार्मिक संरचना में निकाय की जनसंख्‍या का मापदंड निर्धारित कर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत पद भरने के निर्देश 65 प्रतिशत का स्‍थापना व्‍यय को ध्‍यान में रखते हुए दिये गये है। अलग से पद भरने के निर्देश, निकायों को दिये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तालाब में खैरया नाले का डायवर्सन किये जाने हेतु

6. ( क्र. 605 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में सूखे की स्थिति भयावह है और नारायणपुर के तालाब में खैरया नाले का डायवर्सन (मोड़कर) किया जाय, जिससे नारायणपुर के तालाब को भरने के बाद नारायणपुर तालाब से लगा हुआ अहार का तालाब एवं लड़वारी तालाब भर जायेगा और किसानों को सिंचाई हेतु नहरों से भरपूर पानी प्राप्‍त हो जायेगा? (ख) क्‍या इस खैरया नाले के डायवर्सन हेतु शासन द्वारा मौके की स्थिति देखने हेतु अधिकारियों को स्‍थल पर भेजा जायगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें, क्‍यों नहीं भेजा जा सकता है? (ग) क्‍या किसानों को नहरों के माध्‍यम से सिंचाई हेतु पानी प्राप्‍त हो और खरगापुर विधानसभा इस क्षेत्र को ऐसी सुविधा मिले कि खैरया नाले का डायवर्सन स्‍वीकृत होकर ग्रीष्‍मकाल के मौसम में कार्य प्रारंभ हो, जिससे आगामी वारिस में तीनों तालाब पानी से भर जाये और किसानों को लाभ मिले, ऐसी कोई योजना विभाग में है? यदि हाँ, तो सर्वे कराकर डायवर्सन के निर्माण को शुरू करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) टीकमगढ़ जिले में गत वर्षा ऋतु में अल्‍प वर्षा हुई है। प्रश्‍नाधीन परियोजना चिन्हित अथवा सर्वेक्षित नहीं है। परियोजना की प्रथम दृष्‍टया साध्‍यता संबंधी जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। परियोजना के सर्वेक्षण एवं स्‍वीकृति के लिए निर्णय लेने तथा निर्माण की समय-सीमा निर्धारित करने की स्थिति नहीं आई है।

करों में अनियमितता

7. ( क्र. 644 ) श्री राजेश सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर जिले में वर्ष 2013-14 से 2014-15 में वाणिज्‍यकर विभाग व कमर्शियल टैक्‍स विभाग द्वारा किन-किन संस्‍थानों/फर्मों पर छापामार कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में छापामार कार्यवाही में कहाँ-कहाँ पर से कितनी टैक्‍स चोरी की जानकारी प्राप्‍त हुई व विभाग द्वारा टैक्‍स चोरी करने वाली संस्‍थानों/फर्मों पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या छापों में टैक्‍स चोरी के रूप में करोड़ों रूपये की चोरी उजागर हुई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

हितग्राही कार्डों के माध्‍यम से सुविधायें

8. ( क्र. 648 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत कितनी विधान सभाओं में कामकाजी महिलाओं के हितग्राही कार्ड प्रश्‍न दिनांक तक बनाये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में इन हितग्राही कार्डों के माध्‍यम से क्‍या-क्‍या योजनाओं में इसका लाभ हितग्राहियों को प्राप्‍त हो सकता है? क्‍या इसके लिये ए.पी.एल/बी.पी.एल. कार्ड होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्‍या कामकाजी महिलाओं को ए.पी.एल./बी.पी.एल. कार्ड बनाकर हितग्राही कार्डों के माध्‍यम से शासन की योजनाओं का लाभ शहरी क्षेत्रों में व पंचायत क्षेत्रों में भी दिलाया जायेगा?       (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या कामकाजी महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की योजनाओं का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्‍या अन्‍य मजदूरी करने वाले वर्ग की तरह ही कामकाजी महिलाओं का सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का लाभ मिल पायेगा?      (घ) कामकाजी महिलाओं को जनश्री बीमा योजना का लाभ बी.पी.एल. कार्ड न होने के कारण नहीं प्राप्‍त हो रहा है? क्‍या जनश्री बीमा योजना हेतु बी.पी.एल. की अनिवार्यता को दृष्टिगत रखते हुए भी बी.पी.एल. कार्ड बनाये जायेंगे या कामकाजी महिलाओं को बगैर बी.पी.एल. कार्ड के भी शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर जिले के नगरीय क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के 80,950 हितग्राही कार्ड बनाये गये हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अत: परिशिष्‍ट के संदर्भ में शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) बी.पी.एल. में नाम दर्ज करवाने हेतु पृथक प्रक्रिया है। संलग्‍न परिशिष्‍ट के संदर्भ में शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''पचास''

गैर योजना मद से विवाद कार्यों की स्‍वीकृति विषयक

9. ( क्र. 651 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा गैर योजना मद से विगत 2 वर्षों में कौन-कौन से विधानसभा क्षेत्र में क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित कितने पत्रों पर विकास प्राधिकरण द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? कितने कार्यों को स्‍वीकृति दी गई अथवा दी जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा निगम सीमा में शामिल सांवेर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण बाहुल्‍य वार्डों में कब तक प्रेषित पत्रों के कार्यों को गैर योजना मद में स्‍वीकृति दी जायेगी व कब तक कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे? क्‍या आगामी बजट 2016-17 में प्रेषित कार्यों को शामिल कर स्‍वीकृति प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे? समय-सीमा बताये?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा गैर योजना मद से विगत दो वर्षों में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा इंदौर विकास प्राधिकरण, इंदौर में प्रेषित पत्रों में उल्लेखित स्थलों का मौका निरीक्षण कर अनुमान पत्रक तैयार किये जा रहे है। प्राधिकरण द्वारा किसी भी कार्य को स्वीकृति नहीं दी गई है। (ग) प्राधिकारी का आगामी बजट 2016-17 पारित होने के पश्‍चात् सांवेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम सीमा में  शामिल कार्यों की स्वीकृति हेतु बजट प्रस्ताव प्राधिकारी बोर्ड के समक्ष विचारार्थ रखे जावेंगे। स्वीकृति प्राप्त होने पर ही कार्य प्रारंभ किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 

सम्‍पत्ति करों के खातों की जानकारी

10. ( क्र. 652 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इंदौर में शामिल किये गये वार्डों में कितने-कितने नये सम्‍पत्ति करों के खाते व जल कर के खाते खोले गये व चालू वित्‍तीय वर्ष में कितनी राशि सम्‍पत्ति कर व जल कर के रूप में प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिक निगम इंदौर में राजस्‍व वसूली हेतु चलाये जा रहे अभियान में कई भवनों, अस्‍पतालों, होटलों, व्‍यवसायिक इमारतों में संपत्तियों की नप्ति (रेंडम नप्ति) में कई स्‍थानों पर बहुत बड़ी गड़बडि़यों (अनियमितताएं) की शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर अनियमितता पाई गई? क्‍या पूर्व में उक्‍त भवनों में कितना राजस्‍व जमा कराया गया था व किन-किन अधिकारियों द्वारा राजस्‍व निगम खजाने में जमा कराया गया? क्‍या पूर्व में हुई अनियमितता में लिप्‍त अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में निगम सीमा में शामिल वार्डों में राजस्‍व प्राप्‍त क्षेत्रों में राजस्‍व से क्‍या-क्‍या कार्य कराये जायेंगे? क्‍या निगम नवीन वार्डों में कार्यों को स्‍वीकृत कर सांवेर विधानसभा क्षेत्र के वार्डों में क्‍या-क्‍या कार्य प्रारंभ करायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर निगम सीमा में शामिल किये गये 29 गांव के क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुये नवीन वार्ड परिसीमन अनुसार 85 वार्ड बनाये गये है। 29 गांव क्षेत्र अंतर्गत बनाये गये वार्डों में वर्ष 2015-16 में खोले गये नवीन संपत्तिकर व जल कर खातों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं संपत्तिकर व जल कर के रूप में प्राप्‍त राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''अ-1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, नगर निगम, इन्‍दौर में राजस्‍व वसूली हेतु चलाये गये अभियान में अस्‍पतालों, होटलों, व्‍यवसायिक इमारतों एवं अन्‍य सम्‍पत्तियों की नाम में अंतर पाया गया है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इन भवनों पर पूर्व वर्ष में जमा की गई राशि/राजस्‍व का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के कॉलम नं. 07 अनुसार है। नगर निगम में स्‍व-निर्धारण प्रक्रिया लागू होने से करदाताओं द्वारा स्‍वयं विवरणी भरकर अथवा पूर्व अनुसार दर्ज मांग अनुसार कर राशि नगर निगम में जमा की गई है। संपत्तिकर एवं अन्‍यकर राशि जमा करने का दायित्‍व करदाता का होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में नगर निगम, सीमा में शामिल वार्डों में निगम बजट अनुसार जनप्रतिनिधियों की मांग एवं प्राप्‍त प्रस्‍तावों अनुसार कार्य कराये जायेंगे।

आरक्षित भूखण्‍डों की जानकारी

11. ( क्र. 653 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व अन्‍य पिछड़ा वर्ग हेतु कहाँ-कहाँ पर व किस-किस योजनाओं में भूखण्‍ड/फ्लेट हेतु स्‍थान रिक्‍त किये हैं व किन दरों पर भूखण्‍डों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग को बेचे जाते हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में इन्‍दौर जिला अंतर्गत इन्‍दौर शहर में विकास प्राधिकरण में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व अन्‍य पिछड़ा वर्ग हेतु किस आधार पर भूखण्‍डों हेतु कितने वर्ग मीटर के प्‍लॉट उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या अत्‍यधिक दर के प्‍लाटों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्‍यक्ति करोड़ रूपये मूल्‍य के भूखण्‍डों को क्रय कर सकता है? यदि नहीं, तो विकास प्राधिकरण शासन के माध्‍यम से कोई योजना बनाकर मध्‍यमवर्गीय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व अन्‍य पिछड़ा वर्ग एवं तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (सभी विभागीय) को सस्‍ती दरों पर छोटे भूखण्‍ड देने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या इस संबंध में कोई योजना बनाकर सस्‍ती दरों पर भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराने हेतु भविष्‍य में कोई कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण के विभिन्न योजनाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु रिक्त सम्पत्ति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्राधिकरण की सम्पत्तियों का अन्तरण ’’म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013’’ के अनुसार किया जाता है। (ख) शासन क्रमांक एफ-23-14/2007/32-1 भोपाल दिनांक 12.08.2008 द्वारा अनुसूचित जाति हेतु 10 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 15 प्रतिशत व अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 6 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के परिपालन में प्राधिकारी द्वारा सम्पत्ति आरक्षित रखी जाती है। भूखंडों के आकार का कोई बंधन नहीं है।      (ग) प्राधिकारी द्वारा आरक्षित भूखण्‍डों का व्ययन, व्ययन नियम 2013 में निहीत प्रावधानों के तहत ही किया जाता है तथा वर्तमान नीति में परिवर्तन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। प्राधिकरण की योजनाओं में कमजोर वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लिये भूखण्डों/भवनों को निर्धारित प्रतिशत एवं दर पर उपलब्ध कराने हेतु ’’म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन एवं शर्तें) नियम 1998/संशोधन 2012’’ में पूर्व से ही प्रभावशील है।

परिशिष्ट ''इक्यावन''

जनसुनवाई योजना का क्रियान्‍वयन

12. ( क्र. 742 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसुनवाई अंतर्गत वर्ष 2015 में रतलाम जिले में जिला स्‍तर एवं विकासखण्‍ड स्‍तर पर जनवरी 2015 से दिसम्‍बर 2015 तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? जिला एवं विकासखण्‍डवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) उपरोक्‍त अवधि (क) में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन निराकृत हुए एवं कितने आवेदन अब तक किस कारण से लंबित है?        (ग) रतलाम जिले में किस-किस विकासखण्‍ड में नियमानुसार जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन समय पर नहीं हो सका व किस कारण? शासन ने इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिला एवं खण्‍ड स्‍तर पर प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 12703 आवेदन प्राप्‍त हुए। इनमें से 10703 आवेदन निराकृत किये गये तथा 2000 आवेदन प्रक्रियाधीन होने से शेष है। (ग) जनसुनवाई नियमानुसार की जाती है, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

परिशिष्ट ''बावन''

संरक्षित प्राचीन स्‍मारक

13. ( क्र. 750 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संरक्षित स्‍मारकों का जिलेवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) सरकार द्वारा संरक्षित स्‍मारकों के अनुरक्षण, निर्माण कार्यों, रसायन प्रक्रियाओं, सफाई व्‍यवस्‍था तथा रंगरोगन आदि मद में हुए व्‍यय का विगत तीन वर्षों का जिलेवार ब्‍यौरा क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 492 राज्‍य संरक्षित स्‍मारक घोषित हैं. जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार. (ख) संरक्षित स्‍मारकों के निर्माण कार्य नहीं किये जाते हैं. अनुरक्षण, रसायन, संरक्षण एवं साफ सफाई में हुई विगत 3 वर्षों की व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '-1,2,3 एवं ''-4 अनुसार.

कराये गये कार्यों की जानकारी

14. ( क्र. 829 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में वित्‍तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से ज्‍यादा राशि के क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेंटेनेंस पर कितनी राशि व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से किस को कितनी राशि का भुगतान किया गया?    (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित स्‍थानों एवं समयानुसार उक्‍त सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

कार्यों की जानकारी

15. ( क्र. 830 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में वित्‍तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से कम राशि के क्‍या-क्‍या कार्य, किस-किस स्‍थान पर किये गये?        (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर किस-किस स्‍थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि, कब-कब व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित स्‍थानों एवं समयानुसार उक्‍त सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्‍वीकृति

16. ( क्र. 896 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांवों में 12वीं पंचवर्षीय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्‍वीकृति है तथा इस योजना हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी एवं स्‍वीकृत राशि में कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) स्‍वीकृति पश्‍चात् कितने गांव में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर विद्युत सप्‍लाई शुरू कर दी गई है? कितने गांवों में कार्य शुरू नहीं किया गया है? कितने गांवों में कार्य अधूरे हैं? कार्य अप्रारंभ रहने का क्‍या कारण है अप्रारंभ विद्युतीकरण कार्य को कब तक पूरा कर लिया जायेगा? (ग) विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करने की अवधि क्‍या थी? क्‍या अवधि में कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत पांढुर्ना विधान सभा क्षेत्र के 112 ग्रामों को सघन विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित किया गया है। पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र सहित छिन्‍दवाड़ा जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्‍वीकृत राशि रूपये 40.66 करोड़ है एवं दिनांक 31.01.2016 तक उक्‍त योजना में रूपये 4.59 करोड़ राशि का व्‍यय हुआ है। (ख) प्रश्‍नाधीन योजना की स्‍वीकृति के पश्‍चात पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र के 30 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 5 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है एवं 77 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य अभी शुरू नहीं किया गया हैं। टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्‍त योजना अंतर्गत सघन विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 01.02.2017 तक पूर्ण किया जाना है एवं तद्नुसार शेष कार्य को समय-सीमा में पूर्ण कराने का प्रयास है। (ग) टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार प्रश्‍नाधीन सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि 01.02.2017 है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

नवीन भवनों में संस्‍थाओं का संचालन

17. ( क्र. 1054 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के नगर पंचायत ब्‍यौहारी के वार्ड क्रमांक 9 (न्‍यू बरौंधा), जहां बहु उद्देश्‍यीय बाणसागर परियोजना के विस्‍थापित आबाद हैं? उनके सुविधा हेतु परियोजना द्वारा चिकित्‍सालय भवन, हायर सेकण्‍डरी भवन, पशु चिकित्‍सालय भवन, इत्‍यादि निर्मित कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त संस्‍थाओं का संचालन अब तक क्‍यों नहीं कराया गया? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित महत्‍वपूर्ण संस्‍थानों के निर्मित भवन संचालन एवं रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं? तो क्‍या उक्‍त संस्‍थानों का संचालन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सतना जिले में दो लाख रूपये से ज्‍यादा के कार्य

18. ( क्र. 1177 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वित्‍तीय वर्ष 1.4.2013 से प्रश्‍न तिथि तक 2 लाख रूपये से ज्‍यादा राशि वाले क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिले में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेंस पर कितनी राशि व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित स्‍थानों एवं समयानुसार उक्‍त सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरण

19. ( क्र. 1190 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में खनिज विभाग द्वारा ग्राम मटेहना, नगर निगम क्षेत्र सतना, केमरी पहाड़ एवं टमस नदी (घुघचिहाई एवं रामस्‍थान) में कब-कब, कितने अवैध उत्‍खनन के प्रकरण तैयार किये गये हैं? कितनी जे.सी.बी., डम्‍फर जप्‍त किये गये हैं? अवैध उत्‍खननकर्ता के नाम एवं जप्‍त वाहन का क्रमांक भी दें? (ख) खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्‍खननकर्ताओं से कितनी रायल्‍टी वसूल की गई है? अवैध उत्‍खननकर्ता का नाम, वसूली गई राशि की जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध उत्‍खननकर्ताओं के वाहनों को राजसात करने की कार्यवाही कब-कब की गई है? वाहन क्रमांक एवं राजसात करने का दिनांक का विवरण दें? (घ) सतना जिले में खनिजों का अवैध उत्‍खनन पर कब तक रोक लगा दी जावेगी, समय-सीमा दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में जनवरी 2015 से तैयार किये गये प्रश्‍नानुसार प्रकरणों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) अवैध उत्‍खननकर्ताओं से रॉयल्‍टी वसूल किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नानुसार वाहनों को राजसात नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नाधीन जिले में खनिजों के अवैध उत्‍खनन के प्रकरण जब भी प्रकाश में आते है, उन पर नियमानुसार सतत् रूप से कार्यवाही की जाती है। अत: इस संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तिरेपन''

व्‍यापारियों के पंजीयन निरस्‍त किया जाना

20. ( क्र. 1531 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले के जिन व्‍यापारियों की त्रैमासिक विवरणी किसी भी कारणवश विलम्‍ब से जमा होने की स्थिति में वाणिज्यिक कर कार्यालय, शिवपुरी द्वारा बिना कारण बताओ नोटिस दिये ही व्‍यापारियों के पंजीयन निरस्‍त कर दिये जाते हैं, इसके क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत्‍त शिवपुरी की उक्‍त मनमानीपूर्ण कार्यवाही के कारण व्‍यापारियों का माल ट्रांसपोर्टों पर ही रोक लिया जाता है तथा पंजीयन निरस्‍ती की सूचना व्‍यापारियों को न होने के कारण संबंधित व्‍यापारियों के ही द्वारा किये गये व्‍यापार का कर निर्धारण यू.आर.डी. में कराने के कारण व्‍यापा‍रियों को पेनाल्‍टी भरनी पड़ती है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन अब पंजीयन निरस्‍ती के पूर्व संबंधित व्‍यापारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कराने की व्‍यवस्‍था करवाएगा? (ग) वर्ष, 2013-14 से वर्तमान तक किन-किन व्‍यापारियों के, कितने पंजीयन बिना नोटिस दिये निरस्‍त किये? क्‍या ये कार्यवाही नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इस हेतु दोषियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आयकर पैन असत्‍यापित होने/निष्क्रिय व्‍यवसाइयों/त्रैमासिक विवरणी प्रस्‍तुत करने में चूक करने वाले त्रुटिकर्ता व्‍यवसाइयों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के पश्‍चात पंजीयन निरस्‍तीकरण की कार्यवाही की गई है। विलंब से विवरण पत्र प्रस्‍तुत करने मात्र से किसी व्‍यवसायी का पंजीयन निरस्‍त नहीं किया गया है। (ख) विवरणी प्रस्‍तुत करने में चूक के आधार पर पंजीयन निरस्‍त होने की स्थिति में डीलर द्वारा संबंधित त्रैमासों की विवरणी प्रस्‍तुत करने के प्रमाण सहित निर्धारित शुल्‍क सहित आवेदन प्रस्‍तुत करने पर पंजीयन पुन: प्रभावशील किये जाने का प्रावधान विद्यमान है, विवरणी से इतर अन्‍य कारणों से पंजीयन निरस्‍त होने की स्थिति में अपील का विकल्‍प है। निरस्‍त किया गया पंजीयन पुन: प्रभावशील किये जाने पर उसकी निरंतरता यथावत रहती है तथा वह यू.आर.डी. (अपंजीयत) नहीं माना जाता है। मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम के अधीन पंजीयन निरस्‍तीकरण के पूर्व संबंधित त्रुटिकर्ता व्‍यवसायी को कारण बताओ सूचना पत्र प्रचलित करने के प्रावधान विद्यमान है, जिसका अनुपालन किया जाता है। (ग) प्रश्‍नाधीन समयावधि में, कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये बिना पंजीयन निरस्‍त किए जाने की कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मोहल्‍ला समितियों का गठन

21. ( क्र. 1569 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इन्‍दौर नगर पालिक निगम में मोहल्‍ला समिति का गठन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न पूछे जाने तक कितनी मोहल्‍ला समितियों का गठन किया जा चुका है व कितनी का किया जाना शेष है? (ख) मोहल्‍ल समितियों में आपराधिक तत्‍व सदस्‍य या पदाधिकारी न बने इस हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍न दिनांक तक 779 मोहल्‍ला समितियों का गठन किया जा चुका है। शेष के आवेदन प्राप्‍त न होने से 1312 शेष है। (ख) मोहल्‍ला समिति के गठन की कार्यवाही म.प्र. नगर पालिका मोहल्‍ला समिति (गठन कृत्‍य तथा कामकाज का संचालन) नियम, 2011 यथा संशोधित में वर्णित प्रावधानुसार की जाना है। पात्रता के संबंध में नियम 5 (1) ड़. में प्रावधान किया गया है।

प्राचीन चंदेली तालाबों का जीर्णोद्धार

22. ( क्र. 1593 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले से छतरपुर तक प्राचीन चंदेली तालाब कुछ वन विभाग में हैं और कुछ राजस्‍व विभाग में हैं? जिन तालाबों में से कुछ टूटे-फूटे पड़े हैं और उनके बंधान ऊंचे होने के कारण जल का भराव भी रहता है तथा उनमें से जल स्‍त्रोत पाये जाने के अच्‍छे परिणाम देखने को मिलते हैं? (ख) क्‍या उन चंदेली प्राचीन तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिये शासन या जल संसाधन के पास ऐसी कोई योजना है, जिससे उनके टूटे हुये भागों का निर्माण किया जा सके? यदि हाँ, तो ऐसे तालाबों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण/स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या चंदेली तालाबों के निर्माण से किसानों के कुओं में वर्षभर पर्याप्‍त पानी रहेगा एवं जानवरों को भी पीने हेतु पानी प्राप्‍त हो जायेगा एवं मछली पालन किये जाने से शासन को आय भी प्राप्‍त होगी? क्‍या जनहित के इस कार्य को स्‍वीकृति मिलेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) विधान सभा खरगापुर अंतर्गत 23 प्राचीन चंदेली तालाब जल संसाधन विभाग के अधिपत्‍य में है। जो टूटे-फूटे नहीं है। सभी में जल का भराव होता है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

सी.एम. हेल्‍प लाईन अंतर्गत दर्ज शिकायत पर कार्यवाही

23. ( क्र. 1763 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के नगर निगम, जबलपुर के अंतर्गत आवेदक द्वारा सी.एम. हेल्‍प लाईन में दर्ज कराये गये शिकायत क्र. 880105/1050062 (विषय: सुहागी में सड़क पर किये गये अतिक्रमण को हटवाने के संबंध में) पर नगर निगम द्वारा शिकायत का निराकरण किये बिना ही शिकायत निराकृत दर्ज कर दिया गया, क्‍यों, जानकारी दी जाय? (ख) प्रश्‍नांश (क) की शिकायत निराकरण न होने पर आवेदक द्वारा पुन: सी.एम. हेल्‍प लाईन में शिकायत क्र. 1099439 दर्ज की गई? जिस पर भी बिना आवेदक का पक्ष लिये शिकायत बंद कर दी गई? ऐसी स्थित में प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) पर बिना आवेदक का पक्ष सुने एवं बिना जाँच किये, शिकायत निराकृत लिखा जाना क्‍या गलत नहीं है? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्‍त शिकायत पर आवेदक का पक्ष सुनते हुये शिकायत का निराकरण कब तक किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, शिकायत का निराकरण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार  है। (ख) जी हाँ, शिकायत का निराकरण किया जा चुका है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।      (ग) शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ट्रांसफार्मर बदलने पर वसूल की गई राशि

24. ( क्र. 1795 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के अहमदपुर वितरण केन्‍द्र पर वित्‍तीय वर्ष, 2014-15 में कितने ट्रांसफार्मर जलने एवं अन्‍य खराबी के कारण बदले गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बदले गये ट्रांसफार्मरों से कितनी राशि वसूल की गई जानकारी प्रति ट्रांसफार्मर स्‍थान/राशि सहित पृथक-पृथक देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला सीहोर के अन्‍तर्गत म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अहमदपुर वितरण केन्‍द्र के क्षेत्रान्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में 85 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले गए। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार बदले गये जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों पर बकाया राशि एवं ट्रांसफार्मर बदलने से पहले संबद्ध उपभोक्‍ताओं से वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

उद्वहन सिंचाई येाजना

25. ( क्र. 1807 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में जिलेवार कितनी एवं कौन-कौन सी उद्वहन सिंचाई योजनाएं स‍ंचालित हैं तथा इनमें से कितनी चालू हैं एवं कितनी बंद हैं? (ख) उपरोक्‍त उद्वहन सिंचाई योजनाएं कितने-कितने कृषि रकबे की सिंचाई हेतु रूपांकित की गई थी? (ग) दमोह जिले की बनवार उद्वहन सिंचाई योजना कब से बंद है एवं उसे प्रारंभ किये जाने हेतु अभी तक विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये गये हैं? (घ) मध्‍यप्रदेश में कितनी उद्वहन सिंचाई योजनाएं प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु कब से लंबित हैं और उनके प्राक्‍कलन क्‍या-क्‍या हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन परियोजना वर्ष 2004-05 से लाभान्वित कृषकों द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने के कारण बंद है। कृषकों द्वारा विद्युत देयक के भुगतान के लिए अंशदान नहीं देने के कारण परियोजना चालू नहीं कराई जा सकी है। (घ) कोई उद्वहन सिंचाई परियोजना स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

स्‍वीकृत अंशदान की राशि का ऑडिट

26. ( क्र. 1869 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में जनभागीदारी योजना के अंतर्गत वर्ष, 2013-14 और    2014-15 में वर्षवार शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) उक्‍त अवधि में किन-किन नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतों एवं संस्‍थाओं को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदाय की? किन-किन संस्‍थाओं एवं व्‍यक्तियों ने कार्यों के प्रस्‍ताव कलेक्‍टर एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्‍ना को दिये गये?   (ग) प्रस्‍तावों हेतु ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों एवं संस्‍थाओं ने कितना-कितना अंशदान किस-किस बैंक में जमा किया तथा शासन का अंशदान कब-कब स्‍वीकृत कर भुगतान किया गया, दिनांक सहित बतावें? (घ) उक्‍त अवधि में जनभागीदारी के तहत स्‍वीकृत अंशदान की राशि एवं संग्रहित राशि का ऑडिट कब-कब, किस-किस ऑडिट एजेंसी द्वारा ‍किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पन्‍ना जिले को जन भागीदारी योजना के अन्‍तर्गत वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 240.00 लाख वर्ष, 2014-15 में राशि रूपये 248.75 लाख का आवंटन प्राप्‍त हुआ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उक्‍त अवधि का ऑडिट जनवरी 2016 में कार्यालय महालेखाकार ग्‍वालियर के ऑडिट दल द्वारा किया गया।

बस्तियों में बिजली नहीं मिलना

27. ( क्र. 1870 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसक्षा क्षेत्र के किन-किन आदिवासी, अनुसूचित जाति गांवों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया खम्‍बे नहीं पहुंचे हैं तथा खम्‍बे हैं तो तार नहीं लगे हैं या तार लगे हैं तो चोरी हो गये हैं, बतावें कि वहां कब तक खम्‍बे व तार पहुंच जाएंगे व लोगों को एकबत्‍ती कनेक्‍शन व बिजली मिलने लगेगी? (ख) क्‍या उपरोक्‍त के संबंध में पिछले 4 माह में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिले के संबंधित अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा), कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) कार्यालय में शिकायत व सुझाव मिले तथा इसके बाद किन-किन गावों में क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कारण बताते हुए कब तक कार्यवाही हो जाएगी? (ग) पन्‍ना जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में लगे तार, ट्रांसफार्मर व डी.पी. पिछले 5 वर्षों में कहाँ-कहाँ चोरी हुई? कितने तार के साथ चोर पकड़े गये तथा कहाँ-कहाँ अभी तक तार व डी.पी. नहीं लगी व कब तक लग जाएगी? (घ) ग्राम पवई में जहाँ 10 वर्षों से ग्राम चक्र पर बिजली नहीं है, वहां कब तक तार लग जाएंगे व बिजली मिल जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र के 36 अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं हुआ है। 02 अविद्युतीकृत ग्रामों में वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने से विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है तथा 34 अविद्युतीकृत ग्रामों में खंबे खड़े कर तार खीचनें का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत रा.गा.ग्रा.वि.यो. में प्रगति पर है। उक्‍त ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त सभी 36 अविद्युतीकृत ग्रामों में पूर्व में किसी भी तरह का विद्युतीकरण नहीं होने के कारण तार चोरी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। कार्य योग्‍य सभी उक्‍त अविद्युतीकृत ग्रामों को जून 2016 तक विद्युतीकृत किये जाने के प्रयास हैं। विद्युतीकरण के उपरांत ही लोगों को विद्युत कनेक्‍शन व बिजली प्रदाय किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा जिले के संबंधित अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) एवं कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा) के कार्यालय में 48 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु दिये गये शिकायत/सुझावों पर कार्यवाही करते हुए 12 अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य एवं बी.पी.एल. श्रेणी के अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदकों को घरेलू कनेक्‍शन प्रदाय करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 34 अविद्युतीकृत ग्रामों का कार्य प्रगति पर है, जिसे जून 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास हैं। (ग) पन्‍ना जिले में पिछले 5 वर्षों में रा.गा.ग्रा.वि.यो. में लगे तार, ट्रांसफार्मर व डी.पी. की चोरी की कोई भी घटना नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) विधानसभा क्षेत्र पवई अंतर्गत ग्राम चक्र नहीं अपितु ग्राम चकरा है, जो कि पूर्व में विद्युतीकृत किया जा चुका है। ग्राम चकरा के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित उक्‍त ग्राम के सघन विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत रा.गा.ग्रा.वि.यो. के अंतर्गत किया जाना प्रस्‍तावित है। ग्राम चकरा के सघन विद्युतीकरण का कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। 

परिशिष्ट ''चउवन''

शासकीय प्राथमिक विद्यालयों के भवनों का निर्माण

28. ( क्र. 1871 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में विगत 5 वर्षों में कुल कितनी और कौन-कौन सी लघु, मध्‍यम और वृहद् सिंचाई परियोजनाओं का विभाग द्वारा सर्वेक्षण कराया गया है?   कौन-कौन सी योजनाएं साध्‍य पाई गई हैं? (ख) साध्‍य परियोजनाओं में किन-किन को बजट आवंटित किया गया है, किन-किन योजनाओं का कार्य आरंभ करा दिया गया है और वर्तमान में कार्य की क्‍या स्थिति है? (ग) जिन परियोजनाओं में निर्माण कार्य चल रहा है उसकी निर्माण एजेंसी का नाम व पता, अब तक व्‍यय राशि, अब तक किये गये कार्य का विवरण व परियोजनावार तैनात विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों का विवरण देवें? (घ) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावे? परियोजनावार स्‍पष्‍ट    समय-सीमा बतायें? सिंचाई परियोजना के निर्माण में विलंब के क्‍या-क्‍या कारण रहे हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण में भू-अर्जन की प्रकिया, भूमि का कब्‍जा प्राप्‍त करने, वन भूमि के उपयोग की अनुमति मिलने में समय लगने तथा निर्माण एजेंसियों की क्षमता आदि कारणों से समय लगता है।

सड़क एवं पुल-पुलिया के निर्माण की स्‍वीकृति

29. ( क्र. 1873 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्‍थल के विकास हेतु पवई विधानसभा क्षेत्र की कोई योजना को सम्मिलित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्‍या पन्‍ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के हनुमानभाटा, कलेही माता, खेरमाता पुरैना, पंडवन को पर्यटन स्‍थल पर लाने की योजना है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) मध्‍यप्रदेश पर्यटन विभाग में पवई विधानसभा क्षेत्र के हनुमानभाटा, कलेही माता, खेरमाता पुरैना, पंडवन को पर्यटन स्‍थलों के नक्‍शे पर लाने के लिये कोई योजना बनाने के प्रस्‍ताव है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों बतायें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ख) जी हाँ। हनुमानभाटा एवं कलेही माता में कार्य विभाग द्वारा कराये गये है। (ग) पवई विधान सभा क्षेत्र में संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार कार्य कराये गये हैं।

परिशिष्ट ''पचपन''

विद्युत खपत की जानकारी

30. ( क्र. 2003 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले में समस्‍त धान मिलरों द्वारा विद्युत कनेक्‍शन लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष 2012-13 में धान मिलर की अनुबंधित विद्युत क्षमता, प्रत्‍येक माह विद्युत खपत, मिलर के नाम, पते सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2012-13 में धान मिलर उपभोक्‍ताओं की अनुबंधित माँग, माहवार विद्युत खपत, धान मिलर उपभोक्‍ता का नाम एवं पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 

महाकौशल विकास प्राधिकरण को प्राप्‍त आवंटन

31. ( क्र. 2007 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाकौशल विकास प्राधिकरण को विकास हेतु निर्माण कार्यों एवं अन्‍य कार्यों हेतु वर्ष, 2010-11 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, मदवार कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्राधिकरण द्वारा प्राप्‍त राशि से कौन-कौन से कार्य कराए गए स्‍वीकृत एवं व्‍यय राशि तथा कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या प्राधिकरण एजेंसियों को विकास कार्यों के लिए जारी की गई राशि के सभी कार्य पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्‍त हो चुके हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए क्‍या कार्यवाही की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2010-11 से प्रश्‍न तक महाकौशल विकास प्राधिकरण को वर्षवार मदवार प्राप्‍त राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर  है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ग) सभी पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्‍त हो गये है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विभागीय कार्यों की जानकारी

32. ( क्र. 2179 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य में विभाग द्वारा संचालित होटल/मोटल/रेस्‍टोरेंट की सूची, उनके स्‍थान सहित देवें? (ख) विभाग द्वारा इंदौर संभाग में कितने मार्ग संकेतक वर्तमान में कहाँ-कहाँ लगाये गये? इन मार्ग संकेतकों को लगाने हेतु कौन अधिकृत हैं, तथा इस कार्य हेतु कब निविदा बुलाई गई? किन शर्तों पर यह, किसे प्रदान की गई? एक मार्ग संकेतक लगाने का खर्च कितना होता है, मदवार बतावें? (ग) विगत 5 वर्षों में पर्यटकों की संख्‍या में कितनी वृद्धि हुई, वर्षवार बतावें? (घ) विभाग द्वारा संचालित कितनी बसें किस रूट पर चलाई जा रही हैं? इन बसों को किन शर्तों पर विभाग ने अटैच किया है? विभाग से अटैच बसों की सूची बस नंबर सहित देवें, बस मालिक नाम, फर्म नाम भी बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार(घ) विभाग द्वारा बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट ''छप्पन''

खरगोन जिले से भेजी गई योजनाएं

33. ( क्र. 2187 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अंतिम 20 स्‍वीकृत उद्वहन नहर परियोजनाओं के एस.बी.डी. की स्‍पेशल कंडीशन की कंडिका 4.3.1 की एक-एक प्रति देवें? क्‍या सभी परियोजनाओं के लिए यह एक समान ही रहती है या अलग-अलग हो सकती है? इसमें परिवर्तन करने का अधिकार किसे होता है? इस अधिकार प्रदान करने संबंधी पत्र/आदेश की एक प्रति देवें?        (ख) उद्हवन नहर परियोजनाओं के अनुमोदन में नर्मदा नियंत्रण बोर्ड का क्‍या योगदान रहता है? (ग) विगत 03 सालों में खरगोन जिले से कितनी योजनाओं की डी.पी.आर. स्‍वीकृति हेतु भोपाल प्रेषित की गई? इसमें से कितनी स्‍वीकृत हुई, कितनी किस कारण से अस्‍वीकृत हुई तथा कितनी डी.पी.आर. स्‍वीकृति की प्रक्रिया में है? (घ) खरगोन जिले की विभिन्‍न योजनाओं में विगत 03 वर्षों में कितनी ऑडिट आपत्तियां आई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत मात्र 08 उद्वहन नहर परियोजनाओं की स्‍वीकृति हुई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यह कंडिका कार्य के स्‍वरूप के आधार पर परियोजनाओं के लिये अलग-अलग हो सकती है। इस कंडिका का निर्धारण कार्य के स्‍वरूप को निर्धारित करने वाले अधिकारी द्वारा किया जाता है। अत: परिवर्तन भी स्‍वाभविक रूप से उन्‍हीं अधिकारी द्वारा किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नर्मदा नियंत्रण बोर्ड द्वारा परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति का निर्णय लिया जाता है। (ग) पाँच, इनमें से तीन स्‍वीकृत हुई, दो प्रक्रियाधीन है। (घ) छियासठ (66).

भूमिगत नहरों का निर्माण

34. ( क्र. 2298 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रा.अ.बा.सा. परियोजना की दायीं तट नहर किस स्‍थान से प्रारंभ होकर किन जिलों के किन स्‍थानों तक मुख्‍य व उप नहरों के रूप में जा रही है, जिसकी दूरी कितने कि.मी. है और कितने हेक्‍टेयर रकबा को सिंचित करने की क्षमता है। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) नहर किन्‍हीं स्‍थानों में भूमिगत है और उसकी कितनी दूरी का निर्माण कब, किसके द्वारा प्रारंभ किया गया तथा कितना पूर्ण किया गया है और किन्‍हीं कारणों से बंद कर दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के निर्माण का ठेका क्‍या अब कहीं की किसी कम्‍पनी को किसी दर और पूर्णता की किसी निर्धारित अवधि हेतु दिया गया है, जिस पर अभी तक कितनी दूरी का कितने प्रतिशत काम पूर्ण हो गये हैं? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में कितनी लागत आयी है और आगे कितनी लागत संभावित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दांयी तट नहर (बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना) की मुख्‍य नहर ग्राम खापाग्‍वारी तहसील जबलपुर जिला जबलपुर से प्रारंभ होकर सतना जिले की मैहर तहसील के ग्राम बेरमा तक 197.443 कि.मी. तक जाती है। उपनहर नागौद (सतना) शाखा की लंबाई 131.04 कि.मी. जो ग्राम झाली जिला सतना एवं रीवा शाखा नहर की लंबाई 39.325 कि.मी. है जो ग्राम खरमखेडा जिला सतना तक जाती है। दांयी तट नहर से जबलपुर कटनी सतना रीवा जिलों के ग्रामों में 2.45 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी देना प्रस्‍तावित है। (ख) मुख्‍य नहर कि.मी. 35.075 एवं कि.मी. 104.21 पर कुल 13.13 कि.मी. व रीवा शाखा नहर के कि.मी. 13.23 पर 3.11 कि.मी. भूमिगत है। प्रथम भूमिगत कार्य पूर्ण हो चुका है। द्वितीय भूमिगत कार्य मेसर्स पटैल एस.ई.डब्‍ल्‍यू (संयुक्‍त उपक्रम) द्वारा प्रारंभ किया गया तथा 11.66 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया है एवं कार्य प्रगति पर है। रीवा शाखा नहर की भूमिगत कार्य की निविदा की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। (घ) परियोजना में माह जनवरी 2016 तक रूपये 2158.98 करोड़ का व्‍यय हुआ है। परियोजना के शेष कार्यों को पूर्ण करने में रूपये 2743.33 करोड़ की लागत आना संभावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है।

बजाज कम्‍पनी द्वारा विद्युत कार्य

35. ( क्र. 2340 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बजाज कम्‍पनी द्वारा जिला मुरैना ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक कम्‍पनी द्वारा कितने गांव/मजरों को ऊर्जीकृत कर दिया गया है? (ख) क्‍या कम्‍पनी को साईट स्‍टोर कार्यस्‍थल क्षेत्र में बनाना होता है और विद्युत अधिकारियों द्वारा समय-समय पर उक्‍त सामान का निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो कम्‍पनी द्वारा मुरैना जिले में कहाँ-कहाँ साईट स्‍टोर बनाये गये हैं तथा कौन-कौन अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया है? (ग) क्‍या कम्‍पनी स्‍वयं विद्युत कार्य न करते हुये अनुभवहीन सब कान्‍ट्रेक्‍टरों से करा रही है, जिससे कार्य की गुणवता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? जिल में कम्‍पनी द्वारा    कौन-कौन से सब कान्‍ट्रेक्‍टरों को कार्य दिया गया है और उनकी विद्युत कार्य का अनुभव एवं संसाधन क्‍या है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत विद्युतीकरण के कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड मुंबई को जारी अवार्ड अनुसार उक्‍त ठेकेदार एजेंसी द्वारा विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक 107 ग्रामों के अन्‍तर्गत 219 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर उन्‍हें ऊर्जीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड मुंबई द्वारा साईट स्‍टोर मुरैना जिले के कार्यस्‍थल के समीप ग्राम रायरू में जो कि ग्‍वालियर जिले के अंतर्गत आता है, बनाया गया है। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य कोई साईट स्‍टोर नहीं है। मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई- मेसर्स मेकॉन लिमिटेड, रांची के अधिकारियों/इंजीनियरों द्वारा स्‍टोर के सामान का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के नोडल अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की दिनांक एवं अधिकारियों के नाम की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। उल्‍लेखनीय है कि म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड मुंबई को निविदा में उल्‍लेखित तकनीकी एवं वाणिज्यिक अर्हताओं अनुसार योग्‍य होने पर ही विद्युतीकरण कार्य हेतु अवार्ड जारी किया गया है।

परिशिष्ट ''सत्तावन''

प्रस्‍तावित सिंचाई परियोजनाएं

36. ( क्र. 2369 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन सी परियोजना प्रस्‍तावित हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उनकी क्‍या स्थिति है, योजनावार जानकारी देवें? उक्‍त योजना का कार्य कब से प्रारंभ होगा एवं कितनी अवधि में पूर्ण होगा? (ख) उक्‍त योजना से सिंचाई के लिए कौन-कौन से क्षेत्र लाभांवित होंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में स्‍वीकृति हेतु कोई सिंचाई परियोजना विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। रायसेन जिले में साध्‍यता प्रदत्‍त परियोजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अट्ठावन''

भर्ती परीक्षाओं में म.प्र. के मूल निवासियों की वरीयता

37. ( क्र. 2555 ) श्री सुरेन्‍द्रनाथ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्‍य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में म.प्र. के मूल निवासियों को वरीयता प्रदान क्‍यों नहीं की जाती है? इसका आधार बतावें? (ख) क्‍या अन्‍य राज्‍यों के जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में म.प्र. के मूल निवासियों को वरीयता प्रदान की जा सकती है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यवाही कब तक अमल में ली जा सकती है? (ग) क्‍या शासन प्रदेश के प्रतियोगियों के हित में निर्णय पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-11/2012/1/3 दिनांक 13.01.2016 द्वारा मध्‍य प्रदेश के मूल निवासियों के लिए राज्‍य शासन की सेवाओं में भर्ती हेतु आयु सीमा 40 वर्ष तथा म.प्र. राज्‍य के बाहर के आवेदकों की आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित कर राज्‍य के मूल निवासियों को वरीयता दी गई है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

विद्युत प्रदाय न होने पर भी अधिक राशि का बिल

38. ( क्र. 2692 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पारसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किस-किस वितरण केन्‍द्रों में कितने-कितने घरेलू उपभोक्‍ता हैं, वितरण केन्‍द्रवार अलग-अलग ब्‍यौरा बतावें? (ख) उपरोक्‍त उपभोक्‍ताओं में से 01 जनवरी 2015 से 31/12/2015 के बीच कब-कब किस माह में कितने उपभोक्‍ताओं के बिल बिना रिडिंग के भेजे गये, और बिल में उल्‍लेखित राशि किस आधार पर संगठित की गई? (ग) उपरोक्‍त में कितने बिल की राशि संशोधन कर कम की गई वितरण केन्‍द्रवार ब्‍यौरा दें तथा अधिक राशि का बिल जारी करने के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या लाईट की कटौती या अन्‍य कारणों से लाईट प्रदाय न होने पर भी पूर्ण माह के औसतन बिल दिये गये यदि हाँ, तो औसतन कितने प्रतिशत समय में विद्युत प्रदाय अवरोध रहा उसका कारण क्‍या है।

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दो वितरण केन्‍द्र यथा लामटा एवं बैहर आते हैं, जिसमें लामटा वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत 15419 घरेलू उपभोक्‍ता तथा बैहर वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत 6486 घरेलू उपभोक्‍ता हैं। इस प्रकार परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 21905 घरेलू उपभोक्‍ता हैं। (ख) उपरोक्‍त उपभोक्‍ताओं में से 1 जनवरी 2015 से 31.12.2015 के बीच जिन घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिल बिना रीडिंग के दिये गये हैं उन उपभोक्‍ताओं की संख्‍या संहित माहवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त उपभोक्‍ताओं में से ऐसे उपभोक्‍ताओं जिनके कनेक्‍शनों से मीटर नहीं लगे हैं। उन्‍हें म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के निर्देशानुसार 75 यूनिट प्रतिमाह (ग्रामीण क्षेत्र हेतु) का बिल जारी किया गया है तथा ऐसे उपभोक्‍ता जिनका मीटर खराब है उन्‍हें विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार पूर्व के तीन माहों में की गई खपत के आधार पर औसत बिल दिया गया है। (ग) लामटा वितरण केन्‍द्र के 675 उपभोक्‍ताओं के बिल की राशि नियमानुसार संशोधित कर कम की गई है। बैहर वितरण केन्‍द्र में किसी भी बिल की राशि संशोधित कर कम नहीं की गई है। अधिक औसत के बिल तकनीकी/मानवीय त्रुटि के कारण जारी हुए। (घ) उपभोक्‍ताओं को मीटर में दर्ज हुई खपत के अनुसार ही बिल दिये गये हैं एवं मात्र ऐसे उपभोक्‍ताओं जिनके कनेक्‍शन में मीटर नहीं लगे हैं को म.प्र.राज्‍य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा निर्धारित नियमानुसार 75 यूनिट प्रतिमाह (ग्रामीण क्षेत्र हेतु) के बिल दिये जा रहे हैं। कंपनी क्षेत्रांतर्गत घरेलू उपभोक्‍ताओं को तकनीकी खराबी से आकस्मिक व्‍यवधानों को छोड़कर 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। स्‍थान विशेष में किसी आकस्मिक परिस्थिति के कारण विद्युत व्‍यवधान होने पर तत्‍काल सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में घरेलू उपयोग हेतु विगत 6 माह में औसत विद्युत प्रदाय 23 घण्‍टे 36 मिनिट रहा है। 

परिशिष्ट ''उनसठ''

नर्मदा नहर परियोजना

39. ( क्र. 2709 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की धरमपुरी तहसील में नर्मदा नहर परियोजना के अंतर्गत पक्‍की नहरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे कई ग्रामों में अधिगृहित भूमि का मुआवजा अनेकों प्रभावित किसानों को नहीं दिया गया है तथा कार्य की गुणवत्‍ता भी ठीक नहीं है? एवं कई स्‍थानों पर नहरें अभी से क्षतिग्रस्‍त हो गई हैं? क्‍या शासन नहर कार्यों की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही कब तक करेगा तथा प्रभावित किसानों को मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ख) धरमपुरी तहसील अंतर्गत प्रगतिरत नहर निर्माण कार्य के अंतर्गत क्षेत्र में कार्यरत निर्माण एजेंसी द्वारा ग्राम चिकट्यावड, बगवान्‍या, ढापला एवं लालमाटिया आदि स्‍थानों पर बड़ी नहर को पक्‍की करने हेतु पास में छोटी नहर खोदी गई थी, तथा बड़ी नहर को पक्‍का करने के बाद छोटी नहर को बन्‍द कर उसे बड़ी नहर से नहीं जोड़ा गया, जिससे छोटी नहर का पानी आसपास के कई किसानों के खेतों में जाने से कृषकों की फसलें नष्‍ट हो गईं? क्‍या शासन कृषकों की हुई नुकसानी का हर्जाना निर्माण एजेंसी से वसूल कर प्रभावित कृषकों को भुगतान करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) स्‍वामित्‍व विवाद के प्रकरणों में मुआवजे का भुगतान लंबित है। नहर निर्माण का कार्य प्रगति पर है और निर्माण के पश्‍चात् उचित गुणवत्‍ता होने पर ही कार्य स्‍वीकार किया जाता है। यदि कोई क्षति होती है, तो ठेकेदार के व्‍यय पर ही ठीक कराई जाती है। निर्माण के पश्‍चात् भी एक वर्ष तक नहर दुरस्‍ती का कार्य निर्माण एजेन्‍सी से ही कराया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। विवादित प्रकरणों में स्‍वामित्‍व विवाद निराकरण होने पर मुआवजा भुगतान संभव है। (ख) 2014 में कुछ ग्रामों में नहर के निर्माण के समय अतिवृष्टि होने के कारण नहर का जल अल्‍पावधि के लिये भर गया था जिन खेतों में अधिक देरी तक जल भरा था उनको हुई नुकसानी के हर्जाने का भुगतान निर्माण एजेन्‍सी से कराया गया है। 

लिपिक वर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति

40. ( क्र. 2768 ) श्री गोपाल परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सभी विभाग में कार्यरत लिपिकों की वेतन विसंगति का मामला शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो लिपिकों की क्‍या-क्‍या वेतन विसंगति बतावें?   (ख) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) के अनुसार वेतनमान विसंगति शासन द्वारा कब तक दूर कर दी जावेगी? (ग) क्‍या शासन द्वारा प्रथम/द्वितीय/तृतीय समयमान देने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो सहायक ग्रेड-3 को तृतीय समयमान प्राप्‍त होने के बाद अन्‍य लिपिक वर्ग के मुख्‍य लिपिक/सहायक ग्रेड-1 कर्मचारियों से सहायक ग्रेड-3 अधिक वेतनमान प्राप्‍त करेगा? यदि हाँ, तो शासन ऐसी विसंगति के लिये क्‍या कार्यवाही करेगा और कब तक? (घ) क्‍या विभिन्‍न विभागों में मुख्‍य लिपिक कार्यरत है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों में मुख्‍य लिपिक को क्‍या-क्‍या वेतनमान दिया जा रहा है? यदि विसंगति पूर्ण वेतनमान दिया जा रहा है, तो समान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही शासन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिन विभागों में मुख्‍य लिपिक के पद स्‍वीकृत है उन विभागों के भरती नियमों के अनुसार मुख्‍य लिपिक को वेतनमान दिया जा रहा है जो कि सामान्‍यत: जी हाँ वेतनमान 5200-20200+2800 ग्रेड पे है। वर्तमान में कोई विसंगति समक्ष में नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषक अनुदान योजना के तहत ट्रांसफॉर्मर की व्‍यवस्‍था

41. ( क्र. 2856 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री किसान अनुदान योजना के तहत सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र केवलारी क्षेत्रांतर्गत विगत 2 वर्षों में कितने कृषकों के आवेदन प्राप्‍त हुये हैं? कृपया संख्‍या बतावें। (ख) उक्‍त आवेदनों में कितने कृषक ऐसे हैं जिनके कनेक्‍शन हेतु नये ट्रांसफॉर्मर की आवश्‍यकता नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कृषकों में कितने कृषक ऐसे है जिन्‍हें कनेक्‍शन की राशि जमा कराये 6 माह से अधिक हो चुके हैं?    (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित कनेक्‍शन न करने का दोषी कौन है? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कनेक्‍शन कब तक कर दिये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र केवलारी क्षेत्रांतर्गत विगत 2 वर्षों में कृषकों को स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना में स्‍थायी पंप कनेक्‍शन हेतु 199 कृषकों के आवेदन प्राप्‍त हुये हैं।  (ख) उक्‍त सभी 199 कृषकों के कनेक्‍शन हेतु नये ट्रांसफार्मर की आवश्‍यकता है।    (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 44 कृषक ऐसे हैं जिन्‍हें कनेक्‍शन की राशि जमा कराये 6 माह से अधिक हो चुके हैं। (घ) कृषकों के खेत में फसल लगी होने से कृषकों द्वारा कार्य किये जाने से रोके जाने के कारण प्रश्‍नाधीन कनेक्‍शन दिये जाने का कार्य प्रभावित हुआ है अत: इस हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। कृषकों के खेत में लगी फसल कटने के उपरांत कार्यपूर्ण कर शीघ्र कनेक्‍शन दिये जाने के प्रयास हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में कनेक्‍शन दिये जाने की निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। 

आदिवासी परियोजना से कृषकों के खेतों तक विद्युत विस्‍तार

42. ( क्र. 2857 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी परियोजना के तहत सिवनी जिले के छपारा एवं धनोरा विकासखण्‍डों में कितने कृषकों के खेतों तक विद्युत विस्‍तार विगत वर्ष किया गया/पहुंचाई गई लाभांवित कृषकों का नाम ग्राम सहित बतावें? (ख) विद्युत विभाग में आदिवासी परियोजना के तहत वर्तमान में किसानों के हित में कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं एवं परियोजना में आने वाले कृषकों को क्‍या-क्‍या लाभ विगत वर्षों में मिले है?      (घ) वर्तमान में कितने आवेदन परियोजना के तहत विद्युत विस्‍तार हेतु विभाग को प्राप्‍त हुये हैं? कितने का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) आदिवासी उपयोजना के तहत् सिवनी जिले के छपारा विकासखण्‍ड में 52 आदिवासी कृषकों एवं धनोरा विकासखण्‍ड में निरंक कृषकों को स्‍थायी विद्युत पंप कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु विगत वर्ष 2014-15 में लाईन विस्‍तार का कार्य किया गया है। लाभान्वित कृषकों की नामवार एवं ग्रामवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) आदिवासी उपयोजना के तहत् वर्तमान में आदिवासी किसानों के हित में उनके कुंओं तक विद्युत लाईन पहुँचाकर स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदाय करने का कार्य किया जाता है। विगत वर्षों में उक्‍त योजना में हितग्राही कृषकों को कृषि पंप हेतु लाईन विस्‍तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित किया गया है। (ग) आदिवासी उपयोजना के तहत् आदिवासी कृषकों के कुओं तक विद्युत लाईन विस्‍तार किये जाने हेतु वर्ष 2015-16 में 124 आवेदकों की सूची परियोजना प्रशासक, लखनादौन द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्रेषित की गयी है। इन सभी 124 आवेदकों के पंप कनेक्‍शन हेतु प्राक्‍कलन स्‍वीकृत कर परियोजना प्रशासक, लखनादौन को प्रेषित कर दिये गये हैं। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार उक्‍त कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सुपरविजन चार्ज एवं सर्विस टैक्‍स की राशि जमा कराए जाने के उपरान्‍त आदिवासी विकास विभाग के संबंधित जिला कार्यालय द्वारा कार्यादेश जारी कर कराए जाने हैं। 

परिशिष्ट ''साठ''

क्षमता से अधिक रेत की ढुलाई

43. ( क्र. 2862 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में विगत 2013 से प्रश्‍न दिवस तक डम्‍परों से एवं ट्रकों द्वारा क्षमता से अधिक रेत का परिवहन किया जा रहा है जिससे सड़कें क्षतिग्रस्‍त हो गई हैं। विशेषकर हाल ही में नवनिर्मित सड़क पलारी से भीमगढ़ एवं पलारी से कहानी मार्ग क्षतिग्रस्‍त हो गये हैं। इस प्रकार गैर कानूनी परिवहन को रोके जाने के संबंध में शासन की क्‍या योजना है? (ख) प्रश्‍नांकित जिले में क्षमता से अधिक रेत का परिवहन करते पाये गये कितने डम्‍पर/ट्रकों पर प्रश्‍नांकित अवधि में चालानी कार्यवाही कर कितनी राशि वसूल की गई है? (ग) बार-बार रेत का परिवहन क्षमता से अधिक करने पर पाये गये डम्‍पर/ट्रकों पर चालान की कार्यवाही के अलावा भी क्‍या अन्‍य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले में कितने प्रकरण दर्ज हैं एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में क्षमता से अधिक माल ढोने वाले वाहनों पर कार्यवाही की गई है जिसमें मार्ग पलारी, भीमगढ़ एवं कहानी भी है। गैर कानूनी परिवहन होने पर नियमों में कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है।    (ख) सिवनी जिले में प्रश्‍नांकित अवधि तक की गई कार्यवाही में क्षमता से अधिक रेत एवं अन्‍य सामाग्री परिवहन करते पाए जाने पर कुल 35 माल वाहनों पर चालानी कार्यवाही कर उनसे रूपये 2,06,000/- (दो लाख छ: हजार) समझौता शुल्‍क के रूप में वसूला गया है। (ग) बार-बार क्षमता से अधिक परिवहन करते पाए जाते है तो उन पर नियमानुसार अर्थदण्‍ड आरोपित किये जाने की कार्यवाही की जाती है। इसके अतिरिक्‍त मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में अन्‍य कार्यवाही किये जाने के प्रावधान नहीं है।

विद्युत विभाग में कार्यरत लाइनमैन

44. ( क्र. 2863 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने लाइनमैन कार्यरत हैं? कृपया वितरण केन्‍द्रवार जानकारी देवें? एक लाइनमैन के ऊपर कितने ग्रामों का प्रभार है? (ख) क्‍या वर्तमान में विद्युत विभाग में कार्यरत मुख्‍यत: लाइनमैन एवं अन्‍य स्‍टाफ पर्याप्‍त है? यदि नहीं, तो रिक्‍त पदों को क्‍यों नहीं भरा गया? जिले में कार्यरत अन्‍य स्‍टाफ की संख्‍या बतावें? साथ ही रिक्‍त पदों का विवरण वितरण केन्‍द्रवार देवें? (ग) क्‍या पांडिया छपारा क्षेत्र में 30 ग्रामों में केवल एक ही लाइनमैन कार्यरत है? प्रति लाइनमैन के पीछे कितने ग्राम का प्रभार होना चाहिए बतायें। ‍

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिवनी जिले में 51 लाइनमैन कार्यरत हैंजिनकी वितरण केन्‍द्रवार संख्‍या की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ' अनुसार है। लाइनमैन की पदस्‍थापना उपभोक्‍ताओं की संख्‍या पर आधारित होती है, तथापि वर्तमान में एक लाइनमैन के ऊपर औसतन 29 ग्रामों का प्रभार है। (ख) जी नहीं, तथापि उपलब्‍ध लाइनमैनो व अन्‍य कार्मिकों का युक्तियुक्‍त उपयोग करके कार्य सुचारू ढंग से संचालित किया जा रहा है। रिक्‍त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्‍नति द्वारा सतत् रूप से की जाती है। सिवनी जिले में 530 अन्‍य कार्मिक कार्यरत हैं। सिवनी जिले में रिक्‍त पदों का वितरण केन्‍द्रवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) पांडिया छपारा क्षेत्र में वर्तमान में 30 ग्रामों हेतु 2 लाईन परिचारक कार्यरत हैं। लाइनमैनों की पदस्‍थापना ग्रामों की संख्‍या के आधार पर नहीं अपितु उपभोक्‍ताओं की संख्‍या पर आधारित होती है। 

परिशिष्ट ''इकसठ''

ई-पंजीयन

45. ( क्र. 3051 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ई-पंजीयन की व्‍यवस्‍था कब से की गई? क्‍या ई-पंजीयन से राजस्‍व की आय में कोई अंतर आया है? यदि हाँ, तो दिनांक 01/08/2014 से दिनांक 31/01/2015 तक एवं दिनांक 01/08/2015 से दिनांक 31/01/2016 तक की आय का तुलनात्‍मक चार्ट जिलेवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित राजस्‍व अंतर (घाटे) को रोकने हेतु क्‍या कोषालयों में पड़े करोड़ों रूपयों की कीमत के स्‍टाम्‍पों का उपयोग करने हेतु मेन्‍युअल पंजीयन कराने पर विचार किया जायेगा? (ग) क्‍या तकनीकी कारणों से होने वाली परेशानी से आम जनता को मुक्ति दिलाने के लिए 10 लाख से कम कीमत के दस्‍तावेज स्‍टाम्‍पों पर टाईप कराकर मेन्‍युअल पंजीयन किया जायेगा? (घ) क्‍या म.प्र. में ई-पंजीयन में आम जनता की परेशानी को रोकने के लिए 10 रू. से लेकर 1000 रू. तक के स्‍टाम्‍पों को स्‍टाम्‍प वेंडरों को जारी किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश में ई-पंजीयन की व्‍यवस्‍था 01.07.2015 से प्रारंभ की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।   (घ) प्रदेश में 65.98 करोड़ के 8,02,223 दस्‍तावेजों की ई-स्‍टाम्पिंग सफलतापूर्वक की जा चुकी है। आम जनता को कोई परेशानी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बरगी नगर चिकित्‍सालय को लो.स्‍वा. एवं परि.कल्‍याण विभाग को सौंपना

46. ( क्र. 3090 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2255 दिनांक 28/07/2015 के उत्‍तर (क) एवं (ख) में बरगी नगर स्थित 30 बिस्‍तरों वाले चिकित्‍सालय को लोक स्‍वा. एवं परिवार कल्‍याण विभाग को सौंपने की कार्यवाही के संबंध में जी हाँ कहा गया था? (ख) यदि हाँ तो उक्‍त चिकित्‍सालय की लोक स्‍वा. एवं परिवार कल्‍याण विभाग को सौंपने हेतु अब तक नर्मदा घाटी विकास द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी? तिथिवार जानकारी दें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 31-27/2008/27-1 दिनांक 31/12/2008 द्वारा लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग को चिकित्‍सालय के अमले सहित उनके अधीन लिये जाने हेतु प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है। स्‍वीकृति अपेक्षित है।

विद्युत लाईनों की शिफ्टिंग एवं केनाल गेटों का रख-रखाव

47. ( क्र. 3099 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रा.अ.बा. सागर परि. के अंतर्गत वि./यॉ.संभाग क्र.2 बरगी नगर द्वारा बाँयी एवं दांयी तट नहरों की विद्युत लाईन शिफ्टिंग के कितने कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस दर से किन-किन ठेकेदारों से करवाए गये? उक्‍त विद्युत लाईन शिफ्टिंग के कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य प्रगति पर हैं? विगत तीन वर्षों की जानकारी दें? (ख) वि./यॉ. संभाग क्र. 2 बरगी नगर द्वारा बांयी एवं दायी तट नहरों के गेटों के सुधार, रख-रखाव के विगत 3 वर्षों में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि से किन-किन ठेकेदारों से/प्रदायकर्ताओं से सप्‍लाई ऑर्डर से कराये गये? उक्‍त मरम्‍मत एवं रख-रखाव हेतु सामग्री क्रय किन-किन सप्‍लायरों से कितनी-कितनी सामग्री उक्‍त अवधि में की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’’’ एवं ‘’’’ अनुसार है। 

प्राप्‍त आवेदनों पर कार्यवाही

48. ( क्र. 3147 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल द्वारा प्रदेश की नर्मदा, चम्‍बल, बेतवा आदि नदियों के किनारे रेत उत्‍खनन पर लगी रोक हटा ली है? यदि हाँ, तो कब एवं किस दिनांक को? (ख) नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल द्वारा रोक हटाने के बाद से प्रश्‍नांकित दिनांक तक रेत उत्‍खनन हेतु पट्टा प्रदाय करने हेतु कितने आवेदन कहाँ-कहाँ के प्राप्‍त हुए? इनमें से कितने आवेदकों को कहाँ-कहाँ, कितना-कितना रेत उत्‍खनन हेतु लीज़ कब-कब स्‍वीकृत की है? कितने आवेदन स्‍वीकृति हेतु किस कारण से किस स्‍तर पर लंबित हैं? कितने आवेदन S.E.I.A.A. की अनुमति हेतु कब से लंबित हैं? (ग) क्‍या नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल द्वारा रेत उत्‍खनन से रोके हटाने के बाबजूद शासन द्वारा रेत उत्‍खनन हेतु पट्टा स्‍वीकृत न किए जाने से प्रदेश में अवैध रेत उत्‍खनन का कारोबार बढ़ रहा है तथा प्रदेश को राजस्‍व की हानि हो रही है? यदि हाँ, तो कब तक लंबित आवेदनों का निराकरण कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍न में याचिकाकर्ता का नाम/आवेदन क्रमांक/ वर्ष का उल्‍लेख नहीं होने के कारण जानकारी प्रदान किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।        (ग) प्रश्‍नांश '' में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कारण बताओ सूचना पत्र पर कार्यवाही

49. ( क्र. 3148 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍य महाप्रबंधक म.प्र.‍म.क्षे.वि.वि.कं.लि. ग्‍वालियर के कार्यालय से दिनांक 01.01.15 की स्थिति में उप महाप्रबंधकों, प्रबंधकों एवं सहायक प्रबंधकों को जारी कारण बताओ सूचना पत्रों के कितने प्रकरण लंबित थे? संख्‍या बतावें? दिनांक 01.01.15 से 31.01.2016 तक उप महाप्रबंधकों, प्रबंधकों एवं सहायक प्रबंधकों को मुख्‍य महाप्रबंधक कार्यालय से कितने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में नोटिस जारी करने वाले अधिकारी का नाम जारी नोटिस का क्रमांक एवं दिनांक, जवाब हेतु दिए गए स्‍मरण पत्रों का क्रमांक एवं दिनांक, संबंधित अधिकारी द्वारा किस अधिकारी ने कब जवाब दिया, उस पर किस दिनांक को कार्यवाही की गई, किस अधिकारी ने जवाब नहीं दिया, संबंधित अधिकारी द्वारा जवाब देने एवं न देने के बाद की गई कार्यवाही का विवरण दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में मुख्‍य महाप्रबंधक म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, ग्‍वालियर के कार्यालय से उप महाप्रबंधक, प्रबंधकों एवं सहायक प्रबंधकों को जारी 94 कारण बताओ सूचना-पत्र निराकरण हेतु लंबित थे। दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2016 तक की अवधि में मुख्‍य महाप्रबंधक म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, ग्‍वालियर द्वारा उप महाप्रबंधकों एवं प्रबंधकों को 149 कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए।       (ख) दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में उप महाप्रबंधकों, प्रबंधकों एवं सहायक प्रबंधकों के लंबित 94 कारण बताओ सूचना पत्रों में से 79 कारण बताओ सूचना पत्रों का निराकरण किया गया है एवं 15 कारण बताओ सूचना पत्र निराकरण हेतु लंबित है। इसी प्रकार दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2016 की अवधि में जारी 149 कारण बताओ सूचना पत्रों में से 53 कारण बताओ सूचना पत्रों का निराकरण किया गया है एवं 96 कारण बताओ सूचना पत्र निराकरण हेतु लंबित है। निराकरण हेतु शेष कारण बताओ सूचना-पत्रों की प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जारी करने वाले अधिकारी के नाम, जारी नोटिस का क्रमांक एवं दिनांक, जबाव हेतु दिये गये स्‍मरण-पत्रों का क्रमांक एवं दिनांक, अपचारी अधिकारी के प्रत्‍युत्‍तर प्राप्ति का दिनांक, प्रत्‍युतर पर वांछित टीप प्रस्‍तुत नहीं करने वाले संबंधित महाप्रबंधक तथा अपचारी अधिकारी द्वारा प्रत्‍युतर देने/ न देने के बाद की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

जनभागीदारी योजनांतर्गत कार्य योजना की स्‍वीकृत

50. ( क्र. 3177 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार जनभागीदारी योजना अंतर्गत मांग संख्‍या 64 एवं 41 नगर/ग्राम पंचायत/नगर तथा ग्राम पंचायत के वार्डों में हरिजन/आदिवासी मतदाताओं की संख्‍या 50 प्रतिशत या उससे अधिक के आधार पर कितने-कितने कार्य स्‍वीकृत किये गये? कार्यवार एवं स्‍थानवार जानकारी दें? (ख) क्‍या ऐसे कोई कार्य स्‍वीकृत किये गये जिनमें मतदाताओं की संख्‍या 50 प्रतिशत से कम है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में अनियमितताएं हुई हैं जिसके संबंध में शिकायतें जिला योजना अधिकारी खरगोन व अन्‍य को प्राप्‍त हुई है? हाँ, तो उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई और इनमें कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी हैं उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) योजनांन्‍तर्गत अनियमितताओं की शिकायत प्राप्‍त न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खरगोन उद्वहन नहर योजना

51. ( क्र. 3179 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन नहर योजना की कार्ययोजना क्‍या थी? टेंण्‍डर की प्रक्रियाएं क्‍या थी और टेंण्‍डर किस एजेंसी को दिया गया उनके नाम, पते सहित जानकारी दें एवं प्रश्‍न दिनांक तक इसमें कुल कितने बदलाव किस-किस प्रकार के किए गये? क्‍या संबंधित ठेकेदार द्वारा इसके प्रोजेक्‍ट में परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ, तो कारण व नियम बतायें? (ख) उक्‍त योजना में ठेकेदार पर कुल कितनी राशि की पेनाल्‍टी की गई उनमें से कितनी राशि प्राप्‍त हुई और कितनी शेष है? शेष के क्‍या कारण हैं? (ग) उक्‍त योजनान्‍तर्गत वर्तमान में कार्य की स्थिति क्‍या है? कार्यवार एवं प्रगतिवार जानकारी देते हुए बताये कि उक्‍त कार्य को कब तक पूर्ण किया जाना लक्षित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदिरा सागर परियोजना की मुख्‍य नहर की आर.डी. 79.79 कि.मी. से पानी उद्वहन कर 152 ग्रामों की 33140 हेक्‍टेयर भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेय जल सुविधा दिये जाने की कार्य योजना है। उक्‍त कार्य टर्न-की आधार पर मेसर्स एम.ई.आई.एल-के.बी.एल. (जे.व्‍ही.) एस-2 टी.आई.ई, बालानगर, हैदराबाद- 500037 (आन्‍ध्रप्रदेश) को दिया गया है। निविदा जारी होने के पश्‍चात सैंच्‍य क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) निर्माण कार्य के अनुरूप वित्‍तीय प्रगति न होने के कारण छ: माही प्रगति की समीक्षा के आधार पर रनिंग बिलों से अभी तक रूपये 1.56 करोड़ की राशि ठेकेदार के चलित देयक से रोकी गई है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा अनुबंध की कंडिका 70 के अंतर्गत आपत्ति उठाई गयी है जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसके निराकरण के पश्‍चात् ही कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्य 80 प्रतिशत पूर्णता की स्थिति में है। प्रथम चरण में 9387 हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा दी जा रही है। द्वितीय चरण में टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है तथा तृतीय चरण में पाईप लाईन बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है। योजना का कार्य दिनांक 30/06/2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। 

जनभागीदारी योजना अंतर्गत स्‍वीकृत कार्य

52. ( क्र. 3180 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन भागीदारी योजना के अंतर्गत कार्य स्‍वीकृत करने एवं निर्माण एजेन्‍सी निर्धारित करने के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? उक्‍त योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये जा सकते है एवं कौन-कौन से नहीं? (ख) उक्‍त योजनान्‍तर्गत शासकीय विद्यालयों में मरम्‍मत खेल मैदान, निर्माण फर्नीचर क्रय तथा स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं के भवन निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये जा सकते है या नहीं?     (ग) प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में खरगोन जिले में कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (घ) वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में खरगोन जिले में कितनी राशि प्राप्‍त हुई तथा उक्‍त राशि से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये? फरवरी 2016 की स्थिति में कितने प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु लंबित है? विधानसभा क्षेत्रवार सूची दें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।    (घ) जनभागीदारी योजनान्‍तर्गत खरगौन जिले को वर्ष 2012-13 राशि रूपये 390.00, 2013-14 रूपये 700.00, 2014-15 राशि रूपये 468.64 एवं 2015-16 में राशि रूपये 600.00 लाख आवंटित हुई। स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। फरवरी 2016 की स्थिति में विधानसभा क्षेत्रवार लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है।

इंदौर विकास प्राधिकरण की योजनाएं

53. ( क्र. 3302 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 132 किन कारणों से निरस्‍त की गई व उसी क्षेत्र में योजना क्रमांक 171 लगाने का कारण बतावें? (ख) योजना क्रमांक 171 में सम्मिलित कॉलोनियों को छोड़ने का कारण बतावें व पुष्‍पविहार कॉलोनी जिसे टी.एन.सी.पी. से स्‍वीकृत नक्‍शे अनुसार पूर्ण विकसित होने पर भी न छोड़ने के कारण बतावें? (ग) पुष्‍प विहार कॉलोनी के रजिस्‍ट्रीकृत भूखण्‍डधारकों की रजिस्‍ट्री क्रमांक व दिनांकवार जानकारी दें एवं बतावें कि रजिस्ट्रिकृत भूखण्‍डधारकों के भूखण्‍ड योजना में सम्मिलित करने का कारण बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मान. उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ द्वारा रिट याचिका क्र. 14605/06 में पारित आदेश दिनांक 14.08.2007 से प्राधिकारी की योजना क्रमांक 132 को व्यपगत घोषित किया गया। इन्दौर विकास प्राधिकरण की ओर से प्रस्तुत रिट अपील 1455/07 में पारित आदेश दिनांक 24.04.2009 में एकल पीठ के आदेश को इस संशोधन के साथ स्थिर रखा गया कि प्राधिकारी द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 के अंतर्गत नये सिरे से योजना घोषित करने हेतु कार्यवाही आदेश दिनांक से 3 माह की अवधि में कर सकता है तथा नई योजना प्रारंभ करने पर अधिनियम के अन्य प्रावधान स्वमेव लागू होंगे। मान. न्यायालय के आदेश के परिपालन में योजना क्रमांक 132 व्यपगत मानते हुये नई योजना क्रमांक 171 घोषित किये जाने की कार्यवाही की गई। (ख) योजना क्रमांक 171 में सम्मिलित सांई कृपा कॉलोनी एवं मारूती गृह निर्माण सहकारी संस्था की भूमि पर कॉलोनी विकसित होकर भूखण्डों पर भवन निर्माण होने तथा संस्था द्वारा कॉलोनी विकास, भूखण्ड अन्तरण एवं भू-व्यपवर्तन आदी की कार्यवाही की गई थी, जिसके कारण प्राधिकारी बोर्ड द्वारा संस्थाओं की भूमि को पृथक/मुक्त रखने का निर्णय लिया गया। पुष्प विहार कॉलोनी (मजदूर पंचायत गृह निर्माण सहकारी संस्था) द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 50 (3) के तहत कोई आपत्ति प्राधिकारी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई थी। पुष्प विहार कॉलोनी को नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा वर्ष 1985 में विकास अनुज्ञा दी गई थी, किन्तु संस्था भूमि का विकास कार्य करने, विकास पूर्णता एवं भवन निर्माण अनुमति प्राप्त करने में विफल रही है तथा संस्था को प्राप्त विकास अनुज्ञा की समयावधि व्यपगत होने के कारण प्राधिकारी द्वारा भूमि को योजना से मुक्त न रखने का निर्णय लिया गया। (ग) पुष्प विहार कॉलोनी में भूखण्डों का पंजीयन संस्था के द्वारा किया गया होने से जानकारी निरंक है। प्रश्नांश का शेष भाग उत्तरांश के अनुसार है। 

 

अवैध नल कनेक्‍शनों की जाँच

54. ( क्र. 3347 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम कटनी द्वारा नगरीय क्षेत्र में जल प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ, तो नगर निगम क्षेत्र में कुल कितने वैध एवं अवैध कनेक्‍शन संचालित हैं तथा कनेक्‍शनधरियों द्वारा संपूर्ण राशि जमा की गई है? यदि नहीं, तो बकायादारों की जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवैध कनेक्‍शन होने का जिम्‍मेदार अधिकारी कौन है तथा उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जल कर बकायादारों के ऊपर बकाया राशि होने के बावजूद भी आदेश प्रमाण-पत्र सहायक राजस्‍व अधिकारी द्वारा एन.ओ.सी. जारी कर भवन का नामांतरण किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण हैं तथा निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए कौन उत्‍तरदायी है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या नगर निगम के सभी 45 वार्डों में पीने के पानी के गिरते जल स्‍तर को दृष्टिगत रखते हुए पानी सभी घरों में पहुंचे इसके लिए क्‍या व्‍यवस्‍थाएं कर ली गई हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नगर निगम क्षेत्र में लगभग 17259 वैध नल कनेक्‍शन है। अवैध कनेक्‍शनों की कोई जानकारी नगर निगम ने सं‍धारित नहीं की है। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) अवैध कनेक्‍शनों की जानकारी संधारित नहीं होने के कारण उत्‍तरदायित्‍व निर्धारण किया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण जानकारी में नहीं है और इस तरह से निगम को कोई आर्थिक क्षति नहीं पहुंचाई गई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

ग्रामीणों को पानी न मिलना

55. ( क्र. 3410 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजघाट परियोजना द्वारा संचालित तैड़ोत सब माईनर, छान सब माईनर, इमलिया सब माईनर, हरदई प्रथम हरदई द्वितीय एवं धनपीपरी माईनर जल संसाधन विभाग द्वारा बनवाई गई है? यदि हाँ, तो उनके निर्माण एवं मरम्‍मत पर अभी तक कितनी राशि व्‍यय की गई? किस-कस एजेंसी को कितनी-कितनी राशि किस कार्य हेतु दी गई? (ख) क्‍या ग्राम छान, इमकिया, हसनपुर, तैतना, वरका, हरदई आदि को पानी नहीं मिल पा रहा है? विशेषकर, हरदई तैतना धनपीपरी को जबसे नहर बनी तभी से लेकर अभी तक पानी नहीं मिला? (ग) क्‍या विभागीय कर्मचारी एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से नहर निर्माण में तकनीकी खामियाँ रखी गई जिससे इन ग्रामों की तरु नहर में पानी पहुँच नहीं पाता है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) (ग) यदि हाँ, है तो इस गंभीर अनियमितता के लिए कौन दोषी है और शासन की व्‍यय राशि किससे वसूली जावेगी? यदि प्रश्‍नांश (ख) (ग) न में है तो अवगत करायें कि विगत 3 वर्षों में इन ग्रामों में कब-कब पानी दिया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2003-04 मेसर्स सरस्‍वती कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी पारीछा झांसी से प्रश्‍नाधीन नहरों का निर्माण कराया गया है। निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी को रू.297.00 लाख का भुगतान किया गया है। नहर मरम्‍मत पर व्‍यय की गई राशि का एजेंसीवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) से (ग) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन सात ग्रामों में से 03 ग्राम छान, इमलिया, हसनपुर में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध करायी गई है। शेष तीन ग्राम हरदई, तैतना एवं धनपीपरी में नहर मार्ग में अवरोध के कारण सिंचाई नहीं हो रही है। ग्राम वरका परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र से बाहर है। जी नहीं। धनपीपरी माईनर की आर.डी. 18250 मी. पर निर्मित एक्‍वाडक्‍ट के नीचे निकलने वाली कच्‍ची सड़क के नाले में परिवर्तित होने से ग्रामीणों द्वारा एक्‍वाडक्‍ट के पहले आर.डी. 18200 मी. पर नहर में से रास्‍ता बना लेने से एक्‍वाडक्‍ट के बाद स्थित ग्राम क्रमश: तैतना, हरदई एवं धनपीपरी में सिंचाई मार्ग अवरूद्ध है। (घ) विगत तीन वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नहर मार्ग के अवरोध दूर कर नहर के सुदृढ़ीकरण करने और लापरवाही के लिए जिम्‍मेदारी तय कर कार्रवाई करने के आदेश मुख्‍य अभियंता, राजघाट नहर परियोजना, जल संसाधन विभाग, दतिया को दिनांक 03.03.2016 को दे दिए गए हैं।

परिशिष्ट ''बासठ''

दतिया जिले में अवैध रेत उत्‍खनन

56. ( क्र. 3412 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दतिया जिले में अधिकांश रेत खदानों की नीलामी न होने से अवैध रेत उत्‍खनन हो रहा है? इससे क्षेत्र की कानून व्‍यवस्‍था खराब होकर क्राईम बढ़ रहे है साथ-साथ शासन के राजस्‍व की हानि हो रही है? (ख) दतिया जिले में कहाँ-कहाँ रेत खदाने हैं और वर्ष 2014-15, 2015-16 में उक्‍त खदानों की नीलामी के बाद किसके ठेके दिये गए और उन ठेकेदारों से कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ? सूची उपलब्‍ध करावें?      (ग) दतिया जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 में अभी तक कितने अवैध रेत उत्‍खनन के प्रकरण बनाये गए और उनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति है? (घ) दतिया जिले में खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2000 से 31.01.2016 तक कितनी पत्‍थर की खदानें लीज़ पर    किस-किस को दी गई और वर्तमान में कितने क्रेशर कहाँ-कहाँ लगे हैं? क्‍या ये क्रेशर समस्‍त नियमों का पालन कर रहे हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नाधीन जिले में रेत खनिज के उत्‍खनिपट्टे मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में स्‍वीकृत है। वर्ष 2014-15 में म.प्र. राज्‍य खनिज निगम द्वारा रेत विक्रय हेतु नीलामी नहीं की गई है। वर्ष     2015-16 में म.प्र. राज्‍य खनिज निगम द्वारा की गई ई-नीलामी का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है। (ग) दतिया जिले में वर्ष 2014-15 में रेत के 04 प्रकरण अवैध उत्‍खनन के बनाये गये जिनमें 2.00 लाख अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित किया जाकर 03 प्रकरणों में रूपए 70,000/- अर्थदण्‍ड जमा कराये गये तथा 01 प्रकरण संबंधित एस.डी.एम. न्‍यायालय में लंबित है। वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में माह फरवरी 2016 तक कुल 10 प्रकरण बनाकर रूपए 133.85 लाख अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित किया गया तथा इनमें से उक्‍त प्रकरणों में से 07 प्रकरणों में रूपए 2.40 लाख अर्थदण्‍ड जमा कराया गया है। शेष 03 प्रकरण संबंधित एस.डी.एम. न्‍यायालय में लंबित है।       (घ) दतिया जिले में वर्ष 2000 से 2016 तक 134 पत्‍थर उत्‍खनिपट्टे स्‍वीकृत किये गये थे जिनमें वर्तमान में 99 पत्‍थर उत्‍खनिपट्टे स्‍वीकृत है तथा शेष में अवधि समाप्‍त हो गई है एवं निरस्‍त किए गए हैं। वर्तमान में स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- '' पर है जिसमें जिले में स्‍थापित क्रशर की जानकारी दर्शाई गयी है, जिसके अनुसार 56 खदानों में क्रेशर स्‍थापित है तथा 43 में क्रेशर स्‍थापित नहीं है। जिन क्रशरों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 05 पट्टे निरस्‍त किये गये हैं एवं 02 प्रकरणों में निरस्‍ती प्रस्‍ताव शासन को भेजे गए तथा शेष 10 पट्टेदारों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर निरस्‍ती की कार्यवाही की जा रही है। 

लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति

57. ( क्र. 3446 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन के अधीन कार्यालयों में कार्यरत लिपिक वर्ग के सहायक वर्ग-3 से सहायक वर्ग-2 एवं सहायक वर्ग-2 से लेखापाल के पद पर पदोन्‍नति को क्रमोन्‍नति वेतनमान 4000-6000 के स्‍थान पर वेतनमान 4500-7000 वर्तमान वेतनमान 5200-20200 ग्रेड-पे 2800 स्‍वीकृत किया गया है, तथा सहायक ग्रेड-3/सहायक ग्रेड-2 लेखापाल को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय समयमान 9300-34800 ग्रेड-पे 3200 स्‍वीकृत किया गया है? जबकि मुख्‍य लिपिक/सहायक ग्रेड-1 को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर 5200-20200 ग्रेड-पे 2800 दिया जा रहा है, ऐसा क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल का वेतनमान समान होने पर भी पदोन्‍नति पद माना गया है? जिससे मुख्‍य लिपिक को तृतीय पदसमन्‍नति मानते हुये 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर भी तृतीय समयमान वेतनमान 9300-34800 ग्रेड-पे 3200 का लाभ नहीं दिया जा रहा है, ऐसा क्‍यों? इस विसंगति को दूर करने के आदेश कब तक जारी किये जावेंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। शासकीय सेवा में नियुक्ति की तिथि से दो पदोन्‍नति/क्रमोन्‍नति/समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्‍त कर चुके शासकीय सेवकों को तृतीय समयमान की पात्रता हैं। यदि मुख्‍य लिपिक द्वारा पूर्व से ही दो से अधिक पदोन्‍नति प्राप्‍त कर ली गई हैं तब यह विसंगति उत्‍पन्‍न हो रही हैं। य‍ह विसंगति परीक्षणाधीन हैं।

प्रदूषण को लेकर उद्योगों के खिलाफ दर्ज प्रकरण

58. ( क्र. 3481 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2011 के पश्‍चात् इंदौर, उज्‍जैन संभाग में म.प्र. प्रदूषण बोर्ड द्वारा प्रदूषण को लेकर उद्योगों के खिलाफ कितने प्रकरण दर्ज किये गये? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संदर्भित दर्ज कराये गये प्रकरणों की अद्यतन स्थिति क्‍या है? क्‍या समस्‍त उद्योगों में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर प्रदूषण दूर करने के समस्‍त प्रबन्‍ध कर लिये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? इस संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (ग) इंदौर, उज्‍जैन संभाग में उद्योगों द्वारा पेयजल को दूषित करने को लेकर   कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस उद्योग को लेकर प्राप्‍त हुई? (घ) क्‍या अधिकारियों की मिली भगत के कारण इन उद्योगों द्वारा लगातार जल एवं वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है किन्‍तु विभाग द्वारा सिर्फ समय-समय पर नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है? इस संबंध में कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने जाँच की?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) उद्योगों के विरूद्ध दायर प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। सक्षम अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है।

नगरीय निकाय के कार्य

59. ( क्र. 3531 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर पालिका परिषद एवं पिपलौदा नगर परिषद आती है? (ख) क्‍या उपरोक्‍त दोनों नगरों की बढ़ती जनसंख्‍या के कारण जनता की मूलभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति किये जाने में संस्‍थाएं कठिनाइयों से जूझ रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या उपरोक्‍त दोनों संस्‍थाओं एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी जनोन्‍मुखी अनेक निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव शासन/विभाग को अग्रेषित किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं उपरोक्‍त संस्‍थाओं द्वारा किन-किन कार्यों के कौन-कौन से प्रस्‍ताव शासन/विभाग को प्राप्‍त होकर उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ।    (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट ''तिरेसठ''

सिंचाई तालाबों एवं डेम

60. ( क्र. 3532 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम जिला अंतर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र डार्क जोन एरिया घोषित होकर सूखा ग्रस्‍त घोषित किया गया है, साथ ही जल स्‍तर काफी नीचे जाकर जल संकट की भयावहता बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में शासन/विभाग द्वारा जल संकट एवं सिंचाई संसाधनों में आ रही कमियों, कठिनाइयों को दृष्टिगत रख पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में किन-किन स्‍थानों के किन-किन कार्यों के प्रस्‍ताव शासन को अग्रेषित किये हैं? (ग) साथ ही वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16 के प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा बनाए गये किन-किन प्रस्‍तावों पर किस-किस प्रकार की क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? (घ) उपरोक्‍त वर्षों में कितने नवीन कार्य पूर्ण होकर अपूर्ण रहे? कितने नवीन प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति कर बजट में सम्मिलित किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भू-जल का आहरण पुनर्भरण की तुलना में अधिक होने के कारण जावरा विधान सभा क्षेत्र में विकासखण्‍ड जावरा एवं पिपलौदा भू-जल के अति दोहन की स्थिति में है। गत वर्षा ऋतु में अल्‍प वर्षा के कारण राजस्‍व विभाग द्वारा जावरा एवं पिपलौदा तहसील सूखा प्रभावित घोषित की गई है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में तम्‍बोलिया वियर परियोजना का कार्य पूर्ण किया गया है।

परिशिष्ट ''चौंसठ''

आबकारी दुकानों का नियम विरूद्ध आवंटन

61. ( क्र. 3569 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2014 से रायसेन जिले में देशी एवं विदेशी मदिरा की संचालित दुकानों के लायसेंसधारियों ने ही पुन: वर्ष 2015 में भी उक्‍त दुकानों को नीलामी में क्रय कर उन्‍हें संचालित किया जा रहा है? क्‍या उक्‍त दुकानों को किसी दूसरे को संचालित करने का अधिकार दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो कितनी ऐसी दुकानें हैं? (ख) रायसेन जिले में ऐसी कितनी मदिरा दुकानें हैं, जिनके 100 मीटर के दायरे में स्‍कूल, मंदिर, मस्जिद एवं गुरूद्वारे हैं? यदि हाँ, तो उन दुकानों को 100 मीटर से अधिक दूरी पर करने का क्‍या प्रावधान है वर्तमान में स्थित दुकानों को उक्‍त स्‍थलों के पास से कब तक हटायेंगे? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं का निरीक्षण करने, आवंटन करने एवं जाँच करने की जिले में किसकी जिम्‍मेदारी है? यदि कोई दोषी है तो क्‍या विभाग कार्यवाही करेगा? जाँच कराकर कार्यवाही कब तक करायेंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015-16 के लिये शासन द्वारा निर्धारित आबकारी नीति अनुसार रायसेन जिले की देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकाने खुली टेण्‍डर प्रक्रिया द्वारा निष्‍पादित की गई थी। वर्ष 2014-15 के कतिपय लायसेंसियों/फर्म/कंपनी को उनके द्वारा दिये गये उच्‍चतम टेण्‍डर ऑफर के आधार पर मदिरा दुकानें वर्ष 2015-16 हेतु आवंटित होने से संचालित की जा रही है। मदिरा दुकानों को नियमानुसार दूसरे को संचालित करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। जिले में वर्ष 2015-16 में इस प्रकार कोई दुकान संचालित नहीं है। (ख) रायसेन जिले में ऐसी मदिरा दुकानें जिनके 100 मीटर के दायरे में स्‍कूल, मंदिर, मस्जिद एवं गुरूद्वारे है, उन दुकानों की जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विभाग की अधिसूचना क्रमांक बी-1/05/2015/2/पाँच (5) दिनांक 06 फरवरी 2015 अनुसार स्‍कूल, मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे से मदिरा दुकानों की दूरी 50 मीटर से अधिक होना वर्णित है। अधिसूचना की प्रति विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। परिशिष्‍ट-एक के क्रमांक 01 में उल्‍लेखित देशी मदिरा भारकच्‍छ उसके वर्तमान स्‍थान पर वर्ष 2010 से संचालित है, जबकि कन्‍या विद्यालय की स्‍थापना मदिरा दुकान की स्‍थापना के बाद हुई है। उक्‍त अधिसूचना के नियम में प्रकाशित अधिसूचना नियम-1 दुकानों की अवस्थित के उपनियम-2 '''' अनुसार देशी मदिरा दुकान भारकच्‍छ शैक्षणिक संस्‍था शासकीय कन्‍या विद्यालय से 50 मीटर से अधिक (70 मीटर) दूरी पर स्थित होने से आपत्ति रहित स्‍थल पर अवस्थित होने से हटाये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक के क्रमांक-02 में उल्‍लेखित देशी मदिरा दुकान देवरी उक्‍त अधिसूचना में प्रकाशित नियम-1 दुकानों की अवस्थिति के उपनियम-4 (क) अनुसार अनुज्ञ‍प्‍त मदिरा दुकान जो दिनांक 31.03.2010 को पिछले तीन वर्षों से वर्तमान स्‍थल पर (देशी मदिरा दुकान देवरी वर्ष 2004 से स्‍थापित) विद्यमान होने से उप नियम-2 के खण्‍ड '''' के उपबंध लागू नहीं है। उक्‍त दोनों दुकानें नियमानुसार आपत्ति रहित स्‍थल पर अवस्थित होने से उन्‍हें उनके वर्तमान स्‍थल से हटाये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) मदिरा दुकानों का निष्‍पादन जिला रायसेन में गठित जिला समिति जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में, जिनमें उपायुक्‍त आबकारी संभागीय उड़नदस्‍ता, पुलिस अधीक्षक, मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सहायक आबकारी आयुक्‍त है, के द्वारा किया जाता है। मदिरा दुकानों की नियमानुसार अवस्थिति, मदिरा दुकानों के निरीक्षण तथा जाँच करने की जिम्‍मेदारी जिला आबकारी प्रशासन के अधिकारियों की है। शिकायत में विधि विरूद्ध कार्य पाये जाने की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। 

सामाजिक संस्‍थाओं को अनुदान राशि की स्‍वीकृति

62. ( क्र. 3577 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में संस्‍कृति विभाग द्वारा कितने सा‍माजिक संस्‍थाओं से सां‍स्‍कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु आवेदन प्राप्‍त हुए तथा कितनी संस्‍थाओं को कितनी अनुदान राशि स्‍वीकृत की गई थी, संस्‍थाओं को राशि स्‍वीकृत करने का क्‍या मापदण्‍ड था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में वर्ष 2013-14 में जिन संस्‍थाओं को संस्‍कृति विभाग द्वारा कार्यक्रमों के आयोजन हेतु अनुदान स्‍वीकृत किया गया था इन्‍हें वर्ष 2014-15 में विधिवत आवेदन देने के बाद भी किस मापदण्‍ड के तहत अनुदान स्‍वीकृत करने से वंचित रखा गया? (ग) क्‍या यह अनुदान अधिकारियों की मनमानी व स्‍वेच्‍छा अनुसार स्‍वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो इसके लिए उत्‍तरदायी दोषी अधिकारी कौन है इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2014-15 में 816 आवेदन प्राप्‍त हुये. 169 संस्‍थाओं को अनुदान स्‍वीकृत किया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार. अनुदान देने संबंधी मापदण्‍ड का उल्‍लेख नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार. (ख) प्राप्‍त आवेदनों में उपलब्‍ध तथ्‍यों एवं नियम, पत्रता अनुसार अनुदान हेतु गठित समिति की अनुशंसा एवं नियमानुसार स्‍वीकृति पश्‍चात् ही चयनित संस्‍थाओं को अनुदान स्‍वीकृ‍त किया जाता है. (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

हवाई पट्टी बनाने की स्‍वीकृति

63. ( क्र. 3710 ) श्री लखन पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में ग्राम नरसिंहगढ़ परिक्षेत्र में सीमेंट फैक्‍ट्री के समीप क्‍या शासकीय/अशासकीय अस्‍थाई हवाई पट्टी है? (ख) यदि हाँ, तो दमोह छतरपुर मुख्‍य मार्ग से कितनी दूरी पर स्थित है? (ग) उक्‍त हवाई पट्टी तक सड़क निर्माण कराया जावेगा? यदि हवाई पट्टी शासकीय है तो उसे विधिवत हवाई अड्डे का स्‍वरूप दिया जावेगा?    (घ) यदि हवाई पट्टी अशासकीय है तो सीमेंट फैक्‍ट्री नरसिंहगढ़ को शासन हवाई पट्टी पक्‍की बनाने की स्‍वीकृति देगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अशासकीय हवाई पट्टी है। (ख) लगभग 10.00 कि.मी.। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है। प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) ऐसा प्रस्‍ताव विभाग के विचाराधीन नहीं है।

बिजली के खम्भों का सुधार कार्य

64. ( क्र. 3711 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र प‍थरिया के अंतर्गत दिनांक 01.04.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामों के भीतर तिरछे हुए बिजली के खम्‍भों का सुधार कार्य कितने ग्रामों में कराया गया? (ख) ग्राम सरखड़ी लुहर्रा, पिपरिया छक्‍का, मौंरासा, देवरान, बरधारी, मडि़या पिपरिया रामनाथ, कुमेरिया के तिरछे बिजली के खम्‍भों का कब तक सीधा सुधार कर कार्य कराया जावेगा? (ग) वर्णित ग्रामों में दो खम्‍भों के बीच लटकते बिजली के तारों में खिचाव कार्य क्‍या पूर्ण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) वर्णित ग्रामों में कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं? कब तक बदले जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया के ग्रामीण क्षेत्र में दिनांक 01.04.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 107 ग्रामों में बिजली के खम्‍भों का सुधार कार्य कराया गया है। (ख) ग्राम लुहर्रा, पिपरिया छक्‍का, मौंरासा, बरधारी मडिया, कुमेरिया के तिरछे बिजली के खम्‍भों का सुधार कार्य करवा दिया गया है। प्रश्‍नाधीन शेष ग्रामों यथा- सरखड़ी, देवरान एवं पिपरिया रामनाथ में खम्‍भों का सुधार कार्य प्रगति पर है, जिसे यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। (ग) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित ग्राम सरखड़ी, देवरान एवं पिपरिया रामनाथ में खम्‍भों का सुधार कार्य एवं विद्युत लाईनों के ढीले तारों को व्‍यवस्थित करने का कार्य प्रगति पर है तथा प्रश्‍नाधीन शेष सभी ग्रामों में उक्‍त कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा।      (घ) प्रश्‍नाधीन वर्णित ग्रामों में से ग्राम सरखड़ी, मडिया एवं पिपरिया रामनाथ में 3 जले/ खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं। उक्‍त ट्रांसफार्मर सम्‍बद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा नहीं किये जाने के कारण नहीं बदले गए हैं। उक्‍तानुसार बकाया राशि जमा होने पर नियमानुसार ट्रांसफार्मर बदलकर विद्युत आपूर्ति प्रारंभ की जा सकेगी। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में      समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विद्युत विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी

65. ( क्र. 3782 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में विद्युतीकरण वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्‍वीकृत किसान अनुदान योजना अंतर्गत किये गये कार्यों की सूची पूर्ण अपूर्ण की जानकारी सहित उपलब्‍ध करायें? (ख) एस.ए.एम.सी. योजनान्‍तर्गत 2014-15 एवं 2015-16 में स्‍वीकृत कार्य एवं पूर्ण अपूर्ण की जानकारी देवें? (ग) मण्‍डला जिले क्षेत्रान्‍तर्गत 11 वीं एवं 12 वीं पंचवर्षीय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्‍वीकृत कार्य एवं पूर्ण अपूर्ण की जानकारी तथा कितने बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान किये गये, की संख्‍या उपलब्‍ध करायें? (घ) मण्‍डला जिले में 2014-15 एवं 2015-16 में लगाये गये अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर की सूची पूर्ण अपूर्ण सहित उपलब्‍ध करायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मंडला जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कृषकों को स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अन्‍तर्गत क्रमश: 28 एवं 66 पम्‍पों के कार्य स्‍वीकृत किये गये, जिसमें से प्रश्‍न दिनांक तक क्रमश: 28 एवं 13 कार्य पूर्ण किये गये तथा क्रमश: निरंक एवं 53 कार्य शेष हैं। उक्‍तानुसार स्‍वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की वर्षवार, कृषकवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में एस.ए.एम.सी. योजना अन्‍तर्गत 2014-15 एवं 2015-16 में स्‍वीकृत कार्य एवं पूर्ण, अपूर्ण कार्यों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वित्‍तीय वर्ष

स्‍वीकृत कार्यों की संख्‍या

पूर्ण कार्यों की संख्‍या

अपूर्ण कार्यों की संख्‍या

1.

2014-15

30

30

निरंक

2.

2015-16

34

30

04

(ग) मंडला जिले में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्‍वीकृत कार्य एवं पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी एवं प्रदाय किये गये बी.पी.एल.कनेक्‍शनों की संख्‍या का योजनावधिवार विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

कार्यों का विवरण

11वीं पंचवर्षीय योजना

12वीं पंचवर्षीय योजना

1.

योजना में शामिल (स्‍वीकृत) कार्य योग्‍य ग्रामों की संख्‍या

1141

1139

 

 (अ) सघन विद्युतीकरण हेतु ग्राम

1126

1136

 

 (ब) अविद्युतीकृत/डि-इलेक्ट्रिफाइड ग्रामों में विद्युतीकरण

15

03

2.

योजना में शामिल (स्‍वीकृत) कार्यों में से पूर्ण किये गये कार्यों की संख्‍या

1141

102

 

 (अ) सघन विद्युतीकरण हेतु ग्राम

1126

100

 

 (ब) अविद्युतीकृत/डि-इलेक्ट्रिफाइड ग्रामों में विद्युतीकरण

15

02

3.

योजना में शामिल (स्‍वीकृत) कार्यों में से अपूर्ण कार्यों की संख्‍या

00

अपूर्ण 1037 कार्यों में से 66 कार्य प्रगति पर हैं।

4.

नि:शुल्‍क एकबत्‍ती कनेक्‍शन जारी

25603

3278

(घ) मंडला जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में क्रमश: 41 एवं 19 अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना का कार्य किया जाना था, जिसमें से वर्ष 2014-15 में सभी 41 एवं वर्ष 2015-16 में अद्यतन स्थिति में 7 अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा वर्ष 2015-16 के शेष 12 अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना का कार्य अपूर्ण है। उक्‍त अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापना के कार्यों की वर्षवार, कार्य पूर्ण अपूर्ण होने की जानकारी सहित ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 

मण्‍डला जिले के पर्यटन स्‍थल

66. ( क्र. 3783 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में कितने पर्यटन स्‍थल है? स्‍थान का नाम बतायें? क्‍या इन्‍हें पर्यटन रूट से जोड़ा गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या मण्‍डला जिले में पर्यटन संबंधी टूरिज्‍म काउंसिल का गठन म.प्र. शासन के दिशा-निर्देशों के आधार पर वैधानिक प्रक्रिया का पालन कर किया गया है? (ख) क्‍या मण्‍डला जिले में संगम स्‍थल महाराजपुर में पर्यटन विभाग एवं म.प्र. शासन के अन्‍य विभागों द्वारा घाट निर्माण कर सौन्‍दर्यीकरण का काम किया गया है? यदि हाँ, तो संगम की दूसरी ओर ग्राम पुरवा में घाट निर्माण एवं सौन्‍दर्यीकरण का कार्य क्‍यों नहीं किया गया? (ग) वर्ष 2011-12 से प्रश्‍न दिनांक तक मण्‍डला जिले में पर्यटन विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि से कराये गये? (घ) उक्‍त कार्यों का मापन मूल्‍यांकन सत्‍यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित बतायें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्‍टोन क्रेसर के कार्यों से प्रतिबंध हटाना

67. ( क्र. 3829 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में जिला जबलपुर और कटनी के किन क्रेसरों को कब से किन कारणों से प्रतिबंधित किया गया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) से किन प्रकार की अधोसंरचना विकास में अवरोध उत्‍पन्‍न हुआ है और उसका दूरगामी प्रभाव किस प्रकार का होगा तथा शासन को किस प्रकार की क्षति होगी? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) प्रकरण किस स्‍तर पर लंबित है और कब तक निराकरण कराया जाकर क्रेसरों को प्रारंभ करा दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिलों में क्रेशर पर कोई प्रतिबंध विभाग द्वारा नहीं लगाया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

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अनुदान योजना अंतर्गत ट्रांसफार्मर के लंबित प्रकरण

68. ( क्र. 3907 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2014-15 से माह जनवरी, 2016 गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने किसानों ने शासन की अनुदान योजना के अंतर्गत सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शनों हेतु आवेदन प्रस्‍तुत कर राशि जमा कराई गयी है? क्‍या आवेदित समस्‍त किसानों के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतावें? कार्य नहीं हो पाने के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं एवं उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे? (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 से जनवरी, 2016 तक कितने नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत है, और कौन-कौन से नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन है, सूची देवें? (ग) भानपुरा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत फीडर सेपरेशन योजना में कितने 11 के.व्‍ही. फीडरों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने फीडरों का कार्य शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा समय-सीमा बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में माह जनवरी-2016 तक 317 कृषकों द्वारा, स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना में आवेदन कर राशि जमा कराई गई थी। जी नहीं, 317 आवेदनों में से 264 कृषकों के पम्‍प कनेक्‍शनों के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। शेष 53 आवेदनों में से 39 पम्‍पों के कार्य, योजना की निर्धारित समयावधि 150 दिवस से अधिक समय वाले एवं 14 पम्‍पों के कार्य निर्धारित समयावधि के अंदर के लंबित हैं। उक्‍त पम्‍पों के कार्यों में से 2 पम्‍पों के कार्य कृषकों के आपसी विवाद होने के कारण एवं शेष 51 पम्‍पों के कार्य खेतों में फसल खड़ी होने आदि विभिन्‍न कारणों से पहुँच मार्ग की अनुपलब्‍धता के कारण पूर्ण नहीं किये जा सके हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कोई भी अधिकारी जिम्‍मेदार नहीं है। उक्‍त शेष कार्य माह मार्च-2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में माह जनवरी-2016 तक कुल 9 नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत हुए हैं, जिनमें से 7 स्‍थाई उपकेन्‍द्र (साठखेड़ा, लोटखेड़ी बापच्‍या कुरावन, अंतरालिया, पोलाडुंगर एवं पिपल्‍याजप्‍ती) एवं 2 अस्‍थाई उपकेन्‍द्र को स्‍थायी में परिवर्तित करना शामिल (पावटी एवं बर्डियाइस्‍तमुरार) है। उक्‍त उपकेन्‍द्रों में से लोटखेड़ी उपकेन्‍द्र का कार्य दिनांक 02.01.2015, बापच्‍या उपकेन्‍द्र का कार्य दिनांक 02.08.2015 तथा अंतरालिया उपकेन्‍द्र का कार्य दिनांक 28.05.2015 को पूर्ण कर उक्‍त उपकेन्‍द्र ऊर्जीकृत कर दिये गये हैं। ग्राम साठखेड़ा, कुरावन, पावटी एवं बर्डियाइस्‍तमुरार में कार्य प्रगति पर है। पोलाडुंगर एवं पिपल्‍याजप्‍ती उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र का कोई भी प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। (ग) गरोठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 227 (भानपुरा विधानसभा क्षेत्र नहीं) के अन्‍तर्गत फीडर सेपरेशन योजना में 11 के.व्‍ही. के कुल 281 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रस्‍तावित था तथा उक्‍त समस्‍त 281 फीडरों के सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। 

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की कार्यवाही

69. ( क्र. 4002 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत संचालित विभिन्‍न योजनाओं में कितने वर्षों से कितने अधिकारी/कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं? इन संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के हितों में शासन की योजना हैं? (ख) क्‍या वर्ष 2013 में संविदा अधिकारी/कर्मचारी को नियमितीकरण व समान कार्य व समान वेतन के संबंध में नीति तैयार की गई थी? यदि हाँ, तो लागू क्‍यों नहीं की गई? कब तक लागू कर दी जायेगी? (ग) क्‍या संविदा कर्मचारी/अधिकारी 5 से 15 वर्षों के मध्‍य कार्य कर रहें हैं और उन्‍हें किसी भी प्रकार की सुविधायें उपलब्‍ध नहीं कराई जाती है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्‍ध कराये जातीं हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 2599 अधिकारी/कर्मचारी संविदा पर संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार दर्शाई गई अवधि से कार्यरत हैं। संविदा संवर्ग में नियुक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों को उनकी सेवा के शर्तें के तहत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। (ख) जी नहीं। (ग) किसी योजना/कार्यक्रम के लिए संविदा पर स्‍वीकृत पदों पर एक निश्चित अवधि के लिए संविदा नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की जाती है। संविदा सेवा में नियुक्‍त कर्मचारियों को उनके सेवा के शर्तें के तहत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

परिशिष्ट - ''पैंसठ''

राज्‍य संरक्षित स्‍थल पर अतिक्रमण

70. ( क्र. 4101 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम हुसैनपुर थाना सरायछौला की राज्‍य संरक्षित पुरातत्‍व महत्‍व के स्‍थल सराय पर लोगों द्वारा अतिक्रमण कर उसे खण्डित किया जा रहा है? प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? जनवरी 2016 की स्थिति में जानकारी दी जावें? (ख) क्‍या उक्त पुरातत्‍व महत्‍व से लगी हुई शासकीय भूमि पर लोगों द्वारा वर्षों से खेती की जा रही हैं? क्‍या शासन उक्‍त भूमि का सीमांकन कराकर अतिक्रमणकारियों से मुक्‍त करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?       (ग) शासन द्वारा उक्‍त पुरातत्‍व स्‍थल के जीर्णोद्धार के लिये अभी तक क्‍या प्रयास किये वर्ष 2010 से 2015 तक की जानकारी दी जावे? क्‍या शासन इसके संरक्षण हेतु राशि स्‍वीकृत कर स्‍थल की मरम्‍मत करायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम हुसैनपुरा में स्थित गढ़ी एवं महल राज्‍य पुरातत्‍व विभाग का संरक्षित स्‍मारक है. इसकी उचित सुरक्षा-व्‍यवस्‍था के लिए विभाग द्वारा निजी सुरक्षा एजेन्‍सी से दो सुरक्षा गार्ड तैनात कर उसकी देखभाल की जा रही है. (ख) म.प्र. राजपत्र दिनांक 9 मार्च, 1990 में अधिसूचना जारी कर इसको राज्‍य संरक्षित स्‍मारक घोषित किया गया है. अनुसूची में दर्शाये अनुसार इसकी राजस्‍व जानकारी में नं. 80 क्षेत्रफल 7/2,-1.536 खाई एवं किला तथा नं. 81 क्षेत्रफल 3112 व 0.752 आबादी है. अतिक्रमण की जाँच करा कर योग्‍य वैधानिक कार्यवाही की जावेगी. अतिक्रमण हटाने का कार्य न्‍यायिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. (ग) इस स्‍मारक का जीर्णोद्धार 13वें वित्‍त आयोग के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्‍त राशि रूपये 11,50,000/- से स्‍मारक का अनुरक्षण एवं विकास कार्य का प्रस्‍ताव तैयार कर निविदा कार्यवाही प्रचलन में है.

वाणिज्यिक कर रिटर्न भरने की नीति

71. ( क्र. 4108 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा व्‍यवसायियों के लिए हर तिमाही में रिटर्न भरने की अनिवार्यता तय की हुई है? (ख) विभाग व्‍यवसायियों की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए टैक्‍स रिटर्न भरने की व्‍यवस्‍था में क्‍या सरलीकरण करने का प्रयास करेगा? जिससे कि व्‍यवसायी दस्‍तावेजी औपचारिकताओं में समय नष्‍ट करने के बजाए अपना समय व्‍यवसाय को उन्‍नत करने में लगा सकें? (ग) प्रदेश में वाणिज्‍यक कर के ऐसे कितने बकायादार है जिनसे 10 लाख रूपए से अधिक रकम की कर वसूली बकाया है? विभाग द्वारा इन बकायादारों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्‍या प्रदेश में पिछले दो वर्षों में कुछ लोगों का बकाया टैक्‍स माफ किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे लोगों का नाम बतायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

वेट टैक्‍स की वसूली

72. ( क्र. 4142 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल ने वर्ष 2008 से 2015 तक महाराष्‍ट्र की कोयला खदानों से प्राप्‍त कितने कोयले के बदले कितने टैक्‍स की राशि किस वर्ष में जमा की? (ख) महाराष्‍ट्र की कोयला खदानों से प्राप्‍त कोयले के बदले मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम के द्वारा शासन को वेट कर की राशि का भुगतान न किए जाने पर विभाग ने निगम के विरूद्ध किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की है?     (ग) महाराष्‍ट्र की कोयला खदानों से प्राप्‍त कोयले पर किस दर से कितना टैक्‍स शासन को प्राप्‍त होना था उस टैक्‍स की वसूली के संबंध में विभाग क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मध्‍यप्रदेश वेट (संशोधन) अधिनियम 2002 की अनुसूची-2 के भाग 2 की प्रवष्टि 30 (2) के अनुसार कोल तथा कोक पर दिनांक 16/04/2011 से 5 प्रतिशत की दर से कर देय है तथा प्रवेशकर अधिनियम, 1976 की अनुसूची-2 के भाग-2 की प्रविष्टि 5 के अनुसार ''कोयला जिसमें सभी प्रकार के कोक सम्मिलित हैं परन्‍तु चारकोल को छोडकर'' 3 प्रतिशत की दर से प्रवेशकर देय है। महाराष्‍ट्र की कोयला खदानों से प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। 

खनिज खोज कार्य

73. ( क्र. 4143 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पदस्‍थ प्रभारी खनिज अधिकारी श्री एम.ए. खान के विरूद्ध कितनी शिकायतें किस-किस की गत तीन वर्षों में राज्‍य संचालनालय को किस दिनांक को प्राप्‍त हुई है? (ख) श्री एम.ए. खान की विभाग में पदस्‍थापना किस पद पर की गई उन्‍हें किस-किस दिनांक को खनिज अधिकारी रायसेन, बैतूल एवं सीहोर पदस्‍थ किया गया? (ग) क्‍या विभाग में खनिज खोज का कार्य बंद कर दिया गया हैं या खनिज खोज के कार्य के लिए पर्याप्‍त अमला मौजूद है? (घ) यदि खनिज खोज के लिए पर्याप्‍त अमला मौजूद नहीं हो तो श्री एम.ए. खान को खनिज खोज के कार्य में न लागए जाने का क्‍या कारण है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। (ख) श्री एम.ए. खान की पदस्‍थापना विभाग में सहायक भौमिकी विद् के पद पर है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। विभाग में उपलब्‍ध अमले के द्वारा खनिज की खोज का कार्य किया जाता है। (घ) विभागीय आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए प्रशासकीय दृष्टि से इनकी पदस्‍थापना प्रभारी खनि अधिकारी के रूप में विभिन्‍न जिलों में की गई है।

परिशिष्ट - ''छियासठ''

मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्‍पनी को प्रदाय कोयला

74. ( क्र. 4196 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश जनरेटिंग कम्‍पनी से कितने ताप विद्युत गृहों हेतु कितने सेन्‍ट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ माईनिंग फ्यूल रिसर्च एवं मिनिस्‍टी ऑफ साइन्‍स एवं टेक्‍नोंलाजी गवर्नमेन्‍ट ऑफ इंडिया को कोल लोडिंग स्‍थान पर कोयला क्‍वालिटी के निरीक्षण हेतु आदेश दिया? आदेश की राशि बतावें? साथ ही कितने किन लोडिंग स्‍थान पर उक्‍त कार्य को कराया जा रहा है एवं कितने किन कोयला लोड स्‍थान पर नहीं कराया जा रहा? जिन स्‍थानों पर क्‍वालिटी निरीक्षण उक्‍त फर्म द्वारा नहीं कराया जा रहा, उनकों न कराने का कारण बतावें? पावर जनरेटिंग कम्‍पनी के किस ताप विद्युत गृह में कार्य पूर्ण रूप से नहीं कराया गया? (ख) क्‍या कोल इंडिया द्वारा उक्‍त कम्‍पनी द्वारा लिये गये सेम्‍पल को मान्‍य किया जा रहा है यदि नहीं, तो क्‍यों? उक्‍त आदेश को क्रियान्‍वयन के बाद से मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्‍पनी को कोयला खर्च राशि में कितनी बचत हुई? क्‍या जो राशि उक्‍त आदेश पर खर्च की जा रही है उससे अधिक राशि की बचत हुई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सेन्‍ट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ माईनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सी.आई.एम.एफ.आर.), मिनिस्‍ट्री ऑफ साईंस एंड टेक्‍नोलोजी, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की बिलासपुर एवं नागपुर इकाईयों को म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (म.प्र.पा.ज.कं.लि.) के चारों ताप विद्युत गृहों के लिये कोल लोडिंग स्‍थानों पर कोयला क्‍वालिटी के निरीक्षण/परीक्षण हेतु आदेश प्रसारित किये गये हैं। ताप विद्युत गृह का नाम तथा आदेशित राशि निम्‍नानुसार है - 1 सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माईनिंग एंड फ्यूल रिसर्च, बिलासपुर इकाई को जारी आदेश-संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर को प्रदाय किये जाने वाले कोयले के रैकों के विरूद्ध 10 रैक हेतु। आदेश की राशि रूपये 15,37,310 /-, संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर को प्रदाय किये जाने वाले कोयले के रैकों के विरूद्ध 21 रैक हेतु। आदेश की राशि रूपये 28,03,157/-, संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर, अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खण्डवा को प्रदाय किये जाने वाले कोयले के रैकों के विरूद्ध 1421 रैक हेतु। आदेश की राशि रूपये 13,35,79,684/-, 2 सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माईनिंग एंड फ्यूल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नागपुर इकाई को जारी आदेश - सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी को प्रदाय किये जाने वाले कोयले के रैकों के विरूद्ध 10 रैक हेतु। आदेश की राशि रूपये 15,16,884 /-, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी को प्रदाय किये जाने वाले कोयले के रैकों के विरूद्ध 180 रैक हेतु। आदेश की राशि रूपये 1,38,02,127/- सी.आई.एम.एफ.आर. द्वारा उक्त कार्य म.प्र.पा.ज.कं.लि. के सभी ताप विद्युत गृहों को मेसर्स वेस्टन कोलफील्ड लिमिटेड द्वारा भेजे जाने वाले कोल रैकों के लिए उनके सभी लदान स्थलों पर एवं मेसर्स साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड द्वारा भेजे जा रहे कोल रैकों के लिये संगमा लदान स्थल को छोड़कर सभी लदान स्थलों पर किया जा रहा है। संगमा लदान स्थल पर यह कार्य मेसर्स साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के असहयोग के कारण वर्तमान में स्थगित कर कोल कंपनी के साथ विभाग द्वारा (डिपार्टमेंटल) संयुक्त रूप से किया जा रहा है। म.प्र.पा.ज.कं.लि.. के सभी ताप विद्युत गृहों में यह कार्य कराया जा रहा है। (ख) सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माईनिंग एंड फ्यूल रिसर्च की बिलासपुर एवं नागपुर इकाईयों द्वारा उपरोक्त आदेशों के तहत की गई सेम्पलिंग (निरीक्षण/परीक्षण) के आधार पर कोयला गुणवत्ता निष्कर्षों में अब तक प्राप्त ग्रेड स्लिपेज, को मान्य कर इनके विरूद्ध क्रेडिट नोट जारी किये जाने हेतु, मेसर्स साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड एवं मेसर्स वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड से अनुरोध किया गया है, जिस पर निर्णय लंबित है। मेसर्स साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड एवं मेसर्स वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की ओर से क्रेडिट नोट हेतु राशि की आंतरिक गणना क्रमश: रू.154,39,13,772/- एवं रू.14,35,26,052/- है। परीक्षण निष्कर्ष मान्य कर क्रेडिट नोट जारी करने हेतु कोल कंपनियों से लगातार पत्राचार किया जा रहा है जिसके स्‍वीकृत होने पर म.प्र.पा.ज.कं.लि.. को कोयला खर्च में बचत होगी कोयला गुणवत्ता परीक्षण कार्य जारी है। वर्तमान स्थिति में सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माईनिंग एंड फ्यूल रिसर्च की बिलासपुर एवं नागपुर इकाईयों को दिये गये आदेशों की कुल राशि रू.15,32,39,162/- के विरूद्ध कोल कंपनियों से आंतरिक गणना अनुरूप रू.168,74,39,824/- की राशि का क्रेडिट नोट जारी करने हेतु अनुरोध किया गया है। अत: मान्य होने पर आदेशों पर खर्च राशि से अधिक बचत होगी।

आंगनबाड़ी भवन निर्माण

75. ( क्र. 4216 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नगर पंचायत हनुमना अन्‍तर्गत वार्ड क्रमांक-2 में निर्मित आंगनवाड़ी भवन निर्माण का M.B. में दर्ज निर्माण कार्य का स्‍ट्रक्‍चर के हिसाब से M.B. में इन्‍द्राज नहीं किया गया है यदि हाँ, तो क्‍यों कारण बतावें? (ख) क्‍या गलत इन्‍द्राज किये जाने के जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर वास्‍तविक सत्‍यापन कराकर कार्य का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रीवा जिले के नगर परिषद् हनुमना अंतर्गत वार्ड क्रमांक-2 में निर्मित आगनवाड़ी भवन का निर्माण संविदाकार द्वारा किये गये कार्यों का वास्‍तविक मूल्‍यांकन एम.बी. में दर्ज किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुमति के विरूद्ध अवैध निर्माण

76. ( क्र. 4305 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम भोपाल को रहवासी शानेफिजा, एपार्टमेंट फेस-1, कॉटेज क्र.5, प्‍लाट नं. 65/01 वार्ड न.7 अहमदाबाद पैलेस रोड कोहेफिजा भोपाल की बिलर्डस के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गइ? (ख) क्‍या भवन निर्माणकर्ता तथा विक्रयकर्ता ने स्‍वीकृत प्‍लान के विरूद्ध अवैध निर्माण तथा अतिक्रमण किया है? यदि हाँ, तो क्‍या अवैध निर्माण नष्‍ट कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) क्‍या उक्‍त बिल्डिंग का निर्माण तथा वर्तमान स्‍वरूप उसको भवन निर्माण हेतु दी गई अनुमति क्रमांक 1446 दिनांक 02/03/2005 के अनुमोदित किये गये प्‍लान के अनुसार है? यदि हाँ, तो कम्‍पलीशन ड्राइंग की सर्टीफाइड प्रति बतायें (वर्तमान स्थिति की ) यदि नहीं, तो नेशनल बिल्डिंग कोड तथा दी गई अनुमति के विरूद्ध किये गये निर्माण कार्य नष्‍ट किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शिकायत के संदर्भ में नगर निगम भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 218 दिनांक 05.01.2016 को भवन निर्माता को पत्र जारी कर शिकायत में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं पर बिन्‍दुवार जानकारी तथ्‍यों सहित कार्यालय में प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देश दिये गये थे एवं नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 307 (2) के तहत सूचना पत्र क्रमांक 34/65 दिनांक 08.01.16 जारी किया गया था। पत्र क्रमांक 218 के उत्‍तर के साथ भवन निर्माता द्वारा शिकायतकर्ता का शपथ-पत्र भी प्रस्‍तुत किया है जिसमें लेख है कि उन्‍हें उक्‍त भवन के संबंध में कोई शिकायत नहीं है। सूचना पत्र क्रमांक 34/65 की कार्यालय प्रति पर भवन निर्माता द्वारा लिख कर दिया है कि जो दीवार उनके द्वारा बंद की है वे उसे खोल देंगे, अगर नहीं खोलते है तो जो भी कार्यवाही नगर निगम करेगा वह उन्‍हें मान्‍य होगी। स्‍थल पर एडीशन/अल्‍ट्रेशन का जो कार्य किया जा रहा था उसे बंद करा दिया गया था। (ख) जी हाँ। वर्तमान में भवन निर्माता द्वारा एडीशन/अल्‍ट्रेशन के कार्य के लिये नगर निगम भोपाल द्वारा नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 307 (2) का सूचना पत्र क्रमांक 34/65 दिनांक 08.01.16 जारी किया गया था। जिसके पालन में भवन निर्माता द्वारा कवर किये गये ओपन डक्‍ट तोड़कर मूल स्‍वरूप में ले आये है तथा आवागमन रास्‍ते पर आउटर दीवार बनाने के लिये सामग्री स्‍थल पर एकत्रित कर ली गई तथा अतिरिक्‍त बनाई गई दीवार को भी तोड़ लिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। भवन निर्माता द्वारा वर्तमान में उक्‍त पूर्व से निर्मित भवन में एडिशन/अल्‍ट्रेशन किये जाने पर शानेफिजा रहवासियों द्वारा शिकायत की गई थी जिसके विरूद्ध नगर निगम भोपाल द्वारा प्रश्‍न '''' एवं '''' में उल्‍लेखित कार्यवाही की गई जिसके विरूद्ध भवन निर्माता द्वारा प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित एडिशनल/अल्‍ट्रेशन कार्य हटाये जाकर मूल स्‍वरूप में कर लिये गये है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। स्‍वीकृत मानचित्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

श्रीनाथ कॉलोनी के संबंध के न्‍यायालयीन कार्यवाही

77. ( क्र. 4309 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन में श्रीनाथ कॉलोनी का विवाद उच्‍च न्‍यायालय में कब से चल रहा है? (ख) न्‍यायालय में जब से विवाद चल रहा है, जब से आज तक न्‍यायालयीन कार्यवाही करने पर कितनी राशि का व्‍यय नगर पालिका द्वारा किया गया है? (ग) भूमि मालिक को नगर पालिका खरगोन द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया गया, तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है? (घ) राशि का भुगतान किस दर से किया गया है, तथा शेष भुगतान कब तक किया जायेगा? क्‍या भुगतान पर न्‍यायालय द्वारा रोक लगाई गई है? अगर न्‍यायालय द्वारा रोक नहीं लगाई गई तो भुगतान नहीं होने का क्‍या कारण है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 1998 से। (ख) राशि रू. 6.19 लाख। (ग) श्री नाथ गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, खरगोन एवं तत्‍कालीन नगर सुधार न्‍यास, अध्‍यक्ष एवं कलेक्‍टर, जिला खरगोन के मध्‍य अनुबंध संपादित के समय राशि    रू. 2.00 लाख का भुगतान किया गया है तथा भूमि के मूल्‍य की शेष राशि रू. 8.00 लाख का भुगतान कार्यालयीन चेक क्रं./254606 दिनांक 29.06.2015 भारतीय स्‍टेट बैंक खरगोन द्वारा भेजा गया था जो उनके द्वारा लेने से इंकार कर दिया गया है।    (घ) तत्‍कालीन नगर सुधार न्‍यास, अध्‍यक्ष एवं कलेक्‍टर, जिला खरगोन के मध्‍य दिनांक 19.12.1993 को हुए अनुबंध अनुसार तत्‍कालीन बाजार मूल्‍य रूपये 2,21,084/- प्रति एकड़ की दर से तक किया गया है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ, इन्‍दौर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 13.02.2015 के पालन में रूपये 8.00 लाख का भुगतान चेक क्रं./254606 दिनांक 29.06.2015 भारतीय स्‍टेट बैंक खरगोन द्वारा संबंधित संस्‍था को भेजा गया था। न्‍यायालय द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई है। उपरोक्‍तानुसार संस्‍था को नगर पालिका द्वारा भुगतान किया गया है, परन्‍तु संस्‍था भुगतान लेने से इंकार कर दिया है।

भगवान श्रीराम के वन गमन पथ को विकसित करना

78. ( क्र. 4314 ) श्री जयभान सिंह पवैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. सरकार की भगवान श्रीराम के वन गमन पथ को पर्यटकीय दृष्टि से विकसित करने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो विवरण क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तिघरा का पेयजल प्रदाय

79. ( क्र. 4315 ) श्री जयभान सिंह पवैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र में तिघरा का पेयजल कितने प्रतिशत आबादी को प्रदाय किया जा रहा है? (ख) क्‍या वांछित क्षेत्र को तिघरा का जल प्रदाय करने पेयजल टंकियां बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो किन क्षेत्रों में कितनी टंकी व पेयजल लाईन कब तक तैयार की जायेंगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्‍वालियर विधानसभा क्षेत्र में तिघरा जलाशय से लगभग 71 प्रतिशत आबादी को पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अमृत योजना के अंतर्गत उपरोक्‍त कार्य प्रस्‍तावित है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सड़सठ''

संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण

80. ( क्र. 4340 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश में कार्यरत संविदा अधिकारी/ कर्मचारियों के नियमितीकरण किए जाने हेतु कोई समिति गठित की गयी है यदि हाँ, तो उक्‍त समिति की बैठकें कब-कब आयोजित की गयी व उनमें क्‍या-क्‍या निर्णय लिये गये? (ख) म.प्र. के समस्‍त विभागों में कार्यरत संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के नियमितीकरण किए जाने हेतु राज्‍य शासन द्वारा कोई नीति बनाई जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍या शासन ऐसी कोई नीति बनाये जाने पर विचार कर रहा है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। संविदा नियुक्ति किसी योजना/कार्यक्रम के लिए संविदा पर स्‍वीकृत पदों पर एक निश्‍चित अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

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बी.आर.जी.एफ. योजना का क्रियान्‍वयन

81. ( क्र. 4343 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में बी.आर.जी.एफ. योजना के अंतर्गत क्या शासकीय पी.जी. कॉलेज शिवपुरी में परीक्षा भवन एवं 04 ट्यूबवेल खनन हेतु 44 लाख रूपये की धनराशि स्‍वीकृत की गयी थी, जिसकी निर्माण एजेंसी नगर पालिका शिवपुरी को बनाया गया था? यदि हाँ, तो यह राशि निर्माण एजेंसी को कब उपलब्‍ध कराई गयी वर्तमान में क्‍या उक्‍त राशि से निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त मद की राशि का कार्य परिवर्तन निर्माण एजेंसी नगर पालिका शिवपुरी द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? स्‍पष्‍ट करें?      (ग) नगर पालिका शिवपुरी को तात्‍याटोपे शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय शिवपुरी की बाउण्‍ड्रीवाल निर्माण हेतु बी.आर.जी.एफ. योजना से कितनी राशि प्रदाय की गयी थी वर्तमान में उक्‍त राशि का क्‍या उपयोग किया गया बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.01.2015। 04 नग नलकूप खनन एवं 01 नलकूप में मोटर पम्‍प की स्‍थापना का कार्य कराया जा चुका है। परीक्षा भवन निर्माण कार्य कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राशि रू. 37.92 लाख। जिला योजना समिति द्वारा तात्‍याटोपे शारीरिक शिक्षा महाविधालय शिवपुरी की बाउण्‍ड्रीवाल निर्माण कार्य निरस्‍त कर दिये जाने से राशि का उपयोग नहीं किया गया है।

अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा

82. ( क्र. 4349 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अग्रवाल वेतन आयोग का गठन कब किया गया तथा इस आयोग द्वारा विभिन्‍न वर्ग के कर्मचारियों के वेतनमान हेतु क्‍या-क्‍या अनुशंसाएं की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित वेतन आयोग द्वारा कार्यभारित कर्मचारियों की क्रमोन्‍नति/अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में क्‍या-क्‍या अनुशंसाएं की गई हैं? (ग) क्‍या कार्यभारित स्‍थापना के कर्मचारियों को शासकीय सेवा अवधि 25 से 35 वर्ष पूर्ण करने के पश्‍चात भी तथा अनुकंपा नियुक्ति के लाभ वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो शासन कब तक उक्‍त विसंगतियों को दूर करते हुए अन्‍य कर्मचारियों की तरह कार्यभारित कर्मचारियों को क्रमोन्‍नति/अनुकंपा नियुक्ति का लाभ प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 23 फरवरी, 2008 द्वारा गठन किया गया था। आयोग की अनुशंसा में वेतनमानों में विसंगति, भत्‍तों, पेंशन पुनरीक्षण आदि अनुशंसाएं हैं। (ख) आयोग की अनुशंसाओं में कार्यभारित कर्मचारियों की क्रमोन्‍नति/अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में पृथक से कोई अनुशंसा नहीं की गई है।      (ग) कार्यभारित सेवा में नियुक्‍त कर्मचारियों को सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के स्‍थान पर राशि रू. 2.00 लाख (रूपये दो लाख मात्र) का प्रावधान है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। 

नगर परिषद् में आर्थिक अनियमितता

83. ( क्र. 4350 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद् पाटन जिला जबलपुर द्वारा वित्‍त वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदारी द्वारा निकाय में चल रहे निर्माण कार्यों में निकाय के पानी टेंकरों से    जल-आपूर्ति की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में यदि हाँ, तो प्रश्‍नांकित समय में ठेकेदारों द्वारा किस दर से प्रति ट्रैक्‍टर टेंकर पानी निकाय से क्रय किया गया?        (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित ठेकेदारों द्वारा पानी का पैसा नगर परिषद् पाटन में जमा न करने का दोषी कौन है? क्‍या शासन इसकी जाँच कराकर नगर परिषद् पाटन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) नगर परिषद् पाटन द्वारा ठेकेदारों से टैंकर का किराया राशि जमा कराई गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''अड़सठ''

विद्युतीकरण कार्य

84. ( क्र. 4394 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के मजरे टोलो में विद्युतीकरण का कार्य बजाज कंपनी को दिया गया है वर्ष 2015-16 में उक्‍त कार्य हेतु कितने मजरे टोलों को सम्मिलित किया गया है? (ख) उक्‍त कार्य जनवरी 2016 त‍क कितने मजरे टोलों में पूर्ण किया गया है कार्य समाप्ति की अवधि क्‍या है? कितने मजरे टोलों का कार्य शेष हैं? (ग) क्‍या बजाज कंपनी की कार्य की गति धीमी होने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है? जिससे जनप्रतिनिधियों को अनेक शिकायतें प्राप्‍त हो रही है? विद्युतीकरण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, सुमावली विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण मुरैना जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेंसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स मुम्‍बई को अवार्ड जारी किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्‍त ठेकेदार एजेंसी को सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 636 मजरों/टोलों सहित योजना का कार्य दिनांक 30.10.2016 तक पूर्ण करना है। (ख) ठेकेदार एजेंसी द्वारा जनवरी 2016 तक सुमावली विधानसभा क्षेत्र के 50 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है, जिस पर हुए अनुमानित व्‍यय की राशि रूपये 3.75 करोड़ है। मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स मुंबई को जारी अवार्ड की शर्तों के अनुसार दिनांक 30.10.2016 तक उक्‍त कार्य पूर्ण करने हेतु समय निर्धारित है। प्रश्‍नाधीन सुमावली विधानसभा क्षेत्र के प्रस्‍तावित 636 मजरों/टोलों में से 586 मजरों/टोलों का कार्य शेष है। (ग) ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्‍स मुंबई द्वारा अवार्ड की शर्तों के अनुसार निर्धारित समयावधि के लक्ष्‍य से कम कार्य किया गया है, जिसके लिए अवार्ड में दिए गऐ प्रावधान अनुसार पेनाल्‍टी राशि काटी जा रही है तथा अद्यतन स्थिति में रू. 48.43 लाख की राशि पेनाल्‍टी स्‍वरूप काटी जा चुकी है। जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्य शीघ्र कराने हेतु अनुरोध किया जा रहा है। ठेकेदार एजेंन्‍सी को उक्‍त कार्य को पूर्ण कराने हेतु दिनांक 30.10.2016 तक समय नियत है। 

अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति

85. ( क्र. 4415 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साडा/टी.आई.टी के अधिकारियों/कर्मचारियों की नगर निगमों में आयुक्‍त के पद पर नियुक्ति किस चयन प्रक्रिया/भर्ती परीक्षा के तहत हुई है? य‍ह नियुक्ति नियमित है या तदर्थ? यदि नियमित है किन नियमों के तहत? यदि तदर्थ है तो क्‍या इन्‍हें पात्रता है? यदि पात्रता नहीं है तो क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ख) साड़ा/टी.आई.टी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की चयन परीक्षा का विवरण दें यदि कोई चयन नहीं हुआ है तो क्‍या यह अवैध नियुक्ति की श्रेणी में आता है यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) यदि यह नियुक्ति अवैध नियुक्ति की श्रेणी में आती है तो कृपया बतायें कि अवैध रूप से नियुक्‍त अधिकारी की पदस्‍थापना नगर निगम आयुक्‍त जैसे महत्‍वपूर्ण पदों पर किस आधार पर की गई है तथा यदि नियुक्ति वैध है तो किन नियमों के तहत?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) साडा/टी.आई.टी. के अधिकारियों/ कर्मचारियों की नगर निगमों में आयुक्‍त के पद पर नियुक्ति नहीं हुई है, अपितु नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 54 (1) के प्रावधान अनुसार कुछ नगर निगमों में पदस्‍थापना की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।         (ख) साडा/टी.आई.टी. के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का चयन यथास्थिति म.प्र. विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकारी, अध्‍यक्ष तथा अधिकारी और सेवक भर्ती तथा सेवा शर्तें नियम, 1976 एवं म.प्र. विकास प्राधिकरण सेवा (अधिकारी तथा सेवक) भर्ती नियम, 1988 आदि के प्रावधान अनुसार किया गया। किसी नियुक्ति विशेष का उल्‍लेख न होने से नियुक्तियों को अवैध नहीं माना जा सकता है, इस क्रम में किसी कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश एवं के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जन्‍म-मृत्‍यु प्रमाण पत्र का रजिस्‍ट्रेशन

86. ( क्र. 4435 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र में जन्‍म-मृत्‍यु रजिस्‍ट्रीकरण का दायित्‍व किस-किस को सौंपा गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार 01.04.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने जन्‍म प्रमाण-पत्र एवं मृत्‍यु प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं, कितने जारी करना शेष हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार सागर जिले में उक्‍त कार्यों की संयुक्‍त संचालक योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा      कब-कब जाँच की गयी है? पिछली समीक्षा बैठक का कार्यवाही विवरण उपलब्‍ध करावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र में जन्‍म-मृत्‍यु रजिस्‍ट्रीकरण का दायित्‍व शासन द्वारा ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर पंचायत एवं शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों को सौंपा गया है। (ख) 1. जन्‍म प्रमाण-पत्र 15867 जारी किये गये एवं 70 जन्‍म प्रमाण-पत्र शेष है। 2. मृत्‍यु प्रमाण-पत्र 3110 जारी किये गये है। (ग) 1. ग्राम पंचायत उमरिया, सेमरा के ग्राम लालबाग दिनांक     11-10-2015. 2. ग्राम पंचायत मानकी सलैया की दिनांक 11-10-2015. पिछली बैठक का कार्यवाही विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनहत्तर''

मृत कर्मिकों को मुआवजा

87. ( क्र. 4440 ) श्री नाना भाऊ मोहोड़ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सौंसर तहसील के ग्राम अंबाखापा वितरण केन्‍द्र पन्‍द्रहखेड़ी में विद्युत लाईन के कार्य करने के दौरान विद्युत ठेकेदार के श्रमिक श्री रामकृष्‍ण गौरे निवासी पन्‍द्रहखेड़ी की मृत्‍यु दिनांक 03.02.2016 को हो गई? (ख) उक्‍त विद्युत लाईन के कार्य में अभी तक कुल कितने श्रमिक जख्‍मी हुये है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में श्री रामकृष्‍ण गौरे के परिवार को अभी तक किस माध्‍यम से क्‍या-क्‍या सहायता प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त कार्य के दौरान अन्‍य कोई श्रमिक जख्‍मी नहीं हुआ। (ग) मृत श्रमिक श्री रामकृष्‍ण गौरे के परिवार को अभी किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की गई है। आदेश की शर्तों के अनुसार मृत श्रमिक के परिवार को हर्जाना नियुक्तिकर्ता ठेकेदार द्वारा प्रदान किया जाना है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नियमानुसार पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट सहित दुर्घटना एवं विभिन्‍न दस्‍तावेजों आदि की जाँच उपरांत पात्र पाए जाने पर, मृत श्रमिक के परिवार/निकटतम वारिस को आर्थिक सहायता अनुदान प्रदान किया जा सकेगा।

तालाबों का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार

88. ( क्र. 4468 ) श्री चन्‍दरसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के गरोठ विधान सभा क्षेत्र में जनवरी 2016 तक कितने एवं कौन-कौन से तालाब विद्यमान तथा कितने तालाब विगत दो वर्षों में क्षतिग्रस्‍त होकर जल भरण योग्‍य नहीं है? तालाबवार उनकी स्थिति का ब्‍यौरा दें?     (ख) उपरोक्‍त तालाबों में से कितने तालाबों में से वर्ष 2014 एवं 2015 में वर्षाकाल के बाद जलभराव दरारों व क्षति के कारण टिक नहीं सका? क्‍या विभाग द्वारा ऐसे तालाबों के पूर्ण निर्माण अथवा मरम्‍मत के लिए उक्‍त अवधि में कोई राशि स्‍वीकृत कर कार्य किए हैं यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें एवं नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) विभाग द्वारा गरोठ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016 के लिए कितने तालाब प्रस्‍तावित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) गरोठ विधान सभा क्षेत्र में निर्मित सभी जलाशयों में जल संग्रहण हुआ है। जलाशयों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्ष 2014-15 में लेदी तालाब एवं सम्‍मतखेड़ी तालाब क्षतिग्रस्‍त हुए थे, उनकी मरम्‍मत के लिए क्रमश: रू.4.23 लाख तथा रू.5.45 लाख स्‍वीकृत कर मरम्‍मत करा दी गई है। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्तर''

नेपा लिमिटेड द्वारा ताप्‍ती नदी के जल का उपयोग

89. ( क्र. 4486 ) श्री राजेन्द्र श्‍यामलाल दादू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपा लिमिटेड नेपानगर द्वारा औद्योगिक एवं शहर में प्रदाय हेतु ताप्‍ती नदी से प्रतिदिन औसतन कितना पानी कब से लिया जा रहा है? (ख) क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त पानी के बदले नेपा लिमिटेड से कोई शुल्‍क/कर आदि लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? वृहद नदियों से उद्योगों को जल दिये जाने हेतु क्‍या नियम है? (ग) विगत 5 वर्षों में नेपा लिमिटेड द्वारा कितना भुगतान किया गया है? कृपया वर्षवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो कितनी राशि कब से बकाया है? उक्‍त शेष राशि वसूली हेतु क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जल के आवंटन तथा जल-कर के उपयोग के संबंध में मध्‍यप्रदेश सिंचाई नियम-1974 लागू है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जल-कर का आरोपण जल कर नियम-1974 की तिथि से जल-कर आरोपण किया जाना है। जल कर आरोपित करने और वसूली करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, बुरहानपुर को दे दिए गए हैं।

रेत खदानों की नीलामी

90. ( क्र. 4571 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में रेत उत्‍खनन की कितनी खदानें नीलाम की जाती हैं? पिछले 3 वर्ष में कितनी खदानें किन-किन कंपनियों को आवंटित की गई हैं? खदानवार, कंपनी और नीलामी राशि का ब्‍यौरा देवें? (ख) क्‍या एन.जी.टी. ने रेत खदानों से रेत उत्‍खनन पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो कारणों का विस्‍तृत ब्‍यौरा देवें? (ग) क्‍या एन.जी.टी. द्वारा रोक लगाने के बाद भी रेत का परिवहन हो रहा है, तो पिछले 1 वर्ष में कितने प्रकरण बनाए गए? (घ) सीहोर जिले में पिछले 1 वर्ष के दौरान कितने अवैध रेत परिवहन के प्रकरण बने और कितनी राशि का जुर्माना किया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) भोपाल संभाग में पिछले 3 वर्षों में रेत उत्‍खनन हेतु नीलाम की गई खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।    (ख) प्रश्‍नांश में याचिका क्रमांक, याचिकाकर्ता का नाम, आदेश दिनांक का उल्‍लेख नहीं होने से प्रश्‍नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। पिछले एक वर्ष में भोपाल संभाग में अवैध रेत परिवहन के 1158 प्रकरण बनाये गये है। (घ) सीहोर जिले में पिछले 1 वर्ष के दौरान 660 अवैध रेत परिवहन के प्रकरण बनाये गये है और रू. 32005161/- की राशि का जुर्माना कर वसूल किया गया है।

वाणिज्‍य कर के संदर्भ में

91. ( क्र. 4572 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार आबकारी नीति में कोई परिवर्तन करने जा रही है? यदि हाँ, तो नए नियमों का ब्‍यौरा व उससे होने वाले लाभ का ब्‍यौरा दें? (ख) क्‍या वर्तमान में देशी शराब दुकानों पर विदेशी शराब भी बेची जा रही है? यदि हाँ, तो इससे सरकार के राजस्‍व में कितनी वृद्धि दर्ज हुई? (ग) प्रदेश में कितने शराब करखानें स्‍थापित हैं? कारखानों में प्रतिमाह कितनी शराब का उत्‍पादन किया जा रहा है? क्‍या उत्‍पादित शराब अन्‍य राज्‍यों में भी सप्‍लाई की जा रही है? यदि हाँ, तो किन राज्‍यों में कितनी सप्‍लाई हो रही हे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 

घरेलु विद्युत उपभोक्‍ताओं के घरेलु मीटर बंद

92. ( क्र. 4618 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी संचारण/संधारण संभाग वारासिवनी के अन्‍तर्गत कटंगी विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने विद्युत उपभोक्‍ताओं के घरों में लगे विद्युत मीटर खराब एवं बंद पड़े हैं? (ख) विभाग द्वारा कब तक बन्‍द या खराब घरेलु विद्युत मीटरों को बदलकर नये विद्युत मीटर लगा दिये जाएंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वारासिवनी संचारण/संधारण संभाग, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी क्षेत्रान्‍तर्गत कटंगी विधानसभा क्षेत्र में कुल घरेलु उपभोक्‍ताओं की संख्‍या 30775 है, जिनमें से दिनांक 15.2.16 की स्थिति में 6287 उपभोक्‍ताओं के परिसरों में लगे विद्युत मीटर खराब/बन्‍द हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन ग्रामीण क्षेत्र हेतु दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अन्‍तर्गत खराब/जले विद्युत मीटरों को बदलने का प्रावधान है। योजना की स्‍वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्राप्‍त हो चुकी है तथा योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा दस्‍तावेजों की स्‍वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है, अत: वर्तमान में प्रश्‍नाधीन ग्रामीण क्षेत्र के जले/खराब मीटरों को बदलने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नाधीन शहरी क्षेत्र में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा विद्युत मीटरों की व्‍यवस्‍था कर बन्‍द/खराब विद्युत मीटरों को बदलने की कार्यवाही की जा रही है, जिसमें 6 माह का समय लगना अनुमानित है। 

 

ओव्‍हर लोड ट्रान्‍सफार्मर का सर्वे

93. ( क्र. 4624 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में ओव्‍हर लोड होने वाले ट्रांसफार्मर कितने हैं? इस हेतु सर्वे किस दिनांक को किया गया है? (ख) सर्वे दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्‍त क्षमता वृद्धि के कार्य को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में 77 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर हैं। इस हेतु दिनांक 17.09.2015 को सर्वे पूर्ण किया गया था। (ख) सर्वे दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों वाली लोकेशन पर 41 अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने एवं 36 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि किये जाने के कार्यादेश एस.टी.सी. संभाग नीमच को जारी कर दिये गये हैं। उक्‍त में से अद्यतन स्थिति में 1 अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने एवं 22 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (ग) उक्‍त शेष क्षमता वृद्धि/अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य माह जून-2016 तक पूर्ण किये जाने अनुमानित है। 

जनसुविधा केंद्र का अनुबंध मापदण्‍ड

94. ( क्र. 4639 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में तहसील भिण्‍ड नगरपालिका भिण्‍ड व अकोडा में समाधान एक दिन में जन सुविधा केंद्र की स्‍थापना कब किस उद्देश्‍य को लेकर क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित करके की गई? किस एजेंसी द्वारा संचालित की जा रही है? किस अवधि के लिये अनुबंध किया गया? अनुबंध में वृद्धि के लिये क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत क्‍या सुविधायें प्रदान की जाती है? शुल्‍क के रूप में विगत 5 वर्षों में विभाग को कितनी राशि प्राप्‍त की गई? प्राप्‍त राशि किस कार्य में किसकी अनुशंसा पर व्‍यय की गई? राशि व्‍यय करते समय सक्षम अधिकारी की अनुमति ली गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) में अनुबंध वृद्धि के लिये निर्धारित मापदण्‍डों का पालन नहीं किया गया? पुर्नअनुबंध पूर्ववत् ही किया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों? इसके लिये क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्‍या जिला मुख्‍यालय में जनसुविधा केंद्र 22.04.2006 से स्‍थापित किया गया? प्रश्‍नांश दिनांक तक किए कार्य एजेंसी द्वारा कब तक कार्य किया? क्‍या अप्रैल, 2016 से नवीन कार्य एजेंसी स्‍थापित करने के लिये क्‍या प्रक्रिया अपनाई जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिका भिण्‍ड तथा नगर परिषद् अकोड़ा में जनसुविधा केन्‍द्र की स्‍थापना नहीं की गई। भिण्‍ड जिले की तहसील भिण्‍ड में जन सुविधा केन्‍द्र की स्‍थापना दिनांक 05.04.2010 को आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्‍य से की गई थी। ''हमारा दफ्तर हमारा घर'' योजना अन्‍तर्गत दिनांक 01 अक्‍टूबर, 2010 से 30 सितम्‍बर, 2011 तक संचालित की गई। मापदण्‍ड अनुबंध में शर्तों के अनुरूप निर्धारित किये गये थे। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जन समाधान एक दिवस जिला प्रबंधक, आई.सेक्‍ट नागरिक सेवा केन्‍द्र भिण्‍ड द्वारा संचालित किया गया था। अनुबंध में वृद्धि के संबंध में पृथक से कोई मापदण्‍ड निर्धारित नहीं किये गये थे। (ख) इस योजना के अन्‍तर्गत आम नागरिकों को एक दिवस में आय, मूल निवासी, जाति, चरित्र प्रमाण पत्र, खसरा बी-1 प्रदत्‍त किये जाने की सुविधा प्रदाय की गई, विगत 05 वर्षों में कुल रू. 775702/- की आय प्राप्‍त हुई थी, जिसका व्‍यय प्रथम पक्ष को रू. 5/- प्रति आवेदन के मान से संबंधित एजेंसी को प्रदाय किया गया तथा सक्षम अधिकारी की अनुमति से समय-समय पर आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु व्‍यय की गई। (ग) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में अनुबंध वृद्धि नहीं की गई बल्कि अनुबंध पूर्ववत् ना किया जाकर निविदा आमंत्रित कर विधि अनुरूप किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। तहसील मुख्‍यालय में दिनांक 05.04.2010 से कार्य प्रारंभ किया गया था। लोकसेवा केन्‍द्र स्‍थापित होने से उक्‍त सुविधा समाप्‍त कर दी गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकहत्तर''

नहर का मरम्‍मत कार्य

95. ( क्र. 4642 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय क्रमांक 3441257/11/ एम.पी.एस/31/180 भोपाल दिनांक 25.01.2016 चंबल नहर प्रणाली के अं‍र्तगत भिण्‍ड जिले की भिण्‍ड मुख्‍य नहर की 03-एस. वितरण नहर में विशेष मरम्‍मत कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई? क्‍या स्‍टीमेट तैयार किया गया? (ख) वित्‍तीय व्‍यय समिति की छठवीं बैठक दिनांक 13.01.2016 प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्य स्‍वीकृत किया गया है यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? किस एजेंसी को निर्माण कार्य दिया गया? निविदा कब आमंत्रित की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा? कार्य के कितनी दूरी होगी? कितना क्षेत्र प्रभावित होगा? (घ) भिण्‍ड जिले में जल संसाधन द्वारा नहरों का सी.सी करण कार्य घटिया गुणवत्‍ताहीन कार्य किया गया? किस स्‍थान पर नहर टूट-फूट रही है? क्‍या इसी प्रकार यह भी कार्य होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन नहर की विशेष मरम्‍मत के लिए दिनांक 25.01.2016 को राशि रू. 1026.10 की प्रशासकीय स्‍वीकृति दी गई है। प्रश्‍नाधीन मरम्‍मत कार्य नगरीय निकाय द्वारा गन्‍दे पानी की निकासी के लिए नालियां बनाने पर निर्भर है। नगरीय निकाय द्वारा नालियां बनाने की स्‍वीकृति जारी नहीं की गई है। अत: निविदा आमंत्रण और कार्य प्रारम्‍भ अथवा पूर्ण करने के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

संपत्तिकर वसूली का लक्ष्‍य

96. ( क्र. 4685 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 से संपत्तिकर वसूली का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त वर्षों में वसूली का लक्ष्‍य कितना निर्धारित किया गया था तथा निर्धारित लक्ष्‍य के विरूद्ध कितनी वसूली की गई?      (ख) क्‍या वसूली हेतु जोनवार पूर्ण संपत्तिकर खातों की डिमाण्‍ड कायम हो गई है, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नवीन परिसीमन अनुसार संपत्तिकर खातों की डिमाण्‍ड जोनवार/वार्डवार कायम की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा यह कब तक तैयार की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, संपत्तिकर वसूली हेतु लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था, लक्ष्‍य एवं वसूली का विवरण निम्‍नानुसार है:- 

मद का नाम

वर्ष 2013-14 में संपत्तिकर वसूली हेतु निर्धारित लक्ष्‍य

वर्ष 2013-14 में निर्धारित लक्ष्‍य के विरूद्ध की गई वसूली

वर्ष 2014-15 में संपत्तिकर वसूली हेतु निर्धारित लक्ष्‍य

वर्ष 2014-15 में निर्धारित लक्ष्‍य के विरूद्ध की गई वसूली

संपत्तिकर एवं अन्‍य संलग्‍न कर

88,81,99,000

73,70,73,000

93,51,69,000

76,93,59,000

(ख) जी हाँ, संपत्तिकर खातों की जोनवार डिमाण्‍ड कायम है। (ग) जी हाँ, नवीन परिसीमन के अनुसार संपत्तिकर की डिमाण्‍ड जोनवार/वार्डवार कायम की जा चुकी है।

सिंचाई उद्वहन योजना

97. ( क्र. 4701 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना की स्‍वीकृति कब प्रदान की गयी? उक्‍त योजना की लागत कितनी है? एवं कितने रकबा में सिंचाई होना प्रस्‍तावित है? (ख) उक्‍त बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना का निर्माण कार्य कब प्रारम्‍भ किया गया? योजना का कितना कार्य अब तक हो चुका है? कितना कार्य शेष है? किये गये कार्य के लिए कितना भुगतान अब तक किया गया?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। बरबटी लिंक सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 24/05/2013 को प्रदान की गई है। इस योजना की लागत रूपये 1486.81 लाख है एवं इस योजना के अंतर्गत 850 हेक्‍टेयर रकबा सिंचित होना प्रस्‍तावित है। (ख) बरबटी लिंक सिंचाई योजना का कार्य ठेकेदार द्वारा दिनांक 08/05/2015 से प्रारंभ किया गया है, जिसमें डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क का सर्वेक्षण कार्य एवं प्‍लानिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। जलाशय से डिस्‍ट्रीब्‍यूशन चेंबर तक सर्वेक्षण कार्य एवं संपूर्ण निर्माण कार्य शेष है। ठेकेदार को आज दिनांक तक किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है।

ग्राम निवेश योजना

98. ( क्र. 4712 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर तथा ग्राम निवेश योजना वर्ष 2011 के लिये बनायी गयी थी जो आज दिनांक तक लागू है? जबकि नया प्‍लान 2031 के आधार पर बनाया जाना चाहिये? नया प्‍लान कब तक बनकर तैयार होगा? (ख) निवेश प्‍लान को लागू करने की जिम्‍मेदारी नगर पालिका सिहोरा की है जबकि नगर पालिका सिहोरा क्षेत्र से लगे हुये आस-पास के ग्राम सिमरिया, गुनहरू, कुर्रो, सरदा, हरगढ़ आदि गांव भी इस प्‍लान के अंतर्गत आते है इन ग्रामों में नगर पालिका कैसे प्‍लान लागू करा सकती है जबकि ये ग्राम पंचायतों के अधीन है? (ग) क्‍या निवेश प्‍लान में कृषि के लिये अत्‍याधिक भूमि आरक्षित की गई है इससे नगर की बढ़ती आबादी को आवास की समस्‍या सामने आ रही है? प्‍लान में औद्योगिक क्षेत्र के लिये आरक्षित 296 हे. भूमि पर आज दिनांक तक कितने उद्योग लगे? क्‍या नगर पालिका क्षेत्र सिहोरा के लिये अलग से नगर तथा ग्राम निवेश प्‍लान बनाया जावेगा, ताकि क्षेत्र का समुचित विकास हो सके?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। उपांतरित सिहोरा विकास योजना (प्रारूप) 2031 का कार्य प्रगति पर है। विकास योजना का कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत इसका विधि अनुसार प्रकाशन किया जायेगा। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) अंशतः हाँ। शासन द्वारा अनुमोदित विकास योजनाओं के क्रियान्वयन एवं क्रियान्वित की जाने वाली संस्थाओं के समन्वय एवं परीवेक्षण हेतु संभागायुक्त/कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित ’’नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति’’ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अध्यक्ष सबंधित जिला पंचायत भी सदस्य है जिनके द्वारा विकास योजना का क्रियान्वयन का कार्य कराया जा सकता है। इसके साथ ही अन्य क्रियान्वयन विभाग/संस्था जैसे म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग, उद्योग विभाग एवं पंचायतों के द्वारा भी संबंधित कार्य क्षेत्र में योजना क्रियान्वयन के कार्य किये जा सकते है। (ग) जी नहीं। अंगीकृत सिहोरा विकास योजना 2011 में अनुमानित जनसंख्या 50,000 तथा नगर की आवश्‍यकता को दृष्टिगत रखते हुये विभिन्न भूमि उपयोग के प्रस्ताव दिए गए है। औद्योगिक क्षेत्र में लगे उद्योग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, सिहोरा निवेश क्षेत्र में नगर पालिका क्षेत्र भी सम्मिलित होने के कारण नगर पालिका क्षेत्र हेतु पृथक से योजना बनाये जाने का प्रन उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बहत्तर''

प्रमुख पर्यटन स्‍थलों पर एयर कनेक्टिविटि

99. ( क्र. 4739 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍य मध्‍यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने हतु प्रमुख पर्यटन स्‍थलों पर जहां एयर कनेक्टिविटि नहीं है? छोटे विमान चलाने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो       किन-किन जिलों में एवं कब तक पूर्ण होगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

पर्यटन स्‍थलों का विकास

100. ( क्र. 4740 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यटन विभाग द्वारा सीधी जिले में स्थित सोन घडियाल अभ्‍यारण्‍य को पर्यटन स्‍थल के रूप में सम्मिलित करने के पश्‍चात विभाग द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएँ दी जा रही है? (ख) क्‍या बीरबल की जन्‍म स्‍थली घोघरा देवी मंदिर सीधी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की कोई योजना है यदि हाँ, तो कब तक एवं      क्‍या-क्‍या विकास होगा? (ग) मध्‍यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे है एवं पर्यटकों को आ‍कर्षित करने हेतु सरकार की याजनाओं की जानकारी दें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति

101. ( क्र. 4764 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍य प्रदेश शासन द्वारा 55 वर्ष से अधिक ऐसे कर्मचारियों को जो नि:शक्‍त अथवा आंशिक नि:शक्‍त हो गये हैं, उनके स्‍थान पर उनके आश्रित वयस्‍क योग्‍य परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाने की कोई योजना कभी लागू की गई थी? यदि हाँ, तो योजना का नाम, योजना लागू किए जाने का वर्ष बताया जावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रश्‍नगत विषय से संबंधित योजना प्रदेश में किन-किन विभागों में लागू की गई तथा उसे किन कारणों से कब से बंद कर दिया गया? (ग) क्‍या प्रश्‍नगत योजना अथवा इससे मिलती-जुलती कर्मचारी कल्‍याण की कोई योजना शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उसे कब तक लागू किया जायेगा? यदि नहीं, तो ऐसे कर्मचारी जो कि शासकीय सेवा में नि:शक्‍त अथवा आंशिक नि:शक्‍त हो गये हैं, उनके कल्‍याण के लिये शासन द्वारा क्‍या प्रयास किए जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। 

व्‍यावसायियों के स्‍व-निर्धारण प्रक्रिया अंतर्गत निर्मित प्रकरण

102. ( क्र. 4779 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले के कितने व्‍यवसायियों द्वारा वर्ष 2014-15 में पूरा टैक्‍स जमा कर वाणिज्यिक कर कार्यालय शिवपुरी में विवरणी प्रस्‍तुत जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या उक्‍त प्रकरण स्‍व-निर्धारण की प्रक्रिया अंतर्गत आते है? (ग) क्‍या उक्‍त स्‍व-निर्धारण प्रकरण निर्णित करने में विलंब के कारण व्‍यवसायियों को बैंक एकाउण्‍ट की लिमिट बनवाने व नवीनीकरण कराने में संबंधित बैंकों द्वारा स्‍व-निर्धारण की प्रति मांगे जाने पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो व्‍यवसायियों की उक्‍त कठिनाईयों के मद्देनजर क्‍या शासन उक्‍त लंबित पड़े प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार एक निश्चित समय-सीमा में करने के निर्देश संबंधित विभाग/उक्‍त कार्यालय को जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) श्‍योपुर जिले के 141 व्‍यवसायियों द्वारा वर्ष 2014-15 में विवरण पत्रों के अनुसार देय कर जमा किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार व्यवसाइयों के स्‍व-कर निर्धारण प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में किये जाकर स्व-कर निर्धारण की सूचना व्यवसाई को भेजी जाती है तथा सूचना पटल पर भी सूची लगाई जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अवधि विशेष के प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में ही निवर्तित किये जाते है। इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं।

नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड

103. ( क्र. 4833 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍य शिवपुरी नगर में जनवरी-2012 से दिसम्‍बर 2015 तक कुछ व्‍यक्तियों ने नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनवाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किए थे? यदि हाँ, तो आवेदनकर्ताओं में से कितनों के नवीन बी.पी.एल.राशन कार्ड बनाए गए थे? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित व्‍यक्तियों के आवेदन पत्रों की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त जाँच किनके द्वारा की गई? (ग) क्‍या प्रश्‍नांतर्गत वर्णित जिन व्‍यक्तियों के नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए गए है? उनके पास पहले से ए.पी.एल. राशन कार्ड थे? यदि हाँ, तो इनमें से कितनों के ए.पी.एल. राशन कार्ड जमा कराए गए तथा कितने आवेदनकर्ताओं के नाम पूर्व से उनके परिवार में उपलब्‍ध किस श्रेणी के राशन कार्डों में नाम थे? (घ) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी करते एवं आपत्ति/अपील हेतु शासन के क्‍या नियम/निर्देश है वर्णित अवधि में लागू नियम/निर्देशों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? कि क्‍या शिवपुरी नगर में नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी करने में नियम/निर्देंशों का पूर्णत: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। 1168 नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाये गये है। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी के निर्देशानुसार नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा जाँच की गयी है। (ग) जी हाँ। 1168 ए.पी.एल. श्रेणी के राशन कार्ड जमा कराये गये है। (घ) निर्देश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हाँ। 

परिशिष्ट - ''तिहत्तर''

स्‍टॉप डेम बनाकर वर्षा ऋतु का जल संग्रहित करना

104. ( क्र. 4834 ) श्री रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिंध नदी में प्रत्‍येक    02-03 कि.मी. की दूरी पर स्‍टॉपडेम बनाकर सिंचाई एवं मवेशियों के लिए पीने का पानी उपलब्‍ध कराने के लिए बरसात का जल संग्रहित करने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो योजना की जानकारी दें? यदि नहीं, तो उक्‍त योजना कब तक बनाई जाएगी? यदि नहीं, तो बनाई जाएगी तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन परियोजना स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

विशेष अनुदान राशि का आवंटन

105. ( क्र. 4853 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. की नगर परिषदों को प्रतिवर्ष शासन द्वारा विशेष अनुदान राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो? (ख) नगर परिषद् पोलायकलां एवं नगर परिषद् पानखेड़ी को वर्ष 2015-16 की विशेष अनुदान राशि आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 में नगर परिषद् पोलायकलां को विशेष अनुदान राशि 25.00 लाख एवं नगर परिषद् पानखेड़ी कोई राशि उपलब्‍ध नहीं कराई गयी है।

लंबित अभियोजन स्‍वीकृति

106. ( क्र. 4873 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान स्थिति में विभाग अंतर्गत कितने अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध लोकायुक्‍त द्वारा चाही गई अभियोजन स्‍वीकृति लंबित है? अधिकारियों के नाम, पद और वर्तमान पदस्‍थापना स्‍थान बतावें? (ख) बारहवीं पंचवर्षीय योजनाकाल में किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्‍त को अभियोजन स्‍वीकृति दी गई और किनके प्रकरण लंबित है? (ग) शासनादेश के तहत वर्तमान स्थिति में अभियोजन स्‍वीकृति देने के अधिकार किसको है? (घ) अधिकार न होते हुए भी प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अभियोजन स्‍वीकृति किनके द्वारा कितने समय तक रोकी गई है? इनके विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जोवगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) शासन के प्रमुख सचिव/समक्ष प्राधिकारी को अभियोजन के अधिकार प्रदत्‍त है। (घ) प्रश्‍नांश के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मकान नक्‍शा स्‍वीकृति

107. ( क्र. 4874 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्‍वयं की भूमि पर 2400 वर्गफीट तक मकान बनाने के लिये नक्‍शा पास कराने की आवश्‍यकता नहीं होने के संबंध में माननीय मुंख्‍यमंत्रीजी द्वारा घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो घोषण क्रमांक, दिनांक एवं स्‍थान की जानकारी दें? (ख) यदि मुख्‍यमंत्री जी द्वारा तदाशय की घोषणा की गई थी तो सागर नगर में इसका पालन क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ग) माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की तदाशय की घोषणा के संबंध में किस विभाग द्वारा आदेश, निर्देश, परिपत्र प्रसारित किये गये है? प्रति उपलब्ध करावें? (घ) माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा अनुसार नक्‍शा पास कराने की बाध्‍यता समाप्‍त करने के संबंध में सागर नगर निगम कब से पालन सुनिश्चित करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के पालन में नगर निगम सागर द्वारा पालन किया जा रहा है।      (ग) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित भोपाल, शुक्रवार दिनांक      27 नवम्‍बर 2015 अग्रहायण 6, शक 1937 नगर विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल तथा आयुक्‍त, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल मध्‍यप्रदेश के पत्र क्रमांक/यां.प्रा/ 07/2015/15134 भोपाल दिनांक 10/12/2015 द्वारा पंजीकृत वास्‍तुविद्/संरचना इंजीनियर को 330 वर्ग फीट के भूखण्‍डों पर अनुज्ञा जारी करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। शासनादेश के पालन में नगर निगम सागर द्वारा सूचना क्रमांक/भ.भू./ न.नि/ 2016/352 सागर दिनांक 26/02/2016 द्वारा विज्ञप्त्‍िा जारी की गई है। (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी-0654 भोपाल दिनांक 04/03/2015 का एवं शासन के समस्‍त आदेशों का पालन किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''चौहत्तर''

नगर सुधार न्‍यास द्वारा स्‍थापित गुमठियां

108. ( क्र. 4888 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम सागर में नगर सुधार न्‍यास सागर द्वारा कुल कितनी गुमठियां नगर में स्‍थापित की गई थी एवं वर्तमान में कितनी गुमठियां नगर पालिका निगम सागर में पंजीकृत शेष हैं? कितनी गुमठियां निगम के पास जमा है?     (ख) नगर निगम सागर में पंजीकृत गुमठियां किन-किन नामों से पंजीकृत हैं एवं गुमठियों से प्रतिमाह कितना किराया निगम द्वारा लिया जा रहा है? (ग) क्‍या पंजीकृत गुमठी व्‍यक्ति के द्वारा ही उक्‍त गुमठी का संचालन करने का नगर निगम द्वारा प्रावधान है? (घ) किन-किन पंजीकृत गमठियों से किराया बाकी है एवं क्‍यों? कारण बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिक निगम, सागर में नगर सुधार न्‍यास, सागर द्वारा कुल 93 गुमठियां नगर में स्‍थापित की गई थी, वर्तमान में कुल 25 गुमठियां नगर पालिक निगम, सागर में पंजीकृत शेष है। कुल 05 गुमठियां नगर पालिक निगम, सागर के पास जमा है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है, कुछ गुमठियों के बंद एवं क्षतिग्रस्‍त होने से किराया बाकी है।

दुकान एवं आवासीय मकान आवंटन

109. ( क्र. 4916 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा नगर निगम अंतर्गत गढ़ चौराहे से एस.एफ चौराहा तक जाने वाली सड़क के दोनों तरफ निर्मित दुकानों एवं आवासीय भवनों को गिराने एवं हटाने की कार्ययोजना रोड/सड़क के चौड़ीकरण के कारण करने की है? जबकि उक्‍त जगह पर ट्राफिक का दबाव ज्‍यादा नहीं है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ, तो जिनके आवासीय मकान एवं दुकानें नगर निगम एवं अन्‍य शासकीय अमले द्वारा हटाया-गिराया जायेगा तो उनको सर्वे कराकर दुकानें अथवा आवासीय भवन नि:शुल्‍क उपलब्‍ध कराये जाएंगे? जिस तरह सिरमौर चौराहा गोयल मार्केट के सामने की दुकानों को तोड़ने के बाद नई दुकानें बनाकर दी गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में गुढ चौराहे से डॉ.के.के. परौहा की तरफ रोड के उत्‍तर बनी हुई दुकानें/आवासीय मकानों के पीछे शासकीय भूमि रिक्‍त पड़ी है उसी में प्रभावितों को दुकानें एवं आवासीय मकान आवंटित बनाकर करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में शासन द्वारा नगर निगम अंतर्गत भूमिहीनों को आवासीय प्‍लॉट/मकान देने की योजना भी संचालित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, सड़क चौड़ीकरण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। नगर निगम, रीवा अंतर्गत गुढ़ चौराहे से एस.एफ. चौराहे तक मार्ग पर दुकानों व भवन स्‍वामियों द्वारा सड़क का अधिकांश भाग अतिक्रमित करने से मुख्‍य सड़क अपने मूल आकार से आधा ही उपयोग में आ रहा है। एस.एफ. चौराहा शहर में प्रवेश मुख्‍य मार्ग है व्‍यवसायिक वाहनों (माल वाहन/सवारी वाहन) के सतत् आवागमन के कारण आवागमन का अत्‍याधिक दबाव है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई योजना नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवासहीन शहरी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 तक सबकों आवास देने की योजना है।

प्रतिनियुक्ति समाप्‍त करने

110. ( क्र. 4917 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत जल संसाधन विभाग में कितने सहायक यंत्रियों एवं उपयंत्रियों के पद सृजित है? कितने उपयंत्री एवं सहायक यंत्री अन्‍य विभाग में संलग्‍न/प्रतिनियुक्ति रहते हुए कार्य कर रहे हैं, इनके संलग्‍नीकरण का दिनांक एवं विभाग की जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या अनिल सिंह उपयंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास में संलग्‍न/प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं? इनकी प्रतिनियुक्ति कब से एवं किनके आदेश पर हुई थी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में संलग्‍नीकरण/प्रतिनियुक्ति समाप्‍त करने की कार्यवाही कब तक करेंगे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रीवा जिला अंतर्गत जल संसाधन विभाग में 66 सहायक यंत्री एवं 121 उपयंत्री के पद हैं। रीवा जिला अंतर्गत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 19.11.1999 से। (ग) प्रश्‍नाधीन तीनों उपयंत्रियों की प्रतिनियुक्ति समाप्‍त कर उन्‍हें विभाग में उपस्थिति देने के निर्देश दे दिए गए हैं।

परिशिष्ट - ''पचहत्तर''

सिंचित भूमि की जानकारी

111. ( क्र. 4930 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से सिंचाई बांध/ तालाब है? इनकी डिजाईनिंग क्षमता कितनी थी? कितनी भूमि सिंचित करने की परियोजना थी? बांध/तालाब/नहरों का निर्माण कार्य कब पूरा किया गया है एवं कितने अपूर्ण है? (ख) रवी एवं खरीफ के सीजन में वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक प्रत्‍येक सिंचाई बांध/तालाब से कितनी भूमि प्रति वर्षानुसार सिंचित की जा रही है? (ग) क्‍या कुछ बांधों/तालाबों से सिंचाई नहीं हो पा रही है, उसका क्‍या कारण है? कब तक कृषकों को सिंचाई सुविधा पूरी करा दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जल मार्ग में अवरोध हटाने के लिए प्रस्‍ताव तैयार करने के लिए कछार के मुख्‍य अभियंता को निर्देशित किया गया है। सुदृढ़ीकरण/मरम्‍मत कार्य के चिन्हित किए जाने से पूर्ण करने में सामान्‍यत: दो वर्ष का समय लगता है।

परिशिष्ट - ''छिहत्तर''

नगर के तिराहों एवं चौराहों पर महापुरूषों की प्रतिमाएं

112. ( क्र. 4949 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषद् क्षेत्र में तिराहों एवं चौराहों पर महापुरूषों की प्रतिमाएं एवं पानी के फव्‍वारे लगवाने हेतु क्‍या-क्‍या नियम बनायें है? ऐसे नियमों की छायाप्रति प्रदाय करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले की ऐसी कौन-कौन सी नगरीय निकाय हैं, जो यह कार्य करवाना चाहती हैं, जिसके लिए जनता एवं परिषद् द्वारा वहां के अध्‍यक्ष को विनय-पत्र प्रस्‍तुत किये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जो निकाय अपने आय से यह कार्य करवाना चाहती हैं तो क्‍या यह दोनों कार्य करा सकती है? एवं जो निकायों के पास राशि नहीं है तो शासन उपरोक्‍त कार्यों के प्रयोजनार्थ हेतु प्रत्‍येक कार्य के लिए अनुदान राशि कितनी-कितनी स्‍वीकृत करेंगा? तो कब तक और नहीं तो क्‍यों नहीं?      (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर टीकमगढ़ जिले में नगर परिषद् परेला एवं छतरपुर जिले में नगर परिषद् बिजावर में उपरोक्‍त कार्यों के लिए राशि स्‍वीकृत की जायेगी तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? क्‍या निकाय स्‍वयं की आय से उपरोक्‍त कार्य करवा सकती है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासन द्वारा नगर पालिका एवं नगर परिषद् क्षेत्र में तिराहे एवं चोराहों पर महापुरूषों की प्रतिमायें लगवाने बाबत् म.प्र. शासन द्वारा जारी निर्देश की छायाप्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार जिला छतरपुर की नगर पालिका छतरपुर व नगर परिषद् लवकुशनगर, बड़ामलहरा व घुवारा। टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् पलेरा। शेष निकायों की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश '''' के कार्यों के लिये बजट में पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश '''', '''', एवं '''' के आधार पर टीकमगढ़ जिले में नगर परिषद् पलेरा एवं छतरपुर जिले में नगर परिषद्, बिजावर में उपरोक्‍त कार्यों के लिये बजट में पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। निकाय स्‍वयं की आय से कार्य करवा सकती है।

सुवासरा में सिंचाई की योजनाएं

113. ( क्र. 4957 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सिचांई हेतु चंबल नदी से (माइक्रो या अन्‍य योजना के तहत) सिंचाई योजना के लिए कोई सर्वे का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि सर्वे का कार्य किया गया है या किया जा रहा है तो हेक्‍टेयर भूमि को योजना में सम्मिलित किया गया है तथा कितने हेक्‍टेयर भूमि को सम्मिलित किया जा सकता है? (ग) क्‍या इस बजट सत्र में इस योजना को सम्मिलित किया जा रहा है या नहीं?    (घ) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में कितने हेक्‍टेयर भूमि पर नई योजना से सिंचाई हो सकेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

स्‍टापडेम, तालाब निर्माण

114. ( क्र. 4958 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में निर्मित स्‍टॉपडेम अथवा तालाब का निर्माण करते समय जिन किसानों की फसल या भूमि डूब में गई उनमें से कितने कृषकों को मुआवजा नहीं मिला है? (ख) ग्राम फतेहपुर चिकली, आसपुरा, पानपुर बड़ौद, में निर्मित स्‍टॉपडेम या तालाब के पानी में डूब में गई भूमि के कितने किसानों को मुआवजा प्रकरण लंबित है? (ग) उपरोक्‍त किसान को मुआवजा के प्रकरण कहाँ-कहाँ पर चल रहे है? (घ) उपराक्‍त किसानों को कब तक मुआवजा राशि प्राप्‍त हो जावेंगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) फतेहपुर चिकली, आसपुरा, गोपालपुरा, पानपुर एवं देवरीया लघु सिंचाई परियोजनाओं में कुल 65 कृषकों का मुआवजा भुगतान भू-अर्जन प्रकरण में अवार्ड पारित नहीं होने से नहीं किया जा सका है। भू-अर्जन की प्रक्रिया जिला कलेक्‍टर के अधीन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व, सीतामऊ के कार्यालय में प्रचलित है। (घ) भू-अर्जन अवार्ड पारित नहीं होने से।

तालाब की प्रथम प्रशासनिक स्‍वीकृति

115. ( क्र. 4965 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के तेन्‍दूखेड़ा विकासखंड में निर्मित नरगुवां तालाब की प्रथम प्रशासनिक स्‍वीकृति किस दिनांक को, कितनी लागत की हुई थी? क्‍या तालाब के निर्माण हेतु पुन: रिवाइज्‍ड स्‍वीकृति शासन से प्राप्‍त की गई थी, यदि हाँ, तो कितनी राशि की किस दिनांक को प्राप्‍त की गई थी? रिवाइज्‍ड स्‍वीकृति प्राप्‍त करने का क्‍या कारण था? (ख) तालाब की भराव क्षमता क्‍या है, प्रश्‍न दिनांक तक तालाब में कितना जल संग्रहण है तथा तालाब के पानी से कितने ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि सिंचित होती है?     (ग) क्‍या नरगुवां तालाब से नहरें का भी निर्माण किया गया है यदि हाँ, तो उनकी प्रशासनिक स्‍वीकृति कितनी राशि की किस दिनांक को जारी की गई थी? क्‍या नहरों एवं तालाब का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा स्‍वयं किया गया है अथवा ठेकेदारी से कार्य कराया गया है? यदि कार्य ठेकेदारी से कराया गया है तो ठेकेदार का नाम एवं पता सहित बतलावें? क्‍या ठेकेदार को सम्‍पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है यदि हाँ, तो कितनी राशि का, यदि नहीं, तो कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? (घ) क्‍या निर्माण के कुछ समय पश्‍चात् नरगुवां तालाब से निकलने वाली निर्मित नहरों में 10-15 फुट की दरारे आ गई हैं तथा नवनिर्मित पुलिया में भी कई जगह दरारे व गड्ढे हो गये हैं? क्‍या निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच अधिकृत एजेंसी से नहीं करायी गई थी? हां तो एजेंसी का नाम, पता एवं जाँच का दिनांक बतलावें? यह कार्य किसकी निगरानी में सम्‍पादित किया गया है उसके द्वारा उल्‍लेखित निर्माण कार्य का कब-कब निरीक्षण किया? क्‍या शासन उल्‍लेखित निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही एवं मनमानी की जाँच स्‍वतंत्र एजेंसी से कराकर दोषियों के विरूद्ध पृथक-पृथक दायित्‍व का निर्धारण करके दण्डित करने की कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) नरगुंवा परियोजना की प्रथम प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 16.12.2010 को रू. 1346.15 लाख लागत की जारी की गई थी। जी हाँ, दिनांक 10.11.2014 को रू.1820.03 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई। लागत में वृद्धि होने के कारण। (ख) 4.80 मि.घ.मी.। 0.30 मि.घ.मी.। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नहर निर्माण के लिए पृथक प्रशासकीय स्‍वीकृति आवश्‍यक नहीं होती है। निर्माण कार्य निविदाएं आमंत्रित कर निर्माण एजेंसी नियुक्‍त कर कराया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) कृषकों द्वारा दिनांक 10.12.2015 को रात्रि को अनाधिकृत रूप से स्‍लूस गेट खोल देने से नहर में क्षमता से अधिक जल आने से नहर के किनारे तथा निर्माणाधीन पुलिया क्षतिग्रस्‍त हुई थी जिनका सुधार निर्माण एजेंसी के व्‍यय पर कार्य करा लिया गया है। निर्माण सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच सहायक अनुसंधान अधिकारी, गुण नियंत्रण जल संसाधन उपसंभाग, दमोह द्वारा समय-समय पर की जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। निर्माण कार्य अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री की निगरानी में कराया गया एवं नि‍रीक्षण मुख्‍य अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री, दमोह द्वारा समय-समय पर किया गया। निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता अच्‍छी होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''सतहत्तर''

 

गौण खनिज की अपीलों की पुनरीक्षण, पुर्नविलोकन

116. ( क्र. 4972 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 नियम 57 (4) अनुसार किसी आदेश के संसूचित किये जाने से 60 दिवस के अंदर अपील/ पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण के लिये समय-सीमा निर्धारित है? (ख) पिछले तीन वर्षों में जिला छतरपुर के किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा किसके-किसके आदेश के विरूद्ध राज्‍य शासन को कब-कब गौण खनिज नियम 1996 के निमय 57 अनुसार अपील पुनर्विलोकन तथा पुनरीक्षण आवेदन प्रस्‍तुत किये गये है? (ग) जिला छतरपुर के प्रस्‍तुत अपील, पुर्नविलोकन तथा पुनरीक्षण आवेदन पत्रों में राज्‍य शासन के समक्ष कितने आवेदन निराकरण हेतु लंबित है? (घ) क्‍या राज्‍य शासन अपील पुनर्विलोकन, पुनरीक्षण आवेदन पत्रों के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित करेंगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) अपील पुनर्विलोकन एवं पुनरीक्षण आवेदन पत्रों का निराकरण अर्द्ध न्‍यायिक प्रक्रिया से संबंधित है। इनका निराकरण    गुण-दोषों के आधार पर न्‍याय सिद्धांतों को दृष्टिगत रखते हुए किया जाता है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अठहत्तर''

भोपाल नगर निगम में सफाई व्यस्‍था

117. ( क्र. 5011 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अंतर्गत सफाई व्‍यवस्‍था हेतु    कौन-कौन अधिकारी किस-किस जोनल कार्यालय में कब-कब से पदस्‍थ हैं तथा      किस-किस वार्ड में कितने-कितने 25 दिवासीय, 89 दिवसीय एवं नियमित सफाई कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शहर की जनसंख्‍या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से कितने सफाई कामगार होना चाहिये है और वर्तमान में कितने-कितने कर्मचारी तैनात है? (ग) क्‍या शासन एवं नगर निगम स्‍तर पर सफाई, कामगारों की उपस्थिति अनुपस्थिति एवं सामग्री क्रय करने के नाम पर भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायतें वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति किन-किनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नवीन कार्मिक संरचना अनुसार 01 प्रति 500 जनसंख्‍या पर मापदण्‍ड नि‍र्धारित है। नगर निगम भोपाल में सफाई कामगार के 3556 पद स्‍वीकृत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्राप्‍त शिकायतों पर जाँच की कार्यवाही प्रचलित है।

 

फायर ब्रिगेड शाखा में पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी

118. ( क्र. 5012 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल नगर निगम के अंतर्गत फायर ब्रिगेड शाखा में पदस्‍थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आग बुझाने या अन्‍य आपदा से निपटने के लिए अधिनियम अनुसार जो सेफ्टी उपकरण/सामग्री उपलब्‍ध कराई जाती है वह उक्‍त अधि‍कारियों एवं कर्मचारियों को उपलब्‍ध नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक उपलब्‍ध कराई जावेगी इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (ख) क्‍या निगम प्रशासन के पास प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रशिक्षित एवं डिप्‍लोमाधारी सब फायर अधिकारी उपलब्‍ध है? यदि हाँ, तो कौन-कौन है जो सब फायर अधिकारी का कार्य कर रहे हैं और उन्‍होंने कब-कब कहाँ-कहाँ से सब फायर अधिकारी का प्रशिक्षण प्राप्‍त किया? (ग) क्‍या फायर बिग्रेड की अपेक्षा नगर निगम के अन्‍य विभाग में सब फायर अधिकारी के डिप्‍लोमाधरी प्रशिक्षित अधिकारी/कर्मचारी सेवारत है? यदि हाँ, तो कौन-कौन और उनकी सेवाएं नहीं लेने के क्‍या कारण है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अधिनियम व सामग्री की सूची जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्यासी''

अजनार नदी धार निर्माण कार्य योजना

119. ( क्र. 5029 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग संभाग राजगढ़ द्वारा ब्‍यावरा नगर स्थित श्री अंजनीलाल धाम परिसर एवं मंदिर परिसर से सटी पवित्र अजनार पर घाट निर्माण (प्रस्‍तावित कार्य) जल संसाधन विभाग द्वारा डिपाजिट मद के अंतर्गत कराये जाने हेतु शासन स्‍वीकृत की कार्यवाही करने हेतु मुख्‍य अभियंता, चंबल, बेतवा, कछार जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया था? जिसकी सूचनार्थ प्रतिलिपि प्रश्‍नकर्ता को कार्यालय कार्यपालन यंत्री जनसंसाधन संभाग राजगढ़ के पत्र क्रमांक 2000/कार्य/2015 दिनांक 23.07.2015 से दी गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रस्तावित कार्य को कराये जाने हेतु शासन स्‍वीकृति के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन उक्‍त प्रस्‍तावित कार्य की स्‍वीकृति प्रदान कर घाट निर्माण कार्य करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नाधीन पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नाधीन कार्य के अवयव एवं धनराशि का स्‍त्रोत ज्ञात नहीं होने से विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रस्‍ताव तैयार नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''अस्सी''

वित्‍तीय अधिकारों में संशोधन

120. ( क्र. 5030 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र.शासन नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा म.प्र. राजपत्र असाधारण प्राधिकार से प्रकाशित गजट क्रमांक 06 दिनांक       04 जनवरी 2016 से मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को नगर पालिका की स्थिति में     1 लाख तक के वित्‍तीय अधिकार प्रदत्‍त किये गये हैं? (ख) क्‍या म.प्र. राजपत्र क्रमांक 06 दिनांक 04 जनवरी 2016 अनुसार म.प्र.न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 355 तथा 356 के सहपठित धारा 70 तथा 110 द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये म.प्र. शासन द्वारा प्रेसीडेन्‍ट इन काउंसिल के कामकाज के संचालन में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, अध्‍यक्ष, प्रेसीडेन्‍ट इन काउंसिल तथा परिषद् को दिय गये वित्‍तीय अधिकार अनुसार ही निकाय द्वारा भुगतान किया जा रहा है? (ग) क्‍या म.प्र.न.पा. लेखा नियम 1971 के उपनियम 131 (3) के एक के अनुसार मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को न.पा. की स्थित में दस हजार तक नगर परिषद् की स्थिति में तीन हजार की राशि के चेक जारी किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन म.प्र.शासन द्वारा जारी गजट क्रमांक 06 दिनांक 04 जनवरी 2016 अनुसार न.पा. लेखा नियमों में वित्‍तीय अधिकारों में संशोधन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, नवीन संशोधन अनुसार वित्‍तीय अधिकारों का प्रयोग किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, लेखा नियमों में संशोधन हेतु परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

संगीत महाविद्यालय का भवन निर्माण

121. ( क्र. 5046 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरसिंहगढ़ नगर स्थित शा.संगीत महाविद्यालय के भवन के लिए जमीन व भवन निर्माण के लिए राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो भवन निर्माण का कार्य अभी तक क्‍यों नहीं चालू किया जा सका? भवन निर्माण के देरी के लिए कौन जिम्‍मेदार है? भवन निर्माण कब तक चालू किया जावेगा? (ग) क्‍या शासन जब तक भवन निर्माण नहीं होता है, शा.संगीत महाविद्यालय को किसी शासकीय भवन जो कि खाली हो उसमें स्‍थानांतरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ. (ख) परियोजना पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलित है. अत: विलंब का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.   समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. (ग) जी नहीं. भवन उपलब्‍ध नहीं है.

नरसिंगढ़ महोत्‍सव को पुन: चालू करना

122. ( क्र. 5047 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर नरसिंहगढ़ में पूर्व में न‍रसिंहगढ़ महोत्‍सव मनाया जाता था? यदि हाँ, तो कब से कब तक मनाया गया? (ख) पिछले कुछ वर्षों से नरसिंहगढ़ महोत्‍सव क्‍यों बंद कर दिया गया? (ग) क्‍या नरसिंहगढ़ महोत्‍सव वापिस चालू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से? समय-सीमा बतावें? नहीं तो क्‍यों नहीं? कारण बतावें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ. जिला प्रशासन के सहयोग से. पूर्व में नरसिंहगढ़ महोत्‍सव दिनांक 29-31 जनवरी, 2012 एवं दिनांक 26-27 अप्रैल, 2013 तक मनाया गया. (ख) यह विभाग का नियमित आयोजन नहीं है. (ग) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. 

पत्रों पर कार्यवाही न करने

123. ( क्र. 5090 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के नगर पालिका परिषद् वारासिवनी को प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 एवं 2015-16 में लिखे गए पत्रों के संबंध में प्रश्‍नकर्ता को कितने-कितने जवाब नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा दिये गये? क्‍या प्रश्‍नकर्ता को उक्‍त पत्रों के जवाब के संबंध में अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?         (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? उसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्‍या तत्‍काल दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए प्रश्‍नाधीन पत्रों पर कार्यवाही की जायेगी? कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित 25 पत्रों में से 15 पत्रों के जवाब प्रेषित किए जा चुके हैं। शेष पत्रों से चाही गई जानकारी तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित होने से जवाब अ‍भी प्रेषित नहीं किया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। पत्रों के माध्‍यम से चाही गई विस्‍तृत जानकारी तैयार होने में समय लग रहा है, ऐसे में कोई दोषी नहीं है। (ग) उत्‍तरांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इक्यासी''

नगर पलिका परिषद् में विशेष भर्ती

124. ( क्र. 5091 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक विशेष भर्ती में किन-किन व्‍यक्तियों को भर्ती किया गया? (ख) विशेष भर्ती में किन-किन व्‍यक्तियों की योग्‍यता क्‍या-क्‍या थी? (ग) क्‍या नगरपालिका अध्‍यक्ष या मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी वारासिवनी द्वारा भर्ती नियमों के गड़बडियां की गई? दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बयासी''

 

मोहम्‍मदपुर की नहर

125. ( क्र. 5158 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम मोहम्‍मदपुर तह. सोनकच्‍छ में तालाब से भंगल्‍डी कराडिया क्षेत्र के लिए नवीन नहर का निर्माण किया गया था? यदि किया गया था तो उसकी लागत क्‍या थी? (ख) उक्‍त नहर का निर्माण कब किया गया था तथा क्‍या उक्‍त नहर में पानी छोड़ने पर नहर बह गई थी हां या नहीं? (ग) 1 करोड़ 40 लाख की लागत से निर्मित इस नहर की इस खराब दशा का दोषी कौन है तथा उसके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नवीन नहर का निर्माण नहीं कराया गया है। मोमनपुरा लघु सिंचाई परियोजना के सुदृढ़ीकरण का कार्य विश्‍व बैंक सहायित परियोजना के तहत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में राशि        रू. 93.37 लाख के निवेश से कराया गया है। नहर के एक्‍वाडक्‍ट के किनारे के पास की मिट्टी बैठने के कारण दांया किनारा क्षतिग्रस्‍त हुआ था जिसे ठेकेदार के व्‍यय पर दुरूस्‍त कराया गया है। परियोजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 283 हेक्‍टेयर के विरूद्ध इस वर्ष 550 हेक्‍टेयर में रबी सिंचाई की गई है। नहर की दशा अच्‍छी होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

बिना अनुमतियों के निर्माण कार्य करने वालों के ऊपर हुई कार्रवाई

126. ( क्र. 5171 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अनुमतियों के बिना निर्माण कार्य करने वाले कितनों के खिलाफ प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्रवाईयां की है?         (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या कार्रवाई के उपरांत निर्माण कार्य बंद है? किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने कार्रवाई के उपरांत प्रश्‍न दिनांक तक निरीक्षण किया? कार्रवाई के समय की ओर बाद में निरीक्षण के समय की निर्माण की स्थिति की जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या उक्‍त सभी निर्माण अवैध की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इनको तोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय न्यायालय के निर्णयानुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

2 लाख रूपये से कम राशि के कार्यों की जानकारी

127. ( क्र. 5172 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिले में वित्‍तीय वर्ष 1 अप्रैल 2013 से प्रश्‍न तिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि के क्‍या-क्‍या कार्य, किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित जिलों में उक्‍त समयानुसार मेन्‍टेनेन्‍स पर कितनी राशि, व्‍यय की गयी?        (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित स्‍थानों एवं समयानुसार उक्‍त सभी कार्यों का गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' एवं प्रपत्र ''अ-1 से अ-8'' अनुसार है।

तदर्थ कर्मचारियों का नियमितीकरण

128. ( क्र. 5198 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी परियोजना प्रशासन भोपाल के अन्‍तर्गत चयन की प्रक्रिया के माध्‍यम से वर्ष 1987 में चयनित फ्लोर सुपरवायजर के पदों पर कितने कर्मचारी किस दिनांक से निरंतर कार्यरत हैं? नामवार एवं तिथिवार जानकारी दी जावें? (ख) क्‍या अधीक्षण यंत्री राजधानी परियोजना प्रशासन के द्वारा वर्ष 1987 से कार्यरत फ्लोर सुपरवायजरों के पदों की पदक्रम सूची का प्रकाशन निरंतर किया जा रहा है वर्तमान में किस वर्ष तक की पदक्रम सूची जारी की गई है? (ग) क्‍या राजधानी परियोजना प्रशासन में वर्ष 1987 में चयन प्रक्रिया से चयनित फ्लोर सुपरवायजरों को विभाग द्वारा 28 वर्ष की निरंतर सेवा के बाद भी तदर्थ कर्मचारी माना जा रहा है इन्‍हें नियमित कर्मचारी कब माना जावेगा जबकि शासन से उन्‍हें पूरे वेतन भत्‍तों का लाभ प्राप्‍त हो रहा है?     (घ) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देशों के पालन में 1.4.88 के पूर्व चयन की प्रक्रिया से नियुक्‍त कर्मचारियों को माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के प्रकरण उमा देवी विरूद्ध शासन के संदर्भ में ऐसे सभी नियुक्‍त कर्मचारियों को नियमित किए जाने की कार्यवाही किए जाने के आदेश का पालन राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा क्‍यों नहीं किया गया एवं अब कब तक किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि पदक्रम सूची का प्रकाशन वर्ष 1994, 2011 एवं 2015
 
में किया गया है। वर्तमान में वर्ष 2015 की स्थिति तक पदक्रम सूची जारी की गई है। (ग) वर्ष 1987 में तदर्थ रूप से कुल 14 फ्लोर सुपरवाईजरों की नियुक्त की गई थी। इनमें से अनारक्षित वर्ग के 09 कर्मचारियों को रिक्त पद उपलब्ध होने के आधार पर वर्ष 1989 में नियमित किया गया है। 3 कर्मचारी तदर्थ ही है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 16.05.2007 (अद्यतन संशोधन सहित) केवल दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित है, तदर्थ कर्मचारियों के लिये नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तेरासी''

अवैध आवास आवंटन निरस्‍त किये जाना

129. ( क्र. 5213 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवलोंद स्थित कालोनी के किस-किस श्रेणी के कुल कितने शासकीय आवास कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं तथा उक्‍त भवनों के आवंटन नियम क्‍या है तथा आवंटित करने के लिये किसे अधिकार हैं तथा भवनों को वर्तमान में किस-किस को आवंटित किया गया है, की जानकारी नाम कर्मचारी, पद, पदस्‍थापना, भवन का प्रकार, आवंटित करने का दिनांक अंकित कर सूची देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कुल कितने ऐसे कर्मचारी/अधिकारी है जिन्‍हें शासकीय आवास आवंटित हैं तथा उनके एवं उनके परिवार के खुद का मकान शहर में स्थित है जो कि किराये पर है? क्‍या उन्‍हें पात्रता है? यदि नहीं, तो इस प्रकार के आवंटन आवास को कब तक निरस्‍त कर खाली करा दिये जायेंगे? कितने ऐसे आवंटित आवास हैं जो स्‍वयं कर्मचारी न रहकर अन्‍य को किराये में दिये हैं? (ग) क्‍या दैनिक वेतन भोगी एवं अन्‍य विभाग में कार्यरत तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पात्रता के विपरीत आवास आवंटित किया गया है तो ऐसे नियम विरूद्ध आवंटन आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क) के भवनों में कितने लोग अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं तथा कितने ऐसे लोग हैं? जिनके ऊपर भाड़ा काफी समय से लंबित है? भवन भाड़ा की कुल कितनी राशि किस-किस के ऊपर बकाया है? उसके वसूली के क्‍या प्रयास शासन विभाग कर रहा है? उक्‍त बकाया राशि की वसूली कब तक की जाकर भवन खाली करा लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जल संसाधन विभाग के शासकीय आवास गृहों को विभाग की आवास आवंटन समिति के अध्‍यक्ष द्वारा आवंटित करने की व्‍यवस्‍था है। प्रश्‍नाधीन जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवास गृह पात्रतानुसार आवास आवंटन समिति द्वारा आवंटित किए जाना प्रतिवेदित है। आवंटितियों से उनके अथवा उनके परिवार के मकान देवलोंद में स्थित होने की कोई जानकारी प्राप्‍त होना प्रतिवेदित नहीं है। (ग) विभागीय परियोजनाओं की पूर्णता के साथ-साथ विभागीय अमले के लिए निर्मित आवास गृहों की आवश्‍यकता में कमी आई है। अत: आवास गृहों को रिक्‍त रखे जाने के स्‍थान पर अन्‍य विभाग के शासकीय कर्मचारियों तथा विभाग के दैनिक वेतन भोगियों को आवंटित किया जाना प्रतिवेदित है। आवास आवंटन शासन हित में होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संबंधितों के विरूद्ध लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), ब्‍यौहारी, जिला शहडोल के समक्ष प्रकरण प्रचलित है।

सागर जिले में जन-सुनवाई

130. ( क्र. 5223 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा जन-सुनवाई के माध्‍यम से लोगों की समस्‍याओं का निराकरण करने हेतु जिला स्‍तर पर किन-किन विभागों को निर्देशित किए गये हैं तथा किन-किन विभागों में निर्देश नहीं है बतायें? (ख) सागर जिले में ऐसे कौन-कौन से शासकीय विभाग है जिनके द्वारा उक्‍त आदेश के परिपालन में जन सुनवाई की जा रही है तथा लोगों की समस्‍याओं का निराकरण समय पर किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त आदेश के परिपालन में जिन विभागों के अधिकारी जन-सुनवाई के माध्‍यम से समस्‍याओं का समय पर निराकरण नहीं कर रहे हैं, उन अधिकारियों को सख्‍त निर्देश देने पर शासन विचार करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिशा-निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ब) सागर जिला अंतर्गत राजस्‍व विभाग एवं पुलिस विभाग के साथ-साथ समस्‍त जिला प्रमुख द्वारा जन-सुनवाई की जा रही है, एवं समस्‍याओं का निराकरण समय पर किया जा रहा है। (ग) अधिकारियों द्वारा जन-सुनवाई के माध्‍यम से समस्‍याओं का समय पर निराकरण नहीं किये जाने की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। 

ई-रिक्‍शा (बेट्री चलित) चलाया जाना

131. ( क्र. 5224 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर नगर में वायु प्रदूषण मानक स्‍तर से कई गुना अधिक है? यदि हाँ, तो शहर को प्रदूषण मुक्‍त करने की दिशा में शासन स्‍तर पर क्‍या कदम उठाये हैं?       (ख) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में बड़े शहरों की तर्ज पर सागर नगर में      ई-रिक्‍शा (बेट्री चलित) चलाये जाने की कोई योजना पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 22/12/2015 द्वारा सागर शहर के पैरी-फैरी में फीडर रूट पर ई-रिक्शा को परमिट दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

स्‍वीकृत क्षमता से अधिक उत्‍खनन पर कार्यवाही

132. ( क्र. 5238 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.एन. सन्‍डरसन एण्‍ड कंपनी की कटनी जिले में कहाँ-कहाँ, कितने-कितने क्षेत्रफल की किन-किन खनिजों के खनि पट्टे/खदानें स्‍वीकृत हैं?          (ख) प्रश्‍नांश (क) में इन खदानों की कितनी-कितनी वार्षिक उत्‍पादन क्षमता स्‍वीकृति थी वर्ष 2012 से कितना-कितना उत्‍खनन करना पाया गया? खदानवार बतायें? (ग) क्‍या एस.एन. सनडरसन एण्‍ड कंपनी द्वारा कटनी जिले में संचालित खदानों की खनिज विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाणिज्‍य कर विभाग एवं अन्‍य शासकीय एजेंसियों द्वारा वर्ष 2015-16 में जाँच की है? यदि हाँ, तो किन-किन शासकीय सेवकों, विभागों द्वारा, क्‍या-क्‍या जाँच की गई क्‍या प्रतिवेदन दिये गये? शासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) में क्‍या माईनिंग प्‍लान में स्‍वीकृत क्षमता के अनुसार ही पिटपास जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो सनडरसन कंपनी की खदानों को स्‍वीकृत क्षमता से अधिक पिटपास किन-किन अधिकारियों ने किन-किन वर्षों में जारी किये, बतायें? (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (ग) में क्‍या माईनिंग प्‍लान में स्‍वीकृत क्षमता के अनुसार ही पिटपास जारी किये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो सनडरसन कंपनी की किन-किन खदानों को स्‍वीकृत उत्‍खनन क्षमता से अधिक पिटपास किन-किन अधिकारियों द्वारा 2012-13 से वर्षवार जारी किये, बतायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के    प्रपत्र-ए अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ए के कॉलम 7 से 11 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-बी अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी की जाँच प्रश्‍नाधीन अवधि में नहीं की गई है। खनिज विभाग के खनिज निरीक्षक कटनी द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी की जिन खदानों की जाँच की गई है उसके प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-सी अनुसार है। भारत सरकार, खान मंत्रालय, भारतीय खान ब्‍यूरो के द्वारा जो जाँच की गई है उक्‍त संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-डी अनुसार है। कलेक्‍टर कटनी द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी की जिन खदानों को खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन अनुसार दिनांक 15.09.2015 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है एवं संबंधित कंपनी के विरूद्ध दिनांक 15.09.2015 को भारतीय खान ब्‍यूरो नागपुर एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल को अभियोजन की कार्यवाही करने हेतु पत्र जारी किया गया है वह जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। उपरोक्‍त परिशिष्‍टों में क्‍या-क्‍या जाँच की गई व क्‍या-क्‍या प्रतिवेदन दिए गए आदि का विस्‍तृत विवरण है। भारतीय खान ब्‍यूरो द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी के खनिपट्टा ग्राम बड़ारी रकबा 5.04 हेक्‍टेयर के संबंध में प्रश्‍नाधीन कंपनी के विरूद्ध अभियोजन दायर किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एफ अनुसार म.प्र. प्रदूषण नियत्रण बोर्ड द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी के ग्राम अमेहटा में 9.86 हेक्‍टेयर खनिपट्टा के संबंध में जल/वायु अधिनियम में वर्णित धाराओं के अंतर्गत न्‍यायालयीन वाद अतिरिक्‍त मुख्‍य ज्‍यूडीशियल मजिस्‍ट्रेट कटनी के कोर्ट में दिनांक 16.12.2015 को दायर किया गया है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग

133. ( क्र. 5239 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा संपत्तिधारकों से शिक्षा उपकर की राशि वसूली जाती है? यदि हाँ, तो शिक्षा उपकर वसूले जाने, उपयोग एवं व्‍यय करने के क्‍या प्रावधान है? विधि एवं उपविधि बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में शिक्षा उपकर मद में लागू वर्ष से अब तक कितनी राशि वर्षवार वसूली गई? कितनी राशि वर्तमान में निगम कोष में जमा है? क्‍या वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक रूपये 3,21,38,758/- वसूल किये गये हैं? (ग) क्‍या शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग, शैक्षणिक कार्यों हेतु किया गया? यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक नगरपालिका निगम, कटनी द्वारा किन-किन विद्यालयों में कितनी-कितनी राशि, किस-किस मद, कार्य में, किन-किन वर्षों में व्‍यय की गई एवं किन-किन वर्षों में कितनी-कितनी राशि शेष रही है? (घ) क्‍या नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों, फर्नीचर, पेयजल, स्‍वच्‍छ शौचालय, भवन मरम्‍मत/निर्माण की आवश्‍यकता है एवं प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो शिक्षा उपकर राशि का उपयोग न करने के क्‍या कारण है? कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान न करने का कौन-कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या विभाग स्‍तर से विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग किये जाने के निर्देश दिये जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, शासन के पत्र क्रमांक/4050/18-3/99 दिनांक 07 अक्‍टूबर 1999 के द्वारा शिक्षा उपकर आरोपित करने की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासन के उपरोक्‍त पत्र के संदर्भ में निगम परिषद् का विशेष सम्‍मेलन दिनांक 22.05.2000 के प्रस्‍ताव क्रमांक 10 में संपत्तिकर दाताओं के वार्षिक भाड़ा मूल्‍य पर 02 प्रतिशत शिक्षा उपकर आरोपित कर वसूली की जा रही है। इस वसूली की राशि के व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''क-1'' अनुसार है। नगरीय निकायों द्वारा प्राप्‍त शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग के संबंध में शासन का पत्र क्रमांक एफ 6-18/2012/18-3 दिनांक 31.01.2012 में निर्देश दिये गये हैं जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  ''क-2'' अनुसार है। (ख) शिक्षा उपकर प्रभावशील होने के दिनांक से अब तक कुल राशि रू. 508.25 लाख वसूल की गई, वर्षवार वसूली की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्तमान में नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा शिक्षा उपकर के रूप में वसूल की गई राशि रू. 317.43 लाख नगर निगम कोष में जमा है। वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 (19.02.2016) तक राशि रू. 349.95 लाख वसूल की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  ''ख-1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, (1) वर्ष 2012 से 16 तक वर्षवार व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं शेष राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ग-1'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रश्‍नांश (घ) में निकाय द्वारा के.सी.एस. उ.मा. विघालय, साधुराम उ.मा. विघालय एवं के.सी.एस. उ.मा. विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें प्रश्‍नांकित कार्यों की आवश्‍यकता हैं, विवरण निम्‍नानुसार है :-

1.      नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा संचालित उ.मा. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इस संबंध में मेयर इन-काउंसिल के प्रस्‍ताव क्रमांक 07 दिनांक 11.09.2015 द्वारा नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा संचालित उ.मा. शालाओं के दान की शर्तों को यथावत रखते हुये तीनों उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालयों को मध्‍यप्रदेश शासन, स्‍कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किये जाने हेतु हस्‍तांतरण करने का निर्णय लिया गया है।

2.      फर्नीचर एवं पेयजल की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है।

नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा संचालित विद्यालयों में स्‍वच्‍छ शौचालय, भवन निर्माण/मरम्‍मत कार्यों हेतु एवं नगर निगम सीमा अंतर्गत अन्‍य विद्यालयों में स्‍वच्‍छ शौचालयों निर्माण हेतु शिक्षा उपकर मद से स्‍वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के परिपत्र '''' अनुसार है। नगर निगम द्वारा संचालित के.सी.एस. उ.मा. विद्यालय/साधुराम उ.मा./रवीन्‍द्र राव, उ.मा. विघालय में निर्माण एवं मरम्‍मत कार्य हेतु प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। आवश्‍यकतानुसार प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत होने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की जाती है, इसलिए स्‍वीकृति प्रदान न करने के लिये कोई जिम्‍मेदार नहीं है। राज्‍य सरकार द्वारा शिक्षा उपकर की राशि से स्‍कूलों में स्‍वच्‍छ पेयजल तथा शौचालय सुविधा सुनिश्चित करते हुये स्‍कूलों के       रख-रखाव की व्‍यवस्‍था कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं, तद्नुसार नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आवश्‍यक कार्य कराये जा रहे हैं।

माईनर एवं काड़ा (वाटर कोर्स) निर्माण कार्यों में गुणवत्‍ताविहीन कार्य

134. ( क्र. 5294 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग खण्‍ड शिवपुरी के उपखण्‍ड करैरा नावली डेम नहर से संबंधित ग्राम सिल्‍लारपुर में माइनर व वाटर कोर्स के निर्माण में गुणवत्‍ताविहीन एवं प्राक्‍कलन के विपरीत कम मात्रा में सीमेंट आदि का उपयोग हो रहा है? (ख) क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निर्माण कार्यों की तकनीकी निरीक्षकों द्वारा प्रश्‍नकर्ता के समक्ष खुली जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय-सीमा बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) मा. प्रश्‍नकर्ता विधायक उनकी सुविधानुसार तिथि में अधीक्षण यंत्री के साथ स्‍थल निरीक्षण कर सकते हैं।

अवैध रॉयल्‍टी वसूली

135. ( क्र. 5295 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रेत उत्‍खनन खदानों से रॉयल्‍टी प्राप्‍त करने की क्‍या दरें निर्धारित हैं? (ख) खनिज नीति के तहत निर्धारित रॉयल्‍टी के विपरीत तहसील नरवर जिला शिवपुरी में संचालित खदान ग्राम जैतपुर से निर्धारित रेट से कई गुना रॉयल्‍टी ली जा रही है? (ग) क्‍या रॉयल्‍टी खदान स्‍थल पर लेने के प्रावधान है? जैतपुर खदान की रॉयल्‍टी वर्तमान में सिरसौद चौराहा, छितरी चौराहा, नरवर, खिरियासुनवई, जुझाई नरवर आदि स्‍थानों पर अवैध नाके लगाकर अवैध रूप से रॉयल्‍टी काटी जा रही है जो निर्धारित दर से कई गुना अधिक है? (घ) क्‍या उपरोक्‍त अवैध रॉयल्‍टी को लेकर प्रश्‍नकर्ता के समक्ष जाँच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक व अवैध वसूली की वापसी कार्यवाही हेतु   शासन-प्रशासन क्‍या कार्यवाही करेगा व अवैध वसूलीकर्ताओं के खिलाफ कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर दिये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में रेत खनिज की रॉयल्‍टी 100 रूपया प्रति घन मीटर अधिसूचित है। (ख) जी नहीं। (ग) खदान क्षेत्र से बाहर खनिज की निकासी होने पर, उस पर देय रॉयल्‍टी का भुगतान पट्टेदार/ठेकेदार द्वारा शासन को किया जाता है। निरीक्षण के दौरान प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में नाके लगे हुए नहीं पाये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' में दिये गये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जनपद पंचायत मुरैना में प्राप्‍त शिकायतों का निवारण

136. ( क्र. 5312 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद स्‍तर पर जन-सुनवाई केंद्रों में प्राप्‍त आवेदनों के निराकरण करने हेतु क्‍या-क्‍या गाईड लाईन प्रचलन में है? प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) जनपद पंचायत मुरैना जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2016 तक कितनी जनपद (खण्‍डस्‍तरीय) जन-सुनवाई केंद्रों में जनसमुदाय द्वारा समस्‍या के निराकरण हेतु कितने आवेदन प्रस्‍तुत किये, संख्‍यावार व विभागवार बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन स्‍थल (मौके) पर निराकरण कर दिये गये व कितने शेष है? शेष प्रकरण कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गाईड लाईन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 153 आवेदन प्राप्‍त हुए। संख्‍यावार व विभागवार प्राप्‍त आवेदनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्राप्‍त समस्‍त आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुरैना में उपकेन्‍द्रों का शिलान्‍यास

137. ( क्र. 5315 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्‍तरीय अन्‍त्‍योदय मेला जिला मुरैना, दिनांक 22 फरवरी 2014 को आओ बनाएं अपना मध्‍यप्रदेश के अवसर पर मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड मुरैना द्वारा विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के ग्राम सिहौनिया, बड़ागांव, जेबडाखेड़ा आदि गांवों में 05 एम.व्‍ही.ए. 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्यों का शिलान्‍यास हुआ, की जानकारी लागत राशि, क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी, कार्य पूर्णावधि, कार्य प्रारंभ दिनांक आदि सहित दी जावे? (ख) क्‍या (क) में उल्‍लेखित सभी निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं, तो कार्य पूर्ण न होने के क्‍या कारण हैं? अवगत करावें और कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ दिनांक 22 फरवरी 2014 को म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना के प्रश्‍नाधीन ग्रामों सहित कुल 13 ग्रामों में 05 एम.व्‍ही.ए क्षमता के 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों के निर्माण कार्यों का शिलान्‍यास हुआ था। कार्य की लागत राशि, क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी, कार्य प्रांरभ करने एवं कार्य पूर्णता अवधि की दिनांक आदि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन 13 उपकेन्‍द्रों में से 9 उपकेन्‍द्रों के कार्य पूर्ण (5 समय-सीमा में एवं 4 समय-सीमा के पश्‍चात) किये जा चुके हैं तथा 2 उपकेन्‍द्रों के कार्य ए.डी.बी. योजना में जुन 2016 तक पूर्ण होने संभावित हैं। एक उपकेन्‍द्र का कार्य निरस्‍त कर संबंधित क्षेत्र हेतु विद्यमान 33/11 के.व्‍ही. डान्‍डरी उपकेन्‍द्र में एक अतिरिक्‍त 5 एम.व्‍ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर स्‍थापित किया गया है तथा एक उपकेन्‍द्र का कार्य आई.पी.डी.एस. योजना में सम्मिलित है तथा इनका कार्य वित्‍तीय उपलब्‍धतानुसार पूर्ण किया जाना संभव होगा जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विद्युत उपकेन्‍द्रवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। समय-सीमा के बाद पूर्ण हुये अथवा अपूर्ण कार्य विभिन्‍न कारणों यथा जमीन विवाद क्रियान्‍वयन एजेंसी के पास श्रमिकों एवं सामग्री की अनुपलब्‍धता आदि कारणों से समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सके हैं।

परिशिष्ट - ''चौरासी''

ई-रजिस्‍ट्री से राजस्‍व की प्राप्ति

138. ( क्र. 5325 ) श्री सुदर्शन गुप्‍ता (आर्य) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में संपत्तियों की खरीद पर ई-रजिस्‍ट्री किया जाना प्रारंभ की गई है? यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में प्राप्‍त राजस्‍व व 2015-16 में प्राप्‍त राजस्‍व की माहवार सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या ई-रजिस्‍ट्री लागू करने से प्रदेश शासन को कम राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) ई-रजिस्‍ट्री लागू करने के कारण शासन को कम राजस्‍व प्राप्‍त होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

परिशिष्ट - ''पिच्चासी''

उपकेन्‍द्र के संचालन

139. ( क्र. 5344 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश पॉवर ट्रान्‍समिशन कंपनी जबलपुर में उपकेन्‍द्रों को चलाने के लिये जो ठेके दिये जा रहे हैं उनके आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है? ठेकेदारों को धमका कर चहेतों को ठेका दिलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) वर्तमान में कितने उपकेन्‍द्र ठेके से मध्‍यप्रदेश में है और वे किस दर से किन-किन ठेकेदारों को दिये गए है? (ग) इंदौर की फर्म सूर्या कन्‍स्‍ट्रक्‍शन के खिलाफ कर्मचारियों को कम पैसे देने और ई.पी.एफ. में धोखाधड़ी की जो शिकायत हुई थी, उस पर क्‍या कार्यवाही हुई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में उपकेन्‍द्रों के चलाने के लिए जो ठेके दिये जा रहे हैं उसके आवंटन में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा विभिन्‍न ठेकों में कंपनी की मानक प्रक्रिया के अनुरूप खुली निविदाएं आमंत्रित की जाती है एवं निविदा में वर्णित सभी आवश्‍यक अर्हताएं पूर्ण करने वाले निविदाकारों में से न्‍यूनतम दर के आधार पर आदेश जारी किया जाता है, अत: यह कहना सही नहीं है कि ठेकेदारों को धमकाकर चहेतों को ठेका दिया जाता है। (ख) वर्तमान में म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के 132 के.व्‍ही. के 207 उपकेन्‍द्रों एवं 220 के.व्‍ही. के 08 उपकेन्‍द्रों में संचालन/संधारण (जिसमें सिक्‍यूरिटी भी शामिल है) का कार्य ठेकेदारों के माध्‍यम से कराया जा रहा है। ठेकेदारों एवं ठेकों के दरों की विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ग) मेसर्स सूर्या कन्‍स्‍ट्रक्‍शन इंदौर द्वारा म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, के उज्‍जैन वृत एवं खण्‍डवा वृत्‍त में उपकेन्‍द्रों के संचालन एवं संधारण के किये जा रहे कार्यों के संबंध में ई.पी.एफ. बाबत् दो शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं जिसमें से उज्‍जैन वृत्‍त के अंतर्गत प्राप्‍त शिकायत का निराकरण कर दिया गया है। शिकायत में 132 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र अर्णिया कला पर ठेकेदार द्वारा नियुक्‍त छ: कर्मचारियों ने ई.पी.एफ खाते में कम भुगतान प्राप्‍त होने पर की गई शिकायत के उपरांत ठेकेदार द्वारा ई.पी.एफ. की बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है एवं कर्मचारियों द्वारा संतुष्टि व्‍यक्‍त की गई है। उपरोक्‍त भुगतान का विवरण एवं कर्मचारियों का संतुष्टि व्‍यक्‍त किये जाने संबंधी पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। खण्‍डवा वृत से संबंधित अन्‍य शिकायत जो कि दिनांक 27.01.2016 में संबंधित कार्यालय में प्राप्‍त हुई है उसका निराकरण एक माह में करने हेतु संबंधित ठेकेदार को आदेशित कर दिया गया है। 

हाईटेंशन लाईन की स्‍वीकृति

140. ( क्र. 5353 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत खेलागांव, टोलक्‍या खेड़ी तहसील नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) को वर्ष 1970-71 से नलखेड़ा से पिलवास ग्रीड से विद्युत सप्‍लाई की जा रही थी? विद्युत सप्‍लाई की अनियमितता एवं अन्‍य परेशानियों के कारण ग्राम मोया खेड़ा से हाई टेंशन लाईन खेलागांव एवं टोलक्‍या खेड़ी के लिये स्‍वीकृति की गई थी? इसे बंद करने का क्‍या कारण है? क्‍या इसे शासन अविलंब चालू करने का आदेश देगा? (ख) क्‍या स्‍वीकृत लाईन वर्तमान में पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गई ऐसी स्थिति में क्‍या शासन इसे सही कर विद्युत सप्‍लाई की कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? (ग) वर्ष 2009 में उक्‍त हाईटेंशन लाईन का कार्य पूर्ण हुआ और अल्‍प अवधि में ही यह विद्युत लाईन क्षतिग्रस्‍त होकर वर्तमान में पूर्णत: बंद/अनुपयोगी स्थिति में है? इसके लिए कौन दोषी है, क्‍या शासन विद्युत लाईन को पुन: ठीक कर समुचित विद्युत वितरण करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्या नहीं और ऐसे अप्रमाणित कार्य के लिए दोषियों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगा? (घ) क्‍या नलखेड़ा ग्रीड़ से नियिमत विद्युत सप्‍लाई की जाती रही है, तो मोयाखेड़ा हाईटेंशन लाईन स्‍वीकृत करने का क्‍या कारण रहा? स्‍वीकृति उद्देश्‍य की पूर्ति प्रशासन द्वारा क्‍यों नहीं की जा रही है? क्‍या शासन स्‍वीकृत योजना को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय करने के आदेश जारी करेगा ताकि संबंधित ग्रामों को इसका लाभ मिल सके यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) ग्राम पंचायत खेलागांव एवं टोलक्‍याखेड़ी, तहसील नलखेड़ा जिला आगर (मालवा) को नलखेड़ा उपकेन्‍द्र से निकलने वाले पिलवास फीडर से वर्ष 1970-71 से विद्युत सप्‍लाई किये जाने की पुष्टि करना वर्तमान में संभव नहीं है। जी नहीं, विद्युत प्रदाय व्‍यवस्‍था को बेहतर करने के लिये ग्राम मोयाखेड़ा स्थित 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से 11 के.व्‍ही.लाईन खेलागांव एवं टोलक्‍याखेड़ी के लिये स्‍वीकृत की गई थी। इस लाईन को बंद नहीं किया गया है अपितु वर्ष 2010-11 में अत्‍यधिक वर्षा एवं आँधी तूफान के कारण उक्‍त 11 के.व्‍ही. लाईन क्षतिग्रस्‍त हो गयी थी तथा ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण इस लाईन का पुर्ननिर्माण नहीं हो सका था। उक्‍त लाईन से प्रभावित क्षेत्र को वर्तमान में 11 के.व्‍ही. नलखेड़ा-पिलवास फीडर से जोड़कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, तथा उक्‍त क्षेत्र में और अधिक गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने हेतु निकटस्‍थ स्थित ग्राम पचनाला में 5 एम.व्‍ही.ए. क्षमता का एक 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत हैं, जिसका कार्य अक्‍टूबर 2016 तक पूर्ण होना संभावित है। अत‍: उक्‍त क्षतिग्रस्‍त/बंद लाईन से पुन: विद्युत प्रदाय किया जाना आवश्‍यक नहीं है।       (ग) उक्‍त लाईन जनवरी 2009 से जुलाई 2010 तक क्रियाशील थी तथा वर्तमान में पूर्णत: बंद/अनुपयोगी स्थिति में है। प्राकृतिक आपदा के कारण लाईन क्षतिग्रस्‍त हुई है, अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार बेहतर वै‍कल्पिक व्‍यवस्‍था के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त लाईन से पुन: विद्युत प्रदाय किये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नलखेड़ा 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से निकलने वाले 11 के.व्‍ही. पिलवास फीडर से विद्युत प्रदाय की जा रही है। आस-पास के ग्रामों में बढ़ते हुये सिंचाई भार को देखते हुये क्षेत्र को और अधिक गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराये जाने के उद्देश्‍य से प्रश्‍नाधीन लाईन स्‍वीकृत कर ऊर्जीकृत की गई थी किन्‍तु प्राकृतिक आपदा के कारण उक्‍त लाईन क्षतिग्रस्‍त होने के पश्‍चात् उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार बेहतर वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की जा रही है, जिसका लाभ संबंधित क्षेत्र के विद्युत उपभोक्‍ताओं को माह अक्‍टूबर 2016 के उपरांत मिल सकेगा। 

सोलर ऊर्जा कंपनियों के संचालन

141. ( क्र. 5371 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन संभाग अंतर्गत कितनी सोलर ऊर्जा कंपनियां संचालित है एवं इनसे कितना विद्युत उत्‍पादन हो रहा है? कृपया प्‍लांटवार जानकारी देवें?            (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत स्‍थापित सोलर ऊर्जा प्‍लांट की पूर्ण जानकारी कंपनी के विवरण व उत्पादित विद्युत व उसके वितरण सहित उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या सोलर ऊर्जा प्‍लांट यदि कृषि भूमि पर स्‍थापित किया जाना हो तो कंपनी की डायवर्सन कराना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो क्‍या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की सभी कंपनियों ने डायवर्सन करवाया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में ग्राम जमुनियां में स्‍थापित सोलर ऊर्जा कंपनी द्वारा कराए गए डायवर्सन व डायवर्सन हेतु प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों का विवरण उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-2-2015/सात/शा.5 भोपाल दिनांक 16 जनवरी 2015 के अनुसार यदि भूमि स्‍वामी निजी भूमि औद्योगिक प्रयोजन के लिए व्‍यपवर्तित करना चाहता है, तो उसे केवल उपखंड अधिकारी को व्‍यपवर्तन की लिखित जानकारी देना पर्याप्‍त है, इसके लिए लिखित अनुज्ञा आदेश की आवश्‍यकता नहीं है। उक्‍त प्रावधान के अनुसार ऐसे मामलों में उपखंड अधिकारी द्वारा औद्योगिक प्रयोजन में व्‍यपवर्तन की सूचना भेजने पर म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 59 का प्रकरण दर्ज करते हुए नियमानुसार प्रीमियम का अधिरोपण तथा पुनरीक्षित भू-राजस्‍व का निर्धारण मात्र करना होता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-2-2015/सात/शा.5 दिनांक 16 जनवरी 2015 के अनुसार विकासकों द्वारा कार्यवाही की गई है।

परिशिष्ट - ''छियासी''

योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु बजट

142. ( क्र. 5372 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग द्वारा पृथक से बजट प्रावधान किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितना बजट प्रावधानित किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में आगर जिले को कितनी राशि आवंटित की गई एवं इसके व्‍यय के क्‍या निर्देश थे? (ग) आगर जिले को आवंटित राशि से क्‍या-क्‍या कार्य किए गए कार्यों के लिए क्‍या निविदा निकाली गई यदि हाँ, तो निविदा का विवरण देवें? (घ) आगर जिले द्वारा व्‍यय राशि में से विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में किए गए कार्यों का पृथक से विवरण देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2014-15 में रूपये 1,25,96,00,000/- वर्ष 2015-16 में रूपये 1,34,21,10,000/- (ख) प्रचार-प्रसार के लिये राज्य स्तर पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। पृथक से जिलेवार आवंटन नहीं किया जाता है। प्रचार-प्रसार की कार्य योजना प्रदेश स्तर पर संचालित की जाती है। आगर जिले को वर्ष 2015-16 में प्रदर्शनी और सूचना शिविर के लिये राशि रूपये 64,000/- का आवंटन प्रदाय किया गया। (ग) प्रदर्शनी एवं सूचना शिविर के कार्य किये गये। (घ) सुसनेर क्षेत्र में कोई पृथक से कार्य नहीं किया गया।

विद्युत कनेक्‍शन नहीं होने के पश्‍चात भी विद्युत देयक का प्रदाय

143. ( क्र. 5379 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में छिन्‍दवाड़ा जिले में गैर विद्युत उपभोक्‍ताओं को विद्युत देयक जारी करने के कितने मामले प्रकाश में आये हैं? (ख) क्‍या ग्राम पाल्‍हरी, विकासखण्‍ड चौरई जिला-छिन्‍दवाड़ा के कृषक पुरूषोत्‍तम पिता हुन्‍नीलाल चौरसिया के कृषि भूमि पर सिंचाई का कोई साधन नहीं होने व किसी प्रकार का कोई वैध व अवैध विद्युत कनेक्‍शन नहीं होने के बावजूद भी धारा 138 (1) ख के तहत 30725.00 रूपये वसूल किये जाने नोटिस जारी किये गये है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) क्‍या यह भी सही है कि उक्‍त कृषक को अवैध रूप से जारी किये गये नोटिस की राशि कृषक के द्वारा नहीं जमा किये जाने पर विद्युत विभाग के द्वारा उसके निवास का कनेक्‍शन काट दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) क्‍या शासन उक्‍त कृषक के विरूद्ध अवैध प्रकरण बनाने, अवैध रूप से राशि वसूली की नोटिस जारी करने तथा उसके निवास के विद्युत कनेक्‍शन के बिल की राशि नियमित जमा करने के पश्‍चात भी निवास का कनेक्‍शन काटने, कनेक्‍शन काटने के पश्‍चात भी विद्युत बिल प्रदाय करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए कृषक के निवास का विद्युत कनेक्‍शन जोड़ने को आदेश देगा यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत दो वर्षों में छिंदवाडा जिले में ऐसे किसी भी व्‍यक्ति, जो विद्युत उपभोक्‍ता नहीं है, को विद्युत देयक जारी करने का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। (ख) ग्राम पाल्‍हरी विकासखण्‍ड चौरई जिला छिंदवाडा में दिनांक 03.03.2010 को चेकिंग के दौरान श्री पुरूषोत्‍तम पिता श्री हुन्‍नीलाल चौरसिया को विद्युत चोरी कर सिंचाई करते हुए पाये जाने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत् विद्युत चोरी का प्रकरण बनाया गया था जिसका पंचनामा क्रमांक 16/17 दिनांक 03.03.2010 है तथा श्री पुरूषोत्‍तम को राशि रूपये 30,725/- का देयक जारी किया गया है। (ग) अवैध रूप से विद्युत का उपयोग पाए जाने पर उत्‍तरांश (ख) अनुसार बनाए गए बिजली चोरी के प्रकरण में जारी किये गये बिल की राशि का भुगतान नहीं करने के कारण प्रश्‍नाधीन उपभोक्‍ता के घर का विद्युत कनेक्‍शन दिनांक 27.01.2016 को काटा गया था तथा विद्युत चोरी की राशि के भुगतान की मौखिक सहमति देने पर उपभोक्‍ता का कनेक्‍शन 3 दिन बाद जोड़ दिया गया था तथा वर्तमान में कनेक्‍शन चालू है। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

झील संरक्षण प्रकोष्‍ट हेतु राशि

144. ( क्र. 5383 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में नगर निगम, भोपाल द्वारा भोपाल के झील संरक्षण प्रकोष्‍ठ हेतु रूपये 4 लाख की राशि के कितने टेण्‍डर किस कार्य हेतु इश्‍यू किये गये हैं? (ख) उक्‍त अवधि में कितने टेण्‍डर फर्मों की बिक्री हुई? विक्रय किये गये सभी टेण्‍डर फार्मों की राशि नगर निगम, भोपाल के किस कोष में जमा की गई है? राशि सहित विवरण दें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में झील संरक्षण प्रकोष्‍ठ द्वारा कोई भी टेण्‍डर किसी भी कार्य हेतु जारी नहीं किये गये है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

एम.आई.सी.. की बैठक

145. ( क्र. 5392 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर निगम उज्‍जैन एवं उज्‍जैन जिले की नगर पालिकाओं द्वारा एम.आई.सी.., पी.आई.सी. एवं परिषद् की बैठक आहूत किये जाने के संबंध में जारी एजेंडा की प्रति प्रदान करते हुए उक्‍त एजेंडे किन-किन सम्‍माननीय पार्षदों को प्राप्‍त हुए? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार नगर निगम उज्‍जैन द्वारा जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक एम.आई.सी. एवं परिषद् की बैठकें में लिये गये निर्णयों में से कितने निर्णयों पर अमल किया गया एवं कितने निर्णयों पर अमल किया जाना शेष है? जिन निर्णयों पर अमल नहीं किया गया उसके पीछे क्‍या कारण है?     कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? कारण सहित जानकारी प्रदान करें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर निगम, उज्‍जैन तथा उज्‍जैन जिले की नगर पालिकाओं बड़नगर, नागदा, खाचरौद, महिदपुर द्वारा बैठक आहूत किये जाने के संबंध में जारी एजेण्‍डे की प्रति सभी सम्‍मानीय पार्षदों को बैठक के समय प्रदान की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश ''क‍'' की जानकारी अनुसार नगर पालिक निगम, उज्‍जैन में एम.आई.सी.. की कुल 53 बैठकें हुई जिसमें कुल 769 ठहराव पारित किये गये तथा उक्‍त पारित ठहराव में लिये गये सभी निर्णयों पर अमल किया गया। इसी प्रकार निगम परिषद् की कुल 16 बैठकें आयोजित हुई जिसमें कुल 246 ठहराव पारित किये गये तथा सभी निर्णयों पर अमल किया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सूची क्र. 02 के संबंध में

146. ( क्र. 5401 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपपंजीयक कार्यालय में सूची क्रमांक 02 के अवलोकन के लिये विभाग द्वारा क्‍या शुल्‍क निर्धारित किया गया है, इस संबंध में विभाग द्वारा जनवरी 2013 के पश्‍चात् जारी पत्र, परिपत्र एवं निर्देशों की जानकारी उपलब्‍ध कराते हुए उक्‍त शुल्‍क लिये जाने के पीछे विभाग का क्‍या उद्देश्‍य है? (ख) उज्‍जैन जिले के संबंधित उपपंजीयक कार्यालयों में सूची क्रमांक 02 में की जाने वाली प्रविष्ठियां किस दिनांक तक पूर्ण कर दी गई? उपपंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें? (ग) उज्‍जैन जिले के संबंधित उपपंजीयक कार्यालयों में सूची क्रमांक 02 की वर्ष 1985-1986 तक के ग्रंथों की क्‍या स्थिति है? उक्त समयावधि में कितने वर्षों के सूची क्रमांक 02 कटे-फटे होकर अपठनीय स्थिति में है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सूची क्रमांक 02 के अवलोकन के लिए 50 रूपये प्रतिवर्ष शुल्‍क निर्धारित है। उक्‍त शुल्‍क लिए जाने का उद्देश्‍य आम जनता के लिए दस्‍तावेजों का उचित रख-रखाव किया जाना तथा उन्‍हीं व्‍यक्तियों के लिए अवलोकन की सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना है, जिनके लिए इसकी वास्‍तविक उपयोगिता है। जारी निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) (1) उज्‍जैन उप पंजीयक कार्यालय दिनांक 14.12.2014 तक पूर्ण (2) बड़नगर उप पंजीयक कार्यालय दिनांक 01.04.2015 तक पूर्ण (3) महिदपुर उप पंजीयक कार्यालय वर्ष 2013-14 तक पूर्ण (4) नागदा उप पंजीयक कार्यालय जुलाई 2015 तक पूर्ण (5) खाचरौद उप पंजीयक कार्यालय जुलाई 2015 तक पूर्ण (6) घटिया उप पंजीयक कार्यालय वर्ष 2012-13 तक पूर्ण (ग) ग्रंथो की स्थिति अच्‍छी है। सूची क्रमांक 02 के कुछ पन्‍ने कटे-फटे है। इन्‍हें दुरूस्‍त करने के निर्देश वरिष्‍ठ जिला पंजीयक को दिए गए हैं। दिनांक 15.12.2014 के पश्‍चात उज्‍जैन जिले में ई-रजिस्‍ट्री लागू होने के फलस्‍वरूप अब इण्‍डेक्‍स क्रमांक 2 ऑनलाईन उपलब्‍ध हैं। 

पेयजल का परिवहन

147. ( क्र. 5420 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना ‍जिले की नागौद नगर पंचायत द्वारा विगत वर्ष 11-12 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्रीष्‍मकालीन पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए स्‍वीकृत दर पर सभी वार्डों में पेयजल परिवहन करने वाले ठेकेदारों को पयेजल परिवहन के ठेके दिये गये थे? (ख) क्‍या पेयजल परिवहन में भेदभाव की शिकायत प्रश्‍नांकित अवधि में किसके द्वारा की गई है, यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण दें? (ग) फर्म कान्‍हा एसोसिएट्स को सभी परिवहन करने वाले ठेकेदारों के साथ पेयजल परिवहन की स्‍वीकृति दी गई क्‍या तथा परिवहन किये गये पेयजल के देयकों में कानहा एसोसिएट्स का पेयजल परिवहन का भुगतान किया गया क्‍या? प्रश्‍न दिनांक तक कान्‍हा एसोसिएट्स का परिवहन का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया कब तक किया जावेगा? अब तक भुगतान न करने के लिये कौन दोषी है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। कान्‍हा एसोसिएट्स से आवेदन पर वार्ड क्रं. 3 में पूर्व स्‍वीकृत दर पर पेयजल परिवहन करने की स्‍वीकृति दिनांक 20.04.2011 को दी गई। कान्‍हा एसोसिएट्स को पेयजल परिवहन का कोई भुगतान नहीं किया गया है। कान्‍हा एसोसिएट्स का कोई बिल तथा अभिलेख न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है। जाँच उपरांत उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जा सकेगा।

परिशिष्ट - ''सतासी''

सार्वजनिक रास्‍ते में अतिक्रमण

148. ( क्र. 5421 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सत्‍य है कि सतना जिले की नागौद तहसील की नगर पंचायत नागौद के वार्ड क्र. 14 में बस स्‍टैण्‍ड के पीछे मिथला नगर कालोनी के सार्वजनिक रास्‍ते में    श्री रावेन्‍द्र सिंह कचलोहा एवं उनकी पत्‍नी श्रीमती मनभरण सिंह द्वारा गोमती रखकर रास्‍ता अवरूद्ध कर नाली का निर्माण एवं सकरा रास्‍ते का चौड़ीकरण नहीं करने दिया गया था? (ख) क्‍या इनके जमीनों का सीमांकन अनेकों बार कराने के बावजूद जो सरकारी जमीन नाली के निर्माण के लिये निकलती है उस जमीन में अतिक्रमण किया गया है? (ग) क्‍या इनके पहले वाली जमीन में जो मकान बना है उसके बाद नाली का निर्माण होना चाहिए था किन्‍तु उस जगह पर मवेशियों को रखकर अतिक्रमण करने से उस मकान के पीछे से नाली का निर्माण नहीं करने दिया जा रहा है उस मकान से लगे हुये दूसरे प्‍लाट पर गोमती रखने से नाली का निर्माण नहीं हो पा रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) (ग) यदि सही है तो मकान के पीछे से ही नाली का निर्माण कराया जावेगा और इनके प्‍लाट में रखी हुई गोमती हटवाकर नाली का निर्माण कराया जायेगा क्‍या? यदि कराया जायेगा तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बताएं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्‍नाधीन स्‍थल वार्ड क्रमांक 14 में न होकर वार्ड क्रमांक 4 में स्थित मुख्‍य मार्ग पर न होकर गली में स्थित होने से, चौड़ीकरण का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (ख) जी नहीं। सीमांकन में अतिक्रमण नहीं पाया गया है। (ग) जी नहीं, अपितु प्रश्‍नाधीन स्‍थल पर निजी भूमि में गुमठी रखी है, मवेशी नहीं बंधे है। प्रश्‍नांकित क्षेत्र में मात्र सड़क का निर्माण हुआ है। नाली का निर्माण अभी नहीं हुआ है। (घ) जी नहीं। नाली का निर्माण निजी भूमि छोड़कर सार्वजनिक भूमि पर किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सौर ऊर्जा पर अनुदान

149. ( क्र. 5472 ) श्री संजय पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा योजना को बढ़ावा देने हेतु घरेलु एवं सिंचाई पम्‍प प्रतिस्‍थापन हेतु विभाग द्वारा क्‍या योजना संचालित है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हां, तो घरेलु ऊर्जा लगाने में एवं सिंचाई हेतु स्‍थापन के लिये क्‍या-क्‍या अनुदान दिया जाता है? (ग) कटनी जिले में उक्‍त योजना में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें? (घ) क्‍या जंगली जानवरों से कृषि फसलों को बचाने हेतु सौर ऊर्जा फेन्सिंग यूनिट में विभाग द्वारा अनुदान है? यदि हाँ, तो एक यूनिट पर कितना अनुदान दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्‍या शासन वन्‍य प्राणियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए इस योजना को इस वित्‍तीय वर्ष में शामिल करेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग द्वारा सिंचाई हेतु सोलर पम्‍प योजना संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्‍त, नल-जल योजनाएं संचालित करने हेतु भी सोलर पम्‍प लगाए जा रहे है। (ख) सिंचाई कार्य हेतु सोलर पम्‍पों की स्‍थापना पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग की नल-जल योजनाएं संचालित करने हेतु 16 नग सोलर पम्‍प लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्‍त, वन विभाग की नर्सरियों में 5 नग सोलर पम्‍पों की स्‍थापना की गई है। (घ) सोलर फेंसिंग यूनिट पर विभाग द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

परिशिष्ट - ''अठासी''

विद्युत कम्‍पनी में ठेकेदार कर्मी

150. ( क्र. 5475 ) श्री के.पी. सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृत्‍त शिवपुरी के अंतर्गत कुल कितने ठेकेदार कर्मचारी किस-किस कार्य हेतु सर्विस प्रोवाइडर के माध्‍यम से नियुक्‍त किये गये है? इनकी नियुक्ति हेतु विद्युत कम्‍पनी द्वारा किन-किन कार्यों हेतु क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड/योग्‍यता निर्धारित की गई है? उनसे कौन सा कार्य करवाया जा रहा है? कितनों से पद के अनुरूप एवं कितनों से पद के विरूद्ध कार्य लिया जा रहा है? (ख) क्‍या सं./सं. सभांग पिछोर में जनवरी 2014 से नवम्‍बर 2015 तक निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता अनुसार कर्मचारियों को रखा गया है? यदि हाँ, तो कितने? विवरण सहित सूची देवें? क्‍या उक्‍त‍अवधि में ऐसे ‍कितने ठेकेदार कर्मचारी को रखा गया है जो निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता नहीं रखते थे? इसके लिये कौन दोषियों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या संभाग पिछोर में उक्‍त अवधि में मीटर रीडिंग हेतु मापदण्‍ड/योग्‍यता अनुसार कर्मियों को लगाया गया है? उक्‍त अवधि में मीटर रीडिंग गड़बड़ी की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक की जावेगी? क्‍या निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता नहीं रखने वाले कर्मियों को ही रीडिंग के कार्य पर लगाया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषियों पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वृत्‍त शिवपुरी के अंतर्गत सेवा प्रदाता के माध्‍यम से कुल 423 कुशल/अकुशल श्रमिक विभिन्‍न कार्यों यथा मीटर रीडिंग, सब-स्‍टेशन ऑपरेटर, के.पी.ओ. आदि के लिये कार्यरत् है। इनमें से 335 कार्मिकों का केन्‍द्रीयकृत निविदा प्रक्रिया के अन्‍तर्गत चयनित सेवाप्रदाता द्वारा निविदा क्रमांक 379 भाग-IV कंडिका तीन में निहित प्रावधानों के अनुसार शै‍क्षणिक योग्‍यता एवं आयु सीमा संबंधी नियमों के अनुसार नियोजन किया गया है एवं शेष 88 कार्मिक मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता अनुसार नियोजित हैं। निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सभी श्रेणी के ठेकेदार कार्मिकों से उनके पद के अनुरूप ही कार्य करवाया जा रहा है।       (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचा./संधा. संभाग पिछोर में जनवरी 2014 से नवम्‍बर, 2015 तक जिन कार्मिकों को सेवा प्रदाता के माध्‍यम से रखा गया है, वे सभी कार्मिक मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता रखते हैं। उक्‍त अवधि में 6 सेवा प्रदाताओं द्वारा कार्मिकों को रखा गया है जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा प्रपत्र-ब में उल्‍लेखित विभिन्‍न तिथियों में कार्यरत् इन कार्मिकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, ब-1, ब-2, स-1, स-2, द-1 एवं द-2 अनुसार हैं। उक्‍त अवधि में ऐसे किसी भी ठेकेदार कार्मिक को नहीं रखा गया है जो निर्धारित योग्‍यता/मापदण्‍ड नहीं रखते थे। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचा./संधा. संभाग पिछोर के अन्‍तर्गत उक्‍त अवधि में मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड/योग्‍यता के अनुसार ही सेवाप्रदाता द्वारा कार्मिकों को रखा गया है। उक्‍त अवधि में मीटर रीडिंग संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

खदानों की नीलामी

151. ( क्र. 5496 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिलांतर्गत खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कितनी खदानों की नीलामी की विज्ञप्ति जारी की गई वर्षवार, खनिजवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन ठेकेदारों/फर्मों/संस्‍थाओं द्वारा निविदा जमा की गई एवं निविदाकर्ताओं की अंतिम बोली क्‍या रही? निविदाकर्ता का नाम, निविदाकर्ता का पता, अंतिम बोली राशि की जानकारी वर्षवार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में चयनित निविदाओं के आधार पर खदाने कितने समय के लिये उन्‍हें आवंटित की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।        (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में नीलाम हेतु निविदा प्रस्‍तुत किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।        (ग) प्रश्‍नांश '' में दी गई जानकारी के अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''नवासी''

रहली वितरण नहर एवं उप नहरों को पूर्ण किया जाना

152. ( क्र. 5502 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल उपभोक्‍ता संस्‍था गोबरगांव बरगी प्रोजेक्‍ट जिला नरसिंहपुर के आवेदन पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा रहली वितरण नहर एवं इसकी उपनहरों को पूर्ण कराये जाने बाबत् प्रभारी मंत्री नरसिहंपुर को कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) रहली वितरण नहर का कार्य कब से प्रारंभ किया गया एवं कितना कार्य पूर्ण किया गया एवं कितना अपूर्ण है? अपूर्ण कार्य को करवाने हेतु कब-कब टेंडर लगाये गये कब-कब खोले गये? कितने ठेकेदारों द्वारा इसमें भाग लिया गया?     (ग) रहली वितरण नहर के शेष कार्य हेतु बुलाये गये टेंडर स्‍वीकृ‍त किये गये अथवा नहीं? किस-किस अधिकारी ने स्‍वीकृति की अनुशंसा की थी एवं किस-किस अधिकारी ने अस्‍वीकृति की अनुशंसा की थी? नाम एवं पद सहित बतलाया जावे? (घ) रहली वितरण नहर से कितने रकबे में सिंचाई की जाना है एवं कितने रकबे में की जा रही है? शेष रकबे में सिंचाई न होने से शासन कितने सिंचाई राजस्‍व की हानि हो रही है एवं कृ‍षकों को कितने अतिरिक्‍त उत्‍पादन का नुकसान हो रहा है एवं इसका जिम्‍मेदार कौन है एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पत्र पर समुचित कार्यवाही की गई है। (ख) रहली वितरण नहर का कार्य दिनांक 19.08.2004 से प्रारंभ किया गया एवं 35% कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु निम्‍नानुसार निविदा आमंत्रित की गई :-

स.क्र.

निविदा लगाने का दिनांक

निविदा खोलने का दिनांक

भाग लेने वाले ठेकेदारों की संख्‍या

1

11.07.2012

03.09.2012

1

2

16.10.2012

14.03.2013

1

3

12.07.2013

30.10.2014

1

4

30.10.2014

07.02.2015

1

5

01.04.2015

-

-

6

18.05.2015

19.08.2015

1

(ग) दिनांक 17.10.2015 को स्‍वीकृत किया जा चुका है, एवं संबंधित सभी अधिकारियों द्वारा अनुशंसा की थी। (घ) रहली वितरण नहर प्रणाली से 2311 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रस्‍तावित है। वर्तमान में 1512 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है एवं शेष रकबे में अनलाईण्‍ड नहरों से अस्‍थाई व्‍यवस्‍था कर सिंचाई की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता 

झा आयोग के संबंध में

153. ( क्र. 5511 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कारण है कि फर्जी रजिस्‍ट्री मामले (सरदार सरोवर बांध परियोजना) की जाँच कर रहे रिटायर्ड जस्टिस झा आयोग के खर्चों के भुगतान नहीं किए जा रहे?      (ख) इस संबंध में आयोग द्वारा जबलपुर हाइकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्‍ट्रार को लिखे गये पत्र पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की है? (ग) इनके कटे हुए टेलिफोन कनेक्‍शन कब तक जोड़ दिए जांएगे? इनकी रिपोर्ट कब तक विधानसभा के पटल पर रख दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जाँच आयोग का कार्यकाल दिनांक 31.12.2015 को पूर्ण होने के कारण। (ख) आयोग द्वारा वाइंड अप के लिये चाहा गया अतिरिक्‍त समय की मांग पूर्ण विचारोपरांत अमान्‍य की गई है। (ग) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। आयोग का गठन माननीय उच्‍च न्‍यायालय, के निर्देश पर किया गया था। अत: आयोग द्वारा जाँच रिपोर्ट दिनांक 04.01.2016 को माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में प्रस्‍तुत की गई है।

नागपुर-बैतूल फोरलेन में हुई लाईन शिफ्टिंग

154. ( क्र. 5523 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फोरलेन बाय-पास लाईन शिफ्टिंग प्राक्‍कलन में 5% परिवहन शुल्‍क का प्रावधान कर पुराना सामान ठेकेदार को दिया जाकर विभाग को लाखों को आर्थिक क्षति पहुंचाई है? यदि आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है तो क्षति का आंकलन राशि में बताया जावे? क्‍या फोरलेन बाय-पास खेतों से होकर बना है, फिर भी प्राक्‍कलन में सड़क खोदने एवं यातायात कंट्रोल के नाम पर 31500 रूपये प्रति प्राक्‍कलन का प्रावधान कर 1606500/- रूपये का सड़क ठेकेदार के साथ मिलकर गबन किया गया है? (ख) 51 प्राक्‍कलन की लागत 48821603/- रूपये का 15% सेवा शुल्‍क नहीं लेकर विभाग को 7323240/- रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले कार्यपालन यंत्री पर विभाग द्वारा कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) उक्‍त में जारी 51 प्राक्‍कलनों में 8 प्राक्‍कलन एक ही स्‍थल के स्‍वीकृत कर शासन को 7980273/- रूपये की जानबूझकर क्षति पहुंचाने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। ''भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण'' के परियोजना निदेशक के आवेदन अनुसार चिन्हित स्‍थानों का आवेदक के प्रतिनिधि के साथ संयुक्‍त निरीक्षण कर 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेस योजनान्‍तर्गत, नियमानुसार पुरानी अनुपयोगी सामग्री को मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भंडार में लौटाने हेतु 5 प्रतिशत परिवहन शुल्‍क प्राक्‍कलनों में प्रावधानित किया गया है। प्राक्‍कलन नियमानुसार बनाए गए हैं, अत: मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई आर्थिक क्षति नहीं हुई है। चिन्हित मार्ग में 28 प्राक्‍कलनों में विद्यमान लाईन को भूमिगत करने, सड़क क्रासिंग इत्‍यादि कार्यों की आवश्‍यकता के कारण रू. 31500/- प्रति लोकेशन प्रावधानित किया गया है जिसका प्राक्‍कलनवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) सेवा शुल्‍क की राशि तत्समय म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रचलित नियमानुसार नहीं ली जाना थी। संबंधित आदेश क्रमांक 6565 दिनांक 25.05.2007 एवं पत्र क्रमांक 38 दिनांक 12.04.2012 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उक्‍त 51 नम्‍बर प्राक्‍कलनों में से 8 नम्‍बर प्राक्‍कलन, सोनाघाटी से कोसमी के मध्‍य भिन्‍न-भिन्‍न कार्यों यथा-33 के.व्‍ही.लाईनों,    11 के.व्‍ही.लाईन ट्रांसफार्मर एवं एल.टी.लाईन शिफ्टिंग हेतु स्‍वीकृत हैं। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

बैतूल जिले में नागपुर बैतूल फोरलेन में हुई शिफ्टिंग

155. ( क्र. 5524 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागपुर बैतूल फोरलेन में हुई लाईन शिफ्टिंग के समय के तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.ली., बैतूल दक्षिण द्वारा दिनांक 06/12/2010 को स्‍वीकृत प्राक्‍कलन क्रं. 76-000-2943-10-0072 से 0114 कुल 43 प्राक्‍कलन एवं दिनांक 76-000-2943-10-0115 से 0122 कुल 8 प्राक्‍कलन की जानकारी उपलब्‍ध कराये तथा यह भी बतायें कि एक दिन में कार्यपालन यंत्री कितनी स्‍वीकृत कर सकता है? (ख) क्‍या प्राक्‍कलनों में लोकेशन स्‍पष्‍ट नहीं है? उक्‍त में बिंदु (क) के अनुसार सभी प्राक्‍कलनों की सूची प्राक्‍कलन का क्रं., स्‍थान का नाम, तकनीकी स्‍वीकृति प्रस्‍तुति दिनांक, संबंधित जुनियर इंजि./सहायक यंत्री का नाम इस फार्मेट में दें? (ग) क्‍या उक्‍त प्राक्‍कलनों में डिसमेंटल चार्ज 5% की जगह 10% लगाया गया है? (घ) उक्‍त में क्‍या 1.1 किसी LT लाईन में गार्डिंग के लिए 70 कि.ग्रा. जी.आई. वायर एवं 50x5x22 इंगल सेट का प्रावधान कर प्राक्‍कलन की राशि बढ़ाकर आर्थिक अनियमितता की गयी? अनियिमतता करने वाले तत्‍कालीन अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु महाप्रबंधक (संचालन/ संधारण) वृत बैतूल द्वारा प्रश्‍नाधीन लाईन शिफ्टिंग के कार्य हेतु दिनांक 16.12.2010 (6.12.10 नहीं) को स्‍वीकृत 43 प्राक्‍कलनों एवं दिनांक 18.12.10 को स्‍वीकृत 8 प्राक्‍कलनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। एक दिन में कार्यपालन यंत्री/महाप्रबंधक द्वारा प्राक्‍कलन स्‍वीकृति की सीमा निर्धारित नहीं है।     (ख) प्राक्‍कलन में लोकेशन यथा स्‍पष्‍टत: अंकित है। प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन प्राक्‍कलानों में डिसमेंटल चार्ज दस प्रतिशत की दर से प्रावधानित है जो कि कार्य की भौतिक एवं भौगोलिक स्थिति के अनुसार लगाया गया है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2010-11 में प्रचलित शेड्युल ऑफ रेट्स के अनुसार 1.1 कि.मी. एल.टी. लाईन में एक स्‍पान की गार्डिंग हेतु 20 कि.ग्राम जी.आई. वायर एवं एंगल सेट का प्रावधान है। स्‍वीकृत प्राक्‍कलनों में लाईन क्रासिंग की भौतिक एवं भौगोलिक स्थिति के अनुसार 70 कि.ग्रा. जी.आई. वायर एवं 50x50x5 एम.एम. एंगल सेट, वास्‍तविक सर्वे के आधार पर लिया गया है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। 

कृषक अनुदान योजना के तहत ट्रांसफार्मर वितरण

156. ( क्र. 5530 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना के तहत दिनांक 01.01.2013 से 31.12.2015 तक कितने प्ररकण स्‍वीकृत किये गये? (ख) प्रकरण स्‍वीकृत होने के पश्‍चात् कितने किसानों के यहां ट्रांसफार्मर एवं लाईन पूर्ण कर दी गई/कितनी अपूर्ण हैं/कितने ट्रांसफार्मर लगना शेष है? (ग) कितने किसानों को अनुदान राशि जमा होने के बाद भी रबी सीजन में ट्रांसफार्मर नहीं मिले? शेष ट्रांसफार्मर कब तक लग जावेंगे? (घ) इसके लिये दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्‍जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को स्‍थायी विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना के अंतर्गत दिनांक 01.01.2013 से 31.12.2015 तक कुल 492 प्रकरण स्‍वीकृत किये गये। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 492 स्‍वीकृत प्रकरणों में से 395 कृषकों के ट्रांसफार्मर एवं लाईन के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। 97 कृषकों के ट्रांसफार्मर एवं लाईन विस्‍तार के कार्य अपूर्ण है। उपरोक्‍त प्रकरणों में 75 प्रकरणों में ट्रांसफार्मर लगाना शेष है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार स्‍थाई पंप कनेक्‍शन हेतु राशि जमा होने के उपरांत भी प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कुल 97 कार्य लंबित हैं, जिनमें से 75 प्रकरणों में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर भी लगाया जाना है उपरोक्‍त 75 ट्रांसफार्मर लगाने सहित प्रश्‍नाधीन शेष कार्य माह मार्च-2016 तक पूर्ण किये जाने संभावित हैं। (घ) कृषकों को स्‍थायी विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु लागू अनुदान योजना में सिंचाई पम्‍प हेतु लाईन विस्‍तार का कार्य एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की स्‍थापना के कार्यों में विलंब का मुख्‍य कारण खेतों में फसल खड़ी होने से राईट ऑफ वे की समस्‍या है। अत: रबी सीजन में उक्‍त कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं उठता। 

आयोजनों पर व्‍यय राशि

157. ( क्र. 5536 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल स्थित माननीय मुख्‍यमंत्री जी के निवास पर किन तीज-त्‍यौहरों आदि पर किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यक्रम आयोजित किये गये व उन कार्यक्रमों में भोज एवं टेन्‍ट/साज-सजावट आदि पर    कितनी-कितनी राशि व्‍यय की जाकर टेन्‍ट/भोज एवं अन्‍य का आयोजन किस-किस फर्म/व्‍यक्ति आदि से कराया गया? ब्‍यौरा दें? (ख) उक्‍त आयोजन पर किन-किन विभागों की कौन-कौन सी मद की राशि व्‍यय की गई बताएं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विद्युत कनेक्‍शन एवं दण्‍ड किये गये वसूली की गई राशि

158. ( क्र. 5549 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में विगत तीन वर्षों (2012-13,2013-14 एवं 2014-15 ) में निम्‍नदाब की कौन-कौन सी श्रेणी में कितने कनेक्‍शन दिये गये संख्‍या बतावें? विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त करने के लिए शुल्‍क विषयक नियम कौन से है, छायाप्रति उपलब्‍ध करवाये? (ख) देवास जिले के संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में विगत तीन वर्षों (2012-13,2013-14 एवं 2014-15) में एक हेक्‍टेयर से कम जोत सीमा वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने कृषकों को सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन दिये गये? (ग) देवास जिले के संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में वित्‍तीय वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में दिसम्‍बर 2015 तक विद्युत चोरी के कितने प्रकरण न्‍यायालय में दर्ज किये गये एवं उन प्रकरणों में विद्युत चोरी की कितनी राशि वसूली गई संभागवार, वित्‍तीय वर्षवार जानकारी देवें? (घ) देवास जिले के संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में एक बत्‍ती कनेक्‍शन धारी (बी.पी.एल. कार्डधारी) उपभोक्‍ताओं को मासिक कितने यूनिट विद्युत खपत की छूट प्रदान की जा रही है? इस हेतु शासन के क्‍या नियम है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) देवास जिले में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में प्रश्‍नाधीन अवधि में निम्‍नदाब श्रेणी के क्रमश: 15,829 एवं 12,899 विद्युत कनेक्‍शन दिये गये हैं। प्रश्‍नांकित वर्षों में उक्‍त दोनों संभागों में घरेलु कनेक्‍शन, बी.पी.एल. श्रेणी के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को घरेलु कनेक्‍शन, गैर-घरेलु कनेक्‍शन, जल प्रदाय, सड़क बत्‍ती, औद्योगिक, नि:शुल्‍क सिंचाई पम्‍प एवं सामान्‍य श्रेणी के सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन इत्‍यादि श्रेणियों में उक्‍त निम्‍नदाब कनेक्‍शन दिये गये हैं, जिनका श्रेणीवार, संभागवार एवं वर्षवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभिन्‍न श्रेणियों के कनेक्‍शन लेने हेतु शुल्‍क का प्रावधान मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्‍ययों तथा अन्‍य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम), 2009 के अध्‍याय-4 में वर्णित हैं जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) देवास जिले में संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली प्रश्‍नाधीन अवधि में एक हेक्‍टेयर तक जोत सीमा वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को क्रमश: 5,406 एवं 3,752 सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन दिये गये हैं, जिनका संभागवार एवं वर्षवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।     (ग) देवास जिले में संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में प्रश्‍नाधीन अवधि में विद्युत चोरी के न्‍यायालय में दर्ज किये गये कुल प्रकरणों की संख्‍या क्रमश: 311 एवं 56 है। उपरोक्‍त उल्‍लेखित प्रकरणों में क्रमश: कुल राशि रू. 37.13 लाख एवं रू. 6.01 लाख वसूली गई है। उक्‍त न्‍यायालय में दर्ज विद्युत चोरी के प्रकरणों एवं इनमें वसूली गई राशि का संभागवार, वर्षवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) देवास जिले में संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद एवं बागली में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के बी.पी.एल. श्रेणी के हितग्राहियों (एक बत्‍ती कनेक्‍शनधारी नहीं) के घरेलु विद्युत कनेक्‍शनों पर उनकी खपत में से 25 यूनिट मासिक की छूट प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के बी.पी.एल. श्रेणी के हितग्राहियों को 25 यूनिट प्रतिमाह तक विद्युत प्रभार में छूट देने राज्‍य शासन के आदेश हैं, जिसकी प्रतिपूर्ति विद्युत वितरण कंपनी को सब्सिडी के रूप में राज्‍य शासन द्वारा की जाती है। 

संपदा की जानकारी

159. ( क्र. 5555 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम, नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास वायु प्रदूषण यंत्र लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो स्‍थानों के नाम बताएं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि नहीं, लगाये गये हैं, तो क्‍या पर्यावरण के बदलते परिवेश को देखते हुये वायु प्रदूषण यंत्र लगाये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक?      (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार वायु प्रदूषण यंत्र लगाये गये हैं, तो क्‍या लगाये गये स्‍थानों पर वायु प्रदूषण की जाँच की जा रही है? (घ) क्‍या वायु प्रदूषण यंत्र मानक मापदण्‍ड अनुसार है? यदि नहीं, तो जिन स्‍थानों पर मानक मापदण्‍ड अनुसार नहीं है, उनकी सूची श्रेणीवार प्रदूषण डाटावार प्रदान करे? (ड.) जिन स्‍थानों पर मानक मापदण्‍ड अनुसार नहीं है, वहां विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है एवं सरकार द्वारा प्रदूषण रोकने हेतु क्‍या फार्मूला अपनाया गया है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि वायु प्रदूषण मापन संयंत्र स्थापित कर 35 स्थानों पर परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन (प्रदूषण मापन) किया जाता है। स्थानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मानक मापदण्ड अनुरूप नहीं होने पर वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर जन-जागृति कार्यक्रम क अंतर्गत प्रेस विज्ञप्ति का प्रकाशन, पेम्पलेट का वितरण एवं रैली आदि का आयोजन किया जाता है।

परिशिष्ट - ''नब्बे''

पानी की जनसुनवाई

160. ( क्र. 5556 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश से गुजरने वाली नदियों एवं नहरों के नाम बताएं जिनका उपयोग पीने के पानी के रूप में किया जाता है? (ख) प्रदेश के किन-किन शहरों एवं कस्‍बों से नदियां एवं नहरे गुजरती है एवं कौन-कौन से उद्योगों द्वारा नदी नहरों से पानी उपयोग किया जाता है? उद्योगों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रदेश में ऐसे कितने उद्योग है जो ग्रीन टयूबनल के निर्देशानुसार जल शोधक यंत्र द्वारा पानी की ट्रीटमेंट कर नदी में पानी बहाते है एवं ऐसे कितने उद्योग है जो निर्देशों का पालन नहीं कर सीधे नदियों में पानी बहाते है? दोनों प्रकार के उद्योगों की जानकारी देवें? (घ) कौन-कौन से उद्योगों एवं ताप विद्युत गृह की कॉ‍लोनियों द्वारा सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट लगाया गया है एवं     किन-किनके द्वारा नहीं लगाया गया है? सीवर ट्रीटमेंट प्‍लांट के पानी का उपयोग    किन-किन कॉलोनियों एवं उद्योगों द्वारा पुन: किया जा रहा है? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार जिन उद्योगों द्वारा पानी सीधे नदियों में बहाया जा रहा है ऐसे उद्योगों पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश की अधिकांश नदी/नहरों के पानी का उपयोग मनुष्यों/जीव-जंतुओं के द्वारा पीने हेतु किया जाता है। (ख) नदी/नहरों से पानी उपयोग करने वाले उद्योगों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्न में उल्लेखानुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित निर्देश की जानकारी नहीं है। दूषित जल उपचार संयंत्र से उपचारित दूषित जल को नदी में छोड़ने वाले तीन उद्योग मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, नागदा, मेसर्स ओरिएंट पेपर मिल अमलाई एवं मेसर्स सेक्युरिटी पेपर मिल, होशंगाबाद है। अनुपचारित दूषित जल सीधे नदी में निस्त्राव करने वाले उद्योगों की संख्या निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। (ड.) संबंधित तीनों उद्योगों के विरूद्ध मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा न्यायालयीन प्रकरण दायर किये गये है।

निर्माण कार्य

161. ( क्र. 5568 ) श्रीमती लोरेन बी. लोबो : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपा करेंगे कि जनजाति कल्‍याण केन्‍द्र महाकौशल बरगांव शहपुरा जिला-डिण्‍डोरी में सामुदायिक भवन एवं अन्‍य निर्माण कार्य हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधायक विकास निधि से राशि 10.00 लाख (दस लाख मात्र) अप्रैल 2015 को प्रदाय की गई थी? उक्‍त राशि को जिला योजना एवं सांख्यिकीय द्वारा निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा डिण्‍डोरी 24.07.2015 को प्रदाय की गई थी, परन्‍तु निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा डिण्‍डोरी द्वारा आज दिनांक तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है? क्‍या विभाग द्वारा निर्माण कार्य में लगातार लापरवाही एवं हीलाहवाली की जा रही है, जिससे निर्माण कार्य में अनावश्‍यक रूप से विलंब हो रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में जनजाति कल्‍याण केन्‍द्र महाकौशल बरगांव शहपुरा जिला डिण्‍डोरी में सामुदायिक भवन एवं अन्‍य निर्माण कार्य के विलंब के लिये कौन-कौन विभाग दोषी है? क्‍या कर्यवाही की जा रही है? उक्‍त निर्माण कार्य के पूर्ण होने की समयावधि भी बताई जाये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जनजाति कल्‍याण केन्‍द्र महाकौशल बरगांव शहपुरा जिला-डिण्‍डोरी में सामुदायिक भवन एवं अन्‍य निर्माण कार्य हेतु मान. विधायक द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना से राशि 10.00 लाख की अनुशंसा थी, उक्‍त कार्य हेतु रूपये 6.53 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जाकर संबंधित निर्माण एजेन्‍सियों को बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. के माध्‍यम से जारी की गई। कोषालय के सर्वर में खराबी होने से निर्माण एजेन्‍सी को राशि विलंब से प्राप्‍त हुई। निर्माण कार्य देरी से प्रारम्‍भ हुआ है। वर्तमान में कार्य प्रारम्‍भ होकर प्रगतिरत है। इस प्रकार निर्माण कार्य में लापरवाही नहीं बरती गई है। (ख) सर्वर में खराबी हेतु बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. प्रक्रिया के अधीन राशि विलम्‍ब से जारी हो सकी इसमें किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराने की प्रयास किये जावेंगे।

 

 


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