मुख्यमंत्री युवा
स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन
1. ( *क्र. 617 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना क्या है ? योजनांतर्गत कौन-कौन सी गतिविधियों
के माध्यम से स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाता है ? योजना में ऋण स्वीकृत
किये जाने के क्या प्रावधान है ? क्या ऋण स्वीकृत किये जाने हेतु बैंक द्वारा
जमानत एवं सिक्यूरीटी स्वरूप किसी भी प्रकार की चल/अचल संपत्ति बैंक को उपलब्ध
कराना अनिवार्य है ? (ख) खरगोन जिले में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनांतर्गत
वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितनी प्रावधानित
राशि के ऋण प्रकरण तैयार कर बैंक को भेजे गये है ? (ग) प्रश्न (ख) के संदर्भ में
बैंक शाखाओं द्वारा कितनी राशि के ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितनी ऋण राशि
आवेदक को उपलब्ध कराई गई एवं कितनी राशि और उपलब्ध कराई जाना शेष है ? कितने
प्रकरण बैंक शाखा द्वारा अस्वीकृत किये गये हैं ? (घ) क्या खरगोन जिले में
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनांतर्गत विभाग एवं बैंक शाखाओं द्वारा भौतिक एवं
वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति हेतु मात्र औपचारिकता की जा रही है ? यदि हां, तो इस
संबंध में शासन स्तर पर कोई कार्यवाही या कोई ठोस नीति तैयार की जा रही है
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क)मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में युवाओं को उद्योग सेवा
एवं व्यवसाय अंतर्गत बैंको के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर स्वरोजगार उपलब्ध
कराए जाने का प्रावधान है, जिसमें शासन द्वारा निर्धारित अर्हताओं के पात्र
आवेदक को ऋण स्वीकृत किये जाते हैं। ऋण स्वीकृत किये जाने हेतु बैंक द्वारा
योजनान्तर्गत किसी भी प्रकार की जमानत एवं सिक्यूरिटी चल/अचल सम्पत्ति बैंक को
उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है।(ख)से(ग) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है। बैंक शाखाओं द्वारा प्रकरण अस्वीकृत नहीं किये जाते।
बैंक शाखाओं द्वारा लक्ष्यपूर्ति उपरांत शेष प्रकरण योजना की निरन्तरता में आगामी
वित्तीय वर्ष हेतु विचार किया जाता है।(घ)खरगोन जिले में
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का संचालन शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार
किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
।
प्रश्न क्रमांक 103 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही
2. ( *क्र. 962 ) श्री सचिन
यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 23
जुलाई, 2015 के प्रश्नोत्तरी के प्रश्न क्रमांक 103 के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है ? (ख) सरवर देवला मार्ग वित्तीय व्यय
समिति द्वारा क्या अनुमोदित किया जा चुका है ? हां, तो वर्तमान बजट में शामिल किया
गया है । नहीं, तो क्यों ? कारण दें ?(ग) उक्त मार्ग के निर्माण कार्य में विलंब
के क्या कारण हैं और प्रथम कार्यवाही दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही पूर्ण
नहीं किये जाने के स्पष्ट कारणों का उल्लेख करें ? (घ) उक्त मार्ग में बार-बार
त्रुटियां दर्शाये जाने के कारण विलंब में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं, के खिलाफ
क्या कार्यवाही की जायेगी ? हां, तो बतायें नहीं, तो क्यों ? कारणों का उल्लेख
करें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) वित्तीय
समिति से अनुमोदन नहीं होने के कारण प्राक्कलन बिना स्वीकृति के वापस किये गये
।(ख) जी नहीं । जी नहीं । वित्तीय सीमा उपलब्ध नहीं होने के कारण ।(ग) वित्तीय
स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण विलंब हो रहा है । कारणों का विवरण
प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर में दर्शाया गया है ।(घ) कोई भी विभागीय त्रुटि नहीं है
। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
माननीय
सांसद/विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
3. ( *क्र. 605 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या 01.01.14 से नबम्वर 2015 की अवधि में रायसेन जिले में विभिन्न
मार्गों को राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने, अपूर्ण सड़कों को पूर्ण
कराने क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत करवाने के संबंध में मान. मंत्री जी तथा
विभाग के अधिकारियों को किन-किन मान. सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए ?
(ख) उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई, उक्त पत्रों
पर की गई कार्यवाही से संबंधित सांसद-विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया ? यदि नहीं
तो क्यों ? कारण बतायें ? (ग) क्या प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने के कारण अवगत नहीं
कराया गया ? यदि हां तो प्रस्ताव किस स्तर पर कब से परीक्षणाधीन है ? उक्त
प्रस्तावों का कब तक परीक्षण होगा ? (घ) मान. सांसद/विधायकों को उनके पत्रों का
जबाव तथा पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का निराकरण न करने के लिए कौन-कौन जबावदार
है तथा विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है । वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं ।(घ) उत्तरांश
‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में कोई भी जवाबदार नहीं है शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
है ।
वनमण्डल कावेरी क्षतिपूर्ति खण्डवा के कार्यों की जांच
4. ( *क्र. 686 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वनमण्डल
कावेरी कार्यालय खण्डवा को योजना प्रारंभ वर्ष 2010 से 2015 तक कितनी राशि
विभिन्न मदों में प्रदाय की गई तथा यह राशि किन-किन कार्यों में कब-कब खर्च की गई
?(ख) वनमण्डल कावेरी के कार्यों की कितनी शिकायत विभागीय अधिकारी संजय झा एवं
विभागीय मंत्री जी को प्राप्त हुई शिकायतवार जानकारी देवें ? इन शिकायतों पर की गई
जांच तथा जांच प्रतिवेदन का विवरण देवें ? जांच प्रतिवेदन पर लिये गये निर्णय का
विवरण देवें ? क्या वनमण्डल कावेरी के कार्यों की जांच मुख्य वनसंरक्षक एस.एस.
राजपूत के आदेश से संपन्न कराई गई है ? क्या इन कार्यों की रिपोर्ट, जानकारी
विभाग में जमा की गई है ?(ग) बोकराटा से सभी क्षेत्र क्रमांक में कितने कार्यों का
निर्माण कराया गया, कितने मजदूरों से कार्य कराया गया माहवार संख्या, कार्यवार
जानकारी देवें ? सभी मजदूरों को भुगतान चेक, केश, ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया
है ? इस संबंध में प्रदत्त नीति, निर्देश की एक प्रति देवें ?(घ) वनमण्डल कावेरी
खण्डवा में कार्यों में लापरवाही के विषय में किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों को
कारण बताओं नोटिस दिये गये ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) :
(क) जानकारी पुरस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी
पुरस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 के अनुसार है। (ग) कावेरी क्षतिपूर्ति वनीकरण
वनमंडल खण्डवा के परिक्षेत्र बोकराटा-I,II एवं III में वर्ष 2010-11 से वर्ष
2014-15 तक कुल 99 वनकक्षों में जलग्रहण उपचार कार्य कराया गया। इन कार्यो में से
बोकराटा-I, के कक्ष क्रमांक-265-II में एक स्टॉप डेम का निर्माण किया गया, जिसमें
48 श्रमिकों से मार्च 2015 में कार्य कराया गया व नगद भुगतान किया गया। शेष जानकारी
पुरस्कालय में रखे परिशिष्ट-3 के अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित विषय में श्री
के.सी.माल, वनक्षेत्रपाल, श्री मो.रफीक कुरैशी वनपाल, श्री दीपक तिवारी, वनपाल एवं
श्री चम्पालाल वास्केल, वनरक्षक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये
हैं।
ग्राम खानपुर में वन भूमि पर काबिज आदिवासी किसान
5. ( *क्र. 788 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नरयावली
विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत बेरखेरी सुवंश के ग्राम खानपुर के आदिवासी किसान
वन भूमि पर कितने वर्षों से काबिज होकर वन भूमि में कृषि कार्य कर रहे है ? (ख)
क्या प्रश्नांश (क) के आदिवासी किसानों को विभाग/राजस्व विभाग द्वारा पट्टे
वितरण किये जाने का प्रावधान है ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो कारण बतावे ?
(ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) क्षेत्र के लगभग 20 से अधिक काबिज किसानों
को बेदखल की कार्यवाही की जा रही है ? यदि हां तो क्यों ?
वन मंत्री (
डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित वन भूमि पर कोई कब्जा नहीं है ।
(ख) एवं (ग) वन भूमि पर पट्टे (गैर वानिकी उपयोग) वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत
प्रस्ताव पर भारत शासन की अनुमति प्राप्त करने के उपरांत ही दिये जाने का विधिक
प्रावधान है । उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नही
होता ।
पी.आई.यू. के स्वीकृत कार्य
6. ( *क्र. 258 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विभाग के अंतर्गत पी.आई.यू. से महिदपुर वि.स. क्षेत्र में दिनांक 01.01.13 से
01.11.15 तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए ? कार्य नाम, स्थान स्वीकृति राशि,
पूर्णता दिनांक सहित बतावें ?(ख) उपरोक्त कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हो गये
हैं और कितने अपूर्ण हैं ? अपूर्ण कार्यों में कितनी राशि आहरित की जा चुकी है और
इनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें ?(ग) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जाऐगे
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पी0आई0यू0 उज्जैन
संभाग के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में दिनांक 01.01.13 से 01.11.15 तक कुल
05 कार्य स्वीकृत किए गए है शेष जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ में दर्शित है ।(ख)
05 कार्यो में 02 कार्य पूर्ण हो गए है 03 कार्य प्रगतिरत् है । शेष जानकारी
संलग्न प्रपत्र ‘अ’ पर दर्शित है ।(ग) प्रगतिरत् तीन कार्यो में से 1 कार्य
दिसम्बर 2015 तक पूर्ण होना संभावित है, 1 कार्य जुलाई 2016 तक पूर्ण होना संभावित
है, 1 कार्य सितम्बर 2016 तक पूर्ण होना संभावित है ।
परिशिष्ट
एक विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट फोन का वितरण
7. ( *क्र. 486 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक
एफ-23-4/2014/38-2, भोपाल दिनांक 08.09.2014 के द्वारा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा
संचालित महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन प्रदान
की स्वीकृति जारी की गई ?(ख) यदि हां तो विदिशा जिले के अतंर्गत संचालित शासकीय
महाविद्यालयों में अध्ययनरत चयनित छात्रों की सूची दे जिन्हें पात्रता है ?(ग)
क्या शासन की योजना का क्रियान्वयन एक वर्ष बाद भी नहीं हुआ जिस कारण छात्रों को
अभी तक स्मार्ट फोन उपलब्ध नहीं कराये गये इसके लिये शासन की योजना के
क्रियान्वयन यथासमय नहीं करने के लिये कौन दोषी है ? (घ) विद्यार्थियों को कब तक
स्मार्ट फोन उपलब्ध करा दिये जावेंगे समय-सीमा बतावें ?
तकनीकी शिक्षा
मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) जी हाँ।
(ख) चूँकि सत्र 2015-16 का शैक्षणिक सत्र अभी जारी है, अतः
सत्र के मध्य में उपस्थिति 75 प्रतिशत या अधिक उपस्थिति के आधार पर संख्या का
निर्धारण संभव नहीं है।
(ग) प्रक्रिया सतत चल रही है। ऐसी दशा में
किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
(घ) समय सीमा बताना संभव नहीं
है।
सिवनी-छिंदवाड़ा एवं सिवनी-नरसिंहपुर मार्ग में
बनाए गए टोल नाके
8. ( *क्र. 160 ) श्री दिनेश
राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी
से छिंदवाड़ा, सिवनी से नरसिंहपुर वाया लखनादौन में कितने-कितने किलोमीटर पर टोल
नाके बनाए गए हैं और वे किस दिनांक से किस अनुसार टोल वसूल कर रहे हैं ?(ख)
प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रत्येक टोल नाके पर प्रति किलोमीटर किस दर से टोल
वसूलना प्रारंभ किया गया, तथा उसमें प्रति वर्ष किस अनुसार, कितनी वृद्धि की गई,
तथा प्रारंभिक वर्ष से 2015 तक वे किस गाड़ी पर कितना टोल वसूल कर रहे हैं ?(ग)
अनुबंध में किस अनुसार टोल की वृद्धि पर क्या सुविधाएं देने का जिक्र है और क्या
वे सुविधाएं दी जा रही हैं ?(घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रत्येक टोल पर
प्रतिवर्ष अनुसार औसत प्रतिदिन कितनी टोल राशि संग्रहित की गई ?(ड़) क्या
प्रश्नांश (क) मार्ग में स्थित टोल में निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल करने की
शिकायतें प्राप्त हुई हैं ? यदि हां, तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही हुई ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) (ख)
(ग)(घ)(ड़)- तारांकित प्रश्न क्रमांक 160 का संबंध भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग
प्राधिकरण, मंत्रालय, भारत सरकार के उपक्रम (एन.एच.ए.आई.) से संबंधित है। इस संबंध
में (एन.एच.ए.आई.) से प्राप्त उत्तर परिशिष्ट- ए अनुसार संलग्न है (जानकारी
पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट ’ए‘ अनुसार)।
खेलों को प्रोत्साहन
देने हेतु व्यय राशि
9. ( *क्र. 725 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले
एवं सांवेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष
2013-14 से वर्ष 2015-16 में खेलों को प्रोत्साहन देने के लिये क्या कार्य किये
जा रहे हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा
इंदौर जिले में एवं विधानसभा क्षेत्र सांवेर में कितनी-कितनी राशि खेलों को बढ़ावा
देने के लिये एवं खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के लिये दी गई ?(ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि का व्यय किन-किन प्रतियोगिताओं में किया गया व
कितनी छात्रवृत्ति खिलाडि़यों को आज दिनांक तक प्रदान की गई ?(घ) प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा इंदौर जिले में खेलों को बढ़ावा देने
के लिये कहां-कहां पर स्टेडियम निर्माण कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है ?
यदि हां, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जायेंगे ?
उद्योग मंत्री
( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार गतिविधियों का संचालन
नही किया जाता है । विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 में अब तक खेलो के
प्रोत्साहन हेतु इन्दौर जिले में किए गए कायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) इन्दौर जिले एवं विधानसभा क्षेत्र सांवेर
में खेलो को बढ़ावा देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु राशि की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (घ) इन्दौर जिले में स्टेडियम निर्माण
कराए जाने की कोई स्वीकृति प्रदान नही की गई है । अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नही होता
।
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा के प्रभार से हटाया
जाना
10. ( *क्र. 824 ) श्रीमती
शीला त्यागी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या तत्कालीन प्राचार्य शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय रीवा को
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा के पद पर वर्तमान में पदस्थ किया गया है ?(ख) यदि
हां तो क्या तत्कालीन प्राचार्य आदर्श विज्ञान महाविद्यालय रीवा के विरूद्ध
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों रीवा थाना सिविल लाईन में धारा 420, 188,
180 की एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी ?(ग) क्या उक्त तत्कालीन प्राचार्य की
पदस्थापना अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा के पद पर की गई है, जिसकी शिकायत
उसी कार्यालय में विचाराधीन है ?(घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) हां तो ऐसे
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारी को अतिरिक्त संचालक जैसे महत्वपूर्ण पद पर
पदस्थापित करने का औचित्य क्या है ? उसे कब हटा दिया जाएगा ताकि निष्पक्ष एवं
प्रभावी जांच हो सके ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। किन्तु शिकायत का जांच
प्रतिवेदन तत्कालीन अतिरिक्त संचालक रीवा से प्राप्त हो चुका है जिस
पर कार्यवाही परीक्षण प्रक्रियाधीन है। (घ) शिकायत के प्राप्त जाँच
प्रतिवेदन के परीक्षणोंपरान्त नियमानुसार कार्यवाही/निर्णय लिया
जावेगा।
गुना जिले में वन विभाग द्वारा प्लान्टैशन/तार फेन्सिंग
11. ( *क्र. 529 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) गुना जिले में विगत तीन वर्षों में विधान सभा क्षेत्र बमोरी के लिये कितना
लक्ष्य दिया गया तथा उसके विरूद्ध कितना आवंटन किस-किस कार्य हेतु प्राप्त हुआ ?
(ख) विधान सभा क्षेत्र बमोरी के कितने ग्रामों में तारफेसिंग कर कितने पौधारोपण का
कार्य किया गया ? ग्राम पंचायत एवं ग्रामवार तथा क्षेत्रफल तथा उस पर हुये व्यय
सहित जानकारी देवे तथा किये गये प्लानटेशनों में पौधारोपण की वर्तमान स्थिति क्या
है ? कितने पौधे जीवित है तथा कितने नष्ट हो गये ? (ग) गुना जिले में कौन-कौन से
ग्राम वन के अतंर्गत नहीं है जो ग्राम वन रहित है क्या वहां पर समितियां गठित है ?
उन समितियों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकाने आवंटिन है ? विधान
सभा वार क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत के ग्राम सहित जानकारी उपलब्ध करावें ? (घ)
क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी का ग्राम इमझरा वन क्षेत्र के अतंर्गत आता है यदि
हां तो वहां वनसमिति कब से पंजीकृत है किसके द्वारा की गई तथा सार्वजनिक वितरण
प्रणाली की दुकान कैसे आवंटित की गई ? गुना जिले में ऐसी कितनी वन सार्वजनिक वितरण
प्रणाली है जहां वन क्षेत्र ग्राम न होकर संचालित है सूची देवें ? प्रश्नांश (क)
की अनियमितता के लिये कौन जिम्मेदार है क्या इस पर कार्यवाही की जावेगी
।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र में किसी भी ग्राम
में तार फेंसिंग कर पौधा रोपण का कार्य नहीं किया गया है। प्रश्नांकित विधान सभा
क्षेत्र के अन्तर्गत वन क्षेत्र में तार फैंन्सिंग कर किये गये पौधा रोपण की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांकित जिले
में वनक्षेत्र की सीमा से 5 किलो मीटर की परिधि में स्थित ग्रामों में संयुक्त वन
प्रबंध समितियां गठित हैं, शेष वन रहित ग्रामों के समूह में जहां तेंदू पत्ता तथा
लघु वनोपज का संग्रहण होता है वहां प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां कार्यरत
हैं। ग्राम इमझरा वन सीमा से 5 किलो मीटर की परिधि में नहीं होने के कारण संयुक्त
वन प्रबंध समिति गठित नहीं है। इस ग्राम में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान भी
आवंटित नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य में कोई अनियमितता नहीं हुई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
विधायक क्षेत्र विकास निधि से राशि निर्गमन पश्चात
भी कार्य में देरी
12. ( *क्र. 782 ) श्री गिरीश
गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विधायक निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में
देवतालाब, नईगढ़ी मोड़ पर विकास खण्ड मऊंगज में सुलभ काम्पलेक्स निर्माण हेतु
राशि 742000.00 रूपये स्वीकृत की गयी जिसे कार्यालय कलेक्टर (संभागीय योजना एवं
सांख्यकी रीवा म.प्र.) द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भ/सं.क्रमांक 1
रीवा को क्रियान्वयन एजेन्सी निर्धारित करते हुए प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृत
आदेश जारी किया गया ? (ख) यदि हॉ, है तो विभाग को उक्त वित्तीय स्वीकृत आदेश कब
प्राप्त हुआ और क्या कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ कराया गया ? यदि नहीं तो
कार्य प्रारंभ करने में देरी क्यों ? (ग) कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं । जी हॉ
।(ख) दिनांक 01.07.2015, कार्यादेश दिनांक 08.09.2015 को जारी किया गया संविदाकार
के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है । कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण
ठेकेदार को अनुबंध की धारा-27 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने का नोटिस दिनांक
19.11.2015 को जारी किया गया है ।(ग) फरवरी 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है
।
छिन्दवाड़ा जिले में गुणवत्तहीन भवनों के निर्माण कराने वाले
इजिनियर्स के विरूद्ध कार्यवाही
13. ( *क्र. 869 ) पं. रमेश
दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़ोंसा, विकास खण्ड विछुआ तथा तहसील कार्यालय
पांढुरना परिसर स्थित एक आवासीय भवन लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्माण कराया
गया था ? यदि हां, तो किस मद की कितनी राशि से कब किस एजेंसी से ? और इस भवन को
कितने वर्ष तक कार्यालय व आवास हेतु उपयुक्त माना गया ?(ख) क्या शासकीय उच्चतर
माध्यमिक विद्यालय बड़ोंसा, विकास खण्ड विछुआ का छत लोकापर्ण के समय से ही टपक
रहा है और वर्षाकाल में बरामदे और कमरों में पानी भरने की शिकायत है ? इसी प्रकार
तहसील कार्यालय पांढुरना परिसर स्थित एक आवासीय भवन निर्माण के 5-6 वर्षों में ही
जर्जर होकर वर्तमान में गिरने की स्थित में है ?(ग) उक्त दोनों भवनों के
गुणवत्तायुक्त निर्माण की जिम्मेदारी किसकी थी ? क्या शासन इन भवनों के
गुणवत्ताहीन निर्माण की प्रश्नकर्ता द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि के उपस्थिति में
जांच करवाकर जिम्मेदार इंजिनियर्स के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने का आदेश देगा
यदि नही तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
जी नहीं । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़ोसा, विकास खण्ड बिछुआ का निर्माण
आदिवासी विकास विभाग द्वारा कराया गया है तथा तहसील कार्यालय पांर्ढुणा परिसर स्थित
एक नग जी टाईप आवासीय भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा गृह भाड़ा निर्माण
योजना के (जमा मद) के अंतर्गत रु. 2,31,354/- की लागत से श्री गणेश लाल साहू
ठेकेदार छिन्दवाड़ा से वर्ष 1997-98 में कराया गया था।(ख) जी नही, सहायक
आयुक्त आदिवासी विकास छिन्दवाड़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार भवन के लोकार्पण के
समय से ही छत में सीपेज की शिकायत नहीं थी, तथा तहसील कार्यालय परिसर पांर्ढुणा में
भवन निर्माण पश्चात संबंधित विभाग को सौपा गया था। हस्तांतरण उपरान्त उक्त आवास में
अधिकारी/कर्मचारी आवासरत् रहें हैं। काली मिट्टी का क्षेत्र होने एवं वाल
लोडवियरिंग स्ट्रक्चर होने के कारण दीवाल में क्रेक्स विकसित हुये हैं एवं फर्श में
सेटलमेन्ट हुआ हैं। काफी समय से रिक्त होने के कारण आवास गृह में टूट फूट भी हुई
हैं।(ग) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विघालय बडेसा तहसील बिछुआ के गुणवत्तायुक्त निर्माण
की जिम्मेदारी आदिवासी विभाग के तत्कालीन पर्यवेक्षक कर्मचारी/अधिकारियों एवं तहसील
कार्यालय पांढुर्णा परिसर स्थित आवासीय भवन के गुणवत्तायुक्त निर्माण की जिम्मेदारी
लोक निर्माण विभाग संभाग छिंदवाडा के तत्कालीन पर्यवेक्षण कर्मचारी/अधिकारियों की
थी। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित आवास गृह का निर्माण वर्ष 1997-98 में करवाया
गया था । अत: अब इस कार्य की जॉंच करना औचित्य पूर्ण नहीं होगा । उत्तरांश ‘ख’
में वर्णित कारणों से भवन में हुयी क्षति हेतु मरम्मत की कार्यवाही की जायेगी
।
बांदीखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के कार्य
14. ( *क्र. 756 ) श्री
विष्णु खत्री : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा स्वीकृत बांदीखेड़ी औद्योगिक
क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के क्या कार्य हो गये हैं, वर्तमान प्रगति की क्या
स्थिति है ?(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अधोसंरचना विकास कार्य अप्रारंभ नहीं हुये
है तो क्या कारण है ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) एवं (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बांदीखेडी औद्योगिक क्षेत्र
के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में विकास कार्य से संबंधित याचिका लंबित होने
के कारण विकास कार्य प्रारंभ नहीं हो सके।
100 सीटर कन्या
छात्रावास की स्वीकृति
15. ( *क्र. 112 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 2052, दिनांक 28 जुलाई, 2015 के
उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि प्राचार्य नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा 100 सीटर कन्या छात्रावास की
स्वीकृति के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु अपर संचालक (वित्त) कार्यालय
आयुक्त, उच्च शिक्षा, म.प्र., भोपाल को प्रेषित प्रस्ताव में राज्य योजना आयोग
की चेक लिस्ट अनुसार लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) से तकनीकी स्वीकृति, ब्लूप्रिंट
नक्शा, चाहे गये, जो अप्राप्त हैं ? तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक
तकनीकी स्वीकृति, ब्लूप्रिंट नक्शा प्राप्त कर 100 सीटर कन्या छात्रावास की
स्वीकृति के संबंध में कोई कार्यवाही की गई ? यदि हां, तो क्या ? यदि नहीं, तो
क्यों ?(ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुऐ
शासकीय महाविद्यालय, ब्यावरा में 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण की स्वीकृति
प्रदान करेगा ? यदि हां, तो कब तक ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर
गुप्ता ) :
(क)
जी हाँ। प्राचार्य, नेताजी सुभाष चंद्र बोस
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा के पत्र क्रमांक 1064, दिनांक 19.10.2015
द्वारा
100 सीटर कन्या
छात्रावास निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया, जो कार्यालय में दिनांक
30.10.2015 को
प्राप्त हुआ है। प्रकरण को आगामी स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया
जायेगा।
(ख) प्रकरण
में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताया जाना संभव
नही।
वनों की सुरक्षा पर व्यय
16. ( *क्र. 661 ) कुँवर
विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश में
वनों की सुरक्षा/वाहनों पर वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया
?(ख) वनों से प्राप्त आय छतरपुर जिले को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी
हुई तथा व्यय कितना किया गया ?(ग) तार फेसिंग, नवीन वृक्षों का रोपड़ में
लापरवाही तथा वृक्षों की अवैध कटाई के कितने प्रकरण प्रकाश में आये ?(घ)
बुंदेलखण्ड पैकेज से प्राप्त कुल कितनी राशि छतरपुर जिले को प्राप्त हुई है और
जो व्यय हुआ उसका विवरण दें ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) :
(क) प्रदेश में प्रश्नांकित अवधि में वनों की सुरक्षा पर रूपये 52,780.04 लाख
एवं वाहनों पर रूपये 4349.24 लाख व्यय हुआ। (ख) छतरपुर जिले को प्रश्नांकित अवधि
में वनों से राशि रूपये 1,064.42 लाख की आय हुई एवं राशि रूपये 6,917.11 लाख व्यय
की गई। (ग) छतरपुर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक तार फैंसिंग तथा
नवीन वृक्षों के रोपण में लापरवाही से संबंधित कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया,
जिले में वृक्षों की अवैध कटाई के कुल 9,168 प्रकरण प्रकाश में आये हैं। (घ)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
परिशिष्ट
दो भोपाल संभाग को सिक यूनिट ईकाईयां
17. ( *क्र. 142 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
भोपाल में कितनी औद्योगिक ईकाई सिक यूनिट की श्रेणी में हैं ? नाम एवं पते का
ब्यौरा देवें ?(ख) प्रश्नांश (क) की कितनी देनदारियां हैं ?(ग) क्या सरकार
की इन सिक यूनिट की पुर्नस्थापना की योजना है ? यदि हां, तो विस्तृत जानकारी
देवें ? क्या इन सिक यूनिटों में नई तकनीक के सहयोग से बेहतरी लाई जा सकती है
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उद्योग
संवर्धन नीति,2014 के अंतर्गत बीमार लघु श्रेणी के उद्योगों के लिए पुर्नजीवन
योजना,2014 के तहत भोपाल में सिक यूनिट की श्रेणी में औद्योगिक इकाई की संख्या
निरंक है। इसी तरह वृहद एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को बीमार (सिक)
घोषित किए जाने के लिए भारत सरकार वित्त मंत्रालय के अधीन औद्योगिक और वित्तीय
पुर्ननिर्माण बोर्ड (बी.आई.एफ;आर.) गठित है। अद्यतन जानकारी के अनुसार भोपाल स्थित
किसी वृहद एवं मध्यम श्रेणी की इकाई बीमार होने के लिए बोर्ड में पंजीबद्व नहीं
है। (ख) उत्तरांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उद्योग
संवर्धन नीति,2014 के अंतर्गत बीमार लघु श्रेणी उद्योगों के लिए पुर्नजीवन योजना का
प्रावधान है। योजना की प्रति संलग्नक-एक अनुसार पुस्तकालय में रखी गई है। इसी तरह
वृहद एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को बी.आई;एफ;आर. द्वारा बीमार घोषित होने पर
एवं उद्योग विशेष की पुर्नवास योजना स्वीकृत किए जाने पर राज्य शासन से अपेक्षित
सुविधाओं को दिए जाने के लिए उद्योग संवर्धन नीति,2014 में पॉलिसी पैकेज तथा विशेष
पैकेज निर्धारित है। पॉलिसी पैकेज एवं विशेष पैकेज की प्रतियां क्रमश: संलग्नक-दो
एवं संलग्नक-तीन अनुसार पुस्तकालय में रखी गई है। नवीन तकनीक पर आधारित पुर्नवास
योजना उद्योग विशेष पर निर्भर है।
दोषियों से वसूली कर आपराधिक
प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना
18. ( *क्र. 302 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) रीवा जिले के जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग
07 से जुड़ी रोड़ सीतापुर मोड़ से पुरवा वाया मनिकवार, रीवा-सीधी मुख्य मार्ग से
बदवार से जल्दर तक एवं बदवार-सीतापुर मुख्य सड़क से जुड़ी दुआरी पहुंच मार्ग,
जिसकी कुल लंबाई 4 कि.मी., जिसके मध्य में एक धोवा नाला है, जिसकी पुल
क्षतिग्रस्त है । (ख) यदि प्रश्नांश (क) की सड़कों के सुधार कार्य संबंधी
निविदाएं आमंत्रित की गई, तो कब-कब एवं कब-कब, किस-किस मार्ग की निविदा स्वीकृत की
जाकर किन-किन कार्यों संबंधी कार्यादेश कब-कब, किस-किस संविदाकार को दिया गया,
बतलावें ? यदि जानकारी 2010 से वर्ष 2014-15 तक की देवें ? (ग) प्रश्नांश (क)
से संबंधित मार्गों का कार्य प्रश्नांश (ग) के एजेंसियों से अगर कराया गया, तो
सड़कें आज भी चलने लायक नहीं हैं ? कार्य किसी भी सड़क पर मौके पर नहीं हुआ है ?
फर्जी बिल वाउचर एवं मरम्मत के नाम पर राशि का गबन करने एवं करवाने में सहयोगी
दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही
करते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करेंगे ? यदि हां, तो कब तक ? नहीं, तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं ।(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ग) जी नहीं । मार्ग पर यातायात
संचालित हो रहा है । जी नहीं । सड़क पर मौके पर कार्य हुआ है । शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होते ।
कोयले का आवंटन
19. ( *क्र. 74 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक
23.07.2015 में मुद्रित परि.अतारांकित प्रश्न संख्या-4 क्रमांक (क्रमांक 34) के
प्रश्नांश (ग) का उत्तर कोयला आवंटन के संबंध में कोल हैण्डलिंग एजेन्ट के
विरूद्ध वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक 26 शिकायतें प्राप्त हुई हैं ? दिया गया
है तो 26 शिकायतें किसके द्वारा कब की गईं जांच कब किसको सौंपी गई, जांच प्रतिवेदन
प्राप्त हो गए हो तो शिकायत एवं जांच प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई ?
(ख) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के तारत्मय में निगम द्वारा कोल
हैण्डलिंग एजेण्ट को प्रारंभ वर्ष से वर्तमान तक कितना कमीशन किस दर से दिया गया
है ? एजेण्टवार फर्मवारी, राशिवार, विवरण दें तथा जब कोल हैण्डलिंग एजेण्ट
नियुक्त नहीं थे तब यह व्यवस्था किस प्रकार की जाती थी ? कोयला आवंटन अनुशंसा
समिति वर्ष 12 से वर्तमान तक की लघु इकाईयों को कटनी को जो कोयला प्रदान किया गया
है ? उसकी अनुशंसा का विवरण एवं तथ्य को छुपाने के लिए कौन दोषी हैं इन पर क्या
कार्यवाही करेंगे ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) जी हॉं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। जब कोल हैण्डलिंग एजेंट नियुक्त नहीं था
तब यह व्यवस्था लघु उद्योग इकाईयों के विभिन्न लिफ्टराें के माध्यम से किया जाता था
। कोयला आवंटन अनुशंसा समिति वर्ष 12 से वर्तमान तक की लघु इकाईयों को कटनी को जो
कोयला प्रदान किया गया है, उसकी अनुशंसा के सम्बंध में तथ्य छुपाये नही गये हैं।
अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है।
यूजीसी वेतनमान का
प्रदाय
20. ( *क्र. 909 ) श्री मुकेश
नायक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) माननीय
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों के बाद भी आज तक अनुदान प्राप्त
अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों और गैर शिक्षकर्मियों कर्मियों को यूजीसी का
छटवां वेतनमान, उसका एरियर्स और सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और गैरशिक्षा
कर्मियों को छटे वेतनमान के अनुसार पेंशन और ग्रेज्यूटी का भुगतान क्यों नहीं
किया जा रहा है ? (ख) क्या इस मामले में शासन अधिकारियों के प्रति कोई कार्यवाही
करने पर विचार कर रहा है ? यदि हां, तो विवरण दीजिए ?
तकनीकी शिक्षा
मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों के बाद अनुदान
प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों /गैर शिक्षक कर्मियों को क्रमशः
यू.जी.सी./राज्य के छटवें वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है । एरियर्स की
पांच सामान किश्तों में से प्रथम किश्त का आवंटन दिनांक 17.07.2015 एवं दिनांक
23.07.2015 को राशि रु. क्रमशः 181112669/- (अट्टारह करोड़ ग्यारह लाख बारह हजार छ:
सौ उन्हत्तर मात्र) एवं 245781543/- (चौबीस करोड़ सत्तावन लाख इक्यासी हजार पांच सौ
तिरतालीस मात्र) जारी की जा चुकी है। जिसका भुगतान शिक्षा अधिकारीयों के माध्यम से
संस्थागत खाते की राशि के समायोजन के साथ किया जा रहा है । सेवा निवृत होने वाले
शिक्षकों/कर्मचारियों को छटवें वेतनमान में पेंशन/ग्रेज्युटी का प्रावधान न होने से
म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 05/02/2014 के अनुसार अशासकीय
महाविद्यालयों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पाँचवे वेतनमान में पेंशन का समेकन
कर पेंशन/ग्रेज्युटी का नियमित भुगतान किया जा रहा है। (ख) 'क' के परिपेक्ष्य में
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परिवहन अनुज्ञा
21. ( *क्र. 284 ) श्री बाला
बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2015 में
मध्यप्रदेश शासन के वन विभाग द्वारा जिन 53 प्रजातियों के पेड़ों को परिवहन किये
जाने पर, परिवहन अनुज्ञा (टी.पी.) से मुक्त कर दिया गया है उक्त संबंध में वन
विभाग द्वारा जारी आदेशों की एवं गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति उपलब्ध करावें ?(ख)
क्या वन विभाग द्वारा 53 प्रजापतियों के पेड़ों के काटे जाने एवं परिवहन किये जाने
पर परिवहन अनुज्ञा (टीपी) से मुक्त किये जाने से पूर्व इस संबंध में पर्यावरणविदों
एवं अन्य सामाजिक लोगों, जनप्रतिनिधियों से सुझाव/आपत्ति मंगाये गये थे ?(ग) क्या
उक्त 53 प्रजातियों के पेड़ों को परिवहन अनुज्ञा (टीपी) से मुक्त करने में
पौराणिक एवं धार्मिक आस्था से जुडे बरगद, पीपल जैसे वृक्ष एवं फलदार वृक्ष आम एवं
अमरूद भी वैधानिक रूप से काटे एवं बेचे जा सकेंगे ? यदि हां, तो क्यों, क्या इससे
धार्मिक आस्था को ठेस नहीं पहुंचेगी और पर्यावरण को क्षति नहीं होगी ?(घ) क्या
माननीय मंत्री महोदय पर्यावरण हित में 53 प्रजातियों के पेड़ों को परिवहन अनुज्ञा
(टीपी) से मुक्त करने के निर्णय पर विचार करते हुए धार्मिक आस्था से जुडे बरगद,
पीपल एवं फलदार वृक्षों को हटायेंगे ? यदि हटायेंगे तो कब तक ? निश्चित समयावधि
बतावें ? यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार )
: (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’’अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। पर्यावरण पर
प्रभाव का आंकलन कटाई की अनुमति के पूर्व किया जाता है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क)
में दर्शित आदेश से केवल परिवहन हेतु म.प्र. अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के नियमों
में प्रवर्तन से छूट दी गई है। इन वृक्षों की कटाई हेतु नियमानुसार सक्षम अधिकारी
से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है, जिसके उपरान्त अविनिर्दिष्ट प्रजाति की काष्ठ के
विक्रय पर कोई प्रतिबंध नहीं है। किसी व्यक्ति के स्वामित्व की वनोपज होने के कारण
शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं उत्तरांश (ग) के प्रकाश
में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों के निर्माण में
गड़बड़ी
22. ( *क्र. 520 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विभाग द्वारा 2014-15 एवं 2015-16 में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी
सड़के बनाई गई उनके नाम स्थान व खर्च की गई राशि सहित पृथक-पृथक बतायें ? (ख)
प्रश्नांश ‘’क’’ के प्रकाश में ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं जिनके निर्माण कार्य
पूरे हो चुके है और कौन सी सड़के हैं जिनके कार्य अधूरे हैं ? कौन-कौन सी सड़के हैं
जो गुणवत्ता विहीन होने के कारण उखड़ गई या जिनमें गडढें हो गये हैं ? (ग) जिन
सड़कों के निर्माण कार्य समय-सीमा में पूरे नहीं हुये हैं क्या उन ठेकेदारों के
खिलाफ विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई ? अगर हां, तो क्या-क्या पृथक-पृथक
बतायें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ख) जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार, गुणवत्ता
विहीन कोई सड़क नही है और न ही गड्ढे हुये है ।(ग) जी हॉं । जानकारी संलग्न
प्रपत्र ‘अ’ के स्तम्भ 13 में दर्शाये अनुसार है ।
परिशिष्ट
तीन निजी बी.एड. कॉलेजो में फीस के नाम पर अधिक वसूली
23. ( *क्र. 849 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
छतरपुर जिले में कितने निजी बी.एड. व एम.एड कालेज है कितने संचालित है ?(ख) क्या
सभी कालेजों में निर्धारित मापदण्ड की शर्तों का पालन किया गया है ? यदि नहीं तो
ऐसे कालेजों के नाम व उनमें पायी जाने वाली कमियों का विवरण दें ? निर्धारित
मापदण्ड के अनुसार कालेज नहीं होने पर क्या कार्यवाही की जावेगी ?(ग) क्या शासन
द्वारा निर्धारित फीस के अलावा अतिरिक्त फीस के रूप में गरीब छात्रों से निजी
बी.एड/एम.एड. कालेजों द्वारा मनमाने तरीके से मोटी रकम वसूली जाती है ? यदि हां, तो
क्या कार्यवाही की गई ?(घ) क्या ऐसे कालेजों के विरूद्ध झूठी जानकारी प्रस्तुत
करने के लिए कालेज बन्द करने के साथ-साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की
जायेंगी ? यदि हां तो कब तक उक्त कार्यवाही की जावेगी ?
तकनीकी शिक्षा
मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छतरपुर जिले में बी.एड. व
एम.एड. कॉलेज 31 है एवं सभी महाविद्यालय वर्तमान में संचालित है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है l (ख) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा
निर्धारित मापदंडों की शर्तों को पूर्ण करने के पश्चात् ही मान्यता प्रदान की जाती
है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
परिशिष्ट
चार सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सडक निर्माण
24. ( *क्र. 501 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितनी सडकों का निर्माण कार्य किया जा
रहा है ? नाम एवं लागत बतावें ? (ख) डिगांव से बसई फण्डा सडक निर्माण कार्य कब
प्रांरभ किया गया एवं उसकी डीपीआर की प्रतिलिपि (हिन्दी में) उपलब्ध करावें एवं
कार्य पूर्ण होने की समयावधि, लंबाई, चौड़ाई, लागत बतावें ? (ग) डिगांव बसई मार्ग
पर नवीन कार्य होने के साथ-साथ क्या मरम्मत का कार्य भी किया गया है ? यदि हां,
तो कितनी जगह पेंच वर्क किया गया है पेंच वर्क की गिनती एवं स्कावायर फिट में
बतावें ? (घ) इस सड़क की कितनों वर्षों की ग्यारटी है एवं ठेकेदारों द्वारा कितनी
राशि विभाग से लेना बाकी है ? एवं प्रश्नकर्ता द्वारा की गई पी.डब्ल्यू.डी
शिकायत पर की गई जांच की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें ?
लोक निर्माण मंत्री
( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है
।(ख) मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है । विभाग में दर
सूची (एस0ओ0आर0) एवं आई0आर0सी0 स्पेसिफिकेशन अंग्रेजी में होने से डी0पी0आर0
अंग्रेजी में ही तैयार किया गया था, जिसकी प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे जाने
हेतु परिशिष्ट-1 अनुसार है । शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार
है ।(ग) जी हाँ । पेच रिपेयर की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है
।(घ) मार्ग की परफारमेंस गारंटी 3 वर्ष (दिनांक 30.09.2018 तक) है । ठेकेदार को रू0
12130000/- का भुगतान किया जाना शेष है । उक्त मार्ग का जॉंच प्रतिवेदन अभी
प्राप्त नहीं हुआ है, प्राप्त होने पर उपलब्ध कराया जाना संभव होगा
।
सौन चिरैया अभ्यारण, जिला शिवपुरी में अवैध रेत उत्खनन
बावत्
25. ( *क्र. 423 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
जिला शिवपुरी की विधान सभा क्षेत्र 23, करैरा के अंतर्गत सौनचिरैया अभ्यारण में
संचालित अवैध रेत उत्खनन जैसे अन्दौरा, कल्याणपुर, चिरली, आमोलपठा, राजगढ़,
धवारा आदि क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध रेत उत्खनन का कार्य हो रहा है ? (ख)
क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा अपने निर्वाचित हेाने के पश्चात् कई आवेदन एवं
मौखिक रूप से भी संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया ? परन्तु अवैध उत्खनन
कार्य आज भी संचालित हैं ? (ग) क्या वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा भ्रमण के
दौरान कई अवैध खदानों से रेत के डम्परों को जप्त किया गया है ? यदि हां, तो उन पर
प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई ? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगी
?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) :
(क) जी
नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम अंदौरा करैरा अभयारण्य के अन्तर्गत आता है, शेष
ग्राम कल्याणपुरी, चिरली, अमोलपटा, राजगढ़, धवारा आदि करैरा अभयारण्य क्षेत्र के
अन्तर्गत नहीं आते हैं, ये सभी राजस्व ग्राम हैं। इन ग्रामों में रेत का अवैध
उत्खनन छुट-पुट रूप से होता है, जिसकी रोकथाम हेतु पदस्थ अधिकारियों तथा
कर्मचारियों द्वारा सघन गश्ती कर नियंत्रण किया जाता है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय
विधायक द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी को अवैध उत्खनन से संबंधित शिकायत माह
मई, 2014 में की गई थी, जिसकी जाँच सहायक संचालक, माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी से
कराई गई तथा मुख्य वन संरक्षक/संचालक, माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी द्वारा
प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को कार्यवाही से अवगत कराया गया। वर्तमान में अवैध
उत्खनन कार्य संचालित नहीं है। राजस्व, पुलिस एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से
अवैध उत्खनन पर नियंत्रण किया जाता है। (ग) जी
हाँ। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा 07 डम्पर कोपरा/रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन के
आरोप में जप्त किये गये हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, पुलिस, खनिज एवं वन विभाग
द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर 06 डम्पर जप्त किये गये। समस्त आरोपियों एवं वाहनों के
विरूद्ध नियमानुसार 12 अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये जा चुके हैं। इनमें से 03
प्रकरणों में वाहन राजसात की कार्यवाही प्रचलित है। दो प्रकरणों में जुर्माना
अधिरोपित किया गया है। शेष विवेचना में हैं। सम्यक कार्यवाही होने से शेष का प्रश्न
उपस्थिति नहीं होता।
भाग-2नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित
प्रश्नोत्तरव्यापम में जांच के संबंध में
1. ( क्र. 30 ) श्री महेन्द्र
सिंह कालूखेड़ा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) व्यापम द्वारा वर्तमान जांच के दौरान किस-किस भर्ती एवं चयन परीक्षा में
कितने-कितने अभ्यार्थियों की पात्रता समाप्त की गई उनकी सूची देवें ? (ख) प्रश्न
(क) में भर्ती/चयन परीक्षा में पात्रता समाप्त करने से रिक्त हुये पद के स्थान
पर प्रतिक्षा सूची में से वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों को सफल घोषित क्यों नहीं
किया गया ? (ग) प्रश्न (क) परीक्षा में हुई अनियमितता के कारणों का पता लगाने हेतु
विभागीय स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई उसकी दिनांक अनुसार जानकारी दे तथा
बताये कि क्या उपरोक्त परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों को आवेदन शुल्क वापिस
किया जायेगा ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क)
व्यापम द्वारा विभिन्न परीक्षाओं में जांच उपरांत अनियमिततायें प्रकाश में आने के
कारण वर्तमान तक 1416 अभ्यर्थियों को अभ्यर्थिता/ परीक्षा परिणाम निरस्त किये
गयेा परीक्षावार सूची परिशिष्ट-1 पर संलग्न है। (ख) व्यापम द्वारा चयन/भरती
परीक्षा के पश्चात् प्रावीण्य सूची एवं प्रतीक्षा सूची तैयार कर संबंधित विभाग को
प्रवेश/नियुक्ति संबंधी कार्यवाही हेतु सौपी जाती है। प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति/
प्रवेश का कार्य संबंधित विभाग द्वारा संपादित किया जाता है। (ग) परिशिष्ट-1 पर
उपलब्ध है। विभिन्न परीक्षाओं में जांच उपरांत अनियमितताऍ प्रकाश में आने के
फलस्वरूप विभागीय कार्यवाही उपरांत 1416 अभ्यर्थियों की परीक्षा परिणाम/
अभ्यर्थिता निरस्त की गई है। परीक्षार्थियों का आवेदन शुल्क वापस किये जाने
संबंधी नियमों में प्रावधान नहीं है।
परिशिष्ट
पांच तेंदूपत्ता संग्रहकों को बोनस का वितरण बावत्
2. ( क्र. 75 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कटनी जिले में
जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने तेंदूपत्ता संग्राहकों को किस दर से कितनी
राशि बोनस के रूप में भुगतान की गई ? (ख) बोनस किस दर से भुगतान किये जाने के शासन
के क्या निर्देश है और किस दर से भुगतान किया गया है ? विवरण देते हुये, निर्देश
की प्रति उपलब्ध करावें ? (ग)कटनी जिले में बोनस वितरण कब से कितने संग्राहकों का
भुगतान किया जाना शेष है ? कब तक भुगतान कर दिया जायेगा, अब तक भुगतान न करने के
लिये कौन उत्तरदायी है ? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने तेंदूपत्ता
संग्राहकों की मृत्यु हुई है ? किन-किन मृतकों के प्रकरण बीमा कंपनी को भेजे गये,
बीमा कंपनी ने कितने प्रकरण का निराकरण किया, कितने संग्राहकों का निराकरण किया
जाना शेष है, और कब तक निराकरण किया जावेगा ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर
शेजवार ) :
(क)
प्रश्नांकित जिले
एवं अवधि में 46737 संग्राहकों को बोनस के रूप में भुगतान की गई राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
‘ब’ अनुसार है। (ग) कटनी जिले में 583 संग्राहकों का दिनांक 28.02.2015 से तथा 7461
संग्राहकों का दिनांक 30.05.2015 से बोनस भुगतान हेतु शेष है। भुगतान की
समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संग्राहकों द्वारा बैंक खाता उपलब्ध न कराने एवं
बैंक द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों के खातों में राशि हस्तांतरण संबंधी
प्रक्रियान्तर्गत विलम्ब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी नहीं है।
(घ) प्रश्नांकित
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ग’ अनुसार है। निराकरण की समय-सीमा बताया जाना
संभव नहीं है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ब्यावरा के पहुंच
मार्ग व बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
3. ( क्र. 113 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या ब्यावरा नगर के ग्राम कचनारिया में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का नवीन
भवन पूर्ण होकर निर्माण एजेंसी द्वारा विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है, तथा पुराने
जीर्ण-शीर्ण भवन से संस्थान स्थानांतरित होकर नवीन भवन में संचालित करने हेतु
तैयारी की जा रही है ? यदि हां, तो क्या उक्त नवीन भवन, जो राष्ट्रीय राजमार्ग
क्रमांक-3 से 100-150 मीटर पर स्थापित है ? भवन तक पहुंचने हेतु क्या कोई मार्ग
निर्मित किया गया है ? यदि नहीं, तो काली मिट्टी की भूमि से होकर भवन तक पहुंचना
कैसे संभव होगा ? (ख) क्या उक्त नवीन भवन जो कि प्री-फेव सिस्टम से निर्मित
है ? मवेशी एवं पशुओं से भवन की सुरक्षा हेतु क्या भवन के चारों ओर बाउण्ड्रीवॉल
बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है ? (ग) यदि हां, तो क्या कंडिका (क) में वर्णित
पहुंच मार्ग एवं कंडिका (ख) में वर्णित बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु यथाशीघ्र
स्वीकृति प्रदान की जावेगी ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) जी हॉ। जी हॉ, भवन तक पहुॅचने के लिये मुरम का मार्ग तैयार किया
गया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जी हॉ। (ग) प्रस्ताव पर
कार्यवाही की जा रही है।
सीहोर जिले में हॉकी स्टेडियम का निर्माण
4. ( क्र. 143 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या सीहोर जिले में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार हॉकी स्टेडियम निर्माण
प्रस्तावित है ? यदि हां, तो क्या स्थान एवं भूमि का चयन किया जा चुका है ? (ख)
स्टेडियम निर्माण के लिए बजट एवं निर्माण एजेंसी तय कर ली गई है ? यदि हां, तो
कब तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा ?(ग) क्या स्टेडियम निर्माण में
विलंब हो रहा है ? यदि हां, तो किन कारणों से और विलम्ब करने के दोषियों पर
कार्यवाही की जाएगी या नहीं ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) जी हॉं। जी हॉं। (ख) जी नही। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नही होता।
(ग) प्रश्नोत्तर ’’ख’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नही होता
है।
उद्योग इन्वेस्टर्स समिट, 2014 के संबंध
में
5. ( क्र. 226 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) प्रदेश में सम्पन्न हुई उद्योगपतियों की इन्वेस्टर्स समिट, 2014 में
सहमति प्रदान की गई ? कितने उद्योग स्थापनाओं के एमओयू होकर स्थापना कार्य प्रगति
पर हैं ? कौन-कौन से एवं कहां-कहां ?(ख) कितनी विदेशी कंपनियों ने प्रदेश में
उद्योग स्थापना हेतु अपनी सहमति प्रदान की है ? व किस-किस इकाई हेतु, ब्यौरा
क्या है ?(ग) प्रदेश में इंदौर व अन्य प्रमुख शहरों के अलावा रतलाम के आलोट व
उज्जैन के नागदा शहर में पर्याप्त उद्योग संभावनाएं व संसाधन होने के उपरांत भी
इन क्षेत्रों में उद्योग स्थापना क्यों नहीं की गई ?(घ) क्या प्रदेश के इन
औद्योगिक स्थापना हेतु सर्व-सुविधा युक्त क्षेत्रों के औद्योगिक विकास हेतु शासन
प्रयास करेगा ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट,2014 में उद्योग स्थापित करने के लिए कोई
एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं हुआ है। (ख) प्रश्नांश *क* के उत्तर के परिप्रेक्ष्य
में जानकारी निरंक है। (ग) प्रदेश में उद्योगों की स्थापना हेतु औद्योगिक
नीति एवं कार्ययोजना,2014 के द्वारा प्रोत्साहित किया गया है। उद्योग स्थापना
करने का निर्णय उद्यमियों द्वारा लिया जाता है। (घ) प्रदेश में उद्योगों की
स्थापना हेतु औद्योगिक नीति एवं कार्ययोजना, 2014 के द्वारा प्रोत्साहित किया जा
रहा है।
जैवविविधता उद्यानों की स्थापना
6. ( क्र. 244 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
म.प्र. राज्य जैवविविधता बोर्ड द्वारा प्रदेश में किन-किन जिलों में वर्ष 2013 से
प्रश्न दिनांक तक जैवविविधता उद्यानों की स्थापना की गई ? (ख) विविधता उद्यानों
की स्थापना हेतु जिलों अथवा तहसीलों को सम्मिलित करने का मापदण्ड क्या हैं ? (ग)
मालवा रीजन के रतलाम, मंदसौर, नीमच आदि जिले कृषि प्रधान होकर पात्रता रखने के
उपरांत भी इस योजना में सम्मिलित नहीं किये गये, कारण क्या है ? (घ) रतलाम जिले
की आलोट विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति क्षेत्र होने के कारण इस योजना के लाभ का
प्रमुख अंश है । इसे कब तक जैवविविधता उद्यान स्थापना में सम्मिलित किया जायेगा
एवं नहीं, तो क्यों ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क)
प्रश्नांकित बोर्ड द्वारा वर्ष 2013 से जैवविविधता उद्यान की स्थापना नहीं की
गयी। (ख),(ग) एवं (घ) जैवविविधता उद्यानों की स्थापना जैवविविधता की बाहुल्यता
एवं संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुये किया जाता है, मध्यप्रदेश राज्य जैवविविधता
बोर्ड द्वारा जैवविविधता उद्यान स्थापना हेतु मापदण्ड की जानकारी परिशिष्ट-1 पर
संलग्न है। प्रश्नांकित जिलों से जैवविविधता उद्यान हेतु प्रस्ताव बोर्ड
कार्यालय को प्राप्त नहीं हुये। उचित प्रस्ताव प्राप्त होने पर मापदण्ड अनुसार
कार्यवाही की जाएगी।
परिशिष्ट
छ: राष्ट्रीय राज मार्गों पर टोल शुल्क वसूली
7. ( क्र. 336 ) श्री जितू
पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) म.प्र.
में राष्ट्रीय एवं राज्य के कितने मार्गों पर टोल टेक्स शुल्क वसूल किया जा रहा
है ? शासन द्वारा टोल शुल्क वसूलने का ठेका कौन-कौन सी कंपनियों को या ठेकेदारों
को किन शर्तों पर दिया गया है ? प्रत्येक टोल नाके की जानकारी नाम पते सहित प्रदान
करें ?(ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में, शासन द्वारा प्रत्येक टोल मार्ग हेतु प्रति
वाहन कितना टोल शुल्क निर्धारित किया गया है एवं अनुबंधित कंपनी द्वारा कितना टोल
शुल्क वसूल किया जा रहा है ? प्रत्येक टोल नाके अनुसार जानकारी देवें ?(ग)
अनुबंधित टोल कंपनी द्वारा टोल मार्ग पर वाहन चालकों को क्या-क्या सुविधायें
प्रदान की जाना चाहिये एवं क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जा रही हैं ?(घ) प्रदेश
में ऐसे कितने टोल नाके हैं, जिनकी अवधि पूर्ण हो चुकी है, इसके बावजूद इनके द्वारा
टोल शुल्क वसूल किया जा रहा है ? प्रत्येक टोल नाके की अवधि का विवरण देवें
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग,
राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र के अंतर्गत दो, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा
1 राष्ट्रीय राजमार्ग एवं 56 राज्यमार्गो तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
द्वारा 18 राष्ट्रीय राजमार्गो में टोल टैक्स वसूली किये जा रहे हैं। जानकारी
परिशिष्ट- 1 एवं 2 में संलग्न अनुसार है (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट 1
एवं 2 अनुसार)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भोपाल से प्राप्त जानकारी
परिशिष्ट- अ अनुसार संलग्न है (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार)।(ख)
परिशिष्ट- 1 तथा 2 अनुसार (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2 अनुसार)।
(ग) परिशिष्ट- 1 तथा 2 अनुसार (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2
अनुसार)। (घ) निरंक। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चन्द्रपुरा-तलावड़ा
मार्ग निर्माण
8. ( क्र. 349 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत चन्द्रपुरा-तलावड़ा मार्ग की डीपीआर
का.प.यंत्री. लो.नि.वि. श्योपुर ने स्वीकृति हेतु शासन/विभाग को कब भेजी इसकी
लागत क्या है, वर्तमान में ये किस स्तर पर लंबित है ?(ख) क्या प्रश्नकर्ता के
अतारांकित प्रश्न संख्या-17 (क्र. 1229) दिनांक 03.03.2015 के प्रश्नांश (क) में
उक्त मार्ग की दशा ठीक न होने व इसका उन्नतीकरण आवश्यक होने के तथ्य को
स्वीकारा हैं तथा उक्त मार्ग का प्रस्ताव स्थाई वित्तीय समिति की 98वी बैठक
में अनुमोदित भी है ?(ग) क्या उक्त मार्ग की दशा ठीक न होने के कारण
नागरिक/ग्रामीण परिवहन को विशेषकर वर्षाकाल में आवागमन में कई प्रकार की समस्याओं
का सामना करना पड़ता है ?(घ) यदि हां, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित
डीपीआर को चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल कर यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान
करेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह )
: (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ख) जी हॉं, जी हॉं । स्थाई
वित्तीय समिति बैठक क्रमांक-98 में तलावडा पहुंच मार्ग लंबाई 4.6 किमी0 के
प्रस्ताव का परीक्षण किया गया था । योजना सीमा के अभाव में प्रशासकीय स्वीकृति
जारी नहीं की जा सकी ।(ग) जी हॉं ।(घ) मार्ग का डी0पी0आर0 नये एस0ओ0आर0 पर बनाकर
परीक्षणाधीन है ।
परिशिष्ट
सात बागड़ नदी पर पुल निर्माण
9. ( क्र. 350 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या-36 (क्रमांक-1210) दिनांक
03.03.2015 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में वर्षाकाल में चम्बल नदी में बाढ आ
जाने पर बागर नदी के रपटे पर कई-कई फिट पानी बहने, रपटे के दोनों और विद्यमान
ग्रामों का सम्पर्क कई-कई दिनों तक टूटे रहने की स्थिति में यातायात अवरूद्ध हो
जाने के तथ्य को स्वीकार किया गया है ? तो उक्त समस्या के समाधान हेतु
प्रश्नकर्ता द्वारा आपको व मुख्य अभियंता सेतु भोपाल तथा ईई सेतु ग्वालियर को
उक्त रपटे पर नवीन पुल के निर्माण, पुल के निर्माण कार्य को चालू वर्ष के
अनुपूरक/वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल करने, निर्माण कार्य का प्रस्ताव
तैयार कराकर उसे स्वीकृत करने हेतु दिनांक 06.04.2015 एवं 09.10.2015 को पत्र लिखा
था ?(ख) यदि हां, तो उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई ? क्या शासन उक्त
समस्याओं के समाधान हेतु जनहित में उक्त पत्रों में की गई मांग अनुसार यथाशीघ्र
कार्यवाही करेगा ? यदि नहीं तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज
सिंह ) : (क) जी हॉं । जी हॉं ।(ख) विस्तृत सर्वेक्षण कराया गया है, सामान्य
संरचना मानचित्र तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है । निश्चित तिथि बताना संभव
नहीं है । प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
हरदा रेलवे फाटक पर ओवर
ब्रिज निर्माण
10. ( क्र. 377 ) डॉ. रामकिशोर
दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
हरदा शहर में रेलवे फाटक पर प्रस्तावित ओवर ब्रिज निर्माण के नक्शे की स्वीकृति
प्रदान कर रेलवे विभाग ने एम.पी.आर.डी.सी. को भेज दी है ?(ख) यदि हां, तो
प्रश्नांकित प्रस्तावित ब्रिज निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग ने अभी तक
क्या-क्या कार्यवाही की है ? ब्रिज की लागत/बजट स्वीकृति/ निर्माण एजेन्सी का
चयन / निर्माण अवधि का लक्ष्य निर्धारण / अनुबंध की शर्ते का पूर्ण ब्यौरा दें
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं ।(ख) निगम
द्वारा 34 आर0ओ0बी0 की निविदायें पी0पी0पी0 योजना अंतर्गत आमंत्रित की गई थी,
परन्तु निवेशकर्ताओं द्वारा रूचि न लेने के कारण निविदा तय नहीं की जा सकी । अत:
अब सभी 34 आर0ओ0बी0 का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना विचाराधीन
है ।
अभ्यारण करैरा, जिला-शिवपुरी में अग्नि पट्टी निरीक्षण मार्ग
पर कार्य
11. ( क्र. 424 ) श्रीमती
शकुन्तला खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) करैरा
अभ्यारण करैरा, जिला शिवपुरी में अग्नि पट्टी सफाई कार्य एवं निरीक्षण मार्ग हेतु
क्या शासन द्वारा कोई मापदण्ड या दिशा निर्देश जारी किये हैं ? यदि हां, तो उसकी
प्रति दी जाय ?(ख) उपरोक्त दिशा निर्देशों के अनुसार करैरा अभ्यारण करैरा,
जिला शिवपुरी में विगत 3 वर्षों में कितनी किलोमीटर क्षेत्र एवं कहां-कहां अग्नि
पट्टी सफाई कार्य एवं निरीक्षण मार्ग के दोनों ओर कितने-कितने मीटर में कार्य कराया
गया है, मार्गों के नाम बतावें ?(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मार्गों के
दोनों ओर कितनी-कितनी दूरी पर कृषकों की निजी भूमि है ? (घ) प्रश्नांश (ख) में
वर्णित कार्यों हेतु शासन द्वारा कितनी धनराशि आवंटित होकर व्यय की गई, की जानकारी
मांग संख्या, लेखाशीर्ष, उपशीर्ष, योजना एवं मद आदि सहित वर्षवार दी जावे ? (ड.)
क्या उपरोक्त कार्य विभागीय स्तर या ठेका प्रथा से कराये गये ? यदि ठेका प्रथा
से कराये गये, तो उनकी निविदा संबंधित जानकारी भी उपलब्ध करावें ?
वन
मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख), (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में मार्ग की सीमा के दोनों ओर लगी हुई कृषकों की निजी भूमि है।
प्रश्नांकित कार्य विभागीय स्तर से कराए गए हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
आठ लोक निर्माण विभाग द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में कार्य
12. ( क्र. 437 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) लोक
निर्माण विभाग द्वारा सिंहस्थ, 2016 के कितने कार्य संचालित हो रहे हैं ? कब
प्रारंभ किये गये हैं ? एवं कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं ? कितने कार्य अपूर्ण
हैं ? एवं कितने कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं ? (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा
पूरे सिंहस्थ क्षेत्र में केवल समतलीकरण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं
कितनी राशि व्यय की गई ? समतलीकरण के नाम पर विभाग क्या-क्या कार्य करेगा ? (ग)
क्या समतलीकरण कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है या किसी एजेन्सी के द्वारा
किया जा रहा है ? किस क्षेत्र में कितनी राशि समतलीकरण पर व्यय की जावेगी
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में
रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है
।
उज्जैन जिले में लोक निर्माण विभाग से संबंधित
कार्य
13. ( क्र. 438 ) श्री सतीश
मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण विभाग के सभी संभागों में 01
जनवरी,2014 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रूपये से कम कार्यादेश किस-किस स्थान के,
किस-किस कार्य के जारी हुए ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार
मेन्टेनेंस के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई ? किस-किस ठेकेदार को
कितना-कितना भुगतान किया गया ? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किये गये कार्यों
में से किन-किन कार्यों की शिकायतें अधीक्षण यंत्री/ मुख्य अभियंता/ प्रमुख
अभियन्ता/ राज्य शासन को प्राप्त हुई ? किन आदेश क्रमांक एवं दिनांक से उक्त
सक्षम कार्यालयों द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न तिथि तक की गई ?(घ) उज्जैन
जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को 01जनवरी,2014 से प्रश्न तिथि
तक कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु बजट से आवंटित हुई ? कितनी-कितनी राशि
व्यय की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ग) शासन, प्रमुख अभियंता एवं अन्य अधिनस्थ कार्यालयों
में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है । अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है
।(घ) आवंटन की केन्द्रियकृत व्यवस्था अंतर्गत संभाग द्वारा आहरण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’स’’ एवं ‘स-1’ अनुसार है । शेष जानकारी पुस्तकालय
में रखे प्रपत्र ‘क’ अनुसार है ।
जावरा शहर मध्य स्थित रेलवे ब्रिज
का निर्माण
14. ( क्र. 459 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या जावरा शहर मध्य स्थित रेलवे फाटक पर रेलवे ब्रिज के संबंध में
रेल्वे विभाग एवं सेतु निगम द्वारा संयुक्त रूप से कार्य किया जा रहा है ?(ख)
यदि हां, तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पश्चात् मा.मंत्री जी ने स्थल
निरीक्षण किया है ?(ग) यदि हां, तो रेल्वे ब्रिज निर्माण का कार्य कब प्रारंभ
किया जाएगा ?(घ) क्या इसे रेल्वे बजट में सम्मिलित कर म.प्र. राज्य शासन से
आगामी कार्यवाही चाही है ? यदि हां, तो राज्य शासन इसे कब अनुमति लेकर प्रारंभ
करेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं ।
रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण संयुक्त रूप से किया जाना प्रस्तावित है ।(ख) जी
हॉं ।(ग) वर्तमान में स्वीकृत नहीं है । अत: निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है
।(घ) जी हॉं । निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है ।
मंदिरों का
जीर्णोधार
15. ( क्र. 502 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग
द्वारा मंदिरों के संचालन हेतु मंदिरों के नाम से जमा राशि एवं खेती से प्राप्त
राशि से मंदिरों के जीर्णोद्वार हेतु कोई योजना बनाई हो तो बतावें ? (ख) विगत दो
वर्षों में मंदसौर जिले में कितने मंदिरों के जीर्णोद्वार हेतु राशि स्वीकृत की गई
है विधानसभा अनुसार अलग-अलग राशि नाम सहित बतावें ? (ग) मंदिरों के खातोंमें स्वयं
की राशि से जीर्णोद्वार कार्य करने हेतु मंजूरी में कितना समय लगाया जाता है ? (घ)
मंदसौर जिले के शासकीय मंदिरों पर खेती एवं दान से विगत 5 वर्षों में प्राप्त आय
की जानकारी तथा प्रत्येक वर्ष की पृथक-पृथक जानकारी एवं प्राप्त आय से मंदिरों
के जीर्णोद्वार पर किये गये खर्च की जानकारी ग्राम एवं मंदिरों के नाम सहित बतावें
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी
हॉ, विभाग द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि प्रदान की जाती है। इसके
अतिरिक्त मंदिर कोष में जमा राशि से भी जीर्णोद्धार संबंधी कार्य किया जाता है।
मंदिरों के संचालन हेतु निम्न योजनाएं हैं, मंदिर का जीर्णोद्धार, साफ-सफाई, सुलभ
कॉम्प्लेक्स।(ख) विगत दो वर्षो में मंदसौर जिले में 43 मंदिरों के जीर्णोद्धार
हेतु राशि स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ पुस्तकालय में रखे
अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव
नहीं है। (घ) मंदसौर जिले में कुल 2306 शासन संधारित मंदिर हैं। विगत 5 वर्षो से
मंदिरों की कृषि भूमि नीलामी पर प्रतिबंध होने से खेती की आय निरंक है। 03 बड़े
मंदिरों की दान से प्राप्त आय की ग्रामवार मंदिरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब
पुस्तकालय में रखे अनुसार है।
जिला गुना शहर में बनने वाले
नवीन स्टेडियम की विभाग द्वारा अनुमति
16. ( क्र. 534 ) श्री
महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) गुना जिले के गुना शहर में नवीन स्टेडियम की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो
गई है किन्तु प्रशासकीय स्वीकृति में विलंब क्यो हो रहा है ? (ख) नवीन स्टेडियम
निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक विभाग देगा। समय-सीमा सुनिश्चित की जाकर अवगत
करावे ?(ग) क्या क्षेत्रीय सांसद महोदय एवं अन्य संस्थाओं द्वारा स्टेडियम के
निर्माण में लगने वाली राशि की प्राथमिक स्वीकृति नगर पालिका गुना को करा दी गई है
।
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) गुना शहर में नवीन स्टेडियम की तकनीकी
स्वीकृति वर्ष 2013 में बनाए गए प्राक्कलन के अनुसार रू 1381.03 लाख की दी गई थी,
वर्तमान में इसकी लागत में वृद्धि संभावित होने से संचालनालय के पत्र क्रमांक 6317
दिनांक 07.11.2015 द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग जिला गुना से
वर्तमान दर अनुसूची (एस.ओ.आर.) के अनुसार पुनरीक्षित प्रस्ताव चाहा गया है जो
अपेक्षित है। (ख) प्रश्नोत्तर ’’क’’ में वर्णित स्थिति की पूर्ति में लगने वाले समय
का आकलन संभव नहीं होने से कोई निश्चित समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग)
जी नहीं
प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही
17. ( क्र. 538 ) श्री संजय
पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में सेतु निर्माण संभाग लोक निर्माण विभाग जबलपुर को
जिला कटनी के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विजयराघवगढ़ से बरही मार्ग पर महानदी
पर एवं ग्राम सुतरी से खैरभार उमड़ार नदी पर तथा ग्राम घुन्सुर घाट में कटनी नदी
पर पुल बनाये जाने हेतु पत्र प्रेषित किये गये थे ?(ख) यदि हां, तो क्या विभाग
द्वारा प्रेषित पत्रों के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक सर्वे कराया जाकर
कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं तो क्यों ?(ग) क्या विभाग आवागमन हेतु अतिमहत्व
के इन पुलों को आवश्यक मानकर इनके निर्माण हेतु कार्यवाही करेगा ? यदि नहीं तो
क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं,
केवल महानदी पर एवं उमराड नदी पर पुल निर्माण बाबत् पत्र प्राप्त हुए थे ।(ख)
प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दो पुलो पर प्राथमिक सर्वे कार्य
कराया गया । प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता ।(ग) उमरार नदी पर पुल स्वीकृति है ।
शेष दो पुलों के विस्तृत सर्वेक्षण (महानदी एवं कटनी नदी) वित्तीय उपलब्धतानुसार
कराया जा सकेगा ।
लोक निर्माण विभाग संभाग कटनी अंतर्गत सड़कों का
निर्माण
18. ( क्र. 539 ) श्री संजय
पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कटनी जिले
के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहाँ से कहाँ तक की कौन-कौनसी सड़कें लोक
निर्माण विभाग संभाग कटनी के अंतर्गत आती है ? उक्त सड़कों की लंबाई सहित ब्यौरा
दें ? (ख)विगत 03 वर्षो में प्रश्नाधीन सड़कों का निर्माण कब-कब किन-किन वर्षों
में कराया गया था ? सड़कवार ब्यौरा दें ? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्नाधीन निर्मित कराई गई सड़कों की परफार्मेंस गारंटी कब-कब समाप्त हुई ?
सड़कवार ब्यौरा दें ? (घ) क्या परफार्मेंस गारंटी समाप्त होने के बाद उक्त
सड़कों के खराब हो जाने के कारण उनके निर्माण हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों के
समक्ष भेजे गये ? यदि हां, तो कब-कब, किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष ? नाम
एवं पदनाम का उल्लेख करें ? (ड.) प्रश्नांश (घ) वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा
प्राप्त प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? सड़कवार ब्यौरा दें ? नहीं
तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
‘ब’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है ।(घ) जी
नहीं, परफारमेंस गारंटी समाप्त होने के बाद मार्गो का रख रखाव वार्षिक संधारण मद
में किया जाता है । प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं भेजा जाता ।(ड.) प्रश्न
ही उपस्थित नहीं होता ।
सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन
भोपाल के निर्देशों की अवहेलना किया जाना
19. ( क्र. 556 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र
क्रमांक एफ 19-76/2007/1-4 भोपाल दिनांक 17 अगस्त 2009 के बिन्दु क्रमांक 2 में
स्पष्ट उल्लेख किया था कि माननीय सांसद एवं विधायकों से प्राप्त पत्र की पावती
3 दिन में एवं उसका उत्तर अधिकतम एक माह की अवधि में अनिवार्यत: भेजे जाने के
संबंध में निर्देश जारी किए हैं ? (ख) यदि हां क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माह
अक्टूबर 2015 को प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख
सचिव ऊर्जा विभाग, कलेक्टर भोपाल व अन्य को भोपाल के घासीपुरा/ईटखेड़ी में दिनांक
28,29 और 30 नवबंर 2015 को आयोजित होने वाला आलमी तब्लिगी इज्तिमें के संबंध में
जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्र लिखा था ? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के
परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता को क्या जानकारी उपलब्ध करा दी गई है ? यदि नहीं
तो इस लापरवाही एवं शासन के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार
उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही कर जानकारी उपलब्ध कराई जावेगी यदि नहीं
तो क्यों, कारण सहित बतावें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह )
: (क) जी हॉं ।(ख) जी हॉं ।(ग) जी हॉं । कार्यपालन यंत्री संधारण संभाग
क्रमांक-2 के पत्र दिनांक 24.11.2015 द्वारा लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी
उपलब्ध करायी गयी । शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
।
सिहोरा, बहोरीबंद, बाकल, हटा मार्ग निर्माण में अनियमितता
20. ( क्र. 573 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
एम.पी.आर.डी.सी विभाग के अधीन निर्मित हो रहे सिहोरा, बहोरीबंद, बाकल, हटा मार्ग के
निर्माण का अनुबंध किन शर्तों के अधीन किस निर्माण कंपनी से कब किया गया ? (ख)
प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के निर्माण में किन-किन स्थानों पर
कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य होने थे ? (ग) क्या निर्माण कंपनी
द्वारा मार्ग के मध्य पड़ने वाले ग्रामों में निर्मित किये जा रहे सी.सी.रोड
निर्माण में घटिया रेत (जंगल से निकले भसुआ) स्तरहीन गिट्टी का इस्तेमाल किया जा
रहा है, जिसकी शिकायतें समय-समय पर स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रशासन एवं समाचार
पत्रों को की गई ? (घ) प्रश्नांक (क) यदि हां, तो घटिया निर्माण के संबंध में शासन
द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण एवं देवें एवं मार्ग निर्माण में इस्तेमाल की गई
सामग्री की गुणवत्ता रिपोर्ट की छाया प्रति देवें ? (ड.) क्या प्रश्नांक (क) में
उल्लेखित मार्ग के निर्माण हेतु बहोरीबंद तहसील के ग्राम सांडा में निर्माण कंपनी
द्वारा क्रेशर स्थापित कर सैड स्टोन का खनन कर उससे गिट्टी का निर्माण किया गया ?
यदि हां, तो खनित क्षेत्र की मंजूरी की छाया प्रति एवं निर्मित गिट्टी की गुणवत्ता
रिपोर्ट देवे ? क्या शासन बिना मंजूरी के खनन कर अवैध गुणवत्ता विहीन गिट्टी के
निर्माण करने वाली निर्माण कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही करेगी ? यदि हां, तो कब तक
यदि नहीं तो क्यों नहीं ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) :
(क) एम0पी0आर0डी0सी0 के अधीन निर्माणाधीन सिहोर बहोरीबंद बाकल, हटा मार्ग के
निर्माण का अनुबंध एम0पी0आर0डी0सी0 तृतीय चरण के अंतर्गत फिडिक की शर्तो के अधीन
दिनांक 20 मई 2013 को मेस0 व्हीआईएल लि0 गोमती नगर लखनऊ के साथ संपादित किया गया
।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ग) जी नहीं । म0प्र0 सड़क
विकास निगम को लिखित अथवा समाचार पत्रों के द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है
।(घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता । मार्ग के निर्माण हेतु उपयोग की गई सामग्री की
परीक्षण रिपाेर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है ।(ड.) जी नहीं । शेष
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है । ग्राम अमगवां एवं ग्राम पांजी में शासन से
अनुमति उपरांत खनन किया गया है । अत: निर्माण कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति
उत्पन्न नहीं होती है ।
पाटन विधानसभा अंतर्गत मार्ग एवं पुल
निर्माण
21. ( क्र. 574 ) श्री नीलेश
अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पौड़ीराजघाट से पटना, लखनपुर पिण्डरई लाहौद रोड
मार्ग एवं पटोरी से लमकना मार्ग तथा अभाना से खितौला पड़वार मार्ग का निर्माण
आवागमन की दृष्टि से अति-आवश्यक है ? (ख) यदि हां, तो क्या शासन आवागमन की दृष्टि
से अति-आवश्यक इन मार्गों के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो
कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं ? (ग) क्या पाटन विधानसभा अंतर्गत तहसील
मुख्यालयों को जोड़ने वाले मुरेठ पुल का निर्माण एवं आलासूर सिमरिया (माझौली) रपटे
पर ऊँचे पुल का निर्माण होना अति-आवश्यक है एवं पूर्व में मुरेठ पुल के निर्माण के
संबंध में विधानसभा में माननीय मंत्री जी द्वारा आश्वासन प्रदान किया गया था ? (घ)
यदि हां, तो शासन द्वारा मुरेठ पुल का निर्माण एवं आलासूर सिमरिया रपटे ऊँचे पुल का
निर्माण के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं उक्त पुलों का
निर्माण कब तक किया जावेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) :
(क) ग्राम को जोड़ने के लिए आवश्यक है ।(ख) वर्तमान में ये प्रकरण लोक निर्माण
विभाग में विचाराधीन नहीं है ।(ग) जी हॉं । जी हॉं ।(घ) ग्राम मुरेठ के पास हिरन
नदी पर पुल निर्माण हेतु डी0पी0आर0 तैयार, परीक्षणाधीन है, एवं आलासूर-सिमरिया रपटे
पर उंचे पुल निर्माण हेतु स्थल का परीक्षण कराया जा रहा है । निश्चित तिथि बताना
संभव नहीं है ।
मरम्मत रिन्यूवेशन कार्यों की स्वीकृति
22. ( क्र. 583 ) श्री मुरलीधर
पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आगर
जिला गठन के बाद से आज दिनांक तक जिले में विभाग द्वारा कितनी लागत के
मरम्मत/रिन्यूवेशन संबंधी कार्य करवाये गये ? कार्यवार, विवरणात्मक सूची देवें ?
(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय
स्वीकृति की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें ? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित
कार्यों का भुगतान जिस एजेन्सी/ठेकेदार को किया गया उसकी विवरणात्मक सूची उपलब्ध
करावे ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ एव ‘’अ-1’’ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
‘’अ’’ एव ‘’ब’’ अनुसार है ।
रिक्त पदों हेतु जारी विज्ञापन
23. ( क्र. 606 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
संचालनालय खेल और युवक कल्याण म.प्र. ने वर्ष 2011 में शीघ्र लेखक ग्रेड-3 के
कितने पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन कब-कब जारी किया ? उक्त पदों हेतु कितने आवेदन
पत्र प्राप्त हुए ? (ख्) चयन का आधार क्या था ? किन-किन का चयन हुआ ? क्या
विज्ञापन में रिक्त पदों से ज्यादा पदों पर भर्ती की गई ? यदि हां तो क्यों ?
(ग) 1 जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक खेल अकादमी तथा खेल परिषद में किन-किन की
नियुक्ति किस आधार पर की गई ? (घ) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति में अनियमितताओं की
किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई
? (ड़) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3214 दिनांक 30.07.15 में प्रश्न में विभाग
द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है बताया गया है ? क्या जानकारी प्राप्त हो गई
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) संचालनालय,
खेल और युवा कल्याण म.प्र. द्वारा वर्ष 2011 में शीघ्रलेखक ग्रेड-3 के दो
पदों (एक अनारक्षित एवं एक अजजा) की पूर्ति हेतु विज्ञापन अप्रैल, 2011 को जारी
किया गया। उक्त विज्ञापन के विरूद्ध 15 अनारक्षित एवं 5 अजजा इस
प्रकार
कुल 20 आवेदकों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ख)चयन का आधार कौशल परीक्षा (हिन्दी
शीघ्रलेखन तथा मुद्रलेखन परीक्षा) थी, जिसमें अनारक्षित पद के अन्तर्गत श्रीमती
नंदा घिमिरे का चयन कौशल परीक्षा के प्राप्तांकों एवं चयन समिति की अनुशंसा के
आधार पर किया गया। अजजा पद के लिए कोई भी उम्मीदवार शैक्षणिक आर्हता पूर्ण न करने
से उनकी कौशल परीक्षा आयोजित ही नहीं की गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं
होता है। (ग) 1 जनवरी, 2011 से प्रश्न दिनांक तक खेल अकादमी एवं खेल परिषद में
नियुक्तियों से सम्बन्धित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ)उक्त
रिक्त पदों की पूर्ति में अनियमितता को लेकर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः
शेष प्र्रश्न उपस्थित नही होता है। (ड.) अतारांकित प्रश्न क्र 3214 का पूर्ण
उत्तर पत्र क्र. एफ-3-71/2015/नौ, दिनांक 28.07.2015 द्वारा समय पर ही भेजा
गया था।
सड़क,
पुल-पुलिया निर्माण कार्यों की स्वीकृति
24. ( क्र. 618 ) श्री
राजकुमार मेव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
महेश्वर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सड़क, पुल-पुलिया निर्माण कार्यों से संबंधित कौन-कौन
से कितने-कितने प्रस्ताव कब-कब भेजे गये है ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में
महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण, सेतु निर्माण, पुल-पुलिया निर्माण से
संबंधित प्रस्तावों पर विभाग द्वारा कब-कब अधीनस्थ अमले को प्रस्ताव तैयार करने,
प्राक्कलन तैयार करने एवं प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिये गये ? (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियंता, द्वारा
कौन-कौन से कार्यों के कब-कब प्रस्ताव तैयार कर, प्राक्कलन तैयार कर, स्वीकृति
हेतु विभाग को प्रस्तुत किये गये ? (घ) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र से
संबंधित निर्माण कार्यों के प्रस्तावों पर माननीय मुख्यमंत्रीजी की टीप के
उपरान्त भी कार्य स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित है ? यदि हां, तो कब तक
स्वीकृति दी जावेगी ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(घ) जी हॉं । निश्चित तिथि बताना संभव नहीं
।
सारंगपुर सण्डावता मार्ग पर पुल निर्माण
25. ( क्र. 657 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
जिला राजगढ़ अंतर्गत तहसील सारंगपुर में सारंगपुर सण्डावता मार्ग पर ग्राम
लीमाचौहान के पास पुल एवं ग्राम जमनागंज के पास काई नदी पर पुल निर्माण की
स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदाय की गई है ? (ख) यदि नहीं तो उक्त मार्ग पर दोनों
पुलों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक दी जावेगी ? यदि नहीं, तो क्यों नहीं
स्पष्ट करें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी
नहीं ।(ख) वर्तमान में निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं । प्रश्नाधीन पुल
वर्तमान में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है ।
मार्गों की
मरम्मत में अनियमितता
26. ( क्र. 662 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा
प्रश्न क्र. 913 दिनांक 23.07.2015 के उत्तर प्रश्नांश (क) में मार्गों की
मरम्मत में व्यय के आकंड़े प्रपत्र (अ) में दिये गये किन्तु मार्गों की मरम्मत
ठीक ढ़ंग से नहीं की गई ? (ख) प्रपत्र (अ) में क्र. 1 से 19 तक भवनों हेतु व्यय
दर्शाया गया किन्तु अपूर्ण कुल कितने है और उनकी समय-सीमा की अवधि क्या है कार्य
में विलंब होने से कौन जिम्मेदार है नाम बतायें ? (ग) प्रश्नांश (ग) के उत्तर
में राजनगर से डहरी तक रोड निर्माण की कार्य योजना की अनुमानित राशि 1623.00 लाख है
तथा पेंच मरम्मत भी सही नहीं है कौन दोषी है कब तक रोड़ निर्माण करा दिया जावेगा
समय-सीमा निर्धारित करें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) :
(क) मार्गो की मरम्मत मानको के अनुरूप गुणवत्तापूर्वक की गई है ।(ख) जानकारी
संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ग) जी हॉं । जी नहीं । मार्ग का पुर्ननिर्माण
ए0डी0बी0 पंचम ऋण से म0प्र0 सडक विकास निगम द्वारा प्रस्तावित है । अत: समय सीमा
बताया जाना संभव नहीं है ।
परिशिष्ट
नौ सोनकच्छ के पीलिया खाल पर पुल निर्माण
27. ( क्र. 703 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सोनकच्छ से जलेरिया रोड पर स्थित पीलिया खाल पर पुल निर्माण
हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है ? (ख) यदि नहीं, तो क्या क्षेत्रवासियों के हित
में विभाग द्वारा उक्त पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब
तक ? (ग) क्या बारिश के दौरान उक्त पीलिया खाल पर पानी अधिक होने से आवागमन बंद
हो जाता है ? यदि हां, तो क्या आगामी बारिश तक उक्त खाल पर बड़ा पुल स्वीकृत
किया जा सकेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित कार्य लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत
नहीं है । अत: विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है ।(ख) प्रश्नांश ‘’क’’
के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता ।(ग) प्रश्नांश
‘’ख’’ के उत्तर अनुसार ।
अगेरा से खेडा कॉलोनी तक रोड निर्माण
28. ( क्र. 704 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) अगेरा से खेडा कॉलोनी तहसील सोनकच्छ तक रोड स्वीकृत है या नहीं ?(ख)
यदि स्वीकृत है, तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या
विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है या नहीं ?(ग) यदि उक्त
मार्ग पर रोड निर्माण स्वीकृत है तो किस योजना के अंतर्गत है तथा क्या कार्यवाही
अभी तक इस दिशा में की जा रही है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज
सिंह ) : (क) जी नहीं ।(ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है । स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है
।(ग) प्रश्नांश ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही
उपस्थित नहीं होता है ।
वन समितियों द्वारा कराये जा रहे विकास
कार्य
29. ( क्र. 757 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैरसिया विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी वन समितियां पंजीकृत हैं, सूची उपलब्ध करावें ?(ख)
प्रश्नांश (क) में दर्शित समितियों के पास वर्तमान में कितनी राशि उपलब्ध है ?
उपलब्ध राशि में क्या-क्या विकास कार्य कराये जा सकते हैं ?(ग) प्रश्नांश (क)
में दर्शित समितियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन से
विकास कार्य कराये गये हैं ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) :
(क), (ख) एवं (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में पंजीकृत वन समितियां, समितियों के
पास उपलब्ध राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' में है। समितियों के पास
वर्तमान में विकास खाते में उपलब्ध शेष राशि से वनग्रामों के विकास एवं अन्य
विकास कार्य कराये जा सकते हैं। समितियों के समिति खाते में उपलब्ध राशि से समिति
की आम सभा में लिये गये निर्णय अनुसार कार्य कराया जा सकता है। समितियों द्वारा
प्रश्नांकित अवधि में वन सुरक्षा का कार्य कराया गया है।
परिशिष्ट
दस हवाई पट्टी पर डामरीकरण निर्माण के फर्जी भुगतान की जांच
30. ( क्र. 766 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
हवाई पट्टी गुना पर डामरीकरण कार्य में 20 लाख का फर्जी भुगतान करने पर अधीक्षण
यंत्री लो.नि.वि. मण्डला गुना के पत्र क्रमांक 2091-32 दिनांक 08.10.2015 से जांच
दल बनाया गया था ? (ख) यदि हां, तो इस जांच दल को क्यों निरस्त किया गया ? (ग)
अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल गुना द्वारा पत्र क्रमांक 2106 दिनांक
09.09.2015 से बनाये गये नये जांच दल द्वारा जांच के समय विधायक/विधायक प्रतिनिधि
को स्थल पर न बुलाने का कारण बतावें ? दो माह बाद भी जांच रिपोर्ट क्यों नहीं
प्रस्तुत कि की गई, अभिलेख सहित कारण देवे ? (घ) क्या लोकायुक्त से निष्पक्ष
जांच कराई जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज
सिंह ) : (क) जी हां। (ख) जांच अधिकारी अपचारी अधिकारी से कनिष्ठ होने के
कारण। (ग) ऐसे निर्देश नहीं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होकर परीक्षणाधीन। (घ) जांच की
गई है, अतः प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग संभाग
गुना के कार्यपालन यंत्री द्वारा चार्ज देने में अनियमितता
31. ( क्र. 767 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
लो.नि.वि. में कोई ऐसा नियम है कि सहायक यंत्री के एक दिन के लिए आकस्मिक अवकाश पर
जाने पर उपसंभाग में कनिष्ठ उपयंत्री को कार्यप्रभार दिया जा सकता है ? (ख) यदि
नहीं तो संभाग गुना में सहायक यंत्री, गुना के एक दिवस के आकस्मिक अवकाश पर जाने पर
कनिष्ठ उपयंत्री को पत्र क्रं. 3995 दिनांक 28.09.2015 से आदेश क्यों जारी किये
गये ? यदि हां, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करावें ? (ग) आदेशकर्ता संबंधित
कार्यपालन यंत्री के.सेनानी कब-कब आकस्मिक अवकाश पर गये और उनके द्वारा किस अधिकारी
को कार्यभार दिया गया ? नाम सहित विवरण दिया जावे ? क्या लो.नि.वि. संभाग गुना के
कर्मचारियों द्वारा कार्यपालन यंत्री की सामूहिक शिकायत प्रमुख सचिव लो.नि.वि. को
की है यदि हां, तो क्या विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है ? (घ)
प्रश्नांश (ख) में किये गये नियम विरूद्ध आदेश के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है,
नाम बतावें ? क्या संबंधित अधिकारी को निलंबित कर उसके विरूद्ध कार्यवाही की
जावेगी ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं।
(ख) श्री एस.के. जैन, अनुविभागीय अधिकारी के इलाज हेतु चिकित्सालय में भर्ती होने
एवं इलाज हेतु ग्वालियर रेफर किये जाने के कारण कार्यभार देखने हेतु आदेश दिया गया
था, जो परिशिष्ट- ‘अ’ पर है। (ग) दिनांक 18, 19 मई, 15, दि. 25/5/15 से 27/5/15 दि.
12/6/15 दि. 12/11/15 एवं दिनांक 13/11/15. किसी को प्रभार नहीं दिया गया। प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। जी हां। प्रमुख अभियंता, लो.नि. को जांच हेतु भेजी गई है। (घ)
कोई नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
ग्यारह सड़क मरम्मत का कार्य
32. ( क्र. 783 ) श्री गिरीश
गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
रीवा जिले में देवतालाब से नईगढ़ी रोड़ में मरम्मत कार्य हेतु कार्यादेश हुआ है
यदि हां, तो कब आदेश किया गया ? (ख) क्या रीवा जिले में देवतालाब से नईगढ़ी रोड़
में जनवरी 2013 से अक्टूबर 2015 तक सड़क मरम्मत/उन्नतीकरण में कितनी राशि कब-कब
स्वीकृत हुई तथा किन-किन ठेकेदारों को कब-कब कर्यादेश जारी किया गया तथा उन्हें
भुगतान कब किया गया ? (ग) क्या देवतालाब से नईगढ़ी सड़क पूर्णतया खराब है क्या
वार्षिक मरम्मत के नाम पर केवल पैसा निकाला जा रहा है ? यदि हां, तो या इसकी जांच
कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे तथा देवतालाब से नईगढ़ी रोड़ को
पूर्णतया बनाने की कार्यवाही करेंगे यदि हां, तो समय-सीमा बतावें ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ । दिनांक 07.10.2015 को ।(ख)
जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है ।(ग) जी नहीं । जी नहीं । शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होते ।
परिशिष्ट
बारह पी.आई.यू. द्वारा निर्मित विश्राम गृह किरनापुर का
हस्तांतरण
33. ( क्र. 808 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विषयांकित रेस्ट हाउस क्या बनकर पूर्ण हो चुका है ? यदि हां, तो इसे अब तक विभाग
में क्यों नहीं हस्तांतरित किया गया है ? इसे कब तक विभाग को हस्तांतरित कर दिया
जाएगा ?(ख) पी.आई.यू. द्वारा ग्राम पंचायत बहेला में निर्मित हाईस्कूल में
प्रावधानों के बावजूद क्या यह सही है कि हैण्डपंप खनन नहीं कराया गया है तथा
हैण्डपंप खनन का बिल निकाल लिया गया है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं । फर्नीचर न होने के कारण हस्तांतरित नहीं हो सका
। फर्नीचर क्रय हेतु संभागीय परियोजना यंत्री, लो0नि0वि0 पी0आई0यू0 बालाघाट द्वारा
दिनांक 14.09.2015 को लघु उद्योग निगम भोपाल को आदेश जारी कर दिया गया है । फर्नीचर
प्राप्त होने पर भवन हस्तांतरित कर दिया जावेगा ।(ख) जी हॉं । हाई स्कूल में
हैण्डपम्प खनन का प्रावधान था, लेकिन हैण्डपम्प पहले से स्कूल परिसर में होने
के कारण हैण्डपम्प खनन का कार्य नहीं कराया गया है और न ही इसका भुगतान किया गया
है । हैण्डपम्प में सिर्फ सबमर्शिबल पम्प लगाया गया है, सिर्फ इसका ही भुगतान
किया गया है ।
विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत रोडों की जानकारी
34. ( क्र. 809 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विधानसभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत किरनाई मंदिर से सोनपुरी, हल्बीटोला से मालवा,
किरनापुर से नक्शी, मुन्डेसरा, किरनापुर से मुरकुड़ा, बम्हनगांव नक्शी मार्ग
में सुधार हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है ?(ख) ढुढवा-कांडी-घाटटेमनी रोड का काम
दोबारा शुरू करने हेतु क्या कार्यवाही की गयी है ? (ग) क्या मोहझरी आवा,
कुम्हारीकला, अमेडा-पायरगांव-कलपायरी तथा टेमनी-चौदाटोला-पिपलगांवकला मार्ग को
अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है ? यदि हां, तो राशि के प्रावधानों सहित जानकारी
यदि नहीं तो इन्हें कब बजट में शामिल किया जाएगा ?(घ) विधानसभा क्षेत्र लांजी में
विगत 03 वर्षों में रोडों की मरम्मत पर किये गये खर्च की जानकारी रोड तथा सत्र
अनुसार दें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न प्रपत्र ‘अ’ में दर्शित है ।(ख) दिनांक 03.11.2015 को मेसर्स रायसिंह एण्ड
कंपनी बालाघाट को कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है ।(ग) जी नहीं ।
प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता । वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं ।(घ)
विस्तृत जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘ब’ में दर्शित है ।
परिशिष्ट
तेरह तवा नदी (नांदिया घाट) में पुलिया का निर्माण
35. ( क्र. 833 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तवा
नदी (नांदिया घाट) चोपना क्षेत्र (घोड़ाडोंगरी ) में रपटा निर्माण कब, किस विभाग
ने किया था ?(ख) तवा बांध सारनी से वर्षाकाल में पानी छोड़ने से आवागमन में 60
ग्राम के नागरिकों को असुविधा होती है ? यदि हां, तो मार्ग कितने दिन तक बंद रहता
है ?(ग) तवा नदी रपटे से बाढ़ में विगत तीन वर्ष में कितने व्यक्ति बहकर मर गये है
?(घ) म.प्र. शासन ग्रामीण जनता के लिये पुल निर्माण प्रस्तावित करेगा
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) निर्माण कार्य लोक
निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया गया है ।(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।(ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है ।(घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है ।
रामपुर-भतोड़ी परियोजना बैतूल से अतिक्रमण हटाया
जाना
36. ( क्र. 834 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
रामपुर-भतोड़ी परियोजना बैतूल को सारनी परिक्षेत्र से वन विभाग ने कितनी भूमि
आवंटित की थी ? किस मद से कब दी गई है ?(ख) क्या उक्त परियोजना ने वन भूमि के
संरक्षण की जिम्मेदारी ली है ? यदि हां तो अवैध अतिक्रमण क्यों हो रहा है ?(ग)
क्या अवैध अतिक्रामक वन एवं भूमि को क्षति पहुंचा रहे है ? क्या अवैध बसाहट की
जानकारी शासन को है ? यदि हां, तो क्या अन्य बाहरी व्यक्तियों को हटाने के लिये
जिला प्रशासन निष्क्रिय है ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) :
(क) सारनी परिक्षेत्र से आरक्षित वन भूमि-36433.937 हे., संरक्षित वन
भूमि-1037.988 हे. कुल 37471.925 हेक्टेयर वन भूमि वर्ष 1976 से 1999 तक सात चरणों
में म.प्र. राज्य वन विकास निगम को आवंटित की गई। उक्त में से 14020.240
हेक्टेयर वन भूमि वर्ष 2011 में निगम द्वारा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को हस्तांतरित
की गई है। (ख) एवं (ग) जी हां। निगम को हस्तांतरित वन भूमि में कृषि एवं बसाहट के
उद्देश्य से अतिक्रमण होने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
अतिक्रामकों को हटाने के लिये जिला प्रशासन सक्रिय
है।
मार्ग निर्माण में लेवल के अनुसार माप एवं भुगतान के
संबंध में
37. ( क्र. 850 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
मार्ग निर्माण में कराये जाने वाले अर्थवर्क मिट्टी कार्य के नाम लेविल लेकर कराए
जाने के नियम है और क्या कार्य के पहले/प्रारंभिक लेवल तथा कार्य के बाद अंतिम
लेविल लेने के नियम है तथा क्या उसके बाद ही मिट्टी की मात्रा का भुगतान किया जाता
है ? अथवा नहीं ?(ख) क्या इसी प्रकार डामरीकरण कार्य में 70 एम,एम के डी,एम का
कार्य भी लेविल लेकर कराये जाने के नियम है ?(ग) यदि हां, तो क्या छतरपुर जिले में
चल रहे गढीमलहरा लौडी, चंदला अजयगढ़, 60 कि.मी. तथा चंदला सरबई गौरिहार चंद्रपुरा
मार्ग 40 कि.मी. के निर्माण में मिट्टी का कार्य एवं चंदला सरवई गौरिहार चंद्रपुरा
मार्ग के निर्माण में डी.बी.एम. का कार्य लेबिल लेकर किया गया है अथवा नहीं ? (घ)
यदि नहीं तो इस अनियमितता के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की जाएगी तथा इस कार्य का भुगतान करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की जाएगी ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
जी हॉं, जी हॉं, जी हॉं ।(ख) जी हॉं ।(ग) जी हॉं ।(घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
है ।
चंबल अभ्यारण की सीमा एवं घडि़यालों की संख्या
38. ( क्र. 860 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
चंबल संभाग के चंबल अभ्यारण की सीमा क्या है तथा घडियालों की कितनी संख्या
कहां-कहां पर है दूरी, घडियालों के स्थान, संख्या पूर्ण जानकारी नवंबर 2015 तक की
दी जावें ? (ख) वर्ष 2011 से अक्टूबर 2015 तक कितने घडि़याल, बच्चें मरे व
अण्डों की क्षति हुई वर्ष, घटना स्थल, क्षति के कारण सहित जानकारी दी जावें ? (ग)
वर्तमान में अभ्यारण क्षेत्र में कितने अधिकारी, कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ है
नाम, पद संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावें ? (घ) क्या उक्त घटनाओं की जांच
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई क्या कारण रहे तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी
जावें ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित
अभयारण्य चंबल संभाग के 03 जिलों श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड में विस्तारित है।
इसकी सीमा श्योपुर जिले के बड़ौदिया बिन्दी से भिण्ड जिले के ग्राम बिण्डवा तक
435 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में है। अभयारण्य में प्रतिवर्ष माह फरवरी में जलीय जीवों
का सर्वेक्षण कार्य किया जाता है। फरवरी, 2015 की सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार
राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य में घडि़यालों की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में घडि़यालों की मृत्यु की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ख'अनुसार है। घडि़याल बच्चे तथा अण्डों को
क्षति नहीं हुई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट'ग' अनुसार है। (घ) जी
हां। जांच में 08 घडि़यालों की प्राकृतिक कारणों से तथा 01 घडि़याल की श्वसन
तंत्र संक्रमण होने से मृत्यु होना पाया
गया।
मुरैना जिले के ए.वी.सी केनाल रोड की मरम्मत
39. ( क्र. 863 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या मुरैना की ए.वी.सी केनाल रोड वर्तमान में काफी जर्जर होकर वाहन
चलले की स्थिति योग्य नहीं है पिछले माह में बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक
व्यक्ति की मृत्यु तथा अनेक लोग घायल हुए थे ? (ख) क्या उक्त मार्ग जिले की तीन
विधान सभा क्षेत्र जौरा सुभावली, सबलगढ़ से गुजरता है जिससे अधिकांश लोग यात्रा
करते है कई बार टेण्डर हुए लेकिन काम नहीं कराया गया, उक्त मार्ग की मरम्मत कब
तक करा दी जावेगी ? (ग) क्या उक्त मार्ग के उन्नयन, चौडीकरण का प्रस्ताव राज्य
शासन के विचारार्थ है यदि हां, तो उसकी डी.पी.आर, अनुमानित राशि कितनी है कब तक
निर्माण का ठेका करा दिया जावेगा, निर्माण की अवधि क्या रहेगी प्रक्रिया किस
स्थिति में है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी
नहीं, वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी है । चालक की लापरवाही के कारण बस
दुर्घटना हुई है ।(ख) जी हाँ । मरम्मत का कार्य कराया गया । वर्तमान में विभागीय
पेंच मरम्मत कार्य प्रगति पर है ।(ग) जी नहीं, मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग
द्वारा दिनांक 19.08.2015 को रू0 9315.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है
। उक्त मार्ग के निर्माण कार्य हेतु दिनांक 29.10.15 को आन लाईन निविदा आमंत्रित
की गई है । दिनांक 04.12.2015 को आन लाईन वित्तीय निविदा खोली गयी
।
छिन्दवाड़ा जिले में सड़कों का निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण
नहीं किया जाना
40. ( क्र. 870 ) पं. रमेश
दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
छिन्दवाड़ा जिले में लोक निर्माण विभाग के अधीन विधान सभा क्षेत्रवार निर्माणधीन
सड़कों की जानकारी देते हुए यह बतायें कि ये सड़के कब से निर्माणाधीन है ? निर्माण
की अवधि क्या थी ? (ख) उक्त सड़कों में कितने सड़कों के निर्माण की अवधि पूर्ण
होने के पश्चात भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है ? समय पर निर्माण कार्य
पूर्ण नहीं करने के लिए कौन लोग जिम्मेदार है ? शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही
कर रहा है ? (ग) क्या चौरई से कुण्डा-अमरवाड़ा सड़क का निर्माण कार्य लंबे समय से
चल रहा है ? यदि हां, तो कब से ? इस सड़़क का निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं होने
के क्या कारण है ? इसके लिए जिम्मेदार कौन है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही
की गयी है और नहीं की गयी है तो क्यों ? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया
जावेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ख) 23 सड़को के निर्माण
कार्य निर्धारित समयावधि में नहीं हो सके । शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
‘’अ’’ अनुसार है ।(ग) दिनांक 07.09.2013 से प्रगति पर है । शेष जानकारी पुस्तकालय
में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ के स0क्रं0 17 पर उल्लेखित कार्य के स्तंभ 7 से 9 अनुसार
है ।
महाकालेश्वर मंदिर का रख-रखाव
41. ( क्र. 898 ) श्री जितू
पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या
म.प्र. शासन पुरातत्व अधिनियम 1964 के अनुसार 50 वर्ष प्राचीन एवं केन्द्रीय
पुरातत्व अधिनियम के अनुसार 100 वर्ष प्राचीन संरचना पुरातत्व विभाग के अधीन
संरक्षित की जाकर उसका संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है ? यदि हां तो
लगभग 300 वर्ष प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर को म.प्र. शासन द्वारा केन्द्रीय
पुरातत्व विभाग को आज तक क्यों नहीं सौपा गया ? म.प्र. शासन द्वारा वर्तमान में
भी इसका संरक्षण एवं रख-रखाव करने का क्या उद्देश्य है ?(ख) क्या म.प्र.
पुरातत्व कानून के अनुसार ऐसी प्राचीन संरक्षित संरचना के 50 मीटर एवं केन्द्रीय
पुरातत्व कानून के अनुसार 100 मीटर के आसपास कोई भी निर्माण कार्य किया जाना
दण्डनीय अपराध है ? यदि हां, तो मंदिर के मूलमार्ग में परिवर्तन, मंदिर के बाहर
एवु कुण्ड के आसपास गुम्बदों का निर्माण, मंदिर के गर्भग्रह में खुदाई एवं
निर्माण किसकी अनुमति से हो रहा है ?(ग) क्या पुरातत्व संरक्षण सर्वेक्षण के
अनुसार ऐसी संरचना में स्थित मूर्ति या लिंग के क्षरण को रोकने की दृष्टि से मंदिर
के गर्भग्रह में जाकर दर्शन एवं पंचामृत अभिषेक नहीं किया जाना चाहिये ? यदि हां तो
मंदिर के पण्डों एवं पुजारियों द्वारा आज भी लिंग पर दूध, दही, जल, शक्कर, एवं
शहद का उपयोग कर पंचामृत अभिषेक क्यों किया जा रहा है ?(घ) क्या म.प्र. शासन
द्वारा आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुवे महाकालेश्वर मंदिर को नियमानुसार
पुरातत्व विभाग को सौपे जाने की कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक एवं नहीं
तो कारण स्पष्ट करें ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया )
: (क) महाकालेश्वर मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन नहीं है।
महाकालेश्वर मंदिर, म.प्र. श्री महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम, 1982 के तहत संचालित
है। (ख) मंदिर पुरातत्व के अधीन नहीं है । अतएव पुरातत्व कानून के अंतर्गत
कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन
की अध्यक्षता में गठित विद्वत समिति द्वारा निर्णय लिया जाना विचाराधीन है। (घ) जी
नहीं ।
रोजगार की उपलब्धता
42. ( क्र. 911 ) श्री मुकेश
नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
में तेजी से बढ़ती हुई बेरोजगारी पर काबू पाने के लिये शासन की नीति और प्रयासों की
जानकारी दीजिए ? (ख) विगत पांच वित्त वर्षों में राज्य के रोजगार कार्यालयों में
दर्ज पंजीकृत रोजगार इच्छुकों की संख्या और उपलब्ध कराये गये रोजगारों की
संख्या की जानकारी दीजिए ? (ग) क्या पिछले पाँच वर्षों में सरकारी क्षेत्र और
संगठित सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार स्तर वर्षवार कम हो रहा है ? यदि हां, तो
इसके कारण बतावें ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क)वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति, 2014 लागू की
है, जिसका प्रमुख उद्देश्य सुस्थिर औद्योगीकरण, रोजगार निर्माण और कौशल समूह
उन्नयन के माध्यम से मध्यप्रदेश के लोगों की आर्थिक समृद्धि और समग्र वृद्धि
प्राप्त करना है। विभाग द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री
स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के
बेरोजगार आवेदकों को स्वरोजगार में स्थापित किया जा रहा हैं। विभाग द्वारा रोजगार
कार्यालयों के माध्यम से जॉब फेयर आयोजित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध
कराया जा रहा है। साथ ही बेरोजगार युवकों को रोजगार योग्य बनाने के लिये विभाग
द्वारा कौशल उन्ययन योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें आवेदकों को प्रशिक्षित
कर रोजगार व स्वरोजगार में स्थापित किया जा रहा है।(ख)जानकारी संलग्न
परिशिष्टअनुसार है।(ग)रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम,
1959 के अन्तर्गत सरकारी व संगठित सार्वजनिक क्षेत्र की रिक्तियों को रोजगार
कार्यालय के माध्यम से भरना अनिवार्य नहीं होने से जानकारी संधारित नहीं है।
परिशिष्ट
चौदह रोजगार उपलब्ध कराना
43. ( क्र. 944 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास
केन्द्र खोलने के क्या नियम हैं एवं शहडोल संभाग में यह केन्द्र कहां-कहां खोले
गये हैं एवं इनका संचालन किसके माध्यम से किया जा रहा है ? (ख) तकनीकी शिक्षा एवं
कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से वर्ष 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन
प्राप्त हुये, कितनों का चयन किया गया एवं कितनों को प्रशिक्षित उपरांत इन्हें
रोजगार में स्थापित करने की कार्यवाही की गई ? (ग) शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले
में कौन-कौन सी जपपद पंचायतों में कहां-कहां तकनीकी शिक्षा एवं विकास केन्द्र कब
से संचालित किये जा रहे हैं एवं इनका संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है ? (घ)
प्रश्न (ग) के संदर्भ में कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से वर्ष 2014-15 में एवं
प्रश्न दिनांक तक कितने प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया जाकर किस-किस ट्रेड में
कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण उपरांत कितने प्रशिक्षणार्थी स्वयं के
साधनों से रोजगार में स्थापित हो गये हैं एवं कितने प्रशिक्षणार्थियों को बैंक के
माध्यम से रोजगार स्थापित करने का कार्य किया गया है ?
तकनीकी शिक्षा
मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विभागीय नीति अनुसार कौशल विकास
केन्द्र, विकास खण्ड मुख्यालय अथवा विकासखण्ड के किसी भी स्थान पर स्थापित
किये जा सकेगें जहॉ इसकी आवश्यकता हैं। प्रदेश के 135 विकासखण्डो में जहॉ तत्समय
आईटीआई स्थापित नहीं थे वहां एक-एक कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया।
शहडोल संभाग में पॉली (उमरिया) गोहपारू जिला शहडोल एवं पुष्पराजगढ़ जिला अनुपपुर
में कौशल विकास केन्द्र खोले गये, जिसका संचालन मध्यप्रदेश व्यावसायिक शिक्षा
एवं प्रशिक्षण परिषद् भोपाल द्वारा किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) शहडोल संभाग के अनुपपुर जिले की जनपद पंचायत
पुष्पराजगढ़ में कौशल विकास केन्द्र वर्ष 2011 से संचालित हैं। जिसका संचालन
मध्यप्रदेश व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् भोपाल द्वारा किया जा रहा है।
(घ) निम्नानुसार है:-
वर्ष |
मॉडयूल का नाम |
प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों की संख्या |
स्वयं के रोजगार स्थापित करने वाले
प्रशिक्षणार्थियों की संख्या |
बैंकके माध्यम से रोजगार स्थापित करने वाले
प्रशिक्षणार्थियों की संख्या |
रिमार्क |
2014-15 |
इलेक्ट्रीशियन डोमेस्टिक |
120 |
08 |
0 |
|
इलेक्ट्रीकल वाइंडर |
120 |
14 |
0 |
|
एकाउंट असिस्मेंट यूजिंग टेली |
200 |
27 |
0 |
|
आर्क एवं गैस वेल्डर |
95 |
05 |
0 |
|
कुल योग |
535 |
54 |
0 |
|
2015-16से दिनांक 23.11.2015 तक |
इलेक्ट्रीशियन डोमेस्टिक |
40 |
- |
- |
वर्तमान में प्रशिक्षण्रत् |
इलेक्ट्रीकल वाइंडर |
40 |
- |
- |
-''- |
एकाउंट असिस्मेंट यूजिंग टेली |
40 |
- |
- |
-''- |
आर्क एवं गैस वेल्डर |
18 |
- |
- |
-''- |
कुल योग |
138 |
|
|
-''- |
स्नातक में प्रवेशित
छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन दिया जाना
44. ( क्र. 959 ) श्री हर्ष
यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) चालू
शिक्षा सत्र में महाविद्यालयों में स्नातक में प्रवेशित छात्र-छात्राओं को
स्मार्ट फोन/एन्ड्रायड दिये जाने की विभाग की क्या योजना है ? इस वर्ष कितने
छात्र-छात्राओं को कितनी राशि व्यय कर फोन दिये जाने की योजना है ?(ख) प्रश्नांश
(क) वर्णित स्मार्टफोन क्रय करने हेतु निविदा में क्या-क्या शर्ते किन-किन के
द्वारा तय की गई ? निविदा कब जारी की गई व किन-किन कंपनियों ने निविदा में भाग लिया
? (ग) स्मार्ट फोन क्रय हेतु निविदा शर्ते तय करने व क्रय प्रक्रिया पूरी करने का
दायित्व किन-किन अधिकारियों को दिया गया ? नाम, पदनाम सहित विवरण दें, क्या क्रय
प्रक्रिया पूरी कर ली गई है ? स्मार्ट फोन खरीदी हेतु कंपनी/प्रदाता का चयन
किस-किस आधार पर किन के द्वारा किया गया ? (घ) क्या निविदा शर्तों में हेराफेरी कर
विभागीय अधिकारियों द्वारा निम्न श्रेणी की कंपनी से फोन क्रय करने व भ्रष्टाचार
करने के प्रयास की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई जावेगी ? नहीं तो क्यों
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) जी हाँ। कुल राशि रूपए 47.50 (सैतालीस करोड़ पचास लाख) का बजट प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2015-16 में किया गया है।
(ख) स्मार्टफोन क्रय हेतु निविदा शर्तें
तय करने व क्रय प्रक्रिया पूरी करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश
क्रमांक 1537/1531/2014/56 दिनांक 18/07/2014 को सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की
अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसका प्रपत्र “अ“ पर संलग्न है। समिति
द्वारा अनुमोदित निविदा की निर्धारित शर्तें प्रपत्र ‘ब’ पर संलग्न हैंl स्मार्ट
फ़ोन क्रय करने हेतु प्रथम बार निविदा दिनांक 22/08/2014 को जारी की गई थी, जिसमें
दो वेन्डरों द्वारा निविदा में ने भाग लिया गया था l (1) मेसर्स मिलेनियम आटोमेशन
एण्ड सर्विेसेस लिमिटेड, नई दिल्ली (2) मेसर्स नेशनल स्माल इन्डस्ट्रीज कार्पोरेशन
लिमिटेड, अमृतसर l स्मार्टफोन क्रय करने के लिये दूसरी बार निविदा दिनांक
06/11/2014 को जारी की गयी थी, जिसमें तीन वेंडरों द्वारा निविदा में भाग लिया गया
थाl (1) मेसर्स मिलेनियम आटोमेशन एण्ड सर्विेसेस लिमिटेड, नई दिल्ली (2)
मेसर्स नेशनल स्माल इन्डस्ट्रीज कार्पोरेशन लिमिटेड, अमृतसर (3) मेसर्स
कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेस लिमिटेड, हैदराबाद।
(ग) स्मार्टफोन क्रय हेतु
निविदा शर्तें तय करने व क्रय प्रक्रिया पूरी करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी
विभाग के आदेश क्रमांक 1537/1531/2014/56 दिनांक 18/07/2014 को सचिव सूचना
प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें
निम्नानुसार सदस्य थेः- (1) सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (2) सचिव,
वित्त विभाग (3) उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि (4) राष्ट्रीय सूचना विज्ञान
केन्द्र (एनआईसी) के प्रतिनिधि (5) म.प्र. राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम के
प्रतिनिधि l स्मार्टफोन क्रय हेतु निविदा शर्तें तय करने व क्रय प्रक्रिया का
अनुमोदन करने का दायित्व उपरोक्त समिति को दिया गया था। निविदा प्रक्रिया पूरी कर
ली गयी थी l स्मार्टफोन खरीदी हेतु कंपनी/प्रदाता का चयन निविदा में उल्लेखित
शर्तों के अनुसार न्यूनतम मूल्य quote करने वाली कंपनी का किया गया था।
(घ)
निविदा प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अनुसार अनुमोदित शर्तों पर की गयी थी अतः
जांच का कोई प्रश्न नहीं है।
परिशिष्ट
पंद्रह कसरावद विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण
45. ( क्र. 963 ) श्री सचिन
यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता द्वारा लोक निर्माण विभाग को कसरावद विधानसभा क्षेत्र में सड़क
निर्माण हेतु कितने-कितने पत्र कब-कब प्राप्त हुए और उन पर प्रश्न दिनांक तक
क्या कार्यवाही की गई है ? (ख) उक्त मार्गों के संबंध में व्यय समिति द्वारा
क्या अनुमोदित किया जा चुका है ? हां, तो वर्तमान बजट में शामिल किया गया है ?
हां, तो बतायें ? नहीं, तो क्यों कारण दें ?(ग) उक्त मार्गों के निर्माण कार्य
में विलंब के क्या कारण हैं और प्रथम कार्यवाही दिनांक से प्रश्न दिनांक तक
कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने के स्पष्ट कारणों का उल्लेख करें ?(घ) उक्त
मार्ग में बार-बार त्रुटियां दर्शाये जाने के कारण विलंब में कौन-कौन अधिकारी दोषी
हैं के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी ? नहीं तो क्यों ?
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’
अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है ।(ग) वित्तीय
स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण । जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’
अनुसार है ।(घ) कोई भी विभागीय त्रुटि नहीं है । अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता ।
जतारा जिला टीकमगढ़ के खरगूपुरा से कनेरा तक की सड़क का
निर्माण
46. ( क्र. 970 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या जतारा से खरगूपुरा तिगैला से कनेरा तक निर्माण की गई सड़क पिछले
पांच वर्षों से त्यों की त्यों बनी हुई है ?(ख) क्या पूर्व में ठेकेदार द्वारा
काफी राशि का आहरण कर लिया गया था और बाड में उसे नोटिस दिया गया था क्या आज भी
उक्त सड़क पुराने ठेकेदार द्वारा बनाई जा रही है ?\(ग) क्या ठेकेदार के विरूद्ध
कार्यवाही करेंगे यदि हां तो कब तक यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं ।(ख) जी नहीं ।(ग) जी हाँ,
गारन्टी की अंतिम वर्ष में ठेकेदार द्वारा पूर्ण रूप से सुधार न करने के कारण
ठेकेदार की अमानत राशि विभाग द्वारा राजसात की कार्यवाही की गई, जिसके विरूद्ध
प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है एवं ठेकेदार का पंजीयन निलंबन किया जा चुका है
।
टीकमगढ़ जिले के जतारा नगर में वाईपास सड़क निर्माण में
अनियमितता
47. ( क्र. 976 ) श्रीमती
चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या नगर पंचायत जतारा के वाईपास सड़क निर्माण में एलाईमेंट सर्वे
खसरा क्र. 53618 के कुये एवं नक्शा के अनुसार दशरथ आदिवासी के खसरा नं. 536/7 से
होकर 539/4 तक जाना था परन्तु पक्षपात एवं रसूखदार ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से
साठ गांठ कर अधिग्रहण की गई भूमि खसरा क्र. 53618 के कुआ का मुआवजा रू. 302787
वितरित कर दिया और खसरा नं. 536/7 में भी मुआवजा रू. 174500 जारी कर दिया लेकिन लोक
निर्माण विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से तथा ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत
से रोड घुमाकर दोनो खसरा नं. बचा दिये गये और फर्जी मुआवजा ठेकेदार और अधिकारियों
द्वारा राजसात कर लिया गया जबकि जमीन मालिक को राशि नहीं मिली ?(ख) क्या उक्त
घटिया निर्माण एवं शासन के द्वारा दिये गये मुआवजे की राशि हड़प जाना एवं रोड
निर्धारित जगह से ना डालना तथा खड़े पेडो की लकडिया ठेकेदार द्वारा हड़पे जाने से,
क्या ऐसे ठेकेदार के विरूद्ध जांच करायेगे यदि हां, तो कब तक यदि नहीं तो कारण
स्पष्ट करें ?(ग) क्या उक्त वाई पास सड़क का निर्माण गुणवत्ता विहीन है तथा
समय पूर्ण भी हो चुका है आज दिनांक तक उक्त सड़क निर्माण नहीं की जा रही है ऐसे
में ठेकेदार के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा आगे क्या कार्यवाही कब
तक करेंगे, यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जी हां। परंतु तकनीकी रूप से आवश्यकतानुसार एलाईमेंट को
सीधा कर राजस्व विभाग द्वारा जो एलाईमेंट दिया गया है उसी पर कार्य किया जा रहा है।
संबंधित कृषकों को मुआवजा दिया गया। सहमति के आधार पर मार्ग सीधा किया गया है। जी
नहीं।(ख) जी नहीं। लकड़ी लो.नि.वि. के पास स्टोर में जमा है नीलामी की कार्यवाही की
जा रही है। अतः ठेकेदार के विरूद्ध जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी
नहीं। जी हां। कार्य प्रगति पर है, कार्य की धीमी गति होने के कारण ठेकेदार को
नोटिस जारी किया गया है। ठेकेदार को दी गई समय वृद्धि में कार्य पूर्ण न करने पर
अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी।
भाग-3अतारांकित
प्रश्नोत्तरशासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद का भवन निर्माण
1. ( क्र. 85 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्राचार्य शासकीय तिलक महाविद्यालय कटनी को कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 2158 दिनांक 21.09.2015 एवं पत्र क्रमांक 2362 दिनांक 30.10.2015
लिखकर, जानकारी चाही गई थी, जो प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है ? समय-सीमा में
जानकारी न देने के लिये कौन उत्तरदायी है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की
जावेगी ? (ख) क्या शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद के भवन निर्माण हेतु
भूमि चयन की गई है ? यदि हां तो चयनित भूमि का खसरा, पांचशाला और नामांतरण का विवरण
दें ? तथा भवन निर्माण हेतु तैयार नक्शें की प्रति उपलब्ध करायें, उक्त नक्शे
के मुताबिक भवन निर्माण हेतु तैयार किया गया ? डी.पी.आर., प्राक्कलन की प्रति दें
? क्या भवन निर्माण हेतु निविदा का प्रकाशन किया जा चुका है ? यदि नहीं तो क्यों,
कब तक किया जावेगा ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क)
जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य
द्वारा दोनों पत्रों की वांछित जानकारी प्राचार्य द्वारा उनके स्थानीय निवास स्थित
कार्यालय को दिनांक 23.11.2015
को पुस्तकालय में उपलब्ध परिशिष्ट 'अ'
तथा 'ब' अनुसार प्रस्तुत कर दी गई। विलंब के लिये प्राचार्य शासकीय तिलक
स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी या उक्त महाविद्यालय का कार्यालय अथवा व्यक्ति
उत्तरदायी नहीं है। अतः संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता
है।
(ख) जी
हाँ। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि का चयन किया जाकर नामांतरण किया जा चुका
है। भूमि का क्षेत्रफल 04.00
हेक्टेयर है। खसरा फार्म
पी-11 वर्ष 2013-14
है,
जानकारी पुस्तकालय में उपलब्ध
परिशिष्ट ‘स‘ पर संलग्न है। प्रदेश के
शासकीय नवीन डिग्री महाविद्यालयों के भवनों के निर्माण के लिये एकरूपता हेतु मानक
मानचित्र का प्रशासकीय अनुमोदन किया गया है। अनुमोदित मानचित्र के अनुसार ही नवीन
भवनों के निर्माण हेतु मुख्य वास्तुविद, लोक निर्माण विभाग
(पीआईयू) भोपाल/समस्त क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक/समस्त प्राचार्यो को
कार्यवाही हेतु पुस्तकालय में उपलब्ध
परिशिष्ट ‘द‘ अनुसार निर्देश जारी किये गये है। अतः अब नवीन निर्देशों के
अनुसार ही नवीन महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
समय-सीमा
बताया जाना संभव नहीं है।
उद्योगों को सब्सिडी की जाना
2. ( क्र. 86 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के
नगर निगम क्षेत्रांतर्गत स्थित माधवनगर गेट, जिन दाल मिलों एवं राइस मिलों के एवं
इन्डस्ट्रियल एरिया में उद्योग स्थापित किये गये है, स्थापित उद्योगों की फर्म
का नाम, संचालक/पार्टनर प्रोप्राइटर का नाम, पता, उद्योग का प्रकार, विवरण दें ?
(ख) प्रश्नांश (क) के उद्योगों को उद्योग स्थापित करने के लिये वर्ष 2007 से
वर्तमान तक की अवधि में किन-किन को कितनी-कितनी सब्सिडी कब-कब स्वीकृत की गई है,
पृथक-पृथक विवरण दें ? (ग) सब्सिडी प्राप्त किये जाने हेतु शासन के निर्धारित
मापदंड क्या है ? आदेश निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें ? (घ) प्रश्नांश (क) के
उद्योगों की स्थापना हेतु प्रदूषण विभाग से किन-किन को एन.ओ.सी. प्राप्त है,
किन-किन को नहीं ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) विभाग में उपलब्ध जानकारी अनुसार कटनी जिले के नगर क्षेत्रान्तर्गत
स्थित माधवनगर गेट मे दाल मिल एवं राईस मिल तथा इण्डस्ट्रियल एरिया मे
स्थापित उद्योगो का नाम, संचालक/पार्टनर का नाम,पता,उद्योग का प्रकार
पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
''क' मे लिखित उद्योगो मे से वर्ष 2007 से वर्तमान तक की अवधि मे प्रदान
की गई सब्सिडी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब ''
अनुसार है। (ग) उद्योग संवर्धन नीति 2014 के अंतर्गत म.प्र. निवेश प्रोत्साहन
योजना,2014 एवं म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना,2014 में उल्लेखित मापदण्ड
अनुसार अनुदान प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-स (1) एवं (2) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क' में
उल्लेखित उद्योगों में से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एन.ओ.सी. प्राप्त
एवं अप्राप्त इकाईयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द ''
अनुसार है।
सामग्री क्रय में अनियमितता पर कार्यवाही
3. ( क्र. 122 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2066, दिनांक 30 जुलाई, 2015 के उत्तर
की कंडिका (घ) में बताया गया था कि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत क्रय की सामग्री की
जांच सामग्रियों की क्रय प्रक्रिया में भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन/अनियमितता
परिलक्षित हुई ? जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित से स्पष्टीकरण प्राप्त किया
गया है ? तो उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित से प्राप्त स्पष्टीकरण की
प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि प्रश्न दिनांक संबंधित के विरूद्ध गुण-दोष के
आधार पर क्या कोई कार्यवाही की गई ? यदि हां, तो क्या ? यदि नहीं, तो क्यों ?(ख)
उपरोक्तानुसार क्या शासन सामग्री क्रय प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं के
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा ? यदि हां, तो क्या और कब तक ?
वन
मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हां। स्पष्टीकरण की प्रति
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रकरण में आगामी कार्यवाही परीक्षणाधीन
है।
खेल मैदान के विकास एवं मिनी स्टेडियम की
स्वीकृति
4. ( क्र. 123 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
क्या विधान सभा क्षेत्र, ब्यावरा के अंतर्गत सुठालिया नगर पंचायत क्षेत्र, जिसकी
आबादी वर्तमान में लगभग 15 हजार है, तथा विभिन्न शैक्षणिक संस्थाऐं प्राथमिक से
लेकर हायर सेकेण्ड्री स्तर तक की संचालित है ? नगर में खेल गतिविधियों हेतु न तो
कोई प्रांगण है और न ही स्टेडियम ? ऐसी स्थिति में शासन की खेल-कूद गतिविधियों के
प्रति जितनी भी योजनाएं है, उनका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है ?(ख) क्या
प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु नगर
सुठालिया में खेल मैदान के विकास एवं मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु आवश्यक
स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री महोदया से
समय-समय पर निवेदन किया जाता रहा है ?(ग) क्या बच्चों के भविष्य को ध्यान
में रखते हुए सुठालिया नगर के हित में खेल मैदान के विकास एवं मिनी स्टेडियम
निर्माण की स्वीकृति यथाशीघ्र प्रदान की जावेगी ?
उद्योग मंत्री (
श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) विकासखण्ड में उपलब्ध शासकीय विद्यालयों के खेल मैदान पर
प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। (ख) जी हां। (ग) योजनानुसार एक विकासखण्ड में
एक ही खेल परिसर निर्माण की योजना है। ब्यावरा विकासखण्ड मउ में खेल परिसर चिन्हित
किया गया है। अतः सुठालिया में मिनी स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति दी जाना संभव नही
है।
प्रदेश के वन्नाछांदित क्षेत्र के संदर्भ में
5. ( क्र. 144 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
म.प्र. के कुल क्षेत्रफल में से कितने प्रतिशत वनाच्छांदित 8 वर्ष पूर्व के
आंकड़ों में था ? आज म.प्र. में कितना प्रतिशत क्षैत्रफल वनाच्छांदित बचा है ?(ख)
वनों को बचाने के लिए पिछले 5 वर्षों में प्रति वर्ष कितना खर्च किस मद में किया
?(ग) क्या (प्रश्नांश (ख)) इस खर्च की गई राशि से वन क्षेत्रफल में इजाफा हुआ
?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भारतीय वन सर्वेक्षण
द्वारा सामयिक रूप से प्रकाशित ''भारत वन स्थिति रिपोर्ट'' में 08 वर्ष के पूर्व
वर्ष 2005 के आंकड़ों में म.प्र. के कुल क्षेत्रफल का 24.66 प्रतिशत क्षेत्रफल
वनाच्छादित था। नवीनतम स्थिति में वर्ष 2013 की रिपोर्ट अनुसार 25.15 प्रतिशत
वनाच्छादित क्षेत्रफल है। विवरण संलग्न परिशिष्ट 'अ' पर है। (ख) जानकारी
संलग्न्ा परिशिष्ट 'ब' पर है। (ग) व्यय की गई राशि वनावरण में सुधार के लिये की
गई है, जिसमें वृद्धि हुई है।
परिशिष्ट
सोलह प्रदेश के मठ/मंदिरों की स्थिति के संदर्भ
में
6. ( क्र. 145 ) श्री
शैलेन्द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
सीहोर जिलांतर्गत कितने मंदिरों की कृषि भूमि पर अवैध कब्जें होने की शिकायतें
आई हैं ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवैध कब्जों के अनुविभागीय (राजस्व)
कार्यालयों में लंबित प्रकरणों का ब्यौरा देवें ?(ग) क्या शासन द्वारा मठ व
मंदिरों के पुजारियों को मानदेय/ वेतन दिया जाता है ? यदि हां, तो कितनी राशि और कब
दी जाती है ?(घ) मठ व मंदिरों के पुजारियों को कब तक का वेतन दिया जा चुका है ?
क्या वेतन संशोधन की कोई योजना है ? यदि हां, तो ब्यौरा देवें ?
उद्योग
मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) (ख) (ग) (घ) जानकारी
एकत्रित की जा रही है।
वानिकी कार्य व वनवर्धन कार्यों की
जानकारी
7. ( क्र. 173 ) श्री दिनेश
राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वानिकी कार्य
अंतर्गत सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष, 2012 से प्रश्न दिनांक तक
कितनी-कितनी राशि का व्यय कौन-कौन से कार्यों के लिए किया गया ? कार्य का नाम,
प्रारंभ व समाप्ति दिनांक, स्थान आदि का विवरण दें ?(ख) प्रश्नांश (क) के
परिप्रेक्ष्य में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने वृक्षों की कटाई की गयी ? कटाई
से कितनी-कितनी मात्रा में इमारती व जलाऊ लकड़ी प्राप्त हुयी ? वृक्षों की कटाई
तथा निकायी में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई ?(ग) प्रश्नांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य में प्राप्ति इमारती व जलाऊ लकड़ी में से कितनी लकड़ी जनता को उपयोग
के लिए दी गई ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ख) एवं
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1, 2 एवं 3 अनुसार
है।
सिवनी जिले में खेल का उत्थान
8. ( क्र. 174 ) श्री दिनेश
राय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले
में खेलों के उत्थान के लिए विभाग को वर्ष, 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक
कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ ? (ख) क्या बजट का उपयोग कौशल विकास या प्रशिक्षण
कर किया गया या खेल प्रतियोगिताओं पर खर्च किया गया, वर्षवार, व्ययवार जानकारी
देवें ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) सिवनी
जिले को खेलों के उत्थान के लिए प्रदत्त बजट आवंटन की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार
है-
(राशि रू. में)
क्र
वर्ष
प्रदत्त बजट
1
2010-11
29,23,475
2
2011-12
92,44,500
3
2012-13
52,31,296
4
2013-14
51,00,546
5
2014-15
72,66,042
6
2015-16
21,86,800
(ख) बजट का
उपयोग प्रशिक्षण/खेल प्रतियोगिताओं पर किया गया, वर्षवार, व्ययवार, जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट
सत्रह एन्युअल रिपेयरिंग/एसआर/अनुरक्षण वर्क की
जानकारी
9. ( क्र. 208 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) लोक
निर्माण विभाग के भोपाल जिले में स्थित संभागों/उपसंभागों में 1 अप्रैल, 2015 से
प्रश्न दिनांक तक के दौरान एनुअल रिपेयरिंग/ एस आर/ अनुरक्षण वर्क/ 2 लाख रूपये या
उससे कम की लागत से किस-किस स्थान पर कब-कब, कितनी राशि व्यय कर करवाया गया ?(ख)
प्रश्नांश (क) के तहत संभागों एवं उप संभागों द्वारा किस-किस
एजेंसी/फर्म/ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान चैक/वाउचर से किस-किस स्थान
के क्या कार्यों का किया गया, बिन्दुवार विवरण दें ? (ग) प्रश्नांश (क) में
वर्णित वित्तीय वर्षों एवं जिले के संभागों एवं उप संभागों में ए आर व एस आर के
कार्य किस नाम पते वाले ठेकेदारें/ फर्मों/एजेन्सी/ अन्य के द्वारा किस-किस
स्थान पर कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य, कब-कब किए गए ? किस-किस
ठेकेदारों/ फर्मों/एजेंसी/अन्य को कब, कितनी राशि का भुगतान किया गया, विवरण दें ?
(घ) प्रश्नांश (क) में कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किस नाम, पदनाम के
अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया, कार्यवार, दिनांकवार, माहवार, वर्षवार जानकारी दें
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं
प्रपत्र-ब अनुसार है ।(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब
अनुसार है ।
संभागों को आवंटित राशि
10. ( क्र. 209 ) श्री विश्वास
सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) लोक
निर्माण विभाग के भोपाल स्थित सभी संभागों को वित्तीय वर्ष, 2014-15, 2015-16 के
दौरान कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा किस-किस मद के लिये कब-कब आवंटित की, मदवार,
राशिवार, वर्षवार दें ?(ख) प्रश्नांश (क) में के तहत् क्या-क्या, कितनी-कितनी
राशि के किस-किस एजेंसी से निर्माण कार्य कराये गये, वर्षवार, कार्यवार, राशिवार,
एजेंसीवार जानकारी दें ?(ग) प्रश्नांश (क) के तहत् मेन्टेनेंस के किस-किस
कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, संभागवार, राशिवार, कार्यवार, वर्षवार
जानकारी दें ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
‘स’ अनुसार है ।
केन्द्रीय निधि से स्वीकृत सड़क
11. ( क्र. 241 ) श्री
जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) केन्द्र सरकार ने वर्ष 2012 से अब तक उज्जैन संभाग की कितनी एवं कौन-कौन सी
ग्रामीण व शहरी सड़कों के निर्माण की स्वीकृतियां प्रदान की है ? जिलेवार-तहसीलवार
व शहरवार ब्यौरा क्या है ?(ख) उपरोक्त (क) अवधि में उज्जैन संभाग में कितने टू
लेन-फोरलेन व राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण व रख-रखाव हेतु कितनी-कितनी राशि
प्रदान की गई ? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है ?(ग) प्रदेश सरकार ने उज्जैन संभाग
की कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण प्रस्ताव स्वीकृति हेतु केन्द्र
शासन को भेजे है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है ।(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र ‘अ’ में उल्लेख अनुसार सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव स्वीकृति हेतु
केन्द्र शासन को भेजे थे, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति भारत सरकार के पत्र दिनांक
28.10.15 के माध्यम से प्रदान की गई है । इसके अतिरिक्त सिन्दूर नदी से बरेली
पैकेज-3 राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को चार लेन करने का प्रस्ताव केन्द्र शासन को
भेजा जा रहा है ।
महिदपुर वि.स. के झारड़ा स्थित राममंदिर के प्रकरण
की न्यायालयीन स्थिति
12. ( क्र. 274 ) श्री बहादुर
सिंह चौहान : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
महिदपुर वि.स. के झारड़ा स्थित राम मंदिर के संबंध में चल रहे प्रकरण की अद्यतन
स्थिति बतावें ?(ख) शासन की ओर से नियुक्त वकील कौन है ? विगत 6 पेशियॉं कब-कब
हुईं ?(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, इनमें कितनी पेशियों में वकील उपस्थित नहीं
हुए ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) महिदपुर
वि.स. क्षेत्र के झारड़ा ग्राम में स्थित राम मंदिर के संबंध में वादी के द्वारा
तृतीय अपील प्रकरण क्रमांक 7936/2002 माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के
समक्ष प्रस्तुत की गई है। प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन
है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष म.प्र.शासन की ओर से प्रतिरक्षण हेतु
शासकीय अभिभाषक नियुक्त है। प्रकरण में माननीय न्यायालय के द्वारा दिनांक
26.04.2002 को स्थगन आदेश जारी किया गया है उक्त अपील प्रकरण में दिनांक
26.04.2002, 22.07.2002,16.09.2002, 11.11.2002, 06.01.2003, 16.07.2004,
22.08.2004, 15.05.2009, 17.07.2009 में पेशियां नियत की गई थी। (ग) माननीय
न्यायालय के समक्ष शासन पक्ष के प्रतिरक्षण हेतु 16.09.2002, 11.11.2002,
06.01.2003, 16.07.2004 को श्री बी.एस.बांठिया अभिभाषक 20.08.2004 को श्री सतीश
अग्निहोत्री अभिभाषक तथा 15.05.2009 एवं 17.07.2009 सुश्री विभा दत्ता माखीजा
अभिभाषक के द्वारा उपस्थिति दी गई है।
डॉ.प्रमोद वर्मा, प्रोफसर
विक्रम विश्वविद्यालय के विरूद्ध कार्यवाही
13. ( क्र. 294 ) श्री बाला
बच्चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में पूर्व में पदस्थ डॉ. प्रमोद के. वर्मा,
प्रोफेसर आफ एप्लाईड जियोलॉजी की प्रथम नियुक्ति विक्रम विश्वविद्यालय में किस
सक्षम अधिकारी के आदेश से की गई थी ? प्रथम नियुक्ति के दौरान इनके द्वारा
प्रस्तुत किये गये शैक्षणिक दस्तावेज एवं घोषित चल-अचल संपत्ति की जानकारी
उपलब्ध करावें ?(ख) प्रोफेसर डॉ. प्रमोद के.वर्मा एप्लाईड जियोलॉजी की विक्रम
विश्वविद्यालय, उज्जैन से सेवायें समाप्त कर / प्रतिनियुक्ति पर उनको म.प्र.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद में महानिदेशक के पद पर नियुक्ति हेतु विक्रम
विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई एनओसी प्रमाण पत्र की छाया प्रति उपलब्ध करावें
?(ग) प्रोफेसर डॉ. प्रमोद के.वर्मा, एप्लाईड जियोलॉजी के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं
पद की दुरूपयोग की कितने शिकायतें विक्रम विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है एवं
उक्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें ?
तकनीकी
शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा,
प्रोफेसर के नियुक्ति आदेश, चयन समिति की अनुशंसा के फलस्वरूप विश्वविद्यालय
कार्यपरिषद् के निर्णय के अनुक्रम में सक्षम अधिकारी के रूप में कुलसचिव
द्वारा जारी किये गए थे l डॉ. वर्मा द्वारा नियुक्ति के दौरान दिए गए शैक्षणिक
दस्तावेज पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं l डॉ वर्मा द्वारा
नियुक्ति के समय चल-अचल सम्पति की जानकारी विश्वविद्यालय में प्रस्तुत नहीं की गयी
l
(ख) डॉ. प्रमोद वर्मा को महानिदेशक के पद पर नियुक्ति हेतु विक्रम
विश्वविद्यालय द्वारा जारी एन.ओ.सी. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
'ब' अनुसार है l
(ग) डॉ. प्रमोद वर्मा, प्रोफेसर के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं
पद के दुरूपयोग की शिकायतें विक्रम विश्वविद्यालय में प्राप्त नहीं हुई l प्रश्नांश
के शेष भाग में प्रश्न उपस्थित नहीं होता l
अन्यंत्र पदस्थ करते
हुए दोषी के विरूद्ध जांच कर कार्यवाही बाबत्
14. ( क्र. 305 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या शीतला प्रसाद पटेल तत्कालीन व्यय लेखापाल रीवा वन मण्डल रीवा की शिकायत
विनोद शुक्ला पत्रकार हिन्दुस्तान समाचार द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कक्ष
प्रशासन-11) को की गयी थी ? जिसमें कम्प्यूटर आपरेटरों के पारिश्रमिक भुगतान शासन
के जारी आदेश क्र. 707 दिनांक 05.02.2015 के अनुसार न कर मनमानी पूर्ण पारिश्रमिक
का भुगतान छुटिटयों के दिन का भी कर शासन की राशि का गबन करने के लिये दोषी की
शिकायत में 15 लाख रूपये के नुकसान की शिकायत हुई है ?(ख) यदि प्रश्नांश (क) हां,
तो संबंधित के विरूद्ध जांच उपरांत कार्यवाही का उल्लेख प्रधान वन संरक्षक (कक्ष
प्रशासक-11) म.प्र. भोपाल ने अपने पत्र क्र. 3710 दिनांक 17.07.2015 के माध्यम से
मुख्य वन संरक्षक रीवा वृत्त रीवा म.प्र. को संबंधित पत्र की बिन्दुवार जांच कर
प्रभावी कार्यवाही का उल्लेख किया था ?(ग) यदि प्रश्नांश (ख) हां तो वन
मण्डलाधिकारी वन मण्डल रीवा को मुख्य वन संरक्षक रीवा वृत्त रीवा म.प्र. द्वारा
अपने पत्र क्रमांक 5257 दिनांक 18.08.15 के माध्यम से शिकायतकर्ता के उपस्थित में
जांच कर जांच प्रतिवेदन 15 दिन में मंगाया था ? इसके बाद दिनांक 15.09.2015 को
पत्र क्रमांक 5915 के माध्यम से अपर प्रधान वन संरक्षक प्रशासन-11 म.प्र. सतपुडा
भवन भोपाल को पत्र लिखा ? जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया कि संबंधित को रीवा मण्डल
रीवा से अन्यत्र पदस्थ करने के बाद ही निष्पक्ष जांच हो सकती है ?(घ) यदि
प्रश्नांश (क), (ख),(ग) हां तो संबंधित को अन्यत्र पदस्थ करते हुए जांच उपरांत
गबन का प्रकरण दर्ज कर वसूली की कार्यवाही करेंगे ? यदि हां, तो कब तक स्पष्ट
बतायें ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ख) एवं (ग) जी
हॉ। (घ) शिकायत की जांच मुख्य वन संरक्षक रीवा द्वारा की गई है। शिकायत निराधार
पायी गई। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन्य
प्राणियों से कृषि को नुकसान
15. ( क्र. 309 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रदेश में वन्य प्राणी, नीलगाय, रोज एवं मिर्गों द्वारा बहुमूल्य फसल
नष्ट हो रही है एवं शासन एवं प्रशासन से इसकी शिकायत करने पर सहायता राशि मानव
निर्मित आपदा मानकर नहीं दी जाती ?(ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या रीवा जिले
के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पहाड़ी अंचलों एवं रीवा जिले के तराई अंचलों में
नीलगाय, रोज एवं मिर्गों का भारी आतंक है जिसके कारण फसलों की भारी क्षति हो रही है
? साथ ही फसल के नुकसान की क्षतिपूर्ति भी शासन प्रशासन द्वारा नहीं दी जाती है
?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के वन्य प्राणियों को शासन द्वारा पकड़वाने एवं
सुरक्षित रखने की क्या व्यवस्था की जायेगी जिससे किसानों की फसलों का नुकसान न
हो , अगर वन्य प्राणियों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जाती तो किसानों को
उनकी फसल के नुकसानी की क्षतिपूर्ति की क्या व्यवस्था करेंगे ?
वन
मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश में वन्यप्राणियों द्वारा फसल
नष्ट किये जाने की घटनाएं होती हैं। राजस्व विभाग द्वारा वन्यप्राणियों से फसल
हानि होने पर राहत राशि का भुगतान मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी
अधिनियम, 2010 के तहत सेवा क्रमांक 4.6 के अन्तर्गत 30 कार्य दिवस में किया जाता
है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नांकित क्षेत्र नीलगाय द्वारा फसलों की
क्षति के प्रकरण प्रकाश में आते हैं। फसल के नुकसान होने पर शासन द्वारा
क्षतिपूर्ति नियमानुसार प्रदान की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के
संदर्भ में वन्यप्राणियों द्वारा फसल हानि करने पर उन्हें पकड़वाने की कोई
व्यवस्था नहीं है। इन वन्यप्राणियों को पकड़ा जाना व्यवहारिक नहीं है।
वन्यप्राणियों से फसलों की नुकसानी की क्षतिपूर्ति हेतु शासन द्वारा की गई
व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2 अनुसार
है।
भवनों के निर्माण कार्यों की स्थिति
16. ( क्र. 328 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
श्योपुर जिले में लो.नि.वि. अंतर्गत पी.आई.यू. द्वारा वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक
किन-किन भवनों के निर्माण कार्य कराये गये/कराये जा रहे है, के संबंध में कार्य का
नाम, स्वीकृत राशि, कार्य ऐजेन्सी/स्थान व कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित पूर्ण
जानकारी भवन/वर्षवार उपलब्ध करावें ? (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवनों के
निर्माण कार्य पूर्ण/अपूर्ण पड़े है पूर्ण जानकारी उपरोक्तानुसार उपलब्ध करावें
?(ग) उक्त भवनों के निर्माण कार्यों के संबंध में उक्त अवधि में कितनी शिकायतें
किस-किस की ओर से विभाग/जिला प्रशासन के अधिकारियों को प्राप्त हुई है इन शिकायतों
पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों ? शिकायतों की प्रमाणित प्रतियां
उपलब्ध करावें ?(घ) क्या उक्त में से जिन भवनों के कार्य पूर्ण/प्रगतिरत है के
निर्माण में संबंधित अमले/ठेकेदारों ने स्वयं की स्वार्थपूर्ति हेतु स्वीकृत
प्राक्कलनों को नजर अंदाज कर बहुत ही घटिया/गुणवत्ताहीन कार्य
कराया/गुणवत्ताहीन कार्य कराया/कराया जा रहा है ?(ड.) यदि नहीं तो क्या शासन
प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में कराये गये भवनों के निर्माण कार्यों की
गुणवत्ता के उच्चस्तरीय जांच करायेगा यदि नहीं तो क्यों ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
‘अ’ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है । (शिकायत
क्रं. 672442) ।(ग) जी हाँ, एक शिकायत सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त हुई ।
शिकायत का निराकरण किया जा चुका है । शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है ।(घ) जी नहीं ।(ड़) जी नहीं । उत्तर घ के परिप्रेक्ष्य में
प्रश्न हीं उपस्थित नहीं होता ।
एल.एल.बी. की कक्षाएं प्रारंभ कराने
के संबंध में
17. ( क्र. 329 ) श्री
दुर्गालाल विजय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या श्योपुर महाविद्यालय में एलएलबी की कक्षाएं केवल बार कौंसिल ऑफ
इण्डिया, नई दिल्ली की अनुमति प्राप्त न होने के कारण प्रारंभ नहीं हो पा रही हैं
?(ख) क्या उक्त कारण से माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
घोषणा के सात वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी संभव नहीं हो पा रही है ?(ग)
यदि हां, तो उक्त अनुमति प्राप्त करने हेतु वर्तमान तक शासन द्वारा क्या
कार्यवाही की गई ?(घ) क्या शासन जिले के विद्यार्थियों के हित में बार कौंसिल
ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली से नये सिरे से सम्पर्क स्थापित कर अविलंब अनुमति
प्राप्त कर श्योपुर महाविद्यालय में उक्त कक्षाएं आगामी शिक्षा सत्र से निश्चित
रूप से प्रारंभ करवाएगा ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता
) :
(क)
जी हाँ।
(ख) जी
हाँ।
(ग) म.प्र.
शासन,
उच्च शिक्षा विभाग पत्र
क्रमांक 697/2873/2010/38-2
दिनांक
28.4.2011, पत्र
क्रमांक 810/2873/2010/38-2
दिनांक
26.5.2011 एवं
पत्र क्रमांक 1078/988/2014/38-2 दिनांक 19.8.2014
एवं पत्र क्रमांक 1768/988/2014/38-2 दिनांक 30.10.2015 द्वारा सचिव,
बार कौसिंल आफ
इण्डिया, नई दिल्ली से निवेदन किया है।
(घ) कलेक्टर, श्योपुर का पत्र
क्रमांक 1761 दिनांक 01.03.2014 एवं
प्राचार्य, शासकीय
स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1132 दिनांक 15.12.2012,
पत्र क्रमांक
1642 दिनांक 5.2.2014
द्वारा बार कौसिंल आँफ
इण्डिया, नई दिल्ली को निरीक्षण हेतु सम्पर्क किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित
नहीं होता।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
18. ( क्र. 351 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या डॉ. श्रीमती ऊषा अवस्थी, तत्कालीन प्राचार्या, शासकीय महाविद्यालय
गुढ, रीवा ने अपनी पदस्थापना के दौरान वर्जीनिया(अमेरिका) जाने की अनुमति हेतु
आवेदन किया था ? यदि हां, तो उक्त आवेदन कब अस्वीकृत हुआ ?(ख) प्रश्नांश (क)
के संदर्भ में क्या उक्त आवेदन के निरस्तीकरण के बाद क्या श्रीमती ऊषा अवस्थी
ने बालू (टर्की) में दिनांक 01.8.13 से 13.9.13 तक कुल 44 दिनों तक इन्टरनेशनल
कान्फ्रेंस में भाग लेने के लिए अनुमति शासन से प्राप्त की थी ? यदि हां, तो
क्या श्रीमती उषा अवस्थी ने बालू (टर्की) में 44 दिन की कान्फ्रेंस में उपस्थित
रहीं, तथा क्या उन्होंने इसका कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, विवरण सहित बतावें
?(ग) क्या श्रीमती उषा अवस्थी ने दिनांक 01.8.13 से 13.9.13 तक कुल 44 दिनों
का वेतन आहरण की स्वीकृति आयुक्त, म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग से प्राप्त की
थी ? यदि हां, तो अनुमति की प्रति देवें ?(घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में
उक्त 44 दिवस के कान्फ्रेंस विदेश यात्रा बालू (टर्की) के दौरान क्या उनका अवकाश
स्वीकृत था ? यदि नहीं, तो बिना स्वीकृति के स्वत: वेतन आहरण करने के मामले में
उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक एवं क्या ? यदि
नहीं, तो क्यों ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) जी हाँ /
जी नहीं। विदेश जाने की अनुमति के कारण जो त्रुटिवश अंकित था,
का संशोधन दिनांक 25/07/2014 को किया गया।
(ख) जी नहीं।
(ग) जी हाँ, प्रश्नांश अवधि के अवकाश स्वीकृति का आदेश परिशिष्ट 'अ' पर
है।
(घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश
में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
अठारह प्रभारी अतिरिक्त संचालक के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों
पर कार्यवाही
19. ( क्र. 358 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) क्या माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी के रीवा प्रवास दिनांक 20.09.2015 को
श्री बाय.एन. शुक्ला ने डॉ. ऊषा अवस्थी प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
रीवा सम्भाग रीवा के विरूद्ध प्रमाणों सहित विस्तृत शिकायती ज्ञापन दिया था ? (ख)
यदि हां, तो उक्त ज्ञापन में कौन-कौन से आरोप डॉ उषा अवस्थी पर लगाए गए है व
किन-किन आरोपों के प्रमाण भी संलग्न हैं ? विवरण सहित बताएं एवं उन पर अभी तक
क्या कार्यवाही की गई ?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या श्रीमती
ऊषा अवस्थी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच करवाकर उनके ऊपर आरोप संस्थित
किया जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो
क्यों ? (घ) क्या विभिन्न आरोपों से घिरी विवादित श्रीमती ऊषा अवस्थी को गृह
जिले से स्थानांतरित कर निष्पक्ष जांच कराई जाएगी ? यदि नहीं तो क्यों
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) माननीय मंत्रीजी को प्रस्तुत उल्लेखित शिकायती ज्ञापन विभाग में
प्राप्त नही हुआ है, किंतु श्री वाय.एन. शुक्ला द्वारा डॉ. उषा अवस्थी के विरूद्ध
विभाग में एक शिकायती पत्र दिनांक 25.08.2015 को दिया गया है।
(ख) श्री वाय. एन. शुक्ला द्वारा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा को प्रस्तुत
शिकायती पत्र में लगाये गये आरोपों/प्रमाणों की जानकारी परिशिष्ट ‘‘अ’’ पर है।
(ग) श्री वाय. एन. शुक्ला से प्राप्त शिकायत पत्र दिनांक 25/08/2015
की प्रति अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर संभाग को भेजकर उल्लेखित शिकायत की
जांच कर जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उसके
निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
(घ) जी नहीं। शिकायत के निष्पक्ष जांच हेतु अतिरिक्त संचालक, सागर संभाग को
जांच सौंपी गई है।
परिशिष्ट
उन्नीस औद्योगिक क्षेत्र मऊगंज में उद्योगों की स्थापना
20. ( क्र. 359 ) श्री
सुखेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क)
विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के ग्राम घुरेहटा (मऊगंज) में उद्योग लगाने हेतु आरक्षित
भूमि पर कौन-कौन से उद्योग लगाने हेतु विभाग द्वारा चयनित किया गया है ? (ख)
प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त आरक्षित भूमि पर उद्योग लगाए जाने हेतु
क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (ग) यदि नहीं तो आरक्षित भूमि पर उद्योग लगाने हेतु
किस प्रकार और कब तक कार्यवाही की जावेगी ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती
यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मउगंज के ग्राम घुरेहटा की
175.059 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु आरक्षित है,जिसके हस्तांतरण की
कार्यवाही प्रचलन में है। औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों के मंशा अनुरूप उद्योग
स्थापित होते है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर कलेक्टर रीवा को भूमि के
हस्तांतरण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। (ग) भूमि हस्तांतरण उपरांत विकास
कार्य किया जाता है। तदोपरांत उद्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटित की जाती
है।
स्टेडियम का निर्माण
21. ( क्र. 469 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) जावरा नगर पिपलौदा नगर जावरा विकास खण्ड एवं पिपलौदा विकास खण्ड में खेल
स्टेडियम प्रस्तावित है ? (ख) यदि हां, तो उक्त चारों स्थानों पर स्टेडियम
हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है ? (ग) यदि हां, तो जावरा विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत उपरोक्त चारों स्थानों पर स्टेडियम कार्य कब प्रारम्भ होगा ?
(घ) साथ ही उपरोक्त चारों स्थानों हेतु पृथकत: कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर
निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे
सिंधिया ) :
(क) उक्त चार स्थानों में से मात्र जावरा विकासखण्ड के ग्राम ढोढर में
पंचायती राज विभाग को खेल परिसर निर्मित किये गये जाने हेतु संचालनालयीन पत्र
क्रमांक 1318 दिनांक 26.09.2015 द्वारा लेख किया गया है । (ख) उक्त चार
में से विभाग को एक स्थान पर भूमि आवंटित हुई है । (ग) एवं (घ) - प्रश्नांश ग एवं घ
पंचायती राज विभाग से संबंधित है । पंचायती राज विभाग से जानकारी चाही गई है
जानकारी प्राप्त होने पर दी जायेगी ।
मंदिर का
जीर्णोद्धार
22. ( क्र. 470 ) डॉ.
राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि
(क) जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत सैकड़ों मंदिर होकर जीर्ण-शीर्ण हैं
? (ख) उपरोक्त दोनों तहसीलों में कुल कितने मंदिर शासनाधीन होकर उनसे संलग्न
कितनी भूमियां हैं ? (ग) साथ ही जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के जीर्णोंद्धार हेतु
प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गए कितने प्रस्तावों, पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई ?
(घ) कृपया वर्ष, 2013-14 एवं वर्ष, 2015 के प्रश्न दिनांक तक का विवरण दें
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हां। (ख)
तहसील जावरा में 316 मंदिर शासन संधारित होकर मंदिर के नाम से कुल रकबा 791.009 हे0
भूमि दर्ज है। तहसील पिपलौदा में 319 मंदिर शासन संधारित होकर मंदिर के नाम से कुल
रकबा 913.667 हे0 दर्ज रेकार्ड है। (ग) तहसील जावरा एवं पिपलौदा मे माननीय विधायक
महोदय के मांग पत्र अनुसार ग्राम मोयाखेडा स्थित रूगनाथ मंदिर, ग्राम सरसौदा में
स्थित श्रीराधाकृष्ण मंदिर, ग्राम मिण्डाखेडा मे मनकामनेश्वर महादेव मंदिर
के मांग पत्र प्राप्त हुये जो विचाराधीन है। 7 मंदिरों के प्रस्ताव
विचाराधीन है। (घ) तहसील जावरा में वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्न दिनांक
तक श्री रूगनाथ मंदिर मोयाखेडा की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। ग्राम सरसौदा में
स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर व ग्राम मिंडाखेडा स्थित श्री मनकामनेश्वर महादेव
मंदिर का प्रस्ताव विचाराधीन है। तहसील पिपलौदा में स्थित जीर्णशीर्ण कुल 7
मंदिरों का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री युवा
इंजीनियर कान्टेक्टर योजना
23. ( क्र. 493 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
विगत 2 वर्षों से प्रश्नांश दिनांक तक मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कान्टेक्टर
योजना के तहत भोपाल संभाग के अंतर्गत चयनित कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण
प्रदान किया गया है ? जिलेवार चयनित, प्रशिक्षण प्राप्त, प्रशिक्षणार्थियों के नाम
बार सूची, उपलब्ध करावें ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रशिक्षण हेतु कितनी
राशि किस-किस प्रयोजन हेतु आवंटित की गई थी ? कितनी राशि किस-किस प्रयोजन पर व्यय
की गई ? कितनी राशि शेष रही ? राशि का व्यय भंडार क्रय नियमों के तहत किया गया या
नहीं ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कुल संख्या
282 परिशिष्ट ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार (जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट अ एवं ब
अनुसार) (ख) जानकारी परिशिष्ट ‘स’ अनुसार। हां। (जानकारी पुस्ताकालय में रखे
परिशिष्ट स अनुसार)
वन प्राणियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाना
24. ( क्र. 494 ) श्री निशंक
कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या विदिशा
जिले के वन मंडल अधिकारी को वन प्राणियों द्वारा मोहल्लों एवं फसलों को
नुकसान/क्षति पहुंचाने की शिकायत समय-समय पर कृषकों/नागरिकों द्वारा की गई है ?
प्राप्त शिकायतों का विवरण देवें ?(ख) क्या प्रश्नकर्ता ने विधानसभा क्षेत्र के
ग्राम करोंदाकला एवं ग्यारसपुर के नागरिकों एवं कृषकों की शिकायत को पत्र क्रमांक
2235, 2236 दिनांक 23.07.2015 द्वारा जिला वन मंडलाधिकारी विदिशा को अवगत कराया गया
था ? यदि हां, तो पत्र के क्रम में क्या कार्यवाही की गई ? (ग) क्या वन प्राणियों
द्वारा किसानों की फसलों को खराब करने पर आर्थिक क्षति का आकलन कर मुआवज़ा दिये
जाने का प्रावधान है ? यदि हां, तो शिकायत पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई
?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन मंडल विदिशा के
अंतर्गत जिले में वन्यप्राणियों द्वारा मोहल्लों एवं फसलों को क्षति पहुंचाने की
वन मंडल में कोई शिकायत कृषकों एवं नागरिकों से प्राप्त नहीं हुई। (ख) एवं (ग) जी
हॉं। प्राप्त पत्रों के संदर्भ में विभाग द्वारा कृष्ण मृग (ब्लैकबक) एवं लाल
मुंह के बंदरों को जंगल की ओर भगाए जाने की कार्यवाही की गयी। प्रश्नांकित मुआवजा
प्रावधान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 एवं 2 अनुसार है। फसल
हानि पर क्षतिपूर्ति हेतु वन विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई अत: शेष का
प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त
पदों की संख्या
25. ( क्र. 503 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
मंदसौर जिले में कितने शासकीय महाविद्यालय है, नाम सहित बतावें ? (ख) जिले में
वर्तमान समय में महाविद्यालय में कितने छात्र एवं छात्राएं कौन-कौन से विषय एवं
कक्षा में अध्ययन कर रहे है संख्या सहित बतावें ? (ग) जिले में किन किन शासकीय
महाविद्यालयों में प्रिंसिपल एवं व्याख्याता स्थाई पद पर कार्यरत है एवं कितने
पद रिक्त है ? (घ) मंदसौर जिले में कितने शासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों
की सुविधा के लिये फर्नीचर, पेयजल एवं सायकल स्टेण्ड की सुविधा पूर्ण हो चुकी है
कहां पर होना शेष है नाम सहित बतावें ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री
उमाशंकर गुप्ता ) :
(क)
जानकारी
परिशिष्ट
'अ'
पर
प्रस्तुत
है।
(ख) जानकारी परिशिष्ट 'ब'
पर
प्रस्तुत
है।
(ग) जानकारी परिशिष्ट 'स'
पर
प्रस्तुत
है।
(घ) मंदसौर जिले के
राजीव
गाँधी
शासकीय
स्नातकोत्तर
महाविद्यालय
मंदसौर,
शासकीय
कन्या
महाविद्यालय
मंदसौर
एवं
शासकीय
महाविद्यालय,
गरौठ
स्वयं
के
भवन
में
संचालित
हैं, जिनमें विद्यार्थियों की सुविधा के लिए फर्नीचर, पेयजल एवं
सायकल
स्टेण्ड
की
सुविधा
पूर्ण
रूप
से
विकसित
है।
शेष
नवीन
शासकीय
महाविद्यालय,
पिपल्यामण्डी,
सीतामऊ,
भानपुरा,
शामगढ़,
मल्हारगढ़
एवं
सुवासरा
स्थानीय
स्कूल
की
बिल्डिंग
में
संचालित
किये
जा
रहे
हैं
वहाँ
पर
फर्नीचर,
पेयजल
एवं
सायकल
स्टेण्ड
की
सुविधा
उपलब्ध
करा
दी
गई
है।
परिशिष्ट
बीस खेल सामग्री का वितरण
26. ( क्र. 504 ) श्री हरदीप
सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग
द्वारा विगत 2 वर्षो में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कौन सी खेल सामग्री दी गई
है ? विद्यालय एवं सामग्री के नाम बतावें ? (ख) विभाग द्वारा सन 2008 से 2013 तक जो
खेल सामग्री विद्यालयों में उपलब्ध कराई गई थी क्या वह सामग्री वर्तमान में
विद्यालयों में उपलब्ध है या नहीं अथवा नष्ट हो जाने या गुम हो जाने की स्थिति
में सत्यापित लिस्ट उपलब्ध करावें ? (ग) विभाग द्वारा बच्चों एवं युवाओं हेतु
कौन-कौन सी योजनाओं चलाई गई है ? (घ) जिले में कितने खेल मैदान है एवं कितने
प्रस्तावित है और कितने स्वीकृत किये गये नाम सहित बतावें ?
उद्योग
मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : क) जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। सत्यापित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जिले में खेल
एवं युवा कल्याण विभाग के दो स्टेडियम निर्माणाधीन है -1. मंदसौर मिनी स्टेडियम 2.
सुवासरा खेल परिसर, पंचायती राज विभाग को आउटडोर खेल परिसर के निर्माण हेतु
मल्हारगढ़ एवं मंदसौर विकासखण्ड का प्रस्ताव संचालनालय पत्र क्र. 729, दिनांक
09/07/2015 द्वारा एवं गरोठ व भानपुरा विकासखण्ड में
खेल परिसर निर्माण हेतु प्रस्ताव संचालनालय पत्र क्र. 901, दिनांक
10/08/2015
द्वारा प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, विकास आयुक्त कार्यालय को प्रेषित
किए गये हैं।
वन सरंक्षण के नाम पर अनियमितता
27. ( क्र. 527 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) छतरपुर
विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-2015 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक वनों के
संरक्षण के लिये क्या-क्या कार्य किये गये स्थानवार कार्य बतावें ?(ख)
प्रश्नांश ‘’क’’ के प्रकाश में वनों के संरक्षण के कार्य पर कितनी राशि व्यय की
गई । कार्यवार प्रथक-प्रथक दिनांक सहित बतायें ? (ग) विभाग द्वारा कराये गये कार्यो
का निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया और वर्तमान में उनकी क्या
स्थिति है ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ख) एवं (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार
है।
महाविद्यालयों में अध्यापकों की पदस्थापना
28. ( क्र. 540 ) श्री संजय
पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) कटनी
जिले के महाविद्यालयों बरही एवं विजयराघवगढ़ में कितनी छात्र संख्या किन-किन
पाठ्यक्रमों की तथा किन-किन विषयों की है ? (ख) क्या प्रश्नाधीन महाविद्यालयों
में छात्र संख्या एवं उनके विषयों के आधार पर विशेषज्ञ अध्यापकों की पदस्थापना
तथा अन्य सुविधायें जैसे लैब पुस्तकालय आदि उपलब्ध कराई गई है ? (ग) प्रश्नांश
(ख) का उत्तर यदि हां, तो महाविद्यालयवार, छात्रसंख्यावार, पूर्ण ब्यौरा दें ?
यदि नहीं तो कब तक छात्रों को उक्त सुविधायें उपलब्ध करा दी जावेगी
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) कटनी जिल के शास. महाविद्यालय बरही में कला (शासन स्तर से) एवं
वाणिज्य (स्ववित्तीय आधार पर) संकाय का अध्यापन होता है। पाठ्यक्रम अनुसार कला
संकाय (शासन स्तर) से विषय-(हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र,
अर्थशास्त्र, भूगोल एवं इतिहास) 327 छात्र संख्या है। वाणिज्य संकाय (स्ववित्तीय)
आधार पर-लेखाकंन, प्रबंधन, कम्प्यूटर एप्लीकेशन में 77 छात्रसंख्या है। शास.
महाविद्यालय विजयराघवगढ़ में कला संकाय का अध्यापन होता है। उक्त पाठ्यक्रम
में कुल 144 विद्यार्थी (विषय- हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, समाज
शास्त्र, अर्थशास्त्र) अध्ययनरत हैं। उक्त दोनों महाविद्यालयों की पाठ्यक्रमवार एवं
विषयवार छात्र संख्या का विवरण संलग्न परिशिष्ट-एक में वर्णित है। (ख) जी हाँ ।
विस्तृत जानकारी महाविद्यालयवार परिशिष्ट-दो पर संलग्न है। (ग) 'ख' के परिप्रेक्ष्य
में महाविद्यालयवार छात्रसंख्या का पूर्ण ब्यौरा परिशिष्ट-तीन पर संलग्न
है।
परिशिष्ट
इक्कीस भिण्ड जिले के उपसंभाग लहार अंतर्गत सड़कों की मरम्मत
में अनियमितता
29. ( क्र. 552 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्ड
जिले के लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उप संभाग लहार
एवं सड़क में मेंटेनेंस के लिये कितनी-कितनी राशि के किस-किस एजेंसी को कार्यादेश
दिये गये, राशि एवं कार्य सहित विवरण दें ?(ख) प्रश्नकर्ता ने मुख्य अभियंता लोक
निर्माण विभाग (उ/प) ग्वालियर तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग
भिण्ड को अनुबंध क्र. 74/2010-11 तथा कार्यादेश क्रमांक 6785 दि. 28.12.2010 का
माप पुस्तिका क्रमांक 11717 फर्जी एवं अनियमित भुगतान की शिकायत की गई ?(ग) यदि
हां, तो उक्त शिकायत की जांच किस अधिकारी द्वारा कराई गई एवं दोषियों के विरूद्ध
क्या-क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं तो क्यों ?
लोक निर्माण मंत्री
( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है
।(ख) जी हॉं ।(ग) जांच के लिए परिक्षेत्र कार्यालय के अधीक्षण यंत्री, को अधिकृत
किया गया है । जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
।
राजमार्ग क्रमांक 45 का निर्माण
30. ( क्र. 553 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्ड
जिले में मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण के द्वारा राजमार्ग क्रमांक 45 मिहोना
लहार दबोह भाण्डेर चिरगांव मार्ग एवं सेवढ़ा चौरई नदीगांव मार्ग की निविदाएं कब
किस एजेंसी को स्वीकृत कर कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने की शर्त सहित कार्यादेश
जारी किये गये ? अभी तक कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसियों के विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की गई ? दोनों सड़कों के कार्यपूर्ण करने की समयावधि बतायें ? प्रश्न
दिनांक तक एजेंसियों को कितना-कितना भुगतान किया गया ?(ख) लहार अमायन भारौली भिण्ड
मार्ग की निविदा किस एजेंसी को कितनी राशि में कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने की
शर्त पर कार्यादेश दिया गया ? निर्धारित अवधि में कार्यपूर्ण न करने वाली एजेंसी के
विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो क्यों ? कार्य पूर्ण कब तक
करा लिया जावेगा ? (ग) जखमौली से राठौरन की मढैईया मार्ग, लहार वायपास मार्ग, दबोह
जगदीशपुरा संशीगढ़ आलमपुर मार्ग के निर्माण कार्य की समयावधि बतायें ?(घ) क्या चार
वर्ष पूर्व जखमौली से राठौरन की मढैईया मार्ग किसानों को मुआवज़ा न देने के कारण
अपूर्ण है ? यदि हां, तो सड़क निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ-1’
अनुसार है ।(ख) जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है । प्रश्न ही उपस्थित नही
होता । वर्तमान में समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।(ग) जानकारी संलग्न प्रपत्र
‘ब’ अनुसार है ।(घ) जी हाँ । विवरण संलग्न प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है ।
परिशिष्ट
बाईस मंत्रीगण के बंगलों पर साज-सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण
कार्य
31. ( क्र. 562 ) श्री आरिफ
अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
भोपाल में स्थित प्रदेश के माननीय मंत्रीगण के बंगलों पर विभिन्न आयोजन अवसरों पर
साज-सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्य किए गए है ? (ख) यदि हां, तो वर्ष 2006 से
प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस माननीय मंत्रीजी के बंगले पर कितनी-कितनी
राशि की साज-सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्य किए गए वर्षवार बतावें
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं ।(ख)
जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है ।
परिशिष्ट
तेईस बी.एड. पाठ्यक्रम में छात्रों का फर्जी प्रवेश एवं परीक्षा
की जांच
32. ( क्र. 563 ) श्री आरिफ
अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
बरकतउल्ला एवं माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा ओयाजित वर्ष 2005-06 में
महर्षी महाविद्यालय के अंतर्गत बी.एड. पाठ्यक्रम में छात्रों को फर्जी प्रवेश एवं
फर्जी परीक्षा में सम्मिलित करने संबंधी जांच के माध्यम से शिकायत की जांच राज्य
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है ? (ख) यदि हां, तो प्रश्न
दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई और उक्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के
कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी लिप्त है और शासन दोषियों के विरूद्ध क्या तथा कब तक
कार्यवाही करेगा ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) जी
हाँ। लेकिन माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा बी.एड. पाठ्यक्रम
संचालित न होने से उक्त विश्वविद्यालय के विरुद्ध जाँच नहीं की जा रही
है।
(ख) राज्य
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा श्री नगेन्द्र सिंह पवार, तत्कालीन
निदेशक, महर्षि कालेज, श्री महराज स्वरूप श्रीवास्तव तत्कालीन विभागाध्यक्ष
तथा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण
ब्यूरो द्वारा दिनांक 10.08.2010 को अपराध
क्रमांक 18/10 धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी, भादवि
एवं 13(1) डी सहपठित 13(2)
भ्रनिअ
1988 पंजीबद्ध
किया गया है। प्रकरण विवेचानाधीन है, साक्ष्य उपलब्ध होने पर विधि सम्मत कार्यवाही की
जावेगी।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करना
33. ( क्र. 612 ) श्री
चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वन
ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की क्या प्रक्रिया है ? म.प्र. में वन
ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई ?
(ख) क्या म.प्र. के अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य में वन ग्रामों को राजस्व
ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया का अध्ययन करने गया था ? यदि हां, तो उक्त दल ने
क्या-क्या अनुशंसा की ? (ग) अभ्यारण क्षेत्र के ग्रामों में सिंचाई तथा जानवरों
के पीने के पानी की व्यवस्था हेतु बॉंध निर्माण की अनुमति की क्या प्रक्रिया है
तथा किसके द्वारा अनुमति दी जाती है ? शासन के निर्देशों की प्रति दें ? भोपाल
संभाग में उक्त श्रेणी के कितने प्रकरण किस स्तर पर लंबित है तथा क्यों ? कब तक
निराकरण होगा ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन
(संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा-2 के उपबन्धों के अन्तर्गत भारत सरकार की पूर्व
स्वीकृति से वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जा सकता है ।
वर्तमान में प्रदेश के 925 वनग्रामों में से 98 वनग्राम राष्ट्रीय उघान, अभयारण
में वीरान स्थित एवं विस्थापित होने के कारण शेष 827 वन ग्रामों को राजस्व
ग्रामों में परिवर्तित करने के लिए वर्ष 2004 में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के
अंतर्गत स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये, जिनमें से अभी
तक 310 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने की भारत सरकार द्वारा
सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी । माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक
24.02.2004 द्वारा इस पर रोक लगाई गई है । शेष 517 वनग्रामों की स्वीकृति के
प्रकरण भारत सरकार के पास हैं । अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन
अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अध्याय-2 की धारा-3(1)(ज) में वनग्रामों
से संपरिवर्तन का प्रावधान है । परन्तु इस अधिनियम के अन्तर्गत वन भूमि का
वैधानिक स्वरूप अपरिवर्तित रहने के कारण वन (संरक्षण) अधिनियम 1980, लागू होता है
। (ख) जी हॉ । जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट 'अ' अनुसार है ।
(ग) अभ्यारण क्षेत्रों के ग्रामों में सिचाई तथा जानवरों के पीने की व्यवस्था
हेतु बॉध निर्माण की प्रक्रिया, अनुमति एवं भोपाल संभाग में लंबित प्रकरणों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है ।
मुख्यमंत्री
स्वरोज़गार योजना के तहत हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति
34. ( क्र. 647 ) श्री प्रताप
सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह
उद्योग विभाग को वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक किन-किन योजनाओं में कितना-कितना
लक्ष्य प्राप्त हुआ था तथा उसके विरूद्ध कितने हितग्राही को कितना-कितना ऋण वर्ष
2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराया गया है ?(ख) मुख्यमंत्री स्वरोज़गार
योजना के तहत कितने हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किये गये हैं तथा उन्हें कितना
शासन से अनुदान प्रदान किया गया है ? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला
उद्योग केंद्र दमोह को कितनी राशि शासन स्तर से प्राप्त हुई तथा कितना व्यय किया
गया ?(घ) जिला उद्योग केंद्र में प्रश्नाधीन अवधि के दौरान कितने आवेदन ऋण
प्राप्ति के लिये प्राप्त हुए थे? उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया तथा
अभी तक कितने लंबित है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया )
: (क)जानकारी संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र -अ अनुसार
है।(ख)699 हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किया गया है।अनुदान राशि की मांग बैंक
शाखाओं के द्वारा सीधे नोडल बैंकों के माध्यम से की जाती है।(ग)जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब अनुसार है।(घ)जानकारी संलग्न परिशिष्ट
के
प्रपत्र -स अनुसार है।
परिशिष्ट
चौबीस खरगोन पॉलेटेक्निक कॉलेज का उन्नयन
35. ( क्र. 698 ) श्री विजय
सिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
खरगोन मुख्यालय स्थित शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खरगोन में कब से संचालित हो रहा है
? विगत 10 वर्षों में इस कॉलेज में कुल कितने प्रवेश ब्रांचवार हुए तथा कितने
विद्यार्थी प्रतिवर्ष उत्तीर्ण हुए, ब्रांचवार वर्षवार संख्या बताये ? विगत 10
वर्षों में किन-किन ब्रांच में कितनी सीटे रिक्त रह गई, संख्यावार वर्षवार बतायें
?(ख) उक्त कॉलेज परिसर में कॉलेज भवन, आवासीय भवन की क्षमता क्या है ? क्या इस
पॉलेटेक्निक कॉलेज को निकट भविष्य में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्नयन किया
जा सकता है ? यदि नहीं, तो कारण बतायें ? यदि हां, तो उन्नयन की प्रक्रिया बतायें
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) खरगोन
मुख्यालय स्थित शासकीय पोलीटेकनिक कॉलेज शैक्षणिक सत्र 1990 से संचालित है। 10
वर्षों में प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे ‘परिशिष्ट-अ’
अनुसार; उत्तीर्ण विद्यार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे ‘परिशिष्ट-ब’ अनुसार
तथा रिक्त रह गई सीटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे ‘परिशिष्ट-स’ अनुसार ।
(ख)जानकारी पुस्तकालय में रखे ‘परिशिष्ट-द’ अनुसार। इस पोलीटेकनिक कॉलेज को निकट
भविष्य में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्नयन की कोई योजना नहीं है। एआईसीटीई
नियमों में पोलीटेकनिक से इंजीनियरिंग महाविद्वालय उन्नयन का प्रावधान नहीं
है।
परिशिष्ट
पच्चीस ग्राम पादा से खरेली तक रोड का निर्माण
36. ( क्र. 707 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पादा से ग्राम खरेली तक
रोड स्वीकृत है ? यदि हां, तो किस योजना में है ?(ख) कब तक निर्माण कार्य शुरू
होगा यदि स्वीकृत नहीं है, तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई
कार्यवाही प्रचलित है ? यदि हां, तो विवरण देवें ?
लोक निर्माण मंत्री (
श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं । प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता ।(ख)
स्वीकृत नहीं है, अत: निर्माण प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है ।
वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं । शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता
।
जलोदीया से मोडरीया से जीरवाय तक रोड निर्माण बाबत्
37. ( क्र. 708 ) श्री
राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम जलोदिया से मोडरीया से
जीरवाय तक रोड स्वीकृत है, हां या नहीं ?(ख) यदि स्वीकृत है तो किस योजना के
अंतर्गत स्वीकृत है ? यदि नहीं तो क्षेत्रवासियों के हित में उक्त रोड स्वीकृत
होगा ?(ग) उक्त सड़क निर्माण हेतु क्या विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही
है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं ।(ख)
प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर अनुसार । वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है
।(ग) वर्तमान में कोई नहीं ।
6 लेन मार्ग में अनियमितता बाबत्
38. ( क्र. 735 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
इंदौर-देवास बायपास 6 लेन मार्ग पर निर्माण कर रही इंदौर देवास टोलवेज प्रा.लि.
कंपनी (गायत्री कंपनी) द्वारा किन-किन नियमों/शर्तों के आधार पर निर्माण कार्य की
स्वीकृति प्रदान की गई थी ?(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या गायत्री कंपनी
(आई.डी.टी.एल.) इंदौर-देवास टोलवेज प्रा.लि. कंपनी द्वारा सभी मानकों का पालन किया
जा रहा है ? क्या कंपनी के कार्यों पर एसोसिएट्स साउथ एशिया प्रा.लि. (लासा) ने
कोई आपत्ति ली थी ? यदि हां, तो क्या आपत्ति ली थी ? स्पष्ट करें व उस पर क्या
कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की गई ?(ग) प्रश्नांश (ख) के सदंर्भ में
आई.डी.टी.एल. (गायत्री कंपनी) द्वारा उक्त मार्ग को कितने समय में पूर्ण किया जाना
था व कितनी राशि की स्वीकृत दी गई थी ? क्या उक्त कंपनी द्वारा निर्माण और
मरम्मत अवधि में शेड्यूल डी का पालन किया जा रहा है यदि नहीं तो क्या उक्त कंपनी
पर एन.एच.ए.आई. द्वारा कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी ? क्या उक्त कंपनी
द्वारा सभी सर्विस रोडों पर मरम्मत कार्य एवं मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था की गई है
?(घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सिक्स लेन बायपास निर्माता कंपनी ने
संपूर्ण ट्रेफिक मैनेजमेंट की उचित व्यवस्था की है ? क्या ट्रेफिक मैनेजमेंट न
हो पाने से व पर्यावरण के हितों में उचित उपाय नहीं करने पर स्वतंत्र सलाहकार लासा
की ओर से प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने आई.डी.टी.एल. (गायत्री कंपनी) के नाम
कम्प्लायंस रिपोर्ट और अलग-अलग तिथियों में हुए सर्विलेंस की रिपोर्ट भेजी थी ?
यदि हां, तो उसमें क्या खामियां पाई गई थी ? क्या इस पर कंपनी से कोई रिकवरी की
गई थी ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन
मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिन है । जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है ।(ख) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार है ।(ग)
जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार है ।(घ) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर
अनुसार है ।
बैरसिया में निर्माणाधीन आदर्श आई.टी.आई.
39. ( क्र. 758 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किबैरसिया
में निर्माणाधीन आदर्श आई.टी.आई. के निर्माण में कितनी राशि व्यय हुई है और यह
आई.टी.आई. का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा ?
तकनीकी शिक्षा
मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) निर्माणाधीन आईटीआई बैरसिया में
राशि रूपये 635.05 लाख का व्यय हुआ हैं। यह निर्माणाधीन कार्य दिनांक 31 दिसम्बर
2015 तक पूर्ण किया जायेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.3
(आगरा-बाम्बे रोड) के खण्ड गुना से ब्यावरा तक की मरम्मत के निर्माण की जांच
40. ( क्र. 768 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.03 (आगरा-बाम्बे) रोड के खण्ड गुना से ब्यावरा तक 100
किमी. मार्ग के गड्डों की मरम्मत वर्ष 2014-15 में कराई थी तो क्या उसकी जांच
किसी एजेन्सी द्वारा की गई ? यदि नहीं तो क्यों ? एवं उक्त गड्डें क्यों नहीं
भरे ? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में गुना व्यावरा,खण्ड में पुन: गड्डे हो गए है ?
वह कब तक मरम्मत करायेंगे ? क्या मरम्मत होने के बाद कार्य का निरीक्षण एवं कब
तक जांच करायेंगे ? (ग) क्या पेंच मरम्मत का निर्माण कार्य की एजेन्सी विभाग
द्वारा तय की गई है ? क्या वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के पेंच वर्ग मरम्मत कार्य
की एजेन्सी गुना से ब्यावरा खण्ड की एक ही है या अलग-अलग ? (घ) गुना ब्यावरा
खण्ड में पेंच वर्क मरम्मत कराने में कितना खर्च आयेगा और कब तक कार्य पूर्ण
करायेंगे ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
प्रश्नाधीन मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिन है । जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है ।(ख) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार है
।(ग) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर अनुसार है ।(घ) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ के
उत्तर अनुसार है ।
परिशिष्ट
छब्बीस लो.नि.वि. संभाग गुना के हवाई पट्टी डामर निर्माण के
बी.टी. रिन्यूवल के निर्माण का फर्जी भुगतान
41. ( क्र. 775 ) श्रीमती ममता
मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
लो.नि.वि. गुना में पदस्थ कार्यपालन यंत्री द्वारा वर्ष 2015 में हवाई पट्टी गुना
के डामर निर्माण में बी.टी रिन्यूवल निर्माण का भुगतान सहायक यंत्री की सहमति के
किया है ? अधीक्षण यंत्री से भुगतान के पूर्व अनुमति ली थी या नहीं ? (ख) क्या
हवाई पट्टी गुना के डामर निर्माण की शिकायत पर मुख्य अभियंता लो.नि.वि परिक्षेत्र
ग्वालियर के पत्र क्रं.215/गुना/सं./2015/14675 ग्वालियर दिनांक 03-10-2015 का
पत्र अधीक्षण यंत्री गुना से जांच प्रतिवेदन जांच दल गठित करने हेतु भेजा था ? यदि
हां, तो क्या जांच दल गठित किया क्या ? क्या कार्यवाही हुई ? (ग) क्या
क्षेत्रीय विधायकों द्वारा हवाई पट्टी गुना के डामर निर्माण एवं बी.टी निर्माण की
अनियमितता एवं फर्जी भुगतान के दस्तावेज मांगे थे, यदि हां, तो कितने दिन बाद दिये
या नहीं बतायें ? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में वर्णित बिन्दुओं के फर्जी भुगतान
के संबंध में कौन-कौन दोषी है ? जांच कराकर दोषियों पर कब तक कार्यवाही करेंगे
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. वक्र्स
डिपार्टमेंट मेन्युअल में निर्माण कार्य के भुगतान के पूर्व सहायक यंत्री से सहमति
एवं अधीक्षण यंत्री से अनुमति का प्रावधान नहीं है। (ख)परिक्षेत्र के पत्र दिनांक
03/10/2015 द्वारा अधीक्षण यंत्री, गुना से जांच प्रतिवेदन मांगा गया। मण्डल के
पत्र दिनांक 08/10/2015 एवं 09/10/2015 द्वारा जांच दल गठित किया गया। जांच
प्रतिवेदन परिक्षेत्र के पत्र दिनांक 01/12/2015 द्वारा प्राप्त। (ग) जी हां।
वांछित अभिलेख 50 दिन बाद दिये गये। (घ) जांच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन। परीक्षण
उपरांत गुण-दोष अनुसार कार्रवाई की जाना संभव होगी।
सीडीटीपी
परियोजना का शासकीय पॉलीटेकनिक महाविद्यालय सागर में संचालन
42. ( क्र. 790 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क) सागर संभाग के कितने शासकीय पॉलीटेकनिक महाविद्यालयों में वर्ष 2010 से
सीडीटीपी परियोजना (कम्यूनिटी डेव्लपमेंट थ्रू पॉलीटेकनिक स्कीम) संचालित की जा
रही है ? (ख) वर्तमान में शासकीय पॉलीटेकनिक महाविद्यालय सागर में सीडीटीपी
परियोजना (कम्यूनिटी डेव्लबमेंट थ्रू पॉलीटेकनिक स्कीम) संचालित क्यों नहीं की
जा रही है ? (ग) यदि अन्य पॉलिटेनिक महाविद्यालयों में संचालित है तो सागर
पॉलिटेकनिक महाविद्यालयों में पुन: परियोजना प्रारंभ करने हेतु विभाग एवं
महाविद्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं परियोजना कब तक संचालित होगी
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क) सागर संभाग के शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्वालय, खुरई व शासकीय
पोलीटेकनिक सागर में वर्ष 2010 से सीडीपीटी परियोजना (कम्यूनिटी डेव्लपमेंट थ्रू
पोलीटेकनिक योजना) संचालित की जा रही है। (ख) मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा
सीडीटीपी परियोजना हेतु अनुदान प्राप्त नहीं किए जाने के कारण शासकीय पोलीटेकनिक
महाविद्वालय सागर में उक्त योजना स्थागित है। (ग) शासकीय पोलीटेकनिक महाविद्वालय,
सागर में योजना हेतु अनुदान प्राप्त किए जाने के संबंध में मानव संसाधन विकास
मंत्रालय, भारत सरकार से प्रस्ताव भेजा गया है। अनुदान प्राप्त होने पर पुन:
प्रारंभ की जावेगी।
अधिग्रहण भूमि के मुआवजा राशि
43. ( क्र. 797 ) इन्जी.
प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे
कि(क)विगत 3 वर्षो में नरयावली विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा सड़क निर्माण
हेतु किन-किन ग्रामों में कितने किसानों की भूमि अधिग्रहण की है ? (ख) अधिग्रहण की
गई किसानों की भूमि में कितने किसानों को कितना-कितना मुआवजा विभाग द्वारा स्वीकृत
किया गया है ? (ग) क्या अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा कितने किसानों को किया गया
है? ऐसे कितने किसान हैं, जिन्हें मुआवजा राशि का वितरण किया जाना शेष है ? (घ)
विभाग द्वारा अधिग्रहण की गयी भूमि का मुआवजा कब तक दिया जावेगा ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षो में नरयावली विधान सभा
क्षेत्र में विभाग द्वारा तीन मार्गो के 03 ग्रामों की 54 कृषकों की भूमि अर्जित की
गई, विस्तृत जानकारी परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार। (जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- अ अनुसार) (ख) जानकारी परिशिष्ट-अ अनुसार। (जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- अ अनुसार) (ग) विभाग द्वारा स्वीकृत मुआवजा राशि राजस्व विभाग को जमा की
जा चुकी है। भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। (घ) मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की
जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विकासखण्ड, नलखेड़ा एवं
आगर के ग्राम पंचायत नलखेड़ा एवं खेलागाँव से गुराडिया देव देहरीदेव सड़क निर्माण
योजना की स्वीकृति
44. ( क्र. 801 ) डॉ. रामकिशोर
दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
विकास खण्ड नलखेड़ा एवं आगर के ग्राम पंचायत खेलागांव से ग्राम पंचायत बिजनाखेड़ी
एवं खेलागांव से गुराडिया देव देहरीदेव को प्रधानमंत्री सड़क योजना/लोक निर्माण
विभाग/मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है ? (ख)
यदि हां, तो इस योजना को शासन कब तक लागू करेंगा ?
लोक निर्माण मंत्री (
श्री सरताज सिंह ) : (क) रीछी से गुराडिया देव, 2.5 किमी0 का मार्ग
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना में प्रस्तावित है । इसके अतिरिक्त गुराडिया देव
देहरी देव मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत बनाया गया है ।(ख) कार्य
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अंतर्गत प्रस्तावित है । जानकारी उत्तरांश ‘क’
अनुसार ।
मनरेगा के तहत जुलाई 2014 में स्वीकृत वि.ख. किरनापुर में
सिरका से कोदोबरी तक नहर निर्माण कार्य
45. ( क्र. 814 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विषयांकित
नहर का कार्य जिसकी कार्य एजेंसी वन मंडल अधिकारी दक्षिण (सामान्य) वन मंडल
बालाघाट है, का कार्य अब तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया है, कारण बताएं ?(ख) नहर
का कार्य प्रारंभ नहीं करने के लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की
जाएगी ?(ग) कार्य में देरी होने के कारण लागत में वृद्धि होने से क्या रिवाईज़
इस्टीमेट बनाकर इसे पुन: प्रारंभ किया जाएगा ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) कार्यस्थल पर मजदूरों की उपलब्धता न होने के कारण विषयांकित
कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां।
रजेगांव लांजी आमगांव मार्ग की जांच
46. ( क्र. 821 ) सुश्री हिना
लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
क्या प्रश्नकर्ता विधायक की शिकायत पर विषयांकित रजेगांव लांजी आमगांव रोड की
जांच विषयांकित मुख्य तकनीकी परीक्षक (एजेंसी) द्वारा करायी गयी है, यदि हां, तो
जांच रिपोर्ट का विवरण देवें ?(ख) जांच के पश्चात् विभाग द्वारा पी.आर.एल. कंपनी
पर क्या कार्यवाही की गयी है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह )
: (क) जी हां। जांच कार्य पूर्ण हो चुका है। जांच प्रतिवेदन मुख्य तकनीकी
परीक्षक (सतर्कता) संगठन द्वारा तैयार किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश- ‘क’ के उत्तर
के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शास. महा. वि. शाहपुर में
पद स्वीकृति
47. ( क्र. 839 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
शासकीय महाविद्यालय शाहपुर (बैतुल) में संवर्गवार कितने पद स्वीकृत है ?(ख)
संस्था में अध्ययनरत छात्र/छात्रों की संख्या बताईये ? (1) अ.जा. /अ.ज.जा.
छात्र/छात्राओं की जानकारी देवें ?(ग) विगत तीन वर्षों में संस्था के
छात्र/छात्राओं ने राज्य स्तर/युनिवर्सटी स्तर पर कोई उपलिब्ध प्राप्त किया है
?(घ) उच्च शिक्षा विभाग आदिवासी क्षेत्र के कालेज में शासन स्तर पर संकाय खोलेगा
?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) :
(क)
शासकीय महाविद्यालय शाहपुर बैतूल में
संवर्गवार पदों की जानकारी परिशिष्ट 'अ' अनुसार।
(ख) महाविद्यालय
में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की संख्या-443 हैं। जिनमें अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं की
संख्या-66 तथा अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं की संख्या-238
हैं।
(ग) सत्र 2014-15 में
महाविद्यालय के छात्र श्री कमलेश प्रजापति बी.ए. पंचम सेमेस्टर में
विश्वविद्यालय स्तर पर क्ले माडलिंग प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया एवं
कुमारी कल्पना साहू छात्रा ने बी.ए.पंचम
सेमेस्टर में कोलाज प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय स्तर पर भाग लिया तथा
वाद-विवाद
प्रतियोगिता में भी भाग लिया। सत्र 2015-16 में
कु. सोनम
टेकाम ने बी.ए. तृतीय सेमस्टर ने राज्य
स्तरीय कबडडी खेल प्रतियोगिता में भाग लिया।
(घ) वर्तमान
में शासन द्वारा पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सुदृढीकरण एवं गुणवत्ता विकास
करने के प्रयास किये जा रहे हैं । अतः शासकीय महाविद्यालय
शाहपुर (बैतूल) में संकाय खोले जाने में कठिनाई है ।
परिशिष्ट
सत्ताईस घोड़ाडोंगरी क्षेत्र 132 में अधूरे/घटिया निर्माण कार्य
48. ( क्र. 840 ) श्री सज्जन
सिंह उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के कितने कार्य निर्माणाधीन है ? नाम देवें ? (ख)
शाहपुर-सालीढाना मार्ग पूर्ण हो गया है ? यदि हां, तो भयावाड़ी से सालीढाना का
मार्ग घटिया/अधूरा क्यों है ?(ग) बरेठा से घोड़ाडोंगरी मार्ग कब तक पूरा होगा ?
(1) क्या ठेकेदार कार्य नहीं कर रहा है ?(घ) क्या भौरा-फोफल्या मार्ग
निर्माण/स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र ‘अ’, ‘’अ-1’’ अनुसार है एवं
घोडाडोंगरी क्षेत्र अंतर्गत म0प्र0 सड़क विकास निगम के दो कार्य निर्माणाधीन है ।
(1) बैतूल-सारणी-परासिया मार्ग राज्य मार्ग मार्ग क्रमांक 43 लंबाई 124.10 कि0मी0
(2) बरेठा-घोडाडोंगरी मार्ग एम0डी0आर0 लंबाई 15.10 कि0मी0 ।(ख) जी हॉं ।
प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण कार्य अधूरा/घटिया नहीं है ।(ग) बरेठ से घोड़ाडोंगरी
मार्ग अनुबंधानुसार मार्च-2016 तक पूर्ण होना है । जी नहीं । मार्ग पर पुल पुलिया
का कार्य प्रगति पर है ।(घ) वर्तमान में भौरा-फोफल्या मार्ग निर्माण/स्वीकृति
हेतु किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं है ।
परिशिष्ट
अट्ठाईस वन भूमियों से होने वाले अवैध उत्खनन
49. ( क्र. 855 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला छतरपुर के
राजस्व एवं वन विभाग के वन विभागों के वन क्षेत्रों/वन विभागों में से कितनी
खदानों से खनिजों का उत्खनन हो रहा है ? (ख) उक्तानुसार खदान एवं वनखंड का
नंबर/खसरा नंबर प्रदाय करें ? (ग) क्या वन क्षेत्र में पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति तथा
उत्खनन अनुज्ञप्ति जारी की जा सकती है ? यदि हां, तो इसके लिए कौन से अधिकारी
प्राधिकृत हैं ? (घ) छतरपुर जिले में किन-किन अधिकारियों ने पिछले 05 वर्षों में
राजस्व विभाग तथा वन विभाग के वन क्षेत्रों/वन भूमियों के संबंध में किस-किस
क्षेत्र में पूर्वक्षण या उत्खनन हेतु अनुमतियां जारी की है ?
वन मंत्री
( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) राजस्व
क्षेत्र में स्वीकृत ग्रेनाइट खदानों, खनिपट्टों तथा स्वीकृत उत्खनि पट्टों की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ, ब, एवं स अनुसार तथा वन विभाग के अधीन वन
क्षेत्रों में स्वीकृत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
(ग) वन क्षेत्रों
में पूर्वेक्षण कार्य हेतु वन भूमि के उपयोग की अनुमति प्रदान करने के लिये भारत
सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के परिपत्र दिनांक
19.08.2010 एवं मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र दिनांक 23.12.2010 द्वारा
जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमति दी जाती है, परिपत्र
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-इ अनुसार है। वन क्षेत्रों में उत्खनन कार्य हेतु वन
भूमि के उपयोग की अनुमति वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत भारत सरकार के
पूर्व अनुमोदन उपरान्त मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी की जाती है। (घ) वन
विभाग के वन क्षेत्रों/वन भूमियाँ उपयोगार्थ हेतु जारी की गई राजस्व विभाग द्वारा
पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है तथा वन
विभाग के अधीन वन क्षेत्रों में पूर्वेक्षण की अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-उ अनुसार है। छतरपुर वन मंडल के अन्तर्गत पिछले 05 वर्षों में वन
विभाग के वन क्षेत्रों/वन भूमियों में उत्खनन हेतु कोई अनुमति जारी नहीं की गई
है।
सुभावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम की सड़क का उन्नयन
50. ( क्र. 865 ) श्री
सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा
करेंगे कि(क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम हडवांसी-बांसी को आर.ई.एस
मार्ग को लोक निर्माण में परिवर्तन कर उन्नयन करने बाबत् स्थानीय विधायक एवं
अन्य ने कितनी बार शासन को पत्र लिखे हैं जानकारी 2015 तक की दी जावें ? (ख) क्या
उक्त मार्ग के हस्तांतरण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा अनापति पत्र
भी लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया जा चुका है यदि हां, तो शासन उसे कब तक लोक
निर्माण विभाग में समाहित करेंगे ? (ग) क्या रख, रखाव के अभाव में उक्त मार्ग की
स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है ? जिस पर वाहन चलने में भारी असुविधा होती है शासन
उक्त मार्ग का उन्नयन कब तक करायेगा ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज
सिंह ) : (क) विभाग को इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं ।(ख) जी नहीं, शेष
प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।(ग) विभाग का मार्ग नहीं होने से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता है ।
रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत शिक्षित
बेरोजगारों की संख्या
51. ( क्र. 914 ) श्री मुकेश
नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिसम्बर
2013 की स्थिति के अनुसार राज्य के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत रोजगार इच्छुक
शिक्षित तथा साक्षर बेरोजगारों की संख्या क्या थी और वर्ष 2012-2013 तथा 2014 तक
की तुलना में इस संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी या कमी हुई है ? (ख) दिसम्बर 2013
तक राज्य के रोजगार कार्यालयों के माध्यम से कितने पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार
दिलाया गया ? (ग) वर्ष 2014 में कितने बेरोजगारों को रोजगार दिलाया गया
?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क)दिसम्बर 2013
की स्थिति के अनुसार राज्य के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत रोजगार इच्छुक शिक्षित
तथा साक्षर बेरोजगारों की संख्या कुल 20,65,445 थी और वर्ष 2012 तथा 2014 तक
की तुलना में इस संख्या में बढ़ोतरी या कमी की जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
पंजीकृत रोजगार इच्छुक शिक्षित तथा साक्षर
बेरोजगारों की संख्या |
वर्ष 2013 की तुलना में कमी/ वृद्धि |
2012 |
2068952 |
3507 (+) वृद्धि |
2014 |
2045460 |
19985 (-) कमी |
(ख)01 जनवरी
2013 से 31 दिसम्बर 2013 तक राज्य के रोजगार कार्यालयों के माध्यम से पंजीकृत
बेरोजगारों में से 461 आवेदको को रोजगार कार्यालयों में अधिसूचित रिक्तियों के आधार
पर एवं 52,727 आवेदकों को जॉबफेयर के माध्यम से निजी क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों
में नियुक्ति हेतु चयनित करवाया गया।(ग)01 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2014 तक राज्य
के रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 533 आवेदको को रोजगार कार्यालयों में अधिसूचित
रिक्तियों के आधार पर एवं 50782 आवेदकों को जॉबफेयर के माध्यम से निजी
क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों में नियुक्ति हेतु चयनित करवाया
गया।
छतरपुर जिले में उद्योग के संबंध में जानकारी
52. ( क्र. 917 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर
जिले में उद्योग स्थापना हेतु कौन-कौन सी भूमियॉं राजस्व विभाग से हस्तांतरित की
गई उनके खसरा नं. रकवा की भी जानकारी देवें ? (ख) पिछले 05 वर्षों में किन-किन
उद्योगों की स्थापना के लिए भूमियां आवंटित की गई, ऐसे कितने आवंटित प्लाट
(भूमियां) हैं जिन पर कोई भी उद्योग स्थापित नहीं किया गया तो क्या शासन ने उनकी
लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है ? यदि नहीं तो कब तक ले लिया जायेगा ? (ग)
उपरोक्त आंवटित प्लाटों में से ऐसे कितने हैं जिन पर जिन उद्योगों को लगाने की
अनुमति दी गई थी, उनसे लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है, यदि नहीं तो कब तक
ले लिया जायेगा ? (घ) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से ऐसे कितने है, जिन पर जिन
उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी, उनसे भिन्न उपयोग कार्य किये जा रहे है,
उनकी लीज निरस्त शासन ने कब्जा प्राप्त किया है या नहीं, यदि नहीं तो कब किया
जायेगा ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क)
जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) +(ग) आवंटन संबंधी जानकारी
परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। ऐसे 14 आवंटित प्लाट (भूमियां) हैं जिन पर
उद्योग स्थापित नहीं किए गये हैं। इनके विरूद्व लीज निरस्तीकरण की कार्यवाही कर
दी गई है। कब्जा बापिसी की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (घ) उपरोक्त
आवंटित प्लाटों में से किसी भी इकाई द्वारा भिन्न उपयोग कार्य नहीं किया गया। अत:
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट
उनतीस लोक निर्माण विभाग में राशि का दुरूपयोग
53. ( क्र. 924 ) श्री मधु
भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग के
अंतर्गत पिछले 3 वित्तीय वर्षों में बालाघाट से संबंधित तथा जुड़े हुए जिलों में
कितनी राशि, किस मद, शीर्ष में हुई आवंटित की गई, विस्तृत ब्यौंरा, आवंटन तथा
व्यय की जानकारी दें ? (ख) बालाघाट के अंतर्गत उक्त अवधि में कौन-कौन से टेण्डर,
लिमिटेड निविदा तथा पीस वर्क पर कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य हेतु, कब-कब
किसे-किये किया गया, तिथि में क्रय में बतायें ? (ग) उक्त अवधि में कौन-कौन नवीन,
निर्माण, मरम्मत कार्य (सामग्री खरीदी सहित) किये गये स्थान, कार्य का नाम,
मात्रा, व्यय की गई राशि, भुगतान किसे किया गया, पार्टी/ ठेकेदार के नाम, तिथि
सहित बतायें ? (घ) क्या जिले से संबंधित निर्माण कार्य, मरम्मत कार्यों की
शिकायतें, शासन स्तर पर, विभागाध्यक्ष स्तर, संभाग स्तर पर, जिला स्तर पर
प्राप्त हुई थी और उन्हें, रजिस्टर में पंजी किया गया था, यदि हां, तो क्या
कार्यवाही की गई ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र-ब अनुसार है ।(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है ।(घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है ।
बैतूल जिले में
वन भूमि
54. ( क्र. 929 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैतूल
जिले में वन विभाग के अतंर्गत कितने ग्रामों की कितनी भूमि के सर्वे डिमार्केशन में
संरक्षित वन तथा कितने ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि को नारगी भूमि सर्वे डिमारकेशान
में शामिल किया गया है तथा कितनी भूमि वनखण्डों में शामिल की गई है ? (ख) संरक्षित
वन भूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल कितने ग्रामों की कितनी-कितनी भूमियों को एवं
नारंगी भूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल कितने ग्रामों की कितनी भूमियों को राजपत्र
में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 अ के अनुसार डीमनोडिफाईड किया
गया है ? (ग) संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन, नारंगी भूमि सर्वे डिमारकेशन एवं
वनखण्डी में सम्मिलित भूमि एवं राजपत्र में डिनोडिफाइड भूमियों के संबंध में गत एक
वर्ष में मुख्य वनरक्षक बैतूल को क्या कोई पत्र प्राप्त हुए है ? (घ) यदि हां,
तो किस-किस के द्वारा लिखे गये पत्र प्राप्त हुए है तथा इन प्राप्त पत्रों के
आधार पर कब तक किन वन भूमियों के संबंध में लंबित कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी
?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बैतूल जिले में वन विभाग
के अन्तर्गत सर्वे डिमारकेशन में 680 ग्रामों की 149495.059 हेक्टेयर संरक्षित वन
भूमि के सर्वे उपरांत 482 वनखण्डों में 71909.141 हेक्टेयर शामिल की गयी । 1269
ग्रामों की 137752.393 हेक्टेयर भूमि नारंगी इकाई द्वारा प्रारंभिक सर्वे में
शामिल कर सर्वे उपरांत 7565.067 हेक्टेयर भूमि पर 259 वनखण्ड बनाये गये । (ख)
संरक्षित वन भूमि सर्वे डिमारकेशन स्कीम में शामिल 680 ग्रामों में से 243 ग्रामों
की संरक्षित वन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34(अ) के तहत डीनोटिफाईड की
गयी । राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचनाओं में ग्रामों के नाम के समक्ष खसरा नम्बर
एवं रकबा का उल्लेख नही है । संरक्षित वनभूमि सर्वे डिमारकेशन में आरक्षित वन भूमि
शामिल नही होने के कारण भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-27 के तहत कोई आरक्षित वन
भूमि निर्वनीकृत नही की गई । नारंगी भूमि के प्रारंभिक सर्वे में शामिल 1269
ग्रामों के सर्वे-सीमांकन उपरांत किसी भी ग्राम की कोई भी भूमि भारतीय वन अधिनियम,
1927 की धारा-27 एवं धारा-34(अ) के तहत डीनोटीफाईड नही की गयी । (ग) जी हॉ । (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । पत्रों में उल्लेखित विषय
सुझावात्मक है । विषयों पर नीतिगत निर्णय लिये जाने, की समय सीमा बताया जाना संभव
नही है ।
बैतूल जिलांतर्गत वन ग्राम
55. ( क्र. 930 ) श्री हेमन्त
विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बैतूल
जिले में वन विभाग के अंतर्गत कुल कितने वन ग्राम हैं ? (ख) बैतूल जिले में किस वन
ग्राम में वन ग्राम नियम 1977 के अनुसार कितने आदिवासियों एवं कितने गैर-आदिवासियों
को चार हैक्टर से कम की कितनी भूमि के कितने पट्टे तथा चार हैक्टर से अधिक भूमि
के कितने पट्टे वितरित किये गये है ? सूची उपलब्ध करायें ? क्या पुराने पट्टों की
नवीनीकरण हुआ है ? यदि हां, तो कितने पट्टे नवीनीकृत किये गए हैं ? (ग) जनवरी 2008
से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने आदिवासियों एवं कितने गैर-आदिवासियों को चार
हैक्टर से कम भूमि के कितने वन अधिकार पत्र कितना वितरित किये गये हैं ? कितने
दावों को अमान्य किया गया है ? अमान्य किये जाने के क्या कारण हैं ? (घ) वन
विभाग के पास उपलब्ध अभिलेखों में किस वन ग्राम 31-12-1976 तक किस वन ग्राम में
कितनी भूमि पर काबिज कितने आवदिवासियों एवं कितने गैर-आदिवासियों को जनवरी 2008 के
बाद वन अधिकार पत्र दिये गए है ? 24-100 तक के काबिज कितने अतिक्रमणकारियों को
कितनी भूमि के वन अधिकार पत्र वितरित किये गए ?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जिले में 92 वनग्राम हैं । (ख) प्रश्नांकित जिले
में वनग्राम नियम, 1977 के अन्तर्गत 717 आदिवासियों एवं 86 गैर आदिवासियों को चार
हेक्टेयर से कम कुल 1989.143 हेक्टेयर वनभूमि पर तथा 800 आदिवासी एवं 65 गैर
आदिवासियों को चार हेक्टेयर से अधिक के कुल 4277.116 हेक्टेयर वनभूमि के पट्टे
वितरित किये गये । जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट 'अ' अनुसार है । वर्ष
1997 में 1668 पुराने पट्टे नवीनीकृत किये गये । (ग) प्रश्नांकित अवधि में वन
वृत्त बैतूल के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन
अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत 4149 आदिवासियों को 7572.776 हेक्टेयर
वनभूमि पर चार हेक्टेयर से कम के अधिकार पत्र वितरित किये गये । 7633 दावों को
पात्रता के मापदण्ड पूर्ण नही करने के कारण अमान्य किया गया । (घ) बैतूल जिले में
92 वनग्रामों में दिनांक 31.12.1976 तक के 673 आदिवासियों को 1605.022 हेक्टेयर
वनभूमि पर जनवरी 2008 के बाद वन अधिकार पत्र दिये है । जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है । गैर आदिवासियों को अधिकार पत्र नही दिये गये हैं ।
दिनांक 24.10.1980 तक के अतिक्रामकों में से 1321 को 2349.232 हेक्टेयर वनभूमि पर
अधिकार पत्र वितरित किये गये ।
भोपाल, राजगढ़ एवं सिहोर जिलों
में उद्योग के लिए आवंटित भूमि
56. ( क्र. 932 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल,
राजगढ़ एवं सिहोर जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन उद्योग के लिए आवंटित
भूमि/प्लाट किन-किन कारणों से निरस्तीकरण किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत किये गये
है जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी दें ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त औद्योगिक
क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूल सुविधाओं पर विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि
व्यय की जा चुकी है ?(ग) क्या उद्योग विभाग द्वारा मूलभूमि सुविधाऐ उपलब्ध नहीं
कराने के कारण उद्योगपति उद्योग स्थापित नहीं कर सके है और विभाग द्वारा भूमि
आवंटन की शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर आवंटन आदेश निरस्त कर दिये गये है ?(घ)
यदि हां तो उक्त निरस्तीकरण के कितने प्रकरण में उद्योगपतियों द्वारा मा. उच्च
न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किये है तथा किन-किन ने शासन/ विभाग में अपील की
है ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख)
उद्योग संचालनालय एवं म0प्र0 औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल से संबंधित
जानकारियॉ क्रमश: पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 एवं 2 अनुसार है। (ग)
भूमि आवंटन नियम की शर्तो एवं निष्पादित लीजडीड की कंडिकाओं के उल्लघंन पाये जाने
पर निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 एवं 2 में किए गए उल्लेख अनुसार है।
प्रदेश में
इन्वेस्टर मीट पर व्यय-राशि
57. ( क्र. 937 ) डॉ. गोविन्द
सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से
प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में इन्वेस्टर मीट का कहां-कहां पर कब-कब आयोजन किया
?(ख) उक्त मीट में किन-किन उद्योगपतियों ने कौन-कौन से उद्योग के लिए आनलाईन
पंजीयन कराया था इनमें किन-किन उद्योगपतियों को कहां-कहां पर किस मद में
कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई और कौन-कौन से उद्योग प्रारंभ हो चुके है तथा कितने
प्रारंभ करने की दिशा में अग्रसर है ?(ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में
विदेशी पूंजी निवेश के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्योग मंत्री जी ने किस-किस देश
की कब-कब यात्राए की उनके साथ कौन-कौन अधिकारी उद्योगपति एवं अन्य लोग गये थे इन
विदेशी यात्राओं में शासन की कुल कितनी राशि व्यय की गई ?
उद्योग मंत्री
( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) वर्ष 2014 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स
समिट का आयोजन दिनांक 08 से 10 अक्टूबर 2014 को इन्दौर में आयोजित की गई। (ख)
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2014 के दौरान एम.पी. ट्रायफेक के बेवपोर्टल पर
निवेशकों द्वारा ऑनलाईन निवेश आशय प्रस्ताव दर्ज किए गए विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं आवंटित भूमि की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
प्रारंभ हो चुके उद्योगों एवं विभिन्न चरणों में क्रियान्वयन अधीन उद्योगों की
जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 पर है। (ग)
मुख्यमंत्री उद्योगमंत्रीजी द्वारा दिनांक 07 से 15 जून 2014 तक साउथ अफ्रीका की
यात्रा की एवं 19 से 22 अगस्त 2014 तक यू.ए;ई; (दुबई व आबूधावी) यात्रा की गई,
प्रतिनिधि मंडल व अन्य सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-5 अनुसार है। इन विदेश यात्राओं पर शासन की कुल राशि रूपये 1.48 करोड् का
व्यय हुआ।
इंदौर स्टेडियम में शूटिंग रेंज का
निर्माण
58. ( क्र. 939 ) श्री जितू
पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या
इंदौर स्थित नेहरू स्टेडियम में निशानेबाजों के लिये 20 लाख रू. खर्च कर
अत्याधुनिक शूटिंग रेन्ज का निर्माण वर्ष 2013 में किया गया था ?(ख) क्या
विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के कारण इस शूटिंग रेन्ज को बंद किया जाकर शूटिंग रनेज
सेटअप को हटा दिया गया था ?(ग) प्रश्नांक (क) एवं (ख) का उत्तर हां है तो चुनाव
प्रक्रिया सम्पन्न होने के दो वर्ष बाद भी शूटिंग रेन्ज सेटअप पुन: स्थापित
क्यों नहीं किया गया ?(घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में, उपरोक्तानुसार हटाये
गये शूटिंग रेन्ज सेटअप की स्थापना कब तक कर दी जावेगी ?
उद्योग मंत्री
( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) जी नहीं । शूटिंग रेंज का निर्माण वर्ष 2011 में किया गया था । (ख)
जी हाॅं । (ग) चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के कारण शूटिंग रेन्ज के हाॅल
का उपयोग चुनाव कार्यो के लिये निरंतर किए जाने के कारण इस हाॅल पर पुनः शूटिंग
रेंज स्थापित नहीं हो पा रही है । (घ) पुनः शूटिंग रेंज की स्थापना की निश्चित तिथि
बताई जाना संभव नहीं है ।
शासकीय मंदिरों में पुजारी की
नियुक्ति
59. ( क्र. 947 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों में कितने मंदिर स्थित हैं ? इनमें
से कितने मंदिरों के लिये शासकीय पुजारी नियुक्त कर दिये गये हैं ? पुजारी का नाम
मय मंदिर के नाम सहित जानकारी स्पष्ट करें ?(ख) ऐसे कितने मंदिर हैं जहां मंदिर
में पुजारी नहीं है ? उन मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति कब तक हो पायेगी ?
नियुक्ति पुजारियों को कब तक का मानदेय दे दिया गया है, जो शेष हैं, उन्हें कब तक
दे दिया जायेगा ? (ग) शासकीय पुजारी नियुक्त करने की प्रक्रिया क्या है ? क्या
उसमें समय सीमा निर्धारित की गई है ? अगर हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों नहीं ?
नियमों/निर्देशों की प्रति के साथ जानकारी दें ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती
यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) (ख) (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही
है।
अनुपपुर में मंदिरों की संख्या
60. ( क्र. 948 ) श्री
फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी
कि (क) अनूपपुर जिले में कितने मंदिर हैं ? (ख) क्या मंदिर निर्माण अनाधिकृत व
अवैध हैं, तो इनके रख रखाव की क्या व्यवस्था है ? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ
में उक्त मंदिरों के संचालन हेतु क्या पुजारियों की व्यवस्था हेतु पंडितों की
भर्ती की जावेगी ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) :
(क) (ख) (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।
वन
सुधार व नवीन वृक्षारोपण का कार्य
61. ( क्र. 958 ) श्री हर्ष
यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सागर जिले को वर्ष
2013-14, 2014-15, 2015-16 में वन विभाग को बिगड़े वनों का सुधार, नवीन वृक्षारोपण,
वन सुरक्षा, वन समितियों को अनुदान आदि के लिए वनमंडल वार कितनी-कितनी राशि वर्षवार
प्राप्त हुई ?(ख) प्रश्नांश (क) वर्णित प्राप्त राशि का व्यय किन-किन कार्यों
में कहां-कहां, किस-किस के द्वारा किया गया और कहां-कहां वन सुधार किया गया ?
किन-किन स्थलों पर नवीन वृक्षारोपण किया गया ? (ग) क्या सागर जिले को प्राप्त
राशि का विभाग द्वारा भारी दुरूपयोग किया गया और अनियमित व्यय किया जाकर कागजी
खानापूर्ति की गई है ? क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी समीक्षा की
जाकर भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन कराया जाएगा ? यदि हां, तो कब तक ? नहीं तो क्यो
?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1 में है। वन समितियों को बिगड़े वनों का सुधार, चयन सह सुधार, सुधार
कार्यवृत्त तथा वृक्षारोपण क्षेत्रों के रखरखाव हेतु सुरक्षा के एवज में राशि
प्रदान की जाती है। समितियों को अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग) जी नहीं। सागर जिले के अन्तर्गत वनमंडल उत्तर
सागर/दक्षिण सागर एवं नौरादेही वन्यप्राणी वनमंडल सागर को प्राप्त राशि का उपयोग
वानिकी कार्यो में किया गया है। कराये गये कार्यो का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन
विभाग के निर्देशों के अनुसार समय-समय पर किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग एवं पीआईयू जिला शिवपुरी द्वारा
कराये गये कार्य
62. ( क्र. 991 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) लोक
निर्माण विभाग एव पीआईयू जिला शिवपुरी द्वारा वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक
पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये
गये है एवं कौन-कौन से कार्य वर्तमान में कराये जा रहे है व उनकी अद्यतन स्थिति
क्या है कार्यवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें ?(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार
उक्त निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय सीमा निर्धारित की गयी थी
समयावधि में कितने कार्य पूर्ण किये गये व ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो समयावधि
पूर्ण होने के पश्चात् भी पूर्ण नहीं किये गये है व उसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार
है अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेगें समय अवधि बतावें ?
लोक
निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र
अ, अ-1, अ-2 अनुसार एवं प्रपत्र ब, ब-1, अनुसार है । वर्तमान में मोहना-पोहरी मार्ग
का उन्नयन कार्य म0प्र0 डिस्ट्रक्ट कनेक्टीविटी सेक्टर प्रोजेक्ट ए0डी0बी0
वित्त पोषित योजना के अंतर्गत कराया जा रहा है । कार्य की अद्यतन स्थिति अनुसार
कार्य चैनेज 26+500 से 30+000 तक प्रगति पर है ।(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र अ, अ-1, अ-2 एवं प्रपत्र ब, ब-1 अनुसार है ।
धौलागढ़ से
मगरौनी वाया डोंगरी सड़क का निर्माण
63. ( क्र. 992 ) श्री प्रहलाद
भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्या
प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 81 (क्र. 1294) दिनांक 23 जुलाई 2015 के उत्तर
में अवगत कराया गया था कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषित धौलागढ़ से मगरौनी
वाया डोंगरी तक स्वीकृत सड़क निर्माण हेतु वन विभाग से अनुमति दिनांक 13.04.2015
को प्राप्त हो गयी है ? यदि हां, तो उक्त सड़क का निर्माण कार्य आज दिनांक तक
प्रारंभ क्यों नहीं किया गया स्थिति स्पष्ट करें ?(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ
में उक्त सड़क की अद्यतन स्थित क्या है स्पष्ट बतावें ? उक्त सड़क निर्माण
कार्य कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा ? समय अवधि बतावें
?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हॉं ।
पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।(ख) उत्तरांश ‘क’
अनुसार । वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है ।