मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 10 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पेयजल
समस्या का
समाधान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( *क्र. 950 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पानी की विकराल समस्या को देखते हुए हैण्डपंप लगवाए जाने हेतु क्या बजट आवंटन उपलब्ध नहीं है? यदि बजट उपलब्ध है तो हैंडपंप क्यों नहीं लगवाये जा रहे हैं? (ख) विगत छ: महीनों में पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ कितने हैण्डपंप लगवाये गये हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) मझगाय बांध पेयजल योजना अन्तर्गत जल निगम द्वारा ग्रामों में पाईप लाइन तो बिछा दी गई है लेकिन बांध निर्माण अभी तक नहीं हुआ तो कब तक गांवों में पानी पहुँचा दिया जायेगा? (घ) क्या गर्मी में पन्ना जिले में पानी की विकट समस्या को देखते हुए केन नदी से पानी पन्ना शहर तक पहुँचाने के लिये कोई योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं अपितु निर्धारित लक्ष्य अनुसार हैण्डपंप लगवाये जा रहे हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मझगाय बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग पन्ना द्वारा किया जा रहा है, जो प्रगतिरत है। बांध पूर्ण होने के पश्चात जलप्रदाय किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (घ) वर्तमान में नगर पालिका परिषद् पन्ना द्वारा कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
बालाघाट जिले में धान की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( *क्र. 276 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने क्विंटल धान खरीदी की गयी? धान खरीदी की आखिरी तारीख क्या थी? बालाघाट जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक क्यों नहीं हुआ है? इस हेतु कौन दोषी है? (ख) क्या बालाघाट में सरकार द्वारा निर्धारित तारीख खत्म होने के बाद भी धान खरीदी की गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस नियम से और कितने क्विंटल धान खरीदी की गई और किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है? (ग) क्या प्रबंधक, विपणन सहकारी संघ बालाघाट द्वारा प्रति क्विंटल 1400/- रूपये किसान को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी प्रबंधक के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें और किसानों को बची राशि का भुगतान कब तक करायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 407870.15 मे. टन धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि दिनांक 15 नवम्बर, 2018 से 15 जनवरी, 2019 तक निर्धारित की गई थी। समस्त पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन करने हेतु उपार्जन की अवधि दिनांक 25 जनवरी, 2019 तक बढ़ाई गई। समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कुल राशि रू. 713.77 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। किसानों को भुगतान शेष नहीं होने से किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बालाघाट जिले में धान उपार्जन की अवधि 25 जनवरी, 2019 निर्धारित की गई थी। उपार्जन के अंतिम दिवस में अपनी उपज विक्रय करने के लिए आने वाले किसानों को उपार्जन केन्द्र से ऑनलाइन टोकन जारी किए गए थे। जिन किसानों के दिनांक 23 से 25 जनवरी के मध्य टोकन जारी किए गए थे किन्तु उनकी उपज की तौल नहीं की जा सकी थी, ऐसे टोकनधारी किसानों से दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्चात भी खरीदी की अनुमति दी गई। दिनांक 25 जनवरी के पश्चात 19,679.08 मे. टन धान का उपार्जन किया गया। किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता की धान का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 759 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनके संचालन की जगह कहाँ-कहाँ है? जिले के महिला बाल विकास अधिकारियों को वर्ष में कितनी बार निरीक्षण करने के निर्देश जारी किये गये हैं? जारी निर्देश की प्रति देते हुए बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा जारी आदेशों निर्देशों एवं तय गाइड-लाइन के पालन में संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण के दौरान उपयोग किये गये वाहन का क्रमांक व लॉगबुक एवं टूर डायरी (मासिक दैनिक नंदनी) का विवरण भी उपलब्ध करावें। उपरोक्त जानकारी वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक की वर्षवार एवं माहवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में निरीक्षण के दौरान किन-किन पर किस-किस स्तर की कार्यवाही प्रस्तावित की गयी? वर्तमान में कार्यवाही की स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार तय गाइड-लाइन एवं जारी निर्देशों का पालन न करने, अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाहन न करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों व जनपद महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण न करने के कारण क्या शासन की विभागीय योजना प्रभावित हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) भिण्ड जिले में कुल 2082 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 369 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उनके संचालन के स्थान की जानकारी एवं विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण से संबंधित निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जारी निर्देशों एवं तय गाइड-लाइन का आंशिक रूप से पालन कर भिण्ड जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये हैं। निरीक्षण के दौरान वर्ष 2016-17 से दिनांक 11/04/2019 तक वाहन क्रमांक-एम.पी.02 ए.व्ही. 1391 मैक्स एवं दिनांक 12/04/2019 से प्रश्न दिनांक तक एम.पी.30 सी. 6227 बुलेरो का उपयोग किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारियों की विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल पर दर्ज मासिक दैनंदिनी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 की लॉगबुक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष अवधि की लॉगबुक उपलब्ध न होने के कारण संबंधितों पर शास्ति अधिरोपण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाकर माह अप्रैल 2016 से अप्रैल 2019 में संबंधित कार्यकर्ता, उप कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का मानदेय कटौत्रा की कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) विभागीय योजनाएं नियमानुसार एवं शासन के मापदण्डों के अनुसार संचालित की जा रहीं हैं।
सबला योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( *क्र. 805 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सबला योजना अंतर्गत वर्ष 2014 से दिसम्बर 2018 तक किशोरी बालिकाओं के व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु कितनी राशि प्रदान की गई? कितनी बालिकाओं को किस प्रशिक्षक के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया? उस पर कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या मंगल दिवस का कार्यक्रम आंगनवाड़ियों में होता है? उक्त आयोजन हेतु शासन द्वारा केन्द्र को कितनी राशि प्रदाय की जाती है? रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस परियोजना में कितनी राशि आवंटित की गई? केन्द्रवार हितग्राहियों की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रदेश में आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो रीवा जिले में कितने आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये गये हैं? उन केन्द्रों को कितनी राशि प्रदान की गई है? क्या उक्त योजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ तो किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जायेगी, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सबला योजना अंतर्गत वर्ष 2014 में प्रदेश के 15 जिलों में व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु प्रदाय राशि, बालिकाओं की संख्या, प्रशिक्षक जिनके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया एवं उस पर खर्च राशि का जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। वर्ष 2015 से दिसम्बर 2018 तक व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई है। अतः शेष के संबंध में प्रश्न नहीं उठता। (ख) हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र को समुदाय आधारित गतिविधियों (मंगल दिवस) आयोजन हेतु प्रतिमाह 500 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं एवं आंगनवाड़ियों को आवंटित की गई प्रथम त्रैमास में राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
परियोजना का नाम |
परियोजना अंतर्गत कुल आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
परियोजना अंतर्गत प्रथम त्रैमास में प्रदत्त आवंटन |
गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रथम त्रैमास में प्रदत्त आवंटन |
रायपुर कर्चुलियान-1 |
226 |
3,39,000 |
82 |
1,23,000 |
रायपुर कर्चुलियान-2 |
126 |
1,89,000 |
106 |
1,59,000 |
रीवा ग्रामीण-1 |
222 |
3,33,000 |
77 |
1,15,500 |
रीवा ग्रामीण-2 |
135 |
2,02,500 |
131 |
1,96,500 |
कुल |
709 |
10,63,500 |
396 |
5,94,000 |
वित्तीय वर्ष 2019-20 में गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार संख्यात्मक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) हाँ। रीवा जिले में 145 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाए गए हैं इनमें से 64 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति केन्द्र 1 लाख रूपये तथा 81 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति केन्द्र 50 हजार रूपये की राशि प्रदान की गई है। उक्त योजना में भ्रष्टाचार की स्थिति नहीं है। अतः शेष के संबंध में प्रश्न नहीं उठता।
संभागीय कार्यालय से बसों को परमिट जारी किया जाना
[परिवहन]
5. ( *क्र. 446 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यात्री परिवहन हेतु संभागीय कार्यालय से बसों को परमिट जारी करने हेतु क्या प्रावधान हैं? कितने-कितने समय अंतराल से यात्री बसों हेतु परमिट जारी किये जाते हैं? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उपरोक्त नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिये कौन जिम्मेदार है? नाम एवं पदनाम बताएं। (ग) क्या इस प्रावधान में जिला स्तरीय परिवहन कार्यालय द्वारा अनुशंसा प्राप्त की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्तमान में बैतूल जिले के लिए कितनी यात्री बसों का पंजीयन किया गया है? बैतूल बस स्टैण्ड से प्रस्थान समयानुसार यात्री बसों की सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यात्री परिवहन हेतु मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 69, 70, 71, 72, 73, 74, 87 एवं 88 में तथा केन्द्रीय मोटरयान नियम 82, 83, 84, 85 तथा म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 72 के प्रावधानों अनुसार परमिट जारी किये जाते हैं। समय अंतराल के संबंध में मोटरयान अधिनियम में किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं किया गया है। संभागीय परिवहन प्राधिकार द्वारा आवेदन प्राप्त करने के पश्चात विधिवत सुनवाई की जाती है तथा मार्ग पर विद्यमान आवश्यकताओं के आधार पर नवीन अनुज्ञा पत्र जारी किये जाते हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियमों का पालन किया जा रहा है। (ग) जिला स्तरीय परिवहन कार्यालय से अनुशंसा लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु संभागीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की हैसियत से कार्य करता है तथा अनुज्ञा पत्र संबंधी समस्त नस्तियों को अध्यक्ष क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के समक्ष निराकरण हेतु प्रस्तुत करता है। (घ) जिला परिवहन कार्यालय बैतूल में पंजीकृत यात्री बसों की संख्या 391 है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा बस स्टैण्ड बैतूल से विभिन्न मार्गों को जाने वाली बसों के प्रस्थान समय की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अनुसूचित क्षेत्रों में स्थापित शासकीय एवं निजी कॉलेज
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( *क्र. 719 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में कितने शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले गये? इसके अतिरिक्त कितने शासकीय एवं निजी पैरा-मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज खोले गए? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में कितने प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के समक्ष विचाराधीन हैं एवं कितने शासकीय पैरा-मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज खोले जाने हैं? उक्त समस्त प्रस्तावों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्यता को दृष्टिगत रखते हुए जिला धार के मनावर विधान सभा क्षेत्र में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में कोई कार्ययोजना तैयार कराए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित क्षेत्र जिला धार, विधान सभा क्षेत्र मनावर में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री को वर्ष 2019 में लिखित आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? आगामी बजट सत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्या माननीय मंत्री महोदय घोषणा करेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। पैरामेडिकल की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शासकीय एवं अशासकीय नर्सिंग कॉलेज की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में दो प्रस्ताव (1) जिला भिण्ड (2) जिला सिंगरौली से प्राप्त हुए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मनावर में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने संबंधी विभाग में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं।
पेयजल योजना के क्रियान्वयन में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 185 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा चंबल नदी के डाउन स्ट्रीम में स्थित 22 गांवों की पेयजल योजना के टेण्डरों की स्वीकृति किस कंपनी को कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करने के अनुबंध के तहत स्वीकृति प्रदान की गयी है? उक्त योजना में कितना कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितना कार्य शेष है? प्राक्कलन की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत कितने गांवों में टंकियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कितनी टंकियां अधूरी हैं? कितनी टंकियों का कार्य अप्रारंभ हैं? (ग) उक्त योजनांतर्गत कितने क्षेत्रों में पाईप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने गांवों में अपूर्ण/अप्रारंभ है? (घ) क्या उक्त योजना हेतु फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ड.) उक्त योजना के विलंब का क्या कारण है? योजना विलंब होने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (च) उक्त योजना के तहत कब तक चंबल नदी से प्रदूषित गांवों में फिल्टर पानी उपलब्ध करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मे. पी.सी. स्नेहल कन्स्ट्रक्शन कम्पनी, अहमदाबाद (गुजरात) को 18 माह की समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। योजना में लगभग 73 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 27 प्रतिशत कार्य शेष है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 16 गांवों की टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, 4 टंकियों का कार्य प्रगतिरत है। किसी भी टंकी का कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ग) 22 ग्रामों/क्षेत्रों में पाईप लाइन बिछाने का लगभग 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 45 प्रतिशत कार्य प्रगतिरत है। सभी गांवों में कार्य प्रारंभ है। (घ) जी हाँ। (ड.) योजना में क्लीयर वाटर पंपिंग मेन पाईप लाइन की रेलवे क्रासिंग की अनुमति एवं एम.बी.आर. निर्माण हेतु भूमि आवंटन में देरी होने से कार्य करने में विलंब हुआ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (च) योजना प्रगतिरत है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 974 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में केन्द्र/राज्य की विभिन्न पेयजल योजनाएं ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु क्रियान्वित की जा रही हैं एवं नवीन योजनाएं विभागीय रूप से शासन को अग्रेषित की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी नलजल योजनाएं शासन से स्वीकृत होकर पूर्ण हुईं, अपूर्ण रहीं, अप्रारंभ रहीं तथा उक्त वर्षों में कितने प्रस्ताव भेजे? उनमें से कितने स्वीकृत हुए, कितने अस्वीकृत हैं तथा कितने प्रस्ताव शासन के पास लंबित हैं? क्या स्वीकृत योजनाओं में से पूर्ण होने के पश्चात योजनाएं विभिन्न कारणों से पेयजल वितरण करने में सफल नहीं हुईं? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) उपरोक्त वर्षों में उपरोक्त योजनाओं के माध्यम से अथवा अन्य माध्यमों से भी क्या कोई और प्रस्ताव ग्राम पंचायतों, विभिन्न जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी तब से लेकर अब तक की गई विभिन्न मांगों पर नये प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई? शेष रहे प्रस्तावों की जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) 100 नलजल योजनाएं स्वीकृत हुईं, 64 पूर्ण, 7 अपूर्ण एवं 29 अप्रारंभ। 100 नलजल योजनाओं के प्रस्ताव भेजे गये। सभी 100 प्रस्ताव स्वीकृत, कोई भी लंबित नहीं हैं। स्वीकृत योजनाओं में से पूर्ण होने के पश्चात योजनाएं पेयजल वितरण करने में सफल रहीं हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सभी माध्यमों से प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। माननीय विधायक एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 13 ग्रामों की आवर्धन नलजल योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
मुरैना जिलांतर्गत नलजल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( *क्र. 540 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्र. 60 में वर्ष 2018-19 में 1650 बसाहटों में मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना का कार्य प्रारंभ कराये जाने का लक्ष्य है एवं एक करोड़ से अधिक लागत वाली 255 नवीन योजनाएं नवीन मद के रूप में बजट में सम्मिलित किये जाने का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो 1650 बसाहटों में मुरैना जिले के कौन-कौन से ग्राम किन-किन विधान सभा क्षेत्रों के शामिल हैं। (ग) मुरैना जिले की विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना के कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से कराये गये व उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना हेतु कोई मार्गदर्शिका है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
किसानों की उपज का क्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( *क्र. 642 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों की फसल खरीदी में खरीदी केन्द्रों द्वारा की गई अव्यवस्था, पोर्टल बन्द होने एवं चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण समस्त किसानों का न तो पंजीयन हो पाया एवं जिनका पंजीयन हो गया था उनके फसल की खरीदी नहीं हो पाई है एवं क्या उक्त संदर्भ में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराकर सक्षम कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन किसानों की किस-किस फसल की कितनी खरीदी नहीं हो पाई है? क्या इन किसानों की खरीदी अवधि बढ़ाकर उनके फसल की खरीदी की जावेगी या उनके फसल की बोनस राशि उन्हें प्रदाय की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में किसानों की खरीदी गई समस्त फसलों की राशि उनके खाते में कब तक भेज दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी उपार्जन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 21 जनवरी, 2019 से 23 फरवरी, 2019 तक निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर दिनांक 14 मार्च, 2019 तक किया गया। इसके अतिरिक्त रीवा जिले में पृथक से कृषकों का पंजीयन दिनांक 01 से 03 अप्रैल तक भी कराया गया। रबी विपणन वर्ष 2019-20 में रीवा जिले में कुल 52,132 कृषकों का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर किया गया है, जिसमें से लगभग 29,955 कृषकों द्वारा गेहूँ विक्रय किया गया है। (ख) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत खरीदी केन्द्र रूपौली (दादर)-40, बड़ागांव-183, हरदुआ-38, चचाई-3 एवं भमरा-80 कुल 344 किसानों से उपार्जन अंतिम दिनांक 24.05.2019 तक गेहूँ की तौल नहीं हो सकी थी, जिनकी खरीदी निर्धारित अवधि के पश्चात की गई है। (ग) उत्तर दिनांक तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ राशि रू. 224.87 करोड़, जो कि 97.5 प्रतिशत है, का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष मात्रा की FAQ स्वीकृति एवं खाता सुधार की व्यवस्था प्रक्रिया जारी है।
निस्तार/चरनोई के लिए आवंटित भूमि का परिवर्तन
[राजस्व]
11. ( *क्र. 880 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के ग्राम पोचानेर की भूमि सर्वे नम्बर 1839 एवं 1687 निस्तार चरनोई व रास्ते की है, जिसको कलेक्टर जिला शाजापुर के आदेश दिनांक 16/03/1981 से आवंटन हेतु परिवर्तित किया गया है? क्या निस्तार चरनोई व रास्ते की भूमि को एक व्यक्ति की मांग पर परिवर्तित किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि आवंटन हेतु परिवर्तन करने के पूर्व अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर का अभिमत क्या था? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि को रामसिंह पिता हिन्दु सिंह को आवंटित करने के पीछे क्या सार्वजनिक हित थे? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि का आवंटन सार्वजनिक हित न होने से आवंटन आदेश निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 30/अ-59/1980-81 दिनांक 16.03.1981 के द्वारा परिवर्तित किया गया। तत्समय मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की गयी थी। (ख) सार्वजनिक हित में भूमि को अलाटमेंट हेतु धारा 237 (1) में परिवर्तित करना प्रासंगिक व उचित नहीं होगा। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि को रामसिंह पिता हिन्दुसिंह को आवंटित करने के पीछे सार्वजनिक हित नहीं थे वरन तत्समय प्रचलित 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत भूमि कृषि कार्य हेतु आवंटित की गयी थी। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जे.पी. पावर प्लांट की खाली जमीन का अधिग्रहण
[राजस्व]
12. ( *क्र. 366 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जे.पी. पावर प्लांट बीना के द्वारा विधान सभा क्षेत्र बीना के जिन किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई थी, उसका कई वर्षों से उपयोग नहीं हो रहा है? (ख) क्या अधिग्रहण के समय एक समझौता हुआ था कि यदि 03 वर्ष तक अधिग्रहण की जमीन का उपयोग नहीं होता है तो अधिग्रहित भूमि किसानों को वापिस कर दी जावेगी? (ग) म.प्र. शासन द्वारा किसानों के हित में क्या योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो कब तक बनाई जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) अधिग्रहित भूमि के संबंध में भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 41 अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्यपाल (कलेक्टर सागर) व बीना पॉवर सप्लाई कंपनी लिमिटेड के मध्य हुए करार दिनांक 08/07/1997 में उल्लेख यह नहीं है कि यदि 03 वर्ष तक अधिग्रहण की गई जमीन का उपयोग नहीं होता है तो अधिग्रहित भूमि किसान को वापिस कर दी जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में आवश्यक नहीं।
सिवनी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
13. ( *क्र. 609 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जाने हेतु निर्माण कार्य प्रारंभ है? मेडिकल कॉलेज हेतु किये जा रहे निर्माण कार्य को क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? वर्तमान निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) सिवनी जिले के आमजनों की चिकित्सा सुविधा को देखते हुए सिवनी में मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किये जाने के संबंध में सम्पूर्ण औपचारिकताओं व प्रकियाओं को कब तक पूर्ण करते हुए मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किये जाने में विभाग द्वारा किये जा रहे विलंब का क्या कारण है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। मंत्रिपरिषद से अक्टूबर 2018 में अनुमति पश्चात 05/03/2019 में कलेक्टर से भूमि प्राप्त होकर निर्माण एजेंसी द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर विधान सभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
14. ( *क्र. 460 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा विभागों को विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों हेतु भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें विभागों द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु भूमि की मांग की गई। विभागानुसार जानकारी प्रदाय करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में भूमि आवंटन हेतु विभाग ने कब-कब पत्र लिख कर मांग की है? उपरोक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? भूमि आवंटन में क्या दिक्कत आ रही है? इसे कैसे दूर किया जा सकता है? प्रकरणवार जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र की भाग चार खण्ड एक की कंडिका 36 में शासकीय विभागों को उनकी योजना/परियोजनाओं के निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण के प्रावधान हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशष्ट पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशष्ट पर है। भूमि आवंटन में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। योजना के अनुसार शासकीय भूमि उपलब्ध न होने के कारण कुछ प्रकरण लंबित रहते हैं।
ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी का मुआवजा
[राजस्व]
15. ( *क्र. 165 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में विगत दिनों में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ओलावृष्टि एवं ठण्ड से किन-किन ग्रामों में फसल नुकसान हुआ है? ग्रामों के नाम एवं प्रभावित किसानों की संख्या उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त वजह से हुए नुकसान में शासन द्वारा दी गई मुआवजा की राशि की जानकारी तथा किसानों की संख्या बताएं। (ग) ग्राम कोचरियाखेड़ी और सुरखेड़ा में ओलावृष्टि की त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट किस पटवारी द्वारा तैयार की गई थी तथा वर्तमान में पटवारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कोचरियाखेड़ी सहित वंचित किसानों को कब तक ओलावृष्टि से हुई नुकसानी का मुआवजा स्वीकृत किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में वर्ष 2019 में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 42 ग्रामों में प्रभावित 12188 किसानों की ओलावृष्टि से रबी की फसलों में नुकसानी हुई है। उक्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) फसल क्षति होने से 10601 किसानों को राशि 13,97,25,385/- रूपये वितरित की गई है। शेष 1587 किसानों के संयुक्त खाते होने से सहमति पत्र प्रस्तुत न किए जाने तथा सभी सह खातेदारों के नम्बर नहीं दिए जाने से एवं उनके मध्य विवाद होने से राशि वितरण हेतु शेष है। (ग) ग्राम कोचरियाखेड़ी एवं सुरखेड़ा में ओलावृष्टि की नुकसानी रिपोर्ट 5 से 10 प्रतिशत होने की रिपोर्ट पटवारी द्वारा दी गई है। हल्का पटवारी के द्वारा उक्त दोनों ग्रामों में आंशिक फसल नुकसानी के बाद भी ग्रामवासियों को सहायता राशि का आश्वासन दिया जाकर भ्रमित किये जाने से उसे निलंबित किया गया है। (घ) ग्राम कोचरियाखेड़ी में नुकसानी का प्रतिशत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में नहीं होने से मुआवजा स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष पात्र ग्रामों के किसानों को ओलावृष्टि से हुई नुकसानी का मुआवजा स्वीकृत किया जा चुका है।
सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत नलजल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( *क्र. 1083 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र क्र. 136 के ग्रामों में कुल कितने हैंडपंप लगे हुए हैं तथा कितनी नलजल योजनाएं स्वीकृत हैं? (ख) लगे हुए कुल हैंडपंपों में कितने हैंड पंप चालू हैं एवं कितने हैंडपंप बंद पड़े हैं तथा नलजल योजना की क्या स्थिति है? (ग) क्या बंद हैंडपंप की वजह से पेयजल संकट उत्पन्न हुआ है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? ग्रामों के नाम बतायें। (घ) विभाग ने क्या-क्या उपाय पेयजल संकट से मुक्ति के लिए किये हैं एवं स्वीकृत नलजल योजनाओं की क्या स्थिति है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 3695 हैण्डपंप लगे हुये हैं तथा 71 नलजल योजनायें स्वीकृत हैं। (ख) 3556 हैण्डपंप चालू व 139 हैण्डपंप विभिन्न कारणों से बंद हैं। नलजल योजनाओं की योजनावार स्थिति, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। नलजल योजनाओं की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।
वित्तीय अधिकार के विरूद्ध राशि का व्यय
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( *क्र. 1007 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय अधिकार पुस्तिका के अनुभाग एक प्रशासनिक मामले के सरल क्रमांक 1.21 के प्रावधानों के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को विभागाध्यक्ष तथा संचालक चिकित्सा शिक्षा को कार्यालय घोषित किये जाने के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) विभागाध्यक्ष कार्यालय में क्या दो आहरण एवं संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने के संबंध में वित्तीय अधिकार पुस्तिका में प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम 1.11 के प्रावधानों के संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आहरण एवं संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने के संबंध में जारी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की पदस्थापना के पश्चात संचालक चिकित्सा शिक्षा को कार्यालय प्रमुख घोषित किये जाने के संबंध में जारी न होने के बाद भी क्या संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा अपने स्तर से स्वयं को आहरण संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने तथा संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के लिए पृथक से आहरण संवितरण अधिकारी वित्तीय अधिकार पुस्तिका के प्रावधानों के विरूद्ध घोषित करने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या वित्तीय अधिकार पुस्तिका के प्रावधानों के विरूद्ध संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा संचालनालय में संधारित स्वशासी खाते से वित्तीय अधिकार न होते हुए भी संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा हजारों रूपये की राशि स्वल्पाहार भोजन एवं अन्य सामग्री क्रय करने के आदेश नियम विरूद्ध जारी कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी में भूमि का नामांतरण
[राजस्व]
18. ( *क्र. 1091 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी में ग्राम खतडगांव में जगदीश प्रसाद, अवध नारायण, कृष्णकांत, कैलाश चंद पिता द्वारका प्रसाद की कृषि भूमि सर्वे न. 9, 12, 13, 14 रकबा 2.504, 8.524, 8.322 एवं 04.034 की कृषि भूमि का फर्जी नामांतरण हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) फर्जी नामांतरण न होने से किसी कर्मचारी/अधिकारी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिलांतर्गत बंद नलजल योजनायें
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( *क्र. 385 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले की कौन-कौन सी नलजल योजना कब से एवं क्यों बंद है? उक्त योजनाओं को प्रारंभ करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन सी नलजल योजनायें चालू हैं? उनका संचालन कौन कर रहा है? (ख) जून 2019 की स्थिति में किन-किन नलजल योजनाओं, टंकी निर्माण, कूप निर्माण का कार्य अप्रारंभ एवं अपूर्ण है एवं क्यों? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) 15 जून, 2019 की स्थिति में कितने हैण्ड पम्प बंद हैं? उनको कब तक सुधरवाया जायेगा? विगत 2 वर्षों में विभाग ने किन-किन ग्राम पंचायतों को किस हेतु कितनी राशि दी? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये? (घ) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक हैण्डपम्प सुधरवाने, पाईप बढ़ाने के संबंध में खण्ड कार्यालय रायसेन को किन-किन माध्यमों से कब-कब सूचना/शिकायतें प्राप्त हुईं? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 46 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) कुल 488 हैण्डपम्प बंद थे। 52 हैण्डपम्पों को सुधार कर चालू कर दिया गया है एवं 436 हैण्डपम्प जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं, जो वर्षा उपरांत जलस्तर बढ़ने पर स्वतः चालू हो जायेंगे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' एवं ''5'' अनुसार है।
खाद्यान्न पर्ची जारी करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 787 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के अंतर्गत गरीबी रेखा कार्डधारी/अनु.जाति/जनजाति/संबल कार्डधारी हितग्राहियों/ उपभोक्ताओं की खाद्यान्न पर्ची उपभोक्ताओं/हितग्राहियों को प्राप्त क्यों नहीं हो रही है? क्रियान्वयन/खाद्यान्न वितरण हेतु किस दिनांक से लंबित हैं? (ख) क्या संपूर्ण प्रदेश के जनहित में खाद्यान्न पर्ची जनरेट करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की जावेगी? (ग) सागर जिले में प्रश्नांश (क) के कितने हितग्राहियों/उपभोक्ताओं की खाद्यान्न पर्चियाँ प्रश्न दिनांक तक क्रियान्वयन (पोर्टल के माध्यम से जनरेट) होने के लिए लंबित हैं? (घ) जिला सागर अंतर्गत उपरोक्त हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्चियाँ कब तक जनरेट की जायेंगी? तदोपरांत उन्हें राशन प्रदाय किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) सागर जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 4,13,068 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। सागर जिले में वर्तमान में समग्र पोर्टल पर 15,766 परिवार प्रदर्शित हो रहे हैं, जिन्हें इतनी ही संख्या के परिवारों के विलोपन उपरांत ही इन्हें प्राथमिकता श्रेणी के सीमा में खाद्यान्न हेतु पात्र श्रेणी में सम्मिलित किये जा सकते हैं। विलंब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों का सत्यापन एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयरन फ्रेम बोर्ड के भुगतान में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 1056 ) श्री सुनील सराफ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01.01.2016 से 30.11.2018 तक प्रदेश में आयरन फ्रेम बोर्ड कितने जिलों में कितने स्थानों पर लगाए गए? स्थान, जिले के नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) इसकी टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी वर्षवार, कार्यवार देवें। चयनित फर्म को किए भुगतान की जानकारी कार्यवार, वर्षवार देवें? इनके द्वारा प्रस्तुत बिलों की प्रमाणित प्रति का विवरण देवें। (ग) इनके भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जिलावार अधिकारी के नाम, पदनाम सहित देवें। रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति का विवरण कार्यवार, जिलावार देवें। (घ) जिन स्थानों पर बिना भौतिक सत्यापन के भुगतान कर दिया गया, उन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इनसे वसूली कब तक होगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) दिनांक 01/01/2016 से दिनांक 30/11/2018 तक प्रदेश में संचालनालय स्तर से लगवाये गये निम्नानुसार आयरन फ्रेम बोर्ड की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है: 1. वन स्टॉप सेन्टर, 2.पॉक्सो अधिनियम, 3.विभागीय योजनाएं (आयवायसीएफ, लालिमा, मंगल दिवस) 4. प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, 5. लाडली लक्ष्मी योजना (ख) बिन्दु क्रमांक (क) अनुसार आयरन फ्रेम बोर्ड लगवाये जाने का कार्य जनसम्पर्क संचालनालय से उनके द्वारा निर्धारित दरों पर कराया गया। इसलिये टेंडर प्रक्रिया की जानकारी निरंक है। (ग) जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा कार्य उपरांत प्रेषित पावतियों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) संचालनालय महिला एवं बाल विकास द्वारा जनसम्पर्क संचालनालय को विभागीय योजनाएं (आयवायसीएफ, लालिमा, मंगल दिवस) और प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, के आयरन फ्रेम बोर्ड का ही भुगतान किया गया। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5593, दिनांक 05/10/2018 और पत्र क्रमांक 5641, दिनांक 06/10/2018 द्वारा आयरन फ्रेम बोर्ड के सत्यापन की जाँच की जा रही है। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
शराब फैक्ट्रियों से ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी किए जाना
[वाणिज्यिक कर]
22. ( *क्र. 1033 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में शराब फैक्ट्रियों से शराब या अन्य किसी प्रोडेक्ट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने, अप्रैल 2019 एवं मई 2019 की किस दिनांक को किस नाम की फैक्ट्री के किस प्रकार के कितनी रकम के मटेरियल हेतु ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी किये गये? ट्रकों का नंबर देते हुये जारी सभी ऑफ लाइन ट्रांजिट पासों की एक-एक प्रति दें? (ख) क्या दिनांक 01.04.2019 एवं 01.05.2019 की तिथि में ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने पर रोक थी? किस-किस सक्षम कार्यालयों में केवल ऑनलाइन ट्रांजिट पास जारी करने के आदेश जारी किये थे? जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने के क्या नियम दिनांक 01.04.2019 से प्रश्नतिथि तक हैं, जारी सभी आदेशों की एक प्रति नियमों की प्रति के साथ उपलब्ध करायें। (ग) क्या धार जिले में प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने को राज्य शासन एवं कमिश्नरी आबकारी ग्वालियर वैध मानते हैं या अवैध? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित जारी ऑफ लाइन ट्रांजिट पास आबकारी विभाग ने या शराब फैक्ट्रियों के ट्रक ट्रांसपोर्टर ने पुलिस को किस दिनांक को सौंपे? पुलिस द्वारा उक्त गाड़ियां किन दिनांकों को पकड़ी? क्या उक्त गाड़ियों में पकड़े जाने के समय ऑनलाइन ट्रांजिट पास मौजूद थे? कौन आबकारी अधिकारी दोषी है? नाम/पदनाम दें।
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में कलेक्टर जिला धार से प्राप्त जानकारी अनुसार माह अप्रैल, 2019 एवं मई 2019 की अवधि में धार जिले में संचालित किसी भी आसवनी एवं मदिरा विनिर्माणी (बॉटलिंग) इकाई से किसी प्रकार का कोई ऑफ लाइन ट्रांजिट परमिट जारी नहीं किया गया है। तदनुसार प्रश्न से संबंधित जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में आबकारी आयुक्त ग्वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/520 दिनांक 24.04.2018 द्वारा मदिरा स्कंध का एक मदिरा दुकान से उसी प्रकार की अन्य मदिरा दुकान में स्थानांतरण ऑनलाइन परमिट पर करने बाबत निर्देश जारी किये गये थे। आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/565 दिनांक 02.05.2018 के द्वारा जब तक ऑनलाइन परिवहन परमिट का सॉफ्टवेयर तैयार नहीं होता है, तब तक राजस्व सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पूर्व की भांति ऑफ लाइन परिवहन पारपत्र जारी करने की अनुमति दी गई थी। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 16 मार्च, 2019 की कंडिका 34 में मदिरा दुकान में मदिरा स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन परमिट की व्यवस्था लागू की गई थी। मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग का ज्ञाप क्रमांक बी-2 (ए)/02/2019/2/पाँच दिनांक 24.05.2019 एवं आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/32/2019/738 दिनांक 03.06.2019 के द्वारा मदिरा दुकानों के संबंध में ऑनलाइन परमिट की अनिवार्यता समाप्त की गई है। उपरोक्त निर्देशों की प्रति विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आसवनी व मदिरा विनिर्माणी इकाई से ऑनलाइन पास की ही व्यवस्था है, तथापि दुकान से दुकान अंतरण में ऑन लाइन व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है और न ही ऑफ लाइन ट्रांसिट पास जारी किये जा रहे हैं जो वैध हैं। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शराब के अवैध परिवहन पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 461 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शराब परिवहन के परमिट ऑनलाइन जारी किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो परमिट पर संबंधित ट्रक के नम्बर सहित किस स्थान से किस स्थान हेतु परिवहन किया जा रहा है व मार्ग का भी उल्लेख किये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या आबकारी विभाग में पारदर्शिता व कार्य की सरलता को दृष्टिगत रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु स्टेट वाईड नेटवर्क से प्रदेश के जिला आबकारी कार्यालय को जोड़ा जा रहा है? प्रगति से अवगत करवायें। (घ) यदि आबकारी विभाग के पास सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग हेतु जिला स्तर तक नेटवर्क व संसाधन उपलब्ध हैं तो क्या विभाग शराब परिवहन में पारदर्शिता के उद्देश्य से शराब परिवहन परमिट के साथ संबंधित वाहन में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) लगाने की कार्य योजना पर कार्य कर रहा है? (ङ) यदि नहीं, तो वह कौन-कौन सी तकनीकी व व्यवहारिक कठिनाईयां विभाग को परिलक्षित हो रही हैं, जिसके कारण इस तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, आबकारी विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य में स्थापित समस्त विनिर्माणी इकाईयों (डी-1, एफ.एल. 9, एफ.एल. 9-ए, बी-3, बी-3ए, सी.एस.1-बी आदि), मदर डिपो (एफ.एल. 10-ए/10-बी) तथा देशी मदिरा भण्डागारों से ऑनलाइन परमिट जारी किये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, आबकारी विभाग में पारदर्शिता व कार्य की सरलता को दृष्टिगत रखते हुये सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु स्टेट वाईड नेटवर्क से प्रदेश के समस्त जिला आबकारी कार्यालयों को नेटवर्क संशोधन से जोड़ा गया है। जिसके माध्यम से आबकारी विभाग के कम्प्यूटराईजेशन के अंतर्गत ऑनलाइन कार्य किये जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। (ड़) प्रश्नांश (घ) के प्रकाश में आबकारी विभाग का कम्प्यूटराईजेशन वर्ष 2007 से प्रचलन में है, उस समय ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) पूर्ण रूप से परिपक्व नहीं होने के कारण जी.पी.एस. सिस्टम को कम्प्यूटराईजेशन प्रोजेक्ट के स्कॉप में शामिल नहीं किया गया था वर्ष 2007 में प्रयुक्त टेक्नॉलोजी वर्तमान में obsolete होने के कारण उसमें जी.पी.एस. सिस्टम लागू नहीं हो सकेगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिला स्व-सहायता समूहों की सहभागिता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
24. ( *क्र. 681 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत व्याप्त अनियमितता को रोकने हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ख) क्या PDS की दुकानों का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जा सकता है और यदि हाँ, तो तत्संबंधी कार्य योजना से सदन को अवगत करवायें? यदि नहीं, तो क्या वर्तमान प्रणाली में बदलाव कर महिला समूहों को इस व्यवस्था का हिस्सा बनाया जा सकता है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनियमितताओं को रोकने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन, PoS (पॉईट ऑफ सेल) से सामग्री वितरण, बायोमैट्रिक सत्यापन से 21,509 दुकानों में सामग्री वितरण लागू की गई है, इसके अतिरिक्त शासन आधार आधारित वितरण व्यवस्था लागू करने के साथ-साथ ऑटोमेशन कार्य पर्यवेक्षण सतत रूप से चालू रहता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मंशानुसार सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था एवं निगरानी समितियों के सक्रिय करने की कार्यवाही की जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विभिन्न गतिविधियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जाती है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार वर्तमान में जिन संस्थाओं की दुकान संचालन हेतु पात्रता है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में महिला संस्थाओं को यथासंभव एक-तिहाई उचित मूल्य दुकान देने का प्रावधान है। जिसमें महिला स्व-सहायता समूह सम्मिलित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-राजस्व संहिता के प्रावधान
[राजस्व]
25. ( *क्र. 5 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में सामान्य से सामान्य और अनुसूचित जनजाति से अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को भूमि क्रय करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार अनुसूचित क्षेत्र में सामान्य से सामान्य एवं अनुसूचित जाति/जनजाति से अनुसूचित जाति/जनजाति को भूमि क्रय पर लगे प्रतिबंध को हटावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सिर्फ कृषि भिन्न प्रयोजन वाली भूमियों के अंतरण के प्रकरणों में सामान्य से सामान्य वर्ग के नागरिकों को अनापत्ति प्रमाण लेना होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में लागू नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
भूमि पर
काबिजों को
पट्टे दिया जाना
[राजस्व]
1. ( क्र. 6 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद एवं इटारसी नगरीय सीमा में शासकीय भूमि पर काबिज कितने व्यक्ति मकान/झोपड़ी बना कर रह रहे हैं? नाम सहित वार्डवार जानकारी देते हुए यह भी बतावें कि ये कितने समय से काबिज है? (ख) उक्त में से कितने लोगों ने स्वयं या जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनवरी, 2018 से अक्टूबर, 2018 तक कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार होशंगाबाद/इटारसी को पट्टे हेतु आवेदन/अनुरोध किया गया? (ग) क्या शासकीय भूमि पर काबिज नागरिकों को भू-खंड आवंटन के संबंध में दो-तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा जारी निर्देशों के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा परिपत्र भी जारी किया गया था? यदि हाँ, तो परिपत्र की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टे कब तक दिये जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद जिले में शासकीय भूमि पर 2495 एवं नगर इटारसी में 81 व्यक्ति मकान/झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। नाम सहित वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जनवरी 2018 से अक्टूबर 2018 तक अनुविभागीय अधिकारी होशंगाबाद के समक्ष 90 लोगों द्वारा एवं अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के समक्ष 81 लोगों द्वारा पट्टे हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये। (ग) शासकीय भूमि पर काबिज नागरिकों को भू-खण्ड आवंटन के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) पात्रतानुसार पट्टे पूर्व में दिये जा चुके है शेष को पात्रता नहीं होने से पट्टा देने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
वाहनों के बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन
[परिवहन]
2. ( क्र. 65 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में पंजीकृत वाहनों के विवरण दर्ज है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस सॉफ्टवेयर से वाहनों की चेकिंग के दौरान बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन, ई-चालान एवं ई-पेमेंट किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो यह तकनीक प्रदेश के किन-किन जिलों में अपनाई जा रही है? जिले का नाम बतायें? (घ) यदि नहीं, तो क्या इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट हैंड डिवाइस के उपयोग से उपरोक्तानुसार व्यवस्थायें की जा सकती है? यदि हाँ, तो यह व्यवस्थायें कब तक लागू होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। परिवहन विभाग द्वारा सभी नवीन वाहनों का पंजीकरण कम्प्यूटराईज्ड माध्यम से किया जाता है तथा इन वाहनों से संबंधित समस्त डाटा परिवहन विभाग के सर्वर पर संग्रहित रहता है। (ख) नवीन वाहन के प्रथम पंजीकरण के दौरान वाहन का बीमा 1 वर्ष के लिये वैध होता है, जिसकी जानकारी परिवहन बीमा के सर्वर में उपलब्ध होती है। बीमा के नवीनीकरण की जानकारी परिवहन विभाग के सर्वर में उपलब्ध नहीं होती है। वाहनों की चेकिंग के दौरान प्रथम वर्ष के बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन, ई-चालान एवं ई-पेमेंट परिवहन विभाग के सर्वर में उपलब्ध डाटा के माध्यम से किया जा सकता है। (ग) परिवहन विभाग के कम्प्यूटराईजेशन हेतु अधिकृत सेवा प्रदाता कम्पनी मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड के साथ निष्पादित वर्तमान (प्रचलित) अनुबंध में इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट हैंड डिवाइस उपलब्ध कराने का प्रावधान न होने से यह तकनीक परिवहन विभाग में किसी भी जिले में नहीं अपनाई जा रही है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका सतीष कुमार वर्मा विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य क्रमांक 8/2013 के पालन में जबलपुर जिले में हैंड हेल्ड डिवाइस से चेकिंग हेतु 05 हैंड हेल्ड डिवाइस खरीदे गये है, जिनका निकट भविष्य में जबलपुर जिले में चेकिंग के दौरान उपयोग किया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
प्रदेश में स्कूल वेन पर प्रतिबंध
[परिवहन]
3. ( क्र. 66 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में निजी एवं शासकीय स्कूलों के बच्चों को लाने ले जाने वाली वेन का संचालन बंद करने का प्रस्ताव है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में शासकीय एवं निजी स्कूलों द्वारा बसों की व्यवस्था की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से मान. न्यायालय के निर्देशों के प्रकाश में परिवहन आयुक्त के आदेश क्रमांक- 1884/प्रव./न्यायालय/2019 दिनांक 29.04.2019 द्वारा यह निर्देश प्रसारित किए गए हैं, कि मारुति वेन अथवा 13+1 से कम बैठक क्षमता की चार पहिया वाहन निजीयान में पंजीकृत होकर स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के कार्य में संलग्न है, तो निजीयान का व्यावसायिक उपयोग होने से उनके विरुद्ध प्रकरण बनाया जाकर चालान मान. मुख्य न्यायायिक दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी मोटरयान जो शिक्षा संस्थान बस के रुप में पंजीकृत हो एवं मान. न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुरुप हो, की व्यवस्था शासकीय व निजी स्कूलों द्वारा की जाना आवश्यक है।
घर शराब उपलब्ध कराने वाली योजना
[वाणिज्यिक कर]
4. ( क्र. 155 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शराब घर प्रदाय योजना शुरू की जा रही है? (ख) क्या इस योजना से प्रदेश में नशागिरी को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा? (ग) क्या इस प्रकार की योजना से सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं को चोट नहीं पहुंचेगी? (घ) क्या विभिन्न शराब की दुकानों के साथ सब-दुकान खोलने का भी प्रावधान किया जा रहा है? (ड.) क्या इस प्रकार की योजना से अपराधों में बढ़ोतरी तथा राजस्व की हानि नहीं होगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना
[राजस्व]
5. ( क्र. 168 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) अंतर्गत गौचर की भूमि कितने एकड़ रिक्त पड़ी है। (ख) उक्त गौचर भूमि पर कौन-कौन व्यक्ति कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किये हुये हैं। क्या गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) अंतर्गत 8127.1 हे. (20073.937 एकड़) गौचर की भूमि रिक्त हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) के अंतर्गत तहसील दमोह के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में 50 हे. गोचर भूमि पर 46 कृषकों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है, जिन्हें बेदखल किये जाने की कार्यवाही की जा रही है, सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पात्र हितग्राहीयों को खाद्यान्न पर्ची जारी की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 180 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए है? उनके विरुद्ध कितने पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुये बी.पी.एल. कूपन जारी किये गये? नगरवार, ग्रामपंचायतवार संख्यावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों के विरुद्ध कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है एवं कितने शेष हैं वर्षवार, नगरवार/वार्डवार ग्रामपंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शेष बी.पी.एल. कूपन धारी एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों को कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जावेगी? विलंब करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु 438 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 132 पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा गया है। नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तारांश (क) अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत 132 गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में से 43 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है। 89 आवेदकों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है वर्षवार, नगरवार/वार्डवार ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिला स्तर पर 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। विलंब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमित खाद्यान्न वितरण के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 204 ) श्री जसमंत जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी सहकारी उचित मूल्य की दुकानें विधिवत् रूप से संचालित हैं, जिन पर खाद्यान्न का नियमित वितरण किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक हैं, जिन्हें नियमित खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है तथा ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्योदय/ ए.पी.एल./अन्य कार्डधारक हैं, जो अभी तक समग्र पोर्टल पर ऑन-लाईन अपडेट नहीं हुए हैं, जिन्हें खाद्यान्न आज तक दिया ही नहीं गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों के समग्र पोर्टल पर अपडेट नहीं होने के कारण खाद्यान्न से पात्रता पर्ची जनरेट होने के अभाव से वंचित होने की स्थिति में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या पिछले तीन वर्षों से सहकारी उचित मूल्य की दुकान ग्राम दवरा दिनारा एवं दावरभाट-नरवर के सेल्स मेन श्री धर्मेन्द्र यादव एवं श्री छंदीराम यादव द्वारा नवम्बर 2018 से खाद्यान्न ग्रामीणों को वितरित ही नहीं किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार संबंधित के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नहीं की गई, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 142 उचित मूल्य दुकानें संचालित है उनके माध्यम से पात्र परिवारों को राशन वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 37267 पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है वर्तमान में समग्र पोर्टल पर 2755 शेष परिवार इतनी ही संख्या के परिवारों के विलोपन उपरांत ही इन्हें प्राथमिकता श्रेणी के खाद्यान्न की सीमा में पात्र घोषित किए जा सकते है। विलंब के लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय उचित मूल्य दुकान द्वारा दिनारा के निरीक्षण में दुकान से माह फरवरी एवं मार्च, 2019 की राशन सामग्री वितरण में गड़बड़ी पाये जाने के कारण दुकान के विक्रेता धर्मेन्द्र यादव के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किया जाकर पुलिस थाना दिनारा में विक्रेता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। उपभोक्ता सामग्री के अपयोजन की राशि रू. 340960 की वसूली विक्रेता पर निकली गई तथा विक्रेता को पद से पृथक किया गया। प्रकरण पश्चात वर्तमान तक दुकान से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न का वितरण प्रतिमाह किया जा रहा है। शासकीय उचित मूल्य दुकान दावरभाट से नवम्बर, 2018 से जून, 2019 तक उपभोक्ताओं को राशन वितरण किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर अनुसार।
अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
8. ( क्र. 205 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी शासकीय दुकानें संचालित हैं, जिन पर नियमित शराब बिक्री की जा रही है? उन दुकानों का माहवार एवं वर्षवार शराब उपलब्ध कराने का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्धारित लक्ष्य से अधिक कितनी दुकानों द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री की जा रही है? इस अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या करैरा विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की हर गली मोहल्ले के नुक्कड़ों पर अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है या की जा रही है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 17 देशी मदिरा एवं 04 विदेशी मदिरा दुकानें संचालित है। मदिरा दुकानों को शराब उपलब्ध कराने का कोई माहवार एवं वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं है। लायसेंसियों द्वारा न्यूनतम ड्यूटी जमा कर मांग अनुसार मदिरा का प्रदाय विभाग द्वारा संचालित मद्य भाण्डागार से प्राप्त कर शासन द्वारा स्वीकृत मदिरा दुकानों से मदिरा का विक्रय किया जाता है। करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाली संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का वर्ष 2019-20 हेतु निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत देशी एवं विदेशी मदिरा शासन द्वारा लायसेंस प्राप्त मदिरा दुकानों से ही विक्रय किया जाता है। लायसेंस प्राप्त मदिरा दुकानों के अतिरिक्त अन्य स्थान पर अवैध शराब विक्रय की सूचना/शिकायत प्राप्त होते ही विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है। विधानसभा करैरा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019-20 में (दिनांक 01 अप्रैल 2019 से 15 जून 2019 तक) विभागीय 95 प्रकरण एवं आपराधिक प्रकरणों को पंजीबद्ध किये गये, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। आपराधिक प्रकरणों को पंजीबद्ध कर न्यायालयीन कार्यवाही की गई है। (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की हर गली मोहल्ले के नुक्कड़ों पर अवैध शराब बिक्री किये जाने की कोई स्थिति नहीं है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये सूचना/शिकायत प्राप्त होते ही विभाग द्वारा त्वरित नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अवैध शराब विक्रय में किसी अधिकारी की संलिप्तता न होने से किसी भी प्रकार की कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में (01 अप्रैल 2019 से दिनांक 15 जून 2019 तक) कायम किये गये न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है।
राजस्व न्यायालय में प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 219 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने प्रकरण दर्ज होकर कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं कितने प्रकरण निराकरण हेतु शेष हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शेष प्रकरणों में अन्तिम सुनवाई के पश्चात निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों का निराकरण न होने के क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक राजस्व न्यायालयों में प्रकरण की स्थिति निम्नानुसार है :-
क्र. |
राजस्व न्यायालय |
दर्ज प्रकरण |
निराकृत प्रकरण |
शेष प्रकरण |
1 |
अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर |
1505 |
963 |
542 |
2 |
तहसीलदार सारंगपुर |
3144 |
3093 |
380 |
3 |
तहसीलदार पचोर |
12172 |
11979 |
193 |
4 |
नायब तहसीलदार सारंगपुर |
1772 |
1699 |
274 |
5 |
नायब तहसीलदार सण्डावता |
2328 |
2091 |
296 |
(ख)
प्रकरणों
में, अंतिम
सुनवाई के पश्चात
निराकरण हेतु समय-सीमा
निर्धारित
नहीं है। (ग) लंबित
प्रकरणों के
निराकरण न
होने के कारण
का विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार।
राजस्व के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 280 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में प्रश्न दिनांक तक नक्शा दुरूस्तीकरण, सीमांकन एवं नामांतरण के कितने प्रकरण किस-किस तहसील में कितने-कितने समय से लंबित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें आवेदक की आवेदन दिनांक से 6 माह पश्चात भी निराकरण नहीं हो पाया इसके लिये विभाग द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई राजस्व प्रकरणों में तेजी लाने के लिये विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या निर्देश दिये गये, 1 अप्रैल 18 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावे। (ग) मंदसौर जिले में विगत 3 वर्षों में राजस्व प्रकरणों में किन-किन अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने किस-किस तहसील में शिकायत की, शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई,? (घ) कृषकों की भूमि का सीमांकन हेतु किन-किन तहसीलों में जी.पी.एस. सीमांकन किया जा रहा है उक्त अवधि में मंदसौर जिले में कितने प्रकरणों में भूमि का सीमांकन जी.पी.एस से किया गया।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में प्रश्न दिनांक तक नक्शा दुरूस्ती के 84, सीमांकन के 654 एवं नामांतरण के 2969 प्रकरण लंबित है तहसीलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) मंदसौर में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से 170 प्रकरण आवेदक के आवेदन दिनांक से 6 माह से अधिक अवधि के लंबित है। निराकरण हेतु प्रत्येक माह जिला स्तर पर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित कर नामांतरण एवं अन्य राजस्व मदों के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु राजस्व अधिकारियों को निर्देश जारी किये गए हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब,स अनुसार है। (ग) मन्दसौर जिले में राजस्व प्रकरणों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई है। (घ) मंदसौर जिले में जी. पी. एस. से सीमांकन नहीं किया जा रहा है।
संयुक्त कलेक्टर कार्यालय भवन का निर्माण
[राजस्व]
11. ( क्र. 330 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जिला निवाड़ी में संयुक्त कलेक्टर कार्यालय भवन एवं अन्य विभागों के भवनों के निर्माण हेतु स्थान का चयन कर जमीन आरक्षित कर दी गयी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक स्थान का चयन कर जमीन आरक्षित कर दी जायेगी। (ख) नवीन जिला निवाड़ी में किन-किन जिला कार्यालयों के भवनों के निर्माण हेतु जगह आरक्षित कर दी गयी है? खसरावार, रकबावार एवं विभागवार जानकारी देवें? जिन विभागों के भवन निर्माण हेतु जमीन आरक्षित कर दी गई उनका भवन निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नवीन जिला निवाड़ी में संयुक्त कलेक्टर कार्यालय भवन निर्माण एवं अन्य विभागों के कार्यालय में से गृह विभाग से संबंधित कुछ कार्यालयों यथा पुलिस लाईन, महिला थाना, अजाक्स थाना, ट्राफिक थाना, हाईवे थाना, बेरिक निर्माण ओरछा, होमगार्ड निवाड़ी के लिये भूमि आरक्षित की जा चुकी हैं, अन्य कार्यालयों यथा शासकीय कन्या उच्च.मा.वि.निवाड़ी , न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास भवनों के निर्माण के लिये भूमि आरक्षित की जा चुकी है, अन्य कार्यालयों के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता एवं जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उपयुक्त भूमि चिन्हांकन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) अब तक आरक्षित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। भवन निर्माण से संबंधित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
जिला निवाड़ी में राजस्व अनुभाग
[राजस्व]
12. ( क्र. 331 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नये राजस्व अनुभाग को बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है? 01 अक्टूबर 2018 को सृजित नवीन जिला निवाड़ी के अंतर्गत कितने राजस्व अनुभाग हैं? क्या जिला प्रशासन द्वारा पृथ्वीपुर को अनुभाग घोषित करने का प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायी जावे। (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत आने वाले अनुभाग निवाड़ी को बिना किसी अधिसूचना के दो भागों में विभक्त कर एक नया अनुभाग पृथ्वीपुर बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसको बनाये जाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नवगठित अनुभाग पृथ्वीपुर में सम्मिलित तहसील ओरछा के अंतर्गत आने वाली पंचायतें जनपद पंचायत निवाड़ी का हिस्सा है? यदि हाँ, तो जनपद पंचायत पृथ्वीपुर में जोड़ने का क्या औचित्य हैं? (घ) अनुभाग निवाड़ी से तहसील ओरछा एवं तहसील पृथ्वीपुर को किस आदेश के द्वारा अलग करके अनुभाग पृथ्वीपुर बनाया गया है? क्या बिना अधिसूचना के इस तरह से अनुभाग बनाया जाना सही है? यदि नहीं, तो कब तक ओरछा तहसील को निवाड़ी अनुभाग के अंतर्गत जोड़ दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नवीन उपखण्ड सृजन का प्रावधान म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 13 में दिया गया है। जिला निवाड़ी अंतर्गत शासन द्वारा 01 अनुविभाग घोषित है। कलेक्टर निवाड़ी द्वारा पृथ्वीपुर को अनुविभाग घोषित करने का प्रस्ताव पत्र क्रमांक 920 दिनांक 08/03/2019 द्वारा भेजा गया है। कलेक्टर के प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नव गठित जिले में अधिकारियों की कमी के कारण अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी के पास जिला मुख्यालय के कई कार्यों का दायित्व था एवं वर्तमान में भी है। जिस कारण तीन तहसीलों की प्रशासनिक व्यवस्था अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी द्वारा काफी कठिन होना पाये जाने पर व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिकोण से कलेक्टर निवाड़ी के कार्य विभाजन आदेश क्रमांक 895 दिनांक 06/03/2019 (संलग्न) द्वारा अस्थाई रूप से पृथ्वीपुर और ओरछा तहसील हेतु पृथक से एक डिप्टी कलेक्टर को कार्य सौंपा गया और केवल जिला मुख्यालय की तहसील का कार्य अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी के पास रखा गया है। (ग) जी हाँ। यह सही है कि तहसील ओरछा जनपद पंचायत निवाड़ी का हिस्सा है पर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दिये कारणों से पृथ्वीपुर व ओरछा हेतु पृथक से अस्थायी रूप से उपरोक्त व्यवस्था की गयी है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अनुसार अस्थायी व्यवस्था आदेश क्रमांक 895 दिनांक 06/03/2019 द्वारा की गयी है। पृथ्वीपुर को पृथक अनुविभाग नहीं बनाया गया है अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता।
बाल कल्याण समिति के प्रावधान
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( क्र. 447 ) श्री निलय डागा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बाल कल्याण समिति बनाने के क्या प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) बैतूल जिले में बाल कल्याण समिति कब से क्रियान्वित है? समिति का कार्यकाल कब तक है समिति के सदस्यों की सूची सहित जानकारी दें? (ग) नवीन समिति कब एवं कितनी अवधि के लिये गठित की जाना हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों अंतर्गत बाल कल्याण समिति बनाने का प्रावधान है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बाल कल्याण समिति बैतूल के गठन की अधिसूचना दिनांक 11 अक्टूबर 2017 मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 13 अक्टूबर 2017 से जारी की गई है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 27 की उपधारा (6) अनुसार किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा। सदस्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान बाल कल्याण समिति के सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात ही नवीन सदस्यों को 03 वर्ष के लिये नियुक्ति की कार्यवाही सम्पन्न हो सकेगी।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 541 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्र. 57 में प्रदेश में आंगनवाड़ी सेवाओं को प्रभावशाली बनाने के लिये आंगनवाड़ी पोषण आहार योजना के अंतर्गत 0-3 वर्ष तक के बच्चों को प्रदाय किये जाने वाले टेक होम राशन तथा 3-6 वर्ष तक के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन प्रदाय करने हेतु राशि रूपये 6 प्रति हितग्राही से बढ़ाकर 8 रूपये प्रति हितग्राही की जा रही हैं? इसी प्रकार गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिए टेक होम राशन व्यवस्था हेतु राशि रूपये 7 प्रति हितग्राही से बढ़ाकर रूपये 9.50 की जा रही हैं? शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन की व्यवस्था हेतु प्रति हितग्राही राशि रूपये 5 से बढ़ाकर रूपये 9.50 प्रति की गई हैं एवं बिन्दु क्र. 58 में राज्य सरकार ने यह नीतिगत निर्णय लिया है कि पूरक पोषण आहार प्रदाय की व्यवस्था महिला स्वसहायता समूहों के फेडरेशन के माध्यम से की जाए। (ख) यदि हाँ, तो मुरैना जिले को इस हेतु कितनी राशि दी गई एवं विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में इस राशि का किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपयोग हुआ तथा कितने हितग्राहियों को लाभ मिला।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालित पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रति हितग्राही पुनरीक्षित की गई दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन का प्रदाय म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों के लिये 07 स्थान क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, शिवपुरी, मंडला, रीवा एवं सागर में स्थापित किये जा रहे संयंत्रों से कराया जाना है। विभागीय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मुरैना जिले को पूरक पोषण आहार व्यवस्था हेतु कुल राशि रूपये 2,20,02,834/- उपलब्ध कराई गई है, इस राशि में से मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-07 अंतर्गत संचालित 415 आंगनवाड़ी केन्द्रों में राशि के उपयोग एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
शासकीय भूमि को निजी भूमि में नामांतरण
[राजस्व]
15. ( क्र. 567 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर सतना भू-अभिलेख जिला सतना के आदेश क्रमांक 206 एवं 207 तथा 205/भू अभि./स्था./19 सतना दिनांक 15/02/2019 से तीन अलग-अलग आदेशों (205,206,207) से पटवारी रामानन्द सिंह पटेल, वीरेन्द्र सिंह पटेल एवं रामशिरोमणि सिंह पटेल का शासकीय भूमियों को निजी भूमि के रूप में अवैधानिक नामांतरण करने एवं शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी व कूट रचना करने के कारण दोषी पाकर निलंबित किया गया है? राज्य शासन कलेक्टर सतना के इस आदेश को वैध मानता है कि अवैध? जारी तीनों आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) सतना जिले में अरबों रूपये मूल्य की भूमियों को रामस्थान, सोनौरा, कृपालपुर, माधवगढ़ कोलगवां के चेक उतैली, सिजहटा के मौजा सोनौरा सहित पूरे जिले में शासकीय भूमि से निजी भूमियों में शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी एवं कूट रचना कर तब्दील करने के सरगना पटवारी शिवभूषण सिंह पटेल को कलेक्टर सतना एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त ने निलंबित क्यों नहीं किया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जिस कारण से तीन पटवारियों को निलंबित किया गया है उसी कारण से पटवारी शिवभूषण सिंह पटेल का नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का आदेश रोका गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पटवारी हल्कों में हुये अरबों रूपये मूल्य के जमीन घोटाले में शामिल सभी तहसीलदारों एवं पटवारियों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर उनके विरूद्ध प्राथमिक सूचना रिपोर्ट थानों में दर्ज करवायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांकित आदेश के द्वारा श्री रामानंद सिंह पटेल, श्री वीरेन्द्र सिंह पटेल, श्री रामशिरोमणि सिंह पटेल को निलंबित किया गया है। जाँच में प्रथम दृष्टया उक्त पटवारियों द्वारा विधिवत परीक्षण किये बिना प्रतिवेदन प्रस्तुत करना तथा पदीय दायित्वों का सम्यक निर्वहन न करना पाये जाने पर निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच की जा रही है। आदेशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) श्री शिवभूषण सिंह पटेल पटवारी, पट.हल्का रामस्थान, कृपालपुर, माधवगढ़, कोलगवां में कभी भी पदस्थ ही नहीं रहे है। पटवारी हल्का सेजहटा ग्राम सोनौरा में पदस्थापना के पूर्व ग्राम सोनौरा की शासकीय आराजियां न्यायालयीन आदेश से निजी भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज हुई थी, जो जाँच पश्चात पुन: म.प्र. शासन के नाम दर्ज की जा चुकी है। अभी तक की जाँच के अनुसार शासकीय भूमि से निजी भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज करने में इनकी भूमिका नहीं पाये जाने के कारण निलंबित नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं (घ) जाँच में पाये गये तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय भूमि का फर्जी नामांतरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 568 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जिला सतना म.प्र. ने आदेश क्रमांक/87/राजस्व/2016 दिनांक 22/03/2016 जारी किया था? पत्र की एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? क्या उक्त पत्र का अवलोकन वर्तमान कलेक्टर सतना एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त ने किया है? (ख) क्या वर्ष 2016 के इस पत्र के बाद कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला सतना (म.प्र.) द्वारा पत्र क्रमांक 133/राजस्व/4/आर एम/2019 सतना दिनांक 20/02/2019 से प्रमुख राजस्व आयुक्त म.प्र. भोपाल को विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 544 से उद्भूत आश्वासन क्रमांक 71 की जानकारी के तहत तीन पन्नों का पत्र लिखा गया था? पत्र के संदर्भ में बतायें कि इस फर्जीवाड़े में शामिल तहसीलदारों अन्य पटवारियों को क्यों चिन्हित नहीं करते हुये उनको निलंबित कर उनके विरूद्ध एफ.आई.आर प्रश्न तिथि तक दर्ज करवाई गई है? (ग) क्या अरबों रूपयों की शासकीय भूमि को फर्जी रजिस्ट्रियों एवं नामांतरणों के जरिये निजी स्वामित्व में बदले जाने के इस षड़यंत्र को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर जिला सतना के पत्र क्रमांक/1017/अनु.अधि.रघु./2017 सतना दिनांक 27/02/2017 से चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी? क्या उक्त कमेटी ने अपना छह पृष्ठों का अपना जाँच प्रतिवेदन कार्यालय तहसीलदार रघुराजनगर जिला सतना के पत्र क्रमांक/1140/प्रवा सतना/तह.रघु./2017 सतना दिनांक 15/03/2017 से किसी को दोषी नहीं मानते लेख किया है कि तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना का 23/01/2017 का जाँच प्रतिवेदन औचित्यहीन, निष्प्रभावी एवं अस्तित्वहीन होने की वजह से नस्तीबद्ध किये जाने योग्य है? पत्र की एक प्रति दें? (घ) राज्य शासन उक्त 4 सदस्यीय टीम को कब तक निलंबित कर उनके विरूद्ध शा. दस्तावेजों की कूट रचना का प्रकरण संबंधित थाने में दर्ज करवायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, पत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी हाँ, इस संदर्भ में श्री रामानंद सिंह पटेल, श्री वीरेन्द्र सिंह पटेल, श्री रामशिरोमणि सिंह पटेल को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ। पत्र दिनांक 15.03.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) जी नहीं। 4 सदस्यीय टीम द्वारा शासकीय दस्तावेजों में कोई कूट रचना नहीं की गई है इसलिये सदस्यों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ खरीदी एवं भंडारण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 579 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में सहकारिता विभाग द्वारा इस वर्ष कितने क्विंटल गेहूँ की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है तथा इसके विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक कितने क्विंटल गेहूँ खरीद लिया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा क्रय किये गेहूँ का सुरक्षित भण्डारण किया गया है? यदि नहीं, तो बारिश से होने वाले नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार होगा? (ग) क्या क्रय किये गये गेहूँ का भुगतान किसानों को शत प्रतिशत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान आज तक किया गया है? (घ) क्या गेहूँ खरीदी केन्द्र पर प्राप्त गेहूँ एवं भण्डारण स्थल पर भेजे गये गेहूँ की मात्रा में असमानता पाई गई है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन सी संस्थाएं एवं अधिकारी जिम्मेदार है? उनके नाम एवं पद की जानकारी दी जाएं? (ङ) खण्डवा जिले एवं प्रदेश में गत वर्ष गेहूँ खरीदी एवं भण्डारण स्थल तक कम मात्रा में गेहूँ पहुँचने के अंतर में अनियमितता पाये जाने पर कितनी संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट किया गया था? पृथक–पृथक संख्यात्मक जानकारी दी जाये? उन अधिकारी एवं पदाधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन करने का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। किसानों के एफ.एक्यू. गुणवत्ता का गेहूँ का समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने हेतु उपार्जन अनुमान के अनुसार तैयारी की जाती है। खण्डवा जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय हेतु 38131 कृषकों द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया जिसमें से 17008 कृषकों से मात्रा 118839.47 मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। (ख) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में खण्डवा जिले में क्रय किए गए गेहूँ की सम्पूर्ण मात्रा का सुरक्षित भंडारण मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन और केन्द्रीय भंडारण निगम की गोदामों में किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ की राशि रू. 218.66 के विरूद्ध राशि रू. 217.49 करोड़ का किसानों को भुगतान किया गया है। शेष भुगतान की कार्यवाही बैंकिंग सुधार में प्रचलित है। (घ) गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर उपार्जित मात्रा की तुलना में गोदामों में 228.68 मे.टन गेहूँ कम जमा हुआ है, जो प्रथम दृष्ट्या परिवहन/समिति स्तर पर आई कमी दर्शित हो रहा है। समिति स्तर से भेजे गए गेहूँ, तौल पत्रक मात्रा एवं गोदाम स्तर पर प्राप्त गेहूँ की मात्रा का मिलान किया जा रहा है जिसके उपरांत संबंधित परिवहनकर्ता/उपार्जन समितियों की जिम्मेदारी का निर्धारण किया जाएगा। (ड.) खण्डवा जिले में गतवर्ष समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं गोदाम में जमा मात्रा में अल्प अंतर रहा है, इस कारण किसी संस्था को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालयों की एम.बी.बी.एस. की सीट वृद्धि
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 593 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर स्थित महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2019-20 में एम.बी.बी.एस. प्रवेश हेतु 150 सीटें है। क्या सीट वृद्धि हेतु केंद्र सरकार/एम.सी.आई. में आवेदन दिया गया था। (ख) क्या राज्य सरकार/चिकित्सा शिक्षा विभाग बताई गई कमियों को शीघ्र पूर्ण करने का वचन पत्र केंद्र सरकार/एम.सी.आई. का नहीं दे पाई जिस वजह से 100 अतिरिक्त सीटें इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर चिकित्सा महाविद्यालयों को नहीं मिल पाई? (ग) समय पर सीटें न बढ़ने से हुए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में सीटें बढ़ाने के लिए क्या रणनीति अपनाई गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। 180 सीटें है संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा सीट वृद्धि हेतु आवेदन दिया गया था। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा एम.बी.बी.एस. सीट वृद्धि योजना अन्तर्गत अधोसंरचना निर्माण, उपकरण क्रय एवं शैक्षणिक संवर्ग की भर्ती आदि का कार्य किया जा रहा है। एम.सी.आई. को निरीक्षण का अनुरोध किया गया है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सीट वृद्धि भारत सरकार द्वारा की जाती है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। सीट वृद्धि हेतु प्रयास सतत् जारी है।
चिकित्सा उपकरण/दवाईयों की खरीदी
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 598 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग/चिकित्सा शिक्षा विभाग/आयुष/गैस राहत/नगर निगम आदि की दवाईयां/सर्जिकल आयटम के क्रय के लिए मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन (मेडिकल बोर्ड) का गठन किया गया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा मेडिकल बोर्ड के माध्यम से खरीदी न करते हुए एच.एल.एल. हाईट्स दिल्ली के माध्यम से खरीदी की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के निगम/मण्डल/बोर्ड से न खरीदते हुए बाहर की संस्था से खरीदने का क्या औचित्य है? इससे मध्यप्रदेश को जो कर राजस्व की हानि हुई है, उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या मेडिकल बोर्ड के माध्यम से ही खरीदी हेतु निर्देश दिए जावेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा राशि रू. 30.00 लाख तक के उपकरण म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन से तथा राशि रू. 30.00 लाख यूनिट कॉस्ट के उपर के उपकरण भारत सरकार के उपक्रम एच.एल.एल. हाईट्स से क्रय किए जा रहे हैं। एक उपक्रम में दर उपलब्धता न होने की दशा में दूसरे उपक्रम से खरीदे जाने की छूट भी दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में स्पष्ट किया जाता है कि कार्य सुविधा तथा समय-सीमा में कार्य संपादित करने की दृष्टि से विभाग द्वारा राज्य शासन के संस्थान अथवा भारत शासन के संस्थान जहां भी सामग्री उपलब्ध हो क्रय करने की व्यवस्था तय की गई है। उक्त व्यवस्था से किसी भी प्रकार के कर राजस्व की हानि परिलक्षित नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्याज के भंडारण और विक्रय में अनियमितता की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 605 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पो. लिमि. जबलपुर के पत्र/क्रमांक/शिकायत/जाँच/2017-18/861, दिनांक 21/1//2017 से आयुक्त खाद्य को कटनी जिले में प्याज के भंडारण और विक्रय में अनियमितता की जाँच का प्रतिवेदन दिया गया था, यदि हाँ, तो जाँच में किसे दोषी पाया गया और क्या कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया था, जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत की गयी जाँच में शासन को कितनी राशि की क्षति होना पाया गया एवं फर्जी दस्तावेज किसके द्वारा प्रस्तुत करना पाया गया तथा क्या अन्य अनियमितता होना प्रतिवेदित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रतिवेदन में जिन शासकीय सेवकों को अनियमितता का जिम्मेवार पाया गया था, क्या उन पर कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी, यदि नहीं, तो अब तक कार्यवाही न होने का कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर कार्यवाही न होने, अधिरोपित राशि की वसूली न करने का क्या शासन स्तर पर संज्ञान लिया जाएंगा और वास्तविक कार्यवाही की जाएंगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रथम दृष्टया तत्कालीन जिला प्रबंधक सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन कटनी तथा शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन कटनी की कमी पायी गयी थी, जिसमें संभावित हानि का उल्लेख है। संबंधित प्रकरण में विस्तृत विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
21. ( क्र. 654 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में सीमांकन बंटवारा, नामांतरण, डायवर्सन तथा आर.बी.सी.6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? उक्त लंबित प्रकरणों की समीक्षा कब-कब किस-किस अधिकारी ने की तथा क्या परिणाम रहा? (ग) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में ऐसे कितने किसान हैं जिनकी भूमि पर बांध, नहर, पुल, सड़क का निर्माण हो रहा है या हो चुका है परन्तु उनको मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है? कारण बतायें एवं कब तक भुगतान होगा? (घ) मुआवजा राशि भुगतान में सिंचित अथवा असिंचित की परिभाषा क्या है? नदी द्वारा सिंचाई की जाने वाली भूमि को सिंचित क्यों नहीं माना जाता है? किन-किन स्रोतों से सिंचित भूमि को सिंचित माना जाता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में 15 जून 19 की स्थिति में सीमांकन, बंटवारा, नामान्तरण, डायवर्सन तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत निम्नानुसार तहसीलवार लंबित प्रकरण हैं।
स.क्र. तहसील
सीमांकन
बंटवारा
नामान्तरण
डायवर्सन
आर.बी.सी. 6 (4)
1 रायसेन
33 193 33
0 0
2 बेगमगंज 76 14 13 4 0
3 गैरतगंज 52 90 106 0 0
4 सिलवानी 75 91 214 0 0
5 बरेली 70 30 92 7 0
6 बाडी 09 391 60 0 0
7 उदयपुरा 63 41 161 0 0
8 सुल्तानपुर
13 36 58 0 0
9 गौहरगंज 58 168 246 0 0
कुल
योग
449 1054 983 11 0
(ख) उक्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं विधिक प्रक्रिया अनुसार सुनवाई उपरांत निराकरण किया जावेगा। उक्त लंबित प्रकरणों की समीक्षा जिला/अनुभाग/स्तर पर क्रमश: कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा मासिक बैठकों में की गई हैं जिसके परिणाम स्वरूप उक्त प्रकरणों का निराकरण अधिकाधिक हुआ हैं। (ग) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार किसानों को मुआवजा राशि का उनके समक्ष वर्णित कारणों से भुगतान नहीं हुआ है। (घ) किसी भी सुनिश्चित स्त्रोत से सिंचित भूमि को सिंचित माना जाता है।
नियम विरूद्ध नियुक्ति के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
22. ( क्र. 675 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. जे.एस. नामधारी पूरे प्रदेश में एकमात्र ऐसे सहायक शल्य चिकित्सक हैं जिन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से बिना किसी नियम के चिकित्सा शिक्षा विभाग में वर्ष 2008 में संविलियन कर जी.आर.एम.सी. ग्वालियर में रजिस्ट्रार मेडिसिन के पद पर पदस्थ किया गया? क्या इसके लिये कैबिनेट की स्वीकृति नहीं ली गई? क्या यह आदेश मुख्यमंत्री की नोटशीट पर टीप क्रमांक 22673/सीएमएस/08 दिनांक 05.05.2008 के पालन में दिया गया है? उक्त संबंध में संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांकित दिनांक तक डॉ. नामधारी म.प्र. के एकमात्र व्यक्ति हैं जिनकों रजिस्ट्रार को सहायक प्राध्यापक के पद पर पदोन्नत किया गया है? क्या पूर्व में भी डॉ. नामधारी के प्रकरण को विशेष प्रकरण मानकर संविलियन किया गया था? उसी व्यक्ति को सहायक प्राध्यापक के पद पर नियमों व प्रावधान नहीं होने के बावजूद पदोन्नति दिये जाने का कृत्य व्यक्ति विशेष को बार-बार लाभ पहुंचाने का कृत्य नहीं है क्या? (ग) क्या वर्ष 2008 के पूर्व भी डॉ. नामधारी को गुपचुप तरीके से सहायक प्राध्यापक बना दिया गया था, माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद इनको वापिस रजिस्ट्रार के पद पर लौटाना पड़ा था? (घ) क्या पूर्ववर्ती सरकार ने अपने निर्णय को सही ठहराने के लिये डॉ. नामधारी के प्रकरण में शासन ने उस अधिवक्ता की विधिक सलाह ली जो पूर्व में डॉ. नामधारी के अधिवक्ता रहे जब डॉ. नामधारी का पक्ष उन्होंने शासन के विरूद्ध लड़ा था?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। नियमानुसार। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। डॉ. नामधरी को चिकित्सा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक के रिक्त पद पर प्रतिनियुक्ति की गई थी। तत्पश्चात अवधि समाप्त होने के कारण पुन: सहायक शल्य चिकित्सक के पद पर प्रतिनियुक्ति दी गई। (घ) श्री आर. डी. जैन, एडवोकेट जनरल की सलाह ली गई है। श्री जैन डॉ. नामधरी के अधिवक्ता रहे अथवा नहीं की जानकारी विभाग में उपलब्ध नहीं।
प्रदेश में मदिरा नीति
[वाणिज्यिक कर]
23. ( क्र. 676 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में मदिरा नीति के अनुसार मदिरा के दरों में कितनी वृद्धि की गई है? (ख) क्या अवैध मदिरा वितरण पर प्रशासन का नियंत्रण हैं? (ग) क्या सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न गांवों में सामान्य रूप से अवैध मदिरा वितरण हो रहा हैं? क्या इसमें प्रशासन का संरक्षण हैं क्या यह किराने की दुकानों तक में उपलब्ध हैं?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) वर्तमान में आबकारी नीति अनुसार मदिरा की ड्यूटी दरों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। (ख) अवैध मदिरा वितरण पर रोकथाम के लिए आबकारी विभाग के जिलों में पदस्थ कार्यरत कार्यपालिक स्टाफ द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर/क्षेत्रों में भ्रमण गस्त एवं दबिश देकर/सूचना प्राप्त होने पर अवैध मदिरा विक्रय/परिवहन/संग्रहण के प्रकरण प्रकाश में आने पर आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र के लिए जिला आबकारी कार्यालय सीधी से 04 विदेशी मदिरा दुकान एवं 07 देशी मदिरा दुकान के लिए अनुज्ञप्ति जारी की गई है, जहां से मदिरा का विक्रय किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 अप्रैल 2019 से 21 जून 2019 तक कार्यपालिक आबकारी अमले द्वारा दबिश देकर 39 बल्क लीटर अवैध देशी प्लान मदिरा, 351 बल्क लीटर अवैध हॉथ भट्टी मदिरा, 1700 लीटर महुआ लाहन जप्त कर अवैध मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध कुल 56 प्रकरण पंजीबद्ध कर आबकारी अधिनियम 1915 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 705 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न ग्राम पंचायतों में विभाग द्वारा संचालित नल-जल योजनाओं का संचालन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि नल-जल योजना का क्रियान्वयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा स्वयं नहीं किया जा रहा? (ख) क्या नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारु रुप से न हो पाने का मुख्य कारण संचालन ग्राम पंचायतों को दिया जाना है? क्या विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं का संचालन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त सभी नल-जल योजनाओं को कब तक विभाग के द्वारा संचालित किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। शासन की नीति के अनुसार नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन विभाग द्वारा ही किया जा रहा है तथा संचालन-संधारण संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अंत्योदय परिवारों को योजना से लाभांवित कराना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 708 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की योजना में उल्लेख है कि सभी अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह पैंतीस (35) किलो ग्राम गेहूँ/चावल, तीन किलो ग्राम दाल, एक किलो ग्राम शक्कर, एक किलो ग्राम नमक, एक लीटर खाद्य तेल उपलब्ध कराया जावेगा (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना में जिला नरसिंहपुर,सागर, दमोह, छतरपुर में कितने अंत्योदय परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं? अगर नहीं तो कब से लाभान्वित होंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा वर्तमान में अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न (गेहूँ/चावल/मोटा अनाज), एक किलोग्राम शक्कर, एक किलोग्राम नमक एवं प्रति सदस्य एक किलोग्राम के मान से अधिकतम 4 किलोग्राम तक दाल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जून-19 माह तक न्यूनतम 4 लीटर केरोसीन प्रति परिवार उपलब्ध कराया गया है। केरोसीन की प्रति परिवार मात्रा में परिवर्तन भारत सरकार से प्राप्त आवंटित मात्रा पर निर्भर है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत किसी भी परिवार को खाद्य तेल उपलब्ध कराने की योजना वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ख) जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह एवं छतरपुर में लाभांवित होने वाले अंत्योदय परिवारों की संख्या की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डायवर्सन के प्रकरण
[राजस्व]
26. ( क्र. 721 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले की तहसील पिपरिया में डायवर्सन हेतु कितने आवेदन वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कितने प्रकरण लंबित हैं लंबित रहने का क्या कारण हैं? (ख) निराकृत प्रकरणो में कितने प्रकरणों में टॉउन कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है तथा कितने प्रकरणों में टॉउन एंड कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी है? (ग) भू-खण्ड एवं बड़े रकबों के डायवर्सन के लिये टॉउन कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति आवश्यक हैं या नहीं? (घ) कंडिका (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो डायवर्सन के प्रकरण जिनमे टॉउन कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है, सही माने जावेंगे या जिन प्रकरणों में टॉउन कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी हैं क्या वे सही माने जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) होशंगाबाद जिले की तहसील पिपरिया में दिनांक 01.01.2017 से 21.06.2019 तक कुल 658 आवेदन पत्र डायवर्सन के प्राप्त हुये। प्राप्त आवेदन पत्रों में से 655 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरण 03 है जो प्रक्रियाधीन है। (ख) निराकृत 655 आवेदन पत्र में से 11 प्रकरणों में टाउन कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति प्राप्त की गई। (ग) पिपरिया विकास योजना 2021 के अंतर्गत तहसील पिपरिया के कुल 07 विशिष्ट ग्रामों के बड़े रकबे के डायवर्सन के लिए टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग की अनुमति आवश्यक थी तथा शेष ग्रामों में अनुमति आवश्यक नहीं थी। (घ) जहां अनुमति आवश्यक थी वहां अनुमति प्राप्त की गई तथा शेष प्रकरणों में अनुमति आवश्यक नहीं थी। समस्त प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की सेवा समाप्ति
[महिला एवं बाल विकास]
27. ( क्र. 741 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला विदिशा के विकासखण्ड बासौदा एवं ग्यारसपुर में कौन-कौन से ग्रामों में कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? (ख) क्या एकीकृत बाल विकास परियोजना गंजबासौदा-2 ग्रामीण में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की पिछले छ: माह में सेवा समाप्त की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन की? उनके नाम केन्द्र के नाम सहित बतावे? (ग) क्या उक्त सेवा समाप्त आदेश के संबंध में प्रश्नकर्ता ने पत्र क्र.109 दिनांक 16.02.19 को जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला विदिशा को अवगत कराया है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में जिला विदिशा की बाल विकास परियोजना बासोदा-2 आंगनवाड़ी केन्द्र दीघौरा में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गयाबाई कुशवाह, की सेवायें समाप्त की गई है। (ग) जी हाँ। श्रीमती गयाबाई कुशवाह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा पद से पृथक करने के विरूद्ध अपर कलेक्टर न्यायालय में अपील दायर की गई। उक्त तथ्य से माननीय विधायक को कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विदिशा के पत्र क्र. 977, दिनांक 27.03.2019 द्वारा अवगत कराया गया। न्यायालय द्वारा श्रीमती कुशवाह के पक्ष में आदेश दिनांक 29/04/2019 पारित किया गया, जिसके पालन में श्रीमती गयाबाई कुशवाह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को परियोजना अधिकारी गंजबासौदा-2 के आदेश क्र. 532 दिनांक 09.05.2019 द्वारा पुनः सेवा में रखा गया।
सामग्री एवं उपकरणों का क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 760 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला स्तर पर सामग्री/उपकरण क्रय करने हेतु क्या नियम/आदेश हैं की प्रति उपलब्ध करावें तथा वर्ष 2016-2017 से 2018-19 में जिला स्तर पर क्रय समिति में कौन-कौन अधिकारी शामिल किये गये नाम, पदनाम सहित बतावें। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा वर्ष 2016-17 से 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक किस फर्म/संस्था से क्या-क्या सामग्री एवं उपकरण किस दर से कितनी-कितनी मात्रा में क्रय कर कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार 2015-2016 से 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन/संचालनालय से प्राप्त सामग्री/उपकरणों को किस अधीनस्थ संस्था में किस दिनांक को कितनी सामग्री/उपकरण प्रदाय किये गए वर्षवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) महिला एवं बाल विकास में जिला स्तर पर सामग्री/उपकरण क्रय हेतु म.प्र. भण्डार क्रय नियम का पालन निर्धारित किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में जिला स्तर पर क्रय समिति में शामिल अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) एवं (ग) विस्तृत स्वरूप होने के कारण जानकारी एकत्र की जा रही है।
मदिरा दुकान को हटाया जाना
[वाणिज्यिक कर]
29. ( क्र. 765 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अयोध्या बायपास में अटल बिहारी वाजपेयी सब्जी मण्डी के पास देशी/विदेशी मदिरा की दुकान किस दिनांक से संचालित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदिरा की दुकान रत्नागिरी तिराहे के नाम से खोली गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान में संचालित दुकान से रत्नागिरी तिराहे की दूरी कितनी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदिरा की दुकान को स्थानीय रहवासी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा धरना, प्रदर्शन एवं लिखित ज्ञापन जिला प्रशासन को देकर अन्यत्र हटाने की मांग की गई है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 24 जनवरी 2019 को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदिरा की दुकान को हटाने के लिये कलेक्टर भोपाल को लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आयोध्या बायपास में अटल बिहारी वाजपेयी सब्जी मंडी के पास देशी व विदेशी मदिरा की दुकान, रत्नागिरी तिराहा दिनांक 01.04.2018 से संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदिरा की दुकान रत्नागिरी तिराहे के नाम से खोली गई है वर्तमान में संचालित दुकान से रत्नागिरी तिराहे की दूरी लगभग 700 मीटर है। (ग) यह सही है कि वार्ड-64 में प्रकाश नगर में संचालित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान, रत्नागिरी तिराहा के संचालन के संबंध में अप्रैल 2018 में स्थानीय रहवासियों द्वारा धरना एवं प्रदर्शन किये गये थे एवं मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने की मांग संबंधी ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया था। (घ) यह स्थल मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत बनाये गये दुकानों के अवस्थापन हेतु सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 तथा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत आपत्तिरहित स्थान पर स्थित है। अतएव इस मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने संबंधी कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं हुई।
अवैध शराब बिक्री के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
30. ( क्र. 788 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 165 दिनांक 20 फरवरी, 2019 की जानकारी में विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों से अवैध शराब बिक्री बताई गयी थी, बताये गये स्थानों पर कौन-कौन निरीक्षक पदस्थ है? (ख) उपरोक्त अवैध शराब में अंग्रेजी एवं देशी शराब में पकड़े जाने के बाद विभाग द्वारा यह शराब किस कंपनी/किस लेवल की थी? इसकी जानकारी पदस्थ अधिकारियों ने संग्रह की थी या नहीं? (ग) अवैध शराब विदेशी मदिरा/देशी मंदिरा पर कंपनी का नाम/लेवल लगा रहता है इसकी जानकारी के आधार पर क्या विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकती थी? यदि हाँ, तो विभाग ने कार्यवाही क्यों नहीं की? (घ) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 165 दिनांक 20 फरवरी, 2019 की प्रेषित जानकारी में विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्र/केन्ट क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से अवैध शराब बिक्री बताई गई है। उन स्थानों पर पदस्थ अधिकारियों के नाम निम्नानुसार है :- 1. श्री केदार शर्मा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, वृत्त दक्षिण। 2. श्री रामाश्रय चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक वृत्त आंतरिक। 3. सुश्री रोशरी उरेती, उपनिरीक्षक वृत्त उत्तर सागर। 4. श्री एस.के. श्रीवास्तव, उपनिरीक्षक वृत्त खुरई। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार वर्ष 2017-18 में कायम 197 प्रकरण एवं वर्ष 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक कायम 186 प्रकरणों की कंपनी/लेवलवार जानकारी पदस्थ अधिकारियों द्वारा संग्रहित की गई है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 दौरान विभाग द्वारा कायम सभी प्रकरणों में (03 अज्ञात प्रकरणों को छोड़कर) आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अभियोजन हेतु प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अभियोजन हेतु समस्त प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने एवं लंबित न रहने से किसी भी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
नल-जल योजनाओं के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 802 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएँ स्वीकृत हैं? उनमें से कितनी योजनाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं? कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी स्वीकृत होकर अप्रारंभ हैं? योजनाओं के नाम सहित विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजना स्वीकृति हेतु शासन के पास लम्बित हैं? नाम सहित विवरण दें उन्हें कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी? (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में बंद पड़ी योजनाओं को कब तक पुनः प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री ( श्री
सुखदेव पांसे )
: (क) 38 योजनाएं। 36, इनमें 35 योजनाएं
पूर्ण एवं 01 योजना का
कार्य
प्रगतिरत है। 02 स्वीकृत
योजनाओं के
कार्य
अप्रारंभ है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) 02 बंद
योजनाओं को
चालू करने का
कार्य प्रगति
पर है, 01
योजना समूह नल-जल
योजना में
सम्मिलित है।
निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- ''पंद्रह
सीमांकन के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
32. ( क्र. 806 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में क्रषकों के सीमांकन के कितने आवेदन आज दिनांक तक लंबित हैं? रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर कर्चुलियान गुढ़ व हुजूर तहसील में सीमांकन के कितने आवेदन लंबित हैं? उन्हें पूरा करने की क्या कार्य योजना है? (ख) क्या कृषकों के प्रकरण वर्षों से तहसील व एस.डी.एम. कार्यालय में लंबित है? रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में लंबित प्रकरणों की संख्या के साथ उनके निराकरण की अवधि बतावें। (ग) तहसील व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे लिपिकों को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश में कृषकों के सीमांकन के लंबित आवेदनों की संख्या जिलावार संलग्न परिशिष्ट में है। रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर कर्चुलियान तहसील में 128, गुढ़ में 211 वा हुजूर में 155 सीमांकन के आवेदन लंबित है। (ख) जी नहीं। रीवा जिले के गुढ विधानसभा क्षेत्र के रायपुर कर्चुलियान में 128, गुढ़ में 211 व हुजूर में 155, सीमांकन के आवेदन लंबित है, जिनका विधि अनुसार निराकरण कर दिया जाएगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लिपिकों की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर समय समय पर नियमानुसार प्रभार में परिवर्तन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लावारिस मदिरा के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
33. ( क्र. 810 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत विधानसभा, लोकसभा निर्वाचन के दौरान खण्डवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा लावारिस मदिरा जप्ती के 31 (1) एवं (2) के कितने प्रकरण बनाये गये एवं कितनी मदिरा जप्त की गई? (ख) उक्त बनाये गये लावारिस प्रकरण 34 (1) एवं (2) में नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई? अवैध मदिरा के वारिस ढूंढने के क्या प्रयास किये गये? जप्त माल का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में महुआ- लाहन के कितने प्रकरण बनाये गये तथा कितनी मात्रा में जप्त किया गया? क्या जब्त किया गया माल, माल गोदाम में सुरक्षित रखा है? यदि नहीं, तो जप्त सामग्री किस राजपत्रित अधिकारी के समक्ष नष्ट की गयी तथा नष्ट किये जाने का स्थान, दिनांक बताए? (घ) क्या लावारिस मदिरा को उक्त अधिकारियों द्वारा अवैध शराब तस्करों को बेच दी गई है? यदि नहीं, तो क्या कलेक्टर द्वारा नामांकित राजस्व के राजपत्रित अधिकारी के समक्ष मदिरा का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या उक्त प्रकरणों में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों के कारण शासन को राजस्व हानि हो रही है? यदि हाँ, तो क्या इनके विरुद्ध जाँच एवं विभागीय कार्यवाही की जायेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) गत विधान सभा व लोकसभा निर्वाचन के दौरान खण्डवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 31 (1) एवं (2) के कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये गये है तथा न ही कोई मदिरा जप्त की गई है। (मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 ‘‘अनुज्ञप्ति आदि को रद्द या निलंबित करने की शक्ति‘‘ से संबंधित है)। (ख) खण्डवा जिले में बनाये गये लावारिस मदिरा के प्रकरणों में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं (2) के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अवैध मदिरा के वारिस के संबंध में विवेचनाकर्ता अधिकारी द्वारा विवेचना प्रक्रियाधीन है। जप्त माल का भौतिक सत्यापन जप्तीकर्ता अधिकारी द्वारा मौके पर ही किया जाता है। (ग) प्रश्नांश अवधि के दौरान आबकारी विभाग खंडवा द्वारा महुआ लाहन के 457 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, जिसमें कुल 65833 लीटर महुआ लाहन जप्त किया गया। जप्त की गई हाथभट्टी मदिरा, देशी/विदेशी मदिरा एवं बीयर संबंधित वृत्त कार्यालयों के मुद्दे माल कक्ष में सुरक्षित रखी गयी है। चूंकि लाहन मदिरा नहीं है तथा अधिक मात्रा में जप्त होता है, अत: अत्यधिक मात्रा में जप्तशुदा लाहन को परिवहन कर वृत्त कार्यालय में रखने हेतु स्थान अभाव के कारण उसी स्थान पर शराब बनाने के अयोग्य किया गया। (घ) लावारिस मदिरा को अधिकारियों द्वारा अवैध शराब तस्करों को नहीं बेचा गया। पंजीबद्ध लावारिस प्रकरण विवेचना अंतर्गत है। विवेचना पश्चात् सक्षम न्यायालय द्वारा निराकृत होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) उक्त प्रकरणों में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध लापरवाही एवं अनियमितता करने संबंधी प्रकाश में नहीं आया है। अतः जानकारी निरंक है।
एलोपैथी उपचार हेतु ब्रिज कोर्स
[आयुष]
34. ( क्र. 811 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में भी महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर आयुष चिकित्सकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) दिल्ली से ब्रिज कोर्स करवाकर, आयुष चिकित्सकों को एलोपैथी चिकित्सा में उपचार की अनुमति देकर, उन्हें प्रदेश के विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों में पदस्थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन निजी तौर पर भी आयुष चिकित्सकों को 6 माह की ट्रेनिंग देकर उन्हें ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय चिकित्सालयों में प्राथमिक एलोपैथी उपचार हेतु पदस्थ करने के लिये कोई ब्रिज कोर्स चलाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) मध्यप्रदेश के कितने आयुष चिकित्सकों ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से ब्रिज कोर्स कर विभाग को एलोपैथी उपचार हेतु आवेदन किये है? (घ) प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं एलोपैथी चिकित्सा के एकीकरण हेतु क्या आयुष विभाग एवं लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग की कोई उच्च स्तरीय बैठक विगत 1 वर्ष में आयोजित की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? दिनांक एवं निर्णय सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्या भविष्य में इस तरह की बैठक का शासन द्वारा कोई निर्णय लिया गया है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। योजना न होने के कारण। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। दिनांक 10/6/2019 को। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदान की जाने वाली सुविधा
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 826 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत केंद्र शासन/प्रदेश शासन/जिला प्रशासन/जनसहयोग/अन्य किसी माध्यम से किस किस आंगनवाड़ी केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं/संसाधन/सामग्री/सौंदर्यीकरण के कार्य वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कराये गए हैं, आंगनवाड़ी केंद्रवार जानकारी दें. (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कराये गए कार्य समान रूप से सभी केन्द्रों में न कराये जाकर किन्हीं विशेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में कराये गए हैं? यदि हाँ, तो क्यों और दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका तथा हितग्राही समूहों द्वारा आपसी सहयोग से कटनी शहरी परियोजना अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 155 एवं 218 में सौंदर्यीकरण कार्य नवाचार के तहत किया गया है तथा बाल सुलभ सुविधाओं के रूप में पंखा, कुर्सी, टेबिल, खिलौने, इत्यादि वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में जून माह के प्रथम सप्ताह में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा नये एवं पुराने खिलौनों के एकत्रीकरण का कार्य जनसहयोग से नवाचार के रूप में प्रोजेक्ट मुस्कान के तहत किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2018-19 की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी शहरी परियोजना के 02 केन्द्रों में सौंदर्यीकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य नवाचार के तहत कराया गया है। उक्त कार्य किन्ही विशेष केन्द्रों में नहीं कराये गये है अत: किसी दोषी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 827 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के पूर्व जबलपुर और सागर सम्भाग के जिलों में कितने-कितने परिवार राशन दुकानों से आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर रहे थे? जनवरी 2019 में कितने परिवार किस श्रेणी के लाभान्वित हो रहे हैं? जिलेवार, स्थानीय निकायवार बतायें। (ख) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के उपरांत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निकायों में कितने नए पात्र परिवार किस श्रेणी में शामिल किए गए? कितने अपात्र परिवार हटाये गए? क्या अपात्र श्रेणी में हो जाने के बाद भी अनेक दुकानों में अनेक परिवारों की सामग्री लम्बे समय तक आती रही? (ग) पात्रता श्रेणी में शामिल होने के कितने दिवस बाद परिवार का राशन सम्बंधित दुकान को आवंटित किया जाने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की स्पष्ट नीति नहीं होने से परिवार दुकानों में भटकता है पर उसका राशन नहीं आता और जब राशन आता है तो परिवार को पता नहीं चलता और कई माह तक अपयोजन होता है? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) क्या खाद्य सुरक्षा अधिनियम की इन विसंगति पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और किस प्रकार यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, मार्च 2014 में लागू किया गया। जबलपुर एवं सागर संभाग के जिलों में माह फरवरी, 2014 में श्रेणीवार प्रचलित राशन कार्डधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माह जनवरी, 2019 में श्रेणीवार प्रचलित पात्र परिवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लागू होने के उपरांत निकायवार सम्मिलित नवीन परिवारों एवं अपात्रता एवं अन्य कारणों से हटाये गये परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –स अनुसार है वर्तमान में सम्मिलित परिवारों में से मृत्यु होने, प्रवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने आदि कारणों से अपात्र हुए परिवारों का विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। किसी परिवार द्वारा उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त न करने पर शेष मात्रा को आगामी माहों के आवंटन में समायोजित किया जाता है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। परिवार को सम्मिलित करने के उपरांत पात्रता पर्ची जारी करने के माह से ही खाद्यान्न का आवंटन दुकान को किया जाता है। (घ) पात्र परिवार को पात्रता पर्ची जारी होने के माह में ही उचित मूल्य दुकान को राशन का प्रदाय किये जाने की व्यवस्था है। पात्रता पर्ची आमजन के अवलोकन के लिये विभागीय पोर्टल पर भी उपलब्ध कराई गई है। जहां से हितग्राही द्वारा पात्रता पर्ची का प्रिन्ट निकाला जा सकता है। (ङ) (क) से (घ) के संदर्भ में प्रश्न नहीं उठता है।
स्थायी पट्टा प्रदान करने के संबंध में
[राजस्व]
37. ( क्र. 834 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत चंपी, बाराद्वारी, बलवटपुरा, संजय नगर, भैसाटोल, बगूची, थावरिया एवं सूरजपोल मोहल्ले में विगत 50 वर्षों से आबादी निवास करती है तथा नियमानुसार सम्पति कर, प्रकाश कर, जल कर, आदि अन्य करों का भुगतान तथा लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय निर्वाचन में मतदान करते है, लेकिन प्रश्न दिनांक तक उक्त मोहल्लों में निवासरत आबादी के भवनों का उनके पास स्वामित्व (मालिकाना हक) नहीं है? यदि हाँ, तो क्या उक्त आबादी को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं, सम्पति क्रय-विक्रय प्रधानमंत्री आवास आदि महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्यों तथा शासन की पट्टा जारी करने की नीति होने के बावजूद उक्त आबादी को उसका लाभ न मिलने के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन ऐसे सभी मोहल्लों का सर्वेक्षण कराकर वर्षों से निवासरत आबादी को स्थायी पट्टा (मालिकाना हक) प्रदान करने के लिये कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले के नगर नरसिहगढ़ अंतर्गत चंपी, बाराद्वारी, बलवटपुरा, संजय नगर, भैसाटोल, बगूची, धावरिया एवं सूरजपोल मोहल्ले में विगत 50 वर्षों से आबादी निवास करती है जिन्हें नगर पालिका द्वारा मूलभूत सुविधाएं जैसे सफाई, पानी, प्रकाश, सड़क आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है तथा भवन स्वामियों द्वारा सम्पत्ति कर, प्रकाश कर, जलकर, आदि अन्य करो का भुगतान निकाय को किया जाता है। उक्त स्थान के वार्डवासियों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी पात्रता अनुसार दिया जा रहा है एवं प्रक्रिया जारी है। उक्त मोहल्लों की आबादी में लगभग 50 प्रतिशत आवासीय मकान वन भूमि पर निर्मित होने से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ एवं पट्टे नहीं दिये गये हैं। (ख) नगर नरसिहगढ़ के वार्ड क्रमांक 1 थावरिया मोहल्ला में 64 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्रं. 3 सूरजपोल मोहल्ले में 11 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्र. 4 सूरजपोल मोहल्ला में 36 व्यक्तियों को पट्टा एवं 65 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, संजय नगर में 02 व्यक्तियों को पट्टा एवं 09 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्रमांक 12 बगूची 65 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ,वार्ड क्र.15 बलवटपुरा में 90 व्यक्तियों को पट्टा एवं 17 व्यक्तियों को को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया है। आबादी क्षेत्र में पट्टा प्रदान करने की विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 835 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक भवन विहीन केन्द्रों पर भवन निर्माण करा दिये जावेंगे? (ख) उपरोक्तानुसार ऐसे कौन-कौन से केन्द्र हैं जिनके भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत होकर ग्राम पंचायत के खातों अथवा विभाग के पास लंबित तथा शासन से आवंटन की प्रत्याशा में होने से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण है तथा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से केन्द्रों के भवन का कार्य निर्माणाधीन है लेकिन अपूर्ण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक ऐसे निर्माणाधीन व अपूर्ण भवन निर्माण कार्यों को पूर्ण अथवा प्रारंभ न कराये जाने के लिये कौन-कौन दोषी है तथा उक्त संबंध में क्या विभाग द्वारा पंचायत विभाग से समन्वय कर प्रश्न दिनांक तक कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? कब तक ऐसे निर्माणाधीन व अपूर्ण भवन निर्माण कार्यों को पूर्ण अथवा प्रारंभ करा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अन्तर्गत संचालित परियोजना नरसिंहगढ़ के 105, परियोजना कुरावर के 58 एवं परियोजना पचोर के 66 कुल 229 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -क अनुसार है। प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) लंबित/अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अन्तर्गत संचालित परियोजना नरसिंहगढ़ के 44, परियोजना कुरावर के 27 एवं परियोजना पचोर के 25 भवन अपूर्ण/निर्माणाधीन हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति पंचायतराज संचालनालय द्वारा मनरेगा अभिसरण के अन्तर्गत दी गई है। राज्य एवं जिला स्तर से विभाग द्वारा पंचायतराज संचालनालय से आंगनवाड़ी भवनों को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु पर समन्वय किया गया है। इस हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की शासन स्तर पर सयुंक्त बैठक आयोजित की जा रही है। आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत का है। अतः आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
रेल्वे ओव्हर ब्रिज नागदा हेतु भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
39. ( क्र. 842 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन रेल्वे ओवर ब्रिज नागदा जिला उज्जैन के लिए अधिग्रहित भूमि में भूमि सर्वे क्रमांक 449/1/मिन 30 रकबा 0.010 ग्राम पाडल्या कला की निजी भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किया गया था अथवा नहीं? यदि नहीं, किया गया था तो प्रमाणीकरण प्रस्तुत करें और यदि किया गया था तो मुआवजा दिए जाने का अभिलेख प्रस्तुत करें। (ख) उक्त भूमि का अधिग्रहण होने की स्थिति में नगर पालिका परिषद नागदा को राजस्व विभाग ने भू-अर्जन प्रमाण पत्र दिया अथवा नहीं? यदि प्रदान किया गया है तो अभिलेख प्रस्तुत करें और यदि नहीं, दिया है तो नगर पालिका परिषद ने राजस्व संहिता की धारा 10/(3) में राजस्व विभाग को रिपोर्ट की है अथवा नहीं? रिपोर्ट व जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) नगर पालिका परिषद नागदा द्वारा उक्त सर्वे भूमि पर अधिकृत रूप से कब्ज़ा है अथवा नहीं? यदि है तो अभिलेख प्रस्तुत करें और यदि नहीं, है तो, राजस्व विभाग द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) उक्त सर्वे भूमि पर शासकीय अधिग्रहण नहीं होने के बाद भी यदि शासकीय कब्ज़ा है तो मौके की प्रमाणित जानकारी प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सर्वे क्रमांक 449/1/मि.30 रकबा 0.090 हे. जिसमें भूमि शकुंतलाबाई पति बटनलाल के नाम दर्ज है जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में निरंक। ( ग) नगर पालिका परिषद् नागदा क्षेत्र में उक्त सर्वे नं. पर परम्परागत आवागमन का रोड बनाया हुआ है। जिस पर आम नागरिक आवागमन करते है। जो सार्वजनिक निस्तार में है। खसरा एवं पंचनामा संलग्न है। किसी विभाग का कब्जा दर्ज नहीं है। (घ) परम्परागत रूप से इसमें रास्ते का सार्वजनिक उपयोग हो रहा है, पंचनामा संलग्न है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
40. ( क्र. 849 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत विभाग की कुल कितनी योजनाएं संचालित हैं? संचालित योजनाओं से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कुल कितनी योजनाओं का लाभ गांव तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की है? (ख) उज्जैन जिले के अंतर्गत किन योजनाओं का लाभ एवं सुविधाएँ दी गयी हैं? इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ग) उज्जैन जिले में नल जल योजना का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कुल कितनी संयत्र एवं संरचनाएं स्थापित हैं और कितने ग्रामों को लाभ प्राप्त हुआ है? (घ) चालू वर्ष में कितनी नल जल योजनाएं एवं अन्य योजनाएं चलायी जा रही हैं और उनके भौतिक और वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 9086 हैण्डपम्प योजनाएं, 195 नल-जल योजनाएं एवं 59 स्थल जल योजनाएं संचालित है। इन सभी संचालित योजनाओं से 1096 ग्रामों को पेयजल का लाभ पहुँचाया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) 195 नल-जल योजनाओं एवं 59 स्थल जल योजनाओं के अंतर्गत 458 नलकूपों पर स्थापित 458 मोटरपंपों एवं 210 उच्च स्तरीय टंकियों के माध्यम से 254 ग्रामों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है। (घ) 2 नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं एवं लक्ष्यानुसार नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य प्रगतिरत है। 225 बसाहटों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का भौतिक लक्ष्य दिया गया है जिसके विरूद्ध अनुमानित वित्तीय लक्ष्य रूपये 412.50 लाख का है।
बस स्टैण्ड व शराब ठेका भवन
[राजस्व]
41. ( क्र. 850 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर में वर्तमान बस स्टैण्ड किस भूमि पर संचालित हो रहा है, उक्त भूमि का सर्वे नंबर एवं रकबा बतावे तथा भूमि शासकीय या निजी है, यह भी जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सुवासरा नगर में बस स्टैण्ड के नजदीक शराब का ठेका किस भवन में संचालित हो रहा है? यह भवन शासकीय है या प्राईवेट? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि शासकीय भवन है तो शासन द्वारा अभी तक अधिग्रहण कर अपने कब्जे में क्यों नहीं लिया गया? क्या भवन का किराया निजी व्यक्तियों द्वारा वसूल किया जा रहा है? किराया प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम बतावें। (घ) कब तक बस स्टैण्ड की भूमि एवं शराब ठेका के भवन को कब्जे में लेकर भूमाफियाओं से मुक्त कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सुवासरा नगर में वर्तमान बस स्टैण्ड सर्वे क्रमांक 919 रकबा 1.599 पर संचालित हो रहा है। उक्त भूमि वर्तमान खसरे अनुसार शासकीय है। (ख) सुवासरा नगर में बस स्टैण्ड के नजदीक शराब का ठेका शासकीय भवन में न होकर निजी स्वामित्व के भवन में संचालित हो रहा है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में निरंक।
राजस्व ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
42. ( क्र. 851 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने ग्राम सम्मिलित हैं ग्रामों के नाम एवं ग्रामवार जनसंख्या बतावें। (ख) उपरोक्त ग्रामों में से कितने ग्राम है जिन्हे राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है? ग्रामों के नाम एवं ग्रामवार जनसंख्या बतावें। (ग) राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या नियम है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के वंचित ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम में घोषित किया जावेगा जिससे की ग्रामों का विकास हो सके?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 306 ग्राम है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त ग्राम राजस्व ग्राम है। (ग) आयुक्त भू-अभिलेख एव बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्र.1195/11-भू-प्र/माचिशा/म.टो/2012 ग्वालियर दिनांक 14.6.2012 के अनुसार मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिये निम्नांकित मापदंड निर्धारित है :- (1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिये। (2) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिये। (3) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चर्तुसीमाएं मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिये मजरे टोले से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमाएं मूल ग्राम की सीमाओं के अंदर ही स्थित न रहे। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्राम शासन के द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार राजस्व ग्राम घोषित है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों से संबंधित जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 858 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं लघु आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? जिलावार जानकारी दें। स्वीकृत के विरूद्ध कितने पदों पर कार्यकर्ता और सहायिका नियुक्त हैं और कितने पद रिक्त हैं तथा कितने ग्राम, मजरा-टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में क्या उक्त केन्द्रों में पोषण आहार राज्य की शासकीय/निजी एजेन्सियों द्वारा सप्लाय किया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस एजेन्सी के द्वारा पोषण आहार सप्लाय किया जाता है? सप्लाय करने वाली एजेन्सियों के नाम बतावें। इनके चयन की प्रक्रिया क्या है? सप्लायर एजेन्सियों के संचालकों के नाम भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र व लघु आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन नहीं हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें तथा कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जावेंगे? आंगनवाड़ी तथा लघु आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसर में पेयजल के लिए क्या हैण्डपंप खनन किये गये हैं? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कब तक हैण्डपंप खनन करा दिये जावेगें? पेयजल व्यवस्था विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विदिशा जिले में कुल 1930 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 441 उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 2371 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध कुल 2338 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पदस्थ है तथा 1930 सहायिकाओं के विरूद्ध 1902 सहायिकायें पदस्थ है। 33 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 28 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्त है। 58 ग्राम,मजरा,टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं को शासन द्वारा संचालित आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल, पात्रता अनुसार नाश्ता, खाना,थर्ड मील, टेक होम राशन, प्री-स्कूल किट, नियमित वृद्धि निगरानी, शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा इत्यादि सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा 06 माह से 03 वर्ष तक बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। विभाग द्वारा माह मार्च 2018 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन प्रदाय हेतु अल्पकालीन निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें निविदा शर्तों एवं न्यूनतम दर के आधार पर संभागवार सफल निविदाकार का चयन किया गया था। टेकहोम राशन प्रदाय की जाने वाली एजेंसी एवं संचालकों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 975 आंगनवाड़ी केन्द्र व 363 उप आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुरूप होने पर दी जाती है। स्वीकृति भारत सरकार के कार्य क्षेत्र में होने से विभाग द्वारा समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा उप आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसर में पेयजल हेतु हैंडपंप खनन किये गये है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- घ अनुसार है। हैण्डपंप खनन का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधान होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। पेयजल व्यवस्था विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निरंक है। किसी न किसी स्त्रोत से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल उपलब्ध है।
समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 860 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के अंतर्गत जल निगम के द्वारा समूह नल-जल योजनाएं तैयार की गई हैं या की जा रही हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन सी समूह नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गईं? जिलावार जानकारी योजना के नाम सहित दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी दें कि कितनी समूह नल-जल योजनाएं पूर्ण कर सुचारू रूप से जल प्रदाय किया जा रहा है? कितनी योजनाओं का कार्य अधूरा है और इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा यह योजनाएं कब तक पूर्ण हो जावेगी? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में जानकारी दें कि कितनी समूह नल-जल योजनाओं के गुणवत्ता विहीन कार्य करने की शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उनमें से कितनी सही पाई गई और उत्तरदायी कर्मचारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (घ) मध्यप्रदेश में समूह नल-जल योजना विगत 5 वर्षों में जो स्वीकृत हुई थी, विलंब होने के कारण उनकी लागत में कितनी वृद्धि हुई? स्वीकृत राशि एवं विलंब के कारण लागत में हुई वृद्धि की राशि की जानकारी जिलावार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) 18 समूह जलप्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण कर जलप्रदाय किया जा रहा है। 40 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, इन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने के उपरांत अंतिम देयक के निराकरण के समय योजनाओं के कार्यों में विलंब के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा सकेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) 02 समूह जलप्रदाय योजनाओं के गुणवत्ता विहीन कार्य करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनमें से कोई भी सही नहीं पाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न दिनांक तक किसी भी समूह जलप्रद&