मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र


बुधवार, दिनांक 10 जुलाई, 2019


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



पेयजल समस्‍या का समाधान

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

1. ( *क्र. 950 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत पानी की विकराल समस्या को देखते हुए हैण्डपंप लगवाए जाने हेतु क्या बजट आवंटन उपलब्ध नहीं है? यदि बजट उपलब्ध है तो हैंडपंप क्यों नहीं लगवाये जा रहे हैं? (ख) विगत छ: महीनों में पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ कितने हैण्डपंप लगवाये गये हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) मझगाय बांध पेयजल योजना अन्तर्गत जल निगम द्वारा ग्रामों में पाईप लाइन तो बिछा दी गई है लेकिन बांध निर्माण अभी तक नहीं हुआ तो कब तक गांवों में पानी पहुँचा दिया जायेगा? (घ) क्या गर्मी में पन्ना जिले में पानी की विकट समस्या को देखते हुए केन नदी से पानी पन्ना शहर तक पहुँचाने के लिये कोई योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं अपितु निर्धारित लक्ष्य अनुसार हैण्डपंप लगवाये जा रहे हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) मझगाय बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग पन्ना द्वारा किया जा रहा है, जो प्रगतिरत है। बांध पूर्ण होने के पश्चात जलप्रदाय किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (घ) वर्तमान में नगर पालिका परिषद् पन्ना द्वारा कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''एक''

बालाघाट जिले में धान की खरीदी 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( *क्र. 276 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) बालाघाट जिले में कितने क्विंटल धान खरीदी की गयी? धान खरीदी की आखिरी ता‍रीख क्या थी? बालाघाट जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक क्‍यों नहीं हुआ है? इस हेतु कौन दोषी है? (ख) क्या बालाघाट में सरकार द्वारा निर्धारित तारीख खत्म होने के बाद भी धान खरीदी की गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस नियम से और कितने क्विंटल धान खरीदी की गई और किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है? (ग) क्या प्रबंधक, विपणन सहकारी संघ बालाघाट द्वारा प्रति क्विंटल 1400/- रूपये किसान को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी प्रबंधक के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें और किसानों को बची राशि का भुगतान कब तक करायेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 407870.15 मे. टन धान का समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्‍य पर धान खरीदी की अवधि दिनांक 15 नवम्‍बर, 2018 से 15 जनवरी, 2019 तक निर्धारित की गई थी। समस्‍त पंजीकृत किसानों से धान उपार्जन करने हेतु उपार्जन की अवधि दिनांक 25 जनवरी, 2019 तक बढ़ाई गई। समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की कुल राशि रू. 713.77 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। किसानों को भुगतान शेष नहीं होने से किसी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) बालाघाट जिले में धान उपार्जन की अवधि 25 जनवरी, 2019 निर्धारित की गई थी। उपार्जन के अंतिम दिवस में अपनी उपज विक्रय करने के लिए आने वाले किसानों को उपार्जन केन्‍द्र से ऑनलाइन टोकन जारी किए गए थे। जिन किसानों के दिनांक 23 से 25 जनवरी के मध्‍य टोकन जारी किए गए थे किन्‍तु उनकी उपज की तौल नहीं की जा सकी थी, ऐसे टोकनधारी किसानों से दिनांक 25 जनवरी, 2019 के पश्‍चात भी खरीदी की अनुमति दी गई। दिनांक 25 जनवरी के पश्‍चात 19,679.08 मे. टन धान का उपार्जन किया गया। किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्‍य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की धान का भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। किसानों को रू. 1750 प्रति क्विंटल (समर्थन मूल्‍य) की दर से उपार्जित एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की धान का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का निरीक्षण

[महिला एवं बाल विकास]

3. ( *क्र. 759 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्‍ड जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? इनके संचालन की जगह कहाँ-कहाँ है? जिले के महिला बाल विकास अधिकारियों को वर्ष में कितनी बार निरीक्षण करने के निर्देश जारी किये गये हैं? जारी निर्देश की प्रति देते हुए बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या विभाग द्वारा जारी आदेशों निर्देशों एवं तय गाइड-लाइन के पालन में संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण के दौरान उपयोग किये गये वाहन का क्रमांक व लॉगबुक एवं टूर डायरी (मासिक दैनिक नंदनी) का विवरण भी उपलब्‍ध करावें। उपरोक्‍त जानकारी वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक की वर्षवार एवं माहवार देवें (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में निरीक्षण के दौरान किन-किन पर किस-किस स्‍तर की कार्यवाही प्रस्‍तावित की गयी? वर्तमान में कार्यवाही की स्थिति क्‍या है? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार तय           गाइड-लाइन एवं जारी निर्देशों का पालन न करने, अपने उत्‍तरदायित्‍वों का निर्वाहन न करने, आंगनवाड़ी केन्‍द्रों व जनपद महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण न करने के कारण क्‍या शासन की विभागीय योजना प्रभावित हो रही है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) भिण्ड जिले में कुल 2082 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 369 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उनके संचालन के स्थान की जानकारी एवं विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण से संबंधित निर्देश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जारी निर्देशों एवं तय गाइड-लाइन का आंशिक रूप से पालन कर भिण्ड जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किये गये हैं। निरीक्षण के दौरान वर्ष 2016-17 से दिनांक 11/04/2019 तक वाहन क्रमांक-एम.पी.02 ए.व्ही. 1391 मैक्स एवं दिनांक 12/04/2019 से प्रश्न दिनांक तक एम.पी.30 सी. 6227 बुलेरो का उपयोग किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारियों की विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल पर दर्ज मासिक दैनंदिनी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्ष 2016-17 की लॉगबुक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष अवधि की लॉगबुक उपलब्ध न होने के कारण संबंधितों पर शास्ति अधिरोपण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाकर माह अप्रैल 2016 से अप्रैल 2019 में संबंधित कार्यकर्ता, उप कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का मानदेय कटौत्रा की कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) विभागीय योजनाएं नियमानुसार एवं शासन के मापदण्‍डों के अनुसार संचालित की जा रहीं हैं।

सबला योजना का क्रियान्‍वयन

[महिला एवं बाल विकास]

4. ( *क्र. 805 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सबला योजना अंतर्गत वर्ष 2014 से दिसम्‍बर 2018 तक किशोरी बालिकाओं के व्‍यवसायिक प्रशि‍क्षण हेतु कितनी राशि प्रदान की गई? कितनी बालिकाओं को किस प्रशि‍क्षक के द्वारा प्रशि‍क्षण दिया गया? उस पर कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्‍या मंगल दिवस का कार्यक्रम आंगनवाड़ियों में होता है? उक्‍त आयोजन हेतु शासन द्वारा केन्‍द्र को कितनी राशि प्रदाय की जाती है? रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किस परियोजना में कितनी राशि आवंटित की गई? केन्‍द्रवार हितग्राहियों की सूची सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या प्रदेश में आदर्श आंगनवाड़ी केन्‍द्र बनाये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो रीवा जिले में कितने आदर्श आंगनवाड़ी केन्‍द्र बनाये गये हैं? उन केन्‍द्रों को कितनी राशि प्रदान की गई है? क्‍या उक्‍त योजना में व्‍यापक भ्रष्‍टाचार हुआ है? यदि हाँ तो किस के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई अथवा की जायेगी, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सबला योजना अंतर्गत वर्ष 2014 में प्रदेश के 15 जिलों में व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु प्रदाय राशि, बालिकाओं की संख्या, प्रशिक्षक जिनके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया एवं उस पर खर्च राशि का जिलेवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार हैवर्ष 2015 से दिसम्बर 2018 तक व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई है। अतः शेष के संबंध में प्रश्न नहीं उठता। (ख) हाँ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र को समुदाय आधारित गतिविधियों (मंगल दिवस) आयोजन हेतु प्रतिमाह 500 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं एवं आंगनवाड़ियों को आवंटित की गई प्रथम त्रैमास में राशि का विवरण निम्नानुसार है :-

परियोजना का नाम

परियोजना अंतर्गत कुल आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या

परियोजना अंतर्गत प्रथम त्रैमास में प्रदत्त आवंटन

गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या

गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रथम त्रैमास में प्रदत्त आवंटन

रायपुर कर्चुलियान-1

226

3,39,000

82

1,23,000

रायपुर कर्चुलियान-2

126

1,89,000

106

1,59,000

रीवा ग्रामीण-1

222

3,33,000

77

1,15,500

रीवा ग्रामीण-2

135

2,02,500

131

1,96,500

कुल

709

10,63,500

396

5,94,000

वित्तीय वर्ष 2019-20 में गुढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार संख्यात्मक सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) हाँ। रीवा जिले में 145 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाए गए हैं इनमें से 64 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति केन्द्र          1 लाख रूपये तथा 81 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रति केन्द्र 50 हजार रूपये की राशि प्रदान की गई है। उक्त योजना में भ्रष्टाचार की स्थिति नहीं है। अतः शेष के संबंध में प्रश्न नहीं उठता।

संभागीय कार्यालय से बसों को परमिट जारी किया जाना

[परिवहन]

5. ( *क्र. 446 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यात्री परिवहन हेतु संभागीय कार्यालय से बसों को परमिट जारी करने हेतु क्या प्रावधान हैं? कितने-कितने समय अंतराल से यात्री बसों हेतु परमिट जारी किये जाते हैं? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं।                  (ख) क्या उपरोक्त नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिये कौन जिम्मेदार है? नाम एवं पदनाम बताएं (ग) क्या इस प्रावधान में जिला स्तरीय परिवहन कार्यालय द्वारा अनुशंसा प्राप्त की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्तमान में बैतूल जिले के लिए कितनी यात्री बसों का पंजीयन किया गया है? बैतूल बस स्टैण्ड से प्रस्थान समयानुसार यात्री बसों की सूची उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यात्री परिवहन हेतु मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 69, 70, 71, 72, 73, 74, 87 एवं 88 में तथा केन्द्रीय मोटरयान नियम 82, 83, 84, 85 तथा म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 72 के प्रावधानों अनुसार परमिट जारी किये जाते हैं। समय अंतराल के संबंध में मोटरयान अधिनियम में किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं किया गया है। संभागीय परिवहन प्राधिकार द्वारा आवेदन प्राप्त करने के पश्‍चात विधिवत सुनवाई की जाती है तथा मार्ग पर विद्यमान आवश्यकताओं के आधार पर नवीन अनुज्ञा पत्र जारी किये जाते हैं। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। () जी हाँ। नियमों का पालन किया जा रहा है। (ग) जिला स्तरीय परिवहन कार्यालय से अनुशंसा लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु संभागीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की हैसियत से कार्य करता है तथा अनुज्ञा पत्र संबंधी समस्त नस्तियों को अध्यक्ष क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के समक्ष निराकरण हेतु प्रस्तुत करता है। (घ) जिला परिवहन कार्यालय बैतूल में पंजीकृत यात्री बसों की संख्या 391 है, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा बस स्टैण्ड बैतूल से विभिन्न मार्गों को जाने वाली बसों के प्रस्थान समय की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

अनुसूचित क्षेत्रों में स्थापित शासकीय एवं निजी कॉलेज

[चिकित्सा शिक्षा]

6. ( *क्र. 719 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में कितने शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले गये? इसके अतिरिक्त कितने शासकीय एवं निजी    पैरा-मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज खोले गए? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में कितने प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के समक्ष विचाराधीन हैं एवं कितने शासकीय       पैरा-मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज खोले जाने हैं? उक्त समस्त प्रस्तावों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्यता को दृष्टिगत रखते हुए जिला धार के मनावर विधान सभा क्षेत्र में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में कोई कार्ययोजना तैयार कराए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित क्षेत्र जिला धार, विधान सभा क्षेत्र मनावर में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री को वर्ष 2019 में लिखित आवेदन दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? आगामी बजट सत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्या माननीय मंत्री महोदय घोषणा करेंगे?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय एवं अशासकीय चिकित्‍सा महाविद्यालयों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। पैरामेडिकल की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शासकीय एवं अशासकीय नर्सिंग कॉलेज की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में दो प्रस्‍ताव (1) जिला भिण्‍ड (2) जिला सिंगरौली से प्राप्‍त हुए हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मनावर में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने संबंधी विभाग में कोई आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं।

 

 

पेयजल योजना के क्रियान्‍वयन में विलम्‍ब

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( *क्र. 185 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा चंबल नदी के डाउन स्‍ट्रीम में स्थित 22 गांवों की पेयजल योजना के टेण्‍डरों की स्‍वीकृति किस कंपनी को कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करने के अनुबंध के तहत स्‍वीकृति प्रदान की गयी है? उक्‍त योजना में कितना कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितना कार्य शेष है? प्राक्‍कलन की कॉपी उपलब्‍ध कराते हुए विवरण दें। (ख) उक्‍त योजना के अंतर्गत कितने गांवों में टंकियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कितनी टंकियां अधूरी हैं? कितनी टंकियों का कार्य अप्रारंभ हैं? (ग) उक्‍त योजनांतर्गत कितने क्षेत्रों में पाईप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने गांवों में अपूर्ण/अप्रारंभ है? (घ) क्‍या उक्‍त योजना हेतु फिल्‍टर प्‍लांट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ड.) उक्‍त योजना के विलंब का क्‍या कारण है? योजना विलंब होने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (च) उक्‍त योजना के तहत कब तक चंबल नदी से प्रदूषित गांवों में फिल्‍टर पानी उपलब्‍ध करा दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मे. पी.सी. स्नेहल कन्स्ट्रक्शन कम्पनी, अहमदाबाद (गुजरात) को 18 माह की समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। योजना में लगभग 73 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 27 प्रतिशत कार्य शेष है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 16 गांवों की टंकियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, 4 टंकियों का कार्य प्रगतिरत है। किसी भी टंकी का कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ग) 22 ग्रामों/क्षेत्रों में पाईप लाइन बिछाने का लगभग 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 45 प्रतिशत कार्य प्रगतिरत है। सभी गांवों में कार्य प्रारंभ है। (घ) जी हाँ। (ड.) योजना में क्लीयर वाटर पंपिंग मेन पाईप लाइन की रेलवे क्रासिंग की अनुमति एवं एम.बी.आर. निर्माण हेतु भूमि आवंटन में देरी होने से कार्य करने में विलंब हुआ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (च) योजना प्रगतिरत है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''दो''

ग्रामीण पेयजल योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

8. ( *क्र. 974 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम जिले में केन्‍द्र/राज्‍य की विभिन्‍न पेयजल योजनाएं ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्‍यवस्‍था हेतु क्रियान्वित की जा रही हैं एवं नवीन योजनाएं विभागीय रूप से शासन को अग्रेषित की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कितनी नलजल योजनाएं शासन से स्‍वीकृत होकर पूर्ण हुईं, अपूर्ण रहीं, अप्रारंभ रहीं तथा उक्‍त वर्षों में कितने प्रस्‍ताव भेजे? उनमें से कितने स्‍वीकृत हुए, कितने अस्‍वीकृत हैं तथा कितने प्रस्‍ताव शासन के पास लंबित हैं? क्‍या स्‍वीकृत योजनाओं में से पूर्ण होने के पश्‍चात योजनाएं विभिन्‍न कारणों से पेयजल वितरण करने में सफल नहीं हुईं? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में उपरोक्‍त योजनाओं के माध्‍यम से अथवा अन्‍य माध्‍यमों से भी क्‍या कोई और प्रस्‍ताव ग्राम पंचायतों, विभिन्‍न जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी तब से लेकर अब तक की गई विभिन्‍न मांगों पर नये प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति दी गई? शेष रहे प्रस्‍तावों की जानकारी दें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) 100 नलजल योजनाएं स्वीकृत हुईं, 64 पूर्ण, 7 अपूर्ण एवं 29 अप्रारंभ। 100 नलजल योजनाओं के प्रस्ताव भेजे गये। सभी 100 प्रस्ताव स्वीकृत, कोई भी लंबित नहीं हैं। स्वीकृत योजनाओं में से पूर्ण होने के पश्चात योजनाएं पेयजल वितरण करने में सफल रहीं हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सभी माध्यमों से प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। माननीय विधायक एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 13 ग्रामों की आवर्धन नलजल योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। 

मुरैना जिलांतर्गत नलजल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

9. ( *क्र. 540 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय वित्‍त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्‍दु क्र. 60 में वर्ष 2018-19 में 1650 बसाहटों में मुख्‍यमंत्री ग्राम नलजल योजना का कार्य प्रारंभ कराये जाने का लक्ष्‍य है एवं एक करोड़ से अधिक लागत वाली 255 नवीन योजनाएं नवीन मद के रूप में बजट में सम्मिलित किये जाने का उल्‍लेख है? (ख) यदि हाँ, तो 1650 बसाहटों में मुरैना जिले के           कौन-कौन से ग्राम किन-किन विधान सभा क्षेत्रों के शामिल हैं। (ग) मुरैना जिले की विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में मुख्‍यमंत्री ग्राम नलजल योजना के कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से कराये गये व उनकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित योजना हेतु कोई मार्गदर्शिका है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।

किसानों की उपज का क्रय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( *क्र. 642 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या रीवा जिले में समर्थन मूल्‍य पर किसानों की फसल खरीदी में खरीदी केन्‍द्रों द्वारा की गई अव्‍यवस्‍था, पोर्टल बन्‍द होने एवं चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण समस्‍त किसानों का न तो पंजीयन हो पाया एवं जिनका पंजीयन हो गया था उनके फसल की खरीदी नहीं हो पाई है एवं क्‍या उक्‍त संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा मान. मुख्‍यमंत्री जी को अवगत कराकर सक्षम कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत किन-किन किसानों की किस-किस फसल की कितनी खरीदी नहीं हो पाई है? क्‍या इन किसानों की खरीदी अवधि बढ़ाकर उनके फसल की खरीदी की जावेगी या उनके फसल की बोनस राशि उन्‍हें प्रदाय की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में किसानों की खरीदी गई समस्‍त फसलों की राशि उनके खाते में कब तक भेज दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रबी उपार्जन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन हेतु किसान पंजीयन की अवधि दिनांक 21 जनवरी, 2019 से 23 फरवरी, 2019 तक निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर दिनांक 14 मार्च, 2019 तक किया गया। इसके अतिरिक्‍त रीवा जिले में पृथक से कृषकों का पंजीयन दिनांक 01 से 03 अप्रैल तक भी कराया गया। रबी विपणन वर्ष 2019-20 में रीवा जिले में कुल 52,132 कृषकों का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर किया गया है, जिसमें से लगभग 29,955 कृ‍षकों द्वारा गेहूँ विक्रय किया गया है। (ख) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत खरीदी केन्‍द्र रूपौली (दादर)-40, बड़ागांव-183, हरदुआ-38, चचाई-3 एवं  भमरा-80 कुल 344 किसानों से उपार्जन अंतिम दिनांक 24.05.2019 तक गेहूँ की तौल नहीं हो सकी थी, जिनकी खरीदी निर्धारित अवधि के पश्‍चात की गई है। (ग) उत्‍तर दिनांक तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ राशि रू. 224.87 करोड़, जो कि 97.5 प्रतिशत है, का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। शेष मात्रा की FAQ स्‍वीकृति एवं खाता सुधार की व्‍यवस्‍था प्रक्रिया जारी है।

निस्‍तार/चरनोई के लिए आवंटित भूमि का परिवर्तन

[राजस्व]

11. ( *क्र. 880 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर के ग्राम पोचानेर की भूमि सर्वे नम्‍बर 1839 एवं 1687 निस्‍तार चरनोई व रास्‍ते की है, जिसको कलेक्‍टर जिला शाजापुर के आदेश दिनांक 16/03/1981 से आवंटन हेतु परिवर्तित किया गया है? क्‍या निस्‍तार चरनोई व रास्‍ते की भूमि को एक व्‍यक्ति की मांग पर परिवर्तित किया जा सकता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि आवंटन हेतु परिवर्तन करने के पूर्व अनुविभागीय अधिकारी शुजालपुर का अभिमत क्‍या था? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि को रामसिंह पिता हिन्‍दु सिंह को आवंटित करने के पीछे क्‍या सार्वजनिक हित थे? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि का आवंटन सार्वजनिक हित न होने से आवंटन आदेश निरस्‍त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, न्‍यायालय कलेक्‍टर के प्रकरण क्रमांक 30/अ-59/1980-81 दिनांक 16.03.1981 के द्वारा परिवर्तित किया गया। तत्‍समय मध्‍यप्रदेश     भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की गयी थी। (ख) सार्वजनिक हित में भूमि को अलाटमेंट हेतु धारा 237 (1) में परिवर्तित करना प्रासंगिक व उचित नहीं होगा। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि को रामसिंह पिता हिन्‍दुसिंह को आवंटित करने के पीछे सार्वजनिक हित नहीं थे वरन तत्‍समय प्रचलित 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत भूमि कृषि कार्य हेतु आवंटित की गयी थी।               (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जे.पी. पावर प्‍लांट की खाली जमीन का अधिग्रहण

[राजस्व]

12. ( *क्र. 366 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जे.पी. पावर प्‍लांट बीना के द्वारा विधान सभा क्षेत्र बीना के जिन किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहि‍त की गई थी, उसका कई वर्षों से उपयोग नहीं हो रहा है? (ख) क्‍या अधिग्रहण के समय एक समझौता हुआ था कि यदि 03 वर्ष तक अधिग्रहण की जमीन का उपयोग नहीं होता है तो अधिग्रहि‍त भूमि किसानों को वापिस कर दी जावेगी? (ग) म.प्र. शासन द्वारा किसानों के हित में क्‍या योजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो कब तक बनाई जावेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) अधिग्रहित भूमि के संबंध में               भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 41 अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्यपाल (कलेक्टर सागर) व बीना पॉवर सप्लाई कंपनी लिमिटेड के मध्‍य हुए करार दिनांक 08/07/1997 में उल्‍लेख यह नहीं है कि यदि 03 वर्ष तक अधिग्रहण की गई जमीन का उपयोग नहीं होता है तो अधिग्रहित भूमि किसान को वापिस कर दी जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में आवश्‍यक नहीं।

सिवनी में मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना

[चिकित्सा शिक्षा]

13. ( *क्र. 609 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जाने हेतु निर्माण कार्य प्रारंभ है? मेडिकल कॉलेज हेतु किये जा रहे निर्माण कार्य को क्रियान्‍वयन एजेंसी द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? वर्तमान निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें।                            (ख) सिवनी जिले के आमजनों की चिकित्‍सा सुविधा को देखते हुए सिवनी में मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किये जाने के संबंध में सम्‍पूर्ण औपचारिकताओं व प्रकियाओं को कब तक पूर्ण करते हुए मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ किये जाने में विभाग द्वारा किये जा रहे विलंब का क्‍या कारण है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। मंत्रि‍परिषद से अक्‍टूबर 2018 में अनुमति पश्‍चात 05/03/2019 में कलेक्‍टर से भूमि प्राप्‍त होकर निर्माण एजेंसी द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

छतरपुर विधान सभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों हेतु भूमि का आवंटन

[राजस्व]

14. ( *क्र. 460 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) शासन द्वारा विभागों को विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों हेतु भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें विभागों द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु भूमि की मांग की गई। विभागानुसार जानकारी प्रदाय करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में भूमि आवंटन हेतु विभाग ने कब-कब पत्र लिख कर मांग की है? उपरोक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? भूमि आवंटन में क्या दिक्कत आ रही है? इसे कैसे दूर किया जा सकता है? प्रकरणवार जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र की भाग चार खण्‍ड एक की क‍ंडिका 36 में शासकीय विभागों को उनकी योजना/परियोजनाओं के निर्माण हेतु भूमि हस्‍तांतरण के प्रावधान हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशष्‍ट पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशष्‍ट पर है। भूमि आवंटन में कोई दिक्‍कत नहीं आ रही है। योजना के अनुसार शासकीय भूमि उपलब्‍ध न होने के कारण कुछ प्रकरण लंबित रहते हैं।

परिशिष्ट - ''तीन''

ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी का मुआवजा 

[राजस्व]

15. ( *क्र. 165 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) वर्ष 2019 में विगत दिनों में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ओलावृष्टि एवं ठण्ड से किन-किन ग्रामों में फसल नुकसान हुआ है? ग्रामों के नाम एवं प्रभावित किसानों की संख्‍या उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त वजह से हुए नुकसान में शासन द्वारा दी गई मुआवजा की राशि की जानकारी तथा किसानों की संख्‍या बताएं। (ग) ग्राम कोचरियाखेड़ी और सुरखेड़ा में ओलावृष्टि की त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट किस पटवारी द्वारा तैयार की गई थी तथा वर्तमान में पटवारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) कोचरियाखेड़ी सहित वंचित किसानों को कब तक ओलावृष्टि से हुई नुकसानी का मुआवजा स्वीकृत किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में वर्ष 2019 में सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 42 ग्रामों में प्रभावित 12188 किसानों की ओलावृष्टि से रबी की फसलों में नुकसानी हुई है। उक्‍त ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है।  (ख) फसल क्षति होने से 10601 किसानों को राशि 13,97,25,385/- रूपये वितरित की गई है। शेष 1587 किसानों के संयुक्‍त खाते होने से सहमति पत्र प्रस्‍तुत न किए जाने तथा सभी सह खातेदारों के नम्‍बर नहीं दिए जाने से एवं उनके मध्‍य विवाद होने से राशि वितरण हेतु शेष है। (ग) ग्राम कोचरियाखेड़ी एवं सुरखेड़ा में ओलावृष्टि की नुकसानी रिपोर्ट 5 से 10 प्रतिशत होने की रिपोर्ट पटवारी द्वारा दी गई है। हल्‍का पटवारी के द्वारा उक्‍त दोनों ग्रामों में आंशिक फसल नुकसानी के बाद भी ग्रामवासियों को सहायता राशि का आश्‍वासन दिया जाकर भ्रमित किये जाने से उसे निलंबित किया गया है। (घ) ग्राम कोचरियाखेड़ी में नुकसानी का प्रतिशत राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में नहीं होने से मुआवजा स्‍वीकृत नहीं किया गया है। शेष पात्र ग्रामों के किसानों को ओलावृष्टि से हुई नुकसानी का मुआवजा स्‍वीकृत किया जा चुका है।

परिशिष्ट - ''चार''

सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत स्‍वीकृत नलजल योजनाएं 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

16. ( *क्र. 1083 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र क्र. 136 के ग्रामों में कुल कितने हैंडपंप लगे हुए हैं तथा कितनी नलजल योजनाएं स्‍वीकृत हैं? (ख) लगे हुए कुल हैंडपंपों में कितने हैंड पंप चालू हैं एवं कितने हैंडपंप बंद पड़े हैं तथा नलजल योजना की क्‍या स्थिति है? (ग) क्‍या बंद हैंडपंप की वजह से पेयजल संकट उत्‍पन्‍न हुआ है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? ग्रामों के नाम बतायें।                          (घ) विभाग ने क्‍या-क्‍या उपाय पेयजल संकट से मुक्ति के लिए किये हैं एवं स्‍वीकृत नलजल योजनाओं की क्‍या स्थिति है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 3695 हैण्डपंप लगे हुये हैं तथा 71 नलजल योजनायें स्वीकृत हैं। (ख) 3556 हैण्डपंप चालू व 139 हैण्डपंप विभिन्न कारणों से बंद हैं। नलजल योजनाओं की योजनावार स्थितिपुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।        (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। नलजल योजनाओं की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।

वित्‍तीय अधिकार के विरूद्ध राशि का व्‍यय

[चिकित्सा शिक्षा]

17. ( *क्र. 1007 ) श्री संजय उइके : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय अधिकार पुस्तिका के अनुभाग एक प्रशासनिक मामले के सरल क्रमांक 1.21 के प्रावधानों के अनुसार चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा आयुक्‍त चिकित्‍सा शिक्षा को विभागाध्‍यक्ष तथा संचालक चिकित्‍सा शिक्षा को कार्यालय घोषित किये जाने के आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाए। (ख) विभागाध्‍यक्ष कार्यालय में क्‍या दो आहरण एवं संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने के संबंध में वित्‍तीय अधिकार पुस्तिका में प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम 1.11 के प्रावधानों के संदर्भ में चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा आहरण एवं संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने के संबंध में जारी आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाए। (ग) आयुक्‍त चिकित्‍सा शिक्षा की पदस्‍थापना के पश्‍चात संचालक चिकित्‍सा शिक्षा को कार्यालय प्रमुख घोषित किये जाने के संबंध में जारी न होने के बाद भी क्‍या संचालक चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा अपने स्‍तर से स्‍वयं को आहरण संवितरण अधिकारी घोषित किये जाने तथा संचालनालय चिकित्‍सा शिक्षा के लिए पृथक से आहरण संवितरण अधिकारी वित्‍तीय अधिकार पुस्तिका के प्रावधानों के विरूद्ध घोषित करने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या वित्‍तीय अधिकार पुस्तिका के प्रावधानों के विरूद्ध संचालक चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा संचालनालय में संधारित स्‍वशासी खाते से वित्‍तीय अधिकार न होते हुए भी संचालक चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा हजारों रूपये की राशि स्‍वल्‍पाहार भोजन एवं अन्‍य सामग्री क्रय करने के आदेश नियम विरूद्ध जारी कर शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''पाँच''

विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी में भूमि का नामांतरण 

[राजस्व]

18. ( *क्र. 1091 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या धार जिले की विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी में ग्राम खतडगांव में जगदीश प्रसाद, अवध नारायण, कृष्‍णकांत, कैलाश चंद पिता द्वारका प्रसाद की कृषि भूमि सर्वे न. 9, 12, 13, 14 रकबा 2.504, 8.524, 8.322 एवं 04.034 की कृषि भूमि का फर्जी नामांतरण हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) फर्जी नामांतरण न होने से किसी कर्मचारी/अधिकारी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

रायसेन जिलांतर्गत बंद नलजल योजनायें

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

19. ( *क्र. 385 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले की कौन-कौन सी नलजल योजना कब से एवं क्‍यों बंद है? उक्‍त योजनाओं को प्रारंभ करवाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? कौन-कौन सी नलजल योजनायें चालू हैं? उनका संचालन कौन कर रहा है? (ख) जून 2019 की स्थिति में              किन-किन नलजल योजनाओं, टंकी निर्माण, कूप निर्माण का कार्य अप्रारंभ एवं अपूर्ण है एवं क्‍यों? उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) 15 जून, 2019 की स्थिति में कितने हैण्‍ड पम्‍प बंद हैं? उनको कब तक सुधरवाया जायेगा? विगत 2 वर्षों में विभाग ने किन-किन ग्राम पंचायतों को किस हेतु कितनी राशि दी? उक्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य करवाये गये? (घ) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक हैण्‍डपम्‍प सुधरवाने, पाईप बढ़ाने के संबंध में खण्‍ड कार्यालय रायसेन को किन-किन माध्‍यमों से कब-कब सूचना/शिकायतें प्राप्‍त हुईं? उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 46 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) कुल 488 हैण्डपम्प बंद थे। 52 हैण्डपम्पों को सुधार कर चालू कर दिया गया है एवं 436 हैण्डपम्प जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं, जो वर्षा उपरांत जलस्तर बढ़ने पर स्वतः चालू हो जायेंगे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' एवं ''5'' अनुसार है।

खाद्यान्न पर्ची जारी करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( *क्र. 787 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सागर जिले के अंतर्गत गरीबी रेखा कार्डधारी/अनु.जाति/जनजाति/संबल कार्डधारी हितग्राहियों/ उपभोक्‍ताओं की खाद्यान्न पर्ची उपभोक्‍ताओं/हितग्राहियों को प्राप्‍त क्‍यों नहीं हो रही है? क्रियान्‍वयन/खाद्यान्न वितरण हेतु किस दिनांक से लंबित हैं? (ख) क्‍या संपूर्ण प्रदेश के जनहित में खाद्यान्‍न पर्ची जनरेट करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की जावेगी? (ग) सागर जिले में प्रश्‍नांश (क) के कितने हितग्राहियों/उपभोक्‍ताओं की खाद्यान्न पर्चियाँ प्रश्‍न दिनांक तक क्रियान्‍वयन (पोर्टल के माध्‍यम से जनरेट) होने के लिए लंबित हैं? (घ) जिला सागर अंतर्गत उपरोक्‍त हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्चियाँ कब तक जनरेट की जायेंगी? तदोपरांत उन्‍हें राशन प्रदाय किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) सागर जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 4,13,068 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। सागर जिले में वर्तमान में समग्र पोर्टल पर 15,766 परिवार प्रदर्शित हो रहे हैं, जिन्‍हें इतनी ही संख्‍या के परिवारों के विलोपन उपरांत ही इन्‍हें प्राथमिकता श्रेणी के सीमा में खाद्यान्‍न हेतु पात्र श्रेणी में सम्मिलित किये जा सकते हैं। विलंब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों का सत्‍यापन एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आयरन फ्रेम बोर्ड के भुगतान में अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

21. ( *क्र. 1056 ) श्री सुनील सराफ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01.01.2016 से 30.11.2018 तक प्रदेश में आयरन फ्रेम बोर्ड कितने जिलों में कितने स्‍थानों पर लगाए गए? स्‍थान, जिले के नाम सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ख) इसकी टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी वर्षवार, कार्यवार देवें। चयनित फर्म को किए भुगतान की जानकारी कार्यवार, वर्षवार देवें? इनके द्वारा प्रस्‍तुत बिलों की प्रमाणित प्रति का विवरण देवें। (ग) इनके भौतिक सत्‍यापन की रिपोर्ट जिलावार अधिकारी के नाम, पदनाम सहित देवें। रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति का विवरण कार्यवार, जिलावार देवें। (घ) जिन स्‍थानों पर बिना भौतिक सत्‍यापन के भुगतान कर दिया गया, उन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इनसे वसूली कब तक होगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) दिनांक 01/01/2016 से दिनांक 30/11/2018 तक प्रदेश में संचालनालय स्तर से लगवाये गये निम्नानुसार आयरन फ्रेम बोर्ड की जिलावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है: 1. वन स्टॉप सेन्टर, 2.पॉक्सो अधिनियम, 3.विभागीय योजनाएं (आयवायसीएफ, लालिमा, मंगल दिवस) 4. प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, 5. लाडली लक्ष्मी योजना (ख) बिन्दु क्रमांक () अनुसार आयरन फ्रेम बोर्ड लगवाये जाने का कार्य जनसम्पर्क संचालनालय से उनके द्वारा निर्धारित दरों पर कराया गया। इसलिये टेंडर प्रक्रिया की जानकारी निरंक है। (ग) जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा कार्य उपरांत प्रेषित पावतियों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) संचालनालय महिला एवं बाल विकास द्वारा जनसम्‍पर्क संचालनालय को विभागीय योजनाएं (आयवायसीएफ, लालिमा, मंगल दिवस) और प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, के आयरन फ्रेम बोर्ड का ही भुगतान किया गया। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5593, दिनांक 05/10/2018 और पत्र क्रमांक 5641, दिनांक 06/10/2018 द्वारा आयरन फ्रेम बोर्ड के सत्‍यापन की जाँच की जा रही है। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।

शराब फैक्ट्रियों से ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी किए जाना

[वाणिज्यिक कर]

22. ( *क्र. 1033 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले में शराब फैक्ट्रियों से शराब या अन्‍य किसी प्रोडेक्‍ट को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाने, अप्रैल 2019 एवं मई 2019 की किस दिनांक को किस नाम की फैक्‍ट्री के किस प्रकार के कितनी रकम के मटेरियल हेतु ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी किये गये? ट्रकों का नंबर देते हुये जारी सभी ऑफ लाइन ट्रांजिट पासों की एक-एक प्रति दें? (ख) क्‍या दिनांक 01.04.2019 एवं 01.05.2019 की तिथि में ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने पर रोक थी? किस-किस सक्षम कार्यालयों में केवल ऑनलाइन ट्रांजिट पास जारी करने के आदेश जारी किये थे? जारी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें। ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने के क्‍या नियम दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍नतिथि तक हैं, जारी सभी आदेशों की एक प्रति नियमों की प्रति के साथ उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या धार जिले में प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित ऑफ लाइन ट्रांजिट पास जारी करने को राज्‍य शासन एवं कमिश्‍नरी आबकारी ग्‍वालियर वैध मानते हैं या अवैध? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित जारी ऑफ लाइन ट्रांजिट पास आबकारी विभाग ने या शराब फैक्ट्रियों के ट्रक ट्रांसपोर्टर ने पुलिस को किस दिनांक को सौंपे? पुलिस द्वारा उक्‍त गाड़ियां किन दिनांकों को पकड़ी? क्‍या उक्‍त गाड़ियों में पकड़े जाने के समय ऑनलाइन ट्रांजिट पास मौजूद थे? कौन आबकारी अधिकारी दोषी है? नाम/पदनाम दें

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कलेक्‍टर जिला धार से प्राप्‍त जानकारी अनुसार माह अप्रैल, 2019 एवं मई 2019 की अवधि में धार जिले में संचालित किसी भी आसवनी एवं मदिरा विनिर्माणी (बॉटलिंग) इकाई से किसी प्रकार का कोई ऑफ लाइन ट्रांजिट परमिट जारी नहीं किया गया है। तदनुसार प्रश्‍न से संबंधित जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में आबकारी आयुक्‍त ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/520 दिनांक 24.04.2018 द्वारा मदिरा स्‍कंध का एक मदिरा दुकान से उसी प्रकार की अन्‍य मदिरा दुकान में स्‍थानांतरण ऑनलाइन परमिट पर करने बाबत निर्देश जारी किये गये थे। आबकारी आयुक्‍त, मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/2018/565 दिनांक 02.05.2018 के द्वारा जब तक ऑनलाइन परिवहन परमिट का सॉफ्टवेयर तैयार नहीं होता है, तब तक राजस्‍व सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पूर्व की भांति ऑफ लाइन परिवहन पारपत्र जारी करने की अनुमति दी गई थी। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 16 मार्च, 2019 की कंडिका 34 में मदिरा दुकान में मदिरा स्‍थानांतरण हेतु ऑनलाइन परमिट की व्‍यवस्‍था लागू की गई थी। मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग का ज्ञाप क्रमांक बी-2 (ए)/02/2019/2/पाँच दिनांक 24.05.2019 एवं आबकारी आयुक्‍त, मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक/7-ठेका/32/2019/738 दिनांक 03.06.2019 के द्वारा मदिरा दुकानों के संबंध में ऑनलाइन परमिट की अनिवार्यता समाप्‍त की गई है। उपरोक्‍त निर्देशों की प्रति विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आसवनी व मदिरा विनिर्माणी इकाई से ऑनलाइन पास की ही व्‍यवस्‍था है, तथापि दुकान से दुकान अंतरण में ऑन लाइन व्‍यवस्‍था लागू नहीं हो सकी है और न ही ऑफ लाइन ट्रांसिट पास जारी किये जा रहे हैं जो वैध हैं। (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शराब के अवैध परिवहन पर रोक

[वाणिज्यिक कर]

23. ( *क्र. 461 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शराब परिवहन के परमिट ऑनलाइन जारी किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो परमिट पर संबंधित ट्रक के नम्बर सहित किस स्थान से किस स्थान हेतु परिवहन किया जा रहा है व मार्ग का भी उल्लेख किये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या आबकारी विभाग में पारदर्शिता व कार्य की सरलता को दृष्टिगत रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु स्टेट वाईड नेटवर्क से प्रदेश के जिला आबकारी कार्यालय को जोड़ा जा रहा है? प्रगति से अवगत करवायें। (घ) यदि आबकारी विभाग के पास सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग हेतु जिला स्तर तक नेटवर्क व संसाधन उपलब्ध हैं तो क्या विभाग शराब परिवहन में पारदर्शिता के उद्देश्य से शराब परिवहन परमिट के साथ संबंधित वाहन में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) लगाने की कार्य योजना पर कार्य कर रहा है? (ङ) यदि नहीं, तो वह कौन-कौन सी तकनीकी व व्यवहारिक कठिनाईयां विभाग को परिलक्षित हो रही हैं, जिसके कारण इस तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, आबकारी विभाग के अंतर्गत मध्‍यप्रदेश राज्‍य में स्‍थापित समस्‍त विनिर्माणी इकाईयों (डी-1, एफ.एल. 9, एफ.एल. 9-, बी-3,        बी-3, सी.एस.1-बी आदि), मदर डिपो (एफ.एल. 10-ए/10-बी) तथा देशी मदिरा भण्‍डागारों से ऑनलाइन परमिट जारी किये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, आबकारी विभाग में पारदर्शिता व कार्य की सरलता को दृष्टिगत रखते हुये सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु स्‍टेट वाईड नेटवर्क से प्रदेश के समस्‍त जिला आबकारी कार्यालयों को नेटवर्क संशोधन से जोड़ा गया है। जिसके माध्‍यम से आबकारी विभाग के कम्‍प्‍यूटराईजेशन के अंतर्गत ऑनलाइन कार्य किये जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। (ड़) प्रश्‍नांश (घ) के प्रकाश में आबकारी विभाग का कम्‍प्‍यूटराईजेशन वर्ष 2007 से प्रचलन में है, उस समय ग्‍लोबल पोजिशनिंग सिस्‍टम (जी.पी.एस.) पूर्ण रूप से परिपक्‍व नहीं होने के कारण जी.पी.एस. सिस्‍टम को कम्‍प्‍यूटराईजेशन प्रोजेक्‍ट के स्‍कॉप में शामिल नहीं किया गया था वर्ष 2007 में प्रयुक्‍त टेक्‍नॉलोजी वर्तमान में obsolete होने के कारण उसमें जी.पी.एस. सिस्‍टम लागू नहीं हो सकेगा।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिला स्‍व-सहायता समूहों की सहभागिता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

24. ( *क्र. 681 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) सार्व‍जनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत व्‍याप्‍त अनियमितता को रोकने हेतु क्‍या कदम उठाए जा रहे हैं? (ख) क्‍या PDS की दुकानों का संचालन महिला स्‍व-सहायता समूहों को दिया जा सकता है और यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी कार्य योजना से सदन को अवगत करवायें? यदि नहीं, तो क्‍या वर्तमान प्रणाली में बदलाव कर महिला समूहों को इस व्‍यवस्‍था का हिस्‍सा बनाया जा सकता है?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनियमितताओं को रोकने हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एण्‍ड-टू-एण्‍ड कम्‍प्‍यूटराईजेशन, PoS (पॉईट ऑफ सेल) से सामग्री वितरण, बायोमैट्रिक सत्‍यापन से 21,509 दुकानों में सामग्री वितरण लागू की गई है, इसके अतिरिक्‍त शासन आधार आधारित वितरण व्‍यवस्‍था लागू करने के साथ-साथ ऑटोमेशन कार्य पर्यवेक्षण सतत रूप से चालू रहता है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मंशानुसार सामाजिक अं‍केक्षण की व्‍यवस्‍था एवं निगरानी समितियों के सक्रिय करने की कार्यवाही की जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विभिन्‍न गतिविधियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जाती है। (ख) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार वर्तमान में जिन संस्‍थाओं की दुकान संचालन हेतु पात्रता है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में महिला संस्‍थाओं को यथासंभव एक-तिहाई उचित मूल्‍य दुकान देने का प्रावधान है। जिसमें महिला स्‍व-सहायता समूह सम्मिलित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छ:

भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधान

[राजस्व]

25. ( *क्र. 5 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में सामान्‍य से सामान्‍य और अनु‍सूचित जनजाति से अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को भूमि क्रय करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या सरकार अनुसूचित क्षेत्र में सामान्‍य से सामान्‍य एवं अनुसूचित जाति/जनजाति से अनुसूचित जाति/जनजाति को भूमि क्रय पर लगे प्रतिबंध को हटावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सिर्फ कृषि भिन्‍न प्रयोजन वाली भूमियों के अंतरण के प्रकरणों में सामान्‍य से सामान्‍य वर्ग के नागरिकों को अनापत्ति प्रमाण लेना होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में लागू नहीं होता।

 

 


 

                                                                                             


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


शासकीय भूमि पर काबिजों को पट्टे दिया जाना

[राजस्व]

1. ( क्र. 6 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद एवं इटारसी नगरीय सीमा में शासकीय भूमि पर काबिज कितने व्‍यक्ति मकान/झोपड़ी बना कर रह रहे हैं? नाम सहित वार्डवार जानकारी देते हुए यह भी बतावें कि ये कितने समय से काबिज है? (ख) उक्‍त में से कितने लोगों ने स्‍वयं या जनप्रतिनिधियों के माध्‍यम से जनवरी, 2018 से अक्‍टूबर, 2018 तक कलेक्‍टर/अनुविभागीय अधिकारी/तहसीलदार होशंगाबाद/इटारसी को पट्टे हेतु आवेदन/अनुरोध किया गया? (ग) क्‍या शासकीय भूमि पर काबिज नागरिकों को भू-खंड आवंटन के संबंध में दो-तीन वर्ष पूर्व तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री द्वारा जारी निर्देशों के संबंध में राजस्‍व विभाग द्वारा परिपत्र भी जारी किया गया था? यदि हाँ, तो परिपत्र की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अतिक्रमणकर्ताओं को पट्टे कब तक दिये जावेंगे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद जिले में शासकीय भूमि पर 2495 एवं नगर इटारसी में 81 व्‍यक्ति मकान/झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। नाम सहित वार्डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जनवरी 2018 से अक्‍टूबर 2018 तक अनुविभागीय अधिकारी होशंगाबाद के समक्ष 90 लोगों द्वारा एवं अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के समक्ष 81 लोगों द्वारा पट्टे हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किये गये। (ग) शासकीय भूमि पर काबिज नागरिकों को भू-खण्‍ड आवंटन के संबंध में राजस्‍व विभाग द्वारा जारी परिपत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) पात्रतानुसार पट्टे पूर्व में दिये जा चुके है शेष को पात्रता नहीं होने से पट्टा देने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

वाहनों के बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन

[परिवहन]

2. ( क्र. 65 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में पंजीकृत वाहनों के विवरण दर्ज है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस सॉफ्टवेयर से वाहनों की चेकिंग के दौरान बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन, ई-चालान एवं ई-पेमेंट किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो यह तकनीक प्रदेश के किन-किन जिलों में अपनाई जा रही है? जिले का नाम बतायें? (घ) यदि नहीं, तो क्या इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट हैंड डिवाइस के उपयोग से उपरोक्तानुसार व्यवस्थायें की जा सकती है? यदि हाँ, तो यह व्‍यवस्‍थायें कब तक लागू होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। परिवहन विभाग द्वारा सभी नवीन वाहनों का पंजीकरण कम्प्यूटराईज्ड माध्यम से किया जाता है तथा इन वाहनों से संबंधित समस्त डाटा परिवहन विभाग के सर्वर पर संग्रहित रहता है। () नवीन वाहन के प्रथम पंजीकरण के दौरान वाहन का बीमा 1 वर्ष के लिये वैध होता है, जिसकी जानकारी परिवहन बीमा के सर्वर में उपलब्ध होती है। बीमा के नवीनीकरण की जानकारी परिवहन विभाग के सर्वर में उपलब्ध नहीं होती है। वाहनों की चेकिंग के दौरान प्रथम वर्ष के बीमा एवं रजिस्ट्रेशन का सत्यापन, ई-चालान एवं ई-पेमेंट परिवहन विभाग के सर्वर में उपलब्ध डाटा के माध्यम से किया जा सकता है। (ग) परिवहन विभाग के कम्प्यूटराईजेशन हेतु अधिकृत सेवा प्रदाता कम्पनी मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड के साथ निष्पादित वर्तमान (प्रचलित) अनुबंध में इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट हैंड डिवाइस उपलब्ध कराने का प्रावधान न होने से यह तकनीक परिवहन विभाग में किसी भी जिले में नहीं अपनाई जा रही है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका सतीष कुमार वर्मा विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य क्रमांक 8/2013 के पालन में जबलपुर जिले में हैंड हेल्ड डिवाइस से चेकिंग हेतु 05 हैंड हेल्ड डिवाइस खरीदे गये है, जिनका निकट भविष्य में जबलपुर जिले में चेकिंग के दौरान उपयोग किया जावेगा।                      (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

प्रदेश में स्कूल वेन पर प्रतिबंध

[परिवहन]

3. ( क्र. 66 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या प्रदेश में निजी एवं शासकीय स्कूलों के बच्चों को लाने ले जाने वाली वेन का संचालन बंद करने का प्रस्ताव है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में शासकीय एवं निजी स्कू‍लों द्वारा बसों की व्यवस्था की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से मान. न्यायालय के निर्देशों के प्रकाश में परिवहन आयुक्त के आदेश क्रमांक- 1884/प्रव./न्यायालय/2019 दिनांक 29.04.2019 द्वारा यह निर्देश प्रसारित किए गए हैं, कि मारुति वेन अथवा 13+1 से कम बैठक क्षमता की चार पहिया वाहन निजीयान में पंजीकृत होकर स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के कार्य में संलग्न है, तो निजीयान का व्यावसायिक उपयोग होने से उनके विरुद्ध प्रकरण बनाया जाकर चालान मान. मुख्य न्यायायिक दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऐसी मोटरयान जो शिक्षा संस्थान बस के रुप में पंजीकृत हो एवं मान. न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुरुप हो, की व्यवस्था शासकीय व निजी स्कूलों द्वारा की जाना आवश्यक है।

घर शराब उपलब्‍ध कराने वाली योजना 

[वाणिज्यिक कर]

4. ( क्र. 155 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या  विभाग द्वारा शराब घर प्रदाय योजना शुरू की जा रही है? (ख) क्‍या इस योजना से प्रदेश में नशागिरी को प्रोत्‍साहन नहीं मिलेगा? (ग) क्‍या इस प्रकार की योजना से सामाजिक और धार्मिक मान्‍यताओं को चोट नहीं पहुंचेगी? (घ) क्‍या विभिन्‍न शराब की दुकानों के साथ सब-दुकान खोलने का भी प्रावधान किया जा रहा है? (ड.) क्‍या इस प्रकार की योजना से अपराधों में बढ़ोतरी तथा राजस्‍व की हानि नहीं होगी?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराना

[राजस्व]

5. ( क्र. 168 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) अंतर्गत गौचर की भूमि कितने एकड़ रिक्‍त पड़ी है।                (ख) उक्‍त गौचर भूमि पर कौन-कौन व्‍यक्ति कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किये हुये हैं। क्‍या गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) अंतर्गत 8127.1 हे. (20073.937 एकड़) गौचर की भूमि रिक्त हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला (दमोह) के अंतर्गत तहसील दमोह के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में 50 हे. गोचर भूमि पर 46 कृषकों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है, जिन्हें बेदखल किये जाने की कार्यवाही की जा रही है, सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सात''

पात्र हितग्राहीयों को खाद्यान्न पर्ची जारी की जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

6. ( क्र. 180 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए है? उनके विरुद्ध कितने पात्र हितग्राहि‍यों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुये बी.पी.एल. कूपन जारी किये गये? नगरवार, ग्रामपंचायतवार संख्‍यावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहि‍यों के विरुद्ध कितने हितग्राहि‍यों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है एवं कितने शेष हैं वर्षवार, नगरवार/वार्डवार ग्रामपंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शेष बी.पी.एल. कूपन धारी एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहि‍यों को कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जावेगी? विलंब करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्‍या कोई कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु 438 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्‍त हुए जिनमें से 132 पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा गया है। नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तारांश (क) अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत 132 गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में से 43 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है। 89 आवेदकों की पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है वर्षवार, नगरवार/वार्डवार ग्राम पंचायतवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिला स्‍तर पर 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। विलंब के लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियमित खाद्यान्‍न वितरण के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

7. ( क्र. 204 ) श्री जसमंत जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी सहकारी उचित मूल्‍य की दुकानें विधिवत् रूप से संचालित हैं, जिन पर खाद्यान्‍न का नियमित वितरण किया जा रहा है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्‍योदय/ए.पी.एल./अन्‍य कार्डधारक हैं, जिन्‍हें नियमित खाद्यान्‍न वितरण‍ किया जा रहा है तथा ऐसे कितने बी.पी.एल./अंत्‍योदय/ ए.पी.एल./अन्‍य कार्डधारक हैं, जो अभी तक समग्र पोर्टल पर ऑन-लाईन अपडेट नहीं हुए हैं, जिन्‍हें खाद्यान्‍न आज तक दिया ही नहीं गया? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों के समग्र पोर्टल पर अपडेट नहीं होने के कारण खाद्यान्‍न से पात्रता पर्ची जनरेट होने के अभाव से वंचित होने की स्थिति में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या पिछले तीन वर्षों से सहकारी उचित मूल्‍य की दुकान ग्राम दवरा दिनारा एवं दावरभाट-नरवर के सेल्‍स मेन श्री धर्मेन्‍द्र यादव एवं श्री छंदीराम यादव द्वारा नवम्‍बर 2018 से खाद्यान्‍न ग्रामीणों को वितरित ही नहीं किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार संबंधित के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? नहीं की गई, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 142 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित है उनके माध्‍यम से पात्र परिवारों को राशन वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्‍य दुकानों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 37267 पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु खाद्यान्‍न का आवंटन जारी किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है वर्तमान में समग्र पोर्टल पर 2755 शेष परिवार इतनी ही संख्‍या के परिवारों के विलोपन उपरांत ही इन्‍हें प्राथमिकता श्रेणी के खाद्यान्‍न की सीमा में पात्र घोषित किए जा सकते है। विलंब के लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय उचित मूल्‍य दुकान द्वारा दिनारा के निरीक्षण में दुकान से माह फरवरी एवं मार्च, 2019 की राशन सामग्री वितरण में गड़बड़ी पाये जाने के कारण दुकान के विक्रेता धर्मेन्‍द्र यादव के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किया जाकर पुलिस थाना दिनारा में विक्रेता के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। उपभोक्‍ता सामग्री के अपयोजन की राशि रू. 340960 की वसूली विक्रेता पर निकली गई तथा विक्रेता को पद से पृथक किया गया। प्रकरण पश्‍चात वर्तमान तक दुकान से उपभोक्‍ताओं को खाद्यान्‍न का वितरण प्रतिमाह किया जा रहा है। शासकीय उचित मूल्‍य दुकान दावरभाट से नवम्‍बर, 2018 से जून, 2019 तक उपभोक्‍ताओं को राशन वितरण किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर अनुसार।

अवैध शराब की बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

8. ( क्र. 205 ) श्री जसमंत जाटव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितनी शासकीय दुकानें संचालित हैं, जिन पर नियमित शराब बिक्री की जा रही है? उन दुकानों का माहवार एवं वर्षवार शराब उपलब्‍ध कराने का क्‍या लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्धारित लक्ष्‍य से अधिक कितनी दुकानों द्वारा अवैध रूप से शराब बिक्री की जा रही है? इस अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या करैरा विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की हर गली मोहल्‍ले के नुक्‍कड़ों पर अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये अभी तक कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है या की जा रही है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 17 देशी मदिरा एवं 04 विदेशी मदिरा दुकानें संचालित है। मदिरा दुकानों को शराब उपलब्ध कराने का कोई माहवार एवं वर्षवार लक्ष्य निर्धारित नहीं है। लायसेंसियों द्वारा न्यूनतम ड्यूटी जमा कर मांग अनुसार मदिरा का प्रदाय विभाग द्वारा संचालित मद्य भाण्डागार से प्राप्त कर शासन द्वारा स्वीकृत मदिरा दुकानों से मदिरा का विक्रय किया जाता है। करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाली संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का वर्ष 2019-20 हेतु निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी की राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।                (ख) करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत देशी एवं विदेशी मदिरा शासन द्वारा लायसेंस प्राप्त मदिरा दुकानों से ही विक्रय किया जाता है। लायसेंस प्राप्त मदिरा दुकानों के अतिरिक्त अन्य स्थान पर अवैध शराब विक्रय की सूचना/शिकायत प्राप्त होते ही विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है। विधानसभा करैरा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019-20 में (दिनांक 01 अप्रैल 2019 से 15 जून 2019 तक) विभागीय 95 प्रकरण एवं आपराधिक प्रकरणों को पंजीबद्ध किये गये, जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। आपराधिक प्रकरणों को पंजीबद्ध कर न्यायालयीन कार्यवाही की गई है। (ग) करैरा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की हर गली मोहल्ले के नुक्कड़ों पर अवैध शराब बिक्री किये जाने की कोई स्थिति नहीं है। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिये सूचना/शिकायत प्राप्त होते ही विभाग द्वारा त्वरित नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अवैध शराब विक्रय में किसी अधिकारी की संलिप्तता न होने से किसी भी प्रकार की कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में (01 अप्रैल 2019 से दिनांक 15 जून 2019 तक) कायम किये गये न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के              प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है।

राजस्व न्यायालय में प्रकरणों का निराकरण 

[राजस्व]

9. ( क्र. 219 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्‍तर्गत राजस्व न्यायालयों में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने प्रकरण दर्ज होकर कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं कितने प्रकरण निराकरण हेतु शेष हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शेष प्रकरणों में अन्तिम सुनवाई के पश्चात निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों का निराकरण न होने के क्‍या कारण हैं

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रकरण की स्थिति निम्‍नानुसार है :-

क्र.

राजस्‍व न्‍यायालय

दर्ज प्रकरण

निराकृत प्रकरण

शेष प्रकरण

1

अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर

1505

963

542

2

तहसीलदार सारंगपुर

3144

3093

380

3

तहसीलदार पचोर

12172

11979

193

4

नायब तहसीलदार सारंगपुर

1772

1699

274

5

नायब तहसीलदार सण्‍डावता

2328

2091

296


(
ख) प्रकरणों में, अंतिम सुनवाई के पश्‍चात निराकरण हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) लंबित प्रकरणों के निराकरण न होने के कारण का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।

राजस्‍व के लंबित प्रकरण 

[राजस्व]

10. ( क्र. 280 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक नक्‍शा दुरूस्‍तीकरण, सीमांकन एवं नामांतरण के कितने प्रकरण किस-किस तहसील में कितने-कितने समय से लंबित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें आवेदक की आवेदन दिनांक से 6 माह पश्‍चात भी निराकरण नहीं हो पाया इसके लिये विभाग द्वारा जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई राजस्‍व प्रकरणों में तेजी लाने के लिये विभाग द्वारा कब-कब, क्‍या-क्‍या निर्देश दिये गये, 1 अप्रैल 18 से प्रश्‍न दिनांक तक दिये गये निर्देशों की प्रतिलिपि‍ उपलब्‍ध करावे। (ग) मंदसौर जिले में विगत 3 वर्षों  में राजस्‍व प्रकरणों में किन-किन अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ किस-किस व्‍यक्ति ने किस-किस तहसील में शिकायत की, शिकायत पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई,? (घ) कृषकों की भूमि का सीमांकन हेतु किन-किन तहसीलों में जी.पी.एस. सीमांकन किया जा रहा है उक्‍त अवधि में मंदसौर जिले में कितने प्रकरणों में भूमि का सीमांकन जी.पी.एस से किया गया।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक नक्‍शा दुरूस्‍ती के 84, सीमांकन के 654 एवं नामांतरण के 2969 प्रकरण लंबित है तहसीलवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) मंदसौर में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरणों में से 170 प्रकरण आवेदक के आवेदन दिनांक से 6 माह से अधिक अवधि के लंबित है। निराकरण हेतु प्रत्‍येक माह जिला स्‍तर पर राजस्‍व प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित कर नामांतरण एवं अन्‍य राजस्‍व मदों के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु राजस्‍व अधिकारियों को निर्देश जारी किये गए हैं जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, ,स अनुसार है। (ग) मन्‍दसौर जिले में राजस्व प्रकरणों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई है। (घ) मंदसौर जिले में  जी. पी. एस. से सीमांकन नहीं किया जा रहा है।

संयुक्‍त कलेक्‍टर कार्यालय भवन का निर्माण

[राजस्व]

11. ( क्र. 330 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जिला निवाड़ी में संयुक्‍त कलेक्‍टर कार्यालय भवन एवं अन्‍य विभागों के भवनों के निर्माण हेतु स्‍थान का चयन कर जमीन आरक्षित कर दी गयी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक स्‍थान का चयन कर जमीन आरक्षित कर दी जायेगी। (ख) नवीन जिला निवाड़ी में किन-किन जिला कार्यालयों के भवनों के निर्माण हेतु जगह आरक्षित कर दी गयी है? खसरावार, रकबावार एवं विभागवार जानकारी देवें? जिन विभागों के भवन निर्माण हेतु जमीन आरक्षित कर दी गई उनका भवन निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नवीन जिला निवाड़ी  में संयुक्‍त कलेक्‍टर कार्यालय भवन निर्माण एवं अन्‍य विभागों के कार्यालय में से गृह विभाग से संबंधित कुछ कार्यालयों यथा पुलिस लाईन, महिला थाना, अजाक्‍स थाना, ट्राफिक थाना, हाईवे थाना, बेरिक निर्माण ओरछा, होमगार्ड निवाड़ी  के लिये भूमि आरक्षित की जा चुकी हैं, अन्‍य कार्यालयों यथा शासकीय कन्‍या उच्‍च.मा.वि.निवाड़ी , न्‍यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास भवनों के निर्माण के लिये भूमि आरक्षित की जा चुकी है, अन्‍य कार्यालयों के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्‍धता एवं जनसुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उपयुक्‍त भूमि चिन्‍हांकन की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) अब तक आरक्षित भूमि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। भवन निर्माण से संबंधित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

परिशिष्ट - ''आठ''

जिला निवाड़ी में राजस्‍व अनुभाग 

[राजस्व]

12. ( क्र. 331 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नये राजस्‍व अनुभाग को बनाये जाने की क्‍या प्रक्रिया है? 01 अक्‍टूबर 2018 को सृजित नवीन जिला निवाड़ी के अंतर्गत कितने राजस्‍व अनुभाग हैं? क्‍या जिला प्रशासन द्वारा पृथ्‍वीपुर को अनुभाग घोषित करने का प्रस्‍ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रस्‍ताव की प्रति उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) क्‍या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत आने वाले अनुभाग निवाड़ी को बिना किसी अधिसू‍चना के दो भागों में विभक्‍त कर एक नया अनुभाग पृथ्‍वीपुर बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या इसको बनाये जाने के लिए आवश्‍यक प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों(ग) नवगठित अनुभाग पृथ्‍वीपुर में सम्मिलित तहसील ओरछा के अंतर्गत आने वाली पंचायतें जनपद पंचायत निवाड़ी का हिस्‍सा है? यदि हाँ, तो जनपद पंचायत पृथ्‍वीपुर में जोड़ने का क्‍या औचित्‍य हैं? (घ) अनुभाग निवाड़ी से तहसील ओरछा एवं तहसील पृथ्‍वीपुर को किस आदेश के द्वारा अलग करके अनुभाग पृथ्‍वीपुर बनाया गया है? क्‍या बिना अधिसूचना के इस तरह से अनुभाग बनाया जाना सही है? यदि नहीं, तो कब तक ओरछा तहसील को निवाड़ी अनुभाग के अंतर्गत जोड़ दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नवीन उपखण्ड सृजन का प्रावधान म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 13 में दिया गया है। जिला निवाड़ी  अंतर्गत शासन द्वारा 01 अनुविभाग घोषित है। कलेक्‍टर निवाड़ी द्वारा पृथ्वीपुर को अनुविभाग घोषित करने का प्रस्ताव पत्र क्रमांक 920 दिनांक 08/03/2019 द्वारा भेजा गया है। कलेक्‍टर के प्रस्ताव की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) नव गठित जिले में अधिकारियों की कमी के कारण अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी  के पास जिला मुख्यालय के कई कार्यों  का दायित्व था एवं वर्तमान में भी है। जिस कारण तीन तहसीलों की प्रशासनिक व्यवस्था अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी  द्वारा काफी कठिन होना पाये जाने पर व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिकोण से कलेक्‍टर निवाड़ी के कार्य विभाजन आदेश क्रमांक 895 दिनांक 06/03/2019 (संलग्न) द्वारा अस्थाई रूप से पृथ्वीपुर और ओरछा तहसील हेतु पृथक से एक डिप्टी कलेक्टर को कार्य सौंपा गया और केवल जिला मुख्यालय की तहसील का कार्य अनुविभागीय अधिकारी निवाड़ी  के पास रखा गया है। (ग) जी हाँ। यह सही है कि तहसील ओरछा जनपद पंचायत निवाड़ी  का हिस्सा है पर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दिये कारणों से पृथ्वीपुर व ओरछा हेतु पृथक से अस्थायी रूप से उपरोक्त व्यवस्था की गयी है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अनुसार अस्थायी व्यवस्था आदेश क्रमांक 895 दिनांक 06/03/2019 द्वारा की गयी है। पृथ्‍वीपुर को पृथक अनुविभाग नहीं बनाया गया है अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता।

बाल कल्याण समिति के प्रावधान

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( क्र. 447 ) श्री निलय डागा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बाल कल्याण समिति बनाने के क्या प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) बैतूल जिले में बाल कल्याण समिति कब से क्रियान्वित है? समिति का कार्यकाल कब तक है समिति के सदस्‍यों की सूची सहित जानकारी दें? (ग) नवीन समिति कब एवं कितनी अवधि के लिये गठित की जाना हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों अंतर्गत बाल कल्याण समिति बनाने का प्रावधान है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बाल कल्याण समिति बैतूल के गठन की अधिसूचना दिनांक 11 अक्टूबर 2017 मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 13 अक्टूबर 2017 से जारी की गई है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 27 की उपधारा (6) अनुसार किसी व्यक्ति को सदस्य के रूप में तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा। सदस्यों की सूची  संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान बाल कल्याण समिति के सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात ही नवीन सदस्यों को 03 वर्ष के लिये नियुक्ति की कार्यवाही सम्पन्न हो सकेगी।

परिशिष्ट - ''नौ''

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी 

[महिला एवं बाल विकास]

14. ( क्र. 541 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या माननीय वित्‍त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्‍दु क्र. 57 में प्रदेश में आंगनवाड़ी सेवाओं को प्रभावशाली बनाने के लिये आंगनवाड़ी पोषण आहार योजना के अंतर्गत 0-3 वर्ष तक के बच्‍चों को प्रदाय किये जाने वाले टेक होम राशन तथा 3-6 वर्ष तक के बच्‍चों को गर्म पका हुआ भोजन प्रदाय करने हेतु राशि रूपये 6 प्रति हितग्राही से बढ़ाकर 8 रूपये प्रति हितग्राही की जा रही हैं? इसी प्रकार गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिए टेक होम राशन व्‍यवस्‍था हेतु राशि रूपये 7 प्रति हितग्राही से बढ़ाकर रूपये 9.50 की जा रही हैं? शाला त्‍यागी किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन की व्‍यवस्‍था हेतु प्रति हितग्राही राशि रूपये 5 से बढ़ाकर रूपये 9.50 प्रति की गई हैं एवं बिन्‍दु क्र. 58 में राज्‍य सरकार ने यह नीतिगत निर्णय लिया है कि पूरक पोषण आहार प्रदाय की व्‍यवस्‍था महिला स्‍वसहायता समूहों के फेडरेशन के माध्‍यम से की जाए। (ख) यदि हाँ, तो मुरैना जिले को इस हेतु कितनी राशि दी गई एवं विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में इस राशि का किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उपयोग हुआ तथा कितने  हितग्राहियों को लाभ मिला।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालित पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रति हितग्राही पुनरीक्षित की गई दर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01  अनुसार है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन का प्रदाय म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला          स्व-सहायता समूहों के परिसंघों के लिये 07 स्थान क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, शिवपुरी, मंडला, रीवा एवं सागर में स्थापित किये जा रहे संयंत्रों से कराया जाना है। विभागीय आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मुरैना जिले को पूरक पोषण आहार व्यवस्था हेतु कुल राशि रूपये 2,20,02,834/- उपलब्ध कराई गई है, इस राशि में से मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-07 अंतर्गत संचालित 415 आंगनवाड़ी केन्द्रों में राशि के उपयोग एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के            प्रपत्र-03 अनुसार है।

शासकीय भूमि को निजी भूमि में नामांतरण

[राजस्व]

15. ( क्र. 567 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या कलेक्‍टर सतना भू-अभिलेख जिला सतना के आदेश क्रमांक 206 एवं 207 तथा 205/भू अभि./स्‍था./19 सतना दिनांक 15/02/2019 से तीन अलग-अलग आदेशों (205,206,207) से पटवारी रामानन्‍द सिंह पटेल, वीरेन्‍द्र सिंह पटेल एवं रामशिरोमणि सिंह पटेल का शासकीय भूमियों को निजी भूमि के रूप में अवैधानिक नामांतरण करने एवं शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी व कूट रचना करने के कारण दोषी पाकर निलंबित किया गया है? राज्‍य शासन कलेक्‍टर सतना के इस आदेश को वैध मानता है कि अवैध? जारी तीनों आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) सतना जिले में अरबों रूपये मूल्‍य की भूमियों को रामस्‍थान, सोनौरा, कृपालपुर, माधवगढ़ कोलगवां के चेक उतैली, सिजहटा के मौजा सोनौरा सहित पूरे जिले में शासकीय भूमि से निजी भूमियों में शासकीय दस्‍तावेजों में हेराफेरी एवं कूट रचना कर तब्‍दील करने के सरगना पटवारी शिवभूषण सिंह पटेल को कलेक्‍टर सतना एवं प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त ने निलंबित क्‍यों नहीं किया है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित जिस कारण से तीन पटवारियों को निलंबित किया गया है उसी कारण से पटवारी शिवभूषण सिंह पटेल का नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्‍नति का आदेश रोका गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित पटवारी हल्‍कों में हुये अरबों रूपये मूल्‍य के जमीन घोटाले में शामिल सभी तहसीलदारों एवं पटवारियों को राज्‍य शासन कब तक निलंबित कर उनके विरूद्ध प्राथमिक सूचना रिपोर्ट थानों में दर्ज करवायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नांकित आदेश के द्वारा श्री रामानंद सिंह पटेल, श्री वीरेन्‍द्र सिंह पटेल, श्री रामशिरोमणि सिंह पटेल को निलंबित किया गया है। जाँच में प्रथम दृष्‍टया उक्‍त पटवारियों द्वारा विधिवत परीक्षण किये बिना प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना तथा पदीय दायित्‍वों का सम्‍यक निर्वहन न करना पाये जाने पर निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच की जा रही है। आदेशों की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) श्री शिवभूषण सिंह पटेल पटवारी, पट.हल्‍का रामस्‍थान, कृपालपुर, माधवगढ़, कोलगवां में कभी भी पदस्‍थ ही नहीं रहे है। पटवारी हल्‍का सेजहटा ग्राम सोनौरा में पदस्‍थापना के पूर्व ग्राम सोनौरा की शासकीय आराजियां न्‍यायालयीन आदेश से निजी भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व में दर्ज हुई थी, जो जाँच पश्‍चात पुन: म.प्र. शासन के नाम दर्ज की जा चुकी है। अभी तक की जाँच के अनुसार शासकीय भूमि से निजी भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व में दर्ज करने में इनकी भूमिका नहीं पाये जाने के कारण निलंबित नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं (घ) जाँच में पाये गये तथ्‍यों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''दस''

शासकीय भूमि का फर्जी नामांतरण

[राजस्व]

16. ( क्र. 568 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या कार्यालय कलेक्‍टर एवं जिला दंडाधिकारी जिला सतना म.प्र. ने आदेश क्रमांक/87/राजस्‍व/2016 दिनांक 22/03/2016 जारी किया था? पत्र की एक प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें? क्‍या उक्‍त पत्र का अवलोकन वर्तमान कलेक्‍टर सतना एवं प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त ने किया है?             (ख) क्‍या वर्ष 2016 के इस पत्र के बाद कार्यालय कलेक्‍टर एवं जिला मजिस्‍ट्रेट जिला सतना (म.प्र.) द्वारा पत्र क्रमांक 133/राजस्‍व/4/आर एम/2019 सतना दिनांक 20/02/2019 से प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त म.प्र. भोपाल को विधान सभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 544 से उद्भूत आश्‍वासन क्रमांक 71 की जानकारी के तहत तीन पन्‍नों का पत्र लिखा गया था? पत्र के संदर्भ में बतायें कि इस फर्जीवाड़े में शामिल तहसीलदारों अन्‍य पटवारियों को क्‍यों चिन्हित नहीं करते हुये उनको निलंबित कर उनके विरूद्ध एफ.आई.आर प्रश्‍न तिथि तक दर्ज करवाई गई है? (ग) क्‍या अरबों रूपयों की शासकीय भूमि को फर्जी रजिस्ट्रियों एवं नामांतरणों के जरिये निजी स्‍वामित्व में बदले जाने के इस षड़यंत्र को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर जिला सतना के पत्र क्रमांक/1017/अनु.अधि.रघु./2017 सतना दिनांक 27/02/2017 से चार सदस्‍यीय कमेटी गठित की गई थी? क्‍या उक्‍त कमेटी ने अपना छह पृष्‍ठों का अपना जाँच प्रतिवेदन कार्यालय तहसीलदार रघुराजनगर जिला सतना के पत्र क्रमांक/1140/प्रवा सतना/तह.रघु./2017 सतना दिनांक 15/03/2017 से किसी को दोषी नहीं मानते लेख किया है कि तत्‍कालीन राजस्‍व निरीक्षक सतना का 23/01/2017 का जाँच प्रतिवेदन औचित्‍यहीन, निष्‍प्रभावी एवं अस्तित्‍वहीन होने की वजह से नस्‍तीबद्ध किये जाने योग्‍य है? पत्र की एक प्रति दें? (घ) राज्‍य शासन उक्‍त 4 सदस्‍यीय टीम को कब तक निलंबित कर उनके विरूद्ध शा. दस्‍तावेजों की कूट रचना का प्रकरण संबंधित थाने में दर्ज करवायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, पत्र की प्रतिलिपि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी हाँ, इस संदर्भ में श्री रामानंद सिंह पटेल, श्री वीरेन्द्र सिंह पटेल, श्री रामशिरोमणि सिंह पटेल को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ। पत्र दिनांक 15.03.2017 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।                     (घ) जी नहीं। 4 सदस्यीय टीम द्वारा शासकीय दस्तावेजों में कोई कूट रचना नहीं की गई है इसलिये सदस्‍यों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

गेहूँ खरीदी एवं भंडारण में अनियमितता 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 579 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में सहकारिता विभाग द्वारा इस वर्ष कितने क्विंटल गेहूँ की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है तथा इसके विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक कितने क्विंटल गेहूँ खरीद लिया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा क्रय किये गेहूँ का सुरक्षित भण्डारण किया गया है? यदि नहीं, तो बारिश से होने वाले नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार होगा? (ग) क्या क्रय किये गये गेहूँ का भुगतान किसानों को शत प्रतिशत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान आज तक किया गया है? (घ) क्या गेहूँ खरीदी केन्द्र पर प्राप्त गेहूँ एवं भण्डारण स्थल पर भेजे गये गेहूँ की मात्रा में असमानता पाई गई है? दि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन सी संस्थाएं एवं अधिकारी जिम्मेदार है? उनके नाम एवं पद की जानकारी दी जाएं? (ङ) खण्डवा जिले एवं प्रदेश में गत वर्ष गेहूँ खरीदी एवं भण्डारण स्थल तक कम मात्रा में गेहूँ पहुँचने के अंतर में अनियमितता पाये जाने पर कितनी संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट किया गया था? पृथकपृथक संख्यात्मक जानकारी दी जाये? उन अधिकारी एवं पदाधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन करने का लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया जाता है। किसानों के एफ.एक्‍यू. गुणवत्‍ता का गेहूँ का समर्थन मूल्‍य उपलब्‍ध कराने हेतु उपार्जन अनुमान के अनुसार तैयारी की जाती है। खण्‍डवा जिले में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ विक्रय हेतु 38131 कृषकों द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया जिसमें से 17008 कृषकों से मात्रा 118839.47 मे.टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। (ख) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में खण्‍डवा जिले में क्रय किए गए गेहूँ की सम्‍पूर्ण मात्रा का सुरक्षित भंडारण मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन और केन्‍द्रीय भंडारण निगम की गोदामों में किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ की राशि रू. 218.66 के विरूद्ध राशि           रू. 217.49 करोड़ का किसानों को भुगतान किया गया है। शेष भुगतान की कार्यवाही बैंकिंग सुधार में प्रचलित है। (घ) गेहूँ उपार्जन केन्‍द्रों पर उपार्जित मात्रा की तुलना में गोदामों में 228.68 मे.टन गेहूँ कम जमा हुआ है, जो प्रथम दृष्‍ट्या परिवहन/समिति स्‍तर पर आई कमी दर्शित हो रहा है। समिति स्‍तर से भेजे गए गेहूँ, तौल पत्रक मात्रा एवं गोदाम स्‍तर पर प्राप्‍त गेहूँ की मात्रा का मिलान किया जा रहा है जिसके उपरांत संबंधित परिवहनकर्ता/उपार्जन समितियों की जिम्‍मेदारी का निर्धारण किया जाएगा। (ड.) खण्‍डवा जिले में गतवर्ष समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित एवं गोदाम में जमा मात्रा में अल्‍प अंतर रहा है, इस कारण किसी संस्‍था को ब्‍लैक लिस्‍टेड नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चिकित्सा महाविद्यालयों की एम.बी.बी.एस. की सीट वृद्धि

[चिकित्सा शिक्षा]

18. ( क्र. 593 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि () क्या इन्दौर स्थित महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2019-20 में एम.बी.बी.एस. प्रवेश हेतु 150 सीटें है। क्‍या सीट वृद्धि हेतु केंद्र सरकार/एम.सी.आई. में आवेदन दिया गया था। () क्या राज्य सरकार/चिकित्सा शिक्षा विभाग बताई गई कमियों को शीघ्र पूर्ण करने का वचन पत्र केंद्र सरकार/एम.सी.आई. का नहीं दे पाई जिस वजह से 100 अतिरिक्त सीटें इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर चिकित्सा महाविद्यालयों को नहीं मिल पाई? () समय पर सीटें न बढ़ने से हुए नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में सीटें बढ़ाने के लिए क्या रणनीति अपनाई गई है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : () जी नहीं। 180 सीटें है संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। जी हाँ चिकित्‍सा महाविद्यालय द्वारा सीट वृद्धि हेतु आवेदन दिया गया था। () जी नहीं। विभाग द्वारा एम.बी.बी.एस. सीट वृद्धि योजना अन्‍तर्गत अधोसंरचना निर्माण, उपकरण क्रय एवं शैक्षणिक संवर्ग की भर्ती आदि का कार्य किया जा रहा है। एम.सी.आई. को निरीक्षण का अनुरोध किया गया है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सीट वृद्धि भारत सरकार द्वारा की जाती है। ()  प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। सीट वृद्धि हेतु प्रयास सतत् जारी है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

चिकित्सा उपकरण/दवाईयों की खरीदी 

[चिकित्सा शिक्षा]

19. ( क्र. 598 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि () क्या स्वास्थ्य विभाग/चिकित्सा शिक्षा विभाग/आयुष/गैस राहत/नगर निगम आदि की दवाईयां/सर्जिकल आयटम के क्रय के लिए मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन (मेडिकल बोर्ड) का गठन किया गया है? () क्या मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा मेडिकल बोर्ड के माध्यम से खरीदी न करते हुए एच.एल.एल. हाईट्स दिल्ली के माध्यम से खरीदी की जा रही है? () यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के निगम/मण्डल/बोर्ड से न खरीदते हुए बाहर की संस्था से खरीदने का क्या औचित्य है? इससे मध्यप्रदेश को जो कर राजस्व की हानि हुई है, उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या मेडिकल बोर्ड के माध्यम से ही खरीदी हेतु निर्देश दिए जावेंगे?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : () जी हाँ। () विभाग द्वारा राशि रू. 30.00 लाख तक के उपकरण म.प्र. पब्लिक हेल्‍थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन से तथा राशि रू. 30.00 लाख यूनिट कॉस्‍ट के उपर के उपकरण भारत सरकार के उपक्रम एच.एल.एल. हाईट्स से क्रय किए जा रहे हैं। एक उपक्रम में दर उपलब्‍धता न होने की दशा में दूसरे उपक्रम से खरीदे जाने की छूट भी दी गई है। () प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में स्‍पष्‍ट किया जाता है कि कार्य सुविधा तथा समय-सीमा में कार्य संपादित करने की दृष्टि से विभाग द्वारा राज्‍य शासन के संस्‍थान अथवा भारत शासन के संस्‍थान जहां भी सामग्री उपलब्‍ध हो क्रय करने की व्‍यवस्‍था तय की गई है। उक्‍त व्‍यवस्‍था से किसी भी प्रकार के कर राजस्‍व की हानि परिलक्षित नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

प्याज के भंडारण और विक्रय में अनियमितता की जाँच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( क्र. 605 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पो. लिमि. जबलपुर के पत्र/क्रमांक/शिकायत/जाँच/2017-18/861, दिनांक 21/1//2017 से आयुक्‍त खाद्य को कटनी जिले में प्याज के भंडारण और विक्रय में अनियमितता की जाँच का प्रतिवेदन दिया गया था, यदि हाँ, तो जाँच में किसे दोषी पाया गया और क्या कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित किया गया था, जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत की गयी जाँच में शासन को कितनी राशि की क्षति होना पाया गया एवं फर्जी दस्तावेज किसके द्वारा प्रस्तुत करना पाया गया तथा क्या अन्य अनियमितता होना प्रतिवेदित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) प्रतिवेदन में जिन शासकीय सेवकों को अनियमितता का जिम्मेवार पाया गया था, क्या उन पर कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी, यदि नहीं, तो अब तक कार्यवाही न होने का कारण बतायें?            (घ) प्रश्नांश (क) से () के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर कार्यवाही न होने, अधिरोपित राशि की वसूली न करने का क्‍या शासन स्तर पर संज्ञान लिया जाएंगा और वास्तविक कार्यवाही की जाएंगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रथम दृष्‍टया तत्‍कालीन जिला प्रबंधक सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन कटनी तथा शाखा प्रबंधक मध्‍यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन कटनी की कमी पायी गयी थी, जिसमें संभावित हानि का उल्‍लेख है। संबंधित प्रकरण में विस्‍तृत विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

लंबित प्रकरणों का निराकरण 

[राजस्व]

21. ( क्र. 654 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) 15 जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में सीमांकन बंटवारा, नामांतरण, डायवर्सन तथा आर.बी.सी.6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण कब से एवं क्‍यों लंबित है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? उक्‍त लंबित प्रकरणों की स‍मीक्षा कब-कब किस-किस अधिकारी ने की तथा क्‍या परिणाम रहा? (ग) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में ऐसे कितने किसान हैं जिनकी भूमि पर बांध, नहर, पुल, सड़क का निर्माण हो रहा है या हो चुका है परन्‍तु उनको मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है? कारण बतायें एवं कब तक भुगतान होगा? (घ) मुआवजा राशि भुगतान में सिंचित अथवा असिंचित की परिभाषा क्‍या है? नदी द्वारा सिंचाई की जाने वाली भूमि को सिंचित क्‍यों नहीं माना जाता है? किन-किन स्रोतों से सिंचित भूमि को सिंचित माना जाता है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में 15 जून 19 की स्थिति में सीमांकन, बंटवारा, नामान्तरण, डायवर्सन तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत निम्नानुसार तहसीलवार लंबित प्रकरण हैं।

 स.क्र. तहसील         सीमांकन            बंटवारा      नामान्तरण       डायवर्सन        आर.बी.सी. 6 (4)
  1        रायसेन            33                    193                  33                    0                         0
  2
      बेगमगंज     76           14           13           4             0
  3
      गैरतगंज     52           90           106          0             0
  4
      सिलवानी     75           91           214          0             0
  5
      बरेली        70           30           92           7             0
  6
      बाडी         09           391          60           0             0
  7
      उदयपुरा      63           41           161          0             0
  8
      सुल्तानपुर    13          36          58           0             0
  9
      गौहरगंज     58           168          246          0             0
           
कुल योग          449                1054                983                  11                      0

(ख) उक्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकृति के हैं विधिक प्रक्रिया अनुसार सुनवाई उपरांत निराकरण किया जावेगा। उक्त लंबित प्रकरणों की समीक्षा जिला/अनुभाग/स्तर पर क्रमश: कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा मासिक बैठकों में की गई हैं जिसके परिणाम स्वरूप उक्त प्रकरणों का निराकरण अधिकाधिक हुआ हैं। (ग) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार किसानों को मुआवजा राशि का उनके समक्ष वर्णित कारणों से भुगतान नहीं हुआ है। (घ) किसी भी सुनिश्चित स्‍त्रोत से सिंचित भूमि को सिंचित माना जाता है।

नियम विरूद्ध नियुक्ति के संबंध में 

[चिकित्सा शिक्षा]

22. ( क्र. 675 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डॉ. जे.एस. नामधारी पूरे प्रदेश में एकमात्र ऐसे सहायक शल्‍य चिकित्‍सक हैं जिन्‍हें लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग से बिना किसी नियम के चिकित्‍सा शिक्षा विभाग में वर्ष 2008 में संविलियन कर जी.आर.एम.सी. ग्‍वालियर में रजिस्‍ट्रार मेडिसिन के पद पर पदस्‍थ किया गया? क्‍या इसके लिये कैबिनेट की स्‍वीकृति नहीं ली गई? क्‍या यह आदेश मुख्‍यमंत्री की नोटशीट पर टीप क्रमांक 22673/सीएमएस/08 दिनांक 05.05.2008 के पालन में दिया गया है? उक्‍त संबंध में संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित दिनांक तक डॉ. नामधारी म.प्र. के एकमात्र व्‍यक्ति हैं जिनकों रजिस्‍ट्रार को सहायक प्राध्‍यापक के पद पर पदोन्‍नत किया गया है? क्‍या पूर्व में भी डॉ. नामधारी के प्रकरण को विशेष प्रकरण मानकर संविलियन किया गया था? उसी व्‍यक्ति को सहायक प्राध्‍यापक के पद पर नियमों व प्रावधान नहीं होने के बावजूद पदोन्‍नति दिये जाने का कृत्‍य व्‍यक्ति विशेष को बार-बार लाभ पहुंचाने का कृत्‍य नहीं है क्‍या? (ग) क्‍या वर्ष 2008 के पूर्व भी डॉ. नामधारी को गुपचुप तरीके से सहायक प्राध्‍यापक बना दिया गया था, माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्देशों के बाद इनको वापिस रजिस्‍ट्रार के पद पर लौटाना पड़ा था? (घ) क्‍या पूर्ववर्ती सरकार ने अपने निर्णय को सही ठहराने के लिये डॉ. नामधारी के प्रकरण में शासन ने उस अधिवक्‍ता की विधिक सलाह ली जो पूर्व में डॉ. नामधारी के अधिवक्‍ता रहे जब डॉ. नामधारी का पक्ष उन्‍होंने शासन के विरूद्ध लड़ा था?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। नियमानुसार। (ख) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  पर है। जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। डॉ. नामधरी को चिकित्‍सा महाविद्यालय के सहायक प्राध्‍यापक के रिक्‍त पद पर प्रतिनियुक्ति की गई थी। तत्‍पश्‍चात अवधि समाप्‍त होने के कारण पुन: सहायक शल्‍य चिकित्‍सक के पद पर प्रतिनियुक्ति दी गई।                       (घ) श्री आर. डी. जैन, एडवोकेट जनरल की सलाह ली गई है। श्री जैन डॉ. नामधरी के अधिवक्‍ता रहे अथवा नहीं की जानकारी विभाग में उपलब्‍ध नहीं।

परिशिष्ट - ''बारह''

प्रदेश में मदिरा नीति 

[वाणिज्यिक कर]

23. ( क्र. 676 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में मदिरा नीति के अनुसार मदिरा के दरों में कितनी वृद्धि की गई है?                (ख) क्‍या अवैध मदिरा वितरण पर प्रशासन का नियंत्रण हैं? (ग) क्‍या सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में विभिन्‍न गांवों में सामान्‍य रूप से अवैध मदिरा वितरण हो रहा हैं? क्‍या इसमें प्रशासन का संरक्षण हैं क्‍या यह किराने की दुकानों तक में उपलब्‍ध हैं?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) वर्तमान में आबकारी नीति अनुसार मदिरा की ड्यूटी दरों में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। (ख) अवैध मदिरा वितरण पर रोकथाम के लिए आबकारी विभाग के जिलों में पदस्थ कार्यरत कार्यपालिक स्टाफ द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर/क्षेत्रों में भ्रमण गस्त एवं दबिश देकर/सूचना प्राप्त होने पर अवैध मदिरा विक्रय/परिवहन/संग्रहण के प्रकरण प्रकाश में आने पर आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र के लिए जिला आबकारी कार्यालय सीधी से 04 विदेशी मदिरा दुकान एवं 07 देशी मदिरा दुकान के लिए अनुज्ञप्ति जारी की गई है, जहां से मदिरा का विक्रय किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 अप्रैल 2019 से 21 जून 2019 तक कार्यपालिक आबकारी अमले द्वारा दबिश देकर 39 बल्क लीटर अवैध देशी प्लान मदिरा, 351 बल्क लीटर अवैध हॉथ भट्टी मदिरा, 1700 लीटर महुआ लाहन जप्त कर अवैध मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध कुल 56 प्रकरण पंजीबद्ध कर आबकारी अधिनियम 1915 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की गई है।

नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

24. ( क्र. 705 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न ग्राम पंचायतों में विभाग द्वारा संचालित नल-जल योजनाओं का संचालन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि नल-जल योजना का क्रियान्वयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा स्वयं नहीं किया जा रहा? (ख) क्‍या नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारु रुप से न हो पाने का मुख्य कारण संचालन ग्राम पंचायतों को दिया जाना है? क्या विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं का संचालन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त सभी नल-जल योजनाओं को कब तक विभाग के द्वारा संचालित किया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। शासन की नीति के अनुसार            नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन विभाग द्वारा ही किया जा रहा है तथा संचालन-संधारण संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

अंत्योदय परिवारों को योजना से लाभांवित कराना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 708 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की योजना में उल्लेख है कि सभी अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह पैंतीस (35) किलो ग्राम गेहूँ/चावल, तीन किलो ग्राम दाल, एक किलो ग्राम शक्कर, एक किलो ग्राम नमक, एक लीटर खाद्य तेल उपलब्ध कराया जावेगा (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना में जिला नरसिंहपुर,सागर, दमोह, छतरपुर में कितने अंत्योदय परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं? अगर नहीं तो कब से लाभान्वित होंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा वर्तमान में अंत्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्‍न (गेहूँ/चावल/मोटा अनाज), एक किलोग्राम शक्‍कर, एक किलोग्राम नमक एवं प्रति सदस्‍य एक किलोग्राम के मान से अधिकतम 4 किलोग्राम तक दाल उपलब्‍ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त जून-19 माह तक न्‍यूनतम 4 लीटर केरोसीन प्रति परिवार उपलब्‍ध कराया गया है। केरोसीन की प्रति परिवार मात्रा में परिवर्तन भारत सरकार से प्राप्‍त आवंटित मात्रा पर निर्भर है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत किसी भी परिवार को खाद्य तेल उपलब्‍ध कराने की योजना वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ख) जिला नरसिंहपुर, सागर, दमोह एवं छतरपुर में लाभांवित होने वाले अंत्‍योदय परिवारों की संख्‍या की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

डायवर्सन के प्रकरण 

[राजस्व]

26. ( क्र. 721 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले की तहसील पिपरिया में डायवर्सन हेतु कितने आवेदन वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कितने प्रकरण लंबित हैं लंबित रहने का क्या कारण हैं? (ख) निराकृत प्रकरणो में कितने प्रकरणों में टॉउन कन्‍ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है तथा कितने प्रकरणों में टॉउन एंड कन्‍ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी है? (ग) भू-खण्ड एवं बड़े रकबों के डायवर्सन के लिये टॉउन कन्‍ट्री प्लानिंग की अनुमति‍ आवश्यक हैं या नहीं? (घ) कंडिका (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो डायवर्सन के प्रकरण जिनमे टॉउन कन्‍ट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है, सही माने जावेंगे या जिन प्रकरणों में टॉउन कन्‍ट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी हैं क्‍या वे सही माने जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) होशंगाबाद जिले की तहसील पिपरिया में दिनांक 01.01.2017 से 21.06.2019 तक कुल 658 आवेदन पत्र डायवर्सन के प्राप्‍त हुये। प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से 655 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरण 03 है जो प्रक्रियाधीन है।  (ख) निराकृत 655 आवेदन पत्र में से 11 प्रकरणों में टाउन कन्‍ट्री प्‍लानिंग की अनुमति प्राप्‍त की गई। (ग) पिपरिया विकास योजना 2021 के अंतर्गत तहसील पिपरिया के कुल 07 विशिष्‍ट ग्रामों के बड़े रकबे के डायवर्सन के लिए टाउन एण्‍ड कन्‍ट्री प्‍लानिंग की अनुमति आवश्‍यक थी तथा शेष ग्रामों में अनुमति आवश्‍यक नहीं थी। (घ) जहां अनुमति आवश्‍यक थी वहां अनुमति प्राप्‍त की गई तथा शेष प्रकरणों में अनुमति आवश्‍यक नहीं थी। समस्‍त प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की गई है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की सेवा स‍माप्ति

[महिला एवं बाल विकास]

27. ( क्र. 741 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासौदा एवं ग्‍यारसपुर में कौन-कौन से ग्रामों में कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? (ख) क्‍या एकीकृत बाल विकास परियोजना            गंजबासौदा-2 ग्रामीण में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की पिछले छ: माह में सेवा समाप्‍त की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन की? उनके नाम केन्‍द्र के नाम सहित बतावे?                  (ग) क्‍या उक्‍त सेवा समाप्‍त आदेश के संबंध में प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्र.109 दिनांक 16.02.19 को जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला विदिशा को अवगत कराया है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में जिला विदिशा की बाल विकास परियोजना बासोदा-2 आंगनवाड़ी केन्द्र दीघौरा में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गयाबाई कुशवाह, की सेवायें समाप्त की गई है। (ग) जी हाँ। श्रीमती गयाबाई कुशवाह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा पद से पृथक करने के विरूद्ध अपर कलेक्टर न्यायालय में अपील दायर की गई। उक्त तथ्य से माननीय विधायक को कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विदिशा के पत्र क्र. 977, दिनांक 27.03.2019 द्वारा अवगत कराया गया। न्यायालय द्वारा श्रीमती कुशवाह के पक्ष में आदेश दिनांक 29/04/2019 पारित किया गया, जिसके पालन में श्रीमती गयाबाई कुशवाह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को परियोजना अधिकारी गंजबासौदा-2 के आदेश क्र. 532 दिनांक 09.05.2019 द्वारा पुनः सेवा में रखा गया।

 

सामग्री एवं उपकरणों का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

28. ( क्र. 760 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला स्‍तर पर सामग्री/उपकरण क्रय करने हेतु क्‍या नियम/आदेश हैं की प्रति उपलब्‍ध करावें तथा वर्ष 2016-2017 से 2018-19 में जिला स्‍तर पर क्रय समिति में कौन-कौन अधिकारी शामिल किये गये नाम, पदनाम सहित बतावें।                  (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा वर्ष 2016-17 से 2018-19 में प्रश्‍न दिनांक तक किस फर्म/संस्‍था से क्‍या-क्‍या सामग्री एवं उपकरण किस दर से कितनी-कितनी मात्रा में क्रय कर कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? क्रय सामग्री का भौतिक सत्‍यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।                (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार 2015-2016 से 2018-19 में प्रश्‍न दिनांक तक राज्‍य शासन/संचालनालय से प्राप्‍त सामग्री/उपकरणों को किस अधीनस्‍थ संस्‍था में किस दिनांक को कितनी सामग्री/उपकरण प्रदाय किये गए वर्षवार पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) महिला एवं बाल विकास में जिला स्‍तर पर सामग्री/उपकरण क्रय हेतु म.प्र. भण्‍डार क्रय नियम का पालन निर्धारित किया गया है। नियम की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में जिला स्‍तर पर क्रय समिति में शामिल अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) एवं (ग) विस्‍तृत स्‍वरूप होने के कारण जानकारी एकत्र की जा रही है।

मदिरा दुकान को हटाया जाना

[वाणिज्यिक कर]

29. ( क्र. 765 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्‍दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अयोध्‍या बायपास में अटल बिहारी वाजपेयी सब्‍जी मण्‍डी के पास देशी/विदेशी मदिरा की दुकान किस दिनांक से संचालित हैं? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मदिरा की दुकान रत्‍नागिरी तिराहे के नाम से खोली गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान में संचालित दुकान से रत्‍नागिरी तिराहे की दूरी कितनी है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मदिरा की दुकान को स्‍थानीय रहवासी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा धरना, प्रदर्शन एवं लिखित ज्ञापन जिला प्रशासन को देकर अन्‍यत्र हटाने की मांग की गई है? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 24 जनवरी 2019 को प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मदिरा की दुकान को हटाने के लिये कलेक्‍टर भोपाल को लिखे गये पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आयोध्या बायपास में अटल बिहारी वाजपेयी सब्जी मंडी के पास देशी व विदेशी मदिरा की दुकान, रत्नागिरी तिराहा दिनांक 01.04.2018 से संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदिरा की दुकान रत्नागिरी तिराहे के नाम से खोली गई है वर्तमान में संचालित दुकान से रत्नागिरी तिराहे की दूरी लगभग 700 मीटर है। (ग) यह सही है कि वार्ड-64 में प्रकाश नगर में संचालित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान, रत्नागिरी तिराहा के संचालन के संबंध में अप्रैल 2018 में स्थानीय रहवासियों द्वारा धरना एवं प्रदर्शन किये गये थे एवं मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने की मांग संबंधी ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया था। (घ) यह स्थल मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत बनाये गये दुकानों के अवस्थापन हेतु सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 तथा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत आपत्तिरहित स्थान पर स्थित है। अतएव इस मदिरा दुकान को अन्यत्र हटाने संबंधी कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं हुई।

अवैध शराब बिक्री के संबंध में

[वाणिज्यिक कर]

30. ( क्र. 788 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 165 दिनांक 20 फरवरी, 2019 की जानकारी में विभाग द्वारा विभिन्‍न स्‍थानों से अवैध शराब बि‍क्री बताई गयी थी, बताये गये स्‍थानों पर कौन-कौन निरीक्षक पदस्‍थ है? (ख) उपरोक्‍त अवैध शराब में अंग्रेजी एवं देशी शराब में पकड़े जाने के बाद विभाग द्वारा यह शराब किस कंपनी/किस लेवल की थी? इसकी जानकारी पदस्‍थ अधिकारियों ने संग्रह की थी या नहीं? (ग) अवैध शराब विदेशी मदिरा/देशी मंदिरा पर कंपनी का नाम/लेवल लगा रहता है इसकी जानकारी के आधार पर क्‍या विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकती थी? यदि हाँ, तो विभाग ने कार्यवाही क्‍यों नहीं की? (घ) क्‍या विभाग द्वारा उपरोक्‍त पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 165 दिनांक                         20 फरवरी, 2019 की प्रेषित जानकारी में विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्र/केन्ट क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से अवैध शराब बिक्री बताई गई है। उन स्थानों पर पदस्थ अधिकारियों के नाम निम्नानुसार है :- 1. श्री केदार शर्मा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, वृत्त दक्षिण। 2. श्री रामाश्रय चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक वृत्त आंतरिक। 3. सुश्री रोशरी उरेती, उपनिरीक्षक वृत्त उत्तर सागर। 4. श्री एस.के. श्रीवास्तव, उपनिरीक्षक वृत्त खुरई। (ख) प्रश्नांश ‘‘‘‘ अनुसार वर्ष 2017-18 में कायम 197 प्रकरण एवं वर्ष 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक कायम 186 प्रकरणों की कंपनी/लेवलवार जानकारी पदस्थ अधिकारियों द्वारा संग्रहित की गई है। विस्तृत विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 दौरान विभाग द्वारा कायम सभी प्रकरणों में (03 अज्ञात प्रकरणों को छोड़कर) आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अभियोजन हेतु प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अभियोजन हेतु समस्त प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने एवं लंबित न रहने से किसी भी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।

परिशिष्ट - ''चौदह''

नल-जल योजनाओं के संबंध में

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

31. ( क्र. 802 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएँ स्वीकृत हैं? उनमें से कितनी योजनाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं? कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी स्वीकृत होकर अप्रारंभ हैं? योजनाओं के नाम सहित विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजना स्वीकृति हेतु शासन के पास लम्बित हैं? नाम सहित विवरण दें उन्हें कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी? (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में बंद पड़ी योजनाओं को कब तक पुनः प्रारंभ कर दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 38 योजनाएं। 36, इनमें 35 योजनाएं पूर्ण एवं 01 योजना का कार्य प्रगतिरत है। 02 स्वीकृत योजनाओं के कार्य अप्रारंभ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) 02 बंद योजनाओं को चालू करने का कार्य प्रगति पर है, 01 योजना समूह नल-जल योजना में सम्मिलित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह

सीमांकन के लंबित प्रकरण 

[राजस्व]

32. ( क्र. 806 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) म.प्र में क्रषकों के सीमांकन के कितने आवेदन आज दिनांक तक लंबित हैं? रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर कर्चुलियान गुढ़ व हुजूर तहसील में सीमांकन के कितने आवेदन लंबित हैं? उन्‍हें पूरा करने की क्‍या कार्य योजना है? (ख) क्‍या कृषकों के प्रकरण वर्षों से तहसील व एस.डी.एम. कार्यालय में लंबित है? रीवा जिले के गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में लंबित प्रकरणों की संख्‍या के साथ उनके निराकरण की अवधि बतावें। (ग) तहसील व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में वर्षों से एक ही स्‍थान पर कार्य कर रहे लिपिकों को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश में कृषकों के सीमांकन के लंबित आवेदनों की संख्‍या जिलावार संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। रीवा जिले के गुढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर कर्चुलियान तहसील में 128, गुढ़ में 211 वा हुजूर में 155 सीमांकन के आवेदन लंबित है। (ख) जी नहीं। रीवा जिले के गुढ विधानसभा क्षेत्र के रायपुर कर्चुलियान में 128, गुढ़ में 211 व हुजूर में 155, सीमांकन के आवेदन लंबित है, जिनका विधि अनुसार निराकरण कर दिया जाएगा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लिपिकों की उपलब्‍धता एवं आवश्‍यकता के आधार पर समय समय पर नियमानुसार प्रभार में परिवर्तन किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सोलह''

लावारिस मदिरा के प्रकरण

[वाणिज्यिक कर]

33. ( क्र. 810 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत विधानसभा, लोकसभा निर्वाचन के दौरान खण्डवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा लावारिस मदिरा जप्‍ती के 31 (1) एवं (2) के कितने प्रकरण बनाये गये एवं कितनी मदिरा जप्‍त की गई? (ख) उक्त बनाये गये लावारिस प्रकरण 34 (1) एवं (2) में नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई? अवैध मदिरा के वारिस ढूंढने के क्या प्रयास किये गये? जप्‍त माल का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में महुआ- लाहन के कितने प्रकरण बनाये गये तथा कितनी मात्रा में जप्‍त किया गया? क्या जब्‍त किया गया माल, माल गोदाम में सुरक्षित रखा है? यदि नहीं, तो जप्‍त सामग्री किस राजपत्रित अधिकारी के समक्ष नष्ट की गयी तथा नष्ट किये जाने का स्थान, दिनांक बताए? (घ) क्या लावारिस मदिरा को उक्त अधिकारियों द्वारा अवैध शराब तस्करों को बेच दी गई है? यदि नहीं, तो क्या कलेक्टर द्वारा नामांकित राजस्व के राजपत्रित अधिकारी के समक्ष मदिरा का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या उक्त प्रकरणों में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों के कारण शासन को राजस्‍व हानि‍ हो रही है? यदि हाँ, तो क्या इनके विरुद्ध जाँच एवं विभागीय कार्यवाही की जायेगी?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) गत विधान सभा व लोकसभा निर्वाचन के दौरान खण्डवा जिले में आबकारी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 31 (1) एवं (2) के कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये गये है तथा न ही कोई मदिरा जप्त की गई है। (मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 ‘‘अनुज्ञप्ति आदि को रद्द या निलंबित करने की शक्ति‘‘ से संबंधित है)। (ख) खण्डवा जिले में बनाये गये लावारिस मदिरा के प्रकरणों में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं (2) के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अवैध मदिरा के वारिस के संबंध में विवेचनाकर्ता अधिकारी द्वारा विवेचना प्रक्रियाधीन है। जप्त माल का भौतिक सत्यापन जप्तीकर्ता अधिकारी द्वारा मौके पर ही किया जाता है। (ग) प्रश्नांश अवधि के दौरान आबकारी विभाग खंडवा द्वारा महुआ लाहन के 457 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, जिसमें कुल 65833 लीटर महुआ लाहन जप्त किया गया। जप्त की गई हाथभट्टी मदिरा, देशी/विदेशी मदिरा एवं बीयर संबंधित वृत्त कार्यालयों के मुद्दे माल कक्ष में सुरक्षित रखी गयी है। चूंकि लाहन मदिरा नहीं है तथा अधिक मात्रा में जप्त होता है, अत: अत्यधिक मात्रा में जप्तशुदा लाहन को परिवहन कर वृत्त कार्यालय में रखने हेतु स्थान अभाव के कारण उसी स्थान पर शराब बनाने के अयोग्य किया गया। (घ) लावारिस मदिरा को अधिकारियों द्वारा अवैध शराब तस्करों को नहीं बेचा गया। पंजीबद्ध लावारिस प्रकरण विवेचना अंतर्गत है। विवेचना पश्चात् सक्षम न्यायालय द्वारा निराकृत होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) उक्त प्रकरणों में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध लापरवाही एवं अनियमितता करने संबंधी प्रकाश में नहीं आया है। अतः जानकारी निरंक है।

एलोपैथी उपचार हेतु ब्रिज कोर्स

[आयुष]

34. ( क्र. 811 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में भी महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश की तर्ज पर आयुष चिकित्‍सकों को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एन.एच.एम.) के तहत इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) दिल्‍ली से ब्रिज कोर्स करवाकर, आयुष चिकित्‍सकों को एलोपैथी चिकित्‍सा में उपचार की अनुमति देकर, उन्‍हें प्रदेश के विभिन्‍न शासकीय चिकित्‍सालयों में पदस्‍थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या शासन निजी तौर पर भी आयुष चिकित्‍सकों को 6 माह की ट्रेनिंग देकर उन्‍हें ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय चिकित्‍सालयों में प्राथमिक एलोपैथी उपचार हेतु पदस्‍थ करने के लिये कोई ब्रिज कोर्स चलाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) मध्‍यप्रदेश के कितने आयुष चिकित्‍सकों ने देश के विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों से ब्रिज कोर्स कर विभाग को एलोपैथी उपचार हेतु आवेदन किये है? (घ) प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्‍सा एवं एलोपैथी चिकित्‍सा के एकीकरण हेतु क्‍या आयुष विभाग एवं लोक स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण विभाग की कोई उच्‍च स्‍तरीय बैठक विगत 1 वर्ष में आयोजित की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? दिनांक एवं निर्णय सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्‍या भविष्‍य में इस तरह की बैठक का शासन द्वारा कोई निर्णय लिया गया है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। योजना न होने के कारण। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। दिनांक 10/6/2019 को। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदान की जाने वाली सुविधा

[महिला एवं बाल विकास]

35. ( क्र. 826 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत केंद्र शासन/प्रदेश शासन/जिला प्रशासन/जनसहयोग/अन्य किसी माध्यम से किस किस आंगनवाड़ी केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं/संसाधन/सामग्री/सौंदर्यीकरण के कार्य वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कराये गए हैं, आंगनवाड़ी केंद्रवार जानकारी दें. (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कराये गए कार्य समान रूप से सभी केन्द्रों में न कराये जाकर किन्‍हीं विशेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में कराये गए हैं? यदि हाँ, तो क्यों और दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका तथा हितग्राही समूहों द्वारा आपसी सहयोग से कटनी शहरी परियोजना अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र क्रमांक 155 एवं 218 में सौंदर्यीकरण कार्य नवाचार के तहत किया गया है तथा बाल सुलभ सुविधाओं के रूप में पंखा, कुर्सी, टेबिल, खिलौने, इत्‍यादि वर्ष 2019-20 में प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध कराई गई है। इसके अतिरिक्‍त विधानसभा क्षेत्र के समस्‍त आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में जून माह के प्रथम सप्‍ताह में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा नये एवं पुराने खिलौनों के एकत्रीकरण का कार्य जनसहयोग से नवाचार के रूप में प्रोजेक्‍ट मुस्‍कान के तहत किया गया है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है वर्ष             2018-19 की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी शहरी परियोजना के 02 केन्‍द्रों में सौंदर्यीकरण एवं सुविधाएं उपलब्‍ध कराने का कार्य नवाचार के तहत कराया गया है। उक्‍त कार्य किन्‍ही विशेष केन्‍द्रों में नहीं कराये गये है अत: किसी दोषी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं है।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

36. ( क्र. 827 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के पूर्व जबलपुर और सागर सम्भाग के जिलों में कितने-कितने परिवार राशन दुकानों से आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर रहे थे? जनवरी 2019 में कितने परिवार किस श्रेणी के लाभान्वित हो रहे हैं? जिलेवार, स्थानीय निकायवार बतायें।                                      (ख) खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के उपरांत प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित निकायों में कितने नए पात्र परिवार किस श्रेणी में शामिल किए गए? कितने अपात्र परिवार हटाये गए? क्या अपात्र श्रेणी में हो जाने के बाद भी अनेक दुकानों में अनेक परिवारों की सामग्री लम्बे समय तक आती रही?                (ग) पात्रता श्रेणी में शामिल होने के कितने दिवस बाद परिवार का राशन सम्बंधित दुकान को आवंटित किया जाने का प्रावधान है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की स्पष्ट नीति नहीं होने से परिवार दुकानों में भटकता है पर उसका राशन नहीं आता और जब राशन आता है तो परिवार को पता नहीं चलता और कई माह तक अपयोजन होता है? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) क्‍या खाद्य सुरक्षा अधिनियम की इन विसंगति पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और किस प्रकार यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, मार्च 2014 में लागू किया गया। जबलपुर एवं सागर संभाग के जिलों में माह फरवरी, 2014 में श्रेणीवार प्रचलित राशन कार्डधारी परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माह जनवरी, 2019 में श्रेणीवार प्रचलित पात्र परिवार की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लागू होने के उपरांत निकायवार सम्मिलित नवीन परिवारों एवं अपात्रता एवं अन्‍य कारणों से हटाये गये परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है वर्तमान में सम्मिलित परिवारों में से मृत्‍यु होने, प्रवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने आदि कारणों से अपात्र हुए परिवारों का विलोपन एक सतत् प्रक्रिया है। किसी परिवार द्वारा उचित मूल्‍य दुकान से राशन प्राप्‍त न करने पर शेष मात्रा को आगामी माहों के आवंटन में समायोजित किया जाता है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। परिवार को सम्मिलित करने के उपरांत पात्रता पर्ची जारी करने के माह से ही खाद्यान्‍न का आवंटन दुकान को किया जाता है। (घ) पात्र परिवार को पात्रता पर्ची जारी होने के माह में ही उचित मूल्‍य दुकान को राशन का प्रदाय किये जाने की व्‍यवस्‍था है। पात्रता पर्ची आमजन के अवलोकन के लिये विभागीय पोर्टल पर भी उपलब्‍ध कराई गई है। जहां से हितग्राही द्वारा पात्रता पर्ची का प्रिन्‍ट निकाला जा सकता है। (ङ) (क) से (घ) के संदर्भ में प्रश्‍न नहीं उठता है।

स्‍थायी पट्टा प्रदान करने के संबंध में

[राजस्व]

37. ( क्र. 834 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत चंपी, बाराद्वारी, बलवटपुरा, संजय नगर, भैसाटोल, बगूची, थावरिया एवं सूरजपोल मोहल्‍ले में विगत 50 वर्षों से आबादी निवास करती है तथा नियमानुसार सम्‍पति कर, प्रकाश कर, जल कर, आदि अन्‍य करों का भुगतान तथा लोकसभा, विधानसभा, स्‍थानीय निकाय निर्वाचन में मतदान करते है, लेकिन प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त मोहल्‍लों में निवासरत आबादी के भवनों का उनके पास स्‍वामित्‍व (मालिकाना हक) नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त आबादी को शासन की जनकल्‍याणकारी योजनाओं, सम्‍पति क्रय-विक्रय प्रधानमंत्री आवास आदि महत्‍वपूर्ण योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों तथा शासन की पट्टा जारी करने की नीति होने के बावजूद उक्‍त आबादी को उसका लाभ न मिलने के लिये कौन-कौन दोषी है?               (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन ऐसे सभी मोहल्‍लों का सर्वेक्षण कराकर वर्षों से निवासरत आबादी को स्‍थायी पट्टा (मालिकाना हक) प्रदान करने के लिये कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले के नगर नरसिहगढ़ अंतर्गत चंपी, बाराद्वारी, बलवटपुरा, संजय नगर, भैसाटोल, बगूची, धावरिया एवं सूरजपोल मोहल्ले में विगत 50 वर्षों  से आबादी निवास करती है जिन्‍हें नगर पालिका द्वारा मूलभूत सुविधाएं जैसे सफाई, पानी, प्रकाश, सड़क आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है तथा भवन स्वामियों द्वारा सम्पत्ति कर, प्रकाश कर, जलकर, आदि अन्य करो का भुगतान निकाय को किया जाता है। उक्त स्थान के वार्डवासियों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी पात्रता अनुसार दिया जा रहा है एवं प्रक्रिया जारी है। उक्त मोहल्लों की आबादी में लगभग 50 प्रतिशत आवासीय मकान वन भूमि पर निर्मित होने से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ एवं पट्टे नहीं दिये गये हैं। (ख) नगर नरसिहगढ़ के वार्ड क्रमांक 1 थावरिया मोहल्ला में 64 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्रं. 3 सूरजपोल मोहल्ले में 11 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्र. 4 सूरजपोल मोहल्ला में 36 व्यक्तियों को पट्टा एवं 65 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, संजय नगर में 02 व्यक्तियों को पट्टा एवं 09 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, वार्ड क्रमांक 12 बगूची 65 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ,वार्ड क्र.15 बलवटपुरा में 90 व्यक्तियों को पट्टा एवं 17 व्यक्तियों को को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया है। आबादी क्षेत्र में पट्टा प्रदान करने की विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण 

[महिला एवं बाल विकास]

38. ( क्र. 835 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवन विहीन हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। उक्‍त भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है तथा कब तक भवन विहीन केन्‍द्रों पर भवन निर्माण करा दिये जावेंगे? (ख) उपरोक्‍तानुसार ऐसे कौन-कौन से केन्‍द्र हैं जिनके भवन निर्माण हेतु राशि स्‍वीकृत होकर ग्राम पंचायत के खातों अथवा विभाग के पास लंबित तथा शासन से आवंटन की प्रत्‍याशा में होने से निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण है तथा प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से केन्‍द्रों के भवन का कार्य निर्माणाधीन है लेकिन अपूर्ण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे निर्माणाधीन व अपूर्ण भवन निर्माण कार्यों को पूर्ण अथवा प्रारंभ न कराये जाने के लिये कौन-कौन दोषी है तथा उक्‍त संबंध में क्‍या विभाग द्वारा पंचायत विभाग से समन्‍वय कर प्रश्‍न दिनांक तक कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? कब तक ऐसे निर्माणाधीन व अपूर्ण भवन निर्माण कार्यों को पूर्ण अथवा प्रारंभ करा दिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अन्तर्गत संचालित परियोजना नरसिंहगढ़ के 105, परियोजना कुरावर के 58 एवं परियोजना पचोर के 66 कुल 229 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -  अनुसार है। प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।                     (ख) लंबित/अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख  अनुसार है। राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अन्तर्गत संचालित परियोजना नरसिंहगढ़ के 44, परियोजना कुरावर के 27 एवं परियोजना पचोर के 25 भवन अपूर्ण/निर्माणाधीन हैं। सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति पंचायतराज संचालनालय द्वारा मनरेगा अभिसरण के अन्तर्गत दी गई है। राज्य एवं जिला स्तर से विभाग द्वारा पंचायतराज संचालनालय से आंगनवाड़ी भवनों को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु पर समन्वय किया गया है। इस हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की शासन स्तर पर सयुंक्त बैठक आयोजित की जा रही है। आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। स्वीकृत निर्माण कार्य पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत का है। अतः आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

रेल्‍वे ओव्‍हर ब्रिज नागदा हेतु भूमि का अधिग्रहण

[राजस्व]

39. ( क्र. 842 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) नवीन रेल्वे ओवर ब्रिज नागदा जिला उज्जैन के लिए अधिग्रहित भूमि में भूमि सर्वे क्रमांक 449/1/मिन 30 रकबा 0.010 ग्राम पाडल्या कला की निजी भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किया गया था अथवा नहीं? यदि नहीं, किया गया था तो प्रमाणीकरण प्रस्तुत करें और यदि किया गया था तो मुआवजा दिए जाने का अभिलेख प्रस्तुत करें। (ख) उक्त भूमि का अधिग्रहण होने की स्थिति में नगर पालिका परिषद नागदा को राजस्व विभाग ने भू-अर्जन प्रमाण पत्र दिया अथवा नहीं? यदि प्रदान किया गया है तो अभिलेख प्रस्तुत करें और यदि नहीं, दिया है तो नगर पालिका परिषद ने राजस्व संहिता की धारा 10/(3) में राजस्व विभाग को रिपोर्ट की है अथवा नहीं? रिपोर्ट व जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) नगर पालिका परिषद नागदा द्वारा उक्त सर्वे भूमि पर अधिकृत रूप से कब्ज़ा है अथवा नहीं? यदि है तो अभिलेख प्रस्तुत करें और यदि नहीं, है तो, राजस्व विभाग द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) उक्त सर्वे भूमि पर शासकीय अधिग्रहण नहीं होने के बाद भी यदि शासकीय कब्ज़ा है तो मौके की प्रमाणित जानकारी प्रस्तुत करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सर्वे क्रमांक 449/1/मि.30 रकबा 0.090 हे. जिसमें भूमि शकुंतलाबाई पति बटनलाल के नाम दर्ज है जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में निरंक। ( ग) नगर पालिका परिषद् नागदा क्षेत्र में उक्त सर्वे नं. पर परम्परागत आवागमन का रोड बनाया हुआ है। जिस पर आम नागरिक आवागमन करते है। जो सार्वजनिक निस्तार में है। खसरा एवं पंचनामा संलग्न है। किसी विभाग का कब्जा दर्ज नहीं है। (घ) परम्परागत रूप से इसमें रास्ते का सार्वजनिक उपयोग हो रहा है, पंचनामा संलग्न है।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

विभाग द्वारा संचालित योजनाएं 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

40. ( क्र. 849 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत विभाग की कुल कितनी योजनाएं संचालित हैं? संचालित योजनाओं से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कुल कितनी योजनाओं का लाभ गांव तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की है? (ख) उज्जैन जिले के अंतर्गत किन योजनाओं का लाभ एवं सुविधाएँ दी गयी हैं? इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ग) उज्जैन जिले में नल जल योजना का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कुल कितनी संयत्र एवं संरचनाएं स्थापित हैं और कितने ग्रामों को लाभ प्राप्त हुआ है? (घ) चालू वर्ष में कितनी नल जल योजनाएं एवं अन्य योजनाएं चलायी जा रही हैं और उनके भौतिक और वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 9086 हैण्डपम्प योजनाएं, 195 नल-जल योजनाएं एवं 59 स्थल जल योजनाएं संचालित है। इन सभी संचालित योजनाओं से 1096 ग्रामों को पेयजल का लाभ पहुँचाया गया है। (ख) उत्तरांश () अनुसार, शेष जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के अनुसार है। (ग) 195 नल-जल योजनाओं एवं 59 स्थल जल योजनाओं के अंतर्गत 458 नलकूपों पर स्थापित 458 मोटरपंपों एवं 210 उच्च स्तरीय टंकियों के माध्यम से 254 ग्रामों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है। (घ) 2 नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं एवं लक्ष्यानुसार नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का कार्य प्रगतिरत है। 225 बसाहटों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापना का भौतिक लक्ष्य दिया गया है जिसके विरूद्ध अनुमानित वित्तीय लक्ष्य रूपये 412.50 लाख का है।

बस स्टैण्ड व शराब ठेका भवन

[राजस्व]

41. ( क्र. 850 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सुवासरा नगर में वर्तमान बस स्टैण्ड किस भूमि पर संचालित हो रहा है, उक्त भूमि का सर्वे नंबर एवं रकबा बतावे तथा भूमि शासकीय या निजी है, यह भी जानकारी उपलब्ध करावें।                               (ख) सुवासरा नगर में बस स्टैण्ड के नजदीक शराब का ठेका किस भवन में संचालित हो रहा है? यह भवन शासकीय है या प्राईवेट? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि शासकीय भवन है तो शासन द्वारा अभी तक अधिग्रहण कर अपने कब्जे में क्यों नहीं लिया गया? क्या भवन का किराया निजी व्यक्तियों द्वारा वसूल किया जा रहा है? किराया प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम बतावें। (घ) कब तक बस स्टैण्ड की भूमि एवं शराब ठेका के भवन को कब्जे में लेकर भूमाफियाओं से मुक्त कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सुवासरा नगर में वर्तमान बस स्‍टैण्‍ड सर्वे क्रमांक 919 रकबा 1.599 पर संचालित हो रहा है। उक्‍त भूमि वर्तमान खसरे अनुसार शासकीय है।                          (ख) सुवासरा नगर में बस स्‍टैण्‍ड के नजदीक शराब का ठेका शासकीय भवन में न होकर निजी स्‍वामित्‍व के भवन में संचालित हो रहा है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में निरंक।

राजस्‍व ग्रामों की जानकारी

[राजस्व]

42. ( क्र. 851 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने ग्राम सम्मिलित हैं ग्रामों के नाम एवं ग्रामवार जनसंख्या बतावें। (ख) उपरोक्त ग्रामों में से कितने ग्राम है जिन्हे राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है? ग्रामों के नाम एवं ग्रामवार जनसंख्या बतावें। (ग) राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या नियम है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के वंचित ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम में घोषित किया जावेगा जिससे की ग्रामों का विकास हो सके?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 306 ग्राम है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समस्त ग्राम राजस्व ग्राम है। (ग) आयुक्त भू-अभिलेख एव बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्र.1195/11-भू-प्र/माचिशा/म.टो/2012 ग्वालियर दिनांक 14.6.2012 के अनुसार मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिये निम्नांकित मापदंड निर्धारित है :-  (1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिये।  (2) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिये। (3) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चर्तुसीमाएं मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिये मजरे टोले से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमाएं मूल ग्राम की सीमाओं के अंदर ही स्थित न रहे।                                       (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्राम शासन के द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार राजस्व ग्राम घोषित है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों से संबंधित जानकारी 

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 858 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं लघु आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? जिलावार जानकारी दें। स्वीकृत के विरूद्ध कितने पदों पर कार्यकर्ता और सहायिका नियुक्त हैं और कितने पद रिक्त हैं तथा कितने ग्राम, मजरा-टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? विकासखण्‍डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में क्या उक्त केन्द्रों में पोषण आहार राज्य की शासकीय/निजी एजेन्सियों द्वारा सप्लाय किया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस एजेन्सी के द्वारा पोषण आहार सप्लाय किया जाता है? सप्लाय करने वाली एजेन्सियों के नाम बतावें। इनके चयन की प्रक्रिया क्या है? सप्लायर एजेन्सियों के संचालकों के नाम भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र व लघु आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन नहीं हैं? विकासखण्‍डवार जानकारी दें तथा कब तक आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जावेंगे? आंगनवाड़ी तथा लघु आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसर में पेयजल के लिए क्या हैण्डपंप खनन किये गये हैं? यदि हाँ, तो विकासखण्‍डवार सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो कब तक हैण्डपंप खनन करा दिये जावेगें? पेयजल व्यवस्था विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी उपलब्ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विदिशा जिले में कुल 1930 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 441 उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 2371 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध कुल 2338 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पदस्थ है तथा 1930 सहायिकाओं के विरूद्ध 1902 सहायिकायें पदस्थ है। 33 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 28 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्त है। 58 ग्राम,मजरा,टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के           प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों एवं महिलाओं को शासन द्वारा संचालित आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल, पात्रता अनुसार नाश्ता, खाना,थर्ड मील, टेक होम राशन, प्री-स्कूल किट, नियमित वृद्धि निगरानी, शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा इत्यादि सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को               स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा 06 माह से 03 वर्ष तक बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जाता है। विभाग द्वारा माह मार्च 2018 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन प्रदाय हेतु अल्पकालीन निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें निविदा शर्तों एवं न्यूनतम दर के आधार पर संभागवार सफल निविदाकार का चयन किया गया था। टेकहोम राशन प्रदाय की जाने वाली एजेंसी एवं संचालकों के नाम की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 975 आंगनवाड़ी केन्द्र व 363 उप आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-  अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुरूप होने पर दी जाती है। स्वीकृति भारत सरकार के कार्य क्षेत्र में होने से विभाग द्वारा समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा उप आंगनवाड़ी केन्द्रों के परिसर में पेयजल हेतु हैंडपंप खनन किये गये है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-   अनुसार है।  हैण्डपंप खनन का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधान होने से समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। पेयजल व्यवस्था विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निरंक है। किसी न किसी स्त्रोत से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल उपलब्ध है।

समूह नल-जल योजना 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

44. ( क्र. 860 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के अंतर्गत जल निगम के द्वारा समूह नल-जल योजनाएं तैयार की गई हैं या की जा रही हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन सी समूह नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गईं? जिलावार जानकारी योजना के नाम सहित दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी दें कि कितनी समूह नल-जल योजनाएं पूर्ण कर सुचारू रूप से जल प्रदाय किया जा रहा है? कितनी योजनाओं का कार्य अधूरा है और इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा यह योजनाएं कब तक पूर्ण हो जावेगी? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में जानकारी दें कि कितनी समूह नल-जल योजनाओं के गुणवत्ता विहीन कार्य करने की शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उनमें से कितनी सही पाई गई और उत्तरदायी कर्मचारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (घ) मध्यप्रदेश में समूह नल-जल योजना विगत 5 वर्षों में जो स्वीकृत हुई थी, विलंब होने के कारण उनकी लागत में कितनी वृद्धि हुई? स्वीकृत राशि एवं विलंब के कारण लागत में हुई वृद्धि की राशि की जानकारी जिलावार उपलब्ध करावें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) 18 समूह जलप्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण कर जलप्रदाय किया जा रहा है। 40 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, इन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने के उपरांत अंतिम देयक के निराकरण के समय योजनाओं के कार्यों में विलंब के लिए उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा सकेगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के अनुसार है। (ग) 02 समूह जलप्रदाय योजनाओं के गुणवत्ता विहीन कार्य करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनमें से कोई भी सही नहीं पाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न दिनांक तक किसी भी समूह जलप्रदाय योजना में विलंब के कारण मूल्य वृद्धि नहीं हुई है। स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

पेयजल संकट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

45. ( क्र. 865 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कहाँ-कहाँ पर ग्रीष्‍म ऋतु में पेयजल संकट उत्‍पन्‍न होता हैं? सिवनी एवं छपारा तहसीलों को पठार क्षेत्र में पेयजल संकट के संदर्भ में पेयजल आ‍पूर्ति हेतु वर्ष 2017-18 से आज दिनांक तक जिला योजना समिति की बैठकों में पारित प्रस्‍तावों पर क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त प्रस्‍तावों पर हुई प्रगति से अवगत करावें सिवनी एवं छपारा के पठार क्षेत्र एवं पेयजल संकट वाले अन्‍य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु शासन के पास कौन-कौन सी योजनाएं प्रस्‍तावित हैं तथा उन्‍हें कब तक क्रियान्‍वित किया जावेगा? (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में भू-जल स्‍तर की क्‍या स्थिति हैं? क्‍या यह अतिदोहित श्रेणी में शामिल हैं? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में भू-जल संवर्धन एवं पुनर्भरण हेतु क्‍या-क्‍या कार्य किये गये हैं तथा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? क्‍या राज्‍य शासन द्वारा पूर्व में भू-जल संवर्धन योजना के सही क्रियान्‍वयन न करने के कारण पेयजल एवं स्‍वच्‍छ मंत्रालय ने नवीन योजना हेतु राशि देने से इंकार कर दिया? इस हेतु कौन जिम्‍मेदार है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में जिला योजना समिति की बैठक में इस संबंध में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पेयजल संकट वाले अन्य क्षेत्रों में वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकतानुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ख) सिवनी विकासखण्ड का औसत जल स्तर 46.83 मीटर एवं छपारा विकासखण्ड में औसत जल स्तर 32.33 मीटर है। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, कोई भी नहीं।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

46. ( क्र. 866 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बी.पी.एल.कार्डधारी) हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची प्राप्‍त क्‍यों नहीं हो रही हैं? खाद्यान्‍न पर्ची बनाने की प्रक्रिया ऑनलाईन होने के उपरांत पोर्टल पर आवेदन तो ऑनलाईन जमा हो रहें है, किन्‍तु कई माह से खाद्यान्‍न पर्ची जनरेट नहीं हो रही हैं इसका क्‍या कारण है? (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल कितने ऐसे परिवार हैं जिनके पास खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध है, कितने परिवार खाद्यान्‍न पर्ची से वंचित हैं, वंचित परिवारों की सूची ग्रामपंचायतवार उपलब्‍ध कराये। (ग) क्‍या कारण है कि वर्तमान में भी इन परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध नहीं कराई गई, जबकि नियमानुसार शत्-प्रतिशत परिवार खाद्यान्‍न लेने हेतु पात्रता रखते हैं? इस प्रकिया में कौन दोषी हैं तथा वर्तमान तक क्‍या इन परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध नहीं होने पर दोषियों के खिलाफ जाँच अथवा कार्यवाही प्रस्‍तावित की जावेगी? (घ) शत्- प्रतिशत खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध कराने हेतु सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कोई अभियान चलाया जायेगा? यदि हाँ, तो उसकी समयावधि क्‍या होगी तथा नहीं तो वंचित परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध कराने हेतु शासन की क्‍या योजना हैं? क्‍या जनहित में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए खाद्यान्‍न पर्ची जनरेट करने हेतु समय-सीमा निर्धारित की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 2,54,280 परिवारों के 10,71,869 हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी कर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा रहा है, जो कि 2011 की जनसंख्‍या अनुसार 77.72 प्रतिशत है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। सिवनी जिले में               01 मई, 2017 के पश्‍चात 4,021 परिवारों को जोड़कर योजना का लाभ दिया गया है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत में 55,972 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार हैं। क्षेत्र में 1272 परिवारों को पात्रता पर्ची हेतु समग्र पोर्टल पर नाम प्रदर्शित होने की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।                (ग) प्रश्नांश (क) उत्‍तर अनुसार। पात्रता पर्ची उपलब्‍ध न कराने के लिये कोई दोषी न होने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में सम्मिलित परिवारों में से अपात्र परिवारों को हटाने एवं उनके स्‍थान पर नवीन परिवारों को जोड़ने की कार्यवाही सतत् रूप से की जाती है। इस कारण शेष समस्‍त परिवारों को जोड़ने की समय-सीमा निर्धारित नहीं है।

कुपोषण से निपटने में सरकारी योजनाओं का असफल होना

[महिला एवं बाल विकास]

47. ( क्र. 875 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 91, दिनांक 18 फरवरी 2019 में मध्यप्रदेश में दिसंबर 2018 तक कुल 93081 अति कम वजन के बच्चों में से 35627 बच्चें अनुसूचित जनजाति वर्ग के बताये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से निपटने हेतु केंद्र और राज्य सरकार की जब पहले से ही कई योजनाएं राज्य में चल रही हैं, तो वे वर्तमान आंकड़ों के आधार पर क्या यह दर्शाती हैं कि सारी योजनाएं कुपोषण जैसी गंभीर समस्या से निपटने में नाकाम साबित हुई हैं? यदि हाँ, तो, प्रदेश सरकार आदिवासी इलाकों में कुपोषण से निपटने के लिए चलाई जा रही पूर्ववर्ती नाकाम योजनाओं में क्या बदलाव करने जा रही है एवं क्या कुपोषण सम्बंधी जनजागरुकता अभियान चलाने की किसी विशेष योजना पर काम कर रही है? यदि नहीं, तो, इतने बच्चें कुपोषित होने के बावजूद भी सरकार गंभीर क्यों नहीं हैं? (ग) क्या प्रदेश सरकार आदिवासी इलाकों में कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने हेतु जिला, तहसील, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर कोई विशेष कमेटी का गठन कर उनकी जवाबदेही तय करने की योजना बना रही है? यदि हाँ, तो, जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कुपोषण जैसी गंभीर समस्या के समाधान हेतु प्रदेश सरकार आगामी बजट में क्या विशेष प्रावधान करने जा रही है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 वर्ष 2005-06 में मध्यप्रदेश में 60 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 वर्ष 2015-16 में 42.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषित रह गए। स्पष्ट है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं से बच्चों के कुपोषण में कमी आई है। प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष पिछड़ी जनजातियों के परिवारों को रूपये 1000/- प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। शासन कुपोषण के प्रबंधन हेतु पूर्ण रूप से गंभीर है। (ग) पोषण अभियान कार्यक्रम अन्तर्गत जिला एवं बाल विकास परियोजना स्तर पर अभिसरण समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में जिला स्तर पर जिला कलेक्टर तथा परियोजना स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अध्यक्षता करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन, शिक्षा विभाग, आदिमजाति कल्याण विभाग इत्यादि विभागों के जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी शामिल है। (घ) पूर्व से संचालित योजनाओं हेतु बजट प्रावधान नियत है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी 

[महिला एवं बाल विकास]

48. ( क्र. 890 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्र कहाँ-कहाँ पर हैं? इनमें से कौन से आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के निजी भवनों में संचालित हैं तथा कौन-कौन से केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित हैं तथा कौन-कौन से केन्‍द्र आंगनवाड़ी केन्द्रों में संचालित हैं? (ख) क्‍या भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आंगनवाड़ी भवन बनाये जायेंगे? (ग) नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने के क्‍या मापदण्‍ड हैं? नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने हेतु जारी आदेशों की प्रतिलिपि संलग्‍न कर जानकारी दें कि उक्‍त नियमों के तहत कहाँ-कहाँ पर नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जा सकते हैं? (घ) पोहरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में कौन-कौन समूह पोषण आहार किन-किन केन्द्रों में उपलब्‍ध कराते है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-   अनुसार है। किराये के भवन अन्य शासकीय भवन तथा विभागीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वित्तीय वर्ष 2019-20 में सभी भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण का कार्य कराया जाना संभव नहीं है। (ग) नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-  अनुसार है। निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों की पूर्ति होने के पश्चात जिलों से नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अनुसार है।

नामांतरण एवं बंटवारा के प्रकरण 

[राजस्व]

49. ( क्र. 891 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जून 2019 की स्थिति में नामांतरण एवं बंटवारा के कौन-कौन से प्रकरण लंबित थे? उक्‍त प्रकरण कब से लंबित है? इनका नामांतरण एवं बंटवारा कब तक कर दिया जायेगा? (ख) उक्‍त नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण लंबित रहने के क्‍या-क्‍या कारण है? (ग) क्‍या नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण करने हेतु शासन ने कोई आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दे कि उक्‍त आदेश का नामांतरण एवं बंटवारे प्रकरण में पालन किया गया या नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जून 2019 में नामांतरण 806 एवं बंटवारा 321 प्रकरण लंबित है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इनका निराकरण विधि अनुसार कर दिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (पृष्‍ठ 1 लगायत 52 ) (ख) न्‍यायालय के पीठासीन अधिकारियों को लोकसभा आम निर्वाचन 2019 में व्‍यस्‍तता होने से एवं साक्ष्‍य व दस्‍तावेज के अभाव से लंबित रहे है। (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1059 की धारा 109110 के प्रावधानों तथा उसके अंतर्गत जारी म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता (भू-अभिलेखों में नामान्‍तरण) नियम 2016 का पालन करते हुए नामान्‍तरण प्रकरणों एवं संहिता की धारा 178178-क के प्रावधानों तथा उसके अनुक्रम में अधिसूचित नियम का पालन करते हुए बंटवाए प्रकरणों का निराकरण किया जाता है।

शासकीय विद्यालयों में पेयजल व्‍यवस्‍था 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

50. ( क्र. 900 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में वर्ष 2019 के ग्रीष्‍म कालीन मौसम में किन-किन शासकीय विद्यालय परिसरों में हैण्‍डपंप से पानी आना बंद हो गया है अथवा बंद पड़े है? जिलेवार संख्‍या बतावें।                   (ख) जून 2019 से प्रारंभ शिक्षण सत्र में उन शासकीय विद्यालय परिसरों में पेयजल उपलब्‍ध कराने क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है, जहां हैण्‍डपंपों से पानी नहीं आ रहा? (ग) सागर संभाग में हैण्‍डपंप मैकेनिकों के कितने पद स्‍वीकृत व कितने रिक्‍त है? हैण्‍डपंपों के संचालन एवं संधारण हेतु क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जिला-सागर-345, दमोह-404, छतरपुर-194, पन्ना-193 एवं टीकमगढ़-185 हैण्डपम्प। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के अनुसार है।                  (ख) संबंधित विभाग द्वारा निक्षेप मद में राशि जमा कराये जाने पर विभाग द्वारा पेयजल व्यवस्था की जाती है वर्ष 2018-19 में विभाग को राज्य शिक्षा केन्द्र एवं पंचायत राज संचालनालय द्वारा निक्षेप मद में राशि जमा कराई गई थी जिसके विरूद्ध जिला-सागर-40, छतरपुर-16, पन्ना-44, टीकमगढ़-17 एवं दमोह-3 नलकूपों का खनन कर सफल नलकूपों पर हैण्डपम्प स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। (ग) सागर संभाग में हैण्डपम्प मैकेनिकों के 313 पद स्वीकृत हैं तथा 123 पद रिक्त हैं। विभागीय अमले एवं आउट सोर्सिंग के माध्यम से हैण्डपम्पों के संचालन-संधारण की व्यवस्था की जाती है।

आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति 

[महिला एवं बाल विकास]

51. ( क्र. 906 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2018-19 के मध्‍य कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई? इनमें से कितने भवन वर्तमान में अपूर्ण हैं? कब तक निर्माण पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) खुरई विधान सभा क्षेत्र में कितने केन्‍द्र वर्तमान में भवन विहीन है? (ग) चालू वित्‍तीय वर्ष में विधान सभा क्षेत्र के कितने भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक स्‍वीकृति दी जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2018-19 के मध्य कुल 164 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। उपरोक्त में से 145 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण है। आंगनवाड़ी भवनों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। कार्य पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत का है। अतः आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाना संभव नहीं है।            (ख) खुरई विधानसभा क्षेत्र में 138 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में खुरई विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

कटनी जिले में संचालित आंगनवाड़ी भवन 

[महिला एवं बाल विकास]

52. ( क्र. 918 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कहाँ-कहाँ पर आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के घरों पर संचालित हैं? स्‍वयं के भवनों में संचालित किन-किन आंगनवाड़ी भवनों से बाउन्‍ड्रीवाल निर्मित नहीं हैं? विकासखंडवार सूची देवें। उल्‍लेखित केन्‍द्रों में कब तक बाउन्‍ड्रीवाल एवं भवन विहीन केन्‍द्रों में शासकीय आंगनवाड़ी भवन निर्मित कर दिये जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित भवन वि‍हीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र कब से एवं किस किराये के मकान पर संचालित हैं? इनकी स्‍थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने किराये का भुगतान किया गया एवं कितने किराये का भुगतान होना शेष हैं? विकासखण्‍डवार आंगनवाड़ी केन्‍द्रवार सूची देवें। विगत 2 वर्षों में किराया भुगतान में गड़बड़ी की कितनी शिकायतें शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुई? इन प्राप्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 70 आंगनवाड़ी केंद्र किराये के मकान में संचालित हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के            प्रपत्र-क अनुसार है। स्वयं के भवनों में संचालित 39 केंद्रों में बाउंड्रीवाल निर्मित नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-  अनुसार है। निजी भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन द्वारा बाउण्ड्रीवाल बनाने का प्रावधान नहीं है। भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु शासकीय भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने से वित्तीय वर्ष 2019-20 में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण कार्य कराया जाना संभव नहीं है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश () में से उल्लेखित भवन विहीन 70 आंगनवाड़ी केंद्र  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-  अनुसार अवधि से भवन स्वामी के भवनों में किराये से संचालित हैं वर्तमान में माह जून 2019 तक भवन किराया का भुगतान किया जा चुका है। भवन किराया भुगतान हेतु शेष नहीं है। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षों  में किराया भुगतान में गड़बड़ी की कोई भी शिकायत शासन स्तर पर प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।

पेयजल संकट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

53. ( क्र. 919 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम और बसाहटें हैं, जहां इस वर्ष ग्रीष्‍म ऋतु में पेयजल संकट व्‍याप्‍त रहा? बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत कितने हैण्‍डपम्‍प खनित हैं तथा कितनी नल-जल योजनायें कहाँ-कहाँ स्‍थापित हैं? 15 जून 2019 की स्थिति में इनमें से कितने हैण्‍डपम्‍प एवं नल-जल योजनाएं क्रियाशील हैं तथा कितने हैण्‍डपम्‍प एवं              कहाँ-कहाँ की नल-जल योजनायें किन कारणों से कब से बंद है? (ख) क्‍या विभाग द्वारा कटनी जिले में हैण्‍डपम्‍प सुधार एवं पेयजल की सुचारू आपूर्ति हेतु ठेकेदारी प्रथा के तहत निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यों का ठेका किस दर पर किसे प्रदान किया गया? उल्‍लेखित ठेकेदारों को प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु कब-कब कितना भुगतान किया गया तथा  किन-किन कार्यों का कितना भुगतान शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पेयजल संकट वाले ग्रामों एवं बसाहटों में अगले वर्ष होने वाले पेयजल संकट से निपटने हेतु क्‍या कार्ययोजना है? प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित बंद हैण्‍डपम्‍पों एवं नल-जल योजनाओं को किस प्रकार से कब तक क्रियाशील कर दिया जावेगा? (घ) क्‍या शासन जल निगम द्वारा कटनी जिले की पेय-जल संकट वाले रीठी एवं बहोरीबंद विकासखण्‍डों के ग्रामों में क्रमश: पवई बांध (पन्‍ना) एवं अलोनी बांध पन्‍ना से पेयजल आपूर्ति की योजनाओं का क्रियान्‍वयन शीघ्र करवायेगा जिससे आगामी वर्षों में इस क्षेत्र में पेयजल संकट न हो सके? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) किसी भी ग्राम में पेयजल संकट नहीं रहा। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) पेयजल संकट के निवारण हेतु आकस्मिक कार्य योजना बनाई जाती है, जिसमें वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकतानुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित करने एवं कम जल आवक क्षमता वाले हैण्डपंपों में हाइड्रोफ्रेक्चरिंग के कार्य समाहित होते हैं। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को अधिकतम 15 दिवस में तथा स्त्रोत विकसित कर बंद नल-जल योजनाओं को चालू किया जाता है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) जल निगम द्वारा पवई बांध (पन्ना) आधारित रीठी विकासखण्ड के 109 ग्रामों की पवई-2 ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने का कार्य प्रगतिरत है, योजना की तकनीकी व्यवहार्यता पाये जाने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। अलोनी बांध आधारित ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना हेतु जल आवंटन के लिये जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। जल आवंटन उपरांत डी.पी.आर. तैयार करने का कार्य किया जा सकेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

महाराजा छत्रसाल जंयती का आयोजन 

[संस्कृति]

54. ( क्र. 951 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पन्ना जिले में दिनांक 06 से 07 जून के बीच महाराजा छत्रसाल जी की जयंती प्रति वर्ष की भॉति मनाये जाने हेतु अनुरोध किया गया था जबकि संस्कृति संचालनालय विभाग म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 438/सं.सं./समारोह/2019 भोपाल, दिनांक 04.06.2019 के माध्यम से दिनांक 06 से 08 जून 2019 मऊसहानियॉ में विरासत महोत्सव में सम्मिलित होने हेतु अवगत कराया गया। उक्त विषय को नजर अंदाज क्यों किया गया है? स्पष्ट करें। (ख) पन्ना जिले में महाराजा छत्रसाल जी की जंयती पर 06 से 07 जून को कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष क्यों नहीं कराया गया? क्या भविष्य में उक्त कार्यक्रम करवायेंगे? यदि हाँ, तो समय सुनिश्चित करें। यदि नहीं, तो क्यों?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्‍कृति विभाग अंतर्गत संस्‍कृति संचालनालय द्वारा प्रतिवर्ष की भॉति ही इस वर्ष भी मऊसहानियॉ, जिला-छतरपुर में 'विरासत उत्‍सव' (महाराजा छत्रसाल जयंती अवसर पर) बड़े स्‍तर पर प्रश्‍नांश अवधि में ही परम्‍परानुसार आयोजित किया गया. पन्‍ना, छतरपुर का नजदीकी जिला होने के कारण छत्रसाल जयंती के अवसर पर छतरपुर में कार्यक्रम परम्‍परानुसार आयोजित किया गया, जिसमें मान. विधायक महोदय को आमंत्रित किया गया. (ख) पन्‍ना जिले में महाराजा छत्रसाल जयंती अवसर पर संस्‍कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता है. वर्तमान में ऐसा कोई कार्यक्रम विचाराधीन नहीं है.

पदों पर भर्ती में अनियमितता

[चिकित्सा शिक्षा]

55. ( क्र. 956 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 31.12.2018 से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में विभिन्‍न पदों पर भर्ती की अनियमितताओं की जानकारी माननीय मुख्‍यमंत्री को भेजी गई है?                 (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिकायतों की जाँच के लिये कमेटी बनाई गई थी? (ग) यदि हाँ, तो जाँच कमेटी की रिपोर्ट में क्‍या पाया गया? (घ) यदि भर्ती प्रक्रिया में अनियमिताएं पाई गई हैं, तो उन पर कार्यवाही की गई और उसके लिये कौन दोषी है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्‍नकर्ता का पत्र दिनांक 31.12.2018 से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में विभिन्‍न पदों पर भर्ती की अनियमितताओं के संबंध में मुख्‍यमंत्री कार्यालय से कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। प्रश्‍नकर्ता का पत्र दिनांक 02.01.2019 की छायाप्रति मुख्‍य सचिव कार्यालय के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई। (ख) विधान सभा सत्र फरवरी 2019 में मान. विधायक            श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 464 में दिये गये आश्‍वासन के संबंध में मान. विधायक से प्राप्‍त पत्र क्रमांक 53 दिनांक 21.02.2019 विभाग में प्राप्‍त हुआ, जिसके परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही की जाकर शिकायत की जाँच के लिये दिनांक 03.05.2019 को जाँच समिति गठित की गई थी। उक्‍त पत्र दिनांक 02.01.2019 में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं को जाँच में शामिल किया जाकर समिति के समक्ष जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) एवं (घ) जाँच कार्यवाही समिति में विचाराधीन है।

सीवर प्रोजेक्‍ट का कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

56. ( क्र. 957 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी नगर में कितनी लागत से कितनी लम्‍बाई में किस फर्म से सीवर प्रोजेक्‍ट का कार्य कराया जा रहा है? (ख) इसमें कितनी गहराई में किस माप के पाईप लगाये गये हैं एवं चैंबर निर्माण की गुणवत्‍ता की जाँच किसके द्वारा कराई गई? अभी तक कितनी लागत का कार्य किया जा चुका है? (ग) शिवपुरी सीवर योजना का कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा एवं शिवपुरी नगर की जनता को इसका लाभ कब तक मिलेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) रूपये 9200.00 लाख की लागत से 109.98 किलोमीटर सीवर लाईन बिछाने का कार्य मेसर्स जैन एण्ड रॉय कन्स. कम्पनी, ग्वालियर तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट का कार्य मेसर्स जी.एस.जे. इन्वो, नई दिल्ली से कराया जा रहा है। (ख) सीवर योजना के अंतर्गत 1.50 मीटर से 11.50 मीटर गहराई में 150 मि.मी. व्यास से 1100 मि.मी. व्यास के आर.सी.सी./एस.डब्ल्यू. सीवर पाइप लगाये गये हैं, चेम्बर निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जाँच माधव तकनीकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर, डी.जी.एस. एण्ड डी., कानपुर तथा वीनस टेस्टिंग एवं रिसर्च लेबोरेटरी खुरई रोड इण्डस्ट्रीज एरिया बीना जिला सागर से कराई गई है। रूपये 8155.30 लाख का कार्य किया जा चुका है। (ग) दिसम्‍बर 2019 तक पूर्ण होना संभावित है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत से।

एन.आर.आई. कोटे की जाँच

[चिकित्सा शिक्षा]

57. ( क्र. 960 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 441 दि. 20.02.2019 के संदर्भ में बतावें कि जब उच्‍च न्‍यायालय के निर्देश पर वर्ष 2017 के एन.आर.आई. कोटे में 114 में से 107 फर्जी पाये गये तो फिर संचालनालय चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा इस परिणाम से सबक लेकर 2008 से 2018 के एन.आर.आई. कोटे की जाँच क्‍यों नहीं की गई? (ख) एन.आर.आई. कोटे से 2008 से 2018 तक चयनित अभ्‍यर्थियों के नाम, पिता का नाम, पता, चयन हेतु दी गई परीक्षा, प्राप्‍तांक तथा एन.आर.आई. से संबंधित प्रस्‍तुत दस्‍तावेज सहित सूची देवें तथा बतावें कि एन.आर.आई. की पात्रता की जाँच संचालनालय चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा की गई या नहीं? यदि की गई तो प्रश्‍नाधीन अवधि की दस्‍तावेजों की जाँच रिपोर्ट देवें।             (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 441 दि. 20.02.2019 के खण्‍ड (घ) तथा (ड.) में उल्‍लेखित न्‍यायालयीन प्रकरणों के क्रमांक देवें तथा बतावें कि उक्‍त प्रकरणों की किस-किस दिनांक को मा. न्‍यायालय में सुनवाई हुई? (घ) वर्ष 2017 के एन.आर.आई. कोटे की उच्‍च न्‍यायालय के निर्देश पर A.F.R.C. द्वारा की गई जाँच की रिपोर्ट से अवगत करावें। जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि बारम्‍बार शिकायत के बाद भी एन.आर.आई. कोटे से अक्षम को डॉक्‍टर बनाने के षड़यंत्र को रोकने का प्रयास क्‍यों नहीं किया जा रहा है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विधान सभा प्रश्‍न के सन्‍दर्भ में 2008 से 2016 तक निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेश संस्‍था स्‍तर पर ही होते थे, वर्ष 2017 से कॉमन काउं‍सलिंग के माध्‍यम से प्रवेश दिया जा रहा है, वर्ष 2016 से पूर्ववर्ती वर्ष एवं सत्र 2018-19 में स्‍नातक एवं स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम में प्रवेशित एन.आर.आई. अभ्‍यर्थियों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त न होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ए.एफ.आर.सी. की जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017 से संचालनालय द्वारा कॉमन काउंसलिंग के माध्‍यम से एन.आर.आई. कोटे के तहत अभ्‍यर्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आदिवासियों को आवास का पट्टा प्रदाय

[राजस्व]

58. ( क्र. 968 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी ग्रामों एवं वन भूमि में पीढ़यों से आबाद/आवासरत् आदिवासियों को इनके आवास का पट्टा क्‍यों नहीं दिया गया है? क्‍या सरकार संज्ञान लेकर समस्‍त पट्टा विहीन आदिवासियों को उनके आवास का पट्टा आवंटन करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रकाश में इन आदिवासियों को कब तक पट्टा प्रदाय कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सर्वेक्षण कराया जा रहा है। पात्रता अनुसार आवासीय पट्टे प्रदाय किये जाएंगे। (ख) पात्र पाए जाने पर विधि अनुसार प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए पट्टा प्रदान किया जाएगा। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

पेयजल की समस्‍या 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

59. ( क्र. 971 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत उत्‍तरी पश्चिमी क्षेत्र के करीब 30-40 ग्रामों, जिनकी लगभग 50,000 की आबादी है, में जलस्‍तर नीचे होने के कारण गंभीर पेयजल संकट है? क्‍या उस पूरे क्षेत्र को मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना से जोड़कर समस्‍या का निदान किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्‍या यह योजना स्‍वीकृत कर लागू की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या अति समस्‍या ग्रस्‍त क्षेत्रों में 500 से 600 फिट की गहराई के नल-कूप करवाकर हैंडपम्‍प या सबमर्सिबल पम्‍प लगवाकर समस्‍या का समाधान कराया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जावरा को जिला बनाया जाना

[राजस्व]

60. ( क्र. 975 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या शासन/विभाग से विगत कई वर्षों से संपूर्ण क्षेत्र के जन-जन की ओर से विभिन्‍न संस्‍थाओं तथा जनप्रतिनिधियों के माध्‍यम से जावरा को जिला बनाए जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या विभिन्‍न संस्‍थाओं ने इस हेतु लगातार धरना, रैली प्रदर्शन एवं ज्ञापनों के माध्‍यम से इस अत्‍यावश्‍यक महती आवश्‍यकता के संबंध में शासन/विभाग का ध्‍यान आकृष्‍ट किया है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या विगत 14 वीं विधान सभा के कई सत्रों में प्रश्‍नों एवं ध्‍यानाकर्षण के माध्‍यम से तथा समय-समय पर मान. प्रमुख सचिव महोदय एवं संलग्‍न प्रशासनिक व्‍यवस्‍थाओं के माध्‍यम से भी मांग की ओर ध्‍यान आकृष्‍ट किया जाता रहा है? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराएं कि प्रदेश में इससे भी छोटे स्‍थानों को जिला घोषित किया गया है, तो क्‍या जावरा तहसील, पिपलौदा तहसील, ताल तहसील, आलोट तहसील, सैलाना तहसील, खाचरौद तहसील जो कि एक दूसरे से लगी हुई है को मिलाकर जावरा जिला बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जन चेतना मंच जावरा द्वारा जिसमें सभी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक एवं राजनैतिक संस्थाओं के अध्यक्ष, पदाधिकारी समस्त अभिभाषक एवं समस्त पत्रकारगण द्वारा ज्ञापन के माध्यम से जावरा को जिला बनाये जाने हेतु अवगत कराया गया है। (ग) विधायक जावरा एवं तत्कालीन कृषि मंत्री            श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने विधान सभा जावरा को जिला बनाने हेतु प्रश्न किये हैं। (घ) जनसुविधा, प्रशासनिक आवश्‍यकता एवं भोगौलिक परिस्थितियों को ध्‍यान में लेकर नवीन जिला गठन का निर्णय लिया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं नक्‍शा सुधार के प्रकरण

[राजस्व]

61. ( क्र. 1008 ) श्री कमल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में 1 जनवरी 2018 से 14 जून 2019 तक अविवादित बंटवारे, नामांतरण, नक्‍शा सुधार के कुल कितने-कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? (ग) उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण नहीं होने के क्‍या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो, क्‍यों? (घ) उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में जिन प्रकरणों का निराकरण आज तक नहीं हुआ, उनका निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिले में 01 जनवरी, 2018 से 14 जून, 2019 तक अविवादित बंटवारे के 598, नामांतरण के 1598 एवं नक्शा सुधार के 162 आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित प्रकरणों में से अविवादित बंटवारे के 537, नामांतरण के 1418 एवं नक्शा सुधार के 155 आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण किया गया तथा इन मदों के क्रमशः 61,180 एवं 05 आवेदनों का निराकरण किया जाना शेष है। (ग) चूंकि निराकरण से शेष आवेदन भी समय-सीमा में हैं एवं न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। अतः इसके लिए कोई भी दोषी नहीं है। अतएव कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) शेष आवेदनों का न्यायालयीन कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत निराकरण किया जावेगा।

प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्‍त मकान 

[राजस्व]

62. ( क्र. 1018 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) इछावर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 01 जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा के कारण कितने मकान गिरे, जले या क्षतिग्रस्‍त हुये हैं? पीड़ितों को कितनी-कितनी राहत राशि शासन द्वारा दी गई? (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में कितने मवेशी व पालतू जानवर आकाशीय बिजली गिरने से मरे, कितने की पानी में डूबने से मृत्‍यु हुई है? ग्रामवार संख्‍या बताई जावे। (ग) उपरोक्‍त में उनके मालिकों को शासन द्वारा दी गई राहत राशि की जानकारी भी नामवार दी जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में प्राकृतिक आपदा के कारण कुल 729 मकान क्षतिग्रस्‍त हुए हैं। पीड़ित परिवारों को आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत रूपये 64,02,745=00 की सहायता दी गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशष्टि के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2017 से प्रश्‍नांकित क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से 21 तथा पानी में डूबने से 05 पालतू पशुओं की मृत्‍यु हुई है। ग्रामवार संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।

अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

63. ( क्र. 1019 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आयुक्‍त, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक 244/खाद्य दुकान/2012 भोपाल दिनांक 10.1.18 को कलेक्‍टर जिला छतरपुर को पत्र जारी किया गया था? क्‍या उक्‍त पत्र में तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कर इस कार्यालय को अवगत कराने का कष्‍ट करें, लेख किया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध कलेक्‍टर जिला छतरपुर द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की संपूर्ण नस्‍ती उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) उक्‍त तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ पर किस पद पर पदस्‍थ है? उक्‍त अधिकारी का नाम एवं मूल पद बताएं। क्‍या उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध कलेक्‍टर जिला छतरपुर कार्यवाही किये जाने हेतु सक्षम अधिकारी है? यदि नहीं, तो उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु कौन अधिकारी सक्षम है? उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पद का दुरूपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 219 के तहत कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। क्‍योंकि वर्तमान में उक्‍त अधिकारी कलेक्‍टर छतरपुर के अधीन कार्यरत नहीं है। (ख) श्री बी.के. पाण्‍डेय की वर्तमान पदस्‍थापना उमरिया जिले के अंतर्गत अपर कलेक्‍टर के पद पर है। उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने के लिए कलेक्‍टर, छतरपुर सक्षम अधिकारी नहीं हैं। उक्‍त अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग सक्षम है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) तत्‍कालिन अनुविभागीय अधिकारी पर सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकरण में विभागीय कार्यवाही की जा रही है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नामां‍तरण प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

64. ( क्र. 1020 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 2694 दिनांक 6.12.2017 को प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्‍तर जी हाँ में एवं (ग) एवं (घ) का उत्‍तर जी नहीं में एवं (ड.) का उत्‍तर म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के अंतर्गत नजूल अधिकारी को कब्‍जाधारी का नाम परिव‍र्तन करने के अधिकार नहीं है, लेख किया था? हाँ, तो क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 2694 एवं भू-मापन अधिकारी छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 104/अ-20/87-88 के दस्‍तावेज अपीलार्थी द्वारा सक्षम न्‍यायालय अपर आयुक्‍त सागर संभाग सागर के समक्ष अपील एवं लिखित तर्क के साथ प्रस्‍तुत किये थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किस तर्क एवं आधार पर अपीलार्थी की अपील को न्‍यायालय अपर आयुक्‍त सागर संभाग सागर RCMS क्रमांक 1326/अपील/अ-6/17-18 (रा.प्र.क्र. 171/अपील/17-18) आदेश दिनांक 07.12.18 को पारित में अपील को निरस्‍त किया गया था? क्‍या उक्‍त अपील को बिना कारण के निरस्‍त किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। क्‍या उक्‍त आदेश को सक्षम अधिकारी द्वारा निरस्‍त किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। क्‍या शासन विधिसम्‍मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 219 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) अपर आयुक्‍त, न्‍यायालय द्वारा सम्‍पूर्ण न्‍यायालयीन प्रक्रिया का पालन करते हुए अपीलीय आदेश पारित किया गया है।                 (ग) न्‍यायालयीन आदेशों के संबंध में अपील ही समुचित उपचार है। अपीलीय न्‍यायालय द्वारा विधि अनुसार गुण-दोषों के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया जाता है, उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी भी पीठासीन अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

जनप्रतिनिधियों को शासकीय आयोजनों में आमंत्रित न करना 

[राजस्व]

65. ( क्र. 1027 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 25.2.2019 को सागर संभाग अंतर्गत जिला टीकमगढ़ के ग्राम बड़ागाँव धसान में तहसील का उद्घाटन हुआ है? उक्‍त आयोजन शासकीय था अथवा निजी? (ख) यदि उक्‍त आयोजन शासकीय था, तो क्षेत्र के किन-किन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था? प्रमाण सहित स्‍पष्‍ट जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्‍यों? शासन ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सम्‍मान से शासकीय आयोजनों में बुलाने के नियम निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के अध्‍यक्ष को आमंत्रण न दे कर उद्घाटन पट्टिका पर नाम दर्ज नहीं किए गये हैं, इस चूक के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? इस गलती के लिए संबंधित जिम्‍मेदार अधिकारी/अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्‍या?           (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित गलती की पुनरावृत्ति न हो इस हेतु शासन कोई दिशा-निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 25.02.2019 को बड़ागाँव धसान में तहसील भवन के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया था, आयोजन शासकीय था। (ख) दिनांक 25.02.2019 को टीकमगढ़ जिले के ग्राम बड़ागाँव धसान में जय किसान फसल ऋण माफी योजना समारोह का आयोजन किया गया था। उक्त आयोजन में समस्त निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। आमंत्रण पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त समारोह में क्षेत्रीय सांसद, माननीय विधायक, माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष, माननीय जनपद अध्यक्ष, माननीय नगरपालिका अध्यक्ष एवं माननीय अध्यक्ष नगर पंचायत बड़ागाँव धसान को आमंत्रण पत्र भेजा गया था। इसी कार्यक्रम में तहसील भवन का शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया गया था। पट्टिका में त्रुटियों के कारण संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग को नोटिस जारी किया गया है। (घ) जिला स्‍तर पर भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी विभाग प्रमुखों को जिला स्‍तर से निर्देशित किया गया है।

परिशिष्ट - ''बीस''

ऑन-लाईन ट्रांजिट पास जारी करने के नियम

[वाणिज्यिक कर]

66. ( क्र. 1034 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मदिरा को एक शराब फैक्‍ट्री से दूसरे स्‍थान में पहुंचाने हेतु ऑन-लाईन दिनांक 01.04.2019 ट्रांजिट पास से जारी करने के निर्देश हैं? अगर हाँ, तो जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या लोक सभा चुनाव 2019 के दौरान चुनाव आयोग के द्वारा भी पूरे मध्‍यप्रदेश में शराब या उसके अन्‍य प्रोडक्‍ट को एक फैक्‍ट्री से दूसरे स्‍थान पर ले जाने के लिये दिनांक 01.04.2019 से ऑन-लाईन ट्रांजिट पास जारी करने के निर्देश दिये गये थे? जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या धार जिले में पुलिस के द्वारा दिनांक 01.04.2019 एवं दिनांक 01.05.2019 को शराब से लदी दो गाड़ी पकड़ी गई थी? उक्‍त दोनों गाड़ियों के पास क्‍या ऑन-लाईन ट्रांजिट पास थे? यदि हाँ, तो उन ऑन-लाईन ट्रांजिट पासों की एक प्रति दें। दोनों ट्रकों में क्‍या-क्‍या मटेरियल कितने रूपयों का किस शराब फैक्‍ट्री का था? ट्रकों के नंबर सहित उपलब्‍ध करायें।             (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पुलिस द्वारा पकड़े गये दोनों ट्रकों को बचाने हेतु सहायक आबकारी आयुक्‍त धार या अन्‍य किस सक्षम कार्यालयों द्वारा ऑफ-लाईन ट्रांजिट पास जारी किये? दोनों ऑफ-लाईन ट्रांजिट पास की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें। सहायक आबकारी आयुक्‍त धार को राज्‍य शासन कब निलंबित करेगा?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ, आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में धार जिले में पुलिस द्वारा दिनांक 01.04.2019 एवं दिनांक 01.05.2019 को शराब से लदा कोई वाहन जप्‍त नहीं किया गया है। दिनांक 01.05.2019 को शराब से लदा वाहन आबकारी विभाग एवं एस.एस.टी. (जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारी भी शामिल थे) दल द्वारा पकड़ा गया। उक्‍त वाहन ऑफ-रूट होने के कारण पकड़ा गया, जिस पर विभागीय कार्यवाही कर कलेक्‍टर न्‍यायालय में धारा 39 के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है। प्रश्‍नाधीन ट्रक में मदिरा शराब फैक्‍ट्री से नहीं, अपितु एक दुकान से दूसरी दुकान ले जाई जा रही थी, जिसमें ऑन-लाईन परमिट की व्‍यवस्‍था नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्‍नांश (ग) जप्‍ती की कार्यवाही आबकारी विभाग एवं एस.एस.टी. दल द्वारा की गई थी। दुकान से दुकान अंतरण होने के कारण ऑफ-लाईन परमिट जारी किया गया था। अतएव पुलिस द्वारा पकड़े गये वाहन को बचाने हेतु ऑफ-लाईन परमिट जारी करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। अतएव शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

खाद्यान्‍न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

67. ( क्र. 1048 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबों को खाद्यान्‍न पर्ची वितरण करने संबंधी जनकल्‍याणकारी योजनाओं के क्‍या-क्‍या नियम हैं? इन योजनाओं में पात्रता की अर्हता क्‍या है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने राशन कार्ड किस ग्राम पंचायत में बनाये गये? गंभीर बीमारी, विधवा, नि:शक्‍तजनों के राशनकार्ड प्राथमिकता से बनाये जाने हेतु क्‍या जिला प्रशासन द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए बतायें कि गंभीर बीमारी, विधवा, नि:शक्‍तजनों के लिए जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुये कितने लोगों के राशनकार्ड जारी किये गये?यदि नहीं, बनाये तो कारण बतावें। (ग) क्‍या विभाग द्वारा योजना से वंचित हितग्राहियों को पात्रातानुसार लाभ दिलाने हेतु क्‍या कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब तक शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ मिलना प्रारंभ हो जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रा‍ष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत 24 श्रेणी के परिवार सम्मिलित किये गये हैं। इन श्रेणियों की अर्हता का निर्धारण पंजीकृत करने वाले संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। प्राथमिकता परिवार के श्रेणियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले की पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 951 पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी किये गये हैं। पंचायतवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी नहीं। अनाथ अश्राम में निवासरत्, निराश्रित, विकलांग, वृद्धजन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी परिवारों को प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया गया है। निर्धारित हितग्राही/खाद्यान्‍न आवंटन सीमा अंतर्गत इन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।

नवीन हैण्‍डपम्‍प उत्‍खनन हेतु निर्धारित लक्ष्‍य 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

68. ( क्र. 1049 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में वित्‍तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने नवीन हैण्‍डपम्‍प उत्‍खनन हेतु लक्ष्‍य निर्धारित था? नवीन हैण्‍डपम्‍प उत्‍खनन की जानकारी से अवगत करावें। वर्तमान में कितने हैण्‍डपम्‍प चालू हैं? कितने हैण्‍डपम्‍प बंद है? ग्रामवार-स्‍थानवार बंद हैण्‍डपम्‍पों की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) हैण्‍डपम्‍प सुधारने हेतु उपरोक्‍त अवधि तक जिले को कितना आवंटन सुधार हेतु दिया गया? क्‍या वर्तमान में हैण्‍डपम्‍प ठीक करने हेतु कोई सामग्री/आवंटन प्राप्‍त नहीं होने एवं ग्रामीण क्षेत्र में जल स्‍तर नीचे जाने से पीने के पानी की काफी समस्‍या है? यदि हाँ, तो उक्‍त समस्‍या को दूर करने हेतु विभाग द्वारा क्‍या योजना बनाई जा रही है? (ग) क्‍या जल स्‍तर नीचे जाने एवं छोटी-छोटी खराबी से कितने हैण्‍डपम्‍प अस्‍थाई रूप से बंद है? यदि हाँ, तो उक्‍त बंद हैण्‍डपम्‍पों को कब तक ठीक कर दिया जायेगा? भीषण गर्मी में हैण्‍डपम्‍प बंद होने की स्थिति में विभाग द्वारा पीने के पानी हेतु क्‍या कार्ययोजना बनाई गई है? जानकारी उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) लक्ष्य जिलेवार दिया जाता है, विधान सभा क्षेत्रवार नहीं। प्रश्नांकित अवधि में जिले हेतु 525 नवीन हैण्‍डपम्‍प उत्खनन हेतु लक्ष्य निर्धारित था। विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में प्रश्नांकित अवधि में 229 नवीन हैण्‍डपम्‍प उत्खनन किये गये हैं। वर्तमान में उक्त विधान सभा क्षेत्र में 3430 हैण्‍डपम्‍प चालू एवं 136 हैण्‍डपम्‍प बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में हैण्‍डपम्‍प संधारण मद में रूपये 601.45 लाख का आवंटन दिया गया है। वर्तमान में सामग्री/आवंटन प्राप्त नहीं होने तथा जलस्तर नीचे जाने से पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।              (ग) जलस्तर नीचे जाने से 40 एवं अन्य खराबी से 35 हैण्‍डपम्‍प अस्थाई रूप से बंद हैं। जलस्तर प्रभावित हैण्डपम्प वर्षा ऋतु उपरांत स्वतः एवं साधारण खराबी से बंद हैण्‍डपम्‍प अधिकतम 15 दिवस में सुधार कर दिये जाते हैं। आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्‍डपम्‍प स्थापना का कार्य, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्‍डपम्‍पों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग एवं बंद हैण्‍डपम्‍पों का सुधार आदि कार्य कराये जाते हैं।

योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अनियमितता 

[महिला एवं बाल विकास]

69. ( क्र. 1057 ) श्री सुनील सराफ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विभाग की विभिन्‍न योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये आयरन फ्रेम बोर्ड लगाने का कार्य जनसंपर्क विभाग के माध्‍यम से क्‍यों दिया गया? टेंडर प्रक्रिया क्‍यों नहीं की गई? कारण बतावें। (31.12.2018 तक के संदर्भ में बतावें।) (ख) क्‍या कारण है कि बिना सत्‍यापन के संबंधित फर्म को भुगतान किया गया? (ग) भुगतान से संबंधित समस्‍त पत्राचार, नोटशीट का प्रमाणित विवरण वर्षवार देवें। जिन स्‍थानों पर सत्‍यापन किया गया उनके प्रमाण स्‍थान नाम, सहित जिलावार देवें। (घ) ऐसा भुगतान करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 14 मार्च 2014 में प्रकाशित जनसम्पर्क विभाग के विज्ञापन संबंधी नियम 2007 एवं जनसम्पर्क विभाग 17 बिन्दु मैन्युअल के अनुसार जनसम्पर्क संचालनालय राज्य के समस्त शासकीय विभागों के लिए एकमात्र विज्ञापन एजेंसी के रुप में कार्य करता है। शासकीय गतिविधियों, नीतियों और उपलब्धियों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए प्रकाशन प्रभाग से पोस्टर, फोल्डर, पम्पलेट, पुस्तकें, बुकलेट आदि विभिन्न प्रकार के प्रकाशन मुद्रित करवाकर वितरित किये जाते हैं। दृश्य एवं श्रव्य माध्यमों द्वारा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य क्षेत्र प्रचार प्रभाग द्वारा किया जाता है। अतः आयरन फ्रेम बोर्ड लगवाये जाने का कार्य जनसम्पर्क विभाग से कराया गया। टेंडर नहीं किये गये। विज्ञापन संबंधी नियम 2007 एवं जनसम्पर्क विभाग 17 बिन्दु मैन्युअल की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) बिन्दु क्रमांक (क) अनुसार आयरन फ्रेम बोर्ड लगवाये जाने का कार्य जनसम्पर्क संचालनालय से उनके द्वारा निर्धारित दरों पर कराया गया। महिला बाल विकास विभाग द्वारा सीधे किसी फर्म को भुगतान नहीं किया गया। (ग) संचालनालय महिला एवं बाल विकास द्वारा जनसम्पर्क संचालनालय को विभागीय योजनाएं (आय.वाय.सी.एफ., लालिमा, मंगल दिवस) और प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के आयरन फ्रेम बोर्ड का ही भुगतान किया गया। भुगतान से संबंधित समस्त पत्राचार, नोटशीट की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। (घ) संचालनालय के पत्र क्रमांक 5593, दिनांक 05/10/2018 और पत्र क्रमांक 5641, दिनांक 06/10/2018 द्वारा आयरन फ्रेम बोर्ड के सत्‍यापन की जाँच की जा रही है। पत्रों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है।

संस्‍थाओं द्वारा व्‍यय की जानकारी 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

70. ( क्र. 1060 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कितने उपार्जन केन्‍द्र हैं? दिनांक 01.01.19 से 01.06.19 तक संस्‍थाओं द्वारा कितना-कितना व्‍यय दर्शाया गया है? मदवार व्‍यय बतावें। (ख) शासन द्वारा कितनी दरें तय की गई हैं? निर्धारित दरों से अधिक व्‍यय करने वाली संस्‍थाओं पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) उज्‍जैन जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 120 एवं चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन हेतु 27 उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किए गए हैं। विधान सभा क्षेत्रवार उपार्जन केन्‍द्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के   प्रपत्रअ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा खाद्यान दलहन एवं तिलहन पर उपार्जन केन्‍द्र संचालन हेतु संस्‍थाओं को देय प्रासंगिक व्‍यय, कमीशन एवं किसानों को देय समर्थन मूल्‍य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) शासन द्वारा समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन हेतु राशि रू. 10.32 एवं चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन पर रू. 15.50 प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्‍यय प्रावधानित तौर पर निर्धारित किया गया है। संस्‍थाओं द्वारा व्‍यय की गई राशि के अंकेक्षित देयक प्रस्‍तुत होने पर भारत सरकार को दावे प्रस्‍तुत किये जाते हैं तथा अंतिमीकरण उपरांत शेष दावे प्रस्‍तुत करने पर संस्‍थाओं को राशि देय होती है। दावे पूरे न होने पर संस्‍थाओं का उत्‍तरदायित्‍व होता है, जिसकी पूर्ति वे अपने स्‍तर से अर्थात अपरिहार्य परिस्थितियों में दावे की पूर्ति राज्‍य शासन करता है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

कुर्क सम्‍पत्ति की नीलामी

[राजस्व]

71. ( क्र. 1063 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी म‍हिदपुर रोड को संबंधित सर्वोच्‍च न्‍यायालय में S.L.P.    क्रं. 28983/18 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) फरवरी 2019 में मान. मंत्री जी द्वारा ध्‍यानाकर्षण क्रं. 51 द्वारा जो समिति बनाई गई, उसके जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। क्‍या कारण है कि 10.09.2018 को नोटिस जारी होने के बाद भी तहसीलदार महिदपुर द्वारा आज तक वसूली नहीं की जा सकी? (ग) कुर्क संपत्ति की नीलामी कब तक की जाकर राशि वसूल की जावेगी? (घ) नीलामी न करने वाले संबंधित अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एस.एल.पी क्रमांक 28983/2018 में वर्तमान में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के समक्ष विचाराधीन है। (ख) समिति का जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। श्री दिनेश जैन निवासी महिदपुर रोड से राशि की वसूली किये जाने हेतु प्रकरण विधि के अनुसार प्रचलन में है। (ग) राजस्‍व न्‍यायालय में वसूली हेतु दर्ज किये गये प्रकरण में नियमानुसार राशि वसूल की जावेगी। (घ) उत्‍तर (ख) एवं उत्तर (ग) के प्रकाश में कार्यवाही आवश्‍यक नहीं है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

72. ( क्र. 1066 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र केन्‍ट (जबलपुर) के तह‍त कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। इनमें से कितने-कितने केन्‍द्र स्‍वयं के भवनों/किराये के भवनों में संचालित हैं? कितने केन्‍द्र एक कमरे के भवनों में संचालित हैं एवं क्‍यों? सूची दें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन केन्‍द्रों में बच्‍चों के लिये पर्याप्‍त कमरे, खेल का मैदान, शुद्ध पेय जल एवं अन्‍य कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं व संसाधन आदि नहीं है एवं क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का निर्माण कब किस एजेन्‍सी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया? किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन जर्जर व खस्‍ताहाल हो गये हैं? इन केन्‍द्रों के भवनों का निर्माण कराने की क्‍या योजना हैं। (घ) किराये के भवनों में संचालित किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवनों का निर्माण कराने की क्‍या योजना है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) केन्ट विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत के तहत कुल 123 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। स्वयं के भवनों में संचालित 34 आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। किराये के भवनों में संचालित 71 आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। नगरीय क्षेत्र में निर्धारित मापदण्‍ड के भवन उपलब्‍ध न होने के कारण 11 आंगनवाड़ी केन्द्र 01 कमरे के भवन में संचालित हैं। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये पर्याप्त कमरे, खेल का मैदान, शुद्ध पेयजल तथा अन्य बुनियादी सुविधायें व संसाधन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। नगरीय क्षेत्र में निर्धारित मापदण्‍ड के भवन उपलब्ध न होने के कारण 11 आंगनवाड़ी केन्‍द्र 01 कमरे के भवन में संचालित है। (ग) विधान सभा क्षेत्र केन्ट (जबलपुर) अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के लिये निर्माण एजेंसी एवं लागत राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र केन्ट (जबलपुर) अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के जर्जर व खस्ताहाल भवन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। प्रदेश में विभाग अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये जाते हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। (घ) प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

नामान्‍तरण के प्रकरणों का निराकरण 

[राजस्व]

73. ( क्र. 1075 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परासिया तहसील एवं उमरेठ तहसील में नामान्‍तरण के प्रकरणों का निराकरण शासन/विभाग द्वारा निर्धारत समय-सीमा अनुसार किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है, तो इसका क्‍या कारण है? (ख) परासिया तहसील एवं उमरेठ तहसील में वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 में नामांतरण के कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं नामान्‍तरण के कितने प्रकरणों का निराकरण किया जाना बाकी है? प्रत्‍येक तहसील व प्रकरणवार जानकारी उपलब्‍ध करायें।             (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित वर्षों के अनुसार जिन नामान्‍तरण के प्रकरणों का निराकरण किया जाना बा‍की है, ऐसे सभी नामान्‍तरण के प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा?               (घ) नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण किये जाने की क्‍या नियमावली या दिशा-निर्देश हैं? नियमावली एवं दिशा-निर्देश उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, समस्त विधिक प्रक्रिया पूर्ण होने में समय लगने के कारण कतिपय विवादित नामांतरण प्रकरण लंबित हैं। (ख) वांछित जानकारी निम्नानुसार है :-

परासिया तहसील

राजस्‍व वर्ष

नामांतरण के निराकृत प्रकरण

निराकरण हेतु शेष

2017-18

127

77

2018-19

350

2019-20

446

 

उमरेठ तहसील

राजस्‍व वर्ष

नामांतरण के निराकृत प्रकरण

निराकरण हेतु शेष

2017-18

1319

191

2018-19

755

2019-20

129

(ग) लंबित विवादित प्रकरणों का निराकरण विधि अनुसार किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 110 की उपधारा (4) में अविवादित नामान्तरण के प्रकरणों के निराकरण हेतु 30 दिवस एवं विवादित नामान्तरण के प्रकरणों के निराकरण हेतु 5 माह की समय-सीमा नियत है तथा उपधारा (7) में समस्त कार्यवाहियां पूर्ण करने हेतु प्रकरण पंजीकरण के दिनांक से अविवादित नामान्तरण के मामले में 2 माह तथा विवादित नामान्तरण प्रकरण के मामले में 6 माह की समय-सीमा नियत है।

कार्यपालन यंत्री की पदस्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

74. ( क्र. 1076 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में परासिया डिवीजन के अंतर्गत विकासखण्‍ड परासिया, तामिया, अमरवाड़ा, जुन्‍नारदेव एवं हर्रई का कार्य सम्‍पादित किये जाते हैं तथा वर्तमान समय में परासिया डिवीजन एवं छिन्‍दवाड़ा डिवीजन में एक ही कार्यपालन यंत्री के द्वारा विभिन्‍न कार्यों का संचालन किया जा रहा है, जिसके कारण अत्‍याधिक परेशानियां उत्‍पन्‍न हो रही हैं और कार्यों  का संचालन भी सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, जबकि पूर्व में परासिया डिवीजन एवं छिन्‍दवाड़ा डिजीवन में अलग-अलग कार्यपालन यंत्री के द्वारा अपने कार्यों का संपादन किया जाता था? ऐसे स्थिति में कब तक परासिया डिवीजन में कार्यपालन यंत्री की पदस्‍थापना कर दी जायेगी? (ख) क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के द्वारा परासिया उपखण्‍ड को डिवीजन बनाये जाने के बाद भी परासिया डिवीजन के सुचारू संचालन हेतु विभाग द्वारा जो विभिन्‍न सुविधायें (जैसे पर्याप्‍त स्‍टाफ, आवश्‍यक सामग्री, बोर मशीन व अन्‍य संसाधन) उपलब्‍ध कराई जाती हैं? क्‍या वे सभी सुविधायें परासिया डिवीजन को विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराई जा चुकी है। (ग) परासिया डिवीजन को यदि विभिन्‍न सुविधायें उपलब्‍ध नहीं कराई जा रही हैं, तो इसका क्‍या कारण है? कब तक परासिया डिवीजन को पर्याप्‍त सुविधायें उपलब्‍ध करा दी जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। परासिया डिवीजन में पदस्थ कार्यपालन यंत्री का स्थानांतरण हो जाने के कारण खण्ड परासिया में रिक्त कार्यपालन यंत्री के पद के कार्यों के सुचारू रूप से संपादन हेतु खण्ड छिंदवाड़ा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है तथा उनके द्वारा परासिया डिवीजन के कार्यों का संचालन/संपादन किया जा रहा है। नियमित कार्यपालन यंत्री उपलब्ध होते ही पदस्थापना की जाएगी। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सिंहस्‍थ के दौरान विचार मंथन पर व्‍यय 

[संस्कृति]

75. ( क्र. 1107 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्‍थ 2016 के दौरान विचार मंथन में आये आमंत्रित सदस्‍य, अतिथिगण के नाम, पद, निवास के पते देवें तथा बतावें कि विचार मंथन पर कुल कितना खर्च किस-किस मद में हुआ? मद अनुसार खर्च की सूची देवें। (ख) सिंहस्‍थ के दौरान ''माध्‍यम'' से क्‍या-क्‍या कार्य करवाया गया त‍था कार्य अनुसार बतावें कि कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) सिंहस्‍थ के दौरान विविध प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर कितना खर्च किया गया? प्रशिक्षण कार्य दर किस-किस एन.जी.ओ. को कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) सिंहस्‍थ के दौरान कन्‍सलटेंसी, विज्ञापन, होटल, किराया, वाहन किराया, इवेंट मैनेजमेंट, कलाकारों को मानदेय, अतिथियों को यात्रा व्‍यय, मान्‍य कितनी-कितनी राशि किस को दी गई तथा प्रत्‍येक मद में कुल कितना खर्च हुआ?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) सिंहस्‍थ-2016 के दौरान विचार मंथन में आमंत्रित सदस्‍य, अतिथियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है. कुल व्‍यय राशि रूपये 31,90,70,263/- है. मदवार व्‍यय विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार. (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार. (ग) शिविर/चित्र कार्यशाला के लिए इन्‍डो यूरोपियन चेम्‍बर ऑफ कामर्स एण्‍ड इंडस्‍ट्री को रूपये 17,50,000/- का भुगतान किया गया है. (घ) अतिथियों को यात्रा व्‍यय भुगतान सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार. अन्‍य विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार.

व्‍यापम घोटाले में आरोपियों की सूची 

[चिकित्सा शिक्षा]

76. ( क्र. 1108 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उन विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची देवें जिन्‍होंने यू.जी. अथवा पी.जी. की पढ़ाई पूरी कर डिग्री प्राप्‍त कर ली लेकिन उनका नाम व्‍यापम घोटाले के आरोपी की सूची में है। उनमें से कितने शासकीय चिकित्‍सालयों में कार्य कर रहे हैं? उनके नाम, चिकित्‍सालय का नाम, पद, कार्य प्रारंभ की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) क्‍या यह शासन की जिम्‍मेदारी नहीं है कि जो व्‍यापम फर्जीवाड़ा में आरोपी हैं, जिन्‍होंने अयोग्‍य होने के बाद गलत तरीके से प्रवेश कर शिक्षा प्राप्‍त की है, डिग्री प्राप्‍त की हैं, वह चिकित्‍सक बन कर जनता के स्‍वास्‍थ्‍य से खिलवाड़ न कर सके, उनके विरूद्ध कार्यवाही करें? यदि हाँ, तो ऐसे विद्यार्थियों को रोकने के लिए क्‍या कदम उठाये गये?           (ग) क्‍या पी.एम.टी. 2012 की परीक्षा में स्‍टेट कोटे की भर्ती में गड़बड़ी, सी.बी.आई. द्वारा संज्ञान लेने के मद्देनजर शासन वर्ष 2007 से 2015 स्‍टेट कोटे में निजी कालेजो में भर्ती की जाँच करेगा तथा सी.बी.आई. द्वारा इस संदर्भ में जितना शासकीय अधिकारियों को आरोपी बनाया है, उनके कार्यकलापों की जाँच की जावेगी? (घ) निजी कॉलेजों में एन.आर.आई. कोटे में च‍यनित अभ्‍यर्थियों की योग्‍यता की शासन स्‍तर पर जाँच कर कौन अधिकारिक रूप से मान्‍यता देता हैं? वर्ष 2009 से 2017 तक उस अधिकारी का नाम तथा पद बतावें, जिनके द्वारा चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय द्वारा प्रवेश की जाँच की गयी है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्‍नांश के सन्‍दर्भ में 11 स्‍नातकोत्‍तर एवं 44 स्‍नातक छात्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।           (ख) व्‍यापम प्रकरण में फर्जी पाये गये छात्रों के प्रवेश निरस्‍त करने तथा निष्‍कासित करने की कार्यवाही के परिपालन में संबंधित संस्‍था द्वारा फर्जी तरीके से प्रवेशित किसी भी छात्रा को अध्‍ययन उपरांत डिग्री की जानकारी अभिलेखों में न होने से, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।              (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पी.एम.टी. 2012 परीक्षा में स्‍टेट कोटे की भर्ती से संबंधित कोई प्रतिवेदन सी.बी.आई. द्वारा संचालनालय, चिकित्‍सा शिक्षा को प्रश्‍न दिनांक तक नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय नई दिल्‍ली में दायर सिविल अपील क्रमांक 4060/2009 में पारित निर्णय दिनांक 27.05.2009 के परिपालन में निजी संस्‍थाओं को 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे के अन्‍तर्गत संस्‍था स्‍तर से ही अभ्‍यर्थियों को प्रवेश दिए जाने का अधिकार दिया गया था। वर्ष 2016 तक निजी संस्‍थाओं को 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे के अन्‍तर्गत संस्‍था स्‍तर से अभ्‍यर्थियों को प्रवेश दिये जाते थे। प्रवेशित अभ्‍यर्थियों के दस्‍तावेज संस्‍था स्‍तर पर ही संधारित होते थे। वर्ष 2017 से संयुक्‍त राज्‍य स्‍तरीय ऑन-लाईन काउंसलिंग के माध्‍यम से आवंटन किया जा रहा है, किन्‍तु प्रवेश प्रक्रिया का संधारण संस्‍था स्‍तर पर गठित कमेटी द्वारा किया जाता है।

पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का प्रदाय

[चिकित्सा शिक्षा]

77. ( क्र. 1114 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन ने प्रदेश में सरकारी एवं प्राइवेट (निजी) पैरामेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु क्‍या-क्‍या नियम बनाये हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रदेश में            कहाँ-कहाँ, कब-कब से प्रश्‍न दिनांक तक सरकारी एवं प्राइवेट (निजी) पैरामेडिकल कॉलेज किस-किस विषयों के साथ सरकारी भवन एवं प्राइवेट निजी किस-किस के भवनों में संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन कॉलेजों में ऐसे कौन-कौन से कॉलेज हैं एवं इन कॉलेजों की कितने छात्र-छात्राओं को पाँच वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक के मध्‍य, कॉलेज में अध्‍ययन करने के बावजूद भी पात्रता में होने के बावजूद भी प्रश्‍न दिनांक तक छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की गई है?             (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि छात्र-छात्रओं को छात्रवृत्ति न‍ दिये जाने पर कौन-कौन दोषी है? दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? अगर नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मदिरा दुकानों की नीलामी

[वाणिज्यिक कर]

78. ( क्र. 1115 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा देशी-विदेशी मदिरा विक्रय हेतु वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की नीति क्‍या थी? छायाप्रतियों सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बतायें कि जिला टीकमगढ़ एवं जिला निवाड़ी की दिनांक 25.03.2019 तक कहाँ-कहाँ की, कौन-कौन सी दुकानों की, कौन-कौन से दुकानदारों द्वारा 20 प्रतिशत राशि ठेकेदारों द्वारा बढ़ाकर ले ली गई थी और           कौन-कौन सी दुकानों को संबंधित ठेकेदार द्वारा नहीं लिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जो दुकानें 20 प्रतिशत रिन्‍युवल पर नहीं गई थी, कौन-कौन सी ऐसी दोनों जिलों की थी? इन दुकानों को पुन: ठेके पर देने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रत्‍येक दुकान किस दर पर ठेकेदारों द्वारा ली गई है? उन दुकान एवं ठेकेदार का नाम जिला सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जो बाद में दुकानें नीलाम की गई उन ठेकेदारों को प्रत्‍येक दुकान से कितना लाभ मिलेगा एवं प्रदेश की प्रत्‍येक दुकान से              कितना-कितना राजस्‍व का नुकसान होगा? विभाग इन दुकानों के राजस्‍व घाटे की भरपाई कहाँ से करेगा? इसकी जाँच की जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रदेश शासन द्वारा देशी/विदेशी मदिरा विक्रय हेतु वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 के लिये निम्नानुसार नीति निर्धारित की गई थी :- (1) वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 में प्रकाशित व्यवस्था अनुसार वर्ष 2017-18 के वार्षिक मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि कर वर्ष 2018-19 हेतु आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाकर वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों से निर्धारित आरक्षित मूल्य पर नवीनीकरण के माध्यम से देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के एकल समूहों का निष्पादन।    2. जिन एकल समूहों पर नवीनीकरण के लिये आवेदन प्राप्त नहीं होंगे, उन समूहों पर उक्त निर्धारित आरक्षित मूल्य पर सभी इच्छुक पात्र आवेदकों से आवेदन प्राप्त करना तथा एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर सफल आवेदक का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाना।         3. नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों तथा अन्य इच्छुक पात्र आवेदकों से प्राप्त लॉटरी आवेदन पत्रों को सम्मिलित करते हुये, समग्र में यदि जिले में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों/एकल समूहों पर वर्ष 2018-19 के लिये निर्धारित आरक्षित मूल्य में निहित राजस्व में 70 प्रतिशत अथवा उससे अधिक राशि के आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं, तो ऐसी समस्त आवेदित मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन जिला समिति द्वारा पात्र आवेदकों के हित में किया जाना। 4. उपरोक्तानुसार निष्पादन की कार्यवाही उपरान्त निष्पादन से शेष रही मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन        ई-टेण्डर के माध्यम से किया जाना। (2) वर्ष 2019-20 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.03.2019 में प्रकाशित व्यवस्था अनुसार वर्ष 2018-19 के वार्षिक मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर वर्ष 2019-20 हेतु आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाकर वर्तमान अनुज्ञप्तिधारियों से निर्धारित आरक्षित मूल्य पर नवीनीकरण के माध्यम से देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों के एकल समूहों का निष्पादन। 2. जिन एकल समूहों पर नवीनीकरण के लिये आवेदन प्राप्त नहीं होंगे, उन समूहों पर उक्त निर्धारित आरक्षित मूल्य पर सभी इच्छुक पात्र आवेदकों से आवेदन प्राप्त करना तथा एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर सफल आवेदक का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाना। 3. नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों तथा अन्य इच्छुक पात्र आवेदकों से प्राप्त लॉटरी आवेदन पत्रों को सम्मिलित करते हुये, समग्र में यदि जिले में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों/एकल समूहों पर वर्ष 2019-20 के लिये निर्धारित आरक्षित मूल्य में निहित राजस्व में 70 प्रतिशत अथवा उससे अधिक राशि के आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं, तो ऐसी समस्त आवेदित मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन जिला समिति द्वारा पात्र आवेदकों के हित में किया जाना। 4. उपरोक्तानुसार निष्पादन की कार्यवाही उपरान्त निष्पादन से शेष रही मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन ई-टेण्डर (क्लोज बिड एवं ऑक्‍शन) के माध्यम से किया जाना। उपरोक्तानुसार वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 के लिये देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों/एकल समूहों के निष्पादन की व्यवस्था संबंधी राजपत्रों की छायाप्रति विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला टीकमगढ़ एवं जिला निवाड़ी में कुल 27 देशी/विदेशी मदिरा समूह है, इनमें जिला टीकमगढ़ के 13 मदिरा समूह जिनमें 38 देशी मदिरा की दुकान एवं 10 विदेशी मदिरा की दुकान सम्मिलित है, का निष्पादन दिनांक 25.03.2019 तक 20 प्रतिशत वृद्धि पर नवीनीकरण/लॉटरी के माध्यम से किया गया। उक्तानुसार निष्पादित मदिरा दुकान/एकल समूह की सूची विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। जिला टीकमगढ़ में 02 मदिरा समूह जिनमें 06 देशी मदिरा की दुकानें तथा जिला निवाड़ी में 12 मदिरा समूह जिनमें 35 देशी मदिरा की दुकानें एवं 08 विदेशी मदिरा की दुकानें सम्मिलित है, को संबंधित ठेकेदार द्वारा दिनांक 25.03.2019 तक नहीं लिया गया, जिनकी सूची विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है।     (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जिला टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में देशी/विदेशी मदिरा की दुकान/एकल समूह, जिनका निष्पादन 20 प्रतिशत की वृद्धि पर नवीनीकरण के माध्यम से नहीं की गई हैं, उनकी सूची विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। उक्त समस्त देशी/विदेशी मदिरा दुकानें/एकल समूह का निष्पादन शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं मापदण्डों के अनुसार ई-टेण्डर (क्लोज बिड एवं ऑक्‍शन) के माध्यम से किया गया। जिला टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में निष्पादित प्रत्येक देशी/विदेशी मदिरा दुकान/एकल समूह किस दर पर अर्थात उनका वार्षिक मूल्य ठेकेदार का नाम, जिला सहित सूची विधान सभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है। (घ) नवीनीकरण/लॉटरी आवेदन पत्र द्वारा निष्पादन से शेष मदिरा दुकानों का निष्पादन ई-टेण्डर (क्लोज बिड एवं ऑक्‍शन) के माध्यम से किया जाता है, जिससे शासन को अधिकतम राजस्व प्राप्त होता है। मदिरा दुकानों का निष्पादन मार्केट फोर्सेस द्वारा तय होता है। अतः ठेकेदारों को मदिरा दुकानों के निष्पादन से लाभ एवं शासन को राजस्व के नुकसान का प्रश्न ही नहीं होता।

उप पंजीयक का प्रभार

[वाणिज्यिक कर]

79. ( क्र. 1124 ) श्री संजय उइके : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. पंजीयन तथा मुद्रांक (विभागीय परीक्षा नियम 2018) के अंतर्गत पंजीयन विभाग के लिपिकीय कर्मचारियों की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें सम्मिलित परीक्षार्थियों को दिनांक 04.06.2018 को उत्‍तीर्ण घोषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 12 के अंतर्गत विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण कर्मचारी को उप पंजीयक का प्रभार किन कारणों से नहीं दिया जा रहा है? (ग) विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण लिपिकीय वर्गी किन-किन कर्मचारियों को         कब-कब उप-पंजीयक का प्रभार सौंपे जाने के आदेश पारित किये गये हैं? (घ) उप पंजीयक कार्यालय बैहर के प्रभार हेतु संयुक्‍त पंजीयक (मुद्रांक एवं शुल्‍क द्वारा उप पंजीयक का प्रभार लिपिकीय कार्यों (विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण) कर्मचारी को सौंपे जाने के निर्देशों के बावजूद भी प्रश्‍न दिनांक तक प्रभार नहीं सौंपने के क्‍या कारण है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) पंजीयन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा दिनांक 0405 अगस्‍त 2018 को आयोजित की गयी थी तथा दिनांक 10/08/2018 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था। (ख) उक्‍त के अंतर्गत परीक्षा पास लिपिक को प्रभार दिया जाना अनिवार्य नहीं है। (ग) जानकारी की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।           (घ) बालाघाट जिले में रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुये निर्देश दिये गये थे, किन्‍तु जिला पंजीयक द्वारा उप पंजीयक कार्यालय बैहर में पदस्‍थ लिपिक को अनुभव की कमी एवं कार्यप्रणाली ठीक न होने के कारण प्रभार नहीं सौंपा गया।

परिशिष्ट - ''बाईस''

 

 






 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


रजिस्‍ट्री की दरें बढ़ाने के संबंध में

[वाणिज्यिक कर]

1. ( क्र. 18 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद तहसील के ग्राम रायपुर एवं बान्‍द्राभान की जमीनों की दरें विगत तीन वर्ष में कलेक्‍टर/जिला पंजीयक द्वारा क्‍या-क्‍या निर्धारित की गयी? (ख) प्रश्‍नांश अवधि में रायपुर एवं बान्‍द्राभान की जमीन की कितनी रजिस्ट्रियां की गयी? इनसे शासन को कितना राजस्‍व मिला? (ग) क्‍या रायपुर एवं बान्‍द्राभान डूब क्षेत्र में आते हैं? (घ) क्‍या रजिस्‍ट्री की दरें अधिक होने के कारण यहां भूमि का विक्रय नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा रजिस्‍ट्री की दरें बढ़ाने का क्‍या कारण है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) ग्राम रायपुर आंशिक रूप से तथा ग्राम बान्‍द्राभान पूर्णत: डूब क्षेत्र में आते है। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''तेईस''

नलकूप खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

2. ( क्र. 68 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा ठेके के साथ-साथ विभागीय मशीनों से भी नलकूप खनन कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो गत 03 वर्षों में कितने खनन ठेके की मशीनों एवं कितने विभागीय मशीनों से किये गये हैं? संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक ठेके के कितने नलकूप सफल एवं कितने असफल हैं? संख्यात्मक जानकारी दें? (घ) वर्ष 2018-19 में खनन के लिये ठेके पर स्वीकृत निविदा दरों की जानकारी दें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि में ठेके की मशीनों से 36508 एवं विभागीय मशीनों से 20956 नलकूप खनित किये गये। (ग) ठेके की मशीनों से खनित 31391 नलकूप सफल एवं 5117 नलकूप असफल रहे। (घ) वर्ष 2018-19 में नलकूपों के खनन हेतु विभाग में जून 2016 एवं जुलाई 2018 में लागू सी.एस.आर. पर आधारित निविदाएँ विकासखण्डवार आमंत्रित कर दर स्वीकृत की गयी हैं। दरों का विश्लेषण विकासखण्ड की भौगोलिक स्थिति/भूगर्भीय संरचना, नलकूप के प्रकार तथा उपयोग होने वाली सामग्री एवं मशीनरी पर निर्भर रहती है। उपरोक्तानुसार प्रदेश में नलकूप खनन के लिये स्वीकृत, औसत दरें सामान्यतः सी.एस.आर. से 7.70 प्रतिशत अधिक एवं 14.37 प्रतिशत कम की रही हैं।

नियम विरूद्ध किया गया भुगतान

[परिवहन]

3. ( क्र. 139 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जुलाई 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी की पिछोर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित सभा हेतु परिवहन विभाग द्वारा कितनी-कितनी बसें किराए पर ली गई थीं? क्या उक्त सभी ट्रेवल एजेन्‍सी/बस संचालकों की फर्म पंजीकृत थीं? कौन-कौन सी बस किस-किस ट्रेवल एजेन्सी/ संचालनकर्ता द्वारा संचालित थी? ट्रेवल एजेन्‍सी/बस संचालक के नाम, संचालन हेतु प्रदाय किए गए पंजीयन नम्बर तथा दस्तावेज सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस बस का कितनी-कितनी किराया राशि का भुगतान किन-किन ट्रेवल एजेन्‍सी/बस संचालक को किया गया? बस नम्बर, उसकी एजेन्‍सी/संचालक के नाम सहित राशि का उल्लेख करते हुए जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यक्रम हेतु लगाई गई बसों के भुगतान में अशोक नागपाल एवं पुष्पेन्द्र सिंह की कितनी व किन नम्बरों की बसें कार्यक्रम में किराए पर ली गई थीं? क्या उक्त दोनों व्यक्ति बस संचालक हैं अथवा किसी ट्रेवल एजेन्‍सी का संचालनकर्ता हैं? यदि नहीं, तो फिर कितनी-कितनी राशि भुगतान किस आधार पर इन्हें किया गया? क्या उक्त भुगतान नियमानुसार किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो भुगतान प्रक्रिया में सम्मलित समस्त जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही कर नियम विरूद्ध भुगतान की गई राशि वसूली जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माह जुलाई 2018 तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री जी की पिछोर विधान सभा क्षेत्र में आयोजित सभा हेतु परिवहन विभाग द्वारा कोई भी बस किराये पर नहीं ली गई। शासकीय आयोजनों में वाहनों को अधिग्रहण किये जाने संबंधी कार्य कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा किया जाता है। म.प्र. शासन परिवहन विभाग द्वारा जारी वाहन अधिग्रहण नीति परिपत्र क्रमांक एफ 22-07/2017/आठ भोपाल दिनांक 29.06.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अनुसार  है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परिवहन विभाग द्वारा आयोजन नहीं कराया गया है। आयोजन से संबंधित किसी भी राशि का सीधा भुगतान नहीं किया गया है। माह जुलाई 2018 तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री जी की पिछोर विधान सभा क्षेत्र में आयोजित सभा में राशि का भुगतान सी.ई.ओ. जिला पंचायत शिवपुरी की ओर से सबंधित बस मालिकों के अधिकृत प्रतिनिधि एवं बस संचालकों को किया गया। सी.ई.ओ. जिला पंचायत शिवपुरी द्वारा किस व्यक्ति को कितनी राशि का भुगतान किया गया है, की सूची प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार भुगतान हेतु बिल जिला पंचायत शिवुपरी में लंबित है। उक्त भुगतान की प्रक्रिया में परिवहन विभाग द्वारा ना तो भुगतान प्राप्त किया गया है और न ही किसी को भुगतान किया गया है। कार्यक्रम हेतु उपलब्ध कराई गई बसों का भुगतान सी.ई.ओ., जिला पंचायत शिवपुरी द्वारा किया गया। अतः परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं होती है।

 

पाला-ओला का मुआवजा न दिया जाना

[राजस्व]

4. ( क्र. 163 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2018-19 में रबी फसल में पाला और ओला से खराब हुई फसलों का मुआवजा वितरित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितना-कितना? (ख) यदि वितरित नहीं हुआ है तो क्‍यों नहीं हुआ है? कारण दें? मुआवजा वितरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रभावित कृषकों को वितरित की गई राशि की जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शेष प्रभावितों को संयुक्‍त खातेदारों के आपसी विवाद एवं बैंक खाता उपलब्‍ध न होने से राहत राशि का वितरण नहीं हो सका है।                समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

शासन की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

5. ( क्र. 177 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर क्षेत्रान्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कहाँ-कहाँ शासन, निकाय, अर्द्धसरकारी संगठनों की भूमि है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त भूमि`का खसरा न. एवं क्षेत्रफल एवं कहाँ पर स्थित है, की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में क्या उक्त भूमि पर प्रश्न दिनांक तक कोई अतिक्रमण,या अबैध कब्ज़ा है? यदि हाँ, तो किसका और कब से? उक्त अतिक्रमण या अवैध कब्जे को हटाने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के अंतर्गत कुल 105 नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की भूमियां है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिश्‍ष्टि के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र में निकाय एवं अर्ध सरकारी संगठनों की भूमियां नहीं है। (ख) 105 ग्रामों के खसरा नम्‍बरों एवं रकवा की सूची उत्‍तर ‘’’’ में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिश्‍ष्टि के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। मौजा छतरपुर, बगौता, चंद्रपुरा, सौरा, गठेवरा, हमा, बृजपुरा, बकायन, कदवां, बछरौनियां, मोरवा, मारगुवां, कैडी में स्थित शासकीय भूमि के भाग पर वर्ष 2018-19 से अतिक्रमण हैं। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए जाकर अतिक्रमण सिद्ध होने पर, अतिक्रमण हटाए जाने की विधिवत कार्यवाही की जावेगी। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है।

स्‍व-सहायता समूहों को पोषण का आहर वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

6. ( क्र. 216 ) श्री जसमंत जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत महिला बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु कितने स्‍व-सहायता समूहों को पोषण आहार वितरण का कार्य दिया गया है? उनमें कौन-कौन अध्‍यक्ष तथा सचिव है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टेक होम राशन एवं एस.एच.जी. को प्रतिमाह कितना खाद्यान्‍न एवं कि‍तनी धनराशि का आवंटन प्राप्‍त होता है तथा कितना भुगतान किया जाता है तथा कितना आवंटन किस समूह के खाते में शेष है? (ग) क्‍या आंगनवाड़ी एवं शालाओं में बच्‍चों/गर्भवती माताओं/छात्र-छात्राओं की अनुपस्थिति के बाद भी फर्जी तरीके से हाजिरी दर्शाकर समूहों को राशि एवं खाद्यान्‍न भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (घ) उक्‍त फर्जी कार्यवाही रोकने के लिये किस विभागीय अधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण कर अपना प्रतिवेदन दिया जाता है, जिस पर विभाग कार्यवाही करता है तथा विगत 3 वर्षों में की गई कार्यवाही का विवरण भी प्रस्‍तुत किया जावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु 261 स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार वितरण का कार्य दिया गया है। इन स्व-सहायता समूहों के अध्यक्ष तथा सचिव की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) विभाग के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र मासिक मांग अनुसार टेकहोम राशन का प्रदाय निर्धारित मात्रा में अल्पकालीन निविदा में सफल अनुबंधित प्रदायकर्ता द्वारा परियोजना गोदाम तक किया जाता है, तत्पश्चात् परियोजना गोदाम से आंगनवाड़ी केन्द्र तक विभागीय संसाधनों से टी.एच.आर. का प्रदाय किया जाता है, टी.एच.आर. के लिये आंगनवाड़ी केन्द्र/स्व-सहायता समूह को धनराशि नहीं दी जाती है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को टी.एच.आर. का 600 ग्राम का एक पैकेट तथा गर्भवती/धात्री माताओं को 750 ग्राम का एक पैकिट सप्ताह के 05 दिवस के मान से प्रति मंगलवार आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से वितरित किया जाता है। पूरक पोषण आहार कार्य में संलग्न स्व सहायता समूह को, विभाग के आदेश क्र. 2101/2830/2018/50-2/ए.एन., दि. 12.09.2018 के अनुसार प्रति बच्चा प्रति दिवस रूपये 8/- अतिकम वजन के बच्चे को थर्डमील प्रति बच्चा प्रति दिवस रूपये 4/- एवं प्रति गर्भवती/धात्री महिला प्रति दिवस रूपये 9.50/- के मान से जिले को आबंटन दिया जाता है। इस राशि में 650 ग्रा. चावल व 1.840 कि.ग्रा. गेहूँ प्रति बच्चा प्रतिदिन-प्रतिमाह, हितग्राहियों की औसत उपस्थिति के आधार पर नागरिक आपूर्ति को बी.पी.एल. खाद्यान्न के गेहूँ हेतु रूपये 2/- प्रति किलो एवं चावल हेतु रूपये 3/- प्रति किलो के मान से भुगतान किया जाता है तथा स्व-सहायता समूह द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रदाय किये गये पोषण आहार का एवं स्व-सहायता समूह के रसोइयों का भुगतान किया जाता है। समूह के खाते में शेष राशि की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश के परिपेक्ष में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

बन्द नलजल योजनाओं को चालू करना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( क्र. 221 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों  में विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्‍तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत विभाग द्वारा कितनी नलजल योजनाएं कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? ग्रामवार, राशिवार योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत योजनाओं में कितनी-कितनी योजनाएं वर्तमान में चालू हैं एवं कौन-कौन सी योजनाएं पाईप लाईन टूटने, नलकूप के सूखने, मोटर जलने आदि के कारणों से बन्द हैं? (ग) क्या उपरोक्तानुसार योजनाओं को ठेकेदारों द्वारा विभागीय अधिकारी की सांठगांठ से समय-सीमा के भीतर ही योजनाओं को बन्द कर मात्र खानापूर्ति कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्षेत्र में कम वर्षा के चलते बन्द नलजल योजनाओं को प्रारम्भ करने एवं चालू नलजल योजनाओं के बन्द न होने के लिये शासन की क्या योजना है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 8 योजनाएं स्वीकृत की गईं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण की गई सभी 4 योजनाएं चालू हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु राज्य शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रु.20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौपें गये हैं।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

शासकीय सेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही

[राजस्व]

8. ( क्र. 222 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2017-18,2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, बटांकन, नामांतरण एवं फोती नामांतरण के कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं एवं कितने आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है और कितने शेष हैं? प्रत्येक राजस्व न्यायालयवार एवं वर्षवार सीमांकन कार्य की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण नहीं किये जाने के कारण शेष रहे आवेदनों पर कब तक सीमांकन कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्या विलम्ब से सीमांकन करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नाम न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र सीमांकन 290 सीमांकन आवेदन निराकरण 253 निराकरण से शेष प्रकरण 37

नायब तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र सीमांकन 142 सीमांकन आवेदन निराकरण 105 निराकरण से शेष प्रकरण 37

नायब तहसीलदार सण्डावता प्राप्त आवेदन पत्र सीमांकन 151 सीमांकन आवेदन निराकरण 119 निराकरण से शेष प्रकरण 32

कुल योग 583 477 106

नाम न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र बटांकन 136 बटांकन आवेदन निराकरण 114 निराकरण से शेष बटांकन 22

नायब तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र बटांकन 87 बटांकन आवेदन निराकरण 79 निराकरण से शेष बटांकन 8

नायब तहसीलदार सण्डावता प्राप्त आवेदन पत्र बटांकन 52 बटांकन आवेदन निराकरण 34 निराकरण से शेष बटांकन 18

कुल योग 275 227  48

न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र नामांतरण एवं फोती नामा. 789 निराकरण नामा. फोती नामा. 684 निरा. से शेष नामा. एवं फोती नामा. 105

नायब तहसीलदार सारंगपुर प्राप्त आवेदन पत्र नामांतरण एवं फोती नामा. 513 निराकरण नामां. एवं फोती नामा. 441 निरा. से शेष नामा. एवं फोती नामा. 72

नायब तहसीलदार सण्डावता प्राप्त आवेदन पत्र नामांतरण एवं फोती नामा. 450 निराकरण नामां. एवं फोती नामा. 406 निराकरण से शेष नामा. एवं फोती नामा. 44

कुल योग 1752 1531 221

तहसील पचोर वर्ष 2017-18 से वर्ष 22.06.2019 तक

नाम न्यायालय तहसीलदार पचोर प्राप्त आवेदन पत्र सीमांकन 78 निराकरण सीमांकन आवेदन 72 निराकरण से शेष प्रकरण 6

प्राप्त आवेदन पत्र बटांकन 86 निराकरण बटांकन आवेदन 60 निराकरण से शेष बटांकन 26

प्राप्त आवेदन पत्र नामांतरण एवं फोती नामांतरण 104 निराकरण नामां. एवं फोती नामा. 80 निराकरण नामां. एवं फोती नामा 24

(ख) विधानसभा सारंगपुर अन्तर्गत 264 ग्राम है, जो 04 राजस्व निरीक्षक मंडल में विभाजित है। 04 राजस्व निरीक्षक मंडल के सीमांकन कार्य सम्पादन हेतु केवल 2 ही राजस्व निरीक्षक पदस्थ है। उपरोक्त शेष रहे प्रकरणों में सीमांकन दल द्वारा निरंतर सीमांकन करते हुये पूर्ण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में किसी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई।

नियमित उपस्थिति के संबध में

[परिवहन]

9. ( क्र. 233 ) श्री जसमंत जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के आर.टी.ओ. नियमित रूप से कार्यालय में नहीं बैठते हैं? (ख) क्‍या आये दिन बहुत अधिक मात्रा में परिवहन से संबंधित व्‍यक्तियों की शिकायतें प्राप्त हो रही है जिनके गाड़ी के रजिस्‍ट्रेशन ड्रायविंग लायसेंस काफी महीनों से लंबित पड़े हुये हैं? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जो विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक विभिन्न योजनाओं के लंबित पड़े हुये हैं तथा किन कारणों से लंबित हैं? सूची उपलब्ध कराई जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला परिवहन अधिकारी, शिवपुरी (आर.टी.ओ.) द्वारा नियमित रुप से कार्यालय में बैठकर समय-सीमा में विभागीय कार्य सम्पादित किया जा रहा है। (ख) प्राप्त शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लायसेंस के प्राप्त आवेदनों का परीक्षण उपरान्त नियमानुसार समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन एवं ड्रायविंग लायसेंस के कोई आवेदन लंबित नहीं है।                                         (ग) विगत एक वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी योजना में प्रकरण लंबित नहीं है। जानकारी निरंक हैं।

रिक्त पदों में स्थापना की जानकारी

[राजस्व]

10. ( क्र. 235 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में अनुविभाग स्तर, तहसील स्तर, उप तहसील स्तर एवं राजस्व मण्डलवार अधिकारी एवं कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद भरे हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती अथवा पद स्थापना या स्‍थानांतरण द्वारा कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

नवीन नलजल योजना के प्रारंभ होने में विलंब 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

11. ( क्र. 236 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांचों वर्षों से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में                               किस-किस योजना के तहत किन-किन गांवों में नलजल योजना की कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? ग्राम पंचायत एवं ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) स्वीकृत योजना में कितने कार्यों की निविदा पश्चात कार्य प्रारंभ किये गये एवं कितने कार्य प्रारंभ किया जाना बाकी है? क्‍या पूर्ण योजनाएं संचालन हेतु कितनी ग्राम पंचायतों को दी जा चुकी है? यदि नहीं, दी गई तो उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितनी योजनाएं ठेकेदार द्वारा समय अवधि में पूर्ण की गई? कितनी नलजल योजनाएं समय अवधि में पूर्ण नहीं हुई? दोषी ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई शेष योजनायें कब तक पूर्ण की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है।                                         (ख) प्रश्नांकित अवधि में सभी स्वीकृत 9 योजनाओं के कार्य प्रारंभ हैं, किसी योजना का कार्य प्रारंभ किया जाना शेष नहीं है। ग्राम पंचायत जमुवानीकला की पूर्ण योजना का 02 वर्ष तक संचालन ठेकेदार द्वारा किया जाना है तथा ग्राम पंचायत गौरतलाई एवं सलैया कोहारी की योजना हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) 3 योजनाएं पूर्ण जिनमें एक योजना निर्धारित समयावधि में पूर्ण की गई तथा 6 योजनाएं प्रगतिरत हैं। अनुबंध अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

पाईप लाईन कार्य में परिसम्‍पत्ति का नुकसान 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

12. ( क्र. 248 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र में नलजल योजनान्तर्गत नवीन स्वीकृत या पाईप लाईन विस्तार का कार्य स्वीकृति उपरांत ग्रामीण क्षेत्र में लोक स्वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया जाता हैं? (ख) क्या नवीन पाईप लाईन डालने व विस्तार करने में ग्रामीण क्षेत्र में आवश्यकता पड़ने पर निर्मित परिसम्‍पत्तियों (पक्की नाली व सड़क आदि) को तोड़कर पाईप डाले जाते हैं? यदि हाँ, तो होशंगाबाद जिले अन्तर्गत विगत 03 वर्षों  में पाईप लाईन डालने में कितनी परिसम्पत्तियों का नुकसान हुआ, जिनमे से कितनी परिसम्पत्तियों की भरपाई (सुधार कार्य) संबंधित ठेकेदार/विभाग द्वारा किया गया तथा इसकी समय-सीमा क्या थी? कितनी परिसम्पत्तियों का सुधार कार्य किया जाना शेष हैं? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? इस संबंध में शासन द्वारा जारी आदेश/परिपत्रों की छायाप्रति दे।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कुल 33 ग्रामों में परिसम्पत्तियों (पक्की नाली व सड़क) का आंशिक नुकसान हुआ। 04 ग्रामों में तोड़ी गयी परिसम्पत्तियों (पक्की नाली व सड़क) का सुधार कार्य संबंधित ठेकेदार/विभाग द्वारा किया जा चुका है। निविदाकार की कार्यपूर्णता अवधि 29 ग्रामों में शेष है। कोई नहीं, क्योंकि यह सामान्य प्रक्रिया है एवं अनुबंध में प्रावधानित है तथा उक्त संबंध में शासन द्वारा कोई आदेश/परिपत्र पृथक से जारी नहीं हुआ है।

स्‍लीमनाबाद को पूर्णकालिक तहसील बनाया जाना

[राजस्व]

13. ( क्र. 308 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले की उप तहसील स्‍लीमनाबाद को पूर्ण कालिक तहसील का दर्जा प्रदान करने संबंधी प्रस्‍ताव राज्‍य शासन द्वारा पास कर, राजपत्र में प्रका‍शित किया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इस नव गठित तहसील में कौन से राजस्‍व निरीक्षण मंडल के कौन से गांव शामिल किये जायेंगे, इसके भौगोलिक नक्‍शों की छायाप्रति सहित सम्‍पूर्ण सम्मिलित किये जाने वाले ग्रामों की जनसंख्‍या सहित सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्‍लीमनाबाद तहसील गठन का प्रस्‍ताव प्रश्‍न दिनांक तक कहां किस स्‍तर पर लंबित है? क्‍या स्‍लीमनाबाद को शीघ्र पूर्ण कालिक तहसील का दर्जा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? सम्‍पूर्ण औपचारिकतायें पूर्ण होने के बाद भी स्‍लीमनाबाद को तहसील बनाने में विलम्‍ब का दोषी कौन है? क्‍या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले की उप तहसील स्‍लीमनाबाद को म.प्र. राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक एफ 1-7/2013/सात/शा0 6 दिनांक 28/09/2018 के द्वारा पूर्ण कालिक तहसील का दर्जा प्रदान किया गया है। (ख) स्‍लीमनाबाद तहसील में राजस्‍व निरीक्षक मंडल स्‍लीमनाबाद तहसील बहोरीबंद के 52 ग्राम एवं राजस्‍व निरीक्षक मंडल उमरियापान के 30 ग्राम कुल 82 ग्राम शामिल किये गये है। नवीन तहसील स्‍लीमनाबाद में सम्मिलित राजस्‍व निरीक्षक मंडलवार ग्रामों की सूची जनसंख्‍या सहित भौगोलिक नक्‍शे की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) स्‍लीमनाबाद तहसील का गठन हो जाने से शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

हैण्‍डपम्‍प खनन एवं मरम्‍मत 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

14. ( क्र. 341 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में कितने हैण्‍डपम्‍प संचालित हैं? इनमें से कितने हैण्डपम्‍पों से जल प्रदाय हो रहा है एवं कितने खराब हैं? ग्रामवार जानकारी देवें।                           (ख) क्‍या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के पानी की गंभीर समस्‍या से जूझ रहे ग्रामों में विभाग द्वारा हैण्‍डपम्‍प लगाये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक ग्रामों में हैण्‍डपम्‍प खनन कर हैण्‍डपम्‍प लगा दिये जायेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत आने वाले समस्‍त शासकीय विद्यालयों के परिसर में स्थित हैण्‍डपम्‍पों की क्‍या स्थिति है? इनमें से कितने खराब हैं और कितने सही? स्‍कूलवार जानकारी देवें। जो हैण्‍डपम्‍प खराब हैं उन्‍हें कब तक सही करा दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 1823 हैण्डपम्प स्थापित हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से जलप्रदाय हेतु ग्रामों में नलकूप खनन कर हैण्डपम्‍प लगाये जाने का प्रावधान है। वित्तीय संयोजन एवं लक्ष्यों के अनुसार कार्य किया जाता है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।                      (ग) 209 हैण्डपम्‍प चालू एवं 85 हैण्डपम्‍प बंद हैं। साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्‍प सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

परिवहन निगम की बसों का पुन: चालू किया जाना 

[परिवहन]

15. ( क्र. 356 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा म.प्र. राज्‍य परिवहन निगम को पूर्णत: बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो परिवहन निगम बंद करने का कारण क्‍या था? क्‍या इससे प्रदेश में यातायात व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है? यदि हाँ, तो इस कमी को दूर करने के क्‍या उपाय किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में यातायात व्‍यवस्‍था को सुचारू करने के लिए क्‍या दूर-दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्‍त यातायात के साधन शासन द्वारा उपलब्‍ध किये गये हैं, यदि हाँ, तो क्‍या साधन उपलब्‍ध किये गये? (ग) क्‍या परिवहन निगम बंद करने के उपरांत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राईवेट बस संचालकों द्वारा अपनी मनमर्जी से किराया निर्धारण कर आम जनता को वित्‍तीय भार से लाद दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन आम जनता की सुविधा हेतु दूर-दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पुन: शासकीय परिवहन की बसों का संचालन प्रारंभ करेगा यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लगातार वित्तीय घाटे के कारण मध्ययप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का शासन द्वारा सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है, जिसके तहत 30 सितम्‍बर 2010 से यात्री वाहन का संचालन पूर्णत बंद है। किंतु श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार से निगम को बंद करने की अनापत्ति प्राप्त नहीं हुई है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न ही होता है। (ख) जी हाँ। दूर-दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्‍त यातायात के साधन उपलब्‍ध कराने हेतु ग्रामीण परिवहन नीति लागू की गई है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन जिलों का गठन 

[राजस्व]

16. ( क्र. 365 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्ययोजना में कितने नवीन जिले बनाने का प्रावधान है? क्‍या उक्‍त सूची में बीना को जिला बनाने का नाम है? (ख) यदि हाँ, तो बीना को जिला बनाने की घोषणा कब तक कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बनाने की कोई कार्ययोजना नहीं है।अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में निरंक।

नलजल योजना की स्‍वीकृति 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

17. ( क्र. 368 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना में 2018-19 में कितने नल उत्‍खनन (हैण्‍डपम्‍प) स्‍वीकृत किये गये हैं? क्‍या क्षेत्र के ऐसे कई ग्राम हैं जहां पेयजल के स्‍त्रोत हैण्‍डपम्‍प सूख गये हैं? यदि हाँ, तो उन ग्रामों में पेयजल हेतु विभाग द्वारा क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है? (ख) क्‍या ग्राम खिमलासा एवं मंडीवामोरा की जर्जर हालत में संचालित नलजल योजना के नवीनीकरण या नवीन नलजल योजना स्‍वीकृत करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित की गयी है? यदि हाँ, तो योजना कब तक स्‍वीकृत की जायेगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में बन्‍द पड़ी नलजल योजनाओं के प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 32 हैण्डपम्‍प। 31 ग्रामों के 58 हैण्डपम्‍पों में जलस्तर नीचे जाने से बंद हो गये हैं। सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर एवं राइजर पाइप बढ़ाकर पेयजल की व्यवस्था की गई है। (ख) जी हाँ। ग्राम खिमलासा एवं मण्डी बामौरा की आवर्धन नलजल योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की गई है। वित्तीय संयोजन अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाएगी, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) स्त्रोत को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु राज्य शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रू. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। स्त्रोत के अभाव में बंद योजनान्तर्गत स्त्रोत विकसित करने का दायित्व विभाग का है।

शासकीय आयुष चिकित्‍सक द्वारा प्रायवेट क्लिनिक संचालित करना

[आयुष]

18. ( क्र. 369 ) श्री महेश राय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) शासकीय आयुष चिकित्‍सक श्री अवतार सिंह यादव शास.प्रा.स्‍वा.केन्‍द्र आगासोद को प्रायवेट क्लिनिक संचालन हेतु विभाग द्वारा अधिकृत किया है? (ख) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराये? (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा संबंधित के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार संबंधित के विरूद्ध एवं जिस अधिकारी की शह पर क्लिनिक संचालित हो रही है, उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नही। डॉ. अवतार सिंह यादव, राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन अंतर्गत संविदा आयुष चिकित्‍सक है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालित क्‍लीनिक बंद करने के निर्देश जारी किये जाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रारंभ। (घ) उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन पेट्रोल/डीजल पम्‍प की स्‍थापना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

19. ( क्र. 410 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ पर पेट्रोल तथा डीजल पम्‍प किन-किन व्‍यक्ति/कम्‍पनी के संचालित है उक्‍त पंपों पर उपभोक्‍ताओं को क्‍या-क्‍या सुविधायें दी जा रही है तथा शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? (ख) 01 जनवरी 18 से जून, 19 तक की अवधि में उक्‍त पेट्रोल तथा डीजल पंपों में मिलावट तथा कम नापने की कितनी शिकायते किन-किन माध्‍यमों से प्राप्‍त हुई उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (ग) 01 जनवरी, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले में किन-किन स्‍थानों पर नवीन पम्‍प प्रारंभ करवाने हेतु किन-किन सांसद विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में कुल 94 डीजल/पेट्रोल पंप संचालित हैं, उनके स्‍थान, कंपनी तथा स्‍वामित्‍व की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मध्‍यप्रदेश मोटर स्पिरिट एवं हाई स्‍पीड डीजल ऑयल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश, 1980 के प्रावधान एवं शासन के निर्देश तथा कंपनी के दिशा-निर्देशानुसार उक्‍त पंपों पर नि:शुल्‍क पेयजल, नि:शुल्‍क हवा, शौचालय तथा महिलाओं हेतु पृथक शौचालय की सुविधा दिया जाना है। उक्‍त पंपों पर उक्‍त सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में पेट्रोल में पानी के मिश्रण एवं कम नाप की एक-एक शिकायतें सी.एम. हेल्‍पलाईन के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई हैं, जिसकी जाँच सक्षम अधिकारियों द्वारा कराने पर उक्‍त शिकायतें असत्‍य पाई गई हैं। (ग) जिले में प्रश्‍नांकित अवधि में किसी भी सांसद अथवा विधायक का पत्र पेट्रोल/डीजल पंप प्रारंभ कराने हेतु प्राप्‍त नहीं हुआ है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा 30-05-2017 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) को प्रतापगढ़, सियरमउ, सुनवाहा एवं महुआखेड़ा कलां गांव में पेट्रोल/डीजल पंप स्‍थापित करने के लिए पत्र लिखा गया था। राज्‍य शासन द्वारा पेट्रोल/डीजल पंप आवंटित करने का कार्य नहीं किया जाता है। ऑयल विपणन कंपनियों द्वारा फिजीबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर SRMP2018 में अनुशंसित स्‍थानों को चयन प्रक्रिया के अंतर्गत शामिल किया गया है। उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित स्‍थानों हेतु ऑयल कंपनी द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशित की गई है। स्‍थानों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। कंपनी से प्राप्‍त जानकारी अनुसार डीलर चयन की प्रक्रिया प्रचलित है।

माननीय वित्‍त मंत्री के भाषण के बिंदु क्र. 110 से संबंधित 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( क्र. 551 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) माननीय वित्‍त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्‍दु क्र.110 में मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना के तहत क्‍या 1 करोड़ 16 लाख 88 हजार परिवारों को गेहूँ तथा चावल एक रूपये प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है? क्‍या इसके लिए रूपये 525 करोड़ का प्रावधान है। क्‍या सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एंड-टू-एंड कम्‍प्‍यूटरीकरण किया जा रहा है? क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा मध्‍यप्रदेश राज्‍य खाद्य आयोग का गठन किया गया है जिसके द्वारा सम्‍पूर्ण व्‍यवस्‍था की मानिटरिंग की जा रही है का उल्‍लेख है। (ख) यदि हाँ, तो राज्‍य खाद्य आयोग में किन-किन लोगों को शामिल किया गया है? नाम, पता, पद, नियुक्ति दिनांक, नियुक्तिकर्ता, व्‍यक्ति का नाम आदि एंड-टू-एंड कम्‍प्‍यूटरीकरण योजना क्‍या है व इससे जानकारी प्राप्‍त हेतु क्‍या गतिविधियां उपयोग में लाई गई है उनकी भी जानकारी से उपलब्‍ध करावे।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्‍यप्रदेश में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार प्रदेश में मध्‍यप्रदेश खाद्य आयोग का गठन किया गया है जिसमें अध्‍यक्ष एवं सदस्‍य के रूप में नियुक्‍त पदाधिकारियों के नाम, नियुक्ति दिनांक एवं नियुक्तिकर्ता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एंड-टू-एंड कम्‍प्‍यूटराईजेशन परियोजनांतर्गत संपादित गतिविधियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

माननीय वित्‍त मंत्री के भाषण के बिंदु क्र.117 से संबंधित 

[राजस्व]

21. ( क्र. 552 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) माननीय वित्‍त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्‍दु क्र.117 में क्‍या राजस्‍व न्‍यायालयों के कार्यों में पार‍दर्शिता एवं तत्‍परता लाने हेतु राजस्‍व न्‍यायालयों का कम्‍प्‍यूटीकरण किया गया है। क्‍या इस परियोजना से न्‍यायालयों के कार्यों में गति आई है तथा भूमि नामांतरण, बंटवारा तथा सीमांकन एवं अन्‍य राजस्‍व प्रकरणों का त्‍वरित निराकरण हुआ है, जिसे आम जन-मानस द्वारा सरा‍हा जा रहा है? ई.टी.एस. मशीनों के माध्‍यम से सीमांकन की प्रक्रिया सम्‍पादित करने से त्रुटियां कम हो रही है तथा क्‍या राजस्‍व अमले की क्षमता में वृद्धि हुई है? सीमांकन प्रक्रिया में सतत सुधार हेतु क्‍या CORS (Continuous Operating Reference Station) की स्‍थापना हेतु वर्ष 2018-19 में रूपये 30 करोड़ को प्रावधान किया गया है? राजस्‍व प्रशासन की गतिविधियों के संचालन हेतु क्‍या रूपये 3 हजार 940 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है, का उल्‍लेख है। (ख) यदि हाँ, तो कम्‍प्‍यूटरीकरण से दिसम्‍बर 2018 तक विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में नामान्‍तरण, बंटवारा तथा सीमांकन एवं राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण हुआ है कि जानकारी प्रकरण क्रमांक दिनांक, कृषक का नाम, पता, प्रस्‍तुत आवेदन दिनांक, निराकरण दिनांक आदि की जानकारी देवें। ई.टी.एस. मशीनों के माध्‍यम से सीमांकन प्रक्रिया क्‍या है? अवगत करावे। सीमांकन प्रक्रिया में कार्य किस प्रकार से किये जायेंगे? (ग) गतिविधि के संचालन हेतु रूपये 3 हजार 940 करोड़ में से देयक राशि की जानकारी प्रदेश के जिलावार दी जावे एवं प्राप्‍त राशि में से तहसील अम्‍बाह एवं मुरैना जिला मुरैना में क्‍या गतिविधियां हुई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ,। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) दिसम्बर 2018 तक विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी के अन्तर्गत तहसील मुरैना एवं अम्बाह अन्तर्गत निराकृत किये गये नामान्तरण बंटवारा सीमांकन तथा अन्य राजस्व प्रकरणों का तहसीलवार विवरण निम्नानुसार है:-

क्र.      तहसील          नामान्तरण   बंटवारा          सीमांकन       अन्य राजस्व प्रकरण

1.         मुरैना                 384                33                     21                                  0

2.         अम्बाह                894              414                   171                           2568

        योग -              1278              447                   193                            2568

उक्त प्रकरणों का क्रमांक, दिनांक, कृषक का नाम, पता  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन प्रक्रिया हेतु संबंधित आवेदक द्वारा शासन द्वारा निर्धारित फीस का चालान खसरा, नक्शा अक्स तहसील न्यायालय में प्रस्तुत करने पर ई.टी.एस. प्रशिक्षित राजस्व निरीक्षक/पटवारी द्वारा सीमांकन किया जाता है। (ग) राज्‍य बजट में राशियों का प्रावधान जिलेवार नहीं होता है। राजस्‍व प्रशासन के लिए बजट प्रावधान शासकीय सेवकों के वेतन, कार्यालयों के संचालन, राहत राशि के वितरण (आर.बी.सी 6 (4) के तहत) आदि प्रशासनिक कार्यों के लिए किया जाता है। जिला मुरैना के इन्‍हीं गतिविधियों में राशि का उपयोग हुआ है।

शासकीय जमीनों की हेराफेरी पर कार्यवाही

[राजस्व]

22. ( क्र. 573 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) क्‍या शास.जमीनों को खुर्द-बुर्द करने के संबंध में एस.डी.एम. रघुराज नगर के आदेश दिनांक 27.7.2017 से जो चार सदस्‍यीय टीम बनी थी? यदि हाँ, तो उसने क्‍या अपना जाँच प्रतिवेदन कार्यालय तहसीलदार तहसील रघुराज नगर जिला सतना के माध्‍यम से पत्र क्रमांक 1140/प्रवा/ सतना/तह.रघु./2017 (या अन्‍य किसी आदेश क्रमांकों से) सतना दिनांक 15.3.2017 से एस.डी.एम. रघुराज नगर को दिया? पत्र की एक प्रतिलिपि दें। क्‍या इस जाँच में किसी को भी दोषी न पाकर तत्‍कालीन राजस्‍व निरीक्षक सुदामा कोल के जाँच प्रतिवेदन को अमान्‍य किया गया है? (ख) क्‍या कलेक्‍टर सतना ने पत्र क्रमांक/113/राजस्‍व/4/आर.एम/2019 सतना दिनांक 20.2.2019 से प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त, म.प्र. भोपाल को तीन पृष्‍ठों का पत्र लिखकर अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 544 दिनांक 7.3.2018 से उद्भूत आश्‍वासन क्रमांक 71 की जानकारी में बिंदु क्रमांक 104 में जो आराजियां शासकीय घोषित हुयी हैं, क्‍या वे तत्‍कालीन राजस्‍व निरीक्षक सुदामा प्रसाद कोल के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्‍कालीन कलेक्‍टर ने दिनांक 5.4.2016 को शासकीय घोषित किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कलेक्‍टर सतना के प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त को लिखित पत्र के बाद क्‍या यह साबित नहीं होता कि प्रश्नांश (क) में गठित 4 सदस्‍यीय टीम ने जान-बूझकर सोची समझी साजिश के तहत, शासकीय दस्‍तावेजों की अनदेखी करते हुये, अरबों रूपयों की शासकीय भूमि के हस्‍तांतरण को वैध ठहराने का कार्य अपराधियों से सांठ-गांठ करते हुये शासकीय राजस्‍व धन की हानि को जायज ठहराते हुये किया? क्‍या राज्‍य शासन इस 4 सदस्‍यीय टीम के विरूद्ध एफ.आई.आर. तत्‍काल दर्ज करवाये? (घ) क्‍या राज्‍य शासन कलेक्‍टर सतना के आदेश दिनांक 15.2.2019 जिसमें तीन पटवारियों को निलंबित किया उसे वैध मानती है या अवैध? क्‍या राज्‍य शासन प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित 4 सदस्‍यीय टीम के जाँच प्रतिवेदन को वैध मानती है कि अवैध?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जा‍नकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रतिवेदन में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना द्वारा अभिलेखों का परीक्षण किये बिना अधिकारिता रहित प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2017 औचित्यहीन, निष्प्रभावी अस्तित्वहीन होने की बजह से नस्तीबद्ध किये जाने अनुसंशा सहित प्रेषित किया गया था। (ख) कलेक्टर, सतना के पत्र क्रमांक/113/राजस्व/4/आर.एम./2019 सतना दिनांक 20.02.2019 से प्रमुख राजस्व आयुक्त, म.प्र. भोपाल को अतारांकित प्रश्न क्रमांक 544 दिनांक 07.03.2018 से उद्भूत आश्वासन क्रमांक 71 की दी गई जानकारी में जो आराजियां शासकीय घोषित हुई है वह अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार तहसील रघुराजनगर के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर शासकीय घोषित की गई है।                          (ग) जी नही, कलेक्टर सतना द्वारा राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर भूमियां शासकीय घोषित नहीं की गई है बल्कि विस्तृत जाँच व अभिलेखों का परीक्षण कर की गई है। (घ) कलेक्टर को अपने जिले में पदस्थ पटवारियों को निलंबित करने का अधिकार प्रदत्त है इसलिए निलंबन आदेश अवैधानिक नहीं है। प्रतिवेदन अंतरिम प्रकृति का अभिलेख होने से उसके अवैध/वैध होने की स्थिति नहीं है।

दोषी तहसीलदारों व पटवारियों पर कार्यवाही न होना

[राजस्व]

23. ( क्र. 574 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                        (क) क्‍या यह सत्‍य है ‍कि म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग, मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक 429/773/2018/सात 2 ए (या अन्‍य पत्र क्रमांक) भोपाल, दिनांक 10.04.2018 से सतना कलेक्‍टर को लिखे पत्र में विधान सभा सत्र फरवरी-मार्च 2018 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 757 में दिये जाँच के आदेश के बाद 15 दिवस की समय-सीमा में विषय वस्‍तु की विस्‍तृत जाँच कर प्रतिवेदन आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा के माध्‍यम से प्रेषित किया जाना सुनिश्चित किया जाये का लेख किया गया था? (ख) क्‍या तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 757, दिनांक 07 मार्च, 2018 के संबंध में प्रश्‍नकर्ता ने मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को 14 (चौदह) बिन्‍दु का पत्र क्रमांक 451/ने.प्र./18, दिनांक 10.03.2018 को लिखा था? क्‍या उक्‍त पत्र के 14 (चौदह) बिंदुओं की जाँच राज्‍य शासन कर रहा है? प्रत्‍येक बिंदुवार जाँच कब व क्‍या की गई का बिंदुवार प्रश्‍नतिथि तक विवरण अलग-अलग उपलब्‍ध करायें? (ग) क्‍या कार्यालय कमिश्‍नर, रीवा संभाग, रीवा म.प्र. के आदेश क्र. 10/राजस्‍व/4/3/2019 रीवा दिनांक 02.02.2019 से 6 (छह) सदस्‍यीय कमेटी का गठन किया गया? क्‍या उक्‍त आदेश के बिंदु क्रमांक 2 (दो) में उल्‍लेख है कि कमेटी 15 दिवस में उक्‍त जाँच करेगी? यदि हाँ, तो क्‍या 15 दिवस में जाँच पूरी हो चुकी है? अगर नहीं, तो कौन दोषी है? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्‍लेखित पत्रों के आधार पर 07 मार्च, 2018 से प्रश्‍नतिथि तक जाँच 15 माह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं की गई? क्‍या दोषी तहसीलदारों एवं पटवारियों को प्रकरण में आरोपी नहीं बनाया गया है? कब तक उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। तत्‍कालीन मुख्‍य सचिव म.प्र.शासन को तत्‍कालीन नेता प्रतिपक्ष द्वारा पत्र लिखा गया था। मध्‍यप्रदेश शासन को प्राप्‍त पत्र क्रमांक 451 दिनांक 10.03.2019 में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के संबंध में आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा को समिति गठित कर जाँच कराने हेतु निर्देश दिये गये हैं। (ग) जी हाँ। कमेटी द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन कार्यालय आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा में परीक्षणाधीन हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के अनुसार जाँच में पाई गई वस्‍तुस्थिति के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

शिक्षकों को सातवां वेतनमान दिया जाना 

[चिकित्सा शिक्षा]

24. ( क्र. 595 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि () क्या मध्यप्रदेश के समस्त चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अभी तक सातवां वेतनमान नहीं दिया गया है? क्‍या मध्यप्रदेश के अधिकांशतया विभागों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवां वेतनमान मिल चुका है। (ख) क्या राज्‍य सरकार द्वारा समस्त चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सातवां वेतनमान, अन्य सुविधाऐं व सुरक्षा दिए जाने का वचन दिया गया था? () यदि हाँ, तो प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सातवां वेतनमान व अन्य सुविधाऐं कब तक दी जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : () जी हाँ। अन्‍य विभागों की जानकारी चिकित्‍सा शिक्षा विभाग से असंबद्ध है। () जी नहीं। () प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गेहूँ/धान खरीदी के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 621 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) प्रदेश में धान गेहूँ खरीदी के कितने केन्‍द्र बनाये गये है एवं रीवा जिले के विकासखण्‍डवार कितने खरीदी केन्‍द्र बनाये गये हैं और उन केन्‍द्रों में खरीदी हेतु किन-किन कर्मचारियों को लगाया गया है उनके नियुक्ति आदेश की प्रति उपब्‍लध कराई जाये। क्‍या शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में नियुक्‍त विक्रेता के द्वारा धान एव गेहूँ खरीदी की गई? यदि हाँ, तो उक्‍त समय पर शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में खाद्य वितरण किसके द्वारा किया गया उक्‍त अवधि में एक साथ दोनों काम क्‍या सम्‍भव है, क्‍या इसकी जाँच कराकर कार्यवाही की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक? (ख) गेहूँ धान खरीदी केन्‍द्रों में परिवहन हेतु कितनी राशि व्‍यय की गई क्‍या खरीदी केन्‍द्रों में तुलाई किसानों से ली जाती है इस हेतु क्‍या शासन स्‍तर से भी राशि प्रदाय की जाती है यदि हाँ, तो रीवा जिले को इस हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई, खरीदी केन्‍द्रवार बतावे? (ग) अगर शासन स्‍तर से तुलाई की राशि प्रदाय की जाती है तो कृषकों से तुलाई हेतु जो राशि ली गई है उनके खिलाफ क्‍या कोई कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में धान उपार्जन हेतु 951 एवं रबी विपणन वर्ष 2018-19 में गेहूँ उपार्जन हेतु 3545 उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किए गए थे। रीवा जिले में धान उपार्जन हेतु 65 एवं गेहूँ उपार्जन हेतु 83 केन्‍द्र बनाए गए थे। विकासखण्‍डवार बनाए गए उपार्जन केन्‍द्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के                               प्रपत्र-अ अनुसार है। समर्थन मूल्‍य पर धान एवं गेहूँ उपार्जन के कार्य हेतु संबंधित समितियों के समिति प्रबंधकों को अधिकृत किया गया था एवं खरीदी की मॉनीटरिंग हेतु केन्‍द्रवार ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्‍त किया गया था। उपार्जन केन्‍द्रवार नियुक्‍त कर्मचारियों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। शासकीय उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेताओं को उपार्जन कार्य हेतु नियुक्‍त नहीं किया गया था। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) रीवा जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की परिवहन की राशि रू. 7.63 करोड़ एवं गेहूँ परिवहन की राशि रू. 2.26 करोड़ का भुगतान किया गया है। समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ की तुलाई हेतु कोई राशि किसानों से लेने का प्रावधान नहीं है। उपार्जित गेहूँ की तुलाई आदि व्‍ययों हेतु अंतरिम रूप से राशि रू. 9 प्रति क्विंटल की दर से राशि रू. 0.88 करोड़ का भुगतान समितियों को किया गया है। खरीदी केन्‍द्रवार प्रासंगिक व्‍यय में समितियों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) तुलाई की राशि लेने का प्रावधान नहीं है। कोई विशिष्‍ट मामला संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने के संबंध में 

[महिला एवं बाल विकास]

26. ( क्र. 639 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने के क्‍या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्‍ध नियम के आधार पर यदि विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने संबंधी प्रस्‍ताव शासन को प्रेषित किया जाता है तो क्‍या शासन राजगढ़ विधान सभा में नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र प्रारम्‍भ कर देगा? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन जिला स्‍तर के अधिकारियों को यह निर्देश देगा कि स्‍थानीय विधायक की अनुशंसा के आधार पर राजगढ़ विधान सभा में नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र प्रारम्‍भ करने का प्रस्‍ताव शासन को स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किया जाए?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृति हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड की प्रति  संलग्‍न परिशिष्ट  पर है। (ख) जी नही। प्रश्नांश (क) अनुसार निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों की पूर्ति होने के पश्चात जिलों से प्राप्त प्रस्ताव संकलन करने के उपरान्त भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाता है। भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के पश्चात आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किया जाता है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नही।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति

[संस्कृति]

27. ( क्र. 714 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्‍वविद्यालय भोपाल के विज्ञापन क्र- SUBIS/05/2014 दि. 14.11.2014 के तहत पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें आवेदक श्री अखिलेश कुमार सिंह का चयन सहायक अध्यापक आयुर्वेद के पद पर आदेश क्र./626/ SUBIS/2016 दि. 30-03-2016 द्वारा नियुक्त कर दिया गया हैं जबकि संबंधित पर थाना शिवपुर जिला वाराणसी उ.प्र. में अपराध क्र. २७/१० धारा ३२३, ३२४, ३२५, ५०४, ५०६, ४९८ एवं दहेज प्रकरण प्रतिषेध अधिनियम का प्रकरण पंजीबध्द है। (ख) यदि हाँ, तो आपराधिक प्रकरण में संलिप्‍त रहने वाले श्री अखिलेश को किस नियम के तहत नियुक्ति प्रदान की गई है। क्या आपराधिक प्रकरण पंजीबध्द व्यक्ति की नियुक्ति निरस्त की जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्‍ययन विश्‍वविद्यालय के विज्ञापन क्रमांक SUBIS/05/2014 दिनांक 14.11.2014 के अंतर्गत आवेदक                                              श्री अखिलेश कुमार सिंह का चयन सहायक प्राध्‍यापक आयुर्वेद के पद पर नहीं हुआ है। बल्कि विज्ञापन क्रमांक SUBIS/05/2014 जिसकी आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15.10.2014 थी, के अंतर्गत श्री अखिलेश कुमार सिंह का चयन सहायक प्राध्‍यापक आयुर्वेद के पद पर हुआ है।                                              श्री अखिलेश कुमार सिंह सहायक प्राध्‍यापक के विरूद्ध दर्ज प्रकरण में पुलिस द्वारा जाँच में दोषी नहीं पाया गया है तथा खात्‍मा प्रतिवेदन न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर दिया गया है एवं अभ्‍यार्थी के विरूद्ध निजी इस्‍तगाशा के रूप में न्‍यायालय में प्रकरण प्रचलित है. मध्‍यप्रदेश अधिनियम क्रमांक 01 सन् 2013 सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्‍ययन विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2012 की धारा 25 के तहत गठित कार्यपरिषद् द्वारा चतुर्थ बैठक में लिये गये निर्णयानुक्रम में निर्धारित शर्तों के अधीन श्री अखिलेश कुमार सिंह सहायक प्राध्‍यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई. जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

टेक होम राशन एवं गरम भोजन की गुणवत्‍ता 

[महिला एवं बाल विकास]

28. ( क्र. 715 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर संभाग में महिला बाल विकास विभाग को टेक होम राशन एवं गरम भोजन प्रदाय करने का कार्य कौन-कौन सी एजेंसी कर रही है? (ख) टेक होम राशन की कब-कब निविदा किन-किन शर्तों के तहत निकाली गई वर्तमान में कौन-सी एजेंसी इसकी सप्‍लाई का कार्य कर रही है? क्‍या गुणवत्‍ताहीन की जांच किस-किस के द्वारा एवं कब-कब किया जाता है। (ग) क्‍या जबलपुर संभाग में टेक होम राशन गुणवत्‍ताहीन दिया जा रहा है, जिससे आंगनवाड़ी में बच्‍चें एवं अन्‍य उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्‍या भोपाल स्‍तर के अधिकारी से गुणवत्‍ता की जाँच करायेंगे? (घ) क्‍या टेक होम राशन आंगनवाड़ी तक पहुचाने हेतु परिवहन टेन्‍डर किया जाता है परंतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को गोदाम से ले जाना पड़ता है जिसका आर्थिक बोझ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर पड़ता है? क्‍या इसकी जाँच कराकर उचित कार्यवाही करेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जबलपुर संभाग की आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय विभाग द्वारा आमंत्रित अल्पकालीन निविदा में जबलपुर संभाग के लिये सफल निविदाकार मेसर्स कोटा दाल मिल-कोटा राजस्थान द्वारा एवं गरम भोजन का प्रदाय स्थानीय स्व सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। (ख) संचालनालय, महिला बाल विकास द्वारा माह मार्च 2018 में प्रदेश की समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन प्रदाय हेतु अल्पकालीन निविदा  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार  उल्लेखित शर्तों के तहत् आमंत्रित की गई वर्तमान में जबलपुर संभाग में मेसर्स कोटा दाल मिल-कोटा राजस्थान टेकहोम राशन की सप्लाई एजेंसी है। विभाग द्वारा टी.एच.आर. की गुणवत्ता हेतु कैलोरी/प्रोटीन की जाँच भारत सरकार, महिला बाल विकास खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला एवं माइक्रोन्यूट्रिएन्ट की जाँच चयनित नेबल प्रयोगशाला से प्रतिमाह कराई जाती है। (ग) जी नहीं। गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्र तक टेकहोम राशन ले जाने के लिये जिला स्तर पर परिवहन टेन्डर किए जाने का प्रावधान है, जिसके तहत् चयनित परिवहनकर्ता के माध्यम से टेकहोम राशन का प्रदाय परियोजना कार्यालय गोदाम से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक प्रतिमाह किया जाता है, किन्तु जबलपुर जिले की 03 परियोजनाओं कुण्डम, बरगी एवं पाटन में परिवहनकर्ता उपलब्ध न होने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा परियोजना कार्यालय गोदाम से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक स्वयं टी.एच.आर. का परिवहन किया जा रहा है, इस हेतु इन कार्यकर्ताओं को शासन द्वारा निर्धारित राशि रू. 100/- प्रति क्वि. के मान से परिवहन राशि का भुगतान सीधे संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में किया जाता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ रहा है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी भवन की स्‍वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

29. ( क्र. 716 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परसवाडा विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी भवनविहीन है केन्द्रवार/ ब्लाकवार/पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) भवन कब तक स्वीकृत करेंगे? (ग) क्या शासन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के T.A./D.A पर विचार कर रही हैं? यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा? (घ) बालाघाट जिले में नगरीय क्षेत्र में गरम भोजन आंगनवाड़ी केन्द्र में किस संस्था से उपलब्‍ध कराया जा रहा है? विगत 3 वर्षों में इस संस्था का निरीक्षण किस नियम से कब-कब कौन-कौन अधिकारी ने किया? क्या गुणवत्ताहीन गरम भोजन पाये जाने पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, की गयी तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बालाघाट जिले के विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा अन्तर्गत 84 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। भवन विहीन केन्द्रों की केन्द्रवार, ब्लॉकवार एवं पंचायतवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ अनुसार है। (ख) प्रदेश में विभाग अन्तर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय पत्र क्र. 1032/1466/2018/50-2, दिनांक 11.05.2018 के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के विभागीय बैठकों, सर्व प्रशिक्षण में उपस्थित होने के लिये सहायक ग्रेड-3 के समान यात्रा भत्ते एवं दैनिक भत्ते की पात्रता पूर्व से ही निर्धारित है अतः शेष का कोई प्रश्न ही नहीं। (घ) जिले की बाल विकास परियोजना बालाघाट शहरी अंतर्गत निम्नानुसार स्वसहायता समूह एवं महिला मंडल समिति द्वारा गरम भोजन का प्रदाय किया जा रहा है :-

1. ओम शांति महिला मंडल समिति बालाघाट आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या 26

2. प्रेमसांई महिला मंडल समिति बालाघाट आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या 55

आंगनवाड़ी केन्द्रोंवार संस्था की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभागीय पत्र क्रं. 2103/2830/2018/50-2 भोपाल दिनांक 12.09.2018 के प्रावधान अनुसार तीन वर्षों में निम्नानुसार अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है :-

1. श्री आर.एन. प्रजापति सचिव - खाद् आयोग दिनांक 27.02.2019

2. श्री के.सी. बोपचे, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला बालाघाट दिनांक 08.06.2018

3. जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला बालाघाट द्वारा भी समय-समय पर   निरीक्षण किया गया है।

4. बाल विकास परियोजना अधिकारी बालाघाट शहरी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान गरम भोजन गुणवत्ताहीन नहीं पाये जाने के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।

R.B.C. 6-4 के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाना

[राजस्व]

30. ( क्र. 720 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्‍या शाजापुर जिले के शुभम पिता शंकरलाल उम्र 16 ग्राम फरड तहसील कालापीपल तथा अंकित पिता धनसिंह उम्र 18 ग्राम पोलाय खुर्द तहसील पोलाय कलॉ, दोनों की मृत्‍यु पानी में डुबने से हुई है? यदि हाँ, तो शुभम पिता शंकरलाल की मृत्‍यु दिनांक 13/08/2018 व अंकित पिता धनसिंह की मृत्‍यु दिनांक 25/08/2018 से प्रश्‍न दिनांक तक वैध वारिसों को R.B.C. 6-4 के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि नहीं, तो उल्‍लेखित प्रकरणों में                                    किन-किन अधिकारियों द्वारा लापरवाही की गई है? क्‍या उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा प्रकरण का निराकरण कब तक किया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता।

चिकित्‍सकों को रोजगार उपलब्‍ध कराया जाना

[आयुष]

31. ( क्र. 723 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने शा.अशासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं इनमें शा.चिकित्सालय में कुल कितने चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त हैं प्रश्न दिनांक की स्थि‍ति में जानकारी देवें? (ख) प्रदेश में विभिन्न शासकीय/अशासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्रतिवर्ष कुल कितने आयुर्वेद चिकित्सक चिकित्सा की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं? क्या इनके प्रदेश में रजिस्ट्रेशन हेतु विभाग ने कोई प्रयास किया? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है? (ग) प्रदेश में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने हेतु विगत 5 वर्षों में क्या-क्या प्रयास किये गये? क्या प्रदेश के हजारों चिकित्सक जो महंगे अशासकीय कालेजों से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात बेरोजगार हो रहे हैं? क्या विभाग एवं सरकार इनको ब्रिज कोर्स करवाकर एलोपैथी में भी उपचार करने की इजाजत देगी तथा प्रदेश के सभी एलोपैथी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में रिक्त पड़े पदों पर इनको नियुक्ति देने का विचार विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के प्रपत्र ‘‘’’ शासकीय व परिशिष्ट ‘‘’’ अशासकीय अनुसार (ख) लगभग 1582। जी हाँ। म.प्र. आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड में पंजीयन कराया जाता है। बोर्ड के प्रावधान अनुसार। (ग) 848 आयुष चिकित्सकों की पदस्थापना की गई। रजिस्ट्रेशन पश्चात् चिकित्सकों को निजी चिकित्सा व्यवसाय की पात्रता होती है। आयुष विभाग ब्रिज कोर्स संचालित नहीं करता है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

विभिन्‍न अराजियों एवं रकबे के भूमि स्‍वामियों की जानकारी

[राजस्व]

32. ( क्र. 731 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में ग्राम नेवरी में स्थित दी भोपाल पुलिस कर्मचारी को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी भोपाल जिसे संजीव नगर पुलिस कॉलोनी भी कहते हैं में प्‍लाट क्र. एच.आई जी. 110 एवं 111 किस नाम/ पिता या पति के नाम पर किस आराजी क्रमांक एवं रकबे का खसरा पंचशाला में दर्ज है? खसरे की एक-एक प्रति दें? ग्राम नेवरी की खसरा क्रमांक 66/2/1, रकबा 0.293 एकड़ एवं खसरा क्रमांक 66/1 रकवा 0.725 एकड़ प्रश्‍नतिथि तक किसके नाम पर दर्ज है? कब से दर्ज है? नवनीत कौर के नाम उक्‍त ग्राम में कुल कितने एकड़/हेक्‍टेयर भूमि किस-किस क्रमांकों के खसरों में कब से दर्ज हैं? खसरा पंचशाला की एक प्रति दें? (ख) ग्राम नेवरी में विकसित की जा रही कृष्‍णपुरम कॉलोनी के आधिपत्‍य में कुल कितने एकड़/हेक्‍टेयर भूमि है? उक्‍त भूमि पर किसका आधिपत्‍य है? खसरा पंचशाला में किसके नाम पर कब से दर्ज है? खसरे की प्रश्‍नतिथि तक की स्थिति में एक प्रति दें? संजीव नगर के भूखण्‍ड क्रमांक एम.आई.जी. 528 के खसरा पंचशाला की एक प्रति देते हुए बताये कि उक्‍त भूखंड किसके नाम पर कब खरीदा गया? (ग) रायसेन जिले की तहसील रायसेन हल्‍का दीवानगंज ग्राम छोला खसरा क्रमांक 17/2 एवं 17/1/2 कुल रकवा 2.5 एकड़ या अन्‍य किसके नाम पर कब से दर्ज है? खसरे की एक प्रति दें? उक्‍त ग्राम छोला की खसरा क्रमांक 78/1 रकवा 1.45 एकड़ भूमि कब से किसके नाम दर्ज है? खसरे की एक प्रति दें। ग्राम छोला की खसरा क्रमांक 16/1, 16/2, 17/2/2, 75, 73/3, 83/2/1/1 83/2/12 की भूमियों को खसरा पंचशाला की एक-एक प्रति दें? उक्‍त भूमियों का प्रश्‍नतिथि तक भूमि स्‍वामी कौन है? भूमिवार नाम दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित सभी भूमियों का भूस्‍वामीवार/रकबेवार/आराजी क्रमांकवार/जिलेवार/कब्‍जावार दिनांकवार विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले में ग्राम नेवरी में स्थित दि भोपाल पुलिस कर्मचारी को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटीभोपाल, जिसे संजीव नगर पुलिस कालोनी भी कहते है, में प्लाट क्रमांक एच.आई.जी. 110 एवं 111, के संबंध में हाऊसिंग सोसायटी के स्वीकृत                                     ले-आऊट अनुसार भूखण्ड का खसरे में एच.आई.जी. एवं एम.आई.जी. वर्गीकृत नहीं है अतः संबंधित धारक का नाम एवं पता बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम के खसरा नम्बर 66/2/1 रकवा 0.293 हैक्टर नवनीत कौर राय आ.एल.एस. राय के नाम से नामांतरण पंजी क्रमांक 25 दिनांक 04.07.2008 से स्वत्व पर अंकित है एवं खसरा क्रमांक 66/1 रकवा 0.809 हैक्टर श्रीमति आशा गुरु पुत्री पुरुषोत्तमलाल शुक्‍ला पत्नि एच.एन. गुरु निवासी-57 सनसिटी बाम्बे अस्पताल के पास महालक्ष्मी नगर इन्दौर के नाम नामान्तण पंजी क्रमांक 7 दिनांक 27.06.2016 से स्वत्व पर अंकित होना पाया गया है। ग्राम नेवरी में नवनीत कौर के नाम 66/2/1 खसरा नम्बर दर्ज है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ) ग्राम नेवरी स्थित भूमि खसरा क्रमांक 61/1/7- 62, 61/2/2, 61/2/3, 124/76/1, 131/69/2/4, 139/67/2/2, 139/67/2/3, 139/67/3 कुल रकबा 1.944 हेक्टर भूमि पर कृष्णपुरम कालोनी विकसित की जा रही है। खसरा क्रमांक-139/67/2/3 में दिनांक 18.02.2009 एवं शेष खसरा क्रमांकों में दिनांक 31.01.2008 से खसरा अभिलेख में उक्त भूमि मेसर्स विनायक इन्फ्रास्ट्रक्चर भोपाल द्वारा पार्टनर राजीव सिंहल पुत्र रघुनन्दन सिंहल, सतीश जैन पुत्र कालूराम, श्रीमती हरवंश कौर पत्नि लखविन्दर सिंह के नाम पर भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है। उक्त भूमि पर भूमिस्वामी का आधिपत्य है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संजीव नगर के भू-खण्ड क्रमांक-एम.आई.जी.-528 के संबंध में हाउसिंग सोसायटी के स्वीकृत ले-आऊट अनुसार भू-खण्ड का खसरे में एम.आई.जी. वर्गीकृत नहीं है तथा संबंधित धारक का नाम व कब खरीदा गया, बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रायसेन जिले की तहसील रायसेन हल्का दीवानगंज ग्राम छोला की भूमि ख.क्र. 17/2 के वर्तमान में दो बटांन ख. क्र. 17/2/1 एवं 17/2/2 हो चुके हैं। जो कि क्रमश: श्रीमति हरवंश कौर पत्नि श्री लखबिंदर सिंह पता निवासी भोपाल एवं श्री मोहनसिंह आत्मज रामसिंह निवासी संजीव नगर भोपाल के नाम वर्ष 2014 से दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार हैं। उक्त ग्राम छोला की खसरा क्रमांक 78/1 के भी दो बटान खसरा क्रमांक 78/1/1 एवं 78/1/2 दोनों का कुल रकबा 0.587 हे. याने 1.45 एकड हैं। जिनमें से 78/1/1 श्रीमति लीलाबाई बेवा भैयालाल व आरती, उमा पुत्री भैयालाल लोधी निवासी ग्राम छोला के नाम वर्ष 2014 से दर्ज हैं एवं खसरा क्रमांक 78/1/2 श्री गुरप्रीत कौर पिता लखबिन्दरसिंह सिख निवासी भोपाल के नाम वर्ष 2014 से दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्राम छोला की खसरा क्रमांक 16/1, 16/2, 17/2/2, 75, 83/2/1/1, 83/2/1/2 की खसरा प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 से लगायत 5 तक है। उक्त भूमियों का प्रश्नधीन तिथि तक भूमि स्वामी श्री मोहनसिंह आत्मज रामसिंह निवासी संजीव नगर भोपाल है (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार जिला रायसेन की जानकारी बावत चालू वर्ष की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिला भोपाल से संबन्धित प्रश्नांश - (क) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं प्रश्नांश-(ख) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के पप्रत्र-2 अनुसार है।

नलजल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

33. ( क्र. 744 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासौदा एवं ग्‍यारसपुर के कौन-कौन से ग्रामों में नलजल योजनाएं स्‍वीकृत हैं? ग्रामों के नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्‍वीकृत नलजल योजनाओं में कौन-कौन सी सुचारू रूप से संचालित हैं? कौन-कौन सी बंद हैं तथा कौन-कौन सी अधूरी हैं? (ग) चालू वित्‍तीय वर्ष में किन-किन ग्रामों में नवीन नलजल योजनाएं प्रस्‍तावित हैं? उनके नाम बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधूरी एवं बंद पड़ी हुयी नलजल योजनाओं को चालू करने के लिये क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद योजनाओं में स्त्रोत विकसित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है तथा अधूरी योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।

नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाना 

[महिला एवं बाल विकास]

34. ( क्र. 761 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र में विकासखण्‍ड भिण्‍ड में कुल कितने ग्राम सम्मिलित हैं? उनमें से कितने ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है तथा कितने ग्राम आंगनवाड़ी विहीन है? (ख) उक्‍त आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों में से कितने ग्रामों में जनसंख्‍या के मापदण्‍डानुसार मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की पात्रता रखते है? (ग) उक्‍त पात्रता रखने वाले ग्रामों में कब तक मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र स्‍वीकृत कर दिये जावेंगे? (घ) उपरोक्‍त ग्रामों में से कितने ऐसे ग्राम हैं जिनमें मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं परन्‍तु वे वर्तमान की जनसंख्‍या के मान से आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की पात्रता रखते हैं? उन ग्रामों में कब तक मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र को आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उन्‍नयन किया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) अटेर विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड भिण्ड में 37 ग्राम सम्मिलित है। जिनमें 71 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 19 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड अंतर्गत पात्रता रखने वाला कोई भी ग्राम आंगनवाड़ी विहीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘‘‘‘ अनुसार जानकारी होने से कोई भी ग्राम मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता नहीं रखता है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘‘‘‘ के अनुसार होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अटेर विधानसभा क्षेत्र विकासखण्ड के भिण्ड के 37 ग्रामों में 19 ग्रामों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा वर्तमान में कोई भी ग्राम ऐसा नहीं है जो आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों की पूर्ति करता है। भारत सरकार के नियमों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन करने का कोई प्रावधान नहीं है।

मान्‍यता प्राप्‍त स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं की जानकारी 

[महिला एवं बाल विकास]

35. ( क्र. 762 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्‍ड जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्‍यता प्राप्‍त प्रत्‍येक स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं के पंजीयन की प्रति तथा सदस्‍यों की सूची तथा अनुदान प्राप्‍त स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं के संचालन का पूर्ण पता खुलने का समय सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2014-15 से 2018-19 में मान्‍यता प्राप्‍त स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं को किस प्रयोजन हेतु कितनी अनुदान राशि किस माह में प्रदाय की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष 2014-15 से 2018-19 में अनुदान प्राप्‍त स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं का किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया? उनका नाम एवं पद बतावें तथा निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति सहित मान्‍यता प्राप्‍त स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं को अनुदान स्‍वीकृति संबंध आदेश/नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला भिंड अंतर्गत किशोर न्याय अधिनियम (महिला एवं बाल विकास विभाग) के तहत पंजीकृत निम्नानुसार 02 अशासकीय संस्थाएं है

1.      श्री गहोई शिक्षा प्रसार समिति

  1. श्री बाँके बिहारी कुंज बहुउद्देशीय महिला कल्याण समिति,

जिनके द्वारा समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत बालगृह एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण का संचालन किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत श्री गहोई शिक्षा प्रसार समिति को योजना के तहत बालगृह संचालन तथा श्री बाँके बिहारी कुंज बहुउद्देशीय महिला कल्याण समिति को योजना के तहत विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालन हेतु स्वीकृति अनुसार अनुदान प्रदाय किया गया है। अनुदान विवरण की विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के                                 प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के                                     प्रपत्र-3 अनुसार है।

 

शासकीय यूनानी औषधालय का संचालन 

[आयुष]

36. ( क्र. 783 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के 24 जिलों में एक भी शासकीय यूनानी औषधालय संचालित नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक स्‍थापित कर दिए जायेंगे? वर्तमान में प्रदेश में संचालित औषधालयों के स्‍वीकृत, भरे एवं रिक्‍त पदों की जानकारी देवें? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) क्‍या प्रदेश में आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पद्धति के विशेषज्ञ पद स्‍वीकृत है? परंतु यूनानी में विशेषज्ञ के पद स्‍वीकृत नहीं किए गए है? यदि हाँ, तो इसका क्‍या कारण है? विशेषज्ञ यूनानी के पद कब तक स्‍वीकृत कर दिए जायेंगे? (ग) क्‍या प्रदेश में संचालित एकमात्र शासकीय यूनानी फार्मेसी भोपाल में ड्रग एवं कास्‍मेटिक एक्‍ट 1940 तथा ड्रग एवं कास्‍मेटिक रूल 1945 में फार्मेसी संचालन हेतु निर्धारित आवश्‍यक/अनिवार्य पद (क्‍वालिटी कन्ट्रोल एनालिस्‍ट एवं औषधि निर्माण विशेषज्ञ आदि) सृजित नहीं किए गए हैं? यदि हाँ, तो लापरवाही पूर्ण औषधि निर्माण तथा ड्रग एवं कास्‍मेटिक एक्‍ट के उल्‍लंघन के लिए कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या प्रदेश में एकमात्र शासकीय यूनानी महाविद्यालय जो भोपाल में 10 वर्ष से भी अधिक समय से संचालित है किन्‍तु आज दिनांक तक यूनानी चिकित्‍सा पद्धति में स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम प्रारंभ नहीं किया गया है, फलस्‍वरूप विद्यार्थियों को स्‍नातकोत्‍तर शिक्षा हेतु प्रदेश के बाहर जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संचालित यूनानी औषधालयों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। विशेषज्ञ के समकक्ष अधीक्षक यूनानी का पद स्वीकृत होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। फार्मेसी में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों से क्वालिटी कन्ट्रोल एवं मेन्युफेक्चरिंग केमिस्ट के रूप में कार्य लिया जा रहा है। कोई नहीं। (घ) जी हाँ। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नही।

परिशिष्ट - ''तीस''

आयुष विभाग में पदोन्‍नतियों का न होना 

[आयुष]

37. ( क्र. 784 ) श्री आरिफ मसूद : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आयुष विभाग में समय पर पदोन्‍नतियां नहीं हो पाने के कारण संचालनालय सहित जिला तथा संभागीय कार्यालयों में पदोन्‍नति कोटे के अधिकांश पदों पर प्रभारी अधिकारियों से काम चलाया जा रहा है? (ख) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं माननीय मंत्री सामान्‍य प्रशासन विभाग के द्वारा यह आश्‍वस्‍त किया गया है कि पदोन्‍नतियां होने तक रिक्‍त पदों का प्रभार वरिष्‍ठताक्रम से दिया जाएगा? आयुष विभाग में उक्‍त निर्देशों का पालन कब तक सुनिश्चित कर लिया जायेगा?                                             (ग) क्‍या प्रदेश में संचालित अधिकांश औषधालय चिकित्‍सक विहीन हैं किंतु महाविद्यालयों एवं उनसे सम्‍बद्ध चिकित्‍सालयों में चिकित्‍सा अधिकारी के स्‍वीकृत पद संस्‍था से कई गुना अधिक संख्‍या में चिकित्‍सा अधिकारी पदस्‍थ हैं? (घ) पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्‍सालय भोपाल में चिकित्‍सा अधिकारी की कुल स्‍वीकृत पद संख्‍या कितनी है? इस महाविद्यालय में कितने आयुर्वेद चिकित्‍सा अधिकारी किन-किन पदों पर, किन-किन पदों के विरूद्ध कब से पदस्‍थ हैं? नामश: उनकी स्‍नातक/स्‍नातकोत्‍तर योग्‍यता एवं अनुभव (स्‍नातकोत्‍तर उपाधि का विषय एवं अध्‍यापन अनुभव अवधि यदि हो) सहित जानकारी देवें?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 4/1/1996 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के संबंध में

[महिला एवं बाल विकास]

38. ( क्र. 792 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में नगरपालिका गठन के पूर्व सम्मिलित ग्राम पंचायत मकरोनिया, रजाखेड़ी, सेमराबाग, बडतूमा, गंभीरिया में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित थे? पूर्व के ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) नगरपालिका मकरोनिया बुजुर्ग में वर्तमान में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र किन-किन वार्डों में संचालित किये जा रहे हैं? वार्डवार जानकारी देवें।                  (ग) क्‍या उपरोक्‍त वार्डों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र शासन के नियमानुसार मानक जनसंख्‍या के आधार पर संचालित हो रहे हैं? (घ) यदि शासन के मानक जनसंख्‍या/तय मापदण्‍ड अनुसार संचालित नहीं हो रहे हैं, तो नये आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालन हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में नगरपालिका गठन के पूर्व सम्मिलित ग्राम पंचायत मकरोनिया, रजाखेड़ी, सेमराबाग, बडतूमा, गंभीरिया में 27 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित थे। ग्राम पंचायत सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ पर है।                       (ख) नगरपालिका मकरोनिया बुजुर्ग में वर्तमान में कुल 27 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। वार्डवार आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ पर है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी प्रश्नांश ‘‘‘‘ अनुसार होने से शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

कर्रापुर जल आवर्धन योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

39. ( क्र. 793 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल आवर्धन योजना विभाग द्वारा कब स्‍वीकृत की गई थी? लागत, समय सहित जानकारी देवें। (ख) जल आवर्धन योजना के संबंध में कब-कब निविदायें जारी की गई? (ग) वर्तमान में कर्रापुर जल आवर्धन योजना की निविदा कब तक जारी की जायेगी? कर्रापुर जल आवर्धन योजना कब तक प्रारंभ होगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) सितम्‍बर 2013 में कर्रापुर आवर्धन नलजल योजना लागत रू. 157.42 लाख की स्वीकृत की गई थी एवं पुनरीक्षित स्वीकृति रू. 264.53 लाख की दिनांक 01.03.2019 को दी गई। (ख) दिनांक 08.05.2015, दिनांक 06.01.2017, दिनांक 16.04.2018 एवं दिनांक 08.08.2018 को निविदाएं जारी की गई। (ग) निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निविदा स्वीकृति उपरांत योजना प्रारंभ की जा सकेगी, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

नवीन बसावटों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना 

[राजस्व]

40. ( क्र. 807 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) जिला शाजापुर में ग्रामों से हटकर नवीन बसावटें कितनी हैं? ग्रामवार संख्या देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बसाहटों में से किन-किन बसाहटों को मजरा टोला अंतर्गत राजस्व ग्राम बनाये जाने के दायरे में लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मजरा टोलों में से कितने                                    पृथक-पृथक राजस्व ग्राम बनाये गए हैं तथा कितने शेष हैं? गुलाना के मजरा टोला पम्‍पापुर को राजस्‍व ग्राम के दायरे में होने के बाद भी पृथक राजस्‍व ग्राम क्‍यों घोषित नहीं किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला शाजापुर में ग्रामो से हटकर नवीन 47 बसाहटें है जो 1 खेडा 2. खेडा पहाड 3. चक दुधाना 4. चौमा डाक बंगला 5. नया चौमा 6.बनबोर 7. देहरीपाल चक 8. रामकृष्ण नगर 9. रामनगर डेरा 10. टोलखेडी 11. कल्याणपुरा 12. डूंगरपुरा 13. रतनपुरा 14. भेरूपुरा 15. हापाखेडा 16. रणजीतपुरा 17. कप्पापुरा 18. बाढीपुरा 19. नरसिहपुरा 20. सकराई 21. गिगलाखेडी 22.मायापुर 23. खेडा बोल्दा 24. गुजर का खेडा 25. खेडी 26. बाढपुरा 27.पुरा 28. इंदिरा कालोनी 29. खेडा 30. खेडा 31. शिवपुरा 32. शोभापुरा 33.रतनपुरा 34. चैनपुरा 35. हालमिया 36. सुरतीपुरा 37. सुभाष नगर 38. बडली (हरिजन) 39. चक 40 टांडा 41. बडली 42. रेहट 43. भोलेडोंगरी 44. कालीसिंध 45. हरजी नगर 46 पम्पापुर 47. गुर्जर का खेडा है। (ख) प्रश्नांश (क) मं उल्लेखित बसाहटो में से 15 मजरा टोलो को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने के दायरे में लिया जाकर प्रक्रिया प्रारंभ की गई है जो निम्‍नानुसार है :- 1 खेडा 2. खेडा पहाड 3. चक दुधाना 4. चोमा डाक बंगला 5. नया चोमा 6. बनबोर 7. कल्याणपुरा 8. डूंगरपुपरा 9. रतनपुरा 10 भेरूपुरा 11.. हापाखेडा 12. गिगलाखेडी 13. मायापुर 14. खेडा बोल्दा 15. सुरतीपुरा है। (ग) प्रश्नाश (ख) में उल्लेखित मजरा टोलो में से 9 मजरा टोला को पृथक राजस्व ग्राम बनाया गया है। शेष 6 मजरा टोलो को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलित होकर निर्माण का कार्य जारी है। गुलाना के मजरा टोला पम्पापुर को निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं आने से पृथक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है।

ग्राम/मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना 

[राजस्व]

41. ( क्र. 809 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम एवं मजरे टोले राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं? तहसीलवार जनसंख्या सहित सूची देवें। (ख) किसी ग्राम/मजरा/टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के शासन के क्या नियम एवं प्रक्रिया है? नियम की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों के तहत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम/मजरों/टोलों को जिनकी बसाहट मूल ग्राम से पृथक है उन्‍हें क्या राजस्व ग्राम घोषित किया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों, मजरों, टोलों को शीघ्र राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले अंतर्गत राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं किये मजरे टोले की तहसीलवार सूची जनसंख्‍या सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) मजरे टोले को राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने के संबंध में आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त म.प्र. ग्‍वालियर के ज्ञाप क्रमांक/1195/11/भू0प्र0/मा0चि0शा0/0टो0/2012 ग्‍वालियर दिनांक 14-06-2012 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                          (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित नियमों के तहत प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मजरेटोले निर्धारित मापदण्‍ड की परिधि में नहीं होने से उन्‍हें राजस्‍व ग्राम नहीं बनाया जा सकता। (घ) मजरा टोला राजस्‍व ग्राम की परिधि में नहीं होने से जानकारी निरंक है।

ग्रामों में पेयजल संकट 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

42. ( क्र. 813 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर में दिनांक 15/12/2018 से प्रश्‍न दिनांक तक पेयजल हेतु किन-किन ग्रामों में नलकूप खनन किये गये? विकासखण्‍डवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों के अतिरिक्‍त शुजालपुर विधान सभा क्षेत्र और किन-किन ग्रामों में पेयजल का संकट विद्यमान है? उन ग्रामों के लिये क्‍या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित ग्रामों में कब तक नलकूप खनन किये जावेंगे? (घ) पेयजल संकट से निपटने के लिये विभाग द्वारा समय पर आवश्‍यक कदम क्‍यों नहीं उठाये गये?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के और अन्य ग्रामों में वर्तमान में पेयजल संकट विद्यमान होने की सूचना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश-के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी भवनों में सुविधाएं

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 824 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितनी आंगनवाडि़यां एवं मिनी आंगनवाडि़यां संचालित हैं? कितने के भवन हैं तथा कितनी भवन विहीन हैं? भवन विहीन आंगनवाडि़यों के भवन कब तक स्वीकृत हो जायेंगे? शहरी व ग्रामीण आंगनवाड़ि‍यों का विवरण पृथक-पृथक दें। (ख) क्षेत्र की कितनी आंगनवाडि़यों व मि‍नी आंगनवाडि़यों में बिजली व्यवस्था व शौचालयों की व्यवस्था है? कितने में नहीं है? नहीं है तो कब तक बिजली व्यवस्था व शौचालय का निर्माण करवा दिया जायेगा? शहरी व ग्रामीण का पृथक-पृथक आंगनवाड़ीवार विवरण दें। (ग) क्षेत्र में कितनी आंकनवाडि़यों व मि‍नी आंगनवाडि़यों में कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत है? कितने पद रिक्त हैं? कब से रिक्‍त है और कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति क्यों नहीं हुई है और रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल स्वीकृत 293 आंगनवाड़ी एवं 20 मिनी आंगनावाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 153 आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन स्वीकृत है तथा 160 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन-विहीन है। कुल 293 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 126 शहरी क्षेत्र अन्तर्गत तथा 167 ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित है। 20 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में से 07 आंगनवाड़ी केन्द्र शहरी क्षेत्र अन्तर्गत तथा 13 आंगनवाड़ी केन्द्र ग्रामीण क्षेत्र में संचालित है। प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल स्वीकृत 313 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 111 केन्द्रों में बिजली व्यवस्था है तथा 202 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली व्यवस्था नहीं है। इसी प्रकार 215 केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध है तथा 98 केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय व्यवस्था तथा बिजली व्यवस्था हेतु योजना विचाराधीन है। शौचालय सुविधा तथा बिजली व्यवस्था की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में 290 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 290 आंगनवाड़ी सहायिका एवं 20 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 03 आंगनवाड़ी सहायिका का पद रिक्त हैं, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार हैं। रिक्त पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 एवं 5 अनुसार हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की पद पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में हैं। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।

राशन कार्डों से अधिक आवंटन की अपूर्ण जाँच और कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

44. ( क्र. 828 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-2242,दिनांक-27/02/2017 के संबंध में बताये कि तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर द्वारा संचालनालय के पत्र दिनांक-05/08/2015 एवं 13/09/2015 के संदर्भ में आयुक्त खाद्य को पत्र क्रमांक/1390/खाद्य/2015 दिनांक -11/12/2015 से प्रेषित जाँच-प्रतिवेदन में उल्लिखित प्राप्त ना हुये दस्तावेजों को क्या संबंधितों द्वारा प्रदाय किया गया हैं?                          (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कौन-कौन से दस्तावेज़ किस सक्षम अधिकारी को जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी द्वारा कब-कब प्रदाय किए गए? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इसके लिए ज़िम्मेदारी निर्धारित कर कार्यवाही की जायेगी? (ग) आयुक्त खाद्य द्वारा जारी पत्र क्रमांक/713/शिकायत/2017, दिनांक-30/01/2018 से अभ्यावेदन का निराकरण होने के पश्चात प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक                                    क्या-क्या कार्यवाही किस-किसके द्वारा की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में आंशिक जाँच में लाखों रुपये की राशन सामग्री का अपयोजन और दस्तावेजो के अभाव में जाँच अपूर्ण होना प्रतिवेदित होने और प्रकरण लंबे समय से लंबित होने पर क्या कोई सार्थक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। (ग) आयुक्त खाद्य द्वारा जारी पत्र क्रमांक/713/ शिकायत/2017, दिनांक-30/01/2018 से अभ्यावेदन का निराकरण होने के पश्चात प्रकरण में संचालनालयीन आदेश क्रमांक 4555/शिकायत/2018 दिनांक 09/06/2018 द्वारा कटनी जिले की पुन: जाँच किए जाने हेतु खाद्य विभाग एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के संयुक्‍त जाँच दल का गठन किया जाकर जाँच करने के आदेश दिए गए। जाँच दल द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। संयुक्‍त जाँच दल द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किए जाने के पश्‍चात प्रतिवेदन में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर अपयोजित किए गए खाद्यान्‍न की राशि की वसूली के संबंध में कार्यवाही की जा सकती है, अत: निश्चित समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।

सदन में दिये गए उत्तर में भिन्नता

[राजस्व]

45. ( क्र. 829 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–3707, दिनांक-14/03/2018 के प्रश्नांश (ड़) में दिये गये उत्तर अनुसार किन शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों का किस-किसके द्वारा पालन नहीं होना पाया गया था और किस सक्षम अधिकारी के क्या आदेशों से क्या-क्या कार्यवाही की गयी थी? (ख) तारांकित प्रश्न 651, दिनांक-21/02/2019 पर सदन में हुई चर्चा के दौरान कटनी तहसील के 07 पटवारियों के निलंबन की जानकारी दी थी? तो इन पटवारियों के निलंबन की कार्यवाही किन कारणों से की गई और किन कारणों से इन्हें कितनी अवधि पश्चात किस सक्षम अधिकारी की जाँच और आदेशों से बहाल किया गया? (ग) क्या तारांकित प्रश्न 651, दिनांक-21/02/2019 के प्रश्नांश (क) का उत्तर किसी सेवक के विरुद्ध तहसील कटनी में कार्यवाही नहीं की गई हैं, दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न के मुद्रित उत्तर और सदन में चर्चा में दी गई जानकारी के अंतर को स्पष्ट करें?                                                 (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिपेक्ष्य में शासनादेशों/विभागीय निर्देशों का पालन ना करने और भिन्‍न-भिन्‍न उत्तर प्रस्तुत करने का संज्ञान लेकर कोई जाँच/कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 3707 दिनांक 14.03.2018 के प्रश्‍नांश (ड़) में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों के पालन नहीं करने पर तहसील कटनी में पदस्‍थ 05 पटवारियों (श्री भानसिंह बागरी, श्री दादूराम पटेल, श्री रवीन्‍द्र तिवारी, श्री गुलजारी लाल कोल एवं                            श्री ज्ञानेश्‍वर तिवारी) को दिनांक 22.06.2017 को प्रारंभिक जाँच करने पर निलंबित कर दिया गया था। विभागीय जाँच संस्थित करके नियमानुसार जाँच उपरांत अनियमितता प्रमाणित नहीं पाये जाने के कारण चेतावनी देते हुए दिनांक 14.06.2018 को पटवारियों की विभागीय जाँच समाप्‍त कर दी गई है। (ख) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 651 दिनांक 21.02.2019 प्रश्नांश (क) में यह उत्‍तर प्रेषित किया गया था कि तहसील कटनी से प्राप्‍त-प्रश्‍नकर्ता चतुर्दश विधानसभा में प्रस्‍तुत प्रश्‍न क्रमांक 3707 में उत्‍तर में उल्‍लेखित तथ्‍यों पर कोई कार्यवाही किया जाना शेष नहीं है। अत: प्रश्‍नांश (ड़) के अनुसार किसी शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उत्‍पन्‍न होता है। उक्‍त जानकारी दी गई है। कटनी तहसील में पदस्‍थ 05 पटवारियों को राजस्‍व कार्य में लापरवाही करने के कारण निलंबन की कार्यवाही दिनांक 22.06.2017 को की गई थी तथा आरोप पत्र आदि जारी किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित कर जाँच उपरांत सक्षम अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी कटनी के द्वारा दिनांक 24.08.2017 को बहाल किया गया था तथा विभागीय जाँच दिनांक 14/06/2018 को समाप्‍त की गई। (ग) तारांकित प्रश्‍न 651 प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित तथ्‍यों पर कोई कार्यवाही किया जाना शेष नहीं है, जवाब दिया गया था तथा उक्‍त दिनांक को किसी शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही शेष नहीं होने के कारण यह लेख किया गया था कि ''किसी शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शासनादेशों/विभागीय निर्देशों का पालन न करने एवं भिन्‍न-भिन्‍न उत्‍तर प्रस्‍तुत नहीं किये गये है। अत: संज्ञान में लेकर जाँच कार्यवाही किये जाने का औचित्‍य नहीं है।

लंबित नामांतरण बटवारें के प्रकरण 

[राजस्व]

46. ( क्र. 836 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत एक जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक विवादित एवं अविवादित नामांतरण, बटवारें, सीमांकन, के कितने आवेदन प्राप्‍त हुये। जिसमें रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्र के अलावा अन्‍य किस-किस आधार पर कितने नामांतरण किये गये है तथा प्राप्‍त आवेदनों में से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन किन कारणों से लंबित हैं तथा इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में आर.बी.सी. 6.4 के अंतर्गत प्रकरणों की कार्यवाही किन कारणों से तथा कब से लंबित है? क्‍या प्राकृतिक प्रकोप से हुई मानव क्षति, पशुधन क्षति एवं मकान, कूप आदि संबंधी प्रकरण प्रश्‍न दिनांक तक लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कर संबंधितों का लाभ प्रदान किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिहगढ़ के अंतर्गत एक जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक विवादित एवं अविवादित नामांतरण, बटवारे, सीमांकन के निम्न आवेदन प्राप्त हुऐ है:- विवादित नामांतरण के 462, अविवादित नामांतरण के 1233, बटवारे के 613, सीमांकन के 471 आवेदन पत्र प्राप्त हुऐ है। इस प्रकार 2779 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। विवादित नामांतरण एवं अविवादित नामांतरण के आवेदन पत्रों में से रजिस्ट्री के आधार 1085, खातेदार की मृत्यु के आधार पर 223, खातेदार की वसीयत के आधार पर 11, सिवीलकोर्ट की डिक्री के आधार पर 40, रजिस्टर्ड हक त्याग के आधार पर 19, रजिस्टर्ड दान पत्र के आधार पर 01, इस प्रकार कुल 1439 नामांतरण के आवदेन पत्रों का निराकरण किया गया है तथा नामांतरण के 316 आवेदन पत्र लंबित है। बटवारे के प्राप्त 613 आवेदन पत्रो में से557 आवेदन पत्रों का निराकरण हुआ हे तथा 56 आवेदन पत्र लंबित है। सीमांकन के 471 आवेदन पत्रों में से 460 आवेदन पत्रों का निराकरण हुआ है तथा 11 आवेदन पत्र लंबित है। पीठासीन अधिकारी एवं राजस्व निरीक्षक विधानसभा व लोकसभा निर्वाचन कार्य में संलग्न रहने के कारण नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के आवेदन पत्र निराकरण से लंबित रहे है। लंबित आवेदन पत्रों का विधि अनुसार निराकरण किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) राजगढ़ जिले के नरसिहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील नरसिहगढ़ में आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक प्रकोप से हुई मानव क्षति के दो प्रकरण लंबित है। पशु क्षति, मकान क्षति, कूप क्षति आदि से संबंधित कोई प्रकरण लंबित नहीं है। मानव क्षति के दो प्रकरणों में से एक प्रकरण में थाना प्रभारी नरसिहगढ़ से मृतक डायटम टेस्ट रिर्पोट प्राप्त नहीं हुई है तथा दूसरे प्रकरण में सहायक प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि.बोडा का अभिमत प्राप्त नहीं हुआ है। संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्त कर विधि अनुसार निराकरण कर दिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रिक्‍त पदों एवं आवश्‍यक संसाधनों की पूर्ति 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

47. ( क्र. 837 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय विभाग में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं एवं स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्‍त हैं? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या शासन द्वारा उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ख) क्‍या राजगढ़ जिले में विभाग के अंतर्गत उपयंत्री, मैकेनिक, हैण्डपम्‍प तकनीशियन, हेल्‍पर आदि के आधे से अधिक पद लम्‍बे समय से रिक्‍त होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हैण्डपम्‍प संचालन एवं संधारण नलजल समूह योजना अन्‍य पेयजल योजना का क्रियान्‍वयन समय पर नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति के लिये कोई त्‍वरित एवं ठोस निर्णय करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? (ग) क्‍या जिले में विभाग के पास ट्यूबवेल खनन कराये जाने हेतु केवल दो बोरबेल मशीन ही उपलब्‍ध हैं जिससें ग्रीष्‍मकाल में निर्धारित समय-सीमा में ट्यूबवेल खनन संभव नहीं हो पाता है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त संबंध में विभाग द्वारा कोई संज्ञान लिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक जिले में पर्याप्‍त बोरबेल मशीनें उपलब्‍ध कराई जावेंगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) स्वीकृत पद, भरे पद एवं रिक्त पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं पदोन्नति की कार्यवाही माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के कारण बाधित है। (ख) जी नहीं। संविदा एवं आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ वर्तमान में मैकेनिकल उपखण्ड राजगढ़ में 02 मशीनें उपलब्ध हैं जो निर्धारित                             समय-सीमा में नलकूप खनन के कार्य हेतु पर्याप्त है।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

एकीकृत बाल विकास परियोजना का क्रियान्वयन 

[महिला एवं बाल विकास]

48. ( क्र. 843 ) श्री महेश परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में तराना बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल में कुल कितने कार्य कराए गए एवं उनकी प्रतिक्रियाएँ क्या रही? विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ख) तराना विधानसभा क्षेत्र (214) के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों पर धात्री महिलाओं एवं शिशुओं को क्या क्या सुविधाएँ उपलब्ध करायी गयी और उन सुविधाओं से क्या लाभ हुए? क्रमवार जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) बाल विकास परियोजना अधिकारी के प्रशासनिक, वित्तीय एवं अकादमिक कर्त्तव्य एवं शक्तियों की सूची उपलब्ध कराते हुए कार्यकाल का वार्षिक प्रतिवेदन की जानकारी प्रस्तुत करें।                               (घ) बाल विकास परियोजना की मॉनिटरिंग (अवलोकन) कौन करता है वरिष्‍ठ कार्यालय द्वारा कुल कितनी मॉनिटरिंग वर्ष में की जाती है? मॉनिटरिंग किये जाने का रोस्टर एवं रिपोर्ट उपलब्ध करायें। (ङ) बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं उनके कार्यालय की मॉनिटरिंग के दौरान क्या अनियमितता पायी गयी? जानकारी उपलब्ध करायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) बाल विकास परियोजना अधिकारी तराना द्वारा अपने कार्यकाल दिनांक 03/11/2014 से वर्तमान तक तराना में 340 आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन, पर्यवेक्षण, नियंत्रण किया गया एवं विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन करवाया गया। विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। उक्त कार्यक्रम सामाजिक विकास से संबंधित है जिनके परिणामों का तत्काल आंकलन संभव नहीं है। (ख) बाल विकास परियोजना अधिकारी तराना द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती, धात्री माताओं एवं 06 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को पात्रता अनुसार सेवाऐं- पूरक पोषण आहार, शालापूर्व शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, संदर्भ सेवा एवं स्वास्थ्य जाँच आदि प्रदान कराई गई परिणामस्वरुप उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार आया। (ग) बाल विकास परियोजना अधिकारी विकासखण्ड स्तर पर समेकित बाल विकास सेवा योजना के दल का प्रशासकीय प्रमुख है। बाल विकास परियोजना अधिकारी पर विभागीय समस्त कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा दैनिक प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी होती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। बाल विकास परियोजना अधिकारी की वित्तीय एवं अकादमिक शक्तियां निरंक है। बाल विकास परियोजना अधिकारी तराना के कार्यकाल का वार्षिक प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) समेकित बाल विकास परियोजना की राज्य, संभाग एवं जिला स्तर से प्रतिमाह समीक्षा बैठक, विडियो कॉन्फ्रेसिंग, आंगनवाड़ी भ्रमण के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिमाह 01 परियोजना कार्यालय का निरीक्षण किए जाने के प्रावधान है। मॉनटरिंग रोस्टर एवं निरीक्षण टीप पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ड) कार्यालय निरीक्षण के दौरान कोई भी अनियमितता नहीं पाई जाने से जानकारी निरंक है। बाल विकास परियोजना कार्यालय के निरीक्षण पश्चात् दिये गये निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है।

संचालित कार्यक्रमों की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति

[संस्कृति]

49. ( क्र. 848 ) श्री महेश परमार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन ज़िले में संस्कृति विकास एवं संरक्षण के लिए कुल कितनी शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाएं कार्य कर रही है? इनमें से उत्कृष्ट कार्य करने वाली कितनी संस्थाएं हैं? उन्होंने कौन से उत्कृष्ट कार्य किए हैं? जानकारी बतायें। (ख) चालू वित्तीय वर्ष में कुल कितने भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य किन-किन योजनाओं में रखे गए हैं और उनकी क्रियान्वयन एजेंसी कौन-कौन सी है? नाम पते सहित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) संस्कृति विभाग द्वारा इस वर्ष कार्ययोजना में उज्जैन ज़िले के लिए कुल कितने कार्य स्वीकृत किए हैं एवं कितनी राशि स्वीकृत की गयी है तथा उनकी समय-सीमा क्या है? (घ) उज्जैन जिले के संस्कृति विभाग द्वारा कुल कितने बड़े प्रोजेक्ट कितनी राशि के स्वीकृत किए है? उनकी क्रियान्वयन एजेंसी कौन सी हैं? इस संबंध में अभिलेखीय जानकारी उपलब्ध करायें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) उज्‍जैन जिले में शासकीय संगीत महाविद्यालय, कालिदास संस्‍कृत अकादमी, त्रिवेणी संग्रहालय एवं प्रेमचंद सृजनपीठ शासकीय संस्‍थाएं कार्यरत हैं। गैर शासकीय संस्‍थाओं की संख्‍या एवं उनमें से उत्कृष्‍ट कार्य करने वाली संस्‍थाओं का चिन्‍हांकन संस्‍कृति विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) चालू वित्‍तीय वर्ष में उज्‍जैन जिले के लिए संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार कार्यक्रम रखे गये हैं। क्रियान्‍वयन एजेंसी संस्‍कृति संचालनालय एवं विभागीय अकादमी है। (ग) संस्‍कृति विभाग द्वारा उज्‍जैन जिले के लिए कुल 30 कार्यक्रम रखे गये तथा इन कार्यक्रमों के लिए कुल 220.03 लाख स्‍वीकृत किये गये हैं तथा समय-सीमा संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

50. ( क्र. 852 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सीतामऊ, शामगढ़, सुवासरा में कितने आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? स्थान के नाम सहित जानकारी देवें।                            (ख) उपरोक्त वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने शासकीय और कितने किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ग) जो आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है उन्हे शासकीय भवन के निर्माण हेतु शासन की ओर से क्या योजनाएं बनाई गई हैं? (घ) सुवासरा विधानसभा के नगरीय क्षेत्रों में नवीन आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सीतामऊ, शामगढ़ एवं सुवासरा में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निम्नानुसार है:-

क्र.

नगरीय क्षेत्र

संचालित आ.वा. केन्द्र

संचालित मिनी आ.वा. केन्द्र

1

सीतामऊ

17

निरंक

2

शामगढ

25

निरंक

3

सुवासरा

16

निरंक

स्थान एवं नामवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) उपरोक्त वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से निम्नानुसार आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के/शासकीय भवन में संचालित है:-

क्र.

नगरीय क्षेत्र

शासकीय भवन में संचालित
आ.वा. केन्द्रों की संख्या

किराये के भवन में संचालित
आ.वा. केन्द्रों की संख्या

1

सीतामऊ

4

13

2

शामगढ

0

25

3

सुवासरा

05

11

(ग) किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवनों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा अभिसरण से तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से किये जाने की योजना है। प्रदेश में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है।                        (घ) प्रदेश में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

मुख्यमंत्री पेयजल योजना 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

51. ( क्र. 857 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ख) मुख्यमंत्री पेयजल योजना (प्रारम्भ से) के तहत सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों को चिन्हित कर पेयजल योजना का कार्य प्रारम्भ किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) उपरोक्त योजना के तहत ग्रामों में किये गये ट्यूबवेल हेतु होल एवं अन्य कार्य कौन सी दिनांक, माह वर्ष में किया गया है? किये गये कार्य एवं ग्राम की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त ग्रामों में कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बसों का संचालन

[परिवहन]

52. ( क्र. 859 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) विदिशा जिले के अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा कितने मार्ग बसों के परिचालन हेतु चिन्हित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी दें कि सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित मार्गों पर 30 जून 2019 की स्थिति में कौन-कौन सी बसें,                                     किन-किन कंपनियों की संचालित हैं? बस नम्‍बर व समय-सारणी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में पिछले 1 वर्ष में सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में कितने बस एक्सीडेंट हुए? कितने लोग दिवंगत हुए? कितने लोग घायल हुए क्या उनको मुआवजा राशि उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? घटनावार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में बसों के परिचालन के संबंध में कितनी शिकायतें 30 जून 2019 तक प्राप्त हुई तथा कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया व कितनी शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया? वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी बसें बगैर लायसेंस के संचालित पाई गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा बसों के परिचालन हेतु मार्ग को चिन्हित नहीं किया जाता अपितु वाहन स्वामी द्वारा किसी मार्ग विशेष पर बस के संचालन हेतु परमिट हेतु आवेदन किया जाने पर नियमानुसार उस मार्ग का परमिट जारी किया जाता है। () सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में 30 जून 2019 की स्थिति में कुल 88 बसें संचालित है, जिसमें क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी, भोपाल से जारी स्थाई परमिट पर 58, अस्थाई परमिट पर 18 एवं जिला परिवहन कार्यालय, विदिशा से जारी अस्थाई परमिट पर 12 बसें संचालित है। बस नम्बर, बस स्वामी व बस की समय-सारणी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में बसों के परिचालन के संबंध में इस कार्यालय को कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विदिशा जिला अन्तर्गत बगैर परमिट संचालित होती पायी गई बसों की संख्या 61 है, जिनके विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जाकर शमन शुल्क रुपये 11,09,565/-, मोटरयान कर रुपये 9,18,272/- कुल राजस्व रुपये 20,27,837 वसूल किया गया।

मजरा-टोलों, नवीन बसाहट को ग्राम बनाया जाना 

[राजस्व]

53. ( क्र. 861 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या मध्यप्रदेश में मजरा-टोला, नई बसाहट को नवीन ग्राम बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो इसके मापदण्ड, दिशा-निर्देश क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी तहसीलों में कितने मजरे-टोले, नवीन बसाहट 25 जून 2019 की स्थिति में हैं? क्या जिला प्रशासन द्वारा पात्र मजरों-टोलों, नवीन बसाहटों को ग्राम बनाये जाने के कोई प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों? पात्र मजरों-टोलों को ग्राम कब तक बना दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की सभी तहसीलों में स्थित मजरा-टोलों, नई बसाहटों की ग्रामवार, जनसंख्या, कृषि जोत, मुख्य ग्राम से दूरी सहित जानकारी उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मापदण्‍ड एवं दिशा निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विदिशा जिले की तहसील सिरौंज में 25 एवं तहसील लटेरी में 51 मजरे-टोले, नवीन बसाहट 25 जून, 2019 की स्थिति में है। जिला प्रशासन द्वारा जिला विदिशा अंतर्गत कोई भी मजरो टोलों, नवीन बसाहटों के पात्र नहीं होने से राजस्‍व ग्राम बनाने के प्रस्‍ताव शासन को प्रेषित नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की तहसील विदिशा, बासौदा, सिंरौज, लटेरी एवं शमशाबाद की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिले की शेष तहसीलों की जानकारी निरंक है।

संचालित नलजल योजनाएं 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

54. ( क्र. 868 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहा पर नलजल योजनाएं निर्मित हैं तथा प्रश्‍न दिनांक तक इनमें से कौन-कौन से किन कारणो से बंद हैं? सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितने हैण्डपम्‍प खनित हैं? प्रश्‍न दिनांक तक इनमें से कितने संचालित एवं कितने बंद हैं? इन बंद पड़ी नलजल योजनाओं एवं बंद पड़े हैंडपंपों को कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में कम वर्षा एवं भीषण गर्मी के चलते नलजल योजना को प्रारंभ करने एवं चालू नलजल योजनाओं के बंद न होने के लिए शासन की क्‍या योजना है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। 1670 हैण्डपम्‍प स्थापित हैं। प्रश्न दिनांक की स्थिति में 1351 चालू तथा 319 हैण्डपम्‍प बंद हैं। हस्तांतरित बंद योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है तथा हैण्डपम्‍प संधारण की सतत प्रक्रिया के तहत् हैण्डपम्‍पों को अधिकतम 15 दिवस में सुधार कर चालू किया जाता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) बंद नलजल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु राज्य शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रु. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत/संधारण कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौपें गये हैं।

किसानों को सूखा राहत की शेष राशि का भुगतान

[राजस्व]

55. ( क्र. 873 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 506, दिनांक 21.2.2019 के उत्तर में विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में सूखा प्रभावित तहसील कोलारस में प्रभावित किसानों को स्वीकृत राशि रूपये 256808352/- में से रू. 165778681/- का भुगतान किया जाना तथा सूखा प्रभावित तहसील बदरवास में प्रभावित किसानों को स्वीकृत राशि रू 310011148/- में से 159322958/- का भुगतान किया जाना बताया गया था तथा स्वीकृत हुई राशि में से उपर्युक्त दोनों तहसीलों के किसानों को शेष बची हुई राशि के भुगतान की कार्यवाही को प्रक्रियाधीन बताया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक तहसील कोलारस एवं तहसील बदरवास में सूखा राहत की उपर्युक्त शेष राशि में से कितने किसानों को सूखा राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो भुगतान में विलंब क्यों हो रहा है? कब तक सभी प्रभावितों को शेष राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। सूखा राहत राशि के भुगतान हेतु जिला-शिवपुरी को रूपये 25,91,24,123=00 की राशि आवंटित कर दी गयी है।                       समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिकायतों पर कार्यवाही

[परिवहन]

56. ( क्र. 874 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्र.एफ 22-10-2012-आठ, भोपाल दिनांक 05 दिसम्बर 2013 के अनुसार वेण्डर मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड को शासन द्वारा अधिसूचना लागू होने के दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि उपभोक्ता प्रभार के रूप में प्राप्त राशि के अतिरिक्त परिवहन विभाग द्वारा किस-किस कार्य हेतु प्रदान की गई है? मदवार कुल भुगतान की गई राशि का ब्‍यौरा उपलब्ध करावें। (ख) परिवहन विभाग का मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड (वेण्डर) से अनुबंध होने के उपरांत से प्रश्‍न दिनांक तक मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड (वेण्डर) के विरूद्ध लापरवाही एवं अनियमितता किए जाने संबंधी कुल कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या कैग ने अपनी रिपोर्ट में मे. स्मार्ट चिप लिमिटेड (वेण्डर) द्वारा की जा रही लापरवाही एवं अनियमितताओं पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है? यदि हाँ, तो उक्त आपत्ति पर संबंधित फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कैग की रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराते हुए की गई कार्यवाही का ब्‍यौरा दें? (ग) क्या परिवहन विभाग के द्वारा नवीन वाहनों के जीवनकाल कर (Life Time Tax) की राशि, वाहनों की मूल्य राशि पर लगने वाले वस्तु एवं सेवाकर की रकम पर भी वसूला जाता है? यदि हाँ, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दखल रहित भूमि के मान्य दावे

[राजस्व]

57. ( क्र. 876 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई दखल रहित भूमियों के मान्य दावों का ब्यौरा ग्राम की संशोधन पंजी. में दर्ज कर खसरा पंजी. एवं पटवारी मानचित्र में प्रविष्टि दर्ज किये जाने की राज्य शासन भोपाल ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रक्रिया निर्धारित कर कोई आदेश, निर्देश, पत्र, परि‍पत्र जारी नहीं किए?                              (ख) जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक दखल रहित भूमि के कितने दावे मान्य एवं कितने दावे अमान्य किए गए? यह दावे कितने ग्रामों की भूमि के रहे हैं? जिलेवार बताएं। (ग) दखल रहित भूमि के मान्य दावों का विवरण संशोधन पंजी, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है? इस बाबत् भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में क्या प्रावधान रहे हैं? (घ) मान्य दावों का विवरण संशोधन पंजी, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज करवाए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। (ख) जनवरी 2008 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक दखल रहित भूमि के मान्‍य व अमान्‍य दावों की जिलावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ग) वन अधिकार कानून 2006 के तहत मान्‍य दावों के रिकार्ड रखने की व्‍यवस्‍था/प्रक्रिया पृथक से आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी की गई है। अत: प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित निर्देश राजस्व विभाग द्वारा जारी नहीं किए गए है। दखल रहित भूमि का रिकार्ड म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 233 के तहत रखा जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छत्‍ती''

सीमांकन के दौरान पुलिस की उपस्थिति

[राजस्व]

58. ( क्र. 882 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में 1 जनवरी 2017 के पश्चात भूमि सीमांकन के लिए कहाँ-कहाँ सीमांकन के पूर्व पुलिस सुरक्षा चाही गयी? स्थानवार सूची उपलब्ध कराये। (ख) क्या मंदसौर के मुल्तानपुरा में नानूराम जाट की भूमि के सीमांकन हेतु तहसीलदार ने अपने पत्र क्रमांक 185/री-1/2019 दिनाक 10/06/19 को सीमांकन हेतु चौकी प्रभारी मुल्तानपूरा थाना वायडीनगर को पत्र लिखा था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) संबंधी कृषक पिछले 4 सालों से उक्त भूमि पर खेती कर रहा है और उसका अपने किसी भी पड़ोसी से कोई गंभीर विवाद भी नहीं है तो विभाग को पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ी? क्या सीमांकन में देरी के लिए विभाग द्वरा पुलिस प्रोटेक्शन मांग कर सीमांकन कार्य में देरी की जाती है? यदि नहीं, तो मंदसौर में विगत 5 वर्षों  में कितने सीमांकन प्रकरणों में पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की गयी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले में 1 जनवरी 2017 के पश्चात भूमि के सीमांकन के पूर्व पुलिस बल की मांग नहीं की गई। मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2017 के पश्‍चात भूमि के सीमांकन के लिये सीमांकन के पूर्व कुल 47 स्‍थानों पर पुलिस सुरक्षा चाही गई थी। स्‍थानों की सूची तहसीलवार संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। नीमच जिले में 01 जनवरी 2017 के पश्‍चात कुल 07 स्थानों पर सीमांकन प्रकरणों में सीमांकन से पूर्व पुलिस सहायता चाही गई है जो इस प्रकार है 1. तहसील जावद में ग्राम :- आकली, हरिपुरा, सरवानिया महाराज, खेड़ा बांगरेड़, मोड़ी 2.तहसील रामपुरा में ग्राम :- जन्‍नौद, लोटवास (ख) जी हाँ। (ग) मंदसौर जिले के आवेदक राधेश्‍याम पिता नानुराम जाट निवासी रलायता के ग्राम मुल्‍तानपुरा स्थित भूमि सर्वे नंबर 148/1 के कुछ भाग पर मजार होने से तथा मुस्लिम सम्‍प्रदाय के व्‍यक्ति का कब्‍जा संबंधी विवाद के कारण हिन्‍दु मुस्लिम के मध्‍य शांति भंग होने की संभावना को देखते हुए सीमांकन कार्य के दौरान सुरक्षा हेतु पुलिस चाही गई थी। सीमांकन प्रकरणों में मौके पर विवाद होने अथवा शांति भंग होने की संभावना होने पर ही पुलिस बल की मांग की जाती है। विगत पाँच वर्षों में प्रश्नांश (क) में दर्शाए गये मंदसौर के ग्रामो में सुरक्षा की दृष्टि से सीमांकन हेतु पुलिस सुरक्षा चाही गई है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

शासकीय भूमि के संबंध में

[राजस्व]

59. ( क्र. 885 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) नागदा-खाचरौद तहसील में नागदा-खाचरौद शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी शासकीय भूमि है? शहर व ग्रामवार सर्वे क्रं. रकबा सहित सम्पूर्ण विवरण दें? (ख) नागदा-खाचरौद शहर की सीमा अन्तर्गत कितनी शासकीय भूमि पर किन-किन लोगों ने अतिक्रमण कर कब्जा किया है? उनके नाम सहित पृथक-पृथक सर्वे क्रं.रकबा सहित सम्पूर्ण विवरण दें? (ग) शासन के विभिन्न विभागों द्वारा किन-किन प्रयोजनों हेतु भूमि की मांग की गयी है? जनहित को दृष्टिगत रखते हुए क्या शासकीय भूमि उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रयोजनों हेतु?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा-खाचरौद तहसील में नागदा- खाचरौद शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद शहर की सीमा के अन्तर्गत शासकीय भूमि के अतिक्रमण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अनुसार है। (ग) शासन के विभिन्न विभागों द्वारा भूमि की मांग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। जनहित को दृष्टिगत रखते हुए शासकीय विभागों को शासकीय प्रयोजनों हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाती है।

सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

60. ( क्र. 912 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र में 15 जून 2019 की स्थिति में सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने-कितने प्रकरण, कब-कब से लंबित हैं? उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा? तहसीलवार, हल्‍कावार अलग-अलग बतायें। (ख) 15 जून 2019 की स्थिति में खुरई विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने किसान हैं, जिनकी भूमियों पर विभिन्‍न शासकीय निर्माण हो रहे हैं अथवा हो चुके हैं परन्‍तु उनको अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हो सका है? किन-किन कारणों से मुआवजा लंबित है और कब तक निराकृत कर मुआवजा का भुगतान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र में 15 जून 2019 की स्थिति में सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी.6 (4) के निम्नानुसार प्रकरण लंबित है

क्रमांक

तहसील का नाम

नामांतरण

बंटवारा

सीमांकन

आर.बी.सी.6 (4)

1

खुरई

526

335

220

4

2

मालथौन

320

186

121

29

उक्त प्रकरणों का निराकरण विधि अनुसार किया जावेगा। सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी.6 (4) के लंबित प्रकरणों की तहसीलवार, हल्कावार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 15 जून 2019 की स्थिति में खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील खुरई में हनौता सिचांई परियोजना अंतर्गत निम्‍नलिखित ग्रामों के नाम के सामने दर्शित संख्या में किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित है। इन प्रकरणों में भू अर्जन अधिनियम की धारा 11 अन्‍तर्गत प्रारंभिक सूचना का प्रकाशन हो चुका है:-

क्र.

ग्राम का नाम

किसानों की संख्या

1

हनोता

58

2

कौरासा

133

3

दलपतपुर मालगुजारी

108

4

दलपतपुर रैयतवारी

15

5

दलपतपुर ग्रंट

71

6

महूना जाट

146

7

कजरई

24

8

कठैली

18

9

खजरा हरचंद

120

10

गुवारी

17

11

गिलटोरा

50

कुल-11

760

(2) ग्राम सिलौधा से जरवांस मार्ग अंतर्गत निम्न ग्रामों के व्यक्तियों की भूमियों से मार्ग निर्माण किया गया है। प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित होकर अवार्ड पारित होना शेष है:-

क्र.

ग्राम का नाम

किसानों की संख्या

1

जरवांस

21

2

मुकारमपुर

18

3

बागची

26

4

सिलोध

13

कुल-4

78

खुरई वायपास निर्माण में ग्राम रीठौर के 8 कृषकों द्वारा भू-अर्जन की राशि प्राप्त नहीं की गई है। उनके द्वारा भू-अर्जन में पारित आदेश के विरूद्ध माननीय व्यवहार न्यायालय में वाद प्रस्तुत किये गये हैं जो विचाराधीन है।

तहसील मालथौन

क्र.

ग्राम का नाम

किसानों की संख्या

1

खटौरा

68 प्रकरण आवार्ड हेतु लंबित

2

मगरा

35

दिनांक 15/03/2018 को धारा 11 की प्ररंभिक अधिसूचना जारी की गई है। अर्जन निकाय द्वारा मुआवजा राशि जमा न होने से धारा 19 की कार्यवाही लंबित है।

3

बंगेला

37

4

चौकाखुर्द

20

5

चंद्रापुर

233

6

ललोई

56

7

बांदरी

60 दिनांक 29.06.2018 को धारा 11 की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है।

8

झींकनी

16

दिनांक 30/01/2019 को धारा 11 की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है।

9

बरोदिया चन्द्रापुर

17

10

पलेथनी

12

दिनांक 20/02/2018 को धारा 11 की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है।

11

ढिमरई

04

12

मुड़िया गुसांई

99

सरल क्र. 12 से 17 की कार्यवाही धारा 11 की प्रारंभिक अधिसूचना दिनांक 31/05/2019 को की गई है।

13

इमलाखुर्द

51

14

नेतना

86

15

अटाटीला

89

16

सेमराअटा

35

17

पिथौली

96

18

पहरगुवां

258

योग-17

1272

समस्‍त प्रकरणों में भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के प्रावधान अंतर्गत चरणवार कार्यवाही प्रचलित है। समस्‍त प्रकरणों में अंतिम रूप से मुआवजा भुगतान की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

संचालित नलजल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

61. ( क्र. 914 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधान सभा क्षेत्र में दिसम्‍बर 2018 की स्थिति में कितनी नलजल योजनाएं संचालित थी एवं जून 2019 की स्थिति में कितनी संचालित हैं? बंद होने के क्‍या कारण हैं? बंद योजनाएं कब तक चालू कर दी जावेंगी? (ख) खुरई विधान सभा क्षेत्र में दिसम्‍बर 2018 की स्थिति में कितने हैण्‍डपम्‍प चालू स्थिति में थे एवं वर्तमान स्थिति में कितने चालू स्थिति में हैं? (ग) क्‍या इस वर्ष भीषण जल संकट होने के बाद भी खुरई विधान सभा क्षेत्र में दिसम्‍बर 2018 से अभी तक नवीन नलकूप खनन के कार्य नहीं कराये गये और बंद नलकूपों में पाईप लाईन विस्‍तार का कार्य भी नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो क्‍या कारण है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) दिसम्बर 2018 में 49 योजनाएं संचालित थीं तथा जून 2019 में 53 योजनाएं संचालित हैं। स्त्रोत के अभाव, मोटरपंप खराबी एवं विद्युत अवरोध आदि कारणों से कुछ योजनाएं बंद हैं। स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। स्त्रोत विभाग द्वारा विकसित किया जाता है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ख) दिसंबर 2018 में 1509 हैण्डपम्‍प चालू थे तथा वर्तमान में 1362 हैण्डपम्‍प चालू स्थिति में हैं। (ग) नवीन नलकूपों का खनन कार्य एवं जलस्तर से बंद हैण्डपम्‍प के नलकूपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य भी किया है।

बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत राजस्‍व अमले की कमी

[राजस्व]

62. ( क्र. 922 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने, कौन-कौन से अधिकारियों/ कर्मचारियों के कितने पद स्‍वीकृत हैं? तहसीलवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍वीकृत राजस्‍व अमले के पदों के विरूद्ध कौन-कौन, कहाँ पर पदस्‍थ हैं? उल्‍लेखित स्‍वीकृत पदों के अनुरूप कौन-कौन से कितने पद कब से रिक्‍त हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित रिक्‍त पदों की पूर्ति क्‍या शासन द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक पदपूर्ति होगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या शासन द्वारा स्‍लीमनाबाद को पूर्ण तहसील का दर्जा देने संबंधी प्रस्‍ताव शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान कर, राजपत्र में प्रकाशित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक स्‍लीमनाबाद में तहसील कार्यालय स्‍थापित न होने के क्‍या कारण हैं? यहां पर किस प्रकार से कब तक तहसील कार्यालय प्रारंभ हो जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ग) नियमानुसार पदों की पूर्ति की जा रही है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र भोपाल दिनांक 28.09.2018 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 1-7/2013/शा-6 के द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-13 की उपधारा (2) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से उप तहसील स्लीमनाबाद को नवीन तहसील के रूप में गठन हो चुका है।

पेयजल समस्‍या का निराकरण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

63. ( क्र. 943 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सि‍होरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्‍ड सिहोरा के ग्राम पौण्‍ड़ी कला में नल-जल योजना कब प्रारंभ की गई थी? तत्समय ग्राम की आबादी कितनी थी? वर्तमान में ग्राम आबादी कितनी है? आबादी के मान से कितने पानी की आवश्‍यकता है? क्‍या मांग के अनुरूप पानी की पूर्ति नहीं की जा रही है? पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिये नये ट्यूबवैल का खनन अभी तक क्‍यों नहीं कराया गया? कब तक करा लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) समस्‍या के समाधान के लिये शासन द्वारा ग्राम पंचायत को विभिन्‍न योजनाओं से प्रदत्‍त राशि/विभागीय मद से इस मूलभूत समस्‍या का समाधान क्‍यों नहीं कराया जा रहा है? कब तक समस्‍या का समाधान करा लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 1996 में वर्ष 1991 की जनगणनानुसार ग्राम की आबादी 2017 एवं वर्तमान आबादी लगभग 2661 है। ग्राम में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से 1,46,355 लीटर प्रतिदिन पानी की आवश्यकता है। वर्तमान में नल-जल योजना एवं हैण्‍डपम्‍प के माध्यम से मानक अनुसार पेयजल आपूर्ति की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 944 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्‍ड सिहोरा एवं कुण्‍डम के अंतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ नल-जल योजना/हैण्‍डपम्‍प खनन कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करायें। यह भी बतायें कि 20 से 30 साल पुरानी नल-जल योजनाओं को वर्तमान आवश्‍यकताओं के अनुरूप पाईप-लाईन विस्‍तार एवं ट्यूब बैल खनन की क्‍या कार्य योजना बनाई गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनावार विवरण उपलब्‍ध करायें एवं कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा तथा पेयजल की सप्‍लाई कब से शुरू हो जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। आवश्यकतानुसार वित्तीय उपलब्धता के आधार पर ऐसी योजनाओं की आवर्धन योजनाएं बनाई जाती हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। योजना पूर्ण होने के पश्चात से।

आँगनवाड़ी केन्‍द्रों में विद्युत कनेक्‍शन

[महिला एवं बाल विकास]

65. ( क्र. 945 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्‍ड सिहोरा एवं कुण्‍डम अंतर्गत           कहाँ-कहाँ पर आँगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) केन्‍द्रों में ऐसे कितने केन्‍द्र हैं, जो शासकीय भवनों में संचालित हैं और विद्युत कनेक्‍शन उपलब्‍ध हैं एवं ऐसे कितने केन्‍द्र हैं जो भवन विहीन हैं और विद्युत व्‍यवस्‍था नहीं है? पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करावें। भवन विहीन केन्‍द्रों के भवन कब तक बनकर तैयार हो जावेंगे और सभी केन्‍द्रों में विद्युत व्‍यवस्‍था कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत ऐसे केन्द्र जो शासकीय भवन में संचालित है और विद्युत कनेक्शन उपलब्ध हैं तथा ऐसे केन्द्र जो भवन विहीन हैं एवं जिनमे विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं है की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। प्रदेश में विभाग अन्तर्गत आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आँगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। प्रदेश में विभाग अन्तर्गत आँगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था हेतु योजना विचाराधीन है। प्रदेश में विद्युत व्यवस्था की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

फर्जी पंजीयन से टैक्‍स में छूट दी जाना

[परिवहन]

66. ( क्र. 952 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) ट्रेक्टर रजिस्ट्रेशन न. एम.पी.34.-ए.ए 1184, एम.पी.34.-ए.ए 1244, एम.पी.34.-ए.ए. 1243 किसके नाम से है? उनका पूर्ण पता एवं जिला बतायें। क्या उक्त लोग जिला पन्ना के निवासी हैं? यदि हाँ, तो जिला दमोह डालकर फर्जी तरीके से पंजीयन एवं कृषि टैक्स पर छूट दमोह जिले से कैसे ली गई? (ख) क्या दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करवाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टेक्टर रजिस्ट्रेशन में वाहन स्वामी का नाम, पूर्ण पता निम्नानुसार प्रस्तुत है :-

1

MP34 AA 1184

श्री लल्लू साहू, श्री थोवन साहू, ग्राम रायपुर दमोह

2

MP34 AA 1243

श्री अंगद प्रसाद लोधी आत्मज श्री रामस्वरुप लोधी, ग्राम रैयासन्ता जिला दमोह

3

MP34 AA 1244

श्री राघवेन्द्र यादव आत्मज श्री रामदीन यादव, ग्राम मनकी दमोह

वाहन स्वामी का निवास स्थान पन्ना जिले में है एवं कृषि भूमि दमोह जिले में होने के कारण कृषि बंदी के आधार पर जिला दमोह में पंजीयन किया गया है। मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धार 11 (2) के अंतर्गत कोई कर किसी भी मोटरयान पर उद्धगृहणीय नहीं होगा जो अन्नयतः कृषि के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है। जिला परिवहन अधिकारी के पत्र क्रमांक 810 दिनांक 30.08.2017 एवं पत्र क्रमांक 93 दिनांक 24.06.2019 के द्वारा मे. मलैया टेक्टर्स, दमोह को गलत सेल लेटर जारी करने के संबंध में नोटिस जारी कर उनका व्यापार ट्रेड प्रमाण पत्र निलंबित किये जाने हेतु लिखा गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिपेक्ष में मे. मलैया टेक्टर्स, दमोह के द्वारा भविष्य में गलती किये जाने पर उनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जावेगी।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

मजरे-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

67. ( क्र. 953 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने मजरे-टोले हैं, जो पात्रता रखने के बाद भी राजस्व ग्राम घोषित नहीं हो पाये हैं? तहसीलवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित मजरे-टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्तमान में पन्‍ना विधान सभा अंतर्गत एक भी मजरा-टोला ऐसा नहीं है, जिसे शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार राजस्व ग्राम घोषित किया जा सके। (ख) जानकारी निरंक है। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।

अनु. जनजाति के व्‍यक्तियों को पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि

[राजस्व]

68. ( क्र. 958 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले में अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों को पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि एवं भूदान यज्ञ बोर्ड के अंतर्गत आवंटित भूमि पर अन्‍य लोगों के कब्‍जे से संबंधित कितने प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय में विचाराधीन हैं? (ख) उपरोक्‍त विचाराधीन प्ररकणों का निराकरण कब तक किया जायेगा? (ग) इन आवंटित की गई जमीन पर से अन्‍य लोगों द्वारा किये गये कब्‍जों को हटाये जाने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला शिवपुरी में भूदान यज्ञ बोर्ड के अन्तर्गत पटटे के 24 प्रकरण स्‍वमेव निगरानी में लिये जाकर न्यायालयीन प्रक्रिया अन्तर्गत विचाराधीन है। (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों में आगामी ति‍थि 15/07/2019 निर्धारित की जाकर प्रकरणों का निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई।

प्रदेश में संचालित होम्‍योपैथिक महाविद्यालय

[आयुष]

69. ( क्र. 959 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने होम्‍योपैथिक महाविद्यालय संचालित हैं? सूची देवें। (ख) संचालित महाविद्यालय में किस प्रकार के कोर्स कराये जा रहे हैं? (ग) वसुन्‍धरा राजे हो‍म्‍योपैथिक चिकित्‍सा महाविद्यालय ग्‍वालियर में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने छात्र/छात्राओं को दाखिला दिया गया? क्‍या उनके प्रवेश पूरी तरह वैद्य हैं?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।              (ख) बी.एच.एम.एस एवं एम.डी. (होम्‍योपैथी) कोर्स। (ग) वर्ष 2016-17 में 100 एवं वर्ष 2017-18 में 82। माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्देशानुसार आयुष मंत्रालय, भारत शासन के निर्देश के अधीन नहीं।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

सैलाना विधान सभा में फ्लोराइड युक्‍त पानी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

70. ( क्र. 963 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 546 दिनांक 21-2-19 के संदर्भ में बतावें कि 27 फ्लोराइड युक्‍त गाँव में 2016 से शुद्ध पेयजल किस तरह उपलब्‍ध कराया जा रहा है तथा प्रत्‍येक गाँव के पेयजल की 2016 से मई 2019 तक की गई जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध करावें।             (ख) सैलाना विधान सभा में जिन 17 प्रतिशत आबादी को पाईप-लाईन से पानी दिया जा रहा है, उन गाँवों के नाम तथा आबादी बतावें। क्‍या सारे गाँवों में पाईप-लाईन व्यवस्थित रूप से चल रही है? जिन 12 गाँवों में नल-जल योजना प्रगतिरत है तथा जिन 7 गाँवों में अप्रारंभ है, उनके विस्‍तृत कारण गाँव अनुसार बतावें तथा जिम्‍मेदार अधिकारी के नाम बतावें। (ग) क्‍या हैण्‍डपम्‍प से पेयजल, शुद्ध पेयजल की परिभाषा में आता है? यदि नहीं, तो प्रश्‍न क्र. 546 में खण्‍ड (ग) में पूछे गये कि शुद्ध पेयजल कितनी आबादी को दिया जा रहा है, इसका उत्‍तर मात्र पेयजल उपलब्‍ध क्‍यों दिया गया? क्‍या शुद्ध पेयजल और मात्र पेयजल की कैटेगरी एक ही है? (घ) 371 गाँव में नल-जल योजना न होना तथा 83% आबादी का हैण्‍डपम्‍प पानी पीना क्‍या विभाग के दृष्टिकोण में उचित है? इस समस्‍या से निजात कैसे मिलेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) माही नदी के जल को जल शुद्धिकरण यंत्रालय पर उपचारित कर पाईप-लाईन द्वारा ग्राम में स्थापित सिस्टर्न के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।           (ख) हस्तांतरित नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सफल नल-कूप के जल परीक्षण के उपरांत जल, गुणवत्ता के मानकों की सीमा में होने पर ही हैण्‍डपम्‍प लगाया जाता है। अतः हैण्‍डपम्‍प का जल पीने योग्य होने से पेयजल के रूप में उपयोग किया जाता है। जी हाँ। (घ) वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकता अनुसार नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र में 86 योजनाएं स्वीकृत होकर 70 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त मझोड़िया समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत विधान सभा के लगभग 146 ग्रामों को सम्मिलित किया जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। तकनीकी व्यवहारिकता पाए जाने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।

एन.आर.सी. केन्‍द्र 

[महिला एवं बाल विकास]

71. ( क्र. 972 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितने एन.आर.सी. केन्‍द्रों में कुपोषित बच्‍चों को पोषित किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने केन्‍द्र भवनों में संचालित हैं एवं कितने भवन विहीन स्‍थानों में संचालित हैं? भवन विहीन केन्‍द्रों में कब तक भवन का निर्माण कराया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत 01 पोषण पुनर्वास केन्द्र (एन.आर.सी.) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में संचालित है जिसमें कुपोषित बच्चों को पोषित किया जा रहा है। (ख) उपरोक्त पोषण पुनर्वास केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया जिला रीवा के शासकीय भवन में संचालित है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

भूमि का आधिपत्‍य एवं अधिग्रहण

[राजस्व]

72. ( क्र. 996 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या सर्वे क्र. 224, सर्वे क्र. 225 एवं सर्वे क्र. 226 जावरा नगर चौपाटी स्थित होकर बोरदा, बन्‍नाखेड़ा इत्‍यादि के अंतर्गत आजादी के पूर्व नवाब काल से लेकर आजादी के पश्‍चात शासनाधीन भूमि होकर शासन के स्‍वामित्‍व की रही है? (ख) साथ ही आजादी के पूर्व नवाबी रियासत के दस्‍तावेजों में एवं आजादी के पश्‍चात मध्‍यभारत प्रांत/म.प्र. राज्‍य के राजस्‍व विभाग के विभागीय राजस्‍व दस्‍तावेजों में भूमि का स्‍वामित्‍व शासन/राजस्‍व विभाग/नजूल विभाग का रहा है? (ग) क्‍या उक्‍त रिक्‍त भूमियां जावरा नगर चौपाटी फोरलेन स्थित होने से विभिन्‍न कूटरचित शंकास्‍पद षड़यंत्रपूर्वक बनाए गये आधारों पर इसे विवादित भूमि बनाने की एवं भू-‍माफियाओं द्वारा हड़पने की कोशिश की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो बढ़ती जनसंख्‍या, बढ़ती आवश्‍यकताओं एवं जावरा नगर चौपाटी स्थित बस स्‍टेण्‍ड के आस-पास कोई रिक्‍त भूमि भी नहीं होने से जनहित में क्‍या शासन/विभाग स्‍वयं अपने स्‍वामित्‍व की भूमि का विधिवत् आधिपत्‍य शासनाधीन कर जनकार्यों हेतु इसे स्‍वयं अधिग्रहित करेगा अथवा आवश्‍यकताओं हेतु इसे आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क.) सर्वे क्रमांक 224 कभी भी शासकीय नहीं रहा तथा सर्वे क्रमांक 225, 226 समय-समय पर शासकीय दर्ज रहे हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं, परन्तु प्रश्नाधीन भूमियों के संबंध में माननीय व्यवहार न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में अनेक प्रकरण विचाराधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं होता है।

आँगनवाड़ी केन्‍द्रों के कार्य

[महिला एवं बाल विकास]

73. ( क्र. 997 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित विभिन्‍न योजनाओं के माध्‍यम से शासन/विभाग द्वारा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिशुओं एवं माताओं-बहिनों हेतु अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो आँगनवाड़ी केन्‍द्रों पर माताओं-बहिनों के स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण, स्‍वास्‍थ्‍य रक्षक दवाईयों तथा पौष्टिक आहार एवं शिशुओं हेतु पौष्टिक आहार एवं मध्‍यान्‍ह भोजन के साथ ही और क्‍या-क्‍या किया जाता है? (ग) बताएं कि किस-किस प्रकार का परीक्षण कब-कब किया जाता है? दवाईयां    क्‍या-क्‍या रखी जाती हैं तथा शिशुओं के स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण हेतु विशेषज्ञों को कब-कब दिखाया जाता है? रतलाम जिले में वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कुपोषित बच्‍चों की संख्‍या कितनी है? (घ) वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त कार्यों हेतु रतलाम जिले को कितना बजट प्राप्‍त हुआ एवं आँगनवाड़ी केन्‍द्रों तक कितना-कितना बजट भेजा? यदि विभागीय माध्‍यम से अथवा एजेंसी या स्‍व-सहायता समूहों को राशि आवंटित कर योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया हो तो जानकारी देवें

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) आँगनवाड़ी केन्द्रों पर माताओं-बहिनों के स्वास्थ्य परीक्षण, स्वास्थ्य रक्षक दवाईयों तथा पौष्टिक आहार एवं शिशुओं हेतु पौष्टिक आहार एवं मध्यान्ह भोजन के साथ ही समुदाय आधारित गतिविधियों (मंगल दिवस) तथा ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन किया जाता है। (ग) ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा हितग्राहियों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं बीमार तथा कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर अस्पताल रेफर किया जाता है। आँगनवाड़ी केन्द्रों पर मेडिसिन किट में निम्नानुसार दवाईयां होती है:-

Paracetamol Tab IP 500mg, Ablendazpole Tab IP 400mg, paracetamol syrup IP 60 ml, chloromphenicol eye oint, povidone lodine ointment 5% USP, Gama benzene hexachloride, Oral rehydration, Absorbent cotton wool IP, Rolled bandage, Medicated pad, Metronidazole tab IP 200 mg, Chlorine tablet for water purifier, Toilet soap liquid, Herbal hand sanitizer.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम विशेषज्ञों द्वारा आवश्यकतानुसार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। रतलाम जिले में वर्ष 2016-2017 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुपोषित बच्चों की संख्या निम्नानुसार है:-

क्रमांक

वर्ष

कुपोषित बच्चों की संख्या

1

2016-2017

4809

2

2017-2018

3564

3

2018-2019

3314

(घ) रतलाम जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है:-

क्रमांक

वर्ष

मंगल दिवस

पोषण आहार

प्राप्त आवंटन

व्यय

प्राप्त आवंटन

व्यय

1

2016-2017

4912267

4912267

109769231

109769231

2

2017-2018

3784500

2500600

96945854

96891099

3

2018-2019

3994800

3994800

93672236

93672236

आँगनवाड़ी केन्द्रों पर समुदाय आधारित गतिविधियों (मंगल दिवस) के आयोजन हेतु आँगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को आँगनवाड़ी केन्द्र पर सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

हरदा जिलांतर्गत हैण्‍डपम्‍पों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

74. ( क्र. 1013 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में 01 दिसम्‍बर 2018 से 14 जून 2019 तक पेयजल हेतु किस-किस ग्राम में कितने हैण्‍डपम्‍प स्‍वीकृत किए गए? (ख) क्‍या स्‍वीकृत हैण्‍डपम्‍पों की संख्‍या आवश्‍यकता के अनुरूप पर्याप्‍त थी? यदि नहीं, तो कितने हैण्‍डपम्‍पों की और आवश्‍यकता थी? (ग) स्‍वीकृत हैण्‍डपम्‍प किस-किस गाँव में लगाए गए एवं कितने ग्रामों में हैण्‍डपम्‍प स्‍वीकृत होने के बाद भी नहीं लग पाए? (घ) भविष्‍य में पेयजल की आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्‍लान बनाया गया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 39 हैण्‍डपम्‍प स्वीकृत किए गए। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृत सभी ग्रामों में। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकता अनुसार नवीन नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन, नवीन नल-कूप खनन कर हैण्‍डपम्‍प स्थापना का कार्य तथा स्त्रोतों के स्थायित्व हेतु भू-जल संवर्धन का कार्य भी योजना में किया जाना प्रस्तावित है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

नामांतरण के संबंध में

[राजस्व]

75. ( क्र. 1025 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर की तहसील छतरपुर में दिनांक 02.03.2019 आवक क्रमांक 325 को एवं उक्‍त शिकायत के संबंध में सी.एम. हेल्‍प लाइन नं. 7982356 पर शिकायत की गयी थी? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त शिकायत पर सक्षम अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से संपर्क कर शिकायतकर्ता को संतुष्‍ट कर शिकायत का निराकरण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो सक्षम अधिकारी द्वारा‍ शिकायतकर्ता को कब संतुष्‍ट कर निराकरण किया गया था? उल्‍लेख करें। (ग) जिला छतरपुर तहसील छतरपुर के हल्‍का मौजा सौरा में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब नामांतरण पंजी में दर्ज कर नामांतरण एवं तहसील न्‍यायालय में नामांतरण आदेश जारी किये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार क्‍या नामांतरण पंजी पर दर्ज कर नामांतरण एवं तहसील न्‍यायालय में नामांतरण आदेशों पर सभी नामांतरणों पर जुर्माने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : क) जी हाँ। जी हाँ।। (ख) शिकायतकर्ता को दी गई समझाइश अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा नामांतरण हेतु विधिवत् आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करने पर प्रकरण क्रमांक 75/अ-6/2019-20 पंजीबद्ध कर दिनांक 24/06/2019 को नामांतरण आदेश पारित किया जा चुका है। (ग) तहसील छतरपुर अंतर्गत मौजा सौरा में वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण पंजी से 3161 एवं न्‍यायालय से पारित 249 कुल 3410 नामांतरण किए गए है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार नामांतरण पंजी पर दर्ज नामांतरण एवं तहसील न्‍यायालय में दर्ज नामांतरण आदेशों में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के अनुसार धारा 109 (3) का उल्‍लंघन पाए जाने पर ही दण्‍ड की कार्यवाही की गयी है तथा जिन प्रकरणों में उल्‍लंघन नहीं हुआ है, उनमें अर्थदण्‍ड की कार्यवाही नहीं की गयी है।

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 1026 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के नगर पंचायत सटई, बक्‍सवाहा, धुवारा एवं राजनगर में संचालित शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों को वर्ष 2011 से 2017 की अवधि तक कब-कब माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा स्‍थगन आदेश जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या शासन व प्रशासन द्वारा उक्‍त स्थगन आदेश एवं याचिका समाप्‍त कराने हेतु कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या शासन और प्रशासन उक्‍त शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों की जाँच करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तकयदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार उक्‍त शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों पर यदि अनियमितता मिलती है, तो क्‍या शासन उक्‍त दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही कर माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में केविएट दायर करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्‍थगन आदेश वेकेट कराने एवं याचिकाओं को निरस्‍त कराने हेतु कुल 17 प्रकरणों में प्रभारी अधिकारियों के द्वारा जवाब दावा प्रस्‍तुत किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।   (ग) राज्‍य शासन द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों के निरीक्षण हेतु पूर्व में निर्देश जारी हैं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जाँच प्रकरणों में गंभीर अनियमितता पाये जाने पर प्रकरण के परीक्षणोपरांत निलंबन/निरस्‍तीकरण आदेश सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाते हैं। किसी प्रकरण में केविएट की आवश्‍यकता होने पर कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

प्रशिक्षण केन्‍द्र में अनियमितताएं

[महिला एवं बाल विकास]

77. ( क्र. 1030 ) श्री राकेश गिरि : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला टीकमगढ़ में संचालित महिला एवं बाल विकास द्वारा आँगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्‍द्र में वर्तमान में पदस्‍थ प्रभारी अधिकारी द्वारा वित्‍तीय अनियमिततायें की जा रही हैं, इसमें आयोजित प्रशिक्षणों सहित विभिन्‍न गतिविधियों के आयोजन में फर्जी ढंग से व्‍यय किया जाना जारी है? वर्ष 2014-15 से आयोजित प्रशिक्षणों सहित समस्‍त गतिविधियों पर मदवार व्‍यय राशि एवं उनके सत्‍यापित देयकों कि विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) वर्ष 2014-15 में तत्‍कालीन प्रभारी अधिकारी श्री डी.के. दीक्षित द्वारा पदस्‍थी दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों में कितनी राशि व्‍यय की गई? मदवार, योजनावार देयकों की प्रमाणित प्रति प्रदाय करें। (ग) पदस्‍थी दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त अधिकारी द्वारा कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई है एवं कैसे क्रय की गई है? (घ) क्‍या उक्‍त अधिकरी द्वारा की गई वित्‍तीय अनियमितताओं की सूक्ष्‍म जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला टीकमगढ़ में संचालित आँगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र को विभागीय आदेश क्र. 2039/610/2019/50-2 (ए.एन.) से जिला सागर स्‍थानांतरित कर दिया गया है। जिला टीकमगढ़ में संचालन की अवधि में इस प्रकार की किसी भी प्रकार की अनियमितता महालेखाकार ग्वालियर के निरीक्षण दल द्वारा की गई ऑडिट में नहीं पाई गई है। वर्ष 2014-15 से आयोजित प्रशिक्षणों सहित समस्त गतिविधियों पर मदवार व्यय राशि एवं उनके सत्यापित देयकों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ अनुसार है।                  (ख) श्री डी.के. दीक्षित द्वारा कार्यों में व्‍यय की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र’ अनुसार है। (ग) वर्षवार क्रय सामग्री की गई सामग्री का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

कुमरगढाओं की भूमियों को अतिक्रमण मुक्‍त कराया जाना

[राजस्व]

78. ( क्र. 1031 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) टीकमगढ़ जिले में कुमरगढाओं के लिये कुल कितनी भूमि ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्रों में आवंटित है? ग्रामवार, खसरा नम्‍बरों तथा रकबा सहित बतायें। (ख) क्‍या उक्‍त आवंटित भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्‍जा कर रखा है? यदि हाँ, तो कुमरगढ़ा की भूमि पर अवैध रूप से कब्‍जाधारियों की सूची ग्रामवार, खसरा नंबरों व रकवा सहित बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित कुमरगढ़ा के लिये आवंटित/आरक्षित भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्‍त करा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुमरगढाओं के लिये 167 ग्रामों में कुल 209 खसरा कुल रकबा 82.503 भूमि आवंटित है, विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मनसुख तनय पजना कुशवाह निवासी मामौन खसरा न। 215/18 मिन-1 रकवा 3015 पर कच्चा मकान बनाकर कब्जा है। अतिक्रमणकर्ता की मृत्यु होने पर उसके पुत्र जगदीश, नंदराम का कब्जा है। कब्जा हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। कुंजीलाल तनय दुर्गप्रसाद अहिरवार निवासी मिनोरा का खसरा न 329 रकबा 0.146 के अंश रकबा 5212 पर पक्का आवासीय मकान निर्माण कर लिया गया है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नल-जल योजनाएं 

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

79. ( क्र. 1054 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्‍पराजगढ़ और जैतहरी विकासखण्‍ड में वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी नल-जल योजनायें कहाँ-कहाँ पर स्‍थापित की गई हैं? उनमें से कितनी योजनायें पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद हैं और इसके क्‍या कारण हैं? योजनावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) पुष्‍पराजगढ़ और जैतहरी विकासखण्‍ड में कितनी बसाहट में पीने के पानी के लिये कितने हैण्‍डपम्‍प हैं? कितने हैण्‍डपम्‍पों में पानी का स्‍तर कम होने से स्‍थाई तौर पर बंद हैं? कितने गाँव/बसाहट हैण्‍डपम्‍प विहीन हैं? उनके नाम बतायें, वहां पेयजल की विभाग ने क्‍या-क्‍या व्‍यवस्‍थायें की हैं? (ग) विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नल-जल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्‍तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनायें पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं? वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक सिविल और मैकेनिकल डिवीजन में कितनी राशि व्‍यय की गई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के 1109 बसाहटों में 2876 हैण्‍डपम्‍प एवं जैतहरी विकासखण्ड की 688 बसाहटों में 3096 हैण्‍डपम्‍प स्थापित हैं। जलस्तर नीचे जाने से कोई भी हैण्‍डपम्‍प स्थाई तौर पर बंद नहीं है। कोई भी ग्राम/बसाहट हैण्‍डपम्‍प विहीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) पुष्पराजगढ़ और जैतहरी विकासखण्ड की पूर्ण की गई 12 योजनाओं में से 06 योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित हैं। कोई भी योजना बंद नहीं है। व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 

परिशिष्ट - ''बयालीस''

राजस्‍व ग्राम घोषित करना 

[राजस्व]

80. ( क्र. 1055 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में ऐसे कितने मजरे-टोले हैं जिनकी आबादी 100 से ज्‍यादा है और वह राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं है? नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।             (ख) मजरे-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने के लिये नियम प्रक्रिया क्‍या है? नियम की प्रति भी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्‍त मजरा-टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित करने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई, तो क्‍यों और इन्‍हें कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोई ग्राम नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नियम/प्रक्रिया संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

राजस्‍व भूमि जानकारी

[राजस्व]

81. ( क्र. 1059 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन ने वर्ष 1998-2003 की समयावधि में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए शासकीय भूमि के पट्टे प्रदाय करने का नि‍र्णय लिया था? यदि हाँ, तो तब से प्रश्‍न दिनांक तक सागर जिले की बंडा एवं शाहगढ़ तहसील में इन वर्गों को कितने पट्टे वितरित किये गये? पृथक-पृथक वर्गवार देवें। (ख) इनमें से कितने पट्टाधारियों के नाम राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज हैं? वर्गवार बतावें। (ग) राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज न होने से जिन हितग्राहियों के पट्टे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के चलते वन विभाग को स्‍थानांतरित हो गये उनके जवाबदेह अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) कब तक ये हस्‍तातंरण निरस्‍त कर, ये पट्टे वापस कर दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सागर जिले की तहसील बंडा एवं शाहगढ़ की जानकारी निम्नानुसार है :-

क्र.

तह. का नाम

अनु.जाति

अनु.जनजाति

योग

1

बण्डा

128

259

387

2

शाहगढ़

36

20

56

 (ख) पट्टाधारियों की संख्‍या जिनके नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज हैं :-

क्र.

तह. का नाम

अनु.जाति

अनु.जनजाति

योग

1

बण्डा

65

144

209

2

शाहगढ़

36

20

56

(ग) 73 पट्टे भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 राजपत्र अधिसूचना क्र. 2026 दिनांक 17.04.1971 के अनुसार वन विभाग को राजस्व भूमि हस्तांतरित होने के बाद से जारी किये गये थे। अत: पट्टे अनुविभागीय अधिकारी के आदेशानुसार उन्‍हें निरस्त किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।

आयुष दवाओं खरीदी 

[आयुष]

82. ( क्र. 1064 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.17 से 31.05.19 तक उज्‍जैन जिले में कितनी दवाएं शासन स्‍तर से प्रदाय की गई? कितनी दवाएं स्‍थानीय स्‍तर पर खरीदी की गई? पृथक-पृ‍थक माहवार जानकारी देवें।              (ख) स्‍थानीय स्‍तर पर खरीदी दवाओं की खरीदी प्रक्रिया की पूरी जानकारी माहवार-वर्षवार देवें।           (ग) प्रदायकर्ता फर्म द्वारा प्रस्‍तुत बिलों का विवरण देवें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ एवं ‘‘’’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश अवधि में (वर्ष 2017-18 एवं 2018-19) स्थानीय स्तर पर प्रधानाचार्य शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन द्वारा खरीदी की प्रक्रिया भंडार क्रय नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर दीनदयाल अंत्योदय योजना एवं पेंशनरों हेतु दवायें क्रय की गई हैं। जिला आयुष कार्यालय उज्जैन द्वारा प्रधानाचार्य शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन की निविदा दरों पर ही क्रय की कार्यवाही की गई है। वर्ष 2019-20 में आचार संहिता होने के कारण निविदा आमंत्रित न करके वर्ष 2018-19 की दरों पर ही 31.05.19 तक दवाईयां क्रय की गई।             (ग) प्रदायकर्ता फर्म द्वारा प्रस्तुत बिलों का विवरण/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ एवं ‘‘’’ अनुसार।

उज्‍जैन जिले में बोर खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

83. ( क्र. 1065 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में वर्ष 2018-19 में कितने बोर खनन किए गए? कितनी मोटरें लगाई गई? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) इनका निरीक्षण/सत्‍यापनकर्ता अधिकारी के नाम एवं विवरण देवें। (ग) क्‍या बोर खनन निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार हुआ है? इसमें कहाँ-कहाँ शिकायतें हुई हैं? (घ) इन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी हाँ। बोर खनन करने के संबंध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

निर्भया फण्‍ड

[महिला एवं बाल विकास]

84. ( क्र. 1067 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्‍द्रीय शासन नई दिल्‍ली ने प्रदेश शासन को निर्भया फण्‍ड की कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्‍यय हुई है? इस राशि के व्‍यय के संबंध में केन्‍द्र शासन के क्‍या निर्देश हैं? (ख) प्रदेश शासन ने किन-किन जिलों में वन स्‍टॉप सेंटर कब कितनी-कितनी राशि में बनाये गये हैं एवं किन-किन जिलों में अभी तक नहीं बनाये गये है एवं क्‍यों? इन सेंटरों में क्‍या-क्‍या सुविधाएं व व्‍यवस्‍था क्‍या हैं? (ग) निर्भया कांड के बाद प्रदेश के किन-किन जिलों में दुष्‍कर्म व हिंसा से पीड़ित कितनी-कितनी शिकायतें पंजीकृत की गई हैं?     किन-किन वन स्‍टॉप सेंटर में दुष्‍कर्म व हिंसा से पीड़ि‍त कितनी-कितनी महिलाओं को आश्रय के साथ-साथ चिकित्‍सा सुविधा कानूनी व पुलिस सहायता के साथ मनोचि‍कित्‍सा का परामर्श दिया गया है? वर्षवार व जिलावार पृथक-पृथक संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांकित किन-किन जिलों के वन स्‍टॉप सेंटर की वर्तमान में क्‍या स्थिति है? किन-किन वन स्‍टॉप सेंटर का संचालन कब से किसके द्वारा किया जा रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02‘‘ अनुसार वन स्‍टॉप सेंटर पर अस्‍थाई आश्रय, पुलिस सुविधा विधिक सहायता परामर्श, चिकित्‍सा सुविधायें प्रदान की जाती हैं। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘03‘‘ अनुसार है। (घ) वर्तमान में राज्‍य के 51 जिलों में वन स्‍टॉप सेंटर संचालित किये जा रहे हैं। जिला भोपाल में अशासकीय संस्‍था एवं शेष जिलों में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वन स्‍टॉप सेंटर संचालित किये जा रहे हैं।

कुपोषण के उपचार हेतु संचालित योजनाएं 

[महिला एवं बाल विकास]

85. ( क्र. 1071 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर को कुपोषण की रोकथाम कुपोषित बच्‍चों की खोज व कुपोषित बच्‍चों के उपचार हेतु शासन की संचालित किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन योजनाओं में कितनी राशि व्‍यय हुई? योजनाओं के प्रचार-प्रसार मुद्रण कार्य सामग्री आदि की खरीदी पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की योजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित संचालित किन-किन योजनाओं के तहत कितने दिवसीय शिविरों का आयोजन किया गया? इन शिविरों में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों व स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं ने भाग लिया? इन शिविरों के आयोजन पर                किन-किन कार्यों में कुल कितनी राशि व्‍यय हुई? अधिकारियों/कर्मचारियों के मानदेय यात्रा भत्‍ता भोजन व आवास व्‍यवस्‍था पर कितनी राशि व्‍यय हुई? शिविरों पर व्‍यय राशि का सत्‍यापन कब एवं किसने किया है? (ग) प्रश्‍नांकित शिविरों में कितने कुपोषित कितने बच्‍चों को चिन्हित किया गया? कितने बच्‍चों को कितनी राशि की दवाईयां आदि वितरित की गई तथा कितने कुपोषित बच्‍चों को उपचार हेतु पोषण पुनर्वास केन्‍द्रों में भर्ती कराया गया? जनपद पंचायतवार कुपोषित बच्‍चों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दें

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग अंतर्गत जबलपुर जिले में कुपोषण की रोकथाम, कुपोषित बच्चों की खोज व कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आवंटित एवं व्यय राशि की वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की जानकारी योजनावार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। योजनाओं के प्रचार प्रसार, मुद्रण कार्य सामग्री आदि की खरीदी पर वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक व्यय राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में सुपोषण अभियान के तहत 12 दिवसीय स्नेह शिविरों का आयोजन आँगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर समय-समय पर किया, जिसमें परियोजना अधिकारी/चिकित्सक/पर्यवेक्षक/आ.बा. कार्यकर्ता एवं कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं के द्वारा भाग लिया गया। शिविरों में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है। अधिकारियों/कर्मचारियों के मानदेय यात्रा भत्ता भोजन व आवास व्यवस्था पर राशि व्यय नहीं की गई है। शिविरों में व्यय की गई राशि का सत्यापन परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक द्वारा किया जाता है। (ग) जबलपुर जिले में वर्ष 2015-16 से            2018-19 तक वजन अभियान एवं विशेष वजन अभियान अंतर्गत कुल 7841 बच्चों को चिन्हित किया गया। शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क दवाईयाँ वितरित की जाती हैं। जनपद पंचायतवार शिविरों के दौरान चिन्हित एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराये गये कुपोषित बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार है।

आँगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य

[महिला एवं बाल विकास]

86. ( क्र. 1072 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आँगनवाड़ी भवन ग्राम महगवां (वर्तमान में वार्ड क्रमांक 79 नगर निगम, जबलपुर में शामिल) का निर्माण कार्य तत्‍कालीन ग्राम पंचायत महगवां जनपद पंचायत पनागर विधान सभा केंट को कब सौंपा गया था? इसके लिए ग्राम पंचायत को कब कितनी राशि प्रदाय की गई थी एवं कितनी राशि व्‍यय हुई? कुल कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उक्‍त कार्य कब से बंद पड़ा है एवं क्‍यों? अपूर्ण कार्य क्षतिग्रस्‍त हो रहा है, इसकी जवाबदारी किसकी है? वर्तमान में भवन का आधिपत्य कब से किसके अधीन है? बतलावें। भवन को पूर्ण करवाने हेतु क्‍या किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आँगनवाड़ी भवन ग्राम महगवां (वर्तमान में वार्ड क्रमांक 79 नगर निगम, जबलपुर में शामिल) का निर्माण कार्य तत्कालीन ग्राम पंचायत महगवां जनपद पंचायत पनागर द्वारा वर्ष 2009-10 में विधान सभा केंट को सौंपा गया था। आँगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु ग्राम पंचायत महगवां को वर्ष 2009-10 में प्रथम किस्त की राशि 120000/- प्रदाय की गई थी, उक्त राशि का व्यय ग्राम पंचायत महगवां द्वारा वर्ष 2010-11 में भवन निर्माण हेतु किया गया, जिससे छत स्तर तक निर्माण कार्य हो चुका है। आँगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु राज्य आयोजना मद अंतर्गत वर्ष 2009-10 में कुल 240000/- की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई थी। (ख) निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत महगवां के द्वारा निर्माण कार्य वर्ष 2010-2011 में प्रारंभ कर दिया गया था। निर्माण कार्य छत स्तर तक पूर्ण हो चुका है। वर्ष 2011-12 से निर्माण कार्य अपूर्ण/बंद है क्योंकि परिसीमन के पश्चात उक्त आँगनवाड़ी केन्द्र नगर निगम जबलपुर में सम्मिलित कर लिया गया। भवन का आधिपत्य महिला एवं बाल विकास के द्वारा अपूर्ण निर्माण कार्य होने से नहीं लिया गया है। अतः निर्माण कार्य पूर्ण होने तक, भवन के निर्माण एवं देख-रेख तथा क्षतिग्रस्त होने से बचाव की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है। आँगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिये नवीन निर्माण एजेंसी का निर्धारण करने की कार्यवाही की जा रही है। परिसीमन के पश्‍चात उक्‍त आँगनवाड़ी केन्‍द्र नगर निगम जबलपुर में सम्मिलित होने के कारण आँगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिये जबलपुर नगर निगम क्षेत्र हेतु नवीन निर्माण एजेंसी का निर्धारण करने की कार्यवाही की जा रही है।

पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान किया जाना 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

87. ( क्र. 1079 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्‍न नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायत के अंतर्गत स्थित विभिन्‍न ग्राम पंचायतों में अनेकों ऐसे गरीबी रेखा कार्डधारी व अन्‍य योजनाओं में पात्र हितग्राही हैं जिन्‍हें पात्रता होने के बाद भी खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई हैं? ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों की नगरीय निकाय व ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची पात्र होने के बाद भी प्रदान नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? (ग) ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों को विभाग द्वारा खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 6670 परिवारों को अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना एवं 40458 परिवारों को प्राथमिकता श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की जाकर राशन वितरण किया जा रहा है। नगरीय निकाय एवं पंचायतवार विभिन्‍न हितग्राहियों श्रेणियों के आवेदकों के नाम जो कि समग्र पोर्टल द्वारा उपलब्‍ध कराए गए है, उनकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्‍थानीय निकाय द्वारा सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्‍या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।            (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार।

शासकीय भूमि की जानकारी

[राजस्व]

88. ( क्र. 1080 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में तहसील परासिया एवं तहसील उमरेठ में स्थित नगरीय निकाय, नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों में कहाँ-कहाँ कितनी शासकीय भूमि उपलब्‍ध है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) शासकीय भूमि को किसी संस्‍था या अन्‍य को आवंटित करने के क्‍या दिशा-निर्देश हैं? नियमावली उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील परासिया स्थित ग्राम पंचायतों में उपलब्‍ध शासकीय भूमि की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

ग्राम पंचायतों के अंतर्गत शासकीय भूमि निम्नवत है -

(ग्राम पंचायतों में)

मद

रकबा (हेक्‍टेयर)

1. आबादी

165.542

2. अमराई बाग

0.486

3. बडे झाड़ का जंगल

5905.077

4. छोडे झाड़ का जंगल

1917.567

5. पानी के नीचे

1569.497

6. पहाड़-चट्टान

2265.392

7. सड़क-इमारत

494.139

योग

12317.700


तहसील परासिया स्थित नगर पंचायतों में स्थित शासकीय भूमि की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

मद

नगर पंचायत का नाम रकवा (हेक्टेयर में)

परासिया

चांदामेटा

न्‍यूटन चिखली

बड़कुही

आबादी

34.996

29.645

28.695

11.672

अमराई बाग

0.000

0.000

0.000

0.000

बड़े झाड़ का जंगल

24.067

113.793

50.125

54.447

छोडे झाड़ का जंगल

20.537

135.709

69.605

91.734

पानी के नीचे

10.382

22.480

53.222

10.366

पहाड़-चट्टान

8.078

42.152

0.000

0.000

सड़क-इमारत

62.264

63.035

45.853

20.942

योग

160.324

406.814

247.500

189.161

तहसील उमरेठ स्थित नगरीय निकायों (नगर पंचायत) में शासकीय भूमि की जानकारी निरंक है। तहसील उमरेठ ग्राम पंचायतों के संबंध जानकारी निम्‍नानुसार है :-

तहसील उमरेठ (ग्राम पंचायतों में)

मद

रकबा (हेक्टेयर)

1. आबादी

154

2. अमराई बाग

0

3. बड़े झाड़ का जंगल

2070

4. छोडे झाड़ का जंगल

1093

5. पानी के नीचे

1854

6. पहाड़-चट्टान

164

7 सड़क-इमारत

456

योग

5794

(ख) नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में दिया गया मानदेय

[संस्कृति]

89. ( क्र. 1112 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 तक कितने सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, कराये गये तथा शामिल कलाकारों की कुल कितनी राशि का मानदेय दिया? टेंट, लाईट, होटल, वाहन, यात्रा टिकिट, भोजन, विज्ञापन, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, इवेंट मैनेजर उपचार आदि मद में कितना-कितना व्‍यय हुआ? वर्ष अनुसार जानकारी दें। (ख) तत्‍कालीन माननीय मुख्‍यमंत्री जी की वर्ष 2016-17 की नर्मदा यात्रा को क्‍या शासकीय आयोजन घोषित किया गया था? बतावें कि यात्रा के दौरान कौन-कौन से स्‍थान पर कौन सा कार्यक्रम किस कलाकार का आयोजित किया गया? यात्रा पर कुल कितना खर्च हुआ?                 (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित यात्रा के समापन अवसर पर कौन-कौन अतिथि थे तथा कुल कितना खर्च प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित विभिन्‍न पद अनुसार भुगतान किस फर्म/व्‍यक्ति को किस दिनांक को किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में उल्‍लेखित किस कार्य के लिये टेण्‍डर निकाले गये? कौन सा कार्य स्‍वीकृत दर से करवाया गया तथा कौन सा कार्य मध्‍यप्रदेश माध्‍यम जनसम्‍‍पर्क या अन्‍य विभाग से करवाया गया? यदि किसी कार्य में ऑडिट आपत्ति आई हो तो आपत्ति के प्रकार सहित जानकारी देवें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार. (ख) जी हाँ. नर्मदा यात्रा के दौरान आयोजित किए गए कार्यक्रमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार. इन कार्यक्रमों पर कुल रूपये 85,52,150/- व्‍यय हुआ है. (ग) नर्मदा यात्रा के समापन अवसर पर अतिथियों को इस विभाग द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया. शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.

राशन वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 1113 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) राशन वितरण में प्रदेश के किस-किस शहर में वर्ष 2014 से 2018 के मध्‍य घोटाला उजागर हुआ तथा कितने शहरों में पुलिस में प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित वर्ष के 31 दिसंबर की दिनांक को रतलाम जिले में हितग्राहियों की कुल संख्‍या कितनी है तथा वर्ष भर में कुल कितनी मात्रा में कौन-कौन सी सामग्री वितरित की गई? (ग) क्‍या रतलाम में 8 राशन दुकानों पर 10 करोड़ से ज्‍यादा के घोटाले पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो यह घोटाला किस अवधि का है तथा किस प्रकार से फर्जी हितग्राही इन दुकानों पर पाये गये, उसी पेटर्न पर प्रदेश की सारी राशन दुकानों की जाँच क्‍यों नहीं की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) उल्‍लेखित अवधि में उज्‍जैन संभाग में हितग्राहियों की संख्‍या तथा जनवरी 2019 में हितग्राहियों की संख्‍या कितनी है? उक्‍त अवधि में हितग्राहियों की संख्‍या का सत्‍यापन रतलाम सहित उज्‍जैन संभाग के अन्‍य शहरों में क्‍यों नहीं किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रदेश के नरसिंहपुर, श्‍योपुर, शाजापुर, गुना, भोपाल, उज्‍जैन, जबलपुर, ग्‍वालियर, कटनी, रतलाम शहर में विभिन्‍न अनियमितता के मामले प्रकाश में आये हैं। आठ शहरों में पुलिस में प्रकरण दर्ज किए गए। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) रतलाम में 2017 में रेण्‍डम पद्धति से 08 दुकानों की जाँच की गई जिसमें अनियमितता पाए जाने पर वर्ष 2018 में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जिलों में समय-समय पर निरीक्षण एवं जाँच के निर्देश हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) उल्‍लेखित अवधि में उज्‍जैन संभाग में हितग्राहियों की संख्‍या तथा जनवरी 2019 में हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। उक्‍त अवधि में हितग्राहियों की संख्‍या का सत्‍यापन रतलाम सहित उज्‍जैन संभाग के अन्‍य शहरों में किया गया है।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

पेयजल व्‍यवस्‍था की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

91. ( क्र. 1120 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग में पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु, नवीन नल-जल योजनाओं की स्‍वीकृति हेतु, नवीन हैण्‍डपम्‍पों के खनन हेतु, पुरानी नल-जल योजनाओं को संचालित कराने हेतु एवं इससे संबंधित सभी कार्यों हेतु वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब कितनी-कितनी राशि भेजी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि उपरोक्‍त राशि किस कार्य में कितनी-कितनी व्‍यय की गई? जनपदवार जानकारी प्रदाय कर यह भी बतायें कि विभाग के पास किस-किस मद में कितने-कितने राशि रखी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जतारा विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कौन-कौन से ग्राम एवं नगर हैं जहां भीषण पेयजल संकट व्‍याप्‍त है? इसी क्षेत्र में सात ऐसे ग्रामों के भी नाम बतायें जहां प्रश्‍नांकित अवधि में 20 से 49 लाख रूपये तक की नल-जल योजनायें तो स्‍वीकृत हुई थीं लेकिन आज तक उन पर कार्य नहीं हुआ है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जतारा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिन ग्रामों की नल-जल योजनाएं जल संकट दूर करने हेतु बनाई जायेगी और स्‍वीकृति दिलाई जावेगी तो कब तक? क्षेत्र की बंद पड़ी नल-जल योजनायें ठीक कराई जावेंगी तो कब तक? जतारा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्रामों में नल-जल योजना का कार्य प्रगति पर है? राशि सहित बतायें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग के बजट में राशियों का प्रावधान पूरे राज्य अर्थात सभी जिलों के लिये होता है, अतः किसी जिला विशेष के लिये शेष राशि का लेखा संधारित नहीं किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राशि का आवंटन जिलेवार किया जाता है, जनपदवार नहीं किया जाता अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई भी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वित्तीय संयोजन के आधार पर आवश्यकता अनुसार नवीन नल-जल योजना बनाई जाकर स्वीकृत की जाती है। स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। योजना अंतर्गत स्त्रोत विकसित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

उप तहसील का गठन

[राजस्व]

92. ( क्र. 1121 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) टीकमगढ़ जिले की तहसील लिधौरा खास एवं तहसील पलेरा में कितने-कितने पटवारी हल्‍का एवं कितने-कितने तथा कौन-कौन से गाँव इनकी सीमाओं में आते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि क्‍या लिधौरा खास तहसील में एवं पलेरा तहसील में उप तहसील स्‍यावनी या चंदेरा एवं उप तहसील बम्‍हौरी कलां बनाना जनता को सुविधा देने हेतु अतिआवयश्‍क है या नहीं?              (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि नवीन तहसील या उप तहसील बनाने हेतु शासन ने क्‍या मापदण्‍ड बना रखे हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि स्‍यावनी या चंदेरा एवं बम्‍हौरी कलां को उप तहसील बनाया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? शासन कब तक इस पर विचार करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीगमगढ़ जिले की तहसील लिधौरा खास में कुल पटवारी हल्‍का 39 एवं 86 ग्राम तथा पलेरा तहसील में कुल पटवारी हल्‍का 51 एवं 103 ग्राम शामिल है। तहसील लिधौरा एवं पलेरा के ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रश्‍नांश क्षेत्रों को तहसील कार्यालय से ही प्रशासित किये जाने में कठिनाई नहीं है। (ग) उप तहसील के गठन के संबंध में मापदण्‍ड/प्रक्रिया के संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नवीन तहसील गठन के मामले में स्‍थानीय आवश्‍यकता तथा राजस्‍व प्रशासन को सुदृढ़ करने एवं संसाधनों की उपलब्‍धता के आधार पर निर्णय लिया जाता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार राजस्‍व प्रशासन में कठिनाई होने पर जिला स्‍तर पर निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों के विकास हेतु राशि का आवंटन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

93. ( क्र. 1125 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों के विकास हेतु नल-जल योजना, हैण्‍डपम्‍प खनन एवं चेक डेम निर्माण हेतु राशि उपलब्‍ध कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष              2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्‍त हुई? कितनी-कितनी राशि                 कब-कब जिलों को आवंटित की गई? कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई एवं कितनी-कितनी राशि शेष रही? वर्षवार बतावें। (ग) बालाघाट जिले में राशि कहाँ-कहाँ, कब-कब, कितनी-कितनी व्‍यय की गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।

बसों के संचालन की जानकारी

[परिवहन]

94. ( क्र. 1126 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले के विभिन्‍न स्‍थानों से भोपाल एवं इंदौर निजी बस मालिकों द्वारा यात्री/पर्यटक अनुज्ञा पर बसों का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले के किन-किन स्‍थानों से किन-किन बस मालिकों/कंपनी की बस किस-किस समय बालाघाट से भोपाल एवं इंदौर आना-जाना करती है? समय सारणी सहित जानकारी दें। (ग) अनुज्ञा प्राप्‍त बसों की अनुज्ञा प्रति फिटनेस प्रमाण-पत्र की प्रति निर्धारित किराया (ऑफ लाईन/ऑन लाईन) सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : () जी हाँ। (ख)

स.क्रं.

बालाघाट जिले से भोपाल एवं इंदौर

परमिटों की संख्या

1

बालाघाट से भोपाल

04

2

मलाजखण्ड से भोपाल

02

3

बालाघाट से इंदौर

16

 

मलाजखण्ड से इंदौर

04

5

मडई से इंदौर

02

6

गढी से इंदौर

02

7

लाँजी से इंदौर

04

                    योग

34

बालाघाट जिले के विभिन्न स्थानों से संचालित होने वाले यात्री बसों के स्थाई व अस्थाई परमिटों एवं बस मालिकों/कंपनी/समय सारणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुज्ञा प्राप्त बसों के स्थाई/अस्थाई अनुज्ञा पत्र/फिटनेस प्रमाण पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। म.प्र. राज्य पत्र असाधारण क्रमांक 295 दिनांक 28.05.2018 के प्रावधानों अनुसार किराया निर्धारित है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।